राजमाग पर सभी वाहन के लए फाटै ग ......र य अ...

Post on 23-Feb-2020

18 Views

Category:

Documents

0 Downloads

Preview:

Click to see full reader

TRANSCRIPT

  • 15 अ�टूबर 2019 - समाचार �व�लेषण सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : राज�यव�था और शासन : वाहन� को �ैक करने के �लए आधार के �प म� काम करेगा फा�टैग : �संग : • सरकार ने घोषणा क� है �क 1 �दसंबर, 2019 से सभी रा���य राजमाग� पर सभी वाहन� के �लए फा�टैग अ�नवाय� होगा। • 'एक रा�� एक फा�टैग' पर स�मेलन' के बारे म� जानकर� के �लए 13 अ�टूबर 2019 PIB �व�लेषण पढ़�। �ववरण : • क� ��य सड़क प�रवहन और राजमाग� मं�ी ने सभी रा�य� से तकनीक को अपनाने क� अपील क� है ता�क परू� �णाल� मं�ालय के रा���य इले��ॉ�नक टोल सं�ह काय��म के तहत आ सके। • सरकार ने यह फैसला अपनी इले��ॉ�नक टोल सं�ह योजना के तहत �लया है। फा�टैग कैसे काम करता है? • फा�टैग रे�डयो ���व�सी आइड��ट�फकेशन तकनीक का उपयोग करता है ता�क इससे जड़ु े�ीपेड खात ेके मा�यम से कैशलेस भगुतान �कया जा सके। • फा�टैग एक �रचाज�बल काड� है जो गा�ड़य� क� �वडं���न पर लगाया जाता है। वाहन के मा�लक को यह फा�टैग �ीपेड अकाउंट से �लकं कराना होगा और इसके ज�रए टोल टै�स का पेम�ट �वतः ह� हो जाएगा। • फा�टैग लगी गाड़ी जब टोल �लाजा पर पहंुचेगी तो यहां उनके �लए एक खास लेन बनी होगी। इस लेन म� लगी एक �डवाइस से संपक� म� आने के बाद टोल टै�स खदु ह� कट जाएगा और चालक �बना �के टोल �लाजा पार कर लेगा। उपयोगकता�ओ ंको टोल �ांजे�शन, लो बलै�स और दसूर� चीज� का SMS अलट� भी �मलेगा। • सभी लेन-देन का मा�टर डटेा संबं�धत टोल बथू के �रयायतकता� के साथ ह� उस ब�क, िजसके साथ मा�लक ने फा�टैग पंजीकृत �कया है और नेशनल पेम��स कारपोरेशन ऑफ़ इं�डया के पास होगा। • एक बार खर�दने पर फा�टैग पांच साल के �लए वधै होगा और �ाहक अपनी ज�रत के �हसाब से इसम� �रचाज� करा सकत ेह�। रे�डयो-���व�सी आइड��ट�फकेशन (RFID) : • रे�डयो-���व�सी आइड��ट�फकेशन (RFID) एक वायरलेस नॉन-कॉ�टे�ट �णाल� का उपयोग है, जो �वचा�लत पहचान और �ै�कंग के �योजन� के �लए �कसी ऑ�जे�ट से जड़ु ेटैग से डटेा �थानांत�रत करने हेत ुरे�डयो-���व�सी �व�यतु च�ुबक�य �े�� का उपयोग करता है।

  • फा�टैग के लाभ : • फा�टैग सहज या�ा क� स�ुवधा �दान करता ह�। • यह टोल लेन पर वाहन� क� �व�रत जांच क� स�ुवधा �दान करता है। • यह टोल बथू� पर लंबी कतार� से बचने म� मदद करता है और प�रणाम�व�प �ती�ा समय को कम करता है। • टोल बथू� पर लगे कैमरे वाहन� म� बठेै या��य� क� त�वीर� ल�गे, जो गहृ मं�ालय के �लए उपयोगी ह�गे �य��क वहा ँवाहन� क� आवाजाह� का �रकॉड� होगा। • टोल �लाजा पर इंतजार करत ेसमय �धन के नकुसान को कम करके देश क� GDP म� मददगार सा�बत हो सकता है। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : राज�यव�था और शासन उ�चतम �यायालय ने RTI पोट��स पर क� � से जवाब माँगा : �संग : • उ�चतम �यायालय ने क� � और 25 रा�य� को �रट या�चका का जवाब देने के �लए एक मह�ने का समय �दया है, ता�क RTI आवेदन� को ऑनलाइन दज� करने के �लए सभी रा�य� म� सचूना का अ�धकार (RTI) वेब पोट�ल �था�पत करने क� �दशा म� कदम उठाया जा सके। प�ृठभ�ूम : • अग�त म�, NGO - �वासी काननूी सेल ने कहा था �क �द�ल� और महारा�� को छोड़कर �कसी भी रा�य ने RTI पोट��स क� �थापना नह�ं क� है। • क� � सरकार के पास एक ऑनलाइन RTI पोट�ल है, िजसके तहत कोई भी भारतीय नाग�रक, िजसम� अ�नवासी भारतीय (NRI) भी शा�मल ह�, क� � सरकार के तहत वां�छत मं�ालय या �वभाग से RTI अ�ध�नयम के तहत जानकार� हेत ुआवेदन कर सकत ेह�। • एक आवेदक इस पोट�ल के �वारा ऑनलाइन भगुतान के मा�यम से अपे��त श�ुक का भगुतान कर सकता है और RTI आवेदन ��ततु कर सकता है। • क� � ने 13 �दसंबर, 2013 को एक प� के मा�यम से �व�भ�न रा�य सरकार� से ऑनलाइन RTI पोट��स को लागू करने क� �यवहाय�ता का पता लगाने का अनरुोध �कया था। • इसने रा�य� को रा���य सचूना �व�ान क� � (NIC) के मा�यम से इस उ�दे�य के �लए तकनीक� सहायता �दान करने क� भी पेशकश क� थी। • वत�मान म�, केवल �द�ल� और महारा�� रा�य म� ऑनलाइन RTI आवेदन फाइ�लगं क� स�ुवधा है।

  • म�ुदा : • या�चका के अनसुार, RTI अ�ध�नयम एक क� ��य अ�ध�नयम है जो देश म� रहने वाले या देश के बाहर रहने वाले सभी नाग�रक� के �लए है। • जो भारतीय देश से बाहर रहत ेह� और �व�भ�न रा�य सरकार� से जानकार� चाहत ेह� उनके पास सचूना के �लए ऑनलाइन आवेदन करने का कोई साधन नह�ं है। • अ�नवासी भारतीय� को सरकार� से अपे��त �कसी भी जानकार� के �लए भौ�तक �प से आवेदन करना पड़ता है। • दल�ल म� कहा गया है, सचूना का अ�धकार अ�ध�नयम, भारत के सं�वधान के अन�ुछेद 19 (1) (A) और अन�ुछेद 21 के तहत गारंट�कृत सचूना के अ�धकार को लागू करने और काया�ि�वत करने के �लए एक काननूी तं� �दान करता है। • RTI आवेदन� को जमा करने क� वत�मान �णाल� और संबं�धत सचूना अ�धकार� से उ�र �ा�त करने म� अ�धक समय लगता है जो परेू RTI तं� क� द�ता को कम कर करता है और इस �कार काननू के उ�दे�य को ख�म कर देता है। �ववरण : • RTI अ�ध�नयम के तहत, भारत का कोई भी नाग�रक एक साव�ज�नक �ा�धकरण से जानकार� का अनरुोध कर सकता है िजसे 30 �दन� के भीतर जवाब देना आव�यक है। • 2005 के RTI अ�ध�नयम क� धारा 7 (1) म� जानकार� के �कट�करण का �ावधान है य�द यह �कसी �यि�त के जीवन या �वतं�ता से स�बि�धत है। • सभी साव�ज�नक �ा�धकरण RTI अ�ध�नयम के तहत आत ेह�, जो इसे देश के सबसे शि�तशाल� काननू� म� से एक बनाता है। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : �वा��य : 50 वष� से ऊपर �यि�तय� म� मो�तया�बदं अधेंपन का �मखु कारण : �संग : • क� ��य �वा��य और प�रवार क�याण प�रषद के 13 व� स�मेलन म� क� ��य �वा��य मं�ी डॉ हष� वध�न �वारा रा���य अधं�व और �ि�टबा�धत सव��ण 2015-2019 क� सारांश �रपोट� जार� क� गई है। �ववरण : • यह सव��ण 24 रा�य� के 31 िजल� म� आयोिजत �कया गया था। • डॉ राज�� �साद स�टर फॉर ऑ�थेल�मक साइंसेज, अ�खल भारतीय आय�ुव��ान सं�थान, नई �द�ल� �वारा क� ��य �वा��य और प�रवार क�याण मं�ालय के तहत यह सव��ण �कया गया था।

  • • रा���य अधं�व और �ि�टबा�धत सव��ण 2015-2019 के अनसुार 50 वष� से ऊपर के लोग� म� मो�तया�बदं अधेंपन का �मखु कारण है। • 50 वष� से ऊपर के लोग� म� मो�तया�बदं संबंधी श�य ज�टलताएं अधेंपन के �लए 7.2 ��तशत मामल� के साथ दसूरा सबसे बड़ा कारक था। • अ�य कारण� म� सं�ामक और गैर-सं�ामक कॉ�न�यल ओपे�सट� (कॉ�न�या का टेढ़ापन), �लकूोमा और अपा�चया (आखं म� ल�स क� अनपुि�थ�त) शा�मल ह�। • भारत पहला ऐसा देश था, िजसने 1976 म� अधेंपन को कम करने के �लए रा���य काय��म श�ु �कया था। इस काय��म का उ�दे�य 2020 तक अधेंपन के �सार को 0.3 ��तशत तक कम करना था। • ले�कन, 10 अ�टूबर, 2019 को जार� सव��ण के अनसुार, अधेंपन का अनमुा�नत �सार अभी भी 1.99 ��तशत है, गंभीर ��य बा�यता 1.96 ��तशत है, म�यम ��य बा�यता 9.81 ��तशत और म�यम-गंभीर ��य बा�यता 11.77 ��तशत है। सव��ण के म�ुय �बदं ु: • मो�तया�बदं अधेंपन के 66.2% मामल�, गंभीर ��य बा�यता के 80.7% मामल� और 50 से ऊपर आय ुवग� म� म�यम ��य बा�यता के 70.2% मामल� का कारण है। • पढ़े �लख� (0.43%) क� तलुना म� अनपढ़� (3.23%) म� अधंापन अ�धक है। शहर� (1.80%) क� तलुना म� �ामीण आबाद� (2.14%) म� भी अधंापन अ�धक है । उपचार तक पहँुचने म� �न�न बाधाएं शा�मल ह�- • रोगी का साथ देने वाला कोई नह�ं। • मौसमी �ाथ�मकताएँ। • आ�थ�क तंगी। • 22.1% अधेंपन के मामल� म� मो�तया�बदं सज�र� तक पहँुचने म� �व�ीय बाधा सबसे बड़ा अवरोधक रहा है और 18.4% मामल� म� जाग�कता क� कमी म�ुय बाधा रह� है। • �व�व �वा��य संगठन (WHO) �वारा जार� व�ड� �वजन �रपोट� म� यह भी बताया गया है �क �वशषे �प से �ामीण आबाद� म� आखं� क� देखभाल के �लए उ�च लागत, ��य बा�यता का एक �मखु कारण रहा है। WHO ने य�ूनवस�ल हे�थकेयर कवरेज के �व�तार और इसम� आखं� क� देखभाल सेवाओ ंको भी शा�मल करने का आ�वान �कया है। • भारत के �लए जो बदतर ि�थ�त है वह यह है �क इस आय ुवग� के लगभग 93% अधेंपन के मामले और 96.2% ��य बा�यता के मामले को टाला जा सकता था। सभी प�रहाय� कारण� म� से आधे से अ�धक उपचार यो�य थे। • भारत ने 2010 के आधारभतू �तर से ��य बा�यता म� 25 ��तशत (वष� 2014-19 से) क� कमी के WHO ल�य को सफलतापवू�क परूा �कया है

  • अधेंपन और ��य बा�यता के �नयं�ण के �लए रा���य काय��म (NPCB और VI) : • अधेंपन और ��य बा�यता के �नयं�ण के �लए रा���य काय��म (NPCB & VI) को वष� 1976 म� 100% क� � �ायोिजत योजना (अब सभी रा�य� म� 60:40 और उ�र-पवू� रा�य� म� 90:10) के �प म� श�ु �कया गया था। • यह 2020 तक अधेंपन के �सार को 0.3% तक कम करने के ल�य के साथ श�ु �कया गया था। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : �श�ा : �ी-�कूल� �श�ा मातभृाषा म� ज�र� : NCERT �संग : • NCERT के पहले �ी-�कूल� पा�य�म म� कहा गया है �क 3 से 6 वष� क� आय ुके ब�च� को अपनी मातभृाषा म� अपनी श�ै�क या�ा श�ु करनी चा�हए, खेल के मा�यम से सीखना चा�हए और �कसी भी �कार के पर��ण के अधीन नह�ं होना चा�हए। प�ृठभ�ूम : • रा���य �श�ा नी�त के मसौदे म� �सफा�रश क� गई है �क �श�ा के अ�धकार अ�ध�नयम को क�ा 1 से पहले के तीन वष� के �ी-�कूल� छा�� के �लए �व�ता�रत �कया जाना चा�हए। • यह भी ��ता�वत �कया गया था �क NCERT को बचपन क� �श�ा के �लए एक पा�य�म और श�ै�णक ढांचा �वक�सत करना चा�हए। • रा���य �श�ा नी�त 2019 के मसौदे के बारे म� अ�धक जानकार� के �लए इसे �पछले सं�करण� से पढ़�। �ववरण : • NCERT का नया पा�य�म 3 से 6 साल के ब�च� क� �श�ा के �प म� प�रभा�षत सभी �ी-�कूल �श�ा (आगंनवा�ड़य�, नस�र� �कूल�, �कंडरगाट�न, �ले�कूल या म�टेसर� �कूल� स�हत �कसी भी �कूल) के उ�दे�य से है। • उ�दे�य का मकसद भावना�मक और सामािजक ि�थरता को मजबतू करने पर �यान देना है। • ब�चे क� मातभृाषा या घरेल ूभाषा के मा�यम से �श�ण को अतंरा����य �तर पर श�ुआती वष� म� सबसे उपय�ुत माना जाता है। • हालाँ�क, भारत म� भाषा क� �व�वधता के कारण चनुौ�तयाँ बनी हुई ह�। • यह माना जाता है �क ब�च� को सं�मण काल के दौरान ��वभाषी या बहुभाषी वातावरण क� आव�यकता होती है। • NCRET का कहना है �क सभी ब�च� को सांके�तक भाषा से अवगत कराया जाना चा�हए। • �दशा-�नद�श इस बात पर जोर देत ेह� �क �ी-�कूल� को �ारं�भक औपचा�रक �नद�श से बचना चा�हए।

  • • यह, यह �नधा��रत करता है �क ब�च� का म�ूयांकन उनके खेल और ग�त�व�धय� के अनौपचा�रक और �यवि�थत �ट�प�णय� के मा�यम से �यि�तगत �प से �कया जाना चा�हए। • इसम� इस बात पर जोर �दया गया है �क म�ूयांकन म� नए कौशल सीखने क� �दशा म�, �यास पर जोर �दया जाना चा�हए और क�मय� के बजाय ब�चे क� शि�तय� पर �यान क� ��त �कया जाना चा�हए। • इनम� से कोई भी �ावधान अभी बा�यकार� नह�ं है। यह लचीला है, ले�कन ब�ुनयाद� �स�धांत� से समझौता नह�ं �कया जाना चा�हए। अन�ुछेद 350-A : • अन�ुछेद 350-A �ाथ�मक �तर पर मातभृाषा म� �श�ा के �लए स�ुवधाओ ंके बारे म� बात करता है। • अन�ुछेद 350-A के अनसुार, ��येक रा�य और रा�य के भीतर ��येक �थानीय �ा�धकार� भाषाई अ�पसं�यक-वग� के बालक� को �श�ा के �ाथ�मक �तर पर मातभृाषा म� �श�ा क� पया��त स�ुवधाओ ंक� �यव�था करने का �यास करेगा और रा��प�त �कसी रा�य को ऐसे �नद�श दे सकेगा जो वह ऐसी स�ुवधाओ ंका उपबंध स�ुनि�चत कराने के �लए आव�यक या उ�चत समझता है। सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत : पया�वरण और पा�रि�थ�तक� : आज से स�त �दषूण �नयं�ण के उपाय लागू ह�गे : �संग : • �दषूण से लड़ने के �लए �द�ल� और रा���य राजधानी �े� के शहर� म� कड़ े�दषूण �नयं�ण उपाय लागू �कए जाएंगे। • GRAP (�ेडडे �र�पांस ए�शन �लान) क� "बहुत खराब" और "गंभीर" �े�णय� के तहत उपाय �कए जाएंगे। • GRAP को 2017 म� अ�धस�ूचत �कया गया था और इसम� हवा क� गुणव�ा �बगड़ने पर �दशा�नद�श� का एक सेट शा�मल है। NOTE : इस म�ुदे को 14 अ�टूबर 2019 के �यापक समाचार �व�लेषण म� �व�तार से कवर �कया गया है। कृपया इस म�ुदे को 14 अ�टूबर 2019 के �यापक समाचार �व�लेषण म� पढ़े। सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत : अथ��यव�था : संपादक�य : �यनूतम मजदरू� �नधा�रण के �लए सरकार �वारा नए इंड�ेस क� घोषणा : �संग : • सरकार ने आ�थ�क संकट को कम करने के �लए हाल ह� म� दो घोषणाएं क�ं ह�। पहल�, �ामीण आय को बढ़ाने के �लए नरेगा मजदरू� के �नधा�रण के �लए नया सचूकांक (इंड�ेस) बनाने क� घोषणा। दसूर�, कॉप�रेट टै�स दर म� कमी करने का ऐलान।

  • �व�लेषण : • �यनूतम मजदरू� �नधा�रण के �लए सरकार ने नए इंड�ेस क� घोषणा तो कर द� है ले�कन उसके �नधा�रण क� जो �व�ध तय क� है वह �कसी भी सरूत म� सह� नह�ं है। वा�तव म� सरकार ने इसका �नधा�रण ि�थर क�मत� के आधार पर �कया है। जो परू� तरह गलत है �य��क इससे श�आत के दो तीन साल तक तो मज़दरू� का �नधा�रण सह� होगा उसके बाद �यनूतम मजदरू� का �नधा�रण सह� नह�ं होगा। मनरेगा भारत के सामािजक �े� म� लागू क� गई सवा��धक रचना�मक पहल वाले क़दम� म� से एक है और जहां भी इस पर ठ�क-ठाक ढंग से अमल हुआ है वहां चम�का�रक नतीजे आए ह�। मज़दरू� नापने के पमैाने म� ये है कमी : • �यनूतम मजदरू� नापने के पमैाने क� कमी ये है �क इसम� खा�य पदाथ� क� महंगाई के इस व�त म� मजदरू� क� मजदरू� के म�ूय को घटने से रोकने के �लए कोई इंतजाम नह�ं है। िजस तरह सरकार� कम�चा�रय� के वेतन को कं�यमूर �ाईस इंड�ेस से जोड़कर तय �कया जाता है वसैा ह� हम खे�तहर मजदरू� क� मजदरू� के साथ �य� नह�ं कर सकत।े • गुजरे दो साल� म� वेतनभोगी हर तबके मसलन रा�य और क� � �तर के मं�ी, सांसद, �वधायक और सरपंच तक के वेतन म� बढो�र� हुई है जब�क मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदरू� क� मज़दरू� जस क� तस है। �यनूतम मज़दरू� नापने का यह हो पमैाना : • इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है �क व�तओु ंक� क�मत� हर साल बढ़ती ह�। इस�लए यह सह� ढंग से अनमुान लगाना मिु�कल है �क 2019 म� नरेगा मजदरू को 2020 म� �कतनी मज़दरू� �मलनी चा�हए। • अगर एक मज़दरू ने 2019 म� 171 �पए (रा���य दै�नक औसत मजदरू�) नरेगा मजदरू� अिज�त क� है तो 2020 म� उसे �कतनी मज़दरू� �मलनी चा�हए ,इस पर सरकार का नया सचूकांक मौन है। • इस�लए इसके �नधा�रण के �लए हम� एक �व�वसनीय ब�चमाक� बनना होगा। • वा�तव म� मजदरू� सचूकांक खपत क� गई व�तओु ंक� औसत क�मत� के आधार पर ह� होना चा�हए। अथा�त सचूकांक �ामीण घर� के उपभोग क� म�ुय व�तओु ंक� क�मत� पर आधा�रत होना चा�हए। • इस�लए नरेगा दै�नक मजदरू� को परुाने उपभो�ता म�ूय सचूकांक यानी कृ�ष मज़दरू� सचूकांक के बजाय एक अ�यतन म�ुा�फ��त सचूकांक के साथ उपभो�ता म�ूय सचूकांक के आधार पर बनाया जाना चा�हए। 12 करोड़ जॉबकाड� हो चकेु ह� जार� : • गुजरे कुछ साल� म� तकर�बन 9 करोड़ ब�क खात ेखलेु ह� और अब तक 12 करोड़ जॉबकाड� जार� �कए गए ह�। मनरेगा के अ�तग�त मजदरू� करने वाले ��ी, प�ुष दोन� को बराबर मजदरू� �मलती है। जहां मनरेगा पर त�नक बेहतर तर�के से अमल हुआ है वहां मनरेगा के कारण पलायन और भखुमर� को रोकने म� एक सीमा तक कामयाबी �मल� है।

  • अ�ध�नयम, 1948 - मज़दरू� �नधा�रण का अ�धकार : • �यनूतम मजदरू� अ�ध�नयम, 1948 के अ�तग�त रा�य सरकार� और क� � सरकार को अ�धस�ूचत कम�चा�रय� क� �यनूतम मजदरू� तय करने का अ�धकार �दया गया है। अ�ध�नयम म� कहा गया है �क �यनूतम मजदरू� क� सीमा तय करने के बारे म� अ�धकतम पाँच साल के अ�तराल पर पनु�समी�ा होनी चा�हए। • 15व� लेबर कां�ेस, 1957 म� कहा गया था �क �यनूतम भोजन, व��, जीवनयापन के �लए होने वाले खच� और रोजाना के �धन क� खपत क� लागत आ�द को आधार मानकर �यनूतम मजदरू� क� सीमा तय करने का एक फामू�ला तयैार �कया जाय। लेबर कां�� स क� इस �सफा�रश को आधार मानकर स�ुीम कोट� ने 'वक� मेन बनाम रैपटाकोस �ेट एंड कंपनी, 1992' के मामले पर फैसला �दया था। �म मं�ालय क� फेयर वेजेस कमेट� के �दशा-�नद�श : • वा�तव म� �म मं�ालय क� फेयर वेजेस कमेट�, 1949 ने एक �ग�तशील �रपोट� म� उ�लेख �कया था �क �यनूतम मजदरू� म� रोट�, कपडा और मकान के आलावा �श�ा, �वा��य देखभाल और बीमा भी शा�मल होना चा�हए। • संजीत रॉय बनाम राज�थान रा�य, 1983 म� उ�चतम �यायालय ने कहा �क �यनूतम मजदरू� से कम का भगुतान मज़बरू �म के समान है। वक� मनै बनाम र�तकोस �ेट, 1991 के �बंधन म� यह कहा गया �क जीवन क� ब�ुनयाद� ग�रमा स�ुनि�चत करने के �लए सभी �ावधान� को जोड़ा जाना चा�हए। 15 रा�य� म� मनरेगा क� मजदरू� खे�तहर मजदरू से भी काम : • मनरेगा के तहत भगुतान क� गयी मजदरू� के �लए ग�ठत संशोधन कमेट� ने पाया है �क 15 रा�य� म� मनरेगा क� मजदरू� से खे�तहर मजदरू रोजाना �यादा मजदरू� कमात ेह�। • कमेट� क� ओर से पेश �कए गए आकड़� के मतुा�बक कना�टक, पंजाब, झारखंड, उ�राखंड, पि�चम बंगाल, �मजोरम और अडंमान और �नकोबार �वीप समहू म� मनरेगा क� मजदरू� खे�तहर मजदरू� से भी बहुत कम है। ये रा�य भी रहे असफल : • इसके अलावा कुछ अ�य रा�य भी मनरेगा के तहत मजदरू� को बढ़ाने म� असफल रहे ह� इनम� �सि�कम, आ�ं �देश, तलेंगाना, ह�रयाणा, म�य�देश और �बहार शा�मल ह�। मज़दरू� बढ़ाने से 4500 करोड़ का पड़गेा बोझ : • �ामीण �वकास मं�ालय के एक अ�धकार� ने कहा �क अगर इसके �लए संशोधन �कया जाता है तो लगभग वत�मान मनरेगा बजट म� 4500 करोड़ �पये क� अ�त�र�त रा�श क� आव�यकता होगी। कॉप�रेट टै�स घटाने से असमानता म� होगी व�ृ�ध : • वत�मान कॉप�रेट कर कटौती केवल आ�थ�क असमानता को �यापक करेगी। ऑ�सफेम असमानता �रपोट� 2018 के अनसुार एक वष� म� भारत म� सबसे अमीर 1 फ�सद� लोग� क� संप�� 20.91 लाख करोड़ �पये बढ़� है, जो 2017-18 के बजट के बराबर है। • एक अनमुान के अनसुार हाल ह� म� कर कटौती के कारण 1000 कंप�नय� को लगभग 37000 करोड़ क� वा�ष�क बचत होगी। इसक� तलुना म� अ�ंतम वा�ष�क नरेगा बजट 60000 करोड़ है। इस�लए 1000 से अ�धक कंप�नय� का अनमुा�नत लाभ लगभग 7.2 करोड़ नरेगा मजदरू� क� वा�ष�क आय के बराबर होगा।

  • GDP पर भी होगा नकारा�मक असर : • 2015 क� IMF क� �रपोट� के अनसुार य�द शीष� 20 फ�सद अमीर� क� आय म� �ह�सेदार� बढ़ती है तो GDP क� व�ृ�ध म� �गरावट आती है ले�कन जब �नचले तबके के 20 फ�सद लोग� क� आय म� व�ृ�ध होती है तो GDP बढ़ जाती है। • हालां�क कॉरपोरेट टै�स म� कटौती और कम �याज दर से �नगम� को कुछ तरलता तो �मलेगी, पर इसक� संभावना कम ह� है �क इससे �ामीण मांग बढ़ेगी। मह�वपणू� त�य : 1. 'इं�डयाज गॉट कलर' �वचा के �व�वध रंग� का से�ल�ेशन : • यनेू�को ने नई �द�ल� म� "इं�डयाज गॉट कलर" अ�भयान क� श�ुआत क�, िजसम� 'रंग पवूा��ह' के म�ुदे पर एक पनैल चचा� हुई। • अ�भयान भारत म� मौजदू �व�वधता का ज�न मनात ेहुए 'गहरे रंग के पवूा��ह' और �वचा के �व�वध रंग� को अपनाने क� आव�यकता पर जोर देता है। • अ�भयान का म�ुय उ�दे�य भारत म� 'रंगवाद' (colourism) के इद�-�गद� बातचीत को बढ़ाना है। • यनेू�को के आदेशप� (mandate) म� ‘कह�ं भी, कभी भी जा�तवाद और भेदभाव’ के �खलाफ लड़ाई शा�मल है। • न�ल�य भेदभाव के �खलाफ खड़ ेहोना यनेू�को के काम का एक �मखु घटक है। • लोग� ने 17 सतत �वकास ल�य� का समथ�न करके शां�तपणू� और �थायी समाज क� ओर एक �प�ट माग� �था�पत करने के �लए हाथ �मलाया है। • SDG-10 का ल�य असमानताओ ंको कम करना है और इसका ल�य 10.2, 2030 तक हर उ�, �लगं, �वकलांगता, न�ल, जातीयता, मलू, धम� या आ�थ�क या अ�य ि�थ�त के बावजदू सभी के सामािजक, आ�थ�क और राजनी�तक समावेशन को सश�त और बढ़ावा देता है। 2. �द�ल� मं��मंडल ने कौशल �व�व�व�यालय के �लए मंजरू� द� : • �द�ल� कै�बनेट ने �द�ल� कौशल और उ�य�मता �व�व�व�यालय श�ु करने के ��ताव को मंजरू� दे द� है। • �व�व�व�यालय क� अवधारणा इस�लए सामने आई �य��क �द�ल� सरकार ने पाया �क औपचा�रक �श�ा �णाल� से BA, Bsc या MA क� �ड�ी �ा�त करने वाले छा�� को नौकर� नह�ं �मल�। • �व�व�व�यालय का उ�दे�य यवुाओ ंको कौशल और �ान �दान करने पर �यान क� ��त करना है जो उ�ह� नौकर� �ा�त करने हेत ुससुि�जत करेगा। • �व�व�व�यालय छा�� को रोजगारपरक बनाने पर �यान क� ��त करेगा।

  • • सभी मौजदूा औ�यो�गक ��श�ण सं�थान� और पॉ�लटेि�नक सं�थान� और कौशल क� �� को इस �व�व�व�यालय म� �वलय कर �दया जाएगा और इसम� कई �वदेशी देश� और �व�व�व�यालय� के साथ-साथ उ�योग संघ� और कंप�नय� के साथ सहयोग होगा। • �व�व�व�यालय क� सबसे मह�वपणू� �वशषेता लचीलापन होगा �य��क बाजार क� आव�यकताएं हमेशा बदलती रहती ह�। 3. उ�च गुणव�ा वाले नकल� नोट वापस आ गए ह� : NIA • रा���य जांच एज�सी (NIA) ने कहा है �क उ�च गुणव�ा वाले नकल� नोट बाजार� म� वापस आ गए ह� और इसका म�ुय �ोत पा�क�तान है। • 2016 म� सरकार �वारा नोटेबंद� के �लए उ�धतृ �कए गए कारण� म� से एक नकल� नोट� को चलन से बाहर करना बताया गया था। • उ�च गुणव�ा के नकल� भारतीय म�ुा नोट� (FICN) का �चलन NIA �वारा उ�धतृ छह �मखु उभरती चनुौ�तय� म� से एक है। • एज�सी �वारा अ�य सचूीब�ध कारण� म� खा�ल�तानी ग�त�व�धय� म� व�ृ�ध, साइबर �पेस से सा�य एक� करना और साइबर फोर��सक लबै क� �मता व�ृ�ध शा�मल ह�। • उ�च गुणव�ा वाले नोट� को पि�चमी सीमा और नेपाल के रा�त ेभारत म� भेजा जा रहा है। • बां�लादेश कम गुणव�ा वाले FICN के �ोत के �प म� उभरा है। • NIA FICN से संबं�धत मामल� के �लए नोडल एज�सी है और अब तक 48 ऐसे मामल� क� जांच कर चकु� है, िजनम� से 13 मामल� म� सजा हुई है। 4. गुजरात नई बंदरगाह नी�त ला रहा है : • गुजरात सरकार ने 1995 म� लाई गई अपनी बंदरगाह नी�त को संशो�धत �कया है और 33 �नजी घाट� पर ��तबंध हटा �दया है, िजससे उ�ह� तीसरे प� के काग� को संभालने क� अनमु�त �मल गयी है। • नई बंदरगाह नी�त का उ�घाटन ब�ुनयाद� ढांचे को बढ़ाने और बंदरगाह और रसद �े� म� �नवेश को आक�ष�त करने के �लए �कया गया है। • गुजरात म� लगभग 1,600 �कमी क� तटरेखा है। सम�ु तट के �कनारे चार �नजी बंदरगाह और 33 कैि�टव घाट ह�, िजनक� धारण �मता लगभग 45% काग� के बराबर ह�, जब�क �नजी बंदरगाह गुजरात मरै�टाइम बोड� के बंदरगाह� क� धारण �मता कुल काग� का लगभग 46% ह�। • नई नी�त कैि�टव घाट� को पणू� �प से वा�णि�यक बंदरगाह बनाने क� अनमु�त देती है। • कैि�टव घाट� क� इन-�लेस �मता का उपयोग करने के �लए जोर �दया जा रहा है, जो अभी तक उपयोग म� नह�ं है।

  • • नई नी�त के अनसुार, मौजदूा कैि�टव घाट धारक ल��डगं और �श�पगं श�ुक का भगुतान करके अपने कैि�टव घाट� पर कुल माल के 50% से अ�धक का ततृीय प� काग� के संभालने क� अनमु�त होगी। • इसके अलावा, घाट धारक� को काग� ह�ड�लगं स�ुवधा और बकैअप �े�� को बढ़ाने के �लए अ�त�र�त �नवेश लाने क� भी अनमु�त होगी। • रा�य म� एक नोडल एज�सी और पोट� से�टर �नयामक गुजरात म�ैरटाइम बोड� (GMB), रा�य म� बंदरगाह-संबंधी ब�ुनयाद� ढांचे म� लगभग 4,000 करोड़ �पये के नए �नवेश को आक�ष�त करने का ल�य बना रहा है। UPSC �ारं�भक पर��ा के �लए अ�यास ��न : ��न 1. "रेड नो�टस" के संबंध म� �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. यह एक अतंररा���य �गर�तार� वारंट है िजसे इंटरपोल �धान स�चवालय �वारा �कसी सद�य देश या अतंररा���य �याया�धकरण के अनरुोध पर जार� �कया जाता है। 2. यह ��यप�ण के �लए लं�बत �कसी �यि�त का पता लगाने और उसे अ�ंतम �प से �गर�तार करने के �लए द�ुनया भर म� काननू �वत�न हेत ुएक अनरुोध है। �दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�? (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोन� (d) न तो 1 और न ह� 2 उ�र : b �प�ट�करण : �व-�या�या�मक ��न 2. �ोजे�ट "बीहाइव" है- (a) यह सेना क� कोर ऑफ इले��ॉ�न�स एंड मकेै�नकल इंजी�नयस� (EME) क� एक प�रयोजना है जो वा�त�वक समय डटेा एना�ल�ट�स �मताओ ंके साथ अपने सभी काय�शालाओ ंको एक एक�कृत �माट� नेटवक� से जोड़ती है। (b) यह �मशन फॉर इंट��ेटेड हॉ�ट�क�चर (MIDH) के तहत मधमु�खी पालन को बढ़ावा देने हेत ुएक प�रयोजना है। (c) यह केरल प�ुलस �वभाग का एक तकनीक� अनसुंधान और �वकास क� � है िजसक� साइबर �पेस म� उ�कृ�टता के एक साइबर क� � के �प म� क�पना क� गई है। (d) यह “रा���य ह�त�श�प �वकास काय��म (NHDP)” के तहत ह�त�श�प �े� के संवध�न और �वकास के �लए श�ु क� गई एक प�रयोजना है। उ�र : a �प�ट�करण : सेना क� कोर ऑफ इले��ॉ�न�स एंड मकेै�नकल इंजी�नयस� (EME) ने देश भर म� अपने 2,000 काय�शालाओ ंक� वा�त�वक समय क� �नगरानी और ��त��या को स�म करने के �लए परेू कोर के �वचालन के �लए �ोजे�ट बीहाइव के तहत एक बड़ी पहल श�ु क� है। सेना इस पर इले��ॉ�न�स और सचूना �ौ�यो�गक� मं�ालय के साथ सहयोग कर रह� है। प�रयोजना कोर के अ�धक से अ�धक �वचालन को �ा�त करने और वा�त�वक समय डटेा एना�ल�ट�स �मताओ ंके साथ एक�कृत �माट� नेटवक� पर अपने सभी काय�शालाओ ंको जोड़ने का �यास कर रह� है।

  • �वचा�लत �लेटफॉम� �सफ� एक बटन पर ि�लक करत ेह� �ेणीब�ध तर�के से सेना के उपकरण� क� जानकार� उपल�ध कराएगा। ��न 3. नील�ग�र जवै संर��त �े� के भीतर �न�न�ल�खत म� से कौन सा/से मौजदू ह�? 1. बांद�परु रा���य उ�यान 2. मदुमुलाई व�यजीव अभयार�य 3. वायनाड व�यजीव अभयार�य 4. पे�रयार रा���य उ�यान 5. नागरहोल रा���य उ�यान सह� �वक�प चनु�: (a) केवल 1, 2, 3 और 5 (b) केवल 2, 3, 4 और 5 (c) केवल 1, 2, 4 और 5 (d) 1, 2, 3, 4 और 5 उ�र : a �प�ट�करण : नील�ग�र बायो�फ�यर �रजव� भारत म� वष� 1986 म� �था�पत पहला बायो�फ�यर �रजव� था। मदुमुलाई व�यजीव अभयार�य, वायनाड व�यजीव अभयार�य, बांद�परु रा���य उ�यान, नागरहोल रा���य उ�यान, मकंुुदरु रा���य उ�यान और मकू घाट� इस संर��त �े� म� ि�थत ह�। ��न 4. �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. टाइफून एक प�रप�व उ�णक�टबंधीय च�वात है िजसक� उ�प�� उ�र पि�चमी �शांत बे�सन म� होती है। 2. उ�र पि�चमी �शांत बे�सन प�ृवी पर सबसे स��य उ�णक�टबंधीय च�वात बे�सन है। 3. टाइफून, तफूान और च�वात सभी उ�णक�टबंधीय च�वात ह�, इनम� एकमा� अतंर - 'तफूान का �थान' है। �दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�? (a) केवल 1 (b) केवल 1 और 3 (c) केवल 2 और 3 (d) 1, 2 और 3 उ�र : d �प�ट�करण : �व-�या�या�मक UPSC म�ुय पर��ा के �लए अ�यास ��न : ��न 1. हाल ह� म� सरकार �वारा घो�षत मनरेगा मजदरू� सचूकांक म� �या खा�मयां ह�? इन खा�मय� को दरू करने के �लए कुछ सझुाव द�िजये।

top related