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1

प्रभु यीशु मसीह के पुनरागमन और न्याय के दिन के दिषय

में,सारंग नामक एक ऐदसयाई दकशोरी को िशशन दिया गया।

सारंग जो िशशन िेखी, उसके दिषय में सारंग और उनकी माता

से दनम्नदिखखत साक्षात्कार। जो सारंग िेखी उसके दित्र सारंग ने

बनाए, संकदित है।

http://www.divinerevelations.info/hindi YouTube

कुछ समय पहिे सारंग नामक छोटी कोररयन िड़की को प्रभु यीशु ने

दनकट भदिष्य का िशशन दिखाया। प्रभु ने उसे एक सामर्थी आखिक

अनुभि दिया, और अब उसके माध्यम से पृथ्वी के सब िोगो से बोि रहा

है। उसे िुदनया के अंदतम के दिनो को दिखाया गया,

जब िह सोने और जागने के बीि में र्थी। (योएि 2:28)

िह िेखी, केिि कुछ ही िोगो को स्वगश िे जाया जा

रहा र्था, जबदक पृथ्वी पर बाकी बिे िोगो को सूयश द्वारा

जि गए।

यह िूत के दिनो की तरह र्था, आकाश से गंधक और आग बरसा

और सिोम और अमोरा को नाश कर दिया

(उत्पदि 19) सारंग, गंधक और आग उन पर

बरसने के बाि समुद्र की रेत के समान बहुँत से

िोगो को नकश में दगरते हए िेखी ।

प्रभु यीशु अपने िुख को प्रकट दकए उन िोगो के दिए जो हमेशा गंधक

और आग से नकश में हमेशा जिेंगे। यीशु के िुख के ओर से आुँसू बहाते

Sarang weeping

2

हए सारंग अपने आखिक अनुभि को बाटती है। उसके आुँसू यीशु के

िुख को जो िोग आग और गंधक से जिेंगे, प्रदतदनदधत्व करते हैं।

आप इस संिेश को सुनते हैं, कृपया प्रभु यीशु के िुख को

साझा करें । मैं प्रार्थशना करती हुँ दक प्रभु का स्वागत करने और जागते रहने

में आप अपना शे्रष्ठ करें गे, तादक आप उसके हार्थो ंमें उठाए जाए।

साक्षात्कार साक्षात्कारकताश :

सारंग, कृपया अपने आखिक अनुभि के बारे में बताए ?

सारंग :

कुछ दिन पहिे जब मैं बाईबि पढ़ रही र्थी, र्थोडे़ समय के दिए मैं सोने

और जागने के बीि की मुद्रा में र्थी, उसी समय मैं स्वगश और नकश िेखी।

और प्रभु ने कहा में जो भी िेखु पृथ्वी पर हरेक रहने िािे िोगो को

बताऊ।

सारंग की माता :

सारंग मेरे पास आई और बोिी ‘’मम्मी ! मैं स्वगश और

नकश िेखी !’’ और जो िह िेखी मुझे बताना प्रारंभ कर

िी। मैं उसको सुनने िगी। जब मैं सुनी, तब मुझे

एहसास हआ दक यह एक सपना मात्र नही है, परंतु

आखिक अनुभि है। मैं दिश्वास करती हुँ दक प्रभु यीशु ने उसको यह

अनुभि दिया, दक िह न्याय के दिन के दिषय में सबको सिेत कर सके।

सारंग प्रदतदिन परमेश्वर के ििन मनन करती है।

जू-सारंग ििश में। िह परमेश्वर के आिाज को स्पष्टता से सुन सकती है।

3

मुझे यकीन है दक न्याय के दिन के दिषय में सारंग के रुप में बच्ो ं के

माध्यम से प्रभु अपने िोगो को तैयार कर रहे हैं।

साक्षात्कारकताश :

आप क्या िेखी ?

सारंग :

मैं िेखी, बड़ी िंबी बस जो बहुँत िमक रही

र्थी, िहाुँ करीब 30 िोग बस के आगे

कतारपंखि होकर इंतजार कर रहे रे्थ। जब

िरिाजा खुिा तब सब िोग कतार से बस में िढ़ने िगे, जब िे सब बस में

िढ़ गए, िरिाजा बंि हो गया।

अिानक, भूरे कपडे़ पहने िोग दिखाई दिए, और िरिाजे पर

प्रहार करने िगे, िरिाजा खोिने बोिने िगे, जबदक

िरिाजा कभी नही खुिा। (िूका 13:25 )। तो िे हार

मान कर ििे गए, िे स्वगीय बस पर बहुँत क्रोदधत

हए। जब िे ििे गए, िे कािे रंग में बिि गए।

साक्षात्कारकताश :

आप बस में और क्या िेखी ?

सारंग :

बस में स्वगशिूत भी रे्थ। आम िोग से स्वगशिूत पाुँि गुना

अदधक िंबे िग रहे रे्थ। िे िमकिार सफेि कपडे़

पहने रे्थ, और उनके िादहने हार्थो में जवं्लत तििारे

पकडे़ हए रे्थ। िे बस और बस के अंिर के िोगो की

सुरक्षा कर रहे रे्थ।

साक्षात्कारकताश :

बस के अंिर िोग क्या कर रहे रे्थ ?

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सारंग :

सब मुसु्करा रहे रे्थ। जब मैं ध्यान से िेखी, कुछ िोग बाईबि पढ़ रहे रे्थ,

जबदक कुछ परमेश्वर का ििन को एम.पी.3 से सुन रहे रे्थ।

साक्षात्कारकताश :

कौन िािक के स्र्थान पर बैठे रे्थ ?

सारंग :

मेरे पािरी िािक के स्र्थान में बैठे रे्थ। और उनके बगि में एक उज्जिि,

िमकिार व्यखि बैठे रे्थ। िे बहुँत ही उज्जिि रे्थ, िे मानि जैसे नही िग

रहे रे्थ। मेरे पािरी के पीछे बहन सीआन ईउइ र्थी। सफेि कपड़ो में और

अन्य िोग कौन रे्थ, मैं नही जानती।

साक्षात्कारकताश :

आप उसके बाि कहाुँ गए ?

सारंग :

स्वगीय बस स्वगशिूतो के सार्थ स्वगश की ओर उड़ रहा र्था। िेदकन जैसे ही

ऊपर उठने िगा, आग और गंधक स्वगश से नीिे दगरने िगा। और जमीन

खुि गया, और आग यहॉ और िहॉ से बाहर आया। ( िूका 17:29 )

िोग मिि के दिए दिल्ला रहे रे्थ, रो रहा रे्थ, ‘’मेरी सहायता करो ! मेरी

सहायता करो !’’ परंतु आग ने सबको जिा दिया जो स्वगीय बस में नही

रे्थ।

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साक्षात्कारकताश :

बस में िोग कैसे दिख रहे रे्थ ?

सारंग :

सब के पास शांदतपूर्श मुस्कान र्थी।

साक्षात्कारकताश :

जब स्वगीय बस स्वगश के दिए उड़ान भरी आप कहॉ ििे गए ?

सारंग :

बस ऊपर उठने िगी, और स्वगश के एक स्र्थान में पहुँिे। मैं एक

प्रकाशमान दसंहासन िेखी, और उस पर प्रभु यीशु

मसीह बैठे रे्थ। और दसंहासन के पीछे एक िरिाजा र्था,

जो केिि स्वगशिूतो ंद्वारा ही खोिा जा सकता र्था। र्थोड़ी

िेर के बाि, स्वगशिूतो ं ने

िरिाजा खोिा, और जो िोग

बस में रे्थ उसमे से भीतर गये। जब िे उसमे से

भीतर ििे गये, िरिाजा बंि हो गया। मुझे

दृढ़ता से महसूस हआ दक िरिाजा कभी नही

खुिेगा।

साक्षात्कारकताश :

जब िरिाजा खुिा र्था, आप क्या िेखी ं?

सारंग :

जब िरिाजा खुिा र्था, एक उज्जिि प्रकाश आगे की ओर िमक रहा र्था,

और एक संुिर प्रकृदत दृश्य दिखाई दिया। िह

बहुँत संुिर र्था, मैं िदकत

र्थी। मैं, बहुँत स्वगशिूत, जानिर, फूि और पेड़

िेखी। स्वगशिूत फूि को िेखकर मुसु्करा रहे

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रे्थ, और जानिर खेि रहे रे्थ, और आराम कर रहे रे्थ। फूि पूरे खखिे रे्थ,

और पेड़ो में कोई तु्रदट नही र्थी। मैं मन में सोिी ‘’िाह ! यह बहुँत शांदतपूर्श

है ! मैं यहॉ रहना िाहती हुँ !’’

साक्षात्कारकताश :

बिे हए िोगो का क्या हआ ?

सारंग :

मैं िेखी, समुद्र के रेत के समान िोग परमेश्वर के दसंहासन के सामने खडे़

रे्थ। जैसे ही मैने उसे िेखा, मैं जान गई

यह ‘’परमेश्वर का न्याय दसंहासन’’ है।

एक िूत प्रभु द्वारा खड़ा र्था। अिानक,

स्वगशिूत ने एक व्यखि को पकड़ा, जो

न्याय दसंहासन के सामने खड़ा र्था, और उसे जमीन से घसीटते

हए नकश की ओर खुिने िािे टीिे पर िे गया। उस स्वगशिूत ने

िूसरे स्वगशिूत को उसे सौपं दिया, जो टीिे पर र्था। तब िह व्यखि नकश में

फें क दिया गया। ( प्रकादशतिाक्य 20:15 ) उसके बाि प्रभु ने बिे िोगो

का न्याय दकया। िे सब नकश में फें क दिए गए। िे िया के दिए दिल्लाने

और रोने िगे

‘’प्रभु ! कृपया मुझे बिाईए ! कृपया मुझे बिाईए !’’

परंतु प्रभु ने कहा ‘’अब पश्चाताप के दिए बहुँत िेर हो िुकी है !’’

साक्षात्कारकताश :

आप नकश में क्या िेखी ?

सारंग :

मैं िेखी नकश में िाि समुद्र जो आग से उबि रही र्थी, और धुआ आकाश

में उड़ रहा र्था। आकाश बहुँत अंधकार र्था, दजससे

मैं उसके आखखर को नही िेख पा रही र्थी। मैं िेखी

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पंख िािा शैतान आकाश मे उड़ रहा र्था और दिल्ला रहा र्था।

यह बहुँत ड़रािना और भयानक र्था। पंख िािा िोगो का भयानक दनन्दा

करते हए कहता है ‘’तुम िोगो ने कुछ नही दकया दसफश पाप

दकया !’’ िोग िहॉ आग के समुद्र में रो रहे रे्थ, दिल्ला रहे रे्थ,

‘’कृपया मुझे बिाओ !’’ जबदक दजतना अदधक िे दिल्लाते

उतना अदधक तेज उनकी यातनाए होती। शैतान

िोगो को तििारो से मार रहा र्था। िहॉ बहुँत सारा

छोटा कीड़ा र्था, जो िोगो को खाता र्था। ( मरकुस 9:48 )। मैं

बहुँत ड़र गई र्थी,परंतु जब मैं ऊपर आसमान में स्वगश का राज्य िेखी, और

मैं ड़री हई महसूस नही कर रही र्थी। नकश को िेखते ही ड़र िगता,परंतु

जब मैं स्वगश िेखी, मैं आनंि से भर गई।

जब मैं ध्यान से िेखी, स्वगशिूत आसमान में उड़ रहे रे्थ, और

गा रहे रे्थ, ‘’ प्रभु की सु्तती हो ! प्रभु की आराधना हो!’’

इस अनुभि के बाि, मैं दफर से पूरी तरह से होश में आ गई। मुझे ऐसा

महसूस हआ, जैसे मैं अभी स्वगश और नकश से आई। इस आखिक अनुभि

के बाि, मैं अपने मन में सोिंी ‘’मैं दकसी भी कीमत में स्वगश ही जाउंगी,

और नकश कभी नही जाउंगी’’। मुझे िगता है दक इस िुदनया से कुछ िोग

ही हैं जो बिाए जा रहे हैं, क्योदक मैं केिि 30 िोगो को ही स्वगीय बस में

िेखी,और बाकी िोग जो पृथ्वी पर रे्थ नकश में ड़ािे गए।

यह 30 िोगो की तुिना में और भी कम हो सकती है,

क्योदक िूका 17:26 कहता है, िैसे ही जैसे नूह के

दिनो ंमें हआ र्था, मनुष्य के पुत्र के दिनो ंमें भी ऐसा

ही होगा। जो इस िुदनया का अंत है। और नूह के

जहाज में केिि 8 िोग ही रे्थ। केिि 8 िोग ही नूह के

दिनो ं में बि पाए रे्थ। इसदिए मेरा मानना है दक बिे हए

िोगो की संख्या बहुँत कम होगी।

इसदिए, मैं अब दृढ़ता से जागते रहने और स्वगश

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जाने के दिए दकसी भी कीमत की परिाह ना करते हए प्रदतबद्ध हुँ, प्रभु

यीशु कहते हैं दक उनका आना अदत शीघ्र है। जबदक उस दिन और समय

को कोई नही जानता। ( मिी 24:36 ) इसदिए हमें जागते रहना और प्रभु

यीशु से दमिने के दिए हमेंशा तैयार रहना है। ( िूका 21:36 ), क्योदंक जो

व्यखि प्रभु यीशु से नही दमिेगा, जैसे िोर रात में आता है, िैसे ही प्रभु

यीशु आएगें, दफर िे स्वगश नही जा पाएगें !

प्रभु ! इस अनमोि अनुभि के दिए आपका धन्यिाि।

मैं आपसे प्यार करती हुँ !

[spritlessons.com द्वारा दटप्पर्ी :

सारंग की गिाही जो दसफश कुछ िोग स्वगश पहुँिाए जाते हैं, इसका यह

मतिब नही है दक, र्थोडे़ ही िोग बिेंगे।

प्रकादशतिाक्य 7:9,13&14 कहता है ‘’इसके बाि मैंने िेखा दक मेरे

सामने एक दिशाि भीड़ खड़ी र्थी, दजसकी कोई दगनती नही कर सकता

र्था। इस भीड़ में हर जादत के, हर िंश के, हर कुि के तर्था हर भाषा के

िोग रे्थ।‘’ िे उस दसंहासन और उस मेंमने के आगे खडे़ रे्थ।* *सारंग, प्यार

के दिए कोररयाई शब्द है।]

Translated by translate_to_hindi@yahoo.com

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