15 ज्योतिष में नक्षत्रों का महत्व

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15 जजजजजजज जजज जजजजजजजजज जज जजजजज - जजजजजज ववववव ववववववव वव वववववव वववववव वव वव वववव वववव वववववव वव ववव वववववववववव वववव वववव वववव ववववव ववववववववव ववव वव वववववव वव 15 ववव ववववववव वववववववव वव वववववव वव ववववववव वववव वव वववव : वववव वववव वववव वववव वववववववव ववव ववववव ववववववव वववववव वववव वव वववववववववव, वववववव ववव ववववव वव ववव वववववव वव ववव वववववव वव वव ववववववव वववव वव ववववववव वव ववववववव ववव ववव वववववव ववव ववववव ववववववव वव वववववव ववव ववव ववव ववव वव वववव वववव वव वववववव ववववववव वव वववववव ववववव व वववव वव वववव वववव वववव वववव वव ववववव वववव वववववव ववववववव वव वववववव वव ववव ववववव वववव वववव ववववववव ववव ववव वववव वववववववव ववववव वव वववववव वववव ववव वव वववव वववव वववववववववव, वववववववव वववव वववव वव ववववववव ववव वववववव वववव वव वववववव वव ववववव वववव वव ववव वव वववव वव वववववव ववववववववव वव ववववववववव वव वववववव ववववववव वव वववववव वव वववववव ववव ववव ववववव वववववववव ववववव वव वव वववववव ववववववव वव वववववव वववववव ववव ववववव वव वव ववव वववव वव ववव ववव वववव वववव वव वव वववव ववववव ववव वववववव वववव ववव ववववव वव ववववव वववव वव ववव ववव वववव ववववव वव वववववव वववव वव ववव वववव ववववव वववववव वव वववववववव वववव वववववववववव ववववववव वव वव वववववव ववववव वव वववववववववव ववव वववव-वववववववव वव ववववववव वव ववव वव वववववव वववववव ववववववव वव ववववव वववववववववव, वववववव, वववव-वववववववव, वववववव ववव वववववव वववव वव वववववव वव ववव वववव वववव वववववव वव ववववव वववव वववव वववव वववव ववव वववव ववव ववव वव ववववव ववववववव वव वववववव वववववव ववववववव वव वववववव ववववव वववव वववव वव ववव वववव वव वव वववव वव ववव वववव ववव वव वववव वव वववववव ववववववव वव ववव ववववववव व वव वववव ववव वव वववववव ववव ववव ववववव वववव वववव वववव ववववव ववववववव ववव वव वव वववव वववव वव ववव वववव ववव वव ववव वववववव वववववव, वव, ववववव, वववव ववव वववव वववव ववव वव वववव वववव वव वववववव ववव व वववव वव वववव ववव वव वववववव ववववववव वव वववववव ववववव वववव वव वववव वव ववववववव वव वववव ववव वव ववववव वववववव वववव वव ववव वववव ववव वव वववववव वव वववव ववव ववववववववव वववववव ववववववव वव वववववव वव ववववववववव व ववव ववव ववववव वववववववव वववव ववववववव वव वव वववववव ववववववव वव ववववववववववव वववव ववववव ववव ववववव वववव वववव ववववववव वव वव वव ववववववव वव वववववव वववव वव ववव वववव ववववववव वव वव ववववववववव वव ववववववव वव व वव ववववववववव ववववव ववव वववव ववववववव वव वववववव, ववववव, ववववव

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Page 1: 15 ज्योतिष में नक्षत्रों का महत्व

15 ज्यो�ति�ष में नक्षत्रों का� मेंहत्व - स्व�ति�वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र क�� डली� सा क� जा�नु वै�ली� गणनु�ओं क लिलीए महत्वैपू#ण$ म�नु जा�नु वै�ली सा��इसा नुक्षत्रों( म) सा स्वै�ति� क 15 वै�� नुक्षत्रों म�नु� जा��� ह�। स्वै�ति� क� शा�ब्दि.�क अर्थ$ ह� स्वै�: आचरण करनु वै�ली� अर्थवै� स्वै��त्रों �र्थ� वै�दि�क ज्योति�ष स्वै�ति� शा.� क स्वै��त्रों��, कमली�� �र्थ� �लीवै�र क सा�र्थ जाड़�� ह� �र्थ� स्वै�ति� क यो तिवैभि4न्न अर्थ$ इसा नुक्षत्रों क तिवैभि4न्न तिवैशा ष��ओं क सा�र्थ जाड़� ह6। वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र हवै� म) झू#ली रह एक छोटे पू:धे क स्वै�ति� नुक्षत्रों क� प्र��क लिचन्ह म�नु� जा��� ह�। छोटे� पू:धे� कमली ह�� ह� जिजासाक चली� स्वै�ति� नुक्षत्रों क� कमली�� क सा�र्थ सा�बं�धे जा�ड़ जा��� ह�। ��व्र हवै� म) अपूनु� अस्तिस्�त्वै बंच�नु क� प्रयो�सा कर�� हुआ योह छोटे� पू:धे� स्वै��त्रों��, अस्तिस्�त्वै बंनु�ए रखनु क� प्रवैDति� �र्थ� सा�घष$ करनु क� क्षम�� क� सा�क � � �� ह� �र्थ� इसा पू:धे क द्वा�र� प्र�र्शिशाH� यो तिवैशा ष��ए� 4� स्वै�ति� नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाH� ह�J ह6। क� छो वै�दि�क ज्योति�ष� म#�ग क 4� स्वै�ति� नुक्षत्रों क� प्र��क लिचन्ह म�नु� ह6। म#�ग क एक ऐसा पू:धे क रूपू म) जा�नु� जा��� ह� जा अपूनु� तिवैक�सा �र्थ� प्रजानुनु करनु म) स्वैयो� ह� साक्षम ह�� ह� �र्थ� इसा अपूनु� तिवैक�सा और प्रजानुनु करनु क लिलीए तिकसा� बं�हर� साह�यो�� क� आवैश्योक�� नुहJ ह��। स्वै�ति� नुक्षत्रों क� योह प्र��क लिचन्ह 4� स्वै��त्रों�� �र्थ� आत्म-तिनु4$र�� क �शा�$�� ह� �र्थ� इसा प्रक�र स्वै�ति� नुक्षत्रों क� सा�बं�धे स्वै��त्रों��, कमली��, आत्म-तिनु4$र��, कमली�� �र्थ� सा�घष$ करनु क� क्षम�� क सा�र्थ जा�ड़ जा��� ह�।

वै�यो� क � वै�� म�नु जा�नु वै�ली वै�यो� � वै अर्थवै� पूवैनु � वै क वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र स्वै�ति� नुक्षत्रों क� अधिधेपूति� � वै�� म�नु� जा��� ह� �र्थ� जा�सा� तिक हम पूहली ह� � ख च�क ह6 तिक वै�यो� क� स्वै�ति� नुक्षत्रों क सा�र्थ प्रग�ढ़ सा�बं�धे ह�। वै�यो� � वै क स्वैग$ लीक म) तिनुवै�सा करनु वै�ली पू��च म�ख्यो � वै��ओं म) सा एक म�नु� जा��� ह� �र्थ� वै�यो� � वै क पू�च �त्वै( पूDथ्वै�, जाली, अब्दिSनु, वै�यो� �र्थ� आक�शा �त्वै म) सा वै�यो� �त्वै क अधिधेपूति� � वै म�नु� जा��� ह�। वै�यो� � वै क स्वै�ति� नुक्षत्रों क अधिधेपूति� � वै�� हनु क क�रण इसा नुक्षत्रों पूर वै�यो� � वै क� प्रबंली प्र4�वै रह�� ह� �र्थ� वै�यो� � वै क चरिरत्रों क� बंहु� साJ तिवैश्ष��ए� स्वै�ति� नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाH� ह�J ह6। क� छो वै�दि�क ज्योति�ष� � वै� सारस्वै�� क 4� स्वै�ति� नुक्षत्रों क� अधिधेष्ठा�त्रों� � वै� म�नु� ह6 जिजासाक क�रण � वै� सारस्वै�� क� 4� इसा नुक्षत्रों पूर प्र4�वै रह�� ह� �र्थ� � वै� सारस्वै�� क� कई तिवैशा ष��ए� इसा नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाH� ह�J ह6। � वै� सारस्वै�� क तिवैद्या�, ज्ञा�नु, सा�ग�� �र्थ� वै�ण� क� � वै� म�नु� जा��� ह� �र्थ� � वै� सारस्वै�� क� यो तिवैशा ष��ए� स्वै�ति� नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाH� ह�J ह6। वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र नुवैग्रह( म) सा र�हू क स्वै�ति� नुक्षत्रों क� अधिधेपूति� ग्रह म�नु� जा��� ह� �र्थ� र�हू वै�दि�क ज्योति�ष म) ह�ली��तिक म�यो� क ग्रह सा जा�नु जा�� ह6 तिकन्�� र�हू क चरिरत्रों क� क� छो अन्यो तिवैशा ष��ए� जा�सा तिक क# टेनु�ति�, साम�जिजाक गठबं�धेनु बंनु�नु क� क्षम��, सा�म�जिजाक व्यवैह�र म) क� शाली��, सा�खनु क� प्रबंली प्रवैDति� �र्थ� क्षम�� आदि� इसा नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाH� ह�J ह6। योह�� पूर योह बं�� ध्यो�नु � नु योSयो ह� तिक वै�दि�क ज्योति�ष म) � वै� सारस्वै�� क र�हू ग्रह क� अधिधेष्ठा�त्रों� � वै� 4� म�नु� जा��� ह� इसालिलीए स्वै�ति� नुक्षत्रों क म�ध्योम सा र�हू क� उन्हJ तिवैशा ष��ओं क� प्र�शा$नु हनु� स्वै4�तिवैक ह� जा � वै� सारस्वै�� क� तिवैशा ष��ओं सा म ली ख��J ह6 क्यो(तिक � वै� सारस्वै�� क स्वै�ति� नुक्षत्रों क� अधिधेष्ठा�त्रों� � वै� म�नु� जा��� ह�।

वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र स्वै�ति� नुक्षत्रों क सा4� च�र चरण ��ली� र�लिशा म) स्थि`� ह� ह6 जिजासाक क�रण इसा नुक्षत्रों पूर ��ली� र�लिशा �र्थ� इसा र�लिशा क स्वै�म� ग्रह शा�क्र क� 4� प्र4�वै पूड़�� ह�। नुवैग्रह( म) सा शा�क्र क सा���र��, सा�म�जिजाक��, 4:ति�कवै��, क# टेनु�ति� �र्थ� आसालिb आदि� क सा�र्थ जाड़� जा��� ह� �र्थ� शा�क्र क� यो तिवैशा ष��ए� स्वै�ति� नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाH� ह�J ह6। योह�� पूर योह बं�� ध्यो�नु � नु योSयो ह� तिक स्वै�ति� नुक्षत्रों क अधिधेपूति� � वै�� पूवैनु � वै वै�यो� �त्वै क � वै�� ह6, स्वै�ति� नुक्षत्रों क� अधिधेपूति� ग्रह र�हू 4� वै�दि�क ज्योति�ष म) वै�यो� �त्वै सा जा�ड़ हुए ग्रह क रूपू म) जा�नु� जा��� ह� �र्थ� ��ली� र�लिशा क 4� वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र वै�यो� �त्वै क सा�र्थ ह� जाड़� जा��� ह�। इसालिलीए स्वै�ति� नुक्षत्रों पूर वै�यो� �त्वै क� प्र4�वै बंहु� प्रबंली रह�� ह� जिजासाक क�रण वै�यो� क� अनु क तिवैशा ष��ए� जा�सा तिक लीचक�ली�

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स्वै4�वै, अस्थि`र��, ठसा�� क� अ4�वै हनु�, दि�ख�वै� करनु क� प्रवैDति�, स्थि`ति� अनु�सा�र अपूनु आपू क ढा�ली ली नु क� क्षम�� आदि� इसा नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाH� ह�J ह6। इसा� प्र4�वै क क�रण स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क अपूनु जा�वैनु म) अनु क स्थि`ति�यो( म) तिनुण$यो ली नु बंहु� � र कर � � ह6 �र्थ� कई बं�र � यो जा��क ठसा�� क� अ4�वै हनु क क�रण तिनुण$यो ली ह� नुहJ पू�� । इसाक� क�रण प्र�यो: इसा नुक्षत्रों क प्रबंली प्र4�वै म) आनु वै�ली जा��क( म) वै�यो� �त्वै क� बंहु�यो�� �र्थ� पूDथ्वै� �त्वै क� कम� ह�� ह� क्यो(तिक वै�यो� अपूनु आपू म) खखली� अर्थवै� ख�ली� ह�� ह� जाबंतिक पूDथ्वै� ठसा �र्थ� तिकसा� प्रक�र क ठसा तिनुण$यो पूर पूहु�चनु क लिलीए पूDथ्वै� �त्वै क� आवैश्योक�� ह�� ह�। स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क( म) दि�ख�वै� करनु क� प्रवैDति� 4� पू�यो� जा��� ह� जिजासाक� क�रण इसा नुक्षत्रों पूर शा�क्र �र्थ� र�हू क� प्र4�वै ह� क्यो(तिक वै�दि�क ज्योति�ष इनु �नु( ह� ग्रह( क चरम 4:ति�कवै�� क सा�र्थ जाड़�� ह� �र्थ� दि�ख�वै� करनु क� प्रवैDति� चरम 4:ति�कवै��d हनु क� सा�क � ह� � �� ह�।

स्वै�ति� नुक्षत्रों स्वै4�वै सा बंहु� 4:ति�कवै��d नुक्षत्रों ह� जिजासाक चली� इसा नुक्षत्रों क प्रबंली प्र4�वै म) आनु वै�ली जा��क 4:ति�क सा�ख( क� प्र�प्तिf� क लिलीए �र्थ� शा�र�रिरक सा�ख क� ली�लीसा� क लिलीए प्रयो�सार� � ख जा� साक� ह6। स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क( म) बंहु� साहनुशा�ली�� �र्थ� सा�योम ह�� ह� जिजासाक चली� यो जा��क तिकसा� क�यो$ क� फली प्र�f� करनु क� शा�घ्र�� म) नुहJ ह� अतिपू�� स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क बंहु� सा�योम सा पूरिरण�म क अपूनु पूक्ष म) आनु क� प्र��क्ष� करनु म) साक्षम ह� ह6। तिकन्�� क� छो म�मली( म) स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क( क� योह तिवैशा ष�� नुक�र�त्मक रूपू सा 4� क�म कर�� ह� जिजासाक क�रण इसा नुक्षत्रों क जा��क तिकसा� क�यो$ क पूरिरण�म क लिलीए बंहु� ली�बं सामयो �क प्र��क्ष� कर� रह� ह6 तिवैशा ष�यो� �बं जाबं उसा क�यो$ क� साक�र�त्मक पूरिरण�म तिनुकलीनु क� कई 4� सा�4�वैनु� नु शा ष ह। स्वै�ति� नुक्षत्रों पूर वै�यो� �त्वै क� अधिधेक प्र4�वै रहनु क क�रण इसा नुक्षत्रों क जा��क तिनुण$यो ली नु म) प्र�यो: बंहु� सामयो लीग�� ह6 �र्थ� ऐसा बंहु� सा जा��क अपूनु तिवैच�र( क व्यवैह�रिरक रूपू � नु म) बंहु� सामयो लीग�� ह6 ह�ली��तिक इनुक तिवैच�र बंहु� अच्छे �र्थ� व्यवैह�रिरक रूपू सा साफली हनु वै�ली 4� ह साक� ह6। तिकन्�� इनु जा��क( क� मनु पूDथ्वै� �त्वै क� ठसा�� क� अ4�वै हनु क क�रण �र्थ� वै�यो� �त्वै क� प्र4�वै अधिधेक हनु क क�रण अस्थि`र रह�� ह� जिजासाक क�रण इन्ह) अपूनु द्वा�र� लिलीए हुए तिनुण$यो( क साफली हनु क बं�र म) 4� शा�क� लीग� रह�� ह�। बंहु� सा वै�दि�क ज्योति�ष� योह म�नु� ह6 तिक स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा जा��क अपूनु तिवैच�र( क व्यवैह�रिरक रूपू � नु क� कली� सा�ख ली � ह6 �र्थ� ठसा तिनुण$यो ली नु म) साक्षम ह जा�� ह6, वै जा��क स्वै�ति� क अन्यो जा��क( क� अपू क्ष� कहJ अधिधेक साफली � ख जा�� ह6। तिकसा� क�� डली� म) स्वै�ति� नुक्षत्रों क� प्रबंली प्र4�वै जा��क क कई प्रक�र क रचनु�त्मक �र्थ� नुवै�नु तिवैच�र प्र��नु कर साक�� ह� जिजान्ह) व्यवै�ह�रिरक�� म) उ��र कर यो जा��क बंहु� साफली ह साक� ह6। इसा प्रक�र स्वै�ति� नुक्षत्रों क बंहु� सा जा��क( क� साफली�� �र्थ� असाफली�� क मध्यो अ��र क वैली ठसा तिनुण$यो ली नु क� क्षम�� क� ह� रह जा��� ह� �र्थ� स्वै�ति� क जा जा��क ठसा तिनुण$यो ली नु क� कली� सा�ख ली � ह6, वै स्वै�ति� नुक्षत्रों क शा ष जा��क( क� ��लीनु� म) कहJ अधिधेक साफली � ख जा�� ह6।

वै�दि�क ज्योति�ष स्वै�ति� नुक्षत्रों क बंहु� साJ अच्छेd तिवैशा ष��ओं क सा�र्थ 4� जाड़�� ह� जिजासाक� म�ख्यो क�रण इसा नुक्षत्रों पूर वै�यो� � वै �र्थ� � वै� सारस्वै�� क� प्र4�वै म�नु� जा��� ह�। स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क प्र�यो: सा���र �र्थ� आकष$क ह� ह6 जिजासाक� क�रण इसा नुक्षत्रों पूर शा�क्र �र्थ� र�हू क� सा�यो�b प्र4�वै म�नु� जा��� ह�। स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क क# टेनु�ति� �र्थ� सा�म�जिजाक व्यवैह�र म) तिनुपू�ण ह� ह6 क्यो(तिक इनु �नु( क्ष त्रों( म) तिनुपू�ण�� प्र�f� करनु क लिलीए लीचक�ली स्वै4�वै क� हनु� आवैश्योक ह� जा तिक वै�यो� �त्वै क� तिवैशा ष�� हनु क क�रण इनु जा��क( म) 4रपू#र म�त्रों� म) पू�यो� जा��� ह�। इसाक अति�रिरb शा�क्र �र्थ� र�हू �नु ह� ग्रह( क वै�दि�क ज्योति�ष म) सा�म�जिजाक व्यवैह�र क� शाली�� क लिलीए जा�नु� जा��� ह� �र्थ� र�हू और शा�क्र क� यो तिवैशा ष��ए� स्वै�ति� नुक्षत्रों क म�ध्योम सा 4� प्र�र्शिशाH� ह�J ह6 जिजासाक चली� यो जा��क बंहु� व्यवैह�र क� शाली ह� ह6 �र्थ� इन्ह) प्र�यो: सा�म�जिजाक पू�र्टिटेHयो( म) दूसार लीग( क सा�र्थ सा�बं�धे बंनु�� �र्थ� सा�बं�धे बंढ़�� हुए � ख� जा� साक�� ह�। स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क( म) सा�म�जिजाक गठजाड़ अर्थवै� नु टेवैर्किंकHग क� प्रबंली रूलिच ह�� ह� जिजासाक चली� इनु जा��क( क� सा�म�जिजाक ��योर� अन्यो कई नुक्षत्रों( क जा��क( क� अपू क्ष� बंहु� बंड़� ह�� ह�। आजा

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क यो�ग म) सा�म�जिजाक नु टेवैर्किंकHग क चरम सा�म� �क पूहु�च�नु वै�लीJ फ साबं�क जा�साJ वै�बंसा�इटेmसा तिनुभिn� रूपू सा स्वै�ति� नुक्षत्रों क प्र4�वै क� ह� पूरिरण�म ह�। आजा क� दुतिनुयो� क अधिधेक सा अधिधेक सा�म�जिजाक बंनु�नु म) स्वै�ति� क� उजा�$ क� तिनुभिn� रूपू सा बंहु� बंड़� योग��नु ह�। स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क अपूनु लीचक�ली स्वै4�वै क क�रण स्थि`ति� क अनु�सा�र व्यवैह�र करनु म) क� शाली ह� ह6 जिजासाक क�रण इनुक� सा�म�जिजाक आधे�र बंढ़�� ह� जा��� ह� �र्थ� आजा क यो�ग म) बंहु� बंड़ सा�म�जिजाक ��योर वै�ली अधिधेक�र जा��क इसा� नुक्षत्रों क प्रबंली प्र4�वै म) � ख जा�� ह6।

स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क( म) साहनुशा�ली�� 4� बंहु� ह�� ह� जिजासाक चली� यो जा��क अपूनु द्वा�र� तिकयो गए क�योp क पूरिरण�म क� तिबंनु� तिवैचलिली� हुए प्रति�क्ष� करनु म) साक्षम ह� ह6। स्वै�ति� नुक्षत्रों क� साहनुशा�ली�� �र्थ� सा�योम जा�सा� तिवैशा ष��ओं क चली� ह� शातिनु इसा नुक्षत्रों म) स्थि`� हकर अपूनु सावैqच्च बंली क प्र�f� कर� ह6 जिजासाक क�रण इन्ह) वै�दि�क ज्योति�ष म) उच्च क� शातिनु 4� कह� जा��� ह�। वैहJ दूसार� ओर सा#यो$ स्वै�ति� नुक्षत्रों म) स्थि`� हकर एक�म क्ष�ण ह जा�� ह6 जिजासाक चली� इन्ह) नु�च क� सा#यो$ कहकर 4� सा�बंधिधे� तिकयो� जा��� ह�। योह�� पूर योह बं�� ध्यो�नु � नु योSयो ह� तिक शातिनु क वै�दि�क ज्योति�ष म) सा�योम �र्थ� साहनुशा�ली�� सा जा�ड़� हुआ ग्रह म�नु� जा��� ह� जिजासाक क�रण शातिनु स्वै�ति� नुक्षत्रों म) स्थि`� हकर अपूनु आपू क अधिधेक बंली� पू�� ह6 जाबंतिक सा#यो$ क वै�दि�क ज्योति�ष म) �त्क�ली तिनुण$यो ली नु क� प्रवैDति� वै�ली ग्रह क रूपू म) जा�नु� जा��� ह� �र्थ� स्वै�ति� नुक्षत्रों क अस्थि`र एवैम वै�यो�वै� वै���वैरण म) आनु पूर सा#यो$ स्वैयो� क असाहजा पू�� ह6 और इसा� क�रण सा#यो$ इसा नुक्षत्रों म) स्थि`� हनु पूर बंहु� क्ष�ण ह जा�� ह6। स्वै�ति� नुक्षत्रों म) स्थि`� हनु पूर र�हू �र्थ� शा�क्र 4� बंली� ह जा�� ह6 क्यो(तिक र�हू �र्थ� शा�क्र �नु( क� स्वै4�वै ह� स्वै�ति� नुक्षत्रों क स्वै4�वै सा म ली ख��� ह�।

आइए अबं � ख) इसा नुक्षत्रों सा जा�ड़ क� छो अन्यो �थ्यो( क� ओर जिजान्ह) वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र तिवैवै�ह क�योp क लिलीए प्रयोग क� जा�नु वै�ली� ग�ण धिमली�नु क� तिवैधिधे म) महत्वैपू#ण$ म�नु� जा��� ह�। वै�दि�क ज्योति�ष स्वै�ति� क एक स्त्रों� नुक्षत्रों म�नु�� ह� जिजासाक� क�रण अधिधेक�र वै�दि�क ज्योति�ष� इसा नुक्षत्रों क� � वै� सारस्वै�� �र्थ� शा�क्र क सा�र्थ सा�बं�धे म�नु� ह6। वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र स्वै�ति� नुक्षत्रों क शा#द्र वैण$ प्र��नु तिकयो� जा��� ह� जिजासाक� क�रण अधिधेक�र वै�दि�क ज्योति�ष� इसा नुक्षत्रों क� र�हू क सा�र्थ सा�बं�धे हनु� म�नु� ह6। वै�दि�क ज्योति�ष स्वै�ति� नुक्षत्रों क � वै गण प्र��नु कर�� ह� जिजासाक� क�रण इसा नुक्षत्रों क� � वै� सारस्वै�� �र्थ� वै�यो� � वै क सा�र्थ गहर� सा�बं�धे म�नु� जा��� ह�। वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र स्वै�ति� नुक्षत्रों क ग�ण सा र�जालिसाक म�नु� जा��� ह� �र्थ� बंहु� सा वै�दि�क ज्योति�ष� इसा वैगuकरनु क� क�रण स्वै�ति� नुक्षत्रों क� शा�क्र क सा�र्थ जा�ड़� हनु� �र्थ� इसा नुक्षत्रों क� व्यवैह�र और आचरण म�नु� ह6 क्यो(तिक स्वै�ति� क जा��क 4:ति�क सा�ख( क� प्रबंली इच्छे� रखनु वै�ली ह� ह6। वै�दि�क ज्योति�ष पू�च �त्वै( म) सा अब्दिSनु �त्वै क स्वै�ति� नुक्षत्रों क सा�र्थ जाड़�� ह�।