15 ज्योतिष में नक्षत्रों का महत्व
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15 ज्यो�ति�ष में नक्षत्रों का� मेंहत्व - स्व�ति�वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र क�� डली� सा क� जा�नु वै�ली� गणनु�ओं क लिलीए महत्वैपू#ण$ म�नु जा�नु वै�ली सा��इसा नुक्षत्रों( म) सा स्वै�ति� क 15 वै�� नुक्षत्रों म�नु� जा��� ह�। स्वै�ति� क� शा�ब्दि.�क अर्थ$ ह� स्वै�: आचरण करनु वै�ली� अर्थवै� स्वै��त्रों �र्थ� वै�दि�क ज्योति�ष स्वै�ति� शा.� क स्वै��त्रों��, कमली�� �र्थ� �लीवै�र क सा�र्थ जाड़�� ह� �र्थ� स्वै�ति� क यो तिवैभि4न्न अर्थ$ इसा नुक्षत्रों क तिवैभि4न्न तिवैशा ष��ओं क सा�र्थ जाड़� ह6। वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र हवै� म) झू#ली रह एक छोटे पू:धे क स्वै�ति� नुक्षत्रों क� प्र��क लिचन्ह म�नु� जा��� ह�। छोटे� पू:धे� कमली ह�� ह� जिजासाक चली� स्वै�ति� नुक्षत्रों क� कमली�� क सा�र्थ सा�बं�धे जा�ड़ जा��� ह�। ��व्र हवै� म) अपूनु� अस्तिस्�त्वै बंच�नु क� प्रयो�सा कर�� हुआ योह छोटे� पू:धे� स्वै��त्रों��, अस्तिस्�त्वै बंनु�ए रखनु क� प्रवैDति� �र्थ� सा�घष$ करनु क� क्षम�� क� सा�क � � �� ह� �र्थ� इसा पू:धे क द्वा�र� प्र�र्शिशाH� यो तिवैशा ष��ए� 4� स्वै�ति� नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाH� ह�J ह6। क� छो वै�दि�क ज्योति�ष� म#�ग क 4� स्वै�ति� नुक्षत्रों क� प्र��क लिचन्ह म�नु� ह6। म#�ग क एक ऐसा पू:धे क रूपू म) जा�नु� जा��� ह� जा अपूनु� तिवैक�सा �र्थ� प्रजानुनु करनु म) स्वैयो� ह� साक्षम ह�� ह� �र्थ� इसा अपूनु� तिवैक�सा और प्रजानुनु करनु क लिलीए तिकसा� बं�हर� साह�यो�� क� आवैश्योक�� नुहJ ह��। स्वै�ति� नुक्षत्रों क� योह प्र��क लिचन्ह 4� स्वै��त्रों�� �र्थ� आत्म-तिनु4$र�� क �शा�$�� ह� �र्थ� इसा प्रक�र स्वै�ति� नुक्षत्रों क� सा�बं�धे स्वै��त्रों��, कमली��, आत्म-तिनु4$र��, कमली�� �र्थ� सा�घष$ करनु क� क्षम�� क सा�र्थ जा�ड़ जा��� ह�।
वै�यो� क � वै�� म�नु जा�नु वै�ली वै�यो� � वै अर्थवै� पूवैनु � वै क वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र स्वै�ति� नुक्षत्रों क� अधिधेपूति� � वै�� म�नु� जा��� ह� �र्थ� जा�सा� तिक हम पूहली ह� � ख च�क ह6 तिक वै�यो� क� स्वै�ति� नुक्षत्रों क सा�र्थ प्रग�ढ़ सा�बं�धे ह�। वै�यो� � वै क स्वैग$ लीक म) तिनुवै�सा करनु वै�ली पू��च म�ख्यो � वै��ओं म) सा एक म�नु� जा��� ह� �र्थ� वै�यो� � वै क पू�च �त्वै( पूDथ्वै�, जाली, अब्दिSनु, वै�यो� �र्थ� आक�शा �त्वै म) सा वै�यो� �त्वै क अधिधेपूति� � वै म�नु� जा��� ह�। वै�यो� � वै क स्वै�ति� नुक्षत्रों क अधिधेपूति� � वै�� हनु क क�रण इसा नुक्षत्रों पूर वै�यो� � वै क� प्रबंली प्र4�वै रह�� ह� �र्थ� वै�यो� � वै क चरिरत्रों क� बंहु� साJ तिवैश्ष��ए� स्वै�ति� नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाH� ह�J ह6। क� छो वै�दि�क ज्योति�ष� � वै� सारस्वै�� क 4� स्वै�ति� नुक्षत्रों क� अधिधेष्ठा�त्रों� � वै� म�नु� ह6 जिजासाक क�रण � वै� सारस्वै�� क� 4� इसा नुक्षत्रों पूर प्र4�वै रह�� ह� �र्थ� � वै� सारस्वै�� क� कई तिवैशा ष��ए� इसा नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाH� ह�J ह6। � वै� सारस्वै�� क तिवैद्या�, ज्ञा�नु, सा�ग�� �र्थ� वै�ण� क� � वै� म�नु� जा��� ह� �र्थ� � वै� सारस्वै�� क� यो तिवैशा ष��ए� स्वै�ति� नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाH� ह�J ह6। वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र नुवैग्रह( म) सा र�हू क स्वै�ति� नुक्षत्रों क� अधिधेपूति� ग्रह म�नु� जा��� ह� �र्थ� र�हू वै�दि�क ज्योति�ष म) ह�ली��तिक म�यो� क ग्रह सा जा�नु जा�� ह6 तिकन्�� र�हू क चरिरत्रों क� क� छो अन्यो तिवैशा ष��ए� जा�सा तिक क# टेनु�ति�, साम�जिजाक गठबं�धेनु बंनु�नु क� क्षम��, सा�म�जिजाक व्यवैह�र म) क� शाली��, सा�खनु क� प्रबंली प्रवैDति� �र्थ� क्षम�� आदि� इसा नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाH� ह�J ह6। योह�� पूर योह बं�� ध्यो�नु � नु योSयो ह� तिक वै�दि�क ज्योति�ष म) � वै� सारस्वै�� क र�हू ग्रह क� अधिधेष्ठा�त्रों� � वै� 4� म�नु� जा��� ह� इसालिलीए स्वै�ति� नुक्षत्रों क म�ध्योम सा र�हू क� उन्हJ तिवैशा ष��ओं क� प्र�शा$नु हनु� स्वै4�तिवैक ह� जा � वै� सारस्वै�� क� तिवैशा ष��ओं सा म ली ख��J ह6 क्यो(तिक � वै� सारस्वै�� क स्वै�ति� नुक्षत्रों क� अधिधेष्ठा�त्रों� � वै� म�नु� जा��� ह�।
वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र स्वै�ति� नुक्षत्रों क सा4� च�र चरण ��ली� र�लिशा म) स्थि`� ह� ह6 जिजासाक क�रण इसा नुक्षत्रों पूर ��ली� र�लिशा �र्थ� इसा र�लिशा क स्वै�म� ग्रह शा�क्र क� 4� प्र4�वै पूड़�� ह�। नुवैग्रह( म) सा शा�क्र क सा���र��, सा�म�जिजाक��, 4:ति�कवै��, क# टेनु�ति� �र्थ� आसालिb आदि� क सा�र्थ जाड़� जा��� ह� �र्थ� शा�क्र क� यो तिवैशा ष��ए� स्वै�ति� नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाH� ह�J ह6। योह�� पूर योह बं�� ध्यो�नु � नु योSयो ह� तिक स्वै�ति� नुक्षत्रों क अधिधेपूति� � वै�� पूवैनु � वै वै�यो� �त्वै क � वै�� ह6, स्वै�ति� नुक्षत्रों क� अधिधेपूति� ग्रह र�हू 4� वै�दि�क ज्योति�ष म) वै�यो� �त्वै सा जा�ड़ हुए ग्रह क रूपू म) जा�नु� जा��� ह� �र्थ� ��ली� र�लिशा क 4� वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र वै�यो� �त्वै क सा�र्थ ह� जाड़� जा��� ह�। इसालिलीए स्वै�ति� नुक्षत्रों पूर वै�यो� �त्वै क� प्र4�वै बंहु� प्रबंली रह�� ह� जिजासाक क�रण वै�यो� क� अनु क तिवैशा ष��ए� जा�सा तिक लीचक�ली�
स्वै4�वै, अस्थि`र��, ठसा�� क� अ4�वै हनु�, दि�ख�वै� करनु क� प्रवैDति�, स्थि`ति� अनु�सा�र अपूनु आपू क ढा�ली ली नु क� क्षम�� आदि� इसा नुक्षत्रों क म�ध्योम सा प्र�र्शिशाH� ह�J ह6। इसा� प्र4�वै क क�रण स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क अपूनु जा�वैनु म) अनु क स्थि`ति�यो( म) तिनुण$यो ली नु बंहु� � र कर � � ह6 �र्थ� कई बं�र � यो जा��क ठसा�� क� अ4�वै हनु क क�रण तिनुण$यो ली ह� नुहJ पू�� । इसाक� क�रण प्र�यो: इसा नुक्षत्रों क प्रबंली प्र4�वै म) आनु वै�ली जा��क( म) वै�यो� �त्वै क� बंहु�यो�� �र्थ� पूDथ्वै� �त्वै क� कम� ह�� ह� क्यो(तिक वै�यो� अपूनु आपू म) खखली� अर्थवै� ख�ली� ह�� ह� जाबंतिक पूDथ्वै� ठसा �र्थ� तिकसा� प्रक�र क ठसा तिनुण$यो पूर पूहु�चनु क लिलीए पूDथ्वै� �त्वै क� आवैश्योक�� ह�� ह�। स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क( म) दि�ख�वै� करनु क� प्रवैDति� 4� पू�यो� जा��� ह� जिजासाक� क�रण इसा नुक्षत्रों पूर शा�क्र �र्थ� र�हू क� प्र4�वै ह� क्यो(तिक वै�दि�क ज्योति�ष इनु �नु( ह� ग्रह( क चरम 4:ति�कवै�� क सा�र्थ जाड़�� ह� �र्थ� दि�ख�वै� करनु क� प्रवैDति� चरम 4:ति�कवै��d हनु क� सा�क � ह� � �� ह�।
स्वै�ति� नुक्षत्रों स्वै4�वै सा बंहु� 4:ति�कवै��d नुक्षत्रों ह� जिजासाक चली� इसा नुक्षत्रों क प्रबंली प्र4�वै म) आनु वै�ली जा��क 4:ति�क सा�ख( क� प्र�प्तिf� क लिलीए �र्थ� शा�र�रिरक सा�ख क� ली�लीसा� क लिलीए प्रयो�सार� � ख जा� साक� ह6। स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क( म) बंहु� साहनुशा�ली�� �र्थ� सा�योम ह�� ह� जिजासाक चली� यो जा��क तिकसा� क�यो$ क� फली प्र�f� करनु क� शा�घ्र�� म) नुहJ ह� अतिपू�� स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क बंहु� सा�योम सा पूरिरण�म क अपूनु पूक्ष म) आनु क� प्र��क्ष� करनु म) साक्षम ह� ह6। तिकन्�� क� छो म�मली( म) स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क( क� योह तिवैशा ष�� नुक�र�त्मक रूपू सा 4� क�म कर�� ह� जिजासाक क�रण इसा नुक्षत्रों क जा��क तिकसा� क�यो$ क पूरिरण�म क लिलीए बंहु� ली�बं सामयो �क प्र��क्ष� कर� रह� ह6 तिवैशा ष�यो� �बं जाबं उसा क�यो$ क� साक�र�त्मक पूरिरण�म तिनुकलीनु क� कई 4� सा�4�वैनु� नु शा ष ह। स्वै�ति� नुक्षत्रों पूर वै�यो� �त्वै क� अधिधेक प्र4�वै रहनु क क�रण इसा नुक्षत्रों क जा��क तिनुण$यो ली नु म) प्र�यो: बंहु� सामयो लीग�� ह6 �र्थ� ऐसा बंहु� सा जा��क अपूनु तिवैच�र( क व्यवैह�रिरक रूपू � नु म) बंहु� सामयो लीग�� ह6 ह�ली��तिक इनुक तिवैच�र बंहु� अच्छे �र्थ� व्यवैह�रिरक रूपू सा साफली हनु वै�ली 4� ह साक� ह6। तिकन्�� इनु जा��क( क� मनु पूDथ्वै� �त्वै क� ठसा�� क� अ4�वै हनु क क�रण �र्थ� वै�यो� �त्वै क� प्र4�वै अधिधेक हनु क क�रण अस्थि`र रह�� ह� जिजासाक क�रण इन्ह) अपूनु द्वा�र� लिलीए हुए तिनुण$यो( क साफली हनु क बं�र म) 4� शा�क� लीग� रह�� ह�। बंहु� सा वै�दि�क ज्योति�ष� योह म�नु� ह6 तिक स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा जा��क अपूनु तिवैच�र( क व्यवैह�रिरक रूपू � नु क� कली� सा�ख ली � ह6 �र्थ� ठसा तिनुण$यो ली नु म) साक्षम ह जा�� ह6, वै जा��क स्वै�ति� क अन्यो जा��क( क� अपू क्ष� कहJ अधिधेक साफली � ख जा�� ह6। तिकसा� क�� डली� म) स्वै�ति� नुक्षत्रों क� प्रबंली प्र4�वै जा��क क कई प्रक�र क रचनु�त्मक �र्थ� नुवै�नु तिवैच�र प्र��नु कर साक�� ह� जिजान्ह) व्यवै�ह�रिरक�� म) उ��र कर यो जा��क बंहु� साफली ह साक� ह6। इसा प्रक�र स्वै�ति� नुक्षत्रों क बंहु� सा जा��क( क� साफली�� �र्थ� असाफली�� क मध्यो अ��र क वैली ठसा तिनुण$यो ली नु क� क्षम�� क� ह� रह जा��� ह� �र्थ� स्वै�ति� क जा जा��क ठसा तिनुण$यो ली नु क� कली� सा�ख ली � ह6, वै स्वै�ति� नुक्षत्रों क शा ष जा��क( क� ��लीनु� म) कहJ अधिधेक साफली � ख जा�� ह6।
वै�दि�क ज्योति�ष स्वै�ति� नुक्षत्रों क बंहु� साJ अच्छेd तिवैशा ष��ओं क सा�र्थ 4� जाड़�� ह� जिजासाक� म�ख्यो क�रण इसा नुक्षत्रों पूर वै�यो� � वै �र्थ� � वै� सारस्वै�� क� प्र4�वै म�नु� जा��� ह�। स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क प्र�यो: सा���र �र्थ� आकष$क ह� ह6 जिजासाक� क�रण इसा नुक्षत्रों पूर शा�क्र �र्थ� र�हू क� सा�यो�b प्र4�वै म�नु� जा��� ह�। स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क क# टेनु�ति� �र्थ� सा�म�जिजाक व्यवैह�र म) तिनुपू�ण ह� ह6 क्यो(तिक इनु �नु( क्ष त्रों( म) तिनुपू�ण�� प्र�f� करनु क लिलीए लीचक�ली स्वै4�वै क� हनु� आवैश्योक ह� जा तिक वै�यो� �त्वै क� तिवैशा ष�� हनु क क�रण इनु जा��क( म) 4रपू#र म�त्रों� म) पू�यो� जा��� ह�। इसाक अति�रिरb शा�क्र �र्थ� र�हू �नु ह� ग्रह( क वै�दि�क ज्योति�ष म) सा�म�जिजाक व्यवैह�र क� शाली�� क लिलीए जा�नु� जा��� ह� �र्थ� र�हू और शा�क्र क� यो तिवैशा ष��ए� स्वै�ति� नुक्षत्रों क म�ध्योम सा 4� प्र�र्शिशाH� ह�J ह6 जिजासाक चली� यो जा��क बंहु� व्यवैह�र क� शाली ह� ह6 �र्थ� इन्ह) प्र�यो: सा�म�जिजाक पू�र्टिटेHयो( म) दूसार लीग( क सा�र्थ सा�बं�धे बंनु�� �र्थ� सा�बं�धे बंढ़�� हुए � ख� जा� साक�� ह�। स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क( म) सा�म�जिजाक गठजाड़ अर्थवै� नु टेवैर्किंकHग क� प्रबंली रूलिच ह�� ह� जिजासाक चली� इनु जा��क( क� सा�म�जिजाक ��योर� अन्यो कई नुक्षत्रों( क जा��क( क� अपू क्ष� बंहु� बंड़� ह�� ह�। आजा
क यो�ग म) सा�म�जिजाक नु टेवैर्किंकHग क चरम सा�म� �क पूहु�च�नु वै�लीJ फ साबं�क जा�साJ वै�बंसा�इटेmसा तिनुभिn� रूपू सा स्वै�ति� नुक्षत्रों क प्र4�वै क� ह� पूरिरण�म ह�। आजा क� दुतिनुयो� क अधिधेक सा अधिधेक सा�म�जिजाक बंनु�नु म) स्वै�ति� क� उजा�$ क� तिनुभिn� रूपू सा बंहु� बंड़� योग��नु ह�। स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क अपूनु लीचक�ली स्वै4�वै क क�रण स्थि`ति� क अनु�सा�र व्यवैह�र करनु म) क� शाली ह� ह6 जिजासाक क�रण इनुक� सा�म�जिजाक आधे�र बंढ़�� ह� जा��� ह� �र्थ� आजा क यो�ग म) बंहु� बंड़ सा�म�जिजाक ��योर वै�ली अधिधेक�र जा��क इसा� नुक्षत्रों क प्रबंली प्र4�वै म) � ख जा�� ह6।
स्वै�ति� नुक्षत्रों क जा��क( म) साहनुशा�ली�� 4� बंहु� ह�� ह� जिजासाक चली� यो जा��क अपूनु द्वा�र� तिकयो गए क�योp क पूरिरण�म क� तिबंनु� तिवैचलिली� हुए प्रति�क्ष� करनु म) साक्षम ह� ह6। स्वै�ति� नुक्षत्रों क� साहनुशा�ली�� �र्थ� सा�योम जा�सा� तिवैशा ष��ओं क चली� ह� शातिनु इसा नुक्षत्रों म) स्थि`� हकर अपूनु सावैqच्च बंली क प्र�f� कर� ह6 जिजासाक क�रण इन्ह) वै�दि�क ज्योति�ष म) उच्च क� शातिनु 4� कह� जा��� ह�। वैहJ दूसार� ओर सा#यो$ स्वै�ति� नुक्षत्रों म) स्थि`� हकर एक�म क्ष�ण ह जा�� ह6 जिजासाक चली� इन्ह) नु�च क� सा#यो$ कहकर 4� सा�बंधिधे� तिकयो� जा��� ह�। योह�� पूर योह बं�� ध्यो�नु � नु योSयो ह� तिक शातिनु क वै�दि�क ज्योति�ष म) सा�योम �र्थ� साहनुशा�ली�� सा जा�ड़� हुआ ग्रह म�नु� जा��� ह� जिजासाक क�रण शातिनु स्वै�ति� नुक्षत्रों म) स्थि`� हकर अपूनु आपू क अधिधेक बंली� पू�� ह6 जाबंतिक सा#यो$ क वै�दि�क ज्योति�ष म) �त्क�ली तिनुण$यो ली नु क� प्रवैDति� वै�ली ग्रह क रूपू म) जा�नु� जा��� ह� �र्थ� स्वै�ति� नुक्षत्रों क अस्थि`र एवैम वै�यो�वै� वै���वैरण म) आनु पूर सा#यो$ स्वैयो� क असाहजा पू�� ह6 और इसा� क�रण सा#यो$ इसा नुक्षत्रों म) स्थि`� हनु पूर बंहु� क्ष�ण ह जा�� ह6। स्वै�ति� नुक्षत्रों म) स्थि`� हनु पूर र�हू �र्थ� शा�क्र 4� बंली� ह जा�� ह6 क्यो(तिक र�हू �र्थ� शा�क्र �नु( क� स्वै4�वै ह� स्वै�ति� नुक्षत्रों क स्वै4�वै सा म ली ख��� ह�।
आइए अबं � ख) इसा नुक्षत्रों सा जा�ड़ क� छो अन्यो �थ्यो( क� ओर जिजान्ह) वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र तिवैवै�ह क�योp क लिलीए प्रयोग क� जा�नु वै�ली� ग�ण धिमली�नु क� तिवैधिधे म) महत्वैपू#ण$ म�नु� जा��� ह�। वै�दि�क ज्योति�ष स्वै�ति� क एक स्त्रों� नुक्षत्रों म�नु�� ह� जिजासाक� क�रण अधिधेक�र वै�दि�क ज्योति�ष� इसा नुक्षत्रों क� � वै� सारस्वै�� �र्थ� शा�क्र क सा�र्थ सा�बं�धे म�नु� ह6। वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र स्वै�ति� नुक्षत्रों क शा#द्र वैण$ प्र��नु तिकयो� जा��� ह� जिजासाक� क�रण अधिधेक�र वै�दि�क ज्योति�ष� इसा नुक्षत्रों क� र�हू क सा�र्थ सा�बं�धे हनु� म�नु� ह6। वै�दि�क ज्योति�ष स्वै�ति� नुक्षत्रों क � वै गण प्र��नु कर�� ह� जिजासाक� क�रण इसा नुक्षत्रों क� � वै� सारस्वै�� �र्थ� वै�यो� � वै क सा�र्थ गहर� सा�बं�धे म�नु� जा��� ह�। वै�दि�क ज्योति�ष क अनु�सा�र स्वै�ति� नुक्षत्रों क ग�ण सा र�जालिसाक म�नु� जा��� ह� �र्थ� बंहु� सा वै�दि�क ज्योति�ष� इसा वैगuकरनु क� क�रण स्वै�ति� नुक्षत्रों क� शा�क्र क सा�र्थ जा�ड़� हनु� �र्थ� इसा नुक्षत्रों क� व्यवैह�र और आचरण म�नु� ह6 क्यो(तिक स्वै�ति� क जा��क 4:ति�क सा�ख( क� प्रबंली इच्छे� रखनु वै�ली ह� ह6। वै�दि�क ज्योति�ष पू�च �त्वै( म) सा अब्दिSनु �त्वै क स्वै�ति� नुक्षत्रों क सा�र्थ जाड़�� ह�।