ट बी पर िज़#मेदार और नी#तकारक पका ......एक स...

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1 ट" बी पर िज़#मेदार और नी#तकारक प"का%रता प"कार& के !लए एक संसाधन ट" बी जैसे !वा!$य से जुड़े मु#द% पर िज़#मेदार और नी#तकारक प"का%रता बेहद ज़"र$ है ता#क पढ़ने वाले सह# जानकार& तक पह सक# । ट"बी पर !रपो%ट’ग िज़#मेदार तर#के से करने से !"ढ़वाद’ (!ट#$रयोटाइप) तोड़ने और लोग$ तक सह# और वा#तववाद& स"देश पह चाने म" मदद होती है। इस द"तावेज़ म" क" ज़"र$ पहलू बताये गए ह" जो ट" बी पर !रपो%ट’ग करते याद रखने चा#हएएक संतु%लत !ि#टकोण अपनाइये रोग के हर पहलू को !"तुत करने क" को#शश क"िजये , खास तौर पर मानवीय पहलू। ट" बी एक ज"टल बीमार& है इस रोग के पहलुओं पर !रपो%ट’ग करते व"त के वल पॉिज%टव के स$ के आंकड़% पर या ट" बी से जुडी #युओं क" बजाय सामािजक, !च#क%सक, !नजी, !व#ानं स"ब$धी, आ"थ$क, शै#$क, राजनै&तक, और बाक$ सभी पहलुओं पर छानबीन करने क" को#शश क"िजये। यह ज़"र$ नह#ं !क ट" बी पर आधा$रत हर कहानी हमेशा दुःख से भरपूर होआशावाद& के स !टडीज या सरकार या एन.जी.ओ. !वारा !कये गए !यास% पर !काश डालना भी अ"छा होता है। उ"चत, संयु%त भाषा का उपयोग कर# , अपमानजनक का नह#ं उ"चत भाषा का उपयोग कर# जो संयु%त हो और "हम" और "वो" के बीच मुकाबले क" मान$सकता को और मज़बूत बनाय% उदहारण के !लए, !कसी को ट" बी "जकड़" नह#ं लेता है। ट" बी लोग$ को "हो" जाता है। "सं#द%द" और "बाक$दार" जैसे श"द !व#वभर म" !नंदनीय नज़र से देखे जाते ह"। ले#कन आप उपयु%त ढंग से इ"हे कहा$नय’ म" डाल सकते ह"। जैसे "बाक$दार" क" जगह "फॉलो अप म" गुमशुदा होने वाले मर#ज़" का इ"तेमाल !कया जा सकता है। गोपनीयता का आदर क"िजये। !बना ख़ास अनुम%त के !कसी ट" बी मर#ज़ क" पहचान को !का$शत मत क"िजये। दुभा%&य से ट" बी एक बह ह" कलं$कत रोग है। कलंक के डर से क" के स !बना !नदान के ह" !नकल जाते ह" जब आप !कसी को उ"घ करते ह" आपको जाग$क रहना चा#हए क" इससे ये अपनी नौकर% या घर भी खो सकते ह"। !बना ट" बी मर#ज़ क" ख़ास अनुम%त के , प"कार& को उनक$ पहचान का खुलासा नह#ं करना चा#हएअपनी !रपो%&स म" , मी#डया के लोग$ को उन ट" बी मर#ज़% क" गोपनीयता बनाये रखने का !यास करना चा#हए िजनसे उ"ह$ने बात क" है। अपनी कहानी को स"दभ% देने के !लए आप उनक$ उ", मोटे तौर पर !नवास !थान, !यवसाय (!बना !क , ऑ"फस का नाम लेते ) इ"या%द का िज़# कर सकते ह"। ट" बी से पी#ड़त ब"च$ पर कहा$नयाँ !लखते ख़ास सावधानी बरतीये। इनक$ पहचान !का$शत करना गैरकानूनी है। ट" बी से पी#ड़त ब"चा !कशोर !याय (देखभाल और सुर$ा), अ"ध$नयम 2000 (जो अब से जे . जे . ए"ट कहलाया जाएगा) के तहत देखभाल और सुर$ा के !लए वग#क माना जाता है इस अ"ध$नयम के तहत !कसी भी मी#डया

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    ट" बी पर िज़#मेदार और नी#तकारक प"का%रता प"कार& के !लए एक ससंाधन

    ट" बी जसेै !वा!$य से जड़ु ेम#ुद% पर िज़#मेदार और नी#तकारक प"का%रता बेहद ज़"र$ है ता#क पढ़ने वाले सह# जानकार& तक पहँुच सक# । ट"बी पर !रपो%ट'ग िज़#मेदार तर#के से करने से !"ढ़वाद' (!ट#$रयोटाइप) तोड़ने और लोग$ तक सह# और वा#तववाद& स"देश पहँुचाने म" मदद होती है। इस द"तावेज़ म" क" ज़"र$ पहल ूबताये गए ह" जो ट" बी पर !रपो%ट'ग करत ेहुए याद रखने चा#हए।  एक सतुं%लत !ि#टकोण अपनाइये। रोग के हर पहल ूको !"तुत करने क" को#शश क"िजये, खास तौर पर मानवीय पहल।ू ट" बी एक ज"टल बीमार& है। इस रोग के पहलओु ंपर !रपो%ट'ग करत ेव"त केवल पॉिज%टव केस$ के आकंड़% पर या ट" बी से जडुी म#ृयुओ ंक" बजाय सामािजक, !च#क%सक, !नजी, !व#ानं स"ब$धी, आ"थ$क, शै#$क, राजनै&तक, और बाक$ सभी पहलओु ंपर छानबीन करने क" को#शश क"िजये। यह ज़"र$ नह#ं !क ट" बी पर आधा$रत हर कहानी हमेशा दःुख से भरपूर हो। कुछ आशावाद& केस !टडीज या सरकार या एन.जी.ओ. !वारा !कये गए !यास% पर !काश डालना भी अ"छा होता है।  उ"चत, सयंु%त भाषा का उपयोग कर#, अपमानजनक का नह#ं ।  उ"चत भाषा का उपयोग कर# जो सयंु%त हो और "हम" और "वो" के बीच मकुाबले क" मान$सकता को और मज़बूत न बनाय% । उदहारण के !लए, !कसी को ट" बी "जकड़" नह#ं लेता है। ट" बी लोग$ को "हो" जाता है। "स#ंद%द" और "बाक$दार" जसेै श"द !व#वभर म" !नदंनीय नज़र से देखे जात ेह"। ले#कन आप उपयु%त ढंग से इ"हे कहा$नय' म" डाल सकत ेह"। जसेै "बाक$दार" क" जगह "फॉलो अप म" गुमशुदा होने वाले मर#ज़" का इ"तमेाल !कया जा सकता है।

    गोपनीयता का आदर क"िजये। !बना ख़ास अनुम%त के !कसी ट" बी मर#ज़ क" पहचान को !का$शत मत क"िजये। दभुा%&य से ट" बी एक बहुत ह" कल$ंकत रोग है। कलकं के डर से क" केस !बना !नदान के ह" !नकल जात ेह"। जब आप !कसी को उ"घतृ करत ेह" आपको जाग$क रहना चा#हए क" इससे ये अपनी नौकर% या घर भी खो सकत ेह"। !बना ट" बी मर#ज़ क" ख़ास अनुम%त के, प"कार& को उनक$ पहचान का खुलासा नह#ं करना चा#हए। अपनी !रपो%&स म", मी#डया के लोग$ को उन ट" बी मर#ज़% क" गोपनीयता बनाये रखने का !यास करना चा#हए िजनसे उ"ह$ने बात क" है। अपनी कहानी को स"दभ% देने के !लए आप उनक$ उ", मोटे तौर पर !नवास !थान, !यवसाय (!बना !कूल, ऑ"फस का नाम लेत ेहुए) इ"या%द का िज़# कर सकत ेह"।    ट" बी से  पी#ड़त ब"च$ पर कहा$नयाँ !लखत े हुए ख़ास सावधानी बरतीये। इनक$ पहचान !का$शत करना गैरकानूनी है। ट" बी से पी#ड़त ब"चा !कशोर !याय (देखभाल और सरु$ा), अ"ध$नयम 2000 (जो अब से  जे. जे. ए"ट कहलाया जाएगा) के तहत देखभाल और सरु$ा के !लए वग#कृत माना जाता है। इस अ"ध$नयम के तहत !कसी भी मी#डया

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    !रपोट& (ट" वी म" या छपा हुआ), !कसी का भी नाम, पता, !कूल या कोई और ऐसी जानकार& !का$शत नह#ं कर सकत ेिजनसे इनक$ पहचान सभंव है। प"कार& को सवेंदनशील रहना चा#हए !क ब"चे को अपनी बीमार& या उस बीमार& क" हद के बारे म" पता हो भी सकता है या नह#ं भी।

    डटेा का अनुवाद करत ेव"त !यान र"खये। !वशषे&' से बात क"िजये।  ये मत सो#चये !क आकंड़ ेअपने !लए खुद बोलत ेह"। डटेा !रकॉड& करने के सरकार% तर#क% म" आये बदलाव& का !यान र"खये। उदहारण के !लए कुछ ऐसे टे#ट ह" जो पहले !रपोट& नह#ं !कये जात ेथे, ले#कन अब !रपोट& !कये जात ेह"। अगर कोई नए लबै / नैदा%नक टे#ट इ"तमेाल !कये जा रहे ह" या अ"धसचूना क" नई ज़"रत% लागू क" गई ह", इ"हे भी !यान म" र"खये - जसेै अगर सरकार ने !नजी से#टर के !लए अ"धसचूना देना अ"नवाय' बना !दया है। अपने कहानी के !ि#टकोण को चुनने से पहले, !वशषे&' के !वचार& को गंभीरता से लेने म" ह" समझदार' है।  !ट#$रयोटाइप का भांडा फोड़$ और उनको ख़"म कर#। ट" बी से जड़ु ेहुए !मथक% को बढ़ावा न द"। ट" बी एक ज"टल रोग है, और पहले से ह" इसके बारे म" क" गलतफेह'मया ंह"। मामलू% गलतफह&मय) म" ट" बी को छूत से लगने वाला रोग माना जाना, और इसे गर#ब% का रोग माना जाना भी शा#मल ह"। जब !रपो%ट'ग के दौरान ट" बी के मर#ज़% का  वण#न !ट#$रयोट#(पकल हालात% म" !दया जाता है, इससे लोग$ के मन  म"  गलतफह&मया ँऔर बढ़ जाती ह"। !ट#$रयोटाइप तोड़ने से ट" बी से जड़ु ेहुए कलकं$  को हटाने म" मदद होगी। इस#लए यह बताना ज़"र$ है !क ट" बी !कसी को भी हो सकता है, और यह पूर$ तरह से सा#य है, अगर समय पर इसका !नदान हो जाये और सह# ढंग से इलाज !कया जाये। इसके कोई द"घ$का'लक नतीजे भी नह#ं होत।े   आज़ाद% : !व#भ%न !ह#सेदार) से !व!थ दरू$ बनाये र"खये। !रपो%ट'ग करत ेव"त, अलग अलग !खला%ड़य( से दरू$ बनाये रखना ज़"र$ है। इनमे सरकार, औषधीय उ"योग, !नजी से#टर !च#क%सक, और इन जी ओ सगंठन शा#मल ह"। इन !ोत$ से भले ह" डटेा या जानकार& ल" जा सकती है, हमेशा !यान र"खये !क आपक$ कहानी प"पातपूण' न हो, और जहा ँतक हो सके !व#भ%न !ि#टकोण( को पेश करता हो। उदहारण के !लए, जब सरकार% अ"धकार' दावा करत ेहै !क कोई काय$%म अ"छ$ तरह काम कर रहा है, रो#गय& से भी बात करने म" भलाई है, यह जानने के !लए !क !या !मखु !हतकार' भी इससे सहमत ह" या नह#ं। अगर महामार% क" प"रि%थ'त आ जाये, तो सरकार% !ोत$ और डटेा पर सवाल करना अ"छा है, जहाँ उनसे पूछा जाये !क वे ि"थ$त को !कस तरह सभंल रहे ह" और !कस तरह के !बंध कर रहे ह"।  

    ट" बी पर िज़#मेदार और नी#तकारक प"का%रता: एक र"च !काशन  (2015) www.media4tb.org

    This  document  was  drafted  by  Ms  Menaka  Rao  and  translated  by  Ms  Jessica  Gupta  for  REACH.    The  publication  of  this  document  is  supported  by  a  United  Way  Worldwide  grant  made  possible  by  the  Lilly  

    Foundation  on  behalf  of  the  Lilly  MDR-‐TB  Partnership.  You  can  find  out  more  about  REACH  at  www.reachtbnetwork.org