परमेश्वर का राज्य शिष्यता का्य्यक्रम...

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परमेर का राज शिषता काम शतका खण 1

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परमशवर का राजयशिषयता काययकरम पशतकाखणड 1

परमशवर का राजय शिषयता काययकरम परभ की मशिमा और उनक मिान परम क अशिक जान को परापत करन का, और परमशवर की समपपरय पररपपरयता क पररमाप स भरपपर िोन का अवसर परदान करता ि, शिसस दपसरो को भी उनकी िीवनयाता को दौरान ऐसा िी करन क शिय सिकत शकया िाय, ताशक ससार परभ को िान सक। कॉपीराइट तथा रॉयलटी मकत 2016. अनय शनिलक ससािनो क शिय www.jesuslovestheworld.info पर िाय अथवा [email protected] पर ईमि कर। “Jesus loves : the world” एक शनिायभ, वयसवक आिाररत, ‘परमशवर का राजय’ समबशनित पथपरदियक सथा ि, िो ससारभर म थानीय अगवो को सिकत बनान तथा उनक परशिकषर क शिय उनक कषत म िाकर वयाविाररक सशमनारो का, किीशसयाओ म परचार का, तथा बाइबि कॉििो म शिकषा सतो का आयोिन करन क साथ-साथ ‘परमशवर का राजय’ ससािनो को मातभाषाओ म तयार करती ि।

शवषय - वतपररचय .............................................................. 2

1: अदशय को दखना ............................................. 3

2: उनि िानन क शिय ......................................... 4

3: उनिोन वय को वयशकतगत बनाया ...................... 7

4: समय अब ि ................................................. 10

5: कयोशक परमशवर बित परम करत ि .................... 13

6: शपता का परम ............................................... 15

7: पत का परम ................................................. 18

8: पशवत आतमा का परम .................................... 20

9: म िसा ि वस िी वीकशत .............................. 22

10: पिचान – आतमा स िनम .............................. 24

11: शपरय म वीकशत ......................................... 28

12: समबनि .................................................... 31

13: अनय िोगो की वस वीकशत िस व ि ............ 34

14: समबनि – समानता ..................................... 37

15: समबनि – शिषयता ....................................... 40

16: समबनि – परमशवर का राजय .......................... 42

पराथयना ........................................................... 44

10 बीि वकय िीट ............................................ 45

2

पररचयपरमशवर सब वसतओ का सवय क साथ पतनममल, पतनसथाथापना और नवीकरण करन क ललय सबकत छ पम म होकर कर ह। वह समबनध मलक ह, वह आनररक ह और वह वयलतिग ह।

परतयक वयशकत दारा इन सतो का भरपपर िाभ उठान क शिय म आपस चािता ि शक आप:

• परमशवर स सनन की अपकषा कर

• परशन पपछ

• अपन शवचार साझा कर और चचाय कर

• अपन उततरो को अपन पननो पर शिख

• और, सबस बढकर, इस याता का आननद ि।

परमशवर की योजनापरमशवर क उदार का उदशय, शिसकी योिना समय क आरमभ स पिि िी बना िी गयी थी, यि ि शक वगय और पथवी म की सभी वतओ को एक म, अथायत मसीि यीि क अशिकार तथा िासन क अिीन एकत शकया िाय। मसीि यीि म िोकर परमशवर बरहाणड म सामिय तथा िाशनत पनथायशपत करत ि। मसीि म िम परमशवर क साथ एक िो िात ि।

इफिफियो 1:9-10…जसा लक मसीह क दारा वह हम लिखाना चाहा था। परमशवर की यह योजना थी लक उलच समय आन पर सवगथा की और पथवी पर की सभी वसतओ को मसीह म एकतर कर। (ERV)

फिषय बनान क फिययीि न अपना अशिकार अपन अनयाशययो (शिषयो) को शदया ताशक िस-िस व िीवनयाता म आग बढत ि, व पशवत आतमा की सिायता स िोगो को ‘अनयायी (शिषय) बनात िाय’।

मतती 28:18-20 लिर यीशत न उनक पास जाकर कहा, “सवगथा और पथवी पर सभी अलधकार मतझ सौप गय ह। सो, जाओ और सभी िशो क लोगो को मरा अनतयायी बनाओ। तमह यह काम परम लपा क नाम म, पततर क नाम म और पलवतर आतमा क नाम म, उनह बपलसमा िकर परा करना ह। व सभी आिश जो मन तमह लिय ह, उनह उन पर चलना लसखाओ। और याि रखो इस सलटि क अ क म सिा तमहार साथ रहगा। (ERV)

शिषयता का आरमभ परमशवर को और आपक शिय उनक परम को िानन स िोता ि, और यि िानन स िोता ि शक वि कौन ि, उनिोन कया शकया ि और वि कया करग। परमशवर क साथ उनक वचन म, उनकी उपशथशत म, आरािना म, पराथयना म और अनय शवशवाशसयो क साथ सगशत म समय वयतीत करन स परमशवर को िानन म िम सिायता शमिती ि।

िब िम इस शिषयता काययकरम की याता म आग बढत ि, म यीि क नाम म पराथयना करता ि शक परभ कआतमा क दारा आप परभ की मशिमा और आपक शिय उनक मिान परम क अशिक जान को परापत कर,और परमशवर की समपपरय पररपपरयता क पररमाप स भरपपर िो िाय, ताशक ससार परभ को िान सक। आमीन

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सत 1: अदशय को दखनासलटिकाथा परमशवर समबनध मलक ह। उनका वचन वयलतिग ह। उनकी उपलसथल आनररक ह। उनकी सलटि उनकी साकय ह।

आरफभिक पारथनाशकसी स कि शक सत का आरमभ करन क शिय पराथयना कर।

आराधना एक समपि क रप म दो या तीन आरािना क ऐस गीत चशनए और गाइए िो वय को िम पर परकट करन की परमशवर की इचछा की घोषरा करत िो।

िामफिक चचाथचचाय कर शक परमशवर शकन शवशभनन माधयमो स वय को िम पर परकट करत ि? उततरो को अपन पननो पर शिख।

भिजन िफिता 19:1-6 और रोफमयो 1:20 पढ

िोि 12:10 पढ

उतपफत 31:11 पढ

परमशवर वय को िम पर सशटि म परकट करत ि। [शिसम परकशत, परमशवर क नबी और परमशवर क वगयदपत िाशमि ि]

वयवसराफववरण 4:35-39 पढ

उतपफत 15:1 पढ

2 राजाओ 5:1 और 2 राजाओ 5:14-15 और यिनना 9:1-7 पढ

परमशवर वय को िम पर आशचययकममो म परकट करत ि। [शिसम शचहन और चमतकार, दियन और चगाई िाशमि ि]

िका 24:27 और यिनना 20:31 पढ

भिजन िफिता 33:6-9 पढ

परमशवर वय को िम पर अपन वचन म परकट करत ि। [शिसम शिशखत और उचचाररत वचन िाशमि ि]

यिनना 1:14-18, 14:6-7 और इबाफनयो 1:1-4 पढ

परमशवर वय को िम पर यीि म परकट करत ि।

यिनना 16:13-15 और 1 यिनना 5:6 पढ

परमशवर वय को िम पर अपन आतमा क दारा परकट करत ि।

गवािती दपरतयक वयशकत स दो या तीन वाकयो म यि बतान क शिय कि शक परमशवर न वय को उन पर कस परकट शकया ि।

धनयवाद की िमापन पारथनाशकसी स कि शक वि इस बात क शिय परमशवर का िनयवाद कर शक वि वय को िम पर परकट करना चाित ि।

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सत 2: उनि िानन क शियसलटिकाथा परमशवर समय और सथान क आयामो स पर ह, लिर भी हमार अलसतव क समय और सथान म वह सवय को वयलतिग बना ह।

आरफभिक पारथनाशकसी स कि शक सत का आरमभ करन क शिय पराथयना कर।

आराधनाएक समपि क रप म दो या तीन आरािना क ऐस गीत चशनए और गाइए िो परमशवर की मिानता की घोषरा करत िो।

पररचयपिि सत म िमन उन शवशभनन माधयमो को सीखा शिनक दारा परमशवर वय को िम पर परकट करत ि। िब िम बाइबि—िमार शिय परमशवर क वयशकतगत परम पत—को पढत और अधययन करत ि, िम उनक शवषय म बित कछ सीखत ि। यिा तक शक परथम िबद भी, ‘आलि म परमशवर न…सलटि की’ िम पर यि परकट करत ि शक, िस भी और िब भी आशद िआ, परमशवर विा थ, और उनिोन सशटि की। परमशवर को और अशिक िानन क शिय िम बाइबि म दिय परमशवर क तीन दियनो का अधययन करग।

बाइबि अधययन - परमशवर क दिथन - यिजकिशिस वयशकत पर परमशवर वय को परकट कर रि िोत ि, उसकी आवशयकता क अनरप िी वि वय को उस पर परकट करत ि। िम यििकि को शदय गय परमशवर क दियन का अधययन करग।

दिथन का िनदभिथयििकि, िो यिशदयो क गोत म स था, एक नबी तथा यािक था। यििकि, इशतिास क उस समय क अनय यिशदयो क साथ, एक परदि म बनदी था (यिजकि 1:1)। व अपन आरािना क थान, यरििम नगर, स बित दपर थ। यिदी शवदोिी िोग थ, िो पराय दवताओ की उपासना कर रि थ। इस कारर परमशवर अपन नबी तथा यािक यििकि क पास एक दियन क माधयम स िबदो स बनी एक तवीर भित ि (यिजकि 1:3)।

यिजकि 1:15-21 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि एक स अशिक बार पढत रि।

िामफिक चचाथचचाय कर शक इन बाइबि पदो म कौन सी पाच बात शिखी गयी ि। उततरो को अपन पननो पर शिख।

पद 15 िीविारी

पद 16-17 पशिय—एक थान स दपसर थान को िात िए।

पद 18 आख

पद 19 भपशम—पशिय भपशम पर स उठत ि।

पद 21 आतमा

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मपि पाठ को गित अथय दन स बचन म सिायता क शिय मपि पाठ क शवषय म शनमनशिशखत परशन पपछ:

इन पदो म कौन िोग ि? यिजकि 1:1-3 पढ

यििकि, परमशवर, बनदी (यिदी), कसदी

कौन बोि रिा ि?

‘म’ यििकि।

यि वयशकत फकिि बात कर रिा ि? यिजकि 1:28-2:5 पढ

यिशदयो स।

िोग एक-दपसर क साथ फकि पकार बातचीत करत ि?

परमशवर एक दियन म वय को यििकि पर परकट करत ि और शिर उसस बात करत ि। यििकि धयान दता ि और सनता ि।

यि सब किा पर िआ?

कसशदयो क परदि म नदी क पास।

यि सब कब िआ—यीि क मास और िि बनन, करप स पर मरन, मतको म स िी उठन तथा वगायरोिर स पिि या बाद म?

िब इसाएि कसशदयो क दि म बनदी था। यीि क मास और िि बनन स पिि।

पशिया कया दिायता ि?

आि, भारतीय शतरग म एक पशिय का उपयोग गशतिीि िीवन या िीवनचकर को दिायन क शिय शकया गया ि, ििा समय का कोई आशद और अनत निी ि।

यििकि को शदय गय परमशवर क दियन क सनदभय म, गशतिीि पशिय परमशवर क शवषय म कया दिाय सकत ि?

परमशवर एक सवयवयापी परमशवर ि। वि यरििम क मशनदर तक या शकसी एक परानत अथवा दि तक सीशमत निी ि। परमशवर एक सवयवयापी परमशवर ि। उनका न तो कोई आशद ि और न िी अनत। परमशवर अननत ि…िो सार समय और थान क आयामो पर परमशवर ि।

यििकि को शदय गय परमशवर क इस दियन क सनदभय म, आख परमशवर क शवषय म कया दिाय सकती ि?

परमशवर सबकछ दखत ि, िोगो का शवदोि, उनकी शनबयिताए, उनकी िारीररक िािसाए, यिा तक शक उनक दारा की गयी पराय दवताओ की उपासना भी, शिर चाि वि गपत म िी कयो न की गयी िो (यिजकि 8:12)। शिर भी, परमशवर अपन िोगो को ऐस बनिनो स मकत करना चाित ि।

यि सब कयो शिखा गया?

परमशवर न वय को समपपरय पथवी का परमशवर, सवयजानी, सवयदिशी और सवयिशकतमान परमशवर परकट करन क दारा यििकि को परोतसािन शदया। यिा तक शक परदि म भी, परमशवर यििकि तथा यिशदयो क सग ि (यिजकि 11:16) और अपन िोगो को उनकी िारीररक िािसाओ और पराय दवताओ की उपासना स मकत कराना चाित ि (यिजकि 11:17-25)।

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इन पदो म ऐसी कछ बात कया ि िो आि भी वसी िी ि?

परमशवर कि, आि, और यगानयग एक समान ि। वि सभी थानो क परमशवर ि, सवयजानी और सवयदिशी परमशवर ि, िोगो को उनकी िारीररक िािसाओ और पराय दवताओ की उपासना स मकत कराना चाित ि। आि भी ऐस िोग ि िो शवदोिी ि, िो अपनी िारीररक िािसाओ तथा पराय दवताओ की उपासना क बनिन म ि।

आि िमार शिय इसक कया मायन ि? समपि म चचाय कर।

यि िानन क, शक परमशवर सभी थानो क परमशवर ि, सवयजानी और सवयदिशी परमशवर ि, मायन यि ि शक चाि िम किी भी ि, चाि िमारी शनबयिता कोई भी िो, चाि िमार िािात कस भी िो, परमशवर िमार सग रित ि। वि वय को िम पर परकट करना चाित ि और िमारी शचनता करत ि।

इन पदो म स आप परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखत ि?

परमशवर समय और थान क आयामो स पर ि। परमशवर क िोग चाि किी पर भी िो और चाि शकसी भी िािात म िो, परमशवर उनक सग रित ि। परमशवर वय को परकट िोन द रि ि, ताशक यििकि और यिशदयो को यि आशवासन द सक शक वि इस परदि म भी उनक सग ि। परमशवर िािात स सीशमत निी िोत। परमशवर िमिा िमार सग रिन म, िमार साथ समबनि म रशच ित ि, और सदव दखत ि, िमारा धयान रखत ि, उन िोगो को सदा स िानत ि…िो उनक पास आयग और िो उनि ठकरा दग, शिर भी वि परम म दढ बन रित ि। यीि न सभी क शिय मतय सिी, िा, उनक शिय भी, शिनक शवषय म वि िानत थ शक वि कभी उनका अनकरर निी करग। ओि, कसा अदत परम ि यि!

आपका वयशकतगत, वयाविाररक परशतउततर/पराथयना कया ि?

धनयवाद की िमापन पारथनाशकसी स कि शक वि इस बात क शिय परमशवर का िनयवाद कर शक वि वय को िम पर परकट करना चाित ि।

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सत 3: उनिोन वय को वयशकतगत बनायापरमशवर समबनध मलक ह। उनका समवाि वयलतिग ह।

आरफभिक पारथनाशकसी स कि शक सत का आरमभ करन क शिय पराथयना कर।

आराधना एक समपि क रप म दो या तीन आरािना क ऐस गीत चशनए और गाइए िो यि घोषरा करत िो शक परमशवर वय को िम पर परकट करना चाित ि, और िमारी आवशयकता क अनसार िमार पास उतर आत ि।

बाइबि अधययन - परमशवर क दिथन - याकबिसा शक िमन सीखा ि शक परमशवर वय को समवाद क शवशभनन माधयमो स परकट करत ि। शिस वयशकत पर परमशवर वय को परकट कर रि िोत ि, उसकी आवशयकता क अनरप िी वि वय को उस पर परकट करत ि। िम याकप ब को शदय गय परमशवर क दियन का अधययन करग।

दिथन का िनदभिथयाकप ब, िो यिशदयो क गोत म स था, इसिाक तथा ररबका का पत था। इसिाक अबरािाम और साराि का पत था। अबरािाम और इसिाक, दोनो को परमशवर की ओर स एक वयशकतगत परशतजा शमिी थी। याकप ब न अपन बड भाई स छि शकया और उसक पििौठ क अशिकार को िशथया शिया। परररामवरप याकप ब की माता ररबका न याकप ब स किा शक वि अपन भाई क करोि स बचन क शिय भाग िाय। याकप ब की आय शववाि क योगय िो चकी थी, सो इसिाक न याकप ब को एक दलिन की तिाि म रािि क पररवार क गोत म भि शदया।

उतपफत 28:10-22 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

िामफिक चचाथइन बाइबि पदो क अपन अविोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

मपि पाठ को गित अथय दन स बचन म सिायता क शिय मपि पाठ क शवषय म शनमनशिशखत परशन पपछ:

इन पदो म कौन िोग ि?

परमशवर, याकप ब और परमशवर क वगयदपत।

कौन बोि रिा ि?

परमशवर।

यि वयशकत फकिि बात कर रिा ि?

याकप ब स।

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िोग एक-दपसर क साथ फकि पकार बातचीत करत ि?

परमशवर एक दियन म वय को याकप ब पर परकट करत ि और शिर उसस बात करत ि। याकप ब धयान दता ि और सनता ि।

परमशवर याकप ब को अपना पररचय कि दत ि? पद 13 पढ

‘म यिोवा, तर दादा अबरािाम का परमशवर, और इसिाक का भी परमशवर ि।’

परमशवर दारा शदय गय वय क पररचय स िम याकप ब क साथ उनक समबनि क शवषय म कया पता चिता ि?

याकप ब का परमशवर क साथ वयशकतगत समबनि निी था। याकप ब अपन शपता क परमशवर क शवषय म िानता था, शकनत वय परमशवर का अनभव उसन निी शकया था।

पद 15 म परमशवर न याकप ब स कया परशतजा की?

परमशवर न याकप ब स परशतजा की शक वि याकप ब क सग ि, याकप ब ििा किी िायगा वि उस सरशकषत रखग, और वि याकप ब को इस दि म िौटा ि आयग; परमशवर उस निी तयागग।

यि सब किा पर िआ? पद 19 पढ

िपि नामक एक नगर म, शिसका नाम अब याकप ब न बति रखा ि।

सीढी किा खडी थी और उसका शसरा किा तक पिचा िआ था? पद 13 पढ।

सीढी पथवी पर खडी थी और उसका शसरा वगय तक पिचा िआ था।

याकप ब को शदय गय परमशवर क इस दियन क सनदभय म, सीढी कया दिाय सकती ि?

सीढी िोगो क साथ परमशवर क समबनि को दिायती ि। परमशवर वगय स पथवी पर उतर आत ि, वय को िमार पास ि आत ि। परमशवर न याकप ब को वय का वयशकतगत अनभव कराया, पथवी स एक दियन कराया ििा याकप ब रिता था, वगय का दियन कराया ििा परमशवर रित ि।

यि सब कब िआ—यीि क मास और िि बनन, करप स पर मरन, मतको म स िी उठन तथा वगायरोिर स पिि या बाद म?

यीि क मास और िि बनन स पिि।

यि सब कयो शिखा गया?

यिशदयो क गोत की सचची किानी और परमशवर क साथ उनक समबनि क दारा, िम परमशवर क शवषय म बित कछ सीखत ि। परमशवर न याकप ब को वय का वयशकतगत अनभव कराया। परमशवर को अपन शपता या अपन दादा क परमशवर क तौर पर िानना पयायपत निी ि। अब याकप ब परमशवर को वय िान िाता ि और परररामवरप अपनी वय की वयशकतगत परशतजा परापत करता ि।

इन पदो म ऐसी कछ बात कया ि िो आि भी वसी िी ि?

परमशवर कि, आि, और यगानयग एक समान ि। परमशवर वय को वयशकतगत तौर पर और िमारी आवशयकता क अनसार परकट करना चाित ि। परतयक वयशकत को वय चयन करना ि शक वि शकसकी आरािना करगा।

9

आि िमार शिय इनक कया मायन ि?

याकप ब को एक दियन शमिा शक परमशवर वगय स उसक पास पथवी पर आ रि ि। परमशवर मास और िि क मानवीय रप म पथवी पर उतर आय। मनषय का पत, परमशवर का पत, यीि मसीि (अशभशषकत)।

यिनना 1:51 म यीि न अपन शिषयो स किा शक व वगय को खिा िआ और वगयदपतो को मनषय क पत (वय यीि) क ऊपर उतरत और ऊपर िात दखग। यीि मसीि क िनम, मतय, पनरतथान और वगायरोिर क दारा वगय खि गया ि। आि यीि मसीि क माधयम स, उनक आतमा क दारा, िम परमशवर को वयशकतगत तौर पर िान सकत ि। िमारी सीिी पिच परमशवर क पास िो गयी ि। िमार िािात चाि िस भी िो, परमशवर परतीकषा कर रि ि।

इन पदो म स आप परमशवर क शवषय म कौन सी एक बात सीखत ि?

परमशवर वय को िोगो पर उनकी आवशयकता क अनसार परकट करत ि। याकप ब को वय परमशवर का अनभव करन की आवशयकता थी। िमार परखो क परमशवर क शवषय म िानना पयायपत निी ि। िािाशक याकप ब न गित शकया था, तो भी याकप ब क सबस अकि समय म परमशवर वय को उस पर परकट करना और आिीष दना चाित थ। परमशवर एक समबनि मपिक परमशवर ि। वि एक वयशकतगत परमशवर ि। वि एक परमी परमशवर ि, िो आिीष दन को तयार ि। वि एक शवशवासयोगय परमशवर ि और अपनी सभी परशतजाओ को पपरा करग।

आपका वयाविाररक परशतउततर/पराथयना कया ि?

धनयवाद की िमापन पारथनाशकसी स कि शक वि इस बात क शिय परमशवर का िनयवाद कर शक वि वय को िम पर परकट करना चाित ि।

10

सत 4: समय अब िउस िखो लजसकी आख आग क समान ह! जो उस गरहण कर ह, व पम, जयोल, जीवन पापत कर ह। जो उस ठतकरा ह, व नरक-िणड, अनधकार, मतयत पापत कर ह।

आरफभिक पारथनाशकसी स कि शक सत का आरमभ करन क शिय पराथयना कर।

आराधना एक समपि क रप म दो या तीन आरािना क ऐस गीत चशनए और गाइए िो यि घोषरा करत िो शक वगय का मागय यीि ि।

बाइबि अधययन - परमशवर क दिथन - यिननािसा शक िमन सीखा ि शक परमशवर वय को समवाद क शवशभनन माधयमो स परकट करत ि। शिस वयशकत पर परमशवर वय को परकट कर रि िोत ि, उसकी आवशयकता क अनरप िी वि वय को उस पर परकट करत ि। िम यपिनना को शदय गय परमशवर क दियन का अधययन करग।

दिथन का िनदभिथयपिनना अपन शवशवास क कारर शनवायसन म था। किीशसया सताव का सामना कर रिी थी। मानवीय इशतिास क सवायशिक करप र और िशकतिािी सामाजय—रोमी सामाजय—का िासनकाि था। अतयाचार और अिगाव की शथशत म, यपिनना को परमशवर का उनक समपपरय वभव, परम और सामथयय म दियन शमिा। परमशवर शसिासन पर थ और ि और आन वाि ि तथा उनका सामथयय समत दटिता और समपपरय मानवीय इशतिास क सभी यगो क समत सामाजयो स किी अशिक उचचतर ि। यपिनना और सभी शवशवासी आशवत िो सकत ि शक दटिता का अनत समीप ि। यीि न इस पराशित कर शदया ि। दटिता क शदन शगन िए ि। परमशवर उन िोगो की परतीकषा कर रि ि िो दटिता क अनत स पिि उनक पास वचछा स चि आयग।

आइए, यीि क परकािन और आन वािी बातो क एक िघ अि को दख।

पकाफितवाकय 4:1-11 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

िामफिक चचाथबाइबि क इन पदो म शिखी बातो पर एक-एक पद करक चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

पद 1 वगय म खिा दार।

पद 2 वगय म एक शसिासन और उस शसिासन पर कोई बठा ि।

पद 3 शसिासन क चारो ओर एक मघिनष।

पद 4 शसिासन क चारो ओर चौबीस शसिासन, और उन शसिासनो पर बठ चौबीस पराचीन।

पद 5 शसिासन म स शनकिती शबिशिया, गियन और आवाज। सात दीपक = परमशवर क सात आतमाए।

पद 6 काच का समद। चार परारी, शिनक आग पीछ आख िी आख ि।

पद 7 पििा परारी शसि क समान ि। दपसरा परारी बछड क समान ि। तीसर परारी का मि मनषय का सा ि। चौथा परारी उडत िए उकाब क समान ि।

11

चारो परारी रात-शदन कया कित रित ि? पद 8 पढ ‘सवथाशलतिमान पभत परमशवर पलवतर ह, पलवतर ह, पलवतर ह, जो था, जो ह और जो आनवाला ह।’ (ERV)

िब व चारो परारी उसकी, िो शसिासन पर बठा ि, आरािना करत ि, तो चौबीस पराचीन कया करत ि? पद 9-10 पढ

व शसिासन पर बठन वाि क सामन शगर पडत ि और उसकी आरािना करत ि।

शसिासन पर बठन वाि की आरािना करत िए चौबीस पराचीन कया कित ि? पद 11 पढ

“ह हमार पभत और हमार परमशवर! ही मलहमा, आिर और शलति पान को सतयोगय ह। कयोलक न ही अपनी इचछा स सभी वसत सरजी ह। री ही इचछा स उनका अलसतव ह। और री ही इचछा स हई ह उनकी सलटि।” (ERV)

वगय का खिा दार: शिस दार को यपिनना न दखा वि यीि क शसद िि क बशिदान का परतीक ि, शिसन िम िोकर िद कर शदया ि। िब िमन वय यीि क िि क बशिदान को गरिर कर शिया ि, तो िम िमार भीतर परमशवर का आतमा भी शमि गया ि, िम पर और िमार चारो ओर उसकी उपशथशत भी शमि गयी ि।

यीि क कारर, अथायत परमशवर िो मास और िि बन गय, िमार िस बन गय, अपन िीवन का बशिदान शदया, मतको म स िी उठ और ऊच पर उठा शिय गय, परमशवर शपता क दाय िा शवराि, ताशक उनक आतमा क दारा, िमार शिय परमशवर क शसिासन ककष म िान का मागय खि िाय।

वतयमान म, दटिता स कषशतगरत इस ससार म परमशवर क साथ शनरनतर मिाकात, सगशत, परामिय, समबनि, परम और परकािन क शिय िमारी आतमा म परमशवर क शसिासन ककष म पिच िो गयी ि।

भशवषय म, िमारी आिा ि शक परमशवर क शसिासन ककष म िमारी पनरशतथत शसद दिो म िमारी पिच िोगी, ििा िम उनि आमन-सामन दखग। विा आसप निी िोग, पीडा निी िोगी, बढापा निी िोगा, रोग निी िोगा। समय की पररपपरयता म सबकछ शसद िो िायगा।

मपि पाठ को गित अथय दन स बचन म सिायता क शिय मपि पाठ क शवषय म शनमनशिशखत परशन पपछ:

इन पदो म कौन िोग ि?

यपिनना, एक आवाज, परमशवर (िो शसिासन पर बठ ि), चार परारी, चौबीस पराचीन, परमशवर क सात आतमा।

कौन बोि रिा ि?

िखक यपिनना, आवाज (पद 1), चार परारी (पद 8) और चौबीस पराचीन (पद 11)।

यि वयशकत फकिि बात कर रिा ि? पकाफितवाकय 1:4 पढ

यपिनना उस समय क और सभी यगो क शवशवाशसयो स बात कर रिा ि।

पकाफितवाकय 4:1 पढ

आवाज यपिनना स बात कर रिी ि।

पकाफितवाकय 4:8 पढ

चार परारी शसिासन पर बठन वाि (परमशवर) की तशत कर रि ि।

पकाफितवाकय 4:11 पढ

12

चौबीस पराचीन शसिासन पर बठन वाि (परमशवर) की तशत कर रि ि।

िोग एक-दपसर क साथ फकि पकार बातचीत करत ि?

यपिनना आतमा म वगय म परवि करता ि, आवाज की ओर दखता ि और सनता ि, चार परारी और चौबीस पराचीन शसिासन पर बठन वाि (परमशवर) की तशत करत ि।

यि सब किा पर िआ? पकाफितवाकय 1:9 और पकाफितवाकय 4:1 पढ

पतमस नामक टापप और वगय।

यि सब कब िआ—यीि क मास और िि बनन, करप स पर मरन, मतको म स िी उठन तथा वगायरोिर स पिि या बाद म? पकाफितवाकय 1:17-18 पढ

यीि क मास और िि बनन, करप स पर मरन, मतको म स िी उठन तथा वगायरोिर क बाद।

यि सब कयो शिखा गया?

एकमात सचच परमशवर को परकट करन क शिय, िो सवयिशकतमान ि, सवयसामथशी ि, अननत ि, सवयजानी ि, पशवत ि, िो िासन और राजय करत ि, शिनिोन सबकी सशटि की ि, वि शवशवासयोगय ि तथा सारी तशत और आरािना क योगय ि। सभी यगो क शवशवाशसयो को परोतसाशित करन क शिय शक यीि (खिा दार)—िो िर समय और परतयक पररशथशत म शसिासन पर शवरािमान रित ि—क दारा वगय म िमारी पिच िई ि।

इन पदो म ऐसी कछ बात कया ि िो आि भी वसी िी ि?

परमशवर, सवयिशकतमान, सवयसामथशी, अननत, सवयजानी, पशवत, िो िासन और राजय करत ि, शिनिोन सबकी सशटि की ि, वि शवशवासयोगय ि तथा सारी तशत और आरािना क योगय ि।

आि िमार शिय इनक कया मायन ि?

जब िम यीि दारा शदय गय वय क मास और िि क बशिदान को वीकार करत ि, तो आतमा म िम उनकी उपशथशत म परवि कर सकत ि, वगय म उनक शसिासन क सामन शकसी भी समय शियाव क साथ आ सकत ि। यिा तक शक सघषय, अिगाव और सताव क समय म भी परमशवर सववोचच िासन करत ि और परमशवर िर समय वय को िमार शिय उपिबि बनात ि।

इन पदो म स आप परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखत ि?

परमशवर सवयिशकतमान, सवयसामथशी, पशवत ि, िो िासन और राजय करत ि, सबक सशटिकताय ि तथा सारी तशत और आरािना क योगय ि। परतीक क रप म यीि वगय का मागय ि, खिा दार ि।

गवािती दपरतयक वयशकत स दो या तीन वाकयो म यि बतान क शिय कि शक परमशवर क दियन सतो म स परमशवर उनस शकस शवषय म बात करत आ रि ि।

आपका वयाविाररक परशतउततर/पराथयना कया ि?

13

सत 5: कयोशक परमशवर बित परम करत िजान शलति ह। उनक पम की शलति को जानना।

आरफभिक पारथनाशकसी स कि शक सत का आरमभ करन क शिय पराथयना कर।

आराधना एक समपि क रप म दो या तीन आरािना क ऐस गीत चशनए और गाइए िो परमशवर क परम की घोषरा करत िो।

बाइबि अधययन - परमशवर का पमिसा शक िम सीख चक ि शक सशटिकताय परमशवर, िो थ, और िो ि, और िो आन वाि ि, एक समबनि मपिक परमशवर ि। परमशवर सबकछ परम क कारर करत ि कयोशक परमशवर बित परम करत ि। परमशवर का यि परम िमारी समझ स पर ि। िम परमशवर की किानी, उनकी सचची परम किानी, बाइबि म स परमशवर क परम क कछ पििओ का अधययन करग।

1 कररफनरयो 13:1-8 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

िामफिक चचाथबाइबि क इन पदो म शिख परमशवर क परम क पििओ पर एक-एक पद करक चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

पद 4 िीरिवनत (करोि शकय शबना िमब समय तक परतीकषा करता ि), कपाि, डाि निी करता, अपनी बडाई निी करता, िप िता निी।

पद 5 अनरीशत निी चिता, अपनी भिाई निी चािता, झझिाता निी और बरा निी मानता।

पद 6 ककमय स आनशनदत निी िोता, परनत सतय स आनशनदत िोता ि।

पद 7 िोगो को िकर िार निी मानता, भरोसा करना कभी निी छोडता, आिा कभी निी छोडता, और कभी िार निी मानता।

पद 8 परम कभी टिता निी और कभी समापत निी िोगा।

इस परम का सोत कौन ि? 1 यिनना 4:7-10 पढ

िामफिक चचाथचचाय कर शक इन बाइबि पदो म परमशवर का परम िमार शिय कस परकट शकया गया ि? उततरो को अपन पननो पर शिख।

परमशवर िमस इतना परम करत ि शक उनिोन अपन पत को िमार शिय मास और िि का बशिदान बनन, िमार दणड को अपन ऊपर उठान क शिय भि शदया, ताशक िम उनक दारा िी सक ।

मपि पाठ को गित अथय दन स बचन म सिायता क शिय मपि पाठ क शवषय म शनमनशिशखत परशन पपछ:

इन पदो म कौन िोग ि 1 यिनना 4:7-10?

िखक यपिनना, शवशवासी (शपरय), यीि (परमशवर का पत) और परमशवर।

14

कौन बोि रिा ि?

िखक यपिनना।

यि वयशकत फकिि बात कर रिा ि?

यपिनना उस समय क और सभी यगो क शवशवाशसयो स बात कर रिा ि।

िोग एक-दपसर क साथ फकि पकार बातचीत करत ि?

यपिनना शवशवाशसयो को एक पत शिखता ि।

यि सब कब िआ—यीि क मास और िि बनन, करप स पर मरन, मतको म स िी उठन तथा वगायरोिर स पिि या बाद म?

यीि क मास और िि बनन, करप स पर मरन, मतको म स िी उठन तथा वगायरोिर क बाद म।

यि सब कयो शिखा गया? 1 यिनना 1:1-4 पढ

िखक यपिनना यीि क मास और िि बनन, करप स पर मरन, मतको म स िी उठन तथा वगायरोिर का परतयकषदिशी था। शवशवाशसयो क आननद को पररपपरय करन क शिय, यपिनना उनक शिय शिखता ि और गवािी दता ि शक यीि क िि क बशिदान पर शवशवास करन और उस वीकार करन स उनक पाप कषमा िो िात ि और व िद िो िात ि।

इन पदो म ऐसी कछ बात कया ि िो आि भी वसी िी ि?

परमशवर, उनका असीम परम, समत भपतकाि, वतयमान, और भशवषय म परमशवर तथा एक दपसर क शवरद शितनी दटिता िमन बोिी, सोची और की ि, उन सभी क शिय उनका अननत बशिदान और कषमा।

आि िमार शिय इनक कया मायन ि?

िब िम यीि दारा शदय गय वय क मास और िि क बशिदान को वीकार करत ि, तो आतमा म िम िद िो िात ि और समत भपतकाि, वतयमान, और भशवषय म परमशवर तथा एक दपसर क शवरद शितनी दटिता िमन बोिी, सोची और की ि, उन सभी क शिय िम अननत कषमा परापत कर ित ि। परमशवर का परम असीम ि। िम परमशवर क परम पर भरोसा रख सकत ि।

इन पदो म स आप परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखत ि?

परमशवर परम ि, शसद परम।

गवािती दपरतयक वयशकत स दो या तीन वाकयो म यि बतान क शिय कि शक यि िानना, शक उनक शिय परमशवर का परम असीम ि, उनक शिय कया मायन रखता ि?

आपका वयाविाररक परशतउततर/पराथयना कया ि?

15

सत 6: शपता का परम लपा की पसनना इसी म ह लक परमशवरतव की पररपणथा ा यीशत म वास कर, और उनक दारा वह सब वसतओ का अपन साथ पतनममल कर ल।

आरफभिक पारथनाशकसी स कि शक सत का आरमभ करन क शिय पराथयना कर।

आराधनाएक समपि क रप म दो या तीन आरािना क ऐस गीत चशनए और गाइए िो परमशवर क परम की घोषरा करत िो।

बाइबि अधययनपरमशवर वय क साथ एक शसद समबनि म थ, और ि, और आन वाि ि। शपता, पत यीि, और पशवत आतमा, एक पररपपरय एकतव ि, एक म तीन वयशकत। एक परमशवर। िम परमशवर की किानी, उनकी सचची परम किानी, बाइबि म स शपता क परम का अधययन करग।

शपता का परम इतना मिान ि शक वि सबकछ पत को द दत ि।

किफसियो 1:19-20 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

िामफिक चचाथइन बाइबि पदो म स शपता क परम क शवषय म अपन अविोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

शपता इस बात स बित परसनन ि शक परमशवरतव की पररपपरयता िमार शिय यीि म परकट िो। यीि क मास और िि का बशिदान बनन स, सारी सशटि का परमशवर क साथ पनममि िो सकता ि, उस िाशनत परापत िो सकती ि। यीि क शबना शसद िाशनत ि िी निी।

इन पदो म ऐसी कछ बात कया ि िो आि भी वसी िी ि?

परमशवर—उनका परम, यीि क मास और िि क बशिदान म परकट िई उनकी पररपपरयता। यीि क शबना कोई िाशनत निी।

आि िमार शिय इनक कया मायन ि? किफसियो 1:21-22 पढ

िब िम यीि क मास और िि क बशिदान को वीकार करत ि, तब िम परमशवर क ित निी रि िात। अब िम परमशवर क साथ सामिय म आ िात ि, िस ि वस िी वीकार कर शिय िात ि, और परमशवर क साथ समबनि म आ िात ि, परमशवर क समकष पशवत और शनदवोष परतत शकय िात ि। परमशवर की दशटि म िम दोषी निी ठिराय िा सकत।

16

यिनना 3:16-17 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

िामफिक चचाथइन बाइबि पदो म स शपता क परम क शवषय म अपन अविोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

शपता का परम बित मिान ि। उनिोन यीि म, िो मास और िि बन, करप स पर मर, मतको म स िी उठ तथा वगायरोशित िए, िम सबकछ शदया ि। परमशवर न ससार को बचान क शिय वय को सौप शदया ताशक िमन परमशवर अथवा िोगो क शवरद शितनी दटिता बोिी, सोची या की ि, उन सभी क शिय वि मास और िि का अननत बशिदान बन िाय।

इन पदो म ऐसी कछ बात कया ि िो आि भी वसी िी ि?

परमशवर और उनका परम। दटिता।

आि िमार शिय इनक कया मायन ि? यिनना 3:18 पढ

िम नयाय तथा दणड स सदा क शिय बचा शिय गय ि। अब िम पर कोई दोष निी ि। िम अननत िीवन शमि गया ि।

यिनना 3:35 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

िामफिक चचाथ इन बाइबि पदो म स शपता क परम क शवषय म अपन अविोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

शपता का परम इतना मिान ि शक वि सबकछ यीि को, पत को द दत ि।

इन पदो म ऐसी कछ बात कया ि िो आि भी वसी िी ि?

परमशवर, उनका परम और उनका दानी चररत।

आि िमार शिय इनक कया मायन ि? यिनना 3:36 पढ

िो कोई यीि पर, परमशवर पत पर, शवशवास करता ि, उस अननत िीवन शमिता ि।

1 यिनना 3:1 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

17

िामफिक चचाथ इन बाइबि पदो म स शपता क परम क शवषय म अपन अविोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

परमशवर िमस इतना परम करत ि शक उनिोन यीि म िम सबकछ द शदया ि। िम उनकी सनतान ि। वि िमार शपता ि िो िम उतना िी परम करत ि शितना अपन पत स।

इन पदो म ऐसी कछ बात कया ि िो आि भी वसी िी ि?

परमशवर, उनका परम और शितन िोग यीि क मास और िि क बशिदान पर शवशवास करत और उस वीकार करत ि, व सभी परमशवर की सनतान ि।

आि िमार शिय इनक कया मायन ि?

िम परमशवर की सनतान ि, िस ि वस िी वीकार शकय गय ि, उनक पररवार म गोद शिय गय ि, सवयदा उनक परम क पात रिग।

किफसियो 1:12-14 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

िामफिक चचाथइन बाइबि पदो म स शपता क परम क शवषय म अपन अविोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

शपता िमस इतना परम करत ि शक उनिोन िम अपन पत क मास और िि क बशिदान क दारा इस योगय बना शदया ि शक िम वि सब परापत कर िो यीि क पास ि, िो यीि थ, ि और िोन वाि ि। परमशवर क सनतान क रप म मसीि क सगी वाररस।

इन पदो म ऐसी कछ बात कया ि िो आि भी वसी िी ि?

परमशवर, उनका परम, उनका दानी चररत, उनक पत का मास और िि का अननत बशिदान।

आि िमार शिय इनक कया मायन ि?

िम वि सब परापत करत ि िो यीि क पास ि, िो यीि थ, ि और िोन वाि ि। िम अनिकार की िशकत स मकत िो गय ि। िम परमशवर क राजय म ि, उनक जयोशत क राजय म, यीि क सगी वाररस।

इन पदो म स आप परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखत ि?

शपता का परम।

गवािती दपरतयक वयशकत स दो या तीन वाकयो म यि बतान क शिय कि शक यि िानना, शक शपता उनस शकतना परम करत ि, उनक शिय कया मायन रखता ि?

आपका वयाविाररक परशतउततर/पराथयना कया ि?

18

सत 7: पत का परमपरमशवर न सवय को पम म वयलतिग बना लिया, ालक हम पम म उनक साथ समबनध मलक हो सक ।

आरफभिक पारथनाशकसी स कि शक सत का आरमभ करन क शिय पराथयना कर।

आराधनाएक समपि क रप म दो या तीन आरािना क ऐस गीत चशनए और गाइए िो यीि क मास और िि क बशिदान की घोषरा करत िो।

बाइबि अधययनपरमशवर वय क साथ एक शसद समबनि म थ, और ि, और आन वाि ि। शपता, पत यीि, और पशवत आतमा, एक पररपपरय एकतव ि, एक म तीन वयशकत। एक परमशवर। िम परमशवर क पत, यीि, क परम क समबनि का अधययन करग।

यीि का परम इतना मिान ि शक उनिोन मास और िि का बशिदान बनन क शिय सबकछ तयाग शदया। शिर भी, परतयक शदन उनक परम को अशिक स अशिक िानन स िम उस िीवन, परम, सतय और सामथयय की भरपपरी परापत करन म सिायता शमिती ि, िो परमशवर की ओर स ि और वय परमशवर ि।

यिनना 10:14-18 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

िामफिक चचाथइन बाइबि पदो म स यीि क परम क शवषय म अपन अविोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

यीि का परम बित मिान ि। यीि क पास अशिकार ि शक वि चाि तो अपन परार द और चाि तो न द, शिर भी वि अपन परार द दन का चयन करत ि, िो परमशवर की इचछा ि। कयोशक परमशवर बित परम करत ि, इसशिय उनिोन वय म िम सबकछ द शदया। यीि न सबकछ तयाग शदया और मास और िि बनन, करप स पर मरन, मतको म स िी उठन तथा वगायरोशित िोन का चयन शकया। परमशवर न ससार को बचान क शिय वय को सौप शदया ताशक िमन परमशवर अथवा िोगो क शवरद शितनी दटिता बोिी, सोची या की ि, उन सभी क शिय वि मास और िि का अननत बशिदान बन िाय। यीि परशतशदन वय म स, अपन पनरशतथत िीवन, परम, सतय, तथा दटि आतमाओ और िमार िरीर पर िशकत और अशिकार म स, शनरनतर दत रित ि। वि िमार अचछ चरवाि ि।

गवािती द परतयक वयशकत स दो या तीन वाकयो म यि बतान क शिय कि शक यि िानना, शक यीि उनक अचछ चरवाि ि, उनक शिय कया मायन रखता ि?

19

भिजन िफिता 23 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

िामफिक चचाथचचाय कर शक यीि, िो अचछ चरवाि ि, आपक शिय कया करत ि। उततरो को अपन पननो पर शिख।

यीि मरी सभी आवशयकताओ की सदा पपशतय करत ि।

यीि मझ शवशाम और भोिन दत ि।

यीि मझ ताजगी और िीवन का िि दत ि।

यीि मरी आतमा, मन और दि को पनथायशपत और नवीन करत ि।

यीि अपनी वय की परशतषा क शिय अपनी िाशमयकता तथा नयाय स मझ अवगत करात ि।

चाि म घोर अनिकार स भरी िई तराई म िोकर चिप, तौभी न डरगा, कयोशक यीि मर साथ रित ि।

यीि अपन परम, मर साथ अपन समबनि और अपनी सववोचच िशकत तथा अशिकार स मझ सानतवना दत ि।

यीि मर सब ितओ क सामन मर शिय भोि का आयोिन करत ि। यीि मझ अपना मखय अशतशथ बनात ि।

यीि अपनी वय की अननत भरपपरी स और परमशवर की समपपरय भिाई स मरा अशभषक करत ि।

शनसनदि परमशवर की कररा िीवन भर, मास और िि क इस वतयमान समय म, मर साथ-साथ बनी रिगी। म परमशवर क िाम म सदा-सवयदा वास करगा।

इन पदो म ऐसी कछ बात कया ि िो आि भी वसी िी ि?

यीि अचछ चरवाि ि िो वय को अपनी भडो क शिय शनरनतर दत रित ि।

आि िमार शिय इनक कया मायन ि?

िम यीि म, िो वि ि, िो उनिोन शकया ि, िो वि कर रि ि, और िो करन की परशतजा वि करत ि, उसम शवशाम कर सकत ि।

इन पदो म स आप परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखत ि?

परमशवर यीि म िम अपना सबकछ द दत ि कयोशक वि िमस बित परम करत ि।

यीि म परमशवर का यि परम फकतना बििािी ि? रोफमयो 8:39 पढ

यीि म परमशवर का िमार शिय परम शकसी भी वत स किी अशिक, यिा तक शक िमारी अपनी शनबयिताओ और ससार की दटिता स भी अशिक, बडा और बििािी ि।

आपका वयाविाररक परशतउततर/पराथयना कया ि?

20

सत 8: पशवत आतमा का परमआतमा और ितलहन कही ह “आ!” सभी सतनन वाल भी कह “आ!” लजन लोग पयास ह, व सब आय। लजन लोग जीवन का जल चाह ह, व सब सम ल।

आरफभिक पारथनाशकसी स कि शक सत का आरमभ करन क शिय पराथयना कर।

आराधना एक समपि क रप म दो या तीन आरािना क ऐस गीत चशनए और गाइए िो परमशवर क परम की घोषरा करत िो।

बाइबि अधययन परमशवर वय क साथ एक शसद समबनि म थ, और ि, और आन वाि ि। शपता, पत यीि, और पशवत आतमा, एक पररपपरय एकतव ि, एक म तीन वयशकत। एक परमशवर। िम पशवत आतमा क परम क समबनि का अधययन करग।

परमशवर का परम इतना मिान ि शक यि िमारी समझ स पर ि। पशवत आतमा का परम उनक वय की ओर कभी सकत निी करता। बशलक वि िम परकािन दत ि, पशटि दत ि, रपानतररत करत ि और िमम शनवास करत ि, शिसस िम शपता क परम और पत यीि क परम को वयशकतगत, िशकतिािी और आनतररक रप स अनभव करत ि।

पशवत आतमा िम फकिकी बात बतायग, और फकिकी मशिमा करग? यिनना 16:13-15 पढ

यीि की।

परमशवर का परम वयशकतगत, िशकतिािी और आनतररक रप स, िमार हदयो म कि डािा गया ि?

रोफमयो 5:5-8 पढ

िमम शनवास करन वाि पशवत आतमा क दारा।

रोफमयो 8:14-16 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

िामफिक चचाथइन बाइबि पदो म स पशवत आतमा क परम क शवषय म अपन अविोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

परमशवर का परम इतना मिान ि शक िब िम यीि क वय क उपिार को वीकार करत ि, िम यीि क आतमा, परमशवर क आतमा, पशवत आतमा को अपन भीतर परापत करत ि। िम परमशवर की सनतान ि और परमशवर िमार परमी शपता ि।

21

सभी शवशवासी (नर और नारी) ‘परमशवर क पत’ ि कयोशक व उनक आतमा को परापत करत ि। य िबद, ‘परमशवर क पत’, परमशवर क साथ उस समबनि को दिायत ि िो अब िम मीरास म शमिा ि। यि गोद शिया िाना रािकीय पररवार म पििौठ पत क िनम क समान ि, शिस पििौठ पत क सार कानपनी अशिकार शमित ि। इसी कारर िम यीि क सगी वाररस बनत ि, िो परमशवर क राजय क रािा ि।

गवािती दपरतयक वयशकत स दो या तीन वाकयो म यि बतान क शिय कि शक यि िानना, शक व परमशवर की सनतान ि (रािकीय पररवार क पििौठ पत क समान), उनक शिय कया मायन रखता ि?

इन पदो म स आप परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखत ि?

परमशवर यीि क दारा िम अपना सवयव द दत ि, वि िम अपना िपािकपन का आतमा दत ि, कयोशक परमशवर बित परम करत ि।

आपका वयाविाररक परशतउततर/पराथयना कया ि?

22

सत 9: म िसा ि वस िी वीकशतपरमशवर क पम म सथालप। जसा ह वसा ही सवीक। अनना की ओर बढ हए। जीवन स भरपर। म सिा क ललय बिल लिया गया ह। अल महान ‘म ह’ क दारा।

आरफभिक पारथनाशकसी स कि शक सत का आरमभ करन क शिय पराथयना कर।

आराधना एक समपि क रप म दो या तीन आरािना क ऐस गीत चशनए और गाइए िो यि घोषरा करत िो शक म िसा ि वसा िी परमशवर न मझ वीकार कर शिया ि।

चार काडडथज वकथ िॉपकदम 1: परतयक वयशकत एक खािी कागि िता ि और उस चार शिसो म काट िता ि। परतयक वयशकत को उनक काडय क सामन क शिस पर नीच शिखी वतओ क शचत बनान ि। काडय 1 = म काडय 2 = मरा पररवार काडय 3 = मरी शिकषा काडय 4 = मरा गाव

कदम 2: परतयक वयशकत को उनक चारो काडड यज क पीछ की ओर सािारर शचतो और िबदो क दारा अपना, अपन पररवार का, अपन कप ि का और अपन समदाय का वरयन करना ि। शकसी भी काडय पर कोई नाम न शिखा िाय।

काडय 1: म अपन बार म कसा मिसपस करता ि? (एक खि या उदास चिर का शचत बनाय।) कया म मिसपस करता ि शक सब मझस परम करत ि? कया म मिसपस करता ि शक मर समदाय क िोग मझ वीकार करत ि? म कौन सा काम अचछी तरि कर सकता ि? मझ कया करना पसनद ि? मरा मनपसनद िनत कौन सा ि? मरा मनपसनद भोिन कया ि? मर सपन कया ि? म शकसस डरता ि?

काडय 2: मर पररवार म कौन-कौन ि? मर पररवार का वाथय कसा ि? मरा पररवार शकस या कौन स परमशवर म शवशवास करता ि? मझ पर अशिकार रखन वाि िोग कस ि? (एक खि या उदास चिर का शचत बनाय।)

काडय 3: म अपन िीवन को िकर कसा मिसपस करता ि? (एक खि या उदास चिर का शचत बनाय।) बचपन म मन कौन सी एक बात सीखी थी? शिस वयशकत न मझ यि शसखाया था वि कसा वयशकत था? मझ कौन सा शवषय सीखना सबस अशिक पसनद था? कौन सा शवषय सीखना सबस कशठन था? कौन सा शवषय सीखना सबस आसान था? ऐस कौन स थान ि ििा म सरशकषत मिसपस निी करता? ऐस कौन स थान ि ििा म सरशकषत मिसपस करता ि?

काडय 4: ििा म रिता ि विा मझ कया अचछा िगता ि? ििा म रिता ि विा मझ कया अचछा निी िगता? ििा म रिता ि विा क वद िोग कया करत ि? वद िोग मरी सिायता कस करत ि?

कदम 3: िब सब वयशकत अपन-अपन काडड यज पर उपरोकत िानकारी शिख ि, तो व अपन-अपन काडड यज आपको द द। उनि उनक चार-चार क सट म िी रख।

कदम 4: परतयक वयशकत को चार काडड यज का ऐसा सट द िो उनका निी ि। परतयक की पिचान गपत रि और शकसी को यि न पता चि शक शकस शकसक काडड यज का सट शदया गया ि।

कदम 5: एक-एक करक परतयक वयशकत उन काडड यज को पढकर सनाय िो उस शदय गय ि।

23

िामफिक चचाथकाडड यज क परतयक सट क परररामो पर चचाय कर।

परतयक वयशकत अपन शवषय म और अपनी पररशथशतयो क शवषय म िो मिसपस करता ि, उसम कया पारपररक पदयशतया या समबनि ि?

परतयक वयशकत म कछ शभननताए कया ि?

िम सभी वीकत िोना चाित ि। िम सभी परम पाना चाित ि। िब िम दपसरो स वीकशत या परम की अपकषा करत ि, तो उनक पास और इस पररशथशत क पास िम शनयशनतत करन की िशकत आ िाती ि।

उतपफत 29:31-35 पढ

िामफिक चचाथशिआः और परमशवर क शवषय म अपन अविोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

पद 31 परमशवर शिआः क शवषय म कया िानत थ?

उस परम निी शमिा था।

पद 32 शिआः कया आिा कर रिी थी शक पत पदा िोन क परररामवरप कया िोगा?

उसका पशत उसस परम करगा।

पद 33 कया शिआः क पत को िनम दन क परररामवरप शिआः का पशत शिआः स परम करन िगा?निी।

पद 34 शिआः क तीन पतो को िनम दन क बाद कया उसका पशत उसस परम करन िगा? निी।

पद 35 चार पतो को िनम दन क बाद शिआः न कया किा?

अब की बार तो म यिोवा का िनयवाद करगी।

िमार परम पान और वीकार शकय िान की आवशयकता को परमशवर दखत ि। परमशवर न शिआः की पत पराशपत की चाित को पपरा शकया, ताशक उस यि दिाय सक शक परमशवर वय उस शकतना परम करत ि। परमशवर न अपनी योिना म भी उस एक थान शदया। उसक चौथ पत स उस गोत का उदव िआ, शिसस यीि, मास और िि बन परमशवर, आत ि।

िब िम िान िात ि शक परमशवर िमस शकतना परम करत ि, शक वि िम वस िी वीकार कर ित ि िस िम ि, शक िम उनकी दशटि म शकतन सनदर ि, और यि शक उनिोन िम अपनी योिना का शिसा बनान क शिय िम ससार की सशटि स पिि िी चन शिया था, तभी िम वातव म वतनत िोत ि कयोशक शिर िम िोगो क परम और वीकशत की अपकषा निी करत। अब िम इस वातशवकता म िीन िगत ि शक उनका परम और उनकी वीकशत िमार शिय पयायपत स भी बढकर ि।

रोफमयो 15:7 और पररतो 10:34 पढ

इन पदो म स आप परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखत ि?

परमशवर सब िोगो को वस िी वीकार कर ित ि िस व ि। वि मझ वसा िी वीकार करत ि िसा म ि।

यीि न मतती 11:28 म किा “ह थक-माि, बोझ स िब लोगो, मर पास आओ; म तमह सतख चन िगा।” (ERV)

आपका वयाविाररक परशतउततर/पराथयना कया ि?

24

सत 10: पिचान – आतमा स िनमपरमशवर: जो आतमा ह मास और लह स जनम, लक उन सभी क ललय मास और लह का बललिान बन जो मास और लह स जनम ह, ालक व मास और लह हो हए आतमा स जनम ल सक ।

आरफभिक पारथनाशकसी स कि शक सत का आरमभ करन क शिय पराथयना कर।

आराधनाएक समपि क रप म दो या तीन आरािना क ऐस गीत चशनए और गाइए िो यि घोषरा करत िो शक म आतमा स िनमा ि, और परमशवर की सनतान ि।

बाइबि अधययनिसा शक िम सीख चक ि शक व सभी शवशवासी, िो यीि दारा शदय गय वय क मास और िि क बशिदान को वीकार करत ि, व परमशवर क आतमा—पशवत आतमा—को अपन भीतर परापत करत ि। यि िमारी वतयमान मीरास ि, िम परमशवर की सनतान ि (रािकीय पररवार म पििौठ पत क समान), मसीि क सगी वाररस ि, इस पथवी पर, दटिता स कषशतगरत इस ससार म परमशवर क राजय म िी रि ि।

परमशवर न िमार िसा बनन का चयन शकया कयोशक वि िमस परम करत ि, और इशतिास क उस कषर म, यीि न पशवत आतमा क बीि क दारा मास और िि क रप म एक सती स िनम शिया, ताशक यीि दारा शदय गय वय क मास और िि क अननत बशिदान पर शवशवास और उस वीकार करन क दारा िम िो मास और िि स िनम ि, आतमा स िनम ि सक ।

यिनना 1:12-13 पढ

िम परमशवर की किानी, उनकी सचची परम किानी, बाइबि म स अधययन करग शक मास और िि स िनम मनषय को आतमा स िनम िन की आवशयकता कयो थी।

1 कररफनरयो 15:47-51 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

िामफिक चचाथइन बाइबि पदो म स परथम मनषय (िो मास और िि स िनमा) और दपसर मनषय (यीि, िो आतमा स थ परनत शिनिोन मास और िि स िनम शिया) क शवषय म अपन अविोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

परथम मनषय फकिि बना था?

शमटी स।

यीि दारा शदय गय वय क मास और िि क बशिदान को वीकार करन स पिि िम फकिका वरप, समानता और पिचान शमिी थी?

शमटी स बन परथम मनषय का।

25

यीि दारा शदय गय वय क मास और िि क बशिदान को वीकार करन क बाद िम फकिका वरप, समानता और पिचान शमिी ि?

दपसर मनषय—वगय क परभ—यीि का।

यि िमारी वतयमान मीरास ि। िम यीि की पिचान शमिी ि, िम, िो मास और िि ि, परनत अब उनक आतमा स िनम ि, परमशवर की सनतान (रािकीय पररवार म पििौठ पत क समान), मसीि क सगी वाररस ि, इस पथवी पर, दटिता स कषशतगरत इस ससार म परमशवर क राजय म िी रि ि।

1 कररफनरयो 15:50-55 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

िामफिक चचाथइन बाइबि पदो म स शमटी स बन मनषय (िो मास और िि स िनमा) और यीि, िो आतमा स थ (िो मास और िि बन गय) की पिचान क शवषय म अपन अविोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

मास और िि स िनम मनषय का वभाव और पिचान कया ि?

बबायद, बईमान और शवनाि की ओर अगरसर, और मतय का भागी।

यीि का वभाव और पिचान कया ि?

कभी बबायद निी, ईमानदार, अननत, िीवन का भागी।

परथम मनषय एक ऐसा बीि बन गया िो बबायद ि, कयोशक उसन दटि क छि और भि तथा बर क जान को परापत करन, उसम िाशमि िोन और उसक साथ एक िो िान का चयन शकया। परररामवरप सब िोगो का िनम ऐस वभाव क साथ िोता ि िो बबायद ि। दपसर मनषय यीि न, पशवत आतमा क बीि क दारा, एक ऐसा बीि िो कभी बबायद निी ि, मास और िि क रप म एक सती स िनम शिया। यीि मास और िि का एक शसद बशिदान ि।

रोफमयो 5:14-19 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

िामफिक चचाथइन बाइबि पदो म स शमटी स बन मनषय (िो मास और िि स िनमा) क परररामो और यीि, िो आतमा स थ (िो मास और िि बन गय) क परररामो क शवषय म अपन अविोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

परथम मनषय क अपराि का पररराम कया ि?

पद 16 दणड की आजा दी गयी।

पद 17 मतय न राजय शकया।

26

दपसर मनषय दारा उन सभी क शिय, िो उस वीकार करत ि, शदय िान वाि वय क उपिार का पररराम कया ि?

पद 16 दणड की आजा स मकत, िमशी ठिर।

पद 17 यीि म राजय करता िआ िीवन।

किफसियो 2:13-15 पढ

परथम मनषय क अपराि का पररराम कया ि?

पद 13 परमशवर तथा अनय मनषयो क शवरद अपरािो म मत तथा उिाडन वािी भरटि िारीररक वाथशी िािसाओ म िसा िआ।

दपसर मनषय दारा वय को उन सभी क शिय, िो उस वीकार करत ि, उपिार वरप शदय िान का पररराम कया ि?

पद 13 उिाडन वािी भरटि िारीररक वाथशी िािसाओ पर शवियी बनाकर िीशवत शकया कयोशक िमार सार अपराि कषमा कर शदय गय ि।

पद 14 अब दोषी निी।

पद 15 सब परिानताओ और अशिकारो पर शवियी, िो अब पराशित ि और िशकतिीन बनदी ि।

यि िमारी वतयमान मीरास ि। मतय क दणड, नयाय तथा दोष स मकत करक िम सिी बनाया गया ि और इस िीवन म िमार िरीर तथा उन दटि आतमाओ और अशिकाररयो पर िासन शदया गया ि िो यीि क अशिकार तथा िासन क शवरद खड िोत ि। अब ितान तथा दटि आतमाए िम पर दोष निी िगा सकत कयोशक करप स पर यीि की शविय क दारा उनकी सारी िशकत तथा िशथयार उनस छीन शिय गय ि।

िम दटिता स कषशतगरत इस ससार म मास और िि ि िो आतमा स िनम ि, यीि की शविय म िीशवत शकय गय ि।

िमारी भशवषय म भी एक मीरास ि।

1 कररफनरयो 15:20-23 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

िामफिक चचाथइन बाइबि पदो म स शमटी स बन मनषय (िो मास और िि स िनमा) क परररामो और यीि, िो आतमा स थ (िो मास और िि बन गय) क परररामो क शवषय म अपन अविोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

मतको म स कौन िी उठा ि?

यीि।

27

िब यीि अपनी समपपरय मशिमा म इस ससार म िौटग, उस समय ऐसी दिो क साथ कौन िी उठग, िो न तो वद िोगी, न रोगी िोगी, और न िी परानी िोगी?

व सभी, िो यीि क वय क उपिार को, उनक मास और िि क बशिदान को वीकार करत ि और परररामवरप परमशवर की सनतान ि तथा आतमा स िनम ि।

पकाफितवाकय 1:18 पढ

वि कौन ि िो आतमा क दारा मास और िि का एक शसद बशिदान बना, मरा, एक शसद दि क साथ िी उठा, वगायरोशित िआ, यगानयग िीशवत ि और मतय तथा अननतता क ऊपर अशिकारी ि?

यीि।

पकाफितवाकय 1:5-6 पढ

वि कौन ि िो शवशवासयोगय साकषी, मर िओ म स िी उठन वािो म पििौठा, सववोचच अशिकारी तथा सबक ऊपर िाशकम ि?

यीि।

यीि न यि सब िमार शिय कयो शकया?

कयोशक वि िमस परम करत ि।

िब िम यीि क वय क उपिार को और उनक मास और िि क बशिदान को वीकार करत ि, तो परमशवर की सनतान बनन तथा आतमा स िनम िन क साथ-साथ िम कया बन िात ि?

रािा (ितान, दटि आतमाओ और िमार अपन िरीर क ऊपर िाशकम) और यािक (परमशवर तथा अनय िोगो क साथ परमी समबनि)।

यीि का पनरतथान पििा शसद िारीररक पनरतथान था, सो अब िम न कवि दटिता स कषशतगरत इस ससार म िी सकत ि, बशलक दटिता स मकत नवीकत ससार म उन शसद पनरशतथत दिो को परापत करक, िो न तो वद िोगी, न परानी िोगी और न िी मरगी, अननत अवथा म रिन की भावी आिा म भी िी सकत ि। िब यीि पथवी पर िौटग, तब िम, शिनिोन यीि क वय क उपिार को और उनक मास और िि क बशिदान को वीकार शकया ि, अपन शसद पनरशतथत िरीरो को परापत करग।

यि िमारी भशवषय की मीरास ि। कयोशक परमशवर िमस इतना परम करत ि, इसशिय यीि न पशवत आतमा क बीि क दारा सती स िनम िकर मास और िि बनन का चयन शकया। वि अपनी वय की सशटि म उतर आय। मनषय क अपराि क परररामवरप परमशवर की सशटि दटिता स कषशतगरत िो गयी। असमानता, अतयाचार, दटिता और मतय िासन करन िगी। कयोशक परमशवर इतना परम करत ि, इसशिय यीि मीरास क परथम पत क रप म आय, ताशक िम सभी पत, मास और िि म स आतमा स िनम पत बन सक , शक िम वतयमान की और भशवषय की अपनी सारी मीरास को परापत कर सक । िािियाि!

इस सत म स आप परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखत ि?

परमशवर बित परम करत ि और यीि का मास और िि का िीवन, मतय तथा पनरतथान परमशवर की साकषी तथा परमार ि।

आपका वयाविाररक परशतउततर/पराथयना कया ि

28

सत 11: शपरय म वीकशतिो मानवीय आवशयकाए: सवीकल पान की चाह और पम लकय जान की चाह। परमशवर न हम लपय (यीशत, जो सबस पयार ह) म (लवशष सममान क साथ) सवीक बनाया ह।

आरफभिक पारथनाशकसी स कि शक सत का आरमभ करन क शिय पराथयना कर।

आराधनाएक समपि क रप म दो या तीन आरािना क ऐस गीत चशनए और गाइए िो यि घोषरा करत िो शक परमशवर मझस परम करत ि, और मझ मसीि म शविष सममान और आशिष दी गयी ि।

बाइबि अधययनिसा शक िम सीख चक ि शक िब सभी शवशवासी यीि दारा शदय गय वय क मास और िि क बशिदान को वीकार करत ि, व परमशवर क आतमा—पशवत आतमा—को अपन भीतर परापत करत ि। यि िमारी वतयमान मीरास ि। िम परमशवर की सनतान ि (रािकीय पररवार म पििौठ पत क समान), मसीि क सगी वाररस ि, इस पथवी पर, दटिता स कषशतगरत इस ससार म परमशवर क राजय म िी रि ि।

परमशवर न िमार िसा बनन का चयन शकया कयोशक वि िमस परम करत ि, और इशतिास क उस कषर म, यीि न पशवत आतमा क बीि क दारा मास और िि क रप म एक सती स िनम शिया, ताशक यीि दारा शदय गय वय क मास और िि क शसद व अननत बशिदान पर शवशवास और उस वीकार करन क दारा िम िो मास और िि स िनम ि, आतमा स िनम ि सक ।

िम परमशवर की किानी, उनकी सचची परम किानी, बाइबि म स शपता क परम, आिीष, इचछा (हदय की चाित) और अननतता क शिय उदार क उदशय का अधययन करग।

इफिफियो 1:3-14 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

िामफिक चचाथअपन अविोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

परमशवर की इचछा तथा योिना कया ि िो उनिोन िम पर परकट की ि? पद 9-10 पढ

समय की पपरयता म वगशीय थानो की और पथवी पर की सभी वतए मसीि म एक ि।

शपता परमशवर न िम (भपतकाि म) कया शदया ि, िो वतयमान म िम शमि भी चका ि? पद 3 पढ

सब परकार की आशतमक आिीष।

यि आिीष किा ि?

वगशीय थानो म।

29

यि सब परापत करन क शिय िम फकिम ि या फकिक साथ एक ि?

मसीि यीि।

वतयमान म, िब मसीि वगशीय थानो म अशिकार क थान पर शवरािमान ि, तब िम भी उनक साथ बठ ि। वतयमान म मसीि म िम परतयक आशतमक आिीष शमिी िई ि। अगिा पद इन आिीषो का कछ शववरर परतत करता ि।

िम मसीि म (वतयमान म) कौन ि, िो शपता परमशवर क दारा (भपतकाि म) िम शदया ि? इस वयशकतगत बनाय और अपन उततर म ‘म ि’ डाि। पद 4-5 पढ

उदािरर: म परम म चना गया ि, पशवत, शनदवोष और गोद शिया गया पत ि, शपरय (सबस पयार) म (िसा ि वसा िी) वीकार शकया गया ि, अपन शपता की इचछा म ि, िो शक उनक हदय की चाित ि।

यीि परमशवर क ‘शपरय’ पत ि, शपता क सववोचच परम-पात। िम भी उनक परम क ‘पत’ ि, (िस ि वस िी) वीकार शकय गय ि। वतयमान म िम शपता और पत क शसद परमी समबनि की आशतमक वातशवकता म िी रि ि। िम उनक हदय की चाित ि।

िम मसीि म (वतयमान म) कौन ि, िो शपता परमशवर क दारा (भपतकाि म) िम शदया ि? इस वयशकतगत बनाय और अपन उततर म ‘म ि’ डाि। पद 7-8 पढ

उदािरर: म यीि दारा शदय गय वय क मास और िि क बशिदान क दारा, परमशवर क अनगरि क कभी न समापत िोन वाि िन क दारा अननतता क शिय छडाया गया और कषमा शकया गया ि।

िम मसीि म (वतयमान म) कौन ि, िो शपता परमशवर क दारा (भपतकाि म) िम शदया गया ि? इस वयशकतगत बनाय और अपन उततर म ‘मझ शमि गया/गयी ि’ डाि। पद 11 पढ

उदािरर: मन (वतयमान म) अपनी मीरास को ि शिया ि, कयोशक यि परमशवर की ओर स शनिायररत मरी शनयशत और उनक हदय की इचछा थी।

िम मसीि म (वतयमान म) कौन ि, िो शपता परमशवर क दारा (भपतकाि म) िम शदया ि? इस वयशकतगत बनाय और अपन उततर म ‘मझ पर िगी/म ि’ डाि। पद 13-14 पढ

उदािरर: पशवत आतमा की छाप मझ पर िगी ि, िो मरी (वतयमान की और भशवषय की) मीरास की पपशतय की गारणटी ि।

मरर रख, वतयमान म, िब मसीि वगशीय थानो म अशिकार क थान पर शवरािमान ि, तब िम भी उनक साथ बठ ि। वतयमान म मसीि म िम परतयक आशतमक आिीष शमिी िई ि।

इफिफियो 1:21-23 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

30

िामफिक चचाथअपन अविोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

वतयमान म और भशवषय म यीि को फकतनती िशकत और अशिकार शमिा ि? पद 21 पढ

सब परकार की परिानता, अशिकार, सामथय, परभतव और परतयक नामाशकत वत क ऊपर।

यीि की पररपपरयता कौन ि? पद 23 पढ

सभी शवशवासी, शिनिोन यीि दारा शदय गय वय क मास और िि क बशिदान को वीकार शकया ि।

सभी शवशवाशसयो की, शिनिोन यीि दारा शदय गय वय क मास और िि क बशिदान को वीकार शकया ि, पररपपरयता कौन ि?

मसीि यीि।

इफिफियो 2:4-8 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

िामफिक चचाथअपन अविोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

वतयमान म िम मसीि यीि म कया शमिा ि? पद 5-6 पढ

िम मसीि क साथ िीशवत शकया गया ि। िमार िरीर की िािसाओ तथा ितान तथा सब दटि आतमाओ पर मसीि की िशकत और अशिकार दकर वगशीय थानो म उनक साथ बठन क शिय उठाया गया ि।

परमशवर न िम मसीि क साथ िीशवत कयो शकया और मसीि की िशकत और अशिकार दकर वगशीय थानो म उनक साथ बठन क शिय कयो उठाया? पद 4-8 पढ

िमार शिय परमशवर क मिान परम क कारर। इन सबक दारा परमशवर िमार परशत अपना असीम परम, कररा, कपा क भणडार और आशिषो का िन परकट कर सकत ि।

इफिफियो 1:15-19 पढ

परररत पौिस सनतो क शिय कया पराथयना करता ि?

पद 17 शक परमशवर उनि जान और परकाि का आतमा द ताशक व उनि बितर रीशत स िान सक ।

पद 18 शक परमशवर उनक मनो को खोि ताशक व उनक सतय को दख सक , ताशक यीि दारा शदय गय वय क मास और िि क बशिदान को वीकार करन वाि सभी शवशवाशसयो की (वतयमान और भशवषय की) आशिषो और आिा को व िान सक ।

पद 19 शक व उनकी िशकत की मिानता को िान सक ।

इन पदो म स आप परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखत ि?

परमशवर का परम, सामथयय और आशिषो का िन असीम ि। वि मझ अपनी तशत और मशिमा क रप म दखत ि।

आपका वयाविाररक परशतउततर/पराथयना कया ि?

31

सत 12: समबनिसलमनार सहभागी: ‘िाखला क समबनध क लवषय म सीखा, यीशत स पालपत का समय रहा, लपा की इचछा क पल समलपथा हआ, यह मर ललय अतयन महतवपणथा ह।’

आरफभिक पारथनाशकसी स कि शक सत का आरमभ करन क शिय पराथयना कर।

आराधनाएक समपि क रप म दो या तीन आरािना क ऐस गीत चशनए और गाइए िो यीि म एकता की, या यीि क साथ दाखिता और डाशियो क िस समबनि की, या यीि क परम म िीन की घोषरा करत िो।

किानतीकलपना कर शक आप एक शविाि दाखिता की एक िाखा ि।

आप दाखिता क मखय तन स िड िए ि और बागबान की इचछा की पपरय अिीनता म ि।

आप कवि एक िी काम करत ि, वि यि शक विा िटक रित ि, और कछ निी, बस मखय तन स िटक रित ि।

अब कयोशक आप मखय तन स िटक रित ि, इसशिय दाखिता की सारी पौशटिकता वाभाशवक रप स िडो स िकर तन स िोती िई आप म बि रिी ि। इसका िि, इसक पौशटिक ततव; दाखिता म स सबकछ आप म आ रिा ि।

आप बस इतना कर रि ि शक दाखिता स िटक िए ि और इसकी पौशटिकता को परापत कर रि ि।

एक शदन, आपको एक ‘झनझनी’ सी मिसपस िोन िगती ि। आप पात ि शक आप बड िो गय ि।

ििो क छोट-छोट गचछ बनन िगत ि। पॉप (परम), पॉप, पॉप (आननद, िाशनत), पॉप, पॉप, पॉप (िीरि, कपा, भिाई), पॉप, पॉप, पॉप (शवशवास, नमता, सयम)।

िब सपयय की उषरता और वषाय की बपद आप पर पडती ि, आपक भीतर िीवन का िि और दाखिता क पौशटिक ततव बित िात ि। यि कस िो रिा ि? आप तो कछ भी निी कर रि!

आप बस इतना कर रि ि शक दाखिता स िटक िए ि और इसकी पौशटिकता को परापत कर रि ि।

बागबान की इचछा भी यिी ि।

वाभाशवक आयाम म, िि ऊपर स नीच की ओर बिता ि, िस वषाय, नशदया, िि-कणड इतयाशद। एक दाखिता को िीशवत रिन क शिय िि की आवशयकता ि। िि क शबना यि मर िायगी। दाखिता को िि की आपपशतय क शिय मखय तन स पीना पडता ि—मखय तन स परापत करना पडता ि। िीशवत रिन और िि िान क शिय िाखा को िि पीना िी पडता ि।

32

जसा सवाभालवक आयाम म ह, वसा ही आलतमक आयाम म भी ह कयोलक परमशवर न सब वसतओ को ऐसा ही सजा ह।

आशतमक आयाम म, िीवन का िि ऊपर स नीच की ओर बिता ि, परमशवर क शसिासन स यीि क दारा िाखाओ म आता ि। िाखाए वषाय म स निी पीती—यि िि भपशम म िाता ि और िाखाए वातव म मखय तन स पीती ि, दाखिता की सारी पौशटिकता को िड स और मखय तन स परापत करती ि।

यिनना 15:1-8 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

िामफिक चचाथ अपन अविोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

बागबान कौन ि?

परमशवर शपता

दाखिता का मखय तना कौन ि?

यीि

दाखिता क मखय तन स िगी िई िाखा कौन ि?

बन रिन का कया अथय ि?

यीि कित ि शक िम उनम बन रि। (एक शदय गय थान, अवथा, समबनि या अपकषा म) बन रिन का अथय ि: िड रिना, शनवास करना, डट रिना, उपशथत रिना, िग रिना या खड रिना।

म बना कि रि सकता ि?

अपन उततरो को अपनी कायय-प तक म शिख िीशिए।

वाभाशवक म िीशवत रिन और िि िान क शिय िाखा क शिय पौशटिक ततव अथायत भोिन खाना भी अशनवायय ि।

यिनना 4:27-38 पढ

िनदभिथइन पदो म यीि एक बशिषकत सती स बात कर रि ि। अतीत क इस समय म यिशदयो क गोत का कोई वयशकत सामररयो क गोत क शकसी भी वयशकत स बात निी करता था, शविषकर एक ऐसी सती स, िो अपन िी िोगो क दारा बशिषकत की गयी िो, शकनत यीि (मास और िि क भाव स यिशदयो क गोत स) इस बशिषकत सती क पास गय, उसक साथ िीवन क िि (परमशवर क आतमा, पशवत आतमा) क शवषय म बात की और उस दिायया शक वि कौन ि—इस िीवन क िि क सोत ि। िब यीि क शिषय िौटत ि, यीि उनि अपन भोिन और पक खतो क शवषय म शसखात ि।

33

इस बशिषकत सती स बात करन, यि दिायन शक वि कौन ि और शिन िोगो न उनि अभी तक निी िाना ि, उनकी कटनी क शवषय म बात करन, क मधय म यीि परकट करत ि शक उनका भोिन कया ि।

यीि न कया किा शक उनका पोषर करन वािा भोिन कया ि?

शपता की इचछा को करना और उस काम को पपरा करना शिस करन क शिय उनि भिा गया ि।

जसा साभावक आयाम म ह, सा ही आवमक आयाम म भी ह कयोवक परमशवर न सब स तओ को ऐसा ही सजा ह।

आशतमक रप स िब िम िमार शपता की इचछा क परशत समशपयत िोत ि, िब िम उनकी उपशथशत म, आरािना म, उनक वचन म उनक साथ समय शबतात ि, उनस उनकी सारी भिाई परापत करत रित ि, तब िम उनक आतमा क दारा शदन-परशतशदन अशिक स अशिक बदित िायग।

जब िम यीि स परापत करत ि, शपता परमशवर की इचछा क परशत समशपयत रित ि, तब िम शकसक वरप म बदित िात ि? 2 कररफनरयो 3:17-18 पढ

यीि क।

िब िम शपता की इचछा की अिीनता म रित िए िीवन क िि म स पीत ि, तो यीि न कया घोषरा की शक कया िोगा?

यिनना 15:8 पढ

शनशशचत ि शक िि िगग। जसा सवाभालवक आयाम म ह, वसा ही आलतमक आयाम म भी ह कयोलक परमशवर न सब वसतओ को ऐसा ही सजा ह।

जब िम शपता की इचछा की अिीनता म आत ि और उनकी उपशथशत म स परशतशदन पीत ि, तो पशवत आतमा िम अशिक स अशिक मसीि िसा बनान क शिय बदित िायग। उनका चररत िमारा चररत बन िाता ि। यीि वकष म यीि िि िगत ि। आतमा क िि।

िब िम शपता परमशवर की इचछा की अिीनता म आत ि, तो िम यीि स कौन ि आशतमक िि और ईशवरीय वभाव अथायत यीि क गर परापत िोत ि? गिाफतयो 5:22-23 पढ

परम, आननद, िाशनत, िीरि, कपा, भिाई, शवशवास, नमता, सयम।

इन ििो का उतपादन कौन करता ि?

पत यीि मसीि क दारा पशवत आतमा क माधयम स परमशवर शपता, िो बागबान ि।

जब िम यि परकािन शमि िाता ि शक परमशवर िमस शकतना परम करत ि, िब िम अपन शपता की उपशथशत म उनकी इचछा की अिीनता म आ िात ि, तो अपनी इचछा क अनसार वि वय को िम पर और अशिक परकट करग और िम परमशवर की पररपपरयता स पररपपरय िो िायग। िब िम परशतशदन उनकी उपशथत म रित ि, यीि स परापत करत ि, अपन शपता की अिीनता म रित ि, तो वि िम बदि डािग, कयोशक यिी उनकी इचछा ि।

इस सत म स आपन परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखी?

आपका वयाविाररक परशतउततर/पराथयना कया ि?

34

सत 13: समबनि – अनय िोगो की वस वीकशत िस व ि

पतनममल हो चतक (सहमल म लाय गय)। पतनसथाथालप हो चतक (सवासथय, आरोगया और जीवन-शलति की अवसथा म वालपस लाय गय)। नवीक हो चतक (पतनजाथाग लकय गय और पभावशाली बनाय गय)।

आरफभिक पारथना

शकसी स कि शक सत का आरमभ करन क शिय पराथयना कर।

आराधनाएक समपि क रप म दो या तीन आरािना क ऐस गीत चशनए और गाइए िो परमशवर क परम और रपानतररकारी िशकत की घोषरा करत िो।

दि बतीज िामफिक अभयाििसा शक िम सीख चक ि शक िमारा सवायशिक मितवपपरय समबनि परमशवर क साथ ि। यशद िम अपन शपता की इचछा क परशत समशपयत ि और उनक साथ समय शबतात ि, उनस सारा पोषर परापत करत ि, तब परमशवर परशतशदन िम यीि क चररत म बदित िायग।

परमशवर िमारी भावनाओ की शचनता करत ि, िम कया मिसपस करत ि, अनय िोग िमस कसा बतायव करत ि और िम अनय िोगो क साथ कसा बतायव करत ि।

िामफिक अभयािसब िोग एक घरा बनाकर एक दपसर की ओर मि करक बठ िाय। घर क बीच म 10 बीि वकय िीट (परमशवर का राजय कायथाकरम पतलसका क पि 45 स कॉपी कर) रख ताशक सभी िोग उस दख सक । वकय िीट क पास िान या चन या कोई अनय उपिबि 10 बीि रख। आपक समपि म शितन िोग ि विी आपक समपि की सखया ि। आपक समपि म 3 स 12 िोग िो सकत ि। यशद 12 स अशिक िोग ि तो दो समपि बनाय। यशद 24 स अशिक िोग ि तो तीन समपि बनाय और बढती सखया क साथ ऐसा िी करत रि। परतयक समपि क मधय म 10 बीि और एक 10 बीि वकय िीट रखी िई िो।

परतयक वयशकत को एक-एक करक समपि स बोिन का अवसर शदया िाता ि। परतयक को बोिन का बराबर अशिकार परापत ि। परतयक वयशकत का मितव सबक बराबर ि। परतयक वयशकत समपि क एक मितवपपरय अग क रप म काम करता ि। परतयक वयशकत अपन समपि म बताता ि शक उनक अनसार उनका समाि उनि वकय िीट क कौन स कॉिम म दखता ि। या तो उनका समाि उनि मितविीन समझता ि, या कछ मितव का समझता ि, या शिर अतयनत मितवपपरय समझता ि।

परतयक वयशकत क शिय यि समझना अतयनत मितवपपरय ि शक शकसी क शिय इसम िमय की कोई बात निी ि शक उनका समाि उनि कस दखता ि। कोई समाि शकसी वयशकत को कस दखता ि, वि अनक बातो क परररामवरप िोता ि, शिनम स अशिकतर बात उस वयशकत क शनयनतर क बािर िोती ि। सिी उततर ि: आपका कया मानना ि शक आपका समाि आपको कस दखता ि।

35

एक बार िब परतयक वयशकत सबको बता दता ि शक उनका कया मानना ि शक उनका समाि उनि कौन स कॉिम (मितविीन या कछ मितव या अतयनत मितवपपरय) म दखता ि, तब समपि क सभी िोग यि चचाय करत ि शक चशननदा कॉिम म 10 बीि रखत िए व अपन समपि क परररामो को कस परतत करग। सभी 10 बीिो का उपयोग अशनवायय ि। 10 बीि पपर समपि का परशतशनशितव करत ि।

उदािरर 1: यशद 8 िोगो क समपि म स 5 िोग मानत ि शक उनका समाि उनि मितविीन समझता ि और 2 िोग मानत ि शक उनका समाि उनि कछ मितव का समझता ि और 1 वयशकत मानता ि शक उनका समाि उनि अतयनत मितवपपरय मानता ि, तो 10 बीि इस परकार स रख िायग शक 7 बीि मितविीन कॉिम म िो, 2 बीि कछ मितव क कॉिम म िो और 1 बीि अतयनत मितवपपरय कॉिम म िो।

उदािरर 2: यशद 6 िोगो क समपि म स 3 िोग मानत ि शक उनका समाि उनि मितविीन समझता ि और 3 िोग मानत ि शक उनका समाि उनि कछ मितव का समझता ि और 0 वयशकत मानता ि शक उनका समाि उनि अतयनत मितवपपरय मानता ि, तो 10 बीि इस परकार स रख िायग शक 5 बीि मितविीन कॉिम म िो, 5 बीि कम मितव क कॉिम म िो और 0 बीि अतयनत मितवपपरय कॉिम म िो।

िामफिक चचाथअपन अविोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शिख।

िका 8:43-55 पढ

इन बाइबि पदो पर मनन कर और इनि कई बार पढ।

िामफिक चचाथपद 43-44 म यीि क एक पिय स एक बशिषकत सती क साथ कया िआ?

उस (िारीररक रप स) चगाई शमिी।

पद 45 म यीि न कया किा?

मझ शकसन छआ?

यीि न यि निी किा शक मझ कया छआ, बशलक शकसन छआ? शकसन का अथय ि एक वयशकत। यीि उस मितवपपरय समझत ि और उस खोिन क शिय रकन क दारा उसका आदर करत ि, उस अपना समय और अपना धयान दत ि। वि उनकी चगाई क सामथयय को परापत कर चकी ि। याद रख शक यीि ससार की दशटि म एक मितवपपरय वयशकत की मतयियया पर पडी िडकी को बचान िा रि ि।

36

पद 47 म उस सती न कया शकया?

उस सती न दखा शक वि शछप निी सकती, वि सामन आयी और यीि क सामन दणडवत शकया और साकषी दी शक यीि क एक पिय स उस चगाई परापत िो गयी ि।

न कवि यीि न एक बशिषकत सती को एक अतयनत मितवपपरय वयशकत क तौर पर िाना, िो सवयिशकतमान परमशवर क वरप म सिी गयी थी, बशलक यीि क मात एक पिय स अब सारा समाि, शिषय और वय यीि इस सती की बात सन रि ि।

उस एक थान शमिा। उस एक आवाज शमिी। वि एक मपलयवान वयशकत ि। वि मितवपपरय ि।

पद 48 म यीि उस सती को अपन शिषयो और सार समाि क सामन कया बिात ि?

परमशवर की बटी अथायत सनतान।

यीि का एक पिय िारीररक, मानशसक और आशतमक पररपपरयता को समपपरय करता ि। उस एक थान, एक आवाज, परमशवर की सनतान क तौर पर पनथायशपत पिचान शमिी।

10 बीि अभयास पर वाशपस। िो िोग यि मानत ि शक समाि उनि मितविीन और कम मितव वाि वयशकत समझता ि, उनि यि मानन क शिय सिकत कस बनाया िा सकता ि शक समाि उनि अतयनत मितवपपरय वयशकत मानता ि?

1. उनका आदर कर और उनि समाि म िाशमि कर।

2. उनि एक थान, एक भपशमका, समाि म िाशमि िोन का अवसर द।

3. उनि बोिन का और उनक िीवन म परमशवर की भिाई की साकषी दन का अवसर द।

4. उनि उनक वरदान पिचानन (परतयक वयशकत क पास कम स कम एक वरदान तो िोता िी ि) और उस वरदान का उपयोग करन का अवसर द।

इस सत म स आपन परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखी?

आपका वयाविाररक परशतउततर/पराथयना कया ि?

37

सत 14: समबनि - समानता‘सीखा लक यीशत म समबनध समाना म पतनसथाथालप हो जा ह…यह सनिश लवशवालसयो और अलवशवालसयो क पास…सार समाज म पहचना जररी ह।’ सलमनार सहभागी

आरफभिक पारथनाशकसी स कि शक सत का आरमभ करन क शिय पराथयना कर।

आराधनाएक समपि क रप म दो या तीन आरािना क ऐस गीत चशनए और गाइए िो परमशवर क परम और चगाई की िशकत की घोषरा करत िो।

िम परमशवर की किानी, उनकी सचची परम किानी, बाइबि म स कछ पििओ का अधययन करग शक कस परमशवर परषो और शसतयो को एक समानता म दखत ि।

परमशवर न िो कछ बनाया था, शिसम परष और सती भी िाशमि ि, उस दखकर परमशवर न कया किा? उतपफत 1:31 पढ

यि बित िी अचछा ि।

दटिता स कषशतगरत इस ससार म रित िए परमशवर क राजय म समबनिो को समझन क शिय िम आशद म वाशपस िाना िोगा। उतपफत 1:27-28 पढ

परमशवर न परष को फकिक वरप म सिा था?

परमशवर क अपन वरप म

परमशवर न सती को फकिक वरप म सिा था?

परमशवर क अपन वरप म

परमशवर न एक समान आिीष फकि दी?

परष और सती को

परमशवर न सारी पथवी पर एक समान अशिकार (िासन करन की िशकत) फकि दी?

परष और सती को

उतपफत 2:18-20 पढ

इन पदो म परमशवर सती को एक ऐसा सिायक बतात ि िो परष स मि खाता ि। इसका अथय ि, ऐसा कोई िो साथ रि, िो एक िस मास का बना ि, परनत शिर भी शभनन ि। ऐसा कोई िो परष क बराबर ि, िो शमिकर एक िो सकत ि। ऐसा कोई िो परष को उस वयशकत क रप म पपरय बनाता ि शिस परमशवर क वरप म सिा गया ि।

परमशवर क वचन क परान शनयम म सिायक िबद अशिकतर परमशवर क शिय परयकत शकया िाता था, िो मनषय की सिायता क शिय उसक साथ आ िात थ। परमशवर क वचन क नय शनयम म वय यीि परमशवर क आतमा को अथायत परमशवर की उपशथशत को िमारा सिायक बतात ि।

38

कया परमशवर न परष और सती को समानता म सिा था या असमानता म?

समानता म

परष और सती समत सशटि म स परमशवर की सवयशष कशत ि। मनषय (नर और नारी दोनो) न परमशवर क शवास को परापत शकया, दोनो एक समान ि, एक-दपसर क पपरक ि और अपन सशटिकताय परमशवर तथा एक-दपसर क साथ एक समान समबनि म ि।

परष और सती भििाई क फिय िज गय थ…एक समान-एक समान

कया आि का ससार शसद ि?

निी।

परमशवर क शसद ससार को बदिन क शिय कछ िआ। याद रख शक परमशवर न परष और सती को सारी पथवी पर अशिकार शदया था, शिसम परमशवर क शसद ससार की दखभाि करना भी िाशमि था। उनिोन उनक शवियी िीवन क शिय उनि सबकछ शदया था।

परमशवर न परष और सती को एक वतनत इचछा क साथ सिा था, शक व मतय या िीवन चन, शक परमशवर की बशद तथा िीवन क वकष म भागीदार बनन को चन, या दटि क छि तथा भि और बर क जान क वकष म भागीदार बनन को चन।

परमशवर न मनषय (नर और नारी दोनो) को कया चयन शदया था? उतपफत 2:8-9 और उतपफत 2:15-17 पढ

मतय और िीवन का।

उतपशतत क तीसर अधयाय क अनत स पिि िी परथम परष और परथम सती न परमशवर की बशद तथा िीवन क वकष म भागीदार बनन को चनन की बिाय दटि क छि तथा भि और बर क जान क वकष म भागीदार बनन को चन शिया। परष और सती न अनततः िीवन और ििवनतता की ओर ि िान वाि भरोस, अनतरगता और परमशवर की बशद को वीकार करन वाि समबनि की बिाय अशवशवास, दपरी और परमशवर की बशद को ठकरान वाि समबनि को चना, िो अनत म उनि मतय और शवनाि की ओर ि गया। परष और सती न इस शसद ससार म मतय और दटिता को परवि करन शदया। उतपफत 3:1-7 और उतपफत 3:16-17 पढ

अब परष और सती का परपर समबनि किा ि, समान या असमान?

असमान

दोनो िी शनयनतर और अशिकार परापत करन का परयास करत ि। सती परष को शनयनतर म रखन का परयास करती ि और परष सती पर अशिकार रखन का परयास करता ि।

भििाई क फिय िज गय

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उतपफत 4:7 पढ

उतपफत 3:16-17 क सनदभय म िािसा िबद का अथय ि पीछ दौडना और शनयनतर करन तथा अपन िाभ क शिय उपयोग करन का परयास करना। उतपफत 3:16-17 क सनदभय म परभता िबद का अथय ि अशिकार रखना और अतयाचार करना।

दटिता स कषशतगरत सती अब परष क साथ कया करना चािती ि?

पीछ दौडना और शनयनतर करना तथा अपन िाभ क शिय उपयोग करना चािती ि।

दटिता स कषशतगरत परष अब सती क साथ कया करना चािता ि?

अशिकार रखना और अतयाचार करना चािता ि।

परष और सती दषटता ि कषफतगरसत ि…असमान-असमान

परनत किानी यिी समापत निी िो िाती। परमशवर अपन मिान परम म िोकर अपनी सशटि म मास और िि का मनषय बनकर उतर आय और मनषय क अपराि क परररामवरप शितनी कषशत, रोग, मतय और दटिता परवि कर गयी थी उस करप स पर अपन ऊपर ि शिया, यीि का पनरतथान िआ, वि सारी कषशत, रोग, मतय और दटिता पर शवियी िए, और िम उततमता क शिय पनथायशपत कर शदया ि।

परष और सती उतमता क फिय पनसराथफपत फकय गय ि…एक समान-एक समान

परनत किानी यिी समापत निी िो िाती। परमशवर अपन मिान परम म िोकर िम सामथयय और अशिकार दत ि शक दटिता स कषशतगरत ससार म िम दटि क झपठो को ठकराए, सतय को िान ताशक छि न िाय, और वय पर कशनदत िमारी चाितो पर, दटि पर और दटिता पर शवियी िोकर िीवन वयतीत कर।

िब िम शनयनतर करन और अशिकार रखन की अपनी चाित को तयाग दत ि और अपन शपता की इचछा क परशत शनरनतर समपयर की अवथा म रित ि, यीि क मास और िि बनकर आन, मरन, मतको म स िी उठन और ऊच पर उठा शिय िान क दारा िम िो कछ शमिा ि उस वीकार करत ि, तब िमारा पराना वय मर िाता ि और िम दटिता स कषशतगरत ससार म सचमच वतयमान म िीन िगत ि।

परमशवर अपन मिान परम म िोकर अपन पनथायपन और चगाई क शमिन म िम एक भाग दत ि। सत 15 और 16 म परमशवर की किानी, बाइबि, म स परमशवर क परम और उस भाग का अधययन करग िो वि िम अपन चगाई क शमिन म दत ि।

परष और सती चगाई क फिय भिज गय ि…एक समान-एक समान

इस सत म स आपन परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखी?

आपका वयाविाररक परशतउततर/पराथयना कया ि?चगाई क फिय भिज गय

दषटता ि कषफतगरसत ि

उतमता क फिय पनसराथफपत फकय गय

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सत 15: समबनि - शिषयताजब हम अपनी जीवनयातरा म आग बढ ह, ो पररलसथल चाह जसी भी हो, हम चाह जहा भी जाय, सवथाशलतिमान और सवथावयापी परमशवर सिा हमार सग रह ह…अनरग और वयलतिग ौर पर।

आरफभिक पारथनाशकसी स कि शक सत का आरमभ करन क शिय पराथयना कर।

आराधनाएक समपि क रप म दो या तीन आरािना क ऐस गीत चशनए और गाइए िो यि घोषरा करत िो शक परमशवर िमार सग ि।

बाइबि अधययनयाद रख शक इस याता क आरमभ म िमन सीखा था शक शिषयता का आरमभ परमशवर को और आपक शिय उनक परम को िानन स िोता ि, और यि िानन स िोता ि शक वि कौन ि, उनिोन कया शकया ि और वि कया करग। परमशवर क साथ उनक वचन म, उनकी उपशथशत म, आरािना म, पराथयना म और अनय शवशवाशसयो क साथ सगशत म समय वयतीत करन स परमशवर को िानन म सिायता शमिती ि।

शिषयता, िमम और अनय िोगो म शनरनतर चिन वािी एक दशनक परशकरया ि। िसा शक िमन दाखिता समबनि क सत म सीखा था शक िमार चररत म पररवतयन और वशद िाना पशवत आतमा का कायय ि। परमशवर को वय को अनय िोगो पर परकट करन क शिय िमारी आवशयकता निी ि शकनत िमार शिय अपन मिान परम क कारर उनिोन िम अपनी योिना का एक अग बनान क शिय चन शिया। यशद अनय िोग परमशवर को, उनक सतय को, उनक परम और सामथयय को िानना चाित ि, तो अवशय ि शक पिि व परमशवर क शवषय म सीख।

िम फकिक शिषय ि?

यीि क

सारी िशकत और अशिकार फकिक पास ि? मतती 28:18-20 पढ

यीि क पास

इन तीन पदो म यीि न अपन शिषयो स कौन ि चार काम करन क शिय किा?

1: िाओ

इस सनदभय म ‘िाओ’ का अथय यि भी िो सकता ि शक िब िम अपनी िीवनयाता म आग बढत ि (िम चाि िसी भी पररशथशत म िो), िब िम एक थान स दपसर थान की ओर याता करत ि (िम चाि शिस भी कषत म िो), उस पररशथशत पर और परतयक कषत पर यीि को सारी िशकत और अशिकार परापत ि। िमम स परतयक वयशकत यीि क साथ िमारी दशनक िीवनयाता म चाि किी पर भी िो, वि िमम स परतयक क साथ, परतयक शिषय क भीतर अपन आतमा क दारा अनतरग और वयशकतगत तौर पर ि।

2: बपशतमा दो

इस सनदभय म बपशतमा दन का अथय ि अनय िोगो को यीि का शिषय बनन क शिय सिकत करना। उनि, उनकी पिचान को, उनक आतमा और शपता को परापत करना। उनम पपरी तरि डपब िान का अथय ि उनकी िशकत और अशिकार को परापत करना, और उनक आतमा क दारा वतयमान तथा भशवषय क शिय शचरथायी, सकारातमक पररवतयन परापत करना।

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3: शसखाओ परभाविािी शिकषा का अथय ि अनय िोगो को यीि क बार म सीखन क शिय, उनक साथ अपन समबनि म वशद करन क शिय और अनय िोगो को शसखान क शिय सिकत करना। शसखान का अथय अनय िोगो को यि शदखाना निी ि शक िम शकतना िानत ि या अपन आप को सिी परमाशरत करना चाित ि। परतयक िाशत क िोगो, परषो और शसतयो (एक समान-एक समान) को, वयको और बािको (एक समान-एक समान) को, शसखाना।

4: शिषय बनाओ इस सनदभय म शिषय बनान का कायय परमख कायय ि। िम िोगो को बपशतमा दन क दारा (यीि को, उनकी पिचान को, उनक आतमा को और शपता को वीकार करन क शिय सिकत बनाकर) और उनि शिकषा दन क दारा (यीि क शवषय म सीखन और उनम वशद करन क शिय सिकत बनाकर) शिषय बनात ि।

मनषयो को यीि क शिषय बनाना अपनी योिना की पपशतय क शिय परमशवर की एक ररनीशत ि (इफिफियो 1:9-10)। शिषय बनान का कायय पशवत आतमा अपन शिषयो म और उनक दारा करत ि। परमशवर न अपनी योिना िमार सामन—अपन शिषयो क सामन—परकट कर दी ि, और िमार शिय अपन मिान परम क कारर उनिोन िमम स परतयक को अपनी योिना म एक भपशमका दी ि।

िब िम यीि क शवषय म सीख, िब िम यीि क साथ अपन समबनि क दारा परशतशदन यीि को अशिक स अशिक जान और उनि िान िो इस िीवनयाता म िमार साथ आग बढ रि ि, िब यीि वय को िमार साथ बाट, िम यीि क बार म अनय िोगो को बाय, िब यीि िमम सवाकायय कर तो िम यीि क नाम म, उनक आतमा क दारा अनय िोगो की सवा करन क दारा यीि की सवा कर, तब परमशवर की योिना पपरय िो िाती ि।

परतयक शिषय क पास एक साकषी ि, कयोशक परतयक शिषय क भीतर पशवत आतमा ि िो यीि क गवाि ि। आपकी साकषी यि ि शक आप अपन भीतर शनवास करन वािी मसीि की पररवतयनकारी िशकत क दारा वसा वयशकत बन िसा बनन क शिय परमशवर न आपको सिा ि।

िाकषती यीि का शिषय बनन स पिि आप फकि परकार क वयशकत थ? यीि क शिषय क तौर पर आप फकि परकार क वयशकत ि िो यि परकट करता ि शक यीि न आप म और आपक शिय कया पररवतयन शकया ि?

िब आपन यीि दारा शदय गय वय क मास और िि क बशिदान को वीकार करन और यीि का शिषय बनन का शनरयय शिया, उस समय आपक िीवन म कया पररशथशत थी?

वि सबस अशिक मितवपपरय बात कया थी शिसक कारर आपन यीि दारा शदय गय वय क मास और िि क बशिदान को वीकार करन और यीि का शिषय बनन का शनरयय शिया?

वतयमान म आपक िीवन म सबस मितवपपरय पररवतयन कया आया ि?

भशवषय म आपक िीवन म सबस मितवपपरय पररवतयन कया िोगा?

परतयक वयशकत—एक-एक करक—अपनी गवािी इस परकार द (परतयक वयशकत दो शमनट स कम समय ि) िस शकसी गरमसीिी को द रि ि। मसीिी िबदो, िस शक िमशी और उदार, का उपयोग न कर, बशलक समझाए शक आपक िीवन म उदार क कया मायन ि।

इस सत म स आपन परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखी?

आपका वयाविाररक परशतउततर/पराथयना कया ि?

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सत 16: समबनि – परमशवर का राजयहम उसक जस ही बन जा ह लजसकी हम आराधना कर ह।

आरफभिक पारथनाशकसी स कि शक सत का आरमभ करन क शिय पराथयना कर।

आराधना एक समपि क रप म दो या तीन आरािना क ऐस गीत चशनए और गाइए िो यि घोषरा करत िो शक यीि रािा ि!

याद रख शक इस याता क आरमभ म िमन सीखा था शक परमशवर वय को और अपनी योिना को परकट करना चाित ि, िो यि ि शक वगय और पथवी म की सभी वतओ को एक म, अथायत मसीि यीि क अशिकार तथा िासन क अिीन एकत शकया िाय। यीि परमशवर क राजय क िासक ि।

िबद अधययनराजय का अथय शकसी राजय क ऊपर िासन करन का वतवाशिकार या अशिकार या िशकत तथा उस िासन या अशिकार की अिीनता म आन वािा राजय या परानत दोनो िोता ि।

परमशवर का अथय ि सववोचच ईशवर, शिनि िम िानत ि शक शपता, पत और पशवत आतमा ि।

परमशवर क राजय का अथय ि वगय और पथवी क ऊपर िासन करन क शिय यीि का वतवाशिकार या अशिकार या िशकत। यीि मसीि क सनदि और सवाकायय तथा उनक चगाई क शमिन म उनक शिषयो की भपशमका को समझन क शिय परमशवर क राजय की छशव एक मितवपपरय कडी ि।

बाइबि अधययनिका 4:43 और पररतो 1:1-4 पढ

यीि न परमशवर क राजय क शवषय म परचार शकया और शिकषा दी, परमशवर क राजय को परदशियत शकया, और विी परमशवर क राजय क िासक ि।

यीि क अनसार उनक मास और िि बनकर आन स कया पपरा िो रिा था? िका 4:18-19 पढ

1. कगािो को ससमाचार का परचार

2. टपट मन वािो को चगाई

3. बशनदयो को छटकारा

4. अनिो को दशटिदान

5. कचि िओ को छडाना

6. घोषरा करना शक य सब िोन क शिय यि परमशवर क शनिायररत समय का आरमभ ि।

परमशवर का राजय यीि मसीि म पथवी पर, दटिता स कषशतगरत ससार म, आ चका ि।

43

यीि न यपिनना को कया बताया शक इस बात का परमार कया ि शक परमशवर का राजय/वगय का राजय पथवी पर आ चका ि? मतती 11:3-5 पढ

1. अनि दखत ि

2. िगड चित शिरत ि

3. कोढी िद शकय िात ि

4. बशिर सनत ि

5. मदम शििाए िात ि

6. कगािो को ससमाचार सनाया िाता ि

परान शनयम म उस शदन को िकर अनक नबपवत की गयी ि िब अनि दखग, िगड चिग और बशिर सनग। यि कवि आशतमक चगाई की बात निी करता ि। यीि न परकट शकया शक परमशवर का राजय समपपरय चगाई ि: आशतमक, िारीररक और मानशसक। समपपरय पररपपरयता और िाशनत।

परमशवर शपता न यीि को दटिता स कषशतगरत ससार म (िो दटि क परभाव और मनषय क अशिकार तथा शनयनतर की चाित क अिीनथ ि) भिा शक बशनदयो को छटकारा शदया िाय, टपट मन वािो को चगाई दी िाय और यि घोषरा की िाय शक परमशवर का राजय आ चका ि। िो िोग यीि दारा शदय गय वय क मास और िि क बशिदान को वीकार करत ि, व सदा-सवयदा क शिय बचा शिय िात ि। मतय क राजय स शनकाि िात ि और िीवन क राजय म िौटा शिय िात ि।

मतती 19:13-15 (मरकि 10:13-16 और िका 18:15-17 भी) पढ

िम कया सीखत ि शक बचचो क परशत यीि का कया दशटिकोर ि?

िािाशक यीि एक बचच क शवशवास और भरोस की तिना परमशवर क राजय स कर रि थ, शिर भी, यीि दारा बचचो म सवाकायय करन क शिय रकना िशकतिािी ि और तीनो ससमाचारो म िाशमि शकया गया ि। दटिता स कषशतगरत ससार म उस समय की सकशत यि थी शक बचच वयको की तिना म कम मपलयवान थ। शिषय इस ससार की सकशत का पािन कर रि थ और अभी तक परमशवर क राजय की सकशत म निी िी रि थ। अपन कायमो स यीि अपन शिषयो को शदखा रि थ शक दटिता स कषशतगरत ससार म परमशवर का राजय कसा शदखता ि।

यीि का वयको की तिना म बचचो क परशत दशटिकोर किा ि, एक समान या असमान?

एक समान

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िामफिक चचाथसमपि म चचाय कर शक परमशवर क राजय क परशत आपकी कया मानयता ि।

1. परमशवर तथा अनय िोगो क साथ पनथायशपत समबनि, परष, सती, िडका, िडकी…एक समान

2. शनियन तथा िनी िशकतिािी बनत ि…एक समान

3. एक समान िोगो का समाि, िो एक दपसर का शनमायर करता ि

4. यीि म शवशवास करन और िीन वाि सभी िोगो को िाशमि शकया िाना

5. इसाि और िाशनत क साथ समाि का शनमायर

6. सतय और परम क दारा बशनदयो को छटकारा

7. ईमानदार काययनीशतया सकशत बन िाती ि

परमशवर का राजय यीि म परकट िआ ि।

यीि न िम यि शिममदारी दी ि शक िम उनक आतमा क दारा, उनकी िशकत और अशिकार क साथ, दटिता स कषशतगरत ससार म िीवन वयतीत कर और परमशवर शपता की मशिमा क शिय परमशवर क राजय की परगशत का अग बन।

परमशवर क साथ उनक वचन म, उनकी उपशथशत म, आरािना म, पराथयना म, अनय शवशवाशसयो क साथ सगशत म समय वयतीत करत िए, यीि स परापत करत िए, दटिता स कषशतगरत इस ससार म यीि की शविय म िीवन वयतीत करत िए, उनक मिान परम की साकषी दत िए और शिषय बनात िए िम परमशवर को, िमार शिय उनक परम को शितना अशिक िानत ि, उतना िी अशिक िम वतयमान म पथवी पर परमशवर क राजय म िीवन वयतीत करत ि।

इस सत म स आपन परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखी?

आपका वयाविाररक परशतउततर/पराथयना कया ि?

पारथनाइफिफियो 3:14-21 इसललए म परमलपा क आग झतका ह। उसी स सवगथा म या धरी पर क सभी वश अपन अपन नाम गरहण कर ह। म पाथथाना करा ह लक वह मलहमा क अपन धन क अनतसार अपनी आतमा क दारा तमहार भीरी वयलतितव को शलतिपवथाक सतदढ कर। और लवशवास क दारा तमहार हियो म मसीह का लनवास हो। तमहारी जड और नीव पम पर लिक । लजसस तमह अनय सभी स जनो क साथ यह समझन की शलति लमल जाय लक मसीह का पम लकना वयापक, लवस , लवशाल और गमभीर ह। और तम मसीह क उस पम को जान लो जो सभी पकार क जानो स पर ह ालक तम परमशवर की सभी पररपणथा ाओ स भर जाओ।

अब उस परमशवर क ललय जो अपनी उस शलति स जो हमम काम कर रही ह, लजना हम माग सक ह या जहा क हम सोच सक ह, उसस भी कही अलधक कर सका ह, उसकी कलीलसया म और मसीह यीशत म अनन पीलढयो क सिा सिा क ललय मलहमा होी रह। आमीन। (ERV)

45

छ मितव

मितवितीन

तयनत मितवपणथ