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भारत 2018 मानव अ ध ि कार र 1पो4ट का 4 यकारी सारांश भारत ; ि -सदनीय व ि धा य ि का वाला एक बAदलीय, संघीय, संसदीय लोकतंD है। राHप त ि , जो क J संसद और राLय व ि धानसभाM से बने न ि 4 वाचक मंडल ;ारा चुना जाता है, राHाRयS होता है, और TधानमंDी सरकार का अRयS। सं व ि धान के अंत 4गत 29 राLयW और सात कXY शास ि त TदेशW को उ[-\तरीय \वाय]ा Tा^ है, तथा क़ानून और bव\था का मुcय दा य ि dव उeहf का है। मतदाताM ने 2017 मX 5 व 4 ष कj अव ध ि के ल ि ए राHप त ि रामनाथ को व k द को चुना, और सन् 2014 के आम चुनावW मX भारतीय जनता पाटo (बीजेपी) के नेतृdव वाले राHीय लोकतां D ि क गठबंधन कj जीत के बाद नरXY मोदी TधानमंDी बने। TेSकW ने इन चुनावW को, ज ि नमX 55 करोड़ 10 लाख से अ ध ि क भागीदार शा म ि ल थे, ह k सा कj इwा-दुwा घटनाM के बावजूद, \वतंD और न ि xपS माना। असै न ि क अ ध ि का र 1 यW ने सुरSा बलW पर कारगर न ि यंDण बनाए रखा। मानवा ध ि कार संबंधी मुzW मX मनमाने ढंग से हdयाM, जबरन ग़ायब हो जाने; यातना; पु ल ि स कj ह ि रासत मX बलाdकार; मनमाने ढंग से ग ि र~तार करने या ह ि रासत मX लेने; कारावासW कj कठोर और जीवन-जो ख ि म वाली पर 1 \थ ि ि यW कj र 1 पोट; और कुछ व ि ि राLयW मX राजनी त ि क बं द J यW कj र 1 पोट शा म ि ल थf, सXसर श ि प, सोशल मी ड ि या संवाद पर मुक़दमा चलाने के ल ि ए मान-हा न ि क़ानूनW के इ\तेमाल, और साइट-अवरोधन कj घटनाएं जारी रहf। सरकार ने कुछ ग़ैर-सरकारी संगठनW (एनजीओ) के व ि देशी न ि धीयन पर पाबं द J यां लागू क, ि नमX ऐसे व ि चारW वाले एनजीओ शा म ि ल ह जो सरकार के कथनानुसार “राHीय ह ि त” मX नहf ह, ज ि ससे इन एनजीओ के कामW मX कमी आई। bापक ाचार, बलाdकार, घरेलू ह k सा, दहेज-संबं ध ि त मौतW, समान के नाम पर हdयाM के बारे मX आपरा ध ि क तहक़jक़ातW या उ]रदा य ि dव का अभाव Tमुख मुzे बने रहे। ह k सा तथा धा म क संबता, यौन अ भ ि मुखता, ल k ग तादाdय, और आ द J वा स ि यW स ह ि त जा त ि अथवा कबीले के आधार पर भेदभाव कj घटनाएं भी घटf। सरकार के सभी \तरW पर दुराचार के ल ि ए उ]रदा य ि dव का अभाव जारी रहा, ज ि सने bापक दडाभाव मX योगदान क J या। अलग-अलग मामलW मX तहक़jकातX A और मुक़दमे चले, ले क J न ढुल-मुल Tव 4 तन, T श ि S ि पु ल ि स अ ध ि का र 1 यW कj कमी, तथा अdय ध ि क बोझ तले दबी और संसाधनW कj कमी से \त अदालत Tणाली के कारण दोष- स ि ि यW कj संcया कम रही। जमू-कमीर राLय, उ]र पू 4व, और माओवादी Tभाव ि त इलाकW मX पृथकतावादी व ि Yो ह ि यW ने गंभीर दु 4bवहार J ए, ज ि नमX सश सेना के लोगW, पु ल ि स, सरकारी अ ध ि का र 1 यW और नाग र 1 कW कj हdयाएं और उeहX यातनाएं देना, और बाल सै न ि कW कj भतo और उनका इ\तेमाल शा म ि ल है। खंड 1. b ि कj अखंडता का समान ज ि समX न ि ां क J त से \वतंDता शा म ि ल है: ए. मनमाने ढंग से जीवन हरण तथा अeय ग़ैरक़ानूनी अथवा राजनी त ि Tे र 1 त हdयाएं ऐसी र 1 पोट थf क J सरकार और उसके एजXटW ने मनमाने ढंग से अथवा ग़ैर-क़ानूनी हdयाएं क ज ि न मX सं द J ध अपरा ध ि यW और व ि Yो ह ि यW कj eयायेतर हdयाएं शा म ि ल ह।

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  • भारत 2018 मानव अ धि कार र1 पो 4ट

    का 4यकारी सारांश

    भारत ;ि -सदनीय वि धा यि का वाला एक बAदलीय, संघीय, संसदीय लोकतंD ह।ै राHप ति , जो कJ संसद और राLय वि धानसभाM से बने नि 4वाचक मंडल ;ारा चुना जाता ह,ै राHाRयS होता ह,ै और TधानमंDी सरकार का अRयS। सं वि धान के अंत 4गत 29 राLयW और सात कX Y शा सि त TदशेW को उ[-\तरीय \वाय]ा Tा^ ह,ै तथा क़ानून और bव\था का मुcय दा यि dव उeहf का ह।ै मतदाताM ने 2017 मX 5 व 4ष कj अव धि के लि ए राHप ति रामनाथ को वk द को चुना, और सन् 2014 के आम चुनावW मX भारतीय जनता पाटo (बीजेपी) के नेतृdव वाले राHीय लोकतां Dि क गठबंधन कj जीत के बाद नरXY मोदी TधानमंDी बने। TेSकW ने इन चुनावW को, जि नमX 55 करोड़ 10 लाख से अ धि क भागीदार शा मि ल थे, हk सा कj इwा-दwुा घटनाM के बावजूद, \वतंD और नि xपS माना।

    असै नि क अ धि का र1 यW ने सुरSा बलW पर कारगर नि यंDण बनाए रखा। मानवा धि कार संबंधी मुzW मX मनमाने ढंग से हdयाM, जबरन ग़ायब हो जाने; यातना; पु लि स कj हि रासत मX बलाdकार; मनमाने ढंग से गि र~तार करने या हि रासत मX लेने; कारावासW कj कठोर और जीवन-जो खि म वाली प र1 \थि ति यW कj र1 पोट; और कुछ वि शि राLयW मX राजनी ति क बं दJ यW कj र1 पोट शा मि ल थf, सXसर शि प, सोशल मी डि या संवाद पर मुक़दमा चलाने के लि ए मान-हा नि क़ानूनW के इ\तेमाल, और साइट-अवरोधन कj घटनाएं जारी रहf। सरकार ने कुछ ग़ैर-सरकारी संगठनW (एनजीओ) के वि दशेी नि धीयन पर पाबं दJ यां लागू क, जि नमX ऐसे वि चारW वाले एनजीओ शा मि ल ह जो सरकार के कथनानुसार “राHीय हि त” मX नहf ह, जि ससे इन

    एनजीओ के कामW मX कमी आई। bापक ाचार, बलाdकार, घरेलू हk सा, दहजे-संबं धि त मौतW, समान के नाम पर हdयाM के बारे मX आपरा धि क तहक़jक़ातW या उ]रदा यि dव का अभाव Tमुख मुzे बने रह।े हk सा तथा धा म क संबता, यौन अ भि मुखता, लk ग तादाdय, और आ दJ वा सि यW स हि त जा ति अथवा कबीले के आधार पर भेदभाव कj घटनाएं भी घटf।

    सरकार के सभी \तरW पर दरुाचार के लि ए उ]रदा यि dव का अभाव जारी रहा, जि सने bापक दडाभाव मX योगदान कJ या। अलग-अलग मामलW मX तहक़jकातX A और मुक़दमे चले, ले कJ न ढुल-मुल Tव 4तन, T शि Sि त पु लि स अ धि का र1 यW कj कमी, तथा अdय धि क बोझ तले दबी और संसाधनW कj कमी से \त अदालत Tणाली के कारण दोष- सि ि यW कj संcया कम रही।

    जमू-कमीर राLय, उ]र पू 4व, और माओवादी Tभा वि त इलाकW मX पृथकतावादी वि Yो हि यW ने गंभीर दु 4bवहार कJ ए, जि नमX सश सेना के लोगW, पु लि स, सरकारी अ धि का र1 यW और नाग र1 कW कj हdयाएं और उeहX यातनाएं

    दनेा, और बाल सै नि कW कj भतo और उनका इ\तेमाल शा मि ल ह।ै

    खंड 1. b ि कj अखंडता का समान जि समX नि ां कJ त से \वतंDता शा मि ल ह:ै

    ए. मनमाने ढंग से जीवन हरण तथा अeय ग़ैरक़ानूनी अथवा राजनी ति Tे र1 त हdयाएं ऐसी र1 पोट थf कJ सरकार और उसके एजXटW ने मनमाने ढंग से अथवा ग़ैर-क़ानूनी हdयाएं क जि न मX सं दJ ध अपरा धि यW और वि Yो हि यW कj eयायेतर हdयाएं शा मि ल ह।

  • अपरा धि यW और वि Yो हि यW कj eयायेतर हdयाएं शा मि ल ह।

    गृह मंDालय के 2017-18 के आंकड़W के अनुसार, राHीय मानव अ धि कार आयोग (एनएचआरसी) के तहक़jक़ात वि भाग ने दशे भर मX 59 "मुठभेड़ मौतW" कj र1 पो 4ट दी, जि स शदावली का इ\तेमाल सुरSा अथवा पु लि स

    बलW और क थि त अपरा धि यW अथवा वि Yो हि यW के बीच ऐसी कJ सी मुठभेड़ को बयान करने के लि ए कJ या जाता ह ै जि सके प र1 णाम मX कJ सी कj मौत Aई हो। यह संcया पि छली र1 पो 4ट-अव धि कj तुलना मX कम थी। द Sि ण ए शि याई आतंकवाद पो 4टल ने, जि स का संचालन मुनाफ़ा-न-कमाने वाला संघ 4ष Tबंध सं\थान करता ह,ै 23 सि तबर तक दशे भर मX 152 नाग र1 कW, सुरSा बल के 142 सद\यW, और 377 आतंकवा दJ यW या वि Yो हि यW के

    मारे जाने कj र1 पो 4ट दी। हि रासत मX मौत के मामलW कj र1 पोट मि लना जारी रहा, जि नमX पु लि स कj हि रासत मX क़ैदी या बंदी मार डाले

    गए या मर गए। 14 मा 4च को, घरेलू मामलW के राLयमंDी हसंराज गंगाराम अहीर ने संसद के ऊपरी सदन को बताया कJ एनएचआरसी ने अTैल 2017 और फरवरी के बीच हि रासत मX मौतW के 1,674 मामले द 4ज कJ ए। लगभग 1,530 मौतX eया यि क हि रासत मX, जब कJ 144 मौतX पु लि स कj हि रासत मX A। 26 जून को जारी मानवा धि कारW के ए शि याई कX Y के टॉ 4चर अपडटे इं डि या कj र1 पो 4ट के अनुसार, अTैल 2017 से 28 फरवरी तक हि रासत मX औसतन पांच मौतX T ति दJ न A। यह 2001 से 2010 तक के मुक़ाबले अ धि क ह,ै जब कJ हि रासत मX

    T ति दJ न औसतन लगभग चार मौतX द 4ज कj गई थf।

    22 जुलाई को, अ धि का र1 यW ने राज\थान मX तब एक व र1 ¡ पु लि स अ धि कारी को नि लं बि त कर दJ या जब मवेशी bापारी रकबर खान पु लि स कj हि रासत मX मर गया। बताया गया कJ अ धि का र1 यW ;ारा पकड़ ेजाने से पहले खान पर गाँव वालW ने इस संदहे मX हमला कJ या था कJ वह गौ-त\करी कर रहा था। पु लि स ने खान को ढ़ाई मील दरू \थानीय अ\पताल तक पAचंाने मX चार घंटे लगाए और मी डि या सूDW के अनुसार, बताया जाता ह ैकJ वे मा 4ग मX चाय पीने के लि ए ¤के। डॉ¥टरW ने खान को पAचंते ही मृत घो षि त कJ या। राLय के अ धि का र1 यW

    ने उस हमले के सि ल सि ले मX तीन लोगW को गि र~तार कJ या और घटना कj eया यि क जांच शु¦ कj; ले कJ न 20 अग\त तक अ धि का र1 यW ने कोई आपरा धि क आरोप दा ख़ि ल नहf कJ ए थे। जमू और कमीर राLय, उ]र पूवo राLयW, और दशे के माओवादी- Tभा वि त SेDW मX सरकार, और संग ठ1 त वि Yो हि यW तथा आतंकवा दJ यW स हि त, ग़ैर सरकारी बलW ;ारा हdयW कj र1 पोट मि लf (दखेX खंड 1.जी.)

    जमू और कमीर राLय राLय मX, संघ 4ष Tबंध सं\थान ने संपू 4ण 2017 के दौरान 317 के मुक़ाबले, जून तक आतंकवादी हk सा के कारण 213 मौतX द 4ज क।

    14 जून को, राइ ज़k ग कमीर के Tधान संपादक शुजात बुखारी और दो पु लि स अंगरSकW कj अ©ात बंदकूधा र1 यW ;ारा उस समय गोली मारकर हdया कर दी गई जब वे अपने द~तर से रवाना Aए। पु लि स कj तहक़jक़ात मX कहा गया कJ सरकार सम थ त एक शां ति Tयास के T ति बुखारी के सम 4थन का बदला लेने के लि ए उवा दJ यW ने उeहX लªय बनाया।

    25 जून को, मRयTदशे राLय वि धानसभा मX T\तुत eया यि क आयोग कj तहक़jक़ात र1 पो 4ट मX, छाDW के भारतीय इ\लामी आंदोलन के आठ सं दJ ध सद\यW को 2016 मX एक उ[-सुरSा कारावास से भाग नि कलने के बाद मार डालने मX ताक़त के इ\तेमाल को eयायसंगत ठहराया गया। पु लि स और कारावास अ धि का र1 यW ने इन लोगW कj तब गोली मारकर हdया कर दी जब क थि त ¦प से वे भोपाल के एक उ[-सुरSा कारावास मX एक पहरेदार को मार कर भाग नि कले।

  • सव«[ eयायालय ;ारा 2017 के इस आदशे के Tdयु]र मX कJ 1979 और 2012 के बीच म णि पुर मX पु लि स, सेना, और अ 4धसै नि क बलW ;ारा क थि त 1,528 हdयाM मX से 87 कj कX Yीय जांच यूरो (सीबीआई) को जांच करनी चा हि ए, सीबीआई ने अग\त तक म णि पुर के 20 पु लि स वालW के ख़ि लाफ़ आरोप द 4ज कJ ए थे।

    सश सेना वि शेषा धि कार क़ानून (एएफ़एसपीए) के तहत, कX Y सरकार ;ारा कJ सी राLय तथा कX Y शा सि त Tदशे को "अशांत SेD" नि द¬ कर दJ ए जाने से उस राLय के सुरSा बलW को यह अ धि कार मि ल जाता ह ै कJ वे "क़ानून और bव\था बनाए रखने" के लि ए घातक श ि का इ\तेमाल कर सकते ह और कJ सी भी b ि को " जि सके ख़ि लाफ़ त 4कसंगत संदहे मौजूद हो" गि र~तार कर सकते ह, उस b ि को यह बताए बग़ैर कJ उसे कJ स आधार पर गि र~तार कJ या जा रहा ह।ै यह क़ानून सुरSा बलW को एएफ़एसपीए के तहत आने वाले SेDW मX कJ ए गए कृdयW के वि ¤ असै नि क मुक़दमW से नि रापदता भी Tदान करता ह,ै हालां कJ 2016 मX सव«[

    eयायालय इस नि xक 4ष पर पAचंा था कJ अशांत SेD मX सश बलW के हाथW Aई हर मौत कj, चाह ेवह आम आदमी कj हो या आतंकवादी कj, पू 4ण ¦प से तहक़jक़ात कj जानी चा हि ए, और साथ ही यह भी कहा था कJ क़ानून समान ¦प से लागू कJ या जाना चा हि ए।

    नगालड, म णि पुर, असम और मि ज़ोरम के कुछ हि \सW मX एएफ़एसपीए लागू रहा, और इस क़ानून का एक ¦प जमू और कमीर राLय मX लागू था। एएफ़एसपीए को रz कJ ए जाने के T ति काफ़j जन सम 4थन था, वि शेषकर उन SेDW मX जहां वि Yो हि यW ;ारा हमलW मX उलेखनीय कमी दखेी गई ह।ै मानवा धि कार संगठनW ने भी, मानवा धि कारW के अनेकW क थि त उलंघनW का हवाला दतेे Aए, इस क़ानून को रz करने कj मांग जारी रखी। eयाये]र, सरसरी अथवा मनमाने ढंग से Tाणदडं के बारे मX संयु राH संघ के वि शेष T ति वेदक, और मानवा धि कारW के हि माय ति यW कj \थि ति के बारे मX वि शेष T ति वेदक ने जुलाई मX तब अ धि का र1 यW से क थि त मुठभेड़ मौतW के बारे मX तहक़jक़ातX पूरी करने का आह कJ या जब सीबीआई के अ धि कारी इन मामलW कj जांच के लि ए सव«[ eयायालय ;ारा तय कj गई 2 जुलाई कj तीसरी समय सीमा का पालन करने मX असफल रह।े वि शेष©W ने कहा कJ सरकार का यह दा यि dव ह ै कJ वह संभाb ग़ैरक़ानूनी हdयाM के सभी आरोपW कj

    अ वि लंब, कारगर, और संपू 4ण तहक़jक़ात सु नि ®ि त करे।

    एनजीओ कॉमनवैथ ¯यूमन राइ°स इ नि शि ए ट1 व ने अपनी 2016 कj र1 पो 4ट मX Rयान दJ लाया कJ 2012 और 2016 के बीच एएफ़एसपीए के तहत आने वाले राLयW मX सश बलW के ख़ि लाफ़ मानवा धि कारW के उलंघनW कj जि न 186 शि कायतW कj र1 पो 4ट कj गई उनमX से 49.5 T ति शत जमू और कमीर राLय से थf। सूचना के अ धि कार के क़ानून के तहत घरेलू मामलW के मंDालय ;ारा उपलध कराए गये आंकड़W मX ले कJ न यह नहf बताया गया कJ ¥या यह माना गया कJ शि कायतW मX कोई योयता थी।

    संयु राH संघ के मानवा धि कार उ[ायु का 4यालय (ओएचसीएचआर) ने कमीर मX मानव अ धि कारW कj \थि ति के बारे मX र1 पो 4ट Tका शि त कj जि समX जून 2016 से अTैल 2018 के बीच सुरSा बलW ;ारा कJ ए गए

    क थि त उलंघनW का Tलेखन कJ या गया। र1 पो 4ट मX अनुमान पेश कJ या गया कJ सुरSा बलW ;ारा नाग र1 कW कj हdया 130 से 145 के बीच रही, और सश ुपW ;ारा हdयाएं 16 से 20 के बीच रहf। जमू और कमीर कj सरकार ने जुलाई 2016 और फरवरी 2017 के बीच 51 लोगW के मारे जाने और 9,042 T ति वा दJ यW के ज़cमी होने कj र1 पो 4ट दी। र1 पो 4ट मX सभी राLयW और कX Y शा सि त TदशेW मX एएफ़एसपीए रz कJ ये जाने, और इस भारतीय राLय मX मानवा धि कारW कj \थि ति के बारे मX अंत 4राHीय जांच कj मांग कj गई।

    ग़ैर-सरकारी बलW ने, जि नमX संग ठ1 त वि Yोही और आतंकवादी शा मि ल ह, जमू और कमीर राLय मX, उ]र-

  • ग़ैर-सरकारी बलW ने, जि नमX संग ठ1 त वि Yोही और आतंकवादी शा मि ल ह, जमू और कमीर राLय मX, उ]र-पूवo राLयW मX, और माओवादी Tभा वि त SेDW मX (दखेX खंड1. जी.) अनेकW हdयाएं और बबा र1 यां क। झारखंड और बि हार मX माओवा दJ यW ने सुरSा बलW और सड़कW, रेलवे और संचार टावरW जैसी ढांचागत सु वि धाM पर हमले जारी रखे।

    बी. ग़ायब हो जाना

    ऐसे आरोप थे कJ पु लि स हि रासत मX लि ए गए लोगW कj गि र~तारी कj आवयक र1 पोट द 4ज करने मX नाकाम रही, जि सके प र1 णाम मX लापता हो जाने के सकड़W मामले अनसुलझे पड़ ेरह।े पु लि स और सरकारी अ धि का र1 यW ने इन दावW का खंडन कJ या। कX Yीय सरकार ने र1 पो 4ट दी कJ राLय सरकार कj जांच स मि ति यW ने हि रासत मX लि ए गए लोगW कj \थि ति के बारे मX प र1 वारW को सू चि त कJ या। ले कJ न ऐसी र1 पोट थf कJ कारावास Tह र1 यW

    ने कई बार यह पु ि करने के लि ए प र1 वार वालW से र1 ±त मांगी कJ उनके र1 तेदार हि रासत मX ह। व 4ष के दौरान, संघ 4ष वाले SेDW मX ग़ायब हो जाने कj ऐसी घटनाएं A कJ जि नके लि ए सरकारी बलW, अ 4धसै नि क बलW और वि Yो हि यW को ज़ि मेदार ठहराया गया (दखेX खंड1.जी.)।

    फरवरी मX, जबरन या अनै ²छि क ¦प से ग़ायब हो जाने संबंधी संयु राH संघ के का 4य-दल ने सरकार को जबरन ग़ायब हो जाने के नए सामने आए 16 मामलW के बारे मX सू चि त कJ या जो क थि त ¦प से 1990 से 1999 के बीच घटे।

    जमू और कमीर पु लि स ;ारा, जबरन अदृयता के आरोप सामने आए। हालां कJ अ धि का र1 यW ने इन आरोपW का खंडन कJ या, और दावा कJ या कJ 2015 के बाद से जबरन ग़ायब हो जाने का कोई मामला घ ट1 त नहf Aआ, ग़ायब हो गए लोगW के माता- पि ताM के संगठन ने जमू और कमीर राLय मX ग़ायब हो जाने के क थि त 639 मामलW के बारे मX पूछ-ताछ करने वाली अ ज़ यां दा खि ल क। जुलाई मX जमू और कमीर राLय के मानवा धि कार आयोग ने अपने पु लि स वि भाग को इन मामलW कj तहक़jक़ात करने का आदशे दJ या। सी. यातना तथा अeय ³ूर, अमानवीय अथवा अपमानजनक bवहार या सज़ा

    क़ानून यातना कj मनाही करता ह,ै ले कJ न ऐसी र1 पोट थf कJ सरकारी अ धि का र1 यW, वि शेष ¦प से पु लि स ने, ऐसे bवहारW का Tयोग कJ या।

    पु लि स ;ारा बं दJ यW कj पि टाई के प र1 णाम \व¦प हि रासत मX मौतX A (दखेX खंड1. ए.)।

    क़ानून अ धि का र1 यW को जबरन \वीकारो ि को साªय मX शा मि ल करने कj अनुम ति नहf दतेा, ले कJ न एनजीओ तथा नाग र1 कW का आरोप था कJ जबरन \वीकारो ि यW के लि ए अ धि का र1 यW ने यातना का इ\तेमाल कJ या। कुछ मामलW मX अ धि का र1 यW ने मृdयुदडं वाले मुक़दमW मX ऐसी \वीकारो ि यW को साªय के ¦प मX पेश कJ या। अ धि का र1 यW ने क थि त ¦प से धन ´ठने के साधन या सरसरी सज़ा के ¦प मX यातना का इ\तेमाल कJ या। मानवा धि कार वि शेष©W के अनुसार, सरकार ने रz कJ ए कर दJ ए गए आतंकवाद नि वारक क़ानून तथा आतंकवादी एवं वि घटनकारी ग ति वि धि क़ानून के तहत गि र~तार कJ ए गए और अ भि योग लगाए गए b ि यW पर मुक़दमे चलाना जारी रखा। रz कJ ए गए क़ानून के तहत अ धि कारीगण पु लि स अफ़सर के समुख कj गई \वीकारो ि को अदालत मX \वीका 4य साªय जैसा मानते थे। 13 जुलाई को मांµा, क 4नाटक मX एक 45 वषoय द लि त पु¤ष बी. मूतo एक पु लि स \टेशन मX लटका Aआ पाया

  • 13 जुलाई को मांµा, क 4नाटक मX एक 45 वषoय द लि त पु¤ष बी. मूतo एक पु लि स \टेशन मX लटका Aआ पाया गया। कई द लि त संगठनW के अनुसार पु लि स को मूतo पर मोटर-साइ कJ ल चोर होने का संदहे था और उeहWने पु लि स हि रासत मX उसे यातना दी। चार पु लि स अफ़सरW को क 4तb के T ति लापरवाही के लि ए नि लं बि त कJ या गया। आपरा धि क तहक़jक़ात वि भाग ने इस मौत कj छानबीन का काम अपने हाथ मX ले लि या ले कJ न व 4ष कj समा ^ि तक अपने नि xक 4ष पेश नहf कJ ए थे। राHमंडल मानव अ धि कार पहल नामक एनजीओ के अनुसार, 2 अग\त को स ³J यवादी ता लि ब Aसैन को जमू और कमीर राLय मX सांबा कj पु लि स ने उस समय यातना दी जब वह हि रासत मX था और उसका सि र फूट गया। Aसैन आठ वषoय आ सि फ़ा बानो के सामू हि क बलाdकार और हdया के मामले का एक गवाह था। (दखेX खंड 6)। 9 मा 4च को, ओ डि शा के मानवा धि कार आयोग ने राLय सरकार को आदशे दJ या कJ वह अभय सk ह के प र1 वार को मुआवज़े के ¦प मX 300,000 ¤पये का (4,225 डॉलर) द,े जो कJ पुराकालीन व\तुM का bापारी था और जून 2017 मX उस समय मर गया जब वह पु लि स कj हि रासत मX था।

    ऐसी र1 पोट मि लना जारी रहा कJ पु लि स ने ी और पु¤ष ब eदि यW का बलाdकार कJ या। सरकार ने एनएचआरसी को बलाdकार के ऐसे मामलW कj तहक़jक़ात करने का अ धि कार दJ या जि नमX पु लि स अफ़सरW का उलझाव हो। क़ानून के अनुसार एनएचआरसी सेना और अ 4धसै नि क बलW से संब मामलW के बारे मX भी सूचना का अनुरोध कर सकता ह,ै ले कJ न उसे उन मामलW कj तहक़jक़ात का कोई आदशे नहf दJ या गया ह।ै एनजीओ का दावा था कJ एनएचआरसी ने पु लि स हि रासत मX बलाdकारW कj संcया को कम करके आंका। कुछ बलाdकार-पी ड़ि त सामा जि क कलंक के कारण और बदले कj का 4रवाई कj संभावना के कारण इन अपराधW कj र1 पो 4ट द 4ज करने के अ नि ²छुक थे, जि से यह अवबोध और बल Tदान करता ह ै कJ नि रीSण और उ]रदा यि dव का अभाव ह,ै ख़ासतौर पर तब जब अपराधक 4ता पु लि स अफ़सर या अeय अ धि कारी हो। ऐसी र1 पोट थf कJ पु लि स अ धि का र1 यW ने बलाdकार के मामले द 4ज करने से इeकार कJ या।

    कारावास एवं हि रासत कX Y प र1 \थि ति यां

    कारावास प र1 \थि ति यां अ¥सर जान-जो खि म वाली थf। सबसे उलेखनीय ¦प मX अप 4या^ \व²छता, चि कJ dसीय दखे-रेख के अभाव, और चरम अ ति संकुलता के कारण।

    भौ ति क प र1 \थि ति यांः कारावासW मX अ¥सर अdय धि क भीड़-भाड़ थी; और खा·, चि कJ dसीय दखे-भाल, \व²छता, और प 4यावरणीय \थि ति यां अ¥सर अप 4या^ थf। पीने योय पानी हर कहf उपलध हो ऐसा नहf था। जेलW और हि रासत कX YW का नि धीयन और क म कW कj संcया आवयकता से कम बनी रही, और प 4या^ ढांचागत सु वि धाM का अभाव रहा। क़ै दJ यW के साथ शारी र1 क ¦प से दु 4bवहार कJ या गया।

    राHीय अपराध र1 कॉ 4ड यूरो (एनसीआरबी) कj भारत के कारागार आंकड़W कj 2015 कj र1 पो 4ट के अनुसार, दशे मX 1,401 कारागार थे जि नकj अ धि कृत Sमता 366,781 b ि थी। क़ैद मX रखे जा रह ेलोगW कj वा\त वि क संcया 419,623 थी। जेलW कj आबादी का दो- ति हाई से अ धि क हि \सा वे लोग थे जो मुक़दमW का इंतज़ार कर रह ेथे। क़ानून कj मांग यह ह ै कJ नाबा लि ग लोगW को पुन 4वासीय सु वि धाM मX हि रासत मX रखा जाए, य· पि अ धि का र1 यW ने कई बार उeहX वय\क जेलW मX क़ैद रखा, ख़ासतौर पर ामीण SेDW मX। अ धि का र1 यW ने अ¥सर मुक़दमे से पहले हि रासत मX रखे जा रह ेलोगW को दोष- सि क़ै दJ यW के साथ हि रासत मX रखा। सव«[ eयायालय ;ारा नि यु एक सलाहकार के अनुसार, उ]र Tदशे मX अ धि कांश जेलW मX क़ैद लोगW कj

  • रखा। सव«[ eयायालय ;ारा नि यु एक सलाहकार के अनुसार, उ]र Tदशे मX अ धि कांश जेलW मX क़ैद लोगW कj संcया अनुमत Sमता से दगुुनी, और कई बार तीन गुना थी।

    2017 मX, घरेलू मामलW के राLयमंDी हसंराज गंगाराम अहीर ने संसद के नि चले सदन को सू चि त कJ या कJ 2015 तक म हि ला क़ै दJ यW कj 17,834 कj जनसंcया के लि ए 4,391 म हि ला जेल का म क थf। जेलW मX जो ब[े अपनी माताM के साथ रहते ह उनकj संcया के बारे मX सां cयि कjय र1 पोट Tा^ करने के लि ए एनएचआरसी ने 21 मई को सभी राLयW और कX Y शा सि त TदशेW को नो ट1 स जारी कJ ए। आयोग ने मी डि या कj इस र1 पो 4ट के आधार पर नो ट1 स जारी कJ ए कJ 46 ब[े, जि नमX 25 लड़के और 21 लड़ कJ यां शा मि ल थf, जेलW मX अपनी माताM के साथ रह रह ेह। 5 फरवरी को, क 4नाटक राLय सरकार ने क 4नाटक उ[ eयायालय मX एक हलफ़नामा दा ख़ि ल कJ या जि समX कहा गया कJ जनवरी 2012 से अ¥टूबर 2017 के बीच राLय कj जेलW मX 48 अTाकृ ति क मौतX A; इनमX से एक मामले मX मुआवज़ा अदा कJ या गया।

    मंुबई मX 2017 मX दोष- सि म हि ला मंजुला शे¸े कj मौत के लि ए 20 जून को अ भि योाM ने जेल के वा 4डन और 5 अeय जेल अ धि का र1 यW के वि ¤ हdया, षडयंD, आपरा धि क अ भि Dास, और साªय को न करने के आरोप द 4ज कJ ए। इन अ धि का र1 यW को अप 4या^ भोजन के बारे मX उसकj शि कायत के बाद शे¸े पर क थि त Tहार के लि ए 2017 मX गि र~तार कJ या गया था। एक सरकारी डॉ¥टर को, जि सने मृdयु Tमाण पD पर ह\ताSर कJ ए थे, नि लं बि त कर दJ या गया। Tशासनः अ धि का र1 यW ने मि लने आने वालW को बं दJ यW तक सी मि त पAचं कj अनुम ति दी, हालां कJ कुछ प र1 वार जनW ने दावा कJ या कJ अ धि का र1 यW ने र1 तेदारW को पAचं Tदान नहf कj, ख़ासतौर पर संघ 4ष-रत SेDW मX, जि नमX जमू और कमीर राLय शा मि ल ह।ै

    \वतंD अनुवीSणः एनएचआरसी को पूरे व 4ष बं दJ यW कj मानवा धि कार उलंघन कj शि कायतX मि लf जि नकj उसने तहक़jक़ात कj, ले कJ न स¹य समाज T ति नि धि यW का मानना था कJ जेल Tह र1 यW अथवा अ धि का र1 यW ;ारा बदले कj का 4रवाई के डर से कुछ ही क़ै दJ यW ने शि कायतX द 4ज क। मा 4च मX मी डि या ने र1 पो 4ट दी कJ एनएचआरसी ने अपनी तहक़jक़ाती र1 पो 4ट पूरी कर ली जि सने भोपाल मX एक जेल मX उन 21 बं दJ यW के यातना के आरोपW कj पु ि कj जि न पर मुक़दमा चल रहा था। र1 पो 4ट मX क थि त ¦प से यह सि फ़ा र1 श कj गई कJ जेल के अ धि का र1 यW और यातना तथा उस पर प 4दा डालने मX उलझे डॉ¥टर के वि ¤ समु चि त क़ानूनी का 4रवाई कj जाए।

    अ धि का र1 यW ने बं दJ यW को राLय तथा राHीय मानवा धि कार आयोगW मX शि कायतX द 4ज करने कj अनुम ति दी, ले कJ न इन आयोगW को बस यह सि फ़ा र1 श करने का ही अ धि कार ह ै कJ अ धि कारी गण इन शि कायतW को दरू करX। बताया जाता ह ै कJ सरकारी अ धि कारी सव«[ eयायालय के उस आदशे का पालन करने मX अ¥सर नाकाम रह े जि समX कX Yीय सरकार तथा \थानीय अ धि का र1 यW को हि रासत मX हk सा पर नि गाह रखने के लि ए पु लि स \टेशनW कj नि य मि त जांच करने कj हि दायत दी गई ह।ै

    बAत से राLयW मX एनएचआरसी ने पहले से बताए बि ना राLय बंदीगृहW कj याDाएं क, ले कJ न सै नि क हि रासत कX Y एनएचआरसी के अ धि कार SेD मX नहf आते। एनएचआरसी के एक वि शेष T ति वेदक ने यह सdया पि त करने के लि ए राLय बंदीगृहW का दौरा कJ या कJ अ धि कारीगण सभी बं दJ यW को चि कJ dसीय सु वि धा उपलध करा रह ेह। T ति वेदक ने पूरे साल नि य मि त आधार पर बंदीगृहW का दौरा कJ या ले कJ न उसने सा 4वज नि क ¦प से या Tेस

  • ह। T ति वेदक ने पूरे साल नि य मि त आधार पर बंदीगृहW का दौरा कJ या ले कJ न उसने सा 4वज नि क ¦प से या Tेस के लि ए कोई र1 पो 4ट जारी नहf कj। डी. मनमाने ढंग से गि र~तारी या हि रासत क़ानून मनमाने ढंग से गि र~तारी या हि रासत कj मनाही करता ह,ै ले कJ न व 4ष के दौरान दोनW ही बातX A। पु लि स ने गि र~ता र1 यW का eया यि क पुनरावलोकन \थ गि त करने के लि ए वि शेष सुरSा क़ानूनW का भी इ\तेमाल कJ या। मुक़दमे से पहले कj हि रासत मनमानी और लंबी रही, कई बार तो दोषी पाए गए लोगW को सुनाई गई

    सज़ा कj अव धि से भी लंबी।

    मानवा धि कार एनजीओ के कथनानुसार, कुछ पु लि सवालW ने जबरन या झूठी \वीकारो ि हा सि ल करने के लि ए यातना, दु 4bवहार, और मनमानी हि रासत का इ\तेमाल कJ या। कुछ मामलW मX ख़बर ह ै कJ पु लि स ने सं दJ धW को उनकj गि र~तारी को पंजीकृत कJ ए बि ना ही हि रासत मX रखा तथा बं दJ यW को प 4या^ भोजन और पानी से वं चि त रखा।

    पु लि स और सुरSा तंD कj भू मि का क़ानून और bव\था बनाए रखने कj मूल ज़ि मेदारी 29 राLयW और सात संघ Tशा सि त SेDW कj ह,ै और कX Yीय सरकार नी ति संबंधी नि रीSण Tदान करती ह।ै पु लि स राLय के अ धि कार SेD मX आती ह।ै गृह मंDालय अ धि कांश अ 4धसै नि क बलW, आंत र1 क ख़º फ़J या वि भागW, और राHीय क़ानून Tव 4तन एजX सि यW पर नि यंDण रखता ह,ै और राLय पु लि स बलW के व र1 ¡ अ धि का र1 यW को T शि Sण Tदान करता ह।ै ¯यूमन राइ°स वॉच (एचआरडयू) के अनुसार, मनमानी गि र~तारी, यातना, और सुरSा बलW ;ारा जबरन \वीकारो ि यW के मामले आम बने रह।े पु लि स पर काम का अ धि क बोझ, प 4या^ से कम वेतन, और राजनी ति क दबाव डाला जाना जारी रहा, जि सने कुछ मामलW मX ाचार मX योगदान कJ या। एचआरडयू कj 2018 कj भारत दशे र1 पो 4ट मX पाया गया कJ सुरSा बलW ;ारा कJ ए गए अतीत के दु 4bवहारW के लि ए उ]रदा यि dव का अभाव जारी रहा जब कJ यातना और eयायेतर हdयाM के नए आरोप सामने आए, जि नमX उ]र Tदशे, ह र1 याणा, छ]ीसगढ़ तथा जमू और कमीर राLय शा मि ल ह।

    दशे भर मX क़ानून Tव 4तन और सुरSाबलW कj Tभावका र1 ता मX bापक अंतर मौजूद रहा। क़ानून के अनुसार, अदालतX कJ सी पु लि स अ धि कारी के वि ¤ तब तक मुक़दमे कj सुनवाई नहf कर सकतf जब तक कJ कX Yीय अथवा राLय सरकार पहले मुक़दमा चलाने कj इजाज़त न द ेद।े फJ र भी एनजीओ ने र1 पो 4ट दी कJ बAत से मामलW मX पु लि स ने पी ड़ि त कj ऐसी शि कायतX, जि eहX "Tथम सूचना र1 पो 4ट" कहा जाता ह,ै द 4ज करने से इeकार कर दJ या जो अ धि का र1 यW के ख़ि लाफ़ क थि त अपराधW बारे मX थf, और इस तरह पी ड़ि तW के लि ए eयाय Tा ^ि के Tयास का रा\ता व\तुतः बंद कर दJ या। इसके अ ति र1 एनजीओ ने बताया कJ कई बार पी ड़ि त, बदले कj का 4रवाई के डर से, पु लि स ;ारा कJ ए गए अपराधW कj र1 पो 4ट करने से हि चक कJ चाते ह। ऐसे मामले सामने आए जहां हर \तर के अ धि का र1 यW ने दडं-मु ि के भाव से काम कJ या, ले कJ न ऐसे मामले भी सामने आए जहां सुरSा अ धि का र1 यW को ग़ैर-क़ानूनी कामW के लि ए उ]रदायी ठहराया गया। सैeय अदालतW ने सश सेना और अ 4धसै नि क बलW ;ारा दु 4bवहार के मामलW कj जांच पड़ताल कj। अ धि का र1 यW ने क़ानून Tव 4तन अफ़सरW के वि ¤ सा 4वज नि क अदालत मX मुक़दमे चलाये ले कJ न कभी-कभी यथो चि त T ³J या का पालन नहf कJ या।

    अ धि का र1 यW ने कभी कभी अफ़सरW को अपराध का दोषी ठहराने के बाद उeहX \थानांत र1 त कर दJ या।

    एनएचआरसी ने सि फ़ा र1 श कj कJ गि र~तारी, भागने के Tयास, या पु लि स ;ारा पीछा कJ ए जाने के दौरान होने वाली सभी मौतW कj राLय पु लि स के अपरा धि क तहक़jकात वि भाग ;ारा छानबीन कj जाए। ले कJ न बAत

  • होने वाली सभी मौतW कj राLय पु लि स के अपरा धि क तहक़jकात वि भाग ;ारा छानबीन कj जाए। ले कJ न बAत से राLयW ने इस अबाRयकारी सि फ़ा र1 श का पालन नहf कJ या और व र1 ¡ अ धि का र1 यW के \व नि 4णय के आधार पर आंत र1 क पुनरावलोकन करना जारी रखा।

    हालां कJ एनएचआरसी के दJ शा नि द»शW मX राLय सरकारW से यह मांग कj गई ह ै कJ वे पु लि स का 4यवाही के कारण Aई सभी मौतW के मामलW कj 48 घंटे के भीतर एनएचआरसी को र1 पो 4ट दX, ले कJ न राLय सरकारW ने इन दJ शा नि द»शW का नि रंतर पालन नहf कJ या। एनएचआरसी ने राLय सरकारW से यह भी मांग कj कJ पी ड़ि तW के

    प र1 वारW को आ थ क मुआवज़ा दJ या जाए, ले कJ न राLय सरकारW ने इस bव\था का नि रंतर पालन नहf कJ या। अ धि का र1 यW ने सश बलW के लि ए यह आवयक नहf बनाया कJ वे हि रासत मX Aई मौतW कj एनएचआरसी को जानकारी दX।

    गि र~तारी ग ति वि धि यां तथा बं दJ यW के साथ bवहार

    सुरSा जो खि मW, आतंकवाद और वि Yोह से सब मामलW मX अथवा जमू और कमीर राLय से उभरे मामलW को छोड़, पु लि स कJ सी b ि को बि ना आरोप लगाए 30 दJ न तक हि रासत मX रख सकती ह,ै हालां कJ गि र~तार कJ ए गए b ि को गि र~तारी के 24 घंटे के भीतर जज के समुख पेश कJ या जाना अ नि वा 4य ह।ै

    क़ानूनी रSोपायW के अभाव और भारी बोझ तले दबे तथा कम संसाधन Tा^ eयायालय तंD के कारण मनमाने ढंग से लंबे समय तक हि रासत मX रखा जाना एक उलेखनीय सम\या बना रहा।

    जब तक अ धि का र1 यW ने कJ सी सं दJ ध को नि वारक नज़रबंदी क़ानून के तहत न रोक रखा हो, बंदी पर दोषारोपण 24 घंटे के भीतर हो जाना चा हि ए। क़ानून पु लि स को T¼ पूछने के लि ए लोगW को बुलाने कj अनुम ति दतेा ह,ै ले कJ न वह पु लि स को गि र~तारी-पू 4व तहक़jक़ाती हि रासत का अ धि कार नहf दतेा। ऐसी घटनाएं सामने आ जि नमX अ धि का र1 यW ने सं दJ धW को क थि त ¦प से क़ानूनी सीमा से परे हि रासत मX रखा। क़ानून के तहत यह अ नि वा 4य ह ै कJ अ धि कारी प र1 वार वालW को बं दJ यW तक पAचं Tदान करX, ले कJ न उसका सदा ही पालन नहf कJ या गया।

    जमू और कमीर राLय को छोड़, राHीय सुरSा क़ानून उन b ि यW को जि eहX सुरSा के लि ए जो खि म माना जाए एक व 4ष तक बि ना अ भि योग लगाए या मुक़दमा चलाए हि रासत मX रखने कj अनुम ति दतेा ह।ै क़ानून प र1 वार के सद\यW और वकjलW को राHीय सुरSा बं दJ यW से मि लने कj इजाज़त दतेा ह ैऔर अ धि का र1 यW को आदशे दतेा ह ै कJ वे पांच दJ न के भीतर, अथवा असाधारण प र1 \थि ति यW मX 10 से 15 दJ न के भीतर, बंदी को रोक कर रखे जाने का आधार बताएं। फJ र भी, अ धि कार स ³J यवा दJ यW ने Rयान दJ लाया कJ बं दJ यW को प र1 वार या वकjलW से मि लने दनेे कj bव\थाM का bवहार मX पालन नहf कJ या गया, वि शेषकर ओड़ीसा, म णि पुर, आं½ Tदशे, और महाराH राLयW मX।

    14 सि तंबर को, द लि त-सम 4थक संगठन भीम आमo के नेता चंYशेखर आज़ाद को जेल से र1 हा कर दJ या गया। आज़ाद को उ]र Tदशे के सहारनपुर ज़ि ले मX द लि तW और सुरSा बलW के बीच उन मुठभेड़W के बाद जून 2017 मX गि र~तार कJ या गया था जि नमX एक b ि मारा गया था और कई लोग ज़cमी हो गए थे। आज़ाद को इलाहाबाद उ[ eयायालय ;ारा ज़मानत द े दJ ए जाने के बाद नवंबर 2017 मX राHीय सुरSा क़ानून के तहत उस पर अ भि योग लगाया गया, और र1 हाई से पहले उसे उस क़ानून के तहत 10 महीने तक हि रासत मX रखा गया।सा 4वज नि क सुरSा क़ानून (पीएसए), जो केवल जमू और कमीर राLय मX ही लागू ह,ै राLय अ धि का र1 यW को अ भि योग लगाए बि ना अथवा eया यि क पुनरीSण के बि ना लोगW को प र1 वार वालW से मि ले बि ना 2 व 4ष तक

  • अ भि योग लगाए बि ना अथवा eया यि क पुनरीSण के बि ना लोगW को प र1 वार वालW से मि ले बि ना 2 व 4ष तक हि रासत मX रखने कj अनुम ति दतेा ह।ै जमू और कमीर राLय मX अ धि का र1 यW ने पूछताछ के दौरान बं दJ यW को

    वकjल तक पAचं कj इजाज़त दी, ले कJ न कहा जाता ह ै कJ पु लि स ने ¦टीन तौर पर मनमाने ढंग से हि रासत मX लेने का काम कJ या और बं दJ यW को वकjलW और चि कJ dसा सेवा तक पAचं हा सि ल नहf होने दी।

    अ धि का र1 यW को आपरा धि क आरोपW मX पकड़ ेगए b ि यW को उनके ख़ि लाफ़ लगे आरोपW कj तथा क़ानूनी सलाह लेने के उनके अ धि कार कj अ वि लंब जानकारी दनेी होती ह।ै क़ानून के अनुसार एक मै जि \¾ेट कJ सी आरो पि त b ि को अ भि योग द 4ज कराए जाने से पू 4व हि रासत मX रखने का अ धि कार द ेसकता ह,ै ले कJ न यह अव धि 90 दJ न से ¿यादा नहf हो सकती। मानक आपरा धि क T ³J या के तहत, य दJ अ भि योग द 4ज नहf कJ ए गए तो अ धि का र1 यW को 90 दJ न के बाद आरोपी को जमानत पर र1 हा करना होगा। एनसीआरबी के 2015 के आंकड़ ेद 4शाते ह कJ मुक़दमW का इंतज़ार कर रह ेअ धि कांश लोगW को ज़मानत हा सि ल कर पाने से पहले तीन महीने से अ धि क समय जेल मX बि ताना पड़ा, और 65 T ति शत को ज़मानत पर र1 हा होने से पहले तीन महीने से पांच व 4ष तक जेल मX रहना पड़ा।

    क़ानून हि रासत मX लि ए गए b ि यW को बि ना अ भि योग लगाए 180 दJ न तक (पु लि स हि रासत मX 30 दJ न स हि त) eया यि क हि रासत मX रखने कj भी अ धि का र1 यW को अनुम ति दतेा ह।ै अवैध ग ति वि धि नि वारण क़ानून (यूएपीए), जो अ धि का र1 यW को वि Yोह या आतंकवाद से संब मामलW मX लोगW को आरोप लगाये बग़ैर 180 दJ न तक हि रासत मX रखने कj Sमता Tदान करता ह,ै वि दशेी रा Hि कW के लि ए ज़मानत का कोई Tावधान नहf

    करता और बंदी बनाए गए दशे के नाग र1 कW के मामले मX अदालतW को ज़मानत दनेे से इeकार करने कj अनुम ति दतेा ह।ै यह उस सूरत मX आरो पि त b ि को दोषी मान लेता ह ैजब कJ अ भि योग पS उसके पास ह थि यार या वि \फोट होने या अपराध-\थल पर उंग लि यW के नि शान होने का साªय पेश कर सके, इससे कोई अंतर नहf

    पड़ता कJ अ धि कारी आपरा धि क इरादा होना Tद श त कर पाते ह या नहf। यह भी बताया जाता ह ै कJ राLय सरकारW ने यूएपीए के तहत औपचा र1 क अ भि योग द 4ज करने से पहले लोगW को लंबी अव धि यW तक ज़मानत दJ ए बि ना हि रासत मX रखा।

    28 अग\त को, महाराH पु लि स ने पांच मानवा धि कार स ³J यवा दJ यW को सरकार का तÀता पलटने और TधानमंDी कj हdया करने कj क थि त सा ज़ि श के सि ल सि ले मX हि रासत मX लि या। सभी पांचW b ि यW ने गि र~तारी और हि रासत को अवैध बताया और दावा कJ या कJ ये गि र~ता र1 यां वि रोध कj आवाज़ का गला

    घोटने के लि ए कj ग, ¥यW कJ यह पांचW स ³J यवादी, मानवा धि कारW के अeय हि माय ति यW कj गि र~ता र1 यW का T ति वाद करने मX स ³J य थे। महाराH पु लि स ने यूएपीए के तहत हदैराबाद मX वरवर राओ, मंुबई मX वे 4नन गोeसावेस और अ¤ण फ़रेरा, नई दJ ली मX गौतम नवलखा, और फ़रीदाबाद मX सुधा भार;ाज को गि र~तार करने के लि ए दशे भर मX अपने समकSW के साथ ताल-मेल बैठा कर पु लि स का 4रवाई कj। पु लि स का आरोप था कJ ये स ³J यवादी एक सा 4वज नि क रैली मX हk सा भड़काने कj माओवादी सा ज़ि श का हि \सा थे जि सके प र1 णाम

    मX दJ संबर 2017 मX महाराH मX हk साdमक जा ति -गत मुठभेड़X A। 29 अग\त को, सव«[ eयायालय ने महाराH पु लि स को इन b ि यW को जेल मX रखने कj बजाय घर मX नज़रबंद करने का आदशे दJ या और सचेत कJ या कJ लोकतंD का "Tेशर कुकर फट जाएगा " य दJ दशे ने वि रोध को इसका सेÁटी-वाव नहf बनने दJ या। 27 अ¥टूबर को, सव«[ eयायालय ने घर पर नज़रबंदी बढ़ाने का अनुरोध नामंज़ूर कर दJ या। उसी दJ न, पुणे कj अदालत ने उनकj ज़मानत कj अ ज़ यW को नामंज़ूर कर दJ या, और महाराH पु लि स ने गोeसावेस, परेरा,और भार;ाज को जेल मX डाल दJ या।

    मनमानी गि र~तारी: क़ानून मनमानी गि र~तारी अथवा हि रासत कj मनाही करता ह,ै ले कJ न कुछ मामलW मX र1 पो 4ट ह ै कJ पु लि स ने नाग र1 कW को मनमाने ढंग से गि र~तार करना जारी रखा। ऐसी र1 पोट थf कJ पु लि स ने

  • र1 पो 4ट ह ै कJ पु लि स ने नाग र1 कW को मनमाने ढंग से गि र~तार करना जारी रखा। ऐसी र1 पोट थf कJ पु लि स ने अपनी शि नाÀत बताए बि ना अथवा गि र~तारी वारंट पेश कJ ए बि ना लोगW को हि रासती पूÂताछ के लि ए बंदी बनाया।

    मुक़दमा-पू 4व हि रासत: एनसीआरबी के आंकड़W के अनुसार 2016 के अंत मX 293,058 बंदी मुक़दमे का इंतज़ार कर रह ेथे। जुलाई 2017 मX एमने\टी इंटरनेशनल ने दशे मX मुक़दमा-पू 4व हि रासत के बारे मX र1 पो 4ट जारी कj जि समX Rयान दJ लाया गया कJ पु लि स अनुरSकW, वाहनW और ÃाइवरW कj कमी के कारण बं दJ यW को मुक़दमे के लि ए लाने मX वि लंब Aआ। एमने\टी कj र1 पो 4ट के अनुसार मुक़दमा-पू 4व लोगW मX मुसलमानW, द लि तW और

    आ दJ वा सि यW कj संcया अनुपातहीन ह ैजो कJ मुक़दमW का इंतज़ार कर रह ेबं दJ यW का 53 T ति शत भाग थे। मंुबई उ[ eयायालय के आदशे पर महाराH सरकार ;ारा ग ठ1 त एक स मि ति ने पाया कJ व 4ष के दौरान मुक़दमW कj TतीSा कर रह ेलोगW कj संcया बंदी आबादी का 73 T ति शत थी।

    सरकार ने ऐसी “तीÄ पथ” अदालतW का इ\तेमाल करके लंबी हि रासतW को घटाने और जेलW मX भीड़-भाड़ को कम करने के Tयास जारी रखे, जि eहWने मुक़दमW कj समय सीमा तय कj, मामलW के Tबंधन के लि ए दJ शा नि द»श उपलध कराए, तथा ज़मानत के उपयोग को बढ़ावा दJ या। कुछ एनजीओ ने यथो चि त T ³J या का

    समान करने मX असफल रहने तथा जो बंदी ज़मानत दनेे मX सम 4थ नहf ह उeहX हि रासत मX ही रहने पर मजबूर करने के लि ए इन अदालतW कj आलोचना कj।

    ई. eयायो चि त सा 4वज नि क मुक़zमे से वंचन

    क़ानून मX एक \वतंD eयायपा लि का कj bव\था ह,ै और सरकार ने सामाeयतः eया यि क \वतंDता का समान कJ या, ले कJ न eया यि क-ाचार bापक ¦प से फैला Aआ था।

    eया यि क Tणाली अdय धि क बोझ तले गंभीर ¦प से दबी रही तथा मुक़दमW के Tबंध कj आधु नि क Tणा लि यW का अभाव रहा, जि ससे या तो eयाय नहf मि ला या उसमX वि लंब Aआ। सि तबर मX जारी कJ ए गए eयाय वि भाग के आंकड़W के अनुसार, दशे कj 24 उ[ अदालतW मX कुल 1,079 पदW मX से 427 पद खाली पड़ ेथे।

    मुक़दमा T ³J याएं

    क़ानून अदालत मX नि xपS और सा 4वज नि क सुनवाई का अ धि कार Tदान करता ह,ै केवल उन मुक़दमW को छोड़ जि नमX राLय सुरSा अथवा सरकारी गोपनीय बातW का उलझाव हो। यूएपीए प र1 \थि ति यW के तहत व ण त को

    छोड़, T ति वा दJ यW को यह सुख Tा^ ह ै कJ उeहX नि द«ष मानकर चला जाए, और वे अपना पराम 4शदाता \वयं चुन सकते ह। सं वि धान वि शेष ¦प से उलेख करता ह ै कJ राLय को उन T ति वा दJ यW को मु~त क़ानूनी सलाहकार उपलध कराना चा हि ए जो \वयं उसका ख 4च नहf उठा सकते ता कJ यह सु नि ®ि त हो कJ कJ सी भी रा Hि क को eयाय Tा^ करने के अवसरW से वं चि त न होना पड़,े ले कJ न प र1 \थि ति यW ने अ¥सर योय पराम 4शदाताM तक पAचं सी मि त कर दी। भारी बोझ तले दबी eयाय Tणाली के प र1 णाम \व¤प अदालतW मX चल रह ेमुक़दमW मX लंबी दरेी Aई, और कभी कभी मामला नि पटाने मX एक दशक से भी अ धि क समय लगा। ऐसे मामलW कj र1 पोट सामने आ जि नमX पु लि स ने सं दJ धW को क़ानूनी पराम 4शदाता से मि लने के अ धि कार से वं चि त रखा और साथ ही ऐसे मामले जि नमX पु लि स ने ग़ैरक़ानूनी ढंग से सं दJ धW के वा 4तालापW को मॉ नि टर कJ या और उनके गोपनीयता के अ धि कारW का उलंघन कJ या।

    हालां कJ T ति वा दJ यW को दोष लगाने वालW का सामना करने और \वयं अपने साªय और गवाह पेश करने का

  • हालां कJ T ति वा दJ यW को दोष लगाने वालW का सामना करने और \वयं अपने साªय और गवाह पेश करने का अ धि कार ह,ै ले कJ न समु चि त क़ानूनी T ति नि धि dव के अभाव के कारण कई बार T ति वादी अपने इस अ धि कार का इ\तेमाल नहf कर पाए। T ति वा दJ यW को साªय न दनेे अथवा अपराध \वीकार न करने का अ धि कार ह।ै अदालतW के लि ए अ नि वा 4य ह ै कJ वे सज़ाM का सा 4वज नि क ¦प से ऐलान करX, तथा eयाय Tणाली के अ धि कांश \तरW पर अपील करने के कारगर मा 4ग मौजूद ह।

    राजनी ति क क़ैदी और नज़रबंद

    राजनी ति क क़ै दJ यW और नज़रबंद कJ ए गए लोगW कj र1 पोट थf। एनजीओ ने र1 पो 4ट दी कJ जमू और कमीर राLय मX राजनी ति क बंदी थे और पीएसए के तहत लोगW को अ\थायी ¦प से रोक कर रखा गया। जमू और कमीर राLय सरकार ने र1 पो 4ट दी कJ मा 4च 2016 और अग\त 2017 के बीच पीएसए के तहत 1,000 से अ धि क बं दJ यW को रोक कर रखा गया। जमू और कमीर उ[ eयायालय बार एसो सि एशन के अनुसार, राLय मX रोक रखे गए कुल लोगो मX आधे राजनी ति क बंदी थे।

    नाग र1 क eया यि क का 4य-Tणा लि यां एवं उपायसा 4वज नि क S ति कj eया यि क S ति -पू त Tा^ करने के लि ए b ि , अथवा b ि यW या दलW कj ओर से एनजीओ कJ सी उ[ eयायालय या सीधे सव«[ eयायालय मX सा 4वज नि क- हि त मुक़दमा (पीआईएल) या चि का दा खि ल कर सकते ह। शि कायतW मX कJ सी सरकारी एजXट ;ारा सा 4वज नि क क 4तb का अ ति ³मण या कJ सी संवैधा नि क bव\था का उलंघन शा मि ल हो सकता ह।ै एनजीओ ने ाचार और पSपात के आरोपW से सब मामलW मX सरकारी अ धि का र1 यW को स¹य समाज संगठनW के T ति उ]रदायी बनाने का Åेय पीआईएल या चि काM को दJ या।

    एफ. गोपनीयता, प र1 वार, घर, या पDाचार मX मनमाना या ग़ैरकक़ानूनी ह\तSेप

    हालां कJ सं वि धान मX गोपनीयता का कोई सुb अ धि कार शा मि ल नहf ह,ै ले कJ न सव«[ eयायालय ने सं वि धान कj अeय धाराM मX ऐसा अ धि कार नि हि त पाया ह।ै अग\त मX सव«[ eयायालय ने सरकार ;ारा b ि कj जीवन-संबंधी सूचना एकD कJ ए जाने के एक मामले मX यह फ़ैसला सुनाया कJ गोपनीयता एक “मूलभूत अ धि कार” ह।ै यह क़ानून, कुछ अपवादW के साथ, मनमाने ह\तSेप कj मनाही करता ह।ै सरकार ने आम तौर पर इस bव\था का समान कJ या, हालां कJ कई बार अ धि का र1 यW ने नाग र1 कW के गोपनीयता-अ धि कारW का अ ति ³मण कJ या। क़ानून कj यह मांग ह ै कJ पु लि स पकड़ने या तलाशी लेने के लि ए वारंट Tा^ करे, केवल उन मामलW को छोड़ जहां ऐसा करने से नावा जि ब दरेी होगी। पु लि स के लि ए यह ज़¦री ह ै कJ वह अपराध के अ धि कार SेD के सबसे नज़दीकj मै जि \¾ेट के समुख वारंट-र हि त तला शि यW का लि खि त ¦प मX औ चि dय सि करे। 8 अग\त को, इलै¥¾ॉ नि ¥स एवं सूचना टैÆोलॉजी राLय मंDी एस एस अहलूवा लि या ने संसद के नि चले सदन को बताया कJ , 18 जुलाई को जारी भारत के टेलीकॉम नि यमन Tा धि करण कj सि फ़ा र1 शW के अनुसार, गोपनीयता तथा आंकड़ा-सामी सुरSा से सब मौजूदा वि धान और नी ति यां "अप 4या^" ह।

    कX Y और राLय सरकारW, दोनW ने क़ानूनी अ धि कार के तहत संचार अवरोधन कJ या। भारत सरकार के योजना आयोग ;ारा सन् 2012 मX आयो जि त गोपनीयता पर वि शेष© दल कj बैठक मX, जो इस बारे मX उपलध सबसे ताज़ा पुनरावलोकन ह,ै Rयान दJ लाया गया कJ क़ानून कj इन दो धाराM (1885 के टेलीाम क़ानून का खंड 5

  • ताज़ा पुनरावलोकन ह,ै Rयान दJ लाया गया कJ क़ानून कj इन दो धाराM (1885 के टेलीाम क़ानून का खंड 5 (2) और 2000 के सूचना टैÆोलॉजी क़ानून का खंड 69 यथा संशो धि त) के बीच अंतरW ने एक अ\प नि यमन Tणाली नि म त कर दी ह ैजो, र1 पो 4ट के अनुसार, "असंगत, अपारदशo, और द¤ुपयोग के लि ए Tवण ह,ै तथा उन लोगW को कोई इलाज या मुआवज़ा उपलध नहf कराती जि eहX हा नि पAचंी हो”। इसके अ ति र1 यूएपीए उस साªय के इ\तेमाल कj भी इजाज़त दतेा ह ैजो आतंकवादी मामलW मX संचार अवरोधन के ज़ र1 ए हा सि ल कJ या गया हो। जमू और कमीर, पंजाब, और म णि पुर राLयW मX सुरSा अ धि का र1 यW को वारंट के बि ना तलाशी लेने और गि र~तार करने के वि शेष अ धि कार Tा^ ह।

    जी. आंत र1 क संघ 4ष मX दु 4bवहार

    दशे कj सश सेनाएं, अलग-अलग राLयW के सुरSा बल, तथा अ 4धसै नि क बल कई उ]र पूवo राLयW मX वि Yोही ुपW के साथ, तथा दशे के उ]र, मRयवतo और पूवo भागW मX माओवादी वि Yो हि यW के साथ एक सश संघ 4ष मX उलझे रह े--हालां कJ इन संघषÇ कj तीÄता मX उलेखनीय कमी आना जारी रहा। सेना और कX Yीय सुरSा बलW कj उ]र-पू 4व के संघ 4ष वाले SेDW मX तैनाती जारी रही। जमू और कमीर राLय मX सश सेना तथा पु लि स बल पृथकतावादी वि Yो हि यW और आतंकवादी दलW के साथ सश संघ 4ष मX भी उलझे रह।े

    इन संघषÇ मX शा मि ल सभी पSW ;ारा ताक़त के इ\तेमाल के प र1 णाम-\व¤प संघ 4ष मX भागीदार तथा नाग र1 क दोनW हताहत Aए। ऐसी र1 पोट थf कJ सरकारी सुरSा बलW ने eयायेतर हdयाएं क, जि नमX पकड़ ेगए युका र1 यW कj मौतW को छि पाने के लि ए मुठभेड़ मौतW का दJ खावा कJ या जाना शा मि ल ह।ै मानवा धि कार दलW ने दावा कJ या कJ क थि त “मुठभेड़W” के मामलW मX पु लि स ने शव दनेे से इनकार कJ या। अ धि का र1 यW ने सश बलW को हि रासत मX Aई मौतW कj र1 पो 4ट एनएचआरसी को दनेे के लि ए बाRय नहf कJ या।

    संयु राH संघ ओएचसीएचआर के का 4यालय ;ारा जून मX जारी कJ ए गए एक Tकाशन के अनुसार, जि सका शी 4षक था कमीर मX मानवा धि कारW कj \थि ति के बारे मX र1 पो 4ट, स¹य समाज का अनुमान था कJ जुलाई 2016 से मा 4च के बीच जमू और कमीर मX सुरSाबलW ;ारा 145 तक नाग र1 क मार डाले गए, जब कJ 20 अeय नाग र1 क इसी समय के दौरान सश ुपW ;ारा मार डाले गए।

    जुलाई मX रSा राLय मंDी सुभाष भामरे ने संसद के उ[ सदन को सूचना दी कJ पहली जनवरी से 23 जुलाई के बीच जमू और कमीर राLय मX सै नि क T ति ¡ानW और क पW के वि ¤ आतंकवा दJ यW ;ारा तीन हमले कJ ए गए।

    आंत र1 क संघषÇ से उपजे मानवा धि कार उलंघनW कj कुछ ही तहक़jक़ातX A या मुक़दमे चलाए गए, कÈ तु कX Yीय एवं राLय सरकारW तथा सश बलW ने कुछ शि कायतW कj तहक़jक़ात कj तथा सरकारी बलW ;ारा कJ ए गए कुछ उलंघनW के लि ए सजाएं दf। 13 अ¥टूबर को भारतीय सेना के एक जनरल को 4ट मा 4शल (जीसीएम) ने मेजर जनरल ए.के.लाल, दो क 4नलW, तथा पांच अeय जू नि यर और ग़ैर-कमीशन Tा^ अफ़सरW को 1994 मX ति नसु खि या, असम मX eयायेतर हdया का दोषी पाया। वह घटना डांगरी फज़o एनकाउंटर के नाम से मशÉर Aई।

    सभी सातW क़ै दJ यW को आजीवन कारावास कj सज़ा सुनाई गई। फ़ैसले के बारे मX एक समाचार र1 पो 4ट मX Rयान दJ लाया गया कJ मुक़दमा चलाने मX लंबी दरेी के कारण फ़ैसले कj अपील का रा\ता खुल सकता ह ै¥यW कJ सेना

    को घटना कj जानकारी Tा^ होने के तीन व 4ष से अ धि क समय बाद जीसीएम संचा लि त कJ या गया, जैसा कJ 1950 के सेना क़ानून के तहत ज़¦री ह।ै अ धि का र1 यW ने आतंकवाद संबंधी वि धेयक के तहत वि Yो हि यW को गि र~तार कJ या और उन पर मुक़दमे चलाए। एनजीओ ने Rयान दJ लाया कJ , एएफएसपीए नि रापदता धाराM

    के कारण, अ धि का र1 यW ने जमू और कमीर राLय मX मारे गए नाग र1 कW कj मौतW के लि ए सुरSाबलW को ज़ि मेदार नहf ठहराया।

  • ज़ि मेदार नहf ठहराया।

    हdयाएं: वि भि Ê घरेलू तथा अंतरराHीय मानवा धि कार संगठनW ने जमू और कमीर राLय मX भीड़- नि यंDण के उzेय से सुरSा बलW ;ारा छ 4रा बंदकूW के इ\तेमाल पर गंभीर चk ता b करना जारी रखा। एचआरडयू ने र1 पो 4ट दी कJ सरकार के आ धि का र1 क आंकड़W के अनुसार जुलाई 2016 से अग\त 2017 के बीच छ 4रा बंदकूW से

    आई चोटW के कारण 17 b ि मर गए। जमू और कमीर कj भूतपू 4व मुcयमंDी महबूबा मु~ती ने राLय वि धानसभा को बताया कJ जुलाई 2016 और फरवरी 2017 के बीच कमीर मX छ 4रा बंदकूW से 6,221 लोग

    ज़cमी Aए।

    माओवादी Tभा वि त SेDW मX वि Yो हि यW और सुरSाबलW ;ारा दु 4bवहार कj र1 पोट थf। 2 मा 4च को तेलंगाना पु लि स ने छ]ीसगढ़ मX पुजारीकंकर मX पार\प र1 क गोलीबारी के दौरान 10 माओवादी वि Yो हि यW को मार डाला। घात लगाकर कJ ए गए इस हमले मX एक पु लि स अ धि कारी भी मारा गया। 20 मई को सात पु लि स अ धि कारी उस समय मारे गए जब द Sि णी छ]ीसगढ़ मX दतंेवाड़ा ज़ि ले मX उनका वाहन उस कामचलाऊ वि \फोटक उपकरण (आईईडी) पर चढ़ गया जो माओवादी वि Yो हि यW ने सड़क पर लगा दJ या था।

    22 अTैल को महाराH पु लि स के वि Yोह- वि रोधी कमांडो ने दावा कJ या कJ गढ़ चि रौली ज़ि ले मX पार\प र1 क गोलीबारी के दौरान उeहWने 39 माओवादी वि Yो हि यW को मार डाला जि नमX 19 औरतX शा मि ल थf।

    एचआरडबयू के अनुसार म णि पुर मX पु लि स ने सुरSा बलW ;ारा क थि त ग़ैरक़ानूनी हdयाM के बारे मX eयाय कj तलाश मX लगे स ³J यवा दJ यW, वकjलW और प र1 वारW को धमकाना और परेशान करना जारी रखा।

    अपहरण: मानव अ धि कार ुपW का कहना था कJ सै नि क और अ 4धसै नि क बलW, तथा वि Yो हि यW ने म णि पुर, झारखंड, जमू और कमीर, तथा माओवादी Tभा वि त SेDW मX अनेक लोगW का अपहरण कJ या।

    29 और 30 अग\त को, जमू और कमीर के पांच पु लि सवालW के प र1 वार के सद\यW का सं दJ ध हि ज़बुल मुज़ा हि zीन (एचएम) उवा दJ यW ने द Sि ण कमीर के वि भि Ê इलाकW से अपहरण कर लि या। मी डि या र1 पोटÇ ने संकेत दJ या कJ 9 लोगW का अपहरण, 29 अग\त को सुरSाबलW ;ारा एचएम नेता अताफ़ दर के मारे जाने और एचएम उवा दJ यW के प र1 वार के कुछ सद\यW कj गि र~तारी के लि ए एचएम ;ारा बदले कj का 4रवाई के ¦प मX कJ या गया। 1990 के बाद से यह पहला मौका था जब उवा दJ यW ने जमू और कमीर पु लि स के प र1 वार वालW का अपहरण कJ या।

    शारी र1 क दु 4bवहार, सज़ा, और यातना: ऐसी र1 पोट थf कJ सरकारी सुरSाबलW ने हि रासत मX मौजूद वि Yो हि यW और क थि त आतंकवा दJ यW को यातना दी, बलाdकार कJ या, तथा उनके साथ दु 4bवहार कJ या, और

    Tद 4शनका र1 यW को चोटX पAचंा। मानवा धि कार स ³J यवा दJ यW ने आरोप लगाया कJ कुछ बं दJ यW को हि रासत के दौरान यातना दी गई या मार डाला गया।

    जनवरी मX ख़बर ह ै कJ एक पु लि स टीम ने अRयS रणजीत हज़ा र1 का के नेतृdव मX असम के मंगलदोई ज़ि ले मX हसन अली के घर पर इस संदहे मX क थि त ¦प से छापा मारा कJ अवैध ह थि यार उसके क़ज़े मX ह। हसन कj पËी, जमीरन नेसा ने दावा कJ या कJ उसके प ति को घसीट कर घर से बाहर ले जाया गया और कम से कम चार पु लि सवालW ने आंगन मX उसे धर दबोचा, उसे अंधाधुंध लातX मारf, उसके चेहरे को कपड़ ेसे ढंक दJ या, और उसके चेहरे पर तब तक ठंडा पानी डाला जब तक उसने उलटी नहf कर दी और वह बेहोश हो गया। बाद मX उसे अ\पताल ले जाया गया और वह उसे लगी चोटW के कारण मर गया।

  • अ\पताल ले जाया गया और वह उसे लगी चोटW के कारण मर गया।

    बाल सै नि क: बताया जाता ह ै कJ वि Yोही ुपW ने सरकारी अ \ति dवW पर हमलW के लि ए ब[W का इ\तेमाल कJ या। जून मX संयु राH संघ कj ब[े और सश संघ 4ष वा ष क र1 पो 4ट मX पाया गया कJ सश ुपW और

    सरकार के बीच हk सा का ब[W पर Tभाव पड़ना जारी रहा, वि शेषकर छ]ीसगढ़, झारखंड, तथा जमू और कमीर मX। माओवादी ुपW ने ख़ासतौर पर छ]ीसगढ़ और झारखंड मX क थि त ¦प से ब[W को भतo करना जारी रखा और बताया जाता ह ै कJ झारखंड मX ब[W कj जबरन भतo के लि ए “लॉटरी प ति ” का इ\तेमाल कJ या। जमू और कमीर राLय मX पृथतावादी ुपW ;ारा ब[W कj भतo और जबरन भतo कj तीन घटनाM कj र1 पो 4ट सामने आई; अपु र1 पोटÇ से यह संकेत भी मि ला कJ राHीय सुरSा बलW ;ारा ब[W का मुखबीरW और जासूसW के ¦प मX इ\तेमाल कJ या गया।

    य· पि संयु राH संघ बाल सै नि कW के सभी आरोपW का सdयापन करने मX असम 4थ रहा, ले कJ न एनजीओ TेSकW ने र1 पो 4ट दी कJ 12 व 4ष तक कj अपायु के ब[े माओवादी युवा ुपW तथा समवगo मि लि शि या के सद\य थे। बताया जाता ह ै कJ ब[W ने ह थि यारW तथा आईईडी का संचालन कJ या। ख़बर ह ै कJ माओवा दJ यW ने ब[W को उनकj मज़o के वि ¤ रोक कर रखा और धमकj