परमेश्वर का राज्य शिष्यता ......2 पररच य...

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परमेर का राज शिषता काम का-प सतक खण 1

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परमशवर का राजय शिषयता काययकरम कायय-पसतकखणड 1

परमशवर का राजय शिषयता काययकरम एक ऐसी खोज की याता ह जो परभ की महानतम मशहमा क जान को परापत करन, उसक महान परम को जानन और उसका अनभव करन, उसकी रपानतरण करन वाली िशति म जीवन वयतीत करन और उसकी पररपणयता स भरपर होन क अवसर परदान करती ह। इसक पररणामसवरप आपका सिशतिकरण होता ह ताशक आप अनय लोगो को परमशवर तथा उसक राजय को जानन और उनका अनभव परापत करन क शलए सिति कर सक । कॉपीराइट और रॉयलटी मति 2016. अनय शनिलक ससाधनो क शलए www.jesuslovestheworld.info पर जाए अथवा [email protected] पर ईमल कर। यीि क माधयम स परकट हआ परमशवर का परम तब शसदध होता ह जब हम उस जान जात ह और उसक साथ जीवन वयतीत करन का अनभव परापत करत ह। “Jesus loves : the world” का उदशय परमशवर क राजय का परचार करना, उसकी शिका दना और परशिकण परदान करना ह, ताशक शजतन लोग इचक ह व परमशवर क सतय म सथाशपत हो जाए, उसक परम म जड पकड ल और उसकी पररपणयता स भरपर हो जाए।

शवषय-वसतपररचय ................................................................... 2

1: अदशय को दखना ................................................ 3

2: उनह जानन क शलय ............................................. 4

3: उनहोन सवय को वयशतिगत बनाया .......................... 7

4: समय अब ह ..................................................... 10

5: कयोशक परमशवर बहत परम करत ह ......................... 13

6: शपता का परम .................................................... 15

7: पत का परम ...................................................... 18

8: पशवत आतमा का परम ........................................ 20

9: म जसा ह वस ही सवीकशत .................................. 23

10: पहचान – आतमा स जनम .................................. 24

11: शपरय म सवीकशत ............................................. 28

12: समबनध ....................................................... 31

13: अनय लोगो की वस सवीकशत जस व ह ................... 34

14: समबनध – समानता .......................................... 37

15: समबनध – शिषयता .......................................... 40

16: समबनध – परमशवर का राजय ............................. 42

पराथयना ................................................................ 44

10 बीज वकय िीट ................................................. 45

2

पररचयपरमशवर सब वसततओ का सवय क साथ पतनममल, पतनसथायपना और नवीकरण करन क शलय सबकत छ पम म होकर करत ह। वह समबनध मलक ह, वह आनतररक ह और वह वयशतिगत ह।

परतयक वयशति दारा इन सतो का भरपर लाभ उठान क शलय म आपस चाहता ह शक आप:

• परमशवर स सनन की अपका कर

• परशन प

• अपन शवचार साझा कर और चचाय कर

• अपन उततरो को इस कायय-पसतक म शलख

• और, सबस बढकर, इस याता का आननद ल।

परमशवर की योजनापरमशवर क उदधार का उदशय, शजसकी योजना समय क आरमभ स पहल ही बना ली गयी थी, यह ह शक सवगय और पथवी म की सभी वसतओ को एक म, अथायत मसीह यीि क अशधकार तथा िासन क अधीन एकत शकया जाय। मसीह यीि म होकर परमशवर बरहाणड म सामजसय तथा िाशनत पनसथायशपत करत ह। मसीह म हम परमशवर क साथ एक हो जात ह।

इफिफियो 1:9-10 …जसा शक मसीह क दारा वह हम शिखाना चाहता था। परमशवर की यह योजना थी शक उशचत समय आन पर सवगय की और पथवी पर की सभी वसततओ को मसीह म एकतर कर। (ERV)

फिषय बनान क फिययीि न अपना अशधकार अपन अनयाशययो (शिषयो) को शदया ताशक जस-जस व जीवनयाता म आग बढत ह, व पशवत आतमा की सहायता स लोगो को ‘अनयायी (शिषय) बनात जाय’।

मतती 28:18-20 शिर यीित न उनक पास जाकर कहा, “सवगय और पथवी पर सभी अशधकार मतझ सौप गय ह। सो, जाओ और सभी ििो क लोगो को मरा अनतयायी बनाओ। ततमह यह काम परम शपता क नाम म, पततर क नाम म और पशवतर आतमा क नाम म, उनह बपशतसमा िकर परा करना ह। व सभी आिि जो मन ततमह शिय ह, उनह उन पर चलना शसखाओ। और याि रखो इस सशटि क अत तक म सिा ततमहार साथ रहगा। (ERV)

शिषयता का आरमभ परमशवर को और आपक शलय उनक परम को जानन स होता ह, और यह जानन स होता ह शक वह कौन ह, उनहोन कया शकया ह और वह कया करग। परमशवर क साथ उनक वचन म, उनकी उपशसथशत म, आराधना म, पराथयना म और अनय शवशवाशसयो क साथ सगशत म समय वयतीत करन स परमशवर को जानन म हम सहायता शमलती ह।

जब हम इस शिषयता काययकरम की याता म आग बढत ह, म यीि क नाम म पराथयना करता ह शक परभ क आतमा क दारा आप परभ की मशहमा और आपक शलय उनक महान परम क अशधक जान को परापत कर, और परमशवर की समपणय पररपणयता क पररमाप स भरपर हो जाय, ताशक ससार परभ को जान सक। आमीन

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सत 1: अदशय को दखनासशटिकताय परमशवर समबनध मलक ह। उनका वचन वयशतिगत ह। उनकी उपशसथशत आनतररक ह। उनकी सशटि उनकी साकय ह।

आरफभिक पारथनासत का आरमभ पराथयना स कर।

आराधनाआराधना क ऐस दो या तीन गीत गाइए जो सवय को हम पर परकट करन की परमशवर की इचा की घोषणा करत हो।

िामफिक चचाथचचाय कर शक परमशवर शकन शवशभनन माधयमो स सवय को हम पर परकट करत ह?

भिजन िफिता 19:1-6, रोफमयो 1:20, िोि 12:10 और उतपफत 31:11 पढ

वयवसराफववरण 4:35-39, उतपफत 15:1, 2 राजाओ 5:1 और 2 राजाओ 5:14-15 और यिनना 9:1-7 पढ

िका 24:27, यिनना 20:31 और भिजन िफिता 33:6-9 पढ

यिनना 1:14-18, 14:6-7 और इबाफनयो 1:1-4 पढ

यिनना 16:13-15 और 1 यिनना 5:6 पढ

गवािती दपरमशवर न सवय को आप पर कि परकट शकया?

धनयवाद की िमापन पारथनापरमशवर का धनयवाद कर शक वह सवय को हम पर परकट करना चाहत ह।

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सत 2: उनह जानन क शलयसशटिकताय परमशवर समय और सथान क आयामो स पर ह, शिर भी हमार अशसततव क समय और सथान म वह सवय को वयशतिगत बनात ह।

आरफभिक पारथनासत का आरमभ पराथयना स कर।

आराधनाआराधना क ऐस दो या तीन गीत गाइए जो परमशवर की महानता की घोषणा करत हो।

पररचयपहल सत म हमन उन शवशभनन माधयमो को सीखा शजनक दारा परमशवर सवय को हम पर परकट करत ह। जब हम बाइबल—हमार शलय परमशवर क वयशतिगत परम पत—को पढत और अधययन करत ह, हम उनक शवषय म बहत क सीखत ह। यहा तक शक परथम िबद भी, ‘आशि म परमशवर न…सशटि की’ हम पर यह परकट करत ह शक, जस भी और जब भी आशद हआ, परमशवर वहा थ, और उनहोन सशटि की। परमशवर को और अशधक जानन क शलय हम बाइबल म दजय परमशवर क तीन दियनो का अधययन करग।

बाइबि अधययन - परमशवर क दिथन - यिजकिशजस वयशति पर परमशवर सवय को परकट कर रह होत ह, उसकी आवशयकता क अनरप ही वह सवय को उस पर परकट करत ह। हम यहजकल को शदय गय परमशवर क दियन का अधययन करग।

दिथन का िनदभिथयहजकल एक नबी तथा परमशवर का याजक था। यहजकल, परातन इसाएल क बारह गोतो म स दो गोतो क लोगो क साथ, एक परदि म बनदी था (यिजकि 1:1)। व अपन आराधना क सथान, यरिलम नगर, स बहत दर थ। व शवदोही लोग थ, जो पराय दवताओ की उपासना कर रह थ। इस कारण परमशवर अपन नबी तथा याजक यहजकल क पास एक दियन क माधयम स िबदो स बनी एक तसवीर भजत ह (यिजकि 1:3)।

यिजकि 1:15-21 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह एक स अशधक बार पढत रह।

िामफिक चचाथचचाय कर शक इन बाइबल पदो म कौन सी पाच बात शलखी गयी ह। उततरो को शलख।

पद 15

पद 16-17

पद 18

पद 19

पद 21

5

मल पाठ को गलत अथय दन स बचन म सहायता क शलय मल पाठ क शवषय म शनमनशलशखत परशन प :

इन पदो म कौन पात ह? यिजकि 1:1-3 पढ

कौन बोल रहा ह?

वह फकिि बात कर रहा ह? यिजकि 1:28-2:5 पढ

पात एक-दसर क साथ फकि पकार बातचीत करत ह?

यह सब किा पर हआ?

यह सब कब हआ—यीि क मास और लह बनन, करस पर मरन, मतको म स जी उठन तथा सवगायरोहण स पहल या बाद म?

पशहय कया दिायत ह?

गशतिील पशहय परमशवर क शवषय म कया दिायत ह?

आख परमशवर क शवषय म कया दिायती ह? यिजकि 8:12 पढ

6

य पद कयो शलखा गय थ? यिजकि 11:16-25 पढ

इन पदो म ऐसी क बात कया ह जो आज भी वसी ही ह?

आज हमार शलय इसक कया मायन ह?

इस सत म स आप परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखत ह?

आपका वयशतिगत, वयावहाररक परशतउततर/पराथयना कया ह?

धनयवाद की िमापन पारथनापरमशवर का धनयवाद कर शक वह सवय को हम पर परकट करना चाहत ह।

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सत 3: उनहोन सवय को वयशतिगत बनायापरमशवर समबनध मलक ह। उनका समवाि वयशतिगत ह।

आरफभिक पारथनासत का आरमभ पराथयना स कर।

आराधनाआराधना क ऐस दो या तीन गीत गाइए जो यह घोषणा करत हो शक परमशवर सवय को हम पर परकट करना चाहत ह, और हमारी आवशयकता क अनसार हमार पास उतर आत ह।

बाइबि अधययन - परमशवर क दिथन - याकबजसा शक हमन सीखा ह शक परमशवर सवय को समवाद क शवशभनन माधयमो स परकट करत ह। शजस वयशति पर परमशवर सवय को परकट कर रह होत ह, उसकी आवशयकता क अनरप ही वह सवय को उस पर परकट करत ह। हम याकब को शदय गय परमशवर क दियन का अधययन करग।

दिथन का िनदभिथयाकब, जो परातन इसाएल क बारह गोतो का शपता था, इसहाक तथा ररबका का पत था। इसहाक अबराहम और साराह का पत था। अबराहम और इसहाक, दोनो को परमशवर की ओर स एक वयशतिगत परशतजा शमली थी। याकब न अपन बड भाई स ल शकया और उसक पहलौठ क अशधकार को हशथया शलया। पररणामसवरप याकब की माता ररबका न याकब स कहा शक वह अपन भाई क करोध स बचन क शलय भाग जाय। याकब की आय शववाह क योगय हो चकी थी, सो इसहाक न याकब को एक दलहन की तलाि म राहल क पररवार क गोत म भज शदया।

उतपफत 28:10-22 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह कई बार पढ।

िामफिक चचाथ इन बाइबल पदो क अपन अवलोकनो पर चचाय कर। उततरो को शलख।

8

मल पाठ को गलत अथय दन स बचन म सहायता क शलय मल पाठ क शवषय म शनमनशलशखत परशन प :

इन पदो म कौन पात ह?

कौन बोल रहा ह?

वह फकिि बात कर रहा ह?

पात एक-दसर क साथ फकि पकार बातचीत करत ह?

परमशवर याकब को अपना पररचय कि दत ह? पद 13 पढ

परमशवर दारा शदय गय सवय क पररचय स हम याकब क साथ उनक समबनध क शवषय म कया पता चलता ह?

पद 15 म परमशवर न याकब स कया परशतजा की?

यह सब किा पर हआ? पद 19 पढ

सीढी किा खडी थी और उसका शसरा किा तक पहचा हआ था? पद 13 पढ।

सीढी कया दिायती ह?

सीढी लोगो क साथ परमशवर क समबनध को दिायती ह। परमशवर सवगय स पथवी पर उतर आत ह, सवय को हमार पास ल आत ह। परमशवर न याकब को सवय का वयशतिगत अनभव कराया, पथवी स एक दियन कराया जहा याकब रहता था, सवगय का दियन कराया जहा परमशवर रहत ह।

यह सब कब हआ—यीि क मास और लह बनन, करस पर मरन, मतको म स जी उठन तथा सवगायरोहण स पहल या बाद म?

9

य पद कयो शलख गय थ?

इन पदो म ऐसी क बात कया ह जो आज भी वसी ही ह?

आज हमार शलय इनक कया मायन ह?

यिनना 1:51 म यीि न अपन शिषयो स कहा शक व सवगय को खला हआ और सवगयदतो को मनषय क पत (सवय यीि) क ऊपर उतरत और ऊपर जात दखग। यीि मसीह क जनम, मतय, पनरतथान और सवगायरोहण क दारा सवगय खल गया ह। आज यीि मसीह क माधयम स, उनक आतमा क दारा, हम परमशवर को वयशतिगत तौर पर जान सकत ह। हमारी सीधी पहच परमशवर क पास हो गयी ह। हमार हालात चाह जस भी हो, परमशवर परतीका कर रह ह।

इस सत म स आप परमशवर क शवषय म कौन सी एक बात सीखत ह?

आपका वयावहाररक परशतउततर/पराथयना कया ह?

धनयवाद की िमापन पारथनापरमशवर का धनयवाद कर शक वह सवय को हम पर परकट करना चाहत ह।

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सत 4: समय अब हउस िखो शजसकी आख आग क समान ह! जो उस गरहण करत ह, व पम, जयोशत, जीवन पापत करत ह। जो उस ठतकरात ह, व नरक-िणड, अनधकार, मतयत पापत करत ह।

आरफभिक पारथनासत का आरमभ पराथयना स कर।

आराधनाआराधना क ऐस दो या तीन गीत गाइए जो यह घोषणा करत हो शक सवगय का मागय यीि ह।

बाइबि अधययन - परमशवर क दिथन - यिननाजसा शक हमन सीखा ह शक परमशवर सवय को समवाद क शवशभनन माधयमो स परकट करत ह। शजस वयशति पर परमशवर सवय को परकट कर रह होत ह, उसकी आवशयकता क अनरप ही वह सवय को उस पर परकट करत ह। हम यहनना को शदय गय परमशवर क दियन का अधययन करग।

दिथन का िनदभिथयहनना अपन शवशवास क कारण शनवायसन म था। कलीशसया सताव का सामना कर रही थी। मानवीय इशतहास क सवायशधक करर और िशतििाली सामाजय—रोमी सामाजय—का िासनकाल था। अतयाचार और अलगाव की शसथशत म, यहनना को परमशवर का उनक समपणय वभव, परम और सामथयय म दियन शमला। परमशवर शसहासन पर थ और ह और आन वाल ह तथा उनका सामथयय समसत दटिता और समपणय मानवीय इशतहास क सभी यगो क समसत सामाजयो स कही अशधक उचचतर ह। यहनना और सभी शवशवासी आशवसत हो सकत ह शक दटिता का अनत समीप ह। यीि न इस पराशजत कर शदया ह। दटिता क शदन शगन हए ह। परमशवर उन लोगो की परतीका कर रह ह जो दटिता क अनत स पहल उनक पास सवचा स चल आयग।

आइए, यीि क परकािन और आन वाली बातो क एक लघ अि को दख।

पकाफितवाकय 4:1-11 पढ

िामफिक चचाथबाइबल क इन पदो म शलखी बातो पर एक-एक पद करक चचाय कर। उततरो को शलख।

पद 1

पद 2

पद 3

पद 4

पद 5

पद 6

पद 7

11

चारो पराणी रात-शदन कया कहत रहत ह? पद 8 पढ

जब व चारो पराणी उसकी, जो शसहासन पर बठा ह, आराधना करत ह, तो चौबीस पराचीन कया करत ह? पद 9-10 पढ

शसहासन पर बठन वाल की आराधना करत हए चौबीस पराचीन कया कहत ह? पद 11 पढ

सवगय का खला दार: शजस दार को यहनना न दखा वह यीि क शसदध लह क बशलदान का परतीक ह, शजसन हम धोकर िदध कर शदया ह। जब हमन सवय यीि क लह क बशलदान को गरहण कर शलया ह, तो हम हमार भीतर परमशवर का आतमा भी शमल गया ह, हम पर और हमार चारो ओर उनकी उपशसथशत भी शमल गयी ह।

यीि क कारण, अथायत परमशवर जो मास और लह बन गय, हमार जस बन गय, अपन जीवन का बशलदान शदया, मतको म स जी उठ और ऊच पर उठा शलय गय, परमशवर शपता क दाय जा शवराज, ताशक उनक आतमा क दारा, हमार शलय परमशवर क शसहासन कक म जान का मागय खल जाय।

वतयमान म, दटिता स कशतगरसत इस ससार म परमशवर क साथ शनरनतर मलाकात, सगशत, परामिय, समबनध, परम और परकािन क शलय हमारी आतमा म परमशवर क शसहासन कक म पहच हो गयी ह।

भशवषय म, हमारी आिा ह शक परमशवर क शसहासन कक म हमारी पनरशतथत शसदध दहो म हमारी पहच होगी, जहा हम उनह आमन-सामन दखग। वहा आस नही होग, पीडा नही होगी, बढापा नही होगा, रोग नही होगा। समय की पररपणयता म सबक शसदध हो जायगा।

मल पाठ को गलत अथय दन स बचन म सहायता क शलय मल पाठ क शवषय म शनमनशलशखत परशन प :

इन पदो म कौन पात ह?

कौन बोल रहा ह?

वह फकिि बात कर रहा ह? पकाफितवाकय 4:1 पढ

आवाज फकिि बात कर रही ह? पकाफितवाकय 4:1 पढ

चार पराणी फकिि बात कर रह ह? पकाफितवाकय 4:8 पढ

12

चौबीस पराचीन फकिि बात कर रह ह? पकाफितवाकय 4:11 पढ

लोग एक-दसर क साथ फकि पकार बातचीत करत ह?

यह सब किा पर हआ? पकाफितवाकय 1:9 और पकाफितवाकय 4:1 पढ

यह सब कब हआ—यीि क मास और लह बनन, करस पर मरन, मतको म स जी उठन तथा सवगायरोहण स पहल या बाद म? पकाफितवाकय 1:17-18 पढ

य पद कयो शलख गय थ?

इन पदो म ऐसी क बात कया ह जो आज भी वसी ही ह?

आज हमार शलय इनक कया मायन ह?

इस सत म स आप परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखत ह?

गवािती दपरमशवर क दियन सतो म स परमशवर आपस फकि बार म बात करत आ रह ह?

आपका वयावहाररक परशतउततर/पराथयना कया ह?

13

सत 5: कयोशक परमशवर बहत परम करत हजान िशति ह। उनक पम की िशति को जानना।

आरफभिक पारथनासत का आरमभ पराथयना स कर।

आराधनाआराधना क ऐस दो या तीन गीत गाइए जो परमशवर क परम की घोषणा करत हो।

बाइबि अधययन - परमशवर का पमजसा शक हम सीख चक ह शक सशटिकताय परमशवर, जो थ, और जो ह, और जो आन वाल ह, एक समबनध मलक परमशवर ह। परमशवर सबक परम क कारण करत ह कयोशक परमशवर बहत परम करत ह। परमशवर का यह परम हमारी समझ स पर ह। हम परमशवर की कहानी, उनकी सचची परम कहानी, बाइबल म स परमशवर क परम क क पहलओ का अधययन करग।

1 कररफनरयो 13:1-8 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह कई बार पढ।

िामफिक चचाथबाइबल क इन पदो म शलख परमशवर क परम क पहलओ पर एक-एक पद करक चचाय कर। उततरो को शलख।

पद 4

पद 5

पद 6

पद 7

पद 8

इस परम का सोत कौन ह? 1 यिनना 4:7-10 पढ

िामफिक चचाथचचाय कर शक इन बाइबल पदो म परमशवर का परम हमार शलय कस परकट शकया गया ह? उततरो को शलख।

मल पाठ को गलत अथय दन स बचन म सहायता क शलय मल पाठ क शवषय म शनमनशलशखत परशन प :

इन पदो म कौन पात ह? 1 यिनना 4:7-10

14

कौन बोल रहा ह?

वह फकिि बात कर रहा ह?

पात एक-दसर क साथ फकि पकार बातचीत करत ह?

यह सब कब हआ—यीि क मास और लह बनन, करस पर मरन, मतको म स जी उठन तथा सवगायरोहण स पहल या बाद म?

य पद कयो शलख गय थ? 1 यिनना 1:1-4 पढ

इस सत म स आप परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखत ह?

आज हमार शलय इनक कया मायन ह?

इन पदो म स आप परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखत ह?

गवािती दयह जानना आपक शलय कया मायन रखता ह शक आपक शलय परमशवर का परम असीम ह?

आपका वयावहाररक परशतउततर/पराथयना कया ह?

15

सत 6: शपता का परमशपता की पसननता इसी म ह शक परमशवरतव की पररपणयता यीित म वास कर,और उनक दारा वह सब वसततओ का अपन साथ पतनममल कर ल।

आरफभिक पारथनासत का आरमभ पराथयना स कर।

आराधनाआराधना क ऐस दो या तीन गीत गाइए जो परमशवर क परम की घोषणा करत हो।

बाइबि अधययनपरमशवर सवय क साथ एक शसदध समबनध म थ, और ह, और आन वाल ह। शपता, पत यीि, और पशवत आतमा, एक पररपणय एकतव ह, एक म तीन वयशति। एक परमशवर। हम परमशवर की कहानी, उनकी सचची परम कहानी, बाइबल म स शपता क परम का अधययन करग।

शपता का परम इतना महान ह शक वह सबक पत को द दत ह।

किफसियो 1:19-20 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह कई बार पढ।

िामफिक चचाथइन बाइबल पदो म स शपता क परम क शवषय म अपन अवलोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शलख।

इन पदो म ऐसी क बात कया ह जो आज भी वसी ही ह?

आज हमार शलय इनक कया मायन ह? किफसियो 1:21-22 पढ

यिनना 3:16-17 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह कई बार पढ।

16

िामफिक चचाथइन बाइबल पदो म स शपता क परम क शवषय म अपन अवलोकनो पर चचाय कर। उततरो को शलख।

इन पदो म ऐसी क बात कया ह जो आज भी वसी ही ह?

आज हमार शलय इनक कया मायन ह? यिनना 3:18 पढ

यिनना 3:35 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह कई बार पढ।

िामफिक चचाथ इन बाइबल पदो म स शपता क परम क शवषय म अपन अवलोकनो पर चचाय कर। उततरो को शलख।

इन पदो म ऐसी क बात कया ह जो आज भी वसी ही ह?

आज हमार शलय इनक कया मायन ह? यिनना 3:36 पढ

1 यिनना 3:1 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह कई बार पढ।

िामफिक चचाथइन बाइबल पदो म स शपता क परम क शवषय म अपन अवलोकनो पर चचाय कर। उततरो को शलख।

इन पदो म ऐसी क बात कया ह जो आज भी वसी ही ह?

17

आज हमार शलय इनक कया मायन ह?

किफसियो 1:12-14 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह कई बार पढ।

िामफिक चचाथइन बाइबल पदो म स शपता क परम क शवषय म अपन अवलोकनो पर चचाय कर। उततरो को शलख।

इन पदो म ऐसी क बात कया ह जो आज भी वसी ही ह?

आज हमार शलय इनक कया मायन ह?

इन पदो म स आप परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखत ह?

गवािती दयह जानना आपक शलय कया मायन रखता ह शक शपता आपस शकतना परम करत ह?

आपका वयावहाररक परशतउततर/पराथयना कया ह?

18

सत 7: पत का परमपरमशवर न सवय को पम म वयशतिगत बना शिया, ताशक हम पम म उनक साथ समबनध मलक हो सक ।

आरफभिक पारथनासत का आरमभ पराथयना स कर।

आराधनाआराधना क ऐस दो या तीन गीत गाइए जो यीि क मास और लह क बशलदान की घोषणा करत हो।

बाइबि अधययनपरमशवर सवय क साथ एक शसदध समबनध म थ, और ह, और आन वाल ह। शपता, पत यीि, और पशवत आतमा, एक पररपणय एकतव ह, एक म तीन वयशति। एक परमशवर। हम परमशवर क पत, यीि, क परम क समबनध का अधययन करग।

यीि का परम इतना महान ह शक उनहोन मास और लह का बशलदान बनन क शलय सबक तयाग शदया। शिर भी, परतयक शदन उनक परम को अशधक स अशधक जानन स हम उस जीवन, परम, सतय और सामथयय की भरपरी परापत करन म सहायता शमलती ह, जो परमशवर की ओर स ह और सवय परमशवर ह।

यिनना 10:14-18 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह कई बार पढ।

िामफिक चचाथइन बाइबल पदो म स यीि क परम क शवषय म अपन अवलोकनो पर चचाय कर। उततरो को शलख।

गवािती द यह जानना आपक शलय कया मायन रखता ह शक यीि आपक अच चरवाह ह?

19

भिजन िफिता 23 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह कई बार पढ।

िामफिक चचाथचचाय कर शक यीि, जो अच चरवाह ह, आपक शलय कया करत ह। उततरो को शलख।

इन पदो म ऐसी क बात कया ह जो आज भी वसी ही ह?

आज हमार शलय इनक कया मायन ह?

इस सत म स आप परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखत ह?

यीि म परमशवर का यह परम फकतना बलिाली ह? रोफमयो 8:39 पढ

आपका वयावहाररक परशतउततर/पराथयना कया ह?

20

सत 8: पशवत आतमा का परमआतमा और ितलहन कहती ह “आ!” सभी सतनन वाल भी कह “आ!” शजतन लोग पयास ह, व सब आय। शजतन लोग जीवन का जल चाहत ह, व सब सतमत ल।

आरफभिक पारथनासत का आरमभ पराथयना स कर।

आराधनाआराधना क ऐस दो या तीन गीत गाइए जो परमशवर क परम की घोषणा करत हो।

बाइबि अधययन परमशवर सवय क साथ एक शसदध समबनध म थ, और ह, और आन वाल ह। शपता, पत यीि, और पशवत आतमा, एक पररपणय एकतव ह, एक म तीन वयशति। एक परमशवर। हम पशवत आतमा क परम क समबनध का अधययन करग।

परमशवर का परम इतना महान ह शक यह हमारी समझ स पर ह। पशवत आतमा का परम उनक सवय की ओर कभी सकत नही करता। बशलक वह हम परकािन दत ह, पशटि दत ह, रपानतररत करत ह और हमम शनवास करत ह, शजसस हम शपता क परम और पत यीि क परम को वयशतिगत, िशतििाली और आनतररक रप स अनभव करत ह।

पशवत आतमा हम फकिकी बात बतायग, और फकिकी मशहमा करग? यिनना 16:13-15 पढ

परमशवर का परम वयशतिगत, िशतििाली और आनतररक रप स, हमार हदयो म कस डाला गया ह? रोफमयो 5:5-8 पढ

रोफमयो 8:14-16 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह कई बार पढ।

िामफिक चचाथइन बाइबल पदो म स पशवत आतमा क परम क शवषय म अपन अवलोकनो पर चचाय कर। उततरो को शलख।

सभी शवशवासी (नर और नारी) ‘परमशवर क पत’ ह कयोशक व उनक आतमा को परापत करत ह। य िबद,

21

‘परमशवर क पत’, परमशवर क साथ उस समबनध को दिायत ह जो अब हम मीरास म शमला ह। यह गोद शलया जाना राजकीय पररवार म पहलौठ पत क जनम क समान ह, शजस पहलौठ पत क सार काननी अशधकार शमलत ह। इसी कारण हम यीि क सगी वाररस बनत ह, जो परमशवर क राजय क राजा ह।

गवािती दयह जानना आपक शलय कया मायन रखता ह शक आप परमशवर की सनतान ह (राजकीय पररवार क पहलौठ पत क समान)?

इस सत म स आप परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखत ह?

आपका वयावहाररक परशतउततर/पराथयना कया ह?

22

सत 9: म जसा ह वस ही सवीकशतपरमशवर क पम म सथाशपत। जसा ह वसा ही सवीकत। अननतता की ओर बढत हए। जीवन स भरपर। म सिा क शलय बिल शिया गया ह। अशत महान ‘म ह’ क दारा।

आरफभिक पारथनासत का आरमभ पराथयना स कर।

आराधनाआराधना क ऐस दो या तीन गीत गाइए जो यह घोषणा करत हो शक म जसा ह वसा ही परमशवर न मझ सवीकार कर शलया ह।

चार काडडथज वकथ िॉपकदम 1: परतयक वयशति एक खाली कागज लता ह और उस चार शहससो म काट लता ह। परतयक वयशति को उनक काडय क सामन क शहसस पर नीच शलखी वसतओ क शचत बनान ह।

काडय 1 = म काडय 2 = मरा पररवार काडय 3 = मरी शिका काडय 4 = मरा गाव

कदम 2: परतयक वयशति को उनक चारो काडड यज क पी की ओर साधारण शचतो और िबदो क दारा अपना, अपन पररवार का, अपन सकल का और अपन समदाय का वणयन करना ह। शकसी भी काडय पर कोई नाम न शलखा जाय।

काडय 1: म अपन बार म कसा महसस करता ह? (एक खि या उदास चहर का शचत बनाय।) कया म महसस करता ह शक सब मझस परम करत ह? कया म महसस करता ह शक मर समदाय क लोग मझ सवीकार करत ह? म कौन सा काम अची तरह कर सकता ह? मझ कया करना पसनद ह? मरा मनपसनद जनत कौन सा ह? मरा मनपसनद भोजन कया ह? मर सपन कया ह? म शकसस डरता ह?

काडय 2: मर पररवार म कौन-कौन ह? मर पररवार का सवासथय कसा ह? मरा पररवार शकस या कौन स परमशवर म शवशवास करता ह? मझ पर अशधकार रखन वाल लोग कस ह? (एक खि या उदास चहर का शचत बनाय।)

काडय 3: म अपन जीवन को लकर कसा महसस करता ह? (एक खि या उदास चहर का शचत बनाय।) बचपन म मन कौन सी एक बात सीखी थी? शजस वयशति न मझ यह शसखाया था वह कसा वयशति था? मझ कौन सा शवषय सीखना सबस अशधक पसनद था? कौन सा शवषय सीखना सबस कशठन था? कौन सा शवषय सीखना सबस आसान था? ऐस कौन स सथान ह जहा म सरशकत महसस नही करता? ऐस कौन स सथान ह जहा म सरशकत महसस करता ह?

काडय 4: जहा म रहता ह वहा मझ कया अचा लगता ह? जहा म रहता ह वहा मझ कया अचा नही लगता? जहा म रहता ह वहा क वदध लोग कया करत ह? वदध लोग मरी सहायता कस करत ह?

कदम 3: जब सब वयशति अपन-अपन काडड यज पर उपरोति जानकारी शलख ल, तो व अपन-अपन काडड यज आपको द द। उनह उनक चार-चार क सट म ही रख।

कदम 4: परतयक वयशति को चार काडड यज का ऐसा सट द जो उनका नही ह। परतयक की पहचान गपत रह और शकसी को यह न पता चल शक शकस शकसक काडड यज का सट शदया गया ह।

कदम 5: एक-एक करक परतयक वयशति उन काडड यज को पढकर सनाय जो उस शदय गय ह।

िामफिक चचाथकाडड यज क परतयक सट क पररणामो पर चचाय कर। उततरो को शलख।

23

परतयक वयशति अपन शवषय म और अपनी पररशसथशतयो क शवषय म जो महसस करता ह, उसम कया पारसपररक पदयशतया या समबनध ह?

परतयक वयशति म क शभननताए कया ह?

उतपफत 29:31-35 पढिामफिक चचाथ शलआः और परमशवर क शवषय म अपन अवलोकनो पर चचाय कर। उततरो को शलख।पद 31 परमशवर शलआः क शवषय म कया जानत थ?

पद 32 शलआः कया आिा कर रही थी शक पत पदा होन क पररणामसवरप कया होगा?

पद 33 कया शलआः क पत को जनम दन क पररणामसवरप शलआः का पशत शलआः स परम करन लगा?

पद 34 शलआः क तीन पतो को जनम दन क बाद कया उसका पशत उसस परम करन लगा?

पद 35 चार पतो को जनम दन क बाद शलआः न कया कहा?

हमार परम पान और सवीकार शकय जान की आवशयकता को परमशवर दखत ह। परमशवर न शलआः की पत पराशपत की चाहत को परा शकया, ताशक उस यह दिाय सक शक परमशवर सवय उस शकतना परम करत ह। परमशवर न अपनी योजना म भी उस एक सथान शदया। उसक चौथ पत स उस गोत का उदभव हआ, शजसस यीि, मास और लह बन परमशवर, आत ह। परातन इसाएल क बारह गोतो म स एक।

जब हम जान जात ह शक परमशवर हमस शकतना परम करत ह, शक वह हम वस ही सवीकार कर लत ह जस हम ह, शक हम उनकी दशटि म शकतन सनदर ह, और यह शक उनहोन हम अपनी योजना का शहससा बनान क शलय हम ससार की सशटि स पहल ही चन शलया था, तभी हम वासतव म सवतनत होत ह कयोशक शिर हम लोगो क परम और सवीकशत की अपका नही करत। अब हम इस वासतशवकता म जीन लगत ह शक उनका परम और उनकी सवीकशत हमार शलय पयायपत स भी बढकर ह।

जब हम जान जात ह शक हम वस ही सवीकार कर शलया गया ह जस हम ह, तब हम कया करन क शलए सिति हो जात ह? रोफमयो 15:7 पढ

इस सत म स आप परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखत ह? पररतो 10:34 पढ

आपका वयावहाररक परशतउततर/पराथयना कया ह?

24

सत 10: पहचान – आतमा स जनमपरमशवर: जो आतमा ह मास और लह स जनम, शक उन सभी क शलय मास और लह का बशलिान बन जो मास और लह स जनम ह, ताशक व मास और लह होत हए आतमा स जनम ल सक ।

आरफभिक पारथनासत का आरमभ करन क शलय पराथयना कर।

आराधनाआराधना क ऐस दो या तीन गीत गाइए जो यह घोषणा करत हो शक म आतमा स जनमा ह, और परमशवर की सनतान ह।

बाइबि अधययनजसा शक हम सीख चक ह शक व सभी शवशवासी, जो यीि दारा शदय गय सवय क मास और लह क बशलदान को सवीकार करत ह, व परमशवर क आतमा—पशवत आतमा—को अपन भीतर परापत करत ह। यह हमारी वतयमान मीरास ह, हम परमशवर की सनतान ह (राजकीय पररवार म पहलौठ पत क समान), मसीह क सगी वाररस ह, इस पथवी पर, दटिता स कशतगरसत इस ससार म परमशवर क राजय म जी रह ह।

परमशवर न हमार जसा बनन का चयन शकया कयोशक वह हमस परम करत ह, और इशतहास क उस कण म, यीि न पशवत आतमा क बीज क दारा मास और लह क रप म एक सती स जनम शलया, ताशक यीि दारा शदय गय सवय क मास और लह क अननत बशलदान पर शवशवास और उस सवीकार करन क दारा हम जो मास और लह स जनम ह, आतमा स जनम ल सक ।

यिनना 1:12-13 पढ

हम परमशवर की कहानी, उनकी सचची परम कहानी, बाइबल म स अधययन करग शक मास और लह स जनम मनषय को आतमा स जनम लन की आवशयकता कयो थी।

1 कररफनरयो 15:47-51 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह कई बार पढ।

िामफिक चचाथइन बाइबल पदो म स परथम मनषय (जो मास और लह स जनमा) और दसर मनषय (यीि, जो आतमा स थ परनत शजनहोन मास और लह स जनम शलया) क शवषय म अपन अवलोकनो पर चचाय कर। उततरो को शलख।

परथम मनषय फकिि बना था?

यीि दारा शदय गय सवय क मास और लह क बशलदान को सवीकार करन स पहल हम फकिका सवरप, समानता और पहचान शमली थी?

25

यीि दारा शदय गय सवय क मास और लह क बशलदान को सवीकार करन क बाद हम फकिका सवरप, समानता और पहचान शमली ह?

यह हमारी वतयमान मीरास ह। हम यीि की पहचान शमली ह, हम, जो मास और लह ह, परनत अब उनक आतमा स जनम ह, परमशवर की सनतान (राजकीय पररवार म पहलौठ पत क समान), मसीह क सगी वाररस ह, इस पथवी पर, दटिता स कशतगरसत इस ससार म परमशवर क राजय म जी रह ह।

1 कररफनरयो 15:50-55 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह कई बार पढ।

िामफिक चचाथइन बाइबल पदो म स शमटी स बन मनषय (जो मास और लह स जनमा) और यीि, जो आतमा स थ (जो मास और लह बन गय) की पहचान क शवषय म अपन अवलोकनो पर चचाय कर। उततरो को शलख।

मास और लह स जनम मनषय का सवभाव और पहचान कया ह?

यीि का सवभाव और पहचान कया ह?

परथम मनषय एक ऐसा बीज बन गया जो बबायद ह, कयोशक उसन दटि क ल और भल तथा बर क जान को परापत करन, उसम िाशमल होन और उसक साथ एक हो जान का चयन शकया। पररणामसवरप सब लोगो का जनम ऐस सवभाव क साथ होता ह जो बबायद ह। दसर मनषय यीि न, पशवत आतमा क बीज क दारा, एक ऐसा बीज जो कभी बबायद नही ह, मास और लह क रप म एक सती स जनम शलया। यीि मास और लह का एक शसदध बशलदान ह।

रोफमयो 5:14-19 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह कई बार पढ।

िामफिक चचाथइन बाइबल पदो म स शमटी स बन मनषय (जो मास और लह स जनमा) क पररणामो और यीि, जो आतमा स थ (जो मास और लह बन गय) क पररणामो क शवषय म अपन अवलोकनो पर चचाय कर। उततरो को शलख।

परथम मनषय क अपराध का पररणाम कया ह?

पद 16

पद 17

26

दसर मनषय दारा उन सभी क शलय, जो उस सवीकार करत ह, शदय जान वाल सवय क उपहार का पररणाम कया ह?

पद 16

पद 17

किफसियो 2:13-15 पढ

परथम मनषय क अपराध का पररणाम कया ह?

पद 13

दसर मनषय दारा सवय को उन सभी क शलय, जो उस सवीकार करत ह, उपहार सवरप शदय जान का पररणाम कया ह?

पद 13

पद 14

पद 15

यह हमारी वतयमान मीरास ह। मतय क दणड, नयाय तथा दोष स मति करक हम सही बनाया गया ह और इस जीवन म हमार िरीर तथा उन दटि आतमाओ और अशधकाररयो पर िासन शदया गया ह जो यीि क अशधकार तथा िासन क शवरदध खड होत ह। अब ितान तथा दटि आतमाए हम पर दोष नही लगा सकत कयोशक करस पर यीि की शवजय क दारा उनकी सारी िशति तथा हशथयार उनस ीन शलय गय ह।

हम दटिता स कशतगरसत इस ससार म मास और लह ह जो आतमा स जनम ह, यीि की शवजय म जीशवत शकय गय ह।

हमारी भशवषय म भी एक मीरास ह।

1 कररफनरयो 15:20-23 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह कई बार पढ।

िामफिक चचाथ इन बाइबल पदो म स शमटी स बन मनषय (जो मास और लह स जनमा) क पररणामो और यीि, जो आतमा स थ (जो मास और लह बन गय) क पररणामो क शवषय म अपन अवलोकनो पर चचाय कर। उततरो को शलख।

मतको म स कौन जी उठा ह?

जब यीि अपनी समपणय मशहमा म इस ससार म लौटग, उस समय ऐसी दहो क साथ कौन जी उठग, जो न तो वदध होगी, न रोगी होगी, और न ही परानी होगी?

27

पकाफितवाकय 1:18 पढ

वह कौन ह जो आतमा क दारा मास और लह का एक शसदध बशलदान बना, मरा, एक शसदध दह क साथ जी उठा, सवगायरोशहत हआ, यगानयग जीशवत ह और मतय तथा अननतता क ऊपर अशधकारी ह?

पकाफितवाकय 1:5-6 पढ

वह कौन ह जो शवशवासयोगय साकी, मर हओ म स जी उठन वालो म पहलौठा, सववोचच अशधकारी तथा सबक ऊपर हाशकम ह?

यीि न यह सब हमार शलय कयो शकया?

जब हम यीि क सवय क उपहार को और उनक मास और लह क बशलदान को सवीकार करत ह, तो परमशवर की सनतान बनन तथा आतमा स जनम लन क साथ-साथ हम कया बन जात ह?

यीि का पनरतथान पहला शसदध िारीररक पनरतथान था, सो अब हम न कवल दटिता स कशतगरसत इस ससार म जी सकत ह, बशलक दटिता स मति नवीकत ससार म उन शसदध पनरशतथत दहो को परापत करक, जो न तो वदध होगी, न परानी होगी और न ही मरगी, अननत अवसथा म रहन की भावी आिा म भी जी सकत ह। जब यीि पथवी पर लौटग, तब हम, शजनहोन यीि क सवय क उपहार को और उनक मास और लह क बशलदान को सवीकार शकया ह, अपन शसदध पनरशतथत िरीरो को परापत करग।

यह हमारी भशवषय की मीरास ह। कयोशक परमशवर हमस बहत परम करत ह, इसशलय यीि न पशवत आतमा क बीज क दारा सती स जनम लकर मास और लह बनन का चयन शकया। वह अपनी सवय की सशटि म उतर आय। मनषय क अपराध क पररणामसवरप परमशवर की सशटि दटिता स कशतगरसत हो गयी। असमानता, अतयाचार, दटिता और मतय िासन करन लगी। कयोशक परमशवर बहत परम करत ह, इसशलय यीि मीरास क परथम पत क रप म आय, ताशक हम सभी पत, मास और लह म स आतमा स जनम पत बन सक , शक हम वतयमान की और भशवषय की अपनी सारी मीरास को परापत कर सक । हाललयाह!

इस सत म स आपन परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखी?

आपका वयावहाररक परशतउततर/पराथयना कया ह?

28

सत 11: शपरय म सवीकशतिो मानवीय आवशयकताए: सवीकशत पान की चाहत और पम शकय जान की चाहत। परमशवर न हम शपय (यीित, जो सबस पयार ह) म (शविष सममान क साथ) सवीकत बनाया ह।

आरफभिक पारथनासत का आरमभ पराथयना स कर।

आराधनाआराधना क ऐस दो या तीन गीत गाइए जो यह घोषणा करत हो शक परमशवर मझस परम करत ह, और मझ मसीह म शविष सममान और आशिष दी गयी ह।

बाइबि अधययनजसा शक हम सीख चक ह शक जब सभी शवशवासी यीि दारा शदय गय सवय क मास और लह क बशलदान को सवीकार करत ह, व परमशवर क आतमा—पशवत आतमा—को अपन भीतर परापत करत ह। यह हमारी वतयमान मीरास ह। हम परमशवर की सनतान ह (राजकीय पररवार म पहलौठ पत क समान), मसीह क सगी वाररस ह, इस पथवी पर, दटिता स कशतगरसत इस ससार म परमशवर क राजय म जी रह ह।

परमशवर न हमार जसा बनन का चयन शकया कयोशक वह हमस परम करत ह, और इशतहास क उस कण म, यीि न पशवत आतमा क बीज क दारा मास और लह क रप म एक सती स जनम शलया, ताशक यीि दारा शदय गय सवय क मास और लह क शसदध व अननत बशलदान पर शवशवास और उस सवीकार करन क दारा हम जो मास और लह स जनम ह, आतमा स जनम ल सक ।

हम परमशवर की कहानी, उनकी सचची परम कहानी, बाइबल म स शपता क परम, आिीष, इचा (हदय की चाहत) और अननतता क शलय उदधार क उदशय का अधययन करग।

इफिफियो 1:3-14 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह कई बार पढ।

िामफिक चचाथअपन अवलोकनो पर चचाय कर। उततरो को शलख।

परमशवर की इचा तथा योजना कया ह जो उनहोन हम पर परकट की ह? पद 9-10 पढ

शपता परमशवर न हम (भतकाल म) कया शदया ह, जो वतयमान म हम शमल भी चका ह? पद 3 पढ

यह आिीष किा ह?

29

यह सब परापत करन क शलय हम फकिम ह या फकिक साथ एक ह?

वतयमान म, जब मसीह सवगगीय सथानो म अशधकार क सथान पर शवराजमान ह, तब हम भी उनक साथ बठ ह। वतयमान म मसीह म हम परतयक आशतमक आिीष शमली हई ह। अगला पद इन आशिषो का क शववरण परसतत करता ह।

हम मसीह म (वतयमान म) कौन ह, जो शपता परमशवर क दारा (भतकाल म) हम शदया ह? इस वयशतिगत बनाय और अपन उततर म ‘म ह’ डाल। पद 4-6 पढ

यीि परमशवर क ‘शपरय’ पत ह, शपता क सववोचच परम-पात। हम भी उनक परम क ‘पत’ ह, (जस ह वस ही) सवीकार शकय गय ह। वतयमान म हम शपता और पत क शसदध परमी समबनध की आशतमक वासतशवकता म जी रह ह। हम उनक हदय की चाहत ह।

हम मसीह म (वतयमान म) कौन ह, जो शपता परमशवर क दारा (भतकाल म) हम शदया ह? इस वयशतिगत बनाय और अपन उततर म ‘म ह’ डाल। पद 7-8 पढ

हम मसीह म (वतयमान म) कौन ह, जो शपता परमशवर क दारा (भतकाल म) हम शदया गया ह? इस वयशतिगत बनाय और अपन उततर म ‘मझ शमल गया/गयी ह’ डाल। पद 11-12 पढ

हम मसीह म (वतयमान म) कौन ह, जो शपता परमशवर क दारा (भतकाल म) हम शदया ह? इस वयशतिगत बनाय और अपन उततर म ‘मझ पर लगी/म ह’ डाल। पद 13-14 पढ

समरण रख, वतयमान म, जब मसीह सवगगीय सथानो म अशधकार क सथान पर शवराजमान ह, तब हम भी उनक साथ बठ ह। वतयमान म मसीह म हम परतयक आशतमक आिीष शमली हई ह।

इफिफियो 1:21-23 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह कई बार पढ।

30

िामफिक चचाथअपन अवलोकनो पर चचाय कर। उततरो को शलख।वतयमान म और भशवषय म यीि को फकतनती िशति और अशधकार शमला ह? पद 21 पढ

यीि की पररपणयता कौन ह? पद 23 पढ

सभी शवशवाशसयो की, शजनहोन यीि दारा शदय गय सवय क मास और लह क बशलदान को सवीकार शकया ह, पररपणयता कौन ह?

इफिफियो 2:4-9 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह कई बार पढ।

िामफिक चचाथअपन अवलोकनो पर चचाय कर। उततरो को शलख।वतयमान म हम मसीह यीि म कया शमला ह? पद 5-6 पढ

परमशवर न हम मसीह क साथ जीशवत कयो शकया और मसीह की िशति और अशधकार दकर सवगगीय सथानो म उनक साथ बठन क शलय कयो उठाया? पद 4-8 पढ

उदधार परमशवर की ओर स एक उपहार कयो ह? पद 8-9 पढ

इफिफियो 1:15-19 पढपरररत पौलस सनतो क शलय कया पराथयना करता ह?पद 17

पद 18

पद 19

इस सत म स आप परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखत ह?

आपका वयावहाररक परशतउततर/पराथयना कया ह?

31

सत 12: समबनधसशमनार सहभागी: ‘िाखलता क समबनध क शवषय म सीखा, यीित स पाशपत का समय रहा,शपता की इचछा क पशत समशपयत हआ, यह मर शलय अतयनत महतवपणय ह।’

आरफभिक पारथनासत का आरमभ पराथयना स कर।

आराधना आराधना क ऐस दो या तीन गीत गाइए जो यीि म एकता की, या यीि क साथ दाखलता और डाशलयो क जस समबनध की, या यीि क परम म जीन की घोषणा करत हो।

किानतीकलपना कर शक आप एक शविाल दाखलता की एक िाखा ह।

आप दाखलता क मखय तन स जड हए ह और बागबान की इचा की पणय अधीनता म ह।

आप कवल एक ही काम करत ह, वह यह शक वहा लटक रहत ह, और क नही, बस मखय तन स लटक रहत ह।

अब कयोशक आप मखय तन स लटक रहत ह, इसशलय दाखलता की सारी पौशटिकता सवाभाशवक रप स जडो स लकर तन स होती हई आप म बह रही ह। इसका जल, इसक पौशटिक ततव; दाखलता म स सबक आप म आ रहा ह।

आप बस इतना कर रह ह शक दाखलता स लटक हए ह और इसकी पौशटिकता को परापत कर रह ह।

एक शदन, आपको एक ‘झनझनी’ सी महसस होन लगती ह। आप पात ह शक आप बड हो गय ह।

िलो क ोट-ोट गच बनन लगत ह। पॉप (परम), पॉप, पॉप (आननद, िाशनत), पॉप, पॉप, पॉप (धीरज, कपा, भलाई), पॉप, पॉप, पॉप (शवशवास, नमता, सयम)।

जब सयय की उषणता और वषाय की बद आप पर पडती ह, आपक भीतर जीवन का जल और दाखलता क पौशटिक ततव बहत जात ह। यह कस हो रहा ह? आप तो क भी नही कर रह!

आप बस इतना कर रह ह शक दाखलता स लटक हए ह और इसकी पौशटिकता को परापत कर रह ह।

बागबान की इचा भी यही ह।

सवाभाशवक आयाम म, जल ऊपर स नीच की ओर बहता ह, जस वषाय, नशदया, जल-कणड इतयाशद। एक दाखलता को जीशवत रहन क शलय जल की आवशयकता ह। जल क शबना यह मर जायगी। दाखलता को जल की आपशतय क शलय मखय तन स पीना पडता ह—मखय तन स परापत करना पडता ह। जीशवत रहन और िल लान क शलय िाखा को जल पीना ही पडता ह।

32

जसा सवाभाशवक आयाम म ह, वसा ही आशतमक आयाम म भी ह कयोशक परमशवर न सब वसततओ को ऐसा ही सजा ह।

आशतमक आयाम म, जीवन का जल ऊपर स नीच की ओर बहता ह, परमशवर क शसहासन स यीि क दारा िाखाओ म आता ह। िाखाए वषाय म स नही पीती—यह जल भशम म जाता ह और िाखाए वासतव म मखय तन स पीती ह, दाखलता की सारी पौशटिकता को जड स और मखय तन स परापत करती ह।

यिनना 15:1-8 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह कई बार पढ।

िामफिक चचाथअपन अवलोकनो पर चचाय कर। उततरो को शलख।

बागबान कौन ह?

दाखलता का मखय तना कौन ह?

दाखलता क मखय तन स लगी हई िाखा कौन ह?

बन रहन का कया अथय ह?

म बना कि रह सकता ह?

सवाभाशवक म जीशवत रहन और िल लान क शलय िाखा क शलय पौशटिक ततव अथायत भोजन खाना भी अशनवायय ह।

यिनना 4:34 पढ

िनदभिथइन पदो म यीि एक बशहषकत सती स बात कर रह ह। यीि का जनम परातन इसाएल क बारह गोतो म स एक म हआ था। अतीत क इस समय म परातन इसाएल का कोई वयशति सामररयो क शकसी भी वयशति स बात नही करता था, शविषकर एक ऐसी सती स, जो अपन ही लोगो क दारा बशहषकत की गयी हो, शकनत यीि (मास और लह क भाव स) इस बशहषकत सती क पास गय, उसक साथ जीवन क जल (परमशवर क आतमा, पशवत आतमा) क शवषय म बात की और उस दिायया शक वह कौन ह—इस जीवन क जल क सोत ह। जब यीि क शिषय लौटत ह, यीि उनह अपन भोजन और पक खतो क शवषय म शसखात ह।

33

इस बशहषकत सती स बात करन, यह दिायन शक वह कौन ह और शजन लोगो न उनह अभी तक नही जाना ह, उनकी कटनी क शवषय म बात करन, क मधय म यीि परकट करत ह शक उनका भोजन कया ह।

यीि न कया कहा शक उनका पोषण करन वाला भोजन कया ह?

जसा सवाभाशवक आयाम म ह, वसा ही आशतमक आयाम म भी ह कयोशक परमशवर न सब वसततओ को ऐसा ही सजा ह।

आशतमक रप स जब हम हमार शपता की इचा क परशत समशपयत होत ह, जब हम उनकी उपशसथशत म, आराधना म, उनक वचन म उनक साथ समय शबतात ह, उनस उनकी सारी भलाई परापत करत रहत ह, तब हम उनक आतमा क दारा शदन-परशतशदन अशधक स अशधक बदलत जायग।

जब हम यीि स परापत करत ह, शपता परमशवर की इचा क परशत समशपयत रहत ह, तब हम शकसक सवरप म बदलत जात ह? 2 कररफनरयो 3:17-18 पढ

जब हम शपता की इचा की अधीनता म रहत हए जीवन क जल म स पीत ह, तो यीि न कया घोषणा की शक कया होगा?

यिनना 15:8 पढ

शनशचित ह शक िल लगग। जसा सवाभाशवक आयाम म ह, वसा ही आशतमक आयाम म भी ह कयोशक परमशवर न सब वसततओ को ऐसा ही सजा ह।

जब हम शपता की इचा की अधीनता म आत ह और उनकी उपशसथशत म स परशतशदन पीत ह, तो पशवत आतमा हम अशधक स अशधक मसीह जसा बनान क शलय बदलत जायग। उनका चररत हमारा चररत बन जाता ह। यीि वक म यीि िल लगत ह—आतमा क िल।

जब हम शपता परमशवर की इचा की अधीनता म आत ह, तो हम यीि स कौन ि आशतमक िल और ईशवरीय सवभाव अथायत यीि क गण परापत होत ह? गिाफतयो 5:22-23 पढ

इन िलो का उतपादन कौन करता ह?

जब हम यह परकािन शमल जाता ह शक परमशवर हमस शकतना परम करत ह, जब हम अपन शपता की उपशसथशत म उनकी इचा की अधीनता म आ जात ह, तो अपनी इचा क अनसार वह सवय को हम पर और अशधक परकट करग और हम परमशवर की पररपणयता स पररपणय हो जायग। जब हम परशतशदन उनकी उपशसथत म रहत ह, यीि स परापत करत ह, अपन शपता की अधीनता म रहत ह, तो वह हम बदल डालग, कयोशक यही उनकी इचा ह।

इस सत म स आपन परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखी?

आपका वयावहाररक परशतउततर/पराथयना कया ह?

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सत 13: समबनध – अनय लोगो की वस सवीकशत जस व ह

पतनममल हो चतक (सहमशत म लाय गय)। पतनसथायशपत हो चतक (सवासथय, आरोगयता और जीवन-िशति की अवसथा म वाशपस लाय गय)। नवीकत हो चतक (पतनजायगत शकय गय और पभाविाली बनाय गय)।

आरफभिक पारथनासत का आरमभ पराथयना स कर।

आराधनाआराधना क ऐस दो या तीन गीत गाइए जो परमशवर क परम और रपानतरणकारी िशति की घोषणा करत हो।

दि बतीज िामफिक अभयािजसा शक हम सीख चक ह शक हमारा सवायशधक महतवपणय समबनध परमशवर क साथ ह। यशद हम अपन शपता की इचा क परशत समशपयत ह और उनक साथ समय शबतात ह, उनस सारा पोषण परापत करत ह, तब परमशवर परशतशदन हम यीि क चररत म बदलत जायग।

परमशवर हमारी भावनाओ की शचनता करत ह, हम कया महसस करत ह, अनय लोग हमस कसा बतायव करत ह और हम अनय लोगो क साथ कसा बतायव करत ह।

िामफिक अभयािसब लोग एक घरा बनाकर एक दसर की ओर मह करक बठ जाय। घर क बीच म 10 बीज वकय िीट रख (परमशवर का राजय काययकरम पतशसतका क पज 45 की िोटोकॉपी कर ल) ताशक सभी लोग उस दख सक । वकय िीट क पास धान या चन या कोई अनय उपलबध 10 बीज रख। आपक समह म शजतन लोग ह वही आपक समह की सखया ह। आपक समह म 3 स 12 लोग हो सकत ह। यशद 12 स अशधक लोग ह तो दो समह बनाय। यशद 24 स अशधक लोग ह तो तीन समह बनाय और बढती सखया क साथ ऐसा ही करत रह। परतयक समह क मधय म 10 बीज और एक 10 बीज वकय िीट रखी हई हो।

परतयक वयशति को एक-एक करक समह स बोलन का अवसर शदया जाता ह। परतयक को बोलन का बराबर अशधकार परापत ह। परतयक वयशति का महतव सबक बराबर ह। परतयक वयशति समह क एक महतवपणय अग क रप म काम करता ह। परतयक वयशति अपन समह म बताता ह शक उनक अनसार उनका समाज उनह वकय िीट क कौन स कॉलम म दखता ह। या तो उनका समाज उनह महतवहीन समझता ह, या क महतव का समझता ह, या शिर अतयनत महतवपणय समझता ह।

परतयक वयशति क शलय यह समझना अतयनत महतवपणय ह शक शकसी क शलय इसम िमय की कोई बात नही ह शक उनका समाज उनह कस दखता ह। कोई समाज शकसी वयशति को कस दखता ह, वह अनक बातो क पररणामसवरप होता ह, शजनम स अशधकतर बात उस वयशति क शनयनतण क बाहर होती ह। सही उततर ह: आपका कया मानना ह शक आपका समाज आपको कस दखता ह।

एक बार जब परतयक वयशति सबको बता दता ह शक उनका कया मानना ह शक उनका समाज उनह कौन स कॉलम (महतवहीन या क महतव या अतयनत महतवपणय) म दखता ह, तब समह क सभी लोग यह चचाय करत ह शक चशननदा कॉलम म 10 बीज रखत हए व अपन समह क पररणामो को कस परसतत करग। सभी 10 बीजो का उपयोग अशनवायय ह। 10 बीज पर समह का परशतशनशधतव करत ह।

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उदाहरण 1: यशद 8 लोगो क समह म स 5 लोग मानत ह शक उनका समाज उनह महतवहीन समझता ह और 2 लोग मानत ह शक उनका समाज उनह क महतव का समझता ह और 1 वयशति मानता ह शक उनका समाज उनह अतयनत महतवपणय मानता ह, तो 10 बीज इस परकार स रख जायग शक 7 बीज महतवहीन कॉलम म हो, 2 बीज क महतव क कॉलम म हो और 1 बीज अतयनत महतवपणय कॉलम म हो।

उदाहरण 2: यशद 6 लोगो क समह म स 3 लोग मानत ह शक उनका समाज उनह महतवहीन समझता ह और 3 लोग मानत ह शक उनका समाज उनह क महतव का समझता ह और 0 वयशति मानता ह शक उनका समाज उनह अतयनत महतवपणय मानता ह, तो 10 बीज इस परकार स रख जायग शक 5 बीज महतवहीन कॉलम म हो, 5 बीज कम महतव क कॉलम म हो और 0 बीज अतयनत महतवपणय कॉलम म हो।

िामफिक चचाथअपन अवलोकनो पर चचाय कर। उततरो को शलख।

िका 8:43-55 पढ

इन बाइबल पदो पर मनन कर और इनह कई बार पढ।

िामफिक चचाथअपन अवलोकनो पर चचाय कर। उततरो को अपन पननो पर शलख।

जो लोग यह मानत ह शक समाज उनह महतवहीन और कम महतव वाल वयशति समझता ह, उनह यह मानन क शलय सिति कस बनाया जा सकता ह शक समाज उनह अतयनत महतवपणय वयशति मानता ह?

1.

2.

3.

4.

5.

6.

बाइबि अधययनिका 8:43-55 पढ

िनदभिथ

इन पदो म एक बशहषकत मशहला यीि का सपिय परापत करन क शलए अपन आप को जोशखम म डाल दती ह। उनकी ससकशत क अनसार वह एक अिदध मशहला थी और उसक दारा यीि को लन स यीि भी अिदध शगन जात।

िामफिक चचाथपद 43-44 म यीि क एक सपिय स एक बशहषकत सती क साथ कया हआ?

36

पद 45 म यीि न कया कहा?

यीि न यह नही कहा शक मझ कया आ, बशलक शकसन आ? शकसन का अथय ह एक वयशति। यीि उस महतवपणय समझत ह और उस खोजन क शलय रकन क दारा उसका आदर करत ह, उस अपना समय और अपना धयान दत ह। वह उनकी चगाई क सामथयय को परापत कर चकी ह। याद रख शक यीि ससार की दशटि म एक महतवपणय वयशति की मतयियया पर पडी लडकी को बचान जा रह ह।

पद 47 म उस सती न कया शकया?

न कवल यीि न एक बशहषकत सती को एक अतयनत महतवपणय वयशति क तौर पर जाना, जो सवयिशतिमान परमशवर क सवरप म सजी गयी थी, बशलक यीि क मात एक सपिय स अब सारा समाज, शिषय और सवय यीि इस सती की बात सन रह ह।

उस एक सथान शमला। उस एक आवाज शमली। वह एक मलयवान वयशति ह। वह महतवपणय ह।

पद 48 म यीि उस सती को अपन शिषयो और सार समाज क सामन कया बलात ह?

यीि का एक सपिय िारीररक, मानशसक और आशतमक पररपणयता को समपणय करता ह। उस एक सथान, एक आवाज, परमशवर की सनतान क तौर पर पनसथायशपत पहचान शमली।

10 बीज अभयास पर वाशपस।

जो लोग यह मानत ह शक समाज उनह महतवहीन और कम महतव वाल वयशति समझता ह, उनह यह मानन क शलय सिति कस बनाया जा सकता ह शक समाज उनह अतयनत महतवपणय वयशति मानता ह?

1.

2.

3.

4.

इस सत म स आपन परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखी?

आपका वयावहाररक परशतउततर/पराथयना कया ह?

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सत 14: समबनध - समानता‘सीखा शक यीित म समबनध समानता म पतनसथायशपत हो जात ह…यह सनिि शवशवाशसयो और अशवशवाशसयो क पास…सार समाज म पहचना जररी ह।’ सशमनार सहभागी

आरफभिक पारथनासत का आरमभ पराथयना स कर।

आराधनाआराधना क ऐस दो या तीन गीत गाइए जो परमशवर क परम और चगाई की िशति की घोषणा करत हो।

हम परमशवर की कहानी, उनकी सचची परम कहानी, बाइबल म स क पहलओ का अधययन करग शक कस परमशवर परषो और शसतयो को एक समानता म दखत ह।

परमशवर न जो क बनाया था, शजसम परष और सती भी िाशमल ह, उस दखकर परमशवर न कया कहा? उतपफत 1:31 पढ

यह बहत ही अचा ह।

दटिता स कशतगरसत इस ससार म रहत हए परमशवर क राजय म समबनधो को समझन क शलय हम आशद म वाशपस जाना होगा। उतपफत 1:27-28 पढ

परमशवर न परष को फकिक सवरप म सजा था?

परमशवर न सती को फकिक सवरप म सजा था?

परमशवर न एक समान आिीष फकि दी?

परमशवर न सारी पथवी पर एक समान अशधकार (िासन करन की िशति) फकि शदया?

उतपफत 2:18-20 पढ

इन पदो म परमशवर सती को एक ऐसा सहायक बतात ह जो परष स मल खाता ह। इसका अथय ह, ऐसा कोई जो साथ रह, जो एक जस मास का बना ह, परनत शिर भी शभनन ह। ऐसा कोई जो परष क बराबर ह, जो शमलकर एक हो सकत ह। ऐसा कोई जो परष को उस वयशति क रप म पणय बनाता ह शजस परमशवर क सवरप म सजा गया ह।

परमशवर क वचन क परान शनयम म सहायक िबद अशधकतर परमशवर क शलय परयति शकया जाता था, जो मनषय की सहायता क शलय उसक साथ आ जात थ। परमशवर क वचन क नय शनयम म सवय यीि परमशवर क आतमा को अथायत परमशवर की उपशसथशत को हमारा सहायक बतात ह।

38

कया परमशवर न परष और सती को समानता म सजा था या असमानता म?

परष और सती समसत सशटि म स परमशवर की सवयशषठ कशत ह। मनषय(नर और नारी दोनो) न परमशवर क शवास को परापत शकया, दोनो एक समान ह, एक-दसर क परक ह और अपन सशटिकताय परमशवर तथा एक-दसर क साथ एक समान समबनध म ह।

परष और सती भििाई क फिय िज गय थ…एक समान-एक समान

कया आज का ससार शसदध ह?

परमशवर क शसदध ससार को बदलन क शलय क हआ। याद रख शक परमशवर न परष और सती को सारी पथवी पर अशधकार शदया था, शजसम परमशवर क शसदध ससार की दखभाल करना भी िाशमल था। उनहोन उनक शवजयी जीवन क शलय उनह सबक शदया था।

परमशवर न परष और सती को एक सवतनत इचा क साथ सजा था, शक व मतय या जीवन चन, शक परमशवर की बशदध तथा जीवन क वक म भागीदार बनन को चन, या दटि क ल तथा भल और बर क जान क वक म भागीदार बनन को चन।

परमशवर न मनषय (नर और नारी दोनो) को कया चयन शदया था? उतपफत 2:8-9 और उतपफत 2:15-17 पढ

उतपशतत क तीसर अधयाय क अनत स पहल ही परथम परष और परथम सती न परमशवर की बशदध तथा जीवन क वक म भागीदार बनन को चनन की बजाय दटि क ल तथा भल और बर क जान क वक म भागीदार बनन को चन शलया। परष और सती न अनततः जीवन और िलवनतता की ओर ल जान वाल भरोस, अनतरगता और परमशवर की बशदध को सवीकार करन वाल समबनध की बजाय अशवशवास, दरी और परमशवर की बशदध को ठकरान वाल समबनध को चना, जो अनत म उनह मतय और शवनाि की ओर ल गया। परष और सती न इस शसदध ससार म मतय और दटिता को परवि करन शदया। उतपफत 3:1-7 और उतपफत 3:16-17 पढ

अब परष और सती का परसपर समबनध किा ह, समान या असमान?

दोनो ही शनयनतण और अशधकार परापत करन का परयास करत ह। सती परष को शनयनतण म रखन का परयास करती ह और परष सती पर अशधकार रखन का परयास करता ह।

उतपफत 4:7 पढ

उतपफत 3:16-17 क सनदभय म लालसा िबद का अथय ह पी दौडना और शनयनतण करन तथा अपन लाभ क शलय उपयोग करन का परयास करना। उतपफत 3:16-17 क सनदभय म परभता िबद का अथय ह अशधकार रखना और अतयाचार करना।

भििाई क फिय िज गय

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दटिता स कशतगरसत सती अब परष क साथ कया करना चाहती ह?

दटिता स कशतगरसत परष अब सती क साथ कया करना चाहता ह?

परष और सती दषटता ि कषफतगरसत ह…असमान-असमान

परनत कहानी यही समापत नही हो जाती। परमशवर अपन महान परम महोकर अपनी सशटि म मास और लह का मनषय बनकर उतर आय और मनषय क अपराध क पररणामसवरप शजतनी कशत, रोग, मतय और दटिता परवि कर गयी थी उस करस पर अपन ऊपर ल शलया, यीि का पनरतथान हआ, वह सारी कशत, रोग, मतय और दटिता पर शवजयी हए, और हम उततमता क शलय पनसथायशपत कर शदया ह।

परष और सती उतमता क फिय पनसराथफपत फकय गय ह… एक समान-एक समान

परनत कहानी यही समापत नही हो जाती। परमशवर अपन महान परम म होकर हम सामथयय और अशधकार दत ह शक दटिता स कशतगरसत ससार म हम दटि क झठो को ठकराए, सतय को जान ताशक ल न जाय, और सवय पर कशनदत हमारी चाहतो पर, दटि पर और दटिता पर शवजयी होकर जीवन वयतीत कर।

जब हम शनयनतण करन और अशधकार रखन की अपनी चाहत को तयाग दत ह और अपन शपता की इचा क परशत शनरनतर समपयण की अवसथा म रहत ह, यीि क मास और लह बनकर आन, मरन, मतको म स जी उठन और ऊच पर उठा शलय जान क दारा हम जो क शमला ह उस सवीकार करत ह, तब हमारा पराना सवय मर जाता ह और हम दटिता स कशतगरसत ससार म सचमच वतयमान म जीन लगत ह।

परमशवर अपन महान परम म होकर अपन पनसथायपन और चगाई कशमिन म हम एक भाग दत ह। सत 15 और 16 म परमशवर की कहानी, बाइबल, म स परमशवर क परम और उस भाग का अधययन करग जो वह हम अपन चगाई क शमिन म दत ह।

परष और सती चगाई क फिय भिज गय ह…एक समान-एक समान

इस सत म स आपन परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखी?

आपका वयावहाररक परशतउततर/पराथयना कया ह?

चगाई क फिय भिज गय

दषटता ि कषफतगरसत

उतमता क फिय पनसराथफपत फकय गय

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सत 15: समबनध - शिषयताजब हम अपनी जीवनयातरा म आग बढत ह, तो पररशसथशत चाह जसी भी हो, हम चाह जहा भी जाय, सवयिशतिमान और सवयवयापी परमशवर सिा हमार सग रहत ह…अनतरग और वयशतिगत तौर पर।

आरफभिक पारथनासत का आरमभ पराथयना स कर।

आराधना आराधना क ऐस दो या तीन गीत गाइए जो यह घोषणा करत हो शक परमशवर हमार सग ह।

बाइबि अधययनयाद रख शक इस याता क आरमभ म हमन सीखा था शक शिषयता का आरमभ परमशवर को और आपक शलय उनक परम को जानन स होता ह, और यह जानन स होता ह शक वह कौन ह, उनहोन कया शकया ह और वह कया करग। परमशवर क साथ उनक वचन म, उनकी उपशसथशत म, आराधना म, पराथयना म और अनय शवशवाशसयो क साथ सगशत म समय वयतीत करन स परमशवर को जानन म सहायता शमलती ह।

शिषयता, हमम और अनय लोगो म शनरनतर चलन वाली एक दशनक परशकरया ह। जसा शक हमन दाखलता समबनध क सत म सीखा था शक हमार चररत म पररवतयन और वशदध लाना पशवत आतमा का कायय ह। परमशवर को सवय को अनय लोगो पर परकट करन क शलय हमारी आवशयकता नही ह शकनत हमार शलय अपन महान परम क कारण उनहोन हम अपनी योजना का एक अग बनान क शलय चन शलया। यशद अनय लोग परमशवर को, उनक सतय को, उनक परम और सामथयय को जानना चाहत ह, तो अवशय ह शक पहल व परमशवर क शवषय म सीख।

हम फकिक शिषय ह?

सारी िशति और अशधकार फकिक पास ह? मतती 28:18-20 पढ

इन तीन पदो म यीि न अपन शिषयो स कौन ि चार काम करन क शलय कहा?

1. जाओ

इस सनदभय म ‘जाओ’ का अथय यह भी हो सकता ह शक जब हम अपनी जीवनयाता म आग बढत ह (हम चाह जसी भी पररशसथशत म हो), जब हम एक सथान स दसर सथान की ओर याता करत ह (हम चाह शजस भी कत म हो), उस पररशसथशत पर और परतयक कत पर यीि को सारी िशति और अशधकार परापत ह। हमम स परतयक वयशति यीि क साथ हमारी दशनक जीवनयाता म चाह कही पर भी हो, वह हमम स परतयक क साथ, परतयक शिषय क भीतर अपन आतमा क दारा अनतरग और वयशतिगत तौर पर ह।

2. बपशतसमा दो

इस सनदभय म बपशतसमा दन का अथय ह जलमगन करना, अथवा बार-बार डबोना, साि करना, यीि और उसकी पहचान क साथ एक हो जाना। उसकी मतय और उसक पनरतथान क साथ एक हो जाना। यीि को सवीकार करन का अथय ह यीि को, उनकी पहचान को, उनक आतमा को और शपता को परापत करना। उनम परी तरह डब जान का अथय ह उनकी िशति और अशधकार को परापत करना, और हदय तथा मन स समपयण करना, उनक आतमा क दारा वतयमान तथा भशवषय क शलय शचरसथायी, सकारातमक पररवतयन परापत करना।

3: शसखाओ परभाविाली शिका का अथय ह अनय लोगो को यीि क बार म सीखन क शलय, उनक साथ अपन समबनध म वशदध करन क शलय और अनय लोगो को शसखान क शलय सिति करना। शसखान का अथय अनय लोगो को यह शदखाना नही ह शक हम शकतना जानत ह या अपन आप को सही परमाशणत करना चाहत ह। बशलक लोगो को यीि क शिषय बनान क सनदभय म शसखान का अथय ह परतयक जाशत क लोगो, परषो और शसतयो (एक समान-एक समान) को, वयसको और बालको (एक समान-एक समान) को, यह शसखाना शक व परमशवर म डबकी लगा ल और पणय रप स उनक शलए समशपयत हो जाए।

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4. शिषय बनाओ

इस सनदभय म शिषय बनान का कायय परमख कायय ह। हम लोगो को बपशतसमा दन क दारा (यीि को, उनकी पहचान को, उनक आतमा को और शपता को सवीकार करन क शलय सिति बनाकर) और उनह शिका दन क दारा (यीि क शवषय म सीखन और उनम वशदध करन क शलय सिति बनाकर) शिषय बनात ह।

मनषयो को यीि क शिषय बनाना अपनी योजना की पशतय क शलय परमशवर की एक रणनीशत ह (इफिफियो 1:9-10)। शिषय बनान का कायय पशवत आतमा अपन शिषयो म और उनक दारा करत ह। परमशवर न अपनी योजना हमार सामन—अपन शिषयो क सामन—परकट कर दी ह, और हमार शलय अपन महान परम क कारण उनहोन हमम स परतयक को अपनी योजना म एक भशमका दी ह।

जब हम यीि क शवषय म सीख, जब हम यीि क साथ अपन समबनध क दारा परशतशदन यीि को अशधक स अशधक जान और उनह जान जो इस जीवनयाता म हमार साथ आग बढ रह ह, जब यीि सवय को हमार साथ बाट, हम यीि क बार म अनय लोगो को बताय, जब यीि हमम सवाकायय कर तो हम यीि क नाम म, उनक आतमा क दारा अनय लोगो की सवा करन क दारा यीि की सवा कर, तब परमशवर की योजना पणय हो जाती ह।

परतयक शिषय क भीतर पशवत आतमा ह, जो यीि क गवाह ह। आपकी साकी यह ह शक आप अपन भीतर शनवास करन वाली मसीह की पररवतयनकारी िशति क दारा वसा वयशति बन जसा बनन क शलय परमशवर न आपको सजा ह। परतयक शिषय क पास एक गवाही ह और वही यीि की साकी ह।

िाकषतीयीि का शिषय बनन स पहल आप फकि परकार क वयशति थ?

यीि क शिषय क तौर पर आप फकि परकार क वयशति ह जो यह परकट करता ह शक यीि न आप म और आपक शलय कया पररवतयन शकया ह?

जब आपन यीि दारा शदय गय सवय क मास और लह क बशलदान को सवीकार करन और यीि का शिषय बनन का शनणयय शलया, उस समय आपक जीवन म कया पररशसथशत थी?

वह सबस अशधक महतवपणय बात कया थी शजसक कारण आपन यीि दारा शदय गय सवय क मास और लह क बशलदान को सवीकार करन और यीि का शिषय बनन का शनणयय शलया?

वतयमान म आपक जीवन म सबस महतवपणय पररवतयन कया आया ह?

आपका वयावहाररक परशतउततर/पराथयना कया ह?

सव ा कर बत

ाय

जान

सीख

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सत 16: समबनध – परमशवर का राजयहम उसक जस ही बन जात ह शजसकी हम आराधना करत ह।

आरफभिक पारथनासत का आरमभ पराथयना स कर।

आराधनाआराधना क ऐस दो या तीन गीत गाइए जो यह घोषणा करत हो शक यीि राजा ह!

याद रख शक इस याता क आरमभ म हमन सीखा था शक परमशवर सवय को और अपनी योजना को परकट करना चाहत ह, जो यह ह शक सवगय और पथवी म की सभी वसतओ को एक म, अथायत मसीह यीि क अशधकार तथा िासन क अधीन एकत शकया जाय। यीि परमशवर क राजय क िासक ह।

िबद अधययनराजय का अथय शकसी राजय क ऊपर िासन करन का सवतवाशधकार या अशधकार या िशति तथा उस िासन या अशधकार की अधीनता म आन वाला राजय या परानत दोनो होता ह।

परमशवर का अथय ह सववोचच ईशवर, शजनह हम जानत ह शक शपता, पत और पशवत आतमा ह।

परमशवर क राजय का अथय ह सवगय और पथवी क ऊपर िासन करन क शलय यीि का सवतवाशधकार या अशधकार या िशति। यीि परमशवर क राजय क िासक ह। सत 10 आतमा स जनम म हमन सीखा था शक परमशवर क राजय म परवि करन क शलए हम उसक राजा को सवीकार करना होगा। यीि मसीह क सनदि और सवाकायय तथा उनक चगाई क शमिन म उनक शिषयो की भशमका को समझन क शलय परमशवर क राजय की शव एक महतवपणय कडी ह।

बाइबि अधययनिका 4:43 और पररतो 1:1-4 पढ

यीि न परमशवर क राजय क शवषय म परचार शकया और शिका दी, परमशवर क राजय को परदशियत शकया, और वही परमशवर क राजय क िासक ह।

यीि क अनसार उनक मास और लह बनकर आन स कया परा हो रहा था? िका 4:18-19 पढ

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परमशवर का राजय यीि मसीह म पथवी पर, दटिता स कशतगरसत ससार म, आ चका ह।

यीि न यहनना को कया बताया शक इस बात का परमाण कया ह शक परमशवर का राजय/सवगय का राजय पथवी पर आ चका ह? मतती 11:3-5 पढ

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परान शनयम म उस शदन को लकर अनक नबवत की गयी ह जब अनध दखग, लगड चलग और बशहर सनग। यह कवल आशतमक चगाई की बात नही करता ह। यीि न परकट शकया शक परमशवर का राजय समपणय चगाई ह: आशतमक, िारीररक और मानशसक। समपणय पररपणयता और िाशनत।

परमशवर शपता न यीि को दटिता स कशतगरसत ससार म (जो दटि क परभाव और मनषय क अशधकार तथा शनयनतण की चाहत क अधीनसथ ह) भजा शक बशनदयो को टकारा शदया जाय, टट मन वालो को चगाई दी जाय और यह घोषणा की जाय शक परमशवर का राजय आ चका ह। जो लोग यीि दारा शदय गय सवय क मास और लह क बशलदान को सवीकार करत ह, व सदा-सवयदा क शलय बचा शलय जात ह। मतय क राजय स शनकाल जात ह और जीवन क राजय म लौटा शलय जात ह।

मतती 19:13-15 (मरकि 10:13-16 और िका 18:15-17 भी) पढ

हम कया सीखत ह शक बचचो क परशत यीि का कया दशटिकोण ह?

यीि का वयसको की तलना म बचचो क परशत दशटिकोण किा ह, एक समान या असमान?

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िामफिक चचाथसमह म चचाय कर शक परमशवर क राजय क परशत आपकी कया मानयता ह। उततरो को शलख।

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परमशवर का राजय यीि म परकट हआ ह।

यीि न हम यह शजममदारी दी ह शक हम उनक आतमा क दारा, उनकी िशति और अशधकार क साथ, दटिता स कशतगरसत ससार म जीवन वयतीत कर और परमशवर शपता की मशहमा क शलय परमशवर क राजय की परगशत का अग बन।

परमशवर क साथ उनक वचन म, उनकी उपशसथशत म, आराधना म, पराथयना म, अनय शवशवाशसयो क साथ सगशत म समय वयतीत करत हए, यीि स परापत करत हए, दटिता स कशतगरसत इस ससार म यीि की शवजय म जीवन वयतीत करत हए, उनक महान परम की साकी दत हए और शिषय बनात हए हम परमशवर को, हमार शलय उनक परम को शजतना अशधक जानत ह, उतना ही अशधक हम वतयमान म पथवी पर परमशवर क राजय म जीवन वयतीत करत ह।

इस सत म स आपन परमशवर क शवषय म कौन िती एक बात सीखी?

आपका वयावहाररक परशतउततर/पराथयना कया ह?

पारथनाइफिफियो 3:14-21 इसशलए म परमशपता क आग झतकता ह। उसी स सवगय म या धरती पर क सभी वि अपन अपन नाम गरहण करत ह। म पाथयना करता ह शक वह मशहमा क अपन धन क अनतसार अपनी आतमा क दारा ततमहार भीतरी वयशतितव को िशतिपवयक सतदढ कर। और शवशवास क दारा ततमहार हियो म मसीह का शनवास हो। ततमहारी जड और नीव पम पर शिक । शजसस ततमह अनय सभी सत जनो क साथ यह समझन की िशति शमल जाय शक मसीह का पम शकतना वयापक, शवसतत, शविाल और गमभीर ह। और ततम मसीह क उस पम को जान लो जो सभी पकार क जानो स पर ह ताशक ततम परमशवर की सभी पररपणयताओ स भर जाओ।

अब उस परमशवर क शलय जो अपनी उस िशति स जो हमम काम कर रही ह, शजतना हम माग सकत ह या जहा तक हम सोच सकत ह, उसस भी कही अशधक कर सकता ह, उसकी कलीशसया म और मसीह यीित म अननत पीशढयो तक सिा सिा क शलय मशहमा होती रह। आमीन। (ERV)

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कछ

मितव मितवितीन

अतयनत मितवपण