अच्छा सोचें - i1.dainikbhaskar.com · का भी अनुभत्व...

Post on 10-Jul-2020

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  • िप

    अच्छा सोचें 4

    पर प्रतितरिया देने के तिए

    रसरंग दैतनक भासकर4/54, प्रेस कॉम्प्रेकस,

    एबी रोड, इंदौर- 452001 के पतरे पर ल्खें या ई-मरे् करें :

    navrasrang@gmail.com

    सककृतभाषा के महत्त्व को सपष्ट करनरे के ल्ए इसरे दरेत्वत्वाणी कहना अनुलित तो नहीं। लकसी का् में यह इस दरेश की सामानय वयत्वहार की भाषा रही है। प्ािीनका् सरे आज तक का भारतीय जीत्वन संसककृत भाषा में पूरी तरह सरे प्लतलबंलबत हुआ लदखता है। इसील्ए यह जानना ज़रूरी है लक त्वरेद, उपलनषद, त्वरेदांग, आलद सरे ् रेकर इककीसत्वीं

    शताबदी तक के संसककृत कलत्वयों-सालहतयकारों की रिनाओं में केत्व् अधयातम और धम्म ही नहीं, बल्क जीत्वन के हर उस अंग की मौल्क और रंजक ििा्म है, जो सफ्ता और सुख की ओर कदम रखरे मनुषय को माग्म बत्ाए, उ्झन में लदशा दरे, थकात्व्ट में रंजन कररे, लनराशा में आशा दरे और प्क्ोभ में शांलत प्दान कररे। अतः संसककृत सालहतय आज भी उलित एत्वम् उपयुकत है।

    इहत्वाद और प्यत्नत्वाद को उजागर करतरे हुए मनुषयों को सफ्ता की ओर जानरे को प्रेररत करनरे त्वा्रे अनलगनत सुभालषतों में सरे एक बहुत ही सर् और सुबोध सुभालषत यहां प्सतुत कर रहरे हैं।

    अर्थेन भेषजं लभ्ं न ह् ् ारोग्ं कदाचन । अर्थेन ग्रनर्समभारः ज्ानं लभ्ं प्र्त्नतः ॥

    सुभालषत का अथ्म है–हम धन के द्ारा औषलध पा सकतरे हैं, आरोगय नहीं। उसी प्कार, हम धन के द्ारा बहुत साररे ग्ंथ तो ख़रीद सकतरे हैं, ्रेलकन ज्ान तो केत्व् प्यत्न के द्ारा ही पा सकतरे हैं।

    मैं मानता हूं लक कुछ सलदयों पह्रे लजस लकसी कलत्व नरे यह सुभालषत रिा, त्वह बडा ही दूरदशशी रहा होगा, कयोंलक उस समय ऐलहक साधन और िीज़-त्वसतुएं इतनी भारी मात्ा में उप्बध नहीं थी लजतनी आज हैं। तब जन सामानय उतना संपन्न नहीं था लजतना आज है। कई बार हम मॉ् में शॉलपंग करतरे हुए कुछ महंगी िीज़ें लसर्फ़ इसल्ए ख़रीदतरे हैं लक लकसी दूसररे के पास त्वैसी ही िीज़ें हैं। लकतनरे ् ोगों के पास महंगरे मोबाइ् रोन रहतरे हैं।

    पूछनरे पर कहतरे हैं लक इसमें बहुत साररे रंकशन और ऐल्प्केशन हैं ्रेलकन उनमें सरे लकतनरे रंकशनों और ऐल्प्केशंस का यथाथ्म उपयोग होता है? मरेररे एक लमत् नरे एक बार कहा लक उसके कम्पयू्टर में 600 मूत्वीज़ और 12000 लहंदी गानरे हैं। पूछनरे पर पता ि्ा लक उनमें सरे 50 मूत्वीज़ भी उसनरे दरेखी नहीं हैं और 300-400 सरे अलधक गानरे भी नहीं सुनरे हैं। तो लफर केत्व् यह भंडार इकट्ा करके कया करना है? अपनरे सत्वास्थय को ्रेकर भी हम दोहरा रत्वैया अपनातरे हैं, एक ओर जहां अचछछे सत्वास्थय के ल्ए लजम जातरे या योग करतरे हंै त्वही दूसरी ओर सत्वासथ लबगडनरे की लिंता को ्रेकर मरेलडक् इंशयोरंस भी करत्वातरे हैं।

    यहीं पर हमारा संसककृत कलत्व हमें िरेतात्वनी दरेता है लक पैसों सरे लसर्फ़ दत्वाइयां ख़रीदोगरे, सत्वास्थय नहीं। पैसों सरे अख़बार ख़रीदोगरे, ख़बर नहीं। पैसों सरे लकताबें ख़रीदोगरे, ज्ान नहीं। पैसों सरे अनाज ख़रीदोगरे, सत्वाद नहीं। सत्वास्थय, ज्ान, सत्वाद, आलद पानरे के ल्ए तो पररश्रम ही करनरे पडेंगरे। अनायास ही इन िीज़ों को हम नहीं पाएंगरे। कलत्व हमसरे यह नहीं कह रहा लक साधन मत ख़रीदो। बस त्वह हमें साधन ख़रीदकर संतुष्ट होनरे में जो ख़तरा है, उससरे सात्वधान कर रहा है। कलत्व की इस बात को समझकर हम यलद योगय लदशा में ि्ें तो आत्वशयक साधनों का हम पूरा-पूरा ्ाभ उठानरे में सफ् रहेंगरे।

    सं

    सुभछाषित उवछाच

    }सौरभ बाेंद्ेसंसककृत अधयरेता, फैक््टी त्वाॅइस क्िर, त्वरेद एकेडमी, मुमबई

    टेक कॅरिअि

    टछाइम मैनेजमेंट

    सुबह सरे रात हम फोन में अ्ग-अ्ग तरह के एप यूज करतरे हैं। आज हम कुछ ऐसरे ही ए्पस के बाररे में बता रहरे हैं।

    1 : Red Bull AleRt

    2 : FlipAgRAm

    3 : YoViVo

    4 : tossup

    5 : AlphABeAR

    OS: Android/Android Wear

    OS : Android/iOS

    OS : iOS

    OS : Android/iOS

    OS : Android/iOS

    यह पह्ा ऐसा एप है जो आपको ज्दी उठनरे के ल्ए मोल्टत्वरे्ट करता है। नौ अ्ग-अ्ग तरह की सपोरस्म थीम और अ्ाम्म साउंड इस एप को काफी कू् बनातरे हैंै। आप लकतनी दरेर तक सोए, लपछ्रे सात लदनों में आपके जागनरे और सोनरे का रु्टीन कया रहा यह तो एप बताता ही है साथ ही इसरे अाप शरेयर करना िाहें तो भी एप मदद करता है।

    फो्टो सरे त्वीलडयो स्टोरीज बनानरे के ल्ए ल््पग्ाम एप डाउन्ोड लकया जा सकता हैं। लस्रेक्ट, लरिए्ट और शरेयर के महज तीन स्टछेप होनरे सरे एप बरेहद सर् ्गता हैै। त्वीलडयो स्टोरी बनानरे के ल्ए आपको त्वीलडयो लक्प को लस्रेक्ट करना होता है, उसके बाद मनपसंद मयूलजक, ्टाइलमंग, लफ््टस्म और स्टोरी में प्योग होनरे त्वा्रे ्टछेकस्ट इनपु्ट करके शरेयर कर सकतरे हैं।

    लकसी फो्टो या फाइ् को ब्ाउज में होनरे त्वा्ी पररेशानी कम करतरे हुए योलत्वत्वो एप फोन और सत्व्मर क्ाउड में मौजूद फो्टो और त्वीलडयो को एक जगह ्ानरे का काम करता है। यो त्वीत्वो एप सरे आप आसानी सरे फो्टो और त्वीलडयो सरेत्व, कॉपी, डाउन्ोड, अप्ोड, स्ाइड शो और शरेयर करनरे की सुलत्वधा प्दान करता है।

    इस एप के जररए समा्ट्टफोन में लदनभर की गलतलत्वलधयां और डछे्ी ्प्ान बनानरे के साथ उनमें जरूरत के अनुसार सुधार कर सकतरे हैं। यह एप आपके ्प्ान और एलक्टलत्व्टी को शरेयर करनरे की सुलत्वधा भी दरेता है। यह एप केत्व् ्प्ान बनानरे के ल्ए ही नहीं बल्क इस ्प्ान पर दूसरों की राय ्रेनरे में भी मददगार है। इसके ल्ए एप में पोल्ंग फीिर भी लदया गया है।

    अत्वाड्ट लत्वलनंग लरिप् ्टाउन पज़् गरेम बनानरे त्वा्ी कंपनी सप्ाइ फॉकस हा् ही में अ्फालबयर गरेम माकके्ट में ्ाई है। इस पज़् गरेम में आपको अक्रों को वयत्वलसथत करके शबद बनाना होता है। लजसके बाद आपको कयू्ट लबयर लदखाई देंगरे। आप लग्ड में लजतनरे जयादा अक्र सु्झातरे हैं लबयर साइज उतना बडा होता जाता है।

    1. जीवन के टॉप 10 लक्् िलखें : ्रेखन में जबरदसत शलकत होती है, यह हमारी याददाशत तरेज करता है। इसल्ए अपनी नो्टबुक और परेन लनकाल्ए और उसमें अपनरे जीत्वन के ्टॉप ्क्य ल्ख डाल्ए। इन ्क्यों को अपनरे सामनरे रलखए। ऐसा प्लतलदन कररए और पह्रे के ल्खरे ्क्यों को प््टकर मत दरेलखए। यह काफी मज़रेदार भी है।

    2. िदनभर का पलान िलखेंे : प्ाथलमकता के अनुसार लदनभर के उन सभी काययों की सूिी बनाकर वयत्वलसथत कर ्ें और इसरे अलधकतम फॉ्ो कररेन की कोलशश करनरे।

    3. पुरानी ्ादें खुशी देती हैं : दो सा् पह्रे प्लतलदन ल्खी गई "डछे्ी ्टछेन' बातों को दरेखकर आप पातरे हैं लक यह तो मरेरा पसंदीदा है। आप ख़ुद की ही पह्रे ल्खी हुई बातें लफर पढ़कर मुसकान और खुशी महसूस करेंगरे।

    4. "ध्ान' जरूरी है : ब्रेकफस्ट करनरे सरे पह्रे धयान जरूर करें यलद आप कभी भू्त्वश नहीं भी कर पातरे तो लदन में कभी भी धयान कर सकतरे हैं।

    5. िनजी जुनून पर का््य करना : आप लजस काम सरे ्पयार करतरे हैं उनहें अपनी प्ाथलमकता सूिी में आलखरी सथान पर रखें। इससरे आप अपनरे पसंदीदा काय्म की ओर तरेजी सरे बढ़तरे हैं।

    6. पररवार के सार् गुणवत्ापूण्य सम् िबताएं: सुबह अपनी पत्नी त्व घरत्वा्ों के साथ बैठकर कॉफी लपएं और अपनी योजनाओं के बाररे में ििा्म भी करंरे।

    7. ब्ेकफसट मीिटंग : सहकलम्मयों, ग्ाहकों और दोसतों को कॉफी पर बु्ाएं। मालनिंग और ब्रेकफस्ट मील्टंग सरे आप ज़यादा प्ोडलक्टत्व होतरे हैं, कयोंलक उस समय आपका लदमाग फ्ेश रहता है।

    स्ोत : www.lifehack.org

    कॅररअर लब्डर इंलडया के सत्ववे के नतीजरे बतातरे हैं भारत में 63 फीसदी युत्वा जॉब सरे संतुष्ट नहीं हैं।

    }डॉ. धम्यपाल िसंहरिछेलनंग एंड ्प्रेसमें्ट ऑलफसर आईआई्टी रोपर

    छ्रे एक दशक में दरेश के कॅररअर रिेंड में जो ना्टकीय बद्ात्व दरेखा गया है, त्वह यह है लक पह्रे जहां 27 सरे 30 सा् की उम्र में शादी करके सरे्ट् हो जानरे को प्ाथलमकता दी जाती थी। त्वहीं सरे्ट्में्ट की उम्र 40 तक पहुंि िुकी है। इससरे भी िौंकानरे त्वा्ा त्थय यह सामनरे आया है लक 63

    प्लतशत भारतीय युत्वा अपनरे जॉब सरे संतुष्ट नहीं हैं। जयादातर जगहों पर जॉब या कॅररअर बद्नरे का समय भी 30 सरे 40 सा् के बीि हो िुका है। दरेश में सामालजक-आलथ्मक सतर पर हुए बद्ात्व का ही यह पररणाम हमें समाज में लदखाई दरे रहा है। गुणवत्ाहीन िशक्ा है बड़ा कारण शासकीय नीलतयों की त्वजह सरे उच्च लशक्ा को प्ाइत्वरे्ट हाथों में सौंप लदया गया है। जयादा ्ाभ कमानरे के उद्रेशय सरे शैक्लणक संसथानों में बरेहतर इंफ्ासरिकिर न होनरे, अचछी फैक््टी न होनरे, फीस और स्टटूडेंरस की अ्टैंडेंस सरे समझौता लकया गया। इनके प्भात्व सत्वरूप लशक्ा की गुणत्वत्ा पर असर हुआ है। इससरे लशक्ा के बाद या तो अपनी योगयता सरे नीिरे सतर की नौकरी करनी पडती है या नौकरी लम् ही नहीं पाती है। इस त्वजह सरे कॅररअर में सरे्ट् होनरे के बाद फी्ड बद्नरे में 30-40 सा् की उम्र तक यह लस्लस्ा ि्ता रहता है। बरेहतर कॅररअर के ल्ए युत्वाओं का अलधक उम्र तक पढ़ाई जारी रखना एक त्वजह है। लजंदगी में सरे्ट्में्ट भी लफर ्रे्ट ही होता है। माककेट से िमले अच्छे ऑफर फ्ेशस्म के पास दो सरे तीन सा् के अनुभत्व हो जानरे के बाद बहुत साररे संगठन बाजार में उन पर इनत्वरेस्ट करनरे के ल्ए तैयार होतरे हैं। प्लशक्ण तथा अनुभत्व के बाद युत्वाओं के पास अचछछे अत्वसर होतरे हैं और त्वह जॉब लसत्वि कर ्रेतरे हैं। इंडलसरिय् रिछेलनंग के दौरान कई बार दूसरी सरिीम का भी अनुभत्व साथ-साथ ही लम् जाता है तो अचछछे ऑफर लम्नरे पर कॅररअर भी लसत्वि कर ्रेतरे हैं। 2 सरे 3 सा् के अनुभत्व के बाद 30 प्लतशत ्ोग जॉब लसत्वि कर ्रेतरे हैं जबलक 10 प्लतशत ्ोग कॅररअर की लदशा ही बद् ्रेतरे हैं। आिर््यक सुरक्ा और सटछेटस के िलएपढ़ाई पूरी करनरे के बाद लकसी युत्वा को ्गता है लक त्वह इसमें जयादा अचछी सै्री नहीं पा सकेगा तो त्वह कई बार कॅररअर िेंज कर ्रेता है। प्लतयोलगता के बढ़तरे दौर के ि्तरे इंजीलनयररंग के साथ-साथ युत्वा मैनरेजमें्ट या अनय कोस्म भी कर ्रेतरे हैं। ऐसरे में कुछ सा् जॉब करनरे के बाद यलद उनहें ्गता है लक उनहें दूसरी सरिीम में त्वत्ममान सरे बरेहतर लत्वक्प लम् सकेंगरेरे तो त्वह कॅररअर लसत्वि कर ्रेतरे हैं। कॅररअर लब्डर इंलडया के सत्ववे के मुतालबक भारत में 63 फीसदी युत्वा अपनी जॉब सरे संतुष्ट नहीं हैं और नए अत्वसर की त्ाश में रहतरे हैं और त्वरे ्गातार बरेहतर लत्वक्प की त्ाश में दूसररे कररयर पर भी नजर रखतरे हैं।

    जॉब में ्डलकयां भी आगरे्डलकयां पह्रे घर संभा्ती थी मगर लपछ्रे कुछ दशक में ्डलकयां भी उच्च लशक्ा प्ा्पत करनरे के बाद घर बैठना नहीं िाहती हैं। त्वह भी अपना कॅररअर बना रही हैं। ऐसरे में बहुत बडी संखया में नौकररयों पर ्डलकयों का अलधकार बढ़ा है।

    एक साथ रहनरे की कोलशश अब संयुकत पररत्वार कम और नयूलक्यर फेलम्ी बढ़ रही हैं, ऐसरे में पलत और पत्नी, दोनों ही जॉब कर रहरे होतरे हैं तो उनकी कोलशश होती है लक त्वरे एक साथ रहनरे की कोलशश करतरे हैं। ऐसरे में त्वरे घर के पास जानरे की कोलशश में जॉब या कॅररअर तक लसत्वि कर ्रेतरे हैं। इसमें जॉब प्ोफाइ् दरेखतरे हुए लजसरे भी जॉब बद्ना हो त्वो बद्नरे को तैयार हो जाता है।

    30-40 की उम्र तक जॉब और कॅररअर बदलते जाने की वजह से शादी में देरी, पररवार के बढ़ने में देर होने जैसी समस्ाएं सामने आती हैं। ्ह ढांचा आदश्य नहीं है इसिलए इसके िलए व्ापक सतर पर सुधार करने होंगे। इस ससर्ित को देखते हुए गुणवत्ा िशक्ा पर ध्ान देने की ज़रूरत है। ससकल डछेवलपमेंट प्रोग्राम पर गंभीरता से ध्ान देने की आवश्कता है।

    2 से 3

    साि

    के

    अनुभव

    के बा

    10 प्रितशत लोग कॅरर्र ही बदल लेते हैं।

    63 %्ुवा अपनी जॉब से संतुषट नहीं हैं और नए अवसर की तलाश में रहते हैं।

    30 प्रितशत लोग जॉब ससवच कर लेते हैं

    हर सफ् वयलकत की कुछ न कुछ खालसयत होती है, सफ् ्ोगों सरे जुडी सात ऐसी बातें जो त्वो ब्रेकफस्ट सरे पह्रे करतरे हैं।

    संपादकी् टीम अजय प्काश, सज्मना ितुत्ववेदी, अजय कुमार प्टछे्À िडज़ाइन प्त्वीण ठाकुर

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