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  • ग�ने म� संरण खेती: वैि�वक जलवायु प�रवत�न के दौर म� अपनाने क� आव�यकता, अवसर एंव चुनौ#तयाँ आर. एल. चौधर&*, पी. एस. 'म�हास, जी. सी. वाकचौरे, महेश कुमार और के. के. मीणा भा.कृ.अ.प.- रा�य अजै�वक �ैस �बधंन स�ंथान, बारामती- 413 115, पुणे, महारा�

    *संवाद लेखक का ईमेल: rlc@niam.res.in

    ग'ना (स(क)म ओि,फ़सीन)म एल.) एक मह/वपूण1 चीनी फसल है जो भारत क5 ह नहं बि6क द7ुनया के अ'य देश9 क5 आबाद क5 भी अ;धकतम चीनी आव

  • ग'ना, जो Jक भारत मB Eमठास का एकमाD bोत है वो भी अतंररा�य बाजार मB चीनी क5 क5मत9 मB मंद के कारण या अ;धक चीनी उ/पादन क5 भरमार के कारण कई बार खटास पैदा कर देता है। आज जो ग'ने क5 क5मत ेJकसान9 को Eमल रह है उस Pहसाब से हमार चीनी अतंररा�य बाजार मB �7त�पधा1 करने मB सCम नहं है। इसEलए यह ि�थ7त हमB उन �वक6पो के बारे मे सोचने को मजबरू करती है िजनसे ग'ने क5 खेती क5 लागत मB बचत ह9। आज संसाधन संरCण के युग मB पारंप`रक कृ�ष पK7तय9 को अपनाते हुये ग'ने क5 पैदावर को बढ़ान ेवाल हमार सोच भ�व�य मB ग'ने क5 ि�थरता पर एक बड़ा �

  • संरCण खेती के EसKांत9 को पणू1 )प से लाग ूकरने के Eलए कई संसाधन संरCण तकनीकB अपनायी जाती है जसेै लेजर भूEम पाटा Lवारा भ-ूसमतलकरण, शू'य जतुाई के Eलए जीरो-Pटल/ बेड Uला'टर/ हैUपी सीडर/ टबn सीडर का उपयोग, Eसचंाई पानी देन ेके Eलए बूंद-बूंद/ फHवारेदार/ सूrम Eसचंाई इ/याPद �णाEलय9 का उपयोग �वEभ'न फसल9 मB Jकया जाता है िजससे संसाधन9 का �बधंन सुचाQ )प से Jकया जा सके। ये सभी तकनीकB संसाधन9 क5 उपयोग दCता बढ़ाने मB काफ5 सहायक साeबत हुई है।

    संरण खेती का दायरा संरCण खेती �व

  • सारणी 1. भारत मB �मखु फसल9 से �ाUत फसल अवशेष9 क5 उपज एंव उनसे �ाUत करने योsय पोषक त/व9 क5 Cमता का अनुमान। फसल फसल अवशेष9 क5 उपज पोषक त/व सां|ता (�7तशत) कुल नDजन, �फुरद, पोटाश Cमता

    (‘000 टन) नDजन �फुरद पोटाश (‘000 टन) धान 80744 0.61 0.09 1.15 1493.8

    गेहँू 44987 0.48 0.07 0.98 688.3

    \वार 11163 0.52 0.12 1.21 216.2

    म(का 6219 0.58 0.09 1.25 119.4

    बाजरा 8283 0.45 0.07 0.95 121.6

    जौ 3180 0.52 0.08 1.25 58.8

    ग'ना 15645 0.45 0.08 1.2 270.7

    आल ू 5062 0.52 0.09 0.85 73.9

    मंूगफल 9580 1.65 0.12 1.25 277.3

    (bोत: यादव और qीवा�तव, 2005)

  • ग�ने म� संरण खेती के EFया�वयन म� चुनौ#तयाँ उ/तर भारत क5 अपेCा दCणी भारत मB ग'ने के Eलए बेहतर जलवाय ुतथा फसल का लंबी अव;ध होने के कारण ग'ने क5 उपज \यादा होने के साथ-साथ ेश क5 उपज भी \यादा होती है। िजसको अगर खेत मB उसी )प मे रखते है तो 0.5 से लेकर 1.5 फ5ट तक क5 एक मोट परत जमा हो जाती है। इसEलए पेड़ी ग'ना लेते समय उसमB ेश को खेत मB ह रखना लगातार Jकसान9 Lवारा नकारा जा रहा है (य9Jक ेश उव1रको को डालने तथा अ'य अ'तः कृषण JGयाओ के करने मB काफ5 सम�याऐ पैदा करता है। पेड़ी ग'ने मB ेश �बधंन (10–15 टन/ हे.) एक गभंीर सम�या बनी हुई है ओर Jकसान इससे 7नजात पाने के Eलए इसको जलानB का उपाय ह सबस ेसरल समझता है (;चD 2)। लेJकन जहां ेश को खेत मB रखने से भूEम मB सूrमजीव9 क5 संSया बढ़ती है, तापमान का 7नयमन होता है, जलधारण व उव1रा शि(त बढ़ती है वह इसके �वपरत ेश जलानB से मह/वपूण1 पोषक त/व9 जसेै Jक नDजन, पोटेEशयम, गधंक व केि6शयम आPद न�ट होने के साथ-साथ लाभकार सूrमजीव9 व काब1न पदाथ1 क5 भी भार माDा मB कमी आती है। इसके अलावा Rीन हाउस गसैे जसैे Jक काब1न डाइऑ(साइड व नाइस ऑ(साइड आPद का भी उ/सज1न होता है। िजससे sलोबल वाEमग जसैी गभंीर सम�या पैदा होती है। एक अ[ययन के अनुसार ग'ने का एक टन ेश जलाने पर Gमश: 4, 35 और 5 Jकलो कwणका त/व, काब1न मोनोआ(साइड और हाइोकाब1न का उ/पादन होता है (सारणी 2) जो वायु �दषूण बढ़ान ेमB सहायक होता है।

    सारणी 2. कृ�ष सामRी के खलुे मB जलाने पर उ/सज1न कारक (ई.एफ.) व pधन लोडगं कारक (एफ.एल.एफ.) फसल अवशषे qेणी ई.एफ. (Jकलो/ टन) एफ.एल.एफ (टन/ हे.)

    कwणका त/व काब1न मोनोआ(साइड हाइोकाब1न

    धान 4 41 5 6.7

    गेहँू 11 64 9 4.3

    ग'ना 4 35 5 2.4

    कपास 4 88 3 3.4

    bोत: अमे`रक5 पया1वरण संरCण एजBसी जब ेश भूEम क5 सतह पर एक परत के )प मB पड़ा रहता तो खाद9 व उव1रक9 के जमीन मB �थानन मB भी बाधा आती है, फल�व)प Jकसान इनको भूEम क5 सतह पर डालने के Eलए बा[य होता है (य9Jक उसके पास इसके अलावा और कोई उपाय नहं है। इसके कारण Jकसान को खाद भी \यादा माDा मB डालना पड़ता है फल�व)प आ;थ1क बोझ भी \यादा आता है। तथा दसूर और फसल को भी उ;चत माDा मB पोषण नहं Eमल पाता है इससे खाद Jक उपयोग दCता मB भी कमी आती है तथा वातावरण भी द�ूषत होता है और पैदावार मB भी कमी आती है। जब Jकसान9 के पास ेश �बधंन व उव1रक9 के जमीन मB �थानन मB सहायक उपकरण व यंD ह9गे तो वह ेश को जलायेगा भी नहं तथा अ'य अ'तः कृषण JGयाओ को भी आसानी से कर पायेगा। आज Eसधंु-गगंा के मैदानी इलाक9 मB धान-गेहँू फसल �णाल मB संरCण खेती को इतने बड़ ेपैमाने पर अपनान ेका मुSय कारण संरCण खेती के Eलए उपयु(त मशीन9 का �वकास ह है। अतः ग'ने मB संरCण खेती को बढ़ावा देने के Eलए उपयु(त मशीन9/ उपकरण9 का �वकास �ाथEमकता के आधार पर Jकया जाना चाPहए।

  • ग�ना अवशषे (Hेश) का भू'म सतह पर रखने से होने वाले मुIय लाभ ेश (10 टन/ हे.) को खेत मB पलवार के )प मB रखने पर न केवल पोषक त/व9 व पानी क5 उपयोग दCता मB बढ़ावा Eमलता है

    बि6क �भावी ढंग से खरपतवार 7नयंDण मB भी सहायक होता है। एक हे(टेयर CेD मB ेश क5 पलवार रखने से Gमश: 50, 15 और 60 Jकलो नDजन, �फुरद और पोटाश भूEम को �ाUत होते हM। ेश पलवार होने के कारण Eमdी क5 सतह से पानी का वा�पीकरण कम होता है िजसके कारण पानी क5 उपयोग दCता बढ़ जाती

    है। ेश पलवार हा7नकारक क5ट – पतगं9 के �ाकृ7तक द

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