fdlku [ksrhkisaankheti.com/documents/2015-1/kk-2-1-13-43-48.pdf2013/01/02  · ह त ह जसक...

6
गने संरण खेती: वैिवक जलवाय परवतन के दौर अपनाने आवयकता, अवसर एंव नौ#तयाँ आर. एल. चौधर& * , पी. एस. ’महास, जी. सी. वाकचौरे , महेश मार और के . के . मीणा भा....- राय अजैवक ैस बंधन संथान, बारामती- 413 115, पुणे , महारा * संवाद लेखक का ईमेल: [email protected] ’ना (स(क)म ओि,फ़सीन)म एल.) एक मह/वपूण1 चीनी फसल है जो भारत क5 नहं बि6क दु7नया के अ’य देश9 क5 आबाद क5 भी अ;धकतम चीनी आव<यकता को पूरा करता है। भारत, चीनी का सबसे बड़ा उपभो(ता (लगभग 16 लाख टन/ वष1 ) होने के साथ-साथ दु7नया मB चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उ/पादक देश भी है। ग’ना, भारत मB लगभग 5.0 लाख हे(टेयर CेD मB उगाया जा रहा है िजसका वाष1क उ/पादन लगभग 350 EमEलयन टन है तथा औसत उ/पादकता 70 टन/ हे . है। उ/तर देश, महारा और कना1टक का कु ल उ/पादन मB Gमश: 38.6, 21.9 और 10.3 7तशत का योगदान रहा है। आज (2013-14) चीनी क5 7त Hयि(त उपलIधता 19.5 Jकलो है िजसमB सन 1955-56 (5 Jकलो) क5 तुलना मे काफ5 वृK है। चीनी उLयोग देश मB वD उLयोग के बाद दूसरा सबसे बड़ा संकरण उLयोग है। चीनी और उसके Lवारा उ/पाद, औLयो;गक अथ1Hयवथा मB एक 7नणा1यक भूEमका 7नभाते हM जो सकल घरेलू उ/पाद (जीडीपी) मB लगभग 2 7तशत क5 Pहसेदार रखते हM। एक अनुमान के अनुसार ग’ने क5 खेती से 7तवष1 लगभग 50,000 करोड़ Qपये का राजव Eमलता है। ग’ना, भारत क5 मुख नकद फसल होने के साथ-साथ Rामीण वकास का मुSय वाहक है। ग’ने क5 खेती से जहाँ एक तरफ करोड़ो Jकसान9 को आजीवका ाUत होती है वहं दूसर तरफ देश क5 550 से अ;धक चीनी Eमल9 को कVचा माल लाख9 लोग9 को रोजगार Eमलता है। आज लगभग 50 लाख ग’ना उगाने वाले Jकसान9 के अलावा खे7तहर मजदूर9 क5 एक बह बड़ी संSया ग’ने क5 खेती इससे संबि’धत ग7तव;धय9 मB शाEमल है जो Jक कु ल Rामीण आबाद का लगभग 7.5 7तशत Pहसा है। वत1मान मB , भारत 26 EमEलयन टन क5 औसत वाष1क उ/पादन के साथ चीनी उ/पादन मB दु7नया मB दूसरे नंबर पर है। यह अनुमान लगाया गया है Jक 2030 ईसवी मB भारत Jक बढ़ती मानव आबाद क5 वाष1क चीनी क5 खपत क5 मांग को पूरा करने के Eलए लगभग 32 लाख टन चीनी क5 आव<यकता होगी। अतः तZय9 को [यान मB रखते ये भवय मे चीनी क5 मांग को पूरा करने के Eलए ग’ना उ/पादन मB K क5 अ/यंत आव<यकता है। जहाँ ग’ने मB \यादातर अनुसंधान के यास प]ध फसल क5 पैदावार मB बढ़ोतर के Eलए Jकए गए है इसमB भी ^यादातर ज़ोर पारंप‘रक पK7तय9 उ’मुख उVच आदन9 जैसे Jक \यादा जुताई, खाद और रसायन9 का अ/य;धक असंतुEलत उपयोग, अ;धक Eसंचाई आPद बात9 पर Pदया गया हM , हालांJक इन यास9 से ग’ना और चीनी उ/पादन मB जबरदत सफलता ाUत है। ग’ना (स(क)म ओि,फ़सीन)म एल.), भारत क5 एक मुख नकद फसल Eमठास का एकमाD bोत होने के साथ-साथ लगभग 7.5 7तशत Rामीण आबाद क5 आजीवका एंव औLयो;गक अथ1Hयवथा मB भी एक 7नणा1यक भूEमका 7नभाता है। वत1मान मB , भारत 26 EमEलयन टन क5 औसत वाष1क उ/पादन के साथ चीनी उ/पादन मB दु7नया मB दूसरे नंबर पर है। यह अनुमान लगाया गया है Jक 2030 ईसवी मB भारत क5 बढ़ती मानव आबाद क5 वाष1क चीनी क5 खपत क5 मांग को पूरा करने के Eलए लगभग 32 लाख टन चीनी क5 आव<यकता होगी। अतः तZय9 को [यान मB रखते ये भवय मे चीनी क5 मांग को पूरा करने के Eलए ग’ना उ/पादन मB K क5 अ/यंत आव<यकता है। आज संसाधन संरCण के युग मB पारंप‘रक पK7तय9 को अपनाते ये ग’ने क5 पैदावर को बढ़ाने वाल हमार सोच भवय मB ग’ने क5 िथरता पर एक बड़ा <न ;चcन डालने के साथ-साथ Eमdी पया1वरण Cरण को भी बढ़ावा देने मB सहायक होगी, िजससे जलवायु प‘रवत1न जैसी गंभीर समया के दुभाव और भी \यादा हा7नकारक साeबत हो सकते है। इन प‘रिथ7तय9 मf संरCण खेती जो एक मह/वपूण1 पK7त है , िजसमB उ/पादन 7नर’तरता के साथ ’यूनतम जुताई, फसल अवशेष बंधन एंव फसल वव;धकरण के मा[यम से मृदा जल वाZय तथा वातावरणीय संतुलन का यथो;चत सम’वय होता है। तुत लेख मB ग’ने मf संरCण खेती अपनाने क5 आव<यकता, अवसर एंव चुनौ7तय9 के बारे मB बताया गया है। fdlku [ksrh o"kZ&2] vad&1 ¼tuojh&ekpZ½] 2015 www.kisaankheti.com ij vkWuykbu miyC/k © 2015 kisaankheti.com bZ -vkbZ,l,l,u:2348-2265 fdlku [ksrh vkbZ ,l,l,u: 2348-2265 43

Upload: others

Post on 27-Nov-2020

3 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

  • ग�ने म� संरण खेती: वैि�वक जलवायु प�रवत�न के दौर म� अपनाने क� आव�यकता, अवसर एंव चुनौ#तयाँ आर. एल. चौधर&*, पी. एस. 'म�हास, जी. सी. वाकचौरे, महेश कुमार और के. के. मीणा भा.कृ.अ.प.- रा�य अजै�वक �ैस �बधंन स�ंथान, बारामती- 413 115, पुणे, महारा�

    *संवाद लेखक का ईमेल: [email protected]

    ग'ना (स(क)म ओि,फ़सीन)म एल.) एक मह/वपूण1 चीनी फसल है जो भारत क5 ह नहं बि6क द7ुनया के अ'य देश9 क5 आबाद क5 भी अ;धकतम चीनी आव

  • ग'ना, जो Jक भारत मB Eमठास का एकमाD bोत है वो भी अतंररा�य बाजार मB चीनी क5 क5मत9 मB मंद के कारण या अ;धक चीनी उ/पादन क5 भरमार के कारण कई बार खटास पैदा कर देता है। आज जो ग'ने क5 क5मत ेJकसान9 को Eमल रह है उस Pहसाब से हमार चीनी अतंररा�य बाजार मB �7त�पधा1 करने मB सCम नहं है। इसEलए यह ि�थ7त हमB उन �वक6पो के बारे मे सोचने को मजबरू करती है िजनसे ग'ने क5 खेती क5 लागत मB बचत ह9। आज संसाधन संरCण के युग मB पारंप`रक कृ�ष पK7तय9 को अपनाते हुये ग'ने क5 पैदावर को बढ़ान ेवाल हमार सोच भ�व�य मB ग'ने क5 ि�थरता पर एक बड़ा �

  • संरCण खेती के EसKांत9 को पणू1 )प से लाग ूकरने के Eलए कई संसाधन संरCण तकनीकB अपनायी जाती है जसेै लेजर भूEम पाटा Lवारा भ-ूसमतलकरण, शू'य जतुाई के Eलए जीरो-Pटल/ बेड Uला'टर/ हैUपी सीडर/ टबn सीडर का उपयोग, Eसचंाई पानी देन ेके Eलए बूंद-बूंद/ फHवारेदार/ सूrम Eसचंाई इ/याPद �णाEलय9 का उपयोग �वEभ'न फसल9 मB Jकया जाता है िजससे संसाधन9 का �बधंन सुचाQ )प से Jकया जा सके। ये सभी तकनीकB संसाधन9 क5 उपयोग दCता बढ़ाने मB काफ5 सहायक साeबत हुई है।

    संरण खेती का दायरा संरCण खेती �व

  • सारणी 1. भारत मB �मखु फसल9 से �ाUत फसल अवशेष9 क5 उपज एंव उनसे �ाUत करने योsय पोषक त/व9 क5 Cमता का अनुमान। फसल फसल अवशेष9 क5 उपज पोषक त/व सां|ता (�7तशत) कुल नDजन, �फुरद, पोटाश Cमता

    (‘000 टन) नDजन �फुरद पोटाश (‘000 टन) धान 80744 0.61 0.09 1.15 1493.8

    गेहँू 44987 0.48 0.07 0.98 688.3

    \वार 11163 0.52 0.12 1.21 216.2

    म(का 6219 0.58 0.09 1.25 119.4

    बाजरा 8283 0.45 0.07 0.95 121.6

    जौ 3180 0.52 0.08 1.25 58.8

    ग'ना 15645 0.45 0.08 1.2 270.7

    आल ू 5062 0.52 0.09 0.85 73.9

    मंूगफल 9580 1.65 0.12 1.25 277.3

    (bोत: यादव और qीवा�तव, 2005)

  • ग�ने म� संरण खेती के EFया�वयन म� चुनौ#तयाँ उ/तर भारत क5 अपेCा दCणी भारत मB ग'ने के Eलए बेहतर जलवाय ुतथा फसल का लंबी अव;ध होने के कारण ग'ने क5 उपज \यादा होने के साथ-साथ ेश क5 उपज भी \यादा होती है। िजसको अगर खेत मB उसी )प मे रखते है तो 0.5 से लेकर 1.5 फ5ट तक क5 एक मोट परत जमा हो जाती है। इसEलए पेड़ी ग'ना लेते समय उसमB ेश को खेत मB ह रखना लगातार Jकसान9 Lवारा नकारा जा रहा है (य9Jक ेश उव1रको को डालने तथा अ'य अ'तः कृषण JGयाओ के करने मB काफ5 सम�याऐ पैदा करता है। पेड़ी ग'ने मB ेश �बधंन (10–15 टन/ हे.) एक गभंीर सम�या बनी हुई है ओर Jकसान इससे 7नजात पाने के Eलए इसको जलानB का उपाय ह सबस ेसरल समझता है (;चD 2)। लेJकन जहां ेश को खेत मB रखने से भूEम मB सूrमजीव9 क5 संSया बढ़ती है, तापमान का 7नयमन होता है, जलधारण व उव1रा शि(त बढ़ती है वह इसके �वपरत ेश जलानB से मह/वपूण1 पोषक त/व9 जसेै Jक नDजन, पोटेEशयम, गधंक व केि6शयम आPद न�ट होने के साथ-साथ लाभकार सूrमजीव9 व काब1न पदाथ1 क5 भी भार माDा मB कमी आती है। इसके अलावा Rीन हाउस गसैे जसैे Jक काब1न डाइऑ(साइड व नाइस ऑ(साइड आPद का भी उ/सज1न होता है। िजससे sलोबल वाEमग जसैी गभंीर सम�या पैदा होती है। एक अ[ययन के अनुसार ग'ने का एक टन ेश जलाने पर Gमश: 4, 35 और 5 Jकलो कwणका त/व, काब1न मोनोआ(साइड और हाइोकाब1न का उ/पादन होता है (सारणी 2) जो वायु �दषूण बढ़ान ेमB सहायक होता है।

    सारणी 2. कृ�ष सामRी के खलुे मB जलाने पर उ/सज1न कारक (ई.एफ.) व pधन लोडगं कारक (एफ.एल.एफ.) फसल अवशषे qेणी ई.एफ. (Jकलो/ टन) एफ.एल.एफ (टन/ हे.)

    कwणका त/व काब1न मोनोआ(साइड हाइोकाब1न

    धान 4 41 5 6.7

    गेहँू 11 64 9 4.3

    ग'ना 4 35 5 2.4

    कपास 4 88 3 3.4

    bोत: अमे`रक5 पया1वरण संरCण एजBसी जब ेश भूEम क5 सतह पर एक परत के )प मB पड़ा रहता तो खाद9 व उव1रक9 के जमीन मB �थानन मB भी बाधा आती है, फल�व)प Jकसान इनको भूEम क5 सतह पर डालने के Eलए बा[य होता है (य9Jक उसके पास इसके अलावा और कोई उपाय नहं है। इसके कारण Jकसान को खाद भी \यादा माDा मB डालना पड़ता है फल�व)प आ;थ1क बोझ भी \यादा आता है। तथा दसूर और फसल को भी उ;चत माDा मB पोषण नहं Eमल पाता है इससे खाद Jक उपयोग दCता मB भी कमी आती है तथा वातावरण भी द�ूषत होता है और पैदावार मB भी कमी आती है। जब Jकसान9 के पास ेश �बधंन व उव1रक9 के जमीन मB �थानन मB सहायक उपकरण व यंD ह9गे तो वह ेश को जलायेगा भी नहं तथा अ'य अ'तः कृषण JGयाओ को भी आसानी से कर पायेगा। आज Eसधंु-गगंा के मैदानी इलाक9 मB धान-गेहँू फसल �णाल मB संरCण खेती को इतने बड़ ेपैमाने पर अपनान ेका मुSय कारण संरCण खेती के Eलए उपयु(त मशीन9 का �वकास ह है। अतः ग'ने मB संरCण खेती को बढ़ावा देने के Eलए उपयु(त मशीन9/ उपकरण9 का �वकास �ाथEमकता के आधार पर Jकया जाना चाPहए।

  • ग�ना अवशषे (Hेश) का भू'म सतह पर रखने से होने वाले मुIय लाभ ेश (10 टन/ हे.) को खेत मB पलवार के )प मB रखने पर न केवल पोषक त/व9 व पानी क5 उपयोग दCता मB बढ़ावा Eमलता है

    बि6क �भावी ढंग से खरपतवार 7नयंDण मB भी सहायक होता है। एक हे(टेयर CेD मB ेश क5 पलवार रखने से Gमश: 50, 15 और 60 Jकलो नDजन, �फुरद और पोटाश भूEम को �ाUत होते हM। ेश पलवार होने के कारण Eमdी क5 सतह से पानी का वा�पीकरण कम होता है िजसके कारण पानी क5 उपयोग दCता बढ़ जाती

    है। ेश पलवार हा7नकारक क5ट – पतगं9 के �ाकृ7तक द