y सीखने के प्रतिफल...y अत त और वत तम न क वस...

Post on 15-Mar-2020

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मडंी और फिर घर तक पहुचँना; स्ानीय स्रोत से लेकर जल का घरों व पास-पडरोस तक पहुचँना और उसका शफुधिकरण हरोना।

y अतीत और वत्तमान की वसतओु ं त्ा गफतफवफियों में अतंर करते हैं। उदाहरण के फलए पररवहन, मदु्ा, आवास, पदा ््त, उपकरण, खतेी और भवन-फनमा्तण के कौशल आफद।

y पश-ुपफषियों, पेड-पौिों, वसतओु,ं अनपुयरोगी वसतओु ंकरो उनके अवलरोकन यरोगय लषिणों (सवरूप, कान, बाल, चोंच, दाँत, तत्वों / सतह की प्रकृफत) मलू प्रवफृतियों (पालत,ू जंगली, िल / सब्‍जी / दालें / मसाले और उनका सरुफषित काल), उपयरोग (खाने यरोगय, औषिीय, सजावट, करोई अन्य, पनु: उपयरोग), गणु (गंि, सवाद, पसंद आफद) के आिार पर समहूों में बाँटते हैं।

y गुणों, पररघटनाओ ंकी फस्फतयों आफद का अनुमान लगाते हैं, देफशक मात्ाओ ंजैसे दरूी, व‍जन, समय, अवफि का मानक/स्ानीय इकाइयों (फकलरो, गज, पाव आफद) में अनुमान लगाते हैं और कारण त्ा प्रभाव के मध्य संबंि स्ापन के सत्यापन हतेु सािारण उपकरणों / व्यवस्ाओ ं का उपयरोग करते हैं। उदाहरण के फलए वाषपन, संघनन, फवलयन, अवशरोषण, दरूी के संबंि में पास/दरू, वसतुओ ंके संबंि में आकृफत व वफृधि, िूलों, िलों त्ा सफब्‍जयों के सुरफषित रखने की अवफि आफद।

y वसतओु,ं गफतफवफियों, घटनाओ,ं भ्रमण फकए गए स्ानों- मलेों, उत्सवों, ऐफतहाफसक स्लों के अवलरोकनों/अनभुवों/ सचूनाओ ंकरो फवफवि तरीकों से ररकाड्त करते हैं त्ा गफतफवफियों, नक्शों, पररघटनाओ ंमें फवफभन्न पैटन्त का अनमुान लगाते हैं ।

y वसतओु ंऔर स्ानों के संकेतों त्ा फस्फत करो पहचानते हैं। फवद्ालय और पास-पडरोस के भफूम संकेतों और नक्श े का इसतेमाल करते हुए फदशाओ ंके फलए माग्तदश्तन दतेे हैं।

y साइनबरोड्त, परोसटस्त, करेंसी (नरोट / फसक्के), रेलवे फटकट/समय सारणी में दी गई जानकाररयों का उपयरोग करते हैं ।

y स्ानीय सतर पर उपलब्ि सामफरियों/अनपुयरोगी पदा्थों से करोलॉज, फडजाइन, मॉडल, रंगरोली, परोसटर, एलबम बनाते हैं और फवद्ालय/पास-पडरोस के नक्श ेऔर फलरो फचत् आफद की रचना करते हैं ।

y पररवार/ फवद्ालय /पास-पडरोस में व्याप्त रु फ़ि बधि सरोच (पसंद, फनण्तय लेने/समसया फनवारण संबंिी साव्तजफनक स्लों के उपयरोग, जल, मध्याह््न भरोजन/सामफूहक भरोज में जाफत आिाररत भदेभाव पणू्त व्यवहार, बाल अफिकार ( फवद्ालय प्रवेश, बाल प्रताडना, बाल श्रफमक) संबंिी मदु्ों का अवलरोकन करते हैं त्ा इन मदु्ों पर अपनी बात कहते हैं ।

y सवच्छता, कम उपयरोग, पनुः उपयरोग, पनुः चक्रण के फलए तरीके सझुाते हैं। फवफभन्न सजीवों (पौिों, जंतओु,ं बजुगुथों त्ा फवशषे आवशयकता वाले व्यफक्तयों), संसािनों (भरोजन, जल त्ा साव्तजफनक संपफति) की दखेभाल करते हैं।

EnglishThe learner—• recites poems with appropriate

expressions and intonation.• enacts different roles in short skits• responds to simple instructions,

announcements in English made in class/school

• responds verbally/in writing in English to questions based on day-to-day life experiences, an article, story or poem heard or read

• describes briefly, orally/in writing about events, places and/or personal experiences in English

• reads subtitles on TV, titles of books, news headlines, pamphlets and advertisements

• shares riddles and tongue-twisters in English

• solves simple crossword puzzles, builds word chains, etc.

• infers the meaning of unfamiliar words by reading them in context

• uses dictionary to find out spelling and meaning

• writes/types dictation of short paragraphs (7-8 sentences)

• uses punctuation marks appropriately in reading aloud with intonations and pauses such as question mark, comma, and full stop

• uses punctuation marks appropriately in writing such as question mark, comma, full stop and capital letters

• writes informal letters or messages with a sense of audience

• uses linkers to indicate connections between words and sentences such as ‘First’, ‘Next’, etc.

• uses nouns, verbs, adjectives, and prepositions in speech and writing

• reads printed script on the classroom walls, notice board, in posters and in advertisements

• speaks briefly on a familiar issue like conservation of water; and experiences of day to day life like visit to a zoo; going to a mela

• presents orally and in writing the highlights of a given written text / a short speech / narration / video, film, pictures, photograph etc.

सीखने के प्रतिफलकक्षा 4

तिंदी

बच्े —दूसरों द्षारषा किी जषा रिी बषाि को ध्षान से सनुकर अपनी प्रतितरि्षा व्क्ि करिे और प्रश्न पूछिे िैं।

y सनुी रचनाओ ंकी फवषय-वसत,ु घटनाओ,ं फचत्ों, पात्ों, शीष्तक आफद के बारे में बातचीत करते हैं/प्रशन प्ूछते हैं, अपनी राय दतेे हैं, अपनी बात के फलए तक्त दतेे हैं।

y कहानी, कफवता अ्वा अन्य सामरिी करो अपनी तरह से अपनी भाषा में कहते हुए उसमें अपनी कहानी/बात जरोडते हैं।

y भाषा की बारीफकयों पर ध्यान दतेे हुए अपनी भाषा ग़िते और उसका इसतेमाल करते हैं।

y फवफवि प्रकार की सामरिी (जैसे– समाचार पत् के मखुय शीष्तक, बाल पफत्का आफद) में आए प्राकृफतक, सामाफजक एवं अन्य संवेदनशील फबंदओु ंकरो समझते और उन पर चचा्त करते हैं।

y प़िी हुई सामरिी और फनजी अनभुवों करो जरोडते हुए उनसे उभरी संवेदनाओ ंऔर फवचारों की (मौफखक/फलफखत) अफभव्यफक्त करते हैं।

y अपनी पाठ्यपसुतक से इतर सामरिी (बाल साफहत्य/समाचार पत् के मखुय शीष्तक, बाल पफत्का, हरोफडिंगस आफद) करो समझकर प़िते हैं।

y अलग-अलग तरह की रचनाओ ंमें आए नए शब्दों करो संदभ्त में समझकर उनका अ ््त रिहण करते हैं।

y प़िने के प्रफत उत्सकु रहते हैं और पसुतक करोना/पसुतकालय से अपनी पसंद की फकताबों करो सवयं चनुकर प़िते हैं।

y प़िी रचनाओ ंकी फवषय-वसत,ु घटनाओ,ं फचत्ों, पात्ों, शीष्तक आफद के बारे में बातचीत करते हैं/प्रशन प्ूछते हैं, अपनी राय दतेे हैं, अपनी बात के फलए तक्त दतेे हैं।

y सतरानसुार अन्य फवषयों, व्यवसायों, कलाओ ं आफद (जैसे- गफणत, फवज्ान, सामाफजक अध्ययन, नतृ्यकला, फचफकत्सा आफद) में प्रयकु्त हरोने वाली शब्दावली की सराहना करते हैं।

y भाषा की बारीफकयों, जैसे– शब्दों की पनुरावफृति, सव्तनाम, फवशषेण, जेंडर, वचन आफद के प्रफत सचते रहते हुए फलखते हैं।

y फकसी फवषय पर फलखते हुए शब्दों के बारीक अतंर करो समझते हुए सराहते हैं और शब्दों का उपयकु्त प्रयरोग करते हुए फलखते हैं।

y फवफभन्न फस्फतयों और उद्शेयों (बलेुफटन बरोड्त पर लगाई जाने वाली सचूना, सामान की सचूी, कफवता, कहानी, फचट्ी आफद) के अनसुार फलखते हैं।

y सवेच्छा से या फशषिक द्ारा तय गफतफवफि के अतंग्तत लेखन की प्रफक्रया की बेहतर समझ के सा् अपने लेखन करो जाँचते हैं और लेखन के उद्शेय और पाठक के अनसुार लेखन में बदलाव करते हैं।

y अलग-अलग तरह की रचनाओ ंमें आए नए शब्दों करो संदभ्त में समझकर उनका लेखन में इसतेमाल करते हैं।

y फवफभन्न उद्शेयों के फलए फलखते हुए अपने लेखन में फवराम-फचह्ों, जैसे - पणू्त फवराम, अलप फवराम, प्रशनवाचक फचह् का सचते इसतेमाल करते हैं।

y अपनी कलपना से कहानी, कफवता, वण्तन आफद फलखते हुए भाषा का सजृनात्मक प्रयरोग करते हैं।

गतिि

बच्े — y संखयाओ ंकी संफक्रयाओ ंका उपयरोग दफैनक जीवन में करते हैं।

– 2 त्ा 3 अकंों की संखयाओ ंकाे गणुा करते हैं। – एक संखया से दसूरी संखया करो फवफभन्न तरीकों से भाग दतेे

हैं, जैसे – फचत्ाें द्ारा (फबंदओु ंका आलेखन कर), बराबर बाँटकर, बार-बार घटाकर, भाग त्ा गणुा के अतंसिंबंिों का उपयरोग करके।

– दफैनक जीवन से के संदभ्त में मदु्ा, लंबाई, भार, िाररता से संबंफित चार संफक्रयाओ ंपर आिाररत प्रशन बनाते हैं त्ा हल करते हैं।

y फभन्नों पर काय्त करते हैं – – एक फदए गए फचत् अ्वा वसतओु ंके समहू में से आिा,

एक चौ्ाई, तीन चौ्ाई भाग करो पहचानते हैं। – संखयाओ/ंसंखयांकों की मदद से फभन्नों करो आिा, एक

चौ्ाई त्ा तीन चौ्ाई के रूप में प्रदफश्तत करतेहैं। – फकसी फभन्न की अन्य फभन्न से तलुयता फदखाते हैं।ै

y अपने पररवेश से फवफभन्न आकृफतयों के बारे में समझ अफज्तत करते हैं।

– वतृि के कें द्, फत्जया त्ा व्यास करो पहचानते हैं। – उन आकृफतयों करो खरोजते हैं फजनका उपयरोग टाइल लगाने

में फकया जा सकता ह।ै – फदए गए जाल (नेट) की मदद से घन/घनाभ बनाते हैं। – काग‍ज मरोडकर/काटकर, सयाही के िब्बों द्ारा, परावत्तन

समफमफत प्रदफश्तत करते हैं। – सरल वसतओु ंके शीष्त दृशय (Top View), सममखु दृशय

(Front View), साइड दृशय (Side View) आफद का फचत्ांकन करते हैं।

y सरल जयाफमतीय आकृफतयों (फत्भजु, आयत, वग्त) का षिेत्िल त्ा पररमाप एक दी हुई आकृफत करो इकाई मानकर ज्ात करते हैं, जैसे – फकसी टेबल की ऊपरी सतह करो भरने के फलए एक जैसी फकतनी फकताबों की आवशयकता पडेगी।

y मीटर करो सेंटीमीटर एव ंसेंटीमीटर करो मीटर में बदलते हैं। y फकसी वसत ुकी लंबाई, दरो स्ानों के बीच की दरूी, फवफभन्न

वसतओु ंके भार, द्व का आयतन आफद का अनमुान लगाते हैं त्ा वासतफवक माप द्ारा उसकी पफुटि करते हैं।

y दफैनक जीवन में लंबाई, दरूी, व‍जन, आयतन त्ा समय से संबंफित प्रशनों करो चार मलूभतू गफणतीय संफक्रयायों का उपयरोग कर हल करते हैं।

y घडी के समय करो घटें त्ा फमनट में प़ि सकते हैं त्ा उन्हें a.m. और p.m. के रूप में व्यक्त करते हैं।

y 24 घटें की घडी करो 12 घटें की घडी से संबंफित करते हैं। y दफैनक जीवन की घटनाओ ंमें लगने वाले समय अतंराल की

गणना, आगे/पी्ेछ फगनकर अथ्‍ावा जरोडने/घटाने के माध्यम से करते हैं।

y गणुा त्ा भाग में पैटन्त की पहचान कर सकते हैं। (9 के गणुज तक)

y समफमफत (Symmetry) पर आिाररत जयाफमफत पैटन्त का अवलरोकन, पहचान कर उनका फवसतार करते हैं।

y इकट्ा की गई जानकारी करो सारणी, दडं आलेख के माध्यम से प्रदफश्तत कर उनसे फनषकष्त फनकालते हैं।

प्षायावरि अध््न

बच्े– y आस-पास पररवेश में पाए जाने वाले िूलों, जडों त्ा िलों

के आकार, रंग, गंि, वे कैसे वफृधि करते हैं त्ा उनके अन्य सामान्य लषिण क्या हैं – जानते और पहचानते हैं ।

y पश-ुपफषियों की फवफभन्न फवफशषटताओ,ं जैसे – चोंच दाँत, पंजे, कान, ररोम, घोंसला, रहने के स्ान आफद करो पहचानते हैं।

y फवसततृ कुटंु ब में अपने त्ा पररवार के अन्य सदसयों के आपसी ररशतों करो पहचानते हैं।

y चींफटयों, मिमुफक्खयों और हा ् ी जैसे जीवों के समहू में व्यवहार त्ा पफषियों द्ारा घोंसला बनाने की फक्रया का वण्तन करते हैं। पररवार में जन्म, फववाह, स्ानां तरण आफद से हरोने वाले पररवत्तनों की व्याखया करते हैं।

y दफैनक जीवन के फवफभन्न कौशल-यकु्त कायथों- खतेी, भवन फनमा्तण, कला / फशलप आफद का वण्तन करते हैं त्ा पवू्तजों से फमली फवरासत एवं प्रफशषिण संस्ानों की भफूमका की व्याखया करते हैं।

y दफैनक आवशयकताओ ंकी वसतओु,ं जैसे – भरोजन, जल, वसत् के उत्पादन त्ा उनकी उपलब्िता; स्रोत से घर तक पहुचँने की प्रफक्रया का वण्तन करते हैं। उदाहरण के फलए फ़सल का खते से

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