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  • महुममद कौन हैं ?

    http://www.rasoulallah.net/

  • http://www.rasoulallah.net/

  • अनकु्रमणिका पगैंबर महुममद- एक साधारि मनषु्य.....................................7 आतमाकी पवित्रता...........................................................................9

    पगैंबर हज़रत महुममद-उनपरशांततएिंआशीिावादहो- की ओर से कुछ तशक्ाएं......................................................9 माता वपता के साथ भलाई...............................................................12 ररशतेदारों के साथ व्यिहार...............................................................12 बेटि्यों का पालि...........................................................................12 अनाथों का पालन..........................................................................12 शासक ्या हाटकम का आज्ापालन.....................................................13 द्यालतुा......................................................................................13 भीख माँगने की बरुाइ्यां..................................................................13 आपस में एक दसूरे की सहा्यता.......................................................13 ज्ान की महानता..........................................................................15 दास, नोकर और नोकरानी के साथ व्यिहा..........................................15 पहला उदाहरि..............................................................................17 दसूरा उदाहरि..............................................................................17

    हज़रत पगैंबर-उन पर शांतत और आशीिावाद हो- की गैरमणु्लमों पर द्यालतुा के कुछ उदाहरि..................................................17 तीसरा उदाहरि............................................................................18 चौथा उदाहरि.............................................................................18 पांचिां उदाहरि............................................................................18 छठिाँ उदाहरि............................................................................19 सातिाँ उदाहरि...........................................................................20 आठिाँ उदाहरि...........................................................................20 निाँ उदाहरि..............................................................................20 दसिां उदाहरि............................................................................20 ग्यारहिाँ उदाहरि........................................................................21 बारहिाँ उदाहरि..........................................................................22 पगैंबर हज़रत महुममद-शांतत हो उन पर-के व्यिहार के विष्य में कुछ शबद:(पहला भाग) Yusef Eses.......................................................23 नीचे टद्ेय गए कुछ तन्यमों पर ज़रा विचार करें...................................31

  • पगैंबर महुममद ने क्या आदेश टद्या ?....................................31 मसुलमान हज़रत महुममद-उन पर इश्वर की कृपा और सलाम हो-के विष्य में क्या कहते हैं?.......................................................36

    अललाह के पगैंबर हज़रत महुममदके विष्य में संणक्प्त ििवान: पगैंबर हज़रत महुममद- शांतत हो उन पर-के व्यिहार के विष्य में कुछ शबद: (दसूरा भाग).....................................................................44

  • 7

    नतेा क ेरपू म े ं सल ्लाह ूआलत हत ि सल ्लम अपनी स ्थत तत क ेबािजदू, पगैबंर महुम ्मद का ि ््यिहार अधत क स ेअधत क ्या अन ््य लोगो ंकी तलुना म े ंिह अपन ेको बहेतर कभी नही ंसमझत ेथ े.िह कभी लोगो ंको नीच , अिाछंत त ्या शर ्मत दंा नही ंहोन े दते ेथ े . उन ्होनं ेअपन ेसाथत ्यो ंको आग ्रह कत ्या की ि ेकपृ्या और ित नम ्र स ेजत ्य े ं, जब भी हो तो गलुाम की रहेाई कर े ं , दान द े ं, ित शषे रपू स ेबहतु ही गरीब लोगो ंको और अनाथो ंको कत सी भी प ्रकार क ेइनाम की प ्रतीक ्षा कत ्य े बत ना मदद कर े.ं

    पगैबंर महुम ्मद सल ्लाह ूअलहैी ि सल ्लम लालची नही ंथ े. िह बहतु कम और किेल सरल खाद ््य पदार ्थ खा लत ्या करत ेथ े.िह पिे भरकर खान ेको कभी पसदं नही ंकरत ेथ े. कभी कभी, कई दत नो ंक ेबाद खात ेथ ेऔर जो रखु ी सखुी मत लती खा लत ्या करत ेथ े. िह फर ्श पर एक बहतु ही साधारि गद ्द ेपर सोत े थ ेऔर उनक ेघर म े ंआराम क े्या सजािि क े रपू म े ं कछु भी नही ंथा.

    एक दत न हज़रत हफ ्सा, उनकी पित त ्र पत ्नी – उनक ेगद ्द ेको रात म े ं आरामदा्यक बनान ेक ेलत ए, उनको बता्य ेबत ना उनकी चिाई को डबल तह कर दी ,ताकत नर ्म रह े, उस रात िह चनै स ेसो गए , लकेत न िह दरे तक सोत े रह े जत स की िजह स ेउनकी सबुह सिरे ेप ्रार ्थना की छिु गई.िह इतना परशेान हएु कत फत र ऐसा कभी नही ंसोए!

    सादा जीिन और सतंषु ्ित पगैबंर क ेजीिन क ेमहत ्िपरू ्ि शत क ्षा थ:े "जब आप एक ऐस ेि ््यक ्तत को दखे े ंजत स ेआप की तलुना म े ंआप स ेज ््यादा ओर अधत क धन और सुदंरता मत ली ह ै, तो उनको भी दखेो जत नको आप स ेकम दत ्या ग्या ह.ै" इस प ्रकार की सोचं स ेहम अल ्लाह का शकु ्र अदा कर ेगं े, बजा्य िचंत त महससू करन ेक.े लोग उनकी पित त ्र पत ्नी, हजरत आ्यशा स ेजो की उनक ेसबस ेपहल ेऔर िफादार साथी अब ूबकर की बिे ी थी ं, सिाल करत ेथ ेकी पगैबंर महुम ्मद घर म े ं कसै े रहत ेथ,े "एक साधारि आदमी की तरह," िह जिाब म े ंकहेती थी . "िह घर की साफ सफाई, अपन ेकपड ़ ेकी सत लाई खदु स ेकरलते ेथ,े अपनी सनेडल खदुस ेठीक करलते ेथ े , ऊिंो ंको पानी पत लात ेथ,े बकरी का दधू नत कालत ेथ,े कर ्मचारत ्यो ंकी उनक ेकाम म े ंमदद करत ेथ,े और उनक ेसाथ मत लकर अपना भोजन करत ेथ े, और िह बाज़ार स ेहमको जो ज़ररुत ह ैलाकर दते ेथ.े"

    पगैंबर महुममद- एक साधारि मनषु्य

  • 8

    उनक ेपास शा्यद ही कभी एक स ेअधत क कपड ़ ेक ेसिे थ े, जो िह खदु स े धो्या करत ेथ.े िह घर म े ंप ््यार स ेरहन ेिाल,े शातंत प ्रत ्य मनषु ््य थ े. उन ्होनं ेकहा जब आप कत सी घर म े ंप ्रिशे कर े ंतो िहा ँसखु और शातंत क े लत ए अल ्लाह ताला स े दआु कर े.ं िह दसूरो ंस ेमत लत ेसम्य -अस ्सलामो अलकैमु- का शब ्द कहत ेथ:ेजत सका अर ्थ ह ै"तमु पर शातंत हो" शातंत पथृ ्ि ी पर सबस ेबढ त़ ्या चीज़ ह.ै

    अच ्छ ेशत ष ्िाचार म े ंउनको परूा परूा ित श ्िास था िह लोगो ंको शत ष ्ितापरू ्िक रपू स ेमत लत ेथ ेऔर बड़ो ंको सम ्मान दते ेथ ेएक बार उन ्होनं ेकहा: " मझु े तमु म े ंसब स ेप ््यारा िह ि ््यक ्तत लगता ह ैजत सक ेि ््यिहार आच ्छ ेहो.ं"

    उनक ेसभी रत कॉर ्ड शब ्दो ंऔर कामो ंस े्यह प ्रकि होता ह ैकी िह एक महान थ ेनम ्रता, द्या, ित नम ्रता, अच ्छा हास ््य और उत ्कषृ ्ि आम भािना रख ्त ेथ,े जो पशओु ंक ेलत ए और सभी लोगो ंक ेलत ए किेल प ््यार क ेउपदशेक थ,े ित शषे रपू स ेउनक ेपरत िार क ेसाथ.

    इन सबस ेऊपर, िह एक मनषु ््य थ ेओर जो उपदशे दत ्या उसका अभ ््यास कत ्या. उनका जीिन, दोनो ंनत जी और सार ्िजनत क, अपन ेअन्ुया्यत ्यो ंक ेलत ए एक आदर ्श मॉडल ह ै.

  • 9

    पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-किेत चारो,ं नत र ्दशे, शत क ्षा, सझुािो ं ,नतैत कता, आचरि और सत द ्धातंो ं का एक बहतु बड ा़ सगं ्रह ह.ैइस ्लाम की महत मा और उसकी महानता इनही ं आदर ्शो ंपर ित की हईु ह.ैकिेल उन म े ंस ेएक हत स ्स ेको ्यहादँर ्ज कत ्या ग्या ह ै.ं

    आतमाकी पवित्रता:

    १. पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा ह:ै"बदु ्धत मान िह ह ैजो अपन ेआपक ेसाथ अच ्छ ेऔर बरु ेका हत साब कत ताब कर,े और मौत क े बाद काम आन ेिाला कार ््यकर,े मरू ्ख िह ह ैजो अपनी इच ्छाओमं ेडंबूा रह ेऔर अल ्लाह का कपृा और द्या का आशािंत त रह.े

    २. पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेपछूा: "आप लोग कत स बात को बहादरु ी समझत ेहो? लोगो ंन ेकहा िह आदमी जत स को कोई मर ्द न पछाङ सक,े तो उन ्होनं ेकहा नही ंऐसा नही ंह ै, बल ्कत मजबतू आदमी िह ह ै जो गसु ्सा क ेसम्य खदु को क ा़ब ूम े ंरखता ह.ै"(मसु ्लत म न ेइस को दर ्ज कत ्या ह )

    ३. पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा ह:ै "सतंषु ्िता एक ऐसा खजाना ह ैजो कभी खत ्म नही ंहोता ह"ै

    ४. पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा ह:ै"एक अच ्छा मसुलमान होन ेका मतलब ्यह ह ैकत बकेार (फजुलु) बात को छोड़ द"े

    ५. धर ्म नाम ह ैभला सोचंन ेका अल ्लाह क ेलत ्य ेऔर उसकपेगैबंर क ेलत ्य े और उसकी पित त ्र पसु ्तक (करुान) क ेलत ्य ेऔर मसुलमानो ंक ेखास और आम लोगो ंक ेलत ्य.े

    ६. पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-एक बठैक म े ंकछु बठै ेहिु े लोगो ंक ेपास रकु ेऔर कहा कत ्या म ै ंआप लोगो ंको न बताऊ ँकत आप लोगो ं म े ंकोन अच ्छ ेह ै ंऔर कोन बरु ेह ै?ं सब क ेसब चपु रह,े उन ्होनं े्यह सिाल तत न बार दहुरा्या तो एक आदमी न ेकहा जी हा ँआप ज़ररू हम े ंबताए ंकत हमार े बीच कोन अच ्छ ेह ै ंऔर कोन बरु ेह ै?ं तो उन ्हो ंन ेकहा:"आप लोगो ंक ेबीच िह सब स ेअच ्छा ह ैजत न स ेभलाई की उम ्मीद लगाई जाए और उनकी ओर

    पगैंबर हज़रत महुममद-उनपरशांततएिंआशीिावादहो-की ओर से कुछ तशक्ाएं:

  • 10

    स ेकत सी प ्रकार की तकलीफ स ेबफेत करी हो और आप क ेबीच सब स ेबरुा िह ह ैजत स स ेकत सी भलाई की आशा न रखी जाए और उनकी ओर स ेतकलीफ पह ुचँन ेका डर लगा रह"े

    ७. शर ्म ईमान की एक शाखा ह.ै

    ८: पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा ह:ै"दो िरदान ऐस े ह ै ंजत न म े ंअधत क लोग नकुसान म े ंरहत ेह ै:ं स ्िास ्थ ््य और सम्य" ९. पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा ह:ै कत "अपनी जत दंगी क ेगज़ुार ेम े ंकम खर ्च करना आदमी की बदु ्धत का एक हत स ्सा ह.ै१०.पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा ह:ै कत:"धीर ेधीर े समझ बझूकर चलना और फसैला अल ्लाह क ेआदशेा क ेअनसुार ह ैऔर जल ्दीबाजी शतैान की ओर स ेह"ै११.पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा ह:ै कत:"पाखडं ी की तत न पहचान े ंह ै:ंजब बात करता ह ैतो झिू बोलता ह ैऔर जब िचन दतेा ह ैतो मकुर जाता ह ैऔर सरुक ्षा क ेलत ए जब कोई चीज़ उसक ेपास रखी जाए तो िह उस म े ंआग ेपीछ ेकरदतेा ह.ै

    १२. पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा ह:ै कत:"ज ्ञान मोमत न की खो होई चीज़ ह ैजहा ँकही ंभी िह उसक ेहाथ लग ेतो िही उसका हकदार ह"ै

    १३. पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा ह:ै कत:"आप लोग जहन ्नम की आग स ेबचो ्यदत खजरू क ेएक िकुड़ ेको दान करक ेहो सक ेतो भी करो ्यदत कत सी को ्यह भी न मत ल सक ेतो एक अच ्छ ेशब ्द स ेभी हो तो करो..

    १४. पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा ह:ै"कत ्या म ै ंआप सब को दनु ््या और अखत रत क ेसब स ेअच ्छ ेशत ष ्िाचार क ेबार ेम े ंन बता द ू?ँ तमु पर जो ज़लु ्म कर ेउसको भी क ्षमाकरदो, और उस स ेभी रत श ्ता जोड़ े ंरखो जो आप स ेरत श ्ता तोड़ ल,े और उसको भी द े ंजो आप स ेहाथ रोक.े

    १५. पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा ह:ै कत:"पाखडं ी की तत न पहचान े ंह ै:ंजब बात करता ह ैतो झिू बोलता ह ैऔर जब िचन दतेा ह ै तो मकुर जाता ह ैऔर सरुक ्षा क ेलत ए जब कोई चीज़ उसक ेपास रखी जाए तो िह उस म े ंहरेा फरे ी कर दतेा ह.ै

    १६.पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा ह:ै कत:"आप लोगो ं म े ंस ेमरेा सब स ेअधत कप ््यारा क़्यामत क ेदत न मझु स ेसब स ेअधत क नजदीक बठैन ेिाला िह ह ै ंजत नक ेशत ष ्िाचार अच ्छ ेहो.ं१७.पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा ह:ै कत:"जो

  • 11

    अल ्लाह को खशु करन ेक ेलत ्य ेअपन ेआप को झकुा कर रखता ह ै(घमडंी नही ंकरता ह)ै तो अल ्लाह उस ेऊचंाई दतेा ह.ै ْ

    १८.पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा ह:ै कत:"तत न लोगो ं क ेबार ेम े ंम ै ंक़सम खाता ह ू ँऔर इस बार ेम े ंएक बात ब्यान करता ह ू ँतो आप लोग उस े्याद रख लीजत ए: दान दने ेस ेकत सी भी भक ्तक ेधन म े ंकमी नही ं होती ह ैऔर ्यदत कत सी न ेकत सी पर ज़लु ्म कत ्या और िह उस ेपत ग्या तो अल ्लाह उसइेज ़ ्ज़तदतेा ह ैऔर जो आदमी भत क मागंन ेका दरिाजा खोलता ह ै तो अल ्लाह उस पर गरीबी का दरिाजा खोल दतेा ह.ै पगैबंर -उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेऔर ्यह भी कहा: कत:"्यह दनुत ्या ्या तो चार प ्रकार क ेलोगो ंक ेलत ्य ेह:ै एक तो िह आदमी जत स ेअल ्लाह न े धन और ज ्ञान दत ्या ह ैतो िह उसके बार ेम े ंअल ्ल ्लाह स ेडरता ह ैऔर उस ेदान करता ह ैऔर अपन ेरत श ्तदेारो ं पर खर ्च करता ह ैऔर उस म े ंउनक ेलत ए अल ्लाह का हक़ मानता ह ैतो ्यह सब दर ्जो ंस ेबड़ा दर ्जा ह ैऔर एक आदमी को अल ्लाह न ेज ्ञान दत ्या लकेत न उस ेधन नही ंदत ्या पर उसकी नत ्य्यत शदु ्ध ह ैऔर िह ्यह कहता ह ै कत ्यदत मरे ेपास धन होता तो म ै ंफलुान की तरह काम करता ्यह उसका इरादा ह ैतो दोनो ंका बदला बराबर ह ैऔर एक आदमी को अल ्लाह न ेधन दत ्या पर उस ेज ्ञान नही ंदत ्या तो िह अपन ेधन म े ंअधंाध ुधं चलता ह ैअपन ेमालत क स ेनही ंडरता ह ैऔर अपन ेरत श ्तदारो ंपर भी खर ्च नही ंकरता ह ैऔर उस म े ंअपन ेमालत क का भी कोई हक़ नही ंमानता ह ैतो ्यह सब स ेघि्या दर ्जा ह ैऔर एक आदमी को अल ्लाह न ेन धन दत ्या और न ज ्ञान दत ्या तो िह सोचंता ह ैकत ्यदत मझु ेधन होता तो म े ंभी उसी की तरह गलुछर ्र ेउड़ाता ्यह उसकी नत ्यत थी तो दोनो ंका पापबराबर ह.ै

    १९.पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा ह:ै कत:"अपन ेभाई की तकलीफ पर मत हसँो अल ्लाह उसको उसकी तकलीफ स ेनत काल दगेा और तमु को उस तकलीफ म े ंडाल दगेा"

    २०.पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा ह:ै कत:"लोगो ंम े ं अल ्लाह क ेपास सब स ेप ््यारा िह ह,ै जो लोगो ंक ेअधत क स ेअधत क काम म े ं आता ह,ै और अल ्लाह को सब स ेअधत क पसदंीदा काम ्यह ह ैकत कत सी मसु ्लमान क ेदत ल को खशु करद े्या उसक ेकत सी दखु ्या दर ्द को दरू कर द े ्या उसका कर ्जा उतार द े्या उसकी भकू बझुा द,े म ै ंअपन ेकत सी भाई क ेकत सी काम को बनान ेक ेलत ्य ेउसक ेसाथ चलू ँ्यह काम मझु ेकत सी मस ्जत द म े ंएक महीना अल ्लाह अल ्लाह करत ेबठैन ेस ेअधत क पसदं ह,ै और जत सन ेअपन े गसु ्स ेको पत लत ्या तो अल ्लाह उस की बरुाई पर परदह रख दतेा ह.ै और ्यदत कोई अपन ेगसु ्स ेको पत जाता ह,ै बिजदू इसक ेक े्यदत िह करना चाहता तो बहतु कछु कर सकता था इस क ेबािजदू सह लत ्या तो अल ्लाह कत ्यामत क े दत न उसकी आत ्मा को खशुी स ेभर दगेा और जो अपन ेभाई क ेसाथ उसका काम नत कलन ेक ेलत ्य ेसाथ द ेऔर काम बना द ेतो अल ्लाह ताला कत ्यामत क ेदत न उसकी सहा्यता करगेा जत स दत न लोगो ंक ेपरै उखड़ जाएगं,े और बरुा बर ्ताि सार ेकामो ंको ऐस ेही नष ्ि कर दतेा ह ैजसै ेसत रका शहद को.

  • 12

    माता वपता के साथ भलाई:

    १. अल ्लाह ताला खशु होता ह,ै जब माता पत ता खशुहोत ेह ै ंऔरअल ्लाह नाराज होता ह,ै जब माता पत ता नाखशुरहतहे ै.ं

    २.हज़रत पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-स े अब ्दलु ्लाह बत न मासउद (उनक ेएक साथी) न ेपछूा कौन सा काम अल ्लाह को अधत क पसदं ह?ै तो उन ्हो ंन ेकहा:"सम्यपरनामज़ पढ़ना" अब ्दलु ्लाह बत न मासउद न ेपछूा फत र कौन सा? तो उन ्होन ेकहा माता पत ता क ेसाथ अच ्छा बर ्ताि करना अब ्दलु ्लाह बत न मासउद न े पछूा फत र कौन सा? तो उन ्होन े कहा फत र अल ्लाह क ेरस ्त ेम े ंकोशत श करना.

    ३.पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न े पछूा:"क ््या म ै ं आप कोसबस ेबड़ ेपाप क ेबार ेम े ंन बताऊ?ं उन ्होन ेइस ेबात को तत न बार दहुरा्या तो लोगो ंन ेकहा जी हा,ँ ह ेअल ्लाह कपेगैबंर!आप हम े ंज़ररू बताए ंतो उन ्होन े कहा:"अल ्लाह तालाक ेसाथ शत र ्क करना ,और मातापत ता की बातन मानना, िह िकेा लकेर बठै ेथ ेतो सीधा होकर बठै ेऔर कहा:"झठू ेसबतू दनेा ्या झठू बोलना"पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-शब ्द को दहुरात ेरह े ्यहा ँतक कत लोगो ंको लगा कत िह अब इस शब ्द को नही ंदहुराएगं"े ररशतेदारों के साथ व्यिहार:

    पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा :" रत श ्तादार ी अर ्श स ेलिकी हईु ह ैऔर कहती ह ैजो मझु ेजोड़ता ह ैउस ेअल ्लाह भी जोड़ता ह ै और जो मझु ेतोड़ता ह ैउस ेअल ्लह तोड़ता ह.ै

    बेटि्यों का पालि:

    १.पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-नकेहा:"मरे ी उम ्मत(क ौ़म) म े ंसजेो कोई भी तीन बिेत ्यो ं्या तत न बहनो ंका पालन पोषन कर ेऔर उनके साथ अच ्छा बर ्ताि कर ेतो िह उनक ेलत ्य ेजहन ्नम क ेबीच आड़ बन जात े ह ै.ं

    २.पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-नकेहा:"जो कोई तीन बिेत ्यो ं का पालन करता ह,ै उनपर खर ्च करता ह,ै उनक ेसाथ नरमी और महेरबानी करता ह ै, और उन ्ह े ंअच ्छा पढ़ा लत खा कर शत क ्षत त करता ह ैतो अल ्लाहउसजेन ्नत दगेा, उनस ेपछूा ग्या ्यदत कत सी न ेदो बिेत ्यो ंका पालन कत ्या तो? इस पर उन ्होन ेन ेकहा दो बिेत ्यो ंक ेपालन पर भी.

    अनाथों का पालन:

    पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-नकेहा:"जो अनाथो ंका पालन

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    पोषि करगेा िह मरे े साथ जन ्नत म े ं इस तरह रह े गा औरहज़रत पगैबंर -उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेहाथ की दो उगंलत ्यो ंस ेइशाराकत ्या.

    शासक ्या हाटकम का आज्ापालन:

    १. पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-नकेहा:शासक क ेआदशे का पालन करना आिश ््यक ह ैजत सन ेअपन ेहाकत म की बात उठा दी उसन ेअल ्लाह क ेहकुम को ठकुरा दत ्या और उसकी नाफरमानी म े ंदाखत ल हो ग्या.२.पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न्ेयहा ँ तककहा:अगर कोई नकिा काला कालोिा दास भी अपकाशासक बन जाए तब भी उनकी बात सनुो और उसकी आज ्ञा का पालन करो.

    ३. पगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा जब आप दखे ल े ं कत मरे ी उम ्मत ज़ालत म को "ह ेज़ालत म!" कहन ेस ेडर ेतो ईमानदार ी उनस े रखुसत हो गई.

    द्यालतुा:

    एक बार एक आदमी न ेपगैबंर हज़रत महुम ्मद-उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-को दखेा कत िह अपन ेदोनो ंनातत ्यो ंहसन और हसुनै को चमू रह ेह ै,ं तो उसन ेकहा मझु ेदस बच ्च ेह ै ंलकेत न म ै ंतो कभी भी उन म े ंस ेकत सी को भी नही ंचमूा तो हज़रत पगैबंर -उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेउन स ेकहा तो म ै ंकत ्या कर सकता ह ू ँजब अल ्लाह न ेतमु ्हार ेदत ल स ेद्या को नत काल लत ्या "जो द्या नही ंकरता ह ैउस पर द्या नही ंहोती ह"ै.

    भीख माँगने की बरुाइ्यां:

    १.हज़रत पगैबंर -उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा:" जो लोगो ंस ेधन बिोरन ेक े लत ्य ेभीख मागंता ह ैतो िह तो असल म े ंआग का डल ्ला मागंता ह ैतो मागँा कर ेज़त ्यादा मागं े्या कम मागं"े

    २.हज़रत पगैबंर -उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा:" जत स पर गरीबी आगई हो और िह उस गरीबी को लोगो ंक ेबीच ल ेआए (मागंता फत र)े तो उसकी गरबी कभी बदं नही ं होगी लकेत न जो उस गरबी को अल ्लाह क ेसामन े रख ेतो अल ्लाह ताला उसकी गरीबी को जल ्द ही धन दोलत म े ंबदल दगेा: ्या तो जल ्द उसकी मत र ्त ््य ुहोजाएगी ्या फत र जल ्द धन मत ल जाए गा.

    आपस में एक दसूरे की सहा्यता :

    १.हज़रत पगैबंर -उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा:"जो कोई छोिो ंपर द्या नही ं करता औरबड ो़ ंका सम ्मान नही ंकरता,उसका हमार ेसाथ कोई सबंधं नही ंह.ै

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    २. तमु पथृ ्ि ी क ेलोगो ंपर द्या करो तो आकाश िाला तमु पर महेरबान होगा.३.हज़रत पगैबंर -उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा:"एक ईमानदार दसूर ेईमानदार क ेलत ्य ेऐस ेही ह ैजसै ेएक भिन जत सम े ंप ्रत ््यके ईिं एक दसूर ेको मजबतूी स ेपकड़ ेरहत ेह ै.ं और अपनी उगंलत ्यो ंकी जाली बना कर दत खा्या.

    ४. हज़रत पगैबंर -उनपरशातंत एिआंशीर ्िादहो-न ेकहा:"प ्रत्यके दत न जत स म े ं सरूज उगता ह ैप ्रत्यके आत ्मा पर अपन ेलत ्य ेएक दान करना ह ै "अबज़ूर ्र न ेपछूा :" ह ेअल ्लाह क ेपगैबंर! म ै ंकहा ँस ेदान द ू ँहमर ेपास तो धन दोलत नही ंह?ै तो उन ्होनं ेकहा:"दान क ेद ्िार तो बहतु ह ै ंउसी म े ं"अल ्लाह ुअकबर " (अल ्लाह बहतु बड़ा ह)ै और "अलहम ्दलुत ल ्लाह" (सभी प ्रशसंा अल ्लाह क े लत ्य ेह)ै,और "ला इलाहा इल ्लाह"ू (अल ्लाह को छोड़ कर कोई पजू ेजान ेक े ्योग ््य नही ंह)ै और "अस ्त ्ग ्फीरलु ्लाह" (म ै ंअल ्लाह स ेमाफी मागँता ह ू)ँ पढ़ना भी इसी म े ंशामत ल ह ैऔर ्यह कत अच ्छाई का आदशे दो और बरुाई स े रोको , और लोगो ंक ेरासत ेस ेकािंा हड ्ड ी ्यापत ्थर हिा दो, और अधं ेको रास ्ता दत खा दो और बहरा और गूगंा तक बात पह ुचंा दो ताकत िह समझ सके ंऔर कत सी चीज़ क ेबार ेम े ंपछून ेिाल ेको उसका पता बता दो ्यदत तमु उस चीज़ का पता जानत ेहो, और तमु सहा्यता मागंन ेिाल ेबचेारो ंक ेसाथ तजे तजे परैो ंको उठा कर चलो और कमजोर क ेसाथ अपनी सहा्यता का हाथ जल ्दी स ेबढ़ा दो, ्यह सब क ेसब दान क ेरासत ेह ै ंइसक ेद ्िारा तमु अपनी आत ्मा की ओर स ेदान कर सकत ेहो,और तमु को तो अपनी पत ्नी क ेसाथ सोन ेपर भी बदला ह ै अबज़ूर ्र न ेकहा कत मरे ेअपन ेसभंोग पर कसै ेबदला मत लगेा? तो अल ्लाह क े पगैबंर- उन पर शातंत हो -:न ेकहा ्यह बताओ कत ्यदत तमु ्हारा कोई बच ्चा हो और बड़ा होजाए और तमु को उसकी सहा्यता की उम ्मीद होन ेलग ेफत र िह मर जाए तो उसपर अल ्लाह की ओर स ेबदल ेकी उम ्मीद रखोग े्या नही?ं अबज़ूर ्र न ेकहा जी हा!ँ तो उन ्होनं ेउन स ेपछूा कत ्यो ंकत ्या तमु न ेउस ेपदैा कत ्या? उन ्हो ंन ेकहा नही ंबल ्कत अल ्लाह न ेउस ेपदैा कत ्या? अल ्लाह क े पगैबंर- उन पर शातंत हो -:न ेकहा कत ्या तमु न ेउस ेहोश बधु ्धत दत ्या था? उन ्हो ंन ेकहा नही ंबल ्कत अल ्लाह न ेउस ेअक ्ल बधु ्धत दी इसक ेबाद अल ्लाह क ेपगैबंर- उन पर शातंत हो -:न ेकहा क ््या तमु उस ेरोज़ी दते ेथ े उन ्होन ेकहा नही ंबल ्कत अल ्लाह ही उस ेरोज़ी दतेा था तो अल ्लाह क ेपगैबंर- उन पर शातंत हो -:न ेकहा तो बस उस ेजा्यज़ म े ंरखो और नाजा्यज़े स ेइस ेबचाओ ्यदत अल ्लाह चाहगेा तो उस ेजत दंगी दगेा और अगर अल ्लाह चाह ेगा तो उस े जत दंगी नही ंदगेा लत कत न तमु ्ह े ंतो बदला मत लगेा.(मतलब ्यह ह ैकी तमु पित त ्र रपू स ेअपनी पत ्नी क ेसाथ ही सभंोग करो)

    ३. ह ेअली!तीन चीज े ंपापो ंको मत िान ेिाली ह ै:ं सलाम (शातंत ) को फलैाना, खाना खत लाना औररात म े ंनमाज़ पढ़ना जब लोग सो रह ेहोत ेह ै.ं

    ६.अल ्लाह क ेपगैबंर न ेकहा:कल कत ्यामत क ेदत न मझु स ेअधत क नजदीक और मझु पर शफाअत का हकदार िह आदमी ह ैजो तमु ्हार ेबीच सब स ेअधत क सच ्ची ज़बान बोलन ेिाला ह ैऔर अमानत अदा करन ेिाला ह ैऔर अच ्छा बर ्ताि करन ेिाला ह ैऔर लोगो ंस ेअधत क मत लनसार ह"ै

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    7. अबज़ूर ्र गत फार ी न ेब्यान कत ्या कत ह ैकत अल ्लाह क ेपगैबंर-उन पर शातंत और आशीर ्िाद हो - न ेकहा: कत सी भी भलाई की चीज़ को हलकी और छोिी हरगत ज़ मत समझो भल ेही अपन ेभाई स ेमसु ्करुाहि क ेसाथ मत लन ेकी नकेी ही क ््यो ंन हो (इस को भी छोिी मत जानो).

    8 .अपन ेचहत त ेको जरा सभंल कर चाहो क ््योकंत हो सकता ह ैकत सी दत न आपकी उन स ेअनबनी हो जाए और अपन ेित रोधी स ेजरा सभंल कर नफरत कत जत ्य ेक ््यो ंकत हो सकता ह ैकत कछु बाद िह आप का चाहत ता बन जाए..

    9 और हज़रत पगैबंर न ेकहा तमु म े ंस ेकोई भी आदमी "इम ्माअह" थाली का बगैन ना बन-े जो ्यह कहता ह ैम ै ंतो लोगो ंक ेसाथ ह ू ँ्यदत िह अच ्छा करत े ह ै ंतो म े ंभी अच ्छा करता ह ू ँऔर ्यदत लोग बरुा करत ेह ै ंतो म ै ंभी बरुा करता ह ू,ँ लकेत न अपनी आत ्मा को मजबतू बनाओ ्यदत लोग अच ्छा कर े ंतो तमु भी अच ्छा करो लकेत न ्यदत िह बरुाई कर े ंतो तमु उनकी बरुाई स ेबचो.

    ज्ान की महानता:

    १.अल ्लाह क ेपगैबंर- उन पर शातंत और आशीर ्िाद हो-:न ेकहा "जो कोई भी ज ्ञान क ेप ्र्यास म े ंएक रास ्ता चलता ह ैतो अल ्लाह उसक ेलत ्य ेस ्िर ्ग की ओर का एक रास ्ता त्ैय करा दतेा ह,ै और ज ्ञान की खोज म े ंचलन ेिाल े की खशुी क ेलत ्य ेफ़रत श ्त ेअपन ेपखंो ंको उनक ेपरैो ंतल ेबत छात ेह ै,ं और ित द ्िानक ेलत ्य ेजो भी आकाशो ंम े ंह ै ंऔर जो भी पथृ ्ि ी पर ह ै ं्यहा ँतक कत मछलत ्या ं पानी म े ं सब उसक े लत ए क ्षमा की दआु करत े ह ै,ं और एक ित द ्िानकी महानता किेल तपस ््या करन ेिाल ेपर ऐसी ही ह ैजसै ेकत चादँ की महानता दसूर ेसार ेसत तारो ंपर ह,ै ित द ्िानपगैबंरो ंकिेारत सह ै ंिास ्ति म ेपंगैम ्बर अपनी मत र ्त ््य ुक ेबाद दत नार और दत रहम छोड़ कर नही ंजात ेह ै,ं हा!ँ ि े ज ्ञान छोड़ कर जात ेह ै ंतो जत सन ेज ्ञान लत ्या तो उसन ेबड़ा भाग पा लत ्या".

    २. ज ्ञान हासत ल करना हर मसुलमान पर अनत िार ््य ह.ै३. अल ्लाह क ेपगैबंर- उन पर शातंत और आशीर ्िाद हो-:न ेकहा ज ्ञानबधु ्धत ईमानदार आदमी की खोई ंहईु चीज़ की तरह ह ैजहा ँकही ंभी उस ेहाथ लग ेतो िही उसका अधत क अधत कार ह.ै

    ६. अल ्लाह क ेपगैबंर- उन पर शातंत और आशीर ्िाद हो-:न ेकहा: जत सक ेपास कोई ज ्ञान हो और उस ज ्ञान क ेबार ेम े ंउसस ेपछूा ग्या लकेत न उसन ेउस ज ्ञान को छत पा लत ्या तो कत ्यामत क ेदत न उस ेआग का लगाम पहना्या जाएगा"

    दास, नोकर और नोकरानी के साथ व्यिहार:

    १- मामरु बत न सोिदै न ेकहा: "म ै ंन ेअबज़ूर ्र गत फार ी को दखेा िह एक सिू पहन ेथ ेऔर उनका नोकर भी िसै ेह ी सिू पहना था, तो हम न ेउन स ेइस

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    क ेबार ेपछूा तो उन ्हो ंन ेकहा: म ै ंन ेएक नौकर को कछु गाली गलोज कर दत ्या, उस आदमी न े्यह बात हज़रत पगैबंर- उन पर शातंत और आशीर ्िाद हो- को बता दी तो अल ्लाह क ेपगैबंर- उन पर शातंत और आशीर ्िाद हो- न ेमझु स ेकहा क ््या तमु न ेउसकी माता का नाम लकेर उस ेशर ्मत दंा कत ्या ह,ैऔर आदशे दत ्या ्यह कम करन ेिाल ेतमु ्हार ेभाई ह ै ंअल ्लाह न ेउन ्ह े ंतमु ्हार ेहाथो ंक े नीच ेरखा ह ैतो जत सका भाई उसक ेहाथ क ेनत च ेकम करता हो तो उस ेिही खत लाए जो खदु खता ह ैऔर उस ेिही पहनाए जो खदु पहनता ह,ै उनकी शक ्तत स ेबढ़कर काम उनपर मत डालो और ्यदत तमु कछु भारी कम उनको दो तो फत र उस कम म े ंतमु उसका हाथ बिाओ. २. और अब ूमासउद -अल ्लाह उनक ेसाथ खशु रह-े न ेकहा:म ै ंअपन ेएक नोकर को कछु मारपीि कर रहा था इतन ेम े ंम ै ंन ेअपन ेपीछ ेस ेएक आिाज़ सनुी:" ह े अब ू मसउद! जान रखो कत अल ्लाह तमु पर इस स े भी कही ं अधत क शक ्तत शाली ह ैजत तनी कत तमु इस नोकर पर हो" तो म ै ंन ेपलि कर दखेा तो पीछ ेहज़रत पगैबंर- उन पर शातंत और आशीर ्िाद हो- खड़ ेथ ेतो म ै ंन ेतरुतं कह दत ्या ह ेअल ्लाह क ेपगैबंर! िह अल ्लाह क ेलत ए स ्िततं ्र ह ैइस पर हज़रत पगैबंर- उन पर शातंत और आशीर ्िाद हो- न ेकहा:"्यदत तमु ्यह कम न कत ्य ेहोत ेतो सचमचु म े ंआग तमु ्ह े ंझलुस दते ी ्या आग तमु ्ह े ंछ ुलते ी.

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    पहला उदाहरि:

    हज़रत आइशा-अल ्लाह उनस ेखशु रह-ेन ेहज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर- सपेछुा: क ््या आपपरउहदु क ेदत न सअेधत क कठत न दत नगजुराह?ै हज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर- नकेहा:म ै ंतमु ्हार ेलोगो ं की ओर सबेहतु कठत ना्योमं ेपंड ा़ह ू.ँ सबसअेधत क कठत नअकबा कादत नथा. म ैनंअेपनासन ्दशेअब ्द्ेयाललैबत नअब ्दकलालको सनुा्या तोिहे मरे ी बात नमान.े म ैदंखु ीचहरकेसेाथ िापसहो ग्या. म ैदंखूकी भािना सपे ीछानछड़ुासका ्यहातँककीम ै ं "कर ्िअल ्सआलत ब" कनेत कि पह ुचंा , म ैनंअेपना सत र उठाकर दखेा तो दखेा कत एकबादलअपनासा्या मझु परडाल रहा ह ै, उसम ेमं ैनंजेत ब ्राइल (फ़रत श ्ता) कोदखेा, उन ्हो ं नमेझु े आिाज़ दत ्या औरकहा:अल ्लाह-सर ्िशक ्तत मान- नआेपकलेोगोकं ीबातको सनुा औरउनक ेजिाब को भी सनुा ह,ै अल ्लाह नआेपके लत ए पहाड़ो ं काफ़रत श ्ताभजेा हजैो उनक े खत लाफ आप कीकत सी भी आज ्ञाकापालन करगेा. इतन े म े ं पहाड़ोकंफ़ेरत श ्त े नमेझु े सलाम कत ्याऔरबोला:हमेोहम ्मद! आपजसैा कह े ंकर ूगंा्यदत आपकह ेतंोउनको दो पहाड़ो ं कबे ीचकचुलद ू?ं तो हज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर-नउेत ्तरदत ्या: नही,ं बल ्कत म ैमंझु े आशा ह ै कत अल ्लाह-सर ्िशक ्तत मान- उनकी पीठो ं सऐेसलेोगो ंकोजन ्म द ेजो किेल एकहीअल ्लाहकोपजू े,ं उसक ेसाथ कत सी को साझी न बनाए.ं

    दसूरा उदाहरि:

    हज़रत अब ्दलु ्लाह बत न उमर-अल ्लाह उनस ेखशु रह-ेक ेद ्िारा उल ्लखे कत ्या ग्या: कत हज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर-एक जगं म े ंथ ेउसम े एकमहत लाकीहत ््याहोगईथी. तो हज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर- नमेहत लाओऔंरबच ्चोकं ीहत ््या की नत दंा की.

    बखुार ीऔर मसु ्लीम क ेद ्िारा एक दसूरी जगह पर ्यही बात ्यू ँउल ्लखे की गई ह:ैकत हज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर-की एक जगं म े ं एकमहत लामतु ््य ु पाई गई थी, तो हज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर-नमेहत लाओऔंरबच ्चोकं ीहत ््यास ेमना कत ्या

    हज़रत पगैंबर-उन पर शांतत और आशीिावाद हो- की गैरमणु्लमों पर द्यालतुा के कुछ उदाहरि.

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    तीसरा उदाहरि:

    अनस बत न मालत क-अल ्लाह उनस ेखशु रह-ेनकेहा:कत एक्यहदू ी्यिुाहज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर-की सिेा करता थाएक बार िह बीमारहो ग्या था. तो हज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर-तीमारदार ी क े लत ्यउेसकपेासआएऔर उसकसेत रकपेासबठैऔेरकहा कत: इस ्लामस ्िीकार करलो. ्यिुानअेपनपेत ता कीओरदखेाजबकत िह उनक े पास ही थतेोपत तान्ेयिुा स े कहाकत:अबलुकासत म कीबातमान लोतो उस ्यिुान ेइस ्लाम स ्िीकार करलत ्याइस पर हज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर-न ेिहा ँस े नत कलत ेसम्य कहा:सभी प ्रशसंा अल ्लाह को ह ैजत सन ेइसको नरककीअग ्नीस ेमकु ्त कत ्या.

    चौथा उदाहरि:

    अब ्दलु ्लाह बत न उमर-अल ्लाह उनस ेखशु रह-ेनकेहा कत: हज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर-न े कहा: जोकोईभीएकिचनदाताकीहत ््या करगेा िहस ्िर ्ग की खशुब ूभीनपाएगा जबकत उसकीखशुबचूालीस साल कफेासल ेतक पह ुचँती ह.ै

    पांचिां उदाहरि:

    बरुदैा बत न होसबै नहेज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर- क ेित ष्य म े ंबता्या कत जब िह कत सी ि ््यक ्तत को कत सीसनेा्या फोजी का अगआु बनात े थ ेतो ित शषे रपू स ेउस ेभगिान स ेडरन ेऔर उनक ेमसुलमानसह्योगी्यो ंक े साथ भलाईकरन े की सलाह दते े थऔेर फत र उन ्ह े ं ्यह शब ्द कहा करत े थ:ेअल ्लाह का नाम लकेर ्यदु ्धकरो, और अल ्लाहक ेरासत ेम े ंलड़ो,जो अल ्लाह को नही ंमानता ह ैउनसलेड़ो, लड़ोलकेत न जगं का बचा हिुा सामान मत छत पाओ, धोकामतदो, अगंभगंनकरो,बच ्च ेकी हत ््या मतकरो.और ्यदत तमुहार ीमशुरत क दशु ्मनो ंसमेडुभड़े होजाए तो तमु पहल ेतीनप ्रस ्ताि उनकसेामनरेखो, उनम े ंस े जोभीमान ल े ं तो तमु उनकोस ्ि ीकारकरलो और्यदु ्धबदंकरदो. उनकोइस ्लामस ्िीकारकरनकेलेत एकहो, ्यदत ि े मानल ेतंोतमु स ्ि ीकारकरोऔरलड ा़ईमत करो. इस क े बाद उनकोअपन े दशे को छोड़ कर महुाजत रो ं क े घर(्या मदीना)आनकेलेत एकहो. और उन ्ह े ं बतादो कत ्यदत िहऐसाकरतहे ैतंोउनक ेअधत कार औरकर ्ति ््यमहुाजत रीनकबेराबरहोगंऔेर ्यदत उनकीइच ्छामदीना आन े कीनहोतोउनकी स ्तत थत शहर स ेदरू रहन ेिाल े दहेाती मसु ्लत मानो ंकी तरह होगी, उन लोगो ंपर अल ्लाहक ेिही नत ्यमलागु होगं ेजो सार ्िजनत कमसुलमानो ंपर लाग ुहोत ेह ै.ंउनको जगं म े ंप ्राप ्त हिु ेधन म े ंस ेकछु नही ंमत लगेा लकेत न ्यदत िह जगं म े ंमसुलमानो ंकी सहा्यता म े ं भाग लते ेह ै ंतो फत र उनको मत लगेा ्यदत िह इस ेस ्ि ीकार नहीकंरतहे ै ंतो उनस े रक ्षिफीस मागंो्यदत ि ेइस ेमान लते ेह ै ंतोउनक ेमानन ेको स ्ि ीकार कर लो औरउनस े ्यदु ्धमत करो. और ्यदत ि े ना मान े ं तोअल ्लाहकीसहा्यता लो औरउनस्ेयदु ्धकरो. और ्यदत तमु कत सीगढ़ का घरेाि करतहेोऔरिअेल ्लाहऔरउसकपेगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर- क ेनाम

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    पर सरुक ्षा मागं ेतंोमतदो, बल ्कत, अपनीऔरअपनसेाथत ्योकं ेआधारपर दो. क ््योकंत ्यदत िह आपक े औरआपक े साथत ्योकं े साथ िचन को तोड़त े ह ै ं तो ्यह अल ्लाहऔरउसकपेगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर- क ेसाथ िचन तोड़न े स ेज़रा आसान ह ैऔर ्यदत तमु कत सीगढ़ का घरेाि करतहेोऔरि ेअल ्लाहकनेत ्यम क ेआधार पर सरुक ्षा मागं े ं तो ऐसामतकरोबल ्कत तमु उनपरअपना नत ्यम लागकुरो. क ््योकंत तमुनहीजंानतहेो कत तमु ्हाराइन ्साफउनकलेत एअल ्लाहकइेन ्साफक ेजसैाहोगा्या नही ंहोगा.

    छठिाँ उदाहरि:

    हज़रत अबहूरु रैा-अल ्लाहउनसपे ्रसन ्नरह-ेनबेता्या कत हज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर-न ेकछुघड़ुसिारो ंकोनज ्द(एक स ्थान का नाम)की ओर रिाना कत ्या,तोउनसिारोनंबेनी _ हनीफानामक एक समदुा्यकएेकआदमीसोमामाबतनअसालकोपकड़ कर लाए और उसकोमस ्जत दकएेकखम ्भ ेस ेबाधंदत ्या.

    हज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर-उसकपेासआएऔरपछुा:तमु ्हार े पास क ््या ह?ै ह ेसोमामा! सोमामान ेउत ्तर दत ्या:मरे ेपास भलाई ह ैमहुम ्मद!. ्यदत आपमझुमेारदतेहे ैतंोएक खनूहोगा और ्यदत आपमझुके ्षमाप ्रदान करदतेहे ैतंोआपएकआभारी को क ्षमाकर ेगं.े और ्यदत आपपसैाचाहतहेोतो बोलत ्य े कत तना चाही्य?ेतो उन ्होनं ेउस े दसुरदेत नतक क ेलत ्य ेछोड़ दत ्या. दसुरदेत नहज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर-न ेफत रपछुा:तमु ्हार ेपास क ््या ह?ै ह े सोमामा! सोमामान ेउत ्तर दत ्या:म ै ंन ेतो कह दत ्या!. ्यदत आपमझुमेारदतेहे ैतंोएक खनूहोगा और ्यदत आपमझुके ्षमाप ्रदान करदतेहे ैतंोआपएकआभारी को क ्षमाकर ेगं.े तो उन ्होनं े उस े दसुरदेत नतक क ेलत ्य ेफत र छोड़ दत ्या.और तीसरदेत न भी उन ्होनं ेउसस ेपछूा: तमु ्हार ेपास क ््या ह?ै ह ेसोमामा! सोमामान े उत ्तर दत ्या:म ै ं न े तो कह दत ्या जो मरे े पास ह!ै तो उन ्होनं े कहा:सोमामाकोमकु ्तकरदो, सोमामामस ्जत दकनेत किएकखजरू क े बगीच े म े ं गएऔरस ्नान करक े िापसमस ्जत दम ेआंए.और इस ्लाम धर ्म क े शब ्द पढ़ लत ्यऔेर कहा:"अशहद ुअल ्लाइलाहा इल ्लाल ्लाह,ू िह अशहद ुआना महुम ्मदरू रसलूलु ्लाह" मतलब म ै ंगिाही दतेाह ूकँत अल ्लाहको छोड़ कर कोईपजू ेजान ेक े ्योग ््य नहीहं ै औरमहुम ्मदअल ्लाह क े पगैबंरह ै.ंफत रउन ्होनंकेहा: ह े महुम ्मद!अल ्लाहकीक़सम परु ेप ्रथ ्ि ी पर मझुकेोईचहराइतनाघनेऊनानहीलंगताथाजत तनाकत आपका लगताथालकेत नअबम ैआंपकचेहरकेोसबसअेधत क पसदंकरताह ू.ँ और मझुआेपकाधरमसबधर ्मो ं स े अधत क नापसदं था लकेत न अब िहमझुसेबसअेधत क प ््यारा ह.ैऔर अल ्लाह की क़सम आपकाशहर मरेलेत एसबस े बरुा दशे था पर अबम ै ंइस ेसबसअेधत क पसदंकरताह ू.ँ आपकसेिारोनंमेझु ेपकड़ लत ्या और मरेा उमरा्यात ्रा का इरादा था तो अब आप मझु ेक ््या कहत ेह ै?ं

    हज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर-नउेन ्ह े ंकहा आनदं रहो और उमराकलेत एजानकेीअनमुतत ददे ी. जबिहमक ्का पहोचं े तोकत सीनउेनको कहा: क ््यातमुनास ्तत क हो चकुहेो?

  • 20

    उन ्होनंजेिाबदत ्या:नही,ंलकेत नम ैनं ेमहुम ्मद-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर- कसेाथइस ्लामस ्िीकार करलत ्याह.ै और अबइसक ेबाद सतेमुलोग(मरे ी ज़मीन) ्यमामा सगेहे ूकंाएकदानाभीनपाओगजेबतककपेगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर- अनमुतत नहीदंते.े

    सातिाँ उदाहरि:

    ह ज़ र त ख ा ल त द ब त न ि ा ल त द - अ ल ् ल ा ह उ न स े प ् र स न ् न ह ो -नकेहा:म ैखं बैरक्ेयदु ्धम ेहंज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर- क ेसाथ था जब िहा ँपह ुचं ेतो ्यहदू ीलोगो ंन ेकहा कत आपक ेलोग हमार ेगोदामो ंम े ं घसु पड़ ेह ै,ं इसपरहज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर- नकेहा: जत न क े साथ हमारा िचन ह ैउनक ेधन को लनेा उचत त नही ंह ै जबतककउेसपरअधतकारनहो.

    आठिाँ उदाहरि:

    सहल बत न सअद अससाएदी-अल ्लाह उनस े प ्रसन ्न हो- नबेता्या ह ै कत उन ्होनंहेज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर-को खबैर की ्यदु ्ध कदेत न कहतसेनुा: म ैझंडंाउसआदमीकोद ूगंाजत सकदे ्िाराअल ्लाहहम ेजं ीतदगेा. साथीउठखड़हेिुकेदेखे ेझंडंाकत सकोमत लताह.ै फत रउन ्होनंपेछुा: अलीकहाहँ ै?ं उत ्तरमत ला कीअलीकीआखँोमं ेदंर ्दह.ै उन ्होनंअेलीकोबलुिा्या(अल ्लाह-स र ् िशक ् तत मान-स ेअलीकोनत रो गकरन ेकी द ुआकी)औरअपनापित त ् र थकूउनकीआखँोमं ेलंगा्या. हज़रत अलीतरुन ्त ठीकहोगएजसैकेछुहिुाह ीनथा. अली-अल ्लाहउनसपे ्रसन ्नहो-नपेछुा: क ््याहमउनस्ेयदु ्धकर ेगं्ेयहातँककिेहेमार ीतरह(मसु ्लमान) होजाए?ँ इसपर हज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर-न े कहा:ज़रा ठहरक ेजब तमुउनकीज़मीनपर पह ूचँजाओ, तो पहल ेतो उनकोइस ्लामकीओर बलुाओ, औरउनकोउनक े कर ्ति ््य बताओ,जानत े हो? अल ्लाह की क़सम्यदत अल ्लाहतमु ्हार ेद ्िारा उनम े ंसएेक आदमीकोभीसच ्चाई करेास ्त ेपरलाताहतैो ्यह बात तमु ्हार ेलत ए महगं ेलाल ऊिँो ंस ेअधत क अच ्छा ह.ै

    निाँ उदाहरि:

    हज़रत अबहूरु रैा-अल ्लाहउनसपे ्रसन ्नहो-नबेता्या कत हज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर-सिेत न ्तीकीगई और उनस े कहा ग्या कत अल ्लाह(सर ्िशक ्तत मान) सउेनक े लत ्य े श ्राप मागं लीजत ्य.े इस पर उन ्होनंकेहा:म ैशं ्राप दने ेक ेलत एनहीभंजेा ग्याह ू,ँ म ैतंोसरासर द्या बना कर भजेा ग्या ह ू.ँ

    दसिां उदाहरि:

    हज़रत अबहूरु रैा-अल ्लाहउनसपे ्रसन ्नहो-नबेता्या कत:म ैअंपनीमाकँोइस ्लामधर ्म की ओर आमतं ्रत त करता था जबकत िह एक मरू ्तत पजूकथी,एकदत न जबम ैनं े

  • 21

    उनको इस ्लामधर ्म की ओर आमतं ्रत तकत ्यातो उन ्होनं ेहज़रत पगैबंर- शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर- क ेलत ्य ेएक ऐस ेशब ्द बोली जत नसमे ै ंनफरतकरताथा.तोम ैरंोताहिुाहज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर-कपेासग्याऔर उनस े कहा: ह ेअल ्लाहकपेगैबंर!म ैअंप ्नीमाकँोइस ्लामकी ओरआमतं ्रत त कर रहा था पर िह न मानी, और आज जब म ै ंन ेउन ्ह े ंआमतं ्रत त क ््या तो उसन ेआप कबेार े म ेऐंसशेब ्दकह े जत नसमेझु े दःुख हिुा. तो अब आप ही अल ्लाह-सर ्िशक ्तत मान-सपे ्रर ्थनाकीजत एकत अबहूरु रैाकीमाकँो सच ्चाई कारास ्ता बता द,ेइसपरहज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर- नकेहा:ह े अल ्लाह!म ैपं ्रर ्थना करताह ूकँत त ूअबहूरु रैाकीमाकँोसच ्चाई कारास ्ता बता द.े म ै ं हज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर- की प ्रर ्थना परबहतुखशुहोकरिहा ँ स ेनत कला. जबम ैदंरिाजकेपेासपह ूचँा मरे ीमानँमेरेपे रैो ंकीआिाज़ को सनु लत ्या औरकहा: जहाहँोिही रँकुोअबहूरु रैा! और म ैनंपेानीक ेगत रनकेीआिाज़को सनुा म ै ंरकुा रहा इतन े म े ं िह अस ्नान करक े कपड़ा और ओढ़नीपहनत्य ््यार थी इसकबेादउन ्होनंदेरिाज़ाखोलाऔरकहा: ह े अबहूरु रैा!:"अशहद ु अल ्लाइलाहा इल ्लाल ्लाह,ू िह अशहद ु आना महुम ्मदरू रसलूलु ्लाह" मतलब म ै ं गिाही दतेाह ूकँत अल ्लाहको छोड़ कर कोईपजू ेजान ेक े्योग ््य नहीहं ैऔरमहुम ्मदअल ्लाह क ेक ेभक ्त और पगैबंरह ै.ं

    अब ूहरु रैा कहत ेह ै:ं इसक ेबाद म ै ं अल ्लाह क ेपगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर-कीओर ग्या जबकत खशुी स ेमरे ी आखँो ंस ेआसं ूबह रह ेथ ेफत र उनसबेोला: ह ेअल ्लाहकपेगैबंर! मरेपेासखशुखबरीहकैत अल ्लाह-सर ्िशक ्तत मान- नआेपकीप ्रर ्थना को सनुलत ्याऔरअबहूरु रैाकीमाकँोसच ्चाई का रास ्ता दत खादत ्या. अल ्लाह क े पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर-नअेल ्लाहकाशकु ्रत ्या अदाकत ्याऔरउसकीप ्रशसंा कीऔरअच ्छ ेअच ्छशेब ्दकह.े तबम ैनंकेहा:हअेल ्लाहकपेगैबंर!अल ्लाहस े प ्रर ्थना कीजत एकत िह अपन े मसु ्लमानभक ्तो ंक ेदत ल म े ंमरे ेलत ्य ेऔरमरे ीमाकँ ेलत ्य ेजगह बना द ेऔर उन ्ह े ंभी इनक ेदत ल म े ंप ्रत ्य बना द े.तो अल ्लाह क ेपगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर- नइेन शब ्दो ंम े ंप ्रर ्थना की: ह ेअल ्लाह! त ूअपन ेइस प ्रत ्य भक ्त को अपन े मसु ्लमानभक ्तो ं क े दत ल म े ं प ््यार े करद े मसु ्लमानभक ्तोकंो भी इनक ेलत ्य ेप ्रत ्य बना द.े अबहूरु रैा न ेकहा:इसलत ्य े परू ी धरती पर जत स कत सीमोमत ननमेझुदेखेा्यामरेबेारमे ेसंनुातो उसक ेदत ल म े ं मरे ेलत ्य ेजगह बन गई.

    ग्यारहिाँ उदाहरि:

    हज़रत अबहूरु रैा-अल ्लाहउनसपे ्रसन ्नहो-नबेता्या और कहा ह ैकत :तफुलैबत नअम ्रअद ्दोसीऔरउनकसेाथीपगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर- कपेासआए, औरकहा: ह ेअल ्लाहकपेगैबंर!दौस समदुा्यआज ्ञाका पालन नही ंकत ्य ेबल ्कत हिधर ्मत कत ्य े तो अल ्लाह-सर ्ि शक ्तत मान-स े प ्रर ्थना कीजत ्य े कत उनको श ्राप द ेद ेउन ्होनंसेोचंा कत अबतो दौस तबाह होग्या. लकेत न पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर- न्ेयह प ्रर ्थना कत:ह ैअल ्लाह!इनकोसच ्चाइ कामार ्गदत खाऔर उनको ्यहा ँपह ुचँा.

  • 22

    बारहिाँ उदाहरि:

    हज़रत जाबत रबत नअब ्दलु ्लाह-अल ्लाहउनसपे ्रसन ्नरह-े न ेबता्या कत लोगो ं नकेहा:हअेल ्लाहकपेगैबंर! सकीफ़ नामक समदुा्य की तीरो ंन ेहम े ंचरू चरू कर क े रख दत ्या ह ैतो आप उनको श ्राप द ेदत जत ्य ेइस पर उन ्हो ंकहा: ह ेअल ्लाह!तू सकीफ़ कोसच ्चा मार ्गदत खा.

    ्यह मषु ्रत कोसंएेक लड ा़ई थी जत सम े ंमसुलमानो ं को हज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर- का नत र ्दशे नमान नसेअेसफल ्ताहइु.

    एकस ्थान कानामजहा ंउनको लोगो ंकी ओर दःुख पह ुचंा था.एकजगा स ्थान कानाम४ ्यह बखुार ीक ेद ्िारा उल ्लखे की गई.५ ्यह बखुार ीऔर मसु ्लीम क ेद ्िाराउल ्लखे की गई. ६ ्यह बखुार ीऔर मसु ्लीम क ेद ्िारा उल ्लखे की गई.

    ७ हज़रत पगैबंर-शान ्तत और आशीर ्िाद हो उनपर-काएकनामजत सका अर ्थ क़ासत म क ेपत ता क ््योकंत क़ासत म उनक ेएक पतु ्र का नाम था 8्यह बखुार ीक ेद ्िारा उल ्लखे की गई.

    ९ िचनदातािह गरै मसु ्लत म हजैोमसुलमानो ंकदेशे म े ंरहता हऔैरउसको सरुक ्षा प ्रदानकीजातीहऔैरिहदशु ्मनो ंकीमददन करन ेका िचनदतेाह.ै

    १० ्यह बखुार ीऔर मसु ्लीम क ेद ्िारा उल ्लखे की गई. ्यह मसु ्लत मक ेद ्िारा उल ्लखे की गई्यह बखुार ीऔर मसु ्लीम क ेद ्िारा उल ्लखे की गई ह.ै्यह अबदूािदूक ेद ्िारा उल ्लखे की गई, और इस बात क ेउल ्लखे करन ेिाल े सभी ित द ्िान ित श ्िसनी्य ह ै ं. ्यह बखुार ी औरमसु ्लत मक ेद ्िारा उल ्लखे की गईह.ै ्यह मसु ्लत मक ेद ्िारा उल ्लखे की गईह ै ्यह मसु ्लत मक ेद ्िारा उल ्लखे की गईह ै्यह बखुार ी क ेद ्िारा उल ्लखे की गईह ै

    तत रमत ज ी़ न ेित श ्िसनी्य लोगो ंकी माध ््यम स ेइस ेउल ्लखे कत ्या ह.ै

  • 23

    पथृ ्ि ी पर लगभग हर कोई आज पगैबंर महुम ्मद-शातंत और अशीर ्िाद हो उन पर- का चर ्चा कर रहा ह.ै लोग ्यह जानना चाहत ेह ै ंकत िास ्ति म े ंिह थ े कौन? उनक ेउपदशे थके ््या? कछु लोग को उनस ेक ््यो ंइतना प ््यार ह ैऔर कछु लोगो ंको उनस ेइतनी नफरत क ््यो ंह?ै क ््या िह अपन ेदाि ेपर खरा उतर?े क ््या िह एक पित त ्र आदमी थ?े क ््या िह परमशे ्िर की ओर स े नबी (इश ्िदतु) बनाए गए थ?े इस आदमी क ेबार ेम े ंसच क ््या ह ैजत नका नाम महुम ्मद ह?ैहम सत ््य की खोज कसै ेकर सकत ेह ै?ं और क ््या हम परू ी ईमानदार ी क ेसाथ सही परत नाम तक पह ुचँ सकत ेह ै?ंहम ्यहा ँबहतु ही सरल ऐतत हासत क सबतूो ंऔर तथ ््यो ंक ेसाथ शरु ूकरत ेह ै,ं जत नको हजारो ं लोगो ं न े हम तक पह ूचँा्या ह,ै जत नम े ं स े कई तो उनको ि ््यक ्तत गत रपू स ेजानत ेथ,े और जो हम ्यहा ँउल ्लखे करन ेजारह ेह ै ंि े नत म ्नलत खत त पसु ्तको,ं पाडंलुत पत ्यो,ं ग ्रथंो ंऔर िास ्तित क प ्रत ््यक ्षदर ्शी खातो ंपर आधारत त ह ै.ं और ि ेतथ ््य और सबतूइतन ेअधत क ह ै ंकत इस सदंर ्भ म े ंहम उनकी गत नती भी नही ंकर सकतहे ै.ं लकेत न ि ेसभी क ेसभी अभी तक दोनो ंमसुलमानो ंऔर गरै मसुलमानो ंद ्िारा सदत ्यो ंबीत जान ेक ेबाद भी मलू रपू म े ंसरंक ्षत त ह ै.ं उनका नाम महुम ्मद ह ैिह अब ्दलु ्लाह बत न अब ्दलु मतु ्तलत ब क ेपतु ्र थ े उनका जनम मक ्का म े(ंजीको अब सऊदी अरब कहा जाता ह)ै: िर ्ष ५७० (ईसाई ्यगु) म े ंहआु था और ६३३ इसिी ंम े ं"्यसरब" सऊदी अरब क ेपित त ्र मदीना म े ंनत धन हो ग्या: क) उनक े नाम:जब िह पदैा हिु ेतो उनक ेदादाअब ्दलु मतु ्तलत ब न ेउनको महुम ्मद का नाम दत ्या. और इसका मतलब ह ै" जत नकी बहतु प ्रशसंा हो" ्या "एक सराहा हिुा मनषु ््य" बाद म े ंजत न लोगो ंन ेजब उनको सच ्चा और ईमानदार स ्िभाि का पा्या तो उनक ेद ्िारा उनको "सत द ्द ीक़"(सच ्चा) कहा जान ेलगा, इसी तरह उनकी ईमानदार ी की िजह स ेऔर सब क ेसाथ हमशेा भरोसा का्यम रखन ेऔर लोगो ंको जू ंकी तु ंउनकी चीज े ंिापस दने ेक ेकारि उन ्होनं े"अल-अमीन"(ित श ्िसनी्य) भी कहा जाता था. और जब जन-जातत ्यो ं का ए