आप पढ़ रहे हैं देश का सबसे ......2018/10/10  · आप...

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आप पढ़ रहे ह देश का सबसे विशिसनीय और नंबर 1 अखबार अजमेर, बुधवार 10 अकबर, 2018 आशवन, शुक प-तिपदा, 2075 12 राज | 66 संसरण ु पृष 40, मूल ~ 4.50 | वर 22, अं 187, महानगर.

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  • आप पढ़ रहे हैं देश का सबसे विशिसनीय और नंबर 1 अखबार

    अजमेर, बुधवार 10 अक्टूबर, 2018 आश्वन, शुक्ल पक्ष-प्रतिपदा, 2075 12 राज्य | 66 संस्करण्कु्ल पृष्ठ 40, मूल्य ~ 4.50 | वर्ष 22, अं्क 187, महानगर.

  • अजमेर, बुधवार 10 अक्टूबर, 2018

    कुछ प्रश्नों के हिंदी व अंग्रेजी वज्जन में अंतर, कुछ में भाषागत त्रुहियां तो कुछ में सभी हवकल्प िी गलतप्रधानाध्ापक माध्ममक परीक्ा 2018 के सात प्रश्नों पर अभ्म्थि्नों ने की आपमति

    आररफ कुरैशी | अजमरेर

    आरपीएससी द्वारवा आयोजित प्रधवानवाधयवापक मवाधयजमक परीक्वा 2018 के सवात प्रश्नों पर अभयज्थियनों ने आपजति की है। इनमें कुछ प्रश्नों के जहंदी व अंग्ेिी विथिन में अंतर है, एक प्रश् में भवाषवागत त्रुजि है और कुछ प्रश् में सभी जवकलप ही गलत जदए हैं। अब अभयज्थियनों ने आयोग से ऐसे प्रश्नों को जिलीि कर अभयज्थियनों को रवाहत देने की मवांग रखी है। आयोग द्वारवा प्रधवानवाधयवापक मवाधयजमक जिक्वा प्रजतयोगी परीक्वा 2018 कवा आयोिन 2 जसतंबर को जकयवा गयवा ्वा। आयोग ने इस परीक्वा के दोननों ही पेपरनों की उतिर कुंिी एक जदन पूवथि ही िवारी की है। आपजति देने के जलए 13 से 15 अकिटूबर की अवजध जनधवाथिररत की है, लेजकन अभयज्थियनों की आपजतियवां अभी से ही सवामने आने लगी हैं। यरे िै चाितरे िैं अभयर्थी : प्रधवानवाधयवापक परीक्वा मवाधयजमक जिक्वा में जहंदी और अंग्ेिी में 7 प्रश्नों में अंतर है। इन प्रश्नों में जहंदी मवाधयम ववालनों के सवा् अनयवाय हो रहवा है कयनोंजक अगर अंग्ेिी मवाधयम में इन प्रश्नों कवा विथिन लगभग सही है लेजकन जहंदी मवाधयम में जबलकुल गलत है।

    अभय्थी जगरधवारी लवाल िवाि कवा कहनवा है जक आयोग द्वारवा ली गई प्रधवानवाधयवापक भतथी परीक्वा 2011- 12 की भतथी में जहंदी और अंग्ेिी मवाधयम में अंतर ववाले सभी प्रश्नों को जिलीि जकयवा ्वा। उसी आधवार पर इस भतथी परीक्वा में भी जहंदी और अंग्ेिी विथिन ववाले समसत प्रश्नों को जिलीि करें नहीं तो यह मवामलवा नयवाजयक प्रजरियवा में िवा सकतवा है। अभयज्थियनों ने आयोग सजिव से आग्ह जकयवा है जक जहंदी और अंग्ेिी मवाधयम जिन प्रश्नों में में अंतर आ रहवा है, उन सभी प्रश्नों को जिलीि करें। कयनोंजक िब प्रश्पत् दोननों भवाषवाओं में आतवा है तो जहंदी भवाषवा ववाले छवात्नों के सवा् अनयवाय होतवा है िब प्रश् अंग्ेिी मवाधयम से सही होतवा है तो अंग्ेिी मवाधयम ववालनों को फवायदवा होतवा है।

    इस ्परीक्ा के ्पिलरे प्रश् ्पत् जनरल सिडीज में इन प्रश्नों में अंतर सामनरे आया िैप्रश्न संख्ा 7 : आयोग कवा प्रश् है जक जनम्न में से कौन सवा गरुपत रवािवा अपने मवातृ वंि की और से जलचछजषयनों से संबंजधत ्वा? अभयज्थियनों की आपजति है जक इसमें और की िगह ओर आनवा िवाजहए ्वा और जलचछवी रवािवंि होतवा है, आयोग ने गलत जलखवा है। प्रश्न संख्ा 24 : अभय्थी जगरधवारी लवाल िवाि के अनरुसवार इस पहले प्रश् पत् के प्रश् संखयवा 24 में जहंदी व अंग्ेिी विथिन में गलती है। इस प्रश् में जहंदी में छपवा है जक फवांस में िेजनक कोि्ट िप् की घिनवा कब घजित हरुई। िबजक अंग्ेिी में है when did the tennis court oath incident took place in france? अभयज्थियनों कवा कहनवा है जक जहंदी में िेजनस जलखवा ही नहीं गयवा, इससे वे कन्फयूि हो गए। प्रश्न संख्ा 28 : जनम्न में से कौन सवा देि प्र्म जवशव यरुद्ध के दौरवान जमत् रवाष्ट्नों के सवा् नहीं ्वा। अभयज्थियनों कवा कहनवा है जक िबजक सही प्रश् कौन सवा देि प्र्म जवशवयरुद्ध के दौरवान आनवा िवाजहए। प्रश्न संख्ा 40 : आयोग कवा प्रश् है जक बवाल गंगवाधर

    जतलक के जकसके जवरुद्ध लंदन में एक कवानूनी दवाववा दवायर जकयवा ्वा? इसे समझने में अभयज्थियनों को खवासी परेिवानी हरुई। प्रश्न संख्ा 102 में चारों ववकल्प गलत : प्रश् है रवािस्वान में 2011 की िनगणनवा के अनरुसवार परुरुष कवायथि सहभवाजगतवा दर है- ववकल्प हैं : 1. 55% से 58% के बीि 2. 58% से 61%के बीि 3. 47% से 50%के बीि 4. 50% से 53% के बीि अभयज्थियनों कवा कहनवा है जक इसकवा उतिर 53.26% होनवा िवाजहए है। प्रश्न 111 का उत्तर ववकल्प गलत : आयोग कवा प्रश् है- लूनी कवा उतिरी क्ेत् कहलवातवा है- ववकल्प : 1. ्वाली, 2 धररयन, 3 रोही और 4 है मेिवा अभयज्थियनों की आपजति-पहलवा जवकलप इसकवा उतिर आनवा िवाजहए, लेजकन इसमें ्वाली जदयवा है, िबजक असल िबद ्ली है। प्रश् पत् जद्तीय में 48 नंबर के प्रश् पर भी अभयज्थियनों ने आपजति की है। इसे भी गलत बतवायवा गयवा है।

    ्पूव्ज की भतथी में ऐसरे प्रश् िरुए र्रे हडलीि

    }लॉ करनरे के इचछछुक 1000 सरे 1500 हवद्ाहर््जयनों के भहवषय ्पर तलवारमानयता के हलए हवहि मिाहवद्ालय के हवद्ाहर््जयनों नरे हलखा बार काउंहसल ऑफ इंहडया को ्पत्

    एजरुकेशन रर्पोि्टर | अजमरेर

    बवार कौंजसल ऑफ इंजियवा (बीसीआई) द्वारवा लगवातवार दी िवा रही है अस्वाई मवानयतवा से संिवाजलत रवािकीय जवजध महवाजवद्वालय को इस बवार जफर अब तक मवानयतवा नहीं जमली है, इस विह से प्र्म वषथि में प्रवेि प्रजरियवा अब तक िरुरू नहीं हो सकी।

    मंगलववार को छवात्संघ अधयक् रजित कचछवाववा के नेतृतव में महवाजवद्वालय के सभी जवद्वाज्थियनों ने एक सवा् बवार कौंजसल ऑफ को सैकिनों पत् जलखकर िलद से िलद मवानयतवा देने की गरुहवार लगवाई है। जवद्वाज्थियनों ने अलिीमेिम जदयवा

    है जक यजद िीघ्र अजतिीघ्र मवानयतवा नहीं जमली को उग् आंदोलन जकयवा िवाएगवा, जिसकी समसत जिममेदवारी जिलवा प्रिवासन की होगी।लॉ करनरे के इचछछुक हवद्ाहर््जयनों के भहवषय ्पर लिक रिी िै तलवार : कचछवाववा ने बतवायवा जक - हर

    सवाल 1000 से 1500 फवामथि लॉ में दवाजखले के जलए िमवा होते हैं, लेजकन इस बवार मवानयतवा नहीं जमलने से प्रवेि प्रजरियवा िरुरू नहीं हो पवा रही है। लॉ करने के इचछछुक जवद्वाज्थियनों के भजवष्य पर तलववार लिकी है। कॉलेि में अब जिक्कनों की कमी भी

    दूर हो िरुकी है, ऐसे में िलद से िलद मवानयतवा दी िवानी िवाजहए। पत् प्रेजषत करने ववालनों में संिय परसोयवा, धममेंद्र बवाजयवा, मरुकेि मेघववाल, अजनल पंववार, दीपक सेन, लक्मीनवारवायण, जवभवा िमवाथि आैर रवाखी सोनी सजहत अनय जवद्वा्थी िवाजमल हैं।

    लॉ कॉलेि में मवानयतवा को लेकर जकयवा प्रदिथिन।

    नगर हनगम नरे जबत हकए हवश्ाम सर्ली सरे िोहडिंग और झंडे

    अजमरेर | आिवार संजहतवा लवागू हो िवाने के बवाविूद िहर में रवािनीजत पवाजि्टयनों के बैनर व होजििंग लगे हरुए हैं। मंगलववार दोपहर नगर जनगम के अजधकवाररयनों को ियपरुर रोि व कवायड़ जवश्वाम स्ली के आस पवास बैनर व होजििंग लगे होने की जिकवायत जमली। जिकवायत

    पर तरुरंत कवारथिववाई करते हरुए अजधकवाररयनों ने इनहें उतरववाने के सवा् ही िबत करने के आदेि जदए हैं।

    नगर जनगम के उपवायरुकत करतवार जसंह व रवािसव अजधकवारी पवन मीणवा के नेतृतव में िीम कवा गठन जकयवा गयवा है। यह िीम िहर कवा दौरवा करके होजििंग को हिवाने के सवा् ही लोगनों को पवाबंद भी कर रही है। मंगलववार दोपहर दोननों ही अजधकवाररयनों ने कवायड़ जवश्वाम स्ली पर प्रधवानमंत्ी नरेनद्र मोदी की यवात्वा के दौरवान जवजभन्न लोगनों व रवािनेतवाओं द्वारवा लगववाए गए

    होजििंग िबत जकए। यवात्वा के समय ही आिवार संजहतवा लग गई ्ी। लेजकन उस ओर जकसी ने धयवान नहीं जदयवा। मंगलववार को वहवां लगे झंिे, पवािथी की फररयवां सजहत बैनर व किआउि को जनगम के अजधकवारी िबत करके कवायवाथिलय ले आए। इन सभी को सिोर में िमवा करववा जदयवा गयवा। अजधकवाररयनों ने आमिन से भी अपील की है जक वह बवािवार यवा गजलयनों में निर आने ववाले पवािथी यवा रवािनेतवाओं से संबंजधत पोसिरनों की सूिनवा जनगम के रवािसव अजधकवारी कवायवाथिलय में दे सकते हैं।

    चुनाव से ्पहले नाराजगी दूर करने की कोविि, दुकानों को व्ा्पारी अब 30 की बजाए 99 साल की लीज ्पर ले सकेंगे

    मनीष हसंि चौिान | अजमरेर

    िरुनवाव आते ही कवारोबवाररयनों की नवारवािगी दूर करने के जलए भवािपवा सरकवार ने एक बड़वा कदम उठवायवा है।

    प्रदेि के नगरीय जनकवायनों की दरुकवाननों यवा िमीन पर सवालनों से वयवापवार कर रहे लीिधवारकनों, जकरवाएदवारनों यवा सबलेि के मवाधयम से दरुकवाननों की खरीद कर िरुके वयवापवाररयनों के जलए सरकवार ने पवांि सवाल पहले जदयवा अपनवा ही आदेि पलि जदयवा है। 2013 में मौिूदवा सरकवार ने सतिवा में आते ही जकरवायवा लेनवा बंद कर जदयवा ्वा और 30 सवाल की लीि पर देने कवा आदेि जदयवा ्वा। इससे कवारोबवाररयनों में नवारवािगी फैल गई ्ी। सरकवार ने अपनवा फैसलवा पलिते हरुए अब लीि अवजध 99 सवाल की कर दी है। सरकवार ने यह आदेि आिवार संजहतवा लवागू होने के ठीक एक जदन पहले यवाजन 5 अकिटूबर को िवारी जकए हैं। इससे कवारोबवाररयनों को दीघथि अवजध तक परेिवाजनयनों से जनिवात जमलेगी। जनदेिवालय सववायति िवासन जवभवाग के जनदेिक एवं संयरुकत सजिव पवन अरोड़वा ने सोमववार देर िवाम इसके आदेि सभी जनकवायनों को िवारी भी कर जदए। आदेि के मरुतवाजबक 31 जदसंबर तक आवेदन करने ववालनों को ही लीि दी िवाएगी। इसके बवाद एक िनवरी को जनगम दरुकवानें खवाली करववाकर अपनवा कबिवा लेगवा।

    वनका्ो को भी आदिे जारी } सरकार नरे यि आदरेश आचार सहंिता लागू िोनरे क ेठीक एक हदन ्पिलरे जारी हकए

    किहरी रोि सस्त दरुकवानें जिनहें नगर जनगम 99 सवाल की लीि पर देगी।

    822 में सरे मिज 30 नरे हकया आवरेदन30 सवाल की लीि के आदेि आने पर 30 वयवापवाररयनों ने रवाजि िमवा करववाई। नगर जनगम के पवास 822 जकरवाए की दरुकवानें हैं। यह िूड़ी बवािवार व बस सिैंि के पीछे बनी दरुकवाननों के वयवापवारी है।

    यिां िैं हनगम की दरुकानेंअिमेर नगर जनगम के अधीन आने ववाली जकरवाए की दरुकवानें पड़वाव अनवाि मंिी, परुरवानी मंिी, मदवार गेि, कबवाड़ी बवािवार, कलॉक िवावर, आगरवा गेि, खवांिेकर रोि, िूड़ी बवािवार, केसरगंि गोल िककर त्वा किहरी रोि पर दरुकवानें बनी है।

    ्े हैं नए आदेि{26 िनवरी 1950 से पूवथि के जकरवाएदवारनों से वतथिमवान वयवसवाजयक आरजक्त मूलय की 25 प्रजतित रवाजि एक मरुशत ली िवाएगी।

    {26 िनवरी 1950 से 10 अगसत 1983 तक की अवजध के जकरवाएदवारनों से वतथिमवान वयवसवाजयक आरजक्त मूलय की 50 प्रजतित रवाजि एक मरुशत ली िवाएगी।

    {11 अगसत 1983 से 17 िून 1999 तक की अवजध के जकरवाएदवारनों से वतथिमवान वयवसवाजयक आरजक्त मूलय की 75 प्रजतित रवाजि एक मरुशत ।

    {एक मरुशत रवाजि के अजतररकत प्रजतवषथि वतथिमवान वयवसवाजयक आरजक्त दर की 5 प्रजतित रवाजि लीि यवा जकरवाए के रूप में हर सवाल वसूल की िवाएगी। 8 वषथि तक की रवाजि एक मरुशत िमवा करववाए िवाने पर जकरवायवा मरुकत कर जदयवा िवाएगवा।

    {यजद मूल जकरवाएदवार द्वारवा दरुकवानें सबलेि (जकसी अनय को बेिवान करनवा) कर दी गई है तो एक मरुशत वसूल की िवाने ववाली रवाजि कवा 50 प्रजतित प्रीजमयम अजतररकत रूप से वसूल जकयवा िवाएगवा।

    {पूवथि की लीि अवजध यवा जकरवाएदवारी जिस जदनवांक को समवापत हरुई है उस जदनवांक से अगले 99 सवाल के जलए लीि पर जनयमन जकयवा िवाएगवा।

    {ऐसे लघरु अवजध लीिधवारक यवा जकरवाएदवार की भूतल पर जनजमथित दरुकवान के प्र्म तल की छत अ्ववा छत पर जकए गए जनमवाथिण कवा 99 सवाल की लीि पर जनयमन वतथिमवान वयवसवाजयक िीएलसी दर की 50 प्रजतित रवाजि वसूल कर जकयवा िवा सकेगवा।

    {99 वषथि की लीि पर जनयमन करने के िवारी जकए गए आदेि 31 जदसंबर 2018 तक ही प्रभवाविील रहेंगे। इस अवजध में जनयमन नहीं करवाने ववाले लीि धवारक यवा जकरवाएदवार से संपजति खवाली करवाने की कवारथिववाई नगरीय जनकवायनों द्वारवा की िवाएगी।

    {यह दरें उन दरुकवाननों पर लवागू होगी िो 40 वगथिमीिर यवा उससे कम है।

    {दरुकवाननों कवा क्ेत्फल 40 वगथिमीिर से अजधक व 75 वगथिमीिर होने पर दरनों से वसूल की िवाने ववाली रवाजि पर 50 प्रजतित प्रीजमयम अजतररकत वसूलवा िवाएगवा।

    {दरुकवाननों कवा क्ेत्फल 75 वगथिमीिर से अजधक व 100 वगथिमीिर तक होने पर वसूल की िवाने ववाली रवाजि पर 100 प्रजतित अजतररकत प्रीजमयम वसूल जकयवा िवाएगवा।

    इनका किना िै^30 सवाल की बिवाए अब वयवापवारी 99 सवाल की लीि पर दरुकवानें ले सकते हैं। िलद ही जनगम में जिजवर लगवाकर वयवापवाररयनों को रवाहत दी िवाएगी। लीि की रवाजि आने से जनगम जवकवास कवायथि भी करववा सकेगी। -धर्मेंद्र गहलोत, महवापौर, अिमेर

    आचार संमिता लागू िोने के कारण जबत मकए जा रिे िैं बैनर व िोम्डिंग

    मजार सरे उतररे फूल दूसररे हदन भी खाहदमनों नरे दरगाि कमरेिी को निीं सौं्परेखाद बनाने का काम रुका

    हसिी रर्पोि्टर | अजमरेर

    खववािवा सवाहब की मिवार से उतरे फूल खवाजदमनों ने मंगलववार को दूसरे जदन भी अपने पवास ही रखे, दरगवाह कमेिी को नहीं सौंपे। दरगवाह कमेिी ने भी इन फूलनों को उठवाने में कोई जदलिसपी नहीं ली। ऐसे में कवायड़ जवश्वाम स्ली में फूलनों से खवाद बनवाने कवा कवायथि जफलहवाल रुक गयवा है।

    आसतवानवा िरीफ में गरीब नववाि की मिवार की जखदमत परंपरवा के अनरुसवार तड़के 4.30 बिे और दोपहर में अपरवाह्न 2.45 बिे खवाजदमनों द्वारवा की गई। इस दौरवान मिवार िरीफ से उतरे फूलनों को बोररयनों में भर कर एकजत्त कर जलयवा गयवा। बवाद में इन फूलनों को दरगवाह कमेिी को नहीं सौंपवा गयवा, बसलक खवाजदमनों ने अपने सतर पर ही इनहें बोररयनों में भरववा कर झवालरवा में रखववानवा िरुरू कर जदयवा।खाहदमनों नरे अ्पनरे ्पैसनों सरे मंगाई बारेररयांिेखिवादवा िरुसलफकवार जिशती ने बतवायवा जक फूलनों को इकट्वा करने के जलए खवाजदमनों ने अपने सतर पर बोररयनों की वयवस्वा की। िब तक दरगवाह कमेिी इस मवामले में आशवसत नहीं करेगी जक फूलनों कवा सही जनसतवारण जकयवा िवाएगवा, तब तक फूल नहीं सवाैंपे िवाएंगे।कायड़ में निीं ्पिरुंचरे फूलइधर, मिवार िरीफ से उतरे फूल आि भी कवायड़ जवश्वाम स्ली नहीं भेिे गए। ऐसे में यहवां लगी कंपोसि मिीन से खवाद बनवाने कवा कवायथि जफलहवाल रुकवा हरुआ है।बकरा मंडी के ्पास कराएंगरे हनसताररतखवाजदम सैयद इसहवाक जिशती ने बतवायवा जक मिवार िरीफ से उतरे फूलनों कवाे बकरवा मंिी के पवास सस्त जनिी भूजम पर जनसतवाररत जकए िवाएंगे। यहवां समतलीकरण कवा कवायथि करवायवा िवा िरुकवा है। अब यहवां गहरे गड् ढे करववा कर इनहें जनसतवाररत करेंगे।

    कॉलरेज वयाखयाता अंग्रेजी हवषय के साक्ातकार 22 सरेहसिी रर्पोि्टर | अजमरेर

    रवािस्वान लोक सेववा आयोग द्वारवा वयवाखयवातवा कॉलेि जिक्वा प्रजतयोगी परीक्वा 2014 के अंग्ेिी जवषय के अभयज्थियनों के सवाक्वातकवार 22 अकिटूबर से आयोजित हनोंगे। आयोग ने मंगलववार को सवाक्वातकवार जतज् घोजषत कर दी। आयोग सजिव पीसी बेरववाल ने बतवायवा जक आयोग द्वारवा वयवाखयवातवा-अंग्ेिी कॉलेि जिक्वा जवभवाग के सवाक्वातकवार 22 से 30अकिटूबर 2018 तक

    आयोजित जकए िवाएंगे। सवाक्वातकवार के समय अभय्थी अपने समसत मूल प्रमवाण पत् मय फोिो प्रजत भी सवा् अवशय लवाएं अनय्वा सवाक्वातकवार से वंजित कर जदयवा िवाएगवा। अभय्थी सवाक्वातकवार पत् आयोग की वेबसवाइि से िवाउनलोि करें।

  • अजमेर, बुधवार 10 अक्टूबर, 2018 | 5

  • सत्ता, चुनाव और प्रचार के अंधड़ के परे मानवता के अस्ततव का मुद् दा नज़रअंदाज ककया जा रहा है। आधी किग्ी से दो किग्ी तक तापमान बढ़ सकता

    है। ध्ुव पर सकदयों से जमती हुई बर्फ का थोड़ा-सा भी कपघल जाना नकदयों में बाढ़ ला सकता है। आज़ादी के 71 वर्ष हो गए हैं और 71 रीसदी क्ेत्ों में पीने लायक पानी की वयव्था नहीं हो पाई। महानगरों में

    गम्ष करके पानी के कीटाणु मारे जाते हैं, उसे ठंिा करके, उसकी बर्फ बनाकर बेची जा रही है। संपन्न लोगों को अपनी शराब में इसी तरह के कीटाणु रकहत बर्फ की आवशयकता होती है। यूं भी शराब में कीटाणु जीकवत नहीं रह पाते।

    हमारी करलमों की कहाकनयां पसशचम और कोररया से चुराई जाती हैं। उन करलमों के पात् ओवरकोट पहने नज़र आते हैं। इसी तज्ष पर भारतीय करलमों के पात् भी ओवरकोट पहने कदखाए जाते हैं। नकल की प्रवृकति इतनी मजबूत है कक हम भारतीय पात्ों को अभारतीय पोशाकें पहनाते हैं। एक सरल करलमकार एक चररत् भूकमका के कलए सलीम खान को अनुबंकधत करने की कज़द कर रहा था। यह बात उस दौर की है जब सलीम साहब अकभनय के कलए संघर्ष कर रहे थे। बहरहाल, सलीम साहब ने बाद में तहकीकात की तो पता चला कक कनमा्षता उनसे बार-बार कनवेदन इसकलए कर रहा था कक उसकी कपछली करलम में उनकी चररत् भूकमका के कलए सूट कसलाया गया था, कजसके दोबारा इ्तेमाल के कलए यह मशककत की जा रही थी। ककसी और अकभनेता का चयन करते तो नया सूट कसलाना पड़ता। पात्ों का चयन ऐसे भी ककया जाता है गोयाकक आदमी व्त् नहीं पहनता, व्त् आदमी को धारण करते हैं। इसी आशय का संवाद खवाजा अहमद अबबास की कलखी करलम ‘श्ी 420’ में भी था।

    ककसी दौर में मुंबई करलम जगत में मगनलाल ड्रेसवाला बड़ा प्रकसद्ध था। उसने कवकवध अवसरों के कलए कवकवध नाप के व्त् तैयार कर रखे थे। कनमा्षता छोटी भूकमकाओं को अकभनीत करने वाले कलाकारों के कलए उसी से व्त् लेते थे। नायक और नाकयका की पोशाकों को बनाने वाले उनके अपने पसंद के लोग होते हैं। कभी-कभी करलम बनने में लंबा समय लगता था और इस बीच नायक अथवा नाकयका का वजन बढ़ जाता था तो नए व्त् बनाने पड़ते थे। हॉलीवुि में कसतारे के अनुबंध में कलखा होता है कक शूकटंग के दरकमयान अपना वजन एक-सा रखना उसकी जवाबदारी है। ऐसा नहीं करने पर उसे आकथ्षक दंि भुगतना होता है। वहां का उद्ोग अनुशाकसत है। हमारा उद्ोग कसतारा सनक आधाररत है। हमारे हुकमरान का भी अपना ड्रेस किजाइनर है, जो दस लाख का कोट बनाने के कलए सुकख्षयों में आया था। सुचारु वयव्था चलाने का प्रकशक्ण नहीं होता, अत: यह हमारी कमतरी है। एक कशक्ा सं्था इस काम के कलए भी खोली जा सकती है परंतु हमें कशक्कों को कवदेशों से कनमंकत्त करना होगा। कहते हैं कक राजा को 64 कलाओं का ज्ान होना चाकहए। 64वीं कला चोरी है। राजा को इसका ज्ान इसकलए जरूरी है, कयोंकक उसे चोर को पकड़ना और दंकित करना है। चौय्ष कला पर एक उपनयास है ‘रात का मेहमान’। लेखक है मनोज बसु। शकश कपूर की करलम ‘उतसव’ में एक चोर का मजेदार पात् रचा गया था। यह करलम सं्ककृत के दो नाटकों से प्रेररत थी। एक नाटक ‘मृचछककटकम्’ है। शूद्रक रकचत नाटक का अचछा इ्तेमाल ककया गया है। इस करलम के सभी गीत मधुर थे परंतु लता मंगेशकर और आशा भोसले का गाया गीत ‘रात शुरू होती है, आधीरात को’ आज भी गूंजता है।

    चीन और भारत की बढ़ती हुई जनसंखया भी कवशव तापमान की वृकद्ध का कारण हो सकती है। मानव शरीर की ऊषमा भी कम नहीं होती परंतु आतमा का ताप घटता जा रहा है। एयर कंिीशनर से कनकलने वाली गैस भी कवशव का तापमान बढ़ा रही है। एक पुरानी घटना याद आ रही है कक पृथवीराज कपूर ने अपने घर में एयर कंिीशनर केवल इसकलए नहीं लगाया था कक उनके घर से सटरे कैरी आजमी को एयर कंिीशनर की अवाज से कषट हो सकता था। पहले पड़ोसी की सुकवधा का धयान रखा जाता था। आज तो पड़ोसी का कोई पररचय ही हमें नहीं होता। हम सब अपने-अपने अजनकबयों के बीच जी रहे हैं। यह अजनकबयत भी कवशव का तापमान बढ़ाती है।

    दुनिया का बढ़ता और आत्ा का घटता ताप्ाि

    जयप्रकताश चौकसेकरलम समीक्क[email protected]

    फंडता यह है कक इंसान अपने भीतर की बुराइयों पर जीत हाकसल करके ही आगे बढ़ सकता है और धम्ष, मूलय तथा पकवत्ता के साथ ्वयं को ्थाकपत कर सकता है।

    ्ैिेज्ेंट फंडा एि. रघुरा्ि की आवाज ्ें ्ोबाइल पर सुििे के नलए टाइप करें FUNDA और SMS भेजें 9200001164 पर

    बीते सोमवार की बात है, मैं मुंबई के सीएसटी ्टरेशन के पलेटरॉम्ष पर कतार में बैठरे बूट पॉकलश करने वालों में से एक से सेवा प्रापत कर रहा था।

    एक दूसरा ग्ाहक एक अनय जूते चमकाने वाले के पास खड़ा था। उसने कशकायती लहजे में कहा, ‘आज ककतनी गममी है।’

    उस बूट पॉकलश वाले के कलए कसर्फ ये चार शबद कारी थे और

    अगले पांच कमनट में उसने यह बताया कक अकटटूबर का महीना गममी के पुराने ररकॉि्ड कयों तोड़ देगा! उस कम पढ़रे-कलखे वयसकत के पास हर कदन बढ़ रही गममी को लेकर तमाम वैज्ाकनक, पौराकणक और अनय संभाकवत कारण थे। मैं भी उसकी बुकद्ध पर चककत था, पर दूसरा ग्ाहक उसका अपमान करते हुए बोला, ‘अगर तुमहारे पास इतना ज्ान है तो, तुम लोग जूते चमकाने की बजाय मौसम कवभाग में जाकर काम कयों नहीं करते? वह चमकते जूतों के साथ तेजी से कनकल गया! मैं हमेशा से इस चम्षकार कबरादरी का सममान करता रहा हूं कयोंकक, जब उनके पास कोई ग्ाहक नहीं होता है तो वे पूरा अखबार पढ़ते हैं और कई बार तो उनके पास हममें से अकधकांश लोगों से जयादा जानकारी होती है। इस घटना ने मुझे एक कहानी याद कदला दी।

    एक आदमी कई वरषों से भगवान नरकसंह की पूजा-अच्षना ककया करता था और उसकी इचछा थी कक उसे भगवान के दश्षन हो जाए। संक्ेप में, वह उस काल का सव्षश्ेषठ भकत था। एक बार वह भगवान की तलाश में जंगल में पहुंच गया, वहां उसकी मुलाकात एक कशकारी से हुई और उसने उसे अपने आने का उद् देशय बताया। कशकारी भगवान नरकसंह के बारे में अज्ानी था, कयोंकक भकत ने अपने भगवान को ‘आधा मनुषय और आधा शेर’ रूप वाला बताया था। कशकारी बोला कक, मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं देखा लेककन, यकद वे इस जंगल में रहते हैं, तो मैं उनहें शाम तक खोज लूंगा और तुमहारे पास लेकर आ जाऊंगा। परेशान भकत अहंकार में बोला, ‘मैं इतने वरषों से भगवान की आराधना कर रहा हूं और अगर मुझे उनके दश्षन नहीं हुए, तो तुम जैसा पूजा-पाठ न करने वाला कैसे उनहें खोज पाएगा?’ तो कशकारी ने कहा, ‘अगर मैं अपना वचन पूरा न कर पाया तो खुद को अकनि में भ्म कर लूंगा।’ कशकारी ने पूरा जंगल छान मारा, पर असरल रहा और अपना वचन पूरा करने के कलए आग जलाने लगा। पर, नरकसंह अचानक उसके सामने प्रकट हो गए। भाव-कवभोर कशकारी ने भगवान की ओर इशारा करते हुए भकत को पुकारा, ‘देखो, वे यहां है, भगवान नरकसंह सचमुच यहां हैं।’

    लेककन उस भकत को भगवान के दश्षन नहीं हुए और वह कहने लगा, ‘तुम झूठ बोल रहे हो। वे यहां नहीं हैं?’ तब भगवान नरकसंह ने गज्षना की और कहा,‘यह तुमहारा अहंकार है, जो तुमहें मेरे दश्षन नहीं करने दे रहा है। अब तुम अगले जनम में ही मुझे देख सकोगे।’ यह कहकर वेे अदृशय हो गए। इस प्रकार, एक वयसकत कजसने अपने जीवन भर में भगवान नरकसंह की पूजा-अच्षना करने का दावा ककया था, वह अपने अहंकार के कारण उनहें देखने में असमथ्ष था लेककन, एक कवनम्र कशकारी को दश्षन हो गए। सभी मनुषयों को अपनी बुराइयों से हमेशा लड़ना होता है जो हैं- ‘माया, कम्ष और अणव’ (अहंकार)। माया वह शसकत है जो ककसी भी वयसकत को भ्रकमत कर देती है। इसी तरह, कम्ष के बंधन आसानी से तोड़रे नहीं जा सकते, वे न कसर्फ ‘जीवातमा’ को नशवर संसार से बांधे रखते हैं बसलक जब भी नए कम्ष ककसी ‘जीव-आतमा’ से जुड़ते हैं, ये बंधन और मजबूत होते जाते हैं। एक और सूक्म अवरोध है ‘मैं’ (अणव या अहंकार) की भावना है जो ‘जीवातमा’ को आतम दश्षन की सच्ाई से दूर कर देती है और वयसकत की पहचान उसका शरीर, मन, बुकद्ध और इसनद्रयां बन जाती है।

    नवकनसत होिा है तो अपिे अहंकार से लड़िा होगा

    एन. रघुरतामनमैनेजमेंट गुरु[email protected]

    फोटोग्राफी... चीि के यलो ररवर सटोि फॉरेसट की 400 करोड़ साल पुरािी चट्ािों ्ें बिी नसफ्फ ढाई नक्ी की सड़क ्ें हैं 22 ्ोड़

    यह रोटो चीन के गांसू प्रांत के कजंगतान कजले के लोंगवान गांव में बने यलो ररवर ्टोन रॉरे्ट की है। ये चट्ानें करीब 400 करोड़ साल पुरानी हैं। महज़ ढाई ककलोमीटर में बनी इस सड़क में 22 मोड़ हैं, जो यहां ड्ाइकवंग बेहद ककठन बनाते हैं। खकनजों से भरे इस क्ेत् में चीन बड़रे पैमाने पर कवकास काय्ष करवा रहा है। यहां कोयला, कॉपर, कले, लाइम्टोन और कजपसम पाया जाता है। यह पूरा क्ेत् करीब 34 वग्षककलोमीटर में रैला हुआ है। चट्ानों को नुकसान से बचाने के कलए इस क्ेत् को 2014 में नेशनल जयोग्ाकरक पाक्फ घोकरत ककया गया था। चीन और हॉलीवुि की कई करलमों के दृशय इस इलाके में करलमाए गए हैं। इस इलाके को देखने सालाना एक लाख से भी जयादा पय्षटक आते हैं। इस रोटो को चीन के ट्रैवल रोटोग्ारर ली वांग ने कलया है। Âtheatlantic.com

    इंटरेस्टिंग... नरिटेि: अपवाइंट्ेंट लेिे के बावजूद डॉकटर के पास िहीं पहुंचे 52 हजार ्रीज, 6 ्हीिे ्ें 46 करोड़ रुपए का िुकसािअप्ताइंटमेंट लेने के बावजूद मरीज़ों के िॉकटर के पास नहीं जाने से करिटरेन के हैंपशायर में अ्पतालों और ट््ट को करोड़ों के नुकसान का कदलच्प मामला सामने आया है। दरअसल, यहां जनवरी से जून के दौरान 52 हज़ार मरीज़ अपवाइंटमेंट लेने के बावजूद िॉकटर को कदखाने नहीं पहुंचे। इस वजह से उनहें कदया गया वकत यानी टाइम ्लॉट ककसी और को नहीं कदया जा सका। इस वजह से हैमपशायर में एनएचएस राउंिरेशन ट््ट, सदन्ष हेलथ एनएचएस राउंिरेशन ट््ट और यूकनवकस्षटी हॉस्पटल साउथैमपटन एनएचएस राउंिरेशन ट््ट को 50 लाख पाउंि यानी करीब 46 करोड़ रुपए का नुकसान होने का खुलासा हुआ है। इनमें 13,460 मरीज़ों के न आने से एचएचएरटी को करीब 9 करोड़ 20 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। एचएचएरटी को 868 मरीज़ों की वजह से 92 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। सबसे जयादा नुकसान यूएचएस को हुआ है। यहां 28,177 मरीज़ अपवाइंटमेंट लेने

    के बावजूद इलाज के कलए नहीं पहुंचे। इस वजह से यूएचएस को सबसे जयादा 27.60 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है।

    बताया जा रहा है कक इस वजह से ट््ट और ये अ्पताल जरूरी संसाधन मुहैया करवाने के कलए संघर्ष कर रहे हैं। यूएचएस की सीओओ िॉकटर कैरोकलन माश्षल बताती हैं, ‘कम्ि अपवाइंटमेंटस की वजह से सेवाओं पर बड़ा असर पड़ा है। हम पहले से ही संसाधन और

    सुकवधाओं के कलए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में इस नुकसान ने हमारी कचंताएं और बढ़ा दी हैं।’ वे कहती हैं, ‘जब मरीज़ अपने तय वकत पर नहीं आते और न आ की कोई पूव्ष सूचना नहीं देते हैं तो परेशानी हो जाती है। कयोंकक हम उस वकत का इ्तेमाल उन दूसरे मरीज़ों को देखने में कर सकते हैं कजनहें जलद इलाज की जरूरत है।’ यूएचएस के प्रवकता के मुताकबक उनहें अपवाइंटमेंट कमस करने वाले मरीज़ों के साथ कनपटने में बहुत कदककतें होती हैं। उनहें ररमाइंिर कॉलस, टरेक्ट मैसेज और यहां तक कक मेल के ज़ररए भी उनके अपवाइंटमेंट के बारे में बताया जाता है। अपवाइंटमेंट कैंकसल करने के कलए ऑनलाइन सुकवधा भी दी गई है। इसके बावजूद लोग परवाह नहीं करते कजसका नुकसान दूसरों को उठाना पड़ता है। इसकी वजह से प्रशासकनक प्रकरिया में भी वकत खराब होता है। दोनों ही पक्ों को मरीज़ों के न आने के बढ़ते आंकड़रे को कम करने के कलए एक साथ काम करने की जरूरत है। Âdailyecho.co.uk

    सती के शरीर के अंग जहतां-जहतां कगरे ्हतां-्हतां बने शक्तपीठ

    शक्तपीठ की कहतानी-ककतने, कहतां, ् यों?कहतानी है कक आकद शसकत के एक रूप सती ने कशवजी से कववाह ककया, लेककन इस कववाह से सती के कपता दक् खुश नहीं थे। बाद में दक् ने एक यज् ककया, तो उसमें सती को छोड़कर सभी देवताओं को आमंकत्त ककया। सती कबना बुलाए यज् में चली गईं। दक् ने कशवजी के बारे में अपमानजनक बातें कहीं। सती इसे सह न सकीं और सशरीर यज्ाकनि में ्वयं को

    समकप्षत कर कदया। दुख में िटूबे कशव ने सती के शरीर को उठाकर कवनाश नृतय आरंभ ककया। इसे रोकने के कलए कवषणु ने सुदश्षन चरि का इ्तेमाल कर सती की देह के टुकड़रे ककए। जहां-जहां सती के शरीर के अंग कगरे, वो ्थान शसकतपीठ बन गए। शसकतपीठों के ्थानों और संखया को लेकर ग्ंथों में अलग बातें कहीं गई हैं। यहां हम बता रहे हैं सबसे चकच्षत 51 शसकतपीठों के बारे में।

    आनद शककतपीठों की संखया 4 ्ािी जाती है। कानलकापुराण ्ें शककतपीठों की संखया 26 बताई गई है। नशव चररत्र के अिुसार शककत पीठों की संखया 51 हैं। तंत्र चूड़ा्नण, ्ाक्फणडेय पुराण के अिुसार शककत-पीठ 52 हैं। भागवत ्ें शककतपीठों की संखया 108 बताई गई है।

    ककन स्तानों पर हैं ये 7 शक्तपीठ, इस पर मतभेद

    45. श्ी पर्वत शस्तपीठ: कुछ कवद्ानों का मानना है कक इस पीठ का मलू ्थल लद्ाख ह,ै कछु का मानना है कक यह असम के कसलहट में है। 46.पचं सरागर शस्तपीठ : इस शसकतपीठ का कोई कनसशचत ्थान ज्ात नहीं है। 47. भरैर पर्वत शस्तपीठ : कुछ गजुरात क ेकगररनार क ेकनकट भरैव पव्षत को तो कुछ मधय प्रदशे के उजै्न के कनकट क्ीप्रा नदी तट पर इसे मानत ेहैं। 48. मिमिलरा शस्तपीठ:

    नपेाल क ेजनकपरु, कबहार क ेसम्तीपरु और सहरसा में इसका ्थाना माना जाता ह।ै 49. रत्रारली शस्तपीठ: कहा जाता ह ैकक तकमलनाि ुक ेचने्नई में कहीं स्थत ह।ै 50. करालिराधर शस्तपीठ : इस शसकतपीठ क ेबार ेकोई कनसशचत ्थान ज्ात नहीं ह।ै 51.ररािमगरर शस्तपीठ : रामकगरर शसकतपीठ कछु लोग मधयप्रदशे क ेमहैर में मानत ेहैं। कछु लोग कचत्कटू क ेशारदा मकंदर को शसकतपीठ मानत ेहैं।

    पताककसततान सकहत 4 देशों में

    8 शक्तपीठ37. लंकरा : श्ीलंका में है। यहां नूपुर कगरे थे। यह ठीक-ठीक ज्ात नहीं है कक ककस ्थान पर कगरे थे।38. गण्डकी : नेपाल में गणिकी नदी के उद ्गम पर है। सती के कपोल कगरे थे।39. गुह्ेशररी : नेपाल के काठमाणिटू में पशुपकतनाथ मसनदर के पास है। यहां दोनों घुटने कगरे थे। 40. मिंगलराज : पाकक्तान के बलूकच्तान प्रानत में है। माता की रिह्मरनध् कगरा था।41. सुगंध : बांगलादेश के खुलना में सुगंध नदी के तट पर है। यहां माता का नाकसका कगरी थी।42. करतोयराघराट : बंगलादेश भवानीपुर के बेगड़ा में करतोया नदी के तट पर। माता का वाम तलप कगरा था।43. चट्टल : बंगलादेश के चटगांव में। यहां दाकहनी भुजा कगरी थी।44. यशोर: बांगलादेश के जैसोर खुलना में। यहां बायीं हथेली कगरी थी।

    उत्र भतारत के 9 शक्तपीठ1. कशिीर यरा अिरनराि : जममू-कशमीर के अमरनाथ में। यहां माता का कणठ कगरा था।2.करातयरायनी : वृनदावन, मथुरा के भूतेशवर में। यहां केशपाश कगरा था।3. मरशरालराक्ी : उतिर प्रदेश, वाराणसी के मकणककण्षका घाट पर। दाकहने कान के मकण कगरे थे।4. प्रयराग : उतिर प्रदेश के इलाहाबाद में स्थत है। यहां माता की हाथ की अंगुकलयां कगरी थीं।5. जररालरािुखी : कहमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थत है। यहां सती का कजह्ा कगरी थी।6. जरालंध्र : पंजाब के जालंधर में है। यहां माता का वाम्तन कगरा था। 7. देरीकूप पीठ कुरुक्ेत्र : हररयाणा के कुरुक्ेत् जंकशन के कनकट द्ैपायन सरोवर के पास स्थत है। इसे श्ीदेवीकूप भद्रकाली पीठ के नाम से मानयता है। यहां माता का दकहना चरण कगरा था। 8. िगध् : कबहार की राजधानी पटना में स्थत पटनेशवरी देवी को ही शसकतपीठ माना जाता है। यहां माता की दाकहनी जंघा कगरी थी।9. िरानस शस्तपीठ: कतबबत के मानसरोवर तट पर स्थत है। माता की दाकहनी हथेली कगरी थी।

    पक्चम भतारत के 5 शक्तपीठ10. कररीर : महाराषट् के कोलहापुर में । माता का कत्नेत् कगरा था। यहां महालक्मी का कनज कनवास माना जाता है।11. जन्िरान : महाराषट् नाकसक के पंचवटी में। माता का ठोड़ी कगरी थी।12. अम्राजी : गुजरात जूनागढ़ के कगरनार पव्षत के कशखर पर। यहां माता का उदर कगरा था। 13. िमिरेमदकरा : राज्थान के पुषकर में। गायत्ी मसनदर के नाम से जाना जाता है। यहां कलाइयां कगरी थीं। 14. मररराट करा असम्करा : जयपुर के वैराटग्ाम में। यहां सती के ‘दाएं पांव की अंगुकलयां कगरी थीं।

    पक्चम बंगताल में 10 शक्तपीठ20. मकरीट : हुगली नदी के तट लालबाग कोट पर। यहां ककरीट यानी कशरोभूरण या मुकुट कगरा था। 21. अट्टिरास : लाबपुर में है। यहां नीचे का होंठ कगरा था। 22. ननदीपुर : सैनथया में है। यहां कणठहार कगरा था।23. नलिटी : बोलपुर में उदरनली कगरी थी। 24. ्िुलरा : कटवा जंकशन के कनकट केतुग्ाम में है। यहां माता का वाम बाहु कगरा था। 25. मत्र्तोतरा : जलपाइगुड़ी के शालवाड़ी गांव में ती्ता नदी पर। यहां माता का वामपाद कगरा था। 26 . मरभराष : कमदनापुर में है। यहां वाम टखना कगरा था।27. युगराद्रा : बद्षमान कजले के क्ीरग्ाम में है। यहां सती के दाकहने चरण का अंगूठा कगरा था।28. करालीघराट : कालीमसनदर के नाम से प्रकसद्ध है। यहां दाएं पांव का अंगूठा छोड़ 4 अनय अंगुकलयां कगरी थीं।29. रक्रेशरर : कसनथेया में है। यहां मन कगरा था।

    पू्वोत्र भतारत के 5 शक्तपीठ 30. करािराखयरा : गुवाहाटी का कामकगरर पव्षत। योकनदेश कगरा था।31. जयनती : मेघालय की जयसनतया पहाड़ी। वाम जंघा कगरी थी। 32. मत्रपुरसुनदरी : कत्पुरा के राध ककशोर ग्ाम में। जहां माता का दकक्ण पाद कगरा था। 33. मररजराक्ेत्र, उतकल : उड़ीसा के पुरी और याजपुर में माना जाता है, जहां माता की नाकभ कगरी थी। 34. रैद्नराि : झारखणि के कगररिीह, देवघर में है। यहां माता का हृदय कगरा था। मानयता है, यहीं सती का दाह-सं्कार हुआ था।

    मधयप्रदेश के 2 शक्तपीठ35. उज्जमयनी : मधय प्रदेश के उज्ैन के कक्प्रा के दोनों तटों पर। माता की कोहकनयां कगरी थीं।36. शोि : मधय प्रदेश के अमरकंटक का नम्षदा मसनदर। यहां माता का दकक्ण कनतमब कगरा था। यह भी मानयता है कक कबहार के सासाराम का ताराचणिी मसनदर ही शोण तट्था शसकतपीठ है।

    दकषिण भतारत के 5 शक्तपीठ15. गोदराररी तट : आंध् प्रदेश के कबबूर में गोदावरी तट पर। माता का बायां कपोल कगरा था।16. शुचीनद्रि : तकमलनािु, कनयाकुमारी के कत्सागर संगम ्थल पर, जहां सती के ऊधव्षदनत कगरे थे।17. श्ी शैल : आंध् प्रदेश के कुनू्षल के पास। माता की ग्ीवा कगरी थी। 18. करांची : तकमलनािु के कांचीवरम में। यहां माता का कंकाल कगरा था। 19. कणयकराश्ि कनयराकुिरारी : तकमलनािु के कनयाकुमारी के तीन सागरों कहनद महासागर, अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी के संगम पर। यहां माता का पीठ मतानतर से ऊधव्षदनत कगरे थे।

    डॉ. कनपल नतवारी

    भतारतीय ज्ान परंपरा में ‘लीला’ शबद का सबसे पहला प्रयोग तांकत्क साकहतय में हुआ है। उसमें कहा गया है कक यह जगत ‘शसकत’ के संकोच और प्रसार की लीला है। इस अथ्ष में सृसषट शसकत के कव्तार का जीवन रूप है, कजसकी अकधषठात्ी भगवती परामबा हैं। तांकत्क शा्त् के दोनों रूपों यानी शैवागम और शकतागम में कशव-शसकत आराधना के कवकवध रूप, पद्धकतयां, अनुषठान और मंत्ों का कवशाल संसार रचा गया है। शा्त् और लोगों में शसकत पूजा के कजतने भी रूप आज प्रचकलत हैं, वे तांकत्कशा्त् की कवकभन्न कवकधयों के रूप ही हैं।

    हमारा सौभागय है कक हम ऐसी परंपरा की कवरासत में जनमे जहां ईशवर माता के रूप में भी है। इस जगत में माता के अनुग्ह और ककृपा को समझने के कलए हर मनुषय के पास एक छोटा ही सही वा्तकवक अनुभव है। कवराट मातृ सतिा के प्रकत हमारे समप्षण के कलए यही अनुभव द्ार बन सकता है।

    श्ी दुगा्ष के नौ रूपों की आराधना का रिम ‘ऊजा्ष’ के नौ कवकभन्न ्तरों के मातृ रूपों की पूजा के ‘रिम अनुषठान’ हैं। शसकत अपने भौकतक, मानकसक और चेतनापूण्ष कव्तार में ‘ऊजा्ष’ की एक कवराट समसषट हैं।

    वा्तव में भौकतक का कव्तार ‘पदाथ्षमय जगत’ से लेकर ‘मन’ तक है। अपनी जागृत अव्था में मन कवचार में और कनद्रा की स्थकत में कलपना की शसकत से ् वप्न में वय्त रहता है। माकस्षवादी कचंतक लेकनन ने कवचारों को भी भौकतक शसकत कयों कहा था और श्ीदुगा्ष सपतशती में शसकत के एक रूप को ‘कनद्रा रूप संस्थता’ कहकर कयों नमन ककया गया है? सुरुसपत की अव्था में मन होता है, लेककन कवचार और ्वप्न के रूप में मन की कोई करिया नहीं होती-चेतन, अवचेतन के बाद मनोवैज्ाकनकों ने इसे ही अचेतन मन कहा है। मनुषय को अचछी और गहरी नींद का सुख तब ही प्रापत होता है, जब मन अकरिया में, अचेतन में चला जाए। ्थूल भौकतक पदाथ्ष की नयूनतम चेतना से ‘प्राणमय’ पेड़-पौधों, सहज इचछा से चाकलत प्राकणयों और मनुषय तक श्ी शसकत अपने चैतनय के अंश से अस्मता और ्वबोध की ्रूकत्ष देती है। अब हम सहज ही समझ सकते हैं कक मातृशसकतयों की प्रथम आधारभूत ‘श्ीकाली’ और ‘श्ीदुगा्ष’ की शसकत ककतनी कवराट है।

    देवत्यी में श्ी कवषणु सृसषट के पालनकता्ष तथा काल के कवकभन्न रूपाें में नारायण की शसकत के अवतारी हैं-अवतार कशव अथवा रिह्मा के नहीं, कवषणु के ही होते हैं। पालने वाले ही त्ाण से मुसकत कदलाने वाले दशावतारी होते हैं। उनकी आद् शसकत श्ी लक्मी को धन धानय और ऐशवय्ष की देवी कहा गया है। घरों में स्त्यां ्वयं लक्मीरूपा मानी जाती हैं। वे सुंदर, सुरुकचपूण्ष व्त्ालंकारों से सकज्त होकर लक्मी की ्वस्त अच्षना करती हैं। स्त्यां पररवारों की जीवंत लक्मी हैं, कजनसे पररवार बनते अौर कुल की गररमा बढ़ती है। वे ही घरों की शालीन-शोभा हैं।

    श्ीलक्मी की अनंत शसकतयों में श्ीशसकत के साथ माया शसकत भी जुड़ी है। माया अदभुत शबद है। इसके अथ्ष का कव्तार कवस्मत कर देता है। शायद ही संसार की ककसी भारा में कोई ऐसा शबद होगा, जो अथषों की इतनी कवशाल समसषट कलए वयवहार ककया जाता हो। यह अकेला शबद है कजसके मम्ष को चेतना जानती है, लेककन भारा शायद पूरा नहीं कह पाती। इस जगत में उनकी ककृपा के सभी रूप मायाशसकत के रूप हैं-धन, संपदा, ऐशवय्ष ककसी के भी पास सदा के कलए नहीं हैं। पाना और खोना एक साथ चलता है। लेककन मनुषय कभी अपनी समग्ता में उसे देख नहीं पाते। जो पाने में भी उसका खोना देख लें, वे उसके पार चले जाते हैं। यह सदकववेक भी श्ीलक्मी की ककृपा है। कबरले ही यह वरदान पाते हैं।

    ‘ऊजा्ष’ के नौ ्तरों के मातृ रूपों की पूजा

    का पव्ष है नवरात्

    6अजिेर, ्ुधररार, 10 अ्टटू्र, 2018

  • 7अजमेर, बुधवार, 10 अक्टूबर, 2018

    सीख } सरकारी पोर्टल का सही तरीके से इसतेमाल कर पेंशनस्स ही नहीं कॉमनमैन भी हाससल कर सकते हैं अपना हक, जानकारी रखें, जागरूक रहें 70 साल के रिटायर्ड रॉकटि ने संपक्क पोट्डल को बनाया हथियाि, घि बैठे हाथसल थकया 9 साल पुिाना हक, सिकाि को देने पड़े 1 लाख रु.

    प्रवीण धींगरा | जोधपुर

    चिचित्सा एवं सवसास्थ्य चवभसाग ्े 9 ्साल पहले रिटसा्यि हुए 70 ्साल िे एि डॉकटि ने ्ेवसा िे दौिसान लसाभ ्े वंचित चिए जसाने पि अपने ही चवभसाग ्े ्ंघर्ष शुरू चि्यसा। तीन महीने ्ंघर्ष िे बसाद उनहोंने अपने हि िे ििीब 1 लसाख रुपए िी मंजूिी हसाच्ल िि ली। उनिसा ्यह िसाम इ्चलए अनूठसा है क्योंचि बड़ी ्ंख्यसा में िम्षिसािी ्ेवसाचनवृत्त होने िे बसाद ्सालों ति चवभसागों में अपनी पेंशन व ्ेवसाचनवृचत्त ्े पहले िे ्ेवसा लसाभ िे चलए दफतिों िे िकिि लगसाते िहते हैं। इन डॉकटि ने इ्िी बजसा्य जोधपुि में अपने घि ्े ही जै्लमेि, ज्यपुि व जोधपुि में पत्सावचल्यों िो न िेवल लसालफीतसाशसाही ्े बसाहि

    चनिलवसा्यसा, बल्ि िसाम अटिसाने वसाले िम्षिसारि्यों िो ए्ीबी ति अपनी चशिसा्यत पहुंिसाने िसा भ्य चदखसा्यसा। वे परिलसाभ देने िे आदेश जसािी ििवसा िि ही मसाने। ्िदसािपुिसा चनवसा्ी डॉ. तसािसािंद ्ंगतिमसानी वर्ष 2009 में चिचित्सा अचधिसािी, जै्लमेि पद ् े ् ेवसाचनवृत्त हुए। उनहोंने वर्ष 2006 में पदोन्नचत लेने ्े इनिसाि िि चद्यसा थसा। िसा्यदे ्े दो ्साल ति पदोन्नचत ्े जुड़सा परिलसाभ नहीं चमलतसा। ्यह अवचध वर्ष 2008 में ही पूिी हो गई थी औि िुछ मसाह बसाद वे ्ेवसाचनवृत्त हो गए। उनहें िम अवचध िे चलए ही ्ही, परिलसाभ चमलनसा थसा जो एि लसाख रुपए ्े अचधि थसा। चवभसाग उनिे पदोन्नचत छोड़ने िी अवचध िो अपने चह्साब ्े परिभसाचरत िि िहसा थसा। इ्िे िलते मसामलसा उलझतसा ग्यसा औि नौ ्साल चनिल गए।

    बात नहीं बनी तो एसीबी का डर भी सिखाना पडा डॉ. ्ंगतिमसानी िी पदोन्नचत िी तसािीख गलत त्य िी गई तो पेंशन प्रििण िे चलए गलत वैिल्पि वेतन चलखिि अंचतम भुगतसान प्रमसाण पत् भी गलत जसािी िि चद्यसा ग्यसा। वे चवभसाग में डसाि ्े चशिसा्यतें भेजते िहे, लेचिन ्ुनवसाई नहीं हो िही थी। ्ंपि्क पोट्टल िो लसागू ििवसाने वसाले प्रत्युर जोशी िे ्ंपि्क में आए औि उन्े िसासतसा पूछसा। घि बैठे चशिसा्यत दज्ष िी। जवसाब आ्यसा, लेचिन गलत। बतसा्यसा ग्यसा चि िसाि्षवसाई िल िही है। चज् दसतसावेज िो आधसाि बनसािि िसाि्षवसाई िलनसा बतसा्यसा ग्यसा, वह बहुत पुिसानसा थसा। उनहोंने रिमसाइंडि भेजसा, इ्में चलखसा चि चवभसाग िे अचधिसािी औि िम्षिसािी त्य ्म्य पि िसा्य्ष नहीं िि िहे हैं। इ् चशिसा्यत िो भ्रषटसािसाि चनिोधि ब्यूिो िो सथसानसांतरित चि्यसा जसाए। ्यह चलखते ही िेंगती फसाइल ज्यपुि, जै्लमेि औि जोधपुि िे बीि दौड़ने लगी। अब एि लसाख रुपए िसा भुगतसान उनहें ज्द चमलने जसा िहसा है। डॉ. ्ंगतिमसानी िसा िहनसा है चि उनहें न तो िहीं पै्े देने पड़े औि न ही चि्ी दफति में जसािि अचधिसािी व िम्षिसािी ्े गुहसाि लगसानी पड़ी।डसाॅ. तसािसािंद ्ंगतिमसानी

    यौन उतपीडन के मामले में अनय आरोपी शरि की यासिका पर सुनवाई रली

    ससरी ररपोर्टर | जोधपुर

    नसाबसाचलग ि े्साथ ्यौन उतपीड़न ि ेमसामल ेमें आ्सािसाम िे ्साथ दोरी ििसाि चदए गए ् ह आिोपी शिद िी ् जसा सथगन ्यसाचििसा पि ्ोमवसाि िो िसाजसथसान हसाईिोट्ट में ्नुवसाई टल गई। अब इ् ्यसाचििसा पि दो ्पतसाह बसाद ्नुवसाई होगी। चनिली अदसालत न ेआ्सािसाम िो आजीवन िसािसावसा् एवं उ्ि ेदो ्ह्योगी चश्पी व शिद िो बी्-बी् ्साल िी ्जसा ् ेदचंडत चि्यसा थसा। हसालसाचंि चपछल ेचदनों चश्पी िी ्जसा हसाईिोट्ट ् ेसथचगत हो गई है तथसा उ् ेजमसानत पि रिहसा िि चद्यसा ग्यसा। अन्य आिोपी शिद िी ्यसाचििसा ्ोमवसाि ्नुवसाई ि े चलए ्िूीबद्ध थी, लचेिन जलसट् चवज्य चवश्ोई न ेदो ्पतसाह बसाद ्यसाचििसा पि ्नुवसाई िे चनददेश दते ेहुए ्नुवसाई टसाल दी।

    पेसरका में डाला िेक, िूसरे सिन फजजी िेक से अज्ात ले गया एक लाख का भुगतानरुदावल (भरतपुर)| िसबे िी पंजसाब नेशनल बैंि शसाखसा में िसाि चदन पूव्ष बैंि ्े एि फजजी िेि िे जरिए एि लसाख रुपए िसा नगद भुगतसान चिए जसाने जसाने िसा मसामलसा ्सामने आ्यसा है। जबचि पीचड़त महेंद्रच्ंह ने घटनसा ्े एि चदन पूव्ष अपने बित खसाते िसा एि लसाख रुपए िेि अपनी फम्ष िे खसाते में टसां्फि ििने िे चलए िेि बसाक् में डसालसा थसा, जब फम्ष िे खसाते में िसाचश नहीं पहुंिी तो मसामले िसा खुलसा्सा हुआ।महेनद्र च्ंह ने इ्िी चशिसा्यत शसाखसा प्रबंधि ्े िी तो आशवसा्न देिि मसामले िो दबसाने िसा प्र्यसा् चि्यसा, लेचिन पीचड़त िी चशिसा्यत पि ्ोमवसाि िो पीएनबी िी मंडल शसाखसा ्े पहुंिे अचधिसािी ने मसामले िी जसांि शुरू िि दी है। शसाखसा प्रबंधि ने भुगतसान चि्यसा ग्यसा िेि फजजी है ्यसा ्ही जसांि होने पि पतसा िलने िी बसात िही है। जसानिसािी िे अनु्साि िसबसा रुदसावल चनवसा्ी पीचड़त महेनद्र च्ंह पुत् गोचवंद च्ंह ने बतसा्यसा चि उ्िसा पीएनबी बैंि शसाखसा रुदसावल में बित खसातसा है।

    उद् घाटन की िस्म अदायगी के बाद सुपि सपेथियथलटी थिंग बंदकोरा | आिसाि ्चंहतसा ि े िलत े आनन-फसानन में उद्साटन िी िसम अदसा्यगी ि ेबसाद नए असपतसाल परि्ि में बनी ् पुि सपचेश्यचलटी चवगं चफि ् ेबदं हो गई ह।ै शचनवसाि िो ही इ् चबल्डिंग में आउटडोि शरुू चि्यसा ग्यसा थसा, इ्िे बसाद िचववसाि िी छटु्ी आ गई औि ्ोमवसाि िो ्यहसा ंचफि ् े्न्नसाटसा छसा्यसा िहसा।

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