मदलक का दसतारा मनोज कुमार से भेंट आधी...

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वर-1 | अंक-52 | 11 - 17 दिसंबर 2017 sulabhswachhbharat.com आरएनआई नंबर-DELHIN/2016/71597 लौहपुर का अनुशासन सविेशी आंिोलन 20 सांगठदनक अनुशासन और एकजुटता के सरिार गेनू का बदलिान खुला पा 16 इंदियन नेवी म पहली बार मदहला पायलट दनयु ई दनमला सीतारमण िेश की पहलपूणकादलक मदहला रा मंी बन हररयाणा की बेटी मानुरी दिर ने जीता दमस वरि का ताज खास बात एसएसबी बयूरो मेरिका की स संसा पीउ रिसर ने कुछ साल पहले अपनी एक रिपोर म कहा ा क 20 सदी के आकििी दशक से लेकि अब तक कितना दुकनया नह बदली है, उतनी दुकनया भि की मकहला के िन म बदला आया है। आि से सात-आठ दशक पहले मकहला सशकिण का िो ैक संघर आ ा, ह आि कामयाबी के नए सफिनामा का नाम है। आधी दुकनया की किंदगी म सबसे जयादा बदला आया है के उन कहसस म, िो लंबे समय तक कास की मुखयधािा से बाहि िहे ह। बात कि भाित की तो भाित म मकहला सशकिण के एक से एक सुलेि िाीय आंदोलन के दौि म ही कलिे िरुके े। आिादी के बाद इस कसलकसले कसा सफलता के औि भी सकणम सग िुते रले गए। देश के मौिूदा धानमंी मकहला सशकिण को कबलकुल नई निि से देिते ह। े कहते ह, ‘नािी सशकिण के कबना मानता का कास अधूिा है। ैसे अब यह मुा ीमेन डेलपमर का नह िह गया, बलक ीमेन-लीड डेलपमर का है।’ धानमंी मोदी कये कराि देश म सिकाि औि समाि के सति पि मकहला की बढी भागीदािी औि सफलता के तौि पि निि आते ह। धानमंी न कसफ देश के कास मदलक का दसतारा कही अनकही 30 मनोज कुमार से भट ने बिल िी दकसमत पि पूिा धयान दे िहे ह, बलक इस बात को भी मह दे िहे ह कक इसका ररि समाेशी हो औि इसम मकहला की भूकमका अहम हो। शायद यही िह है क आि भाित म मकहला कतकनकधत को कई े म समानिनक पहरान कमली है। शुभांगी की उडान इंकडयन नेी ने पहली बाि ककसी मकहला की कनयु पायलर पद के कलए की है। इस गौि को हाकसल किने ाली ऑकफसि का नाम है शुभांगी सप। शुभांगी अब आकाश की अनंत ऊंराइंय म एयिाफर उाएंगी। शुभांगी सप मेिीराइम रिकानकायसंस कमान उाएंगी। शुभांगी उि देश की ह। कमान को उाने को तमा उनह बरपन से ही ी। शुभांगी के अलाा नई कदी की आसा, पुुरेिी की पा औि केिल की श माया को नौसेना की नेल आमामर इंसपेकरोिेर (एनएआई) शािा म देश की पहली मकहला अकधकािी बनने का गौि हाकसल आ है। दकणी नेल ा कमांडि ीधि ॉरियि ने बताया, ‘ैसे तो शुभांगी नौसेना म पहली पायलर ह, लेककन नौसेना की एकएशन बांर म पहले भी ायु यातायात कनयंण अकधकािी औि कमान म ‘पयेक’ अकधकािी के तौि पि मकहलाएं काम कि रुकी ह।’ एनएआई शािा पि नौसेना के हकयाि औि गोला-बाद के ऑकडर एं आकलन की किममेदािी होती है। कमांडि ॉरियि ने कहा क राि मकहला अकधकारिय को ूरी पि तैनात ककए िाने से पहले उनकी रुकनंदा शािा म कशण कदया भारतीय मदहला ने इस वरा से लेकर राजनीदत तक तमाम े म अपने िमखम का लोहा मनवाया। इस मायने म 2017 िेश म आधी िुदनया के बिले पररशय का ऐदतहादसक तौर पर साी रहा है आधी िुदनया ने लहराया परचम सविेशी के दलए मर दमटे बाबू गेनू

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  • वर्ष-1 | अंक-52 | 11 - 17 दिसंबर 2017

    sulabhswachhbharat.com

    आरएनआई नंबर-DELHIN/2016/71597

    लौहपुरुर का अनुशासनसविेशी आंिोलन20

    सांगठदनक अनुशासन और एकजुटता के सरिार

    गेनू का बदलिानखुला पन्ा16

    इंदियन नेवी में पहली बार मदहला पायलट दनयुक्त हुई

    दनम्षला सीतारमण िेश की पहली पूण्षकादलक मदहला रक्ा मंत्ी बनीं

    हररयाणा की बेटी मानुरी दिल्लर ने जीता दमस वरि्ड का ताज

    खास बातें

    एसएसबी बयूरो

    अमेरिका की सर्वे संस्ा पीउ रिसर्च ने कुछ साल पहले अपनी एक रिपोर्ट में कहा ्ा कक 20र्ीं सदी के आकििी दशक से लेकि अब तक कितना दुकनया नहीं बदली है, उतनी दुकनया भि की मकहलाओं के िीर्न में बदलार् आया है। आि से सात-आठ दशक पहले मकहला सशक्तिकिण का िो र्ैक्विक संघर्च हुआ ्ा, र्ह आि कामयाबी के नए सफिनामा का नाम है। आधी दुकनया की किंदगी में सबसे जयादा बदलार् आया है कर्वि के उन कहससों में, िो लंबे समय तक

    कर्कास की मुखयधािा से बाहि िहे हैं। बात किें भाित की तो भाित में मकहला सशक्तिकिण के एक से एक सुलेि िाष्टीय आंदोलन के दौि में ही कलिे

    िा रुके ्े। आिादी के बाद इस कसलकसले के सा् सफलता के औि भी सर्कण्चम सग्च िुड़ते

    रले गए।देश के मौिूदा प्रधानमंत्ी

    मकहला सशक्तिकिण को कबलकुल नई निि से देिते हैं।

    र्े कहते हैं, ‘नािी सशक्तिकिण के कबना मानर्ता का कर्कास अधूिा है। र्ैसे अब यह मुद्ा र्ीमेन डेर्लपमेंर का नहीं िह गया, बक्लक र्ीमेन-लीड डेर्लपमेंर का है।’ प्रधानमंत्ी मोदी के ये कर्राि देश में सिकाि औि समाि के सति पि मकहलाओं की बढी भागीदािी औि सफलता के तौि पि निि आते हैं। प्रधानमंत्ी न कसफ्फ देश के कर्कास

    मदलक का दसताराकही अनकही30

    मनोज कुमार से भेंट ने बिल िी दकसमत

    पि पूिा धयान दे िहे हैं, बक्लक इस बात को भी महत्र् दे िहे हैं कक इसका ररित् समार्ेशी हो औि इसमें मकहलाओं की भूकमका अहम हो। शायद यही र्िह है कक आि भाित में मकहला प्रकतकनकधतर् को कई क्ेत्ों में सममानिनक पहरान कमली है।

    शुभांगी की उडानइंकडयन नेर्ी ने पहली बाि ककसी मकहला की कनयुक्ति पायलर पद के कलए की है। इस गौिर् को हाकसल किने र्ाली ऑकफसि का नाम है शुभांगी सर्रूप। शुभांगी अब आकाश की अनंत ऊंराइंयों में एयिक्ाफर उड़ाएंगी। शुभांगी सर्रूप मेिीराइम रिकानकायसंस कर्मान उड़ाएंगी। शुभांगी उत्ति प्रदेश की हैं। कर्मानों को उड़ाने को तमन्ा उनहें बरपन से ही ्ी। शुभांगी के अलार्ा नई कदल्ी की आस्ा, पुद्ुरेिी की रूपा औि केिल की शक्ति माया को नौसेना की नेर्ल आमा्चमेंर इंसपेकरोिेर (एनएआई) शािा में देश की पहली मकहला अकधकािी बनने का गौिर् हाकसल हुआ है।

    दकक्णी नेर्ल प्रर्तिा कमांडि श्ीधि र्ॉरियि ने बताया, ‘र्ैसे तो शुभांगी नौसेना में पहली पायलर हैं, लेककन नौसेना की एकर्एशन बांर में पहले भी र्ायु यातायात कनयंत्ण अकधकािी औि कर्मान में ‘पय्चर्ेक्क’ अकधकािी के तौि पि मकहलाएं काम कि रुकी हैं।’ एनएआई शािा पि नौसेना के हक्यािों औि गोला-बारूद के ऑकडर एर्ं आकलन की किममेदािी होती है। कमांडि र्ॉरियि ने कहा कक रािों मकहला अकधकारियों को ड्ूरी पि तैनात ककए िाने से पहले उनकी रुकनंदा शािाओं में प्रकशक्ण कदया

    भारतीय मदहलाओं ने इस वर्ष रक्ा से लेकर राजनीदत तक तमाम क्ेत्रों में अपने िमखम का लोहा मनवाया। इस मायने में 2017 िेश में आधी िुदनया

    के बिले पररदृशय का ऐदतहादसक तौर पर साक्ी रहा है

    आधी िदुनया न ेलहराया परचमसविेशी के दलए मर दमटे बाबू गेनू

  • 02 11 - 17 कदसंबि 2017आर्िण कथा

    िाएगा। शुभांगी को हैदिाबाद में र्ायु सेना अकादमी में प्रकशक्ण कदया िाएगा, िहां सेना, नौसेना औि र्ायु सेना के पायलरों को प्रकशक्ण कदया िाता है।

    दमग-21 उडाने का हौसलाइससे पहले देश में पहली बाि तीन मकहलाएं र्ायुसेना

    के लड़ाकू कर्मानों की पायलर बन रुकी हैं। अर्नी रतुर्वेदी, भार्ना कांत औि मोहना कसंह को सफल प्रकशक्ण के बाद कमीशन कदया गया। ये तीनों देश की पहली मकहलाएं हैं, किनहें र्ायुसेना के लड़ाकू कर्मानों के पायलर के तौि पि कमीशन कदया गया है। सभी बाधाओं को पाि कि भाितीय र्ायु सेना के इकतहास में अपना नाम दि्च किने र्ाली अर्नी, भार्ना औि मोहना को कना्चरक के कबदाि में तीसिे सति के प्रकशक्ण को पूिा किने के बाद अगले साल सुिोई औि तेिस िैसे लड़ाकू कर्मान उड़ाने कदए िाएंगे।

    भाितीय र्ायुसेना की पहली तीन मकहला फाइरि पायलर को सबसे पहले कमग-21 बाइसन कर्मानों को उड़ाने का मौका कमलेगा। इस र्र्च र्ायुसेना कदर्स के मौके पि एयि रीफ माश्चल बीएस धनोआ ने इसका एलान ककया औि कहा कक इन लड़ाकू कर्मानों को उड़ाने से मकहला फाइरि पायलरों के कौशल में कनिाि आएगा। एयि रीफ माश्चल ने कहा कक भाितीय र्ायुसेना की तीनों मकहला फाइरि पायलर ने अपना प्रकशक्ण काल लगभग पूिा कि

    कलया है। उनहें िलद ही लड़ाकू कर्मानों पि तैनाती दी िाएगी। तीनों मकहला पायलरों अर्कन रतुर्वेदी, भार्ना कंठ औि मोहना कसंह को सबसे पहले कमग-21 बाइसन कर्मानों के सक्ाड्टन में तैनात ककया िाएगा।

    मधय प्रदेश के सतना की िहने र्ाली अर्नी के परिर्ाि के सदसय सैनय अकधकािी हैं औि उसे इस लक्य को हाकसल किने के कलए सेना में भतती अपने भाई से प्रेिणा कमली। अर्नी हमेशा से उड़ना राहती ्ी औि इसीकलए र्ह अपने कॉलेि के फलाइंग क्लब में शाकमल हुईं। र्हीं, कबहाि के दिभंगा की िहने र्ाली भार्ना का बरपन से ही कर्मान उड़ाने का सपना ्ा। प्र्म सति का प्रकशक्ण पूिा किने के बाद भार्ना ने लड़ाकू श्ेणी को रुना। 'इंकडयन ऑयल कॉिपोिेशन' में अकधकािी की बेरी भार्ना का हमेशा से लड़ाकू पायलर बनने औि देश की सेर्ा किने का सपना ्ा। िािस्ान के झुंझुनु कनर्ासी मोहना के दादा 'एकर्एशन रिसर्च सेंरि' में फलाइर गनि ्े औि उनके कपता आईएएफ में र्ािंर अकधकािी हैं। अपने परिर्ाि की देश की सेर्ा किने र्ाली कर्िासत को आगे ले िाने के कलए मोहना काफी उतसाकहत हैं।

    पहली पूण्षकादलक मदहला रक्ा मंत्ीकनम्चला सीतािमण ऐसी पहली पूण्चकाकलक मकहला िक्ा मंत्ी बनी हैं, किनहोंने अतयंत रुनौकतयों औि

    संर्ेदनशीलता से भिे इस पद की कमान संभाली है। किस इकाई के कंधों पि देश की सीमाओं की सुिक्ा से िुड़े कदशाकनदवेशों का दाकयतर् हो, उसका प्रतयेक कनण्चय देश की अक्समता के कलए अतयकधक महतर् का होता है। कनम्चला सीतािमण ने इस कमान को पूिी सामरय्च औि साहस के सा् ्ामा है। कर्देश मंत्ी का पद ऐसे ही संर्ेदनशील पदों में से एक है, िहां पि पदासीन वयक्ति देश की छकर् औि नीकतयों का पूिे कर्वि में प्रकतकनकधतर् किता है। इस समय में यह क्स्कत औि भी कर्शेर इसीकलए भी हो िाती है, कयोंकक र्त्चमान में प्रधानमंत्ी निेंद्र मोदी के नेतृतर् में पूिे कर्वि में भाित एक नई पहरान के सा् सामने में आ िहा है। इस दाकयतर् को संभाल िही कर्देश मंत्ी सुरमा सर्िाि का अब तक का काय्चकाल यह कसद्ध किता है कक संर्ेदनशीलता, मानर्ीयता, तर्रित

    कनण्चय लेने की क्मता के मामले में उनका कोई िोि नहीं। इसके सा् ही यह भी िाकहि होता है कक कर्देश मंत्ी के रूप में उनका रुनार् प्रधानमंत्ी द्ािा कलया गया ककतना सूझ-बूझ औि दूिदकश्चता से भिा कनण्चय िहा है।

    सीसीएस में स्ान प्रधानमंत्ी निेंद्र मोदी के काय्चकाल में कलया गया एक औि कनण्चय महतर्पूण्च है। यह पहला ऐसा अर्सि है, िहां कैकबनेर कमेरी ऑन कसकयोरिरी (सीसीएस) में पहली बाि दो मकहला मंकत्यों को शाकमल ककया गया है। इस कमेरी में प्रधामंत्ी के अलार्ा कर्त्त मंत्ी, िक्ा मंत्ी औि कर्देश मंत्ी शाकमल होते हैं।

    कैदबनेट में 6 मदहलाएं

    कहंदी साकहतय की सशति हसताक्ि कृषणा सोबती को 53र्ां ज्ानपीठ पुिसकाि कदया िाएगा। सोबती को उनके उपनयास ‘किंदगीनामा’ के कलए र्र्च 1980 का साकहतय अकादमी पुिसकाि कमला ्ा। उनहें 1996 में अकादमी के उच्चतम सममान साकहतय अकादमी फेलोकशप से भी नर्ािा गया ्ा। इसके अलार्ा उनहें पद्मभूरण, वयास सममान, शलाका सममान से भी नर्ािा िा रुका है। उनहोंने अपने लेिन से कहंदी की कम से कम दो पीकढयों को िरनातमक संर्ेदना से िोड़ा है। उनके कालियी उपनयासों में ‘सूििमुिी अंधेिे के’, ‘कदलोदाकनश’, ‘किंदगीनामा’, ‘ऐ लड़की’, ‘समय सिगम’, ‘कमत्ो मििानी’, ‘िैनी मेहिबान कसंह’, ‘हम हशमत’,

    ‘बादलों के घेिे’ ने क्ा साकहतय को अप्रकतम तािगी औि सफूकत्च प्रदान की है। हाल में प्रकाकशत ‘बुद्ध का कमंडल लद्ाि’ औि ‘गुििात पाककसतान से गुििात कहंदुसतान’ भी उनके लेिन के उतकृष्ट उदाहिण हैं। 18 फिर्िी 1924 को गुििात (र्त्चमान पाककसतान) में िनमी सोबती साहसपूण्च िरनातमक अकभवयक्ति

    के कलए िानी िाती हैं। उनके िरनाकम्च में कनकभ्चकता, िुलापन औि भारागत प्रयोगशीलता सपष्ट परिलकक्त होती है। 1950 में कहानी ‘लामा’ से साकहक्तयक सफि शुरू किने र्ाली सोबती सत्ी की आिादी औि नयाय की पक्धि हैं। उनहोंने समय औि समाि को केंद्र में ििकि अपनी िरनाओं में एक युग को किया है।

    कई क्ेत्ों में उल्ेिनीय योगदान के कलए तीन लोगों र् एक संस्ा को इस साल के िमनालाल बिाि पुिसकाि से सममाकनत ककया गया। किन तीन लोगों को इस सममान से नर्ािा गया है, उनमें िािस्ान की िानी मानी सामाकिक काय्चकता्च शकश तयागी, कदल्ी की डॉ. प्रर्ीण नायि औि कफकलसतीन के डॉ. कियाद कमदूि र् छत्तीसगढ में काय्चित ‘िन सर्ासरय सहयोग’ नामक संस्ा को पुिसकाि सर्रूप प्रशक्सतपत् र् दस-दस लाि रुपए नकद कदए गए।

    मुंबई के एक पांर कसतािा होरल में आयोकित पुिसकाि समािोह में केंद्रीय कर्त्तमंत्ी अरुण िेरली ने यह पुिसकाि प्रदान ककए। सामाकिक काय्चकता्च तयागी को ग्ामीण इलाकों में िरनातमक काय्च के िरिए गांर्र्ालों के िीर्न में सुधाि लाने र् मकहला सशक्तिकिण के कलए यह पुिसकाि प्रदान ककया

    गया है। ‘सलाम बालक ट्रसर’ की प्रमुि डॉ. नायि को बेसहािा बच्चों के िीर्न को कनिािने के कलए यह सममान प्रदान ककया गया है। इस मौके पि सामाकिक काय्चकता्च तयागी ने कहा कक उनकी लगाताि मेहनत के रलते अब िािस्ान के ्ाि इलाके में र्ंकरत लोगों तक पानी र् दूसिी रीिे पहुंर पाई हैं। उनहोंने गिीब र् कपछड़े र्ग्च के

    घिों में पानी की रंककयां बनर्ाई, किसमें साल भि का पानी इकट्ा होता है। ग्ामीण कर्कास कर्ज्ान सकमकत (ग्ाकर्स) के माधयम से लोगों तक सर्ासरय सुकर्धाएं पहुंराने का काय्च ककया है। डॉ. तयागी ने कहा कक किस तिीके से ्ाि में पानी की समसया का समाधान ककया है, उसका इसतेमाल कि महािाष्ट के कर्दभ्च र् मिाठर्ाड़ा की पानी की ककल्त का भी समाधान संभर् है। उनहोंने बताया कक महािाष्ट की दो संस्ाएं उनके संपक्फ में हैं। कदलरसप है कक डॉ. नायि सट्रीर राइलड पि 1988 में अपनी कफलमकाि बेरी मीिा नायि द्ािा बनाई गई कफलम ‘सलाम बांबे’ से प्रेरित हो फुरपा्ों पि िीर्न बीताने र्ालों बच्चों के कलए काय्च किने लगीं। डॉ. नायि का कहना है कक इन बच्चों में प्रकतभा बहुत है, बस उसे कनिािने की िरूित है।

    कृषणा सोबती को ज्ानपीठ सममान बेसहरा बच्रों की मां िॉ. शदश नायरदहंिी की दिगगज क्ाकार कृषणा सोबती ने समय और समाज को केंद्र

    में रखकर अपनी रचनाओं में एक युग को दजया है‘सलाम बालक ट्रसट’ की प्रमुख िॉ. नायर को बेसहारा बच्रों के जीवन को

    दनखारने के दलए जमनालाल बजाज पुरसकार से सममादनत दकया गया

    नारी सशक्क्तकरण के दबना मानवता का दवकास अधूरा है। वैसे अब यह मुद्ा वीमेन िेवलपमेंट का नहीं रह गया, बक्रक वीमेन-लीि

    िेवलपमेंट का है – नरेंद्र मोिी

  • कडफेंस रिसर्च एंड कडर्ेलपमेंर ऑग्चनाइिेशन (डीआिडीओ) के एडर्ांस कससरम लेबोिेरिी की डायिेकरि रेसी ्ॉमस को देश की पहली कमसाइल र्ीमेन कहा िा िहा है। ‘अक््न पुत्ी’ के नाम से मशहूि रेसी भाित के कमसाइल प्रोिेक्टस की अगुआई किने र्ाली पहली मकहला हैं। पूर््च िाष्टपकत एपीिे अबदुल कलाम को कमसाइल मैन ऑफ इंकडया कहा िाता है। हाल में रेसी ने हैदिाबाद में आयोकित ्लोबल आंत्प्रेनयोि सकमर को भी संबोकधत ककया। इस सकमर में प्रधानमंत्ी निेंद्र मोदी औि अमेरिकी िाष्टपकत डोनालड ट्रंप की बेरी इर्ांका ट्रंप ने भी कहससा कलया ्ा।

    रेसी का िनम केिल के अलापपुझा में साल 1963 में हुआ ् ा। उनके कपता एक छोरे वयर्सायी ्े औि मां हाउस र्ाइफ ्ीं। उनहोंने कलीकर यूकनर्कस्चरी से इलेक्कट्रकल में बीरेक ककया है। इसके बाद पूना यूकनर्कस्चरी से एमई (गाइडेड कमसाइल) ककया। र्ह ऑपिेशंस मैनेिमेंर में एमबीए औि कमसाइल गाइडेंस में पीएरडी कि रुकी हैं। साल 1988 में डॉ रेसी ्ॉमस ने डीआिडीओ ज्ाइन ककया, िहां उनहोंने डॉ. एपीिे अबदुल कलाम के सा् काम ककया।

    रेसी बकलक्सरक कमसाइल की एकसपर्ट हैं। कबिनेसमैन आनंद मकहंद्रा कहते हैं कक रेसी को ककसी बॉलीर्ुड एकरि से जयादा मशहूि होना

    राकहए। भाित की 3500 ककमी तक माि किने र्ाली अक््न- 4 कमसाइल के सफल पिीक्ण के बाद से ही डॉ. रेसी ्ॉमस को अक््न पुत्ी के नाम से संबोकधत ककया िाने लगा ्ा। अक््न-2 से अक््न-5 तक के सभी संसकिणों को कर्ककसत किने में डॉ. रेसी ् ॉमस की महतर्पूण्च भूकमका िही है। ककसी संसकिण में इनहें अकससरेंर डायिेकरि तो ककसी में एसोकसएर डायिेकरि तो कभी एकडशनल डायिेकरि के रूप में काम किने का मौका कदया गया है औि अक््न -5 के संसकिण के कलए इनहें कमशन-डायिेकरि के रूप में काय्च किने का मौका कदया गया, किसे इनहोंने सफलता के सा् पूिा ककया है। अक््न कमसाइल परियोिना देश की एक बहुत बड़ी र्ैज्ाकनक परियोिना है, किसमे देश की दि्चनों प्रयोगशाला शाकमल है। इसमें एक हिाि से भी जयादा र्ैज्ाकनक शाकमल है।

    डॉ. ्ॉमस कभी काम से नहीं ्कने र्ाली र्ैज्ाकनक हैं। एक मकहला र्ैज्ाकनक होने के नाते ककसी भी प्रकाि की कर्शेर छूर या सुकर्धा का र्ह हि समय कर्िोध किती हैं। उनका मानना है कक कर्ज्ान में प्रकतभा सर््चश्ेष्ठ होती है, यहां कोई िेंडि कमिोि या मिबूत नहीं होता, बक्लक प्रकतभा ही उसे मिबूत बनाती है। 2013 में भुर्नेविि में आयोकित भाितीय कर्ज्ान कांग्ेस

    के अकधर्ेशन को संबोकधत किते हुए ततकालीन प्रधानमंत्ी मनमोहन कसंह ने डॉ. रेसी ्ॉमस को भाित की ‘र्ैज्ाकनक ितन’ की संज्ा देते हुए ही देश की मकहलाओं को कर्ज्ान के क्ेत् में आकि काम किने का आह्ान ककया ्ा। डॉ. रेसी ्ॉमस की तुलना उनहोंने नोबेल पुरुसकाि कर्िेता कर्िेता मैडम कयूिी से की ्ी। डॉ. रेसी ्ॉमस को अनेक पुिसकािों से सममाकनत ककया िा रुका है। डॉ. ्ॉमस एक का दूसिा रूप औि भी है। र्ह एक कुशल गृकहणी भी हैं, िब भी र्ह घि होती है तो कम से कम एक समय िुद िाना बनाती हैं।

    0311 - 17 कदसंबि 2017 आर्िण कथा

    प्रधानमंत्ी निेंद्र मोदी की कैकबनेर के 27 सदसयों में से 6 सदसय मकहलाएं हैं। देश की सर्तंत्ता प्राक्ति के बाद से यह पहला ऐसा अर्सि है, इतने बड़े सति पि मकहला सदसयों की भागीदािी सुकनक्चित की गई है। ये सदसय हैं- सुरमा सर्िाि, कनम्चला सीतािमण, मेनका गांधी, समृकत ईिानी, उमा भािती औि हिकसमित कौि बादल।

    नादवक सागर पररक्रमानाकर्क सागि परिक्मा नामक यह कमशन आईएलएसर्ी नौका तारिणी के द्ािा पूिा होगा औि इस कमशन पि कनकली हैं नौसेना की 6 साहस से भिी मकहला अकधकािी। इस कमशन से िुड़ी सभी सदसय मकहलाएं हैं। यह बहुत बड़े साहस का प्रमाण है। इस दल को प्रधानमंत्ी मोदी की शुभकामनाओं के रूप में उनका कर्विास प्राति है। इस दल का नेतृतर्

    लेक्फरनेंर कमांडि र्कत्चका िोशी कि िही हैं।

    एदशया कप हॉकी पर इस र्र्च भाितीय मकहला हॉकी रीम ने एकशया कप में शानदाि प्रदश्चन किते हुए फाइनल में रीन को 5-4 से हिाकि किताब अपने नाम कि कलया। इस िीत के सा् भाितीय रीम ने कर्वि कप 2018 के कलए भी क्ालीफाई कि कलया है। इस किताबी मुकाबले का फैसला शूरआउर से हुआ। इससे पहले मैर का कनधा्चरित समय ितम होने पि दोनों रीमें 1-1 से बिाबि ्ीं। भाितीय मकहला रीम का यह दूसिा एकशया कप किताब है।

    इससे पहले भाित ने 2004 में इस प्रकतक्ष्ठत किताब को अपने नाम ककया ्ा िब उसने िापान को 1-0 से मात दी ् ी। इस िीत के सा् ही भाितीय रीम ने 2009 में इस रून्चमेंर के किताबी मुकाबले में

    भारत की अक्गनपुत्ी िॉ. टेसी ्ॉमस‘अक्गन पुत्ी’ के नाम से मशहूर टेसी भारत के दमसाइल प्रोजेक्टस की अगुआई करने वाली पहली मदहला हैं

    रीन से कमली हाि का बदला भी रुका कलया।

    कामयाबी का सौंिय्ष17 साल के इंतिाि के बाद इस र्र्च भाित की मानुरी कछल्ि कमस र्लड्ट रुनी गईं। रीन के समुद्र तरीय शहि सानया में आयोकित कमस र्लड्ट प्रकतयोकगता में मानुरी ने किताब अपने नाम ककया। इससे पहले साल 2000 में कप्रयंका रोपड़ा कमस र्लड्ट बनी ्ीं।

    हरियाणा में पैदा हुईं 20 साल की मानुरी ने इससे पहले कमस इंकडया-र्लड्ट का किताब िीता ्ा।

    इस बाि कमस र्लड्ट प्रकतयोकगता में कुल 121 सुदंरियों ने भाग कलया। प्रकतयोकगता में कमस मैक्कसको एंकरिया मेिा दूसिे स्ान पि औि इं्लैंड की सरेफनी

    कहल तीसिे स्ान पि िहीं। कपछले साल अमेरिका के र्ॉकशंगरन डीसी में आयोकित कमस र्लड्ट प्रकतयोकगता में पयूततो रिको की सरेफनी डेल र्ेल कर्िेता बनी ्ीं। डेल ने मानुरी को कमस र्लड्ट का ताि पहनाया।

    मानुरी छठी भाितीय हैं, किनहोंने कमस र्लड्ट का किताब िीता है। 1966 में कमस र्लड्ट का किताब िीतने र्ाली पहली भाितीय मकहला िीता फारिया ्ीं। इसके बाद 1996 में ऐविया्च िाय, 1997 में डायना हेडन, 1999 में युतिा मुिी औि साल

    अक्गन- 4 दमसाइल के सफल परीक्ण के बाि से ही िॉ. टेसी ्ॉमस को अक्गन पुत्ी के नाम से संबोदधत दकया जाने लगा ्ा

    भाितीय मकहलाओं की सबलता औि सफलता आि पूिी दुकनया में देिी िा सकती है। उनहोंने हि क्ेत् में अपने उद्यम औि प्रकतबद्धता को साकबत ककया है। ऐसी ही उपलक्बध हाकसल किने र्ालों में नीरू रड्ा का नाम िुड़ गया है। संयुति िाष्ट में भाित को एक बड़ी उपलक्बध हाकसल किाते हुए अंतििाष्टीय लॉ एकसपर्ट नीरू रड्ा को इंरिनेशनल कट्रबयूनल फॉि द लॉ ऑफ द सी (आईरीएलओएस) की पहली भाितीय मकहला सदसय के रूप में रुना गया है। संयुति िाष्ट की यह नयाकयक इकाई समुद्र से िुड़े कानूनों पि फैसला किती है। र्ह 21 सदसयीय अदालत में स्ान पाने र्ाली पहली भाितीय मकहला नयायाधीश हैं। नीरू रड्ा प्रखयात र्कील हैं औि कर्देश मंत्ालय की रीफ लीगल एडर्ाइिि बनने र्ाली पहली भाितीय मकहला ् ीं। आईरीएलओएस में उनका रयन नौ सालों के कलए ककया गया है। आईरीएलओएस का गठन 1996 में ककया गया ्ा औि इसका केंद्र िम्चनी के हैमबग्च में हैं। नीरू रड्ा एकशया प्रशांत समूह से एकमात् उममीदर्ाि ्ीं, किनहें पहले दौि के मतदान में रुना गया। इस दौिान 168 देशों ने मतदान ककया। रड्ा को 120 र्ोर कमले, िो एकशया प्रशांत समूह में सबसे जयादा है। यह सफलता अंतििाष्टीय कानून के मामलों में भाित की र्ैक्विक क्स्कत की सिाहना एर्ं समुद्र संबंधी कानून से िुड़े समकालीन मामलों में र्ाता्चकाि एर्ं र्कील के तौि पि नीरू की कर्शेरज्ता को दशा्चता है।

    आईटीएलओएस में पहली भारतीय

    मदहलाअंतरराष्टीय लॉ एकसपट्ड नीरू चड्ा आईएलओएस की पहली भारतीय मदहला सिसय के रूप में चुनी गई हैं

    प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोिी के मंदत्मंिल के 27 सिसयरों में से 6 सिसय मदहलाएं हैं। िेश की सवतंत्ता प्राक्ति के बाि से यह पहला ऐसा अवसर है, जब सिन में

    इतने बडे सतर पर मदहला सिसयरों की भागीिारी सुदनक्चित की गई है

    नीरू चड्ा

  • कुछ उपलक्बधयां ऐसी होती हैं, िो हाकसल किने र्ाले के अपने िीर्न में ‘मील का पत्ि’ तो होती ही हैं, दूसिे लािों लोगों के कलए प्रेिणा का सबब भी बनती हैं। 25 र्रतीया तनुश्ी पािीक की उपलक्बध भी कुछ ऐसी ही है। र्ह सीमा सुिक्ा बल (बीएसएफ) के पांर दशक से जयादा के इकतहास में ‘कॉमबेर ऑकफसि’ बनने र्ाली पहली मकहला हैं। ‘कॉमबेर ऑकफसि’ यानी र्ह भाितीय सीमा की िक्ा में प्रतयक् योगदान देंगी औि िरूित पड़ी तो आमने-सामने दुशमनों से दो-दो हा् भी किेंगी।

    पिंपिागत रूप से सेना औि अध्चसैकनक बलों में मकहलाओं को फीलड में ड्ूरी पि नहीं ििा िाता, लेककन कपछले कुछ सालों से कनयमों में बदलार् कि मकहलाओं को फीलड में तैनात ककया िाने लगा है। अभी कुछ माह पहले ही 2016 में भाितीय र्ायुसेना ने तीन मकहलाओं को पहली बाि

    िेर फाइरि पायलर के रूप में रुना ्ा। िािस्ान के बीकानेि की तनुश्ी पािीक ने भी इस कसलकसले को आगे बढाते हुए इकतहास िरा है।

    र्त्चमान में ढाई लाि से जयादा क्मता र्ाले सीमा सुिक्ा बल की स्ापना 1965 में हुई ्ी, लेककन यहां मकहलाओं को ‘ऑपिेशन ड्ूरी’ के कलए आर्ेदन किने की अनुमकत 2013 में दी गई है। राि रिणों की ककठन भतती प्रकक्या का सामना किने के बाद तनुश्ी 2014 में बीएसएफ की पहली ‘मकहला अकससरेंर कमांडेंर’ के रूप में रुनी गईं। अपने सा् प्रकशक्ण प्राति किने र्ाले 67 प्रकशक्ु अकधकारियों की पाकसंग आउर पिेड का नेतृतर् भी 25 र्रतीया तनुश्ी ने ही ककया ्ा।

    अपनी इस उपलक्बध से उतसाकहत तनुश्ी का कहना ्ा, ‘मैं इतनी िोमांकरत ्ी कक पिेड के कलए मैंने िुद को दुगुने उतसाह के सा् तैयाि ककया। मुझे लगता है कक लड़ककयों को ककठन काययों में सकक्य रूप से कहससा लेने का समय आ गया है।’ उनकी पहली तैनाती पंिाब में भाित-पाककसतान सीमा पि होने र्ाली है। तनुश्ी ने आि इस मुकाम तक पहुंरने के कलए बहुत कड़ी मेहनत की है। 13 माह की बेहद कड़ी ट्रेकनंग के दौिान उनहोंने युद्ध कौशल, िुकफया सूरनाएं िुराने औि सीमा की सुिक्ा से िुड़े दूसिे काययों का प्रकशक्ण हाकसल ककया। अपनी रे्िकनंग के दौिान अपनी असाधािण उपलक्बधयों के कलए उनहोंने ‘करिल’, ‘ऑलिाउंड बेसर ट्रेनी’ औि ‘पक्बलक सपीककंग’ के तीन पुिसकाि भी हाकसल ककए। तनुश्ी का मानना है कक अगि किंदगी में कोई लक्य कनधा्चरित कि लें औि उसे हाकसल किने के कलए पूिी तिह िुर िाएं तो असंभर् कुछ नहीं हैं। उनका कहना है, ‘मेिा मानना है कक ककसी पि कनभ्चि मत होइए। अपनी किंदगी में अपना मुकाम हाकसल किके आदमी को िो िुशी होती है, उससे एक अलग प्रकाि का आतमकर्विास आता है।’ उनका मानना है कक सैनय बलों में िाने से िीर्न में अनुशासन आता है। इसमें कोई संदेह नहीं कक आि तनुश्ी

    भाित की बहुत सािी युर्कतयों के कलए िोल मॉडल बन रुकी हैं। बीएसएफ में

    तनुश्ी पािीक िैसी मकहलाओं के िाने से सीमा की सुिक्ा में कदन-िात तैनात इस सैनय बल की

    क्मताओं में कनक्चित रूप से इिाफा होगा।

    04 11 - 17 कदसंबि 2017आर्िण कथा2000 में कप्रयंका रोपड़ा ने यह किताब अपने नाम ककया ्ा। मानुरी के किताब िीतने के बाद भाित ने सबसे जयादा कमस र्लड्ट किताब िीतने र्ाले र्ेनेिुएला की बिाबिी कि ली है। प्रकतयोकगता के अंकतम पांर प्रकतभाकगयों में कमस इंकडया मानुरी कछल्ि, कमस मैक्कसको एंकरिया मेिा, कमस इं्लैंड सरेफनी कहल, कमस फांस ऑिोिे ककरकनन औि कमस केनया मेगलाइन िेरुरो शाकमल िहीं। प्रकतयोकगता के आकििी रिण में मानुरी से पूछा गया कक उनके कहसाब से कौन सा पेश सबसे जयादा तनखर्ाह देने

    के लायक है। इसके िर्ाब में उनहोंने कहा, ‘मेिा मानना है कक मां को सबसे जयादा सममान देना राकहए औि िब आप तनखर्ाह की बात किते हो तो यह कसफ्फ पैसों के कलए नहीं होता, बक्लक ककसी के प्रकत पयाि औि सममान है, िो आप उसे देते हो। मां मेिे कलए हमेशा से सबसे बड़ी प्रेिणास्ोत िही हैं।’ मानुरी आगे कहती हैं, ‘सभी माताएं अपने बच्चों के कलए बहुत सािी कुबा्चकनयां देती हैं। इसीकलए मेिा मानना है कक यह मां हैं किनहें सबसे जयादा तनखर्ाह कमलनी राकहए।’

    मानुरी मेकडकल सरूडेंर हैं औि मेकडकसन में स्ातक की पढाई कि िही हैं। उनका सपना काकड्टयक सि्चन बनकि ग्ामीण इलाकों में गैि लाभकािी असपतालों की श्ृंिला िोलना है। मानुरी को आउरडोि गेम पसंद है। र्ह सकक्य तौि पि पैिा्लाइकडंग, बंिी िंकपंग औि सकूबा डाइकर्ंग में भाग लेती हैं। मानुरी एक प्रकशकक्त शासत्ीय नृतयांगना भी हैं। उनहें सकेर बनाने औि करत्कािी किने का शौक है। किताब िीतने के बाद अपने आकधकारिक क्विरि हैंडल से मानुरी ने कलिा, ‘लगाताि पयाि बनाए ििने, सहयोग औि दुआएं देने के कलए सभी लोगों का शुकक्या। यह भाित के कलए है।’

    मानुरी के किताब िीतने पि प्रधानमंत्ी निेंद्र मोदी, हरियाणा के मुखयमंत्ी मनोहि लाल िट्टि बीएसएफ की मदहला कॉमबेट ऑदफसर

    25 वरषीया तनुश्ी पारीक बीएसएफ के पांच िशक से जयािा के इदतहास में ‘कॉमबेट ऑदफसर’ बनने वाली पहली मदहला हैं

    औि पूर््च कमस र्लड्ट र् अकभनेत्ी कप्रयंका रोपड़ा ने उनहें बधाई दी। सर्देश लौरने पि मानुरी कछल्ि

    ने प्रधानमंत्ी निेंद्र मोदी से मुलाकात की। मानुरी िब प्रधानमंत्ी मोदी से कमलीं तो उनहोंने प्रधानमंत्ी से अपनी भकर्षय की योिनाओं को लेकि भी ररा्च की। इस दौिान मानुरी का पूिा परिर्ाि भी सा् ्ा। इस मुलाकात के दौिान पीएम मोदी ने मानुरी कछल्ि की िमकि

    ढाई लाख से जयािा क्मता वाल ेबीएसफ की स्ापना 1965 में हुई ्ी, लदेकन यहां मदहलाओं को ‘ऑपरेशन ड्टूी’ के दलए आविेन करने की अनमुदत 2013 में िी गई है

    नीता अंबानी इस र्र्च अंतििाष्टीय ओकलंकपक सकमकत (आईओसी) की पहली भाितीय मकहला सदसय बन गईं। रियो में अंतििाष्टीय ओकलंकपक सकमकत की 129र्ें सममेलन में उनका रुनार् ककया गया। आईओसी सदसयों की भतती की सर्तंत् रयन प्रकक्या अपनाती है, िो ओलंकपक एिेंडा 2020 की कसफारिशों पि आधारित है। नीता अंबानी अपनी इस कामयाबी पि कहती हैं,

    ‘आईओसी द्ािा रुने िाने से मैं र्ासतर् में अकभभूत हूं। यह कर्वि सति पि भाित के बढते महतर् की पहरान है। यह भाितीय मकहलाओं की पहरान है।’ ओकलंकपक रार्टि औि आईओसी कनयमों के अनुसाि किस श्ेणी के तहत अंबानी के नाम पि कर्राि ककया गया, र्ह उन सर्यंसेर्कों के कलए है, िो आईओसी औि ओकलंकपक अकभयान का अपने देश में प्रकतकनकधतर् किेंगे। इस साल िून में आईओसी की काय्चकािी बोड्ट ने उनहें इस पद के कलए नाकमत ककया ्ा। भाितीय उद्योगपकत मुकेश अंबानी की पतनी नीता इस पद के कलए नामांककत होने र्ाली पहली भाितीय मकहला भी ्ीं। 52 र्रतीय नीता 70 र्र्च की उम्र तक इस पद पि बनी िहेंगी। सि दोिाबिी रारा आईओसी में भाित की प्रकतकनकधतर् किने र्ाले पहले भाितीय ्े।

    आईओसी की भारतीय मदहला सिसय52 वरषीय नीता अंबानी 70 वर्ष की

    उम्र तक इस पि पर बनी रहेंगी

    तलवारबाजी में सवण्ष पिक जीतने वाली भारत की पहली दखलाडी

    बन गई हैं भवानी िेवी

    भाित की भर्ानी देर्ी ने तलर्ािबािी में इस साल इकतहास िर कदया है। आईसलैंड के िेकिाकर्क में सर्ण्च िीतकि अब र्ह तलर्ािबािी में सर्ण्च पदक िीतने र्ाली भाित की

    पहली किलाड़ी बन गई हैं। उनहोंने आईसलैंड के िेकिाकर्क में हुई तुिनोई सेरेलाइर तलर्ािबािी रैंकपयनकशप में सर्ण्च पदक अपने नाम ककया। फाइनल मुकाबले में भर्ानी देर्ी ने ग्ेर कबरेन की सािा िेन हैमपसन को 15-13 से कशकसत दी। रेन्ई की इस मकहला तलर्ािबाि ने इससे पहले सेमीफाइनल मैर में कबरेन की ही एक अनय तलर्ािबाि िेकसका कोिबी को 15-11 से हिाया ्ा।

    िेश कीगोरिन गल्ष

    तनुश्ी पारीक

    नीता अंबानी

    भवानी िेवी

  • 0511 - 17 कदसंबि 2017 आर्िण कथा

    तािीफ की औि कहा कक ‘बेरी ने भाित का नाम िोशन ककया है।’ इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने अपने विीर में कलिा, ‘आि मानुरी कछल्ि औि उनके परिर्ाि से मुलाकात की। उनकी इस उपलक्बध पि मैं उनहें बधाई देता हूं।’ इस के बाद मानुरी ने भी विीर कि प्रधानमंत्ी मोदी को धनयर्ाद कदया औि कलिा, ‘आदिणीय प्रधानमंत्ी िी हमसे कमलने औि अपना समय देने के कलए धनयर्ाद।’

    अमेररका में प्रीत की धूमभाितर्ंशी प्रीत दीदबल अमेरिका की पहली कसि मकहला मेयि रुनी गई हैं। उनहें कैकलफोकन्चया के यूबा

    पहली बार चार हाईकोट्ड का

    नेतृतव मदहला जजरों के हा् मेंभारत के नयादयक इदतहास में पहली बार चार बडे और सबसे पुराने उच् नयायालयरों की दजममेिारी मदहला जजरों के दजममे है

    इंदिरा बनजषी मुखय नयायाधीश मद्रास हाईकोट्ड

    इस साल 31 मार्च को इंकदिा बनिती के मद्रास हाईकोर्ट का मुखय नयायाधीश बनने से पहले मुंबई, कदल्ी औि कोलकाता में मुखय नयायाधीश के पदों की किममेदािी मकहला िि कनभा िही हैं। 24 कसतमबि 1957 को िनमीं िक्सरस इंकदिा बनिती ने कलकत्ता यूकनर्कस्चरी कॉलेि ऑफ लॉ से कानून की कडग्ी हाकसल की। 1985 में उनहोंने र्कील के रूप में अपना करियि शुरू ककया औि 2002 में कलकत्ता हाईकोर्ट में पहली बाि उनहें स्ायी िि कनयुति ककया गया। अगसत 2016 में उनका कदल्ी हाईकोर्ट ट्रांसफि कि कदया गया औि कफि प्रोन्त किते हुए, मद्रास हाईकोर्ट का मुखय नयायाधीश बनाया गया। इंकदिा बनिती समेत मद्रास हाईकोर्ट में छह मकहला िि हैं, िबकक पुरुर ििों की संखया 53 है।

    मंजुला चेल्लूरमुखय नयायाधीश बांबे हाईकोट्ड

    कना्चरक के बेल्ािी में पांर कदसंबिि 1955 को िनमीं िक्सरस मंिुला रेल्ूि ने 1977 में लॉ की कडग्ी बेंगलुरू के िेनुकाराय्च लॉ कॉलेि से हाकसल की। िब 1978 में उनहोंने बेल्ािी में र्कालत शुरू की तो र्ो यहां र्ो पहली मकहला र्कील ्ीं। फिर्िी 2000 में र्ो कना्चरक हाईकोर्ट में िि कनयुति हुईं। र्ो यहां िि बनने र्ाली भी पहली मकहला ्ीं। इसी साल अगसत में उनहें अस्ायी िि बनाया गया। 2011 में उनहें केिल हाईकोर्ट का काय्चकािी मुखय नयायाधीश बनाया गया औि कफि 2012 में मुखय नयायाधीश के रूप में कनयुति हुईं। 2014 में िब र्ो कलकत्ता हाईकोर्ट की मुखय नयायाधीश बनीं तो र्ो यहां पहली मकहला मुखय नयायाधीश ्ीं। कपछले साल 22 अगसत को उनहें बांबे हाईकोर्ट का मुखय नयायाधीश बनाया गया।

    जक्सटस जी रोदहणी मुखय नयायधीश दिल्ली हाईकोट्ड

    आंध्र प्रदेश के कर्शािापत्तनम में 14 अप्रैल 1955 में पैदा हुईं िी िोकहणी कर्ज्ान की छात्ा िही हैं औि लॉ की कडग्ी हाकसल किने के बाद 1980 में हैदिाबाद हाईकोर्ट में र्कालत शुरू की। 1995 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में सिकािी र्कील के रूप में उनकी कनयुति हुई।

    2001 में आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट में एकडशनल िि बनीं औि इसके अगले साल उनहें स्ायी िि बनाया गया। दो साल पहले अप्रैल 2014 में र्ो कदल्ी हाईकोर्ट की मुखय नयायाधीश के रूप में कनयुति हुईं।

    यहां 35 पुरुर ििों के मुकाबले, मुखय नयायाधीश समेत कसफ्फ 9 मकहला िि हैं। यहां भी र्रिष्ठता क्म में नंबि दो पि मकहला िि िक्सरस गीता कमत्तल हैं।

    जक्सटस दनदशता महात्े मुखय नयायाधीश

    कलकत्ा हाईकोट्ड 1955 में िनमीं कनकशता महात्े ने अपनी शुरुआती पढाई पुणे से की। कर्ज्ान से स्ातक किने के बाद उनहोंने मुंबई के गर्न्चमेंर लॉ कॉलेि से लॉ की कडग्ी हाकसल की।

    बाि काउंकसल ऑफ महािाष्ट एंड गोर्ा के तहत उनहोंने बांबे हाईकोर्ट में 1978 में र्कालत शुरू की। 2001 में उनहें बांबे हाईकोर्ट में एकडशनल िि कनयुति ककया गया औि इसके दो साल बाद ही उनहें स्ायी िि बना कदया गया।

    2012 में उनहें कलकत्ता हाईकोर्ट का िि बनने के राि साल बाद कदसंबि 2016 में उनहें कलकत्ता हाईकोर्ट में काय्चकािी मुखय नयायधीश के पद पि कनयुति ककया गया।

    शहि का मेयि कनयुति ककया गया है। कैकलफोकन्चया कसरी काउंकसल ने इस पद के कलए उनहें सबसे यो्य उममीदर्ाि माना। प्रीत 2014 में युबा कसरी काउंकसल की सदसय बनी ्ीं औि कफलहाल कडपरी मेयि पद पि काकबि हैं। र्ह स्ातक तक पढाई किने र्ाली अपने परिर्ाि की पहली सदसय हैं।

    गौितलब है कक अमेरिका में कई कसि पुरुर पहले ही मेयि बन रुके हैं। कपछले महीने ही िकर् भल्ा को नयूिसती के होबोकन शहि का मेयि रुना गया ्ा। कसि संगत के ियदीप कसंह कहते हैं, ‘ककसी अपने िैसे औि समान धम्च र्ाले वयक्ति को इस देश में अहम पद पि देिना प्रेिणादायक औि

    उतसाहिनक है। यह कसलकसला िािी है।’ युबा शहि में कसिों की बड़ी आबादी है। एक अनुमान के मुताकबक अमेरिका में किीब पांर लाि कसि िहते हैं।

    िबरयूिबरयूिबरयूई में कदवतामकहला िेसलि ककर्ता देर्ी ने र्लड्ट िेसकलंग इंरिरेनमेंर के मकहला कर्ंग में स्ाेन बनाकि बड़ी उपलक्बध हाकसल की है। ककर्ता ऐसी पहली भाितीय मकहला हैं, किनहें डबलयूडबलयूडबलयूई में शाकमल होने का मौका कमला है। ककर्ता को मकहला कर्ंग में शाकमल किने की घोरणा डबलयूडबलयूडबलयूई

    रैक्मपयन किंदि महल ने की। ककर्ता देर्ी के बािे में महल ने कहा, ‘मैं डबलयूडबलयूडबलयूई की मकहला कर्ंग में ककर्ता का सर्ागत किता हूं। यहां उनके पास मौका है कक र्ह डबलयूडबलयूडबलयूई में भाित की ओि से रैंकपयन बन सकती हैं।’ गौितलब है कक सकूूली कदनों में कबड्ी िेलने र्ाली ककर्ता ने डबलयूडबलयूडबलयूई के हैर्ीर्ेर रैंकपयन 'द ग्ेर िली' से कोकरंग ली है।

    ककर्ता देर्ी कुछ समय पहले ही सूर-सलर्ाि औि रुन्ीक पहनकि िेसकलंग रिंग उतिी ्ीं। उस समय 34 साल की ककर्ता की फाइर का पहला कर्कडयो डबलयूडबलयूडबलयूई ने अपनी ऑकफशल

  • 06

    पृरर्ीा से लािों प्रकाश र्र्च दूि एक छोरा सा ग्ह है, किसे अब सकहकत कपंगली के नाम से िाना िाएगा। सकहकत ने कुछ ऐसा ककया कक सममान में ग्ह को उसका नाम कदया िा िहा है। 16 साल की सकहकत कपंगली बेंगलुरु में पढती हैं। सकहकत ने अपने शहि की एक झील को प्रदूकरत होने से बराने का नया उपाय िोि कनकाला है, किसके सममान में एमआईरी कलंकन लेबोिेरिी ने एक ग्ह को सकहकत का नाम दे कदया। एमआईरी

    को छोरे ग्हों के नामकिण किने का दिा्च कमला है। इससे पहले सकहकत इंरिनेशनल साइंस फेयि (आईएसईएफ) में शाकमल हुईं ्ीं। िहां अ््च एंड इनर्ॉयिमेंरल साइंस कैरेगिी में सकहकत को दूसिा पुिसकाि कमला, किससे िुश होकि

    एमआईरी ने सकहकत के नाम पि ग्ह का नाम ििने का कर्राि ककया।

    सकहकत ने एक एपलीकेशन डेर्लप ककया है, िो र्ॉरि रेक्सरंग के कलए डेरा इकट्ा किता है। यह मोबाइल बेसड एपप इलेकट्रॉकनक सेंसि पि काम किता है। किसकी मदद से र्ॉरि सैंपल के कफकिकल औि कैकमकल पैिामीरि को मापा िा सकता है। इस एप में कलि रिकगनाइिेशन औि मैकपंग सॉफरर्ेयि भी इनकबलर है।

    र्ेबसाइर पि रिलीि ककया ्ा। ककर्ता इस कर्कडयो में नयूिीलैंड की िेसलि डकोरा काई के सा् फाइर किती निि आईं। उनहों्ने कीर्ी िेसलि डकोरा का िोिदाि मुकाबला ककया ्ा।

    पररणीदत बनीं एंबेसिरबॉलीर्ुड अकभनेत्ी परिणीकत रोपड़ा ऑसट्रेकलयाई पय्चरन के कलए काम किने र्ाली पहली भाितीय मकहला एंबेसडि बन गई हैं। रूरििम ऑसट्रेकलया (रीए) के मुताकबक, ‘हाल ही में ऑसट्रेकलयाई पय्चरन को बढार्ा देने में योगदान के कलए ऑसट्रेकलयाई

    इस र्र्च अंतििाष्टीय मकहला कदर्स 2017 के अर्सि पि ततकालीन िाष्टपकत प्रणब मुििती ने 33 मकहलाओं को नािी शक्ति पुिसकाि से सममाकनत ककया। भाित सिकाि मकहलाओं की उपलक्बधयों औि योगदान के मद्ेनिि मकहलाओं औि संस्ानों को नािी शक्ति पुिसकाि प्रदान किती है। यह पुिसकाि उन नाकमत लोगों को प्रदान ककए िाते हैं, किनहोंने मकहला सशक्तिकिण के कलए काम ककया हो।

    'बेरी बराओ बेरी पढाओ' मुकहम के कलए िािस्ान को सर््चश्ेष्ठ िाजय के तौि पि रुना गया। मकहला एर्ं बाल कर्कास कर्भाग की ओि से बेरी बराओ-बेरी पढाओ योिना के बेहतिीन कक्यानर्यन में ककए गए बेहतिीन प्रयास र् नर्ाराि त्ा कलंगानुपात में सुधाि के कलए िािस्ान को सर््चश्ेष्ठ िाजय के रूप में रुना गया। ‘बेरी बराओ-बेरी पढाओ’ की मूल संकलपना भाित सिकाि के मकहला एर्ं बाल कर्कास कर्भाग

    के ततर्ाधान में पाली किले में संराकलत कमशन पूण्च शक्ति से ली गई है।

    ईसिो के महतर्ाकांक्ी 104 सेरेलाइर लांर में महतर्पूण्च भूकमका कनभाने र्ाली तीन मकहला साइंकरसर सुभा र्ेरियि, बी कोडायनाय्य औि अनट्टा सोननी को भी इस पुिसकाि से सममाकनत ककया गया। 20 साल की उम्र में डीिल ट्रेन रलाने र्ाली एकशया की पहली मकहला मुमताि कािी को भी पुिसकृत ककया गया।

    कुपोरण को लेकि िागरुकता फैलाने र्ाली मोरिसाइक्क्लसर पल्र्ी फौिदाि को नािी शक्ति पुिसकाि कदया गया। पक्चिम बंगाल की अनोयािा िातुन का नाम भी इस सूरी में शाकमल ्ा. 50 नाबाकलग बच्चों को शादी औि 85 बकच्चयों को तसकिी से बराने के कलए उनहें यह सममान कदया गया। पुिसकृत होने र्ालों की सूरी में देश की पहली ग्ाकफक नोर्ेकलसर अमरुता पाकरल का नाम भी शाकमल ्ा।

    नारी शक्क्त पुरसकार 33 मदहलाओं कोभारत सरकार मदहलाओं की उपलक्बधयरों और योगिान के मद्ेनजर मदहलाओं और संस्ानरों को नारी शक्क्त पुरसकार प्रिान करती है

    एक ग्रह को दमला सदहदत दपंगली का नाम

    सदहदत ने वॉटर टेक्सटंग एक एपलीेकेशन िेवलप दकया है। इसी बात पर खुश होकर एमआईटी दलंकन लेबोरेटरी ने एक ग्रह को सदहदत का नाम िे दिया है

    महा-र्ाकणजयदूत रोनी ह्ूबि ने परिणीकत को 'फेंड ऑफ ऑसट्रेकलया' (एफओए) बनाया है।’

    परिणीकत एफओए पैनल का कहससा बनने र्ाली पहली भाितीय मकहला एंबेसडि होंगी। परिणीकत से पहले प्रकसद्ध शेफ संिीर् कपूि औि कक्केर कमेंरेरि हरा्च भोगले भी भाितीयों को ऑसट्रेकलया घूमने िाने के कलए प्रोतसाकहत किने की इस भूकमका को कनभा रुके हैं। अपनी नई भूकमका में रोपड़ा ऑसट्रेकलया को एक पय्चरन गंतवय के रुप में प्ररारित किेंगी।

    लोकसभा की पहली मदहला महासदचवमधय प्रदेश काडि की र्रिष्ठ आईएएस अकधकािी स्ेहलता श्ीर्ासतर् लोकसभा की पहली मकहला महासकरर् बनी हैं। लोकसभा में यह पहला अर्सि होगा िब महासकरर् िैसे सर्तोच्च पद पि मकहला आसीन होंगी। यह भी कदलरसप संयोग है कक इस समय लोकसभा अधयक् भी मकहला हैं। हालांकक िाजयसभा में िमा देर्ी महासकरर् का पद संभाल रुकी हैं।

    गौितलब है कक र्र्च 1982 बैर की आईएएस श्ीर्ासतर् हाल ही में केंद सिकाि के नयाय कर्भाग के सकरर् पद से सेर्ाकनर्ृत हुई ्ीं। उनहें कर्त्त मंत्ालय औि नाबाड्ट में र्रिष्ठ पदों पि काय्च किने का अनुभर् है। उनका काय्चकाल 30 नर्ंबि 2018 तक का होगा।

    नवाबरों की शहर की मेयरउत्ति प्रदेश कनकाय रुनार् हि बाि से इति इस बाि कुछ िास मायने ििता है। इस रुनार् में नर्ाबों के शहि लिनऊ ने एक नया इकतहास बनाया है। किीब सौ साल बाद लिनऊ में मेयि के पद पि कोई मकहला आसीन हुई है। 1916 में उत्ति प्रदेश मयुकनकसपल एकर बनने के बाद नर्ाबों के शहि लिनऊ को इन 100 सालों में पहली बाि एक मेयि पद पि एक मकहला आसीन हुई। लिनऊ मेयि पद पि बीिेपी की संयुतिा भाकरया ने िीत दि्च की है।

    इस सीर पि बीिेपी, बीएसपी, एसपी, कांग्ेस आप सकहत सभी पाकर्टयों ने मकहला उममीदर्ाि िड़े ककए ्े। इसका कािण यह ्ा कक इस सीर को मकहलाओं के कलए आिकक् त कि कदया गया ्ा। ककसी भी मकहला की िीत एक रिकाड्ट ही बनता।

    इस वर्ष भारतीय मदहला हॉकी टीम ने एदशया कप में शानिार प्रिश्षन करते हुए फाइनल में चीन को 5-4 से हराकर दखताब अपने नाम कर दलया

    अनूठी कामयाबी का दशखरअरुणारल प्रदेश की कनर्ासी अंशू िामसेनपा ने इस र्र्च रिकॉड्ट पांरर्ीं बाि दुकनया की सबसे ऊंरी रोरी माउंर एर्िेसर पि रढाई कि एक नया इकतहास िरा है। र्ह ऐसा किने र्ाली पहली भाितीय मकहला पर््चतािोही हैं। इसके अलार्ा अंशू ने पांर कदनों के भीति दो बाि माउंर एर्िेसर की रढाई पूिी की। उनहोंने इससे पहले इसी साल 16 मई को दुकनया की सबसे ऊंरी रोरी की रढाई रौ्ी बाि पूिी की ्ी। दो बच्चों की मां अंशू ने मई 2011 में दो बाि माउंर एर्िेसर की रढाई की ्ी औि इसके बाद 18 मई 2013 को उनहोंने तीसिी बाि कफि इसे फतह ककया ्ा।

    11 - 17 कदसंबि 2017आर्िण कथा

  • 07मदहला दक्रकेटररों का िमखम

    भारतीय मदहला टीम के अब तक के सफर को िेखते हुए लग रहा है दक यह खेल को आगे ले जाने का दबरकुल सही समय है- झूलन गोसवामी

    एसएसबी बयूरो

    इस र्र्च भाितीय मकहला कक्केर रीम ने शानदाि प्रदश्चन ककया। कक्केर के ऐकतहाकसक लॉरस्च मैदान पि भाितीय रीम को कर्वि कप के फाइनल मुकाबले में मेिबान इं्लैंड रीम के हा्ों 9 िनों से हाि का सामना िरूि किना किना पड़ा। पि किस तिह से मकहला भाितीय कक्केर रीम ने पूिे कर्वि कप में बेहतिीन िेल कदिाया उससे उनहोंने सभी कक्केर प्रेकमयों का कदल िीत कलया। कर्वि कप में भाितीय रीम के फाइनल तक के सफि में अनुभर्ी तेि गेंदबाि झूलन गोसर्ामी ने अहम भूकमका कनभाई। मकहला कक्केर पि बयान देते हुए झूलन ने कहा, ‘भाितीय मकहला रीम के अब तक के सफि को देिते हुए लग िहा है कक यह िेल को आगे ले िाने का कबलकुल सही समय है।’

    फाइनल मुकाबले के बाद झूलन ने लंदन में मीकडया से बातरीत में कहा, ‘यह मकहला कक्केर में कनर्ेश किने का सही समय है।’ उनहोंने कहा, ‘मैं यहां से मकहला कक्केर में नया उदय देिती हूं। इस समय मकहला कक्केर सही िाह पि है औि यहां से एक नए सफि की शुरुआत होगी।’ झूलन ने कहा, ‘मैं मैर के बािे में बात नहीं किना राहती। हमें रािों ओि से सिाहाना कमल िही है, यह हमािे कलए अचछा अहसास है। लेककन अगि हम फाइनल िीत िाते तो बात अलग होती। हम किस तिह से फाइनल हािे, उससे हम दुिी हैं। अगली बाि हम अचछा किने की कोकशश किेंगे। इस रूना्चमेंर में सभी किलाकड़यों ने अचछा प्रदश्चन ककया औि सभी को अपने आप पि गर््च किना राकहए।’ आपको बता दें कक इं्लैंड के किलाफ फाइनल मुकाबले

    में बेहतिीन गेंदबािी का प्रदश्चन किते हुए झूलन ने 23 िन देकि तीन कर्केर ररकाए ्े, किसके कािण भाित ने इं्लैंड रीम को 228 िनों पि सात कर्केर पि ही सीकमत कि कदया ् ा। भाित के सामने िीत के कलए 229 िनों का लक्य ्ा लेककन पूिी रीम 219 के सकोि पि कसमर गई। िोमांरक मोड़ पि पहुंरे मुकाबले में भाित ने अपने 6 कर्केर कसफ्फ 23 िनों पि गंर्ा कदए किसके कािण रीम इंकडया को हाि का सामना किना पड़ा।

    पीएम मोिी की सराहनाप्रधानमंत्ी निेंद्र मोदी ने अपने िेकडयो काय्चक्म 'मन की बात' में भाितीय मकहला कक्केर रीम की सिाहना की। मोदी ने कहा कक भले ही मकहला रीम र्लड्ट कप फाइनल में हािी हो, लेककन उसने देशर्ाकसयों का कदल िीत कलया।

    प्रधानमंत्ी ने बताया कक र्लड्ट कप की समाक्ति के बाद, िब र्ो मकहला किलाकड़यों से कमले, तो उनहोंने कहा ्ा कक र्े अपने कदमाग से असफल होने की बात कनकाल दें। भले ही आपने मैर िीता हो या नहीं, आपने कनक्चित तौि पि देशर्ाकसयों का कदल िीत कलया। पीएम मोदी ने कहा, 'मैं उनके रेहिे पि तनार् देि सकता ् ा। मैंने कहा, ‘देकिए, यह मीकडया का युग है। इस कािण उममीदें इस सति पि पहुंर गई हैं कक अगि कोई पहले से तय सफलता हाकसल नहीं किता है, तो यह कनिाशा यहां तक कक असंतोर में तबदील हो िाती है।’

    इं्लैंड के हा्ों मकहला कर्वि कप फाइनल में हािने पि प्रधानमंत्ी निेंद्र मोदी मोदी ने क्विरि पि कलिा, ‘ हमािे कक्केरिों ने आि सर््चश्ेष्ठ प्रदश्