1400 - شبكة صيد الفوائد الاسلامية · सललाहो अलैहे व...

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हमम अलसयय म हम

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  • ۗ نَُّه ٱۡلَقََُّ لَُهۡم أ ٰ يَتََبيَّ نُفِسِهۡم َحتَّ

    َ) َسُنِيِهۡم َءاَيٰتَِنا ِف ٱٓأۡلفَاِق َوِفٓ أ

    ءٖ َشِهيٌد ٥٣ ( ِ َشٰۡ ُكّ نَُّهۥ َعَ

    ََو لَۡم يَۡكِف بَِرّبَِك أ

    َأ

    सरूए हामीम सज्ा-छटा रूकू

    अनवुा् : हम उनहें द्खाएंगे अपनी आयतें ्नुनया भर में और खु् उनके आपे में यहाँ

    तक कक उनपर खुल जाए कक बेशक वह हक़ है कया तमुहारे रब का हर चीज़ पर गवाह

    होना काफ़ी नहीं .

    “ शान्ार वजै्ाननक तथय जजसक़ी खबर 1400 साल पहले से अधिक कु़रआन और (मुहमम्,

    सललाहो अलहेै व सललम, क़ी ह्ीस) शरीफ ने ्ी है जजस समय ककसी को भी इस तरह के

    तथयों का थोडा सा भी ज्ान नहीं था कफर इसक़ी सचचाई और ववशवसनीयता क़ी पुज्ट करने

    के ललए आिनुनक वजै्ाननक खोजें आईं और यहीं से हज़रत (मुहमम्, सललाहो अलहेै व

    सललम) (सललललाहो अलदैह वसललम) के नबी और रसलू होना साबबत होता है “

    महुमम् अलसयय् महुमम्

    महुमम् अलसयय् महुमम्

    इस्लाम और आधुनिक विज्लाि की खोज

    “हज़रत मुहममद, सल्लाहो अ्हेै ि सल्म,अल्लाह के िबी और रसू् होिे के सबूत में”

  • 1

    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    इस्राभ औय आधनुनक विऻान की खोज

    “हज़यत भहुम्भद, सल्राहो अरहेै ि सल्रभ, अल्राह के नफी औय यसरू होने के सफूत भें”

    ऩेशकश: (भहुम्भद अल्सय्मद भहुम्भद)

  • 2

    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    ﴿ ُّۗ هىىر ٱۡۡلَق َۡم أ ًر َ َ ل َٰ يَتََبَّيى ًِۡم َحَّتى ِس هفر

    ََٰتَِوا ِِف ٱٓأۡلفَاِق َوِِفٓ أ ًِۡم َءاَي ِي َسُنر

    ًِيٌد ءٖ َش ِ ََشۡل َٰ كر ۥ لََعَ هىىر

    ََو لَۡم يَۡكِف بَِربلَِك أ

    َ ﴾٥٣أ

    सयूए हाभीभ सज्दा-छटा रूकू

    अनवुाद : हभ उन्हें ददखाएॊगे अऩनी आमतें दनुनमा बय भें औय ऽदु उनके आऩे भें महाॉ तक कक उनऩय खुर जाए कक फेशक वह ह़ है क्मा तमु्हाये यफ का हय चीज़ ऩय गवाह होना काफ़ी नह ॊ .

    “ शानदाय वऻैाननक तथ्म जजसक़ी खफय 1400 सार ऩहरे से अधधक ़ुयआन औय (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ, क़ी हद स) शय प ने द है जजस सभम ककसी को बी इस तयह के तथ्मों का थोडा सा बी ऻान नह ॊ था कपय इसक़ी सच्चाई औय ववश्वसनीमता क़ी ऩजुटि कयने के लरए आधनुनक वऻैाननक खोजें आईं औय मह ॊ से हज़यत (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ) (सल्रल्राहो अरदैह वसल्रभ) के नफी औय यसरू होना साबफत होता है ”

    ऩेशकश : (भहुम्भद अल्सय्मद भहुम्भद)

    अनिुाद : (भहुम्भद ज़ज़माउर ह़ ग़ाज़ी)

    https://quraninhindi.wordpress.com/2013/03/05/41-%e0%a4%b8%e0%a5%82%e0%a4%b0%e0%a4%8f-%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a5%80%e0%a4%ae-%e0%a4%b8%e0%a4%9c%e0%a5%8d%e0%a4%a6%e0%a4%be-%e0%a4%9b%e0%a4%9f%e0%a4%be-%e0%a4%b0%e0%a5%82%e0%a4%95%e0%a5%82/

  • 3

    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    विषम – सूची

    ऩरयचम 6

    इस्राभ का सदेंश 8

    (अल्राह, अज़्ज़ा ि जर) औय उसकी एकता भें विश्िास इस्राभ का सदेंश 10

    इस्राभ औय उसकी दाित: उसके नबफओ ंऔय यसरू ऩय ईभान, औय उनकी इज़्ज़त ि एहतयेाभ . 16

    इस्राभ औय विऻान के लरए उसका सदेंश 18

    अधोननक बफऻान कैसे एक सफतू औय दरीर हो सकती है, हभाये नफी ( सल्राहो अरहेै ि सल्रभ) का भसैेज सच्चा है. 22

    अधोननक बफऻान के फाये भें जो नोफेर ़ुयआन औय हभाये नफी (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै ि सल्रभ) ने १४०० सार ऩाहहरे फतामा है. 24

    आकाश 24

    चैरेंज (1)

    एशया कयत ेहुए: ज़जसके फाये भें ऩाहहर ेसे ही फतामा गमा है, ज़जसका इन्केशाफ़ अफ ककमा जा यहा है! 41

    चैरेंज (2)

    एशया कयत े हुए ज़जसके फाये भें ऩाहहर े से ही फतामा गमा है, ज़जसका इन्केशाफ़ अफ ककमा जा यहा है!

    43

  • 4

    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    चैरेंज (३)

    एशया कयत े हुए ज़जसके फाये भें ऩाहहर े से ही फतामा गमा है, ज़जसका इन्केशाफ़ अफ ककमा जा यहा है! 44

    बलूभ औय ऩिवत 45

    सभदु्र के फाये भें 51

    भनषु्म के फाये भें 57

    ऩश ुके फाये भें 69

    ऩछंी के फाये भें 70

    िनस्ऩनत के फाये भें 73

    १४०० से अधधक सार ऩहर,े (ऩवित्र ़ुयआन) औय आधनुनक िऻैाननक की खोजों के लरए उनके सकेंत के भाध्मभ से बविष्मिाणी (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै ि सल्रभ, की हदीस) के ज़रयमे की गमी है. 76

    (ऩवित्र ़ुयआन) औय बविष्मिाणी, (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै ि सल्रभ, की हदीस) के ज़रयमे, विलबन्न ऺेत्रों से िऻैाननकों के ननमभ. 78

    इस्राभी ननषधेाऻा औय मनूनिसवर आदेश, औय इसके ननहहताथव फीच भौजूद है, आधुननक विऻान द्िाया खोज औय अनरुूऩता. 85

    इस्राभीक ़ाननू औय आधनुनक िऻैान की खोज के फीच सफंधं. 87

    ऩगैफंय (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै ि सल्रभ) की बविष्मिाणी औय सदेंश के ननमभ औय सकेंत का उदाहयण, एक सकं्षऺप्त. 93

    उदाहयण: बविष्मद्िक्ताओ ं औय सदेंशिाहक की ओय से गिाही दी (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै ि सल्रभ) के फाये भें. 100

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    क्मों िोरोग इस्राभ धभव स्िीकाय ककम ेथ?े 102

    ननष्कषव के तौय ऩय 105

    एक सदेंश 106

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    ऩरयचम

    सफ खू ू़बफमाॉ (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) को जो भालरक साये जहान वारों का, आकाश औय ऩथृ्वी के ननभााता, अॊधेये औय प्रकाश का यचनाकाय, औय भैं गवाह देता हूॉ कक (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) के लसवाम कोई ऩयभेश्वय नह ॊ वह एक है उसका कोई साथी नह ॊ, औय भैं गवाह देता हूॉ कक हज़यत (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ) उसके फॊदे औय यसरू हैं, हे (अल्राह, अज़्ज़ा व जर), दरूद सराभती औय फयकत हो हज़यत (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ) ऩय जो सफ से आखय नफी औय यसरू हैं, औय दरूद सराभती औय फयकत हो उनक़ी ऩजननमों ऩय उनके घय के ऩववत्र सदस्मों ऩय उनके वप्रम साधथमों ऩय उनके भागादशान का ऩारन कयने वारों ऩय क़माभत के ददन तक उनक़ी सनु्नत ऩय अभर कयने वारों ऩय .

    इस्राभ के लसद्ाॊत औय उसके सॊदेश ऩय ववचाय कयने वारों ऩय ऩणूा सॊगतता से स्ऩटि हो जाता जो इस्रभ ने फमान ककमा है इस ेभानव स्वबाव औय साभान्म ऻान बी स्वीकाय कयता है

    हभ इस आसान सायाॊश अध्ममन भें इस्राभ भें ऻान औय लशऺा के भहनव ऩय ऩणूा ऩायदलशाता के साथ अधधक प्रकाश डारना चाहत ेहैं ताकक ऩाठक के लरए प्राभाणणकता से स्ऩटि हो जाए इस्राभ ने याटरों औय रोगों के ववलबन्न जीवन ऺेत्रों भें प्रगनत को ककतना भहनव ददमा है, इसके लरए ऻान औय लशऺा के भाध्मभ से ववलबन्न प्रकाय के ववऻान को शालभर ककमा औय वऻैाननक तथ्म का सॊकेत 1400 सार ऩहरे स ेअधधक ददमा जजस सभम ककसी को बी इस तयह के तथ्मों का थोडा सा बी ऻान नह ॊ था औय आधनुनक प्रौद्मोधगक़ी के ऩवूावती सफतू क़ी वास्तववकता मह है कक हज़यत (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ), (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) के नफी औय यसरू हैं.

    औय (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) सवाशजक्तभान क़ी भदद से इस आसान सायाॊश अध्ममन भें साक्ष्म औय ननदेलशका के साथ सॊक्षऺप्तता भें हवारा दूॊगा ताकक ककताफ रम्फी औय उफाऊ न हो,

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    औय भैं (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) सवाशजक्तभान से प्राथाना कयता हूॉ हभाये अच्छे कभों को स्वीकाय कये औय हभाये लरए उस े फढ़ाए औय हभाय उऩदेश से अऩने फन्दों का रृदम खोर दे औय मह अऩने फन्दों के भागादशान के लरए सफस ेअच्छा कायण फनाए, (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) सवाशजक्तभान इसका वर औय ऐसा कयने भें सऺभ है.

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    इस्राभ का संदेश

    मह ऩयभेश्वय के आदतों भें से है कक जफ भानव जानत अऩने ईश्वय के भागा से बिक जाता है नबफमों औय दतूों क़ी लशऺाओॊ से दयू हो जाता है औय जरूयत हद से फढ़ जाती है तो ऩयभेश्वय अऩने नबफमों औय दतूों को भानवता क़ी ओय बेजता है औय इसी कायन ऩयभशे्वय सवाशजक्तभान ने अॊनतभ नफी हज़यत (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ), को इस्राभ धभा के साथ बेजा जो कक स्वाबाववक धभा हैं, औय इसी ऩय ऩयभेश्वय ने अऩने फन्दों को ऩदैा ककमा, इस्राभ का अथा है : (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) के प्रनत सभऩाण, खदु को उसके हवारे कय देना औय (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) के आदेश के प्रनत उनतयदामी इस्राभ सबी के लरए एक सॊदेश के रूऩ भें आमा है ऩववत्र ववश्वासों के साथ एक एसे ऩयभेश्वय भें आस्था का सॊदेश जो एक है औय सफ का ननभााता है.

    इस्राभ नबफमों औय दतूों ऩय ईभान क़ी औय उनक़ी शानो शौकत फढ़ाने क़ी दावत देता है, भागादशाक प्राथानाओॊ औय सच्चे काननूों का ऩारन कयने क़ी दावत देता है लशऺा औय ववऻान क़ी औय जीवन के हये छेत्र भें भानवता क़ी उन्ननत क़ी दावत देता है अच्छे ननैतकता औय न्मामाधीश रेन-देन क़ी दावत देता है मह वजह है कक जजसका स्वबाव नेक औय शदु् है औय जजसक़ी फवुद् उधचत औय अच्छा है इस ेस्वीकाय कयता है.

    इस्राभ आमा अभन शाॊनत के लरए अनफुॊधों औय सभझौतों के सयुऺा के लरए ऩयोऩकाय के लरए उग्रवाद औय आतॊकवाद से दयू , इस्राभ को फदनाभ कयने के लरए तथाकधथत कुछ रोग इस ेअॊजाभ दे यहे हैं, जजसका इस्राभ से कोई ताल्रु़ नह ॊ है मह फात ददन क़ी योशनी क़ी तयह स्ऩटि है कक इस्राभ के दशु्भन इस्राभ क़ी छवव धलूभर कयने के लरए औय इसक़ी वास्तववकता बफगाडने के लरए उग्रवाद औय आतॊकवाद का हथकॊ डा अऩना यहे हैं.

    इस्राभ भें जो ववश्वास क़ी ऩववत्रता औय इफादत क़ी शदु्ता हैं वह हज़यत (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ) औय अहर ेसनु्नत के अनसुयण भें हैं उन दटुि सॊददग्ध सभदुामों से भकु्त जजसने इफादत भें पसाद कय यखा है औय इस्राभ से झूठा रयश्ता जोड यखा है इस्राभ भें इसक़ी कोई जगह नह ॊ ऩयन्त ुमदद वह हज़यत

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ), औय उनके साथी के यास्त े ऩे चरे जजन्हें (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) ने अऩने नफी के सभथान औय उनके सॊदेश के प्रसाय के लरए चुना आज जजस तयह इस्राभ चुनौनतमाॊ का साभना कय यहा है औय जो इस्राभ क़ी प्रकाश को लभिाना चाह यहे है.

    वह कबी सपर नह ॊ हो सकत,े भशुरयक़ीन शत्रओुॊ क़ी ईटमाा के फावजदू इस्राभ हभेशा प्रफर यहेगा प्रनमेक इॊसाफ ऩसॊद के साभने इस्राभ क़ी सदहटणतुा औय उसका उऩदेश जादहय है उसका ववश्वास क़ी ऩववत्रता इफादत क़ी शदु्ता औय अच्छा काननू नेक़ी का आदेश फयुाई से योकना, सवाशजक्तभान ईश्वय ने अऩनी ककताफ कुयआन भें हज़यत (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ) क़ी शान भें सच फयभामा:

    अनुवाद :वो उन्हें बराई का हुक्भ देगा औय फुयाई से भना फयभाएगा औय सुथय चीज़ें उनके लरमे हरार फयभाएगा गन्द चीज़ें उनऩय

    हयाभ कयेगा {157} सूयए अअयाफ – 19

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    (अल्राह, अज़्ज़ा ि जर) औय उसकी एकता भें विश्िास इस्राभ का

    संदेश

    इस्राभ एकेश्वयवाद का धभा है जो अऩने प्रब ु औय ननभााता का ऩरयचम कयवाने आमा है, उसक़ी भहान औय सनु्दय गणुों को फताने आमा है ऐसे प्रब ुभें ववश्वास के लरए आभॊबत्रत कयता है. जजसने इस दनुनमा को अबाव से अजस्तनव भें रामा औय वह (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) क़ी ऩाक ज़ात है तो अगय कोई नाजस्तक औय इनकाय कयने वारा मह कहत े हुए (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) के अजस्तनव से इनकाय कयता है :

    जो नजय नह ॊ आता इस ऩय ईभान नह ॊ औय हभ (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) को देख नह ॊ सकत ेतो उसका वजदू नह ॊ: तो आऩ इस फात का क्मा जवाफ देंग:े तभु अऩनी फवुद् नह ॊ देख सकत ेजो तमु्हाये लसय भें भौजूद है तभु अऩनी आनभा नह ॊ देख सकत ेजो तमु्हाये फीच भौजदू है, रेककन आऩ इन दोनो भें ववश्वास यखत ेहैं इस आसाय के अजस्तनव के आधाय ऩे जो इस फात ऩे सॊकेत देता है औय इसी तयह उसका उदाहयण आकषाण (Attraction) बी है इसके अरावा बी कई उदाहयण है जो बफन देखे (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) के अजस्तनव ऩय सॊकेत देता है इस तयह अनधगनत उदाहयण है जो उसक़ी एकता, प्रवाह क़ी ऺभता, ऻान क़ी भहानता गणु क़ी ऩणूाता ऩय सॊकेत देता है इसी तयह कई आसाय औय सॊकेत हैं जो इस ववश्व ननभााता के अजस्तनव ऩे तका है औय वह सजृटिकताा ऩयभेश्वय (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) क़ी ज़ात है.

    इस फात को वास्तववक रूऩ से स्ऩटि कयने के लरए भैं स्ऩटि कयना चाहूॊगा कक भनटुम फाहय ववशषेताओॊ औय आॊतरयक प्रणार से घिक भशीन घिक क़ी तयह है फजल्क भानव ककसी बी भशीन क़ी तरुना भें अधधक जदिर है मदद एक छोि भशीन क़ी फात कयें तो मह अऩने ननभााता क़ी लशऺाओॊ का भोहताज है जो इसे चराने का तय का फमान कयता है जो उसके उऩमोग का फेहतय ववधध फताता है ताकक भशीन ऺनतग्रस्त न हो जो इस फात का सफतू है कक कोई न कोई उसका फनाने वारा है औय फात मह ॊ तक खनभ नह ॊ होती फजल्क अगय हभ इसके फनाने वारे को नह ॊ देखत ेकपय बी हभ इस भशीन को चराने के लरए उसक़ी लशऺाओॊ

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    का ऩारन कयत ेहैं इसके शता औय तय के के साथ जो उसने फतामा है औय जफ भशीन के हवारे से मह फात है तो

    प्रश्न: भनटुम को ककसने फनामा - भनटुम के फाये भें हभें क्मा रगता है जोकक भशीन क़ी तरुना भें अधधक जदिर है क्मा मह अनदेुश औय भागादशान का जरूयतभॊद नह ॊ, भागादशान क़ी एक ककताफ जो उसके ननभााता द्वाया ननधाारयत ननमभों के अनसुाय भानव व्मवहाय फतात ेहो जीने का तय का फतात ेहो औय मह सजृटिकताा ऩयभेश्वय है तमु्हाये फाये भें अधधक जानता है क्मोंकक वह तमु्हाया ननभााता है.

    उनतय: जी हाॉ इस ककताफ क़ी जरूयत है जो इस ऩयभशे्वय क़ी उऩजस्थनत क़ी ऩजुटि कयता है, जो ननभााता औय सजृटिकताा है अऩने ननभााण का, मह (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) (सवाशजक्तभान) है जजसने अऩनी ऩववत्र ककताफ (कुयान) उताया वऩछर ेऩववत्र आसभानी ककताफों भें सफसे अॊत ककताफ जो भजभईू तोय ऩय भानव के भागादशान क़ी जरूयत औय ़माभत के ददन तक जीवन जीने का तय का है भनटुम इस ककताफ के बफना, उसके ननदेशों के अनऩुारन के बफना जो उसके ननभााता ने उस ेददमा है जॊगर दरयन्दा जानवय के तयह हो जाता है क्मोंकक वहाॉ काननू राग ूकयने वारा कोई नह ॊ होता भाॉ फेि औय फहन से भहयभ स े(जजसस ेशाद भना है ) शाद से योकने वारा कोई नह ॊ होता मह सफ इसलरए है क्मोंकक हभ अऩने प्रब ुक़ी लशऺा से दयू हैं.

    वह कौन सी चीज़ है जो दसूयों के साथ सच्चाई औय अभानत दाय से भाभर ेके लरए भजफयू कयती है झूठ धोखा औय ववश्वासघात से दयू यखती है औय अगय ककसी मजुक्त के लरए झठू धोखा औय ववश्वासघात कयता है मा ऩद सपरता औय रारच के लरए कयता है तो जादहय है.

    उसके ऩास उसके प्रब ुसे कोई ककताफ लशऺा औय ननदेश नह ॊ जो उस ेइस तयह के फयेु कभ से योके औय सज़ा दे जजस ददन सजृटिकताा ऩयभेश्वय से सफका दहसाफ होना है.

    वह ऩयभेश्वय जजसने दनुनमा को शनू्म से अजस्तनव भें लरमा औय जो भतृ को दहसाफ व ककताफ के लरए ऩनुजीववत कयेगा, भनटुम अगय उस ककताफ भें ववश्वास के बफना जजसे (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) ने इसके लरए खास क्मा है, उसके

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    लशऺाओॊ औय ननदेशों का ऩारन न कयत े हुए अच्छे आचयण को अऩनाता है, तो व्मवहाय औय जीवन जीने भें भनटुम जॊगर दरयन्दा जानवय क़ी तयह हो जाता है क्मोंकक मदद आऩ अऩने ननभााता के ननदेश का ऩारन नह ॊ कयत ेतो भाॉ मा फेि मा फहन औय उनके अरावा जजनस े से वववाह मा सॊबोग प्रनतफजन्धत है वववाह मा सॊबोग कयने भें योकने वार कोई चीज़ नह ॊ होती अगय सनम औय अभानत दाय से फात कयें कक आणखय वह कौन सी फात है जो इॊसान को इसके लरए भजफयू कयती है तो वह धोखाधडी औय ववश्वासघात है.

    जो ककसी ऩद मा ऩयुस्काय प्राप्त कयने के रारच भें कयता है क्मोंकक अऩने ननभााता के ननदेश का ऩारन नह ॊ कयता है क्मोंकक उस फयुाई औय अधोरोक (झठू फोरना, धोखाधडी ववश्वासघात औय अन्म फयुाई) से योकने वार फात (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) के तालरभात है जजसभें सजृटिकताा ऩयभेश्वय स े न्माम दे ददन प्राणणमों ऩय हय ऩाऩ का दॊड स्ऩटि है.

    मदद भनटुम अनदेुश ऩसु्तक जो उसके लरए ववशषे है भें आस्था के बफना अच्छी ववशषेताओॊ को अऩनाता है तो साॊसारयक स्वाथों भें स्वमॊ का ववयोधी होगा, इसलरमे इस्राभ भनटुम को स्वमॊ का ववयोध के णखराप ननभॊत्रण कयता है, औय उस आसभानी ककताफ ऩय ईभान राने के लरए ननभॊत्रण कयता है जो आस्भानी ऩसु्तकों भें सफस े आणखय ककताफ है जजसे कुयान कहा जाता है, जजसभें अऩने ननभााता से ननदेश औय भागादशान है, जो व्मजक्त औय सभदुाम के व्मवहाय को सभामोजजत कयता है औय सवाशजक्तभान आववटकायक ननभााता (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) ऩय ईभान राने के लरए ननभॊत्रण कयता है.

    इस्राभ सजृटिकताा ऩयभेश्वय क़ी एकता भें ववश्वास के लरए कहता है क्मोंकक मदद ऩयभेश्वय एक से अधधक होत ेतो उनभें भतबेद हो जाती औय आऩस भें एक दसूये ऩय नेतनृव के लरमे रडाई कय फठैत ेऔय (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) का साया ननभााण सभाप्त हो जाता आकाश औय ऩथृ्वी ऺनतग्रस्त हो जाती औय मे साय चीजें गॊतव्म नह ॊ इसलरए जरूय है कक ननभााता (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) एक हो औय मह सवाशजक्तभान (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) है। इसके अरावा जो भैं ने दशाामा है शदु् वजृनत औय तका सॊगत भन एक अकेरे ननभााता औय अद्ववतीम गणु ईश्वय को भानता है.

  • 13

    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    लभन्नतों के आवॊिन , (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) क़ी इफादत औय आदेश के अनऩुारन केवर एक ईश्वय के लरए होना चादहए अन्मथा फॊदे कहाॊ जाएॉगे जफ ऩयभेश्वय के आदेश खुद आऩस भें िकयाता हो औय एक दसूये से अरग हो, तो गय फ फन्दा ककसका आदेश भाने औय ककसका आदेश का ऩारन कये मदद इनभें से ककसी एक का आदेश भाने तो दसूये क़ी अवऻा होगी औय उसके दण्ड का ऩात्र होगा, इसलरए इस्राभ ननभॊत्रण कयता है इस धभा के सभथान का जजसे शदु् वजृनत औय तका सॊगत भन स्वीकाय कयता हो इस्राभ ननभॊत्रण कयता है सजृटिकताा ऩयभेश्वय क़ी एकता का औय वह (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) सवाशजक्तभान है औय (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) सवाशजक्तभान का अलबन्न दहस्सा नह ॊ हो सकता न कोई उसका लभस्र औय ना ह प्रनतबागी हो सकता है वह सवाशजक्तभान न ककसी का वऩता है औय न उसका कोई ऩतु्र है.

    स्वच्छ औय तका सॊगतभ नस्वीकाय नह ॊ कयत े भशरूभ (प्रसवक़ीऩननीकेरूऩभेंसभायोह) उसक़ी सजृटिकताा ऩयभेश्वय रेनेके लरए, मह (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) प्रजाऩनत (सीऔयओरा) क़ीएकता धायणा कई देवताओॊक़ीओयजाताहै, औयनह ॊ हैक्मोंकक मा फच्च,े भानवद्वाया मददरेने केलरए, सजृटिकताा ऩयभेश्वय औय एकफेिाहै.

    उस रडके क़ी ददव्मता भें ववश्वा सकयने के लरए नेतनृवककमाहै, कक वह, अऩने वऩता के गणुों के भतुाबफ़ होगा क्मोंकक, देवनव, औय कहा कक इसतयह क़ी धायणा कई सवारों क़ी ओय जाताहै (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) को मह इनकाय कयने वारा है कक इसभें कोई शक नह ॊ है).

    ननन्दा, उदाहयणकेलरए:

    क्मा दसूये औय तीसये रेनेके लरए एक रडके से एक फेिा है, ( महाॊतक कक एक फाय ऩहर)े सेलरमा गमाहै, जो (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) कोयो कताहै ... तो, औय उसके फाद तो बववटम भें प्रचुय भात्राभें है, औय कई देवताओॊ उनके व्मॊ जनों देवनवहै, औय मालरमाजासकताहै?? एक फेिा ऩहरेसे ह द्ववतीम, ततृीम ... भानव (जजन).

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    मा भनटुमों क़ी तरुना भें अन्म प्राणणमों के अरावा अन्म प्राणणमों के लरए औय वे तो भानव जानत औय जजन्न (स्वगादतूों) के रयॊग भें देखयेख औय कय यहे हैं जो जजन्न बी देवनव वऩता के अऩने गणु है

    औय मह (abounded) गमा है औय अनत प्राचीन कार से कई देवताओॊ वहाॉ थे??

    क्मा देवनव के अऩने गणुों फन गमा है? जो (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) का एक फेिा है, जजसे लरमा गमा है, औय फतामा गमा था, जो इस रडके को योकता है?

    अऩने वऩता के गणुों, अन्म दसूये से ... उस ेदो मा तीन रडके रे यहा है, औय उसके फाद इन रडकों का व्मॊ जाने रेत ेहैं!?

    उनके वऩता औय केवर देवनव औय इतने कयने के लरए उनके व्मॊजनों हो जाता है ??

    कोई सॊदेह नह ॊ है, इस तयह क़ी धायणा, ऩहर े से कह ॊ ज्मादा अन्म अनतक्रभण ककसी के द्वाया स्वीकाय नह ॊ ककमा जाता है, जो देवताओॊ क़ी फहुरता का भानना है कक सयुाग नह ॊ है, मह सच है ताकका क ददभाग.

    औय मह बी, मदद भनटुम हैं, जो अऩने प्राणणमों भें से एक है, साथ (ईसाई धभा द्वाया दावा के रूऩ भें) भानव प्रकृनत के देवता हैं, मे क्मों स्वीकाय नह ॊ?.

    (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) बी वऩछर े एक औय अन्म भानव प्राणणमों के प्राणणमों (जजन) मा जो वे कय यहा है, उसके साथ अन्म प्रकृनत ऩडा है.

    भानव जानत क़ी उनऩजनत औय जजन्न (स्वगादतूों) के प्रमोजन मा (भें अन्म प्राणणमों भें से एक के साथ अन्म प्रकृनत है ?.

    वताभान) औय जो उनके फाये भें कुछ बी ऩता नह ॊ है मा जीव के साथ स्वबाव औय (बववटम भें) अन्म छववमों ?.

    औय कपय राजजभी है औय देवताओॊ क़ी फहुरता है, उसके प्राणणमों के साथ उनह कक प्रकृनत के हैं, औय (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) क़ी छववमों का दावा है, औय इससे ऩहर ेकक उधचत कयने के लरए बी ववऩय त था, (ईसाई) धभा का दावा के रूऩ भें तीन (ईसाई धभा के दावों के रूऩ कक अऩने ह (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) (3)

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    स्वबाव औय उनभें से तस्वीयें ऩयभेश्वय के ऩतु्र क़ी ! भानव प्रकृनत) औय इस तयह एक ववश्वास चार क़ी स्वीकृनत, अॊत भें होने के लरए इसी तयह के ऩहर ेहै.

    9 ... आदद) के कई अरग-अरग स्वबाव औय धचत्रों के देवता का 0.8 भें दावा, 7.6, साथ देवताओॊ के रूऩ भें अन्म प्राणणमों के साथ (5.4.

    मह प्रनमेक सॊख्मा भें अऩने स्वमॊ के व्मजक्तगत के स्वतॊत्र कक्रमा को व्मक्त कयता है जो इस सॊख्मा (क़ी इच्छा ऩय आनभ-ननबाय कयता है कक अॊतननदार म), एक अनॊत (1) ककसी (एक (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) के फयाफय सॊख्मा), औय उधचत औय से फेहोश आवश्मक तो ववऩय त है.

    कोई सॊदेह नह ॊ है इस तयह के ववश्वास (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) के ऩऺ भें कपि नह ॊ है कक भान्मताओॊ क़ी एक अनॊत सॊख्मा को सवाशजक्तभान क़ी ओय जाता है, कक वहाॉ है, औय देवताओॊ क़ी फहुरता औय न शदु् वजृनत औय भन से स्वीकाय नह ॊ ककमा जाता है, जो (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) प्रजाऩनत, क़ी एकता के लरए अॊत भें होता है) है, जो कोई ऊॊ चा सह अक़्र वारा?! जजसने ऩहर ेववऻान, कुयान प्रकाय से कयने का आह्वान ककमा औय ऩगैॊफय (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ) ملسو هيلع هللا ىلص के आदेश लशऺा याटर है.

    धभाशास्त्र (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) के शब्दों भें के रूऩ भें (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) सवाशजक्तभान ननभााता क़ी एकता: ( कोई (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) नह ॊ है, रेककन (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) ऩता है कक वहाॉ है ) (सयूत (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ) :19(

    َحٌد ﴿َر أ ٌَ ٱَّللى َمدر ١كرۡل ير ر ٱلصى ََلۡ ٢ٱَّللى ٣لَۡم يَِِلۡ َولَۡم يٌر

    ُۢ َحدرًٌَا أ فر رۥ كر ن َّلى ﴾٤َولَۡم يَكر

    (सयूा इख्रास 1-4)

    इसलरए, इस्राभ (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) भें ववश्वास कयने के लरए फरुा, जो स्ऩटि भन के साथ असॊगत नह ॊ है, जो प्रकृनत का एक धभा है., प्रजाऩनत औय एकता, जो (अल्राह, अज़्ज़ा व जर)

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    इस्राभ औय उसकी दाित: उसके नबफओं औय यसूर ऩय ईभान, औय

    उनकी इज़्ज़त ि एहतेयाभ .

    इस्राभ नबफमों ऩय ववश्वास, औय (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) ऩणूाांकों के दतूों फरुा आमा, औय वे उनभें से उसक़ी यचना कयने के लरए आदेश, औय योक ऩरयमोजनाओॊ, औय उसके ननभााण क़ी लशऺाओॊ ऩय अभर कयने के लरए उनका जन्भ हुआ था, औय दाहने हाथ उठामा गमा है, उस ेसधूचत कयने के लरए (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) से कय यहे हैं, क्मोंकक अऩने उऩकयणों के लरए उनके बाग्म भें ववृद्.

    हभ महूद धभा (मीश ु भसीह) - शाॊनत क़ी बववटमवाणी उन ऩय हो- खॊडन ककमा है ऩात ेहैं, जजसभें एक सभम भें, उन्होंने कहा फदसयूत शब्द (जहाॊ महूद ईसा भसीह,) व्मलबचाय से इस्राभ का जन्भ ऐसे फयुाई से दोषभकु्त दावा ककमा, कक कहने के लरए आमा था, रेककन मह बी क़ीस भात्रा फढ़ जाती है!

    औय प्ररेयतों क़ी ऩहर सॊकल्ऩ क़ी वह सवाशजक्तभान ईश्वय से, नफी को बेजा जाएगा औय वह (शाॊनत उस ऩय हो) एक भखुबफय (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) क़ी तयप से.

    वह नबफमों औय, (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) के नफी के सफ फन्दे के लरए हैं (महूद औय ईसाई) धभा अनऩुात ऩामा, जजसभें एक सभम भें उनके साथ गरती क़ी हैं, औय उनस ेतडक यहे हैं!

    उनके बाग्म औय उसक़ी बववटमवाणी के आयोऩों के फावजूद उनके व्मवसाम भें कोई कभी है, औय आयोऩी क़ी ऩहचान के लरए रॊगय डार,े हभ इस्राभ केवर धभा है, रगता है कक इस तयह के दोष औय ब्रह्भ फदसयूत औय वे (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) द्वाया चुना जाता है क्मोंकक महाॊ तक कक अऩने उऩकयणों के बाग्म उठाना, अऩने रोगों के सधूचत कयने औय उन्हें उनके लरए एक योर भॉडर एक अच्छा उदाहयण औय एक योर भॉडर हो जाने के लरए.

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    औय हभें कयने के लरए बजे ददमा है जो मह भॉडर:

    उस ेवह वजन था कक उस ेकयने के लरए, न केवर उस ऩय अनऩुात शयाफ ऩीने ऩय हभ (महूद औय ईसाई) धभा हारून (फछड ेके रूऩ भें एक फतु पोिोग्रापय) फछड ेक़ी इफादत! ऩगैॊफय (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) के लरए जजम्भदेाय ठहयामा गमा है, कक रगता है अनऩुात (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) शाॊनत के फहुत साये नफी के लरए ककमा.

    मह (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) क़ी नबफमों औय फेवपाई के दतूों औय एक प्रभखु ऩाऩों कक (degrades) के लरए (महूद औय ईसाई) धभा दोनों का अनऩुात है!

    उनके बाग्म औय उनके व्मवसाम भें डार ददमा है, औय क्मा उन्हें एक योर भॉडर नह ॊ है? औय सजृटिकताा ऩयभेश्वय के थोक कयने के लरए अनकुयणीम औय उदाहयण के द्वाया, औय महाॊ तक कक गार -गरौज क़ी तयह, ओरा औय कपय मह उन्हें उस ेसधूचत कयने के लरए उन्हें ऩता चरा, औय अनकुयणीम औय ऩर जो उन रोगों के लरए एक अच्छा ववकल्ऩ नह ॊ था क्मोंकक.

    हभाया इस्राभ सफ (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) के नबफमों औय ऐसी फदसयूत औय अववश्वास औय फहुदेववाद, के दतूों से आमा रगता है, रेककन मह बी (सवाशजक्तभान कपय उन्हें अच्छे योर भॉडर हैं औय सफसे अच्छा योर भॉडर औय इस तयह के उदाहयण के द्वाया, औय िािय सजृटिकताा ऩयभेश्वय फनाता है.

    औय के फाये भें) ऊॊ चा क्मा नकुसान औय नबफमों औय दतूों के लरए एक फयुा ववकल्ऩ से नसु्खा तडक, औय सवाशजक्तभान सुॊदयता के सबी रऺण है कक नबफमों औय प्रेषक का उधचत चमन सदहत सह नसु्खा.

    इसलरए, इस्राभ कॉर भें से एक सफ नफी औय (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) के यसरू औय अऩने उऩकयणों के लरए अऩने बाग्म के उठाने भें ववश्वास कयने के लरए आमा है.

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    इस्राभ औय विऻान के लरए उसका संदेश

    इस्राभ रोग को एकेश्वयवाद नयू फहुदेव वाद के अॊधेये से, औय भनूत ा इफादत से, अॊधकाय से प्रकाश को फाहय आने के लरए आमा था.

    औय एक (अल्राह, अज़्ज़ा व जर), रोगों को सनम औय न्माम क़ी योशनी पैराने, के लरए उनऩीडन, अन्माम औय अनमाचाय के अॊधेये से फाहय राने, औय दान ऻान के प्रकाश के रूऩ भें अऻानता, औय भ्रभ के अॊधेये से फाहय रोगों के लरए तो उसके यास्त े भें चरत े हैं, औय उन्ननत औय ऩरयटकाय जीवन के सबी ऩहरओुॊ भें भानवता।

    औय एक फमान कक: एक ननशानी है, कक नबफमों औय (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ), ऩय (अल्राह, अज़्ज़ा व जर), द्वाया ऩता चरा ऩहर फात ऩववत्र (कुयान) से.

    (फनामा है जो फा सेभी (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) के रूऩ भें ऩढ़ा ऩयभेश्वय, सवाशजक्तभान) [कुयान, अर अऱ: 1]

    ़ुयआन का शब्द है, एक उसके फाद, औय कपय अऩने याटर क़ी इस प्रारूऩ औय ऩगैॊफय भोहम्भद ملسو هيلع هللا ىلص का दानमनव जाना जाता है, ऩढ़ने के ववलबन्न ऺेत्रों भें ववऻान

    औय ऻान के लरए है. तो औय कुयान कक ऩहर फात मह है, कक ववलबन्न प्रकाय औय ववलबन्न ऺते्रों

    के साभान्म भें एक ववऻान है, आग्रह ककमा.

    इसके अरावा, कुयान, न केवर ध्वज के लरए फरुा यह है, औय केवर उस ेजोय ददमा, रेककन डब्ल्म ूअधधक औय सॊच ऩय फरुामा

    (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) के शब्दों भें ववऻान के रूऩ भें,﴾زِۡدِن عِلۡم ا ١١٤ ِ ﴿....وَكرل رىبل[ताहा: 114], ऩैगॊफय औय फाध्मकाय जो एक प्रारूऩ उसके फाद (अल्राह, अज़्ज़ा व जर), इसके अरावा साभान्म भें ववऻान क़ी ऩढ़ाई, औय सॊग्रह कयने के लरए उऩाम कयने के लरए, औय कपय अऩने याटर क़ी (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ), अधधक से न लसपा क्मा पामदा हुआ है, औय सीखा है, औय है, कक भानव जीवन क़ी अवधध के

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    दौयान, औय फात डब्ल्म ू क्मा मह इस फात क़ी ऩजुटि क़ी गई है ,जजसभें उन्होंने द्वाया सनुाई (औय जो जजसके भाध्मभ से (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) स्वगा कयने के लरए आसान तय का है क़ी तराश के लरए)

    (कहा, ऩगैॊफय (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ) भजुस्रभ], कक ववऻान का सॊग्रह है - (अल्राह, अज़्ज़ा व जर), क़ी सॊतजुटि के लरए कायणों भें से एक साभान्म ननमभ के रूऩ भें - अच्छे ववश्वास क़ी हारत, औय सवाशजक्तभान औय कपय आशीवााद (धन्म औय ऊॊ चा), एक स्वगा क़ी सबा जीतने के लरए).

    एक भहनवऩणूा सवार: क्मों ववऻान के लरए इस्राभ कहता है, औय उसस ेआग्रह ककमा, वह चाहता ककमा है?

    इस सवार का जवाफ ननम्नलरणखत भें उजल्रणखत है:

    १- (अल्राह,अज़्ज़ाव जर) फयभाता है :

    "औय ऻान ददमा गमा है, जो उन रोगों को क्मा अऩने प्रब ुसे आऩ को ऩता चरा है हो सकता है भें ऊॊ चा ऩथ, सबी प्रशॊसा के भालरक को सच्चाई औय गाइड है कक देखत ेहैं।” [कुयान, सफा ': 6]

    कौन सा भतरफ मह है, कक भानव जानत को इस्राभ के लरए कहा जाता है? औय ऻान प्राप्त कय यहा है औय ऻान वारे रोगों जैसा फनने के लरए उनस े(सच्चा औय इस ऩय अलबनम) प्रोनसादहत ककमा है, जजसके अनुसाय काभ ककमा है, औय अऩनी ऻान के खुद को वॊधचत है, जफकक उसक़ी फुवद् का सफसे अच्छा उऩमोग ककए गए हैं, उसेक़ी ओय एक ईभानदाय इयादे के साथ, (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) से इनाभ क़ी आशॊका) इच्छाओॊ औय फाध्मकाय हठ, अज़्ज़ा व जर है, वह तो (ऩववत्र ़ुयआन) के सॊदेश क़ी सच्चाई को लसद् कयन े वार सफूतों औय साक्ष्मों को देखना होगा, औय मह सच है कक (अल्राह, अज़्ज़ा व जर),) है, जजसनकेक, अज़्ज़ा व जर, सीधे यास्त ेऩय भानव जानत के लरए एक भागादशान के रूऩ भें क़ी यऺा कयने क़ी कसभ खाई है.

    2- औय मह बी कक (अल्राह, अज़्ज़ा व जर), के शब्दों क़ी: "मह केवर (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) को डय है कक उसका दास के फीच ऻान है जो उन रोगों के लरए है ...” {पा तय 28}.

  • 20

    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    कौन सा है, ऻान का अथा है मे? - औय उसके पर - इस्राभ हालसर कयने के लरए हभें प्रोनसादहत कयती है जो इस प्रकाय है: (अल्राह, अज़्ज़ा व जर), का डय है, औय कहा कक (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) के सॊकेत, आशीवााद औय एहसान के ऻान के भाध्मभ से होता है.

    भानव जानत, (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) के रऺण ऩहचानने, (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) द्वाया उस ेद गई उसक़ी फवुद् का सफसे अच्छा उऩमोग ककए गए तो, अगय ऻान के भाध्मभ से.

    तो मह (अल्राह, अज़्ज़ा व जर), प्रजाऩनत क़ी ऺभता क़ी अनगार भें ववश्वास कयने के लरए उस े नेतनृव कयेंग,े उसके आववटकाय क़ी भौलरकता औय (अल्राह, अज़्ज़ा व जर), के अजस्तनव भें उसक़ी ननजश्चतता भें ऊॊ चा प्रजाऩनत औय, उनक़ी एकता उस ेफढ़ यह है, इसके फाये भें उनका सि क ननटऩादन.

    भतरफ: अऩने सबी धचन्ह औय चभनकाय के साथ इस ब्रह्भाॊड का (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) शानदाय प्रजाऩनत केवर ... मह बी शालभर है कक एक उनके अनगार ऺभता भें ववशषे औय अद्ववतीम (अल्राह, अज़्ज़ा व जर), अऩने पैसर ेक़ी ऩणूाता, औय अऩने ऻान का ववस्ताय औय सबी हो है, औय इतने ऩय औय आगे ठीक है उनक़ी, अज़्ज़ा व जर, अगय वहाॉ थे औय अधधक एक (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) से प्रजाऩनत, भतबेद औय असभानताओॊ उबयेगा, औय एक दसूये ऩय ह ऩदोन्नत, औय आकाश होगा, क्मोंकक औय कय यहे हैं कक ऩणूा औय सुॊदय ववशषेताओॊ से ऩथृ्वी फफााद हो जाएगा.

    इसके अरावा, ऻान होने औय एक क़ी फवुद् का सफस ेअच्छा इस्तभेार कय यह है, (अल्राह, अज़्ज़ा व जर), कयने के लरए ववनम्रता औय प्रस्ततु कयने भें भानव जानत फढ़ जाती है, औय कयने के लरए, सभऩाण औय उनके आदेश के अनऩुारन के ऊॊ चा: उनके आदेश औय उनक़ी योक से ऩयहेज से फॊधे; उसक़ी आऻाकारयता को गनतभान औय उनक़ी अवऻा ऩयहेज; उनक़ी दमा औय उसक़ी सजा के डय के लरए तयस; औय उन्होंने कहा, उनक़ी ऩववत्र, ववनम्र औय प्रस्ततु का वादा ककमा जो उनक़ी खुशी औय स्वगा, कभाने क़ी उम्भीद कयता है.

    औय, अतीत क़ी वास्तव भें कई भजुस्रभ ववद्वानों (उन ऺेत्रों भें ववशषेऻों के रूऩ भें) कई महाॉ तक कक हभाये वताभान मगु कयने के लरए ववलबन्न ववऻान के

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    लरए मोगदान चभक फनामा है, इन ववद्वानों औय, उनके आधुननक वऻैाननक मोगदान के कुछ उदाहयण:

    डॉक्टय अहभद हसन जुिेर, (ख 26 फ़यियी 1946।): यसामन शास्त्र जजसभें उन्होंने अऩने शोध के लरए 1999 भें (यसामन) ववऻान भें ऩयुस्काय प्राप्त कयने वार े(कैलरपोननामा) प्रौद्मोधगक़ी सॊस्थान, सॊमकु्त याज्म (अभय का), एक लभस्र यसामनऻ, यसामन ववऻान औय बौनतक ववऻान के प्रोपेसय जानकाय के, यासामननक प्रकक्रमा के दौयान देखा जासकता है, कक इस तयह के "femtosecond," कहा जाता है सभम क़ी यालश भें रेजय फीभ क़ी तस्वीय क़ी जासकती है, कक एक भाइक्रोस्कोऩ का आववटकाय ककमा.

    औय भहनवऩणूा फात मह उल्रेख कयने के लरए: "ऩढ़ें !," ऩहर े के आदेश प्राप्त हुआ है औय हो गमा था, जो भसुरभानों को इस्राभ के लरए कहता है औय उबाडता है, (अल्राह, अज़्ज़ा व जर), कहता है क़ी, भाध्मभ प्रोनसादहत कयती है, कक ऻान प्राप्त कयने क़ी ददशा भें अऩनी ऊजाा औय ऺभताओॊ का ननदेशन नह ॊ कय यहे हैं लसपा इसलरए कक ऩीछा ककमा, औय इस्राभ औय उसके सॊदेश दोषी हैं. इसका भतरफ मह नह ॊ है कक उसक़ी धन्म! साथ ह उसके फाद उसके याटर से (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ) , द्वाया ऩय काभ ककमा.

    फजल्क, दोष इस्राभ ऩय औय आगे के लरए कहता है, औय उबाडता प्रोनसादहत कयता है, औय कहा कक ऻान के साथ ननम्नलरणखत के भाभर े भें (ववलबन्न वऻैाननक ऺते्रों भें उन ववशषेऻों) आरसी औय राऩयवाह था जो कोई उस ऩय ऩयू तयह से है!.

    इस्राभ अच्छा है, औय क्मा मह कयने के लरए आदेश, लसवाम इसके कक भानव जानत को ववकलसत कयने क़ी ददशा भें एक ऩथ, का सझुाव है औय इस ेकयने के लरए फतामा नह ॊ ककमा!?

    औय मह एक फयुाई क़ी ओय यास्त ेऔय मह क्मा मह ननवषद् है, औय इसके णखराप चेतावनी द है, लसवाम इसके कक धगयावि औय प्रनतगभन भानव जानत के लरए औय अऩने भलू्मों, लसद्ाॊतों औय ननैतकता को फढ़ावा लभरेगा!?.

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    अधोननक बफऻान कैसे एक सफूत औय दरीर हो सकती है, हभाये नफी

    ( सल्राहो अरैहे ि सल्रभ) का भैसेज सच्चा है.

    इस खॊड के प्रश्नों का उनतय देने के लरए, हभ स्ऩटि कयना चाहत ेहैं:

    हभ स्ऩटि रूऩ से अबी फकु कयें, (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ), का सच बाषण, औय वह (अल्राह, अज़्ज़ा व जर), के फाये भें हभें सधूचत ककमा है क़ी सच्चाई मह है, कक उस ेकयने के लरए आभॊबत्रत ककमा - (ऩववत्र ़ुयआन) - तो मह है, कक वह नफी औय यसरू (सल्राहो अरहेै व सल्रभ) थे, कक उनके सॊदेश औय प्रनतऻान भें ववश्वास जरूय है.

    वास्तव भें वह ".

    कू्रय, बयोसेभॊद एक" उऩनाभ औय ककमा गमा था कक इस तयह के (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ) अच्छी तयह से अऩने रडकऩन के फाद से उसक़ी सनमता औय ववश्वसनीमता के लरए जाना जाता था, नफी, उस ेऔय ़ुयैश के जजर ेववश्वालसमों से अऩने सॊदेश भें ननदेलशत आक्राभकता के फावजूद, वे सफ उसक़ी सच्चाई औय ववश्वसनीमता के लरए गवाह द .

    1400 से अधधक सार ऩहर,े (ऩववत्र ़ुयआन) औय सचभचु आदशा हद सों क़ी फात क़ी थी औय ब्रह्भाॊड के फाये भें औय साथ ह कोई बी इस तयह के भाभरों के फाये भें थोडा सा बी ऻान था जफ एक सभम भें ववऻान के सबी ऺेत्रों, हभें सधूचत ककमा.

    आधनुनक तकनीक़ी ववऻान इस जानकाय क़ी सि कता क़ी हद तक क़ी खोज कयने के लरए आ गमा है। तो, क्मा (ऩववत्र ़ुयआन) क़ी सि कता हभ भें से है, औय क्मा सचभचु आदशा हद सों ऩय छुआ सधूचत है - हार ह भें जफ तक नह ॊ क़ी खोज क़ी अद्भतु वऻैाननक तथ्मों से - वऻैाननक दृजटि से तो सवार फने हुए हैं, साबफत कय यहे हैं:

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    मह अनदेखी के फाये भें इस तयह के तथ्मों क़ी (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ), को सधूचत ककमा है कक कौन है? औय मह कोई एक क़ी थोडी सी बी ऻान था कक, उस ेइन साइॊसेज (सबी ऺेत्रों) लसखामा है, औय मह कायण है कक कौन है?.

    जवाफ है जजसके लरए कोई ववकल्ऩ नह ॊ है: (अल्राह, अज़्ज़ा व जर), अनदेखी के फाये भें इस तयह के तथ्मों (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ) सधूचत कयने वारे एक अऩने अनगार ऺभता औय सह ऻान है औय क्मा मह बी शालभर है के द्वाया वणणात अनदेखी के ऻान, के ऩास जो एक है। वह वास्तव भें, यहस्मोद्घािन से जुडा आकाश के ननभााता औय से लसखामा गमा था कक एक वसीमतनाभा औय सफतू के रूऩ भें सेवा कयने के लरए अऩने अॊनतभ ऩगैॊफय (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ), के उसके ऩास से एक का सभथान ककमा गमा था (उस ेइस ऻान देने) ऩथृ्वी: (अल्राह, अज़्ज़ा व जर).

    इसलरए, इस तयह से, आधनुनक वऻैाननक खोजों (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ), एक नफी औय यसरू थे, कक एक वसीमतनाभा औय सफतू के रूऩ भें सेवा कयत ेहैं.

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    अधोननक बफऻान के फाये भें जो नोफेर ़ुयआन औय हभाये नफी

    (भुहम्भद, सल्राहो अरैहे ि सल्रभ) ने १४०० सार ऩाहहरे फतामा है.

    (ऩववत्र ़ुयआन) औय सचभचु आदशा हद सों के फाये भें सधूचत ककमा औय आकाश, ऩथृ्वी, ऩहाडों, सभदु्रों, भानवता, ऩशओुॊ, ऩक्षऺमों औय ऩौधों के ववषम भें अद्भतु वऻैाननक तथ्मों कयने के लरए सॊकेत। मह 1400 से अधधक सार ऩहर ेक़ी फात है - एक सभम भें कोई बी इस तयह के तथ्मों के फाये भें थोडा सा बी ऻान था। तो कपय आधुननक ववऻान केवर उन तथ्मों क़ी सच्चाई औय शदु्ता क़ी खोज कयने के लरए, अऩने उन्नत प्रौद्मोधगक़ी के साथ आमा था.

    (ऩववत्र ़ुयआन) औय सचभचु आदशा हद सों के फाये भें फतामा औय सॊकेत है कक वऻैाननक तथ्मों के फीच से:

    आकाश 1- (अल्राह,अज़्ज़ाव जर) फयभाता है: "औय जजस ककसी (अल्राह, अज़्ज़ा व

    जर) भागादशान कयने के लरए चाहा, वह इस्राभ के लरए अऩने स्तन खोरता है, औय जजस ककसी वह बिक बेजने के लरए चाहा, वह ... उसके स्तन फॊद कय ददमा औय कहा कक वह आसभान तक चढ़ यहा है, भानो, कसना फनाता है"

    [कुयान, अर अनआभ : 125]

    ऩरयबाषाएॊ:

    - "उसके स्तन फॊद": अथा, उसक़ी छाती के कायण श्वसन प्रणार भें गडफडी औय अननमलभतता के लरए, तॊग औय व्माऩक नह ॊ है औय ववशार है.

    - "कसना": जजसका अथा है, फेहद तॊग. - "चढ़ाई": अथा, कदठनाई औय फाधा के साथ आयोह .

    इस भहान (ऩववत्र ़ुयआन) (अल्राह, अज़्ज़ा व जर), के यास्त े से बिका कयने वारे व्मजक्त के फाये भें फात कयता है; औय उन्होंने कहा कक उनक़ी चढ़ाई क़ी कदठनाई से ऩीडडत है, आकाश भें चढ़ना कयने के लरए कोलशश कयता है जो एक तयह, एक फेहद तॊग हारत भें अऩने सीने से प्रस्ततु कयना है कक इस तयह इस

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    दनुनमा भें उस ऩय (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) के अधधकाय के फाये भें.

    इसलरए, (ऩववत्र ़ुयआन) आकाश क़ी ओय चढ़ता है, जो एक क़ी हारत के फाये भें हभें फतात ेहैं, औय वह कायण (अल्राह,अज़्ज़ाव जर) फयभाता है, से अशाॊनत औय स्ऩटि उनक़ी श्वसन प्रणार क़ी अननमलभतता, छाती के चयभ तॊगी से ग्रस्त है कक, "फॊद कय ददमा औय कसना "औय उनका कहा," चढ़ाई".

    आधनुनक ववऻान वामभुॊडर के ऊऩय स्तयों क़ी ओय आयोह , जफकक हवा के दफाव भें एक फूॊद साॊस रनेे भें छाती औय कदठनाई भें जकडन क़ी बावना का कायण फनता है, जो होती है कक खोज क़ी है.

    इस से, कोई बी इस तयह के तथ्मों का थोडा सा बी ऻान था जफ इस भहान (़ुयआन), एक सभम भें 1400 से अधधक सार ऩहर ेकयने के लरए सॊकेत है कक इस अद्भतु वऻैाननक तथ्म क़ी सच्चाई है, भें स्ऩटि कय ददमा, एक अबतूऩवूा, सॊक्षऺप्त धचत्रण के भाध्मभ से स्ऩटि हो जाता है इस (ऩववत्र ़ुयआन) भें केवर तीन शब्द.

    इन शब्दों को अऩने सीने तॊग औय कसना है, कक आकाश क़ी ओय आयोह एक क़ी हारत का वणान है कक, "तॊग औय कॊ स्रक्शन" दो शब्द हैं से.

    "चढ़ाई" तीसय शब्द, एक आयोह क्मोंकक वह हवा के दफाव भें बाय धगयावि से सदा उसका क्मा उदगभ भें कदठनाई ऩाता है फजल्क उदगभ आसान नह ॊ है, जो इॊधगत कयता है, जो अयफी बाषा भें एक पाभा ऩय रे जाता है.

    ऩत्र क़ी बी अऩनी ऩसॊद (ऩववत्र ़ुयआन), के शब्दों भें कैस े सि क औय सावधानीऩवूाक है, कक ?! इसलरए मह (ऩववत्र ़ुयआन) (अल्राह, अज़्ज़ा व जर), के बाषण है कक इस तथ्म के गवाह के रूऩ भें कामा कयता है.

    2- (अल्राह,अज़्ज़ाव जर) फयभाता है:

    "औय उनके लरए एक सॊकेत है कक हभ वे अॊधेये भें हैं, ददन उधय से वाऩस रेने, औय ननहायना, यात है। औय समूा (ननमकु्त) एक अवधध के लरए अऩने ननधाारयत ऩाठ्मक्रभ ऩय चरता है। मह कायण है कक सबी ताकतवय, सबी क़ी जानकाय के पयभान है.

    औय चॊद्रभा, हभ मह भकान (ऩाय कयने के लरए) मह ऩयुाने सखूे घभुावदाय ताय ख डॊठर क़ी तयह रौिने तक के लरए भाऩा है.मह चॊद्रभा से आगे ननकर कयने

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    के लरए समूा के लरए नह ॊ है, औय न ह यात ददन आगे फढ़ना होता है। वे सबी एक कऺा भें, प्रनमेक तयैने रगत ेहैं".

    [कुयान, मासीन: 37-40]

    ऩरयबाषाएॊ:

    - "कऺा": अथा, गनत क़ी एक ऩरयऩत्र आकाय का ऩथ.

    - "वे सफ फ्रोि": ऩानी भें एक तयैाक के रूऩ भें, अॊतरयऺ भें एक ननमॊबत्रत, धचकनी औय आसान तय के से साथ चरत ेहैं.

    यात औय ददन इसक़ी सतह ऩय एक दसूये के सपर होने के रूऩ भें इन भहान छॊद, ऩथृ्वी ऩय एक गलबात सॊकेत के साथ यात औय (ऩहर ऩववत्र ़ुयआन कय भ भें) ददन के फाये भें फात कयत ेहैं। कपय, छॊद (दसूय ऩववत्र ़ुयआन कय भ भें) सयूज के फाये भें फात कयत ेहैं; तफ (तीसय ऩववत्र ़ुयआन कय भ भें) चॊद्रभा के फाये भें; वे "सबी नाव उनके कहने भें स्ऩटि है के रूऩ भें तो चौथी ऩववत्र ़ुयआन कय भ, (ऩववत्र ़ुयआन) फहुवचन तनाव भें आ गमा है कक इस तयह समूा औय चॊद्रभा के साथ ह यात औय कुर लभराकय (ऩथृ्वी के लरए देखें), जो ददन के फाये भें फोरती है, "जो कभ से कभ 3 (समूा, चॊद्रभा औय ऩथृ्वी) है, फहुवचन तनाव भें जो इॊधगत कयता है.

    सॊदबा लसपा समूा औय चॊद्रभा के लरए ककमा गमा था, तो शब्द का इस्तभेार ककमा दोहये तनाव भें इॊधगत कयता है जो "वे दोनों," हो गमा होता। हाराॊकक शब्द का इस्तभेार ककमा है कक हभ (समूा, चॊद्रभा औय ऩथृ्वी) के रूऩ भें फतामा, फहुवचन जो इॊधगत कयता है ", वे सफ 'था.

    इन भहान छॊद सयूज, चाॉद औय लसताये के फाये भें फात क़ी थी, के फाद वे समूा, चॊद्रभा औय ऩथृ्वी के फाये भें दो अद्भतु औय जुड ेवऻैाननक तथ्मों का उल्रखे। वो हैं:

    A- उनक़ी फात भें तीन (समूा, चॊद्रभा औय ऩथृ्वी) भें से प्रनमेक के आॊदोरन का उल्रखे के भाध्मभ से अॊतरयऺ भें ऩथृ्वी के आॊदोरन,: "। वे एक कऺा भें सबी नाव, प्रनमेक" उस के शीषा ऩय, ऩववत्र ़ुयआन कय भ चयभ ववस्ताय के साथ इस आॊदोरन का वणान , औय मह लसपा उन्होंने कहा के रूऩ भें ऩानी भें एक तयैाक,

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    इस्लाम और आधुनिक विज्ञाि की खोज

    साथ आसानी से ग्राइड होता है के रूऩ भें एक ननमॊबत्रत, धचकनी औय आसान आॊदोरन है कक: "फ्रोि".

    B- "वे एक कऺा भें सबी नाव, प्रनमेक।" उन्होंने कहा: के रूऩ भें, वे सबी (समूा, चॊद्रभा औय ऩथृ्वी), गनत (कऺा) के एक ऩरयऩत्र आकाय का ऩथ भें साथ रे जाने का उल्रेख है कक के भाध्मभ से अॊतरयऺ भें ऩथृ्वी के आॊदोरन का वववयण, इस ऩववत्र ़ुयआन कय भ ऩहर ेसे ह 1400 सार ऩहर ेसे अधधक इस फात का हभें सधूचत ककमा था, जफकक हार ह भें खोज क़ी गई है क्मा है.

    शानदाय ऻान औय (ऩववत्र ़ुयआन) क़ी शरै से: मह ऩथृ्वी (यात औय ददन) के फाये भें फात कयने के लरए इस्तभेार ककमा अलबव्मजक्त के भाध्मभ से, मह ऩयेशान मा सदभा नह ॊ ककमा है कक इस तय के से ऩथृ्वी के आॊदोरन के एक फहुत ह सकू्ष्भ सॊकेत ददमा आददभ भानलसकता मह 1400 सार ऩहरे सॊफोधधत कय यहे थे.

    तो (ऩववत्र ़ुयआन) क़ी बव्मता, फवुद् औय शरै क़ी हद क्मा है ??!

    इसलरए, मह (ऩववत्र ़ुयआन) उनके ऩगैॊफय (भहुम्भद, सल्राहो अरहेै व सल्रभ) को नीचे बेजा (अल्राह, अज़्ज़ा व जर) क़ी ददव्म ऩसु्�