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मममममम.Mathew मममममम,1 मममममममम मम मममममम, मममम मम मममममम, मममम मममम मम ममममममम2 मममममममम मम ममममम ममममममम ममम; ममममम मम ममममम ममममममम ममम; मम ममममम मम ममममम मम मममम ममम ममममममम ममम 3 ममममम मम ममममम, मम ममममम मम ममममम मम मममम ममममममम ममम; मम ममममम मम ममममममम ममममममम ममम, मम ममममममम मम मममम ममममममम ममम 4 मम मममम मम मममममममममम ममममममम ममम; मम मममममममममम मम ममममम मम मम ममममम ममममममम ममम5 ममममम मम मममम मम मममम ममममममम ममम मम मममम मम ममम मम मममम ममममममम ममम; मममम मम मममम ममममममम ममम6 मम मममम मम मममम मममम ममममममम ममम7 मम मममम मम ममममममम मम मममममम मम ममममममम ममम मम ममममम मममममममम मम ममममम ममम 8 मम ममममममम मम ममममम ममममममम ममम; मम ममममम मम मममममममम ममममममम ममम; मम मममममममम मम ममम ममममममम ममम; मम ममम मम ममममममम ममममममम ममम; मम मममममममम मम ममममम ममममममम ममम, मम ममममम मम मममममममम ममममममम ममम 9 मम मममममममम मम ममममम ममममममम ममम; मम ममममम मम मममम ममममममम ममम; मम मममम मम मममममममममम ममममममम ममम 10 मममममममममम मम ममममममम ममममममम ममम मम ममममममम मम मममम ममममममम ममम; मममम मम ममममममममम ममममममम ममम11 मम ममममम मममम ममममम मममम मम ममम ममम ममममममममम मम मममममममम, मम मम मम ममम ममममममम ममम12 ममममम मममम ममममम ममममममम मममम मम ममम मममममममम मम ममममममम

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Page 1: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

मथयMathewअधयाय१1 इबराहीम की सनतान दाऊद की सनतान यीश मसीह की वशावली 2 इबराहीम स इसहाक उतपनन हआ इसहाक स याकब उतपनन हआ और याकब स यहदा और उसक भाई उतपनन हए 3 यहदा स फिरिरस और यहदा और तामार स जोरह उतपनन हए और फिरिरस स फिहसरोन उतपनन हआ और फिहसरोन स एराम उतपननहआ 4 और एराम स अममीनादाब उतपनन हआ और अममीनादाब स नहशोन और नहशोन स सलमोन उतपनन हआ 5 और सलमोन और राहब स बोअज उतपनन हआ और बोअज और रत स ओबद उतपनन हआ और ओबद स यियश उतपनन हआ 6 और यियश स दाऊद राजा उतपनन हआ 7 और दाऊद स सलमान उस सतरी स उतपनन हआ जो पफिहल उरिरययाह की पतनी थी 8 और सलमान स रहबाम उतपनन हआ और रहबाम स अफिबययाह उतपनन हआ और अफिबययाह स आसा उतपनन हआ और आसा स

यहोशात उतपनन हआ और यहोशाात स योराम उतपनन हआ और योराम स उजज़ियाह उतपनन हआ 9 और उजज़ियाह स योताम उतपनन हआ और योताम स आहाज उतपनन हआ और आहाज स फिहजफिकययाह उतपनन हआ 10 और फिहजफिकययाह स मनजज़िltशह उतपनन हआ और मनजज़िltशह स आमोन उतपनन हआ और आमोन स योशिशययाह उतपनन हआ 11 और बनदी होकर बाबल जान क समय म योशिशययाह स यकनयाह और उस क भाई उतपनन हए 12 बनदी होकर बाबल पहचाए जान क बाद यकनयाह स शालफितएल उतपनन हआ और शालफितएल स जरबबाफिबल उतपनन हआ 13 और जरबबाफिबल स अबीहद उतपनन हआ और अबीहद स इलयाकीम उतपनन हआ और इलयाकीम स अजोर उतपनन हआ 14 और अजोर स सदोक उतपनन हआ और सदोक स अखीम उतपनन हआ और अखीम स इलीहद उतपनन हआ 15 और इलीहद स इशिलयाजार उतपनन हआ और इशिलयाजर स मततान उतपनन हआ और मततान स याकब उतपनन हआ 16 और याकब स यस उतपनन हआ जो मरिरयम का पफित था जिजस स यीश जो मसीह कहलाता ह उतपनन हआ 17 इबराहीम स दाऊद तक सब चौदह पीढ़ी हई और दाऊद स बाबल को बनदी होकर पहचाए जान तक चौदह पीढ़ी और बनदी होकर

बाबल को पहचाए जान क समय स लकर मसीह तक चौदह पीढ़ी हई 18 अब यीश मसीह का जनम इस परकार स हआ फिक जब उस की माता मरिरयम की मगनी यस क साथ हो गई तो उन क इकटठ

होन क पफिहल स वह पफिवतर आतमा की ओर स गभKवती पाई गई 19 सो उसक पफित यस न जो धमM था और उस बदनाम करना नही चाहता था उस चपक स तयाग दन की मनसा की 20 जब वह इन बातो क सोच ही म था तो परभ का सवगKदत उस सवपन म दिदखाई दकर कहन लगा ह यस दाऊद की सनतान त

अपनी पतनी मरिरयम को अपन यहा ल आन स मत डर कयोफिक जो उसक गभK म ह वह पफिवतर आतमा की ओर स ह 21 वह पतर जनगी और त उसका नाम यीश रखना कयोफिक वह अपन लोगो का उन क पापो स उदधार करगा 22 यह सब कछ इसशिलय हआ फिक जो वचन परभ न भफिवषयदवकता क दवारा कहा था वह परा हो 23 फिक ldquo दखो एक कवारी गभKवती होगी और एक पतर जनगी और उसका नाम इममानएल रखा जाएगा जिजस का अथK यह ह

rdquoपरमशवर हमार साथ 24 सो यस नीद स जागकर परभ क दत की आजञा अनसार अपनी पतनी को अपन यहा ल आया 25 और जब तक वह पतर न जनी तब तक वह उसक पास न गया और उस न उसका नाम यीश रखा

Chapter2

1 हरोदस राजा क दिदनो म जब यहदिदया क बतलहम म यीश का जनम हआ तो दखो पवK स कई योफितषी यरशलम म आकर पछन लग

2 फिक यहदिदयो का राजा जिजस का जनम हआ ह कहा ह कयोफिक हम न पवK म उसका तारा दखा ह और उस को परणाम करन आएह 3 यह सनकर हरोदस राजा और उसक साथ सारा यरशलम घबरा गया 4 और उस न लोगो क सब महायाजको और शासतरिसतरयो को इकटठ करक उन स पछा फिक मसीह का जनम कहा होना चाफिहए 5 उनहोन उस स कहा यहदिदया क बतलहम म कयोफिक भफिवषयदवकता क दवारा यो शिलखा ह 6 फिक ह बतलहम जो यहदा क दश म ह त फिकसी रीफित स यहदा क अयिधकारिरयो म सब स छोटा नही कयोफिक तझ म स एक

अयिधपफित फिनकलगा जो मरी परजा इसराएल की रखवाली करगा

7 तब हरोदस न योफितफिषयो को चपक स बलाकर उन स पछा फिक तारा ठीक फिकस समय दिदखाई दिदया था 8 और उस न यह कहकर उनह बतलहम भजा फिक जाकर उस बालक क फिवषय म ठीक ठीक मालम करो और जब वह यिमल जाए तो

मझ समाचार दो ताफिक म भी आकर उस को परणाम कर 9 व राजा की बात सनकर चल गए और दखो जो तारा उनहोन पवK म दखा था वह उन क आग आग चला और जहा बालक था

उस जगह क ऊपर पहचकर ठहर गया 10 उस तार को दखकर व अफित आनजिनदत हए 11 और उस घर म पहचकर उस बालक को उस की माता मरिरयम क साथ दखा और मह क बल फिगरकर उस परणाम फिकया और

अपना अपना यला खोलकर उस सोना और लोहबान और गनधरस की भट चढ़ाई 12 और सवपन म यह शिचतौनी पाकर फिक हरोदस क पास फिर न जाना व दसर मागK स होकर अपन दश को चल गए 13 उन क चल जान क बाद दखो परभ क एक दत न सवपन म यस को दिदखाई दकर कहा उठ उस बालक को और उस की माता

को लकर यिमसर दश को भाग जा और जब तक म तझ स न कह तब तक वही रहना कयोफिक हरोदस इस बालक को ढढ़न पर ह फिक उस मरवा डाल

14 वह रात ही को उठकर बालक और उस की माता को लकर यिमसर को चल दिदया 15 और हरोदस क मरन तक वही रहा इसशिलय फिक वह वचन जो परभ न भफिवषयदवकता क दवारा कहा था फिक म न अपन पतर को यिमसर

स बलाया परा हो 16 जब हरोदस न यह दखा फिक योफितफिषयो न मर साथ ठटठा फिकया ह तब वह करोध स भर गया और लोगो को भजकर

योफितफिषयो स ठीक ठीक पछ हए समय क अनसार बतलहम और उसक आस पास क सब लड़को को जो दो वषK क वा उस स छोटथ मरवा डाला 17 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ 18 फिक रामाह म एक करण- नाद सनाई दिदया रोना और बड़ा फिवलाप राहल अपन बालको क शिलय रो रही थी और शानत होना न

चाहती थी कयोफिक व ह नही 19 हरोदस क मरन क बाद दखो परभ क दत न यिमसर म यस को सवपन म दिदखाई दकर कहा 20 फिक उठ बालक और उस की माता को लकर इसराएल क दश म चला जा कयोकिक जो बालक क पराण लना चाहत थ व मरगए 21 वह उठा और बालक और उस की माता को साथ लकर इसराएल क दश म आया 22 परनत यह सनकर फिक अरिरखलाउस अपन फिपता हरोदस की जगह यहदिदया पर राय कर रहा ह वहा जान स डरा और सवपन म

शिचतौनी पाकर गलील दश म चला गया 23 और नासरत नाम नगर म जा बसा ताफिक वह वचन परा हो जो भफिवषयदवकताओ क दवारा कहा गया था फिक वह नासरीकहलाएगा

Chapter3

1 उन दिदनो म यहनना बपफितसमा दनवाला आकर यहदिदया क जगल म यह परचार करन लगा फिक 2 मन फिराओ कयोफिक सवगK का राय फिनकट आ गया ह 3 यह वही ह जिजस की चचाK यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा की गई फिक जगल म एक पकारन वाल का शबद हो रहा ह फिक परभ का

मागK तयार करो उस की सड़क सीधी करो 4 यह यहनना ऊट क रोम का वसतर पफिहन था और अपनी कमर म चमड़ का पटका बानध हए था और उसका भोजन दिटफिmया और

बनमध था 5 तब यरशलम क और सार यहदिदया क और यरदन क आस पास क सार दश क लोग उसक पास फिनकल आए 6 और अपन अपन पापो को मानकर यरदन नदी म उस स बपफितसमा शिलया 7 जब उस न बहतर रीशिसयो और सदफिकयो को बपफितसमा क शिलय अपन पास आत दखा तो उन स कहा फिक ह साप क बचचो तमह

फिकस न जता दिदया फिक आन वाल करोध स भागो 8 सो मन फिराव क योगय ल लाओ 9 और अपन अपन मन म यह न सोचो फिक हमारा फिपता इबराहीम ह कयोफिक म तम स कहता ह फिक परमशवर इन पतथरो स इबराहीम

क शिलय सनतान उतपनन कर सकता ह

10 और अब कलहाड़ा पड़ो की जड़ पर रखा हआ ह इसशिलय जो जो पड़ अचछा ल नही लाता वह काटा और आग म झोका जाता ह

11 म तो पानी स तमह मन फिराव का बपफितसमा दता ह परनत जो मर बाद आनवाला ह वह मझ स शशिकतशाली ह म उस की जती उठान क योगय नही वह तमह पफिवतर आतमा और आग स बपफितसमा दगा

12 उसका सप उस क हाथ म ह और वह अपना खशिलहान अचछी रीफित स सा करगा और अपन गह को तो खतत म इकटठाकरगा परनत भसी को उस आग म जलाएगा जो बझन की नही 13 उस समय यीश गलील स यरदन क फिकनार पर यहनना क पास उस स बपफितसमा लन आया 14 परनत यहनना यह कहकर उस रोकन लगा फिक मझ तर हाथ स बपफितसमा लन की आवltयकता ह और त मर पास आया ह 15 यीश न उस को यह उततर दिदया फिक अब तो ऐसा ही होन द कयोफिक हम इसी रीफित स सब धायिमकK ता को परा करना उशिचत ह

तब उस न उस की बात मान ली 16 और यीश बपफितसमा लकर तरनत पानी म स ऊपर आया और दखो उसक शिलय आकाश खल गया और उस न परमशवर क

आतमा को कबतर की नाई उतरत और अपन ऊपर आत दखा 17 और दखो यह आकाशवाणी हई फिक यह मरा फिपरय पतर ह जिजस स म अतयनत परसनन ह

Chapter4

1 तब उस समय आतमा यीश को जगल म ल गया ताफिक इबलीस स उस की परीकषा हो 2 वह चालीस दिदन और चालीस रात फिनराहार रहा अनत म उस भख लगी 3 तब परखन वाल न पास आकर उस स कहा यदिद त परमशवर का पतर ह तो कह द फिक य पतथर रोदिटया बन जाए 4 उस न उततर दिदया फिक शिलखा ह फिक मनषय कवल रोटी ही स नही परनत हर एक वचन स जो परमशवर क मख स फिनकलता ह

जीफिवत रहगा 5 तब इबलीस उस पफिवतर नगर म ल गया और मजिनदर क कगर पर खड़ा फिकया 6 और उस स कहा यदिद त परमशवर का पतर ह तो अपन आप को नीच फिगरा द कयोफिक शिलखा ह फिक वह तर फिवषय म अपन

सवगKदतो को आजञा दगा और व तझ हाथो हाथ उठा लग कही ऐसा न हो फिक तर पावो म पतथर स ठस लग 7 यीश न उस स कहा यह भी शिलखा ह फिक त परभ अपन परमशवर की परीकषा न कर 8 फिर शतान उस एक बहत ऊच पहाड़ पर ल गया और सार जगत क राय और उसका फिवभव दिदखाकर 9 उस स कहा फिक यदिद त फिगरकर मझ परणाम कर तो म यह सब कछ तझ द दगा 10 तब यीश न उस स कहा ह शतान दर हो जा कयोफिक शिलखा ह फिक त परभ अपन परमशवर को परणाम कर और कवल उसी की

उपासना कर 11 तब शतान उसक पास स चला गया और दखो सवगKदत आकर उस की सवा करन लग 12 जब उस न यह सना फिक यहनना पकड़वा दिदया गया तो वह गलील को चला गया 13 और नासरत को छोड़कर करनहम म जो झील क फिकनार जबलन और नपताली क दश म ह जाकर रहन लगा 14 ताफिक जो यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 15 फिक जबलन और नपताली क दश झील क मागK स यरदन क पार अनयजाफितयो का गलील 16 जो लोग अनधकार म बठ थ उनहोन बड़ी योफित दखी और जो मतय क दश और छाया म बठ थ उन पर योफित चमकी 17 उस समय स यीश परचार करना और यह कहना आरमभ फिकया फिक मन फिराओ कयोफिक सवगK का राय फिनकट आया ह 18 उस न गलील की झील क फिकनार फिरत हए दो भाइयो अथाKत शमौन को जो पतरस कहलाता ह और उसक भाई अजिनwयास को

झील म जाल डालत दखा कयोफिक व मछव थ 19 और उन स कहा मर पीछ चल आओ तो म तम को मनषयो क पकड़न वाल बनाऊगा 20 व तरनत जालो को छोड़कर उसक पीछ हो शिलए 21 और वहा स आग बढ़कर उस न और दो भाइयो अथाKत जबदी क पतर याकब और उसक भाई यहनना को अपन फिपता जबदी क

साथ नाव पर अपन जालो को सधारत दखा और उनह भी बलाया 22 व तरनत नाव और अपन फिपता को छोड़कर उसक पीछ हो शिलए 23 और यीश सार गलील म फिरता हआ उन की सभाओ म उपदश करता और राय का ससमाचार परचार करता और लोगो की हर

परकार की बीमारी और दबKलता को दर करता रहा

24 और सार सरिरया म उसका यश ल गया और लोग सब बीमारो को जो नाना परकार की बीमारिरयो और दखो म जकड़ हए थ और जिजन म दषटातमाए थी और यिमगM वालो और झोल क मार हओ को उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया

25 और गलील और दिदकापशिलस और यरशलम और यहदिदया स और यरदन क पार स भीड़ की भीड़ उसक पीछ हो ली

Chapter5

1 वह इस भीड़ को दखकर पहाड़ पर चढ़ गया और जब बठ गया तो उसक चल उसक पास आए 2 और वह अपना मह खोलकर उनह यह उपदश दन लगा 3 धनय ह व जो मन क दीन ह कयोफिक सवगK का राय उनही का ह 4 धनय ह व जो शोक करत ह कयोफिक व शाफित पाएग 5 धनय ह व जो नमर ह कयोफिक व पथवी क अयिधकारी होग 6 धनय ह व जो धमK क भख और पयास ह कयोफिक व तपत फिकय जाएग 7 धनय ह व जो दयावनत ह कयोफिक उन पर दया की जाएगी 8 धनय ह व जिजन क मन शदध ह कयोफिक व परमशवर को दखग 9 धनय ह व जो मल करवान वाल ह कयोफिक व परमशवर क पतर कहलाएग 10 धनय ह व जो धमK क कारण सताए जात ह कयोफिक सवगK का राय उनही का ह 11 धनय हो तम जब मनषय मर कारण तमहारी फिननदा कर और सताए और झठ बोल बोलकर तमहरो फिवरोध म सब परकार की बरी

बात कह 12 आनजिनदत और मगन होना कयोफिक तमहार शिलय सवगK म बड़ा ल ह इसशिलय फिक उनहोन उन भफिवषयदवकताओ को जो तम स पफिहल

थ इसी रीफित स सताया था 13 तम पथवी क नमक हो परनत यदिद नमक का सवाद फिबगड़ जाए तो वह फिर फिकस वसत स नमकीन फिकया जाएगा फिर वह

फिकसी काम का नही कवल इस क फिक बाहर का जाए और मनषयो क परो तल रौदा जाए 14 तम जगत की योफित हो जो नगर पहाड़ पर बसा हआ ह वह शिछप नही सकता 15 और लोग दिदया जलाकर पमान क नीच नही परनत दीवट पर रखत ह तब उस स घर क सब लोगो को परकाश पहचता ह 16 उसी परकार तमहारा उजिजयाला मनषयो क सामहन चमक फिक व तमहार भल कामो को दखकर तमहार फिपता की जो सवगK म ह

बड़ाई कर 17 यह न समझो फिक म वयवसथा था भफिवषयदवकताओ की पसतको को लोप करन आया ह 18 लोप करन नही परनत परा करन आया ह कयोफिक म तम स सच कहता ह फिक जब तक आकाश और पथवी टल न जाए तब

तक वयवसथा स एक मातरा या फिबनद भी फिबना परा हए नही टलगा 19 इसशिलय जो कोई इन छोटी स छोटी आजञाओ म स फिकसी एक को तोड़ और वसा ही लोगो को शिसखाए वह सवगK क राय म

सब स छोटा कहलाएगा परनत जो कोई उन का पालन करगा और उनह शिसखाएगा वही सवगK क राय म महान कहलाएगा 20 कयोफिक म तम स कहता ह फिक यदिद तमहारी धायिमकK ता शासतरिसतरयो और रीशिसयो की धायिमकK ता स बढ़कर न हो तो तम सवगK क

राय म कभी परवश करन न पाओग 21 तम सन चक हो फिक पवKकाल क लोगो स कहा गया था फिक हतया न करना और जो कोई हतया करगा वह कचहरी म दणड क

योगय होगा 22 परनत म तम स यह कहता ह फिक जो कोई अपन भाई पर करोध करगा वह कचहरी म दणड क योगय होगा और जो कोई अपन

भाई को फिनकममा कहगा वह महासभा म दणड क योगय होगा ldquo rdquo और जो कोई कह अर मखK वह नरक की आग क दणड क योगयहोगा 23 इसशिलय यदिद त अपनी भट वदी पर लाए और वहा त समरण कर फिक मर भाई क मन म मरी ओर स कछ फिवरोध ह तो अपनी

भट वही वदी क सामहन छोड़ द 24 और जाकर पफिहल अपन भाई स मल यिमलाप कर तब आकर अपनी भट चढ़ा 25 जब तक त अपन मददई क साथ मागK ही म ह उस स झटपट मल यिमलाप कर ल कही ऐसा न हो फिक मददई तझ हाफिकम को सौप

और हाफिकम तझ शिसपाही को सौप द और त बनदीगह म डाल दिदया जाए 26 म तम स सच कहता ह फिक जब तक त कौड़ी कौड़ी भर न द तब तक वहा स छटन न पाएगा 27 तम सन चक हो फिक कहा गया था फिक वयभिभचार न करना

28 परनत म तम स यह कहता ह फिक जो कोई फिकसी सतरी पर कदयिषट डाल वह अपन मन म उस स वयभिभचार कर चका 29 यदिद तरी दाफिहनी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर अपन पास स क द कयोफिक तर शिलय यही भला ह फिक तर अगो म स एक नाश हो जाए और तरा सारा शरीर नरक म न डाला जाए

30 और यदिद तरा दाफिहना हाथ तझ ठोकर खिखलाए तो उस को काटकर अपन पास स क द कयोफिक तर शिलय यही भला ह फिक तर अगो म स एक नाश हो जाए और तरा सारा शरीर नरक म न डाला जाए

31 यह भी कहा गया था फिक जो कोई अपनी पतनी को तयाग द तो उस तयागपतर द 32 परनत म तम स यह कहता ह फिक जो कोई अपनी पतनी को वयभिभचार क शिसवा फिकसी और कारण स छोड़ द तो वह उस स

वयभिभचार करवाता ह और जो कोई उस तयागी हई स बयाह कर वह वयभिभचार करता ह 33 फिर तम सन चक हो फिक पवKकाल क लोगो स कहा गया था फिक झठी शपथ न खाना परनत परभ क शिलय अपनी शपथ को परीकरना 34 परनत म तम स यह कहता ह फिक कभी शपथ न खाना न तो सवगK की कयोफिक वह परमशवर का सिसहासन ह 35 न धरती की कयोफिक वह उसक पावो की चौकी ह न यरशलम की कयोफिक वह महाराजा का नगर ह 36 अपन शिसर की भी शपथ न खाना कयोफिक त एक बाल को भी न उजला न काला कर सकता ह 37 परनत तमहारी बात हा की हा या नही की नही हो कयोफिक जो कछ इस स अयिधक होता ह वह बराई स होता ह 38 तम सन चक हो फिक कहा गया था फिक आख क बदल आख और दात क बदल दात 39 परनत म तम स यह कहता ह फिक बर का सामना न करना परनत जो कोई तर दाफिहन गाल पर थपपड़ मार उस की ओर दसरा

भी र द 40 और यदिद कोई तझ पर नाशिलश करक तरा करता लना चाह तो उस दोहर भी ल लन द 41 और जो कोई तझ कोस भर बगार म ल जाए तो उसक साथ दो कोस चला जा 42 जो कोई तझ स माग उस द और जो तझ स उधार लना चाह उस स मह न मोड़ 43 तम सन चक हो फिक कहा गया था फिक अपन पड़ोसी स परम रखना और अपन बरी स बर |4 परनत म तम स यह कहता ह

फिक अपन बरिरयो स परम रखो और अपन सतान वालो क शिलय पराथKना करो 45 जिजस स तम अपन सवगMय फिपता की सनतान ठहरोग कयोफिक वह भलो और बरो दोनो पर अपना सयK उदय करता ह और धयिमय

और अधयिमय दोनो पर मह बरसाता ह 46 कयोफिक यदिद तम अपन परम रखन वालो ही स परम रखो तो तमहार शिलय कया ल होगा कया महसल लन वाल भी ऐसा ही नहीकरत 47 और यदिद तम कवल अपन भाइयो ही को नमसकार करो तो कौन सा बड़ा काम करत हो कया अनयजाफित भी ऐसा नही करत 48 इसशिलय चाफिहय फिक तम शिसदध बनो जसा तमहारा सवगMय फिपता शिसदध ह

Chapter6

1 सावधान रहो तम मनषयो को दिदखान क शिलय अपन धमK क काम न करो नही तो अपन सवगMय फिपता स कछ भी ल न पाओग 2 इसशिलय जब त दान कर तो अपन आग तरही न बजवा जसा कपटी सभाओ और गशिलयो म करत ह ताफिक लोग उन की बड़ाईकर म तम स सच कहता ह फिक व अपना ल पा चक 3 परनत जब त दान कर तो जो तरा दाफिहना हाथ करता ह उस तरा बाया हाथ न जानन पाए 4 ताफिक तरा दान गपत रह और तब तरा फिपता जो गपत म दखता ह तझ परफितल दगा 5 और जब त पराथKना कर तो कपदिटयो क समान न हो कयोफिक लोगो को दिदखान क शिलय सभाओ म और सड़को क मोड़ो पर खड़

होकर पराथKना करना उन को अचछा लगता ह म तम स सच कहता ह फिक व अपना परफितल पा चक 6 परनत जब त पराथKना कर तो अपनी कोठरी म जा और दवार बनद कर क अपन फिपता स जो गपत म ह पराथKना कर और तब तरा

फिपता जो गपत म दखता ह तझ परफितल दगा 7 पराथKना करत समय अनयजाफितयो की नाई बक बक न करो कयोफिक व समझत ह फिक उनक बहत बोलन स उन की सनी जाएगी 8 सो तम उन की नाई न बनो कयोफिक तमहारा फिपता तमहार मागन स पफिहल ही जानता ह फिक तमहारी कया कया आवltयकता ह 9 सो तम इस रीफित स पराथKना फिकया करो ldquo ह हमार फिपता त जो सवगK म ह तरा नाम पफिवतर माना जाए 10 तरा राय आए तरी इचछा जसी सवगK म परी होती ह वस पथवी पर भी हो 11 हमारी दिदन भर की रोटी आज हम द

12 और जिजस परकार हम न अपन अपरायिधयो को कषमा फिकया ह वस ही त भी हमार अपराधो को कषमा कर 13 और हम परीकषा म न ला परनत बराई स बचा rdquo कयोफिक राय और पराकरम और मफिहमा सदा तर ही ह आमीन 14 इसशिलय यदिद तम मनषय क अपराध कषमा करोग तो तमहारा सवगMय फिपता भी तमह कषमा करगा 15 और यदिद तम मनषयो क अपराध कषमा न करोग तो तमहारा फिपता भी तमहार अपराध कषमा न करगा 16 जब तम उपवास करो तो कपदिटयो की नाई तमहार मह पर उदासी न छाई रह कयोफिक व अपना मह बनाए रहत ह ताफिक लोग

उनह उपवासी जान म तम स सच कहता ह फिक व अपना परफितल पा चक 17 परनत जब त उपवास कर तो अपन शिसर पर तल मल और मह धो 18 ताफिक लोग नही परनत तरा फिपता जो गपत म ह तझ उपवासी जान इस दशा म तरा फिपता जो गपत म दखता ह तझ परफितलदगा 19 अपन शिलय पथवी पर धन इकटठा न करो जहा कीड़ा और काई फिबगाड़त ह और जहा चोर सध लगात और चरात ह 20 परनत अपन शिलय सवगK म धन इकटठा करो जहा न तो कीड़ा और न काई फिबगाड़त ह और जहा चोर न सध लगात और न चरात ह 21 कयोफिक जहा तरा धन ह वहा तरा मन भी लगा रहगा 22 शरीर का दिदया आख ह इसशिलय यदिद तरी आख फिनमKल हो तो तरा सारा शरीर भी उजिजयाला होगा 23 परनत यदिद तरी आख बरी हो तो तरा सारा शरीर भी असतरिनधयारा होगा इस कारण वह उजिजयाला जो तझ म ह यदिद अनधकार हो

तो वह अनधकार कसा बड़ा होगा 24 कोई मनषय दो सवायिमयो की सवा नही कर सकता कयोफिक वह एक स बर ओर दसर स परम रखगा वा एक स यिमला रहगा और

दसर को तचछ जानगा ldquo rdquoतम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 25 इसशिलय म तम स कहता ह फिक अपन पराण क शिलय यह शिचनता न करना फिक हम कया खाएग और कया पीएग और न अपन

शरीर क शिलय फिक कया पफिहनग कया पराण भोजन स और शरीर वसतर स बढ़कर नही 26 आकाश क पभिकषयो को दखो व न बोत ह न काटत ह और न खततो म बटोरत ह तौभी तमहारा सवगMय फिपता उन को खिखलाताह कया तम उन स अयिधक मलय नही रखत 27 तम म कौन ह जो शिचनता करक अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 28 और वसतर क शिलय कयो शिचनता करत हो जगली सोसनो पर धयान करो फिक व कस बढ़त ह व न तो परिरशरम करत ह न कातत ह 29 तौभी म तम स कहता ह फिक सलमान भी अपन सार फिवभव म उन म स फिकसी क समान वसतर पफिहन हए न था 30 इसशिलय जब परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा वसतर पफिहनाता ह तो हअलपफिवशवाशिसयो तम को वह कयोकर न पफिहनाएगा 31 इसशिलय तम शिचनता करक यह न कहना फिक हम कया खाएग या कया पीएग या कया पफिहनग 32 कयोफिक अनयजाफित इन सब वसतओ की खोज म रहत ह और तमहारा सवगMय फिपता जानता ह फिक तमह य सब वसतए चाफिहए 33 इसशिलय पफिहल तम उस राय और धमK की खोज करो तो य सब वसतए भी तमह यिमल जाएगी 34 सो कल क शिलय शिचनता न करो कयोफिक कल का दिदन अपनी शिचनता आप कर लगा आज क शिलय आज ही का दख बहत ह

Chapter7

1 दोष मत लगाओ फिक तम पर भी दोष न लगाया जाए 2 कयोफिक जिजस परकार तम दोष लगात हो उसी परकार तम पर भी दोष लगाया जाएगा और जिजस नाप स तम नापत हो उसी स

तमहार शिलय भी नापा जाएगा 3 त कयो अपन भाई की आख क फितनक को दखता ह और अपनी आख का लटठा तझ नही सझता 4 और जब तरी ही आख म लटठा ह तो त अपन भाई स कयोकर कह सकता ह फिक ला म तरी आख स फितनका फिनकाल द 5 ह कपटी पहल अपनी आख म स लटठा फिनकाल ल तब त अपन भाई की आख का फितनका भली भाफित दखकर फिनकाल सकगा 6 पफिवतर वसत कततो को न दो और अपन मोती सअरो क आग मत डालो ऐसा न हो फिक व उनह पावो तल रौद और पलट कर तम

को ाड़ डाल

7 मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार शिलय खोला जाएगा 8 कयोफिक जो कोई मागता ह उस यिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक शिलय खोला जाएगा 9 तम म स ऐसा कौन मनषय ह फिक यदिद उसका पतर उस स रोटी माग तो वह उस पतथर द 10 वा मछली माग तो उस साप द 11 सो जब तम बर होकर अपन बचचो को अचछी वसतए दना जानत हो तो तमहारा सवगMय फिपता अपन मागन वालो को अचछी

वसतए कयो न दगा 12 इस कारण जो कछ तम चाहत हो फिक मनषय तमहार साथ कर तम भी उन क साथ वसा ही करो कयोफिक वयवसथा और

भफिवषयदवकतओ की शिशकषा यही ह 13 सकत ाटक स परवश करो कयोफिक चौड़ा ह वह ाटक और चाकल ह वह मागK जो फिवनाश को पहचाता ह और बहतर ह जो

उस स परवश करत ह 14 कयोफिक सकत ह वह ाटक और सकरा ह वह मागK जो जीवन को पहचाता ह और थोड़ ह जो उस पात ह 15 झठ भफिवषयदवकताओ स सावधान रहो जो भड़ो क भष म तमहार पास आत ह परनत अनतर म ाड़न वाल भफिडए ह 16 उन क लो स तम उनह पहचान लोग कया झाफिडय़ो स अगर वा ऊटकटारो स अजीर तोड़त ह 17 इसी परकार हर एक अचछा पड़ अचछा ल लाता ह और फिनकममा पड़ बरा ल लाता ह 18 अचछा पड़ बरा ल नही ला सकता और न फिनकममा पड़ अचछा ल ला सकता ह 19 जो जो पड़ अचछा ल नही लाता वह काटा और आग म डाला जाता ह 20 सो उन क लो स तम उनह पहचान लोग 21 जो मझ स ह परभ ह परभ कहता ह उन म स हर एक सवगK क राय म परवश न करगा परनत वही जो मर सवगMय फिपता की

इचछा पर चलता ह 22 उस दिदन बहतर मझ स कहग ह परभ ह परभ कया हम न तर नाम स भफिवषयदवाणी नही की और तर नाम स दषटातमाओ को

नही फिनकाला और तर नाम स बहत अचमभ क काम नही फिकए 23 तब म उन स खलकर कह दगा फिक म न तम को कभी नही जाना ह ककमK करन वालो मर पास स चल जाओ 24 इसशिलय जो कोई मरी य बात सनकर उनह मानता ह वह उस बजिदधमान मनषय की नाई ठहरगा जिजस न अपना घर चटटान परबनाया 25 और मह बरसा और बाढ़ आई और आसतरिनधया चली और उस घर पर टककर लगी परनत वह नही फिगरा कयोफिक उस की नव

चटटान पर डाली गई थी 26 परनत जो कोई मरी य बात सनता ह और उन पर नही चलता वह उस फिनबKजिदध मनषय की नाई ठहरगा जिजस न अपना घर बाल परबनाया 27 और मह बरसा और बाढ़ आई और आसतरिनधया चली और उस घर पर टककर लगी और वह फिगरकर सतयानाश हो गया 28 जब यीश य बात कह चका तो ऐसा हआ फिक भीड़ उसक उपदश स चफिकत हई 29 कयोफिक वह उन क शासतरिसतरयो क समान नही परनत अयिधकारी की नाई उनह उपदश दता था

Chapter8

1 जब वह उस पहाड़ स उतरा तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 2 और दखो एक कोढ़ी न पास आकर उस परणाम फिकया और कहा फिक ह परभ यदिद त चाह तो मझ शदध कर सकता ह 3 यीश न हाथ बढ़ाकर उस छआ और कहा म चाहता ह त शदध हो जा और वह तरनत को ढ़ स शदध हो गया 4 यीश न उस स कहा दख फिकसी स न कहना परनत जाकर अपन आप को याजक को दिदखला और जो चढ़ावा मसा न ठहराया ह

उस चढ़ा ताफिक उन क शिलय गवाही हो 5 और जब वह करनहम म आया तो एक सबदार न उसक पास आकर उस स फिबनती की 6 फिक ह परभ मरा सवक घर म झोल का मारा बहत दखी पड़ा ह 7 उस न उस स कहा म आकर उस चगा करगा 8 सबदार न उततर दिदया फिक ह परभ म इस योगय नही फिक त मरी छत क तल आए पर कवल मख स कह द तो मरा सवक चगा हो

जाएगा 9 कयोफिक म भी पराधीन मनषय ह और शिसपाही मर हाथ म ह और जब एक स कहता ह जा तो वह जाता ह और दसर को फिकआ तो वह आता ह और अपन दास स कहता ह फिक यह कर तो वह करता ह 10 यह सनकर यीश न अचमभा फिकया और जो उसक पीछ आ रह थ उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक म न इसराएल म भी

ऐसा फिवशवास नही पाया 11 और म तम स कहता ह फिक बहतर पवK और पभिम स आकर इबराहीम और इसहाक और याकब क साथ सवगK क राय मबठ ग 12 परनत राय क सनतान बाहर असतरिनधयार म डाल दिदए जाएग वहा रोना और दातो का पीसना होगा 13 और यीश न सबदार स कहा जा जसा तरा फिवशवास ह वसा ही तर शिलय हो और उसका सवक उसी घड़ी चगा हो गया 14 और यीश न पतरस क घर म आकर उस की सास को वर म पड़ी दखा 15 उस न उसका हाथ छआ और उसका वर उतर गया और वह उठकर उस की सवा करन लगी 16 जब सधया हई तब व उसक पास बहत स लोगो को लाए जिजन म दषटातमाए थी और उस न उन आतमाओ को अपन वचन स

फिनकाल दिदया और सब बीमारो को चगा फिकया 17 ताफिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक उस न आप हमारी दबKलताओ को ल शिलया और

हमारी बीमारिरयो को उठा शिलया 18 यीश न अपनी चारो ओर एक बड़ी भीड़ दखकर उस पार जान की आजञा दी 19 और एक शासतरी न पास आकर उस स कहा ह गर जहा कही त जाएगा म तर पीछ पीछ हो लगा 20 यीश न उस स कहा लोमफिडय़ो क भट और आकाश क पभिकषयो क बसर होत ह परनत मनषय क पतर क शिलय शिसर धरन की भी

जगह नही ह 21 एक और चल न उस स कहा ह परभ मझ पफिहल जान द फिक अपन फिपता को गाड़ द 22 यीश न उस स कहा त मर पीछ हो ल और मरदो को अपन मरद गाड़न द 23 जब वह नाव पर चढ़ा तो उसक चल उसक पीछ हो शिलए 24 और दखो झील म एक ऐसा बड़ा तान उठा फिक नाव लहरो स ढपन लगी और वह सो रहा था 25 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह परभ हम बचा हम नाश हए जात ह 26 उस न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो कयो डरत हो तब उस न उठकर आनधी और पानी को डाटा और सब शानत हो गया 27 और लोग अचमभा करक कहन लग फिक यह कसा मनषय ह फिक आनधी और पानी भी उस की आजञा मानत ह 28 जब वह उस पार गदरफिनयो क दश म पहचा तो दो मनषय जिजन म दषटातमाए थी कबरो स फिनकलत हए उस यिमल जो इतन परचणड थ फिक कोई उस मागK स जा नही सकता था 29 और दखो उनहोन शिचललाकर कहा ह परमशवर क पतर हमारा तझ स कया काम कया त समय स पफिहल हम द ख दन यहा

आया ह 30 उन स कछ दर बहत स सअरो का एक झणड चर रहा था 31 दषटातमाओ न उस स यह कहकर फिबनती की फिक यदिद त हम फिनकालता ह तो सअरो क झणड म भज द 32 उस न उन स कहा जाओ व फिनकलकर सअरो म पठ गए और दखो सारा झणड कड़ाड़ पर स झपटकर पानी म जा पड़ा और

डब मरा 33 और चरवाह भाग और नगर म जाकर य सब बात और जिजन म दषटातमाए थी उन का सारा हाल कह सनाया 34 और दखो सार नगर क लोग यीश स भट करन को फिनकल आए और उस दखकर फिबनती की फिक हमार शिसवानो स बाहर फिनकल जा

Chapter9

1 फिर वह नाव पर चढ़कर पार गया और अपन नगर म आया 2 और दखो कई लोग एक झोल क मार हए को खाट पर रखकर उसक पास लाए यीश न उन का फिवशवास दखकर उस झोल क

मार हए स कहा ह पतर ढाढ़स बानध तर पाप कषमा हए

3 और दखो कई शासतरिसतरयो न सोचा फिक यह तो परमशवर की फिननदा करता ह 4 यीश न उन क मन की बात मालम करक कहा फिक तम लोग अपन अपन मन म बरा फिवचार कयो कर रह हो 5 सहज कया ह यह कहना फिक तर पाप कषमा हए या यह कहना फिक उठ और चल फिर 6 परनत इसशिलय फिक तम जान लो फिक मनषय क पतर को पथवी पर पाप कषमा करन का अयिधकार ह ( उस न झोल क मार हए स कहा ) उठ अपनी खाट उठा और अपन घर चला जा 7 वह उठकर अपन घर चला गया 8 लोग यह दखकर डर गए और परमशवर की मफिहमा करन लग जिजस न मनषयो को ऐसा अयिधकार दिदया ह 9 वहा स आग बढ़कर यीश न मतती नाम एक मनषय को महसल की चौकी पर बठ दखा और उस स कहा मर पीछ हो ल वह

उठकर उसक पीछ हो शिलया 10 और जब वह घर म भोजन करन क शिलय बठा तो बहतर महसल लन वाल और पापी आकर यीश और उसक चलो क साथ खानबठ 11 यह दखकर रीशिसयो न उसक चलो स कहा तमहारा गर महसल लन वालो और पाफिपयो क साथ कयो खाता ह 12 उस न यह सनकर उन स कहा वदय भल चगो को नही परनत बीमारो को अवltय ह 13 सो तम जाकर इस का अथK सीख लो फिक म बशिलदान नही परनत दया चाहता ह कयोफिक म धयिमय को नही परनत पाफिपयो को

बलान आया ह 14 तब यहनना क चलो न उसक पास आकर कहा कया कारण ह फिक हम और रीसी इतना उपवास करत ह पर तर चल उपवास

नही करत 15 यीश न उन स कहा कया बराती जब तक दलहा उन क साथ ह शोक कर सकत ह पर व दिदन आएग फिक दलहा उन स अलग

फिकया जाएगा उस समय व उपवास करग 16 को र कपड़ का पबनद परान पफिहरावन पर कोई नही लगाता कयोफिक वह पबनद पफिहरावन स और कछ खीच लता ह और वह

अयिधक ट जाता ह 17 और नया दाखरस परानी मशको म नही भरत ह कयोफिक ऐसा करन स मशक ट जाती ह और दाखरस बह जाता ह और

मशक नाश हो जाती ह परनत नया दाखरस नई मशको म भरत ह और वह दोनो बची रहती ह 18 वह उन स य बात कह ही रहा था फिक दखो एक सरदार न आकर उस परणाम फिकया और कहा मरी पतरी अभी मरी ह परनत

चलकर अपना हाथ उस पर रख तो वह जीफिवत हो जाएगी 19 यीश उठकर अपन चलो समत उसक पीछ हो शिलया 20 और दखो एक सतरी न जिजस क बारह वषK स लोह बहता था उसक पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छ शिलया 21 कयोफिक वह अपन मन म कहती थी फिक यदिद म उसक वसतर ही को छ लगी तो चगी हो जाऊगी 22 यीश न फिरकर उस दखा और कहा पतरी ढाढ़स बानध तर फिवशवास न तझ चगा फिकया ह सो वह सतरी उसी घड़ी चगी हो गई 23 जब यीश उस सरदार क घर म पहचा और बासली बजान वालो और भीड़ को हललड़ मचात दखा तब कहा 24 हट जाओ लड़की मरी नही पर सोती ह इस पर व उस की हसी करन लग 25 परनत जब भीड़ फिनकाल दी गई तो उस न भीतर जाकर लड़की का हाथ पकड़ा और वह जी उठी 26 और इस बात की चचाK उस सार दश म ल गई 27 जब यीश वहा स आग बढ़ा तो दो अनध उसक पीछ यह पकारत हए चल फिक ह दाऊद की सनतान हम पर दया कर 28 जब वह घर म पहचा तो व अनध उस क पास आए और यीश न उन स कहा कया तमह फिवशवास ह फिक म यह कर सकता ह

उनहोन उस स कहा हा परभ 29 तब उस न उन की आख छकर कहा तमहार फिवशवास क अनसार तमहार शिलय हो 30 और उन की आख खल गई और यीश न उनह शिचताकर कहा सावधान कोई इस बात को न जान 31 पर उनहोन फिनकलकर सार दश म उसका यश ला दिदया 32 जब व बाहर जा रह थ तो दखो लोग एक गग को जिजस म दषटातमा थी उस क पास लाए 33 और जब दषटातमा फिनकाल दी गई तो गगा बोलन लगा और भीड़ न अचमभा करक कहा फिक इसराएल म ऐसा कभी नही दखागया 34 परनत रीशिसयो न कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह 35 और यीश सब नगरो और गावो म फिरता रहा और उन की सभाओ म उपदश करता और राय का ससमाचार परचार करता

और हर परकार की बीमारी और दबKलता को दर करता रहा

36 जब उस न भीड़ को दखा तो उस को लोगो पर तरस आया कयोफिक व उन भड़ो की नाई जिजनका कोई रखवाला न हो वयाकल और भटक हए स थ

37 तब उस न अपन चलो स कहा पकक खत तो बहत ह पर मजदर थोड़ ह 38 इसशिलय खत क सवामी स फिबनती करो फिक वह अपन खत काटन क शिलय मजदर भज द

Chapter10

1 फिर उस न अपन बारह चलो को पास बलाकर उनह अशदध आतमाओ पर अयिधकार दिदया फिक उनह फिनकाल और सब परकार की बीमारिरयो और सब परकार की दबKलताओ को दर कर

2 और बारह पररिरतो क नाम य ह पफिहला शमौन जो पतरस कहलाता ह और उसका भाई अजिनwयास जबदी का पतर याकब और उसका भाई यहनना

3 फिशिलपपस और बर- तलम थोमा और महसल लनवाला मतती हल का पतर याकब और तदद 4 शमौन कनानी और यहदा इसकरिरयोती जिजस न उस पकड़वा भी दिदया 5 इन बारहो को यीश न यह आजञा दकर भजा फिक अनयजाफितयो की ओर न जाना और सामरिरयो क फिकसी नगर म परवश न करना 6 परनत इसराएल क घरान ही की खोई हई भड़ो क पास जाना 7 और चलत चलत परचार कर कहो फिक सवगK का राय फिनकट आ गया ह 8 बीमारो को चगा करो मर हओ को जिजलाओ कोदिढय़ो को शदध करो दषटातमाओ को फिनकालो तम न सतमत पाया ह सतमतदो 9 अपन पटको म न तो सोना और न रपा और न ताबा रखना 10 मागK क शिलय न झोली रखो न दो करत न जत और न लाठी लो कयोफिक मजदर को उसका भोजन यिमलना चाफिहए 11 जिजस फिकसी नगर या गाव म जाओ तो पता लगाओ फिक वहा कौन योगय ह और जब तक वहा स न फिनकलो उसी क यहा रहो 12 और घर म परवश करत हए उस को आशीष दना 13 यदिद उस घर क लोग योगय होग तो तमहारा कलयाण उन पर पहचगा परनत यदिद व योगय न हो तो तमहारा कलयाण तमहार पास लौट आएगा 14 और जो कोई तमह गरहण न कर और तमहारी बात न सन उस घर या उस नगर स फिनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो 15 म तम स सच कहता ह फिक नयाय क दिदन उस नगर की दशा स सदोम और अमोरा क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 16 दखो म तमह भड़ो की नाई भफिडय़ो क बीच म भजता ह सो सापो की नाई बजिदधमान और कबतरो की नाई भोल बनो 17 परनत लोगो स सावधान रहो कयोफिक व तमह महासभाओ म सौपग और अपनी पचायत म तमह कोड़ मारग 18 तम मर शिलय हाफिकमो ओर राजाओ क सामहन उन पर और अनयजाफितयो पर गवाह होन क शिलय पहचाए जाओग 19 जब व तमह पकड़वाएग तो यह शिचनता न करना फिक हम फिकस रीफित स या कया कहग कयोफिक जो कछ तम को कहना होगा

वह उसी घड़ी तमह बता दिदया जाएगा 20 कयोफिक बोलन वाल तम नही हो परनत तमहार फिपता का आतमा तम म बोलता ह 21 भाई भाई को और फिपता पतर को घात क शिलय सौपग और लड़क- बाल माता- फिपता क फिवरोध म उठकर उनह मरवा डालग 22 मर नाम क कारण सब लोग तम स बर करग पर जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 23 जब व तमह एक नगर म सताए तो दसर को भाग जाना म तम स सच कहता ह तम इसराएल क सब नगरो म न फिर चकोग

फिक मनषय का पतर आ जाएगा 24 चला अपन गर स बड़ा नही और न दास अपन सवामी स 25 चल का गर क और दास का सवामी क बाराबर होना ही बहत ह जब उनहोन घर क सवामी को शतान कहा तो उसक घर वालो

को कयो न कहग 26 सो उन स मत डरना कयोफिक कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ शिछपा ह जो जाना न जाएगा 27 जो म तम स असतरिनधयार म कहता ह उस उजिजयाल म कहो और जो कानो कान सनत हो उस को ठो पर स परचार करो 28 जो शरीर को घात करत ह पर आतमा को घात नही कर सकत उन स मत डरना पर उसी स डरो जो आतमा और शरीर दोनो

को नरक म नाश कर सकता ह

29 कया पस म दो गौरय नही फिबकती तौभी तमहार फिपता की इचछा क फिबना उन म स एक भी भयिम पर नही फिगर सकती 30 तमहार शिसर क बाल भी सब फिगन हए ह 31 इसशिलय डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 32 जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन मान लगा 33 पर जो कोई मनषयो क सामहन मरा इनकार करगा उस स म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन इनकार करगा 34 यह न समझो फिक म पथवी पर यिमलाप करान को आया ह म यिमलाप करान को नही पर तलवार चलवान आया ह 35 म तो आया ह फिक मनषय को उसक फिपता स और बटी को उस की मा स और बह को उस की सास स अलग कर द 36 मनषय क बरी उसक घर ही क लोग होग 37 जो माता या फिपता को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह वह मर योगय नही और जो बटा या बटी को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह

वह मर योगय नही 38 और जो अपना करस लकर मर पीछ न चल वह मर योगय नही 39 जो अपन पराण बचाता ह वह उस खोएगा और जो मर कारण अपना पराण खोता ह वह उस पाएगा 40 जो तमह गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह और जो मझ गरहण करता ह वह मर भजन वाल को गरहण करता ह 41 जो भफिवषयदवकता को भफिवषयदवकता जानकर गरहण कर वह भफिवषयदवकता का बदला पाएगा और जो धमM जानकर धमM को गरहणकर वह धमM का बदला पाएगा 42 जो कोई इन छोटो म स एक को चला जानकर कवल एक कटोरा ठडा पानी फिपलाए म तम स सच कहता ह वह फिकसी रीफित स

अपना परफितल न खोएगा

Chapter11

1 जब यीश अपन बारह चलो को आजञा द चका तो वह उन क नगरो म उपदश और परचार करन को वहा स चला गया 2 यहनना न बनदीगह म मसीह क कामो का समाचार सनकर अपन चलो को उस स यह पछन भजा 3 फिक कया आनवाला त ही ह या हम दसर की बाट जोह 4 यीश न उततर दिदया फिक जो कछ तम सनत हो और दखत हो वह सब जाकर यहनना स कह दो 5 फिक अनध दखत ह और लगड़ चलत फिरत ह कोढ़ी शदध फिकए जात ह और बफिहर सनत ह मद जिजलाए जात ह और कगालो को

ससमाचार सनाया जाता ह 6 और धनय ह वह जो मर कारण ठोकर न खाए 7 जब व वहा स चल दिदए तो यीश यहनना क फिवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया हवा स फिहलत हए

सरकणड को 8 फिर तम कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पफिहन हए मनषय को दखो जो कोमल वसतर पफिहनत ह व राजभवनो म रहत ह 9 तो फिर कयो गए थ कया फिकसी भफिवषयदवकता को दखन को हा म तम स कहता ह वरन भफिवषयदवकता स भी बड़ को 10 यह वही ह जिजस क फिवषय म शिलखा ह फिक दख म अपन दत को तर आग भजता ह जो तर आग तरा मागK तयार करगा 11 म तम स सच कहता ह फिक जो सतरिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना बपफितसमा दन वाल स कोई बड़ा नही हआ पर जो सवगK क

राय म छोट स छोटा ह वह उस स बड़ा ह 12 यहनना बपफितसमा दन वाल क दिदनो स अब तक सवगK क राय पर जोर होता रहा ह और बलवान उस छीन लत ह 13 यहनना तक सार भफिवषयदवकता और वयवसथा भफिवषयदववाणी करत रह 14 और चाहो तो मानो एशिलययाह जो आनवाला था वह यही ह 15 जिजस क सनन क कान हो वह सन ल 16 म इस समय क लोगो की उपमा फिकस स द व उन बालको क समान ह जो बाजारो म बठ हए एक दसर स पकारकर कहतह 17 फिक हम न तमहार शिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न फिवलाप फिकया और तम न छाती नही पीटी 18 कयोफिक यहनना न खाता आया और न पीता और व कहत ह फिक उस म दषटातमा ह 19 मनषय का पतर खाता- पीता आया और व कहत ह फिक दखो पट और फिपयककड़ मनषय महसल लन वालो और पाफिपयो का

यिमतर पर जञान अपन कामो म सचचा ठहराया गया ह 20 तब वह उन नगरो को उलाहना दन लगा जिजन म उस न बहतर सामथK क काम फिकए थ कयोफिक उनहोन अपना मन नही फिरायाथा 21 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथK क काम तम म फिकए गए यदिद व सर और सदा म फिकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन फिरा लत 22 परनत म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तमहारी दशा स सर और सदा की दशा अयिधक सहन योगय होगी 23 और ह करनहम कया त सवगK तक ऊचा फिकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा जो सामथK क काम तझ म फिकए

गए ह यदिद सदोम म फिकए जात तो वह आज तक बना रहता 24 पर म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तरी दशा स सदोम क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 25 उसी समय यीश न कहा ह फिपता सवगK और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह फिक त न इन बातो को जञाफिनयो और

समझदारो स शिछपा रखा और बालको पर परगट फिकया ह 26 हा ह फिपता कयोफिक तझ यही अचछा लगा 27 मर फिपता न मझ सब कछ सौपा ह और कोई पतर को नही जानता कवल फिपता और कोई फिपता को नही जानता कवल पतर

और वह जिजस पर पतर उस परगट करना चाह 28 ह सब परिरशरम करन वालो और बोझ स दब लोगो मर पास आओ म तमह फिवशराम दगा 29 मरा जआ अपन ऊपर उठा लो और मझ स सीखो कयोफिक म नमर और मन म दीन ह और तम अपन मन म फिवशराम पाओग 30 कयोफिक मरा जआ सहज और मरा बोझ हलका ह

Chapter12

1 उस समय यीश सबत क दिदन खतो म स होकर जा रहा था और उसक चलो को भख लगी सो व बाल तोड़ तोड़ कर खान लग 2 रीशिसयो न यह दखकर उस स कहा दख तर चल वह काम कर रह ह जो सबत क दिदन करना उशिचत नही 3 उस न उन स कहा कया तम न नही पढ़ा फिक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख हए तो कया फिकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया खाई जिजनह खाना न तो उस और उसक साशिथयो को पर कवल याजको

को उशिचत था 5 या तम न वयवसथा म नही पढ़ा फिक याजक सबत क दिदन मजिनदर म सबत क दिदन क फिवयिध को तोड़न पर भी फिनदष ठहरत ह 6 पर म तम स कहता ह फिक यहा वह ह जो मजिनदर स भी बड़ा ह 7 यदिद तम इस का अथK जानत फिक म दया स परसनन ह बशिलदान स नही तो तम फिनदष को दोषी न ठहरात 8 मनषय का पतर तो सबत क दिदन का भी परभ ह 9 वहा स चलकर वह उन की सभा क घर म आया 10 और दखो एक मनषय था जिजस का हाथ सखा हआ था और उनहोन उस पर दोष लगान क शिलय उस स पछा फिक कया सबत

क दिदन चगा करना उशिचत ह 11 उस न उन स कहा तम म ऐसा कौन ह जिजस की एक ही भड़ हो और वह सबत क दिदन गड़ह म फिगर जाए तो वह उस

पकड़कर न फिनकाल 12 भला मनषय का मलय भड़ स फिकतना बढ़ कर ह इसशिलय सबत क दिदन भलाई करना उशिचत ह तब उस न उस मनषय स कहा

अपना हाथ बढ़ा 13 उस न बढ़ाया और वह फिर दसर हाथ की नाई अचछा हो गया 14 तब रीशिसयो न बाहर जाकर उसक फिवरोध म सममफित की फिक उस फिकस परकार नाश कर 15 यह जानकर यीश वहा स चला गया और बहत लोग उसक पीछ हो शिलय और उस न सब को चगा फिकया 16 और उनह शिचताया फिक मझ परगट न करना 17 फिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 18 फिक दखो यह मरा सवक ह जिजस म न चना ह मरा फिपरय जिजस स मरा मन परसनन ह म अपना आतमा उस पर डालगा और

वह अनयजाफितयो को नयाय का समाचार दगा

19 वह न झगड़ा करगा और न धम मचाएगा और न बाजारो म कोई उसका शबद सनगा 20 वह कचल हए सरकणड को न तोड़गा और धआ दती हई बतती को न बझाएगा जब तक नयाय को परबल न कराए 21 और अनयजाफितया उसक नाम पर आशा रखगी 22 तब लोग एक अनध- गग को जिजस म दषटातमा थी उसक पास लाए और उस न उस अचछा फिकया और वह गगा बोलन और

दखन लगा 23 इस पर सब लोग चफिकत होकर कहन लग यह कया दाऊद की सनतान का ह 24 परनत रीशिसयो न यह सनकर कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार शतान की सहायता क फिबना दषटातमाओ को नही फिनकालता 25 उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस फिकसी राय म ट होती ह वह उजड़ जाता ह और कोई नगर या

घराना जिजस म ट होती ह बना न रहगा 26 और यदिद शतान ही शतान को फिनकाल तो वह अपना ही फिवरोधी हो गया ह फिर उसका राय कयोकर बना रहगा 27 भला यदिद म शतान की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो तमहार वश फिकस की सहायता स फिनकालत ह इसशिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग 28 पर यदिद म परमशवर क आतमा की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो परमशवर का राय तमहार पास आ पहचा ह 29 या कयोकर कोई मनषय फिकसी बलवनत क घर म घसकर उसका माल लट सकता ह जब तक फिक पफिहल उस बलवनत को न बानध

ल और तब वह उसका घर लट लगा 30 जो मर साथ नही वह मर फिवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह फिबथराता ह 31 इसशिलय म तम स कहता ह फिक मनषय का सब परकार का पाप और फिननदा कषमा की जाएगी पर आतमा की फिननदा कषमा न कीजाएगी 32 जो कोई मनषय क पतर क फिवरोध म कोई बात कहगा उसका यह अपराध कषमा फिकया जाएगा परनत जो कोई पफिवतर- आतमा क

फिवरोध म कछ कहगा उसका अपराध न तो इस लोक म और न पर लोक म कषमा फिकया जाएगा 33 यदिद पड़ को अचछा कहो तो उसक ल को भी अचछा कहो या पड़ को फिनकममा कहो तो उसक ल को भी फिनककमा कहो

कयोफिक पड़ ल ही स पहचाना जाता ह 34 ह साप क बचचो तम बर होकर कयोकर अचछी बात कह सकत हो कयोफिक जो मन म भरा ह वही मह पर आता ह 35 भला मनषय मन क भल भणडार स भली बात फिनकालता ह और बरा मनषय बर भणडार स बरी बात फिनकालता ह 36 और म तम स कहता ह फिक जो जो फिनकममी बात मनषय कहग नयाय क दिदन हर एक बात का लखा दग 37 कयोफिक त अपनी बातो क कारण फिनदष और अपनी बातो ही क कारण दोषी ठहराया जाएगा 38 इस पर फिकतन शासतरिसतरयोऔर रीशिसयो न उस स कहा ह गर हम तझ स एक शिचनह दखना चाहत ह 39 उस न उनह उततर दिदया फिक इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह परनत यनस भफिवषयदवकता क शिचनह को छोड़ कोई

और शिचनह उन को न दिदया जाएगा 40 यनस तीन रात दिदन जल- जनत क पट म रहा वस ही मनषय का पतर तीन रात दिदन पथवी क भीतर रहगा 41 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएग कयोफिक उनहोन यनस का परचार सनकर मन

फिराया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 42 दजज़िकखन की रानी नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोफिक वह सलमान का जञान सनन क

शिलय पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 43 जब अशदध आतमा मनषय म स फिनकल जाती ह तो सखी जगहो म फिवशराम ढढ़ती फिरती ह और पाती नही 44 तब कहती ह फिक म अपन उसी घर म जहा स फिनकली थी लौट जाऊगी और आकर उस सना झाड़ा- बहारा और सजा

सजाया पाती ह 45 तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वहा वास करती ह और उस

मनषय की फिपछली दशा पफिहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोगो की दशा भी ऐसी ही होगी 46 जब वह भीड़ स बात कर ही रहा था तो दखो उस की माता और भाई बाहर खड़ थ और उस स बात करना चाहत थ 47 फिकसी न उस स कहा दख तरी माता और तर भाई बाहर खड़ ह और तझ स बात करना चाहत ह 48 यह सन उस न कहन वाल को उततर दिदया कौन ह मरी माता 49 और कौन ह मर भाई और अपन चलो की ओर अपना हाथ बढ़ा कर कहा दखो मरी माता और मर भाई य ह 50 कयोफिक जो कोई मर सवगMय फिपता की इचछा पर चल वही मरा भाई और बफिहन और माता ह

Chapter13

1 उसी दिदन यीश घर स फिनकलकर झील क फिकनार जा बठा 2 और उसक पास ऐसी बड़ी भीड़ इकटठी हई फिक वह नाव पर चढ़ गया और सारी भीड़ फिकनार पर खड़ी रही 3 और उस न उन स दषटानतो म बहत सी बात कही फिक दखो एक बोन वाला बीज बोन फिनकला 4 बोत समय कछ बीज मागK क फिकनार फिगर और पभिकषयो न आकर उनह चग शिलया 5 कछ पतथरीली भयिम पर फिगर जहा उनह बहत यिमटटी न यिमली और गहरी यिमटटी न यिमलन क कारण व जलद उग आए 6 पर सरज फिनकलन पर व जल गए और जड़ न पकड़न स सख गए 7 कछ झाफिड़यो म फिगर और झाफिड़यो न बढ़कर उनह दबा डाला 8 पर कछ अचछी भयिम पर फिगर और ल लाए कोई सौ गना कोई साठ गना कोई तीस गना 9 जिजस क कान हो वह सन ल 10 और चलो न पास आकर उस स कहा त उन स दषटानतो म कयो बात करता ह 11 उस न उततर दिदया फिक तम को सवगK क राय क भदो की समझ दी गई ह पर उन को नही 12 कयोफिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा पर जिजस क पास कछ नही ह उस स जो कछ

उसक पास ह वह भी ल शिलया जाएगा 13 म उन स दषटानतो म इसशिलय बात करता ह फिक व दखत हए नही दखत और सनत हए नही सनत और नही समझत 14 और उन क फिवषय म यशायाह की यह भफिवषयदववाणी परी होती ह फिक तम कानो स तो सनोग पर समझोग नही और आखो स

तो दखोग पर तमह न सझगा 15 कयोफिक इन लोगो का मन मोटा हो गया ह और व कानो स ऊचा सनत ह और उनहोन अपनी आख मद ली ह कही ऐसा न हो

फिक व आखो स दख और कानो स सन और मन स समझ और फिर जाए और म उनह चगा कर 16 पर धनय ह तमहारी आख फिक व दखती ह और तमहार कान फिक व सनत ह 17 कयोफिक म तम स सच कहता ह फिक बहत स भफिवषयदवकताओ न और धयिमय न चाहा फिक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी

और जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 18 सो तम बोन वाल का दषटानत सनो 19 जो कोई राय का वचन सनकर नही समझता उसक मन म जो कछ बोया गया था उस वह दषट आकर छीन ल जाता ह यह

वही ह जो मागK क फिकनार बोया गया था 20 और जो पतथरीली भयिम पर बोया गया यह वह ह जो वचन सनकर तरनत आननद क साथ मान लता ह 21 पर अपन म जड़ न रखन क कारण वह थोड़ ही दिदन का ह और जब वचन क कारण कलश या उपwव होता ह तो तरनत ठोकर

खाता ह 22 जो झाफिड़यो म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनता ह पर इस ससार की शिचनता और धन का धोखा वचन को दबाता ह

और वह ल नही लाता 23 जो अचछी भयिम म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनकर समझता ह और ल लाता ह कोई सौ गना कोई साठ गना

कोई तीस गना 24 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय उस मनषय क समान ह जिजस न अपन खत म अचछा बीज बोया 25 पर जब लोग सो रह थ तो उसका बरी आकर गह क बीच जगली बीज बोकर चला गया 26 जब अकर फिनकल और बाल लगी तो जगली दान भी दिदखाई दिदए 27 इस पर गहसथ क दासो न आकर उस स कहा ह सवामी कया त न अपन खत म अचछा बीज न बोया था फिर जगली दान क

पौध उस म कहा स आए 28 उस न उन स कहा यह फिकसी बरी का काम ह दासो न उस स कहा कया तरी इचछा ह फिक हम जाकर उन को बटोर ल 29 उस न कहा ऐसा नही न हो फिक जगली दान क पौध बटोरत हए उन क साथ गह भी उखाड़ लो 30 कटनी तक दोनो को एक साथ बढ़न दो और कटनी क समय म काटन वालो स कहगा पफिहल जगली दान क पौध बटोरकर

जलान क शिलय उन क गटठ बानध लो और गह को मर खतत म इकटठा करो 31 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय राई क एक दान क समान ह जिजस फिकसी मनषय न लकर अपन खत म

बो दिदया 32 वह सब बीजो स छोटा तो ह पर जब बढ़ जाता ह तब सब साग पात स बड़ा होता ह और ऐसा पड़ हो जाता ह फिक आकाश क

पकषी आकर उस की डाशिलयो पर बसरा करत ह 33 उस न एक और दषटानत उनह सनाया फिक सवगK का राय खमीर क समान ह जिजस को फिकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म

यिमला दिदया और होत होत वह सब खमीर हो गया 34 य सब बात यीश न दषटानतो म लोगो स कही और फिबना दषटानत वह उन स कछ न कहता था 35 फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक म दषटानत कहन को अपना मह खोलगा म उन बातो को जो

जगत की उतपभितत स गपत रही ह परगट करगा 36 तब वह भीड़ को छोड़ कर घर म आया और उसक चलो न उसक पास आकर कहा खत क जगली दान का दषटानत हम समझा द 37 उस न उन को उततर दिदया फिक अचछ बीज का बोन वाला मनषय का पतर ह 38 खत ससार ह अचछा बीज राय क सनतान और जगली बीज दषट क सनतान ह 39 जिजस बरी न उन को बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटन वाल सवगKदत ह 40 सो जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का पतर अपन सवगKदतो को भजगा और व उसक राय म स सब ठोकर क कारणो को और ककमK करन वालो को इकटठाकरग 42 और उनह आग क कड म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धमM अपन फिपता क राय म सयK की नाई चमक ग जिजस क कान हो वह सन ल 44 सवगK का राय खत म शिछप हए धन क समान ह जिजस फिकसी मनषय न पाकर शिछपा दिदया और मार आननद क जाकर और

अपना सब कछ बचकर उस खत को मोल शिलया 45 फिर सवगK का राय एक वयापारी क समान ह जो अचछ मोफितयो की खोज म था 46 जब उस एक बहमलय मोती यिमला तो उस न जाकर अपना सब कछ बच डाला और उस मोल ल शिलया 47 फिर सवगK का राय उस बड़ जाल क समान ह जो समw म डाला गया और हर परकार की मशिछलयो को समट लाया 48 और जब भर गया तो उस को फिकनार पर खीच लाए और बठकर अचछी अचछी तो बरतनो म इकटठा फिकया और फिनकममी

फिनकममी क दी 49 जगत क अनत म ऐसा ही होगा सवगKदत आकर दषटो को धयिमय स अलग करग और उनह आग क कड म डालग 50 वहा रोना और दात पीसना होगा 51 कया तम न य सब बात समझी 52 उनहोन उस स कहा हा उस न उन स कहा इसशिलय हर एक शासतरी जो सवगK क राय का चला बना ह उस गहसथ क समान ह

जो अपन भणडार स नई और परानी वसतए फिनकालता ह 53 जब यीश य सब दषटानत कह चका तो वहा स चला गया 54 और अपन दश म आकर उन की सभा म उनह ऐसा उपदश दन लगा फिक व चफिकत होकर कहन लग फिक इस को यह जञान और

सामथK क काम कहा स यिमल 55 कया यह बढ़ई का बटा नही और कया इस की माता का नाम मरिरयम और इस क भाइयो क नाम याकब और यस और शमौन

और यहदा नही 56 और कया इस की सब बफिहन हमार बीच म नही रहती फिर इस को यह सब कहा स यिमला 57 सो उनहोन उसक कारण ठोकर खाई पर यीश न उन स कहा भफिवषयदवकता अपन दश और अपन घर को छोड़ और कही फिनरादर

नही होता 58 और उस न वहा उन क अफिवशवास क कारण बहत सामथK क काम नही फिकए

Chapter14

1 उस समय चौथाई दश क राजा हरोदस न यीश की चचाK सनी 2 और अपन सवको स कहा यह यहनना बपफितसमा दनवाला ह वह मर हओ म स जी उठा ह इसी शिलय उस स सामथK क काम परगट

होत ह 3 कयोफिक हरोदस न अपन भाई फिलपपस की पतनी हरोदिदयास क कारण यहनना को पकड़कर बानधा और जलखान म डाल दिदयाथा 4 कयोफिक यहनना न उस स कहा था फिक इस को रखना तझ उशिचत नही ह 5 और वह उस मार डालना चाहता था पर लोगो स डरता था कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ 6 पर जब हरोदस का जनम दिदन आया तो हरोदिदयास की बटी न उतसव म नाच दिदखाकर हरोदस को खश फिकया 7 इसशिलय उस न शपथ खाकर वचन दिदया फिक जो कछ त मागगी म तझ दगा 8 वह अपनी माता की उकसाई हई बोली यहनना बपफितसमा दन वाल का शिसर थाल म यही मझ मगवा द 9 राजा दखिखत हआ पर अपनी शपथ क और साथ बठन वालो क कारण आजञा दी फिक द दिदया जाए 10 और जलखान म लोगो को भजकर यहनना का शिसर कटवा दिदया 11 और उसका शिसर थाल म लाया गया और लड़की को दिदया गया और वह उस को अपनी मा क पास ल गई 12 और उसक चलो न आकर और उस की लोथ को ल जाकर गाढ़ दिदया और जाकर यीश को समाचार दिदया 13 जब यीश न यह सना तो नाव पर चढ़कर वहा स फिकसी सनसान जगह एकानत म चला गया और लोग यह सनकर नगर नगर स

पदल उसक पीछ हो शिलए 14 उस न फिनकलकर बड़ी भीड़ दखी और उन पर तरस खाया और उस न उन क बीमारो को चगा फिकया 15 जब साझ हई तो उसक चलो न उसक पास आकर कहा यह तो सनसान जगह ह और दर हो रही ह लोगो को फिवदा फिकया

जाए फिक व बसतिसतयो म जाकर अपन शिलय भोजन मोल ल 16 यीश न उन स कहा उन का जाना आवltयक नही तम ही इनह खान को दो 17 उनहोन उस स कहा यहा हमार पास पाच रोटी और दो मशिछलयो को छोड़ और कछ नही ह 18 उस न कहा उन को यहा मर पास ल आओ 19 तब उस न लोगो को घास पर बठन को कहा और उन पाच रोदिटयो और दो मशिछलयो को शिलया और सवगK की ओर दखकर

धनयवाद फिकया और रोदिटया तोड़ तोड़कर चलो को दी और चलो न लोगो को 20 और सब खाकर तपत हो गए और उनहोन बच हए टकड़ो स भरी हई बारह टोफिकरया उठाई 21 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़कर पाच हजार परषो क अटकल थ 22 और उस न तरनत अपन चलो को बरबस नाव पर चढ़ाया फिक व उस स पफिहल पार चल जाए जब तक फिक वह लोगो को फिवदाकर 23 वह लोगो को फिवदा करक पराथKना करन को अलग पहाड़ पर चढ़ गया और साझ को वहा अकला था 24 उस समय नाव झील क बीच लहरो स डगमगा रही थी कयोफिक हवा सामहन की थी 25 और वह रात क चौथ पहर झील पर चलत हए उन क पास आया 26 चल उस को झील पर चलत हए दखकर घबरा गए और कहन लग वह भत ह और डर क मार शिचलला उठ 27 यीश न तरनत उन स बात की और कहा ढाढ़स बानधो म ह डरो मत 28 पतरस न उस को उततर दिदया ह परभ यदिद त ही ह तो मझ अपन पास पानी पर चलकर आन की आजञा द 29 उस न कहा आ तब पतरस नाव पर स उतरकर यीश क पास जान को पानी पर चलन लगा 30 पर हवा को दखकर डर गया और जब डबन लगा तो शिचललाकर कहा ह परभ मझ बचा 31 यीश न तरनत हाथ बढ़ाकर उस थाम शिलया और उस स कहा ह अलप-फिवशवासी त न कयो सनदह फिकया 32 जब व नाव पर चढ़ गए तो हवा थम गई 33 इस पर जो नाव पर थ उनहोन उस दणडवत करक कहा सचमच त परमशवर का पतर ह 34 व पार उतरकर गननसरत दश म पहच 35 और वहा क लोगो न उस पहचानकर आस पास क सार दश म कहला भजा और सब बीमारो को उसक पास लाए 36 और उस स फिबनती करन लग फिक वह उनह अपन वसतर क आचल ही को छन द और जिजतनो न उस छआ व चग हो गए

Chapter15

1 तब यरशलम स फिकतन रीसी और शासतरी यीश क पास आकर कहन लग 2 तर चल परफिनयो की रीतो को कयो टालत ह फिक फिबना हाथ धोए रोटी खात ह 3 उस न उन को उततर दिदया फिक तम भी अपनी रीतो क कारण कयो परमशवर की आजञा टालत हो 4 कयोफिक परमशवर न कहा था फिक अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और जो कोई फिपता या माता को बरा कह वह

मार डाला जाए 5 पर तम कहत हो फिक यदिद कोई अपन फिपता या माता स कह फिक जो कछ तझ मझ स लाभ पहच सकता था वह परमशवर को भट

चढ़ाई जा चकी 6 तो वह अपन फिपता का आदर न कर सो तम न अपनी रीतो क कारण परमशवर का वचन टाल दिदया 7 ह कपदिटयो यशायाह न तमहार फिवषय म यह भफिवषयदवाणी ठीक की 8 फिक य लोग होठो स तो मरा आदर करत ह पर उन का मन मझ स दर रहता ह 9 और य वयथK मरी उपासना करत ह कयोफिक मनषयो की फिवयिधयो को धमपदश करक शिसखात ह 10 और उस न लोगो को अपन पास बलाकर उन स कहा सनो और समझो 11 जो मह म जाता ह वह मनषय को अशदध नही करता पर जो मह स फिनकलता ह वही मनषय को अशदध करता ह 12 तब चलो न आकर उस स कहा कया त जानता ह फिक रीशिसयो न यह वचन सनकर ठोकर खाई 13 उस न उततर दिदया हर पौधा जो मर सवगMय फिपता न नही लगाया उखाड़ा जाएगा 14 उन को जान दो व अनध मागK दिदखान वाल ह और अनधा यदिद अनध को मागK दिदखाए तो दोनो गड़ह म फिगर पड़ग 15 यह सनकर पतरस न उस स कहा यह दषटानत हम समझा द 16 उस न कहा कया तम भी अब तक ना समझ हो 17 कया नही समझत फिक जो कछ मह म जाता वह पट म पड़ता ह और सणडास म फिनकल जाता ह 18 पर जो कछ मह स फिनकलता ह वह मन स फिनकलता ह और वही मनषय को अशदध करता ह 19 कयोफिक कशिचनता हतया पर सतरीगमन वयभिभचार चोरी झठी गवाही और फिननदा मन ही स फिनकलती ह 20 यही ह जो मनषय को अशदध करती ह परनत हाथ फिबना धोए भोजन करना मनषय को अशदध नही करता 21 यीश वहा स फिनकलकर सर और सदा क दशो की ओर चला गया 22 और दखो उस दश स एक कनानी सतरी फिनकली और शिचललाकर कहन लगी ह परभ दाऊद क सनतान मझ पर दया कर मरी

बटी को दषटातमा बहत सता रहा ह 23 पर उस न उस कछ उततर न दिदया और उसक चलो न आकर उस स फिबनती कर कहा इस फिवदा कर कयोफिक वह हमार पीछ

शिचललाती आती ह 24 उस न उततर दिदया फिक इसराएल क घरान की खोई हई भड़ो को छोड़ म फिकसी क पास नही भजा गया 25 पर वह आई और उस परणाम करक कहन लगी ह परभ मरी सहायता कर 26 उस न उततर दिदया फिक लड़को की रोटी लकर कततो क आग डालना अचछा नही 27 उस न कहा सतय ह परभ पर कतत भी वह चरचार खात ह जो उन क सवायिमयो की मज स फिगरत ह 28 इस पर यीश न उस को उततर दकर कहा फिक ह सतरी तरा फिवशवास बड़ा ह जसा त चाहती ह तर शिलय वसा ही हो और उस की

बटी उसी घड़ी स चगी हो गई 29 यीश वहा स चलकर गलील की झील क पास आया और पहाड़ पर चढ़कर वहा बठ गया 30 और भीड़ पर भीड़ लगड़ो अनधो गगो टड़ो और बहत औरो को लकर उसक पास आए और उनह उस क पावो पर डालदिदया और उस न उनह चगा फिकया 31 सो जब लोगो न दखा फिक गग बोलत और टणड चग होत और लगड़ चलत और अनध दखत ह तो अचमभा करक इसराएल क

परमशवर की बड़ाई की 32 यीश न अपन चलो को बलाकर कहा मझ इस भीड़ पर तरस आता ह कयोफिक व तीन दिदन स मर साथ ह और उन क पास कछ

खान को नही और म उनह भखा फिवदा करना नही चाहता कही ऐसा न हो फिक मागK म थककर रह जाए 33 चलो न उस स कहा हम जगल म कहा स इतनी रोटी यिमलगी फिक हम इतनी बड़ी भीड़ को तपत कर 34 यीश न उन स पछा तमहार पास फिकतनी रोदिटया ह उनहोन कहा सात और थोड़ी सी छोटी मशिछलया 35 तब उस न लोगो को भयिम पर बठन की आजञा दी

36 और उन सात रोदिटयो और मशिछलयो को ल धनयवाद करक तोड़ा और अपन चलो को दता गया और चल लोगो को 37 सो सब खाकर तपत हो गए और बच हए टकड़ो स भर हए सात टोकर उठाए 38 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़ चार हजार परष थ 39 तब वह भीड़ को फिवदा करक नाव पर चढ़ गया और मगदन दश क शिसवानो म आया

Chapter16

1 और रीशिसयो और सदफिकयो न पास आकर उस परखन क शिलय उस स कहा फिक हम आकाश का कोई शिचनह दिदखा 2 उस न उन को उततर दिदया फिक साझ को तम कहत हो फिक खला रहगा कयोफिक आकाश लाल ह 3 और भोर को कहत हो फिक आज आनधी आएगी कयोफिक आकाश लाल और धमला ह तम आकाश का लकषण दखकर भद बता

सकत हो पर समयो क शिचनहो का भद नही बता सकत 4 इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह पर यनस क शिचनह को छोड़ कोई और शिचनह उनह न दिदया जाएगा और वह उनह

छोड़कर चला गया 5 और चल पार जात समय रोटी लना भल गए थ 6 यीश न उन स कहा दखो रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 7 व आपस म फिवचार करन लग फिक हम तो रोटी नही लाए 8 यह जानकर यीश न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो तम आपस म कयो फिवचार करत हो फिक हमार पास रोटी नही 9 कया तम अब तक नही समझ और उन पाच हजार की पाच रोटी समरण नही करत और न यह फिक फिकतनी टोफिकरया उठाई थी 10 और न उन चार हजार की सात रोटी और न यह फिक फिकतन टोकर उठाए गए थ 11 तम कयो नही समझत फिक म न तम स रोदिटयो क फिवषय म नही कहा रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 12 तब उन को समझ म आया फिक उस न रोटी क खमीर स नही पर रीशिसयो और सदफिकयो की शिशकषा स चौकस रहन को कहाथा 13 यीश कसरिरया फिशिलपपी क दश म आकर अपन चलो स पछन लगा फिक लोग मनषय क पतर को कया कहत ह 14 उनहोन कहा फिकतन तो यहनना बपफितसमा दन वाला कहत ह और फिकतन एशिलययाह और फिकतन यियमKयाह या भफिवषयदवकताओ म स

कोई एक कहत ह 15 उस न उन स कहा परनत तम मझ कया कहत हो 16 शमौन पतरस न उततर दिदया फिक त जीवत परमशवर का पतर मसीह ह 17 यीश न उस को उततर दिदया फिक ह शमौन योना क पतर त धनय ह कयोफिक मास और लोह न नही परनत मर फिपता न जो सवगK मह यह बात तझ पर परगट की ह 18 और म भी तझ स कहता ह फिक त पतरस ह और म इस पतथर पर अपनी कलीशिसया बनाऊगा और अधोलोक क ाटक उस

पर परबल न होग 19 म तझ सवगK क राय की कजिजया दगा और जो कछ त पथवी पर बानधगा वह सवगK म बनधगा और जो कछ त पथवी परखोलगा वह सवगK म खलगा 20 तब उस न चलो को शिचताया फिक फिकसी स न कहना फिक म मसीह ह 21 उस समय स यीश अपन चलो को बतान लगा फिक मझ अवltय ह फिक यरशलम को जाऊ और परफिनयो और महायाजको और

शासतरिसतरयो क हाथ स बहत दख उठाऊ और मार डाला जाऊ और तीसर दिदन जी उठ 22 इस पर पतरस उस अलग ल जाकर जिझड़कन लगा फिक ह परभ परमशवर न कर तझ पर ऐसा कभी न होगा 23 उस न फिरकर पतरस स कहा ह शतान मर सामहन स दर हो त मर शिलय ठोकर का कारण ह कयोफिक त परमशवर की बातनही पर मनषयो की बातो पर मन लगाता ह 24 तब यीश न अपन चलो स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप का इनकार कर और अपना करस उठाए और मर

पीछ हो ल 25 कयोफिक जो कोई अपना पराण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई मर शिलय अपना पराण खोएगा वह उस पाएगा 26 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपन पराण की हाफिन उठाए तो उस कया लाभ होगा या मनषय अपन पराण क बदल

म कया दगा 27 मनषय का पतर अपन सवगKदतो क साथ अपन फिपता की मफिहमा म आएगा और उस समय वह हर एक को उसक कामो क

अनसार परफितल दगा 28 म तम स सच कहता ह फिक जो यहा खड़ ह उन म स फिकतन ऐस ह फिक जब तक मनषय क पतर को उसक राय म आत हए न

दख लग तब तक मतय का सवाद कभी न चखग

Chapter17

1 छ दिदन क बाद यीश न पतरस और याकब और उसक भाई यहनना को साथ शिलया और उनह एकानत म फिकसी ऊच पहाड़ पर लगया 2 और उनक सामहन उसका रपानतर हआ और उसका मह सयK की नाई चमका और उसका वसतर योफित की नाई उजला हो गया 3 और दखो मसा और एशिलययाह उसक साथ बात करत हए उनह दिदखाई दिदए 4 इस पर पतरस न यीश स कहा ह परभ हमारा यहा रहना अचछा ह इचछा हो तो यहा तीन मणडप बनाऊ एक तर शिलय एक

मसा क शिलय और एक एशिलययाह क शिलय 5 वह बोल ही रहा था फिक दखो एक उजल बादल न उनह छा शिलया और दखो उस बादल म स यह शबद फिनकला फिक यह मरा

फिपरय पतर ह जिजस स म परसनन ह इस की सनो 6 चल यह सनकर मह क बल फिगर गए और अतयनत डर गए 7 यीश न पास आकर उनह छआ और कहा उठो डरो मत 8 तब उनहोन अपनी आख उठाकर यीश को छोड़ और फिकसी को न दखा 9 जब व पहाड़ स उतर रह थ तब यीश न उनह यह आजञा दी फिक जब तक मनषय का पतर मर हओ म स न जी उठ तब तक जो कछ

तम न दखा ह फिकसी स न कहना 10 और उसक चलो न उस स पछा फिर शासतरी कयो कहत ह फिक एशिलययाह का पहल आना अवltय ह 11 उस न उततर दिदया फिक एशिलययाह तो आएगा और सब कछ सधारगा 12 परनत म तम स कहता ह फिक एशिलययाह आ चका और उनहोन उस नही पहचाना परनत जसा चाहा वसा ही उसक साथ फिकया

इसी रीफित स मनषय का पतर भी उन क हाथ स दख उठाएगा 13 तब चलो न समझा फिक उस न हम स यहनना बपफितसमा दन वाल क फिवषय म कहा ह 14 जब व भीड़ क पास पहच तो एक मनषय उसक पास आया और घटन टक कर कहन लगा 15 ह परभ मर पतर पर दया कर कयोफिक उस को यिमगM आती ह और वह बहत दख उठाता ह और बार बार आग म और बार बार

पानी म फिगर पड़ता ह 16 और म उस को तर चलो क पास लाया था पर व उस अचछा नही कर सक 17 यीश न उततर दिदया फिक ह अफिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा कब तक तमहारी सहगा उस यहा मर

पास लाओ 18 तब यीश न उस घड़का और दषटातमा उस म स फिनकला और लड़का उसी घड़ी अचछा हो गया 19 तब चलो न एकानत म यीश क पास आकर कहा हम इस कयो नही फिनकाल सक 20 उस न उन स कहा अपन फिवशवास की घटी क कारण कयोफिक म तम स सच कहता ह यदिद तमहारा फिवशवास राई क दान क

बराबर भी हो तो इस पहाड़ स कह स को ग फिक यहा स सरककर वहा चला जा तो वह चला जाएगा और कोई बात तमहार शिलय अनहोनी न होगी

21 जब व गलील म थ तो यीश न उन स कहा मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जाएगा 22 और व उस मार डालग और वह तीसर दिदन जी उठगा 23 इस पर व बहत उदास हए 24 जब व करनहम म पहच तो मजिनदर क शिलय कर लन वालो न पतरस क पास आकर पछा फिक कया तमहारा गर मजिनदर का कर

नही दता उस न कहा हा दता तो ह 25 जब वह घर म आया तो यीश न उसक पछन स पफिहल उस स कहा ह शमौन त कया समझता ह पथवी क राजा महसल या कर

फिकन स लत ह अपन पतरो स या परायो स पतरस न उन स कहा परायो स 26 यीश न उस स कहा तो पतर बच गए

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 2: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

7 तब हरोदस न योफितफिषयो को चपक स बलाकर उन स पछा फिक तारा ठीक फिकस समय दिदखाई दिदया था 8 और उस न यह कहकर उनह बतलहम भजा फिक जाकर उस बालक क फिवषय म ठीक ठीक मालम करो और जब वह यिमल जाए तो

मझ समाचार दो ताफिक म भी आकर उस को परणाम कर 9 व राजा की बात सनकर चल गए और दखो जो तारा उनहोन पवK म दखा था वह उन क आग आग चला और जहा बालक था

उस जगह क ऊपर पहचकर ठहर गया 10 उस तार को दखकर व अफित आनजिनदत हए 11 और उस घर म पहचकर उस बालक को उस की माता मरिरयम क साथ दखा और मह क बल फिगरकर उस परणाम फिकया और

अपना अपना यला खोलकर उस सोना और लोहबान और गनधरस की भट चढ़ाई 12 और सवपन म यह शिचतौनी पाकर फिक हरोदस क पास फिर न जाना व दसर मागK स होकर अपन दश को चल गए 13 उन क चल जान क बाद दखो परभ क एक दत न सवपन म यस को दिदखाई दकर कहा उठ उस बालक को और उस की माता

को लकर यिमसर दश को भाग जा और जब तक म तझ स न कह तब तक वही रहना कयोफिक हरोदस इस बालक को ढढ़न पर ह फिक उस मरवा डाल

14 वह रात ही को उठकर बालक और उस की माता को लकर यिमसर को चल दिदया 15 और हरोदस क मरन तक वही रहा इसशिलय फिक वह वचन जो परभ न भफिवषयदवकता क दवारा कहा था फिक म न अपन पतर को यिमसर

स बलाया परा हो 16 जब हरोदस न यह दखा फिक योफितफिषयो न मर साथ ठटठा फिकया ह तब वह करोध स भर गया और लोगो को भजकर

योफितफिषयो स ठीक ठीक पछ हए समय क अनसार बतलहम और उसक आस पास क सब लड़को को जो दो वषK क वा उस स छोटथ मरवा डाला 17 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ 18 फिक रामाह म एक करण- नाद सनाई दिदया रोना और बड़ा फिवलाप राहल अपन बालको क शिलय रो रही थी और शानत होना न

चाहती थी कयोफिक व ह नही 19 हरोदस क मरन क बाद दखो परभ क दत न यिमसर म यस को सवपन म दिदखाई दकर कहा 20 फिक उठ बालक और उस की माता को लकर इसराएल क दश म चला जा कयोकिक जो बालक क पराण लना चाहत थ व मरगए 21 वह उठा और बालक और उस की माता को साथ लकर इसराएल क दश म आया 22 परनत यह सनकर फिक अरिरखलाउस अपन फिपता हरोदस की जगह यहदिदया पर राय कर रहा ह वहा जान स डरा और सवपन म

शिचतौनी पाकर गलील दश म चला गया 23 और नासरत नाम नगर म जा बसा ताफिक वह वचन परा हो जो भफिवषयदवकताओ क दवारा कहा गया था फिक वह नासरीकहलाएगा

Chapter3

1 उन दिदनो म यहनना बपफितसमा दनवाला आकर यहदिदया क जगल म यह परचार करन लगा फिक 2 मन फिराओ कयोफिक सवगK का राय फिनकट आ गया ह 3 यह वही ह जिजस की चचाK यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा की गई फिक जगल म एक पकारन वाल का शबद हो रहा ह फिक परभ का

मागK तयार करो उस की सड़क सीधी करो 4 यह यहनना ऊट क रोम का वसतर पफिहन था और अपनी कमर म चमड़ का पटका बानध हए था और उसका भोजन दिटफिmया और

बनमध था 5 तब यरशलम क और सार यहदिदया क और यरदन क आस पास क सार दश क लोग उसक पास फिनकल आए 6 और अपन अपन पापो को मानकर यरदन नदी म उस स बपफितसमा शिलया 7 जब उस न बहतर रीशिसयो और सदफिकयो को बपफितसमा क शिलय अपन पास आत दखा तो उन स कहा फिक ह साप क बचचो तमह

फिकस न जता दिदया फिक आन वाल करोध स भागो 8 सो मन फिराव क योगय ल लाओ 9 और अपन अपन मन म यह न सोचो फिक हमारा फिपता इबराहीम ह कयोफिक म तम स कहता ह फिक परमशवर इन पतथरो स इबराहीम

क शिलय सनतान उतपनन कर सकता ह

10 और अब कलहाड़ा पड़ो की जड़ पर रखा हआ ह इसशिलय जो जो पड़ अचछा ल नही लाता वह काटा और आग म झोका जाता ह

11 म तो पानी स तमह मन फिराव का बपफितसमा दता ह परनत जो मर बाद आनवाला ह वह मझ स शशिकतशाली ह म उस की जती उठान क योगय नही वह तमह पफिवतर आतमा और आग स बपफितसमा दगा

12 उसका सप उस क हाथ म ह और वह अपना खशिलहान अचछी रीफित स सा करगा और अपन गह को तो खतत म इकटठाकरगा परनत भसी को उस आग म जलाएगा जो बझन की नही 13 उस समय यीश गलील स यरदन क फिकनार पर यहनना क पास उस स बपफितसमा लन आया 14 परनत यहनना यह कहकर उस रोकन लगा फिक मझ तर हाथ स बपफितसमा लन की आवltयकता ह और त मर पास आया ह 15 यीश न उस को यह उततर दिदया फिक अब तो ऐसा ही होन द कयोफिक हम इसी रीफित स सब धायिमकK ता को परा करना उशिचत ह

तब उस न उस की बात मान ली 16 और यीश बपफितसमा लकर तरनत पानी म स ऊपर आया और दखो उसक शिलय आकाश खल गया और उस न परमशवर क

आतमा को कबतर की नाई उतरत और अपन ऊपर आत दखा 17 और दखो यह आकाशवाणी हई फिक यह मरा फिपरय पतर ह जिजस स म अतयनत परसनन ह

Chapter4

1 तब उस समय आतमा यीश को जगल म ल गया ताफिक इबलीस स उस की परीकषा हो 2 वह चालीस दिदन और चालीस रात फिनराहार रहा अनत म उस भख लगी 3 तब परखन वाल न पास आकर उस स कहा यदिद त परमशवर का पतर ह तो कह द फिक य पतथर रोदिटया बन जाए 4 उस न उततर दिदया फिक शिलखा ह फिक मनषय कवल रोटी ही स नही परनत हर एक वचन स जो परमशवर क मख स फिनकलता ह

जीफिवत रहगा 5 तब इबलीस उस पफिवतर नगर म ल गया और मजिनदर क कगर पर खड़ा फिकया 6 और उस स कहा यदिद त परमशवर का पतर ह तो अपन आप को नीच फिगरा द कयोफिक शिलखा ह फिक वह तर फिवषय म अपन

सवगKदतो को आजञा दगा और व तझ हाथो हाथ उठा लग कही ऐसा न हो फिक तर पावो म पतथर स ठस लग 7 यीश न उस स कहा यह भी शिलखा ह फिक त परभ अपन परमशवर की परीकषा न कर 8 फिर शतान उस एक बहत ऊच पहाड़ पर ल गया और सार जगत क राय और उसका फिवभव दिदखाकर 9 उस स कहा फिक यदिद त फिगरकर मझ परणाम कर तो म यह सब कछ तझ द दगा 10 तब यीश न उस स कहा ह शतान दर हो जा कयोफिक शिलखा ह फिक त परभ अपन परमशवर को परणाम कर और कवल उसी की

उपासना कर 11 तब शतान उसक पास स चला गया और दखो सवगKदत आकर उस की सवा करन लग 12 जब उस न यह सना फिक यहनना पकड़वा दिदया गया तो वह गलील को चला गया 13 और नासरत को छोड़कर करनहम म जो झील क फिकनार जबलन और नपताली क दश म ह जाकर रहन लगा 14 ताफिक जो यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 15 फिक जबलन और नपताली क दश झील क मागK स यरदन क पार अनयजाफितयो का गलील 16 जो लोग अनधकार म बठ थ उनहोन बड़ी योफित दखी और जो मतय क दश और छाया म बठ थ उन पर योफित चमकी 17 उस समय स यीश परचार करना और यह कहना आरमभ फिकया फिक मन फिराओ कयोफिक सवगK का राय फिनकट आया ह 18 उस न गलील की झील क फिकनार फिरत हए दो भाइयो अथाKत शमौन को जो पतरस कहलाता ह और उसक भाई अजिनwयास को

झील म जाल डालत दखा कयोफिक व मछव थ 19 और उन स कहा मर पीछ चल आओ तो म तम को मनषयो क पकड़न वाल बनाऊगा 20 व तरनत जालो को छोड़कर उसक पीछ हो शिलए 21 और वहा स आग बढ़कर उस न और दो भाइयो अथाKत जबदी क पतर याकब और उसक भाई यहनना को अपन फिपता जबदी क

साथ नाव पर अपन जालो को सधारत दखा और उनह भी बलाया 22 व तरनत नाव और अपन फिपता को छोड़कर उसक पीछ हो शिलए 23 और यीश सार गलील म फिरता हआ उन की सभाओ म उपदश करता और राय का ससमाचार परचार करता और लोगो की हर

परकार की बीमारी और दबKलता को दर करता रहा

24 और सार सरिरया म उसका यश ल गया और लोग सब बीमारो को जो नाना परकार की बीमारिरयो और दखो म जकड़ हए थ और जिजन म दषटातमाए थी और यिमगM वालो और झोल क मार हओ को उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया

25 और गलील और दिदकापशिलस और यरशलम और यहदिदया स और यरदन क पार स भीड़ की भीड़ उसक पीछ हो ली

Chapter5

1 वह इस भीड़ को दखकर पहाड़ पर चढ़ गया और जब बठ गया तो उसक चल उसक पास आए 2 और वह अपना मह खोलकर उनह यह उपदश दन लगा 3 धनय ह व जो मन क दीन ह कयोफिक सवगK का राय उनही का ह 4 धनय ह व जो शोक करत ह कयोफिक व शाफित पाएग 5 धनय ह व जो नमर ह कयोफिक व पथवी क अयिधकारी होग 6 धनय ह व जो धमK क भख और पयास ह कयोफिक व तपत फिकय जाएग 7 धनय ह व जो दयावनत ह कयोफिक उन पर दया की जाएगी 8 धनय ह व जिजन क मन शदध ह कयोफिक व परमशवर को दखग 9 धनय ह व जो मल करवान वाल ह कयोफिक व परमशवर क पतर कहलाएग 10 धनय ह व जो धमK क कारण सताए जात ह कयोफिक सवगK का राय उनही का ह 11 धनय हो तम जब मनषय मर कारण तमहारी फिननदा कर और सताए और झठ बोल बोलकर तमहरो फिवरोध म सब परकार की बरी

बात कह 12 आनजिनदत और मगन होना कयोफिक तमहार शिलय सवगK म बड़ा ल ह इसशिलय फिक उनहोन उन भफिवषयदवकताओ को जो तम स पफिहल

थ इसी रीफित स सताया था 13 तम पथवी क नमक हो परनत यदिद नमक का सवाद फिबगड़ जाए तो वह फिर फिकस वसत स नमकीन फिकया जाएगा फिर वह

फिकसी काम का नही कवल इस क फिक बाहर का जाए और मनषयो क परो तल रौदा जाए 14 तम जगत की योफित हो जो नगर पहाड़ पर बसा हआ ह वह शिछप नही सकता 15 और लोग दिदया जलाकर पमान क नीच नही परनत दीवट पर रखत ह तब उस स घर क सब लोगो को परकाश पहचता ह 16 उसी परकार तमहारा उजिजयाला मनषयो क सामहन चमक फिक व तमहार भल कामो को दखकर तमहार फिपता की जो सवगK म ह

बड़ाई कर 17 यह न समझो फिक म वयवसथा था भफिवषयदवकताओ की पसतको को लोप करन आया ह 18 लोप करन नही परनत परा करन आया ह कयोफिक म तम स सच कहता ह फिक जब तक आकाश और पथवी टल न जाए तब

तक वयवसथा स एक मातरा या फिबनद भी फिबना परा हए नही टलगा 19 इसशिलय जो कोई इन छोटी स छोटी आजञाओ म स फिकसी एक को तोड़ और वसा ही लोगो को शिसखाए वह सवगK क राय म

सब स छोटा कहलाएगा परनत जो कोई उन का पालन करगा और उनह शिसखाएगा वही सवगK क राय म महान कहलाएगा 20 कयोफिक म तम स कहता ह फिक यदिद तमहारी धायिमकK ता शासतरिसतरयो और रीशिसयो की धायिमकK ता स बढ़कर न हो तो तम सवगK क

राय म कभी परवश करन न पाओग 21 तम सन चक हो फिक पवKकाल क लोगो स कहा गया था फिक हतया न करना और जो कोई हतया करगा वह कचहरी म दणड क

योगय होगा 22 परनत म तम स यह कहता ह फिक जो कोई अपन भाई पर करोध करगा वह कचहरी म दणड क योगय होगा और जो कोई अपन

भाई को फिनकममा कहगा वह महासभा म दणड क योगय होगा ldquo rdquo और जो कोई कह अर मखK वह नरक की आग क दणड क योगयहोगा 23 इसशिलय यदिद त अपनी भट वदी पर लाए और वहा त समरण कर फिक मर भाई क मन म मरी ओर स कछ फिवरोध ह तो अपनी

भट वही वदी क सामहन छोड़ द 24 और जाकर पफिहल अपन भाई स मल यिमलाप कर तब आकर अपनी भट चढ़ा 25 जब तक त अपन मददई क साथ मागK ही म ह उस स झटपट मल यिमलाप कर ल कही ऐसा न हो फिक मददई तझ हाफिकम को सौप

और हाफिकम तझ शिसपाही को सौप द और त बनदीगह म डाल दिदया जाए 26 म तम स सच कहता ह फिक जब तक त कौड़ी कौड़ी भर न द तब तक वहा स छटन न पाएगा 27 तम सन चक हो फिक कहा गया था फिक वयभिभचार न करना

28 परनत म तम स यह कहता ह फिक जो कोई फिकसी सतरी पर कदयिषट डाल वह अपन मन म उस स वयभिभचार कर चका 29 यदिद तरी दाफिहनी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर अपन पास स क द कयोफिक तर शिलय यही भला ह फिक तर अगो म स एक नाश हो जाए और तरा सारा शरीर नरक म न डाला जाए

30 और यदिद तरा दाफिहना हाथ तझ ठोकर खिखलाए तो उस को काटकर अपन पास स क द कयोफिक तर शिलय यही भला ह फिक तर अगो म स एक नाश हो जाए और तरा सारा शरीर नरक म न डाला जाए

31 यह भी कहा गया था फिक जो कोई अपनी पतनी को तयाग द तो उस तयागपतर द 32 परनत म तम स यह कहता ह फिक जो कोई अपनी पतनी को वयभिभचार क शिसवा फिकसी और कारण स छोड़ द तो वह उस स

वयभिभचार करवाता ह और जो कोई उस तयागी हई स बयाह कर वह वयभिभचार करता ह 33 फिर तम सन चक हो फिक पवKकाल क लोगो स कहा गया था फिक झठी शपथ न खाना परनत परभ क शिलय अपनी शपथ को परीकरना 34 परनत म तम स यह कहता ह फिक कभी शपथ न खाना न तो सवगK की कयोफिक वह परमशवर का सिसहासन ह 35 न धरती की कयोफिक वह उसक पावो की चौकी ह न यरशलम की कयोफिक वह महाराजा का नगर ह 36 अपन शिसर की भी शपथ न खाना कयोफिक त एक बाल को भी न उजला न काला कर सकता ह 37 परनत तमहारी बात हा की हा या नही की नही हो कयोफिक जो कछ इस स अयिधक होता ह वह बराई स होता ह 38 तम सन चक हो फिक कहा गया था फिक आख क बदल आख और दात क बदल दात 39 परनत म तम स यह कहता ह फिक बर का सामना न करना परनत जो कोई तर दाफिहन गाल पर थपपड़ मार उस की ओर दसरा

भी र द 40 और यदिद कोई तझ पर नाशिलश करक तरा करता लना चाह तो उस दोहर भी ल लन द 41 और जो कोई तझ कोस भर बगार म ल जाए तो उसक साथ दो कोस चला जा 42 जो कोई तझ स माग उस द और जो तझ स उधार लना चाह उस स मह न मोड़ 43 तम सन चक हो फिक कहा गया था फिक अपन पड़ोसी स परम रखना और अपन बरी स बर |4 परनत म तम स यह कहता ह

फिक अपन बरिरयो स परम रखो और अपन सतान वालो क शिलय पराथKना करो 45 जिजस स तम अपन सवगMय फिपता की सनतान ठहरोग कयोफिक वह भलो और बरो दोनो पर अपना सयK उदय करता ह और धयिमय

और अधयिमय दोनो पर मह बरसाता ह 46 कयोफिक यदिद तम अपन परम रखन वालो ही स परम रखो तो तमहार शिलय कया ल होगा कया महसल लन वाल भी ऐसा ही नहीकरत 47 और यदिद तम कवल अपन भाइयो ही को नमसकार करो तो कौन सा बड़ा काम करत हो कया अनयजाफित भी ऐसा नही करत 48 इसशिलय चाफिहय फिक तम शिसदध बनो जसा तमहारा सवगMय फिपता शिसदध ह

Chapter6

1 सावधान रहो तम मनषयो को दिदखान क शिलय अपन धमK क काम न करो नही तो अपन सवगMय फिपता स कछ भी ल न पाओग 2 इसशिलय जब त दान कर तो अपन आग तरही न बजवा जसा कपटी सभाओ और गशिलयो म करत ह ताफिक लोग उन की बड़ाईकर म तम स सच कहता ह फिक व अपना ल पा चक 3 परनत जब त दान कर तो जो तरा दाफिहना हाथ करता ह उस तरा बाया हाथ न जानन पाए 4 ताफिक तरा दान गपत रह और तब तरा फिपता जो गपत म दखता ह तझ परफितल दगा 5 और जब त पराथKना कर तो कपदिटयो क समान न हो कयोफिक लोगो को दिदखान क शिलय सभाओ म और सड़को क मोड़ो पर खड़

होकर पराथKना करना उन को अचछा लगता ह म तम स सच कहता ह फिक व अपना परफितल पा चक 6 परनत जब त पराथKना कर तो अपनी कोठरी म जा और दवार बनद कर क अपन फिपता स जो गपत म ह पराथKना कर और तब तरा

फिपता जो गपत म दखता ह तझ परफितल दगा 7 पराथKना करत समय अनयजाफितयो की नाई बक बक न करो कयोफिक व समझत ह फिक उनक बहत बोलन स उन की सनी जाएगी 8 सो तम उन की नाई न बनो कयोफिक तमहारा फिपता तमहार मागन स पफिहल ही जानता ह फिक तमहारी कया कया आवltयकता ह 9 सो तम इस रीफित स पराथKना फिकया करो ldquo ह हमार फिपता त जो सवगK म ह तरा नाम पफिवतर माना जाए 10 तरा राय आए तरी इचछा जसी सवगK म परी होती ह वस पथवी पर भी हो 11 हमारी दिदन भर की रोटी आज हम द

12 और जिजस परकार हम न अपन अपरायिधयो को कषमा फिकया ह वस ही त भी हमार अपराधो को कषमा कर 13 और हम परीकषा म न ला परनत बराई स बचा rdquo कयोफिक राय और पराकरम और मफिहमा सदा तर ही ह आमीन 14 इसशिलय यदिद तम मनषय क अपराध कषमा करोग तो तमहारा सवगMय फिपता भी तमह कषमा करगा 15 और यदिद तम मनषयो क अपराध कषमा न करोग तो तमहारा फिपता भी तमहार अपराध कषमा न करगा 16 जब तम उपवास करो तो कपदिटयो की नाई तमहार मह पर उदासी न छाई रह कयोफिक व अपना मह बनाए रहत ह ताफिक लोग

उनह उपवासी जान म तम स सच कहता ह फिक व अपना परफितल पा चक 17 परनत जब त उपवास कर तो अपन शिसर पर तल मल और मह धो 18 ताफिक लोग नही परनत तरा फिपता जो गपत म ह तझ उपवासी जान इस दशा म तरा फिपता जो गपत म दखता ह तझ परफितलदगा 19 अपन शिलय पथवी पर धन इकटठा न करो जहा कीड़ा और काई फिबगाड़त ह और जहा चोर सध लगात और चरात ह 20 परनत अपन शिलय सवगK म धन इकटठा करो जहा न तो कीड़ा और न काई फिबगाड़त ह और जहा चोर न सध लगात और न चरात ह 21 कयोफिक जहा तरा धन ह वहा तरा मन भी लगा रहगा 22 शरीर का दिदया आख ह इसशिलय यदिद तरी आख फिनमKल हो तो तरा सारा शरीर भी उजिजयाला होगा 23 परनत यदिद तरी आख बरी हो तो तरा सारा शरीर भी असतरिनधयारा होगा इस कारण वह उजिजयाला जो तझ म ह यदिद अनधकार हो

तो वह अनधकार कसा बड़ा होगा 24 कोई मनषय दो सवायिमयो की सवा नही कर सकता कयोफिक वह एक स बर ओर दसर स परम रखगा वा एक स यिमला रहगा और

दसर को तचछ जानगा ldquo rdquoतम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 25 इसशिलय म तम स कहता ह फिक अपन पराण क शिलय यह शिचनता न करना फिक हम कया खाएग और कया पीएग और न अपन

शरीर क शिलय फिक कया पफिहनग कया पराण भोजन स और शरीर वसतर स बढ़कर नही 26 आकाश क पभिकषयो को दखो व न बोत ह न काटत ह और न खततो म बटोरत ह तौभी तमहारा सवगMय फिपता उन को खिखलाताह कया तम उन स अयिधक मलय नही रखत 27 तम म कौन ह जो शिचनता करक अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 28 और वसतर क शिलय कयो शिचनता करत हो जगली सोसनो पर धयान करो फिक व कस बढ़त ह व न तो परिरशरम करत ह न कातत ह 29 तौभी म तम स कहता ह फिक सलमान भी अपन सार फिवभव म उन म स फिकसी क समान वसतर पफिहन हए न था 30 इसशिलय जब परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा वसतर पफिहनाता ह तो हअलपफिवशवाशिसयो तम को वह कयोकर न पफिहनाएगा 31 इसशिलय तम शिचनता करक यह न कहना फिक हम कया खाएग या कया पीएग या कया पफिहनग 32 कयोफिक अनयजाफित इन सब वसतओ की खोज म रहत ह और तमहारा सवगMय फिपता जानता ह फिक तमह य सब वसतए चाफिहए 33 इसशिलय पफिहल तम उस राय और धमK की खोज करो तो य सब वसतए भी तमह यिमल जाएगी 34 सो कल क शिलय शिचनता न करो कयोफिक कल का दिदन अपनी शिचनता आप कर लगा आज क शिलय आज ही का दख बहत ह

Chapter7

1 दोष मत लगाओ फिक तम पर भी दोष न लगाया जाए 2 कयोफिक जिजस परकार तम दोष लगात हो उसी परकार तम पर भी दोष लगाया जाएगा और जिजस नाप स तम नापत हो उसी स

तमहार शिलय भी नापा जाएगा 3 त कयो अपन भाई की आख क फितनक को दखता ह और अपनी आख का लटठा तझ नही सझता 4 और जब तरी ही आख म लटठा ह तो त अपन भाई स कयोकर कह सकता ह फिक ला म तरी आख स फितनका फिनकाल द 5 ह कपटी पहल अपनी आख म स लटठा फिनकाल ल तब त अपन भाई की आख का फितनका भली भाफित दखकर फिनकाल सकगा 6 पफिवतर वसत कततो को न दो और अपन मोती सअरो क आग मत डालो ऐसा न हो फिक व उनह पावो तल रौद और पलट कर तम

को ाड़ डाल

7 मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार शिलय खोला जाएगा 8 कयोफिक जो कोई मागता ह उस यिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक शिलय खोला जाएगा 9 तम म स ऐसा कौन मनषय ह फिक यदिद उसका पतर उस स रोटी माग तो वह उस पतथर द 10 वा मछली माग तो उस साप द 11 सो जब तम बर होकर अपन बचचो को अचछी वसतए दना जानत हो तो तमहारा सवगMय फिपता अपन मागन वालो को अचछी

वसतए कयो न दगा 12 इस कारण जो कछ तम चाहत हो फिक मनषय तमहार साथ कर तम भी उन क साथ वसा ही करो कयोफिक वयवसथा और

भफिवषयदवकतओ की शिशकषा यही ह 13 सकत ाटक स परवश करो कयोफिक चौड़ा ह वह ाटक और चाकल ह वह मागK जो फिवनाश को पहचाता ह और बहतर ह जो

उस स परवश करत ह 14 कयोफिक सकत ह वह ाटक और सकरा ह वह मागK जो जीवन को पहचाता ह और थोड़ ह जो उस पात ह 15 झठ भफिवषयदवकताओ स सावधान रहो जो भड़ो क भष म तमहार पास आत ह परनत अनतर म ाड़न वाल भफिडए ह 16 उन क लो स तम उनह पहचान लोग कया झाफिडय़ो स अगर वा ऊटकटारो स अजीर तोड़त ह 17 इसी परकार हर एक अचछा पड़ अचछा ल लाता ह और फिनकममा पड़ बरा ल लाता ह 18 अचछा पड़ बरा ल नही ला सकता और न फिनकममा पड़ अचछा ल ला सकता ह 19 जो जो पड़ अचछा ल नही लाता वह काटा और आग म डाला जाता ह 20 सो उन क लो स तम उनह पहचान लोग 21 जो मझ स ह परभ ह परभ कहता ह उन म स हर एक सवगK क राय म परवश न करगा परनत वही जो मर सवगMय फिपता की

इचछा पर चलता ह 22 उस दिदन बहतर मझ स कहग ह परभ ह परभ कया हम न तर नाम स भफिवषयदवाणी नही की और तर नाम स दषटातमाओ को

नही फिनकाला और तर नाम स बहत अचमभ क काम नही फिकए 23 तब म उन स खलकर कह दगा फिक म न तम को कभी नही जाना ह ककमK करन वालो मर पास स चल जाओ 24 इसशिलय जो कोई मरी य बात सनकर उनह मानता ह वह उस बजिदधमान मनषय की नाई ठहरगा जिजस न अपना घर चटटान परबनाया 25 और मह बरसा और बाढ़ आई और आसतरिनधया चली और उस घर पर टककर लगी परनत वह नही फिगरा कयोफिक उस की नव

चटटान पर डाली गई थी 26 परनत जो कोई मरी य बात सनता ह और उन पर नही चलता वह उस फिनबKजिदध मनषय की नाई ठहरगा जिजस न अपना घर बाल परबनाया 27 और मह बरसा और बाढ़ आई और आसतरिनधया चली और उस घर पर टककर लगी और वह फिगरकर सतयानाश हो गया 28 जब यीश य बात कह चका तो ऐसा हआ फिक भीड़ उसक उपदश स चफिकत हई 29 कयोफिक वह उन क शासतरिसतरयो क समान नही परनत अयिधकारी की नाई उनह उपदश दता था

Chapter8

1 जब वह उस पहाड़ स उतरा तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 2 और दखो एक कोढ़ी न पास आकर उस परणाम फिकया और कहा फिक ह परभ यदिद त चाह तो मझ शदध कर सकता ह 3 यीश न हाथ बढ़ाकर उस छआ और कहा म चाहता ह त शदध हो जा और वह तरनत को ढ़ स शदध हो गया 4 यीश न उस स कहा दख फिकसी स न कहना परनत जाकर अपन आप को याजक को दिदखला और जो चढ़ावा मसा न ठहराया ह

उस चढ़ा ताफिक उन क शिलय गवाही हो 5 और जब वह करनहम म आया तो एक सबदार न उसक पास आकर उस स फिबनती की 6 फिक ह परभ मरा सवक घर म झोल का मारा बहत दखी पड़ा ह 7 उस न उस स कहा म आकर उस चगा करगा 8 सबदार न उततर दिदया फिक ह परभ म इस योगय नही फिक त मरी छत क तल आए पर कवल मख स कह द तो मरा सवक चगा हो

जाएगा 9 कयोफिक म भी पराधीन मनषय ह और शिसपाही मर हाथ म ह और जब एक स कहता ह जा तो वह जाता ह और दसर को फिकआ तो वह आता ह और अपन दास स कहता ह फिक यह कर तो वह करता ह 10 यह सनकर यीश न अचमभा फिकया और जो उसक पीछ आ रह थ उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक म न इसराएल म भी

ऐसा फिवशवास नही पाया 11 और म तम स कहता ह फिक बहतर पवK और पभिम स आकर इबराहीम और इसहाक और याकब क साथ सवगK क राय मबठ ग 12 परनत राय क सनतान बाहर असतरिनधयार म डाल दिदए जाएग वहा रोना और दातो का पीसना होगा 13 और यीश न सबदार स कहा जा जसा तरा फिवशवास ह वसा ही तर शिलय हो और उसका सवक उसी घड़ी चगा हो गया 14 और यीश न पतरस क घर म आकर उस की सास को वर म पड़ी दखा 15 उस न उसका हाथ छआ और उसका वर उतर गया और वह उठकर उस की सवा करन लगी 16 जब सधया हई तब व उसक पास बहत स लोगो को लाए जिजन म दषटातमाए थी और उस न उन आतमाओ को अपन वचन स

फिनकाल दिदया और सब बीमारो को चगा फिकया 17 ताफिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक उस न आप हमारी दबKलताओ को ल शिलया और

हमारी बीमारिरयो को उठा शिलया 18 यीश न अपनी चारो ओर एक बड़ी भीड़ दखकर उस पार जान की आजञा दी 19 और एक शासतरी न पास आकर उस स कहा ह गर जहा कही त जाएगा म तर पीछ पीछ हो लगा 20 यीश न उस स कहा लोमफिडय़ो क भट और आकाश क पभिकषयो क बसर होत ह परनत मनषय क पतर क शिलय शिसर धरन की भी

जगह नही ह 21 एक और चल न उस स कहा ह परभ मझ पफिहल जान द फिक अपन फिपता को गाड़ द 22 यीश न उस स कहा त मर पीछ हो ल और मरदो को अपन मरद गाड़न द 23 जब वह नाव पर चढ़ा तो उसक चल उसक पीछ हो शिलए 24 और दखो झील म एक ऐसा बड़ा तान उठा फिक नाव लहरो स ढपन लगी और वह सो रहा था 25 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह परभ हम बचा हम नाश हए जात ह 26 उस न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो कयो डरत हो तब उस न उठकर आनधी और पानी को डाटा और सब शानत हो गया 27 और लोग अचमभा करक कहन लग फिक यह कसा मनषय ह फिक आनधी और पानी भी उस की आजञा मानत ह 28 जब वह उस पार गदरफिनयो क दश म पहचा तो दो मनषय जिजन म दषटातमाए थी कबरो स फिनकलत हए उस यिमल जो इतन परचणड थ फिक कोई उस मागK स जा नही सकता था 29 और दखो उनहोन शिचललाकर कहा ह परमशवर क पतर हमारा तझ स कया काम कया त समय स पफिहल हम द ख दन यहा

आया ह 30 उन स कछ दर बहत स सअरो का एक झणड चर रहा था 31 दषटातमाओ न उस स यह कहकर फिबनती की फिक यदिद त हम फिनकालता ह तो सअरो क झणड म भज द 32 उस न उन स कहा जाओ व फिनकलकर सअरो म पठ गए और दखो सारा झणड कड़ाड़ पर स झपटकर पानी म जा पड़ा और

डब मरा 33 और चरवाह भाग और नगर म जाकर य सब बात और जिजन म दषटातमाए थी उन का सारा हाल कह सनाया 34 और दखो सार नगर क लोग यीश स भट करन को फिनकल आए और उस दखकर फिबनती की फिक हमार शिसवानो स बाहर फिनकल जा

Chapter9

1 फिर वह नाव पर चढ़कर पार गया और अपन नगर म आया 2 और दखो कई लोग एक झोल क मार हए को खाट पर रखकर उसक पास लाए यीश न उन का फिवशवास दखकर उस झोल क

मार हए स कहा ह पतर ढाढ़स बानध तर पाप कषमा हए

3 और दखो कई शासतरिसतरयो न सोचा फिक यह तो परमशवर की फिननदा करता ह 4 यीश न उन क मन की बात मालम करक कहा फिक तम लोग अपन अपन मन म बरा फिवचार कयो कर रह हो 5 सहज कया ह यह कहना फिक तर पाप कषमा हए या यह कहना फिक उठ और चल फिर 6 परनत इसशिलय फिक तम जान लो फिक मनषय क पतर को पथवी पर पाप कषमा करन का अयिधकार ह ( उस न झोल क मार हए स कहा ) उठ अपनी खाट उठा और अपन घर चला जा 7 वह उठकर अपन घर चला गया 8 लोग यह दखकर डर गए और परमशवर की मफिहमा करन लग जिजस न मनषयो को ऐसा अयिधकार दिदया ह 9 वहा स आग बढ़कर यीश न मतती नाम एक मनषय को महसल की चौकी पर बठ दखा और उस स कहा मर पीछ हो ल वह

उठकर उसक पीछ हो शिलया 10 और जब वह घर म भोजन करन क शिलय बठा तो बहतर महसल लन वाल और पापी आकर यीश और उसक चलो क साथ खानबठ 11 यह दखकर रीशिसयो न उसक चलो स कहा तमहारा गर महसल लन वालो और पाफिपयो क साथ कयो खाता ह 12 उस न यह सनकर उन स कहा वदय भल चगो को नही परनत बीमारो को अवltय ह 13 सो तम जाकर इस का अथK सीख लो फिक म बशिलदान नही परनत दया चाहता ह कयोफिक म धयिमय को नही परनत पाफिपयो को

बलान आया ह 14 तब यहनना क चलो न उसक पास आकर कहा कया कारण ह फिक हम और रीसी इतना उपवास करत ह पर तर चल उपवास

नही करत 15 यीश न उन स कहा कया बराती जब तक दलहा उन क साथ ह शोक कर सकत ह पर व दिदन आएग फिक दलहा उन स अलग

फिकया जाएगा उस समय व उपवास करग 16 को र कपड़ का पबनद परान पफिहरावन पर कोई नही लगाता कयोफिक वह पबनद पफिहरावन स और कछ खीच लता ह और वह

अयिधक ट जाता ह 17 और नया दाखरस परानी मशको म नही भरत ह कयोफिक ऐसा करन स मशक ट जाती ह और दाखरस बह जाता ह और

मशक नाश हो जाती ह परनत नया दाखरस नई मशको म भरत ह और वह दोनो बची रहती ह 18 वह उन स य बात कह ही रहा था फिक दखो एक सरदार न आकर उस परणाम फिकया और कहा मरी पतरी अभी मरी ह परनत

चलकर अपना हाथ उस पर रख तो वह जीफिवत हो जाएगी 19 यीश उठकर अपन चलो समत उसक पीछ हो शिलया 20 और दखो एक सतरी न जिजस क बारह वषK स लोह बहता था उसक पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छ शिलया 21 कयोफिक वह अपन मन म कहती थी फिक यदिद म उसक वसतर ही को छ लगी तो चगी हो जाऊगी 22 यीश न फिरकर उस दखा और कहा पतरी ढाढ़स बानध तर फिवशवास न तझ चगा फिकया ह सो वह सतरी उसी घड़ी चगी हो गई 23 जब यीश उस सरदार क घर म पहचा और बासली बजान वालो और भीड़ को हललड़ मचात दखा तब कहा 24 हट जाओ लड़की मरी नही पर सोती ह इस पर व उस की हसी करन लग 25 परनत जब भीड़ फिनकाल दी गई तो उस न भीतर जाकर लड़की का हाथ पकड़ा और वह जी उठी 26 और इस बात की चचाK उस सार दश म ल गई 27 जब यीश वहा स आग बढ़ा तो दो अनध उसक पीछ यह पकारत हए चल फिक ह दाऊद की सनतान हम पर दया कर 28 जब वह घर म पहचा तो व अनध उस क पास आए और यीश न उन स कहा कया तमह फिवशवास ह फिक म यह कर सकता ह

उनहोन उस स कहा हा परभ 29 तब उस न उन की आख छकर कहा तमहार फिवशवास क अनसार तमहार शिलय हो 30 और उन की आख खल गई और यीश न उनह शिचताकर कहा सावधान कोई इस बात को न जान 31 पर उनहोन फिनकलकर सार दश म उसका यश ला दिदया 32 जब व बाहर जा रह थ तो दखो लोग एक गग को जिजस म दषटातमा थी उस क पास लाए 33 और जब दषटातमा फिनकाल दी गई तो गगा बोलन लगा और भीड़ न अचमभा करक कहा फिक इसराएल म ऐसा कभी नही दखागया 34 परनत रीशिसयो न कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह 35 और यीश सब नगरो और गावो म फिरता रहा और उन की सभाओ म उपदश करता और राय का ससमाचार परचार करता

और हर परकार की बीमारी और दबKलता को दर करता रहा

36 जब उस न भीड़ को दखा तो उस को लोगो पर तरस आया कयोफिक व उन भड़ो की नाई जिजनका कोई रखवाला न हो वयाकल और भटक हए स थ

37 तब उस न अपन चलो स कहा पकक खत तो बहत ह पर मजदर थोड़ ह 38 इसशिलय खत क सवामी स फिबनती करो फिक वह अपन खत काटन क शिलय मजदर भज द

Chapter10

1 फिर उस न अपन बारह चलो को पास बलाकर उनह अशदध आतमाओ पर अयिधकार दिदया फिक उनह फिनकाल और सब परकार की बीमारिरयो और सब परकार की दबKलताओ को दर कर

2 और बारह पररिरतो क नाम य ह पफिहला शमौन जो पतरस कहलाता ह और उसका भाई अजिनwयास जबदी का पतर याकब और उसका भाई यहनना

3 फिशिलपपस और बर- तलम थोमा और महसल लनवाला मतती हल का पतर याकब और तदद 4 शमौन कनानी और यहदा इसकरिरयोती जिजस न उस पकड़वा भी दिदया 5 इन बारहो को यीश न यह आजञा दकर भजा फिक अनयजाफितयो की ओर न जाना और सामरिरयो क फिकसी नगर म परवश न करना 6 परनत इसराएल क घरान ही की खोई हई भड़ो क पास जाना 7 और चलत चलत परचार कर कहो फिक सवगK का राय फिनकट आ गया ह 8 बीमारो को चगा करो मर हओ को जिजलाओ कोदिढय़ो को शदध करो दषटातमाओ को फिनकालो तम न सतमत पाया ह सतमतदो 9 अपन पटको म न तो सोना और न रपा और न ताबा रखना 10 मागK क शिलय न झोली रखो न दो करत न जत और न लाठी लो कयोफिक मजदर को उसका भोजन यिमलना चाफिहए 11 जिजस फिकसी नगर या गाव म जाओ तो पता लगाओ फिक वहा कौन योगय ह और जब तक वहा स न फिनकलो उसी क यहा रहो 12 और घर म परवश करत हए उस को आशीष दना 13 यदिद उस घर क लोग योगय होग तो तमहारा कलयाण उन पर पहचगा परनत यदिद व योगय न हो तो तमहारा कलयाण तमहार पास लौट आएगा 14 और जो कोई तमह गरहण न कर और तमहारी बात न सन उस घर या उस नगर स फिनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो 15 म तम स सच कहता ह फिक नयाय क दिदन उस नगर की दशा स सदोम और अमोरा क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 16 दखो म तमह भड़ो की नाई भफिडय़ो क बीच म भजता ह सो सापो की नाई बजिदधमान और कबतरो की नाई भोल बनो 17 परनत लोगो स सावधान रहो कयोफिक व तमह महासभाओ म सौपग और अपनी पचायत म तमह कोड़ मारग 18 तम मर शिलय हाफिकमो ओर राजाओ क सामहन उन पर और अनयजाफितयो पर गवाह होन क शिलय पहचाए जाओग 19 जब व तमह पकड़वाएग तो यह शिचनता न करना फिक हम फिकस रीफित स या कया कहग कयोफिक जो कछ तम को कहना होगा

वह उसी घड़ी तमह बता दिदया जाएगा 20 कयोफिक बोलन वाल तम नही हो परनत तमहार फिपता का आतमा तम म बोलता ह 21 भाई भाई को और फिपता पतर को घात क शिलय सौपग और लड़क- बाल माता- फिपता क फिवरोध म उठकर उनह मरवा डालग 22 मर नाम क कारण सब लोग तम स बर करग पर जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 23 जब व तमह एक नगर म सताए तो दसर को भाग जाना म तम स सच कहता ह तम इसराएल क सब नगरो म न फिर चकोग

फिक मनषय का पतर आ जाएगा 24 चला अपन गर स बड़ा नही और न दास अपन सवामी स 25 चल का गर क और दास का सवामी क बाराबर होना ही बहत ह जब उनहोन घर क सवामी को शतान कहा तो उसक घर वालो

को कयो न कहग 26 सो उन स मत डरना कयोफिक कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ शिछपा ह जो जाना न जाएगा 27 जो म तम स असतरिनधयार म कहता ह उस उजिजयाल म कहो और जो कानो कान सनत हो उस को ठो पर स परचार करो 28 जो शरीर को घात करत ह पर आतमा को घात नही कर सकत उन स मत डरना पर उसी स डरो जो आतमा और शरीर दोनो

को नरक म नाश कर सकता ह

29 कया पस म दो गौरय नही फिबकती तौभी तमहार फिपता की इचछा क फिबना उन म स एक भी भयिम पर नही फिगर सकती 30 तमहार शिसर क बाल भी सब फिगन हए ह 31 इसशिलय डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 32 जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन मान लगा 33 पर जो कोई मनषयो क सामहन मरा इनकार करगा उस स म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन इनकार करगा 34 यह न समझो फिक म पथवी पर यिमलाप करान को आया ह म यिमलाप करान को नही पर तलवार चलवान आया ह 35 म तो आया ह फिक मनषय को उसक फिपता स और बटी को उस की मा स और बह को उस की सास स अलग कर द 36 मनषय क बरी उसक घर ही क लोग होग 37 जो माता या फिपता को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह वह मर योगय नही और जो बटा या बटी को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह

वह मर योगय नही 38 और जो अपना करस लकर मर पीछ न चल वह मर योगय नही 39 जो अपन पराण बचाता ह वह उस खोएगा और जो मर कारण अपना पराण खोता ह वह उस पाएगा 40 जो तमह गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह और जो मझ गरहण करता ह वह मर भजन वाल को गरहण करता ह 41 जो भफिवषयदवकता को भफिवषयदवकता जानकर गरहण कर वह भफिवषयदवकता का बदला पाएगा और जो धमM जानकर धमM को गरहणकर वह धमM का बदला पाएगा 42 जो कोई इन छोटो म स एक को चला जानकर कवल एक कटोरा ठडा पानी फिपलाए म तम स सच कहता ह वह फिकसी रीफित स

अपना परफितल न खोएगा

Chapter11

1 जब यीश अपन बारह चलो को आजञा द चका तो वह उन क नगरो म उपदश और परचार करन को वहा स चला गया 2 यहनना न बनदीगह म मसीह क कामो का समाचार सनकर अपन चलो को उस स यह पछन भजा 3 फिक कया आनवाला त ही ह या हम दसर की बाट जोह 4 यीश न उततर दिदया फिक जो कछ तम सनत हो और दखत हो वह सब जाकर यहनना स कह दो 5 फिक अनध दखत ह और लगड़ चलत फिरत ह कोढ़ी शदध फिकए जात ह और बफिहर सनत ह मद जिजलाए जात ह और कगालो को

ससमाचार सनाया जाता ह 6 और धनय ह वह जो मर कारण ठोकर न खाए 7 जब व वहा स चल दिदए तो यीश यहनना क फिवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया हवा स फिहलत हए

सरकणड को 8 फिर तम कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पफिहन हए मनषय को दखो जो कोमल वसतर पफिहनत ह व राजभवनो म रहत ह 9 तो फिर कयो गए थ कया फिकसी भफिवषयदवकता को दखन को हा म तम स कहता ह वरन भफिवषयदवकता स भी बड़ को 10 यह वही ह जिजस क फिवषय म शिलखा ह फिक दख म अपन दत को तर आग भजता ह जो तर आग तरा मागK तयार करगा 11 म तम स सच कहता ह फिक जो सतरिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना बपफितसमा दन वाल स कोई बड़ा नही हआ पर जो सवगK क

राय म छोट स छोटा ह वह उस स बड़ा ह 12 यहनना बपफितसमा दन वाल क दिदनो स अब तक सवगK क राय पर जोर होता रहा ह और बलवान उस छीन लत ह 13 यहनना तक सार भफिवषयदवकता और वयवसथा भफिवषयदववाणी करत रह 14 और चाहो तो मानो एशिलययाह जो आनवाला था वह यही ह 15 जिजस क सनन क कान हो वह सन ल 16 म इस समय क लोगो की उपमा फिकस स द व उन बालको क समान ह जो बाजारो म बठ हए एक दसर स पकारकर कहतह 17 फिक हम न तमहार शिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न फिवलाप फिकया और तम न छाती नही पीटी 18 कयोफिक यहनना न खाता आया और न पीता और व कहत ह फिक उस म दषटातमा ह 19 मनषय का पतर खाता- पीता आया और व कहत ह फिक दखो पट और फिपयककड़ मनषय महसल लन वालो और पाफिपयो का

यिमतर पर जञान अपन कामो म सचचा ठहराया गया ह 20 तब वह उन नगरो को उलाहना दन लगा जिजन म उस न बहतर सामथK क काम फिकए थ कयोफिक उनहोन अपना मन नही फिरायाथा 21 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथK क काम तम म फिकए गए यदिद व सर और सदा म फिकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन फिरा लत 22 परनत म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तमहारी दशा स सर और सदा की दशा अयिधक सहन योगय होगी 23 और ह करनहम कया त सवगK तक ऊचा फिकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा जो सामथK क काम तझ म फिकए

गए ह यदिद सदोम म फिकए जात तो वह आज तक बना रहता 24 पर म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तरी दशा स सदोम क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 25 उसी समय यीश न कहा ह फिपता सवगK और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह फिक त न इन बातो को जञाफिनयो और

समझदारो स शिछपा रखा और बालको पर परगट फिकया ह 26 हा ह फिपता कयोफिक तझ यही अचछा लगा 27 मर फिपता न मझ सब कछ सौपा ह और कोई पतर को नही जानता कवल फिपता और कोई फिपता को नही जानता कवल पतर

और वह जिजस पर पतर उस परगट करना चाह 28 ह सब परिरशरम करन वालो और बोझ स दब लोगो मर पास आओ म तमह फिवशराम दगा 29 मरा जआ अपन ऊपर उठा लो और मझ स सीखो कयोफिक म नमर और मन म दीन ह और तम अपन मन म फिवशराम पाओग 30 कयोफिक मरा जआ सहज और मरा बोझ हलका ह

Chapter12

1 उस समय यीश सबत क दिदन खतो म स होकर जा रहा था और उसक चलो को भख लगी सो व बाल तोड़ तोड़ कर खान लग 2 रीशिसयो न यह दखकर उस स कहा दख तर चल वह काम कर रह ह जो सबत क दिदन करना उशिचत नही 3 उस न उन स कहा कया तम न नही पढ़ा फिक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख हए तो कया फिकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया खाई जिजनह खाना न तो उस और उसक साशिथयो को पर कवल याजको

को उशिचत था 5 या तम न वयवसथा म नही पढ़ा फिक याजक सबत क दिदन मजिनदर म सबत क दिदन क फिवयिध को तोड़न पर भी फिनदष ठहरत ह 6 पर म तम स कहता ह फिक यहा वह ह जो मजिनदर स भी बड़ा ह 7 यदिद तम इस का अथK जानत फिक म दया स परसनन ह बशिलदान स नही तो तम फिनदष को दोषी न ठहरात 8 मनषय का पतर तो सबत क दिदन का भी परभ ह 9 वहा स चलकर वह उन की सभा क घर म आया 10 और दखो एक मनषय था जिजस का हाथ सखा हआ था और उनहोन उस पर दोष लगान क शिलय उस स पछा फिक कया सबत

क दिदन चगा करना उशिचत ह 11 उस न उन स कहा तम म ऐसा कौन ह जिजस की एक ही भड़ हो और वह सबत क दिदन गड़ह म फिगर जाए तो वह उस

पकड़कर न फिनकाल 12 भला मनषय का मलय भड़ स फिकतना बढ़ कर ह इसशिलय सबत क दिदन भलाई करना उशिचत ह तब उस न उस मनषय स कहा

अपना हाथ बढ़ा 13 उस न बढ़ाया और वह फिर दसर हाथ की नाई अचछा हो गया 14 तब रीशिसयो न बाहर जाकर उसक फिवरोध म सममफित की फिक उस फिकस परकार नाश कर 15 यह जानकर यीश वहा स चला गया और बहत लोग उसक पीछ हो शिलय और उस न सब को चगा फिकया 16 और उनह शिचताया फिक मझ परगट न करना 17 फिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 18 फिक दखो यह मरा सवक ह जिजस म न चना ह मरा फिपरय जिजस स मरा मन परसनन ह म अपना आतमा उस पर डालगा और

वह अनयजाफितयो को नयाय का समाचार दगा

19 वह न झगड़ा करगा और न धम मचाएगा और न बाजारो म कोई उसका शबद सनगा 20 वह कचल हए सरकणड को न तोड़गा और धआ दती हई बतती को न बझाएगा जब तक नयाय को परबल न कराए 21 और अनयजाफितया उसक नाम पर आशा रखगी 22 तब लोग एक अनध- गग को जिजस म दषटातमा थी उसक पास लाए और उस न उस अचछा फिकया और वह गगा बोलन और

दखन लगा 23 इस पर सब लोग चफिकत होकर कहन लग यह कया दाऊद की सनतान का ह 24 परनत रीशिसयो न यह सनकर कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार शतान की सहायता क फिबना दषटातमाओ को नही फिनकालता 25 उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस फिकसी राय म ट होती ह वह उजड़ जाता ह और कोई नगर या

घराना जिजस म ट होती ह बना न रहगा 26 और यदिद शतान ही शतान को फिनकाल तो वह अपना ही फिवरोधी हो गया ह फिर उसका राय कयोकर बना रहगा 27 भला यदिद म शतान की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो तमहार वश फिकस की सहायता स फिनकालत ह इसशिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग 28 पर यदिद म परमशवर क आतमा की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो परमशवर का राय तमहार पास आ पहचा ह 29 या कयोकर कोई मनषय फिकसी बलवनत क घर म घसकर उसका माल लट सकता ह जब तक फिक पफिहल उस बलवनत को न बानध

ल और तब वह उसका घर लट लगा 30 जो मर साथ नही वह मर फिवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह फिबथराता ह 31 इसशिलय म तम स कहता ह फिक मनषय का सब परकार का पाप और फिननदा कषमा की जाएगी पर आतमा की फिननदा कषमा न कीजाएगी 32 जो कोई मनषय क पतर क फिवरोध म कोई बात कहगा उसका यह अपराध कषमा फिकया जाएगा परनत जो कोई पफिवतर- आतमा क

फिवरोध म कछ कहगा उसका अपराध न तो इस लोक म और न पर लोक म कषमा फिकया जाएगा 33 यदिद पड़ को अचछा कहो तो उसक ल को भी अचछा कहो या पड़ को फिनकममा कहो तो उसक ल को भी फिनककमा कहो

कयोफिक पड़ ल ही स पहचाना जाता ह 34 ह साप क बचचो तम बर होकर कयोकर अचछी बात कह सकत हो कयोफिक जो मन म भरा ह वही मह पर आता ह 35 भला मनषय मन क भल भणडार स भली बात फिनकालता ह और बरा मनषय बर भणडार स बरी बात फिनकालता ह 36 और म तम स कहता ह फिक जो जो फिनकममी बात मनषय कहग नयाय क दिदन हर एक बात का लखा दग 37 कयोफिक त अपनी बातो क कारण फिनदष और अपनी बातो ही क कारण दोषी ठहराया जाएगा 38 इस पर फिकतन शासतरिसतरयोऔर रीशिसयो न उस स कहा ह गर हम तझ स एक शिचनह दखना चाहत ह 39 उस न उनह उततर दिदया फिक इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह परनत यनस भफिवषयदवकता क शिचनह को छोड़ कोई

और शिचनह उन को न दिदया जाएगा 40 यनस तीन रात दिदन जल- जनत क पट म रहा वस ही मनषय का पतर तीन रात दिदन पथवी क भीतर रहगा 41 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएग कयोफिक उनहोन यनस का परचार सनकर मन

फिराया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 42 दजज़िकखन की रानी नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोफिक वह सलमान का जञान सनन क

शिलय पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 43 जब अशदध आतमा मनषय म स फिनकल जाती ह तो सखी जगहो म फिवशराम ढढ़ती फिरती ह और पाती नही 44 तब कहती ह फिक म अपन उसी घर म जहा स फिनकली थी लौट जाऊगी और आकर उस सना झाड़ा- बहारा और सजा

सजाया पाती ह 45 तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वहा वास करती ह और उस

मनषय की फिपछली दशा पफिहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोगो की दशा भी ऐसी ही होगी 46 जब वह भीड़ स बात कर ही रहा था तो दखो उस की माता और भाई बाहर खड़ थ और उस स बात करना चाहत थ 47 फिकसी न उस स कहा दख तरी माता और तर भाई बाहर खड़ ह और तझ स बात करना चाहत ह 48 यह सन उस न कहन वाल को उततर दिदया कौन ह मरी माता 49 और कौन ह मर भाई और अपन चलो की ओर अपना हाथ बढ़ा कर कहा दखो मरी माता और मर भाई य ह 50 कयोफिक जो कोई मर सवगMय फिपता की इचछा पर चल वही मरा भाई और बफिहन और माता ह

Chapter13

1 उसी दिदन यीश घर स फिनकलकर झील क फिकनार जा बठा 2 और उसक पास ऐसी बड़ी भीड़ इकटठी हई फिक वह नाव पर चढ़ गया और सारी भीड़ फिकनार पर खड़ी रही 3 और उस न उन स दषटानतो म बहत सी बात कही फिक दखो एक बोन वाला बीज बोन फिनकला 4 बोत समय कछ बीज मागK क फिकनार फिगर और पभिकषयो न आकर उनह चग शिलया 5 कछ पतथरीली भयिम पर फिगर जहा उनह बहत यिमटटी न यिमली और गहरी यिमटटी न यिमलन क कारण व जलद उग आए 6 पर सरज फिनकलन पर व जल गए और जड़ न पकड़न स सख गए 7 कछ झाफिड़यो म फिगर और झाफिड़यो न बढ़कर उनह दबा डाला 8 पर कछ अचछी भयिम पर फिगर और ल लाए कोई सौ गना कोई साठ गना कोई तीस गना 9 जिजस क कान हो वह सन ल 10 और चलो न पास आकर उस स कहा त उन स दषटानतो म कयो बात करता ह 11 उस न उततर दिदया फिक तम को सवगK क राय क भदो की समझ दी गई ह पर उन को नही 12 कयोफिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा पर जिजस क पास कछ नही ह उस स जो कछ

उसक पास ह वह भी ल शिलया जाएगा 13 म उन स दषटानतो म इसशिलय बात करता ह फिक व दखत हए नही दखत और सनत हए नही सनत और नही समझत 14 और उन क फिवषय म यशायाह की यह भफिवषयदववाणी परी होती ह फिक तम कानो स तो सनोग पर समझोग नही और आखो स

तो दखोग पर तमह न सझगा 15 कयोफिक इन लोगो का मन मोटा हो गया ह और व कानो स ऊचा सनत ह और उनहोन अपनी आख मद ली ह कही ऐसा न हो

फिक व आखो स दख और कानो स सन और मन स समझ और फिर जाए और म उनह चगा कर 16 पर धनय ह तमहारी आख फिक व दखती ह और तमहार कान फिक व सनत ह 17 कयोफिक म तम स सच कहता ह फिक बहत स भफिवषयदवकताओ न और धयिमय न चाहा फिक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी

और जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 18 सो तम बोन वाल का दषटानत सनो 19 जो कोई राय का वचन सनकर नही समझता उसक मन म जो कछ बोया गया था उस वह दषट आकर छीन ल जाता ह यह

वही ह जो मागK क फिकनार बोया गया था 20 और जो पतथरीली भयिम पर बोया गया यह वह ह जो वचन सनकर तरनत आननद क साथ मान लता ह 21 पर अपन म जड़ न रखन क कारण वह थोड़ ही दिदन का ह और जब वचन क कारण कलश या उपwव होता ह तो तरनत ठोकर

खाता ह 22 जो झाफिड़यो म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनता ह पर इस ससार की शिचनता और धन का धोखा वचन को दबाता ह

और वह ल नही लाता 23 जो अचछी भयिम म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनकर समझता ह और ल लाता ह कोई सौ गना कोई साठ गना

कोई तीस गना 24 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय उस मनषय क समान ह जिजस न अपन खत म अचछा बीज बोया 25 पर जब लोग सो रह थ तो उसका बरी आकर गह क बीच जगली बीज बोकर चला गया 26 जब अकर फिनकल और बाल लगी तो जगली दान भी दिदखाई दिदए 27 इस पर गहसथ क दासो न आकर उस स कहा ह सवामी कया त न अपन खत म अचछा बीज न बोया था फिर जगली दान क

पौध उस म कहा स आए 28 उस न उन स कहा यह फिकसी बरी का काम ह दासो न उस स कहा कया तरी इचछा ह फिक हम जाकर उन को बटोर ल 29 उस न कहा ऐसा नही न हो फिक जगली दान क पौध बटोरत हए उन क साथ गह भी उखाड़ लो 30 कटनी तक दोनो को एक साथ बढ़न दो और कटनी क समय म काटन वालो स कहगा पफिहल जगली दान क पौध बटोरकर

जलान क शिलय उन क गटठ बानध लो और गह को मर खतत म इकटठा करो 31 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय राई क एक दान क समान ह जिजस फिकसी मनषय न लकर अपन खत म

बो दिदया 32 वह सब बीजो स छोटा तो ह पर जब बढ़ जाता ह तब सब साग पात स बड़ा होता ह और ऐसा पड़ हो जाता ह फिक आकाश क

पकषी आकर उस की डाशिलयो पर बसरा करत ह 33 उस न एक और दषटानत उनह सनाया फिक सवगK का राय खमीर क समान ह जिजस को फिकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म

यिमला दिदया और होत होत वह सब खमीर हो गया 34 य सब बात यीश न दषटानतो म लोगो स कही और फिबना दषटानत वह उन स कछ न कहता था 35 फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक म दषटानत कहन को अपना मह खोलगा म उन बातो को जो

जगत की उतपभितत स गपत रही ह परगट करगा 36 तब वह भीड़ को छोड़ कर घर म आया और उसक चलो न उसक पास आकर कहा खत क जगली दान का दषटानत हम समझा द 37 उस न उन को उततर दिदया फिक अचछ बीज का बोन वाला मनषय का पतर ह 38 खत ससार ह अचछा बीज राय क सनतान और जगली बीज दषट क सनतान ह 39 जिजस बरी न उन को बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटन वाल सवगKदत ह 40 सो जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का पतर अपन सवगKदतो को भजगा और व उसक राय म स सब ठोकर क कारणो को और ककमK करन वालो को इकटठाकरग 42 और उनह आग क कड म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धमM अपन फिपता क राय म सयK की नाई चमक ग जिजस क कान हो वह सन ल 44 सवगK का राय खत म शिछप हए धन क समान ह जिजस फिकसी मनषय न पाकर शिछपा दिदया और मार आननद क जाकर और

अपना सब कछ बचकर उस खत को मोल शिलया 45 फिर सवगK का राय एक वयापारी क समान ह जो अचछ मोफितयो की खोज म था 46 जब उस एक बहमलय मोती यिमला तो उस न जाकर अपना सब कछ बच डाला और उस मोल ल शिलया 47 फिर सवगK का राय उस बड़ जाल क समान ह जो समw म डाला गया और हर परकार की मशिछलयो को समट लाया 48 और जब भर गया तो उस को फिकनार पर खीच लाए और बठकर अचछी अचछी तो बरतनो म इकटठा फिकया और फिनकममी

फिनकममी क दी 49 जगत क अनत म ऐसा ही होगा सवगKदत आकर दषटो को धयिमय स अलग करग और उनह आग क कड म डालग 50 वहा रोना और दात पीसना होगा 51 कया तम न य सब बात समझी 52 उनहोन उस स कहा हा उस न उन स कहा इसशिलय हर एक शासतरी जो सवगK क राय का चला बना ह उस गहसथ क समान ह

जो अपन भणडार स नई और परानी वसतए फिनकालता ह 53 जब यीश य सब दषटानत कह चका तो वहा स चला गया 54 और अपन दश म आकर उन की सभा म उनह ऐसा उपदश दन लगा फिक व चफिकत होकर कहन लग फिक इस को यह जञान और

सामथK क काम कहा स यिमल 55 कया यह बढ़ई का बटा नही और कया इस की माता का नाम मरिरयम और इस क भाइयो क नाम याकब और यस और शमौन

और यहदा नही 56 और कया इस की सब बफिहन हमार बीच म नही रहती फिर इस को यह सब कहा स यिमला 57 सो उनहोन उसक कारण ठोकर खाई पर यीश न उन स कहा भफिवषयदवकता अपन दश और अपन घर को छोड़ और कही फिनरादर

नही होता 58 और उस न वहा उन क अफिवशवास क कारण बहत सामथK क काम नही फिकए

Chapter14

1 उस समय चौथाई दश क राजा हरोदस न यीश की चचाK सनी 2 और अपन सवको स कहा यह यहनना बपफितसमा दनवाला ह वह मर हओ म स जी उठा ह इसी शिलय उस स सामथK क काम परगट

होत ह 3 कयोफिक हरोदस न अपन भाई फिलपपस की पतनी हरोदिदयास क कारण यहनना को पकड़कर बानधा और जलखान म डाल दिदयाथा 4 कयोफिक यहनना न उस स कहा था फिक इस को रखना तझ उशिचत नही ह 5 और वह उस मार डालना चाहता था पर लोगो स डरता था कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ 6 पर जब हरोदस का जनम दिदन आया तो हरोदिदयास की बटी न उतसव म नाच दिदखाकर हरोदस को खश फिकया 7 इसशिलय उस न शपथ खाकर वचन दिदया फिक जो कछ त मागगी म तझ दगा 8 वह अपनी माता की उकसाई हई बोली यहनना बपफितसमा दन वाल का शिसर थाल म यही मझ मगवा द 9 राजा दखिखत हआ पर अपनी शपथ क और साथ बठन वालो क कारण आजञा दी फिक द दिदया जाए 10 और जलखान म लोगो को भजकर यहनना का शिसर कटवा दिदया 11 और उसका शिसर थाल म लाया गया और लड़की को दिदया गया और वह उस को अपनी मा क पास ल गई 12 और उसक चलो न आकर और उस की लोथ को ल जाकर गाढ़ दिदया और जाकर यीश को समाचार दिदया 13 जब यीश न यह सना तो नाव पर चढ़कर वहा स फिकसी सनसान जगह एकानत म चला गया और लोग यह सनकर नगर नगर स

पदल उसक पीछ हो शिलए 14 उस न फिनकलकर बड़ी भीड़ दखी और उन पर तरस खाया और उस न उन क बीमारो को चगा फिकया 15 जब साझ हई तो उसक चलो न उसक पास आकर कहा यह तो सनसान जगह ह और दर हो रही ह लोगो को फिवदा फिकया

जाए फिक व बसतिसतयो म जाकर अपन शिलय भोजन मोल ल 16 यीश न उन स कहा उन का जाना आवltयक नही तम ही इनह खान को दो 17 उनहोन उस स कहा यहा हमार पास पाच रोटी और दो मशिछलयो को छोड़ और कछ नही ह 18 उस न कहा उन को यहा मर पास ल आओ 19 तब उस न लोगो को घास पर बठन को कहा और उन पाच रोदिटयो और दो मशिछलयो को शिलया और सवगK की ओर दखकर

धनयवाद फिकया और रोदिटया तोड़ तोड़कर चलो को दी और चलो न लोगो को 20 और सब खाकर तपत हो गए और उनहोन बच हए टकड़ो स भरी हई बारह टोफिकरया उठाई 21 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़कर पाच हजार परषो क अटकल थ 22 और उस न तरनत अपन चलो को बरबस नाव पर चढ़ाया फिक व उस स पफिहल पार चल जाए जब तक फिक वह लोगो को फिवदाकर 23 वह लोगो को फिवदा करक पराथKना करन को अलग पहाड़ पर चढ़ गया और साझ को वहा अकला था 24 उस समय नाव झील क बीच लहरो स डगमगा रही थी कयोफिक हवा सामहन की थी 25 और वह रात क चौथ पहर झील पर चलत हए उन क पास आया 26 चल उस को झील पर चलत हए दखकर घबरा गए और कहन लग वह भत ह और डर क मार शिचलला उठ 27 यीश न तरनत उन स बात की और कहा ढाढ़स बानधो म ह डरो मत 28 पतरस न उस को उततर दिदया ह परभ यदिद त ही ह तो मझ अपन पास पानी पर चलकर आन की आजञा द 29 उस न कहा आ तब पतरस नाव पर स उतरकर यीश क पास जान को पानी पर चलन लगा 30 पर हवा को दखकर डर गया और जब डबन लगा तो शिचललाकर कहा ह परभ मझ बचा 31 यीश न तरनत हाथ बढ़ाकर उस थाम शिलया और उस स कहा ह अलप-फिवशवासी त न कयो सनदह फिकया 32 जब व नाव पर चढ़ गए तो हवा थम गई 33 इस पर जो नाव पर थ उनहोन उस दणडवत करक कहा सचमच त परमशवर का पतर ह 34 व पार उतरकर गननसरत दश म पहच 35 और वहा क लोगो न उस पहचानकर आस पास क सार दश म कहला भजा और सब बीमारो को उसक पास लाए 36 और उस स फिबनती करन लग फिक वह उनह अपन वसतर क आचल ही को छन द और जिजतनो न उस छआ व चग हो गए

Chapter15

1 तब यरशलम स फिकतन रीसी और शासतरी यीश क पास आकर कहन लग 2 तर चल परफिनयो की रीतो को कयो टालत ह फिक फिबना हाथ धोए रोटी खात ह 3 उस न उन को उततर दिदया फिक तम भी अपनी रीतो क कारण कयो परमशवर की आजञा टालत हो 4 कयोफिक परमशवर न कहा था फिक अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और जो कोई फिपता या माता को बरा कह वह

मार डाला जाए 5 पर तम कहत हो फिक यदिद कोई अपन फिपता या माता स कह फिक जो कछ तझ मझ स लाभ पहच सकता था वह परमशवर को भट

चढ़ाई जा चकी 6 तो वह अपन फिपता का आदर न कर सो तम न अपनी रीतो क कारण परमशवर का वचन टाल दिदया 7 ह कपदिटयो यशायाह न तमहार फिवषय म यह भफिवषयदवाणी ठीक की 8 फिक य लोग होठो स तो मरा आदर करत ह पर उन का मन मझ स दर रहता ह 9 और य वयथK मरी उपासना करत ह कयोफिक मनषयो की फिवयिधयो को धमपदश करक शिसखात ह 10 और उस न लोगो को अपन पास बलाकर उन स कहा सनो और समझो 11 जो मह म जाता ह वह मनषय को अशदध नही करता पर जो मह स फिनकलता ह वही मनषय को अशदध करता ह 12 तब चलो न आकर उस स कहा कया त जानता ह फिक रीशिसयो न यह वचन सनकर ठोकर खाई 13 उस न उततर दिदया हर पौधा जो मर सवगMय फिपता न नही लगाया उखाड़ा जाएगा 14 उन को जान दो व अनध मागK दिदखान वाल ह और अनधा यदिद अनध को मागK दिदखाए तो दोनो गड़ह म फिगर पड़ग 15 यह सनकर पतरस न उस स कहा यह दषटानत हम समझा द 16 उस न कहा कया तम भी अब तक ना समझ हो 17 कया नही समझत फिक जो कछ मह म जाता वह पट म पड़ता ह और सणडास म फिनकल जाता ह 18 पर जो कछ मह स फिनकलता ह वह मन स फिनकलता ह और वही मनषय को अशदध करता ह 19 कयोफिक कशिचनता हतया पर सतरीगमन वयभिभचार चोरी झठी गवाही और फिननदा मन ही स फिनकलती ह 20 यही ह जो मनषय को अशदध करती ह परनत हाथ फिबना धोए भोजन करना मनषय को अशदध नही करता 21 यीश वहा स फिनकलकर सर और सदा क दशो की ओर चला गया 22 और दखो उस दश स एक कनानी सतरी फिनकली और शिचललाकर कहन लगी ह परभ दाऊद क सनतान मझ पर दया कर मरी

बटी को दषटातमा बहत सता रहा ह 23 पर उस न उस कछ उततर न दिदया और उसक चलो न आकर उस स फिबनती कर कहा इस फिवदा कर कयोफिक वह हमार पीछ

शिचललाती आती ह 24 उस न उततर दिदया फिक इसराएल क घरान की खोई हई भड़ो को छोड़ म फिकसी क पास नही भजा गया 25 पर वह आई और उस परणाम करक कहन लगी ह परभ मरी सहायता कर 26 उस न उततर दिदया फिक लड़को की रोटी लकर कततो क आग डालना अचछा नही 27 उस न कहा सतय ह परभ पर कतत भी वह चरचार खात ह जो उन क सवायिमयो की मज स फिगरत ह 28 इस पर यीश न उस को उततर दकर कहा फिक ह सतरी तरा फिवशवास बड़ा ह जसा त चाहती ह तर शिलय वसा ही हो और उस की

बटी उसी घड़ी स चगी हो गई 29 यीश वहा स चलकर गलील की झील क पास आया और पहाड़ पर चढ़कर वहा बठ गया 30 और भीड़ पर भीड़ लगड़ो अनधो गगो टड़ो और बहत औरो को लकर उसक पास आए और उनह उस क पावो पर डालदिदया और उस न उनह चगा फिकया 31 सो जब लोगो न दखा फिक गग बोलत और टणड चग होत और लगड़ चलत और अनध दखत ह तो अचमभा करक इसराएल क

परमशवर की बड़ाई की 32 यीश न अपन चलो को बलाकर कहा मझ इस भीड़ पर तरस आता ह कयोफिक व तीन दिदन स मर साथ ह और उन क पास कछ

खान को नही और म उनह भखा फिवदा करना नही चाहता कही ऐसा न हो फिक मागK म थककर रह जाए 33 चलो न उस स कहा हम जगल म कहा स इतनी रोटी यिमलगी फिक हम इतनी बड़ी भीड़ को तपत कर 34 यीश न उन स पछा तमहार पास फिकतनी रोदिटया ह उनहोन कहा सात और थोड़ी सी छोटी मशिछलया 35 तब उस न लोगो को भयिम पर बठन की आजञा दी

36 और उन सात रोदिटयो और मशिछलयो को ल धनयवाद करक तोड़ा और अपन चलो को दता गया और चल लोगो को 37 सो सब खाकर तपत हो गए और बच हए टकड़ो स भर हए सात टोकर उठाए 38 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़ चार हजार परष थ 39 तब वह भीड़ को फिवदा करक नाव पर चढ़ गया और मगदन दश क शिसवानो म आया

Chapter16

1 और रीशिसयो और सदफिकयो न पास आकर उस परखन क शिलय उस स कहा फिक हम आकाश का कोई शिचनह दिदखा 2 उस न उन को उततर दिदया फिक साझ को तम कहत हो फिक खला रहगा कयोफिक आकाश लाल ह 3 और भोर को कहत हो फिक आज आनधी आएगी कयोफिक आकाश लाल और धमला ह तम आकाश का लकषण दखकर भद बता

सकत हो पर समयो क शिचनहो का भद नही बता सकत 4 इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह पर यनस क शिचनह को छोड़ कोई और शिचनह उनह न दिदया जाएगा और वह उनह

छोड़कर चला गया 5 और चल पार जात समय रोटी लना भल गए थ 6 यीश न उन स कहा दखो रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 7 व आपस म फिवचार करन लग फिक हम तो रोटी नही लाए 8 यह जानकर यीश न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो तम आपस म कयो फिवचार करत हो फिक हमार पास रोटी नही 9 कया तम अब तक नही समझ और उन पाच हजार की पाच रोटी समरण नही करत और न यह फिक फिकतनी टोफिकरया उठाई थी 10 और न उन चार हजार की सात रोटी और न यह फिक फिकतन टोकर उठाए गए थ 11 तम कयो नही समझत फिक म न तम स रोदिटयो क फिवषय म नही कहा रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 12 तब उन को समझ म आया फिक उस न रोटी क खमीर स नही पर रीशिसयो और सदफिकयो की शिशकषा स चौकस रहन को कहाथा 13 यीश कसरिरया फिशिलपपी क दश म आकर अपन चलो स पछन लगा फिक लोग मनषय क पतर को कया कहत ह 14 उनहोन कहा फिकतन तो यहनना बपफितसमा दन वाला कहत ह और फिकतन एशिलययाह और फिकतन यियमKयाह या भफिवषयदवकताओ म स

कोई एक कहत ह 15 उस न उन स कहा परनत तम मझ कया कहत हो 16 शमौन पतरस न उततर दिदया फिक त जीवत परमशवर का पतर मसीह ह 17 यीश न उस को उततर दिदया फिक ह शमौन योना क पतर त धनय ह कयोफिक मास और लोह न नही परनत मर फिपता न जो सवगK मह यह बात तझ पर परगट की ह 18 और म भी तझ स कहता ह फिक त पतरस ह और म इस पतथर पर अपनी कलीशिसया बनाऊगा और अधोलोक क ाटक उस

पर परबल न होग 19 म तझ सवगK क राय की कजिजया दगा और जो कछ त पथवी पर बानधगा वह सवगK म बनधगा और जो कछ त पथवी परखोलगा वह सवगK म खलगा 20 तब उस न चलो को शिचताया फिक फिकसी स न कहना फिक म मसीह ह 21 उस समय स यीश अपन चलो को बतान लगा फिक मझ अवltय ह फिक यरशलम को जाऊ और परफिनयो और महायाजको और

शासतरिसतरयो क हाथ स बहत दख उठाऊ और मार डाला जाऊ और तीसर दिदन जी उठ 22 इस पर पतरस उस अलग ल जाकर जिझड़कन लगा फिक ह परभ परमशवर न कर तझ पर ऐसा कभी न होगा 23 उस न फिरकर पतरस स कहा ह शतान मर सामहन स दर हो त मर शिलय ठोकर का कारण ह कयोफिक त परमशवर की बातनही पर मनषयो की बातो पर मन लगाता ह 24 तब यीश न अपन चलो स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप का इनकार कर और अपना करस उठाए और मर

पीछ हो ल 25 कयोफिक जो कोई अपना पराण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई मर शिलय अपना पराण खोएगा वह उस पाएगा 26 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपन पराण की हाफिन उठाए तो उस कया लाभ होगा या मनषय अपन पराण क बदल

म कया दगा 27 मनषय का पतर अपन सवगKदतो क साथ अपन फिपता की मफिहमा म आएगा और उस समय वह हर एक को उसक कामो क

अनसार परफितल दगा 28 म तम स सच कहता ह फिक जो यहा खड़ ह उन म स फिकतन ऐस ह फिक जब तक मनषय क पतर को उसक राय म आत हए न

दख लग तब तक मतय का सवाद कभी न चखग

Chapter17

1 छ दिदन क बाद यीश न पतरस और याकब और उसक भाई यहनना को साथ शिलया और उनह एकानत म फिकसी ऊच पहाड़ पर लगया 2 और उनक सामहन उसका रपानतर हआ और उसका मह सयK की नाई चमका और उसका वसतर योफित की नाई उजला हो गया 3 और दखो मसा और एशिलययाह उसक साथ बात करत हए उनह दिदखाई दिदए 4 इस पर पतरस न यीश स कहा ह परभ हमारा यहा रहना अचछा ह इचछा हो तो यहा तीन मणडप बनाऊ एक तर शिलय एक

मसा क शिलय और एक एशिलययाह क शिलय 5 वह बोल ही रहा था फिक दखो एक उजल बादल न उनह छा शिलया और दखो उस बादल म स यह शबद फिनकला फिक यह मरा

फिपरय पतर ह जिजस स म परसनन ह इस की सनो 6 चल यह सनकर मह क बल फिगर गए और अतयनत डर गए 7 यीश न पास आकर उनह छआ और कहा उठो डरो मत 8 तब उनहोन अपनी आख उठाकर यीश को छोड़ और फिकसी को न दखा 9 जब व पहाड़ स उतर रह थ तब यीश न उनह यह आजञा दी फिक जब तक मनषय का पतर मर हओ म स न जी उठ तब तक जो कछ

तम न दखा ह फिकसी स न कहना 10 और उसक चलो न उस स पछा फिर शासतरी कयो कहत ह फिक एशिलययाह का पहल आना अवltय ह 11 उस न उततर दिदया फिक एशिलययाह तो आएगा और सब कछ सधारगा 12 परनत म तम स कहता ह फिक एशिलययाह आ चका और उनहोन उस नही पहचाना परनत जसा चाहा वसा ही उसक साथ फिकया

इसी रीफित स मनषय का पतर भी उन क हाथ स दख उठाएगा 13 तब चलो न समझा फिक उस न हम स यहनना बपफितसमा दन वाल क फिवषय म कहा ह 14 जब व भीड़ क पास पहच तो एक मनषय उसक पास आया और घटन टक कर कहन लगा 15 ह परभ मर पतर पर दया कर कयोफिक उस को यिमगM आती ह और वह बहत दख उठाता ह और बार बार आग म और बार बार

पानी म फिगर पड़ता ह 16 और म उस को तर चलो क पास लाया था पर व उस अचछा नही कर सक 17 यीश न उततर दिदया फिक ह अफिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा कब तक तमहारी सहगा उस यहा मर

पास लाओ 18 तब यीश न उस घड़का और दषटातमा उस म स फिनकला और लड़का उसी घड़ी अचछा हो गया 19 तब चलो न एकानत म यीश क पास आकर कहा हम इस कयो नही फिनकाल सक 20 उस न उन स कहा अपन फिवशवास की घटी क कारण कयोफिक म तम स सच कहता ह यदिद तमहारा फिवशवास राई क दान क

बराबर भी हो तो इस पहाड़ स कह स को ग फिक यहा स सरककर वहा चला जा तो वह चला जाएगा और कोई बात तमहार शिलय अनहोनी न होगी

21 जब व गलील म थ तो यीश न उन स कहा मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जाएगा 22 और व उस मार डालग और वह तीसर दिदन जी उठगा 23 इस पर व बहत उदास हए 24 जब व करनहम म पहच तो मजिनदर क शिलय कर लन वालो न पतरस क पास आकर पछा फिक कया तमहारा गर मजिनदर का कर

नही दता उस न कहा हा दता तो ह 25 जब वह घर म आया तो यीश न उसक पछन स पफिहल उस स कहा ह शमौन त कया समझता ह पथवी क राजा महसल या कर

फिकन स लत ह अपन पतरो स या परायो स पतरस न उन स कहा परायो स 26 यीश न उस स कहा तो पतर बच गए

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 3: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

10 और अब कलहाड़ा पड़ो की जड़ पर रखा हआ ह इसशिलय जो जो पड़ अचछा ल नही लाता वह काटा और आग म झोका जाता ह

11 म तो पानी स तमह मन फिराव का बपफितसमा दता ह परनत जो मर बाद आनवाला ह वह मझ स शशिकतशाली ह म उस की जती उठान क योगय नही वह तमह पफिवतर आतमा और आग स बपफितसमा दगा

12 उसका सप उस क हाथ म ह और वह अपना खशिलहान अचछी रीफित स सा करगा और अपन गह को तो खतत म इकटठाकरगा परनत भसी को उस आग म जलाएगा जो बझन की नही 13 उस समय यीश गलील स यरदन क फिकनार पर यहनना क पास उस स बपफितसमा लन आया 14 परनत यहनना यह कहकर उस रोकन लगा फिक मझ तर हाथ स बपफितसमा लन की आवltयकता ह और त मर पास आया ह 15 यीश न उस को यह उततर दिदया फिक अब तो ऐसा ही होन द कयोफिक हम इसी रीफित स सब धायिमकK ता को परा करना उशिचत ह

तब उस न उस की बात मान ली 16 और यीश बपफितसमा लकर तरनत पानी म स ऊपर आया और दखो उसक शिलय आकाश खल गया और उस न परमशवर क

आतमा को कबतर की नाई उतरत और अपन ऊपर आत दखा 17 और दखो यह आकाशवाणी हई फिक यह मरा फिपरय पतर ह जिजस स म अतयनत परसनन ह

Chapter4

1 तब उस समय आतमा यीश को जगल म ल गया ताफिक इबलीस स उस की परीकषा हो 2 वह चालीस दिदन और चालीस रात फिनराहार रहा अनत म उस भख लगी 3 तब परखन वाल न पास आकर उस स कहा यदिद त परमशवर का पतर ह तो कह द फिक य पतथर रोदिटया बन जाए 4 उस न उततर दिदया फिक शिलखा ह फिक मनषय कवल रोटी ही स नही परनत हर एक वचन स जो परमशवर क मख स फिनकलता ह

जीफिवत रहगा 5 तब इबलीस उस पफिवतर नगर म ल गया और मजिनदर क कगर पर खड़ा फिकया 6 और उस स कहा यदिद त परमशवर का पतर ह तो अपन आप को नीच फिगरा द कयोफिक शिलखा ह फिक वह तर फिवषय म अपन

सवगKदतो को आजञा दगा और व तझ हाथो हाथ उठा लग कही ऐसा न हो फिक तर पावो म पतथर स ठस लग 7 यीश न उस स कहा यह भी शिलखा ह फिक त परभ अपन परमशवर की परीकषा न कर 8 फिर शतान उस एक बहत ऊच पहाड़ पर ल गया और सार जगत क राय और उसका फिवभव दिदखाकर 9 उस स कहा फिक यदिद त फिगरकर मझ परणाम कर तो म यह सब कछ तझ द दगा 10 तब यीश न उस स कहा ह शतान दर हो जा कयोफिक शिलखा ह फिक त परभ अपन परमशवर को परणाम कर और कवल उसी की

उपासना कर 11 तब शतान उसक पास स चला गया और दखो सवगKदत आकर उस की सवा करन लग 12 जब उस न यह सना फिक यहनना पकड़वा दिदया गया तो वह गलील को चला गया 13 और नासरत को छोड़कर करनहम म जो झील क फिकनार जबलन और नपताली क दश म ह जाकर रहन लगा 14 ताफिक जो यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 15 फिक जबलन और नपताली क दश झील क मागK स यरदन क पार अनयजाफितयो का गलील 16 जो लोग अनधकार म बठ थ उनहोन बड़ी योफित दखी और जो मतय क दश और छाया म बठ थ उन पर योफित चमकी 17 उस समय स यीश परचार करना और यह कहना आरमभ फिकया फिक मन फिराओ कयोफिक सवगK का राय फिनकट आया ह 18 उस न गलील की झील क फिकनार फिरत हए दो भाइयो अथाKत शमौन को जो पतरस कहलाता ह और उसक भाई अजिनwयास को

झील म जाल डालत दखा कयोफिक व मछव थ 19 और उन स कहा मर पीछ चल आओ तो म तम को मनषयो क पकड़न वाल बनाऊगा 20 व तरनत जालो को छोड़कर उसक पीछ हो शिलए 21 और वहा स आग बढ़कर उस न और दो भाइयो अथाKत जबदी क पतर याकब और उसक भाई यहनना को अपन फिपता जबदी क

साथ नाव पर अपन जालो को सधारत दखा और उनह भी बलाया 22 व तरनत नाव और अपन फिपता को छोड़कर उसक पीछ हो शिलए 23 और यीश सार गलील म फिरता हआ उन की सभाओ म उपदश करता और राय का ससमाचार परचार करता और लोगो की हर

परकार की बीमारी और दबKलता को दर करता रहा

24 और सार सरिरया म उसका यश ल गया और लोग सब बीमारो को जो नाना परकार की बीमारिरयो और दखो म जकड़ हए थ और जिजन म दषटातमाए थी और यिमगM वालो और झोल क मार हओ को उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया

25 और गलील और दिदकापशिलस और यरशलम और यहदिदया स और यरदन क पार स भीड़ की भीड़ उसक पीछ हो ली

Chapter5

1 वह इस भीड़ को दखकर पहाड़ पर चढ़ गया और जब बठ गया तो उसक चल उसक पास आए 2 और वह अपना मह खोलकर उनह यह उपदश दन लगा 3 धनय ह व जो मन क दीन ह कयोफिक सवगK का राय उनही का ह 4 धनय ह व जो शोक करत ह कयोफिक व शाफित पाएग 5 धनय ह व जो नमर ह कयोफिक व पथवी क अयिधकारी होग 6 धनय ह व जो धमK क भख और पयास ह कयोफिक व तपत फिकय जाएग 7 धनय ह व जो दयावनत ह कयोफिक उन पर दया की जाएगी 8 धनय ह व जिजन क मन शदध ह कयोफिक व परमशवर को दखग 9 धनय ह व जो मल करवान वाल ह कयोफिक व परमशवर क पतर कहलाएग 10 धनय ह व जो धमK क कारण सताए जात ह कयोफिक सवगK का राय उनही का ह 11 धनय हो तम जब मनषय मर कारण तमहारी फिननदा कर और सताए और झठ बोल बोलकर तमहरो फिवरोध म सब परकार की बरी

बात कह 12 आनजिनदत और मगन होना कयोफिक तमहार शिलय सवगK म बड़ा ल ह इसशिलय फिक उनहोन उन भफिवषयदवकताओ को जो तम स पफिहल

थ इसी रीफित स सताया था 13 तम पथवी क नमक हो परनत यदिद नमक का सवाद फिबगड़ जाए तो वह फिर फिकस वसत स नमकीन फिकया जाएगा फिर वह

फिकसी काम का नही कवल इस क फिक बाहर का जाए और मनषयो क परो तल रौदा जाए 14 तम जगत की योफित हो जो नगर पहाड़ पर बसा हआ ह वह शिछप नही सकता 15 और लोग दिदया जलाकर पमान क नीच नही परनत दीवट पर रखत ह तब उस स घर क सब लोगो को परकाश पहचता ह 16 उसी परकार तमहारा उजिजयाला मनषयो क सामहन चमक फिक व तमहार भल कामो को दखकर तमहार फिपता की जो सवगK म ह

बड़ाई कर 17 यह न समझो फिक म वयवसथा था भफिवषयदवकताओ की पसतको को लोप करन आया ह 18 लोप करन नही परनत परा करन आया ह कयोफिक म तम स सच कहता ह फिक जब तक आकाश और पथवी टल न जाए तब

तक वयवसथा स एक मातरा या फिबनद भी फिबना परा हए नही टलगा 19 इसशिलय जो कोई इन छोटी स छोटी आजञाओ म स फिकसी एक को तोड़ और वसा ही लोगो को शिसखाए वह सवगK क राय म

सब स छोटा कहलाएगा परनत जो कोई उन का पालन करगा और उनह शिसखाएगा वही सवगK क राय म महान कहलाएगा 20 कयोफिक म तम स कहता ह फिक यदिद तमहारी धायिमकK ता शासतरिसतरयो और रीशिसयो की धायिमकK ता स बढ़कर न हो तो तम सवगK क

राय म कभी परवश करन न पाओग 21 तम सन चक हो फिक पवKकाल क लोगो स कहा गया था फिक हतया न करना और जो कोई हतया करगा वह कचहरी म दणड क

योगय होगा 22 परनत म तम स यह कहता ह फिक जो कोई अपन भाई पर करोध करगा वह कचहरी म दणड क योगय होगा और जो कोई अपन

भाई को फिनकममा कहगा वह महासभा म दणड क योगय होगा ldquo rdquo और जो कोई कह अर मखK वह नरक की आग क दणड क योगयहोगा 23 इसशिलय यदिद त अपनी भट वदी पर लाए और वहा त समरण कर फिक मर भाई क मन म मरी ओर स कछ फिवरोध ह तो अपनी

भट वही वदी क सामहन छोड़ द 24 और जाकर पफिहल अपन भाई स मल यिमलाप कर तब आकर अपनी भट चढ़ा 25 जब तक त अपन मददई क साथ मागK ही म ह उस स झटपट मल यिमलाप कर ल कही ऐसा न हो फिक मददई तझ हाफिकम को सौप

और हाफिकम तझ शिसपाही को सौप द और त बनदीगह म डाल दिदया जाए 26 म तम स सच कहता ह फिक जब तक त कौड़ी कौड़ी भर न द तब तक वहा स छटन न पाएगा 27 तम सन चक हो फिक कहा गया था फिक वयभिभचार न करना

28 परनत म तम स यह कहता ह फिक जो कोई फिकसी सतरी पर कदयिषट डाल वह अपन मन म उस स वयभिभचार कर चका 29 यदिद तरी दाफिहनी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर अपन पास स क द कयोफिक तर शिलय यही भला ह फिक तर अगो म स एक नाश हो जाए और तरा सारा शरीर नरक म न डाला जाए

30 और यदिद तरा दाफिहना हाथ तझ ठोकर खिखलाए तो उस को काटकर अपन पास स क द कयोफिक तर शिलय यही भला ह फिक तर अगो म स एक नाश हो जाए और तरा सारा शरीर नरक म न डाला जाए

31 यह भी कहा गया था फिक जो कोई अपनी पतनी को तयाग द तो उस तयागपतर द 32 परनत म तम स यह कहता ह फिक जो कोई अपनी पतनी को वयभिभचार क शिसवा फिकसी और कारण स छोड़ द तो वह उस स

वयभिभचार करवाता ह और जो कोई उस तयागी हई स बयाह कर वह वयभिभचार करता ह 33 फिर तम सन चक हो फिक पवKकाल क लोगो स कहा गया था फिक झठी शपथ न खाना परनत परभ क शिलय अपनी शपथ को परीकरना 34 परनत म तम स यह कहता ह फिक कभी शपथ न खाना न तो सवगK की कयोफिक वह परमशवर का सिसहासन ह 35 न धरती की कयोफिक वह उसक पावो की चौकी ह न यरशलम की कयोफिक वह महाराजा का नगर ह 36 अपन शिसर की भी शपथ न खाना कयोफिक त एक बाल को भी न उजला न काला कर सकता ह 37 परनत तमहारी बात हा की हा या नही की नही हो कयोफिक जो कछ इस स अयिधक होता ह वह बराई स होता ह 38 तम सन चक हो फिक कहा गया था फिक आख क बदल आख और दात क बदल दात 39 परनत म तम स यह कहता ह फिक बर का सामना न करना परनत जो कोई तर दाफिहन गाल पर थपपड़ मार उस की ओर दसरा

भी र द 40 और यदिद कोई तझ पर नाशिलश करक तरा करता लना चाह तो उस दोहर भी ल लन द 41 और जो कोई तझ कोस भर बगार म ल जाए तो उसक साथ दो कोस चला जा 42 जो कोई तझ स माग उस द और जो तझ स उधार लना चाह उस स मह न मोड़ 43 तम सन चक हो फिक कहा गया था फिक अपन पड़ोसी स परम रखना और अपन बरी स बर |4 परनत म तम स यह कहता ह

फिक अपन बरिरयो स परम रखो और अपन सतान वालो क शिलय पराथKना करो 45 जिजस स तम अपन सवगMय फिपता की सनतान ठहरोग कयोफिक वह भलो और बरो दोनो पर अपना सयK उदय करता ह और धयिमय

और अधयिमय दोनो पर मह बरसाता ह 46 कयोफिक यदिद तम अपन परम रखन वालो ही स परम रखो तो तमहार शिलय कया ल होगा कया महसल लन वाल भी ऐसा ही नहीकरत 47 और यदिद तम कवल अपन भाइयो ही को नमसकार करो तो कौन सा बड़ा काम करत हो कया अनयजाफित भी ऐसा नही करत 48 इसशिलय चाफिहय फिक तम शिसदध बनो जसा तमहारा सवगMय फिपता शिसदध ह

Chapter6

1 सावधान रहो तम मनषयो को दिदखान क शिलय अपन धमK क काम न करो नही तो अपन सवगMय फिपता स कछ भी ल न पाओग 2 इसशिलय जब त दान कर तो अपन आग तरही न बजवा जसा कपटी सभाओ और गशिलयो म करत ह ताफिक लोग उन की बड़ाईकर म तम स सच कहता ह फिक व अपना ल पा चक 3 परनत जब त दान कर तो जो तरा दाफिहना हाथ करता ह उस तरा बाया हाथ न जानन पाए 4 ताफिक तरा दान गपत रह और तब तरा फिपता जो गपत म दखता ह तझ परफितल दगा 5 और जब त पराथKना कर तो कपदिटयो क समान न हो कयोफिक लोगो को दिदखान क शिलय सभाओ म और सड़को क मोड़ो पर खड़

होकर पराथKना करना उन को अचछा लगता ह म तम स सच कहता ह फिक व अपना परफितल पा चक 6 परनत जब त पराथKना कर तो अपनी कोठरी म जा और दवार बनद कर क अपन फिपता स जो गपत म ह पराथKना कर और तब तरा

फिपता जो गपत म दखता ह तझ परफितल दगा 7 पराथKना करत समय अनयजाफितयो की नाई बक बक न करो कयोफिक व समझत ह फिक उनक बहत बोलन स उन की सनी जाएगी 8 सो तम उन की नाई न बनो कयोफिक तमहारा फिपता तमहार मागन स पफिहल ही जानता ह फिक तमहारी कया कया आवltयकता ह 9 सो तम इस रीफित स पराथKना फिकया करो ldquo ह हमार फिपता त जो सवगK म ह तरा नाम पफिवतर माना जाए 10 तरा राय आए तरी इचछा जसी सवगK म परी होती ह वस पथवी पर भी हो 11 हमारी दिदन भर की रोटी आज हम द

12 और जिजस परकार हम न अपन अपरायिधयो को कषमा फिकया ह वस ही त भी हमार अपराधो को कषमा कर 13 और हम परीकषा म न ला परनत बराई स बचा rdquo कयोफिक राय और पराकरम और मफिहमा सदा तर ही ह आमीन 14 इसशिलय यदिद तम मनषय क अपराध कषमा करोग तो तमहारा सवगMय फिपता भी तमह कषमा करगा 15 और यदिद तम मनषयो क अपराध कषमा न करोग तो तमहारा फिपता भी तमहार अपराध कषमा न करगा 16 जब तम उपवास करो तो कपदिटयो की नाई तमहार मह पर उदासी न छाई रह कयोफिक व अपना मह बनाए रहत ह ताफिक लोग

उनह उपवासी जान म तम स सच कहता ह फिक व अपना परफितल पा चक 17 परनत जब त उपवास कर तो अपन शिसर पर तल मल और मह धो 18 ताफिक लोग नही परनत तरा फिपता जो गपत म ह तझ उपवासी जान इस दशा म तरा फिपता जो गपत म दखता ह तझ परफितलदगा 19 अपन शिलय पथवी पर धन इकटठा न करो जहा कीड़ा और काई फिबगाड़त ह और जहा चोर सध लगात और चरात ह 20 परनत अपन शिलय सवगK म धन इकटठा करो जहा न तो कीड़ा और न काई फिबगाड़त ह और जहा चोर न सध लगात और न चरात ह 21 कयोफिक जहा तरा धन ह वहा तरा मन भी लगा रहगा 22 शरीर का दिदया आख ह इसशिलय यदिद तरी आख फिनमKल हो तो तरा सारा शरीर भी उजिजयाला होगा 23 परनत यदिद तरी आख बरी हो तो तरा सारा शरीर भी असतरिनधयारा होगा इस कारण वह उजिजयाला जो तझ म ह यदिद अनधकार हो

तो वह अनधकार कसा बड़ा होगा 24 कोई मनषय दो सवायिमयो की सवा नही कर सकता कयोफिक वह एक स बर ओर दसर स परम रखगा वा एक स यिमला रहगा और

दसर को तचछ जानगा ldquo rdquoतम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 25 इसशिलय म तम स कहता ह फिक अपन पराण क शिलय यह शिचनता न करना फिक हम कया खाएग और कया पीएग और न अपन

शरीर क शिलय फिक कया पफिहनग कया पराण भोजन स और शरीर वसतर स बढ़कर नही 26 आकाश क पभिकषयो को दखो व न बोत ह न काटत ह और न खततो म बटोरत ह तौभी तमहारा सवगMय फिपता उन को खिखलाताह कया तम उन स अयिधक मलय नही रखत 27 तम म कौन ह जो शिचनता करक अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 28 और वसतर क शिलय कयो शिचनता करत हो जगली सोसनो पर धयान करो फिक व कस बढ़त ह व न तो परिरशरम करत ह न कातत ह 29 तौभी म तम स कहता ह फिक सलमान भी अपन सार फिवभव म उन म स फिकसी क समान वसतर पफिहन हए न था 30 इसशिलय जब परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा वसतर पफिहनाता ह तो हअलपफिवशवाशिसयो तम को वह कयोकर न पफिहनाएगा 31 इसशिलय तम शिचनता करक यह न कहना फिक हम कया खाएग या कया पीएग या कया पफिहनग 32 कयोफिक अनयजाफित इन सब वसतओ की खोज म रहत ह और तमहारा सवगMय फिपता जानता ह फिक तमह य सब वसतए चाफिहए 33 इसशिलय पफिहल तम उस राय और धमK की खोज करो तो य सब वसतए भी तमह यिमल जाएगी 34 सो कल क शिलय शिचनता न करो कयोफिक कल का दिदन अपनी शिचनता आप कर लगा आज क शिलय आज ही का दख बहत ह

Chapter7

1 दोष मत लगाओ फिक तम पर भी दोष न लगाया जाए 2 कयोफिक जिजस परकार तम दोष लगात हो उसी परकार तम पर भी दोष लगाया जाएगा और जिजस नाप स तम नापत हो उसी स

तमहार शिलय भी नापा जाएगा 3 त कयो अपन भाई की आख क फितनक को दखता ह और अपनी आख का लटठा तझ नही सझता 4 और जब तरी ही आख म लटठा ह तो त अपन भाई स कयोकर कह सकता ह फिक ला म तरी आख स फितनका फिनकाल द 5 ह कपटी पहल अपनी आख म स लटठा फिनकाल ल तब त अपन भाई की आख का फितनका भली भाफित दखकर फिनकाल सकगा 6 पफिवतर वसत कततो को न दो और अपन मोती सअरो क आग मत डालो ऐसा न हो फिक व उनह पावो तल रौद और पलट कर तम

को ाड़ डाल

7 मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार शिलय खोला जाएगा 8 कयोफिक जो कोई मागता ह उस यिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक शिलय खोला जाएगा 9 तम म स ऐसा कौन मनषय ह फिक यदिद उसका पतर उस स रोटी माग तो वह उस पतथर द 10 वा मछली माग तो उस साप द 11 सो जब तम बर होकर अपन बचचो को अचछी वसतए दना जानत हो तो तमहारा सवगMय फिपता अपन मागन वालो को अचछी

वसतए कयो न दगा 12 इस कारण जो कछ तम चाहत हो फिक मनषय तमहार साथ कर तम भी उन क साथ वसा ही करो कयोफिक वयवसथा और

भफिवषयदवकतओ की शिशकषा यही ह 13 सकत ाटक स परवश करो कयोफिक चौड़ा ह वह ाटक और चाकल ह वह मागK जो फिवनाश को पहचाता ह और बहतर ह जो

उस स परवश करत ह 14 कयोफिक सकत ह वह ाटक और सकरा ह वह मागK जो जीवन को पहचाता ह और थोड़ ह जो उस पात ह 15 झठ भफिवषयदवकताओ स सावधान रहो जो भड़ो क भष म तमहार पास आत ह परनत अनतर म ाड़न वाल भफिडए ह 16 उन क लो स तम उनह पहचान लोग कया झाफिडय़ो स अगर वा ऊटकटारो स अजीर तोड़त ह 17 इसी परकार हर एक अचछा पड़ अचछा ल लाता ह और फिनकममा पड़ बरा ल लाता ह 18 अचछा पड़ बरा ल नही ला सकता और न फिनकममा पड़ अचछा ल ला सकता ह 19 जो जो पड़ अचछा ल नही लाता वह काटा और आग म डाला जाता ह 20 सो उन क लो स तम उनह पहचान लोग 21 जो मझ स ह परभ ह परभ कहता ह उन म स हर एक सवगK क राय म परवश न करगा परनत वही जो मर सवगMय फिपता की

इचछा पर चलता ह 22 उस दिदन बहतर मझ स कहग ह परभ ह परभ कया हम न तर नाम स भफिवषयदवाणी नही की और तर नाम स दषटातमाओ को

नही फिनकाला और तर नाम स बहत अचमभ क काम नही फिकए 23 तब म उन स खलकर कह दगा फिक म न तम को कभी नही जाना ह ककमK करन वालो मर पास स चल जाओ 24 इसशिलय जो कोई मरी य बात सनकर उनह मानता ह वह उस बजिदधमान मनषय की नाई ठहरगा जिजस न अपना घर चटटान परबनाया 25 और मह बरसा और बाढ़ आई और आसतरिनधया चली और उस घर पर टककर लगी परनत वह नही फिगरा कयोफिक उस की नव

चटटान पर डाली गई थी 26 परनत जो कोई मरी य बात सनता ह और उन पर नही चलता वह उस फिनबKजिदध मनषय की नाई ठहरगा जिजस न अपना घर बाल परबनाया 27 और मह बरसा और बाढ़ आई और आसतरिनधया चली और उस घर पर टककर लगी और वह फिगरकर सतयानाश हो गया 28 जब यीश य बात कह चका तो ऐसा हआ फिक भीड़ उसक उपदश स चफिकत हई 29 कयोफिक वह उन क शासतरिसतरयो क समान नही परनत अयिधकारी की नाई उनह उपदश दता था

Chapter8

1 जब वह उस पहाड़ स उतरा तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 2 और दखो एक कोढ़ी न पास आकर उस परणाम फिकया और कहा फिक ह परभ यदिद त चाह तो मझ शदध कर सकता ह 3 यीश न हाथ बढ़ाकर उस छआ और कहा म चाहता ह त शदध हो जा और वह तरनत को ढ़ स शदध हो गया 4 यीश न उस स कहा दख फिकसी स न कहना परनत जाकर अपन आप को याजक को दिदखला और जो चढ़ावा मसा न ठहराया ह

उस चढ़ा ताफिक उन क शिलय गवाही हो 5 और जब वह करनहम म आया तो एक सबदार न उसक पास आकर उस स फिबनती की 6 फिक ह परभ मरा सवक घर म झोल का मारा बहत दखी पड़ा ह 7 उस न उस स कहा म आकर उस चगा करगा 8 सबदार न उततर दिदया फिक ह परभ म इस योगय नही फिक त मरी छत क तल आए पर कवल मख स कह द तो मरा सवक चगा हो

जाएगा 9 कयोफिक म भी पराधीन मनषय ह और शिसपाही मर हाथ म ह और जब एक स कहता ह जा तो वह जाता ह और दसर को फिकआ तो वह आता ह और अपन दास स कहता ह फिक यह कर तो वह करता ह 10 यह सनकर यीश न अचमभा फिकया और जो उसक पीछ आ रह थ उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक म न इसराएल म भी

ऐसा फिवशवास नही पाया 11 और म तम स कहता ह फिक बहतर पवK और पभिम स आकर इबराहीम और इसहाक और याकब क साथ सवगK क राय मबठ ग 12 परनत राय क सनतान बाहर असतरिनधयार म डाल दिदए जाएग वहा रोना और दातो का पीसना होगा 13 और यीश न सबदार स कहा जा जसा तरा फिवशवास ह वसा ही तर शिलय हो और उसका सवक उसी घड़ी चगा हो गया 14 और यीश न पतरस क घर म आकर उस की सास को वर म पड़ी दखा 15 उस न उसका हाथ छआ और उसका वर उतर गया और वह उठकर उस की सवा करन लगी 16 जब सधया हई तब व उसक पास बहत स लोगो को लाए जिजन म दषटातमाए थी और उस न उन आतमाओ को अपन वचन स

फिनकाल दिदया और सब बीमारो को चगा फिकया 17 ताफिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक उस न आप हमारी दबKलताओ को ल शिलया और

हमारी बीमारिरयो को उठा शिलया 18 यीश न अपनी चारो ओर एक बड़ी भीड़ दखकर उस पार जान की आजञा दी 19 और एक शासतरी न पास आकर उस स कहा ह गर जहा कही त जाएगा म तर पीछ पीछ हो लगा 20 यीश न उस स कहा लोमफिडय़ो क भट और आकाश क पभिकषयो क बसर होत ह परनत मनषय क पतर क शिलय शिसर धरन की भी

जगह नही ह 21 एक और चल न उस स कहा ह परभ मझ पफिहल जान द फिक अपन फिपता को गाड़ द 22 यीश न उस स कहा त मर पीछ हो ल और मरदो को अपन मरद गाड़न द 23 जब वह नाव पर चढ़ा तो उसक चल उसक पीछ हो शिलए 24 और दखो झील म एक ऐसा बड़ा तान उठा फिक नाव लहरो स ढपन लगी और वह सो रहा था 25 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह परभ हम बचा हम नाश हए जात ह 26 उस न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो कयो डरत हो तब उस न उठकर आनधी और पानी को डाटा और सब शानत हो गया 27 और लोग अचमभा करक कहन लग फिक यह कसा मनषय ह फिक आनधी और पानी भी उस की आजञा मानत ह 28 जब वह उस पार गदरफिनयो क दश म पहचा तो दो मनषय जिजन म दषटातमाए थी कबरो स फिनकलत हए उस यिमल जो इतन परचणड थ फिक कोई उस मागK स जा नही सकता था 29 और दखो उनहोन शिचललाकर कहा ह परमशवर क पतर हमारा तझ स कया काम कया त समय स पफिहल हम द ख दन यहा

आया ह 30 उन स कछ दर बहत स सअरो का एक झणड चर रहा था 31 दषटातमाओ न उस स यह कहकर फिबनती की फिक यदिद त हम फिनकालता ह तो सअरो क झणड म भज द 32 उस न उन स कहा जाओ व फिनकलकर सअरो म पठ गए और दखो सारा झणड कड़ाड़ पर स झपटकर पानी म जा पड़ा और

डब मरा 33 और चरवाह भाग और नगर म जाकर य सब बात और जिजन म दषटातमाए थी उन का सारा हाल कह सनाया 34 और दखो सार नगर क लोग यीश स भट करन को फिनकल आए और उस दखकर फिबनती की फिक हमार शिसवानो स बाहर फिनकल जा

Chapter9

1 फिर वह नाव पर चढ़कर पार गया और अपन नगर म आया 2 और दखो कई लोग एक झोल क मार हए को खाट पर रखकर उसक पास लाए यीश न उन का फिवशवास दखकर उस झोल क

मार हए स कहा ह पतर ढाढ़स बानध तर पाप कषमा हए

3 और दखो कई शासतरिसतरयो न सोचा फिक यह तो परमशवर की फिननदा करता ह 4 यीश न उन क मन की बात मालम करक कहा फिक तम लोग अपन अपन मन म बरा फिवचार कयो कर रह हो 5 सहज कया ह यह कहना फिक तर पाप कषमा हए या यह कहना फिक उठ और चल फिर 6 परनत इसशिलय फिक तम जान लो फिक मनषय क पतर को पथवी पर पाप कषमा करन का अयिधकार ह ( उस न झोल क मार हए स कहा ) उठ अपनी खाट उठा और अपन घर चला जा 7 वह उठकर अपन घर चला गया 8 लोग यह दखकर डर गए और परमशवर की मफिहमा करन लग जिजस न मनषयो को ऐसा अयिधकार दिदया ह 9 वहा स आग बढ़कर यीश न मतती नाम एक मनषय को महसल की चौकी पर बठ दखा और उस स कहा मर पीछ हो ल वह

उठकर उसक पीछ हो शिलया 10 और जब वह घर म भोजन करन क शिलय बठा तो बहतर महसल लन वाल और पापी आकर यीश और उसक चलो क साथ खानबठ 11 यह दखकर रीशिसयो न उसक चलो स कहा तमहारा गर महसल लन वालो और पाफिपयो क साथ कयो खाता ह 12 उस न यह सनकर उन स कहा वदय भल चगो को नही परनत बीमारो को अवltय ह 13 सो तम जाकर इस का अथK सीख लो फिक म बशिलदान नही परनत दया चाहता ह कयोफिक म धयिमय को नही परनत पाफिपयो को

बलान आया ह 14 तब यहनना क चलो न उसक पास आकर कहा कया कारण ह फिक हम और रीसी इतना उपवास करत ह पर तर चल उपवास

नही करत 15 यीश न उन स कहा कया बराती जब तक दलहा उन क साथ ह शोक कर सकत ह पर व दिदन आएग फिक दलहा उन स अलग

फिकया जाएगा उस समय व उपवास करग 16 को र कपड़ का पबनद परान पफिहरावन पर कोई नही लगाता कयोफिक वह पबनद पफिहरावन स और कछ खीच लता ह और वह

अयिधक ट जाता ह 17 और नया दाखरस परानी मशको म नही भरत ह कयोफिक ऐसा करन स मशक ट जाती ह और दाखरस बह जाता ह और

मशक नाश हो जाती ह परनत नया दाखरस नई मशको म भरत ह और वह दोनो बची रहती ह 18 वह उन स य बात कह ही रहा था फिक दखो एक सरदार न आकर उस परणाम फिकया और कहा मरी पतरी अभी मरी ह परनत

चलकर अपना हाथ उस पर रख तो वह जीफिवत हो जाएगी 19 यीश उठकर अपन चलो समत उसक पीछ हो शिलया 20 और दखो एक सतरी न जिजस क बारह वषK स लोह बहता था उसक पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छ शिलया 21 कयोफिक वह अपन मन म कहती थी फिक यदिद म उसक वसतर ही को छ लगी तो चगी हो जाऊगी 22 यीश न फिरकर उस दखा और कहा पतरी ढाढ़स बानध तर फिवशवास न तझ चगा फिकया ह सो वह सतरी उसी घड़ी चगी हो गई 23 जब यीश उस सरदार क घर म पहचा और बासली बजान वालो और भीड़ को हललड़ मचात दखा तब कहा 24 हट जाओ लड़की मरी नही पर सोती ह इस पर व उस की हसी करन लग 25 परनत जब भीड़ फिनकाल दी गई तो उस न भीतर जाकर लड़की का हाथ पकड़ा और वह जी उठी 26 और इस बात की चचाK उस सार दश म ल गई 27 जब यीश वहा स आग बढ़ा तो दो अनध उसक पीछ यह पकारत हए चल फिक ह दाऊद की सनतान हम पर दया कर 28 जब वह घर म पहचा तो व अनध उस क पास आए और यीश न उन स कहा कया तमह फिवशवास ह फिक म यह कर सकता ह

उनहोन उस स कहा हा परभ 29 तब उस न उन की आख छकर कहा तमहार फिवशवास क अनसार तमहार शिलय हो 30 और उन की आख खल गई और यीश न उनह शिचताकर कहा सावधान कोई इस बात को न जान 31 पर उनहोन फिनकलकर सार दश म उसका यश ला दिदया 32 जब व बाहर जा रह थ तो दखो लोग एक गग को जिजस म दषटातमा थी उस क पास लाए 33 और जब दषटातमा फिनकाल दी गई तो गगा बोलन लगा और भीड़ न अचमभा करक कहा फिक इसराएल म ऐसा कभी नही दखागया 34 परनत रीशिसयो न कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह 35 और यीश सब नगरो और गावो म फिरता रहा और उन की सभाओ म उपदश करता और राय का ससमाचार परचार करता

और हर परकार की बीमारी और दबKलता को दर करता रहा

36 जब उस न भीड़ को दखा तो उस को लोगो पर तरस आया कयोफिक व उन भड़ो की नाई जिजनका कोई रखवाला न हो वयाकल और भटक हए स थ

37 तब उस न अपन चलो स कहा पकक खत तो बहत ह पर मजदर थोड़ ह 38 इसशिलय खत क सवामी स फिबनती करो फिक वह अपन खत काटन क शिलय मजदर भज द

Chapter10

1 फिर उस न अपन बारह चलो को पास बलाकर उनह अशदध आतमाओ पर अयिधकार दिदया फिक उनह फिनकाल और सब परकार की बीमारिरयो और सब परकार की दबKलताओ को दर कर

2 और बारह पररिरतो क नाम य ह पफिहला शमौन जो पतरस कहलाता ह और उसका भाई अजिनwयास जबदी का पतर याकब और उसका भाई यहनना

3 फिशिलपपस और बर- तलम थोमा और महसल लनवाला मतती हल का पतर याकब और तदद 4 शमौन कनानी और यहदा इसकरिरयोती जिजस न उस पकड़वा भी दिदया 5 इन बारहो को यीश न यह आजञा दकर भजा फिक अनयजाफितयो की ओर न जाना और सामरिरयो क फिकसी नगर म परवश न करना 6 परनत इसराएल क घरान ही की खोई हई भड़ो क पास जाना 7 और चलत चलत परचार कर कहो फिक सवगK का राय फिनकट आ गया ह 8 बीमारो को चगा करो मर हओ को जिजलाओ कोदिढय़ो को शदध करो दषटातमाओ को फिनकालो तम न सतमत पाया ह सतमतदो 9 अपन पटको म न तो सोना और न रपा और न ताबा रखना 10 मागK क शिलय न झोली रखो न दो करत न जत और न लाठी लो कयोफिक मजदर को उसका भोजन यिमलना चाफिहए 11 जिजस फिकसी नगर या गाव म जाओ तो पता लगाओ फिक वहा कौन योगय ह और जब तक वहा स न फिनकलो उसी क यहा रहो 12 और घर म परवश करत हए उस को आशीष दना 13 यदिद उस घर क लोग योगय होग तो तमहारा कलयाण उन पर पहचगा परनत यदिद व योगय न हो तो तमहारा कलयाण तमहार पास लौट आएगा 14 और जो कोई तमह गरहण न कर और तमहारी बात न सन उस घर या उस नगर स फिनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो 15 म तम स सच कहता ह फिक नयाय क दिदन उस नगर की दशा स सदोम और अमोरा क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 16 दखो म तमह भड़ो की नाई भफिडय़ो क बीच म भजता ह सो सापो की नाई बजिदधमान और कबतरो की नाई भोल बनो 17 परनत लोगो स सावधान रहो कयोफिक व तमह महासभाओ म सौपग और अपनी पचायत म तमह कोड़ मारग 18 तम मर शिलय हाफिकमो ओर राजाओ क सामहन उन पर और अनयजाफितयो पर गवाह होन क शिलय पहचाए जाओग 19 जब व तमह पकड़वाएग तो यह शिचनता न करना फिक हम फिकस रीफित स या कया कहग कयोफिक जो कछ तम को कहना होगा

वह उसी घड़ी तमह बता दिदया जाएगा 20 कयोफिक बोलन वाल तम नही हो परनत तमहार फिपता का आतमा तम म बोलता ह 21 भाई भाई को और फिपता पतर को घात क शिलय सौपग और लड़क- बाल माता- फिपता क फिवरोध म उठकर उनह मरवा डालग 22 मर नाम क कारण सब लोग तम स बर करग पर जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 23 जब व तमह एक नगर म सताए तो दसर को भाग जाना म तम स सच कहता ह तम इसराएल क सब नगरो म न फिर चकोग

फिक मनषय का पतर आ जाएगा 24 चला अपन गर स बड़ा नही और न दास अपन सवामी स 25 चल का गर क और दास का सवामी क बाराबर होना ही बहत ह जब उनहोन घर क सवामी को शतान कहा तो उसक घर वालो

को कयो न कहग 26 सो उन स मत डरना कयोफिक कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ शिछपा ह जो जाना न जाएगा 27 जो म तम स असतरिनधयार म कहता ह उस उजिजयाल म कहो और जो कानो कान सनत हो उस को ठो पर स परचार करो 28 जो शरीर को घात करत ह पर आतमा को घात नही कर सकत उन स मत डरना पर उसी स डरो जो आतमा और शरीर दोनो

को नरक म नाश कर सकता ह

29 कया पस म दो गौरय नही फिबकती तौभी तमहार फिपता की इचछा क फिबना उन म स एक भी भयिम पर नही फिगर सकती 30 तमहार शिसर क बाल भी सब फिगन हए ह 31 इसशिलय डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 32 जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन मान लगा 33 पर जो कोई मनषयो क सामहन मरा इनकार करगा उस स म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन इनकार करगा 34 यह न समझो फिक म पथवी पर यिमलाप करान को आया ह म यिमलाप करान को नही पर तलवार चलवान आया ह 35 म तो आया ह फिक मनषय को उसक फिपता स और बटी को उस की मा स और बह को उस की सास स अलग कर द 36 मनषय क बरी उसक घर ही क लोग होग 37 जो माता या फिपता को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह वह मर योगय नही और जो बटा या बटी को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह

वह मर योगय नही 38 और जो अपना करस लकर मर पीछ न चल वह मर योगय नही 39 जो अपन पराण बचाता ह वह उस खोएगा और जो मर कारण अपना पराण खोता ह वह उस पाएगा 40 जो तमह गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह और जो मझ गरहण करता ह वह मर भजन वाल को गरहण करता ह 41 जो भफिवषयदवकता को भफिवषयदवकता जानकर गरहण कर वह भफिवषयदवकता का बदला पाएगा और जो धमM जानकर धमM को गरहणकर वह धमM का बदला पाएगा 42 जो कोई इन छोटो म स एक को चला जानकर कवल एक कटोरा ठडा पानी फिपलाए म तम स सच कहता ह वह फिकसी रीफित स

अपना परफितल न खोएगा

Chapter11

1 जब यीश अपन बारह चलो को आजञा द चका तो वह उन क नगरो म उपदश और परचार करन को वहा स चला गया 2 यहनना न बनदीगह म मसीह क कामो का समाचार सनकर अपन चलो को उस स यह पछन भजा 3 फिक कया आनवाला त ही ह या हम दसर की बाट जोह 4 यीश न उततर दिदया फिक जो कछ तम सनत हो और दखत हो वह सब जाकर यहनना स कह दो 5 फिक अनध दखत ह और लगड़ चलत फिरत ह कोढ़ी शदध फिकए जात ह और बफिहर सनत ह मद जिजलाए जात ह और कगालो को

ससमाचार सनाया जाता ह 6 और धनय ह वह जो मर कारण ठोकर न खाए 7 जब व वहा स चल दिदए तो यीश यहनना क फिवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया हवा स फिहलत हए

सरकणड को 8 फिर तम कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पफिहन हए मनषय को दखो जो कोमल वसतर पफिहनत ह व राजभवनो म रहत ह 9 तो फिर कयो गए थ कया फिकसी भफिवषयदवकता को दखन को हा म तम स कहता ह वरन भफिवषयदवकता स भी बड़ को 10 यह वही ह जिजस क फिवषय म शिलखा ह फिक दख म अपन दत को तर आग भजता ह जो तर आग तरा मागK तयार करगा 11 म तम स सच कहता ह फिक जो सतरिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना बपफितसमा दन वाल स कोई बड़ा नही हआ पर जो सवगK क

राय म छोट स छोटा ह वह उस स बड़ा ह 12 यहनना बपफितसमा दन वाल क दिदनो स अब तक सवगK क राय पर जोर होता रहा ह और बलवान उस छीन लत ह 13 यहनना तक सार भफिवषयदवकता और वयवसथा भफिवषयदववाणी करत रह 14 और चाहो तो मानो एशिलययाह जो आनवाला था वह यही ह 15 जिजस क सनन क कान हो वह सन ल 16 म इस समय क लोगो की उपमा फिकस स द व उन बालको क समान ह जो बाजारो म बठ हए एक दसर स पकारकर कहतह 17 फिक हम न तमहार शिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न फिवलाप फिकया और तम न छाती नही पीटी 18 कयोफिक यहनना न खाता आया और न पीता और व कहत ह फिक उस म दषटातमा ह 19 मनषय का पतर खाता- पीता आया और व कहत ह फिक दखो पट और फिपयककड़ मनषय महसल लन वालो और पाफिपयो का

यिमतर पर जञान अपन कामो म सचचा ठहराया गया ह 20 तब वह उन नगरो को उलाहना दन लगा जिजन म उस न बहतर सामथK क काम फिकए थ कयोफिक उनहोन अपना मन नही फिरायाथा 21 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथK क काम तम म फिकए गए यदिद व सर और सदा म फिकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन फिरा लत 22 परनत म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तमहारी दशा स सर और सदा की दशा अयिधक सहन योगय होगी 23 और ह करनहम कया त सवगK तक ऊचा फिकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा जो सामथK क काम तझ म फिकए

गए ह यदिद सदोम म फिकए जात तो वह आज तक बना रहता 24 पर म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तरी दशा स सदोम क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 25 उसी समय यीश न कहा ह फिपता सवगK और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह फिक त न इन बातो को जञाफिनयो और

समझदारो स शिछपा रखा और बालको पर परगट फिकया ह 26 हा ह फिपता कयोफिक तझ यही अचछा लगा 27 मर फिपता न मझ सब कछ सौपा ह और कोई पतर को नही जानता कवल फिपता और कोई फिपता को नही जानता कवल पतर

और वह जिजस पर पतर उस परगट करना चाह 28 ह सब परिरशरम करन वालो और बोझ स दब लोगो मर पास आओ म तमह फिवशराम दगा 29 मरा जआ अपन ऊपर उठा लो और मझ स सीखो कयोफिक म नमर और मन म दीन ह और तम अपन मन म फिवशराम पाओग 30 कयोफिक मरा जआ सहज और मरा बोझ हलका ह

Chapter12

1 उस समय यीश सबत क दिदन खतो म स होकर जा रहा था और उसक चलो को भख लगी सो व बाल तोड़ तोड़ कर खान लग 2 रीशिसयो न यह दखकर उस स कहा दख तर चल वह काम कर रह ह जो सबत क दिदन करना उशिचत नही 3 उस न उन स कहा कया तम न नही पढ़ा फिक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख हए तो कया फिकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया खाई जिजनह खाना न तो उस और उसक साशिथयो को पर कवल याजको

को उशिचत था 5 या तम न वयवसथा म नही पढ़ा फिक याजक सबत क दिदन मजिनदर म सबत क दिदन क फिवयिध को तोड़न पर भी फिनदष ठहरत ह 6 पर म तम स कहता ह फिक यहा वह ह जो मजिनदर स भी बड़ा ह 7 यदिद तम इस का अथK जानत फिक म दया स परसनन ह बशिलदान स नही तो तम फिनदष को दोषी न ठहरात 8 मनषय का पतर तो सबत क दिदन का भी परभ ह 9 वहा स चलकर वह उन की सभा क घर म आया 10 और दखो एक मनषय था जिजस का हाथ सखा हआ था और उनहोन उस पर दोष लगान क शिलय उस स पछा फिक कया सबत

क दिदन चगा करना उशिचत ह 11 उस न उन स कहा तम म ऐसा कौन ह जिजस की एक ही भड़ हो और वह सबत क दिदन गड़ह म फिगर जाए तो वह उस

पकड़कर न फिनकाल 12 भला मनषय का मलय भड़ स फिकतना बढ़ कर ह इसशिलय सबत क दिदन भलाई करना उशिचत ह तब उस न उस मनषय स कहा

अपना हाथ बढ़ा 13 उस न बढ़ाया और वह फिर दसर हाथ की नाई अचछा हो गया 14 तब रीशिसयो न बाहर जाकर उसक फिवरोध म सममफित की फिक उस फिकस परकार नाश कर 15 यह जानकर यीश वहा स चला गया और बहत लोग उसक पीछ हो शिलय और उस न सब को चगा फिकया 16 और उनह शिचताया फिक मझ परगट न करना 17 फिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 18 फिक दखो यह मरा सवक ह जिजस म न चना ह मरा फिपरय जिजस स मरा मन परसनन ह म अपना आतमा उस पर डालगा और

वह अनयजाफितयो को नयाय का समाचार दगा

19 वह न झगड़ा करगा और न धम मचाएगा और न बाजारो म कोई उसका शबद सनगा 20 वह कचल हए सरकणड को न तोड़गा और धआ दती हई बतती को न बझाएगा जब तक नयाय को परबल न कराए 21 और अनयजाफितया उसक नाम पर आशा रखगी 22 तब लोग एक अनध- गग को जिजस म दषटातमा थी उसक पास लाए और उस न उस अचछा फिकया और वह गगा बोलन और

दखन लगा 23 इस पर सब लोग चफिकत होकर कहन लग यह कया दाऊद की सनतान का ह 24 परनत रीशिसयो न यह सनकर कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार शतान की सहायता क फिबना दषटातमाओ को नही फिनकालता 25 उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस फिकसी राय म ट होती ह वह उजड़ जाता ह और कोई नगर या

घराना जिजस म ट होती ह बना न रहगा 26 और यदिद शतान ही शतान को फिनकाल तो वह अपना ही फिवरोधी हो गया ह फिर उसका राय कयोकर बना रहगा 27 भला यदिद म शतान की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो तमहार वश फिकस की सहायता स फिनकालत ह इसशिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग 28 पर यदिद म परमशवर क आतमा की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो परमशवर का राय तमहार पास आ पहचा ह 29 या कयोकर कोई मनषय फिकसी बलवनत क घर म घसकर उसका माल लट सकता ह जब तक फिक पफिहल उस बलवनत को न बानध

ल और तब वह उसका घर लट लगा 30 जो मर साथ नही वह मर फिवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह फिबथराता ह 31 इसशिलय म तम स कहता ह फिक मनषय का सब परकार का पाप और फिननदा कषमा की जाएगी पर आतमा की फिननदा कषमा न कीजाएगी 32 जो कोई मनषय क पतर क फिवरोध म कोई बात कहगा उसका यह अपराध कषमा फिकया जाएगा परनत जो कोई पफिवतर- आतमा क

फिवरोध म कछ कहगा उसका अपराध न तो इस लोक म और न पर लोक म कषमा फिकया जाएगा 33 यदिद पड़ को अचछा कहो तो उसक ल को भी अचछा कहो या पड़ को फिनकममा कहो तो उसक ल को भी फिनककमा कहो

कयोफिक पड़ ल ही स पहचाना जाता ह 34 ह साप क बचचो तम बर होकर कयोकर अचछी बात कह सकत हो कयोफिक जो मन म भरा ह वही मह पर आता ह 35 भला मनषय मन क भल भणडार स भली बात फिनकालता ह और बरा मनषय बर भणडार स बरी बात फिनकालता ह 36 और म तम स कहता ह फिक जो जो फिनकममी बात मनषय कहग नयाय क दिदन हर एक बात का लखा दग 37 कयोफिक त अपनी बातो क कारण फिनदष और अपनी बातो ही क कारण दोषी ठहराया जाएगा 38 इस पर फिकतन शासतरिसतरयोऔर रीशिसयो न उस स कहा ह गर हम तझ स एक शिचनह दखना चाहत ह 39 उस न उनह उततर दिदया फिक इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह परनत यनस भफिवषयदवकता क शिचनह को छोड़ कोई

और शिचनह उन को न दिदया जाएगा 40 यनस तीन रात दिदन जल- जनत क पट म रहा वस ही मनषय का पतर तीन रात दिदन पथवी क भीतर रहगा 41 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएग कयोफिक उनहोन यनस का परचार सनकर मन

फिराया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 42 दजज़िकखन की रानी नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोफिक वह सलमान का जञान सनन क

शिलय पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 43 जब अशदध आतमा मनषय म स फिनकल जाती ह तो सखी जगहो म फिवशराम ढढ़ती फिरती ह और पाती नही 44 तब कहती ह फिक म अपन उसी घर म जहा स फिनकली थी लौट जाऊगी और आकर उस सना झाड़ा- बहारा और सजा

सजाया पाती ह 45 तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वहा वास करती ह और उस

मनषय की फिपछली दशा पफिहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोगो की दशा भी ऐसी ही होगी 46 जब वह भीड़ स बात कर ही रहा था तो दखो उस की माता और भाई बाहर खड़ थ और उस स बात करना चाहत थ 47 फिकसी न उस स कहा दख तरी माता और तर भाई बाहर खड़ ह और तझ स बात करना चाहत ह 48 यह सन उस न कहन वाल को उततर दिदया कौन ह मरी माता 49 और कौन ह मर भाई और अपन चलो की ओर अपना हाथ बढ़ा कर कहा दखो मरी माता और मर भाई य ह 50 कयोफिक जो कोई मर सवगMय फिपता की इचछा पर चल वही मरा भाई और बफिहन और माता ह

Chapter13

1 उसी दिदन यीश घर स फिनकलकर झील क फिकनार जा बठा 2 और उसक पास ऐसी बड़ी भीड़ इकटठी हई फिक वह नाव पर चढ़ गया और सारी भीड़ फिकनार पर खड़ी रही 3 और उस न उन स दषटानतो म बहत सी बात कही फिक दखो एक बोन वाला बीज बोन फिनकला 4 बोत समय कछ बीज मागK क फिकनार फिगर और पभिकषयो न आकर उनह चग शिलया 5 कछ पतथरीली भयिम पर फिगर जहा उनह बहत यिमटटी न यिमली और गहरी यिमटटी न यिमलन क कारण व जलद उग आए 6 पर सरज फिनकलन पर व जल गए और जड़ न पकड़न स सख गए 7 कछ झाफिड़यो म फिगर और झाफिड़यो न बढ़कर उनह दबा डाला 8 पर कछ अचछी भयिम पर फिगर और ल लाए कोई सौ गना कोई साठ गना कोई तीस गना 9 जिजस क कान हो वह सन ल 10 और चलो न पास आकर उस स कहा त उन स दषटानतो म कयो बात करता ह 11 उस न उततर दिदया फिक तम को सवगK क राय क भदो की समझ दी गई ह पर उन को नही 12 कयोफिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा पर जिजस क पास कछ नही ह उस स जो कछ

उसक पास ह वह भी ल शिलया जाएगा 13 म उन स दषटानतो म इसशिलय बात करता ह फिक व दखत हए नही दखत और सनत हए नही सनत और नही समझत 14 और उन क फिवषय म यशायाह की यह भफिवषयदववाणी परी होती ह फिक तम कानो स तो सनोग पर समझोग नही और आखो स

तो दखोग पर तमह न सझगा 15 कयोफिक इन लोगो का मन मोटा हो गया ह और व कानो स ऊचा सनत ह और उनहोन अपनी आख मद ली ह कही ऐसा न हो

फिक व आखो स दख और कानो स सन और मन स समझ और फिर जाए और म उनह चगा कर 16 पर धनय ह तमहारी आख फिक व दखती ह और तमहार कान फिक व सनत ह 17 कयोफिक म तम स सच कहता ह फिक बहत स भफिवषयदवकताओ न और धयिमय न चाहा फिक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी

और जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 18 सो तम बोन वाल का दषटानत सनो 19 जो कोई राय का वचन सनकर नही समझता उसक मन म जो कछ बोया गया था उस वह दषट आकर छीन ल जाता ह यह

वही ह जो मागK क फिकनार बोया गया था 20 और जो पतथरीली भयिम पर बोया गया यह वह ह जो वचन सनकर तरनत आननद क साथ मान लता ह 21 पर अपन म जड़ न रखन क कारण वह थोड़ ही दिदन का ह और जब वचन क कारण कलश या उपwव होता ह तो तरनत ठोकर

खाता ह 22 जो झाफिड़यो म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनता ह पर इस ससार की शिचनता और धन का धोखा वचन को दबाता ह

और वह ल नही लाता 23 जो अचछी भयिम म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनकर समझता ह और ल लाता ह कोई सौ गना कोई साठ गना

कोई तीस गना 24 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय उस मनषय क समान ह जिजस न अपन खत म अचछा बीज बोया 25 पर जब लोग सो रह थ तो उसका बरी आकर गह क बीच जगली बीज बोकर चला गया 26 जब अकर फिनकल और बाल लगी तो जगली दान भी दिदखाई दिदए 27 इस पर गहसथ क दासो न आकर उस स कहा ह सवामी कया त न अपन खत म अचछा बीज न बोया था फिर जगली दान क

पौध उस म कहा स आए 28 उस न उन स कहा यह फिकसी बरी का काम ह दासो न उस स कहा कया तरी इचछा ह फिक हम जाकर उन को बटोर ल 29 उस न कहा ऐसा नही न हो फिक जगली दान क पौध बटोरत हए उन क साथ गह भी उखाड़ लो 30 कटनी तक दोनो को एक साथ बढ़न दो और कटनी क समय म काटन वालो स कहगा पफिहल जगली दान क पौध बटोरकर

जलान क शिलय उन क गटठ बानध लो और गह को मर खतत म इकटठा करो 31 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय राई क एक दान क समान ह जिजस फिकसी मनषय न लकर अपन खत म

बो दिदया 32 वह सब बीजो स छोटा तो ह पर जब बढ़ जाता ह तब सब साग पात स बड़ा होता ह और ऐसा पड़ हो जाता ह फिक आकाश क

पकषी आकर उस की डाशिलयो पर बसरा करत ह 33 उस न एक और दषटानत उनह सनाया फिक सवगK का राय खमीर क समान ह जिजस को फिकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म

यिमला दिदया और होत होत वह सब खमीर हो गया 34 य सब बात यीश न दषटानतो म लोगो स कही और फिबना दषटानत वह उन स कछ न कहता था 35 फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक म दषटानत कहन को अपना मह खोलगा म उन बातो को जो

जगत की उतपभितत स गपत रही ह परगट करगा 36 तब वह भीड़ को छोड़ कर घर म आया और उसक चलो न उसक पास आकर कहा खत क जगली दान का दषटानत हम समझा द 37 उस न उन को उततर दिदया फिक अचछ बीज का बोन वाला मनषय का पतर ह 38 खत ससार ह अचछा बीज राय क सनतान और जगली बीज दषट क सनतान ह 39 जिजस बरी न उन को बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटन वाल सवगKदत ह 40 सो जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का पतर अपन सवगKदतो को भजगा और व उसक राय म स सब ठोकर क कारणो को और ककमK करन वालो को इकटठाकरग 42 और उनह आग क कड म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धमM अपन फिपता क राय म सयK की नाई चमक ग जिजस क कान हो वह सन ल 44 सवगK का राय खत म शिछप हए धन क समान ह जिजस फिकसी मनषय न पाकर शिछपा दिदया और मार आननद क जाकर और

अपना सब कछ बचकर उस खत को मोल शिलया 45 फिर सवगK का राय एक वयापारी क समान ह जो अचछ मोफितयो की खोज म था 46 जब उस एक बहमलय मोती यिमला तो उस न जाकर अपना सब कछ बच डाला और उस मोल ल शिलया 47 फिर सवगK का राय उस बड़ जाल क समान ह जो समw म डाला गया और हर परकार की मशिछलयो को समट लाया 48 और जब भर गया तो उस को फिकनार पर खीच लाए और बठकर अचछी अचछी तो बरतनो म इकटठा फिकया और फिनकममी

फिनकममी क दी 49 जगत क अनत म ऐसा ही होगा सवगKदत आकर दषटो को धयिमय स अलग करग और उनह आग क कड म डालग 50 वहा रोना और दात पीसना होगा 51 कया तम न य सब बात समझी 52 उनहोन उस स कहा हा उस न उन स कहा इसशिलय हर एक शासतरी जो सवगK क राय का चला बना ह उस गहसथ क समान ह

जो अपन भणडार स नई और परानी वसतए फिनकालता ह 53 जब यीश य सब दषटानत कह चका तो वहा स चला गया 54 और अपन दश म आकर उन की सभा म उनह ऐसा उपदश दन लगा फिक व चफिकत होकर कहन लग फिक इस को यह जञान और

सामथK क काम कहा स यिमल 55 कया यह बढ़ई का बटा नही और कया इस की माता का नाम मरिरयम और इस क भाइयो क नाम याकब और यस और शमौन

और यहदा नही 56 और कया इस की सब बफिहन हमार बीच म नही रहती फिर इस को यह सब कहा स यिमला 57 सो उनहोन उसक कारण ठोकर खाई पर यीश न उन स कहा भफिवषयदवकता अपन दश और अपन घर को छोड़ और कही फिनरादर

नही होता 58 और उस न वहा उन क अफिवशवास क कारण बहत सामथK क काम नही फिकए

Chapter14

1 उस समय चौथाई दश क राजा हरोदस न यीश की चचाK सनी 2 और अपन सवको स कहा यह यहनना बपफितसमा दनवाला ह वह मर हओ म स जी उठा ह इसी शिलय उस स सामथK क काम परगट

होत ह 3 कयोफिक हरोदस न अपन भाई फिलपपस की पतनी हरोदिदयास क कारण यहनना को पकड़कर बानधा और जलखान म डाल दिदयाथा 4 कयोफिक यहनना न उस स कहा था फिक इस को रखना तझ उशिचत नही ह 5 और वह उस मार डालना चाहता था पर लोगो स डरता था कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ 6 पर जब हरोदस का जनम दिदन आया तो हरोदिदयास की बटी न उतसव म नाच दिदखाकर हरोदस को खश फिकया 7 इसशिलय उस न शपथ खाकर वचन दिदया फिक जो कछ त मागगी म तझ दगा 8 वह अपनी माता की उकसाई हई बोली यहनना बपफितसमा दन वाल का शिसर थाल म यही मझ मगवा द 9 राजा दखिखत हआ पर अपनी शपथ क और साथ बठन वालो क कारण आजञा दी फिक द दिदया जाए 10 और जलखान म लोगो को भजकर यहनना का शिसर कटवा दिदया 11 और उसका शिसर थाल म लाया गया और लड़की को दिदया गया और वह उस को अपनी मा क पास ल गई 12 और उसक चलो न आकर और उस की लोथ को ल जाकर गाढ़ दिदया और जाकर यीश को समाचार दिदया 13 जब यीश न यह सना तो नाव पर चढ़कर वहा स फिकसी सनसान जगह एकानत म चला गया और लोग यह सनकर नगर नगर स

पदल उसक पीछ हो शिलए 14 उस न फिनकलकर बड़ी भीड़ दखी और उन पर तरस खाया और उस न उन क बीमारो को चगा फिकया 15 जब साझ हई तो उसक चलो न उसक पास आकर कहा यह तो सनसान जगह ह और दर हो रही ह लोगो को फिवदा फिकया

जाए फिक व बसतिसतयो म जाकर अपन शिलय भोजन मोल ल 16 यीश न उन स कहा उन का जाना आवltयक नही तम ही इनह खान को दो 17 उनहोन उस स कहा यहा हमार पास पाच रोटी और दो मशिछलयो को छोड़ और कछ नही ह 18 उस न कहा उन को यहा मर पास ल आओ 19 तब उस न लोगो को घास पर बठन को कहा और उन पाच रोदिटयो और दो मशिछलयो को शिलया और सवगK की ओर दखकर

धनयवाद फिकया और रोदिटया तोड़ तोड़कर चलो को दी और चलो न लोगो को 20 और सब खाकर तपत हो गए और उनहोन बच हए टकड़ो स भरी हई बारह टोफिकरया उठाई 21 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़कर पाच हजार परषो क अटकल थ 22 और उस न तरनत अपन चलो को बरबस नाव पर चढ़ाया फिक व उस स पफिहल पार चल जाए जब तक फिक वह लोगो को फिवदाकर 23 वह लोगो को फिवदा करक पराथKना करन को अलग पहाड़ पर चढ़ गया और साझ को वहा अकला था 24 उस समय नाव झील क बीच लहरो स डगमगा रही थी कयोफिक हवा सामहन की थी 25 और वह रात क चौथ पहर झील पर चलत हए उन क पास आया 26 चल उस को झील पर चलत हए दखकर घबरा गए और कहन लग वह भत ह और डर क मार शिचलला उठ 27 यीश न तरनत उन स बात की और कहा ढाढ़स बानधो म ह डरो मत 28 पतरस न उस को उततर दिदया ह परभ यदिद त ही ह तो मझ अपन पास पानी पर चलकर आन की आजञा द 29 उस न कहा आ तब पतरस नाव पर स उतरकर यीश क पास जान को पानी पर चलन लगा 30 पर हवा को दखकर डर गया और जब डबन लगा तो शिचललाकर कहा ह परभ मझ बचा 31 यीश न तरनत हाथ बढ़ाकर उस थाम शिलया और उस स कहा ह अलप-फिवशवासी त न कयो सनदह फिकया 32 जब व नाव पर चढ़ गए तो हवा थम गई 33 इस पर जो नाव पर थ उनहोन उस दणडवत करक कहा सचमच त परमशवर का पतर ह 34 व पार उतरकर गननसरत दश म पहच 35 और वहा क लोगो न उस पहचानकर आस पास क सार दश म कहला भजा और सब बीमारो को उसक पास लाए 36 और उस स फिबनती करन लग फिक वह उनह अपन वसतर क आचल ही को छन द और जिजतनो न उस छआ व चग हो गए

Chapter15

1 तब यरशलम स फिकतन रीसी और शासतरी यीश क पास आकर कहन लग 2 तर चल परफिनयो की रीतो को कयो टालत ह फिक फिबना हाथ धोए रोटी खात ह 3 उस न उन को उततर दिदया फिक तम भी अपनी रीतो क कारण कयो परमशवर की आजञा टालत हो 4 कयोफिक परमशवर न कहा था फिक अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और जो कोई फिपता या माता को बरा कह वह

मार डाला जाए 5 पर तम कहत हो फिक यदिद कोई अपन फिपता या माता स कह फिक जो कछ तझ मझ स लाभ पहच सकता था वह परमशवर को भट

चढ़ाई जा चकी 6 तो वह अपन फिपता का आदर न कर सो तम न अपनी रीतो क कारण परमशवर का वचन टाल दिदया 7 ह कपदिटयो यशायाह न तमहार फिवषय म यह भफिवषयदवाणी ठीक की 8 फिक य लोग होठो स तो मरा आदर करत ह पर उन का मन मझ स दर रहता ह 9 और य वयथK मरी उपासना करत ह कयोफिक मनषयो की फिवयिधयो को धमपदश करक शिसखात ह 10 और उस न लोगो को अपन पास बलाकर उन स कहा सनो और समझो 11 जो मह म जाता ह वह मनषय को अशदध नही करता पर जो मह स फिनकलता ह वही मनषय को अशदध करता ह 12 तब चलो न आकर उस स कहा कया त जानता ह फिक रीशिसयो न यह वचन सनकर ठोकर खाई 13 उस न उततर दिदया हर पौधा जो मर सवगMय फिपता न नही लगाया उखाड़ा जाएगा 14 उन को जान दो व अनध मागK दिदखान वाल ह और अनधा यदिद अनध को मागK दिदखाए तो दोनो गड़ह म फिगर पड़ग 15 यह सनकर पतरस न उस स कहा यह दषटानत हम समझा द 16 उस न कहा कया तम भी अब तक ना समझ हो 17 कया नही समझत फिक जो कछ मह म जाता वह पट म पड़ता ह और सणडास म फिनकल जाता ह 18 पर जो कछ मह स फिनकलता ह वह मन स फिनकलता ह और वही मनषय को अशदध करता ह 19 कयोफिक कशिचनता हतया पर सतरीगमन वयभिभचार चोरी झठी गवाही और फिननदा मन ही स फिनकलती ह 20 यही ह जो मनषय को अशदध करती ह परनत हाथ फिबना धोए भोजन करना मनषय को अशदध नही करता 21 यीश वहा स फिनकलकर सर और सदा क दशो की ओर चला गया 22 और दखो उस दश स एक कनानी सतरी फिनकली और शिचललाकर कहन लगी ह परभ दाऊद क सनतान मझ पर दया कर मरी

बटी को दषटातमा बहत सता रहा ह 23 पर उस न उस कछ उततर न दिदया और उसक चलो न आकर उस स फिबनती कर कहा इस फिवदा कर कयोफिक वह हमार पीछ

शिचललाती आती ह 24 उस न उततर दिदया फिक इसराएल क घरान की खोई हई भड़ो को छोड़ म फिकसी क पास नही भजा गया 25 पर वह आई और उस परणाम करक कहन लगी ह परभ मरी सहायता कर 26 उस न उततर दिदया फिक लड़को की रोटी लकर कततो क आग डालना अचछा नही 27 उस न कहा सतय ह परभ पर कतत भी वह चरचार खात ह जो उन क सवायिमयो की मज स फिगरत ह 28 इस पर यीश न उस को उततर दकर कहा फिक ह सतरी तरा फिवशवास बड़ा ह जसा त चाहती ह तर शिलय वसा ही हो और उस की

बटी उसी घड़ी स चगी हो गई 29 यीश वहा स चलकर गलील की झील क पास आया और पहाड़ पर चढ़कर वहा बठ गया 30 और भीड़ पर भीड़ लगड़ो अनधो गगो टड़ो और बहत औरो को लकर उसक पास आए और उनह उस क पावो पर डालदिदया और उस न उनह चगा फिकया 31 सो जब लोगो न दखा फिक गग बोलत और टणड चग होत और लगड़ चलत और अनध दखत ह तो अचमभा करक इसराएल क

परमशवर की बड़ाई की 32 यीश न अपन चलो को बलाकर कहा मझ इस भीड़ पर तरस आता ह कयोफिक व तीन दिदन स मर साथ ह और उन क पास कछ

खान को नही और म उनह भखा फिवदा करना नही चाहता कही ऐसा न हो फिक मागK म थककर रह जाए 33 चलो न उस स कहा हम जगल म कहा स इतनी रोटी यिमलगी फिक हम इतनी बड़ी भीड़ को तपत कर 34 यीश न उन स पछा तमहार पास फिकतनी रोदिटया ह उनहोन कहा सात और थोड़ी सी छोटी मशिछलया 35 तब उस न लोगो को भयिम पर बठन की आजञा दी

36 और उन सात रोदिटयो और मशिछलयो को ल धनयवाद करक तोड़ा और अपन चलो को दता गया और चल लोगो को 37 सो सब खाकर तपत हो गए और बच हए टकड़ो स भर हए सात टोकर उठाए 38 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़ चार हजार परष थ 39 तब वह भीड़ को फिवदा करक नाव पर चढ़ गया और मगदन दश क शिसवानो म आया

Chapter16

1 और रीशिसयो और सदफिकयो न पास आकर उस परखन क शिलय उस स कहा फिक हम आकाश का कोई शिचनह दिदखा 2 उस न उन को उततर दिदया फिक साझ को तम कहत हो फिक खला रहगा कयोफिक आकाश लाल ह 3 और भोर को कहत हो फिक आज आनधी आएगी कयोफिक आकाश लाल और धमला ह तम आकाश का लकषण दखकर भद बता

सकत हो पर समयो क शिचनहो का भद नही बता सकत 4 इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह पर यनस क शिचनह को छोड़ कोई और शिचनह उनह न दिदया जाएगा और वह उनह

छोड़कर चला गया 5 और चल पार जात समय रोटी लना भल गए थ 6 यीश न उन स कहा दखो रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 7 व आपस म फिवचार करन लग फिक हम तो रोटी नही लाए 8 यह जानकर यीश न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो तम आपस म कयो फिवचार करत हो फिक हमार पास रोटी नही 9 कया तम अब तक नही समझ और उन पाच हजार की पाच रोटी समरण नही करत और न यह फिक फिकतनी टोफिकरया उठाई थी 10 और न उन चार हजार की सात रोटी और न यह फिक फिकतन टोकर उठाए गए थ 11 तम कयो नही समझत फिक म न तम स रोदिटयो क फिवषय म नही कहा रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 12 तब उन को समझ म आया फिक उस न रोटी क खमीर स नही पर रीशिसयो और सदफिकयो की शिशकषा स चौकस रहन को कहाथा 13 यीश कसरिरया फिशिलपपी क दश म आकर अपन चलो स पछन लगा फिक लोग मनषय क पतर को कया कहत ह 14 उनहोन कहा फिकतन तो यहनना बपफितसमा दन वाला कहत ह और फिकतन एशिलययाह और फिकतन यियमKयाह या भफिवषयदवकताओ म स

कोई एक कहत ह 15 उस न उन स कहा परनत तम मझ कया कहत हो 16 शमौन पतरस न उततर दिदया फिक त जीवत परमशवर का पतर मसीह ह 17 यीश न उस को उततर दिदया फिक ह शमौन योना क पतर त धनय ह कयोफिक मास और लोह न नही परनत मर फिपता न जो सवगK मह यह बात तझ पर परगट की ह 18 और म भी तझ स कहता ह फिक त पतरस ह और म इस पतथर पर अपनी कलीशिसया बनाऊगा और अधोलोक क ाटक उस

पर परबल न होग 19 म तझ सवगK क राय की कजिजया दगा और जो कछ त पथवी पर बानधगा वह सवगK म बनधगा और जो कछ त पथवी परखोलगा वह सवगK म खलगा 20 तब उस न चलो को शिचताया फिक फिकसी स न कहना फिक म मसीह ह 21 उस समय स यीश अपन चलो को बतान लगा फिक मझ अवltय ह फिक यरशलम को जाऊ और परफिनयो और महायाजको और

शासतरिसतरयो क हाथ स बहत दख उठाऊ और मार डाला जाऊ और तीसर दिदन जी उठ 22 इस पर पतरस उस अलग ल जाकर जिझड़कन लगा फिक ह परभ परमशवर न कर तझ पर ऐसा कभी न होगा 23 उस न फिरकर पतरस स कहा ह शतान मर सामहन स दर हो त मर शिलय ठोकर का कारण ह कयोफिक त परमशवर की बातनही पर मनषयो की बातो पर मन लगाता ह 24 तब यीश न अपन चलो स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप का इनकार कर और अपना करस उठाए और मर

पीछ हो ल 25 कयोफिक जो कोई अपना पराण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई मर शिलय अपना पराण खोएगा वह उस पाएगा 26 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपन पराण की हाफिन उठाए तो उस कया लाभ होगा या मनषय अपन पराण क बदल

म कया दगा 27 मनषय का पतर अपन सवगKदतो क साथ अपन फिपता की मफिहमा म आएगा और उस समय वह हर एक को उसक कामो क

अनसार परफितल दगा 28 म तम स सच कहता ह फिक जो यहा खड़ ह उन म स फिकतन ऐस ह फिक जब तक मनषय क पतर को उसक राय म आत हए न

दख लग तब तक मतय का सवाद कभी न चखग

Chapter17

1 छ दिदन क बाद यीश न पतरस और याकब और उसक भाई यहनना को साथ शिलया और उनह एकानत म फिकसी ऊच पहाड़ पर लगया 2 और उनक सामहन उसका रपानतर हआ और उसका मह सयK की नाई चमका और उसका वसतर योफित की नाई उजला हो गया 3 और दखो मसा और एशिलययाह उसक साथ बात करत हए उनह दिदखाई दिदए 4 इस पर पतरस न यीश स कहा ह परभ हमारा यहा रहना अचछा ह इचछा हो तो यहा तीन मणडप बनाऊ एक तर शिलय एक

मसा क शिलय और एक एशिलययाह क शिलय 5 वह बोल ही रहा था फिक दखो एक उजल बादल न उनह छा शिलया और दखो उस बादल म स यह शबद फिनकला फिक यह मरा

फिपरय पतर ह जिजस स म परसनन ह इस की सनो 6 चल यह सनकर मह क बल फिगर गए और अतयनत डर गए 7 यीश न पास आकर उनह छआ और कहा उठो डरो मत 8 तब उनहोन अपनी आख उठाकर यीश को छोड़ और फिकसी को न दखा 9 जब व पहाड़ स उतर रह थ तब यीश न उनह यह आजञा दी फिक जब तक मनषय का पतर मर हओ म स न जी उठ तब तक जो कछ

तम न दखा ह फिकसी स न कहना 10 और उसक चलो न उस स पछा फिर शासतरी कयो कहत ह फिक एशिलययाह का पहल आना अवltय ह 11 उस न उततर दिदया फिक एशिलययाह तो आएगा और सब कछ सधारगा 12 परनत म तम स कहता ह फिक एशिलययाह आ चका और उनहोन उस नही पहचाना परनत जसा चाहा वसा ही उसक साथ फिकया

इसी रीफित स मनषय का पतर भी उन क हाथ स दख उठाएगा 13 तब चलो न समझा फिक उस न हम स यहनना बपफितसमा दन वाल क फिवषय म कहा ह 14 जब व भीड़ क पास पहच तो एक मनषय उसक पास आया और घटन टक कर कहन लगा 15 ह परभ मर पतर पर दया कर कयोफिक उस को यिमगM आती ह और वह बहत दख उठाता ह और बार बार आग म और बार बार

पानी म फिगर पड़ता ह 16 और म उस को तर चलो क पास लाया था पर व उस अचछा नही कर सक 17 यीश न उततर दिदया फिक ह अफिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा कब तक तमहारी सहगा उस यहा मर

पास लाओ 18 तब यीश न उस घड़का और दषटातमा उस म स फिनकला और लड़का उसी घड़ी अचछा हो गया 19 तब चलो न एकानत म यीश क पास आकर कहा हम इस कयो नही फिनकाल सक 20 उस न उन स कहा अपन फिवशवास की घटी क कारण कयोफिक म तम स सच कहता ह यदिद तमहारा फिवशवास राई क दान क

बराबर भी हो तो इस पहाड़ स कह स को ग फिक यहा स सरककर वहा चला जा तो वह चला जाएगा और कोई बात तमहार शिलय अनहोनी न होगी

21 जब व गलील म थ तो यीश न उन स कहा मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जाएगा 22 और व उस मार डालग और वह तीसर दिदन जी उठगा 23 इस पर व बहत उदास हए 24 जब व करनहम म पहच तो मजिनदर क शिलय कर लन वालो न पतरस क पास आकर पछा फिक कया तमहारा गर मजिनदर का कर

नही दता उस न कहा हा दता तो ह 25 जब वह घर म आया तो यीश न उसक पछन स पफिहल उस स कहा ह शमौन त कया समझता ह पथवी क राजा महसल या कर

फिकन स लत ह अपन पतरो स या परायो स पतरस न उन स कहा परायो स 26 यीश न उस स कहा तो पतर बच गए

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 4: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

24 और सार सरिरया म उसका यश ल गया और लोग सब बीमारो को जो नाना परकार की बीमारिरयो और दखो म जकड़ हए थ और जिजन म दषटातमाए थी और यिमगM वालो और झोल क मार हओ को उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया

25 और गलील और दिदकापशिलस और यरशलम और यहदिदया स और यरदन क पार स भीड़ की भीड़ उसक पीछ हो ली

Chapter5

1 वह इस भीड़ को दखकर पहाड़ पर चढ़ गया और जब बठ गया तो उसक चल उसक पास आए 2 और वह अपना मह खोलकर उनह यह उपदश दन लगा 3 धनय ह व जो मन क दीन ह कयोफिक सवगK का राय उनही का ह 4 धनय ह व जो शोक करत ह कयोफिक व शाफित पाएग 5 धनय ह व जो नमर ह कयोफिक व पथवी क अयिधकारी होग 6 धनय ह व जो धमK क भख और पयास ह कयोफिक व तपत फिकय जाएग 7 धनय ह व जो दयावनत ह कयोफिक उन पर दया की जाएगी 8 धनय ह व जिजन क मन शदध ह कयोफिक व परमशवर को दखग 9 धनय ह व जो मल करवान वाल ह कयोफिक व परमशवर क पतर कहलाएग 10 धनय ह व जो धमK क कारण सताए जात ह कयोफिक सवगK का राय उनही का ह 11 धनय हो तम जब मनषय मर कारण तमहारी फिननदा कर और सताए और झठ बोल बोलकर तमहरो फिवरोध म सब परकार की बरी

बात कह 12 आनजिनदत और मगन होना कयोफिक तमहार शिलय सवगK म बड़ा ल ह इसशिलय फिक उनहोन उन भफिवषयदवकताओ को जो तम स पफिहल

थ इसी रीफित स सताया था 13 तम पथवी क नमक हो परनत यदिद नमक का सवाद फिबगड़ जाए तो वह फिर फिकस वसत स नमकीन फिकया जाएगा फिर वह

फिकसी काम का नही कवल इस क फिक बाहर का जाए और मनषयो क परो तल रौदा जाए 14 तम जगत की योफित हो जो नगर पहाड़ पर बसा हआ ह वह शिछप नही सकता 15 और लोग दिदया जलाकर पमान क नीच नही परनत दीवट पर रखत ह तब उस स घर क सब लोगो को परकाश पहचता ह 16 उसी परकार तमहारा उजिजयाला मनषयो क सामहन चमक फिक व तमहार भल कामो को दखकर तमहार फिपता की जो सवगK म ह

बड़ाई कर 17 यह न समझो फिक म वयवसथा था भफिवषयदवकताओ की पसतको को लोप करन आया ह 18 लोप करन नही परनत परा करन आया ह कयोफिक म तम स सच कहता ह फिक जब तक आकाश और पथवी टल न जाए तब

तक वयवसथा स एक मातरा या फिबनद भी फिबना परा हए नही टलगा 19 इसशिलय जो कोई इन छोटी स छोटी आजञाओ म स फिकसी एक को तोड़ और वसा ही लोगो को शिसखाए वह सवगK क राय म

सब स छोटा कहलाएगा परनत जो कोई उन का पालन करगा और उनह शिसखाएगा वही सवगK क राय म महान कहलाएगा 20 कयोफिक म तम स कहता ह फिक यदिद तमहारी धायिमकK ता शासतरिसतरयो और रीशिसयो की धायिमकK ता स बढ़कर न हो तो तम सवगK क

राय म कभी परवश करन न पाओग 21 तम सन चक हो फिक पवKकाल क लोगो स कहा गया था फिक हतया न करना और जो कोई हतया करगा वह कचहरी म दणड क

योगय होगा 22 परनत म तम स यह कहता ह फिक जो कोई अपन भाई पर करोध करगा वह कचहरी म दणड क योगय होगा और जो कोई अपन

भाई को फिनकममा कहगा वह महासभा म दणड क योगय होगा ldquo rdquo और जो कोई कह अर मखK वह नरक की आग क दणड क योगयहोगा 23 इसशिलय यदिद त अपनी भट वदी पर लाए और वहा त समरण कर फिक मर भाई क मन म मरी ओर स कछ फिवरोध ह तो अपनी

भट वही वदी क सामहन छोड़ द 24 और जाकर पफिहल अपन भाई स मल यिमलाप कर तब आकर अपनी भट चढ़ा 25 जब तक त अपन मददई क साथ मागK ही म ह उस स झटपट मल यिमलाप कर ल कही ऐसा न हो फिक मददई तझ हाफिकम को सौप

और हाफिकम तझ शिसपाही को सौप द और त बनदीगह म डाल दिदया जाए 26 म तम स सच कहता ह फिक जब तक त कौड़ी कौड़ी भर न द तब तक वहा स छटन न पाएगा 27 तम सन चक हो फिक कहा गया था फिक वयभिभचार न करना

28 परनत म तम स यह कहता ह फिक जो कोई फिकसी सतरी पर कदयिषट डाल वह अपन मन म उस स वयभिभचार कर चका 29 यदिद तरी दाफिहनी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर अपन पास स क द कयोफिक तर शिलय यही भला ह फिक तर अगो म स एक नाश हो जाए और तरा सारा शरीर नरक म न डाला जाए

30 और यदिद तरा दाफिहना हाथ तझ ठोकर खिखलाए तो उस को काटकर अपन पास स क द कयोफिक तर शिलय यही भला ह फिक तर अगो म स एक नाश हो जाए और तरा सारा शरीर नरक म न डाला जाए

31 यह भी कहा गया था फिक जो कोई अपनी पतनी को तयाग द तो उस तयागपतर द 32 परनत म तम स यह कहता ह फिक जो कोई अपनी पतनी को वयभिभचार क शिसवा फिकसी और कारण स छोड़ द तो वह उस स

वयभिभचार करवाता ह और जो कोई उस तयागी हई स बयाह कर वह वयभिभचार करता ह 33 फिर तम सन चक हो फिक पवKकाल क लोगो स कहा गया था फिक झठी शपथ न खाना परनत परभ क शिलय अपनी शपथ को परीकरना 34 परनत म तम स यह कहता ह फिक कभी शपथ न खाना न तो सवगK की कयोफिक वह परमशवर का सिसहासन ह 35 न धरती की कयोफिक वह उसक पावो की चौकी ह न यरशलम की कयोफिक वह महाराजा का नगर ह 36 अपन शिसर की भी शपथ न खाना कयोफिक त एक बाल को भी न उजला न काला कर सकता ह 37 परनत तमहारी बात हा की हा या नही की नही हो कयोफिक जो कछ इस स अयिधक होता ह वह बराई स होता ह 38 तम सन चक हो फिक कहा गया था फिक आख क बदल आख और दात क बदल दात 39 परनत म तम स यह कहता ह फिक बर का सामना न करना परनत जो कोई तर दाफिहन गाल पर थपपड़ मार उस की ओर दसरा

भी र द 40 और यदिद कोई तझ पर नाशिलश करक तरा करता लना चाह तो उस दोहर भी ल लन द 41 और जो कोई तझ कोस भर बगार म ल जाए तो उसक साथ दो कोस चला जा 42 जो कोई तझ स माग उस द और जो तझ स उधार लना चाह उस स मह न मोड़ 43 तम सन चक हो फिक कहा गया था फिक अपन पड़ोसी स परम रखना और अपन बरी स बर |4 परनत म तम स यह कहता ह

फिक अपन बरिरयो स परम रखो और अपन सतान वालो क शिलय पराथKना करो 45 जिजस स तम अपन सवगMय फिपता की सनतान ठहरोग कयोफिक वह भलो और बरो दोनो पर अपना सयK उदय करता ह और धयिमय

और अधयिमय दोनो पर मह बरसाता ह 46 कयोफिक यदिद तम अपन परम रखन वालो ही स परम रखो तो तमहार शिलय कया ल होगा कया महसल लन वाल भी ऐसा ही नहीकरत 47 और यदिद तम कवल अपन भाइयो ही को नमसकार करो तो कौन सा बड़ा काम करत हो कया अनयजाफित भी ऐसा नही करत 48 इसशिलय चाफिहय फिक तम शिसदध बनो जसा तमहारा सवगMय फिपता शिसदध ह

Chapter6

1 सावधान रहो तम मनषयो को दिदखान क शिलय अपन धमK क काम न करो नही तो अपन सवगMय फिपता स कछ भी ल न पाओग 2 इसशिलय जब त दान कर तो अपन आग तरही न बजवा जसा कपटी सभाओ और गशिलयो म करत ह ताफिक लोग उन की बड़ाईकर म तम स सच कहता ह फिक व अपना ल पा चक 3 परनत जब त दान कर तो जो तरा दाफिहना हाथ करता ह उस तरा बाया हाथ न जानन पाए 4 ताफिक तरा दान गपत रह और तब तरा फिपता जो गपत म दखता ह तझ परफितल दगा 5 और जब त पराथKना कर तो कपदिटयो क समान न हो कयोफिक लोगो को दिदखान क शिलय सभाओ म और सड़को क मोड़ो पर खड़

होकर पराथKना करना उन को अचछा लगता ह म तम स सच कहता ह फिक व अपना परफितल पा चक 6 परनत जब त पराथKना कर तो अपनी कोठरी म जा और दवार बनद कर क अपन फिपता स जो गपत म ह पराथKना कर और तब तरा

फिपता जो गपत म दखता ह तझ परफितल दगा 7 पराथKना करत समय अनयजाफितयो की नाई बक बक न करो कयोफिक व समझत ह फिक उनक बहत बोलन स उन की सनी जाएगी 8 सो तम उन की नाई न बनो कयोफिक तमहारा फिपता तमहार मागन स पफिहल ही जानता ह फिक तमहारी कया कया आवltयकता ह 9 सो तम इस रीफित स पराथKना फिकया करो ldquo ह हमार फिपता त जो सवगK म ह तरा नाम पफिवतर माना जाए 10 तरा राय आए तरी इचछा जसी सवगK म परी होती ह वस पथवी पर भी हो 11 हमारी दिदन भर की रोटी आज हम द

12 और जिजस परकार हम न अपन अपरायिधयो को कषमा फिकया ह वस ही त भी हमार अपराधो को कषमा कर 13 और हम परीकषा म न ला परनत बराई स बचा rdquo कयोफिक राय और पराकरम और मफिहमा सदा तर ही ह आमीन 14 इसशिलय यदिद तम मनषय क अपराध कषमा करोग तो तमहारा सवगMय फिपता भी तमह कषमा करगा 15 और यदिद तम मनषयो क अपराध कषमा न करोग तो तमहारा फिपता भी तमहार अपराध कषमा न करगा 16 जब तम उपवास करो तो कपदिटयो की नाई तमहार मह पर उदासी न छाई रह कयोफिक व अपना मह बनाए रहत ह ताफिक लोग

उनह उपवासी जान म तम स सच कहता ह फिक व अपना परफितल पा चक 17 परनत जब त उपवास कर तो अपन शिसर पर तल मल और मह धो 18 ताफिक लोग नही परनत तरा फिपता जो गपत म ह तझ उपवासी जान इस दशा म तरा फिपता जो गपत म दखता ह तझ परफितलदगा 19 अपन शिलय पथवी पर धन इकटठा न करो जहा कीड़ा और काई फिबगाड़त ह और जहा चोर सध लगात और चरात ह 20 परनत अपन शिलय सवगK म धन इकटठा करो जहा न तो कीड़ा और न काई फिबगाड़त ह और जहा चोर न सध लगात और न चरात ह 21 कयोफिक जहा तरा धन ह वहा तरा मन भी लगा रहगा 22 शरीर का दिदया आख ह इसशिलय यदिद तरी आख फिनमKल हो तो तरा सारा शरीर भी उजिजयाला होगा 23 परनत यदिद तरी आख बरी हो तो तरा सारा शरीर भी असतरिनधयारा होगा इस कारण वह उजिजयाला जो तझ म ह यदिद अनधकार हो

तो वह अनधकार कसा बड़ा होगा 24 कोई मनषय दो सवायिमयो की सवा नही कर सकता कयोफिक वह एक स बर ओर दसर स परम रखगा वा एक स यिमला रहगा और

दसर को तचछ जानगा ldquo rdquoतम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 25 इसशिलय म तम स कहता ह फिक अपन पराण क शिलय यह शिचनता न करना फिक हम कया खाएग और कया पीएग और न अपन

शरीर क शिलय फिक कया पफिहनग कया पराण भोजन स और शरीर वसतर स बढ़कर नही 26 आकाश क पभिकषयो को दखो व न बोत ह न काटत ह और न खततो म बटोरत ह तौभी तमहारा सवगMय फिपता उन को खिखलाताह कया तम उन स अयिधक मलय नही रखत 27 तम म कौन ह जो शिचनता करक अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 28 और वसतर क शिलय कयो शिचनता करत हो जगली सोसनो पर धयान करो फिक व कस बढ़त ह व न तो परिरशरम करत ह न कातत ह 29 तौभी म तम स कहता ह फिक सलमान भी अपन सार फिवभव म उन म स फिकसी क समान वसतर पफिहन हए न था 30 इसशिलय जब परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा वसतर पफिहनाता ह तो हअलपफिवशवाशिसयो तम को वह कयोकर न पफिहनाएगा 31 इसशिलय तम शिचनता करक यह न कहना फिक हम कया खाएग या कया पीएग या कया पफिहनग 32 कयोफिक अनयजाफित इन सब वसतओ की खोज म रहत ह और तमहारा सवगMय फिपता जानता ह फिक तमह य सब वसतए चाफिहए 33 इसशिलय पफिहल तम उस राय और धमK की खोज करो तो य सब वसतए भी तमह यिमल जाएगी 34 सो कल क शिलय शिचनता न करो कयोफिक कल का दिदन अपनी शिचनता आप कर लगा आज क शिलय आज ही का दख बहत ह

Chapter7

1 दोष मत लगाओ फिक तम पर भी दोष न लगाया जाए 2 कयोफिक जिजस परकार तम दोष लगात हो उसी परकार तम पर भी दोष लगाया जाएगा और जिजस नाप स तम नापत हो उसी स

तमहार शिलय भी नापा जाएगा 3 त कयो अपन भाई की आख क फितनक को दखता ह और अपनी आख का लटठा तझ नही सझता 4 और जब तरी ही आख म लटठा ह तो त अपन भाई स कयोकर कह सकता ह फिक ला म तरी आख स फितनका फिनकाल द 5 ह कपटी पहल अपनी आख म स लटठा फिनकाल ल तब त अपन भाई की आख का फितनका भली भाफित दखकर फिनकाल सकगा 6 पफिवतर वसत कततो को न दो और अपन मोती सअरो क आग मत डालो ऐसा न हो फिक व उनह पावो तल रौद और पलट कर तम

को ाड़ डाल

7 मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार शिलय खोला जाएगा 8 कयोफिक जो कोई मागता ह उस यिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक शिलय खोला जाएगा 9 तम म स ऐसा कौन मनषय ह फिक यदिद उसका पतर उस स रोटी माग तो वह उस पतथर द 10 वा मछली माग तो उस साप द 11 सो जब तम बर होकर अपन बचचो को अचछी वसतए दना जानत हो तो तमहारा सवगMय फिपता अपन मागन वालो को अचछी

वसतए कयो न दगा 12 इस कारण जो कछ तम चाहत हो फिक मनषय तमहार साथ कर तम भी उन क साथ वसा ही करो कयोफिक वयवसथा और

भफिवषयदवकतओ की शिशकषा यही ह 13 सकत ाटक स परवश करो कयोफिक चौड़ा ह वह ाटक और चाकल ह वह मागK जो फिवनाश को पहचाता ह और बहतर ह जो

उस स परवश करत ह 14 कयोफिक सकत ह वह ाटक और सकरा ह वह मागK जो जीवन को पहचाता ह और थोड़ ह जो उस पात ह 15 झठ भफिवषयदवकताओ स सावधान रहो जो भड़ो क भष म तमहार पास आत ह परनत अनतर म ाड़न वाल भफिडए ह 16 उन क लो स तम उनह पहचान लोग कया झाफिडय़ो स अगर वा ऊटकटारो स अजीर तोड़त ह 17 इसी परकार हर एक अचछा पड़ अचछा ल लाता ह और फिनकममा पड़ बरा ल लाता ह 18 अचछा पड़ बरा ल नही ला सकता और न फिनकममा पड़ अचछा ल ला सकता ह 19 जो जो पड़ अचछा ल नही लाता वह काटा और आग म डाला जाता ह 20 सो उन क लो स तम उनह पहचान लोग 21 जो मझ स ह परभ ह परभ कहता ह उन म स हर एक सवगK क राय म परवश न करगा परनत वही जो मर सवगMय फिपता की

इचछा पर चलता ह 22 उस दिदन बहतर मझ स कहग ह परभ ह परभ कया हम न तर नाम स भफिवषयदवाणी नही की और तर नाम स दषटातमाओ को

नही फिनकाला और तर नाम स बहत अचमभ क काम नही फिकए 23 तब म उन स खलकर कह दगा फिक म न तम को कभी नही जाना ह ककमK करन वालो मर पास स चल जाओ 24 इसशिलय जो कोई मरी य बात सनकर उनह मानता ह वह उस बजिदधमान मनषय की नाई ठहरगा जिजस न अपना घर चटटान परबनाया 25 और मह बरसा और बाढ़ आई और आसतरिनधया चली और उस घर पर टककर लगी परनत वह नही फिगरा कयोफिक उस की नव

चटटान पर डाली गई थी 26 परनत जो कोई मरी य बात सनता ह और उन पर नही चलता वह उस फिनबKजिदध मनषय की नाई ठहरगा जिजस न अपना घर बाल परबनाया 27 और मह बरसा और बाढ़ आई और आसतरिनधया चली और उस घर पर टककर लगी और वह फिगरकर सतयानाश हो गया 28 जब यीश य बात कह चका तो ऐसा हआ फिक भीड़ उसक उपदश स चफिकत हई 29 कयोफिक वह उन क शासतरिसतरयो क समान नही परनत अयिधकारी की नाई उनह उपदश दता था

Chapter8

1 जब वह उस पहाड़ स उतरा तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 2 और दखो एक कोढ़ी न पास आकर उस परणाम फिकया और कहा फिक ह परभ यदिद त चाह तो मझ शदध कर सकता ह 3 यीश न हाथ बढ़ाकर उस छआ और कहा म चाहता ह त शदध हो जा और वह तरनत को ढ़ स शदध हो गया 4 यीश न उस स कहा दख फिकसी स न कहना परनत जाकर अपन आप को याजक को दिदखला और जो चढ़ावा मसा न ठहराया ह

उस चढ़ा ताफिक उन क शिलय गवाही हो 5 और जब वह करनहम म आया तो एक सबदार न उसक पास आकर उस स फिबनती की 6 फिक ह परभ मरा सवक घर म झोल का मारा बहत दखी पड़ा ह 7 उस न उस स कहा म आकर उस चगा करगा 8 सबदार न उततर दिदया फिक ह परभ म इस योगय नही फिक त मरी छत क तल आए पर कवल मख स कह द तो मरा सवक चगा हो

जाएगा 9 कयोफिक म भी पराधीन मनषय ह और शिसपाही मर हाथ म ह और जब एक स कहता ह जा तो वह जाता ह और दसर को फिकआ तो वह आता ह और अपन दास स कहता ह फिक यह कर तो वह करता ह 10 यह सनकर यीश न अचमभा फिकया और जो उसक पीछ आ रह थ उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक म न इसराएल म भी

ऐसा फिवशवास नही पाया 11 और म तम स कहता ह फिक बहतर पवK और पभिम स आकर इबराहीम और इसहाक और याकब क साथ सवगK क राय मबठ ग 12 परनत राय क सनतान बाहर असतरिनधयार म डाल दिदए जाएग वहा रोना और दातो का पीसना होगा 13 और यीश न सबदार स कहा जा जसा तरा फिवशवास ह वसा ही तर शिलय हो और उसका सवक उसी घड़ी चगा हो गया 14 और यीश न पतरस क घर म आकर उस की सास को वर म पड़ी दखा 15 उस न उसका हाथ छआ और उसका वर उतर गया और वह उठकर उस की सवा करन लगी 16 जब सधया हई तब व उसक पास बहत स लोगो को लाए जिजन म दषटातमाए थी और उस न उन आतमाओ को अपन वचन स

फिनकाल दिदया और सब बीमारो को चगा फिकया 17 ताफिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक उस न आप हमारी दबKलताओ को ल शिलया और

हमारी बीमारिरयो को उठा शिलया 18 यीश न अपनी चारो ओर एक बड़ी भीड़ दखकर उस पार जान की आजञा दी 19 और एक शासतरी न पास आकर उस स कहा ह गर जहा कही त जाएगा म तर पीछ पीछ हो लगा 20 यीश न उस स कहा लोमफिडय़ो क भट और आकाश क पभिकषयो क बसर होत ह परनत मनषय क पतर क शिलय शिसर धरन की भी

जगह नही ह 21 एक और चल न उस स कहा ह परभ मझ पफिहल जान द फिक अपन फिपता को गाड़ द 22 यीश न उस स कहा त मर पीछ हो ल और मरदो को अपन मरद गाड़न द 23 जब वह नाव पर चढ़ा तो उसक चल उसक पीछ हो शिलए 24 और दखो झील म एक ऐसा बड़ा तान उठा फिक नाव लहरो स ढपन लगी और वह सो रहा था 25 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह परभ हम बचा हम नाश हए जात ह 26 उस न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो कयो डरत हो तब उस न उठकर आनधी और पानी को डाटा और सब शानत हो गया 27 और लोग अचमभा करक कहन लग फिक यह कसा मनषय ह फिक आनधी और पानी भी उस की आजञा मानत ह 28 जब वह उस पार गदरफिनयो क दश म पहचा तो दो मनषय जिजन म दषटातमाए थी कबरो स फिनकलत हए उस यिमल जो इतन परचणड थ फिक कोई उस मागK स जा नही सकता था 29 और दखो उनहोन शिचललाकर कहा ह परमशवर क पतर हमारा तझ स कया काम कया त समय स पफिहल हम द ख दन यहा

आया ह 30 उन स कछ दर बहत स सअरो का एक झणड चर रहा था 31 दषटातमाओ न उस स यह कहकर फिबनती की फिक यदिद त हम फिनकालता ह तो सअरो क झणड म भज द 32 उस न उन स कहा जाओ व फिनकलकर सअरो म पठ गए और दखो सारा झणड कड़ाड़ पर स झपटकर पानी म जा पड़ा और

डब मरा 33 और चरवाह भाग और नगर म जाकर य सब बात और जिजन म दषटातमाए थी उन का सारा हाल कह सनाया 34 और दखो सार नगर क लोग यीश स भट करन को फिनकल आए और उस दखकर फिबनती की फिक हमार शिसवानो स बाहर फिनकल जा

Chapter9

1 फिर वह नाव पर चढ़कर पार गया और अपन नगर म आया 2 और दखो कई लोग एक झोल क मार हए को खाट पर रखकर उसक पास लाए यीश न उन का फिवशवास दखकर उस झोल क

मार हए स कहा ह पतर ढाढ़स बानध तर पाप कषमा हए

3 और दखो कई शासतरिसतरयो न सोचा फिक यह तो परमशवर की फिननदा करता ह 4 यीश न उन क मन की बात मालम करक कहा फिक तम लोग अपन अपन मन म बरा फिवचार कयो कर रह हो 5 सहज कया ह यह कहना फिक तर पाप कषमा हए या यह कहना फिक उठ और चल फिर 6 परनत इसशिलय फिक तम जान लो फिक मनषय क पतर को पथवी पर पाप कषमा करन का अयिधकार ह ( उस न झोल क मार हए स कहा ) उठ अपनी खाट उठा और अपन घर चला जा 7 वह उठकर अपन घर चला गया 8 लोग यह दखकर डर गए और परमशवर की मफिहमा करन लग जिजस न मनषयो को ऐसा अयिधकार दिदया ह 9 वहा स आग बढ़कर यीश न मतती नाम एक मनषय को महसल की चौकी पर बठ दखा और उस स कहा मर पीछ हो ल वह

उठकर उसक पीछ हो शिलया 10 और जब वह घर म भोजन करन क शिलय बठा तो बहतर महसल लन वाल और पापी आकर यीश और उसक चलो क साथ खानबठ 11 यह दखकर रीशिसयो न उसक चलो स कहा तमहारा गर महसल लन वालो और पाफिपयो क साथ कयो खाता ह 12 उस न यह सनकर उन स कहा वदय भल चगो को नही परनत बीमारो को अवltय ह 13 सो तम जाकर इस का अथK सीख लो फिक म बशिलदान नही परनत दया चाहता ह कयोफिक म धयिमय को नही परनत पाफिपयो को

बलान आया ह 14 तब यहनना क चलो न उसक पास आकर कहा कया कारण ह फिक हम और रीसी इतना उपवास करत ह पर तर चल उपवास

नही करत 15 यीश न उन स कहा कया बराती जब तक दलहा उन क साथ ह शोक कर सकत ह पर व दिदन आएग फिक दलहा उन स अलग

फिकया जाएगा उस समय व उपवास करग 16 को र कपड़ का पबनद परान पफिहरावन पर कोई नही लगाता कयोफिक वह पबनद पफिहरावन स और कछ खीच लता ह और वह

अयिधक ट जाता ह 17 और नया दाखरस परानी मशको म नही भरत ह कयोफिक ऐसा करन स मशक ट जाती ह और दाखरस बह जाता ह और

मशक नाश हो जाती ह परनत नया दाखरस नई मशको म भरत ह और वह दोनो बची रहती ह 18 वह उन स य बात कह ही रहा था फिक दखो एक सरदार न आकर उस परणाम फिकया और कहा मरी पतरी अभी मरी ह परनत

चलकर अपना हाथ उस पर रख तो वह जीफिवत हो जाएगी 19 यीश उठकर अपन चलो समत उसक पीछ हो शिलया 20 और दखो एक सतरी न जिजस क बारह वषK स लोह बहता था उसक पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छ शिलया 21 कयोफिक वह अपन मन म कहती थी फिक यदिद म उसक वसतर ही को छ लगी तो चगी हो जाऊगी 22 यीश न फिरकर उस दखा और कहा पतरी ढाढ़स बानध तर फिवशवास न तझ चगा फिकया ह सो वह सतरी उसी घड़ी चगी हो गई 23 जब यीश उस सरदार क घर म पहचा और बासली बजान वालो और भीड़ को हललड़ मचात दखा तब कहा 24 हट जाओ लड़की मरी नही पर सोती ह इस पर व उस की हसी करन लग 25 परनत जब भीड़ फिनकाल दी गई तो उस न भीतर जाकर लड़की का हाथ पकड़ा और वह जी उठी 26 और इस बात की चचाK उस सार दश म ल गई 27 जब यीश वहा स आग बढ़ा तो दो अनध उसक पीछ यह पकारत हए चल फिक ह दाऊद की सनतान हम पर दया कर 28 जब वह घर म पहचा तो व अनध उस क पास आए और यीश न उन स कहा कया तमह फिवशवास ह फिक म यह कर सकता ह

उनहोन उस स कहा हा परभ 29 तब उस न उन की आख छकर कहा तमहार फिवशवास क अनसार तमहार शिलय हो 30 और उन की आख खल गई और यीश न उनह शिचताकर कहा सावधान कोई इस बात को न जान 31 पर उनहोन फिनकलकर सार दश म उसका यश ला दिदया 32 जब व बाहर जा रह थ तो दखो लोग एक गग को जिजस म दषटातमा थी उस क पास लाए 33 और जब दषटातमा फिनकाल दी गई तो गगा बोलन लगा और भीड़ न अचमभा करक कहा फिक इसराएल म ऐसा कभी नही दखागया 34 परनत रीशिसयो न कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह 35 और यीश सब नगरो और गावो म फिरता रहा और उन की सभाओ म उपदश करता और राय का ससमाचार परचार करता

और हर परकार की बीमारी और दबKलता को दर करता रहा

36 जब उस न भीड़ को दखा तो उस को लोगो पर तरस आया कयोफिक व उन भड़ो की नाई जिजनका कोई रखवाला न हो वयाकल और भटक हए स थ

37 तब उस न अपन चलो स कहा पकक खत तो बहत ह पर मजदर थोड़ ह 38 इसशिलय खत क सवामी स फिबनती करो फिक वह अपन खत काटन क शिलय मजदर भज द

Chapter10

1 फिर उस न अपन बारह चलो को पास बलाकर उनह अशदध आतमाओ पर अयिधकार दिदया फिक उनह फिनकाल और सब परकार की बीमारिरयो और सब परकार की दबKलताओ को दर कर

2 और बारह पररिरतो क नाम य ह पफिहला शमौन जो पतरस कहलाता ह और उसका भाई अजिनwयास जबदी का पतर याकब और उसका भाई यहनना

3 फिशिलपपस और बर- तलम थोमा और महसल लनवाला मतती हल का पतर याकब और तदद 4 शमौन कनानी और यहदा इसकरिरयोती जिजस न उस पकड़वा भी दिदया 5 इन बारहो को यीश न यह आजञा दकर भजा फिक अनयजाफितयो की ओर न जाना और सामरिरयो क फिकसी नगर म परवश न करना 6 परनत इसराएल क घरान ही की खोई हई भड़ो क पास जाना 7 और चलत चलत परचार कर कहो फिक सवगK का राय फिनकट आ गया ह 8 बीमारो को चगा करो मर हओ को जिजलाओ कोदिढय़ो को शदध करो दषटातमाओ को फिनकालो तम न सतमत पाया ह सतमतदो 9 अपन पटको म न तो सोना और न रपा और न ताबा रखना 10 मागK क शिलय न झोली रखो न दो करत न जत और न लाठी लो कयोफिक मजदर को उसका भोजन यिमलना चाफिहए 11 जिजस फिकसी नगर या गाव म जाओ तो पता लगाओ फिक वहा कौन योगय ह और जब तक वहा स न फिनकलो उसी क यहा रहो 12 और घर म परवश करत हए उस को आशीष दना 13 यदिद उस घर क लोग योगय होग तो तमहारा कलयाण उन पर पहचगा परनत यदिद व योगय न हो तो तमहारा कलयाण तमहार पास लौट आएगा 14 और जो कोई तमह गरहण न कर और तमहारी बात न सन उस घर या उस नगर स फिनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो 15 म तम स सच कहता ह फिक नयाय क दिदन उस नगर की दशा स सदोम और अमोरा क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 16 दखो म तमह भड़ो की नाई भफिडय़ो क बीच म भजता ह सो सापो की नाई बजिदधमान और कबतरो की नाई भोल बनो 17 परनत लोगो स सावधान रहो कयोफिक व तमह महासभाओ म सौपग और अपनी पचायत म तमह कोड़ मारग 18 तम मर शिलय हाफिकमो ओर राजाओ क सामहन उन पर और अनयजाफितयो पर गवाह होन क शिलय पहचाए जाओग 19 जब व तमह पकड़वाएग तो यह शिचनता न करना फिक हम फिकस रीफित स या कया कहग कयोफिक जो कछ तम को कहना होगा

वह उसी घड़ी तमह बता दिदया जाएगा 20 कयोफिक बोलन वाल तम नही हो परनत तमहार फिपता का आतमा तम म बोलता ह 21 भाई भाई को और फिपता पतर को घात क शिलय सौपग और लड़क- बाल माता- फिपता क फिवरोध म उठकर उनह मरवा डालग 22 मर नाम क कारण सब लोग तम स बर करग पर जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 23 जब व तमह एक नगर म सताए तो दसर को भाग जाना म तम स सच कहता ह तम इसराएल क सब नगरो म न फिर चकोग

फिक मनषय का पतर आ जाएगा 24 चला अपन गर स बड़ा नही और न दास अपन सवामी स 25 चल का गर क और दास का सवामी क बाराबर होना ही बहत ह जब उनहोन घर क सवामी को शतान कहा तो उसक घर वालो

को कयो न कहग 26 सो उन स मत डरना कयोफिक कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ शिछपा ह जो जाना न जाएगा 27 जो म तम स असतरिनधयार म कहता ह उस उजिजयाल म कहो और जो कानो कान सनत हो उस को ठो पर स परचार करो 28 जो शरीर को घात करत ह पर आतमा को घात नही कर सकत उन स मत डरना पर उसी स डरो जो आतमा और शरीर दोनो

को नरक म नाश कर सकता ह

29 कया पस म दो गौरय नही फिबकती तौभी तमहार फिपता की इचछा क फिबना उन म स एक भी भयिम पर नही फिगर सकती 30 तमहार शिसर क बाल भी सब फिगन हए ह 31 इसशिलय डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 32 जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन मान लगा 33 पर जो कोई मनषयो क सामहन मरा इनकार करगा उस स म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन इनकार करगा 34 यह न समझो फिक म पथवी पर यिमलाप करान को आया ह म यिमलाप करान को नही पर तलवार चलवान आया ह 35 म तो आया ह फिक मनषय को उसक फिपता स और बटी को उस की मा स और बह को उस की सास स अलग कर द 36 मनषय क बरी उसक घर ही क लोग होग 37 जो माता या फिपता को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह वह मर योगय नही और जो बटा या बटी को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह

वह मर योगय नही 38 और जो अपना करस लकर मर पीछ न चल वह मर योगय नही 39 जो अपन पराण बचाता ह वह उस खोएगा और जो मर कारण अपना पराण खोता ह वह उस पाएगा 40 जो तमह गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह और जो मझ गरहण करता ह वह मर भजन वाल को गरहण करता ह 41 जो भफिवषयदवकता को भफिवषयदवकता जानकर गरहण कर वह भफिवषयदवकता का बदला पाएगा और जो धमM जानकर धमM को गरहणकर वह धमM का बदला पाएगा 42 जो कोई इन छोटो म स एक को चला जानकर कवल एक कटोरा ठडा पानी फिपलाए म तम स सच कहता ह वह फिकसी रीफित स

अपना परफितल न खोएगा

Chapter11

1 जब यीश अपन बारह चलो को आजञा द चका तो वह उन क नगरो म उपदश और परचार करन को वहा स चला गया 2 यहनना न बनदीगह म मसीह क कामो का समाचार सनकर अपन चलो को उस स यह पछन भजा 3 फिक कया आनवाला त ही ह या हम दसर की बाट जोह 4 यीश न उततर दिदया फिक जो कछ तम सनत हो और दखत हो वह सब जाकर यहनना स कह दो 5 फिक अनध दखत ह और लगड़ चलत फिरत ह कोढ़ी शदध फिकए जात ह और बफिहर सनत ह मद जिजलाए जात ह और कगालो को

ससमाचार सनाया जाता ह 6 और धनय ह वह जो मर कारण ठोकर न खाए 7 जब व वहा स चल दिदए तो यीश यहनना क फिवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया हवा स फिहलत हए

सरकणड को 8 फिर तम कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पफिहन हए मनषय को दखो जो कोमल वसतर पफिहनत ह व राजभवनो म रहत ह 9 तो फिर कयो गए थ कया फिकसी भफिवषयदवकता को दखन को हा म तम स कहता ह वरन भफिवषयदवकता स भी बड़ को 10 यह वही ह जिजस क फिवषय म शिलखा ह फिक दख म अपन दत को तर आग भजता ह जो तर आग तरा मागK तयार करगा 11 म तम स सच कहता ह फिक जो सतरिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना बपफितसमा दन वाल स कोई बड़ा नही हआ पर जो सवगK क

राय म छोट स छोटा ह वह उस स बड़ा ह 12 यहनना बपफितसमा दन वाल क दिदनो स अब तक सवगK क राय पर जोर होता रहा ह और बलवान उस छीन लत ह 13 यहनना तक सार भफिवषयदवकता और वयवसथा भफिवषयदववाणी करत रह 14 और चाहो तो मानो एशिलययाह जो आनवाला था वह यही ह 15 जिजस क सनन क कान हो वह सन ल 16 म इस समय क लोगो की उपमा फिकस स द व उन बालको क समान ह जो बाजारो म बठ हए एक दसर स पकारकर कहतह 17 फिक हम न तमहार शिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न फिवलाप फिकया और तम न छाती नही पीटी 18 कयोफिक यहनना न खाता आया और न पीता और व कहत ह फिक उस म दषटातमा ह 19 मनषय का पतर खाता- पीता आया और व कहत ह फिक दखो पट और फिपयककड़ मनषय महसल लन वालो और पाफिपयो का

यिमतर पर जञान अपन कामो म सचचा ठहराया गया ह 20 तब वह उन नगरो को उलाहना दन लगा जिजन म उस न बहतर सामथK क काम फिकए थ कयोफिक उनहोन अपना मन नही फिरायाथा 21 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथK क काम तम म फिकए गए यदिद व सर और सदा म फिकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन फिरा लत 22 परनत म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तमहारी दशा स सर और सदा की दशा अयिधक सहन योगय होगी 23 और ह करनहम कया त सवगK तक ऊचा फिकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा जो सामथK क काम तझ म फिकए

गए ह यदिद सदोम म फिकए जात तो वह आज तक बना रहता 24 पर म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तरी दशा स सदोम क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 25 उसी समय यीश न कहा ह फिपता सवगK और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह फिक त न इन बातो को जञाफिनयो और

समझदारो स शिछपा रखा और बालको पर परगट फिकया ह 26 हा ह फिपता कयोफिक तझ यही अचछा लगा 27 मर फिपता न मझ सब कछ सौपा ह और कोई पतर को नही जानता कवल फिपता और कोई फिपता को नही जानता कवल पतर

और वह जिजस पर पतर उस परगट करना चाह 28 ह सब परिरशरम करन वालो और बोझ स दब लोगो मर पास आओ म तमह फिवशराम दगा 29 मरा जआ अपन ऊपर उठा लो और मझ स सीखो कयोफिक म नमर और मन म दीन ह और तम अपन मन म फिवशराम पाओग 30 कयोफिक मरा जआ सहज और मरा बोझ हलका ह

Chapter12

1 उस समय यीश सबत क दिदन खतो म स होकर जा रहा था और उसक चलो को भख लगी सो व बाल तोड़ तोड़ कर खान लग 2 रीशिसयो न यह दखकर उस स कहा दख तर चल वह काम कर रह ह जो सबत क दिदन करना उशिचत नही 3 उस न उन स कहा कया तम न नही पढ़ा फिक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख हए तो कया फिकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया खाई जिजनह खाना न तो उस और उसक साशिथयो को पर कवल याजको

को उशिचत था 5 या तम न वयवसथा म नही पढ़ा फिक याजक सबत क दिदन मजिनदर म सबत क दिदन क फिवयिध को तोड़न पर भी फिनदष ठहरत ह 6 पर म तम स कहता ह फिक यहा वह ह जो मजिनदर स भी बड़ा ह 7 यदिद तम इस का अथK जानत फिक म दया स परसनन ह बशिलदान स नही तो तम फिनदष को दोषी न ठहरात 8 मनषय का पतर तो सबत क दिदन का भी परभ ह 9 वहा स चलकर वह उन की सभा क घर म आया 10 और दखो एक मनषय था जिजस का हाथ सखा हआ था और उनहोन उस पर दोष लगान क शिलय उस स पछा फिक कया सबत

क दिदन चगा करना उशिचत ह 11 उस न उन स कहा तम म ऐसा कौन ह जिजस की एक ही भड़ हो और वह सबत क दिदन गड़ह म फिगर जाए तो वह उस

पकड़कर न फिनकाल 12 भला मनषय का मलय भड़ स फिकतना बढ़ कर ह इसशिलय सबत क दिदन भलाई करना उशिचत ह तब उस न उस मनषय स कहा

अपना हाथ बढ़ा 13 उस न बढ़ाया और वह फिर दसर हाथ की नाई अचछा हो गया 14 तब रीशिसयो न बाहर जाकर उसक फिवरोध म सममफित की फिक उस फिकस परकार नाश कर 15 यह जानकर यीश वहा स चला गया और बहत लोग उसक पीछ हो शिलय और उस न सब को चगा फिकया 16 और उनह शिचताया फिक मझ परगट न करना 17 फिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 18 फिक दखो यह मरा सवक ह जिजस म न चना ह मरा फिपरय जिजस स मरा मन परसनन ह म अपना आतमा उस पर डालगा और

वह अनयजाफितयो को नयाय का समाचार दगा

19 वह न झगड़ा करगा और न धम मचाएगा और न बाजारो म कोई उसका शबद सनगा 20 वह कचल हए सरकणड को न तोड़गा और धआ दती हई बतती को न बझाएगा जब तक नयाय को परबल न कराए 21 और अनयजाफितया उसक नाम पर आशा रखगी 22 तब लोग एक अनध- गग को जिजस म दषटातमा थी उसक पास लाए और उस न उस अचछा फिकया और वह गगा बोलन और

दखन लगा 23 इस पर सब लोग चफिकत होकर कहन लग यह कया दाऊद की सनतान का ह 24 परनत रीशिसयो न यह सनकर कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार शतान की सहायता क फिबना दषटातमाओ को नही फिनकालता 25 उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस फिकसी राय म ट होती ह वह उजड़ जाता ह और कोई नगर या

घराना जिजस म ट होती ह बना न रहगा 26 और यदिद शतान ही शतान को फिनकाल तो वह अपना ही फिवरोधी हो गया ह फिर उसका राय कयोकर बना रहगा 27 भला यदिद म शतान की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो तमहार वश फिकस की सहायता स फिनकालत ह इसशिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग 28 पर यदिद म परमशवर क आतमा की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो परमशवर का राय तमहार पास आ पहचा ह 29 या कयोकर कोई मनषय फिकसी बलवनत क घर म घसकर उसका माल लट सकता ह जब तक फिक पफिहल उस बलवनत को न बानध

ल और तब वह उसका घर लट लगा 30 जो मर साथ नही वह मर फिवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह फिबथराता ह 31 इसशिलय म तम स कहता ह फिक मनषय का सब परकार का पाप और फिननदा कषमा की जाएगी पर आतमा की फिननदा कषमा न कीजाएगी 32 जो कोई मनषय क पतर क फिवरोध म कोई बात कहगा उसका यह अपराध कषमा फिकया जाएगा परनत जो कोई पफिवतर- आतमा क

फिवरोध म कछ कहगा उसका अपराध न तो इस लोक म और न पर लोक म कषमा फिकया जाएगा 33 यदिद पड़ को अचछा कहो तो उसक ल को भी अचछा कहो या पड़ को फिनकममा कहो तो उसक ल को भी फिनककमा कहो

कयोफिक पड़ ल ही स पहचाना जाता ह 34 ह साप क बचचो तम बर होकर कयोकर अचछी बात कह सकत हो कयोफिक जो मन म भरा ह वही मह पर आता ह 35 भला मनषय मन क भल भणडार स भली बात फिनकालता ह और बरा मनषय बर भणडार स बरी बात फिनकालता ह 36 और म तम स कहता ह फिक जो जो फिनकममी बात मनषय कहग नयाय क दिदन हर एक बात का लखा दग 37 कयोफिक त अपनी बातो क कारण फिनदष और अपनी बातो ही क कारण दोषी ठहराया जाएगा 38 इस पर फिकतन शासतरिसतरयोऔर रीशिसयो न उस स कहा ह गर हम तझ स एक शिचनह दखना चाहत ह 39 उस न उनह उततर दिदया फिक इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह परनत यनस भफिवषयदवकता क शिचनह को छोड़ कोई

और शिचनह उन को न दिदया जाएगा 40 यनस तीन रात दिदन जल- जनत क पट म रहा वस ही मनषय का पतर तीन रात दिदन पथवी क भीतर रहगा 41 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएग कयोफिक उनहोन यनस का परचार सनकर मन

फिराया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 42 दजज़िकखन की रानी नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोफिक वह सलमान का जञान सनन क

शिलय पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 43 जब अशदध आतमा मनषय म स फिनकल जाती ह तो सखी जगहो म फिवशराम ढढ़ती फिरती ह और पाती नही 44 तब कहती ह फिक म अपन उसी घर म जहा स फिनकली थी लौट जाऊगी और आकर उस सना झाड़ा- बहारा और सजा

सजाया पाती ह 45 तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वहा वास करती ह और उस

मनषय की फिपछली दशा पफिहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोगो की दशा भी ऐसी ही होगी 46 जब वह भीड़ स बात कर ही रहा था तो दखो उस की माता और भाई बाहर खड़ थ और उस स बात करना चाहत थ 47 फिकसी न उस स कहा दख तरी माता और तर भाई बाहर खड़ ह और तझ स बात करना चाहत ह 48 यह सन उस न कहन वाल को उततर दिदया कौन ह मरी माता 49 और कौन ह मर भाई और अपन चलो की ओर अपना हाथ बढ़ा कर कहा दखो मरी माता और मर भाई य ह 50 कयोफिक जो कोई मर सवगMय फिपता की इचछा पर चल वही मरा भाई और बफिहन और माता ह

Chapter13

1 उसी दिदन यीश घर स फिनकलकर झील क फिकनार जा बठा 2 और उसक पास ऐसी बड़ी भीड़ इकटठी हई फिक वह नाव पर चढ़ गया और सारी भीड़ फिकनार पर खड़ी रही 3 और उस न उन स दषटानतो म बहत सी बात कही फिक दखो एक बोन वाला बीज बोन फिनकला 4 बोत समय कछ बीज मागK क फिकनार फिगर और पभिकषयो न आकर उनह चग शिलया 5 कछ पतथरीली भयिम पर फिगर जहा उनह बहत यिमटटी न यिमली और गहरी यिमटटी न यिमलन क कारण व जलद उग आए 6 पर सरज फिनकलन पर व जल गए और जड़ न पकड़न स सख गए 7 कछ झाफिड़यो म फिगर और झाफिड़यो न बढ़कर उनह दबा डाला 8 पर कछ अचछी भयिम पर फिगर और ल लाए कोई सौ गना कोई साठ गना कोई तीस गना 9 जिजस क कान हो वह सन ल 10 और चलो न पास आकर उस स कहा त उन स दषटानतो म कयो बात करता ह 11 उस न उततर दिदया फिक तम को सवगK क राय क भदो की समझ दी गई ह पर उन को नही 12 कयोफिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा पर जिजस क पास कछ नही ह उस स जो कछ

उसक पास ह वह भी ल शिलया जाएगा 13 म उन स दषटानतो म इसशिलय बात करता ह फिक व दखत हए नही दखत और सनत हए नही सनत और नही समझत 14 और उन क फिवषय म यशायाह की यह भफिवषयदववाणी परी होती ह फिक तम कानो स तो सनोग पर समझोग नही और आखो स

तो दखोग पर तमह न सझगा 15 कयोफिक इन लोगो का मन मोटा हो गया ह और व कानो स ऊचा सनत ह और उनहोन अपनी आख मद ली ह कही ऐसा न हो

फिक व आखो स दख और कानो स सन और मन स समझ और फिर जाए और म उनह चगा कर 16 पर धनय ह तमहारी आख फिक व दखती ह और तमहार कान फिक व सनत ह 17 कयोफिक म तम स सच कहता ह फिक बहत स भफिवषयदवकताओ न और धयिमय न चाहा फिक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी

और जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 18 सो तम बोन वाल का दषटानत सनो 19 जो कोई राय का वचन सनकर नही समझता उसक मन म जो कछ बोया गया था उस वह दषट आकर छीन ल जाता ह यह

वही ह जो मागK क फिकनार बोया गया था 20 और जो पतथरीली भयिम पर बोया गया यह वह ह जो वचन सनकर तरनत आननद क साथ मान लता ह 21 पर अपन म जड़ न रखन क कारण वह थोड़ ही दिदन का ह और जब वचन क कारण कलश या उपwव होता ह तो तरनत ठोकर

खाता ह 22 जो झाफिड़यो म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनता ह पर इस ससार की शिचनता और धन का धोखा वचन को दबाता ह

और वह ल नही लाता 23 जो अचछी भयिम म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनकर समझता ह और ल लाता ह कोई सौ गना कोई साठ गना

कोई तीस गना 24 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय उस मनषय क समान ह जिजस न अपन खत म अचछा बीज बोया 25 पर जब लोग सो रह थ तो उसका बरी आकर गह क बीच जगली बीज बोकर चला गया 26 जब अकर फिनकल और बाल लगी तो जगली दान भी दिदखाई दिदए 27 इस पर गहसथ क दासो न आकर उस स कहा ह सवामी कया त न अपन खत म अचछा बीज न बोया था फिर जगली दान क

पौध उस म कहा स आए 28 उस न उन स कहा यह फिकसी बरी का काम ह दासो न उस स कहा कया तरी इचछा ह फिक हम जाकर उन को बटोर ल 29 उस न कहा ऐसा नही न हो फिक जगली दान क पौध बटोरत हए उन क साथ गह भी उखाड़ लो 30 कटनी तक दोनो को एक साथ बढ़न दो और कटनी क समय म काटन वालो स कहगा पफिहल जगली दान क पौध बटोरकर

जलान क शिलय उन क गटठ बानध लो और गह को मर खतत म इकटठा करो 31 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय राई क एक दान क समान ह जिजस फिकसी मनषय न लकर अपन खत म

बो दिदया 32 वह सब बीजो स छोटा तो ह पर जब बढ़ जाता ह तब सब साग पात स बड़ा होता ह और ऐसा पड़ हो जाता ह फिक आकाश क

पकषी आकर उस की डाशिलयो पर बसरा करत ह 33 उस न एक और दषटानत उनह सनाया फिक सवगK का राय खमीर क समान ह जिजस को फिकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म

यिमला दिदया और होत होत वह सब खमीर हो गया 34 य सब बात यीश न दषटानतो म लोगो स कही और फिबना दषटानत वह उन स कछ न कहता था 35 फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक म दषटानत कहन को अपना मह खोलगा म उन बातो को जो

जगत की उतपभितत स गपत रही ह परगट करगा 36 तब वह भीड़ को छोड़ कर घर म आया और उसक चलो न उसक पास आकर कहा खत क जगली दान का दषटानत हम समझा द 37 उस न उन को उततर दिदया फिक अचछ बीज का बोन वाला मनषय का पतर ह 38 खत ससार ह अचछा बीज राय क सनतान और जगली बीज दषट क सनतान ह 39 जिजस बरी न उन को बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटन वाल सवगKदत ह 40 सो जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का पतर अपन सवगKदतो को भजगा और व उसक राय म स सब ठोकर क कारणो को और ककमK करन वालो को इकटठाकरग 42 और उनह आग क कड म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धमM अपन फिपता क राय म सयK की नाई चमक ग जिजस क कान हो वह सन ल 44 सवगK का राय खत म शिछप हए धन क समान ह जिजस फिकसी मनषय न पाकर शिछपा दिदया और मार आननद क जाकर और

अपना सब कछ बचकर उस खत को मोल शिलया 45 फिर सवगK का राय एक वयापारी क समान ह जो अचछ मोफितयो की खोज म था 46 जब उस एक बहमलय मोती यिमला तो उस न जाकर अपना सब कछ बच डाला और उस मोल ल शिलया 47 फिर सवगK का राय उस बड़ जाल क समान ह जो समw म डाला गया और हर परकार की मशिछलयो को समट लाया 48 और जब भर गया तो उस को फिकनार पर खीच लाए और बठकर अचछी अचछी तो बरतनो म इकटठा फिकया और फिनकममी

फिनकममी क दी 49 जगत क अनत म ऐसा ही होगा सवगKदत आकर दषटो को धयिमय स अलग करग और उनह आग क कड म डालग 50 वहा रोना और दात पीसना होगा 51 कया तम न य सब बात समझी 52 उनहोन उस स कहा हा उस न उन स कहा इसशिलय हर एक शासतरी जो सवगK क राय का चला बना ह उस गहसथ क समान ह

जो अपन भणडार स नई और परानी वसतए फिनकालता ह 53 जब यीश य सब दषटानत कह चका तो वहा स चला गया 54 और अपन दश म आकर उन की सभा म उनह ऐसा उपदश दन लगा फिक व चफिकत होकर कहन लग फिक इस को यह जञान और

सामथK क काम कहा स यिमल 55 कया यह बढ़ई का बटा नही और कया इस की माता का नाम मरिरयम और इस क भाइयो क नाम याकब और यस और शमौन

और यहदा नही 56 और कया इस की सब बफिहन हमार बीच म नही रहती फिर इस को यह सब कहा स यिमला 57 सो उनहोन उसक कारण ठोकर खाई पर यीश न उन स कहा भफिवषयदवकता अपन दश और अपन घर को छोड़ और कही फिनरादर

नही होता 58 और उस न वहा उन क अफिवशवास क कारण बहत सामथK क काम नही फिकए

Chapter14

1 उस समय चौथाई दश क राजा हरोदस न यीश की चचाK सनी 2 और अपन सवको स कहा यह यहनना बपफितसमा दनवाला ह वह मर हओ म स जी उठा ह इसी शिलय उस स सामथK क काम परगट

होत ह 3 कयोफिक हरोदस न अपन भाई फिलपपस की पतनी हरोदिदयास क कारण यहनना को पकड़कर बानधा और जलखान म डाल दिदयाथा 4 कयोफिक यहनना न उस स कहा था फिक इस को रखना तझ उशिचत नही ह 5 और वह उस मार डालना चाहता था पर लोगो स डरता था कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ 6 पर जब हरोदस का जनम दिदन आया तो हरोदिदयास की बटी न उतसव म नाच दिदखाकर हरोदस को खश फिकया 7 इसशिलय उस न शपथ खाकर वचन दिदया फिक जो कछ त मागगी म तझ दगा 8 वह अपनी माता की उकसाई हई बोली यहनना बपफितसमा दन वाल का शिसर थाल म यही मझ मगवा द 9 राजा दखिखत हआ पर अपनी शपथ क और साथ बठन वालो क कारण आजञा दी फिक द दिदया जाए 10 और जलखान म लोगो को भजकर यहनना का शिसर कटवा दिदया 11 और उसका शिसर थाल म लाया गया और लड़की को दिदया गया और वह उस को अपनी मा क पास ल गई 12 और उसक चलो न आकर और उस की लोथ को ल जाकर गाढ़ दिदया और जाकर यीश को समाचार दिदया 13 जब यीश न यह सना तो नाव पर चढ़कर वहा स फिकसी सनसान जगह एकानत म चला गया और लोग यह सनकर नगर नगर स

पदल उसक पीछ हो शिलए 14 उस न फिनकलकर बड़ी भीड़ दखी और उन पर तरस खाया और उस न उन क बीमारो को चगा फिकया 15 जब साझ हई तो उसक चलो न उसक पास आकर कहा यह तो सनसान जगह ह और दर हो रही ह लोगो को फिवदा फिकया

जाए फिक व बसतिसतयो म जाकर अपन शिलय भोजन मोल ल 16 यीश न उन स कहा उन का जाना आवltयक नही तम ही इनह खान को दो 17 उनहोन उस स कहा यहा हमार पास पाच रोटी और दो मशिछलयो को छोड़ और कछ नही ह 18 उस न कहा उन को यहा मर पास ल आओ 19 तब उस न लोगो को घास पर बठन को कहा और उन पाच रोदिटयो और दो मशिछलयो को शिलया और सवगK की ओर दखकर

धनयवाद फिकया और रोदिटया तोड़ तोड़कर चलो को दी और चलो न लोगो को 20 और सब खाकर तपत हो गए और उनहोन बच हए टकड़ो स भरी हई बारह टोफिकरया उठाई 21 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़कर पाच हजार परषो क अटकल थ 22 और उस न तरनत अपन चलो को बरबस नाव पर चढ़ाया फिक व उस स पफिहल पार चल जाए जब तक फिक वह लोगो को फिवदाकर 23 वह लोगो को फिवदा करक पराथKना करन को अलग पहाड़ पर चढ़ गया और साझ को वहा अकला था 24 उस समय नाव झील क बीच लहरो स डगमगा रही थी कयोफिक हवा सामहन की थी 25 और वह रात क चौथ पहर झील पर चलत हए उन क पास आया 26 चल उस को झील पर चलत हए दखकर घबरा गए और कहन लग वह भत ह और डर क मार शिचलला उठ 27 यीश न तरनत उन स बात की और कहा ढाढ़स बानधो म ह डरो मत 28 पतरस न उस को उततर दिदया ह परभ यदिद त ही ह तो मझ अपन पास पानी पर चलकर आन की आजञा द 29 उस न कहा आ तब पतरस नाव पर स उतरकर यीश क पास जान को पानी पर चलन लगा 30 पर हवा को दखकर डर गया और जब डबन लगा तो शिचललाकर कहा ह परभ मझ बचा 31 यीश न तरनत हाथ बढ़ाकर उस थाम शिलया और उस स कहा ह अलप-फिवशवासी त न कयो सनदह फिकया 32 जब व नाव पर चढ़ गए तो हवा थम गई 33 इस पर जो नाव पर थ उनहोन उस दणडवत करक कहा सचमच त परमशवर का पतर ह 34 व पार उतरकर गननसरत दश म पहच 35 और वहा क लोगो न उस पहचानकर आस पास क सार दश म कहला भजा और सब बीमारो को उसक पास लाए 36 और उस स फिबनती करन लग फिक वह उनह अपन वसतर क आचल ही को छन द और जिजतनो न उस छआ व चग हो गए

Chapter15

1 तब यरशलम स फिकतन रीसी और शासतरी यीश क पास आकर कहन लग 2 तर चल परफिनयो की रीतो को कयो टालत ह फिक फिबना हाथ धोए रोटी खात ह 3 उस न उन को उततर दिदया फिक तम भी अपनी रीतो क कारण कयो परमशवर की आजञा टालत हो 4 कयोफिक परमशवर न कहा था फिक अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और जो कोई फिपता या माता को बरा कह वह

मार डाला जाए 5 पर तम कहत हो फिक यदिद कोई अपन फिपता या माता स कह फिक जो कछ तझ मझ स लाभ पहच सकता था वह परमशवर को भट

चढ़ाई जा चकी 6 तो वह अपन फिपता का आदर न कर सो तम न अपनी रीतो क कारण परमशवर का वचन टाल दिदया 7 ह कपदिटयो यशायाह न तमहार फिवषय म यह भफिवषयदवाणी ठीक की 8 फिक य लोग होठो स तो मरा आदर करत ह पर उन का मन मझ स दर रहता ह 9 और य वयथK मरी उपासना करत ह कयोफिक मनषयो की फिवयिधयो को धमपदश करक शिसखात ह 10 और उस न लोगो को अपन पास बलाकर उन स कहा सनो और समझो 11 जो मह म जाता ह वह मनषय को अशदध नही करता पर जो मह स फिनकलता ह वही मनषय को अशदध करता ह 12 तब चलो न आकर उस स कहा कया त जानता ह फिक रीशिसयो न यह वचन सनकर ठोकर खाई 13 उस न उततर दिदया हर पौधा जो मर सवगMय फिपता न नही लगाया उखाड़ा जाएगा 14 उन को जान दो व अनध मागK दिदखान वाल ह और अनधा यदिद अनध को मागK दिदखाए तो दोनो गड़ह म फिगर पड़ग 15 यह सनकर पतरस न उस स कहा यह दषटानत हम समझा द 16 उस न कहा कया तम भी अब तक ना समझ हो 17 कया नही समझत फिक जो कछ मह म जाता वह पट म पड़ता ह और सणडास म फिनकल जाता ह 18 पर जो कछ मह स फिनकलता ह वह मन स फिनकलता ह और वही मनषय को अशदध करता ह 19 कयोफिक कशिचनता हतया पर सतरीगमन वयभिभचार चोरी झठी गवाही और फिननदा मन ही स फिनकलती ह 20 यही ह जो मनषय को अशदध करती ह परनत हाथ फिबना धोए भोजन करना मनषय को अशदध नही करता 21 यीश वहा स फिनकलकर सर और सदा क दशो की ओर चला गया 22 और दखो उस दश स एक कनानी सतरी फिनकली और शिचललाकर कहन लगी ह परभ दाऊद क सनतान मझ पर दया कर मरी

बटी को दषटातमा बहत सता रहा ह 23 पर उस न उस कछ उततर न दिदया और उसक चलो न आकर उस स फिबनती कर कहा इस फिवदा कर कयोफिक वह हमार पीछ

शिचललाती आती ह 24 उस न उततर दिदया फिक इसराएल क घरान की खोई हई भड़ो को छोड़ म फिकसी क पास नही भजा गया 25 पर वह आई और उस परणाम करक कहन लगी ह परभ मरी सहायता कर 26 उस न उततर दिदया फिक लड़को की रोटी लकर कततो क आग डालना अचछा नही 27 उस न कहा सतय ह परभ पर कतत भी वह चरचार खात ह जो उन क सवायिमयो की मज स फिगरत ह 28 इस पर यीश न उस को उततर दकर कहा फिक ह सतरी तरा फिवशवास बड़ा ह जसा त चाहती ह तर शिलय वसा ही हो और उस की

बटी उसी घड़ी स चगी हो गई 29 यीश वहा स चलकर गलील की झील क पास आया और पहाड़ पर चढ़कर वहा बठ गया 30 और भीड़ पर भीड़ लगड़ो अनधो गगो टड़ो और बहत औरो को लकर उसक पास आए और उनह उस क पावो पर डालदिदया और उस न उनह चगा फिकया 31 सो जब लोगो न दखा फिक गग बोलत और टणड चग होत और लगड़ चलत और अनध दखत ह तो अचमभा करक इसराएल क

परमशवर की बड़ाई की 32 यीश न अपन चलो को बलाकर कहा मझ इस भीड़ पर तरस आता ह कयोफिक व तीन दिदन स मर साथ ह और उन क पास कछ

खान को नही और म उनह भखा फिवदा करना नही चाहता कही ऐसा न हो फिक मागK म थककर रह जाए 33 चलो न उस स कहा हम जगल म कहा स इतनी रोटी यिमलगी फिक हम इतनी बड़ी भीड़ को तपत कर 34 यीश न उन स पछा तमहार पास फिकतनी रोदिटया ह उनहोन कहा सात और थोड़ी सी छोटी मशिछलया 35 तब उस न लोगो को भयिम पर बठन की आजञा दी

36 और उन सात रोदिटयो और मशिछलयो को ल धनयवाद करक तोड़ा और अपन चलो को दता गया और चल लोगो को 37 सो सब खाकर तपत हो गए और बच हए टकड़ो स भर हए सात टोकर उठाए 38 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़ चार हजार परष थ 39 तब वह भीड़ को फिवदा करक नाव पर चढ़ गया और मगदन दश क शिसवानो म आया

Chapter16

1 और रीशिसयो और सदफिकयो न पास आकर उस परखन क शिलय उस स कहा फिक हम आकाश का कोई शिचनह दिदखा 2 उस न उन को उततर दिदया फिक साझ को तम कहत हो फिक खला रहगा कयोफिक आकाश लाल ह 3 और भोर को कहत हो फिक आज आनधी आएगी कयोफिक आकाश लाल और धमला ह तम आकाश का लकषण दखकर भद बता

सकत हो पर समयो क शिचनहो का भद नही बता सकत 4 इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह पर यनस क शिचनह को छोड़ कोई और शिचनह उनह न दिदया जाएगा और वह उनह

छोड़कर चला गया 5 और चल पार जात समय रोटी लना भल गए थ 6 यीश न उन स कहा दखो रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 7 व आपस म फिवचार करन लग फिक हम तो रोटी नही लाए 8 यह जानकर यीश न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो तम आपस म कयो फिवचार करत हो फिक हमार पास रोटी नही 9 कया तम अब तक नही समझ और उन पाच हजार की पाच रोटी समरण नही करत और न यह फिक फिकतनी टोफिकरया उठाई थी 10 और न उन चार हजार की सात रोटी और न यह फिक फिकतन टोकर उठाए गए थ 11 तम कयो नही समझत फिक म न तम स रोदिटयो क फिवषय म नही कहा रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 12 तब उन को समझ म आया फिक उस न रोटी क खमीर स नही पर रीशिसयो और सदफिकयो की शिशकषा स चौकस रहन को कहाथा 13 यीश कसरिरया फिशिलपपी क दश म आकर अपन चलो स पछन लगा फिक लोग मनषय क पतर को कया कहत ह 14 उनहोन कहा फिकतन तो यहनना बपफितसमा दन वाला कहत ह और फिकतन एशिलययाह और फिकतन यियमKयाह या भफिवषयदवकताओ म स

कोई एक कहत ह 15 उस न उन स कहा परनत तम मझ कया कहत हो 16 शमौन पतरस न उततर दिदया फिक त जीवत परमशवर का पतर मसीह ह 17 यीश न उस को उततर दिदया फिक ह शमौन योना क पतर त धनय ह कयोफिक मास और लोह न नही परनत मर फिपता न जो सवगK मह यह बात तझ पर परगट की ह 18 और म भी तझ स कहता ह फिक त पतरस ह और म इस पतथर पर अपनी कलीशिसया बनाऊगा और अधोलोक क ाटक उस

पर परबल न होग 19 म तझ सवगK क राय की कजिजया दगा और जो कछ त पथवी पर बानधगा वह सवगK म बनधगा और जो कछ त पथवी परखोलगा वह सवगK म खलगा 20 तब उस न चलो को शिचताया फिक फिकसी स न कहना फिक म मसीह ह 21 उस समय स यीश अपन चलो को बतान लगा फिक मझ अवltय ह फिक यरशलम को जाऊ और परफिनयो और महायाजको और

शासतरिसतरयो क हाथ स बहत दख उठाऊ और मार डाला जाऊ और तीसर दिदन जी उठ 22 इस पर पतरस उस अलग ल जाकर जिझड़कन लगा फिक ह परभ परमशवर न कर तझ पर ऐसा कभी न होगा 23 उस न फिरकर पतरस स कहा ह शतान मर सामहन स दर हो त मर शिलय ठोकर का कारण ह कयोफिक त परमशवर की बातनही पर मनषयो की बातो पर मन लगाता ह 24 तब यीश न अपन चलो स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप का इनकार कर और अपना करस उठाए और मर

पीछ हो ल 25 कयोफिक जो कोई अपना पराण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई मर शिलय अपना पराण खोएगा वह उस पाएगा 26 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपन पराण की हाफिन उठाए तो उस कया लाभ होगा या मनषय अपन पराण क बदल

म कया दगा 27 मनषय का पतर अपन सवगKदतो क साथ अपन फिपता की मफिहमा म आएगा और उस समय वह हर एक को उसक कामो क

अनसार परफितल दगा 28 म तम स सच कहता ह फिक जो यहा खड़ ह उन म स फिकतन ऐस ह फिक जब तक मनषय क पतर को उसक राय म आत हए न

दख लग तब तक मतय का सवाद कभी न चखग

Chapter17

1 छ दिदन क बाद यीश न पतरस और याकब और उसक भाई यहनना को साथ शिलया और उनह एकानत म फिकसी ऊच पहाड़ पर लगया 2 और उनक सामहन उसका रपानतर हआ और उसका मह सयK की नाई चमका और उसका वसतर योफित की नाई उजला हो गया 3 और दखो मसा और एशिलययाह उसक साथ बात करत हए उनह दिदखाई दिदए 4 इस पर पतरस न यीश स कहा ह परभ हमारा यहा रहना अचछा ह इचछा हो तो यहा तीन मणडप बनाऊ एक तर शिलय एक

मसा क शिलय और एक एशिलययाह क शिलय 5 वह बोल ही रहा था फिक दखो एक उजल बादल न उनह छा शिलया और दखो उस बादल म स यह शबद फिनकला फिक यह मरा

फिपरय पतर ह जिजस स म परसनन ह इस की सनो 6 चल यह सनकर मह क बल फिगर गए और अतयनत डर गए 7 यीश न पास आकर उनह छआ और कहा उठो डरो मत 8 तब उनहोन अपनी आख उठाकर यीश को छोड़ और फिकसी को न दखा 9 जब व पहाड़ स उतर रह थ तब यीश न उनह यह आजञा दी फिक जब तक मनषय का पतर मर हओ म स न जी उठ तब तक जो कछ

तम न दखा ह फिकसी स न कहना 10 और उसक चलो न उस स पछा फिर शासतरी कयो कहत ह फिक एशिलययाह का पहल आना अवltय ह 11 उस न उततर दिदया फिक एशिलययाह तो आएगा और सब कछ सधारगा 12 परनत म तम स कहता ह फिक एशिलययाह आ चका और उनहोन उस नही पहचाना परनत जसा चाहा वसा ही उसक साथ फिकया

इसी रीफित स मनषय का पतर भी उन क हाथ स दख उठाएगा 13 तब चलो न समझा फिक उस न हम स यहनना बपफितसमा दन वाल क फिवषय म कहा ह 14 जब व भीड़ क पास पहच तो एक मनषय उसक पास आया और घटन टक कर कहन लगा 15 ह परभ मर पतर पर दया कर कयोफिक उस को यिमगM आती ह और वह बहत दख उठाता ह और बार बार आग म और बार बार

पानी म फिगर पड़ता ह 16 और म उस को तर चलो क पास लाया था पर व उस अचछा नही कर सक 17 यीश न उततर दिदया फिक ह अफिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा कब तक तमहारी सहगा उस यहा मर

पास लाओ 18 तब यीश न उस घड़का और दषटातमा उस म स फिनकला और लड़का उसी घड़ी अचछा हो गया 19 तब चलो न एकानत म यीश क पास आकर कहा हम इस कयो नही फिनकाल सक 20 उस न उन स कहा अपन फिवशवास की घटी क कारण कयोफिक म तम स सच कहता ह यदिद तमहारा फिवशवास राई क दान क

बराबर भी हो तो इस पहाड़ स कह स को ग फिक यहा स सरककर वहा चला जा तो वह चला जाएगा और कोई बात तमहार शिलय अनहोनी न होगी

21 जब व गलील म थ तो यीश न उन स कहा मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जाएगा 22 और व उस मार डालग और वह तीसर दिदन जी उठगा 23 इस पर व बहत उदास हए 24 जब व करनहम म पहच तो मजिनदर क शिलय कर लन वालो न पतरस क पास आकर पछा फिक कया तमहारा गर मजिनदर का कर

नही दता उस न कहा हा दता तो ह 25 जब वह घर म आया तो यीश न उसक पछन स पफिहल उस स कहा ह शमौन त कया समझता ह पथवी क राजा महसल या कर

फिकन स लत ह अपन पतरो स या परायो स पतरस न उन स कहा परायो स 26 यीश न उस स कहा तो पतर बच गए

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 5: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

28 परनत म तम स यह कहता ह फिक जो कोई फिकसी सतरी पर कदयिषट डाल वह अपन मन म उस स वयभिभचार कर चका 29 यदिद तरी दाफिहनी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर अपन पास स क द कयोफिक तर शिलय यही भला ह फिक तर अगो म स एक नाश हो जाए और तरा सारा शरीर नरक म न डाला जाए

30 और यदिद तरा दाफिहना हाथ तझ ठोकर खिखलाए तो उस को काटकर अपन पास स क द कयोफिक तर शिलय यही भला ह फिक तर अगो म स एक नाश हो जाए और तरा सारा शरीर नरक म न डाला जाए

31 यह भी कहा गया था फिक जो कोई अपनी पतनी को तयाग द तो उस तयागपतर द 32 परनत म तम स यह कहता ह फिक जो कोई अपनी पतनी को वयभिभचार क शिसवा फिकसी और कारण स छोड़ द तो वह उस स

वयभिभचार करवाता ह और जो कोई उस तयागी हई स बयाह कर वह वयभिभचार करता ह 33 फिर तम सन चक हो फिक पवKकाल क लोगो स कहा गया था फिक झठी शपथ न खाना परनत परभ क शिलय अपनी शपथ को परीकरना 34 परनत म तम स यह कहता ह फिक कभी शपथ न खाना न तो सवगK की कयोफिक वह परमशवर का सिसहासन ह 35 न धरती की कयोफिक वह उसक पावो की चौकी ह न यरशलम की कयोफिक वह महाराजा का नगर ह 36 अपन शिसर की भी शपथ न खाना कयोफिक त एक बाल को भी न उजला न काला कर सकता ह 37 परनत तमहारी बात हा की हा या नही की नही हो कयोफिक जो कछ इस स अयिधक होता ह वह बराई स होता ह 38 तम सन चक हो फिक कहा गया था फिक आख क बदल आख और दात क बदल दात 39 परनत म तम स यह कहता ह फिक बर का सामना न करना परनत जो कोई तर दाफिहन गाल पर थपपड़ मार उस की ओर दसरा

भी र द 40 और यदिद कोई तझ पर नाशिलश करक तरा करता लना चाह तो उस दोहर भी ल लन द 41 और जो कोई तझ कोस भर बगार म ल जाए तो उसक साथ दो कोस चला जा 42 जो कोई तझ स माग उस द और जो तझ स उधार लना चाह उस स मह न मोड़ 43 तम सन चक हो फिक कहा गया था फिक अपन पड़ोसी स परम रखना और अपन बरी स बर |4 परनत म तम स यह कहता ह

फिक अपन बरिरयो स परम रखो और अपन सतान वालो क शिलय पराथKना करो 45 जिजस स तम अपन सवगMय फिपता की सनतान ठहरोग कयोफिक वह भलो और बरो दोनो पर अपना सयK उदय करता ह और धयिमय

और अधयिमय दोनो पर मह बरसाता ह 46 कयोफिक यदिद तम अपन परम रखन वालो ही स परम रखो तो तमहार शिलय कया ल होगा कया महसल लन वाल भी ऐसा ही नहीकरत 47 और यदिद तम कवल अपन भाइयो ही को नमसकार करो तो कौन सा बड़ा काम करत हो कया अनयजाफित भी ऐसा नही करत 48 इसशिलय चाफिहय फिक तम शिसदध बनो जसा तमहारा सवगMय फिपता शिसदध ह

Chapter6

1 सावधान रहो तम मनषयो को दिदखान क शिलय अपन धमK क काम न करो नही तो अपन सवगMय फिपता स कछ भी ल न पाओग 2 इसशिलय जब त दान कर तो अपन आग तरही न बजवा जसा कपटी सभाओ और गशिलयो म करत ह ताफिक लोग उन की बड़ाईकर म तम स सच कहता ह फिक व अपना ल पा चक 3 परनत जब त दान कर तो जो तरा दाफिहना हाथ करता ह उस तरा बाया हाथ न जानन पाए 4 ताफिक तरा दान गपत रह और तब तरा फिपता जो गपत म दखता ह तझ परफितल दगा 5 और जब त पराथKना कर तो कपदिटयो क समान न हो कयोफिक लोगो को दिदखान क शिलय सभाओ म और सड़को क मोड़ो पर खड़

होकर पराथKना करना उन को अचछा लगता ह म तम स सच कहता ह फिक व अपना परफितल पा चक 6 परनत जब त पराथKना कर तो अपनी कोठरी म जा और दवार बनद कर क अपन फिपता स जो गपत म ह पराथKना कर और तब तरा

फिपता जो गपत म दखता ह तझ परफितल दगा 7 पराथKना करत समय अनयजाफितयो की नाई बक बक न करो कयोफिक व समझत ह फिक उनक बहत बोलन स उन की सनी जाएगी 8 सो तम उन की नाई न बनो कयोफिक तमहारा फिपता तमहार मागन स पफिहल ही जानता ह फिक तमहारी कया कया आवltयकता ह 9 सो तम इस रीफित स पराथKना फिकया करो ldquo ह हमार फिपता त जो सवगK म ह तरा नाम पफिवतर माना जाए 10 तरा राय आए तरी इचछा जसी सवगK म परी होती ह वस पथवी पर भी हो 11 हमारी दिदन भर की रोटी आज हम द

12 और जिजस परकार हम न अपन अपरायिधयो को कषमा फिकया ह वस ही त भी हमार अपराधो को कषमा कर 13 और हम परीकषा म न ला परनत बराई स बचा rdquo कयोफिक राय और पराकरम और मफिहमा सदा तर ही ह आमीन 14 इसशिलय यदिद तम मनषय क अपराध कषमा करोग तो तमहारा सवगMय फिपता भी तमह कषमा करगा 15 और यदिद तम मनषयो क अपराध कषमा न करोग तो तमहारा फिपता भी तमहार अपराध कषमा न करगा 16 जब तम उपवास करो तो कपदिटयो की नाई तमहार मह पर उदासी न छाई रह कयोफिक व अपना मह बनाए रहत ह ताफिक लोग

उनह उपवासी जान म तम स सच कहता ह फिक व अपना परफितल पा चक 17 परनत जब त उपवास कर तो अपन शिसर पर तल मल और मह धो 18 ताफिक लोग नही परनत तरा फिपता जो गपत म ह तझ उपवासी जान इस दशा म तरा फिपता जो गपत म दखता ह तझ परफितलदगा 19 अपन शिलय पथवी पर धन इकटठा न करो जहा कीड़ा और काई फिबगाड़त ह और जहा चोर सध लगात और चरात ह 20 परनत अपन शिलय सवगK म धन इकटठा करो जहा न तो कीड़ा और न काई फिबगाड़त ह और जहा चोर न सध लगात और न चरात ह 21 कयोफिक जहा तरा धन ह वहा तरा मन भी लगा रहगा 22 शरीर का दिदया आख ह इसशिलय यदिद तरी आख फिनमKल हो तो तरा सारा शरीर भी उजिजयाला होगा 23 परनत यदिद तरी आख बरी हो तो तरा सारा शरीर भी असतरिनधयारा होगा इस कारण वह उजिजयाला जो तझ म ह यदिद अनधकार हो

तो वह अनधकार कसा बड़ा होगा 24 कोई मनषय दो सवायिमयो की सवा नही कर सकता कयोफिक वह एक स बर ओर दसर स परम रखगा वा एक स यिमला रहगा और

दसर को तचछ जानगा ldquo rdquoतम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 25 इसशिलय म तम स कहता ह फिक अपन पराण क शिलय यह शिचनता न करना फिक हम कया खाएग और कया पीएग और न अपन

शरीर क शिलय फिक कया पफिहनग कया पराण भोजन स और शरीर वसतर स बढ़कर नही 26 आकाश क पभिकषयो को दखो व न बोत ह न काटत ह और न खततो म बटोरत ह तौभी तमहारा सवगMय फिपता उन को खिखलाताह कया तम उन स अयिधक मलय नही रखत 27 तम म कौन ह जो शिचनता करक अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 28 और वसतर क शिलय कयो शिचनता करत हो जगली सोसनो पर धयान करो फिक व कस बढ़त ह व न तो परिरशरम करत ह न कातत ह 29 तौभी म तम स कहता ह फिक सलमान भी अपन सार फिवभव म उन म स फिकसी क समान वसतर पफिहन हए न था 30 इसशिलय जब परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा वसतर पफिहनाता ह तो हअलपफिवशवाशिसयो तम को वह कयोकर न पफिहनाएगा 31 इसशिलय तम शिचनता करक यह न कहना फिक हम कया खाएग या कया पीएग या कया पफिहनग 32 कयोफिक अनयजाफित इन सब वसतओ की खोज म रहत ह और तमहारा सवगMय फिपता जानता ह फिक तमह य सब वसतए चाफिहए 33 इसशिलय पफिहल तम उस राय और धमK की खोज करो तो य सब वसतए भी तमह यिमल जाएगी 34 सो कल क शिलय शिचनता न करो कयोफिक कल का दिदन अपनी शिचनता आप कर लगा आज क शिलय आज ही का दख बहत ह

Chapter7

1 दोष मत लगाओ फिक तम पर भी दोष न लगाया जाए 2 कयोफिक जिजस परकार तम दोष लगात हो उसी परकार तम पर भी दोष लगाया जाएगा और जिजस नाप स तम नापत हो उसी स

तमहार शिलय भी नापा जाएगा 3 त कयो अपन भाई की आख क फितनक को दखता ह और अपनी आख का लटठा तझ नही सझता 4 और जब तरी ही आख म लटठा ह तो त अपन भाई स कयोकर कह सकता ह फिक ला म तरी आख स फितनका फिनकाल द 5 ह कपटी पहल अपनी आख म स लटठा फिनकाल ल तब त अपन भाई की आख का फितनका भली भाफित दखकर फिनकाल सकगा 6 पफिवतर वसत कततो को न दो और अपन मोती सअरो क आग मत डालो ऐसा न हो फिक व उनह पावो तल रौद और पलट कर तम

को ाड़ डाल

7 मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार शिलय खोला जाएगा 8 कयोफिक जो कोई मागता ह उस यिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक शिलय खोला जाएगा 9 तम म स ऐसा कौन मनषय ह फिक यदिद उसका पतर उस स रोटी माग तो वह उस पतथर द 10 वा मछली माग तो उस साप द 11 सो जब तम बर होकर अपन बचचो को अचछी वसतए दना जानत हो तो तमहारा सवगMय फिपता अपन मागन वालो को अचछी

वसतए कयो न दगा 12 इस कारण जो कछ तम चाहत हो फिक मनषय तमहार साथ कर तम भी उन क साथ वसा ही करो कयोफिक वयवसथा और

भफिवषयदवकतओ की शिशकषा यही ह 13 सकत ाटक स परवश करो कयोफिक चौड़ा ह वह ाटक और चाकल ह वह मागK जो फिवनाश को पहचाता ह और बहतर ह जो

उस स परवश करत ह 14 कयोफिक सकत ह वह ाटक और सकरा ह वह मागK जो जीवन को पहचाता ह और थोड़ ह जो उस पात ह 15 झठ भफिवषयदवकताओ स सावधान रहो जो भड़ो क भष म तमहार पास आत ह परनत अनतर म ाड़न वाल भफिडए ह 16 उन क लो स तम उनह पहचान लोग कया झाफिडय़ो स अगर वा ऊटकटारो स अजीर तोड़त ह 17 इसी परकार हर एक अचछा पड़ अचछा ल लाता ह और फिनकममा पड़ बरा ल लाता ह 18 अचछा पड़ बरा ल नही ला सकता और न फिनकममा पड़ अचछा ल ला सकता ह 19 जो जो पड़ अचछा ल नही लाता वह काटा और आग म डाला जाता ह 20 सो उन क लो स तम उनह पहचान लोग 21 जो मझ स ह परभ ह परभ कहता ह उन म स हर एक सवगK क राय म परवश न करगा परनत वही जो मर सवगMय फिपता की

इचछा पर चलता ह 22 उस दिदन बहतर मझ स कहग ह परभ ह परभ कया हम न तर नाम स भफिवषयदवाणी नही की और तर नाम स दषटातमाओ को

नही फिनकाला और तर नाम स बहत अचमभ क काम नही फिकए 23 तब म उन स खलकर कह दगा फिक म न तम को कभी नही जाना ह ककमK करन वालो मर पास स चल जाओ 24 इसशिलय जो कोई मरी य बात सनकर उनह मानता ह वह उस बजिदधमान मनषय की नाई ठहरगा जिजस न अपना घर चटटान परबनाया 25 और मह बरसा और बाढ़ आई और आसतरिनधया चली और उस घर पर टककर लगी परनत वह नही फिगरा कयोफिक उस की नव

चटटान पर डाली गई थी 26 परनत जो कोई मरी य बात सनता ह और उन पर नही चलता वह उस फिनबKजिदध मनषय की नाई ठहरगा जिजस न अपना घर बाल परबनाया 27 और मह बरसा और बाढ़ आई और आसतरिनधया चली और उस घर पर टककर लगी और वह फिगरकर सतयानाश हो गया 28 जब यीश य बात कह चका तो ऐसा हआ फिक भीड़ उसक उपदश स चफिकत हई 29 कयोफिक वह उन क शासतरिसतरयो क समान नही परनत अयिधकारी की नाई उनह उपदश दता था

Chapter8

1 जब वह उस पहाड़ स उतरा तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 2 और दखो एक कोढ़ी न पास आकर उस परणाम फिकया और कहा फिक ह परभ यदिद त चाह तो मझ शदध कर सकता ह 3 यीश न हाथ बढ़ाकर उस छआ और कहा म चाहता ह त शदध हो जा और वह तरनत को ढ़ स शदध हो गया 4 यीश न उस स कहा दख फिकसी स न कहना परनत जाकर अपन आप को याजक को दिदखला और जो चढ़ावा मसा न ठहराया ह

उस चढ़ा ताफिक उन क शिलय गवाही हो 5 और जब वह करनहम म आया तो एक सबदार न उसक पास आकर उस स फिबनती की 6 फिक ह परभ मरा सवक घर म झोल का मारा बहत दखी पड़ा ह 7 उस न उस स कहा म आकर उस चगा करगा 8 सबदार न उततर दिदया फिक ह परभ म इस योगय नही फिक त मरी छत क तल आए पर कवल मख स कह द तो मरा सवक चगा हो

जाएगा 9 कयोफिक म भी पराधीन मनषय ह और शिसपाही मर हाथ म ह और जब एक स कहता ह जा तो वह जाता ह और दसर को फिकआ तो वह आता ह और अपन दास स कहता ह फिक यह कर तो वह करता ह 10 यह सनकर यीश न अचमभा फिकया और जो उसक पीछ आ रह थ उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक म न इसराएल म भी

ऐसा फिवशवास नही पाया 11 और म तम स कहता ह फिक बहतर पवK और पभिम स आकर इबराहीम और इसहाक और याकब क साथ सवगK क राय मबठ ग 12 परनत राय क सनतान बाहर असतरिनधयार म डाल दिदए जाएग वहा रोना और दातो का पीसना होगा 13 और यीश न सबदार स कहा जा जसा तरा फिवशवास ह वसा ही तर शिलय हो और उसका सवक उसी घड़ी चगा हो गया 14 और यीश न पतरस क घर म आकर उस की सास को वर म पड़ी दखा 15 उस न उसका हाथ छआ और उसका वर उतर गया और वह उठकर उस की सवा करन लगी 16 जब सधया हई तब व उसक पास बहत स लोगो को लाए जिजन म दषटातमाए थी और उस न उन आतमाओ को अपन वचन स

फिनकाल दिदया और सब बीमारो को चगा फिकया 17 ताफिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक उस न आप हमारी दबKलताओ को ल शिलया और

हमारी बीमारिरयो को उठा शिलया 18 यीश न अपनी चारो ओर एक बड़ी भीड़ दखकर उस पार जान की आजञा दी 19 और एक शासतरी न पास आकर उस स कहा ह गर जहा कही त जाएगा म तर पीछ पीछ हो लगा 20 यीश न उस स कहा लोमफिडय़ो क भट और आकाश क पभिकषयो क बसर होत ह परनत मनषय क पतर क शिलय शिसर धरन की भी

जगह नही ह 21 एक और चल न उस स कहा ह परभ मझ पफिहल जान द फिक अपन फिपता को गाड़ द 22 यीश न उस स कहा त मर पीछ हो ल और मरदो को अपन मरद गाड़न द 23 जब वह नाव पर चढ़ा तो उसक चल उसक पीछ हो शिलए 24 और दखो झील म एक ऐसा बड़ा तान उठा फिक नाव लहरो स ढपन लगी और वह सो रहा था 25 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह परभ हम बचा हम नाश हए जात ह 26 उस न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो कयो डरत हो तब उस न उठकर आनधी और पानी को डाटा और सब शानत हो गया 27 और लोग अचमभा करक कहन लग फिक यह कसा मनषय ह फिक आनधी और पानी भी उस की आजञा मानत ह 28 जब वह उस पार गदरफिनयो क दश म पहचा तो दो मनषय जिजन म दषटातमाए थी कबरो स फिनकलत हए उस यिमल जो इतन परचणड थ फिक कोई उस मागK स जा नही सकता था 29 और दखो उनहोन शिचललाकर कहा ह परमशवर क पतर हमारा तझ स कया काम कया त समय स पफिहल हम द ख दन यहा

आया ह 30 उन स कछ दर बहत स सअरो का एक झणड चर रहा था 31 दषटातमाओ न उस स यह कहकर फिबनती की फिक यदिद त हम फिनकालता ह तो सअरो क झणड म भज द 32 उस न उन स कहा जाओ व फिनकलकर सअरो म पठ गए और दखो सारा झणड कड़ाड़ पर स झपटकर पानी म जा पड़ा और

डब मरा 33 और चरवाह भाग और नगर म जाकर य सब बात और जिजन म दषटातमाए थी उन का सारा हाल कह सनाया 34 और दखो सार नगर क लोग यीश स भट करन को फिनकल आए और उस दखकर फिबनती की फिक हमार शिसवानो स बाहर फिनकल जा

Chapter9

1 फिर वह नाव पर चढ़कर पार गया और अपन नगर म आया 2 और दखो कई लोग एक झोल क मार हए को खाट पर रखकर उसक पास लाए यीश न उन का फिवशवास दखकर उस झोल क

मार हए स कहा ह पतर ढाढ़स बानध तर पाप कषमा हए

3 और दखो कई शासतरिसतरयो न सोचा फिक यह तो परमशवर की फिननदा करता ह 4 यीश न उन क मन की बात मालम करक कहा फिक तम लोग अपन अपन मन म बरा फिवचार कयो कर रह हो 5 सहज कया ह यह कहना फिक तर पाप कषमा हए या यह कहना फिक उठ और चल फिर 6 परनत इसशिलय फिक तम जान लो फिक मनषय क पतर को पथवी पर पाप कषमा करन का अयिधकार ह ( उस न झोल क मार हए स कहा ) उठ अपनी खाट उठा और अपन घर चला जा 7 वह उठकर अपन घर चला गया 8 लोग यह दखकर डर गए और परमशवर की मफिहमा करन लग जिजस न मनषयो को ऐसा अयिधकार दिदया ह 9 वहा स आग बढ़कर यीश न मतती नाम एक मनषय को महसल की चौकी पर बठ दखा और उस स कहा मर पीछ हो ल वह

उठकर उसक पीछ हो शिलया 10 और जब वह घर म भोजन करन क शिलय बठा तो बहतर महसल लन वाल और पापी आकर यीश और उसक चलो क साथ खानबठ 11 यह दखकर रीशिसयो न उसक चलो स कहा तमहारा गर महसल लन वालो और पाफिपयो क साथ कयो खाता ह 12 उस न यह सनकर उन स कहा वदय भल चगो को नही परनत बीमारो को अवltय ह 13 सो तम जाकर इस का अथK सीख लो फिक म बशिलदान नही परनत दया चाहता ह कयोफिक म धयिमय को नही परनत पाफिपयो को

बलान आया ह 14 तब यहनना क चलो न उसक पास आकर कहा कया कारण ह फिक हम और रीसी इतना उपवास करत ह पर तर चल उपवास

नही करत 15 यीश न उन स कहा कया बराती जब तक दलहा उन क साथ ह शोक कर सकत ह पर व दिदन आएग फिक दलहा उन स अलग

फिकया जाएगा उस समय व उपवास करग 16 को र कपड़ का पबनद परान पफिहरावन पर कोई नही लगाता कयोफिक वह पबनद पफिहरावन स और कछ खीच लता ह और वह

अयिधक ट जाता ह 17 और नया दाखरस परानी मशको म नही भरत ह कयोफिक ऐसा करन स मशक ट जाती ह और दाखरस बह जाता ह और

मशक नाश हो जाती ह परनत नया दाखरस नई मशको म भरत ह और वह दोनो बची रहती ह 18 वह उन स य बात कह ही रहा था फिक दखो एक सरदार न आकर उस परणाम फिकया और कहा मरी पतरी अभी मरी ह परनत

चलकर अपना हाथ उस पर रख तो वह जीफिवत हो जाएगी 19 यीश उठकर अपन चलो समत उसक पीछ हो शिलया 20 और दखो एक सतरी न जिजस क बारह वषK स लोह बहता था उसक पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छ शिलया 21 कयोफिक वह अपन मन म कहती थी फिक यदिद म उसक वसतर ही को छ लगी तो चगी हो जाऊगी 22 यीश न फिरकर उस दखा और कहा पतरी ढाढ़स बानध तर फिवशवास न तझ चगा फिकया ह सो वह सतरी उसी घड़ी चगी हो गई 23 जब यीश उस सरदार क घर म पहचा और बासली बजान वालो और भीड़ को हललड़ मचात दखा तब कहा 24 हट जाओ लड़की मरी नही पर सोती ह इस पर व उस की हसी करन लग 25 परनत जब भीड़ फिनकाल दी गई तो उस न भीतर जाकर लड़की का हाथ पकड़ा और वह जी उठी 26 और इस बात की चचाK उस सार दश म ल गई 27 जब यीश वहा स आग बढ़ा तो दो अनध उसक पीछ यह पकारत हए चल फिक ह दाऊद की सनतान हम पर दया कर 28 जब वह घर म पहचा तो व अनध उस क पास आए और यीश न उन स कहा कया तमह फिवशवास ह फिक म यह कर सकता ह

उनहोन उस स कहा हा परभ 29 तब उस न उन की आख छकर कहा तमहार फिवशवास क अनसार तमहार शिलय हो 30 और उन की आख खल गई और यीश न उनह शिचताकर कहा सावधान कोई इस बात को न जान 31 पर उनहोन फिनकलकर सार दश म उसका यश ला दिदया 32 जब व बाहर जा रह थ तो दखो लोग एक गग को जिजस म दषटातमा थी उस क पास लाए 33 और जब दषटातमा फिनकाल दी गई तो गगा बोलन लगा और भीड़ न अचमभा करक कहा फिक इसराएल म ऐसा कभी नही दखागया 34 परनत रीशिसयो न कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह 35 और यीश सब नगरो और गावो म फिरता रहा और उन की सभाओ म उपदश करता और राय का ससमाचार परचार करता

और हर परकार की बीमारी और दबKलता को दर करता रहा

36 जब उस न भीड़ को दखा तो उस को लोगो पर तरस आया कयोफिक व उन भड़ो की नाई जिजनका कोई रखवाला न हो वयाकल और भटक हए स थ

37 तब उस न अपन चलो स कहा पकक खत तो बहत ह पर मजदर थोड़ ह 38 इसशिलय खत क सवामी स फिबनती करो फिक वह अपन खत काटन क शिलय मजदर भज द

Chapter10

1 फिर उस न अपन बारह चलो को पास बलाकर उनह अशदध आतमाओ पर अयिधकार दिदया फिक उनह फिनकाल और सब परकार की बीमारिरयो और सब परकार की दबKलताओ को दर कर

2 और बारह पररिरतो क नाम य ह पफिहला शमौन जो पतरस कहलाता ह और उसका भाई अजिनwयास जबदी का पतर याकब और उसका भाई यहनना

3 फिशिलपपस और बर- तलम थोमा और महसल लनवाला मतती हल का पतर याकब और तदद 4 शमौन कनानी और यहदा इसकरिरयोती जिजस न उस पकड़वा भी दिदया 5 इन बारहो को यीश न यह आजञा दकर भजा फिक अनयजाफितयो की ओर न जाना और सामरिरयो क फिकसी नगर म परवश न करना 6 परनत इसराएल क घरान ही की खोई हई भड़ो क पास जाना 7 और चलत चलत परचार कर कहो फिक सवगK का राय फिनकट आ गया ह 8 बीमारो को चगा करो मर हओ को जिजलाओ कोदिढय़ो को शदध करो दषटातमाओ को फिनकालो तम न सतमत पाया ह सतमतदो 9 अपन पटको म न तो सोना और न रपा और न ताबा रखना 10 मागK क शिलय न झोली रखो न दो करत न जत और न लाठी लो कयोफिक मजदर को उसका भोजन यिमलना चाफिहए 11 जिजस फिकसी नगर या गाव म जाओ तो पता लगाओ फिक वहा कौन योगय ह और जब तक वहा स न फिनकलो उसी क यहा रहो 12 और घर म परवश करत हए उस को आशीष दना 13 यदिद उस घर क लोग योगय होग तो तमहारा कलयाण उन पर पहचगा परनत यदिद व योगय न हो तो तमहारा कलयाण तमहार पास लौट आएगा 14 और जो कोई तमह गरहण न कर और तमहारी बात न सन उस घर या उस नगर स फिनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो 15 म तम स सच कहता ह फिक नयाय क दिदन उस नगर की दशा स सदोम और अमोरा क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 16 दखो म तमह भड़ो की नाई भफिडय़ो क बीच म भजता ह सो सापो की नाई बजिदधमान और कबतरो की नाई भोल बनो 17 परनत लोगो स सावधान रहो कयोफिक व तमह महासभाओ म सौपग और अपनी पचायत म तमह कोड़ मारग 18 तम मर शिलय हाफिकमो ओर राजाओ क सामहन उन पर और अनयजाफितयो पर गवाह होन क शिलय पहचाए जाओग 19 जब व तमह पकड़वाएग तो यह शिचनता न करना फिक हम फिकस रीफित स या कया कहग कयोफिक जो कछ तम को कहना होगा

वह उसी घड़ी तमह बता दिदया जाएगा 20 कयोफिक बोलन वाल तम नही हो परनत तमहार फिपता का आतमा तम म बोलता ह 21 भाई भाई को और फिपता पतर को घात क शिलय सौपग और लड़क- बाल माता- फिपता क फिवरोध म उठकर उनह मरवा डालग 22 मर नाम क कारण सब लोग तम स बर करग पर जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 23 जब व तमह एक नगर म सताए तो दसर को भाग जाना म तम स सच कहता ह तम इसराएल क सब नगरो म न फिर चकोग

फिक मनषय का पतर आ जाएगा 24 चला अपन गर स बड़ा नही और न दास अपन सवामी स 25 चल का गर क और दास का सवामी क बाराबर होना ही बहत ह जब उनहोन घर क सवामी को शतान कहा तो उसक घर वालो

को कयो न कहग 26 सो उन स मत डरना कयोफिक कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ शिछपा ह जो जाना न जाएगा 27 जो म तम स असतरिनधयार म कहता ह उस उजिजयाल म कहो और जो कानो कान सनत हो उस को ठो पर स परचार करो 28 जो शरीर को घात करत ह पर आतमा को घात नही कर सकत उन स मत डरना पर उसी स डरो जो आतमा और शरीर दोनो

को नरक म नाश कर सकता ह

29 कया पस म दो गौरय नही फिबकती तौभी तमहार फिपता की इचछा क फिबना उन म स एक भी भयिम पर नही फिगर सकती 30 तमहार शिसर क बाल भी सब फिगन हए ह 31 इसशिलय डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 32 जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन मान लगा 33 पर जो कोई मनषयो क सामहन मरा इनकार करगा उस स म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन इनकार करगा 34 यह न समझो फिक म पथवी पर यिमलाप करान को आया ह म यिमलाप करान को नही पर तलवार चलवान आया ह 35 म तो आया ह फिक मनषय को उसक फिपता स और बटी को उस की मा स और बह को उस की सास स अलग कर द 36 मनषय क बरी उसक घर ही क लोग होग 37 जो माता या फिपता को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह वह मर योगय नही और जो बटा या बटी को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह

वह मर योगय नही 38 और जो अपना करस लकर मर पीछ न चल वह मर योगय नही 39 जो अपन पराण बचाता ह वह उस खोएगा और जो मर कारण अपना पराण खोता ह वह उस पाएगा 40 जो तमह गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह और जो मझ गरहण करता ह वह मर भजन वाल को गरहण करता ह 41 जो भफिवषयदवकता को भफिवषयदवकता जानकर गरहण कर वह भफिवषयदवकता का बदला पाएगा और जो धमM जानकर धमM को गरहणकर वह धमM का बदला पाएगा 42 जो कोई इन छोटो म स एक को चला जानकर कवल एक कटोरा ठडा पानी फिपलाए म तम स सच कहता ह वह फिकसी रीफित स

अपना परफितल न खोएगा

Chapter11

1 जब यीश अपन बारह चलो को आजञा द चका तो वह उन क नगरो म उपदश और परचार करन को वहा स चला गया 2 यहनना न बनदीगह म मसीह क कामो का समाचार सनकर अपन चलो को उस स यह पछन भजा 3 फिक कया आनवाला त ही ह या हम दसर की बाट जोह 4 यीश न उततर दिदया फिक जो कछ तम सनत हो और दखत हो वह सब जाकर यहनना स कह दो 5 फिक अनध दखत ह और लगड़ चलत फिरत ह कोढ़ी शदध फिकए जात ह और बफिहर सनत ह मद जिजलाए जात ह और कगालो को

ससमाचार सनाया जाता ह 6 और धनय ह वह जो मर कारण ठोकर न खाए 7 जब व वहा स चल दिदए तो यीश यहनना क फिवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया हवा स फिहलत हए

सरकणड को 8 फिर तम कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पफिहन हए मनषय को दखो जो कोमल वसतर पफिहनत ह व राजभवनो म रहत ह 9 तो फिर कयो गए थ कया फिकसी भफिवषयदवकता को दखन को हा म तम स कहता ह वरन भफिवषयदवकता स भी बड़ को 10 यह वही ह जिजस क फिवषय म शिलखा ह फिक दख म अपन दत को तर आग भजता ह जो तर आग तरा मागK तयार करगा 11 म तम स सच कहता ह फिक जो सतरिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना बपफितसमा दन वाल स कोई बड़ा नही हआ पर जो सवगK क

राय म छोट स छोटा ह वह उस स बड़ा ह 12 यहनना बपफितसमा दन वाल क दिदनो स अब तक सवगK क राय पर जोर होता रहा ह और बलवान उस छीन लत ह 13 यहनना तक सार भफिवषयदवकता और वयवसथा भफिवषयदववाणी करत रह 14 और चाहो तो मानो एशिलययाह जो आनवाला था वह यही ह 15 जिजस क सनन क कान हो वह सन ल 16 म इस समय क लोगो की उपमा फिकस स द व उन बालको क समान ह जो बाजारो म बठ हए एक दसर स पकारकर कहतह 17 फिक हम न तमहार शिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न फिवलाप फिकया और तम न छाती नही पीटी 18 कयोफिक यहनना न खाता आया और न पीता और व कहत ह फिक उस म दषटातमा ह 19 मनषय का पतर खाता- पीता आया और व कहत ह फिक दखो पट और फिपयककड़ मनषय महसल लन वालो और पाफिपयो का

यिमतर पर जञान अपन कामो म सचचा ठहराया गया ह 20 तब वह उन नगरो को उलाहना दन लगा जिजन म उस न बहतर सामथK क काम फिकए थ कयोफिक उनहोन अपना मन नही फिरायाथा 21 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथK क काम तम म फिकए गए यदिद व सर और सदा म फिकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन फिरा लत 22 परनत म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तमहारी दशा स सर और सदा की दशा अयिधक सहन योगय होगी 23 और ह करनहम कया त सवगK तक ऊचा फिकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा जो सामथK क काम तझ म फिकए

गए ह यदिद सदोम म फिकए जात तो वह आज तक बना रहता 24 पर म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तरी दशा स सदोम क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 25 उसी समय यीश न कहा ह फिपता सवगK और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह फिक त न इन बातो को जञाफिनयो और

समझदारो स शिछपा रखा और बालको पर परगट फिकया ह 26 हा ह फिपता कयोफिक तझ यही अचछा लगा 27 मर फिपता न मझ सब कछ सौपा ह और कोई पतर को नही जानता कवल फिपता और कोई फिपता को नही जानता कवल पतर

और वह जिजस पर पतर उस परगट करना चाह 28 ह सब परिरशरम करन वालो और बोझ स दब लोगो मर पास आओ म तमह फिवशराम दगा 29 मरा जआ अपन ऊपर उठा लो और मझ स सीखो कयोफिक म नमर और मन म दीन ह और तम अपन मन म फिवशराम पाओग 30 कयोफिक मरा जआ सहज और मरा बोझ हलका ह

Chapter12

1 उस समय यीश सबत क दिदन खतो म स होकर जा रहा था और उसक चलो को भख लगी सो व बाल तोड़ तोड़ कर खान लग 2 रीशिसयो न यह दखकर उस स कहा दख तर चल वह काम कर रह ह जो सबत क दिदन करना उशिचत नही 3 उस न उन स कहा कया तम न नही पढ़ा फिक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख हए तो कया फिकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया खाई जिजनह खाना न तो उस और उसक साशिथयो को पर कवल याजको

को उशिचत था 5 या तम न वयवसथा म नही पढ़ा फिक याजक सबत क दिदन मजिनदर म सबत क दिदन क फिवयिध को तोड़न पर भी फिनदष ठहरत ह 6 पर म तम स कहता ह फिक यहा वह ह जो मजिनदर स भी बड़ा ह 7 यदिद तम इस का अथK जानत फिक म दया स परसनन ह बशिलदान स नही तो तम फिनदष को दोषी न ठहरात 8 मनषय का पतर तो सबत क दिदन का भी परभ ह 9 वहा स चलकर वह उन की सभा क घर म आया 10 और दखो एक मनषय था जिजस का हाथ सखा हआ था और उनहोन उस पर दोष लगान क शिलय उस स पछा फिक कया सबत

क दिदन चगा करना उशिचत ह 11 उस न उन स कहा तम म ऐसा कौन ह जिजस की एक ही भड़ हो और वह सबत क दिदन गड़ह म फिगर जाए तो वह उस

पकड़कर न फिनकाल 12 भला मनषय का मलय भड़ स फिकतना बढ़ कर ह इसशिलय सबत क दिदन भलाई करना उशिचत ह तब उस न उस मनषय स कहा

अपना हाथ बढ़ा 13 उस न बढ़ाया और वह फिर दसर हाथ की नाई अचछा हो गया 14 तब रीशिसयो न बाहर जाकर उसक फिवरोध म सममफित की फिक उस फिकस परकार नाश कर 15 यह जानकर यीश वहा स चला गया और बहत लोग उसक पीछ हो शिलय और उस न सब को चगा फिकया 16 और उनह शिचताया फिक मझ परगट न करना 17 फिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 18 फिक दखो यह मरा सवक ह जिजस म न चना ह मरा फिपरय जिजस स मरा मन परसनन ह म अपना आतमा उस पर डालगा और

वह अनयजाफितयो को नयाय का समाचार दगा

19 वह न झगड़ा करगा और न धम मचाएगा और न बाजारो म कोई उसका शबद सनगा 20 वह कचल हए सरकणड को न तोड़गा और धआ दती हई बतती को न बझाएगा जब तक नयाय को परबल न कराए 21 और अनयजाफितया उसक नाम पर आशा रखगी 22 तब लोग एक अनध- गग को जिजस म दषटातमा थी उसक पास लाए और उस न उस अचछा फिकया और वह गगा बोलन और

दखन लगा 23 इस पर सब लोग चफिकत होकर कहन लग यह कया दाऊद की सनतान का ह 24 परनत रीशिसयो न यह सनकर कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार शतान की सहायता क फिबना दषटातमाओ को नही फिनकालता 25 उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस फिकसी राय म ट होती ह वह उजड़ जाता ह और कोई नगर या

घराना जिजस म ट होती ह बना न रहगा 26 और यदिद शतान ही शतान को फिनकाल तो वह अपना ही फिवरोधी हो गया ह फिर उसका राय कयोकर बना रहगा 27 भला यदिद म शतान की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो तमहार वश फिकस की सहायता स फिनकालत ह इसशिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग 28 पर यदिद म परमशवर क आतमा की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो परमशवर का राय तमहार पास आ पहचा ह 29 या कयोकर कोई मनषय फिकसी बलवनत क घर म घसकर उसका माल लट सकता ह जब तक फिक पफिहल उस बलवनत को न बानध

ल और तब वह उसका घर लट लगा 30 जो मर साथ नही वह मर फिवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह फिबथराता ह 31 इसशिलय म तम स कहता ह फिक मनषय का सब परकार का पाप और फिननदा कषमा की जाएगी पर आतमा की फिननदा कषमा न कीजाएगी 32 जो कोई मनषय क पतर क फिवरोध म कोई बात कहगा उसका यह अपराध कषमा फिकया जाएगा परनत जो कोई पफिवतर- आतमा क

फिवरोध म कछ कहगा उसका अपराध न तो इस लोक म और न पर लोक म कषमा फिकया जाएगा 33 यदिद पड़ को अचछा कहो तो उसक ल को भी अचछा कहो या पड़ को फिनकममा कहो तो उसक ल को भी फिनककमा कहो

कयोफिक पड़ ल ही स पहचाना जाता ह 34 ह साप क बचचो तम बर होकर कयोकर अचछी बात कह सकत हो कयोफिक जो मन म भरा ह वही मह पर आता ह 35 भला मनषय मन क भल भणडार स भली बात फिनकालता ह और बरा मनषय बर भणडार स बरी बात फिनकालता ह 36 और म तम स कहता ह फिक जो जो फिनकममी बात मनषय कहग नयाय क दिदन हर एक बात का लखा दग 37 कयोफिक त अपनी बातो क कारण फिनदष और अपनी बातो ही क कारण दोषी ठहराया जाएगा 38 इस पर फिकतन शासतरिसतरयोऔर रीशिसयो न उस स कहा ह गर हम तझ स एक शिचनह दखना चाहत ह 39 उस न उनह उततर दिदया फिक इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह परनत यनस भफिवषयदवकता क शिचनह को छोड़ कोई

और शिचनह उन को न दिदया जाएगा 40 यनस तीन रात दिदन जल- जनत क पट म रहा वस ही मनषय का पतर तीन रात दिदन पथवी क भीतर रहगा 41 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएग कयोफिक उनहोन यनस का परचार सनकर मन

फिराया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 42 दजज़िकखन की रानी नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोफिक वह सलमान का जञान सनन क

शिलय पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 43 जब अशदध आतमा मनषय म स फिनकल जाती ह तो सखी जगहो म फिवशराम ढढ़ती फिरती ह और पाती नही 44 तब कहती ह फिक म अपन उसी घर म जहा स फिनकली थी लौट जाऊगी और आकर उस सना झाड़ा- बहारा और सजा

सजाया पाती ह 45 तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वहा वास करती ह और उस

मनषय की फिपछली दशा पफिहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोगो की दशा भी ऐसी ही होगी 46 जब वह भीड़ स बात कर ही रहा था तो दखो उस की माता और भाई बाहर खड़ थ और उस स बात करना चाहत थ 47 फिकसी न उस स कहा दख तरी माता और तर भाई बाहर खड़ ह और तझ स बात करना चाहत ह 48 यह सन उस न कहन वाल को उततर दिदया कौन ह मरी माता 49 और कौन ह मर भाई और अपन चलो की ओर अपना हाथ बढ़ा कर कहा दखो मरी माता और मर भाई य ह 50 कयोफिक जो कोई मर सवगMय फिपता की इचछा पर चल वही मरा भाई और बफिहन और माता ह

Chapter13

1 उसी दिदन यीश घर स फिनकलकर झील क फिकनार जा बठा 2 और उसक पास ऐसी बड़ी भीड़ इकटठी हई फिक वह नाव पर चढ़ गया और सारी भीड़ फिकनार पर खड़ी रही 3 और उस न उन स दषटानतो म बहत सी बात कही फिक दखो एक बोन वाला बीज बोन फिनकला 4 बोत समय कछ बीज मागK क फिकनार फिगर और पभिकषयो न आकर उनह चग शिलया 5 कछ पतथरीली भयिम पर फिगर जहा उनह बहत यिमटटी न यिमली और गहरी यिमटटी न यिमलन क कारण व जलद उग आए 6 पर सरज फिनकलन पर व जल गए और जड़ न पकड़न स सख गए 7 कछ झाफिड़यो म फिगर और झाफिड़यो न बढ़कर उनह दबा डाला 8 पर कछ अचछी भयिम पर फिगर और ल लाए कोई सौ गना कोई साठ गना कोई तीस गना 9 जिजस क कान हो वह सन ल 10 और चलो न पास आकर उस स कहा त उन स दषटानतो म कयो बात करता ह 11 उस न उततर दिदया फिक तम को सवगK क राय क भदो की समझ दी गई ह पर उन को नही 12 कयोफिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा पर जिजस क पास कछ नही ह उस स जो कछ

उसक पास ह वह भी ल शिलया जाएगा 13 म उन स दषटानतो म इसशिलय बात करता ह फिक व दखत हए नही दखत और सनत हए नही सनत और नही समझत 14 और उन क फिवषय म यशायाह की यह भफिवषयदववाणी परी होती ह फिक तम कानो स तो सनोग पर समझोग नही और आखो स

तो दखोग पर तमह न सझगा 15 कयोफिक इन लोगो का मन मोटा हो गया ह और व कानो स ऊचा सनत ह और उनहोन अपनी आख मद ली ह कही ऐसा न हो

फिक व आखो स दख और कानो स सन और मन स समझ और फिर जाए और म उनह चगा कर 16 पर धनय ह तमहारी आख फिक व दखती ह और तमहार कान फिक व सनत ह 17 कयोफिक म तम स सच कहता ह फिक बहत स भफिवषयदवकताओ न और धयिमय न चाहा फिक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी

और जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 18 सो तम बोन वाल का दषटानत सनो 19 जो कोई राय का वचन सनकर नही समझता उसक मन म जो कछ बोया गया था उस वह दषट आकर छीन ल जाता ह यह

वही ह जो मागK क फिकनार बोया गया था 20 और जो पतथरीली भयिम पर बोया गया यह वह ह जो वचन सनकर तरनत आननद क साथ मान लता ह 21 पर अपन म जड़ न रखन क कारण वह थोड़ ही दिदन का ह और जब वचन क कारण कलश या उपwव होता ह तो तरनत ठोकर

खाता ह 22 जो झाफिड़यो म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनता ह पर इस ससार की शिचनता और धन का धोखा वचन को दबाता ह

और वह ल नही लाता 23 जो अचछी भयिम म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनकर समझता ह और ल लाता ह कोई सौ गना कोई साठ गना

कोई तीस गना 24 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय उस मनषय क समान ह जिजस न अपन खत म अचछा बीज बोया 25 पर जब लोग सो रह थ तो उसका बरी आकर गह क बीच जगली बीज बोकर चला गया 26 जब अकर फिनकल और बाल लगी तो जगली दान भी दिदखाई दिदए 27 इस पर गहसथ क दासो न आकर उस स कहा ह सवामी कया त न अपन खत म अचछा बीज न बोया था फिर जगली दान क

पौध उस म कहा स आए 28 उस न उन स कहा यह फिकसी बरी का काम ह दासो न उस स कहा कया तरी इचछा ह फिक हम जाकर उन को बटोर ल 29 उस न कहा ऐसा नही न हो फिक जगली दान क पौध बटोरत हए उन क साथ गह भी उखाड़ लो 30 कटनी तक दोनो को एक साथ बढ़न दो और कटनी क समय म काटन वालो स कहगा पफिहल जगली दान क पौध बटोरकर

जलान क शिलय उन क गटठ बानध लो और गह को मर खतत म इकटठा करो 31 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय राई क एक दान क समान ह जिजस फिकसी मनषय न लकर अपन खत म

बो दिदया 32 वह सब बीजो स छोटा तो ह पर जब बढ़ जाता ह तब सब साग पात स बड़ा होता ह और ऐसा पड़ हो जाता ह फिक आकाश क

पकषी आकर उस की डाशिलयो पर बसरा करत ह 33 उस न एक और दषटानत उनह सनाया फिक सवगK का राय खमीर क समान ह जिजस को फिकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म

यिमला दिदया और होत होत वह सब खमीर हो गया 34 य सब बात यीश न दषटानतो म लोगो स कही और फिबना दषटानत वह उन स कछ न कहता था 35 फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक म दषटानत कहन को अपना मह खोलगा म उन बातो को जो

जगत की उतपभितत स गपत रही ह परगट करगा 36 तब वह भीड़ को छोड़ कर घर म आया और उसक चलो न उसक पास आकर कहा खत क जगली दान का दषटानत हम समझा द 37 उस न उन को उततर दिदया फिक अचछ बीज का बोन वाला मनषय का पतर ह 38 खत ससार ह अचछा बीज राय क सनतान और जगली बीज दषट क सनतान ह 39 जिजस बरी न उन को बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटन वाल सवगKदत ह 40 सो जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का पतर अपन सवगKदतो को भजगा और व उसक राय म स सब ठोकर क कारणो को और ककमK करन वालो को इकटठाकरग 42 और उनह आग क कड म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धमM अपन फिपता क राय म सयK की नाई चमक ग जिजस क कान हो वह सन ल 44 सवगK का राय खत म शिछप हए धन क समान ह जिजस फिकसी मनषय न पाकर शिछपा दिदया और मार आननद क जाकर और

अपना सब कछ बचकर उस खत को मोल शिलया 45 फिर सवगK का राय एक वयापारी क समान ह जो अचछ मोफितयो की खोज म था 46 जब उस एक बहमलय मोती यिमला तो उस न जाकर अपना सब कछ बच डाला और उस मोल ल शिलया 47 फिर सवगK का राय उस बड़ जाल क समान ह जो समw म डाला गया और हर परकार की मशिछलयो को समट लाया 48 और जब भर गया तो उस को फिकनार पर खीच लाए और बठकर अचछी अचछी तो बरतनो म इकटठा फिकया और फिनकममी

फिनकममी क दी 49 जगत क अनत म ऐसा ही होगा सवगKदत आकर दषटो को धयिमय स अलग करग और उनह आग क कड म डालग 50 वहा रोना और दात पीसना होगा 51 कया तम न य सब बात समझी 52 उनहोन उस स कहा हा उस न उन स कहा इसशिलय हर एक शासतरी जो सवगK क राय का चला बना ह उस गहसथ क समान ह

जो अपन भणडार स नई और परानी वसतए फिनकालता ह 53 जब यीश य सब दषटानत कह चका तो वहा स चला गया 54 और अपन दश म आकर उन की सभा म उनह ऐसा उपदश दन लगा फिक व चफिकत होकर कहन लग फिक इस को यह जञान और

सामथK क काम कहा स यिमल 55 कया यह बढ़ई का बटा नही और कया इस की माता का नाम मरिरयम और इस क भाइयो क नाम याकब और यस और शमौन

और यहदा नही 56 और कया इस की सब बफिहन हमार बीच म नही रहती फिर इस को यह सब कहा स यिमला 57 सो उनहोन उसक कारण ठोकर खाई पर यीश न उन स कहा भफिवषयदवकता अपन दश और अपन घर को छोड़ और कही फिनरादर

नही होता 58 और उस न वहा उन क अफिवशवास क कारण बहत सामथK क काम नही फिकए

Chapter14

1 उस समय चौथाई दश क राजा हरोदस न यीश की चचाK सनी 2 और अपन सवको स कहा यह यहनना बपफितसमा दनवाला ह वह मर हओ म स जी उठा ह इसी शिलय उस स सामथK क काम परगट

होत ह 3 कयोफिक हरोदस न अपन भाई फिलपपस की पतनी हरोदिदयास क कारण यहनना को पकड़कर बानधा और जलखान म डाल दिदयाथा 4 कयोफिक यहनना न उस स कहा था फिक इस को रखना तझ उशिचत नही ह 5 और वह उस मार डालना चाहता था पर लोगो स डरता था कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ 6 पर जब हरोदस का जनम दिदन आया तो हरोदिदयास की बटी न उतसव म नाच दिदखाकर हरोदस को खश फिकया 7 इसशिलय उस न शपथ खाकर वचन दिदया फिक जो कछ त मागगी म तझ दगा 8 वह अपनी माता की उकसाई हई बोली यहनना बपफितसमा दन वाल का शिसर थाल म यही मझ मगवा द 9 राजा दखिखत हआ पर अपनी शपथ क और साथ बठन वालो क कारण आजञा दी फिक द दिदया जाए 10 और जलखान म लोगो को भजकर यहनना का शिसर कटवा दिदया 11 और उसका शिसर थाल म लाया गया और लड़की को दिदया गया और वह उस को अपनी मा क पास ल गई 12 और उसक चलो न आकर और उस की लोथ को ल जाकर गाढ़ दिदया और जाकर यीश को समाचार दिदया 13 जब यीश न यह सना तो नाव पर चढ़कर वहा स फिकसी सनसान जगह एकानत म चला गया और लोग यह सनकर नगर नगर स

पदल उसक पीछ हो शिलए 14 उस न फिनकलकर बड़ी भीड़ दखी और उन पर तरस खाया और उस न उन क बीमारो को चगा फिकया 15 जब साझ हई तो उसक चलो न उसक पास आकर कहा यह तो सनसान जगह ह और दर हो रही ह लोगो को फिवदा फिकया

जाए फिक व बसतिसतयो म जाकर अपन शिलय भोजन मोल ल 16 यीश न उन स कहा उन का जाना आवltयक नही तम ही इनह खान को दो 17 उनहोन उस स कहा यहा हमार पास पाच रोटी और दो मशिछलयो को छोड़ और कछ नही ह 18 उस न कहा उन को यहा मर पास ल आओ 19 तब उस न लोगो को घास पर बठन को कहा और उन पाच रोदिटयो और दो मशिछलयो को शिलया और सवगK की ओर दखकर

धनयवाद फिकया और रोदिटया तोड़ तोड़कर चलो को दी और चलो न लोगो को 20 और सब खाकर तपत हो गए और उनहोन बच हए टकड़ो स भरी हई बारह टोफिकरया उठाई 21 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़कर पाच हजार परषो क अटकल थ 22 और उस न तरनत अपन चलो को बरबस नाव पर चढ़ाया फिक व उस स पफिहल पार चल जाए जब तक फिक वह लोगो को फिवदाकर 23 वह लोगो को फिवदा करक पराथKना करन को अलग पहाड़ पर चढ़ गया और साझ को वहा अकला था 24 उस समय नाव झील क बीच लहरो स डगमगा रही थी कयोफिक हवा सामहन की थी 25 और वह रात क चौथ पहर झील पर चलत हए उन क पास आया 26 चल उस को झील पर चलत हए दखकर घबरा गए और कहन लग वह भत ह और डर क मार शिचलला उठ 27 यीश न तरनत उन स बात की और कहा ढाढ़स बानधो म ह डरो मत 28 पतरस न उस को उततर दिदया ह परभ यदिद त ही ह तो मझ अपन पास पानी पर चलकर आन की आजञा द 29 उस न कहा आ तब पतरस नाव पर स उतरकर यीश क पास जान को पानी पर चलन लगा 30 पर हवा को दखकर डर गया और जब डबन लगा तो शिचललाकर कहा ह परभ मझ बचा 31 यीश न तरनत हाथ बढ़ाकर उस थाम शिलया और उस स कहा ह अलप-फिवशवासी त न कयो सनदह फिकया 32 जब व नाव पर चढ़ गए तो हवा थम गई 33 इस पर जो नाव पर थ उनहोन उस दणडवत करक कहा सचमच त परमशवर का पतर ह 34 व पार उतरकर गननसरत दश म पहच 35 और वहा क लोगो न उस पहचानकर आस पास क सार दश म कहला भजा और सब बीमारो को उसक पास लाए 36 और उस स फिबनती करन लग फिक वह उनह अपन वसतर क आचल ही को छन द और जिजतनो न उस छआ व चग हो गए

Chapter15

1 तब यरशलम स फिकतन रीसी और शासतरी यीश क पास आकर कहन लग 2 तर चल परफिनयो की रीतो को कयो टालत ह फिक फिबना हाथ धोए रोटी खात ह 3 उस न उन को उततर दिदया फिक तम भी अपनी रीतो क कारण कयो परमशवर की आजञा टालत हो 4 कयोफिक परमशवर न कहा था फिक अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और जो कोई फिपता या माता को बरा कह वह

मार डाला जाए 5 पर तम कहत हो फिक यदिद कोई अपन फिपता या माता स कह फिक जो कछ तझ मझ स लाभ पहच सकता था वह परमशवर को भट

चढ़ाई जा चकी 6 तो वह अपन फिपता का आदर न कर सो तम न अपनी रीतो क कारण परमशवर का वचन टाल दिदया 7 ह कपदिटयो यशायाह न तमहार फिवषय म यह भफिवषयदवाणी ठीक की 8 फिक य लोग होठो स तो मरा आदर करत ह पर उन का मन मझ स दर रहता ह 9 और य वयथK मरी उपासना करत ह कयोफिक मनषयो की फिवयिधयो को धमपदश करक शिसखात ह 10 और उस न लोगो को अपन पास बलाकर उन स कहा सनो और समझो 11 जो मह म जाता ह वह मनषय को अशदध नही करता पर जो मह स फिनकलता ह वही मनषय को अशदध करता ह 12 तब चलो न आकर उस स कहा कया त जानता ह फिक रीशिसयो न यह वचन सनकर ठोकर खाई 13 उस न उततर दिदया हर पौधा जो मर सवगMय फिपता न नही लगाया उखाड़ा जाएगा 14 उन को जान दो व अनध मागK दिदखान वाल ह और अनधा यदिद अनध को मागK दिदखाए तो दोनो गड़ह म फिगर पड़ग 15 यह सनकर पतरस न उस स कहा यह दषटानत हम समझा द 16 उस न कहा कया तम भी अब तक ना समझ हो 17 कया नही समझत फिक जो कछ मह म जाता वह पट म पड़ता ह और सणडास म फिनकल जाता ह 18 पर जो कछ मह स फिनकलता ह वह मन स फिनकलता ह और वही मनषय को अशदध करता ह 19 कयोफिक कशिचनता हतया पर सतरीगमन वयभिभचार चोरी झठी गवाही और फिननदा मन ही स फिनकलती ह 20 यही ह जो मनषय को अशदध करती ह परनत हाथ फिबना धोए भोजन करना मनषय को अशदध नही करता 21 यीश वहा स फिनकलकर सर और सदा क दशो की ओर चला गया 22 और दखो उस दश स एक कनानी सतरी फिनकली और शिचललाकर कहन लगी ह परभ दाऊद क सनतान मझ पर दया कर मरी

बटी को दषटातमा बहत सता रहा ह 23 पर उस न उस कछ उततर न दिदया और उसक चलो न आकर उस स फिबनती कर कहा इस फिवदा कर कयोफिक वह हमार पीछ

शिचललाती आती ह 24 उस न उततर दिदया फिक इसराएल क घरान की खोई हई भड़ो को छोड़ म फिकसी क पास नही भजा गया 25 पर वह आई और उस परणाम करक कहन लगी ह परभ मरी सहायता कर 26 उस न उततर दिदया फिक लड़को की रोटी लकर कततो क आग डालना अचछा नही 27 उस न कहा सतय ह परभ पर कतत भी वह चरचार खात ह जो उन क सवायिमयो की मज स फिगरत ह 28 इस पर यीश न उस को उततर दकर कहा फिक ह सतरी तरा फिवशवास बड़ा ह जसा त चाहती ह तर शिलय वसा ही हो और उस की

बटी उसी घड़ी स चगी हो गई 29 यीश वहा स चलकर गलील की झील क पास आया और पहाड़ पर चढ़कर वहा बठ गया 30 और भीड़ पर भीड़ लगड़ो अनधो गगो टड़ो और बहत औरो को लकर उसक पास आए और उनह उस क पावो पर डालदिदया और उस न उनह चगा फिकया 31 सो जब लोगो न दखा फिक गग बोलत और टणड चग होत और लगड़ चलत और अनध दखत ह तो अचमभा करक इसराएल क

परमशवर की बड़ाई की 32 यीश न अपन चलो को बलाकर कहा मझ इस भीड़ पर तरस आता ह कयोफिक व तीन दिदन स मर साथ ह और उन क पास कछ

खान को नही और म उनह भखा फिवदा करना नही चाहता कही ऐसा न हो फिक मागK म थककर रह जाए 33 चलो न उस स कहा हम जगल म कहा स इतनी रोटी यिमलगी फिक हम इतनी बड़ी भीड़ को तपत कर 34 यीश न उन स पछा तमहार पास फिकतनी रोदिटया ह उनहोन कहा सात और थोड़ी सी छोटी मशिछलया 35 तब उस न लोगो को भयिम पर बठन की आजञा दी

36 और उन सात रोदिटयो और मशिछलयो को ल धनयवाद करक तोड़ा और अपन चलो को दता गया और चल लोगो को 37 सो सब खाकर तपत हो गए और बच हए टकड़ो स भर हए सात टोकर उठाए 38 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़ चार हजार परष थ 39 तब वह भीड़ को फिवदा करक नाव पर चढ़ गया और मगदन दश क शिसवानो म आया

Chapter16

1 और रीशिसयो और सदफिकयो न पास आकर उस परखन क शिलय उस स कहा फिक हम आकाश का कोई शिचनह दिदखा 2 उस न उन को उततर दिदया फिक साझ को तम कहत हो फिक खला रहगा कयोफिक आकाश लाल ह 3 और भोर को कहत हो फिक आज आनधी आएगी कयोफिक आकाश लाल और धमला ह तम आकाश का लकषण दखकर भद बता

सकत हो पर समयो क शिचनहो का भद नही बता सकत 4 इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह पर यनस क शिचनह को छोड़ कोई और शिचनह उनह न दिदया जाएगा और वह उनह

छोड़कर चला गया 5 और चल पार जात समय रोटी लना भल गए थ 6 यीश न उन स कहा दखो रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 7 व आपस म फिवचार करन लग फिक हम तो रोटी नही लाए 8 यह जानकर यीश न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो तम आपस म कयो फिवचार करत हो फिक हमार पास रोटी नही 9 कया तम अब तक नही समझ और उन पाच हजार की पाच रोटी समरण नही करत और न यह फिक फिकतनी टोफिकरया उठाई थी 10 और न उन चार हजार की सात रोटी और न यह फिक फिकतन टोकर उठाए गए थ 11 तम कयो नही समझत फिक म न तम स रोदिटयो क फिवषय म नही कहा रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 12 तब उन को समझ म आया फिक उस न रोटी क खमीर स नही पर रीशिसयो और सदफिकयो की शिशकषा स चौकस रहन को कहाथा 13 यीश कसरिरया फिशिलपपी क दश म आकर अपन चलो स पछन लगा फिक लोग मनषय क पतर को कया कहत ह 14 उनहोन कहा फिकतन तो यहनना बपफितसमा दन वाला कहत ह और फिकतन एशिलययाह और फिकतन यियमKयाह या भफिवषयदवकताओ म स

कोई एक कहत ह 15 उस न उन स कहा परनत तम मझ कया कहत हो 16 शमौन पतरस न उततर दिदया फिक त जीवत परमशवर का पतर मसीह ह 17 यीश न उस को उततर दिदया फिक ह शमौन योना क पतर त धनय ह कयोफिक मास और लोह न नही परनत मर फिपता न जो सवगK मह यह बात तझ पर परगट की ह 18 और म भी तझ स कहता ह फिक त पतरस ह और म इस पतथर पर अपनी कलीशिसया बनाऊगा और अधोलोक क ाटक उस

पर परबल न होग 19 म तझ सवगK क राय की कजिजया दगा और जो कछ त पथवी पर बानधगा वह सवगK म बनधगा और जो कछ त पथवी परखोलगा वह सवगK म खलगा 20 तब उस न चलो को शिचताया फिक फिकसी स न कहना फिक म मसीह ह 21 उस समय स यीश अपन चलो को बतान लगा फिक मझ अवltय ह फिक यरशलम को जाऊ और परफिनयो और महायाजको और

शासतरिसतरयो क हाथ स बहत दख उठाऊ और मार डाला जाऊ और तीसर दिदन जी उठ 22 इस पर पतरस उस अलग ल जाकर जिझड़कन लगा फिक ह परभ परमशवर न कर तझ पर ऐसा कभी न होगा 23 उस न फिरकर पतरस स कहा ह शतान मर सामहन स दर हो त मर शिलय ठोकर का कारण ह कयोफिक त परमशवर की बातनही पर मनषयो की बातो पर मन लगाता ह 24 तब यीश न अपन चलो स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप का इनकार कर और अपना करस उठाए और मर

पीछ हो ल 25 कयोफिक जो कोई अपना पराण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई मर शिलय अपना पराण खोएगा वह उस पाएगा 26 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपन पराण की हाफिन उठाए तो उस कया लाभ होगा या मनषय अपन पराण क बदल

म कया दगा 27 मनषय का पतर अपन सवगKदतो क साथ अपन फिपता की मफिहमा म आएगा और उस समय वह हर एक को उसक कामो क

अनसार परफितल दगा 28 म तम स सच कहता ह फिक जो यहा खड़ ह उन म स फिकतन ऐस ह फिक जब तक मनषय क पतर को उसक राय म आत हए न

दख लग तब तक मतय का सवाद कभी न चखग

Chapter17

1 छ दिदन क बाद यीश न पतरस और याकब और उसक भाई यहनना को साथ शिलया और उनह एकानत म फिकसी ऊच पहाड़ पर लगया 2 और उनक सामहन उसका रपानतर हआ और उसका मह सयK की नाई चमका और उसका वसतर योफित की नाई उजला हो गया 3 और दखो मसा और एशिलययाह उसक साथ बात करत हए उनह दिदखाई दिदए 4 इस पर पतरस न यीश स कहा ह परभ हमारा यहा रहना अचछा ह इचछा हो तो यहा तीन मणडप बनाऊ एक तर शिलय एक

मसा क शिलय और एक एशिलययाह क शिलय 5 वह बोल ही रहा था फिक दखो एक उजल बादल न उनह छा शिलया और दखो उस बादल म स यह शबद फिनकला फिक यह मरा

फिपरय पतर ह जिजस स म परसनन ह इस की सनो 6 चल यह सनकर मह क बल फिगर गए और अतयनत डर गए 7 यीश न पास आकर उनह छआ और कहा उठो डरो मत 8 तब उनहोन अपनी आख उठाकर यीश को छोड़ और फिकसी को न दखा 9 जब व पहाड़ स उतर रह थ तब यीश न उनह यह आजञा दी फिक जब तक मनषय का पतर मर हओ म स न जी उठ तब तक जो कछ

तम न दखा ह फिकसी स न कहना 10 और उसक चलो न उस स पछा फिर शासतरी कयो कहत ह फिक एशिलययाह का पहल आना अवltय ह 11 उस न उततर दिदया फिक एशिलययाह तो आएगा और सब कछ सधारगा 12 परनत म तम स कहता ह फिक एशिलययाह आ चका और उनहोन उस नही पहचाना परनत जसा चाहा वसा ही उसक साथ फिकया

इसी रीफित स मनषय का पतर भी उन क हाथ स दख उठाएगा 13 तब चलो न समझा फिक उस न हम स यहनना बपफितसमा दन वाल क फिवषय म कहा ह 14 जब व भीड़ क पास पहच तो एक मनषय उसक पास आया और घटन टक कर कहन लगा 15 ह परभ मर पतर पर दया कर कयोफिक उस को यिमगM आती ह और वह बहत दख उठाता ह और बार बार आग म और बार बार

पानी म फिगर पड़ता ह 16 और म उस को तर चलो क पास लाया था पर व उस अचछा नही कर सक 17 यीश न उततर दिदया फिक ह अफिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा कब तक तमहारी सहगा उस यहा मर

पास लाओ 18 तब यीश न उस घड़का और दषटातमा उस म स फिनकला और लड़का उसी घड़ी अचछा हो गया 19 तब चलो न एकानत म यीश क पास आकर कहा हम इस कयो नही फिनकाल सक 20 उस न उन स कहा अपन फिवशवास की घटी क कारण कयोफिक म तम स सच कहता ह यदिद तमहारा फिवशवास राई क दान क

बराबर भी हो तो इस पहाड़ स कह स को ग फिक यहा स सरककर वहा चला जा तो वह चला जाएगा और कोई बात तमहार शिलय अनहोनी न होगी

21 जब व गलील म थ तो यीश न उन स कहा मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जाएगा 22 और व उस मार डालग और वह तीसर दिदन जी उठगा 23 इस पर व बहत उदास हए 24 जब व करनहम म पहच तो मजिनदर क शिलय कर लन वालो न पतरस क पास आकर पछा फिक कया तमहारा गर मजिनदर का कर

नही दता उस न कहा हा दता तो ह 25 जब वह घर म आया तो यीश न उसक पछन स पफिहल उस स कहा ह शमौन त कया समझता ह पथवी क राजा महसल या कर

फिकन स लत ह अपन पतरो स या परायो स पतरस न उन स कहा परायो स 26 यीश न उस स कहा तो पतर बच गए

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 6: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

12 और जिजस परकार हम न अपन अपरायिधयो को कषमा फिकया ह वस ही त भी हमार अपराधो को कषमा कर 13 और हम परीकषा म न ला परनत बराई स बचा rdquo कयोफिक राय और पराकरम और मफिहमा सदा तर ही ह आमीन 14 इसशिलय यदिद तम मनषय क अपराध कषमा करोग तो तमहारा सवगMय फिपता भी तमह कषमा करगा 15 और यदिद तम मनषयो क अपराध कषमा न करोग तो तमहारा फिपता भी तमहार अपराध कषमा न करगा 16 जब तम उपवास करो तो कपदिटयो की नाई तमहार मह पर उदासी न छाई रह कयोफिक व अपना मह बनाए रहत ह ताफिक लोग

उनह उपवासी जान म तम स सच कहता ह फिक व अपना परफितल पा चक 17 परनत जब त उपवास कर तो अपन शिसर पर तल मल और मह धो 18 ताफिक लोग नही परनत तरा फिपता जो गपत म ह तझ उपवासी जान इस दशा म तरा फिपता जो गपत म दखता ह तझ परफितलदगा 19 अपन शिलय पथवी पर धन इकटठा न करो जहा कीड़ा और काई फिबगाड़त ह और जहा चोर सध लगात और चरात ह 20 परनत अपन शिलय सवगK म धन इकटठा करो जहा न तो कीड़ा और न काई फिबगाड़त ह और जहा चोर न सध लगात और न चरात ह 21 कयोफिक जहा तरा धन ह वहा तरा मन भी लगा रहगा 22 शरीर का दिदया आख ह इसशिलय यदिद तरी आख फिनमKल हो तो तरा सारा शरीर भी उजिजयाला होगा 23 परनत यदिद तरी आख बरी हो तो तरा सारा शरीर भी असतरिनधयारा होगा इस कारण वह उजिजयाला जो तझ म ह यदिद अनधकार हो

तो वह अनधकार कसा बड़ा होगा 24 कोई मनषय दो सवायिमयो की सवा नही कर सकता कयोफिक वह एक स बर ओर दसर स परम रखगा वा एक स यिमला रहगा और

दसर को तचछ जानगा ldquo rdquoतम परमशवर और धन दोनो की सवा नही कर सकत 25 इसशिलय म तम स कहता ह फिक अपन पराण क शिलय यह शिचनता न करना फिक हम कया खाएग और कया पीएग और न अपन

शरीर क शिलय फिक कया पफिहनग कया पराण भोजन स और शरीर वसतर स बढ़कर नही 26 आकाश क पभिकषयो को दखो व न बोत ह न काटत ह और न खततो म बटोरत ह तौभी तमहारा सवगMय फिपता उन को खिखलाताह कया तम उन स अयिधक मलय नही रखत 27 तम म कौन ह जो शिचनता करक अपनी अवसथा म एक घड़ी भी बढ़ा सकता ह 28 और वसतर क शिलय कयो शिचनता करत हो जगली सोसनो पर धयान करो फिक व कस बढ़त ह व न तो परिरशरम करत ह न कातत ह 29 तौभी म तम स कहता ह फिक सलमान भी अपन सार फिवभव म उन म स फिकसी क समान वसतर पफिहन हए न था 30 इसशिलय जब परमशवर मदान की घास को जो आज ह और कल भाड़ म झोकी जाएगी ऐसा वसतर पफिहनाता ह तो हअलपफिवशवाशिसयो तम को वह कयोकर न पफिहनाएगा 31 इसशिलय तम शिचनता करक यह न कहना फिक हम कया खाएग या कया पीएग या कया पफिहनग 32 कयोफिक अनयजाफित इन सब वसतओ की खोज म रहत ह और तमहारा सवगMय फिपता जानता ह फिक तमह य सब वसतए चाफिहए 33 इसशिलय पफिहल तम उस राय और धमK की खोज करो तो य सब वसतए भी तमह यिमल जाएगी 34 सो कल क शिलय शिचनता न करो कयोफिक कल का दिदन अपनी शिचनता आप कर लगा आज क शिलय आज ही का दख बहत ह

Chapter7

1 दोष मत लगाओ फिक तम पर भी दोष न लगाया जाए 2 कयोफिक जिजस परकार तम दोष लगात हो उसी परकार तम पर भी दोष लगाया जाएगा और जिजस नाप स तम नापत हो उसी स

तमहार शिलय भी नापा जाएगा 3 त कयो अपन भाई की आख क फितनक को दखता ह और अपनी आख का लटठा तझ नही सझता 4 और जब तरी ही आख म लटठा ह तो त अपन भाई स कयोकर कह सकता ह फिक ला म तरी आख स फितनका फिनकाल द 5 ह कपटी पहल अपनी आख म स लटठा फिनकाल ल तब त अपन भाई की आख का फितनका भली भाफित दखकर फिनकाल सकगा 6 पफिवतर वसत कततो को न दो और अपन मोती सअरो क आग मत डालो ऐसा न हो फिक व उनह पावो तल रौद और पलट कर तम

को ाड़ डाल

7 मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार शिलय खोला जाएगा 8 कयोफिक जो कोई मागता ह उस यिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक शिलय खोला जाएगा 9 तम म स ऐसा कौन मनषय ह फिक यदिद उसका पतर उस स रोटी माग तो वह उस पतथर द 10 वा मछली माग तो उस साप द 11 सो जब तम बर होकर अपन बचचो को अचछी वसतए दना जानत हो तो तमहारा सवगMय फिपता अपन मागन वालो को अचछी

वसतए कयो न दगा 12 इस कारण जो कछ तम चाहत हो फिक मनषय तमहार साथ कर तम भी उन क साथ वसा ही करो कयोफिक वयवसथा और

भफिवषयदवकतओ की शिशकषा यही ह 13 सकत ाटक स परवश करो कयोफिक चौड़ा ह वह ाटक और चाकल ह वह मागK जो फिवनाश को पहचाता ह और बहतर ह जो

उस स परवश करत ह 14 कयोफिक सकत ह वह ाटक और सकरा ह वह मागK जो जीवन को पहचाता ह और थोड़ ह जो उस पात ह 15 झठ भफिवषयदवकताओ स सावधान रहो जो भड़ो क भष म तमहार पास आत ह परनत अनतर म ाड़न वाल भफिडए ह 16 उन क लो स तम उनह पहचान लोग कया झाफिडय़ो स अगर वा ऊटकटारो स अजीर तोड़त ह 17 इसी परकार हर एक अचछा पड़ अचछा ल लाता ह और फिनकममा पड़ बरा ल लाता ह 18 अचछा पड़ बरा ल नही ला सकता और न फिनकममा पड़ अचछा ल ला सकता ह 19 जो जो पड़ अचछा ल नही लाता वह काटा और आग म डाला जाता ह 20 सो उन क लो स तम उनह पहचान लोग 21 जो मझ स ह परभ ह परभ कहता ह उन म स हर एक सवगK क राय म परवश न करगा परनत वही जो मर सवगMय फिपता की

इचछा पर चलता ह 22 उस दिदन बहतर मझ स कहग ह परभ ह परभ कया हम न तर नाम स भफिवषयदवाणी नही की और तर नाम स दषटातमाओ को

नही फिनकाला और तर नाम स बहत अचमभ क काम नही फिकए 23 तब म उन स खलकर कह दगा फिक म न तम को कभी नही जाना ह ककमK करन वालो मर पास स चल जाओ 24 इसशिलय जो कोई मरी य बात सनकर उनह मानता ह वह उस बजिदधमान मनषय की नाई ठहरगा जिजस न अपना घर चटटान परबनाया 25 और मह बरसा और बाढ़ आई और आसतरिनधया चली और उस घर पर टककर लगी परनत वह नही फिगरा कयोफिक उस की नव

चटटान पर डाली गई थी 26 परनत जो कोई मरी य बात सनता ह और उन पर नही चलता वह उस फिनबKजिदध मनषय की नाई ठहरगा जिजस न अपना घर बाल परबनाया 27 और मह बरसा और बाढ़ आई और आसतरिनधया चली और उस घर पर टककर लगी और वह फिगरकर सतयानाश हो गया 28 जब यीश य बात कह चका तो ऐसा हआ फिक भीड़ उसक उपदश स चफिकत हई 29 कयोफिक वह उन क शासतरिसतरयो क समान नही परनत अयिधकारी की नाई उनह उपदश दता था

Chapter8

1 जब वह उस पहाड़ स उतरा तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 2 और दखो एक कोढ़ी न पास आकर उस परणाम फिकया और कहा फिक ह परभ यदिद त चाह तो मझ शदध कर सकता ह 3 यीश न हाथ बढ़ाकर उस छआ और कहा म चाहता ह त शदध हो जा और वह तरनत को ढ़ स शदध हो गया 4 यीश न उस स कहा दख फिकसी स न कहना परनत जाकर अपन आप को याजक को दिदखला और जो चढ़ावा मसा न ठहराया ह

उस चढ़ा ताफिक उन क शिलय गवाही हो 5 और जब वह करनहम म आया तो एक सबदार न उसक पास आकर उस स फिबनती की 6 फिक ह परभ मरा सवक घर म झोल का मारा बहत दखी पड़ा ह 7 उस न उस स कहा म आकर उस चगा करगा 8 सबदार न उततर दिदया फिक ह परभ म इस योगय नही फिक त मरी छत क तल आए पर कवल मख स कह द तो मरा सवक चगा हो

जाएगा 9 कयोफिक म भी पराधीन मनषय ह और शिसपाही मर हाथ म ह और जब एक स कहता ह जा तो वह जाता ह और दसर को फिकआ तो वह आता ह और अपन दास स कहता ह फिक यह कर तो वह करता ह 10 यह सनकर यीश न अचमभा फिकया और जो उसक पीछ आ रह थ उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक म न इसराएल म भी

ऐसा फिवशवास नही पाया 11 और म तम स कहता ह फिक बहतर पवK और पभिम स आकर इबराहीम और इसहाक और याकब क साथ सवगK क राय मबठ ग 12 परनत राय क सनतान बाहर असतरिनधयार म डाल दिदए जाएग वहा रोना और दातो का पीसना होगा 13 और यीश न सबदार स कहा जा जसा तरा फिवशवास ह वसा ही तर शिलय हो और उसका सवक उसी घड़ी चगा हो गया 14 और यीश न पतरस क घर म आकर उस की सास को वर म पड़ी दखा 15 उस न उसका हाथ छआ और उसका वर उतर गया और वह उठकर उस की सवा करन लगी 16 जब सधया हई तब व उसक पास बहत स लोगो को लाए जिजन म दषटातमाए थी और उस न उन आतमाओ को अपन वचन स

फिनकाल दिदया और सब बीमारो को चगा फिकया 17 ताफिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक उस न आप हमारी दबKलताओ को ल शिलया और

हमारी बीमारिरयो को उठा शिलया 18 यीश न अपनी चारो ओर एक बड़ी भीड़ दखकर उस पार जान की आजञा दी 19 और एक शासतरी न पास आकर उस स कहा ह गर जहा कही त जाएगा म तर पीछ पीछ हो लगा 20 यीश न उस स कहा लोमफिडय़ो क भट और आकाश क पभिकषयो क बसर होत ह परनत मनषय क पतर क शिलय शिसर धरन की भी

जगह नही ह 21 एक और चल न उस स कहा ह परभ मझ पफिहल जान द फिक अपन फिपता को गाड़ द 22 यीश न उस स कहा त मर पीछ हो ल और मरदो को अपन मरद गाड़न द 23 जब वह नाव पर चढ़ा तो उसक चल उसक पीछ हो शिलए 24 और दखो झील म एक ऐसा बड़ा तान उठा फिक नाव लहरो स ढपन लगी और वह सो रहा था 25 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह परभ हम बचा हम नाश हए जात ह 26 उस न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो कयो डरत हो तब उस न उठकर आनधी और पानी को डाटा और सब शानत हो गया 27 और लोग अचमभा करक कहन लग फिक यह कसा मनषय ह फिक आनधी और पानी भी उस की आजञा मानत ह 28 जब वह उस पार गदरफिनयो क दश म पहचा तो दो मनषय जिजन म दषटातमाए थी कबरो स फिनकलत हए उस यिमल जो इतन परचणड थ फिक कोई उस मागK स जा नही सकता था 29 और दखो उनहोन शिचललाकर कहा ह परमशवर क पतर हमारा तझ स कया काम कया त समय स पफिहल हम द ख दन यहा

आया ह 30 उन स कछ दर बहत स सअरो का एक झणड चर रहा था 31 दषटातमाओ न उस स यह कहकर फिबनती की फिक यदिद त हम फिनकालता ह तो सअरो क झणड म भज द 32 उस न उन स कहा जाओ व फिनकलकर सअरो म पठ गए और दखो सारा झणड कड़ाड़ पर स झपटकर पानी म जा पड़ा और

डब मरा 33 और चरवाह भाग और नगर म जाकर य सब बात और जिजन म दषटातमाए थी उन का सारा हाल कह सनाया 34 और दखो सार नगर क लोग यीश स भट करन को फिनकल आए और उस दखकर फिबनती की फिक हमार शिसवानो स बाहर फिनकल जा

Chapter9

1 फिर वह नाव पर चढ़कर पार गया और अपन नगर म आया 2 और दखो कई लोग एक झोल क मार हए को खाट पर रखकर उसक पास लाए यीश न उन का फिवशवास दखकर उस झोल क

मार हए स कहा ह पतर ढाढ़स बानध तर पाप कषमा हए

3 और दखो कई शासतरिसतरयो न सोचा फिक यह तो परमशवर की फिननदा करता ह 4 यीश न उन क मन की बात मालम करक कहा फिक तम लोग अपन अपन मन म बरा फिवचार कयो कर रह हो 5 सहज कया ह यह कहना फिक तर पाप कषमा हए या यह कहना फिक उठ और चल फिर 6 परनत इसशिलय फिक तम जान लो फिक मनषय क पतर को पथवी पर पाप कषमा करन का अयिधकार ह ( उस न झोल क मार हए स कहा ) उठ अपनी खाट उठा और अपन घर चला जा 7 वह उठकर अपन घर चला गया 8 लोग यह दखकर डर गए और परमशवर की मफिहमा करन लग जिजस न मनषयो को ऐसा अयिधकार दिदया ह 9 वहा स आग बढ़कर यीश न मतती नाम एक मनषय को महसल की चौकी पर बठ दखा और उस स कहा मर पीछ हो ल वह

उठकर उसक पीछ हो शिलया 10 और जब वह घर म भोजन करन क शिलय बठा तो बहतर महसल लन वाल और पापी आकर यीश और उसक चलो क साथ खानबठ 11 यह दखकर रीशिसयो न उसक चलो स कहा तमहारा गर महसल लन वालो और पाफिपयो क साथ कयो खाता ह 12 उस न यह सनकर उन स कहा वदय भल चगो को नही परनत बीमारो को अवltय ह 13 सो तम जाकर इस का अथK सीख लो फिक म बशिलदान नही परनत दया चाहता ह कयोफिक म धयिमय को नही परनत पाफिपयो को

बलान आया ह 14 तब यहनना क चलो न उसक पास आकर कहा कया कारण ह फिक हम और रीसी इतना उपवास करत ह पर तर चल उपवास

नही करत 15 यीश न उन स कहा कया बराती जब तक दलहा उन क साथ ह शोक कर सकत ह पर व दिदन आएग फिक दलहा उन स अलग

फिकया जाएगा उस समय व उपवास करग 16 को र कपड़ का पबनद परान पफिहरावन पर कोई नही लगाता कयोफिक वह पबनद पफिहरावन स और कछ खीच लता ह और वह

अयिधक ट जाता ह 17 और नया दाखरस परानी मशको म नही भरत ह कयोफिक ऐसा करन स मशक ट जाती ह और दाखरस बह जाता ह और

मशक नाश हो जाती ह परनत नया दाखरस नई मशको म भरत ह और वह दोनो बची रहती ह 18 वह उन स य बात कह ही रहा था फिक दखो एक सरदार न आकर उस परणाम फिकया और कहा मरी पतरी अभी मरी ह परनत

चलकर अपना हाथ उस पर रख तो वह जीफिवत हो जाएगी 19 यीश उठकर अपन चलो समत उसक पीछ हो शिलया 20 और दखो एक सतरी न जिजस क बारह वषK स लोह बहता था उसक पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छ शिलया 21 कयोफिक वह अपन मन म कहती थी फिक यदिद म उसक वसतर ही को छ लगी तो चगी हो जाऊगी 22 यीश न फिरकर उस दखा और कहा पतरी ढाढ़स बानध तर फिवशवास न तझ चगा फिकया ह सो वह सतरी उसी घड़ी चगी हो गई 23 जब यीश उस सरदार क घर म पहचा और बासली बजान वालो और भीड़ को हललड़ मचात दखा तब कहा 24 हट जाओ लड़की मरी नही पर सोती ह इस पर व उस की हसी करन लग 25 परनत जब भीड़ फिनकाल दी गई तो उस न भीतर जाकर लड़की का हाथ पकड़ा और वह जी उठी 26 और इस बात की चचाK उस सार दश म ल गई 27 जब यीश वहा स आग बढ़ा तो दो अनध उसक पीछ यह पकारत हए चल फिक ह दाऊद की सनतान हम पर दया कर 28 जब वह घर म पहचा तो व अनध उस क पास आए और यीश न उन स कहा कया तमह फिवशवास ह फिक म यह कर सकता ह

उनहोन उस स कहा हा परभ 29 तब उस न उन की आख छकर कहा तमहार फिवशवास क अनसार तमहार शिलय हो 30 और उन की आख खल गई और यीश न उनह शिचताकर कहा सावधान कोई इस बात को न जान 31 पर उनहोन फिनकलकर सार दश म उसका यश ला दिदया 32 जब व बाहर जा रह थ तो दखो लोग एक गग को जिजस म दषटातमा थी उस क पास लाए 33 और जब दषटातमा फिनकाल दी गई तो गगा बोलन लगा और भीड़ न अचमभा करक कहा फिक इसराएल म ऐसा कभी नही दखागया 34 परनत रीशिसयो न कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह 35 और यीश सब नगरो और गावो म फिरता रहा और उन की सभाओ म उपदश करता और राय का ससमाचार परचार करता

और हर परकार की बीमारी और दबKलता को दर करता रहा

36 जब उस न भीड़ को दखा तो उस को लोगो पर तरस आया कयोफिक व उन भड़ो की नाई जिजनका कोई रखवाला न हो वयाकल और भटक हए स थ

37 तब उस न अपन चलो स कहा पकक खत तो बहत ह पर मजदर थोड़ ह 38 इसशिलय खत क सवामी स फिबनती करो फिक वह अपन खत काटन क शिलय मजदर भज द

Chapter10

1 फिर उस न अपन बारह चलो को पास बलाकर उनह अशदध आतमाओ पर अयिधकार दिदया फिक उनह फिनकाल और सब परकार की बीमारिरयो और सब परकार की दबKलताओ को दर कर

2 और बारह पररिरतो क नाम य ह पफिहला शमौन जो पतरस कहलाता ह और उसका भाई अजिनwयास जबदी का पतर याकब और उसका भाई यहनना

3 फिशिलपपस और बर- तलम थोमा और महसल लनवाला मतती हल का पतर याकब और तदद 4 शमौन कनानी और यहदा इसकरिरयोती जिजस न उस पकड़वा भी दिदया 5 इन बारहो को यीश न यह आजञा दकर भजा फिक अनयजाफितयो की ओर न जाना और सामरिरयो क फिकसी नगर म परवश न करना 6 परनत इसराएल क घरान ही की खोई हई भड़ो क पास जाना 7 और चलत चलत परचार कर कहो फिक सवगK का राय फिनकट आ गया ह 8 बीमारो को चगा करो मर हओ को जिजलाओ कोदिढय़ो को शदध करो दषटातमाओ को फिनकालो तम न सतमत पाया ह सतमतदो 9 अपन पटको म न तो सोना और न रपा और न ताबा रखना 10 मागK क शिलय न झोली रखो न दो करत न जत और न लाठी लो कयोफिक मजदर को उसका भोजन यिमलना चाफिहए 11 जिजस फिकसी नगर या गाव म जाओ तो पता लगाओ फिक वहा कौन योगय ह और जब तक वहा स न फिनकलो उसी क यहा रहो 12 और घर म परवश करत हए उस को आशीष दना 13 यदिद उस घर क लोग योगय होग तो तमहारा कलयाण उन पर पहचगा परनत यदिद व योगय न हो तो तमहारा कलयाण तमहार पास लौट आएगा 14 और जो कोई तमह गरहण न कर और तमहारी बात न सन उस घर या उस नगर स फिनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो 15 म तम स सच कहता ह फिक नयाय क दिदन उस नगर की दशा स सदोम और अमोरा क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 16 दखो म तमह भड़ो की नाई भफिडय़ो क बीच म भजता ह सो सापो की नाई बजिदधमान और कबतरो की नाई भोल बनो 17 परनत लोगो स सावधान रहो कयोफिक व तमह महासभाओ म सौपग और अपनी पचायत म तमह कोड़ मारग 18 तम मर शिलय हाफिकमो ओर राजाओ क सामहन उन पर और अनयजाफितयो पर गवाह होन क शिलय पहचाए जाओग 19 जब व तमह पकड़वाएग तो यह शिचनता न करना फिक हम फिकस रीफित स या कया कहग कयोफिक जो कछ तम को कहना होगा

वह उसी घड़ी तमह बता दिदया जाएगा 20 कयोफिक बोलन वाल तम नही हो परनत तमहार फिपता का आतमा तम म बोलता ह 21 भाई भाई को और फिपता पतर को घात क शिलय सौपग और लड़क- बाल माता- फिपता क फिवरोध म उठकर उनह मरवा डालग 22 मर नाम क कारण सब लोग तम स बर करग पर जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 23 जब व तमह एक नगर म सताए तो दसर को भाग जाना म तम स सच कहता ह तम इसराएल क सब नगरो म न फिर चकोग

फिक मनषय का पतर आ जाएगा 24 चला अपन गर स बड़ा नही और न दास अपन सवामी स 25 चल का गर क और दास का सवामी क बाराबर होना ही बहत ह जब उनहोन घर क सवामी को शतान कहा तो उसक घर वालो

को कयो न कहग 26 सो उन स मत डरना कयोफिक कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ शिछपा ह जो जाना न जाएगा 27 जो म तम स असतरिनधयार म कहता ह उस उजिजयाल म कहो और जो कानो कान सनत हो उस को ठो पर स परचार करो 28 जो शरीर को घात करत ह पर आतमा को घात नही कर सकत उन स मत डरना पर उसी स डरो जो आतमा और शरीर दोनो

को नरक म नाश कर सकता ह

29 कया पस म दो गौरय नही फिबकती तौभी तमहार फिपता की इचछा क फिबना उन म स एक भी भयिम पर नही फिगर सकती 30 तमहार शिसर क बाल भी सब फिगन हए ह 31 इसशिलय डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 32 जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन मान लगा 33 पर जो कोई मनषयो क सामहन मरा इनकार करगा उस स म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन इनकार करगा 34 यह न समझो फिक म पथवी पर यिमलाप करान को आया ह म यिमलाप करान को नही पर तलवार चलवान आया ह 35 म तो आया ह फिक मनषय को उसक फिपता स और बटी को उस की मा स और बह को उस की सास स अलग कर द 36 मनषय क बरी उसक घर ही क लोग होग 37 जो माता या फिपता को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह वह मर योगय नही और जो बटा या बटी को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह

वह मर योगय नही 38 और जो अपना करस लकर मर पीछ न चल वह मर योगय नही 39 जो अपन पराण बचाता ह वह उस खोएगा और जो मर कारण अपना पराण खोता ह वह उस पाएगा 40 जो तमह गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह और जो मझ गरहण करता ह वह मर भजन वाल को गरहण करता ह 41 जो भफिवषयदवकता को भफिवषयदवकता जानकर गरहण कर वह भफिवषयदवकता का बदला पाएगा और जो धमM जानकर धमM को गरहणकर वह धमM का बदला पाएगा 42 जो कोई इन छोटो म स एक को चला जानकर कवल एक कटोरा ठडा पानी फिपलाए म तम स सच कहता ह वह फिकसी रीफित स

अपना परफितल न खोएगा

Chapter11

1 जब यीश अपन बारह चलो को आजञा द चका तो वह उन क नगरो म उपदश और परचार करन को वहा स चला गया 2 यहनना न बनदीगह म मसीह क कामो का समाचार सनकर अपन चलो को उस स यह पछन भजा 3 फिक कया आनवाला त ही ह या हम दसर की बाट जोह 4 यीश न उततर दिदया फिक जो कछ तम सनत हो और दखत हो वह सब जाकर यहनना स कह दो 5 फिक अनध दखत ह और लगड़ चलत फिरत ह कोढ़ी शदध फिकए जात ह और बफिहर सनत ह मद जिजलाए जात ह और कगालो को

ससमाचार सनाया जाता ह 6 और धनय ह वह जो मर कारण ठोकर न खाए 7 जब व वहा स चल दिदए तो यीश यहनना क फिवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया हवा स फिहलत हए

सरकणड को 8 फिर तम कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पफिहन हए मनषय को दखो जो कोमल वसतर पफिहनत ह व राजभवनो म रहत ह 9 तो फिर कयो गए थ कया फिकसी भफिवषयदवकता को दखन को हा म तम स कहता ह वरन भफिवषयदवकता स भी बड़ को 10 यह वही ह जिजस क फिवषय म शिलखा ह फिक दख म अपन दत को तर आग भजता ह जो तर आग तरा मागK तयार करगा 11 म तम स सच कहता ह फिक जो सतरिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना बपफितसमा दन वाल स कोई बड़ा नही हआ पर जो सवगK क

राय म छोट स छोटा ह वह उस स बड़ा ह 12 यहनना बपफितसमा दन वाल क दिदनो स अब तक सवगK क राय पर जोर होता रहा ह और बलवान उस छीन लत ह 13 यहनना तक सार भफिवषयदवकता और वयवसथा भफिवषयदववाणी करत रह 14 और चाहो तो मानो एशिलययाह जो आनवाला था वह यही ह 15 जिजस क सनन क कान हो वह सन ल 16 म इस समय क लोगो की उपमा फिकस स द व उन बालको क समान ह जो बाजारो म बठ हए एक दसर स पकारकर कहतह 17 फिक हम न तमहार शिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न फिवलाप फिकया और तम न छाती नही पीटी 18 कयोफिक यहनना न खाता आया और न पीता और व कहत ह फिक उस म दषटातमा ह 19 मनषय का पतर खाता- पीता आया और व कहत ह फिक दखो पट और फिपयककड़ मनषय महसल लन वालो और पाफिपयो का

यिमतर पर जञान अपन कामो म सचचा ठहराया गया ह 20 तब वह उन नगरो को उलाहना दन लगा जिजन म उस न बहतर सामथK क काम फिकए थ कयोफिक उनहोन अपना मन नही फिरायाथा 21 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथK क काम तम म फिकए गए यदिद व सर और सदा म फिकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन फिरा लत 22 परनत म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तमहारी दशा स सर और सदा की दशा अयिधक सहन योगय होगी 23 और ह करनहम कया त सवगK तक ऊचा फिकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा जो सामथK क काम तझ म फिकए

गए ह यदिद सदोम म फिकए जात तो वह आज तक बना रहता 24 पर म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तरी दशा स सदोम क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 25 उसी समय यीश न कहा ह फिपता सवगK और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह फिक त न इन बातो को जञाफिनयो और

समझदारो स शिछपा रखा और बालको पर परगट फिकया ह 26 हा ह फिपता कयोफिक तझ यही अचछा लगा 27 मर फिपता न मझ सब कछ सौपा ह और कोई पतर को नही जानता कवल फिपता और कोई फिपता को नही जानता कवल पतर

और वह जिजस पर पतर उस परगट करना चाह 28 ह सब परिरशरम करन वालो और बोझ स दब लोगो मर पास आओ म तमह फिवशराम दगा 29 मरा जआ अपन ऊपर उठा लो और मझ स सीखो कयोफिक म नमर और मन म दीन ह और तम अपन मन म फिवशराम पाओग 30 कयोफिक मरा जआ सहज और मरा बोझ हलका ह

Chapter12

1 उस समय यीश सबत क दिदन खतो म स होकर जा रहा था और उसक चलो को भख लगी सो व बाल तोड़ तोड़ कर खान लग 2 रीशिसयो न यह दखकर उस स कहा दख तर चल वह काम कर रह ह जो सबत क दिदन करना उशिचत नही 3 उस न उन स कहा कया तम न नही पढ़ा फिक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख हए तो कया फिकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया खाई जिजनह खाना न तो उस और उसक साशिथयो को पर कवल याजको

को उशिचत था 5 या तम न वयवसथा म नही पढ़ा फिक याजक सबत क दिदन मजिनदर म सबत क दिदन क फिवयिध को तोड़न पर भी फिनदष ठहरत ह 6 पर म तम स कहता ह फिक यहा वह ह जो मजिनदर स भी बड़ा ह 7 यदिद तम इस का अथK जानत फिक म दया स परसनन ह बशिलदान स नही तो तम फिनदष को दोषी न ठहरात 8 मनषय का पतर तो सबत क दिदन का भी परभ ह 9 वहा स चलकर वह उन की सभा क घर म आया 10 और दखो एक मनषय था जिजस का हाथ सखा हआ था और उनहोन उस पर दोष लगान क शिलय उस स पछा फिक कया सबत

क दिदन चगा करना उशिचत ह 11 उस न उन स कहा तम म ऐसा कौन ह जिजस की एक ही भड़ हो और वह सबत क दिदन गड़ह म फिगर जाए तो वह उस

पकड़कर न फिनकाल 12 भला मनषय का मलय भड़ स फिकतना बढ़ कर ह इसशिलय सबत क दिदन भलाई करना उशिचत ह तब उस न उस मनषय स कहा

अपना हाथ बढ़ा 13 उस न बढ़ाया और वह फिर दसर हाथ की नाई अचछा हो गया 14 तब रीशिसयो न बाहर जाकर उसक फिवरोध म सममफित की फिक उस फिकस परकार नाश कर 15 यह जानकर यीश वहा स चला गया और बहत लोग उसक पीछ हो शिलय और उस न सब को चगा फिकया 16 और उनह शिचताया फिक मझ परगट न करना 17 फिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 18 फिक दखो यह मरा सवक ह जिजस म न चना ह मरा फिपरय जिजस स मरा मन परसनन ह म अपना आतमा उस पर डालगा और

वह अनयजाफितयो को नयाय का समाचार दगा

19 वह न झगड़ा करगा और न धम मचाएगा और न बाजारो म कोई उसका शबद सनगा 20 वह कचल हए सरकणड को न तोड़गा और धआ दती हई बतती को न बझाएगा जब तक नयाय को परबल न कराए 21 और अनयजाफितया उसक नाम पर आशा रखगी 22 तब लोग एक अनध- गग को जिजस म दषटातमा थी उसक पास लाए और उस न उस अचछा फिकया और वह गगा बोलन और

दखन लगा 23 इस पर सब लोग चफिकत होकर कहन लग यह कया दाऊद की सनतान का ह 24 परनत रीशिसयो न यह सनकर कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार शतान की सहायता क फिबना दषटातमाओ को नही फिनकालता 25 उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस फिकसी राय म ट होती ह वह उजड़ जाता ह और कोई नगर या

घराना जिजस म ट होती ह बना न रहगा 26 और यदिद शतान ही शतान को फिनकाल तो वह अपना ही फिवरोधी हो गया ह फिर उसका राय कयोकर बना रहगा 27 भला यदिद म शतान की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो तमहार वश फिकस की सहायता स फिनकालत ह इसशिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग 28 पर यदिद म परमशवर क आतमा की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो परमशवर का राय तमहार पास आ पहचा ह 29 या कयोकर कोई मनषय फिकसी बलवनत क घर म घसकर उसका माल लट सकता ह जब तक फिक पफिहल उस बलवनत को न बानध

ल और तब वह उसका घर लट लगा 30 जो मर साथ नही वह मर फिवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह फिबथराता ह 31 इसशिलय म तम स कहता ह फिक मनषय का सब परकार का पाप और फिननदा कषमा की जाएगी पर आतमा की फिननदा कषमा न कीजाएगी 32 जो कोई मनषय क पतर क फिवरोध म कोई बात कहगा उसका यह अपराध कषमा फिकया जाएगा परनत जो कोई पफिवतर- आतमा क

फिवरोध म कछ कहगा उसका अपराध न तो इस लोक म और न पर लोक म कषमा फिकया जाएगा 33 यदिद पड़ को अचछा कहो तो उसक ल को भी अचछा कहो या पड़ को फिनकममा कहो तो उसक ल को भी फिनककमा कहो

कयोफिक पड़ ल ही स पहचाना जाता ह 34 ह साप क बचचो तम बर होकर कयोकर अचछी बात कह सकत हो कयोफिक जो मन म भरा ह वही मह पर आता ह 35 भला मनषय मन क भल भणडार स भली बात फिनकालता ह और बरा मनषय बर भणडार स बरी बात फिनकालता ह 36 और म तम स कहता ह फिक जो जो फिनकममी बात मनषय कहग नयाय क दिदन हर एक बात का लखा दग 37 कयोफिक त अपनी बातो क कारण फिनदष और अपनी बातो ही क कारण दोषी ठहराया जाएगा 38 इस पर फिकतन शासतरिसतरयोऔर रीशिसयो न उस स कहा ह गर हम तझ स एक शिचनह दखना चाहत ह 39 उस न उनह उततर दिदया फिक इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह परनत यनस भफिवषयदवकता क शिचनह को छोड़ कोई

और शिचनह उन को न दिदया जाएगा 40 यनस तीन रात दिदन जल- जनत क पट म रहा वस ही मनषय का पतर तीन रात दिदन पथवी क भीतर रहगा 41 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएग कयोफिक उनहोन यनस का परचार सनकर मन

फिराया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 42 दजज़िकखन की रानी नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोफिक वह सलमान का जञान सनन क

शिलय पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 43 जब अशदध आतमा मनषय म स फिनकल जाती ह तो सखी जगहो म फिवशराम ढढ़ती फिरती ह और पाती नही 44 तब कहती ह फिक म अपन उसी घर म जहा स फिनकली थी लौट जाऊगी और आकर उस सना झाड़ा- बहारा और सजा

सजाया पाती ह 45 तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वहा वास करती ह और उस

मनषय की फिपछली दशा पफिहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोगो की दशा भी ऐसी ही होगी 46 जब वह भीड़ स बात कर ही रहा था तो दखो उस की माता और भाई बाहर खड़ थ और उस स बात करना चाहत थ 47 फिकसी न उस स कहा दख तरी माता और तर भाई बाहर खड़ ह और तझ स बात करना चाहत ह 48 यह सन उस न कहन वाल को उततर दिदया कौन ह मरी माता 49 और कौन ह मर भाई और अपन चलो की ओर अपना हाथ बढ़ा कर कहा दखो मरी माता और मर भाई य ह 50 कयोफिक जो कोई मर सवगMय फिपता की इचछा पर चल वही मरा भाई और बफिहन और माता ह

Chapter13

1 उसी दिदन यीश घर स फिनकलकर झील क फिकनार जा बठा 2 और उसक पास ऐसी बड़ी भीड़ इकटठी हई फिक वह नाव पर चढ़ गया और सारी भीड़ फिकनार पर खड़ी रही 3 और उस न उन स दषटानतो म बहत सी बात कही फिक दखो एक बोन वाला बीज बोन फिनकला 4 बोत समय कछ बीज मागK क फिकनार फिगर और पभिकषयो न आकर उनह चग शिलया 5 कछ पतथरीली भयिम पर फिगर जहा उनह बहत यिमटटी न यिमली और गहरी यिमटटी न यिमलन क कारण व जलद उग आए 6 पर सरज फिनकलन पर व जल गए और जड़ न पकड़न स सख गए 7 कछ झाफिड़यो म फिगर और झाफिड़यो न बढ़कर उनह दबा डाला 8 पर कछ अचछी भयिम पर फिगर और ल लाए कोई सौ गना कोई साठ गना कोई तीस गना 9 जिजस क कान हो वह सन ल 10 और चलो न पास आकर उस स कहा त उन स दषटानतो म कयो बात करता ह 11 उस न उततर दिदया फिक तम को सवगK क राय क भदो की समझ दी गई ह पर उन को नही 12 कयोफिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा पर जिजस क पास कछ नही ह उस स जो कछ

उसक पास ह वह भी ल शिलया जाएगा 13 म उन स दषटानतो म इसशिलय बात करता ह फिक व दखत हए नही दखत और सनत हए नही सनत और नही समझत 14 और उन क फिवषय म यशायाह की यह भफिवषयदववाणी परी होती ह फिक तम कानो स तो सनोग पर समझोग नही और आखो स

तो दखोग पर तमह न सझगा 15 कयोफिक इन लोगो का मन मोटा हो गया ह और व कानो स ऊचा सनत ह और उनहोन अपनी आख मद ली ह कही ऐसा न हो

फिक व आखो स दख और कानो स सन और मन स समझ और फिर जाए और म उनह चगा कर 16 पर धनय ह तमहारी आख फिक व दखती ह और तमहार कान फिक व सनत ह 17 कयोफिक म तम स सच कहता ह फिक बहत स भफिवषयदवकताओ न और धयिमय न चाहा फिक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी

और जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 18 सो तम बोन वाल का दषटानत सनो 19 जो कोई राय का वचन सनकर नही समझता उसक मन म जो कछ बोया गया था उस वह दषट आकर छीन ल जाता ह यह

वही ह जो मागK क फिकनार बोया गया था 20 और जो पतथरीली भयिम पर बोया गया यह वह ह जो वचन सनकर तरनत आननद क साथ मान लता ह 21 पर अपन म जड़ न रखन क कारण वह थोड़ ही दिदन का ह और जब वचन क कारण कलश या उपwव होता ह तो तरनत ठोकर

खाता ह 22 जो झाफिड़यो म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनता ह पर इस ससार की शिचनता और धन का धोखा वचन को दबाता ह

और वह ल नही लाता 23 जो अचछी भयिम म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनकर समझता ह और ल लाता ह कोई सौ गना कोई साठ गना

कोई तीस गना 24 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय उस मनषय क समान ह जिजस न अपन खत म अचछा बीज बोया 25 पर जब लोग सो रह थ तो उसका बरी आकर गह क बीच जगली बीज बोकर चला गया 26 जब अकर फिनकल और बाल लगी तो जगली दान भी दिदखाई दिदए 27 इस पर गहसथ क दासो न आकर उस स कहा ह सवामी कया त न अपन खत म अचछा बीज न बोया था फिर जगली दान क

पौध उस म कहा स आए 28 उस न उन स कहा यह फिकसी बरी का काम ह दासो न उस स कहा कया तरी इचछा ह फिक हम जाकर उन को बटोर ल 29 उस न कहा ऐसा नही न हो फिक जगली दान क पौध बटोरत हए उन क साथ गह भी उखाड़ लो 30 कटनी तक दोनो को एक साथ बढ़न दो और कटनी क समय म काटन वालो स कहगा पफिहल जगली दान क पौध बटोरकर

जलान क शिलय उन क गटठ बानध लो और गह को मर खतत म इकटठा करो 31 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय राई क एक दान क समान ह जिजस फिकसी मनषय न लकर अपन खत म

बो दिदया 32 वह सब बीजो स छोटा तो ह पर जब बढ़ जाता ह तब सब साग पात स बड़ा होता ह और ऐसा पड़ हो जाता ह फिक आकाश क

पकषी आकर उस की डाशिलयो पर बसरा करत ह 33 उस न एक और दषटानत उनह सनाया फिक सवगK का राय खमीर क समान ह जिजस को फिकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म

यिमला दिदया और होत होत वह सब खमीर हो गया 34 य सब बात यीश न दषटानतो म लोगो स कही और फिबना दषटानत वह उन स कछ न कहता था 35 फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक म दषटानत कहन को अपना मह खोलगा म उन बातो को जो

जगत की उतपभितत स गपत रही ह परगट करगा 36 तब वह भीड़ को छोड़ कर घर म आया और उसक चलो न उसक पास आकर कहा खत क जगली दान का दषटानत हम समझा द 37 उस न उन को उततर दिदया फिक अचछ बीज का बोन वाला मनषय का पतर ह 38 खत ससार ह अचछा बीज राय क सनतान और जगली बीज दषट क सनतान ह 39 जिजस बरी न उन को बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटन वाल सवगKदत ह 40 सो जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का पतर अपन सवगKदतो को भजगा और व उसक राय म स सब ठोकर क कारणो को और ककमK करन वालो को इकटठाकरग 42 और उनह आग क कड म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धमM अपन फिपता क राय म सयK की नाई चमक ग जिजस क कान हो वह सन ल 44 सवगK का राय खत म शिछप हए धन क समान ह जिजस फिकसी मनषय न पाकर शिछपा दिदया और मार आननद क जाकर और

अपना सब कछ बचकर उस खत को मोल शिलया 45 फिर सवगK का राय एक वयापारी क समान ह जो अचछ मोफितयो की खोज म था 46 जब उस एक बहमलय मोती यिमला तो उस न जाकर अपना सब कछ बच डाला और उस मोल ल शिलया 47 फिर सवगK का राय उस बड़ जाल क समान ह जो समw म डाला गया और हर परकार की मशिछलयो को समट लाया 48 और जब भर गया तो उस को फिकनार पर खीच लाए और बठकर अचछी अचछी तो बरतनो म इकटठा फिकया और फिनकममी

फिनकममी क दी 49 जगत क अनत म ऐसा ही होगा सवगKदत आकर दषटो को धयिमय स अलग करग और उनह आग क कड म डालग 50 वहा रोना और दात पीसना होगा 51 कया तम न य सब बात समझी 52 उनहोन उस स कहा हा उस न उन स कहा इसशिलय हर एक शासतरी जो सवगK क राय का चला बना ह उस गहसथ क समान ह

जो अपन भणडार स नई और परानी वसतए फिनकालता ह 53 जब यीश य सब दषटानत कह चका तो वहा स चला गया 54 और अपन दश म आकर उन की सभा म उनह ऐसा उपदश दन लगा फिक व चफिकत होकर कहन लग फिक इस को यह जञान और

सामथK क काम कहा स यिमल 55 कया यह बढ़ई का बटा नही और कया इस की माता का नाम मरिरयम और इस क भाइयो क नाम याकब और यस और शमौन

और यहदा नही 56 और कया इस की सब बफिहन हमार बीच म नही रहती फिर इस को यह सब कहा स यिमला 57 सो उनहोन उसक कारण ठोकर खाई पर यीश न उन स कहा भफिवषयदवकता अपन दश और अपन घर को छोड़ और कही फिनरादर

नही होता 58 और उस न वहा उन क अफिवशवास क कारण बहत सामथK क काम नही फिकए

Chapter14

1 उस समय चौथाई दश क राजा हरोदस न यीश की चचाK सनी 2 और अपन सवको स कहा यह यहनना बपफितसमा दनवाला ह वह मर हओ म स जी उठा ह इसी शिलय उस स सामथK क काम परगट

होत ह 3 कयोफिक हरोदस न अपन भाई फिलपपस की पतनी हरोदिदयास क कारण यहनना को पकड़कर बानधा और जलखान म डाल दिदयाथा 4 कयोफिक यहनना न उस स कहा था फिक इस को रखना तझ उशिचत नही ह 5 और वह उस मार डालना चाहता था पर लोगो स डरता था कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ 6 पर जब हरोदस का जनम दिदन आया तो हरोदिदयास की बटी न उतसव म नाच दिदखाकर हरोदस को खश फिकया 7 इसशिलय उस न शपथ खाकर वचन दिदया फिक जो कछ त मागगी म तझ दगा 8 वह अपनी माता की उकसाई हई बोली यहनना बपफितसमा दन वाल का शिसर थाल म यही मझ मगवा द 9 राजा दखिखत हआ पर अपनी शपथ क और साथ बठन वालो क कारण आजञा दी फिक द दिदया जाए 10 और जलखान म लोगो को भजकर यहनना का शिसर कटवा दिदया 11 और उसका शिसर थाल म लाया गया और लड़की को दिदया गया और वह उस को अपनी मा क पास ल गई 12 और उसक चलो न आकर और उस की लोथ को ल जाकर गाढ़ दिदया और जाकर यीश को समाचार दिदया 13 जब यीश न यह सना तो नाव पर चढ़कर वहा स फिकसी सनसान जगह एकानत म चला गया और लोग यह सनकर नगर नगर स

पदल उसक पीछ हो शिलए 14 उस न फिनकलकर बड़ी भीड़ दखी और उन पर तरस खाया और उस न उन क बीमारो को चगा फिकया 15 जब साझ हई तो उसक चलो न उसक पास आकर कहा यह तो सनसान जगह ह और दर हो रही ह लोगो को फिवदा फिकया

जाए फिक व बसतिसतयो म जाकर अपन शिलय भोजन मोल ल 16 यीश न उन स कहा उन का जाना आवltयक नही तम ही इनह खान को दो 17 उनहोन उस स कहा यहा हमार पास पाच रोटी और दो मशिछलयो को छोड़ और कछ नही ह 18 उस न कहा उन को यहा मर पास ल आओ 19 तब उस न लोगो को घास पर बठन को कहा और उन पाच रोदिटयो और दो मशिछलयो को शिलया और सवगK की ओर दखकर

धनयवाद फिकया और रोदिटया तोड़ तोड़कर चलो को दी और चलो न लोगो को 20 और सब खाकर तपत हो गए और उनहोन बच हए टकड़ो स भरी हई बारह टोफिकरया उठाई 21 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़कर पाच हजार परषो क अटकल थ 22 और उस न तरनत अपन चलो को बरबस नाव पर चढ़ाया फिक व उस स पफिहल पार चल जाए जब तक फिक वह लोगो को फिवदाकर 23 वह लोगो को फिवदा करक पराथKना करन को अलग पहाड़ पर चढ़ गया और साझ को वहा अकला था 24 उस समय नाव झील क बीच लहरो स डगमगा रही थी कयोफिक हवा सामहन की थी 25 और वह रात क चौथ पहर झील पर चलत हए उन क पास आया 26 चल उस को झील पर चलत हए दखकर घबरा गए और कहन लग वह भत ह और डर क मार शिचलला उठ 27 यीश न तरनत उन स बात की और कहा ढाढ़स बानधो म ह डरो मत 28 पतरस न उस को उततर दिदया ह परभ यदिद त ही ह तो मझ अपन पास पानी पर चलकर आन की आजञा द 29 उस न कहा आ तब पतरस नाव पर स उतरकर यीश क पास जान को पानी पर चलन लगा 30 पर हवा को दखकर डर गया और जब डबन लगा तो शिचललाकर कहा ह परभ मझ बचा 31 यीश न तरनत हाथ बढ़ाकर उस थाम शिलया और उस स कहा ह अलप-फिवशवासी त न कयो सनदह फिकया 32 जब व नाव पर चढ़ गए तो हवा थम गई 33 इस पर जो नाव पर थ उनहोन उस दणडवत करक कहा सचमच त परमशवर का पतर ह 34 व पार उतरकर गननसरत दश म पहच 35 और वहा क लोगो न उस पहचानकर आस पास क सार दश म कहला भजा और सब बीमारो को उसक पास लाए 36 और उस स फिबनती करन लग फिक वह उनह अपन वसतर क आचल ही को छन द और जिजतनो न उस छआ व चग हो गए

Chapter15

1 तब यरशलम स फिकतन रीसी और शासतरी यीश क पास आकर कहन लग 2 तर चल परफिनयो की रीतो को कयो टालत ह फिक फिबना हाथ धोए रोटी खात ह 3 उस न उन को उततर दिदया फिक तम भी अपनी रीतो क कारण कयो परमशवर की आजञा टालत हो 4 कयोफिक परमशवर न कहा था फिक अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और जो कोई फिपता या माता को बरा कह वह

मार डाला जाए 5 पर तम कहत हो फिक यदिद कोई अपन फिपता या माता स कह फिक जो कछ तझ मझ स लाभ पहच सकता था वह परमशवर को भट

चढ़ाई जा चकी 6 तो वह अपन फिपता का आदर न कर सो तम न अपनी रीतो क कारण परमशवर का वचन टाल दिदया 7 ह कपदिटयो यशायाह न तमहार फिवषय म यह भफिवषयदवाणी ठीक की 8 फिक य लोग होठो स तो मरा आदर करत ह पर उन का मन मझ स दर रहता ह 9 और य वयथK मरी उपासना करत ह कयोफिक मनषयो की फिवयिधयो को धमपदश करक शिसखात ह 10 और उस न लोगो को अपन पास बलाकर उन स कहा सनो और समझो 11 जो मह म जाता ह वह मनषय को अशदध नही करता पर जो मह स फिनकलता ह वही मनषय को अशदध करता ह 12 तब चलो न आकर उस स कहा कया त जानता ह फिक रीशिसयो न यह वचन सनकर ठोकर खाई 13 उस न उततर दिदया हर पौधा जो मर सवगMय फिपता न नही लगाया उखाड़ा जाएगा 14 उन को जान दो व अनध मागK दिदखान वाल ह और अनधा यदिद अनध को मागK दिदखाए तो दोनो गड़ह म फिगर पड़ग 15 यह सनकर पतरस न उस स कहा यह दषटानत हम समझा द 16 उस न कहा कया तम भी अब तक ना समझ हो 17 कया नही समझत फिक जो कछ मह म जाता वह पट म पड़ता ह और सणडास म फिनकल जाता ह 18 पर जो कछ मह स फिनकलता ह वह मन स फिनकलता ह और वही मनषय को अशदध करता ह 19 कयोफिक कशिचनता हतया पर सतरीगमन वयभिभचार चोरी झठी गवाही और फिननदा मन ही स फिनकलती ह 20 यही ह जो मनषय को अशदध करती ह परनत हाथ फिबना धोए भोजन करना मनषय को अशदध नही करता 21 यीश वहा स फिनकलकर सर और सदा क दशो की ओर चला गया 22 और दखो उस दश स एक कनानी सतरी फिनकली और शिचललाकर कहन लगी ह परभ दाऊद क सनतान मझ पर दया कर मरी

बटी को दषटातमा बहत सता रहा ह 23 पर उस न उस कछ उततर न दिदया और उसक चलो न आकर उस स फिबनती कर कहा इस फिवदा कर कयोफिक वह हमार पीछ

शिचललाती आती ह 24 उस न उततर दिदया फिक इसराएल क घरान की खोई हई भड़ो को छोड़ म फिकसी क पास नही भजा गया 25 पर वह आई और उस परणाम करक कहन लगी ह परभ मरी सहायता कर 26 उस न उततर दिदया फिक लड़को की रोटी लकर कततो क आग डालना अचछा नही 27 उस न कहा सतय ह परभ पर कतत भी वह चरचार खात ह जो उन क सवायिमयो की मज स फिगरत ह 28 इस पर यीश न उस को उततर दकर कहा फिक ह सतरी तरा फिवशवास बड़ा ह जसा त चाहती ह तर शिलय वसा ही हो और उस की

बटी उसी घड़ी स चगी हो गई 29 यीश वहा स चलकर गलील की झील क पास आया और पहाड़ पर चढ़कर वहा बठ गया 30 और भीड़ पर भीड़ लगड़ो अनधो गगो टड़ो और बहत औरो को लकर उसक पास आए और उनह उस क पावो पर डालदिदया और उस न उनह चगा फिकया 31 सो जब लोगो न दखा फिक गग बोलत और टणड चग होत और लगड़ चलत और अनध दखत ह तो अचमभा करक इसराएल क

परमशवर की बड़ाई की 32 यीश न अपन चलो को बलाकर कहा मझ इस भीड़ पर तरस आता ह कयोफिक व तीन दिदन स मर साथ ह और उन क पास कछ

खान को नही और म उनह भखा फिवदा करना नही चाहता कही ऐसा न हो फिक मागK म थककर रह जाए 33 चलो न उस स कहा हम जगल म कहा स इतनी रोटी यिमलगी फिक हम इतनी बड़ी भीड़ को तपत कर 34 यीश न उन स पछा तमहार पास फिकतनी रोदिटया ह उनहोन कहा सात और थोड़ी सी छोटी मशिछलया 35 तब उस न लोगो को भयिम पर बठन की आजञा दी

36 और उन सात रोदिटयो और मशिछलयो को ल धनयवाद करक तोड़ा और अपन चलो को दता गया और चल लोगो को 37 सो सब खाकर तपत हो गए और बच हए टकड़ो स भर हए सात टोकर उठाए 38 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़ चार हजार परष थ 39 तब वह भीड़ को फिवदा करक नाव पर चढ़ गया और मगदन दश क शिसवानो म आया

Chapter16

1 और रीशिसयो और सदफिकयो न पास आकर उस परखन क शिलय उस स कहा फिक हम आकाश का कोई शिचनह दिदखा 2 उस न उन को उततर दिदया फिक साझ को तम कहत हो फिक खला रहगा कयोफिक आकाश लाल ह 3 और भोर को कहत हो फिक आज आनधी आएगी कयोफिक आकाश लाल और धमला ह तम आकाश का लकषण दखकर भद बता

सकत हो पर समयो क शिचनहो का भद नही बता सकत 4 इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह पर यनस क शिचनह को छोड़ कोई और शिचनह उनह न दिदया जाएगा और वह उनह

छोड़कर चला गया 5 और चल पार जात समय रोटी लना भल गए थ 6 यीश न उन स कहा दखो रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 7 व आपस म फिवचार करन लग फिक हम तो रोटी नही लाए 8 यह जानकर यीश न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो तम आपस म कयो फिवचार करत हो फिक हमार पास रोटी नही 9 कया तम अब तक नही समझ और उन पाच हजार की पाच रोटी समरण नही करत और न यह फिक फिकतनी टोफिकरया उठाई थी 10 और न उन चार हजार की सात रोटी और न यह फिक फिकतन टोकर उठाए गए थ 11 तम कयो नही समझत फिक म न तम स रोदिटयो क फिवषय म नही कहा रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 12 तब उन को समझ म आया फिक उस न रोटी क खमीर स नही पर रीशिसयो और सदफिकयो की शिशकषा स चौकस रहन को कहाथा 13 यीश कसरिरया फिशिलपपी क दश म आकर अपन चलो स पछन लगा फिक लोग मनषय क पतर को कया कहत ह 14 उनहोन कहा फिकतन तो यहनना बपफितसमा दन वाला कहत ह और फिकतन एशिलययाह और फिकतन यियमKयाह या भफिवषयदवकताओ म स

कोई एक कहत ह 15 उस न उन स कहा परनत तम मझ कया कहत हो 16 शमौन पतरस न उततर दिदया फिक त जीवत परमशवर का पतर मसीह ह 17 यीश न उस को उततर दिदया फिक ह शमौन योना क पतर त धनय ह कयोफिक मास और लोह न नही परनत मर फिपता न जो सवगK मह यह बात तझ पर परगट की ह 18 और म भी तझ स कहता ह फिक त पतरस ह और म इस पतथर पर अपनी कलीशिसया बनाऊगा और अधोलोक क ाटक उस

पर परबल न होग 19 म तझ सवगK क राय की कजिजया दगा और जो कछ त पथवी पर बानधगा वह सवगK म बनधगा और जो कछ त पथवी परखोलगा वह सवगK म खलगा 20 तब उस न चलो को शिचताया फिक फिकसी स न कहना फिक म मसीह ह 21 उस समय स यीश अपन चलो को बतान लगा फिक मझ अवltय ह फिक यरशलम को जाऊ और परफिनयो और महायाजको और

शासतरिसतरयो क हाथ स बहत दख उठाऊ और मार डाला जाऊ और तीसर दिदन जी उठ 22 इस पर पतरस उस अलग ल जाकर जिझड़कन लगा फिक ह परभ परमशवर न कर तझ पर ऐसा कभी न होगा 23 उस न फिरकर पतरस स कहा ह शतान मर सामहन स दर हो त मर शिलय ठोकर का कारण ह कयोफिक त परमशवर की बातनही पर मनषयो की बातो पर मन लगाता ह 24 तब यीश न अपन चलो स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप का इनकार कर और अपना करस उठाए और मर

पीछ हो ल 25 कयोफिक जो कोई अपना पराण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई मर शिलय अपना पराण खोएगा वह उस पाएगा 26 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपन पराण की हाफिन उठाए तो उस कया लाभ होगा या मनषय अपन पराण क बदल

म कया दगा 27 मनषय का पतर अपन सवगKदतो क साथ अपन फिपता की मफिहमा म आएगा और उस समय वह हर एक को उसक कामो क

अनसार परफितल दगा 28 म तम स सच कहता ह फिक जो यहा खड़ ह उन म स फिकतन ऐस ह फिक जब तक मनषय क पतर को उसक राय म आत हए न

दख लग तब तक मतय का सवाद कभी न चखग

Chapter17

1 छ दिदन क बाद यीश न पतरस और याकब और उसक भाई यहनना को साथ शिलया और उनह एकानत म फिकसी ऊच पहाड़ पर लगया 2 और उनक सामहन उसका रपानतर हआ और उसका मह सयK की नाई चमका और उसका वसतर योफित की नाई उजला हो गया 3 और दखो मसा और एशिलययाह उसक साथ बात करत हए उनह दिदखाई दिदए 4 इस पर पतरस न यीश स कहा ह परभ हमारा यहा रहना अचछा ह इचछा हो तो यहा तीन मणडप बनाऊ एक तर शिलय एक

मसा क शिलय और एक एशिलययाह क शिलय 5 वह बोल ही रहा था फिक दखो एक उजल बादल न उनह छा शिलया और दखो उस बादल म स यह शबद फिनकला फिक यह मरा

फिपरय पतर ह जिजस स म परसनन ह इस की सनो 6 चल यह सनकर मह क बल फिगर गए और अतयनत डर गए 7 यीश न पास आकर उनह छआ और कहा उठो डरो मत 8 तब उनहोन अपनी आख उठाकर यीश को छोड़ और फिकसी को न दखा 9 जब व पहाड़ स उतर रह थ तब यीश न उनह यह आजञा दी फिक जब तक मनषय का पतर मर हओ म स न जी उठ तब तक जो कछ

तम न दखा ह फिकसी स न कहना 10 और उसक चलो न उस स पछा फिर शासतरी कयो कहत ह फिक एशिलययाह का पहल आना अवltय ह 11 उस न उततर दिदया फिक एशिलययाह तो आएगा और सब कछ सधारगा 12 परनत म तम स कहता ह फिक एशिलययाह आ चका और उनहोन उस नही पहचाना परनत जसा चाहा वसा ही उसक साथ फिकया

इसी रीफित स मनषय का पतर भी उन क हाथ स दख उठाएगा 13 तब चलो न समझा फिक उस न हम स यहनना बपफितसमा दन वाल क फिवषय म कहा ह 14 जब व भीड़ क पास पहच तो एक मनषय उसक पास आया और घटन टक कर कहन लगा 15 ह परभ मर पतर पर दया कर कयोफिक उस को यिमगM आती ह और वह बहत दख उठाता ह और बार बार आग म और बार बार

पानी म फिगर पड़ता ह 16 और म उस को तर चलो क पास लाया था पर व उस अचछा नही कर सक 17 यीश न उततर दिदया फिक ह अफिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा कब तक तमहारी सहगा उस यहा मर

पास लाओ 18 तब यीश न उस घड़का और दषटातमा उस म स फिनकला और लड़का उसी घड़ी अचछा हो गया 19 तब चलो न एकानत म यीश क पास आकर कहा हम इस कयो नही फिनकाल सक 20 उस न उन स कहा अपन फिवशवास की घटी क कारण कयोफिक म तम स सच कहता ह यदिद तमहारा फिवशवास राई क दान क

बराबर भी हो तो इस पहाड़ स कह स को ग फिक यहा स सरककर वहा चला जा तो वह चला जाएगा और कोई बात तमहार शिलय अनहोनी न होगी

21 जब व गलील म थ तो यीश न उन स कहा मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जाएगा 22 और व उस मार डालग और वह तीसर दिदन जी उठगा 23 इस पर व बहत उदास हए 24 जब व करनहम म पहच तो मजिनदर क शिलय कर लन वालो न पतरस क पास आकर पछा फिक कया तमहारा गर मजिनदर का कर

नही दता उस न कहा हा दता तो ह 25 जब वह घर म आया तो यीश न उसक पछन स पफिहल उस स कहा ह शमौन त कया समझता ह पथवी क राजा महसल या कर

फिकन स लत ह अपन पतरो स या परायो स पतरस न उन स कहा परायो स 26 यीश न उस स कहा तो पतर बच गए

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 7: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

7 मागो तो तमह दिदया जाएगा ढढ़ो तो तम पाओग खटखटाओ तो तमहार शिलय खोला जाएगा 8 कयोफिक जो कोई मागता ह उस यिमलता ह और जो ढढ़ता ह वह पाता ह और जो खटखटाता ह उसक शिलय खोला जाएगा 9 तम म स ऐसा कौन मनषय ह फिक यदिद उसका पतर उस स रोटी माग तो वह उस पतथर द 10 वा मछली माग तो उस साप द 11 सो जब तम बर होकर अपन बचचो को अचछी वसतए दना जानत हो तो तमहारा सवगMय फिपता अपन मागन वालो को अचछी

वसतए कयो न दगा 12 इस कारण जो कछ तम चाहत हो फिक मनषय तमहार साथ कर तम भी उन क साथ वसा ही करो कयोफिक वयवसथा और

भफिवषयदवकतओ की शिशकषा यही ह 13 सकत ाटक स परवश करो कयोफिक चौड़ा ह वह ाटक और चाकल ह वह मागK जो फिवनाश को पहचाता ह और बहतर ह जो

उस स परवश करत ह 14 कयोफिक सकत ह वह ाटक और सकरा ह वह मागK जो जीवन को पहचाता ह और थोड़ ह जो उस पात ह 15 झठ भफिवषयदवकताओ स सावधान रहो जो भड़ो क भष म तमहार पास आत ह परनत अनतर म ाड़न वाल भफिडए ह 16 उन क लो स तम उनह पहचान लोग कया झाफिडय़ो स अगर वा ऊटकटारो स अजीर तोड़त ह 17 इसी परकार हर एक अचछा पड़ अचछा ल लाता ह और फिनकममा पड़ बरा ल लाता ह 18 अचछा पड़ बरा ल नही ला सकता और न फिनकममा पड़ अचछा ल ला सकता ह 19 जो जो पड़ अचछा ल नही लाता वह काटा और आग म डाला जाता ह 20 सो उन क लो स तम उनह पहचान लोग 21 जो मझ स ह परभ ह परभ कहता ह उन म स हर एक सवगK क राय म परवश न करगा परनत वही जो मर सवगMय फिपता की

इचछा पर चलता ह 22 उस दिदन बहतर मझ स कहग ह परभ ह परभ कया हम न तर नाम स भफिवषयदवाणी नही की और तर नाम स दषटातमाओ को

नही फिनकाला और तर नाम स बहत अचमभ क काम नही फिकए 23 तब म उन स खलकर कह दगा फिक म न तम को कभी नही जाना ह ककमK करन वालो मर पास स चल जाओ 24 इसशिलय जो कोई मरी य बात सनकर उनह मानता ह वह उस बजिदधमान मनषय की नाई ठहरगा जिजस न अपना घर चटटान परबनाया 25 और मह बरसा और बाढ़ आई और आसतरिनधया चली और उस घर पर टककर लगी परनत वह नही फिगरा कयोफिक उस की नव

चटटान पर डाली गई थी 26 परनत जो कोई मरी य बात सनता ह और उन पर नही चलता वह उस फिनबKजिदध मनषय की नाई ठहरगा जिजस न अपना घर बाल परबनाया 27 और मह बरसा और बाढ़ आई और आसतरिनधया चली और उस घर पर टककर लगी और वह फिगरकर सतयानाश हो गया 28 जब यीश य बात कह चका तो ऐसा हआ फिक भीड़ उसक उपदश स चफिकत हई 29 कयोफिक वह उन क शासतरिसतरयो क समान नही परनत अयिधकारी की नाई उनह उपदश दता था

Chapter8

1 जब वह उस पहाड़ स उतरा तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 2 और दखो एक कोढ़ी न पास आकर उस परणाम फिकया और कहा फिक ह परभ यदिद त चाह तो मझ शदध कर सकता ह 3 यीश न हाथ बढ़ाकर उस छआ और कहा म चाहता ह त शदध हो जा और वह तरनत को ढ़ स शदध हो गया 4 यीश न उस स कहा दख फिकसी स न कहना परनत जाकर अपन आप को याजक को दिदखला और जो चढ़ावा मसा न ठहराया ह

उस चढ़ा ताफिक उन क शिलय गवाही हो 5 और जब वह करनहम म आया तो एक सबदार न उसक पास आकर उस स फिबनती की 6 फिक ह परभ मरा सवक घर म झोल का मारा बहत दखी पड़ा ह 7 उस न उस स कहा म आकर उस चगा करगा 8 सबदार न उततर दिदया फिक ह परभ म इस योगय नही फिक त मरी छत क तल आए पर कवल मख स कह द तो मरा सवक चगा हो

जाएगा 9 कयोफिक म भी पराधीन मनषय ह और शिसपाही मर हाथ म ह और जब एक स कहता ह जा तो वह जाता ह और दसर को फिकआ तो वह आता ह और अपन दास स कहता ह फिक यह कर तो वह करता ह 10 यह सनकर यीश न अचमभा फिकया और जो उसक पीछ आ रह थ उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक म न इसराएल म भी

ऐसा फिवशवास नही पाया 11 और म तम स कहता ह फिक बहतर पवK और पभिम स आकर इबराहीम और इसहाक और याकब क साथ सवगK क राय मबठ ग 12 परनत राय क सनतान बाहर असतरिनधयार म डाल दिदए जाएग वहा रोना और दातो का पीसना होगा 13 और यीश न सबदार स कहा जा जसा तरा फिवशवास ह वसा ही तर शिलय हो और उसका सवक उसी घड़ी चगा हो गया 14 और यीश न पतरस क घर म आकर उस की सास को वर म पड़ी दखा 15 उस न उसका हाथ छआ और उसका वर उतर गया और वह उठकर उस की सवा करन लगी 16 जब सधया हई तब व उसक पास बहत स लोगो को लाए जिजन म दषटातमाए थी और उस न उन आतमाओ को अपन वचन स

फिनकाल दिदया और सब बीमारो को चगा फिकया 17 ताफिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक उस न आप हमारी दबKलताओ को ल शिलया और

हमारी बीमारिरयो को उठा शिलया 18 यीश न अपनी चारो ओर एक बड़ी भीड़ दखकर उस पार जान की आजञा दी 19 और एक शासतरी न पास आकर उस स कहा ह गर जहा कही त जाएगा म तर पीछ पीछ हो लगा 20 यीश न उस स कहा लोमफिडय़ो क भट और आकाश क पभिकषयो क बसर होत ह परनत मनषय क पतर क शिलय शिसर धरन की भी

जगह नही ह 21 एक और चल न उस स कहा ह परभ मझ पफिहल जान द फिक अपन फिपता को गाड़ द 22 यीश न उस स कहा त मर पीछ हो ल और मरदो को अपन मरद गाड़न द 23 जब वह नाव पर चढ़ा तो उसक चल उसक पीछ हो शिलए 24 और दखो झील म एक ऐसा बड़ा तान उठा फिक नाव लहरो स ढपन लगी और वह सो रहा था 25 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह परभ हम बचा हम नाश हए जात ह 26 उस न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो कयो डरत हो तब उस न उठकर आनधी और पानी को डाटा और सब शानत हो गया 27 और लोग अचमभा करक कहन लग फिक यह कसा मनषय ह फिक आनधी और पानी भी उस की आजञा मानत ह 28 जब वह उस पार गदरफिनयो क दश म पहचा तो दो मनषय जिजन म दषटातमाए थी कबरो स फिनकलत हए उस यिमल जो इतन परचणड थ फिक कोई उस मागK स जा नही सकता था 29 और दखो उनहोन शिचललाकर कहा ह परमशवर क पतर हमारा तझ स कया काम कया त समय स पफिहल हम द ख दन यहा

आया ह 30 उन स कछ दर बहत स सअरो का एक झणड चर रहा था 31 दषटातमाओ न उस स यह कहकर फिबनती की फिक यदिद त हम फिनकालता ह तो सअरो क झणड म भज द 32 उस न उन स कहा जाओ व फिनकलकर सअरो म पठ गए और दखो सारा झणड कड़ाड़ पर स झपटकर पानी म जा पड़ा और

डब मरा 33 और चरवाह भाग और नगर म जाकर य सब बात और जिजन म दषटातमाए थी उन का सारा हाल कह सनाया 34 और दखो सार नगर क लोग यीश स भट करन को फिनकल आए और उस दखकर फिबनती की फिक हमार शिसवानो स बाहर फिनकल जा

Chapter9

1 फिर वह नाव पर चढ़कर पार गया और अपन नगर म आया 2 और दखो कई लोग एक झोल क मार हए को खाट पर रखकर उसक पास लाए यीश न उन का फिवशवास दखकर उस झोल क

मार हए स कहा ह पतर ढाढ़स बानध तर पाप कषमा हए

3 और दखो कई शासतरिसतरयो न सोचा फिक यह तो परमशवर की फिननदा करता ह 4 यीश न उन क मन की बात मालम करक कहा फिक तम लोग अपन अपन मन म बरा फिवचार कयो कर रह हो 5 सहज कया ह यह कहना फिक तर पाप कषमा हए या यह कहना फिक उठ और चल फिर 6 परनत इसशिलय फिक तम जान लो फिक मनषय क पतर को पथवी पर पाप कषमा करन का अयिधकार ह ( उस न झोल क मार हए स कहा ) उठ अपनी खाट उठा और अपन घर चला जा 7 वह उठकर अपन घर चला गया 8 लोग यह दखकर डर गए और परमशवर की मफिहमा करन लग जिजस न मनषयो को ऐसा अयिधकार दिदया ह 9 वहा स आग बढ़कर यीश न मतती नाम एक मनषय को महसल की चौकी पर बठ दखा और उस स कहा मर पीछ हो ल वह

उठकर उसक पीछ हो शिलया 10 और जब वह घर म भोजन करन क शिलय बठा तो बहतर महसल लन वाल और पापी आकर यीश और उसक चलो क साथ खानबठ 11 यह दखकर रीशिसयो न उसक चलो स कहा तमहारा गर महसल लन वालो और पाफिपयो क साथ कयो खाता ह 12 उस न यह सनकर उन स कहा वदय भल चगो को नही परनत बीमारो को अवltय ह 13 सो तम जाकर इस का अथK सीख लो फिक म बशिलदान नही परनत दया चाहता ह कयोफिक म धयिमय को नही परनत पाफिपयो को

बलान आया ह 14 तब यहनना क चलो न उसक पास आकर कहा कया कारण ह फिक हम और रीसी इतना उपवास करत ह पर तर चल उपवास

नही करत 15 यीश न उन स कहा कया बराती जब तक दलहा उन क साथ ह शोक कर सकत ह पर व दिदन आएग फिक दलहा उन स अलग

फिकया जाएगा उस समय व उपवास करग 16 को र कपड़ का पबनद परान पफिहरावन पर कोई नही लगाता कयोफिक वह पबनद पफिहरावन स और कछ खीच लता ह और वह

अयिधक ट जाता ह 17 और नया दाखरस परानी मशको म नही भरत ह कयोफिक ऐसा करन स मशक ट जाती ह और दाखरस बह जाता ह और

मशक नाश हो जाती ह परनत नया दाखरस नई मशको म भरत ह और वह दोनो बची रहती ह 18 वह उन स य बात कह ही रहा था फिक दखो एक सरदार न आकर उस परणाम फिकया और कहा मरी पतरी अभी मरी ह परनत

चलकर अपना हाथ उस पर रख तो वह जीफिवत हो जाएगी 19 यीश उठकर अपन चलो समत उसक पीछ हो शिलया 20 और दखो एक सतरी न जिजस क बारह वषK स लोह बहता था उसक पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छ शिलया 21 कयोफिक वह अपन मन म कहती थी फिक यदिद म उसक वसतर ही को छ लगी तो चगी हो जाऊगी 22 यीश न फिरकर उस दखा और कहा पतरी ढाढ़स बानध तर फिवशवास न तझ चगा फिकया ह सो वह सतरी उसी घड़ी चगी हो गई 23 जब यीश उस सरदार क घर म पहचा और बासली बजान वालो और भीड़ को हललड़ मचात दखा तब कहा 24 हट जाओ लड़की मरी नही पर सोती ह इस पर व उस की हसी करन लग 25 परनत जब भीड़ फिनकाल दी गई तो उस न भीतर जाकर लड़की का हाथ पकड़ा और वह जी उठी 26 और इस बात की चचाK उस सार दश म ल गई 27 जब यीश वहा स आग बढ़ा तो दो अनध उसक पीछ यह पकारत हए चल फिक ह दाऊद की सनतान हम पर दया कर 28 जब वह घर म पहचा तो व अनध उस क पास आए और यीश न उन स कहा कया तमह फिवशवास ह फिक म यह कर सकता ह

उनहोन उस स कहा हा परभ 29 तब उस न उन की आख छकर कहा तमहार फिवशवास क अनसार तमहार शिलय हो 30 और उन की आख खल गई और यीश न उनह शिचताकर कहा सावधान कोई इस बात को न जान 31 पर उनहोन फिनकलकर सार दश म उसका यश ला दिदया 32 जब व बाहर जा रह थ तो दखो लोग एक गग को जिजस म दषटातमा थी उस क पास लाए 33 और जब दषटातमा फिनकाल दी गई तो गगा बोलन लगा और भीड़ न अचमभा करक कहा फिक इसराएल म ऐसा कभी नही दखागया 34 परनत रीशिसयो न कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह 35 और यीश सब नगरो और गावो म फिरता रहा और उन की सभाओ म उपदश करता और राय का ससमाचार परचार करता

और हर परकार की बीमारी और दबKलता को दर करता रहा

36 जब उस न भीड़ को दखा तो उस को लोगो पर तरस आया कयोफिक व उन भड़ो की नाई जिजनका कोई रखवाला न हो वयाकल और भटक हए स थ

37 तब उस न अपन चलो स कहा पकक खत तो बहत ह पर मजदर थोड़ ह 38 इसशिलय खत क सवामी स फिबनती करो फिक वह अपन खत काटन क शिलय मजदर भज द

Chapter10

1 फिर उस न अपन बारह चलो को पास बलाकर उनह अशदध आतमाओ पर अयिधकार दिदया फिक उनह फिनकाल और सब परकार की बीमारिरयो और सब परकार की दबKलताओ को दर कर

2 और बारह पररिरतो क नाम य ह पफिहला शमौन जो पतरस कहलाता ह और उसका भाई अजिनwयास जबदी का पतर याकब और उसका भाई यहनना

3 फिशिलपपस और बर- तलम थोमा और महसल लनवाला मतती हल का पतर याकब और तदद 4 शमौन कनानी और यहदा इसकरिरयोती जिजस न उस पकड़वा भी दिदया 5 इन बारहो को यीश न यह आजञा दकर भजा फिक अनयजाफितयो की ओर न जाना और सामरिरयो क फिकसी नगर म परवश न करना 6 परनत इसराएल क घरान ही की खोई हई भड़ो क पास जाना 7 और चलत चलत परचार कर कहो फिक सवगK का राय फिनकट आ गया ह 8 बीमारो को चगा करो मर हओ को जिजलाओ कोदिढय़ो को शदध करो दषटातमाओ को फिनकालो तम न सतमत पाया ह सतमतदो 9 अपन पटको म न तो सोना और न रपा और न ताबा रखना 10 मागK क शिलय न झोली रखो न दो करत न जत और न लाठी लो कयोफिक मजदर को उसका भोजन यिमलना चाफिहए 11 जिजस फिकसी नगर या गाव म जाओ तो पता लगाओ फिक वहा कौन योगय ह और जब तक वहा स न फिनकलो उसी क यहा रहो 12 और घर म परवश करत हए उस को आशीष दना 13 यदिद उस घर क लोग योगय होग तो तमहारा कलयाण उन पर पहचगा परनत यदिद व योगय न हो तो तमहारा कलयाण तमहार पास लौट आएगा 14 और जो कोई तमह गरहण न कर और तमहारी बात न सन उस घर या उस नगर स फिनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो 15 म तम स सच कहता ह फिक नयाय क दिदन उस नगर की दशा स सदोम और अमोरा क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 16 दखो म तमह भड़ो की नाई भफिडय़ो क बीच म भजता ह सो सापो की नाई बजिदधमान और कबतरो की नाई भोल बनो 17 परनत लोगो स सावधान रहो कयोफिक व तमह महासभाओ म सौपग और अपनी पचायत म तमह कोड़ मारग 18 तम मर शिलय हाफिकमो ओर राजाओ क सामहन उन पर और अनयजाफितयो पर गवाह होन क शिलय पहचाए जाओग 19 जब व तमह पकड़वाएग तो यह शिचनता न करना फिक हम फिकस रीफित स या कया कहग कयोफिक जो कछ तम को कहना होगा

वह उसी घड़ी तमह बता दिदया जाएगा 20 कयोफिक बोलन वाल तम नही हो परनत तमहार फिपता का आतमा तम म बोलता ह 21 भाई भाई को और फिपता पतर को घात क शिलय सौपग और लड़क- बाल माता- फिपता क फिवरोध म उठकर उनह मरवा डालग 22 मर नाम क कारण सब लोग तम स बर करग पर जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 23 जब व तमह एक नगर म सताए तो दसर को भाग जाना म तम स सच कहता ह तम इसराएल क सब नगरो म न फिर चकोग

फिक मनषय का पतर आ जाएगा 24 चला अपन गर स बड़ा नही और न दास अपन सवामी स 25 चल का गर क और दास का सवामी क बाराबर होना ही बहत ह जब उनहोन घर क सवामी को शतान कहा तो उसक घर वालो

को कयो न कहग 26 सो उन स मत डरना कयोफिक कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ शिछपा ह जो जाना न जाएगा 27 जो म तम स असतरिनधयार म कहता ह उस उजिजयाल म कहो और जो कानो कान सनत हो उस को ठो पर स परचार करो 28 जो शरीर को घात करत ह पर आतमा को घात नही कर सकत उन स मत डरना पर उसी स डरो जो आतमा और शरीर दोनो

को नरक म नाश कर सकता ह

29 कया पस म दो गौरय नही फिबकती तौभी तमहार फिपता की इचछा क फिबना उन म स एक भी भयिम पर नही फिगर सकती 30 तमहार शिसर क बाल भी सब फिगन हए ह 31 इसशिलय डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 32 जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन मान लगा 33 पर जो कोई मनषयो क सामहन मरा इनकार करगा उस स म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन इनकार करगा 34 यह न समझो फिक म पथवी पर यिमलाप करान को आया ह म यिमलाप करान को नही पर तलवार चलवान आया ह 35 म तो आया ह फिक मनषय को उसक फिपता स और बटी को उस की मा स और बह को उस की सास स अलग कर द 36 मनषय क बरी उसक घर ही क लोग होग 37 जो माता या फिपता को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह वह मर योगय नही और जो बटा या बटी को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह

वह मर योगय नही 38 और जो अपना करस लकर मर पीछ न चल वह मर योगय नही 39 जो अपन पराण बचाता ह वह उस खोएगा और जो मर कारण अपना पराण खोता ह वह उस पाएगा 40 जो तमह गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह और जो मझ गरहण करता ह वह मर भजन वाल को गरहण करता ह 41 जो भफिवषयदवकता को भफिवषयदवकता जानकर गरहण कर वह भफिवषयदवकता का बदला पाएगा और जो धमM जानकर धमM को गरहणकर वह धमM का बदला पाएगा 42 जो कोई इन छोटो म स एक को चला जानकर कवल एक कटोरा ठडा पानी फिपलाए म तम स सच कहता ह वह फिकसी रीफित स

अपना परफितल न खोएगा

Chapter11

1 जब यीश अपन बारह चलो को आजञा द चका तो वह उन क नगरो म उपदश और परचार करन को वहा स चला गया 2 यहनना न बनदीगह म मसीह क कामो का समाचार सनकर अपन चलो को उस स यह पछन भजा 3 फिक कया आनवाला त ही ह या हम दसर की बाट जोह 4 यीश न उततर दिदया फिक जो कछ तम सनत हो और दखत हो वह सब जाकर यहनना स कह दो 5 फिक अनध दखत ह और लगड़ चलत फिरत ह कोढ़ी शदध फिकए जात ह और बफिहर सनत ह मद जिजलाए जात ह और कगालो को

ससमाचार सनाया जाता ह 6 और धनय ह वह जो मर कारण ठोकर न खाए 7 जब व वहा स चल दिदए तो यीश यहनना क फिवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया हवा स फिहलत हए

सरकणड को 8 फिर तम कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पफिहन हए मनषय को दखो जो कोमल वसतर पफिहनत ह व राजभवनो म रहत ह 9 तो फिर कयो गए थ कया फिकसी भफिवषयदवकता को दखन को हा म तम स कहता ह वरन भफिवषयदवकता स भी बड़ को 10 यह वही ह जिजस क फिवषय म शिलखा ह फिक दख म अपन दत को तर आग भजता ह जो तर आग तरा मागK तयार करगा 11 म तम स सच कहता ह फिक जो सतरिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना बपफितसमा दन वाल स कोई बड़ा नही हआ पर जो सवगK क

राय म छोट स छोटा ह वह उस स बड़ा ह 12 यहनना बपफितसमा दन वाल क दिदनो स अब तक सवगK क राय पर जोर होता रहा ह और बलवान उस छीन लत ह 13 यहनना तक सार भफिवषयदवकता और वयवसथा भफिवषयदववाणी करत रह 14 और चाहो तो मानो एशिलययाह जो आनवाला था वह यही ह 15 जिजस क सनन क कान हो वह सन ल 16 म इस समय क लोगो की उपमा फिकस स द व उन बालको क समान ह जो बाजारो म बठ हए एक दसर स पकारकर कहतह 17 फिक हम न तमहार शिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न फिवलाप फिकया और तम न छाती नही पीटी 18 कयोफिक यहनना न खाता आया और न पीता और व कहत ह फिक उस म दषटातमा ह 19 मनषय का पतर खाता- पीता आया और व कहत ह फिक दखो पट और फिपयककड़ मनषय महसल लन वालो और पाफिपयो का

यिमतर पर जञान अपन कामो म सचचा ठहराया गया ह 20 तब वह उन नगरो को उलाहना दन लगा जिजन म उस न बहतर सामथK क काम फिकए थ कयोफिक उनहोन अपना मन नही फिरायाथा 21 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथK क काम तम म फिकए गए यदिद व सर और सदा म फिकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन फिरा लत 22 परनत म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तमहारी दशा स सर और सदा की दशा अयिधक सहन योगय होगी 23 और ह करनहम कया त सवगK तक ऊचा फिकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा जो सामथK क काम तझ म फिकए

गए ह यदिद सदोम म फिकए जात तो वह आज तक बना रहता 24 पर म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तरी दशा स सदोम क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 25 उसी समय यीश न कहा ह फिपता सवगK और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह फिक त न इन बातो को जञाफिनयो और

समझदारो स शिछपा रखा और बालको पर परगट फिकया ह 26 हा ह फिपता कयोफिक तझ यही अचछा लगा 27 मर फिपता न मझ सब कछ सौपा ह और कोई पतर को नही जानता कवल फिपता और कोई फिपता को नही जानता कवल पतर

और वह जिजस पर पतर उस परगट करना चाह 28 ह सब परिरशरम करन वालो और बोझ स दब लोगो मर पास आओ म तमह फिवशराम दगा 29 मरा जआ अपन ऊपर उठा लो और मझ स सीखो कयोफिक म नमर और मन म दीन ह और तम अपन मन म फिवशराम पाओग 30 कयोफिक मरा जआ सहज और मरा बोझ हलका ह

Chapter12

1 उस समय यीश सबत क दिदन खतो म स होकर जा रहा था और उसक चलो को भख लगी सो व बाल तोड़ तोड़ कर खान लग 2 रीशिसयो न यह दखकर उस स कहा दख तर चल वह काम कर रह ह जो सबत क दिदन करना उशिचत नही 3 उस न उन स कहा कया तम न नही पढ़ा फिक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख हए तो कया फिकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया खाई जिजनह खाना न तो उस और उसक साशिथयो को पर कवल याजको

को उशिचत था 5 या तम न वयवसथा म नही पढ़ा फिक याजक सबत क दिदन मजिनदर म सबत क दिदन क फिवयिध को तोड़न पर भी फिनदष ठहरत ह 6 पर म तम स कहता ह फिक यहा वह ह जो मजिनदर स भी बड़ा ह 7 यदिद तम इस का अथK जानत फिक म दया स परसनन ह बशिलदान स नही तो तम फिनदष को दोषी न ठहरात 8 मनषय का पतर तो सबत क दिदन का भी परभ ह 9 वहा स चलकर वह उन की सभा क घर म आया 10 और दखो एक मनषय था जिजस का हाथ सखा हआ था और उनहोन उस पर दोष लगान क शिलय उस स पछा फिक कया सबत

क दिदन चगा करना उशिचत ह 11 उस न उन स कहा तम म ऐसा कौन ह जिजस की एक ही भड़ हो और वह सबत क दिदन गड़ह म फिगर जाए तो वह उस

पकड़कर न फिनकाल 12 भला मनषय का मलय भड़ स फिकतना बढ़ कर ह इसशिलय सबत क दिदन भलाई करना उशिचत ह तब उस न उस मनषय स कहा

अपना हाथ बढ़ा 13 उस न बढ़ाया और वह फिर दसर हाथ की नाई अचछा हो गया 14 तब रीशिसयो न बाहर जाकर उसक फिवरोध म सममफित की फिक उस फिकस परकार नाश कर 15 यह जानकर यीश वहा स चला गया और बहत लोग उसक पीछ हो शिलय और उस न सब को चगा फिकया 16 और उनह शिचताया फिक मझ परगट न करना 17 फिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 18 फिक दखो यह मरा सवक ह जिजस म न चना ह मरा फिपरय जिजस स मरा मन परसनन ह म अपना आतमा उस पर डालगा और

वह अनयजाफितयो को नयाय का समाचार दगा

19 वह न झगड़ा करगा और न धम मचाएगा और न बाजारो म कोई उसका शबद सनगा 20 वह कचल हए सरकणड को न तोड़गा और धआ दती हई बतती को न बझाएगा जब तक नयाय को परबल न कराए 21 और अनयजाफितया उसक नाम पर आशा रखगी 22 तब लोग एक अनध- गग को जिजस म दषटातमा थी उसक पास लाए और उस न उस अचछा फिकया और वह गगा बोलन और

दखन लगा 23 इस पर सब लोग चफिकत होकर कहन लग यह कया दाऊद की सनतान का ह 24 परनत रीशिसयो न यह सनकर कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार शतान की सहायता क फिबना दषटातमाओ को नही फिनकालता 25 उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस फिकसी राय म ट होती ह वह उजड़ जाता ह और कोई नगर या

घराना जिजस म ट होती ह बना न रहगा 26 और यदिद शतान ही शतान को फिनकाल तो वह अपना ही फिवरोधी हो गया ह फिर उसका राय कयोकर बना रहगा 27 भला यदिद म शतान की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो तमहार वश फिकस की सहायता स फिनकालत ह इसशिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग 28 पर यदिद म परमशवर क आतमा की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो परमशवर का राय तमहार पास आ पहचा ह 29 या कयोकर कोई मनषय फिकसी बलवनत क घर म घसकर उसका माल लट सकता ह जब तक फिक पफिहल उस बलवनत को न बानध

ल और तब वह उसका घर लट लगा 30 जो मर साथ नही वह मर फिवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह फिबथराता ह 31 इसशिलय म तम स कहता ह फिक मनषय का सब परकार का पाप और फिननदा कषमा की जाएगी पर आतमा की फिननदा कषमा न कीजाएगी 32 जो कोई मनषय क पतर क फिवरोध म कोई बात कहगा उसका यह अपराध कषमा फिकया जाएगा परनत जो कोई पफिवतर- आतमा क

फिवरोध म कछ कहगा उसका अपराध न तो इस लोक म और न पर लोक म कषमा फिकया जाएगा 33 यदिद पड़ को अचछा कहो तो उसक ल को भी अचछा कहो या पड़ को फिनकममा कहो तो उसक ल को भी फिनककमा कहो

कयोफिक पड़ ल ही स पहचाना जाता ह 34 ह साप क बचचो तम बर होकर कयोकर अचछी बात कह सकत हो कयोफिक जो मन म भरा ह वही मह पर आता ह 35 भला मनषय मन क भल भणडार स भली बात फिनकालता ह और बरा मनषय बर भणडार स बरी बात फिनकालता ह 36 और म तम स कहता ह फिक जो जो फिनकममी बात मनषय कहग नयाय क दिदन हर एक बात का लखा दग 37 कयोफिक त अपनी बातो क कारण फिनदष और अपनी बातो ही क कारण दोषी ठहराया जाएगा 38 इस पर फिकतन शासतरिसतरयोऔर रीशिसयो न उस स कहा ह गर हम तझ स एक शिचनह दखना चाहत ह 39 उस न उनह उततर दिदया फिक इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह परनत यनस भफिवषयदवकता क शिचनह को छोड़ कोई

और शिचनह उन को न दिदया जाएगा 40 यनस तीन रात दिदन जल- जनत क पट म रहा वस ही मनषय का पतर तीन रात दिदन पथवी क भीतर रहगा 41 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएग कयोफिक उनहोन यनस का परचार सनकर मन

फिराया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 42 दजज़िकखन की रानी नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोफिक वह सलमान का जञान सनन क

शिलय पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 43 जब अशदध आतमा मनषय म स फिनकल जाती ह तो सखी जगहो म फिवशराम ढढ़ती फिरती ह और पाती नही 44 तब कहती ह फिक म अपन उसी घर म जहा स फिनकली थी लौट जाऊगी और आकर उस सना झाड़ा- बहारा और सजा

सजाया पाती ह 45 तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वहा वास करती ह और उस

मनषय की फिपछली दशा पफिहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोगो की दशा भी ऐसी ही होगी 46 जब वह भीड़ स बात कर ही रहा था तो दखो उस की माता और भाई बाहर खड़ थ और उस स बात करना चाहत थ 47 फिकसी न उस स कहा दख तरी माता और तर भाई बाहर खड़ ह और तझ स बात करना चाहत ह 48 यह सन उस न कहन वाल को उततर दिदया कौन ह मरी माता 49 और कौन ह मर भाई और अपन चलो की ओर अपना हाथ बढ़ा कर कहा दखो मरी माता और मर भाई य ह 50 कयोफिक जो कोई मर सवगMय फिपता की इचछा पर चल वही मरा भाई और बफिहन और माता ह

Chapter13

1 उसी दिदन यीश घर स फिनकलकर झील क फिकनार जा बठा 2 और उसक पास ऐसी बड़ी भीड़ इकटठी हई फिक वह नाव पर चढ़ गया और सारी भीड़ फिकनार पर खड़ी रही 3 और उस न उन स दषटानतो म बहत सी बात कही फिक दखो एक बोन वाला बीज बोन फिनकला 4 बोत समय कछ बीज मागK क फिकनार फिगर और पभिकषयो न आकर उनह चग शिलया 5 कछ पतथरीली भयिम पर फिगर जहा उनह बहत यिमटटी न यिमली और गहरी यिमटटी न यिमलन क कारण व जलद उग आए 6 पर सरज फिनकलन पर व जल गए और जड़ न पकड़न स सख गए 7 कछ झाफिड़यो म फिगर और झाफिड़यो न बढ़कर उनह दबा डाला 8 पर कछ अचछी भयिम पर फिगर और ल लाए कोई सौ गना कोई साठ गना कोई तीस गना 9 जिजस क कान हो वह सन ल 10 और चलो न पास आकर उस स कहा त उन स दषटानतो म कयो बात करता ह 11 उस न उततर दिदया फिक तम को सवगK क राय क भदो की समझ दी गई ह पर उन को नही 12 कयोफिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा पर जिजस क पास कछ नही ह उस स जो कछ

उसक पास ह वह भी ल शिलया जाएगा 13 म उन स दषटानतो म इसशिलय बात करता ह फिक व दखत हए नही दखत और सनत हए नही सनत और नही समझत 14 और उन क फिवषय म यशायाह की यह भफिवषयदववाणी परी होती ह फिक तम कानो स तो सनोग पर समझोग नही और आखो स

तो दखोग पर तमह न सझगा 15 कयोफिक इन लोगो का मन मोटा हो गया ह और व कानो स ऊचा सनत ह और उनहोन अपनी आख मद ली ह कही ऐसा न हो

फिक व आखो स दख और कानो स सन और मन स समझ और फिर जाए और म उनह चगा कर 16 पर धनय ह तमहारी आख फिक व दखती ह और तमहार कान फिक व सनत ह 17 कयोफिक म तम स सच कहता ह फिक बहत स भफिवषयदवकताओ न और धयिमय न चाहा फिक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी

और जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 18 सो तम बोन वाल का दषटानत सनो 19 जो कोई राय का वचन सनकर नही समझता उसक मन म जो कछ बोया गया था उस वह दषट आकर छीन ल जाता ह यह

वही ह जो मागK क फिकनार बोया गया था 20 और जो पतथरीली भयिम पर बोया गया यह वह ह जो वचन सनकर तरनत आननद क साथ मान लता ह 21 पर अपन म जड़ न रखन क कारण वह थोड़ ही दिदन का ह और जब वचन क कारण कलश या उपwव होता ह तो तरनत ठोकर

खाता ह 22 जो झाफिड़यो म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनता ह पर इस ससार की शिचनता और धन का धोखा वचन को दबाता ह

और वह ल नही लाता 23 जो अचछी भयिम म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनकर समझता ह और ल लाता ह कोई सौ गना कोई साठ गना

कोई तीस गना 24 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय उस मनषय क समान ह जिजस न अपन खत म अचछा बीज बोया 25 पर जब लोग सो रह थ तो उसका बरी आकर गह क बीच जगली बीज बोकर चला गया 26 जब अकर फिनकल और बाल लगी तो जगली दान भी दिदखाई दिदए 27 इस पर गहसथ क दासो न आकर उस स कहा ह सवामी कया त न अपन खत म अचछा बीज न बोया था फिर जगली दान क

पौध उस म कहा स आए 28 उस न उन स कहा यह फिकसी बरी का काम ह दासो न उस स कहा कया तरी इचछा ह फिक हम जाकर उन को बटोर ल 29 उस न कहा ऐसा नही न हो फिक जगली दान क पौध बटोरत हए उन क साथ गह भी उखाड़ लो 30 कटनी तक दोनो को एक साथ बढ़न दो और कटनी क समय म काटन वालो स कहगा पफिहल जगली दान क पौध बटोरकर

जलान क शिलय उन क गटठ बानध लो और गह को मर खतत म इकटठा करो 31 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय राई क एक दान क समान ह जिजस फिकसी मनषय न लकर अपन खत म

बो दिदया 32 वह सब बीजो स छोटा तो ह पर जब बढ़ जाता ह तब सब साग पात स बड़ा होता ह और ऐसा पड़ हो जाता ह फिक आकाश क

पकषी आकर उस की डाशिलयो पर बसरा करत ह 33 उस न एक और दषटानत उनह सनाया फिक सवगK का राय खमीर क समान ह जिजस को फिकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म

यिमला दिदया और होत होत वह सब खमीर हो गया 34 य सब बात यीश न दषटानतो म लोगो स कही और फिबना दषटानत वह उन स कछ न कहता था 35 फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक म दषटानत कहन को अपना मह खोलगा म उन बातो को जो

जगत की उतपभितत स गपत रही ह परगट करगा 36 तब वह भीड़ को छोड़ कर घर म आया और उसक चलो न उसक पास आकर कहा खत क जगली दान का दषटानत हम समझा द 37 उस न उन को उततर दिदया फिक अचछ बीज का बोन वाला मनषय का पतर ह 38 खत ससार ह अचछा बीज राय क सनतान और जगली बीज दषट क सनतान ह 39 जिजस बरी न उन को बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटन वाल सवगKदत ह 40 सो जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का पतर अपन सवगKदतो को भजगा और व उसक राय म स सब ठोकर क कारणो को और ककमK करन वालो को इकटठाकरग 42 और उनह आग क कड म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धमM अपन फिपता क राय म सयK की नाई चमक ग जिजस क कान हो वह सन ल 44 सवगK का राय खत म शिछप हए धन क समान ह जिजस फिकसी मनषय न पाकर शिछपा दिदया और मार आननद क जाकर और

अपना सब कछ बचकर उस खत को मोल शिलया 45 फिर सवगK का राय एक वयापारी क समान ह जो अचछ मोफितयो की खोज म था 46 जब उस एक बहमलय मोती यिमला तो उस न जाकर अपना सब कछ बच डाला और उस मोल ल शिलया 47 फिर सवगK का राय उस बड़ जाल क समान ह जो समw म डाला गया और हर परकार की मशिछलयो को समट लाया 48 और जब भर गया तो उस को फिकनार पर खीच लाए और बठकर अचछी अचछी तो बरतनो म इकटठा फिकया और फिनकममी

फिनकममी क दी 49 जगत क अनत म ऐसा ही होगा सवगKदत आकर दषटो को धयिमय स अलग करग और उनह आग क कड म डालग 50 वहा रोना और दात पीसना होगा 51 कया तम न य सब बात समझी 52 उनहोन उस स कहा हा उस न उन स कहा इसशिलय हर एक शासतरी जो सवगK क राय का चला बना ह उस गहसथ क समान ह

जो अपन भणडार स नई और परानी वसतए फिनकालता ह 53 जब यीश य सब दषटानत कह चका तो वहा स चला गया 54 और अपन दश म आकर उन की सभा म उनह ऐसा उपदश दन लगा फिक व चफिकत होकर कहन लग फिक इस को यह जञान और

सामथK क काम कहा स यिमल 55 कया यह बढ़ई का बटा नही और कया इस की माता का नाम मरिरयम और इस क भाइयो क नाम याकब और यस और शमौन

और यहदा नही 56 और कया इस की सब बफिहन हमार बीच म नही रहती फिर इस को यह सब कहा स यिमला 57 सो उनहोन उसक कारण ठोकर खाई पर यीश न उन स कहा भफिवषयदवकता अपन दश और अपन घर को छोड़ और कही फिनरादर

नही होता 58 और उस न वहा उन क अफिवशवास क कारण बहत सामथK क काम नही फिकए

Chapter14

1 उस समय चौथाई दश क राजा हरोदस न यीश की चचाK सनी 2 और अपन सवको स कहा यह यहनना बपफितसमा दनवाला ह वह मर हओ म स जी उठा ह इसी शिलय उस स सामथK क काम परगट

होत ह 3 कयोफिक हरोदस न अपन भाई फिलपपस की पतनी हरोदिदयास क कारण यहनना को पकड़कर बानधा और जलखान म डाल दिदयाथा 4 कयोफिक यहनना न उस स कहा था फिक इस को रखना तझ उशिचत नही ह 5 और वह उस मार डालना चाहता था पर लोगो स डरता था कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ 6 पर जब हरोदस का जनम दिदन आया तो हरोदिदयास की बटी न उतसव म नाच दिदखाकर हरोदस को खश फिकया 7 इसशिलय उस न शपथ खाकर वचन दिदया फिक जो कछ त मागगी म तझ दगा 8 वह अपनी माता की उकसाई हई बोली यहनना बपफितसमा दन वाल का शिसर थाल म यही मझ मगवा द 9 राजा दखिखत हआ पर अपनी शपथ क और साथ बठन वालो क कारण आजञा दी फिक द दिदया जाए 10 और जलखान म लोगो को भजकर यहनना का शिसर कटवा दिदया 11 और उसका शिसर थाल म लाया गया और लड़की को दिदया गया और वह उस को अपनी मा क पास ल गई 12 और उसक चलो न आकर और उस की लोथ को ल जाकर गाढ़ दिदया और जाकर यीश को समाचार दिदया 13 जब यीश न यह सना तो नाव पर चढ़कर वहा स फिकसी सनसान जगह एकानत म चला गया और लोग यह सनकर नगर नगर स

पदल उसक पीछ हो शिलए 14 उस न फिनकलकर बड़ी भीड़ दखी और उन पर तरस खाया और उस न उन क बीमारो को चगा फिकया 15 जब साझ हई तो उसक चलो न उसक पास आकर कहा यह तो सनसान जगह ह और दर हो रही ह लोगो को फिवदा फिकया

जाए फिक व बसतिसतयो म जाकर अपन शिलय भोजन मोल ल 16 यीश न उन स कहा उन का जाना आवltयक नही तम ही इनह खान को दो 17 उनहोन उस स कहा यहा हमार पास पाच रोटी और दो मशिछलयो को छोड़ और कछ नही ह 18 उस न कहा उन को यहा मर पास ल आओ 19 तब उस न लोगो को घास पर बठन को कहा और उन पाच रोदिटयो और दो मशिछलयो को शिलया और सवगK की ओर दखकर

धनयवाद फिकया और रोदिटया तोड़ तोड़कर चलो को दी और चलो न लोगो को 20 और सब खाकर तपत हो गए और उनहोन बच हए टकड़ो स भरी हई बारह टोफिकरया उठाई 21 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़कर पाच हजार परषो क अटकल थ 22 और उस न तरनत अपन चलो को बरबस नाव पर चढ़ाया फिक व उस स पफिहल पार चल जाए जब तक फिक वह लोगो को फिवदाकर 23 वह लोगो को फिवदा करक पराथKना करन को अलग पहाड़ पर चढ़ गया और साझ को वहा अकला था 24 उस समय नाव झील क बीच लहरो स डगमगा रही थी कयोफिक हवा सामहन की थी 25 और वह रात क चौथ पहर झील पर चलत हए उन क पास आया 26 चल उस को झील पर चलत हए दखकर घबरा गए और कहन लग वह भत ह और डर क मार शिचलला उठ 27 यीश न तरनत उन स बात की और कहा ढाढ़स बानधो म ह डरो मत 28 पतरस न उस को उततर दिदया ह परभ यदिद त ही ह तो मझ अपन पास पानी पर चलकर आन की आजञा द 29 उस न कहा आ तब पतरस नाव पर स उतरकर यीश क पास जान को पानी पर चलन लगा 30 पर हवा को दखकर डर गया और जब डबन लगा तो शिचललाकर कहा ह परभ मझ बचा 31 यीश न तरनत हाथ बढ़ाकर उस थाम शिलया और उस स कहा ह अलप-फिवशवासी त न कयो सनदह फिकया 32 जब व नाव पर चढ़ गए तो हवा थम गई 33 इस पर जो नाव पर थ उनहोन उस दणडवत करक कहा सचमच त परमशवर का पतर ह 34 व पार उतरकर गननसरत दश म पहच 35 और वहा क लोगो न उस पहचानकर आस पास क सार दश म कहला भजा और सब बीमारो को उसक पास लाए 36 और उस स फिबनती करन लग फिक वह उनह अपन वसतर क आचल ही को छन द और जिजतनो न उस छआ व चग हो गए

Chapter15

1 तब यरशलम स फिकतन रीसी और शासतरी यीश क पास आकर कहन लग 2 तर चल परफिनयो की रीतो को कयो टालत ह फिक फिबना हाथ धोए रोटी खात ह 3 उस न उन को उततर दिदया फिक तम भी अपनी रीतो क कारण कयो परमशवर की आजञा टालत हो 4 कयोफिक परमशवर न कहा था फिक अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और जो कोई फिपता या माता को बरा कह वह

मार डाला जाए 5 पर तम कहत हो फिक यदिद कोई अपन फिपता या माता स कह फिक जो कछ तझ मझ स लाभ पहच सकता था वह परमशवर को भट

चढ़ाई जा चकी 6 तो वह अपन फिपता का आदर न कर सो तम न अपनी रीतो क कारण परमशवर का वचन टाल दिदया 7 ह कपदिटयो यशायाह न तमहार फिवषय म यह भफिवषयदवाणी ठीक की 8 फिक य लोग होठो स तो मरा आदर करत ह पर उन का मन मझ स दर रहता ह 9 और य वयथK मरी उपासना करत ह कयोफिक मनषयो की फिवयिधयो को धमपदश करक शिसखात ह 10 और उस न लोगो को अपन पास बलाकर उन स कहा सनो और समझो 11 जो मह म जाता ह वह मनषय को अशदध नही करता पर जो मह स फिनकलता ह वही मनषय को अशदध करता ह 12 तब चलो न आकर उस स कहा कया त जानता ह फिक रीशिसयो न यह वचन सनकर ठोकर खाई 13 उस न उततर दिदया हर पौधा जो मर सवगMय फिपता न नही लगाया उखाड़ा जाएगा 14 उन को जान दो व अनध मागK दिदखान वाल ह और अनधा यदिद अनध को मागK दिदखाए तो दोनो गड़ह म फिगर पड़ग 15 यह सनकर पतरस न उस स कहा यह दषटानत हम समझा द 16 उस न कहा कया तम भी अब तक ना समझ हो 17 कया नही समझत फिक जो कछ मह म जाता वह पट म पड़ता ह और सणडास म फिनकल जाता ह 18 पर जो कछ मह स फिनकलता ह वह मन स फिनकलता ह और वही मनषय को अशदध करता ह 19 कयोफिक कशिचनता हतया पर सतरीगमन वयभिभचार चोरी झठी गवाही और फिननदा मन ही स फिनकलती ह 20 यही ह जो मनषय को अशदध करती ह परनत हाथ फिबना धोए भोजन करना मनषय को अशदध नही करता 21 यीश वहा स फिनकलकर सर और सदा क दशो की ओर चला गया 22 और दखो उस दश स एक कनानी सतरी फिनकली और शिचललाकर कहन लगी ह परभ दाऊद क सनतान मझ पर दया कर मरी

बटी को दषटातमा बहत सता रहा ह 23 पर उस न उस कछ उततर न दिदया और उसक चलो न आकर उस स फिबनती कर कहा इस फिवदा कर कयोफिक वह हमार पीछ

शिचललाती आती ह 24 उस न उततर दिदया फिक इसराएल क घरान की खोई हई भड़ो को छोड़ म फिकसी क पास नही भजा गया 25 पर वह आई और उस परणाम करक कहन लगी ह परभ मरी सहायता कर 26 उस न उततर दिदया फिक लड़को की रोटी लकर कततो क आग डालना अचछा नही 27 उस न कहा सतय ह परभ पर कतत भी वह चरचार खात ह जो उन क सवायिमयो की मज स फिगरत ह 28 इस पर यीश न उस को उततर दकर कहा फिक ह सतरी तरा फिवशवास बड़ा ह जसा त चाहती ह तर शिलय वसा ही हो और उस की

बटी उसी घड़ी स चगी हो गई 29 यीश वहा स चलकर गलील की झील क पास आया और पहाड़ पर चढ़कर वहा बठ गया 30 और भीड़ पर भीड़ लगड़ो अनधो गगो टड़ो और बहत औरो को लकर उसक पास आए और उनह उस क पावो पर डालदिदया और उस न उनह चगा फिकया 31 सो जब लोगो न दखा फिक गग बोलत और टणड चग होत और लगड़ चलत और अनध दखत ह तो अचमभा करक इसराएल क

परमशवर की बड़ाई की 32 यीश न अपन चलो को बलाकर कहा मझ इस भीड़ पर तरस आता ह कयोफिक व तीन दिदन स मर साथ ह और उन क पास कछ

खान को नही और म उनह भखा फिवदा करना नही चाहता कही ऐसा न हो फिक मागK म थककर रह जाए 33 चलो न उस स कहा हम जगल म कहा स इतनी रोटी यिमलगी फिक हम इतनी बड़ी भीड़ को तपत कर 34 यीश न उन स पछा तमहार पास फिकतनी रोदिटया ह उनहोन कहा सात और थोड़ी सी छोटी मशिछलया 35 तब उस न लोगो को भयिम पर बठन की आजञा दी

36 और उन सात रोदिटयो और मशिछलयो को ल धनयवाद करक तोड़ा और अपन चलो को दता गया और चल लोगो को 37 सो सब खाकर तपत हो गए और बच हए टकड़ो स भर हए सात टोकर उठाए 38 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़ चार हजार परष थ 39 तब वह भीड़ को फिवदा करक नाव पर चढ़ गया और मगदन दश क शिसवानो म आया

Chapter16

1 और रीशिसयो और सदफिकयो न पास आकर उस परखन क शिलय उस स कहा फिक हम आकाश का कोई शिचनह दिदखा 2 उस न उन को उततर दिदया फिक साझ को तम कहत हो फिक खला रहगा कयोफिक आकाश लाल ह 3 और भोर को कहत हो फिक आज आनधी आएगी कयोफिक आकाश लाल और धमला ह तम आकाश का लकषण दखकर भद बता

सकत हो पर समयो क शिचनहो का भद नही बता सकत 4 इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह पर यनस क शिचनह को छोड़ कोई और शिचनह उनह न दिदया जाएगा और वह उनह

छोड़कर चला गया 5 और चल पार जात समय रोटी लना भल गए थ 6 यीश न उन स कहा दखो रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 7 व आपस म फिवचार करन लग फिक हम तो रोटी नही लाए 8 यह जानकर यीश न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो तम आपस म कयो फिवचार करत हो फिक हमार पास रोटी नही 9 कया तम अब तक नही समझ और उन पाच हजार की पाच रोटी समरण नही करत और न यह फिक फिकतनी टोफिकरया उठाई थी 10 और न उन चार हजार की सात रोटी और न यह फिक फिकतन टोकर उठाए गए थ 11 तम कयो नही समझत फिक म न तम स रोदिटयो क फिवषय म नही कहा रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 12 तब उन को समझ म आया फिक उस न रोटी क खमीर स नही पर रीशिसयो और सदफिकयो की शिशकषा स चौकस रहन को कहाथा 13 यीश कसरिरया फिशिलपपी क दश म आकर अपन चलो स पछन लगा फिक लोग मनषय क पतर को कया कहत ह 14 उनहोन कहा फिकतन तो यहनना बपफितसमा दन वाला कहत ह और फिकतन एशिलययाह और फिकतन यियमKयाह या भफिवषयदवकताओ म स

कोई एक कहत ह 15 उस न उन स कहा परनत तम मझ कया कहत हो 16 शमौन पतरस न उततर दिदया फिक त जीवत परमशवर का पतर मसीह ह 17 यीश न उस को उततर दिदया फिक ह शमौन योना क पतर त धनय ह कयोफिक मास और लोह न नही परनत मर फिपता न जो सवगK मह यह बात तझ पर परगट की ह 18 और म भी तझ स कहता ह फिक त पतरस ह और म इस पतथर पर अपनी कलीशिसया बनाऊगा और अधोलोक क ाटक उस

पर परबल न होग 19 म तझ सवगK क राय की कजिजया दगा और जो कछ त पथवी पर बानधगा वह सवगK म बनधगा और जो कछ त पथवी परखोलगा वह सवगK म खलगा 20 तब उस न चलो को शिचताया फिक फिकसी स न कहना फिक म मसीह ह 21 उस समय स यीश अपन चलो को बतान लगा फिक मझ अवltय ह फिक यरशलम को जाऊ और परफिनयो और महायाजको और

शासतरिसतरयो क हाथ स बहत दख उठाऊ और मार डाला जाऊ और तीसर दिदन जी उठ 22 इस पर पतरस उस अलग ल जाकर जिझड़कन लगा फिक ह परभ परमशवर न कर तझ पर ऐसा कभी न होगा 23 उस न फिरकर पतरस स कहा ह शतान मर सामहन स दर हो त मर शिलय ठोकर का कारण ह कयोफिक त परमशवर की बातनही पर मनषयो की बातो पर मन लगाता ह 24 तब यीश न अपन चलो स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप का इनकार कर और अपना करस उठाए और मर

पीछ हो ल 25 कयोफिक जो कोई अपना पराण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई मर शिलय अपना पराण खोएगा वह उस पाएगा 26 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपन पराण की हाफिन उठाए तो उस कया लाभ होगा या मनषय अपन पराण क बदल

म कया दगा 27 मनषय का पतर अपन सवगKदतो क साथ अपन फिपता की मफिहमा म आएगा और उस समय वह हर एक को उसक कामो क

अनसार परफितल दगा 28 म तम स सच कहता ह फिक जो यहा खड़ ह उन म स फिकतन ऐस ह फिक जब तक मनषय क पतर को उसक राय म आत हए न

दख लग तब तक मतय का सवाद कभी न चखग

Chapter17

1 छ दिदन क बाद यीश न पतरस और याकब और उसक भाई यहनना को साथ शिलया और उनह एकानत म फिकसी ऊच पहाड़ पर लगया 2 और उनक सामहन उसका रपानतर हआ और उसका मह सयK की नाई चमका और उसका वसतर योफित की नाई उजला हो गया 3 और दखो मसा और एशिलययाह उसक साथ बात करत हए उनह दिदखाई दिदए 4 इस पर पतरस न यीश स कहा ह परभ हमारा यहा रहना अचछा ह इचछा हो तो यहा तीन मणडप बनाऊ एक तर शिलय एक

मसा क शिलय और एक एशिलययाह क शिलय 5 वह बोल ही रहा था फिक दखो एक उजल बादल न उनह छा शिलया और दखो उस बादल म स यह शबद फिनकला फिक यह मरा

फिपरय पतर ह जिजस स म परसनन ह इस की सनो 6 चल यह सनकर मह क बल फिगर गए और अतयनत डर गए 7 यीश न पास आकर उनह छआ और कहा उठो डरो मत 8 तब उनहोन अपनी आख उठाकर यीश को छोड़ और फिकसी को न दखा 9 जब व पहाड़ स उतर रह थ तब यीश न उनह यह आजञा दी फिक जब तक मनषय का पतर मर हओ म स न जी उठ तब तक जो कछ

तम न दखा ह फिकसी स न कहना 10 और उसक चलो न उस स पछा फिर शासतरी कयो कहत ह फिक एशिलययाह का पहल आना अवltय ह 11 उस न उततर दिदया फिक एशिलययाह तो आएगा और सब कछ सधारगा 12 परनत म तम स कहता ह फिक एशिलययाह आ चका और उनहोन उस नही पहचाना परनत जसा चाहा वसा ही उसक साथ फिकया

इसी रीफित स मनषय का पतर भी उन क हाथ स दख उठाएगा 13 तब चलो न समझा फिक उस न हम स यहनना बपफितसमा दन वाल क फिवषय म कहा ह 14 जब व भीड़ क पास पहच तो एक मनषय उसक पास आया और घटन टक कर कहन लगा 15 ह परभ मर पतर पर दया कर कयोफिक उस को यिमगM आती ह और वह बहत दख उठाता ह और बार बार आग म और बार बार

पानी म फिगर पड़ता ह 16 और म उस को तर चलो क पास लाया था पर व उस अचछा नही कर सक 17 यीश न उततर दिदया फिक ह अफिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा कब तक तमहारी सहगा उस यहा मर

पास लाओ 18 तब यीश न उस घड़का और दषटातमा उस म स फिनकला और लड़का उसी घड़ी अचछा हो गया 19 तब चलो न एकानत म यीश क पास आकर कहा हम इस कयो नही फिनकाल सक 20 उस न उन स कहा अपन फिवशवास की घटी क कारण कयोफिक म तम स सच कहता ह यदिद तमहारा फिवशवास राई क दान क

बराबर भी हो तो इस पहाड़ स कह स को ग फिक यहा स सरककर वहा चला जा तो वह चला जाएगा और कोई बात तमहार शिलय अनहोनी न होगी

21 जब व गलील म थ तो यीश न उन स कहा मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जाएगा 22 और व उस मार डालग और वह तीसर दिदन जी उठगा 23 इस पर व बहत उदास हए 24 जब व करनहम म पहच तो मजिनदर क शिलय कर लन वालो न पतरस क पास आकर पछा फिक कया तमहारा गर मजिनदर का कर

नही दता उस न कहा हा दता तो ह 25 जब वह घर म आया तो यीश न उसक पछन स पफिहल उस स कहा ह शमौन त कया समझता ह पथवी क राजा महसल या कर

फिकन स लत ह अपन पतरो स या परायो स पतरस न उन स कहा परायो स 26 यीश न उस स कहा तो पतर बच गए

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 8: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

जाएगा 9 कयोफिक म भी पराधीन मनषय ह और शिसपाही मर हाथ म ह और जब एक स कहता ह जा तो वह जाता ह और दसर को फिकआ तो वह आता ह और अपन दास स कहता ह फिक यह कर तो वह करता ह 10 यह सनकर यीश न अचमभा फिकया और जो उसक पीछ आ रह थ उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक म न इसराएल म भी

ऐसा फिवशवास नही पाया 11 और म तम स कहता ह फिक बहतर पवK और पभिम स आकर इबराहीम और इसहाक और याकब क साथ सवगK क राय मबठ ग 12 परनत राय क सनतान बाहर असतरिनधयार म डाल दिदए जाएग वहा रोना और दातो का पीसना होगा 13 और यीश न सबदार स कहा जा जसा तरा फिवशवास ह वसा ही तर शिलय हो और उसका सवक उसी घड़ी चगा हो गया 14 और यीश न पतरस क घर म आकर उस की सास को वर म पड़ी दखा 15 उस न उसका हाथ छआ और उसका वर उतर गया और वह उठकर उस की सवा करन लगी 16 जब सधया हई तब व उसक पास बहत स लोगो को लाए जिजन म दषटातमाए थी और उस न उन आतमाओ को अपन वचन स

फिनकाल दिदया और सब बीमारो को चगा फिकया 17 ताफिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक उस न आप हमारी दबKलताओ को ल शिलया और

हमारी बीमारिरयो को उठा शिलया 18 यीश न अपनी चारो ओर एक बड़ी भीड़ दखकर उस पार जान की आजञा दी 19 और एक शासतरी न पास आकर उस स कहा ह गर जहा कही त जाएगा म तर पीछ पीछ हो लगा 20 यीश न उस स कहा लोमफिडय़ो क भट और आकाश क पभिकषयो क बसर होत ह परनत मनषय क पतर क शिलय शिसर धरन की भी

जगह नही ह 21 एक और चल न उस स कहा ह परभ मझ पफिहल जान द फिक अपन फिपता को गाड़ द 22 यीश न उस स कहा त मर पीछ हो ल और मरदो को अपन मरद गाड़न द 23 जब वह नाव पर चढ़ा तो उसक चल उसक पीछ हो शिलए 24 और दखो झील म एक ऐसा बड़ा तान उठा फिक नाव लहरो स ढपन लगी और वह सो रहा था 25 तब उनहोन पास आकर उस जगाया और कहा ह परभ हम बचा हम नाश हए जात ह 26 उस न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो कयो डरत हो तब उस न उठकर आनधी और पानी को डाटा और सब शानत हो गया 27 और लोग अचमभा करक कहन लग फिक यह कसा मनषय ह फिक आनधी और पानी भी उस की आजञा मानत ह 28 जब वह उस पार गदरफिनयो क दश म पहचा तो दो मनषय जिजन म दषटातमाए थी कबरो स फिनकलत हए उस यिमल जो इतन परचणड थ फिक कोई उस मागK स जा नही सकता था 29 और दखो उनहोन शिचललाकर कहा ह परमशवर क पतर हमारा तझ स कया काम कया त समय स पफिहल हम द ख दन यहा

आया ह 30 उन स कछ दर बहत स सअरो का एक झणड चर रहा था 31 दषटातमाओ न उस स यह कहकर फिबनती की फिक यदिद त हम फिनकालता ह तो सअरो क झणड म भज द 32 उस न उन स कहा जाओ व फिनकलकर सअरो म पठ गए और दखो सारा झणड कड़ाड़ पर स झपटकर पानी म जा पड़ा और

डब मरा 33 और चरवाह भाग और नगर म जाकर य सब बात और जिजन म दषटातमाए थी उन का सारा हाल कह सनाया 34 और दखो सार नगर क लोग यीश स भट करन को फिनकल आए और उस दखकर फिबनती की फिक हमार शिसवानो स बाहर फिनकल जा

Chapter9

1 फिर वह नाव पर चढ़कर पार गया और अपन नगर म आया 2 और दखो कई लोग एक झोल क मार हए को खाट पर रखकर उसक पास लाए यीश न उन का फिवशवास दखकर उस झोल क

मार हए स कहा ह पतर ढाढ़स बानध तर पाप कषमा हए

3 और दखो कई शासतरिसतरयो न सोचा फिक यह तो परमशवर की फिननदा करता ह 4 यीश न उन क मन की बात मालम करक कहा फिक तम लोग अपन अपन मन म बरा फिवचार कयो कर रह हो 5 सहज कया ह यह कहना फिक तर पाप कषमा हए या यह कहना फिक उठ और चल फिर 6 परनत इसशिलय फिक तम जान लो फिक मनषय क पतर को पथवी पर पाप कषमा करन का अयिधकार ह ( उस न झोल क मार हए स कहा ) उठ अपनी खाट उठा और अपन घर चला जा 7 वह उठकर अपन घर चला गया 8 लोग यह दखकर डर गए और परमशवर की मफिहमा करन लग जिजस न मनषयो को ऐसा अयिधकार दिदया ह 9 वहा स आग बढ़कर यीश न मतती नाम एक मनषय को महसल की चौकी पर बठ दखा और उस स कहा मर पीछ हो ल वह

उठकर उसक पीछ हो शिलया 10 और जब वह घर म भोजन करन क शिलय बठा तो बहतर महसल लन वाल और पापी आकर यीश और उसक चलो क साथ खानबठ 11 यह दखकर रीशिसयो न उसक चलो स कहा तमहारा गर महसल लन वालो और पाफिपयो क साथ कयो खाता ह 12 उस न यह सनकर उन स कहा वदय भल चगो को नही परनत बीमारो को अवltय ह 13 सो तम जाकर इस का अथK सीख लो फिक म बशिलदान नही परनत दया चाहता ह कयोफिक म धयिमय को नही परनत पाफिपयो को

बलान आया ह 14 तब यहनना क चलो न उसक पास आकर कहा कया कारण ह फिक हम और रीसी इतना उपवास करत ह पर तर चल उपवास

नही करत 15 यीश न उन स कहा कया बराती जब तक दलहा उन क साथ ह शोक कर सकत ह पर व दिदन आएग फिक दलहा उन स अलग

फिकया जाएगा उस समय व उपवास करग 16 को र कपड़ का पबनद परान पफिहरावन पर कोई नही लगाता कयोफिक वह पबनद पफिहरावन स और कछ खीच लता ह और वह

अयिधक ट जाता ह 17 और नया दाखरस परानी मशको म नही भरत ह कयोफिक ऐसा करन स मशक ट जाती ह और दाखरस बह जाता ह और

मशक नाश हो जाती ह परनत नया दाखरस नई मशको म भरत ह और वह दोनो बची रहती ह 18 वह उन स य बात कह ही रहा था फिक दखो एक सरदार न आकर उस परणाम फिकया और कहा मरी पतरी अभी मरी ह परनत

चलकर अपना हाथ उस पर रख तो वह जीफिवत हो जाएगी 19 यीश उठकर अपन चलो समत उसक पीछ हो शिलया 20 और दखो एक सतरी न जिजस क बारह वषK स लोह बहता था उसक पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छ शिलया 21 कयोफिक वह अपन मन म कहती थी फिक यदिद म उसक वसतर ही को छ लगी तो चगी हो जाऊगी 22 यीश न फिरकर उस दखा और कहा पतरी ढाढ़स बानध तर फिवशवास न तझ चगा फिकया ह सो वह सतरी उसी घड़ी चगी हो गई 23 जब यीश उस सरदार क घर म पहचा और बासली बजान वालो और भीड़ को हललड़ मचात दखा तब कहा 24 हट जाओ लड़की मरी नही पर सोती ह इस पर व उस की हसी करन लग 25 परनत जब भीड़ फिनकाल दी गई तो उस न भीतर जाकर लड़की का हाथ पकड़ा और वह जी उठी 26 और इस बात की चचाK उस सार दश म ल गई 27 जब यीश वहा स आग बढ़ा तो दो अनध उसक पीछ यह पकारत हए चल फिक ह दाऊद की सनतान हम पर दया कर 28 जब वह घर म पहचा तो व अनध उस क पास आए और यीश न उन स कहा कया तमह फिवशवास ह फिक म यह कर सकता ह

उनहोन उस स कहा हा परभ 29 तब उस न उन की आख छकर कहा तमहार फिवशवास क अनसार तमहार शिलय हो 30 और उन की आख खल गई और यीश न उनह शिचताकर कहा सावधान कोई इस बात को न जान 31 पर उनहोन फिनकलकर सार दश म उसका यश ला दिदया 32 जब व बाहर जा रह थ तो दखो लोग एक गग को जिजस म दषटातमा थी उस क पास लाए 33 और जब दषटातमा फिनकाल दी गई तो गगा बोलन लगा और भीड़ न अचमभा करक कहा फिक इसराएल म ऐसा कभी नही दखागया 34 परनत रीशिसयो न कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह 35 और यीश सब नगरो और गावो म फिरता रहा और उन की सभाओ म उपदश करता और राय का ससमाचार परचार करता

और हर परकार की बीमारी और दबKलता को दर करता रहा

36 जब उस न भीड़ को दखा तो उस को लोगो पर तरस आया कयोफिक व उन भड़ो की नाई जिजनका कोई रखवाला न हो वयाकल और भटक हए स थ

37 तब उस न अपन चलो स कहा पकक खत तो बहत ह पर मजदर थोड़ ह 38 इसशिलय खत क सवामी स फिबनती करो फिक वह अपन खत काटन क शिलय मजदर भज द

Chapter10

1 फिर उस न अपन बारह चलो को पास बलाकर उनह अशदध आतमाओ पर अयिधकार दिदया फिक उनह फिनकाल और सब परकार की बीमारिरयो और सब परकार की दबKलताओ को दर कर

2 और बारह पररिरतो क नाम य ह पफिहला शमौन जो पतरस कहलाता ह और उसका भाई अजिनwयास जबदी का पतर याकब और उसका भाई यहनना

3 फिशिलपपस और बर- तलम थोमा और महसल लनवाला मतती हल का पतर याकब और तदद 4 शमौन कनानी और यहदा इसकरिरयोती जिजस न उस पकड़वा भी दिदया 5 इन बारहो को यीश न यह आजञा दकर भजा फिक अनयजाफितयो की ओर न जाना और सामरिरयो क फिकसी नगर म परवश न करना 6 परनत इसराएल क घरान ही की खोई हई भड़ो क पास जाना 7 और चलत चलत परचार कर कहो फिक सवगK का राय फिनकट आ गया ह 8 बीमारो को चगा करो मर हओ को जिजलाओ कोदिढय़ो को शदध करो दषटातमाओ को फिनकालो तम न सतमत पाया ह सतमतदो 9 अपन पटको म न तो सोना और न रपा और न ताबा रखना 10 मागK क शिलय न झोली रखो न दो करत न जत और न लाठी लो कयोफिक मजदर को उसका भोजन यिमलना चाफिहए 11 जिजस फिकसी नगर या गाव म जाओ तो पता लगाओ फिक वहा कौन योगय ह और जब तक वहा स न फिनकलो उसी क यहा रहो 12 और घर म परवश करत हए उस को आशीष दना 13 यदिद उस घर क लोग योगय होग तो तमहारा कलयाण उन पर पहचगा परनत यदिद व योगय न हो तो तमहारा कलयाण तमहार पास लौट आएगा 14 और जो कोई तमह गरहण न कर और तमहारी बात न सन उस घर या उस नगर स फिनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो 15 म तम स सच कहता ह फिक नयाय क दिदन उस नगर की दशा स सदोम और अमोरा क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 16 दखो म तमह भड़ो की नाई भफिडय़ो क बीच म भजता ह सो सापो की नाई बजिदधमान और कबतरो की नाई भोल बनो 17 परनत लोगो स सावधान रहो कयोफिक व तमह महासभाओ म सौपग और अपनी पचायत म तमह कोड़ मारग 18 तम मर शिलय हाफिकमो ओर राजाओ क सामहन उन पर और अनयजाफितयो पर गवाह होन क शिलय पहचाए जाओग 19 जब व तमह पकड़वाएग तो यह शिचनता न करना फिक हम फिकस रीफित स या कया कहग कयोफिक जो कछ तम को कहना होगा

वह उसी घड़ी तमह बता दिदया जाएगा 20 कयोफिक बोलन वाल तम नही हो परनत तमहार फिपता का आतमा तम म बोलता ह 21 भाई भाई को और फिपता पतर को घात क शिलय सौपग और लड़क- बाल माता- फिपता क फिवरोध म उठकर उनह मरवा डालग 22 मर नाम क कारण सब लोग तम स बर करग पर जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 23 जब व तमह एक नगर म सताए तो दसर को भाग जाना म तम स सच कहता ह तम इसराएल क सब नगरो म न फिर चकोग

फिक मनषय का पतर आ जाएगा 24 चला अपन गर स बड़ा नही और न दास अपन सवामी स 25 चल का गर क और दास का सवामी क बाराबर होना ही बहत ह जब उनहोन घर क सवामी को शतान कहा तो उसक घर वालो

को कयो न कहग 26 सो उन स मत डरना कयोफिक कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ शिछपा ह जो जाना न जाएगा 27 जो म तम स असतरिनधयार म कहता ह उस उजिजयाल म कहो और जो कानो कान सनत हो उस को ठो पर स परचार करो 28 जो शरीर को घात करत ह पर आतमा को घात नही कर सकत उन स मत डरना पर उसी स डरो जो आतमा और शरीर दोनो

को नरक म नाश कर सकता ह

29 कया पस म दो गौरय नही फिबकती तौभी तमहार फिपता की इचछा क फिबना उन म स एक भी भयिम पर नही फिगर सकती 30 तमहार शिसर क बाल भी सब फिगन हए ह 31 इसशिलय डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 32 जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन मान लगा 33 पर जो कोई मनषयो क सामहन मरा इनकार करगा उस स म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन इनकार करगा 34 यह न समझो फिक म पथवी पर यिमलाप करान को आया ह म यिमलाप करान को नही पर तलवार चलवान आया ह 35 म तो आया ह फिक मनषय को उसक फिपता स और बटी को उस की मा स और बह को उस की सास स अलग कर द 36 मनषय क बरी उसक घर ही क लोग होग 37 जो माता या फिपता को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह वह मर योगय नही और जो बटा या बटी को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह

वह मर योगय नही 38 और जो अपना करस लकर मर पीछ न चल वह मर योगय नही 39 जो अपन पराण बचाता ह वह उस खोएगा और जो मर कारण अपना पराण खोता ह वह उस पाएगा 40 जो तमह गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह और जो मझ गरहण करता ह वह मर भजन वाल को गरहण करता ह 41 जो भफिवषयदवकता को भफिवषयदवकता जानकर गरहण कर वह भफिवषयदवकता का बदला पाएगा और जो धमM जानकर धमM को गरहणकर वह धमM का बदला पाएगा 42 जो कोई इन छोटो म स एक को चला जानकर कवल एक कटोरा ठडा पानी फिपलाए म तम स सच कहता ह वह फिकसी रीफित स

अपना परफितल न खोएगा

Chapter11

1 जब यीश अपन बारह चलो को आजञा द चका तो वह उन क नगरो म उपदश और परचार करन को वहा स चला गया 2 यहनना न बनदीगह म मसीह क कामो का समाचार सनकर अपन चलो को उस स यह पछन भजा 3 फिक कया आनवाला त ही ह या हम दसर की बाट जोह 4 यीश न उततर दिदया फिक जो कछ तम सनत हो और दखत हो वह सब जाकर यहनना स कह दो 5 फिक अनध दखत ह और लगड़ चलत फिरत ह कोढ़ी शदध फिकए जात ह और बफिहर सनत ह मद जिजलाए जात ह और कगालो को

ससमाचार सनाया जाता ह 6 और धनय ह वह जो मर कारण ठोकर न खाए 7 जब व वहा स चल दिदए तो यीश यहनना क फिवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया हवा स फिहलत हए

सरकणड को 8 फिर तम कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पफिहन हए मनषय को दखो जो कोमल वसतर पफिहनत ह व राजभवनो म रहत ह 9 तो फिर कयो गए थ कया फिकसी भफिवषयदवकता को दखन को हा म तम स कहता ह वरन भफिवषयदवकता स भी बड़ को 10 यह वही ह जिजस क फिवषय म शिलखा ह फिक दख म अपन दत को तर आग भजता ह जो तर आग तरा मागK तयार करगा 11 म तम स सच कहता ह फिक जो सतरिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना बपफितसमा दन वाल स कोई बड़ा नही हआ पर जो सवगK क

राय म छोट स छोटा ह वह उस स बड़ा ह 12 यहनना बपफितसमा दन वाल क दिदनो स अब तक सवगK क राय पर जोर होता रहा ह और बलवान उस छीन लत ह 13 यहनना तक सार भफिवषयदवकता और वयवसथा भफिवषयदववाणी करत रह 14 और चाहो तो मानो एशिलययाह जो आनवाला था वह यही ह 15 जिजस क सनन क कान हो वह सन ल 16 म इस समय क लोगो की उपमा फिकस स द व उन बालको क समान ह जो बाजारो म बठ हए एक दसर स पकारकर कहतह 17 फिक हम न तमहार शिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न फिवलाप फिकया और तम न छाती नही पीटी 18 कयोफिक यहनना न खाता आया और न पीता और व कहत ह फिक उस म दषटातमा ह 19 मनषय का पतर खाता- पीता आया और व कहत ह फिक दखो पट और फिपयककड़ मनषय महसल लन वालो और पाफिपयो का

यिमतर पर जञान अपन कामो म सचचा ठहराया गया ह 20 तब वह उन नगरो को उलाहना दन लगा जिजन म उस न बहतर सामथK क काम फिकए थ कयोफिक उनहोन अपना मन नही फिरायाथा 21 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथK क काम तम म फिकए गए यदिद व सर और सदा म फिकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन फिरा लत 22 परनत म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तमहारी दशा स सर और सदा की दशा अयिधक सहन योगय होगी 23 और ह करनहम कया त सवगK तक ऊचा फिकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा जो सामथK क काम तझ म फिकए

गए ह यदिद सदोम म फिकए जात तो वह आज तक बना रहता 24 पर म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तरी दशा स सदोम क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 25 उसी समय यीश न कहा ह फिपता सवगK और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह फिक त न इन बातो को जञाफिनयो और

समझदारो स शिछपा रखा और बालको पर परगट फिकया ह 26 हा ह फिपता कयोफिक तझ यही अचछा लगा 27 मर फिपता न मझ सब कछ सौपा ह और कोई पतर को नही जानता कवल फिपता और कोई फिपता को नही जानता कवल पतर

और वह जिजस पर पतर उस परगट करना चाह 28 ह सब परिरशरम करन वालो और बोझ स दब लोगो मर पास आओ म तमह फिवशराम दगा 29 मरा जआ अपन ऊपर उठा लो और मझ स सीखो कयोफिक म नमर और मन म दीन ह और तम अपन मन म फिवशराम पाओग 30 कयोफिक मरा जआ सहज और मरा बोझ हलका ह

Chapter12

1 उस समय यीश सबत क दिदन खतो म स होकर जा रहा था और उसक चलो को भख लगी सो व बाल तोड़ तोड़ कर खान लग 2 रीशिसयो न यह दखकर उस स कहा दख तर चल वह काम कर रह ह जो सबत क दिदन करना उशिचत नही 3 उस न उन स कहा कया तम न नही पढ़ा फिक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख हए तो कया फिकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया खाई जिजनह खाना न तो उस और उसक साशिथयो को पर कवल याजको

को उशिचत था 5 या तम न वयवसथा म नही पढ़ा फिक याजक सबत क दिदन मजिनदर म सबत क दिदन क फिवयिध को तोड़न पर भी फिनदष ठहरत ह 6 पर म तम स कहता ह फिक यहा वह ह जो मजिनदर स भी बड़ा ह 7 यदिद तम इस का अथK जानत फिक म दया स परसनन ह बशिलदान स नही तो तम फिनदष को दोषी न ठहरात 8 मनषय का पतर तो सबत क दिदन का भी परभ ह 9 वहा स चलकर वह उन की सभा क घर म आया 10 और दखो एक मनषय था जिजस का हाथ सखा हआ था और उनहोन उस पर दोष लगान क शिलय उस स पछा फिक कया सबत

क दिदन चगा करना उशिचत ह 11 उस न उन स कहा तम म ऐसा कौन ह जिजस की एक ही भड़ हो और वह सबत क दिदन गड़ह म फिगर जाए तो वह उस

पकड़कर न फिनकाल 12 भला मनषय का मलय भड़ स फिकतना बढ़ कर ह इसशिलय सबत क दिदन भलाई करना उशिचत ह तब उस न उस मनषय स कहा

अपना हाथ बढ़ा 13 उस न बढ़ाया और वह फिर दसर हाथ की नाई अचछा हो गया 14 तब रीशिसयो न बाहर जाकर उसक फिवरोध म सममफित की फिक उस फिकस परकार नाश कर 15 यह जानकर यीश वहा स चला गया और बहत लोग उसक पीछ हो शिलय और उस न सब को चगा फिकया 16 और उनह शिचताया फिक मझ परगट न करना 17 फिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 18 फिक दखो यह मरा सवक ह जिजस म न चना ह मरा फिपरय जिजस स मरा मन परसनन ह म अपना आतमा उस पर डालगा और

वह अनयजाफितयो को नयाय का समाचार दगा

19 वह न झगड़ा करगा और न धम मचाएगा और न बाजारो म कोई उसका शबद सनगा 20 वह कचल हए सरकणड को न तोड़गा और धआ दती हई बतती को न बझाएगा जब तक नयाय को परबल न कराए 21 और अनयजाफितया उसक नाम पर आशा रखगी 22 तब लोग एक अनध- गग को जिजस म दषटातमा थी उसक पास लाए और उस न उस अचछा फिकया और वह गगा बोलन और

दखन लगा 23 इस पर सब लोग चफिकत होकर कहन लग यह कया दाऊद की सनतान का ह 24 परनत रीशिसयो न यह सनकर कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार शतान की सहायता क फिबना दषटातमाओ को नही फिनकालता 25 उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस फिकसी राय म ट होती ह वह उजड़ जाता ह और कोई नगर या

घराना जिजस म ट होती ह बना न रहगा 26 और यदिद शतान ही शतान को फिनकाल तो वह अपना ही फिवरोधी हो गया ह फिर उसका राय कयोकर बना रहगा 27 भला यदिद म शतान की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो तमहार वश फिकस की सहायता स फिनकालत ह इसशिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग 28 पर यदिद म परमशवर क आतमा की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो परमशवर का राय तमहार पास आ पहचा ह 29 या कयोकर कोई मनषय फिकसी बलवनत क घर म घसकर उसका माल लट सकता ह जब तक फिक पफिहल उस बलवनत को न बानध

ल और तब वह उसका घर लट लगा 30 जो मर साथ नही वह मर फिवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह फिबथराता ह 31 इसशिलय म तम स कहता ह फिक मनषय का सब परकार का पाप और फिननदा कषमा की जाएगी पर आतमा की फिननदा कषमा न कीजाएगी 32 जो कोई मनषय क पतर क फिवरोध म कोई बात कहगा उसका यह अपराध कषमा फिकया जाएगा परनत जो कोई पफिवतर- आतमा क

फिवरोध म कछ कहगा उसका अपराध न तो इस लोक म और न पर लोक म कषमा फिकया जाएगा 33 यदिद पड़ को अचछा कहो तो उसक ल को भी अचछा कहो या पड़ को फिनकममा कहो तो उसक ल को भी फिनककमा कहो

कयोफिक पड़ ल ही स पहचाना जाता ह 34 ह साप क बचचो तम बर होकर कयोकर अचछी बात कह सकत हो कयोफिक जो मन म भरा ह वही मह पर आता ह 35 भला मनषय मन क भल भणडार स भली बात फिनकालता ह और बरा मनषय बर भणडार स बरी बात फिनकालता ह 36 और म तम स कहता ह फिक जो जो फिनकममी बात मनषय कहग नयाय क दिदन हर एक बात का लखा दग 37 कयोफिक त अपनी बातो क कारण फिनदष और अपनी बातो ही क कारण दोषी ठहराया जाएगा 38 इस पर फिकतन शासतरिसतरयोऔर रीशिसयो न उस स कहा ह गर हम तझ स एक शिचनह दखना चाहत ह 39 उस न उनह उततर दिदया फिक इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह परनत यनस भफिवषयदवकता क शिचनह को छोड़ कोई

और शिचनह उन को न दिदया जाएगा 40 यनस तीन रात दिदन जल- जनत क पट म रहा वस ही मनषय का पतर तीन रात दिदन पथवी क भीतर रहगा 41 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएग कयोफिक उनहोन यनस का परचार सनकर मन

फिराया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 42 दजज़िकखन की रानी नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोफिक वह सलमान का जञान सनन क

शिलय पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 43 जब अशदध आतमा मनषय म स फिनकल जाती ह तो सखी जगहो म फिवशराम ढढ़ती फिरती ह और पाती नही 44 तब कहती ह फिक म अपन उसी घर म जहा स फिनकली थी लौट जाऊगी और आकर उस सना झाड़ा- बहारा और सजा

सजाया पाती ह 45 तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वहा वास करती ह और उस

मनषय की फिपछली दशा पफिहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोगो की दशा भी ऐसी ही होगी 46 जब वह भीड़ स बात कर ही रहा था तो दखो उस की माता और भाई बाहर खड़ थ और उस स बात करना चाहत थ 47 फिकसी न उस स कहा दख तरी माता और तर भाई बाहर खड़ ह और तझ स बात करना चाहत ह 48 यह सन उस न कहन वाल को उततर दिदया कौन ह मरी माता 49 और कौन ह मर भाई और अपन चलो की ओर अपना हाथ बढ़ा कर कहा दखो मरी माता और मर भाई य ह 50 कयोफिक जो कोई मर सवगMय फिपता की इचछा पर चल वही मरा भाई और बफिहन और माता ह

Chapter13

1 उसी दिदन यीश घर स फिनकलकर झील क फिकनार जा बठा 2 और उसक पास ऐसी बड़ी भीड़ इकटठी हई फिक वह नाव पर चढ़ गया और सारी भीड़ फिकनार पर खड़ी रही 3 और उस न उन स दषटानतो म बहत सी बात कही फिक दखो एक बोन वाला बीज बोन फिनकला 4 बोत समय कछ बीज मागK क फिकनार फिगर और पभिकषयो न आकर उनह चग शिलया 5 कछ पतथरीली भयिम पर फिगर जहा उनह बहत यिमटटी न यिमली और गहरी यिमटटी न यिमलन क कारण व जलद उग आए 6 पर सरज फिनकलन पर व जल गए और जड़ न पकड़न स सख गए 7 कछ झाफिड़यो म फिगर और झाफिड़यो न बढ़कर उनह दबा डाला 8 पर कछ अचछी भयिम पर फिगर और ल लाए कोई सौ गना कोई साठ गना कोई तीस गना 9 जिजस क कान हो वह सन ल 10 और चलो न पास आकर उस स कहा त उन स दषटानतो म कयो बात करता ह 11 उस न उततर दिदया फिक तम को सवगK क राय क भदो की समझ दी गई ह पर उन को नही 12 कयोफिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा पर जिजस क पास कछ नही ह उस स जो कछ

उसक पास ह वह भी ल शिलया जाएगा 13 म उन स दषटानतो म इसशिलय बात करता ह फिक व दखत हए नही दखत और सनत हए नही सनत और नही समझत 14 और उन क फिवषय म यशायाह की यह भफिवषयदववाणी परी होती ह फिक तम कानो स तो सनोग पर समझोग नही और आखो स

तो दखोग पर तमह न सझगा 15 कयोफिक इन लोगो का मन मोटा हो गया ह और व कानो स ऊचा सनत ह और उनहोन अपनी आख मद ली ह कही ऐसा न हो

फिक व आखो स दख और कानो स सन और मन स समझ और फिर जाए और म उनह चगा कर 16 पर धनय ह तमहारी आख फिक व दखती ह और तमहार कान फिक व सनत ह 17 कयोफिक म तम स सच कहता ह फिक बहत स भफिवषयदवकताओ न और धयिमय न चाहा फिक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी

और जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 18 सो तम बोन वाल का दषटानत सनो 19 जो कोई राय का वचन सनकर नही समझता उसक मन म जो कछ बोया गया था उस वह दषट आकर छीन ल जाता ह यह

वही ह जो मागK क फिकनार बोया गया था 20 और जो पतथरीली भयिम पर बोया गया यह वह ह जो वचन सनकर तरनत आननद क साथ मान लता ह 21 पर अपन म जड़ न रखन क कारण वह थोड़ ही दिदन का ह और जब वचन क कारण कलश या उपwव होता ह तो तरनत ठोकर

खाता ह 22 जो झाफिड़यो म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनता ह पर इस ससार की शिचनता और धन का धोखा वचन को दबाता ह

और वह ल नही लाता 23 जो अचछी भयिम म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनकर समझता ह और ल लाता ह कोई सौ गना कोई साठ गना

कोई तीस गना 24 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय उस मनषय क समान ह जिजस न अपन खत म अचछा बीज बोया 25 पर जब लोग सो रह थ तो उसका बरी आकर गह क बीच जगली बीज बोकर चला गया 26 जब अकर फिनकल और बाल लगी तो जगली दान भी दिदखाई दिदए 27 इस पर गहसथ क दासो न आकर उस स कहा ह सवामी कया त न अपन खत म अचछा बीज न बोया था फिर जगली दान क

पौध उस म कहा स आए 28 उस न उन स कहा यह फिकसी बरी का काम ह दासो न उस स कहा कया तरी इचछा ह फिक हम जाकर उन को बटोर ल 29 उस न कहा ऐसा नही न हो फिक जगली दान क पौध बटोरत हए उन क साथ गह भी उखाड़ लो 30 कटनी तक दोनो को एक साथ बढ़न दो और कटनी क समय म काटन वालो स कहगा पफिहल जगली दान क पौध बटोरकर

जलान क शिलय उन क गटठ बानध लो और गह को मर खतत म इकटठा करो 31 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय राई क एक दान क समान ह जिजस फिकसी मनषय न लकर अपन खत म

बो दिदया 32 वह सब बीजो स छोटा तो ह पर जब बढ़ जाता ह तब सब साग पात स बड़ा होता ह और ऐसा पड़ हो जाता ह फिक आकाश क

पकषी आकर उस की डाशिलयो पर बसरा करत ह 33 उस न एक और दषटानत उनह सनाया फिक सवगK का राय खमीर क समान ह जिजस को फिकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म

यिमला दिदया और होत होत वह सब खमीर हो गया 34 य सब बात यीश न दषटानतो म लोगो स कही और फिबना दषटानत वह उन स कछ न कहता था 35 फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक म दषटानत कहन को अपना मह खोलगा म उन बातो को जो

जगत की उतपभितत स गपत रही ह परगट करगा 36 तब वह भीड़ को छोड़ कर घर म आया और उसक चलो न उसक पास आकर कहा खत क जगली दान का दषटानत हम समझा द 37 उस न उन को उततर दिदया फिक अचछ बीज का बोन वाला मनषय का पतर ह 38 खत ससार ह अचछा बीज राय क सनतान और जगली बीज दषट क सनतान ह 39 जिजस बरी न उन को बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटन वाल सवगKदत ह 40 सो जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का पतर अपन सवगKदतो को भजगा और व उसक राय म स सब ठोकर क कारणो को और ककमK करन वालो को इकटठाकरग 42 और उनह आग क कड म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धमM अपन फिपता क राय म सयK की नाई चमक ग जिजस क कान हो वह सन ल 44 सवगK का राय खत म शिछप हए धन क समान ह जिजस फिकसी मनषय न पाकर शिछपा दिदया और मार आननद क जाकर और

अपना सब कछ बचकर उस खत को मोल शिलया 45 फिर सवगK का राय एक वयापारी क समान ह जो अचछ मोफितयो की खोज म था 46 जब उस एक बहमलय मोती यिमला तो उस न जाकर अपना सब कछ बच डाला और उस मोल ल शिलया 47 फिर सवगK का राय उस बड़ जाल क समान ह जो समw म डाला गया और हर परकार की मशिछलयो को समट लाया 48 और जब भर गया तो उस को फिकनार पर खीच लाए और बठकर अचछी अचछी तो बरतनो म इकटठा फिकया और फिनकममी

फिनकममी क दी 49 जगत क अनत म ऐसा ही होगा सवगKदत आकर दषटो को धयिमय स अलग करग और उनह आग क कड म डालग 50 वहा रोना और दात पीसना होगा 51 कया तम न य सब बात समझी 52 उनहोन उस स कहा हा उस न उन स कहा इसशिलय हर एक शासतरी जो सवगK क राय का चला बना ह उस गहसथ क समान ह

जो अपन भणडार स नई और परानी वसतए फिनकालता ह 53 जब यीश य सब दषटानत कह चका तो वहा स चला गया 54 और अपन दश म आकर उन की सभा म उनह ऐसा उपदश दन लगा फिक व चफिकत होकर कहन लग फिक इस को यह जञान और

सामथK क काम कहा स यिमल 55 कया यह बढ़ई का बटा नही और कया इस की माता का नाम मरिरयम और इस क भाइयो क नाम याकब और यस और शमौन

और यहदा नही 56 और कया इस की सब बफिहन हमार बीच म नही रहती फिर इस को यह सब कहा स यिमला 57 सो उनहोन उसक कारण ठोकर खाई पर यीश न उन स कहा भफिवषयदवकता अपन दश और अपन घर को छोड़ और कही फिनरादर

नही होता 58 और उस न वहा उन क अफिवशवास क कारण बहत सामथK क काम नही फिकए

Chapter14

1 उस समय चौथाई दश क राजा हरोदस न यीश की चचाK सनी 2 और अपन सवको स कहा यह यहनना बपफितसमा दनवाला ह वह मर हओ म स जी उठा ह इसी शिलय उस स सामथK क काम परगट

होत ह 3 कयोफिक हरोदस न अपन भाई फिलपपस की पतनी हरोदिदयास क कारण यहनना को पकड़कर बानधा और जलखान म डाल दिदयाथा 4 कयोफिक यहनना न उस स कहा था फिक इस को रखना तझ उशिचत नही ह 5 और वह उस मार डालना चाहता था पर लोगो स डरता था कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ 6 पर जब हरोदस का जनम दिदन आया तो हरोदिदयास की बटी न उतसव म नाच दिदखाकर हरोदस को खश फिकया 7 इसशिलय उस न शपथ खाकर वचन दिदया फिक जो कछ त मागगी म तझ दगा 8 वह अपनी माता की उकसाई हई बोली यहनना बपफितसमा दन वाल का शिसर थाल म यही मझ मगवा द 9 राजा दखिखत हआ पर अपनी शपथ क और साथ बठन वालो क कारण आजञा दी फिक द दिदया जाए 10 और जलखान म लोगो को भजकर यहनना का शिसर कटवा दिदया 11 और उसका शिसर थाल म लाया गया और लड़की को दिदया गया और वह उस को अपनी मा क पास ल गई 12 और उसक चलो न आकर और उस की लोथ को ल जाकर गाढ़ दिदया और जाकर यीश को समाचार दिदया 13 जब यीश न यह सना तो नाव पर चढ़कर वहा स फिकसी सनसान जगह एकानत म चला गया और लोग यह सनकर नगर नगर स

पदल उसक पीछ हो शिलए 14 उस न फिनकलकर बड़ी भीड़ दखी और उन पर तरस खाया और उस न उन क बीमारो को चगा फिकया 15 जब साझ हई तो उसक चलो न उसक पास आकर कहा यह तो सनसान जगह ह और दर हो रही ह लोगो को फिवदा फिकया

जाए फिक व बसतिसतयो म जाकर अपन शिलय भोजन मोल ल 16 यीश न उन स कहा उन का जाना आवltयक नही तम ही इनह खान को दो 17 उनहोन उस स कहा यहा हमार पास पाच रोटी और दो मशिछलयो को छोड़ और कछ नही ह 18 उस न कहा उन को यहा मर पास ल आओ 19 तब उस न लोगो को घास पर बठन को कहा और उन पाच रोदिटयो और दो मशिछलयो को शिलया और सवगK की ओर दखकर

धनयवाद फिकया और रोदिटया तोड़ तोड़कर चलो को दी और चलो न लोगो को 20 और सब खाकर तपत हो गए और उनहोन बच हए टकड़ो स भरी हई बारह टोफिकरया उठाई 21 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़कर पाच हजार परषो क अटकल थ 22 और उस न तरनत अपन चलो को बरबस नाव पर चढ़ाया फिक व उस स पफिहल पार चल जाए जब तक फिक वह लोगो को फिवदाकर 23 वह लोगो को फिवदा करक पराथKना करन को अलग पहाड़ पर चढ़ गया और साझ को वहा अकला था 24 उस समय नाव झील क बीच लहरो स डगमगा रही थी कयोफिक हवा सामहन की थी 25 और वह रात क चौथ पहर झील पर चलत हए उन क पास आया 26 चल उस को झील पर चलत हए दखकर घबरा गए और कहन लग वह भत ह और डर क मार शिचलला उठ 27 यीश न तरनत उन स बात की और कहा ढाढ़स बानधो म ह डरो मत 28 पतरस न उस को उततर दिदया ह परभ यदिद त ही ह तो मझ अपन पास पानी पर चलकर आन की आजञा द 29 उस न कहा आ तब पतरस नाव पर स उतरकर यीश क पास जान को पानी पर चलन लगा 30 पर हवा को दखकर डर गया और जब डबन लगा तो शिचललाकर कहा ह परभ मझ बचा 31 यीश न तरनत हाथ बढ़ाकर उस थाम शिलया और उस स कहा ह अलप-फिवशवासी त न कयो सनदह फिकया 32 जब व नाव पर चढ़ गए तो हवा थम गई 33 इस पर जो नाव पर थ उनहोन उस दणडवत करक कहा सचमच त परमशवर का पतर ह 34 व पार उतरकर गननसरत दश म पहच 35 और वहा क लोगो न उस पहचानकर आस पास क सार दश म कहला भजा और सब बीमारो को उसक पास लाए 36 और उस स फिबनती करन लग फिक वह उनह अपन वसतर क आचल ही को छन द और जिजतनो न उस छआ व चग हो गए

Chapter15

1 तब यरशलम स फिकतन रीसी और शासतरी यीश क पास आकर कहन लग 2 तर चल परफिनयो की रीतो को कयो टालत ह फिक फिबना हाथ धोए रोटी खात ह 3 उस न उन को उततर दिदया फिक तम भी अपनी रीतो क कारण कयो परमशवर की आजञा टालत हो 4 कयोफिक परमशवर न कहा था फिक अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और जो कोई फिपता या माता को बरा कह वह

मार डाला जाए 5 पर तम कहत हो फिक यदिद कोई अपन फिपता या माता स कह फिक जो कछ तझ मझ स लाभ पहच सकता था वह परमशवर को भट

चढ़ाई जा चकी 6 तो वह अपन फिपता का आदर न कर सो तम न अपनी रीतो क कारण परमशवर का वचन टाल दिदया 7 ह कपदिटयो यशायाह न तमहार फिवषय म यह भफिवषयदवाणी ठीक की 8 फिक य लोग होठो स तो मरा आदर करत ह पर उन का मन मझ स दर रहता ह 9 और य वयथK मरी उपासना करत ह कयोफिक मनषयो की फिवयिधयो को धमपदश करक शिसखात ह 10 और उस न लोगो को अपन पास बलाकर उन स कहा सनो और समझो 11 जो मह म जाता ह वह मनषय को अशदध नही करता पर जो मह स फिनकलता ह वही मनषय को अशदध करता ह 12 तब चलो न आकर उस स कहा कया त जानता ह फिक रीशिसयो न यह वचन सनकर ठोकर खाई 13 उस न उततर दिदया हर पौधा जो मर सवगMय फिपता न नही लगाया उखाड़ा जाएगा 14 उन को जान दो व अनध मागK दिदखान वाल ह और अनधा यदिद अनध को मागK दिदखाए तो दोनो गड़ह म फिगर पड़ग 15 यह सनकर पतरस न उस स कहा यह दषटानत हम समझा द 16 उस न कहा कया तम भी अब तक ना समझ हो 17 कया नही समझत फिक जो कछ मह म जाता वह पट म पड़ता ह और सणडास म फिनकल जाता ह 18 पर जो कछ मह स फिनकलता ह वह मन स फिनकलता ह और वही मनषय को अशदध करता ह 19 कयोफिक कशिचनता हतया पर सतरीगमन वयभिभचार चोरी झठी गवाही और फिननदा मन ही स फिनकलती ह 20 यही ह जो मनषय को अशदध करती ह परनत हाथ फिबना धोए भोजन करना मनषय को अशदध नही करता 21 यीश वहा स फिनकलकर सर और सदा क दशो की ओर चला गया 22 और दखो उस दश स एक कनानी सतरी फिनकली और शिचललाकर कहन लगी ह परभ दाऊद क सनतान मझ पर दया कर मरी

बटी को दषटातमा बहत सता रहा ह 23 पर उस न उस कछ उततर न दिदया और उसक चलो न आकर उस स फिबनती कर कहा इस फिवदा कर कयोफिक वह हमार पीछ

शिचललाती आती ह 24 उस न उततर दिदया फिक इसराएल क घरान की खोई हई भड़ो को छोड़ म फिकसी क पास नही भजा गया 25 पर वह आई और उस परणाम करक कहन लगी ह परभ मरी सहायता कर 26 उस न उततर दिदया फिक लड़को की रोटी लकर कततो क आग डालना अचछा नही 27 उस न कहा सतय ह परभ पर कतत भी वह चरचार खात ह जो उन क सवायिमयो की मज स फिगरत ह 28 इस पर यीश न उस को उततर दकर कहा फिक ह सतरी तरा फिवशवास बड़ा ह जसा त चाहती ह तर शिलय वसा ही हो और उस की

बटी उसी घड़ी स चगी हो गई 29 यीश वहा स चलकर गलील की झील क पास आया और पहाड़ पर चढ़कर वहा बठ गया 30 और भीड़ पर भीड़ लगड़ो अनधो गगो टड़ो और बहत औरो को लकर उसक पास आए और उनह उस क पावो पर डालदिदया और उस न उनह चगा फिकया 31 सो जब लोगो न दखा फिक गग बोलत और टणड चग होत और लगड़ चलत और अनध दखत ह तो अचमभा करक इसराएल क

परमशवर की बड़ाई की 32 यीश न अपन चलो को बलाकर कहा मझ इस भीड़ पर तरस आता ह कयोफिक व तीन दिदन स मर साथ ह और उन क पास कछ

खान को नही और म उनह भखा फिवदा करना नही चाहता कही ऐसा न हो फिक मागK म थककर रह जाए 33 चलो न उस स कहा हम जगल म कहा स इतनी रोटी यिमलगी फिक हम इतनी बड़ी भीड़ को तपत कर 34 यीश न उन स पछा तमहार पास फिकतनी रोदिटया ह उनहोन कहा सात और थोड़ी सी छोटी मशिछलया 35 तब उस न लोगो को भयिम पर बठन की आजञा दी

36 और उन सात रोदिटयो और मशिछलयो को ल धनयवाद करक तोड़ा और अपन चलो को दता गया और चल लोगो को 37 सो सब खाकर तपत हो गए और बच हए टकड़ो स भर हए सात टोकर उठाए 38 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़ चार हजार परष थ 39 तब वह भीड़ को फिवदा करक नाव पर चढ़ गया और मगदन दश क शिसवानो म आया

Chapter16

1 और रीशिसयो और सदफिकयो न पास आकर उस परखन क शिलय उस स कहा फिक हम आकाश का कोई शिचनह दिदखा 2 उस न उन को उततर दिदया फिक साझ को तम कहत हो फिक खला रहगा कयोफिक आकाश लाल ह 3 और भोर को कहत हो फिक आज आनधी आएगी कयोफिक आकाश लाल और धमला ह तम आकाश का लकषण दखकर भद बता

सकत हो पर समयो क शिचनहो का भद नही बता सकत 4 इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह पर यनस क शिचनह को छोड़ कोई और शिचनह उनह न दिदया जाएगा और वह उनह

छोड़कर चला गया 5 और चल पार जात समय रोटी लना भल गए थ 6 यीश न उन स कहा दखो रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 7 व आपस म फिवचार करन लग फिक हम तो रोटी नही लाए 8 यह जानकर यीश न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो तम आपस म कयो फिवचार करत हो फिक हमार पास रोटी नही 9 कया तम अब तक नही समझ और उन पाच हजार की पाच रोटी समरण नही करत और न यह फिक फिकतनी टोफिकरया उठाई थी 10 और न उन चार हजार की सात रोटी और न यह फिक फिकतन टोकर उठाए गए थ 11 तम कयो नही समझत फिक म न तम स रोदिटयो क फिवषय म नही कहा रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 12 तब उन को समझ म आया फिक उस न रोटी क खमीर स नही पर रीशिसयो और सदफिकयो की शिशकषा स चौकस रहन को कहाथा 13 यीश कसरिरया फिशिलपपी क दश म आकर अपन चलो स पछन लगा फिक लोग मनषय क पतर को कया कहत ह 14 उनहोन कहा फिकतन तो यहनना बपफितसमा दन वाला कहत ह और फिकतन एशिलययाह और फिकतन यियमKयाह या भफिवषयदवकताओ म स

कोई एक कहत ह 15 उस न उन स कहा परनत तम मझ कया कहत हो 16 शमौन पतरस न उततर दिदया फिक त जीवत परमशवर का पतर मसीह ह 17 यीश न उस को उततर दिदया फिक ह शमौन योना क पतर त धनय ह कयोफिक मास और लोह न नही परनत मर फिपता न जो सवगK मह यह बात तझ पर परगट की ह 18 और म भी तझ स कहता ह फिक त पतरस ह और म इस पतथर पर अपनी कलीशिसया बनाऊगा और अधोलोक क ाटक उस

पर परबल न होग 19 म तझ सवगK क राय की कजिजया दगा और जो कछ त पथवी पर बानधगा वह सवगK म बनधगा और जो कछ त पथवी परखोलगा वह सवगK म खलगा 20 तब उस न चलो को शिचताया फिक फिकसी स न कहना फिक म मसीह ह 21 उस समय स यीश अपन चलो को बतान लगा फिक मझ अवltय ह फिक यरशलम को जाऊ और परफिनयो और महायाजको और

शासतरिसतरयो क हाथ स बहत दख उठाऊ और मार डाला जाऊ और तीसर दिदन जी उठ 22 इस पर पतरस उस अलग ल जाकर जिझड़कन लगा फिक ह परभ परमशवर न कर तझ पर ऐसा कभी न होगा 23 उस न फिरकर पतरस स कहा ह शतान मर सामहन स दर हो त मर शिलय ठोकर का कारण ह कयोफिक त परमशवर की बातनही पर मनषयो की बातो पर मन लगाता ह 24 तब यीश न अपन चलो स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप का इनकार कर और अपना करस उठाए और मर

पीछ हो ल 25 कयोफिक जो कोई अपना पराण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई मर शिलय अपना पराण खोएगा वह उस पाएगा 26 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपन पराण की हाफिन उठाए तो उस कया लाभ होगा या मनषय अपन पराण क बदल

म कया दगा 27 मनषय का पतर अपन सवगKदतो क साथ अपन फिपता की मफिहमा म आएगा और उस समय वह हर एक को उसक कामो क

अनसार परफितल दगा 28 म तम स सच कहता ह फिक जो यहा खड़ ह उन म स फिकतन ऐस ह फिक जब तक मनषय क पतर को उसक राय म आत हए न

दख लग तब तक मतय का सवाद कभी न चखग

Chapter17

1 छ दिदन क बाद यीश न पतरस और याकब और उसक भाई यहनना को साथ शिलया और उनह एकानत म फिकसी ऊच पहाड़ पर लगया 2 और उनक सामहन उसका रपानतर हआ और उसका मह सयK की नाई चमका और उसका वसतर योफित की नाई उजला हो गया 3 और दखो मसा और एशिलययाह उसक साथ बात करत हए उनह दिदखाई दिदए 4 इस पर पतरस न यीश स कहा ह परभ हमारा यहा रहना अचछा ह इचछा हो तो यहा तीन मणडप बनाऊ एक तर शिलय एक

मसा क शिलय और एक एशिलययाह क शिलय 5 वह बोल ही रहा था फिक दखो एक उजल बादल न उनह छा शिलया और दखो उस बादल म स यह शबद फिनकला फिक यह मरा

फिपरय पतर ह जिजस स म परसनन ह इस की सनो 6 चल यह सनकर मह क बल फिगर गए और अतयनत डर गए 7 यीश न पास आकर उनह छआ और कहा उठो डरो मत 8 तब उनहोन अपनी आख उठाकर यीश को छोड़ और फिकसी को न दखा 9 जब व पहाड़ स उतर रह थ तब यीश न उनह यह आजञा दी फिक जब तक मनषय का पतर मर हओ म स न जी उठ तब तक जो कछ

तम न दखा ह फिकसी स न कहना 10 और उसक चलो न उस स पछा फिर शासतरी कयो कहत ह फिक एशिलययाह का पहल आना अवltय ह 11 उस न उततर दिदया फिक एशिलययाह तो आएगा और सब कछ सधारगा 12 परनत म तम स कहता ह फिक एशिलययाह आ चका और उनहोन उस नही पहचाना परनत जसा चाहा वसा ही उसक साथ फिकया

इसी रीफित स मनषय का पतर भी उन क हाथ स दख उठाएगा 13 तब चलो न समझा फिक उस न हम स यहनना बपफितसमा दन वाल क फिवषय म कहा ह 14 जब व भीड़ क पास पहच तो एक मनषय उसक पास आया और घटन टक कर कहन लगा 15 ह परभ मर पतर पर दया कर कयोफिक उस को यिमगM आती ह और वह बहत दख उठाता ह और बार बार आग म और बार बार

पानी म फिगर पड़ता ह 16 और म उस को तर चलो क पास लाया था पर व उस अचछा नही कर सक 17 यीश न उततर दिदया फिक ह अफिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा कब तक तमहारी सहगा उस यहा मर

पास लाओ 18 तब यीश न उस घड़का और दषटातमा उस म स फिनकला और लड़का उसी घड़ी अचछा हो गया 19 तब चलो न एकानत म यीश क पास आकर कहा हम इस कयो नही फिनकाल सक 20 उस न उन स कहा अपन फिवशवास की घटी क कारण कयोफिक म तम स सच कहता ह यदिद तमहारा फिवशवास राई क दान क

बराबर भी हो तो इस पहाड़ स कह स को ग फिक यहा स सरककर वहा चला जा तो वह चला जाएगा और कोई बात तमहार शिलय अनहोनी न होगी

21 जब व गलील म थ तो यीश न उन स कहा मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जाएगा 22 और व उस मार डालग और वह तीसर दिदन जी उठगा 23 इस पर व बहत उदास हए 24 जब व करनहम म पहच तो मजिनदर क शिलय कर लन वालो न पतरस क पास आकर पछा फिक कया तमहारा गर मजिनदर का कर

नही दता उस न कहा हा दता तो ह 25 जब वह घर म आया तो यीश न उसक पछन स पफिहल उस स कहा ह शमौन त कया समझता ह पथवी क राजा महसल या कर

फिकन स लत ह अपन पतरो स या परायो स पतरस न उन स कहा परायो स 26 यीश न उस स कहा तो पतर बच गए

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 9: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

3 और दखो कई शासतरिसतरयो न सोचा फिक यह तो परमशवर की फिननदा करता ह 4 यीश न उन क मन की बात मालम करक कहा फिक तम लोग अपन अपन मन म बरा फिवचार कयो कर रह हो 5 सहज कया ह यह कहना फिक तर पाप कषमा हए या यह कहना फिक उठ और चल फिर 6 परनत इसशिलय फिक तम जान लो फिक मनषय क पतर को पथवी पर पाप कषमा करन का अयिधकार ह ( उस न झोल क मार हए स कहा ) उठ अपनी खाट उठा और अपन घर चला जा 7 वह उठकर अपन घर चला गया 8 लोग यह दखकर डर गए और परमशवर की मफिहमा करन लग जिजस न मनषयो को ऐसा अयिधकार दिदया ह 9 वहा स आग बढ़कर यीश न मतती नाम एक मनषय को महसल की चौकी पर बठ दखा और उस स कहा मर पीछ हो ल वह

उठकर उसक पीछ हो शिलया 10 और जब वह घर म भोजन करन क शिलय बठा तो बहतर महसल लन वाल और पापी आकर यीश और उसक चलो क साथ खानबठ 11 यह दखकर रीशिसयो न उसक चलो स कहा तमहारा गर महसल लन वालो और पाफिपयो क साथ कयो खाता ह 12 उस न यह सनकर उन स कहा वदय भल चगो को नही परनत बीमारो को अवltय ह 13 सो तम जाकर इस का अथK सीख लो फिक म बशिलदान नही परनत दया चाहता ह कयोफिक म धयिमय को नही परनत पाफिपयो को

बलान आया ह 14 तब यहनना क चलो न उसक पास आकर कहा कया कारण ह फिक हम और रीसी इतना उपवास करत ह पर तर चल उपवास

नही करत 15 यीश न उन स कहा कया बराती जब तक दलहा उन क साथ ह शोक कर सकत ह पर व दिदन आएग फिक दलहा उन स अलग

फिकया जाएगा उस समय व उपवास करग 16 को र कपड़ का पबनद परान पफिहरावन पर कोई नही लगाता कयोफिक वह पबनद पफिहरावन स और कछ खीच लता ह और वह

अयिधक ट जाता ह 17 और नया दाखरस परानी मशको म नही भरत ह कयोफिक ऐसा करन स मशक ट जाती ह और दाखरस बह जाता ह और

मशक नाश हो जाती ह परनत नया दाखरस नई मशको म भरत ह और वह दोनो बची रहती ह 18 वह उन स य बात कह ही रहा था फिक दखो एक सरदार न आकर उस परणाम फिकया और कहा मरी पतरी अभी मरी ह परनत

चलकर अपना हाथ उस पर रख तो वह जीफिवत हो जाएगी 19 यीश उठकर अपन चलो समत उसक पीछ हो शिलया 20 और दखो एक सतरी न जिजस क बारह वषK स लोह बहता था उसक पीछ स आकर उसक वसतर क आचल को छ शिलया 21 कयोफिक वह अपन मन म कहती थी फिक यदिद म उसक वसतर ही को छ लगी तो चगी हो जाऊगी 22 यीश न फिरकर उस दखा और कहा पतरी ढाढ़स बानध तर फिवशवास न तझ चगा फिकया ह सो वह सतरी उसी घड़ी चगी हो गई 23 जब यीश उस सरदार क घर म पहचा और बासली बजान वालो और भीड़ को हललड़ मचात दखा तब कहा 24 हट जाओ लड़की मरी नही पर सोती ह इस पर व उस की हसी करन लग 25 परनत जब भीड़ फिनकाल दी गई तो उस न भीतर जाकर लड़की का हाथ पकड़ा और वह जी उठी 26 और इस बात की चचाK उस सार दश म ल गई 27 जब यीश वहा स आग बढ़ा तो दो अनध उसक पीछ यह पकारत हए चल फिक ह दाऊद की सनतान हम पर दया कर 28 जब वह घर म पहचा तो व अनध उस क पास आए और यीश न उन स कहा कया तमह फिवशवास ह फिक म यह कर सकता ह

उनहोन उस स कहा हा परभ 29 तब उस न उन की आख छकर कहा तमहार फिवशवास क अनसार तमहार शिलय हो 30 और उन की आख खल गई और यीश न उनह शिचताकर कहा सावधान कोई इस बात को न जान 31 पर उनहोन फिनकलकर सार दश म उसका यश ला दिदया 32 जब व बाहर जा रह थ तो दखो लोग एक गग को जिजस म दषटातमा थी उस क पास लाए 33 और जब दषटातमा फिनकाल दी गई तो गगा बोलन लगा और भीड़ न अचमभा करक कहा फिक इसराएल म ऐसा कभी नही दखागया 34 परनत रीशिसयो न कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह 35 और यीश सब नगरो और गावो म फिरता रहा और उन की सभाओ म उपदश करता और राय का ससमाचार परचार करता

और हर परकार की बीमारी और दबKलता को दर करता रहा

36 जब उस न भीड़ को दखा तो उस को लोगो पर तरस आया कयोफिक व उन भड़ो की नाई जिजनका कोई रखवाला न हो वयाकल और भटक हए स थ

37 तब उस न अपन चलो स कहा पकक खत तो बहत ह पर मजदर थोड़ ह 38 इसशिलय खत क सवामी स फिबनती करो फिक वह अपन खत काटन क शिलय मजदर भज द

Chapter10

1 फिर उस न अपन बारह चलो को पास बलाकर उनह अशदध आतमाओ पर अयिधकार दिदया फिक उनह फिनकाल और सब परकार की बीमारिरयो और सब परकार की दबKलताओ को दर कर

2 और बारह पररिरतो क नाम य ह पफिहला शमौन जो पतरस कहलाता ह और उसका भाई अजिनwयास जबदी का पतर याकब और उसका भाई यहनना

3 फिशिलपपस और बर- तलम थोमा और महसल लनवाला मतती हल का पतर याकब और तदद 4 शमौन कनानी और यहदा इसकरिरयोती जिजस न उस पकड़वा भी दिदया 5 इन बारहो को यीश न यह आजञा दकर भजा फिक अनयजाफितयो की ओर न जाना और सामरिरयो क फिकसी नगर म परवश न करना 6 परनत इसराएल क घरान ही की खोई हई भड़ो क पास जाना 7 और चलत चलत परचार कर कहो फिक सवगK का राय फिनकट आ गया ह 8 बीमारो को चगा करो मर हओ को जिजलाओ कोदिढय़ो को शदध करो दषटातमाओ को फिनकालो तम न सतमत पाया ह सतमतदो 9 अपन पटको म न तो सोना और न रपा और न ताबा रखना 10 मागK क शिलय न झोली रखो न दो करत न जत और न लाठी लो कयोफिक मजदर को उसका भोजन यिमलना चाफिहए 11 जिजस फिकसी नगर या गाव म जाओ तो पता लगाओ फिक वहा कौन योगय ह और जब तक वहा स न फिनकलो उसी क यहा रहो 12 और घर म परवश करत हए उस को आशीष दना 13 यदिद उस घर क लोग योगय होग तो तमहारा कलयाण उन पर पहचगा परनत यदिद व योगय न हो तो तमहारा कलयाण तमहार पास लौट आएगा 14 और जो कोई तमह गरहण न कर और तमहारी बात न सन उस घर या उस नगर स फिनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो 15 म तम स सच कहता ह फिक नयाय क दिदन उस नगर की दशा स सदोम और अमोरा क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 16 दखो म तमह भड़ो की नाई भफिडय़ो क बीच म भजता ह सो सापो की नाई बजिदधमान और कबतरो की नाई भोल बनो 17 परनत लोगो स सावधान रहो कयोफिक व तमह महासभाओ म सौपग और अपनी पचायत म तमह कोड़ मारग 18 तम मर शिलय हाफिकमो ओर राजाओ क सामहन उन पर और अनयजाफितयो पर गवाह होन क शिलय पहचाए जाओग 19 जब व तमह पकड़वाएग तो यह शिचनता न करना फिक हम फिकस रीफित स या कया कहग कयोफिक जो कछ तम को कहना होगा

वह उसी घड़ी तमह बता दिदया जाएगा 20 कयोफिक बोलन वाल तम नही हो परनत तमहार फिपता का आतमा तम म बोलता ह 21 भाई भाई को और फिपता पतर को घात क शिलय सौपग और लड़क- बाल माता- फिपता क फिवरोध म उठकर उनह मरवा डालग 22 मर नाम क कारण सब लोग तम स बर करग पर जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 23 जब व तमह एक नगर म सताए तो दसर को भाग जाना म तम स सच कहता ह तम इसराएल क सब नगरो म न फिर चकोग

फिक मनषय का पतर आ जाएगा 24 चला अपन गर स बड़ा नही और न दास अपन सवामी स 25 चल का गर क और दास का सवामी क बाराबर होना ही बहत ह जब उनहोन घर क सवामी को शतान कहा तो उसक घर वालो

को कयो न कहग 26 सो उन स मत डरना कयोफिक कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ शिछपा ह जो जाना न जाएगा 27 जो म तम स असतरिनधयार म कहता ह उस उजिजयाल म कहो और जो कानो कान सनत हो उस को ठो पर स परचार करो 28 जो शरीर को घात करत ह पर आतमा को घात नही कर सकत उन स मत डरना पर उसी स डरो जो आतमा और शरीर दोनो

को नरक म नाश कर सकता ह

29 कया पस म दो गौरय नही फिबकती तौभी तमहार फिपता की इचछा क फिबना उन म स एक भी भयिम पर नही फिगर सकती 30 तमहार शिसर क बाल भी सब फिगन हए ह 31 इसशिलय डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 32 जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन मान लगा 33 पर जो कोई मनषयो क सामहन मरा इनकार करगा उस स म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन इनकार करगा 34 यह न समझो फिक म पथवी पर यिमलाप करान को आया ह म यिमलाप करान को नही पर तलवार चलवान आया ह 35 म तो आया ह फिक मनषय को उसक फिपता स और बटी को उस की मा स और बह को उस की सास स अलग कर द 36 मनषय क बरी उसक घर ही क लोग होग 37 जो माता या फिपता को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह वह मर योगय नही और जो बटा या बटी को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह

वह मर योगय नही 38 और जो अपना करस लकर मर पीछ न चल वह मर योगय नही 39 जो अपन पराण बचाता ह वह उस खोएगा और जो मर कारण अपना पराण खोता ह वह उस पाएगा 40 जो तमह गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह और जो मझ गरहण करता ह वह मर भजन वाल को गरहण करता ह 41 जो भफिवषयदवकता को भफिवषयदवकता जानकर गरहण कर वह भफिवषयदवकता का बदला पाएगा और जो धमM जानकर धमM को गरहणकर वह धमM का बदला पाएगा 42 जो कोई इन छोटो म स एक को चला जानकर कवल एक कटोरा ठडा पानी फिपलाए म तम स सच कहता ह वह फिकसी रीफित स

अपना परफितल न खोएगा

Chapter11

1 जब यीश अपन बारह चलो को आजञा द चका तो वह उन क नगरो म उपदश और परचार करन को वहा स चला गया 2 यहनना न बनदीगह म मसीह क कामो का समाचार सनकर अपन चलो को उस स यह पछन भजा 3 फिक कया आनवाला त ही ह या हम दसर की बाट जोह 4 यीश न उततर दिदया फिक जो कछ तम सनत हो और दखत हो वह सब जाकर यहनना स कह दो 5 फिक अनध दखत ह और लगड़ चलत फिरत ह कोढ़ी शदध फिकए जात ह और बफिहर सनत ह मद जिजलाए जात ह और कगालो को

ससमाचार सनाया जाता ह 6 और धनय ह वह जो मर कारण ठोकर न खाए 7 जब व वहा स चल दिदए तो यीश यहनना क फिवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया हवा स फिहलत हए

सरकणड को 8 फिर तम कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पफिहन हए मनषय को दखो जो कोमल वसतर पफिहनत ह व राजभवनो म रहत ह 9 तो फिर कयो गए थ कया फिकसी भफिवषयदवकता को दखन को हा म तम स कहता ह वरन भफिवषयदवकता स भी बड़ को 10 यह वही ह जिजस क फिवषय म शिलखा ह फिक दख म अपन दत को तर आग भजता ह जो तर आग तरा मागK तयार करगा 11 म तम स सच कहता ह फिक जो सतरिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना बपफितसमा दन वाल स कोई बड़ा नही हआ पर जो सवगK क

राय म छोट स छोटा ह वह उस स बड़ा ह 12 यहनना बपफितसमा दन वाल क दिदनो स अब तक सवगK क राय पर जोर होता रहा ह और बलवान उस छीन लत ह 13 यहनना तक सार भफिवषयदवकता और वयवसथा भफिवषयदववाणी करत रह 14 और चाहो तो मानो एशिलययाह जो आनवाला था वह यही ह 15 जिजस क सनन क कान हो वह सन ल 16 म इस समय क लोगो की उपमा फिकस स द व उन बालको क समान ह जो बाजारो म बठ हए एक दसर स पकारकर कहतह 17 फिक हम न तमहार शिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न फिवलाप फिकया और तम न छाती नही पीटी 18 कयोफिक यहनना न खाता आया और न पीता और व कहत ह फिक उस म दषटातमा ह 19 मनषय का पतर खाता- पीता आया और व कहत ह फिक दखो पट और फिपयककड़ मनषय महसल लन वालो और पाफिपयो का

यिमतर पर जञान अपन कामो म सचचा ठहराया गया ह 20 तब वह उन नगरो को उलाहना दन लगा जिजन म उस न बहतर सामथK क काम फिकए थ कयोफिक उनहोन अपना मन नही फिरायाथा 21 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथK क काम तम म फिकए गए यदिद व सर और सदा म फिकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन फिरा लत 22 परनत म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तमहारी दशा स सर और सदा की दशा अयिधक सहन योगय होगी 23 और ह करनहम कया त सवगK तक ऊचा फिकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा जो सामथK क काम तझ म फिकए

गए ह यदिद सदोम म फिकए जात तो वह आज तक बना रहता 24 पर म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तरी दशा स सदोम क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 25 उसी समय यीश न कहा ह फिपता सवगK और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह फिक त न इन बातो को जञाफिनयो और

समझदारो स शिछपा रखा और बालको पर परगट फिकया ह 26 हा ह फिपता कयोफिक तझ यही अचछा लगा 27 मर फिपता न मझ सब कछ सौपा ह और कोई पतर को नही जानता कवल फिपता और कोई फिपता को नही जानता कवल पतर

और वह जिजस पर पतर उस परगट करना चाह 28 ह सब परिरशरम करन वालो और बोझ स दब लोगो मर पास आओ म तमह फिवशराम दगा 29 मरा जआ अपन ऊपर उठा लो और मझ स सीखो कयोफिक म नमर और मन म दीन ह और तम अपन मन म फिवशराम पाओग 30 कयोफिक मरा जआ सहज और मरा बोझ हलका ह

Chapter12

1 उस समय यीश सबत क दिदन खतो म स होकर जा रहा था और उसक चलो को भख लगी सो व बाल तोड़ तोड़ कर खान लग 2 रीशिसयो न यह दखकर उस स कहा दख तर चल वह काम कर रह ह जो सबत क दिदन करना उशिचत नही 3 उस न उन स कहा कया तम न नही पढ़ा फिक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख हए तो कया फिकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया खाई जिजनह खाना न तो उस और उसक साशिथयो को पर कवल याजको

को उशिचत था 5 या तम न वयवसथा म नही पढ़ा फिक याजक सबत क दिदन मजिनदर म सबत क दिदन क फिवयिध को तोड़न पर भी फिनदष ठहरत ह 6 पर म तम स कहता ह फिक यहा वह ह जो मजिनदर स भी बड़ा ह 7 यदिद तम इस का अथK जानत फिक म दया स परसनन ह बशिलदान स नही तो तम फिनदष को दोषी न ठहरात 8 मनषय का पतर तो सबत क दिदन का भी परभ ह 9 वहा स चलकर वह उन की सभा क घर म आया 10 और दखो एक मनषय था जिजस का हाथ सखा हआ था और उनहोन उस पर दोष लगान क शिलय उस स पछा फिक कया सबत

क दिदन चगा करना उशिचत ह 11 उस न उन स कहा तम म ऐसा कौन ह जिजस की एक ही भड़ हो और वह सबत क दिदन गड़ह म फिगर जाए तो वह उस

पकड़कर न फिनकाल 12 भला मनषय का मलय भड़ स फिकतना बढ़ कर ह इसशिलय सबत क दिदन भलाई करना उशिचत ह तब उस न उस मनषय स कहा

अपना हाथ बढ़ा 13 उस न बढ़ाया और वह फिर दसर हाथ की नाई अचछा हो गया 14 तब रीशिसयो न बाहर जाकर उसक फिवरोध म सममफित की फिक उस फिकस परकार नाश कर 15 यह जानकर यीश वहा स चला गया और बहत लोग उसक पीछ हो शिलय और उस न सब को चगा फिकया 16 और उनह शिचताया फिक मझ परगट न करना 17 फिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 18 फिक दखो यह मरा सवक ह जिजस म न चना ह मरा फिपरय जिजस स मरा मन परसनन ह म अपना आतमा उस पर डालगा और

वह अनयजाफितयो को नयाय का समाचार दगा

19 वह न झगड़ा करगा और न धम मचाएगा और न बाजारो म कोई उसका शबद सनगा 20 वह कचल हए सरकणड को न तोड़गा और धआ दती हई बतती को न बझाएगा जब तक नयाय को परबल न कराए 21 और अनयजाफितया उसक नाम पर आशा रखगी 22 तब लोग एक अनध- गग को जिजस म दषटातमा थी उसक पास लाए और उस न उस अचछा फिकया और वह गगा बोलन और

दखन लगा 23 इस पर सब लोग चफिकत होकर कहन लग यह कया दाऊद की सनतान का ह 24 परनत रीशिसयो न यह सनकर कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार शतान की सहायता क फिबना दषटातमाओ को नही फिनकालता 25 उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस फिकसी राय म ट होती ह वह उजड़ जाता ह और कोई नगर या

घराना जिजस म ट होती ह बना न रहगा 26 और यदिद शतान ही शतान को फिनकाल तो वह अपना ही फिवरोधी हो गया ह फिर उसका राय कयोकर बना रहगा 27 भला यदिद म शतान की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो तमहार वश फिकस की सहायता स फिनकालत ह इसशिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग 28 पर यदिद म परमशवर क आतमा की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो परमशवर का राय तमहार पास आ पहचा ह 29 या कयोकर कोई मनषय फिकसी बलवनत क घर म घसकर उसका माल लट सकता ह जब तक फिक पफिहल उस बलवनत को न बानध

ल और तब वह उसका घर लट लगा 30 जो मर साथ नही वह मर फिवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह फिबथराता ह 31 इसशिलय म तम स कहता ह फिक मनषय का सब परकार का पाप और फिननदा कषमा की जाएगी पर आतमा की फिननदा कषमा न कीजाएगी 32 जो कोई मनषय क पतर क फिवरोध म कोई बात कहगा उसका यह अपराध कषमा फिकया जाएगा परनत जो कोई पफिवतर- आतमा क

फिवरोध म कछ कहगा उसका अपराध न तो इस लोक म और न पर लोक म कषमा फिकया जाएगा 33 यदिद पड़ को अचछा कहो तो उसक ल को भी अचछा कहो या पड़ को फिनकममा कहो तो उसक ल को भी फिनककमा कहो

कयोफिक पड़ ल ही स पहचाना जाता ह 34 ह साप क बचचो तम बर होकर कयोकर अचछी बात कह सकत हो कयोफिक जो मन म भरा ह वही मह पर आता ह 35 भला मनषय मन क भल भणडार स भली बात फिनकालता ह और बरा मनषय बर भणडार स बरी बात फिनकालता ह 36 और म तम स कहता ह फिक जो जो फिनकममी बात मनषय कहग नयाय क दिदन हर एक बात का लखा दग 37 कयोफिक त अपनी बातो क कारण फिनदष और अपनी बातो ही क कारण दोषी ठहराया जाएगा 38 इस पर फिकतन शासतरिसतरयोऔर रीशिसयो न उस स कहा ह गर हम तझ स एक शिचनह दखना चाहत ह 39 उस न उनह उततर दिदया फिक इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह परनत यनस भफिवषयदवकता क शिचनह को छोड़ कोई

और शिचनह उन को न दिदया जाएगा 40 यनस तीन रात दिदन जल- जनत क पट म रहा वस ही मनषय का पतर तीन रात दिदन पथवी क भीतर रहगा 41 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएग कयोफिक उनहोन यनस का परचार सनकर मन

फिराया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 42 दजज़िकखन की रानी नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोफिक वह सलमान का जञान सनन क

शिलय पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 43 जब अशदध आतमा मनषय म स फिनकल जाती ह तो सखी जगहो म फिवशराम ढढ़ती फिरती ह और पाती नही 44 तब कहती ह फिक म अपन उसी घर म जहा स फिनकली थी लौट जाऊगी और आकर उस सना झाड़ा- बहारा और सजा

सजाया पाती ह 45 तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वहा वास करती ह और उस

मनषय की फिपछली दशा पफिहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोगो की दशा भी ऐसी ही होगी 46 जब वह भीड़ स बात कर ही रहा था तो दखो उस की माता और भाई बाहर खड़ थ और उस स बात करना चाहत थ 47 फिकसी न उस स कहा दख तरी माता और तर भाई बाहर खड़ ह और तझ स बात करना चाहत ह 48 यह सन उस न कहन वाल को उततर दिदया कौन ह मरी माता 49 और कौन ह मर भाई और अपन चलो की ओर अपना हाथ बढ़ा कर कहा दखो मरी माता और मर भाई य ह 50 कयोफिक जो कोई मर सवगMय फिपता की इचछा पर चल वही मरा भाई और बफिहन और माता ह

Chapter13

1 उसी दिदन यीश घर स फिनकलकर झील क फिकनार जा बठा 2 और उसक पास ऐसी बड़ी भीड़ इकटठी हई फिक वह नाव पर चढ़ गया और सारी भीड़ फिकनार पर खड़ी रही 3 और उस न उन स दषटानतो म बहत सी बात कही फिक दखो एक बोन वाला बीज बोन फिनकला 4 बोत समय कछ बीज मागK क फिकनार फिगर और पभिकषयो न आकर उनह चग शिलया 5 कछ पतथरीली भयिम पर फिगर जहा उनह बहत यिमटटी न यिमली और गहरी यिमटटी न यिमलन क कारण व जलद उग आए 6 पर सरज फिनकलन पर व जल गए और जड़ न पकड़न स सख गए 7 कछ झाफिड़यो म फिगर और झाफिड़यो न बढ़कर उनह दबा डाला 8 पर कछ अचछी भयिम पर फिगर और ल लाए कोई सौ गना कोई साठ गना कोई तीस गना 9 जिजस क कान हो वह सन ल 10 और चलो न पास आकर उस स कहा त उन स दषटानतो म कयो बात करता ह 11 उस न उततर दिदया फिक तम को सवगK क राय क भदो की समझ दी गई ह पर उन को नही 12 कयोफिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा पर जिजस क पास कछ नही ह उस स जो कछ

उसक पास ह वह भी ल शिलया जाएगा 13 म उन स दषटानतो म इसशिलय बात करता ह फिक व दखत हए नही दखत और सनत हए नही सनत और नही समझत 14 और उन क फिवषय म यशायाह की यह भफिवषयदववाणी परी होती ह फिक तम कानो स तो सनोग पर समझोग नही और आखो स

तो दखोग पर तमह न सझगा 15 कयोफिक इन लोगो का मन मोटा हो गया ह और व कानो स ऊचा सनत ह और उनहोन अपनी आख मद ली ह कही ऐसा न हो

फिक व आखो स दख और कानो स सन और मन स समझ और फिर जाए और म उनह चगा कर 16 पर धनय ह तमहारी आख फिक व दखती ह और तमहार कान फिक व सनत ह 17 कयोफिक म तम स सच कहता ह फिक बहत स भफिवषयदवकताओ न और धयिमय न चाहा फिक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी

और जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 18 सो तम बोन वाल का दषटानत सनो 19 जो कोई राय का वचन सनकर नही समझता उसक मन म जो कछ बोया गया था उस वह दषट आकर छीन ल जाता ह यह

वही ह जो मागK क फिकनार बोया गया था 20 और जो पतथरीली भयिम पर बोया गया यह वह ह जो वचन सनकर तरनत आननद क साथ मान लता ह 21 पर अपन म जड़ न रखन क कारण वह थोड़ ही दिदन का ह और जब वचन क कारण कलश या उपwव होता ह तो तरनत ठोकर

खाता ह 22 जो झाफिड़यो म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनता ह पर इस ससार की शिचनता और धन का धोखा वचन को दबाता ह

और वह ल नही लाता 23 जो अचछी भयिम म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनकर समझता ह और ल लाता ह कोई सौ गना कोई साठ गना

कोई तीस गना 24 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय उस मनषय क समान ह जिजस न अपन खत म अचछा बीज बोया 25 पर जब लोग सो रह थ तो उसका बरी आकर गह क बीच जगली बीज बोकर चला गया 26 जब अकर फिनकल और बाल लगी तो जगली दान भी दिदखाई दिदए 27 इस पर गहसथ क दासो न आकर उस स कहा ह सवामी कया त न अपन खत म अचछा बीज न बोया था फिर जगली दान क

पौध उस म कहा स आए 28 उस न उन स कहा यह फिकसी बरी का काम ह दासो न उस स कहा कया तरी इचछा ह फिक हम जाकर उन को बटोर ल 29 उस न कहा ऐसा नही न हो फिक जगली दान क पौध बटोरत हए उन क साथ गह भी उखाड़ लो 30 कटनी तक दोनो को एक साथ बढ़न दो और कटनी क समय म काटन वालो स कहगा पफिहल जगली दान क पौध बटोरकर

जलान क शिलय उन क गटठ बानध लो और गह को मर खतत म इकटठा करो 31 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय राई क एक दान क समान ह जिजस फिकसी मनषय न लकर अपन खत म

बो दिदया 32 वह सब बीजो स छोटा तो ह पर जब बढ़ जाता ह तब सब साग पात स बड़ा होता ह और ऐसा पड़ हो जाता ह फिक आकाश क

पकषी आकर उस की डाशिलयो पर बसरा करत ह 33 उस न एक और दषटानत उनह सनाया फिक सवगK का राय खमीर क समान ह जिजस को फिकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म

यिमला दिदया और होत होत वह सब खमीर हो गया 34 य सब बात यीश न दषटानतो म लोगो स कही और फिबना दषटानत वह उन स कछ न कहता था 35 फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक म दषटानत कहन को अपना मह खोलगा म उन बातो को जो

जगत की उतपभितत स गपत रही ह परगट करगा 36 तब वह भीड़ को छोड़ कर घर म आया और उसक चलो न उसक पास आकर कहा खत क जगली दान का दषटानत हम समझा द 37 उस न उन को उततर दिदया फिक अचछ बीज का बोन वाला मनषय का पतर ह 38 खत ससार ह अचछा बीज राय क सनतान और जगली बीज दषट क सनतान ह 39 जिजस बरी न उन को बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटन वाल सवगKदत ह 40 सो जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का पतर अपन सवगKदतो को भजगा और व उसक राय म स सब ठोकर क कारणो को और ककमK करन वालो को इकटठाकरग 42 और उनह आग क कड म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धमM अपन फिपता क राय म सयK की नाई चमक ग जिजस क कान हो वह सन ल 44 सवगK का राय खत म शिछप हए धन क समान ह जिजस फिकसी मनषय न पाकर शिछपा दिदया और मार आननद क जाकर और

अपना सब कछ बचकर उस खत को मोल शिलया 45 फिर सवगK का राय एक वयापारी क समान ह जो अचछ मोफितयो की खोज म था 46 जब उस एक बहमलय मोती यिमला तो उस न जाकर अपना सब कछ बच डाला और उस मोल ल शिलया 47 फिर सवगK का राय उस बड़ जाल क समान ह जो समw म डाला गया और हर परकार की मशिछलयो को समट लाया 48 और जब भर गया तो उस को फिकनार पर खीच लाए और बठकर अचछी अचछी तो बरतनो म इकटठा फिकया और फिनकममी

फिनकममी क दी 49 जगत क अनत म ऐसा ही होगा सवगKदत आकर दषटो को धयिमय स अलग करग और उनह आग क कड म डालग 50 वहा रोना और दात पीसना होगा 51 कया तम न य सब बात समझी 52 उनहोन उस स कहा हा उस न उन स कहा इसशिलय हर एक शासतरी जो सवगK क राय का चला बना ह उस गहसथ क समान ह

जो अपन भणडार स नई और परानी वसतए फिनकालता ह 53 जब यीश य सब दषटानत कह चका तो वहा स चला गया 54 और अपन दश म आकर उन की सभा म उनह ऐसा उपदश दन लगा फिक व चफिकत होकर कहन लग फिक इस को यह जञान और

सामथK क काम कहा स यिमल 55 कया यह बढ़ई का बटा नही और कया इस की माता का नाम मरिरयम और इस क भाइयो क नाम याकब और यस और शमौन

और यहदा नही 56 और कया इस की सब बफिहन हमार बीच म नही रहती फिर इस को यह सब कहा स यिमला 57 सो उनहोन उसक कारण ठोकर खाई पर यीश न उन स कहा भफिवषयदवकता अपन दश और अपन घर को छोड़ और कही फिनरादर

नही होता 58 और उस न वहा उन क अफिवशवास क कारण बहत सामथK क काम नही फिकए

Chapter14

1 उस समय चौथाई दश क राजा हरोदस न यीश की चचाK सनी 2 और अपन सवको स कहा यह यहनना बपफितसमा दनवाला ह वह मर हओ म स जी उठा ह इसी शिलय उस स सामथK क काम परगट

होत ह 3 कयोफिक हरोदस न अपन भाई फिलपपस की पतनी हरोदिदयास क कारण यहनना को पकड़कर बानधा और जलखान म डाल दिदयाथा 4 कयोफिक यहनना न उस स कहा था फिक इस को रखना तझ उशिचत नही ह 5 और वह उस मार डालना चाहता था पर लोगो स डरता था कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ 6 पर जब हरोदस का जनम दिदन आया तो हरोदिदयास की बटी न उतसव म नाच दिदखाकर हरोदस को खश फिकया 7 इसशिलय उस न शपथ खाकर वचन दिदया फिक जो कछ त मागगी म तझ दगा 8 वह अपनी माता की उकसाई हई बोली यहनना बपफितसमा दन वाल का शिसर थाल म यही मझ मगवा द 9 राजा दखिखत हआ पर अपनी शपथ क और साथ बठन वालो क कारण आजञा दी फिक द दिदया जाए 10 और जलखान म लोगो को भजकर यहनना का शिसर कटवा दिदया 11 और उसका शिसर थाल म लाया गया और लड़की को दिदया गया और वह उस को अपनी मा क पास ल गई 12 और उसक चलो न आकर और उस की लोथ को ल जाकर गाढ़ दिदया और जाकर यीश को समाचार दिदया 13 जब यीश न यह सना तो नाव पर चढ़कर वहा स फिकसी सनसान जगह एकानत म चला गया और लोग यह सनकर नगर नगर स

पदल उसक पीछ हो शिलए 14 उस न फिनकलकर बड़ी भीड़ दखी और उन पर तरस खाया और उस न उन क बीमारो को चगा फिकया 15 जब साझ हई तो उसक चलो न उसक पास आकर कहा यह तो सनसान जगह ह और दर हो रही ह लोगो को फिवदा फिकया

जाए फिक व बसतिसतयो म जाकर अपन शिलय भोजन मोल ल 16 यीश न उन स कहा उन का जाना आवltयक नही तम ही इनह खान को दो 17 उनहोन उस स कहा यहा हमार पास पाच रोटी और दो मशिछलयो को छोड़ और कछ नही ह 18 उस न कहा उन को यहा मर पास ल आओ 19 तब उस न लोगो को घास पर बठन को कहा और उन पाच रोदिटयो और दो मशिछलयो को शिलया और सवगK की ओर दखकर

धनयवाद फिकया और रोदिटया तोड़ तोड़कर चलो को दी और चलो न लोगो को 20 और सब खाकर तपत हो गए और उनहोन बच हए टकड़ो स भरी हई बारह टोफिकरया उठाई 21 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़कर पाच हजार परषो क अटकल थ 22 और उस न तरनत अपन चलो को बरबस नाव पर चढ़ाया फिक व उस स पफिहल पार चल जाए जब तक फिक वह लोगो को फिवदाकर 23 वह लोगो को फिवदा करक पराथKना करन को अलग पहाड़ पर चढ़ गया और साझ को वहा अकला था 24 उस समय नाव झील क बीच लहरो स डगमगा रही थी कयोफिक हवा सामहन की थी 25 और वह रात क चौथ पहर झील पर चलत हए उन क पास आया 26 चल उस को झील पर चलत हए दखकर घबरा गए और कहन लग वह भत ह और डर क मार शिचलला उठ 27 यीश न तरनत उन स बात की और कहा ढाढ़स बानधो म ह डरो मत 28 पतरस न उस को उततर दिदया ह परभ यदिद त ही ह तो मझ अपन पास पानी पर चलकर आन की आजञा द 29 उस न कहा आ तब पतरस नाव पर स उतरकर यीश क पास जान को पानी पर चलन लगा 30 पर हवा को दखकर डर गया और जब डबन लगा तो शिचललाकर कहा ह परभ मझ बचा 31 यीश न तरनत हाथ बढ़ाकर उस थाम शिलया और उस स कहा ह अलप-फिवशवासी त न कयो सनदह फिकया 32 जब व नाव पर चढ़ गए तो हवा थम गई 33 इस पर जो नाव पर थ उनहोन उस दणडवत करक कहा सचमच त परमशवर का पतर ह 34 व पार उतरकर गननसरत दश म पहच 35 और वहा क लोगो न उस पहचानकर आस पास क सार दश म कहला भजा और सब बीमारो को उसक पास लाए 36 और उस स फिबनती करन लग फिक वह उनह अपन वसतर क आचल ही को छन द और जिजतनो न उस छआ व चग हो गए

Chapter15

1 तब यरशलम स फिकतन रीसी और शासतरी यीश क पास आकर कहन लग 2 तर चल परफिनयो की रीतो को कयो टालत ह फिक फिबना हाथ धोए रोटी खात ह 3 उस न उन को उततर दिदया फिक तम भी अपनी रीतो क कारण कयो परमशवर की आजञा टालत हो 4 कयोफिक परमशवर न कहा था फिक अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और जो कोई फिपता या माता को बरा कह वह

मार डाला जाए 5 पर तम कहत हो फिक यदिद कोई अपन फिपता या माता स कह फिक जो कछ तझ मझ स लाभ पहच सकता था वह परमशवर को भट

चढ़ाई जा चकी 6 तो वह अपन फिपता का आदर न कर सो तम न अपनी रीतो क कारण परमशवर का वचन टाल दिदया 7 ह कपदिटयो यशायाह न तमहार फिवषय म यह भफिवषयदवाणी ठीक की 8 फिक य लोग होठो स तो मरा आदर करत ह पर उन का मन मझ स दर रहता ह 9 और य वयथK मरी उपासना करत ह कयोफिक मनषयो की फिवयिधयो को धमपदश करक शिसखात ह 10 और उस न लोगो को अपन पास बलाकर उन स कहा सनो और समझो 11 जो मह म जाता ह वह मनषय को अशदध नही करता पर जो मह स फिनकलता ह वही मनषय को अशदध करता ह 12 तब चलो न आकर उस स कहा कया त जानता ह फिक रीशिसयो न यह वचन सनकर ठोकर खाई 13 उस न उततर दिदया हर पौधा जो मर सवगMय फिपता न नही लगाया उखाड़ा जाएगा 14 उन को जान दो व अनध मागK दिदखान वाल ह और अनधा यदिद अनध को मागK दिदखाए तो दोनो गड़ह म फिगर पड़ग 15 यह सनकर पतरस न उस स कहा यह दषटानत हम समझा द 16 उस न कहा कया तम भी अब तक ना समझ हो 17 कया नही समझत फिक जो कछ मह म जाता वह पट म पड़ता ह और सणडास म फिनकल जाता ह 18 पर जो कछ मह स फिनकलता ह वह मन स फिनकलता ह और वही मनषय को अशदध करता ह 19 कयोफिक कशिचनता हतया पर सतरीगमन वयभिभचार चोरी झठी गवाही और फिननदा मन ही स फिनकलती ह 20 यही ह जो मनषय को अशदध करती ह परनत हाथ फिबना धोए भोजन करना मनषय को अशदध नही करता 21 यीश वहा स फिनकलकर सर और सदा क दशो की ओर चला गया 22 और दखो उस दश स एक कनानी सतरी फिनकली और शिचललाकर कहन लगी ह परभ दाऊद क सनतान मझ पर दया कर मरी

बटी को दषटातमा बहत सता रहा ह 23 पर उस न उस कछ उततर न दिदया और उसक चलो न आकर उस स फिबनती कर कहा इस फिवदा कर कयोफिक वह हमार पीछ

शिचललाती आती ह 24 उस न उततर दिदया फिक इसराएल क घरान की खोई हई भड़ो को छोड़ म फिकसी क पास नही भजा गया 25 पर वह आई और उस परणाम करक कहन लगी ह परभ मरी सहायता कर 26 उस न उततर दिदया फिक लड़को की रोटी लकर कततो क आग डालना अचछा नही 27 उस न कहा सतय ह परभ पर कतत भी वह चरचार खात ह जो उन क सवायिमयो की मज स फिगरत ह 28 इस पर यीश न उस को उततर दकर कहा फिक ह सतरी तरा फिवशवास बड़ा ह जसा त चाहती ह तर शिलय वसा ही हो और उस की

बटी उसी घड़ी स चगी हो गई 29 यीश वहा स चलकर गलील की झील क पास आया और पहाड़ पर चढ़कर वहा बठ गया 30 और भीड़ पर भीड़ लगड़ो अनधो गगो टड़ो और बहत औरो को लकर उसक पास आए और उनह उस क पावो पर डालदिदया और उस न उनह चगा फिकया 31 सो जब लोगो न दखा फिक गग बोलत और टणड चग होत और लगड़ चलत और अनध दखत ह तो अचमभा करक इसराएल क

परमशवर की बड़ाई की 32 यीश न अपन चलो को बलाकर कहा मझ इस भीड़ पर तरस आता ह कयोफिक व तीन दिदन स मर साथ ह और उन क पास कछ

खान को नही और म उनह भखा फिवदा करना नही चाहता कही ऐसा न हो फिक मागK म थककर रह जाए 33 चलो न उस स कहा हम जगल म कहा स इतनी रोटी यिमलगी फिक हम इतनी बड़ी भीड़ को तपत कर 34 यीश न उन स पछा तमहार पास फिकतनी रोदिटया ह उनहोन कहा सात और थोड़ी सी छोटी मशिछलया 35 तब उस न लोगो को भयिम पर बठन की आजञा दी

36 और उन सात रोदिटयो और मशिछलयो को ल धनयवाद करक तोड़ा और अपन चलो को दता गया और चल लोगो को 37 सो सब खाकर तपत हो गए और बच हए टकड़ो स भर हए सात टोकर उठाए 38 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़ चार हजार परष थ 39 तब वह भीड़ को फिवदा करक नाव पर चढ़ गया और मगदन दश क शिसवानो म आया

Chapter16

1 और रीशिसयो और सदफिकयो न पास आकर उस परखन क शिलय उस स कहा फिक हम आकाश का कोई शिचनह दिदखा 2 उस न उन को उततर दिदया फिक साझ को तम कहत हो फिक खला रहगा कयोफिक आकाश लाल ह 3 और भोर को कहत हो फिक आज आनधी आएगी कयोफिक आकाश लाल और धमला ह तम आकाश का लकषण दखकर भद बता

सकत हो पर समयो क शिचनहो का भद नही बता सकत 4 इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह पर यनस क शिचनह को छोड़ कोई और शिचनह उनह न दिदया जाएगा और वह उनह

छोड़कर चला गया 5 और चल पार जात समय रोटी लना भल गए थ 6 यीश न उन स कहा दखो रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 7 व आपस म फिवचार करन लग फिक हम तो रोटी नही लाए 8 यह जानकर यीश न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो तम आपस म कयो फिवचार करत हो फिक हमार पास रोटी नही 9 कया तम अब तक नही समझ और उन पाच हजार की पाच रोटी समरण नही करत और न यह फिक फिकतनी टोफिकरया उठाई थी 10 और न उन चार हजार की सात रोटी और न यह फिक फिकतन टोकर उठाए गए थ 11 तम कयो नही समझत फिक म न तम स रोदिटयो क फिवषय म नही कहा रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 12 तब उन को समझ म आया फिक उस न रोटी क खमीर स नही पर रीशिसयो और सदफिकयो की शिशकषा स चौकस रहन को कहाथा 13 यीश कसरिरया फिशिलपपी क दश म आकर अपन चलो स पछन लगा फिक लोग मनषय क पतर को कया कहत ह 14 उनहोन कहा फिकतन तो यहनना बपफितसमा दन वाला कहत ह और फिकतन एशिलययाह और फिकतन यियमKयाह या भफिवषयदवकताओ म स

कोई एक कहत ह 15 उस न उन स कहा परनत तम मझ कया कहत हो 16 शमौन पतरस न उततर दिदया फिक त जीवत परमशवर का पतर मसीह ह 17 यीश न उस को उततर दिदया फिक ह शमौन योना क पतर त धनय ह कयोफिक मास और लोह न नही परनत मर फिपता न जो सवगK मह यह बात तझ पर परगट की ह 18 और म भी तझ स कहता ह फिक त पतरस ह और म इस पतथर पर अपनी कलीशिसया बनाऊगा और अधोलोक क ाटक उस

पर परबल न होग 19 म तझ सवगK क राय की कजिजया दगा और जो कछ त पथवी पर बानधगा वह सवगK म बनधगा और जो कछ त पथवी परखोलगा वह सवगK म खलगा 20 तब उस न चलो को शिचताया फिक फिकसी स न कहना फिक म मसीह ह 21 उस समय स यीश अपन चलो को बतान लगा फिक मझ अवltय ह फिक यरशलम को जाऊ और परफिनयो और महायाजको और

शासतरिसतरयो क हाथ स बहत दख उठाऊ और मार डाला जाऊ और तीसर दिदन जी उठ 22 इस पर पतरस उस अलग ल जाकर जिझड़कन लगा फिक ह परभ परमशवर न कर तझ पर ऐसा कभी न होगा 23 उस न फिरकर पतरस स कहा ह शतान मर सामहन स दर हो त मर शिलय ठोकर का कारण ह कयोफिक त परमशवर की बातनही पर मनषयो की बातो पर मन लगाता ह 24 तब यीश न अपन चलो स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप का इनकार कर और अपना करस उठाए और मर

पीछ हो ल 25 कयोफिक जो कोई अपना पराण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई मर शिलय अपना पराण खोएगा वह उस पाएगा 26 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपन पराण की हाफिन उठाए तो उस कया लाभ होगा या मनषय अपन पराण क बदल

म कया दगा 27 मनषय का पतर अपन सवगKदतो क साथ अपन फिपता की मफिहमा म आएगा और उस समय वह हर एक को उसक कामो क

अनसार परफितल दगा 28 म तम स सच कहता ह फिक जो यहा खड़ ह उन म स फिकतन ऐस ह फिक जब तक मनषय क पतर को उसक राय म आत हए न

दख लग तब तक मतय का सवाद कभी न चखग

Chapter17

1 छ दिदन क बाद यीश न पतरस और याकब और उसक भाई यहनना को साथ शिलया और उनह एकानत म फिकसी ऊच पहाड़ पर लगया 2 और उनक सामहन उसका रपानतर हआ और उसका मह सयK की नाई चमका और उसका वसतर योफित की नाई उजला हो गया 3 और दखो मसा और एशिलययाह उसक साथ बात करत हए उनह दिदखाई दिदए 4 इस पर पतरस न यीश स कहा ह परभ हमारा यहा रहना अचछा ह इचछा हो तो यहा तीन मणडप बनाऊ एक तर शिलय एक

मसा क शिलय और एक एशिलययाह क शिलय 5 वह बोल ही रहा था फिक दखो एक उजल बादल न उनह छा शिलया और दखो उस बादल म स यह शबद फिनकला फिक यह मरा

फिपरय पतर ह जिजस स म परसनन ह इस की सनो 6 चल यह सनकर मह क बल फिगर गए और अतयनत डर गए 7 यीश न पास आकर उनह छआ और कहा उठो डरो मत 8 तब उनहोन अपनी आख उठाकर यीश को छोड़ और फिकसी को न दखा 9 जब व पहाड़ स उतर रह थ तब यीश न उनह यह आजञा दी फिक जब तक मनषय का पतर मर हओ म स न जी उठ तब तक जो कछ

तम न दखा ह फिकसी स न कहना 10 और उसक चलो न उस स पछा फिर शासतरी कयो कहत ह फिक एशिलययाह का पहल आना अवltय ह 11 उस न उततर दिदया फिक एशिलययाह तो आएगा और सब कछ सधारगा 12 परनत म तम स कहता ह फिक एशिलययाह आ चका और उनहोन उस नही पहचाना परनत जसा चाहा वसा ही उसक साथ फिकया

इसी रीफित स मनषय का पतर भी उन क हाथ स दख उठाएगा 13 तब चलो न समझा फिक उस न हम स यहनना बपफितसमा दन वाल क फिवषय म कहा ह 14 जब व भीड़ क पास पहच तो एक मनषय उसक पास आया और घटन टक कर कहन लगा 15 ह परभ मर पतर पर दया कर कयोफिक उस को यिमगM आती ह और वह बहत दख उठाता ह और बार बार आग म और बार बार

पानी म फिगर पड़ता ह 16 और म उस को तर चलो क पास लाया था पर व उस अचछा नही कर सक 17 यीश न उततर दिदया फिक ह अफिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा कब तक तमहारी सहगा उस यहा मर

पास लाओ 18 तब यीश न उस घड़का और दषटातमा उस म स फिनकला और लड़का उसी घड़ी अचछा हो गया 19 तब चलो न एकानत म यीश क पास आकर कहा हम इस कयो नही फिनकाल सक 20 उस न उन स कहा अपन फिवशवास की घटी क कारण कयोफिक म तम स सच कहता ह यदिद तमहारा फिवशवास राई क दान क

बराबर भी हो तो इस पहाड़ स कह स को ग फिक यहा स सरककर वहा चला जा तो वह चला जाएगा और कोई बात तमहार शिलय अनहोनी न होगी

21 जब व गलील म थ तो यीश न उन स कहा मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जाएगा 22 और व उस मार डालग और वह तीसर दिदन जी उठगा 23 इस पर व बहत उदास हए 24 जब व करनहम म पहच तो मजिनदर क शिलय कर लन वालो न पतरस क पास आकर पछा फिक कया तमहारा गर मजिनदर का कर

नही दता उस न कहा हा दता तो ह 25 जब वह घर म आया तो यीश न उसक पछन स पफिहल उस स कहा ह शमौन त कया समझता ह पथवी क राजा महसल या कर

फिकन स लत ह अपन पतरो स या परायो स पतरस न उन स कहा परायो स 26 यीश न उस स कहा तो पतर बच गए

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 10: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

36 जब उस न भीड़ को दखा तो उस को लोगो पर तरस आया कयोफिक व उन भड़ो की नाई जिजनका कोई रखवाला न हो वयाकल और भटक हए स थ

37 तब उस न अपन चलो स कहा पकक खत तो बहत ह पर मजदर थोड़ ह 38 इसशिलय खत क सवामी स फिबनती करो फिक वह अपन खत काटन क शिलय मजदर भज द

Chapter10

1 फिर उस न अपन बारह चलो को पास बलाकर उनह अशदध आतमाओ पर अयिधकार दिदया फिक उनह फिनकाल और सब परकार की बीमारिरयो और सब परकार की दबKलताओ को दर कर

2 और बारह पररिरतो क नाम य ह पफिहला शमौन जो पतरस कहलाता ह और उसका भाई अजिनwयास जबदी का पतर याकब और उसका भाई यहनना

3 फिशिलपपस और बर- तलम थोमा और महसल लनवाला मतती हल का पतर याकब और तदद 4 शमौन कनानी और यहदा इसकरिरयोती जिजस न उस पकड़वा भी दिदया 5 इन बारहो को यीश न यह आजञा दकर भजा फिक अनयजाफितयो की ओर न जाना और सामरिरयो क फिकसी नगर म परवश न करना 6 परनत इसराएल क घरान ही की खोई हई भड़ो क पास जाना 7 और चलत चलत परचार कर कहो फिक सवगK का राय फिनकट आ गया ह 8 बीमारो को चगा करो मर हओ को जिजलाओ कोदिढय़ो को शदध करो दषटातमाओ को फिनकालो तम न सतमत पाया ह सतमतदो 9 अपन पटको म न तो सोना और न रपा और न ताबा रखना 10 मागK क शिलय न झोली रखो न दो करत न जत और न लाठी लो कयोफिक मजदर को उसका भोजन यिमलना चाफिहए 11 जिजस फिकसी नगर या गाव म जाओ तो पता लगाओ फिक वहा कौन योगय ह और जब तक वहा स न फिनकलो उसी क यहा रहो 12 और घर म परवश करत हए उस को आशीष दना 13 यदिद उस घर क लोग योगय होग तो तमहारा कलयाण उन पर पहचगा परनत यदिद व योगय न हो तो तमहारा कलयाण तमहार पास लौट आएगा 14 और जो कोई तमह गरहण न कर और तमहारी बात न सन उस घर या उस नगर स फिनकलत हए अपन पावो की धल झाड़ डालो 15 म तम स सच कहता ह फिक नयाय क दिदन उस नगर की दशा स सदोम और अमोरा क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 16 दखो म तमह भड़ो की नाई भफिडय़ो क बीच म भजता ह सो सापो की नाई बजिदधमान और कबतरो की नाई भोल बनो 17 परनत लोगो स सावधान रहो कयोफिक व तमह महासभाओ म सौपग और अपनी पचायत म तमह कोड़ मारग 18 तम मर शिलय हाफिकमो ओर राजाओ क सामहन उन पर और अनयजाफितयो पर गवाह होन क शिलय पहचाए जाओग 19 जब व तमह पकड़वाएग तो यह शिचनता न करना फिक हम फिकस रीफित स या कया कहग कयोफिक जो कछ तम को कहना होगा

वह उसी घड़ी तमह बता दिदया जाएगा 20 कयोफिक बोलन वाल तम नही हो परनत तमहार फिपता का आतमा तम म बोलता ह 21 भाई भाई को और फिपता पतर को घात क शिलय सौपग और लड़क- बाल माता- फिपता क फिवरोध म उठकर उनह मरवा डालग 22 मर नाम क कारण सब लोग तम स बर करग पर जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 23 जब व तमह एक नगर म सताए तो दसर को भाग जाना म तम स सच कहता ह तम इसराएल क सब नगरो म न फिर चकोग

फिक मनषय का पतर आ जाएगा 24 चला अपन गर स बड़ा नही और न दास अपन सवामी स 25 चल का गर क और दास का सवामी क बाराबर होना ही बहत ह जब उनहोन घर क सवामी को शतान कहा तो उसक घर वालो

को कयो न कहग 26 सो उन स मत डरना कयोफिक कछ ढपा नही जो खोला न जाएगा और न कछ शिछपा ह जो जाना न जाएगा 27 जो म तम स असतरिनधयार म कहता ह उस उजिजयाल म कहो और जो कानो कान सनत हो उस को ठो पर स परचार करो 28 जो शरीर को घात करत ह पर आतमा को घात नही कर सकत उन स मत डरना पर उसी स डरो जो आतमा और शरीर दोनो

को नरक म नाश कर सकता ह

29 कया पस म दो गौरय नही फिबकती तौभी तमहार फिपता की इचछा क फिबना उन म स एक भी भयिम पर नही फिगर सकती 30 तमहार शिसर क बाल भी सब फिगन हए ह 31 इसशिलय डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 32 जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन मान लगा 33 पर जो कोई मनषयो क सामहन मरा इनकार करगा उस स म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन इनकार करगा 34 यह न समझो फिक म पथवी पर यिमलाप करान को आया ह म यिमलाप करान को नही पर तलवार चलवान आया ह 35 म तो आया ह फिक मनषय को उसक फिपता स और बटी को उस की मा स और बह को उस की सास स अलग कर द 36 मनषय क बरी उसक घर ही क लोग होग 37 जो माता या फिपता को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह वह मर योगय नही और जो बटा या बटी को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह

वह मर योगय नही 38 और जो अपना करस लकर मर पीछ न चल वह मर योगय नही 39 जो अपन पराण बचाता ह वह उस खोएगा और जो मर कारण अपना पराण खोता ह वह उस पाएगा 40 जो तमह गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह और जो मझ गरहण करता ह वह मर भजन वाल को गरहण करता ह 41 जो भफिवषयदवकता को भफिवषयदवकता जानकर गरहण कर वह भफिवषयदवकता का बदला पाएगा और जो धमM जानकर धमM को गरहणकर वह धमM का बदला पाएगा 42 जो कोई इन छोटो म स एक को चला जानकर कवल एक कटोरा ठडा पानी फिपलाए म तम स सच कहता ह वह फिकसी रीफित स

अपना परफितल न खोएगा

Chapter11

1 जब यीश अपन बारह चलो को आजञा द चका तो वह उन क नगरो म उपदश और परचार करन को वहा स चला गया 2 यहनना न बनदीगह म मसीह क कामो का समाचार सनकर अपन चलो को उस स यह पछन भजा 3 फिक कया आनवाला त ही ह या हम दसर की बाट जोह 4 यीश न उततर दिदया फिक जो कछ तम सनत हो और दखत हो वह सब जाकर यहनना स कह दो 5 फिक अनध दखत ह और लगड़ चलत फिरत ह कोढ़ी शदध फिकए जात ह और बफिहर सनत ह मद जिजलाए जात ह और कगालो को

ससमाचार सनाया जाता ह 6 और धनय ह वह जो मर कारण ठोकर न खाए 7 जब व वहा स चल दिदए तो यीश यहनना क फिवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया हवा स फिहलत हए

सरकणड को 8 फिर तम कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पफिहन हए मनषय को दखो जो कोमल वसतर पफिहनत ह व राजभवनो म रहत ह 9 तो फिर कयो गए थ कया फिकसी भफिवषयदवकता को दखन को हा म तम स कहता ह वरन भफिवषयदवकता स भी बड़ को 10 यह वही ह जिजस क फिवषय म शिलखा ह फिक दख म अपन दत को तर आग भजता ह जो तर आग तरा मागK तयार करगा 11 म तम स सच कहता ह फिक जो सतरिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना बपफितसमा दन वाल स कोई बड़ा नही हआ पर जो सवगK क

राय म छोट स छोटा ह वह उस स बड़ा ह 12 यहनना बपफितसमा दन वाल क दिदनो स अब तक सवगK क राय पर जोर होता रहा ह और बलवान उस छीन लत ह 13 यहनना तक सार भफिवषयदवकता और वयवसथा भफिवषयदववाणी करत रह 14 और चाहो तो मानो एशिलययाह जो आनवाला था वह यही ह 15 जिजस क सनन क कान हो वह सन ल 16 म इस समय क लोगो की उपमा फिकस स द व उन बालको क समान ह जो बाजारो म बठ हए एक दसर स पकारकर कहतह 17 फिक हम न तमहार शिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न फिवलाप फिकया और तम न छाती नही पीटी 18 कयोफिक यहनना न खाता आया और न पीता और व कहत ह फिक उस म दषटातमा ह 19 मनषय का पतर खाता- पीता आया और व कहत ह फिक दखो पट और फिपयककड़ मनषय महसल लन वालो और पाफिपयो का

यिमतर पर जञान अपन कामो म सचचा ठहराया गया ह 20 तब वह उन नगरो को उलाहना दन लगा जिजन म उस न बहतर सामथK क काम फिकए थ कयोफिक उनहोन अपना मन नही फिरायाथा 21 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथK क काम तम म फिकए गए यदिद व सर और सदा म फिकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन फिरा लत 22 परनत म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तमहारी दशा स सर और सदा की दशा अयिधक सहन योगय होगी 23 और ह करनहम कया त सवगK तक ऊचा फिकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा जो सामथK क काम तझ म फिकए

गए ह यदिद सदोम म फिकए जात तो वह आज तक बना रहता 24 पर म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तरी दशा स सदोम क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 25 उसी समय यीश न कहा ह फिपता सवगK और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह फिक त न इन बातो को जञाफिनयो और

समझदारो स शिछपा रखा और बालको पर परगट फिकया ह 26 हा ह फिपता कयोफिक तझ यही अचछा लगा 27 मर फिपता न मझ सब कछ सौपा ह और कोई पतर को नही जानता कवल फिपता और कोई फिपता को नही जानता कवल पतर

और वह जिजस पर पतर उस परगट करना चाह 28 ह सब परिरशरम करन वालो और बोझ स दब लोगो मर पास आओ म तमह फिवशराम दगा 29 मरा जआ अपन ऊपर उठा लो और मझ स सीखो कयोफिक म नमर और मन म दीन ह और तम अपन मन म फिवशराम पाओग 30 कयोफिक मरा जआ सहज और मरा बोझ हलका ह

Chapter12

1 उस समय यीश सबत क दिदन खतो म स होकर जा रहा था और उसक चलो को भख लगी सो व बाल तोड़ तोड़ कर खान लग 2 रीशिसयो न यह दखकर उस स कहा दख तर चल वह काम कर रह ह जो सबत क दिदन करना उशिचत नही 3 उस न उन स कहा कया तम न नही पढ़ा फिक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख हए तो कया फिकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया खाई जिजनह खाना न तो उस और उसक साशिथयो को पर कवल याजको

को उशिचत था 5 या तम न वयवसथा म नही पढ़ा फिक याजक सबत क दिदन मजिनदर म सबत क दिदन क फिवयिध को तोड़न पर भी फिनदष ठहरत ह 6 पर म तम स कहता ह फिक यहा वह ह जो मजिनदर स भी बड़ा ह 7 यदिद तम इस का अथK जानत फिक म दया स परसनन ह बशिलदान स नही तो तम फिनदष को दोषी न ठहरात 8 मनषय का पतर तो सबत क दिदन का भी परभ ह 9 वहा स चलकर वह उन की सभा क घर म आया 10 और दखो एक मनषय था जिजस का हाथ सखा हआ था और उनहोन उस पर दोष लगान क शिलय उस स पछा फिक कया सबत

क दिदन चगा करना उशिचत ह 11 उस न उन स कहा तम म ऐसा कौन ह जिजस की एक ही भड़ हो और वह सबत क दिदन गड़ह म फिगर जाए तो वह उस

पकड़कर न फिनकाल 12 भला मनषय का मलय भड़ स फिकतना बढ़ कर ह इसशिलय सबत क दिदन भलाई करना उशिचत ह तब उस न उस मनषय स कहा

अपना हाथ बढ़ा 13 उस न बढ़ाया और वह फिर दसर हाथ की नाई अचछा हो गया 14 तब रीशिसयो न बाहर जाकर उसक फिवरोध म सममफित की फिक उस फिकस परकार नाश कर 15 यह जानकर यीश वहा स चला गया और बहत लोग उसक पीछ हो शिलय और उस न सब को चगा फिकया 16 और उनह शिचताया फिक मझ परगट न करना 17 फिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 18 फिक दखो यह मरा सवक ह जिजस म न चना ह मरा फिपरय जिजस स मरा मन परसनन ह म अपना आतमा उस पर डालगा और

वह अनयजाफितयो को नयाय का समाचार दगा

19 वह न झगड़ा करगा और न धम मचाएगा और न बाजारो म कोई उसका शबद सनगा 20 वह कचल हए सरकणड को न तोड़गा और धआ दती हई बतती को न बझाएगा जब तक नयाय को परबल न कराए 21 और अनयजाफितया उसक नाम पर आशा रखगी 22 तब लोग एक अनध- गग को जिजस म दषटातमा थी उसक पास लाए और उस न उस अचछा फिकया और वह गगा बोलन और

दखन लगा 23 इस पर सब लोग चफिकत होकर कहन लग यह कया दाऊद की सनतान का ह 24 परनत रीशिसयो न यह सनकर कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार शतान की सहायता क फिबना दषटातमाओ को नही फिनकालता 25 उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस फिकसी राय म ट होती ह वह उजड़ जाता ह और कोई नगर या

घराना जिजस म ट होती ह बना न रहगा 26 और यदिद शतान ही शतान को फिनकाल तो वह अपना ही फिवरोधी हो गया ह फिर उसका राय कयोकर बना रहगा 27 भला यदिद म शतान की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो तमहार वश फिकस की सहायता स फिनकालत ह इसशिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग 28 पर यदिद म परमशवर क आतमा की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो परमशवर का राय तमहार पास आ पहचा ह 29 या कयोकर कोई मनषय फिकसी बलवनत क घर म घसकर उसका माल लट सकता ह जब तक फिक पफिहल उस बलवनत को न बानध

ल और तब वह उसका घर लट लगा 30 जो मर साथ नही वह मर फिवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह फिबथराता ह 31 इसशिलय म तम स कहता ह फिक मनषय का सब परकार का पाप और फिननदा कषमा की जाएगी पर आतमा की फिननदा कषमा न कीजाएगी 32 जो कोई मनषय क पतर क फिवरोध म कोई बात कहगा उसका यह अपराध कषमा फिकया जाएगा परनत जो कोई पफिवतर- आतमा क

फिवरोध म कछ कहगा उसका अपराध न तो इस लोक म और न पर लोक म कषमा फिकया जाएगा 33 यदिद पड़ को अचछा कहो तो उसक ल को भी अचछा कहो या पड़ को फिनकममा कहो तो उसक ल को भी फिनककमा कहो

कयोफिक पड़ ल ही स पहचाना जाता ह 34 ह साप क बचचो तम बर होकर कयोकर अचछी बात कह सकत हो कयोफिक जो मन म भरा ह वही मह पर आता ह 35 भला मनषय मन क भल भणडार स भली बात फिनकालता ह और बरा मनषय बर भणडार स बरी बात फिनकालता ह 36 और म तम स कहता ह फिक जो जो फिनकममी बात मनषय कहग नयाय क दिदन हर एक बात का लखा दग 37 कयोफिक त अपनी बातो क कारण फिनदष और अपनी बातो ही क कारण दोषी ठहराया जाएगा 38 इस पर फिकतन शासतरिसतरयोऔर रीशिसयो न उस स कहा ह गर हम तझ स एक शिचनह दखना चाहत ह 39 उस न उनह उततर दिदया फिक इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह परनत यनस भफिवषयदवकता क शिचनह को छोड़ कोई

और शिचनह उन को न दिदया जाएगा 40 यनस तीन रात दिदन जल- जनत क पट म रहा वस ही मनषय का पतर तीन रात दिदन पथवी क भीतर रहगा 41 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएग कयोफिक उनहोन यनस का परचार सनकर मन

फिराया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 42 दजज़िकखन की रानी नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोफिक वह सलमान का जञान सनन क

शिलय पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 43 जब अशदध आतमा मनषय म स फिनकल जाती ह तो सखी जगहो म फिवशराम ढढ़ती फिरती ह और पाती नही 44 तब कहती ह फिक म अपन उसी घर म जहा स फिनकली थी लौट जाऊगी और आकर उस सना झाड़ा- बहारा और सजा

सजाया पाती ह 45 तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वहा वास करती ह और उस

मनषय की फिपछली दशा पफिहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोगो की दशा भी ऐसी ही होगी 46 जब वह भीड़ स बात कर ही रहा था तो दखो उस की माता और भाई बाहर खड़ थ और उस स बात करना चाहत थ 47 फिकसी न उस स कहा दख तरी माता और तर भाई बाहर खड़ ह और तझ स बात करना चाहत ह 48 यह सन उस न कहन वाल को उततर दिदया कौन ह मरी माता 49 और कौन ह मर भाई और अपन चलो की ओर अपना हाथ बढ़ा कर कहा दखो मरी माता और मर भाई य ह 50 कयोफिक जो कोई मर सवगMय फिपता की इचछा पर चल वही मरा भाई और बफिहन और माता ह

Chapter13

1 उसी दिदन यीश घर स फिनकलकर झील क फिकनार जा बठा 2 और उसक पास ऐसी बड़ी भीड़ इकटठी हई फिक वह नाव पर चढ़ गया और सारी भीड़ फिकनार पर खड़ी रही 3 और उस न उन स दषटानतो म बहत सी बात कही फिक दखो एक बोन वाला बीज बोन फिनकला 4 बोत समय कछ बीज मागK क फिकनार फिगर और पभिकषयो न आकर उनह चग शिलया 5 कछ पतथरीली भयिम पर फिगर जहा उनह बहत यिमटटी न यिमली और गहरी यिमटटी न यिमलन क कारण व जलद उग आए 6 पर सरज फिनकलन पर व जल गए और जड़ न पकड़न स सख गए 7 कछ झाफिड़यो म फिगर और झाफिड़यो न बढ़कर उनह दबा डाला 8 पर कछ अचछी भयिम पर फिगर और ल लाए कोई सौ गना कोई साठ गना कोई तीस गना 9 जिजस क कान हो वह सन ल 10 और चलो न पास आकर उस स कहा त उन स दषटानतो म कयो बात करता ह 11 उस न उततर दिदया फिक तम को सवगK क राय क भदो की समझ दी गई ह पर उन को नही 12 कयोफिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा पर जिजस क पास कछ नही ह उस स जो कछ

उसक पास ह वह भी ल शिलया जाएगा 13 म उन स दषटानतो म इसशिलय बात करता ह फिक व दखत हए नही दखत और सनत हए नही सनत और नही समझत 14 और उन क फिवषय म यशायाह की यह भफिवषयदववाणी परी होती ह फिक तम कानो स तो सनोग पर समझोग नही और आखो स

तो दखोग पर तमह न सझगा 15 कयोफिक इन लोगो का मन मोटा हो गया ह और व कानो स ऊचा सनत ह और उनहोन अपनी आख मद ली ह कही ऐसा न हो

फिक व आखो स दख और कानो स सन और मन स समझ और फिर जाए और म उनह चगा कर 16 पर धनय ह तमहारी आख फिक व दखती ह और तमहार कान फिक व सनत ह 17 कयोफिक म तम स सच कहता ह फिक बहत स भफिवषयदवकताओ न और धयिमय न चाहा फिक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी

और जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 18 सो तम बोन वाल का दषटानत सनो 19 जो कोई राय का वचन सनकर नही समझता उसक मन म जो कछ बोया गया था उस वह दषट आकर छीन ल जाता ह यह

वही ह जो मागK क फिकनार बोया गया था 20 और जो पतथरीली भयिम पर बोया गया यह वह ह जो वचन सनकर तरनत आननद क साथ मान लता ह 21 पर अपन म जड़ न रखन क कारण वह थोड़ ही दिदन का ह और जब वचन क कारण कलश या उपwव होता ह तो तरनत ठोकर

खाता ह 22 जो झाफिड़यो म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनता ह पर इस ससार की शिचनता और धन का धोखा वचन को दबाता ह

और वह ल नही लाता 23 जो अचछी भयिम म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनकर समझता ह और ल लाता ह कोई सौ गना कोई साठ गना

कोई तीस गना 24 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय उस मनषय क समान ह जिजस न अपन खत म अचछा बीज बोया 25 पर जब लोग सो रह थ तो उसका बरी आकर गह क बीच जगली बीज बोकर चला गया 26 जब अकर फिनकल और बाल लगी तो जगली दान भी दिदखाई दिदए 27 इस पर गहसथ क दासो न आकर उस स कहा ह सवामी कया त न अपन खत म अचछा बीज न बोया था फिर जगली दान क

पौध उस म कहा स आए 28 उस न उन स कहा यह फिकसी बरी का काम ह दासो न उस स कहा कया तरी इचछा ह फिक हम जाकर उन को बटोर ल 29 उस न कहा ऐसा नही न हो फिक जगली दान क पौध बटोरत हए उन क साथ गह भी उखाड़ लो 30 कटनी तक दोनो को एक साथ बढ़न दो और कटनी क समय म काटन वालो स कहगा पफिहल जगली दान क पौध बटोरकर

जलान क शिलय उन क गटठ बानध लो और गह को मर खतत म इकटठा करो 31 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय राई क एक दान क समान ह जिजस फिकसी मनषय न लकर अपन खत म

बो दिदया 32 वह सब बीजो स छोटा तो ह पर जब बढ़ जाता ह तब सब साग पात स बड़ा होता ह और ऐसा पड़ हो जाता ह फिक आकाश क

पकषी आकर उस की डाशिलयो पर बसरा करत ह 33 उस न एक और दषटानत उनह सनाया फिक सवगK का राय खमीर क समान ह जिजस को फिकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म

यिमला दिदया और होत होत वह सब खमीर हो गया 34 य सब बात यीश न दषटानतो म लोगो स कही और फिबना दषटानत वह उन स कछ न कहता था 35 फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक म दषटानत कहन को अपना मह खोलगा म उन बातो को जो

जगत की उतपभितत स गपत रही ह परगट करगा 36 तब वह भीड़ को छोड़ कर घर म आया और उसक चलो न उसक पास आकर कहा खत क जगली दान का दषटानत हम समझा द 37 उस न उन को उततर दिदया फिक अचछ बीज का बोन वाला मनषय का पतर ह 38 खत ससार ह अचछा बीज राय क सनतान और जगली बीज दषट क सनतान ह 39 जिजस बरी न उन को बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटन वाल सवगKदत ह 40 सो जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का पतर अपन सवगKदतो को भजगा और व उसक राय म स सब ठोकर क कारणो को और ककमK करन वालो को इकटठाकरग 42 और उनह आग क कड म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धमM अपन फिपता क राय म सयK की नाई चमक ग जिजस क कान हो वह सन ल 44 सवगK का राय खत म शिछप हए धन क समान ह जिजस फिकसी मनषय न पाकर शिछपा दिदया और मार आननद क जाकर और

अपना सब कछ बचकर उस खत को मोल शिलया 45 फिर सवगK का राय एक वयापारी क समान ह जो अचछ मोफितयो की खोज म था 46 जब उस एक बहमलय मोती यिमला तो उस न जाकर अपना सब कछ बच डाला और उस मोल ल शिलया 47 फिर सवगK का राय उस बड़ जाल क समान ह जो समw म डाला गया और हर परकार की मशिछलयो को समट लाया 48 और जब भर गया तो उस को फिकनार पर खीच लाए और बठकर अचछी अचछी तो बरतनो म इकटठा फिकया और फिनकममी

फिनकममी क दी 49 जगत क अनत म ऐसा ही होगा सवगKदत आकर दषटो को धयिमय स अलग करग और उनह आग क कड म डालग 50 वहा रोना और दात पीसना होगा 51 कया तम न य सब बात समझी 52 उनहोन उस स कहा हा उस न उन स कहा इसशिलय हर एक शासतरी जो सवगK क राय का चला बना ह उस गहसथ क समान ह

जो अपन भणडार स नई और परानी वसतए फिनकालता ह 53 जब यीश य सब दषटानत कह चका तो वहा स चला गया 54 और अपन दश म आकर उन की सभा म उनह ऐसा उपदश दन लगा फिक व चफिकत होकर कहन लग फिक इस को यह जञान और

सामथK क काम कहा स यिमल 55 कया यह बढ़ई का बटा नही और कया इस की माता का नाम मरिरयम और इस क भाइयो क नाम याकब और यस और शमौन

और यहदा नही 56 और कया इस की सब बफिहन हमार बीच म नही रहती फिर इस को यह सब कहा स यिमला 57 सो उनहोन उसक कारण ठोकर खाई पर यीश न उन स कहा भफिवषयदवकता अपन दश और अपन घर को छोड़ और कही फिनरादर

नही होता 58 और उस न वहा उन क अफिवशवास क कारण बहत सामथK क काम नही फिकए

Chapter14

1 उस समय चौथाई दश क राजा हरोदस न यीश की चचाK सनी 2 और अपन सवको स कहा यह यहनना बपफितसमा दनवाला ह वह मर हओ म स जी उठा ह इसी शिलय उस स सामथK क काम परगट

होत ह 3 कयोफिक हरोदस न अपन भाई फिलपपस की पतनी हरोदिदयास क कारण यहनना को पकड़कर बानधा और जलखान म डाल दिदयाथा 4 कयोफिक यहनना न उस स कहा था फिक इस को रखना तझ उशिचत नही ह 5 और वह उस मार डालना चाहता था पर लोगो स डरता था कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ 6 पर जब हरोदस का जनम दिदन आया तो हरोदिदयास की बटी न उतसव म नाच दिदखाकर हरोदस को खश फिकया 7 इसशिलय उस न शपथ खाकर वचन दिदया फिक जो कछ त मागगी म तझ दगा 8 वह अपनी माता की उकसाई हई बोली यहनना बपफितसमा दन वाल का शिसर थाल म यही मझ मगवा द 9 राजा दखिखत हआ पर अपनी शपथ क और साथ बठन वालो क कारण आजञा दी फिक द दिदया जाए 10 और जलखान म लोगो को भजकर यहनना का शिसर कटवा दिदया 11 और उसका शिसर थाल म लाया गया और लड़की को दिदया गया और वह उस को अपनी मा क पास ल गई 12 और उसक चलो न आकर और उस की लोथ को ल जाकर गाढ़ दिदया और जाकर यीश को समाचार दिदया 13 जब यीश न यह सना तो नाव पर चढ़कर वहा स फिकसी सनसान जगह एकानत म चला गया और लोग यह सनकर नगर नगर स

पदल उसक पीछ हो शिलए 14 उस न फिनकलकर बड़ी भीड़ दखी और उन पर तरस खाया और उस न उन क बीमारो को चगा फिकया 15 जब साझ हई तो उसक चलो न उसक पास आकर कहा यह तो सनसान जगह ह और दर हो रही ह लोगो को फिवदा फिकया

जाए फिक व बसतिसतयो म जाकर अपन शिलय भोजन मोल ल 16 यीश न उन स कहा उन का जाना आवltयक नही तम ही इनह खान को दो 17 उनहोन उस स कहा यहा हमार पास पाच रोटी और दो मशिछलयो को छोड़ और कछ नही ह 18 उस न कहा उन को यहा मर पास ल आओ 19 तब उस न लोगो को घास पर बठन को कहा और उन पाच रोदिटयो और दो मशिछलयो को शिलया और सवगK की ओर दखकर

धनयवाद फिकया और रोदिटया तोड़ तोड़कर चलो को दी और चलो न लोगो को 20 और सब खाकर तपत हो गए और उनहोन बच हए टकड़ो स भरी हई बारह टोफिकरया उठाई 21 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़कर पाच हजार परषो क अटकल थ 22 और उस न तरनत अपन चलो को बरबस नाव पर चढ़ाया फिक व उस स पफिहल पार चल जाए जब तक फिक वह लोगो को फिवदाकर 23 वह लोगो को फिवदा करक पराथKना करन को अलग पहाड़ पर चढ़ गया और साझ को वहा अकला था 24 उस समय नाव झील क बीच लहरो स डगमगा रही थी कयोफिक हवा सामहन की थी 25 और वह रात क चौथ पहर झील पर चलत हए उन क पास आया 26 चल उस को झील पर चलत हए दखकर घबरा गए और कहन लग वह भत ह और डर क मार शिचलला उठ 27 यीश न तरनत उन स बात की और कहा ढाढ़स बानधो म ह डरो मत 28 पतरस न उस को उततर दिदया ह परभ यदिद त ही ह तो मझ अपन पास पानी पर चलकर आन की आजञा द 29 उस न कहा आ तब पतरस नाव पर स उतरकर यीश क पास जान को पानी पर चलन लगा 30 पर हवा को दखकर डर गया और जब डबन लगा तो शिचललाकर कहा ह परभ मझ बचा 31 यीश न तरनत हाथ बढ़ाकर उस थाम शिलया और उस स कहा ह अलप-फिवशवासी त न कयो सनदह फिकया 32 जब व नाव पर चढ़ गए तो हवा थम गई 33 इस पर जो नाव पर थ उनहोन उस दणडवत करक कहा सचमच त परमशवर का पतर ह 34 व पार उतरकर गननसरत दश म पहच 35 और वहा क लोगो न उस पहचानकर आस पास क सार दश म कहला भजा और सब बीमारो को उसक पास लाए 36 और उस स फिबनती करन लग फिक वह उनह अपन वसतर क आचल ही को छन द और जिजतनो न उस छआ व चग हो गए

Chapter15

1 तब यरशलम स फिकतन रीसी और शासतरी यीश क पास आकर कहन लग 2 तर चल परफिनयो की रीतो को कयो टालत ह फिक फिबना हाथ धोए रोटी खात ह 3 उस न उन को उततर दिदया फिक तम भी अपनी रीतो क कारण कयो परमशवर की आजञा टालत हो 4 कयोफिक परमशवर न कहा था फिक अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और जो कोई फिपता या माता को बरा कह वह

मार डाला जाए 5 पर तम कहत हो फिक यदिद कोई अपन फिपता या माता स कह फिक जो कछ तझ मझ स लाभ पहच सकता था वह परमशवर को भट

चढ़ाई जा चकी 6 तो वह अपन फिपता का आदर न कर सो तम न अपनी रीतो क कारण परमशवर का वचन टाल दिदया 7 ह कपदिटयो यशायाह न तमहार फिवषय म यह भफिवषयदवाणी ठीक की 8 फिक य लोग होठो स तो मरा आदर करत ह पर उन का मन मझ स दर रहता ह 9 और य वयथK मरी उपासना करत ह कयोफिक मनषयो की फिवयिधयो को धमपदश करक शिसखात ह 10 और उस न लोगो को अपन पास बलाकर उन स कहा सनो और समझो 11 जो मह म जाता ह वह मनषय को अशदध नही करता पर जो मह स फिनकलता ह वही मनषय को अशदध करता ह 12 तब चलो न आकर उस स कहा कया त जानता ह फिक रीशिसयो न यह वचन सनकर ठोकर खाई 13 उस न उततर दिदया हर पौधा जो मर सवगMय फिपता न नही लगाया उखाड़ा जाएगा 14 उन को जान दो व अनध मागK दिदखान वाल ह और अनधा यदिद अनध को मागK दिदखाए तो दोनो गड़ह म फिगर पड़ग 15 यह सनकर पतरस न उस स कहा यह दषटानत हम समझा द 16 उस न कहा कया तम भी अब तक ना समझ हो 17 कया नही समझत फिक जो कछ मह म जाता वह पट म पड़ता ह और सणडास म फिनकल जाता ह 18 पर जो कछ मह स फिनकलता ह वह मन स फिनकलता ह और वही मनषय को अशदध करता ह 19 कयोफिक कशिचनता हतया पर सतरीगमन वयभिभचार चोरी झठी गवाही और फिननदा मन ही स फिनकलती ह 20 यही ह जो मनषय को अशदध करती ह परनत हाथ फिबना धोए भोजन करना मनषय को अशदध नही करता 21 यीश वहा स फिनकलकर सर और सदा क दशो की ओर चला गया 22 और दखो उस दश स एक कनानी सतरी फिनकली और शिचललाकर कहन लगी ह परभ दाऊद क सनतान मझ पर दया कर मरी

बटी को दषटातमा बहत सता रहा ह 23 पर उस न उस कछ उततर न दिदया और उसक चलो न आकर उस स फिबनती कर कहा इस फिवदा कर कयोफिक वह हमार पीछ

शिचललाती आती ह 24 उस न उततर दिदया फिक इसराएल क घरान की खोई हई भड़ो को छोड़ म फिकसी क पास नही भजा गया 25 पर वह आई और उस परणाम करक कहन लगी ह परभ मरी सहायता कर 26 उस न उततर दिदया फिक लड़को की रोटी लकर कततो क आग डालना अचछा नही 27 उस न कहा सतय ह परभ पर कतत भी वह चरचार खात ह जो उन क सवायिमयो की मज स फिगरत ह 28 इस पर यीश न उस को उततर दकर कहा फिक ह सतरी तरा फिवशवास बड़ा ह जसा त चाहती ह तर शिलय वसा ही हो और उस की

बटी उसी घड़ी स चगी हो गई 29 यीश वहा स चलकर गलील की झील क पास आया और पहाड़ पर चढ़कर वहा बठ गया 30 और भीड़ पर भीड़ लगड़ो अनधो गगो टड़ो और बहत औरो को लकर उसक पास आए और उनह उस क पावो पर डालदिदया और उस न उनह चगा फिकया 31 सो जब लोगो न दखा फिक गग बोलत और टणड चग होत और लगड़ चलत और अनध दखत ह तो अचमभा करक इसराएल क

परमशवर की बड़ाई की 32 यीश न अपन चलो को बलाकर कहा मझ इस भीड़ पर तरस आता ह कयोफिक व तीन दिदन स मर साथ ह और उन क पास कछ

खान को नही और म उनह भखा फिवदा करना नही चाहता कही ऐसा न हो फिक मागK म थककर रह जाए 33 चलो न उस स कहा हम जगल म कहा स इतनी रोटी यिमलगी फिक हम इतनी बड़ी भीड़ को तपत कर 34 यीश न उन स पछा तमहार पास फिकतनी रोदिटया ह उनहोन कहा सात और थोड़ी सी छोटी मशिछलया 35 तब उस न लोगो को भयिम पर बठन की आजञा दी

36 और उन सात रोदिटयो और मशिछलयो को ल धनयवाद करक तोड़ा और अपन चलो को दता गया और चल लोगो को 37 सो सब खाकर तपत हो गए और बच हए टकड़ो स भर हए सात टोकर उठाए 38 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़ चार हजार परष थ 39 तब वह भीड़ को फिवदा करक नाव पर चढ़ गया और मगदन दश क शिसवानो म आया

Chapter16

1 और रीशिसयो और सदफिकयो न पास आकर उस परखन क शिलय उस स कहा फिक हम आकाश का कोई शिचनह दिदखा 2 उस न उन को उततर दिदया फिक साझ को तम कहत हो फिक खला रहगा कयोफिक आकाश लाल ह 3 और भोर को कहत हो फिक आज आनधी आएगी कयोफिक आकाश लाल और धमला ह तम आकाश का लकषण दखकर भद बता

सकत हो पर समयो क शिचनहो का भद नही बता सकत 4 इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह पर यनस क शिचनह को छोड़ कोई और शिचनह उनह न दिदया जाएगा और वह उनह

छोड़कर चला गया 5 और चल पार जात समय रोटी लना भल गए थ 6 यीश न उन स कहा दखो रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 7 व आपस म फिवचार करन लग फिक हम तो रोटी नही लाए 8 यह जानकर यीश न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो तम आपस म कयो फिवचार करत हो फिक हमार पास रोटी नही 9 कया तम अब तक नही समझ और उन पाच हजार की पाच रोटी समरण नही करत और न यह फिक फिकतनी टोफिकरया उठाई थी 10 और न उन चार हजार की सात रोटी और न यह फिक फिकतन टोकर उठाए गए थ 11 तम कयो नही समझत फिक म न तम स रोदिटयो क फिवषय म नही कहा रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 12 तब उन को समझ म आया फिक उस न रोटी क खमीर स नही पर रीशिसयो और सदफिकयो की शिशकषा स चौकस रहन को कहाथा 13 यीश कसरिरया फिशिलपपी क दश म आकर अपन चलो स पछन लगा फिक लोग मनषय क पतर को कया कहत ह 14 उनहोन कहा फिकतन तो यहनना बपफितसमा दन वाला कहत ह और फिकतन एशिलययाह और फिकतन यियमKयाह या भफिवषयदवकताओ म स

कोई एक कहत ह 15 उस न उन स कहा परनत तम मझ कया कहत हो 16 शमौन पतरस न उततर दिदया फिक त जीवत परमशवर का पतर मसीह ह 17 यीश न उस को उततर दिदया फिक ह शमौन योना क पतर त धनय ह कयोफिक मास और लोह न नही परनत मर फिपता न जो सवगK मह यह बात तझ पर परगट की ह 18 और म भी तझ स कहता ह फिक त पतरस ह और म इस पतथर पर अपनी कलीशिसया बनाऊगा और अधोलोक क ाटक उस

पर परबल न होग 19 म तझ सवगK क राय की कजिजया दगा और जो कछ त पथवी पर बानधगा वह सवगK म बनधगा और जो कछ त पथवी परखोलगा वह सवगK म खलगा 20 तब उस न चलो को शिचताया फिक फिकसी स न कहना फिक म मसीह ह 21 उस समय स यीश अपन चलो को बतान लगा फिक मझ अवltय ह फिक यरशलम को जाऊ और परफिनयो और महायाजको और

शासतरिसतरयो क हाथ स बहत दख उठाऊ और मार डाला जाऊ और तीसर दिदन जी उठ 22 इस पर पतरस उस अलग ल जाकर जिझड़कन लगा फिक ह परभ परमशवर न कर तझ पर ऐसा कभी न होगा 23 उस न फिरकर पतरस स कहा ह शतान मर सामहन स दर हो त मर शिलय ठोकर का कारण ह कयोफिक त परमशवर की बातनही पर मनषयो की बातो पर मन लगाता ह 24 तब यीश न अपन चलो स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप का इनकार कर और अपना करस उठाए और मर

पीछ हो ल 25 कयोफिक जो कोई अपना पराण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई मर शिलय अपना पराण खोएगा वह उस पाएगा 26 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपन पराण की हाफिन उठाए तो उस कया लाभ होगा या मनषय अपन पराण क बदल

म कया दगा 27 मनषय का पतर अपन सवगKदतो क साथ अपन फिपता की मफिहमा म आएगा और उस समय वह हर एक को उसक कामो क

अनसार परफितल दगा 28 म तम स सच कहता ह फिक जो यहा खड़ ह उन म स फिकतन ऐस ह फिक जब तक मनषय क पतर को उसक राय म आत हए न

दख लग तब तक मतय का सवाद कभी न चखग

Chapter17

1 छ दिदन क बाद यीश न पतरस और याकब और उसक भाई यहनना को साथ शिलया और उनह एकानत म फिकसी ऊच पहाड़ पर लगया 2 और उनक सामहन उसका रपानतर हआ और उसका मह सयK की नाई चमका और उसका वसतर योफित की नाई उजला हो गया 3 और दखो मसा और एशिलययाह उसक साथ बात करत हए उनह दिदखाई दिदए 4 इस पर पतरस न यीश स कहा ह परभ हमारा यहा रहना अचछा ह इचछा हो तो यहा तीन मणडप बनाऊ एक तर शिलय एक

मसा क शिलय और एक एशिलययाह क शिलय 5 वह बोल ही रहा था फिक दखो एक उजल बादल न उनह छा शिलया और दखो उस बादल म स यह शबद फिनकला फिक यह मरा

फिपरय पतर ह जिजस स म परसनन ह इस की सनो 6 चल यह सनकर मह क बल फिगर गए और अतयनत डर गए 7 यीश न पास आकर उनह छआ और कहा उठो डरो मत 8 तब उनहोन अपनी आख उठाकर यीश को छोड़ और फिकसी को न दखा 9 जब व पहाड़ स उतर रह थ तब यीश न उनह यह आजञा दी फिक जब तक मनषय का पतर मर हओ म स न जी उठ तब तक जो कछ

तम न दखा ह फिकसी स न कहना 10 और उसक चलो न उस स पछा फिर शासतरी कयो कहत ह फिक एशिलययाह का पहल आना अवltय ह 11 उस न उततर दिदया फिक एशिलययाह तो आएगा और सब कछ सधारगा 12 परनत म तम स कहता ह फिक एशिलययाह आ चका और उनहोन उस नही पहचाना परनत जसा चाहा वसा ही उसक साथ फिकया

इसी रीफित स मनषय का पतर भी उन क हाथ स दख उठाएगा 13 तब चलो न समझा फिक उस न हम स यहनना बपफितसमा दन वाल क फिवषय म कहा ह 14 जब व भीड़ क पास पहच तो एक मनषय उसक पास आया और घटन टक कर कहन लगा 15 ह परभ मर पतर पर दया कर कयोफिक उस को यिमगM आती ह और वह बहत दख उठाता ह और बार बार आग म और बार बार

पानी म फिगर पड़ता ह 16 और म उस को तर चलो क पास लाया था पर व उस अचछा नही कर सक 17 यीश न उततर दिदया फिक ह अफिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा कब तक तमहारी सहगा उस यहा मर

पास लाओ 18 तब यीश न उस घड़का और दषटातमा उस म स फिनकला और लड़का उसी घड़ी अचछा हो गया 19 तब चलो न एकानत म यीश क पास आकर कहा हम इस कयो नही फिनकाल सक 20 उस न उन स कहा अपन फिवशवास की घटी क कारण कयोफिक म तम स सच कहता ह यदिद तमहारा फिवशवास राई क दान क

बराबर भी हो तो इस पहाड़ स कह स को ग फिक यहा स सरककर वहा चला जा तो वह चला जाएगा और कोई बात तमहार शिलय अनहोनी न होगी

21 जब व गलील म थ तो यीश न उन स कहा मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जाएगा 22 और व उस मार डालग और वह तीसर दिदन जी उठगा 23 इस पर व बहत उदास हए 24 जब व करनहम म पहच तो मजिनदर क शिलय कर लन वालो न पतरस क पास आकर पछा फिक कया तमहारा गर मजिनदर का कर

नही दता उस न कहा हा दता तो ह 25 जब वह घर म आया तो यीश न उसक पछन स पफिहल उस स कहा ह शमौन त कया समझता ह पथवी क राजा महसल या कर

फिकन स लत ह अपन पतरो स या परायो स पतरस न उन स कहा परायो स 26 यीश न उस स कहा तो पतर बच गए

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 11: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

29 कया पस म दो गौरय नही फिबकती तौभी तमहार फिपता की इचछा क फिबना उन म स एक भी भयिम पर नही फिगर सकती 30 तमहार शिसर क बाल भी सब फिगन हए ह 31 इसशिलय डरो नही तम बहत गौरयो स बढ़कर हो 32 जो कोई मनषयो क सामहन मझ मान लगा उस म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन मान लगा 33 पर जो कोई मनषयो क सामहन मरा इनकार करगा उस स म भी अपन सवगMय फिपता क सामहन इनकार करगा 34 यह न समझो फिक म पथवी पर यिमलाप करान को आया ह म यिमलाप करान को नही पर तलवार चलवान आया ह 35 म तो आया ह फिक मनषय को उसक फिपता स और बटी को उस की मा स और बह को उस की सास स अलग कर द 36 मनषय क बरी उसक घर ही क लोग होग 37 जो माता या फिपता को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह वह मर योगय नही और जो बटा या बटी को मझ स अयिधक फिपरय जानता ह

वह मर योगय नही 38 और जो अपना करस लकर मर पीछ न चल वह मर योगय नही 39 जो अपन पराण बचाता ह वह उस खोएगा और जो मर कारण अपना पराण खोता ह वह उस पाएगा 40 जो तमह गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह और जो मझ गरहण करता ह वह मर भजन वाल को गरहण करता ह 41 जो भफिवषयदवकता को भफिवषयदवकता जानकर गरहण कर वह भफिवषयदवकता का बदला पाएगा और जो धमM जानकर धमM को गरहणकर वह धमM का बदला पाएगा 42 जो कोई इन छोटो म स एक को चला जानकर कवल एक कटोरा ठडा पानी फिपलाए म तम स सच कहता ह वह फिकसी रीफित स

अपना परफितल न खोएगा

Chapter11

1 जब यीश अपन बारह चलो को आजञा द चका तो वह उन क नगरो म उपदश और परचार करन को वहा स चला गया 2 यहनना न बनदीगह म मसीह क कामो का समाचार सनकर अपन चलो को उस स यह पछन भजा 3 फिक कया आनवाला त ही ह या हम दसर की बाट जोह 4 यीश न उततर दिदया फिक जो कछ तम सनत हो और दखत हो वह सब जाकर यहनना स कह दो 5 फिक अनध दखत ह और लगड़ चलत फिरत ह कोढ़ी शदध फिकए जात ह और बफिहर सनत ह मद जिजलाए जात ह और कगालो को

ससमाचार सनाया जाता ह 6 और धनय ह वह जो मर कारण ठोकर न खाए 7 जब व वहा स चल दिदए तो यीश यहनना क फिवषय म लोगो स कहन लगा तम जगल म कया दखन गए थ कया हवा स फिहलत हए

सरकणड को 8 फिर तम कया दखन गए थ कया कोमल वसतर पफिहन हए मनषय को दखो जो कोमल वसतर पफिहनत ह व राजभवनो म रहत ह 9 तो फिर कयो गए थ कया फिकसी भफिवषयदवकता को दखन को हा म तम स कहता ह वरन भफिवषयदवकता स भी बड़ को 10 यह वही ह जिजस क फिवषय म शिलखा ह फिक दख म अपन दत को तर आग भजता ह जो तर आग तरा मागK तयार करगा 11 म तम स सच कहता ह फिक जो सतरिसतरयो स जनम ह उन म स यहनना बपफितसमा दन वाल स कोई बड़ा नही हआ पर जो सवगK क

राय म छोट स छोटा ह वह उस स बड़ा ह 12 यहनना बपफितसमा दन वाल क दिदनो स अब तक सवगK क राय पर जोर होता रहा ह और बलवान उस छीन लत ह 13 यहनना तक सार भफिवषयदवकता और वयवसथा भफिवषयदववाणी करत रह 14 और चाहो तो मानो एशिलययाह जो आनवाला था वह यही ह 15 जिजस क सनन क कान हो वह सन ल 16 म इस समय क लोगो की उपमा फिकस स द व उन बालको क समान ह जो बाजारो म बठ हए एक दसर स पकारकर कहतह 17 फिक हम न तमहार शिलय बासली बजाई और तम न नाच हम न फिवलाप फिकया और तम न छाती नही पीटी 18 कयोफिक यहनना न खाता आया और न पीता और व कहत ह फिक उस म दषटातमा ह 19 मनषय का पतर खाता- पीता आया और व कहत ह फिक दखो पट और फिपयककड़ मनषय महसल लन वालो और पाफिपयो का

यिमतर पर जञान अपन कामो म सचचा ठहराया गया ह 20 तब वह उन नगरो को उलाहना दन लगा जिजन म उस न बहतर सामथK क काम फिकए थ कयोफिक उनहोन अपना मन नही फिरायाथा 21 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथK क काम तम म फिकए गए यदिद व सर और सदा म फिकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन फिरा लत 22 परनत म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तमहारी दशा स सर और सदा की दशा अयिधक सहन योगय होगी 23 और ह करनहम कया त सवगK तक ऊचा फिकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा जो सामथK क काम तझ म फिकए

गए ह यदिद सदोम म फिकए जात तो वह आज तक बना रहता 24 पर म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तरी दशा स सदोम क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 25 उसी समय यीश न कहा ह फिपता सवगK और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह फिक त न इन बातो को जञाफिनयो और

समझदारो स शिछपा रखा और बालको पर परगट फिकया ह 26 हा ह फिपता कयोफिक तझ यही अचछा लगा 27 मर फिपता न मझ सब कछ सौपा ह और कोई पतर को नही जानता कवल फिपता और कोई फिपता को नही जानता कवल पतर

और वह जिजस पर पतर उस परगट करना चाह 28 ह सब परिरशरम करन वालो और बोझ स दब लोगो मर पास आओ म तमह फिवशराम दगा 29 मरा जआ अपन ऊपर उठा लो और मझ स सीखो कयोफिक म नमर और मन म दीन ह और तम अपन मन म फिवशराम पाओग 30 कयोफिक मरा जआ सहज और मरा बोझ हलका ह

Chapter12

1 उस समय यीश सबत क दिदन खतो म स होकर जा रहा था और उसक चलो को भख लगी सो व बाल तोड़ तोड़ कर खान लग 2 रीशिसयो न यह दखकर उस स कहा दख तर चल वह काम कर रह ह जो सबत क दिदन करना उशिचत नही 3 उस न उन स कहा कया तम न नही पढ़ा फिक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख हए तो कया फिकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया खाई जिजनह खाना न तो उस और उसक साशिथयो को पर कवल याजको

को उशिचत था 5 या तम न वयवसथा म नही पढ़ा फिक याजक सबत क दिदन मजिनदर म सबत क दिदन क फिवयिध को तोड़न पर भी फिनदष ठहरत ह 6 पर म तम स कहता ह फिक यहा वह ह जो मजिनदर स भी बड़ा ह 7 यदिद तम इस का अथK जानत फिक म दया स परसनन ह बशिलदान स नही तो तम फिनदष को दोषी न ठहरात 8 मनषय का पतर तो सबत क दिदन का भी परभ ह 9 वहा स चलकर वह उन की सभा क घर म आया 10 और दखो एक मनषय था जिजस का हाथ सखा हआ था और उनहोन उस पर दोष लगान क शिलय उस स पछा फिक कया सबत

क दिदन चगा करना उशिचत ह 11 उस न उन स कहा तम म ऐसा कौन ह जिजस की एक ही भड़ हो और वह सबत क दिदन गड़ह म फिगर जाए तो वह उस

पकड़कर न फिनकाल 12 भला मनषय का मलय भड़ स फिकतना बढ़ कर ह इसशिलय सबत क दिदन भलाई करना उशिचत ह तब उस न उस मनषय स कहा

अपना हाथ बढ़ा 13 उस न बढ़ाया और वह फिर दसर हाथ की नाई अचछा हो गया 14 तब रीशिसयो न बाहर जाकर उसक फिवरोध म सममफित की फिक उस फिकस परकार नाश कर 15 यह जानकर यीश वहा स चला गया और बहत लोग उसक पीछ हो शिलय और उस न सब को चगा फिकया 16 और उनह शिचताया फिक मझ परगट न करना 17 फिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 18 फिक दखो यह मरा सवक ह जिजस म न चना ह मरा फिपरय जिजस स मरा मन परसनन ह म अपना आतमा उस पर डालगा और

वह अनयजाफितयो को नयाय का समाचार दगा

19 वह न झगड़ा करगा और न धम मचाएगा और न बाजारो म कोई उसका शबद सनगा 20 वह कचल हए सरकणड को न तोड़गा और धआ दती हई बतती को न बझाएगा जब तक नयाय को परबल न कराए 21 और अनयजाफितया उसक नाम पर आशा रखगी 22 तब लोग एक अनध- गग को जिजस म दषटातमा थी उसक पास लाए और उस न उस अचछा फिकया और वह गगा बोलन और

दखन लगा 23 इस पर सब लोग चफिकत होकर कहन लग यह कया दाऊद की सनतान का ह 24 परनत रीशिसयो न यह सनकर कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार शतान की सहायता क फिबना दषटातमाओ को नही फिनकालता 25 उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस फिकसी राय म ट होती ह वह उजड़ जाता ह और कोई नगर या

घराना जिजस म ट होती ह बना न रहगा 26 और यदिद शतान ही शतान को फिनकाल तो वह अपना ही फिवरोधी हो गया ह फिर उसका राय कयोकर बना रहगा 27 भला यदिद म शतान की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो तमहार वश फिकस की सहायता स फिनकालत ह इसशिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग 28 पर यदिद म परमशवर क आतमा की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो परमशवर का राय तमहार पास आ पहचा ह 29 या कयोकर कोई मनषय फिकसी बलवनत क घर म घसकर उसका माल लट सकता ह जब तक फिक पफिहल उस बलवनत को न बानध

ल और तब वह उसका घर लट लगा 30 जो मर साथ नही वह मर फिवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह फिबथराता ह 31 इसशिलय म तम स कहता ह फिक मनषय का सब परकार का पाप और फिननदा कषमा की जाएगी पर आतमा की फिननदा कषमा न कीजाएगी 32 जो कोई मनषय क पतर क फिवरोध म कोई बात कहगा उसका यह अपराध कषमा फिकया जाएगा परनत जो कोई पफिवतर- आतमा क

फिवरोध म कछ कहगा उसका अपराध न तो इस लोक म और न पर लोक म कषमा फिकया जाएगा 33 यदिद पड़ को अचछा कहो तो उसक ल को भी अचछा कहो या पड़ को फिनकममा कहो तो उसक ल को भी फिनककमा कहो

कयोफिक पड़ ल ही स पहचाना जाता ह 34 ह साप क बचचो तम बर होकर कयोकर अचछी बात कह सकत हो कयोफिक जो मन म भरा ह वही मह पर आता ह 35 भला मनषय मन क भल भणडार स भली बात फिनकालता ह और बरा मनषय बर भणडार स बरी बात फिनकालता ह 36 और म तम स कहता ह फिक जो जो फिनकममी बात मनषय कहग नयाय क दिदन हर एक बात का लखा दग 37 कयोफिक त अपनी बातो क कारण फिनदष और अपनी बातो ही क कारण दोषी ठहराया जाएगा 38 इस पर फिकतन शासतरिसतरयोऔर रीशिसयो न उस स कहा ह गर हम तझ स एक शिचनह दखना चाहत ह 39 उस न उनह उततर दिदया फिक इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह परनत यनस भफिवषयदवकता क शिचनह को छोड़ कोई

और शिचनह उन को न दिदया जाएगा 40 यनस तीन रात दिदन जल- जनत क पट म रहा वस ही मनषय का पतर तीन रात दिदन पथवी क भीतर रहगा 41 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएग कयोफिक उनहोन यनस का परचार सनकर मन

फिराया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 42 दजज़िकखन की रानी नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोफिक वह सलमान का जञान सनन क

शिलय पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 43 जब अशदध आतमा मनषय म स फिनकल जाती ह तो सखी जगहो म फिवशराम ढढ़ती फिरती ह और पाती नही 44 तब कहती ह फिक म अपन उसी घर म जहा स फिनकली थी लौट जाऊगी और आकर उस सना झाड़ा- बहारा और सजा

सजाया पाती ह 45 तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वहा वास करती ह और उस

मनषय की फिपछली दशा पफिहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोगो की दशा भी ऐसी ही होगी 46 जब वह भीड़ स बात कर ही रहा था तो दखो उस की माता और भाई बाहर खड़ थ और उस स बात करना चाहत थ 47 फिकसी न उस स कहा दख तरी माता और तर भाई बाहर खड़ ह और तझ स बात करना चाहत ह 48 यह सन उस न कहन वाल को उततर दिदया कौन ह मरी माता 49 और कौन ह मर भाई और अपन चलो की ओर अपना हाथ बढ़ा कर कहा दखो मरी माता और मर भाई य ह 50 कयोफिक जो कोई मर सवगMय फिपता की इचछा पर चल वही मरा भाई और बफिहन और माता ह

Chapter13

1 उसी दिदन यीश घर स फिनकलकर झील क फिकनार जा बठा 2 और उसक पास ऐसी बड़ी भीड़ इकटठी हई फिक वह नाव पर चढ़ गया और सारी भीड़ फिकनार पर खड़ी रही 3 और उस न उन स दषटानतो म बहत सी बात कही फिक दखो एक बोन वाला बीज बोन फिनकला 4 बोत समय कछ बीज मागK क फिकनार फिगर और पभिकषयो न आकर उनह चग शिलया 5 कछ पतथरीली भयिम पर फिगर जहा उनह बहत यिमटटी न यिमली और गहरी यिमटटी न यिमलन क कारण व जलद उग आए 6 पर सरज फिनकलन पर व जल गए और जड़ न पकड़न स सख गए 7 कछ झाफिड़यो म फिगर और झाफिड़यो न बढ़कर उनह दबा डाला 8 पर कछ अचछी भयिम पर फिगर और ल लाए कोई सौ गना कोई साठ गना कोई तीस गना 9 जिजस क कान हो वह सन ल 10 और चलो न पास आकर उस स कहा त उन स दषटानतो म कयो बात करता ह 11 उस न उततर दिदया फिक तम को सवगK क राय क भदो की समझ दी गई ह पर उन को नही 12 कयोफिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा पर जिजस क पास कछ नही ह उस स जो कछ

उसक पास ह वह भी ल शिलया जाएगा 13 म उन स दषटानतो म इसशिलय बात करता ह फिक व दखत हए नही दखत और सनत हए नही सनत और नही समझत 14 और उन क फिवषय म यशायाह की यह भफिवषयदववाणी परी होती ह फिक तम कानो स तो सनोग पर समझोग नही और आखो स

तो दखोग पर तमह न सझगा 15 कयोफिक इन लोगो का मन मोटा हो गया ह और व कानो स ऊचा सनत ह और उनहोन अपनी आख मद ली ह कही ऐसा न हो

फिक व आखो स दख और कानो स सन और मन स समझ और फिर जाए और म उनह चगा कर 16 पर धनय ह तमहारी आख फिक व दखती ह और तमहार कान फिक व सनत ह 17 कयोफिक म तम स सच कहता ह फिक बहत स भफिवषयदवकताओ न और धयिमय न चाहा फिक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी

और जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 18 सो तम बोन वाल का दषटानत सनो 19 जो कोई राय का वचन सनकर नही समझता उसक मन म जो कछ बोया गया था उस वह दषट आकर छीन ल जाता ह यह

वही ह जो मागK क फिकनार बोया गया था 20 और जो पतथरीली भयिम पर बोया गया यह वह ह जो वचन सनकर तरनत आननद क साथ मान लता ह 21 पर अपन म जड़ न रखन क कारण वह थोड़ ही दिदन का ह और जब वचन क कारण कलश या उपwव होता ह तो तरनत ठोकर

खाता ह 22 जो झाफिड़यो म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनता ह पर इस ससार की शिचनता और धन का धोखा वचन को दबाता ह

और वह ल नही लाता 23 जो अचछी भयिम म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनकर समझता ह और ल लाता ह कोई सौ गना कोई साठ गना

कोई तीस गना 24 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय उस मनषय क समान ह जिजस न अपन खत म अचछा बीज बोया 25 पर जब लोग सो रह थ तो उसका बरी आकर गह क बीच जगली बीज बोकर चला गया 26 जब अकर फिनकल और बाल लगी तो जगली दान भी दिदखाई दिदए 27 इस पर गहसथ क दासो न आकर उस स कहा ह सवामी कया त न अपन खत म अचछा बीज न बोया था फिर जगली दान क

पौध उस म कहा स आए 28 उस न उन स कहा यह फिकसी बरी का काम ह दासो न उस स कहा कया तरी इचछा ह फिक हम जाकर उन को बटोर ल 29 उस न कहा ऐसा नही न हो फिक जगली दान क पौध बटोरत हए उन क साथ गह भी उखाड़ लो 30 कटनी तक दोनो को एक साथ बढ़न दो और कटनी क समय म काटन वालो स कहगा पफिहल जगली दान क पौध बटोरकर

जलान क शिलय उन क गटठ बानध लो और गह को मर खतत म इकटठा करो 31 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय राई क एक दान क समान ह जिजस फिकसी मनषय न लकर अपन खत म

बो दिदया 32 वह सब बीजो स छोटा तो ह पर जब बढ़ जाता ह तब सब साग पात स बड़ा होता ह और ऐसा पड़ हो जाता ह फिक आकाश क

पकषी आकर उस की डाशिलयो पर बसरा करत ह 33 उस न एक और दषटानत उनह सनाया फिक सवगK का राय खमीर क समान ह जिजस को फिकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म

यिमला दिदया और होत होत वह सब खमीर हो गया 34 य सब बात यीश न दषटानतो म लोगो स कही और फिबना दषटानत वह उन स कछ न कहता था 35 फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक म दषटानत कहन को अपना मह खोलगा म उन बातो को जो

जगत की उतपभितत स गपत रही ह परगट करगा 36 तब वह भीड़ को छोड़ कर घर म आया और उसक चलो न उसक पास आकर कहा खत क जगली दान का दषटानत हम समझा द 37 उस न उन को उततर दिदया फिक अचछ बीज का बोन वाला मनषय का पतर ह 38 खत ससार ह अचछा बीज राय क सनतान और जगली बीज दषट क सनतान ह 39 जिजस बरी न उन को बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटन वाल सवगKदत ह 40 सो जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का पतर अपन सवगKदतो को भजगा और व उसक राय म स सब ठोकर क कारणो को और ककमK करन वालो को इकटठाकरग 42 और उनह आग क कड म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धमM अपन फिपता क राय म सयK की नाई चमक ग जिजस क कान हो वह सन ल 44 सवगK का राय खत म शिछप हए धन क समान ह जिजस फिकसी मनषय न पाकर शिछपा दिदया और मार आननद क जाकर और

अपना सब कछ बचकर उस खत को मोल शिलया 45 फिर सवगK का राय एक वयापारी क समान ह जो अचछ मोफितयो की खोज म था 46 जब उस एक बहमलय मोती यिमला तो उस न जाकर अपना सब कछ बच डाला और उस मोल ल शिलया 47 फिर सवगK का राय उस बड़ जाल क समान ह जो समw म डाला गया और हर परकार की मशिछलयो को समट लाया 48 और जब भर गया तो उस को फिकनार पर खीच लाए और बठकर अचछी अचछी तो बरतनो म इकटठा फिकया और फिनकममी

फिनकममी क दी 49 जगत क अनत म ऐसा ही होगा सवगKदत आकर दषटो को धयिमय स अलग करग और उनह आग क कड म डालग 50 वहा रोना और दात पीसना होगा 51 कया तम न य सब बात समझी 52 उनहोन उस स कहा हा उस न उन स कहा इसशिलय हर एक शासतरी जो सवगK क राय का चला बना ह उस गहसथ क समान ह

जो अपन भणडार स नई और परानी वसतए फिनकालता ह 53 जब यीश य सब दषटानत कह चका तो वहा स चला गया 54 और अपन दश म आकर उन की सभा म उनह ऐसा उपदश दन लगा फिक व चफिकत होकर कहन लग फिक इस को यह जञान और

सामथK क काम कहा स यिमल 55 कया यह बढ़ई का बटा नही और कया इस की माता का नाम मरिरयम और इस क भाइयो क नाम याकब और यस और शमौन

और यहदा नही 56 और कया इस की सब बफिहन हमार बीच म नही रहती फिर इस को यह सब कहा स यिमला 57 सो उनहोन उसक कारण ठोकर खाई पर यीश न उन स कहा भफिवषयदवकता अपन दश और अपन घर को छोड़ और कही फिनरादर

नही होता 58 और उस न वहा उन क अफिवशवास क कारण बहत सामथK क काम नही फिकए

Chapter14

1 उस समय चौथाई दश क राजा हरोदस न यीश की चचाK सनी 2 और अपन सवको स कहा यह यहनना बपफितसमा दनवाला ह वह मर हओ म स जी उठा ह इसी शिलय उस स सामथK क काम परगट

होत ह 3 कयोफिक हरोदस न अपन भाई फिलपपस की पतनी हरोदिदयास क कारण यहनना को पकड़कर बानधा और जलखान म डाल दिदयाथा 4 कयोफिक यहनना न उस स कहा था फिक इस को रखना तझ उशिचत नही ह 5 और वह उस मार डालना चाहता था पर लोगो स डरता था कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ 6 पर जब हरोदस का जनम दिदन आया तो हरोदिदयास की बटी न उतसव म नाच दिदखाकर हरोदस को खश फिकया 7 इसशिलय उस न शपथ खाकर वचन दिदया फिक जो कछ त मागगी म तझ दगा 8 वह अपनी माता की उकसाई हई बोली यहनना बपफितसमा दन वाल का शिसर थाल म यही मझ मगवा द 9 राजा दखिखत हआ पर अपनी शपथ क और साथ बठन वालो क कारण आजञा दी फिक द दिदया जाए 10 और जलखान म लोगो को भजकर यहनना का शिसर कटवा दिदया 11 और उसका शिसर थाल म लाया गया और लड़की को दिदया गया और वह उस को अपनी मा क पास ल गई 12 और उसक चलो न आकर और उस की लोथ को ल जाकर गाढ़ दिदया और जाकर यीश को समाचार दिदया 13 जब यीश न यह सना तो नाव पर चढ़कर वहा स फिकसी सनसान जगह एकानत म चला गया और लोग यह सनकर नगर नगर स

पदल उसक पीछ हो शिलए 14 उस न फिनकलकर बड़ी भीड़ दखी और उन पर तरस खाया और उस न उन क बीमारो को चगा फिकया 15 जब साझ हई तो उसक चलो न उसक पास आकर कहा यह तो सनसान जगह ह और दर हो रही ह लोगो को फिवदा फिकया

जाए फिक व बसतिसतयो म जाकर अपन शिलय भोजन मोल ल 16 यीश न उन स कहा उन का जाना आवltयक नही तम ही इनह खान को दो 17 उनहोन उस स कहा यहा हमार पास पाच रोटी और दो मशिछलयो को छोड़ और कछ नही ह 18 उस न कहा उन को यहा मर पास ल आओ 19 तब उस न लोगो को घास पर बठन को कहा और उन पाच रोदिटयो और दो मशिछलयो को शिलया और सवगK की ओर दखकर

धनयवाद फिकया और रोदिटया तोड़ तोड़कर चलो को दी और चलो न लोगो को 20 और सब खाकर तपत हो गए और उनहोन बच हए टकड़ो स भरी हई बारह टोफिकरया उठाई 21 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़कर पाच हजार परषो क अटकल थ 22 और उस न तरनत अपन चलो को बरबस नाव पर चढ़ाया फिक व उस स पफिहल पार चल जाए जब तक फिक वह लोगो को फिवदाकर 23 वह लोगो को फिवदा करक पराथKना करन को अलग पहाड़ पर चढ़ गया और साझ को वहा अकला था 24 उस समय नाव झील क बीच लहरो स डगमगा रही थी कयोफिक हवा सामहन की थी 25 और वह रात क चौथ पहर झील पर चलत हए उन क पास आया 26 चल उस को झील पर चलत हए दखकर घबरा गए और कहन लग वह भत ह और डर क मार शिचलला उठ 27 यीश न तरनत उन स बात की और कहा ढाढ़स बानधो म ह डरो मत 28 पतरस न उस को उततर दिदया ह परभ यदिद त ही ह तो मझ अपन पास पानी पर चलकर आन की आजञा द 29 उस न कहा आ तब पतरस नाव पर स उतरकर यीश क पास जान को पानी पर चलन लगा 30 पर हवा को दखकर डर गया और जब डबन लगा तो शिचललाकर कहा ह परभ मझ बचा 31 यीश न तरनत हाथ बढ़ाकर उस थाम शिलया और उस स कहा ह अलप-फिवशवासी त न कयो सनदह फिकया 32 जब व नाव पर चढ़ गए तो हवा थम गई 33 इस पर जो नाव पर थ उनहोन उस दणडवत करक कहा सचमच त परमशवर का पतर ह 34 व पार उतरकर गननसरत दश म पहच 35 और वहा क लोगो न उस पहचानकर आस पास क सार दश म कहला भजा और सब बीमारो को उसक पास लाए 36 और उस स फिबनती करन लग फिक वह उनह अपन वसतर क आचल ही को छन द और जिजतनो न उस छआ व चग हो गए

Chapter15

1 तब यरशलम स फिकतन रीसी और शासतरी यीश क पास आकर कहन लग 2 तर चल परफिनयो की रीतो को कयो टालत ह फिक फिबना हाथ धोए रोटी खात ह 3 उस न उन को उततर दिदया फिक तम भी अपनी रीतो क कारण कयो परमशवर की आजञा टालत हो 4 कयोफिक परमशवर न कहा था फिक अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और जो कोई फिपता या माता को बरा कह वह

मार डाला जाए 5 पर तम कहत हो फिक यदिद कोई अपन फिपता या माता स कह फिक जो कछ तझ मझ स लाभ पहच सकता था वह परमशवर को भट

चढ़ाई जा चकी 6 तो वह अपन फिपता का आदर न कर सो तम न अपनी रीतो क कारण परमशवर का वचन टाल दिदया 7 ह कपदिटयो यशायाह न तमहार फिवषय म यह भफिवषयदवाणी ठीक की 8 फिक य लोग होठो स तो मरा आदर करत ह पर उन का मन मझ स दर रहता ह 9 और य वयथK मरी उपासना करत ह कयोफिक मनषयो की फिवयिधयो को धमपदश करक शिसखात ह 10 और उस न लोगो को अपन पास बलाकर उन स कहा सनो और समझो 11 जो मह म जाता ह वह मनषय को अशदध नही करता पर जो मह स फिनकलता ह वही मनषय को अशदध करता ह 12 तब चलो न आकर उस स कहा कया त जानता ह फिक रीशिसयो न यह वचन सनकर ठोकर खाई 13 उस न उततर दिदया हर पौधा जो मर सवगMय फिपता न नही लगाया उखाड़ा जाएगा 14 उन को जान दो व अनध मागK दिदखान वाल ह और अनधा यदिद अनध को मागK दिदखाए तो दोनो गड़ह म फिगर पड़ग 15 यह सनकर पतरस न उस स कहा यह दषटानत हम समझा द 16 उस न कहा कया तम भी अब तक ना समझ हो 17 कया नही समझत फिक जो कछ मह म जाता वह पट म पड़ता ह और सणडास म फिनकल जाता ह 18 पर जो कछ मह स फिनकलता ह वह मन स फिनकलता ह और वही मनषय को अशदध करता ह 19 कयोफिक कशिचनता हतया पर सतरीगमन वयभिभचार चोरी झठी गवाही और फिननदा मन ही स फिनकलती ह 20 यही ह जो मनषय को अशदध करती ह परनत हाथ फिबना धोए भोजन करना मनषय को अशदध नही करता 21 यीश वहा स फिनकलकर सर और सदा क दशो की ओर चला गया 22 और दखो उस दश स एक कनानी सतरी फिनकली और शिचललाकर कहन लगी ह परभ दाऊद क सनतान मझ पर दया कर मरी

बटी को दषटातमा बहत सता रहा ह 23 पर उस न उस कछ उततर न दिदया और उसक चलो न आकर उस स फिबनती कर कहा इस फिवदा कर कयोफिक वह हमार पीछ

शिचललाती आती ह 24 उस न उततर दिदया फिक इसराएल क घरान की खोई हई भड़ो को छोड़ म फिकसी क पास नही भजा गया 25 पर वह आई और उस परणाम करक कहन लगी ह परभ मरी सहायता कर 26 उस न उततर दिदया फिक लड़को की रोटी लकर कततो क आग डालना अचछा नही 27 उस न कहा सतय ह परभ पर कतत भी वह चरचार खात ह जो उन क सवायिमयो की मज स फिगरत ह 28 इस पर यीश न उस को उततर दकर कहा फिक ह सतरी तरा फिवशवास बड़ा ह जसा त चाहती ह तर शिलय वसा ही हो और उस की

बटी उसी घड़ी स चगी हो गई 29 यीश वहा स चलकर गलील की झील क पास आया और पहाड़ पर चढ़कर वहा बठ गया 30 और भीड़ पर भीड़ लगड़ो अनधो गगो टड़ो और बहत औरो को लकर उसक पास आए और उनह उस क पावो पर डालदिदया और उस न उनह चगा फिकया 31 सो जब लोगो न दखा फिक गग बोलत और टणड चग होत और लगड़ चलत और अनध दखत ह तो अचमभा करक इसराएल क

परमशवर की बड़ाई की 32 यीश न अपन चलो को बलाकर कहा मझ इस भीड़ पर तरस आता ह कयोफिक व तीन दिदन स मर साथ ह और उन क पास कछ

खान को नही और म उनह भखा फिवदा करना नही चाहता कही ऐसा न हो फिक मागK म थककर रह जाए 33 चलो न उस स कहा हम जगल म कहा स इतनी रोटी यिमलगी फिक हम इतनी बड़ी भीड़ को तपत कर 34 यीश न उन स पछा तमहार पास फिकतनी रोदिटया ह उनहोन कहा सात और थोड़ी सी छोटी मशिछलया 35 तब उस न लोगो को भयिम पर बठन की आजञा दी

36 और उन सात रोदिटयो और मशिछलयो को ल धनयवाद करक तोड़ा और अपन चलो को दता गया और चल लोगो को 37 सो सब खाकर तपत हो गए और बच हए टकड़ो स भर हए सात टोकर उठाए 38 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़ चार हजार परष थ 39 तब वह भीड़ को फिवदा करक नाव पर चढ़ गया और मगदन दश क शिसवानो म आया

Chapter16

1 और रीशिसयो और सदफिकयो न पास आकर उस परखन क शिलय उस स कहा फिक हम आकाश का कोई शिचनह दिदखा 2 उस न उन को उततर दिदया फिक साझ को तम कहत हो फिक खला रहगा कयोफिक आकाश लाल ह 3 और भोर को कहत हो फिक आज आनधी आएगी कयोफिक आकाश लाल और धमला ह तम आकाश का लकषण दखकर भद बता

सकत हो पर समयो क शिचनहो का भद नही बता सकत 4 इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह पर यनस क शिचनह को छोड़ कोई और शिचनह उनह न दिदया जाएगा और वह उनह

छोड़कर चला गया 5 और चल पार जात समय रोटी लना भल गए थ 6 यीश न उन स कहा दखो रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 7 व आपस म फिवचार करन लग फिक हम तो रोटी नही लाए 8 यह जानकर यीश न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो तम आपस म कयो फिवचार करत हो फिक हमार पास रोटी नही 9 कया तम अब तक नही समझ और उन पाच हजार की पाच रोटी समरण नही करत और न यह फिक फिकतनी टोफिकरया उठाई थी 10 और न उन चार हजार की सात रोटी और न यह फिक फिकतन टोकर उठाए गए थ 11 तम कयो नही समझत फिक म न तम स रोदिटयो क फिवषय म नही कहा रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 12 तब उन को समझ म आया फिक उस न रोटी क खमीर स नही पर रीशिसयो और सदफिकयो की शिशकषा स चौकस रहन को कहाथा 13 यीश कसरिरया फिशिलपपी क दश म आकर अपन चलो स पछन लगा फिक लोग मनषय क पतर को कया कहत ह 14 उनहोन कहा फिकतन तो यहनना बपफितसमा दन वाला कहत ह और फिकतन एशिलययाह और फिकतन यियमKयाह या भफिवषयदवकताओ म स

कोई एक कहत ह 15 उस न उन स कहा परनत तम मझ कया कहत हो 16 शमौन पतरस न उततर दिदया फिक त जीवत परमशवर का पतर मसीह ह 17 यीश न उस को उततर दिदया फिक ह शमौन योना क पतर त धनय ह कयोफिक मास और लोह न नही परनत मर फिपता न जो सवगK मह यह बात तझ पर परगट की ह 18 और म भी तझ स कहता ह फिक त पतरस ह और म इस पतथर पर अपनी कलीशिसया बनाऊगा और अधोलोक क ाटक उस

पर परबल न होग 19 म तझ सवगK क राय की कजिजया दगा और जो कछ त पथवी पर बानधगा वह सवगK म बनधगा और जो कछ त पथवी परखोलगा वह सवगK म खलगा 20 तब उस न चलो को शिचताया फिक फिकसी स न कहना फिक म मसीह ह 21 उस समय स यीश अपन चलो को बतान लगा फिक मझ अवltय ह फिक यरशलम को जाऊ और परफिनयो और महायाजको और

शासतरिसतरयो क हाथ स बहत दख उठाऊ और मार डाला जाऊ और तीसर दिदन जी उठ 22 इस पर पतरस उस अलग ल जाकर जिझड़कन लगा फिक ह परभ परमशवर न कर तझ पर ऐसा कभी न होगा 23 उस न फिरकर पतरस स कहा ह शतान मर सामहन स दर हो त मर शिलय ठोकर का कारण ह कयोफिक त परमशवर की बातनही पर मनषयो की बातो पर मन लगाता ह 24 तब यीश न अपन चलो स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप का इनकार कर और अपना करस उठाए और मर

पीछ हो ल 25 कयोफिक जो कोई अपना पराण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई मर शिलय अपना पराण खोएगा वह उस पाएगा 26 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपन पराण की हाफिन उठाए तो उस कया लाभ होगा या मनषय अपन पराण क बदल

म कया दगा 27 मनषय का पतर अपन सवगKदतो क साथ अपन फिपता की मफिहमा म आएगा और उस समय वह हर एक को उसक कामो क

अनसार परफितल दगा 28 म तम स सच कहता ह फिक जो यहा खड़ ह उन म स फिकतन ऐस ह फिक जब तक मनषय क पतर को उसक राय म आत हए न

दख लग तब तक मतय का सवाद कभी न चखग

Chapter17

1 छ दिदन क बाद यीश न पतरस और याकब और उसक भाई यहनना को साथ शिलया और उनह एकानत म फिकसी ऊच पहाड़ पर लगया 2 और उनक सामहन उसका रपानतर हआ और उसका मह सयK की नाई चमका और उसका वसतर योफित की नाई उजला हो गया 3 और दखो मसा और एशिलययाह उसक साथ बात करत हए उनह दिदखाई दिदए 4 इस पर पतरस न यीश स कहा ह परभ हमारा यहा रहना अचछा ह इचछा हो तो यहा तीन मणडप बनाऊ एक तर शिलय एक

मसा क शिलय और एक एशिलययाह क शिलय 5 वह बोल ही रहा था फिक दखो एक उजल बादल न उनह छा शिलया और दखो उस बादल म स यह शबद फिनकला फिक यह मरा

फिपरय पतर ह जिजस स म परसनन ह इस की सनो 6 चल यह सनकर मह क बल फिगर गए और अतयनत डर गए 7 यीश न पास आकर उनह छआ और कहा उठो डरो मत 8 तब उनहोन अपनी आख उठाकर यीश को छोड़ और फिकसी को न दखा 9 जब व पहाड़ स उतर रह थ तब यीश न उनह यह आजञा दी फिक जब तक मनषय का पतर मर हओ म स न जी उठ तब तक जो कछ

तम न दखा ह फिकसी स न कहना 10 और उसक चलो न उस स पछा फिर शासतरी कयो कहत ह फिक एशिलययाह का पहल आना अवltय ह 11 उस न उततर दिदया फिक एशिलययाह तो आएगा और सब कछ सधारगा 12 परनत म तम स कहता ह फिक एशिलययाह आ चका और उनहोन उस नही पहचाना परनत जसा चाहा वसा ही उसक साथ फिकया

इसी रीफित स मनषय का पतर भी उन क हाथ स दख उठाएगा 13 तब चलो न समझा फिक उस न हम स यहनना बपफितसमा दन वाल क फिवषय म कहा ह 14 जब व भीड़ क पास पहच तो एक मनषय उसक पास आया और घटन टक कर कहन लगा 15 ह परभ मर पतर पर दया कर कयोफिक उस को यिमगM आती ह और वह बहत दख उठाता ह और बार बार आग म और बार बार

पानी म फिगर पड़ता ह 16 और म उस को तर चलो क पास लाया था पर व उस अचछा नही कर सक 17 यीश न उततर दिदया फिक ह अफिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा कब तक तमहारी सहगा उस यहा मर

पास लाओ 18 तब यीश न उस घड़का और दषटातमा उस म स फिनकला और लड़का उसी घड़ी अचछा हो गया 19 तब चलो न एकानत म यीश क पास आकर कहा हम इस कयो नही फिनकाल सक 20 उस न उन स कहा अपन फिवशवास की घटी क कारण कयोफिक म तम स सच कहता ह यदिद तमहारा फिवशवास राई क दान क

बराबर भी हो तो इस पहाड़ स कह स को ग फिक यहा स सरककर वहा चला जा तो वह चला जाएगा और कोई बात तमहार शिलय अनहोनी न होगी

21 जब व गलील म थ तो यीश न उन स कहा मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जाएगा 22 और व उस मार डालग और वह तीसर दिदन जी उठगा 23 इस पर व बहत उदास हए 24 जब व करनहम म पहच तो मजिनदर क शिलय कर लन वालो न पतरस क पास आकर पछा फिक कया तमहारा गर मजिनदर का कर

नही दता उस न कहा हा दता तो ह 25 जब वह घर म आया तो यीश न उसक पछन स पफिहल उस स कहा ह शमौन त कया समझता ह पथवी क राजा महसल या कर

फिकन स लत ह अपन पतरो स या परायो स पतरस न उन स कहा परायो स 26 यीश न उस स कहा तो पतर बच गए

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 12: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

यिमतर पर जञान अपन कामो म सचचा ठहराया गया ह 20 तब वह उन नगरो को उलाहना दन लगा जिजन म उस न बहतर सामथK क काम फिकए थ कयोफिक उनहोन अपना मन नही फिरायाथा 21 हाय खराजीन हाय बतसदा जो सामथK क काम तम म फिकए गए यदिद व सर और सदा म फिकए जात तो टाट ओढ़कर और

राख म बठकर व कब क मन फिरा लत 22 परनत म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तमहारी दशा स सर और सदा की दशा अयिधक सहन योगय होगी 23 और ह करनहम कया त सवगK तक ऊचा फिकया जाएगा त तो अधोलोक तक नीच जाएगा जो सामथK क काम तझ म फिकए

गए ह यदिद सदोम म फिकए जात तो वह आज तक बना रहता 24 पर म तम स कहता ह फिक नयाय क दिदन तरी दशा स सदोम क दश की दशा अयिधक सहन योगय होगी 25 उसी समय यीश न कहा ह फिपता सवगK और पथवी क परभ म तरा धनयवाद करता ह फिक त न इन बातो को जञाफिनयो और

समझदारो स शिछपा रखा और बालको पर परगट फिकया ह 26 हा ह फिपता कयोफिक तझ यही अचछा लगा 27 मर फिपता न मझ सब कछ सौपा ह और कोई पतर को नही जानता कवल फिपता और कोई फिपता को नही जानता कवल पतर

और वह जिजस पर पतर उस परगट करना चाह 28 ह सब परिरशरम करन वालो और बोझ स दब लोगो मर पास आओ म तमह फिवशराम दगा 29 मरा जआ अपन ऊपर उठा लो और मझ स सीखो कयोफिक म नमर और मन म दीन ह और तम अपन मन म फिवशराम पाओग 30 कयोफिक मरा जआ सहज और मरा बोझ हलका ह

Chapter12

1 उस समय यीश सबत क दिदन खतो म स होकर जा रहा था और उसक चलो को भख लगी सो व बाल तोड़ तोड़ कर खान लग 2 रीशिसयो न यह दखकर उस स कहा दख तर चल वह काम कर रह ह जो सबत क दिदन करना उशिचत नही 3 उस न उन स कहा कया तम न नही पढ़ा फिक दाऊद न जब वह और उसक साथी भख हए तो कया फिकया 4 वह कयोकर परमशवर क घर म गया और भट की रोदिटया खाई जिजनह खाना न तो उस और उसक साशिथयो को पर कवल याजको

को उशिचत था 5 या तम न वयवसथा म नही पढ़ा फिक याजक सबत क दिदन मजिनदर म सबत क दिदन क फिवयिध को तोड़न पर भी फिनदष ठहरत ह 6 पर म तम स कहता ह फिक यहा वह ह जो मजिनदर स भी बड़ा ह 7 यदिद तम इस का अथK जानत फिक म दया स परसनन ह बशिलदान स नही तो तम फिनदष को दोषी न ठहरात 8 मनषय का पतर तो सबत क दिदन का भी परभ ह 9 वहा स चलकर वह उन की सभा क घर म आया 10 और दखो एक मनषय था जिजस का हाथ सखा हआ था और उनहोन उस पर दोष लगान क शिलय उस स पछा फिक कया सबत

क दिदन चगा करना उशिचत ह 11 उस न उन स कहा तम म ऐसा कौन ह जिजस की एक ही भड़ हो और वह सबत क दिदन गड़ह म फिगर जाए तो वह उस

पकड़कर न फिनकाल 12 भला मनषय का मलय भड़ स फिकतना बढ़ कर ह इसशिलय सबत क दिदन भलाई करना उशिचत ह तब उस न उस मनषय स कहा

अपना हाथ बढ़ा 13 उस न बढ़ाया और वह फिर दसर हाथ की नाई अचछा हो गया 14 तब रीशिसयो न बाहर जाकर उसक फिवरोध म सममफित की फिक उस फिकस परकार नाश कर 15 यह जानकर यीश वहा स चला गया और बहत लोग उसक पीछ हो शिलय और उस न सब को चगा फिकया 16 और उनह शिचताया फिक मझ परगट न करना 17 फिक जो वचन यशायाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 18 फिक दखो यह मरा सवक ह जिजस म न चना ह मरा फिपरय जिजस स मरा मन परसनन ह म अपना आतमा उस पर डालगा और

वह अनयजाफितयो को नयाय का समाचार दगा

19 वह न झगड़ा करगा और न धम मचाएगा और न बाजारो म कोई उसका शबद सनगा 20 वह कचल हए सरकणड को न तोड़गा और धआ दती हई बतती को न बझाएगा जब तक नयाय को परबल न कराए 21 और अनयजाफितया उसक नाम पर आशा रखगी 22 तब लोग एक अनध- गग को जिजस म दषटातमा थी उसक पास लाए और उस न उस अचछा फिकया और वह गगा बोलन और

दखन लगा 23 इस पर सब लोग चफिकत होकर कहन लग यह कया दाऊद की सनतान का ह 24 परनत रीशिसयो न यह सनकर कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार शतान की सहायता क फिबना दषटातमाओ को नही फिनकालता 25 उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस फिकसी राय म ट होती ह वह उजड़ जाता ह और कोई नगर या

घराना जिजस म ट होती ह बना न रहगा 26 और यदिद शतान ही शतान को फिनकाल तो वह अपना ही फिवरोधी हो गया ह फिर उसका राय कयोकर बना रहगा 27 भला यदिद म शतान की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो तमहार वश फिकस की सहायता स फिनकालत ह इसशिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग 28 पर यदिद म परमशवर क आतमा की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो परमशवर का राय तमहार पास आ पहचा ह 29 या कयोकर कोई मनषय फिकसी बलवनत क घर म घसकर उसका माल लट सकता ह जब तक फिक पफिहल उस बलवनत को न बानध

ल और तब वह उसका घर लट लगा 30 जो मर साथ नही वह मर फिवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह फिबथराता ह 31 इसशिलय म तम स कहता ह फिक मनषय का सब परकार का पाप और फिननदा कषमा की जाएगी पर आतमा की फिननदा कषमा न कीजाएगी 32 जो कोई मनषय क पतर क फिवरोध म कोई बात कहगा उसका यह अपराध कषमा फिकया जाएगा परनत जो कोई पफिवतर- आतमा क

फिवरोध म कछ कहगा उसका अपराध न तो इस लोक म और न पर लोक म कषमा फिकया जाएगा 33 यदिद पड़ को अचछा कहो तो उसक ल को भी अचछा कहो या पड़ को फिनकममा कहो तो उसक ल को भी फिनककमा कहो

कयोफिक पड़ ल ही स पहचाना जाता ह 34 ह साप क बचचो तम बर होकर कयोकर अचछी बात कह सकत हो कयोफिक जो मन म भरा ह वही मह पर आता ह 35 भला मनषय मन क भल भणडार स भली बात फिनकालता ह और बरा मनषय बर भणडार स बरी बात फिनकालता ह 36 और म तम स कहता ह फिक जो जो फिनकममी बात मनषय कहग नयाय क दिदन हर एक बात का लखा दग 37 कयोफिक त अपनी बातो क कारण फिनदष और अपनी बातो ही क कारण दोषी ठहराया जाएगा 38 इस पर फिकतन शासतरिसतरयोऔर रीशिसयो न उस स कहा ह गर हम तझ स एक शिचनह दखना चाहत ह 39 उस न उनह उततर दिदया फिक इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह परनत यनस भफिवषयदवकता क शिचनह को छोड़ कोई

और शिचनह उन को न दिदया जाएगा 40 यनस तीन रात दिदन जल- जनत क पट म रहा वस ही मनषय का पतर तीन रात दिदन पथवी क भीतर रहगा 41 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएग कयोफिक उनहोन यनस का परचार सनकर मन

फिराया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 42 दजज़िकखन की रानी नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोफिक वह सलमान का जञान सनन क

शिलय पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 43 जब अशदध आतमा मनषय म स फिनकल जाती ह तो सखी जगहो म फिवशराम ढढ़ती फिरती ह और पाती नही 44 तब कहती ह फिक म अपन उसी घर म जहा स फिनकली थी लौट जाऊगी और आकर उस सना झाड़ा- बहारा और सजा

सजाया पाती ह 45 तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वहा वास करती ह और उस

मनषय की फिपछली दशा पफिहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोगो की दशा भी ऐसी ही होगी 46 जब वह भीड़ स बात कर ही रहा था तो दखो उस की माता और भाई बाहर खड़ थ और उस स बात करना चाहत थ 47 फिकसी न उस स कहा दख तरी माता और तर भाई बाहर खड़ ह और तझ स बात करना चाहत ह 48 यह सन उस न कहन वाल को उततर दिदया कौन ह मरी माता 49 और कौन ह मर भाई और अपन चलो की ओर अपना हाथ बढ़ा कर कहा दखो मरी माता और मर भाई य ह 50 कयोफिक जो कोई मर सवगMय फिपता की इचछा पर चल वही मरा भाई और बफिहन और माता ह

Chapter13

1 उसी दिदन यीश घर स फिनकलकर झील क फिकनार जा बठा 2 और उसक पास ऐसी बड़ी भीड़ इकटठी हई फिक वह नाव पर चढ़ गया और सारी भीड़ फिकनार पर खड़ी रही 3 और उस न उन स दषटानतो म बहत सी बात कही फिक दखो एक बोन वाला बीज बोन फिनकला 4 बोत समय कछ बीज मागK क फिकनार फिगर और पभिकषयो न आकर उनह चग शिलया 5 कछ पतथरीली भयिम पर फिगर जहा उनह बहत यिमटटी न यिमली और गहरी यिमटटी न यिमलन क कारण व जलद उग आए 6 पर सरज फिनकलन पर व जल गए और जड़ न पकड़न स सख गए 7 कछ झाफिड़यो म फिगर और झाफिड़यो न बढ़कर उनह दबा डाला 8 पर कछ अचछी भयिम पर फिगर और ल लाए कोई सौ गना कोई साठ गना कोई तीस गना 9 जिजस क कान हो वह सन ल 10 और चलो न पास आकर उस स कहा त उन स दषटानतो म कयो बात करता ह 11 उस न उततर दिदया फिक तम को सवगK क राय क भदो की समझ दी गई ह पर उन को नही 12 कयोफिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा पर जिजस क पास कछ नही ह उस स जो कछ

उसक पास ह वह भी ल शिलया जाएगा 13 म उन स दषटानतो म इसशिलय बात करता ह फिक व दखत हए नही दखत और सनत हए नही सनत और नही समझत 14 और उन क फिवषय म यशायाह की यह भफिवषयदववाणी परी होती ह फिक तम कानो स तो सनोग पर समझोग नही और आखो स

तो दखोग पर तमह न सझगा 15 कयोफिक इन लोगो का मन मोटा हो गया ह और व कानो स ऊचा सनत ह और उनहोन अपनी आख मद ली ह कही ऐसा न हो

फिक व आखो स दख और कानो स सन और मन स समझ और फिर जाए और म उनह चगा कर 16 पर धनय ह तमहारी आख फिक व दखती ह और तमहार कान फिक व सनत ह 17 कयोफिक म तम स सच कहता ह फिक बहत स भफिवषयदवकताओ न और धयिमय न चाहा फिक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी

और जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 18 सो तम बोन वाल का दषटानत सनो 19 जो कोई राय का वचन सनकर नही समझता उसक मन म जो कछ बोया गया था उस वह दषट आकर छीन ल जाता ह यह

वही ह जो मागK क फिकनार बोया गया था 20 और जो पतथरीली भयिम पर बोया गया यह वह ह जो वचन सनकर तरनत आननद क साथ मान लता ह 21 पर अपन म जड़ न रखन क कारण वह थोड़ ही दिदन का ह और जब वचन क कारण कलश या उपwव होता ह तो तरनत ठोकर

खाता ह 22 जो झाफिड़यो म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनता ह पर इस ससार की शिचनता और धन का धोखा वचन को दबाता ह

और वह ल नही लाता 23 जो अचछी भयिम म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनकर समझता ह और ल लाता ह कोई सौ गना कोई साठ गना

कोई तीस गना 24 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय उस मनषय क समान ह जिजस न अपन खत म अचछा बीज बोया 25 पर जब लोग सो रह थ तो उसका बरी आकर गह क बीच जगली बीज बोकर चला गया 26 जब अकर फिनकल और बाल लगी तो जगली दान भी दिदखाई दिदए 27 इस पर गहसथ क दासो न आकर उस स कहा ह सवामी कया त न अपन खत म अचछा बीज न बोया था फिर जगली दान क

पौध उस म कहा स आए 28 उस न उन स कहा यह फिकसी बरी का काम ह दासो न उस स कहा कया तरी इचछा ह फिक हम जाकर उन को बटोर ल 29 उस न कहा ऐसा नही न हो फिक जगली दान क पौध बटोरत हए उन क साथ गह भी उखाड़ लो 30 कटनी तक दोनो को एक साथ बढ़न दो और कटनी क समय म काटन वालो स कहगा पफिहल जगली दान क पौध बटोरकर

जलान क शिलय उन क गटठ बानध लो और गह को मर खतत म इकटठा करो 31 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय राई क एक दान क समान ह जिजस फिकसी मनषय न लकर अपन खत म

बो दिदया 32 वह सब बीजो स छोटा तो ह पर जब बढ़ जाता ह तब सब साग पात स बड़ा होता ह और ऐसा पड़ हो जाता ह फिक आकाश क

पकषी आकर उस की डाशिलयो पर बसरा करत ह 33 उस न एक और दषटानत उनह सनाया फिक सवगK का राय खमीर क समान ह जिजस को फिकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म

यिमला दिदया और होत होत वह सब खमीर हो गया 34 य सब बात यीश न दषटानतो म लोगो स कही और फिबना दषटानत वह उन स कछ न कहता था 35 फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक म दषटानत कहन को अपना मह खोलगा म उन बातो को जो

जगत की उतपभितत स गपत रही ह परगट करगा 36 तब वह भीड़ को छोड़ कर घर म आया और उसक चलो न उसक पास आकर कहा खत क जगली दान का दषटानत हम समझा द 37 उस न उन को उततर दिदया फिक अचछ बीज का बोन वाला मनषय का पतर ह 38 खत ससार ह अचछा बीज राय क सनतान और जगली बीज दषट क सनतान ह 39 जिजस बरी न उन को बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटन वाल सवगKदत ह 40 सो जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का पतर अपन सवगKदतो को भजगा और व उसक राय म स सब ठोकर क कारणो को और ककमK करन वालो को इकटठाकरग 42 और उनह आग क कड म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धमM अपन फिपता क राय म सयK की नाई चमक ग जिजस क कान हो वह सन ल 44 सवगK का राय खत म शिछप हए धन क समान ह जिजस फिकसी मनषय न पाकर शिछपा दिदया और मार आननद क जाकर और

अपना सब कछ बचकर उस खत को मोल शिलया 45 फिर सवगK का राय एक वयापारी क समान ह जो अचछ मोफितयो की खोज म था 46 जब उस एक बहमलय मोती यिमला तो उस न जाकर अपना सब कछ बच डाला और उस मोल ल शिलया 47 फिर सवगK का राय उस बड़ जाल क समान ह जो समw म डाला गया और हर परकार की मशिछलयो को समट लाया 48 और जब भर गया तो उस को फिकनार पर खीच लाए और बठकर अचछी अचछी तो बरतनो म इकटठा फिकया और फिनकममी

फिनकममी क दी 49 जगत क अनत म ऐसा ही होगा सवगKदत आकर दषटो को धयिमय स अलग करग और उनह आग क कड म डालग 50 वहा रोना और दात पीसना होगा 51 कया तम न य सब बात समझी 52 उनहोन उस स कहा हा उस न उन स कहा इसशिलय हर एक शासतरी जो सवगK क राय का चला बना ह उस गहसथ क समान ह

जो अपन भणडार स नई और परानी वसतए फिनकालता ह 53 जब यीश य सब दषटानत कह चका तो वहा स चला गया 54 और अपन दश म आकर उन की सभा म उनह ऐसा उपदश दन लगा फिक व चफिकत होकर कहन लग फिक इस को यह जञान और

सामथK क काम कहा स यिमल 55 कया यह बढ़ई का बटा नही और कया इस की माता का नाम मरिरयम और इस क भाइयो क नाम याकब और यस और शमौन

और यहदा नही 56 और कया इस की सब बफिहन हमार बीच म नही रहती फिर इस को यह सब कहा स यिमला 57 सो उनहोन उसक कारण ठोकर खाई पर यीश न उन स कहा भफिवषयदवकता अपन दश और अपन घर को छोड़ और कही फिनरादर

नही होता 58 और उस न वहा उन क अफिवशवास क कारण बहत सामथK क काम नही फिकए

Chapter14

1 उस समय चौथाई दश क राजा हरोदस न यीश की चचाK सनी 2 और अपन सवको स कहा यह यहनना बपफितसमा दनवाला ह वह मर हओ म स जी उठा ह इसी शिलय उस स सामथK क काम परगट

होत ह 3 कयोफिक हरोदस न अपन भाई फिलपपस की पतनी हरोदिदयास क कारण यहनना को पकड़कर बानधा और जलखान म डाल दिदयाथा 4 कयोफिक यहनना न उस स कहा था फिक इस को रखना तझ उशिचत नही ह 5 और वह उस मार डालना चाहता था पर लोगो स डरता था कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ 6 पर जब हरोदस का जनम दिदन आया तो हरोदिदयास की बटी न उतसव म नाच दिदखाकर हरोदस को खश फिकया 7 इसशिलय उस न शपथ खाकर वचन दिदया फिक जो कछ त मागगी म तझ दगा 8 वह अपनी माता की उकसाई हई बोली यहनना बपफितसमा दन वाल का शिसर थाल म यही मझ मगवा द 9 राजा दखिखत हआ पर अपनी शपथ क और साथ बठन वालो क कारण आजञा दी फिक द दिदया जाए 10 और जलखान म लोगो को भजकर यहनना का शिसर कटवा दिदया 11 और उसका शिसर थाल म लाया गया और लड़की को दिदया गया और वह उस को अपनी मा क पास ल गई 12 और उसक चलो न आकर और उस की लोथ को ल जाकर गाढ़ दिदया और जाकर यीश को समाचार दिदया 13 जब यीश न यह सना तो नाव पर चढ़कर वहा स फिकसी सनसान जगह एकानत म चला गया और लोग यह सनकर नगर नगर स

पदल उसक पीछ हो शिलए 14 उस न फिनकलकर बड़ी भीड़ दखी और उन पर तरस खाया और उस न उन क बीमारो को चगा फिकया 15 जब साझ हई तो उसक चलो न उसक पास आकर कहा यह तो सनसान जगह ह और दर हो रही ह लोगो को फिवदा फिकया

जाए फिक व बसतिसतयो म जाकर अपन शिलय भोजन मोल ल 16 यीश न उन स कहा उन का जाना आवltयक नही तम ही इनह खान को दो 17 उनहोन उस स कहा यहा हमार पास पाच रोटी और दो मशिछलयो को छोड़ और कछ नही ह 18 उस न कहा उन को यहा मर पास ल आओ 19 तब उस न लोगो को घास पर बठन को कहा और उन पाच रोदिटयो और दो मशिछलयो को शिलया और सवगK की ओर दखकर

धनयवाद फिकया और रोदिटया तोड़ तोड़कर चलो को दी और चलो न लोगो को 20 और सब खाकर तपत हो गए और उनहोन बच हए टकड़ो स भरी हई बारह टोफिकरया उठाई 21 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़कर पाच हजार परषो क अटकल थ 22 और उस न तरनत अपन चलो को बरबस नाव पर चढ़ाया फिक व उस स पफिहल पार चल जाए जब तक फिक वह लोगो को फिवदाकर 23 वह लोगो को फिवदा करक पराथKना करन को अलग पहाड़ पर चढ़ गया और साझ को वहा अकला था 24 उस समय नाव झील क बीच लहरो स डगमगा रही थी कयोफिक हवा सामहन की थी 25 और वह रात क चौथ पहर झील पर चलत हए उन क पास आया 26 चल उस को झील पर चलत हए दखकर घबरा गए और कहन लग वह भत ह और डर क मार शिचलला उठ 27 यीश न तरनत उन स बात की और कहा ढाढ़स बानधो म ह डरो मत 28 पतरस न उस को उततर दिदया ह परभ यदिद त ही ह तो मझ अपन पास पानी पर चलकर आन की आजञा द 29 उस न कहा आ तब पतरस नाव पर स उतरकर यीश क पास जान को पानी पर चलन लगा 30 पर हवा को दखकर डर गया और जब डबन लगा तो शिचललाकर कहा ह परभ मझ बचा 31 यीश न तरनत हाथ बढ़ाकर उस थाम शिलया और उस स कहा ह अलप-फिवशवासी त न कयो सनदह फिकया 32 जब व नाव पर चढ़ गए तो हवा थम गई 33 इस पर जो नाव पर थ उनहोन उस दणडवत करक कहा सचमच त परमशवर का पतर ह 34 व पार उतरकर गननसरत दश म पहच 35 और वहा क लोगो न उस पहचानकर आस पास क सार दश म कहला भजा और सब बीमारो को उसक पास लाए 36 और उस स फिबनती करन लग फिक वह उनह अपन वसतर क आचल ही को छन द और जिजतनो न उस छआ व चग हो गए

Chapter15

1 तब यरशलम स फिकतन रीसी और शासतरी यीश क पास आकर कहन लग 2 तर चल परफिनयो की रीतो को कयो टालत ह फिक फिबना हाथ धोए रोटी खात ह 3 उस न उन को उततर दिदया फिक तम भी अपनी रीतो क कारण कयो परमशवर की आजञा टालत हो 4 कयोफिक परमशवर न कहा था फिक अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और जो कोई फिपता या माता को बरा कह वह

मार डाला जाए 5 पर तम कहत हो फिक यदिद कोई अपन फिपता या माता स कह फिक जो कछ तझ मझ स लाभ पहच सकता था वह परमशवर को भट

चढ़ाई जा चकी 6 तो वह अपन फिपता का आदर न कर सो तम न अपनी रीतो क कारण परमशवर का वचन टाल दिदया 7 ह कपदिटयो यशायाह न तमहार फिवषय म यह भफिवषयदवाणी ठीक की 8 फिक य लोग होठो स तो मरा आदर करत ह पर उन का मन मझ स दर रहता ह 9 और य वयथK मरी उपासना करत ह कयोफिक मनषयो की फिवयिधयो को धमपदश करक शिसखात ह 10 और उस न लोगो को अपन पास बलाकर उन स कहा सनो और समझो 11 जो मह म जाता ह वह मनषय को अशदध नही करता पर जो मह स फिनकलता ह वही मनषय को अशदध करता ह 12 तब चलो न आकर उस स कहा कया त जानता ह फिक रीशिसयो न यह वचन सनकर ठोकर खाई 13 उस न उततर दिदया हर पौधा जो मर सवगMय फिपता न नही लगाया उखाड़ा जाएगा 14 उन को जान दो व अनध मागK दिदखान वाल ह और अनधा यदिद अनध को मागK दिदखाए तो दोनो गड़ह म फिगर पड़ग 15 यह सनकर पतरस न उस स कहा यह दषटानत हम समझा द 16 उस न कहा कया तम भी अब तक ना समझ हो 17 कया नही समझत फिक जो कछ मह म जाता वह पट म पड़ता ह और सणडास म फिनकल जाता ह 18 पर जो कछ मह स फिनकलता ह वह मन स फिनकलता ह और वही मनषय को अशदध करता ह 19 कयोफिक कशिचनता हतया पर सतरीगमन वयभिभचार चोरी झठी गवाही और फिननदा मन ही स फिनकलती ह 20 यही ह जो मनषय को अशदध करती ह परनत हाथ फिबना धोए भोजन करना मनषय को अशदध नही करता 21 यीश वहा स फिनकलकर सर और सदा क दशो की ओर चला गया 22 और दखो उस दश स एक कनानी सतरी फिनकली और शिचललाकर कहन लगी ह परभ दाऊद क सनतान मझ पर दया कर मरी

बटी को दषटातमा बहत सता रहा ह 23 पर उस न उस कछ उततर न दिदया और उसक चलो न आकर उस स फिबनती कर कहा इस फिवदा कर कयोफिक वह हमार पीछ

शिचललाती आती ह 24 उस न उततर दिदया फिक इसराएल क घरान की खोई हई भड़ो को छोड़ म फिकसी क पास नही भजा गया 25 पर वह आई और उस परणाम करक कहन लगी ह परभ मरी सहायता कर 26 उस न उततर दिदया फिक लड़को की रोटी लकर कततो क आग डालना अचछा नही 27 उस न कहा सतय ह परभ पर कतत भी वह चरचार खात ह जो उन क सवायिमयो की मज स फिगरत ह 28 इस पर यीश न उस को उततर दकर कहा फिक ह सतरी तरा फिवशवास बड़ा ह जसा त चाहती ह तर शिलय वसा ही हो और उस की

बटी उसी घड़ी स चगी हो गई 29 यीश वहा स चलकर गलील की झील क पास आया और पहाड़ पर चढ़कर वहा बठ गया 30 और भीड़ पर भीड़ लगड़ो अनधो गगो टड़ो और बहत औरो को लकर उसक पास आए और उनह उस क पावो पर डालदिदया और उस न उनह चगा फिकया 31 सो जब लोगो न दखा फिक गग बोलत और टणड चग होत और लगड़ चलत और अनध दखत ह तो अचमभा करक इसराएल क

परमशवर की बड़ाई की 32 यीश न अपन चलो को बलाकर कहा मझ इस भीड़ पर तरस आता ह कयोफिक व तीन दिदन स मर साथ ह और उन क पास कछ

खान को नही और म उनह भखा फिवदा करना नही चाहता कही ऐसा न हो फिक मागK म थककर रह जाए 33 चलो न उस स कहा हम जगल म कहा स इतनी रोटी यिमलगी फिक हम इतनी बड़ी भीड़ को तपत कर 34 यीश न उन स पछा तमहार पास फिकतनी रोदिटया ह उनहोन कहा सात और थोड़ी सी छोटी मशिछलया 35 तब उस न लोगो को भयिम पर बठन की आजञा दी

36 और उन सात रोदिटयो और मशिछलयो को ल धनयवाद करक तोड़ा और अपन चलो को दता गया और चल लोगो को 37 सो सब खाकर तपत हो गए और बच हए टकड़ो स भर हए सात टोकर उठाए 38 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़ चार हजार परष थ 39 तब वह भीड़ को फिवदा करक नाव पर चढ़ गया और मगदन दश क शिसवानो म आया

Chapter16

1 और रीशिसयो और सदफिकयो न पास आकर उस परखन क शिलय उस स कहा फिक हम आकाश का कोई शिचनह दिदखा 2 उस न उन को उततर दिदया फिक साझ को तम कहत हो फिक खला रहगा कयोफिक आकाश लाल ह 3 और भोर को कहत हो फिक आज आनधी आएगी कयोफिक आकाश लाल और धमला ह तम आकाश का लकषण दखकर भद बता

सकत हो पर समयो क शिचनहो का भद नही बता सकत 4 इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह पर यनस क शिचनह को छोड़ कोई और शिचनह उनह न दिदया जाएगा और वह उनह

छोड़कर चला गया 5 और चल पार जात समय रोटी लना भल गए थ 6 यीश न उन स कहा दखो रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 7 व आपस म फिवचार करन लग फिक हम तो रोटी नही लाए 8 यह जानकर यीश न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो तम आपस म कयो फिवचार करत हो फिक हमार पास रोटी नही 9 कया तम अब तक नही समझ और उन पाच हजार की पाच रोटी समरण नही करत और न यह फिक फिकतनी टोफिकरया उठाई थी 10 और न उन चार हजार की सात रोटी और न यह फिक फिकतन टोकर उठाए गए थ 11 तम कयो नही समझत फिक म न तम स रोदिटयो क फिवषय म नही कहा रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 12 तब उन को समझ म आया फिक उस न रोटी क खमीर स नही पर रीशिसयो और सदफिकयो की शिशकषा स चौकस रहन को कहाथा 13 यीश कसरिरया फिशिलपपी क दश म आकर अपन चलो स पछन लगा फिक लोग मनषय क पतर को कया कहत ह 14 उनहोन कहा फिकतन तो यहनना बपफितसमा दन वाला कहत ह और फिकतन एशिलययाह और फिकतन यियमKयाह या भफिवषयदवकताओ म स

कोई एक कहत ह 15 उस न उन स कहा परनत तम मझ कया कहत हो 16 शमौन पतरस न उततर दिदया फिक त जीवत परमशवर का पतर मसीह ह 17 यीश न उस को उततर दिदया फिक ह शमौन योना क पतर त धनय ह कयोफिक मास और लोह न नही परनत मर फिपता न जो सवगK मह यह बात तझ पर परगट की ह 18 और म भी तझ स कहता ह फिक त पतरस ह और म इस पतथर पर अपनी कलीशिसया बनाऊगा और अधोलोक क ाटक उस

पर परबल न होग 19 म तझ सवगK क राय की कजिजया दगा और जो कछ त पथवी पर बानधगा वह सवगK म बनधगा और जो कछ त पथवी परखोलगा वह सवगK म खलगा 20 तब उस न चलो को शिचताया फिक फिकसी स न कहना फिक म मसीह ह 21 उस समय स यीश अपन चलो को बतान लगा फिक मझ अवltय ह फिक यरशलम को जाऊ और परफिनयो और महायाजको और

शासतरिसतरयो क हाथ स बहत दख उठाऊ और मार डाला जाऊ और तीसर दिदन जी उठ 22 इस पर पतरस उस अलग ल जाकर जिझड़कन लगा फिक ह परभ परमशवर न कर तझ पर ऐसा कभी न होगा 23 उस न फिरकर पतरस स कहा ह शतान मर सामहन स दर हो त मर शिलय ठोकर का कारण ह कयोफिक त परमशवर की बातनही पर मनषयो की बातो पर मन लगाता ह 24 तब यीश न अपन चलो स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप का इनकार कर और अपना करस उठाए और मर

पीछ हो ल 25 कयोफिक जो कोई अपना पराण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई मर शिलय अपना पराण खोएगा वह उस पाएगा 26 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपन पराण की हाफिन उठाए तो उस कया लाभ होगा या मनषय अपन पराण क बदल

म कया दगा 27 मनषय का पतर अपन सवगKदतो क साथ अपन फिपता की मफिहमा म आएगा और उस समय वह हर एक को उसक कामो क

अनसार परफितल दगा 28 म तम स सच कहता ह फिक जो यहा खड़ ह उन म स फिकतन ऐस ह फिक जब तक मनषय क पतर को उसक राय म आत हए न

दख लग तब तक मतय का सवाद कभी न चखग

Chapter17

1 छ दिदन क बाद यीश न पतरस और याकब और उसक भाई यहनना को साथ शिलया और उनह एकानत म फिकसी ऊच पहाड़ पर लगया 2 और उनक सामहन उसका रपानतर हआ और उसका मह सयK की नाई चमका और उसका वसतर योफित की नाई उजला हो गया 3 और दखो मसा और एशिलययाह उसक साथ बात करत हए उनह दिदखाई दिदए 4 इस पर पतरस न यीश स कहा ह परभ हमारा यहा रहना अचछा ह इचछा हो तो यहा तीन मणडप बनाऊ एक तर शिलय एक

मसा क शिलय और एक एशिलययाह क शिलय 5 वह बोल ही रहा था फिक दखो एक उजल बादल न उनह छा शिलया और दखो उस बादल म स यह शबद फिनकला फिक यह मरा

फिपरय पतर ह जिजस स म परसनन ह इस की सनो 6 चल यह सनकर मह क बल फिगर गए और अतयनत डर गए 7 यीश न पास आकर उनह छआ और कहा उठो डरो मत 8 तब उनहोन अपनी आख उठाकर यीश को छोड़ और फिकसी को न दखा 9 जब व पहाड़ स उतर रह थ तब यीश न उनह यह आजञा दी फिक जब तक मनषय का पतर मर हओ म स न जी उठ तब तक जो कछ

तम न दखा ह फिकसी स न कहना 10 और उसक चलो न उस स पछा फिर शासतरी कयो कहत ह फिक एशिलययाह का पहल आना अवltय ह 11 उस न उततर दिदया फिक एशिलययाह तो आएगा और सब कछ सधारगा 12 परनत म तम स कहता ह फिक एशिलययाह आ चका और उनहोन उस नही पहचाना परनत जसा चाहा वसा ही उसक साथ फिकया

इसी रीफित स मनषय का पतर भी उन क हाथ स दख उठाएगा 13 तब चलो न समझा फिक उस न हम स यहनना बपफितसमा दन वाल क फिवषय म कहा ह 14 जब व भीड़ क पास पहच तो एक मनषय उसक पास आया और घटन टक कर कहन लगा 15 ह परभ मर पतर पर दया कर कयोफिक उस को यिमगM आती ह और वह बहत दख उठाता ह और बार बार आग म और बार बार

पानी म फिगर पड़ता ह 16 और म उस को तर चलो क पास लाया था पर व उस अचछा नही कर सक 17 यीश न उततर दिदया फिक ह अफिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा कब तक तमहारी सहगा उस यहा मर

पास लाओ 18 तब यीश न उस घड़का और दषटातमा उस म स फिनकला और लड़का उसी घड़ी अचछा हो गया 19 तब चलो न एकानत म यीश क पास आकर कहा हम इस कयो नही फिनकाल सक 20 उस न उन स कहा अपन फिवशवास की घटी क कारण कयोफिक म तम स सच कहता ह यदिद तमहारा फिवशवास राई क दान क

बराबर भी हो तो इस पहाड़ स कह स को ग फिक यहा स सरककर वहा चला जा तो वह चला जाएगा और कोई बात तमहार शिलय अनहोनी न होगी

21 जब व गलील म थ तो यीश न उन स कहा मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जाएगा 22 और व उस मार डालग और वह तीसर दिदन जी उठगा 23 इस पर व बहत उदास हए 24 जब व करनहम म पहच तो मजिनदर क शिलय कर लन वालो न पतरस क पास आकर पछा फिक कया तमहारा गर मजिनदर का कर

नही दता उस न कहा हा दता तो ह 25 जब वह घर म आया तो यीश न उसक पछन स पफिहल उस स कहा ह शमौन त कया समझता ह पथवी क राजा महसल या कर

फिकन स लत ह अपन पतरो स या परायो स पतरस न उन स कहा परायो स 26 यीश न उस स कहा तो पतर बच गए

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 13: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

19 वह न झगड़ा करगा और न धम मचाएगा और न बाजारो म कोई उसका शबद सनगा 20 वह कचल हए सरकणड को न तोड़गा और धआ दती हई बतती को न बझाएगा जब तक नयाय को परबल न कराए 21 और अनयजाफितया उसक नाम पर आशा रखगी 22 तब लोग एक अनध- गग को जिजस म दषटातमा थी उसक पास लाए और उस न उस अचछा फिकया और वह गगा बोलन और

दखन लगा 23 इस पर सब लोग चफिकत होकर कहन लग यह कया दाऊद की सनतान का ह 24 परनत रीशिसयो न यह सनकर कहा यह तो दषटातमाओ क सरदार शतान की सहायता क फिबना दषटातमाओ को नही फिनकालता 25 उस न उन क मन की बात जानकर उन स कहा जिजस फिकसी राय म ट होती ह वह उजड़ जाता ह और कोई नगर या

घराना जिजस म ट होती ह बना न रहगा 26 और यदिद शतान ही शतान को फिनकाल तो वह अपना ही फिवरोधी हो गया ह फिर उसका राय कयोकर बना रहगा 27 भला यदिद म शतान की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो तमहार वश फिकस की सहायता स फिनकालत ह इसशिलय व

ही तमहारा नयाय चकाएग 28 पर यदिद म परमशवर क आतमा की सहायता स दषटातमाओ को फिनकालता ह तो परमशवर का राय तमहार पास आ पहचा ह 29 या कयोकर कोई मनषय फिकसी बलवनत क घर म घसकर उसका माल लट सकता ह जब तक फिक पफिहल उस बलवनत को न बानध

ल और तब वह उसका घर लट लगा 30 जो मर साथ नही वह मर फिवरोध म ह और जो मर साथ नही बटोरता वह फिबथराता ह 31 इसशिलय म तम स कहता ह फिक मनषय का सब परकार का पाप और फिननदा कषमा की जाएगी पर आतमा की फिननदा कषमा न कीजाएगी 32 जो कोई मनषय क पतर क फिवरोध म कोई बात कहगा उसका यह अपराध कषमा फिकया जाएगा परनत जो कोई पफिवतर- आतमा क

फिवरोध म कछ कहगा उसका अपराध न तो इस लोक म और न पर लोक म कषमा फिकया जाएगा 33 यदिद पड़ को अचछा कहो तो उसक ल को भी अचछा कहो या पड़ को फिनकममा कहो तो उसक ल को भी फिनककमा कहो

कयोफिक पड़ ल ही स पहचाना जाता ह 34 ह साप क बचचो तम बर होकर कयोकर अचछी बात कह सकत हो कयोफिक जो मन म भरा ह वही मह पर आता ह 35 भला मनषय मन क भल भणडार स भली बात फिनकालता ह और बरा मनषय बर भणडार स बरी बात फिनकालता ह 36 और म तम स कहता ह फिक जो जो फिनकममी बात मनषय कहग नयाय क दिदन हर एक बात का लखा दग 37 कयोफिक त अपनी बातो क कारण फिनदष और अपनी बातो ही क कारण दोषी ठहराया जाएगा 38 इस पर फिकतन शासतरिसतरयोऔर रीशिसयो न उस स कहा ह गर हम तझ स एक शिचनह दखना चाहत ह 39 उस न उनह उततर दिदया फिक इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह परनत यनस भफिवषयदवकता क शिचनह को छोड़ कोई

और शिचनह उन को न दिदया जाएगा 40 यनस तीन रात दिदन जल- जनत क पट म रहा वस ही मनषय का पतर तीन रात दिदन पथवी क भीतर रहगा 41 नीनव क लोग नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएग कयोफिक उनहोन यनस का परचार सनकर मन

फिराया और दखो यहा वह ह जो यनस स भी बड़ा ह 42 दजज़िकखन की रानी नयाय क दिदन इस यग क लोगो क साथ उठकर उनह दोषी ठहराएगी कयोफिक वह सलमान का जञान सनन क

शिलय पथवी की छोर स आई और दखो यहा वह ह जो सलमान स भी बड़ा ह 43 जब अशदध आतमा मनषय म स फिनकल जाती ह तो सखी जगहो म फिवशराम ढढ़ती फिरती ह और पाती नही 44 तब कहती ह फिक म अपन उसी घर म जहा स फिनकली थी लौट जाऊगी और आकर उस सना झाड़ा- बहारा और सजा

सजाया पाती ह 45 तब वह जाकर अपन स और बरी सात आतमाओ को अपन साथ ल आती ह और व उस म पठकर वहा वास करती ह और उस

मनषय की फिपछली दशा पफिहल स भी बरी हो जाती ह इस यग क बर लोगो की दशा भी ऐसी ही होगी 46 जब वह भीड़ स बात कर ही रहा था तो दखो उस की माता और भाई बाहर खड़ थ और उस स बात करना चाहत थ 47 फिकसी न उस स कहा दख तरी माता और तर भाई बाहर खड़ ह और तझ स बात करना चाहत ह 48 यह सन उस न कहन वाल को उततर दिदया कौन ह मरी माता 49 और कौन ह मर भाई और अपन चलो की ओर अपना हाथ बढ़ा कर कहा दखो मरी माता और मर भाई य ह 50 कयोफिक जो कोई मर सवगMय फिपता की इचछा पर चल वही मरा भाई और बफिहन और माता ह

Chapter13

1 उसी दिदन यीश घर स फिनकलकर झील क फिकनार जा बठा 2 और उसक पास ऐसी बड़ी भीड़ इकटठी हई फिक वह नाव पर चढ़ गया और सारी भीड़ फिकनार पर खड़ी रही 3 और उस न उन स दषटानतो म बहत सी बात कही फिक दखो एक बोन वाला बीज बोन फिनकला 4 बोत समय कछ बीज मागK क फिकनार फिगर और पभिकषयो न आकर उनह चग शिलया 5 कछ पतथरीली भयिम पर फिगर जहा उनह बहत यिमटटी न यिमली और गहरी यिमटटी न यिमलन क कारण व जलद उग आए 6 पर सरज फिनकलन पर व जल गए और जड़ न पकड़न स सख गए 7 कछ झाफिड़यो म फिगर और झाफिड़यो न बढ़कर उनह दबा डाला 8 पर कछ अचछी भयिम पर फिगर और ल लाए कोई सौ गना कोई साठ गना कोई तीस गना 9 जिजस क कान हो वह सन ल 10 और चलो न पास आकर उस स कहा त उन स दषटानतो म कयो बात करता ह 11 उस न उततर दिदया फिक तम को सवगK क राय क भदो की समझ दी गई ह पर उन को नही 12 कयोफिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा पर जिजस क पास कछ नही ह उस स जो कछ

उसक पास ह वह भी ल शिलया जाएगा 13 म उन स दषटानतो म इसशिलय बात करता ह फिक व दखत हए नही दखत और सनत हए नही सनत और नही समझत 14 और उन क फिवषय म यशायाह की यह भफिवषयदववाणी परी होती ह फिक तम कानो स तो सनोग पर समझोग नही और आखो स

तो दखोग पर तमह न सझगा 15 कयोफिक इन लोगो का मन मोटा हो गया ह और व कानो स ऊचा सनत ह और उनहोन अपनी आख मद ली ह कही ऐसा न हो

फिक व आखो स दख और कानो स सन और मन स समझ और फिर जाए और म उनह चगा कर 16 पर धनय ह तमहारी आख फिक व दखती ह और तमहार कान फिक व सनत ह 17 कयोफिक म तम स सच कहता ह फिक बहत स भफिवषयदवकताओ न और धयिमय न चाहा फिक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी

और जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 18 सो तम बोन वाल का दषटानत सनो 19 जो कोई राय का वचन सनकर नही समझता उसक मन म जो कछ बोया गया था उस वह दषट आकर छीन ल जाता ह यह

वही ह जो मागK क फिकनार बोया गया था 20 और जो पतथरीली भयिम पर बोया गया यह वह ह जो वचन सनकर तरनत आननद क साथ मान लता ह 21 पर अपन म जड़ न रखन क कारण वह थोड़ ही दिदन का ह और जब वचन क कारण कलश या उपwव होता ह तो तरनत ठोकर

खाता ह 22 जो झाफिड़यो म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनता ह पर इस ससार की शिचनता और धन का धोखा वचन को दबाता ह

और वह ल नही लाता 23 जो अचछी भयिम म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनकर समझता ह और ल लाता ह कोई सौ गना कोई साठ गना

कोई तीस गना 24 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय उस मनषय क समान ह जिजस न अपन खत म अचछा बीज बोया 25 पर जब लोग सो रह थ तो उसका बरी आकर गह क बीच जगली बीज बोकर चला गया 26 जब अकर फिनकल और बाल लगी तो जगली दान भी दिदखाई दिदए 27 इस पर गहसथ क दासो न आकर उस स कहा ह सवामी कया त न अपन खत म अचछा बीज न बोया था फिर जगली दान क

पौध उस म कहा स आए 28 उस न उन स कहा यह फिकसी बरी का काम ह दासो न उस स कहा कया तरी इचछा ह फिक हम जाकर उन को बटोर ल 29 उस न कहा ऐसा नही न हो फिक जगली दान क पौध बटोरत हए उन क साथ गह भी उखाड़ लो 30 कटनी तक दोनो को एक साथ बढ़न दो और कटनी क समय म काटन वालो स कहगा पफिहल जगली दान क पौध बटोरकर

जलान क शिलय उन क गटठ बानध लो और गह को मर खतत म इकटठा करो 31 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय राई क एक दान क समान ह जिजस फिकसी मनषय न लकर अपन खत म

बो दिदया 32 वह सब बीजो स छोटा तो ह पर जब बढ़ जाता ह तब सब साग पात स बड़ा होता ह और ऐसा पड़ हो जाता ह फिक आकाश क

पकषी आकर उस की डाशिलयो पर बसरा करत ह 33 उस न एक और दषटानत उनह सनाया फिक सवगK का राय खमीर क समान ह जिजस को फिकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म

यिमला दिदया और होत होत वह सब खमीर हो गया 34 य सब बात यीश न दषटानतो म लोगो स कही और फिबना दषटानत वह उन स कछ न कहता था 35 फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक म दषटानत कहन को अपना मह खोलगा म उन बातो को जो

जगत की उतपभितत स गपत रही ह परगट करगा 36 तब वह भीड़ को छोड़ कर घर म आया और उसक चलो न उसक पास आकर कहा खत क जगली दान का दषटानत हम समझा द 37 उस न उन को उततर दिदया फिक अचछ बीज का बोन वाला मनषय का पतर ह 38 खत ससार ह अचछा बीज राय क सनतान और जगली बीज दषट क सनतान ह 39 जिजस बरी न उन को बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटन वाल सवगKदत ह 40 सो जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का पतर अपन सवगKदतो को भजगा और व उसक राय म स सब ठोकर क कारणो को और ककमK करन वालो को इकटठाकरग 42 और उनह आग क कड म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धमM अपन फिपता क राय म सयK की नाई चमक ग जिजस क कान हो वह सन ल 44 सवगK का राय खत म शिछप हए धन क समान ह जिजस फिकसी मनषय न पाकर शिछपा दिदया और मार आननद क जाकर और

अपना सब कछ बचकर उस खत को मोल शिलया 45 फिर सवगK का राय एक वयापारी क समान ह जो अचछ मोफितयो की खोज म था 46 जब उस एक बहमलय मोती यिमला तो उस न जाकर अपना सब कछ बच डाला और उस मोल ल शिलया 47 फिर सवगK का राय उस बड़ जाल क समान ह जो समw म डाला गया और हर परकार की मशिछलयो को समट लाया 48 और जब भर गया तो उस को फिकनार पर खीच लाए और बठकर अचछी अचछी तो बरतनो म इकटठा फिकया और फिनकममी

फिनकममी क दी 49 जगत क अनत म ऐसा ही होगा सवगKदत आकर दषटो को धयिमय स अलग करग और उनह आग क कड म डालग 50 वहा रोना और दात पीसना होगा 51 कया तम न य सब बात समझी 52 उनहोन उस स कहा हा उस न उन स कहा इसशिलय हर एक शासतरी जो सवगK क राय का चला बना ह उस गहसथ क समान ह

जो अपन भणडार स नई और परानी वसतए फिनकालता ह 53 जब यीश य सब दषटानत कह चका तो वहा स चला गया 54 और अपन दश म आकर उन की सभा म उनह ऐसा उपदश दन लगा फिक व चफिकत होकर कहन लग फिक इस को यह जञान और

सामथK क काम कहा स यिमल 55 कया यह बढ़ई का बटा नही और कया इस की माता का नाम मरिरयम और इस क भाइयो क नाम याकब और यस और शमौन

और यहदा नही 56 और कया इस की सब बफिहन हमार बीच म नही रहती फिर इस को यह सब कहा स यिमला 57 सो उनहोन उसक कारण ठोकर खाई पर यीश न उन स कहा भफिवषयदवकता अपन दश और अपन घर को छोड़ और कही फिनरादर

नही होता 58 और उस न वहा उन क अफिवशवास क कारण बहत सामथK क काम नही फिकए

Chapter14

1 उस समय चौथाई दश क राजा हरोदस न यीश की चचाK सनी 2 और अपन सवको स कहा यह यहनना बपफितसमा दनवाला ह वह मर हओ म स जी उठा ह इसी शिलय उस स सामथK क काम परगट

होत ह 3 कयोफिक हरोदस न अपन भाई फिलपपस की पतनी हरोदिदयास क कारण यहनना को पकड़कर बानधा और जलखान म डाल दिदयाथा 4 कयोफिक यहनना न उस स कहा था फिक इस को रखना तझ उशिचत नही ह 5 और वह उस मार डालना चाहता था पर लोगो स डरता था कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ 6 पर जब हरोदस का जनम दिदन आया तो हरोदिदयास की बटी न उतसव म नाच दिदखाकर हरोदस को खश फिकया 7 इसशिलय उस न शपथ खाकर वचन दिदया फिक जो कछ त मागगी म तझ दगा 8 वह अपनी माता की उकसाई हई बोली यहनना बपफितसमा दन वाल का शिसर थाल म यही मझ मगवा द 9 राजा दखिखत हआ पर अपनी शपथ क और साथ बठन वालो क कारण आजञा दी फिक द दिदया जाए 10 और जलखान म लोगो को भजकर यहनना का शिसर कटवा दिदया 11 और उसका शिसर थाल म लाया गया और लड़की को दिदया गया और वह उस को अपनी मा क पास ल गई 12 और उसक चलो न आकर और उस की लोथ को ल जाकर गाढ़ दिदया और जाकर यीश को समाचार दिदया 13 जब यीश न यह सना तो नाव पर चढ़कर वहा स फिकसी सनसान जगह एकानत म चला गया और लोग यह सनकर नगर नगर स

पदल उसक पीछ हो शिलए 14 उस न फिनकलकर बड़ी भीड़ दखी और उन पर तरस खाया और उस न उन क बीमारो को चगा फिकया 15 जब साझ हई तो उसक चलो न उसक पास आकर कहा यह तो सनसान जगह ह और दर हो रही ह लोगो को फिवदा फिकया

जाए फिक व बसतिसतयो म जाकर अपन शिलय भोजन मोल ल 16 यीश न उन स कहा उन का जाना आवltयक नही तम ही इनह खान को दो 17 उनहोन उस स कहा यहा हमार पास पाच रोटी और दो मशिछलयो को छोड़ और कछ नही ह 18 उस न कहा उन को यहा मर पास ल आओ 19 तब उस न लोगो को घास पर बठन को कहा और उन पाच रोदिटयो और दो मशिछलयो को शिलया और सवगK की ओर दखकर

धनयवाद फिकया और रोदिटया तोड़ तोड़कर चलो को दी और चलो न लोगो को 20 और सब खाकर तपत हो गए और उनहोन बच हए टकड़ो स भरी हई बारह टोफिकरया उठाई 21 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़कर पाच हजार परषो क अटकल थ 22 और उस न तरनत अपन चलो को बरबस नाव पर चढ़ाया फिक व उस स पफिहल पार चल जाए जब तक फिक वह लोगो को फिवदाकर 23 वह लोगो को फिवदा करक पराथKना करन को अलग पहाड़ पर चढ़ गया और साझ को वहा अकला था 24 उस समय नाव झील क बीच लहरो स डगमगा रही थी कयोफिक हवा सामहन की थी 25 और वह रात क चौथ पहर झील पर चलत हए उन क पास आया 26 चल उस को झील पर चलत हए दखकर घबरा गए और कहन लग वह भत ह और डर क मार शिचलला उठ 27 यीश न तरनत उन स बात की और कहा ढाढ़स बानधो म ह डरो मत 28 पतरस न उस को उततर दिदया ह परभ यदिद त ही ह तो मझ अपन पास पानी पर चलकर आन की आजञा द 29 उस न कहा आ तब पतरस नाव पर स उतरकर यीश क पास जान को पानी पर चलन लगा 30 पर हवा को दखकर डर गया और जब डबन लगा तो शिचललाकर कहा ह परभ मझ बचा 31 यीश न तरनत हाथ बढ़ाकर उस थाम शिलया और उस स कहा ह अलप-फिवशवासी त न कयो सनदह फिकया 32 जब व नाव पर चढ़ गए तो हवा थम गई 33 इस पर जो नाव पर थ उनहोन उस दणडवत करक कहा सचमच त परमशवर का पतर ह 34 व पार उतरकर गननसरत दश म पहच 35 और वहा क लोगो न उस पहचानकर आस पास क सार दश म कहला भजा और सब बीमारो को उसक पास लाए 36 और उस स फिबनती करन लग फिक वह उनह अपन वसतर क आचल ही को छन द और जिजतनो न उस छआ व चग हो गए

Chapter15

1 तब यरशलम स फिकतन रीसी और शासतरी यीश क पास आकर कहन लग 2 तर चल परफिनयो की रीतो को कयो टालत ह फिक फिबना हाथ धोए रोटी खात ह 3 उस न उन को उततर दिदया फिक तम भी अपनी रीतो क कारण कयो परमशवर की आजञा टालत हो 4 कयोफिक परमशवर न कहा था फिक अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और जो कोई फिपता या माता को बरा कह वह

मार डाला जाए 5 पर तम कहत हो फिक यदिद कोई अपन फिपता या माता स कह फिक जो कछ तझ मझ स लाभ पहच सकता था वह परमशवर को भट

चढ़ाई जा चकी 6 तो वह अपन फिपता का आदर न कर सो तम न अपनी रीतो क कारण परमशवर का वचन टाल दिदया 7 ह कपदिटयो यशायाह न तमहार फिवषय म यह भफिवषयदवाणी ठीक की 8 फिक य लोग होठो स तो मरा आदर करत ह पर उन का मन मझ स दर रहता ह 9 और य वयथK मरी उपासना करत ह कयोफिक मनषयो की फिवयिधयो को धमपदश करक शिसखात ह 10 और उस न लोगो को अपन पास बलाकर उन स कहा सनो और समझो 11 जो मह म जाता ह वह मनषय को अशदध नही करता पर जो मह स फिनकलता ह वही मनषय को अशदध करता ह 12 तब चलो न आकर उस स कहा कया त जानता ह फिक रीशिसयो न यह वचन सनकर ठोकर खाई 13 उस न उततर दिदया हर पौधा जो मर सवगMय फिपता न नही लगाया उखाड़ा जाएगा 14 उन को जान दो व अनध मागK दिदखान वाल ह और अनधा यदिद अनध को मागK दिदखाए तो दोनो गड़ह म फिगर पड़ग 15 यह सनकर पतरस न उस स कहा यह दषटानत हम समझा द 16 उस न कहा कया तम भी अब तक ना समझ हो 17 कया नही समझत फिक जो कछ मह म जाता वह पट म पड़ता ह और सणडास म फिनकल जाता ह 18 पर जो कछ मह स फिनकलता ह वह मन स फिनकलता ह और वही मनषय को अशदध करता ह 19 कयोफिक कशिचनता हतया पर सतरीगमन वयभिभचार चोरी झठी गवाही और फिननदा मन ही स फिनकलती ह 20 यही ह जो मनषय को अशदध करती ह परनत हाथ फिबना धोए भोजन करना मनषय को अशदध नही करता 21 यीश वहा स फिनकलकर सर और सदा क दशो की ओर चला गया 22 और दखो उस दश स एक कनानी सतरी फिनकली और शिचललाकर कहन लगी ह परभ दाऊद क सनतान मझ पर दया कर मरी

बटी को दषटातमा बहत सता रहा ह 23 पर उस न उस कछ उततर न दिदया और उसक चलो न आकर उस स फिबनती कर कहा इस फिवदा कर कयोफिक वह हमार पीछ

शिचललाती आती ह 24 उस न उततर दिदया फिक इसराएल क घरान की खोई हई भड़ो को छोड़ म फिकसी क पास नही भजा गया 25 पर वह आई और उस परणाम करक कहन लगी ह परभ मरी सहायता कर 26 उस न उततर दिदया फिक लड़को की रोटी लकर कततो क आग डालना अचछा नही 27 उस न कहा सतय ह परभ पर कतत भी वह चरचार खात ह जो उन क सवायिमयो की मज स फिगरत ह 28 इस पर यीश न उस को उततर दकर कहा फिक ह सतरी तरा फिवशवास बड़ा ह जसा त चाहती ह तर शिलय वसा ही हो और उस की

बटी उसी घड़ी स चगी हो गई 29 यीश वहा स चलकर गलील की झील क पास आया और पहाड़ पर चढ़कर वहा बठ गया 30 और भीड़ पर भीड़ लगड़ो अनधो गगो टड़ो और बहत औरो को लकर उसक पास आए और उनह उस क पावो पर डालदिदया और उस न उनह चगा फिकया 31 सो जब लोगो न दखा फिक गग बोलत और टणड चग होत और लगड़ चलत और अनध दखत ह तो अचमभा करक इसराएल क

परमशवर की बड़ाई की 32 यीश न अपन चलो को बलाकर कहा मझ इस भीड़ पर तरस आता ह कयोफिक व तीन दिदन स मर साथ ह और उन क पास कछ

खान को नही और म उनह भखा फिवदा करना नही चाहता कही ऐसा न हो फिक मागK म थककर रह जाए 33 चलो न उस स कहा हम जगल म कहा स इतनी रोटी यिमलगी फिक हम इतनी बड़ी भीड़ को तपत कर 34 यीश न उन स पछा तमहार पास फिकतनी रोदिटया ह उनहोन कहा सात और थोड़ी सी छोटी मशिछलया 35 तब उस न लोगो को भयिम पर बठन की आजञा दी

36 और उन सात रोदिटयो और मशिछलयो को ल धनयवाद करक तोड़ा और अपन चलो को दता गया और चल लोगो को 37 सो सब खाकर तपत हो गए और बच हए टकड़ो स भर हए सात टोकर उठाए 38 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़ चार हजार परष थ 39 तब वह भीड़ को फिवदा करक नाव पर चढ़ गया और मगदन दश क शिसवानो म आया

Chapter16

1 और रीशिसयो और सदफिकयो न पास आकर उस परखन क शिलय उस स कहा फिक हम आकाश का कोई शिचनह दिदखा 2 उस न उन को उततर दिदया फिक साझ को तम कहत हो फिक खला रहगा कयोफिक आकाश लाल ह 3 और भोर को कहत हो फिक आज आनधी आएगी कयोफिक आकाश लाल और धमला ह तम आकाश का लकषण दखकर भद बता

सकत हो पर समयो क शिचनहो का भद नही बता सकत 4 इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह पर यनस क शिचनह को छोड़ कोई और शिचनह उनह न दिदया जाएगा और वह उनह

छोड़कर चला गया 5 और चल पार जात समय रोटी लना भल गए थ 6 यीश न उन स कहा दखो रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 7 व आपस म फिवचार करन लग फिक हम तो रोटी नही लाए 8 यह जानकर यीश न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो तम आपस म कयो फिवचार करत हो फिक हमार पास रोटी नही 9 कया तम अब तक नही समझ और उन पाच हजार की पाच रोटी समरण नही करत और न यह फिक फिकतनी टोफिकरया उठाई थी 10 और न उन चार हजार की सात रोटी और न यह फिक फिकतन टोकर उठाए गए थ 11 तम कयो नही समझत फिक म न तम स रोदिटयो क फिवषय म नही कहा रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 12 तब उन को समझ म आया फिक उस न रोटी क खमीर स नही पर रीशिसयो और सदफिकयो की शिशकषा स चौकस रहन को कहाथा 13 यीश कसरिरया फिशिलपपी क दश म आकर अपन चलो स पछन लगा फिक लोग मनषय क पतर को कया कहत ह 14 उनहोन कहा फिकतन तो यहनना बपफितसमा दन वाला कहत ह और फिकतन एशिलययाह और फिकतन यियमKयाह या भफिवषयदवकताओ म स

कोई एक कहत ह 15 उस न उन स कहा परनत तम मझ कया कहत हो 16 शमौन पतरस न उततर दिदया फिक त जीवत परमशवर का पतर मसीह ह 17 यीश न उस को उततर दिदया फिक ह शमौन योना क पतर त धनय ह कयोफिक मास और लोह न नही परनत मर फिपता न जो सवगK मह यह बात तझ पर परगट की ह 18 और म भी तझ स कहता ह फिक त पतरस ह और म इस पतथर पर अपनी कलीशिसया बनाऊगा और अधोलोक क ाटक उस

पर परबल न होग 19 म तझ सवगK क राय की कजिजया दगा और जो कछ त पथवी पर बानधगा वह सवगK म बनधगा और जो कछ त पथवी परखोलगा वह सवगK म खलगा 20 तब उस न चलो को शिचताया फिक फिकसी स न कहना फिक म मसीह ह 21 उस समय स यीश अपन चलो को बतान लगा फिक मझ अवltय ह फिक यरशलम को जाऊ और परफिनयो और महायाजको और

शासतरिसतरयो क हाथ स बहत दख उठाऊ और मार डाला जाऊ और तीसर दिदन जी उठ 22 इस पर पतरस उस अलग ल जाकर जिझड़कन लगा फिक ह परभ परमशवर न कर तझ पर ऐसा कभी न होगा 23 उस न फिरकर पतरस स कहा ह शतान मर सामहन स दर हो त मर शिलय ठोकर का कारण ह कयोफिक त परमशवर की बातनही पर मनषयो की बातो पर मन लगाता ह 24 तब यीश न अपन चलो स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप का इनकार कर और अपना करस उठाए और मर

पीछ हो ल 25 कयोफिक जो कोई अपना पराण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई मर शिलय अपना पराण खोएगा वह उस पाएगा 26 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपन पराण की हाफिन उठाए तो उस कया लाभ होगा या मनषय अपन पराण क बदल

म कया दगा 27 मनषय का पतर अपन सवगKदतो क साथ अपन फिपता की मफिहमा म आएगा और उस समय वह हर एक को उसक कामो क

अनसार परफितल दगा 28 म तम स सच कहता ह फिक जो यहा खड़ ह उन म स फिकतन ऐस ह फिक जब तक मनषय क पतर को उसक राय म आत हए न

दख लग तब तक मतय का सवाद कभी न चखग

Chapter17

1 छ दिदन क बाद यीश न पतरस और याकब और उसक भाई यहनना को साथ शिलया और उनह एकानत म फिकसी ऊच पहाड़ पर लगया 2 और उनक सामहन उसका रपानतर हआ और उसका मह सयK की नाई चमका और उसका वसतर योफित की नाई उजला हो गया 3 और दखो मसा और एशिलययाह उसक साथ बात करत हए उनह दिदखाई दिदए 4 इस पर पतरस न यीश स कहा ह परभ हमारा यहा रहना अचछा ह इचछा हो तो यहा तीन मणडप बनाऊ एक तर शिलय एक

मसा क शिलय और एक एशिलययाह क शिलय 5 वह बोल ही रहा था फिक दखो एक उजल बादल न उनह छा शिलया और दखो उस बादल म स यह शबद फिनकला फिक यह मरा

फिपरय पतर ह जिजस स म परसनन ह इस की सनो 6 चल यह सनकर मह क बल फिगर गए और अतयनत डर गए 7 यीश न पास आकर उनह छआ और कहा उठो डरो मत 8 तब उनहोन अपनी आख उठाकर यीश को छोड़ और फिकसी को न दखा 9 जब व पहाड़ स उतर रह थ तब यीश न उनह यह आजञा दी फिक जब तक मनषय का पतर मर हओ म स न जी उठ तब तक जो कछ

तम न दखा ह फिकसी स न कहना 10 और उसक चलो न उस स पछा फिर शासतरी कयो कहत ह फिक एशिलययाह का पहल आना अवltय ह 11 उस न उततर दिदया फिक एशिलययाह तो आएगा और सब कछ सधारगा 12 परनत म तम स कहता ह फिक एशिलययाह आ चका और उनहोन उस नही पहचाना परनत जसा चाहा वसा ही उसक साथ फिकया

इसी रीफित स मनषय का पतर भी उन क हाथ स दख उठाएगा 13 तब चलो न समझा फिक उस न हम स यहनना बपफितसमा दन वाल क फिवषय म कहा ह 14 जब व भीड़ क पास पहच तो एक मनषय उसक पास आया और घटन टक कर कहन लगा 15 ह परभ मर पतर पर दया कर कयोफिक उस को यिमगM आती ह और वह बहत दख उठाता ह और बार बार आग म और बार बार

पानी म फिगर पड़ता ह 16 और म उस को तर चलो क पास लाया था पर व उस अचछा नही कर सक 17 यीश न उततर दिदया फिक ह अफिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा कब तक तमहारी सहगा उस यहा मर

पास लाओ 18 तब यीश न उस घड़का और दषटातमा उस म स फिनकला और लड़का उसी घड़ी अचछा हो गया 19 तब चलो न एकानत म यीश क पास आकर कहा हम इस कयो नही फिनकाल सक 20 उस न उन स कहा अपन फिवशवास की घटी क कारण कयोफिक म तम स सच कहता ह यदिद तमहारा फिवशवास राई क दान क

बराबर भी हो तो इस पहाड़ स कह स को ग फिक यहा स सरककर वहा चला जा तो वह चला जाएगा और कोई बात तमहार शिलय अनहोनी न होगी

21 जब व गलील म थ तो यीश न उन स कहा मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जाएगा 22 और व उस मार डालग और वह तीसर दिदन जी उठगा 23 इस पर व बहत उदास हए 24 जब व करनहम म पहच तो मजिनदर क शिलय कर लन वालो न पतरस क पास आकर पछा फिक कया तमहारा गर मजिनदर का कर

नही दता उस न कहा हा दता तो ह 25 जब वह घर म आया तो यीश न उसक पछन स पफिहल उस स कहा ह शमौन त कया समझता ह पथवी क राजा महसल या कर

फिकन स लत ह अपन पतरो स या परायो स पतरस न उन स कहा परायो स 26 यीश न उस स कहा तो पतर बच गए

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 14: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

Chapter13

1 उसी दिदन यीश घर स फिनकलकर झील क फिकनार जा बठा 2 और उसक पास ऐसी बड़ी भीड़ इकटठी हई फिक वह नाव पर चढ़ गया और सारी भीड़ फिकनार पर खड़ी रही 3 और उस न उन स दषटानतो म बहत सी बात कही फिक दखो एक बोन वाला बीज बोन फिनकला 4 बोत समय कछ बीज मागK क फिकनार फिगर और पभिकषयो न आकर उनह चग शिलया 5 कछ पतथरीली भयिम पर फिगर जहा उनह बहत यिमटटी न यिमली और गहरी यिमटटी न यिमलन क कारण व जलद उग आए 6 पर सरज फिनकलन पर व जल गए और जड़ न पकड़न स सख गए 7 कछ झाफिड़यो म फिगर और झाफिड़यो न बढ़कर उनह दबा डाला 8 पर कछ अचछी भयिम पर फिगर और ल लाए कोई सौ गना कोई साठ गना कोई तीस गना 9 जिजस क कान हो वह सन ल 10 और चलो न पास आकर उस स कहा त उन स दषटानतो म कयो बात करता ह 11 उस न उततर दिदया फिक तम को सवगK क राय क भदो की समझ दी गई ह पर उन को नही 12 कयोफिक जिजस क पास ह उस दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा पर जिजस क पास कछ नही ह उस स जो कछ

उसक पास ह वह भी ल शिलया जाएगा 13 म उन स दषटानतो म इसशिलय बात करता ह फिक व दखत हए नही दखत और सनत हए नही सनत और नही समझत 14 और उन क फिवषय म यशायाह की यह भफिवषयदववाणी परी होती ह फिक तम कानो स तो सनोग पर समझोग नही और आखो स

तो दखोग पर तमह न सझगा 15 कयोफिक इन लोगो का मन मोटा हो गया ह और व कानो स ऊचा सनत ह और उनहोन अपनी आख मद ली ह कही ऐसा न हो

फिक व आखो स दख और कानो स सन और मन स समझ और फिर जाए और म उनह चगा कर 16 पर धनय ह तमहारी आख फिक व दखती ह और तमहार कान फिक व सनत ह 17 कयोफिक म तम स सच कहता ह फिक बहत स भफिवषयदवकताओ न और धयिमय न चाहा फिक जो बात तम दखत हो दख पर न दखी

और जो बात तम सनत हो सन पर न सनी 18 सो तम बोन वाल का दषटानत सनो 19 जो कोई राय का वचन सनकर नही समझता उसक मन म जो कछ बोया गया था उस वह दषट आकर छीन ल जाता ह यह

वही ह जो मागK क फिकनार बोया गया था 20 और जो पतथरीली भयिम पर बोया गया यह वह ह जो वचन सनकर तरनत आननद क साथ मान लता ह 21 पर अपन म जड़ न रखन क कारण वह थोड़ ही दिदन का ह और जब वचन क कारण कलश या उपwव होता ह तो तरनत ठोकर

खाता ह 22 जो झाफिड़यो म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनता ह पर इस ससार की शिचनता और धन का धोखा वचन को दबाता ह

और वह ल नही लाता 23 जो अचछी भयिम म बोया गया यह वह ह जो वचन को सनकर समझता ह और ल लाता ह कोई सौ गना कोई साठ गना

कोई तीस गना 24 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय उस मनषय क समान ह जिजस न अपन खत म अचछा बीज बोया 25 पर जब लोग सो रह थ तो उसका बरी आकर गह क बीच जगली बीज बोकर चला गया 26 जब अकर फिनकल और बाल लगी तो जगली दान भी दिदखाई दिदए 27 इस पर गहसथ क दासो न आकर उस स कहा ह सवामी कया त न अपन खत म अचछा बीज न बोया था फिर जगली दान क

पौध उस म कहा स आए 28 उस न उन स कहा यह फिकसी बरी का काम ह दासो न उस स कहा कया तरी इचछा ह फिक हम जाकर उन को बटोर ल 29 उस न कहा ऐसा नही न हो फिक जगली दान क पौध बटोरत हए उन क साथ गह भी उखाड़ लो 30 कटनी तक दोनो को एक साथ बढ़न दो और कटनी क समय म काटन वालो स कहगा पफिहल जगली दान क पौध बटोरकर

जलान क शिलय उन क गटठ बानध लो और गह को मर खतत म इकटठा करो 31 उस न उनह एक और दषटानत दिदया फिक सवगK का राय राई क एक दान क समान ह जिजस फिकसी मनषय न लकर अपन खत म

बो दिदया 32 वह सब बीजो स छोटा तो ह पर जब बढ़ जाता ह तब सब साग पात स बड़ा होता ह और ऐसा पड़ हो जाता ह फिक आकाश क

पकषी आकर उस की डाशिलयो पर बसरा करत ह 33 उस न एक और दषटानत उनह सनाया फिक सवगK का राय खमीर क समान ह जिजस को फिकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म

यिमला दिदया और होत होत वह सब खमीर हो गया 34 य सब बात यीश न दषटानतो म लोगो स कही और फिबना दषटानत वह उन स कछ न कहता था 35 फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक म दषटानत कहन को अपना मह खोलगा म उन बातो को जो

जगत की उतपभितत स गपत रही ह परगट करगा 36 तब वह भीड़ को छोड़ कर घर म आया और उसक चलो न उसक पास आकर कहा खत क जगली दान का दषटानत हम समझा द 37 उस न उन को उततर दिदया फिक अचछ बीज का बोन वाला मनषय का पतर ह 38 खत ससार ह अचछा बीज राय क सनतान और जगली बीज दषट क सनतान ह 39 जिजस बरी न उन को बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटन वाल सवगKदत ह 40 सो जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का पतर अपन सवगKदतो को भजगा और व उसक राय म स सब ठोकर क कारणो को और ककमK करन वालो को इकटठाकरग 42 और उनह आग क कड म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धमM अपन फिपता क राय म सयK की नाई चमक ग जिजस क कान हो वह सन ल 44 सवगK का राय खत म शिछप हए धन क समान ह जिजस फिकसी मनषय न पाकर शिछपा दिदया और मार आननद क जाकर और

अपना सब कछ बचकर उस खत को मोल शिलया 45 फिर सवगK का राय एक वयापारी क समान ह जो अचछ मोफितयो की खोज म था 46 जब उस एक बहमलय मोती यिमला तो उस न जाकर अपना सब कछ बच डाला और उस मोल ल शिलया 47 फिर सवगK का राय उस बड़ जाल क समान ह जो समw म डाला गया और हर परकार की मशिछलयो को समट लाया 48 और जब भर गया तो उस को फिकनार पर खीच लाए और बठकर अचछी अचछी तो बरतनो म इकटठा फिकया और फिनकममी

फिनकममी क दी 49 जगत क अनत म ऐसा ही होगा सवगKदत आकर दषटो को धयिमय स अलग करग और उनह आग क कड म डालग 50 वहा रोना और दात पीसना होगा 51 कया तम न य सब बात समझी 52 उनहोन उस स कहा हा उस न उन स कहा इसशिलय हर एक शासतरी जो सवगK क राय का चला बना ह उस गहसथ क समान ह

जो अपन भणडार स नई और परानी वसतए फिनकालता ह 53 जब यीश य सब दषटानत कह चका तो वहा स चला गया 54 और अपन दश म आकर उन की सभा म उनह ऐसा उपदश दन लगा फिक व चफिकत होकर कहन लग फिक इस को यह जञान और

सामथK क काम कहा स यिमल 55 कया यह बढ़ई का बटा नही और कया इस की माता का नाम मरिरयम और इस क भाइयो क नाम याकब और यस और शमौन

और यहदा नही 56 और कया इस की सब बफिहन हमार बीच म नही रहती फिर इस को यह सब कहा स यिमला 57 सो उनहोन उसक कारण ठोकर खाई पर यीश न उन स कहा भफिवषयदवकता अपन दश और अपन घर को छोड़ और कही फिनरादर

नही होता 58 और उस न वहा उन क अफिवशवास क कारण बहत सामथK क काम नही फिकए

Chapter14

1 उस समय चौथाई दश क राजा हरोदस न यीश की चचाK सनी 2 और अपन सवको स कहा यह यहनना बपफितसमा दनवाला ह वह मर हओ म स जी उठा ह इसी शिलय उस स सामथK क काम परगट

होत ह 3 कयोफिक हरोदस न अपन भाई फिलपपस की पतनी हरोदिदयास क कारण यहनना को पकड़कर बानधा और जलखान म डाल दिदयाथा 4 कयोफिक यहनना न उस स कहा था फिक इस को रखना तझ उशिचत नही ह 5 और वह उस मार डालना चाहता था पर लोगो स डरता था कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ 6 पर जब हरोदस का जनम दिदन आया तो हरोदिदयास की बटी न उतसव म नाच दिदखाकर हरोदस को खश फिकया 7 इसशिलय उस न शपथ खाकर वचन दिदया फिक जो कछ त मागगी म तझ दगा 8 वह अपनी माता की उकसाई हई बोली यहनना बपफितसमा दन वाल का शिसर थाल म यही मझ मगवा द 9 राजा दखिखत हआ पर अपनी शपथ क और साथ बठन वालो क कारण आजञा दी फिक द दिदया जाए 10 और जलखान म लोगो को भजकर यहनना का शिसर कटवा दिदया 11 और उसका शिसर थाल म लाया गया और लड़की को दिदया गया और वह उस को अपनी मा क पास ल गई 12 और उसक चलो न आकर और उस की लोथ को ल जाकर गाढ़ दिदया और जाकर यीश को समाचार दिदया 13 जब यीश न यह सना तो नाव पर चढ़कर वहा स फिकसी सनसान जगह एकानत म चला गया और लोग यह सनकर नगर नगर स

पदल उसक पीछ हो शिलए 14 उस न फिनकलकर बड़ी भीड़ दखी और उन पर तरस खाया और उस न उन क बीमारो को चगा फिकया 15 जब साझ हई तो उसक चलो न उसक पास आकर कहा यह तो सनसान जगह ह और दर हो रही ह लोगो को फिवदा फिकया

जाए फिक व बसतिसतयो म जाकर अपन शिलय भोजन मोल ल 16 यीश न उन स कहा उन का जाना आवltयक नही तम ही इनह खान को दो 17 उनहोन उस स कहा यहा हमार पास पाच रोटी और दो मशिछलयो को छोड़ और कछ नही ह 18 उस न कहा उन को यहा मर पास ल आओ 19 तब उस न लोगो को घास पर बठन को कहा और उन पाच रोदिटयो और दो मशिछलयो को शिलया और सवगK की ओर दखकर

धनयवाद फिकया और रोदिटया तोड़ तोड़कर चलो को दी और चलो न लोगो को 20 और सब खाकर तपत हो गए और उनहोन बच हए टकड़ो स भरी हई बारह टोफिकरया उठाई 21 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़कर पाच हजार परषो क अटकल थ 22 और उस न तरनत अपन चलो को बरबस नाव पर चढ़ाया फिक व उस स पफिहल पार चल जाए जब तक फिक वह लोगो को फिवदाकर 23 वह लोगो को फिवदा करक पराथKना करन को अलग पहाड़ पर चढ़ गया और साझ को वहा अकला था 24 उस समय नाव झील क बीच लहरो स डगमगा रही थी कयोफिक हवा सामहन की थी 25 और वह रात क चौथ पहर झील पर चलत हए उन क पास आया 26 चल उस को झील पर चलत हए दखकर घबरा गए और कहन लग वह भत ह और डर क मार शिचलला उठ 27 यीश न तरनत उन स बात की और कहा ढाढ़स बानधो म ह डरो मत 28 पतरस न उस को उततर दिदया ह परभ यदिद त ही ह तो मझ अपन पास पानी पर चलकर आन की आजञा द 29 उस न कहा आ तब पतरस नाव पर स उतरकर यीश क पास जान को पानी पर चलन लगा 30 पर हवा को दखकर डर गया और जब डबन लगा तो शिचललाकर कहा ह परभ मझ बचा 31 यीश न तरनत हाथ बढ़ाकर उस थाम शिलया और उस स कहा ह अलप-फिवशवासी त न कयो सनदह फिकया 32 जब व नाव पर चढ़ गए तो हवा थम गई 33 इस पर जो नाव पर थ उनहोन उस दणडवत करक कहा सचमच त परमशवर का पतर ह 34 व पार उतरकर गननसरत दश म पहच 35 और वहा क लोगो न उस पहचानकर आस पास क सार दश म कहला भजा और सब बीमारो को उसक पास लाए 36 और उस स फिबनती करन लग फिक वह उनह अपन वसतर क आचल ही को छन द और जिजतनो न उस छआ व चग हो गए

Chapter15

1 तब यरशलम स फिकतन रीसी और शासतरी यीश क पास आकर कहन लग 2 तर चल परफिनयो की रीतो को कयो टालत ह फिक फिबना हाथ धोए रोटी खात ह 3 उस न उन को उततर दिदया फिक तम भी अपनी रीतो क कारण कयो परमशवर की आजञा टालत हो 4 कयोफिक परमशवर न कहा था फिक अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और जो कोई फिपता या माता को बरा कह वह

मार डाला जाए 5 पर तम कहत हो फिक यदिद कोई अपन फिपता या माता स कह फिक जो कछ तझ मझ स लाभ पहच सकता था वह परमशवर को भट

चढ़ाई जा चकी 6 तो वह अपन फिपता का आदर न कर सो तम न अपनी रीतो क कारण परमशवर का वचन टाल दिदया 7 ह कपदिटयो यशायाह न तमहार फिवषय म यह भफिवषयदवाणी ठीक की 8 फिक य लोग होठो स तो मरा आदर करत ह पर उन का मन मझ स दर रहता ह 9 और य वयथK मरी उपासना करत ह कयोफिक मनषयो की फिवयिधयो को धमपदश करक शिसखात ह 10 और उस न लोगो को अपन पास बलाकर उन स कहा सनो और समझो 11 जो मह म जाता ह वह मनषय को अशदध नही करता पर जो मह स फिनकलता ह वही मनषय को अशदध करता ह 12 तब चलो न आकर उस स कहा कया त जानता ह फिक रीशिसयो न यह वचन सनकर ठोकर खाई 13 उस न उततर दिदया हर पौधा जो मर सवगMय फिपता न नही लगाया उखाड़ा जाएगा 14 उन को जान दो व अनध मागK दिदखान वाल ह और अनधा यदिद अनध को मागK दिदखाए तो दोनो गड़ह म फिगर पड़ग 15 यह सनकर पतरस न उस स कहा यह दषटानत हम समझा द 16 उस न कहा कया तम भी अब तक ना समझ हो 17 कया नही समझत फिक जो कछ मह म जाता वह पट म पड़ता ह और सणडास म फिनकल जाता ह 18 पर जो कछ मह स फिनकलता ह वह मन स फिनकलता ह और वही मनषय को अशदध करता ह 19 कयोफिक कशिचनता हतया पर सतरीगमन वयभिभचार चोरी झठी गवाही और फिननदा मन ही स फिनकलती ह 20 यही ह जो मनषय को अशदध करती ह परनत हाथ फिबना धोए भोजन करना मनषय को अशदध नही करता 21 यीश वहा स फिनकलकर सर और सदा क दशो की ओर चला गया 22 और दखो उस दश स एक कनानी सतरी फिनकली और शिचललाकर कहन लगी ह परभ दाऊद क सनतान मझ पर दया कर मरी

बटी को दषटातमा बहत सता रहा ह 23 पर उस न उस कछ उततर न दिदया और उसक चलो न आकर उस स फिबनती कर कहा इस फिवदा कर कयोफिक वह हमार पीछ

शिचललाती आती ह 24 उस न उततर दिदया फिक इसराएल क घरान की खोई हई भड़ो को छोड़ म फिकसी क पास नही भजा गया 25 पर वह आई और उस परणाम करक कहन लगी ह परभ मरी सहायता कर 26 उस न उततर दिदया फिक लड़को की रोटी लकर कततो क आग डालना अचछा नही 27 उस न कहा सतय ह परभ पर कतत भी वह चरचार खात ह जो उन क सवायिमयो की मज स फिगरत ह 28 इस पर यीश न उस को उततर दकर कहा फिक ह सतरी तरा फिवशवास बड़ा ह जसा त चाहती ह तर शिलय वसा ही हो और उस की

बटी उसी घड़ी स चगी हो गई 29 यीश वहा स चलकर गलील की झील क पास आया और पहाड़ पर चढ़कर वहा बठ गया 30 और भीड़ पर भीड़ लगड़ो अनधो गगो टड़ो और बहत औरो को लकर उसक पास आए और उनह उस क पावो पर डालदिदया और उस न उनह चगा फिकया 31 सो जब लोगो न दखा फिक गग बोलत और टणड चग होत और लगड़ चलत और अनध दखत ह तो अचमभा करक इसराएल क

परमशवर की बड़ाई की 32 यीश न अपन चलो को बलाकर कहा मझ इस भीड़ पर तरस आता ह कयोफिक व तीन दिदन स मर साथ ह और उन क पास कछ

खान को नही और म उनह भखा फिवदा करना नही चाहता कही ऐसा न हो फिक मागK म थककर रह जाए 33 चलो न उस स कहा हम जगल म कहा स इतनी रोटी यिमलगी फिक हम इतनी बड़ी भीड़ को तपत कर 34 यीश न उन स पछा तमहार पास फिकतनी रोदिटया ह उनहोन कहा सात और थोड़ी सी छोटी मशिछलया 35 तब उस न लोगो को भयिम पर बठन की आजञा दी

36 और उन सात रोदिटयो और मशिछलयो को ल धनयवाद करक तोड़ा और अपन चलो को दता गया और चल लोगो को 37 सो सब खाकर तपत हो गए और बच हए टकड़ो स भर हए सात टोकर उठाए 38 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़ चार हजार परष थ 39 तब वह भीड़ को फिवदा करक नाव पर चढ़ गया और मगदन दश क शिसवानो म आया

Chapter16

1 और रीशिसयो और सदफिकयो न पास आकर उस परखन क शिलय उस स कहा फिक हम आकाश का कोई शिचनह दिदखा 2 उस न उन को उततर दिदया फिक साझ को तम कहत हो फिक खला रहगा कयोफिक आकाश लाल ह 3 और भोर को कहत हो फिक आज आनधी आएगी कयोफिक आकाश लाल और धमला ह तम आकाश का लकषण दखकर भद बता

सकत हो पर समयो क शिचनहो का भद नही बता सकत 4 इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह पर यनस क शिचनह को छोड़ कोई और शिचनह उनह न दिदया जाएगा और वह उनह

छोड़कर चला गया 5 और चल पार जात समय रोटी लना भल गए थ 6 यीश न उन स कहा दखो रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 7 व आपस म फिवचार करन लग फिक हम तो रोटी नही लाए 8 यह जानकर यीश न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो तम आपस म कयो फिवचार करत हो फिक हमार पास रोटी नही 9 कया तम अब तक नही समझ और उन पाच हजार की पाच रोटी समरण नही करत और न यह फिक फिकतनी टोफिकरया उठाई थी 10 और न उन चार हजार की सात रोटी और न यह फिक फिकतन टोकर उठाए गए थ 11 तम कयो नही समझत फिक म न तम स रोदिटयो क फिवषय म नही कहा रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 12 तब उन को समझ म आया फिक उस न रोटी क खमीर स नही पर रीशिसयो और सदफिकयो की शिशकषा स चौकस रहन को कहाथा 13 यीश कसरिरया फिशिलपपी क दश म आकर अपन चलो स पछन लगा फिक लोग मनषय क पतर को कया कहत ह 14 उनहोन कहा फिकतन तो यहनना बपफितसमा दन वाला कहत ह और फिकतन एशिलययाह और फिकतन यियमKयाह या भफिवषयदवकताओ म स

कोई एक कहत ह 15 उस न उन स कहा परनत तम मझ कया कहत हो 16 शमौन पतरस न उततर दिदया फिक त जीवत परमशवर का पतर मसीह ह 17 यीश न उस को उततर दिदया फिक ह शमौन योना क पतर त धनय ह कयोफिक मास और लोह न नही परनत मर फिपता न जो सवगK मह यह बात तझ पर परगट की ह 18 और म भी तझ स कहता ह फिक त पतरस ह और म इस पतथर पर अपनी कलीशिसया बनाऊगा और अधोलोक क ाटक उस

पर परबल न होग 19 म तझ सवगK क राय की कजिजया दगा और जो कछ त पथवी पर बानधगा वह सवगK म बनधगा और जो कछ त पथवी परखोलगा वह सवगK म खलगा 20 तब उस न चलो को शिचताया फिक फिकसी स न कहना फिक म मसीह ह 21 उस समय स यीश अपन चलो को बतान लगा फिक मझ अवltय ह फिक यरशलम को जाऊ और परफिनयो और महायाजको और

शासतरिसतरयो क हाथ स बहत दख उठाऊ और मार डाला जाऊ और तीसर दिदन जी उठ 22 इस पर पतरस उस अलग ल जाकर जिझड़कन लगा फिक ह परभ परमशवर न कर तझ पर ऐसा कभी न होगा 23 उस न फिरकर पतरस स कहा ह शतान मर सामहन स दर हो त मर शिलय ठोकर का कारण ह कयोफिक त परमशवर की बातनही पर मनषयो की बातो पर मन लगाता ह 24 तब यीश न अपन चलो स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप का इनकार कर और अपना करस उठाए और मर

पीछ हो ल 25 कयोफिक जो कोई अपना पराण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई मर शिलय अपना पराण खोएगा वह उस पाएगा 26 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपन पराण की हाफिन उठाए तो उस कया लाभ होगा या मनषय अपन पराण क बदल

म कया दगा 27 मनषय का पतर अपन सवगKदतो क साथ अपन फिपता की मफिहमा म आएगा और उस समय वह हर एक को उसक कामो क

अनसार परफितल दगा 28 म तम स सच कहता ह फिक जो यहा खड़ ह उन म स फिकतन ऐस ह फिक जब तक मनषय क पतर को उसक राय म आत हए न

दख लग तब तक मतय का सवाद कभी न चखग

Chapter17

1 छ दिदन क बाद यीश न पतरस और याकब और उसक भाई यहनना को साथ शिलया और उनह एकानत म फिकसी ऊच पहाड़ पर लगया 2 और उनक सामहन उसका रपानतर हआ और उसका मह सयK की नाई चमका और उसका वसतर योफित की नाई उजला हो गया 3 और दखो मसा और एशिलययाह उसक साथ बात करत हए उनह दिदखाई दिदए 4 इस पर पतरस न यीश स कहा ह परभ हमारा यहा रहना अचछा ह इचछा हो तो यहा तीन मणडप बनाऊ एक तर शिलय एक

मसा क शिलय और एक एशिलययाह क शिलय 5 वह बोल ही रहा था फिक दखो एक उजल बादल न उनह छा शिलया और दखो उस बादल म स यह शबद फिनकला फिक यह मरा

फिपरय पतर ह जिजस स म परसनन ह इस की सनो 6 चल यह सनकर मह क बल फिगर गए और अतयनत डर गए 7 यीश न पास आकर उनह छआ और कहा उठो डरो मत 8 तब उनहोन अपनी आख उठाकर यीश को छोड़ और फिकसी को न दखा 9 जब व पहाड़ स उतर रह थ तब यीश न उनह यह आजञा दी फिक जब तक मनषय का पतर मर हओ म स न जी उठ तब तक जो कछ

तम न दखा ह फिकसी स न कहना 10 और उसक चलो न उस स पछा फिर शासतरी कयो कहत ह फिक एशिलययाह का पहल आना अवltय ह 11 उस न उततर दिदया फिक एशिलययाह तो आएगा और सब कछ सधारगा 12 परनत म तम स कहता ह फिक एशिलययाह आ चका और उनहोन उस नही पहचाना परनत जसा चाहा वसा ही उसक साथ फिकया

इसी रीफित स मनषय का पतर भी उन क हाथ स दख उठाएगा 13 तब चलो न समझा फिक उस न हम स यहनना बपफितसमा दन वाल क फिवषय म कहा ह 14 जब व भीड़ क पास पहच तो एक मनषय उसक पास आया और घटन टक कर कहन लगा 15 ह परभ मर पतर पर दया कर कयोफिक उस को यिमगM आती ह और वह बहत दख उठाता ह और बार बार आग म और बार बार

पानी म फिगर पड़ता ह 16 और म उस को तर चलो क पास लाया था पर व उस अचछा नही कर सक 17 यीश न उततर दिदया फिक ह अफिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा कब तक तमहारी सहगा उस यहा मर

पास लाओ 18 तब यीश न उस घड़का और दषटातमा उस म स फिनकला और लड़का उसी घड़ी अचछा हो गया 19 तब चलो न एकानत म यीश क पास आकर कहा हम इस कयो नही फिनकाल सक 20 उस न उन स कहा अपन फिवशवास की घटी क कारण कयोफिक म तम स सच कहता ह यदिद तमहारा फिवशवास राई क दान क

बराबर भी हो तो इस पहाड़ स कह स को ग फिक यहा स सरककर वहा चला जा तो वह चला जाएगा और कोई बात तमहार शिलय अनहोनी न होगी

21 जब व गलील म थ तो यीश न उन स कहा मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जाएगा 22 और व उस मार डालग और वह तीसर दिदन जी उठगा 23 इस पर व बहत उदास हए 24 जब व करनहम म पहच तो मजिनदर क शिलय कर लन वालो न पतरस क पास आकर पछा फिक कया तमहारा गर मजिनदर का कर

नही दता उस न कहा हा दता तो ह 25 जब वह घर म आया तो यीश न उसक पछन स पफिहल उस स कहा ह शमौन त कया समझता ह पथवी क राजा महसल या कर

फिकन स लत ह अपन पतरो स या परायो स पतरस न उन स कहा परायो स 26 यीश न उस स कहा तो पतर बच गए

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 15: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

बो दिदया 32 वह सब बीजो स छोटा तो ह पर जब बढ़ जाता ह तब सब साग पात स बड़ा होता ह और ऐसा पड़ हो जाता ह फिक आकाश क

पकषी आकर उस की डाशिलयो पर बसरा करत ह 33 उस न एक और दषटानत उनह सनाया फिक सवगK का राय खमीर क समान ह जिजस को फिकसी सतरी न लकर तीन पसरी आट म

यिमला दिदया और होत होत वह सब खमीर हो गया 34 य सब बात यीश न दषटानतो म लोगो स कही और फिबना दषटानत वह उन स कछ न कहता था 35 फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो फिक म दषटानत कहन को अपना मह खोलगा म उन बातो को जो

जगत की उतपभितत स गपत रही ह परगट करगा 36 तब वह भीड़ को छोड़ कर घर म आया और उसक चलो न उसक पास आकर कहा खत क जगली दान का दषटानत हम समझा द 37 उस न उन को उततर दिदया फिक अचछ बीज का बोन वाला मनषय का पतर ह 38 खत ससार ह अचछा बीज राय क सनतान और जगली बीज दषट क सनतान ह 39 जिजस बरी न उन को बोया वह शतान ह कटनी जगत का अनत ह और काटन वाल सवगKदत ह 40 सो जस जगली दान बटोर जात और जलाए जात ह वसा ही जगत क अनत म होगा 41 मनषय का पतर अपन सवगKदतो को भजगा और व उसक राय म स सब ठोकर क कारणो को और ककमK करन वालो को इकटठाकरग 42 और उनह आग क कड म डालग वहा रोना और दात पीसना होगा 43 उस समय धमM अपन फिपता क राय म सयK की नाई चमक ग जिजस क कान हो वह सन ल 44 सवगK का राय खत म शिछप हए धन क समान ह जिजस फिकसी मनषय न पाकर शिछपा दिदया और मार आननद क जाकर और

अपना सब कछ बचकर उस खत को मोल शिलया 45 फिर सवगK का राय एक वयापारी क समान ह जो अचछ मोफितयो की खोज म था 46 जब उस एक बहमलय मोती यिमला तो उस न जाकर अपना सब कछ बच डाला और उस मोल ल शिलया 47 फिर सवगK का राय उस बड़ जाल क समान ह जो समw म डाला गया और हर परकार की मशिछलयो को समट लाया 48 और जब भर गया तो उस को फिकनार पर खीच लाए और बठकर अचछी अचछी तो बरतनो म इकटठा फिकया और फिनकममी

फिनकममी क दी 49 जगत क अनत म ऐसा ही होगा सवगKदत आकर दषटो को धयिमय स अलग करग और उनह आग क कड म डालग 50 वहा रोना और दात पीसना होगा 51 कया तम न य सब बात समझी 52 उनहोन उस स कहा हा उस न उन स कहा इसशिलय हर एक शासतरी जो सवगK क राय का चला बना ह उस गहसथ क समान ह

जो अपन भणडार स नई और परानी वसतए फिनकालता ह 53 जब यीश य सब दषटानत कह चका तो वहा स चला गया 54 और अपन दश म आकर उन की सभा म उनह ऐसा उपदश दन लगा फिक व चफिकत होकर कहन लग फिक इस को यह जञान और

सामथK क काम कहा स यिमल 55 कया यह बढ़ई का बटा नही और कया इस की माता का नाम मरिरयम और इस क भाइयो क नाम याकब और यस और शमौन

और यहदा नही 56 और कया इस की सब बफिहन हमार बीच म नही रहती फिर इस को यह सब कहा स यिमला 57 सो उनहोन उसक कारण ठोकर खाई पर यीश न उन स कहा भफिवषयदवकता अपन दश और अपन घर को छोड़ और कही फिनरादर

नही होता 58 और उस न वहा उन क अफिवशवास क कारण बहत सामथK क काम नही फिकए

Chapter14

1 उस समय चौथाई दश क राजा हरोदस न यीश की चचाK सनी 2 और अपन सवको स कहा यह यहनना बपफितसमा दनवाला ह वह मर हओ म स जी उठा ह इसी शिलय उस स सामथK क काम परगट

होत ह 3 कयोफिक हरोदस न अपन भाई फिलपपस की पतनी हरोदिदयास क कारण यहनना को पकड़कर बानधा और जलखान म डाल दिदयाथा 4 कयोफिक यहनना न उस स कहा था फिक इस को रखना तझ उशिचत नही ह 5 और वह उस मार डालना चाहता था पर लोगो स डरता था कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ 6 पर जब हरोदस का जनम दिदन आया तो हरोदिदयास की बटी न उतसव म नाच दिदखाकर हरोदस को खश फिकया 7 इसशिलय उस न शपथ खाकर वचन दिदया फिक जो कछ त मागगी म तझ दगा 8 वह अपनी माता की उकसाई हई बोली यहनना बपफितसमा दन वाल का शिसर थाल म यही मझ मगवा द 9 राजा दखिखत हआ पर अपनी शपथ क और साथ बठन वालो क कारण आजञा दी फिक द दिदया जाए 10 और जलखान म लोगो को भजकर यहनना का शिसर कटवा दिदया 11 और उसका शिसर थाल म लाया गया और लड़की को दिदया गया और वह उस को अपनी मा क पास ल गई 12 और उसक चलो न आकर और उस की लोथ को ल जाकर गाढ़ दिदया और जाकर यीश को समाचार दिदया 13 जब यीश न यह सना तो नाव पर चढ़कर वहा स फिकसी सनसान जगह एकानत म चला गया और लोग यह सनकर नगर नगर स

पदल उसक पीछ हो शिलए 14 उस न फिनकलकर बड़ी भीड़ दखी और उन पर तरस खाया और उस न उन क बीमारो को चगा फिकया 15 जब साझ हई तो उसक चलो न उसक पास आकर कहा यह तो सनसान जगह ह और दर हो रही ह लोगो को फिवदा फिकया

जाए फिक व बसतिसतयो म जाकर अपन शिलय भोजन मोल ल 16 यीश न उन स कहा उन का जाना आवltयक नही तम ही इनह खान को दो 17 उनहोन उस स कहा यहा हमार पास पाच रोटी और दो मशिछलयो को छोड़ और कछ नही ह 18 उस न कहा उन को यहा मर पास ल आओ 19 तब उस न लोगो को घास पर बठन को कहा और उन पाच रोदिटयो और दो मशिछलयो को शिलया और सवगK की ओर दखकर

धनयवाद फिकया और रोदिटया तोड़ तोड़कर चलो को दी और चलो न लोगो को 20 और सब खाकर तपत हो गए और उनहोन बच हए टकड़ो स भरी हई बारह टोफिकरया उठाई 21 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़कर पाच हजार परषो क अटकल थ 22 और उस न तरनत अपन चलो को बरबस नाव पर चढ़ाया फिक व उस स पफिहल पार चल जाए जब तक फिक वह लोगो को फिवदाकर 23 वह लोगो को फिवदा करक पराथKना करन को अलग पहाड़ पर चढ़ गया और साझ को वहा अकला था 24 उस समय नाव झील क बीच लहरो स डगमगा रही थी कयोफिक हवा सामहन की थी 25 और वह रात क चौथ पहर झील पर चलत हए उन क पास आया 26 चल उस को झील पर चलत हए दखकर घबरा गए और कहन लग वह भत ह और डर क मार शिचलला उठ 27 यीश न तरनत उन स बात की और कहा ढाढ़स बानधो म ह डरो मत 28 पतरस न उस को उततर दिदया ह परभ यदिद त ही ह तो मझ अपन पास पानी पर चलकर आन की आजञा द 29 उस न कहा आ तब पतरस नाव पर स उतरकर यीश क पास जान को पानी पर चलन लगा 30 पर हवा को दखकर डर गया और जब डबन लगा तो शिचललाकर कहा ह परभ मझ बचा 31 यीश न तरनत हाथ बढ़ाकर उस थाम शिलया और उस स कहा ह अलप-फिवशवासी त न कयो सनदह फिकया 32 जब व नाव पर चढ़ गए तो हवा थम गई 33 इस पर जो नाव पर थ उनहोन उस दणडवत करक कहा सचमच त परमशवर का पतर ह 34 व पार उतरकर गननसरत दश म पहच 35 और वहा क लोगो न उस पहचानकर आस पास क सार दश म कहला भजा और सब बीमारो को उसक पास लाए 36 और उस स फिबनती करन लग फिक वह उनह अपन वसतर क आचल ही को छन द और जिजतनो न उस छआ व चग हो गए

Chapter15

1 तब यरशलम स फिकतन रीसी और शासतरी यीश क पास आकर कहन लग 2 तर चल परफिनयो की रीतो को कयो टालत ह फिक फिबना हाथ धोए रोटी खात ह 3 उस न उन को उततर दिदया फिक तम भी अपनी रीतो क कारण कयो परमशवर की आजञा टालत हो 4 कयोफिक परमशवर न कहा था फिक अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और जो कोई फिपता या माता को बरा कह वह

मार डाला जाए 5 पर तम कहत हो फिक यदिद कोई अपन फिपता या माता स कह फिक जो कछ तझ मझ स लाभ पहच सकता था वह परमशवर को भट

चढ़ाई जा चकी 6 तो वह अपन फिपता का आदर न कर सो तम न अपनी रीतो क कारण परमशवर का वचन टाल दिदया 7 ह कपदिटयो यशायाह न तमहार फिवषय म यह भफिवषयदवाणी ठीक की 8 फिक य लोग होठो स तो मरा आदर करत ह पर उन का मन मझ स दर रहता ह 9 और य वयथK मरी उपासना करत ह कयोफिक मनषयो की फिवयिधयो को धमपदश करक शिसखात ह 10 और उस न लोगो को अपन पास बलाकर उन स कहा सनो और समझो 11 जो मह म जाता ह वह मनषय को अशदध नही करता पर जो मह स फिनकलता ह वही मनषय को अशदध करता ह 12 तब चलो न आकर उस स कहा कया त जानता ह फिक रीशिसयो न यह वचन सनकर ठोकर खाई 13 उस न उततर दिदया हर पौधा जो मर सवगMय फिपता न नही लगाया उखाड़ा जाएगा 14 उन को जान दो व अनध मागK दिदखान वाल ह और अनधा यदिद अनध को मागK दिदखाए तो दोनो गड़ह म फिगर पड़ग 15 यह सनकर पतरस न उस स कहा यह दषटानत हम समझा द 16 उस न कहा कया तम भी अब तक ना समझ हो 17 कया नही समझत फिक जो कछ मह म जाता वह पट म पड़ता ह और सणडास म फिनकल जाता ह 18 पर जो कछ मह स फिनकलता ह वह मन स फिनकलता ह और वही मनषय को अशदध करता ह 19 कयोफिक कशिचनता हतया पर सतरीगमन वयभिभचार चोरी झठी गवाही और फिननदा मन ही स फिनकलती ह 20 यही ह जो मनषय को अशदध करती ह परनत हाथ फिबना धोए भोजन करना मनषय को अशदध नही करता 21 यीश वहा स फिनकलकर सर और सदा क दशो की ओर चला गया 22 और दखो उस दश स एक कनानी सतरी फिनकली और शिचललाकर कहन लगी ह परभ दाऊद क सनतान मझ पर दया कर मरी

बटी को दषटातमा बहत सता रहा ह 23 पर उस न उस कछ उततर न दिदया और उसक चलो न आकर उस स फिबनती कर कहा इस फिवदा कर कयोफिक वह हमार पीछ

शिचललाती आती ह 24 उस न उततर दिदया फिक इसराएल क घरान की खोई हई भड़ो को छोड़ म फिकसी क पास नही भजा गया 25 पर वह आई और उस परणाम करक कहन लगी ह परभ मरी सहायता कर 26 उस न उततर दिदया फिक लड़को की रोटी लकर कततो क आग डालना अचछा नही 27 उस न कहा सतय ह परभ पर कतत भी वह चरचार खात ह जो उन क सवायिमयो की मज स फिगरत ह 28 इस पर यीश न उस को उततर दकर कहा फिक ह सतरी तरा फिवशवास बड़ा ह जसा त चाहती ह तर शिलय वसा ही हो और उस की

बटी उसी घड़ी स चगी हो गई 29 यीश वहा स चलकर गलील की झील क पास आया और पहाड़ पर चढ़कर वहा बठ गया 30 और भीड़ पर भीड़ लगड़ो अनधो गगो टड़ो और बहत औरो को लकर उसक पास आए और उनह उस क पावो पर डालदिदया और उस न उनह चगा फिकया 31 सो जब लोगो न दखा फिक गग बोलत और टणड चग होत और लगड़ चलत और अनध दखत ह तो अचमभा करक इसराएल क

परमशवर की बड़ाई की 32 यीश न अपन चलो को बलाकर कहा मझ इस भीड़ पर तरस आता ह कयोफिक व तीन दिदन स मर साथ ह और उन क पास कछ

खान को नही और म उनह भखा फिवदा करना नही चाहता कही ऐसा न हो फिक मागK म थककर रह जाए 33 चलो न उस स कहा हम जगल म कहा स इतनी रोटी यिमलगी फिक हम इतनी बड़ी भीड़ को तपत कर 34 यीश न उन स पछा तमहार पास फिकतनी रोदिटया ह उनहोन कहा सात और थोड़ी सी छोटी मशिछलया 35 तब उस न लोगो को भयिम पर बठन की आजञा दी

36 और उन सात रोदिटयो और मशिछलयो को ल धनयवाद करक तोड़ा और अपन चलो को दता गया और चल लोगो को 37 सो सब खाकर तपत हो गए और बच हए टकड़ो स भर हए सात टोकर उठाए 38 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़ चार हजार परष थ 39 तब वह भीड़ को फिवदा करक नाव पर चढ़ गया और मगदन दश क शिसवानो म आया

Chapter16

1 और रीशिसयो और सदफिकयो न पास आकर उस परखन क शिलय उस स कहा फिक हम आकाश का कोई शिचनह दिदखा 2 उस न उन को उततर दिदया फिक साझ को तम कहत हो फिक खला रहगा कयोफिक आकाश लाल ह 3 और भोर को कहत हो फिक आज आनधी आएगी कयोफिक आकाश लाल और धमला ह तम आकाश का लकषण दखकर भद बता

सकत हो पर समयो क शिचनहो का भद नही बता सकत 4 इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह पर यनस क शिचनह को छोड़ कोई और शिचनह उनह न दिदया जाएगा और वह उनह

छोड़कर चला गया 5 और चल पार जात समय रोटी लना भल गए थ 6 यीश न उन स कहा दखो रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 7 व आपस म फिवचार करन लग फिक हम तो रोटी नही लाए 8 यह जानकर यीश न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो तम आपस म कयो फिवचार करत हो फिक हमार पास रोटी नही 9 कया तम अब तक नही समझ और उन पाच हजार की पाच रोटी समरण नही करत और न यह फिक फिकतनी टोफिकरया उठाई थी 10 और न उन चार हजार की सात रोटी और न यह फिक फिकतन टोकर उठाए गए थ 11 तम कयो नही समझत फिक म न तम स रोदिटयो क फिवषय म नही कहा रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 12 तब उन को समझ म आया फिक उस न रोटी क खमीर स नही पर रीशिसयो और सदफिकयो की शिशकषा स चौकस रहन को कहाथा 13 यीश कसरिरया फिशिलपपी क दश म आकर अपन चलो स पछन लगा फिक लोग मनषय क पतर को कया कहत ह 14 उनहोन कहा फिकतन तो यहनना बपफितसमा दन वाला कहत ह और फिकतन एशिलययाह और फिकतन यियमKयाह या भफिवषयदवकताओ म स

कोई एक कहत ह 15 उस न उन स कहा परनत तम मझ कया कहत हो 16 शमौन पतरस न उततर दिदया फिक त जीवत परमशवर का पतर मसीह ह 17 यीश न उस को उततर दिदया फिक ह शमौन योना क पतर त धनय ह कयोफिक मास और लोह न नही परनत मर फिपता न जो सवगK मह यह बात तझ पर परगट की ह 18 और म भी तझ स कहता ह फिक त पतरस ह और म इस पतथर पर अपनी कलीशिसया बनाऊगा और अधोलोक क ाटक उस

पर परबल न होग 19 म तझ सवगK क राय की कजिजया दगा और जो कछ त पथवी पर बानधगा वह सवगK म बनधगा और जो कछ त पथवी परखोलगा वह सवगK म खलगा 20 तब उस न चलो को शिचताया फिक फिकसी स न कहना फिक म मसीह ह 21 उस समय स यीश अपन चलो को बतान लगा फिक मझ अवltय ह फिक यरशलम को जाऊ और परफिनयो और महायाजको और

शासतरिसतरयो क हाथ स बहत दख उठाऊ और मार डाला जाऊ और तीसर दिदन जी उठ 22 इस पर पतरस उस अलग ल जाकर जिझड़कन लगा फिक ह परभ परमशवर न कर तझ पर ऐसा कभी न होगा 23 उस न फिरकर पतरस स कहा ह शतान मर सामहन स दर हो त मर शिलय ठोकर का कारण ह कयोफिक त परमशवर की बातनही पर मनषयो की बातो पर मन लगाता ह 24 तब यीश न अपन चलो स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप का इनकार कर और अपना करस उठाए और मर

पीछ हो ल 25 कयोफिक जो कोई अपना पराण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई मर शिलय अपना पराण खोएगा वह उस पाएगा 26 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपन पराण की हाफिन उठाए तो उस कया लाभ होगा या मनषय अपन पराण क बदल

म कया दगा 27 मनषय का पतर अपन सवगKदतो क साथ अपन फिपता की मफिहमा म आएगा और उस समय वह हर एक को उसक कामो क

अनसार परफितल दगा 28 म तम स सच कहता ह फिक जो यहा खड़ ह उन म स फिकतन ऐस ह फिक जब तक मनषय क पतर को उसक राय म आत हए न

दख लग तब तक मतय का सवाद कभी न चखग

Chapter17

1 छ दिदन क बाद यीश न पतरस और याकब और उसक भाई यहनना को साथ शिलया और उनह एकानत म फिकसी ऊच पहाड़ पर लगया 2 और उनक सामहन उसका रपानतर हआ और उसका मह सयK की नाई चमका और उसका वसतर योफित की नाई उजला हो गया 3 और दखो मसा और एशिलययाह उसक साथ बात करत हए उनह दिदखाई दिदए 4 इस पर पतरस न यीश स कहा ह परभ हमारा यहा रहना अचछा ह इचछा हो तो यहा तीन मणडप बनाऊ एक तर शिलय एक

मसा क शिलय और एक एशिलययाह क शिलय 5 वह बोल ही रहा था फिक दखो एक उजल बादल न उनह छा शिलया और दखो उस बादल म स यह शबद फिनकला फिक यह मरा

फिपरय पतर ह जिजस स म परसनन ह इस की सनो 6 चल यह सनकर मह क बल फिगर गए और अतयनत डर गए 7 यीश न पास आकर उनह छआ और कहा उठो डरो मत 8 तब उनहोन अपनी आख उठाकर यीश को छोड़ और फिकसी को न दखा 9 जब व पहाड़ स उतर रह थ तब यीश न उनह यह आजञा दी फिक जब तक मनषय का पतर मर हओ म स न जी उठ तब तक जो कछ

तम न दखा ह फिकसी स न कहना 10 और उसक चलो न उस स पछा फिर शासतरी कयो कहत ह फिक एशिलययाह का पहल आना अवltय ह 11 उस न उततर दिदया फिक एशिलययाह तो आएगा और सब कछ सधारगा 12 परनत म तम स कहता ह फिक एशिलययाह आ चका और उनहोन उस नही पहचाना परनत जसा चाहा वसा ही उसक साथ फिकया

इसी रीफित स मनषय का पतर भी उन क हाथ स दख उठाएगा 13 तब चलो न समझा फिक उस न हम स यहनना बपफितसमा दन वाल क फिवषय म कहा ह 14 जब व भीड़ क पास पहच तो एक मनषय उसक पास आया और घटन टक कर कहन लगा 15 ह परभ मर पतर पर दया कर कयोफिक उस को यिमगM आती ह और वह बहत दख उठाता ह और बार बार आग म और बार बार

पानी म फिगर पड़ता ह 16 और म उस को तर चलो क पास लाया था पर व उस अचछा नही कर सक 17 यीश न उततर दिदया फिक ह अफिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा कब तक तमहारी सहगा उस यहा मर

पास लाओ 18 तब यीश न उस घड़का और दषटातमा उस म स फिनकला और लड़का उसी घड़ी अचछा हो गया 19 तब चलो न एकानत म यीश क पास आकर कहा हम इस कयो नही फिनकाल सक 20 उस न उन स कहा अपन फिवशवास की घटी क कारण कयोफिक म तम स सच कहता ह यदिद तमहारा फिवशवास राई क दान क

बराबर भी हो तो इस पहाड़ स कह स को ग फिक यहा स सरककर वहा चला जा तो वह चला जाएगा और कोई बात तमहार शिलय अनहोनी न होगी

21 जब व गलील म थ तो यीश न उन स कहा मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जाएगा 22 और व उस मार डालग और वह तीसर दिदन जी उठगा 23 इस पर व बहत उदास हए 24 जब व करनहम म पहच तो मजिनदर क शिलय कर लन वालो न पतरस क पास आकर पछा फिक कया तमहारा गर मजिनदर का कर

नही दता उस न कहा हा दता तो ह 25 जब वह घर म आया तो यीश न उसक पछन स पफिहल उस स कहा ह शमौन त कया समझता ह पथवी क राजा महसल या कर

फिकन स लत ह अपन पतरो स या परायो स पतरस न उन स कहा परायो स 26 यीश न उस स कहा तो पतर बच गए

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 16: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

1 उस समय चौथाई दश क राजा हरोदस न यीश की चचाK सनी 2 और अपन सवको स कहा यह यहनना बपफितसमा दनवाला ह वह मर हओ म स जी उठा ह इसी शिलय उस स सामथK क काम परगट

होत ह 3 कयोफिक हरोदस न अपन भाई फिलपपस की पतनी हरोदिदयास क कारण यहनना को पकड़कर बानधा और जलखान म डाल दिदयाथा 4 कयोफिक यहनना न उस स कहा था फिक इस को रखना तझ उशिचत नही ह 5 और वह उस मार डालना चाहता था पर लोगो स डरता था कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ 6 पर जब हरोदस का जनम दिदन आया तो हरोदिदयास की बटी न उतसव म नाच दिदखाकर हरोदस को खश फिकया 7 इसशिलय उस न शपथ खाकर वचन दिदया फिक जो कछ त मागगी म तझ दगा 8 वह अपनी माता की उकसाई हई बोली यहनना बपफितसमा दन वाल का शिसर थाल म यही मझ मगवा द 9 राजा दखिखत हआ पर अपनी शपथ क और साथ बठन वालो क कारण आजञा दी फिक द दिदया जाए 10 और जलखान म लोगो को भजकर यहनना का शिसर कटवा दिदया 11 और उसका शिसर थाल म लाया गया और लड़की को दिदया गया और वह उस को अपनी मा क पास ल गई 12 और उसक चलो न आकर और उस की लोथ को ल जाकर गाढ़ दिदया और जाकर यीश को समाचार दिदया 13 जब यीश न यह सना तो नाव पर चढ़कर वहा स फिकसी सनसान जगह एकानत म चला गया और लोग यह सनकर नगर नगर स

पदल उसक पीछ हो शिलए 14 उस न फिनकलकर बड़ी भीड़ दखी और उन पर तरस खाया और उस न उन क बीमारो को चगा फिकया 15 जब साझ हई तो उसक चलो न उसक पास आकर कहा यह तो सनसान जगह ह और दर हो रही ह लोगो को फिवदा फिकया

जाए फिक व बसतिसतयो म जाकर अपन शिलय भोजन मोल ल 16 यीश न उन स कहा उन का जाना आवltयक नही तम ही इनह खान को दो 17 उनहोन उस स कहा यहा हमार पास पाच रोटी और दो मशिछलयो को छोड़ और कछ नही ह 18 उस न कहा उन को यहा मर पास ल आओ 19 तब उस न लोगो को घास पर बठन को कहा और उन पाच रोदिटयो और दो मशिछलयो को शिलया और सवगK की ओर दखकर

धनयवाद फिकया और रोदिटया तोड़ तोड़कर चलो को दी और चलो न लोगो को 20 और सब खाकर तपत हो गए और उनहोन बच हए टकड़ो स भरी हई बारह टोफिकरया उठाई 21 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़कर पाच हजार परषो क अटकल थ 22 और उस न तरनत अपन चलो को बरबस नाव पर चढ़ाया फिक व उस स पफिहल पार चल जाए जब तक फिक वह लोगो को फिवदाकर 23 वह लोगो को फिवदा करक पराथKना करन को अलग पहाड़ पर चढ़ गया और साझ को वहा अकला था 24 उस समय नाव झील क बीच लहरो स डगमगा रही थी कयोफिक हवा सामहन की थी 25 और वह रात क चौथ पहर झील पर चलत हए उन क पास आया 26 चल उस को झील पर चलत हए दखकर घबरा गए और कहन लग वह भत ह और डर क मार शिचलला उठ 27 यीश न तरनत उन स बात की और कहा ढाढ़स बानधो म ह डरो मत 28 पतरस न उस को उततर दिदया ह परभ यदिद त ही ह तो मझ अपन पास पानी पर चलकर आन की आजञा द 29 उस न कहा आ तब पतरस नाव पर स उतरकर यीश क पास जान को पानी पर चलन लगा 30 पर हवा को दखकर डर गया और जब डबन लगा तो शिचललाकर कहा ह परभ मझ बचा 31 यीश न तरनत हाथ बढ़ाकर उस थाम शिलया और उस स कहा ह अलप-फिवशवासी त न कयो सनदह फिकया 32 जब व नाव पर चढ़ गए तो हवा थम गई 33 इस पर जो नाव पर थ उनहोन उस दणडवत करक कहा सचमच त परमशवर का पतर ह 34 व पार उतरकर गननसरत दश म पहच 35 और वहा क लोगो न उस पहचानकर आस पास क सार दश म कहला भजा और सब बीमारो को उसक पास लाए 36 और उस स फिबनती करन लग फिक वह उनह अपन वसतर क आचल ही को छन द और जिजतनो न उस छआ व चग हो गए

Chapter15

1 तब यरशलम स फिकतन रीसी और शासतरी यीश क पास आकर कहन लग 2 तर चल परफिनयो की रीतो को कयो टालत ह फिक फिबना हाथ धोए रोटी खात ह 3 उस न उन को उततर दिदया फिक तम भी अपनी रीतो क कारण कयो परमशवर की आजञा टालत हो 4 कयोफिक परमशवर न कहा था फिक अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और जो कोई फिपता या माता को बरा कह वह

मार डाला जाए 5 पर तम कहत हो फिक यदिद कोई अपन फिपता या माता स कह फिक जो कछ तझ मझ स लाभ पहच सकता था वह परमशवर को भट

चढ़ाई जा चकी 6 तो वह अपन फिपता का आदर न कर सो तम न अपनी रीतो क कारण परमशवर का वचन टाल दिदया 7 ह कपदिटयो यशायाह न तमहार फिवषय म यह भफिवषयदवाणी ठीक की 8 फिक य लोग होठो स तो मरा आदर करत ह पर उन का मन मझ स दर रहता ह 9 और य वयथK मरी उपासना करत ह कयोफिक मनषयो की फिवयिधयो को धमपदश करक शिसखात ह 10 और उस न लोगो को अपन पास बलाकर उन स कहा सनो और समझो 11 जो मह म जाता ह वह मनषय को अशदध नही करता पर जो मह स फिनकलता ह वही मनषय को अशदध करता ह 12 तब चलो न आकर उस स कहा कया त जानता ह फिक रीशिसयो न यह वचन सनकर ठोकर खाई 13 उस न उततर दिदया हर पौधा जो मर सवगMय फिपता न नही लगाया उखाड़ा जाएगा 14 उन को जान दो व अनध मागK दिदखान वाल ह और अनधा यदिद अनध को मागK दिदखाए तो दोनो गड़ह म फिगर पड़ग 15 यह सनकर पतरस न उस स कहा यह दषटानत हम समझा द 16 उस न कहा कया तम भी अब तक ना समझ हो 17 कया नही समझत फिक जो कछ मह म जाता वह पट म पड़ता ह और सणडास म फिनकल जाता ह 18 पर जो कछ मह स फिनकलता ह वह मन स फिनकलता ह और वही मनषय को अशदध करता ह 19 कयोफिक कशिचनता हतया पर सतरीगमन वयभिभचार चोरी झठी गवाही और फिननदा मन ही स फिनकलती ह 20 यही ह जो मनषय को अशदध करती ह परनत हाथ फिबना धोए भोजन करना मनषय को अशदध नही करता 21 यीश वहा स फिनकलकर सर और सदा क दशो की ओर चला गया 22 और दखो उस दश स एक कनानी सतरी फिनकली और शिचललाकर कहन लगी ह परभ दाऊद क सनतान मझ पर दया कर मरी

बटी को दषटातमा बहत सता रहा ह 23 पर उस न उस कछ उततर न दिदया और उसक चलो न आकर उस स फिबनती कर कहा इस फिवदा कर कयोफिक वह हमार पीछ

शिचललाती आती ह 24 उस न उततर दिदया फिक इसराएल क घरान की खोई हई भड़ो को छोड़ म फिकसी क पास नही भजा गया 25 पर वह आई और उस परणाम करक कहन लगी ह परभ मरी सहायता कर 26 उस न उततर दिदया फिक लड़को की रोटी लकर कततो क आग डालना अचछा नही 27 उस न कहा सतय ह परभ पर कतत भी वह चरचार खात ह जो उन क सवायिमयो की मज स फिगरत ह 28 इस पर यीश न उस को उततर दकर कहा फिक ह सतरी तरा फिवशवास बड़ा ह जसा त चाहती ह तर शिलय वसा ही हो और उस की

बटी उसी घड़ी स चगी हो गई 29 यीश वहा स चलकर गलील की झील क पास आया और पहाड़ पर चढ़कर वहा बठ गया 30 और भीड़ पर भीड़ लगड़ो अनधो गगो टड़ो और बहत औरो को लकर उसक पास आए और उनह उस क पावो पर डालदिदया और उस न उनह चगा फिकया 31 सो जब लोगो न दखा फिक गग बोलत और टणड चग होत और लगड़ चलत और अनध दखत ह तो अचमभा करक इसराएल क

परमशवर की बड़ाई की 32 यीश न अपन चलो को बलाकर कहा मझ इस भीड़ पर तरस आता ह कयोफिक व तीन दिदन स मर साथ ह और उन क पास कछ

खान को नही और म उनह भखा फिवदा करना नही चाहता कही ऐसा न हो फिक मागK म थककर रह जाए 33 चलो न उस स कहा हम जगल म कहा स इतनी रोटी यिमलगी फिक हम इतनी बड़ी भीड़ को तपत कर 34 यीश न उन स पछा तमहार पास फिकतनी रोदिटया ह उनहोन कहा सात और थोड़ी सी छोटी मशिछलया 35 तब उस न लोगो को भयिम पर बठन की आजञा दी

36 और उन सात रोदिटयो और मशिछलयो को ल धनयवाद करक तोड़ा और अपन चलो को दता गया और चल लोगो को 37 सो सब खाकर तपत हो गए और बच हए टकड़ो स भर हए सात टोकर उठाए 38 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़ चार हजार परष थ 39 तब वह भीड़ को फिवदा करक नाव पर चढ़ गया और मगदन दश क शिसवानो म आया

Chapter16

1 और रीशिसयो और सदफिकयो न पास आकर उस परखन क शिलय उस स कहा फिक हम आकाश का कोई शिचनह दिदखा 2 उस न उन को उततर दिदया फिक साझ को तम कहत हो फिक खला रहगा कयोफिक आकाश लाल ह 3 और भोर को कहत हो फिक आज आनधी आएगी कयोफिक आकाश लाल और धमला ह तम आकाश का लकषण दखकर भद बता

सकत हो पर समयो क शिचनहो का भद नही बता सकत 4 इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह पर यनस क शिचनह को छोड़ कोई और शिचनह उनह न दिदया जाएगा और वह उनह

छोड़कर चला गया 5 और चल पार जात समय रोटी लना भल गए थ 6 यीश न उन स कहा दखो रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 7 व आपस म फिवचार करन लग फिक हम तो रोटी नही लाए 8 यह जानकर यीश न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो तम आपस म कयो फिवचार करत हो फिक हमार पास रोटी नही 9 कया तम अब तक नही समझ और उन पाच हजार की पाच रोटी समरण नही करत और न यह फिक फिकतनी टोफिकरया उठाई थी 10 और न उन चार हजार की सात रोटी और न यह फिक फिकतन टोकर उठाए गए थ 11 तम कयो नही समझत फिक म न तम स रोदिटयो क फिवषय म नही कहा रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 12 तब उन को समझ म आया फिक उस न रोटी क खमीर स नही पर रीशिसयो और सदफिकयो की शिशकषा स चौकस रहन को कहाथा 13 यीश कसरिरया फिशिलपपी क दश म आकर अपन चलो स पछन लगा फिक लोग मनषय क पतर को कया कहत ह 14 उनहोन कहा फिकतन तो यहनना बपफितसमा दन वाला कहत ह और फिकतन एशिलययाह और फिकतन यियमKयाह या भफिवषयदवकताओ म स

कोई एक कहत ह 15 उस न उन स कहा परनत तम मझ कया कहत हो 16 शमौन पतरस न उततर दिदया फिक त जीवत परमशवर का पतर मसीह ह 17 यीश न उस को उततर दिदया फिक ह शमौन योना क पतर त धनय ह कयोफिक मास और लोह न नही परनत मर फिपता न जो सवगK मह यह बात तझ पर परगट की ह 18 और म भी तझ स कहता ह फिक त पतरस ह और म इस पतथर पर अपनी कलीशिसया बनाऊगा और अधोलोक क ाटक उस

पर परबल न होग 19 म तझ सवगK क राय की कजिजया दगा और जो कछ त पथवी पर बानधगा वह सवगK म बनधगा और जो कछ त पथवी परखोलगा वह सवगK म खलगा 20 तब उस न चलो को शिचताया फिक फिकसी स न कहना फिक म मसीह ह 21 उस समय स यीश अपन चलो को बतान लगा फिक मझ अवltय ह फिक यरशलम को जाऊ और परफिनयो और महायाजको और

शासतरिसतरयो क हाथ स बहत दख उठाऊ और मार डाला जाऊ और तीसर दिदन जी उठ 22 इस पर पतरस उस अलग ल जाकर जिझड़कन लगा फिक ह परभ परमशवर न कर तझ पर ऐसा कभी न होगा 23 उस न फिरकर पतरस स कहा ह शतान मर सामहन स दर हो त मर शिलय ठोकर का कारण ह कयोफिक त परमशवर की बातनही पर मनषयो की बातो पर मन लगाता ह 24 तब यीश न अपन चलो स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप का इनकार कर और अपना करस उठाए और मर

पीछ हो ल 25 कयोफिक जो कोई अपना पराण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई मर शिलय अपना पराण खोएगा वह उस पाएगा 26 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपन पराण की हाफिन उठाए तो उस कया लाभ होगा या मनषय अपन पराण क बदल

म कया दगा 27 मनषय का पतर अपन सवगKदतो क साथ अपन फिपता की मफिहमा म आएगा और उस समय वह हर एक को उसक कामो क

अनसार परफितल दगा 28 म तम स सच कहता ह फिक जो यहा खड़ ह उन म स फिकतन ऐस ह फिक जब तक मनषय क पतर को उसक राय म आत हए न

दख लग तब तक मतय का सवाद कभी न चखग

Chapter17

1 छ दिदन क बाद यीश न पतरस और याकब और उसक भाई यहनना को साथ शिलया और उनह एकानत म फिकसी ऊच पहाड़ पर लगया 2 और उनक सामहन उसका रपानतर हआ और उसका मह सयK की नाई चमका और उसका वसतर योफित की नाई उजला हो गया 3 और दखो मसा और एशिलययाह उसक साथ बात करत हए उनह दिदखाई दिदए 4 इस पर पतरस न यीश स कहा ह परभ हमारा यहा रहना अचछा ह इचछा हो तो यहा तीन मणडप बनाऊ एक तर शिलय एक

मसा क शिलय और एक एशिलययाह क शिलय 5 वह बोल ही रहा था फिक दखो एक उजल बादल न उनह छा शिलया और दखो उस बादल म स यह शबद फिनकला फिक यह मरा

फिपरय पतर ह जिजस स म परसनन ह इस की सनो 6 चल यह सनकर मह क बल फिगर गए और अतयनत डर गए 7 यीश न पास आकर उनह छआ और कहा उठो डरो मत 8 तब उनहोन अपनी आख उठाकर यीश को छोड़ और फिकसी को न दखा 9 जब व पहाड़ स उतर रह थ तब यीश न उनह यह आजञा दी फिक जब तक मनषय का पतर मर हओ म स न जी उठ तब तक जो कछ

तम न दखा ह फिकसी स न कहना 10 और उसक चलो न उस स पछा फिर शासतरी कयो कहत ह फिक एशिलययाह का पहल आना अवltय ह 11 उस न उततर दिदया फिक एशिलययाह तो आएगा और सब कछ सधारगा 12 परनत म तम स कहता ह फिक एशिलययाह आ चका और उनहोन उस नही पहचाना परनत जसा चाहा वसा ही उसक साथ फिकया

इसी रीफित स मनषय का पतर भी उन क हाथ स दख उठाएगा 13 तब चलो न समझा फिक उस न हम स यहनना बपफितसमा दन वाल क फिवषय म कहा ह 14 जब व भीड़ क पास पहच तो एक मनषय उसक पास आया और घटन टक कर कहन लगा 15 ह परभ मर पतर पर दया कर कयोफिक उस को यिमगM आती ह और वह बहत दख उठाता ह और बार बार आग म और बार बार

पानी म फिगर पड़ता ह 16 और म उस को तर चलो क पास लाया था पर व उस अचछा नही कर सक 17 यीश न उततर दिदया फिक ह अफिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा कब तक तमहारी सहगा उस यहा मर

पास लाओ 18 तब यीश न उस घड़का और दषटातमा उस म स फिनकला और लड़का उसी घड़ी अचछा हो गया 19 तब चलो न एकानत म यीश क पास आकर कहा हम इस कयो नही फिनकाल सक 20 उस न उन स कहा अपन फिवशवास की घटी क कारण कयोफिक म तम स सच कहता ह यदिद तमहारा फिवशवास राई क दान क

बराबर भी हो तो इस पहाड़ स कह स को ग फिक यहा स सरककर वहा चला जा तो वह चला जाएगा और कोई बात तमहार शिलय अनहोनी न होगी

21 जब व गलील म थ तो यीश न उन स कहा मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जाएगा 22 और व उस मार डालग और वह तीसर दिदन जी उठगा 23 इस पर व बहत उदास हए 24 जब व करनहम म पहच तो मजिनदर क शिलय कर लन वालो न पतरस क पास आकर पछा फिक कया तमहारा गर मजिनदर का कर

नही दता उस न कहा हा दता तो ह 25 जब वह घर म आया तो यीश न उसक पछन स पफिहल उस स कहा ह शमौन त कया समझता ह पथवी क राजा महसल या कर

फिकन स लत ह अपन पतरो स या परायो स पतरस न उन स कहा परायो स 26 यीश न उस स कहा तो पतर बच गए

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 17: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

Chapter15

1 तब यरशलम स फिकतन रीसी और शासतरी यीश क पास आकर कहन लग 2 तर चल परफिनयो की रीतो को कयो टालत ह फिक फिबना हाथ धोए रोटी खात ह 3 उस न उन को उततर दिदया फिक तम भी अपनी रीतो क कारण कयो परमशवर की आजञा टालत हो 4 कयोफिक परमशवर न कहा था फिक अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और जो कोई फिपता या माता को बरा कह वह

मार डाला जाए 5 पर तम कहत हो फिक यदिद कोई अपन फिपता या माता स कह फिक जो कछ तझ मझ स लाभ पहच सकता था वह परमशवर को भट

चढ़ाई जा चकी 6 तो वह अपन फिपता का आदर न कर सो तम न अपनी रीतो क कारण परमशवर का वचन टाल दिदया 7 ह कपदिटयो यशायाह न तमहार फिवषय म यह भफिवषयदवाणी ठीक की 8 फिक य लोग होठो स तो मरा आदर करत ह पर उन का मन मझ स दर रहता ह 9 और य वयथK मरी उपासना करत ह कयोफिक मनषयो की फिवयिधयो को धमपदश करक शिसखात ह 10 और उस न लोगो को अपन पास बलाकर उन स कहा सनो और समझो 11 जो मह म जाता ह वह मनषय को अशदध नही करता पर जो मह स फिनकलता ह वही मनषय को अशदध करता ह 12 तब चलो न आकर उस स कहा कया त जानता ह फिक रीशिसयो न यह वचन सनकर ठोकर खाई 13 उस न उततर दिदया हर पौधा जो मर सवगMय फिपता न नही लगाया उखाड़ा जाएगा 14 उन को जान दो व अनध मागK दिदखान वाल ह और अनधा यदिद अनध को मागK दिदखाए तो दोनो गड़ह म फिगर पड़ग 15 यह सनकर पतरस न उस स कहा यह दषटानत हम समझा द 16 उस न कहा कया तम भी अब तक ना समझ हो 17 कया नही समझत फिक जो कछ मह म जाता वह पट म पड़ता ह और सणडास म फिनकल जाता ह 18 पर जो कछ मह स फिनकलता ह वह मन स फिनकलता ह और वही मनषय को अशदध करता ह 19 कयोफिक कशिचनता हतया पर सतरीगमन वयभिभचार चोरी झठी गवाही और फिननदा मन ही स फिनकलती ह 20 यही ह जो मनषय को अशदध करती ह परनत हाथ फिबना धोए भोजन करना मनषय को अशदध नही करता 21 यीश वहा स फिनकलकर सर और सदा क दशो की ओर चला गया 22 और दखो उस दश स एक कनानी सतरी फिनकली और शिचललाकर कहन लगी ह परभ दाऊद क सनतान मझ पर दया कर मरी

बटी को दषटातमा बहत सता रहा ह 23 पर उस न उस कछ उततर न दिदया और उसक चलो न आकर उस स फिबनती कर कहा इस फिवदा कर कयोफिक वह हमार पीछ

शिचललाती आती ह 24 उस न उततर दिदया फिक इसराएल क घरान की खोई हई भड़ो को छोड़ म फिकसी क पास नही भजा गया 25 पर वह आई और उस परणाम करक कहन लगी ह परभ मरी सहायता कर 26 उस न उततर दिदया फिक लड़को की रोटी लकर कततो क आग डालना अचछा नही 27 उस न कहा सतय ह परभ पर कतत भी वह चरचार खात ह जो उन क सवायिमयो की मज स फिगरत ह 28 इस पर यीश न उस को उततर दकर कहा फिक ह सतरी तरा फिवशवास बड़ा ह जसा त चाहती ह तर शिलय वसा ही हो और उस की

बटी उसी घड़ी स चगी हो गई 29 यीश वहा स चलकर गलील की झील क पास आया और पहाड़ पर चढ़कर वहा बठ गया 30 और भीड़ पर भीड़ लगड़ो अनधो गगो टड़ो और बहत औरो को लकर उसक पास आए और उनह उस क पावो पर डालदिदया और उस न उनह चगा फिकया 31 सो जब लोगो न दखा फिक गग बोलत और टणड चग होत और लगड़ चलत और अनध दखत ह तो अचमभा करक इसराएल क

परमशवर की बड़ाई की 32 यीश न अपन चलो को बलाकर कहा मझ इस भीड़ पर तरस आता ह कयोफिक व तीन दिदन स मर साथ ह और उन क पास कछ

खान को नही और म उनह भखा फिवदा करना नही चाहता कही ऐसा न हो फिक मागK म थककर रह जाए 33 चलो न उस स कहा हम जगल म कहा स इतनी रोटी यिमलगी फिक हम इतनी बड़ी भीड़ को तपत कर 34 यीश न उन स पछा तमहार पास फिकतनी रोदिटया ह उनहोन कहा सात और थोड़ी सी छोटी मशिछलया 35 तब उस न लोगो को भयिम पर बठन की आजञा दी

36 और उन सात रोदिटयो और मशिछलयो को ल धनयवाद करक तोड़ा और अपन चलो को दता गया और चल लोगो को 37 सो सब खाकर तपत हो गए और बच हए टकड़ो स भर हए सात टोकर उठाए 38 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़ चार हजार परष थ 39 तब वह भीड़ को फिवदा करक नाव पर चढ़ गया और मगदन दश क शिसवानो म आया

Chapter16

1 और रीशिसयो और सदफिकयो न पास आकर उस परखन क शिलय उस स कहा फिक हम आकाश का कोई शिचनह दिदखा 2 उस न उन को उततर दिदया फिक साझ को तम कहत हो फिक खला रहगा कयोफिक आकाश लाल ह 3 और भोर को कहत हो फिक आज आनधी आएगी कयोफिक आकाश लाल और धमला ह तम आकाश का लकषण दखकर भद बता

सकत हो पर समयो क शिचनहो का भद नही बता सकत 4 इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह पर यनस क शिचनह को छोड़ कोई और शिचनह उनह न दिदया जाएगा और वह उनह

छोड़कर चला गया 5 और चल पार जात समय रोटी लना भल गए थ 6 यीश न उन स कहा दखो रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 7 व आपस म फिवचार करन लग फिक हम तो रोटी नही लाए 8 यह जानकर यीश न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो तम आपस म कयो फिवचार करत हो फिक हमार पास रोटी नही 9 कया तम अब तक नही समझ और उन पाच हजार की पाच रोटी समरण नही करत और न यह फिक फिकतनी टोफिकरया उठाई थी 10 और न उन चार हजार की सात रोटी और न यह फिक फिकतन टोकर उठाए गए थ 11 तम कयो नही समझत फिक म न तम स रोदिटयो क फिवषय म नही कहा रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 12 तब उन को समझ म आया फिक उस न रोटी क खमीर स नही पर रीशिसयो और सदफिकयो की शिशकषा स चौकस रहन को कहाथा 13 यीश कसरिरया फिशिलपपी क दश म आकर अपन चलो स पछन लगा फिक लोग मनषय क पतर को कया कहत ह 14 उनहोन कहा फिकतन तो यहनना बपफितसमा दन वाला कहत ह और फिकतन एशिलययाह और फिकतन यियमKयाह या भफिवषयदवकताओ म स

कोई एक कहत ह 15 उस न उन स कहा परनत तम मझ कया कहत हो 16 शमौन पतरस न उततर दिदया फिक त जीवत परमशवर का पतर मसीह ह 17 यीश न उस को उततर दिदया फिक ह शमौन योना क पतर त धनय ह कयोफिक मास और लोह न नही परनत मर फिपता न जो सवगK मह यह बात तझ पर परगट की ह 18 और म भी तझ स कहता ह फिक त पतरस ह और म इस पतथर पर अपनी कलीशिसया बनाऊगा और अधोलोक क ाटक उस

पर परबल न होग 19 म तझ सवगK क राय की कजिजया दगा और जो कछ त पथवी पर बानधगा वह सवगK म बनधगा और जो कछ त पथवी परखोलगा वह सवगK म खलगा 20 तब उस न चलो को शिचताया फिक फिकसी स न कहना फिक म मसीह ह 21 उस समय स यीश अपन चलो को बतान लगा फिक मझ अवltय ह फिक यरशलम को जाऊ और परफिनयो और महायाजको और

शासतरिसतरयो क हाथ स बहत दख उठाऊ और मार डाला जाऊ और तीसर दिदन जी उठ 22 इस पर पतरस उस अलग ल जाकर जिझड़कन लगा फिक ह परभ परमशवर न कर तझ पर ऐसा कभी न होगा 23 उस न फिरकर पतरस स कहा ह शतान मर सामहन स दर हो त मर शिलय ठोकर का कारण ह कयोफिक त परमशवर की बातनही पर मनषयो की बातो पर मन लगाता ह 24 तब यीश न अपन चलो स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप का इनकार कर और अपना करस उठाए और मर

पीछ हो ल 25 कयोफिक जो कोई अपना पराण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई मर शिलय अपना पराण खोएगा वह उस पाएगा 26 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपन पराण की हाफिन उठाए तो उस कया लाभ होगा या मनषय अपन पराण क बदल

म कया दगा 27 मनषय का पतर अपन सवगKदतो क साथ अपन फिपता की मफिहमा म आएगा और उस समय वह हर एक को उसक कामो क

अनसार परफितल दगा 28 म तम स सच कहता ह फिक जो यहा खड़ ह उन म स फिकतन ऐस ह फिक जब तक मनषय क पतर को उसक राय म आत हए न

दख लग तब तक मतय का सवाद कभी न चखग

Chapter17

1 छ दिदन क बाद यीश न पतरस और याकब और उसक भाई यहनना को साथ शिलया और उनह एकानत म फिकसी ऊच पहाड़ पर लगया 2 और उनक सामहन उसका रपानतर हआ और उसका मह सयK की नाई चमका और उसका वसतर योफित की नाई उजला हो गया 3 और दखो मसा और एशिलययाह उसक साथ बात करत हए उनह दिदखाई दिदए 4 इस पर पतरस न यीश स कहा ह परभ हमारा यहा रहना अचछा ह इचछा हो तो यहा तीन मणडप बनाऊ एक तर शिलय एक

मसा क शिलय और एक एशिलययाह क शिलय 5 वह बोल ही रहा था फिक दखो एक उजल बादल न उनह छा शिलया और दखो उस बादल म स यह शबद फिनकला फिक यह मरा

फिपरय पतर ह जिजस स म परसनन ह इस की सनो 6 चल यह सनकर मह क बल फिगर गए और अतयनत डर गए 7 यीश न पास आकर उनह छआ और कहा उठो डरो मत 8 तब उनहोन अपनी आख उठाकर यीश को छोड़ और फिकसी को न दखा 9 जब व पहाड़ स उतर रह थ तब यीश न उनह यह आजञा दी फिक जब तक मनषय का पतर मर हओ म स न जी उठ तब तक जो कछ

तम न दखा ह फिकसी स न कहना 10 और उसक चलो न उस स पछा फिर शासतरी कयो कहत ह फिक एशिलययाह का पहल आना अवltय ह 11 उस न उततर दिदया फिक एशिलययाह तो आएगा और सब कछ सधारगा 12 परनत म तम स कहता ह फिक एशिलययाह आ चका और उनहोन उस नही पहचाना परनत जसा चाहा वसा ही उसक साथ फिकया

इसी रीफित स मनषय का पतर भी उन क हाथ स दख उठाएगा 13 तब चलो न समझा फिक उस न हम स यहनना बपफितसमा दन वाल क फिवषय म कहा ह 14 जब व भीड़ क पास पहच तो एक मनषय उसक पास आया और घटन टक कर कहन लगा 15 ह परभ मर पतर पर दया कर कयोफिक उस को यिमगM आती ह और वह बहत दख उठाता ह और बार बार आग म और बार बार

पानी म फिगर पड़ता ह 16 और म उस को तर चलो क पास लाया था पर व उस अचछा नही कर सक 17 यीश न उततर दिदया फिक ह अफिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा कब तक तमहारी सहगा उस यहा मर

पास लाओ 18 तब यीश न उस घड़का और दषटातमा उस म स फिनकला और लड़का उसी घड़ी अचछा हो गया 19 तब चलो न एकानत म यीश क पास आकर कहा हम इस कयो नही फिनकाल सक 20 उस न उन स कहा अपन फिवशवास की घटी क कारण कयोफिक म तम स सच कहता ह यदिद तमहारा फिवशवास राई क दान क

बराबर भी हो तो इस पहाड़ स कह स को ग फिक यहा स सरककर वहा चला जा तो वह चला जाएगा और कोई बात तमहार शिलय अनहोनी न होगी

21 जब व गलील म थ तो यीश न उन स कहा मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जाएगा 22 और व उस मार डालग और वह तीसर दिदन जी उठगा 23 इस पर व बहत उदास हए 24 जब व करनहम म पहच तो मजिनदर क शिलय कर लन वालो न पतरस क पास आकर पछा फिक कया तमहारा गर मजिनदर का कर

नही दता उस न कहा हा दता तो ह 25 जब वह घर म आया तो यीश न उसक पछन स पफिहल उस स कहा ह शमौन त कया समझता ह पथवी क राजा महसल या कर

फिकन स लत ह अपन पतरो स या परायो स पतरस न उन स कहा परायो स 26 यीश न उस स कहा तो पतर बच गए

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 18: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

36 और उन सात रोदिटयो और मशिछलयो को ल धनयवाद करक तोड़ा और अपन चलो को दता गया और चल लोगो को 37 सो सब खाकर तपत हो गए और बच हए टकड़ो स भर हए सात टोकर उठाए 38 और खान वाल सतरिसतरयो और बालको को छोड़ चार हजार परष थ 39 तब वह भीड़ को फिवदा करक नाव पर चढ़ गया और मगदन दश क शिसवानो म आया

Chapter16

1 और रीशिसयो और सदफिकयो न पास आकर उस परखन क शिलय उस स कहा फिक हम आकाश का कोई शिचनह दिदखा 2 उस न उन को उततर दिदया फिक साझ को तम कहत हो फिक खला रहगा कयोफिक आकाश लाल ह 3 और भोर को कहत हो फिक आज आनधी आएगी कयोफिक आकाश लाल और धमला ह तम आकाश का लकषण दखकर भद बता

सकत हो पर समयो क शिचनहो का भद नही बता सकत 4 इस यग क बर और वयभिभचारी लोग शिचनह ढढ़त ह पर यनस क शिचनह को छोड़ कोई और शिचनह उनह न दिदया जाएगा और वह उनह

छोड़कर चला गया 5 और चल पार जात समय रोटी लना भल गए थ 6 यीश न उन स कहा दखो रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 7 व आपस म फिवचार करन लग फिक हम तो रोटी नही लाए 8 यह जानकर यीश न उन स कहा ह अलपफिवशवाशिसयो तम आपस म कयो फिवचार करत हो फिक हमार पास रोटी नही 9 कया तम अब तक नही समझ और उन पाच हजार की पाच रोटी समरण नही करत और न यह फिक फिकतनी टोफिकरया उठाई थी 10 और न उन चार हजार की सात रोटी और न यह फिक फिकतन टोकर उठाए गए थ 11 तम कयो नही समझत फिक म न तम स रोदिटयो क फिवषय म नही कहा रीशिसयो और सदफिकयो क खमीर स चौकस रहना 12 तब उन को समझ म आया फिक उस न रोटी क खमीर स नही पर रीशिसयो और सदफिकयो की शिशकषा स चौकस रहन को कहाथा 13 यीश कसरिरया फिशिलपपी क दश म आकर अपन चलो स पछन लगा फिक लोग मनषय क पतर को कया कहत ह 14 उनहोन कहा फिकतन तो यहनना बपफितसमा दन वाला कहत ह और फिकतन एशिलययाह और फिकतन यियमKयाह या भफिवषयदवकताओ म स

कोई एक कहत ह 15 उस न उन स कहा परनत तम मझ कया कहत हो 16 शमौन पतरस न उततर दिदया फिक त जीवत परमशवर का पतर मसीह ह 17 यीश न उस को उततर दिदया फिक ह शमौन योना क पतर त धनय ह कयोफिक मास और लोह न नही परनत मर फिपता न जो सवगK मह यह बात तझ पर परगट की ह 18 और म भी तझ स कहता ह फिक त पतरस ह और म इस पतथर पर अपनी कलीशिसया बनाऊगा और अधोलोक क ाटक उस

पर परबल न होग 19 म तझ सवगK क राय की कजिजया दगा और जो कछ त पथवी पर बानधगा वह सवगK म बनधगा और जो कछ त पथवी परखोलगा वह सवगK म खलगा 20 तब उस न चलो को शिचताया फिक फिकसी स न कहना फिक म मसीह ह 21 उस समय स यीश अपन चलो को बतान लगा फिक मझ अवltय ह फिक यरशलम को जाऊ और परफिनयो और महायाजको और

शासतरिसतरयो क हाथ स बहत दख उठाऊ और मार डाला जाऊ और तीसर दिदन जी उठ 22 इस पर पतरस उस अलग ल जाकर जिझड़कन लगा फिक ह परभ परमशवर न कर तझ पर ऐसा कभी न होगा 23 उस न फिरकर पतरस स कहा ह शतान मर सामहन स दर हो त मर शिलय ठोकर का कारण ह कयोफिक त परमशवर की बातनही पर मनषयो की बातो पर मन लगाता ह 24 तब यीश न अपन चलो स कहा यदिद कोई मर पीछ आना चाह तो अपन आप का इनकार कर और अपना करस उठाए और मर

पीछ हो ल 25 कयोफिक जो कोई अपना पराण बचाना चाह वह उस खोएगा और जो कोई मर शिलय अपना पराण खोएगा वह उस पाएगा 26 यदिद मनषय सार जगत को परापत कर और अपन पराण की हाफिन उठाए तो उस कया लाभ होगा या मनषय अपन पराण क बदल

म कया दगा 27 मनषय का पतर अपन सवगKदतो क साथ अपन फिपता की मफिहमा म आएगा और उस समय वह हर एक को उसक कामो क

अनसार परफितल दगा 28 म तम स सच कहता ह फिक जो यहा खड़ ह उन म स फिकतन ऐस ह फिक जब तक मनषय क पतर को उसक राय म आत हए न

दख लग तब तक मतय का सवाद कभी न चखग

Chapter17

1 छ दिदन क बाद यीश न पतरस और याकब और उसक भाई यहनना को साथ शिलया और उनह एकानत म फिकसी ऊच पहाड़ पर लगया 2 और उनक सामहन उसका रपानतर हआ और उसका मह सयK की नाई चमका और उसका वसतर योफित की नाई उजला हो गया 3 और दखो मसा और एशिलययाह उसक साथ बात करत हए उनह दिदखाई दिदए 4 इस पर पतरस न यीश स कहा ह परभ हमारा यहा रहना अचछा ह इचछा हो तो यहा तीन मणडप बनाऊ एक तर शिलय एक

मसा क शिलय और एक एशिलययाह क शिलय 5 वह बोल ही रहा था फिक दखो एक उजल बादल न उनह छा शिलया और दखो उस बादल म स यह शबद फिनकला फिक यह मरा

फिपरय पतर ह जिजस स म परसनन ह इस की सनो 6 चल यह सनकर मह क बल फिगर गए और अतयनत डर गए 7 यीश न पास आकर उनह छआ और कहा उठो डरो मत 8 तब उनहोन अपनी आख उठाकर यीश को छोड़ और फिकसी को न दखा 9 जब व पहाड़ स उतर रह थ तब यीश न उनह यह आजञा दी फिक जब तक मनषय का पतर मर हओ म स न जी उठ तब तक जो कछ

तम न दखा ह फिकसी स न कहना 10 और उसक चलो न उस स पछा फिर शासतरी कयो कहत ह फिक एशिलययाह का पहल आना अवltय ह 11 उस न उततर दिदया फिक एशिलययाह तो आएगा और सब कछ सधारगा 12 परनत म तम स कहता ह फिक एशिलययाह आ चका और उनहोन उस नही पहचाना परनत जसा चाहा वसा ही उसक साथ फिकया

इसी रीफित स मनषय का पतर भी उन क हाथ स दख उठाएगा 13 तब चलो न समझा फिक उस न हम स यहनना बपफितसमा दन वाल क फिवषय म कहा ह 14 जब व भीड़ क पास पहच तो एक मनषय उसक पास आया और घटन टक कर कहन लगा 15 ह परभ मर पतर पर दया कर कयोफिक उस को यिमगM आती ह और वह बहत दख उठाता ह और बार बार आग म और बार बार

पानी म फिगर पड़ता ह 16 और म उस को तर चलो क पास लाया था पर व उस अचछा नही कर सक 17 यीश न उततर दिदया फिक ह अफिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा कब तक तमहारी सहगा उस यहा मर

पास लाओ 18 तब यीश न उस घड़का और दषटातमा उस म स फिनकला और लड़का उसी घड़ी अचछा हो गया 19 तब चलो न एकानत म यीश क पास आकर कहा हम इस कयो नही फिनकाल सक 20 उस न उन स कहा अपन फिवशवास की घटी क कारण कयोफिक म तम स सच कहता ह यदिद तमहारा फिवशवास राई क दान क

बराबर भी हो तो इस पहाड़ स कह स को ग फिक यहा स सरककर वहा चला जा तो वह चला जाएगा और कोई बात तमहार शिलय अनहोनी न होगी

21 जब व गलील म थ तो यीश न उन स कहा मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जाएगा 22 और व उस मार डालग और वह तीसर दिदन जी उठगा 23 इस पर व बहत उदास हए 24 जब व करनहम म पहच तो मजिनदर क शिलय कर लन वालो न पतरस क पास आकर पछा फिक कया तमहारा गर मजिनदर का कर

नही दता उस न कहा हा दता तो ह 25 जब वह घर म आया तो यीश न उसक पछन स पफिहल उस स कहा ह शमौन त कया समझता ह पथवी क राजा महसल या कर

फिकन स लत ह अपन पतरो स या परायो स पतरस न उन स कहा परायो स 26 यीश न उस स कहा तो पतर बच गए

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 19: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

म कया दगा 27 मनषय का पतर अपन सवगKदतो क साथ अपन फिपता की मफिहमा म आएगा और उस समय वह हर एक को उसक कामो क

अनसार परफितल दगा 28 म तम स सच कहता ह फिक जो यहा खड़ ह उन म स फिकतन ऐस ह फिक जब तक मनषय क पतर को उसक राय म आत हए न

दख लग तब तक मतय का सवाद कभी न चखग

Chapter17

1 छ दिदन क बाद यीश न पतरस और याकब और उसक भाई यहनना को साथ शिलया और उनह एकानत म फिकसी ऊच पहाड़ पर लगया 2 और उनक सामहन उसका रपानतर हआ और उसका मह सयK की नाई चमका और उसका वसतर योफित की नाई उजला हो गया 3 और दखो मसा और एशिलययाह उसक साथ बात करत हए उनह दिदखाई दिदए 4 इस पर पतरस न यीश स कहा ह परभ हमारा यहा रहना अचछा ह इचछा हो तो यहा तीन मणडप बनाऊ एक तर शिलय एक

मसा क शिलय और एक एशिलययाह क शिलय 5 वह बोल ही रहा था फिक दखो एक उजल बादल न उनह छा शिलया और दखो उस बादल म स यह शबद फिनकला फिक यह मरा

फिपरय पतर ह जिजस स म परसनन ह इस की सनो 6 चल यह सनकर मह क बल फिगर गए और अतयनत डर गए 7 यीश न पास आकर उनह छआ और कहा उठो डरो मत 8 तब उनहोन अपनी आख उठाकर यीश को छोड़ और फिकसी को न दखा 9 जब व पहाड़ स उतर रह थ तब यीश न उनह यह आजञा दी फिक जब तक मनषय का पतर मर हओ म स न जी उठ तब तक जो कछ

तम न दखा ह फिकसी स न कहना 10 और उसक चलो न उस स पछा फिर शासतरी कयो कहत ह फिक एशिलययाह का पहल आना अवltय ह 11 उस न उततर दिदया फिक एशिलययाह तो आएगा और सब कछ सधारगा 12 परनत म तम स कहता ह फिक एशिलययाह आ चका और उनहोन उस नही पहचाना परनत जसा चाहा वसा ही उसक साथ फिकया

इसी रीफित स मनषय का पतर भी उन क हाथ स दख उठाएगा 13 तब चलो न समझा फिक उस न हम स यहनना बपफितसमा दन वाल क फिवषय म कहा ह 14 जब व भीड़ क पास पहच तो एक मनषय उसक पास आया और घटन टक कर कहन लगा 15 ह परभ मर पतर पर दया कर कयोफिक उस को यिमगM आती ह और वह बहत दख उठाता ह और बार बार आग म और बार बार

पानी म फिगर पड़ता ह 16 और म उस को तर चलो क पास लाया था पर व उस अचछा नही कर सक 17 यीश न उततर दिदया फिक ह अफिवशवासी और हठील लोगो म कब तक तमहार साथ रहगा कब तक तमहारी सहगा उस यहा मर

पास लाओ 18 तब यीश न उस घड़का और दषटातमा उस म स फिनकला और लड़का उसी घड़ी अचछा हो गया 19 तब चलो न एकानत म यीश क पास आकर कहा हम इस कयो नही फिनकाल सक 20 उस न उन स कहा अपन फिवशवास की घटी क कारण कयोफिक म तम स सच कहता ह यदिद तमहारा फिवशवास राई क दान क

बराबर भी हो तो इस पहाड़ स कह स को ग फिक यहा स सरककर वहा चला जा तो वह चला जाएगा और कोई बात तमहार शिलय अनहोनी न होगी

21 जब व गलील म थ तो यीश न उन स कहा मनषय का पतर मनषयो क हाथ म पकड़वाया जाएगा 22 और व उस मार डालग और वह तीसर दिदन जी उठगा 23 इस पर व बहत उदास हए 24 जब व करनहम म पहच तो मजिनदर क शिलय कर लन वालो न पतरस क पास आकर पछा फिक कया तमहारा गर मजिनदर का कर

नही दता उस न कहा हा दता तो ह 25 जब वह घर म आया तो यीश न उसक पछन स पफिहल उस स कहा ह शमौन त कया समझता ह पथवी क राजा महसल या कर

फिकन स लत ह अपन पतरो स या परायो स पतरस न उन स कहा परायो स 26 यीश न उस स कहा तो पतर बच गए

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 20: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

27 तौभी इसशिलय फिक हम उनह ठोकर न खिखलाए त झील क फिकनार जाकर बसी डाल और जो मछली पफिहल फिनकल उस ल तो तझ उसका मह खोलन पर एक शिसकका यिमलगा उसी को लकर मर और अपन बदल उनह द दना

Chapter18

1 उसी घड़ी चल यीश क पास आकर पछन लग फिक सवगK क राय म बड़ा कौन ह 2 इस पर उस न एक बालक को पास बलाकर उन क बीच म खड़ा फिकया 3 और कहा म तम स सच कहता ह यदिद तम न फिरो और बालको क समान न बनो तो सवगK क राय म परवश करन नहीपाओग 4 जो कोई अपन आप को इस बालक क समान छोटा करगा वह सवगK क राय म बड़ा होगा 5 और जो कोई मर नाम स एक ऐस बालक को गरहण करता ह वह मझ गरहण करता ह 6 पर जो कोई इन छोटो म स जो मझ पर फिवशवास करत ह एक को ठोकर खिखलाए उसक शिलय भला होता फिक बड़ी चककी का पाट

उसक गल म लटकाया जाता और वह गफिहर समw म डबाया जाता 7 ठोकरो क कारण ससार पर हाय ठोकरो का लगना अवltय ह पर हाय उस मनषय पर जिजस क दवारा ठोकर लगती ह 8 यदिद तरा हाथ या तरा पाव तझ ठोकर खिखलाए तो काटकर क द टणडा या लगड़ा होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स

भला ह फिक दो हाथ या दो पाव रहत हए त अननत आग म डाला जाए 9 और यदिद तरी आख तझ ठोकर खिखलाए तो उस फिनकालकर क द 10 काना होकर जीवन म परवश करना तर शिलय इस स भला ह फिक दो आख रहत हए त नरक की आग म डाला जाए 11 दखो तम इन छोटो म स फिकसी को तचछ न जानना कयोफिक म तम स कहता ह फिक सवगK म उन क दत मर सवगMय फिपता का

मह सदा दखत ह 12 तम कया समझत हो यदिद फिकसी मनषय की सौ भड़ हो और उन म स एक भटक जाए तो कया फिनननानव को छोड़कर और

पहाड़ो पर जाकर उस भटकी हई को न ढढ़गा 13 और यदिद ऐसा हो फिक उस पाए तो म तम स सच कहता ह फिक वह उन फिनननानव भड़ो क शिलय जो भटकी नही थी इतना आननद

नही करगा जिजतना फिक इस भड़ क शिलय करगा 14 ऐसा ही तमहार फिपता की जो सवगK म ह यह इचछा नही फिक इन छोटो म स एक भी नाश हो 15 यदिद तरा भाई तरा अपराध कर तो जा और अकल म बातचीत करक उस समझा यदिद वह तरी सन तो त न अपन भाई को पाशिलया 16 और यदिद वह न सन तो और एक दो जन को अपन साथ ल जा फिक हर एक बात दो या तीन गवाहो क मह स ठहराई जाए 17 यदिद वह उन की भी न मान तो कलीशिसया स कह द परनत यदिद वह कलीशिसया की भी न मान तो त उस अनय जाफित और

महसल लन वाल क ऐसा जान 18 म तम स सच कहता ह जो कछ तम पथवी पर बानधोग वह सवगK म बनधगा और जो कछ तम पथवी पर खोलोग वह सवगK मखलगा 19 फिर म तम स कहता ह यदिद तम म स दो जन पथवी पर फिकसी बात क शिलय जिजस व माग एक मन क हो तो वह मर फिपता की

ओर स सवगK म ह उन क शिलय हो जाएगी 20 कयोफिक जहा दो या तीन मर नाम पर इकटठ होत ह वहा म उन क बीच म होता ह 21 तब पतरस न पास आकर उस स कहा ह परभ यदिद मरा भाई अपराध करता रह तो म फिकतनी बार उस कषमा कर कया सात

बार तक 22 यीश न उस स कहा म तझ स यह नही कहता फिक सात बार वरन सात बार क सततर गन तक 23 इसशिलय सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन दासो स लखा लना चाहा 24 जब वह लखा लन लगा तो एक जन उसक सामहन लाया गया जो दस हजार तोड़ धारता था 25 जब फिक चकान को उसक पास कछ न था तो उसक सवामी न कहा फिक यह और इस की पतनी और लड़क बाल और जो कछ

इस का ह सब बचा जाए और वह कजK चका दिदया जाए 26 इस पर उस दास न फिगरकर उस परणाम फिकया और कहा ह सवामी धीरज धर म सब कछ भर दगा

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 21: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

27 तब उस दास क सवामी न तरस खाकर उस छोड़ दिदया और उसका धार कषमा फिकया 28 परनत जब वह दास बाहर फिनकला तो उसक सगी दासो म स एक उस को यिमला जो उसक सौ दीनार धारता था उस न उस

पकड़कर उसका गला घोटा और कहा जो कछ त धारता ह भर द 29 इस पर उसका सगी दास फिगरकर उस स फिबनती करन लगा फिक धीरज धर म सब भर दगा 30 उस न न माना परनत जाकर उस बनदीगह म डाल दिदया फिक जब तक कजK को भर न द तब तक वही रह 31 उसक सगी दास यह जो हआ था दखकर बहत उदास हए और जाकर अपन सवामी को परा हाल बता दिदया 32 तब उसक सवामी न उस को बलाकर उस स कहा ह दषट दास त न जो मझ स फिबनती की तो म न तो तरा वह परा कजK कषमाफिकया 33 सो जसा म न तझ पर दया की वस ही कया तझ भी अपन सगी दास पर दया करना नही चाफिहए था 34 और उसक सवामी न करोध म आकर उस दणड दन वालो क हाथ म सौप दिदया फिक जब तक वह सब कजाK भर न द तब तक उन

क हाथ म रह 35 इसी परकार यदिद तम म स हर एक अपन भाई को मन स कषमा न करगा तो मरा फिपता जो सवगK म ह तम स भी वसा ही करगा

Chapter19

1 जब यीश य बात कह चका तो गलील स चला गया और यहदिदया क दश म यरदन क पार आया 2 और बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली और उस न उनह वहा चगा फिकया 3 तब रीसी उस की परीकषा करन क शिलय पास आकर कहन लग कया हर एक कारण स अपनी पतनी को तयागना उशिचत ह 4 उस न उततर दिदया कया तम न नही पढ़ा फिक जिजस न उनह बनाया उस न आरमभ स नर और नारी बनाकर कहा 5 फिक इस कारण मनषय अपन माता फिपता स अलग होकर अपनी पतनी क साथ रहगा और व दोनो एक तन होग 6 सो व अब दो नही परनत एक तन ह इसशिलय जिजस परमशवर न जोड़ा ह उस मनषय अलग न कर 7 उनहोन उस स कहा फिर मसा न कयो यह ठहराया फिक तयागपतर दकर उस छोड़ द 8 उस न उन स कहा मसा न तमहार मन की कठोरता क कारण तमह अपनी अपनी पतनी को छोड़ दन की आजञा दी परनत आरमभ म

ऐसा नही था 9 और म तम स कहता ह फिक जो कोई वयभिभचार को छोड़ और फिकसी कारण स अपनी पतनी को तयागकर दसरी स बयाह कर वह

वयभिभचार करता ह और जो उस छोड़ी हई को बयाह कर वह भी वयभिभचार करता ह 10 चलो न उस स कहा यदिद परष का सतरी क साथ ऐसा समबनध ह तो बयाह करना अचछा नही 11 उस न उन स कहा सब यह वचन गरहण नही कर सकत कवल व जिजन को यह दान दिदया गया ह 12 कयोफिक कछ नपसक ऐस ह जो माता क गभK ही स ऐस जनम और कछ नपसक ऐस ह जिजनह मनषय न नपसक बनाया और

कछ नपसक ऐस ह जिजनहो न सवगK क राय क शिलय अपन आप को नपसक बनाया ह जो इस को गरहण कर सकता ह वह गरहणकर 13 तब लोग बालको को उसक पास लाए फिक वह उन पर हाथ रख और पराथKना कर पर चलो न उनह डाटा 14 यीश न कहा बालको को मर पास आन दो और उनह मना न करो कयोफिक सवगK का राय ऐसो ही का ह 15 और वह उन पर हाथ रखकर वहा स चला गया 16 और दखो एक मनषय न पास आकर उस स कहा ह गर म कौन सा भला काम कर फिक अननत जीवन पाऊ 17 उस न उस स कहा त मझ स भलाई क फिवषय म कयो पछता ह भला तो एक ही ह पर यदिद त जीवन म परवश करना चाहताह तो आजञाओ को माना कर 18 उस न उस स कहा कौन सी आजञाए यीश न कहा यह फिक हतया न करना वयभिभचार न करना चोरी न करना झठी गवाही न दना 19 अपन फिपता और अपनी माता का आदर करना और अपन पड़ोसी स अपन समान परम रखना 20 उस जवान न उस स कहा इन सब को तो म न माना ह अब मझ म फिकस बात की घटी ह 21 यीश न उस स कहा यदिद त शिसदध होना चाहता ह तो जा अपना माल बचकर कगालो को द और तझ सवगK म धन यिमलगा

और आकर मर पीछ हो ल

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 22: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

22 परनत वह जवान यह बात सन उदास होकर चला गया कयोफिक वह बहत धनी था 23 तब यीश न अपन चलो स कहा म तम स सच कहता ह फिक धनवान का सवगK क राय म परवश करना कदिठन ह 24 फिर तम स कहता ह फिक परमशवर क राय म धनवान क परवश करन स ऊट का सई क नाक म स फिनकल जाना सहज ह 25 यह सनकर चलो न बहत चफिकत होकर कहा फिर फिकस का उदधार हो सकता ह 26 यीश न उन की ओर दखकर कहा मनषयो स तो यह नही हो सकता परनत परमशवर स सब कछ हो सकता ह 27 इस पर पतरस न उस स कहा फिक दख हम तो सब कछ छोड़ क तर पीछ हो शिलय ह तो हम कया यिमलगा 28 यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक नई उतपभितत स जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा क शिसहासन पर बठगा तो

तम भी जो मर पीछ हो शिलय हो बारह सिसहासनो पर बठकर इसराएल क बारह गोतरो का नयाय करोग 29 और जिजस फिकसी न घरो या भाइयो या बफिहनो या फिपता या माता या लड़कबालो या खतो को मर नाम क शिलय छोड़ दिदया ह उस

को सौ गना यिमलगा और वह अननत जीवन का अयिधकारी होगा 30 परनत बहतर जो पफिहल ह फिपछल होग और जो फिपछल ह पफिहल होग

Chapter20

1 सवगK का राय फिकसी गहसथ क समान ह जो सबर फिनकला फिक अपन दाख की बारी म मजदरो को लगाए 2 और उस न मजदरो स एक दीनार रोज पर ठहराकर उनह अपन दाख की बारी म भजा 3 फिर पहर एक दिदन चढ़ फिनकल कर और औरो को बाजार म बकार खड़ दखकर 4 उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ और जो कछ ठीक ह तमह दगा सो व भी गए 5 फिर उस न दसर और तीसर पहर क फिनकट फिनकलकर वसा ही फिकया 6 और एक घटा दिदन रह फिर फिनकलकर औरो को खड़ पाया और उन स कहा तम कयो यहा दिदन भर बकार खड़ रह उनहो न उस

स कहा इसशिलय फिक फिकसी न हम मजदरी पर नही लगाया 7 उस न उन स कहा तम भी दाख की बारी म जाओ 8 साझ को दाख बारी क सवामी न अपन भणडारी स कहा मजदरो को बलाकर फिपछलो स लकर पफिहलो तक उनह मजदरी द द 9 सो जब व आए जो घटा भर दिदन रह लगाए गए थ तो उनह एक एक दीनार यिमला 10 जो पफिहल आए उनहोन यह समझा फिक हम अयिधक यिमलगा परनत उनह भी एक ही एक दीनार यिमला 11 जब यिमला तो वह गहसथ पर कडकड़ा क कहन लग 12 फिक इन फिपछलो न एक ही घटा काम फिकया और त न उनह हमार बराबर कर दिदया जिजनहो न दिदन भर का भार उठाया और घामसहा 13 उस न उन म स एक को उततर दिदया फिक ह यिमतर म तझ स कछ अनयाय नही करता कया त न मझ स एक दीनार न ठहराया 14 जो तरा ह उठा ल और चला जा मरी इचछा यह ह फिक जिजतना तझ उतना ही इस फिपछल को भी द 15 कया उशिचत नही फिक म अपन माल स जो चाह सो कर कया त मर भल होन क कारण बरी दयिषट स दखता ह 16 इसी रीफित स जो फिपछल ह वह पफिहल होग और जो पफिहल ह व फिपछल होग 17 यीश यरशलम को जात हए बारह चलो को एकानत म ल गया और मागK म उन स कहन लगा 18 फिक दखो हम यरशलम को जात ह और मनषय का पतर महायाजको और शासतरिसतरयो क हाथ पकड़वाया जाएगा और व उस को

घात क योगय ठहराएग 19 और उस को अनयजाफितयो क हाथ सोपग फिक व उस ठटठो म उड़ाए और कोड़ मार और करस पर चढ़ाए और वह तीसर दिदन

जिजलाया जाएगा 20 तब जबदी क पतरो की माता न अपन पतरो क साथ उसक पास आकर परणाम फिकया और उस स कछ मागन लगी 21 उस न उस स कहा त कया चाहती ह वह उस स बोली यह कह फिक मर य दो पतर तर राय म एक तर दाफिहन और एक तर

बाए बठ 22 यीश न उततर दिदया तम नही जानत फिक कया मागत हो जो कटोरा म पीन पर ह कया तम पी सकत हो उनहोन उस स कहा

पी सकत ह 23 उस न उन स कहा तम मरा कटोरा तो पीओग पर अपन दाफिहन बाए फिकसी को फिबठाना मरा काम नही पर जिजन क शिलय मर

फिपता की ओर स तयार फिकया गया उनह क शिलय ह 24 यह सनकर दसो चल उन दोनो भाइयो पर करदध हए

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 23: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

25 यीश न उनह पास बलाकर कहा तम जानत हो फिक अनय जाफितयो क हाफिकम उन पर परभता करत ह और जो बड़ ह व उन पर अयिधकार जतात ह

26 परनत तम म ऐसा न होगा परनत जो कोई तम म बड़ा होना चाह वह तमहारा सवक बन 27 और जो तम म परधान होना चाह वह तमहारा दास बन 28 जस फिक मनषय का पतर वह इसशिलय नही आया फिक उस की सवा टहल करी जाए परनत इसशिलय आया फिक आप सवा टहल कर

और बहतो की छडौती क शिलय अपन पराण द 29 जब व यरीहो स फिनकल रह थ तो एक बड़ी भीड़ उसक पीछ हो ली 30 और दखो दो अनध जो सड़कर क फिकनार बठ थ यह सनकर फिक यीश जा रहा ह पकारकर कहन लग फिक ह परभ दाऊद

की सनतान हम पर दया कर 31 लोगो न उनह डाटा फिक चप रह पर व और भी शिचललाकर बोल ह परभ दाऊद की सनतान हम पर दया कर 32 तब यीश न खड़ होकर उनह बलाया और कहा 33 तम कया चाहत हो फिक म तमहार शिलय कर उनहो न उस स कहा ह परभ यह फिक हमारी आख खल जाए 34 यीश न तरस खाकर उन की आख छई और व तरनत दखन लग और उसक पीछ हो शिलए

Chapter21

1 जब व यरशलम क फिनकट पहच और जतन पहाड़ पर बतग क पास आए तो यीश न दो चलो को यह कहकर भजा 2 फिक अपन सामहन क गाव म जाओ वहा पहचत ही एक गदही बनधी हई और उसक साथ बचचा तमह यिमलगा उनह खोलकर मर

पास ल आओ 3 यदिद तम म स कोई कछ कह तो कहो फिक परभ को इन का परयोजन ह तब वह तरनत उनह भज दगा 4 यह इसशिलय हआ फिक जो वचन भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हो 5 फिक शिसययोन की बटी स कहो दख तरा राजा तर पास आता ह वह नमर ह और गदह पर बठा ह वरन लाद क बचच पर 6 चलो न जाकर जसा यीश न उन स कहा था वसा ही फिकया 7 और गदही और बचच को लाकर उन पर अपन कपड़ डाल और वह उन पर बठ गया 8 और बहतर लोगो न अपन कपड़ मागK म फिबछाए और और लोगो न पड़ो स डाशिलया काट कर मागK म फिबछाई 9 और जो भीड़ आग आग जाती और पीछ पीछ चली आती थी पकार पकार कर कहती थी फिक दाऊद की सनतान को होशाना

धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह आकाश म होशाना 10 जब उस न यरशलम म परवश फिकया तो सार नगर म हलचल मच गई और लोग कहन लग यह कौन ह 11 लोगो न कहा यह गलील क नासरत का भफिवषयदवकता यीश ह 12 यीश न परमशवर क मजिनदर म जाकर उन सब को जो मजिनदर म लन दन कर रह थ फिनकाल दिदया और सराKो क पीढ़ और

कबतरो क बचन वालो की चौफिकया उलट दी 13 और उन स कहा शिलखा ह फिक मरा घर पराथKना का घर कहलाएगा परनत तम उस डाकओ की खोह बनात हो 14 और अनध और लगड़ मजिनदर म उसक पास लाए और उस न उनह चगा फिकया 15 परनत जब महायाजको और शासतरिसतरयो न इन अदभत कामो को जो उस न फिकए और लड़को को मजिनदर म दाऊद की सनतान को

होशाना पकारत हए दखा तो करोयिधत होकर उस स कहन लग कया त सनता ह फिक य कया कहत ह 16 यीश न उन स कहा हा कया तम न यह कभी नही पढ़ा फिक बालको और दध पीत बचचो क मह स त न सतफित शिसदध कराई 17 तब वह उनह छोड़कर नगर क बाहर बतफिनययाह को गया ओर वहा रात फिबताई 18 भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उस भख लगी 19 और अजीर का एक पड़ सड़क क फिकनार दखकर वह उसक पास गया और पततो को छोड़ उस म और कछ न पाकर उस सकहा अब स तझ म फिर कभी ल न लग और अजीर का पड़ तरनत सख गया 20 यह दखकर चलो न अचमभा फिकया और कहा यह अजीर का पड़ कयोकर तरनत सख गया 21 यीश न उन को उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह यदिद तम फिवशवास रखो और सनदह न करो तो न कवल यह करोग जो

इस अजीर क पड़ स फिकया गया ह परनत यदिद इस पहाड़ स भी कहोग फिक उखड़ जो और समw म जा पड़ तो यह हो जाएगा 22 और जो कछ तम पराथKना म फिवशवास स मागोग वह सब तम को यिमलगा 23 वह मजिनदर म जाकर उपदश कर रहा था फिक महायाजको और लोगो क परफिनयो न उसक पास आकर पछा त य काम फिकस क

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 24: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

अयिधकार स करता ह और तझ यह अयिधकार फिकस न दिदया ह 24 यीश न उन को उततर दिदया फिक म भी तम स एक बात पछता ह यदिद वह मझ बताओग तो म भी तमह बताऊगा फिक य काम

फिकस अयिधकार स करता ह 25 यहनना का बपफितसमा कहा स था सवगK की ओर स या मनषयो की ओर स था तब व आपस म फिववाद करन लग फिक यदिद हम

कह सवगK की ओर स तो वह हम स कहगा फिर तम न उस की परतीफित कयो न की 26 और यदिद कह मनषयो की ओर स तो हम भीड़ का डर ह कयोफिक व सब यहनना को भफिवषयदवकता जानत ह 27 सो उनहोन यीश को उततर दिदया फिक हम नही जानत उस न भी उन स कहा तो म भी तमह नही बताता फिक य काम फिकस

अयिधकार स करता ह 28 तम कया समझत हो फिकसी मनषय क दो पतर थ उस न पफिहल क पास जाकर कहा ह पतर आज दाख की बारी म काम कर 29 उस न उततर दिदया म नही जाऊगा परनत पीछ पछता कर गया 30 फिर दसर क पास जाकर ऐसा ही कहा उस न उततर दिदया जी हा जाता ह परनत नही गया 31 इन दोनो म स फिकस न फिपता की इचछा परी की उनहोन कहा पफिहल न यीश न उन स कहा म तम स सच कहता ह फिक

महसल लन वाल और वltया तम स पफिहल परमशवर क राय म परवश करत ह 32 कयोफिक यहनना धमK क मागK स तमहार पास आया और तम न उस की परतीफित न की पर महसल लन वालो और वltयाओ न उस

की परतीफित की और तम यह दखकर पीछ भी न पछताए फिक उस की परतीफित कर लत 33 एक और दषटानत सनो एक गहसथ था जिजस न दाख की बारी लगाई और उसक चारो ओर बाड़ा बानधा और उस म रस का

कड खोदा और गममट बनाया और फिकसानो को उसका ठका दकर पर दश चला गया 34 जब ल का समय फिनकट आया तो उस न अपन दासो को उसका ल लन क शिलय फिकसानो क पास भजा 35 पर फिकसानो न उसक दासो को पकड़ क फिकसी को पीटा और फिकसी को मार डाला और फिकसी को पतथरवाह फिकया 36 फिर उस न और दासो को भजा जो पफिहलो स अयिधक थ और उनहोन उन स भी वसा ही फिकया 37 अनत म उस न अपन पतर को उन क पास यह कहकर भजा फिक व मर पतर का आदर करग 38 परनत फिकसानो न पतर को दखकर आपस म कहा यह तो वारिरस ह आओ उस मार डाल और उस की मीरास ल ल 39 और उनहोन उस पकड़ा और दाख की बारी स बाहर फिनकालकर मार डाला 40 इसशिलय जब दाख की बारी का सवामी आएगा तो उन फिकसानो क साथ कया करगा 41 उनहोन उस स कहा वह उन बर लोगो को बरी रीफित स नाश करगा और दाख की बारी का ठका और फिकसानो को दगा जो

समय पर उस ल दिदया करग 42 यीश न उन स कहा कया तम न कभी पफिवतर शासतर म यह नही पढ़ा फिक जिजस पतथर को राजयिमसतरिसतरयो न फिनकममा ठहराया था

वही को न क शिसर का पतथर हो गया 43 यह परभ की ओर स हआ और हमार दखन म अदभत ह इसशिलय म तम स कहता ह फिक परमशवर का राय तम स ल शिलयाजाएगा और ऐसी जाफित को जो उसका ल लाए दिदया जाएगा 44 जो इस पतथर पर फिगरगा वह चकनाचर हो जाएगा और जिजस पर वह फिगरगा उस को पीस डालगा 45 महायाजक और रीसी उसक दषटानतो को सनकर समझ गए फिक वह हमार फिवषय म कहता ह 46 और उनहो न उस पकड़ना चाहा परनत लोगो स डर गए कयोफिक व उस भफिवषयदवकता जानत थ

Chapter22

1 इस पर यीश फिर उन स दषटानतो म कहन लगा 2 सवगK का राय उस राजा क समान ह जिजस न अपन पतर का बयाह फिकया 3 और उस न अपन दासो को भजा फिक नवताहारिरयो को बयाह क भोज म बलाए परनत उनहोन आना न चाहा 4 फिर उस न और दासो को यह कहकर भजा फिक नवताहारिरयो स कहो दखो म भोज तयार कर चका ह और मर बल और पल

हए पश मार गए ह और सब कछ तयार ह बयाह क भोज म आओ 5 परनत व बपरवाई करक चल दिदए कोई अपन खत को कोई अपन वयापार को 6 औरो न जो बच रह थ उसक दासो को पकड़कर उन का अनादर फिकया और मार डाला 7 राजा न करोध फिकया और अपनी सना भजकर उन हतयारो को नाश फिकया और उन क नगर को क दिदया 8 तब उस न अपन दासो स कहा बयाह का भोज तो तयार ह परनत नवताहारी योगय न ठहर

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 25: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

9 इसशिलय चौराहो म जाओ और जिजतन लोग तमह यिमल सब को बयाह क भोज म बला लाओ 10 सो उन दासो न सड़को पर जाकर कया बर कया भल जिजतन यिमल सब को इकटठ फिकया और बयाह का घर जवनहारो स भरगया 11 जब राजा जवनहारो क दखन को भीतर आया तो उस न वहा एक मनषय को दखा जो बयाह का वसतर नही पफिहन था 12 उस न उसस पछा ह यिमतर त बयाह का वसतर पफिहन फिबना यहा कयो आ गया उसका मह बनद हो गया 13 तब राजा न सवको स कहा इस क हाथ पाव बानधकर उस बाहर असतरिनधयार म डाल दो वहा रोना और दात पीसना होगा 14 कयोफिक बलाए हए तो बहत परनत चन हए थोड़ ह 15 तब रीशिसयो न जाकर आपस म फिवचार फिकया फिक उस को फिकस परकार बातो म साए 16 सो उनहो न अपन चलो को हरोदिदयो क साथ उसक पास यह कहन को भजा फिक ह गर हम जानत ह फिक त सचचा ह और

परमशवर का मागK सचचाई स शिसखाता ह और फिकसी की परवा नही करता कयोफिक त मनषयो का मह दखकर बात नही करता 17 इस शिलय हम बता त कया समझता ह कसर को कर दना उशिचत ह फिक नही 18 यीश न उन की दषटता जानकर कहा ह कपदिटयो मझ कयो परखत हो 19 कर का शिसकका मझ दिदखाओ तब व उसक पास एक दीनार ल आए 20 उस न उन स पछा यह मरतित और नाम फिकस का ह 21 उनहोन उस स कहा कसर का तब उस न उन स कहा जो कसर का ह वह कसर को और जो परमशवर का ह वह परमशवर

को दो 22 यह सनकर उनहोन अचमभा फिकया और उस छोड़कर चल गए 23 उसी दिदन सदकी जो कहत ह फिक मर हओ का पनरतथान ह ही नही उसक पास आए और उस स पछा 24 फिक ह गर मसा न कहा था फिक यदिद कोई फिबना सनतान मर जाए तो उसका भाई उस की पतनी को बयाह करक अपन भाई क

शिलय वश उतपनन कर 25 अब हमार यहा सात भाई थ पफिहला बयाह करक मर गया और सनतान न होन क कारण अपनी पतनी को अपन भाई क शिलय

छोड़ गया 26 इसी परकार दसर और तीसर न भी फिकया और सातो तक यही हआ 27 सब क बाद वह सतरी भी मर गई 28 सो जी उठन पर वह उन सातो म स फिकस की पतनी होगी कयोफिक वह सब की पतनी हो चकी थी 29 यीश न उनह उततर दिदया फिक तम पफिवतर शासतर और परमशवर की सामथK नही जानत इस कारण भल म पड़ गए हो 30 कयोफिक जी उठन पर बयाह शादी न होगी परनत व सवगK म परमशवर क दतो की नाई होग 31 परनत मर हओ क जी उठन क फिवषय म कया तम न यह वचन नही पढ़ा जो परमशवर न तम स कहा 32 फिक म इबराहीम का परमशवर और इसहाक का परमशवर और याकब का परमशवर ह वह तो मर हओ का नही परनत जीवतो का

परमशवर ह 33 यह सनकर लोग उसक उपदश स चफिकत हए 34 जब रीशिसयो न सना फिक उस न सदफिकयो का मह बनद कर दिदया तो व इकटठ हए 35 और उन म स एक वयवसथापक न परखन क शिलय उस स पछा 36 ह गर वयवसथा म कौन सी आजञा बड़ी ह 37 उस न उस स कहा त परमशवर अपन परभ स अपन सार मन और अपन सार पराण और अपनी सारी बजिदध क साथ परम रख 38 बड़ी और मखय आजञा तो यही ह 39 और उसी क समान यह दसरी भी ह फिक त अपन पड़ोसी स अपन समान परम रख 40 य ही दो आजञाए सारी वयवसथा और भफिवषयदवकताओ का आधार ह 41 जब रीसी इकटठ थ तो यीश न उन स पछा 42 फिक मसीह क फिवषय म तम कया समझत हो वह फिकस का सनतान ह उनहोन उस स कहा दाऊद का 43 उस न उन स पछा तो दाऊद आतमा म होकर उस परभ कयो कहता ह 44 फिक परभ न मर परभ स कहा मर दाफिहन बठ जब तक फिक म तर बरिरयो को तर पावो क नीच न कर द 45 भला जब दाऊद उस परभ कहता ह तो वह उसका पतर कयोकर ठहरा 46 उसक उततर म कोई भी एक बात न कह सका परनत उस दिदन स फिकसी को फिर उस स कछ पछन का फिहयाव न हआ

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 26: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

Chapter23

1 तब यीश न भीड़ स और अपन चलो स कहा 2 शासतरी और रीसी मसा की गददी पर बठ ह 3 इसशिलय व तम स जो कछ कह वह करना और मानना परनत उन क स काम मत करना कयोफिक व कहत तो ह पर करत नही 4 व एक ऐस भारी बोझ को जिजन को उठाना कदिठन ह बानधकर उनह मनषयो क कनधो पर रखत ह परनत आप उनह अपनी उगली स

भी सरकाना नही चाहत 5 व अपन सब काम लोगो को दिदखान क शिलय करत ह व अपन तावीजो को चौड़ करत और अपन वसतरो की को र बढ़ात ह 6 जवनारो म मखय मखय जगह और सभा म मखय मखय आसन 7 और बाजारो म नमसकार और मनषय म रबबी कहलाना उनह भाता ह 8 परनत तम रबबी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही गर ह और तम सब भाई हो 9 और पथवी पर फिकसी को अपना फिपता न कहना कयोफिक तमहारा एक ही फिपता ह जो सवगK म ह 10 और सवामी भी न कहलाना कयोफिक तमहारा एक ही सवामी ह अथाKत मसीह 11 जो तम म बड़ा हो वह तमहारा सवक बन 12 जो कोई अपन आप को बड़ा बनाएगा वह छोटा फिकया जाएगा और जो कोई अपन आप को छोटा बनाएगा वह बड़ा फिकयाजाएगा 13 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय 14 तम मनषयो क फिवरोध म सवगK क राय का दवार बनद करत हो न तो आप ही उस म परवश करत हो और न उस म परवश करन

वालो को परवश करन दत हो 15 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम एक जन को अपन मत म लान क शिलय सार जल और थल म फिरत हो

और जब वह मत म आ जाता ह तो उस अपन स दना नारकीय बना दत हो 16 ह अनध अगवो तम पर हाय जो कहत हो फिक यदिद कोई मजिनदर की शपथ खाए तो कछ नही परनत यदिद कोई मजिनदर क सोन

की सौगनध खाए तो उस स बनध जाएगा 17 ह मख और अनधो कौन बड़ा ह सोना या वह मजिनदर जिजस स सोना पफिवतर होता ह 18 फिर कहत हो फिक यदिद कोई वदी की शपथ खाए तो कछ नही परनत जो भट उस पर ह यदिद कोई उस की शपथ खाए तो बनधजाएगा 19 ह अनधो कौन बड़ा ह भट या वदी जिजस स भट पफिवतर होता ह 20 इसशिलय जो वदी की शपथ खाता ह वह उस की और जो कछ उस पर ह उस की भी शपथ खाता ह 21 और जो मजिनदर की शपथ खाता ह वह उस की और उस म रहन वालो की भी शपथ खाता ह 22 और जो सवगK की शपथ खाता ह वह परमशवर क शिसहासन की और उस पर बठन वाल की भी शपथ खाता ह 23 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम पोदीन और सौ और जीर का दसवा अश दत हो परनत तम न वयवसथा

की गमभीर बातो को अथाKत नयाय और दया और फिवशवास को छोड़ दिदया ह चाफिहय था फिक इनह भी करत रहत और उनह भी नछोड़त 24 ह अनध अगवो तम मचछर को तो छान डालत हो परनत ऊट को फिनगल जात हो 25 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम कटोर और थाली को ऊपर ऊपर स तो माजत हो परनत व भीतर अनधर

असयम स भर हए ह 26 ह अनध रीसी पफिहल कटोर और थाली को भीतर स माज फिक व बाहर स भी सवचछ हो 27 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम चना फिरी हई कबरो क समान हो जो ऊपर स तो सनदर दिदखाई दती ह

परनत भीतर मद की फिहmयो और सब परकार की मशिलनता स भरी ह 28 इसी रीफित स तम भी ऊपर स मनषयो को धमM दिदखाई दत हो परनत भीतर कपट और अधमK स भर हए हो 29 ह कपटी शासतरिसतरयो और रीशिसयो तम पर हाय तम भफिवषयदवकताओ की कबर सवारत और धयिमय की कबर बनात हो 30 और कहत हो फिक यदिद हम अपन बाप- दादो क दिदनो म होत तो भफिवषयदवकताओ की हतया म उन क साझी न होत 31 इस स तो तम अपन पर आप ही गवाही दत हो फिक तम भफिवषयदवकताओ क घातको की सनतान हो

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 27: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

32 सो तम अपन बाप- दादो क पाप का घड़ा भर दो 33 ह सापो ह करतो क बचचो तम नरक क दणड स कयोकर बचोग 34 इसशिलय दखो म तमहार पास भफिवषयदवकताओ और बजिदधमानो और शासतरिसतरयो को भजता ह और तम उन म स फिकतनो को मारडालोग और करस पर चढ़ाओग और फिकतनो को अपनी सभाओ म कोड़ मारोग और एक नगर स दसर नगर म खदड़त फिरोग 35 जिजस स धमM हाफिबल स लकर फिबरिरकयाह क पतर जकरयाह तक जिजस तम न मजिनदर और वदी क बीच म मार डाला था जिजतन

धयिमय का लोह पथवी पर बहाया गया ह वह सब तमहार शिसर पर पड़गा 36 म तम स सच कहता ह य सब बात इस समय क लोगो पर आ पड़गी 37 ह यरशलम ह यरशलम त जो भफिवषयदवकताओ को मार डालता ह और जो तर पास भज गए उनह पतथरवाह करता ह

फिकतनी ही बार म न चाहा फिक जस मगM अपन बचचो को अपन पखो क नीच इकटठ करती ह वस ही म भी तर बालको को इकटठ करल परनत तम न न चाहा 38 दखो तमहारा घर तमहार शिलय उजाड़ छोड़ा जाता ह 39 कयोफिक म तम स कहता ह फिक अब स जब तक तम न कहोग फिक धनय ह वह जो परभ क नाम स आता ह तब तक तम मझ

फिर कभी न दखोग

Chapter24

1 जब यीश मजिनदर स फिनकलकर जा रहा था तो उसक चल उस को मजिनदर की रचना दिदखान क शिलय उस क पास आए 2 उस न उन स कहा कया तम यह सब नही दखत म तम स सच कहता ह यहा पतथर पर पतथर भी न छटगा जो ढाया नजाएगा 3 और जब वह जतन पहाड़ पर बठा था तो चलो न अलग उसक पास आकर कहा हम स कह फिक य बात कब होगी और तर आनका और जगत क अनत का कया शिचनह होगा 4 यीश न उन को उततर दिदया सावधान रहो कोई तमह न भरमान पाए 5 कयोफिक बहत स ऐस होग जो मर नाम स आकर कहग फिक म मसीह ह और बहतो को भरमाएग 6 तम लड़ाइयो और लड़ाइयो की चचाK सनोग दखो घबरा न जाना कयोफिक इन का होना अवltय ह परनत उस समय अनत न होगा 7 कयोफिक जाफित पर जाफित और राय पर राय चढ़ाई करगा और जगह जगह अकाल पड़ग और भईडोल होग 8 य सब बात पीड़ाओ का आरमभ होगी 9 तब व कलश दिदलान क शिलय तमह पकड़वाएग और तमह मार डालग और मर नाम क कारण सब जाफितयो क लोग तम स बररखग 10 तब बहतर ठोकर खाएग और एक दसर स बर रखग 11 और बहत स झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बहतो को भरमाएग 12 और अधमK क बढ़न स बहतो का परम ठणडा हो जाएगा 13 परनत जो अनत तक धीरज धर रहगा उसी का उदधार होगा 14 और राय का यह ससमाचार सार जगत म परचार फिकया जाएगा फिक सब जाफितयो पर गवाही हो तब अनत आ जाएगा 15 सो जब तम उस उजाड़न वाली घभिणत वसत को जिजस की चचाK दाफिनययल भफिवषयदवकता क दवारा हई थी पफिवतर सथान म खड़ी हईदखो ( जो पढ़ वह समझ ) 16 तब जो यहदिदया म हो व पहाड़ो पर भाग जाए 17 जो को ठ पर हो वह अपन घर म स सामान लन को न उतर 18 और जो खत म हो वह अपना कपड़ा लन को पीछ न लौट 19 उन दिदनो म जो गभKवती और दध फिपलाती होगी उन क शिलय हाय हाय 20 और पराथKना फिकया करो फिक तमह जाड़ म या सबत क दिदन भागना न पड़ 21 कयोफिक उस समय ऐसा भारी कलश होगा जसा जगत क आरमभ स न अब तक हआ और न कभी होगा 22 और यदिद व दिदन घटाए न जात तो कोई पराणी न बचता परनत चन हओ क कारण व दिदन घटाए जाएग 23 उस समय यदिद कोई तम स कह फिक दखो मसीह यहा ह या वहा ह तो परतीफित न करना 24 कयोफिक झठ मसीह और झठ भफिवषयदवकता उठ खड़ होग और बड़ शिचनह और अदभत काम दिदखाएग फिक यदिद हो सक तो चन

हओ को भी भरमा द

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 28: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

25 दखो म न पफिहल स तम स यह सब कछ कह दिदया ह 26 इसशिलय यदिद व तम स कह दखो वह जगल म ह तो बाहर न फिनकल जाना दखो वह को दिठरयो म ह तो परतीफित न करना 27 कयोफिक जस फिबजली पवK स फिनकलकर पभिम तक चमकती जाती ह वसा ही मनषय क पतर का भी आना होगा 28 जहा लोथ हो वही फिगदध इकटठ होग 29 उन दिदनो क कलश क बाद तरनत सयK असतरिनधयारा हो जाएगा और चानद का परकाश जाता रहगा और तार आकाश स फिगर पड़ग

और आकाश की शशिकतया फिहलाई जाएगी 30 तब मनषय क पतर का शिचनह आकाश म दिदखाई दगा और तब पथवी क सब कलो क लोग छाती पीटग और मनषय क पतर को

बड़ी सामथK और ऐशवयK क साथ आकाश क बादलो पर आत दखग 31 और वह तरही क बड़ शबद क साथ अपन दतो को भजगा और व आकाश क इस छोर स उस छोर तक चारो दिदशा स उसक

चन हओ को इकटठ करग 32 अजीर क पड़ स यह दषटानत सीखो जब उस की डाली को मल हो जाती और पतत फिनकलन लगत ह तो तम जान लत हो फिक

गरीषम काल फिनकट ह 33 इसी रीफित स जब तम इन सब बातो को दखो तो जान लो फिक वह फिनकट ह वरन दवार ही पर ह 34 म तम स सच कहता ह फिक जब तक य सब बात परी न हो ल तब तक यह पीढ़ी जाती न रहगी 35 आकाश और पथवी टल जाएग परनत मरी बात कभी न टलगी 36 उस दिदन और उस घड़ी क फिवषय म कोई नही जानता न सवगK क दत और न पतर परनत कवल फिपता 37 जस नह क दिदन थ वसा ही मनषय क पतर का आना भी होगा 38 कयोफिक जस जल- परलय स पफिहल क दिदनो म जिजस दिदन तक फिक नह जहाज पर न चढ़ा उस दिदन तक लोग खात- पीत थ और

उन म बयाह शादी होती थी 39 और जब तक जल- परलय आकर उन सब को बहा न ल गया तब तक उन को कछ भी मालम न पड़ा वस ही मनषय क पतर का

आना भी होगा40 उस समय दो जन खत म होग एक ल शिलया जाएगा और दसरा छोड़ दिदया जाएगा 41 दो सतरिसतरया चककी पीसती रहगी एक ल ली जाएगी और दसरी छोड़ दी जाएगी 42 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम नही जानत फिक तमहारा परभ फिकस दिदन आएगा 43 परनत यह जान लो फिक यदिद घर का सवामी जानता होता फिक चोर फिकस पहर आएगा तो जागता रहता और अपन घर म सध

लगन न दता 44 इसशिलय तम भी तयार रहो कयोफिक जिजस घड़ी क फिवषय म तम सोचत भी नही हो उसी घड़ी मनषय का पतर आ जाएगा 45 सो वह फिवशवासयोगय और बजिदधमान दास कौन ह जिजस सवामी न अपन नौकर चाकरो पर सरदार ठहराया फिक समय पर उनह

भोजन द 46 धनय ह वह दास जिजस उसका सवामी आकर ऐसा की करत पाए 47 म तम स सच कहता ह वह उस अपनी सारी सपभितत पर सरदार ठहराएगा 48 परनत यदिद वह दषट दास सोचन लग फिक मर सवामी क आन म दर ह 49 और अपन साथी दासो को पीटन लग और फिपयककड़ो क साथ खाए पीए 50 तो उस दास का सवामी ऐस दिदन आएगा जब वह उस की बाट न जोहता हो 51 और ऐसी घड़ी फिक वह न जानता हो और उस भारी ताड़ना दकर उसका भाग कपदिटयो क साथ ठहराएगा वहा रोना और दात

पीसना होगा

Chapter25

1 तब सवगK का राय उन दस कवारिरयो क समान होगा जो अपनी मशाल लकर दलह स भट करन को फिनकली 2 उन म पाच मखK और पाच समझदार थी 3 मख न अपनी मशाल तो ली परनत अपन साथ तल नही शिलया 4 परनत समझदारो न अपनी मशालो क साथ अपनी कपपिपपयो म तल भी भर शिलया

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 29: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

5 जब दलह क आन म दर हई तो व सब ऊघन लगी और सो गई 6 आधी रात को धम मची फिक दखो दलहा आ रहा ह उस स भट करन क शिलय चलो 7 तब व सब कवारिरया उठकर अपनी मशाल ठीक करन लगी 8 और मख न समझदारो स कहा अपन तल म स कछ हम भी दो कयोफिक हमारी मशाल बझी जाती ह 9 परनत समझदारो न उततर दिदया फिक कदाशिचत हमार और तमहार शिलय परा न हो भला तो यह ह फिक तम बचन वालो क पास जाकर

अपन शिलय मोल ल लो 10 जब व मोल लन को जा रही थी तो दलहा आ पहचा और जो तयार थी व उसक साथ बयाह क घर म चली गई और दवार बनद

फिकया गया 11 इसक बाद व दसरी कवारिरया भी आकर कहन लगी ह सवामी ह सवामी हमार शिलय दवार खोल द 12 उस न उततर दिदया फिक म तम स सच कहता ह म तमह नही जानता 13 इसशिलय जागत रहो कयोफिक तम न उस दिदन को जानत हो न उस घड़ी को 14 कयोफिक यह उस मनषय की सी दशा ह जिजस न परदश को जात समय अपन दासो को बलाकर अपनी सपभितत उन को सौप दी 15 उस न एक को पाच तोड़ दसर को दो और तीसर को एक अथाKत हर एक को उस की सामथK क अनसार दिदया और तब पर

दश चला गया 16 तब जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न तरनत जाकर उन स लन दन फिकया और पाच तोड़ और कमाए 17 इसी रीफित स जिजस को दो यिमल थ उस न भी दो और कमाए 18 परनत जिजस को एक यिमला था उस न जाकर यिमटटी खोदी और अपन सवामी क रपय शिछपा दिदए 19 बहत दिदनो क बाद उन दासो का सवामी आकर उन स लखा लन लगा 20 जिजस को पाच तोड़ यिमल थ उस न पाच तोड़ और लाकर कहा ह सवामी त न मझ पाच तोड़ सौप थ दख म न पाच तोड़ और

कमाए ह 21 उसक सवामी न उसस कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 22 और जिजस को दो तोड़ यिमल थ उस न भी आकर कहा ह सवामी त न मझ दो तोड़ सौप थ दख म न दो तोड़ और कमाए 23 उसक सवामी न उस स कहा धनय ह अचछ और फिवशवासयोगय दास त थोड़ म फिवशवासयोगय रहा म तझ बहत वसतओ का

अयिधकारी बनाऊगा अपन सवामी क आननद म समभागी हो 24 तब जिजस को एक तोड़ा यिमला था उस न आकर कहा ह सवामी म तझ जानता था फिक त कठोर मनषय ह और जहा नही

छीटता वहा स बटोरता ह 25 सो म डर गया और जाकर तरा तोड़ा यिमटटी म शिछपा दिदया दख जो तरा ह वह यह ह 26 उसक सवामी न उस उततर दिदया फिक ह दषट और आलसी दास जब यह त जानता था फिक जहा म न नही बोया वहा स काटताह और जहा म न नही छीटा वहा स बटोरता ह 27 तो तझ चाफिहए था फिक मरा रपया सराKो को द दता तब म आकर अपना धन बयाज समत ल लता 28 इसशिलय वह तोड़ा उस स ल लो और जिजस क पास दस तोड़ ह उस को द दो 29 कयोफिक जिजस फिकसी क पास ह उस और दिदया जाएगा और उसक पास बहत हो जाएगा परनत जिजस क पास नही ह उस स

वह भी जो उसक पास ह ल शिलया जाएगा 30 और इस फिनकमम दास को बाहर क अनधर म डाल दो जहा रोना और दात पीसना होगा 31 जब मनषय का पतर अपनी मफिहमा म आएगा और सब सवगK दत उसक साथ आएग तो वह अपनी मफिहमा क शिसहासन पर

फिवराजमान होगा 32 और सब जाफितया उसक सामहन इकटठी की जाएगी और जसा चरवाहा भड़ो को बफिकरयो स अलग कर दता ह वसा ही वह उनह

एक दसर स अलग करगा 33 और वह भड़ो को अपनी दाफिहनी ओर और बफिकरयो को बाई और खड़ी करगा 34 तब राजा अपनी दाफिहनी ओर वालो स कहगा ह मर फिपता क धनय लोगो आओ उस राय क अयिधकारी हो जाओ जो जगत

क आदिद स तमहार शिलय तयार फिकया हआ ह 35 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी फिपलाया म पर दशी था तम न मझ

अपन घर म ठहराया 36 म नगा था तम न मझ कपड़ पफिहनाए म बीमार था तम न मरी सयिध ली म बनदीगह म था तम मझ स यिमलन आए

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 30: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

37 तब धमM उस को उततर दग फिक ह परभ हम न कब तझ भखा दखा और खिखलाया या पयासा दखा और फिपलाया 38 हम न कब तझ पर दशी दखा और अपन घर म ठहराया या नगा दखा और कपड़ पफिहनाए 39 हम न कब तझ बीमार या बनदीगह म दखा और तझ स यिमलन आए 40 तब राजा उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो मर इन छोट स छोट भाइयो म स फिकसी एक क साथ फिकया

वह मर ही साथ फिकया 41 तब वह बाई ओर वालो स कहगा ह सराफिपत लोगो मर सामहन स उस अननत आग म चल जाओ जो शतान और उसक दतो क

शिलय तयार की गई ह 42 कयोफिक म भखा था और तम न मझ खान को नही दिदया म पयासा था और तम न मझ पानी नही फिपलाया 43 म परदशी था और तम न मझ अपन घर म नही ठहराया म नगा था और तम न मझ कपड़ नही पफिहनाए बीमार और

बनदीगह म था और तम न मरी सयिध न ली 44 तब व उततर दग फिक ह परभ हम न तझ कब भखा या पयासा या परदशी या नगा या बीमार या बनदीगह म दखा और तरी

सवा टहल न की 45 तब वह उनह उततर दगा म तम स सच कहता ह फिक तम न जो इन छोट स छोटो म स फिकसी एक क साथ नही फिकया वह मर

साथ भी नही फिकया 46 और यह अननत दणड भोगग परनत धमM अननत जीवन म परवश करग

Chapter26

1 जब यीश य सब बात कह चका तो अपन चलो स कहन लगा 2 तम जानत हो फिक दो दिदन क बाद सह का परवववK होगा और मनषय का पतर करस पर चढ़ाए जान क शिलय पकड़वाया जाएगा 3 तब महायाजक और परजा क परिरनए काइा नाम महायाजक क आगन म इकटठ हए 4 और आपस म फिवचार करन लग फिक यीश को छल स पकड़कर मार डाल 5 परनत व कहत थ फिक परवववK क समय नही कही ऐसा न हो फिक लोगो म बलवा मच जाए 6 जब यीश बतफिनययाह म शमौन कोढ़ी क घर म था 7 तो एक सतरी सगमरमर क पातर म बहमोल इतर लकर उसक पास आई और जब वह भोजन करन बठा था तो उसक शिसर पर

उणडल दिदया 8 यह दखकर उसक चल रिरसयाए और कहन लग इस का कयो सतयनाश फिकया गया 9 यह तो अचछ दाम पर फिबक कर कगालो को बाटा जा सकता था 10 यह जानकर यीश न उन स कहा सतरी को कयो सतात हो उस न मर साथ भलाई की ह 11 कगाल तमहार साथ सदा रहत ह परनत म तमहार साथ सदव न रहगा 12 उस न मरी दह पर जो यह इतर उणडला ह वह मर गाढ़ जान क शिलय फिकया ह 13 म तम स सच कहता ह फिक सार जगत म जहा कही यह ससमाचार परचार फिकया जाएगा वहा उसक इस काम का वणKन भी

उसक समरण म फिकया जाएगा 14 तब यहदा इसकरिरयोती नाम बारह चलो म स एक न महायाजको क पास जाकर कहा 15 यदिद म उस तमहार हाथ पकड़वा द तो मझ कया दोग उनहोन उस तीस चानदी क शिसकक तौलकर द दिदए 16 और वह उसी समय स उस पकड़वान का अवसर ढढ़न लगा 17 अखमीरी रोटी क परवववK क पफिहल दिदन चल यीश क पास आकर पछन लग त कहा चाहता ह फिक हम तर शिलय सह खान की

तयारी कर 18 उस न कहा नगर म लान क पास जाकर उस स कहो फिक गर कहता ह फिक मरा समय फिनकट ह म अपन चलो क साथ तर

यहा परवववK मनाऊगा 19 सो चलो न यीश की आजञा मानी और सह तयार फिकया 20 जब साझ हई तो वह बारहो क साथ भोजन करन क शिलय बठा 21 जब व खा रह थ तो उस न कहा म तम स सच कहता ह फिक तम म स एक मझ पकड़वाएगा 22 इस पर व बहत उदास हए और हर एक उस स पछन लगा ह गर कया वह म ह 23 उस न उततर दिदया फिक जिजस न मर साथ थाली म हाथ डाला ह वही मझ पकड़वाएगा

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 31: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

24 मनषय का पतर तो जसा उसक फिवषय म शिलखा ह जाता ही ह परनत उस मनषय क शिलय शोक ह जिजस क दवारा मनषय का पतर पकड़वाया जाता ह यदिद उस मनषय का जनम न होता तो उसक शिलय भला होता

25 तब उसक पकड़वान वाल यहदा न कहा फिक ह रबबी कया वह म ह 26 उस न उस स कहा त कह चका जब व खा रह थ तो यीश न रोटी ली और आशीष माग कर तोड़ी और चलो को दकरकहा लो खाओ यह मरी दह ह 27 फिर उस न कटोरा लकर धनयवाद फिकया और उनह दकर कहा तम सब इस म स पीओ 28 कयोफिक यह वाचा का मरा वह लोह ह जो बहतो क शिलय पापो की कषमा क फिनयिमतत बहाया जाता ह 29 म तम स कहता ह फिक दाख का यह रस उस दिदन तक कभी न पीऊगा जब तक तमहार साथ अपन फिपता क राय म नया नपीऊ 30 फिर व भजन गाकर जतन पहाड़ पर गए 31 तब यीश न उन स कहा तम सब आज ही रात को मर फिवषय म ठोकर खाओग कयोफिक शिलखा ह फिक म चरवाह को मारगा

और झणड की भड़ फितततर फिबततर हो जाएगी 32 परनत म अपन जी उठन क बाद तम स पहल गलील को जाऊगा 33 इस पर पतरस न उस स कहा यदिद सब तर फिवषय म ठोकर खाए तो खाए परनत म कभी भी ठोकर न खाऊगा 34 यीश न उस स कहा म तम स सच कहता ह फिक आज ही रात को मग क बाग दन स पफिहल त तीन बार मझ स मकरजाएगा 35 पतरस न उस स कहा यदिद मझ तर साथ मरना भी हो तौभी म तझ स कभी न मकरगा और ऐसा ही सब चलो न भीकहा 36 तब यीश न अपन चलो क साथ गतसमनी नाम एक सथान म आया और अपन चलो स कहन लगा फिक यही बठ रहना जब तक

फिक म वहा जाकर पराथKना कर 37 और वह पतरस और जबदी क दोनो पतरो को साथ ल गया और उदास और वयाकल होन लगा 38 तब उस न उन स कहा मरा जी बहत उदास ह यहा तक फिक मर पराण फिनकला चाहत तम यही ठहरो और मर साथ जागतरहो 39 फिर वह थोड़ा और आग बढ़कर मह क बल फिगरा और यह पराथKना करन लगा फिक ह मर फिपता यदिद हो सक तो यह कटोरा

मझ स टल जाए तौभी जसा म चाहता ह वसा नही परनत जसा त चाहता ह वसा ही हो 40 फिर चलो क पास आकर उनह सोत पाया और पतरस स कहा कया तम मर साथ एक घड़ी भी न जाग सक 41 जागत रहो और पराथKना करत रहो फिक तम परीकषा म न पड़ो आतमा तो तयार ह परनत शरीर दबKल ह 42 फिर उस न दसरी बार जाकर यह पराथKना की फिक ह मर फिपता यदिद यह मर पीए फिबना नही हट सकता तो तरी इचछा परी हो 43 तब उस न आकर उनह फिर सोत पाया कयोफिक उन की आख नीद स भरी थी 44 और उनह छोड़कर फिर चला गया और वही बात फिर कहकर तीसरी बार पराथKना की 45 तब उस न चलो क पास आकर उन स कहा अब सोत रहो और फिवशराम करो दखो घड़ी आ पहची ह और मनषय का पतर

पाफिपयो क हाथ पकड़वाया जाता ह 46 उठो चल दखो मरा पकड़वान वाला फिनकट आ पहचा ह 47 वह यह कह ही रहा था फिक दखो यहदा जो बारहो म स एक था आया और उसक साथ महायाजको और लोगो क परफिनयो की

ओर स बड़ी भीड़ तलवार और लादिठया शिलए हए आई 48 उसक पकड़वान वाल न उनह यह पता दिदया था फिक जिजस को म चम ल वही ह उस पकड़ लना 49 और तरनत यीश क पास आकर कहा ह रबबी नमसकार और उस को बहत चमा 50 यीश न उस स कहा ह यिमतर जिजस काम क शिलय त आया ह उस कर ल तब उनहोन पास आकर यीश पर हाथ डाल और उस

पकड़ शिलया 51 और दखो यीश क साशिथयो म स एक न हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खीच ली और महायाजक क दास पर चलाकर उस का

कान उड़ा दिदया 52 तब यीश न उस स कहा अपनी तलवार काठी म रख ल कयोफिक जो तलवार चलात ह व सब तलवार स नाश फिकए जाएग 53 कया त नही समझता फिक म अपन फिपता स फिबनती कर सकता ह और वह सवगKदतो की बारह पलटन स अयिधक मर पास अभी

उपजज़िसथत कर दगा 54 परनत पफिवतर शासतर की व बात फिक ऐसा ही होना अवltय ह कयोकर परी होगी

55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

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55 उसी घड़ी यीश न भीड़ स कहा कया तम तलवार और लादिठया लकर मझ डाक क समान पकड़न क शिलय फिनकल हो म हर दिदन मजिनदर म बठकर उपदश दिदया करता था और तम न मझ नही पकड़ा

56 परनत यह सब इसशिलय हआ ह फिक भफिवषयदवकताओ क वचन क पर हो तब सब चल उस छोड़कर भाग गए 57 और यीश क पकड़न वाल उस को काइा नाम महायाजक क पास ल गए जहा शासतरी और परिरनए इकटठ हए थ 58 और पतरस दर स उसक पीछ पीछ महायाजक क आगन तक गया और भीतर जाकर अनत दखन को पयादो क साथ बठ गया 59 महायाजक और सारी महासभा यीश को मार डालन क शिलय उसक फिवरोध म झठी गवाही की खोज म थ 60 परनत बहत स झठ गवाहो क आन पर भी न पाई 61 अनत म दो जनो न आकर कहा फिक उस न कहा ह फिक म परमशवर क मजिनदर को ढा सकता ह और उस तीन दिदन म बना सकता ह 62 तब महायाजक न खड़ होकर उस स कहा कया त कोई उततर नही दता य लोग तर फिवरोध म कया गवाही दत ह परनत यीश

चप रहा महायाजक न उस स कहा 63 म तझ जीवत परमशवर की शपथ दता ह फिक यदिद त परमशवर का पतर मसीह ह तो हम स कह द 64 यीश न उस स कहा त न आप ही कह दिदया वरन म तम स यह भी कहता ह फिक अब स तम मनषय क पतर को सवKशशिकतमान

की दाफिहनी ओर बठ और आकाश क बादलो पर आत दखोग 65 तब महायाजक न अपन वसतर ाड़कर कहा इस न परमशवर की फिननदा की ह अब हम गवाहो का कया परयोजन 66 दखो तम न अभी यह फिननदा सनी ह तम कया समझत हो उनहोन उततर दिदया यह वध होन क योगय ह 67 तब उनहोन उस क मह पर थका और उस घस मार औरो न थपपड़ मार क कहा 68 ह मसीह हम स भफिवषयदववाणी करक कह फिक फिकस न तझ मारा 69 और पतरस बाहर आगन म बठा हआ था फिक एक लौड़ी न उसक पास आकर कहा त भी यीश गलीली क साथ था 70 उस न सब क सामहन यह कह कर इनकार फिकया और कहा म नही जानता त कया कह रही ह 71 जब वह बाहर डवढ़ी म चला गया तो दसरी न उस दखकर उन स जो वहा थ कहा यह भी तो यीश नासरी क साथ था 72 उस न शपथ खाकर फिर इनकार फिकया फिक म उस मनषय को नही जानता 73 थोड़ी दर क बाद जो वहा खड़ थ उनहोन पतरस क पास आकर उस स कहा सचमच त भी उन म स एक ह कयोफिक तरी

बोली तरा भद खोल दती ह 74 तब वह यिधककार दन और शपथ खान लगा फिक म उस मनषय को नही जानता और तरनत मगK न बाग दी 75 तब पतरस को यीश की कही हई बात समरण आई की मगK क बाग दन स पफिहल त तीन बार मरा इनकार करगा और वह बाहर

जाकर ट ट कर रोन लगा

Chapter27

1 जब भोर हई तो सब महायाजको और लोगो क परफिनयो न यीश क मार डालन की सममफित की 2 और उनहोन उस बानधा और ल जाकर पीलातस हाफिकम क हाथ म सौप दिदया 3 जब उसक पकड़वान वाल यहदा न दखा फिक वह दोषी ठहराया गया ह तो वह पछताया और व तीस चानदी क शिसकक महायाजको

और परफिनयो क पास र लाया 4 और कहा म न फिनदषी को घात क शिलय पकड़वाकर पाप फिकया ह उनहोन कहा हम कया त ही जान 5 तब वह उन शिसकको मजिनदर म ककर चला गया और जाकर अपन आप को ासी दी 6 महायाजको न उन शिसकको लकर कहा इनह भणडार म रखना उशिचत नही कयोफिक यह लोह का दाम ह 7 सो उनहोन सममफित करक उन शिसकको स परदशिशयो क गाड़न क शिलय कमहार का खत मोल ल शिलया 8 इस कारण वह खत आज तक लोह का खत कहलाता ह 9 तब जो वचन यियमKयाह भफिवषयदवकता क दवारा कहा गया था वह परा हआ फिक उनहोन व तीस शिसकक अथाKत उस ठहराए हए मलय

को ( जिजस इसतराएल की सनतान म स फिकतनो न ठहराया था) ल शिलए 10 और जस परभ न मझ आजञा दी थी वस ही उनह कमहार क खत क मलय म द दिदया 11 जब यीश हाफिकम क सामहन खड़ा था तो हाफिकम न उस स पछा फिक कया त यहदिदयो का राजा ह यीश न उस स कहा त

आप ही कह रहा ह12 जब महायाजक और परिरनए उस पर दोष लगा रह थ तो उस न कछ उततर नही दिदया

13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

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13 इस पर पीलातस न उस स कहा कया त नही सनता फिक य तर फिवरोध म फिकतनी गवाफिहया द रह ह 14 परनत उस न उस को एक बात का भी उततर नही दिदया यहा तक फिक हाफिकम को बड़ा आयK हआ 15 और हाफिकम की यह रीफित थी फिक उस परवववK म लोगो क शिलय फिकसी एक बनधए को जिजस व चाहत थ छोड़ दता था 16 उस समय बरअबबा नाम उनही म का एक नामी बनधआ था 17 सो जब व इकटठ हए तो पीलातस न उन स कहा तम फिकस को चाहत हो फिक म तमहार शिलय छोड़ द बरअबबा को या यीश

को जो मसीह कहलाता ह 18 कयोफिक वह जानता था फिक उनहोन उस डाह स पकड़वाया ह 19 जब वह नयाय की गददी पर बठा हआ था तो उस की पतनी न उस कहला भजा फिक त उस धमM क मामल म हाथ न डालना

कयोफिक म न आज सवपन म उसक कारण बहत दख उठाया ह 20 महायाजको और परफिनयो न लोगो को उभारा फिक व बरअबबा को माग ल और यीश को नाश कराए 21 हाफिकम न उन स पछा फिक इन दोनो म स फिकस को चाहत हो फिक तमहार शिलय छोड़ द उनहोन कहा बरअबबा को 22 पीलातस न उन स पछा फिर यीश को जो मसीह कहलाता ह कया कर सब न उस स कहा वह करस पर चढ़ाया जाए 23 हाफिकम न कहा कयो उस न कया बराई की ह परनत व और भी शिचलला शिचललाकर कहन लग ldquo rdquoवह करस पर चढ़ाया जाए 24 जब पीलातस न दखा फिक कछ बन नही पड़ता परनत इस क फिवपरीत हललड़ होता जाता ह तो उस न पानी लकर भीड़ क

सामहन अपन हाथ धोए और कहा म इस धमM क लोह स फिनदष ह तम ही जानो 25 सब लोगो न उततर दिदया फिक इस का लोह हम पर और हमारी सनतान पर हो 26 इस पर उस न बरअबबा को उन क शिलय छोड़ दिदया और यीश को कोड़ लगवाकर सौप दिदया फिक करस पर चढ़ाया जाए 27 तब हाफिकम क शिसपाफिहयो न यीश को फिकल म ल जाकर सारी पलटन उसक चह ओर इकटठी की 28 और उसक कपड़ उतारकर उस फिकरिरमजी बागा पफिहनाया 29 और काटो को मकट गथकर उसक शिसर पर रखा और उसक दाफिहन हाथ म सरकणडा दिदया और उसक आग घटन टककर उस

ठटठ म उड़ान लग फिक ह यहदिदयो क राजा नमसकार 30 और उस पर थका और वही सरकणडा लकर उसक शिसर पर मारन लग 31 जब व उसका ठटठा कर चक तो वह बागा उस पर स उतारकर फिर उसी क कपड़ उस पफिहनाए और करस पर चढ़ान क शिलय ल चल 32 बाहर जात हए उनह शमौन नाम एक करनी मनषय यिमला उनहोन उस बगार म पकड़ा फिक उसका करस उठा ल चल 33 और उस सथान पर जो गलगता नाम की जगह अथाKत खोपड़ी का सथान कहलाता ह पहचकर 34 उनहोन फिपतत यिमलाया हआ दाखरस उस पीन को दिदया परनत उस न चखकर पीना न चाहा 35 तब उनहोन उस करस पर चढ़ाया और शिचदिटठया डालकर उसक कपड़ बाट शिलए 36 और वहा बठकर उसका पहरा दन लग 37 और उसका दोषपतर उसक शिसर क ऊपर लगाया ldquo rdquoफिक यह यहदिदयो का राजा यीश ह 38 तब उसक साथ दो डाक एक दाफिहन और एक बाए करसो पर चढ़ाए गए 39 और आन जान वाल शिसर फिहला फिहलाकर उस की फिननदा करत थ 40 और यह कहत थ फिक ह मजिनदर क ढान वाल और तीन दिदन म बनान वाल अपन आप को तो बचा यदिद त परमशवर का पतर ह

तो करस पर स उतर आ 41 इसी रीफित स महायाजक भी शासतरिसतरयो और परफिनयो समत ठटठा कर करक कहत थ इस न औरो को बचाया और अपन को नही

बचा सकता42 ldquo rdquo यह तो इसराएल का राजा ह अब करस पर स उतर आए तो हम उस पर फिवशवास कर 43 उस न परमशवर का भरोसा रखा ह यदिद वह इस को चाहता ह तो अब इस छड़ा ल कयोफिक इस न कहा था ldquo फिक म परमशवर

rdquoका पतर ह 44 इसी परकार डाक भी जो उसक साथ करसो पर चढ़ाए गए थ उस की फिननदा करत थ 45 दोपहर स लकर तीसर पहर तक उस सार दश म अनधरा छाया रहा 46 तीसर पहर क फिनकट यीश न बड़ शबद स पकारकर कहा एली एली लमा शबकतनी अथाKत ह मर परमशवर ह मर परमशवर त न मझ कयो छोड़ दिदया

47 जो वहा खड़ थ उन म स फिकतनो न यह सनकर कहा वह तो एशिलययाह को पकारता ह 48 उन म स एक तरनत दौड़ा और सपज लकर शिसरक म डबोया और सरकणड पर रखकर उस चसाया

49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

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49 औरो न कहा रह जाओ दख एशिलययाह उस बचान आता ह फिक नही 50 तब यीश न फिर बड़ शबद स शिचललाकर पराण छोड़ दिदए 51 और दखो मजिनदर का परदा ऊपर स नीच तक ट कर दो टकड़ हो गया और धरती डोल गई और चटान तड़क गई 52 और कबर खल गई और सोए हए पफिवतर लोगो की बहत लोथ जी उठी 53 और उसक जी उठन क बाद व कबरो म स फिनकलकर पफिवतर नगर म गए और बहतो को दिदखाई दिदए 54 तब सबदार और जो उसक साथ यीश का पहरा द रह थ भईडोल और जो कछ हआ था दखकर अतयनत डर गए और कहा

ldquo rdquoसचमच यह परमशवर का पतर था 55 वहा बहत सी सतरिसतरया जो गलील स यीश की सवा करती हई उसक साथ आई थी दर स यह दख रही थी 56 उन म मरिरयम मगदलीली और याकब और योसस की माता मरिरयम और जबदी क पतरो की माता थी 57 जब साझ हई तो यस नाम अरिरमफितयाह का एक धनी मनषय जो आप ही यीश का चला था आया उस न पीलातस क पास

जाकर यीश की लोथ मागी 58 इस पर पीलातस न द दन की आजञा दी 59 यस न लोथ को लकर उस उवल चादर म लपटा 60 और उस अपनी नई कबर म रखा जो उस न चटटान म खदवाई थी और कबर क दवार पर बड़ा पतथर लढ़काकर चला गया 61 और मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम वहा कबर क सामहन बठी थी 62 दसर दिदन जो तयारी क दिदन क बाद का दिदन था महायाजको और रीशिसयो न पीलातस क पास इकटठ होकर कहा 63 ह महाराज हम समरण ह फिक उस भरमान वाल न अपन जीत जी कहा था फिक म तीन दिदन क बाद जी उठगा 64 सो आजञा द फिक तीसर दिदन तक कबर की रखवाली की जाए ऐसा न हो फिक उसक चल आकर उस चरा ल जाए और लोगो स

कहन लग फिक वह मर हओ म स जी उठा ह तब फिपछला धोखा पफिहल स भी बरा होगा 65 पीलातस न उन स कहा तमहार पास पहरए तो ह जाओ अपनी समझ क अनसार रखवाली करो 66 सो व पहरओ को साथ ल कर गए और पतथर पर महर लगाकर कबर की रखवाली की

Chapter28

1 सबत क दिदन क बाद सपताह क पफिहल दिदन पह टत ही मरिरयम मगदलीनी और दसरी मरिरयम कबर को दखन आई 2 और दखो एक बड़ा भईडोल हआ कयोफिक परभ का एक दत सवगK स उतरा और पास आकर उसन पतथर को लढ़का दिदया और

उस पर बठ गया 3 उसका रप फिबजली का सा और उसका वसतर पाल की नाई उज़वल था 4 उसक भय स पहरए काप उठ और मतक समान हो गए 5 सवगKदत न जज़िसयो स कहा फिक तम मत डरो म जानता ह फिक तम यीश को जो करस पर चढ़ाया गया था ढढ़ती हो 6 वह यहा नही ह परनत अपन वचन क अनसार जी उठा ह आओ यह सथान दखो जहा परभ पड़ा था 7 और शीघर जाकर उसक चलो स कहो फिक वह मतको म स जी उठा ह और दखो वह तम स पफिहल गलील को जाता ह वहा

उसका दशKन पाओग दखो म न तम स कह दिदया 8 और व भय और बड़ आननद क साथ कबर स शीघर लौटकर उसक चलो को समाचार दन क शिलय दौड़ गई 9 और दखो यीश उनह यिमला और कहा lsquo rsquo सलाम और उनहोन पास आकर और उसक पाव पकड़कर उस को दणडवत फिकया 10 तब यीश न उन स कहा मत डरो मर भाईयो स जाकर कहो फिक गलील को चल जाए वहा मझ दखग 11 व जा ही रही थी फिक दखो पहरओ म स फिकतनो न नगर म आकर परा हाल महायाजको स कह सनाया 12 तब उनहो न परफिनयो क साथ इकटठ होकर सममफित की और शिसपाफिहयो को बहत चानदी दकर कहा 13 फिक यह कहना फिक रात को जब हम सो रह थ तो उसक चल आकर उस चरा ल गए 14 और यदिद यह बात हाफिकम क कान तक पहचगी तो हम उस समझा लग और तमह जोखिखम स बचा लग 15 सो उनहोन रपए लकर जसा शिसखाए गए थ वसा ही फिकया और यह बात आज तक यहदिदयो म परचशिलत ह 16 और गयारह चल गलील म उस पहाड़ पर गए जिजस यीश न उनह बताया था 17 और उनहोन उसक दशKन पाकर उस परणाम फिकया पर फिकसी फिकसी को सनदह हआ 18 यीश न उन क पास आकर कहा फिक सवगK और पथवी का सारा अयिधकार मझ दिदया गया ह

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह

Page 35: WordPress.com€¦  · Web view1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस

19 इसशिलय तम जाकर सब जाफितयो क लोगो को चला बनाओ और उनह फिपता और पतर और पफिवतरआतमा क नाम स बपफितसमा दो 20 और उनह सब बात जो म न तमह आजञा दी ह मानना शिसखाओ और दखो म जगत क अनत तक सदव तमहार सग ह