सीखने के प्रतिफल -...

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सीखने के तिफल क आठ हि दी बच – y विविन विषय पर आधारत विविध कार की रचाओ को पढ़कर चचा करते ह। y वह दी िाषा म उपलबध विविन कार की सामी को समझकर पढ़ते ह और उसम अपी विपणी, राय, वषकष आवद को मौविक / वलवित / सा केवतक िाषा म अविवयत करते ह। y पढ़ी गई सामी पर वच त करते हुए समझ के वलए प छते ह। y विव िन स िदशील म / विषय, जैसे – जावत, धम, र ग, जडर, रीवत- रिाज के बारे म अपे वम, अधयापक या पर रिार से करते ह, जैसे – अपे मोहल ले के लोग से तयोहार माे के तरीके पर बातचीत करा। y विविन कार की सामी, जैसे – लेि, ररपोताज, स समरण, वब ध, वय गय आवद को पढ़ते हुए अथिा पाठ यिसत की बारीकी से जाँच करते हुए उसके बारे म अ मा लगाते ह, विलेषण करते ह और वकसी विशेष वब को िजते ह। y विविन पठ सामवय म य त शबद, म हािर, लोकोवतय के अथ समझते हुए उकी सराहा / योग करते ह। y विविन पठ सामवय को पढ़ते हुए उके वशलप की सराहा करते ह और अपे सतरा ल मौविक, वलवित, ेल / सा केवतक प म उसके बारे म अपे विचार वयत करते ह। y वकसी पाठ यिसत को पढ़े के दौरा समझे के वलए शबदकोश, मावच, इ िरेि या अनय प सतक का योग करते ह। y पाठक और वलिे के उेय को धया म रिते हुए अपी बात को िा िी तरीके से वल िते / अव िवयत करते ह। y िषा की बारीवकय का वलवित योग करते ह, जैसे – कविता के शबद को बदलकर अथ और लय को समझा। y अपे अ िि को अपी िाषा शैली म वलिते ह। लेि के विविध तरीक और शैवलय का योग करते ह, जैसे – विविन तरीक से (कहाी, कविता, वब ध आवद) कोई अ िि वलिा। y दैवक जीि से अलग वकसी घिा / वसथवत पर विविन तरीके से स जातमक ढ ग से वलिते ह, जैसे – सोशल मीवडया पर, ोिब क पर या स पादक के ाम प आवद। y विविध कलाओ , जैसे – हसतकला, िासत कला, िेती-बाड़ी, तयकला, स गीत आवद म योग होे िाली िषा (रवजसिर) का जातमक योग करते ह; जैसे – कला के बीज बोा, ममोहक म ाएँ, रस की अ ि वत। y अपे अ िि को अपी िाषा शैली म अविवयत करते ह। Class - 8.indd 1 8/29/2017 5:25:32 PM

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  • सीखने के प्रतिफल कक्षा आठ हिंदी

    बच च्े – y विविन्न विषयों पर आधाररत विविध प्रकार की रच्नाओ ंको पढ़कर चचाचा करते हैं। y वहदंी िाषा में उपलबध विविन्न प्रकार की सामग्ी को समझकर पढ़ते हैं और उसमें अप्नी विपपणी, राय,

    व्नषकषचा आवद को मौविक / वलवित / सांकेवतक िाषा में अविवयक्त करते हैं। y पढ़ी गई सामग्ी पर वचतं्न करते हुए समझ के वलए प्रश््न पछूते हैं। y विविन्न संिेद्नशील मदु्ों / विषयों, जैसे – जावत, धमचा, रंग, जेंडर, रीवत-ररिाजों के बारे में अप्ेन वमत्ों,

    अधयापकों या पररिार से प्रश््न करते हैं, जैसे – अप्ेन मोहलले के लोगों से तयोहार म्ना्ेन के तरीके पर बातचीत कर्ना।

    y विविन्न प्रकार की सामग्ी, जैसे – लेि, ररपोताजचा, संसमरण, व्नबंध, वयंगय आवद को पढ़ते हुए अथिा पाठ्यिसत ुकी बारीकी से जाँच करते हुए उसके बारे में अ्नमुा्न लगाते हैं, विश्लेषण करते हैं और वकसी विशषे वबंद ुको िोजते हैं।

    y विविन्न पठ्न सामवग्यों में प्रयकु्त शबदों, महुािरों, लोकोवक्तयों के अथचा समझते हुए उ्नकी सराह्ना / प्रयोग करते हैं।

    y विविन्न पठ्न सामवग्यों को पढ़ते हुए उ्नके वशलप की सराह्ना करते हैं और अप्ेन सतरा्नकूुल मौविक, वलवित, ब्ले / सांकेवतक रूप में उसके बारे में अप्ेन विचार वयक्त करते हैं।

    y वकसी पाठ्यिसत ुको पढ़्ेन के दौरा्न समझ्ेन के वलए शबदकोश, मा्नवचत्, इिंर्ेनि या अनय पसुतकों का प्रयोग करते हैं।

    y पाठक और वलि्ेन के उद्शे्य को धया्न में रिते हुए अप्नी बात को प्रिािी तरीके से वलिते / अविवयक्त करते हैं। y िाषा की बारीवकयों का वलवित प्रयोग करते हैं, जैसे – कविता के शबदों को बदलकर अथचा और लय को

    समझ्ना। y अप्ेन अ्निुिों को अप्नी िाषा शलैी में वलिते हैं। लेि्न के विविध तरीकों और शवैलयों का प्रयोग करते हैं,

    जैसे – विविन्न तरीकों से (कहा्नी, कविता, व्नबंध आवद) कोई अ्निुि वलि्ना। y दवै्नक जीि्न से अलग वकसी घि्ना / वसथवत पर विविन्न तरीके से सजृ्नातमक ढंग से वलिते हैं, जैसे – सोशल

    मीवडया पर, ्नोिबकु पर या संपादक के ्नाम पत् आवद। y विविध कलाओ,ं जैसे – हसतकला, िासतकुला, ितेी-बाड़ी, ्नतृयकला, संगीत आवद में प्रयोग हो्ेन िाली

    िाषा (रवजसिर) का सजृ्नातमक प्रयोग करते हैं; जैसे – कला के बीज बो्ना, म्नमोहक मदु्ाए,ँ रस की अ्निुवूत। y अप्ेन अ्निुिों को अप्नी िाषा शलैी में अविवयक्त करते हैं।

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