प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में...

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रित का विास- कथन उधाि अयाय छः Manuscript

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Page 1: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

पररि त ो का वि शवास-कथन

उदधाि अधयाय छः

Manuscript

ii

चलचचतर अधययन मारगदचशगका एव कई अनय ससाधन क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

copy थरग ममलमनयम मममनसटरीज 2012 क दवारा

सवागचधकार सरचित इस परकाशन क मकसी भी भार क परकाशक थरग ममलमनयम मममनसटरीज इनक रप रशन 316 लाइव ओकस बलवारग कसलबरी फल रररा 32707 की चलचित अनममत क मबना समीिा मटपपणी या अधययन क उददशय क चलए सचिपत उदधरण क अमतररक त मकसी भी रप म या मकसी भी तरह क लाभ क चलए पनः परकचशत नही मकया जा सकता

पमवतरशासटतर क सभी उदधरण बाइबल स साइटी ऑफ़ इमरया की महनदी की पमवतर बाइबल स चलए रए ह सवागचधकार copy The Bible Society of India

थरग ममलमनयम मममनसटरीज की सवकाई क मवषय म 1997 म सटथामपत थरग ममलमनयम मममनसटरीज एक लाभमनरपि ससमाचाररक मसीही सवकाई ह ज पर

ससार क चलए मफत म बाइबल आधाररत चशिा परदान करन क चलए परमतबदध ह

सो सा ि क ल ि ए म फ़त म ो ब ाइ बि आधा र ित ल िकषा

हमारा लकषय ससार भर क हजार पासवान और मसीही अरव क मफ़त म मसीही चशिा परदान करना ह चजनह सवकाई क चलए पयागपत परचशिण परापत नही हआ ह हम इस लकषय क अगरजी अरबी मनराररन रसी और सटपमनश भाषाओ म अमदवतीय मलटीमीमरया सममनारी पाठयकरम की रचना करन और उनह मवशव भर म मवतररत करन क दवारा परा कर रह ह हमार पाठयकरम का अनवाद सहभारी सवकाइय क दवारा दजगन भर स अचधक अनय भाषाओ म भी मकया जा रहा ह पाठयकरम म गरामिक वीमरय स चलचित मनदश और इटरनट ससाधन पाए जात ह इसकी रचना ऐस की रई ह मक इसका परय र ऑनलाइन और सामदामयक अधययन द न सदभो म सटकल समह और वयमिरत रप म मकया जा सकता ह

वषो क परयास स हमन अचछी मवषय-वसटत और रणवतता स पररपणग परसटकार-परापत मलटीमीमरया अधययन की रचना करन की बहत ही मकफ़ायती मवचध क मवकचसत मकया ह हमार लिक और सपादक धमगवजञामनक रप स परचशचित चशिक ह हमार अनवादक धमगवजञामनक रप स दि ह और लकषय-भाषाओ क मातभाषी ह और हमार अधयाय म ससार भर क सकड सममामनत सममनारी पर फ़सर और पासवान क रहन मवचार शाममल ह इसक अमतररि हमार गरामिक मरजाइनर चचतरकार और पर रयससग अतयाधमनक उपकरण और तकनीक का परय र करन क दवारा उतपादन क उचचतम सटतर का पालन करत ह

अपन मवतरण क लकषय क परा करन क चलए थरग ममलमनयम न कलीचसयाओ सममनाररय बाइबल सटकल ममशनररय मसीही परसारक सटलाइट टलीमवजन परदाताओ और अनय सरठन क साथ रणनीमतक सहभामरताए सटथामपत की ह इन सबध क िलसटवरप सटथानीय अरव पासवान और सममनारी मवदयाचथगय तक अनक मवमरओ अधययन क पहचाया जा चका ह हमारी वबसाइट भी मवतरण क माधयम क रप म कायग करती ह और हमार अधयाय क अमतररि साममगरय क भी परदान करती ह चजसम ऐस मनदश भी शाममल ह मक अपन चशिण समदाय क कस आरभ मकया जाए

थरग ममलमनयम मममनसटरीज a 501(c)(3) कारप रशन क रप म IRS क दवारा मानयता परापत ह हम आचथगक रप स कलीचसयाओ क टकस-रीरकटीबल य रदान ससटथान वयापार और ल र पर आधाररत ह हमारी सवकाइग क बार म अचधक जानकारी क चलए और यह जानन क चलए मक आप मकस परकार इसम सहभारी ह सकत ह कपया हमारी वबसाइट httpthirdmillorg क दि

iii

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विषय -िसत परिच य 1

कष मा 2

पाप क ी समसया 2

पाप की पररभाषा 2

पाप की उतपमतत 4

पाप क पररणाम 5

व ि व य अ नगरह 6

मपता 7

पतर 8

पमवतर आतमा 8

व यविगत उ ततिि ा वय त ि 9

शत 9

साधन 12

पनरतथान 16

सराप 16

ससम ाचाि 18

पराना मनयम 18

नया मनयम 20

यीश का पनरतथान 22

छ टक ािा 23

वतगमान जीवन 23

मधयम अवसटथा 23

नया जीवन 25

अननत जीिन 26

सम यािल ध 27

गणितत ा 28

सथा न 30

उपसो हाि 32

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः

उदधार

-1-

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प रिचय

इन अधयाय म हमन बताया मक परररत क मवशवास-कथन की शरआत उन मवशवास क साराश क रप म हई चजनका आरममभक मसीही बपमतसटमा लत समय अरीकार करत थ उस सनदभग म यह कलपना करना आसान ह मक बहत क चलए उनक अरीकार का सवागचधक भावनातमक भार मवशवास-कथन क व सतर थ ज उनक वयमिरत उदधार पर मवशवास क अमभवयि करत थ

और कया यह हमार बार म भी सतय नही ह हम अपन महान परमशवर - मपता पतर और पमवतर आतमा स परम करत ह और हम उसक दवारा बनाई रई कलीचसया क महतव दत ह परनत हमारी सबस बडा आननद यह िशिबरी ह मक उदधार हमार चलए ह हम इस आशवासन स मरन ह त ह मक परमशवर हमस परम करता ह वह हमार पाप क िमा करता ह और उसन हमार चलए अब यहा और आन वाल ससार म एक अदभत मनयमत रिी ह

यह परररत क मवशवास-कथन की हमारी शिला का छठा अधयाय ह और हमन इसका शीषगक रिा ह - उदधार इस अधयाय म हम परररत क मवशवास-कथन म मवशवास क सतर क दिर ज िमा और अननत जीवन क ससमाचार म मवशवास की पमि करत ह

पमवतर-वचन म उदधार शबद का मवमवध तरीक स परय र मकया रया ह ज सकत दता ह मक मसीह म हमार उदधार क कई आयाम ह जब आधमनक मसीही उदधार शबद का परय र करत ह त सामानयत हमार मन म उन आशीष की परामपत ह ती ह चजनह मसीह न अपनी परायचित मतय क दवारा िरीदा नया जनम पाना और परमशवर स मल-ममलाप करना पमवतरीकरण की परमकरया म जीवन म आर बढना और नय आकाश और पथवी म हमारी अमनतम ममहमा म पणगता

परररत का मवशवास-कथन उदधार क इस पहल क बार म इन शबद म बात करता ह

म ो पा प ो क ी कषम ा म ो ि ह क पन रत थ ा न म ो औि अ न नत ज ीि न म ो व ि शवास क ित ा ह

अब य तीन मवचार - िमा पनरतथान और अननत जीवन - हमार उदधार क बाइबल क वणगन क परी तरह नही बतात ह परनत व परररत क मवशवास-कथन म पराथममक कथन ह ज वयमि मवशष क उदधार क समय परमशवर दवारा मकए जान वाल कायो क मवशष पहलओ म मवशवास का अरीकार करत ह

परररत क मवशवास-कथन म उदधार पर हमारा मवचार-मवमशग हमार उदधार क इन परतयक आयाम क सब चधत कररा पहला हम पाप की िमा क बार म बात करर दसरा हम दह क पनरतथान क चसदधानत क दिर और तीसरा हम अननत जीवन की परकमत क दिर आइए पहल हम पररचचत मवषय पाप की िमा स शर कर

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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कषमा

परररत क मवशवास-कथन म िमा क अथग क समझन क चलए हम तीन मनकटता स सबचधत मदद का दिर पहला पाप की समसटया ज िमा क आवशयक बनाती ह दसरा मदवय अनगरह ज िमा क सभव बनाता ह और तीसरा हमारा वयमिरत उततरदामयतव व बात ज िमा पान क चलए हम करनी ह पहल हम पाप की समसटया क दिर

प ा प की सम सया बाइबल पर मवशवास करन वाल मसीही पहचानत ह मक यीश क करस पर मरन क मखय कारण म स

एक हमार पाप क दवारा उतपनन समसटया क हल करना था पाप हम परमशवर की आशीष स दर कर दता ह और हम सराप क अधीन कर दता ह और ऐसा क ई मारग नही ह चजस क दवारा हम सटवय इस समसटया पर जय पा सक जब हम पाप की समसटया क बार म बात करत ह त हमारा मतलब ह पाप हम द षी ठहराता ह और मसीह क अलावा हमार पास सटवय क इसकी उपमसटथमत या इसक पररणाम स बचान का क ई मारग नही ह

पमवतर-वचन दवारा चसिाई रई पाप की समसटया क हम तीन भार म दिर पहला हम पाप की एक धमगशासटतरीय पररभाषा दर दसरा हम मानव जामत म पाप की उतपमतत क बार म बात करर और तीसरा हम पाप क पररणाम क दिर आइए पाप की पररभाषा स शर कर

पाप की पर िभाषा बाइबल मवमभनन रीमतय स पाप क बार म बात करती ह यह पाप का वणगन करन क चलए अराजकता

मवदर ह अधमग अपराध बराई लकषय स चकना और मवमभनन परकार क अनय शबद का परय र करती ह और इन म स परतयक शबद पाप क बार म हमारी समझ क बढाता ह

परनत जब पमवतर-वचन अमतग रप म पाप की बात करता ह - जब यह पाप क चलए अपनी पररभाषा दता ह - त एक शबद सबस अलर नजर आता ह अराजकता बाइबल की शबदावली म पाप मलत परमशवर की वयवसटथा का उललघन ह जस परररत यहनना न 1 यहनना 34 म चलिा

ज क ई पा प कित ा ह ि ह व यि स थ ा क ा व ि ि ध क ित ा ह औि पाप त व यिसथा क ा व ि ि ध ह (1 य हनना 34)

अराजकता क रप म पाप पर इसी बल क हम र ममय 79-25 और 1 कररमनथय 1556 जस सटथान पर दित ह पाप का यह मल मवचार मवमभनन मसीही परमपराओ क धमगमवजञान म भी परकट ह

एक उदाहरण क रप म वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी क परशन एव उततर सखया 14 क दि इस सवाल क उततर म

पा प क या ह

परशन ततरी का जवाब ह

पा प पिम शवि क ी व यिस थ ा क ी अ न रपत ा क ा अ भ ा ि या उसक ा उ ललो घ न ह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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धयान द मक यह उततर परमशवर की वयवसटथा क त डन क द सामानय परकार की पहचान करता ह वयवसटथा की अनरपता का अभाव और वयवसटथा का उललघन

एक ओर वयवसटथा की अनरपता का अभाव पमवतर-वचन की आजञाओ क मानन म असिल ह ना ह यह अकसर ममटान का पाप कहलाता ह कय मक हम उस छ ड दत ह या अनदिा कर दत ह ज हम करना चामहए दसरी तरि वयवसटथा का उललघन वह कायग करना ह चजस करन स पमवतर-वचन र कता ह इस परकार क उललघन क अकसर आजञा का पाप कहा जाता ह कय मक हम स चन महसस करन या जान-बझकर कछ ऐसा कायग करन क दवारा पाप करत ह चजस करन स पमवतर-वचन मना करता ह

अब जब हम परमशवर की वयवसटथा क बार म एक लकषय क रप म बात करत ह ज पाप क पररभामषत करता ह त यह बताना महतवपणग ह मक परमशवर की वयवसटथा मनमानी या बतरतीब नही ह इसक मवपरीत वयवसटथा परमशवर क चसदध चररतर का परमतमबमब ह दि पौलस र ममय 712 म वयवसटथा का मकस परकार वणगन करता ह

व यि सथ ा पव ितर ह औि आजञा भ ी ठी क औि अचछ ी ह (ि वमय ो 712)

जस पौलस न यहा कहा परमशवर की आजञाए परमशवर क समान ही हमशा पमवतर धमी और अचछी ह परमशवर की आजञाए हमशा उसक सटवभाव स मल िाती ह

इसी कारण पमवतर-वचन चसिाता ह मक यमद हम परमशवर स परम करत ह त हम उसकी आजञाओ क मानर यमद हम परमशवर स परम करत ह त हम उन बात स भी परम करर ज परमशवर क परमतमबममबत करती ह जस उसकी वयवसटथा इस हम वयवसटथामववरण 510 और 65 और 6 मतती 2237-40 यहनना 1415-24 और बहत स अनय सटथान पर दित ह दि यहनना 1 यहनना 53 म कया चलिता ह

औि पिम शवि क ा परम यह ह वक हम उ सकी आजञा ओ ो क म ा न ो (1 य हनना 53)

परमशवर क चलए परम उसकी वयवसटथा क मानन स परकट ह ता ह इसचलए जब हम उसकी वयवसटथा क त डत ह त हम परमशवर क चलए परम म कायग नही कर रह ह हम पाप कर रह ह

ब ा इब ि म ो पिम शवि स परम क िन औि पिम शवि क ी आजञा म ानन म ो ब हत घव न षठ सो बो ध ह म िा मा न ना ह वक पहि ी ब ात ल ज स हम ो स पषट क िना ह ि ह यह ह वक कि ि पिम शवि स परम क िन ा ही पिमशवि स परम क िन क ी आजञा क प िा न ही ो क िता ह एक क ा यय -कनद नि त अ व नि ा यय न ी िसता ह सक त ी ह ज क भी मन म ो न ही ो थ ी जब बा इब ि न क हा यवि तम मझ स परम क ित ह या म सी ह न क हा यवि त म म झ स परम क ित ह त म िी आजञा ओ ो क म ा न ग पिनत यव ि परम ह यवि पिम शवि क आन नि म ो स ि यो क ि न क ी सि चछ ा ह त उ सक ा सिायलधक सिाभ ाविक औि पराम ालणक परक टीक िण एक गहिा इच छक औि त त पि आजञा पा ि न ह ग ा क य ोवक इ सक ा आधा ि इ स ि ाि सा म ो ह व क उ स पिम शवि क परसनन क िन ा ह लज स स आप परम क ित ह ो औि ल ज स म ो आप मग न ह त ह ो इ सका आधा ि यह भ ि सा ह वक इ स ldquo पिम शवि का म ागय rdquo आपक ल ि ए उ तन ा ही व ि शवसन ी य औि अच छ ा ह लज त न ा व क उ सक ा अ पन ा स ि भाि

डा गि न स क ज ी

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जब हम परमशवर क परमत परम म कायग करन स चक जात ह त हम उसक मवरदध मवदर ह करन क दवारा उसकी वयवसटथा क त डन क दवारा बराई करन क दवारा परमाप स चकन क दवारा उसक पमवतर धमी और अचछ चररतर क ठस पहचान क दवारा पाप करत ह परनत जब परमशवर क परमत हमारा परम हम परररत करता ह त हम उसकी रचचय और मार क अपन स ऊपर रित ह और पररणामसटवरप हम बहत स पाप स और अपन जीवन म उनक भयानक पररणाम स बच सकत ह

परमशवर की वयवसटथा क उललघन क रप म पाप की इस पररभाषा क धयान म रित हए आइए हम मानव जामत म पाप की उतपमतत क दि

पाप की उतपवतत हम म स अचधकाश ल र उतपमतत तीसर अधयाय म चलिी घटनाओ स पररचचत ह जब हमार परथम

परि आदम और हववा न भल और बर क जञान क वि का िल िान क दवारा परमशवर क मवरदध बलवा मकया बाइबल क मवचार स यह क ई अकली घटना नही थी इसक कारण समपणग मानव जामत पाप की द षी और पाप स भरि ह रई धमगमवजञानी सामानयत इस मानव जामत का पाप म मररना या कवल पाप म मररना कहत ह

उतपमतत 126-31 हम बताता ह मक जब परमशवर न मनषय क रचा त हम बहत अचछ थ इस मामल म अचछ शबद का अथग ह मक हम मबलकल वस ही थ जसा परमशवर चाहता था हमार परथम परि नमतक रप स शदध परमशवर क सटवरप थ परमशवर दवारा रच रए ससार क भरन और उस पर अचधकार करन क दवारा उसकी सवा क चलए मबलकल उपयि थ

जस पौलस न र ममय 512 म सकत मदया मनषय क मररन स पहल पाप नही था हमन कभी पाप नही मकया था हमारी परवमतत पाप की नही थी हम पाप स भरि नही हए थ और हमार अनदर पाप नही था

परनत उस पापरमहत अवसटथा म भी हमार पास पाप करन की िमता और अवसर द न थ जब परमशवर न आदम और हववा क रचा और उनह अदन की वामटका म रिा त उसन उन पर बहत सी बात क परकट मकया परनत एक आजञा परमशवर की सवा करन की उनकी इचछा क परिन क चलए तीवरता स आर आई उतपमतत 216 और 17 म हम पढत ह मक परमशवर न आदम और हववा क आजञा दी मक व भल और बर क जञान क वि क छ डकर वामटका क मकसी भी वि क िल िा सकत ह और इस वयवसटथा क त डन की सभावना न आदम और हववा क पाप करन का अवसर मदया

दःिद रप स जसा हम उतपमतत 31-6 म पढत ह साप न हववा क बहका मदया मक वह उस मनषचधत िल क िाए मिर हववा न उस िल म स आदम क भी मदया और उसन भी िाया आदम और हववा न परमशवर की धमी वयवसटथा क त डा और जान-बझकर पाप क चना परकाचशतवाकय 129 सकत दता ह मक साप वासटतव म शतान था और 1 मतमचथयस 214 सकत दता ह मक हववा क बहकाया रया परनत न त शतान की परीिाए और न ही हववा की मिगता हमार परथम परि क पाप का क ई बहाना ह व द न भल की बजाय बर क चनन क द षी थ

इन घटनाओ म हम मिर स दित ह मक पाप मलत परमशवर की वयवसटथा उसकी परकट इचछा का उललघन ह जब कभी हम परमशवर की परकट वयवसटथा स अलर स चत ब लत या कायग करत ह त हम भलाई की बजाय बराई क चनत ह और चाह ध ि या चालाकी स हम स पाप करवाया रया ह मिर भी परमशवर हम उस कायग का चजममदार ठहराता ह ज हमन मकया ह इसी कारण परमशवर क वचन क अपन मदल म बठाना सहायक ह - न कवल इसचलए मक हम इस जान परनत इसचलए भी मक हम इसस परम कर जब हम

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परमशवर की वयवसटथा क जानत ह त यह पाप मक पहचान करन म हमारी सहायता करती ह चजस स हम ध िा न िाए और जब हम परमशवर की वयवसटथा स परम करत ह त उसकी आजञा मानन का चनाव करना आसान ह जाता ह

पाप की पररभाषा और उतपमतत क दिन क बाद हम पाप क पररणाम क दिन क चलए तयार ह

पाप क परिण ा म पमवतर-वचन सकत दता ह मक आदम और हववा क पाप करन क बाद परमशवर न नयाय मकया और

समपणग मानव जामत क सराप मदया इस सराप न उनक अमसटततव क परतयक पहल क परभामवत मकया इसका पररणाम तरनत आमतमक मतय म मनकला चजसक बार म पर पमवतर-वचन म बताया रया ह जस यहनना 524 और 25 इमिचसय 21-5 और कलमसटसय 213 और 14 म इसन हमार अमसटततव दह और आतमा द न क भरि मकया ज हम मयमगयाह 179 और र ममय 718-811 म दित ह और इसका अनत शारीररक मतय था जसा हम उतपमतत 319 और र ममय 512 म पढत ह अनतत पाप क कारण मानव जामत पर नरक म अननत कि का परमशवर का दणर आया जसा हम मतती 529 और 30 जस पदयाश स सीित ह

सपरचसदध पासबान चालसग सटपजगन ज 1834 स 1892 क बीच रह न अपन सनदश सराप हटाया रया म आदम और हववा पर परमशवर क सराप क बार म बताया दि उनह न कया कहा

उ स सरा प म ो क या िा वम ि ह इसम ो मत य िा व मि ह इस िह क ी मत य इ सम ो आनद त मक म त य िा व मि ह उ स आनत र िक ज ी िन की मत य ज आि म म ो थ ा - आतम ा क ा जीिन ज अ ब चि ा गया ह औि कि ि पवि तर आत मा दवा िा पन ि ाया जा सकता ह औि अ नत म ो सब स ब िति इ सम ो िा व मि ह ि ह अ न नत म त य िह भ यो क ि भ या नक िबि ldquo न िक rdquo ल ज सम ो सब क छ सम ा सकत ा ह

आदम और हववा क पाप क पररणाम समपणग मानव जामत म भी िल रए-उस परतयक वयमि म चजसन पराकमत रप स उन स जनम चलया हम पाप क इस वचशवक परभाव क 1 राजा 846 र ममय 39-12 रलामतय 322 और इमिचसय 23 जस पदयाश म दित ह दि पौलस र ममय 512 और 19 म आदम क पाप क बार म कया कहता ह

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या एक म न ष य क आजञा न म ा नन स ब हत ि ग पा पी ठहि (ि वम य ो 51219)

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा आदम समपणग मानव जामत की वाचा का मचिया था और पौलस न चसिाया मक इस कारण आदम का पाप उसक सार वशज पर आया और इसक पररणामसटवरप हम सटवभाव स पापी ह हम ससार म आमतमक रप स मत अवसटथा म ददग और कि क अधीन और शारीररक मतय की मनयमत लकर आत ह

इ स बढा -चढाक ि क हन ा क व ठन ह पा प क प णय पर िणाम क सम झना भ ी हम ा ि ल ि ए अ समभ ि ह पिनत हम ा िा पा प सव षटक त ा य क वि रदध व ि ि ह ह यह उ सक ी म वहम ा क चिा न का परया स ह यह उसक ी व यिस थ ा क त डना ह यह उसक ी म व हम ा स वग िन ा ह यह हि परका ि स अ पन आप क पिम शवि क ितर ब न ान ा ह पा प पिम शवि क साथ

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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हम ा ि सो बो ध क वब गा ड ित ा ह क य ोवक पिम शवि पवि तर ह ि ह पा प क न ही ो िख सक त ा ह उ सक ी पवि तरत ा क क ा िण उ स पा प पि अ पना कर ध उ णडि ना पडत ा ह अ त जब हम मा न िी य पा प क ि खत ह ो यह ि ह सब कछ ह ज हम ो हमा िी सम स या क बा ि म ो ज ा नन ा ह यह ि ह सब कछ भी ह ज हम ो स ियो क ब ा ि म ो ज ान न क ी आि शयकत ा ह पा प एक म न वि जञा न ह ल ज स क दव ा िा ज कछ ि पय ण म ो िखत ह ो औि ज हम अ पन आप क ब ा ि म ो ज ा न त ह ो उ स समझन म ो हम ा िी सहा यत ा क ित ा ह यह हम ो इस बा त क ी भ ी या ि व िि ात ा ह वक हम ा ि पा स अ पन आप क इ स ििय िा स ब चा न क ा क ई म ागय न ही ो ह क िि पिम शवि ही यह क ि सक त ा ह औि िह इ स म सी ह म ो क ित ा ह

डा आि अल बटय म हलि ज वनयि

पाप की समसटया सचमच भीषण ह परी मानव जामत पणगत ि ई हई और द षी ह हमार पास अपन आप क छडान का क ई मारग नही ह मनरनतर परमशवर का दणर सहना हमारी मनयमत ह उस पन परसनन करन या हमार पाप क सधारन का हमार पास क ई मारग नही ह परमशवर की अनगरहकारी िमा क अलावा उदधार की मबलकल भी आशा नही ह

पाप की समसटया क दिन क बाद अब हम िमा की हमारी चचाग क मदवय अनगरह की ओर म डना चामहए ज िमा क सभव बनाता ह

व िवय अनगरह अपनी करणा म परमशवर नही चाहता था मक समपणग मानव जामत पाप क सराप की अधीनता म रह

उसन मिर मनषय दवारा पथवी क भरन और उस पर अचधकार करन क चलए और उस अपनी उपमसटथमत क य गय राजय म बदलन की य जना बनाई इसचलए पाप की समसटया क हल करन क चलए उसन एक उदधारक क भजा और वह उदधारक उसका पतर यीश मसीह था

उदधारक क रप म यीश हम द ष और भरिता स बचाता ह वह अपन साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह ससार क उसक पथवी क राजय म बदलन की हमारी य गयता क वह पन हम दता ह हमार अपन उदधार क चलए परमशवर की य जना कवल मनषय की य गयता पर मनभगर नही ह यह परमशवर क अनगरह उसकी परसननता पर मनभगर ह हम हमार मवशष परमतमनचध परभ यीश मसीह दवारा मदया जाता ह जसा हम र ममय 323 और 24 म पढत ह

सब न पा प व क या ह औि पिमशवि क ी म व हम ा स िवहत ह ो पिनत उ सक अ नगर ह स उ स छ टक ा ि क दवा िा ज म सी ह यीि म ो ह स ोत म ोत धम ी ठहिा ए ज ा त ह ो (ि व म य ो 323-24)

मदवय अनगरह क कायग क रप म िमा म मतरएकता क तीन वयमि मपता पतर और पमवतर आतमा शाममल ह और इसकी शरआत मपता स हई

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वपता

उ दध ा ि व तर एक ह व पत ा ज पहि क िता ह पतर ज प िा क िता ह आत म ा ज िाग क िता ह जब हम व पता -पतर क सो बो ध क ब ा ि म ो स चत ह ो-हम ो स चना चा व हए वक हम ा ि उ दध ा ि क ी य ज न ा म ो व पत ा पतर औि पवितर आत मा त ी न ो व यव ि िा व मि ह ो त ीन ो वयव ि अ न गरह म ो औि परम म ो औि करणा म ो क ा यय क िन क सा थ -साथ कर ध औि धा वमय क त ा औि ि ण ड क भ ी था म िहत ह ो अ त जब व पत ा क पहि क िन ि ाि क रप म ो ि खा ज ा त ा ह त ि ह इस पतर औि पव ि तर आत म ा स अ ि ग अक ि न ही ो क ित ा ह

डा स ट ी फन िि म

िमा की शरआत मपता स हई कय मक उसी न उसकी य जना बनाई नया मनयम सटपि रप स चसिाता ह मक मपता न पतर क ससार म भजा और उस उदधारकताग मनयि मकया इस हम यहनना 316-18 परररत क काम 234-36 और इबरामनय 31 और 2 म दित ह

नया मनयम यह भी चसिाता ह मक मपता अपन ल र क उदधारकताग क रप म यीश की सामथग क अचधकत मकया और करस पर यीश क बचलदान क पाप क भरतान क रप म सटवीकार करन का वायदा मकया हम मपता की इन भममकाओ क बार म यहनना 1014-18 कलमसटसय 118-20 और इबरामनय 210 जस पदयाश म पढत ह

वासटतव म र ममय 325 कहता ह मक मपता न ही यीश क बचलदान क रप म चढाया दि पौलस वहा कया चलिता ह

पिम शवि न उ स परा यल ित ठहिाया (ि व म य ो 325)

मपता छटकार का महान चशलपकार ह यह उसकी अनगरहकारी य जना और करणामय इचछा ह मक हमार पाप क िमा कर और हम आशीष द और यह उसका अचधकार ह ज उदधार क सभव और मनचित बनाता ह

यह विचाि वक कर स पि यी ि ि ग ो क परव त अ पन स िग ी य व पत ा क कर ध क इ स त िह ि ि किन क ा परया स क ि िहा ह व क यी ि त परम ी ह ि वक न व पता न ही ो यह ि ा सत ि म ो यी ि म सीह क परा यल ित क क ायय म ो ज ह िहा ह उ सक ी गि त सम झ ह कर स पि यी ि क ा क ा यय िा स ति म ो व पत ा क अ पन ि ग ो क परव त प िय ि वतय परम क ी अव भ व यव ि ह स च ो व क न य व न यम म ो व कत न ी ब ा ि इस ब ात पि ब ि वि या ग या ह वक यी ि क ा सो सा ि म ो आन ा औि कर स उ ठा न ा ि ा सत ि म ो व पत ा क परम क ा पर िणा म ह ि ह ि चन ल ज स हम म ो स अ ल धक ा ि ि ग सो भि त अपन म सी ही ज ीि न म ो पहि ि चन क रप म ो याि क ित ह ो य हनन ा 316 बि ि त ा ह ldquoक य ोवक पिम शवि न ज गत स ऐसा परम वक या वक उस न अ पन ा इ कि ौ ता पतर ि व िया rdquo अ ब इ स ि चन म ो व क स क परम पि बि व िया ज ा िहा ह म वक सी भ ी तिह यी ि क परम क कम न ही ो क ि िहा ह पिनत उ स पद ाो ि म ो पतर क िन म ो स िग ी य व पता क परम पि ब ि व ि या ज ा िहा ह

डा ज ल िग न डो क न

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पतर मदवय अनगरह ज हमारी िमा क पणग करता ह उस म पतर भी शाममल ह ज हमारा उदधारकताग ह मपता क वायद की पणगता म पतर क ससार म भजा रया चचर-परमतचित मसीहा यीश क रप म

दहधारण मकया तामक मनषय क पाप का परायचित कर इस चशिा क हम बहत स सटथान जस र ममय 325 और 26 इबरामनय 214-17 और 105-10 म पात ह

यीश न पामपय की जरह करस पर मरन क दवारा पाप का परायचित मकया हमार पाप क कारण आए सराप क उसन गरहण मकया और उसकी चसदध धाममगकता हम दी रई तामक हम पापी न मरन जाए बमलक परमशवर की आजञाकारी सनतान मान जाए कछ थ ड स सटथान जहा यह मवषय आता ह उनह हम यहनना 1014-18 रलामतय 220 2 कररमनथय 521 और इबरामनय 109-14 म पात ह जस पौलस न इमिचसय 17 म चलिा

हम क (यी ि म सीह) म ो उ सक ि ह क दव ािा छटक ा िा अ थ ा यत अ पिा ध ो क ी कषम ा उ सक उ स अन गर ह क धन क अ न साि व मि ा ह (इ व फल सय ो 17)

हमार पाप िमा मकए रए ह इसचलए नही मक परमशवर उनह अनदिा करता ह बमलक इस कारण मक उसन मसीह म उनह दणर मदया और इसीचलए पमवतर-वचन हम हमार उदधार पर मवशवास करन क चलए परररत करता ह

मपता और पतर क इन कायो पर मनभगर ह न क अमतररि िमा पमवतर आतमा क मदवय अनगरह का भी पररणाम ह

पवितर आतमा पमवतर आतमा मतरएकता का वह वयमितव ह ज वासटतव म िमा क हमार जीवन म लार करता ह

मपता न य जना बनाई और पतर न परायचित क परा मकया परनत हमार पाप वासटतव म तब तक िमा नही ह त ह जब तक मक पमवतर आतमा अपना काम न कर

जब हम मवशवास म आत ह त पमवतर आतमा उस समय तक हमार दवारा मकए रए पाप क िमा करक परमशवर क साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह वह हमारी आतमाओ का नवीनीकरण करक हम नया आमतमक जीवन भी दता ह जसा यीश न यहनना 35-8 म बताया परररत क काम 1118 इस अनभव क जीवन क चलए मन-मिराव कहता ह कय मक नवीनीकरण और मवशवास म हमशा दि और हमार पाप का अरीकार शाममल ह ता ह इस मवचार की बहत स पदयाश म पमि की रई ह जस 1 कररमनथय 611 म

और पमवतर आतमा हमार जीवन भर मनरनतर िमा लार करता रहता ह वही हमार मवशवास क बनाए रिता ह ज हम परमतमदन मन-मिराव की ओर लाता ह और वह मनरनतर हमार जीवन म िमा लार करता ह इस हम र ममय 81-16 और रलामतय 55 जस सटथान म दित ह एक उदाहरण क रप म दि पौलस 2 चथसटसलनीमकय 213 म कया कहता ह

पिम शवि न त म ह ो चन ल िया वक आत म ा क दव ा िा पव ितर ब नक ि औि सत य क ी परतीवत क िक उ दधा ि पा ओ (2 ल थ स सि न ी वक य ो 213)

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यहा पौलस न चलिा मक मसीही आतमा क कायो क दवारा उदधार पात ह ज हम पाप और अधमग स शदध करत ह अथागत आतमा क कायग ज हमार जीवन म िमा लार करत ह और जब हम मनरनतर सतय म मवशवास करत ह त आतमा मनरनतर हमार जीवन म िमा क लार करता ह

मपता पतर और पमवतर आतमा सब हमार परमत उदधार क अनगरह क मदिात ह और इसक हमार जीवन क चलए कम स कम तीन मनमहताथग ह पहला जब हम पाप करत ह और परमशवर स िमा और उदधार क अनय पहलओ की अपील करत ह त तीन मदवय वयमिय स अपनी पराथगना करन म हम सही ह दसरा जब हम इन आशीष क पात ह त हम परमशवर क तीन वयमिय क धनयवाद दना चामहए और तीसरा हम अपन उदधार पर पणग भर सा कर सकत ह यह जानत हए मक मतरएकता क तीन वयमि हम स परम करत ह और हमार उदधार क समनचित करन क चलए कायग करत ह मपता पतर और पमवतर आतमा तीन हमार लाभ क चलए पाप की समसटया क हल करन क चलए एक साथ ममलकर कायग कर रह ह

पाप की समसटया और मदवय अनगरह क दमिक ण स पाप की िमा क दिन क पिात हम िमा म वयमिरत उततरदामयतव की भममका क बार म बात करन क चलए तयार ह

वयविगत उतति िाव यत ि पमवतर-वचन सटपि रप स चसिाता ह मक परमशवर परतयक वयमि क पाप क िमा नही करता ह कछ

ल र क िमा मकया जाता ह और कछ क नही यह सतय कय ह मानवीय दमिक ण स कारण यह ह मक िमा की परमकरया म साधारण रप स वयमिरत उततरदामयतव का ततव शाममल ह ता ह सामानयत इन उततरदामयतव क परा करन वाल ल र क िमा मकया जाता ह परनत ज इन उततरदामयतव स जी चरात ह उनह नही

वयमिरत उततरदामयतव की भममका की हमारी चचाग द भार म मवभाचजत ह री पहला हम कछ शतो क बतायर चजनकी पमवतर-वचन िमा क चलए साधारण आवशयकताओ क रप म पहचान करता ह और दसरा हम िमा क पान क साधन क बार म बात करर आइए हम उन शतो स शर कर चजनह पमवतर-वचन िमा स ज डता ह

ि त पमवतर-वचन िमा क चलए द पराथममक शतो क बार म बताता ह पहला यह िमा क चलए परमशवर म

मवशवास की आवशयकता क बताता ह पमवतर-वचन म मवशवास एक बह-पिीय मवचार ह परनत इस सनदभग म जब हम परमशवर म मवशवास की बात करत ह त यह हमार दमार म ह

पिम शवि क ी व िव य सि ो चचत ा की सि ीक वत उ सक परव त ि फाि ाि सम पय ण औि भि सा व क हम ा ि उ दध ा िक ता य यी ि म सीह क ी ख ा वत ि िह हम पि करणा क िग ा

यदयमप आधमनक श ताओ क यह अजीब लर सकता ह परनत पमवतर-वचन इस परकार क मवशवास क अकसर- परमशवर का भय- कहता ह

उदाहरण क चलए भजन 1038-13 िमा की इस शतग की परकमत का इस परकार वणगन करता ह

यह िा ि याि औि अ न गरहक ािी व ि ि मब स क प क िन ि ाि ा औि अ वत करणा म य ह ि सिय ि ा िा ि वि ि ाि कित ा न िहग ा न उ सक ा कर ध सि ा क ल ि ए भ डक ा िहग ा उस

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न हम ाि पा प ो क अन सा ि हम स व यिहा ि नही ो वक या औि न हम ा ि अ धमय क क ाम ो क अ न साि हम क बि ि ा व ि या ह ज स आक ा ि पथि ी क ऊपि ऊ चा ह ि स ही उसक ी क रणा उ सक डिि य ो क ऊपि परब ि ह उ ि या चि अ सत ा चि स ल ज तन ी ि ि ह उ स न हम ा ि अ पिा ध ो क हम स उत नी ही ि ि क ि व ि या ह ज स व पत ा अ पन ब ाि क ो पि ि या क ित ा ह ि स ही यह ि ा अ पन डिि य ो पि ि या क िता ह (भज न 1038-13)

धयान द मक यह वा का भय मानन वाल िमा पात ह उनका अधमग दर मकया जाता ह यही मवचार परी बाइबल म पाया जाता ह उदाहरण क चलए इस हम 2 इमतहास 3018 और 19 म

दित ह यह वा अपन ि जनवाल क माि करता ह मरकस 412 म यीश न सकत मदया मक कवल व ल र ही िमा क चलए परमशवर की ओर मिर सकत ह ज उस जानत और समझत ह और परररत क काम 2617 और 18 म िमा कवल उन ल र क ममल सकती ह चजनकी आि यह वा की ममहमा और सामथग क सतय क दिन क चलए ि ली रई ह

पमवतर-वचन म पाई जान वाली िमा की दसरी साधारण शतग ह टटा हआ ह ना टट हए ह न का अथग ह

पा प क ब ाि म ो ि ा सत व िक ि ख पिम शवि की व यि स था क त डन पि सचचा पिात ा प

यह कवल पकड जान पर या दणर का दि नही ह परनत अनबनध मक परमशवर की शत पमवतर ह और उसका सममान करन म असिल ह न पर मदल का टटना

पिा त ा प क अ थय म ो हम स मझ स औि आप स अ पल कषत ह व क हम ो अ पन पा प क ा अ पिाध -ब ध ह म ो ब त िब ा क सा थ पा प क िन क ब ाि िाऊि क ब ाि म ो स चत ा ह हा उ सन ब त िब ा क व िरदध पाप व क या था औि उसन ब त िबा क पव त क व ि रदध पा प व क या थ ा उ सन पिा न वन यम क ी क ि ी लसया क व िरदध पा प वक या था पिनत अ नतत ldquo म ो न कि ि त ि ही व िरदध पाप व क या ह औि त िी ि वषट म ो ज ब िा ह ि ह व क या ह rdquo औि आप उ सक व िि क पिात ा प क म हस स कित ह ो आधव न क िब ि म ो म ो स चता ह व क ldquo ट ट ा पनrdquo ह औि हम ो ि चन क ी ज रित ह व क पव ि तर आत म ा क दव ा िा हम ो त ड हम ो पिम शवि क ी उ पनद सथ व त म ो त ड

डा डिक डबल य एच थ ा म स

उदाहरण क चलए 2 शमएल अधयाय 11 म दाऊद क मन म क ई पिाताप नही था जब उसन बतशबा क साथ वयमभचार मकया और मिर उसक रभगधारण क चछपान क चलए उसक पमत उररयाह की मौत का इनतजाम मकया बतशबा क रभगधारण क समय अपन बचच क जनम क समय तक दाऊद क अपन कायो का क ई दि नही था उस समय नातान नबी दाऊद क पाप क मवषय म उसका सामना करता ह जसा हम 2 शमएल अधयाय 12 म पढत ह कवल उस समय दाऊद न अपन अपराध क माना और अपन आप क उसका द षी माना मिर टटपन की आतमा म अपन रहर दि और पिाताप क अमभवयि करन क चलए उसन अपन पिाताप का महान भजन भजन 51 चलिा दि दाऊद न भजन 51 क पद 6 और 17 म कया चलिा

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त ह ि य क ी सचचा ई स परसनन ह त ा ह ट ट ा म न पिम शवि क य गय ब लि िा न ह ह पिम शवि त ट ट औि व पस हए म न क तचछ न ही ो ज ा नत ा (भज न 51617)

दाऊद न पहचान चलया मक परमशवर की िमा क पान क चलए उस अपन पाप क बार म परमशवर क दमिक ण की आवशयकता थी उस अपन कायग स घणा करन और उस पर वासटतव म दिी ह न की आवशयकता थी

हम टटपन पर इसी बल क भजन 32 पद 1 और 2 म दित ह जहा िमा उन ल र क ममलती ह चजन म क ई कपट नही ह इस हम यशायाह 557 म पात ह जहा परमशवर उन पर करणा करता ह ज अपन पाप क तयार दत ह और इस हम मयमगयाह 53 म सनत ह जहा उन ल र क िमा स इनकार कर मदया जाता ह चजनक हदय उनक पाप क सबध म हठील ह

म िा वि चा ि ह व क हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि ध यान िग ा न क दव ा िा अ पन व िि म ो पिा त ा प क उ त पनन कित ह ो इस हम उ त पवतत स परक ा ल ित ि ाकय त क ब ाइ बि पिम शवि क बा ि म ो ज ब ता त ी ह उ स पि व ि चा ि क िन क दव ा िा क ि सकत ह ो वक िह अ न ा जञा क ा िी ि ग ो स सो ग वत नही ो क ि सकत ा पिनत ज अनाजञाक ारिता क ा नयाय क ित ा ह औि अ पिा ल धय ो क ि ण ड ि त ा ह यही पिम शवि की पव ि तर ता क ा सा ि ह औि ज ब हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि व ि चा ि क ित ह ो त आइ ए पी छ म डक ि हम अ पन जी ि न क ि ख ो व क व कस परक ा ि हम न व यिस थ ा क त डा आजञा क ा उ ललो घ न वक या औि पिम शवि क ी बा त ो पि ध या न न ित हए उ स स ि ि ह ग ए अ पन ज ीि न क एक जो जा ि ब न ा ल ि या ल ज स स उ सक ा अ न ाि ि ह त ा ह अ ब पी छ म डक ि ि ख ो िह सा िा िण ड ज मझ पि पडन ा था ि ा सत ि म ो मसी ह पि पडा औि उ सन उ स सहा औि यह म झ बत ा त ा ह वक मि अ पन पा प व कत न ि ः खि थ व क म ि ल ि ए उन का पिा त ा प क िि पिम शवि क ि हधा िी पतर क ी म त य क दव ा िा वक या ज ा सक त ा थ ा औि जब म झ म हस स ह त ा ह वक पिम शवि की पव ि तरत ा क परक ा ि म ो म ि पा प व क तन िः खि ह ो औि उ नह ो ि ि क िन क ल ि ए क या म ाो ग क ी ग ई त पा प क परवत मिा ि ःख त ीवर ह ज ा एग ा म िा पिा त ा प ग हिा ह ग ा औि उ सक दव ा िा ब ाि-ब ाि औि ब ाि -ब ा ि अ पन आप क पव ि तर ता क ल ि ए पिम शवि क सम व पय त क िन क ा औि उस यह ब त ान क ा ईम ा नि ा ि परया स उत पनन ह ग ा वक मझ वकत न ा अ ल धक पछत ा िा ह औि ि ा स ति म ो म ो पा प ो स घ णा कित ा ह ल ज नह ोन पिा त ा प क आि शयक ब ना या

डा ज आई प क ि

मवशवास की अवसटथाए और टटा मन परतयक वयमि क जीवन क चलए महतवपणग ह चाह हम मवशवासी ह या नही चजन ल र न मसीह क अपन परभ और उदधारकताग क रप म गरहण नही मकया ह उनक चलए य अवसटथाए परमशवर म आन और पाप की िमा पान और मसीह म नय जीवन की शरआत करन क अवसर ह और हम म स ज ल र पहल स ही मसीह स सबचधत ह उनह यह याद मदलात ह मक हम मनरनतर मवशवास का जीवन जीना ह और हमार दवारा मनरनतर मकए जान वाल पाप क परमत हम वासटतव म दिी ह ना ह तामक हम मनरनतर िमा पा सक और दमनक आधार पर शदध ह सक

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अब जबमक हम दि चक ह मक िमा की अवसटथाओ म सामानयत कायगकारी मवशवास और हमारा टटा हआ मन शाममल ह ता ह त आइए हम उन साधारण साधन क दि चजनक दवारा हम िमा क पा सकत ह

स ाधन कई बार मसीही अनगरह क साधन और अनगरह क आधार क बीच अनतर क समझन म असिल ह

जात ह पररणामसटवरप व रलती स यह स चत ह मक अनगरह क पान या हम पर अनगरह करन क चलए परमशवर पर दबाव रालन क चलए अनगरह क साधन का परय र मकया जा सकता ह अत एक साधन और आधार क बीच अनतर क पहचानना महतवपणग ह इस अनतर क दिन म सहायता क चलए कलपना कर मक एक वयमि क च ट स उबरन क चलए शारीररक चचमकतसा की आवशयकता ह चचमकतसा महरी ह और उसका भरतान एक दानकताग दवारा मकया जाता ह हम कह सकत ह मक वयमि क र र स पणगत उबारन वाला साधन चचमकतसा ह परनत इस सटवासटथय-लाभ का आचथगक आधार दान ह

इन मभननताओ क हम सिप म इस परकार कह सकत ह मक आधार वह मल या य गयता ह चजसम क ई कायग या पररणाम आधाररत ह जबमक साधन वह औजार या यनतर ह ज उस कायग या पररणाम क समभव बनाता ह

जब परमशवर स िमा और अनगरह पान की बात आती ह त आधार हमशा मसीह की य गयता ह चजस उसन अपन आजञाकारी जीवन और करस की मतय क दवारा अचजगत मकया इस हम मतती 2628 कलमसटसय 113 और 14 और 1 यहनना 212 जस सटथान पर दित ह िमा क सवगदा अचजगत मकया जाता ह परनत इस मसीह क दवारा अचजगत मकया जाता ह हमार दवारा नही और मवशववास वह मलभत साधन ह चजसक दवारा सारा अनगरह हमार जीवन म लार मकया जाता ह चाह परमशवर क सममि परतयि रप स अमभवयि मकया जाए या अनगरह क साधन क दवारा मवशवास वह पराथममक औजार ह चजसक दवारा परमशवर हमार जीवन म अनगरह और अनय आशीष क लार करता ह

पमवतर-वचन कई साधन का वणगन करता ह चजनक दवारा मवशवास सामानयत कायग करता ह इस अधयाय म हमार उददशय क चलए इन अनय साधन क हम सिप म पराथगना स शर करक द सामानय शचणय म बाट सकत ह

समपणग पमवतर-वचन म पराथगना क परमशवर स अनगरह और िमा मारन क साधारण साधन क रप म परसटतत मकया रया ह जस बाइबल अरीकार और मन मिराव की पराथगना क आमतौर पर मवशवास की अमभवयमि बताती ह चजनक दवारा पमवतर आतमा हम िमा परदान करता ह इन पराथगनाओ की परभावशीलता क 1 राजा 829-40 भजन 321-11 परररत क काम 822 1 यहनना 19 और बहत स अनय सटथान पर चसिाया रया ह

उन ल र क चलए चजनह न अभी हाल ही म परभ क जाना ह अरीकार और मन मिराव की मवशवासय गय पराथगनाए व साधन ह चजनक दवारा पमवतर आतमा आरममभक रप म िमा और उदधार क उनक जीवन म लार करता ह इसीचलए परररत क काम 1118 म कलीचसया न मन पररवतगन क जीवन क चलए मन मिराव कहा और सार मवशवाचसय क चलए अरीकार और मर मिराव की पराथगना अपन जीवन म परमशवर क अनगरह क पान क महतवपणग साधन बन रहत ह जसा हम 1 यहनना 19 म पढत ह

यव ि हम अ पन पा प ो क म ान ि ो त (पिम शवि) हम ा ि पा प ो क कषम ा क िन औि हम ो सब अ धमय स ि दध क िन म ो व िशवा सय गय औि धम ी ह (1 य हनना 19)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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ससमाचार का अदभत समाचार ह मक मसीह न हमार चलए ज मकया ह उसक आधार पर हमार पाप का मफत म िमा करता ह और हम मवशवास क साथ कवल मारन क दवारा इस िमा क परापत कर सकत ह

आप ज ा न त ह ो व क ब हत स ि ग यह स चत ह ो वक यवि आप यह ल सख ा त ह ो व क पा पी क पिम शवि क पा स आक ि कि ि ldquoह सि ग ी य व पत ा मझ कषम ा किrdquo क हन स पिम शवि उ नह ो कषम ा क ि िग ा त यह पिम शवि क अ न गरह क सस त ा ब न ा ि ग ा पिनत त थय यह ह व क यह पिम शवि क अ न गर ह क ऊ चा उ ठा त ा ह इ सल ि ए न ही ो वक हम ा िा म न व फिाि हम ो ब चा त ा ह या उसक आधा ि पि पिम शवि हम ो कषम ा कित ा ह पिनत इ सल ि ए व क पिम शवि न स ि यो अ पन एक ि ौत पतर क ी अ न नत रप स म ल यि ान औि अ ग णय रप स म हो ग ी मत य क आधा ि पि हमा ि लि ए कषम ा औि म ि -वम िाप क ा आधा ि त याि व कया ह

डा ज ल िग न डो क न

इ स त थय न वक यी ि म सीह पिम शवि का पतर वतर एकत ा म ो ि सिा व यव ि पथि ी पि आया औि नमर त ा औि ि ासरप म ो त ीस ि षय वब ता ए औि व फि क षट सहा औि कर स पि म िा -हम ा ि पा प ो क िण ड क ा भग त ा न क िन क ल ि ए कर स पि पा प क अ न नत क जय क उ ठा ल िया यह एक अन नत म ल य ह यह एक अ न नत क ीम त ह ब हत बडी क ी मत हम ा ि पा प ो क लि ए अन नत क ीम त इ सल ि ए यह ससत ा अ न गरह न ही ो ह यह अ ब त क परा पत व क या ग या सि ा यलधक म हो ग ा अन गर ह ह हम इ स म फ त उपहा ि क रप म ो परापत क ित ह ो पिनत कि ि इ स क ा िण व क यी ि न अ पन ा सब क छ हम ा ि लि ए ि व ि या

डा म ाकय सर स

ज उ सक पा स आक ि कि ि ldquoपरभ म झ कषम ा क िrdquo क हत ह ो उ नह ो कषम ा व क या ज ात ा ह इसल ि ए न ही ो वक कषम ा क ी उ नक ी व िन त ी ब हत क ि ीन थ ी इ सल ि ए न ही ो व क उ न क ा म न व फिाि ब हत अच छा थ ा पिनत इ सलि ए वक यी ि न िह सब कि व ि या ह ज हम ा ि स ि ग ी य व पत ा क साथ सो ग वत म ो पन ि ौ टन क ल ि ए हम ाि ल ि ए आि शयक थ ा

डा ज ल िग न डो क न

अब हम यह बतान क चलए रकना चामहए मक अरीकार और मन मिराव की पराथगनाओ क अमतररि ज िमा क साधारण साधन क रप म कायग करती ह मबचवई की पराथगना कई बार िमा क असाधारण या असामानय साधन क रप म कायग करती ह मबचवई क इस परकार पररभामषत मकया जा सकता ह मधयसटथता या मकसी और की िामतर मवनती या पराथगना

पमवतर-वचन म ल र दवारा परभावी मधयसटथता की पराथगना क बहत स उदाहरण ह इस हम मरनती 1419 और 20 म दित ह जहा मसा की मधयसटथता की पराथगना क जवाब म यह वा न इसराएल क पाप क िमा कर मदया इस हम 2 इमतहास 3018-20 म पात ह जहा महजमकयाह की मबचवई क जवाब म यह वा न उन ल र क माि कर मदया चजनह न िसह की उचचत तयारी नही की थी इस हम अययब 15 म दित ह

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जहा हम सीित ह मक अययब मनरनतर अपन बचच क चलए मबचवई क बचलदान चढाया करता था और इस हम याकब 514 और 15 म दित ह जहा याकब न चसिाया मक कलीचसया क परमनए उन ल र क चलए िमा क परापत कर सकत ह चजनह न पाप मकया ह परमशवर मवशवासय गय ल र की मबचवई क पराथगना क जवाब म हमशा िमा परदान नही करता ह परनत बहत बार वह ऐसा करता ह

और इस परकार की मानवीय मबचवई स बढकर पतर और पमवतर आतमा द न ल र क चलए मधयसटथता करत ह यीश दवारा की जान वाली मधयसटथता क बार म यशायाह 5312 र ममय 834 और इबरामनय 725 जस सटथान पर बताया रया ह और आतमा की मधयसटथता क बार म र ममय 826 और 27 म चसिाया रया ह

िमा क साधन की दसरी सामानय शणी पमवतर ससटकार ह या चजनह आधमनक पर टसटटनट कलीचसयाए-मवधान कहती ह मखयत बपमतसटमा और परभ भ ज

अब जब हम ससटकार शबद का परय र करत ह त हम इस बात क सटपि करन की आवशयकता ह मक हम परभ भ ज और बपमतसटमा क बार म र मन कथ चलक कलीचसया क मवचार की बात नही कर रह ह बमलक ससटकार शबद का परय र बहत सी पर टसटटनट ससटथाओ दवारा ऐमतहाचसक रप स परभ भ ज और बपमतसटमा क चलए मकया जाता रहा ह य समार ह मवशष पमवतर मवधान ह चजनह परमशवर न हमार मवशवास क अमभवयि करन और उसकी आशीष क पान क साधन क रप म कलीचसया क उपलबध कराया इन मवधान क कायग मववरण क बार म पर टसटटनट परमपराओ म मतभद ह परनत व सब इस बात स सहमत ह मक य मकसी तरह मवशष ह

कई बार मसीमहय क सनदह ह ता ह जब व दसर क परभ भ ज और बपमतसटमा क िमा क साधन क रप म बतात हए सनत ह अत इस बात पर बल दना महतवपणग ह मक हम यह नही कह रह ह मक इन मवधान म ऐसी क ई य गयता नही ह ज उनह परभावी बनाती ह य िमा का आधार नही ह

साथ ही बाइबल चसिाती ह मक जब हम परभ भ ज और बपमतसटमा क दवारा अपन मवशवास क अमभवयि करत ह त पमवतर आतमा हमार जीवन म िमा क लार करन क चलए इन मवधान का परय र करता ह

बपमतसटमा क मरकस 14 परररत क काम 238 र ममय 61-7 और कलमसटसय 212-14 जस पदयाश म अनगरह का साधन बताया रया ह

एक उदाहरण क रप म परररत क काम 2216 म पौलस स कह रए हननयाह क शबद क सन

अ ब क य ो ि ि क िता ह उ ठ बपव त स म ा ि औि उ सक ा ना म ि क ि अ पन पा प ो क ध डा ि (परर ित ो क क ाम 2216)

इन मनदश म हननयाह न सकत मदया मक बपमतसटमा क दवारा पौलस क पाप क िमा मकया या- ध मदया जाएरा

अब मनसटसनदह बपमतसटमा िमा का एक आवशयक साधन नही ह हम दसर तरीक स भी िमा ममल सकती ह जस यीश क साथ करस पर चढाए रए मवशवास करन वाल उस राक न कभी बपमतसटमा नही चलया था मिर भी लका 2343 सकत दता ह मक उस िमा मकया रया और उसन उदधार पाया अत हम यह स चन की रलती नही करनी चामहए मक िमा और उदधार कवल उन ल र क चलए उपलबध ह चजनह न बपमतसटमा ल चलया ह मिर भी पमवतर-वचन इस पणगत सटपि करता ह मक बपमतसटमा साधारणत हमार जीवन म िमा क लार करन क साधन क रप म कायग करता ह

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और परभ भ ज का भी यही सतय ह पौलस न सटपि रप स चसिाया मक परभ भ ज म भार लना मसीह की मतय क लाभ जस िमा क परापत करन का माधयम ह दि 1 कररमनथय 1016 म उसन कया चलिा ह

िह धनयिाि क ा क ट िा लजस पि हम धनयि ा ि क ित ह ो क या म सी ह क ि ह क ी सहभ ा व गत ा नही ो ि ह ि ट ी लजस हम त डत ह ो क या ि ह म सीह क ी ि ह क ी सहभ ा व गत ा न ही ो (1 कर िनद नथ य ो 1016)

य अलकाररक परशन थ पौलस की पमतरय क पढन वाला परतयक वयमि जानता था मक उनका उततर था -हा मनसटसनदह मवशवास क साथ परभ भ ज म भार लन क दवारा हम मसीह क साथ एक ह त ह

पाप की िमा उदधार की एक महान आशीष ह चजस हम अपन समपणग मसीही जीवन क दौरान अनभव करत ह चाह हम नय मसीही ह या जीवन भर स मवशवासी रह ह िमा मसीह क साथ हमारी चाल का एक सतत पहल ह और इसक पररणामसटवरप बहत सी अनय आशीष भी ममलती ह

जान वसटली मथ मरसटट कलीचसया क ससटथापक ज 1703 स 1791 क बीच रह न अपन सनदश सखया 26 म िमा क बार म बताया चजस म उनह न पहाडी उपदश की वयाखया की दि मक उनह न वहा कया कहा

पा प ो क ी कषम ा पा त ही हम इ सी परक ा ि उ न क साथ ब हत कछ पा त ह ो ज व ि शवास क दवा िा ज उ स म ो ह पव ितर वक ए ग ए ह ो पा प अ पन ी सा मथय ख चक ा ह इसक ा उन पि क ई अ ल धक ा ि न ही ो ह ज अनगर ह यावन पिम शवि की परसननत ा क अ धी न ह ो क य ोवक ज म सी ह म ो ह ो उ न पि क ई ि णड क ी आजञा न ही ो ह इ सल ि ए ि पा प क सा थ -साथ गि ा व न स भ ी म ि वक ए ग ए ह ो व यि सथ ा क ी धा वमय क त ा उ नम ो प िी हई ह औि ि ििीि क अ न सा ि न ही ो पिनत आतम ा क अ न सा ि चित ह ो

म ो स चता ह पा प ो क ी कषमा एक परक ा ि स म सी व हय ो क रप म ो हमा िी सि ा यल धक अ नम ि ि ा सत व िकत ा ह म िभ त रप स हम ा ि पा प ो क कषमा क िन क ा अथय ह पिम शवि हम ा ि सवषट कत ा य क साथ सही सो बो ध म ो िहन ा आज ज ब हम सो सा ि क िख त ह ो हम पा त ह ो वक ि ग अ थय महत ि उ दद शय क ी ख ज म ो ह ो औि हम ा िी सो सक वत म ो अ त यल धक अ समो जस ह ज ीि न क या ह ज ी न क ा क ा िण क या ह म ो यहा क य ो ह औि इ सल ि ए ि ग अथय औि म हति क ख ज न क ल ि ए हि त िह स परया स क ित ह ो-वफि चा ह ि अ पन ी न ौ किी का पी छ ा क िो या ि ोव गकत ा या म ा िक पि ा थ ो क ा म िा मत िब ह व क ि ग ख िी औि आन नि क पा न क लि ए हि त िह क सथ ा न ो औि म ा गो म ो परयास क ि िह ह ो पिनत ससम ा चा ि हम ो बत ा ता ह वक म न षय ो क रप म ो हम ा िी म िभ त आि शयकत ा अ पन सवषटक त ा य क सा थ सही सो बो ध म ो िहन ा ह उ सक सा थ ल ज सन हम ो ब न ा या ह ससम ा चा ि ब त ात ा ह व क पिम शवि न अ पन पतर यी ि म सी ह क भ ज ा वक ि ह हम ा ि पा प ो क ा परा यल ित कि पिम शवि क कर ध क ि ि कि पिम शवि न अ पन परम म ो अ पन पतर क भज ा वक हम ा ि पा प कषम ा ह सको तावक यवि हम उस पि भि सा क िो त हम ा ि पा प कषम ा ह सको औि ज ब हम उ स अ नभ ि पि आत ह ो जब हम ऐसी कषम ा क ल ि ए यी ि म सी ह क ी ओि वफित ह ो त एक अत ल य िा नद नत क ा अ हसास ह त ा ह सो सा ि क सा थ सही ह न क ा अहसा स कय ोवक यह ि ा सत ि म ो सो सा ि क सा थ सही ह न ा

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ह हम अ चा नक महस स क ित ह ो व क हम ो इ सक ल ि ए ही ब न ा या ग या ह हम ो पिम शवि क सा थ सही सो बो ध म ो िहन क ल ि ए बन ा या ग या ह उ स पि हम पहचा नत ह ो

डा ट ा म शरन ि

अब जबमक हम पाप की िमा की धमगचशिा क दि चक ह त हम मवशवास क अरल सतर क दिन क चलए तयार ह दह का पनरतथान

पनर तथान

परररत क मवशवास-कथन क इन शबद क याद कर

म ो

ि ह क पन रत थ ा न म ो वि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर हम सटपि ह न की आवशयकता ह मक मवशवास-कथन यीश क पनरतथान क बार म बात नही कर रहा ह यीश का पनरतथान मवशवास-कथन म पहल आता ह जब यह कहता ह मक यीश मतक म स तीसर मदन जी उठा जब मवशवास-कथन दह क पनरतथान क बार म बात करता ह त इसक मन म सामानय पनरतथान ह-मसीह क ममहमा म आरमन पर सार ल र का पनरतथान

हम दह क सामानय पनरतथान क तीन चरण म दिर पहला हम सराप क दिर चजसक पररणामसटवरप हमारी दह म मतय आती ह दसरा हम बतायर मक मसीही ससमाचार हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करता ह और तीसरा हम दिर मक अनत म मकस परकार हमारी दह का छटकारा ह रा आइए सराप स शर कर ज हमारी दह म मतय क लाता ह

सराप जसा हमन पवगवमतग अधयाय म दिा परमशवर न मनषय क शारीररक दह और रर-शारीररक पराण स

बनाया इबरामनय 412 और 1 चथसटसलनीमकय 523 क आधार पर कछ परमपराओ का मानना ह मक परतयक मनषय म पराण क अमतररि आतमा भी ह ती ह परनत लरभर 200 ऐस वचन ह चजन म हमार अमसटततव क सार आनतररक रर-शारीररक पहलओ क समपणग रप म बतान क चलए इनम स मकसी एक शबद का परय र मकया रया ह अत अचधकाश मसीमहय का मनषकषग ह मक पराण और आतमा द न शबद एक ही वासटतमवकता क बतात ह और मनषय मखयत कवल द भार स मनममगत ह दह और आतमा

पाप म मररन स पवग हमारी दह और हमारी आतमा पर पाप और इसकी भरि शमिय का क ई परभाव नही था परनत जब आदम और हववा पाप म मरर रए त पाप न न कवल उनकी आतमाओ बमलक उनकी दह क भी भरि कर मदया और उनकी दह क दमषत ह न का अमनतम पररणाम उनकी शारीररक मतय थी उतपमतत 319 म आदम पर परमशवर क सराप क दि

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 2: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

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copy थरग ममलमनयम मममनसटरीज 2012 क दवारा

सवागचधकार सरचित इस परकाशन क मकसी भी भार क परकाशक थरग ममलमनयम मममनसटरीज इनक रप रशन 316 लाइव ओकस बलवारग कसलबरी फल रररा 32707 की चलचित अनममत क मबना समीिा मटपपणी या अधययन क उददशय क चलए सचिपत उदधरण क अमतररक त मकसी भी रप म या मकसी भी तरह क लाभ क चलए पनः परकचशत नही मकया जा सकता

पमवतरशासटतर क सभी उदधरण बाइबल स साइटी ऑफ़ इमरया की महनदी की पमवतर बाइबल स चलए रए ह सवागचधकार copy The Bible Society of India

थरग ममलमनयम मममनसटरीज की सवकाई क मवषय म 1997 म सटथामपत थरग ममलमनयम मममनसटरीज एक लाभमनरपि ससमाचाररक मसीही सवकाई ह ज पर

ससार क चलए मफत म बाइबल आधाररत चशिा परदान करन क चलए परमतबदध ह

सो सा ि क ल ि ए म फ़त म ो ब ाइ बि आधा र ित ल िकषा

हमारा लकषय ससार भर क हजार पासवान और मसीही अरव क मफ़त म मसीही चशिा परदान करना ह चजनह सवकाई क चलए पयागपत परचशिण परापत नही हआ ह हम इस लकषय क अगरजी अरबी मनराररन रसी और सटपमनश भाषाओ म अमदवतीय मलटीमीमरया सममनारी पाठयकरम की रचना करन और उनह मवशव भर म मवतररत करन क दवारा परा कर रह ह हमार पाठयकरम का अनवाद सहभारी सवकाइय क दवारा दजगन भर स अचधक अनय भाषाओ म भी मकया जा रहा ह पाठयकरम म गरामिक वीमरय स चलचित मनदश और इटरनट ससाधन पाए जात ह इसकी रचना ऐस की रई ह मक इसका परय र ऑनलाइन और सामदामयक अधययन द न सदभो म सटकल समह और वयमिरत रप म मकया जा सकता ह

वषो क परयास स हमन अचछी मवषय-वसटत और रणवतता स पररपणग परसटकार-परापत मलटीमीमरया अधययन की रचना करन की बहत ही मकफ़ायती मवचध क मवकचसत मकया ह हमार लिक और सपादक धमगवजञामनक रप स परचशचित चशिक ह हमार अनवादक धमगवजञामनक रप स दि ह और लकषय-भाषाओ क मातभाषी ह और हमार अधयाय म ससार भर क सकड सममामनत सममनारी पर फ़सर और पासवान क रहन मवचार शाममल ह इसक अमतररि हमार गरामिक मरजाइनर चचतरकार और पर रयससग अतयाधमनक उपकरण और तकनीक का परय र करन क दवारा उतपादन क उचचतम सटतर का पालन करत ह

अपन मवतरण क लकषय क परा करन क चलए थरग ममलमनयम न कलीचसयाओ सममनाररय बाइबल सटकल ममशनररय मसीही परसारक सटलाइट टलीमवजन परदाताओ और अनय सरठन क साथ रणनीमतक सहभामरताए सटथामपत की ह इन सबध क िलसटवरप सटथानीय अरव पासवान और सममनारी मवदयाचथगय तक अनक मवमरओ अधययन क पहचाया जा चका ह हमारी वबसाइट भी मवतरण क माधयम क रप म कायग करती ह और हमार अधयाय क अमतररि साममगरय क भी परदान करती ह चजसम ऐस मनदश भी शाममल ह मक अपन चशिण समदाय क कस आरभ मकया जाए

थरग ममलमनयम मममनसटरीज a 501(c)(3) कारप रशन क रप म IRS क दवारा मानयता परापत ह हम आचथगक रप स कलीचसयाओ क टकस-रीरकटीबल य रदान ससटथान वयापार और ल र पर आधाररत ह हमारी सवकाइग क बार म अचधक जानकारी क चलए और यह जानन क चलए मक आप मकस परकार इसम सहभारी ह सकत ह कपया हमारी वबसाइट httpthirdmillorg क दि

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विषय -िसत परिच य 1

कष मा 2

पाप क ी समसया 2

पाप की पररभाषा 2

पाप की उतपमतत 4

पाप क पररणाम 5

व ि व य अ नगरह 6

मपता 7

पतर 8

पमवतर आतमा 8

व यविगत उ ततिि ा वय त ि 9

शत 9

साधन 12

पनरतथान 16

सराप 16

ससम ाचाि 18

पराना मनयम 18

नया मनयम 20

यीश का पनरतथान 22

छ टक ािा 23

वतगमान जीवन 23

मधयम अवसटथा 23

नया जीवन 25

अननत जीिन 26

सम यािल ध 27

गणितत ा 28

सथा न 30

उपसो हाि 32

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः

उदधार

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प रिचय

इन अधयाय म हमन बताया मक परररत क मवशवास-कथन की शरआत उन मवशवास क साराश क रप म हई चजनका आरममभक मसीही बपमतसटमा लत समय अरीकार करत थ उस सनदभग म यह कलपना करना आसान ह मक बहत क चलए उनक अरीकार का सवागचधक भावनातमक भार मवशवास-कथन क व सतर थ ज उनक वयमिरत उदधार पर मवशवास क अमभवयि करत थ

और कया यह हमार बार म भी सतय नही ह हम अपन महान परमशवर - मपता पतर और पमवतर आतमा स परम करत ह और हम उसक दवारा बनाई रई कलीचसया क महतव दत ह परनत हमारी सबस बडा आननद यह िशिबरी ह मक उदधार हमार चलए ह हम इस आशवासन स मरन ह त ह मक परमशवर हमस परम करता ह वह हमार पाप क िमा करता ह और उसन हमार चलए अब यहा और आन वाल ससार म एक अदभत मनयमत रिी ह

यह परररत क मवशवास-कथन की हमारी शिला का छठा अधयाय ह और हमन इसका शीषगक रिा ह - उदधार इस अधयाय म हम परररत क मवशवास-कथन म मवशवास क सतर क दिर ज िमा और अननत जीवन क ससमाचार म मवशवास की पमि करत ह

पमवतर-वचन म उदधार शबद का मवमवध तरीक स परय र मकया रया ह ज सकत दता ह मक मसीह म हमार उदधार क कई आयाम ह जब आधमनक मसीही उदधार शबद का परय र करत ह त सामानयत हमार मन म उन आशीष की परामपत ह ती ह चजनह मसीह न अपनी परायचित मतय क दवारा िरीदा नया जनम पाना और परमशवर स मल-ममलाप करना पमवतरीकरण की परमकरया म जीवन म आर बढना और नय आकाश और पथवी म हमारी अमनतम ममहमा म पणगता

परररत का मवशवास-कथन उदधार क इस पहल क बार म इन शबद म बात करता ह

म ो पा प ो क ी कषम ा म ो ि ह क पन रत थ ा न म ो औि अ न नत ज ीि न म ो व ि शवास क ित ा ह

अब य तीन मवचार - िमा पनरतथान और अननत जीवन - हमार उदधार क बाइबल क वणगन क परी तरह नही बतात ह परनत व परररत क मवशवास-कथन म पराथममक कथन ह ज वयमि मवशष क उदधार क समय परमशवर दवारा मकए जान वाल कायो क मवशष पहलओ म मवशवास का अरीकार करत ह

परररत क मवशवास-कथन म उदधार पर हमारा मवचार-मवमशग हमार उदधार क इन परतयक आयाम क सब चधत कररा पहला हम पाप की िमा क बार म बात करर दसरा हम दह क पनरतथान क चसदधानत क दिर और तीसरा हम अननत जीवन की परकमत क दिर आइए पहल हम पररचचत मवषय पाप की िमा स शर कर

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कषमा

परररत क मवशवास-कथन म िमा क अथग क समझन क चलए हम तीन मनकटता स सबचधत मदद का दिर पहला पाप की समसटया ज िमा क आवशयक बनाती ह दसरा मदवय अनगरह ज िमा क सभव बनाता ह और तीसरा हमारा वयमिरत उततरदामयतव व बात ज िमा पान क चलए हम करनी ह पहल हम पाप की समसटया क दिर

प ा प की सम सया बाइबल पर मवशवास करन वाल मसीही पहचानत ह मक यीश क करस पर मरन क मखय कारण म स

एक हमार पाप क दवारा उतपनन समसटया क हल करना था पाप हम परमशवर की आशीष स दर कर दता ह और हम सराप क अधीन कर दता ह और ऐसा क ई मारग नही ह चजस क दवारा हम सटवय इस समसटया पर जय पा सक जब हम पाप की समसटया क बार म बात करत ह त हमारा मतलब ह पाप हम द षी ठहराता ह और मसीह क अलावा हमार पास सटवय क इसकी उपमसटथमत या इसक पररणाम स बचान का क ई मारग नही ह

पमवतर-वचन दवारा चसिाई रई पाप की समसटया क हम तीन भार म दिर पहला हम पाप की एक धमगशासटतरीय पररभाषा दर दसरा हम मानव जामत म पाप की उतपमतत क बार म बात करर और तीसरा हम पाप क पररणाम क दिर आइए पाप की पररभाषा स शर कर

पाप की पर िभाषा बाइबल मवमभनन रीमतय स पाप क बार म बात करती ह यह पाप का वणगन करन क चलए अराजकता

मवदर ह अधमग अपराध बराई लकषय स चकना और मवमभनन परकार क अनय शबद का परय र करती ह और इन म स परतयक शबद पाप क बार म हमारी समझ क बढाता ह

परनत जब पमवतर-वचन अमतग रप म पाप की बात करता ह - जब यह पाप क चलए अपनी पररभाषा दता ह - त एक शबद सबस अलर नजर आता ह अराजकता बाइबल की शबदावली म पाप मलत परमशवर की वयवसटथा का उललघन ह जस परररत यहनना न 1 यहनना 34 म चलिा

ज क ई पा प कित ा ह ि ह व यि स थ ा क ा व ि ि ध क ित ा ह औि पाप त व यिसथा क ा व ि ि ध ह (1 य हनना 34)

अराजकता क रप म पाप पर इसी बल क हम र ममय 79-25 और 1 कररमनथय 1556 जस सटथान पर दित ह पाप का यह मल मवचार मवमभनन मसीही परमपराओ क धमगमवजञान म भी परकट ह

एक उदाहरण क रप म वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी क परशन एव उततर सखया 14 क दि इस सवाल क उततर म

पा प क या ह

परशन ततरी का जवाब ह

पा प पिम शवि क ी व यिस थ ा क ी अ न रपत ा क ा अ भ ा ि या उसक ा उ ललो घ न ह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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धयान द मक यह उततर परमशवर की वयवसटथा क त डन क द सामानय परकार की पहचान करता ह वयवसटथा की अनरपता का अभाव और वयवसटथा का उललघन

एक ओर वयवसटथा की अनरपता का अभाव पमवतर-वचन की आजञाओ क मानन म असिल ह ना ह यह अकसर ममटान का पाप कहलाता ह कय मक हम उस छ ड दत ह या अनदिा कर दत ह ज हम करना चामहए दसरी तरि वयवसटथा का उललघन वह कायग करना ह चजस करन स पमवतर-वचन र कता ह इस परकार क उललघन क अकसर आजञा का पाप कहा जाता ह कय मक हम स चन महसस करन या जान-बझकर कछ ऐसा कायग करन क दवारा पाप करत ह चजस करन स पमवतर-वचन मना करता ह

अब जब हम परमशवर की वयवसटथा क बार म एक लकषय क रप म बात करत ह ज पाप क पररभामषत करता ह त यह बताना महतवपणग ह मक परमशवर की वयवसटथा मनमानी या बतरतीब नही ह इसक मवपरीत वयवसटथा परमशवर क चसदध चररतर का परमतमबमब ह दि पौलस र ममय 712 म वयवसटथा का मकस परकार वणगन करता ह

व यि सथ ा पव ितर ह औि आजञा भ ी ठी क औि अचछ ी ह (ि वमय ो 712)

जस पौलस न यहा कहा परमशवर की आजञाए परमशवर क समान ही हमशा पमवतर धमी और अचछी ह परमशवर की आजञाए हमशा उसक सटवभाव स मल िाती ह

इसी कारण पमवतर-वचन चसिाता ह मक यमद हम परमशवर स परम करत ह त हम उसकी आजञाओ क मानर यमद हम परमशवर स परम करत ह त हम उन बात स भी परम करर ज परमशवर क परमतमबममबत करती ह जस उसकी वयवसटथा इस हम वयवसटथामववरण 510 और 65 और 6 मतती 2237-40 यहनना 1415-24 और बहत स अनय सटथान पर दित ह दि यहनना 1 यहनना 53 म कया चलिता ह

औि पिम शवि क ा परम यह ह वक हम उ सकी आजञा ओ ो क म ा न ो (1 य हनना 53)

परमशवर क चलए परम उसकी वयवसटथा क मानन स परकट ह ता ह इसचलए जब हम उसकी वयवसटथा क त डत ह त हम परमशवर क चलए परम म कायग नही कर रह ह हम पाप कर रह ह

ब ा इब ि म ो पिम शवि स परम क िन औि पिम शवि क ी आजञा म ानन म ो ब हत घव न षठ सो बो ध ह म िा मा न ना ह वक पहि ी ब ात ल ज स हम ो स पषट क िना ह ि ह यह ह वक कि ि पिम शवि स परम क िन ा ही पिमशवि स परम क िन क ी आजञा क प िा न ही ो क िता ह एक क ा यय -कनद नि त अ व नि ा यय न ी िसता ह सक त ी ह ज क भी मन म ो न ही ो थ ी जब बा इब ि न क हा यवि तम मझ स परम क ित ह या म सी ह न क हा यवि त म म झ स परम क ित ह त म िी आजञा ओ ो क म ा न ग पिनत यव ि परम ह यवि पिम शवि क आन नि म ो स ि यो क ि न क ी सि चछ ा ह त उ सक ा सिायलधक सिाभ ाविक औि पराम ालणक परक टीक िण एक गहिा इच छक औि त त पि आजञा पा ि न ह ग ा क य ोवक इ सक ा आधा ि इ स ि ाि सा म ो ह व क उ स पिम शवि क परसनन क िन ा ह लज स स आप परम क ित ह ो औि ल ज स म ो आप मग न ह त ह ो इ सका आधा ि यह भ ि सा ह वक इ स ldquo पिम शवि का म ागय rdquo आपक ल ि ए उ तन ा ही व ि शवसन ी य औि अच छ ा ह लज त न ा व क उ सक ा अ पन ा स ि भाि

डा गि न स क ज ी

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जब हम परमशवर क परमत परम म कायग करन स चक जात ह त हम उसक मवरदध मवदर ह करन क दवारा उसकी वयवसटथा क त डन क दवारा बराई करन क दवारा परमाप स चकन क दवारा उसक पमवतर धमी और अचछ चररतर क ठस पहचान क दवारा पाप करत ह परनत जब परमशवर क परमत हमारा परम हम परररत करता ह त हम उसकी रचचय और मार क अपन स ऊपर रित ह और पररणामसटवरप हम बहत स पाप स और अपन जीवन म उनक भयानक पररणाम स बच सकत ह

परमशवर की वयवसटथा क उललघन क रप म पाप की इस पररभाषा क धयान म रित हए आइए हम मानव जामत म पाप की उतपमतत क दि

पाप की उतपवतत हम म स अचधकाश ल र उतपमतत तीसर अधयाय म चलिी घटनाओ स पररचचत ह जब हमार परथम

परि आदम और हववा न भल और बर क जञान क वि का िल िान क दवारा परमशवर क मवरदध बलवा मकया बाइबल क मवचार स यह क ई अकली घटना नही थी इसक कारण समपणग मानव जामत पाप की द षी और पाप स भरि ह रई धमगमवजञानी सामानयत इस मानव जामत का पाप म मररना या कवल पाप म मररना कहत ह

उतपमतत 126-31 हम बताता ह मक जब परमशवर न मनषय क रचा त हम बहत अचछ थ इस मामल म अचछ शबद का अथग ह मक हम मबलकल वस ही थ जसा परमशवर चाहता था हमार परथम परि नमतक रप स शदध परमशवर क सटवरप थ परमशवर दवारा रच रए ससार क भरन और उस पर अचधकार करन क दवारा उसकी सवा क चलए मबलकल उपयि थ

जस पौलस न र ममय 512 म सकत मदया मनषय क मररन स पहल पाप नही था हमन कभी पाप नही मकया था हमारी परवमतत पाप की नही थी हम पाप स भरि नही हए थ और हमार अनदर पाप नही था

परनत उस पापरमहत अवसटथा म भी हमार पास पाप करन की िमता और अवसर द न थ जब परमशवर न आदम और हववा क रचा और उनह अदन की वामटका म रिा त उसन उन पर बहत सी बात क परकट मकया परनत एक आजञा परमशवर की सवा करन की उनकी इचछा क परिन क चलए तीवरता स आर आई उतपमतत 216 और 17 म हम पढत ह मक परमशवर न आदम और हववा क आजञा दी मक व भल और बर क जञान क वि क छ डकर वामटका क मकसी भी वि क िल िा सकत ह और इस वयवसटथा क त डन की सभावना न आदम और हववा क पाप करन का अवसर मदया

दःिद रप स जसा हम उतपमतत 31-6 म पढत ह साप न हववा क बहका मदया मक वह उस मनषचधत िल क िाए मिर हववा न उस िल म स आदम क भी मदया और उसन भी िाया आदम और हववा न परमशवर की धमी वयवसटथा क त डा और जान-बझकर पाप क चना परकाचशतवाकय 129 सकत दता ह मक साप वासटतव म शतान था और 1 मतमचथयस 214 सकत दता ह मक हववा क बहकाया रया परनत न त शतान की परीिाए और न ही हववा की मिगता हमार परथम परि क पाप का क ई बहाना ह व द न भल की बजाय बर क चनन क द षी थ

इन घटनाओ म हम मिर स दित ह मक पाप मलत परमशवर की वयवसटथा उसकी परकट इचछा का उललघन ह जब कभी हम परमशवर की परकट वयवसटथा स अलर स चत ब लत या कायग करत ह त हम भलाई की बजाय बराई क चनत ह और चाह ध ि या चालाकी स हम स पाप करवाया रया ह मिर भी परमशवर हम उस कायग का चजममदार ठहराता ह ज हमन मकया ह इसी कारण परमशवर क वचन क अपन मदल म बठाना सहायक ह - न कवल इसचलए मक हम इस जान परनत इसचलए भी मक हम इसस परम कर जब हम

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परमशवर की वयवसटथा क जानत ह त यह पाप मक पहचान करन म हमारी सहायता करती ह चजस स हम ध िा न िाए और जब हम परमशवर की वयवसटथा स परम करत ह त उसकी आजञा मानन का चनाव करना आसान ह जाता ह

पाप की पररभाषा और उतपमतत क दिन क बाद हम पाप क पररणाम क दिन क चलए तयार ह

पाप क परिण ा म पमवतर-वचन सकत दता ह मक आदम और हववा क पाप करन क बाद परमशवर न नयाय मकया और

समपणग मानव जामत क सराप मदया इस सराप न उनक अमसटततव क परतयक पहल क परभामवत मकया इसका पररणाम तरनत आमतमक मतय म मनकला चजसक बार म पर पमवतर-वचन म बताया रया ह जस यहनना 524 और 25 इमिचसय 21-5 और कलमसटसय 213 और 14 म इसन हमार अमसटततव दह और आतमा द न क भरि मकया ज हम मयमगयाह 179 और र ममय 718-811 म दित ह और इसका अनत शारीररक मतय था जसा हम उतपमतत 319 और र ममय 512 म पढत ह अनतत पाप क कारण मानव जामत पर नरक म अननत कि का परमशवर का दणर आया जसा हम मतती 529 और 30 जस पदयाश स सीित ह

सपरचसदध पासबान चालसग सटपजगन ज 1834 स 1892 क बीच रह न अपन सनदश सराप हटाया रया म आदम और हववा पर परमशवर क सराप क बार म बताया दि उनह न कया कहा

उ स सरा प म ो क या िा वम ि ह इसम ो मत य िा व मि ह इस िह क ी मत य इ सम ो आनद त मक म त य िा व मि ह उ स आनत र िक ज ी िन की मत य ज आि म म ो थ ा - आतम ा क ा जीिन ज अ ब चि ा गया ह औि कि ि पवि तर आत मा दवा िा पन ि ाया जा सकता ह औि अ नत म ो सब स ब िति इ सम ो िा व मि ह ि ह अ न नत म त य िह भ यो क ि भ या नक िबि ldquo न िक rdquo ल ज सम ो सब क छ सम ा सकत ा ह

आदम और हववा क पाप क पररणाम समपणग मानव जामत म भी िल रए-उस परतयक वयमि म चजसन पराकमत रप स उन स जनम चलया हम पाप क इस वचशवक परभाव क 1 राजा 846 र ममय 39-12 रलामतय 322 और इमिचसय 23 जस पदयाश म दित ह दि पौलस र ममय 512 और 19 म आदम क पाप क बार म कया कहता ह

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या एक म न ष य क आजञा न म ा नन स ब हत ि ग पा पी ठहि (ि वम य ो 51219)

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा आदम समपणग मानव जामत की वाचा का मचिया था और पौलस न चसिाया मक इस कारण आदम का पाप उसक सार वशज पर आया और इसक पररणामसटवरप हम सटवभाव स पापी ह हम ससार म आमतमक रप स मत अवसटथा म ददग और कि क अधीन और शारीररक मतय की मनयमत लकर आत ह

इ स बढा -चढाक ि क हन ा क व ठन ह पा प क प णय पर िणाम क सम झना भ ी हम ा ि ल ि ए अ समभ ि ह पिनत हम ा िा पा प सव षटक त ा य क वि रदध व ि ि ह ह यह उ सक ी म वहम ा क चिा न का परया स ह यह उसक ी व यिस थ ा क त डना ह यह उसक ी म व हम ा स वग िन ा ह यह हि परका ि स अ पन आप क पिम शवि क ितर ब न ान ा ह पा प पिम शवि क साथ

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हम ा ि सो बो ध क वब गा ड ित ा ह क य ोवक पिम शवि पवि तर ह ि ह पा प क न ही ो िख सक त ा ह उ सक ी पवि तरत ा क क ा िण उ स पा प पि अ पना कर ध उ णडि ना पडत ा ह अ त जब हम मा न िी य पा प क ि खत ह ो यह ि ह सब कछ ह ज हम ो हमा िी सम स या क बा ि म ो ज ा नन ा ह यह ि ह सब कछ भी ह ज हम ो स ियो क ब ा ि म ो ज ान न क ी आि शयकत ा ह पा प एक म न वि जञा न ह ल ज स क दव ा िा ज कछ ि पय ण म ो िखत ह ो औि ज हम अ पन आप क ब ा ि म ो ज ा न त ह ो उ स समझन म ो हम ा िी सहा यत ा क ित ा ह यह हम ो इस बा त क ी भ ी या ि व िि ात ा ह वक हम ा ि पा स अ पन आप क इ स ििय िा स ब चा न क ा क ई म ागय न ही ो ह क िि पिम शवि ही यह क ि सक त ा ह औि िह इ स म सी ह म ो क ित ा ह

डा आि अल बटय म हलि ज वनयि

पाप की समसटया सचमच भीषण ह परी मानव जामत पणगत ि ई हई और द षी ह हमार पास अपन आप क छडान का क ई मारग नही ह मनरनतर परमशवर का दणर सहना हमारी मनयमत ह उस पन परसनन करन या हमार पाप क सधारन का हमार पास क ई मारग नही ह परमशवर की अनगरहकारी िमा क अलावा उदधार की मबलकल भी आशा नही ह

पाप की समसटया क दिन क बाद अब हम िमा की हमारी चचाग क मदवय अनगरह की ओर म डना चामहए ज िमा क सभव बनाता ह

व िवय अनगरह अपनी करणा म परमशवर नही चाहता था मक समपणग मानव जामत पाप क सराप की अधीनता म रह

उसन मिर मनषय दवारा पथवी क भरन और उस पर अचधकार करन क चलए और उस अपनी उपमसटथमत क य गय राजय म बदलन की य जना बनाई इसचलए पाप की समसटया क हल करन क चलए उसन एक उदधारक क भजा और वह उदधारक उसका पतर यीश मसीह था

उदधारक क रप म यीश हम द ष और भरिता स बचाता ह वह अपन साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह ससार क उसक पथवी क राजय म बदलन की हमारी य गयता क वह पन हम दता ह हमार अपन उदधार क चलए परमशवर की य जना कवल मनषय की य गयता पर मनभगर नही ह यह परमशवर क अनगरह उसकी परसननता पर मनभगर ह हम हमार मवशष परमतमनचध परभ यीश मसीह दवारा मदया जाता ह जसा हम र ममय 323 और 24 म पढत ह

सब न पा प व क या ह औि पिमशवि क ी म व हम ा स िवहत ह ो पिनत उ सक अ नगर ह स उ स छ टक ा ि क दवा िा ज म सी ह यीि म ो ह स ोत म ोत धम ी ठहिा ए ज ा त ह ो (ि व म य ो 323-24)

मदवय अनगरह क कायग क रप म िमा म मतरएकता क तीन वयमि मपता पतर और पमवतर आतमा शाममल ह और इसकी शरआत मपता स हई

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वपता

उ दध ा ि व तर एक ह व पत ा ज पहि क िता ह पतर ज प िा क िता ह आत म ा ज िाग क िता ह जब हम व पता -पतर क सो बो ध क ब ा ि म ो स चत ह ो-हम ो स चना चा व हए वक हम ा ि उ दध ा ि क ी य ज न ा म ो व पत ा पतर औि पवितर आत मा त ी न ो व यव ि िा व मि ह ो त ीन ो वयव ि अ न गरह म ो औि परम म ो औि करणा म ो क ा यय क िन क सा थ -साथ कर ध औि धा वमय क त ा औि ि ण ड क भ ी था म िहत ह ो अ त जब व पत ा क पहि क िन ि ाि क रप म ो ि खा ज ा त ा ह त ि ह इस पतर औि पव ि तर आत म ा स अ ि ग अक ि न ही ो क ित ा ह

डा स ट ी फन िि म

िमा की शरआत मपता स हई कय मक उसी न उसकी य जना बनाई नया मनयम सटपि रप स चसिाता ह मक मपता न पतर क ससार म भजा और उस उदधारकताग मनयि मकया इस हम यहनना 316-18 परररत क काम 234-36 और इबरामनय 31 और 2 म दित ह

नया मनयम यह भी चसिाता ह मक मपता अपन ल र क उदधारकताग क रप म यीश की सामथग क अचधकत मकया और करस पर यीश क बचलदान क पाप क भरतान क रप म सटवीकार करन का वायदा मकया हम मपता की इन भममकाओ क बार म यहनना 1014-18 कलमसटसय 118-20 और इबरामनय 210 जस पदयाश म पढत ह

वासटतव म र ममय 325 कहता ह मक मपता न ही यीश क बचलदान क रप म चढाया दि पौलस वहा कया चलिता ह

पिम शवि न उ स परा यल ित ठहिाया (ि व म य ो 325)

मपता छटकार का महान चशलपकार ह यह उसकी अनगरहकारी य जना और करणामय इचछा ह मक हमार पाप क िमा कर और हम आशीष द और यह उसका अचधकार ह ज उदधार क सभव और मनचित बनाता ह

यह विचाि वक कर स पि यी ि ि ग ो क परव त अ पन स िग ी य व पत ा क कर ध क इ स त िह ि ि किन क ा परया स क ि िहा ह व क यी ि त परम ी ह ि वक न व पता न ही ो यह ि ा सत ि म ो यी ि म सीह क परा यल ित क क ायय म ो ज ह िहा ह उ सक ी गि त सम झ ह कर स पि यी ि क ा क ा यय िा स ति म ो व पत ा क अ पन ि ग ो क परव त प िय ि वतय परम क ी अव भ व यव ि ह स च ो व क न य व न यम म ो व कत न ी ब ा ि इस ब ात पि ब ि वि या ग या ह वक यी ि क ा सो सा ि म ो आन ा औि कर स उ ठा न ा ि ा सत ि म ो व पत ा क परम क ा पर िणा म ह ि ह ि चन ल ज स हम म ो स अ ल धक ा ि ि ग सो भि त अपन म सी ही ज ीि न म ो पहि ि चन क रप म ो याि क ित ह ो य हनन ा 316 बि ि त ा ह ldquoक य ोवक पिम शवि न ज गत स ऐसा परम वक या वक उस न अ पन ा इ कि ौ ता पतर ि व िया rdquo अ ब इ स ि चन म ो व क स क परम पि बि व िया ज ा िहा ह म वक सी भ ी तिह यी ि क परम क कम न ही ो क ि िहा ह पिनत उ स पद ाो ि म ो पतर क िन म ो स िग ी य व पता क परम पि ब ि व ि या ज ा िहा ह

डा ज ल िग न डो क न

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पतर मदवय अनगरह ज हमारी िमा क पणग करता ह उस म पतर भी शाममल ह ज हमारा उदधारकताग ह मपता क वायद की पणगता म पतर क ससार म भजा रया चचर-परमतचित मसीहा यीश क रप म

दहधारण मकया तामक मनषय क पाप का परायचित कर इस चशिा क हम बहत स सटथान जस र ममय 325 और 26 इबरामनय 214-17 और 105-10 म पात ह

यीश न पामपय की जरह करस पर मरन क दवारा पाप का परायचित मकया हमार पाप क कारण आए सराप क उसन गरहण मकया और उसकी चसदध धाममगकता हम दी रई तामक हम पापी न मरन जाए बमलक परमशवर की आजञाकारी सनतान मान जाए कछ थ ड स सटथान जहा यह मवषय आता ह उनह हम यहनना 1014-18 रलामतय 220 2 कररमनथय 521 और इबरामनय 109-14 म पात ह जस पौलस न इमिचसय 17 म चलिा

हम क (यी ि म सीह) म ो उ सक ि ह क दव ािा छटक ा िा अ थ ा यत अ पिा ध ो क ी कषम ा उ सक उ स अन गर ह क धन क अ न साि व मि ा ह (इ व फल सय ो 17)

हमार पाप िमा मकए रए ह इसचलए नही मक परमशवर उनह अनदिा करता ह बमलक इस कारण मक उसन मसीह म उनह दणर मदया और इसीचलए पमवतर-वचन हम हमार उदधार पर मवशवास करन क चलए परररत करता ह

मपता और पतर क इन कायो पर मनभगर ह न क अमतररि िमा पमवतर आतमा क मदवय अनगरह का भी पररणाम ह

पवितर आतमा पमवतर आतमा मतरएकता का वह वयमितव ह ज वासटतव म िमा क हमार जीवन म लार करता ह

मपता न य जना बनाई और पतर न परायचित क परा मकया परनत हमार पाप वासटतव म तब तक िमा नही ह त ह जब तक मक पमवतर आतमा अपना काम न कर

जब हम मवशवास म आत ह त पमवतर आतमा उस समय तक हमार दवारा मकए रए पाप क िमा करक परमशवर क साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह वह हमारी आतमाओ का नवीनीकरण करक हम नया आमतमक जीवन भी दता ह जसा यीश न यहनना 35-8 म बताया परररत क काम 1118 इस अनभव क जीवन क चलए मन-मिराव कहता ह कय मक नवीनीकरण और मवशवास म हमशा दि और हमार पाप का अरीकार शाममल ह ता ह इस मवचार की बहत स पदयाश म पमि की रई ह जस 1 कररमनथय 611 म

और पमवतर आतमा हमार जीवन भर मनरनतर िमा लार करता रहता ह वही हमार मवशवास क बनाए रिता ह ज हम परमतमदन मन-मिराव की ओर लाता ह और वह मनरनतर हमार जीवन म िमा लार करता ह इस हम र ममय 81-16 और रलामतय 55 जस सटथान म दित ह एक उदाहरण क रप म दि पौलस 2 चथसटसलनीमकय 213 म कया कहता ह

पिम शवि न त म ह ो चन ल िया वक आत म ा क दव ा िा पव ितर ब नक ि औि सत य क ी परतीवत क िक उ दधा ि पा ओ (2 ल थ स सि न ी वक य ो 213)

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यहा पौलस न चलिा मक मसीही आतमा क कायो क दवारा उदधार पात ह ज हम पाप और अधमग स शदध करत ह अथागत आतमा क कायग ज हमार जीवन म िमा लार करत ह और जब हम मनरनतर सतय म मवशवास करत ह त आतमा मनरनतर हमार जीवन म िमा क लार करता ह

मपता पतर और पमवतर आतमा सब हमार परमत उदधार क अनगरह क मदिात ह और इसक हमार जीवन क चलए कम स कम तीन मनमहताथग ह पहला जब हम पाप करत ह और परमशवर स िमा और उदधार क अनय पहलओ की अपील करत ह त तीन मदवय वयमिय स अपनी पराथगना करन म हम सही ह दसरा जब हम इन आशीष क पात ह त हम परमशवर क तीन वयमिय क धनयवाद दना चामहए और तीसरा हम अपन उदधार पर पणग भर सा कर सकत ह यह जानत हए मक मतरएकता क तीन वयमि हम स परम करत ह और हमार उदधार क समनचित करन क चलए कायग करत ह मपता पतर और पमवतर आतमा तीन हमार लाभ क चलए पाप की समसटया क हल करन क चलए एक साथ ममलकर कायग कर रह ह

पाप की समसटया और मदवय अनगरह क दमिक ण स पाप की िमा क दिन क पिात हम िमा म वयमिरत उततरदामयतव की भममका क बार म बात करन क चलए तयार ह

वयविगत उतति िाव यत ि पमवतर-वचन सटपि रप स चसिाता ह मक परमशवर परतयक वयमि क पाप क िमा नही करता ह कछ

ल र क िमा मकया जाता ह और कछ क नही यह सतय कय ह मानवीय दमिक ण स कारण यह ह मक िमा की परमकरया म साधारण रप स वयमिरत उततरदामयतव का ततव शाममल ह ता ह सामानयत इन उततरदामयतव क परा करन वाल ल र क िमा मकया जाता ह परनत ज इन उततरदामयतव स जी चरात ह उनह नही

वयमिरत उततरदामयतव की भममका की हमारी चचाग द भार म मवभाचजत ह री पहला हम कछ शतो क बतायर चजनकी पमवतर-वचन िमा क चलए साधारण आवशयकताओ क रप म पहचान करता ह और दसरा हम िमा क पान क साधन क बार म बात करर आइए हम उन शतो स शर कर चजनह पमवतर-वचन िमा स ज डता ह

ि त पमवतर-वचन िमा क चलए द पराथममक शतो क बार म बताता ह पहला यह िमा क चलए परमशवर म

मवशवास की आवशयकता क बताता ह पमवतर-वचन म मवशवास एक बह-पिीय मवचार ह परनत इस सनदभग म जब हम परमशवर म मवशवास की बात करत ह त यह हमार दमार म ह

पिम शवि क ी व िव य सि ो चचत ा की सि ीक वत उ सक परव त ि फाि ाि सम पय ण औि भि सा व क हम ा ि उ दध ा िक ता य यी ि म सीह क ी ख ा वत ि िह हम पि करणा क िग ा

यदयमप आधमनक श ताओ क यह अजीब लर सकता ह परनत पमवतर-वचन इस परकार क मवशवास क अकसर- परमशवर का भय- कहता ह

उदाहरण क चलए भजन 1038-13 िमा की इस शतग की परकमत का इस परकार वणगन करता ह

यह िा ि याि औि अ न गरहक ािी व ि ि मब स क प क िन ि ाि ा औि अ वत करणा म य ह ि सिय ि ा िा ि वि ि ाि कित ा न िहग ा न उ सक ा कर ध सि ा क ल ि ए भ डक ा िहग ा उस

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न हम ाि पा प ो क अन सा ि हम स व यिहा ि नही ो वक या औि न हम ा ि अ धमय क क ाम ो क अ न साि हम क बि ि ा व ि या ह ज स आक ा ि पथि ी क ऊपि ऊ चा ह ि स ही उसक ी क रणा उ सक डिि य ो क ऊपि परब ि ह उ ि या चि अ सत ा चि स ल ज तन ी ि ि ह उ स न हम ा ि अ पिा ध ो क हम स उत नी ही ि ि क ि व ि या ह ज स व पत ा अ पन ब ाि क ो पि ि या क ित ा ह ि स ही यह ि ा अ पन डिि य ो पि ि या क िता ह (भज न 1038-13)

धयान द मक यह वा का भय मानन वाल िमा पात ह उनका अधमग दर मकया जाता ह यही मवचार परी बाइबल म पाया जाता ह उदाहरण क चलए इस हम 2 इमतहास 3018 और 19 म

दित ह यह वा अपन ि जनवाल क माि करता ह मरकस 412 म यीश न सकत मदया मक कवल व ल र ही िमा क चलए परमशवर की ओर मिर सकत ह ज उस जानत और समझत ह और परररत क काम 2617 और 18 म िमा कवल उन ल र क ममल सकती ह चजनकी आि यह वा की ममहमा और सामथग क सतय क दिन क चलए ि ली रई ह

पमवतर-वचन म पाई जान वाली िमा की दसरी साधारण शतग ह टटा हआ ह ना टट हए ह न का अथग ह

पा प क ब ाि म ो ि ा सत व िक ि ख पिम शवि की व यि स था क त डन पि सचचा पिात ा प

यह कवल पकड जान पर या दणर का दि नही ह परनत अनबनध मक परमशवर की शत पमवतर ह और उसका सममान करन म असिल ह न पर मदल का टटना

पिा त ा प क अ थय म ो हम स मझ स औि आप स अ पल कषत ह व क हम ो अ पन पा प क ा अ पिाध -ब ध ह म ो ब त िब ा क सा थ पा प क िन क ब ाि िाऊि क ब ाि म ो स चत ा ह हा उ सन ब त िब ा क व िरदध पाप व क या था औि उसन ब त िबा क पव त क व ि रदध पा प व क या थ ा उ सन पिा न वन यम क ी क ि ी लसया क व िरदध पा प वक या था पिनत अ नतत ldquo म ो न कि ि त ि ही व िरदध पाप व क या ह औि त िी ि वषट म ो ज ब िा ह ि ह व क या ह rdquo औि आप उ सक व िि क पिात ा प क म हस स कित ह ो आधव न क िब ि म ो म ो स चता ह व क ldquo ट ट ा पनrdquo ह औि हम ो ि चन क ी ज रित ह व क पव ि तर आत म ा क दव ा िा हम ो त ड हम ो पिम शवि क ी उ पनद सथ व त म ो त ड

डा डिक डबल य एच थ ा म स

उदाहरण क चलए 2 शमएल अधयाय 11 म दाऊद क मन म क ई पिाताप नही था जब उसन बतशबा क साथ वयमभचार मकया और मिर उसक रभगधारण क चछपान क चलए उसक पमत उररयाह की मौत का इनतजाम मकया बतशबा क रभगधारण क समय अपन बचच क जनम क समय तक दाऊद क अपन कायो का क ई दि नही था उस समय नातान नबी दाऊद क पाप क मवषय म उसका सामना करता ह जसा हम 2 शमएल अधयाय 12 म पढत ह कवल उस समय दाऊद न अपन अपराध क माना और अपन आप क उसका द षी माना मिर टटपन की आतमा म अपन रहर दि और पिाताप क अमभवयि करन क चलए उसन अपन पिाताप का महान भजन भजन 51 चलिा दि दाऊद न भजन 51 क पद 6 और 17 म कया चलिा

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त ह ि य क ी सचचा ई स परसनन ह त ा ह ट ट ा म न पिम शवि क य गय ब लि िा न ह ह पिम शवि त ट ट औि व पस हए म न क तचछ न ही ो ज ा नत ा (भज न 51617)

दाऊद न पहचान चलया मक परमशवर की िमा क पान क चलए उस अपन पाप क बार म परमशवर क दमिक ण की आवशयकता थी उस अपन कायग स घणा करन और उस पर वासटतव म दिी ह न की आवशयकता थी

हम टटपन पर इसी बल क भजन 32 पद 1 और 2 म दित ह जहा िमा उन ल र क ममलती ह चजन म क ई कपट नही ह इस हम यशायाह 557 म पात ह जहा परमशवर उन पर करणा करता ह ज अपन पाप क तयार दत ह और इस हम मयमगयाह 53 म सनत ह जहा उन ल र क िमा स इनकार कर मदया जाता ह चजनक हदय उनक पाप क सबध म हठील ह

म िा वि चा ि ह व क हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि ध यान िग ा न क दव ा िा अ पन व िि म ो पिा त ा प क उ त पनन कित ह ो इस हम उ त पवतत स परक ा ल ित ि ाकय त क ब ाइ बि पिम शवि क बा ि म ो ज ब ता त ी ह उ स पि व ि चा ि क िन क दव ा िा क ि सकत ह ो वक िह अ न ा जञा क ा िी ि ग ो स सो ग वत नही ो क ि सकत ा पिनत ज अनाजञाक ारिता क ा नयाय क ित ा ह औि अ पिा ल धय ो क ि ण ड ि त ा ह यही पिम शवि की पव ि तर ता क ा सा ि ह औि ज ब हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि व ि चा ि क ित ह ो त आइ ए पी छ म डक ि हम अ पन जी ि न क ि ख ो व क व कस परक ा ि हम न व यिस थ ा क त डा आजञा क ा उ ललो घ न वक या औि पिम शवि क ी बा त ो पि ध या न न ित हए उ स स ि ि ह ग ए अ पन ज ीि न क एक जो जा ि ब न ा ल ि या ल ज स स उ सक ा अ न ाि ि ह त ा ह अ ब पी छ म डक ि ि ख ो िह सा िा िण ड ज मझ पि पडन ा था ि ा सत ि म ो मसी ह पि पडा औि उ सन उ स सहा औि यह म झ बत ा त ा ह वक मि अ पन पा प व कत न ि ः खि थ व क म ि ल ि ए उन का पिा त ा प क िि पिम शवि क ि हधा िी पतर क ी म त य क दव ा िा वक या ज ा सक त ा थ ा औि जब म झ म हस स ह त ा ह वक पिम शवि की पव ि तरत ा क परक ा ि म ो म ि पा प व क तन िः खि ह ो औि उ नह ो ि ि क िन क ल ि ए क या म ाो ग क ी ग ई त पा प क परवत मिा ि ःख त ीवर ह ज ा एग ा म िा पिा त ा प ग हिा ह ग ा औि उ सक दव ा िा ब ाि-ब ाि औि ब ाि -ब ा ि अ पन आप क पव ि तर ता क ल ि ए पिम शवि क सम व पय त क िन क ा औि उस यह ब त ान क ा ईम ा नि ा ि परया स उत पनन ह ग ा वक मझ वकत न ा अ ल धक पछत ा िा ह औि ि ा स ति म ो म ो पा प ो स घ णा कित ा ह ल ज नह ोन पिा त ा प क आि शयक ब ना या

डा ज आई प क ि

मवशवास की अवसटथाए और टटा मन परतयक वयमि क जीवन क चलए महतवपणग ह चाह हम मवशवासी ह या नही चजन ल र न मसीह क अपन परभ और उदधारकताग क रप म गरहण नही मकया ह उनक चलए य अवसटथाए परमशवर म आन और पाप की िमा पान और मसीह म नय जीवन की शरआत करन क अवसर ह और हम म स ज ल र पहल स ही मसीह स सबचधत ह उनह यह याद मदलात ह मक हम मनरनतर मवशवास का जीवन जीना ह और हमार दवारा मनरनतर मकए जान वाल पाप क परमत हम वासटतव म दिी ह ना ह तामक हम मनरनतर िमा पा सक और दमनक आधार पर शदध ह सक

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अब जबमक हम दि चक ह मक िमा की अवसटथाओ म सामानयत कायगकारी मवशवास और हमारा टटा हआ मन शाममल ह ता ह त आइए हम उन साधारण साधन क दि चजनक दवारा हम िमा क पा सकत ह

स ाधन कई बार मसीही अनगरह क साधन और अनगरह क आधार क बीच अनतर क समझन म असिल ह

जात ह पररणामसटवरप व रलती स यह स चत ह मक अनगरह क पान या हम पर अनगरह करन क चलए परमशवर पर दबाव रालन क चलए अनगरह क साधन का परय र मकया जा सकता ह अत एक साधन और आधार क बीच अनतर क पहचानना महतवपणग ह इस अनतर क दिन म सहायता क चलए कलपना कर मक एक वयमि क च ट स उबरन क चलए शारीररक चचमकतसा की आवशयकता ह चचमकतसा महरी ह और उसका भरतान एक दानकताग दवारा मकया जाता ह हम कह सकत ह मक वयमि क र र स पणगत उबारन वाला साधन चचमकतसा ह परनत इस सटवासटथय-लाभ का आचथगक आधार दान ह

इन मभननताओ क हम सिप म इस परकार कह सकत ह मक आधार वह मल या य गयता ह चजसम क ई कायग या पररणाम आधाररत ह जबमक साधन वह औजार या यनतर ह ज उस कायग या पररणाम क समभव बनाता ह

जब परमशवर स िमा और अनगरह पान की बात आती ह त आधार हमशा मसीह की य गयता ह चजस उसन अपन आजञाकारी जीवन और करस की मतय क दवारा अचजगत मकया इस हम मतती 2628 कलमसटसय 113 और 14 और 1 यहनना 212 जस सटथान पर दित ह िमा क सवगदा अचजगत मकया जाता ह परनत इस मसीह क दवारा अचजगत मकया जाता ह हमार दवारा नही और मवशववास वह मलभत साधन ह चजसक दवारा सारा अनगरह हमार जीवन म लार मकया जाता ह चाह परमशवर क सममि परतयि रप स अमभवयि मकया जाए या अनगरह क साधन क दवारा मवशवास वह पराथममक औजार ह चजसक दवारा परमशवर हमार जीवन म अनगरह और अनय आशीष क लार करता ह

पमवतर-वचन कई साधन का वणगन करता ह चजनक दवारा मवशवास सामानयत कायग करता ह इस अधयाय म हमार उददशय क चलए इन अनय साधन क हम सिप म पराथगना स शर करक द सामानय शचणय म बाट सकत ह

समपणग पमवतर-वचन म पराथगना क परमशवर स अनगरह और िमा मारन क साधारण साधन क रप म परसटतत मकया रया ह जस बाइबल अरीकार और मन मिराव की पराथगना क आमतौर पर मवशवास की अमभवयमि बताती ह चजनक दवारा पमवतर आतमा हम िमा परदान करता ह इन पराथगनाओ की परभावशीलता क 1 राजा 829-40 भजन 321-11 परररत क काम 822 1 यहनना 19 और बहत स अनय सटथान पर चसिाया रया ह

उन ल र क चलए चजनह न अभी हाल ही म परभ क जाना ह अरीकार और मन मिराव की मवशवासय गय पराथगनाए व साधन ह चजनक दवारा पमवतर आतमा आरममभक रप म िमा और उदधार क उनक जीवन म लार करता ह इसीचलए परररत क काम 1118 म कलीचसया न मन पररवतगन क जीवन क चलए मन मिराव कहा और सार मवशवाचसय क चलए अरीकार और मर मिराव की पराथगना अपन जीवन म परमशवर क अनगरह क पान क महतवपणग साधन बन रहत ह जसा हम 1 यहनना 19 म पढत ह

यव ि हम अ पन पा प ो क म ान ि ो त (पिम शवि) हम ा ि पा प ो क कषम ा क िन औि हम ो सब अ धमय स ि दध क िन म ो व िशवा सय गय औि धम ी ह (1 य हनना 19)

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ससमाचार का अदभत समाचार ह मक मसीह न हमार चलए ज मकया ह उसक आधार पर हमार पाप का मफत म िमा करता ह और हम मवशवास क साथ कवल मारन क दवारा इस िमा क परापत कर सकत ह

आप ज ा न त ह ो व क ब हत स ि ग यह स चत ह ो वक यवि आप यह ल सख ा त ह ो व क पा पी क पिम शवि क पा स आक ि कि ि ldquoह सि ग ी य व पत ा मझ कषम ा किrdquo क हन स पिम शवि उ नह ो कषम ा क ि िग ा त यह पिम शवि क अ न गरह क सस त ा ब न ा ि ग ा पिनत त थय यह ह व क यह पिम शवि क अ न गर ह क ऊ चा उ ठा त ा ह इ सल ि ए न ही ो वक हम ा िा म न व फिाि हम ो ब चा त ा ह या उसक आधा ि पि पिम शवि हम ो कषम ा कित ा ह पिनत इ सल ि ए व क पिम शवि न स ि यो अ पन एक ि ौत पतर क ी अ न नत रप स म ल यि ान औि अ ग णय रप स म हो ग ी मत य क आधा ि पि हमा ि लि ए कषम ा औि म ि -वम िाप क ा आधा ि त याि व कया ह

डा ज ल िग न डो क न

इ स त थय न वक यी ि म सीह पिम शवि का पतर वतर एकत ा म ो ि सिा व यव ि पथि ी पि आया औि नमर त ा औि ि ासरप म ो त ीस ि षय वब ता ए औि व फि क षट सहा औि कर स पि म िा -हम ा ि पा प ो क िण ड क ा भग त ा न क िन क ल ि ए कर स पि पा प क अ न नत क जय क उ ठा ल िया यह एक अन नत म ल य ह यह एक अ न नत क ीम त ह ब हत बडी क ी मत हम ा ि पा प ो क लि ए अन नत क ीम त इ सल ि ए यह ससत ा अ न गरह न ही ो ह यह अ ब त क परा पत व क या ग या सि ा यलधक म हो ग ा अन गर ह ह हम इ स म फ त उपहा ि क रप म ो परापत क ित ह ो पिनत कि ि इ स क ा िण व क यी ि न अ पन ा सब क छ हम ा ि लि ए ि व ि या

डा म ाकय सर स

ज उ सक पा स आक ि कि ि ldquoपरभ म झ कषम ा क िrdquo क हत ह ो उ नह ो कषम ा व क या ज ात ा ह इसल ि ए न ही ो वक कषम ा क ी उ नक ी व िन त ी ब हत क ि ीन थ ी इ सल ि ए न ही ो व क उ न क ा म न व फिाि ब हत अच छा थ ा पिनत इ सलि ए वक यी ि न िह सब कि व ि या ह ज हम ा ि स ि ग ी य व पत ा क साथ सो ग वत म ो पन ि ौ टन क ल ि ए हम ाि ल ि ए आि शयक थ ा

डा ज ल िग न डो क न

अब हम यह बतान क चलए रकना चामहए मक अरीकार और मन मिराव की पराथगनाओ क अमतररि ज िमा क साधारण साधन क रप म कायग करती ह मबचवई की पराथगना कई बार िमा क असाधारण या असामानय साधन क रप म कायग करती ह मबचवई क इस परकार पररभामषत मकया जा सकता ह मधयसटथता या मकसी और की िामतर मवनती या पराथगना

पमवतर-वचन म ल र दवारा परभावी मधयसटथता की पराथगना क बहत स उदाहरण ह इस हम मरनती 1419 और 20 म दित ह जहा मसा की मधयसटथता की पराथगना क जवाब म यह वा न इसराएल क पाप क िमा कर मदया इस हम 2 इमतहास 3018-20 म पात ह जहा महजमकयाह की मबचवई क जवाब म यह वा न उन ल र क माि कर मदया चजनह न िसह की उचचत तयारी नही की थी इस हम अययब 15 म दित ह

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जहा हम सीित ह मक अययब मनरनतर अपन बचच क चलए मबचवई क बचलदान चढाया करता था और इस हम याकब 514 और 15 म दित ह जहा याकब न चसिाया मक कलीचसया क परमनए उन ल र क चलए िमा क परापत कर सकत ह चजनह न पाप मकया ह परमशवर मवशवासय गय ल र की मबचवई क पराथगना क जवाब म हमशा िमा परदान नही करता ह परनत बहत बार वह ऐसा करता ह

और इस परकार की मानवीय मबचवई स बढकर पतर और पमवतर आतमा द न ल र क चलए मधयसटथता करत ह यीश दवारा की जान वाली मधयसटथता क बार म यशायाह 5312 र ममय 834 और इबरामनय 725 जस सटथान पर बताया रया ह और आतमा की मधयसटथता क बार म र ममय 826 और 27 म चसिाया रया ह

िमा क साधन की दसरी सामानय शणी पमवतर ससटकार ह या चजनह आधमनक पर टसटटनट कलीचसयाए-मवधान कहती ह मखयत बपमतसटमा और परभ भ ज

अब जब हम ससटकार शबद का परय र करत ह त हम इस बात क सटपि करन की आवशयकता ह मक हम परभ भ ज और बपमतसटमा क बार म र मन कथ चलक कलीचसया क मवचार की बात नही कर रह ह बमलक ससटकार शबद का परय र बहत सी पर टसटटनट ससटथाओ दवारा ऐमतहाचसक रप स परभ भ ज और बपमतसटमा क चलए मकया जाता रहा ह य समार ह मवशष पमवतर मवधान ह चजनह परमशवर न हमार मवशवास क अमभवयि करन और उसकी आशीष क पान क साधन क रप म कलीचसया क उपलबध कराया इन मवधान क कायग मववरण क बार म पर टसटटनट परमपराओ म मतभद ह परनत व सब इस बात स सहमत ह मक य मकसी तरह मवशष ह

कई बार मसीमहय क सनदह ह ता ह जब व दसर क परभ भ ज और बपमतसटमा क िमा क साधन क रप म बतात हए सनत ह अत इस बात पर बल दना महतवपणग ह मक हम यह नही कह रह ह मक इन मवधान म ऐसी क ई य गयता नही ह ज उनह परभावी बनाती ह य िमा का आधार नही ह

साथ ही बाइबल चसिाती ह मक जब हम परभ भ ज और बपमतसटमा क दवारा अपन मवशवास क अमभवयि करत ह त पमवतर आतमा हमार जीवन म िमा क लार करन क चलए इन मवधान का परय र करता ह

बपमतसटमा क मरकस 14 परररत क काम 238 र ममय 61-7 और कलमसटसय 212-14 जस पदयाश म अनगरह का साधन बताया रया ह

एक उदाहरण क रप म परररत क काम 2216 म पौलस स कह रए हननयाह क शबद क सन

अ ब क य ो ि ि क िता ह उ ठ बपव त स म ा ि औि उ सक ा ना म ि क ि अ पन पा प ो क ध डा ि (परर ित ो क क ाम 2216)

इन मनदश म हननयाह न सकत मदया मक बपमतसटमा क दवारा पौलस क पाप क िमा मकया या- ध मदया जाएरा

अब मनसटसनदह बपमतसटमा िमा का एक आवशयक साधन नही ह हम दसर तरीक स भी िमा ममल सकती ह जस यीश क साथ करस पर चढाए रए मवशवास करन वाल उस राक न कभी बपमतसटमा नही चलया था मिर भी लका 2343 सकत दता ह मक उस िमा मकया रया और उसन उदधार पाया अत हम यह स चन की रलती नही करनी चामहए मक िमा और उदधार कवल उन ल र क चलए उपलबध ह चजनह न बपमतसटमा ल चलया ह मिर भी पमवतर-वचन इस पणगत सटपि करता ह मक बपमतसटमा साधारणत हमार जीवन म िमा क लार करन क साधन क रप म कायग करता ह

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और परभ भ ज का भी यही सतय ह पौलस न सटपि रप स चसिाया मक परभ भ ज म भार लना मसीह की मतय क लाभ जस िमा क परापत करन का माधयम ह दि 1 कररमनथय 1016 म उसन कया चलिा ह

िह धनयिाि क ा क ट िा लजस पि हम धनयि ा ि क ित ह ो क या म सी ह क ि ह क ी सहभ ा व गत ा नही ो ि ह ि ट ी लजस हम त डत ह ो क या ि ह म सीह क ी ि ह क ी सहभ ा व गत ा न ही ो (1 कर िनद नथ य ो 1016)

य अलकाररक परशन थ पौलस की पमतरय क पढन वाला परतयक वयमि जानता था मक उनका उततर था -हा मनसटसनदह मवशवास क साथ परभ भ ज म भार लन क दवारा हम मसीह क साथ एक ह त ह

पाप की िमा उदधार की एक महान आशीष ह चजस हम अपन समपणग मसीही जीवन क दौरान अनभव करत ह चाह हम नय मसीही ह या जीवन भर स मवशवासी रह ह िमा मसीह क साथ हमारी चाल का एक सतत पहल ह और इसक पररणामसटवरप बहत सी अनय आशीष भी ममलती ह

जान वसटली मथ मरसटट कलीचसया क ससटथापक ज 1703 स 1791 क बीच रह न अपन सनदश सखया 26 म िमा क बार म बताया चजस म उनह न पहाडी उपदश की वयाखया की दि मक उनह न वहा कया कहा

पा प ो क ी कषम ा पा त ही हम इ सी परक ा ि उ न क साथ ब हत कछ पा त ह ो ज व ि शवास क दवा िा ज उ स म ो ह पव ितर वक ए ग ए ह ो पा प अ पन ी सा मथय ख चक ा ह इसक ा उन पि क ई अ ल धक ा ि न ही ो ह ज अनगर ह यावन पिम शवि की परसननत ा क अ धी न ह ो क य ोवक ज म सी ह म ो ह ो उ न पि क ई ि णड क ी आजञा न ही ो ह इ सल ि ए ि पा प क सा थ -साथ गि ा व न स भ ी म ि वक ए ग ए ह ो व यि सथ ा क ी धा वमय क त ा उ नम ो प िी हई ह औि ि ििीि क अ न सा ि न ही ो पिनत आतम ा क अ न सा ि चित ह ो

म ो स चता ह पा प ो क ी कषमा एक परक ा ि स म सी व हय ो क रप म ो हमा िी सि ा यल धक अ नम ि ि ा सत व िकत ा ह म िभ त रप स हम ा ि पा प ो क कषमा क िन क ा अथय ह पिम शवि हम ा ि सवषट कत ा य क साथ सही सो बो ध म ो िहन ा आज ज ब हम सो सा ि क िख त ह ो हम पा त ह ो वक ि ग अ थय महत ि उ दद शय क ी ख ज म ो ह ो औि हम ा िी सो सक वत म ो अ त यल धक अ समो जस ह ज ीि न क या ह ज ी न क ा क ा िण क या ह म ो यहा क य ो ह औि इ सल ि ए ि ग अथय औि म हति क ख ज न क ल ि ए हि त िह स परया स क ित ह ो-वफि चा ह ि अ पन ी न ौ किी का पी छ ा क िो या ि ोव गकत ा या म ा िक पि ा थ ो क ा म िा मत िब ह व क ि ग ख िी औि आन नि क पा न क लि ए हि त िह क सथ ा न ो औि म ा गो म ो परयास क ि िह ह ो पिनत ससम ा चा ि हम ो बत ा ता ह वक म न षय ो क रप म ो हम ा िी म िभ त आि शयकत ा अ पन सवषटक त ा य क सा थ सही सो बो ध म ो िहन ा ह उ सक सा थ ल ज सन हम ो ब न ा या ह ससम ा चा ि ब त ात ा ह व क पिम शवि न अ पन पतर यी ि म सी ह क भ ज ा वक ि ह हम ा ि पा प ो क ा परा यल ित कि पिम शवि क कर ध क ि ि कि पिम शवि न अ पन परम म ो अ पन पतर क भज ा वक हम ा ि पा प कषम ा ह सको तावक यवि हम उस पि भि सा क िो त हम ा ि पा प कषम ा ह सको औि ज ब हम उ स अ नभ ि पि आत ह ो जब हम ऐसी कषम ा क ल ि ए यी ि म सी ह क ी ओि वफित ह ो त एक अत ल य िा नद नत क ा अ हसास ह त ा ह सो सा ि क सा थ सही ह न क ा अहसा स कय ोवक यह ि ा सत ि म ो सो सा ि क सा थ सही ह न ा

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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ह हम अ चा नक महस स क ित ह ो व क हम ो इ सक ल ि ए ही ब न ा या ग या ह हम ो पिम शवि क सा थ सही सो बो ध म ो िहन क ल ि ए बन ा या ग या ह उ स पि हम पहचा नत ह ो

डा ट ा म शरन ि

अब जबमक हम पाप की िमा की धमगचशिा क दि चक ह त हम मवशवास क अरल सतर क दिन क चलए तयार ह दह का पनरतथान

पनर तथान

परररत क मवशवास-कथन क इन शबद क याद कर

म ो

ि ह क पन रत थ ा न म ो वि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर हम सटपि ह न की आवशयकता ह मक मवशवास-कथन यीश क पनरतथान क बार म बात नही कर रहा ह यीश का पनरतथान मवशवास-कथन म पहल आता ह जब यह कहता ह मक यीश मतक म स तीसर मदन जी उठा जब मवशवास-कथन दह क पनरतथान क बार म बात करता ह त इसक मन म सामानय पनरतथान ह-मसीह क ममहमा म आरमन पर सार ल र का पनरतथान

हम दह क सामानय पनरतथान क तीन चरण म दिर पहला हम सराप क दिर चजसक पररणामसटवरप हमारी दह म मतय आती ह दसरा हम बतायर मक मसीही ससमाचार हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करता ह और तीसरा हम दिर मक अनत म मकस परकार हमारी दह का छटकारा ह रा आइए सराप स शर कर ज हमारी दह म मतय क लाता ह

सराप जसा हमन पवगवमतग अधयाय म दिा परमशवर न मनषय क शारीररक दह और रर-शारीररक पराण स

बनाया इबरामनय 412 और 1 चथसटसलनीमकय 523 क आधार पर कछ परमपराओ का मानना ह मक परतयक मनषय म पराण क अमतररि आतमा भी ह ती ह परनत लरभर 200 ऐस वचन ह चजन म हमार अमसटततव क सार आनतररक रर-शारीररक पहलओ क समपणग रप म बतान क चलए इनम स मकसी एक शबद का परय र मकया रया ह अत अचधकाश मसीमहय का मनषकषग ह मक पराण और आतमा द न शबद एक ही वासटतमवकता क बतात ह और मनषय मखयत कवल द भार स मनममगत ह दह और आतमा

पाप म मररन स पवग हमारी दह और हमारी आतमा पर पाप और इसकी भरि शमिय का क ई परभाव नही था परनत जब आदम और हववा पाप म मरर रए त पाप न न कवल उनकी आतमाओ बमलक उनकी दह क भी भरि कर मदया और उनकी दह क दमषत ह न का अमनतम पररणाम उनकी शारीररक मतय थी उतपमतत 319 म आदम पर परमशवर क सराप क दि

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 3: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

iii

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विषय -िसत परिच य 1

कष मा 2

पाप क ी समसया 2

पाप की पररभाषा 2

पाप की उतपमतत 4

पाप क पररणाम 5

व ि व य अ नगरह 6

मपता 7

पतर 8

पमवतर आतमा 8

व यविगत उ ततिि ा वय त ि 9

शत 9

साधन 12

पनरतथान 16

सराप 16

ससम ाचाि 18

पराना मनयम 18

नया मनयम 20

यीश का पनरतथान 22

छ टक ािा 23

वतगमान जीवन 23

मधयम अवसटथा 23

नया जीवन 25

अननत जीिन 26

सम यािल ध 27

गणितत ा 28

सथा न 30

उपसो हाि 32

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः

उदधार

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प रिचय

इन अधयाय म हमन बताया मक परररत क मवशवास-कथन की शरआत उन मवशवास क साराश क रप म हई चजनका आरममभक मसीही बपमतसटमा लत समय अरीकार करत थ उस सनदभग म यह कलपना करना आसान ह मक बहत क चलए उनक अरीकार का सवागचधक भावनातमक भार मवशवास-कथन क व सतर थ ज उनक वयमिरत उदधार पर मवशवास क अमभवयि करत थ

और कया यह हमार बार म भी सतय नही ह हम अपन महान परमशवर - मपता पतर और पमवतर आतमा स परम करत ह और हम उसक दवारा बनाई रई कलीचसया क महतव दत ह परनत हमारी सबस बडा आननद यह िशिबरी ह मक उदधार हमार चलए ह हम इस आशवासन स मरन ह त ह मक परमशवर हमस परम करता ह वह हमार पाप क िमा करता ह और उसन हमार चलए अब यहा और आन वाल ससार म एक अदभत मनयमत रिी ह

यह परररत क मवशवास-कथन की हमारी शिला का छठा अधयाय ह और हमन इसका शीषगक रिा ह - उदधार इस अधयाय म हम परररत क मवशवास-कथन म मवशवास क सतर क दिर ज िमा और अननत जीवन क ससमाचार म मवशवास की पमि करत ह

पमवतर-वचन म उदधार शबद का मवमवध तरीक स परय र मकया रया ह ज सकत दता ह मक मसीह म हमार उदधार क कई आयाम ह जब आधमनक मसीही उदधार शबद का परय र करत ह त सामानयत हमार मन म उन आशीष की परामपत ह ती ह चजनह मसीह न अपनी परायचित मतय क दवारा िरीदा नया जनम पाना और परमशवर स मल-ममलाप करना पमवतरीकरण की परमकरया म जीवन म आर बढना और नय आकाश और पथवी म हमारी अमनतम ममहमा म पणगता

परररत का मवशवास-कथन उदधार क इस पहल क बार म इन शबद म बात करता ह

म ो पा प ो क ी कषम ा म ो ि ह क पन रत थ ा न म ो औि अ न नत ज ीि न म ो व ि शवास क ित ा ह

अब य तीन मवचार - िमा पनरतथान और अननत जीवन - हमार उदधार क बाइबल क वणगन क परी तरह नही बतात ह परनत व परररत क मवशवास-कथन म पराथममक कथन ह ज वयमि मवशष क उदधार क समय परमशवर दवारा मकए जान वाल कायो क मवशष पहलओ म मवशवास का अरीकार करत ह

परररत क मवशवास-कथन म उदधार पर हमारा मवचार-मवमशग हमार उदधार क इन परतयक आयाम क सब चधत कररा पहला हम पाप की िमा क बार म बात करर दसरा हम दह क पनरतथान क चसदधानत क दिर और तीसरा हम अननत जीवन की परकमत क दिर आइए पहल हम पररचचत मवषय पाप की िमा स शर कर

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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कषमा

परररत क मवशवास-कथन म िमा क अथग क समझन क चलए हम तीन मनकटता स सबचधत मदद का दिर पहला पाप की समसटया ज िमा क आवशयक बनाती ह दसरा मदवय अनगरह ज िमा क सभव बनाता ह और तीसरा हमारा वयमिरत उततरदामयतव व बात ज िमा पान क चलए हम करनी ह पहल हम पाप की समसटया क दिर

प ा प की सम सया बाइबल पर मवशवास करन वाल मसीही पहचानत ह मक यीश क करस पर मरन क मखय कारण म स

एक हमार पाप क दवारा उतपनन समसटया क हल करना था पाप हम परमशवर की आशीष स दर कर दता ह और हम सराप क अधीन कर दता ह और ऐसा क ई मारग नही ह चजस क दवारा हम सटवय इस समसटया पर जय पा सक जब हम पाप की समसटया क बार म बात करत ह त हमारा मतलब ह पाप हम द षी ठहराता ह और मसीह क अलावा हमार पास सटवय क इसकी उपमसटथमत या इसक पररणाम स बचान का क ई मारग नही ह

पमवतर-वचन दवारा चसिाई रई पाप की समसटया क हम तीन भार म दिर पहला हम पाप की एक धमगशासटतरीय पररभाषा दर दसरा हम मानव जामत म पाप की उतपमतत क बार म बात करर और तीसरा हम पाप क पररणाम क दिर आइए पाप की पररभाषा स शर कर

पाप की पर िभाषा बाइबल मवमभनन रीमतय स पाप क बार म बात करती ह यह पाप का वणगन करन क चलए अराजकता

मवदर ह अधमग अपराध बराई लकषय स चकना और मवमभनन परकार क अनय शबद का परय र करती ह और इन म स परतयक शबद पाप क बार म हमारी समझ क बढाता ह

परनत जब पमवतर-वचन अमतग रप म पाप की बात करता ह - जब यह पाप क चलए अपनी पररभाषा दता ह - त एक शबद सबस अलर नजर आता ह अराजकता बाइबल की शबदावली म पाप मलत परमशवर की वयवसटथा का उललघन ह जस परररत यहनना न 1 यहनना 34 म चलिा

ज क ई पा प कित ा ह ि ह व यि स थ ा क ा व ि ि ध क ित ा ह औि पाप त व यिसथा क ा व ि ि ध ह (1 य हनना 34)

अराजकता क रप म पाप पर इसी बल क हम र ममय 79-25 और 1 कररमनथय 1556 जस सटथान पर दित ह पाप का यह मल मवचार मवमभनन मसीही परमपराओ क धमगमवजञान म भी परकट ह

एक उदाहरण क रप म वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी क परशन एव उततर सखया 14 क दि इस सवाल क उततर म

पा प क या ह

परशन ततरी का जवाब ह

पा प पिम शवि क ी व यिस थ ा क ी अ न रपत ा क ा अ भ ा ि या उसक ा उ ललो घ न ह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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धयान द मक यह उततर परमशवर की वयवसटथा क त डन क द सामानय परकार की पहचान करता ह वयवसटथा की अनरपता का अभाव और वयवसटथा का उललघन

एक ओर वयवसटथा की अनरपता का अभाव पमवतर-वचन की आजञाओ क मानन म असिल ह ना ह यह अकसर ममटान का पाप कहलाता ह कय मक हम उस छ ड दत ह या अनदिा कर दत ह ज हम करना चामहए दसरी तरि वयवसटथा का उललघन वह कायग करना ह चजस करन स पमवतर-वचन र कता ह इस परकार क उललघन क अकसर आजञा का पाप कहा जाता ह कय मक हम स चन महसस करन या जान-बझकर कछ ऐसा कायग करन क दवारा पाप करत ह चजस करन स पमवतर-वचन मना करता ह

अब जब हम परमशवर की वयवसटथा क बार म एक लकषय क रप म बात करत ह ज पाप क पररभामषत करता ह त यह बताना महतवपणग ह मक परमशवर की वयवसटथा मनमानी या बतरतीब नही ह इसक मवपरीत वयवसटथा परमशवर क चसदध चररतर का परमतमबमब ह दि पौलस र ममय 712 म वयवसटथा का मकस परकार वणगन करता ह

व यि सथ ा पव ितर ह औि आजञा भ ी ठी क औि अचछ ी ह (ि वमय ो 712)

जस पौलस न यहा कहा परमशवर की आजञाए परमशवर क समान ही हमशा पमवतर धमी और अचछी ह परमशवर की आजञाए हमशा उसक सटवभाव स मल िाती ह

इसी कारण पमवतर-वचन चसिाता ह मक यमद हम परमशवर स परम करत ह त हम उसकी आजञाओ क मानर यमद हम परमशवर स परम करत ह त हम उन बात स भी परम करर ज परमशवर क परमतमबममबत करती ह जस उसकी वयवसटथा इस हम वयवसटथामववरण 510 और 65 और 6 मतती 2237-40 यहनना 1415-24 और बहत स अनय सटथान पर दित ह दि यहनना 1 यहनना 53 म कया चलिता ह

औि पिम शवि क ा परम यह ह वक हम उ सकी आजञा ओ ो क म ा न ो (1 य हनना 53)

परमशवर क चलए परम उसकी वयवसटथा क मानन स परकट ह ता ह इसचलए जब हम उसकी वयवसटथा क त डत ह त हम परमशवर क चलए परम म कायग नही कर रह ह हम पाप कर रह ह

ब ा इब ि म ो पिम शवि स परम क िन औि पिम शवि क ी आजञा म ानन म ो ब हत घव न षठ सो बो ध ह म िा मा न ना ह वक पहि ी ब ात ल ज स हम ो स पषट क िना ह ि ह यह ह वक कि ि पिम शवि स परम क िन ा ही पिमशवि स परम क िन क ी आजञा क प िा न ही ो क िता ह एक क ा यय -कनद नि त अ व नि ा यय न ी िसता ह सक त ी ह ज क भी मन म ो न ही ो थ ी जब बा इब ि न क हा यवि तम मझ स परम क ित ह या म सी ह न क हा यवि त म म झ स परम क ित ह त म िी आजञा ओ ो क म ा न ग पिनत यव ि परम ह यवि पिम शवि क आन नि म ो स ि यो क ि न क ी सि चछ ा ह त उ सक ा सिायलधक सिाभ ाविक औि पराम ालणक परक टीक िण एक गहिा इच छक औि त त पि आजञा पा ि न ह ग ा क य ोवक इ सक ा आधा ि इ स ि ाि सा म ो ह व क उ स पिम शवि क परसनन क िन ा ह लज स स आप परम क ित ह ो औि ल ज स म ो आप मग न ह त ह ो इ सका आधा ि यह भ ि सा ह वक इ स ldquo पिम शवि का म ागय rdquo आपक ल ि ए उ तन ा ही व ि शवसन ी य औि अच छ ा ह लज त न ा व क उ सक ा अ पन ा स ि भाि

डा गि न स क ज ी

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जब हम परमशवर क परमत परम म कायग करन स चक जात ह त हम उसक मवरदध मवदर ह करन क दवारा उसकी वयवसटथा क त डन क दवारा बराई करन क दवारा परमाप स चकन क दवारा उसक पमवतर धमी और अचछ चररतर क ठस पहचान क दवारा पाप करत ह परनत जब परमशवर क परमत हमारा परम हम परररत करता ह त हम उसकी रचचय और मार क अपन स ऊपर रित ह और पररणामसटवरप हम बहत स पाप स और अपन जीवन म उनक भयानक पररणाम स बच सकत ह

परमशवर की वयवसटथा क उललघन क रप म पाप की इस पररभाषा क धयान म रित हए आइए हम मानव जामत म पाप की उतपमतत क दि

पाप की उतपवतत हम म स अचधकाश ल र उतपमतत तीसर अधयाय म चलिी घटनाओ स पररचचत ह जब हमार परथम

परि आदम और हववा न भल और बर क जञान क वि का िल िान क दवारा परमशवर क मवरदध बलवा मकया बाइबल क मवचार स यह क ई अकली घटना नही थी इसक कारण समपणग मानव जामत पाप की द षी और पाप स भरि ह रई धमगमवजञानी सामानयत इस मानव जामत का पाप म मररना या कवल पाप म मररना कहत ह

उतपमतत 126-31 हम बताता ह मक जब परमशवर न मनषय क रचा त हम बहत अचछ थ इस मामल म अचछ शबद का अथग ह मक हम मबलकल वस ही थ जसा परमशवर चाहता था हमार परथम परि नमतक रप स शदध परमशवर क सटवरप थ परमशवर दवारा रच रए ससार क भरन और उस पर अचधकार करन क दवारा उसकी सवा क चलए मबलकल उपयि थ

जस पौलस न र ममय 512 म सकत मदया मनषय क मररन स पहल पाप नही था हमन कभी पाप नही मकया था हमारी परवमतत पाप की नही थी हम पाप स भरि नही हए थ और हमार अनदर पाप नही था

परनत उस पापरमहत अवसटथा म भी हमार पास पाप करन की िमता और अवसर द न थ जब परमशवर न आदम और हववा क रचा और उनह अदन की वामटका म रिा त उसन उन पर बहत सी बात क परकट मकया परनत एक आजञा परमशवर की सवा करन की उनकी इचछा क परिन क चलए तीवरता स आर आई उतपमतत 216 और 17 म हम पढत ह मक परमशवर न आदम और हववा क आजञा दी मक व भल और बर क जञान क वि क छ डकर वामटका क मकसी भी वि क िल िा सकत ह और इस वयवसटथा क त डन की सभावना न आदम और हववा क पाप करन का अवसर मदया

दःिद रप स जसा हम उतपमतत 31-6 म पढत ह साप न हववा क बहका मदया मक वह उस मनषचधत िल क िाए मिर हववा न उस िल म स आदम क भी मदया और उसन भी िाया आदम और हववा न परमशवर की धमी वयवसटथा क त डा और जान-बझकर पाप क चना परकाचशतवाकय 129 सकत दता ह मक साप वासटतव म शतान था और 1 मतमचथयस 214 सकत दता ह मक हववा क बहकाया रया परनत न त शतान की परीिाए और न ही हववा की मिगता हमार परथम परि क पाप का क ई बहाना ह व द न भल की बजाय बर क चनन क द षी थ

इन घटनाओ म हम मिर स दित ह मक पाप मलत परमशवर की वयवसटथा उसकी परकट इचछा का उललघन ह जब कभी हम परमशवर की परकट वयवसटथा स अलर स चत ब लत या कायग करत ह त हम भलाई की बजाय बराई क चनत ह और चाह ध ि या चालाकी स हम स पाप करवाया रया ह मिर भी परमशवर हम उस कायग का चजममदार ठहराता ह ज हमन मकया ह इसी कारण परमशवर क वचन क अपन मदल म बठाना सहायक ह - न कवल इसचलए मक हम इस जान परनत इसचलए भी मक हम इसस परम कर जब हम

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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परमशवर की वयवसटथा क जानत ह त यह पाप मक पहचान करन म हमारी सहायता करती ह चजस स हम ध िा न िाए और जब हम परमशवर की वयवसटथा स परम करत ह त उसकी आजञा मानन का चनाव करना आसान ह जाता ह

पाप की पररभाषा और उतपमतत क दिन क बाद हम पाप क पररणाम क दिन क चलए तयार ह

पाप क परिण ा म पमवतर-वचन सकत दता ह मक आदम और हववा क पाप करन क बाद परमशवर न नयाय मकया और

समपणग मानव जामत क सराप मदया इस सराप न उनक अमसटततव क परतयक पहल क परभामवत मकया इसका पररणाम तरनत आमतमक मतय म मनकला चजसक बार म पर पमवतर-वचन म बताया रया ह जस यहनना 524 और 25 इमिचसय 21-5 और कलमसटसय 213 और 14 म इसन हमार अमसटततव दह और आतमा द न क भरि मकया ज हम मयमगयाह 179 और र ममय 718-811 म दित ह और इसका अनत शारीररक मतय था जसा हम उतपमतत 319 और र ममय 512 म पढत ह अनतत पाप क कारण मानव जामत पर नरक म अननत कि का परमशवर का दणर आया जसा हम मतती 529 और 30 जस पदयाश स सीित ह

सपरचसदध पासबान चालसग सटपजगन ज 1834 स 1892 क बीच रह न अपन सनदश सराप हटाया रया म आदम और हववा पर परमशवर क सराप क बार म बताया दि उनह न कया कहा

उ स सरा प म ो क या िा वम ि ह इसम ो मत य िा व मि ह इस िह क ी मत य इ सम ो आनद त मक म त य िा व मि ह उ स आनत र िक ज ी िन की मत य ज आि म म ो थ ा - आतम ा क ा जीिन ज अ ब चि ा गया ह औि कि ि पवि तर आत मा दवा िा पन ि ाया जा सकता ह औि अ नत म ो सब स ब िति इ सम ो िा व मि ह ि ह अ न नत म त य िह भ यो क ि भ या नक िबि ldquo न िक rdquo ल ज सम ो सब क छ सम ा सकत ा ह

आदम और हववा क पाप क पररणाम समपणग मानव जामत म भी िल रए-उस परतयक वयमि म चजसन पराकमत रप स उन स जनम चलया हम पाप क इस वचशवक परभाव क 1 राजा 846 र ममय 39-12 रलामतय 322 और इमिचसय 23 जस पदयाश म दित ह दि पौलस र ममय 512 और 19 म आदम क पाप क बार म कया कहता ह

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या एक म न ष य क आजञा न म ा नन स ब हत ि ग पा पी ठहि (ि वम य ो 51219)

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा आदम समपणग मानव जामत की वाचा का मचिया था और पौलस न चसिाया मक इस कारण आदम का पाप उसक सार वशज पर आया और इसक पररणामसटवरप हम सटवभाव स पापी ह हम ससार म आमतमक रप स मत अवसटथा म ददग और कि क अधीन और शारीररक मतय की मनयमत लकर आत ह

इ स बढा -चढाक ि क हन ा क व ठन ह पा प क प णय पर िणाम क सम झना भ ी हम ा ि ल ि ए अ समभ ि ह पिनत हम ा िा पा प सव षटक त ा य क वि रदध व ि ि ह ह यह उ सक ी म वहम ा क चिा न का परया स ह यह उसक ी व यिस थ ा क त डना ह यह उसक ी म व हम ा स वग िन ा ह यह हि परका ि स अ पन आप क पिम शवि क ितर ब न ान ा ह पा प पिम शवि क साथ

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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हम ा ि सो बो ध क वब गा ड ित ा ह क य ोवक पिम शवि पवि तर ह ि ह पा प क न ही ो िख सक त ा ह उ सक ी पवि तरत ा क क ा िण उ स पा प पि अ पना कर ध उ णडि ना पडत ा ह अ त जब हम मा न िी य पा प क ि खत ह ो यह ि ह सब कछ ह ज हम ो हमा िी सम स या क बा ि म ो ज ा नन ा ह यह ि ह सब कछ भी ह ज हम ो स ियो क ब ा ि म ो ज ान न क ी आि शयकत ा ह पा प एक म न वि जञा न ह ल ज स क दव ा िा ज कछ ि पय ण म ो िखत ह ो औि ज हम अ पन आप क ब ा ि म ो ज ा न त ह ो उ स समझन म ो हम ा िी सहा यत ा क ित ा ह यह हम ो इस बा त क ी भ ी या ि व िि ात ा ह वक हम ा ि पा स अ पन आप क इ स ििय िा स ब चा न क ा क ई म ागय न ही ो ह क िि पिम शवि ही यह क ि सक त ा ह औि िह इ स म सी ह म ो क ित ा ह

डा आि अल बटय म हलि ज वनयि

पाप की समसटया सचमच भीषण ह परी मानव जामत पणगत ि ई हई और द षी ह हमार पास अपन आप क छडान का क ई मारग नही ह मनरनतर परमशवर का दणर सहना हमारी मनयमत ह उस पन परसनन करन या हमार पाप क सधारन का हमार पास क ई मारग नही ह परमशवर की अनगरहकारी िमा क अलावा उदधार की मबलकल भी आशा नही ह

पाप की समसटया क दिन क बाद अब हम िमा की हमारी चचाग क मदवय अनगरह की ओर म डना चामहए ज िमा क सभव बनाता ह

व िवय अनगरह अपनी करणा म परमशवर नही चाहता था मक समपणग मानव जामत पाप क सराप की अधीनता म रह

उसन मिर मनषय दवारा पथवी क भरन और उस पर अचधकार करन क चलए और उस अपनी उपमसटथमत क य गय राजय म बदलन की य जना बनाई इसचलए पाप की समसटया क हल करन क चलए उसन एक उदधारक क भजा और वह उदधारक उसका पतर यीश मसीह था

उदधारक क रप म यीश हम द ष और भरिता स बचाता ह वह अपन साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह ससार क उसक पथवी क राजय म बदलन की हमारी य गयता क वह पन हम दता ह हमार अपन उदधार क चलए परमशवर की य जना कवल मनषय की य गयता पर मनभगर नही ह यह परमशवर क अनगरह उसकी परसननता पर मनभगर ह हम हमार मवशष परमतमनचध परभ यीश मसीह दवारा मदया जाता ह जसा हम र ममय 323 और 24 म पढत ह

सब न पा प व क या ह औि पिमशवि क ी म व हम ा स िवहत ह ो पिनत उ सक अ नगर ह स उ स छ टक ा ि क दवा िा ज म सी ह यीि म ो ह स ोत म ोत धम ी ठहिा ए ज ा त ह ो (ि व म य ो 323-24)

मदवय अनगरह क कायग क रप म िमा म मतरएकता क तीन वयमि मपता पतर और पमवतर आतमा शाममल ह और इसकी शरआत मपता स हई

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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वपता

उ दध ा ि व तर एक ह व पत ा ज पहि क िता ह पतर ज प िा क िता ह आत म ा ज िाग क िता ह जब हम व पता -पतर क सो बो ध क ब ा ि म ो स चत ह ो-हम ो स चना चा व हए वक हम ा ि उ दध ा ि क ी य ज न ा म ो व पत ा पतर औि पवितर आत मा त ी न ो व यव ि िा व मि ह ो त ीन ो वयव ि अ न गरह म ो औि परम म ो औि करणा म ो क ा यय क िन क सा थ -साथ कर ध औि धा वमय क त ा औि ि ण ड क भ ी था म िहत ह ो अ त जब व पत ा क पहि क िन ि ाि क रप म ो ि खा ज ा त ा ह त ि ह इस पतर औि पव ि तर आत म ा स अ ि ग अक ि न ही ो क ित ा ह

डा स ट ी फन िि म

िमा की शरआत मपता स हई कय मक उसी न उसकी य जना बनाई नया मनयम सटपि रप स चसिाता ह मक मपता न पतर क ससार म भजा और उस उदधारकताग मनयि मकया इस हम यहनना 316-18 परररत क काम 234-36 और इबरामनय 31 और 2 म दित ह

नया मनयम यह भी चसिाता ह मक मपता अपन ल र क उदधारकताग क रप म यीश की सामथग क अचधकत मकया और करस पर यीश क बचलदान क पाप क भरतान क रप म सटवीकार करन का वायदा मकया हम मपता की इन भममकाओ क बार म यहनना 1014-18 कलमसटसय 118-20 और इबरामनय 210 जस पदयाश म पढत ह

वासटतव म र ममय 325 कहता ह मक मपता न ही यीश क बचलदान क रप म चढाया दि पौलस वहा कया चलिता ह

पिम शवि न उ स परा यल ित ठहिाया (ि व म य ो 325)

मपता छटकार का महान चशलपकार ह यह उसकी अनगरहकारी य जना और करणामय इचछा ह मक हमार पाप क िमा कर और हम आशीष द और यह उसका अचधकार ह ज उदधार क सभव और मनचित बनाता ह

यह विचाि वक कर स पि यी ि ि ग ो क परव त अ पन स िग ी य व पत ा क कर ध क इ स त िह ि ि किन क ा परया स क ि िहा ह व क यी ि त परम ी ह ि वक न व पता न ही ो यह ि ा सत ि म ो यी ि म सीह क परा यल ित क क ायय म ो ज ह िहा ह उ सक ी गि त सम झ ह कर स पि यी ि क ा क ा यय िा स ति म ो व पत ा क अ पन ि ग ो क परव त प िय ि वतय परम क ी अव भ व यव ि ह स च ो व क न य व न यम म ो व कत न ी ब ा ि इस ब ात पि ब ि वि या ग या ह वक यी ि क ा सो सा ि म ो आन ा औि कर स उ ठा न ा ि ा सत ि म ो व पत ा क परम क ा पर िणा म ह ि ह ि चन ल ज स हम म ो स अ ल धक ा ि ि ग सो भि त अपन म सी ही ज ीि न म ो पहि ि चन क रप म ो याि क ित ह ो य हनन ा 316 बि ि त ा ह ldquoक य ोवक पिम शवि न ज गत स ऐसा परम वक या वक उस न अ पन ा इ कि ौ ता पतर ि व िया rdquo अ ब इ स ि चन म ो व क स क परम पि बि व िया ज ा िहा ह म वक सी भ ी तिह यी ि क परम क कम न ही ो क ि िहा ह पिनत उ स पद ाो ि म ो पतर क िन म ो स िग ी य व पता क परम पि ब ि व ि या ज ा िहा ह

डा ज ल िग न डो क न

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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पतर मदवय अनगरह ज हमारी िमा क पणग करता ह उस म पतर भी शाममल ह ज हमारा उदधारकताग ह मपता क वायद की पणगता म पतर क ससार म भजा रया चचर-परमतचित मसीहा यीश क रप म

दहधारण मकया तामक मनषय क पाप का परायचित कर इस चशिा क हम बहत स सटथान जस र ममय 325 और 26 इबरामनय 214-17 और 105-10 म पात ह

यीश न पामपय की जरह करस पर मरन क दवारा पाप का परायचित मकया हमार पाप क कारण आए सराप क उसन गरहण मकया और उसकी चसदध धाममगकता हम दी रई तामक हम पापी न मरन जाए बमलक परमशवर की आजञाकारी सनतान मान जाए कछ थ ड स सटथान जहा यह मवषय आता ह उनह हम यहनना 1014-18 रलामतय 220 2 कररमनथय 521 और इबरामनय 109-14 म पात ह जस पौलस न इमिचसय 17 म चलिा

हम क (यी ि म सीह) म ो उ सक ि ह क दव ािा छटक ा िा अ थ ा यत अ पिा ध ो क ी कषम ा उ सक उ स अन गर ह क धन क अ न साि व मि ा ह (इ व फल सय ो 17)

हमार पाप िमा मकए रए ह इसचलए नही मक परमशवर उनह अनदिा करता ह बमलक इस कारण मक उसन मसीह म उनह दणर मदया और इसीचलए पमवतर-वचन हम हमार उदधार पर मवशवास करन क चलए परररत करता ह

मपता और पतर क इन कायो पर मनभगर ह न क अमतररि िमा पमवतर आतमा क मदवय अनगरह का भी पररणाम ह

पवितर आतमा पमवतर आतमा मतरएकता का वह वयमितव ह ज वासटतव म िमा क हमार जीवन म लार करता ह

मपता न य जना बनाई और पतर न परायचित क परा मकया परनत हमार पाप वासटतव म तब तक िमा नही ह त ह जब तक मक पमवतर आतमा अपना काम न कर

जब हम मवशवास म आत ह त पमवतर आतमा उस समय तक हमार दवारा मकए रए पाप क िमा करक परमशवर क साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह वह हमारी आतमाओ का नवीनीकरण करक हम नया आमतमक जीवन भी दता ह जसा यीश न यहनना 35-8 म बताया परररत क काम 1118 इस अनभव क जीवन क चलए मन-मिराव कहता ह कय मक नवीनीकरण और मवशवास म हमशा दि और हमार पाप का अरीकार शाममल ह ता ह इस मवचार की बहत स पदयाश म पमि की रई ह जस 1 कररमनथय 611 म

और पमवतर आतमा हमार जीवन भर मनरनतर िमा लार करता रहता ह वही हमार मवशवास क बनाए रिता ह ज हम परमतमदन मन-मिराव की ओर लाता ह और वह मनरनतर हमार जीवन म िमा लार करता ह इस हम र ममय 81-16 और रलामतय 55 जस सटथान म दित ह एक उदाहरण क रप म दि पौलस 2 चथसटसलनीमकय 213 म कया कहता ह

पिम शवि न त म ह ो चन ल िया वक आत म ा क दव ा िा पव ितर ब नक ि औि सत य क ी परतीवत क िक उ दधा ि पा ओ (2 ल थ स सि न ी वक य ो 213)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा पौलस न चलिा मक मसीही आतमा क कायो क दवारा उदधार पात ह ज हम पाप और अधमग स शदध करत ह अथागत आतमा क कायग ज हमार जीवन म िमा लार करत ह और जब हम मनरनतर सतय म मवशवास करत ह त आतमा मनरनतर हमार जीवन म िमा क लार करता ह

मपता पतर और पमवतर आतमा सब हमार परमत उदधार क अनगरह क मदिात ह और इसक हमार जीवन क चलए कम स कम तीन मनमहताथग ह पहला जब हम पाप करत ह और परमशवर स िमा और उदधार क अनय पहलओ की अपील करत ह त तीन मदवय वयमिय स अपनी पराथगना करन म हम सही ह दसरा जब हम इन आशीष क पात ह त हम परमशवर क तीन वयमिय क धनयवाद दना चामहए और तीसरा हम अपन उदधार पर पणग भर सा कर सकत ह यह जानत हए मक मतरएकता क तीन वयमि हम स परम करत ह और हमार उदधार क समनचित करन क चलए कायग करत ह मपता पतर और पमवतर आतमा तीन हमार लाभ क चलए पाप की समसटया क हल करन क चलए एक साथ ममलकर कायग कर रह ह

पाप की समसटया और मदवय अनगरह क दमिक ण स पाप की िमा क दिन क पिात हम िमा म वयमिरत उततरदामयतव की भममका क बार म बात करन क चलए तयार ह

वयविगत उतति िाव यत ि पमवतर-वचन सटपि रप स चसिाता ह मक परमशवर परतयक वयमि क पाप क िमा नही करता ह कछ

ल र क िमा मकया जाता ह और कछ क नही यह सतय कय ह मानवीय दमिक ण स कारण यह ह मक िमा की परमकरया म साधारण रप स वयमिरत उततरदामयतव का ततव शाममल ह ता ह सामानयत इन उततरदामयतव क परा करन वाल ल र क िमा मकया जाता ह परनत ज इन उततरदामयतव स जी चरात ह उनह नही

वयमिरत उततरदामयतव की भममका की हमारी चचाग द भार म मवभाचजत ह री पहला हम कछ शतो क बतायर चजनकी पमवतर-वचन िमा क चलए साधारण आवशयकताओ क रप म पहचान करता ह और दसरा हम िमा क पान क साधन क बार म बात करर आइए हम उन शतो स शर कर चजनह पमवतर-वचन िमा स ज डता ह

ि त पमवतर-वचन िमा क चलए द पराथममक शतो क बार म बताता ह पहला यह िमा क चलए परमशवर म

मवशवास की आवशयकता क बताता ह पमवतर-वचन म मवशवास एक बह-पिीय मवचार ह परनत इस सनदभग म जब हम परमशवर म मवशवास की बात करत ह त यह हमार दमार म ह

पिम शवि क ी व िव य सि ो चचत ा की सि ीक वत उ सक परव त ि फाि ाि सम पय ण औि भि सा व क हम ा ि उ दध ा िक ता य यी ि म सीह क ी ख ा वत ि िह हम पि करणा क िग ा

यदयमप आधमनक श ताओ क यह अजीब लर सकता ह परनत पमवतर-वचन इस परकार क मवशवास क अकसर- परमशवर का भय- कहता ह

उदाहरण क चलए भजन 1038-13 िमा की इस शतग की परकमत का इस परकार वणगन करता ह

यह िा ि याि औि अ न गरहक ािी व ि ि मब स क प क िन ि ाि ा औि अ वत करणा म य ह ि सिय ि ा िा ि वि ि ाि कित ा न िहग ा न उ सक ा कर ध सि ा क ल ि ए भ डक ा िहग ा उस

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न हम ाि पा प ो क अन सा ि हम स व यिहा ि नही ो वक या औि न हम ा ि अ धमय क क ाम ो क अ न साि हम क बि ि ा व ि या ह ज स आक ा ि पथि ी क ऊपि ऊ चा ह ि स ही उसक ी क रणा उ सक डिि य ो क ऊपि परब ि ह उ ि या चि अ सत ा चि स ल ज तन ी ि ि ह उ स न हम ा ि अ पिा ध ो क हम स उत नी ही ि ि क ि व ि या ह ज स व पत ा अ पन ब ाि क ो पि ि या क ित ा ह ि स ही यह ि ा अ पन डिि य ो पि ि या क िता ह (भज न 1038-13)

धयान द मक यह वा का भय मानन वाल िमा पात ह उनका अधमग दर मकया जाता ह यही मवचार परी बाइबल म पाया जाता ह उदाहरण क चलए इस हम 2 इमतहास 3018 और 19 म

दित ह यह वा अपन ि जनवाल क माि करता ह मरकस 412 म यीश न सकत मदया मक कवल व ल र ही िमा क चलए परमशवर की ओर मिर सकत ह ज उस जानत और समझत ह और परररत क काम 2617 और 18 म िमा कवल उन ल र क ममल सकती ह चजनकी आि यह वा की ममहमा और सामथग क सतय क दिन क चलए ि ली रई ह

पमवतर-वचन म पाई जान वाली िमा की दसरी साधारण शतग ह टटा हआ ह ना टट हए ह न का अथग ह

पा प क ब ाि म ो ि ा सत व िक ि ख पिम शवि की व यि स था क त डन पि सचचा पिात ा प

यह कवल पकड जान पर या दणर का दि नही ह परनत अनबनध मक परमशवर की शत पमवतर ह और उसका सममान करन म असिल ह न पर मदल का टटना

पिा त ा प क अ थय म ो हम स मझ स औि आप स अ पल कषत ह व क हम ो अ पन पा प क ा अ पिाध -ब ध ह म ो ब त िब ा क सा थ पा प क िन क ब ाि िाऊि क ब ाि म ो स चत ा ह हा उ सन ब त िब ा क व िरदध पाप व क या था औि उसन ब त िबा क पव त क व ि रदध पा प व क या थ ा उ सन पिा न वन यम क ी क ि ी लसया क व िरदध पा प वक या था पिनत अ नतत ldquo म ो न कि ि त ि ही व िरदध पाप व क या ह औि त िी ि वषट म ो ज ब िा ह ि ह व क या ह rdquo औि आप उ सक व िि क पिात ा प क म हस स कित ह ो आधव न क िब ि म ो म ो स चता ह व क ldquo ट ट ा पनrdquo ह औि हम ो ि चन क ी ज रित ह व क पव ि तर आत म ा क दव ा िा हम ो त ड हम ो पिम शवि क ी उ पनद सथ व त म ो त ड

डा डिक डबल य एच थ ा म स

उदाहरण क चलए 2 शमएल अधयाय 11 म दाऊद क मन म क ई पिाताप नही था जब उसन बतशबा क साथ वयमभचार मकया और मिर उसक रभगधारण क चछपान क चलए उसक पमत उररयाह की मौत का इनतजाम मकया बतशबा क रभगधारण क समय अपन बचच क जनम क समय तक दाऊद क अपन कायो का क ई दि नही था उस समय नातान नबी दाऊद क पाप क मवषय म उसका सामना करता ह जसा हम 2 शमएल अधयाय 12 म पढत ह कवल उस समय दाऊद न अपन अपराध क माना और अपन आप क उसका द षी माना मिर टटपन की आतमा म अपन रहर दि और पिाताप क अमभवयि करन क चलए उसन अपन पिाताप का महान भजन भजन 51 चलिा दि दाऊद न भजन 51 क पद 6 और 17 म कया चलिा

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त ह ि य क ी सचचा ई स परसनन ह त ा ह ट ट ा म न पिम शवि क य गय ब लि िा न ह ह पिम शवि त ट ट औि व पस हए म न क तचछ न ही ो ज ा नत ा (भज न 51617)

दाऊद न पहचान चलया मक परमशवर की िमा क पान क चलए उस अपन पाप क बार म परमशवर क दमिक ण की आवशयकता थी उस अपन कायग स घणा करन और उस पर वासटतव म दिी ह न की आवशयकता थी

हम टटपन पर इसी बल क भजन 32 पद 1 और 2 म दित ह जहा िमा उन ल र क ममलती ह चजन म क ई कपट नही ह इस हम यशायाह 557 म पात ह जहा परमशवर उन पर करणा करता ह ज अपन पाप क तयार दत ह और इस हम मयमगयाह 53 म सनत ह जहा उन ल र क िमा स इनकार कर मदया जाता ह चजनक हदय उनक पाप क सबध म हठील ह

म िा वि चा ि ह व क हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि ध यान िग ा न क दव ा िा अ पन व िि म ो पिा त ा प क उ त पनन कित ह ो इस हम उ त पवतत स परक ा ल ित ि ाकय त क ब ाइ बि पिम शवि क बा ि म ो ज ब ता त ी ह उ स पि व ि चा ि क िन क दव ा िा क ि सकत ह ो वक िह अ न ा जञा क ा िी ि ग ो स सो ग वत नही ो क ि सकत ा पिनत ज अनाजञाक ारिता क ा नयाय क ित ा ह औि अ पिा ल धय ो क ि ण ड ि त ा ह यही पिम शवि की पव ि तर ता क ा सा ि ह औि ज ब हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि व ि चा ि क ित ह ो त आइ ए पी छ म डक ि हम अ पन जी ि न क ि ख ो व क व कस परक ा ि हम न व यिस थ ा क त डा आजञा क ा उ ललो घ न वक या औि पिम शवि क ी बा त ो पि ध या न न ित हए उ स स ि ि ह ग ए अ पन ज ीि न क एक जो जा ि ब न ा ल ि या ल ज स स उ सक ा अ न ाि ि ह त ा ह अ ब पी छ म डक ि ि ख ो िह सा िा िण ड ज मझ पि पडन ा था ि ा सत ि म ो मसी ह पि पडा औि उ सन उ स सहा औि यह म झ बत ा त ा ह वक मि अ पन पा प व कत न ि ः खि थ व क म ि ल ि ए उन का पिा त ा प क िि पिम शवि क ि हधा िी पतर क ी म त य क दव ा िा वक या ज ा सक त ा थ ा औि जब म झ म हस स ह त ा ह वक पिम शवि की पव ि तरत ा क परक ा ि म ो म ि पा प व क तन िः खि ह ो औि उ नह ो ि ि क िन क ल ि ए क या म ाो ग क ी ग ई त पा प क परवत मिा ि ःख त ीवर ह ज ा एग ा म िा पिा त ा प ग हिा ह ग ा औि उ सक दव ा िा ब ाि-ब ाि औि ब ाि -ब ा ि अ पन आप क पव ि तर ता क ल ि ए पिम शवि क सम व पय त क िन क ा औि उस यह ब त ान क ा ईम ा नि ा ि परया स उत पनन ह ग ा वक मझ वकत न ा अ ल धक पछत ा िा ह औि ि ा स ति म ो म ो पा प ो स घ णा कित ा ह ल ज नह ोन पिा त ा प क आि शयक ब ना या

डा ज आई प क ि

मवशवास की अवसटथाए और टटा मन परतयक वयमि क जीवन क चलए महतवपणग ह चाह हम मवशवासी ह या नही चजन ल र न मसीह क अपन परभ और उदधारकताग क रप म गरहण नही मकया ह उनक चलए य अवसटथाए परमशवर म आन और पाप की िमा पान और मसीह म नय जीवन की शरआत करन क अवसर ह और हम म स ज ल र पहल स ही मसीह स सबचधत ह उनह यह याद मदलात ह मक हम मनरनतर मवशवास का जीवन जीना ह और हमार दवारा मनरनतर मकए जान वाल पाप क परमत हम वासटतव म दिी ह ना ह तामक हम मनरनतर िमा पा सक और दमनक आधार पर शदध ह सक

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अब जबमक हम दि चक ह मक िमा की अवसटथाओ म सामानयत कायगकारी मवशवास और हमारा टटा हआ मन शाममल ह ता ह त आइए हम उन साधारण साधन क दि चजनक दवारा हम िमा क पा सकत ह

स ाधन कई बार मसीही अनगरह क साधन और अनगरह क आधार क बीच अनतर क समझन म असिल ह

जात ह पररणामसटवरप व रलती स यह स चत ह मक अनगरह क पान या हम पर अनगरह करन क चलए परमशवर पर दबाव रालन क चलए अनगरह क साधन का परय र मकया जा सकता ह अत एक साधन और आधार क बीच अनतर क पहचानना महतवपणग ह इस अनतर क दिन म सहायता क चलए कलपना कर मक एक वयमि क च ट स उबरन क चलए शारीररक चचमकतसा की आवशयकता ह चचमकतसा महरी ह और उसका भरतान एक दानकताग दवारा मकया जाता ह हम कह सकत ह मक वयमि क र र स पणगत उबारन वाला साधन चचमकतसा ह परनत इस सटवासटथय-लाभ का आचथगक आधार दान ह

इन मभननताओ क हम सिप म इस परकार कह सकत ह मक आधार वह मल या य गयता ह चजसम क ई कायग या पररणाम आधाररत ह जबमक साधन वह औजार या यनतर ह ज उस कायग या पररणाम क समभव बनाता ह

जब परमशवर स िमा और अनगरह पान की बात आती ह त आधार हमशा मसीह की य गयता ह चजस उसन अपन आजञाकारी जीवन और करस की मतय क दवारा अचजगत मकया इस हम मतती 2628 कलमसटसय 113 और 14 और 1 यहनना 212 जस सटथान पर दित ह िमा क सवगदा अचजगत मकया जाता ह परनत इस मसीह क दवारा अचजगत मकया जाता ह हमार दवारा नही और मवशववास वह मलभत साधन ह चजसक दवारा सारा अनगरह हमार जीवन म लार मकया जाता ह चाह परमशवर क सममि परतयि रप स अमभवयि मकया जाए या अनगरह क साधन क दवारा मवशवास वह पराथममक औजार ह चजसक दवारा परमशवर हमार जीवन म अनगरह और अनय आशीष क लार करता ह

पमवतर-वचन कई साधन का वणगन करता ह चजनक दवारा मवशवास सामानयत कायग करता ह इस अधयाय म हमार उददशय क चलए इन अनय साधन क हम सिप म पराथगना स शर करक द सामानय शचणय म बाट सकत ह

समपणग पमवतर-वचन म पराथगना क परमशवर स अनगरह और िमा मारन क साधारण साधन क रप म परसटतत मकया रया ह जस बाइबल अरीकार और मन मिराव की पराथगना क आमतौर पर मवशवास की अमभवयमि बताती ह चजनक दवारा पमवतर आतमा हम िमा परदान करता ह इन पराथगनाओ की परभावशीलता क 1 राजा 829-40 भजन 321-11 परररत क काम 822 1 यहनना 19 और बहत स अनय सटथान पर चसिाया रया ह

उन ल र क चलए चजनह न अभी हाल ही म परभ क जाना ह अरीकार और मन मिराव की मवशवासय गय पराथगनाए व साधन ह चजनक दवारा पमवतर आतमा आरममभक रप म िमा और उदधार क उनक जीवन म लार करता ह इसीचलए परररत क काम 1118 म कलीचसया न मन पररवतगन क जीवन क चलए मन मिराव कहा और सार मवशवाचसय क चलए अरीकार और मर मिराव की पराथगना अपन जीवन म परमशवर क अनगरह क पान क महतवपणग साधन बन रहत ह जसा हम 1 यहनना 19 म पढत ह

यव ि हम अ पन पा प ो क म ान ि ो त (पिम शवि) हम ा ि पा प ो क कषम ा क िन औि हम ो सब अ धमय स ि दध क िन म ो व िशवा सय गय औि धम ी ह (1 य हनना 19)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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ससमाचार का अदभत समाचार ह मक मसीह न हमार चलए ज मकया ह उसक आधार पर हमार पाप का मफत म िमा करता ह और हम मवशवास क साथ कवल मारन क दवारा इस िमा क परापत कर सकत ह

आप ज ा न त ह ो व क ब हत स ि ग यह स चत ह ो वक यवि आप यह ल सख ा त ह ो व क पा पी क पिम शवि क पा स आक ि कि ि ldquoह सि ग ी य व पत ा मझ कषम ा किrdquo क हन स पिम शवि उ नह ो कषम ा क ि िग ा त यह पिम शवि क अ न गरह क सस त ा ब न ा ि ग ा पिनत त थय यह ह व क यह पिम शवि क अ न गर ह क ऊ चा उ ठा त ा ह इ सल ि ए न ही ो वक हम ा िा म न व फिाि हम ो ब चा त ा ह या उसक आधा ि पि पिम शवि हम ो कषम ा कित ा ह पिनत इ सल ि ए व क पिम शवि न स ि यो अ पन एक ि ौत पतर क ी अ न नत रप स म ल यि ान औि अ ग णय रप स म हो ग ी मत य क आधा ि पि हमा ि लि ए कषम ा औि म ि -वम िाप क ा आधा ि त याि व कया ह

डा ज ल िग न डो क न

इ स त थय न वक यी ि म सीह पिम शवि का पतर वतर एकत ा म ो ि सिा व यव ि पथि ी पि आया औि नमर त ा औि ि ासरप म ो त ीस ि षय वब ता ए औि व फि क षट सहा औि कर स पि म िा -हम ा ि पा प ो क िण ड क ा भग त ा न क िन क ल ि ए कर स पि पा प क अ न नत क जय क उ ठा ल िया यह एक अन नत म ल य ह यह एक अ न नत क ीम त ह ब हत बडी क ी मत हम ा ि पा प ो क लि ए अन नत क ीम त इ सल ि ए यह ससत ा अ न गरह न ही ो ह यह अ ब त क परा पत व क या ग या सि ा यलधक म हो ग ा अन गर ह ह हम इ स म फ त उपहा ि क रप म ो परापत क ित ह ो पिनत कि ि इ स क ा िण व क यी ि न अ पन ा सब क छ हम ा ि लि ए ि व ि या

डा म ाकय सर स

ज उ सक पा स आक ि कि ि ldquoपरभ म झ कषम ा क िrdquo क हत ह ो उ नह ो कषम ा व क या ज ात ा ह इसल ि ए न ही ो वक कषम ा क ी उ नक ी व िन त ी ब हत क ि ीन थ ी इ सल ि ए न ही ो व क उ न क ा म न व फिाि ब हत अच छा थ ा पिनत इ सलि ए वक यी ि न िह सब कि व ि या ह ज हम ा ि स ि ग ी य व पत ा क साथ सो ग वत म ो पन ि ौ टन क ल ि ए हम ाि ल ि ए आि शयक थ ा

डा ज ल िग न डो क न

अब हम यह बतान क चलए रकना चामहए मक अरीकार और मन मिराव की पराथगनाओ क अमतररि ज िमा क साधारण साधन क रप म कायग करती ह मबचवई की पराथगना कई बार िमा क असाधारण या असामानय साधन क रप म कायग करती ह मबचवई क इस परकार पररभामषत मकया जा सकता ह मधयसटथता या मकसी और की िामतर मवनती या पराथगना

पमवतर-वचन म ल र दवारा परभावी मधयसटथता की पराथगना क बहत स उदाहरण ह इस हम मरनती 1419 और 20 म दित ह जहा मसा की मधयसटथता की पराथगना क जवाब म यह वा न इसराएल क पाप क िमा कर मदया इस हम 2 इमतहास 3018-20 म पात ह जहा महजमकयाह की मबचवई क जवाब म यह वा न उन ल र क माि कर मदया चजनह न िसह की उचचत तयारी नही की थी इस हम अययब 15 म दित ह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जहा हम सीित ह मक अययब मनरनतर अपन बचच क चलए मबचवई क बचलदान चढाया करता था और इस हम याकब 514 और 15 म दित ह जहा याकब न चसिाया मक कलीचसया क परमनए उन ल र क चलए िमा क परापत कर सकत ह चजनह न पाप मकया ह परमशवर मवशवासय गय ल र की मबचवई क पराथगना क जवाब म हमशा िमा परदान नही करता ह परनत बहत बार वह ऐसा करता ह

और इस परकार की मानवीय मबचवई स बढकर पतर और पमवतर आतमा द न ल र क चलए मधयसटथता करत ह यीश दवारा की जान वाली मधयसटथता क बार म यशायाह 5312 र ममय 834 और इबरामनय 725 जस सटथान पर बताया रया ह और आतमा की मधयसटथता क बार म र ममय 826 और 27 म चसिाया रया ह

िमा क साधन की दसरी सामानय शणी पमवतर ससटकार ह या चजनह आधमनक पर टसटटनट कलीचसयाए-मवधान कहती ह मखयत बपमतसटमा और परभ भ ज

अब जब हम ससटकार शबद का परय र करत ह त हम इस बात क सटपि करन की आवशयकता ह मक हम परभ भ ज और बपमतसटमा क बार म र मन कथ चलक कलीचसया क मवचार की बात नही कर रह ह बमलक ससटकार शबद का परय र बहत सी पर टसटटनट ससटथाओ दवारा ऐमतहाचसक रप स परभ भ ज और बपमतसटमा क चलए मकया जाता रहा ह य समार ह मवशष पमवतर मवधान ह चजनह परमशवर न हमार मवशवास क अमभवयि करन और उसकी आशीष क पान क साधन क रप म कलीचसया क उपलबध कराया इन मवधान क कायग मववरण क बार म पर टसटटनट परमपराओ म मतभद ह परनत व सब इस बात स सहमत ह मक य मकसी तरह मवशष ह

कई बार मसीमहय क सनदह ह ता ह जब व दसर क परभ भ ज और बपमतसटमा क िमा क साधन क रप म बतात हए सनत ह अत इस बात पर बल दना महतवपणग ह मक हम यह नही कह रह ह मक इन मवधान म ऐसी क ई य गयता नही ह ज उनह परभावी बनाती ह य िमा का आधार नही ह

साथ ही बाइबल चसिाती ह मक जब हम परभ भ ज और बपमतसटमा क दवारा अपन मवशवास क अमभवयि करत ह त पमवतर आतमा हमार जीवन म िमा क लार करन क चलए इन मवधान का परय र करता ह

बपमतसटमा क मरकस 14 परररत क काम 238 र ममय 61-7 और कलमसटसय 212-14 जस पदयाश म अनगरह का साधन बताया रया ह

एक उदाहरण क रप म परररत क काम 2216 म पौलस स कह रए हननयाह क शबद क सन

अ ब क य ो ि ि क िता ह उ ठ बपव त स म ा ि औि उ सक ा ना म ि क ि अ पन पा प ो क ध डा ि (परर ित ो क क ाम 2216)

इन मनदश म हननयाह न सकत मदया मक बपमतसटमा क दवारा पौलस क पाप क िमा मकया या- ध मदया जाएरा

अब मनसटसनदह बपमतसटमा िमा का एक आवशयक साधन नही ह हम दसर तरीक स भी िमा ममल सकती ह जस यीश क साथ करस पर चढाए रए मवशवास करन वाल उस राक न कभी बपमतसटमा नही चलया था मिर भी लका 2343 सकत दता ह मक उस िमा मकया रया और उसन उदधार पाया अत हम यह स चन की रलती नही करनी चामहए मक िमा और उदधार कवल उन ल र क चलए उपलबध ह चजनह न बपमतसटमा ल चलया ह मिर भी पमवतर-वचन इस पणगत सटपि करता ह मक बपमतसटमा साधारणत हमार जीवन म िमा क लार करन क साधन क रप म कायग करता ह

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और परभ भ ज का भी यही सतय ह पौलस न सटपि रप स चसिाया मक परभ भ ज म भार लना मसीह की मतय क लाभ जस िमा क परापत करन का माधयम ह दि 1 कररमनथय 1016 म उसन कया चलिा ह

िह धनयिाि क ा क ट िा लजस पि हम धनयि ा ि क ित ह ो क या म सी ह क ि ह क ी सहभ ा व गत ा नही ो ि ह ि ट ी लजस हम त डत ह ो क या ि ह म सीह क ी ि ह क ी सहभ ा व गत ा न ही ो (1 कर िनद नथ य ो 1016)

य अलकाररक परशन थ पौलस की पमतरय क पढन वाला परतयक वयमि जानता था मक उनका उततर था -हा मनसटसनदह मवशवास क साथ परभ भ ज म भार लन क दवारा हम मसीह क साथ एक ह त ह

पाप की िमा उदधार की एक महान आशीष ह चजस हम अपन समपणग मसीही जीवन क दौरान अनभव करत ह चाह हम नय मसीही ह या जीवन भर स मवशवासी रह ह िमा मसीह क साथ हमारी चाल का एक सतत पहल ह और इसक पररणामसटवरप बहत सी अनय आशीष भी ममलती ह

जान वसटली मथ मरसटट कलीचसया क ससटथापक ज 1703 स 1791 क बीच रह न अपन सनदश सखया 26 म िमा क बार म बताया चजस म उनह न पहाडी उपदश की वयाखया की दि मक उनह न वहा कया कहा

पा प ो क ी कषम ा पा त ही हम इ सी परक ा ि उ न क साथ ब हत कछ पा त ह ो ज व ि शवास क दवा िा ज उ स म ो ह पव ितर वक ए ग ए ह ो पा प अ पन ी सा मथय ख चक ा ह इसक ा उन पि क ई अ ल धक ा ि न ही ो ह ज अनगर ह यावन पिम शवि की परसननत ा क अ धी न ह ो क य ोवक ज म सी ह म ो ह ो उ न पि क ई ि णड क ी आजञा न ही ो ह इ सल ि ए ि पा प क सा थ -साथ गि ा व न स भ ी म ि वक ए ग ए ह ो व यि सथ ा क ी धा वमय क त ा उ नम ो प िी हई ह औि ि ििीि क अ न सा ि न ही ो पिनत आतम ा क अ न सा ि चित ह ो

म ो स चता ह पा प ो क ी कषमा एक परक ा ि स म सी व हय ो क रप म ो हमा िी सि ा यल धक अ नम ि ि ा सत व िकत ा ह म िभ त रप स हम ा ि पा प ो क कषमा क िन क ा अथय ह पिम शवि हम ा ि सवषट कत ा य क साथ सही सो बो ध म ो िहन ा आज ज ब हम सो सा ि क िख त ह ो हम पा त ह ो वक ि ग अ थय महत ि उ दद शय क ी ख ज म ो ह ो औि हम ा िी सो सक वत म ो अ त यल धक अ समो जस ह ज ीि न क या ह ज ी न क ा क ा िण क या ह म ो यहा क य ो ह औि इ सल ि ए ि ग अथय औि म हति क ख ज न क ल ि ए हि त िह स परया स क ित ह ो-वफि चा ह ि अ पन ी न ौ किी का पी छ ा क िो या ि ोव गकत ा या म ा िक पि ा थ ो क ा म िा मत िब ह व क ि ग ख िी औि आन नि क पा न क लि ए हि त िह क सथ ा न ो औि म ा गो म ो परयास क ि िह ह ो पिनत ससम ा चा ि हम ो बत ा ता ह वक म न षय ो क रप म ो हम ा िी म िभ त आि शयकत ा अ पन सवषटक त ा य क सा थ सही सो बो ध म ो िहन ा ह उ सक सा थ ल ज सन हम ो ब न ा या ह ससम ा चा ि ब त ात ा ह व क पिम शवि न अ पन पतर यी ि म सी ह क भ ज ा वक ि ह हम ा ि पा प ो क ा परा यल ित कि पिम शवि क कर ध क ि ि कि पिम शवि न अ पन परम म ो अ पन पतर क भज ा वक हम ा ि पा प कषम ा ह सको तावक यवि हम उस पि भि सा क िो त हम ा ि पा प कषम ा ह सको औि ज ब हम उ स अ नभ ि पि आत ह ो जब हम ऐसी कषम ा क ल ि ए यी ि म सी ह क ी ओि वफित ह ो त एक अत ल य िा नद नत क ा अ हसास ह त ा ह सो सा ि क सा थ सही ह न क ा अहसा स कय ोवक यह ि ा सत ि म ो सो सा ि क सा थ सही ह न ा

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ह हम अ चा नक महस स क ित ह ो व क हम ो इ सक ल ि ए ही ब न ा या ग या ह हम ो पिम शवि क सा थ सही सो बो ध म ो िहन क ल ि ए बन ा या ग या ह उ स पि हम पहचा नत ह ो

डा ट ा म शरन ि

अब जबमक हम पाप की िमा की धमगचशिा क दि चक ह त हम मवशवास क अरल सतर क दिन क चलए तयार ह दह का पनरतथान

पनर तथान

परररत क मवशवास-कथन क इन शबद क याद कर

म ो

ि ह क पन रत थ ा न म ो वि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर हम सटपि ह न की आवशयकता ह मक मवशवास-कथन यीश क पनरतथान क बार म बात नही कर रहा ह यीश का पनरतथान मवशवास-कथन म पहल आता ह जब यह कहता ह मक यीश मतक म स तीसर मदन जी उठा जब मवशवास-कथन दह क पनरतथान क बार म बात करता ह त इसक मन म सामानय पनरतथान ह-मसीह क ममहमा म आरमन पर सार ल र का पनरतथान

हम दह क सामानय पनरतथान क तीन चरण म दिर पहला हम सराप क दिर चजसक पररणामसटवरप हमारी दह म मतय आती ह दसरा हम बतायर मक मसीही ससमाचार हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करता ह और तीसरा हम दिर मक अनत म मकस परकार हमारी दह का छटकारा ह रा आइए सराप स शर कर ज हमारी दह म मतय क लाता ह

सराप जसा हमन पवगवमतग अधयाय म दिा परमशवर न मनषय क शारीररक दह और रर-शारीररक पराण स

बनाया इबरामनय 412 और 1 चथसटसलनीमकय 523 क आधार पर कछ परमपराओ का मानना ह मक परतयक मनषय म पराण क अमतररि आतमा भी ह ती ह परनत लरभर 200 ऐस वचन ह चजन म हमार अमसटततव क सार आनतररक रर-शारीररक पहलओ क समपणग रप म बतान क चलए इनम स मकसी एक शबद का परय र मकया रया ह अत अचधकाश मसीमहय का मनषकषग ह मक पराण और आतमा द न शबद एक ही वासटतमवकता क बतात ह और मनषय मखयत कवल द भार स मनममगत ह दह और आतमा

पाप म मररन स पवग हमारी दह और हमारी आतमा पर पाप और इसकी भरि शमिय का क ई परभाव नही था परनत जब आदम और हववा पाप म मरर रए त पाप न न कवल उनकी आतमाओ बमलक उनकी दह क भी भरि कर मदया और उनकी दह क दमषत ह न का अमनतम पररणाम उनकी शारीररक मतय थी उतपमतत 319 म आदम पर परमशवर क सराप क दि

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 4: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः

उदधार

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प रिचय

इन अधयाय म हमन बताया मक परररत क मवशवास-कथन की शरआत उन मवशवास क साराश क रप म हई चजनका आरममभक मसीही बपमतसटमा लत समय अरीकार करत थ उस सनदभग म यह कलपना करना आसान ह मक बहत क चलए उनक अरीकार का सवागचधक भावनातमक भार मवशवास-कथन क व सतर थ ज उनक वयमिरत उदधार पर मवशवास क अमभवयि करत थ

और कया यह हमार बार म भी सतय नही ह हम अपन महान परमशवर - मपता पतर और पमवतर आतमा स परम करत ह और हम उसक दवारा बनाई रई कलीचसया क महतव दत ह परनत हमारी सबस बडा आननद यह िशिबरी ह मक उदधार हमार चलए ह हम इस आशवासन स मरन ह त ह मक परमशवर हमस परम करता ह वह हमार पाप क िमा करता ह और उसन हमार चलए अब यहा और आन वाल ससार म एक अदभत मनयमत रिी ह

यह परररत क मवशवास-कथन की हमारी शिला का छठा अधयाय ह और हमन इसका शीषगक रिा ह - उदधार इस अधयाय म हम परररत क मवशवास-कथन म मवशवास क सतर क दिर ज िमा और अननत जीवन क ससमाचार म मवशवास की पमि करत ह

पमवतर-वचन म उदधार शबद का मवमवध तरीक स परय र मकया रया ह ज सकत दता ह मक मसीह म हमार उदधार क कई आयाम ह जब आधमनक मसीही उदधार शबद का परय र करत ह त सामानयत हमार मन म उन आशीष की परामपत ह ती ह चजनह मसीह न अपनी परायचित मतय क दवारा िरीदा नया जनम पाना और परमशवर स मल-ममलाप करना पमवतरीकरण की परमकरया म जीवन म आर बढना और नय आकाश और पथवी म हमारी अमनतम ममहमा म पणगता

परररत का मवशवास-कथन उदधार क इस पहल क बार म इन शबद म बात करता ह

म ो पा प ो क ी कषम ा म ो ि ह क पन रत थ ा न म ो औि अ न नत ज ीि न म ो व ि शवास क ित ा ह

अब य तीन मवचार - िमा पनरतथान और अननत जीवन - हमार उदधार क बाइबल क वणगन क परी तरह नही बतात ह परनत व परररत क मवशवास-कथन म पराथममक कथन ह ज वयमि मवशष क उदधार क समय परमशवर दवारा मकए जान वाल कायो क मवशष पहलओ म मवशवास का अरीकार करत ह

परररत क मवशवास-कथन म उदधार पर हमारा मवचार-मवमशग हमार उदधार क इन परतयक आयाम क सब चधत कररा पहला हम पाप की िमा क बार म बात करर दसरा हम दह क पनरतथान क चसदधानत क दिर और तीसरा हम अननत जीवन की परकमत क दिर आइए पहल हम पररचचत मवषय पाप की िमा स शर कर

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कषमा

परररत क मवशवास-कथन म िमा क अथग क समझन क चलए हम तीन मनकटता स सबचधत मदद का दिर पहला पाप की समसटया ज िमा क आवशयक बनाती ह दसरा मदवय अनगरह ज िमा क सभव बनाता ह और तीसरा हमारा वयमिरत उततरदामयतव व बात ज िमा पान क चलए हम करनी ह पहल हम पाप की समसटया क दिर

प ा प की सम सया बाइबल पर मवशवास करन वाल मसीही पहचानत ह मक यीश क करस पर मरन क मखय कारण म स

एक हमार पाप क दवारा उतपनन समसटया क हल करना था पाप हम परमशवर की आशीष स दर कर दता ह और हम सराप क अधीन कर दता ह और ऐसा क ई मारग नही ह चजस क दवारा हम सटवय इस समसटया पर जय पा सक जब हम पाप की समसटया क बार म बात करत ह त हमारा मतलब ह पाप हम द षी ठहराता ह और मसीह क अलावा हमार पास सटवय क इसकी उपमसटथमत या इसक पररणाम स बचान का क ई मारग नही ह

पमवतर-वचन दवारा चसिाई रई पाप की समसटया क हम तीन भार म दिर पहला हम पाप की एक धमगशासटतरीय पररभाषा दर दसरा हम मानव जामत म पाप की उतपमतत क बार म बात करर और तीसरा हम पाप क पररणाम क दिर आइए पाप की पररभाषा स शर कर

पाप की पर िभाषा बाइबल मवमभनन रीमतय स पाप क बार म बात करती ह यह पाप का वणगन करन क चलए अराजकता

मवदर ह अधमग अपराध बराई लकषय स चकना और मवमभनन परकार क अनय शबद का परय र करती ह और इन म स परतयक शबद पाप क बार म हमारी समझ क बढाता ह

परनत जब पमवतर-वचन अमतग रप म पाप की बात करता ह - जब यह पाप क चलए अपनी पररभाषा दता ह - त एक शबद सबस अलर नजर आता ह अराजकता बाइबल की शबदावली म पाप मलत परमशवर की वयवसटथा का उललघन ह जस परररत यहनना न 1 यहनना 34 म चलिा

ज क ई पा प कित ा ह ि ह व यि स थ ा क ा व ि ि ध क ित ा ह औि पाप त व यिसथा क ा व ि ि ध ह (1 य हनना 34)

अराजकता क रप म पाप पर इसी बल क हम र ममय 79-25 और 1 कररमनथय 1556 जस सटथान पर दित ह पाप का यह मल मवचार मवमभनन मसीही परमपराओ क धमगमवजञान म भी परकट ह

एक उदाहरण क रप म वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी क परशन एव उततर सखया 14 क दि इस सवाल क उततर म

पा प क या ह

परशन ततरी का जवाब ह

पा प पिम शवि क ी व यिस थ ा क ी अ न रपत ा क ा अ भ ा ि या उसक ा उ ललो घ न ह

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धयान द मक यह उततर परमशवर की वयवसटथा क त डन क द सामानय परकार की पहचान करता ह वयवसटथा की अनरपता का अभाव और वयवसटथा का उललघन

एक ओर वयवसटथा की अनरपता का अभाव पमवतर-वचन की आजञाओ क मानन म असिल ह ना ह यह अकसर ममटान का पाप कहलाता ह कय मक हम उस छ ड दत ह या अनदिा कर दत ह ज हम करना चामहए दसरी तरि वयवसटथा का उललघन वह कायग करना ह चजस करन स पमवतर-वचन र कता ह इस परकार क उललघन क अकसर आजञा का पाप कहा जाता ह कय मक हम स चन महसस करन या जान-बझकर कछ ऐसा कायग करन क दवारा पाप करत ह चजस करन स पमवतर-वचन मना करता ह

अब जब हम परमशवर की वयवसटथा क बार म एक लकषय क रप म बात करत ह ज पाप क पररभामषत करता ह त यह बताना महतवपणग ह मक परमशवर की वयवसटथा मनमानी या बतरतीब नही ह इसक मवपरीत वयवसटथा परमशवर क चसदध चररतर का परमतमबमब ह दि पौलस र ममय 712 म वयवसटथा का मकस परकार वणगन करता ह

व यि सथ ा पव ितर ह औि आजञा भ ी ठी क औि अचछ ी ह (ि वमय ो 712)

जस पौलस न यहा कहा परमशवर की आजञाए परमशवर क समान ही हमशा पमवतर धमी और अचछी ह परमशवर की आजञाए हमशा उसक सटवभाव स मल िाती ह

इसी कारण पमवतर-वचन चसिाता ह मक यमद हम परमशवर स परम करत ह त हम उसकी आजञाओ क मानर यमद हम परमशवर स परम करत ह त हम उन बात स भी परम करर ज परमशवर क परमतमबममबत करती ह जस उसकी वयवसटथा इस हम वयवसटथामववरण 510 और 65 और 6 मतती 2237-40 यहनना 1415-24 और बहत स अनय सटथान पर दित ह दि यहनना 1 यहनना 53 म कया चलिता ह

औि पिम शवि क ा परम यह ह वक हम उ सकी आजञा ओ ो क म ा न ो (1 य हनना 53)

परमशवर क चलए परम उसकी वयवसटथा क मानन स परकट ह ता ह इसचलए जब हम उसकी वयवसटथा क त डत ह त हम परमशवर क चलए परम म कायग नही कर रह ह हम पाप कर रह ह

ब ा इब ि म ो पिम शवि स परम क िन औि पिम शवि क ी आजञा म ानन म ो ब हत घव न षठ सो बो ध ह म िा मा न ना ह वक पहि ी ब ात ल ज स हम ो स पषट क िना ह ि ह यह ह वक कि ि पिम शवि स परम क िन ा ही पिमशवि स परम क िन क ी आजञा क प िा न ही ो क िता ह एक क ा यय -कनद नि त अ व नि ा यय न ी िसता ह सक त ी ह ज क भी मन म ो न ही ो थ ी जब बा इब ि न क हा यवि तम मझ स परम क ित ह या म सी ह न क हा यवि त म म झ स परम क ित ह त म िी आजञा ओ ो क म ा न ग पिनत यव ि परम ह यवि पिम शवि क आन नि म ो स ि यो क ि न क ी सि चछ ा ह त उ सक ा सिायलधक सिाभ ाविक औि पराम ालणक परक टीक िण एक गहिा इच छक औि त त पि आजञा पा ि न ह ग ा क य ोवक इ सक ा आधा ि इ स ि ाि सा म ो ह व क उ स पिम शवि क परसनन क िन ा ह लज स स आप परम क ित ह ो औि ल ज स म ो आप मग न ह त ह ो इ सका आधा ि यह भ ि सा ह वक इ स ldquo पिम शवि का म ागय rdquo आपक ल ि ए उ तन ा ही व ि शवसन ी य औि अच छ ा ह लज त न ा व क उ सक ा अ पन ा स ि भाि

डा गि न स क ज ी

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जब हम परमशवर क परमत परम म कायग करन स चक जात ह त हम उसक मवरदध मवदर ह करन क दवारा उसकी वयवसटथा क त डन क दवारा बराई करन क दवारा परमाप स चकन क दवारा उसक पमवतर धमी और अचछ चररतर क ठस पहचान क दवारा पाप करत ह परनत जब परमशवर क परमत हमारा परम हम परररत करता ह त हम उसकी रचचय और मार क अपन स ऊपर रित ह और पररणामसटवरप हम बहत स पाप स और अपन जीवन म उनक भयानक पररणाम स बच सकत ह

परमशवर की वयवसटथा क उललघन क रप म पाप की इस पररभाषा क धयान म रित हए आइए हम मानव जामत म पाप की उतपमतत क दि

पाप की उतपवतत हम म स अचधकाश ल र उतपमतत तीसर अधयाय म चलिी घटनाओ स पररचचत ह जब हमार परथम

परि आदम और हववा न भल और बर क जञान क वि का िल िान क दवारा परमशवर क मवरदध बलवा मकया बाइबल क मवचार स यह क ई अकली घटना नही थी इसक कारण समपणग मानव जामत पाप की द षी और पाप स भरि ह रई धमगमवजञानी सामानयत इस मानव जामत का पाप म मररना या कवल पाप म मररना कहत ह

उतपमतत 126-31 हम बताता ह मक जब परमशवर न मनषय क रचा त हम बहत अचछ थ इस मामल म अचछ शबद का अथग ह मक हम मबलकल वस ही थ जसा परमशवर चाहता था हमार परथम परि नमतक रप स शदध परमशवर क सटवरप थ परमशवर दवारा रच रए ससार क भरन और उस पर अचधकार करन क दवारा उसकी सवा क चलए मबलकल उपयि थ

जस पौलस न र ममय 512 म सकत मदया मनषय क मररन स पहल पाप नही था हमन कभी पाप नही मकया था हमारी परवमतत पाप की नही थी हम पाप स भरि नही हए थ और हमार अनदर पाप नही था

परनत उस पापरमहत अवसटथा म भी हमार पास पाप करन की िमता और अवसर द न थ जब परमशवर न आदम और हववा क रचा और उनह अदन की वामटका म रिा त उसन उन पर बहत सी बात क परकट मकया परनत एक आजञा परमशवर की सवा करन की उनकी इचछा क परिन क चलए तीवरता स आर आई उतपमतत 216 और 17 म हम पढत ह मक परमशवर न आदम और हववा क आजञा दी मक व भल और बर क जञान क वि क छ डकर वामटका क मकसी भी वि क िल िा सकत ह और इस वयवसटथा क त डन की सभावना न आदम और हववा क पाप करन का अवसर मदया

दःिद रप स जसा हम उतपमतत 31-6 म पढत ह साप न हववा क बहका मदया मक वह उस मनषचधत िल क िाए मिर हववा न उस िल म स आदम क भी मदया और उसन भी िाया आदम और हववा न परमशवर की धमी वयवसटथा क त डा और जान-बझकर पाप क चना परकाचशतवाकय 129 सकत दता ह मक साप वासटतव म शतान था और 1 मतमचथयस 214 सकत दता ह मक हववा क बहकाया रया परनत न त शतान की परीिाए और न ही हववा की मिगता हमार परथम परि क पाप का क ई बहाना ह व द न भल की बजाय बर क चनन क द षी थ

इन घटनाओ म हम मिर स दित ह मक पाप मलत परमशवर की वयवसटथा उसकी परकट इचछा का उललघन ह जब कभी हम परमशवर की परकट वयवसटथा स अलर स चत ब लत या कायग करत ह त हम भलाई की बजाय बराई क चनत ह और चाह ध ि या चालाकी स हम स पाप करवाया रया ह मिर भी परमशवर हम उस कायग का चजममदार ठहराता ह ज हमन मकया ह इसी कारण परमशवर क वचन क अपन मदल म बठाना सहायक ह - न कवल इसचलए मक हम इस जान परनत इसचलए भी मक हम इसस परम कर जब हम

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परमशवर की वयवसटथा क जानत ह त यह पाप मक पहचान करन म हमारी सहायता करती ह चजस स हम ध िा न िाए और जब हम परमशवर की वयवसटथा स परम करत ह त उसकी आजञा मानन का चनाव करना आसान ह जाता ह

पाप की पररभाषा और उतपमतत क दिन क बाद हम पाप क पररणाम क दिन क चलए तयार ह

पाप क परिण ा म पमवतर-वचन सकत दता ह मक आदम और हववा क पाप करन क बाद परमशवर न नयाय मकया और

समपणग मानव जामत क सराप मदया इस सराप न उनक अमसटततव क परतयक पहल क परभामवत मकया इसका पररणाम तरनत आमतमक मतय म मनकला चजसक बार म पर पमवतर-वचन म बताया रया ह जस यहनना 524 और 25 इमिचसय 21-5 और कलमसटसय 213 और 14 म इसन हमार अमसटततव दह और आतमा द न क भरि मकया ज हम मयमगयाह 179 और र ममय 718-811 म दित ह और इसका अनत शारीररक मतय था जसा हम उतपमतत 319 और र ममय 512 म पढत ह अनतत पाप क कारण मानव जामत पर नरक म अननत कि का परमशवर का दणर आया जसा हम मतती 529 और 30 जस पदयाश स सीित ह

सपरचसदध पासबान चालसग सटपजगन ज 1834 स 1892 क बीच रह न अपन सनदश सराप हटाया रया म आदम और हववा पर परमशवर क सराप क बार म बताया दि उनह न कया कहा

उ स सरा प म ो क या िा वम ि ह इसम ो मत य िा व मि ह इस िह क ी मत य इ सम ो आनद त मक म त य िा व मि ह उ स आनत र िक ज ी िन की मत य ज आि म म ो थ ा - आतम ा क ा जीिन ज अ ब चि ा गया ह औि कि ि पवि तर आत मा दवा िा पन ि ाया जा सकता ह औि अ नत म ो सब स ब िति इ सम ो िा व मि ह ि ह अ न नत म त य िह भ यो क ि भ या नक िबि ldquo न िक rdquo ल ज सम ो सब क छ सम ा सकत ा ह

आदम और हववा क पाप क पररणाम समपणग मानव जामत म भी िल रए-उस परतयक वयमि म चजसन पराकमत रप स उन स जनम चलया हम पाप क इस वचशवक परभाव क 1 राजा 846 र ममय 39-12 रलामतय 322 और इमिचसय 23 जस पदयाश म दित ह दि पौलस र ममय 512 और 19 म आदम क पाप क बार म कया कहता ह

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या एक म न ष य क आजञा न म ा नन स ब हत ि ग पा पी ठहि (ि वम य ो 51219)

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा आदम समपणग मानव जामत की वाचा का मचिया था और पौलस न चसिाया मक इस कारण आदम का पाप उसक सार वशज पर आया और इसक पररणामसटवरप हम सटवभाव स पापी ह हम ससार म आमतमक रप स मत अवसटथा म ददग और कि क अधीन और शारीररक मतय की मनयमत लकर आत ह

इ स बढा -चढाक ि क हन ा क व ठन ह पा प क प णय पर िणाम क सम झना भ ी हम ा ि ल ि ए अ समभ ि ह पिनत हम ा िा पा प सव षटक त ा य क वि रदध व ि ि ह ह यह उ सक ी म वहम ा क चिा न का परया स ह यह उसक ी व यिस थ ा क त डना ह यह उसक ी म व हम ा स वग िन ा ह यह हि परका ि स अ पन आप क पिम शवि क ितर ब न ान ा ह पा प पिम शवि क साथ

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हम ा ि सो बो ध क वब गा ड ित ा ह क य ोवक पिम शवि पवि तर ह ि ह पा प क न ही ो िख सक त ा ह उ सक ी पवि तरत ा क क ा िण उ स पा प पि अ पना कर ध उ णडि ना पडत ा ह अ त जब हम मा न िी य पा प क ि खत ह ो यह ि ह सब कछ ह ज हम ो हमा िी सम स या क बा ि म ो ज ा नन ा ह यह ि ह सब कछ भी ह ज हम ो स ियो क ब ा ि म ो ज ान न क ी आि शयकत ा ह पा प एक म न वि जञा न ह ल ज स क दव ा िा ज कछ ि पय ण म ो िखत ह ो औि ज हम अ पन आप क ब ा ि म ो ज ा न त ह ो उ स समझन म ो हम ा िी सहा यत ा क ित ा ह यह हम ो इस बा त क ी भ ी या ि व िि ात ा ह वक हम ा ि पा स अ पन आप क इ स ििय िा स ब चा न क ा क ई म ागय न ही ो ह क िि पिम शवि ही यह क ि सक त ा ह औि िह इ स म सी ह म ो क ित ा ह

डा आि अल बटय म हलि ज वनयि

पाप की समसटया सचमच भीषण ह परी मानव जामत पणगत ि ई हई और द षी ह हमार पास अपन आप क छडान का क ई मारग नही ह मनरनतर परमशवर का दणर सहना हमारी मनयमत ह उस पन परसनन करन या हमार पाप क सधारन का हमार पास क ई मारग नही ह परमशवर की अनगरहकारी िमा क अलावा उदधार की मबलकल भी आशा नही ह

पाप की समसटया क दिन क बाद अब हम िमा की हमारी चचाग क मदवय अनगरह की ओर म डना चामहए ज िमा क सभव बनाता ह

व िवय अनगरह अपनी करणा म परमशवर नही चाहता था मक समपणग मानव जामत पाप क सराप की अधीनता म रह

उसन मिर मनषय दवारा पथवी क भरन और उस पर अचधकार करन क चलए और उस अपनी उपमसटथमत क य गय राजय म बदलन की य जना बनाई इसचलए पाप की समसटया क हल करन क चलए उसन एक उदधारक क भजा और वह उदधारक उसका पतर यीश मसीह था

उदधारक क रप म यीश हम द ष और भरिता स बचाता ह वह अपन साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह ससार क उसक पथवी क राजय म बदलन की हमारी य गयता क वह पन हम दता ह हमार अपन उदधार क चलए परमशवर की य जना कवल मनषय की य गयता पर मनभगर नही ह यह परमशवर क अनगरह उसकी परसननता पर मनभगर ह हम हमार मवशष परमतमनचध परभ यीश मसीह दवारा मदया जाता ह जसा हम र ममय 323 और 24 म पढत ह

सब न पा प व क या ह औि पिमशवि क ी म व हम ा स िवहत ह ो पिनत उ सक अ नगर ह स उ स छ टक ा ि क दवा िा ज म सी ह यीि म ो ह स ोत म ोत धम ी ठहिा ए ज ा त ह ो (ि व म य ो 323-24)

मदवय अनगरह क कायग क रप म िमा म मतरएकता क तीन वयमि मपता पतर और पमवतर आतमा शाममल ह और इसकी शरआत मपता स हई

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वपता

उ दध ा ि व तर एक ह व पत ा ज पहि क िता ह पतर ज प िा क िता ह आत म ा ज िाग क िता ह जब हम व पता -पतर क सो बो ध क ब ा ि म ो स चत ह ो-हम ो स चना चा व हए वक हम ा ि उ दध ा ि क ी य ज न ा म ो व पत ा पतर औि पवितर आत मा त ी न ो व यव ि िा व मि ह ो त ीन ो वयव ि अ न गरह म ो औि परम म ो औि करणा म ो क ा यय क िन क सा थ -साथ कर ध औि धा वमय क त ा औि ि ण ड क भ ी था म िहत ह ो अ त जब व पत ा क पहि क िन ि ाि क रप म ो ि खा ज ा त ा ह त ि ह इस पतर औि पव ि तर आत म ा स अ ि ग अक ि न ही ो क ित ा ह

डा स ट ी फन िि म

िमा की शरआत मपता स हई कय मक उसी न उसकी य जना बनाई नया मनयम सटपि रप स चसिाता ह मक मपता न पतर क ससार म भजा और उस उदधारकताग मनयि मकया इस हम यहनना 316-18 परररत क काम 234-36 और इबरामनय 31 और 2 म दित ह

नया मनयम यह भी चसिाता ह मक मपता अपन ल र क उदधारकताग क रप म यीश की सामथग क अचधकत मकया और करस पर यीश क बचलदान क पाप क भरतान क रप म सटवीकार करन का वायदा मकया हम मपता की इन भममकाओ क बार म यहनना 1014-18 कलमसटसय 118-20 और इबरामनय 210 जस पदयाश म पढत ह

वासटतव म र ममय 325 कहता ह मक मपता न ही यीश क बचलदान क रप म चढाया दि पौलस वहा कया चलिता ह

पिम शवि न उ स परा यल ित ठहिाया (ि व म य ो 325)

मपता छटकार का महान चशलपकार ह यह उसकी अनगरहकारी य जना और करणामय इचछा ह मक हमार पाप क िमा कर और हम आशीष द और यह उसका अचधकार ह ज उदधार क सभव और मनचित बनाता ह

यह विचाि वक कर स पि यी ि ि ग ो क परव त अ पन स िग ी य व पत ा क कर ध क इ स त िह ि ि किन क ा परया स क ि िहा ह व क यी ि त परम ी ह ि वक न व पता न ही ो यह ि ा सत ि म ो यी ि म सीह क परा यल ित क क ायय म ो ज ह िहा ह उ सक ी गि त सम झ ह कर स पि यी ि क ा क ा यय िा स ति म ो व पत ा क अ पन ि ग ो क परव त प िय ि वतय परम क ी अव भ व यव ि ह स च ो व क न य व न यम म ो व कत न ी ब ा ि इस ब ात पि ब ि वि या ग या ह वक यी ि क ा सो सा ि म ो आन ा औि कर स उ ठा न ा ि ा सत ि म ो व पत ा क परम क ा पर िणा म ह ि ह ि चन ल ज स हम म ो स अ ल धक ा ि ि ग सो भि त अपन म सी ही ज ीि न म ो पहि ि चन क रप म ो याि क ित ह ो य हनन ा 316 बि ि त ा ह ldquoक य ोवक पिम शवि न ज गत स ऐसा परम वक या वक उस न अ पन ा इ कि ौ ता पतर ि व िया rdquo अ ब इ स ि चन म ो व क स क परम पि बि व िया ज ा िहा ह म वक सी भ ी तिह यी ि क परम क कम न ही ो क ि िहा ह पिनत उ स पद ाो ि म ो पतर क िन म ो स िग ी य व पता क परम पि ब ि व ि या ज ा िहा ह

डा ज ल िग न डो क न

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पतर मदवय अनगरह ज हमारी िमा क पणग करता ह उस म पतर भी शाममल ह ज हमारा उदधारकताग ह मपता क वायद की पणगता म पतर क ससार म भजा रया चचर-परमतचित मसीहा यीश क रप म

दहधारण मकया तामक मनषय क पाप का परायचित कर इस चशिा क हम बहत स सटथान जस र ममय 325 और 26 इबरामनय 214-17 और 105-10 म पात ह

यीश न पामपय की जरह करस पर मरन क दवारा पाप का परायचित मकया हमार पाप क कारण आए सराप क उसन गरहण मकया और उसकी चसदध धाममगकता हम दी रई तामक हम पापी न मरन जाए बमलक परमशवर की आजञाकारी सनतान मान जाए कछ थ ड स सटथान जहा यह मवषय आता ह उनह हम यहनना 1014-18 रलामतय 220 2 कररमनथय 521 और इबरामनय 109-14 म पात ह जस पौलस न इमिचसय 17 म चलिा

हम क (यी ि म सीह) म ो उ सक ि ह क दव ािा छटक ा िा अ थ ा यत अ पिा ध ो क ी कषम ा उ सक उ स अन गर ह क धन क अ न साि व मि ा ह (इ व फल सय ो 17)

हमार पाप िमा मकए रए ह इसचलए नही मक परमशवर उनह अनदिा करता ह बमलक इस कारण मक उसन मसीह म उनह दणर मदया और इसीचलए पमवतर-वचन हम हमार उदधार पर मवशवास करन क चलए परररत करता ह

मपता और पतर क इन कायो पर मनभगर ह न क अमतररि िमा पमवतर आतमा क मदवय अनगरह का भी पररणाम ह

पवितर आतमा पमवतर आतमा मतरएकता का वह वयमितव ह ज वासटतव म िमा क हमार जीवन म लार करता ह

मपता न य जना बनाई और पतर न परायचित क परा मकया परनत हमार पाप वासटतव म तब तक िमा नही ह त ह जब तक मक पमवतर आतमा अपना काम न कर

जब हम मवशवास म आत ह त पमवतर आतमा उस समय तक हमार दवारा मकए रए पाप क िमा करक परमशवर क साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह वह हमारी आतमाओ का नवीनीकरण करक हम नया आमतमक जीवन भी दता ह जसा यीश न यहनना 35-8 म बताया परररत क काम 1118 इस अनभव क जीवन क चलए मन-मिराव कहता ह कय मक नवीनीकरण और मवशवास म हमशा दि और हमार पाप का अरीकार शाममल ह ता ह इस मवचार की बहत स पदयाश म पमि की रई ह जस 1 कररमनथय 611 म

और पमवतर आतमा हमार जीवन भर मनरनतर िमा लार करता रहता ह वही हमार मवशवास क बनाए रिता ह ज हम परमतमदन मन-मिराव की ओर लाता ह और वह मनरनतर हमार जीवन म िमा लार करता ह इस हम र ममय 81-16 और रलामतय 55 जस सटथान म दित ह एक उदाहरण क रप म दि पौलस 2 चथसटसलनीमकय 213 म कया कहता ह

पिम शवि न त म ह ो चन ल िया वक आत म ा क दव ा िा पव ितर ब नक ि औि सत य क ी परतीवत क िक उ दधा ि पा ओ (2 ल थ स सि न ी वक य ो 213)

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यहा पौलस न चलिा मक मसीही आतमा क कायो क दवारा उदधार पात ह ज हम पाप और अधमग स शदध करत ह अथागत आतमा क कायग ज हमार जीवन म िमा लार करत ह और जब हम मनरनतर सतय म मवशवास करत ह त आतमा मनरनतर हमार जीवन म िमा क लार करता ह

मपता पतर और पमवतर आतमा सब हमार परमत उदधार क अनगरह क मदिात ह और इसक हमार जीवन क चलए कम स कम तीन मनमहताथग ह पहला जब हम पाप करत ह और परमशवर स िमा और उदधार क अनय पहलओ की अपील करत ह त तीन मदवय वयमिय स अपनी पराथगना करन म हम सही ह दसरा जब हम इन आशीष क पात ह त हम परमशवर क तीन वयमिय क धनयवाद दना चामहए और तीसरा हम अपन उदधार पर पणग भर सा कर सकत ह यह जानत हए मक मतरएकता क तीन वयमि हम स परम करत ह और हमार उदधार क समनचित करन क चलए कायग करत ह मपता पतर और पमवतर आतमा तीन हमार लाभ क चलए पाप की समसटया क हल करन क चलए एक साथ ममलकर कायग कर रह ह

पाप की समसटया और मदवय अनगरह क दमिक ण स पाप की िमा क दिन क पिात हम िमा म वयमिरत उततरदामयतव की भममका क बार म बात करन क चलए तयार ह

वयविगत उतति िाव यत ि पमवतर-वचन सटपि रप स चसिाता ह मक परमशवर परतयक वयमि क पाप क िमा नही करता ह कछ

ल र क िमा मकया जाता ह और कछ क नही यह सतय कय ह मानवीय दमिक ण स कारण यह ह मक िमा की परमकरया म साधारण रप स वयमिरत उततरदामयतव का ततव शाममल ह ता ह सामानयत इन उततरदामयतव क परा करन वाल ल र क िमा मकया जाता ह परनत ज इन उततरदामयतव स जी चरात ह उनह नही

वयमिरत उततरदामयतव की भममका की हमारी चचाग द भार म मवभाचजत ह री पहला हम कछ शतो क बतायर चजनकी पमवतर-वचन िमा क चलए साधारण आवशयकताओ क रप म पहचान करता ह और दसरा हम िमा क पान क साधन क बार म बात करर आइए हम उन शतो स शर कर चजनह पमवतर-वचन िमा स ज डता ह

ि त पमवतर-वचन िमा क चलए द पराथममक शतो क बार म बताता ह पहला यह िमा क चलए परमशवर म

मवशवास की आवशयकता क बताता ह पमवतर-वचन म मवशवास एक बह-पिीय मवचार ह परनत इस सनदभग म जब हम परमशवर म मवशवास की बात करत ह त यह हमार दमार म ह

पिम शवि क ी व िव य सि ो चचत ा की सि ीक वत उ सक परव त ि फाि ाि सम पय ण औि भि सा व क हम ा ि उ दध ा िक ता य यी ि म सीह क ी ख ा वत ि िह हम पि करणा क िग ा

यदयमप आधमनक श ताओ क यह अजीब लर सकता ह परनत पमवतर-वचन इस परकार क मवशवास क अकसर- परमशवर का भय- कहता ह

उदाहरण क चलए भजन 1038-13 िमा की इस शतग की परकमत का इस परकार वणगन करता ह

यह िा ि याि औि अ न गरहक ािी व ि ि मब स क प क िन ि ाि ा औि अ वत करणा म य ह ि सिय ि ा िा ि वि ि ाि कित ा न िहग ा न उ सक ा कर ध सि ा क ल ि ए भ डक ा िहग ा उस

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न हम ाि पा प ो क अन सा ि हम स व यिहा ि नही ो वक या औि न हम ा ि अ धमय क क ाम ो क अ न साि हम क बि ि ा व ि या ह ज स आक ा ि पथि ी क ऊपि ऊ चा ह ि स ही उसक ी क रणा उ सक डिि य ो क ऊपि परब ि ह उ ि या चि अ सत ा चि स ल ज तन ी ि ि ह उ स न हम ा ि अ पिा ध ो क हम स उत नी ही ि ि क ि व ि या ह ज स व पत ा अ पन ब ाि क ो पि ि या क ित ा ह ि स ही यह ि ा अ पन डिि य ो पि ि या क िता ह (भज न 1038-13)

धयान द मक यह वा का भय मानन वाल िमा पात ह उनका अधमग दर मकया जाता ह यही मवचार परी बाइबल म पाया जाता ह उदाहरण क चलए इस हम 2 इमतहास 3018 और 19 म

दित ह यह वा अपन ि जनवाल क माि करता ह मरकस 412 म यीश न सकत मदया मक कवल व ल र ही िमा क चलए परमशवर की ओर मिर सकत ह ज उस जानत और समझत ह और परररत क काम 2617 और 18 म िमा कवल उन ल र क ममल सकती ह चजनकी आि यह वा की ममहमा और सामथग क सतय क दिन क चलए ि ली रई ह

पमवतर-वचन म पाई जान वाली िमा की दसरी साधारण शतग ह टटा हआ ह ना टट हए ह न का अथग ह

पा प क ब ाि म ो ि ा सत व िक ि ख पिम शवि की व यि स था क त डन पि सचचा पिात ा प

यह कवल पकड जान पर या दणर का दि नही ह परनत अनबनध मक परमशवर की शत पमवतर ह और उसका सममान करन म असिल ह न पर मदल का टटना

पिा त ा प क अ थय म ो हम स मझ स औि आप स अ पल कषत ह व क हम ो अ पन पा प क ा अ पिाध -ब ध ह म ो ब त िब ा क सा थ पा प क िन क ब ाि िाऊि क ब ाि म ो स चत ा ह हा उ सन ब त िब ा क व िरदध पाप व क या था औि उसन ब त िबा क पव त क व ि रदध पा प व क या थ ा उ सन पिा न वन यम क ी क ि ी लसया क व िरदध पा प वक या था पिनत अ नतत ldquo म ो न कि ि त ि ही व िरदध पाप व क या ह औि त िी ि वषट म ो ज ब िा ह ि ह व क या ह rdquo औि आप उ सक व िि क पिात ा प क म हस स कित ह ो आधव न क िब ि म ो म ो स चता ह व क ldquo ट ट ा पनrdquo ह औि हम ो ि चन क ी ज रित ह व क पव ि तर आत म ा क दव ा िा हम ो त ड हम ो पिम शवि क ी उ पनद सथ व त म ो त ड

डा डिक डबल य एच थ ा म स

उदाहरण क चलए 2 शमएल अधयाय 11 म दाऊद क मन म क ई पिाताप नही था जब उसन बतशबा क साथ वयमभचार मकया और मिर उसक रभगधारण क चछपान क चलए उसक पमत उररयाह की मौत का इनतजाम मकया बतशबा क रभगधारण क समय अपन बचच क जनम क समय तक दाऊद क अपन कायो का क ई दि नही था उस समय नातान नबी दाऊद क पाप क मवषय म उसका सामना करता ह जसा हम 2 शमएल अधयाय 12 म पढत ह कवल उस समय दाऊद न अपन अपराध क माना और अपन आप क उसका द षी माना मिर टटपन की आतमा म अपन रहर दि और पिाताप क अमभवयि करन क चलए उसन अपन पिाताप का महान भजन भजन 51 चलिा दि दाऊद न भजन 51 क पद 6 और 17 म कया चलिा

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त ह ि य क ी सचचा ई स परसनन ह त ा ह ट ट ा म न पिम शवि क य गय ब लि िा न ह ह पिम शवि त ट ट औि व पस हए म न क तचछ न ही ो ज ा नत ा (भज न 51617)

दाऊद न पहचान चलया मक परमशवर की िमा क पान क चलए उस अपन पाप क बार म परमशवर क दमिक ण की आवशयकता थी उस अपन कायग स घणा करन और उस पर वासटतव म दिी ह न की आवशयकता थी

हम टटपन पर इसी बल क भजन 32 पद 1 और 2 म दित ह जहा िमा उन ल र क ममलती ह चजन म क ई कपट नही ह इस हम यशायाह 557 म पात ह जहा परमशवर उन पर करणा करता ह ज अपन पाप क तयार दत ह और इस हम मयमगयाह 53 म सनत ह जहा उन ल र क िमा स इनकार कर मदया जाता ह चजनक हदय उनक पाप क सबध म हठील ह

म िा वि चा ि ह व क हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि ध यान िग ा न क दव ा िा अ पन व िि म ो पिा त ा प क उ त पनन कित ह ो इस हम उ त पवतत स परक ा ल ित ि ाकय त क ब ाइ बि पिम शवि क बा ि म ो ज ब ता त ी ह उ स पि व ि चा ि क िन क दव ा िा क ि सकत ह ो वक िह अ न ा जञा क ा िी ि ग ो स सो ग वत नही ो क ि सकत ा पिनत ज अनाजञाक ारिता क ा नयाय क ित ा ह औि अ पिा ल धय ो क ि ण ड ि त ा ह यही पिम शवि की पव ि तर ता क ा सा ि ह औि ज ब हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि व ि चा ि क ित ह ो त आइ ए पी छ म डक ि हम अ पन जी ि न क ि ख ो व क व कस परक ा ि हम न व यिस थ ा क त डा आजञा क ा उ ललो घ न वक या औि पिम शवि क ी बा त ो पि ध या न न ित हए उ स स ि ि ह ग ए अ पन ज ीि न क एक जो जा ि ब न ा ल ि या ल ज स स उ सक ा अ न ाि ि ह त ा ह अ ब पी छ म डक ि ि ख ो िह सा िा िण ड ज मझ पि पडन ा था ि ा सत ि म ो मसी ह पि पडा औि उ सन उ स सहा औि यह म झ बत ा त ा ह वक मि अ पन पा प व कत न ि ः खि थ व क म ि ल ि ए उन का पिा त ा प क िि पिम शवि क ि हधा िी पतर क ी म त य क दव ा िा वक या ज ा सक त ा थ ा औि जब म झ म हस स ह त ा ह वक पिम शवि की पव ि तरत ा क परक ा ि म ो म ि पा प व क तन िः खि ह ो औि उ नह ो ि ि क िन क ल ि ए क या म ाो ग क ी ग ई त पा प क परवत मिा ि ःख त ीवर ह ज ा एग ा म िा पिा त ा प ग हिा ह ग ा औि उ सक दव ा िा ब ाि-ब ाि औि ब ाि -ब ा ि अ पन आप क पव ि तर ता क ल ि ए पिम शवि क सम व पय त क िन क ा औि उस यह ब त ान क ा ईम ा नि ा ि परया स उत पनन ह ग ा वक मझ वकत न ा अ ल धक पछत ा िा ह औि ि ा स ति म ो म ो पा प ो स घ णा कित ा ह ल ज नह ोन पिा त ा प क आि शयक ब ना या

डा ज आई प क ि

मवशवास की अवसटथाए और टटा मन परतयक वयमि क जीवन क चलए महतवपणग ह चाह हम मवशवासी ह या नही चजन ल र न मसीह क अपन परभ और उदधारकताग क रप म गरहण नही मकया ह उनक चलए य अवसटथाए परमशवर म आन और पाप की िमा पान और मसीह म नय जीवन की शरआत करन क अवसर ह और हम म स ज ल र पहल स ही मसीह स सबचधत ह उनह यह याद मदलात ह मक हम मनरनतर मवशवास का जीवन जीना ह और हमार दवारा मनरनतर मकए जान वाल पाप क परमत हम वासटतव म दिी ह ना ह तामक हम मनरनतर िमा पा सक और दमनक आधार पर शदध ह सक

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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अब जबमक हम दि चक ह मक िमा की अवसटथाओ म सामानयत कायगकारी मवशवास और हमारा टटा हआ मन शाममल ह ता ह त आइए हम उन साधारण साधन क दि चजनक दवारा हम िमा क पा सकत ह

स ाधन कई बार मसीही अनगरह क साधन और अनगरह क आधार क बीच अनतर क समझन म असिल ह

जात ह पररणामसटवरप व रलती स यह स चत ह मक अनगरह क पान या हम पर अनगरह करन क चलए परमशवर पर दबाव रालन क चलए अनगरह क साधन का परय र मकया जा सकता ह अत एक साधन और आधार क बीच अनतर क पहचानना महतवपणग ह इस अनतर क दिन म सहायता क चलए कलपना कर मक एक वयमि क च ट स उबरन क चलए शारीररक चचमकतसा की आवशयकता ह चचमकतसा महरी ह और उसका भरतान एक दानकताग दवारा मकया जाता ह हम कह सकत ह मक वयमि क र र स पणगत उबारन वाला साधन चचमकतसा ह परनत इस सटवासटथय-लाभ का आचथगक आधार दान ह

इन मभननताओ क हम सिप म इस परकार कह सकत ह मक आधार वह मल या य गयता ह चजसम क ई कायग या पररणाम आधाररत ह जबमक साधन वह औजार या यनतर ह ज उस कायग या पररणाम क समभव बनाता ह

जब परमशवर स िमा और अनगरह पान की बात आती ह त आधार हमशा मसीह की य गयता ह चजस उसन अपन आजञाकारी जीवन और करस की मतय क दवारा अचजगत मकया इस हम मतती 2628 कलमसटसय 113 और 14 और 1 यहनना 212 जस सटथान पर दित ह िमा क सवगदा अचजगत मकया जाता ह परनत इस मसीह क दवारा अचजगत मकया जाता ह हमार दवारा नही और मवशववास वह मलभत साधन ह चजसक दवारा सारा अनगरह हमार जीवन म लार मकया जाता ह चाह परमशवर क सममि परतयि रप स अमभवयि मकया जाए या अनगरह क साधन क दवारा मवशवास वह पराथममक औजार ह चजसक दवारा परमशवर हमार जीवन म अनगरह और अनय आशीष क लार करता ह

पमवतर-वचन कई साधन का वणगन करता ह चजनक दवारा मवशवास सामानयत कायग करता ह इस अधयाय म हमार उददशय क चलए इन अनय साधन क हम सिप म पराथगना स शर करक द सामानय शचणय म बाट सकत ह

समपणग पमवतर-वचन म पराथगना क परमशवर स अनगरह और िमा मारन क साधारण साधन क रप म परसटतत मकया रया ह जस बाइबल अरीकार और मन मिराव की पराथगना क आमतौर पर मवशवास की अमभवयमि बताती ह चजनक दवारा पमवतर आतमा हम िमा परदान करता ह इन पराथगनाओ की परभावशीलता क 1 राजा 829-40 भजन 321-11 परररत क काम 822 1 यहनना 19 और बहत स अनय सटथान पर चसिाया रया ह

उन ल र क चलए चजनह न अभी हाल ही म परभ क जाना ह अरीकार और मन मिराव की मवशवासय गय पराथगनाए व साधन ह चजनक दवारा पमवतर आतमा आरममभक रप म िमा और उदधार क उनक जीवन म लार करता ह इसीचलए परररत क काम 1118 म कलीचसया न मन पररवतगन क जीवन क चलए मन मिराव कहा और सार मवशवाचसय क चलए अरीकार और मर मिराव की पराथगना अपन जीवन म परमशवर क अनगरह क पान क महतवपणग साधन बन रहत ह जसा हम 1 यहनना 19 म पढत ह

यव ि हम अ पन पा प ो क म ान ि ो त (पिम शवि) हम ा ि पा प ो क कषम ा क िन औि हम ो सब अ धमय स ि दध क िन म ो व िशवा सय गय औि धम ी ह (1 य हनना 19)

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ससमाचार का अदभत समाचार ह मक मसीह न हमार चलए ज मकया ह उसक आधार पर हमार पाप का मफत म िमा करता ह और हम मवशवास क साथ कवल मारन क दवारा इस िमा क परापत कर सकत ह

आप ज ा न त ह ो व क ब हत स ि ग यह स चत ह ो वक यवि आप यह ल सख ा त ह ो व क पा पी क पिम शवि क पा स आक ि कि ि ldquoह सि ग ी य व पत ा मझ कषम ा किrdquo क हन स पिम शवि उ नह ो कषम ा क ि िग ा त यह पिम शवि क अ न गरह क सस त ा ब न ा ि ग ा पिनत त थय यह ह व क यह पिम शवि क अ न गर ह क ऊ चा उ ठा त ा ह इ सल ि ए न ही ो वक हम ा िा म न व फिाि हम ो ब चा त ा ह या उसक आधा ि पि पिम शवि हम ो कषम ा कित ा ह पिनत इ सल ि ए व क पिम शवि न स ि यो अ पन एक ि ौत पतर क ी अ न नत रप स म ल यि ान औि अ ग णय रप स म हो ग ी मत य क आधा ि पि हमा ि लि ए कषम ा औि म ि -वम िाप क ा आधा ि त याि व कया ह

डा ज ल िग न डो क न

इ स त थय न वक यी ि म सीह पिम शवि का पतर वतर एकत ा म ो ि सिा व यव ि पथि ी पि आया औि नमर त ा औि ि ासरप म ो त ीस ि षय वब ता ए औि व फि क षट सहा औि कर स पि म िा -हम ा ि पा प ो क िण ड क ा भग त ा न क िन क ल ि ए कर स पि पा प क अ न नत क जय क उ ठा ल िया यह एक अन नत म ल य ह यह एक अ न नत क ीम त ह ब हत बडी क ी मत हम ा ि पा प ो क लि ए अन नत क ीम त इ सल ि ए यह ससत ा अ न गरह न ही ो ह यह अ ब त क परा पत व क या ग या सि ा यलधक म हो ग ा अन गर ह ह हम इ स म फ त उपहा ि क रप म ो परापत क ित ह ो पिनत कि ि इ स क ा िण व क यी ि न अ पन ा सब क छ हम ा ि लि ए ि व ि या

डा म ाकय सर स

ज उ सक पा स आक ि कि ि ldquoपरभ म झ कषम ा क िrdquo क हत ह ो उ नह ो कषम ा व क या ज ात ा ह इसल ि ए न ही ो वक कषम ा क ी उ नक ी व िन त ी ब हत क ि ीन थ ी इ सल ि ए न ही ो व क उ न क ा म न व फिाि ब हत अच छा थ ा पिनत इ सलि ए वक यी ि न िह सब कि व ि या ह ज हम ा ि स ि ग ी य व पत ा क साथ सो ग वत म ो पन ि ौ टन क ल ि ए हम ाि ल ि ए आि शयक थ ा

डा ज ल िग न डो क न

अब हम यह बतान क चलए रकना चामहए मक अरीकार और मन मिराव की पराथगनाओ क अमतररि ज िमा क साधारण साधन क रप म कायग करती ह मबचवई की पराथगना कई बार िमा क असाधारण या असामानय साधन क रप म कायग करती ह मबचवई क इस परकार पररभामषत मकया जा सकता ह मधयसटथता या मकसी और की िामतर मवनती या पराथगना

पमवतर-वचन म ल र दवारा परभावी मधयसटथता की पराथगना क बहत स उदाहरण ह इस हम मरनती 1419 और 20 म दित ह जहा मसा की मधयसटथता की पराथगना क जवाब म यह वा न इसराएल क पाप क िमा कर मदया इस हम 2 इमतहास 3018-20 म पात ह जहा महजमकयाह की मबचवई क जवाब म यह वा न उन ल र क माि कर मदया चजनह न िसह की उचचत तयारी नही की थी इस हम अययब 15 म दित ह

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जहा हम सीित ह मक अययब मनरनतर अपन बचच क चलए मबचवई क बचलदान चढाया करता था और इस हम याकब 514 और 15 म दित ह जहा याकब न चसिाया मक कलीचसया क परमनए उन ल र क चलए िमा क परापत कर सकत ह चजनह न पाप मकया ह परमशवर मवशवासय गय ल र की मबचवई क पराथगना क जवाब म हमशा िमा परदान नही करता ह परनत बहत बार वह ऐसा करता ह

और इस परकार की मानवीय मबचवई स बढकर पतर और पमवतर आतमा द न ल र क चलए मधयसटथता करत ह यीश दवारा की जान वाली मधयसटथता क बार म यशायाह 5312 र ममय 834 और इबरामनय 725 जस सटथान पर बताया रया ह और आतमा की मधयसटथता क बार म र ममय 826 और 27 म चसिाया रया ह

िमा क साधन की दसरी सामानय शणी पमवतर ससटकार ह या चजनह आधमनक पर टसटटनट कलीचसयाए-मवधान कहती ह मखयत बपमतसटमा और परभ भ ज

अब जब हम ससटकार शबद का परय र करत ह त हम इस बात क सटपि करन की आवशयकता ह मक हम परभ भ ज और बपमतसटमा क बार म र मन कथ चलक कलीचसया क मवचार की बात नही कर रह ह बमलक ससटकार शबद का परय र बहत सी पर टसटटनट ससटथाओ दवारा ऐमतहाचसक रप स परभ भ ज और बपमतसटमा क चलए मकया जाता रहा ह य समार ह मवशष पमवतर मवधान ह चजनह परमशवर न हमार मवशवास क अमभवयि करन और उसकी आशीष क पान क साधन क रप म कलीचसया क उपलबध कराया इन मवधान क कायग मववरण क बार म पर टसटटनट परमपराओ म मतभद ह परनत व सब इस बात स सहमत ह मक य मकसी तरह मवशष ह

कई बार मसीमहय क सनदह ह ता ह जब व दसर क परभ भ ज और बपमतसटमा क िमा क साधन क रप म बतात हए सनत ह अत इस बात पर बल दना महतवपणग ह मक हम यह नही कह रह ह मक इन मवधान म ऐसी क ई य गयता नही ह ज उनह परभावी बनाती ह य िमा का आधार नही ह

साथ ही बाइबल चसिाती ह मक जब हम परभ भ ज और बपमतसटमा क दवारा अपन मवशवास क अमभवयि करत ह त पमवतर आतमा हमार जीवन म िमा क लार करन क चलए इन मवधान का परय र करता ह

बपमतसटमा क मरकस 14 परररत क काम 238 र ममय 61-7 और कलमसटसय 212-14 जस पदयाश म अनगरह का साधन बताया रया ह

एक उदाहरण क रप म परररत क काम 2216 म पौलस स कह रए हननयाह क शबद क सन

अ ब क य ो ि ि क िता ह उ ठ बपव त स म ा ि औि उ सक ा ना म ि क ि अ पन पा प ो क ध डा ि (परर ित ो क क ाम 2216)

इन मनदश म हननयाह न सकत मदया मक बपमतसटमा क दवारा पौलस क पाप क िमा मकया या- ध मदया जाएरा

अब मनसटसनदह बपमतसटमा िमा का एक आवशयक साधन नही ह हम दसर तरीक स भी िमा ममल सकती ह जस यीश क साथ करस पर चढाए रए मवशवास करन वाल उस राक न कभी बपमतसटमा नही चलया था मिर भी लका 2343 सकत दता ह मक उस िमा मकया रया और उसन उदधार पाया अत हम यह स चन की रलती नही करनी चामहए मक िमा और उदधार कवल उन ल र क चलए उपलबध ह चजनह न बपमतसटमा ल चलया ह मिर भी पमवतर-वचन इस पणगत सटपि करता ह मक बपमतसटमा साधारणत हमार जीवन म िमा क लार करन क साधन क रप म कायग करता ह

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और परभ भ ज का भी यही सतय ह पौलस न सटपि रप स चसिाया मक परभ भ ज म भार लना मसीह की मतय क लाभ जस िमा क परापत करन का माधयम ह दि 1 कररमनथय 1016 म उसन कया चलिा ह

िह धनयिाि क ा क ट िा लजस पि हम धनयि ा ि क ित ह ो क या म सी ह क ि ह क ी सहभ ा व गत ा नही ो ि ह ि ट ी लजस हम त डत ह ो क या ि ह म सीह क ी ि ह क ी सहभ ा व गत ा न ही ो (1 कर िनद नथ य ो 1016)

य अलकाररक परशन थ पौलस की पमतरय क पढन वाला परतयक वयमि जानता था मक उनका उततर था -हा मनसटसनदह मवशवास क साथ परभ भ ज म भार लन क दवारा हम मसीह क साथ एक ह त ह

पाप की िमा उदधार की एक महान आशीष ह चजस हम अपन समपणग मसीही जीवन क दौरान अनभव करत ह चाह हम नय मसीही ह या जीवन भर स मवशवासी रह ह िमा मसीह क साथ हमारी चाल का एक सतत पहल ह और इसक पररणामसटवरप बहत सी अनय आशीष भी ममलती ह

जान वसटली मथ मरसटट कलीचसया क ससटथापक ज 1703 स 1791 क बीच रह न अपन सनदश सखया 26 म िमा क बार म बताया चजस म उनह न पहाडी उपदश की वयाखया की दि मक उनह न वहा कया कहा

पा प ो क ी कषम ा पा त ही हम इ सी परक ा ि उ न क साथ ब हत कछ पा त ह ो ज व ि शवास क दवा िा ज उ स म ो ह पव ितर वक ए ग ए ह ो पा प अ पन ी सा मथय ख चक ा ह इसक ा उन पि क ई अ ल धक ा ि न ही ो ह ज अनगर ह यावन पिम शवि की परसननत ा क अ धी न ह ो क य ोवक ज म सी ह म ो ह ो उ न पि क ई ि णड क ी आजञा न ही ो ह इ सल ि ए ि पा प क सा थ -साथ गि ा व न स भ ी म ि वक ए ग ए ह ो व यि सथ ा क ी धा वमय क त ा उ नम ो प िी हई ह औि ि ििीि क अ न सा ि न ही ो पिनत आतम ा क अ न सा ि चित ह ो

म ो स चता ह पा प ो क ी कषमा एक परक ा ि स म सी व हय ो क रप म ो हमा िी सि ा यल धक अ नम ि ि ा सत व िकत ा ह म िभ त रप स हम ा ि पा प ो क कषमा क िन क ा अथय ह पिम शवि हम ा ि सवषट कत ा य क साथ सही सो बो ध म ो िहन ा आज ज ब हम सो सा ि क िख त ह ो हम पा त ह ो वक ि ग अ थय महत ि उ दद शय क ी ख ज म ो ह ो औि हम ा िी सो सक वत म ो अ त यल धक अ समो जस ह ज ीि न क या ह ज ी न क ा क ा िण क या ह म ो यहा क य ो ह औि इ सल ि ए ि ग अथय औि म हति क ख ज न क ल ि ए हि त िह स परया स क ित ह ो-वफि चा ह ि अ पन ी न ौ किी का पी छ ा क िो या ि ोव गकत ा या म ा िक पि ा थ ो क ा म िा मत िब ह व क ि ग ख िी औि आन नि क पा न क लि ए हि त िह क सथ ा न ो औि म ा गो म ो परयास क ि िह ह ो पिनत ससम ा चा ि हम ो बत ा ता ह वक म न षय ो क रप म ो हम ा िी म िभ त आि शयकत ा अ पन सवषटक त ा य क सा थ सही सो बो ध म ो िहन ा ह उ सक सा थ ल ज सन हम ो ब न ा या ह ससम ा चा ि ब त ात ा ह व क पिम शवि न अ पन पतर यी ि म सी ह क भ ज ा वक ि ह हम ा ि पा प ो क ा परा यल ित कि पिम शवि क कर ध क ि ि कि पिम शवि न अ पन परम म ो अ पन पतर क भज ा वक हम ा ि पा प कषम ा ह सको तावक यवि हम उस पि भि सा क िो त हम ा ि पा प कषम ा ह सको औि ज ब हम उ स अ नभ ि पि आत ह ो जब हम ऐसी कषम ा क ल ि ए यी ि म सी ह क ी ओि वफित ह ो त एक अत ल य िा नद नत क ा अ हसास ह त ा ह सो सा ि क सा थ सही ह न क ा अहसा स कय ोवक यह ि ा सत ि म ो सो सा ि क सा थ सही ह न ा

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ह हम अ चा नक महस स क ित ह ो व क हम ो इ सक ल ि ए ही ब न ा या ग या ह हम ो पिम शवि क सा थ सही सो बो ध म ो िहन क ल ि ए बन ा या ग या ह उ स पि हम पहचा नत ह ो

डा ट ा म शरन ि

अब जबमक हम पाप की िमा की धमगचशिा क दि चक ह त हम मवशवास क अरल सतर क दिन क चलए तयार ह दह का पनरतथान

पनर तथान

परररत क मवशवास-कथन क इन शबद क याद कर

म ो

ि ह क पन रत थ ा न म ो वि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर हम सटपि ह न की आवशयकता ह मक मवशवास-कथन यीश क पनरतथान क बार म बात नही कर रहा ह यीश का पनरतथान मवशवास-कथन म पहल आता ह जब यह कहता ह मक यीश मतक म स तीसर मदन जी उठा जब मवशवास-कथन दह क पनरतथान क बार म बात करता ह त इसक मन म सामानय पनरतथान ह-मसीह क ममहमा म आरमन पर सार ल र का पनरतथान

हम दह क सामानय पनरतथान क तीन चरण म दिर पहला हम सराप क दिर चजसक पररणामसटवरप हमारी दह म मतय आती ह दसरा हम बतायर मक मसीही ससमाचार हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करता ह और तीसरा हम दिर मक अनत म मकस परकार हमारी दह का छटकारा ह रा आइए सराप स शर कर ज हमारी दह म मतय क लाता ह

सराप जसा हमन पवगवमतग अधयाय म दिा परमशवर न मनषय क शारीररक दह और रर-शारीररक पराण स

बनाया इबरामनय 412 और 1 चथसटसलनीमकय 523 क आधार पर कछ परमपराओ का मानना ह मक परतयक मनषय म पराण क अमतररि आतमा भी ह ती ह परनत लरभर 200 ऐस वचन ह चजन म हमार अमसटततव क सार आनतररक रर-शारीररक पहलओ क समपणग रप म बतान क चलए इनम स मकसी एक शबद का परय र मकया रया ह अत अचधकाश मसीमहय का मनषकषग ह मक पराण और आतमा द न शबद एक ही वासटतमवकता क बतात ह और मनषय मखयत कवल द भार स मनममगत ह दह और आतमा

पाप म मररन स पवग हमारी दह और हमारी आतमा पर पाप और इसकी भरि शमिय का क ई परभाव नही था परनत जब आदम और हववा पाप म मरर रए त पाप न न कवल उनकी आतमाओ बमलक उनकी दह क भी भरि कर मदया और उनकी दह क दमषत ह न का अमनतम पररणाम उनकी शारीररक मतय थी उतपमतत 319 म आदम पर परमशवर क सराप क दि

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 5: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

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कषमा

परररत क मवशवास-कथन म िमा क अथग क समझन क चलए हम तीन मनकटता स सबचधत मदद का दिर पहला पाप की समसटया ज िमा क आवशयक बनाती ह दसरा मदवय अनगरह ज िमा क सभव बनाता ह और तीसरा हमारा वयमिरत उततरदामयतव व बात ज िमा पान क चलए हम करनी ह पहल हम पाप की समसटया क दिर

प ा प की सम सया बाइबल पर मवशवास करन वाल मसीही पहचानत ह मक यीश क करस पर मरन क मखय कारण म स

एक हमार पाप क दवारा उतपनन समसटया क हल करना था पाप हम परमशवर की आशीष स दर कर दता ह और हम सराप क अधीन कर दता ह और ऐसा क ई मारग नही ह चजस क दवारा हम सटवय इस समसटया पर जय पा सक जब हम पाप की समसटया क बार म बात करत ह त हमारा मतलब ह पाप हम द षी ठहराता ह और मसीह क अलावा हमार पास सटवय क इसकी उपमसटथमत या इसक पररणाम स बचान का क ई मारग नही ह

पमवतर-वचन दवारा चसिाई रई पाप की समसटया क हम तीन भार म दिर पहला हम पाप की एक धमगशासटतरीय पररभाषा दर दसरा हम मानव जामत म पाप की उतपमतत क बार म बात करर और तीसरा हम पाप क पररणाम क दिर आइए पाप की पररभाषा स शर कर

पाप की पर िभाषा बाइबल मवमभनन रीमतय स पाप क बार म बात करती ह यह पाप का वणगन करन क चलए अराजकता

मवदर ह अधमग अपराध बराई लकषय स चकना और मवमभनन परकार क अनय शबद का परय र करती ह और इन म स परतयक शबद पाप क बार म हमारी समझ क बढाता ह

परनत जब पमवतर-वचन अमतग रप म पाप की बात करता ह - जब यह पाप क चलए अपनी पररभाषा दता ह - त एक शबद सबस अलर नजर आता ह अराजकता बाइबल की शबदावली म पाप मलत परमशवर की वयवसटथा का उललघन ह जस परररत यहनना न 1 यहनना 34 म चलिा

ज क ई पा प कित ा ह ि ह व यि स थ ा क ा व ि ि ध क ित ा ह औि पाप त व यिसथा क ा व ि ि ध ह (1 य हनना 34)

अराजकता क रप म पाप पर इसी बल क हम र ममय 79-25 और 1 कररमनथय 1556 जस सटथान पर दित ह पाप का यह मल मवचार मवमभनन मसीही परमपराओ क धमगमवजञान म भी परकट ह

एक उदाहरण क रप म वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी क परशन एव उततर सखया 14 क दि इस सवाल क उततर म

पा प क या ह

परशन ततरी का जवाब ह

पा प पिम शवि क ी व यिस थ ा क ी अ न रपत ा क ा अ भ ा ि या उसक ा उ ललो घ न ह

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धयान द मक यह उततर परमशवर की वयवसटथा क त डन क द सामानय परकार की पहचान करता ह वयवसटथा की अनरपता का अभाव और वयवसटथा का उललघन

एक ओर वयवसटथा की अनरपता का अभाव पमवतर-वचन की आजञाओ क मानन म असिल ह ना ह यह अकसर ममटान का पाप कहलाता ह कय मक हम उस छ ड दत ह या अनदिा कर दत ह ज हम करना चामहए दसरी तरि वयवसटथा का उललघन वह कायग करना ह चजस करन स पमवतर-वचन र कता ह इस परकार क उललघन क अकसर आजञा का पाप कहा जाता ह कय मक हम स चन महसस करन या जान-बझकर कछ ऐसा कायग करन क दवारा पाप करत ह चजस करन स पमवतर-वचन मना करता ह

अब जब हम परमशवर की वयवसटथा क बार म एक लकषय क रप म बात करत ह ज पाप क पररभामषत करता ह त यह बताना महतवपणग ह मक परमशवर की वयवसटथा मनमानी या बतरतीब नही ह इसक मवपरीत वयवसटथा परमशवर क चसदध चररतर का परमतमबमब ह दि पौलस र ममय 712 म वयवसटथा का मकस परकार वणगन करता ह

व यि सथ ा पव ितर ह औि आजञा भ ी ठी क औि अचछ ी ह (ि वमय ो 712)

जस पौलस न यहा कहा परमशवर की आजञाए परमशवर क समान ही हमशा पमवतर धमी और अचछी ह परमशवर की आजञाए हमशा उसक सटवभाव स मल िाती ह

इसी कारण पमवतर-वचन चसिाता ह मक यमद हम परमशवर स परम करत ह त हम उसकी आजञाओ क मानर यमद हम परमशवर स परम करत ह त हम उन बात स भी परम करर ज परमशवर क परमतमबममबत करती ह जस उसकी वयवसटथा इस हम वयवसटथामववरण 510 और 65 और 6 मतती 2237-40 यहनना 1415-24 और बहत स अनय सटथान पर दित ह दि यहनना 1 यहनना 53 म कया चलिता ह

औि पिम शवि क ा परम यह ह वक हम उ सकी आजञा ओ ो क म ा न ो (1 य हनना 53)

परमशवर क चलए परम उसकी वयवसटथा क मानन स परकट ह ता ह इसचलए जब हम उसकी वयवसटथा क त डत ह त हम परमशवर क चलए परम म कायग नही कर रह ह हम पाप कर रह ह

ब ा इब ि म ो पिम शवि स परम क िन औि पिम शवि क ी आजञा म ानन म ो ब हत घव न षठ सो बो ध ह म िा मा न ना ह वक पहि ी ब ात ल ज स हम ो स पषट क िना ह ि ह यह ह वक कि ि पिम शवि स परम क िन ा ही पिमशवि स परम क िन क ी आजञा क प िा न ही ो क िता ह एक क ा यय -कनद नि त अ व नि ा यय न ी िसता ह सक त ी ह ज क भी मन म ो न ही ो थ ी जब बा इब ि न क हा यवि तम मझ स परम क ित ह या म सी ह न क हा यवि त म म झ स परम क ित ह त म िी आजञा ओ ो क म ा न ग पिनत यव ि परम ह यवि पिम शवि क आन नि म ो स ि यो क ि न क ी सि चछ ा ह त उ सक ा सिायलधक सिाभ ाविक औि पराम ालणक परक टीक िण एक गहिा इच छक औि त त पि आजञा पा ि न ह ग ा क य ोवक इ सक ा आधा ि इ स ि ाि सा म ो ह व क उ स पिम शवि क परसनन क िन ा ह लज स स आप परम क ित ह ो औि ल ज स म ो आप मग न ह त ह ो इ सका आधा ि यह भ ि सा ह वक इ स ldquo पिम शवि का म ागय rdquo आपक ल ि ए उ तन ा ही व ि शवसन ी य औि अच छ ा ह लज त न ा व क उ सक ा अ पन ा स ि भाि

डा गि न स क ज ी

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जब हम परमशवर क परमत परम म कायग करन स चक जात ह त हम उसक मवरदध मवदर ह करन क दवारा उसकी वयवसटथा क त डन क दवारा बराई करन क दवारा परमाप स चकन क दवारा उसक पमवतर धमी और अचछ चररतर क ठस पहचान क दवारा पाप करत ह परनत जब परमशवर क परमत हमारा परम हम परररत करता ह त हम उसकी रचचय और मार क अपन स ऊपर रित ह और पररणामसटवरप हम बहत स पाप स और अपन जीवन म उनक भयानक पररणाम स बच सकत ह

परमशवर की वयवसटथा क उललघन क रप म पाप की इस पररभाषा क धयान म रित हए आइए हम मानव जामत म पाप की उतपमतत क दि

पाप की उतपवतत हम म स अचधकाश ल र उतपमतत तीसर अधयाय म चलिी घटनाओ स पररचचत ह जब हमार परथम

परि आदम और हववा न भल और बर क जञान क वि का िल िान क दवारा परमशवर क मवरदध बलवा मकया बाइबल क मवचार स यह क ई अकली घटना नही थी इसक कारण समपणग मानव जामत पाप की द षी और पाप स भरि ह रई धमगमवजञानी सामानयत इस मानव जामत का पाप म मररना या कवल पाप म मररना कहत ह

उतपमतत 126-31 हम बताता ह मक जब परमशवर न मनषय क रचा त हम बहत अचछ थ इस मामल म अचछ शबद का अथग ह मक हम मबलकल वस ही थ जसा परमशवर चाहता था हमार परथम परि नमतक रप स शदध परमशवर क सटवरप थ परमशवर दवारा रच रए ससार क भरन और उस पर अचधकार करन क दवारा उसकी सवा क चलए मबलकल उपयि थ

जस पौलस न र ममय 512 म सकत मदया मनषय क मररन स पहल पाप नही था हमन कभी पाप नही मकया था हमारी परवमतत पाप की नही थी हम पाप स भरि नही हए थ और हमार अनदर पाप नही था

परनत उस पापरमहत अवसटथा म भी हमार पास पाप करन की िमता और अवसर द न थ जब परमशवर न आदम और हववा क रचा और उनह अदन की वामटका म रिा त उसन उन पर बहत सी बात क परकट मकया परनत एक आजञा परमशवर की सवा करन की उनकी इचछा क परिन क चलए तीवरता स आर आई उतपमतत 216 और 17 म हम पढत ह मक परमशवर न आदम और हववा क आजञा दी मक व भल और बर क जञान क वि क छ डकर वामटका क मकसी भी वि क िल िा सकत ह और इस वयवसटथा क त डन की सभावना न आदम और हववा क पाप करन का अवसर मदया

दःिद रप स जसा हम उतपमतत 31-6 म पढत ह साप न हववा क बहका मदया मक वह उस मनषचधत िल क िाए मिर हववा न उस िल म स आदम क भी मदया और उसन भी िाया आदम और हववा न परमशवर की धमी वयवसटथा क त डा और जान-बझकर पाप क चना परकाचशतवाकय 129 सकत दता ह मक साप वासटतव म शतान था और 1 मतमचथयस 214 सकत दता ह मक हववा क बहकाया रया परनत न त शतान की परीिाए और न ही हववा की मिगता हमार परथम परि क पाप का क ई बहाना ह व द न भल की बजाय बर क चनन क द षी थ

इन घटनाओ म हम मिर स दित ह मक पाप मलत परमशवर की वयवसटथा उसकी परकट इचछा का उललघन ह जब कभी हम परमशवर की परकट वयवसटथा स अलर स चत ब लत या कायग करत ह त हम भलाई की बजाय बराई क चनत ह और चाह ध ि या चालाकी स हम स पाप करवाया रया ह मिर भी परमशवर हम उस कायग का चजममदार ठहराता ह ज हमन मकया ह इसी कारण परमशवर क वचन क अपन मदल म बठाना सहायक ह - न कवल इसचलए मक हम इस जान परनत इसचलए भी मक हम इसस परम कर जब हम

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परमशवर की वयवसटथा क जानत ह त यह पाप मक पहचान करन म हमारी सहायता करती ह चजस स हम ध िा न िाए और जब हम परमशवर की वयवसटथा स परम करत ह त उसकी आजञा मानन का चनाव करना आसान ह जाता ह

पाप की पररभाषा और उतपमतत क दिन क बाद हम पाप क पररणाम क दिन क चलए तयार ह

पाप क परिण ा म पमवतर-वचन सकत दता ह मक आदम और हववा क पाप करन क बाद परमशवर न नयाय मकया और

समपणग मानव जामत क सराप मदया इस सराप न उनक अमसटततव क परतयक पहल क परभामवत मकया इसका पररणाम तरनत आमतमक मतय म मनकला चजसक बार म पर पमवतर-वचन म बताया रया ह जस यहनना 524 और 25 इमिचसय 21-5 और कलमसटसय 213 और 14 म इसन हमार अमसटततव दह और आतमा द न क भरि मकया ज हम मयमगयाह 179 और र ममय 718-811 म दित ह और इसका अनत शारीररक मतय था जसा हम उतपमतत 319 और र ममय 512 म पढत ह अनतत पाप क कारण मानव जामत पर नरक म अननत कि का परमशवर का दणर आया जसा हम मतती 529 और 30 जस पदयाश स सीित ह

सपरचसदध पासबान चालसग सटपजगन ज 1834 स 1892 क बीच रह न अपन सनदश सराप हटाया रया म आदम और हववा पर परमशवर क सराप क बार म बताया दि उनह न कया कहा

उ स सरा प म ो क या िा वम ि ह इसम ो मत य िा व मि ह इस िह क ी मत य इ सम ो आनद त मक म त य िा व मि ह उ स आनत र िक ज ी िन की मत य ज आि म म ो थ ा - आतम ा क ा जीिन ज अ ब चि ा गया ह औि कि ि पवि तर आत मा दवा िा पन ि ाया जा सकता ह औि अ नत म ो सब स ब िति इ सम ो िा व मि ह ि ह अ न नत म त य िह भ यो क ि भ या नक िबि ldquo न िक rdquo ल ज सम ो सब क छ सम ा सकत ा ह

आदम और हववा क पाप क पररणाम समपणग मानव जामत म भी िल रए-उस परतयक वयमि म चजसन पराकमत रप स उन स जनम चलया हम पाप क इस वचशवक परभाव क 1 राजा 846 र ममय 39-12 रलामतय 322 और इमिचसय 23 जस पदयाश म दित ह दि पौलस र ममय 512 और 19 म आदम क पाप क बार म कया कहता ह

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या एक म न ष य क आजञा न म ा नन स ब हत ि ग पा पी ठहि (ि वम य ो 51219)

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा आदम समपणग मानव जामत की वाचा का मचिया था और पौलस न चसिाया मक इस कारण आदम का पाप उसक सार वशज पर आया और इसक पररणामसटवरप हम सटवभाव स पापी ह हम ससार म आमतमक रप स मत अवसटथा म ददग और कि क अधीन और शारीररक मतय की मनयमत लकर आत ह

इ स बढा -चढाक ि क हन ा क व ठन ह पा प क प णय पर िणाम क सम झना भ ी हम ा ि ल ि ए अ समभ ि ह पिनत हम ा िा पा प सव षटक त ा य क वि रदध व ि ि ह ह यह उ सक ी म वहम ा क चिा न का परया स ह यह उसक ी व यिस थ ा क त डना ह यह उसक ी म व हम ा स वग िन ा ह यह हि परका ि स अ पन आप क पिम शवि क ितर ब न ान ा ह पा प पिम शवि क साथ

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हम ा ि सो बो ध क वब गा ड ित ा ह क य ोवक पिम शवि पवि तर ह ि ह पा प क न ही ो िख सक त ा ह उ सक ी पवि तरत ा क क ा िण उ स पा प पि अ पना कर ध उ णडि ना पडत ा ह अ त जब हम मा न िी य पा प क ि खत ह ो यह ि ह सब कछ ह ज हम ो हमा िी सम स या क बा ि म ो ज ा नन ा ह यह ि ह सब कछ भी ह ज हम ो स ियो क ब ा ि म ो ज ान न क ी आि शयकत ा ह पा प एक म न वि जञा न ह ल ज स क दव ा िा ज कछ ि पय ण म ो िखत ह ो औि ज हम अ पन आप क ब ा ि म ो ज ा न त ह ो उ स समझन म ो हम ा िी सहा यत ा क ित ा ह यह हम ो इस बा त क ी भ ी या ि व िि ात ा ह वक हम ा ि पा स अ पन आप क इ स ििय िा स ब चा न क ा क ई म ागय न ही ो ह क िि पिम शवि ही यह क ि सक त ा ह औि िह इ स म सी ह म ो क ित ा ह

डा आि अल बटय म हलि ज वनयि

पाप की समसटया सचमच भीषण ह परी मानव जामत पणगत ि ई हई और द षी ह हमार पास अपन आप क छडान का क ई मारग नही ह मनरनतर परमशवर का दणर सहना हमारी मनयमत ह उस पन परसनन करन या हमार पाप क सधारन का हमार पास क ई मारग नही ह परमशवर की अनगरहकारी िमा क अलावा उदधार की मबलकल भी आशा नही ह

पाप की समसटया क दिन क बाद अब हम िमा की हमारी चचाग क मदवय अनगरह की ओर म डना चामहए ज िमा क सभव बनाता ह

व िवय अनगरह अपनी करणा म परमशवर नही चाहता था मक समपणग मानव जामत पाप क सराप की अधीनता म रह

उसन मिर मनषय दवारा पथवी क भरन और उस पर अचधकार करन क चलए और उस अपनी उपमसटथमत क य गय राजय म बदलन की य जना बनाई इसचलए पाप की समसटया क हल करन क चलए उसन एक उदधारक क भजा और वह उदधारक उसका पतर यीश मसीह था

उदधारक क रप म यीश हम द ष और भरिता स बचाता ह वह अपन साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह ससार क उसक पथवी क राजय म बदलन की हमारी य गयता क वह पन हम दता ह हमार अपन उदधार क चलए परमशवर की य जना कवल मनषय की य गयता पर मनभगर नही ह यह परमशवर क अनगरह उसकी परसननता पर मनभगर ह हम हमार मवशष परमतमनचध परभ यीश मसीह दवारा मदया जाता ह जसा हम र ममय 323 और 24 म पढत ह

सब न पा प व क या ह औि पिमशवि क ी म व हम ा स िवहत ह ो पिनत उ सक अ नगर ह स उ स छ टक ा ि क दवा िा ज म सी ह यीि म ो ह स ोत म ोत धम ी ठहिा ए ज ा त ह ो (ि व म य ो 323-24)

मदवय अनगरह क कायग क रप म िमा म मतरएकता क तीन वयमि मपता पतर और पमवतर आतमा शाममल ह और इसकी शरआत मपता स हई

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वपता

उ दध ा ि व तर एक ह व पत ा ज पहि क िता ह पतर ज प िा क िता ह आत म ा ज िाग क िता ह जब हम व पता -पतर क सो बो ध क ब ा ि म ो स चत ह ो-हम ो स चना चा व हए वक हम ा ि उ दध ा ि क ी य ज न ा म ो व पत ा पतर औि पवितर आत मा त ी न ो व यव ि िा व मि ह ो त ीन ो वयव ि अ न गरह म ो औि परम म ो औि करणा म ो क ा यय क िन क सा थ -साथ कर ध औि धा वमय क त ा औि ि ण ड क भ ी था म िहत ह ो अ त जब व पत ा क पहि क िन ि ाि क रप म ो ि खा ज ा त ा ह त ि ह इस पतर औि पव ि तर आत म ा स अ ि ग अक ि न ही ो क ित ा ह

डा स ट ी फन िि म

िमा की शरआत मपता स हई कय मक उसी न उसकी य जना बनाई नया मनयम सटपि रप स चसिाता ह मक मपता न पतर क ससार म भजा और उस उदधारकताग मनयि मकया इस हम यहनना 316-18 परररत क काम 234-36 और इबरामनय 31 और 2 म दित ह

नया मनयम यह भी चसिाता ह मक मपता अपन ल र क उदधारकताग क रप म यीश की सामथग क अचधकत मकया और करस पर यीश क बचलदान क पाप क भरतान क रप म सटवीकार करन का वायदा मकया हम मपता की इन भममकाओ क बार म यहनना 1014-18 कलमसटसय 118-20 और इबरामनय 210 जस पदयाश म पढत ह

वासटतव म र ममय 325 कहता ह मक मपता न ही यीश क बचलदान क रप म चढाया दि पौलस वहा कया चलिता ह

पिम शवि न उ स परा यल ित ठहिाया (ि व म य ो 325)

मपता छटकार का महान चशलपकार ह यह उसकी अनगरहकारी य जना और करणामय इचछा ह मक हमार पाप क िमा कर और हम आशीष द और यह उसका अचधकार ह ज उदधार क सभव और मनचित बनाता ह

यह विचाि वक कर स पि यी ि ि ग ो क परव त अ पन स िग ी य व पत ा क कर ध क इ स त िह ि ि किन क ा परया स क ि िहा ह व क यी ि त परम ी ह ि वक न व पता न ही ो यह ि ा सत ि म ो यी ि म सीह क परा यल ित क क ायय म ो ज ह िहा ह उ सक ी गि त सम झ ह कर स पि यी ि क ा क ा यय िा स ति म ो व पत ा क अ पन ि ग ो क परव त प िय ि वतय परम क ी अव भ व यव ि ह स च ो व क न य व न यम म ो व कत न ी ब ा ि इस ब ात पि ब ि वि या ग या ह वक यी ि क ा सो सा ि म ो आन ा औि कर स उ ठा न ा ि ा सत ि म ो व पत ा क परम क ा पर िणा म ह ि ह ि चन ल ज स हम म ो स अ ल धक ा ि ि ग सो भि त अपन म सी ही ज ीि न म ो पहि ि चन क रप म ो याि क ित ह ो य हनन ा 316 बि ि त ा ह ldquoक य ोवक पिम शवि न ज गत स ऐसा परम वक या वक उस न अ पन ा इ कि ौ ता पतर ि व िया rdquo अ ब इ स ि चन म ो व क स क परम पि बि व िया ज ा िहा ह म वक सी भ ी तिह यी ि क परम क कम न ही ो क ि िहा ह पिनत उ स पद ाो ि म ो पतर क िन म ो स िग ी य व पता क परम पि ब ि व ि या ज ा िहा ह

डा ज ल िग न डो क न

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पतर मदवय अनगरह ज हमारी िमा क पणग करता ह उस म पतर भी शाममल ह ज हमारा उदधारकताग ह मपता क वायद की पणगता म पतर क ससार म भजा रया चचर-परमतचित मसीहा यीश क रप म

दहधारण मकया तामक मनषय क पाप का परायचित कर इस चशिा क हम बहत स सटथान जस र ममय 325 और 26 इबरामनय 214-17 और 105-10 म पात ह

यीश न पामपय की जरह करस पर मरन क दवारा पाप का परायचित मकया हमार पाप क कारण आए सराप क उसन गरहण मकया और उसकी चसदध धाममगकता हम दी रई तामक हम पापी न मरन जाए बमलक परमशवर की आजञाकारी सनतान मान जाए कछ थ ड स सटथान जहा यह मवषय आता ह उनह हम यहनना 1014-18 रलामतय 220 2 कररमनथय 521 और इबरामनय 109-14 म पात ह जस पौलस न इमिचसय 17 म चलिा

हम क (यी ि म सीह) म ो उ सक ि ह क दव ािा छटक ा िा अ थ ा यत अ पिा ध ो क ी कषम ा उ सक उ स अन गर ह क धन क अ न साि व मि ा ह (इ व फल सय ो 17)

हमार पाप िमा मकए रए ह इसचलए नही मक परमशवर उनह अनदिा करता ह बमलक इस कारण मक उसन मसीह म उनह दणर मदया और इसीचलए पमवतर-वचन हम हमार उदधार पर मवशवास करन क चलए परररत करता ह

मपता और पतर क इन कायो पर मनभगर ह न क अमतररि िमा पमवतर आतमा क मदवय अनगरह का भी पररणाम ह

पवितर आतमा पमवतर आतमा मतरएकता का वह वयमितव ह ज वासटतव म िमा क हमार जीवन म लार करता ह

मपता न य जना बनाई और पतर न परायचित क परा मकया परनत हमार पाप वासटतव म तब तक िमा नही ह त ह जब तक मक पमवतर आतमा अपना काम न कर

जब हम मवशवास म आत ह त पमवतर आतमा उस समय तक हमार दवारा मकए रए पाप क िमा करक परमशवर क साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह वह हमारी आतमाओ का नवीनीकरण करक हम नया आमतमक जीवन भी दता ह जसा यीश न यहनना 35-8 म बताया परररत क काम 1118 इस अनभव क जीवन क चलए मन-मिराव कहता ह कय मक नवीनीकरण और मवशवास म हमशा दि और हमार पाप का अरीकार शाममल ह ता ह इस मवचार की बहत स पदयाश म पमि की रई ह जस 1 कररमनथय 611 म

और पमवतर आतमा हमार जीवन भर मनरनतर िमा लार करता रहता ह वही हमार मवशवास क बनाए रिता ह ज हम परमतमदन मन-मिराव की ओर लाता ह और वह मनरनतर हमार जीवन म िमा लार करता ह इस हम र ममय 81-16 और रलामतय 55 जस सटथान म दित ह एक उदाहरण क रप म दि पौलस 2 चथसटसलनीमकय 213 म कया कहता ह

पिम शवि न त म ह ो चन ल िया वक आत म ा क दव ा िा पव ितर ब नक ि औि सत य क ी परतीवत क िक उ दधा ि पा ओ (2 ल थ स सि न ी वक य ो 213)

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यहा पौलस न चलिा मक मसीही आतमा क कायो क दवारा उदधार पात ह ज हम पाप और अधमग स शदध करत ह अथागत आतमा क कायग ज हमार जीवन म िमा लार करत ह और जब हम मनरनतर सतय म मवशवास करत ह त आतमा मनरनतर हमार जीवन म िमा क लार करता ह

मपता पतर और पमवतर आतमा सब हमार परमत उदधार क अनगरह क मदिात ह और इसक हमार जीवन क चलए कम स कम तीन मनमहताथग ह पहला जब हम पाप करत ह और परमशवर स िमा और उदधार क अनय पहलओ की अपील करत ह त तीन मदवय वयमिय स अपनी पराथगना करन म हम सही ह दसरा जब हम इन आशीष क पात ह त हम परमशवर क तीन वयमिय क धनयवाद दना चामहए और तीसरा हम अपन उदधार पर पणग भर सा कर सकत ह यह जानत हए मक मतरएकता क तीन वयमि हम स परम करत ह और हमार उदधार क समनचित करन क चलए कायग करत ह मपता पतर और पमवतर आतमा तीन हमार लाभ क चलए पाप की समसटया क हल करन क चलए एक साथ ममलकर कायग कर रह ह

पाप की समसटया और मदवय अनगरह क दमिक ण स पाप की िमा क दिन क पिात हम िमा म वयमिरत उततरदामयतव की भममका क बार म बात करन क चलए तयार ह

वयविगत उतति िाव यत ि पमवतर-वचन सटपि रप स चसिाता ह मक परमशवर परतयक वयमि क पाप क िमा नही करता ह कछ

ल र क िमा मकया जाता ह और कछ क नही यह सतय कय ह मानवीय दमिक ण स कारण यह ह मक िमा की परमकरया म साधारण रप स वयमिरत उततरदामयतव का ततव शाममल ह ता ह सामानयत इन उततरदामयतव क परा करन वाल ल र क िमा मकया जाता ह परनत ज इन उततरदामयतव स जी चरात ह उनह नही

वयमिरत उततरदामयतव की भममका की हमारी चचाग द भार म मवभाचजत ह री पहला हम कछ शतो क बतायर चजनकी पमवतर-वचन िमा क चलए साधारण आवशयकताओ क रप म पहचान करता ह और दसरा हम िमा क पान क साधन क बार म बात करर आइए हम उन शतो स शर कर चजनह पमवतर-वचन िमा स ज डता ह

ि त पमवतर-वचन िमा क चलए द पराथममक शतो क बार म बताता ह पहला यह िमा क चलए परमशवर म

मवशवास की आवशयकता क बताता ह पमवतर-वचन म मवशवास एक बह-पिीय मवचार ह परनत इस सनदभग म जब हम परमशवर म मवशवास की बात करत ह त यह हमार दमार म ह

पिम शवि क ी व िव य सि ो चचत ा की सि ीक वत उ सक परव त ि फाि ाि सम पय ण औि भि सा व क हम ा ि उ दध ा िक ता य यी ि म सीह क ी ख ा वत ि िह हम पि करणा क िग ा

यदयमप आधमनक श ताओ क यह अजीब लर सकता ह परनत पमवतर-वचन इस परकार क मवशवास क अकसर- परमशवर का भय- कहता ह

उदाहरण क चलए भजन 1038-13 िमा की इस शतग की परकमत का इस परकार वणगन करता ह

यह िा ि याि औि अ न गरहक ािी व ि ि मब स क प क िन ि ाि ा औि अ वत करणा म य ह ि सिय ि ा िा ि वि ि ाि कित ा न िहग ा न उ सक ा कर ध सि ा क ल ि ए भ डक ा िहग ा उस

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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न हम ाि पा प ो क अन सा ि हम स व यिहा ि नही ो वक या औि न हम ा ि अ धमय क क ाम ो क अ न साि हम क बि ि ा व ि या ह ज स आक ा ि पथि ी क ऊपि ऊ चा ह ि स ही उसक ी क रणा उ सक डिि य ो क ऊपि परब ि ह उ ि या चि अ सत ा चि स ल ज तन ी ि ि ह उ स न हम ा ि अ पिा ध ो क हम स उत नी ही ि ि क ि व ि या ह ज स व पत ा अ पन ब ाि क ो पि ि या क ित ा ह ि स ही यह ि ा अ पन डिि य ो पि ि या क िता ह (भज न 1038-13)

धयान द मक यह वा का भय मानन वाल िमा पात ह उनका अधमग दर मकया जाता ह यही मवचार परी बाइबल म पाया जाता ह उदाहरण क चलए इस हम 2 इमतहास 3018 और 19 म

दित ह यह वा अपन ि जनवाल क माि करता ह मरकस 412 म यीश न सकत मदया मक कवल व ल र ही िमा क चलए परमशवर की ओर मिर सकत ह ज उस जानत और समझत ह और परररत क काम 2617 और 18 म िमा कवल उन ल र क ममल सकती ह चजनकी आि यह वा की ममहमा और सामथग क सतय क दिन क चलए ि ली रई ह

पमवतर-वचन म पाई जान वाली िमा की दसरी साधारण शतग ह टटा हआ ह ना टट हए ह न का अथग ह

पा प क ब ाि म ो ि ा सत व िक ि ख पिम शवि की व यि स था क त डन पि सचचा पिात ा प

यह कवल पकड जान पर या दणर का दि नही ह परनत अनबनध मक परमशवर की शत पमवतर ह और उसका सममान करन म असिल ह न पर मदल का टटना

पिा त ा प क अ थय म ो हम स मझ स औि आप स अ पल कषत ह व क हम ो अ पन पा प क ा अ पिाध -ब ध ह म ो ब त िब ा क सा थ पा प क िन क ब ाि िाऊि क ब ाि म ो स चत ा ह हा उ सन ब त िब ा क व िरदध पाप व क या था औि उसन ब त िबा क पव त क व ि रदध पा प व क या थ ा उ सन पिा न वन यम क ी क ि ी लसया क व िरदध पा प वक या था पिनत अ नतत ldquo म ो न कि ि त ि ही व िरदध पाप व क या ह औि त िी ि वषट म ो ज ब िा ह ि ह व क या ह rdquo औि आप उ सक व िि क पिात ा प क म हस स कित ह ो आधव न क िब ि म ो म ो स चता ह व क ldquo ट ट ा पनrdquo ह औि हम ो ि चन क ी ज रित ह व क पव ि तर आत म ा क दव ा िा हम ो त ड हम ो पिम शवि क ी उ पनद सथ व त म ो त ड

डा डिक डबल य एच थ ा म स

उदाहरण क चलए 2 शमएल अधयाय 11 म दाऊद क मन म क ई पिाताप नही था जब उसन बतशबा क साथ वयमभचार मकया और मिर उसक रभगधारण क चछपान क चलए उसक पमत उररयाह की मौत का इनतजाम मकया बतशबा क रभगधारण क समय अपन बचच क जनम क समय तक दाऊद क अपन कायो का क ई दि नही था उस समय नातान नबी दाऊद क पाप क मवषय म उसका सामना करता ह जसा हम 2 शमएल अधयाय 12 म पढत ह कवल उस समय दाऊद न अपन अपराध क माना और अपन आप क उसका द षी माना मिर टटपन की आतमा म अपन रहर दि और पिाताप क अमभवयि करन क चलए उसन अपन पिाताप का महान भजन भजन 51 चलिा दि दाऊद न भजन 51 क पद 6 और 17 म कया चलिा

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त ह ि य क ी सचचा ई स परसनन ह त ा ह ट ट ा म न पिम शवि क य गय ब लि िा न ह ह पिम शवि त ट ट औि व पस हए म न क तचछ न ही ो ज ा नत ा (भज न 51617)

दाऊद न पहचान चलया मक परमशवर की िमा क पान क चलए उस अपन पाप क बार म परमशवर क दमिक ण की आवशयकता थी उस अपन कायग स घणा करन और उस पर वासटतव म दिी ह न की आवशयकता थी

हम टटपन पर इसी बल क भजन 32 पद 1 और 2 म दित ह जहा िमा उन ल र क ममलती ह चजन म क ई कपट नही ह इस हम यशायाह 557 म पात ह जहा परमशवर उन पर करणा करता ह ज अपन पाप क तयार दत ह और इस हम मयमगयाह 53 म सनत ह जहा उन ल र क िमा स इनकार कर मदया जाता ह चजनक हदय उनक पाप क सबध म हठील ह

म िा वि चा ि ह व क हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि ध यान िग ा न क दव ा िा अ पन व िि म ो पिा त ा प क उ त पनन कित ह ो इस हम उ त पवतत स परक ा ल ित ि ाकय त क ब ाइ बि पिम शवि क बा ि म ो ज ब ता त ी ह उ स पि व ि चा ि क िन क दव ा िा क ि सकत ह ो वक िह अ न ा जञा क ा िी ि ग ो स सो ग वत नही ो क ि सकत ा पिनत ज अनाजञाक ारिता क ा नयाय क ित ा ह औि अ पिा ल धय ो क ि ण ड ि त ा ह यही पिम शवि की पव ि तर ता क ा सा ि ह औि ज ब हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि व ि चा ि क ित ह ो त आइ ए पी छ म डक ि हम अ पन जी ि न क ि ख ो व क व कस परक ा ि हम न व यिस थ ा क त डा आजञा क ा उ ललो घ न वक या औि पिम शवि क ी बा त ो पि ध या न न ित हए उ स स ि ि ह ग ए अ पन ज ीि न क एक जो जा ि ब न ा ल ि या ल ज स स उ सक ा अ न ाि ि ह त ा ह अ ब पी छ म डक ि ि ख ो िह सा िा िण ड ज मझ पि पडन ा था ि ा सत ि म ो मसी ह पि पडा औि उ सन उ स सहा औि यह म झ बत ा त ा ह वक मि अ पन पा प व कत न ि ः खि थ व क म ि ल ि ए उन का पिा त ा प क िि पिम शवि क ि हधा िी पतर क ी म त य क दव ा िा वक या ज ा सक त ा थ ा औि जब म झ म हस स ह त ा ह वक पिम शवि की पव ि तरत ा क परक ा ि म ो म ि पा प व क तन िः खि ह ो औि उ नह ो ि ि क िन क ल ि ए क या म ाो ग क ी ग ई त पा प क परवत मिा ि ःख त ीवर ह ज ा एग ा म िा पिा त ा प ग हिा ह ग ा औि उ सक दव ा िा ब ाि-ब ाि औि ब ाि -ब ा ि अ पन आप क पव ि तर ता क ल ि ए पिम शवि क सम व पय त क िन क ा औि उस यह ब त ान क ा ईम ा नि ा ि परया स उत पनन ह ग ा वक मझ वकत न ा अ ल धक पछत ा िा ह औि ि ा स ति म ो म ो पा प ो स घ णा कित ा ह ल ज नह ोन पिा त ा प क आि शयक ब ना या

डा ज आई प क ि

मवशवास की अवसटथाए और टटा मन परतयक वयमि क जीवन क चलए महतवपणग ह चाह हम मवशवासी ह या नही चजन ल र न मसीह क अपन परभ और उदधारकताग क रप म गरहण नही मकया ह उनक चलए य अवसटथाए परमशवर म आन और पाप की िमा पान और मसीह म नय जीवन की शरआत करन क अवसर ह और हम म स ज ल र पहल स ही मसीह स सबचधत ह उनह यह याद मदलात ह मक हम मनरनतर मवशवास का जीवन जीना ह और हमार दवारा मनरनतर मकए जान वाल पाप क परमत हम वासटतव म दिी ह ना ह तामक हम मनरनतर िमा पा सक और दमनक आधार पर शदध ह सक

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अब जबमक हम दि चक ह मक िमा की अवसटथाओ म सामानयत कायगकारी मवशवास और हमारा टटा हआ मन शाममल ह ता ह त आइए हम उन साधारण साधन क दि चजनक दवारा हम िमा क पा सकत ह

स ाधन कई बार मसीही अनगरह क साधन और अनगरह क आधार क बीच अनतर क समझन म असिल ह

जात ह पररणामसटवरप व रलती स यह स चत ह मक अनगरह क पान या हम पर अनगरह करन क चलए परमशवर पर दबाव रालन क चलए अनगरह क साधन का परय र मकया जा सकता ह अत एक साधन और आधार क बीच अनतर क पहचानना महतवपणग ह इस अनतर क दिन म सहायता क चलए कलपना कर मक एक वयमि क च ट स उबरन क चलए शारीररक चचमकतसा की आवशयकता ह चचमकतसा महरी ह और उसका भरतान एक दानकताग दवारा मकया जाता ह हम कह सकत ह मक वयमि क र र स पणगत उबारन वाला साधन चचमकतसा ह परनत इस सटवासटथय-लाभ का आचथगक आधार दान ह

इन मभननताओ क हम सिप म इस परकार कह सकत ह मक आधार वह मल या य गयता ह चजसम क ई कायग या पररणाम आधाररत ह जबमक साधन वह औजार या यनतर ह ज उस कायग या पररणाम क समभव बनाता ह

जब परमशवर स िमा और अनगरह पान की बात आती ह त आधार हमशा मसीह की य गयता ह चजस उसन अपन आजञाकारी जीवन और करस की मतय क दवारा अचजगत मकया इस हम मतती 2628 कलमसटसय 113 और 14 और 1 यहनना 212 जस सटथान पर दित ह िमा क सवगदा अचजगत मकया जाता ह परनत इस मसीह क दवारा अचजगत मकया जाता ह हमार दवारा नही और मवशववास वह मलभत साधन ह चजसक दवारा सारा अनगरह हमार जीवन म लार मकया जाता ह चाह परमशवर क सममि परतयि रप स अमभवयि मकया जाए या अनगरह क साधन क दवारा मवशवास वह पराथममक औजार ह चजसक दवारा परमशवर हमार जीवन म अनगरह और अनय आशीष क लार करता ह

पमवतर-वचन कई साधन का वणगन करता ह चजनक दवारा मवशवास सामानयत कायग करता ह इस अधयाय म हमार उददशय क चलए इन अनय साधन क हम सिप म पराथगना स शर करक द सामानय शचणय म बाट सकत ह

समपणग पमवतर-वचन म पराथगना क परमशवर स अनगरह और िमा मारन क साधारण साधन क रप म परसटतत मकया रया ह जस बाइबल अरीकार और मन मिराव की पराथगना क आमतौर पर मवशवास की अमभवयमि बताती ह चजनक दवारा पमवतर आतमा हम िमा परदान करता ह इन पराथगनाओ की परभावशीलता क 1 राजा 829-40 भजन 321-11 परररत क काम 822 1 यहनना 19 और बहत स अनय सटथान पर चसिाया रया ह

उन ल र क चलए चजनह न अभी हाल ही म परभ क जाना ह अरीकार और मन मिराव की मवशवासय गय पराथगनाए व साधन ह चजनक दवारा पमवतर आतमा आरममभक रप म िमा और उदधार क उनक जीवन म लार करता ह इसीचलए परररत क काम 1118 म कलीचसया न मन पररवतगन क जीवन क चलए मन मिराव कहा और सार मवशवाचसय क चलए अरीकार और मर मिराव की पराथगना अपन जीवन म परमशवर क अनगरह क पान क महतवपणग साधन बन रहत ह जसा हम 1 यहनना 19 म पढत ह

यव ि हम अ पन पा प ो क म ान ि ो त (पिम शवि) हम ा ि पा प ो क कषम ा क िन औि हम ो सब अ धमय स ि दध क िन म ो व िशवा सय गय औि धम ी ह (1 य हनना 19)

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ससमाचार का अदभत समाचार ह मक मसीह न हमार चलए ज मकया ह उसक आधार पर हमार पाप का मफत म िमा करता ह और हम मवशवास क साथ कवल मारन क दवारा इस िमा क परापत कर सकत ह

आप ज ा न त ह ो व क ब हत स ि ग यह स चत ह ो वक यवि आप यह ल सख ा त ह ो व क पा पी क पिम शवि क पा स आक ि कि ि ldquoह सि ग ी य व पत ा मझ कषम ा किrdquo क हन स पिम शवि उ नह ो कषम ा क ि िग ा त यह पिम शवि क अ न गरह क सस त ा ब न ा ि ग ा पिनत त थय यह ह व क यह पिम शवि क अ न गर ह क ऊ चा उ ठा त ा ह इ सल ि ए न ही ो वक हम ा िा म न व फिाि हम ो ब चा त ा ह या उसक आधा ि पि पिम शवि हम ो कषम ा कित ा ह पिनत इ सल ि ए व क पिम शवि न स ि यो अ पन एक ि ौत पतर क ी अ न नत रप स म ल यि ान औि अ ग णय रप स म हो ग ी मत य क आधा ि पि हमा ि लि ए कषम ा औि म ि -वम िाप क ा आधा ि त याि व कया ह

डा ज ल िग न डो क न

इ स त थय न वक यी ि म सीह पिम शवि का पतर वतर एकत ा म ो ि सिा व यव ि पथि ी पि आया औि नमर त ा औि ि ासरप म ो त ीस ि षय वब ता ए औि व फि क षट सहा औि कर स पि म िा -हम ा ि पा प ो क िण ड क ा भग त ा न क िन क ल ि ए कर स पि पा प क अ न नत क जय क उ ठा ल िया यह एक अन नत म ल य ह यह एक अ न नत क ीम त ह ब हत बडी क ी मत हम ा ि पा प ो क लि ए अन नत क ीम त इ सल ि ए यह ससत ा अ न गरह न ही ो ह यह अ ब त क परा पत व क या ग या सि ा यलधक म हो ग ा अन गर ह ह हम इ स म फ त उपहा ि क रप म ो परापत क ित ह ो पिनत कि ि इ स क ा िण व क यी ि न अ पन ा सब क छ हम ा ि लि ए ि व ि या

डा म ाकय सर स

ज उ सक पा स आक ि कि ि ldquoपरभ म झ कषम ा क िrdquo क हत ह ो उ नह ो कषम ा व क या ज ात ा ह इसल ि ए न ही ो वक कषम ा क ी उ नक ी व िन त ी ब हत क ि ीन थ ी इ सल ि ए न ही ो व क उ न क ा म न व फिाि ब हत अच छा थ ा पिनत इ सलि ए वक यी ि न िह सब कि व ि या ह ज हम ा ि स ि ग ी य व पत ा क साथ सो ग वत म ो पन ि ौ टन क ल ि ए हम ाि ल ि ए आि शयक थ ा

डा ज ल िग न डो क न

अब हम यह बतान क चलए रकना चामहए मक अरीकार और मन मिराव की पराथगनाओ क अमतररि ज िमा क साधारण साधन क रप म कायग करती ह मबचवई की पराथगना कई बार िमा क असाधारण या असामानय साधन क रप म कायग करती ह मबचवई क इस परकार पररभामषत मकया जा सकता ह मधयसटथता या मकसी और की िामतर मवनती या पराथगना

पमवतर-वचन म ल र दवारा परभावी मधयसटथता की पराथगना क बहत स उदाहरण ह इस हम मरनती 1419 और 20 म दित ह जहा मसा की मधयसटथता की पराथगना क जवाब म यह वा न इसराएल क पाप क िमा कर मदया इस हम 2 इमतहास 3018-20 म पात ह जहा महजमकयाह की मबचवई क जवाब म यह वा न उन ल र क माि कर मदया चजनह न िसह की उचचत तयारी नही की थी इस हम अययब 15 म दित ह

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जहा हम सीित ह मक अययब मनरनतर अपन बचच क चलए मबचवई क बचलदान चढाया करता था और इस हम याकब 514 और 15 म दित ह जहा याकब न चसिाया मक कलीचसया क परमनए उन ल र क चलए िमा क परापत कर सकत ह चजनह न पाप मकया ह परमशवर मवशवासय गय ल र की मबचवई क पराथगना क जवाब म हमशा िमा परदान नही करता ह परनत बहत बार वह ऐसा करता ह

और इस परकार की मानवीय मबचवई स बढकर पतर और पमवतर आतमा द न ल र क चलए मधयसटथता करत ह यीश दवारा की जान वाली मधयसटथता क बार म यशायाह 5312 र ममय 834 और इबरामनय 725 जस सटथान पर बताया रया ह और आतमा की मधयसटथता क बार म र ममय 826 और 27 म चसिाया रया ह

िमा क साधन की दसरी सामानय शणी पमवतर ससटकार ह या चजनह आधमनक पर टसटटनट कलीचसयाए-मवधान कहती ह मखयत बपमतसटमा और परभ भ ज

अब जब हम ससटकार शबद का परय र करत ह त हम इस बात क सटपि करन की आवशयकता ह मक हम परभ भ ज और बपमतसटमा क बार म र मन कथ चलक कलीचसया क मवचार की बात नही कर रह ह बमलक ससटकार शबद का परय र बहत सी पर टसटटनट ससटथाओ दवारा ऐमतहाचसक रप स परभ भ ज और बपमतसटमा क चलए मकया जाता रहा ह य समार ह मवशष पमवतर मवधान ह चजनह परमशवर न हमार मवशवास क अमभवयि करन और उसकी आशीष क पान क साधन क रप म कलीचसया क उपलबध कराया इन मवधान क कायग मववरण क बार म पर टसटटनट परमपराओ म मतभद ह परनत व सब इस बात स सहमत ह मक य मकसी तरह मवशष ह

कई बार मसीमहय क सनदह ह ता ह जब व दसर क परभ भ ज और बपमतसटमा क िमा क साधन क रप म बतात हए सनत ह अत इस बात पर बल दना महतवपणग ह मक हम यह नही कह रह ह मक इन मवधान म ऐसी क ई य गयता नही ह ज उनह परभावी बनाती ह य िमा का आधार नही ह

साथ ही बाइबल चसिाती ह मक जब हम परभ भ ज और बपमतसटमा क दवारा अपन मवशवास क अमभवयि करत ह त पमवतर आतमा हमार जीवन म िमा क लार करन क चलए इन मवधान का परय र करता ह

बपमतसटमा क मरकस 14 परररत क काम 238 र ममय 61-7 और कलमसटसय 212-14 जस पदयाश म अनगरह का साधन बताया रया ह

एक उदाहरण क रप म परररत क काम 2216 म पौलस स कह रए हननयाह क शबद क सन

अ ब क य ो ि ि क िता ह उ ठ बपव त स म ा ि औि उ सक ा ना म ि क ि अ पन पा प ो क ध डा ि (परर ित ो क क ाम 2216)

इन मनदश म हननयाह न सकत मदया मक बपमतसटमा क दवारा पौलस क पाप क िमा मकया या- ध मदया जाएरा

अब मनसटसनदह बपमतसटमा िमा का एक आवशयक साधन नही ह हम दसर तरीक स भी िमा ममल सकती ह जस यीश क साथ करस पर चढाए रए मवशवास करन वाल उस राक न कभी बपमतसटमा नही चलया था मिर भी लका 2343 सकत दता ह मक उस िमा मकया रया और उसन उदधार पाया अत हम यह स चन की रलती नही करनी चामहए मक िमा और उदधार कवल उन ल र क चलए उपलबध ह चजनह न बपमतसटमा ल चलया ह मिर भी पमवतर-वचन इस पणगत सटपि करता ह मक बपमतसटमा साधारणत हमार जीवन म िमा क लार करन क साधन क रप म कायग करता ह

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और परभ भ ज का भी यही सतय ह पौलस न सटपि रप स चसिाया मक परभ भ ज म भार लना मसीह की मतय क लाभ जस िमा क परापत करन का माधयम ह दि 1 कररमनथय 1016 म उसन कया चलिा ह

िह धनयिाि क ा क ट िा लजस पि हम धनयि ा ि क ित ह ो क या म सी ह क ि ह क ी सहभ ा व गत ा नही ो ि ह ि ट ी लजस हम त डत ह ो क या ि ह म सीह क ी ि ह क ी सहभ ा व गत ा न ही ो (1 कर िनद नथ य ो 1016)

य अलकाररक परशन थ पौलस की पमतरय क पढन वाला परतयक वयमि जानता था मक उनका उततर था -हा मनसटसनदह मवशवास क साथ परभ भ ज म भार लन क दवारा हम मसीह क साथ एक ह त ह

पाप की िमा उदधार की एक महान आशीष ह चजस हम अपन समपणग मसीही जीवन क दौरान अनभव करत ह चाह हम नय मसीही ह या जीवन भर स मवशवासी रह ह िमा मसीह क साथ हमारी चाल का एक सतत पहल ह और इसक पररणामसटवरप बहत सी अनय आशीष भी ममलती ह

जान वसटली मथ मरसटट कलीचसया क ससटथापक ज 1703 स 1791 क बीच रह न अपन सनदश सखया 26 म िमा क बार म बताया चजस म उनह न पहाडी उपदश की वयाखया की दि मक उनह न वहा कया कहा

पा प ो क ी कषम ा पा त ही हम इ सी परक ा ि उ न क साथ ब हत कछ पा त ह ो ज व ि शवास क दवा िा ज उ स म ो ह पव ितर वक ए ग ए ह ो पा प अ पन ी सा मथय ख चक ा ह इसक ा उन पि क ई अ ल धक ा ि न ही ो ह ज अनगर ह यावन पिम शवि की परसननत ा क अ धी न ह ो क य ोवक ज म सी ह म ो ह ो उ न पि क ई ि णड क ी आजञा न ही ो ह इ सल ि ए ि पा प क सा थ -साथ गि ा व न स भ ी म ि वक ए ग ए ह ो व यि सथ ा क ी धा वमय क त ा उ नम ो प िी हई ह औि ि ििीि क अ न सा ि न ही ो पिनत आतम ा क अ न सा ि चित ह ो

म ो स चता ह पा प ो क ी कषमा एक परक ा ि स म सी व हय ो क रप म ो हमा िी सि ा यल धक अ नम ि ि ा सत व िकत ा ह म िभ त रप स हम ा ि पा प ो क कषमा क िन क ा अथय ह पिम शवि हम ा ि सवषट कत ा य क साथ सही सो बो ध म ो िहन ा आज ज ब हम सो सा ि क िख त ह ो हम पा त ह ो वक ि ग अ थय महत ि उ दद शय क ी ख ज म ो ह ो औि हम ा िी सो सक वत म ो अ त यल धक अ समो जस ह ज ीि न क या ह ज ी न क ा क ा िण क या ह म ो यहा क य ो ह औि इ सल ि ए ि ग अथय औि म हति क ख ज न क ल ि ए हि त िह स परया स क ित ह ो-वफि चा ह ि अ पन ी न ौ किी का पी छ ा क िो या ि ोव गकत ा या म ा िक पि ा थ ो क ा म िा मत िब ह व क ि ग ख िी औि आन नि क पा न क लि ए हि त िह क सथ ा न ो औि म ा गो म ो परयास क ि िह ह ो पिनत ससम ा चा ि हम ो बत ा ता ह वक म न षय ो क रप म ो हम ा िी म िभ त आि शयकत ा अ पन सवषटक त ा य क सा थ सही सो बो ध म ो िहन ा ह उ सक सा थ ल ज सन हम ो ब न ा या ह ससम ा चा ि ब त ात ा ह व क पिम शवि न अ पन पतर यी ि म सी ह क भ ज ा वक ि ह हम ा ि पा प ो क ा परा यल ित कि पिम शवि क कर ध क ि ि कि पिम शवि न अ पन परम म ो अ पन पतर क भज ा वक हम ा ि पा प कषम ा ह सको तावक यवि हम उस पि भि सा क िो त हम ा ि पा प कषम ा ह सको औि ज ब हम उ स अ नभ ि पि आत ह ो जब हम ऐसी कषम ा क ल ि ए यी ि म सी ह क ी ओि वफित ह ो त एक अत ल य िा नद नत क ा अ हसास ह त ा ह सो सा ि क सा थ सही ह न क ा अहसा स कय ोवक यह ि ा सत ि म ो सो सा ि क सा थ सही ह न ा

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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ह हम अ चा नक महस स क ित ह ो व क हम ो इ सक ल ि ए ही ब न ा या ग या ह हम ो पिम शवि क सा थ सही सो बो ध म ो िहन क ल ि ए बन ा या ग या ह उ स पि हम पहचा नत ह ो

डा ट ा म शरन ि

अब जबमक हम पाप की िमा की धमगचशिा क दि चक ह त हम मवशवास क अरल सतर क दिन क चलए तयार ह दह का पनरतथान

पनर तथान

परररत क मवशवास-कथन क इन शबद क याद कर

म ो

ि ह क पन रत थ ा न म ो वि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर हम सटपि ह न की आवशयकता ह मक मवशवास-कथन यीश क पनरतथान क बार म बात नही कर रहा ह यीश का पनरतथान मवशवास-कथन म पहल आता ह जब यह कहता ह मक यीश मतक म स तीसर मदन जी उठा जब मवशवास-कथन दह क पनरतथान क बार म बात करता ह त इसक मन म सामानय पनरतथान ह-मसीह क ममहमा म आरमन पर सार ल र का पनरतथान

हम दह क सामानय पनरतथान क तीन चरण म दिर पहला हम सराप क दिर चजसक पररणामसटवरप हमारी दह म मतय आती ह दसरा हम बतायर मक मसीही ससमाचार हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करता ह और तीसरा हम दिर मक अनत म मकस परकार हमारी दह का छटकारा ह रा आइए सराप स शर कर ज हमारी दह म मतय क लाता ह

सराप जसा हमन पवगवमतग अधयाय म दिा परमशवर न मनषय क शारीररक दह और रर-शारीररक पराण स

बनाया इबरामनय 412 और 1 चथसटसलनीमकय 523 क आधार पर कछ परमपराओ का मानना ह मक परतयक मनषय म पराण क अमतररि आतमा भी ह ती ह परनत लरभर 200 ऐस वचन ह चजन म हमार अमसटततव क सार आनतररक रर-शारीररक पहलओ क समपणग रप म बतान क चलए इनम स मकसी एक शबद का परय र मकया रया ह अत अचधकाश मसीमहय का मनषकषग ह मक पराण और आतमा द न शबद एक ही वासटतमवकता क बतात ह और मनषय मखयत कवल द भार स मनममगत ह दह और आतमा

पाप म मररन स पवग हमारी दह और हमारी आतमा पर पाप और इसकी भरि शमिय का क ई परभाव नही था परनत जब आदम और हववा पाप म मरर रए त पाप न न कवल उनकी आतमाओ बमलक उनकी दह क भी भरि कर मदया और उनकी दह क दमषत ह न का अमनतम पररणाम उनकी शारीररक मतय थी उतपमतत 319 म आदम पर परमशवर क सराप क दि

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 6: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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धयान द मक यह उततर परमशवर की वयवसटथा क त डन क द सामानय परकार की पहचान करता ह वयवसटथा की अनरपता का अभाव और वयवसटथा का उललघन

एक ओर वयवसटथा की अनरपता का अभाव पमवतर-वचन की आजञाओ क मानन म असिल ह ना ह यह अकसर ममटान का पाप कहलाता ह कय मक हम उस छ ड दत ह या अनदिा कर दत ह ज हम करना चामहए दसरी तरि वयवसटथा का उललघन वह कायग करना ह चजस करन स पमवतर-वचन र कता ह इस परकार क उललघन क अकसर आजञा का पाप कहा जाता ह कय मक हम स चन महसस करन या जान-बझकर कछ ऐसा कायग करन क दवारा पाप करत ह चजस करन स पमवतर-वचन मना करता ह

अब जब हम परमशवर की वयवसटथा क बार म एक लकषय क रप म बात करत ह ज पाप क पररभामषत करता ह त यह बताना महतवपणग ह मक परमशवर की वयवसटथा मनमानी या बतरतीब नही ह इसक मवपरीत वयवसटथा परमशवर क चसदध चररतर का परमतमबमब ह दि पौलस र ममय 712 म वयवसटथा का मकस परकार वणगन करता ह

व यि सथ ा पव ितर ह औि आजञा भ ी ठी क औि अचछ ी ह (ि वमय ो 712)

जस पौलस न यहा कहा परमशवर की आजञाए परमशवर क समान ही हमशा पमवतर धमी और अचछी ह परमशवर की आजञाए हमशा उसक सटवभाव स मल िाती ह

इसी कारण पमवतर-वचन चसिाता ह मक यमद हम परमशवर स परम करत ह त हम उसकी आजञाओ क मानर यमद हम परमशवर स परम करत ह त हम उन बात स भी परम करर ज परमशवर क परमतमबममबत करती ह जस उसकी वयवसटथा इस हम वयवसटथामववरण 510 और 65 और 6 मतती 2237-40 यहनना 1415-24 और बहत स अनय सटथान पर दित ह दि यहनना 1 यहनना 53 म कया चलिता ह

औि पिम शवि क ा परम यह ह वक हम उ सकी आजञा ओ ो क म ा न ो (1 य हनना 53)

परमशवर क चलए परम उसकी वयवसटथा क मानन स परकट ह ता ह इसचलए जब हम उसकी वयवसटथा क त डत ह त हम परमशवर क चलए परम म कायग नही कर रह ह हम पाप कर रह ह

ब ा इब ि म ो पिम शवि स परम क िन औि पिम शवि क ी आजञा म ानन म ो ब हत घव न षठ सो बो ध ह म िा मा न ना ह वक पहि ी ब ात ल ज स हम ो स पषट क िना ह ि ह यह ह वक कि ि पिम शवि स परम क िन ा ही पिमशवि स परम क िन क ी आजञा क प िा न ही ो क िता ह एक क ा यय -कनद नि त अ व नि ा यय न ी िसता ह सक त ी ह ज क भी मन म ो न ही ो थ ी जब बा इब ि न क हा यवि तम मझ स परम क ित ह या म सी ह न क हा यवि त म म झ स परम क ित ह त म िी आजञा ओ ो क म ा न ग पिनत यव ि परम ह यवि पिम शवि क आन नि म ो स ि यो क ि न क ी सि चछ ा ह त उ सक ा सिायलधक सिाभ ाविक औि पराम ालणक परक टीक िण एक गहिा इच छक औि त त पि आजञा पा ि न ह ग ा क य ोवक इ सक ा आधा ि इ स ि ाि सा म ो ह व क उ स पिम शवि क परसनन क िन ा ह लज स स आप परम क ित ह ो औि ल ज स म ो आप मग न ह त ह ो इ सका आधा ि यह भ ि सा ह वक इ स ldquo पिम शवि का म ागय rdquo आपक ल ि ए उ तन ा ही व ि शवसन ी य औि अच छ ा ह लज त न ा व क उ सक ा अ पन ा स ि भाि

डा गि न स क ज ी

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जब हम परमशवर क परमत परम म कायग करन स चक जात ह त हम उसक मवरदध मवदर ह करन क दवारा उसकी वयवसटथा क त डन क दवारा बराई करन क दवारा परमाप स चकन क दवारा उसक पमवतर धमी और अचछ चररतर क ठस पहचान क दवारा पाप करत ह परनत जब परमशवर क परमत हमारा परम हम परररत करता ह त हम उसकी रचचय और मार क अपन स ऊपर रित ह और पररणामसटवरप हम बहत स पाप स और अपन जीवन म उनक भयानक पररणाम स बच सकत ह

परमशवर की वयवसटथा क उललघन क रप म पाप की इस पररभाषा क धयान म रित हए आइए हम मानव जामत म पाप की उतपमतत क दि

पाप की उतपवतत हम म स अचधकाश ल र उतपमतत तीसर अधयाय म चलिी घटनाओ स पररचचत ह जब हमार परथम

परि आदम और हववा न भल और बर क जञान क वि का िल िान क दवारा परमशवर क मवरदध बलवा मकया बाइबल क मवचार स यह क ई अकली घटना नही थी इसक कारण समपणग मानव जामत पाप की द षी और पाप स भरि ह रई धमगमवजञानी सामानयत इस मानव जामत का पाप म मररना या कवल पाप म मररना कहत ह

उतपमतत 126-31 हम बताता ह मक जब परमशवर न मनषय क रचा त हम बहत अचछ थ इस मामल म अचछ शबद का अथग ह मक हम मबलकल वस ही थ जसा परमशवर चाहता था हमार परथम परि नमतक रप स शदध परमशवर क सटवरप थ परमशवर दवारा रच रए ससार क भरन और उस पर अचधकार करन क दवारा उसकी सवा क चलए मबलकल उपयि थ

जस पौलस न र ममय 512 म सकत मदया मनषय क मररन स पहल पाप नही था हमन कभी पाप नही मकया था हमारी परवमतत पाप की नही थी हम पाप स भरि नही हए थ और हमार अनदर पाप नही था

परनत उस पापरमहत अवसटथा म भी हमार पास पाप करन की िमता और अवसर द न थ जब परमशवर न आदम और हववा क रचा और उनह अदन की वामटका म रिा त उसन उन पर बहत सी बात क परकट मकया परनत एक आजञा परमशवर की सवा करन की उनकी इचछा क परिन क चलए तीवरता स आर आई उतपमतत 216 और 17 म हम पढत ह मक परमशवर न आदम और हववा क आजञा दी मक व भल और बर क जञान क वि क छ डकर वामटका क मकसी भी वि क िल िा सकत ह और इस वयवसटथा क त डन की सभावना न आदम और हववा क पाप करन का अवसर मदया

दःिद रप स जसा हम उतपमतत 31-6 म पढत ह साप न हववा क बहका मदया मक वह उस मनषचधत िल क िाए मिर हववा न उस िल म स आदम क भी मदया और उसन भी िाया आदम और हववा न परमशवर की धमी वयवसटथा क त डा और जान-बझकर पाप क चना परकाचशतवाकय 129 सकत दता ह मक साप वासटतव म शतान था और 1 मतमचथयस 214 सकत दता ह मक हववा क बहकाया रया परनत न त शतान की परीिाए और न ही हववा की मिगता हमार परथम परि क पाप का क ई बहाना ह व द न भल की बजाय बर क चनन क द षी थ

इन घटनाओ म हम मिर स दित ह मक पाप मलत परमशवर की वयवसटथा उसकी परकट इचछा का उललघन ह जब कभी हम परमशवर की परकट वयवसटथा स अलर स चत ब लत या कायग करत ह त हम भलाई की बजाय बराई क चनत ह और चाह ध ि या चालाकी स हम स पाप करवाया रया ह मिर भी परमशवर हम उस कायग का चजममदार ठहराता ह ज हमन मकया ह इसी कारण परमशवर क वचन क अपन मदल म बठाना सहायक ह - न कवल इसचलए मक हम इस जान परनत इसचलए भी मक हम इसस परम कर जब हम

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परमशवर की वयवसटथा क जानत ह त यह पाप मक पहचान करन म हमारी सहायता करती ह चजस स हम ध िा न िाए और जब हम परमशवर की वयवसटथा स परम करत ह त उसकी आजञा मानन का चनाव करना आसान ह जाता ह

पाप की पररभाषा और उतपमतत क दिन क बाद हम पाप क पररणाम क दिन क चलए तयार ह

पाप क परिण ा म पमवतर-वचन सकत दता ह मक आदम और हववा क पाप करन क बाद परमशवर न नयाय मकया और

समपणग मानव जामत क सराप मदया इस सराप न उनक अमसटततव क परतयक पहल क परभामवत मकया इसका पररणाम तरनत आमतमक मतय म मनकला चजसक बार म पर पमवतर-वचन म बताया रया ह जस यहनना 524 और 25 इमिचसय 21-5 और कलमसटसय 213 और 14 म इसन हमार अमसटततव दह और आतमा द न क भरि मकया ज हम मयमगयाह 179 और र ममय 718-811 म दित ह और इसका अनत शारीररक मतय था जसा हम उतपमतत 319 और र ममय 512 म पढत ह अनतत पाप क कारण मानव जामत पर नरक म अननत कि का परमशवर का दणर आया जसा हम मतती 529 और 30 जस पदयाश स सीित ह

सपरचसदध पासबान चालसग सटपजगन ज 1834 स 1892 क बीच रह न अपन सनदश सराप हटाया रया म आदम और हववा पर परमशवर क सराप क बार म बताया दि उनह न कया कहा

उ स सरा प म ो क या िा वम ि ह इसम ो मत य िा व मि ह इस िह क ी मत य इ सम ो आनद त मक म त य िा व मि ह उ स आनत र िक ज ी िन की मत य ज आि म म ो थ ा - आतम ा क ा जीिन ज अ ब चि ा गया ह औि कि ि पवि तर आत मा दवा िा पन ि ाया जा सकता ह औि अ नत म ो सब स ब िति इ सम ो िा व मि ह ि ह अ न नत म त य िह भ यो क ि भ या नक िबि ldquo न िक rdquo ल ज सम ो सब क छ सम ा सकत ा ह

आदम और हववा क पाप क पररणाम समपणग मानव जामत म भी िल रए-उस परतयक वयमि म चजसन पराकमत रप स उन स जनम चलया हम पाप क इस वचशवक परभाव क 1 राजा 846 र ममय 39-12 रलामतय 322 और इमिचसय 23 जस पदयाश म दित ह दि पौलस र ममय 512 और 19 म आदम क पाप क बार म कया कहता ह

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या एक म न ष य क आजञा न म ा नन स ब हत ि ग पा पी ठहि (ि वम य ो 51219)

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा आदम समपणग मानव जामत की वाचा का मचिया था और पौलस न चसिाया मक इस कारण आदम का पाप उसक सार वशज पर आया और इसक पररणामसटवरप हम सटवभाव स पापी ह हम ससार म आमतमक रप स मत अवसटथा म ददग और कि क अधीन और शारीररक मतय की मनयमत लकर आत ह

इ स बढा -चढाक ि क हन ा क व ठन ह पा प क प णय पर िणाम क सम झना भ ी हम ा ि ल ि ए अ समभ ि ह पिनत हम ा िा पा प सव षटक त ा य क वि रदध व ि ि ह ह यह उ सक ी म वहम ा क चिा न का परया स ह यह उसक ी व यिस थ ा क त डना ह यह उसक ी म व हम ा स वग िन ा ह यह हि परका ि स अ पन आप क पिम शवि क ितर ब न ान ा ह पा प पिम शवि क साथ

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हम ा ि सो बो ध क वब गा ड ित ा ह क य ोवक पिम शवि पवि तर ह ि ह पा प क न ही ो िख सक त ा ह उ सक ी पवि तरत ा क क ा िण उ स पा प पि अ पना कर ध उ णडि ना पडत ा ह अ त जब हम मा न िी य पा प क ि खत ह ो यह ि ह सब कछ ह ज हम ो हमा िी सम स या क बा ि म ो ज ा नन ा ह यह ि ह सब कछ भी ह ज हम ो स ियो क ब ा ि म ो ज ान न क ी आि शयकत ा ह पा प एक म न वि जञा न ह ल ज स क दव ा िा ज कछ ि पय ण म ो िखत ह ो औि ज हम अ पन आप क ब ा ि म ो ज ा न त ह ो उ स समझन म ो हम ा िी सहा यत ा क ित ा ह यह हम ो इस बा त क ी भ ी या ि व िि ात ा ह वक हम ा ि पा स अ पन आप क इ स ििय िा स ब चा न क ा क ई म ागय न ही ो ह क िि पिम शवि ही यह क ि सक त ा ह औि िह इ स म सी ह म ो क ित ा ह

डा आि अल बटय म हलि ज वनयि

पाप की समसटया सचमच भीषण ह परी मानव जामत पणगत ि ई हई और द षी ह हमार पास अपन आप क छडान का क ई मारग नही ह मनरनतर परमशवर का दणर सहना हमारी मनयमत ह उस पन परसनन करन या हमार पाप क सधारन का हमार पास क ई मारग नही ह परमशवर की अनगरहकारी िमा क अलावा उदधार की मबलकल भी आशा नही ह

पाप की समसटया क दिन क बाद अब हम िमा की हमारी चचाग क मदवय अनगरह की ओर म डना चामहए ज िमा क सभव बनाता ह

व िवय अनगरह अपनी करणा म परमशवर नही चाहता था मक समपणग मानव जामत पाप क सराप की अधीनता म रह

उसन मिर मनषय दवारा पथवी क भरन और उस पर अचधकार करन क चलए और उस अपनी उपमसटथमत क य गय राजय म बदलन की य जना बनाई इसचलए पाप की समसटया क हल करन क चलए उसन एक उदधारक क भजा और वह उदधारक उसका पतर यीश मसीह था

उदधारक क रप म यीश हम द ष और भरिता स बचाता ह वह अपन साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह ससार क उसक पथवी क राजय म बदलन की हमारी य गयता क वह पन हम दता ह हमार अपन उदधार क चलए परमशवर की य जना कवल मनषय की य गयता पर मनभगर नही ह यह परमशवर क अनगरह उसकी परसननता पर मनभगर ह हम हमार मवशष परमतमनचध परभ यीश मसीह दवारा मदया जाता ह जसा हम र ममय 323 और 24 म पढत ह

सब न पा प व क या ह औि पिमशवि क ी म व हम ा स िवहत ह ो पिनत उ सक अ नगर ह स उ स छ टक ा ि क दवा िा ज म सी ह यीि म ो ह स ोत म ोत धम ी ठहिा ए ज ा त ह ो (ि व म य ो 323-24)

मदवय अनगरह क कायग क रप म िमा म मतरएकता क तीन वयमि मपता पतर और पमवतर आतमा शाममल ह और इसकी शरआत मपता स हई

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वपता

उ दध ा ि व तर एक ह व पत ा ज पहि क िता ह पतर ज प िा क िता ह आत म ा ज िाग क िता ह जब हम व पता -पतर क सो बो ध क ब ा ि म ो स चत ह ो-हम ो स चना चा व हए वक हम ा ि उ दध ा ि क ी य ज न ा म ो व पत ा पतर औि पवितर आत मा त ी न ो व यव ि िा व मि ह ो त ीन ो वयव ि अ न गरह म ो औि परम म ो औि करणा म ो क ा यय क िन क सा थ -साथ कर ध औि धा वमय क त ा औि ि ण ड क भ ी था म िहत ह ो अ त जब व पत ा क पहि क िन ि ाि क रप म ो ि खा ज ा त ा ह त ि ह इस पतर औि पव ि तर आत म ा स अ ि ग अक ि न ही ो क ित ा ह

डा स ट ी फन िि म

िमा की शरआत मपता स हई कय मक उसी न उसकी य जना बनाई नया मनयम सटपि रप स चसिाता ह मक मपता न पतर क ससार म भजा और उस उदधारकताग मनयि मकया इस हम यहनना 316-18 परररत क काम 234-36 और इबरामनय 31 और 2 म दित ह

नया मनयम यह भी चसिाता ह मक मपता अपन ल र क उदधारकताग क रप म यीश की सामथग क अचधकत मकया और करस पर यीश क बचलदान क पाप क भरतान क रप म सटवीकार करन का वायदा मकया हम मपता की इन भममकाओ क बार म यहनना 1014-18 कलमसटसय 118-20 और इबरामनय 210 जस पदयाश म पढत ह

वासटतव म र ममय 325 कहता ह मक मपता न ही यीश क बचलदान क रप म चढाया दि पौलस वहा कया चलिता ह

पिम शवि न उ स परा यल ित ठहिाया (ि व म य ो 325)

मपता छटकार का महान चशलपकार ह यह उसकी अनगरहकारी य जना और करणामय इचछा ह मक हमार पाप क िमा कर और हम आशीष द और यह उसका अचधकार ह ज उदधार क सभव और मनचित बनाता ह

यह विचाि वक कर स पि यी ि ि ग ो क परव त अ पन स िग ी य व पत ा क कर ध क इ स त िह ि ि किन क ा परया स क ि िहा ह व क यी ि त परम ी ह ि वक न व पता न ही ो यह ि ा सत ि म ो यी ि म सीह क परा यल ित क क ायय म ो ज ह िहा ह उ सक ी गि त सम झ ह कर स पि यी ि क ा क ा यय िा स ति म ो व पत ा क अ पन ि ग ो क परव त प िय ि वतय परम क ी अव भ व यव ि ह स च ो व क न य व न यम म ो व कत न ी ब ा ि इस ब ात पि ब ि वि या ग या ह वक यी ि क ा सो सा ि म ो आन ा औि कर स उ ठा न ा ि ा सत ि म ो व पत ा क परम क ा पर िणा म ह ि ह ि चन ल ज स हम म ो स अ ल धक ा ि ि ग सो भि त अपन म सी ही ज ीि न म ो पहि ि चन क रप म ो याि क ित ह ो य हनन ा 316 बि ि त ा ह ldquoक य ोवक पिम शवि न ज गत स ऐसा परम वक या वक उस न अ पन ा इ कि ौ ता पतर ि व िया rdquo अ ब इ स ि चन म ो व क स क परम पि बि व िया ज ा िहा ह म वक सी भ ी तिह यी ि क परम क कम न ही ो क ि िहा ह पिनत उ स पद ाो ि म ो पतर क िन म ो स िग ी य व पता क परम पि ब ि व ि या ज ा िहा ह

डा ज ल िग न डो क न

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पतर मदवय अनगरह ज हमारी िमा क पणग करता ह उस म पतर भी शाममल ह ज हमारा उदधारकताग ह मपता क वायद की पणगता म पतर क ससार म भजा रया चचर-परमतचित मसीहा यीश क रप म

दहधारण मकया तामक मनषय क पाप का परायचित कर इस चशिा क हम बहत स सटथान जस र ममय 325 और 26 इबरामनय 214-17 और 105-10 म पात ह

यीश न पामपय की जरह करस पर मरन क दवारा पाप का परायचित मकया हमार पाप क कारण आए सराप क उसन गरहण मकया और उसकी चसदध धाममगकता हम दी रई तामक हम पापी न मरन जाए बमलक परमशवर की आजञाकारी सनतान मान जाए कछ थ ड स सटथान जहा यह मवषय आता ह उनह हम यहनना 1014-18 रलामतय 220 2 कररमनथय 521 और इबरामनय 109-14 म पात ह जस पौलस न इमिचसय 17 म चलिा

हम क (यी ि म सीह) म ो उ सक ि ह क दव ािा छटक ा िा अ थ ा यत अ पिा ध ो क ी कषम ा उ सक उ स अन गर ह क धन क अ न साि व मि ा ह (इ व फल सय ो 17)

हमार पाप िमा मकए रए ह इसचलए नही मक परमशवर उनह अनदिा करता ह बमलक इस कारण मक उसन मसीह म उनह दणर मदया और इसीचलए पमवतर-वचन हम हमार उदधार पर मवशवास करन क चलए परररत करता ह

मपता और पतर क इन कायो पर मनभगर ह न क अमतररि िमा पमवतर आतमा क मदवय अनगरह का भी पररणाम ह

पवितर आतमा पमवतर आतमा मतरएकता का वह वयमितव ह ज वासटतव म िमा क हमार जीवन म लार करता ह

मपता न य जना बनाई और पतर न परायचित क परा मकया परनत हमार पाप वासटतव म तब तक िमा नही ह त ह जब तक मक पमवतर आतमा अपना काम न कर

जब हम मवशवास म आत ह त पमवतर आतमा उस समय तक हमार दवारा मकए रए पाप क िमा करक परमशवर क साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह वह हमारी आतमाओ का नवीनीकरण करक हम नया आमतमक जीवन भी दता ह जसा यीश न यहनना 35-8 म बताया परररत क काम 1118 इस अनभव क जीवन क चलए मन-मिराव कहता ह कय मक नवीनीकरण और मवशवास म हमशा दि और हमार पाप का अरीकार शाममल ह ता ह इस मवचार की बहत स पदयाश म पमि की रई ह जस 1 कररमनथय 611 म

और पमवतर आतमा हमार जीवन भर मनरनतर िमा लार करता रहता ह वही हमार मवशवास क बनाए रिता ह ज हम परमतमदन मन-मिराव की ओर लाता ह और वह मनरनतर हमार जीवन म िमा लार करता ह इस हम र ममय 81-16 और रलामतय 55 जस सटथान म दित ह एक उदाहरण क रप म दि पौलस 2 चथसटसलनीमकय 213 म कया कहता ह

पिम शवि न त म ह ो चन ल िया वक आत म ा क दव ा िा पव ितर ब नक ि औि सत य क ी परतीवत क िक उ दधा ि पा ओ (2 ल थ स सि न ी वक य ो 213)

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यहा पौलस न चलिा मक मसीही आतमा क कायो क दवारा उदधार पात ह ज हम पाप और अधमग स शदध करत ह अथागत आतमा क कायग ज हमार जीवन म िमा लार करत ह और जब हम मनरनतर सतय म मवशवास करत ह त आतमा मनरनतर हमार जीवन म िमा क लार करता ह

मपता पतर और पमवतर आतमा सब हमार परमत उदधार क अनगरह क मदिात ह और इसक हमार जीवन क चलए कम स कम तीन मनमहताथग ह पहला जब हम पाप करत ह और परमशवर स िमा और उदधार क अनय पहलओ की अपील करत ह त तीन मदवय वयमिय स अपनी पराथगना करन म हम सही ह दसरा जब हम इन आशीष क पात ह त हम परमशवर क तीन वयमिय क धनयवाद दना चामहए और तीसरा हम अपन उदधार पर पणग भर सा कर सकत ह यह जानत हए मक मतरएकता क तीन वयमि हम स परम करत ह और हमार उदधार क समनचित करन क चलए कायग करत ह मपता पतर और पमवतर आतमा तीन हमार लाभ क चलए पाप की समसटया क हल करन क चलए एक साथ ममलकर कायग कर रह ह

पाप की समसटया और मदवय अनगरह क दमिक ण स पाप की िमा क दिन क पिात हम िमा म वयमिरत उततरदामयतव की भममका क बार म बात करन क चलए तयार ह

वयविगत उतति िाव यत ि पमवतर-वचन सटपि रप स चसिाता ह मक परमशवर परतयक वयमि क पाप क िमा नही करता ह कछ

ल र क िमा मकया जाता ह और कछ क नही यह सतय कय ह मानवीय दमिक ण स कारण यह ह मक िमा की परमकरया म साधारण रप स वयमिरत उततरदामयतव का ततव शाममल ह ता ह सामानयत इन उततरदामयतव क परा करन वाल ल र क िमा मकया जाता ह परनत ज इन उततरदामयतव स जी चरात ह उनह नही

वयमिरत उततरदामयतव की भममका की हमारी चचाग द भार म मवभाचजत ह री पहला हम कछ शतो क बतायर चजनकी पमवतर-वचन िमा क चलए साधारण आवशयकताओ क रप म पहचान करता ह और दसरा हम िमा क पान क साधन क बार म बात करर आइए हम उन शतो स शर कर चजनह पमवतर-वचन िमा स ज डता ह

ि त पमवतर-वचन िमा क चलए द पराथममक शतो क बार म बताता ह पहला यह िमा क चलए परमशवर म

मवशवास की आवशयकता क बताता ह पमवतर-वचन म मवशवास एक बह-पिीय मवचार ह परनत इस सनदभग म जब हम परमशवर म मवशवास की बात करत ह त यह हमार दमार म ह

पिम शवि क ी व िव य सि ो चचत ा की सि ीक वत उ सक परव त ि फाि ाि सम पय ण औि भि सा व क हम ा ि उ दध ा िक ता य यी ि म सीह क ी ख ा वत ि िह हम पि करणा क िग ा

यदयमप आधमनक श ताओ क यह अजीब लर सकता ह परनत पमवतर-वचन इस परकार क मवशवास क अकसर- परमशवर का भय- कहता ह

उदाहरण क चलए भजन 1038-13 िमा की इस शतग की परकमत का इस परकार वणगन करता ह

यह िा ि याि औि अ न गरहक ािी व ि ि मब स क प क िन ि ाि ा औि अ वत करणा म य ह ि सिय ि ा िा ि वि ि ाि कित ा न िहग ा न उ सक ा कर ध सि ा क ल ि ए भ डक ा िहग ा उस

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न हम ाि पा प ो क अन सा ि हम स व यिहा ि नही ो वक या औि न हम ा ि अ धमय क क ाम ो क अ न साि हम क बि ि ा व ि या ह ज स आक ा ि पथि ी क ऊपि ऊ चा ह ि स ही उसक ी क रणा उ सक डिि य ो क ऊपि परब ि ह उ ि या चि अ सत ा चि स ल ज तन ी ि ि ह उ स न हम ा ि अ पिा ध ो क हम स उत नी ही ि ि क ि व ि या ह ज स व पत ा अ पन ब ाि क ो पि ि या क ित ा ह ि स ही यह ि ा अ पन डिि य ो पि ि या क िता ह (भज न 1038-13)

धयान द मक यह वा का भय मानन वाल िमा पात ह उनका अधमग दर मकया जाता ह यही मवचार परी बाइबल म पाया जाता ह उदाहरण क चलए इस हम 2 इमतहास 3018 और 19 म

दित ह यह वा अपन ि जनवाल क माि करता ह मरकस 412 म यीश न सकत मदया मक कवल व ल र ही िमा क चलए परमशवर की ओर मिर सकत ह ज उस जानत और समझत ह और परररत क काम 2617 और 18 म िमा कवल उन ल र क ममल सकती ह चजनकी आि यह वा की ममहमा और सामथग क सतय क दिन क चलए ि ली रई ह

पमवतर-वचन म पाई जान वाली िमा की दसरी साधारण शतग ह टटा हआ ह ना टट हए ह न का अथग ह

पा प क ब ाि म ो ि ा सत व िक ि ख पिम शवि की व यि स था क त डन पि सचचा पिात ा प

यह कवल पकड जान पर या दणर का दि नही ह परनत अनबनध मक परमशवर की शत पमवतर ह और उसका सममान करन म असिल ह न पर मदल का टटना

पिा त ा प क अ थय म ो हम स मझ स औि आप स अ पल कषत ह व क हम ो अ पन पा प क ा अ पिाध -ब ध ह म ो ब त िब ा क सा थ पा प क िन क ब ाि िाऊि क ब ाि म ो स चत ा ह हा उ सन ब त िब ा क व िरदध पाप व क या था औि उसन ब त िबा क पव त क व ि रदध पा प व क या थ ा उ सन पिा न वन यम क ी क ि ी लसया क व िरदध पा प वक या था पिनत अ नतत ldquo म ो न कि ि त ि ही व िरदध पाप व क या ह औि त िी ि वषट म ो ज ब िा ह ि ह व क या ह rdquo औि आप उ सक व िि क पिात ा प क म हस स कित ह ो आधव न क िब ि म ो म ो स चता ह व क ldquo ट ट ा पनrdquo ह औि हम ो ि चन क ी ज रित ह व क पव ि तर आत म ा क दव ा िा हम ो त ड हम ो पिम शवि क ी उ पनद सथ व त म ो त ड

डा डिक डबल य एच थ ा म स

उदाहरण क चलए 2 शमएल अधयाय 11 म दाऊद क मन म क ई पिाताप नही था जब उसन बतशबा क साथ वयमभचार मकया और मिर उसक रभगधारण क चछपान क चलए उसक पमत उररयाह की मौत का इनतजाम मकया बतशबा क रभगधारण क समय अपन बचच क जनम क समय तक दाऊद क अपन कायो का क ई दि नही था उस समय नातान नबी दाऊद क पाप क मवषय म उसका सामना करता ह जसा हम 2 शमएल अधयाय 12 म पढत ह कवल उस समय दाऊद न अपन अपराध क माना और अपन आप क उसका द षी माना मिर टटपन की आतमा म अपन रहर दि और पिाताप क अमभवयि करन क चलए उसन अपन पिाताप का महान भजन भजन 51 चलिा दि दाऊद न भजन 51 क पद 6 और 17 म कया चलिा

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त ह ि य क ी सचचा ई स परसनन ह त ा ह ट ट ा म न पिम शवि क य गय ब लि िा न ह ह पिम शवि त ट ट औि व पस हए म न क तचछ न ही ो ज ा नत ा (भज न 51617)

दाऊद न पहचान चलया मक परमशवर की िमा क पान क चलए उस अपन पाप क बार म परमशवर क दमिक ण की आवशयकता थी उस अपन कायग स घणा करन और उस पर वासटतव म दिी ह न की आवशयकता थी

हम टटपन पर इसी बल क भजन 32 पद 1 और 2 म दित ह जहा िमा उन ल र क ममलती ह चजन म क ई कपट नही ह इस हम यशायाह 557 म पात ह जहा परमशवर उन पर करणा करता ह ज अपन पाप क तयार दत ह और इस हम मयमगयाह 53 म सनत ह जहा उन ल र क िमा स इनकार कर मदया जाता ह चजनक हदय उनक पाप क सबध म हठील ह

म िा वि चा ि ह व क हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि ध यान िग ा न क दव ा िा अ पन व िि म ो पिा त ा प क उ त पनन कित ह ो इस हम उ त पवतत स परक ा ल ित ि ाकय त क ब ाइ बि पिम शवि क बा ि म ो ज ब ता त ी ह उ स पि व ि चा ि क िन क दव ा िा क ि सकत ह ो वक िह अ न ा जञा क ा िी ि ग ो स सो ग वत नही ो क ि सकत ा पिनत ज अनाजञाक ारिता क ा नयाय क ित ा ह औि अ पिा ल धय ो क ि ण ड ि त ा ह यही पिम शवि की पव ि तर ता क ा सा ि ह औि ज ब हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि व ि चा ि क ित ह ो त आइ ए पी छ म डक ि हम अ पन जी ि न क ि ख ो व क व कस परक ा ि हम न व यिस थ ा क त डा आजञा क ा उ ललो घ न वक या औि पिम शवि क ी बा त ो पि ध या न न ित हए उ स स ि ि ह ग ए अ पन ज ीि न क एक जो जा ि ब न ा ल ि या ल ज स स उ सक ा अ न ाि ि ह त ा ह अ ब पी छ म डक ि ि ख ो िह सा िा िण ड ज मझ पि पडन ा था ि ा सत ि म ो मसी ह पि पडा औि उ सन उ स सहा औि यह म झ बत ा त ा ह वक मि अ पन पा प व कत न ि ः खि थ व क म ि ल ि ए उन का पिा त ा प क िि पिम शवि क ि हधा िी पतर क ी म त य क दव ा िा वक या ज ा सक त ा थ ा औि जब म झ म हस स ह त ा ह वक पिम शवि की पव ि तरत ा क परक ा ि म ो म ि पा प व क तन िः खि ह ो औि उ नह ो ि ि क िन क ल ि ए क या म ाो ग क ी ग ई त पा प क परवत मिा ि ःख त ीवर ह ज ा एग ा म िा पिा त ा प ग हिा ह ग ा औि उ सक दव ा िा ब ाि-ब ाि औि ब ाि -ब ा ि अ पन आप क पव ि तर ता क ल ि ए पिम शवि क सम व पय त क िन क ा औि उस यह ब त ान क ा ईम ा नि ा ि परया स उत पनन ह ग ा वक मझ वकत न ा अ ल धक पछत ा िा ह औि ि ा स ति म ो म ो पा प ो स घ णा कित ा ह ल ज नह ोन पिा त ा प क आि शयक ब ना या

डा ज आई प क ि

मवशवास की अवसटथाए और टटा मन परतयक वयमि क जीवन क चलए महतवपणग ह चाह हम मवशवासी ह या नही चजन ल र न मसीह क अपन परभ और उदधारकताग क रप म गरहण नही मकया ह उनक चलए य अवसटथाए परमशवर म आन और पाप की िमा पान और मसीह म नय जीवन की शरआत करन क अवसर ह और हम म स ज ल र पहल स ही मसीह स सबचधत ह उनह यह याद मदलात ह मक हम मनरनतर मवशवास का जीवन जीना ह और हमार दवारा मनरनतर मकए जान वाल पाप क परमत हम वासटतव म दिी ह ना ह तामक हम मनरनतर िमा पा सक और दमनक आधार पर शदध ह सक

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अब जबमक हम दि चक ह मक िमा की अवसटथाओ म सामानयत कायगकारी मवशवास और हमारा टटा हआ मन शाममल ह ता ह त आइए हम उन साधारण साधन क दि चजनक दवारा हम िमा क पा सकत ह

स ाधन कई बार मसीही अनगरह क साधन और अनगरह क आधार क बीच अनतर क समझन म असिल ह

जात ह पररणामसटवरप व रलती स यह स चत ह मक अनगरह क पान या हम पर अनगरह करन क चलए परमशवर पर दबाव रालन क चलए अनगरह क साधन का परय र मकया जा सकता ह अत एक साधन और आधार क बीच अनतर क पहचानना महतवपणग ह इस अनतर क दिन म सहायता क चलए कलपना कर मक एक वयमि क च ट स उबरन क चलए शारीररक चचमकतसा की आवशयकता ह चचमकतसा महरी ह और उसका भरतान एक दानकताग दवारा मकया जाता ह हम कह सकत ह मक वयमि क र र स पणगत उबारन वाला साधन चचमकतसा ह परनत इस सटवासटथय-लाभ का आचथगक आधार दान ह

इन मभननताओ क हम सिप म इस परकार कह सकत ह मक आधार वह मल या य गयता ह चजसम क ई कायग या पररणाम आधाररत ह जबमक साधन वह औजार या यनतर ह ज उस कायग या पररणाम क समभव बनाता ह

जब परमशवर स िमा और अनगरह पान की बात आती ह त आधार हमशा मसीह की य गयता ह चजस उसन अपन आजञाकारी जीवन और करस की मतय क दवारा अचजगत मकया इस हम मतती 2628 कलमसटसय 113 और 14 और 1 यहनना 212 जस सटथान पर दित ह िमा क सवगदा अचजगत मकया जाता ह परनत इस मसीह क दवारा अचजगत मकया जाता ह हमार दवारा नही और मवशववास वह मलभत साधन ह चजसक दवारा सारा अनगरह हमार जीवन म लार मकया जाता ह चाह परमशवर क सममि परतयि रप स अमभवयि मकया जाए या अनगरह क साधन क दवारा मवशवास वह पराथममक औजार ह चजसक दवारा परमशवर हमार जीवन म अनगरह और अनय आशीष क लार करता ह

पमवतर-वचन कई साधन का वणगन करता ह चजनक दवारा मवशवास सामानयत कायग करता ह इस अधयाय म हमार उददशय क चलए इन अनय साधन क हम सिप म पराथगना स शर करक द सामानय शचणय म बाट सकत ह

समपणग पमवतर-वचन म पराथगना क परमशवर स अनगरह और िमा मारन क साधारण साधन क रप म परसटतत मकया रया ह जस बाइबल अरीकार और मन मिराव की पराथगना क आमतौर पर मवशवास की अमभवयमि बताती ह चजनक दवारा पमवतर आतमा हम िमा परदान करता ह इन पराथगनाओ की परभावशीलता क 1 राजा 829-40 भजन 321-11 परररत क काम 822 1 यहनना 19 और बहत स अनय सटथान पर चसिाया रया ह

उन ल र क चलए चजनह न अभी हाल ही म परभ क जाना ह अरीकार और मन मिराव की मवशवासय गय पराथगनाए व साधन ह चजनक दवारा पमवतर आतमा आरममभक रप म िमा और उदधार क उनक जीवन म लार करता ह इसीचलए परररत क काम 1118 म कलीचसया न मन पररवतगन क जीवन क चलए मन मिराव कहा और सार मवशवाचसय क चलए अरीकार और मर मिराव की पराथगना अपन जीवन म परमशवर क अनगरह क पान क महतवपणग साधन बन रहत ह जसा हम 1 यहनना 19 म पढत ह

यव ि हम अ पन पा प ो क म ान ि ो त (पिम शवि) हम ा ि पा प ो क कषम ा क िन औि हम ो सब अ धमय स ि दध क िन म ो व िशवा सय गय औि धम ी ह (1 य हनना 19)

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ससमाचार का अदभत समाचार ह मक मसीह न हमार चलए ज मकया ह उसक आधार पर हमार पाप का मफत म िमा करता ह और हम मवशवास क साथ कवल मारन क दवारा इस िमा क परापत कर सकत ह

आप ज ा न त ह ो व क ब हत स ि ग यह स चत ह ो वक यवि आप यह ल सख ा त ह ो व क पा पी क पिम शवि क पा स आक ि कि ि ldquoह सि ग ी य व पत ा मझ कषम ा किrdquo क हन स पिम शवि उ नह ो कषम ा क ि िग ा त यह पिम शवि क अ न गरह क सस त ा ब न ा ि ग ा पिनत त थय यह ह व क यह पिम शवि क अ न गर ह क ऊ चा उ ठा त ा ह इ सल ि ए न ही ो वक हम ा िा म न व फिाि हम ो ब चा त ा ह या उसक आधा ि पि पिम शवि हम ो कषम ा कित ा ह पिनत इ सल ि ए व क पिम शवि न स ि यो अ पन एक ि ौत पतर क ी अ न नत रप स म ल यि ान औि अ ग णय रप स म हो ग ी मत य क आधा ि पि हमा ि लि ए कषम ा औि म ि -वम िाप क ा आधा ि त याि व कया ह

डा ज ल िग न डो क न

इ स त थय न वक यी ि म सीह पिम शवि का पतर वतर एकत ा म ो ि सिा व यव ि पथि ी पि आया औि नमर त ा औि ि ासरप म ो त ीस ि षय वब ता ए औि व फि क षट सहा औि कर स पि म िा -हम ा ि पा प ो क िण ड क ा भग त ा न क िन क ल ि ए कर स पि पा प क अ न नत क जय क उ ठा ल िया यह एक अन नत म ल य ह यह एक अ न नत क ीम त ह ब हत बडी क ी मत हम ा ि पा प ो क लि ए अन नत क ीम त इ सल ि ए यह ससत ा अ न गरह न ही ो ह यह अ ब त क परा पत व क या ग या सि ा यलधक म हो ग ा अन गर ह ह हम इ स म फ त उपहा ि क रप म ो परापत क ित ह ो पिनत कि ि इ स क ा िण व क यी ि न अ पन ा सब क छ हम ा ि लि ए ि व ि या

डा म ाकय सर स

ज उ सक पा स आक ि कि ि ldquoपरभ म झ कषम ा क िrdquo क हत ह ो उ नह ो कषम ा व क या ज ात ा ह इसल ि ए न ही ो वक कषम ा क ी उ नक ी व िन त ी ब हत क ि ीन थ ी इ सल ि ए न ही ो व क उ न क ा म न व फिाि ब हत अच छा थ ा पिनत इ सलि ए वक यी ि न िह सब कि व ि या ह ज हम ा ि स ि ग ी य व पत ा क साथ सो ग वत म ो पन ि ौ टन क ल ि ए हम ाि ल ि ए आि शयक थ ा

डा ज ल िग न डो क न

अब हम यह बतान क चलए रकना चामहए मक अरीकार और मन मिराव की पराथगनाओ क अमतररि ज िमा क साधारण साधन क रप म कायग करती ह मबचवई की पराथगना कई बार िमा क असाधारण या असामानय साधन क रप म कायग करती ह मबचवई क इस परकार पररभामषत मकया जा सकता ह मधयसटथता या मकसी और की िामतर मवनती या पराथगना

पमवतर-वचन म ल र दवारा परभावी मधयसटथता की पराथगना क बहत स उदाहरण ह इस हम मरनती 1419 और 20 म दित ह जहा मसा की मधयसटथता की पराथगना क जवाब म यह वा न इसराएल क पाप क िमा कर मदया इस हम 2 इमतहास 3018-20 म पात ह जहा महजमकयाह की मबचवई क जवाब म यह वा न उन ल र क माि कर मदया चजनह न िसह की उचचत तयारी नही की थी इस हम अययब 15 म दित ह

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जहा हम सीित ह मक अययब मनरनतर अपन बचच क चलए मबचवई क बचलदान चढाया करता था और इस हम याकब 514 और 15 म दित ह जहा याकब न चसिाया मक कलीचसया क परमनए उन ल र क चलए िमा क परापत कर सकत ह चजनह न पाप मकया ह परमशवर मवशवासय गय ल र की मबचवई क पराथगना क जवाब म हमशा िमा परदान नही करता ह परनत बहत बार वह ऐसा करता ह

और इस परकार की मानवीय मबचवई स बढकर पतर और पमवतर आतमा द न ल र क चलए मधयसटथता करत ह यीश दवारा की जान वाली मधयसटथता क बार म यशायाह 5312 र ममय 834 और इबरामनय 725 जस सटथान पर बताया रया ह और आतमा की मधयसटथता क बार म र ममय 826 और 27 म चसिाया रया ह

िमा क साधन की दसरी सामानय शणी पमवतर ससटकार ह या चजनह आधमनक पर टसटटनट कलीचसयाए-मवधान कहती ह मखयत बपमतसटमा और परभ भ ज

अब जब हम ससटकार शबद का परय र करत ह त हम इस बात क सटपि करन की आवशयकता ह मक हम परभ भ ज और बपमतसटमा क बार म र मन कथ चलक कलीचसया क मवचार की बात नही कर रह ह बमलक ससटकार शबद का परय र बहत सी पर टसटटनट ससटथाओ दवारा ऐमतहाचसक रप स परभ भ ज और बपमतसटमा क चलए मकया जाता रहा ह य समार ह मवशष पमवतर मवधान ह चजनह परमशवर न हमार मवशवास क अमभवयि करन और उसकी आशीष क पान क साधन क रप म कलीचसया क उपलबध कराया इन मवधान क कायग मववरण क बार म पर टसटटनट परमपराओ म मतभद ह परनत व सब इस बात स सहमत ह मक य मकसी तरह मवशष ह

कई बार मसीमहय क सनदह ह ता ह जब व दसर क परभ भ ज और बपमतसटमा क िमा क साधन क रप म बतात हए सनत ह अत इस बात पर बल दना महतवपणग ह मक हम यह नही कह रह ह मक इन मवधान म ऐसी क ई य गयता नही ह ज उनह परभावी बनाती ह य िमा का आधार नही ह

साथ ही बाइबल चसिाती ह मक जब हम परभ भ ज और बपमतसटमा क दवारा अपन मवशवास क अमभवयि करत ह त पमवतर आतमा हमार जीवन म िमा क लार करन क चलए इन मवधान का परय र करता ह

बपमतसटमा क मरकस 14 परररत क काम 238 र ममय 61-7 और कलमसटसय 212-14 जस पदयाश म अनगरह का साधन बताया रया ह

एक उदाहरण क रप म परररत क काम 2216 म पौलस स कह रए हननयाह क शबद क सन

अ ब क य ो ि ि क िता ह उ ठ बपव त स म ा ि औि उ सक ा ना म ि क ि अ पन पा प ो क ध डा ि (परर ित ो क क ाम 2216)

इन मनदश म हननयाह न सकत मदया मक बपमतसटमा क दवारा पौलस क पाप क िमा मकया या- ध मदया जाएरा

अब मनसटसनदह बपमतसटमा िमा का एक आवशयक साधन नही ह हम दसर तरीक स भी िमा ममल सकती ह जस यीश क साथ करस पर चढाए रए मवशवास करन वाल उस राक न कभी बपमतसटमा नही चलया था मिर भी लका 2343 सकत दता ह मक उस िमा मकया रया और उसन उदधार पाया अत हम यह स चन की रलती नही करनी चामहए मक िमा और उदधार कवल उन ल र क चलए उपलबध ह चजनह न बपमतसटमा ल चलया ह मिर भी पमवतर-वचन इस पणगत सटपि करता ह मक बपमतसटमा साधारणत हमार जीवन म िमा क लार करन क साधन क रप म कायग करता ह

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और परभ भ ज का भी यही सतय ह पौलस न सटपि रप स चसिाया मक परभ भ ज म भार लना मसीह की मतय क लाभ जस िमा क परापत करन का माधयम ह दि 1 कररमनथय 1016 म उसन कया चलिा ह

िह धनयिाि क ा क ट िा लजस पि हम धनयि ा ि क ित ह ो क या म सी ह क ि ह क ी सहभ ा व गत ा नही ो ि ह ि ट ी लजस हम त डत ह ो क या ि ह म सीह क ी ि ह क ी सहभ ा व गत ा न ही ो (1 कर िनद नथ य ो 1016)

य अलकाररक परशन थ पौलस की पमतरय क पढन वाला परतयक वयमि जानता था मक उनका उततर था -हा मनसटसनदह मवशवास क साथ परभ भ ज म भार लन क दवारा हम मसीह क साथ एक ह त ह

पाप की िमा उदधार की एक महान आशीष ह चजस हम अपन समपणग मसीही जीवन क दौरान अनभव करत ह चाह हम नय मसीही ह या जीवन भर स मवशवासी रह ह िमा मसीह क साथ हमारी चाल का एक सतत पहल ह और इसक पररणामसटवरप बहत सी अनय आशीष भी ममलती ह

जान वसटली मथ मरसटट कलीचसया क ससटथापक ज 1703 स 1791 क बीच रह न अपन सनदश सखया 26 म िमा क बार म बताया चजस म उनह न पहाडी उपदश की वयाखया की दि मक उनह न वहा कया कहा

पा प ो क ी कषम ा पा त ही हम इ सी परक ा ि उ न क साथ ब हत कछ पा त ह ो ज व ि शवास क दवा िा ज उ स म ो ह पव ितर वक ए ग ए ह ो पा प अ पन ी सा मथय ख चक ा ह इसक ा उन पि क ई अ ल धक ा ि न ही ो ह ज अनगर ह यावन पिम शवि की परसननत ा क अ धी न ह ो क य ोवक ज म सी ह म ो ह ो उ न पि क ई ि णड क ी आजञा न ही ो ह इ सल ि ए ि पा प क सा थ -साथ गि ा व न स भ ी म ि वक ए ग ए ह ो व यि सथ ा क ी धा वमय क त ा उ नम ो प िी हई ह औि ि ििीि क अ न सा ि न ही ो पिनत आतम ा क अ न सा ि चित ह ो

म ो स चता ह पा प ो क ी कषमा एक परक ा ि स म सी व हय ो क रप म ो हमा िी सि ा यल धक अ नम ि ि ा सत व िकत ा ह म िभ त रप स हम ा ि पा प ो क कषमा क िन क ा अथय ह पिम शवि हम ा ि सवषट कत ा य क साथ सही सो बो ध म ो िहन ा आज ज ब हम सो सा ि क िख त ह ो हम पा त ह ो वक ि ग अ थय महत ि उ दद शय क ी ख ज म ो ह ो औि हम ा िी सो सक वत म ो अ त यल धक अ समो जस ह ज ीि न क या ह ज ी न क ा क ा िण क या ह म ो यहा क य ो ह औि इ सल ि ए ि ग अथय औि म हति क ख ज न क ल ि ए हि त िह स परया स क ित ह ो-वफि चा ह ि अ पन ी न ौ किी का पी छ ा क िो या ि ोव गकत ा या म ा िक पि ा थ ो क ा म िा मत िब ह व क ि ग ख िी औि आन नि क पा न क लि ए हि त िह क सथ ा न ो औि म ा गो म ो परयास क ि िह ह ो पिनत ससम ा चा ि हम ो बत ा ता ह वक म न षय ो क रप म ो हम ा िी म िभ त आि शयकत ा अ पन सवषटक त ा य क सा थ सही सो बो ध म ो िहन ा ह उ सक सा थ ल ज सन हम ो ब न ा या ह ससम ा चा ि ब त ात ा ह व क पिम शवि न अ पन पतर यी ि म सी ह क भ ज ा वक ि ह हम ा ि पा प ो क ा परा यल ित कि पिम शवि क कर ध क ि ि कि पिम शवि न अ पन परम म ो अ पन पतर क भज ा वक हम ा ि पा प कषम ा ह सको तावक यवि हम उस पि भि सा क िो त हम ा ि पा प कषम ा ह सको औि ज ब हम उ स अ नभ ि पि आत ह ो जब हम ऐसी कषम ा क ल ि ए यी ि म सी ह क ी ओि वफित ह ो त एक अत ल य िा नद नत क ा अ हसास ह त ा ह सो सा ि क सा थ सही ह न क ा अहसा स कय ोवक यह ि ा सत ि म ो सो सा ि क सा थ सही ह न ा

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ह हम अ चा नक महस स क ित ह ो व क हम ो इ सक ल ि ए ही ब न ा या ग या ह हम ो पिम शवि क सा थ सही सो बो ध म ो िहन क ल ि ए बन ा या ग या ह उ स पि हम पहचा नत ह ो

डा ट ा म शरन ि

अब जबमक हम पाप की िमा की धमगचशिा क दि चक ह त हम मवशवास क अरल सतर क दिन क चलए तयार ह दह का पनरतथान

पनर तथान

परररत क मवशवास-कथन क इन शबद क याद कर

म ो

ि ह क पन रत थ ा न म ो वि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर हम सटपि ह न की आवशयकता ह मक मवशवास-कथन यीश क पनरतथान क बार म बात नही कर रहा ह यीश का पनरतथान मवशवास-कथन म पहल आता ह जब यह कहता ह मक यीश मतक म स तीसर मदन जी उठा जब मवशवास-कथन दह क पनरतथान क बार म बात करता ह त इसक मन म सामानय पनरतथान ह-मसीह क ममहमा म आरमन पर सार ल र का पनरतथान

हम दह क सामानय पनरतथान क तीन चरण म दिर पहला हम सराप क दिर चजसक पररणामसटवरप हमारी दह म मतय आती ह दसरा हम बतायर मक मसीही ससमाचार हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करता ह और तीसरा हम दिर मक अनत म मकस परकार हमारी दह का छटकारा ह रा आइए सराप स शर कर ज हमारी दह म मतय क लाता ह

सराप जसा हमन पवगवमतग अधयाय म दिा परमशवर न मनषय क शारीररक दह और रर-शारीररक पराण स

बनाया इबरामनय 412 और 1 चथसटसलनीमकय 523 क आधार पर कछ परमपराओ का मानना ह मक परतयक मनषय म पराण क अमतररि आतमा भी ह ती ह परनत लरभर 200 ऐस वचन ह चजन म हमार अमसटततव क सार आनतररक रर-शारीररक पहलओ क समपणग रप म बतान क चलए इनम स मकसी एक शबद का परय र मकया रया ह अत अचधकाश मसीमहय का मनषकषग ह मक पराण और आतमा द न शबद एक ही वासटतमवकता क बतात ह और मनषय मखयत कवल द भार स मनममगत ह दह और आतमा

पाप म मररन स पवग हमारी दह और हमारी आतमा पर पाप और इसकी भरि शमिय का क ई परभाव नही था परनत जब आदम और हववा पाप म मरर रए त पाप न न कवल उनकी आतमाओ बमलक उनकी दह क भी भरि कर मदया और उनकी दह क दमषत ह न का अमनतम पररणाम उनकी शारीररक मतय थी उतपमतत 319 म आदम पर परमशवर क सराप क दि

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 7: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जब हम परमशवर क परमत परम म कायग करन स चक जात ह त हम उसक मवरदध मवदर ह करन क दवारा उसकी वयवसटथा क त डन क दवारा बराई करन क दवारा परमाप स चकन क दवारा उसक पमवतर धमी और अचछ चररतर क ठस पहचान क दवारा पाप करत ह परनत जब परमशवर क परमत हमारा परम हम परररत करता ह त हम उसकी रचचय और मार क अपन स ऊपर रित ह और पररणामसटवरप हम बहत स पाप स और अपन जीवन म उनक भयानक पररणाम स बच सकत ह

परमशवर की वयवसटथा क उललघन क रप म पाप की इस पररभाषा क धयान म रित हए आइए हम मानव जामत म पाप की उतपमतत क दि

पाप की उतपवतत हम म स अचधकाश ल र उतपमतत तीसर अधयाय म चलिी घटनाओ स पररचचत ह जब हमार परथम

परि आदम और हववा न भल और बर क जञान क वि का िल िान क दवारा परमशवर क मवरदध बलवा मकया बाइबल क मवचार स यह क ई अकली घटना नही थी इसक कारण समपणग मानव जामत पाप की द षी और पाप स भरि ह रई धमगमवजञानी सामानयत इस मानव जामत का पाप म मररना या कवल पाप म मररना कहत ह

उतपमतत 126-31 हम बताता ह मक जब परमशवर न मनषय क रचा त हम बहत अचछ थ इस मामल म अचछ शबद का अथग ह मक हम मबलकल वस ही थ जसा परमशवर चाहता था हमार परथम परि नमतक रप स शदध परमशवर क सटवरप थ परमशवर दवारा रच रए ससार क भरन और उस पर अचधकार करन क दवारा उसकी सवा क चलए मबलकल उपयि थ

जस पौलस न र ममय 512 म सकत मदया मनषय क मररन स पहल पाप नही था हमन कभी पाप नही मकया था हमारी परवमतत पाप की नही थी हम पाप स भरि नही हए थ और हमार अनदर पाप नही था

परनत उस पापरमहत अवसटथा म भी हमार पास पाप करन की िमता और अवसर द न थ जब परमशवर न आदम और हववा क रचा और उनह अदन की वामटका म रिा त उसन उन पर बहत सी बात क परकट मकया परनत एक आजञा परमशवर की सवा करन की उनकी इचछा क परिन क चलए तीवरता स आर आई उतपमतत 216 और 17 म हम पढत ह मक परमशवर न आदम और हववा क आजञा दी मक व भल और बर क जञान क वि क छ डकर वामटका क मकसी भी वि क िल िा सकत ह और इस वयवसटथा क त डन की सभावना न आदम और हववा क पाप करन का अवसर मदया

दःिद रप स जसा हम उतपमतत 31-6 म पढत ह साप न हववा क बहका मदया मक वह उस मनषचधत िल क िाए मिर हववा न उस िल म स आदम क भी मदया और उसन भी िाया आदम और हववा न परमशवर की धमी वयवसटथा क त डा और जान-बझकर पाप क चना परकाचशतवाकय 129 सकत दता ह मक साप वासटतव म शतान था और 1 मतमचथयस 214 सकत दता ह मक हववा क बहकाया रया परनत न त शतान की परीिाए और न ही हववा की मिगता हमार परथम परि क पाप का क ई बहाना ह व द न भल की बजाय बर क चनन क द षी थ

इन घटनाओ म हम मिर स दित ह मक पाप मलत परमशवर की वयवसटथा उसकी परकट इचछा का उललघन ह जब कभी हम परमशवर की परकट वयवसटथा स अलर स चत ब लत या कायग करत ह त हम भलाई की बजाय बराई क चनत ह और चाह ध ि या चालाकी स हम स पाप करवाया रया ह मिर भी परमशवर हम उस कायग का चजममदार ठहराता ह ज हमन मकया ह इसी कारण परमशवर क वचन क अपन मदल म बठाना सहायक ह - न कवल इसचलए मक हम इस जान परनत इसचलए भी मक हम इसस परम कर जब हम

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परमशवर की वयवसटथा क जानत ह त यह पाप मक पहचान करन म हमारी सहायता करती ह चजस स हम ध िा न िाए और जब हम परमशवर की वयवसटथा स परम करत ह त उसकी आजञा मानन का चनाव करना आसान ह जाता ह

पाप की पररभाषा और उतपमतत क दिन क बाद हम पाप क पररणाम क दिन क चलए तयार ह

पाप क परिण ा म पमवतर-वचन सकत दता ह मक आदम और हववा क पाप करन क बाद परमशवर न नयाय मकया और

समपणग मानव जामत क सराप मदया इस सराप न उनक अमसटततव क परतयक पहल क परभामवत मकया इसका पररणाम तरनत आमतमक मतय म मनकला चजसक बार म पर पमवतर-वचन म बताया रया ह जस यहनना 524 और 25 इमिचसय 21-5 और कलमसटसय 213 और 14 म इसन हमार अमसटततव दह और आतमा द न क भरि मकया ज हम मयमगयाह 179 और र ममय 718-811 म दित ह और इसका अनत शारीररक मतय था जसा हम उतपमतत 319 और र ममय 512 म पढत ह अनतत पाप क कारण मानव जामत पर नरक म अननत कि का परमशवर का दणर आया जसा हम मतती 529 और 30 जस पदयाश स सीित ह

सपरचसदध पासबान चालसग सटपजगन ज 1834 स 1892 क बीच रह न अपन सनदश सराप हटाया रया म आदम और हववा पर परमशवर क सराप क बार म बताया दि उनह न कया कहा

उ स सरा प म ो क या िा वम ि ह इसम ो मत य िा व मि ह इस िह क ी मत य इ सम ो आनद त मक म त य िा व मि ह उ स आनत र िक ज ी िन की मत य ज आि म म ो थ ा - आतम ा क ा जीिन ज अ ब चि ा गया ह औि कि ि पवि तर आत मा दवा िा पन ि ाया जा सकता ह औि अ नत म ो सब स ब िति इ सम ो िा व मि ह ि ह अ न नत म त य िह भ यो क ि भ या नक िबि ldquo न िक rdquo ल ज सम ो सब क छ सम ा सकत ा ह

आदम और हववा क पाप क पररणाम समपणग मानव जामत म भी िल रए-उस परतयक वयमि म चजसन पराकमत रप स उन स जनम चलया हम पाप क इस वचशवक परभाव क 1 राजा 846 र ममय 39-12 रलामतय 322 और इमिचसय 23 जस पदयाश म दित ह दि पौलस र ममय 512 और 19 म आदम क पाप क बार म कया कहता ह

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या एक म न ष य क आजञा न म ा नन स ब हत ि ग पा पी ठहि (ि वम य ो 51219)

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा आदम समपणग मानव जामत की वाचा का मचिया था और पौलस न चसिाया मक इस कारण आदम का पाप उसक सार वशज पर आया और इसक पररणामसटवरप हम सटवभाव स पापी ह हम ससार म आमतमक रप स मत अवसटथा म ददग और कि क अधीन और शारीररक मतय की मनयमत लकर आत ह

इ स बढा -चढाक ि क हन ा क व ठन ह पा प क प णय पर िणाम क सम झना भ ी हम ा ि ल ि ए अ समभ ि ह पिनत हम ा िा पा प सव षटक त ा य क वि रदध व ि ि ह ह यह उ सक ी म वहम ा क चिा न का परया स ह यह उसक ी व यिस थ ा क त डना ह यह उसक ी म व हम ा स वग िन ा ह यह हि परका ि स अ पन आप क पिम शवि क ितर ब न ान ा ह पा प पिम शवि क साथ

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हम ा ि सो बो ध क वब गा ड ित ा ह क य ोवक पिम शवि पवि तर ह ि ह पा प क न ही ो िख सक त ा ह उ सक ी पवि तरत ा क क ा िण उ स पा प पि अ पना कर ध उ णडि ना पडत ा ह अ त जब हम मा न िी य पा प क ि खत ह ो यह ि ह सब कछ ह ज हम ो हमा िी सम स या क बा ि म ो ज ा नन ा ह यह ि ह सब कछ भी ह ज हम ो स ियो क ब ा ि म ो ज ान न क ी आि शयकत ा ह पा प एक म न वि जञा न ह ल ज स क दव ा िा ज कछ ि पय ण म ो िखत ह ो औि ज हम अ पन आप क ब ा ि म ो ज ा न त ह ो उ स समझन म ो हम ा िी सहा यत ा क ित ा ह यह हम ो इस बा त क ी भ ी या ि व िि ात ा ह वक हम ा ि पा स अ पन आप क इ स ििय िा स ब चा न क ा क ई म ागय न ही ो ह क िि पिम शवि ही यह क ि सक त ा ह औि िह इ स म सी ह म ो क ित ा ह

डा आि अल बटय म हलि ज वनयि

पाप की समसटया सचमच भीषण ह परी मानव जामत पणगत ि ई हई और द षी ह हमार पास अपन आप क छडान का क ई मारग नही ह मनरनतर परमशवर का दणर सहना हमारी मनयमत ह उस पन परसनन करन या हमार पाप क सधारन का हमार पास क ई मारग नही ह परमशवर की अनगरहकारी िमा क अलावा उदधार की मबलकल भी आशा नही ह

पाप की समसटया क दिन क बाद अब हम िमा की हमारी चचाग क मदवय अनगरह की ओर म डना चामहए ज िमा क सभव बनाता ह

व िवय अनगरह अपनी करणा म परमशवर नही चाहता था मक समपणग मानव जामत पाप क सराप की अधीनता म रह

उसन मिर मनषय दवारा पथवी क भरन और उस पर अचधकार करन क चलए और उस अपनी उपमसटथमत क य गय राजय म बदलन की य जना बनाई इसचलए पाप की समसटया क हल करन क चलए उसन एक उदधारक क भजा और वह उदधारक उसका पतर यीश मसीह था

उदधारक क रप म यीश हम द ष और भरिता स बचाता ह वह अपन साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह ससार क उसक पथवी क राजय म बदलन की हमारी य गयता क वह पन हम दता ह हमार अपन उदधार क चलए परमशवर की य जना कवल मनषय की य गयता पर मनभगर नही ह यह परमशवर क अनगरह उसकी परसननता पर मनभगर ह हम हमार मवशष परमतमनचध परभ यीश मसीह दवारा मदया जाता ह जसा हम र ममय 323 और 24 म पढत ह

सब न पा प व क या ह औि पिमशवि क ी म व हम ा स िवहत ह ो पिनत उ सक अ नगर ह स उ स छ टक ा ि क दवा िा ज म सी ह यीि म ो ह स ोत म ोत धम ी ठहिा ए ज ा त ह ो (ि व म य ो 323-24)

मदवय अनगरह क कायग क रप म िमा म मतरएकता क तीन वयमि मपता पतर और पमवतर आतमा शाममल ह और इसकी शरआत मपता स हई

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वपता

उ दध ा ि व तर एक ह व पत ा ज पहि क िता ह पतर ज प िा क िता ह आत म ा ज िाग क िता ह जब हम व पता -पतर क सो बो ध क ब ा ि म ो स चत ह ो-हम ो स चना चा व हए वक हम ा ि उ दध ा ि क ी य ज न ा म ो व पत ा पतर औि पवितर आत मा त ी न ो व यव ि िा व मि ह ो त ीन ो वयव ि अ न गरह म ो औि परम म ो औि करणा म ो क ा यय क िन क सा थ -साथ कर ध औि धा वमय क त ा औि ि ण ड क भ ी था म िहत ह ो अ त जब व पत ा क पहि क िन ि ाि क रप म ो ि खा ज ा त ा ह त ि ह इस पतर औि पव ि तर आत म ा स अ ि ग अक ि न ही ो क ित ा ह

डा स ट ी फन िि म

िमा की शरआत मपता स हई कय मक उसी न उसकी य जना बनाई नया मनयम सटपि रप स चसिाता ह मक मपता न पतर क ससार म भजा और उस उदधारकताग मनयि मकया इस हम यहनना 316-18 परररत क काम 234-36 और इबरामनय 31 और 2 म दित ह

नया मनयम यह भी चसिाता ह मक मपता अपन ल र क उदधारकताग क रप म यीश की सामथग क अचधकत मकया और करस पर यीश क बचलदान क पाप क भरतान क रप म सटवीकार करन का वायदा मकया हम मपता की इन भममकाओ क बार म यहनना 1014-18 कलमसटसय 118-20 और इबरामनय 210 जस पदयाश म पढत ह

वासटतव म र ममय 325 कहता ह मक मपता न ही यीश क बचलदान क रप म चढाया दि पौलस वहा कया चलिता ह

पिम शवि न उ स परा यल ित ठहिाया (ि व म य ो 325)

मपता छटकार का महान चशलपकार ह यह उसकी अनगरहकारी य जना और करणामय इचछा ह मक हमार पाप क िमा कर और हम आशीष द और यह उसका अचधकार ह ज उदधार क सभव और मनचित बनाता ह

यह विचाि वक कर स पि यी ि ि ग ो क परव त अ पन स िग ी य व पत ा क कर ध क इ स त िह ि ि किन क ा परया स क ि िहा ह व क यी ि त परम ी ह ि वक न व पता न ही ो यह ि ा सत ि म ो यी ि म सीह क परा यल ित क क ायय म ो ज ह िहा ह उ सक ी गि त सम झ ह कर स पि यी ि क ा क ा यय िा स ति म ो व पत ा क अ पन ि ग ो क परव त प िय ि वतय परम क ी अव भ व यव ि ह स च ो व क न य व न यम म ो व कत न ी ब ा ि इस ब ात पि ब ि वि या ग या ह वक यी ि क ा सो सा ि म ो आन ा औि कर स उ ठा न ा ि ा सत ि म ो व पत ा क परम क ा पर िणा म ह ि ह ि चन ल ज स हम म ो स अ ल धक ा ि ि ग सो भि त अपन म सी ही ज ीि न म ो पहि ि चन क रप म ो याि क ित ह ो य हनन ा 316 बि ि त ा ह ldquoक य ोवक पिम शवि न ज गत स ऐसा परम वक या वक उस न अ पन ा इ कि ौ ता पतर ि व िया rdquo अ ब इ स ि चन म ो व क स क परम पि बि व िया ज ा िहा ह म वक सी भ ी तिह यी ि क परम क कम न ही ो क ि िहा ह पिनत उ स पद ाो ि म ो पतर क िन म ो स िग ी य व पता क परम पि ब ि व ि या ज ा िहा ह

डा ज ल िग न डो क न

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पतर मदवय अनगरह ज हमारी िमा क पणग करता ह उस म पतर भी शाममल ह ज हमारा उदधारकताग ह मपता क वायद की पणगता म पतर क ससार म भजा रया चचर-परमतचित मसीहा यीश क रप म

दहधारण मकया तामक मनषय क पाप का परायचित कर इस चशिा क हम बहत स सटथान जस र ममय 325 और 26 इबरामनय 214-17 और 105-10 म पात ह

यीश न पामपय की जरह करस पर मरन क दवारा पाप का परायचित मकया हमार पाप क कारण आए सराप क उसन गरहण मकया और उसकी चसदध धाममगकता हम दी रई तामक हम पापी न मरन जाए बमलक परमशवर की आजञाकारी सनतान मान जाए कछ थ ड स सटथान जहा यह मवषय आता ह उनह हम यहनना 1014-18 रलामतय 220 2 कररमनथय 521 और इबरामनय 109-14 म पात ह जस पौलस न इमिचसय 17 म चलिा

हम क (यी ि म सीह) म ो उ सक ि ह क दव ािा छटक ा िा अ थ ा यत अ पिा ध ो क ी कषम ा उ सक उ स अन गर ह क धन क अ न साि व मि ा ह (इ व फल सय ो 17)

हमार पाप िमा मकए रए ह इसचलए नही मक परमशवर उनह अनदिा करता ह बमलक इस कारण मक उसन मसीह म उनह दणर मदया और इसीचलए पमवतर-वचन हम हमार उदधार पर मवशवास करन क चलए परररत करता ह

मपता और पतर क इन कायो पर मनभगर ह न क अमतररि िमा पमवतर आतमा क मदवय अनगरह का भी पररणाम ह

पवितर आतमा पमवतर आतमा मतरएकता का वह वयमितव ह ज वासटतव म िमा क हमार जीवन म लार करता ह

मपता न य जना बनाई और पतर न परायचित क परा मकया परनत हमार पाप वासटतव म तब तक िमा नही ह त ह जब तक मक पमवतर आतमा अपना काम न कर

जब हम मवशवास म आत ह त पमवतर आतमा उस समय तक हमार दवारा मकए रए पाप क िमा करक परमशवर क साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह वह हमारी आतमाओ का नवीनीकरण करक हम नया आमतमक जीवन भी दता ह जसा यीश न यहनना 35-8 म बताया परररत क काम 1118 इस अनभव क जीवन क चलए मन-मिराव कहता ह कय मक नवीनीकरण और मवशवास म हमशा दि और हमार पाप का अरीकार शाममल ह ता ह इस मवचार की बहत स पदयाश म पमि की रई ह जस 1 कररमनथय 611 म

और पमवतर आतमा हमार जीवन भर मनरनतर िमा लार करता रहता ह वही हमार मवशवास क बनाए रिता ह ज हम परमतमदन मन-मिराव की ओर लाता ह और वह मनरनतर हमार जीवन म िमा लार करता ह इस हम र ममय 81-16 और रलामतय 55 जस सटथान म दित ह एक उदाहरण क रप म दि पौलस 2 चथसटसलनीमकय 213 म कया कहता ह

पिम शवि न त म ह ो चन ल िया वक आत म ा क दव ा िा पव ितर ब नक ि औि सत य क ी परतीवत क िक उ दधा ि पा ओ (2 ल थ स सि न ी वक य ो 213)

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यहा पौलस न चलिा मक मसीही आतमा क कायो क दवारा उदधार पात ह ज हम पाप और अधमग स शदध करत ह अथागत आतमा क कायग ज हमार जीवन म िमा लार करत ह और जब हम मनरनतर सतय म मवशवास करत ह त आतमा मनरनतर हमार जीवन म िमा क लार करता ह

मपता पतर और पमवतर आतमा सब हमार परमत उदधार क अनगरह क मदिात ह और इसक हमार जीवन क चलए कम स कम तीन मनमहताथग ह पहला जब हम पाप करत ह और परमशवर स िमा और उदधार क अनय पहलओ की अपील करत ह त तीन मदवय वयमिय स अपनी पराथगना करन म हम सही ह दसरा जब हम इन आशीष क पात ह त हम परमशवर क तीन वयमिय क धनयवाद दना चामहए और तीसरा हम अपन उदधार पर पणग भर सा कर सकत ह यह जानत हए मक मतरएकता क तीन वयमि हम स परम करत ह और हमार उदधार क समनचित करन क चलए कायग करत ह मपता पतर और पमवतर आतमा तीन हमार लाभ क चलए पाप की समसटया क हल करन क चलए एक साथ ममलकर कायग कर रह ह

पाप की समसटया और मदवय अनगरह क दमिक ण स पाप की िमा क दिन क पिात हम िमा म वयमिरत उततरदामयतव की भममका क बार म बात करन क चलए तयार ह

वयविगत उतति िाव यत ि पमवतर-वचन सटपि रप स चसिाता ह मक परमशवर परतयक वयमि क पाप क िमा नही करता ह कछ

ल र क िमा मकया जाता ह और कछ क नही यह सतय कय ह मानवीय दमिक ण स कारण यह ह मक िमा की परमकरया म साधारण रप स वयमिरत उततरदामयतव का ततव शाममल ह ता ह सामानयत इन उततरदामयतव क परा करन वाल ल र क िमा मकया जाता ह परनत ज इन उततरदामयतव स जी चरात ह उनह नही

वयमिरत उततरदामयतव की भममका की हमारी चचाग द भार म मवभाचजत ह री पहला हम कछ शतो क बतायर चजनकी पमवतर-वचन िमा क चलए साधारण आवशयकताओ क रप म पहचान करता ह और दसरा हम िमा क पान क साधन क बार म बात करर आइए हम उन शतो स शर कर चजनह पमवतर-वचन िमा स ज डता ह

ि त पमवतर-वचन िमा क चलए द पराथममक शतो क बार म बताता ह पहला यह िमा क चलए परमशवर म

मवशवास की आवशयकता क बताता ह पमवतर-वचन म मवशवास एक बह-पिीय मवचार ह परनत इस सनदभग म जब हम परमशवर म मवशवास की बात करत ह त यह हमार दमार म ह

पिम शवि क ी व िव य सि ो चचत ा की सि ीक वत उ सक परव त ि फाि ाि सम पय ण औि भि सा व क हम ा ि उ दध ा िक ता य यी ि म सीह क ी ख ा वत ि िह हम पि करणा क िग ा

यदयमप आधमनक श ताओ क यह अजीब लर सकता ह परनत पमवतर-वचन इस परकार क मवशवास क अकसर- परमशवर का भय- कहता ह

उदाहरण क चलए भजन 1038-13 िमा की इस शतग की परकमत का इस परकार वणगन करता ह

यह िा ि याि औि अ न गरहक ािी व ि ि मब स क प क िन ि ाि ा औि अ वत करणा म य ह ि सिय ि ा िा ि वि ि ाि कित ा न िहग ा न उ सक ा कर ध सि ा क ल ि ए भ डक ा िहग ा उस

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न हम ाि पा प ो क अन सा ि हम स व यिहा ि नही ो वक या औि न हम ा ि अ धमय क क ाम ो क अ न साि हम क बि ि ा व ि या ह ज स आक ा ि पथि ी क ऊपि ऊ चा ह ि स ही उसक ी क रणा उ सक डिि य ो क ऊपि परब ि ह उ ि या चि अ सत ा चि स ल ज तन ी ि ि ह उ स न हम ा ि अ पिा ध ो क हम स उत नी ही ि ि क ि व ि या ह ज स व पत ा अ पन ब ाि क ो पि ि या क ित ा ह ि स ही यह ि ा अ पन डिि य ो पि ि या क िता ह (भज न 1038-13)

धयान द मक यह वा का भय मानन वाल िमा पात ह उनका अधमग दर मकया जाता ह यही मवचार परी बाइबल म पाया जाता ह उदाहरण क चलए इस हम 2 इमतहास 3018 और 19 म

दित ह यह वा अपन ि जनवाल क माि करता ह मरकस 412 म यीश न सकत मदया मक कवल व ल र ही िमा क चलए परमशवर की ओर मिर सकत ह ज उस जानत और समझत ह और परररत क काम 2617 और 18 म िमा कवल उन ल र क ममल सकती ह चजनकी आि यह वा की ममहमा और सामथग क सतय क दिन क चलए ि ली रई ह

पमवतर-वचन म पाई जान वाली िमा की दसरी साधारण शतग ह टटा हआ ह ना टट हए ह न का अथग ह

पा प क ब ाि म ो ि ा सत व िक ि ख पिम शवि की व यि स था क त डन पि सचचा पिात ा प

यह कवल पकड जान पर या दणर का दि नही ह परनत अनबनध मक परमशवर की शत पमवतर ह और उसका सममान करन म असिल ह न पर मदल का टटना

पिा त ा प क अ थय म ो हम स मझ स औि आप स अ पल कषत ह व क हम ो अ पन पा प क ा अ पिाध -ब ध ह म ो ब त िब ा क सा थ पा प क िन क ब ाि िाऊि क ब ाि म ो स चत ा ह हा उ सन ब त िब ा क व िरदध पाप व क या था औि उसन ब त िबा क पव त क व ि रदध पा प व क या थ ा उ सन पिा न वन यम क ी क ि ी लसया क व िरदध पा प वक या था पिनत अ नतत ldquo म ो न कि ि त ि ही व िरदध पाप व क या ह औि त िी ि वषट म ो ज ब िा ह ि ह व क या ह rdquo औि आप उ सक व िि क पिात ा प क म हस स कित ह ो आधव न क िब ि म ो म ो स चता ह व क ldquo ट ट ा पनrdquo ह औि हम ो ि चन क ी ज रित ह व क पव ि तर आत म ा क दव ा िा हम ो त ड हम ो पिम शवि क ी उ पनद सथ व त म ो त ड

डा डिक डबल य एच थ ा म स

उदाहरण क चलए 2 शमएल अधयाय 11 म दाऊद क मन म क ई पिाताप नही था जब उसन बतशबा क साथ वयमभचार मकया और मिर उसक रभगधारण क चछपान क चलए उसक पमत उररयाह की मौत का इनतजाम मकया बतशबा क रभगधारण क समय अपन बचच क जनम क समय तक दाऊद क अपन कायो का क ई दि नही था उस समय नातान नबी दाऊद क पाप क मवषय म उसका सामना करता ह जसा हम 2 शमएल अधयाय 12 म पढत ह कवल उस समय दाऊद न अपन अपराध क माना और अपन आप क उसका द षी माना मिर टटपन की आतमा म अपन रहर दि और पिाताप क अमभवयि करन क चलए उसन अपन पिाताप का महान भजन भजन 51 चलिा दि दाऊद न भजन 51 क पद 6 और 17 म कया चलिा

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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त ह ि य क ी सचचा ई स परसनन ह त ा ह ट ट ा म न पिम शवि क य गय ब लि िा न ह ह पिम शवि त ट ट औि व पस हए म न क तचछ न ही ो ज ा नत ा (भज न 51617)

दाऊद न पहचान चलया मक परमशवर की िमा क पान क चलए उस अपन पाप क बार म परमशवर क दमिक ण की आवशयकता थी उस अपन कायग स घणा करन और उस पर वासटतव म दिी ह न की आवशयकता थी

हम टटपन पर इसी बल क भजन 32 पद 1 और 2 म दित ह जहा िमा उन ल र क ममलती ह चजन म क ई कपट नही ह इस हम यशायाह 557 म पात ह जहा परमशवर उन पर करणा करता ह ज अपन पाप क तयार दत ह और इस हम मयमगयाह 53 म सनत ह जहा उन ल र क िमा स इनकार कर मदया जाता ह चजनक हदय उनक पाप क सबध म हठील ह

म िा वि चा ि ह व क हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि ध यान िग ा न क दव ा िा अ पन व िि म ो पिा त ा प क उ त पनन कित ह ो इस हम उ त पवतत स परक ा ल ित ि ाकय त क ब ाइ बि पिम शवि क बा ि म ो ज ब ता त ी ह उ स पि व ि चा ि क िन क दव ा िा क ि सकत ह ो वक िह अ न ा जञा क ा िी ि ग ो स सो ग वत नही ो क ि सकत ा पिनत ज अनाजञाक ारिता क ा नयाय क ित ा ह औि अ पिा ल धय ो क ि ण ड ि त ा ह यही पिम शवि की पव ि तर ता क ा सा ि ह औि ज ब हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि व ि चा ि क ित ह ो त आइ ए पी छ म डक ि हम अ पन जी ि न क ि ख ो व क व कस परक ा ि हम न व यिस थ ा क त डा आजञा क ा उ ललो घ न वक या औि पिम शवि क ी बा त ो पि ध या न न ित हए उ स स ि ि ह ग ए अ पन ज ीि न क एक जो जा ि ब न ा ल ि या ल ज स स उ सक ा अ न ाि ि ह त ा ह अ ब पी छ म डक ि ि ख ो िह सा िा िण ड ज मझ पि पडन ा था ि ा सत ि म ो मसी ह पि पडा औि उ सन उ स सहा औि यह म झ बत ा त ा ह वक मि अ पन पा प व कत न ि ः खि थ व क म ि ल ि ए उन का पिा त ा प क िि पिम शवि क ि हधा िी पतर क ी म त य क दव ा िा वक या ज ा सक त ा थ ा औि जब म झ म हस स ह त ा ह वक पिम शवि की पव ि तरत ा क परक ा ि म ो म ि पा प व क तन िः खि ह ो औि उ नह ो ि ि क िन क ल ि ए क या म ाो ग क ी ग ई त पा प क परवत मिा ि ःख त ीवर ह ज ा एग ा म िा पिा त ा प ग हिा ह ग ा औि उ सक दव ा िा ब ाि-ब ाि औि ब ाि -ब ा ि अ पन आप क पव ि तर ता क ल ि ए पिम शवि क सम व पय त क िन क ा औि उस यह ब त ान क ा ईम ा नि ा ि परया स उत पनन ह ग ा वक मझ वकत न ा अ ल धक पछत ा िा ह औि ि ा स ति म ो म ो पा प ो स घ णा कित ा ह ल ज नह ोन पिा त ा प क आि शयक ब ना या

डा ज आई प क ि

मवशवास की अवसटथाए और टटा मन परतयक वयमि क जीवन क चलए महतवपणग ह चाह हम मवशवासी ह या नही चजन ल र न मसीह क अपन परभ और उदधारकताग क रप म गरहण नही मकया ह उनक चलए य अवसटथाए परमशवर म आन और पाप की िमा पान और मसीह म नय जीवन की शरआत करन क अवसर ह और हम म स ज ल र पहल स ही मसीह स सबचधत ह उनह यह याद मदलात ह मक हम मनरनतर मवशवास का जीवन जीना ह और हमार दवारा मनरनतर मकए जान वाल पाप क परमत हम वासटतव म दिी ह ना ह तामक हम मनरनतर िमा पा सक और दमनक आधार पर शदध ह सक

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अब जबमक हम दि चक ह मक िमा की अवसटथाओ म सामानयत कायगकारी मवशवास और हमारा टटा हआ मन शाममल ह ता ह त आइए हम उन साधारण साधन क दि चजनक दवारा हम िमा क पा सकत ह

स ाधन कई बार मसीही अनगरह क साधन और अनगरह क आधार क बीच अनतर क समझन म असिल ह

जात ह पररणामसटवरप व रलती स यह स चत ह मक अनगरह क पान या हम पर अनगरह करन क चलए परमशवर पर दबाव रालन क चलए अनगरह क साधन का परय र मकया जा सकता ह अत एक साधन और आधार क बीच अनतर क पहचानना महतवपणग ह इस अनतर क दिन म सहायता क चलए कलपना कर मक एक वयमि क च ट स उबरन क चलए शारीररक चचमकतसा की आवशयकता ह चचमकतसा महरी ह और उसका भरतान एक दानकताग दवारा मकया जाता ह हम कह सकत ह मक वयमि क र र स पणगत उबारन वाला साधन चचमकतसा ह परनत इस सटवासटथय-लाभ का आचथगक आधार दान ह

इन मभननताओ क हम सिप म इस परकार कह सकत ह मक आधार वह मल या य गयता ह चजसम क ई कायग या पररणाम आधाररत ह जबमक साधन वह औजार या यनतर ह ज उस कायग या पररणाम क समभव बनाता ह

जब परमशवर स िमा और अनगरह पान की बात आती ह त आधार हमशा मसीह की य गयता ह चजस उसन अपन आजञाकारी जीवन और करस की मतय क दवारा अचजगत मकया इस हम मतती 2628 कलमसटसय 113 और 14 और 1 यहनना 212 जस सटथान पर दित ह िमा क सवगदा अचजगत मकया जाता ह परनत इस मसीह क दवारा अचजगत मकया जाता ह हमार दवारा नही और मवशववास वह मलभत साधन ह चजसक दवारा सारा अनगरह हमार जीवन म लार मकया जाता ह चाह परमशवर क सममि परतयि रप स अमभवयि मकया जाए या अनगरह क साधन क दवारा मवशवास वह पराथममक औजार ह चजसक दवारा परमशवर हमार जीवन म अनगरह और अनय आशीष क लार करता ह

पमवतर-वचन कई साधन का वणगन करता ह चजनक दवारा मवशवास सामानयत कायग करता ह इस अधयाय म हमार उददशय क चलए इन अनय साधन क हम सिप म पराथगना स शर करक द सामानय शचणय म बाट सकत ह

समपणग पमवतर-वचन म पराथगना क परमशवर स अनगरह और िमा मारन क साधारण साधन क रप म परसटतत मकया रया ह जस बाइबल अरीकार और मन मिराव की पराथगना क आमतौर पर मवशवास की अमभवयमि बताती ह चजनक दवारा पमवतर आतमा हम िमा परदान करता ह इन पराथगनाओ की परभावशीलता क 1 राजा 829-40 भजन 321-11 परररत क काम 822 1 यहनना 19 और बहत स अनय सटथान पर चसिाया रया ह

उन ल र क चलए चजनह न अभी हाल ही म परभ क जाना ह अरीकार और मन मिराव की मवशवासय गय पराथगनाए व साधन ह चजनक दवारा पमवतर आतमा आरममभक रप म िमा और उदधार क उनक जीवन म लार करता ह इसीचलए परररत क काम 1118 म कलीचसया न मन पररवतगन क जीवन क चलए मन मिराव कहा और सार मवशवाचसय क चलए अरीकार और मर मिराव की पराथगना अपन जीवन म परमशवर क अनगरह क पान क महतवपणग साधन बन रहत ह जसा हम 1 यहनना 19 म पढत ह

यव ि हम अ पन पा प ो क म ान ि ो त (पिम शवि) हम ा ि पा प ो क कषम ा क िन औि हम ो सब अ धमय स ि दध क िन म ो व िशवा सय गय औि धम ी ह (1 य हनना 19)

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ससमाचार का अदभत समाचार ह मक मसीह न हमार चलए ज मकया ह उसक आधार पर हमार पाप का मफत म िमा करता ह और हम मवशवास क साथ कवल मारन क दवारा इस िमा क परापत कर सकत ह

आप ज ा न त ह ो व क ब हत स ि ग यह स चत ह ो वक यवि आप यह ल सख ा त ह ो व क पा पी क पिम शवि क पा स आक ि कि ि ldquoह सि ग ी य व पत ा मझ कषम ा किrdquo क हन स पिम शवि उ नह ो कषम ा क ि िग ा त यह पिम शवि क अ न गरह क सस त ा ब न ा ि ग ा पिनत त थय यह ह व क यह पिम शवि क अ न गर ह क ऊ चा उ ठा त ा ह इ सल ि ए न ही ो वक हम ा िा म न व फिाि हम ो ब चा त ा ह या उसक आधा ि पि पिम शवि हम ो कषम ा कित ा ह पिनत इ सल ि ए व क पिम शवि न स ि यो अ पन एक ि ौत पतर क ी अ न नत रप स म ल यि ान औि अ ग णय रप स म हो ग ी मत य क आधा ि पि हमा ि लि ए कषम ा औि म ि -वम िाप क ा आधा ि त याि व कया ह

डा ज ल िग न डो क न

इ स त थय न वक यी ि म सीह पिम शवि का पतर वतर एकत ा म ो ि सिा व यव ि पथि ी पि आया औि नमर त ा औि ि ासरप म ो त ीस ि षय वब ता ए औि व फि क षट सहा औि कर स पि म िा -हम ा ि पा प ो क िण ड क ा भग त ा न क िन क ल ि ए कर स पि पा प क अ न नत क जय क उ ठा ल िया यह एक अन नत म ल य ह यह एक अ न नत क ीम त ह ब हत बडी क ी मत हम ा ि पा प ो क लि ए अन नत क ीम त इ सल ि ए यह ससत ा अ न गरह न ही ो ह यह अ ब त क परा पत व क या ग या सि ा यलधक म हो ग ा अन गर ह ह हम इ स म फ त उपहा ि क रप म ो परापत क ित ह ो पिनत कि ि इ स क ा िण व क यी ि न अ पन ा सब क छ हम ा ि लि ए ि व ि या

डा म ाकय सर स

ज उ सक पा स आक ि कि ि ldquoपरभ म झ कषम ा क िrdquo क हत ह ो उ नह ो कषम ा व क या ज ात ा ह इसल ि ए न ही ो वक कषम ा क ी उ नक ी व िन त ी ब हत क ि ीन थ ी इ सल ि ए न ही ो व क उ न क ा म न व फिाि ब हत अच छा थ ा पिनत इ सलि ए वक यी ि न िह सब कि व ि या ह ज हम ा ि स ि ग ी य व पत ा क साथ सो ग वत म ो पन ि ौ टन क ल ि ए हम ाि ल ि ए आि शयक थ ा

डा ज ल िग न डो क न

अब हम यह बतान क चलए रकना चामहए मक अरीकार और मन मिराव की पराथगनाओ क अमतररि ज िमा क साधारण साधन क रप म कायग करती ह मबचवई की पराथगना कई बार िमा क असाधारण या असामानय साधन क रप म कायग करती ह मबचवई क इस परकार पररभामषत मकया जा सकता ह मधयसटथता या मकसी और की िामतर मवनती या पराथगना

पमवतर-वचन म ल र दवारा परभावी मधयसटथता की पराथगना क बहत स उदाहरण ह इस हम मरनती 1419 और 20 म दित ह जहा मसा की मधयसटथता की पराथगना क जवाब म यह वा न इसराएल क पाप क िमा कर मदया इस हम 2 इमतहास 3018-20 म पात ह जहा महजमकयाह की मबचवई क जवाब म यह वा न उन ल र क माि कर मदया चजनह न िसह की उचचत तयारी नही की थी इस हम अययब 15 म दित ह

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जहा हम सीित ह मक अययब मनरनतर अपन बचच क चलए मबचवई क बचलदान चढाया करता था और इस हम याकब 514 और 15 म दित ह जहा याकब न चसिाया मक कलीचसया क परमनए उन ल र क चलए िमा क परापत कर सकत ह चजनह न पाप मकया ह परमशवर मवशवासय गय ल र की मबचवई क पराथगना क जवाब म हमशा िमा परदान नही करता ह परनत बहत बार वह ऐसा करता ह

और इस परकार की मानवीय मबचवई स बढकर पतर और पमवतर आतमा द न ल र क चलए मधयसटथता करत ह यीश दवारा की जान वाली मधयसटथता क बार म यशायाह 5312 र ममय 834 और इबरामनय 725 जस सटथान पर बताया रया ह और आतमा की मधयसटथता क बार म र ममय 826 और 27 म चसिाया रया ह

िमा क साधन की दसरी सामानय शणी पमवतर ससटकार ह या चजनह आधमनक पर टसटटनट कलीचसयाए-मवधान कहती ह मखयत बपमतसटमा और परभ भ ज

अब जब हम ससटकार शबद का परय र करत ह त हम इस बात क सटपि करन की आवशयकता ह मक हम परभ भ ज और बपमतसटमा क बार म र मन कथ चलक कलीचसया क मवचार की बात नही कर रह ह बमलक ससटकार शबद का परय र बहत सी पर टसटटनट ससटथाओ दवारा ऐमतहाचसक रप स परभ भ ज और बपमतसटमा क चलए मकया जाता रहा ह य समार ह मवशष पमवतर मवधान ह चजनह परमशवर न हमार मवशवास क अमभवयि करन और उसकी आशीष क पान क साधन क रप म कलीचसया क उपलबध कराया इन मवधान क कायग मववरण क बार म पर टसटटनट परमपराओ म मतभद ह परनत व सब इस बात स सहमत ह मक य मकसी तरह मवशष ह

कई बार मसीमहय क सनदह ह ता ह जब व दसर क परभ भ ज और बपमतसटमा क िमा क साधन क रप म बतात हए सनत ह अत इस बात पर बल दना महतवपणग ह मक हम यह नही कह रह ह मक इन मवधान म ऐसी क ई य गयता नही ह ज उनह परभावी बनाती ह य िमा का आधार नही ह

साथ ही बाइबल चसिाती ह मक जब हम परभ भ ज और बपमतसटमा क दवारा अपन मवशवास क अमभवयि करत ह त पमवतर आतमा हमार जीवन म िमा क लार करन क चलए इन मवधान का परय र करता ह

बपमतसटमा क मरकस 14 परररत क काम 238 र ममय 61-7 और कलमसटसय 212-14 जस पदयाश म अनगरह का साधन बताया रया ह

एक उदाहरण क रप म परररत क काम 2216 म पौलस स कह रए हननयाह क शबद क सन

अ ब क य ो ि ि क िता ह उ ठ बपव त स म ा ि औि उ सक ा ना म ि क ि अ पन पा प ो क ध डा ि (परर ित ो क क ाम 2216)

इन मनदश म हननयाह न सकत मदया मक बपमतसटमा क दवारा पौलस क पाप क िमा मकया या- ध मदया जाएरा

अब मनसटसनदह बपमतसटमा िमा का एक आवशयक साधन नही ह हम दसर तरीक स भी िमा ममल सकती ह जस यीश क साथ करस पर चढाए रए मवशवास करन वाल उस राक न कभी बपमतसटमा नही चलया था मिर भी लका 2343 सकत दता ह मक उस िमा मकया रया और उसन उदधार पाया अत हम यह स चन की रलती नही करनी चामहए मक िमा और उदधार कवल उन ल र क चलए उपलबध ह चजनह न बपमतसटमा ल चलया ह मिर भी पमवतर-वचन इस पणगत सटपि करता ह मक बपमतसटमा साधारणत हमार जीवन म िमा क लार करन क साधन क रप म कायग करता ह

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और परभ भ ज का भी यही सतय ह पौलस न सटपि रप स चसिाया मक परभ भ ज म भार लना मसीह की मतय क लाभ जस िमा क परापत करन का माधयम ह दि 1 कररमनथय 1016 म उसन कया चलिा ह

िह धनयिाि क ा क ट िा लजस पि हम धनयि ा ि क ित ह ो क या म सी ह क ि ह क ी सहभ ा व गत ा नही ो ि ह ि ट ी लजस हम त डत ह ो क या ि ह म सीह क ी ि ह क ी सहभ ा व गत ा न ही ो (1 कर िनद नथ य ो 1016)

य अलकाररक परशन थ पौलस की पमतरय क पढन वाला परतयक वयमि जानता था मक उनका उततर था -हा मनसटसनदह मवशवास क साथ परभ भ ज म भार लन क दवारा हम मसीह क साथ एक ह त ह

पाप की िमा उदधार की एक महान आशीष ह चजस हम अपन समपणग मसीही जीवन क दौरान अनभव करत ह चाह हम नय मसीही ह या जीवन भर स मवशवासी रह ह िमा मसीह क साथ हमारी चाल का एक सतत पहल ह और इसक पररणामसटवरप बहत सी अनय आशीष भी ममलती ह

जान वसटली मथ मरसटट कलीचसया क ससटथापक ज 1703 स 1791 क बीच रह न अपन सनदश सखया 26 म िमा क बार म बताया चजस म उनह न पहाडी उपदश की वयाखया की दि मक उनह न वहा कया कहा

पा प ो क ी कषम ा पा त ही हम इ सी परक ा ि उ न क साथ ब हत कछ पा त ह ो ज व ि शवास क दवा िा ज उ स म ो ह पव ितर वक ए ग ए ह ो पा प अ पन ी सा मथय ख चक ा ह इसक ा उन पि क ई अ ल धक ा ि न ही ो ह ज अनगर ह यावन पिम शवि की परसननत ा क अ धी न ह ो क य ोवक ज म सी ह म ो ह ो उ न पि क ई ि णड क ी आजञा न ही ो ह इ सल ि ए ि पा प क सा थ -साथ गि ा व न स भ ी म ि वक ए ग ए ह ो व यि सथ ा क ी धा वमय क त ा उ नम ो प िी हई ह औि ि ििीि क अ न सा ि न ही ो पिनत आतम ा क अ न सा ि चित ह ो

म ो स चता ह पा प ो क ी कषमा एक परक ा ि स म सी व हय ो क रप म ो हमा िी सि ा यल धक अ नम ि ि ा सत व िकत ा ह म िभ त रप स हम ा ि पा प ो क कषमा क िन क ा अथय ह पिम शवि हम ा ि सवषट कत ा य क साथ सही सो बो ध म ो िहन ा आज ज ब हम सो सा ि क िख त ह ो हम पा त ह ो वक ि ग अ थय महत ि उ दद शय क ी ख ज म ो ह ो औि हम ा िी सो सक वत म ो अ त यल धक अ समो जस ह ज ीि न क या ह ज ी न क ा क ा िण क या ह म ो यहा क य ो ह औि इ सल ि ए ि ग अथय औि म हति क ख ज न क ल ि ए हि त िह स परया स क ित ह ो-वफि चा ह ि अ पन ी न ौ किी का पी छ ा क िो या ि ोव गकत ा या म ा िक पि ा थ ो क ा म िा मत िब ह व क ि ग ख िी औि आन नि क पा न क लि ए हि त िह क सथ ा न ो औि म ा गो म ो परयास क ि िह ह ो पिनत ससम ा चा ि हम ो बत ा ता ह वक म न षय ो क रप म ो हम ा िी म िभ त आि शयकत ा अ पन सवषटक त ा य क सा थ सही सो बो ध म ो िहन ा ह उ सक सा थ ल ज सन हम ो ब न ा या ह ससम ा चा ि ब त ात ा ह व क पिम शवि न अ पन पतर यी ि म सी ह क भ ज ा वक ि ह हम ा ि पा प ो क ा परा यल ित कि पिम शवि क कर ध क ि ि कि पिम शवि न अ पन परम म ो अ पन पतर क भज ा वक हम ा ि पा प कषम ा ह सको तावक यवि हम उस पि भि सा क िो त हम ा ि पा प कषम ा ह सको औि ज ब हम उ स अ नभ ि पि आत ह ो जब हम ऐसी कषम ा क ल ि ए यी ि म सी ह क ी ओि वफित ह ो त एक अत ल य िा नद नत क ा अ हसास ह त ा ह सो सा ि क सा थ सही ह न क ा अहसा स कय ोवक यह ि ा सत ि म ो सो सा ि क सा थ सही ह न ा

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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ह हम अ चा नक महस स क ित ह ो व क हम ो इ सक ल ि ए ही ब न ा या ग या ह हम ो पिम शवि क सा थ सही सो बो ध म ो िहन क ल ि ए बन ा या ग या ह उ स पि हम पहचा नत ह ो

डा ट ा म शरन ि

अब जबमक हम पाप की िमा की धमगचशिा क दि चक ह त हम मवशवास क अरल सतर क दिन क चलए तयार ह दह का पनरतथान

पनर तथान

परररत क मवशवास-कथन क इन शबद क याद कर

म ो

ि ह क पन रत थ ा न म ो वि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर हम सटपि ह न की आवशयकता ह मक मवशवास-कथन यीश क पनरतथान क बार म बात नही कर रहा ह यीश का पनरतथान मवशवास-कथन म पहल आता ह जब यह कहता ह मक यीश मतक म स तीसर मदन जी उठा जब मवशवास-कथन दह क पनरतथान क बार म बात करता ह त इसक मन म सामानय पनरतथान ह-मसीह क ममहमा म आरमन पर सार ल र का पनरतथान

हम दह क सामानय पनरतथान क तीन चरण म दिर पहला हम सराप क दिर चजसक पररणामसटवरप हमारी दह म मतय आती ह दसरा हम बतायर मक मसीही ससमाचार हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करता ह और तीसरा हम दिर मक अनत म मकस परकार हमारी दह का छटकारा ह रा आइए सराप स शर कर ज हमारी दह म मतय क लाता ह

सराप जसा हमन पवगवमतग अधयाय म दिा परमशवर न मनषय क शारीररक दह और रर-शारीररक पराण स

बनाया इबरामनय 412 और 1 चथसटसलनीमकय 523 क आधार पर कछ परमपराओ का मानना ह मक परतयक मनषय म पराण क अमतररि आतमा भी ह ती ह परनत लरभर 200 ऐस वचन ह चजन म हमार अमसटततव क सार आनतररक रर-शारीररक पहलओ क समपणग रप म बतान क चलए इनम स मकसी एक शबद का परय र मकया रया ह अत अचधकाश मसीमहय का मनषकषग ह मक पराण और आतमा द न शबद एक ही वासटतमवकता क बतात ह और मनषय मखयत कवल द भार स मनममगत ह दह और आतमा

पाप म मररन स पवग हमारी दह और हमारी आतमा पर पाप और इसकी भरि शमिय का क ई परभाव नही था परनत जब आदम और हववा पाप म मरर रए त पाप न न कवल उनकी आतमाओ बमलक उनकी दह क भी भरि कर मदया और उनकी दह क दमषत ह न का अमनतम पररणाम उनकी शारीररक मतय थी उतपमतत 319 म आदम पर परमशवर क सराप क दि

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 8: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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परमशवर की वयवसटथा क जानत ह त यह पाप मक पहचान करन म हमारी सहायता करती ह चजस स हम ध िा न िाए और जब हम परमशवर की वयवसटथा स परम करत ह त उसकी आजञा मानन का चनाव करना आसान ह जाता ह

पाप की पररभाषा और उतपमतत क दिन क बाद हम पाप क पररणाम क दिन क चलए तयार ह

पाप क परिण ा म पमवतर-वचन सकत दता ह मक आदम और हववा क पाप करन क बाद परमशवर न नयाय मकया और

समपणग मानव जामत क सराप मदया इस सराप न उनक अमसटततव क परतयक पहल क परभामवत मकया इसका पररणाम तरनत आमतमक मतय म मनकला चजसक बार म पर पमवतर-वचन म बताया रया ह जस यहनना 524 और 25 इमिचसय 21-5 और कलमसटसय 213 और 14 म इसन हमार अमसटततव दह और आतमा द न क भरि मकया ज हम मयमगयाह 179 और र ममय 718-811 म दित ह और इसका अनत शारीररक मतय था जसा हम उतपमतत 319 और र ममय 512 म पढत ह अनतत पाप क कारण मानव जामत पर नरक म अननत कि का परमशवर का दणर आया जसा हम मतती 529 और 30 जस पदयाश स सीित ह

सपरचसदध पासबान चालसग सटपजगन ज 1834 स 1892 क बीच रह न अपन सनदश सराप हटाया रया म आदम और हववा पर परमशवर क सराप क बार म बताया दि उनह न कया कहा

उ स सरा प म ो क या िा वम ि ह इसम ो मत य िा व मि ह इस िह क ी मत य इ सम ो आनद त मक म त य िा व मि ह उ स आनत र िक ज ी िन की मत य ज आि म म ो थ ा - आतम ा क ा जीिन ज अ ब चि ा गया ह औि कि ि पवि तर आत मा दवा िा पन ि ाया जा सकता ह औि अ नत म ो सब स ब िति इ सम ो िा व मि ह ि ह अ न नत म त य िह भ यो क ि भ या नक िबि ldquo न िक rdquo ल ज सम ो सब क छ सम ा सकत ा ह

आदम और हववा क पाप क पररणाम समपणग मानव जामत म भी िल रए-उस परतयक वयमि म चजसन पराकमत रप स उन स जनम चलया हम पाप क इस वचशवक परभाव क 1 राजा 846 र ममय 39-12 रलामतय 322 और इमिचसय 23 जस पदयाश म दित ह दि पौलस र ममय 512 और 19 म आदम क पाप क बार म कया कहता ह

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या एक म न ष य क आजञा न म ा नन स ब हत ि ग पा पी ठहि (ि वम य ो 51219)

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा आदम समपणग मानव जामत की वाचा का मचिया था और पौलस न चसिाया मक इस कारण आदम का पाप उसक सार वशज पर आया और इसक पररणामसटवरप हम सटवभाव स पापी ह हम ससार म आमतमक रप स मत अवसटथा म ददग और कि क अधीन और शारीररक मतय की मनयमत लकर आत ह

इ स बढा -चढाक ि क हन ा क व ठन ह पा प क प णय पर िणाम क सम झना भ ी हम ा ि ल ि ए अ समभ ि ह पिनत हम ा िा पा प सव षटक त ा य क वि रदध व ि ि ह ह यह उ सक ी म वहम ा क चिा न का परया स ह यह उसक ी व यिस थ ा क त डना ह यह उसक ी म व हम ा स वग िन ा ह यह हि परका ि स अ पन आप क पिम शवि क ितर ब न ान ा ह पा प पिम शवि क साथ

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हम ा ि सो बो ध क वब गा ड ित ा ह क य ोवक पिम शवि पवि तर ह ि ह पा प क न ही ो िख सक त ा ह उ सक ी पवि तरत ा क क ा िण उ स पा प पि अ पना कर ध उ णडि ना पडत ा ह अ त जब हम मा न िी य पा प क ि खत ह ो यह ि ह सब कछ ह ज हम ो हमा िी सम स या क बा ि म ो ज ा नन ा ह यह ि ह सब कछ भी ह ज हम ो स ियो क ब ा ि म ो ज ान न क ी आि शयकत ा ह पा प एक म न वि जञा न ह ल ज स क दव ा िा ज कछ ि पय ण म ो िखत ह ो औि ज हम अ पन आप क ब ा ि म ो ज ा न त ह ो उ स समझन म ो हम ा िी सहा यत ा क ित ा ह यह हम ो इस बा त क ी भ ी या ि व िि ात ा ह वक हम ा ि पा स अ पन आप क इ स ििय िा स ब चा न क ा क ई म ागय न ही ो ह क िि पिम शवि ही यह क ि सक त ा ह औि िह इ स म सी ह म ो क ित ा ह

डा आि अल बटय म हलि ज वनयि

पाप की समसटया सचमच भीषण ह परी मानव जामत पणगत ि ई हई और द षी ह हमार पास अपन आप क छडान का क ई मारग नही ह मनरनतर परमशवर का दणर सहना हमारी मनयमत ह उस पन परसनन करन या हमार पाप क सधारन का हमार पास क ई मारग नही ह परमशवर की अनगरहकारी िमा क अलावा उदधार की मबलकल भी आशा नही ह

पाप की समसटया क दिन क बाद अब हम िमा की हमारी चचाग क मदवय अनगरह की ओर म डना चामहए ज िमा क सभव बनाता ह

व िवय अनगरह अपनी करणा म परमशवर नही चाहता था मक समपणग मानव जामत पाप क सराप की अधीनता म रह

उसन मिर मनषय दवारा पथवी क भरन और उस पर अचधकार करन क चलए और उस अपनी उपमसटथमत क य गय राजय म बदलन की य जना बनाई इसचलए पाप की समसटया क हल करन क चलए उसन एक उदधारक क भजा और वह उदधारक उसका पतर यीश मसीह था

उदधारक क रप म यीश हम द ष और भरिता स बचाता ह वह अपन साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह ससार क उसक पथवी क राजय म बदलन की हमारी य गयता क वह पन हम दता ह हमार अपन उदधार क चलए परमशवर की य जना कवल मनषय की य गयता पर मनभगर नही ह यह परमशवर क अनगरह उसकी परसननता पर मनभगर ह हम हमार मवशष परमतमनचध परभ यीश मसीह दवारा मदया जाता ह जसा हम र ममय 323 और 24 म पढत ह

सब न पा प व क या ह औि पिमशवि क ी म व हम ा स िवहत ह ो पिनत उ सक अ नगर ह स उ स छ टक ा ि क दवा िा ज म सी ह यीि म ो ह स ोत म ोत धम ी ठहिा ए ज ा त ह ो (ि व म य ो 323-24)

मदवय अनगरह क कायग क रप म िमा म मतरएकता क तीन वयमि मपता पतर और पमवतर आतमा शाममल ह और इसकी शरआत मपता स हई

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वपता

उ दध ा ि व तर एक ह व पत ा ज पहि क िता ह पतर ज प िा क िता ह आत म ा ज िाग क िता ह जब हम व पता -पतर क सो बो ध क ब ा ि म ो स चत ह ो-हम ो स चना चा व हए वक हम ा ि उ दध ा ि क ी य ज न ा म ो व पत ा पतर औि पवितर आत मा त ी न ो व यव ि िा व मि ह ो त ीन ो वयव ि अ न गरह म ो औि परम म ो औि करणा म ो क ा यय क िन क सा थ -साथ कर ध औि धा वमय क त ा औि ि ण ड क भ ी था म िहत ह ो अ त जब व पत ा क पहि क िन ि ाि क रप म ो ि खा ज ा त ा ह त ि ह इस पतर औि पव ि तर आत म ा स अ ि ग अक ि न ही ो क ित ा ह

डा स ट ी फन िि म

िमा की शरआत मपता स हई कय मक उसी न उसकी य जना बनाई नया मनयम सटपि रप स चसिाता ह मक मपता न पतर क ससार म भजा और उस उदधारकताग मनयि मकया इस हम यहनना 316-18 परररत क काम 234-36 और इबरामनय 31 और 2 म दित ह

नया मनयम यह भी चसिाता ह मक मपता अपन ल र क उदधारकताग क रप म यीश की सामथग क अचधकत मकया और करस पर यीश क बचलदान क पाप क भरतान क रप म सटवीकार करन का वायदा मकया हम मपता की इन भममकाओ क बार म यहनना 1014-18 कलमसटसय 118-20 और इबरामनय 210 जस पदयाश म पढत ह

वासटतव म र ममय 325 कहता ह मक मपता न ही यीश क बचलदान क रप म चढाया दि पौलस वहा कया चलिता ह

पिम शवि न उ स परा यल ित ठहिाया (ि व म य ो 325)

मपता छटकार का महान चशलपकार ह यह उसकी अनगरहकारी य जना और करणामय इचछा ह मक हमार पाप क िमा कर और हम आशीष द और यह उसका अचधकार ह ज उदधार क सभव और मनचित बनाता ह

यह विचाि वक कर स पि यी ि ि ग ो क परव त अ पन स िग ी य व पत ा क कर ध क इ स त िह ि ि किन क ा परया स क ि िहा ह व क यी ि त परम ी ह ि वक न व पता न ही ो यह ि ा सत ि म ो यी ि म सीह क परा यल ित क क ायय म ो ज ह िहा ह उ सक ी गि त सम झ ह कर स पि यी ि क ा क ा यय िा स ति म ो व पत ा क अ पन ि ग ो क परव त प िय ि वतय परम क ी अव भ व यव ि ह स च ो व क न य व न यम म ो व कत न ी ब ा ि इस ब ात पि ब ि वि या ग या ह वक यी ि क ा सो सा ि म ो आन ा औि कर स उ ठा न ा ि ा सत ि म ो व पत ा क परम क ा पर िणा म ह ि ह ि चन ल ज स हम म ो स अ ल धक ा ि ि ग सो भि त अपन म सी ही ज ीि न म ो पहि ि चन क रप म ो याि क ित ह ो य हनन ा 316 बि ि त ा ह ldquoक य ोवक पिम शवि न ज गत स ऐसा परम वक या वक उस न अ पन ा इ कि ौ ता पतर ि व िया rdquo अ ब इ स ि चन म ो व क स क परम पि बि व िया ज ा िहा ह म वक सी भ ी तिह यी ि क परम क कम न ही ो क ि िहा ह पिनत उ स पद ाो ि म ो पतर क िन म ो स िग ी य व पता क परम पि ब ि व ि या ज ा िहा ह

डा ज ल िग न डो क न

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पतर मदवय अनगरह ज हमारी िमा क पणग करता ह उस म पतर भी शाममल ह ज हमारा उदधारकताग ह मपता क वायद की पणगता म पतर क ससार म भजा रया चचर-परमतचित मसीहा यीश क रप म

दहधारण मकया तामक मनषय क पाप का परायचित कर इस चशिा क हम बहत स सटथान जस र ममय 325 और 26 इबरामनय 214-17 और 105-10 म पात ह

यीश न पामपय की जरह करस पर मरन क दवारा पाप का परायचित मकया हमार पाप क कारण आए सराप क उसन गरहण मकया और उसकी चसदध धाममगकता हम दी रई तामक हम पापी न मरन जाए बमलक परमशवर की आजञाकारी सनतान मान जाए कछ थ ड स सटथान जहा यह मवषय आता ह उनह हम यहनना 1014-18 रलामतय 220 2 कररमनथय 521 और इबरामनय 109-14 म पात ह जस पौलस न इमिचसय 17 म चलिा

हम क (यी ि म सीह) म ो उ सक ि ह क दव ािा छटक ा िा अ थ ा यत अ पिा ध ो क ी कषम ा उ सक उ स अन गर ह क धन क अ न साि व मि ा ह (इ व फल सय ो 17)

हमार पाप िमा मकए रए ह इसचलए नही मक परमशवर उनह अनदिा करता ह बमलक इस कारण मक उसन मसीह म उनह दणर मदया और इसीचलए पमवतर-वचन हम हमार उदधार पर मवशवास करन क चलए परररत करता ह

मपता और पतर क इन कायो पर मनभगर ह न क अमतररि िमा पमवतर आतमा क मदवय अनगरह का भी पररणाम ह

पवितर आतमा पमवतर आतमा मतरएकता का वह वयमितव ह ज वासटतव म िमा क हमार जीवन म लार करता ह

मपता न य जना बनाई और पतर न परायचित क परा मकया परनत हमार पाप वासटतव म तब तक िमा नही ह त ह जब तक मक पमवतर आतमा अपना काम न कर

जब हम मवशवास म आत ह त पमवतर आतमा उस समय तक हमार दवारा मकए रए पाप क िमा करक परमशवर क साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह वह हमारी आतमाओ का नवीनीकरण करक हम नया आमतमक जीवन भी दता ह जसा यीश न यहनना 35-8 म बताया परररत क काम 1118 इस अनभव क जीवन क चलए मन-मिराव कहता ह कय मक नवीनीकरण और मवशवास म हमशा दि और हमार पाप का अरीकार शाममल ह ता ह इस मवचार की बहत स पदयाश म पमि की रई ह जस 1 कररमनथय 611 म

और पमवतर आतमा हमार जीवन भर मनरनतर िमा लार करता रहता ह वही हमार मवशवास क बनाए रिता ह ज हम परमतमदन मन-मिराव की ओर लाता ह और वह मनरनतर हमार जीवन म िमा लार करता ह इस हम र ममय 81-16 और रलामतय 55 जस सटथान म दित ह एक उदाहरण क रप म दि पौलस 2 चथसटसलनीमकय 213 म कया कहता ह

पिम शवि न त म ह ो चन ल िया वक आत म ा क दव ा िा पव ितर ब नक ि औि सत य क ी परतीवत क िक उ दधा ि पा ओ (2 ल थ स सि न ी वक य ो 213)

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यहा पौलस न चलिा मक मसीही आतमा क कायो क दवारा उदधार पात ह ज हम पाप और अधमग स शदध करत ह अथागत आतमा क कायग ज हमार जीवन म िमा लार करत ह और जब हम मनरनतर सतय म मवशवास करत ह त आतमा मनरनतर हमार जीवन म िमा क लार करता ह

मपता पतर और पमवतर आतमा सब हमार परमत उदधार क अनगरह क मदिात ह और इसक हमार जीवन क चलए कम स कम तीन मनमहताथग ह पहला जब हम पाप करत ह और परमशवर स िमा और उदधार क अनय पहलओ की अपील करत ह त तीन मदवय वयमिय स अपनी पराथगना करन म हम सही ह दसरा जब हम इन आशीष क पात ह त हम परमशवर क तीन वयमिय क धनयवाद दना चामहए और तीसरा हम अपन उदधार पर पणग भर सा कर सकत ह यह जानत हए मक मतरएकता क तीन वयमि हम स परम करत ह और हमार उदधार क समनचित करन क चलए कायग करत ह मपता पतर और पमवतर आतमा तीन हमार लाभ क चलए पाप की समसटया क हल करन क चलए एक साथ ममलकर कायग कर रह ह

पाप की समसटया और मदवय अनगरह क दमिक ण स पाप की िमा क दिन क पिात हम िमा म वयमिरत उततरदामयतव की भममका क बार म बात करन क चलए तयार ह

वयविगत उतति िाव यत ि पमवतर-वचन सटपि रप स चसिाता ह मक परमशवर परतयक वयमि क पाप क िमा नही करता ह कछ

ल र क िमा मकया जाता ह और कछ क नही यह सतय कय ह मानवीय दमिक ण स कारण यह ह मक िमा की परमकरया म साधारण रप स वयमिरत उततरदामयतव का ततव शाममल ह ता ह सामानयत इन उततरदामयतव क परा करन वाल ल र क िमा मकया जाता ह परनत ज इन उततरदामयतव स जी चरात ह उनह नही

वयमिरत उततरदामयतव की भममका की हमारी चचाग द भार म मवभाचजत ह री पहला हम कछ शतो क बतायर चजनकी पमवतर-वचन िमा क चलए साधारण आवशयकताओ क रप म पहचान करता ह और दसरा हम िमा क पान क साधन क बार म बात करर आइए हम उन शतो स शर कर चजनह पमवतर-वचन िमा स ज डता ह

ि त पमवतर-वचन िमा क चलए द पराथममक शतो क बार म बताता ह पहला यह िमा क चलए परमशवर म

मवशवास की आवशयकता क बताता ह पमवतर-वचन म मवशवास एक बह-पिीय मवचार ह परनत इस सनदभग म जब हम परमशवर म मवशवास की बात करत ह त यह हमार दमार म ह

पिम शवि क ी व िव य सि ो चचत ा की सि ीक वत उ सक परव त ि फाि ाि सम पय ण औि भि सा व क हम ा ि उ दध ा िक ता य यी ि म सीह क ी ख ा वत ि िह हम पि करणा क िग ा

यदयमप आधमनक श ताओ क यह अजीब लर सकता ह परनत पमवतर-वचन इस परकार क मवशवास क अकसर- परमशवर का भय- कहता ह

उदाहरण क चलए भजन 1038-13 िमा की इस शतग की परकमत का इस परकार वणगन करता ह

यह िा ि याि औि अ न गरहक ािी व ि ि मब स क प क िन ि ाि ा औि अ वत करणा म य ह ि सिय ि ा िा ि वि ि ाि कित ा न िहग ा न उ सक ा कर ध सि ा क ल ि ए भ डक ा िहग ा उस

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न हम ाि पा प ो क अन सा ि हम स व यिहा ि नही ो वक या औि न हम ा ि अ धमय क क ाम ो क अ न साि हम क बि ि ा व ि या ह ज स आक ा ि पथि ी क ऊपि ऊ चा ह ि स ही उसक ी क रणा उ सक डिि य ो क ऊपि परब ि ह उ ि या चि अ सत ा चि स ल ज तन ी ि ि ह उ स न हम ा ि अ पिा ध ो क हम स उत नी ही ि ि क ि व ि या ह ज स व पत ा अ पन ब ाि क ो पि ि या क ित ा ह ि स ही यह ि ा अ पन डिि य ो पि ि या क िता ह (भज न 1038-13)

धयान द मक यह वा का भय मानन वाल िमा पात ह उनका अधमग दर मकया जाता ह यही मवचार परी बाइबल म पाया जाता ह उदाहरण क चलए इस हम 2 इमतहास 3018 और 19 म

दित ह यह वा अपन ि जनवाल क माि करता ह मरकस 412 म यीश न सकत मदया मक कवल व ल र ही िमा क चलए परमशवर की ओर मिर सकत ह ज उस जानत और समझत ह और परररत क काम 2617 और 18 म िमा कवल उन ल र क ममल सकती ह चजनकी आि यह वा की ममहमा और सामथग क सतय क दिन क चलए ि ली रई ह

पमवतर-वचन म पाई जान वाली िमा की दसरी साधारण शतग ह टटा हआ ह ना टट हए ह न का अथग ह

पा प क ब ाि म ो ि ा सत व िक ि ख पिम शवि की व यि स था क त डन पि सचचा पिात ा प

यह कवल पकड जान पर या दणर का दि नही ह परनत अनबनध मक परमशवर की शत पमवतर ह और उसका सममान करन म असिल ह न पर मदल का टटना

पिा त ा प क अ थय म ो हम स मझ स औि आप स अ पल कषत ह व क हम ो अ पन पा प क ा अ पिाध -ब ध ह म ो ब त िब ा क सा थ पा प क िन क ब ाि िाऊि क ब ाि म ो स चत ा ह हा उ सन ब त िब ा क व िरदध पाप व क या था औि उसन ब त िबा क पव त क व ि रदध पा प व क या थ ा उ सन पिा न वन यम क ी क ि ी लसया क व िरदध पा प वक या था पिनत अ नतत ldquo म ो न कि ि त ि ही व िरदध पाप व क या ह औि त िी ि वषट म ो ज ब िा ह ि ह व क या ह rdquo औि आप उ सक व िि क पिात ा प क म हस स कित ह ो आधव न क िब ि म ो म ो स चता ह व क ldquo ट ट ा पनrdquo ह औि हम ो ि चन क ी ज रित ह व क पव ि तर आत म ा क दव ा िा हम ो त ड हम ो पिम शवि क ी उ पनद सथ व त म ो त ड

डा डिक डबल य एच थ ा म स

उदाहरण क चलए 2 शमएल अधयाय 11 म दाऊद क मन म क ई पिाताप नही था जब उसन बतशबा क साथ वयमभचार मकया और मिर उसक रभगधारण क चछपान क चलए उसक पमत उररयाह की मौत का इनतजाम मकया बतशबा क रभगधारण क समय अपन बचच क जनम क समय तक दाऊद क अपन कायो का क ई दि नही था उस समय नातान नबी दाऊद क पाप क मवषय म उसका सामना करता ह जसा हम 2 शमएल अधयाय 12 म पढत ह कवल उस समय दाऊद न अपन अपराध क माना और अपन आप क उसका द षी माना मिर टटपन की आतमा म अपन रहर दि और पिाताप क अमभवयि करन क चलए उसन अपन पिाताप का महान भजन भजन 51 चलिा दि दाऊद न भजन 51 क पद 6 और 17 म कया चलिा

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त ह ि य क ी सचचा ई स परसनन ह त ा ह ट ट ा म न पिम शवि क य गय ब लि िा न ह ह पिम शवि त ट ट औि व पस हए म न क तचछ न ही ो ज ा नत ा (भज न 51617)

दाऊद न पहचान चलया मक परमशवर की िमा क पान क चलए उस अपन पाप क बार म परमशवर क दमिक ण की आवशयकता थी उस अपन कायग स घणा करन और उस पर वासटतव म दिी ह न की आवशयकता थी

हम टटपन पर इसी बल क भजन 32 पद 1 और 2 म दित ह जहा िमा उन ल र क ममलती ह चजन म क ई कपट नही ह इस हम यशायाह 557 म पात ह जहा परमशवर उन पर करणा करता ह ज अपन पाप क तयार दत ह और इस हम मयमगयाह 53 म सनत ह जहा उन ल र क िमा स इनकार कर मदया जाता ह चजनक हदय उनक पाप क सबध म हठील ह

म िा वि चा ि ह व क हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि ध यान िग ा न क दव ा िा अ पन व िि म ो पिा त ा प क उ त पनन कित ह ो इस हम उ त पवतत स परक ा ल ित ि ाकय त क ब ाइ बि पिम शवि क बा ि म ो ज ब ता त ी ह उ स पि व ि चा ि क िन क दव ा िा क ि सकत ह ो वक िह अ न ा जञा क ा िी ि ग ो स सो ग वत नही ो क ि सकत ा पिनत ज अनाजञाक ारिता क ा नयाय क ित ा ह औि अ पिा ल धय ो क ि ण ड ि त ा ह यही पिम शवि की पव ि तर ता क ा सा ि ह औि ज ब हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि व ि चा ि क ित ह ो त आइ ए पी छ म डक ि हम अ पन जी ि न क ि ख ो व क व कस परक ा ि हम न व यिस थ ा क त डा आजञा क ा उ ललो घ न वक या औि पिम शवि क ी बा त ो पि ध या न न ित हए उ स स ि ि ह ग ए अ पन ज ीि न क एक जो जा ि ब न ा ल ि या ल ज स स उ सक ा अ न ाि ि ह त ा ह अ ब पी छ म डक ि ि ख ो िह सा िा िण ड ज मझ पि पडन ा था ि ा सत ि म ो मसी ह पि पडा औि उ सन उ स सहा औि यह म झ बत ा त ा ह वक मि अ पन पा प व कत न ि ः खि थ व क म ि ल ि ए उन का पिा त ा प क िि पिम शवि क ि हधा िी पतर क ी म त य क दव ा िा वक या ज ा सक त ा थ ा औि जब म झ म हस स ह त ा ह वक पिम शवि की पव ि तरत ा क परक ा ि म ो म ि पा प व क तन िः खि ह ो औि उ नह ो ि ि क िन क ल ि ए क या म ाो ग क ी ग ई त पा प क परवत मिा ि ःख त ीवर ह ज ा एग ा म िा पिा त ा प ग हिा ह ग ा औि उ सक दव ा िा ब ाि-ब ाि औि ब ाि -ब ा ि अ पन आप क पव ि तर ता क ल ि ए पिम शवि क सम व पय त क िन क ा औि उस यह ब त ान क ा ईम ा नि ा ि परया स उत पनन ह ग ा वक मझ वकत न ा अ ल धक पछत ा िा ह औि ि ा स ति म ो म ो पा प ो स घ णा कित ा ह ल ज नह ोन पिा त ा प क आि शयक ब ना या

डा ज आई प क ि

मवशवास की अवसटथाए और टटा मन परतयक वयमि क जीवन क चलए महतवपणग ह चाह हम मवशवासी ह या नही चजन ल र न मसीह क अपन परभ और उदधारकताग क रप म गरहण नही मकया ह उनक चलए य अवसटथाए परमशवर म आन और पाप की िमा पान और मसीह म नय जीवन की शरआत करन क अवसर ह और हम म स ज ल र पहल स ही मसीह स सबचधत ह उनह यह याद मदलात ह मक हम मनरनतर मवशवास का जीवन जीना ह और हमार दवारा मनरनतर मकए जान वाल पाप क परमत हम वासटतव म दिी ह ना ह तामक हम मनरनतर िमा पा सक और दमनक आधार पर शदध ह सक

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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अब जबमक हम दि चक ह मक िमा की अवसटथाओ म सामानयत कायगकारी मवशवास और हमारा टटा हआ मन शाममल ह ता ह त आइए हम उन साधारण साधन क दि चजनक दवारा हम िमा क पा सकत ह

स ाधन कई बार मसीही अनगरह क साधन और अनगरह क आधार क बीच अनतर क समझन म असिल ह

जात ह पररणामसटवरप व रलती स यह स चत ह मक अनगरह क पान या हम पर अनगरह करन क चलए परमशवर पर दबाव रालन क चलए अनगरह क साधन का परय र मकया जा सकता ह अत एक साधन और आधार क बीच अनतर क पहचानना महतवपणग ह इस अनतर क दिन म सहायता क चलए कलपना कर मक एक वयमि क च ट स उबरन क चलए शारीररक चचमकतसा की आवशयकता ह चचमकतसा महरी ह और उसका भरतान एक दानकताग दवारा मकया जाता ह हम कह सकत ह मक वयमि क र र स पणगत उबारन वाला साधन चचमकतसा ह परनत इस सटवासटथय-लाभ का आचथगक आधार दान ह

इन मभननताओ क हम सिप म इस परकार कह सकत ह मक आधार वह मल या य गयता ह चजसम क ई कायग या पररणाम आधाररत ह जबमक साधन वह औजार या यनतर ह ज उस कायग या पररणाम क समभव बनाता ह

जब परमशवर स िमा और अनगरह पान की बात आती ह त आधार हमशा मसीह की य गयता ह चजस उसन अपन आजञाकारी जीवन और करस की मतय क दवारा अचजगत मकया इस हम मतती 2628 कलमसटसय 113 और 14 और 1 यहनना 212 जस सटथान पर दित ह िमा क सवगदा अचजगत मकया जाता ह परनत इस मसीह क दवारा अचजगत मकया जाता ह हमार दवारा नही और मवशववास वह मलभत साधन ह चजसक दवारा सारा अनगरह हमार जीवन म लार मकया जाता ह चाह परमशवर क सममि परतयि रप स अमभवयि मकया जाए या अनगरह क साधन क दवारा मवशवास वह पराथममक औजार ह चजसक दवारा परमशवर हमार जीवन म अनगरह और अनय आशीष क लार करता ह

पमवतर-वचन कई साधन का वणगन करता ह चजनक दवारा मवशवास सामानयत कायग करता ह इस अधयाय म हमार उददशय क चलए इन अनय साधन क हम सिप म पराथगना स शर करक द सामानय शचणय म बाट सकत ह

समपणग पमवतर-वचन म पराथगना क परमशवर स अनगरह और िमा मारन क साधारण साधन क रप म परसटतत मकया रया ह जस बाइबल अरीकार और मन मिराव की पराथगना क आमतौर पर मवशवास की अमभवयमि बताती ह चजनक दवारा पमवतर आतमा हम िमा परदान करता ह इन पराथगनाओ की परभावशीलता क 1 राजा 829-40 भजन 321-11 परररत क काम 822 1 यहनना 19 और बहत स अनय सटथान पर चसिाया रया ह

उन ल र क चलए चजनह न अभी हाल ही म परभ क जाना ह अरीकार और मन मिराव की मवशवासय गय पराथगनाए व साधन ह चजनक दवारा पमवतर आतमा आरममभक रप म िमा और उदधार क उनक जीवन म लार करता ह इसीचलए परररत क काम 1118 म कलीचसया न मन पररवतगन क जीवन क चलए मन मिराव कहा और सार मवशवाचसय क चलए अरीकार और मर मिराव की पराथगना अपन जीवन म परमशवर क अनगरह क पान क महतवपणग साधन बन रहत ह जसा हम 1 यहनना 19 म पढत ह

यव ि हम अ पन पा प ो क म ान ि ो त (पिम शवि) हम ा ि पा प ो क कषम ा क िन औि हम ो सब अ धमय स ि दध क िन म ो व िशवा सय गय औि धम ी ह (1 य हनना 19)

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ससमाचार का अदभत समाचार ह मक मसीह न हमार चलए ज मकया ह उसक आधार पर हमार पाप का मफत म िमा करता ह और हम मवशवास क साथ कवल मारन क दवारा इस िमा क परापत कर सकत ह

आप ज ा न त ह ो व क ब हत स ि ग यह स चत ह ो वक यवि आप यह ल सख ा त ह ो व क पा पी क पिम शवि क पा स आक ि कि ि ldquoह सि ग ी य व पत ा मझ कषम ा किrdquo क हन स पिम शवि उ नह ो कषम ा क ि िग ा त यह पिम शवि क अ न गरह क सस त ा ब न ा ि ग ा पिनत त थय यह ह व क यह पिम शवि क अ न गर ह क ऊ चा उ ठा त ा ह इ सल ि ए न ही ो वक हम ा िा म न व फिाि हम ो ब चा त ा ह या उसक आधा ि पि पिम शवि हम ो कषम ा कित ा ह पिनत इ सल ि ए व क पिम शवि न स ि यो अ पन एक ि ौत पतर क ी अ न नत रप स म ल यि ान औि अ ग णय रप स म हो ग ी मत य क आधा ि पि हमा ि लि ए कषम ा औि म ि -वम िाप क ा आधा ि त याि व कया ह

डा ज ल िग न डो क न

इ स त थय न वक यी ि म सीह पिम शवि का पतर वतर एकत ा म ो ि सिा व यव ि पथि ी पि आया औि नमर त ा औि ि ासरप म ो त ीस ि षय वब ता ए औि व फि क षट सहा औि कर स पि म िा -हम ा ि पा प ो क िण ड क ा भग त ा न क िन क ल ि ए कर स पि पा प क अ न नत क जय क उ ठा ल िया यह एक अन नत म ल य ह यह एक अ न नत क ीम त ह ब हत बडी क ी मत हम ा ि पा प ो क लि ए अन नत क ीम त इ सल ि ए यह ससत ा अ न गरह न ही ो ह यह अ ब त क परा पत व क या ग या सि ा यलधक म हो ग ा अन गर ह ह हम इ स म फ त उपहा ि क रप म ो परापत क ित ह ो पिनत कि ि इ स क ा िण व क यी ि न अ पन ा सब क छ हम ा ि लि ए ि व ि या

डा म ाकय सर स

ज उ सक पा स आक ि कि ि ldquoपरभ म झ कषम ा क िrdquo क हत ह ो उ नह ो कषम ा व क या ज ात ा ह इसल ि ए न ही ो वक कषम ा क ी उ नक ी व िन त ी ब हत क ि ीन थ ी इ सल ि ए न ही ो व क उ न क ा म न व फिाि ब हत अच छा थ ा पिनत इ सलि ए वक यी ि न िह सब कि व ि या ह ज हम ा ि स ि ग ी य व पत ा क साथ सो ग वत म ो पन ि ौ टन क ल ि ए हम ाि ल ि ए आि शयक थ ा

डा ज ल िग न डो क न

अब हम यह बतान क चलए रकना चामहए मक अरीकार और मन मिराव की पराथगनाओ क अमतररि ज िमा क साधारण साधन क रप म कायग करती ह मबचवई की पराथगना कई बार िमा क असाधारण या असामानय साधन क रप म कायग करती ह मबचवई क इस परकार पररभामषत मकया जा सकता ह मधयसटथता या मकसी और की िामतर मवनती या पराथगना

पमवतर-वचन म ल र दवारा परभावी मधयसटथता की पराथगना क बहत स उदाहरण ह इस हम मरनती 1419 और 20 म दित ह जहा मसा की मधयसटथता की पराथगना क जवाब म यह वा न इसराएल क पाप क िमा कर मदया इस हम 2 इमतहास 3018-20 म पात ह जहा महजमकयाह की मबचवई क जवाब म यह वा न उन ल र क माि कर मदया चजनह न िसह की उचचत तयारी नही की थी इस हम अययब 15 म दित ह

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जहा हम सीित ह मक अययब मनरनतर अपन बचच क चलए मबचवई क बचलदान चढाया करता था और इस हम याकब 514 और 15 म दित ह जहा याकब न चसिाया मक कलीचसया क परमनए उन ल र क चलए िमा क परापत कर सकत ह चजनह न पाप मकया ह परमशवर मवशवासय गय ल र की मबचवई क पराथगना क जवाब म हमशा िमा परदान नही करता ह परनत बहत बार वह ऐसा करता ह

और इस परकार की मानवीय मबचवई स बढकर पतर और पमवतर आतमा द न ल र क चलए मधयसटथता करत ह यीश दवारा की जान वाली मधयसटथता क बार म यशायाह 5312 र ममय 834 और इबरामनय 725 जस सटथान पर बताया रया ह और आतमा की मधयसटथता क बार म र ममय 826 और 27 म चसिाया रया ह

िमा क साधन की दसरी सामानय शणी पमवतर ससटकार ह या चजनह आधमनक पर टसटटनट कलीचसयाए-मवधान कहती ह मखयत बपमतसटमा और परभ भ ज

अब जब हम ससटकार शबद का परय र करत ह त हम इस बात क सटपि करन की आवशयकता ह मक हम परभ भ ज और बपमतसटमा क बार म र मन कथ चलक कलीचसया क मवचार की बात नही कर रह ह बमलक ससटकार शबद का परय र बहत सी पर टसटटनट ससटथाओ दवारा ऐमतहाचसक रप स परभ भ ज और बपमतसटमा क चलए मकया जाता रहा ह य समार ह मवशष पमवतर मवधान ह चजनह परमशवर न हमार मवशवास क अमभवयि करन और उसकी आशीष क पान क साधन क रप म कलीचसया क उपलबध कराया इन मवधान क कायग मववरण क बार म पर टसटटनट परमपराओ म मतभद ह परनत व सब इस बात स सहमत ह मक य मकसी तरह मवशष ह

कई बार मसीमहय क सनदह ह ता ह जब व दसर क परभ भ ज और बपमतसटमा क िमा क साधन क रप म बतात हए सनत ह अत इस बात पर बल दना महतवपणग ह मक हम यह नही कह रह ह मक इन मवधान म ऐसी क ई य गयता नही ह ज उनह परभावी बनाती ह य िमा का आधार नही ह

साथ ही बाइबल चसिाती ह मक जब हम परभ भ ज और बपमतसटमा क दवारा अपन मवशवास क अमभवयि करत ह त पमवतर आतमा हमार जीवन म िमा क लार करन क चलए इन मवधान का परय र करता ह

बपमतसटमा क मरकस 14 परररत क काम 238 र ममय 61-7 और कलमसटसय 212-14 जस पदयाश म अनगरह का साधन बताया रया ह

एक उदाहरण क रप म परररत क काम 2216 म पौलस स कह रए हननयाह क शबद क सन

अ ब क य ो ि ि क िता ह उ ठ बपव त स म ा ि औि उ सक ा ना म ि क ि अ पन पा प ो क ध डा ि (परर ित ो क क ाम 2216)

इन मनदश म हननयाह न सकत मदया मक बपमतसटमा क दवारा पौलस क पाप क िमा मकया या- ध मदया जाएरा

अब मनसटसनदह बपमतसटमा िमा का एक आवशयक साधन नही ह हम दसर तरीक स भी िमा ममल सकती ह जस यीश क साथ करस पर चढाए रए मवशवास करन वाल उस राक न कभी बपमतसटमा नही चलया था मिर भी लका 2343 सकत दता ह मक उस िमा मकया रया और उसन उदधार पाया अत हम यह स चन की रलती नही करनी चामहए मक िमा और उदधार कवल उन ल र क चलए उपलबध ह चजनह न बपमतसटमा ल चलया ह मिर भी पमवतर-वचन इस पणगत सटपि करता ह मक बपमतसटमा साधारणत हमार जीवन म िमा क लार करन क साधन क रप म कायग करता ह

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और परभ भ ज का भी यही सतय ह पौलस न सटपि रप स चसिाया मक परभ भ ज म भार लना मसीह की मतय क लाभ जस िमा क परापत करन का माधयम ह दि 1 कररमनथय 1016 म उसन कया चलिा ह

िह धनयिाि क ा क ट िा लजस पि हम धनयि ा ि क ित ह ो क या म सी ह क ि ह क ी सहभ ा व गत ा नही ो ि ह ि ट ी लजस हम त डत ह ो क या ि ह म सीह क ी ि ह क ी सहभ ा व गत ा न ही ो (1 कर िनद नथ य ो 1016)

य अलकाररक परशन थ पौलस की पमतरय क पढन वाला परतयक वयमि जानता था मक उनका उततर था -हा मनसटसनदह मवशवास क साथ परभ भ ज म भार लन क दवारा हम मसीह क साथ एक ह त ह

पाप की िमा उदधार की एक महान आशीष ह चजस हम अपन समपणग मसीही जीवन क दौरान अनभव करत ह चाह हम नय मसीही ह या जीवन भर स मवशवासी रह ह िमा मसीह क साथ हमारी चाल का एक सतत पहल ह और इसक पररणामसटवरप बहत सी अनय आशीष भी ममलती ह

जान वसटली मथ मरसटट कलीचसया क ससटथापक ज 1703 स 1791 क बीच रह न अपन सनदश सखया 26 म िमा क बार म बताया चजस म उनह न पहाडी उपदश की वयाखया की दि मक उनह न वहा कया कहा

पा प ो क ी कषम ा पा त ही हम इ सी परक ा ि उ न क साथ ब हत कछ पा त ह ो ज व ि शवास क दवा िा ज उ स म ो ह पव ितर वक ए ग ए ह ो पा प अ पन ी सा मथय ख चक ा ह इसक ा उन पि क ई अ ल धक ा ि न ही ो ह ज अनगर ह यावन पिम शवि की परसननत ा क अ धी न ह ो क य ोवक ज म सी ह म ो ह ो उ न पि क ई ि णड क ी आजञा न ही ो ह इ सल ि ए ि पा प क सा थ -साथ गि ा व न स भ ी म ि वक ए ग ए ह ो व यि सथ ा क ी धा वमय क त ा उ नम ो प िी हई ह औि ि ििीि क अ न सा ि न ही ो पिनत आतम ा क अ न सा ि चित ह ो

म ो स चता ह पा प ो क ी कषमा एक परक ा ि स म सी व हय ो क रप म ो हमा िी सि ा यल धक अ नम ि ि ा सत व िकत ा ह म िभ त रप स हम ा ि पा प ो क कषमा क िन क ा अथय ह पिम शवि हम ा ि सवषट कत ा य क साथ सही सो बो ध म ो िहन ा आज ज ब हम सो सा ि क िख त ह ो हम पा त ह ो वक ि ग अ थय महत ि उ दद शय क ी ख ज म ो ह ो औि हम ा िी सो सक वत म ो अ त यल धक अ समो जस ह ज ीि न क या ह ज ी न क ा क ा िण क या ह म ो यहा क य ो ह औि इ सल ि ए ि ग अथय औि म हति क ख ज न क ल ि ए हि त िह स परया स क ित ह ो-वफि चा ह ि अ पन ी न ौ किी का पी छ ा क िो या ि ोव गकत ा या म ा िक पि ा थ ो क ा म िा मत िब ह व क ि ग ख िी औि आन नि क पा न क लि ए हि त िह क सथ ा न ो औि म ा गो म ो परयास क ि िह ह ो पिनत ससम ा चा ि हम ो बत ा ता ह वक म न षय ो क रप म ो हम ा िी म िभ त आि शयकत ा अ पन सवषटक त ा य क सा थ सही सो बो ध म ो िहन ा ह उ सक सा थ ल ज सन हम ो ब न ा या ह ससम ा चा ि ब त ात ा ह व क पिम शवि न अ पन पतर यी ि म सी ह क भ ज ा वक ि ह हम ा ि पा प ो क ा परा यल ित कि पिम शवि क कर ध क ि ि कि पिम शवि न अ पन परम म ो अ पन पतर क भज ा वक हम ा ि पा प कषम ा ह सको तावक यवि हम उस पि भि सा क िो त हम ा ि पा प कषम ा ह सको औि ज ब हम उ स अ नभ ि पि आत ह ो जब हम ऐसी कषम ा क ल ि ए यी ि म सी ह क ी ओि वफित ह ो त एक अत ल य िा नद नत क ा अ हसास ह त ा ह सो सा ि क सा थ सही ह न क ा अहसा स कय ोवक यह ि ा सत ि म ो सो सा ि क सा थ सही ह न ा

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ह हम अ चा नक महस स क ित ह ो व क हम ो इ सक ल ि ए ही ब न ा या ग या ह हम ो पिम शवि क सा थ सही सो बो ध म ो िहन क ल ि ए बन ा या ग या ह उ स पि हम पहचा नत ह ो

डा ट ा म शरन ि

अब जबमक हम पाप की िमा की धमगचशिा क दि चक ह त हम मवशवास क अरल सतर क दिन क चलए तयार ह दह का पनरतथान

पनर तथान

परररत क मवशवास-कथन क इन शबद क याद कर

म ो

ि ह क पन रत थ ा न म ो वि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर हम सटपि ह न की आवशयकता ह मक मवशवास-कथन यीश क पनरतथान क बार म बात नही कर रहा ह यीश का पनरतथान मवशवास-कथन म पहल आता ह जब यह कहता ह मक यीश मतक म स तीसर मदन जी उठा जब मवशवास-कथन दह क पनरतथान क बार म बात करता ह त इसक मन म सामानय पनरतथान ह-मसीह क ममहमा म आरमन पर सार ल र का पनरतथान

हम दह क सामानय पनरतथान क तीन चरण म दिर पहला हम सराप क दिर चजसक पररणामसटवरप हमारी दह म मतय आती ह दसरा हम बतायर मक मसीही ससमाचार हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करता ह और तीसरा हम दिर मक अनत म मकस परकार हमारी दह का छटकारा ह रा आइए सराप स शर कर ज हमारी दह म मतय क लाता ह

सराप जसा हमन पवगवमतग अधयाय म दिा परमशवर न मनषय क शारीररक दह और रर-शारीररक पराण स

बनाया इबरामनय 412 और 1 चथसटसलनीमकय 523 क आधार पर कछ परमपराओ का मानना ह मक परतयक मनषय म पराण क अमतररि आतमा भी ह ती ह परनत लरभर 200 ऐस वचन ह चजन म हमार अमसटततव क सार आनतररक रर-शारीररक पहलओ क समपणग रप म बतान क चलए इनम स मकसी एक शबद का परय र मकया रया ह अत अचधकाश मसीमहय का मनषकषग ह मक पराण और आतमा द न शबद एक ही वासटतमवकता क बतात ह और मनषय मखयत कवल द भार स मनममगत ह दह और आतमा

पाप म मररन स पवग हमारी दह और हमारी आतमा पर पाप और इसकी भरि शमिय का क ई परभाव नही था परनत जब आदम और हववा पाप म मरर रए त पाप न न कवल उनकी आतमाओ बमलक उनकी दह क भी भरि कर मदया और उनकी दह क दमषत ह न का अमनतम पररणाम उनकी शारीररक मतय थी उतपमतत 319 म आदम पर परमशवर क सराप क दि

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 9: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

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हम ा ि सो बो ध क वब गा ड ित ा ह क य ोवक पिम शवि पवि तर ह ि ह पा प क न ही ो िख सक त ा ह उ सक ी पवि तरत ा क क ा िण उ स पा प पि अ पना कर ध उ णडि ना पडत ा ह अ त जब हम मा न िी य पा प क ि खत ह ो यह ि ह सब कछ ह ज हम ो हमा िी सम स या क बा ि म ो ज ा नन ा ह यह ि ह सब कछ भी ह ज हम ो स ियो क ब ा ि म ो ज ान न क ी आि शयकत ा ह पा प एक म न वि जञा न ह ल ज स क दव ा िा ज कछ ि पय ण म ो िखत ह ो औि ज हम अ पन आप क ब ा ि म ो ज ा न त ह ो उ स समझन म ो हम ा िी सहा यत ा क ित ा ह यह हम ो इस बा त क ी भ ी या ि व िि ात ा ह वक हम ा ि पा स अ पन आप क इ स ििय िा स ब चा न क ा क ई म ागय न ही ो ह क िि पिम शवि ही यह क ि सक त ा ह औि िह इ स म सी ह म ो क ित ा ह

डा आि अल बटय म हलि ज वनयि

पाप की समसटया सचमच भीषण ह परी मानव जामत पणगत ि ई हई और द षी ह हमार पास अपन आप क छडान का क ई मारग नही ह मनरनतर परमशवर का दणर सहना हमारी मनयमत ह उस पन परसनन करन या हमार पाप क सधारन का हमार पास क ई मारग नही ह परमशवर की अनगरहकारी िमा क अलावा उदधार की मबलकल भी आशा नही ह

पाप की समसटया क दिन क बाद अब हम िमा की हमारी चचाग क मदवय अनगरह की ओर म डना चामहए ज िमा क सभव बनाता ह

व िवय अनगरह अपनी करणा म परमशवर नही चाहता था मक समपणग मानव जामत पाप क सराप की अधीनता म रह

उसन मिर मनषय दवारा पथवी क भरन और उस पर अचधकार करन क चलए और उस अपनी उपमसटथमत क य गय राजय म बदलन की य जना बनाई इसचलए पाप की समसटया क हल करन क चलए उसन एक उदधारक क भजा और वह उदधारक उसका पतर यीश मसीह था

उदधारक क रप म यीश हम द ष और भरिता स बचाता ह वह अपन साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह ससार क उसक पथवी क राजय म बदलन की हमारी य गयता क वह पन हम दता ह हमार अपन उदधार क चलए परमशवर की य जना कवल मनषय की य गयता पर मनभगर नही ह यह परमशवर क अनगरह उसकी परसननता पर मनभगर ह हम हमार मवशष परमतमनचध परभ यीश मसीह दवारा मदया जाता ह जसा हम र ममय 323 और 24 म पढत ह

सब न पा प व क या ह औि पिमशवि क ी म व हम ा स िवहत ह ो पिनत उ सक अ नगर ह स उ स छ टक ा ि क दवा िा ज म सी ह यीि म ो ह स ोत म ोत धम ी ठहिा ए ज ा त ह ो (ि व म य ो 323-24)

मदवय अनगरह क कायग क रप म िमा म मतरएकता क तीन वयमि मपता पतर और पमवतर आतमा शाममल ह और इसकी शरआत मपता स हई

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वपता

उ दध ा ि व तर एक ह व पत ा ज पहि क िता ह पतर ज प िा क िता ह आत म ा ज िाग क िता ह जब हम व पता -पतर क सो बो ध क ब ा ि म ो स चत ह ो-हम ो स चना चा व हए वक हम ा ि उ दध ा ि क ी य ज न ा म ो व पत ा पतर औि पवितर आत मा त ी न ो व यव ि िा व मि ह ो त ीन ो वयव ि अ न गरह म ो औि परम म ो औि करणा म ो क ा यय क िन क सा थ -साथ कर ध औि धा वमय क त ा औि ि ण ड क भ ी था म िहत ह ो अ त जब व पत ा क पहि क िन ि ाि क रप म ो ि खा ज ा त ा ह त ि ह इस पतर औि पव ि तर आत म ा स अ ि ग अक ि न ही ो क ित ा ह

डा स ट ी फन िि म

िमा की शरआत मपता स हई कय मक उसी न उसकी य जना बनाई नया मनयम सटपि रप स चसिाता ह मक मपता न पतर क ससार म भजा और उस उदधारकताग मनयि मकया इस हम यहनना 316-18 परररत क काम 234-36 और इबरामनय 31 और 2 म दित ह

नया मनयम यह भी चसिाता ह मक मपता अपन ल र क उदधारकताग क रप म यीश की सामथग क अचधकत मकया और करस पर यीश क बचलदान क पाप क भरतान क रप म सटवीकार करन का वायदा मकया हम मपता की इन भममकाओ क बार म यहनना 1014-18 कलमसटसय 118-20 और इबरामनय 210 जस पदयाश म पढत ह

वासटतव म र ममय 325 कहता ह मक मपता न ही यीश क बचलदान क रप म चढाया दि पौलस वहा कया चलिता ह

पिम शवि न उ स परा यल ित ठहिाया (ि व म य ो 325)

मपता छटकार का महान चशलपकार ह यह उसकी अनगरहकारी य जना और करणामय इचछा ह मक हमार पाप क िमा कर और हम आशीष द और यह उसका अचधकार ह ज उदधार क सभव और मनचित बनाता ह

यह विचाि वक कर स पि यी ि ि ग ो क परव त अ पन स िग ी य व पत ा क कर ध क इ स त िह ि ि किन क ा परया स क ि िहा ह व क यी ि त परम ी ह ि वक न व पता न ही ो यह ि ा सत ि म ो यी ि म सीह क परा यल ित क क ायय म ो ज ह िहा ह उ सक ी गि त सम झ ह कर स पि यी ि क ा क ा यय िा स ति म ो व पत ा क अ पन ि ग ो क परव त प िय ि वतय परम क ी अव भ व यव ि ह स च ो व क न य व न यम म ो व कत न ी ब ा ि इस ब ात पि ब ि वि या ग या ह वक यी ि क ा सो सा ि म ो आन ा औि कर स उ ठा न ा ि ा सत ि म ो व पत ा क परम क ा पर िणा म ह ि ह ि चन ल ज स हम म ो स अ ल धक ा ि ि ग सो भि त अपन म सी ही ज ीि न म ो पहि ि चन क रप म ो याि क ित ह ो य हनन ा 316 बि ि त ा ह ldquoक य ोवक पिम शवि न ज गत स ऐसा परम वक या वक उस न अ पन ा इ कि ौ ता पतर ि व िया rdquo अ ब इ स ि चन म ो व क स क परम पि बि व िया ज ा िहा ह म वक सी भ ी तिह यी ि क परम क कम न ही ो क ि िहा ह पिनत उ स पद ाो ि म ो पतर क िन म ो स िग ी य व पता क परम पि ब ि व ि या ज ा िहा ह

डा ज ल िग न डो क न

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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पतर मदवय अनगरह ज हमारी िमा क पणग करता ह उस म पतर भी शाममल ह ज हमारा उदधारकताग ह मपता क वायद की पणगता म पतर क ससार म भजा रया चचर-परमतचित मसीहा यीश क रप म

दहधारण मकया तामक मनषय क पाप का परायचित कर इस चशिा क हम बहत स सटथान जस र ममय 325 और 26 इबरामनय 214-17 और 105-10 म पात ह

यीश न पामपय की जरह करस पर मरन क दवारा पाप का परायचित मकया हमार पाप क कारण आए सराप क उसन गरहण मकया और उसकी चसदध धाममगकता हम दी रई तामक हम पापी न मरन जाए बमलक परमशवर की आजञाकारी सनतान मान जाए कछ थ ड स सटथान जहा यह मवषय आता ह उनह हम यहनना 1014-18 रलामतय 220 2 कररमनथय 521 और इबरामनय 109-14 म पात ह जस पौलस न इमिचसय 17 म चलिा

हम क (यी ि म सीह) म ो उ सक ि ह क दव ािा छटक ा िा अ थ ा यत अ पिा ध ो क ी कषम ा उ सक उ स अन गर ह क धन क अ न साि व मि ा ह (इ व फल सय ो 17)

हमार पाप िमा मकए रए ह इसचलए नही मक परमशवर उनह अनदिा करता ह बमलक इस कारण मक उसन मसीह म उनह दणर मदया और इसीचलए पमवतर-वचन हम हमार उदधार पर मवशवास करन क चलए परररत करता ह

मपता और पतर क इन कायो पर मनभगर ह न क अमतररि िमा पमवतर आतमा क मदवय अनगरह का भी पररणाम ह

पवितर आतमा पमवतर आतमा मतरएकता का वह वयमितव ह ज वासटतव म िमा क हमार जीवन म लार करता ह

मपता न य जना बनाई और पतर न परायचित क परा मकया परनत हमार पाप वासटतव म तब तक िमा नही ह त ह जब तक मक पमवतर आतमा अपना काम न कर

जब हम मवशवास म आत ह त पमवतर आतमा उस समय तक हमार दवारा मकए रए पाप क िमा करक परमशवर क साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह वह हमारी आतमाओ का नवीनीकरण करक हम नया आमतमक जीवन भी दता ह जसा यीश न यहनना 35-8 म बताया परररत क काम 1118 इस अनभव क जीवन क चलए मन-मिराव कहता ह कय मक नवीनीकरण और मवशवास म हमशा दि और हमार पाप का अरीकार शाममल ह ता ह इस मवचार की बहत स पदयाश म पमि की रई ह जस 1 कररमनथय 611 म

और पमवतर आतमा हमार जीवन भर मनरनतर िमा लार करता रहता ह वही हमार मवशवास क बनाए रिता ह ज हम परमतमदन मन-मिराव की ओर लाता ह और वह मनरनतर हमार जीवन म िमा लार करता ह इस हम र ममय 81-16 और रलामतय 55 जस सटथान म दित ह एक उदाहरण क रप म दि पौलस 2 चथसटसलनीमकय 213 म कया कहता ह

पिम शवि न त म ह ो चन ल िया वक आत म ा क दव ा िा पव ितर ब नक ि औि सत य क ी परतीवत क िक उ दधा ि पा ओ (2 ल थ स सि न ी वक य ो 213)

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यहा पौलस न चलिा मक मसीही आतमा क कायो क दवारा उदधार पात ह ज हम पाप और अधमग स शदध करत ह अथागत आतमा क कायग ज हमार जीवन म िमा लार करत ह और जब हम मनरनतर सतय म मवशवास करत ह त आतमा मनरनतर हमार जीवन म िमा क लार करता ह

मपता पतर और पमवतर आतमा सब हमार परमत उदधार क अनगरह क मदिात ह और इसक हमार जीवन क चलए कम स कम तीन मनमहताथग ह पहला जब हम पाप करत ह और परमशवर स िमा और उदधार क अनय पहलओ की अपील करत ह त तीन मदवय वयमिय स अपनी पराथगना करन म हम सही ह दसरा जब हम इन आशीष क पात ह त हम परमशवर क तीन वयमिय क धनयवाद दना चामहए और तीसरा हम अपन उदधार पर पणग भर सा कर सकत ह यह जानत हए मक मतरएकता क तीन वयमि हम स परम करत ह और हमार उदधार क समनचित करन क चलए कायग करत ह मपता पतर और पमवतर आतमा तीन हमार लाभ क चलए पाप की समसटया क हल करन क चलए एक साथ ममलकर कायग कर रह ह

पाप की समसटया और मदवय अनगरह क दमिक ण स पाप की िमा क दिन क पिात हम िमा म वयमिरत उततरदामयतव की भममका क बार म बात करन क चलए तयार ह

वयविगत उतति िाव यत ि पमवतर-वचन सटपि रप स चसिाता ह मक परमशवर परतयक वयमि क पाप क िमा नही करता ह कछ

ल र क िमा मकया जाता ह और कछ क नही यह सतय कय ह मानवीय दमिक ण स कारण यह ह मक िमा की परमकरया म साधारण रप स वयमिरत उततरदामयतव का ततव शाममल ह ता ह सामानयत इन उततरदामयतव क परा करन वाल ल र क िमा मकया जाता ह परनत ज इन उततरदामयतव स जी चरात ह उनह नही

वयमिरत उततरदामयतव की भममका की हमारी चचाग द भार म मवभाचजत ह री पहला हम कछ शतो क बतायर चजनकी पमवतर-वचन िमा क चलए साधारण आवशयकताओ क रप म पहचान करता ह और दसरा हम िमा क पान क साधन क बार म बात करर आइए हम उन शतो स शर कर चजनह पमवतर-वचन िमा स ज डता ह

ि त पमवतर-वचन िमा क चलए द पराथममक शतो क बार म बताता ह पहला यह िमा क चलए परमशवर म

मवशवास की आवशयकता क बताता ह पमवतर-वचन म मवशवास एक बह-पिीय मवचार ह परनत इस सनदभग म जब हम परमशवर म मवशवास की बात करत ह त यह हमार दमार म ह

पिम शवि क ी व िव य सि ो चचत ा की सि ीक वत उ सक परव त ि फाि ाि सम पय ण औि भि सा व क हम ा ि उ दध ा िक ता य यी ि म सीह क ी ख ा वत ि िह हम पि करणा क िग ा

यदयमप आधमनक श ताओ क यह अजीब लर सकता ह परनत पमवतर-वचन इस परकार क मवशवास क अकसर- परमशवर का भय- कहता ह

उदाहरण क चलए भजन 1038-13 िमा की इस शतग की परकमत का इस परकार वणगन करता ह

यह िा ि याि औि अ न गरहक ािी व ि ि मब स क प क िन ि ाि ा औि अ वत करणा म य ह ि सिय ि ा िा ि वि ि ाि कित ा न िहग ा न उ सक ा कर ध सि ा क ल ि ए भ डक ा िहग ा उस

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न हम ाि पा प ो क अन सा ि हम स व यिहा ि नही ो वक या औि न हम ा ि अ धमय क क ाम ो क अ न साि हम क बि ि ा व ि या ह ज स आक ा ि पथि ी क ऊपि ऊ चा ह ि स ही उसक ी क रणा उ सक डिि य ो क ऊपि परब ि ह उ ि या चि अ सत ा चि स ल ज तन ी ि ि ह उ स न हम ा ि अ पिा ध ो क हम स उत नी ही ि ि क ि व ि या ह ज स व पत ा अ पन ब ाि क ो पि ि या क ित ा ह ि स ही यह ि ा अ पन डिि य ो पि ि या क िता ह (भज न 1038-13)

धयान द मक यह वा का भय मानन वाल िमा पात ह उनका अधमग दर मकया जाता ह यही मवचार परी बाइबल म पाया जाता ह उदाहरण क चलए इस हम 2 इमतहास 3018 और 19 म

दित ह यह वा अपन ि जनवाल क माि करता ह मरकस 412 म यीश न सकत मदया मक कवल व ल र ही िमा क चलए परमशवर की ओर मिर सकत ह ज उस जानत और समझत ह और परररत क काम 2617 और 18 म िमा कवल उन ल र क ममल सकती ह चजनकी आि यह वा की ममहमा और सामथग क सतय क दिन क चलए ि ली रई ह

पमवतर-वचन म पाई जान वाली िमा की दसरी साधारण शतग ह टटा हआ ह ना टट हए ह न का अथग ह

पा प क ब ाि म ो ि ा सत व िक ि ख पिम शवि की व यि स था क त डन पि सचचा पिात ा प

यह कवल पकड जान पर या दणर का दि नही ह परनत अनबनध मक परमशवर की शत पमवतर ह और उसका सममान करन म असिल ह न पर मदल का टटना

पिा त ा प क अ थय म ो हम स मझ स औि आप स अ पल कषत ह व क हम ो अ पन पा प क ा अ पिाध -ब ध ह म ो ब त िब ा क सा थ पा प क िन क ब ाि िाऊि क ब ाि म ो स चत ा ह हा उ सन ब त िब ा क व िरदध पाप व क या था औि उसन ब त िबा क पव त क व ि रदध पा प व क या थ ा उ सन पिा न वन यम क ी क ि ी लसया क व िरदध पा प वक या था पिनत अ नतत ldquo म ो न कि ि त ि ही व िरदध पाप व क या ह औि त िी ि वषट म ो ज ब िा ह ि ह व क या ह rdquo औि आप उ सक व िि क पिात ा प क म हस स कित ह ो आधव न क िब ि म ो म ो स चता ह व क ldquo ट ट ा पनrdquo ह औि हम ो ि चन क ी ज रित ह व क पव ि तर आत म ा क दव ा िा हम ो त ड हम ो पिम शवि क ी उ पनद सथ व त म ो त ड

डा डिक डबल य एच थ ा म स

उदाहरण क चलए 2 शमएल अधयाय 11 म दाऊद क मन म क ई पिाताप नही था जब उसन बतशबा क साथ वयमभचार मकया और मिर उसक रभगधारण क चछपान क चलए उसक पमत उररयाह की मौत का इनतजाम मकया बतशबा क रभगधारण क समय अपन बचच क जनम क समय तक दाऊद क अपन कायो का क ई दि नही था उस समय नातान नबी दाऊद क पाप क मवषय म उसका सामना करता ह जसा हम 2 शमएल अधयाय 12 म पढत ह कवल उस समय दाऊद न अपन अपराध क माना और अपन आप क उसका द षी माना मिर टटपन की आतमा म अपन रहर दि और पिाताप क अमभवयि करन क चलए उसन अपन पिाताप का महान भजन भजन 51 चलिा दि दाऊद न भजन 51 क पद 6 और 17 म कया चलिा

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त ह ि य क ी सचचा ई स परसनन ह त ा ह ट ट ा म न पिम शवि क य गय ब लि िा न ह ह पिम शवि त ट ट औि व पस हए म न क तचछ न ही ो ज ा नत ा (भज न 51617)

दाऊद न पहचान चलया मक परमशवर की िमा क पान क चलए उस अपन पाप क बार म परमशवर क दमिक ण की आवशयकता थी उस अपन कायग स घणा करन और उस पर वासटतव म दिी ह न की आवशयकता थी

हम टटपन पर इसी बल क भजन 32 पद 1 और 2 म दित ह जहा िमा उन ल र क ममलती ह चजन म क ई कपट नही ह इस हम यशायाह 557 म पात ह जहा परमशवर उन पर करणा करता ह ज अपन पाप क तयार दत ह और इस हम मयमगयाह 53 म सनत ह जहा उन ल र क िमा स इनकार कर मदया जाता ह चजनक हदय उनक पाप क सबध म हठील ह

म िा वि चा ि ह व क हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि ध यान िग ा न क दव ा िा अ पन व िि म ो पिा त ा प क उ त पनन कित ह ो इस हम उ त पवतत स परक ा ल ित ि ाकय त क ब ाइ बि पिम शवि क बा ि म ो ज ब ता त ी ह उ स पि व ि चा ि क िन क दव ा िा क ि सकत ह ो वक िह अ न ा जञा क ा िी ि ग ो स सो ग वत नही ो क ि सकत ा पिनत ज अनाजञाक ारिता क ा नयाय क ित ा ह औि अ पिा ल धय ो क ि ण ड ि त ा ह यही पिम शवि की पव ि तर ता क ा सा ि ह औि ज ब हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि व ि चा ि क ित ह ो त आइ ए पी छ म डक ि हम अ पन जी ि न क ि ख ो व क व कस परक ा ि हम न व यिस थ ा क त डा आजञा क ा उ ललो घ न वक या औि पिम शवि क ी बा त ो पि ध या न न ित हए उ स स ि ि ह ग ए अ पन ज ीि न क एक जो जा ि ब न ा ल ि या ल ज स स उ सक ा अ न ाि ि ह त ा ह अ ब पी छ म डक ि ि ख ो िह सा िा िण ड ज मझ पि पडन ा था ि ा सत ि म ो मसी ह पि पडा औि उ सन उ स सहा औि यह म झ बत ा त ा ह वक मि अ पन पा प व कत न ि ः खि थ व क म ि ल ि ए उन का पिा त ा प क िि पिम शवि क ि हधा िी पतर क ी म त य क दव ा िा वक या ज ा सक त ा थ ा औि जब म झ म हस स ह त ा ह वक पिम शवि की पव ि तरत ा क परक ा ि म ो म ि पा प व क तन िः खि ह ो औि उ नह ो ि ि क िन क ल ि ए क या म ाो ग क ी ग ई त पा प क परवत मिा ि ःख त ीवर ह ज ा एग ा म िा पिा त ा प ग हिा ह ग ा औि उ सक दव ा िा ब ाि-ब ाि औि ब ाि -ब ा ि अ पन आप क पव ि तर ता क ल ि ए पिम शवि क सम व पय त क िन क ा औि उस यह ब त ान क ा ईम ा नि ा ि परया स उत पनन ह ग ा वक मझ वकत न ा अ ल धक पछत ा िा ह औि ि ा स ति म ो म ो पा प ो स घ णा कित ा ह ल ज नह ोन पिा त ा प क आि शयक ब ना या

डा ज आई प क ि

मवशवास की अवसटथाए और टटा मन परतयक वयमि क जीवन क चलए महतवपणग ह चाह हम मवशवासी ह या नही चजन ल र न मसीह क अपन परभ और उदधारकताग क रप म गरहण नही मकया ह उनक चलए य अवसटथाए परमशवर म आन और पाप की िमा पान और मसीह म नय जीवन की शरआत करन क अवसर ह और हम म स ज ल र पहल स ही मसीह स सबचधत ह उनह यह याद मदलात ह मक हम मनरनतर मवशवास का जीवन जीना ह और हमार दवारा मनरनतर मकए जान वाल पाप क परमत हम वासटतव म दिी ह ना ह तामक हम मनरनतर िमा पा सक और दमनक आधार पर शदध ह सक

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अब जबमक हम दि चक ह मक िमा की अवसटथाओ म सामानयत कायगकारी मवशवास और हमारा टटा हआ मन शाममल ह ता ह त आइए हम उन साधारण साधन क दि चजनक दवारा हम िमा क पा सकत ह

स ाधन कई बार मसीही अनगरह क साधन और अनगरह क आधार क बीच अनतर क समझन म असिल ह

जात ह पररणामसटवरप व रलती स यह स चत ह मक अनगरह क पान या हम पर अनगरह करन क चलए परमशवर पर दबाव रालन क चलए अनगरह क साधन का परय र मकया जा सकता ह अत एक साधन और आधार क बीच अनतर क पहचानना महतवपणग ह इस अनतर क दिन म सहायता क चलए कलपना कर मक एक वयमि क च ट स उबरन क चलए शारीररक चचमकतसा की आवशयकता ह चचमकतसा महरी ह और उसका भरतान एक दानकताग दवारा मकया जाता ह हम कह सकत ह मक वयमि क र र स पणगत उबारन वाला साधन चचमकतसा ह परनत इस सटवासटथय-लाभ का आचथगक आधार दान ह

इन मभननताओ क हम सिप म इस परकार कह सकत ह मक आधार वह मल या य गयता ह चजसम क ई कायग या पररणाम आधाररत ह जबमक साधन वह औजार या यनतर ह ज उस कायग या पररणाम क समभव बनाता ह

जब परमशवर स िमा और अनगरह पान की बात आती ह त आधार हमशा मसीह की य गयता ह चजस उसन अपन आजञाकारी जीवन और करस की मतय क दवारा अचजगत मकया इस हम मतती 2628 कलमसटसय 113 और 14 और 1 यहनना 212 जस सटथान पर दित ह िमा क सवगदा अचजगत मकया जाता ह परनत इस मसीह क दवारा अचजगत मकया जाता ह हमार दवारा नही और मवशववास वह मलभत साधन ह चजसक दवारा सारा अनगरह हमार जीवन म लार मकया जाता ह चाह परमशवर क सममि परतयि रप स अमभवयि मकया जाए या अनगरह क साधन क दवारा मवशवास वह पराथममक औजार ह चजसक दवारा परमशवर हमार जीवन म अनगरह और अनय आशीष क लार करता ह

पमवतर-वचन कई साधन का वणगन करता ह चजनक दवारा मवशवास सामानयत कायग करता ह इस अधयाय म हमार उददशय क चलए इन अनय साधन क हम सिप म पराथगना स शर करक द सामानय शचणय म बाट सकत ह

समपणग पमवतर-वचन म पराथगना क परमशवर स अनगरह और िमा मारन क साधारण साधन क रप म परसटतत मकया रया ह जस बाइबल अरीकार और मन मिराव की पराथगना क आमतौर पर मवशवास की अमभवयमि बताती ह चजनक दवारा पमवतर आतमा हम िमा परदान करता ह इन पराथगनाओ की परभावशीलता क 1 राजा 829-40 भजन 321-11 परररत क काम 822 1 यहनना 19 और बहत स अनय सटथान पर चसिाया रया ह

उन ल र क चलए चजनह न अभी हाल ही म परभ क जाना ह अरीकार और मन मिराव की मवशवासय गय पराथगनाए व साधन ह चजनक दवारा पमवतर आतमा आरममभक रप म िमा और उदधार क उनक जीवन म लार करता ह इसीचलए परररत क काम 1118 म कलीचसया न मन पररवतगन क जीवन क चलए मन मिराव कहा और सार मवशवाचसय क चलए अरीकार और मर मिराव की पराथगना अपन जीवन म परमशवर क अनगरह क पान क महतवपणग साधन बन रहत ह जसा हम 1 यहनना 19 म पढत ह

यव ि हम अ पन पा प ो क म ान ि ो त (पिम शवि) हम ा ि पा प ो क कषम ा क िन औि हम ो सब अ धमय स ि दध क िन म ो व िशवा सय गय औि धम ी ह (1 य हनना 19)

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ससमाचार का अदभत समाचार ह मक मसीह न हमार चलए ज मकया ह उसक आधार पर हमार पाप का मफत म िमा करता ह और हम मवशवास क साथ कवल मारन क दवारा इस िमा क परापत कर सकत ह

आप ज ा न त ह ो व क ब हत स ि ग यह स चत ह ो वक यवि आप यह ल सख ा त ह ो व क पा पी क पिम शवि क पा स आक ि कि ि ldquoह सि ग ी य व पत ा मझ कषम ा किrdquo क हन स पिम शवि उ नह ो कषम ा क ि िग ा त यह पिम शवि क अ न गरह क सस त ा ब न ा ि ग ा पिनत त थय यह ह व क यह पिम शवि क अ न गर ह क ऊ चा उ ठा त ा ह इ सल ि ए न ही ो वक हम ा िा म न व फिाि हम ो ब चा त ा ह या उसक आधा ि पि पिम शवि हम ो कषम ा कित ा ह पिनत इ सल ि ए व क पिम शवि न स ि यो अ पन एक ि ौत पतर क ी अ न नत रप स म ल यि ान औि अ ग णय रप स म हो ग ी मत य क आधा ि पि हमा ि लि ए कषम ा औि म ि -वम िाप क ा आधा ि त याि व कया ह

डा ज ल िग न डो क न

इ स त थय न वक यी ि म सीह पिम शवि का पतर वतर एकत ा म ो ि सिा व यव ि पथि ी पि आया औि नमर त ा औि ि ासरप म ो त ीस ि षय वब ता ए औि व फि क षट सहा औि कर स पि म िा -हम ा ि पा प ो क िण ड क ा भग त ा न क िन क ल ि ए कर स पि पा प क अ न नत क जय क उ ठा ल िया यह एक अन नत म ल य ह यह एक अ न नत क ीम त ह ब हत बडी क ी मत हम ा ि पा प ो क लि ए अन नत क ीम त इ सल ि ए यह ससत ा अ न गरह न ही ो ह यह अ ब त क परा पत व क या ग या सि ा यलधक म हो ग ा अन गर ह ह हम इ स म फ त उपहा ि क रप म ो परापत क ित ह ो पिनत कि ि इ स क ा िण व क यी ि न अ पन ा सब क छ हम ा ि लि ए ि व ि या

डा म ाकय सर स

ज उ सक पा स आक ि कि ि ldquoपरभ म झ कषम ा क िrdquo क हत ह ो उ नह ो कषम ा व क या ज ात ा ह इसल ि ए न ही ो वक कषम ा क ी उ नक ी व िन त ी ब हत क ि ीन थ ी इ सल ि ए न ही ो व क उ न क ा म न व फिाि ब हत अच छा थ ा पिनत इ सलि ए वक यी ि न िह सब कि व ि या ह ज हम ा ि स ि ग ी य व पत ा क साथ सो ग वत म ो पन ि ौ टन क ल ि ए हम ाि ल ि ए आि शयक थ ा

डा ज ल िग न डो क न

अब हम यह बतान क चलए रकना चामहए मक अरीकार और मन मिराव की पराथगनाओ क अमतररि ज िमा क साधारण साधन क रप म कायग करती ह मबचवई की पराथगना कई बार िमा क असाधारण या असामानय साधन क रप म कायग करती ह मबचवई क इस परकार पररभामषत मकया जा सकता ह मधयसटथता या मकसी और की िामतर मवनती या पराथगना

पमवतर-वचन म ल र दवारा परभावी मधयसटथता की पराथगना क बहत स उदाहरण ह इस हम मरनती 1419 और 20 म दित ह जहा मसा की मधयसटथता की पराथगना क जवाब म यह वा न इसराएल क पाप क िमा कर मदया इस हम 2 इमतहास 3018-20 म पात ह जहा महजमकयाह की मबचवई क जवाब म यह वा न उन ल र क माि कर मदया चजनह न िसह की उचचत तयारी नही की थी इस हम अययब 15 म दित ह

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जहा हम सीित ह मक अययब मनरनतर अपन बचच क चलए मबचवई क बचलदान चढाया करता था और इस हम याकब 514 और 15 म दित ह जहा याकब न चसिाया मक कलीचसया क परमनए उन ल र क चलए िमा क परापत कर सकत ह चजनह न पाप मकया ह परमशवर मवशवासय गय ल र की मबचवई क पराथगना क जवाब म हमशा िमा परदान नही करता ह परनत बहत बार वह ऐसा करता ह

और इस परकार की मानवीय मबचवई स बढकर पतर और पमवतर आतमा द न ल र क चलए मधयसटथता करत ह यीश दवारा की जान वाली मधयसटथता क बार म यशायाह 5312 र ममय 834 और इबरामनय 725 जस सटथान पर बताया रया ह और आतमा की मधयसटथता क बार म र ममय 826 और 27 म चसिाया रया ह

िमा क साधन की दसरी सामानय शणी पमवतर ससटकार ह या चजनह आधमनक पर टसटटनट कलीचसयाए-मवधान कहती ह मखयत बपमतसटमा और परभ भ ज

अब जब हम ससटकार शबद का परय र करत ह त हम इस बात क सटपि करन की आवशयकता ह मक हम परभ भ ज और बपमतसटमा क बार म र मन कथ चलक कलीचसया क मवचार की बात नही कर रह ह बमलक ससटकार शबद का परय र बहत सी पर टसटटनट ससटथाओ दवारा ऐमतहाचसक रप स परभ भ ज और बपमतसटमा क चलए मकया जाता रहा ह य समार ह मवशष पमवतर मवधान ह चजनह परमशवर न हमार मवशवास क अमभवयि करन और उसकी आशीष क पान क साधन क रप म कलीचसया क उपलबध कराया इन मवधान क कायग मववरण क बार म पर टसटटनट परमपराओ म मतभद ह परनत व सब इस बात स सहमत ह मक य मकसी तरह मवशष ह

कई बार मसीमहय क सनदह ह ता ह जब व दसर क परभ भ ज और बपमतसटमा क िमा क साधन क रप म बतात हए सनत ह अत इस बात पर बल दना महतवपणग ह मक हम यह नही कह रह ह मक इन मवधान म ऐसी क ई य गयता नही ह ज उनह परभावी बनाती ह य िमा का आधार नही ह

साथ ही बाइबल चसिाती ह मक जब हम परभ भ ज और बपमतसटमा क दवारा अपन मवशवास क अमभवयि करत ह त पमवतर आतमा हमार जीवन म िमा क लार करन क चलए इन मवधान का परय र करता ह

बपमतसटमा क मरकस 14 परररत क काम 238 र ममय 61-7 और कलमसटसय 212-14 जस पदयाश म अनगरह का साधन बताया रया ह

एक उदाहरण क रप म परररत क काम 2216 म पौलस स कह रए हननयाह क शबद क सन

अ ब क य ो ि ि क िता ह उ ठ बपव त स म ा ि औि उ सक ा ना म ि क ि अ पन पा प ो क ध डा ि (परर ित ो क क ाम 2216)

इन मनदश म हननयाह न सकत मदया मक बपमतसटमा क दवारा पौलस क पाप क िमा मकया या- ध मदया जाएरा

अब मनसटसनदह बपमतसटमा िमा का एक आवशयक साधन नही ह हम दसर तरीक स भी िमा ममल सकती ह जस यीश क साथ करस पर चढाए रए मवशवास करन वाल उस राक न कभी बपमतसटमा नही चलया था मिर भी लका 2343 सकत दता ह मक उस िमा मकया रया और उसन उदधार पाया अत हम यह स चन की रलती नही करनी चामहए मक िमा और उदधार कवल उन ल र क चलए उपलबध ह चजनह न बपमतसटमा ल चलया ह मिर भी पमवतर-वचन इस पणगत सटपि करता ह मक बपमतसटमा साधारणत हमार जीवन म िमा क लार करन क साधन क रप म कायग करता ह

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और परभ भ ज का भी यही सतय ह पौलस न सटपि रप स चसिाया मक परभ भ ज म भार लना मसीह की मतय क लाभ जस िमा क परापत करन का माधयम ह दि 1 कररमनथय 1016 म उसन कया चलिा ह

िह धनयिाि क ा क ट िा लजस पि हम धनयि ा ि क ित ह ो क या म सी ह क ि ह क ी सहभ ा व गत ा नही ो ि ह ि ट ी लजस हम त डत ह ो क या ि ह म सीह क ी ि ह क ी सहभ ा व गत ा न ही ो (1 कर िनद नथ य ो 1016)

य अलकाररक परशन थ पौलस की पमतरय क पढन वाला परतयक वयमि जानता था मक उनका उततर था -हा मनसटसनदह मवशवास क साथ परभ भ ज म भार लन क दवारा हम मसीह क साथ एक ह त ह

पाप की िमा उदधार की एक महान आशीष ह चजस हम अपन समपणग मसीही जीवन क दौरान अनभव करत ह चाह हम नय मसीही ह या जीवन भर स मवशवासी रह ह िमा मसीह क साथ हमारी चाल का एक सतत पहल ह और इसक पररणामसटवरप बहत सी अनय आशीष भी ममलती ह

जान वसटली मथ मरसटट कलीचसया क ससटथापक ज 1703 स 1791 क बीच रह न अपन सनदश सखया 26 म िमा क बार म बताया चजस म उनह न पहाडी उपदश की वयाखया की दि मक उनह न वहा कया कहा

पा प ो क ी कषम ा पा त ही हम इ सी परक ा ि उ न क साथ ब हत कछ पा त ह ो ज व ि शवास क दवा िा ज उ स म ो ह पव ितर वक ए ग ए ह ो पा प अ पन ी सा मथय ख चक ा ह इसक ा उन पि क ई अ ल धक ा ि न ही ो ह ज अनगर ह यावन पिम शवि की परसननत ा क अ धी न ह ो क य ोवक ज म सी ह म ो ह ो उ न पि क ई ि णड क ी आजञा न ही ो ह इ सल ि ए ि पा प क सा थ -साथ गि ा व न स भ ी म ि वक ए ग ए ह ो व यि सथ ा क ी धा वमय क त ा उ नम ो प िी हई ह औि ि ििीि क अ न सा ि न ही ो पिनत आतम ा क अ न सा ि चित ह ो

म ो स चता ह पा प ो क ी कषमा एक परक ा ि स म सी व हय ो क रप म ो हमा िी सि ा यल धक अ नम ि ि ा सत व िकत ा ह म िभ त रप स हम ा ि पा प ो क कषमा क िन क ा अथय ह पिम शवि हम ा ि सवषट कत ा य क साथ सही सो बो ध म ो िहन ा आज ज ब हम सो सा ि क िख त ह ो हम पा त ह ो वक ि ग अ थय महत ि उ दद शय क ी ख ज म ो ह ो औि हम ा िी सो सक वत म ो अ त यल धक अ समो जस ह ज ीि न क या ह ज ी न क ा क ा िण क या ह म ो यहा क य ो ह औि इ सल ि ए ि ग अथय औि म हति क ख ज न क ल ि ए हि त िह स परया स क ित ह ो-वफि चा ह ि अ पन ी न ौ किी का पी छ ा क िो या ि ोव गकत ा या म ा िक पि ा थ ो क ा म िा मत िब ह व क ि ग ख िी औि आन नि क पा न क लि ए हि त िह क सथ ा न ो औि म ा गो म ो परयास क ि िह ह ो पिनत ससम ा चा ि हम ो बत ा ता ह वक म न षय ो क रप म ो हम ा िी म िभ त आि शयकत ा अ पन सवषटक त ा य क सा थ सही सो बो ध म ो िहन ा ह उ सक सा थ ल ज सन हम ो ब न ा या ह ससम ा चा ि ब त ात ा ह व क पिम शवि न अ पन पतर यी ि म सी ह क भ ज ा वक ि ह हम ा ि पा प ो क ा परा यल ित कि पिम शवि क कर ध क ि ि कि पिम शवि न अ पन परम म ो अ पन पतर क भज ा वक हम ा ि पा प कषम ा ह सको तावक यवि हम उस पि भि सा क िो त हम ा ि पा प कषम ा ह सको औि ज ब हम उ स अ नभ ि पि आत ह ो जब हम ऐसी कषम ा क ल ि ए यी ि म सी ह क ी ओि वफित ह ो त एक अत ल य िा नद नत क ा अ हसास ह त ा ह सो सा ि क सा थ सही ह न क ा अहसा स कय ोवक यह ि ा सत ि म ो सो सा ि क सा थ सही ह न ा

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ह हम अ चा नक महस स क ित ह ो व क हम ो इ सक ल ि ए ही ब न ा या ग या ह हम ो पिम शवि क सा थ सही सो बो ध म ो िहन क ल ि ए बन ा या ग या ह उ स पि हम पहचा नत ह ो

डा ट ा म शरन ि

अब जबमक हम पाप की िमा की धमगचशिा क दि चक ह त हम मवशवास क अरल सतर क दिन क चलए तयार ह दह का पनरतथान

पनर तथान

परररत क मवशवास-कथन क इन शबद क याद कर

म ो

ि ह क पन रत थ ा न म ो वि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर हम सटपि ह न की आवशयकता ह मक मवशवास-कथन यीश क पनरतथान क बार म बात नही कर रहा ह यीश का पनरतथान मवशवास-कथन म पहल आता ह जब यह कहता ह मक यीश मतक म स तीसर मदन जी उठा जब मवशवास-कथन दह क पनरतथान क बार म बात करता ह त इसक मन म सामानय पनरतथान ह-मसीह क ममहमा म आरमन पर सार ल र का पनरतथान

हम दह क सामानय पनरतथान क तीन चरण म दिर पहला हम सराप क दिर चजसक पररणामसटवरप हमारी दह म मतय आती ह दसरा हम बतायर मक मसीही ससमाचार हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करता ह और तीसरा हम दिर मक अनत म मकस परकार हमारी दह का छटकारा ह रा आइए सराप स शर कर ज हमारी दह म मतय क लाता ह

सराप जसा हमन पवगवमतग अधयाय म दिा परमशवर न मनषय क शारीररक दह और रर-शारीररक पराण स

बनाया इबरामनय 412 और 1 चथसटसलनीमकय 523 क आधार पर कछ परमपराओ का मानना ह मक परतयक मनषय म पराण क अमतररि आतमा भी ह ती ह परनत लरभर 200 ऐस वचन ह चजन म हमार अमसटततव क सार आनतररक रर-शारीररक पहलओ क समपणग रप म बतान क चलए इनम स मकसी एक शबद का परय र मकया रया ह अत अचधकाश मसीमहय का मनषकषग ह मक पराण और आतमा द न शबद एक ही वासटतमवकता क बतात ह और मनषय मखयत कवल द भार स मनममगत ह दह और आतमा

पाप म मररन स पवग हमारी दह और हमारी आतमा पर पाप और इसकी भरि शमिय का क ई परभाव नही था परनत जब आदम और हववा पाप म मरर रए त पाप न न कवल उनकी आतमाओ बमलक उनकी दह क भी भरि कर मदया और उनकी दह क दमषत ह न का अमनतम पररणाम उनकी शारीररक मतय थी उतपमतत 319 म आदम पर परमशवर क सराप क दि

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 10: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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वपता

उ दध ा ि व तर एक ह व पत ा ज पहि क िता ह पतर ज प िा क िता ह आत म ा ज िाग क िता ह जब हम व पता -पतर क सो बो ध क ब ा ि म ो स चत ह ो-हम ो स चना चा व हए वक हम ा ि उ दध ा ि क ी य ज न ा म ो व पत ा पतर औि पवितर आत मा त ी न ो व यव ि िा व मि ह ो त ीन ो वयव ि अ न गरह म ो औि परम म ो औि करणा म ो क ा यय क िन क सा थ -साथ कर ध औि धा वमय क त ा औि ि ण ड क भ ी था म िहत ह ो अ त जब व पत ा क पहि क िन ि ाि क रप म ो ि खा ज ा त ा ह त ि ह इस पतर औि पव ि तर आत म ा स अ ि ग अक ि न ही ो क ित ा ह

डा स ट ी फन िि म

िमा की शरआत मपता स हई कय मक उसी न उसकी य जना बनाई नया मनयम सटपि रप स चसिाता ह मक मपता न पतर क ससार म भजा और उस उदधारकताग मनयि मकया इस हम यहनना 316-18 परररत क काम 234-36 और इबरामनय 31 और 2 म दित ह

नया मनयम यह भी चसिाता ह मक मपता अपन ल र क उदधारकताग क रप म यीश की सामथग क अचधकत मकया और करस पर यीश क बचलदान क पाप क भरतान क रप म सटवीकार करन का वायदा मकया हम मपता की इन भममकाओ क बार म यहनना 1014-18 कलमसटसय 118-20 और इबरामनय 210 जस पदयाश म पढत ह

वासटतव म र ममय 325 कहता ह मक मपता न ही यीश क बचलदान क रप म चढाया दि पौलस वहा कया चलिता ह

पिम शवि न उ स परा यल ित ठहिाया (ि व म य ो 325)

मपता छटकार का महान चशलपकार ह यह उसकी अनगरहकारी य जना और करणामय इचछा ह मक हमार पाप क िमा कर और हम आशीष द और यह उसका अचधकार ह ज उदधार क सभव और मनचित बनाता ह

यह विचाि वक कर स पि यी ि ि ग ो क परव त अ पन स िग ी य व पत ा क कर ध क इ स त िह ि ि किन क ा परया स क ि िहा ह व क यी ि त परम ी ह ि वक न व पता न ही ो यह ि ा सत ि म ो यी ि म सीह क परा यल ित क क ायय म ो ज ह िहा ह उ सक ी गि त सम झ ह कर स पि यी ि क ा क ा यय िा स ति म ो व पत ा क अ पन ि ग ो क परव त प िय ि वतय परम क ी अव भ व यव ि ह स च ो व क न य व न यम म ो व कत न ी ब ा ि इस ब ात पि ब ि वि या ग या ह वक यी ि क ा सो सा ि म ो आन ा औि कर स उ ठा न ा ि ा सत ि म ो व पत ा क परम क ा पर िणा म ह ि ह ि चन ल ज स हम म ो स अ ल धक ा ि ि ग सो भि त अपन म सी ही ज ीि न म ो पहि ि चन क रप म ो याि क ित ह ो य हनन ा 316 बि ि त ा ह ldquoक य ोवक पिम शवि न ज गत स ऐसा परम वक या वक उस न अ पन ा इ कि ौ ता पतर ि व िया rdquo अ ब इ स ि चन म ो व क स क परम पि बि व िया ज ा िहा ह म वक सी भ ी तिह यी ि क परम क कम न ही ो क ि िहा ह पिनत उ स पद ाो ि म ो पतर क िन म ो स िग ी य व पता क परम पि ब ि व ि या ज ा िहा ह

डा ज ल िग न डो क न

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पतर मदवय अनगरह ज हमारी िमा क पणग करता ह उस म पतर भी शाममल ह ज हमारा उदधारकताग ह मपता क वायद की पणगता म पतर क ससार म भजा रया चचर-परमतचित मसीहा यीश क रप म

दहधारण मकया तामक मनषय क पाप का परायचित कर इस चशिा क हम बहत स सटथान जस र ममय 325 और 26 इबरामनय 214-17 और 105-10 म पात ह

यीश न पामपय की जरह करस पर मरन क दवारा पाप का परायचित मकया हमार पाप क कारण आए सराप क उसन गरहण मकया और उसकी चसदध धाममगकता हम दी रई तामक हम पापी न मरन जाए बमलक परमशवर की आजञाकारी सनतान मान जाए कछ थ ड स सटथान जहा यह मवषय आता ह उनह हम यहनना 1014-18 रलामतय 220 2 कररमनथय 521 और इबरामनय 109-14 म पात ह जस पौलस न इमिचसय 17 म चलिा

हम क (यी ि म सीह) म ो उ सक ि ह क दव ािा छटक ा िा अ थ ा यत अ पिा ध ो क ी कषम ा उ सक उ स अन गर ह क धन क अ न साि व मि ा ह (इ व फल सय ो 17)

हमार पाप िमा मकए रए ह इसचलए नही मक परमशवर उनह अनदिा करता ह बमलक इस कारण मक उसन मसीह म उनह दणर मदया और इसीचलए पमवतर-वचन हम हमार उदधार पर मवशवास करन क चलए परररत करता ह

मपता और पतर क इन कायो पर मनभगर ह न क अमतररि िमा पमवतर आतमा क मदवय अनगरह का भी पररणाम ह

पवितर आतमा पमवतर आतमा मतरएकता का वह वयमितव ह ज वासटतव म िमा क हमार जीवन म लार करता ह

मपता न य जना बनाई और पतर न परायचित क परा मकया परनत हमार पाप वासटतव म तब तक िमा नही ह त ह जब तक मक पमवतर आतमा अपना काम न कर

जब हम मवशवास म आत ह त पमवतर आतमा उस समय तक हमार दवारा मकए रए पाप क िमा करक परमशवर क साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह वह हमारी आतमाओ का नवीनीकरण करक हम नया आमतमक जीवन भी दता ह जसा यीश न यहनना 35-8 म बताया परररत क काम 1118 इस अनभव क जीवन क चलए मन-मिराव कहता ह कय मक नवीनीकरण और मवशवास म हमशा दि और हमार पाप का अरीकार शाममल ह ता ह इस मवचार की बहत स पदयाश म पमि की रई ह जस 1 कररमनथय 611 म

और पमवतर आतमा हमार जीवन भर मनरनतर िमा लार करता रहता ह वही हमार मवशवास क बनाए रिता ह ज हम परमतमदन मन-मिराव की ओर लाता ह और वह मनरनतर हमार जीवन म िमा लार करता ह इस हम र ममय 81-16 और रलामतय 55 जस सटथान म दित ह एक उदाहरण क रप म दि पौलस 2 चथसटसलनीमकय 213 म कया कहता ह

पिम शवि न त म ह ो चन ल िया वक आत म ा क दव ा िा पव ितर ब नक ि औि सत य क ी परतीवत क िक उ दधा ि पा ओ (2 ल थ स सि न ी वक य ो 213)

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यहा पौलस न चलिा मक मसीही आतमा क कायो क दवारा उदधार पात ह ज हम पाप और अधमग स शदध करत ह अथागत आतमा क कायग ज हमार जीवन म िमा लार करत ह और जब हम मनरनतर सतय म मवशवास करत ह त आतमा मनरनतर हमार जीवन म िमा क लार करता ह

मपता पतर और पमवतर आतमा सब हमार परमत उदधार क अनगरह क मदिात ह और इसक हमार जीवन क चलए कम स कम तीन मनमहताथग ह पहला जब हम पाप करत ह और परमशवर स िमा और उदधार क अनय पहलओ की अपील करत ह त तीन मदवय वयमिय स अपनी पराथगना करन म हम सही ह दसरा जब हम इन आशीष क पात ह त हम परमशवर क तीन वयमिय क धनयवाद दना चामहए और तीसरा हम अपन उदधार पर पणग भर सा कर सकत ह यह जानत हए मक मतरएकता क तीन वयमि हम स परम करत ह और हमार उदधार क समनचित करन क चलए कायग करत ह मपता पतर और पमवतर आतमा तीन हमार लाभ क चलए पाप की समसटया क हल करन क चलए एक साथ ममलकर कायग कर रह ह

पाप की समसटया और मदवय अनगरह क दमिक ण स पाप की िमा क दिन क पिात हम िमा म वयमिरत उततरदामयतव की भममका क बार म बात करन क चलए तयार ह

वयविगत उतति िाव यत ि पमवतर-वचन सटपि रप स चसिाता ह मक परमशवर परतयक वयमि क पाप क िमा नही करता ह कछ

ल र क िमा मकया जाता ह और कछ क नही यह सतय कय ह मानवीय दमिक ण स कारण यह ह मक िमा की परमकरया म साधारण रप स वयमिरत उततरदामयतव का ततव शाममल ह ता ह सामानयत इन उततरदामयतव क परा करन वाल ल र क िमा मकया जाता ह परनत ज इन उततरदामयतव स जी चरात ह उनह नही

वयमिरत उततरदामयतव की भममका की हमारी चचाग द भार म मवभाचजत ह री पहला हम कछ शतो क बतायर चजनकी पमवतर-वचन िमा क चलए साधारण आवशयकताओ क रप म पहचान करता ह और दसरा हम िमा क पान क साधन क बार म बात करर आइए हम उन शतो स शर कर चजनह पमवतर-वचन िमा स ज डता ह

ि त पमवतर-वचन िमा क चलए द पराथममक शतो क बार म बताता ह पहला यह िमा क चलए परमशवर म

मवशवास की आवशयकता क बताता ह पमवतर-वचन म मवशवास एक बह-पिीय मवचार ह परनत इस सनदभग म जब हम परमशवर म मवशवास की बात करत ह त यह हमार दमार म ह

पिम शवि क ी व िव य सि ो चचत ा की सि ीक वत उ सक परव त ि फाि ाि सम पय ण औि भि सा व क हम ा ि उ दध ा िक ता य यी ि म सीह क ी ख ा वत ि िह हम पि करणा क िग ा

यदयमप आधमनक श ताओ क यह अजीब लर सकता ह परनत पमवतर-वचन इस परकार क मवशवास क अकसर- परमशवर का भय- कहता ह

उदाहरण क चलए भजन 1038-13 िमा की इस शतग की परकमत का इस परकार वणगन करता ह

यह िा ि याि औि अ न गरहक ािी व ि ि मब स क प क िन ि ाि ा औि अ वत करणा म य ह ि सिय ि ा िा ि वि ि ाि कित ा न िहग ा न उ सक ा कर ध सि ा क ल ि ए भ डक ा िहग ा उस

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न हम ाि पा प ो क अन सा ि हम स व यिहा ि नही ो वक या औि न हम ा ि अ धमय क क ाम ो क अ न साि हम क बि ि ा व ि या ह ज स आक ा ि पथि ी क ऊपि ऊ चा ह ि स ही उसक ी क रणा उ सक डिि य ो क ऊपि परब ि ह उ ि या चि अ सत ा चि स ल ज तन ी ि ि ह उ स न हम ा ि अ पिा ध ो क हम स उत नी ही ि ि क ि व ि या ह ज स व पत ा अ पन ब ाि क ो पि ि या क ित ा ह ि स ही यह ि ा अ पन डिि य ो पि ि या क िता ह (भज न 1038-13)

धयान द मक यह वा का भय मानन वाल िमा पात ह उनका अधमग दर मकया जाता ह यही मवचार परी बाइबल म पाया जाता ह उदाहरण क चलए इस हम 2 इमतहास 3018 और 19 म

दित ह यह वा अपन ि जनवाल क माि करता ह मरकस 412 म यीश न सकत मदया मक कवल व ल र ही िमा क चलए परमशवर की ओर मिर सकत ह ज उस जानत और समझत ह और परररत क काम 2617 और 18 म िमा कवल उन ल र क ममल सकती ह चजनकी आि यह वा की ममहमा और सामथग क सतय क दिन क चलए ि ली रई ह

पमवतर-वचन म पाई जान वाली िमा की दसरी साधारण शतग ह टटा हआ ह ना टट हए ह न का अथग ह

पा प क ब ाि म ो ि ा सत व िक ि ख पिम शवि की व यि स था क त डन पि सचचा पिात ा प

यह कवल पकड जान पर या दणर का दि नही ह परनत अनबनध मक परमशवर की शत पमवतर ह और उसका सममान करन म असिल ह न पर मदल का टटना

पिा त ा प क अ थय म ो हम स मझ स औि आप स अ पल कषत ह व क हम ो अ पन पा प क ा अ पिाध -ब ध ह म ो ब त िब ा क सा थ पा प क िन क ब ाि िाऊि क ब ाि म ो स चत ा ह हा उ सन ब त िब ा क व िरदध पाप व क या था औि उसन ब त िबा क पव त क व ि रदध पा प व क या थ ा उ सन पिा न वन यम क ी क ि ी लसया क व िरदध पा प वक या था पिनत अ नतत ldquo म ो न कि ि त ि ही व िरदध पाप व क या ह औि त िी ि वषट म ो ज ब िा ह ि ह व क या ह rdquo औि आप उ सक व िि क पिात ा प क म हस स कित ह ो आधव न क िब ि म ो म ो स चता ह व क ldquo ट ट ा पनrdquo ह औि हम ो ि चन क ी ज रित ह व क पव ि तर आत म ा क दव ा िा हम ो त ड हम ो पिम शवि क ी उ पनद सथ व त म ो त ड

डा डिक डबल य एच थ ा म स

उदाहरण क चलए 2 शमएल अधयाय 11 म दाऊद क मन म क ई पिाताप नही था जब उसन बतशबा क साथ वयमभचार मकया और मिर उसक रभगधारण क चछपान क चलए उसक पमत उररयाह की मौत का इनतजाम मकया बतशबा क रभगधारण क समय अपन बचच क जनम क समय तक दाऊद क अपन कायो का क ई दि नही था उस समय नातान नबी दाऊद क पाप क मवषय म उसका सामना करता ह जसा हम 2 शमएल अधयाय 12 म पढत ह कवल उस समय दाऊद न अपन अपराध क माना और अपन आप क उसका द षी माना मिर टटपन की आतमा म अपन रहर दि और पिाताप क अमभवयि करन क चलए उसन अपन पिाताप का महान भजन भजन 51 चलिा दि दाऊद न भजन 51 क पद 6 और 17 म कया चलिा

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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त ह ि य क ी सचचा ई स परसनन ह त ा ह ट ट ा म न पिम शवि क य गय ब लि िा न ह ह पिम शवि त ट ट औि व पस हए म न क तचछ न ही ो ज ा नत ा (भज न 51617)

दाऊद न पहचान चलया मक परमशवर की िमा क पान क चलए उस अपन पाप क बार म परमशवर क दमिक ण की आवशयकता थी उस अपन कायग स घणा करन और उस पर वासटतव म दिी ह न की आवशयकता थी

हम टटपन पर इसी बल क भजन 32 पद 1 और 2 म दित ह जहा िमा उन ल र क ममलती ह चजन म क ई कपट नही ह इस हम यशायाह 557 म पात ह जहा परमशवर उन पर करणा करता ह ज अपन पाप क तयार दत ह और इस हम मयमगयाह 53 म सनत ह जहा उन ल र क िमा स इनकार कर मदया जाता ह चजनक हदय उनक पाप क सबध म हठील ह

म िा वि चा ि ह व क हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि ध यान िग ा न क दव ा िा अ पन व िि म ो पिा त ा प क उ त पनन कित ह ो इस हम उ त पवतत स परक ा ल ित ि ाकय त क ब ाइ बि पिम शवि क बा ि म ो ज ब ता त ी ह उ स पि व ि चा ि क िन क दव ा िा क ि सकत ह ो वक िह अ न ा जञा क ा िी ि ग ो स सो ग वत नही ो क ि सकत ा पिनत ज अनाजञाक ारिता क ा नयाय क ित ा ह औि अ पिा ल धय ो क ि ण ड ि त ा ह यही पिम शवि की पव ि तर ता क ा सा ि ह औि ज ब हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि व ि चा ि क ित ह ो त आइ ए पी छ म डक ि हम अ पन जी ि न क ि ख ो व क व कस परक ा ि हम न व यिस थ ा क त डा आजञा क ा उ ललो घ न वक या औि पिम शवि क ी बा त ो पि ध या न न ित हए उ स स ि ि ह ग ए अ पन ज ीि न क एक जो जा ि ब न ा ल ि या ल ज स स उ सक ा अ न ाि ि ह त ा ह अ ब पी छ म डक ि ि ख ो िह सा िा िण ड ज मझ पि पडन ा था ि ा सत ि म ो मसी ह पि पडा औि उ सन उ स सहा औि यह म झ बत ा त ा ह वक मि अ पन पा प व कत न ि ः खि थ व क म ि ल ि ए उन का पिा त ा प क िि पिम शवि क ि हधा िी पतर क ी म त य क दव ा िा वक या ज ा सक त ा थ ा औि जब म झ म हस स ह त ा ह वक पिम शवि की पव ि तरत ा क परक ा ि म ो म ि पा प व क तन िः खि ह ो औि उ नह ो ि ि क िन क ल ि ए क या म ाो ग क ी ग ई त पा प क परवत मिा ि ःख त ीवर ह ज ा एग ा म िा पिा त ा प ग हिा ह ग ा औि उ सक दव ा िा ब ाि-ब ाि औि ब ाि -ब ा ि अ पन आप क पव ि तर ता क ल ि ए पिम शवि क सम व पय त क िन क ा औि उस यह ब त ान क ा ईम ा नि ा ि परया स उत पनन ह ग ा वक मझ वकत न ा अ ल धक पछत ा िा ह औि ि ा स ति म ो म ो पा प ो स घ णा कित ा ह ल ज नह ोन पिा त ा प क आि शयक ब ना या

डा ज आई प क ि

मवशवास की अवसटथाए और टटा मन परतयक वयमि क जीवन क चलए महतवपणग ह चाह हम मवशवासी ह या नही चजन ल र न मसीह क अपन परभ और उदधारकताग क रप म गरहण नही मकया ह उनक चलए य अवसटथाए परमशवर म आन और पाप की िमा पान और मसीह म नय जीवन की शरआत करन क अवसर ह और हम म स ज ल र पहल स ही मसीह स सबचधत ह उनह यह याद मदलात ह मक हम मनरनतर मवशवास का जीवन जीना ह और हमार दवारा मनरनतर मकए जान वाल पाप क परमत हम वासटतव म दिी ह ना ह तामक हम मनरनतर िमा पा सक और दमनक आधार पर शदध ह सक

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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अब जबमक हम दि चक ह मक िमा की अवसटथाओ म सामानयत कायगकारी मवशवास और हमारा टटा हआ मन शाममल ह ता ह त आइए हम उन साधारण साधन क दि चजनक दवारा हम िमा क पा सकत ह

स ाधन कई बार मसीही अनगरह क साधन और अनगरह क आधार क बीच अनतर क समझन म असिल ह

जात ह पररणामसटवरप व रलती स यह स चत ह मक अनगरह क पान या हम पर अनगरह करन क चलए परमशवर पर दबाव रालन क चलए अनगरह क साधन का परय र मकया जा सकता ह अत एक साधन और आधार क बीच अनतर क पहचानना महतवपणग ह इस अनतर क दिन म सहायता क चलए कलपना कर मक एक वयमि क च ट स उबरन क चलए शारीररक चचमकतसा की आवशयकता ह चचमकतसा महरी ह और उसका भरतान एक दानकताग दवारा मकया जाता ह हम कह सकत ह मक वयमि क र र स पणगत उबारन वाला साधन चचमकतसा ह परनत इस सटवासटथय-लाभ का आचथगक आधार दान ह

इन मभननताओ क हम सिप म इस परकार कह सकत ह मक आधार वह मल या य गयता ह चजसम क ई कायग या पररणाम आधाररत ह जबमक साधन वह औजार या यनतर ह ज उस कायग या पररणाम क समभव बनाता ह

जब परमशवर स िमा और अनगरह पान की बात आती ह त आधार हमशा मसीह की य गयता ह चजस उसन अपन आजञाकारी जीवन और करस की मतय क दवारा अचजगत मकया इस हम मतती 2628 कलमसटसय 113 और 14 और 1 यहनना 212 जस सटथान पर दित ह िमा क सवगदा अचजगत मकया जाता ह परनत इस मसीह क दवारा अचजगत मकया जाता ह हमार दवारा नही और मवशववास वह मलभत साधन ह चजसक दवारा सारा अनगरह हमार जीवन म लार मकया जाता ह चाह परमशवर क सममि परतयि रप स अमभवयि मकया जाए या अनगरह क साधन क दवारा मवशवास वह पराथममक औजार ह चजसक दवारा परमशवर हमार जीवन म अनगरह और अनय आशीष क लार करता ह

पमवतर-वचन कई साधन का वणगन करता ह चजनक दवारा मवशवास सामानयत कायग करता ह इस अधयाय म हमार उददशय क चलए इन अनय साधन क हम सिप म पराथगना स शर करक द सामानय शचणय म बाट सकत ह

समपणग पमवतर-वचन म पराथगना क परमशवर स अनगरह और िमा मारन क साधारण साधन क रप म परसटतत मकया रया ह जस बाइबल अरीकार और मन मिराव की पराथगना क आमतौर पर मवशवास की अमभवयमि बताती ह चजनक दवारा पमवतर आतमा हम िमा परदान करता ह इन पराथगनाओ की परभावशीलता क 1 राजा 829-40 भजन 321-11 परररत क काम 822 1 यहनना 19 और बहत स अनय सटथान पर चसिाया रया ह

उन ल र क चलए चजनह न अभी हाल ही म परभ क जाना ह अरीकार और मन मिराव की मवशवासय गय पराथगनाए व साधन ह चजनक दवारा पमवतर आतमा आरममभक रप म िमा और उदधार क उनक जीवन म लार करता ह इसीचलए परररत क काम 1118 म कलीचसया न मन पररवतगन क जीवन क चलए मन मिराव कहा और सार मवशवाचसय क चलए अरीकार और मर मिराव की पराथगना अपन जीवन म परमशवर क अनगरह क पान क महतवपणग साधन बन रहत ह जसा हम 1 यहनना 19 म पढत ह

यव ि हम अ पन पा प ो क म ान ि ो त (पिम शवि) हम ा ि पा प ो क कषम ा क िन औि हम ो सब अ धमय स ि दध क िन म ो व िशवा सय गय औि धम ी ह (1 य हनना 19)

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ससमाचार का अदभत समाचार ह मक मसीह न हमार चलए ज मकया ह उसक आधार पर हमार पाप का मफत म िमा करता ह और हम मवशवास क साथ कवल मारन क दवारा इस िमा क परापत कर सकत ह

आप ज ा न त ह ो व क ब हत स ि ग यह स चत ह ो वक यवि आप यह ल सख ा त ह ो व क पा पी क पिम शवि क पा स आक ि कि ि ldquoह सि ग ी य व पत ा मझ कषम ा किrdquo क हन स पिम शवि उ नह ो कषम ा क ि िग ा त यह पिम शवि क अ न गरह क सस त ा ब न ा ि ग ा पिनत त थय यह ह व क यह पिम शवि क अ न गर ह क ऊ चा उ ठा त ा ह इ सल ि ए न ही ो वक हम ा िा म न व फिाि हम ो ब चा त ा ह या उसक आधा ि पि पिम शवि हम ो कषम ा कित ा ह पिनत इ सल ि ए व क पिम शवि न स ि यो अ पन एक ि ौत पतर क ी अ न नत रप स म ल यि ान औि अ ग णय रप स म हो ग ी मत य क आधा ि पि हमा ि लि ए कषम ा औि म ि -वम िाप क ा आधा ि त याि व कया ह

डा ज ल िग न डो क न

इ स त थय न वक यी ि म सीह पिम शवि का पतर वतर एकत ा म ो ि सिा व यव ि पथि ी पि आया औि नमर त ा औि ि ासरप म ो त ीस ि षय वब ता ए औि व फि क षट सहा औि कर स पि म िा -हम ा ि पा प ो क िण ड क ा भग त ा न क िन क ल ि ए कर स पि पा प क अ न नत क जय क उ ठा ल िया यह एक अन नत म ल य ह यह एक अ न नत क ीम त ह ब हत बडी क ी मत हम ा ि पा प ो क लि ए अन नत क ीम त इ सल ि ए यह ससत ा अ न गरह न ही ो ह यह अ ब त क परा पत व क या ग या सि ा यलधक म हो ग ा अन गर ह ह हम इ स म फ त उपहा ि क रप म ो परापत क ित ह ो पिनत कि ि इ स क ा िण व क यी ि न अ पन ा सब क छ हम ा ि लि ए ि व ि या

डा म ाकय सर स

ज उ सक पा स आक ि कि ि ldquoपरभ म झ कषम ा क िrdquo क हत ह ो उ नह ो कषम ा व क या ज ात ा ह इसल ि ए न ही ो वक कषम ा क ी उ नक ी व िन त ी ब हत क ि ीन थ ी इ सल ि ए न ही ो व क उ न क ा म न व फिाि ब हत अच छा थ ा पिनत इ सलि ए वक यी ि न िह सब कि व ि या ह ज हम ा ि स ि ग ी य व पत ा क साथ सो ग वत म ो पन ि ौ टन क ल ि ए हम ाि ल ि ए आि शयक थ ा

डा ज ल िग न डो क न

अब हम यह बतान क चलए रकना चामहए मक अरीकार और मन मिराव की पराथगनाओ क अमतररि ज िमा क साधारण साधन क रप म कायग करती ह मबचवई की पराथगना कई बार िमा क असाधारण या असामानय साधन क रप म कायग करती ह मबचवई क इस परकार पररभामषत मकया जा सकता ह मधयसटथता या मकसी और की िामतर मवनती या पराथगना

पमवतर-वचन म ल र दवारा परभावी मधयसटथता की पराथगना क बहत स उदाहरण ह इस हम मरनती 1419 और 20 म दित ह जहा मसा की मधयसटथता की पराथगना क जवाब म यह वा न इसराएल क पाप क िमा कर मदया इस हम 2 इमतहास 3018-20 म पात ह जहा महजमकयाह की मबचवई क जवाब म यह वा न उन ल र क माि कर मदया चजनह न िसह की उचचत तयारी नही की थी इस हम अययब 15 म दित ह

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जहा हम सीित ह मक अययब मनरनतर अपन बचच क चलए मबचवई क बचलदान चढाया करता था और इस हम याकब 514 और 15 म दित ह जहा याकब न चसिाया मक कलीचसया क परमनए उन ल र क चलए िमा क परापत कर सकत ह चजनह न पाप मकया ह परमशवर मवशवासय गय ल र की मबचवई क पराथगना क जवाब म हमशा िमा परदान नही करता ह परनत बहत बार वह ऐसा करता ह

और इस परकार की मानवीय मबचवई स बढकर पतर और पमवतर आतमा द न ल र क चलए मधयसटथता करत ह यीश दवारा की जान वाली मधयसटथता क बार म यशायाह 5312 र ममय 834 और इबरामनय 725 जस सटथान पर बताया रया ह और आतमा की मधयसटथता क बार म र ममय 826 और 27 म चसिाया रया ह

िमा क साधन की दसरी सामानय शणी पमवतर ससटकार ह या चजनह आधमनक पर टसटटनट कलीचसयाए-मवधान कहती ह मखयत बपमतसटमा और परभ भ ज

अब जब हम ससटकार शबद का परय र करत ह त हम इस बात क सटपि करन की आवशयकता ह मक हम परभ भ ज और बपमतसटमा क बार म र मन कथ चलक कलीचसया क मवचार की बात नही कर रह ह बमलक ससटकार शबद का परय र बहत सी पर टसटटनट ससटथाओ दवारा ऐमतहाचसक रप स परभ भ ज और बपमतसटमा क चलए मकया जाता रहा ह य समार ह मवशष पमवतर मवधान ह चजनह परमशवर न हमार मवशवास क अमभवयि करन और उसकी आशीष क पान क साधन क रप म कलीचसया क उपलबध कराया इन मवधान क कायग मववरण क बार म पर टसटटनट परमपराओ म मतभद ह परनत व सब इस बात स सहमत ह मक य मकसी तरह मवशष ह

कई बार मसीमहय क सनदह ह ता ह जब व दसर क परभ भ ज और बपमतसटमा क िमा क साधन क रप म बतात हए सनत ह अत इस बात पर बल दना महतवपणग ह मक हम यह नही कह रह ह मक इन मवधान म ऐसी क ई य गयता नही ह ज उनह परभावी बनाती ह य िमा का आधार नही ह

साथ ही बाइबल चसिाती ह मक जब हम परभ भ ज और बपमतसटमा क दवारा अपन मवशवास क अमभवयि करत ह त पमवतर आतमा हमार जीवन म िमा क लार करन क चलए इन मवधान का परय र करता ह

बपमतसटमा क मरकस 14 परररत क काम 238 र ममय 61-7 और कलमसटसय 212-14 जस पदयाश म अनगरह का साधन बताया रया ह

एक उदाहरण क रप म परररत क काम 2216 म पौलस स कह रए हननयाह क शबद क सन

अ ब क य ो ि ि क िता ह उ ठ बपव त स म ा ि औि उ सक ा ना म ि क ि अ पन पा प ो क ध डा ि (परर ित ो क क ाम 2216)

इन मनदश म हननयाह न सकत मदया मक बपमतसटमा क दवारा पौलस क पाप क िमा मकया या- ध मदया जाएरा

अब मनसटसनदह बपमतसटमा िमा का एक आवशयक साधन नही ह हम दसर तरीक स भी िमा ममल सकती ह जस यीश क साथ करस पर चढाए रए मवशवास करन वाल उस राक न कभी बपमतसटमा नही चलया था मिर भी लका 2343 सकत दता ह मक उस िमा मकया रया और उसन उदधार पाया अत हम यह स चन की रलती नही करनी चामहए मक िमा और उदधार कवल उन ल र क चलए उपलबध ह चजनह न बपमतसटमा ल चलया ह मिर भी पमवतर-वचन इस पणगत सटपि करता ह मक बपमतसटमा साधारणत हमार जीवन म िमा क लार करन क साधन क रप म कायग करता ह

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और परभ भ ज का भी यही सतय ह पौलस न सटपि रप स चसिाया मक परभ भ ज म भार लना मसीह की मतय क लाभ जस िमा क परापत करन का माधयम ह दि 1 कररमनथय 1016 म उसन कया चलिा ह

िह धनयिाि क ा क ट िा लजस पि हम धनयि ा ि क ित ह ो क या म सी ह क ि ह क ी सहभ ा व गत ा नही ो ि ह ि ट ी लजस हम त डत ह ो क या ि ह म सीह क ी ि ह क ी सहभ ा व गत ा न ही ो (1 कर िनद नथ य ो 1016)

य अलकाररक परशन थ पौलस की पमतरय क पढन वाला परतयक वयमि जानता था मक उनका उततर था -हा मनसटसनदह मवशवास क साथ परभ भ ज म भार लन क दवारा हम मसीह क साथ एक ह त ह

पाप की िमा उदधार की एक महान आशीष ह चजस हम अपन समपणग मसीही जीवन क दौरान अनभव करत ह चाह हम नय मसीही ह या जीवन भर स मवशवासी रह ह िमा मसीह क साथ हमारी चाल का एक सतत पहल ह और इसक पररणामसटवरप बहत सी अनय आशीष भी ममलती ह

जान वसटली मथ मरसटट कलीचसया क ससटथापक ज 1703 स 1791 क बीच रह न अपन सनदश सखया 26 म िमा क बार म बताया चजस म उनह न पहाडी उपदश की वयाखया की दि मक उनह न वहा कया कहा

पा प ो क ी कषम ा पा त ही हम इ सी परक ा ि उ न क साथ ब हत कछ पा त ह ो ज व ि शवास क दवा िा ज उ स म ो ह पव ितर वक ए ग ए ह ो पा प अ पन ी सा मथय ख चक ा ह इसक ा उन पि क ई अ ल धक ा ि न ही ो ह ज अनगर ह यावन पिम शवि की परसननत ा क अ धी न ह ो क य ोवक ज म सी ह म ो ह ो उ न पि क ई ि णड क ी आजञा न ही ो ह इ सल ि ए ि पा प क सा थ -साथ गि ा व न स भ ी म ि वक ए ग ए ह ो व यि सथ ा क ी धा वमय क त ा उ नम ो प िी हई ह औि ि ििीि क अ न सा ि न ही ो पिनत आतम ा क अ न सा ि चित ह ो

म ो स चता ह पा प ो क ी कषमा एक परक ा ि स म सी व हय ो क रप म ो हमा िी सि ा यल धक अ नम ि ि ा सत व िकत ा ह म िभ त रप स हम ा ि पा प ो क कषमा क िन क ा अथय ह पिम शवि हम ा ि सवषट कत ा य क साथ सही सो बो ध म ो िहन ा आज ज ब हम सो सा ि क िख त ह ो हम पा त ह ो वक ि ग अ थय महत ि उ दद शय क ी ख ज म ो ह ो औि हम ा िी सो सक वत म ो अ त यल धक अ समो जस ह ज ीि न क या ह ज ी न क ा क ा िण क या ह म ो यहा क य ो ह औि इ सल ि ए ि ग अथय औि म हति क ख ज न क ल ि ए हि त िह स परया स क ित ह ो-वफि चा ह ि अ पन ी न ौ किी का पी छ ा क िो या ि ोव गकत ा या म ा िक पि ा थ ो क ा म िा मत िब ह व क ि ग ख िी औि आन नि क पा न क लि ए हि त िह क सथ ा न ो औि म ा गो म ो परयास क ि िह ह ो पिनत ससम ा चा ि हम ो बत ा ता ह वक म न षय ो क रप म ो हम ा िी म िभ त आि शयकत ा अ पन सवषटक त ा य क सा थ सही सो बो ध म ो िहन ा ह उ सक सा थ ल ज सन हम ो ब न ा या ह ससम ा चा ि ब त ात ा ह व क पिम शवि न अ पन पतर यी ि म सी ह क भ ज ा वक ि ह हम ा ि पा प ो क ा परा यल ित कि पिम शवि क कर ध क ि ि कि पिम शवि न अ पन परम म ो अ पन पतर क भज ा वक हम ा ि पा प कषम ा ह सको तावक यवि हम उस पि भि सा क िो त हम ा ि पा प कषम ा ह सको औि ज ब हम उ स अ नभ ि पि आत ह ो जब हम ऐसी कषम ा क ल ि ए यी ि म सी ह क ी ओि वफित ह ो त एक अत ल य िा नद नत क ा अ हसास ह त ा ह सो सा ि क सा थ सही ह न क ा अहसा स कय ोवक यह ि ा सत ि म ो सो सा ि क सा थ सही ह न ा

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ह हम अ चा नक महस स क ित ह ो व क हम ो इ सक ल ि ए ही ब न ा या ग या ह हम ो पिम शवि क सा थ सही सो बो ध म ो िहन क ल ि ए बन ा या ग या ह उ स पि हम पहचा नत ह ो

डा ट ा म शरन ि

अब जबमक हम पाप की िमा की धमगचशिा क दि चक ह त हम मवशवास क अरल सतर क दिन क चलए तयार ह दह का पनरतथान

पनर तथान

परररत क मवशवास-कथन क इन शबद क याद कर

म ो

ि ह क पन रत थ ा न म ो वि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर हम सटपि ह न की आवशयकता ह मक मवशवास-कथन यीश क पनरतथान क बार म बात नही कर रहा ह यीश का पनरतथान मवशवास-कथन म पहल आता ह जब यह कहता ह मक यीश मतक म स तीसर मदन जी उठा जब मवशवास-कथन दह क पनरतथान क बार म बात करता ह त इसक मन म सामानय पनरतथान ह-मसीह क ममहमा म आरमन पर सार ल र का पनरतथान

हम दह क सामानय पनरतथान क तीन चरण म दिर पहला हम सराप क दिर चजसक पररणामसटवरप हमारी दह म मतय आती ह दसरा हम बतायर मक मसीही ससमाचार हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करता ह और तीसरा हम दिर मक अनत म मकस परकार हमारी दह का छटकारा ह रा आइए सराप स शर कर ज हमारी दह म मतय क लाता ह

सराप जसा हमन पवगवमतग अधयाय म दिा परमशवर न मनषय क शारीररक दह और रर-शारीररक पराण स

बनाया इबरामनय 412 और 1 चथसटसलनीमकय 523 क आधार पर कछ परमपराओ का मानना ह मक परतयक मनषय म पराण क अमतररि आतमा भी ह ती ह परनत लरभर 200 ऐस वचन ह चजन म हमार अमसटततव क सार आनतररक रर-शारीररक पहलओ क समपणग रप म बतान क चलए इनम स मकसी एक शबद का परय र मकया रया ह अत अचधकाश मसीमहय का मनषकषग ह मक पराण और आतमा द न शबद एक ही वासटतमवकता क बतात ह और मनषय मखयत कवल द भार स मनममगत ह दह और आतमा

पाप म मररन स पवग हमारी दह और हमारी आतमा पर पाप और इसकी भरि शमिय का क ई परभाव नही था परनत जब आदम और हववा पाप म मरर रए त पाप न न कवल उनकी आतमाओ बमलक उनकी दह क भी भरि कर मदया और उनकी दह क दमषत ह न का अमनतम पररणाम उनकी शारीररक मतय थी उतपमतत 319 म आदम पर परमशवर क सराप क दि

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 11: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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पतर मदवय अनगरह ज हमारी िमा क पणग करता ह उस म पतर भी शाममल ह ज हमारा उदधारकताग ह मपता क वायद की पणगता म पतर क ससार म भजा रया चचर-परमतचित मसीहा यीश क रप म

दहधारण मकया तामक मनषय क पाप का परायचित कर इस चशिा क हम बहत स सटथान जस र ममय 325 और 26 इबरामनय 214-17 और 105-10 म पात ह

यीश न पामपय की जरह करस पर मरन क दवारा पाप का परायचित मकया हमार पाप क कारण आए सराप क उसन गरहण मकया और उसकी चसदध धाममगकता हम दी रई तामक हम पापी न मरन जाए बमलक परमशवर की आजञाकारी सनतान मान जाए कछ थ ड स सटथान जहा यह मवषय आता ह उनह हम यहनना 1014-18 रलामतय 220 2 कररमनथय 521 और इबरामनय 109-14 म पात ह जस पौलस न इमिचसय 17 म चलिा

हम क (यी ि म सीह) म ो उ सक ि ह क दव ािा छटक ा िा अ थ ा यत अ पिा ध ो क ी कषम ा उ सक उ स अन गर ह क धन क अ न साि व मि ा ह (इ व फल सय ो 17)

हमार पाप िमा मकए रए ह इसचलए नही मक परमशवर उनह अनदिा करता ह बमलक इस कारण मक उसन मसीह म उनह दणर मदया और इसीचलए पमवतर-वचन हम हमार उदधार पर मवशवास करन क चलए परररत करता ह

मपता और पतर क इन कायो पर मनभगर ह न क अमतररि िमा पमवतर आतमा क मदवय अनगरह का भी पररणाम ह

पवितर आतमा पमवतर आतमा मतरएकता का वह वयमितव ह ज वासटतव म िमा क हमार जीवन म लार करता ह

मपता न य जना बनाई और पतर न परायचित क परा मकया परनत हमार पाप वासटतव म तब तक िमा नही ह त ह जब तक मक पमवतर आतमा अपना काम न कर

जब हम मवशवास म आत ह त पमवतर आतमा उस समय तक हमार दवारा मकए रए पाप क िमा करक परमशवर क साथ हमारा मल-ममलाप कराता ह वह हमारी आतमाओ का नवीनीकरण करक हम नया आमतमक जीवन भी दता ह जसा यीश न यहनना 35-8 म बताया परररत क काम 1118 इस अनभव क जीवन क चलए मन-मिराव कहता ह कय मक नवीनीकरण और मवशवास म हमशा दि और हमार पाप का अरीकार शाममल ह ता ह इस मवचार की बहत स पदयाश म पमि की रई ह जस 1 कररमनथय 611 म

और पमवतर आतमा हमार जीवन भर मनरनतर िमा लार करता रहता ह वही हमार मवशवास क बनाए रिता ह ज हम परमतमदन मन-मिराव की ओर लाता ह और वह मनरनतर हमार जीवन म िमा लार करता ह इस हम र ममय 81-16 और रलामतय 55 जस सटथान म दित ह एक उदाहरण क रप म दि पौलस 2 चथसटसलनीमकय 213 म कया कहता ह

पिम शवि न त म ह ो चन ल िया वक आत म ा क दव ा िा पव ितर ब नक ि औि सत य क ी परतीवत क िक उ दधा ि पा ओ (2 ल थ स सि न ी वक य ो 213)

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यहा पौलस न चलिा मक मसीही आतमा क कायो क दवारा उदधार पात ह ज हम पाप और अधमग स शदध करत ह अथागत आतमा क कायग ज हमार जीवन म िमा लार करत ह और जब हम मनरनतर सतय म मवशवास करत ह त आतमा मनरनतर हमार जीवन म िमा क लार करता ह

मपता पतर और पमवतर आतमा सब हमार परमत उदधार क अनगरह क मदिात ह और इसक हमार जीवन क चलए कम स कम तीन मनमहताथग ह पहला जब हम पाप करत ह और परमशवर स िमा और उदधार क अनय पहलओ की अपील करत ह त तीन मदवय वयमिय स अपनी पराथगना करन म हम सही ह दसरा जब हम इन आशीष क पात ह त हम परमशवर क तीन वयमिय क धनयवाद दना चामहए और तीसरा हम अपन उदधार पर पणग भर सा कर सकत ह यह जानत हए मक मतरएकता क तीन वयमि हम स परम करत ह और हमार उदधार क समनचित करन क चलए कायग करत ह मपता पतर और पमवतर आतमा तीन हमार लाभ क चलए पाप की समसटया क हल करन क चलए एक साथ ममलकर कायग कर रह ह

पाप की समसटया और मदवय अनगरह क दमिक ण स पाप की िमा क दिन क पिात हम िमा म वयमिरत उततरदामयतव की भममका क बार म बात करन क चलए तयार ह

वयविगत उतति िाव यत ि पमवतर-वचन सटपि रप स चसिाता ह मक परमशवर परतयक वयमि क पाप क िमा नही करता ह कछ

ल र क िमा मकया जाता ह और कछ क नही यह सतय कय ह मानवीय दमिक ण स कारण यह ह मक िमा की परमकरया म साधारण रप स वयमिरत उततरदामयतव का ततव शाममल ह ता ह सामानयत इन उततरदामयतव क परा करन वाल ल र क िमा मकया जाता ह परनत ज इन उततरदामयतव स जी चरात ह उनह नही

वयमिरत उततरदामयतव की भममका की हमारी चचाग द भार म मवभाचजत ह री पहला हम कछ शतो क बतायर चजनकी पमवतर-वचन िमा क चलए साधारण आवशयकताओ क रप म पहचान करता ह और दसरा हम िमा क पान क साधन क बार म बात करर आइए हम उन शतो स शर कर चजनह पमवतर-वचन िमा स ज डता ह

ि त पमवतर-वचन िमा क चलए द पराथममक शतो क बार म बताता ह पहला यह िमा क चलए परमशवर म

मवशवास की आवशयकता क बताता ह पमवतर-वचन म मवशवास एक बह-पिीय मवचार ह परनत इस सनदभग म जब हम परमशवर म मवशवास की बात करत ह त यह हमार दमार म ह

पिम शवि क ी व िव य सि ो चचत ा की सि ीक वत उ सक परव त ि फाि ाि सम पय ण औि भि सा व क हम ा ि उ दध ा िक ता य यी ि म सीह क ी ख ा वत ि िह हम पि करणा क िग ा

यदयमप आधमनक श ताओ क यह अजीब लर सकता ह परनत पमवतर-वचन इस परकार क मवशवास क अकसर- परमशवर का भय- कहता ह

उदाहरण क चलए भजन 1038-13 िमा की इस शतग की परकमत का इस परकार वणगन करता ह

यह िा ि याि औि अ न गरहक ािी व ि ि मब स क प क िन ि ाि ा औि अ वत करणा म य ह ि सिय ि ा िा ि वि ि ाि कित ा न िहग ा न उ सक ा कर ध सि ा क ल ि ए भ डक ा िहग ा उस

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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न हम ाि पा प ो क अन सा ि हम स व यिहा ि नही ो वक या औि न हम ा ि अ धमय क क ाम ो क अ न साि हम क बि ि ा व ि या ह ज स आक ा ि पथि ी क ऊपि ऊ चा ह ि स ही उसक ी क रणा उ सक डिि य ो क ऊपि परब ि ह उ ि या चि अ सत ा चि स ल ज तन ी ि ि ह उ स न हम ा ि अ पिा ध ो क हम स उत नी ही ि ि क ि व ि या ह ज स व पत ा अ पन ब ाि क ो पि ि या क ित ा ह ि स ही यह ि ा अ पन डिि य ो पि ि या क िता ह (भज न 1038-13)

धयान द मक यह वा का भय मानन वाल िमा पात ह उनका अधमग दर मकया जाता ह यही मवचार परी बाइबल म पाया जाता ह उदाहरण क चलए इस हम 2 इमतहास 3018 और 19 म

दित ह यह वा अपन ि जनवाल क माि करता ह मरकस 412 म यीश न सकत मदया मक कवल व ल र ही िमा क चलए परमशवर की ओर मिर सकत ह ज उस जानत और समझत ह और परररत क काम 2617 और 18 म िमा कवल उन ल र क ममल सकती ह चजनकी आि यह वा की ममहमा और सामथग क सतय क दिन क चलए ि ली रई ह

पमवतर-वचन म पाई जान वाली िमा की दसरी साधारण शतग ह टटा हआ ह ना टट हए ह न का अथग ह

पा प क ब ाि म ो ि ा सत व िक ि ख पिम शवि की व यि स था क त डन पि सचचा पिात ा प

यह कवल पकड जान पर या दणर का दि नही ह परनत अनबनध मक परमशवर की शत पमवतर ह और उसका सममान करन म असिल ह न पर मदल का टटना

पिा त ा प क अ थय म ो हम स मझ स औि आप स अ पल कषत ह व क हम ो अ पन पा प क ा अ पिाध -ब ध ह म ो ब त िब ा क सा थ पा प क िन क ब ाि िाऊि क ब ाि म ो स चत ा ह हा उ सन ब त िब ा क व िरदध पाप व क या था औि उसन ब त िबा क पव त क व ि रदध पा प व क या थ ा उ सन पिा न वन यम क ी क ि ी लसया क व िरदध पा प वक या था पिनत अ नतत ldquo म ो न कि ि त ि ही व िरदध पाप व क या ह औि त िी ि वषट म ो ज ब िा ह ि ह व क या ह rdquo औि आप उ सक व िि क पिात ा प क म हस स कित ह ो आधव न क िब ि म ो म ो स चता ह व क ldquo ट ट ा पनrdquo ह औि हम ो ि चन क ी ज रित ह व क पव ि तर आत म ा क दव ा िा हम ो त ड हम ो पिम शवि क ी उ पनद सथ व त म ो त ड

डा डिक डबल य एच थ ा म स

उदाहरण क चलए 2 शमएल अधयाय 11 म दाऊद क मन म क ई पिाताप नही था जब उसन बतशबा क साथ वयमभचार मकया और मिर उसक रभगधारण क चछपान क चलए उसक पमत उररयाह की मौत का इनतजाम मकया बतशबा क रभगधारण क समय अपन बचच क जनम क समय तक दाऊद क अपन कायो का क ई दि नही था उस समय नातान नबी दाऊद क पाप क मवषय म उसका सामना करता ह जसा हम 2 शमएल अधयाय 12 म पढत ह कवल उस समय दाऊद न अपन अपराध क माना और अपन आप क उसका द षी माना मिर टटपन की आतमा म अपन रहर दि और पिाताप क अमभवयि करन क चलए उसन अपन पिाताप का महान भजन भजन 51 चलिा दि दाऊद न भजन 51 क पद 6 और 17 म कया चलिा

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त ह ि य क ी सचचा ई स परसनन ह त ा ह ट ट ा म न पिम शवि क य गय ब लि िा न ह ह पिम शवि त ट ट औि व पस हए म न क तचछ न ही ो ज ा नत ा (भज न 51617)

दाऊद न पहचान चलया मक परमशवर की िमा क पान क चलए उस अपन पाप क बार म परमशवर क दमिक ण की आवशयकता थी उस अपन कायग स घणा करन और उस पर वासटतव म दिी ह न की आवशयकता थी

हम टटपन पर इसी बल क भजन 32 पद 1 और 2 म दित ह जहा िमा उन ल र क ममलती ह चजन म क ई कपट नही ह इस हम यशायाह 557 म पात ह जहा परमशवर उन पर करणा करता ह ज अपन पाप क तयार दत ह और इस हम मयमगयाह 53 म सनत ह जहा उन ल र क िमा स इनकार कर मदया जाता ह चजनक हदय उनक पाप क सबध म हठील ह

म िा वि चा ि ह व क हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि ध यान िग ा न क दव ा िा अ पन व िि म ो पिा त ा प क उ त पनन कित ह ो इस हम उ त पवतत स परक ा ल ित ि ाकय त क ब ाइ बि पिम शवि क बा ि म ो ज ब ता त ी ह उ स पि व ि चा ि क िन क दव ा िा क ि सकत ह ो वक िह अ न ा जञा क ा िी ि ग ो स सो ग वत नही ो क ि सकत ा पिनत ज अनाजञाक ारिता क ा नयाय क ित ा ह औि अ पिा ल धय ो क ि ण ड ि त ा ह यही पिम शवि की पव ि तर ता क ा सा ि ह औि ज ब हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि व ि चा ि क ित ह ो त आइ ए पी छ म डक ि हम अ पन जी ि न क ि ख ो व क व कस परक ा ि हम न व यिस थ ा क त डा आजञा क ा उ ललो घ न वक या औि पिम शवि क ी बा त ो पि ध या न न ित हए उ स स ि ि ह ग ए अ पन ज ीि न क एक जो जा ि ब न ा ल ि या ल ज स स उ सक ा अ न ाि ि ह त ा ह अ ब पी छ म डक ि ि ख ो िह सा िा िण ड ज मझ पि पडन ा था ि ा सत ि म ो मसी ह पि पडा औि उ सन उ स सहा औि यह म झ बत ा त ा ह वक मि अ पन पा प व कत न ि ः खि थ व क म ि ल ि ए उन का पिा त ा प क िि पिम शवि क ि हधा िी पतर क ी म त य क दव ा िा वक या ज ा सक त ा थ ा औि जब म झ म हस स ह त ा ह वक पिम शवि की पव ि तरत ा क परक ा ि म ो म ि पा प व क तन िः खि ह ो औि उ नह ो ि ि क िन क ल ि ए क या म ाो ग क ी ग ई त पा प क परवत मिा ि ःख त ीवर ह ज ा एग ा म िा पिा त ा प ग हिा ह ग ा औि उ सक दव ा िा ब ाि-ब ाि औि ब ाि -ब ा ि अ पन आप क पव ि तर ता क ल ि ए पिम शवि क सम व पय त क िन क ा औि उस यह ब त ान क ा ईम ा नि ा ि परया स उत पनन ह ग ा वक मझ वकत न ा अ ल धक पछत ा िा ह औि ि ा स ति म ो म ो पा प ो स घ णा कित ा ह ल ज नह ोन पिा त ा प क आि शयक ब ना या

डा ज आई प क ि

मवशवास की अवसटथाए और टटा मन परतयक वयमि क जीवन क चलए महतवपणग ह चाह हम मवशवासी ह या नही चजन ल र न मसीह क अपन परभ और उदधारकताग क रप म गरहण नही मकया ह उनक चलए य अवसटथाए परमशवर म आन और पाप की िमा पान और मसीह म नय जीवन की शरआत करन क अवसर ह और हम म स ज ल र पहल स ही मसीह स सबचधत ह उनह यह याद मदलात ह मक हम मनरनतर मवशवास का जीवन जीना ह और हमार दवारा मनरनतर मकए जान वाल पाप क परमत हम वासटतव म दिी ह ना ह तामक हम मनरनतर िमा पा सक और दमनक आधार पर शदध ह सक

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अब जबमक हम दि चक ह मक िमा की अवसटथाओ म सामानयत कायगकारी मवशवास और हमारा टटा हआ मन शाममल ह ता ह त आइए हम उन साधारण साधन क दि चजनक दवारा हम िमा क पा सकत ह

स ाधन कई बार मसीही अनगरह क साधन और अनगरह क आधार क बीच अनतर क समझन म असिल ह

जात ह पररणामसटवरप व रलती स यह स चत ह मक अनगरह क पान या हम पर अनगरह करन क चलए परमशवर पर दबाव रालन क चलए अनगरह क साधन का परय र मकया जा सकता ह अत एक साधन और आधार क बीच अनतर क पहचानना महतवपणग ह इस अनतर क दिन म सहायता क चलए कलपना कर मक एक वयमि क च ट स उबरन क चलए शारीररक चचमकतसा की आवशयकता ह चचमकतसा महरी ह और उसका भरतान एक दानकताग दवारा मकया जाता ह हम कह सकत ह मक वयमि क र र स पणगत उबारन वाला साधन चचमकतसा ह परनत इस सटवासटथय-लाभ का आचथगक आधार दान ह

इन मभननताओ क हम सिप म इस परकार कह सकत ह मक आधार वह मल या य गयता ह चजसम क ई कायग या पररणाम आधाररत ह जबमक साधन वह औजार या यनतर ह ज उस कायग या पररणाम क समभव बनाता ह

जब परमशवर स िमा और अनगरह पान की बात आती ह त आधार हमशा मसीह की य गयता ह चजस उसन अपन आजञाकारी जीवन और करस की मतय क दवारा अचजगत मकया इस हम मतती 2628 कलमसटसय 113 और 14 और 1 यहनना 212 जस सटथान पर दित ह िमा क सवगदा अचजगत मकया जाता ह परनत इस मसीह क दवारा अचजगत मकया जाता ह हमार दवारा नही और मवशववास वह मलभत साधन ह चजसक दवारा सारा अनगरह हमार जीवन म लार मकया जाता ह चाह परमशवर क सममि परतयि रप स अमभवयि मकया जाए या अनगरह क साधन क दवारा मवशवास वह पराथममक औजार ह चजसक दवारा परमशवर हमार जीवन म अनगरह और अनय आशीष क लार करता ह

पमवतर-वचन कई साधन का वणगन करता ह चजनक दवारा मवशवास सामानयत कायग करता ह इस अधयाय म हमार उददशय क चलए इन अनय साधन क हम सिप म पराथगना स शर करक द सामानय शचणय म बाट सकत ह

समपणग पमवतर-वचन म पराथगना क परमशवर स अनगरह और िमा मारन क साधारण साधन क रप म परसटतत मकया रया ह जस बाइबल अरीकार और मन मिराव की पराथगना क आमतौर पर मवशवास की अमभवयमि बताती ह चजनक दवारा पमवतर आतमा हम िमा परदान करता ह इन पराथगनाओ की परभावशीलता क 1 राजा 829-40 भजन 321-11 परररत क काम 822 1 यहनना 19 और बहत स अनय सटथान पर चसिाया रया ह

उन ल र क चलए चजनह न अभी हाल ही म परभ क जाना ह अरीकार और मन मिराव की मवशवासय गय पराथगनाए व साधन ह चजनक दवारा पमवतर आतमा आरममभक रप म िमा और उदधार क उनक जीवन म लार करता ह इसीचलए परररत क काम 1118 म कलीचसया न मन पररवतगन क जीवन क चलए मन मिराव कहा और सार मवशवाचसय क चलए अरीकार और मर मिराव की पराथगना अपन जीवन म परमशवर क अनगरह क पान क महतवपणग साधन बन रहत ह जसा हम 1 यहनना 19 म पढत ह

यव ि हम अ पन पा प ो क म ान ि ो त (पिम शवि) हम ा ि पा प ो क कषम ा क िन औि हम ो सब अ धमय स ि दध क िन म ो व िशवा सय गय औि धम ी ह (1 य हनना 19)

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ससमाचार का अदभत समाचार ह मक मसीह न हमार चलए ज मकया ह उसक आधार पर हमार पाप का मफत म िमा करता ह और हम मवशवास क साथ कवल मारन क दवारा इस िमा क परापत कर सकत ह

आप ज ा न त ह ो व क ब हत स ि ग यह स चत ह ो वक यवि आप यह ल सख ा त ह ो व क पा पी क पिम शवि क पा स आक ि कि ि ldquoह सि ग ी य व पत ा मझ कषम ा किrdquo क हन स पिम शवि उ नह ो कषम ा क ि िग ा त यह पिम शवि क अ न गरह क सस त ा ब न ा ि ग ा पिनत त थय यह ह व क यह पिम शवि क अ न गर ह क ऊ चा उ ठा त ा ह इ सल ि ए न ही ो वक हम ा िा म न व फिाि हम ो ब चा त ा ह या उसक आधा ि पि पिम शवि हम ो कषम ा कित ा ह पिनत इ सल ि ए व क पिम शवि न स ि यो अ पन एक ि ौत पतर क ी अ न नत रप स म ल यि ान औि अ ग णय रप स म हो ग ी मत य क आधा ि पि हमा ि लि ए कषम ा औि म ि -वम िाप क ा आधा ि त याि व कया ह

डा ज ल िग न डो क न

इ स त थय न वक यी ि म सीह पिम शवि का पतर वतर एकत ा म ो ि सिा व यव ि पथि ी पि आया औि नमर त ा औि ि ासरप म ो त ीस ि षय वब ता ए औि व फि क षट सहा औि कर स पि म िा -हम ा ि पा प ो क िण ड क ा भग त ा न क िन क ल ि ए कर स पि पा प क अ न नत क जय क उ ठा ल िया यह एक अन नत म ल य ह यह एक अ न नत क ीम त ह ब हत बडी क ी मत हम ा ि पा प ो क लि ए अन नत क ीम त इ सल ि ए यह ससत ा अ न गरह न ही ो ह यह अ ब त क परा पत व क या ग या सि ा यलधक म हो ग ा अन गर ह ह हम इ स म फ त उपहा ि क रप म ो परापत क ित ह ो पिनत कि ि इ स क ा िण व क यी ि न अ पन ा सब क छ हम ा ि लि ए ि व ि या

डा म ाकय सर स

ज उ सक पा स आक ि कि ि ldquoपरभ म झ कषम ा क िrdquo क हत ह ो उ नह ो कषम ा व क या ज ात ा ह इसल ि ए न ही ो वक कषम ा क ी उ नक ी व िन त ी ब हत क ि ीन थ ी इ सल ि ए न ही ो व क उ न क ा म न व फिाि ब हत अच छा थ ा पिनत इ सलि ए वक यी ि न िह सब कि व ि या ह ज हम ा ि स ि ग ी य व पत ा क साथ सो ग वत म ो पन ि ौ टन क ल ि ए हम ाि ल ि ए आि शयक थ ा

डा ज ल िग न डो क न

अब हम यह बतान क चलए रकना चामहए मक अरीकार और मन मिराव की पराथगनाओ क अमतररि ज िमा क साधारण साधन क रप म कायग करती ह मबचवई की पराथगना कई बार िमा क असाधारण या असामानय साधन क रप म कायग करती ह मबचवई क इस परकार पररभामषत मकया जा सकता ह मधयसटथता या मकसी और की िामतर मवनती या पराथगना

पमवतर-वचन म ल र दवारा परभावी मधयसटथता की पराथगना क बहत स उदाहरण ह इस हम मरनती 1419 और 20 म दित ह जहा मसा की मधयसटथता की पराथगना क जवाब म यह वा न इसराएल क पाप क िमा कर मदया इस हम 2 इमतहास 3018-20 म पात ह जहा महजमकयाह की मबचवई क जवाब म यह वा न उन ल र क माि कर मदया चजनह न िसह की उचचत तयारी नही की थी इस हम अययब 15 म दित ह

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जहा हम सीित ह मक अययब मनरनतर अपन बचच क चलए मबचवई क बचलदान चढाया करता था और इस हम याकब 514 और 15 म दित ह जहा याकब न चसिाया मक कलीचसया क परमनए उन ल र क चलए िमा क परापत कर सकत ह चजनह न पाप मकया ह परमशवर मवशवासय गय ल र की मबचवई क पराथगना क जवाब म हमशा िमा परदान नही करता ह परनत बहत बार वह ऐसा करता ह

और इस परकार की मानवीय मबचवई स बढकर पतर और पमवतर आतमा द न ल र क चलए मधयसटथता करत ह यीश दवारा की जान वाली मधयसटथता क बार म यशायाह 5312 र ममय 834 और इबरामनय 725 जस सटथान पर बताया रया ह और आतमा की मधयसटथता क बार म र ममय 826 और 27 म चसिाया रया ह

िमा क साधन की दसरी सामानय शणी पमवतर ससटकार ह या चजनह आधमनक पर टसटटनट कलीचसयाए-मवधान कहती ह मखयत बपमतसटमा और परभ भ ज

अब जब हम ससटकार शबद का परय र करत ह त हम इस बात क सटपि करन की आवशयकता ह मक हम परभ भ ज और बपमतसटमा क बार म र मन कथ चलक कलीचसया क मवचार की बात नही कर रह ह बमलक ससटकार शबद का परय र बहत सी पर टसटटनट ससटथाओ दवारा ऐमतहाचसक रप स परभ भ ज और बपमतसटमा क चलए मकया जाता रहा ह य समार ह मवशष पमवतर मवधान ह चजनह परमशवर न हमार मवशवास क अमभवयि करन और उसकी आशीष क पान क साधन क रप म कलीचसया क उपलबध कराया इन मवधान क कायग मववरण क बार म पर टसटटनट परमपराओ म मतभद ह परनत व सब इस बात स सहमत ह मक य मकसी तरह मवशष ह

कई बार मसीमहय क सनदह ह ता ह जब व दसर क परभ भ ज और बपमतसटमा क िमा क साधन क रप म बतात हए सनत ह अत इस बात पर बल दना महतवपणग ह मक हम यह नही कह रह ह मक इन मवधान म ऐसी क ई य गयता नही ह ज उनह परभावी बनाती ह य िमा का आधार नही ह

साथ ही बाइबल चसिाती ह मक जब हम परभ भ ज और बपमतसटमा क दवारा अपन मवशवास क अमभवयि करत ह त पमवतर आतमा हमार जीवन म िमा क लार करन क चलए इन मवधान का परय र करता ह

बपमतसटमा क मरकस 14 परररत क काम 238 र ममय 61-7 और कलमसटसय 212-14 जस पदयाश म अनगरह का साधन बताया रया ह

एक उदाहरण क रप म परररत क काम 2216 म पौलस स कह रए हननयाह क शबद क सन

अ ब क य ो ि ि क िता ह उ ठ बपव त स म ा ि औि उ सक ा ना म ि क ि अ पन पा प ो क ध डा ि (परर ित ो क क ाम 2216)

इन मनदश म हननयाह न सकत मदया मक बपमतसटमा क दवारा पौलस क पाप क िमा मकया या- ध मदया जाएरा

अब मनसटसनदह बपमतसटमा िमा का एक आवशयक साधन नही ह हम दसर तरीक स भी िमा ममल सकती ह जस यीश क साथ करस पर चढाए रए मवशवास करन वाल उस राक न कभी बपमतसटमा नही चलया था मिर भी लका 2343 सकत दता ह मक उस िमा मकया रया और उसन उदधार पाया अत हम यह स चन की रलती नही करनी चामहए मक िमा और उदधार कवल उन ल र क चलए उपलबध ह चजनह न बपमतसटमा ल चलया ह मिर भी पमवतर-वचन इस पणगत सटपि करता ह मक बपमतसटमा साधारणत हमार जीवन म िमा क लार करन क साधन क रप म कायग करता ह

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और परभ भ ज का भी यही सतय ह पौलस न सटपि रप स चसिाया मक परभ भ ज म भार लना मसीह की मतय क लाभ जस िमा क परापत करन का माधयम ह दि 1 कररमनथय 1016 म उसन कया चलिा ह

िह धनयिाि क ा क ट िा लजस पि हम धनयि ा ि क ित ह ो क या म सी ह क ि ह क ी सहभ ा व गत ा नही ो ि ह ि ट ी लजस हम त डत ह ो क या ि ह म सीह क ी ि ह क ी सहभ ा व गत ा न ही ो (1 कर िनद नथ य ो 1016)

य अलकाररक परशन थ पौलस की पमतरय क पढन वाला परतयक वयमि जानता था मक उनका उततर था -हा मनसटसनदह मवशवास क साथ परभ भ ज म भार लन क दवारा हम मसीह क साथ एक ह त ह

पाप की िमा उदधार की एक महान आशीष ह चजस हम अपन समपणग मसीही जीवन क दौरान अनभव करत ह चाह हम नय मसीही ह या जीवन भर स मवशवासी रह ह िमा मसीह क साथ हमारी चाल का एक सतत पहल ह और इसक पररणामसटवरप बहत सी अनय आशीष भी ममलती ह

जान वसटली मथ मरसटट कलीचसया क ससटथापक ज 1703 स 1791 क बीच रह न अपन सनदश सखया 26 म िमा क बार म बताया चजस म उनह न पहाडी उपदश की वयाखया की दि मक उनह न वहा कया कहा

पा प ो क ी कषम ा पा त ही हम इ सी परक ा ि उ न क साथ ब हत कछ पा त ह ो ज व ि शवास क दवा िा ज उ स म ो ह पव ितर वक ए ग ए ह ो पा प अ पन ी सा मथय ख चक ा ह इसक ा उन पि क ई अ ल धक ा ि न ही ो ह ज अनगर ह यावन पिम शवि की परसननत ा क अ धी न ह ो क य ोवक ज म सी ह म ो ह ो उ न पि क ई ि णड क ी आजञा न ही ो ह इ सल ि ए ि पा प क सा थ -साथ गि ा व न स भ ी म ि वक ए ग ए ह ो व यि सथ ा क ी धा वमय क त ा उ नम ो प िी हई ह औि ि ििीि क अ न सा ि न ही ो पिनत आतम ा क अ न सा ि चित ह ो

म ो स चता ह पा प ो क ी कषमा एक परक ा ि स म सी व हय ो क रप म ो हमा िी सि ा यल धक अ नम ि ि ा सत व िकत ा ह म िभ त रप स हम ा ि पा प ो क कषमा क िन क ा अथय ह पिम शवि हम ा ि सवषट कत ा य क साथ सही सो बो ध म ो िहन ा आज ज ब हम सो सा ि क िख त ह ो हम पा त ह ो वक ि ग अ थय महत ि उ दद शय क ी ख ज म ो ह ो औि हम ा िी सो सक वत म ो अ त यल धक अ समो जस ह ज ीि न क या ह ज ी न क ा क ा िण क या ह म ो यहा क य ो ह औि इ सल ि ए ि ग अथय औि म हति क ख ज न क ल ि ए हि त िह स परया स क ित ह ो-वफि चा ह ि अ पन ी न ौ किी का पी छ ा क िो या ि ोव गकत ा या म ा िक पि ा थ ो क ा म िा मत िब ह व क ि ग ख िी औि आन नि क पा न क लि ए हि त िह क सथ ा न ो औि म ा गो म ो परयास क ि िह ह ो पिनत ससम ा चा ि हम ो बत ा ता ह वक म न षय ो क रप म ो हम ा िी म िभ त आि शयकत ा अ पन सवषटक त ा य क सा थ सही सो बो ध म ो िहन ा ह उ सक सा थ ल ज सन हम ो ब न ा या ह ससम ा चा ि ब त ात ा ह व क पिम शवि न अ पन पतर यी ि म सी ह क भ ज ा वक ि ह हम ा ि पा प ो क ा परा यल ित कि पिम शवि क कर ध क ि ि कि पिम शवि न अ पन परम म ो अ पन पतर क भज ा वक हम ा ि पा प कषम ा ह सको तावक यवि हम उस पि भि सा क िो त हम ा ि पा प कषम ा ह सको औि ज ब हम उ स अ नभ ि पि आत ह ो जब हम ऐसी कषम ा क ल ि ए यी ि म सी ह क ी ओि वफित ह ो त एक अत ल य िा नद नत क ा अ हसास ह त ा ह सो सा ि क सा थ सही ह न क ा अहसा स कय ोवक यह ि ा सत ि म ो सो सा ि क सा थ सही ह न ा

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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ह हम अ चा नक महस स क ित ह ो व क हम ो इ सक ल ि ए ही ब न ा या ग या ह हम ो पिम शवि क सा थ सही सो बो ध म ो िहन क ल ि ए बन ा या ग या ह उ स पि हम पहचा नत ह ो

डा ट ा म शरन ि

अब जबमक हम पाप की िमा की धमगचशिा क दि चक ह त हम मवशवास क अरल सतर क दिन क चलए तयार ह दह का पनरतथान

पनर तथान

परररत क मवशवास-कथन क इन शबद क याद कर

म ो

ि ह क पन रत थ ा न म ो वि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर हम सटपि ह न की आवशयकता ह मक मवशवास-कथन यीश क पनरतथान क बार म बात नही कर रहा ह यीश का पनरतथान मवशवास-कथन म पहल आता ह जब यह कहता ह मक यीश मतक म स तीसर मदन जी उठा जब मवशवास-कथन दह क पनरतथान क बार म बात करता ह त इसक मन म सामानय पनरतथान ह-मसीह क ममहमा म आरमन पर सार ल र का पनरतथान

हम दह क सामानय पनरतथान क तीन चरण म दिर पहला हम सराप क दिर चजसक पररणामसटवरप हमारी दह म मतय आती ह दसरा हम बतायर मक मसीही ससमाचार हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करता ह और तीसरा हम दिर मक अनत म मकस परकार हमारी दह का छटकारा ह रा आइए सराप स शर कर ज हमारी दह म मतय क लाता ह

सराप जसा हमन पवगवमतग अधयाय म दिा परमशवर न मनषय क शारीररक दह और रर-शारीररक पराण स

बनाया इबरामनय 412 और 1 चथसटसलनीमकय 523 क आधार पर कछ परमपराओ का मानना ह मक परतयक मनषय म पराण क अमतररि आतमा भी ह ती ह परनत लरभर 200 ऐस वचन ह चजन म हमार अमसटततव क सार आनतररक रर-शारीररक पहलओ क समपणग रप म बतान क चलए इनम स मकसी एक शबद का परय र मकया रया ह अत अचधकाश मसीमहय का मनषकषग ह मक पराण और आतमा द न शबद एक ही वासटतमवकता क बतात ह और मनषय मखयत कवल द भार स मनममगत ह दह और आतमा

पाप म मररन स पवग हमारी दह और हमारी आतमा पर पाप और इसकी भरि शमिय का क ई परभाव नही था परनत जब आदम और हववा पाप म मरर रए त पाप न न कवल उनकी आतमाओ बमलक उनकी दह क भी भरि कर मदया और उनकी दह क दमषत ह न का अमनतम पररणाम उनकी शारीररक मतय थी उतपमतत 319 म आदम पर परमशवर क सराप क दि

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 12: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

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यहा पौलस न चलिा मक मसीही आतमा क कायो क दवारा उदधार पात ह ज हम पाप और अधमग स शदध करत ह अथागत आतमा क कायग ज हमार जीवन म िमा लार करत ह और जब हम मनरनतर सतय म मवशवास करत ह त आतमा मनरनतर हमार जीवन म िमा क लार करता ह

मपता पतर और पमवतर आतमा सब हमार परमत उदधार क अनगरह क मदिात ह और इसक हमार जीवन क चलए कम स कम तीन मनमहताथग ह पहला जब हम पाप करत ह और परमशवर स िमा और उदधार क अनय पहलओ की अपील करत ह त तीन मदवय वयमिय स अपनी पराथगना करन म हम सही ह दसरा जब हम इन आशीष क पात ह त हम परमशवर क तीन वयमिय क धनयवाद दना चामहए और तीसरा हम अपन उदधार पर पणग भर सा कर सकत ह यह जानत हए मक मतरएकता क तीन वयमि हम स परम करत ह और हमार उदधार क समनचित करन क चलए कायग करत ह मपता पतर और पमवतर आतमा तीन हमार लाभ क चलए पाप की समसटया क हल करन क चलए एक साथ ममलकर कायग कर रह ह

पाप की समसटया और मदवय अनगरह क दमिक ण स पाप की िमा क दिन क पिात हम िमा म वयमिरत उततरदामयतव की भममका क बार म बात करन क चलए तयार ह

वयविगत उतति िाव यत ि पमवतर-वचन सटपि रप स चसिाता ह मक परमशवर परतयक वयमि क पाप क िमा नही करता ह कछ

ल र क िमा मकया जाता ह और कछ क नही यह सतय कय ह मानवीय दमिक ण स कारण यह ह मक िमा की परमकरया म साधारण रप स वयमिरत उततरदामयतव का ततव शाममल ह ता ह सामानयत इन उततरदामयतव क परा करन वाल ल र क िमा मकया जाता ह परनत ज इन उततरदामयतव स जी चरात ह उनह नही

वयमिरत उततरदामयतव की भममका की हमारी चचाग द भार म मवभाचजत ह री पहला हम कछ शतो क बतायर चजनकी पमवतर-वचन िमा क चलए साधारण आवशयकताओ क रप म पहचान करता ह और दसरा हम िमा क पान क साधन क बार म बात करर आइए हम उन शतो स शर कर चजनह पमवतर-वचन िमा स ज डता ह

ि त पमवतर-वचन िमा क चलए द पराथममक शतो क बार म बताता ह पहला यह िमा क चलए परमशवर म

मवशवास की आवशयकता क बताता ह पमवतर-वचन म मवशवास एक बह-पिीय मवचार ह परनत इस सनदभग म जब हम परमशवर म मवशवास की बात करत ह त यह हमार दमार म ह

पिम शवि क ी व िव य सि ो चचत ा की सि ीक वत उ सक परव त ि फाि ाि सम पय ण औि भि सा व क हम ा ि उ दध ा िक ता य यी ि म सीह क ी ख ा वत ि िह हम पि करणा क िग ा

यदयमप आधमनक श ताओ क यह अजीब लर सकता ह परनत पमवतर-वचन इस परकार क मवशवास क अकसर- परमशवर का भय- कहता ह

उदाहरण क चलए भजन 1038-13 िमा की इस शतग की परकमत का इस परकार वणगन करता ह

यह िा ि याि औि अ न गरहक ािी व ि ि मब स क प क िन ि ाि ा औि अ वत करणा म य ह ि सिय ि ा िा ि वि ि ाि कित ा न िहग ा न उ सक ा कर ध सि ा क ल ि ए भ डक ा िहग ा उस

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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न हम ाि पा प ो क अन सा ि हम स व यिहा ि नही ो वक या औि न हम ा ि अ धमय क क ाम ो क अ न साि हम क बि ि ा व ि या ह ज स आक ा ि पथि ी क ऊपि ऊ चा ह ि स ही उसक ी क रणा उ सक डिि य ो क ऊपि परब ि ह उ ि या चि अ सत ा चि स ल ज तन ी ि ि ह उ स न हम ा ि अ पिा ध ो क हम स उत नी ही ि ि क ि व ि या ह ज स व पत ा अ पन ब ाि क ो पि ि या क ित ा ह ि स ही यह ि ा अ पन डिि य ो पि ि या क िता ह (भज न 1038-13)

धयान द मक यह वा का भय मानन वाल िमा पात ह उनका अधमग दर मकया जाता ह यही मवचार परी बाइबल म पाया जाता ह उदाहरण क चलए इस हम 2 इमतहास 3018 और 19 म

दित ह यह वा अपन ि जनवाल क माि करता ह मरकस 412 म यीश न सकत मदया मक कवल व ल र ही िमा क चलए परमशवर की ओर मिर सकत ह ज उस जानत और समझत ह और परररत क काम 2617 और 18 म िमा कवल उन ल र क ममल सकती ह चजनकी आि यह वा की ममहमा और सामथग क सतय क दिन क चलए ि ली रई ह

पमवतर-वचन म पाई जान वाली िमा की दसरी साधारण शतग ह टटा हआ ह ना टट हए ह न का अथग ह

पा प क ब ाि म ो ि ा सत व िक ि ख पिम शवि की व यि स था क त डन पि सचचा पिात ा प

यह कवल पकड जान पर या दणर का दि नही ह परनत अनबनध मक परमशवर की शत पमवतर ह और उसका सममान करन म असिल ह न पर मदल का टटना

पिा त ा प क अ थय म ो हम स मझ स औि आप स अ पल कषत ह व क हम ो अ पन पा प क ा अ पिाध -ब ध ह म ो ब त िब ा क सा थ पा प क िन क ब ाि िाऊि क ब ाि म ो स चत ा ह हा उ सन ब त िब ा क व िरदध पाप व क या था औि उसन ब त िबा क पव त क व ि रदध पा प व क या थ ा उ सन पिा न वन यम क ी क ि ी लसया क व िरदध पा प वक या था पिनत अ नतत ldquo म ो न कि ि त ि ही व िरदध पाप व क या ह औि त िी ि वषट म ो ज ब िा ह ि ह व क या ह rdquo औि आप उ सक व िि क पिात ा प क म हस स कित ह ो आधव न क िब ि म ो म ो स चता ह व क ldquo ट ट ा पनrdquo ह औि हम ो ि चन क ी ज रित ह व क पव ि तर आत म ा क दव ा िा हम ो त ड हम ो पिम शवि क ी उ पनद सथ व त म ो त ड

डा डिक डबल य एच थ ा म स

उदाहरण क चलए 2 शमएल अधयाय 11 म दाऊद क मन म क ई पिाताप नही था जब उसन बतशबा क साथ वयमभचार मकया और मिर उसक रभगधारण क चछपान क चलए उसक पमत उररयाह की मौत का इनतजाम मकया बतशबा क रभगधारण क समय अपन बचच क जनम क समय तक दाऊद क अपन कायो का क ई दि नही था उस समय नातान नबी दाऊद क पाप क मवषय म उसका सामना करता ह जसा हम 2 शमएल अधयाय 12 म पढत ह कवल उस समय दाऊद न अपन अपराध क माना और अपन आप क उसका द षी माना मिर टटपन की आतमा म अपन रहर दि और पिाताप क अमभवयि करन क चलए उसन अपन पिाताप का महान भजन भजन 51 चलिा दि दाऊद न भजन 51 क पद 6 और 17 म कया चलिा

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त ह ि य क ी सचचा ई स परसनन ह त ा ह ट ट ा म न पिम शवि क य गय ब लि िा न ह ह पिम शवि त ट ट औि व पस हए म न क तचछ न ही ो ज ा नत ा (भज न 51617)

दाऊद न पहचान चलया मक परमशवर की िमा क पान क चलए उस अपन पाप क बार म परमशवर क दमिक ण की आवशयकता थी उस अपन कायग स घणा करन और उस पर वासटतव म दिी ह न की आवशयकता थी

हम टटपन पर इसी बल क भजन 32 पद 1 और 2 म दित ह जहा िमा उन ल र क ममलती ह चजन म क ई कपट नही ह इस हम यशायाह 557 म पात ह जहा परमशवर उन पर करणा करता ह ज अपन पाप क तयार दत ह और इस हम मयमगयाह 53 म सनत ह जहा उन ल र क िमा स इनकार कर मदया जाता ह चजनक हदय उनक पाप क सबध म हठील ह

म िा वि चा ि ह व क हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि ध यान िग ा न क दव ा िा अ पन व िि म ो पिा त ा प क उ त पनन कित ह ो इस हम उ त पवतत स परक ा ल ित ि ाकय त क ब ाइ बि पिम शवि क बा ि म ो ज ब ता त ी ह उ स पि व ि चा ि क िन क दव ा िा क ि सकत ह ो वक िह अ न ा जञा क ा िी ि ग ो स सो ग वत नही ो क ि सकत ा पिनत ज अनाजञाक ारिता क ा नयाय क ित ा ह औि अ पिा ल धय ो क ि ण ड ि त ा ह यही पिम शवि की पव ि तर ता क ा सा ि ह औि ज ब हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि व ि चा ि क ित ह ो त आइ ए पी छ म डक ि हम अ पन जी ि न क ि ख ो व क व कस परक ा ि हम न व यिस थ ा क त डा आजञा क ा उ ललो घ न वक या औि पिम शवि क ी बा त ो पि ध या न न ित हए उ स स ि ि ह ग ए अ पन ज ीि न क एक जो जा ि ब न ा ल ि या ल ज स स उ सक ा अ न ाि ि ह त ा ह अ ब पी छ म डक ि ि ख ो िह सा िा िण ड ज मझ पि पडन ा था ि ा सत ि म ो मसी ह पि पडा औि उ सन उ स सहा औि यह म झ बत ा त ा ह वक मि अ पन पा प व कत न ि ः खि थ व क म ि ल ि ए उन का पिा त ा प क िि पिम शवि क ि हधा िी पतर क ी म त य क दव ा िा वक या ज ा सक त ा थ ा औि जब म झ म हस स ह त ा ह वक पिम शवि की पव ि तरत ा क परक ा ि म ो म ि पा प व क तन िः खि ह ो औि उ नह ो ि ि क िन क ल ि ए क या म ाो ग क ी ग ई त पा प क परवत मिा ि ःख त ीवर ह ज ा एग ा म िा पिा त ा प ग हिा ह ग ा औि उ सक दव ा िा ब ाि-ब ाि औि ब ाि -ब ा ि अ पन आप क पव ि तर ता क ल ि ए पिम शवि क सम व पय त क िन क ा औि उस यह ब त ान क ा ईम ा नि ा ि परया स उत पनन ह ग ा वक मझ वकत न ा अ ल धक पछत ा िा ह औि ि ा स ति म ो म ो पा प ो स घ णा कित ा ह ल ज नह ोन पिा त ा प क आि शयक ब ना या

डा ज आई प क ि

मवशवास की अवसटथाए और टटा मन परतयक वयमि क जीवन क चलए महतवपणग ह चाह हम मवशवासी ह या नही चजन ल र न मसीह क अपन परभ और उदधारकताग क रप म गरहण नही मकया ह उनक चलए य अवसटथाए परमशवर म आन और पाप की िमा पान और मसीह म नय जीवन की शरआत करन क अवसर ह और हम म स ज ल र पहल स ही मसीह स सबचधत ह उनह यह याद मदलात ह मक हम मनरनतर मवशवास का जीवन जीना ह और हमार दवारा मनरनतर मकए जान वाल पाप क परमत हम वासटतव म दिी ह ना ह तामक हम मनरनतर िमा पा सक और दमनक आधार पर शदध ह सक

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अब जबमक हम दि चक ह मक िमा की अवसटथाओ म सामानयत कायगकारी मवशवास और हमारा टटा हआ मन शाममल ह ता ह त आइए हम उन साधारण साधन क दि चजनक दवारा हम िमा क पा सकत ह

स ाधन कई बार मसीही अनगरह क साधन और अनगरह क आधार क बीच अनतर क समझन म असिल ह

जात ह पररणामसटवरप व रलती स यह स चत ह मक अनगरह क पान या हम पर अनगरह करन क चलए परमशवर पर दबाव रालन क चलए अनगरह क साधन का परय र मकया जा सकता ह अत एक साधन और आधार क बीच अनतर क पहचानना महतवपणग ह इस अनतर क दिन म सहायता क चलए कलपना कर मक एक वयमि क च ट स उबरन क चलए शारीररक चचमकतसा की आवशयकता ह चचमकतसा महरी ह और उसका भरतान एक दानकताग दवारा मकया जाता ह हम कह सकत ह मक वयमि क र र स पणगत उबारन वाला साधन चचमकतसा ह परनत इस सटवासटथय-लाभ का आचथगक आधार दान ह

इन मभननताओ क हम सिप म इस परकार कह सकत ह मक आधार वह मल या य गयता ह चजसम क ई कायग या पररणाम आधाररत ह जबमक साधन वह औजार या यनतर ह ज उस कायग या पररणाम क समभव बनाता ह

जब परमशवर स िमा और अनगरह पान की बात आती ह त आधार हमशा मसीह की य गयता ह चजस उसन अपन आजञाकारी जीवन और करस की मतय क दवारा अचजगत मकया इस हम मतती 2628 कलमसटसय 113 और 14 और 1 यहनना 212 जस सटथान पर दित ह िमा क सवगदा अचजगत मकया जाता ह परनत इस मसीह क दवारा अचजगत मकया जाता ह हमार दवारा नही और मवशववास वह मलभत साधन ह चजसक दवारा सारा अनगरह हमार जीवन म लार मकया जाता ह चाह परमशवर क सममि परतयि रप स अमभवयि मकया जाए या अनगरह क साधन क दवारा मवशवास वह पराथममक औजार ह चजसक दवारा परमशवर हमार जीवन म अनगरह और अनय आशीष क लार करता ह

पमवतर-वचन कई साधन का वणगन करता ह चजनक दवारा मवशवास सामानयत कायग करता ह इस अधयाय म हमार उददशय क चलए इन अनय साधन क हम सिप म पराथगना स शर करक द सामानय शचणय म बाट सकत ह

समपणग पमवतर-वचन म पराथगना क परमशवर स अनगरह और िमा मारन क साधारण साधन क रप म परसटतत मकया रया ह जस बाइबल अरीकार और मन मिराव की पराथगना क आमतौर पर मवशवास की अमभवयमि बताती ह चजनक दवारा पमवतर आतमा हम िमा परदान करता ह इन पराथगनाओ की परभावशीलता क 1 राजा 829-40 भजन 321-11 परररत क काम 822 1 यहनना 19 और बहत स अनय सटथान पर चसिाया रया ह

उन ल र क चलए चजनह न अभी हाल ही म परभ क जाना ह अरीकार और मन मिराव की मवशवासय गय पराथगनाए व साधन ह चजनक दवारा पमवतर आतमा आरममभक रप म िमा और उदधार क उनक जीवन म लार करता ह इसीचलए परररत क काम 1118 म कलीचसया न मन पररवतगन क जीवन क चलए मन मिराव कहा और सार मवशवाचसय क चलए अरीकार और मर मिराव की पराथगना अपन जीवन म परमशवर क अनगरह क पान क महतवपणग साधन बन रहत ह जसा हम 1 यहनना 19 म पढत ह

यव ि हम अ पन पा प ो क म ान ि ो त (पिम शवि) हम ा ि पा प ो क कषम ा क िन औि हम ो सब अ धमय स ि दध क िन म ो व िशवा सय गय औि धम ी ह (1 य हनना 19)

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ससमाचार का अदभत समाचार ह मक मसीह न हमार चलए ज मकया ह उसक आधार पर हमार पाप का मफत म िमा करता ह और हम मवशवास क साथ कवल मारन क दवारा इस िमा क परापत कर सकत ह

आप ज ा न त ह ो व क ब हत स ि ग यह स चत ह ो वक यवि आप यह ल सख ा त ह ो व क पा पी क पिम शवि क पा स आक ि कि ि ldquoह सि ग ी य व पत ा मझ कषम ा किrdquo क हन स पिम शवि उ नह ो कषम ा क ि िग ा त यह पिम शवि क अ न गरह क सस त ा ब न ा ि ग ा पिनत त थय यह ह व क यह पिम शवि क अ न गर ह क ऊ चा उ ठा त ा ह इ सल ि ए न ही ो वक हम ा िा म न व फिाि हम ो ब चा त ा ह या उसक आधा ि पि पिम शवि हम ो कषम ा कित ा ह पिनत इ सल ि ए व क पिम शवि न स ि यो अ पन एक ि ौत पतर क ी अ न नत रप स म ल यि ान औि अ ग णय रप स म हो ग ी मत य क आधा ि पि हमा ि लि ए कषम ा औि म ि -वम िाप क ा आधा ि त याि व कया ह

डा ज ल िग न डो क न

इ स त थय न वक यी ि म सीह पिम शवि का पतर वतर एकत ा म ो ि सिा व यव ि पथि ी पि आया औि नमर त ा औि ि ासरप म ो त ीस ि षय वब ता ए औि व फि क षट सहा औि कर स पि म िा -हम ा ि पा प ो क िण ड क ा भग त ा न क िन क ल ि ए कर स पि पा प क अ न नत क जय क उ ठा ल िया यह एक अन नत म ल य ह यह एक अ न नत क ीम त ह ब हत बडी क ी मत हम ा ि पा प ो क लि ए अन नत क ीम त इ सल ि ए यह ससत ा अ न गरह न ही ो ह यह अ ब त क परा पत व क या ग या सि ा यलधक म हो ग ा अन गर ह ह हम इ स म फ त उपहा ि क रप म ो परापत क ित ह ो पिनत कि ि इ स क ा िण व क यी ि न अ पन ा सब क छ हम ा ि लि ए ि व ि या

डा म ाकय सर स

ज उ सक पा स आक ि कि ि ldquoपरभ म झ कषम ा क िrdquo क हत ह ो उ नह ो कषम ा व क या ज ात ा ह इसल ि ए न ही ो वक कषम ा क ी उ नक ी व िन त ी ब हत क ि ीन थ ी इ सल ि ए न ही ो व क उ न क ा म न व फिाि ब हत अच छा थ ा पिनत इ सलि ए वक यी ि न िह सब कि व ि या ह ज हम ा ि स ि ग ी य व पत ा क साथ सो ग वत म ो पन ि ौ टन क ल ि ए हम ाि ल ि ए आि शयक थ ा

डा ज ल िग न डो क न

अब हम यह बतान क चलए रकना चामहए मक अरीकार और मन मिराव की पराथगनाओ क अमतररि ज िमा क साधारण साधन क रप म कायग करती ह मबचवई की पराथगना कई बार िमा क असाधारण या असामानय साधन क रप म कायग करती ह मबचवई क इस परकार पररभामषत मकया जा सकता ह मधयसटथता या मकसी और की िामतर मवनती या पराथगना

पमवतर-वचन म ल र दवारा परभावी मधयसटथता की पराथगना क बहत स उदाहरण ह इस हम मरनती 1419 और 20 म दित ह जहा मसा की मधयसटथता की पराथगना क जवाब म यह वा न इसराएल क पाप क िमा कर मदया इस हम 2 इमतहास 3018-20 म पात ह जहा महजमकयाह की मबचवई क जवाब म यह वा न उन ल र क माि कर मदया चजनह न िसह की उचचत तयारी नही की थी इस हम अययब 15 म दित ह

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जहा हम सीित ह मक अययब मनरनतर अपन बचच क चलए मबचवई क बचलदान चढाया करता था और इस हम याकब 514 और 15 म दित ह जहा याकब न चसिाया मक कलीचसया क परमनए उन ल र क चलए िमा क परापत कर सकत ह चजनह न पाप मकया ह परमशवर मवशवासय गय ल र की मबचवई क पराथगना क जवाब म हमशा िमा परदान नही करता ह परनत बहत बार वह ऐसा करता ह

और इस परकार की मानवीय मबचवई स बढकर पतर और पमवतर आतमा द न ल र क चलए मधयसटथता करत ह यीश दवारा की जान वाली मधयसटथता क बार म यशायाह 5312 र ममय 834 और इबरामनय 725 जस सटथान पर बताया रया ह और आतमा की मधयसटथता क बार म र ममय 826 और 27 म चसिाया रया ह

िमा क साधन की दसरी सामानय शणी पमवतर ससटकार ह या चजनह आधमनक पर टसटटनट कलीचसयाए-मवधान कहती ह मखयत बपमतसटमा और परभ भ ज

अब जब हम ससटकार शबद का परय र करत ह त हम इस बात क सटपि करन की आवशयकता ह मक हम परभ भ ज और बपमतसटमा क बार म र मन कथ चलक कलीचसया क मवचार की बात नही कर रह ह बमलक ससटकार शबद का परय र बहत सी पर टसटटनट ससटथाओ दवारा ऐमतहाचसक रप स परभ भ ज और बपमतसटमा क चलए मकया जाता रहा ह य समार ह मवशष पमवतर मवधान ह चजनह परमशवर न हमार मवशवास क अमभवयि करन और उसकी आशीष क पान क साधन क रप म कलीचसया क उपलबध कराया इन मवधान क कायग मववरण क बार म पर टसटटनट परमपराओ म मतभद ह परनत व सब इस बात स सहमत ह मक य मकसी तरह मवशष ह

कई बार मसीमहय क सनदह ह ता ह जब व दसर क परभ भ ज और बपमतसटमा क िमा क साधन क रप म बतात हए सनत ह अत इस बात पर बल दना महतवपणग ह मक हम यह नही कह रह ह मक इन मवधान म ऐसी क ई य गयता नही ह ज उनह परभावी बनाती ह य िमा का आधार नही ह

साथ ही बाइबल चसिाती ह मक जब हम परभ भ ज और बपमतसटमा क दवारा अपन मवशवास क अमभवयि करत ह त पमवतर आतमा हमार जीवन म िमा क लार करन क चलए इन मवधान का परय र करता ह

बपमतसटमा क मरकस 14 परररत क काम 238 र ममय 61-7 और कलमसटसय 212-14 जस पदयाश म अनगरह का साधन बताया रया ह

एक उदाहरण क रप म परररत क काम 2216 म पौलस स कह रए हननयाह क शबद क सन

अ ब क य ो ि ि क िता ह उ ठ बपव त स म ा ि औि उ सक ा ना म ि क ि अ पन पा प ो क ध डा ि (परर ित ो क क ाम 2216)

इन मनदश म हननयाह न सकत मदया मक बपमतसटमा क दवारा पौलस क पाप क िमा मकया या- ध मदया जाएरा

अब मनसटसनदह बपमतसटमा िमा का एक आवशयक साधन नही ह हम दसर तरीक स भी िमा ममल सकती ह जस यीश क साथ करस पर चढाए रए मवशवास करन वाल उस राक न कभी बपमतसटमा नही चलया था मिर भी लका 2343 सकत दता ह मक उस िमा मकया रया और उसन उदधार पाया अत हम यह स चन की रलती नही करनी चामहए मक िमा और उदधार कवल उन ल र क चलए उपलबध ह चजनह न बपमतसटमा ल चलया ह मिर भी पमवतर-वचन इस पणगत सटपि करता ह मक बपमतसटमा साधारणत हमार जीवन म िमा क लार करन क साधन क रप म कायग करता ह

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और परभ भ ज का भी यही सतय ह पौलस न सटपि रप स चसिाया मक परभ भ ज म भार लना मसीह की मतय क लाभ जस िमा क परापत करन का माधयम ह दि 1 कररमनथय 1016 म उसन कया चलिा ह

िह धनयिाि क ा क ट िा लजस पि हम धनयि ा ि क ित ह ो क या म सी ह क ि ह क ी सहभ ा व गत ा नही ो ि ह ि ट ी लजस हम त डत ह ो क या ि ह म सीह क ी ि ह क ी सहभ ा व गत ा न ही ो (1 कर िनद नथ य ो 1016)

य अलकाररक परशन थ पौलस की पमतरय क पढन वाला परतयक वयमि जानता था मक उनका उततर था -हा मनसटसनदह मवशवास क साथ परभ भ ज म भार लन क दवारा हम मसीह क साथ एक ह त ह

पाप की िमा उदधार की एक महान आशीष ह चजस हम अपन समपणग मसीही जीवन क दौरान अनभव करत ह चाह हम नय मसीही ह या जीवन भर स मवशवासी रह ह िमा मसीह क साथ हमारी चाल का एक सतत पहल ह और इसक पररणामसटवरप बहत सी अनय आशीष भी ममलती ह

जान वसटली मथ मरसटट कलीचसया क ससटथापक ज 1703 स 1791 क बीच रह न अपन सनदश सखया 26 म िमा क बार म बताया चजस म उनह न पहाडी उपदश की वयाखया की दि मक उनह न वहा कया कहा

पा प ो क ी कषम ा पा त ही हम इ सी परक ा ि उ न क साथ ब हत कछ पा त ह ो ज व ि शवास क दवा िा ज उ स म ो ह पव ितर वक ए ग ए ह ो पा प अ पन ी सा मथय ख चक ा ह इसक ा उन पि क ई अ ल धक ा ि न ही ो ह ज अनगर ह यावन पिम शवि की परसननत ा क अ धी न ह ो क य ोवक ज म सी ह म ो ह ो उ न पि क ई ि णड क ी आजञा न ही ो ह इ सल ि ए ि पा प क सा थ -साथ गि ा व न स भ ी म ि वक ए ग ए ह ो व यि सथ ा क ी धा वमय क त ा उ नम ो प िी हई ह औि ि ििीि क अ न सा ि न ही ो पिनत आतम ा क अ न सा ि चित ह ो

म ो स चता ह पा प ो क ी कषमा एक परक ा ि स म सी व हय ो क रप म ो हमा िी सि ा यल धक अ नम ि ि ा सत व िकत ा ह म िभ त रप स हम ा ि पा प ो क कषमा क िन क ा अथय ह पिम शवि हम ा ि सवषट कत ा य क साथ सही सो बो ध म ो िहन ा आज ज ब हम सो सा ि क िख त ह ो हम पा त ह ो वक ि ग अ थय महत ि उ दद शय क ी ख ज म ो ह ो औि हम ा िी सो सक वत म ो अ त यल धक अ समो जस ह ज ीि न क या ह ज ी न क ा क ा िण क या ह म ो यहा क य ो ह औि इ सल ि ए ि ग अथय औि म हति क ख ज न क ल ि ए हि त िह स परया स क ित ह ो-वफि चा ह ि अ पन ी न ौ किी का पी छ ा क िो या ि ोव गकत ा या म ा िक पि ा थ ो क ा म िा मत िब ह व क ि ग ख िी औि आन नि क पा न क लि ए हि त िह क सथ ा न ो औि म ा गो म ो परयास क ि िह ह ो पिनत ससम ा चा ि हम ो बत ा ता ह वक म न षय ो क रप म ो हम ा िी म िभ त आि शयकत ा अ पन सवषटक त ा य क सा थ सही सो बो ध म ो िहन ा ह उ सक सा थ ल ज सन हम ो ब न ा या ह ससम ा चा ि ब त ात ा ह व क पिम शवि न अ पन पतर यी ि म सी ह क भ ज ा वक ि ह हम ा ि पा प ो क ा परा यल ित कि पिम शवि क कर ध क ि ि कि पिम शवि न अ पन परम म ो अ पन पतर क भज ा वक हम ा ि पा प कषम ा ह सको तावक यवि हम उस पि भि सा क िो त हम ा ि पा प कषम ा ह सको औि ज ब हम उ स अ नभ ि पि आत ह ो जब हम ऐसी कषम ा क ल ि ए यी ि म सी ह क ी ओि वफित ह ो त एक अत ल य िा नद नत क ा अ हसास ह त ा ह सो सा ि क सा थ सही ह न क ा अहसा स कय ोवक यह ि ा सत ि म ो सो सा ि क सा थ सही ह न ा

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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ह हम अ चा नक महस स क ित ह ो व क हम ो इ सक ल ि ए ही ब न ा या ग या ह हम ो पिम शवि क सा थ सही सो बो ध म ो िहन क ल ि ए बन ा या ग या ह उ स पि हम पहचा नत ह ो

डा ट ा म शरन ि

अब जबमक हम पाप की िमा की धमगचशिा क दि चक ह त हम मवशवास क अरल सतर क दिन क चलए तयार ह दह का पनरतथान

पनर तथान

परररत क मवशवास-कथन क इन शबद क याद कर

म ो

ि ह क पन रत थ ा न म ो वि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर हम सटपि ह न की आवशयकता ह मक मवशवास-कथन यीश क पनरतथान क बार म बात नही कर रहा ह यीश का पनरतथान मवशवास-कथन म पहल आता ह जब यह कहता ह मक यीश मतक म स तीसर मदन जी उठा जब मवशवास-कथन दह क पनरतथान क बार म बात करता ह त इसक मन म सामानय पनरतथान ह-मसीह क ममहमा म आरमन पर सार ल र का पनरतथान

हम दह क सामानय पनरतथान क तीन चरण म दिर पहला हम सराप क दिर चजसक पररणामसटवरप हमारी दह म मतय आती ह दसरा हम बतायर मक मसीही ससमाचार हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करता ह और तीसरा हम दिर मक अनत म मकस परकार हमारी दह का छटकारा ह रा आइए सराप स शर कर ज हमारी दह म मतय क लाता ह

सराप जसा हमन पवगवमतग अधयाय म दिा परमशवर न मनषय क शारीररक दह और रर-शारीररक पराण स

बनाया इबरामनय 412 और 1 चथसटसलनीमकय 523 क आधार पर कछ परमपराओ का मानना ह मक परतयक मनषय म पराण क अमतररि आतमा भी ह ती ह परनत लरभर 200 ऐस वचन ह चजन म हमार अमसटततव क सार आनतररक रर-शारीररक पहलओ क समपणग रप म बतान क चलए इनम स मकसी एक शबद का परय र मकया रया ह अत अचधकाश मसीमहय का मनषकषग ह मक पराण और आतमा द न शबद एक ही वासटतमवकता क बतात ह और मनषय मखयत कवल द भार स मनममगत ह दह और आतमा

पाप म मररन स पवग हमारी दह और हमारी आतमा पर पाप और इसकी भरि शमिय का क ई परभाव नही था परनत जब आदम और हववा पाप म मरर रए त पाप न न कवल उनकी आतमाओ बमलक उनकी दह क भी भरि कर मदया और उनकी दह क दमषत ह न का अमनतम पररणाम उनकी शारीररक मतय थी उतपमतत 319 म आदम पर परमशवर क सराप क दि

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 13: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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न हम ाि पा प ो क अन सा ि हम स व यिहा ि नही ो वक या औि न हम ा ि अ धमय क क ाम ो क अ न साि हम क बि ि ा व ि या ह ज स आक ा ि पथि ी क ऊपि ऊ चा ह ि स ही उसक ी क रणा उ सक डिि य ो क ऊपि परब ि ह उ ि या चि अ सत ा चि स ल ज तन ी ि ि ह उ स न हम ा ि अ पिा ध ो क हम स उत नी ही ि ि क ि व ि या ह ज स व पत ा अ पन ब ाि क ो पि ि या क ित ा ह ि स ही यह ि ा अ पन डिि य ो पि ि या क िता ह (भज न 1038-13)

धयान द मक यह वा का भय मानन वाल िमा पात ह उनका अधमग दर मकया जाता ह यही मवचार परी बाइबल म पाया जाता ह उदाहरण क चलए इस हम 2 इमतहास 3018 और 19 म

दित ह यह वा अपन ि जनवाल क माि करता ह मरकस 412 म यीश न सकत मदया मक कवल व ल र ही िमा क चलए परमशवर की ओर मिर सकत ह ज उस जानत और समझत ह और परररत क काम 2617 और 18 म िमा कवल उन ल र क ममल सकती ह चजनकी आि यह वा की ममहमा और सामथग क सतय क दिन क चलए ि ली रई ह

पमवतर-वचन म पाई जान वाली िमा की दसरी साधारण शतग ह टटा हआ ह ना टट हए ह न का अथग ह

पा प क ब ाि म ो ि ा सत व िक ि ख पिम शवि की व यि स था क त डन पि सचचा पिात ा प

यह कवल पकड जान पर या दणर का दि नही ह परनत अनबनध मक परमशवर की शत पमवतर ह और उसका सममान करन म असिल ह न पर मदल का टटना

पिा त ा प क अ थय म ो हम स मझ स औि आप स अ पल कषत ह व क हम ो अ पन पा प क ा अ पिाध -ब ध ह म ो ब त िब ा क सा थ पा प क िन क ब ाि िाऊि क ब ाि म ो स चत ा ह हा उ सन ब त िब ा क व िरदध पाप व क या था औि उसन ब त िबा क पव त क व ि रदध पा प व क या थ ा उ सन पिा न वन यम क ी क ि ी लसया क व िरदध पा प वक या था पिनत अ नतत ldquo म ो न कि ि त ि ही व िरदध पाप व क या ह औि त िी ि वषट म ो ज ब िा ह ि ह व क या ह rdquo औि आप उ सक व िि क पिात ा प क म हस स कित ह ो आधव न क िब ि म ो म ो स चता ह व क ldquo ट ट ा पनrdquo ह औि हम ो ि चन क ी ज रित ह व क पव ि तर आत म ा क दव ा िा हम ो त ड हम ो पिम शवि क ी उ पनद सथ व त म ो त ड

डा डिक डबल य एच थ ा म स

उदाहरण क चलए 2 शमएल अधयाय 11 म दाऊद क मन म क ई पिाताप नही था जब उसन बतशबा क साथ वयमभचार मकया और मिर उसक रभगधारण क चछपान क चलए उसक पमत उररयाह की मौत का इनतजाम मकया बतशबा क रभगधारण क समय अपन बचच क जनम क समय तक दाऊद क अपन कायो का क ई दि नही था उस समय नातान नबी दाऊद क पाप क मवषय म उसका सामना करता ह जसा हम 2 शमएल अधयाय 12 म पढत ह कवल उस समय दाऊद न अपन अपराध क माना और अपन आप क उसका द षी माना मिर टटपन की आतमा म अपन रहर दि और पिाताप क अमभवयि करन क चलए उसन अपन पिाताप का महान भजन भजन 51 चलिा दि दाऊद न भजन 51 क पद 6 और 17 म कया चलिा

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त ह ि य क ी सचचा ई स परसनन ह त ा ह ट ट ा म न पिम शवि क य गय ब लि िा न ह ह पिम शवि त ट ट औि व पस हए म न क तचछ न ही ो ज ा नत ा (भज न 51617)

दाऊद न पहचान चलया मक परमशवर की िमा क पान क चलए उस अपन पाप क बार म परमशवर क दमिक ण की आवशयकता थी उस अपन कायग स घणा करन और उस पर वासटतव म दिी ह न की आवशयकता थी

हम टटपन पर इसी बल क भजन 32 पद 1 और 2 म दित ह जहा िमा उन ल र क ममलती ह चजन म क ई कपट नही ह इस हम यशायाह 557 म पात ह जहा परमशवर उन पर करणा करता ह ज अपन पाप क तयार दत ह और इस हम मयमगयाह 53 म सनत ह जहा उन ल र क िमा स इनकार कर मदया जाता ह चजनक हदय उनक पाप क सबध म हठील ह

म िा वि चा ि ह व क हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि ध यान िग ा न क दव ा िा अ पन व िि म ो पिा त ा प क उ त पनन कित ह ो इस हम उ त पवतत स परक ा ल ित ि ाकय त क ब ाइ बि पिम शवि क बा ि म ो ज ब ता त ी ह उ स पि व ि चा ि क िन क दव ा िा क ि सकत ह ो वक िह अ न ा जञा क ा िी ि ग ो स सो ग वत नही ो क ि सकत ा पिनत ज अनाजञाक ारिता क ा नयाय क ित ा ह औि अ पिा ल धय ो क ि ण ड ि त ा ह यही पिम शवि की पव ि तर ता क ा सा ि ह औि ज ब हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि व ि चा ि क ित ह ो त आइ ए पी छ म डक ि हम अ पन जी ि न क ि ख ो व क व कस परक ा ि हम न व यिस थ ा क त डा आजञा क ा उ ललो घ न वक या औि पिम शवि क ी बा त ो पि ध या न न ित हए उ स स ि ि ह ग ए अ पन ज ीि न क एक जो जा ि ब न ा ल ि या ल ज स स उ सक ा अ न ाि ि ह त ा ह अ ब पी छ म डक ि ि ख ो िह सा िा िण ड ज मझ पि पडन ा था ि ा सत ि म ो मसी ह पि पडा औि उ सन उ स सहा औि यह म झ बत ा त ा ह वक मि अ पन पा प व कत न ि ः खि थ व क म ि ल ि ए उन का पिा त ा प क िि पिम शवि क ि हधा िी पतर क ी म त य क दव ा िा वक या ज ा सक त ा थ ा औि जब म झ म हस स ह त ा ह वक पिम शवि की पव ि तरत ा क परक ा ि म ो म ि पा प व क तन िः खि ह ो औि उ नह ो ि ि क िन क ल ि ए क या म ाो ग क ी ग ई त पा प क परवत मिा ि ःख त ीवर ह ज ा एग ा म िा पिा त ा प ग हिा ह ग ा औि उ सक दव ा िा ब ाि-ब ाि औि ब ाि -ब ा ि अ पन आप क पव ि तर ता क ल ि ए पिम शवि क सम व पय त क िन क ा औि उस यह ब त ान क ा ईम ा नि ा ि परया स उत पनन ह ग ा वक मझ वकत न ा अ ल धक पछत ा िा ह औि ि ा स ति म ो म ो पा प ो स घ णा कित ा ह ल ज नह ोन पिा त ा प क आि शयक ब ना या

डा ज आई प क ि

मवशवास की अवसटथाए और टटा मन परतयक वयमि क जीवन क चलए महतवपणग ह चाह हम मवशवासी ह या नही चजन ल र न मसीह क अपन परभ और उदधारकताग क रप म गरहण नही मकया ह उनक चलए य अवसटथाए परमशवर म आन और पाप की िमा पान और मसीह म नय जीवन की शरआत करन क अवसर ह और हम म स ज ल र पहल स ही मसीह स सबचधत ह उनह यह याद मदलात ह मक हम मनरनतर मवशवास का जीवन जीना ह और हमार दवारा मनरनतर मकए जान वाल पाप क परमत हम वासटतव म दिी ह ना ह तामक हम मनरनतर िमा पा सक और दमनक आधार पर शदध ह सक

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अब जबमक हम दि चक ह मक िमा की अवसटथाओ म सामानयत कायगकारी मवशवास और हमारा टटा हआ मन शाममल ह ता ह त आइए हम उन साधारण साधन क दि चजनक दवारा हम िमा क पा सकत ह

स ाधन कई बार मसीही अनगरह क साधन और अनगरह क आधार क बीच अनतर क समझन म असिल ह

जात ह पररणामसटवरप व रलती स यह स चत ह मक अनगरह क पान या हम पर अनगरह करन क चलए परमशवर पर दबाव रालन क चलए अनगरह क साधन का परय र मकया जा सकता ह अत एक साधन और आधार क बीच अनतर क पहचानना महतवपणग ह इस अनतर क दिन म सहायता क चलए कलपना कर मक एक वयमि क च ट स उबरन क चलए शारीररक चचमकतसा की आवशयकता ह चचमकतसा महरी ह और उसका भरतान एक दानकताग दवारा मकया जाता ह हम कह सकत ह मक वयमि क र र स पणगत उबारन वाला साधन चचमकतसा ह परनत इस सटवासटथय-लाभ का आचथगक आधार दान ह

इन मभननताओ क हम सिप म इस परकार कह सकत ह मक आधार वह मल या य गयता ह चजसम क ई कायग या पररणाम आधाररत ह जबमक साधन वह औजार या यनतर ह ज उस कायग या पररणाम क समभव बनाता ह

जब परमशवर स िमा और अनगरह पान की बात आती ह त आधार हमशा मसीह की य गयता ह चजस उसन अपन आजञाकारी जीवन और करस की मतय क दवारा अचजगत मकया इस हम मतती 2628 कलमसटसय 113 और 14 और 1 यहनना 212 जस सटथान पर दित ह िमा क सवगदा अचजगत मकया जाता ह परनत इस मसीह क दवारा अचजगत मकया जाता ह हमार दवारा नही और मवशववास वह मलभत साधन ह चजसक दवारा सारा अनगरह हमार जीवन म लार मकया जाता ह चाह परमशवर क सममि परतयि रप स अमभवयि मकया जाए या अनगरह क साधन क दवारा मवशवास वह पराथममक औजार ह चजसक दवारा परमशवर हमार जीवन म अनगरह और अनय आशीष क लार करता ह

पमवतर-वचन कई साधन का वणगन करता ह चजनक दवारा मवशवास सामानयत कायग करता ह इस अधयाय म हमार उददशय क चलए इन अनय साधन क हम सिप म पराथगना स शर करक द सामानय शचणय म बाट सकत ह

समपणग पमवतर-वचन म पराथगना क परमशवर स अनगरह और िमा मारन क साधारण साधन क रप म परसटतत मकया रया ह जस बाइबल अरीकार और मन मिराव की पराथगना क आमतौर पर मवशवास की अमभवयमि बताती ह चजनक दवारा पमवतर आतमा हम िमा परदान करता ह इन पराथगनाओ की परभावशीलता क 1 राजा 829-40 भजन 321-11 परररत क काम 822 1 यहनना 19 और बहत स अनय सटथान पर चसिाया रया ह

उन ल र क चलए चजनह न अभी हाल ही म परभ क जाना ह अरीकार और मन मिराव की मवशवासय गय पराथगनाए व साधन ह चजनक दवारा पमवतर आतमा आरममभक रप म िमा और उदधार क उनक जीवन म लार करता ह इसीचलए परररत क काम 1118 म कलीचसया न मन पररवतगन क जीवन क चलए मन मिराव कहा और सार मवशवाचसय क चलए अरीकार और मर मिराव की पराथगना अपन जीवन म परमशवर क अनगरह क पान क महतवपणग साधन बन रहत ह जसा हम 1 यहनना 19 म पढत ह

यव ि हम अ पन पा प ो क म ान ि ो त (पिम शवि) हम ा ि पा प ो क कषम ा क िन औि हम ो सब अ धमय स ि दध क िन म ो व िशवा सय गय औि धम ी ह (1 य हनना 19)

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ससमाचार का अदभत समाचार ह मक मसीह न हमार चलए ज मकया ह उसक आधार पर हमार पाप का मफत म िमा करता ह और हम मवशवास क साथ कवल मारन क दवारा इस िमा क परापत कर सकत ह

आप ज ा न त ह ो व क ब हत स ि ग यह स चत ह ो वक यवि आप यह ल सख ा त ह ो व क पा पी क पिम शवि क पा स आक ि कि ि ldquoह सि ग ी य व पत ा मझ कषम ा किrdquo क हन स पिम शवि उ नह ो कषम ा क ि िग ा त यह पिम शवि क अ न गरह क सस त ा ब न ा ि ग ा पिनत त थय यह ह व क यह पिम शवि क अ न गर ह क ऊ चा उ ठा त ा ह इ सल ि ए न ही ो वक हम ा िा म न व फिाि हम ो ब चा त ा ह या उसक आधा ि पि पिम शवि हम ो कषम ा कित ा ह पिनत इ सल ि ए व क पिम शवि न स ि यो अ पन एक ि ौत पतर क ी अ न नत रप स म ल यि ान औि अ ग णय रप स म हो ग ी मत य क आधा ि पि हमा ि लि ए कषम ा औि म ि -वम िाप क ा आधा ि त याि व कया ह

डा ज ल िग न डो क न

इ स त थय न वक यी ि म सीह पिम शवि का पतर वतर एकत ा म ो ि सिा व यव ि पथि ी पि आया औि नमर त ा औि ि ासरप म ो त ीस ि षय वब ता ए औि व फि क षट सहा औि कर स पि म िा -हम ा ि पा प ो क िण ड क ा भग त ा न क िन क ल ि ए कर स पि पा प क अ न नत क जय क उ ठा ल िया यह एक अन नत म ल य ह यह एक अ न नत क ीम त ह ब हत बडी क ी मत हम ा ि पा प ो क लि ए अन नत क ीम त इ सल ि ए यह ससत ा अ न गरह न ही ो ह यह अ ब त क परा पत व क या ग या सि ा यलधक म हो ग ा अन गर ह ह हम इ स म फ त उपहा ि क रप म ो परापत क ित ह ो पिनत कि ि इ स क ा िण व क यी ि न अ पन ा सब क छ हम ा ि लि ए ि व ि या

डा म ाकय सर स

ज उ सक पा स आक ि कि ि ldquoपरभ म झ कषम ा क िrdquo क हत ह ो उ नह ो कषम ा व क या ज ात ा ह इसल ि ए न ही ो वक कषम ा क ी उ नक ी व िन त ी ब हत क ि ीन थ ी इ सल ि ए न ही ो व क उ न क ा म न व फिाि ब हत अच छा थ ा पिनत इ सलि ए वक यी ि न िह सब कि व ि या ह ज हम ा ि स ि ग ी य व पत ा क साथ सो ग वत म ो पन ि ौ टन क ल ि ए हम ाि ल ि ए आि शयक थ ा

डा ज ल िग न डो क न

अब हम यह बतान क चलए रकना चामहए मक अरीकार और मन मिराव की पराथगनाओ क अमतररि ज िमा क साधारण साधन क रप म कायग करती ह मबचवई की पराथगना कई बार िमा क असाधारण या असामानय साधन क रप म कायग करती ह मबचवई क इस परकार पररभामषत मकया जा सकता ह मधयसटथता या मकसी और की िामतर मवनती या पराथगना

पमवतर-वचन म ल र दवारा परभावी मधयसटथता की पराथगना क बहत स उदाहरण ह इस हम मरनती 1419 और 20 म दित ह जहा मसा की मधयसटथता की पराथगना क जवाब म यह वा न इसराएल क पाप क िमा कर मदया इस हम 2 इमतहास 3018-20 म पात ह जहा महजमकयाह की मबचवई क जवाब म यह वा न उन ल र क माि कर मदया चजनह न िसह की उचचत तयारी नही की थी इस हम अययब 15 म दित ह

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जहा हम सीित ह मक अययब मनरनतर अपन बचच क चलए मबचवई क बचलदान चढाया करता था और इस हम याकब 514 और 15 म दित ह जहा याकब न चसिाया मक कलीचसया क परमनए उन ल र क चलए िमा क परापत कर सकत ह चजनह न पाप मकया ह परमशवर मवशवासय गय ल र की मबचवई क पराथगना क जवाब म हमशा िमा परदान नही करता ह परनत बहत बार वह ऐसा करता ह

और इस परकार की मानवीय मबचवई स बढकर पतर और पमवतर आतमा द न ल र क चलए मधयसटथता करत ह यीश दवारा की जान वाली मधयसटथता क बार म यशायाह 5312 र ममय 834 और इबरामनय 725 जस सटथान पर बताया रया ह और आतमा की मधयसटथता क बार म र ममय 826 और 27 म चसिाया रया ह

िमा क साधन की दसरी सामानय शणी पमवतर ससटकार ह या चजनह आधमनक पर टसटटनट कलीचसयाए-मवधान कहती ह मखयत बपमतसटमा और परभ भ ज

अब जब हम ससटकार शबद का परय र करत ह त हम इस बात क सटपि करन की आवशयकता ह मक हम परभ भ ज और बपमतसटमा क बार म र मन कथ चलक कलीचसया क मवचार की बात नही कर रह ह बमलक ससटकार शबद का परय र बहत सी पर टसटटनट ससटथाओ दवारा ऐमतहाचसक रप स परभ भ ज और बपमतसटमा क चलए मकया जाता रहा ह य समार ह मवशष पमवतर मवधान ह चजनह परमशवर न हमार मवशवास क अमभवयि करन और उसकी आशीष क पान क साधन क रप म कलीचसया क उपलबध कराया इन मवधान क कायग मववरण क बार म पर टसटटनट परमपराओ म मतभद ह परनत व सब इस बात स सहमत ह मक य मकसी तरह मवशष ह

कई बार मसीमहय क सनदह ह ता ह जब व दसर क परभ भ ज और बपमतसटमा क िमा क साधन क रप म बतात हए सनत ह अत इस बात पर बल दना महतवपणग ह मक हम यह नही कह रह ह मक इन मवधान म ऐसी क ई य गयता नही ह ज उनह परभावी बनाती ह य िमा का आधार नही ह

साथ ही बाइबल चसिाती ह मक जब हम परभ भ ज और बपमतसटमा क दवारा अपन मवशवास क अमभवयि करत ह त पमवतर आतमा हमार जीवन म िमा क लार करन क चलए इन मवधान का परय र करता ह

बपमतसटमा क मरकस 14 परररत क काम 238 र ममय 61-7 और कलमसटसय 212-14 जस पदयाश म अनगरह का साधन बताया रया ह

एक उदाहरण क रप म परररत क काम 2216 म पौलस स कह रए हननयाह क शबद क सन

अ ब क य ो ि ि क िता ह उ ठ बपव त स म ा ि औि उ सक ा ना म ि क ि अ पन पा प ो क ध डा ि (परर ित ो क क ाम 2216)

इन मनदश म हननयाह न सकत मदया मक बपमतसटमा क दवारा पौलस क पाप क िमा मकया या- ध मदया जाएरा

अब मनसटसनदह बपमतसटमा िमा का एक आवशयक साधन नही ह हम दसर तरीक स भी िमा ममल सकती ह जस यीश क साथ करस पर चढाए रए मवशवास करन वाल उस राक न कभी बपमतसटमा नही चलया था मिर भी लका 2343 सकत दता ह मक उस िमा मकया रया और उसन उदधार पाया अत हम यह स चन की रलती नही करनी चामहए मक िमा और उदधार कवल उन ल र क चलए उपलबध ह चजनह न बपमतसटमा ल चलया ह मिर भी पमवतर-वचन इस पणगत सटपि करता ह मक बपमतसटमा साधारणत हमार जीवन म िमा क लार करन क साधन क रप म कायग करता ह

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और परभ भ ज का भी यही सतय ह पौलस न सटपि रप स चसिाया मक परभ भ ज म भार लना मसीह की मतय क लाभ जस िमा क परापत करन का माधयम ह दि 1 कररमनथय 1016 म उसन कया चलिा ह

िह धनयिाि क ा क ट िा लजस पि हम धनयि ा ि क ित ह ो क या म सी ह क ि ह क ी सहभ ा व गत ा नही ो ि ह ि ट ी लजस हम त डत ह ो क या ि ह म सीह क ी ि ह क ी सहभ ा व गत ा न ही ो (1 कर िनद नथ य ो 1016)

य अलकाररक परशन थ पौलस की पमतरय क पढन वाला परतयक वयमि जानता था मक उनका उततर था -हा मनसटसनदह मवशवास क साथ परभ भ ज म भार लन क दवारा हम मसीह क साथ एक ह त ह

पाप की िमा उदधार की एक महान आशीष ह चजस हम अपन समपणग मसीही जीवन क दौरान अनभव करत ह चाह हम नय मसीही ह या जीवन भर स मवशवासी रह ह िमा मसीह क साथ हमारी चाल का एक सतत पहल ह और इसक पररणामसटवरप बहत सी अनय आशीष भी ममलती ह

जान वसटली मथ मरसटट कलीचसया क ससटथापक ज 1703 स 1791 क बीच रह न अपन सनदश सखया 26 म िमा क बार म बताया चजस म उनह न पहाडी उपदश की वयाखया की दि मक उनह न वहा कया कहा

पा प ो क ी कषम ा पा त ही हम इ सी परक ा ि उ न क साथ ब हत कछ पा त ह ो ज व ि शवास क दवा िा ज उ स म ो ह पव ितर वक ए ग ए ह ो पा प अ पन ी सा मथय ख चक ा ह इसक ा उन पि क ई अ ल धक ा ि न ही ो ह ज अनगर ह यावन पिम शवि की परसननत ा क अ धी न ह ो क य ोवक ज म सी ह म ो ह ो उ न पि क ई ि णड क ी आजञा न ही ो ह इ सल ि ए ि पा प क सा थ -साथ गि ा व न स भ ी म ि वक ए ग ए ह ो व यि सथ ा क ी धा वमय क त ा उ नम ो प िी हई ह औि ि ििीि क अ न सा ि न ही ो पिनत आतम ा क अ न सा ि चित ह ो

म ो स चता ह पा प ो क ी कषमा एक परक ा ि स म सी व हय ो क रप म ो हमा िी सि ा यल धक अ नम ि ि ा सत व िकत ा ह म िभ त रप स हम ा ि पा प ो क कषमा क िन क ा अथय ह पिम शवि हम ा ि सवषट कत ा य क साथ सही सो बो ध म ो िहन ा आज ज ब हम सो सा ि क िख त ह ो हम पा त ह ो वक ि ग अ थय महत ि उ दद शय क ी ख ज म ो ह ो औि हम ा िी सो सक वत म ो अ त यल धक अ समो जस ह ज ीि न क या ह ज ी न क ा क ा िण क या ह म ो यहा क य ो ह औि इ सल ि ए ि ग अथय औि म हति क ख ज न क ल ि ए हि त िह स परया स क ित ह ो-वफि चा ह ि अ पन ी न ौ किी का पी छ ा क िो या ि ोव गकत ा या म ा िक पि ा थ ो क ा म िा मत िब ह व क ि ग ख िी औि आन नि क पा न क लि ए हि त िह क सथ ा न ो औि म ा गो म ो परयास क ि िह ह ो पिनत ससम ा चा ि हम ो बत ा ता ह वक म न षय ो क रप म ो हम ा िी म िभ त आि शयकत ा अ पन सवषटक त ा य क सा थ सही सो बो ध म ो िहन ा ह उ सक सा थ ल ज सन हम ो ब न ा या ह ससम ा चा ि ब त ात ा ह व क पिम शवि न अ पन पतर यी ि म सी ह क भ ज ा वक ि ह हम ा ि पा प ो क ा परा यल ित कि पिम शवि क कर ध क ि ि कि पिम शवि न अ पन परम म ो अ पन पतर क भज ा वक हम ा ि पा प कषम ा ह सको तावक यवि हम उस पि भि सा क िो त हम ा ि पा प कषम ा ह सको औि ज ब हम उ स अ नभ ि पि आत ह ो जब हम ऐसी कषम ा क ल ि ए यी ि म सी ह क ी ओि वफित ह ो त एक अत ल य िा नद नत क ा अ हसास ह त ा ह सो सा ि क सा थ सही ह न क ा अहसा स कय ोवक यह ि ा सत ि म ो सो सा ि क सा थ सही ह न ा

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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ह हम अ चा नक महस स क ित ह ो व क हम ो इ सक ल ि ए ही ब न ा या ग या ह हम ो पिम शवि क सा थ सही सो बो ध म ो िहन क ल ि ए बन ा या ग या ह उ स पि हम पहचा नत ह ो

डा ट ा म शरन ि

अब जबमक हम पाप की िमा की धमगचशिा क दि चक ह त हम मवशवास क अरल सतर क दिन क चलए तयार ह दह का पनरतथान

पनर तथान

परररत क मवशवास-कथन क इन शबद क याद कर

म ो

ि ह क पन रत थ ा न म ो वि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर हम सटपि ह न की आवशयकता ह मक मवशवास-कथन यीश क पनरतथान क बार म बात नही कर रहा ह यीश का पनरतथान मवशवास-कथन म पहल आता ह जब यह कहता ह मक यीश मतक म स तीसर मदन जी उठा जब मवशवास-कथन दह क पनरतथान क बार म बात करता ह त इसक मन म सामानय पनरतथान ह-मसीह क ममहमा म आरमन पर सार ल र का पनरतथान

हम दह क सामानय पनरतथान क तीन चरण म दिर पहला हम सराप क दिर चजसक पररणामसटवरप हमारी दह म मतय आती ह दसरा हम बतायर मक मसीही ससमाचार हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करता ह और तीसरा हम दिर मक अनत म मकस परकार हमारी दह का छटकारा ह रा आइए सराप स शर कर ज हमारी दह म मतय क लाता ह

सराप जसा हमन पवगवमतग अधयाय म दिा परमशवर न मनषय क शारीररक दह और रर-शारीररक पराण स

बनाया इबरामनय 412 और 1 चथसटसलनीमकय 523 क आधार पर कछ परमपराओ का मानना ह मक परतयक मनषय म पराण क अमतररि आतमा भी ह ती ह परनत लरभर 200 ऐस वचन ह चजन म हमार अमसटततव क सार आनतररक रर-शारीररक पहलओ क समपणग रप म बतान क चलए इनम स मकसी एक शबद का परय र मकया रया ह अत अचधकाश मसीमहय का मनषकषग ह मक पराण और आतमा द न शबद एक ही वासटतमवकता क बतात ह और मनषय मखयत कवल द भार स मनममगत ह दह और आतमा

पाप म मररन स पवग हमारी दह और हमारी आतमा पर पाप और इसकी भरि शमिय का क ई परभाव नही था परनत जब आदम और हववा पाप म मरर रए त पाप न न कवल उनकी आतमाओ बमलक उनकी दह क भी भरि कर मदया और उनकी दह क दमषत ह न का अमनतम पररणाम उनकी शारीररक मतय थी उतपमतत 319 म आदम पर परमशवर क सराप क दि

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 14: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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त ह ि य क ी सचचा ई स परसनन ह त ा ह ट ट ा म न पिम शवि क य गय ब लि िा न ह ह पिम शवि त ट ट औि व पस हए म न क तचछ न ही ो ज ा नत ा (भज न 51617)

दाऊद न पहचान चलया मक परमशवर की िमा क पान क चलए उस अपन पाप क बार म परमशवर क दमिक ण की आवशयकता थी उस अपन कायग स घणा करन और उस पर वासटतव म दिी ह न की आवशयकता थी

हम टटपन पर इसी बल क भजन 32 पद 1 और 2 म दित ह जहा िमा उन ल र क ममलती ह चजन म क ई कपट नही ह इस हम यशायाह 557 म पात ह जहा परमशवर उन पर करणा करता ह ज अपन पाप क तयार दत ह और इस हम मयमगयाह 53 म सनत ह जहा उन ल र क िमा स इनकार कर मदया जाता ह चजनक हदय उनक पाप क सबध म हठील ह

म िा वि चा ि ह व क हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि ध यान िग ा न क दव ा िा अ पन व िि म ो पिा त ा प क उ त पनन कित ह ो इस हम उ त पवतत स परक ा ल ित ि ाकय त क ब ाइ बि पिम शवि क बा ि म ो ज ब ता त ी ह उ स पि व ि चा ि क िन क दव ा िा क ि सकत ह ो वक िह अ न ा जञा क ा िी ि ग ो स सो ग वत नही ो क ि सकत ा पिनत ज अनाजञाक ारिता क ा नयाय क ित ा ह औि अ पिा ल धय ो क ि ण ड ि त ा ह यही पिम शवि की पव ि तर ता क ा सा ि ह औि ज ब हम पिम शवि क ी पव ितर त ा पि व ि चा ि क ित ह ो त आइ ए पी छ म डक ि हम अ पन जी ि न क ि ख ो व क व कस परक ा ि हम न व यिस थ ा क त डा आजञा क ा उ ललो घ न वक या औि पिम शवि क ी बा त ो पि ध या न न ित हए उ स स ि ि ह ग ए अ पन ज ीि न क एक जो जा ि ब न ा ल ि या ल ज स स उ सक ा अ न ाि ि ह त ा ह अ ब पी छ म डक ि ि ख ो िह सा िा िण ड ज मझ पि पडन ा था ि ा सत ि म ो मसी ह पि पडा औि उ सन उ स सहा औि यह म झ बत ा त ा ह वक मि अ पन पा प व कत न ि ः खि थ व क म ि ल ि ए उन का पिा त ा प क िि पिम शवि क ि हधा िी पतर क ी म त य क दव ा िा वक या ज ा सक त ा थ ा औि जब म झ म हस स ह त ा ह वक पिम शवि की पव ि तरत ा क परक ा ि म ो म ि पा प व क तन िः खि ह ो औि उ नह ो ि ि क िन क ल ि ए क या म ाो ग क ी ग ई त पा प क परवत मिा ि ःख त ीवर ह ज ा एग ा म िा पिा त ा प ग हिा ह ग ा औि उ सक दव ा िा ब ाि-ब ाि औि ब ाि -ब ा ि अ पन आप क पव ि तर ता क ल ि ए पिम शवि क सम व पय त क िन क ा औि उस यह ब त ान क ा ईम ा नि ा ि परया स उत पनन ह ग ा वक मझ वकत न ा अ ल धक पछत ा िा ह औि ि ा स ति म ो म ो पा प ो स घ णा कित ा ह ल ज नह ोन पिा त ा प क आि शयक ब ना या

डा ज आई प क ि

मवशवास की अवसटथाए और टटा मन परतयक वयमि क जीवन क चलए महतवपणग ह चाह हम मवशवासी ह या नही चजन ल र न मसीह क अपन परभ और उदधारकताग क रप म गरहण नही मकया ह उनक चलए य अवसटथाए परमशवर म आन और पाप की िमा पान और मसीह म नय जीवन की शरआत करन क अवसर ह और हम म स ज ल र पहल स ही मसीह स सबचधत ह उनह यह याद मदलात ह मक हम मनरनतर मवशवास का जीवन जीना ह और हमार दवारा मनरनतर मकए जान वाल पाप क परमत हम वासटतव म दिी ह ना ह तामक हम मनरनतर िमा पा सक और दमनक आधार पर शदध ह सक

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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अब जबमक हम दि चक ह मक िमा की अवसटथाओ म सामानयत कायगकारी मवशवास और हमारा टटा हआ मन शाममल ह ता ह त आइए हम उन साधारण साधन क दि चजनक दवारा हम िमा क पा सकत ह

स ाधन कई बार मसीही अनगरह क साधन और अनगरह क आधार क बीच अनतर क समझन म असिल ह

जात ह पररणामसटवरप व रलती स यह स चत ह मक अनगरह क पान या हम पर अनगरह करन क चलए परमशवर पर दबाव रालन क चलए अनगरह क साधन का परय र मकया जा सकता ह अत एक साधन और आधार क बीच अनतर क पहचानना महतवपणग ह इस अनतर क दिन म सहायता क चलए कलपना कर मक एक वयमि क च ट स उबरन क चलए शारीररक चचमकतसा की आवशयकता ह चचमकतसा महरी ह और उसका भरतान एक दानकताग दवारा मकया जाता ह हम कह सकत ह मक वयमि क र र स पणगत उबारन वाला साधन चचमकतसा ह परनत इस सटवासटथय-लाभ का आचथगक आधार दान ह

इन मभननताओ क हम सिप म इस परकार कह सकत ह मक आधार वह मल या य गयता ह चजसम क ई कायग या पररणाम आधाररत ह जबमक साधन वह औजार या यनतर ह ज उस कायग या पररणाम क समभव बनाता ह

जब परमशवर स िमा और अनगरह पान की बात आती ह त आधार हमशा मसीह की य गयता ह चजस उसन अपन आजञाकारी जीवन और करस की मतय क दवारा अचजगत मकया इस हम मतती 2628 कलमसटसय 113 और 14 और 1 यहनना 212 जस सटथान पर दित ह िमा क सवगदा अचजगत मकया जाता ह परनत इस मसीह क दवारा अचजगत मकया जाता ह हमार दवारा नही और मवशववास वह मलभत साधन ह चजसक दवारा सारा अनगरह हमार जीवन म लार मकया जाता ह चाह परमशवर क सममि परतयि रप स अमभवयि मकया जाए या अनगरह क साधन क दवारा मवशवास वह पराथममक औजार ह चजसक दवारा परमशवर हमार जीवन म अनगरह और अनय आशीष क लार करता ह

पमवतर-वचन कई साधन का वणगन करता ह चजनक दवारा मवशवास सामानयत कायग करता ह इस अधयाय म हमार उददशय क चलए इन अनय साधन क हम सिप म पराथगना स शर करक द सामानय शचणय म बाट सकत ह

समपणग पमवतर-वचन म पराथगना क परमशवर स अनगरह और िमा मारन क साधारण साधन क रप म परसटतत मकया रया ह जस बाइबल अरीकार और मन मिराव की पराथगना क आमतौर पर मवशवास की अमभवयमि बताती ह चजनक दवारा पमवतर आतमा हम िमा परदान करता ह इन पराथगनाओ की परभावशीलता क 1 राजा 829-40 भजन 321-11 परररत क काम 822 1 यहनना 19 और बहत स अनय सटथान पर चसिाया रया ह

उन ल र क चलए चजनह न अभी हाल ही म परभ क जाना ह अरीकार और मन मिराव की मवशवासय गय पराथगनाए व साधन ह चजनक दवारा पमवतर आतमा आरममभक रप म िमा और उदधार क उनक जीवन म लार करता ह इसीचलए परररत क काम 1118 म कलीचसया न मन पररवतगन क जीवन क चलए मन मिराव कहा और सार मवशवाचसय क चलए अरीकार और मर मिराव की पराथगना अपन जीवन म परमशवर क अनगरह क पान क महतवपणग साधन बन रहत ह जसा हम 1 यहनना 19 म पढत ह

यव ि हम अ पन पा प ो क म ान ि ो त (पिम शवि) हम ा ि पा प ो क कषम ा क िन औि हम ो सब अ धमय स ि दध क िन म ो व िशवा सय गय औि धम ी ह (1 य हनना 19)

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ससमाचार का अदभत समाचार ह मक मसीह न हमार चलए ज मकया ह उसक आधार पर हमार पाप का मफत म िमा करता ह और हम मवशवास क साथ कवल मारन क दवारा इस िमा क परापत कर सकत ह

आप ज ा न त ह ो व क ब हत स ि ग यह स चत ह ो वक यवि आप यह ल सख ा त ह ो व क पा पी क पिम शवि क पा स आक ि कि ि ldquoह सि ग ी य व पत ा मझ कषम ा किrdquo क हन स पिम शवि उ नह ो कषम ा क ि िग ा त यह पिम शवि क अ न गरह क सस त ा ब न ा ि ग ा पिनत त थय यह ह व क यह पिम शवि क अ न गर ह क ऊ चा उ ठा त ा ह इ सल ि ए न ही ो वक हम ा िा म न व फिाि हम ो ब चा त ा ह या उसक आधा ि पि पिम शवि हम ो कषम ा कित ा ह पिनत इ सल ि ए व क पिम शवि न स ि यो अ पन एक ि ौत पतर क ी अ न नत रप स म ल यि ान औि अ ग णय रप स म हो ग ी मत य क आधा ि पि हमा ि लि ए कषम ा औि म ि -वम िाप क ा आधा ि त याि व कया ह

डा ज ल िग न डो क न

इ स त थय न वक यी ि म सीह पिम शवि का पतर वतर एकत ा म ो ि सिा व यव ि पथि ी पि आया औि नमर त ा औि ि ासरप म ो त ीस ि षय वब ता ए औि व फि क षट सहा औि कर स पि म िा -हम ा ि पा प ो क िण ड क ा भग त ा न क िन क ल ि ए कर स पि पा प क अ न नत क जय क उ ठा ल िया यह एक अन नत म ल य ह यह एक अ न नत क ीम त ह ब हत बडी क ी मत हम ा ि पा प ो क लि ए अन नत क ीम त इ सल ि ए यह ससत ा अ न गरह न ही ो ह यह अ ब त क परा पत व क या ग या सि ा यलधक म हो ग ा अन गर ह ह हम इ स म फ त उपहा ि क रप म ो परापत क ित ह ो पिनत कि ि इ स क ा िण व क यी ि न अ पन ा सब क छ हम ा ि लि ए ि व ि या

डा म ाकय सर स

ज उ सक पा स आक ि कि ि ldquoपरभ म झ कषम ा क िrdquo क हत ह ो उ नह ो कषम ा व क या ज ात ा ह इसल ि ए न ही ो वक कषम ा क ी उ नक ी व िन त ी ब हत क ि ीन थ ी इ सल ि ए न ही ो व क उ न क ा म न व फिाि ब हत अच छा थ ा पिनत इ सलि ए वक यी ि न िह सब कि व ि या ह ज हम ा ि स ि ग ी य व पत ा क साथ सो ग वत म ो पन ि ौ टन क ल ि ए हम ाि ल ि ए आि शयक थ ा

डा ज ल िग न डो क न

अब हम यह बतान क चलए रकना चामहए मक अरीकार और मन मिराव की पराथगनाओ क अमतररि ज िमा क साधारण साधन क रप म कायग करती ह मबचवई की पराथगना कई बार िमा क असाधारण या असामानय साधन क रप म कायग करती ह मबचवई क इस परकार पररभामषत मकया जा सकता ह मधयसटथता या मकसी और की िामतर मवनती या पराथगना

पमवतर-वचन म ल र दवारा परभावी मधयसटथता की पराथगना क बहत स उदाहरण ह इस हम मरनती 1419 और 20 म दित ह जहा मसा की मधयसटथता की पराथगना क जवाब म यह वा न इसराएल क पाप क िमा कर मदया इस हम 2 इमतहास 3018-20 म पात ह जहा महजमकयाह की मबचवई क जवाब म यह वा न उन ल र क माि कर मदया चजनह न िसह की उचचत तयारी नही की थी इस हम अययब 15 म दित ह

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जहा हम सीित ह मक अययब मनरनतर अपन बचच क चलए मबचवई क बचलदान चढाया करता था और इस हम याकब 514 और 15 म दित ह जहा याकब न चसिाया मक कलीचसया क परमनए उन ल र क चलए िमा क परापत कर सकत ह चजनह न पाप मकया ह परमशवर मवशवासय गय ल र की मबचवई क पराथगना क जवाब म हमशा िमा परदान नही करता ह परनत बहत बार वह ऐसा करता ह

और इस परकार की मानवीय मबचवई स बढकर पतर और पमवतर आतमा द न ल र क चलए मधयसटथता करत ह यीश दवारा की जान वाली मधयसटथता क बार म यशायाह 5312 र ममय 834 और इबरामनय 725 जस सटथान पर बताया रया ह और आतमा की मधयसटथता क बार म र ममय 826 और 27 म चसिाया रया ह

िमा क साधन की दसरी सामानय शणी पमवतर ससटकार ह या चजनह आधमनक पर टसटटनट कलीचसयाए-मवधान कहती ह मखयत बपमतसटमा और परभ भ ज

अब जब हम ससटकार शबद का परय र करत ह त हम इस बात क सटपि करन की आवशयकता ह मक हम परभ भ ज और बपमतसटमा क बार म र मन कथ चलक कलीचसया क मवचार की बात नही कर रह ह बमलक ससटकार शबद का परय र बहत सी पर टसटटनट ससटथाओ दवारा ऐमतहाचसक रप स परभ भ ज और बपमतसटमा क चलए मकया जाता रहा ह य समार ह मवशष पमवतर मवधान ह चजनह परमशवर न हमार मवशवास क अमभवयि करन और उसकी आशीष क पान क साधन क रप म कलीचसया क उपलबध कराया इन मवधान क कायग मववरण क बार म पर टसटटनट परमपराओ म मतभद ह परनत व सब इस बात स सहमत ह मक य मकसी तरह मवशष ह

कई बार मसीमहय क सनदह ह ता ह जब व दसर क परभ भ ज और बपमतसटमा क िमा क साधन क रप म बतात हए सनत ह अत इस बात पर बल दना महतवपणग ह मक हम यह नही कह रह ह मक इन मवधान म ऐसी क ई य गयता नही ह ज उनह परभावी बनाती ह य िमा का आधार नही ह

साथ ही बाइबल चसिाती ह मक जब हम परभ भ ज और बपमतसटमा क दवारा अपन मवशवास क अमभवयि करत ह त पमवतर आतमा हमार जीवन म िमा क लार करन क चलए इन मवधान का परय र करता ह

बपमतसटमा क मरकस 14 परररत क काम 238 र ममय 61-7 और कलमसटसय 212-14 जस पदयाश म अनगरह का साधन बताया रया ह

एक उदाहरण क रप म परररत क काम 2216 म पौलस स कह रए हननयाह क शबद क सन

अ ब क य ो ि ि क िता ह उ ठ बपव त स म ा ि औि उ सक ा ना म ि क ि अ पन पा प ो क ध डा ि (परर ित ो क क ाम 2216)

इन मनदश म हननयाह न सकत मदया मक बपमतसटमा क दवारा पौलस क पाप क िमा मकया या- ध मदया जाएरा

अब मनसटसनदह बपमतसटमा िमा का एक आवशयक साधन नही ह हम दसर तरीक स भी िमा ममल सकती ह जस यीश क साथ करस पर चढाए रए मवशवास करन वाल उस राक न कभी बपमतसटमा नही चलया था मिर भी लका 2343 सकत दता ह मक उस िमा मकया रया और उसन उदधार पाया अत हम यह स चन की रलती नही करनी चामहए मक िमा और उदधार कवल उन ल र क चलए उपलबध ह चजनह न बपमतसटमा ल चलया ह मिर भी पमवतर-वचन इस पणगत सटपि करता ह मक बपमतसटमा साधारणत हमार जीवन म िमा क लार करन क साधन क रप म कायग करता ह

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और परभ भ ज का भी यही सतय ह पौलस न सटपि रप स चसिाया मक परभ भ ज म भार लना मसीह की मतय क लाभ जस िमा क परापत करन का माधयम ह दि 1 कररमनथय 1016 म उसन कया चलिा ह

िह धनयिाि क ा क ट िा लजस पि हम धनयि ा ि क ित ह ो क या म सी ह क ि ह क ी सहभ ा व गत ा नही ो ि ह ि ट ी लजस हम त डत ह ो क या ि ह म सीह क ी ि ह क ी सहभ ा व गत ा न ही ो (1 कर िनद नथ य ो 1016)

य अलकाररक परशन थ पौलस की पमतरय क पढन वाला परतयक वयमि जानता था मक उनका उततर था -हा मनसटसनदह मवशवास क साथ परभ भ ज म भार लन क दवारा हम मसीह क साथ एक ह त ह

पाप की िमा उदधार की एक महान आशीष ह चजस हम अपन समपणग मसीही जीवन क दौरान अनभव करत ह चाह हम नय मसीही ह या जीवन भर स मवशवासी रह ह िमा मसीह क साथ हमारी चाल का एक सतत पहल ह और इसक पररणामसटवरप बहत सी अनय आशीष भी ममलती ह

जान वसटली मथ मरसटट कलीचसया क ससटथापक ज 1703 स 1791 क बीच रह न अपन सनदश सखया 26 म िमा क बार म बताया चजस म उनह न पहाडी उपदश की वयाखया की दि मक उनह न वहा कया कहा

पा प ो क ी कषम ा पा त ही हम इ सी परक ा ि उ न क साथ ब हत कछ पा त ह ो ज व ि शवास क दवा िा ज उ स म ो ह पव ितर वक ए ग ए ह ो पा प अ पन ी सा मथय ख चक ा ह इसक ा उन पि क ई अ ल धक ा ि न ही ो ह ज अनगर ह यावन पिम शवि की परसननत ा क अ धी न ह ो क य ोवक ज म सी ह म ो ह ो उ न पि क ई ि णड क ी आजञा न ही ो ह इ सल ि ए ि पा प क सा थ -साथ गि ा व न स भ ी म ि वक ए ग ए ह ो व यि सथ ा क ी धा वमय क त ा उ नम ो प िी हई ह औि ि ििीि क अ न सा ि न ही ो पिनत आतम ा क अ न सा ि चित ह ो

म ो स चता ह पा प ो क ी कषमा एक परक ा ि स म सी व हय ो क रप म ो हमा िी सि ा यल धक अ नम ि ि ा सत व िकत ा ह म िभ त रप स हम ा ि पा प ो क कषमा क िन क ा अथय ह पिम शवि हम ा ि सवषट कत ा य क साथ सही सो बो ध म ो िहन ा आज ज ब हम सो सा ि क िख त ह ो हम पा त ह ो वक ि ग अ थय महत ि उ दद शय क ी ख ज म ो ह ो औि हम ा िी सो सक वत म ो अ त यल धक अ समो जस ह ज ीि न क या ह ज ी न क ा क ा िण क या ह म ो यहा क य ो ह औि इ सल ि ए ि ग अथय औि म हति क ख ज न क ल ि ए हि त िह स परया स क ित ह ो-वफि चा ह ि अ पन ी न ौ किी का पी छ ा क िो या ि ोव गकत ा या म ा िक पि ा थ ो क ा म िा मत िब ह व क ि ग ख िी औि आन नि क पा न क लि ए हि त िह क सथ ा न ो औि म ा गो म ो परयास क ि िह ह ो पिनत ससम ा चा ि हम ो बत ा ता ह वक म न षय ो क रप म ो हम ा िी म िभ त आि शयकत ा अ पन सवषटक त ा य क सा थ सही सो बो ध म ो िहन ा ह उ सक सा थ ल ज सन हम ो ब न ा या ह ससम ा चा ि ब त ात ा ह व क पिम शवि न अ पन पतर यी ि म सी ह क भ ज ा वक ि ह हम ा ि पा प ो क ा परा यल ित कि पिम शवि क कर ध क ि ि कि पिम शवि न अ पन परम म ो अ पन पतर क भज ा वक हम ा ि पा प कषम ा ह सको तावक यवि हम उस पि भि सा क िो त हम ा ि पा प कषम ा ह सको औि ज ब हम उ स अ नभ ि पि आत ह ो जब हम ऐसी कषम ा क ल ि ए यी ि म सी ह क ी ओि वफित ह ो त एक अत ल य िा नद नत क ा अ हसास ह त ा ह सो सा ि क सा थ सही ह न क ा अहसा स कय ोवक यह ि ा सत ि म ो सो सा ि क सा थ सही ह न ा

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ह हम अ चा नक महस स क ित ह ो व क हम ो इ सक ल ि ए ही ब न ा या ग या ह हम ो पिम शवि क सा थ सही सो बो ध म ो िहन क ल ि ए बन ा या ग या ह उ स पि हम पहचा नत ह ो

डा ट ा म शरन ि

अब जबमक हम पाप की िमा की धमगचशिा क दि चक ह त हम मवशवास क अरल सतर क दिन क चलए तयार ह दह का पनरतथान

पनर तथान

परररत क मवशवास-कथन क इन शबद क याद कर

म ो

ि ह क पन रत थ ा न म ो वि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर हम सटपि ह न की आवशयकता ह मक मवशवास-कथन यीश क पनरतथान क बार म बात नही कर रहा ह यीश का पनरतथान मवशवास-कथन म पहल आता ह जब यह कहता ह मक यीश मतक म स तीसर मदन जी उठा जब मवशवास-कथन दह क पनरतथान क बार म बात करता ह त इसक मन म सामानय पनरतथान ह-मसीह क ममहमा म आरमन पर सार ल र का पनरतथान

हम दह क सामानय पनरतथान क तीन चरण म दिर पहला हम सराप क दिर चजसक पररणामसटवरप हमारी दह म मतय आती ह दसरा हम बतायर मक मसीही ससमाचार हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करता ह और तीसरा हम दिर मक अनत म मकस परकार हमारी दह का छटकारा ह रा आइए सराप स शर कर ज हमारी दह म मतय क लाता ह

सराप जसा हमन पवगवमतग अधयाय म दिा परमशवर न मनषय क शारीररक दह और रर-शारीररक पराण स

बनाया इबरामनय 412 और 1 चथसटसलनीमकय 523 क आधार पर कछ परमपराओ का मानना ह मक परतयक मनषय म पराण क अमतररि आतमा भी ह ती ह परनत लरभर 200 ऐस वचन ह चजन म हमार अमसटततव क सार आनतररक रर-शारीररक पहलओ क समपणग रप म बतान क चलए इनम स मकसी एक शबद का परय र मकया रया ह अत अचधकाश मसीमहय का मनषकषग ह मक पराण और आतमा द न शबद एक ही वासटतमवकता क बतात ह और मनषय मखयत कवल द भार स मनममगत ह दह और आतमा

पाप म मररन स पवग हमारी दह और हमारी आतमा पर पाप और इसकी भरि शमिय का क ई परभाव नही था परनत जब आदम और हववा पाप म मरर रए त पाप न न कवल उनकी आतमाओ बमलक उनकी दह क भी भरि कर मदया और उनकी दह क दमषत ह न का अमनतम पररणाम उनकी शारीररक मतय थी उतपमतत 319 म आदम पर परमशवर क सराप क दि

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 15: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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अब जबमक हम दि चक ह मक िमा की अवसटथाओ म सामानयत कायगकारी मवशवास और हमारा टटा हआ मन शाममल ह ता ह त आइए हम उन साधारण साधन क दि चजनक दवारा हम िमा क पा सकत ह

स ाधन कई बार मसीही अनगरह क साधन और अनगरह क आधार क बीच अनतर क समझन म असिल ह

जात ह पररणामसटवरप व रलती स यह स चत ह मक अनगरह क पान या हम पर अनगरह करन क चलए परमशवर पर दबाव रालन क चलए अनगरह क साधन का परय र मकया जा सकता ह अत एक साधन और आधार क बीच अनतर क पहचानना महतवपणग ह इस अनतर क दिन म सहायता क चलए कलपना कर मक एक वयमि क च ट स उबरन क चलए शारीररक चचमकतसा की आवशयकता ह चचमकतसा महरी ह और उसका भरतान एक दानकताग दवारा मकया जाता ह हम कह सकत ह मक वयमि क र र स पणगत उबारन वाला साधन चचमकतसा ह परनत इस सटवासटथय-लाभ का आचथगक आधार दान ह

इन मभननताओ क हम सिप म इस परकार कह सकत ह मक आधार वह मल या य गयता ह चजसम क ई कायग या पररणाम आधाररत ह जबमक साधन वह औजार या यनतर ह ज उस कायग या पररणाम क समभव बनाता ह

जब परमशवर स िमा और अनगरह पान की बात आती ह त आधार हमशा मसीह की य गयता ह चजस उसन अपन आजञाकारी जीवन और करस की मतय क दवारा अचजगत मकया इस हम मतती 2628 कलमसटसय 113 और 14 और 1 यहनना 212 जस सटथान पर दित ह िमा क सवगदा अचजगत मकया जाता ह परनत इस मसीह क दवारा अचजगत मकया जाता ह हमार दवारा नही और मवशववास वह मलभत साधन ह चजसक दवारा सारा अनगरह हमार जीवन म लार मकया जाता ह चाह परमशवर क सममि परतयि रप स अमभवयि मकया जाए या अनगरह क साधन क दवारा मवशवास वह पराथममक औजार ह चजसक दवारा परमशवर हमार जीवन म अनगरह और अनय आशीष क लार करता ह

पमवतर-वचन कई साधन का वणगन करता ह चजनक दवारा मवशवास सामानयत कायग करता ह इस अधयाय म हमार उददशय क चलए इन अनय साधन क हम सिप म पराथगना स शर करक द सामानय शचणय म बाट सकत ह

समपणग पमवतर-वचन म पराथगना क परमशवर स अनगरह और िमा मारन क साधारण साधन क रप म परसटतत मकया रया ह जस बाइबल अरीकार और मन मिराव की पराथगना क आमतौर पर मवशवास की अमभवयमि बताती ह चजनक दवारा पमवतर आतमा हम िमा परदान करता ह इन पराथगनाओ की परभावशीलता क 1 राजा 829-40 भजन 321-11 परररत क काम 822 1 यहनना 19 और बहत स अनय सटथान पर चसिाया रया ह

उन ल र क चलए चजनह न अभी हाल ही म परभ क जाना ह अरीकार और मन मिराव की मवशवासय गय पराथगनाए व साधन ह चजनक दवारा पमवतर आतमा आरममभक रप म िमा और उदधार क उनक जीवन म लार करता ह इसीचलए परररत क काम 1118 म कलीचसया न मन पररवतगन क जीवन क चलए मन मिराव कहा और सार मवशवाचसय क चलए अरीकार और मर मिराव की पराथगना अपन जीवन म परमशवर क अनगरह क पान क महतवपणग साधन बन रहत ह जसा हम 1 यहनना 19 म पढत ह

यव ि हम अ पन पा प ो क म ान ि ो त (पिम शवि) हम ा ि पा प ो क कषम ा क िन औि हम ो सब अ धमय स ि दध क िन म ो व िशवा सय गय औि धम ी ह (1 य हनना 19)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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ससमाचार का अदभत समाचार ह मक मसीह न हमार चलए ज मकया ह उसक आधार पर हमार पाप का मफत म िमा करता ह और हम मवशवास क साथ कवल मारन क दवारा इस िमा क परापत कर सकत ह

आप ज ा न त ह ो व क ब हत स ि ग यह स चत ह ो वक यवि आप यह ल सख ा त ह ो व क पा पी क पिम शवि क पा स आक ि कि ि ldquoह सि ग ी य व पत ा मझ कषम ा किrdquo क हन स पिम शवि उ नह ो कषम ा क ि िग ा त यह पिम शवि क अ न गरह क सस त ा ब न ा ि ग ा पिनत त थय यह ह व क यह पिम शवि क अ न गर ह क ऊ चा उ ठा त ा ह इ सल ि ए न ही ो वक हम ा िा म न व फिाि हम ो ब चा त ा ह या उसक आधा ि पि पिम शवि हम ो कषम ा कित ा ह पिनत इ सल ि ए व क पिम शवि न स ि यो अ पन एक ि ौत पतर क ी अ न नत रप स म ल यि ान औि अ ग णय रप स म हो ग ी मत य क आधा ि पि हमा ि लि ए कषम ा औि म ि -वम िाप क ा आधा ि त याि व कया ह

डा ज ल िग न डो क न

इ स त थय न वक यी ि म सीह पिम शवि का पतर वतर एकत ा म ो ि सिा व यव ि पथि ी पि आया औि नमर त ा औि ि ासरप म ो त ीस ि षय वब ता ए औि व फि क षट सहा औि कर स पि म िा -हम ा ि पा प ो क िण ड क ा भग त ा न क िन क ल ि ए कर स पि पा प क अ न नत क जय क उ ठा ल िया यह एक अन नत म ल य ह यह एक अ न नत क ीम त ह ब हत बडी क ी मत हम ा ि पा प ो क लि ए अन नत क ीम त इ सल ि ए यह ससत ा अ न गरह न ही ो ह यह अ ब त क परा पत व क या ग या सि ा यलधक म हो ग ा अन गर ह ह हम इ स म फ त उपहा ि क रप म ो परापत क ित ह ो पिनत कि ि इ स क ा िण व क यी ि न अ पन ा सब क छ हम ा ि लि ए ि व ि या

डा म ाकय सर स

ज उ सक पा स आक ि कि ि ldquoपरभ म झ कषम ा क िrdquo क हत ह ो उ नह ो कषम ा व क या ज ात ा ह इसल ि ए न ही ो वक कषम ा क ी उ नक ी व िन त ी ब हत क ि ीन थ ी इ सल ि ए न ही ो व क उ न क ा म न व फिाि ब हत अच छा थ ा पिनत इ सलि ए वक यी ि न िह सब कि व ि या ह ज हम ा ि स ि ग ी य व पत ा क साथ सो ग वत म ो पन ि ौ टन क ल ि ए हम ाि ल ि ए आि शयक थ ा

डा ज ल िग न डो क न

अब हम यह बतान क चलए रकना चामहए मक अरीकार और मन मिराव की पराथगनाओ क अमतररि ज िमा क साधारण साधन क रप म कायग करती ह मबचवई की पराथगना कई बार िमा क असाधारण या असामानय साधन क रप म कायग करती ह मबचवई क इस परकार पररभामषत मकया जा सकता ह मधयसटथता या मकसी और की िामतर मवनती या पराथगना

पमवतर-वचन म ल र दवारा परभावी मधयसटथता की पराथगना क बहत स उदाहरण ह इस हम मरनती 1419 और 20 म दित ह जहा मसा की मधयसटथता की पराथगना क जवाब म यह वा न इसराएल क पाप क िमा कर मदया इस हम 2 इमतहास 3018-20 म पात ह जहा महजमकयाह की मबचवई क जवाब म यह वा न उन ल र क माि कर मदया चजनह न िसह की उचचत तयारी नही की थी इस हम अययब 15 म दित ह

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जहा हम सीित ह मक अययब मनरनतर अपन बचच क चलए मबचवई क बचलदान चढाया करता था और इस हम याकब 514 और 15 म दित ह जहा याकब न चसिाया मक कलीचसया क परमनए उन ल र क चलए िमा क परापत कर सकत ह चजनह न पाप मकया ह परमशवर मवशवासय गय ल र की मबचवई क पराथगना क जवाब म हमशा िमा परदान नही करता ह परनत बहत बार वह ऐसा करता ह

और इस परकार की मानवीय मबचवई स बढकर पतर और पमवतर आतमा द न ल र क चलए मधयसटथता करत ह यीश दवारा की जान वाली मधयसटथता क बार म यशायाह 5312 र ममय 834 और इबरामनय 725 जस सटथान पर बताया रया ह और आतमा की मधयसटथता क बार म र ममय 826 और 27 म चसिाया रया ह

िमा क साधन की दसरी सामानय शणी पमवतर ससटकार ह या चजनह आधमनक पर टसटटनट कलीचसयाए-मवधान कहती ह मखयत बपमतसटमा और परभ भ ज

अब जब हम ससटकार शबद का परय र करत ह त हम इस बात क सटपि करन की आवशयकता ह मक हम परभ भ ज और बपमतसटमा क बार म र मन कथ चलक कलीचसया क मवचार की बात नही कर रह ह बमलक ससटकार शबद का परय र बहत सी पर टसटटनट ससटथाओ दवारा ऐमतहाचसक रप स परभ भ ज और बपमतसटमा क चलए मकया जाता रहा ह य समार ह मवशष पमवतर मवधान ह चजनह परमशवर न हमार मवशवास क अमभवयि करन और उसकी आशीष क पान क साधन क रप म कलीचसया क उपलबध कराया इन मवधान क कायग मववरण क बार म पर टसटटनट परमपराओ म मतभद ह परनत व सब इस बात स सहमत ह मक य मकसी तरह मवशष ह

कई बार मसीमहय क सनदह ह ता ह जब व दसर क परभ भ ज और बपमतसटमा क िमा क साधन क रप म बतात हए सनत ह अत इस बात पर बल दना महतवपणग ह मक हम यह नही कह रह ह मक इन मवधान म ऐसी क ई य गयता नही ह ज उनह परभावी बनाती ह य िमा का आधार नही ह

साथ ही बाइबल चसिाती ह मक जब हम परभ भ ज और बपमतसटमा क दवारा अपन मवशवास क अमभवयि करत ह त पमवतर आतमा हमार जीवन म िमा क लार करन क चलए इन मवधान का परय र करता ह

बपमतसटमा क मरकस 14 परररत क काम 238 र ममय 61-7 और कलमसटसय 212-14 जस पदयाश म अनगरह का साधन बताया रया ह

एक उदाहरण क रप म परररत क काम 2216 म पौलस स कह रए हननयाह क शबद क सन

अ ब क य ो ि ि क िता ह उ ठ बपव त स म ा ि औि उ सक ा ना म ि क ि अ पन पा प ो क ध डा ि (परर ित ो क क ाम 2216)

इन मनदश म हननयाह न सकत मदया मक बपमतसटमा क दवारा पौलस क पाप क िमा मकया या- ध मदया जाएरा

अब मनसटसनदह बपमतसटमा िमा का एक आवशयक साधन नही ह हम दसर तरीक स भी िमा ममल सकती ह जस यीश क साथ करस पर चढाए रए मवशवास करन वाल उस राक न कभी बपमतसटमा नही चलया था मिर भी लका 2343 सकत दता ह मक उस िमा मकया रया और उसन उदधार पाया अत हम यह स चन की रलती नही करनी चामहए मक िमा और उदधार कवल उन ल र क चलए उपलबध ह चजनह न बपमतसटमा ल चलया ह मिर भी पमवतर-वचन इस पणगत सटपि करता ह मक बपमतसटमा साधारणत हमार जीवन म िमा क लार करन क साधन क रप म कायग करता ह

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और परभ भ ज का भी यही सतय ह पौलस न सटपि रप स चसिाया मक परभ भ ज म भार लना मसीह की मतय क लाभ जस िमा क परापत करन का माधयम ह दि 1 कररमनथय 1016 म उसन कया चलिा ह

िह धनयिाि क ा क ट िा लजस पि हम धनयि ा ि क ित ह ो क या म सी ह क ि ह क ी सहभ ा व गत ा नही ो ि ह ि ट ी लजस हम त डत ह ो क या ि ह म सीह क ी ि ह क ी सहभ ा व गत ा न ही ो (1 कर िनद नथ य ो 1016)

य अलकाररक परशन थ पौलस की पमतरय क पढन वाला परतयक वयमि जानता था मक उनका उततर था -हा मनसटसनदह मवशवास क साथ परभ भ ज म भार लन क दवारा हम मसीह क साथ एक ह त ह

पाप की िमा उदधार की एक महान आशीष ह चजस हम अपन समपणग मसीही जीवन क दौरान अनभव करत ह चाह हम नय मसीही ह या जीवन भर स मवशवासी रह ह िमा मसीह क साथ हमारी चाल का एक सतत पहल ह और इसक पररणामसटवरप बहत सी अनय आशीष भी ममलती ह

जान वसटली मथ मरसटट कलीचसया क ससटथापक ज 1703 स 1791 क बीच रह न अपन सनदश सखया 26 म िमा क बार म बताया चजस म उनह न पहाडी उपदश की वयाखया की दि मक उनह न वहा कया कहा

पा प ो क ी कषम ा पा त ही हम इ सी परक ा ि उ न क साथ ब हत कछ पा त ह ो ज व ि शवास क दवा िा ज उ स म ो ह पव ितर वक ए ग ए ह ो पा प अ पन ी सा मथय ख चक ा ह इसक ा उन पि क ई अ ल धक ा ि न ही ो ह ज अनगर ह यावन पिम शवि की परसननत ा क अ धी न ह ो क य ोवक ज म सी ह म ो ह ो उ न पि क ई ि णड क ी आजञा न ही ो ह इ सल ि ए ि पा प क सा थ -साथ गि ा व न स भ ी म ि वक ए ग ए ह ो व यि सथ ा क ी धा वमय क त ा उ नम ो प िी हई ह औि ि ििीि क अ न सा ि न ही ो पिनत आतम ा क अ न सा ि चित ह ो

म ो स चता ह पा प ो क ी कषमा एक परक ा ि स म सी व हय ो क रप म ो हमा िी सि ा यल धक अ नम ि ि ा सत व िकत ा ह म िभ त रप स हम ा ि पा प ो क कषमा क िन क ा अथय ह पिम शवि हम ा ि सवषट कत ा य क साथ सही सो बो ध म ो िहन ा आज ज ब हम सो सा ि क िख त ह ो हम पा त ह ो वक ि ग अ थय महत ि उ दद शय क ी ख ज म ो ह ो औि हम ा िी सो सक वत म ो अ त यल धक अ समो जस ह ज ीि न क या ह ज ी न क ा क ा िण क या ह म ो यहा क य ो ह औि इ सल ि ए ि ग अथय औि म हति क ख ज न क ल ि ए हि त िह स परया स क ित ह ो-वफि चा ह ि अ पन ी न ौ किी का पी छ ा क िो या ि ोव गकत ा या म ा िक पि ा थ ो क ा म िा मत िब ह व क ि ग ख िी औि आन नि क पा न क लि ए हि त िह क सथ ा न ो औि म ा गो म ो परयास क ि िह ह ो पिनत ससम ा चा ि हम ो बत ा ता ह वक म न षय ो क रप म ो हम ा िी म िभ त आि शयकत ा अ पन सवषटक त ा य क सा थ सही सो बो ध म ो िहन ा ह उ सक सा थ ल ज सन हम ो ब न ा या ह ससम ा चा ि ब त ात ा ह व क पिम शवि न अ पन पतर यी ि म सी ह क भ ज ा वक ि ह हम ा ि पा प ो क ा परा यल ित कि पिम शवि क कर ध क ि ि कि पिम शवि न अ पन परम म ो अ पन पतर क भज ा वक हम ा ि पा प कषम ा ह सको तावक यवि हम उस पि भि सा क िो त हम ा ि पा प कषम ा ह सको औि ज ब हम उ स अ नभ ि पि आत ह ो जब हम ऐसी कषम ा क ल ि ए यी ि म सी ह क ी ओि वफित ह ो त एक अत ल य िा नद नत क ा अ हसास ह त ा ह सो सा ि क सा थ सही ह न क ा अहसा स कय ोवक यह ि ा सत ि म ो सो सा ि क सा थ सही ह न ा

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ह हम अ चा नक महस स क ित ह ो व क हम ो इ सक ल ि ए ही ब न ा या ग या ह हम ो पिम शवि क सा थ सही सो बो ध म ो िहन क ल ि ए बन ा या ग या ह उ स पि हम पहचा नत ह ो

डा ट ा म शरन ि

अब जबमक हम पाप की िमा की धमगचशिा क दि चक ह त हम मवशवास क अरल सतर क दिन क चलए तयार ह दह का पनरतथान

पनर तथान

परररत क मवशवास-कथन क इन शबद क याद कर

म ो

ि ह क पन रत थ ा न म ो वि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर हम सटपि ह न की आवशयकता ह मक मवशवास-कथन यीश क पनरतथान क बार म बात नही कर रहा ह यीश का पनरतथान मवशवास-कथन म पहल आता ह जब यह कहता ह मक यीश मतक म स तीसर मदन जी उठा जब मवशवास-कथन दह क पनरतथान क बार म बात करता ह त इसक मन म सामानय पनरतथान ह-मसीह क ममहमा म आरमन पर सार ल र का पनरतथान

हम दह क सामानय पनरतथान क तीन चरण म दिर पहला हम सराप क दिर चजसक पररणामसटवरप हमारी दह म मतय आती ह दसरा हम बतायर मक मसीही ससमाचार हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करता ह और तीसरा हम दिर मक अनत म मकस परकार हमारी दह का छटकारा ह रा आइए सराप स शर कर ज हमारी दह म मतय क लाता ह

सराप जसा हमन पवगवमतग अधयाय म दिा परमशवर न मनषय क शारीररक दह और रर-शारीररक पराण स

बनाया इबरामनय 412 और 1 चथसटसलनीमकय 523 क आधार पर कछ परमपराओ का मानना ह मक परतयक मनषय म पराण क अमतररि आतमा भी ह ती ह परनत लरभर 200 ऐस वचन ह चजन म हमार अमसटततव क सार आनतररक रर-शारीररक पहलओ क समपणग रप म बतान क चलए इनम स मकसी एक शबद का परय र मकया रया ह अत अचधकाश मसीमहय का मनषकषग ह मक पराण और आतमा द न शबद एक ही वासटतमवकता क बतात ह और मनषय मखयत कवल द भार स मनममगत ह दह और आतमा

पाप म मररन स पवग हमारी दह और हमारी आतमा पर पाप और इसकी भरि शमिय का क ई परभाव नही था परनत जब आदम और हववा पाप म मरर रए त पाप न न कवल उनकी आतमाओ बमलक उनकी दह क भी भरि कर मदया और उनकी दह क दमषत ह न का अमनतम पररणाम उनकी शारीररक मतय थी उतपमतत 319 म आदम पर परमशवर क सराप क दि

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 16: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

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ससमाचार का अदभत समाचार ह मक मसीह न हमार चलए ज मकया ह उसक आधार पर हमार पाप का मफत म िमा करता ह और हम मवशवास क साथ कवल मारन क दवारा इस िमा क परापत कर सकत ह

आप ज ा न त ह ो व क ब हत स ि ग यह स चत ह ो वक यवि आप यह ल सख ा त ह ो व क पा पी क पिम शवि क पा स आक ि कि ि ldquoह सि ग ी य व पत ा मझ कषम ा किrdquo क हन स पिम शवि उ नह ो कषम ा क ि िग ा त यह पिम शवि क अ न गरह क सस त ा ब न ा ि ग ा पिनत त थय यह ह व क यह पिम शवि क अ न गर ह क ऊ चा उ ठा त ा ह इ सल ि ए न ही ो वक हम ा िा म न व फिाि हम ो ब चा त ा ह या उसक आधा ि पि पिम शवि हम ो कषम ा कित ा ह पिनत इ सल ि ए व क पिम शवि न स ि यो अ पन एक ि ौत पतर क ी अ न नत रप स म ल यि ान औि अ ग णय रप स म हो ग ी मत य क आधा ि पि हमा ि लि ए कषम ा औि म ि -वम िाप क ा आधा ि त याि व कया ह

डा ज ल िग न डो क न

इ स त थय न वक यी ि म सीह पिम शवि का पतर वतर एकत ा म ो ि सिा व यव ि पथि ी पि आया औि नमर त ा औि ि ासरप म ो त ीस ि षय वब ता ए औि व फि क षट सहा औि कर स पि म िा -हम ा ि पा प ो क िण ड क ा भग त ा न क िन क ल ि ए कर स पि पा प क अ न नत क जय क उ ठा ल िया यह एक अन नत म ल य ह यह एक अ न नत क ीम त ह ब हत बडी क ी मत हम ा ि पा प ो क लि ए अन नत क ीम त इ सल ि ए यह ससत ा अ न गरह न ही ो ह यह अ ब त क परा पत व क या ग या सि ा यलधक म हो ग ा अन गर ह ह हम इ स म फ त उपहा ि क रप म ो परापत क ित ह ो पिनत कि ि इ स क ा िण व क यी ि न अ पन ा सब क छ हम ा ि लि ए ि व ि या

डा म ाकय सर स

ज उ सक पा स आक ि कि ि ldquoपरभ म झ कषम ा क िrdquo क हत ह ो उ नह ो कषम ा व क या ज ात ा ह इसल ि ए न ही ो वक कषम ा क ी उ नक ी व िन त ी ब हत क ि ीन थ ी इ सल ि ए न ही ो व क उ न क ा म न व फिाि ब हत अच छा थ ा पिनत इ सलि ए वक यी ि न िह सब कि व ि या ह ज हम ा ि स ि ग ी य व पत ा क साथ सो ग वत म ो पन ि ौ टन क ल ि ए हम ाि ल ि ए आि शयक थ ा

डा ज ल िग न डो क न

अब हम यह बतान क चलए रकना चामहए मक अरीकार और मन मिराव की पराथगनाओ क अमतररि ज िमा क साधारण साधन क रप म कायग करती ह मबचवई की पराथगना कई बार िमा क असाधारण या असामानय साधन क रप म कायग करती ह मबचवई क इस परकार पररभामषत मकया जा सकता ह मधयसटथता या मकसी और की िामतर मवनती या पराथगना

पमवतर-वचन म ल र दवारा परभावी मधयसटथता की पराथगना क बहत स उदाहरण ह इस हम मरनती 1419 और 20 म दित ह जहा मसा की मधयसटथता की पराथगना क जवाब म यह वा न इसराएल क पाप क िमा कर मदया इस हम 2 इमतहास 3018-20 म पात ह जहा महजमकयाह की मबचवई क जवाब म यह वा न उन ल र क माि कर मदया चजनह न िसह की उचचत तयारी नही की थी इस हम अययब 15 म दित ह

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जहा हम सीित ह मक अययब मनरनतर अपन बचच क चलए मबचवई क बचलदान चढाया करता था और इस हम याकब 514 और 15 म दित ह जहा याकब न चसिाया मक कलीचसया क परमनए उन ल र क चलए िमा क परापत कर सकत ह चजनह न पाप मकया ह परमशवर मवशवासय गय ल र की मबचवई क पराथगना क जवाब म हमशा िमा परदान नही करता ह परनत बहत बार वह ऐसा करता ह

और इस परकार की मानवीय मबचवई स बढकर पतर और पमवतर आतमा द न ल र क चलए मधयसटथता करत ह यीश दवारा की जान वाली मधयसटथता क बार म यशायाह 5312 र ममय 834 और इबरामनय 725 जस सटथान पर बताया रया ह और आतमा की मधयसटथता क बार म र ममय 826 और 27 म चसिाया रया ह

िमा क साधन की दसरी सामानय शणी पमवतर ससटकार ह या चजनह आधमनक पर टसटटनट कलीचसयाए-मवधान कहती ह मखयत बपमतसटमा और परभ भ ज

अब जब हम ससटकार शबद का परय र करत ह त हम इस बात क सटपि करन की आवशयकता ह मक हम परभ भ ज और बपमतसटमा क बार म र मन कथ चलक कलीचसया क मवचार की बात नही कर रह ह बमलक ससटकार शबद का परय र बहत सी पर टसटटनट ससटथाओ दवारा ऐमतहाचसक रप स परभ भ ज और बपमतसटमा क चलए मकया जाता रहा ह य समार ह मवशष पमवतर मवधान ह चजनह परमशवर न हमार मवशवास क अमभवयि करन और उसकी आशीष क पान क साधन क रप म कलीचसया क उपलबध कराया इन मवधान क कायग मववरण क बार म पर टसटटनट परमपराओ म मतभद ह परनत व सब इस बात स सहमत ह मक य मकसी तरह मवशष ह

कई बार मसीमहय क सनदह ह ता ह जब व दसर क परभ भ ज और बपमतसटमा क िमा क साधन क रप म बतात हए सनत ह अत इस बात पर बल दना महतवपणग ह मक हम यह नही कह रह ह मक इन मवधान म ऐसी क ई य गयता नही ह ज उनह परभावी बनाती ह य िमा का आधार नही ह

साथ ही बाइबल चसिाती ह मक जब हम परभ भ ज और बपमतसटमा क दवारा अपन मवशवास क अमभवयि करत ह त पमवतर आतमा हमार जीवन म िमा क लार करन क चलए इन मवधान का परय र करता ह

बपमतसटमा क मरकस 14 परररत क काम 238 र ममय 61-7 और कलमसटसय 212-14 जस पदयाश म अनगरह का साधन बताया रया ह

एक उदाहरण क रप म परररत क काम 2216 म पौलस स कह रए हननयाह क शबद क सन

अ ब क य ो ि ि क िता ह उ ठ बपव त स म ा ि औि उ सक ा ना म ि क ि अ पन पा प ो क ध डा ि (परर ित ो क क ाम 2216)

इन मनदश म हननयाह न सकत मदया मक बपमतसटमा क दवारा पौलस क पाप क िमा मकया या- ध मदया जाएरा

अब मनसटसनदह बपमतसटमा िमा का एक आवशयक साधन नही ह हम दसर तरीक स भी िमा ममल सकती ह जस यीश क साथ करस पर चढाए रए मवशवास करन वाल उस राक न कभी बपमतसटमा नही चलया था मिर भी लका 2343 सकत दता ह मक उस िमा मकया रया और उसन उदधार पाया अत हम यह स चन की रलती नही करनी चामहए मक िमा और उदधार कवल उन ल र क चलए उपलबध ह चजनह न बपमतसटमा ल चलया ह मिर भी पमवतर-वचन इस पणगत सटपि करता ह मक बपमतसटमा साधारणत हमार जीवन म िमा क लार करन क साधन क रप म कायग करता ह

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और परभ भ ज का भी यही सतय ह पौलस न सटपि रप स चसिाया मक परभ भ ज म भार लना मसीह की मतय क लाभ जस िमा क परापत करन का माधयम ह दि 1 कररमनथय 1016 म उसन कया चलिा ह

िह धनयिाि क ा क ट िा लजस पि हम धनयि ा ि क ित ह ो क या म सी ह क ि ह क ी सहभ ा व गत ा नही ो ि ह ि ट ी लजस हम त डत ह ो क या ि ह म सीह क ी ि ह क ी सहभ ा व गत ा न ही ो (1 कर िनद नथ य ो 1016)

य अलकाररक परशन थ पौलस की पमतरय क पढन वाला परतयक वयमि जानता था मक उनका उततर था -हा मनसटसनदह मवशवास क साथ परभ भ ज म भार लन क दवारा हम मसीह क साथ एक ह त ह

पाप की िमा उदधार की एक महान आशीष ह चजस हम अपन समपणग मसीही जीवन क दौरान अनभव करत ह चाह हम नय मसीही ह या जीवन भर स मवशवासी रह ह िमा मसीह क साथ हमारी चाल का एक सतत पहल ह और इसक पररणामसटवरप बहत सी अनय आशीष भी ममलती ह

जान वसटली मथ मरसटट कलीचसया क ससटथापक ज 1703 स 1791 क बीच रह न अपन सनदश सखया 26 म िमा क बार म बताया चजस म उनह न पहाडी उपदश की वयाखया की दि मक उनह न वहा कया कहा

पा प ो क ी कषम ा पा त ही हम इ सी परक ा ि उ न क साथ ब हत कछ पा त ह ो ज व ि शवास क दवा िा ज उ स म ो ह पव ितर वक ए ग ए ह ो पा प अ पन ी सा मथय ख चक ा ह इसक ा उन पि क ई अ ल धक ा ि न ही ो ह ज अनगर ह यावन पिम शवि की परसननत ा क अ धी न ह ो क य ोवक ज म सी ह म ो ह ो उ न पि क ई ि णड क ी आजञा न ही ो ह इ सल ि ए ि पा प क सा थ -साथ गि ा व न स भ ी म ि वक ए ग ए ह ो व यि सथ ा क ी धा वमय क त ा उ नम ो प िी हई ह औि ि ििीि क अ न सा ि न ही ो पिनत आतम ा क अ न सा ि चित ह ो

म ो स चता ह पा प ो क ी कषमा एक परक ा ि स म सी व हय ो क रप म ो हमा िी सि ा यल धक अ नम ि ि ा सत व िकत ा ह म िभ त रप स हम ा ि पा प ो क कषमा क िन क ा अथय ह पिम शवि हम ा ि सवषट कत ा य क साथ सही सो बो ध म ो िहन ा आज ज ब हम सो सा ि क िख त ह ो हम पा त ह ो वक ि ग अ थय महत ि उ दद शय क ी ख ज म ो ह ो औि हम ा िी सो सक वत म ो अ त यल धक अ समो जस ह ज ीि न क या ह ज ी न क ा क ा िण क या ह म ो यहा क य ो ह औि इ सल ि ए ि ग अथय औि म हति क ख ज न क ल ि ए हि त िह स परया स क ित ह ो-वफि चा ह ि अ पन ी न ौ किी का पी छ ा क िो या ि ोव गकत ा या म ा िक पि ा थ ो क ा म िा मत िब ह व क ि ग ख िी औि आन नि क पा न क लि ए हि त िह क सथ ा न ो औि म ा गो म ो परयास क ि िह ह ो पिनत ससम ा चा ि हम ो बत ा ता ह वक म न षय ो क रप म ो हम ा िी म िभ त आि शयकत ा अ पन सवषटक त ा य क सा थ सही सो बो ध म ो िहन ा ह उ सक सा थ ल ज सन हम ो ब न ा या ह ससम ा चा ि ब त ात ा ह व क पिम शवि न अ पन पतर यी ि म सी ह क भ ज ा वक ि ह हम ा ि पा प ो क ा परा यल ित कि पिम शवि क कर ध क ि ि कि पिम शवि न अ पन परम म ो अ पन पतर क भज ा वक हम ा ि पा प कषम ा ह सको तावक यवि हम उस पि भि सा क िो त हम ा ि पा प कषम ा ह सको औि ज ब हम उ स अ नभ ि पि आत ह ो जब हम ऐसी कषम ा क ल ि ए यी ि म सी ह क ी ओि वफित ह ो त एक अत ल य िा नद नत क ा अ हसास ह त ा ह सो सा ि क सा थ सही ह न क ा अहसा स कय ोवक यह ि ा सत ि म ो सो सा ि क सा थ सही ह न ा

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ह हम अ चा नक महस स क ित ह ो व क हम ो इ सक ल ि ए ही ब न ा या ग या ह हम ो पिम शवि क सा थ सही सो बो ध म ो िहन क ल ि ए बन ा या ग या ह उ स पि हम पहचा नत ह ो

डा ट ा म शरन ि

अब जबमक हम पाप की िमा की धमगचशिा क दि चक ह त हम मवशवास क अरल सतर क दिन क चलए तयार ह दह का पनरतथान

पनर तथान

परररत क मवशवास-कथन क इन शबद क याद कर

म ो

ि ह क पन रत थ ा न म ो वि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर हम सटपि ह न की आवशयकता ह मक मवशवास-कथन यीश क पनरतथान क बार म बात नही कर रहा ह यीश का पनरतथान मवशवास-कथन म पहल आता ह जब यह कहता ह मक यीश मतक म स तीसर मदन जी उठा जब मवशवास-कथन दह क पनरतथान क बार म बात करता ह त इसक मन म सामानय पनरतथान ह-मसीह क ममहमा म आरमन पर सार ल र का पनरतथान

हम दह क सामानय पनरतथान क तीन चरण म दिर पहला हम सराप क दिर चजसक पररणामसटवरप हमारी दह म मतय आती ह दसरा हम बतायर मक मसीही ससमाचार हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करता ह और तीसरा हम दिर मक अनत म मकस परकार हमारी दह का छटकारा ह रा आइए सराप स शर कर ज हमारी दह म मतय क लाता ह

सराप जसा हमन पवगवमतग अधयाय म दिा परमशवर न मनषय क शारीररक दह और रर-शारीररक पराण स

बनाया इबरामनय 412 और 1 चथसटसलनीमकय 523 क आधार पर कछ परमपराओ का मानना ह मक परतयक मनषय म पराण क अमतररि आतमा भी ह ती ह परनत लरभर 200 ऐस वचन ह चजन म हमार अमसटततव क सार आनतररक रर-शारीररक पहलओ क समपणग रप म बतान क चलए इनम स मकसी एक शबद का परय र मकया रया ह अत अचधकाश मसीमहय का मनषकषग ह मक पराण और आतमा द न शबद एक ही वासटतमवकता क बतात ह और मनषय मखयत कवल द भार स मनममगत ह दह और आतमा

पाप म मररन स पवग हमारी दह और हमारी आतमा पर पाप और इसकी भरि शमिय का क ई परभाव नही था परनत जब आदम और हववा पाप म मरर रए त पाप न न कवल उनकी आतमाओ बमलक उनकी दह क भी भरि कर मदया और उनकी दह क दमषत ह न का अमनतम पररणाम उनकी शारीररक मतय थी उतपमतत 319 म आदम पर परमशवर क सराप क दि

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 17: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

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जहा हम सीित ह मक अययब मनरनतर अपन बचच क चलए मबचवई क बचलदान चढाया करता था और इस हम याकब 514 और 15 म दित ह जहा याकब न चसिाया मक कलीचसया क परमनए उन ल र क चलए िमा क परापत कर सकत ह चजनह न पाप मकया ह परमशवर मवशवासय गय ल र की मबचवई क पराथगना क जवाब म हमशा िमा परदान नही करता ह परनत बहत बार वह ऐसा करता ह

और इस परकार की मानवीय मबचवई स बढकर पतर और पमवतर आतमा द न ल र क चलए मधयसटथता करत ह यीश दवारा की जान वाली मधयसटथता क बार म यशायाह 5312 र ममय 834 और इबरामनय 725 जस सटथान पर बताया रया ह और आतमा की मधयसटथता क बार म र ममय 826 और 27 म चसिाया रया ह

िमा क साधन की दसरी सामानय शणी पमवतर ससटकार ह या चजनह आधमनक पर टसटटनट कलीचसयाए-मवधान कहती ह मखयत बपमतसटमा और परभ भ ज

अब जब हम ससटकार शबद का परय र करत ह त हम इस बात क सटपि करन की आवशयकता ह मक हम परभ भ ज और बपमतसटमा क बार म र मन कथ चलक कलीचसया क मवचार की बात नही कर रह ह बमलक ससटकार शबद का परय र बहत सी पर टसटटनट ससटथाओ दवारा ऐमतहाचसक रप स परभ भ ज और बपमतसटमा क चलए मकया जाता रहा ह य समार ह मवशष पमवतर मवधान ह चजनह परमशवर न हमार मवशवास क अमभवयि करन और उसकी आशीष क पान क साधन क रप म कलीचसया क उपलबध कराया इन मवधान क कायग मववरण क बार म पर टसटटनट परमपराओ म मतभद ह परनत व सब इस बात स सहमत ह मक य मकसी तरह मवशष ह

कई बार मसीमहय क सनदह ह ता ह जब व दसर क परभ भ ज और बपमतसटमा क िमा क साधन क रप म बतात हए सनत ह अत इस बात पर बल दना महतवपणग ह मक हम यह नही कह रह ह मक इन मवधान म ऐसी क ई य गयता नही ह ज उनह परभावी बनाती ह य िमा का आधार नही ह

साथ ही बाइबल चसिाती ह मक जब हम परभ भ ज और बपमतसटमा क दवारा अपन मवशवास क अमभवयि करत ह त पमवतर आतमा हमार जीवन म िमा क लार करन क चलए इन मवधान का परय र करता ह

बपमतसटमा क मरकस 14 परररत क काम 238 र ममय 61-7 और कलमसटसय 212-14 जस पदयाश म अनगरह का साधन बताया रया ह

एक उदाहरण क रप म परररत क काम 2216 म पौलस स कह रए हननयाह क शबद क सन

अ ब क य ो ि ि क िता ह उ ठ बपव त स म ा ि औि उ सक ा ना म ि क ि अ पन पा प ो क ध डा ि (परर ित ो क क ाम 2216)

इन मनदश म हननयाह न सकत मदया मक बपमतसटमा क दवारा पौलस क पाप क िमा मकया या- ध मदया जाएरा

अब मनसटसनदह बपमतसटमा िमा का एक आवशयक साधन नही ह हम दसर तरीक स भी िमा ममल सकती ह जस यीश क साथ करस पर चढाए रए मवशवास करन वाल उस राक न कभी बपमतसटमा नही चलया था मिर भी लका 2343 सकत दता ह मक उस िमा मकया रया और उसन उदधार पाया अत हम यह स चन की रलती नही करनी चामहए मक िमा और उदधार कवल उन ल र क चलए उपलबध ह चजनह न बपमतसटमा ल चलया ह मिर भी पमवतर-वचन इस पणगत सटपि करता ह मक बपमतसटमा साधारणत हमार जीवन म िमा क लार करन क साधन क रप म कायग करता ह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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और परभ भ ज का भी यही सतय ह पौलस न सटपि रप स चसिाया मक परभ भ ज म भार लना मसीह की मतय क लाभ जस िमा क परापत करन का माधयम ह दि 1 कररमनथय 1016 म उसन कया चलिा ह

िह धनयिाि क ा क ट िा लजस पि हम धनयि ा ि क ित ह ो क या म सी ह क ि ह क ी सहभ ा व गत ा नही ो ि ह ि ट ी लजस हम त डत ह ो क या ि ह म सीह क ी ि ह क ी सहभ ा व गत ा न ही ो (1 कर िनद नथ य ो 1016)

य अलकाररक परशन थ पौलस की पमतरय क पढन वाला परतयक वयमि जानता था मक उनका उततर था -हा मनसटसनदह मवशवास क साथ परभ भ ज म भार लन क दवारा हम मसीह क साथ एक ह त ह

पाप की िमा उदधार की एक महान आशीष ह चजस हम अपन समपणग मसीही जीवन क दौरान अनभव करत ह चाह हम नय मसीही ह या जीवन भर स मवशवासी रह ह िमा मसीह क साथ हमारी चाल का एक सतत पहल ह और इसक पररणामसटवरप बहत सी अनय आशीष भी ममलती ह

जान वसटली मथ मरसटट कलीचसया क ससटथापक ज 1703 स 1791 क बीच रह न अपन सनदश सखया 26 म िमा क बार म बताया चजस म उनह न पहाडी उपदश की वयाखया की दि मक उनह न वहा कया कहा

पा प ो क ी कषम ा पा त ही हम इ सी परक ा ि उ न क साथ ब हत कछ पा त ह ो ज व ि शवास क दवा िा ज उ स म ो ह पव ितर वक ए ग ए ह ो पा प अ पन ी सा मथय ख चक ा ह इसक ा उन पि क ई अ ल धक ा ि न ही ो ह ज अनगर ह यावन पिम शवि की परसननत ा क अ धी न ह ो क य ोवक ज म सी ह म ो ह ो उ न पि क ई ि णड क ी आजञा न ही ो ह इ सल ि ए ि पा प क सा थ -साथ गि ा व न स भ ी म ि वक ए ग ए ह ो व यि सथ ा क ी धा वमय क त ा उ नम ो प िी हई ह औि ि ििीि क अ न सा ि न ही ो पिनत आतम ा क अ न सा ि चित ह ो

म ो स चता ह पा प ो क ी कषमा एक परक ा ि स म सी व हय ो क रप म ो हमा िी सि ा यल धक अ नम ि ि ा सत व िकत ा ह म िभ त रप स हम ा ि पा प ो क कषमा क िन क ा अथय ह पिम शवि हम ा ि सवषट कत ा य क साथ सही सो बो ध म ो िहन ा आज ज ब हम सो सा ि क िख त ह ो हम पा त ह ो वक ि ग अ थय महत ि उ दद शय क ी ख ज म ो ह ो औि हम ा िी सो सक वत म ो अ त यल धक अ समो जस ह ज ीि न क या ह ज ी न क ा क ा िण क या ह म ो यहा क य ो ह औि इ सल ि ए ि ग अथय औि म हति क ख ज न क ल ि ए हि त िह स परया स क ित ह ो-वफि चा ह ि अ पन ी न ौ किी का पी छ ा क िो या ि ोव गकत ा या म ा िक पि ा थ ो क ा म िा मत िब ह व क ि ग ख िी औि आन नि क पा न क लि ए हि त िह क सथ ा न ो औि म ा गो म ो परयास क ि िह ह ो पिनत ससम ा चा ि हम ो बत ा ता ह वक म न षय ो क रप म ो हम ा िी म िभ त आि शयकत ा अ पन सवषटक त ा य क सा थ सही सो बो ध म ो िहन ा ह उ सक सा थ ल ज सन हम ो ब न ा या ह ससम ा चा ि ब त ात ा ह व क पिम शवि न अ पन पतर यी ि म सी ह क भ ज ा वक ि ह हम ा ि पा प ो क ा परा यल ित कि पिम शवि क कर ध क ि ि कि पिम शवि न अ पन परम म ो अ पन पतर क भज ा वक हम ा ि पा प कषम ा ह सको तावक यवि हम उस पि भि सा क िो त हम ा ि पा प कषम ा ह सको औि ज ब हम उ स अ नभ ि पि आत ह ो जब हम ऐसी कषम ा क ल ि ए यी ि म सी ह क ी ओि वफित ह ो त एक अत ल य िा नद नत क ा अ हसास ह त ा ह सो सा ि क सा थ सही ह न क ा अहसा स कय ोवक यह ि ा सत ि म ो सो सा ि क सा थ सही ह न ा

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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ह हम अ चा नक महस स क ित ह ो व क हम ो इ सक ल ि ए ही ब न ा या ग या ह हम ो पिम शवि क सा थ सही सो बो ध म ो िहन क ल ि ए बन ा या ग या ह उ स पि हम पहचा नत ह ो

डा ट ा म शरन ि

अब जबमक हम पाप की िमा की धमगचशिा क दि चक ह त हम मवशवास क अरल सतर क दिन क चलए तयार ह दह का पनरतथान

पनर तथान

परररत क मवशवास-कथन क इन शबद क याद कर

म ो

ि ह क पन रत थ ा न म ो वि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर हम सटपि ह न की आवशयकता ह मक मवशवास-कथन यीश क पनरतथान क बार म बात नही कर रहा ह यीश का पनरतथान मवशवास-कथन म पहल आता ह जब यह कहता ह मक यीश मतक म स तीसर मदन जी उठा जब मवशवास-कथन दह क पनरतथान क बार म बात करता ह त इसक मन म सामानय पनरतथान ह-मसीह क ममहमा म आरमन पर सार ल र का पनरतथान

हम दह क सामानय पनरतथान क तीन चरण म दिर पहला हम सराप क दिर चजसक पररणामसटवरप हमारी दह म मतय आती ह दसरा हम बतायर मक मसीही ससमाचार हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करता ह और तीसरा हम दिर मक अनत म मकस परकार हमारी दह का छटकारा ह रा आइए सराप स शर कर ज हमारी दह म मतय क लाता ह

सराप जसा हमन पवगवमतग अधयाय म दिा परमशवर न मनषय क शारीररक दह और रर-शारीररक पराण स

बनाया इबरामनय 412 और 1 चथसटसलनीमकय 523 क आधार पर कछ परमपराओ का मानना ह मक परतयक मनषय म पराण क अमतररि आतमा भी ह ती ह परनत लरभर 200 ऐस वचन ह चजन म हमार अमसटततव क सार आनतररक रर-शारीररक पहलओ क समपणग रप म बतान क चलए इनम स मकसी एक शबद का परय र मकया रया ह अत अचधकाश मसीमहय का मनषकषग ह मक पराण और आतमा द न शबद एक ही वासटतमवकता क बतात ह और मनषय मखयत कवल द भार स मनममगत ह दह और आतमा

पाप म मररन स पवग हमारी दह और हमारी आतमा पर पाप और इसकी भरि शमिय का क ई परभाव नही था परनत जब आदम और हववा पाप म मरर रए त पाप न न कवल उनकी आतमाओ बमलक उनकी दह क भी भरि कर मदया और उनकी दह क दमषत ह न का अमनतम पररणाम उनकी शारीररक मतय थी उतपमतत 319 म आदम पर परमशवर क सराप क दि

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 18: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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और परभ भ ज का भी यही सतय ह पौलस न सटपि रप स चसिाया मक परभ भ ज म भार लना मसीह की मतय क लाभ जस िमा क परापत करन का माधयम ह दि 1 कररमनथय 1016 म उसन कया चलिा ह

िह धनयिाि क ा क ट िा लजस पि हम धनयि ा ि क ित ह ो क या म सी ह क ि ह क ी सहभ ा व गत ा नही ो ि ह ि ट ी लजस हम त डत ह ो क या ि ह म सीह क ी ि ह क ी सहभ ा व गत ा न ही ो (1 कर िनद नथ य ो 1016)

य अलकाररक परशन थ पौलस की पमतरय क पढन वाला परतयक वयमि जानता था मक उनका उततर था -हा मनसटसनदह मवशवास क साथ परभ भ ज म भार लन क दवारा हम मसीह क साथ एक ह त ह

पाप की िमा उदधार की एक महान आशीष ह चजस हम अपन समपणग मसीही जीवन क दौरान अनभव करत ह चाह हम नय मसीही ह या जीवन भर स मवशवासी रह ह िमा मसीह क साथ हमारी चाल का एक सतत पहल ह और इसक पररणामसटवरप बहत सी अनय आशीष भी ममलती ह

जान वसटली मथ मरसटट कलीचसया क ससटथापक ज 1703 स 1791 क बीच रह न अपन सनदश सखया 26 म िमा क बार म बताया चजस म उनह न पहाडी उपदश की वयाखया की दि मक उनह न वहा कया कहा

पा प ो क ी कषम ा पा त ही हम इ सी परक ा ि उ न क साथ ब हत कछ पा त ह ो ज व ि शवास क दवा िा ज उ स म ो ह पव ितर वक ए ग ए ह ो पा प अ पन ी सा मथय ख चक ा ह इसक ा उन पि क ई अ ल धक ा ि न ही ो ह ज अनगर ह यावन पिम शवि की परसननत ा क अ धी न ह ो क य ोवक ज म सी ह म ो ह ो उ न पि क ई ि णड क ी आजञा न ही ो ह इ सल ि ए ि पा प क सा थ -साथ गि ा व न स भ ी म ि वक ए ग ए ह ो व यि सथ ा क ी धा वमय क त ा उ नम ो प िी हई ह औि ि ििीि क अ न सा ि न ही ो पिनत आतम ा क अ न सा ि चित ह ो

म ो स चता ह पा प ो क ी कषमा एक परक ा ि स म सी व हय ो क रप म ो हमा िी सि ा यल धक अ नम ि ि ा सत व िकत ा ह म िभ त रप स हम ा ि पा प ो क कषमा क िन क ा अथय ह पिम शवि हम ा ि सवषट कत ा य क साथ सही सो बो ध म ो िहन ा आज ज ब हम सो सा ि क िख त ह ो हम पा त ह ो वक ि ग अ थय महत ि उ दद शय क ी ख ज म ो ह ो औि हम ा िी सो सक वत म ो अ त यल धक अ समो जस ह ज ीि न क या ह ज ी न क ा क ा िण क या ह म ो यहा क य ो ह औि इ सल ि ए ि ग अथय औि म हति क ख ज न क ल ि ए हि त िह स परया स क ित ह ो-वफि चा ह ि अ पन ी न ौ किी का पी छ ा क िो या ि ोव गकत ा या म ा िक पि ा थ ो क ा म िा मत िब ह व क ि ग ख िी औि आन नि क पा न क लि ए हि त िह क सथ ा न ो औि म ा गो म ो परयास क ि िह ह ो पिनत ससम ा चा ि हम ो बत ा ता ह वक म न षय ो क रप म ो हम ा िी म िभ त आि शयकत ा अ पन सवषटक त ा य क सा थ सही सो बो ध म ो िहन ा ह उ सक सा थ ल ज सन हम ो ब न ा या ह ससम ा चा ि ब त ात ा ह व क पिम शवि न अ पन पतर यी ि म सी ह क भ ज ा वक ि ह हम ा ि पा प ो क ा परा यल ित कि पिम शवि क कर ध क ि ि कि पिम शवि न अ पन परम म ो अ पन पतर क भज ा वक हम ा ि पा प कषम ा ह सको तावक यवि हम उस पि भि सा क िो त हम ा ि पा प कषम ा ह सको औि ज ब हम उ स अ नभ ि पि आत ह ो जब हम ऐसी कषम ा क ल ि ए यी ि म सी ह क ी ओि वफित ह ो त एक अत ल य िा नद नत क ा अ हसास ह त ा ह सो सा ि क सा थ सही ह न क ा अहसा स कय ोवक यह ि ा सत ि म ो सो सा ि क सा थ सही ह न ा

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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ह हम अ चा नक महस स क ित ह ो व क हम ो इ सक ल ि ए ही ब न ा या ग या ह हम ो पिम शवि क सा थ सही सो बो ध म ो िहन क ल ि ए बन ा या ग या ह उ स पि हम पहचा नत ह ो

डा ट ा म शरन ि

अब जबमक हम पाप की िमा की धमगचशिा क दि चक ह त हम मवशवास क अरल सतर क दिन क चलए तयार ह दह का पनरतथान

पनर तथान

परररत क मवशवास-कथन क इन शबद क याद कर

म ो

ि ह क पन रत थ ा न म ो वि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर हम सटपि ह न की आवशयकता ह मक मवशवास-कथन यीश क पनरतथान क बार म बात नही कर रहा ह यीश का पनरतथान मवशवास-कथन म पहल आता ह जब यह कहता ह मक यीश मतक म स तीसर मदन जी उठा जब मवशवास-कथन दह क पनरतथान क बार म बात करता ह त इसक मन म सामानय पनरतथान ह-मसीह क ममहमा म आरमन पर सार ल र का पनरतथान

हम दह क सामानय पनरतथान क तीन चरण म दिर पहला हम सराप क दिर चजसक पररणामसटवरप हमारी दह म मतय आती ह दसरा हम बतायर मक मसीही ससमाचार हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करता ह और तीसरा हम दिर मक अनत म मकस परकार हमारी दह का छटकारा ह रा आइए सराप स शर कर ज हमारी दह म मतय क लाता ह

सराप जसा हमन पवगवमतग अधयाय म दिा परमशवर न मनषय क शारीररक दह और रर-शारीररक पराण स

बनाया इबरामनय 412 और 1 चथसटसलनीमकय 523 क आधार पर कछ परमपराओ का मानना ह मक परतयक मनषय म पराण क अमतररि आतमा भी ह ती ह परनत लरभर 200 ऐस वचन ह चजन म हमार अमसटततव क सार आनतररक रर-शारीररक पहलओ क समपणग रप म बतान क चलए इनम स मकसी एक शबद का परय र मकया रया ह अत अचधकाश मसीमहय का मनषकषग ह मक पराण और आतमा द न शबद एक ही वासटतमवकता क बतात ह और मनषय मखयत कवल द भार स मनममगत ह दह और आतमा

पाप म मररन स पवग हमारी दह और हमारी आतमा पर पाप और इसकी भरि शमिय का क ई परभाव नही था परनत जब आदम और हववा पाप म मरर रए त पाप न न कवल उनकी आतमाओ बमलक उनकी दह क भी भरि कर मदया और उनकी दह क दमषत ह न का अमनतम पररणाम उनकी शारीररक मतय थी उतपमतत 319 म आदम पर परमशवर क सराप क दि

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 19: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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ह हम अ चा नक महस स क ित ह ो व क हम ो इ सक ल ि ए ही ब न ा या ग या ह हम ो पिम शवि क सा थ सही सो बो ध म ो िहन क ल ि ए बन ा या ग या ह उ स पि हम पहचा नत ह ो

डा ट ा म शरन ि

अब जबमक हम पाप की िमा की धमगचशिा क दि चक ह त हम मवशवास क अरल सतर क दिन क चलए तयार ह दह का पनरतथान

पनर तथान

परररत क मवशवास-कथन क इन शबद क याद कर

म ो

ि ह क पन रत थ ा न म ो वि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर हम सटपि ह न की आवशयकता ह मक मवशवास-कथन यीश क पनरतथान क बार म बात नही कर रहा ह यीश का पनरतथान मवशवास-कथन म पहल आता ह जब यह कहता ह मक यीश मतक म स तीसर मदन जी उठा जब मवशवास-कथन दह क पनरतथान क बार म बात करता ह त इसक मन म सामानय पनरतथान ह-मसीह क ममहमा म आरमन पर सार ल र का पनरतथान

हम दह क सामानय पनरतथान क तीन चरण म दिर पहला हम सराप क दिर चजसक पररणामसटवरप हमारी दह म मतय आती ह दसरा हम बतायर मक मसीही ससमाचार हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करता ह और तीसरा हम दिर मक अनत म मकस परकार हमारी दह का छटकारा ह रा आइए सराप स शर कर ज हमारी दह म मतय क लाता ह

सराप जसा हमन पवगवमतग अधयाय म दिा परमशवर न मनषय क शारीररक दह और रर-शारीररक पराण स

बनाया इबरामनय 412 और 1 चथसटसलनीमकय 523 क आधार पर कछ परमपराओ का मानना ह मक परतयक मनषय म पराण क अमतररि आतमा भी ह ती ह परनत लरभर 200 ऐस वचन ह चजन म हमार अमसटततव क सार आनतररक रर-शारीररक पहलओ क समपणग रप म बतान क चलए इनम स मकसी एक शबद का परय र मकया रया ह अत अचधकाश मसीमहय का मनषकषग ह मक पराण और आतमा द न शबद एक ही वासटतमवकता क बतात ह और मनषय मखयत कवल द भार स मनममगत ह दह और आतमा

पाप म मररन स पवग हमारी दह और हमारी आतमा पर पाप और इसकी भरि शमिय का क ई परभाव नही था परनत जब आदम और हववा पाप म मरर रए त पाप न न कवल उनकी आतमाओ बमलक उनकी दह क भी भरि कर मदया और उनकी दह क दमषत ह न का अमनतम पररणाम उनकी शारीररक मतय थी उतपमतत 319 म आदम पर परमशवर क सराप क दि

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 20: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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त अ पन म ाथ क पसी न क ी ि टी ख ा या क िग ा औि अ नत म ो वम टट ी म ो व मि जा एग ा क य ोवक त उ सी म ो स व नक ा ि ा ग या ह त व म टटी त ह औि वम टटी ही म ो व फि वम ि ज ा एग ा (उ त पवतत 319)

जब आदम और हववा न परमशवर क मवरदध पाप मकया त उसन द न क सराप मदया और उसक सराप का एक भार था मक व मरणहार ह र व अनत म मर कर ममटटी म ममल जायर और चमक सार मनषय आदम और हववा की सनतान ह इसचलए हम सब उसी द ष क साथ उतपनन ह त ह जस पौलस न र ममय 512 म चलिा

इ सल ि ए ज सा एक मन ष य क दव ािा पा प ज ग त म ो आया औि पाप क दव ा िा मत य आई औि इ स िीव त स मत य सब मनष य ो म ो फ ि गई इ सल ि ए वक सब न पा प वक या (ि वम य ो 512)

पाप न आदम और हववा क आमतमक और शारीररक द न परकार स परभामवत मकया और हम उनकी पराकमतक सनतान ह इसचलए हम पर भी वही शाप ह हमारी आतमाए इस ससार म ऐसी अवसटथा म परवश करती ह चजस बाइबल आमतमक मतय कहती ह हम परमशवर क दणर क अधीन ह और हमन उस परसनन करन की सारी य गयता क ि मदया ह इसक बार म हम र ममय 512-19 और 81-8 जस पदयाश म पढत ह

और आदम और हववा क समान ही हमारी दह भी पाप क कारण दमषत ह रई ह इसका पररणाम शारीररक कि बीमारी और अनतत मतय ह पौलस न र ममय 612-19 और 74-25 म इसक बार म बात की पाप हमार समपणग अमसटततव दह और आतमा क भरि कर दता ह परनत परमशवर का अदभत वायदा ह मक मसीह म उदधार हमारी आतमाओ और दह द न क छटकारा परदान करता ह

म सी व हय ो क म ान ि ी य मत य क सा धा िण ह न क रप म ो न ही ो ि ख ना चा व हए हम अ पन ी भा षा म ो अक सि इस परक ा ि क ा वि चा ि परकट क ित ह ो क ई ब ा ि अ नद नत म सो स का ि क सम य हम व कसी क बा ि म ो क हत ह ो ldquoउ सन एक अच छ ा औि ि मब ा जी ि न व ब त ाया rdquo औि क िि वक सी बचच या व क सी बी स या त ी स सा ि क वयव ि क ी मत य पि ही सो भ ित हम यह क हत ह ो ldquoओह यह भ यान क ह rdquo नही ो यह ि ा सत ि म ो म ा न िी य म त य क ब ा ि म ो उल चत म सी ही वि चा ि न ही ो ह म ान ि ी य मत य क ा मसी ही व ि चा ि हि म त य क अ साम ा नय म ा नत ा ह हम ो िरआत स सि ा त क ज ी न क लि ए बन ा या ग या थ ा आप स च ो व क क स सव षट क अ व भि ख म ो भ ी सा ति ो वि न पिम शवि व ि शराम क ित ा ह िह अ पन ी सवषट क साथ प णय आन नि म ो परि ि किग ा तब हम उ सकी म वहम ा क ल ि ए ज ीत औि सव षट क वन यम क प िा क ित हम ो क भ ी म िन क ल ि ए न ही ो ब ना या ग या थ ा पिनत इ सक ब ज ा य पा प क ी मज ि िी इ स सो सा ि म ो पा प क ा परि ि उ त पवतत 3 पाप क ा परिणाम परर ित पौ िस क हता ह औि उत पव तत 2 म ो बता या ग या ह व क म तय ह म त य ज िा िीर िक ह मत य ज आनद त मक भी ह

डा नद स ट फन िि म

एक अथग म शारीररक मतय मवशवाचसय क चलए एक आशीष ह कय मक हम सीध मसीह की उपमसटथमत म चल जात ह परनत मलभत अथग म शारीररक मतय दःिद ह यह एक वचशवक मानवीय अनभव ह परनत

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 21: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यह भयानक रप स अपराकमतक भी ह परमशवर न मनषय क मरन क चलए नही बनाया उसन हम जीन क चलए बनाया था और हमारा उदधार तब तक पणग नही ह रा जब तक मक मसीह लौटकर हमारी दह का छटकारा न कर

हमारी दह म मतय लान वाल शाप क दिन क बाद आइए हम ससमाचार क पहलओ की ओर मिर ज हमार पनरतथान क समनचित करत ह

ससम ाचाि हम म स मकतन ल र ऐस मसीमहय क जानत ह चजनका मवशवास ह मक व अननतकाल तक सटवरग म

मबना दह की आतमाओ क रप म रहर सभवत कछ स जयादा यह सनन म अजीब लर सकता ह मक मतक क पनरतथान की धमगचशिा कछ आधमनक कलीचसयाओ म लरभर पणगत अनजानी ह और इसका एक कारण ह मक मसीही अकसर अपनी मानवीय दह क महतव क समझन म असिल ह जात ह परनत पमवतर-वचन सटपि रप स इस अचछी िबर क चसिाता ह मक मसीह क आरमन पर न कवल हमारी आतमाए बमलक हमारी दह भी ममहमा पायरी

हम तीन मदद क दिन क दवारा इस मवचार क दिर मक दमहक पनरतथान ससमाचार का महसटसा ह पहला हम इस धमगचशिा की परान मनयम की पषठभमम का वणगन करर दसरा हम दिर मक नय मनयम म इसकी सटपि घ षणा की रई ह और तीसरा हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध क बार म बात करर आइए हम परान मनयम स शर करत ह

पिाना वनय म बहत स आधमनक मसीही इस नही पहचानत ह परनत ससमाचार शबद चजसका अथग ह अचछा

समाचार वासटतव म परान मनयम स आता ह मवशषत इस हम यशायाह 527 और 611 और नहम 115 म पात ह एक उदाहरण क रप म यशायाह 527 क दि

पहा ड ो पि उसक पा ि क या ही सहा ि न ह ो ज िभ सम ा चा ि ि ात ा ह ज िानदनत क ी ब ा त ो सन ात ा ह औि कल या ण का िभ सम ा चा ि औि उ दधा ि का सनि ि ित ा ह ज ल सयय न स क हत ा ह त िा पिमशवि िा ज य क िता ह (यिा या ह 527)

परान मनयम म शभ समाचार या ससमाचार था मक परमशवर अपन और उनक शतरओ क हराकर अपन ल र की रिा कररा सकीणग अथग म ससमाचार यह था मक परमशवर अपन ल र क पथवी पर उनक शतरओ क दमन स छटकारा दरा परनत वहततर अथग म यह शभ समाचार था मक परमशवर उन सार शाप क उलट दरा ज आदम और हववा क पाप म मररन क कारण आए वह अपन ममहमामय सटवरीय राजय क परी पथवी पर सटथामपत कररा और अनतत हर वयमि क आशीष दरा चजसन उसम भर सा रिा था

मनसटसनदह परान मनयम म परमशवर दवारा उपलबध करवाया रया उदधार मसीह की भावी जीत पर आधाररत था यदयमप अब तक मसीह पाप क चलए मरन नही आया था परनत उसन पहल स ही अपन ल र की िामतर मरन का वायदा मकया था और वह वायदा उनक उदधार क समनचित करन क चलए पयागपत था वासटतव म परान मनयम म उदधार की परतयक आशा मसीह और उसक दवारा कायग की समामपत की ओर सकत करती थी

दि इबरामनय 101-5 परान मनयम क बचलदान क मकस परकार वणगन करता ह

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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चलचचतर अधययन मारगदचशगका एव कई अनय ससाधन क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 22: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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क य ोवक व यि स था ल ज स म ो आनि ा ि ी अच छी ि सत ओ ो क ा परव तवब मब ह पि उ न क ा अ सि ी सि रप न ही ो क य ोवक अ न ह न ा ह व क ब ि ो औि बक ि ो क ा ि ह पा प ो क ि ि क ि इ सी क ा िण म सी ह ज गत म ो आत सम य क हत ा ह वक ब लि ि ान औि भ ोट त न न चाही पि म ि लि ए एक ि ह त या ि व क या (इ बरा व न य ो 101-5)

इबरामनय क लिक न सकत मदया मक परान मनयम क बचलदान कवल उस वासटतमवकता की छाया थ ज बाद म मसीह म पणग हई पशओ का बचलदान कभी भी पाप का चसदध परायचित नही था कय मक परमशवर की मार थी मक मनषय क पाप का दणर मनषय की मतय स ममल परनत व यीश की ओर सकत कर सकत थ और उनह न ऐसा मकया चजस की पणगत मानवीय मतय पाप क चलए पयागपत रप स चसदध और परभावी परायचित था

ससमाचार क भार क रप म परान मनयम म परमशवर क ल र क चसिाया रया मक एक मदन आ रहा ह जब परमशवर सार मतक क चजनदा कररा और उनक कायो क चलए उनका नयाय कररा चजनह न परमशवर पर मवशवास रित हए धाममगकता का जीवन मबताया व अननत आशीष क परापत करर परनत चजनह न परमशवर क मवरदध बलवा मकया उनह अननतकालीन दणर ममलरा य द न पररणाम दमहक रप म अननतकाल तक रहर मसीही धमगमवजञानी इस घटना क आमतौर पर अमनतम नयाय कहत ह

जसा हमन एक मपछल अधयाय म दिा परररत का मवशवास-कथन अमनतम नयाय क इन शबद म बताता ह

ज हा स ि ह जी व ित ो औि म तक ो क ा नया य क िन क ल ि ए आएग ा

इस मवचार का सभवत सबस सटपि कथन मक अमनतम नयाय म दह का पनरतथान शाममल ह दामनययल अधयाय 12 म दिा जा सकता ह जहा एक सटवरगदत न दामनययल पर परकट मकया मक भमवषय म परमशवर उसक ल र क दमन स छटकारा दरा

दि दामनययल 121 और 2 म दामनययल स कया कहा रया

उ स सम य ति ि ग ो म ो ल जत न ो क न ाम पिम शवि क ी पस तक म ो ल ि ख हए ह ो ि ब च व न कि ोग औि ज भ वम क न ीच स ए िह ोग उ न म ो स ब हत स ि ग जा ग उ ठो ग वक त न त सिा क ज ी िन क ल ि ए औि व कत न अ पन ी न ा म धिा ई औि सि ा त क अत यनत व घ न ौन ठहिन क ल ि ए (ि ाव न ययि 121-2)

दामनययल न मवशषत दह क पनरतथान की ओर सकत मकया जब उसन भमम क नीच स ए हओ क बार म बात की आतमाए भमम क नीच नही स ती ह दह स ती ह और उन दह क अमनतम नयाय क मदन चजनदा मकया जाएरा

यशायाह न भी नयाय क मदन क बार म बताया चजस म सामानय पनरतथान शाममल ह दि उसन यशायाह 2619-21 म कया चलिा ह

त ि म ि हए ि ग ज ीव ित ह ोग म ि उ ठ खड ह ोग ह व म टटी म ो ब सनि ा ि जागक ि ज यज यक ा ि क ि पथि ी अपन म ि ो क ि ौट ा िग ी ि ख यह ि ा पथि ी क व न ि ा ल सय ो क अ धमय क ा ि ण ड ि न क ल ि ए अ पन स थ ान स चि ा आत ा ह (यिा याह 2619-21)

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 23: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

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एक बार मिर हम दित ह मक मतक ज ममटटी म बसत ह व नय जीवन क साथ अपनी कबर म स उठ िड ह र जस मक पथवी उनह जनम द रही ह और यह नयाय क सनदभग म ह रा जब यह वा पथवी क मनवाचसय क उनक पाप का दणर दन क चलए आएरा

मतक क पनरतथान की धमगचशिा कई परान मनयम क पदयाश म भी मनमहत ह ज अमनतम नयाय और परमतिल क सनदभग म अध ल क स छटकार क बार म बतात ह जस भजन 497-15 भजन 7324-28 इतयामद और अययब 1925-27 म अययब न मनियपवगक अपन मवशवास क अमभवयि मकया मक जब यह वा नयाय क मदन पथवी पर िडा ह रा त पनरतथान परापत करक उसका दशगन पाएरा

भ ा ि ी पनरत था न औि नयाय पिा न व न यम म ो इत न ा स पषट न ही ो ह ल ज त ना वक न य वन यम म ो पिनत व न ल ित रप स पिान व न यम म ो इस बा त क सो क त ह ो वक यह ह न ि ा ि ा ह उ ि ा हिण क लि ए यिाया ह एक ऐस सम य क ब ा ि म ो ब त ात ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग अ पन ी क बर ो स ब ा हि आ ज ा य ोग ि ा व न ययि भी ऐस ही एक सम य क बा ि म ो बत ा त ा ह ज ब म तक ज ी उ ठो ग धम ी औि ि षट ि न ो अन नत नया य क लि ए ज ी उ ठो ग अ त यह एक ऐसा वि शवा स ह ज क छ यह व ि य ो क ब ी च उ त पनन हआ साि यह व ि य ो म ो न ही ो यीि क सम य क फिी सी पनरतथ ा न म ो व ि शवास कित थ सि क ी पन रत था न पि वि शवा स न ही ो क ित थ पिनत यी ि स ि यो ज ब सि की उ सक पा स आकि प छ त ह ो व क क या ऐसा ह औि ि इस म खय ता सा वब त क िन क लि ए उस स एक चा िा क ी भिा सिा ि प छ त ह ो त यी ि ि ा सत ि म ो उ स पद ाो ि क उ दध त क ित ा ह ज ब पिम शवि क हता ह ldquo म ो अबर ा हम क ा पिम शवि इ सहाक क ा पिमशवि औि या क ब क ा पिम शवि ह rdquo औि यी ि क हत ा ह ldquo(पिम शवि) म ि हओ ो क ा न ही ो ब नद लक जी व ित ो क ा पिम शवि ह rdquo जब पिम शवि व कसी व यव ि क सा थ ि ा चा क ा सो बो ध ब ना त ा ह त यह ि ास ति म ो उ स व यव ि क सा थ व न ज ी सो बो ध ह औि यवि अ बरा हम म िन क ब ाि यवि व फि क भ ी न ज ी उ ठन ि ा ि ा ह त यह क हन क ा क ई मत िब न ही ो ह वक पिम शवि न अबर ा हम क सा थ सि ाक ाि क ी ि ा चा ब ा नधी ह अ त इ सक ा म ति ब ह वक न या व न यम अ परिि तय नी य रप स पनरत थान क ी धमय ल िकषा क परवत समव पय त ह औि व नस सनि ह यीि का पनरत थान उ स पि अ नद नतम म हि ि ग ा ता ह

डा ज ा न एम फरम

यह दिन क बाद मक सामानय पनरतथान परान मनयम म ससमाचार का महसटसा था अब आइए हम दि मक यह नय मनयम म भी ससमाचार क सनदश का महसटसा था

नया वनय म परान मनयम और नय मनयम की ससमाचार घ षणाओ म सबस बडा अनतर ह मक नय मनयम म

उदधारकताग अनतत आ चका था वह अनतत इमतहास म यीश नासरी क रप म परकट ह रया था परमशवर अब अपन पतर यीश क दवारा राजय कर रहा था इसी कारण नया मनयम अकसर इस बात पर बल दता ह मक यीश परभ ह यामन वह राजय करन वाला राजा ह इस हम लका 211 परररत क काम 236 र ममय 109 और 1 कररमनथय 123 जस सटथान पर दित ह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 24: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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उ दध ा ि पिान औि न य व न यम म ो सम ा न रप स आता ह पिम शवि क परब नध क ि ा यि पि व ि शवा स क दव ा िा पिान व नयम म ो व ि शवा स औि न य व न यम म ो व िशवा स म ो पिम शवि क परवत व ि शवा स म ो अ नत ि न ही ो ह ब नद लक ि ह व ि ल िषटत ा ल जसक दव ा िा ि ा यि ा व ि या ग या ह पिा न व न यम म ो व ि शवा स म ि त प ि ह न िा ि ि ा यि क ा इ नत जाि क िना ह न य व न यम क ब ा ि स व ि शवास ल चनत न क ित हए पी छ क ी ओि कर स क िख ना ह एक िायि ा ज प िा ह ग या ह अ त इ न ि न ो म ो पिम शवि की ओि वन ि ल ित उ सक परब नध क ल ि ए वि शवा स िा व मि ह ल जस ि ह क िग ा औि हम प िा न ही ो क ि सकत ह ो

डा ि बटय जी ल ि सट ि

यीश म उदधार क परान मनयम क सार वायद पर ह रह ह जसा हमन इबरामनय 101-5 म दिा उसकी मतय वह यथाथग ह चजसकी ओर परान मनयम क बचलदान सकत करत ह और र ममय 158-13 और रलामतय 316 म पौलस न चसिाया मक यीश का ससमाचार परान मनयम म मपतर स मकए रए वायद क पणग करता ह इस परकार तथा और भी बहत सी रीमतय म नया मनयम परान मनयम क ससमाचार-शभ समाचार की पमि करता ह मक मवशवास क दवारा अनगरह स अपन ल र क उदधार दन क चलए मदवय राजा अनतत आ रया ह

यीश न चसिाया मक सामानय पनरतथान अमनतम नयाय क समय ह रा उदाहरण क चलए मतती 2223-32 और लका 2027-38 म उसन सदमकय दवारा सामानय पनरतथान क इनकार का िणरन मकया लका 1413 और 14 म उसन इस आधार पर मवशवाचसय क भलाई करन क चलए परररत मकया मक पनरतथान म उनह इसका परमतिल ममलरा और यहनना 1124-26 म लाजर की बहन माथाग क साथ बातचीत म उसन इस धमगचशिा की पमि की दि लका 2037 म यीश न कया कहा

म सा न भ ी झा डी क ी क थ ा म ो परक ट वक या ह वक मि हए ज ी उठत ह ो (ि क ा 2037)

यहा यीश न बल मदया की सामानय पनरतथान की धमगचशिा क परान मनयम म पहल ही परकट कर मदया रया था और इसी मवचार की समपणग नय मनयम म पमि की रई ह दभागगयवश कलीचसया की कई शािाओ म मतक क दमहक पनरतथान क अनदिा मकया जाता ह बहत स मसीही मानत ह मक हम अननतकाल क चलए दहरमहत आतमाओ क समान रहर परनत इबरामनय 61 और 2 म मतक क पनरतथान क मसीही मवशवास की मलभत धमगचशिाओ म स एक बताया रया ह और इबरामनय 1135 म मवशवाचसय क पनरतथान क भल काम क करन क चलए पररक क रप म बताया रया ह वासटतव म परररत न मनरनतर सकत मदया मक मसीही परान मनयम क पनरतथान क वायद पर मवशवास करत थ उदाहरण क चलए पतरस और यहनना न परररत क काम 41 और 2 म यह मकया और पौलस न परररत क काम 236-8 और 2414-21 म यह मकया एक उदाहरण क चलए दि पौलस न परररत क काम 2414 और 15 म मकस परकार अपनी सवकाई का बचाव मकया

यह म ो त ि साम न म ा न ित ा ह वक ल ज स पनथ क ि क पनथ कहत ह ो उ सी क ी िीवत पि म ो अ पन बा पि ा ि ो क पिम शवि क ी सि ा क ित ा ह औि ज ब ात ो व यि स था औि भवि ष यदव िा ओ ो क ी पस तक ो म ो ल ि ख ी ह ो उन सब क ी परत ी वत क ित ा ह औि पिम शवि स आिा िखत ा ह ज ि आप भ ी िख त ह ो व क धम ी औि अ धम ी ि न ो क ा ज ी उ ठन ा ह ग ा (परर ित ो क क ाम 2414-15)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 25: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा पौलस न सकत मदया मक अमनतम नयाय क समय सामानय पनरतथान की मसीही आशा ठीक उसी परकार ह जसी यहमदय की थी अनतर यह था मक मसीही मवशवास करत थ मक इस पनरतथान क मसीह दवारा पणग मकया जाएरा

हमार चलए यह समझना महतवपणग ह मक परमशवर की उदधार की य जना सदा स एक समान रही ह उसन पराचीन इसराएल क उदधार क चलए अलर तरीका और हमार उदधार क चलए अलर तरीका नही ठहराया उसन यहमदय क चलए उदधार का एक मारग और अनयजामतय क चलए दसरा मारग मनयि नही मकया पराना और नया मनयम द न अपनी चशिाओ म सरमठत ह और इसी कारण मसीही परान मनयम क अपन जीवन क चलए परमशवर का वचन मानत ह परमशवर क ल र का हमशा मवशवास क दवारा अनगरह स मसीह म उदधार हआ ह मसीही करणा और छटकार क उस दीघगकालीन इमतहास का महसटसा ह चजनह परमशवर न सदा अपन मवशवासय गय ल र क उपलबध करवाया ह और समपणग बाइबल-द न मनयम-हम इस अदभत सतय क बार म चसिात ह

हमन दिा मक परान मनयम और नय मनयम द न म ससमाचार म यह शभ समाचार शाममल था मक मतक का पनरतथान ह रा अब आइए हम मवशवाचसय क पनरतथान और यीश क पनरतथान क बीच सबध पर एक नजर राल

यीि का पनरतथा न नया मनयम चसिाता ह मक यीश क पनरतथान और मवशवाचसय क पनरतथान क बीच कम स कम द

बहत महतवपणग सबध ह पहला हम एक आशीमषत जीवन क चलए जी उठर मवशषत इसचलए कय मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह जस पौलस न र ममय 64 और 5 म चलिा

स उ स मत य का ब पवत सम ा पान स हम उसक सा थ गा ड ग ए त ा व क ज स म सी ह व पत ा क ी मव हमा क दव ा िा म ि हओ ो म ो स ल ज िा या ग या ि स ही हम भी न ए ज ीि न क ी सी चा ि चि ो क य ोवक यवि हम उस क ी म त य क ी सम ान त ा म उ सक सा थ जट ग ए ह ो त व न िय उ सक ज ी उ ठन की समान त ा म ो भ ी ज ट ज ा एो ग (ि वम य ो 64-5)

पौलस न चसिाया मक मवशवास क दवारा बपमतसटमा हम मसीह की मतय म एक बनाता ह चजसक पररणामसटवरप हमार पाप क कारण आया हआ कजग चकाया जाता ह परनत यह हम उसक पनरतथान क साथ भी एक बनाता ह चजसका पररणाम ह वतगमान जीवन म हमारी आतमाओ की पनउगतपमतत और भमवषय म हमारी दह का पनरतथान यीश क पनरतथान म हमारी एकता क बार म 1 कररमनथय 1521 और 22 मिचलमपपय 310-12 और कलमसटसय 212 जस सटथान म भी चसिाया रया ह

इस तथय क पररणामसटवरप मक हम यीश क साथ उसक पनरतथान म एक ह हमारा अपना पनरतथान मनचित ह दि पौलस न 1 कररमनथय 1520-23 म कया चलिा ह

पिनत सचम च म सी ह म ि ो म ो स ज ी उ ठा ह औि ज ा स ग ए ह ो उ न म ो पहिा फि हआ क य ोवक जब मन ष य क दवा िा मत य आई त म न षय ही क दव ा िा म ि हओ ो क ा पनरत थान भ ी आया पिनत हि एक अ पनी अ पन ी ब ािी स पहि ा फि म सीह वफि म सी ह क आन पि उ सक ि ग (1 क र िनद नथ य ो 1520-23)

यहा पौलस न यीश क पनरतथान क कटनी क पहल िल कहा चजस म व सब शाममल ह ज उसक ह

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 26: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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परान मनयम म परमशवर इसराएचलय स कहा मक व कटनी क पहल िल क उसक चलए बचलदान क रप म चढाए इस हम लवयवसटथा 2317 म दित ह य पहल िल समपणग कटनी का कवल पहला महसटसा ह त थ और व समपणग कटनी का परमतमनचधतव करत थ व एक परकार स रारणटी थ-कटनी का पहला महसटसा यह वा क दन क दवारा इसराएली अपन मवशवास क अमभवयि करत थ मक शष कटनी उनह परापत ह री यीश का पनरतथान हम दन क दवारा परमशवर न हम उसी परकार चजला उठान की अपनी पणग इचछा क परदमषगत मकया अत मवशवाचसय क रप म हम यह जानत हए अपन सटवय क भावी पनरतथान का भर सा कर सकत ह मक परमशवर न मसीह क पनरतथान क दवारा उस मदन क चलए हम पर म हर लराई ह

अब तक दह क पनरतथान क हमार अधययन म हमन हमारी दह म मतय क लान वाल शाप और हमारी दह क चलए जीवन की पशकश करन वाल ससमाचार क दिा अब हम यह दिन क चलए तयार ह मक वासटतव म हमारी दह क छटकार का अनभव कसा ह रा

छटकाि ा हम हमारी दह क छटकार क तीन चरण म दिर पहला मवशवाचसय दवारा पथवी पर वतगमान जीवन

म अनभव की जान वाली बात दसरा हमारी दह की मधयम अवसटथा चजसकी शरआत हमारी शारीररक मतय स ह ती ह और तीसरा पनरतथान का नया जीवन चजसकी शरआत मसीह क पन आरमन पर ह री आइए हम अपन वतगमान जीवन स शर कर

ितय मान जीिन यदयमप मसीही हमारी दह क छटकार क बार म अमनतम मदन म हमार पनरतथान क अथग म बात करत

ह परनत बाइबल वासटतव म चसिाती ह मक हमारी दह का उदधार पमवतर आतमा क हमार अनदर वास करन क साथ ही शर ह जाता ह जब हम पहली बार मवशवास म आत ह पमवतर आतमा क इस वास का र ममय 89-11 म वणगन मकया रया ह यदयमप इसस तरनत हमारी दह का पनरतथान नही ह ता ह परनत यह भमवषय म हमारी दह क पणग छटकार की रारणटी क साथ हम पर म हर लराता ह जसा पौलस न इमिचसय 113 और 14 म चसिाया

और हमारी दह पर जीवन भर मनरनतर पमवतर आतमा क वास का लाभ उठाती रहती ह मवशषत पमवतरीकरण की परमकरया क दवारा हमारी दह का पमवतरीकरण हमारी आतमा क पमवतरीकरण क समान ही ह पमवतर आतमा हम परमशवर क चलए अलर करता ह और हम शदध करता ह वह मनरनतर हमार जीवन भर हम पमवतर करता रहता ह जब वह उन पाप क िमा करता ह चजनह हम अपनी दह स करत ह और समनचित करता ह मक हम अपनी दह का परय र परमशवर क आदर क चलए कर इसका पररणाम यह ह ता ह मक हम अपनी दह स परमशवर का आदर करत ह जसा पौलस न 1 कररमनथय 620 म चसिाया और हम अपन शरीर क जीमवत बचलदान क रप म परमशवर क चढात ह जसा हम र ममय 121 म पढत ह

मधयम अिस था मवशवाचसय क वतगमान जीवन म हमार शरीर क छटकार की शरआत क बाद यह परमकरया हमारी

शारीररक मतय क दौरान जारी रहती ह जब हम मरत ह त हमारा शरीर कछ समय क चलए हमारी आतमा स अलर ह जाता ह इस अवसटथा

क अकसर मधयम अवसटथा कहा जाता ह-पथवी पर अब हमार जीवन और पनरतथान म हमार जीवन क बीच

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 27: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

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की अवसटथा मधयम अवसटथा क दौरान हमारी आतमा मसीह क साथ सटवरग म वास करती ह पमवतर-वचन इसक बार म मतती 173 और 2 कररमनथय 56-8 जस सटथान म बताता ह

हमारी आतमा सटवरग म ह ती ह जबमक शरीर पथवी पर रहता ह हमार शरीर अब भी पाप क कारण दमषत ह जसा इस तथय स सामबत ह ता ह मक वह सड जाता ह परनत वह पाप ज उनह दमषत करता ह अब उन पर पाप करन क चलए परभाव नही राल सकता ह एक मतय हम पाप की अधीनता स मि करती ह जसा पौलस न र ममय 62-11 म चसिाया दसरा हमार शरीर अचछ या बर मकसी भी मवचार कायग या भावना म अिम ह कर कबर म अचत अवसटथा म पड रहत ह

यदयमप हमार शरीर और आतमा मतय क समय अलपकाल क चलए अलर ह त ह परनत बाइबल कभी भी यह नही कहती ह मक मिर हमार शरीर हमारा महसटसा नही रहत ह चाह उनह दिनाया जाए या उनका दाह-ससटकार मकया जाए या ि जाए हमार शरीर मनरनतर हमारा महसटसा बन रहत ह बाइबल म इसक दजगन उदाहरण ह उदाहरण क चलए 1 शमएल 251 कहता ह मक शमएल क उसक घर म रामा म ममटटी दी रई 1 राजा 210 कहता ह मक दाऊद क दाऊद क नरर यरशलम म ममटटी दी रई और पर 1 और 2 राजा म और 2 इमतहास म बार-बार यही कहा रया ह मक यहदा क राजाओ क उनक परि दाऊद क नरर म ममटटी दी रई उनक शरीर अब भी उनही क ह और व अब भी उनक वयमितव का महसटसा ह

वसटटममनसटटर लघ परशन ततरी परशन और उततर सखया 37 म हमार मवशवास का वणगन इस परकार करती ह इस परशन क उततर म

म त य क सम य वि शवा ल सय ो क म सी ह स क या ि ाभ परा पत ह त ह ो

परशन ततरी का उततर ह

व ि शवा ल सय ो क ी आत मा ए मत य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म वहम ा म ो परि ि क ि जा त ी ह ो औि उनक ििी ि ज अ ब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शरा म क ित ह ो

यहा परशन ततरी कहती ह मक मतय क समय मवशवाचसय की द मनयमत ह-एक उनकी आतमाओ क चलए और एक उनक शरीर क चलए हमारी आतमा सटवरग म ममहमा म परवश कर जाती ह परनत हमार शरीर ज अब भी मसीह म एक ह अपनी कबर म मवशाम करत ह - व पनरतथान म नय जीवन क इनतजार म मनमषकरय रहत ह

म ो स चता ह यह कहन ा सच ह व क जब हम ा िी आतम ा ए सि गय म ो ह ो औि हम ा ि ििी ि क बर म ो ह ो हा हम एक ही समय ि सथ ा न ो पि ह ो इ सक लि ए क छ व िि िण क ी आि शयकत ा ह औि िघ परशन तत िी क ा एक उतत ि इस व ब नि पि ब हत अ चछ ा ह ldquo व ि शवा लसय ो क ी आत म ा ए म त य क सम य पव ितर त ा म ो लसदध ह जा त ी ह ो औि त िनत म व हमा म ो परि ि क ि ज ात ी ह ो औि उ नक ििीि ज अब भ ी म सी ह म ो एक ह ो पनरत थान तक अ पन ी क बर ो म ो व ि शराम कित ह ोrdquo आतम ा का ििी ि स अि ग ह न क ा उ सका पहि ा भाग 2 क र िनद नथय ो 51-10 क ा व ि षय ह पौिस अ पन ि तय म ा न म िणहा ि ििीि क पथिी पि क ा त मब क हत ा ह औि ि ह मत य क ी ििा म ो रल च न ही ो िखत ा ह क य ोवक उ सक ी आतम ा तब उ सक ििी ि स अ ि ग ह ज ा एग ी ज व क एक अ पराक वतक अ िस थ ा ह

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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चलचचतर अधययन मारगदचशगका एव कई अनय ससाधन क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 28: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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डा न ा कस च मब ल िन

एक ही समय म द सटथान पर ह न का यह चिचाव सटवरग म भी महसस मकया जाता ह इसम क ई सनदह नही मक सटवरग हमारी अपिाओ स पर अदभत ह रा परनत यह भी सतय ह मक सटवरग म भी हमारा उदधार पणग नही ह रा कय मक हमार शरीर का उस समय तक पनरतथान नही हआ ह रा दि पौलस न र ममय 823 म मकस परकार दह क पनरतथान क बार म बात की

औि हम भ ी ल जन क पा स आतम ा का पव हिा फि ह आप ही अ पन म ो किा हत ह ो औि अ पन ि पा िक ह न क ी अ था यत अ पनी ि ह क छट क ा ि क ी बा ट ज हत ह ो (ि व म य ो 823)

यहा पौलस न कहा मक हम इस जीवन म कराहत ह कय मक हमार पास पनरतथान परापत शरीर नही ह परनत सटवरग म आतमाए अब भी अपन नय शरीर का इनतजार कर रही ह अत यह स चना सही ह मक एक अथग म व भी कराह रह ह कय मक व अपन शरीर क पनरतथान का इनतजार कर रह ह

क छ ि ग स चत ह ो वक हम ो व मि न िा ि ििी ि सवि धाज नक पथि ी क क पड ि क नदल पक उ पक िण ह ो व क ििी ि स अ ि ग ह न म ो हम प णयत सनत षट औि ख ि ह ो यह ब ा इब ि क ी बज ा य पि ट ि ा ि ी ज या ि ा परत ी त ह ता ह अत अपनी व यविगत मत य औि ि ा यिा वक ए हए मतक ो क पन रत था न क बी च की इ स अि स थ ा म ो िहन ा क सा ह यह क सा ह हम ो इ सक ा लचतर ा तम क व िि िण न ही ो व ि या गया ह हम ो इ सक ा व िस तत व ि ि िण नही ो वि या ग या ह पिनत पव ितर -ि चन स हम ो व ि या ग या उ तत ि ब हत ही व न ल िनत क िन ि ा िा औि सो बो धात मक ह हम परभ क सा थ िह ोग

डा गि न स क ज ी

हमार वतगमान जीवन और शारीररक मतय क धयान म रित हए हम यह दिन क चलए तयार ह मक नय जीवन म हमार शरीर का छटकारा कस परा ह ता ह

नया जीिन सामानय पनरतथान म हमार शरीर क पन जीवन परापत ह न पर एक नया चसदध जीवन परापत ह रा

पनरतथान म पाप क पररणाम क अमनतम रप स और हमशा क चलए परी तरह हम स अलर कर मदया जाएरा इसक बार म हम र ममय 823 1 कररमनथय 1512-57 और मिचलमपपय 311 म पढत ह धमगमवजञानी उदधार की अवसटथा क अकसर ममहमामनवत मकया जाना कहत ह कय मक हम ममहमामय चसदध मनषय बनाया जाता ह पमवतर-वचन हमार ममहमा पान क बार म जयादा मवसटतार स नही बताता ह परनत पौलस न 1 कररमनथय अधयाय 15 म सिप म हमारी ममहमामय दह की तलना हमार वतगमान शरीर स की दि पौलस न 1 कररमनथय 1542-44 म कया चलिा ह

ििी ि न ा िि ा न ि िा म ो ब या ज ात ा ह औि अ वि न ा िी रप म ो जी उ ठत ा ह ि ह अ ना ि ि क सा थ ब या ज ात ा ह औि तज क सा थ जी उ ठत ा ह वन बयित ा क सा थ ब या ज ात ा

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 29: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

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ह औि सा मथय क सा थ ज ी उ ठत ा ह सि ा भ ा वि क ि ह ब ई ज ात ी ह औि आनदत मक ि ह ज ी उ ठत ी ह (1 क रिनद नथ य ो 1542-44)

हम परी तरह स मनचित तौर पर यह नही कह सकत ह मक हमार अब क शरीर म और पनरतथान क समय क शरीर म कया-कया समानताए तथा मभननताए ह री चजस परकार पनरतथान क बाद यीश की दह म बदलाव आया उसी परकार हमार शरीर भी बदल जाएर व नवीनीकत और चसदध ह र व अनशवर ममहमामय सामथी और आमतमक ह र परनत व परी तरह मानवीय भी ह र हमार पनरतथान म हम अनतत ऐस ल र बन जायर चजसकी परमशवर न सदा स हमार चलए य जना बनाई ह

पाप क पररणामसटवरप हमारी दह मरती ह शारीररक मतय मनषय क पाप की दिता म मररन क मवरदध परमशवर का दणर ह परनत शभ समाचार यह ह मक ससमाचार हमार शरीर की वापसी की घ षणा करता ह यह हम बताता ह मक यीश हम समपणग वयमि क रप म दह और आतमा क छडान क चलए आया और यह छटकारा ममहमामय ह यह बड आननद और उतसव का कारण ह हमार शरीर क पनरतथान क साथ हम अनतत मतय पर जय की घ षणा करन म सिम ह जायर और हम अनतत उन सारी आशीष क पान क चलए तयार ह जायर ज परमशवर न नय आकाश और नई पथवी म हमार चलए रिी ह और हम अनतत अपनी सटवय की आि स यीश की मवजय क दि पायर

अब तक उदधार की हमारी चचाग म हमन परररत क मवशवास-कथन म पाप की िमा और दह क पनरतथान स सबचधत मवशवास क सतर क बार म बात की अब हम अपन अमनतम मवषय अननत जीवन पर आन क चलए तयार ह

अननत ज ीिन

परररत का मवशवास-कथन अपन मवशवास क अमनतम सतर म अननत जीवन का वणगन करता ह

म ो अ न नत ज ी िन म ो व ि शवा स क ित ा ह

इस मबनद पर मवशवास-कथन सदा क जीवन क धयान म रिता ह चजस अकसर अननत जीवन कहा जाता ह ज हमार शरीर क पनरतथान क बाद आता ह मवशवास-कथन इस मवशवास की पमि करता ह मक अनत म परमशवर क सभी मवशवासय गय ल र क चसदध आशीमषत भरिता स मि कभी समापत न ह न वाल जीवन का परमतिल ममलरा

यदयमप बहत सी बात ह ज हम अननत जीवन क बार म कह सकत ह लमकन इस अधयाय म हम तीन मदद पर धयान दर पहला हम अननत जीवन की समयावचध का वणगन करर यह कब शर ह ता ह दसरा हम अननत जीवन की रणवतता क बार म बात करर यह मकस परकार दसर परकार क जीवन स अलर ह और तीसरा हम उस सटथान का वणगन करर जहा हम सदा क चलए रहर आइए हम अननत जीवन की समयावचध स शरआत कर

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 30: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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सम यािल ध

अ न नत ज ी िन क ब िर ह त ा ह म सी ह न क हा वक ि ह इसल िए आया ह वक हम ो ज ी ि न व मि औि ब हता यत क ा ज ी ि न व मि व न ल ित रप स िह क ह िहा ह व क म सीह म ो ह ना म सीह का चि ा बन न ा हम ो ग णात मक रप स ज ी िन क ी एक उतत म िी व त स अ ि गत क िा ता ह पिनत क या ि ह अ न नत ज ी िन ह कया अ ननत जीिन तब िर ह ता ह ज ब हम इ स न शवि अनद स तत ि क कषतर स बा हि क ज ीि न म ो परि ि क ित ह ो कया अ न नत ज ी िन तब िर ह त ा ह एक अ थय म ो हा पिनत ि स ि अ थय म ो एक नया जीिन ह म सी ह क ा पनरतथ ा न परापत ज ी ि न ज क बर स अ न नतत ा म ो ि ज ा एगा पिम शवि क सा थ कभ ी न सम ापत ह न िा ि ा अ न नतक ाि ि ह ज ी िन ह लजस अब हम ा ि अ नि ि एक ब ी ज क रप म ो ब या गया ह इ सल ि ए क भ ी न सम ा पत ह न ि ाि ा ज ीि न अब िर ह िहा ह औि यह समझन ा म हति प णय ह व क यह अ न नत ज ी िन क िि अन नत अ िल ध दव ा िा पर िभ ाव षत जी ि न न ही ो ह ब नद लक ग णात मक रप स पर िभ ाव षत ज ी िन ज अब म सीह -क नद नि त औि पिम शवि -कनद नि त ह औि उ स प णय पन स थ ापन ा क ी ओि बढ िहा ह ज मन ष य ो क लि ए अ पल कषत था औि हम उ स म ो अ ब भ ा ग ी ह त ह ो उस सम य भी जब हम एक ििय न ाक सो घ षय प णय ट ट हए सो सा ि म ो ह ो

डा गि न स क ज ी

पमवतर-वचन अकसर कहता ह मक मवशवाचसय म अननत जीवन वतगमान यथाथग क रप म पहल स ही ह इस हम यहनना 1028 1 मतमचथयस 612 1 यहनना 511-13 और बहत स अनय सटथान पर दित ह इसक एक उदाहरण क रप म दि यीश न यहनना 524 म कया कहा ह

म ो तम स सच सच कहत ा ह ज म िा ि चन सन कि म ि भ ज निा ि की परत ी वत क ित ा ह अ न नत ज ी िन उसक ा ह औि उ स पि िण ड क ी आजञा न ही ो ह त ी पिनत िह मत य स पाि ह क ि ज ी िन म ो परि ि क ि चका ह (य हनन ा 524)

यीश और नय मनयम क लिक न कई बार अननत जीवन क वतगमान यथाथग क रप म बताया ज मसीह क साथ हमारी एकता का पररणाम ह और मनसटसनदह यह सतय ह हमार शरीर मर जायर लमकन हमारी आतमा कभी नही मररी हमार अनदर अब ज आमतमक जीवन ह वही सदा क चलए हम म ह रा

दसरी तरि पमवतर-वचन इसस भी अचधक बार इस तथय क बताता ह मक हम अननत जीवन हमार उततराचधकार क रप म अमनतम नयाय क समय मदया जाएरा इस हम मतती 2546 मरकस 1029-30 यहनना 1225 र ममय 25-7 और यहदा पद 21 म दित ह एक उदाहरण क रप म दि यहनना न अपन ससमाचार क अधयाय 6 पद 40 म कया चलिा ह

क य ोवक म ि व पत ा क ी इ चछ ा यह ह व क ज क ई पतर क िख औि उ स पि विशवास क ि िह अननत जीिन पाए औि म ो उ स अ नद नतम व िन व फि लज ि ा उ ठा ऊो ग ा (य हनन ा 640)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 31: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

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जसा यहनना न यहा बताया पमवतर-वचन भी अकसर अननत जीवन की पणग परामपत क हमार शरीर क पनरतथान स ज डता ह जब हमार शरीर क चजनदा मकया जाता ह त शरीर और आतमा म परी तरह छटकारा पाए और पन सटथामपत मनषय क रप म सदा तक जीमवत रहर

म ो स चता ह वक य ह क हन ा सहा यक ह व क म सीह क सा थ हम ािी एक ता क दव ा िा म सी ह म ो हम ज परापत क ित ह ो ि ह ldquo पहि हीrdquo औि ldquoअ भ ी नही ोrdquo ि न ो ह औि इ सस म िा मत िब ह व क म सी ह क िा भ ल ज न म ो अ न नत ज ी िन िा वमि ह ि ldquo पहि हीrdquo हम ा ि ह ो जब हम म सी ह क गर हण क ित ह ो जब हम म सीह पि व ि शवा स क ित ह ो ि हम ा ि ह ो-हम ा ि पा स अ न नत ज ीि न ह िव कन सा थ ही यह ldquoअ भ ी न ही ोrdquo ह इस अ थय म ो व क व नस सनि ह म सी ह क गर हण क िन क ब ा ि भ ी हम म ो स ब हत स ि ग ब ढ ह ोग ब हत स ब ी म ाि ह ोग औि यव ि म सी ह पहि नही ो आता ह त हम म ो स बहत स ि ग म त य क ा स ि ाि चख ोग औि उस अ थय म ो अ न नत ज ी िन क ा ldquoअ भ ी न ही ोrdquo अ ब भ ी हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह अ त म ो स चत ा ह व क ldquo पहि हीrdquo - ldquoअ भी न ही ोrdquo स चन म ो हम ा िी मि ि क ित ह ो हा हम म ो अन नत ज ीि न ह पिनत साथ ही न य आक ा ि औि न ई पथिी म ो अ न नत ज ी िन हम ा ि इ नत ज ा ि म ो ह

डा ज फरी ज

एक अथग म यह कहना उचचत ह मक हमारी आतमाओ क चलए अननत जीवन तब शर ह ता ह जब हम नया जनम लत ह परनत हम तब तक परी तरह जीमवत नही ह र जब तक मक अमनतम नयाय क समय हमार शरीर क चजनदा न मकया जाए कवल उस समय ही हमारा समपणग अमसटततव परमशवर क सामन जीमवत रहरा उस स पहल हमारी आतमाओ क छटकार क दवारा हम अननत जीवन का कवल सटवाद चित ह परनत हमार शरीर क भी नया जीवन ममलन क बाद ही हम वासटतव म परमशवर की इचछानरप जीयर

अननत जीवन की समयावचध की इस समझ क धयान म रित हए आइए हम इसकी रणवतता क दि

ग णितता बाइबल म अननत जीवन का अथग कवल यह नही ह मक हमारा अमसटततव और मववक सदा तक

रहरा आचिर उन ल र का अमसटततव और मववक भी सदा तक रहरा ज परमशवर क दणर क अधीन ह इसक बजाय अननत जीवन का मखय रण ह मक हम सदा क चलए परमशवर की आशीष म रहर इस अथग म जीवन ह न का अथग ह परमशवर की परसननता और आशीष क पाना और इसक मवपरीत मतय का अथग ह परमशवर क कर ध और शाप क सहना अननत जीवन और अननत मतय द न म मनरनतर अमसटततव शाममल ह उन म अनतर उस अमसटततव की रणवतता ह जस यीश न यहनना 173 म पराथगना की

औि अ न नत ज ीि न यह ह वक ि त झ अदव त सचच पिम शवि क औि यी ि मसी ह क ल ज स त न भज ा ह जा न ो (य हनना 173)

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 32: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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यहा यीश न चसिाया मक अननत जीवन परमशव और यीश क जानन क बराबर ह इस सनदभग म जानन क मवचार का मनमहताथग ह एक परममय सबध यीश का कहना था मक अननत जीवन क कवल अमसटततव या मववक क अथग म पररभामषत नही मकया जाता ह बमलक परमशवर क परम क अनभव क अथग म

या दि मक पौलस न र ममय 79-11 म जीवन और मतय क बार म मकस परकार कहा वहा उसन चलिा

म ो त व यिस थ ा व बन ा पहि ज ी वि त था पिनत जब आजञा आई त पाप जी गया औि म ो म ि ग या औि ि ही आजञा ज ज ी ि न क ल ि ए थी म ि लि ए मत य का का िण ठहिी क य ोवक पा प न अ ि सि पा क ि आजञा क दव ा िा म झ ब हक ा या औि उ सी क दव ा िा म झ म ा ि भ ी डाि ा (ि वम य ो 79-11)

पौलस दवारा यहा वचणगत समपणग अवचध म वह शारीररक और मानचसक रप स जीमवत था वह एक चतन तामकग क अमसटततव क रप म जीमवत रहा मिर भी उसन दावा मकया मक पहल वह जीमवत था और मिर मर रया मार मदया रया और अनतर परमशवर क सामन उसका आधार था वयवसटथा दवारा द षी ठहरान स पहल वह जीमवत था परनत जब वयवसटथा न उस परमशवर क शाप क अधीन मकया पौलस मर रया बाद म जब हम मसीह म आया शाप हटा मदया रया और उसम नया जीवन आया इसी मवचार क हम यहनना 524 और 1 यहनना 314 म दित ह

इसक बार म इस परकार स च अमनतम मदन सामानय पनरतथान म सार मतक जी उठर हमारी अनशवर आतमाए पन हमार पनरतथान परापत शरीर स जड जाएरी यहनना 528 और 29 क अनसार भल काम करन वाल परमतिल पान क चलए जी उठर और बराई करन वाल दणर पान क चलए जी उठर द न अपन पनरतथान परापत शरीर म सदा क चलए चतन जीवन मबतायर परनत बाइबल धममगय की मनयमत क - जीवन और दि की मनयमत क - मतय कहती ह अनतर यह नही ह मक व रहर या स चर या अहसाह करर या नही अनतर ह परमशवर क साथ उनका सबध यमद हम परमशवर की आशीष क अधीन ह त बाइबल कहती ह हम जीमवत ह यमद हम उसक शाप क अधीन ह त यह कहती ह हम मत ह अत अननत जीवन परमशवर क साथ एक आशीमषत सबध म मनरनतर चतन अमसटततव ह परनत य आशीष कया ह आशीमषत जीवन कसा ह ता ह

म िा स चन ा ह हम ो पिम शवि क सा थ अ पन ज ीि न क क िि बा ि ि ो पि त िन क सम ान न ही ो िख ना चा व हए पिनत हम ाि पा स न य पनरत था न परापत ििी ि ह ोग ििी ि ल ज नह ो पा प औि ि ग औि म तय न स पिय न ही ो व क या ह हम अन शवि ह ोग हम कभ ी न ही ो म िोग औि हम एक नई पथिी पि िह ोग अब इ सक वि ि िण हम ा ि पा स नही ो ह ो-उ स म ो क या िावमि ह गा हम सा ि वि ि िण ो क नही ो ज ान त ह ो पिनत हम ज ान त ह ो व क हम ाि कछ उ तत िि ा व यत ि ह ोग हम म सीह क सा थ िा जय क िोग औि म िा म ा न ना ह यह पिम शवि दव ा िा िल चत न या बरहमा ण ड ह लजस म ो हम सवषट क सम पकय म ो िह ोग औि म ो स चत ा ह ि हा हम ा ि क िन क लि ए वि िष क ा यय ह ोग पिनत म ि त नया वनयम इस ब ात पि बि न ही ो ित ा ह व क हम क या क िोग औि म झ व न िय ह व क यह अद भ त ह ग ा पिनत न या व न यम इ स ब ा त पि बि ित ा ह व क पिम शवि हम ाि सा थ ह ग ा हम उसक म ह क ि ख ोग उ सक सा थ सो ग वत किन ा हमा ि प णय -सनत वषट परि आननि ह गा

डा ट ा म शरन ि

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
Page 33: प्ररेित ोंका विश्वास- कथन€¦ · 1997 में स्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़

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परचसदध धमगमवजञानी लइस बरि ि ज 1873 स 1957 क बीच रह न अपनी पसटतक मवचधवत धमगमवजञान क भार 6 अधयाय 5 म अननत जीवन की अमनतम अवसटथा का वणगन मकया दि उनह न कया चलिा ह

पिम शवि क सा थ सो ग व त म ो ज ी िन क ी प णयता का आन नि ल ि या ज ा त ा ह ि यी ि म सी ह म ो पिम शवि क आम न -सा म न ि ख ोग उ स म ो प णय सनत वषट पा य ोग उ स म ो आन नि म न ा य ोग औि उ सक ी म व हम ा किोग पहचा न औि साम ा ल जक सम पकय उ चच सत िी य ह ग ा परत यक व यव ि क ा आननि ल सदध औि प णय ह ग ा

यह अजीब परतीत ह सकता ह मक बाइबल अननत जीवन की परकमत क बार म जयादा नही बताती ह आचिर अननत जीवन ससमाचार दवारा उन ल र क मदया जान वाला महान परमतिल ह ज मन मिरात ह और मसीह पर मवशवास करत ह परनत वासटतमवकता यह ह मक पमवतर-वचन अननत जीवन क बार म सामानय अथो म बात करता ह परकाचशतवाकय 213 और 4 हम बतात ह मक परमशवर अपन ल र क सर वास कररा और वहा मतय या दःि नही ह रा हम नया शरीर परापत करर और हम पाप की उपमसटथमत भरिता और परभाव स मबलकल मि ह र परनत मववरण सचचाई यह ह मक बाइबल उनक बार म बहत कम बताती ह इसक बजाय यह अचधकाशत हम यह भर सा करन की पररणा दती ह मक परमशवर भला ह और हम उन आियो क बार म अतयचधक अनमान न लराए ज उसन हमार चलए रि ह दि पौलस 2 कररमनथय 122-4 म कया चलिता ह

म ो म सी ह म ो एक म नष य क ज ान त ा ह ज त ी सि सि गय तक उ ठा ल िया ग या स ि गय ि क पि उ ठा ल िया ग या औि ऐसी ब ात ो सनी ो ज कहन क ी नही ो औि ल ज न क ा म ह पि िा न ा म नष य क उ ल चत न ही ो (2 क र िनद नथ य ो 122-4)

दि पौलस न इस अनभव क बार म कया कहा सनी रई बात कहन की नही थी-उनह मानवीय भाषा म पयागपत रप स अमभवयि नही मकया जा सकता इसस बढकर मनषय क यह बतान की अनममत नही ह मक तीसर सटवरग म कया ह यह अदभत ह मक परमशवर न अब इस रहसटय रिा ह

और यह कवल सटवरग था - हमार पनरतथान स पहल की मधयम अवसटथा यमद सटवरग क रहसटय क परकट नही मकया जा सकता त हमारी अमनतम अवसटथा क रहसटय मकतन अचधक ह र कौन कलपना कर सकता ह मक मसीह क दबारा आरमन पर जीवन मकतना अदभत ह रा बाइबल हम बताती ह मक मिर क ई दःि कि मनराशा या मतय नही ह री य बात अदभत और सतय ह परनत हम उनक बार म सार मववरण नही बताती ह

अब अननत जीवन की समयावचध और रणवतता क दिन क बाद आइए हम अपन अमनतम शीषगक पर आत ह वह सटथान जहा हम सदा क चलए रहर

सथा न पमवतर-वचन अकसर उस सटथान क नया आकाश और नई पथवी कहता ह जहा हम अननतकाल तक

रहर इस भाषा क हम यशायाह 6517 और 6622 2 पतरस 313 और परकाचशतवाकय 211 म पात ह आकाश और पथवी की यह पन समि बाइबल की कहानी क पणगता पर लाती ह इमतहास उतपमतत अधयाय 1 पद 1 स शर हआ जब परमशवर न आकाश और पथवी की समि की परनत मिर यह मनषय क पाप म मररन क

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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चलचचतर अधययन मारगदचशगका एव कई अनय ससाधन क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
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परररत का मवशवास-कथन अधयाय छः उदधार

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कारण भरि ह रई और परमशवर क वास क चलए अनपयि ह रई शष बाइबल हम इस कहानी क बताती ह मक मनषय और समि द न का उदधार कस मकया जा रहा ह और जब यीश वापस आएरा त अमनतम पररणाम यह ह रा मक आकाश और पथवी क छटकारा दकर नवीन मकया जाएरा तामक अनतत परमशवर अपन पनरतथान परापत ल र क साथ पथवी पर वास कर सक मतती 69 और 10 म यीश क मन म यही लकषय था जब उसन हम इन शबद म पराथगना करना चसिाया

ह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा न ाम पव ितर म ा न ा ज ा ए तिा िा ज य आए त िी इ चछ ा ज सी सि गय म ो प िी ह त ी ह ि स पथि ी पि भ ी ह (म तत ी 69-10)

लकषय सदा यही था मक परमशवर का राजय परी तरह स सटवरग म जहा सटवरगदत और मत सत की आतमाए रहती ह और पथवी जहा हम रहत ह द न म परकट ह इसीचलए यीश न हम चसिाया मक हम परमशवर स उसक राजय क पथवी पर लान क चलए पराथगना कर और उसकी इचछा क पथवी पर वस ही परी ह न द जसी सटवरग म ह ती ह

यदयमप पमवतर-वचन अकसर इस नई समि क बार म नही बताता ह परनत जब बताता ह त यह सटपि करता ह मक छटकारा पाए हए मनषय का अमनतम सटथान सटवरग म नही बमलक नवीनीकत पथवी पर ह रा उदाहरण क चलए यशायाह 6517-19 म हम पढत ह मक परमशवर क ल र पमवतर नरर नय यरशलम म वास करर और परकाचशतवाकय 212 म हम पात ह मक यह नया यरशलम नई पथवी पर मसटथत ह रा दि यहनना न परकाचशतवाकय 211-5 म कया चलिा

व फि म ो न न य आक ा ि औि न यी पथि ी क िख ा म ो न पव ि तर न ग ि न य यरिि म क स ि गय पि स पिम शवि क पा स स उ त ित िख ा व फि म ो न लसो हासन म ो स वक सी क ऊ च िब ि स यह क हत हए सना वक िख पिम शवि क ा डिा म न षय ो क ब ी च म ो ह िह उन क सा थ डिा क िगा औि ि उसक ि ग ह ोग औि पिम शवि आप उ नक सा थ िहग ा औि उ नक ा पिम शवि ह गा औि ज ल सो हा सन पि ब ठा थ ा उ स न क हा व क ि ख म ो सब क छ न या क ि ि त ा ह (परक ा ल ित ि ाक य 21 1 -5 )

यहा दित ह मक परमशवर सटवरग म नय यरशलम क तयार कर रहा ह और जब नई पथवी तयार ह जाए तब वह नय यरशलम क अपन ल र क बीच ज उसक साथ नई पथवी पर वास करर अपन पमवतर वाससटथान क रप म सटवरग स उताररा यमद परमशवर की य जना हम अननतकाल क चलए सटवरग म ल जान की ह ती त नई पथवी की क ई आवशयकता नही थी परनत जसा हम यहा पढत ह परमशवर सब कछ नया कर रहा ह ससार क भी मक वह हमारा अननत घर बन

आरममभक कलीचसयाई मपता अरसटटीन महपप क परचसदध मबशप ज 354 स 430 ईसटवी म रह न अपनी परचसदध पसटतक परमशवर का नरर की मकताब 20 पाठ 16 म नई पथवी क बार म इस परकार चलिा

ल ज स परक ाि सो सा ि क भ ी ब हतिी क लि ए न या वक या ग या ह त यह म नष य ो क लि ए उ ल चत ह व क ि भी कछ ब हत िी क लि ए अ पन ििी ि म ो न य ह ज ा ए

एक व िन आ िहा ह जब पिम शवि सब कछ न या क िग ा इ स हम व ि िषत उ न ख ब स ित िब ि ो म ो ि ख सकत ह ो ज यी ि न हम ो अ पन चि ो क परा थय न ा क िन क लि ए ल सख ा ए ज ब उ सन क हा ldquoह हम ा ि व पत ा त ज स ि गय म ो ह त िा ना म पवि तर म ा न ा ज ा ए त िा िाज य आए औि त िी इ चछ ा पथि ी पि ि स ही प िी ह ज स स िगय म ो ह त ी ह rdquo िह

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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

डा ज न ाथ न पव नो ग टन

यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

  • परिचय
  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार
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वनणाययक क नद नि य म िभ त म सी ही व ि चाि ह वक अ ब हम स िग ी य ि ास त वि कत ा ओ ो क पथि ी क ी ि ा सत व िक ता बन न क इ नतज ा ि क सम य म ो ज ी िह ह ो-लजस परकाि सब क छ स ि गय म ो वक या जा त ा ह जब पिम शवि क ी म वहम ा क ी ज ा त ी ह औि सब कछ ठीक ह ता ह औि धा व मय कत ा औि मवहमा औि सचचाई औि परम िा ज य क ित ह ो म सी वहय ो क रप म ो हम ा िी आिा वनलित आिा ह व क य सि गय क ी िा सत व िक त ा ए पथिी की ि ा स तव िक त ा ए ब न ज ा य ोगी औि पवितर -ि चन क ा भ ी यही ि ा यि ा ह वक नई सवषट हम ा िा अ न नत घि ह

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यमद हमारी नजर इस तथय स हट जाए मक नई पथवी हमारा घर ह री त हमार चलए अपन आपक वासटतमवकता क भौमतक पहलओ स अलर करना और यह स चना आसान ह सकता ह मक पथवी का दमहक अमसटततव आशीष क बजाय एक कि ह परनत जब हम यह पहचान लत ह मक पथवी ही हमारा सटथायी घर ह री त हम इस वतगमान ससार क एक आशीष और उस िबसरती और आशीष क सटवाद क रप म दि सकत ह ज परमशवर न हमार चलए आन वाल ससार म रिी ह

उप सो ह ाि

परररत क मवशवास-कथन पर इस अधयाय म हमन उदधार क मवषय पर धयान मदया हमन पाप की समसटया मदवय अनगरह क उपहार और मानवीय उततरदामयतव क अथग म पाप की िमा क बार म बात की हमन मतय क शाप जीवन क ससमाचार और मसीह म छटकार क दिन क दवारा दह क पनरतथान की धमगचशिा का अनसधान मकया और हमन अननत जीवन की समयावचध रणवतता और सटथान समहत उसकी परकमत दिा

उदधार पर इस अधयाय म हमन दिा मक परररत का मवशवास-कथन हमार सामानय मसीही अरीकार क आवशयक ततव पर धयान कमनदरत करता ह चजस कलीचसया न समदय न बनाए रिा ह यमद दसरी परमपराओ और ससटथाओ क मसीमहय स बात करत समय हम इन सामानय धमगचशिाओ क धयान म रित ह त हम पायर मक हमार पास परररत क मवशवास-कथन की पमि करन वाल ल र क साथ एकता सटथामपत करन का और नही करन वाल क सधारन का ठ स आधार ह इसस बढकर जब हम उदधार की इन आवशयक धमगचशिाओ पर धयान कमनदरत करत ह त यह हम उस बडी तसटवीर क दिन म सहायता कररा ज परमशवर इस ससार म कर रहा ह और उसक परम और अनगरह क चलए उसकी सटतमत करन क जयादा स जयादा कारण क ि जन म सहायता कररा

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  • कषमा
    • पाप की समसया
      • पाप की परिभाषा
      • पाप की उतपतति
      • पाप क परिणाम
        • दिवय अनगरह
          • पिता
          • पतर
          • पवितर आतमा
            • वयकतिगत उततरदायितव
              • शरत
              • साधन
                  • पनरतथान
                    • सराप
                    • ससमाचार
                      • पराना नियम
                      • नया नियम
                      • यीश का पनरतथान
                        • छटकारा
                          • वरतमान जीवन
                          • मधयम अवसथा
                          • नया जीवन
                              • अननत जीवन
                                • समयावधि
                                • गणवतता
                                • सथान
                                  • उपसहार