ंजौल 1 कॉलेज में 3म ाम ेहुआ स्वर्णजयंत 1...

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संजौली कॉलेज धूमधाम से 'जयंती महोव' का आगा; मुमंी, शिामंी ने की शिरकत, साझा शकए अपने कॉलेज के शिनों के अनुभव अगले से संजौली महाशवालय शही अंेजी की ातकोर काएं एवं बीबीए पीजीडीसीए कोसण ि आज दनक 9 अगˑ 2019 को उृʼ दि केȾ रजकीय महदिलय सजौली जयंती महोि के दो दिसीय मु कययम धूमधम से आगज दे ि के सʃननीय मुमी जयरम ठकुर जी इस कययम बतौर मु अदतदथ जबदक दि मी सुरे ि भरज जी दिदिʼ अदतदथ के ऱप िदमल इस अिसर पर े य मुमी ने अगले से महदिलय दहȽी ि अेजी की ˘तकोर कए एि बीबीए ि पीजीडीसीए कोसय िकरने की घोषण की इसके अलि मु मी ने महदिलय दिकसक कयो के दलए हर तरह की सहयत दे ने आʷसन भी दय मु मी जी ने कह दक दि को उृʼतम ˑर तक ले जने िले सथनो के सिगीण दिकस के दलए दे ि सरकर सदै ि दतब है उɎोने कह दक महदिलय के हैरीटेज भिन की छत को िदतिी दुरˑ दकय जएग जबदक कɊ छिस के दनमयण रही सभी दतो भी जʗी ही दनरकरण दकय जएग

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  • संजौली कॉलेज में धूमधाम से हुआ 'स्वर्ण जयंती महोत्सव' का आगाज़; मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री ने की

    शिरकत, साझा शकए अपने कॉलेज के शिनो ंके अनुभव

    अगले सत्र से संजौली महाशवद्यालय में शहन्दी व अंगे्रजी की स्नातकोत्तर कक्षाएं एवं बीबीए व

    पीजीडीसीए कोसण िुरू

    आज ददन ांक 9 अगस्त 2019 को उतृ्कष्ट दिक्ष केन्द्र र जकीय मह दिद्य लय सांजौली में स्वर्ण जयंती

    महोत्सि के दो ददिसीय मुख्य क ययक्रम क धूमध म से आग ज हुआ। प्रदेि के सम्म ननीय मुख्यमांत्री श्री

    जयर म ठ कुर जी इस क ययक्रम में बतौर मुख्य अदतदथ जबदक दिक्ष मांत्री श्री सुरेि भ रद्व ज जी दिदिष्ट

    अदतदथ के रूप में ि दमल हुए।

    इस अिसर पर श्रदे्धय मुख्यमन्त्री ने अगले सत्र से मह दिद्य लय में दहन्दी ि अांगे्रजी की स्न तकोत्तर कक्ष एां

    एिां बीबीए ि पीजीडीसीए कोसय िुरू करने की घोषण की। इसके अल ि मुख्य मन्त्री ने मह दिद्य लय में

    दिक स त्मक क यो के दलए हर तरह की सह यत देने क आश्व सन भी ददय । मुख्य मन्त्री जी ने कह दक

    दिक्ष को उतृ्कष्टतम स्तर तक ले ज ने ि ले सांस्थ नोां के सि ांगीण दिक स के दलए प्रदेि सरक र सदैि

    प्रदतबद्ध है। उन्ोांने कह दक मह दिद्य लय के हैरीटेज भिन की छत को िीघ्र दतिीघ्र दुरुस्त दकय ज एग

    जबदक कन्य छ त्र ि स के दनम यण में आ रही सभी ददक्कतोां क भी जल्दी ही दनर करण दकय ज एग ।

  • क ययक्रम में

    मुख्य मन्त्री

    महोदय भी

    अपने कॉलेज

    के ददनोां को

    य द कर भ ि-

    दिभोर हो उठे।

    अपने सांबोधन

    में श्री जय र म

    ठ कुर ने

    मह दिद्य लय

    की ऐसे मह दमलन के उत्सि आयोदजत करने के दलए सर हन करते हुए कह दक पुर ने दिद्य दथययोां के दलए

    समदपयत ऐसे क ययक्रम हर कॉलेज में ब र-ब र होने च दहए त दक आपसी ररश्ोां की दमठ स और प्रग ढ़त

    हमेि बनी रहे।

    इससे पहले सभ ग र में उपस्स्थत लगभग एक हज र श्रोत ओां को सम्बोदधत करते हुए दिक्ष मन्त्री श्री सुरेि

    भ रद्व ज जी ने मूल्यपरक एिां सांस्क ररत दिक्ष की आिश्यकत पर बल देते हुए युि ओां में निे की बढ़ती

    प्रिृदत पर दचांत व्यक्त की। उन्ोांने कह दक एक आदिय दिक्षक ही ऐसे भटकते हुए सम ज को सही ददि

    देकर उसक उद्ध र कर सकत है।

    इस अिसर पर मुख्य मांत्री ि दिक्ष मांत्री ने स्वणय जयांती स्म ररक क दिमोचन ि मह दिद्य लय की ई -

    जनयल क िुभ रांभ भी दकय ।

    क ययक्रम के आरम्भ में मह दिद्य लय के प्र च यय डॉ. चन्द्र भ न मेहत ने सभी उपस्स्थत मह नुभ िोां क

    स्व गत दकय । अपने सम्बोधन में डॉ. मेहत ने मुख्य अदतदथ एिां सभी उपस्स्थत श्रोत ओां को मह दिद्य लय

    की उतृ्कष्टतम दिक्ष पद्धदत की परम्पर को अकु्षण्ण रखने की प्रदतबद्धत क भरोस ददल य । उन्ोांने कह

    दक इस िषय मह दिद्य लय अपनी स्थ पन के पच स िषय पूणय होने के उत्सि के स थ स थ 1869 में दनदमयत

    हुए अपने हैररटेज भिन की 150 िी ां िषयग ांठ भी मन रह है।

    सम रोह में मह दिद्य लय के होनह र दिद्य दथययोां द्व र प्रसु्तत दिदभन्न स ांसृ्कदतक क ययक्रमोां ने सभी क मन

    मोह दलय । पह डी न टी ने खूब ि हि ही बटोरी।

  • इस क ययक्रम में

    1969 से इस सत्र

    तक दीदक्षत हुए

    लगभग स त सौ

    दिद्य दथययोां एिां

    मह दिद्य लय में

    सेि एां दे चुके

    लगभग अस्सी

    अध्य पकोां ने भ ग

    दलय ।

    मह दिद्य लय में

    अपनी पुर नी य दोां को दोब र महसूस कर सभी दिद्य थी भ ि दिभोर हो उठे। दिदिष्ट अदतदथयोां में उच्च

    न्य य लय के न्य य धीि श्री सांदीप िम य, सदचि र ज्यप ल डॉ र केि कां िर, उच्चतर दिक्ष दनदेिक डॉ

    अमरजीत, दनदेिक प िर कॉरपोरेिन डॉ मनमोहन िम य, एम.डी. कोअपरेदटि बैंक डॉ पांकज लदलत, पूिय

    दिक्ष दनदेिक डॉ ददनकर बुढ़ थोकी, प्रो. पी के आहलुि दलय , सदचि क मग र बोडय रदिन्द्र िम य,

    सह यक-आयुक्त देिक न्त ख ची, मुख्यमांत्री के पे्रस सदचि डॉ र जेि िम य, ग्र मीण दिक स सह दनदेिक

    डॉ सुरेन्द्र म लटू, डॉ घनश्य म िम य, डॉ हीरक न्त नेगी, डॉ उम िम य, श्री सांजय चौह न, श्री कुलदीप दसांह

    तांिर, श्री र केि िम य, श्री सांजय सूद, श्री सुि ांत कपे्रट आदद ि दमल रहे।

    क ययक्रम में 1969 में मह दिद्य लय में अपनी सेि एां दे चुके प्र ध्य पक प्रो जोिी, प्रो कां िर, प्रो जीपी क ल्ट

    भी सस्म्मदलत हुए, िही ां सेि दनिृत प्र च यों में डॉ दिमल प्रिीन मह जन, डॉ करूण भ रद्व ज, डॉ उम

    रणदेि, डॉ इन्द्रजीत दसांह, डॉ बीबीएस डोगर , डॉ नरेि मह जन, डॉ ओपी गुप्त , डॉ दिजेन्द्र कां िर, डॉ

    र ज र म चौह न, डॉ दिदपन गुप्त , डॉ र केि कपूर, डॉ मीर गुप्त , डॉ डीएस खेिड , डॉ प्रत प चौह न,

    डॉ दतलक कौिल, डॉ अांजु िम य आदद जबदक ितयम न प्र च यों में डॉ पिन सल ररय , डॉ कमलेि ठ कुर

    और डॉ जनेि कपूर आदद ि दमल रहें।

    क ययक्रम के प्रथम सत्र में डॉ र म ल ल िम य ने दिक स त्मक ररपोटय प्रसु्तत की, जबदक मांच सांच लन डॉ

    इन्द्र दसांह ठ कुर ने दकय । अन्त में डॉ रदिन्द्र चौह न ने सभी अदतदथयोां क धन्यि द दकय ।

  • दद्वतीय सत्र क िुभ रांभ मह दिद्य लय के प्र च यय डॉ चांद्र भ न मेहत की अध्यक्षत में हुआ। सत्र के आरांभ

    में मह दिद्य लय से दिदक्षत डॉ पी के अहलूि दलय , डॉ ददनकर बुढ़ थोकी, डॉ इांदरजीत आदद ने अपने

    अनुभि स झ दकए। इस सत्र में छ त्रोां द्व र दिदभन्न रांग रांग क ययक्रम प्रसु्तत दकए गए। छ त्रोां द्व र न टक

    अल दीन क दचर ग क सुांदर मांचन दकय गय ।

    तृतीय सत्र के क ययक्रम में ि म ए ग़जल क आयोजन दकय गय दजसमें डॉ मनोज िम य, डॉ ल ल चांद, डॉ

    गोप ल भ रद्व ज, डॉ गगनदीप आदद द्व र प्रसु्तत सुांदर ग़जलोां से दियकोां को मांत्रमुग्ध दकय ।

    Sandesh Kalta

    Department of Journalism & Mass Communication

    CoE, GDC Sanjauli, Shimla-06