पौधे बेहतरीन पैदावार के िलये पौधे...

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िवशेष नोटः पपीते के पौधे क बिकग के िलए बआई से दो मिहना पहले कपनी ुं के अिधकारी से सपक कर। वैधािनक चेतवनीः पौध क वि तथा उसके उपादन से सबिधत कोई भी िजमदे ारी कपनी क नही होगी तथा िकसी भी िववाद के िनपादन सरत याियक े म होगा। िसः िनयणः िस के िनयण के िलए 15 लीटर पानी म 10 से 20 िम.ली. नीम या करज का तेल गछे पर िछड़काव कर. उपर बताए गए कटक के अलावा लाल कथरी, मोलो, मसी इअर िवग का आमण भी दखे ने को िमलता ह।ै प के ािकया दाग (सीगोटाका) िनयणः 2 से 3 बोडस िमण का िछड़काव करने से भावशाली िनयण िकया जा सकता ह डायथेन एम-45 (25 ाम / 15 लीटर) या बेनलेट या िटटयटार (5 ाम / 15 लीटर) पानी म िमलाकर िछड़काव करने से भावशाली िनयण िकया जा सकता ह।ै कद का सड़ा (राईजोमरोट) िनयणः बारश के मौसम म तथा भाद के महीने म तने म ेटोसायिकलन (1 ाम / 15 लीटर) पानी म िमलाकर डाल तथा प के उपर 15 से 20 िदन के अतर पर िछड़काव कर। इस रोग के िनयण के िलए 1 से 2 ाम कपड़ धोने का पावडर ित लीटर पानी मिमलाय। इस घोल को तने मडालने से भी िनयण हो सकता ह।ै के ले के गछेदार प का रोग (बची टोप) : िनयणः चिसया कार के कड़ के उपव वाली फसले जैसे क िमच टमाटर, ककड़ी, सेम, बैगन वगैर क रोपाई केले उगाए हए खते म न कर। चिसया कार के कड़ का िनयण करने के िलए शोषक कार क दवा जैसे िक मटे ािसटोक 0.1 से 0.5 का समय समय पर िछड़काव कर। रोग य पौधा जैसे ही िदखाई द,े तरत उसे िनकाल कर उसको न कर। ुं किम से होने वाले रोगः िनयणः किम के िनयण के िलए माईकोराईजा फफद यािन िक जोश पावडर 5 ाम / पौधे तथा खली (अरिड, िनम या सरस) तथा 5 से 10 ाम यराडान ित पौध, पौधे के रोपन से पहले गडढे म डाले। िसचाईः के ले क फसल पानी िय फसल ह।ै अकर के ले क फसल को पानी दने म अिधकता या कमी होती है तो उपादन पर बरा भाव पड़ता ह।ै िटय कचर पौधे क रोपाई के बाद तरत ही हका पानी द। केले क वि काल के दरयान ुं जमीन क िकम के अनसार 20 से 25 बार िसचाई क आवयकता होती ह।ै िटय कचर पौधेको सिदय म 10 से 15 िदन म एव ीम काल म 7 से 8 िदन के अदर पानी द। केले म टपक िसचाई पित से ित पौधे चार लीटर / घटे मतावाली दो िपर के ले के तने क दोन ओर 30 से.मी. दर लगाकर सिदय ो मे डेढ़ से दो घटे तक तथा गिमय म ढाई से तीन घटे तक िसचाई कर। िसचाई के समय यान रखने योय बात : बारश म खते मदो िदन से यादा पानी न भरने द। के ल क बआई िकए गये खोत को सखने नह दने ा चािहए। पौधे बेहतरीन पैदावार के िलये पौधे बेहतरीन पैदावार के िलये पौधे बेहतरीन पैदावार के िलये िवशेष जानकारी के िलए सपकः Production Unit: Block 43/P, B/h. MGVCL Sub-station, Near NH8, Mogar, Anand-388 340 Sales: [email protected] Website: www.aranyaagri.in Aranya Agri Biotech LLP Sales & Marketing: Regd. Office: 9th Floor, Rajhans Bonista, B/h. Ram Chowk, Ghod Dod Road, Surat-395 001 Guj. INDIA Dept. of Biotechnology, New Delhi (NCS-TCP) Certified by: Scan for website:

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  • िवशेष नोटः पपीते के पौध ेक� बिकग के िलए बआई से दो मिहना पहले क�पनी ु ं ुके अिधकारी से स�पक� कर�।

    वैधािनक चेतवनीः पौध� क� वि� तथा उसके उ�पादन से स�बि�धत कोई भी ृिज�मदेारी क�पनी क� नही होगी तथा िकसी भी िववाद के िन�पादन सरत �याियक ु�े� म � होगा।

    ि��सःिनय�णः ि��स के िनय�ण के िलए 15 लीटर पानी म � 10 से 20 िम.ली. नीम या ं ंकरज का तेल ग�छे पर िछड़काव कर�.ं ुउपर बताए गए क�टक� के अलावा लाल कथरी, मोलो, मसी इअर िवग का आ�मण भी दखेने को िमलता ह।ै

    प�� के �ािकया दाग (सीगोटाका)िनय�णः 2 स े 3 बोड��स िम�ण का िछड़काव करने से �भावशाली िनय�ण ं ंिकया जा सकता ह � डायथेन एम-45 (25 �ाम / 15 लीटर) या बेनलेट या िट�ट�य�टार (5 �ाम / 15 लीटर) पानी म � िमलाकर िछड़काव करने से ु ु�भावशाली िनय�ण िकया जा सकता ह।ैं

    कद का सड़ा (राईजोमरोट)ंिनय�णः बा�रश के मौसम म � तथा भाद� के महीने म � तने म � ��े�टोसायिकलन (1 ं�ाम / 15 लीटर) पानी म � िमलाकर डाल� तथा प�� के उपर 15 से 20 िदन के अतर ंपर िछड़काव कर�। इस रोग के िनय�ण के िलए 1 से 2 �ाम कपड़� धोने का पावडर ं�ित लीटर पानी म � िमलाय�। इस घोल को तने म � डालने से भी िनय�ण हो सकता ह।ैं

    केले के ग�छेदार प�� का रोग (ब�ची टोप) :ुिनय�णः चिसया �कार के क�ड़� के उप�व वाली फसले जैसे क� िमच � टमाटर, ं ूककड़ी, सेम, बैगन वगैर क� रोपाई केले उगाए ह�ए खते म � न कर�।

    चिसया �कार के क�ड़� का िनय�ण करने के िलए शोषक �कार क� दवा जैसे िक ू ंमटेािस�टोक 0.1 से 0.5 का समय समय पर िछड़काव कर�।

    रोग य� पौधा जैसे ही िदखाई द,े तरत उसे िनकाल कर उसको न� कर�।ु ु ं

    किम से होने वाले रोगःृिनय�णः किम के िनय�ण के िलए माईकोराईजा फफद यािन िक जोश पावडर 5 ृं ं ं ु�ाम / पौध ेतथा खली (अरिड, िनम या सरस�) तथा 5 से 10 �ाम �यराडान �ित ं ूपौध, पौध ेके रोपन से पहले गडढे म � डाले।्िसचाईः केले क� फसल पानी ि�य फसल ह।ै अकर केले क� फसल को पानी दनेे म � अिधकता या कमी होती ह ैतो उ�पादन पर बरा �भाव पड़ता ह।ै िट�य क�चर ु ुपौध ेक� रोपाई के बाद तरत ही ह�का पानी द।� केले क� वि� काल के दर�यान ृु ंजमीन क� िक�म के अनसार 20 से 25 बार िसचाई क� आव�यकता होती ह।ै िट�य ु ं ुक�चर पौध ेको सिदय� � म � 10 से 15 िदन� म � एव �ी�म काल म � 7 से 8 िदन� के अदर ं ंपानी द।�

    केले म � टपक िसचाई प�ित से �ित पौध ेचार लीटर / घटे �मतावाली दो ि�पर ं ंकेले के तने क� दोन� ओर 30 से.मी. दर लगाकर सिदय� ो म ेडेढ़ से दो घटे तक तथा ंूगिमय� � म � ढाई से तीन घटे तक िसचाई कर�।ं ंिसचाई के समय �यान रखने यो�य बात� :ं बा�रश म � खते� म � दो िदन� से �यादा पानी न भरने द।�

    केल� क� बआई िकए गये खोत को सखने नह� दनेा चािहए।ु ं ू

    पौधे बेहतरीन पैदावार के िलये

    पौधे बेहतरीन पैदावार के िलयेपौधे बेहतरीन

    पैदावार के िलयेिवशेष जानकारी के िलए स�पक� ःं

    Production Unit:

    Block 43/P, B/h. MGVCL Sub-station,

    Near NH8, Mogar, Anand-388 340

    Sales: [email protected]

    Website: www.aranyaagri.in

    Aranya Agri Biotech LLP

    Sales & Marketing:

    Regd. Office:

    9th Floor, Rajhans Bonista, B/h. Ram Chowk,

    Ghod Dod Road, Surat-395 001 Guj. INDIA

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    Certified by:

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  • एक अ�याधिनक ऊतक सवधन� (जैव त��ान) �योगशाला ह,ै ु ं ंजो Span Divergent Ltd. (सचीब� कपनी) क� सहायक ू ंकपनी ह|ै �पान डाइ�हरज�ट िलिमटेड िपछले ४० साल� ंसे जैव �ौ�ोिगक� के �े� म � एक अनभवी एव नामी कपनी ह|ैु ं ं

    अर�यॲ�ी बायोटेक

    जमीन क� तैयारीः केले क� फसल लबी अविध क� होने से �ै�टर या हल से दो ंया तीन जताई कर ढेल� को तोड़कर जमीन को समतल (सपाट) कर द.� केल� क� ुबआई करने से पहले 1 एकड़ म � 9 से 10 टन अ�छी सड़ी ह�ई गोवर क� खाद डाल�। ुकेले क� फसल को मलायम, भरभरी तथा अिधक सेि��य त�व�वाली जमीन ु ु ु�यादा अनकल रहती ह।ै केले क� फसल को सबसे �यादा हािन सकारा से होती ह।ै ु ू ुिजसके िलए जमीन म � उपि�थत सकारा के िलए िज�मदेार िम�ीज�य फफद का ु ं ूिनय�ण करना आव�यक ह।ैं

    रोपाई का समयः िट�य क�चर पौध� क� रोपाई सारे वष � तकरीबन िकसी भी ूसमय हो सकती ह।ै गजरात तथा महारा�� म � जन से िसत�बर महीने म � तदपरात ु ू ंुमहारा�� म � अ�टबर से िदस�बर म � भी बआई क� जा सकती ह।ै िट�य क�चर पौध� ू ु ुक� रोपाई दो तरह से क� जा सकती ह।ै

    रोपाई प�ितः रोपाई के करीब 30 िदन पहले 1x1x1 फट का गडढा कर 250 से ू ्500 �ाम खली (अरडी, नीम, सरस�) तथा 5 �ाम फोरेट या �यराडान 75 स े 100 ं ु�ाम िसगल सपर फो�फेट या 50 �ाम डीएपी तथा 50 से 75 �ाम �यराट ओफ ं ु ुपोटाश िमलातर गडढे म � डालकर गडढा भर द।� इसके बाद गडढे म � 2 से 4 लीटर ् ् ्पानी डाल�।

    बआई करते समय 5 से 10 �ाम जोश पावडर (माईकोराईजा) तथा 1 �ाम ुकालीसैना (फफदनाशक जैिवक) डालकर पोिलथीलीन बैग को काट कर िट�य ंू ुक�चर पौध े को गडढे के म�य भाग म � रखकर िम�ी से गडढा भर द।� यिद ् ्पोिलिथलीन बैग म � नमी क� कमी हो तो बैग म � पानी छाटने के बाद ही पोिलिथलीन ंबैग को फाड�। रोपाई करने के तरत बाद ह�का पानी द।ेु ं

    रासायिनक खादः केले क� फसल पेट फसल क� तरह पहचानी जाती ह।ै ुसामा�यतः �ित ह�ेटेयर 50 टन केले हो तो उनसे दो गना तने, प� ेऔर जड़� का ुवजन हो जाता ह।ै िट�य क�चर केल� क� फसल को कल 16 पोषक त�व� क� ु ुआव�यकता होती ह,ै िजनम � से तीन पोशतक त�व (काब�न, हाई�ोजन तथा ओ�सीजन) वाय एव पानी �ारा िमलते ह।� शषे पोषक त�व से��ीय एव रासायिनक ु ं ंखाद� �ारा दनेे चािहए।

    पानी म � घलने वाली खाद दनेे क� प�ितः टपक िसचाई प�ित के साथ पानी म �ु ंघलनेवाली खाद दनेे से फसल के उ�पादन म � 10% से �यादा उ�पादन िमलता ह।ै ुतदपरात पानी क� भी बचत होती ह।ैंुनोटः केले के पौधे पर जब भी दवा का िछड़काव करना हो तव 15 लीटर पानी म� एक च�मच (करीव 5 �ाम) कपड़े धोने का पाउडर (ि�टिकग ंएजे�ट) को िमलाने के बाद ही िछड़काव कर�।

    वाय अवरोधकः शवेरी या अरहर खते के िकनार� पर कर� िजससे गम � एव ठडी ु ं ंहवाओ से केले क� फसल को र�ण िदया जा सके।ं

    खरपतवारः खते को खपरपतवार म� रख।� इसके अलावा हर सात-आठ ुिसचाई के बाद खते म � फावड़े से गड़ाई कर� तथा जोताई (सभव हो वहाँ तक) कर�। ं ु ंसकिलत खरपतवार िनय�ण प�ित अपनाकर खरपतवार िनय�ण कर�।ं ं ं

    िम�ी चढ़ानाः �ारभ के तीन से चार महीने तक तने पर 15 से 20 से.मी. िम�ी ंचढ़ाए।ँ

    पौधे को सहाराः भारी ग�छ� वाले केले के पौध ेको बास या यकेिल�टस का ु ं ूसहारा द।�

    अ�य �यान रखने यो�य बात� :

    नाई�ोजन क� कमीः रोपन करने के दो से तीन महीने के बाद ल�ण िदखाई दतेे ह।� नाई�ोजन क� कमी हो तो फसल का िवकास �क जाता ह।ै सबसे पहले पौध � के नीच ेके प� ेहरे - पीले िदखाई दतेे ह।�

    फो�फोरस क� कमीः रोपण के तीन से चार महीने के बाद ल�ण िदखाई दतेे ह।� पराने प� ेगहरे हरे रग के तथा सख जाते ह.� यिद कमी �यादा हो तो िनचले प� ेतने ू ं ूके पास लाल-कथई रग के दखेने को िमलते ह।�ं

    पोटाश क� कमीः पोटाश क� कमी स ेप� ेका िकनारा लाल रग का हो जाता ह।ै ंपरान ेप�ो क� म�य दिडका पीली िदखाई दतेी ह ैऔर प�ो का उपरी िह�सा मड़ा हआ� ु ं ुिदखाई दतेा ह।ै प�� क� िकनारी तथा प�� के िसरे पर जल ेहए� ध�ब ेिदखआई दते ेह।�

    कैि�शयम क� कमीः कैि�शयम क� कमी के ल�ण केले के प�� तथा तने पर बड़ी मि�कल से दखेने को िमलते ह।ै यिद बह�त �यादा कमी हो तो नया प�ा सख ु ूजाता ह ैतथा मरने लगता ह।ै

    मै�नेिशयम क� कमीः पौध ेके पराने प� ेम�य से पीले हो जाते ह � तथा शषे ुिह�सा हरा रहता ह।ै प� ेआसानी से मड़ जाते ह।ै तना हरे से जामनी होने लगता ह।ैु ु

    स�फर क� कमीः स�फर क� कमी से पहले तो कोमल और पीले प� � िदखाई जेते ह।� सिदय� � म � तापमान �यादा समय तक 10 से.�े. नीच ेजाता ह ैतब स�फर क� कमी मालम पड़ती ह।ै स�फर क� कमी से पौध ेके प�� पर चादी जैसी चमक िदखाई ू ंदतेी ह।ै

    िजक क� कमीः उ�र�दशे के अिधकाश जमीन म � िजक क� कमी पाई जाती ह।ै ं ं ंिजक क� कमी से प� ेछोटे एव सकरे हो जाते ह � तथा प�� के नीच ेका िह�सा नीला ं ं ंहोने लगता ह।ै इसके अलावा प�� के उपर के िह�से म � सफेद रग के दाग िदखाई दतेे ंह।ै िसर� एव िकनार� पर जले ह�ए दाग दखेने को िमलते ह।ैं

    बोरोन क� कमीः बोरोन क� कमी �यादा हो तो फल (केला) टट जाता ह।ै इसके ूअलावा कैि�शयम क� कमी भी मालम पड़ती ह।ैू

    केले का फटनाःिनय�णः खते को साफ रखना चािहए, �भाव �यादा हो तो फो�ट 10 जी 10 ं�ाम/�ित पौधा द।�

    प�े खाने वाली सडी (�ोडेिनया) :ुंिनय�णः ि�वनाल फोस या �लोरोपायरी फोस 15 िमली �ित 15 लीटर पानी के ंसाथ िमलाकर िछड़काव कर�।

    ग�छ� को सभावनाः ग�छे को सीध ेसय��काश से, चिसया �कार के क�ड़� से, ु ं ु ू ूसद� गम� के �भाव से र�ण दनेे के िलए तथा उ�पादन वि� के िलए ग�छे को फल ृ ुलगे तब से उ�णतामान को �यान म � रखकर अलग अलग �लाि�टक क� बैग जैसे िक नीले रग क� बैग से ग�छे को ढक� । ग�छे िनकलने के बाद ग�छे को सख ेप� ेसे ं ु ु ु ूढका जा सकता ह।ै

    प�छल प�पः ग�छे परी तरह से िनकल जाने के बाद लाल रग का प�छल प�प ु ु ु ू ं ु ुकाट द।�

    कटाईः सामा�यतः केले के ऊपर क� धार गोल हो जाए एव केले का रग गहरे हरे से ं ंह�का हरा हो जाए तब ग�छे क� कटाई कर�. सामा�यतः िट�य क�चर केले म � ग�छे ु ु ुिनकलने के बाद 90 से 120 िदन के बाद ग�छे उतारने लायक हो जाते ह।ैु

    केले क� फसल पर पोषक त�व� क� कमी का �भावः

    जीिवत वन�पित के रोग रिहत भाग से एक कोिशका अथवा उतक लेकर �योगशाला म � जीवाण रिहत, पण � िनयि�त �थान तथा पण � अनकल वातावरण म �ु ू ं ू ु ूमात पौध ेक� सरचना तथा िवशषेताओ वाले एक पौध ेसे अनेक पौध� के िवकास ृ ं ंक� प�ित को िट�य क�चर (उतक सवधन� ) कहते ह।ैु ं

    िट�य क�चर केले के लाभःु िट�य क�चर पौध ेइ�छानसार वष � भर िमलते ह।�ु यह एक समान गणव�ा वाले होते ह।�ु िट�य क�चर पौध� क� वि� एक मसान तथा तेज होती ह ैिजससे फल एक ृु

    साथ आते ह � और कटाई एक साथ हो जाती ह।� �थानीय गाँठो क� तलना म � िट�य क�चर पौध� म � फल 2 से 3 महीन� पहले आ ु ु

    जाते ह।� पौध े�योगशाला से रोगम� आते ह।�ु िट�य क�चर पौध� म � फल का आकार बड़ा होता ह ैिजससे उ�पाद अिधक ु

    िमलता ह।� केले क� जाित को लेतर आ��त रहते ह ै�योिक सभी सतान एक पौध ेके होते ं

    ह।� फसल ज�दी होने से �म, खाद, पानी और मजदरी क� बचत होती ह।ैू िट�य क�चर पौध� क� म�यदर लगभग नही होती जलिक गाँठ से �ा� 10-15 ृु ु

    मर जाते ह।� िट�य क�चर से फसल म े15-25 तक अिधक उ�पादन िमलता ह ैिजससे ु

    िकसान� को अिधक लाभ िमलता ह।� खते 12-13 महीने म � खाली हो जाता ह।ै

    वातावरणः केले क� खतेी को गरम एव नमी वाला वातावरण �यादा अनकल ं ु ूरहता ह।ै औसत 15 से 35 से.�े. के तापमान पर केल� क� फसल क� वि� अ�छी ृहोती ह ैतथा गिमय� � म � यिद तापमान 45 से.�े. �यादा हो तो केले के प� ेजलने श� ुहो जाते ह।� िजससे पौध� क� वि� पर बरा �भाव पड़ता ह।ैृ ु

    जमीन (भिम) : उपजाऊ अ�छे फल िनकास एव एक मीटर तक भरभरी हो ऐसी ू ं ु ुजमीन इस फसल के िलए काफ� अनकल रहती ह।ै 20% से �यादा से��ीय त�व� ु ूतथा 6 से 8 पी.एच. वाली जमीन म � केले क� फसल अ�छी होती ह।ै

    िट�य क�चर केले क� वै�ािनक किथ प�ितु ृ

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