तौररेत · 2020. 2. 5. · पदाइशै 2.16–3.15 3 16 लिकने रब...

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तौरत असल इानी मतन स नया उर र तमा नाशरीन शरयोशल लक रीसोस कसटलट टस

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Page 1: तौररेत · 2020. 2. 5. · पदाइशै 2.16–3.15 3 16 लिकने रब ख़दा ने उसे आगाह िकया, “तु झे हरु

तौररत

असल इबरानी मतन सर नया उरर रद तरररदमा

नाशशिरीन

शरयोशललक रीसोसरद कनसलटरलटटस

बार _____________________________________ ररवरम

The Pentateuch in Modern UrduTranslated from the Original Hebrew

Urdu Geo Version (Devanagari) (beta version 150122)copy 2012 Geolink Resource Consultants LLC

Published byGeolink Resource Consultants LLC10307 W Broad Street 169 Glen Allen Virginia 23060United States of America

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ररमला हरकर क ब-हकक-ए नाशशिरीन शरयोशललक रीसोसरद कनसलटरलटटस एल-एल-सी महफर ज हहल

पदाइश

दिनया की तख़लीक़ का पहला िदन रौशनी

1 1 इिबतदा म अललाह न आसमान और ज़मीन कोबनाया 2 अभी तक ज़मीन वीरान और ख़ाली

थी वह गहर पानी स ढकी हई थी िजस क ऊपरअधरा ही अधरा था अललाह का रह पानी क ऊपरमडला रहा था

3 िफर अललाह न कहा ldquoरौशनी हो जाएrdquo तो रौशनीपदा हो गई 4 अललाह न दखा िक रौशनी अचछी हऔर उस न रौशनी को तारीकी स अलग कर िदया5 अललाह न रौशनी को िदन का नाम िदया और तारीकीको रात का शाम हई िफर सबह य पहला िदन गज़रगया

दसरा िदन आसमान6 अललाह न कहा ldquoपानी क दरिमयान एक ऐसा

गमबद पदा हो जाए िजस स िनचला पानी ऊपर कपानी स अलग हो जाएrdquo 7 ऐसा ही हआ अललाह नएक ऐसा गमबद बनाया िजस स िनचला पानी ऊपरक पानी स अलग हो गया 8 अललाह न गमबद कोआसमान का नाम िदया शाम हई िफर सबह य दसरा िदन गज़र गया

तीसरा िदन ख़शक ज़मीन और पौद9 अललाह न कहा ldquoजो पानी आसमान क नीच ह

वह एक जगह जमा हो जाए तािक दसरी तरफ़ ख़शकजगह नज़र आएrdquo ऐसा ही हआ 10 अललाह न ख़शकजगह को ज़मीन का नाम िदया और जमाशदा पानीको समनदर का और अललाह न दखा िक यह अचछाह 11 िफर उस न कहा ldquoज़मीन हिरयावल पदा करऐस पौद जो बीज रखत हो और ऐस दरख़त िजन क

फल अपनी अपनी िक़सम क बीज रखत होrdquo ऐसाही हआ 12 ज़मीन न हिरयावल पदा की ऐस पौद जोअपनी अपनी िक़सम क बीज रखत और ऐस दरख़तिजन क फल अपनी अपनी िक़सम क बीज रखत थअललाह न दखा िक यह अचछा ह 13 शाम हई िफरसबह य तीसरा िदन गज़र गया

चौथा िदन सरज चाद और िसतार14 अललाह न कहा ldquoआसमान पर रौशिनया पदा

हो जाए तािक िदन और रात म इिमतयाज़ हो औरइसी तरह मख़तिलफ़ मौसमो िदनो और सालो म भी 15 आसमान की यह रौशिनया दिनया को रौशनकरrdquo ऐसा ही हआ 16 अललाह न दो बड़ी रौशिनया बनाई सरज जो बड़ा था िदन पर हकमत करन कोऔर चाद जो छोटा था रात पर इन क इलावा उसन िसतारो को भी बनाया 17 उस न उनह आसमानपर रखा तािक वह दिनया को रौशन कर 18 िदनऔर रात पर हकमत कर और रौशनी और तारीकीम इिमतयाज़ पदा कर अललाह न दखा िक यह अचछाह 19 शाम हई िफर सबह य चौथा िदन गज़र गया

पाचवा िदन पानी और हवा क जानदार20 अललाह न कहा ldquoपानी आबी जानदारो स भर

जाए और िफ़ज़ा म पिरनद उड़त िफरrdquo 21 अललाहन बड़ बड़ समनदरी जानवर बनाए पानी की तमामदीगर मख़लक़ात और हर िक़सम क पर रखन वालजानदार भी बनाए अललाह न दखा िक यह अचछाह 22 उस न उनह बरकत दी और कहा ldquoफलो फलोऔर तादाद म बढ़त जाओ समनदर तम स भर जाएइसी तरह पिरनद ज़मीन पर तादाद म बढ़ जाएrdquo23 शाम हई िफर सबह य पाचवा िदन गज़र गया

2 पदाइश 124ndash215

छटा िदन ज़मीन पर चलन वाल जानवरऔर इनसान24 अललाह न कहा ldquoज़मीन हर िक़सम क जानदार

पदा कर मवशी रगन वाल और जगली जानवरrdquoऐसा ही हआ 25 अललाह न हर िक़सम क मवशी रगनवाल और जगली जानवर बनाए उस न दखा िक यहअचछा ह

26 अललाह न कहा ldquoआओ अब हम इनसान कोअपनी सरत पर बनाए वह हम स मशाबहत रखवह तमाम जानवरो पर हकमत कर समनदर कीमछिलयो पर हवा क पिरनदो पर मविशयो परजगली जानवरो पर और ज़मीन पर क तमाम रगनवाल जानदारो परrdquo 27 य अललाह न इनसान कोअपनी सरत पर बनाया अललाह की सरत पर उसन उनह मदर और औरत बनाया 28 अललाह न उनहबरकत दी और कहा ldquoफलो फलो और तादाद मबढ़त जाओ दिनया तम स भर जाए और तम उसपर इख़ितयार रखो समनदर की मछिलयो हवा कपिरनदो और ज़मीन पर क तमाम रगन वाल जानदारोपर हकमत करोrdquo

29 अललाह न उन स मज़ीद कहा ldquoतमाम बीजदारपौद और फलदार दरख़त तमहार ही ह म उनह तम कोखान क िलए दता ह 30 इस तरह म तमाम जानवरोको खान क िलए हिरयाली दता ह िजस म भी जानह वह यह खा सकता ह ख़वाह वह ज़मीन पर चलनिफरन वाला जानवर हवा का पिरनदा या ज़मीन पररगन वाला कय न होrdquo ऐसा ही हआ 31 अललाह नसब पर नज़र की तो दखा िक वह बहत अचछा बनगया ह शाम हई िफर सबह छटा िदन गज़र गया

सातवा िदन आराम

2 1 य आसमान-ओ-ज़मीन और उन की तमामचीज़ो की तख़लीक़ मकममल हई 2 सातव िदन

अललाह का सारा काम तकमील को पहचा इस स

फ़ािरग़ हो कर उस न आराम िकया 3 अललाह नसातव िदन को बरकत दी और उस मख़सस-ओ-मक़ददस िकया कयिक उस िदन उस न अपन तमामतख़लीक़ी काम स फ़ािरग़ हो कर आराम िकया

आदम और हववा4 यह आसमान-ओ-ज़मीन की तख़लीक़ का बयान

ह जब रब ख़दा न आसमान-ओ-ज़मीन को बनाया5 तो शर म झािड़या और पौद नही उगत थ वजहयह थी िक अललाह न बािरश का इिनतज़ाम नही िकयाथा और अभी इनसान भी पदा नही हआ था िकज़मीन की खतीबाड़ी करता 6 इस की बजाय ज़मीनम स धनद उठ कर उस की परी सतह को तर करतीथी 7 िफर रब ख़दा न ज़मीन स िमटटी ल कर इनसानको तशकील िदया और उस क नथनो म िज़नदगी कादम फका तो वह जीती जान हआ

8 रब ख़दा न मशिरक़ म मलक-ए-अदन म एक बाग़लगाया उस म उस न उस आदमी को रखा िजस उसन बनाया था 9 रब ख़दा क हकम पर ज़मीन म स तरहतरह क दरख़त फट िनकल ऐस दरख़त जो दखन मिदलकश और खान क िलए अचछ थ बाग़ क बीचम दो दरख़त थ एक का फल िज़नदगी बख़शता थाजबिक दसर का फल अचछ और बर की पहचानिदलाता था 10 अदन म स एक दरया िनकल करबाग़ की आबपाशी करता था वहा स बह कर वहचार शाख़ो म तक़सीम हआ 11ndash12 पहली शाख़ कानाम फ़ीसन ह वह मलक-ए-हवीला को घर हए बहतीह जहा ख़ािलस सोना गगल का गद और अक़ीक़-ए-अहमर aपाए जात ह 13 दसरी का नाम जहन ह जोकश को घर हए बहती ह 14 तीसरी का नाम िदजलाह जो असर क मशिरक़ को जाती ह और चौथी कानाम फ़रात ह

15 रब ख़दा न पहल आदमी को बाग़-ए-अदन मरखा तािक वह उस की बाग़बानी और िहफ़ाज़त कर

acarnelian

पदाइश 216ndash315 316 लिकन रब ख़दा न उस आगाह िकया ldquoतझ हरदरख़त का फल खान की इजाज़त ह 17 लिकन िजसदरख़त का फल अचछ और बर की पहचान िदलाताह उस का फल खाना मना ह अगर उस खाए तोयक़ीनन मरगाrdquo

18 रब ख़दा न कहा ldquoअचछा नही िक आदमीअकला रह म उस क िलए एक मनािसब मददगारबनाता हrdquo

19 रब ख़दा न िमटटी स ज़मीन पर चलन िफरन वालजानवर और हवा क पिरनद बनाए थ अब वह उनहआदमी क पास ल आया तािक मालम हो जाए िकवह उन क कया कया नाम रखगा य हर जानवरको आदम की तरफ़ स नाम िमल गया 20 आदमी नतमाम मविशयो पिरनदो और ज़मीन पर िफरन वालजानदारो क नाम रख लिकन उस अपन िलए कोईमनािसब मददगार न िमला

21 तब रब ख़दा न उस सला िदया जब वह गहरीनीद सो रहा था तो उस न उस की पसिलयो म स एकिनकाल कर उस की जगह गोशत भर िदया 22 पसलीस उस न औरत बनाई और उस आदमी क पास लआया 23 उस दख कर वह पकार उठा ldquoवाह यहतो मझ जसी ही ह मरी हिडडयो म स हडडी और मरगोशत म स गोशत ह इस का नाम नारी रखा जाएकयिक वह नर स िनकाली गई हrdquo 24 इस िलए मदरअपन मा-बाप को छोड़ कर अपनी बीवी क साथपवसत हो जाता ह और वह दोनो एक हो जात ह25 दोनो आदमी और औरत नग थ लिकन यह उनक िलए शमर का बाइस नही था

गनाह का आग़ाज़

3 1 साप ज़मीन पर चलन िफरन वाल उन तमामजानवरो स ज़यादा चालाक था िजन को रब ख़दा

न बनाया था उस न औरत स पछा ldquoकया अललाह नवाक़ई कहा िक बाग़ क िकसी भी दरख़त का फल नखानाrdquo 2 औरत न जवाब िदया ldquoहरिगज़ नही हमबाग़ का हर फल खा सकत ह 3 िसफ़र उस दरख़त

क फल स गरज़ करना ह जो बाग़ क बीच म हअललाह न कहा िक उस का फल न खाओ बिलक उसछना भी नही वनार तम यक़ीनन मर जाओगrdquo 4 सापन औरत स कहा ldquoतम हरिगज़ न मरोग 5 बिलकअललाह जानता ह िक जब तम उस का फल खाओगतो तमहारी आख खल जाएगी और तम अललाह कीमािननद हो जाओग तम जो भी अचछा और बरा हउस जान लोगrdquo

6 औरत न दरख़त पर ग़ौर िकया िक खान किलए अचछा और दखन म भी िदलकश ह सब सिदलफ़रब बात यह िक उस स समझ हािसल होसकती ह यह सोच कर उस न उस का फल ल करउस खाया िफर उस न अपन शौहर को भी द िदयाकयिक वह उस क साथ था उस न भी खा िलया7 लिकन खात ही उन की आख खल गई और उन कोमालम हआ िक हम नग ह चनाच उनहो न अनजीरक पतत सी कर लिगया बना ली

8 शाम क वक़त जब ठडी हवा चलन लगी तो उनहोन रब ख़दा को बाग़ म चलत िफरत सना वह डरक मार दरख़तो क पीछ छप गए 9 रब ख़दा न पकारकर कहा ldquoआदम त कहा हrdquo 10 आदम न जवाबिदया ldquoम न तझ बाग़ म चलत हए सना तो डर गयाकयिक म नगा ह इस िलए म छप गयाrdquo 11 उस नपछा ldquoिकस न तझ बताया िक त नगा ह कया तन उस दरख़त का फल खाया ह िजस खान स म नमना िकया थाrdquo 12 आदम न कहा ldquoजो औरत त नमर साथ रहन क िलए दी ह उस न मझ फल िदयाइस िलए म न खा िलयाrdquo 13 अब रब ख़दा औरतस मख़ाितब हआ ldquoत न यह कय िकयाrdquo औरत नजवाब िदया ldquoसाप न मझ बहकाया तो म न खायाrdquo

14 रब ख़दा न साप स कहा ldquoचिक त न यह िकयाइस िलए त तमाम मविशयो और जगली जानवरो म लानती ह त उमर भर पट क बल रगगा और ख़ाकचाटगा 15 म तर और औरत क दरिमयान दशमनीपदा करगा उस की औलाद तरी औलाद की दशमन

4 पदाइश 316ndash411होगी वह तर सर को कचल डालगी जबिक त उसकी एड़ी पर काटगाrdquo

16 िफर रब ख़दा औरत स मख़ाितब हआ औरकहा ldquoजब त उममीद स होगी तो म तरी तकलीफ़ कोबहत बढ़ाऊगा जब तर बचच होग तो त शदीद ददरका िशकार होगी त अपन शौहर की तमनना करगीलिकन वह तझ पर हकमत करगाrdquo 17 आदम स उसन कहा ldquoत न अपनी बीवी की बात मानी और उसदरख़त का फल खाया िजस खान स म न मना िकयाथा इस िलए तर सबब स ज़मीन पर लानत ह उसस ख़राक हािसल करन क िलए तझ उमर भर महनत-मशक़क़त करनी पड़गी 18 तर िलए वह ख़ारदार पौदऔर ऊटकटार पदा करगी हालािक त उस स अपनीख़राक भी हािसल करगा 19 पसीना बहा बहा करतझ रोटी कमान क िलए भाग-दौड़ करनी पड़गीऔर यह िसलिसला मौत तक जारी रहगा त महनतकरत करत दबारा ज़मीन म लौट जाएगा कयिक तउसी स िलया गया ह त ख़ाक ह और दबारा ख़ाकम िमल जाएगाrdquo

20 आदम न अपनी बीवी का नाम हववा यानीिज़नदगी रखा कयिक बाद म वह तमाम िज़नदो कीमा बन गई 21 रब ख़दा न आदम और उस की बीवीक िलए खालो स िलबास बना कर उनह पहनाया22 उस न कहा ldquoइनसान हमारी मािननद हो गया हवह अचछ और बर का इलम रखता ह अब ऐसान हो िक वह हाथ बढ़ा कर िज़नदगी बख़शन वालदरख़त क फल स ल और उस स खा कर हमशातक िज़नदा रहrdquo 23 इस िलए रब ख़दा न उस बाग़-ए-अदन स िनकाल कर उस ज़मीन की खतीबाड़ीकरन की िज़ममादारी दी िजस म स उस िलया गयाथा 24 इनसान को ख़ािरज करन क बाद उस न बाग़-ए-अदन क मशिरक़ म करबी फ़िरशत खड़ िकएऔर साथ साथ एक आितशी तलवार रखी जो इधरउधर घमती थी तािक उस रासत की िहफ़ाज़त करजो िज़नदगी बख़शन वाल दरख़त तक पहचाता था

क़ाबील और हाबील

4 1 आदम हववा स हमिबसतर हआ तो उन कापहला बटा क़ाबील पदा हआ हववा न कहा

ldquoरब की मदद स म न एक मदर हािसल िकया हrdquo2 बाद म क़ाबील का भाई हाबील पदा हआ हाबीलभड़-बकिरयो का चरवाहा बन गया जबिक क़ाबीलखतीबाड़ी करन लगा

पहला क़तल3 कछ दर क बाद क़ाबील न रब को अपनी फ़सलो

म स कछ पश िकया 4 हाबील न भी नज़राना पशिकया लिकन उस न अपनी भड़-बकिरयो क कछपहलौठ उन की चबीर समत चढ़ाए हाबील कानज़राना रब को पसनद आया 5 मगर क़ाबील कानज़राना मनज़र न हआ यह दख कर क़ाबील बड़ग़सस म आ गया और उस का मह िबगड़ गया6 रब न पछा ldquoत ग़सस म कय आ गया ह तरा महकय लटका हआ ह 7 कया अगर त अचछी नीयतरखता ह तो अपनी नज़र उठा कर मरी तरफ़ नहीदख सकगा लिकन अगर अचछी नीयत नही रखतातो ख़बरदार गनाह दरवाज़ पर दबका बठा ह औरतझ चाहता ह लिकन तरा फ़ज़र ह िक उस पर ग़ािलबआएrdquo

8 एक िदन क़ाबील न अपन भाई स कहा ldquoआओहम बाहर खल मदान म चलrdquo और जब वह खलमदान म थ तो क़ाबील न अपन भाई हाबील पर हमलाकरक उस मार डाला

9 तब रब न क़ाबील स पछा ldquoतरा भाई हाबीलकहा हrdquo क़ाबील न जवाब िदया ldquoमझ कया पताकया अपन भाई की दख-भाल करना मरी िज़ममादारीहrdquo 10 रब न कहा ldquoत न कया िकया ह तर भाईका ख़न ज़मीन म स पकार कर मझ स फ़यारद कररहा ह 11 इस िलए तझ पर लानत ह और ज़मीन नतझ रदद िकया ह कयिक ज़मीन को मह खोल करतर हाथ स क़तल िकए हए भाई का ख़न पीना पड़ा

पदाइश 412ndash510 512 अब स जब त खतीबाड़ी करगा तो ज़मीन अपनीपदावार दन स इनकार करगी त मफ़रर हो करमारा मारा िफरगाrdquo 13 क़ाबील न कहा ldquoमरी सज़ािनहायत सख़त ह म इस बदारशत नही कर पाऊगा14 आज त मझ ज़मीन की सतह स भगा रहा ह औरमझ तर हज़र स भी छप जाना ह म मफ़रर कीहिसयत स मारा मारा िफरता रहगा इस िलए िजसको भी पता चलगा िक म कहा ह वह मझ क़तल करडालगाrdquo 15 लिकन रब न उस स कहा ldquoहरिगज़नही जो क़ाबील को क़तल कर उस स सात गनाबदला िलया जाएगाrdquo िफर रब न उस पर एक िनशानलगाया तािक जो भी क़ाबील को दख वह उस क़तलन कर द 16 इस क बाद क़ाबील रब क हज़र सचला गया और अदन क मशिरक़ की तरफ़ नोद कइलाक़ म जा बसा

क़ाबील का ख़ानदान17 क़ाबील की बीवी हािमला हई बटा पदा हआ

िजस का नाम हनक रखा गया क़ाबील न एक शहरतामीर िकया और अपन बट की ख़शी म उस कानाम हनक रखा 18 हनक का बटा ईराद था ईरादका बटा महयाएल महयाएल का बटा मतसाएलऔर मतसाएल का बटा लमक था 19 लमक कीदो बीिवया थी अदा और िज़लला 20 अदा का बटायाबल था उस की नसल क लोग ख़मो म रहत औरमवशी पालत थ 21 याबल का भाई यबल था उसकी नसल क लोग सरोद bऔर बासरी बजात थ22 िज़लला क भी बटा पदा हआ िजस का नाम तबल-क़ाबील था वह लोहार था उस की नसल क लोगपीतल और लोह की चीज़ बनात थ तबल-क़ाबीलकी बहन का नाम नामा था 23 एक िदन लमक नअपनी बीिवयो स कहा ldquoअदा और िज़लला मरी बातसनो लमक की बीिवयो मर अलफ़ाज़ पर ग़ौर करो24 एक आदमी न मझ ज़ख़मी िकया तो म न उस मार

डाला एक लड़क न मर चोट लगाई तो म न उसक़तल कर िदया जो क़ाबील को क़तल कर उस ससात गना बदला िलया जाएगा लिकन जो लमक कोक़तल कर उस स सतततर गना बदला िलया जाएगाrdquo

सत और अनस25 आदम और हववा का एक और बटा पदा हआ

हववा न उस का नाम सत रख कर कहा ldquoअललाह नमझ हाबील की जगह िजस क़ाबील न क़तल िकयाएक और बटा बख़शा हrdquo 26 सत क हा भी बटा पदाहआ उस न उस का नाम अनस रखा

उन िदनो म लोग रब का नाम ल कर इबादत करनलग

आदम स नह तक का नसबनामा

5 1 ज़ल म आदम का नसबनामा दजर हजब अललाह न इनसान को ख़लक़ िकया तो उस

न उस अपनी सरत पर बनाया 2 उस न उनह मदर औरऔरत पदा िकया और िजस िदन उस न उनह ख़लक़िकया उस न उनह बरकत द कर उन का नाम आदमयानी इनसान रखा

3 आदम की उमर 130 साल थी जब उस का बटासत पदा हआ सत सरत क िलहाज़ स अपन बापकी मािननद था वह उस स मशाबहत रखता था4 सत की पदाइश क बाद आदम मज़ीद 800 सालिज़नदा रहा उस क और बट-बिटया भी पदा हए5 वह 930 साल की उमर म फ़ौत हआ

6 सत 105 साल का था जब उस का बटा अनसपदा हआ 7 इस क बाद वह मज़ीद 807 साल िज़नदारहा उस क और बट-बिटया भी पदा हए 8 वह 912साल की उमर म फ़ौत हआ

9 अनस 90 बरस का था जब उस का बटा क़ीनानपदा हआ 10 इस क बाद वह मज़ीद 815 साल

bलफ़ज़ी तजरमा चग चिक यह साज़ बरर-ए-सग़ीर म कम ही इसतमाल होता ह इस िलए मतजरमीन न इस की जगह लफ़ज़ lsquoसरोदrsquoइसतमाल िकया ह

6 पदाइश 511ndash613िज़नदा रहा उस क और बट-बिटया भी पदा हए11 वह 905 साल की उमर म फ़ौत हआ

12 क़ीनान 70 साल का था जब उस का बटामहलल-एल पदा हआ 13 इस क बाद वह मज़ीद840 साल िज़नदा रहा उस क और बट-बिटया भीपदा हए 14 वह 910 साल की उमर म फ़ौत हआ

15 महलल-एल 65 साल का था जब उस का बटायािरद पदा हआ 16 इस क बाद वह मज़ीद 830साल िज़नदा रहा उस क और बट-बिटया भी पदाहए 17 वह 895 साल की उमर म फ़ौत हआ

18 यािरद 162 साल का था जब उस का बटा हनकपदा हआ 19 इस क बाद वह मज़ीद 800 सालिज़नदा रहा उस क और बट-बिटया भी पदा हए20 वह 962 साल की उमर म फ़ौत हआ

21 हनक 65 साल का था जब उस का बटामतिसलह पदा हआ 22 इस क बाद वह मज़ीद 300साल अललाह क साथ चलता रहा उस क और बट-बिटया भी पदा हए 23 वह कल 365 साल दिनया मरहा 24 हनक अललाह क साथ साथ चलता था 365साल की उमर म वह ग़ाइब हआ कयिक अललाह नउस उठा िलया

25 मतिसलह 187 साल का था जब उस का बटालमक पदा हआ 26 वह मज़ीद 782 साल िज़नदारहा उस क और बट और बिटया भी पदा हए 27 वह969 साल की उमर म फ़ौत हआ

28 लमक 182 साल का था जब उस का बटा पदाहआ 29 उस न उस का नाम नह यानी तसलली रखाकयिक उस न उस क बार म कहा ldquoहमारा खतीबाड़ीका काम िनहायत तकलीफ़िदह ह इस िलए िकअललाह न ज़मीन पर लानत भजी ह लिकन अब हमबट की मािरफ़त तसलली पाएगrdquo 30 इस क बाद वहमज़ीद 595 साल िज़नदा रहा उस क और बट-बिटया भी पदा हए 31 वह 777 साल की उमर म फ़ौत हआ

32 नह 500 साल का था जब उस क बट िसम हामऔर याफ़त पदा हए

लोगो की िज़यादितया

6 1 दिनया म लोगो की तादाद बढ़न लगी उन कहा बिटया पदा हई 2 तब आसमानी हिसतयो

न दखा िक बनी नौ इनसान की बिटया ख़बसरत हऔर उनहो न उन म स कछ चन कर उन स शादी की3 िफर रब न कहा ldquoमरी रह हमशा क िलए इनसानम न रह कयिक वह फ़ानी मख़लक़ ह अब स वह120 साल स ज़यादा िज़नदा नही रहगाrdquo 4 उन िदनोम और बाद म भी दिनया म दओक़ामत अफ़रादथ जो इनसानी औरतो और उन आसमानी हिसतयोकी शािदयो स पदा हए थ यह दओक़ामत अफ़रादक़दीम ज़मान क मशहर सरमा थ

5 रब न दखा िक इनसान िनहायत िबगड़ गया हिक उस क तमाम ख़यालात लगातार बराई की तरफ़माइल रहत ह 6 वह पछताया िक म न इनसान कोबना कर दिनया म रख िदया ह और उस सख़त दखहआ 7 उस न कहा ldquoगो म ही न इनसान को ख़लक़िकया म उस र-ए-ज़मीन पर स िमटा डालगा मन िसफ़र लोगो को बिलक ज़मीन पर चलन िफरनऔर रगन वाल जानवरो और हवा क पिरनदो कोभी हलाक कर दगा कयिक म पछताता ह िक म नउन को बनायाrdquo

बड़ सलाब क िलए नह की तययािरया 8 िसफ़र नह पर रब की नज़र-ए-करम थी 9 यह उस

की िज़नदगी का बयान हनह रासतबाज़ था उस ज़मान क लोगो म िसफ़र

वही बक़सर था वह अललाह क साथ साथ चलताथा 10 नह क तीन बट थ िसम हाम और याफ़त11 लिकन दिनया अललाह की नज़र म िबगड़ी हई औरज़लम-ओ-तशददद स भरी हई थी 12 जहा भी अललाहदखता दिनया ख़राब थी कयिक तमाम जानदारो नज़मीन पर अपनी रिवश को िबगाड़ िदया था

13 तब अललाह न नह स कहा ldquoम न तमाम जानदारोको ख़तम करन का फ़सला िकया ह कयिक उन

पदाइश 614ndash721 7क सबब स परी दिनया ज़लम-ओ-तशददद स भर गईह चनाच म उन को ज़मीन समत तबाह कर दगा14 अब अपन िलए सवर cकी लकड़ी की कशती बनाल उस म कमर हो और उस अनदर और बाहरतारकोल लगा 15 उस की लमबाई 450 फ़ट चौड़ाई75 फ़ट और ऊचाई 45 फ़ट हो 16 कशती की छतको य बनाना िक उस क नीच 18 इच खला रह एकतरफ़ दरवाज़ा हो और उस की तीन मिनज़ल हो17 म पानी का इतना बड़ा सलाब लाऊगा िक वहज़मीन क तमाम जानदारो को हलाक कर डालगाज़मीन पर सब कछ फ़ना हो जाएगा 18 लिकन तरसाथ म अहद बाधगा िजस क तहत त अपन बटोअपनी बीवी और बहओ क साथ कशती म जाएगा19 हर िक़सम क जानवर का एक नर और एक मादाभी अपन साथ कशती म ल जाना तािक वह तर साथजीत बच 20 हर िक़सम क पर रखन वाल जानवरऔर हर िक़सम क ज़मीन पर िफरन या रगन वालजानवर दो दो हो कर तर पास आएग तािक जीत बचजाए 21 जो भी ख़राक दरकार ह उस अपन और उनक िलए जमा करक कशती म महफ़ज़ कर लनाrdquo

22 नह न सब कछ वसा ही िकया जसा अललाह नउस बताया

सलाब का अग़ाज़

7 1 िफर रब न नह स कहा ldquoअपन घरान समतकशती म दािख़ल हो जा कयिक इस दौर क

लोगो म स म न िसफ़र तझ रासतबाज़ पाया ह 2 हरिक़सम क पाक जानवरो म स सात सात नर-ओ-मादाक जोड़ जबिक नापाक जानवरो म स नर-ओ-मादाका िसफ़र एक एक जोड़ा साथ ल जाना 3 इसी तरहहर िक़सम क पर रखन वालो म स सात सात नर-ओ-मादा क जोड़ भी साथ ल जाना तािक उन की नसलबची रह 4 एक हफ़त क बाद म चालीस िदन औरचालीस रात मतवाितर बािरश बरसाऊगा इस स म

तमाम जानदारो को र-ए-ज़मीन पर स िमटा डालगाअगरच म ही न उनह बनाया हrdquo

5 नह न वसा ही िकया जसा रब न हकम िदया था6 वह 600 साल का था जब यह तफ़ानी सलाब ज़मीनपर आया

7 तफ़ानी सलाब स बचन क िलए नह अपन बटोअपनी बीवी और बहओ क साथ कशती म सवारहआ 8 ज़मीन पर िफरन वाल पाक और नापाकजानवर पर रखन वाल और तमाम रगन वाल जानवरभी आए 9 नर-ओ-मादा की सरत म दो दो हो कर वहनह क पास आ कर कशती म सवार हए सब कछवसा ही हआ जसा अललाह न नह को हकम िदया था10 एक हफ़त क बाद तफ़ानी सलाब ज़मीन पर आगया

11 यह सब कछ उस वक़त हआ जब नह 600 सालका था दसर महीन क 17व िदन ज़मीन की गहराइयोम स तमाम चशम फट िनकल और आसमान पर पानीक दरीच खल गए 12 चालीस िदन और चालीस राततक मसलाधार बािरश होती रही 13 जब बािरश शरहई तो नह उस क बट िसम हाम और याफ़त उसकी बीवी और बहए कशती म सवार हो चक थ14 उन क साथ हर िक़सम क जगली जानवर मवशीरगन और पर रखन वाल जानवर थ 15 हर िक़समक जानदार दो दो हो कर नह क पास आ कर कशतीम सवार हो चक थ 16 नर-ओ-मादा आए थ सबकछ वसा ही हआ था जसा अललाह न नह को हकमिदया था िफर रब न दरवाज़ को बनद कर िदया

17 चालीस िदन तक तफ़ानी सलाब जारी रहा पानीचढ़ा तो उस न कशती को ज़मीन पर स उठा िलया18 पानी ज़ोर पकड़ कर बहत बढ़ गया और कशतीउस पर तरन लगी 19 आिख़रकार पानी इतना ज़यादाहो गया िक तमाम ऊच पहाड़ भी उस म छप गए20 बिलक सब स ऊची चोटी पर पानी की गहराई 20फ़ट थी 21 ज़मीन पर रहन वाली हर मख़लक़ हलाक

cइबरानी लफ़ज़ मतरक ह शायद इस का मतलब सवर या दवदार की लकड़ी हो

8 पदाइश 722ndash93हई पिरनद मवशी जगली जानवर तमाम जानदारिजन स ज़मीन भरी हई थी और इनसान सब कछमर गया 22 ज़मीन पर हर जानदार मख़लक़ हलाकहई 23 य हर मख़लक़ को र-ए-ज़मीन पर स िमटािदया गया इनसान ज़मीन पर िफरन और रगन वालजानवर और पिरनद सब कछ ख़तम कर िदया गयािसफ़र नह और कशती म सवार उस क साथी बच गए

24 सलाब डढ़ सौ िदन तक ज़मीन पर ग़ािलब रहा

सलाब का इख़ितताम

8 1 लिकन अललाह को नह और तमाम जानवर यादरह जो कशती म थ उस न हवा चला दी िजस स

पानी कम होन लगा 2 ज़मीन क चशम और आसमानपर क पानी क दरीच बनद हो गए और बािरश रकगई 3 पानी घटता गया 150 िदन क बाद वह काफ़ीकम हो गया था 4 सातव महीन क 17व िदन कशतीअरारात क एक पहाड़ पर िटक गई 5 दसव महीनक पहल िदन पानी इतना कम हो गया था िक पहाड़ोकी चोिटया नज़र आन लगी थी

6ndash7 चालीस िदन क बाद नह न कशती की िखड़कीखोल कर एक कववा छोड़ िदया और वह उड़ करचला गया लिकन जब तक ज़मीन पर पानी था वहआता जाता रहा 8 िफर नह न एक कबतर छोड़ िदयातािक पता चल िक ज़मीन पानी स िनकल आई ह यानही 9 लिकन कबतर को कही भी बठन की जगहन िमली कयिक अब तक परी ज़मीन पर पानी हीपानी था वह कशती और नह क पास वापस आगया और नह न अपना हाथ बढ़ाया और कबतरको पकड़ कर अपन पास कशती म रख िलया

10 उस न एक हफ़ता और इिनतज़ार करक कबतरको दबारा छोड़ िदया 11 शाम क वक़त वह लौटआया इस दफ़ा उस की चोच म ज़तन का ताज़ापतता था तब नह को मालम हआ िक ज़मीन पानी सिनकल आई ह

12 उस न मज़ीद एक हफ़त क बाद कबतर को छोड़िदया इस दफ़ा वह वापस न आया

13 जब नह 601 साल का था तो पहल महीन कपहल िदन ज़मीन की सतह पर पानी ख़तम हो गयातब नह न कशती की छत खोल दी और दखा िकज़मीन की सतह पर पानी नही ह 14 दसर महीन क27व िदन ज़मीन िबलकल ख़शक हो गई

15 िफर अललाह न नह स कहा 16 ldquoअपनी बीवीबटो और बहओ क साथ कशती स िनकल आ17 िजतन भी जानवर साथ ह उनह िनकाल द ख़वाहपिरनद हो ख़वाह ज़मीन पर िफरन या रगन वालजानवर वह दिनया म फल जाए नसल बढ़ाएऔर तादाद म बढ़त जाएrdquo 18 चनाच नह अपनबटो अपनी बीवी और बहओ समत िनकल आया19 तमाम जानवर और पिरनद भी अपनी अपनी िक़समक गरोहो म कशती स िनकल

20 उस वक़त नह न रब क िलए क़बारनगाह बनाईउस न तमाम िफरन और उड़न वाल पाक जानवरोम स कछ चन कर उनह ज़बह िकया और क़बारनगाहपर परी तरह जला िदया 21 यह क़बारिनया दख कररब ख़श हआ और अपन िदल म कहा ldquoअब सम कभी ज़मीन पर इनसान की वजह स लानत नहीभजगा कयिक उस का िदल बचपन ही स बराई कीतरफ़ माइल ह अब स म कभी इस तरह तमाम जानरखन वाली मख़लक़ात को र-ए-ज़मीन पर स नहीिमटाऊगा 22 दिनया क मक़रररा औक़ात जारी रहगबीज बोन और फ़सल काटन का वक़त ठड औरतिपश गिमरयो और सिदरयो का मौसम िदन औररात यह सब कछ दिनया क अख़ीर तक क़ाइमरहगाrdquo

अललाह का नह क साथ अहद

9 1 िफर अललाह न नह और उस क बटो को बरकतद कर कहा ldquoफलो फलो और तादाद म बढ़त

जाओ दिनया तम स भर जाए 2 ज़मीन पर िफरनऔर रगन वाल जानवर पिरनद और मछिलया सबतम स डरग उनह तमहार इख़ितयार म कर िदया गयाह 3 िजस तरह म न तमहार खान क िलए पौदो की

पदाइश 94ndash104 9पदावार मक़ररर की ह उसी तरह अब स तमह हरिक़सम क जानवर खान की इजाज़त भी ह 4 लिकनख़बरदार ऐसा गोशत न खाना िजस म ख़न ह कयिकख़न म उस की जान ह

5 िकसी की जान लना मना ह जो ऐसा करगा उसअपनी जान दनी पड़गी ख़वाह वह इनसान हो याहवान म ख़द इस का मतालबा करगा 6 जो भीिकसी का ख़न बहाए उस का ख़न भी बहाया जाएगाकयिक अललाह न इनसान को अपनी सरत पर बनायाह

7 अब फलो फलो और तादाद म बढ़त जाओदिनया म फल जाओrdquo

8 तब अललाह न नह और उस क बटो स कहा9 ldquoअब म तमहार और तमहारी औलाद क साथ अहदक़ाइम करता ह 10 यह अहद उन तमाम जानवरोक साथ भी होगा जो कशती म स िनकल ह यानीपिरनदो मविशयो और ज़मीन पर क तमाम जानवरोक साथ 11 म तमहार साथ अहद बाध कर वादाकरता ह िक अब स ऐसा कभी नही होगा िक ज़मीनकी तमाम िज़नदगी सलाब स ख़तम कर दी जाएगीअब स ऐसा सलाब कभी नही आएगा जो परी ज़मीनको तबाह कर द 12 इस अबदी अहद का िनशानजो म तमहार और तमाम जानदारो क साथ क़ाइमकर रहा ह यह ह िक 13 म अपनी कमान बादलो म रखता ह वह मर दिनया क साथ अहद का िनशानहोगा 14 जब कभी मर कहन पर आसमान पर बादलछा जाएग और क़ौस-ए-क़ज़ह उन म स नज़र आएगी15 तो म यह अहद याद करगा जो तमहार और तमामजानदारो क साथ िकया गया ह अब कभी भी ऐसासलाब नही आएगा जो तमाम िज़नदगी को हलाककर द 16 क़ौस-ए-क़ज़ह नज़र आएगी तो म उस दखकर उस दाइमी अहद को याद करगा जो मर औरदिनया की तमाम जानदार मख़लक़ात क दरिमयानह 17 यह उस अहद का िनशान ह जो म न दिनया कतमाम जानदारो क साथ िकया हrdquo

नह क बट18 नह क जो बट उस क साथ कशती स िनकल

िसम हाम और याफ़त थ हाम कनआन का बाप था19 दिनया भर क तमाम लोग इन तीनो की औलाद ह

20 नह िकसान था शर म उस न अगर का बाग़लगाया 21 अगर स म बना कर उस न इतनी पी लीिक वह नश म धत अपन डर म नगा पड़ा रहा22 कनआन क बाप हाम न उस य पड़ा हआ दखातो बाहर जा कर अपन दोनो भाइयो को उस क बारम बताया 23 यह सन कर िसम और याफ़त न अपनकधो पर कपड़ा रखा िफर वह उलट चलत हएडर म दािख़ल हए और कपड़ा अपन बाप पर डालिदया उन क मह दसरी तरफ़ मड़ रह तािक बाप कीबरहनगी नज़र न आए

24 जब नह होश म आया तो उस को पता चलािक सब स छोट बट न कया िकया ह 25 उस नकहा ldquoकनआन पर लानत वह अपन भाइयो काज़लीलतरीन ग़लाम होगा

26 मबारक हो रब जो िसम का ख़दा ह कनआनिसम का ग़लाम हो 27 अललाह कर िक याफ़त कीहदद बढ़ जाए याफ़त िसम क डरो म रह औरकनआन उस का ग़लाम होrdquo

28 सलाब क बाद नह मज़ीद 350 साल िज़नदा रहा29 वह 950 साल की उमर म फ़ौत हआ

नह की औलाद

10 1 यह नह क बटो िसम हाम और याफ़तका नसबनामा ह उन क बट सलाब क

बाद पदा हए

याफ़त की नसल2 याफ़त क बट जमर माजज मादी यावान तबल

मसक और तीरास थ 3 जमर क बट अशकनाज़रीफ़त और तजमार थ 4 यावान क बट इलीसा औरतरसीस थ िकतती और दोदानी भी उस की औलाद

10 पदाइश 105ndash114ह 5 वह उन क़ौमो क आबा-ओ-अजदाद ह जोसािहली इलाक़ो और जज़ीरो म फल गई यह याफ़तकी औलाद ह जो अपन अपन क़बील और मलक मरहत हए अपनी अपनी ज़बान बोलत ह

हाम की नसल6 हाम क बट कश िमसर फ़त और कनआन थ

7 कश क बट िसबा हवीला सबता रामा औरसबतका थ रामा क बट सबा और ददान थ

8 कश का एक और बटा बनाम नमरद था वहदिनया म पहला ज़बरदसत हािकम था 9 रब कनज़दीक वह ज़बरदसत िशकारी था इस िलए आजभी िकसी अचछ िशकारी क बार म कहा जाताह ldquoवह नमरद की मािननद ह जो रब क नज़दीकज़बरदसत िशकारी थाrdquo 10 उस की सलतनत क पहलमकर ज़ मलक-ए-िसनआर म बाबल अरक अककादऔर कलना क शहर थ 11 उस मलक स िनकल करवह असर चला गया जहा उस न नीनवा रहोबोत-ईर कलह 12 और रसन क शहर तामीर िकए बड़ाशहर रसन नीनवा और कलह क दरिमयान वाक़ ह

13 िमसर इन क़ौमो का बाप था लदी अनामीिलहाबी नफ़तही 14 फ़तरसी कसलही (िजन सिफ़िलसती िनकल) और कफ़तरी

15 कनआन का पहलौठा सदा था कनआन ज़लकी क़ौमो का बाप भी था िहतती 16 यबसी अमोरीिजजारसी 17 िहववी अक़ीर सीनी 18 अवारदी समारीऔर हमाती बाद म कनआनी क़बील इतन फल गए19 िक उन की हदद िशमाल म सदा स जनब की तरफ़िजरार स हो कर ग़ज़ज़ा तक और वहा स मशिरक़ कीतरफ़ सदम अमरा अदमा और ज़बोईम स हो करलसा तक थी

20 यह सब हाम की औलाद ह जो उन क अपनअपन क़बील अपनी अपनी ज़बान अपन अपनमलक और अपनी अपनी क़ौम क मतािबक़ दजर ह

िसम की नसल21 िसम याफ़त का बड़ा भाई था उस क भी बट

पदा हए िसम तमाम बनी इबर का बाप ह22 िसम क बट ऐलाम असर अफ़र कसद लद और

अराम थ23 अराम क बट ऊज़ हल जतर और मस थ24 अफ़र कसद का बटा िसलह और िसलह का बटा

इबर था25 इबर क हा दो बट पदा हए एक का नाम फ़लज

यानी तक़सीम था कयिक उन अययाम म दिनयातक़सीम हई फ़लज क भाई का नाम यक़तान था

26 यक़तान क बट अलमदाद सलफ़ हसरमावतइराख़ 27 हदराम ऊज़ाल िदक़ला 28 ऊबालअबीमाएल सबा 29 ओफ़ीर हवीला और यबाब थयह सब यक़तान क बट थ 30 वह मसा स ल करसफ़ार और मशिरक़ी पहाड़ी इलाक़ तक आबाद थ

31 यह सब िसम की औलाद ह जो अपन अपनक़बील अपनी अपनी ज़बान अपन अपन मलकऔर अपनी अपनी क़ौम क मतािबक़ दजर ह

32 यह सब नह क बटो क क़बील ह जो अपनीनसलो और क़ौमो क मतािबक़ दजर िकए गए हसलाब क बाद तमाम क़ौम इन ही स िनकल करर-ए-ज़मीन पर फल गई

बाबल का बजर

11 1 उस वक़त तक परी दिनया क लोग एकही ज़बान बोलत थ 2 मशिरक़ की तरफ़

बढ़त बढ़त वह िसनआर क एक मदान म पहच करवहा आबाद हए 3 तब वह एक दसर स कहन लगldquoआओ हम िमटटी स ईट बना कर उनह आग म ख़बपकाएrdquo उनहो न तामीरी काम क िलए पतथर कीजगह ईट और मसाल की जगह तारकोल इसतमालिकया 4 िफर वह कहन लग ldquoआओ हम अपनिलए शहर बना ल िजस म ऐसा बजर हो जो आसमान

पदाइश 115ndash123 11तक पहच जाए िफर हमारा नाम क़ाइम रहगा औरहम र-ए-ज़मीन पर िबखर जान स बच जाएगrdquo

5 लिकन रब उस शहर और बजर को दखन क िलएउतर आया िजस लोग बना रह थ 6 रब न कहाldquoयह लोग एक ही क़ौम ह और एक ही ज़बान बोलतह और यह िसफ़र उस का आग़ाज़ ह जो वह करनाचाहत ह अब स जो भी वह िमल कर करना चाहगउस स उनह रोका नही जा सकगा 7 इस िलए आओहम दिनया म उतर कर उन की ज़बान को दहरम-बहरमकर द तािक वह एक दसर की बात समझ न पाएrdquo

8 इस तरीक़ स रब न उनह तमाम र-ए-ज़मीन परमनतिशर कर िदया और शहर की तामीर रक गई9 इस िलए शहर का नाम बाबल यानी अबतरी ठहराकयिक रब न वहा तमाम लोगो की ज़बान को दहरम-बहरम करक उनह तमाम र-ए-ज़मीन पर मनतिशर करिदया

िसम स अबराम तक का नसबनामा10 यह िसम का नसबनामा ह िसम 100 साल का था जब उस का बटा अफ़र कसद

पदा हआ यह सलाब क दो साल बाद हआ 11 इसक बाद वह मज़ीद 500 साल िज़नदा रहा उस कऔर बट-बिटया भी पदा हए

12 अफ़र कसद 35 साल का था जब िसलह पदाहआ 13 इस क बाद वह मज़ीद 403 साल िज़नदारहा उस क और बट-बिटया भी पदा हए

14 िसलह 30 साल का था जब इबर पदा हआ15 इस क बाद वह मज़ीद 403 साल िज़नदा रहा उसक और बट-बिटया भी पदा हए

16 इबर 34 साल का था जब फ़लज पदा हआ17 इस क बाद वह मज़ीद 430 साल िज़नदा रहा उसक और बट-बिटया भी पदा हए

18 फ़लज 30 साल का था जब रऊ पदा हआ19 इस क बाद वह मज़ीद 209 साल िज़नदा रहाउस क और बट-बिटया भी पदा हए

20 रऊ 32 साल का था जब सरज पदा हआ21 इस क बाद वह मज़ीद 207 साल िज़नदा रहाउस क और बट-बिटया भी पदा हए

22 सरज 30 साल का था जब नहर पदा हआ23 इस क बाद वह मज़ीद 200 साल िज़नदा रहा उसक और बट-बिटया भी पदा हए

24 नहर 29 साल का था जब तारह पदा हआ25 इस क बाद वह मज़ीद 119 साल िज़नदा रहाउस क और बट-बिटया भी पदा हए

26 तारह 70 साल का था जब उस क बट अबरामनहर और हारान पदा हए

27 यह तारह का नसबनामा ह अबराम नहर औरहारान तारह क बट थ लत हारान का बटा था28 अपन बाप तारह की िज़नदगी म ही हारान किसदयोक ऊर म इिनतक़ाल कर गया जहा वह पदा भी हआथा

29 बाक़ी दोनो बटो की शादी हई अबराम की बीवीका नाम सारय था और नहर की बीवी का नामिमलकाह िमलकाह हारान की बटी थी और उस कीएक बहन बनाम इसका थी 30 सारय बाझ थी इसिलए उस क बचच नही थ

31 तारह किसदयो क ऊर स रवाना हो कर मलक-ए-कनआन की तरफ़ सफ़र करन लगा उस क साथउस का बटा अबराम उस का पोता लत यानी हारानका बटा और उस की बह सारय थ जब वह हारानपहच तो वहा आबाद हो गए 32 तारह 205 साल काथा जब उस न हारान म वफ़ात पाई

अबराम की बलाहट

12 1 रब न अबराम स कहा ldquoअपन वतनअपन िरशतदारो और अपन बाप क घर को

छोड़कर उस मलक म चला जा जो म तझ िदखाऊगा2 म तझ स एक बड़ी क़ौम बनाऊगा तझ बरकत दगाऔर तर नाम को बहत बढ़ाऊगा त दसरो क िलएबरकत का बाइस होगा 3 जो तझ बरकत दग उनहम भी बरकत दगा जो तझ पर लानत करगा उस पर

12 पदाइश 124ndash136म भी लानत करगा दिनया की तमाम क़ौम तझ सबरकत पाएगीrdquo

4 अबराम न रब की सनी और हारान स रवाना हआलत उस क साथ था उस वक़त अबराम 75 साल काथा 5 उस क साथ उस की बीवी सारय और उसका भतीजा लत थ वह अपन नौकर-चाकरो समतअपनी परी िमलिकयत भी साथ ल गया जो उस नहारान म हािसल की थी चलत चलत वह कनआनपहच 6 अबराम उस मलक म स गज़र कर िसकम कमक़ाम पर ठहर गया जहा मोिरह क बलत का दरख़तथा उस ज़मान म मलक म कनआनी क़ौम आबादथी

7 वहा रब अबराम पर ज़ािहर हआ और उस स कहाldquoम तरी औलाद को यह मलक दगाrdquo इस िलए उसन वहा रब की ताज़ीम म क़बारनगाह बनाई जहा वहउस पर ज़ािहर हआ था 8 वहा स वह उस पहाड़ीइलाक़ की तरफ़ गया जो बत-एल क मशिरक़ म हवहा उस न अपना ख़मा लगाया मग़िरब म बत-एलथा और मशिरक़ म अई इस जगह पर भी उस न रबकी ताज़ीम म क़बारनगाह बनाई और रब का नाम लकर इबादत की

9 िफर अबराम दबारा रवाना हो कर जनब क दशत-ए-नजब की तरफ़ चल पड़ा

अबराम िमसर म10 उन िदनो म मलक-ए-कनआन म काल पड़ा

काल इतना सख़त था िक अबराम उस स बचन कीख़ाितर कछ दर क िलए िमसर म जा बसा लिकनपरदसी की हिसयत स 11 जब वह िमसर की सरहदक क़रीब आए तो उस न अपनी बीवी सारय स कहाldquoम जानता ह िक त िकतनी ख़बसरत ह 12 िमसरीतझ दखग िफर कहग lsquoयह इस का शौहर हrsquo नतीजम वह मझ मार डालग और तझ िज़नदा छोड़ग13 इस िलए लोगो स यह कहत रहना िक म अबरामकी बहन ह िफर मर साथ अचछा सलक िकयाजाएगा और मरी जान तर सबब स बच जाएगीrdquo

14 जब अबराम िमसर पहचा तो वाक़ई िमिसरयो नदखा िक सारय िनहायत ही ख़बसरत ह 15 औरजब िफ़रऔन क अफ़सरान न उस दखा तो उनहोन िफ़रऔन क सामन सारय की तारीफ़ कीआिख़रकार उस महल म पहचाया गया 16 िफ़रऔनन सारय की ख़ाितर अबराम पर एहसान करक उसभड़-बकिरया गाय-बल गध-गिधया नौकर-चाकरऔर ऊट िदए

17 लिकन रब न सारय क सबब स िफ़रऔन औरउस क घरान म सख़त िक़सम क अमराज़ फलाए18 आिख़रकार िफ़रऔन न अबराम को बला करकहा ldquoत न मर साथ कया िकया त न मझ कय नही बताया िक सारय तरी बीवी ह 19 त न कय कहा िक वह मरी बहन ह इस धोक की िबना परम न उस घर म रख िलया तािक उस स शादी करदख तरी बीवी हािज़र ह इस ल कर यहा स िनकलजाrdquo 20 िफर िफ़रऔन न अपन िसपािहयो को हकमिदया और उनहो न अबराम उस की बीवी और परीिमलिकयत को रख़सत करक मलक स रवाना करिदया

अबराम और लत अलग हो जात ह

13 1 अबराम अपनी बीवी लत और तमामजायदाद को साथ ल कर िमसर स िनकला

और कनआन क जनबी इलाक़ दशत-ए-नजब मवापस आया

2 अबराम िनहायत दौलतमनद हो गया था उस कपास बहत स मवशी और सोना-चादी थी 3 वहा सजगह-ब-जगह चलत हए वह आिख़रकार बत-एल सहो कर उस मक़ाम तक पहच गया जहा उस न शर मअपना डरा लगाया था और जो बत-एल और अई कदरिमयान था 4 वहा जहा उस न क़बारनगाह बनाईथी उस न रब का नाम ल कर उस की इबादत की

5 लत क पास भी बहत सी भड़-बकिरया गाय-बलऔर ख़म थ 6 नतीजा यह िनकला िक आिख़रकारवह िमल कर न रह सक कयिक इतनी जगह नही

पदाइश 137ndash1410 13थी िक दोनो क रवड़ एक ही जगह पर चर सक7 अबराम और लत क चरवाह आपस म झगड़न लग(उस ज़मान म कनआनी और फ़िरज़ज़ी भी मलक मआबाद थ) 8 तब अबराम न लत स बात की ldquoऐसानही होना चािहए िक तर और मर दरिमयान झगड़ाहो या तर चरवाहो और मर चरवाहो क दरिमयानहम तो भाई ह 9 कया ज़ररत ह िक हम िमल कररह जबिक त आसानी स इस मलक की िकसी औरजगह रह सकता ह बहतर ह िक त मझ स अलगहो कर कही और रह अगर त बाए हाथ जाए तो मदाए हाथ जाऊगा और अगर त दाए हाथ जाए तो मबाए हाथ जाऊगाrdquo

10 लत न अपनी नज़र उठा कर दखा िक दरया-ए-यदरन क पर इलाक़ म ज़ग़र तक पानी की कसरत हवह रब क बाग़ या मलक-ए-िमसर की मािननद थाकयिक उस वक़त रब न सदम और अमरा को तबाहनही िकया था 11 चनाच लत न दरया-ए-यदरन कपर इलाक़ को चन िलया और मशिरक़ की तरफ़ जाबसा य दोनो िरशतदार एक दसर स जदा हो गए12 अबराम मलक-ए-कनआन म रहा जबिक लत यदरनक इलाक़ क शहरो क दरिमयान आबाद हो गयावहा उस न अपन ख़म सदम क क़रीब लगा िदए13 लिकन सदम क बािशनद िनहायत शरीर थ औरउन क रब क िख़लाफ़ गनाह िनहायत मकरह थ

रब का अबराम क साथ दबारा वादा14 लत अबराम स जदा हआ तो रब न अबराम

स कहा ldquoअपनी नज़र उठा कर चारो तरफ़ यानीिशमाल जनब मशिरक़ और मग़िरब की तरफ़ दख15 जो भी ज़मीन तझ नज़र आए उस म तझ औरतरी औलाद को हमशा क िलए दता ह 16 म तरीऔलाद को ख़ाक की तरह बशमार होन दगा िजसतरह ख़ाक क ज़रर िगन नही जा सकत उसी तरह तरीऔलाद भी िगनी नही जा सकगी 17 चनाच उठ करइस मलक की हर जगह चल िफर कयिक म इस तझदता हrdquo

18 अबराम रवाना हआ चलत चलत उस न अपनडर हबरन क क़रीब ममर क दरख़तो क पास लगाएवहा उस न रब की ताज़ीम म क़बारनगाह बनाई

अबराम लत को छड़ाता ह

14 1 कनआन म जग हई बरन-ए-मलकक चार बादशाहो न कनआन क पाच

बादशाहो स जग की बरन-ए-मलक क बादशाह यहथ िसनआर स अमरािफ़ल इललासर स अयरक ऐलामस िकदलारउमर और जोइम स ितदआल 2 कनआनक बादशाह यह थ सदम स िबरा अमरा स िबशारअदमा स िसनयाब ज़बोईम स िशमबर और बालायानी ज़ग़र का बादशाह

3 कनआन क इन पाच बादशाहो का इिततहाद हआथा और वह वादी-य-िसददीम म जमा हए थ (अबिसददीम नही ह कयिक उस की जगह बहीरा-ए-मदाररआ गया ह) 4 िकदलारउमर न बारह साल तक उनपर हकमत की थी लिकन तरहव साल वह बाग़ी होगए थ

5 अब एक साल क बाद िकदलारउमर और उस कइिततहादी अपनी फ़ौजो क साथ आए पहल उनहो नअसतारात-क़न रम म रफ़ाइयो को हाम म ज़िज़यो कोसवी-िक़यरताइम म ऐिमयो को 6 और होिरयो को उनक पहाड़ी इलाक़ सईर म िशकसत दी य वह एल-फ़ारान तक पहच गए जो रिगसतान क िकनार परह 7 िफर वह वापस आए और ऐन-िमसफ़ात यानीक़ािदस पहच उनहो न अमालीिक़यो क पर इलाक़को तबाह कर िदया और हससन-तमर म आबादअमोिरयो को भी िशकसत दी

8 उस वक़त सदम अमरा अदमा ज़बोईम औरबाला यानी ज़ग़र क बादशाह उन स लड़न क िलएिसददीम की वादी म जमा हए 9 इन पाच बादशाहो नऐलाम क बादशाह िकदलारउमर जोइम क बादशाहितदआल िसनआर क बादशाह अमरािफ़ल औरइललासर क बादशाह अयरक का मक़ाबला िकया10 इस वादी म तारकोल क मतअिददद गढ़ थ जब

14 पदाइश 1411ndash158बाग़ी बादशाह िशकसत खा कर भागन लग तो सदमऔर अमरा क बादशाह इन गढ़ो म िगर गए जबिकबाक़ी तीन बादशाह बच कर पहाड़ी इलाक़ म फ़रारहए 11 फ़तहमनद बादशाह सदम और अमरा कातमाम माल तमाम खान वाली चीज़ो समत लट करवापस चल िदए 12 अबराम का भतीजा लत सदम मरहता था इस िलए वह उस भी उस की िमलिकयतसमत छीन कर साथ ल गए

13 लिकन एक आदमी न जो बच िनकला था इबरानीमदर अबराम क पास आ कर उस सब कछ बता िदयाउस वक़त वह ममर क दरख़तो क पास आबाद था ममरअमोरी था वह और उस क भाई इसकाल और आनरअबराम क इिततहादी थ 14 जब अबराम को पता चलािक भतीज को िगिरफ़तार कर िलया गया ह तो उस नअपन घर म पदा हए तमाम जगआज़मदा ग़लामो कोजमा करक दान तक दशमन का ताक़क़ब िकया उसक साथ 318 अफ़राद थ 15 वहा उस न अपन बनदोको गरोहो म तक़सीम करक रात क वक़त दशमन परहमला िकया दशमन िशकसत खा कर भाग गया औरअबराम न दिमशक़ क िशमाल म वाक़ ख़बा तक उसका ताक़क़ब िकया 16 वह उन स लटा हआ तमाममाल वापस ल आया लत उस की जायदाद औरतऔर बाक़ी क़दी भी दशमन क क़बज़ स बच िनकल

मिलक-ए-िसदक़ सािलम का बादशाह17 जब अबराम िकदलारउमर और उस क इिततहािदयो

पर फ़तह पान क बाद वापस पहचा तो सदम काबादशाह उस स िमलन क िलए वादी-ए-सवी मआया (इस आजकल बादशाह की वादी कहा जाताह) 18 सािलम का बादशाह मिलक-ए-िसदक़ भीवहा पहचा वह अपन साथ रोटी और म ल आयामिलक-ए-िसदक़ अललाह तआला का इमाम था19 उस न अबराम को बरकत द कर कहा ldquoअबरामपर अललाह तआला की बरकत हो जो आसमान-ओ-ज़मीन का ख़ािलक़ ह 20 अललाह तआला मबारक

हो िजस न तर दशमनो को तर हाथ म कर िदया हrdquoअबराम न उस तमाम माल का दसवा िहससा िदया

21 सदम क बादशाह न अबराम स कहा ldquoमझ मरलोग वापस कर द और बाक़ी चीज़ अपन पास रखलrdquo 22 लिकन अबराम न उस स कहा ldquoम न रब सक़सम खाई ह अललाह तआला स जो आसमान-ओ-ज़मीन का ख़ािलक़ ह 23 िक म उस म स कछ नहीलगा जो आप का ह चाह वह धागा या जती कातसमा ही कय न हो ऐसा न हो िक आप कह lsquoमन अबराम को दौलतमनद बना िदया हrsquo 24 िसवाएउस खान क जो मर आदिमयो न रासत म खाया हम कछ क़बल नही करगा लिकन मर इिततहादीआनर इसकाल और ममर ज़रर अपना अपना िहससालrdquo

अबराम क साथ रब का अहद

15 1 इस क बाद रब रोया म अबराम सहमकलाम हआ ldquoअबराम मत डर म ही

तरी िसपर ह म ही तरा बहत बड़ा अजर हrdquo2 लिकन अबराम न एितराज़ िकया ldquoऐ रब क़ािदर-

ए-मतलक़ त मझ कया दगा जबिक अभी तक मरहा कोई बचचा नही ह और इलीअज़र दिमशक़ी मरीमीरास पाएगा 3 त न मझ औलाद नही बख़शी इसिलए मर घरान का नौकर मरा वािरस होगाrdquo 4 तबअबराम को अललाह स एक और कलाम िमला ldquoयहआदमी इलीअज़र तरा वािरस नही होगा बिलक तराअपना ही बटा तरा वािरस होगाrdquo 5 रब न उस बाहरल जा कर कहा ldquoआसमान की तरफ़ दख औरिसतारो को िगनन की कोिशश कर तरी औलादइतनी ही बशमार होगीrdquo

6 अबराम न रब पर भरोसा रखा इस िबना परअललाह न उस रासतबाज़ क़रार िदया

7 िफर रब न उस स कहा ldquoम रब ह जो तझकिसदयो क ऊर स यहा ल आया तािक तझ यहमलक मीरास म द दrdquo 8 अबराम न पछा ldquoऐ रबक़ािदर-ए-मतलक़ म िकस तरह जानिक इस मलक

पदाइश 159ndash1611 15पर क़बज़ा करगाrdquo 9 जवाब म रब न कहा ldquoमरहज़र एक तीनसाला गाय एक तीनसाला बकरी औरएक तीनसाला मढा ल आ एक क़मरी और एककबतर का बचचा भी ल आनाrdquo 10 अबराम न ऐसाही िकया और िफर हर एक जानवर को दो िहससोम काट कर उन को एक दसर क आमन-सामन रखिदया लिकन पिरनदो को उस न सािलम रहन िदया11 िशकारी पिरनद उन पर उतरन लग लिकन अबरामउनह भगाता रहा

12 जब सरज डबन लगा तो अबराम पर गहरी नीदतारी हई उस पर दहशत और अधरा ही अधराछा गया 13 िफर रब न उस स कहा ldquoजान ल िकतरी औलाद ऐस मलक म रहगी जो उस का नहीहोगा वहा वह अजनबी और ग़लाम होगी औरउस पर 400 साल तक बहत ज़लम िकया जाएगा14 लिकन म उस क़ौम की अदालत करगा िजसन उस ग़लाम बनाया होगा इस क बाद वह बड़ीदौलत पा कर उस मलक स िनकलग 15 त ख़दउमररसीदा हो कर सलामती क साथ इिनतक़ाल करकअपन बापदादा स जा िमलगा और दफ़नाया जाएगा16 तरी औलाद की चौथी पशत ग़रवतन स वापसआएगी कयिक उस वक़त तक म अमोिरयो कोबदारशत करगा लिकन आिख़रकार उन क गनाहइतन सगीन हो जाएग िक म उनह मलक-ए-कनआनस िनकाल दगाrdquo

17 सरज ग़रब हआ अधरा छा गया अचानकएक धआदार तनर और एक भड़कती हई मशअलनज़र आई और जानवरो क दो दो टकड़ो क बीच मस गज़र

18 उस वक़त रब न अबराम क साथ अहद िकयाउस न कहा ldquoम यह मलक िमसर की सरहद स फ़राततक तरी औलाद को दगा 19 अगरच अभी तकइस म क़ीनी क़िनज़ज़ी कदमनी 20 िहतती फ़िरज़ज़ीरफ़ाई 21 अमोरी कनआनी िजजारसी और यबसीआबाद हrdquo

हािजरा और इसमाईल

16 1 अब तक अबराम की बीवी सारय क कोईबचचा नही हआ था लिकन उनहो न एक

िमसरी लौडी रखी थी िजस का नाम हािजरा था 2 औरएक िदन सारय न अबराम स कहा ldquoरब न मझ बचचपदा करन स महरम रखा ह इस िलए मरी लौडीक साथ हमिबसतर हो शायद मझ उस की मािरफ़तबचचा िमल जाएrdquo

अबराम न सारय की बात मान ली 3 चनाच सारयन अपनी िमसरी लौडी हािजरा को अपन शौहर अबरामको द िदया तािक वह उस की बीवी बन जाए उसवक़त अबराम को कनआन म बसत हए दस साल होगए थ 4 अबराम हािजरा स हमिबसतर हआ तो वहउममीद स हो गई जब हािजरा को यह मालम हआतो वह अपनी मािलकन को हक़ीर जानन लगी 5 तबसारय न अबराम स कहा ldquoजो ज़लम मझ पर िकयाजा रहा ह वह आप ही पर आए म न ख़द इस आपक बाज़ओ म द िदया था अब जब इस मालम हआह िक उममीद स ह तो मझ हक़ीर जानन लगी ह रबमर और आप क दरिमयान फ़सला करrdquo 6 अबरामन जवाब िदया ldquoदखो यह तमहारी लौडी ह औरतमहार इख़ितयार म ह जो तमहारा जी चाह उस कसाथ करोrdquo

इस पर सारय उस स इतना बरा सलक करन लगीिक हािजरा फ़रार हो गई 7 रब क फ़िरशत को हािजरारिगसतान क उस चशम क क़रीब िमली जो शर करासत पर ह 8 उस न कहा ldquoसारय की लौडी हािजरात कहा स आ रही ह और कहा जा रही हrdquo हािजरान जवाब िदया ldquoम अपनी मािलकन सारय स फ़रारहो रही हrdquo 9 रब क फ़िरशत न उस स कहा ldquoअपनीमािलकन क पास वापस चली जा और उस क ताबरह 10 म तरी औलाद इतनी बढ़ाऊगा िक उस िगनानही जा सकगाrdquo 11 रब क फ़िरशत न मज़ीद कहाldquoत उममीद स ह एक बटा पदा होगा उस का नामइसमाईल यानी lsquoअललाह सनता हrsquo रख कयिक रब न

16 पदाइश 1612ndash1720मसीबत म तरी आवाज़ सनी 12 वह जगली गध कीमािननद होगा उस का हाथ हर एक क िख़लाफ़ औरहर एक का हाथ उस क िख़लाफ़ होगा तो भी वहअपन तमाम भाइयो क सामन आबाद रहगाrdquo

13 रब क उस क साथ बात करन क बाद हािजरा नउस का नाम अतता-एल-रोई यानी lsquoत एक माबद ह जोमझ दखता हrsquo रखा उस न कहा ldquoकया म न वाक़ईउस क पीछ दखा ह िजस न मझ दखा हrdquo 14 इसिलए उस जगह क कए का नाम lsquoबर-लही-रोईrsquo यानीlsquoउस िज़नदा हसती का कआ जो मझ दखता हrsquo पड़गया वह क़ािदस और बरद क दरिमयान वाक़ ह

15 हािजरा वापस गई और उस क बटा पदा हआअबराम न उस का नाम इसमाईल रखा 16 उस वक़तअबराम 86 साल का था

अहद का िनशान ख़तना

17 1 जब अबराम 99 साल का था तो रबउस पर ज़ािहर हआ उस न कहा ldquoम

अललाह क़ािदर-ए-मतलक़ ह मर हज़र चलता रहऔर बइलज़ाम हो 2 म तर साथ अपना अहद बाधगाऔर तरी औलाद को बहत ही ज़यादा बढ़ा दगाrdquo

3 अबराम मह क बल िगर गया और अललाह न उसस कहा 4 ldquoमरा तर साथ अहद ह िक त बहत क़ौमोका बाप होगा 5 अब स त अबराम यानी lsquoअज़ीमबापrsquo नही कहलाएगा बिलक तरा नाम इबराहीम यानीlsquoबहत क़ौमो का बापrsquo होगा कयिक म न तझ बहतक़ौमो का बाप बना िदया ह 6 म तझ बहत ही ज़यादाऔलाद बख़श दगा इतनी िक क़ौम बनगी तझ सबादशाह भी िनकलग 7 म अपना अहद तर औरतरी औलाद क साथ नसल-दर-नसल क़ाइम करगाएक अबदी अहद िजस क मतािबक़ म तरा औरतरी औलाद का ख़दा हगा 8 त इस वक़त मलक-ए-कनआन म परदसी ह लिकन म इस पर मलक कोतझ और तरी औलाद को दता ह यह हमशा तकउन का ही रहगा और म उन का ख़दा हगाrdquo

9 अललाह न इबराहीम स यह भी कहा ldquoतझ औरतरी औलाद को नसल-दर-नसल मर अहद की शराइतपरी करनी ह 10 इस की एक शतर यह ह िक हर एकमदर का ख़तना िकया जाए 11 अपना ख़तना कराओयह हमार आपस क अहद का ज़ािहरी िनशान होगा12 लािज़म ह िक त और तरी औलाद नसल-दर-नसलअपन हर एक बट का आठव िदन ख़तना करवाएयह उसल उस पर भी लाग ह जो तर घर म रहताह लिकन तझ स िरशता नही रखता चाह वह घर मपदा हआ हो या िकसी अजनबी स ख़रीदा गया हो13 घर क हर एक मदर का ख़तना करना लािज़म हख़वाह वह घर म पदा हआ हो या िकसी अजनबी सख़रीदा गया हो यह इस बात का िनशान होगा िकमरा तर साथ अहद हमशा तक क़ाइम रहगा 14 िजसमदर का ख़तना न िकया गया उस उस की क़ौम म सिमटाया जाएगा कयिक उस न मर अहद की शराइतपरी न कीrdquo

15 अललाह न इबराहीम स यह भी कहा ldquoअपनी बीवीसारय का नाम भी बदल दना अब स उस का नामसारय नही बिलक सारा यानी शहज़ादी होगा 16 मउस बरकत बख़शगा और तझ उस की मािरफ़त बटादगा म उस यहा तक बरकत दगा िक उस स क़ौमबिलक क़ौमो क बादशाह िनकलगrdquo

17 इबराहीम मह क बल िगर गया लिकन िदल हीिदल म वह हस पड़ा और सोचा ldquoयह िकस तरह होसकता ह म तो 100 साल का ह ऐस आदमी क हा बचचा िकस तरह पदा हो सकता ह और सारा जसीउमररसीदा औरत क बचचा िकस तरह पदा हो सकताह उस की उमर तो 90 साल हrdquo 18 उस न अललाह सकहा ldquoहा इसमाईल ही तर सामन जीता रहrdquo

19 अललाह न कहा ldquoनही तरी बीवी सारा क हा बटापदा होगा त उस का नाम इसहाक़ यानी lsquoवह हसताहrsquo रखना म उस क और उस की औलाद क साथअबदी अहद बाधगा 20 म इसमाईल क िसलिसलम भी तरी दरख़वासत परी करगा म उस भी बरकतद कर फलन फलन दगा और उस की औलाद बहत

पदाइश 1721ndash1817 17ही ज़यादा बढ़ा दगा वह बारह रईसो का बाप होगाऔर म उस की मािरफ़त एक बड़ी क़ौम बनाऊगा21 लिकन मरा अहद इसहाक़ क साथ होगा जो ऐनएक साल क बाद सारा क हा पदा होगाrdquo

22 अललाह की इबराहीम क साथ बात ख़तम हई औरवह उस क पास स आसमान पर चला गया

23 उसी िदन इबराहीम न अललाह का हकम परा िकयाउस न घर क हर एक मदर का ख़तना करवाया अपनबट इसमाईल का भी और उन का भी जो उस क घरम रहत लिकन उस स िरशता नही रखत थ चाह वहउस क घर म पदा हए थ या ख़रीद गए थ 24 इबराहीम99 साल का था जब उस का ख़तना हआ 25 जबिकउस का बटा इसमाईल 13 साल का था 26 दोनो काख़तना उसी िदन हआ 27 साथ साथ घरान क तमामबाक़ी मदोर का ख़तना भी हआ बशमल उन क िजनका इबराहीम क साथ िरशता नही था चाह वह घर मपदा हए या िकसी अजनबी स ख़रीद गए थ

ममर म इबराहीम क तीन महमान

18 1 एक िदन रब ममर क दरख़तो क पासइबराहीम पर ज़ािहर हआ इबराहीम अपन

ख़म क दरवाज़ पर बठा था िदन की गमीर उरज परथी 2 अचानक उस न दखा िक तीन मदर मर सामनखड़ ह उनह दखत ही वह ख़म स उन स िमलन किलए दौड़ा और मह क बल िगर कर िसजदा िकया3 उस न कहा ldquoमर आक़ा अगर मझ पर आप ककरम की नज़र ह तो आग न बढ़ बिलक कछ दरअपन बनद क घर ठहर 4 अगर इजाज़त हो तो मकछ पानी ल आऊ तािक आप अपन पाओ धो करदरख़त क साय म आराम कर सक 5 साथ साथ मआप क िलए थोड़ा बहत खाना भी ल आऊ तािकआप तक़िवयत पा कर आग बढ़ सक मझ यह करनद कयिक आप अपन ख़ािदम क घर आ गए हrdquoउनहो न कहा ldquoठीक ह जो कछ त न कहा ह वहकरrdquo

6 इबराहीम ख़म की तरफ़ दौड़ कर सारा क पासआया और कहा ldquoजलदी करो 16 िकलोगरामबहतरीन मदा ल और उस गध कर रोिटया बनाrdquo7 िफर वह भाग कर बलो क पास पहचा उन म सउस न एक मोटा-ताज़ा बछड़ा चन िलया िजस कागोशत नमर था और उस अपन नौकर को िदया िजसन जलदी स उस तययार िकया 8 जब खाना तययारथा तो इबराहीम न उस ल कर लससी और दध कसाथ अपन महमानो क आग रख िदया वह खानलग और इबराहीम उन क सामन दरख़त क साय मखड़ा रहा

9 उनहो न पछा ldquoतरी बीवी सारा कहा हrdquo उसन जवाब िदया ldquoख़म मrdquo 10 रब न कहा ldquoऐन एकसाल क बाद म वापस आऊगा तो तरी बीवी साराक बटा होगाrdquo

सारा यह बात सन रही थी कयिक वह उस क पीछख़म क दरवाज़ क पास थी 11 दोनो िमया-बीवी बढ़हो चक थ और सारा उस उमर स गज़र चकी थी िजसम औरतो क बचच पदा होत ह 12 इस िलए साराअनदर ही अनदर हस पड़ी और सोचा ldquoयह कसहो सकता ह कया जब म बढ़ाप क बाइस िघस फटिलबास की मािननद ह तो जवानी क जोबन का लतफ़उठाऊ और मरा शौहर भी बढ़ा हrdquo

13 रब न इबराहीम स पछा ldquoसारा कय हस रही हवह कय कह रही ह lsquoकया वाक़ई मर हा बचचा पदाहोगा जबिक म इतनी उमररसीदा हrsquo 14 कया रब किलए कोई काम नाममिकन ह एक साल क बादमक़रररा वक़त पर म वापस आऊगा तो सारा क बटाहोगाrdquo 15 सारा डर गई उस न झट बोल कर इनकारिकया ldquoम नही हस रही थीrdquo

रब न कहा ldquoनही त ज़रर हस रही थीrdquo

इबराहीम सदम क िलए िमननत करता ह16 िफर महमान उठ कर रवाना हए और नीच वादी

म सदम की तरफ़ दखन लग इबराहीम उनह रख़सतकरन क िलए साथ साथ चल रहा था 17 रब न िदल

18 पदाइश 1818ndash195म कहा ldquoम इबराहीम स वह काम कय छपाए रख जोम करन क िलए जा रहा ह 18 इसी स तो एक बड़ीऔर ताक़तवर क़ौम िनकलगी और इसी स म दिनयाकी तमाम क़ौमो को बरकत दगा 19 उसी को म नचन िलया ह तािक वह अपनी औलाद और अपनबाद क घरान को हकम द िक वह रब की राह परचल कर रासत और मिनसफ़ाना काम कर कयिकअगर वह ऐसा कर तो रब इबराहीम क साथ अपनावादा परा करगाrdquo

20 िफर रब न कहा ldquoसदम और अमरा की बदी कबाइस लोगो की आह बलनद हो रही ह कयिक उन सबहत सगीन गनाह सरज़द हो रह ह 21 म उतर करउन क पास जा रहा ह तािक दख िक यह इलज़ामवाक़ई सच ह जो मझ तक पहच ह अगर ऐसा नहीह तो म यह जानना चाहता हrdquo

22 दसर दो आदमी सदम की तरफ़ आग िनकलजबिक रब कछ दर क िलए वहा ठहरा रहा औरइबराहीम उस क सामन खड़ा रहा 23 िफर उस नक़रीब आ कर उस स बात की ldquoकया त रासतबाज़ोको भी शरीरो क साथ तबाह कर दगा 24 हो सकताह िक शहर म 50 रासतबाज़ हो कया त िफर भीशहर को बबारद कर दगा और उस उन 50 क सबबस मआफ़ नही करगा 25 यह कस हो सकता ह िकत बक़सरो को शरीरो क साथ हलाक कर द यहतो नाममिकन ह िक त नक और शरीर लोगो स एकजसा सलक कर कया लािज़म नही िक परी दिनयाका मिनसफ़ इनसाफ़ करrdquo

26 रब न जवाब िदया ldquoअगर मझ शहर म 50रासतबाज़ िमल जाए तो उन क सबब स तमाम कोमआफ़ कर दगाrdquo

27 इबराहीम न कहा ldquoम मआफ़ी चाहता ह िक म नरब स बात करन की जरअत की ह अगरच म ख़ाकऔर राख ही ह 28 लिकन हो सकता ह िक िसफ़र 45रासतबाज़ उस म हो कया त िफर भी उन पाच लोगोकी कमी क सबब स पर शहर को तबाह करगाrdquo

उस न कहा ldquoअगर मझ 45 भी िमल जाए तो उसबबारद नही करगाrdquo

29 इबराहीम न अपनी बात जारी रखी ldquoऔर अगरिसफ़र 40 नक लोग हो तोrdquo रब न कहा ldquoम उन 40क सबब स उनह छोड़ दगाrdquo

30 इबराहीम न कहा ldquoरब ग़ससा न कर िक म एकदफ़ा और बात कर शायद वहा िसफ़र 30 होrdquo उसन जवाब िदया ldquoिफर भी उनह छोड़ दगाrdquo

31 इबराहीम न कहा ldquoम मआफ़ी चाहता ह िक म नरब स बात करन की जरअत की ह अगर िसफ़र 20पाए जाएrdquo रब न कहा ldquoम 20 क सबब स शहरको बबारद करन स बाज़ रहगाrdquo

32 इबराहीम न एक आिख़री दफ़ा बात की ldquoरबग़ससा न कर अगर म एक और बार बात कर शायदउस म िसफ़र 10 पाए जाएrdquo रब न कहा ldquoम उस उन10 लोगो क सबब स भी बबारद नही करगाrdquo

33 इन बातो क बाद रब चला गया और इबराहीमअपन घर को लौट आया

सदम और अमरा की तबाही

19 1 शाम क वक़त यह दो फ़िरशत सदम पहचलत शहर क दरवाज़ पर बठा था जब उस

न उनह दखा तो खड़ हो कर उन स िमलन गया औरमह क बल िगर कर िसजदा िकया 2 उस न कहाldquoसािहबो अपन बनद क घर तशरीफ़ लाए तािक अपनपाओ धो कर रात को ठहर और िफर कल सबह-सवर उठ कर अपना सफ़र जारी रखrdquo उनहो न कहाldquoकोई बात नही हम चौक म रात गज़ारगrdquo 3 लिकनलत न उनह बहत मजबर िकया और आिख़रकार वहउस क साथ उस क घर आए उस न उन क िलएखाना पकाया और बख़मीरी रोटी बनाई िफर उनहोन खाना खाया

4 वह अभी सोन क िलए लट नही थ िक शहर कजवानो स ल कर बढ़ो तक तमाम मदोर न लत कघर को घर िलया 5 उनहो न आवाज़ द कर लत सकहा ldquoवह आदमी कहा ह जो रात क वक़त तर पास

पदाइश 196ndash29 19आए उन को बाहर ल आ तािक हम उन क साथहरामकारी करrdquo

6 लत उन स िमलन बाहर गया उस न अपन पीछदरवाज़ा बनद कर िलया 7 और कहा ldquoमर भाइयोऐसा मत करो ऐसी बदकारी न करो 8 दखो मरीदो कवारी बिटया ह उनह म तमहार पास बाहर लआता ह िफर जो जी चाह उन क साथ करो लिकनइन आदिमयो को छोड़ दो कयिक वह मर महमानहrdquo

9 उनहो न कहा ldquoरासत स हट जा दखो यह शख़सजब हमार पास आया था तो अजनबी था और अबयह हम पर हािकम बनना चाहता ह अब तर साथउन स ज़यादा बरा सलक करगrdquo वह उस मजबरकरत करत दरवाज़ को तोड़न क िलए आग बढ़10 लिकन ऐन वक़त पर अनदर क आदमी लत कोपकड़ कर अनदर ल आए िफर दरवाज़ा दबारा बनदकर िदया 11 उनहो न छोटो स ल कर बड़ो तक बाहरक तमाम आदिमयो को अधा कर िदया और वहदरवाज़ को ढडत ढडत थक गए

12 दोनो आदिमयो न लत स कहा ldquoकया तरा कोईऔर िरशतदार इस शहर म रहता ह मसलन कोईदामाद या बटा-बटी सब को साथ ल कर यहा सचला जा 13 कयिक हम यह मक़ाम तबाह करन कोह इस क बािशनदो की बदी क बाइस लोगो कीआह बलनद हो कर रब क हज़र पहच गई ह इसिलए उस न हम इस को तबाह करन क िलए भजाहrdquo

14 लत घर स िनकला और अपन दामादो स बातकी िजन का उस की बिटयो क साथ िरशता हो चकाथा उस न कहा ldquoजलदी करो इस जगह स िनकलोकयिक रब इस शहर को तबाह करन को हrdquo लिकनउस क दामादो न इस मज़ाक़ ही समझा

15 जब पौ फटन लगी तो दोनो आदिमयो न लतको बहत समझाया और कहा ldquoजलदी कर अपनीबीवी और दोनो बिटयो को साथ ल कर चला जावनार जब शहर को सज़ा दी जाएगी तो त भी हलाक हो

जाएगाrdquo 16 तो भी वह िझजकता रहा आिख़रकारदोनो न लत उस की बीवी और बिटयो क हाथपकड़ कर उनह शहर क बाहर तक पहचा िदयाकयिक रब को लत पर तरस आता था

17 ज ही वह उनह बाहर ल आए उन म स एक नकहा ldquoअपनी जान बचा कर चला जा पीछ मड़ करन दखना मदान म कही न ठहरना बिलक पहाड़ो म पनाह लना वनार त हलाक हो जाएगाrdquo

18 लिकन लत न उन स कहा ldquoनही मर आक़ा ऐसान हो 19 तर बनद को तरी नज़र-ए-करम हािसल हईह और त न मरी जान बचान म बहत महरबानी करिदखाई ह लिकन म पहाड़ो म पनाह नही ल सकतावहा पहचन स पहल यह मसीबत मझ पर आन पड़गीऔर म हलाक हो जाऊगा 20 दख क़रीब ही एकछोटा क़सबा ह वह इतना नज़दीक ह िक म उसतरफ़ िहजरत कर सकता ह मझ वहा पनाह लन दवह छोटा ही ह ना िफर मरी जान बचगीrdquo

21 उस न कहा ldquoचलो ठीक ह तरी यह दरख़वासतभी मनज़र ह म यह क़सबा तबाह नही करगा22 लिकन भाग कर वहा पनाह ल कयिक जब तकत वहा पहच न जाए म कछ नही कर सकताrdquo इसिलए क़सब का नाम ज़ग़र यानी छोटा ह

23 जब लत ज़ग़र पहचा तो सरज िनकला हआ था24 तब रब न आसमान स सदम और अमरा पर गधकऔर आग बरसाई 25 य उस न उस पर मदान को उसक शहरो बािशनदो और तमाम हिरयाली समत तबाहकर िदया 26 लिकन फ़रार होत वक़त लत की बीवीन पीछ मड़ कर दखा तो वह फ़ौरन नमक का सतनबन गई

27 इबराहीम सबह-सवर उठ कर उस जगह वापसआया जहा वह कल रब क सामन खड़ा हआ था28 जब उस न नीच सदम अमरा और परी वादी कीतरफ़ नज़र की तो वहा स भटट का सा धआ उठ रहाथा

29 य अललाह न इबराहीम को याद िकया जब उसन उस मदान क शहर तबाह िकए कयिक वह उनह

20 पदाइश 1930ndash2012तबाह करन स पहल लत को जो उन म आबाद थावहा स िनकाल लाया

लत और उस की बिटया 30 लत और उस की बिटया ज़यादा दर तक ज़ग़र

म न ठहर वह रवाना हो कर पहाड़ो म आबाद हएकयिक लत ज़ग़र म रहन स डरता था वहा उनहो नएक ग़ार को अपना घर बना िलया

31 एक िदन बड़ी बटी न छोटी स कहा ldquoअबब बढ़ाह और यहा कोई मदर ह नही िजस क ज़रीए हमार बचचपदा हो सक 32 आओ हम अबब को म िपलाए जबवह नश म धत हो तो हम उस क साथ हमिबसतर होकर अपन िलए औलाद पदा कर तािक हमारी नसलक़ाइम रहrdquo

33 उस रात उनहो न अपन बाप को म िपलाई जबवह नश म था तो बड़ी बटी अनदर जा कर उस कसाथ हमिबसतर हई चिक लत होश म नही था इसिलए उस कछ भी मालम न हआ 34 अगल िदन बड़ीबहन न छोटी बहन स कहा ldquoिपछली रात म अबबस हमिबसतर हई आओ आज रात को हम उसदबारा म िपलाए जब वह नश म धत हो तो तमउस क साथ हमिबसतर हो कर अपन िलए औलादपदा करना तािक हमारी नसल क़ाइम रहrdquo 35 चनाचउनहो न उस रात भी अपन बाप को म िपलाई जबवह नश म था तो छोटी बटी उठ कर उस क साथहमिबसतर हई इस बार भी वह होश म नही था इसिलए उस कछ भी मालम न हआ

36 य लत की बिटया अपन बाप स उममीद सहई 37 बड़ी बटी क हा बटा पदा हआ उस न उसका नाम मोआब रखा उस स मोआबी िनकल ह38 छोटी बटी क हा भी बटा पदा हआ उस न उसका नाम िबन-अममी रखा उस स अममोनी िनकल ह

इबराहीम और अबीमिलक

20 1 इबराहीम वहा स जनब की तरफ़ दशत-ए-नजब म चला गया और क़ािदस और शर

क दरिमयान जा बसा कछ दर क िलए वह िजरार मठहरा लिकन अजनबी की हिसयत स 2 वहा उसन लोगो को बताया ldquoसारा मरी बहन हrdquo इस िलएिजरार क बादशाह अबीमिलक न िकसी को िभजवािदया िक उस महल म ल आए

3 लिकन रात क वक़त अललाह ख़वाब म अबीमिलकपर ज़ािहर हआ और कहा ldquoमौत तर सर पर खड़ीह कयिक जो औरत त अपन घर ल आया ह वहशादीशदा हrdquo

4 असल म अबीमिलक अभी तक सारा क क़रीबनही गया था उस न कहा ldquoमर आक़ा कया त एकबक़सर क़ौम को भी हलाक करगा 5 कया इबराहीमन मझ स नही कहा था िक सारा मरी बहन ह औरसारा न उस की हा म हा िमलाई मरी नीयत अचछीथी और म न ग़लत काम नही िकयाrdquo 6 अललाह नकहा ldquoहा म जानता ह िक इस म तरी नीयत अचछीथी इस िलए म न तझ मरा गनाह करन और उस छनस रोक िदया 7 अब उस औरत को उस क शौहरको वापस कर द कयिक वह नबी ह और तर िलएदआ करगा िफर त नही मरगा लिकन अगर त उसवापस नही करगा तो जान ल िक तरी और तर लोगोकी मौत यक़ीनी हrdquo

8 अबीमिलक न सबह-सवर उठ कर अपन तमामकािरनदो को यह सब कछ बताया यह सन कर उनपर दहशत छा गई 9 िफर अबीमिलक न इबराहीमको बला कर कहा ldquoआप न हमार साथ कया िकयाह म न आप क साथ कया ग़लत काम िकया िकआप न मझ और मरी सलतनत को इतन सगीन जमरम फसा िदया ह जो सलक आप न हमार साथ करिदखाया ह वह िकसी भी शख़स क साथ नही करनाचािहए 10 आप न यह कय िकयाrdquo

11 इबराहीम न जवाब िदया ldquoम न अपन िदल मकहा िक यहा क लोग अललाह का ख़ौफ़ नही रखतहोग इस िलए वह मरी बीवी को हािसल करन किलए मझ क़तल कर दग 12 हक़ीक़त म वह मरी बहनभी ह वह मर बाप की बटी ह अगरच उस की और

पदाइश 2013ndash2119 21मरी मा फ़क़र ह य म उस स शादी कर सका 13 िफरजब अललाह न होन िदया िक म अपन बाप क घरानस िनकल कर इधर उधर िफरतो म न अपनी बीवीस कहा lsquoमझ पर यह महरबानी कर िक जहा भी हमजाए मर बार म कह दना िक वह मरा भाई हrsquordquo

14 िफर अबीमिलक न इबराहीम को भड़-बकिरयागाय-बल ग़लाम और लौिडया द कर उस की बीवीसारा को उस वापस कर िदया 15 उस न कहा ldquoमरामलक आप क िलए खला ह जहा जी चाह उस म जाबसrdquo 16 सारा स उस न कहा ldquoम आप क भाई कोचादी क हज़ार िसकक दता ह इस स आप और आपक लोगो क सामन आप क साथ िकए गए नारवासलक का इज़ाला हो और आप को बक़सर क़रारिदया जाएrdquo

17ndash18 तब इबराहीम न अललाह स दआ की औरअललाह न अबीमिलक उस की बीवी और उस कीलौिडयो को िशफ़ा दी कयिक रब न अबीमिलक कघरान की तमाम औरतो को सारा क सबब स बाझबना िदया था लिकन अब उन क हा दबारा बचचपदा होन लग

इसहाक़ की पदाइश

21 1 तब रब न सारा क साथ वसा ही िकयाजसा उस न फ़रमाया था जो वादा उस न

सारा क बार म िकया था उस उस न परा िकया 2 वहहािमला हई और बटा पदा हआ ऐन उस वक़त बढ़इबराहीम क हा बटा पदा हआ जो अललाह न मक़रररकरक उस बताया था

3 इबराहीम न अपन इस बट का नाम इसहाक़ यानीlsquoवह हसता हrsquo रखा 4 जब इसहाक़ आठ िदन काथा तो इबराहीम न उस का ख़तना कराया िजस तरहअललाह न उस हकम िदया था 5 जब इसहाक़ पदाहआ उस वक़त इबराहीम 100 साल का था 6 सारान कहा ldquoअललाह न मझ हसाया और हर कोई जोमर बार म यह सनगा हसगा 7 इस स पहल कौनइबराहीम स यह कहन की जरअत कर सकता था िक

सारा अपन बचचो को दध िपलाएगी और अब मरहा बटा पदा हआ ह अगरच इबराहीम बढ़ा हो गयाहrdquo

8 इसहाक़ बड़ा होता गया जब उस का दध छड़ायागया तो इबराहीम न उस क िलए बड़ी िज़याफ़त की

इबराहीम हािजरा और इसमाईल को िनकाल दता ह9 एक िदन सारा न दखा िक िमसरी लौडी हािजरा

का बटा इसमाईल इसहाक़ का मज़ाक़ उड़ा रहा ह10 उस न इबराहीम स कहा ldquoइस लौडी और उस कबट को घर स िनकाल द कयिक वह मर बट इसहाक़क साथ मीरास नही पाएगाrdquo

11 इबराहीम को यह बात बहत बरी लगी आिख़रइसमाईल भी उस का बटा था 12 लिकन अललाह नउस स कहा ldquoजो बात सारा न अपनी लौडी औरउस क बट क बार म कही ह वह तझ बरी न लगसारा की बात मान ल कयिक तरी नसल इसहाक़ हीस क़ाइम रहगी 13 लिकन म इसमाईल स भी एकक़ौम बनाऊगा कयिक वह तरा बटा हrdquo

14 इबराहीम सबह-सवर उठा उस न रोटी और पानीकी मशक हािजरा क कधो पर रख कर उस लड़क कसाथ घर स िनकाल िदया हािजरा चलत चलत बर-सबा क रिगसतान म इधर उधर िफरन लगी 15 िफरपानी ख़तम हो गया हािजरा लड़क को िकसी झाड़ीक नीच छोड़ कर 16 कोई 300 फ़ट दर बठ गईकयिक उस न िदल म कहा ldquoम उस मरत नही दखसकतीrdquo वह वहा बठ कर रोन लगी

17 लिकन अललाह न बट की रोती हई आवाज़ सनली अललाह क फ़िरशत न आसमान पर स पकार करहािजरा स बात की ldquoहािजरा कया बात ह मत डरकयिक अललाह न लड़क का जो वहा पड़ा ह रोना सनिलया ह 18 उठ लड़क को उठा कर उस का हाथथाम ल कयिक म उस स एक बड़ी क़ौम बनाऊगाrdquo

19 िफर अललाह न हािजरा की आख खोल दी औरउस की नज़र एक कए पर पड़ी वह वहा गई औरमशक को पानी स भर कर लड़क को िपलाया

22 पदाइश 2120ndash221120 अललाह लड़क क साथ था वह जवान हआ और

तीरअनदाज़ बन कर बयाबान म रहन लगा 21 जबवह फ़ारान क रिगसतान म रहता था तो उस की मा न उस एक िमसरी औरत स बयाह िदया

अबीमिलक क साथ अहद22 उन िदनो म अबीमिलक और उस क

िसपाहसालार फ़ीकल न इबराहीम स कहा ldquoजो कछभी आप करत ह अललाह आप क साथ ह 23 अब मझस अललाह की क़सम खाए िक आप मझ और मरीआल-ओ-औलाद को धोका नही दग मझ पर औरइस मलक पर िजस म आप परदसी ह वही महरबानीकर जो म न आप पर की हrdquo

24 इबराहीम न जवाब िदया ldquoम क़सम खाता हrdquo25 िफर उस न अबीमिलक स िशकायत करत हएकहा ldquoआप क बनदो न हमार एक कए पर क़बज़ाकर िलया हrdquo 26 अबीमिलक न कहा ldquoमझ नहीमालम िक िकस न ऐसा िकया ह आप न भी मझनही बताया आज म पहली दफ़ा यह बात सन रहाहrdquo

27 तब इबराहीम न अबीमिलक को भड़-बकिरया और गाय-बल िदए और दोनो न एक दसर क साथअहद बाधा 28 िफर इबराहीम न भड़ क सात मादाबचचो को अलग कर िलया 29 अबीमिलक न पछाldquoआप न यह कय िकयाrdquo 30 इबराहीम न जवाब िदयाldquoभड़ क इन सात बचचो को मझ स ल ल यह इस कगवाह हो िक म न इस कए को खोदा हrdquo 31 इस िलएउस जगह का नाम बर-सबा यानी lsquoक़सम का कआrsquoरखा गया कयिक वहा उन दोनो मदोर न क़सम खाई

32 य उनहो न बर-सबा म एक दसर स अहद बाधािफर अबीमिलक और फ़ीकल िफ़िलिसतयो क मलकवापस चल गए 33 इस क बाद इबराहीम न बर-सबाम झाओ का दरख़त लगाया वहा उस न रब कानाम ल कर उस की इबादत की जो अबदी ख़दा ह34 इबराहीम बहत अस र तक िफ़िलिसतयो क मलक मआबाद रहा लिकन अजनबी की हिसयत स

इबराहीम की आज़माइश

22 1 कछ असर क बाद अललाह न इबराहीमको आज़माया उस न उस स कहा

ldquoइबराहीमrdquo उस न जवाब िदया ldquoजी म हािज़रहrdquo 2 अललाह न कहा ldquoअपन इकलौत बट इसहाक़को िजस त पयार करता ह साथ ल कर मोिरयाहक इलाक़ म चला जा वहा म तझ एक पहाड़िदखाऊगा उस पर अपन बट को क़बारन कर दउस ज़बह करक क़बारनगाह पर जला दनाrdquo

3 सबह-सवर इबराहीम उठा और अपन गध पर ज़ीनकसा उस न अपन साथ दो नौकरो और अपन बटइसहाक़ को िलया िफर वह क़बारनी को जलान किलए लकड़ी काट कर उस जगह की तरफ़ रवानाहआ जो अललाह न उस बताई थी 4 सफ़र करतकरत तीसर िदन क़बारनी की जगह इबराहीम को दरस नज़र आई 5 उस न नौकरो स कहा ldquoयहा गध कपास ठहरो म लड़क क साथ वहा जा कर परिसतशकरगा िफर हम तमहार पास वापस आ जाएगrdquo

6 इबराहीम न क़बारनी को जलान क िलए लकिड़या इसहाक़ क कधो पर रख दी और ख़द छरी और आगजलान क िलए अगारो का बतरन उठाया दोनो चलिदए 7 इसहाक़ बोला ldquoअबबrdquo इबराहीम न कहाldquoजी बटाrdquo ldquoअबब आग और लकिड़या तो हमारपास ह लिकन क़बारनी क िलए भड़ या बकरी कहा हrdquo 8 इबराहीम न जवाब िदया ldquoअललाह ख़द क़बारनीक िलए जानवर महयया करगा बटाrdquo वह आग बढ़गए

9 चलत चलत वह उस मक़ाम पर पहच जो अललाहन उस पर ज़ािहर िकया था इबराहीम न वहा क़बारनगाह बनाई और उस पर लकिड़या ततीरब सरख दी िफर उस न इसहाक़ को बाध कर लकिड़योपर रख िदया 10 और छरी पकड़ ली तािक अपनबट को ज़बह कर 11 ऐन उसी वक़त रब क फ़िरशतन आसमान पर स उस आवाज़ दी ldquoइबराहीमइबराहीमrdquo इबराहीम न कहा ldquoजी म हािज़र हrdquo

पदाइश 2212ndash2315 2312 फ़िरशत न कहा ldquoअपन बट पर हाथ न चला नउस क साथ कछ कर अब म न जान िलया ह िक तअललाह का ख़ौफ़ रखता ह कयिक त अपन इकलौतबट को भी मझ दन क िलए तययार हrdquo

13 अचानक इबराहीम को एक मढा नज़र आया िजसक सीग गजान झािड़यो म फस हए थ इबराहीम नउस ज़बह करक अपन बट की जगह क़बारनी क तौरपर जला िदया 14 उस न उस मक़ाम का नाम ldquoरबमहयया करता हrdquo रखा इस िलए आज तक कहाजाता ह ldquoरब क पहाड़ पर महयया िकया जाता हrdquo

15 रब क फ़िरशत न एक बार िफर आसमान पर सपकार कर उस स बात की 16 ldquoरब का फ़रमान हमरी ज़ात की क़सम चिक त न यह िकया और अपनइकलौत बट को मझ पश करन क िलए तययार था17 इस िलए म तझ बरकत दगा और तरी औलादको आसमान क िसतारो और सािहल की रत कीतरह बशमार होन दगा तरी औलाद अपन दशमनोक शहरो क दरवाज़ो पर क़बज़ा करगी 18 चिक त नमरी सनी इस िलए तरी औलाद स दिनया की तमामक़ौम बरकत पाएगीrdquo

19 इस क बाद इबराहीम अपन नौकरो क पासवापस आया और वह िमल कर बर-सबा लौट वहा इबराहीम आबाद रहा

20 इन वािक़आत क बाद इबराहीम को इिततलािमली ldquoआप क भाई नहर की बीवी िमलकाह कहा भी बट पदा हए ह 21 उस क पहलौठ ऊज़क बाद बज़ क़मएल (अराम का बाप) 22 कसदहज़ िफ़लदास इदलाफ़ और बतएल पदा हए हrdquo23 िमलकाह और नहर क हा यह आठ बट पदा हए(बतएल िरबक़ा का बाप था) 24 नहर की हरम कानाम रमा था उस क हा भी बट पदा हए िजन कनाम ितबख़ जाहम तख़स और माका ह

सारा की वफ़ात

23 1 सारा 127 साल की उमर म हबरन मइिनतक़ाल कर गई 2 उस ज़मान म हबरन

का नाम िक़यरत-अबार था और वह मलक-ए-कनआनम था इबराहीम न उस क पास आ कर मातम िकया3 िफर वह जनाज़ क पास स उठा और िहिततयो सबात की उस न कहा 4 ldquoम आप क दरिमयानपरदसी और ग़रशहरी की हिसयत स रहता ह मझक़बर क िलए ज़मीन बच तािक अपनी बीवी को अपनघर स ल जा कर दफ़न कर सकrdquo 5ndash6 िहिततयो नजवाब िदया ldquoहमार आक़ा हमारी बात सन आपहमार दरिमयान अललाह क रईस ह अपनी बीवी कोहमारी बहतरीन क़बर म दफ़न कर हम म स कोईनही जो आप स अपनी क़बर का इनकार करगाrdquo

7 इबराहीम उठा और मलक क बािशनदो यानीिहिततयो क सामन ताज़ीमन झक गया 8 उस न कहाldquoअगर आप इस क िलए तययार ह िक म अपनीबीवी को अपन घर स ल जा कर दफ़न करतो सहरक बट इफ़रोन स मरी िसफ़ािरश कर 9 िक वह मझमकफ़ीला का ग़ार बच द वह उस का ह और उसक खत क िकनार पर ह म उस की परी क़ीमत दनक िलए तययार ह तािक आप क दरिमयान रहत हएमर पास क़बर भी होrdquo

10 इफ़रोन िहिततयो की जमाअत म मौजद थाइबराहीम की दरख़वासत पर उस न उन तमाम िहिततयोक सामन जो शहर क दरवाज़ पर जमा थ जवाबिदया 11 ldquoनही मर आक़ा मरी बात सन म आपको यह खत और उस म मौजद ग़ार द दता ह सबजो हािज़र ह मर गवाह ह म यह आप को दता हअपनी बीवी को वहा दफ़न कर दrdquo

12 इबराहीम दबारा मलक क बािशनदो क सामनअदबन झक गया 13 उस न सब क सामन इफ़रोनस कहा ldquoमहरबानी करक मरी बात पर ग़ौर करम खत की परी क़ीमत अदा करगा उस क़बलकर तािक वहा अपनी बीवी को दफ़न कर सकrdquo14ndash15 इफ़रोन न जवाब िदया ldquoमर आक़ा सन इस

24 पदाइश 2316ndash2416ज़मीन की क़ीमत िसफ़र 400 चादी क िसकक ह dआपक और मर दरिमयान यह कया ह अपनी बीवी कोदफ़न कर दrdquo

16 इबराहीम न इफ़रोन की मतलबा क़ीमत मान लीऔर सब क सामन चादी क 400 िसकक तोल करइफ़रोन को द िदए इस क िलए उस न उस वक़तक राइज बाट इसतमाल िकए 17 चनाच मकफ़ीला मइफ़रोन की ज़मीन इबराहीम की िमलिकयत हो गईयह ज़मीन ममर क मशिरक़ म थी उस म खत खतका ग़ार और खत की हदद म मौजद तमाम दरख़तशािमल थ 18 िहिततयो की परी जमाअत न जो शहरक दरवाज़ पर जमा थी ज़मीन क इिनतक़ाल कीतसदीक़ की 19 िफर इबराहीम न अपनी बीवी साराको मलक-ए-कनआन क उस ग़ार म दफ़न िकया जोममर यानी हबरन क मशिरक़ म वाक़ मकफ़ीला क खतम था 20 इस तरीक़ स यह खत और उस का ग़ारिहिततयो स इबराहीम क नाम पर मनतिक़ल कर िदयागया तािक उस क पास क़बर हो

इसहाक़ और िरबक़ा

24 1 इबराहीम अब बहत बढ़ा हो गया था रबन उस हर िलहाज़ स बरकत दी थी 2 एक

िदन उस न अपन घर क सब स बज़गर नौकर सजो उस की जायदाद का परा इिनतज़ाम चलाता थाबात की ldquoक़सम क िलए अपना हाथ मरी रान कनीच रखो 3 रब की क़सम खाओ जो आसमान-ओ-ज़मीन का ख़दा ह िक तम इन कनआिनयो म सिजन क दरिमयान म रहता ह मर बट क िलए बीवीनही लाओग 4 बिलक मर वतन म मर िरशतदारो कपास जाओग और उन ही म स मर बट क िलए बीवीलाओगrdquo 5 उस क नौकर न कहा ldquoशायद वह औरतमर साथ यहा आना न चाह कया म इस सरत मआप क बट को उस वतन म वापस ल जाऊ िजसस आप िनकल हrdquo 6 इबराहीम न कहा ldquoख़बरदार

उस हरिगज़ वापस न ल जाना 7 रब जो आसमानका ख़दा ह अपना फ़िरशता तमहार आग भजगा इसिलए तम वहा मर बट क िलए बीवी चनन म ज़ररकामयाब होग कयिक वही मझ मर बाप क घर औरमर वतन स यहा ल आया ह और उसी न क़समखा कर मझ स वादा िकया ह िक म कनआन कायह मलक तरी औलाद को दगा 8 अगर वहा कीऔरत यहा आना न चाह तो िफर तम अपनी क़समस आज़ाद होग लिकन िकसी सरत म भी मर बटको वहा वापस न ल जानाrdquo

9 इबराहीम क नौकर न अपना हाथ उस की रानक नीच रख कर क़सम खाई िक म सब कछ ऐसाही करगा 10 िफर वह अपन आक़ा क दस ऊटोपर क़ीमती तहफ़ लाद कर मसोपतािमया की तरफ़रवाना हआ चलत चलत वह नहर क शहर पहचगया

11 उस न ऊटो को शहर क बाहर कए क पासिबठाया शाम का वक़त था जब औरत कए क पासआ कर पानी भतीर थी 12 िफर उस न दआ की ldquoऐरब मर आक़ा इबराहीम क ख़दा मझ आज कामयाबीबख़श और मर आक़ा इबराहीम पर महरबानी कर13 अब म इस चशम पर खड़ा ह और शहर कीबिटया पानी भरन क िलए आ रही ह 14 म उन म सिकसी स कहगा lsquoज़रा अपना घड़ा नीच करक मझपानी िपलाएrsquo अगर वह जवाब द lsquoपी ल म आपक ऊटो को भी पानी िपला दती हrsquo तो वह वही होगीिजस त न अपन ख़ािदम इसहाक़ क िलए चन रखा हअगर ऐसा हआ तो म जान लगा िक त न मर आक़ापर महरबानी की हrdquo

15 वह अभी दआ कर ही रहा था िक िरबक़ा शहर सिनकल आई उस क कध पर घड़ा था वह बतएलकी बटी थी (बतएल इबराहीम क भाई नहर की बीवीिमलकाह का बटा था) 16 िरबक़ा िनहायत ख़बसरतजवान लड़की थी और वह कवारी भी थी वह चशम

dतक़रीबन साढ़ चार िकलोगराम चादी

पदाइश 2417ndash44 25तक उतरी अपना घड़ा भरा और िफर वापस ऊपरआई

17 इबराहीम का नौकर दौड़ कर उस स िमला उसन कहा ldquoज़रा मझ अपन घड़ स थोड़ा सा पानीिपलाएrdquo 18 िरबक़ा न कहा ldquoजनाब पी लrdquo जलदीस उस न अपन घड़ को कध पर स उतार कर हाथ मपकड़ा तािक वह पी सक 19 जब वह पीन स फ़ािरग़हआ तो िरबक़ा न कहा ldquoम आप क ऊटो क िलए भीपानी ल आती ह वह भी पर तौर पर अपनी पयासबझाएrdquo 20 जलदी स उस न अपन घड़ का पानी हौज़म उडल िदया और िफर भाग कर कए स इतना पानीलाती रही िक तमाम ऊटो की पयास बझ गई

21 इतन म इबराहीम का आदमी ख़ामोशी स उसदखता रहा कयिक वह जानना चाहता था िक कयारब मझ सफ़र की कामयाबी बख़शगा या नही 22 ऊटपानी पीन स फ़ािरग़ हए तो उस न िरबक़ा को सोन कीएक नथ और दो कगन िदए नथ का वज़न तक़रीबन6 गराम था और कगनो का 120 गराम

23 उस न पछा ldquoआप िकस की बटी ह कया उसक हा इतनी जगह ह िक हम वहा रात गज़ार सकrdquo

24 िरबक़ा न जवाब िदया ldquoमरा बाप बतएल ह वहनहर और िमलकाह का बटा ह 25 हमार पास भसाऔर चारा ह रात गज़ारन क िलए भी काफ़ी जगहहrdquo 26 यह सन कर इबराहीम क नौकर न रब कोिसजदा िकया 27 उस न कहा ldquoमर आक़ा इबराहीमक ख़दा की तमजीद हो िजस क करम और वफ़ादारीन मर आक़ा को नही छोड़ा रब न मझ सीधा मरमािलक क िरशतदारो तक पहचाया हrdquo

28 लड़की भाग कर अपनी मा क घर चली गईवहा उस न सब कछ बता िदया जो हआ था29ndash30 जब िरबक़ा क भाई लाबन न नथ और बहनकी कलाइयो म कगनो को दखा और वह सब कछसना जो इबराहीम क नौकर न िरबक़ा को बताया थातो वह फ़ौरन कए की तरफ़ दौड़ा

इबराहीम का नौकर अब तक ऊटो समत वहा खड़ाथा 31 लाबन न कहा ldquoरब क मबारक बनद मर

साथ आए आप यहा शहर क बाहर कय खड़ ह मन अपन घर म आप क िलए सब कछ तययार िकयाह आप क ऊटो क िलए भी काफ़ी जगह हrdquo 32 वहनौकर को ल कर घर पहचा ऊटो स सामान उतारागया और उन को भसा और चारा िदया गया पानीभी लाया गया तािक इबराहीम का नौकर और उस कआदमी अपन पाओ धोए

33 लिकन जब खाना आ गया तो इबराहीम क नौकरन कहा ldquoइस स पहल िक म खाना खाऊ लािज़मह िक अपना मआमला पश करrdquo लाबन न कहाldquoबताए अपनी बातrdquo 34 उस न कहा ldquoम इबराहीमका नौकर ह 35 रब न मर आक़ा को बहत बरकतदी ह वह बहत अमीर बन गया ह रब न उस कसरतस भड़-बकिरया गाय-बल सोना-चादी ग़लाम औरलौिडया ऊट और गध िदए ह 36 जब मर मािलककी बीवी बढ़ी हो गई थी तो उस क बटा पदा हआथा इबराहीम न उस अपनी परी िमलिकयत द दी ह37 लिकन मर आक़ा न मझ स कहा lsquoक़सम खाओिक तम इन कनआिनयो म स िजन क दरिमयान मरहता ह मर बट क िलए बीवी नही लाओग 38 बिलकमर बाप क घरान और मर िरशतदारो क पास जा करउस क िलए बीवी लाओगrsquo 39 म न अपन मािलकस कहा lsquoशायद वह औरत मर साथ आना न चाहrsquo40 उस न कहा lsquoरब िजस क सामन म चलता रहाह अपन फ़िरशत को तमहार साथ भजगा और तमहकामयाबी बख़शगा तमह ज़रर मर िरशतदारो औरमर बाप क घरान स मर बट क िलए बीवी िमलगी41 लिकन अगर तम मर िरशतदारो क पास जाओ औरवह इनकार कर तो िफर तम अपनी क़सम स आज़ादहोगrsquo 42 आज जब म कए क पास आया तो म नदआ की lsquoऐ रब मर आक़ा क ख़दा अगर तरी मज़ीरहो तो मझ इस िमशन म कामयाबी बख़श िजस किलए म यहा आया ह 43 अब म इस कए क पासखड़ा ह जब कोई जवान औरत शहर स िनकल करयहा आए तो म उस स कहगा ldquoज़रा मझ अपन घड़स थोड़ा सा पानी िपलाएrdquo 44 अगर वह कह ldquoपी

26 पदाइश 2445ndash67ल म आप क ऊटो क िलए भी पानी ल आऊगीrdquo तोइस का मतलब यह हो िक त न उस मर आक़ा कबट क िलए चन िलया ह िक उस की बीवी बन जाएrsquo

45 म अभी िदल म यह दआ कर रहा था िक िरबक़ाशहर स िनकल आई उस क कध पर घड़ा था वहचशम तक उतरी और अपना घड़ा भर िलया म नउस स कहा lsquoज़रा मझ पानी िपलाएrsquo 46 जवाब मउस न जलदी स अपन घड़ को कध पर स उतार करकहा lsquoपी ल म आप क ऊटो को भी पानी िपलातीहrsquo म न पानी िपया और उस न ऊटो को भी पानीिपलाया 47 िफर म न उस स पछा lsquoआप िकस कीबटी हrsquo उस न जवाब िदया lsquoमरा बाप बतएल हवह नहर और िमलकाह का बटा हrsquo िफर म न उसकी नाक म नथ और उस की कलाइयो म कगनपहना िदए 48 तब म न रब को िसजदा करक अपनआक़ा इबराहीम क ख़दा की तमजीद की िजस न मझसीधा मर मािलक की भतीजी तक पहचाया तािकवह इसहाक़ की बीवी बन जाए

49 अब मझ बताए कया आप मर आक़ा पर अपनीमहरबानी और वफ़ादारी का इज़हार करना चाहतह अगर ऐसा ह तो िरबक़ा की इसहाक़ क साथशादी क़बल कर अगर आप मततिफ़क़ नही ह तोमझ बताए तािक म कोई और क़दम उठा सकrdquo

50 लाबन और बतएल न जवाब िदया ldquoयह बातरब की तरफ़ स ह इस िलए हम िकसी तरह भीइनकार नही कर सकत 51 िरबक़ा आप क सामनह उस ल जाए वह आप क मािलक क बट कीबीवी बन जाए िजस तरह रब न फ़रमाया हrdquo 52 यहसन कर इबराहीम क नौकर न रब को िसजदा िकया53 िफर उस न सोन और चादी क ज़वरात और महगमलबसात अपन सामान म स िनकाल कर िरबक़ा कोिदए िरबक़ा क भाई और मा को भी क़ीमती तहफ़िमल

54 इस क बाद उस न अपन हमसफ़रो क साथ शामका खाना खाया वह रात को वही ठहर अगल िदन

जब उठ तो नौकर न कहा ldquoअब हम इजाज़त दतािक अपन आक़ा क पास लौट जाएrdquo 55 िरबक़ाक भाई और मा न कहा ldquoिरबक़ा कछ िदन औरहमार हा ठहर िफर आप जाएrdquo 56 लिकन उस नउन स कहा ldquoअब दर न कर कयिक रब न मझमर िमशन म कामयाबी बख़शी ह मझ इजाज़त दतािक अपन मािलक क पास वापस जाऊrdquo 57 उनहोन कहा ldquoचल हम लड़की को बला कर उसी स पछलत हrdquo

58 उनहो न िरबक़ा को बला कर उस स पछा ldquoकयात अभी इस आदमी क साथ जाना चाहती हrdquoउस न कहा ldquoजी म जाना चाहती हrdquo 59 चनाचउनहो न अपनी बहन िरबक़ा उस की दाया इबराहीमक नौकर और उस क हमसफ़रो को रख़सत करिदया 60 पहल उनहो न िरबक़ा को बरकत द करकहा ldquoहमारी बहन अललाह कर िक त करोड़ो कीमा बन तरी औलाद अपन दशमनो क शहरो कदरवाज़ो पर क़बज़ा करrdquo 61 िफर िरबक़ा और उसकी नौकरािनया उठ कर ऊटो पर सवार हई औरइबराहीम क नौकर क पीछ हो ली चनाच नौकर उनहसाथ ल कर रवाना हो गया

62 उस वक़त इसहाक़ मलक क जनबी िहसस दशत-ए-नजब म रहता था वह बर-लही-रोई स आया था63 एक शाम वह िनकल कर खल मदान म अपनीसोचो म मगन टहल रहा था िक अचानक ऊट उसकी तरफ़ आत हए नज़र आए 64 जब िरबक़ा नअपनी नज़र उठा कर इसहाक़ को दखा तो उस नऊट स उतर कर 65 नौकर स पछा ldquoवह आदमी कौनह जो मदान म हम स िमलन आ रहा हrdquo नौकर नकहा ldquoमरा मािलक हrdquo यह सन कर िरबक़ा न चादरल कर अपन िचहर को ढाप िलया

66 नौकर न इसहाक़ को सब कछ बता िदया जोउस न िकया था 67 िफर इसहाक़ िरबक़ा को अपनीमा सारा क डर म ल गया उस न उस स शादी कीऔर वह उस की बीवी बन गई इसहाक़ क िदल म

पदाइश 251ndash28 27उस क िलए बहत महबबत पदा हई य उस अपनीमा की मौत क बाद सकन िमला

इबराहीम की मज़ीद औलाद

25 1 इबराहीम न एक और शादी की नई बीवीका नाम क़तरा था 2 क़तरा क छः बट

पदा हए िज़मरान यक़सान िमदान िमिदयान इसबाक़और सख़ 3 यक़सान क दो बट थ सबा और ददानअसरी लतसी और लमी ददान की औलाद ह4 िमिदयान क बट ऐफ़ा इफ़र हनक अबीदा औरइलदआ थ यह सब क़तरा की औलाद थ

5 इबराहीम न अपनी सारी िमलिकयत इसहाक़ कोद दी 6 अपनी मौत स पहल उस न अपनी दसरीबीिवयो क बटो को तहफ़ द कर अपन बट स दरमशिरक़ की तरफ़ भज िदया

इबराहीम की वफ़ात7ndash8 इबराहीम 175 साल की उमर म फ़ौत हआ

ग़रज़ वह बहत उमररसीदा और िज़नदगी स आसदाहो कर इिनतक़ाल करक अपन बापदादा स जािमला 9ndash10 उस क बटो इसहाक़ और इसमाईल न उसमकफ़ीला क ग़ार म दफ़न िकया जो ममर क मशिरक़म ह यह वही ग़ार था िजस खत समत िहतती आदमीइफ़रोन िबन सहर स ख़रीदा गया था इबराहीम औरउस की बीवी सारा दोनो को उस म दफ़न िकया गया

11 इबराहीम की वफ़ात क बाद अललाह न इसहाक़को बरकत दी उस वक़त इसहाक़ बर-लही-रोई कक़रीब आबाद था

इसमाईल की औलाद12 इबराहीम का बटा इसमाईल जो सारा की िमसरी

लौडी हािजरा क हा पदा हआ उस का नसबनामायह ह 13 इसमाईल क बट बड़ स ल कर छोटतक यह ह नबायोत क़ीदार अदिबएल िमबसाम14 िमशमा दमा मससा 15 हदद तमा यतर नफ़ीसऔर िक़दमा

16 यह बट बारह क़बीलो क बानी बन गए औरजहा जहा वह आबाद हए उन जगहो का वही नामपड़ गया 17 इसमाईल 137 साल का था जब वहकच करक अपन बापदादा स जा िमला 18 उस कीऔलाद उस इलाक़ म आबाद थी जो हवीला और शरक दरिमयान ह और जो िमसर क मशिरक़ म असर कीतरफ़ ह य इसमाईल अपन तमाम भाइयो क सामनही आबाद हआ

एसौ और याक़ब की पदाइश19 यह इबराहीम क बट इसहाक़ का बयान ह20 इसहाक़ 40 साल का था जब उस की िरबक़ा

स शादी हई िरबक़ा लाबन की बहन और अरामीमदर बतएल की बटी थी (बतएल मसोपतािमया काथा) 21 िरबक़ा क बचच पदा न हए लिकन इसहाक़न अपनी बीवी क िलए दआ की तो रब न उस कीसनी और िरबक़ा उममीद स हई 22 उस क पट मबचच एक दसर स ज़ोरआज़माई करन लग तो वह रबस पछन गई ldquoअगर यह मरी हालत रहगी तो िफर मयहा तक कय पहच गई हrdquo 23 रब न उस स कहाldquoतर अनदर दो क़ौम ह वह तझ स िनकल कर एकदसरी स अलग अलग हो जाएगी उन म स एकज़यादा ताक़तवर होगी और बड़ा छोट की िख़दमतकरगाrdquo

24 पदाइश का वक़त आ गया तो जड़वा बट पदाहए 25 पहला बचचा िनकला तो सख़र सा था और ऐसालग रहा था िक वह घन बालो का कोट ही पहन हएह इस िलए उस का नाम एसौ यानी lsquoबालो वालाrsquoरखा गया 26 इस क बाद दसरा बचचा पदा हआ वहएसौ की एड़ी पकड़ हए िनकला इस िलए उस कानाम याक़ब यानी lsquoएड़ी पकड़न वालाrsquo रखा गयाउस वक़त इसहाक़ 60 साल का था

27 लड़क जवान हए एसौ मािहर िशकारी बन गयाऔर खल मदान म ख़श रहता था उस क मक़ाबलम याक़ब शाइसता था और डर म रहना पसनद करताथा 28 इसहाक़ एसौ को पयार करता था कयिक वह

28 पदाइश 2529ndash2618िशकार का गोशत पसनद करता था लिकन िरबक़ायाक़ब को पयार करती थी

29 एक िदन याक़ब सालन पका रहा था िक एसौथकाहारा जगल स आया 30 उस न कहा ldquoमझजलदी स लाल सालन हा इसी लाल सालन स कछखान को दो म तो बदम हो रहा हrdquo (इसी िलएबाद म उस का नाम अदोम यानी सख़र पड़ गया)31 याक़ब न कहा ldquoपहल मझ पहलौठ का हक़ बचदोrdquo 32 एसौ न कहा ldquoम तो भक स मर रहा हपहलौठ का हक़ मर िकस काम काrdquo 33 याक़ब नकहा ldquoपहल क़सम खा कर मझ यह हक़ बच दोrdquoएसौ न क़सम खा कर उस पहलौठ का हक़ मनतिक़लकर िदया

34 तब याक़ब न उस कछ रोटी और दाल द दीऔर एसौ न खाया और िपया िफर वह उठ कर चलागया य उस न पहलौठ क हक़ को हक़ीर जाना

इसहाक़ और िरबक़ा िजरार म

26 1 उस मलक म दबारा काल पड़ा िजसतरह इबराहीम क िदनो म भी पड़ गया

था इसहाक़ िजरार शहर गया िजस पर िफ़िलिसतयोक बादशाह अबीमिलक की हकमत थी 2 रब नइसहाक़ पर ज़ािहर हो कर कहा ldquoिमसर न जा बिलकउस मलक म बस जो म तझ िदखाता ह 3 उस मलकम अजनबी रह तो म तर साथ हगा और तझ बरकतदगा कयिक म तझ और तरी औलाद को यह तमामइलाक़ा दगा और वह वादा परा करगा जो म नक़सम खा कर तर बाप इबराहीम स िकया था 4 मतझ इतनी औलाद दगा िजतन आसमान पर िसतारह और म यह तमाम मलक उनह द दगा तरी औलादस दिनया की तमाम क़ौम बरकत पाएगी 5 म तझइस िलए बरकत दगा िक इबराहीम मर ताब रहाऔर मरी िहदायात और अहकाम पर चलता रहाrdquo6 चनाच इसहाक़ िजरार म आबाद हो गया

7 जब वहा क मदोर न िरबक़ा क बार म पछा तोइसहाक़ न कहा ldquoयह मरी बहन हrdquo वह उनह यह

बतान स डरता था िक यह मरी बीवी ह कयिक उसन सोचा ldquoिरबक़ा िनहायत ख़बसरत ह अगर उनहमालम हो जाए िक िरबक़ा मरी बीवी ह तो वह उसहािसल करन की ख़ाितर मझ क़तल कर दगrdquo

8 काफ़ी वक़त गज़र गया एक िदन िफ़िलिसतयो कबादशाह न अपनी िखड़की म स झाक कर दखा िकइसहाक़ अपनी बीवी को पयार कर रहा ह 9 उस नइसहाक़ को बला कर कहा ldquoवह तो आप की बीवीह आप न कय कहा िक मरी बहन हrdquo इसहाक़ नजवाब िदया ldquoम न सोचा िक अगर म बताऊ िक यहमरी बीवी ह तो लोग मझ क़तल कर दगrdquo

10 अबीमिलक न कहा ldquoआप न हमार साथकसा सलक कर िदखाया िकतनी आसानी स मरआदिमयो म स कोई आप की बीवी स हमिबसतरहो जाता इस तरह हम आप क सबब स एक बड़ जमरक क़सरवार ठहरतrdquo 11 िफर अबीमिलक न तमामलोगो को हकम िदया ldquoजो भी इस मदर या उस कीबीवी को छड़ उस सज़ा-ए-मौत दी जाएगीrdquo

इसहाक़ का िफ़िलिसतयो क साथ झगड़ा12 इसहाक़ न उस इलाक़ म काशतकारी की और

उसी साल उस सौ गना फल िमला य रब न उसबरकत दी 13 और वह अमीर हो गया उस कीदौलत बढ़ती गई और वह िनहायत दौलतमनद होगया 14 उस क पास इतनी भड़-बकिरया गाय-बलऔर ग़लाम थ िक िफ़िलसती उस स हसद करन लग15 अब ऐसा हआ िक उनहो न उन तमाम कओ कोिमटटी स भर कर बनद कर िदया जो उस क बाप कनौकरो न खोद थ

16 आिख़रकार अबीमिलक न इसहाक़ स कहाldquoकही और जा कर रह कयिक आप हम स ज़यादाज़ोरावर हो गए हrdquo

17 चनाच इसहाक़ न वहा स जा कर िजरार की वादीम अपन डर लगाए 18 वहा िफ़िलिसतयो न इबराहीमकी मौत क बाद तमाम कओ को िमटटी स भर िदया

पदाइश 2619ndash277 29था इसहाक़ न उन को दबारा खदवाया उस न उनक वही नाम रख जो उस क बाप न रख थ

19 इसहाक़ क नौकरो को वादी म खोदत खोदतताज़ा पानी िमल गया 20 लिकन िजरार क चरवाहआ कर इसहाक़ क चरवाहो स झगड़न लग उनहोन कहा ldquoयह हमारा कआ हrdquo इस िलए उस न उसकए का नाम उसक यानी झगड़ा रखा 21 इसहाक़क नौकरो न एक और कआ खोद िलया लिकनउस पर भी झगड़ा हआ इस िलए उस न उस कानाम िसतना यानी मख़ालफ़त रखा 22 वहा स जा करउस न एक तीसरा कआ खदवाया इस दफ़ा कोईझगड़ा न हआ इस िलए उस न उस का नाम रहोबोतयानी lsquoखली जगहrsquo रखा कयिक उस न कहा ldquoरबन हम खली जगह दी ह और अब हम मलक म फलफलगrdquo

23 वहा स वह बर-सबा चला गया 24 उसी रातरब उस पर ज़ािहर हआ और कहा ldquoम तर बापइबराहीम का ख़दा ह मत डर कयिक म तर साथ हम तझ बरकत दगा और तझ अपन ख़ािदम इबराहीमकी ख़ाितर बहत औलाद दगाrdquo

25 वहा इसहाक़ न क़बारनगाह बनाई और रब कानाम ल कर इबादत की वहा उस न अपन ख़मलगाए और उस क नौकरो न कआ खोद िलया

अबीमिलक क साथ अहद26 एक िदन अबीमिलक उस का साथी अख़ज़त

और उस का िसपहसालार फ़ीकल िजरार स उस कपास आए 27 इसहाक़ न पछा ldquoआप कय मर पासआए ह आप तो मझ स नफ़रत रखत ह कया आपन मझ अपन दरिमयान स ख़ािरज नही िकया थाrdquo28 उनहो न जवाब िदया ldquoहम न जान िलया ह िकरब आप क साथ ह इस िलए हम न कहा िक हमाराआप क साथ अहद होना चािहए आइए हम क़समखा कर एक दसर स अहद बाध 29 िक आप हमनक़सान नही पहचाएग कयिक हम न भी आप कोनही छड़ा बिलक आप स िसफ़र अचछा सलक िकया

और आप को सलामती क साथ रख़सत िकया हऔर अब ज़ािहर ह िक रब न आप को बरकत दीहrdquo

30 इसहाक़ न उन की िज़याफ़त की और उनहो नखाया और िपया 31 िफर सबह-सवर उठ कर उनहो नएक दसर क सामन क़सम खाई इस क बाद इसहाक़न उनह रख़सत िकया और वह सलामती स रवानाहए

32 उसी िदन इसहाक़ क नौकर आए और उस उसकए क बार म इिततला दी जो उनहो न खोदा था उनहोन कहा ldquoहम पानी िमल गया हrdquo 33 उस न कए कानाम सबा यानी lsquoक़समrsquo रखा आज तक साथ वालशहर का नाम बर-सबा ह

एसौ की अजनबी बीिवया 34 जब एसौ 40 साल का था तो उस न दो िहतती

औरतो स शादी की बरी की बटी यहिदत स औरऐलोन की बटी बासमत स 35 यह औरत इसहाक़और िरबक़ा क िलए बड़ दख का बाइस बनी

इसहाक़ याक़ब को बरकत दता ह

27 1 इसहाक़ बढ़ा हो गया तो उस की नज़रधनदला गई उस न अपन बड़ बट को

बला कर कहा ldquoबटाrdquo एसौ न जवाब िदया ldquoजीम हािज़र हrdquo 2 इसहाक़ न कहा ldquoम बढ़ा हो गयाह और ख़दा जान कब मर जाऊ 3 इस िलए अपनातीर कमान ल कर जगल म िनकल जा और मर िलएिकसी जानवर का िशकार कर 4 उस तययार करकऐसा लज़ीज़ खाना पका जो मझ पसनद ह िफर उसमर पास ल आ मरन स पहल म वह खाना खा करतझ बरकत दना चाहता हrdquo

5 िरबक़ा न इसहाक़ की एसौ क साथ बातचीत सनली थी जब एसौ िशकार करन क िलए चला गयातो उस न याक़ब स कहा 6 ldquoअभी अभी म न तमहारअबब को एसौ स यह बात करत हए सना िक 7 lsquoमरिलए िकसी जानवर का िशकार करक ल आ उस

30 पदाइश 278ndash33तययार करक मर िलए लज़ीज़ खाना पका मरन सपहल म यह खाना खा कर तझ रब क सामन बरकतदना चाहता हrsquo 8 अब सनो मर बट जो कछ मबताती ह वह करो 9 जा कर रवड़ म स बकिरयोक दो अचछ अचछ बचच चन लो िफर म वही लज़ीज़खाना पकाऊगी जो तमहार अबब को पसनद ह 10 तमयह खाना उस क पास ल जाओग तो वह उस खा करमरन स पहल तमह बरकत दगाrdquo

11 लिकन याक़ब न एितराज़ िकया ldquoआप जानतीह िक एसौ क िजसम पर घन बाल ह जबिक मर बालकम ह 12 कही मझ छन स मर बाप को पता न चलजाए िक म उस फ़रब द रहा ह िफर मझ पर बरकतनही बिलक लानत आएगीrdquo 13 उस की मा न कहाldquoतम पर आन वाली लानत मझ पर आए बटा बसमरी बात मान लो जाओ और बकिरयो क वह बचचल आओrdquo

14 चनाच वह गया और उनह अपनी मा क पासल आया िरबक़ा न ऐसा लज़ीज़ खाना पकाया जोयाक़ब क बाप को पसनद था 15 एसौ क ख़ास मौक़ोक िलए अचछ िलबास िरबक़ा क पास घर म थ उसन उन म स बहतरीन िलबास चन कर अपन छोट बटको पहना िदया 16 साथ साथ उस न बकिरयो कीखाल उस क हाथो और गदरन पर जहा बाल न थलपट दी 17 िफर उस न अपन बट याक़ब को रोटीऔर वह लज़ीज़ खाना िदया जो उस न पकाया था

18 याक़ब न अपन बाप क पास जा कर कहाldquoअबब जीrdquo इसहाक़ न कहा ldquoजी बटा त कौनहrdquo 19 उस न कहा ldquoम आप का पहलौठा एसौ हम न वह िकया ह जो आप न मझ कहा था अब ज़राउठ और बठ कर मर िशकार का खाना खाए तािकआप बाद म मझ बरकत दrdquo 20 इसहाक़ न पछाldquoबटा तझ यह िशकार इतनी जलदी िकस तरह िमलगयाrdquo उस न जवाब िदया ldquoरब आप क ख़दा नउस मर सामन स गज़रन िदयाrdquo

21 इसहाक़ न कहा ldquoबटा मर क़रीब आ तािक मतझ छ लिक त वाक़ई मरा बटा एसौ ह िक नहीrdquo

22 याक़ब अपन बाप क नज़दीक आया इसहाक़ नउस छ कर कहा ldquoतरी आवाज़ तो याक़ब की हलिकन तर हाथ एसौ क हrdquo 23 य उस न फ़रबखाया चिक याक़ब क हाथ एसौ क हाथ कीमािननद थ इस िलए उस न उस बरकत दी 24 तोभी उस न दबारा पछा ldquoकया त वाक़ई मरा बटाएसौ हrdquo याक़ब न जवाब िदया ldquoजी म वहीहrdquo 25 आिख़रकार इसहाक़ न कहा ldquoिशकार काखाना मर पास ल आ बटा उस खान क बाद मतझ बरकत दगाrdquo याक़ब खाना और म ल आयाइसहाक़ न खाया और िपया 26 िफर कहा ldquoबटा मरपास आ और मझ बोसा दrdquo 27 याक़ब न पास आकर उस बोसा िदया इसहाक़ न उस क िलबास कोसघ कर उस बरकत दी उस न कहा

ldquoमर बट की ख़शब उस खल मदान की ख़शब कीमािननद ह िजस रब न बरकत दी ह 28 अललाह तझआसमान की ओस और ज़मीन की ज़रख़ज़ी द वहतझ कसरत का अनाज और अगर का रस द 29 क़ौमतरी िख़दमत कर और उममत तर सामन झक जाएअपन भाइयो का हकमरान बन और तरी मा कीऔलाद तर सामन घटन टक जो तझ पर लानत करवह ख़द लानती हो और जो तझ बरकत द वह ख़दबरकत पाएrdquo

एसौ भी बरकत मागता ह30 इसहाक़ की बरकत क बाद याक़ब अभी रख़सत

ही हआ था िक उस का भाई एसौ िशकार करकवापस आया 31 वह भी लज़ीज़ खाना पका कर उसअपन बाप क पास ल आया उस न कहा ldquoअबबजी उठ और मर िशकार का खाना खाए तािक आपमझ बरकत दrdquo 32 इसहाक़ न पछा ldquoत कौन हrdquoउस न जवाब िदया ldquoम आप का बड़ा बटा एसौ हrdquo

33 इसहाक़ घबरा कर िशददत स कापन लगा उसन पछा ldquoिफर वह कौन था जो िकसी जानवर कािशकार करक मर पास ल आया तर आन स ज़रा

पदाइश 2734ndash289 31पहल म न उस िशकार का खाना खा कर उस शख़सको बरकत दी अब वह बरकत उसी पर रहगीrdquo

34 यह सन कर एसौ ज़ोरदार और तलख़ चीख़ मारनलगा ldquoअबब मझ भी बरकत दrdquo उस न कहा35 लिकन इसहाक़ न जवाब िदया ldquoतर भाई न आकर मझ फ़रब िदया उस न तरी बरकत तझ स छीनली हrdquo 36 एसौ न कहा ldquoउस का नाम याक़ब ठीकही रखा गया ह कयिक अब उस न मझ दसरी बारधोका िदया ह पहल उस न पहलौठ का हक़ मझस छीन िलया और अब मरी बरकत भी ज़बरदसतील ली कया आप न मर िलए कोई बरकत महफ़ज़नही रखीrdquo 37 लिकन इसहाक़ न कहा ldquoम न उसतरा हकमरान और उस क तमाम भाइयो को उस कख़ािदम बना िदया ह म न उस अनाज और अगर कारस महयया िकया ह अब मझ बता बटा कया कछरह गया ह जो म तझ दrdquo 38 लिकन एसौ ख़ामोश नहआ बिलक कहा ldquoअबब कया आप क पास वाक़ईिसफ़र यही बरकत थी अबब मझ भी बरकत दrdquoवह ज़ार-ओ-क़तार रोन लगा

39 िफर इसहाक़ न कहा ldquoत ज़मीन की ज़रख़ज़ीऔर आसमान की ओस स महरम रहगा 40 त िसफ़रअपनी तलवार क सहार िज़नदा रहगा और अपन भाईकी िख़दमत करगा लिकन एक िदन त बचन हो करउस का जआ अपनी गदरन पर स उतार फकगाrdquo

याक़ब की िहजरत41 बाप की बरकत क सबब स एसौ याक़ब का

दशमन बन गया उस न िदल म कहा ldquoवह िदनक़रीब आ गए ह िक अबब इिनतक़ाल कर जाएगऔर हम उन का मातम करग िफर म अपन भाई कोमार डालगाrdquo

42 िरबक़ा को अपन बड़ बट एसौ का यह इरादामालम हआ उस न याक़ब को बला कर कहाldquoतमहारा भाई बदला लना चाहता ह वह तमह क़तलकरन का इरादा रखता ह 43 बटा अब मरी सनोयहा स िहजरत कर जाओ हारान शहर म मर भाई

लाबन क पास चल जाओ 44 वहा कछ िदन ठहररहना जब तक तमहार भाई का ग़ससा ठडा न हो जाए45 जब उस का ग़ससा ठडा हो जाएगा और वह तमहारउस क साथ िकए गए सलक को भल जाएगा तब मइिततला दगी िक तम वहा स वापस आ सकत हो मकय एक ही िदन म तम दोनो स महरम हो जाऊrdquo

46 िफर िरबक़ा न इसहाक़ स बात की ldquoम एसौ कीबीिवयो क सबब स अपनी िज़नदगी स तग ह अगरयाक़ब भी इस मलक की औरतो म स िकसी स शादीकर तो बहतर ह िक म पहल ही मर जाऊrdquo

28 1 इसहाक़ न याक़ब को बला कर उसबरकत दी और कहा ldquoलािज़म ह िक त

िकसी कनआनी औरत स शादी न कर 2 अब सीधमसोपतािमया म अपन नाना बतएल क घर जा औरवहा अपन माम लाबन की लड़िकयो म स िकसी एकस शादी कर 3 अललाह क़ािदर-ए-मतलक़ तझ बरकतद कर फलन फलन द और तझ इतनी औलाद द िकत बहत सारी क़ौमो का बाप बन 4 वह तझ औरतरी औलाद को इबराहीम की बरकत द िजस उस नयह मलक िदया िजस म त महमान क तौर पर रहताह यह मलक तमहार क़बज़ म आएrdquo 5 य इसहाक़न याक़ब को मसोपतािमया म लाबन क घर भजालाबन अरामी मदर बतएल का बटा और िरबक़ा काभाई था

एसौ एक और शादी करता ह6 एसौ को पता चला िक इसहाक़ न याक़ब को

बरकत द कर मसोपतािमया भज िदया ह तािक वहा शादी कर उस यह भी मालम हआ िक इसहाक़ न उसकनआनी औरत स शादी करन स मना िकया ह 7 औरिक याक़ब अपन मा-बाप की सन कर मसोपतािमयाचला गया ह 8 एसौ समझ गया िक कनआनी औरतमर बाप को मनज़र नही ह 9 इस िलए वह इबराहीम कबट इसमाईल क पास गया और उस की बटी महलतस शादी की वह नबायोत की बहन थी य उस कीबीिवयो म इज़ाफ़ा हआ

32 पदाइश 2810ndash2912

बत-एल म याक़ब का ख़वाब10 याक़ब बर-सबा स हारान की तरफ़ रवाना हआ

11 जब सरज ग़रब हआ तो वह रात गज़ारन क िलएरक गया और वहा क पतथरो म स एक को ल करउस अपन िसरहान रखा और सो गया

12 जब वह सो रहा था तो ख़वाब म एक सीढ़ी दखीजो ज़मीन स आसमान तक पहचती थी फ़िरशत उसपर चढ़त और उतरत नज़र आत थ 13 रब उस कऊपर खड़ा था उस न कहा ldquoम रब इबराहीम औरइसहाक़ का ख़दा ह म तझ और तरी औलाद कोयह ज़मीन दगा िजस पर त लटा ह 14 तरी औलादज़मीन पर ख़ाक की तरह बशमार होगी और त चारोतरफ़ फल जाएगा दिनया की तमाम क़ौम तर औरतरी औलाद क वसील स बरकत पाएगी 15 म तरसाथ हगा तझ महफ़ज़ रखगा और आिख़रकार तझइस मलक म वापस लाऊगा ममिकन ही नही िक मतर साथ अपना वादा परा करन स पहल तझ छोड़दrdquo

16 तब याक़ब जाग उठा उस न कहा ldquoयक़ीननरब यहा हािज़र ह और मझ मालम नही थाrdquo 17 वहडर गया और कहा ldquoयह िकतना ख़ौफ़नाक मक़ामह यह तो अललाह ही का घर और आसमान कादरवाज़ा हrdquo

18 याक़ब सबह-सवर उठा उस न वह पतथर िलयाजो उस न अपन िसरहान रखा था और उस सतन कीतरह खड़ा िकया िफर उस न उस पर ज़तन का तलउडल िदया 19 उस न मक़ाम का नाम बत-एल यानीlsquoअललाह का घरrsquo रखा (पहल साथ वाल शहर कानाम लज़ था) 20 उस न क़सम खा कर कहा ldquoअगररब मर साथ हो सफ़र पर मरी िहफ़ाज़त कर मझखाना और कपड़ा महयया कर 21 और म सलामती सअपन बाप क घर वापस पहच तो िफर वह मरा ख़दाहोगा 22 जहा यह पतथर सतन क तौर पर खड़ा हवहा अललाह का घर होगा और जो भी त मझ दगाउस का दसवा िहससा तझ िदया करगाrdquo

याक़ब लाबन क घर पहचता ह

29 1 याक़ब न अपना सफ़र जारी रखा औरचलत चलत मशिरक़ी क़ौमो क मलक म

पहच गया 2 वहा उस न खत म कआ दखा िजस कइदरिगदर भड़-बकिरयो क तीन रवड़ जमा थ रवड़ोको कए का पानी िपलाया जाना था लिकन उस कमह पर बड़ा पतथर पड़ा था 3 वहा पानी िपलान कायह तरीक़ा था िक पहल चरवाह तमाम रवड़ो काइिनतज़ार करत और िफर पतथर को लढ़का कर महस हटा दत थ पानी िपलान क बाद वह पतथर कोदबारा मह पर रख दत थ

4 याक़ब न चरवाहो स पछा ldquoमर भाइयो आपकहा क हrdquo उनहो न जवाब िदया ldquoहारान कrdquo5 उस न पछा ldquoकया आप नहर क पोत लाबन कोजानत हrdquo उनहो न कहा ldquoजी हाrdquo 6 उस न पछाldquoकया वह ख़िरयत स हrdquo उनहो न कहा ldquoजी वहख़िरयत स ह दखो उधर उस की बटी रािख़लरवड़ ल कर आ रही हrdquo 7 याक़ब न कहा ldquoअभीतो शाम तक बहत वक़त बाक़ी ह रवड़ो को जमाकरन का वक़त तो नही ह आप कय उनह पानी िपलाकर दबारा चरन नही दतrdquo 8 उनहो न जवाब िदयाldquoपहल ज़ररी ह िक तमाम रवड़ यहा पहच तब हीपतथर को लढ़का कर एक तरफ़ हटाया जाएगा औरहम रवड़ो को पानी िपलाएगrdquo

9 याक़ब अभी उन स बात कर ही रहा था िकरािख़ल अपन बाप का रवड़ ल कर आ पहचीकयिक भड़-बकिरयो को चराना उस का काम था10 जब याक़ब न रािख़ल को माम लाबन क रवड़ कसाथ आत दखा तो उस न कए क पास जा कर पतथरको लढ़का कर मह स हटा िदया और भड़-बकिरयोको पानी िपलाया 11 िफर उस न उस बोसा िदयाऔर ख़ब रोन लगा 12 उस न कहा ldquoम आप कअबब की बहन िरबक़ा का बटा हrdquo यह सन कररािख़ल न भाग कर अपन अबब को इिततला दी

पदाइश 2913ndash35 3313 जब लाबन न सना िक मरा भानजा याक़ब आया

ह तो वह दौड़ कर उस स िमलन गया और उस गललगा कर अपन घर ल आया याक़ब न उस सब कछबता िदया जो हआ था 14 लाबन न कहा ldquoआपवाक़ई मर िरशतदार हrdquo याक़ब न वहा एक परामहीना गज़ारा

अपनी बीिवयो क िलए याक़ब की महनत-मशक़क़त15 िफर लाबन याक़ब स कहन लगा ldquoबशक आप

मर िरशतदार ह लिकन आप को मर िलए काम करनक बदल म कछ िमलना चािहए म आप को िकतनपस दrdquo 16 लाबन की दो बिटया थी बड़ी का नामिलयाह था और छोटी का रािख़ल 17 िलयाह कीआख चनधी थी जबिक रािख़ल हर तरह स ख़बसरतथी 18 याक़ब को रािख़ल स महबबत थी इस िलएउस न कहा ldquoअगर मझ आप की छोटी बटी रािख़लिमल जाए तो आप क िलए सात साल काम करगाrdquo19 लाबन न कहा ldquoिकसी और आदमी की िनसबतमझ यह ज़यादा पसनद ह िक आप ही स उस की शादीकराऊrdquo

20 पस याक़ब न रािख़ल को पान क िलए सात सालतक काम िकया लिकन उस ऐसा लगा जसा दो एकिदन ही गज़र हो कयिक वह रािख़ल को िशददत सपयार करता था 21 इस क बाद उस न लाबन स कहाldquoमददत परी हो गई ह अब मझ अपनी बटी स शादीकरन दrdquo 22 लाबन न उस मक़ाम क तमाम लोगोको दावत द कर शादी की िज़याफ़त की 23 लिकनउस रात वह रािख़ल की बजाय िलयाह को याक़बक पास ल आया और याक़ब उसी स हमिबसतरहआ 24 (लाबन न िलयाह को अपनी लौडी िज़लफ़ाद दी थी तािक वह उस की िख़दमत कर)

25 जब सबह हई तो याक़ब न दखा िक िलयाह हीमर पास ह उस न लाबन क पास जा कर कहा ldquoयहआप न मर साथ कया िकया ह कया म न रािख़लक िलए काम नही िकया आप न मझ धोका कय िदयाrdquo 26 लाबन न जवाब िदया ldquoयहा दसतर नही

ह िक छोटी बटी की शादी बड़ी स पहल कर दीजाए 27 एक हफ़त क बाद शादी की रसमात परी होजाएगी उस वक़त तक सबर कर िफर म आप कोरािख़ल भी द दगा शतर यह ह िक आप मज़ीद सातसाल मर िलए काम करrdquo

28 याक़ब मान गया चनाच जब एक हफ़त क बादशादी की रसमात परी हई तो लाबन न अपनी बटीरािख़ल की शादी भी उस क साथ कर दी 29 (लाबनन रािख़ल को अपनी लौडी िबलहाह द दी तािकवह उस की िख़दमत कर) 30 याक़ब रािख़ल स भीहमिबसतर हआ वह िलयाह की िनसबत उस ज़यादापयार करता था िफर उस न रािख़ल क इवज़ सातसाल और लाबन की िख़दमत की

याक़ब क बचच31 जब रब न दखा िक िलयाह स नफ़रत की जाती

ह तो उस न उस औलाद दी जबिक रािख़ल क हा बचच पदा न हए

32 िलयाह हािमला हई और उस क बटा पदा हआउस न कहा ldquoरब न मरी मसीबत दखी ह और अबमरा शौहर मझ पयार करगाrdquo उस न उस का नामरिबन यानी lsquoदखो एक बटाrsquo रखा

33 वह दबारा हािमला हई एक और बटा पदाहआ उस न कहा ldquoरब न सना िक मझ स नफ़रतकी जाती ह इस िलए उस न मझ यह भी िदया हrdquoउस न उस का नाम शमाऊन यानी lsquoरब न सना हrsquoरखा

34 वह एक और दफ़ा हािमला हई तीसरा बटा पदाहआ उस न कहा ldquoअब आिख़रकार शौहर क साथमरा बधन मज़बत हो जाएगा कयिक म न उस किलए तीन बटो को जनम िदया हrdquo उस न उस कानाम लावी यानी बधन रखा

35 वह एक बार िफर हािमला हई चौथा बटा पदाहआ उस न कहा ldquoइस दफ़ा म रब की तमजीदकरगीrdquo उस न उस का नाम यहदाह यानी तमजीदरखा इस क बाद उस स और बचच पदा न हए

34 पदाइश 301ndash24

30 1 लिकन रािख़ल बऔलाद ही रही इसिलए वह अपनी बहन स हसद करन लगी

उस न याक़ब स कहा ldquoमझ भी औलाद द वनारम मर जाऊगीrdquo 2 याक़ब को ग़ससा आया उस नकहा ldquoकया म अललाह ह िजस न तझ औलाद समहरम रखा हrdquo 3 रािख़ल न कहा ldquoयहा मरी लौडीिबलहाह ह उस क साथ हमिबसतर हो तािक वह मरिलए बचच को जनम द और म उस की मािरफ़त मा बनजाऊrdquo

4 य उस न अपन शौहर को िबलहाह दी और वहउस स हमिबसतर हआ 5 िबलहाह हािमला हई औरबटा पदा हआ 6 रािख़ल न कहा ldquoअललाह न मर हक़म फ़सला िदया ह उस न मरी दआ सन कर मझ बटाद िदया हrdquo उस न उस का नाम दान यानी lsquoिकसीक हक़ म फ़सला करन वालाrsquo रखा

7 िबलहाह दबारा हािमला हई और एक और बटापदा हआ 8 रािख़ल न कहा ldquoम न अपनी बहन ससख़त कशती लड़ी ह लिकन जीत गई हrdquo उस नउस का नाम नफ़ताली यानी lsquoकशती म मझ स जीतागयाrsquo रखा

9 जब िलयाह न दखा िक मर और बचच पदा नहीहो रह तो उस न याक़ब को अपनी लौडी िज़लफ़ा ददी तािक वह भी उस की बीवी हो 10 िज़लफ़ा क भीएक बटा पदा हआ 11 िलयाह न कहा ldquoम िकतनीख़शिक़समत हrdquo चनाच उस न उस का नाम जदयानी ख़शिक़समती रखा

12 िफर िज़लफ़ा क दसरा बटा पदा हआ 13 िलयाहन कहा ldquoम िकतनी मबारक ह अब ख़वातीन मझमबारक कहगीrdquo उस न उस का नाम आशर यानीमबारक रखा

14 एक िदन अनाज की फ़सल की कटाई हो रहीथी िक रिबन बाहर िनकल कर खतो म चला गयावहा उस मदरमगयाह eिमल गए वह उनह अपनी मा

िलयाह क पास ल आया यह दख कर रािख़ल निलयाह स कहा ldquoमझ ज़रा अपन बट क मदरमगयाहम स कछ द दोrdquo 15 िलयाह न जवाब िदया ldquoकयायही काफ़ी नही िक तम न मर शौहर को मझ स छीनिलया ह अब मर बट क मदरमगयाह को भी छीननाचाहती होrdquo रािख़ल न कहा ldquoअगर तम मझ अपनबट क मदरमगयाह म स दो तो आज रात याक़ब कसाथ सो सकती होrdquo

16 शाम को याक़ब खतो स वापस आ रहा था िकिलयाह आग स उस स िमलन को गई और कहाldquoआज रात आप को मर साथ सोना ह कयिक म नअपन बट क मदरमगयाह क इवज़ आप को उजरतपर िलया हrdquo चनाच याक़ब न िलयाह क पास रातगज़ारी

17 उस वक़त अललाह न िलयाह की दआ सनी औरवह हािमला हई उस क पाचवा बटा पदा हआ18 िलयाह न कहा ldquoअललाह न मझ इस का अजर िदयाह िक म न अपन शौहर को अपनी लौडी दीrdquo उसन उस का नाम इशकार यानी अजर रखा

19 इस क बाद वह एक और दफ़ा हािमला हईउस क छटा बटा पदा हआ 20 उस न कहा ldquoअललाहन मझ एक अचछा-ख़ासा तहफ़ा िदया ह अब मराख़ावनद मर साथ रहगा कयिक मझ स उस क छःबट पदा हए हrdquo उस न उस का नाम ज़बलन यानीिरहाइश रखा

21 इस क बाद बटी पदा हई उस न उस का नामदीना रखा

22 िफर अललाह न रािख़ल को भी याद िकया उसन उस की दआ सन कर उस औलाद बख़शी 23 वहहािमला हई और एक बटा पदा हआ उस न कहाldquoमझ बटा अता करन स अललाह न मरी इज़ज़त बहालकर दी ह 24 रब मझ एक और बटा दrdquo उस न उसका नाम यसफ़ यानी lsquoवह और दrsquo रखा

eएक पौदा िजस क बार म ख़याल िकया जाता था िक उस खा कर बाझ औरत भी बचच को जनम दगी

पदाइश 3025ndash312 35

याक़ब का लाबन क साथ सौदा25 यसफ़ की पदाइश क बाद याक़ब न लाबन स

कहा ldquoअब मझ इजाज़त द िक म अपन वतन औरघर को वापस जाऊ 26 मझ मर बाल-बचच द िजन कइवज़ म न आप की िख़दमत की ह िफर म चलाजाऊगा आप तो ख़द जानत ह िक म न िकतनीमहनत क साथ आप क िलए काम िकया हrdquo

27 लिकन लाबन न कहा ldquoमझ पर महरबानी करऔर यही रह मझ ग़बदानी स पता चला ह िक रब नमझ आप क सबब स बरकत दी ह 28 अपनी उजरतख़द मक़ररर कर तो म वही िदया करगाrdquo

29 याक़ब न कहा ldquoआप जानत ह िक म न िकसतरह आप क िलए काम िकया िक मर वसील सआप क मवशी िकतन बढ़ गए ह 30 जो थोड़ा बहतमर आन स पहल आप क पास था वह अब बहतज़यादा बढ़ गया ह रब न मर काम स आप को बहतबरकत दी ह अब वह वक़त आ गया ह िक म अपनघर क िलए कछ करrdquo

31 लाबन न कहा ldquoम आप को कया दrdquo याक़बन कहा ldquoमझ कछ न द म इस शतर पर आप कीभड़-बकिरयो की दख-भाल जारी रखगा िक 32 आजम आप क रवड़ म स गज़र कर उन तमाम भड़ोको अलग कर लगा िजन क िजसम पर छोट या बड़धबब हो या जो सफ़द न हो इसी तरह म उन तमामबकिरयो को भी अलग कर लगा िजन क िजसमपर छोट या बड़ धबब हो यही मरी उजरत होगी33 आइनदा िजन बकिरयो क िजसम पर छोट या बड़धबब होग या िजन भड़ो का रग सफ़द नही होगावह मरा अजर होगी जब कभी आप उन का मआइनाकरग तो आप मालम कर सकग िक म िदयानतदाररहा ह कयिक मर जानवरो क रग स ही ज़ािहर होगािक म न आप का कछ चराया नही हrdquo 34 लाबन नकहा ldquoठीक ह ऐसा ही हो जसा आप न कहा हrdquo

35 उसी िदन लाबन न उन बकरो को अलग करिलया िजन क िजसम पर धािरया या धबब थ और

उन तमाम बकिरयो को िजन क िजसम पर छोट याबड़ धबब थ िजस क भी िजसम पर सफ़द िनशानथा उस उस न अलग कर िलया इसी तरह उस नउन तमाम भड़ो को भी अलग कर िलया जो पर तौरपर सफ़द न थ िफर लाबन न उनह अपन बटो कसपदर कर िदया 36 जो उन क साथ याक़ब स इतना दरचल गए िक उन क दरिमयान तीन िदन का फ़ािसलाथा तब याक़ब लाबन की बाक़ी भड़-बकिरयो कीदख-भाल करता गया

37 याक़ब न सफ़दा बादाम और चनार की हरी हरीशाख़ ल कर उन स कछ िछलका य उतार िदया िकउस पर सफ़द धािरया नज़र आई 38 उस न उनहभड़-बकिरयो क सामन उन हौज़ो म गाड़ िदया जहा वह पानी पीत थ कयिक वहा यह जानवर मसत होकर िमलाप करत थ 39 जब वह इन शाख़ो क सामनिमलाप करत तो जो बचच पदा होत उन क िजसम परछोट और बड़ धबब और धािरया होती थी 40 िफरयाक़ब न भड़ क बचचो को अलग करक अपन रवड़ोको लाबन क उन जानवरो क सामन चरन िदया िजनक िजसम पर धािरया थी और जो सफ़द न थ य उसन अपन ज़ाती रवड़ो को अलग कर िलया और उनहलाबन क रवड़ क साथ चरन न िदया

41 लिकन उस न यह शाख़ िसफ़र उस वक़त हौज़ो म खड़ी की जब ताक़तवर जानवर मसत हो कर िमलापकरत थ 42 कमज़ोर जानवरो क साथ उस न ऐसान िकया इसी तरह लाबन को कमज़ोर जानवर औरयाक़ब को ताक़तवर जानवर िमल गए 43 य याक़बबहत अमीर बन गया उस क पास बहत स रवड़ग़लाम और लौिडया ऊट और गध थ

याक़ब की िहजरत

31 1 एक िदन याक़ब को पता चला िक लाबनक बट मर बार म कह रह ह ldquoयाक़ब न

हमार अबब स सब कछ छीन िलया ह उस न यहतमाम दौलत हमार बाप की िमलिकयत स हािसलकी हrdquo 2 याक़ब न यह भी दखा िक लाबन का

36 पदाइश 313ndash25मर साथ रवयया पहल की िनसबत िबगड़ गया ह3 िफर रब न उस स कहा ldquoअपन बाप क मलक औरअपन िरशतदारो क पास वापस चला जा म तर साथहगाrdquo

4 उस वक़त याक़ब खल मदान म अपन रवड़ो कपास था उस न वहा स रािख़ल और िलयाह कोबला कर 5 उन स कहा ldquoम न दख िलया ह िक आपक बाप का मर साथ रवयया पहल की िनसबत िबगड़गया ह लिकन मर बाप का ख़दा मर साथ रहा ह6 आप दोनो जानती ह िक म न आप क अबब किलए िकतनी जािफ़शानी स काम िकया ह 7 लिकनवह मझ फ़रब दता रहा और मरी उजरत दस बारबदली ताहम अललाह न उस मझ नक़सान पहचान निदया 8 जब माम लाबन कहत थ lsquoिजन जानवरो किजसम पर धबब हो वही आप को उजरत क तौर परिमलगrsquo तो तमाम भड़-बकिरयो क ऐस बचच पदा हएिजन क िजसमो पर धबब ही थ जब उनहो न कहाlsquoिजन जानवरो क िजसम पर धािरया होगी वही आपको उजरत क तौर पर िमलगrsquo तो तमाम भड़-बकिरयोक ऐस बचच पदा हए िजन क िजसमो पर धािरया हीथी 9 य अललाह न आप क अबब क मवशी छीनकर मझ द िदए ह 10 अब ऐसा हआ िक हवानो कीमसती क मौसम म म न एक ख़वाब दखा उस म जोमढ और बकर भड़-बकिरयो स िमलाप कर रह थउन क िजसम पर बड़ और छोट धबब और धािरया थी 11 उस ख़वाब म अललाह क फ़िरशत न मझ सबात की lsquoयाक़बrsquo म न कहा lsquoजी म हािज़र हrsquo12 फ़िरशत न कहा lsquoअपनी नज़र उठा कर उस परग़ौर कर जो हो रहा ह वह तमाम मढ और बकरजो भड़-बकिरयो स िमलाप कर रह ह उन क िजसमपर बड़ और छोट धबब और धािरया ह म यह ख़दकरवा रहा ह कयिक म न वह सब कछ दख िलया हजो लाबन न तर साथ िकया ह 13 म वह ख़दा ह जोबत-एल म तझ पर ज़ािहर हआ था उस जगह जहा त न सतन पर तल उडल कर उस मर िलए मख़सस

िकया और मर हज़र क़सम खाई थी अब उठ औररवाना हो कर अपन वतन वापस चला जाrsquordquo

14 रािख़ल और िलयाह न जवाब म याक़ब स कहाldquoअब हम अपन बाप की मीरास स कछ िमलन कीउममीद नही रही 15 उस का हमार साथ अजनबी कासा सलक ह पहल उस न हम बच िदया और अबउस न वह सार पस खा भी िलए ह 16 चनाच जो भीदौलत अललाह न हमार बाप स छीन ली ह वह हमारीऔर हमार बचचो की ही ह अब जो कछ भी अललाहन आप को बताया ह वह करrdquo

17 तब याक़ब न उठ कर अपन बाल-बचचो कोऊटो पर िबठाया 18 और अपन तमाम मवशी औरमसोपतािमया स हािसल िकया हआ तमाम सामानल कर मलक-ए-कनआन म अपन बाप क हा जान किलए रवाना हआ 19 उस वक़त लाबन अपनी भड़-बकिरयो की पशम कतरन को गया हआ था उसकी ग़रमौजदगी म रािख़ल न अपन बाप क बत चरािलए

20 याक़ब न लाबन को फ़रब द कर उस इिततला नदी िक म जा रहा ह 21 बिलक अपनी सारी िमलिकयतसमट कर फ़रार हआ दरया-ए-फ़रात को पार करकवह िजिलआद क पहाड़ी इलाक़ की तरफ़ सफ़रकरन लगा

लाबन याक़ब का ताक़क़ब करता ह22 तीन िदन गज़र गए िफर लाबन को बताया गया

िक याक़ब भाग गया ह 23 अपन िरशतदारो कोसाथ ल कर उस न उस का ताक़क़ब िकया सातिदन चलत चलत उस न याक़ब को आ िलया जबवह िजिलआद क पहाड़ी इलाक़ म पहच गया था24 लिकन उस रात अललाह न ख़वाब म लाबन क पासआ कर उस स कहा ldquoख़बरदार याक़ब को बरा-भला न कहनाrdquo

25 जब लाबन उस क पास पहचा तो याक़ब निजिलआद क पहाड़ी इलाक़ म अपन ख़म लगाएहए थ लाबन न भी अपन िरशतदारो क साथ वही

पदाइश 3126ndash43 37अपन ख़म लगाए 26 उस न याक़ब स कहा ldquoयहआप न कया िकया ह आप मझ धोका द कर मरीबिटयो को कय जगी क़िदयो की तरह हाक लाए ह27 आप कय मझ फ़रब द कर ख़ामोशी स भाग आएह अगर आप मझ इिततला दत तो म आप को ख़शीख़शी दफ़ और सरोद क साथ गात बजात रख़सतकरता 28 आप न मझ अपन नवास-नवािसयो औरबिटयो को बोसा दन का मौक़ा भी न िदया आप कीयह हरकत बड़ी अहमक़ाना थी 29 म आप को बहतनक़सान पहचा सकता ह लिकन िपछली रात आपक अबब क ख़दा न मझ स कहा lsquoख़बरदार याक़बको बरा-भला न कहनाrsquo 30 ठीक ह आप इस िलएचल गए िक अपन बाप क घर वापस जान क बड़आरज़मनद थ लिकन यह आप न कया िकया ह िकमर बत चरा लाए हrdquo

31 याक़ब न जवाब िदया ldquoमझ डर था िक आपअपनी बिटयो को मझ स छीन लग 32 लिकन अगरआप को यहा िकसी क पास अपन बत िमल जाएतो उस सज़ा-ए-मौत दी जाए हमार िरशतदारो कीमौजदगी म मालम कर िक मर पास आप की कोईचीज़ ह िक नही अगर ह तो उस ल लrdquo याक़ब कोमालम नही था िक रािख़ल न बतो को चराया ह

33 लाबन याक़ब क ख़म म दािख़ल हआ और ढडनलगा वहा स िनकल कर वह िलयाह क ख़म म औरदोनो लौिडयो क ख़म म गया लिकन उस क बतकही नज़र न आए आिख़र म वह रािख़ल क ख़मम दािख़ल हआ 34 रािख़ल बतो को ऊटो की एककाठी क नीच छपा कर उस पर बठ गई थी लाबनटटोल टटोल कर पर ख़म म स गज़रा लिकन बत निमल 35 रािख़ल न अपन बाप स कहा ldquoअबब मझस नाराज़ न होना िक म आप क सामन खड़ी नही होसकती म अययाम-ए-माहवारी क सबब स उठ नहीसकतीrdquo लाबन उस छोड़ कर ढडता रहा लिकनकछ न िमला

36 िफर याक़ब को ग़ससा आया और वह लाबन सझगड़न लगा उस न पछा ldquoमझ स कया जमर सरज़दहआ ह म न कया गनाह िकया ह िक आप इतनीतनदी स मर ताक़क़ब क िलए िनकल ह 37 आप नटटोल टटोल कर मर सार सामान की तलाशी ली हतो आप का कया िनकला ह उस यहा अपन और मरिरशतदारो क सामन रख िफर वह फ़सला कर िकहम म स कौन हक़ पर ह 38 म बीस साल तक आपक साथ रहा ह उस दौरान आप की भड़-बकिरया बचचो स महरम नही रही बिलक म न आप का एकमढा भी नही खाया 39 जब भी कोई भड़ या बकरीिकसी जगली जानवर न फाड़ डाली तो म उस आपक पास न लाया बिलक मझ ख़द उस का नक़सानभरना पड़ा आप का तक़ाज़ा था िक म ख़द चोरीहए माल का इवज़ाना द ख़वाह वह िदन क वक़तचोरी हआ या रात को 40 म िदन की शदीद गमीरक बाइस िपघल गया और रात की शदीद सदीर कबाइस जम गया काम इतना सख़त था िक म नीद समहरम रहा 41 पर बीस साल इसी हालत म गज़रगए चौदह साल म न आप की बिटयो क इवज़ कामिकया और छः साल आप की भड़-बकिरयो क िलएउस दौरान आप न दस बार मरी तनख़वाह बदल दी42 अगर मर बाप इसहाक़ का ख़दा और मर दादाइबराहीम का माबद fमर साथ न होता तो आप मझज़रर ख़ाली हाथ रख़सत करत लिकन अललाह नमरी मसीबत और मरी सख़त महनत-मशक़क़त दखीह इस िलए उस न कल रात को मर हक़ म फ़सलािदयाrdquo

याक़ब और लाबन क दरिमयान अहद43 तब लाबन न याक़ब स कहा ldquoयह बिटया तो

मरी बिटया ह और इन क बचच मर बचच ह यह भड़-बकिरया भी मरी ही ह लिकन अब म अपनी बिटयोऔर उन क बचचो क िलए कछ नही कर सकता

fलफ़ज़ी तजरमा दहशत यानी इसहाक़ का वह ख़दा िजस स इनसान दहशत खाता ह

38 पदाइश 3144ndash321244 इस िलए आओ हम एक दसर क साथ अहदबाध इस क िलए हम यहा पतथरो का ढर लगाएजो अहद की गवाही दता रहrdquo

45 चनाच याक़ब न एक पतथर ल कर उस सतनक तौर पर खड़ा िकया 46 उस न अपन िरशतदारो सकहा ldquoकछ पतथर जमा करrdquo उनहो न पतथर जमाकरक ढर लगा िदया िफर उनहो न उस ढर क पासबठ कर खाना खाया 47 लाबन न उस का नाम यजर-शाहदथा रखा जबिक याक़ब न जल-एद रखा दोनोनामो का मतलब lsquoगवाही का ढरrsquo ह यानी वह ढर जोगवाही दता ह 48 लाबन न कहा ldquoआज हम दोनोक दरिमयान यह ढर अहद की गवाही दता हrdquo इसिलए उस का नाम जल-एद रखा गया 49 उस का एकऔर नाम िमसफ़ाह यानी lsquoपहरदारो का मीनारrsquo भीरखा गया कयिक लाबन न कहा ldquoरब हम पर पहराद जब हम एक दसर स अलग हो जाएग 50 मरीबिटयो स बरा सलक न करना न उन क इलावािकसी और स शादी करना अगर मझ पता भी नचल लिकन ज़रर याद रख िक अललाह मर और आपक सामन गवाह ह 51 यहा यह ढर ह जो म न लगािदया ह और यहा यह सतन भी ह 52 यह ढर औरसतन दोनो इस क गवाह ह िक न म यहा स गज़रकर आप को नक़सान पहचाऊगा और न आप यहा सगज़र कर मझ नक़सान पहचाएग 53 इबराहीम नहरऔर उन क बाप का ख़दा हम दोनो क दरिमयानफ़सला कर अगर ऐसा कोई मआमला होrdquo जवाबम याक़ब न इसहाक़ क माबद की क़सम खाई िकम यह अहद कभी नही तोड़गा 54 उस न पहाड़ परएक जानवर क़बारनी क तौर पर चढ़ाया और अपनिरशतदारो को खाना खान की दावत दी उनहो नखाना खा कर वही पहाड़ पर रात गज़ारी

55 अगल िदन सबह-सवर लाबन न अपन नवास-नवािसयो और बिटयो को बोसा द कर उनह बरकतदी िफर वह अपन घर वापस चला गया

याक़ब एसौ स िमलन क िलए तययार हो जाता ह

32 1 याक़ब न भी अपना सफ़र जारी रखारासत म अललाह क फ़िरशत उस स िमल

2 उनह दख कर उस न कहा ldquoयह अललाह कीलशकरगाह हrdquo उस न उस मक़ाम का नाम महनाइमयानी lsquoदो लशकरगाहrsquo रखा

3 याक़ब न अपन भाई एसौ क पास अपन आगआग क़ािसद भज एसौ सईर यानी अदोम क मलकम आबाद था 4 उनह एसौ को बताना था ldquoआपका ख़ािदम याक़ब आप को इिततला दता ह िक मपरदस म जा कर अब तक लाबन का महमान रहाह 5 वहा मझ बल गध भड़-बकिरया ग़लाम औरलौिडया हािसल हए ह अब म अपन मािलक कोइिततला द रहा ह िक वापस आ गया ह और आपकी नज़र-ए-करम का ख़वािहशमनद हrdquo

6 जब क़ािसद वापस आए तो उनहो न कहा ldquoहमआप क भाई एसौ क पास गए और वह 400 आदमीसाथ ल कर आप स िमलन आ रहा हrdquo

7 याक़ब घबरा कर बहत परशान हआ उस नअपन साथ क तमाम लोगो भड़-बकिरयो गाय-बलोऔर ऊटो को दो गरोहो म तक़सीम िकया 8 ख़यालयह था िक अगर एसौ आ कर एक गरोह पर हमलाकर तो बाक़ी गरोह शायद बच जाए 9 िफर याक़बन दआ की ldquoऐ मर दादा इबराहीम और मर बापइसहाक़ क ख़दा मरी दआ सन ऐ रब त न ख़दमझ बताया lsquoअपन मलक और िरशतदारो क पासवापस जा और म तझ कामयाबी दगाrsquo 10 म उसतमाम महरबानी और वफ़ादारी क लाइक़ नही जो तन अपन ख़ािदम को िदखाई ह जब म न लाबन कपास जात वक़त दरया-ए-यदरन को पार िकया तो मरपास िसफ़र यह लाठी थी और अब मर पास यह दोगरोह ह 11 मझ अपन भाई एसौ स बचा कयिक मझडर ह िक वह मझ पर हमला करक बाल-बचचो समतसब कछ तबाह कर दगा 12 त न ख़द कहा था lsquoम

पदाइश 3213ndash335 39तझ कामयाबी दगा और तरी औलाद इतनी बढ़ाऊगािक वह समनदर की रत की मािननद बशमार होगीrsquordquo

13 याक़ब न वहा रात गज़ारी िफर उस न अपनमाल म स एसौ क िलए तहफ़ चन िलए 14 200बकिरया 20 बकर 200 भड़ 20 मढ 15 30 दधदन वाली ऊटिनया बचचो समत 40 गाए 10 बल20 गिधया और 10 गध 16 उस न उनह मख़तिलफ़रवड़ो म तक़सीम करक अपन मख़तिलफ़ नौकरो कसपदर िकया और उन स कहा ldquoमर आग आग चलोलिकन हर रवड़ क दरिमयान फ़ािसला रखोrdquo

17 जो नौकर पहल रवड़ ल कर आग िनकला उसस याक़ब न कहा ldquoमरा भाई एसौ तम स िमलगा औरपछगा lsquoतमहारा मािलक कौन ह तम कहा जा रहहो तमहार सामन क जानवर िकस क हrsquo 18 जवाबम तमह कहना ह lsquoयह आप क ख़ािदम याक़ब क हयह तहफ़ा ह जो वह अपन मािलक एसौ को भज रहह याक़ब हमार पीछ पीछ आ रह हrsquordquo

19 याक़ब न यही हकम हर एक नौकर को िदयािजस रवड़ ल कर उस क आग आग जाना था उसन कहा ldquoजब तम एसौ स िमलोग तो उस स यहीकहना ह 20 तमह यह भी ज़रर कहना ह आप कख़ािदम याक़ब हमार पीछ आ रह हrdquo कयिक याक़बन सोचा म इन तहफ़ो स उस क साथ सलह करगािफर जब उस स मलाक़ात होगी तो शायद वह मझक़बल कर ल 21 य उस न यह तहफ़ अपन आगआग भज िदए लिकन उस न ख़द ख़मागाह म रातगज़ारी

याक़ब की कशती22 उस रात वह उठा और अपनी दो बीिवयो दो

लौिडयो और गयारह बटो को ल कर दरया-ए-यबबोक़को वहा स पार िकया जहा कम गहराई थी 23 िफरउस न अपना सारा सामान भी वहा भज िदया24 लिकन वह ख़द अकला ही पीछ रह गया

उस वक़त एक आदमी आया और पौ फटन तकउस स कशती लड़ता रहा 25 जब उस न दखा िक

म याक़ब पर ग़ािलब नही आ रहा तो उस न उसक कलह को छआ और उस का जोड़ िनकल गया26 आदमी न कहा ldquoमझ जान द कयिक पौ फटनवाली हrdquo

याक़ब न कहा ldquoपहल मझ बरकत द िफर ही आपको जान दगाrdquo 27 आदमी न पछा ldquoतरा कया नामहrdquo उस न जवाब िदया ldquoयाक़बrdquo 28 आदमी नकहा ldquoअब स तरा नाम याक़ब नही बिलक इसराईलयानी lsquoवह अललाह स लड़ता हrsquo होगा कयिक तअललाह और आदिमयो क साथ लड़ कर ग़ािलबआया हrdquo

29 याक़ब न कहा ldquoमझ अपना नाम बताएrdquo उसन कहा ldquoत कय मरा नाम जानना चाहता हrdquo िफरउस न याक़ब को बरकत दी

30 याक़ब न कहा ldquoम न अललाह को र-ब-र दखातो भी बच गया हrdquo इस िलए उस न उस मक़ाम कानाम फ़नीएल रखा 31 याक़ब वहा स चला तो सरजतल हो रहा था वह कलह क सबब स लगड़ाता रहा

32 यही वजह ह िक आज भी इसराईल की औलादकलह क जोड़ पर की नस को नही खात कयिकयाक़ब की इसी नस को छआ गया था

याक़ब एसौ स िमलता ह

33 1 िफर एसौ उन की तरफ़ आता हआ नज़रआया उस क साथ 400 आदमी थ उनह

दख कर याक़ब न बचचो को बाट कर िलयाह रािख़लऔर दोनो लौिडयो क हवाल कर िदया 2 उस नदोनो लौिडयो को उन क बचचो समत आग चलनिदया िफर िलयाह उस क बचचो समत और आिख़रम रािख़ल और यसफ़ आए 3 याक़ब ख़द सब सआग एसौ स िमलन गया चलत चलत वह सात दफ़ाज़मीन तक झका 4 लिकन एसौ दौड़ कर उस सिमलन आया और उस गल लगा कर बोसा िदयादोनो रो पड़

5 िफर एसौ न औरतो और बचचो को दखा उस नपछा ldquoतमहार साथ यह लोग कौन हrdquo याक़ब न

40 पदाइश 336ndash347कहा ldquoयह आप क ख़ािदम क बचच ह जो अललाह नअपन करम स नवाज़ हrdquo

6 दोनो लौिडया अपन बचचो समत आ कर उस कसामन झक गई 7 िफर िलयाह अपन बचचो क साथआई और आिख़र म यसफ़ और रािख़ल आ कर झकगए

8 एसौ न पछा ldquoिजस जानवरो क बड़ ग़ोल समरी मलाक़ात हई उस स कया मराद हrdquo याक़ब नजवाब िदया ldquoयह तहफ़ा ह तािक आप का ख़ािदमआप की नज़र म मक़बल होrdquo 9 लिकन एसौ न कहाldquoमर भाई मर पास बहत कछ ह यह अपन पास हीरखोrdquo 10 याक़ब न कहा ldquoनही जी अगर मझ परआप क करम की नज़र ह तो मर इस तहफ़ को ज़ररक़बल फ़रमाए कयिक जब म न आप का िचहरादखा तो वह मर िलए अललाह क िचहर की मािननदथा आप न मर साथ इस क़दर अचछा सलक िकयाह 11 महरबानी करक यह तहफ़ा क़बल कर जो मआप क िलए लाया ह कयिक अललाह न मझ परअपन करम का इज़हार िकया ह और मर पास बहतकछ हrdquo

याक़ब इसरार करता रहा तो आिख़रकार एसौन उस क़बल कर िलया िफर एसौ कहन लगा12 ldquoआओ हम रवाना हो जाए म तमहार आग आगचलगाrdquo 13 याक़ब न जवाब िदया ldquoमर मािलकआप जानत ह िक मर बचच नाज़क ह मर पास भड़-बकिरया गाय-बल और उन क दध पीन वाल बचच भीह अगर म उनह एक िदन क िलए भी हद स ज़यादाहाक तो वह मर जाएग 14 मर मािलक महरबानीकरक मर आग आग जाए म आराम स उसी रफ़तारस आप क पीछ पीछ चलता रहगा िजस रफ़तार समर मवशी और मर बचच चल सकग य हम आिहसताचलत हए आप क पास सईर पहचगrdquo 15 एसौ नकहा ldquoकया म अपन आदिमयो म स कछ आप कपास छोड़ दrdquo लिकन याक़ब न कहा ldquoकया ज़ररतह सब स अहम बात यह ह िक आप न मझ क़बलकर िलया हrdquo

16 उस िदन एसौ सईर क िलए और 17 याक़बसककात क िलए रवाना हआ वहा उस न अपनिलए मकान बना िलया और अपन मविशयो क िलएझोपिड़या इस िलए उस मक़ाम का नाम सककात यानीझोपिड़या पड़ गया

18 िफर याक़ब चलत चलत सलामती स िसकमशहर पहचा य उस का मसोपतािमया स मलक-ए-कनआन तक का सफ़र इख़ितताम तक पहच गयाउस न अपन ख़म शहर क सामन लगाए 19 उस कख़म हमोर की औलाद की ज़मीन पर लग थ उस नयह ज़मीन चादी क 100 िसकको क बदल ख़रीद ली20 वहा उस न क़बारनगाह बनाई िजस का नाम उस नlsquoएल ख़दा-ए- इसराईलrsquo रखा

दीना की इसमतदरी

34 1 एक िदन याक़ब और िलयाह की बटीदीना कनआनी औरतो स िमलन क िलए

घर स िनकली 2 शहर म एक आदमी बनाम िसकमरहता था उस का वािलद हमोर उस इलाक़ काहकमरान था और िहववी क़ौम स ताललक़ रखता थाजब िसकम न दीना को दखा तो उस न उस पकड़कर उस की इसमतदरी की 3 लिकन उस का िदलदीना स लग गया वह उस स महबबत करन लगाऔर पयार स उस स बात करता रहा 4 उस न अपनबाप स कहा ldquoइस लड़की क साथ मरी शादी करादrdquo

5 जब याक़ब न अपनी बटी की इसमतदरी की ख़बरसनी तो उस क बट मविशयो क साथ खल मदान मथ इस िलए वह उन क वापस आन तक ख़ामोशरहा

6 िसकम का बाप हमोर शहर स िनकल कर याक़बस बात करन क िलए आया 7 जब याक़ब क बटोको दीना की इसमतदरी की ख़बर िमली तो उन किदल रिजश और ग़सस स भर गए िक िसकम नयाक़ब की बटी की इसमतदरी स इसराईल की इतनीबइज़ज़ती की ह वह सीध खल मदान स वापस

पदाइश 348ndash31 41आए 8 हमोर न याक़ब स कहा ldquoमर बट का िदलआप की बटी स लग गया ह महरबानी करक उसकी शादी मर बट क साथ कर द 9 हमार साथ िरशताबाध हमार बट-बिटयो क साथ शािदया कराए10 िफर आप हमार साथ इस मलक म रह सकग औरपरा मलक आप क िलए खला होगा आप जहा भीचाह आबाद हो सकग ितजारत कर सकग औरज़मीन ख़रीद सकगrdquo 11 िसकम न ख़द भी दीनाक बाप और भाइयो स िमननत की ldquoअगर मरी यहदरख़वासत मनज़र हो तो म जो कछ आप कहग अदाकर दगा 12 िजतना भी महर और तहफ़ आप मक़रररकर म द दगा िसफ़र मरी यह ख़वािहश परी कर िकयह लड़की मर अक़द म आ जाएrdquo

13 लिकन दीना की इसमतदरी क सबब स याक़बक बटो न िसकम और उस क बाप हमोर स चालाकीकरक 14 कहा ldquoहम ऐसा नही कर सकत हम अपनीबहन की शादी िकसी ऐस आदमी स नही करा सकतिजस का ख़तना नही हआ इस स हमारी बइज़ज़तीहोती ह 15 हम िसफ़र इस शतर पर राज़ी होग िक आपअपन तमाम लड़को और मदोर का ख़तना करवान सहमारी मािननद हो जाए 16 िफर आप क बट-बिटयोक साथ हमारी शािदया हो सकगी और हम आपक साथ एक क़ौम बन जाएग 17 लिकन अगर आपख़तना करान क िलए तययार नही ह तो हम अपनीबहन को ल कर चल जाएगrdquo

18 यह बात हमोर और उस क बट िसकम कोअचछी लगी 19 नौजवान िसकम न फ़ौरन उन परअमल िकया कयिक वह दीना को बहत पसनदकरता था िसकम अपन ख़ानदान म सब समअज़ज़ज़ था 20 हमोर अपन बट िसकम क साथशहर क दरवाज़ पर गया जहा शहर क फ़सल िकएजात थ वहा उनहो न बाक़ी शहिरयो स बात की21 ldquoयह आदमी हम स झगड़न वाल नही ह इस िलएकय न वह इस मलक म हमार साथ रह और हमारदरिमयान ितजारत कर हमार मलक म उन क िलए

भी काफ़ी जगह ह आओ हम उन की बिटयो औरबटो स शािदया कर 22 लिकन यह आदमी िसफ़रइस शतर पर हमार दरिमयान रहन और एक ही क़ौमबनन क िलए तययार ह िक हम उन की तरह अपनतमाम लड़को और मदोर का ख़तना कराए 23 अगरहम ऐसा कर तो उन क तमाम मवशी और सारा मालहमारा ही होगा चनाच आओ हम मततिफ़क़ हो करफ़सला कर ल तािक वह हमार दरिमयान रहrdquo

24 िसकम क शहरी हमोर और िसकम क मशवर परराज़ी हए तमाम लड़को और मदोर का ख़तना करायागया 25 तीन िदन क बाद जब ख़तन क सबब सलोगो की हालत बरी थी तो दीना क दो भाई शमाऊनऔर लावी अपनी तलवार ल कर शहर म दािख़लहए िकसी को शक तक नही था िक कया कछ होगाअनदर जा कर उनहो न बचचो स ल कर बढ़ो तकतमाम मदोर को क़तल कर िदया 26 िजन म हमोर औरउस का बटा िसकम भी शािमल थ िफर वह दीनाको िसकम क घर स ल कर चल गए

27 इस क़तल-ए-आम क बाद याक़ब क बाक़ी बटशहर पर टट पड़ और उस लट िलया य उनहो नअपनी बहन की इसमतदरी का बदला िलया 28 वहभड़-बकिरया गाय-बल गध और शहर क अनदरऔर बाहर का सब कछ ल कर चलत बन 29 उनहोन सार माल पर क़बज़ा िकया औरतो और बचचो कोक़दी बना िलया और तमाम घरो का सामान भी लगए

30 िफर याक़ब न शमाऊन और लावी स कहा ldquoतमन मझ मसीबत म डाल िदया ह अब कनआनीफ़िरज़ज़ी और मलक क बाक़ी बािशनदो म मरीबदनामी हई ह मर साथ कम आदमी ह अगर दसरिमल कर हम पर हमला कर तो हमार पर ख़ानदानका सतयानास हो जाएगाrdquo 31 लिकन उनहो न कहाldquoकया यह ठीक था िक उस न हमारी बहन क साथकसबी का सा सलक िकयाrdquo

42 पदाइश 351ndash23

बत-एल म याक़ब पर अललाह की बरकत

35 1 अललाह न याक़ब स कहा ldquoउठ बत-एलजा कर वहा आबाद हो वही अललाह क

िलए जो तझ पर ज़ािहर हआ जब त अपन भाई एसौस भाग रहा था क़बारनगाह बनाrdquo 2 चनाच याक़ब नअपन घर वालो और बाक़ी सार सािथयो स कहाldquoजो भी अजनबी बत आप क पास ह उनह फक दअपन आप को पाक-साफ़ करक अपन कपड़ बदल3 कयिक हम यह जगह छोड़ कर बत-एल जाना हवहा म उस ख़दा क िलए क़बारनगाह बनाऊगा िजसन मसीबत क वक़त मरी दआ सनी जहा भी म गयावहा वह मर साथ रहा हrdquo 4 यह सन कर उनहो नयाक़ब को तमाम बत द िदए जो उन क पास थ औरतमाम बािलया जो उनहो न तावीज़ क तौर पर कानोम पहन रखी थी उस न सब कछ िसकम क क़रीबबलत क दरख़त क नीच ज़मीन म दबा िदया 5 िफरवह रवाना हए इदरिगदर क शहरो पर अललाह की तरफ़स इतना शदीद ख़ौफ़ छा गया िक उनहो न याक़बऔर उस क बटो का ताक़क़ब न िकया

6 चलत चलत याक़ब अपन लोगो समत लज़ पहचगया जो मलक-ए-कनआन म था आज लज़ का नामबत-एल ह 7 याक़ब न वहा क़बारनगाह बना करमक़ाम का नाम बत-एल यानी lsquoअललाह का घरrsquo रखाकयिक वहा अललाह न अपन आप को उस पर ज़ािहरिकया था जब वह अपन भाई स फ़रार हो रहा था

8 वहा िरबक़ा की दाया दबोरा मर गई वह बत-एलक जनब म बलत क दरख़त क नीच दफ़न हई इसिलए उस का नाम अललोन-बकत यानी lsquoरोन का बलतका दरख़तrsquo रखा गया

9 अललाह याक़ब पर एक दफ़ा और ज़ािहर हआ औरउस बरकत दी यह मसोपतािमया स वापस आन परदसरी बार हआ 10 अललाह न उस स कहा ldquoअब सतरा नाम याक़ब नही बिलक इसराईल होगाrdquo य उसन उस का नया नाम इसराईल रखा 11 अललाह न यहभी उस स कहा ldquoम अललाह क़ािदर-ए-मतलक़ ह

फल फल और तादाद म बढ़ता जा एक क़ौम नहीबिलक बहत सी क़ौम तझ स िनकलगी तरी औलादम बादशाह भी शािमल होग 12 म तझ वही मलकदगा जो इबराहीम और इसहाक़ को िदया ह और तरबाद उस तरी औलाद को दगाrdquo

13 िफर अललाह वहा स आसमान पर चला गया14 जहा अललाह याक़ब स हमकलाम हआ था वहा उस न पतथर का सतन खड़ा िकया और उस पर मऔर तल उडल कर उस मख़सस िकया 15 उस नजगह का नाम बत-एल रखा

रािख़ल की मौत16 िफर याक़ब अपन घर वालो क साथ बत-एल

को छोड़ कर इफ़राता की तरफ़ चल पड़ा रािख़लउममीद स थी और रासत म बचच की पदाइश कावक़त आ गया बचचा बड़ी मिशकल स पदा हआ17 जब ददर-ए-ज़ह उरज को पहच गया तो दाई नउस स कहा ldquoमत डरो कयिक एक और बटा हrdquo18 लिकन वह दम तोड़न वाली थी और मरत मरतउस न उस का नाम िबन-ऊनी यानी lsquoमरी मसीबतका बटाrsquo रखा लिकन उस क बाप न उस का नामिबनयमीन यानी lsquoदहन हाथ या ख़शिक़समती काबटाrsquo रखा 19 रािख़ल फ़ौत हई और वह इफ़राता करासत म दफ़न हई आजकल इफ़राता को बत-लहमकहा जाता ह 20 याक़ब न उस की क़बर पर पतथरका सतन खड़ा िकया वह आज तक रािख़ल कीक़बर की िनशानिदही करता ह

21 वहा स याक़ब न अपना सफ़र जारी रखा औरिमजदल-इदर की परली तरफ़ अपन ख़म लगाए22 जब वह वहा ठहर थ तो रिबन याक़ब की हरमिबलहाह स हमिबसतर हआ याक़ब को मालम होगया

याक़ब क बटयाक़ब क बारह बट थ 23 िलयाह क बट यह थ

उस का सब स बड़ा बटा रिबन िफर शमाऊन

पदाइश 3524ndash3626 43लावी यहदाह इशकार और ज़बलन 24 रािख़ल कदो बट थ यसफ़ और िबनयमीन 25 रािख़ल कीलौडी िबलहाह क दो बट थ दान और नफ़ताली26 िलयाह की लौडी िज़लफ़ा क दो बट थ जद औरआशर याक़ब क यह बट मसोपतािमया म पदा हए

इसहाक़ की मौत27 िफर याक़ब अपन बाप इसहाक़ क पास पहच

गया जो हबरन क क़रीब ममर म अजनबी की हिसयतस रहता था (उस वक़त हबरन का नाम िक़यरत-अबारथा) वहा इसहाक़ और उस स पहल इबराहीम रहाकरत थ 28ndash29 इसहाक़ 180 साल का था जब वहउमररसीदा और िज़नदगी स आसदा हो कर अपनबापदादा स जा िमला उस क बट एसौ और याक़बन उस दफ़न िकया

एसौ की औलाद

36 1 यह एसौ की औलाद का नसबनामा ह(एसौ को अदोम भी कहा जाता ह)

2 एसौ न तीन कनआनी औरतो स शादी की िहतती आदमी ऐलोन की बटी अदा स अना कीबटी उहलीबामा स जो िहववी आदमी िसबओन कीनवासी थी 3 और इसमाईल की बटी बासमत सजो नबायोत की बहन थी 4 अदा का एक बटाइलीफ़ज़ और बासमत का एक बटा रऊएल पदाहआ 5 उहलीबामा क तीन बट पदा हए यऊसयालाम और क़ोरह एसौ क यह तमाम बट मलक-ए-कनआन म पदा हए

6 बाद म एसौ दसर मलक म चला गया उस नअपनी बीिवयो बट-बिटयो और घर क रहन वालोको अपन तमाम मविशयो और मलक-ए-कनआन महािसल िकए हए माल समत अपन साथ िलया 7 वहइस वजह स चला गया िक दोनो भाइयो क पास इतनरवड़ थ िक चरान की जगह कम पड़ गई 8 चनाचएसौ पहाड़ी इलाक़ सईर म आबाद हआ एसौ कादसरा नाम अदोम ह

9 यह एसौ यानी सईर क पहाड़ी इलाक़ म आबादअदोिमयो का नसबनामा ह 10 एसौ की बीवी अदाका एक बटा इलीफ़ज़ था जबिक उस की बीवीबासमत का एक बटा रऊएल था 11 इलीफ़ज़ कबट तमान ओमर सफ़ो जाताम क़नज़ 12 औरअमालीक़ थ अमालीक़ इलीफ़ज़ की हरम ितमनाका बटा था यह सब एसौ की बीवी अदा की औलादम शािमल थ 13 रऊएल क बट नहत ज़ारह सममाऔर िमज़ज़ा थ यह सब एसौ की बीवी बासमत कीऔलाद म शािमल थ 14 एसौ की बीवी उहलीबामाजो अना की बटी और िसबओन की नवासी थी कतीन बट यऊस यालाम और क़ोरह थ

15 एसौ स मख़तिलफ़ क़बीलो क सरदार िनकलउस क पहलौठ इलीफ़ज़ स यह क़बाइली सरदारिनकल तमान ओमर सफ़ो क़नज़ 16 क़ोरहजाताम और अमालीक़ यह सब एसौ की बीवीअदा की औलाद थ 17 एसौ क बट रऊएल स यहक़बाइली सरदार िनकल नहत ज़ारह सममा औरिमज़ज़ा यह सब एसौ की बीवी बासमत की औलादथ 18 एसौ की बीवी उहलीबामा यानी अना की बटीस यह क़बाइली सरदार िनकल यऊस यालाम औरक़ोरह 19 यह तमाम सरदार एसौ की औलाद ह

सईर की औलाद20 मलक-ए-अदोम क कछ बािशनद होरी आदमी

सईर की औलाद थ उन क नाम लोतान सोबलिसबओन अना 21 दीसोन एसर और दीसान थसईर क यह बट मलक-ए-अदोम म होरी क़बीलो कसरदार थ

22 लोतान होरी और हमाम का बाप था (ितमनालोतान की बहन थी) 23 सोबल क बट अलवानमानहत ऐबाल सफ़ो और ओनाम थ 24 िसबओनक बट अययाह और अना थ इसी अना को गमरचशम िमल जब वह बयाबान म अपन बाप क गधचरा रहा था 25 अना का एक बटा दीसोन और एकबटी उहलीबामा थी 26 दीसोन क चार बट हमदान

44 पदाइश 3627ndash3711इशबान ियतरान और िकरान थ 27 एसर क तीन बटिबलहान ज़ावान और अक़ान थ 28 दीसान क दोबट ऊज़ और अरान थ

29ndash30 यही यानी लोतान सोबल िसबओन अनादीसोन एसर और दीसान सईर क मलक म होरीक़बाइल क सरदार थ

अदोम क बादशाह31 इस स पहल िक इसराईिलयो का कोई बादशाह

था ज़ल क बादशाह यक बाद दीगर मलक-ए-अदोमम हकमत करत थ

32 बाला िबन बओर जो िदनहाबा शहर का थामलक-ए-अदोम का पहला बादशाह था

33 उस की मौत पर यबाब िबन ज़ारह जो बसरा शहरका था

34 उस की मौत पर हशाम जो तमािनयो क मलकका था

35 उस की मौत पर हदद िबन िबदद िजस नमलक-ए-मोआब म िमिदयािनयो को िशकसत दी वहअवीत का था

36 उस की मौत पर समला जो मिसरक़ा का था37 उस की मौत पर साऊल जो दरया-ए-फ़रात पर

रहोबोत शहर का था38 उस की मौत पर बाल-हनान िबन अकबोर39 उस की मौत पर हदद जो फ़ाऊ शहर का

था (बीवी का नाम महतब-एल िबनत मितरद िबनतमज़ाहाब था)

40ndash43 एसौ स अदोमी क़बीलो क यह सरदारिनकल ितमना अलवह यतत उहलीबामा ऐलाफ़ीनोन क़नज़ तमान िमबसार मजदीएल औरइराम अदोम क सरदारो की यह फ़हिरसत उनकी मौरसी ज़मीन की आबािदयो और क़बीलो कमतािबक़ ही बयान की गई ह एसौ उन का बाप ह

यसफ़ क ख़वाब

37 1 याक़ब मलक-ए-कनआन म रहता थाजहा पहल उस का बाप भी परदसी था

2 यह याक़ब क ख़ानदान का बयान हउस वक़त याक़ब का बटा यसफ़ 17 साल का

था वह अपन भाइयो यानी िबलहाह और िज़लफ़ा कबटो क साथ भड़-बकिरयो की दख-भाल करता थायसफ़ अपन बाप को अपन भाइयो की बरी हरकतोकी इिततला िदया करता था

3 याक़ब यसफ़ को अपन तमाम बटो की िनसबतज़यादा पयार करता था वजह यह थी िक वह तबपदा हआ जब बाप बढ़ा था इस िलए याक़ब न उसक िलए एक ख़ास रगदार िलबास बनवाया 4 जबउस क भाइयो न दखा िक हमारा बाप यसफ़ को हमस ज़यादा पयार करता ह तो वह उस स नफ़रत करनलग और अदब स उस स बात नही करत थ

5 एक रात यसफ़ न ख़वाब दखा जब उस न अपनभाइयो को ख़वाब सनाया तो वह उस स और भीनफ़रत करन लग 6 उस न कहा ldquoसनो म न ख़वाबदखा 7 हम सब खत म पल बाध रह थ िक मरा पलाखड़ा हो गया आप क पल मर पल क इदरिगदर जमाहो कर उस क सामन झक गएrdquo 8 उस क भाइयो नकहा ldquoअचछा त बादशाह बन कर हम पर हकमतकरगाrdquo उस क ख़वाबो और उस की बातो क सबबस उन की उस स नफ़रत मज़ीद बढ़ गई

9 कछ दर क बाद यसफ़ न एक और ख़वाब दखाउस न अपन भाइयो स कहा ldquoम न एक और ख़वाबदखा ह उस म सरज चाद और गयारह िसतार मरसामन झक गएrdquo 10 उस न यह ख़वाब अपन बाप कोभी सनाया तो उस न उस डाटा उस न कहा ldquoयहकसा ख़वाब ह जो त न दखा यह कसी बात ह िकम तरी मा और तर भाई आ कर तर सामन ज़मीनतक झक जाएrdquo 11 नतीज म उस क भाई उस सबहत हसद करन लग लिकन उस क बाप न िदलम यह बात महफ़ज़ रखी

पदाइश 3712ndash35 45

यसफ़ को बचा जाता ह12 एक िदन जब यसफ़ क भाई अपन बाप क रवड़

चरान क िलए िसकम तक पहच गए थ 13 तो याक़बन यसफ़ स कहा ldquoतर भाई िसकम म रवड़ो को चरारह ह आ म तझ उन क पास भज दता हrdquo यसफ़ नजवाब िदया ldquoठीक हrdquo 14 याक़ब न कहा ldquoजा करमालम कर िक तर भाई और उन क साथ क रवड़ख़िरयत स ह िक नही िफर वापस आ कर मझ बतादनाrdquo चनाच उस क बाप न उस वादी-ए-हबरन सभज िदया और यसफ़ िसकम पहच गया

15 वहा वह इधर उधर िफरता रहा आिख़रकारएक आदमी उस स िमला और पछा ldquoआप कया ढडरह हrdquo 16 यसफ़ न जवाब िदया ldquoम अपन भाइयोको तलाश कर रहा ह मझ बताए िक वह अपनजानवरो को कहा चरा रह हrdquo 17 आदमी न कहाldquoवह यहा स चल गए ह म न उनह यह कहत सनािक आओ हम दतन जाएrdquo यह सन कर यसफ़ अपनभाइयो क पीछ दतन चला गया वहा उस वह िमलगए

18 जब यसफ़ अभी दर स नज़र आया तो उस कभाइयो न उस क पहचन स पहल उस क़तल करनका मनसबा बनाया 19 उनहो न कहा ldquoदखो ख़वाबदखन वाला आ रहा ह 20 आओ हम उस मार डालऔर उस की लाश िकसी गढ़ म फक द हम कहगिक िकसी वहशी जानवर न उस फाड़ खाया ह िफरपता चलगा िक उस क ख़वाबो की कया हक़ीक़तहrdquo

21 जब रिबन न उन की बात सनी तो उस न यसफ़को बचान की कोिशश की उस न कहा ldquoनही हमउस क़तल न कर 22 उस का ख़न न करना बशकउस इस गढ़ म फक द जो रिगसतान म ह लिकन उसहाथ न लगाएrdquo उस न यह इस िलए कहा िक वहउस बचा कर बाप क पास वापस पहचाना चाहताथा

23 ज ही यसफ़ अपन भाइयो क पास पहचा उनहोन उस का रगदार िलबास उतार कर 24 यसफ़ को गढ़म फक िदया गढ़ा ख़ाली था उस म पानी नही था25 िफर वह रोटी खान क िलए बठ गए अचानकइसमाईिलयो का एक क़ािफ़ला नज़र आया वहिजिलआद स िमसर जा रह थ और उन क ऊट क़ीमतीमसालो यानी लादन बलसान और मर स लद हए थ26 तब यहदाह न अपन भाइयो स कहा ldquoहम कयाफ़ाइदा ह अगर अपन भाई को क़तल करक उस कख़न को छपा द 27 आओ हम उस इन इसमाईिलयोक हाथ फ़रोख़त कर द िफर कोई ज़ररत नही होगीिक हम उस हाथ लगाए आिख़र वह हमारा भाईहrdquo

उस क भाई राज़ी हए 28 चनाच जब िमिदयानीतािजर वहा स गज़र तो भाइयो न यसफ़ को खच करगढ़ स िनकाला और चादी क 20 िसकको क इवज़ बचडाला इसमाईली उस ल कर िमसर चल गए

29 उस वक़त रिबन मौजद नही था जब वह गढ़क पास वापस आया तो यसफ़ उस म नही था यहदख कर उस न परशानी म अपन कपड़ फाड़ डाल30 वह अपन भाइयो क पास वापस गया और कहाldquoलड़का नही ह अब म िकस तरह अबब क पासजाऊrdquo 31 तब उनहो न बकरा ज़बह करक यसफ़का िलबास उस क ख़न म डबोया 32 िफर रगदारिलबास इस ख़बर क साथ अपन बाप को िभजवािदया िक ldquoहम यह िमला ह इस ग़ौर स दख यहआप क बट का िलबास तो नहीrdquo

33 याक़ब न उस पहचान िलया और कहा ldquoबशकउसी का ह िकसी वहशी जानवर न उस फाड़ खायाह यक़ीनन यसफ़ को फाड़ िदया गया हrdquo 34 याक़बन ग़म क मार अपन कपड़ फाड़ और अपनी कमर सटाट ओढ़ कर बड़ी दर तक अपन बट क िलए मातमकरता रहा 35 उस क तमाम बट-बिटया उस तसललीदन आए लिकन उस न तसलली पान स इनकार िकयाऔर कहा ldquoम पाताल म उतरत हए भी अपन बट क

46 पदाइश 3736ndash3822िलए मातम करगाrdquo इस हालत म वह अपन बटक िलए रोता रहा

36 इतन म िमिदयानी िमसर पहच कर यसफ़ को बचचक थ िमसर क बादशाह िफ़रऔन क एक आलाअफ़सर फ़तीफ़ार न उस ख़रीद िलया फ़तीफ़ारबादशाह क महािफ़ज़ो पर मक़ररर था

यहदाह और तमर

38 1 उन िदनो म यहदाह अपन भाइयो कोछोड़ कर एक आदमी क पास रहन लगा

िजस का नाम हीरा था और जो अदललाम शहर स था2 वहा यहदाह की मलाक़ात एक कनआनी औरत सहई िजस क बाप का नाम सअ था उस न उस सशादी की 3 बटा पदा हआ िजस का नाम यहदाह नएर रखा 4 एक और बटा पदा हआ िजस का नामबीवी न ओनान रखा 5 उस क तीसरा बटा भी पदाहआ उस न उस का नाम सला रखा यहदाह क़ज़ीबम था जब वह पदा हआ

6 यहदाह न अपन बड़ बट एर की शादी एक लड़कीस कराई िजस का नाम तमर था 7 रब क नज़दीकएर शरीर था इस िलए उस न उस हलाक कर िदया8 इस पर यहदाह न एर क छोट भाई ओनान स कहाldquoअपन बड़ भाई की बवा क पास जाओ और उस सशादी करो तािक तमहार भाई की नसल क़ाइम रहrdquo9 ओनान न ऐसा िकया लिकन वह जानता था िक जोभी बचच पदा होग वह क़ानन क मतािबक़ मर बड़ भाईक होग इस िलए जब भी वह तमर स हमिबसतरहोता तो नतफ़ा को ज़मीन पर िगरा दता कयिक वहनही चाहता था िक मरी मािरफ़त मर भाई क बचचपदा हो 10 यह बात रब को बरी लगी और उस नउस भी सज़ा-ए-मौत दी 11 तब यहदाह न अपनी बहतमर स कहा ldquoअपन बाप क घर वापस चली जाओऔर उस वक़त तक बवा रहो जब तक मरा बटा सलाबड़ा न हो जाएrdquo उस न यह इस िलए कहा िक उसडर था िक कही सला भी अपन भाइयो की तरह मरन जाए चनाच तमर अपन मक चली गई

12 काफ़ी िदनो क बाद यहदाह की बीवी जो सअकी बटी थी मर गई मातम का वक़त गज़र गया तोयहदाह अपन अदललामी दोसत हीरा क साथ ितमनतगया जहा यहदाह की भड़ो की पशम कतरी जा रहीथी 13 तमर को बताया गया ldquoआप का ससर अपनीभड़ो की पशम कतरन क िलए ितमनत जा रहा हrdquo14 यह सन कर तमर न बवा क कपड़ उतार कर आमकपड़ पहन िलए िफर वह अपना मह चादर स लपटकर ऐनीम शहर क दरवाज़ पर बठ गई जो ितमनतक रासत म था तमर न यह हरकत इस िलए की िकयहदाह का बटा सला अब बािलग़ हो चका था तोभी उस की उस क साथ शादी नही की गई थी

15 जब यहदाह वहा स गज़रा तो उस न उस दखकर सोचा िक यह कसबी ह कयिक उस न अपना महछपाया हआ था 16 वह रासत स हट कर उस क पासगया और कहा ldquoज़रा मझ अपन हा आन दrdquo (उसन नही पहचाना िक यह मरी बह ह) तमर न कहाldquoआप मझ कया दगrdquo 17 उस न जवाब िदया ldquoमआप को बकरी का बचचा भज दगाrdquo तमर न कहाldquoठीक ह लिकन उस भजन तक मझ ज़मानत दrdquo18 उस न पछा ldquoम आप को कया दrdquo तमर न कहाldquoअपनी महर और उस गल म लटकान की डोरी वहलाठी भी द जो आप पकड़ हए हrdquo चनाच यहदाहउस यह चीज़ द कर उस क साथ हमिबसतर हआनतीज म तमर उममीद स हई 19 िफर तमर उठ करअपन घर वापस चली गई उस न अपनी चादर उतारकर दबारा बवा क कपड़ पहन िलए

20 यहदाह न अपन दोसत हीरा अदललामी क हाथबकरी का बचचा भज िदया तािक वह चीज़ वापसिमल जाए जो उस न ज़मानत क तौर पर दी थीलिकन हीरा को पता न चला िक औरत कहा ह21 उस न ऐनीम क बािशनदो स पछा ldquoवह कसबीकहा ह जो यहा सड़क पर बठी थीrdquo उनहो न जवाबिदया ldquoयहा ऐसी कोई कसबी नही थीrdquo

22 उस न यहदाह क पास वापस जा कर कहा ldquoवहमझ नही िमली बिलक वहा क रहन वालो न कहा िक

पदाइश 3823ndash3914 47यहा कोई ऐसी कसबी थी नहीrdquo 23 यहदाह न कहाldquoिफर वह ज़मानत की चीज़ अपन पास ही रख उसछोड़ दो वनार लोग हमारा मज़ाक़ उड़ाएग हम न तोपरी कोिशश की िक उस बकरी का बचचा िमल जाएलिकन खोज लगान क बावजद आप को पता न चलािक वह कहा हrdquo

24 तीन माह क बाद यहदाह को इिततला दी गईldquoआप की बह तमर न िज़ना िकया ह और अब वहहािमला हrdquo यहदाह न हकम िदया ldquoउस बाहर लाकर जला दोrdquo 25 तमर को जलान क िलए बाहरलाया गया तो उस न अपन ससर को ख़बर भज दीldquoयह चीज़ दख यह उस आदमी की ह िजस कीमािरफ़त म उममीद स ह पता कर िक यह महर उसकी डोरी और यह लाठी िकस की हrdquo 26 यहदाहन उनह पहचान िलया उस न कहा ldquoम नही बिलकयह औरत हक़ पर ह कयिक म न उस की अपन बटसला स शादी नही कराईrdquo लिकन बाद म यहदाहकभी भी तमर स हमिबसतर न हआ

27 जब जनम दन का वक़त आया तो मालम हआिक जड़वा बचच ह 28 एक बचच का हाथ िनकला तोदाई न उस पकड़ कर उस म सख़र धागा बाध िदयाऔर कहा ldquoयह पहल पदा हआrdquo 29 लिकन उसन अपना हाथ वापस खच िलया और उस का भाईपहल पदा हआ यह दख कर दाई बोल उठी ldquoतिकस तरह फट िनकला हrdquo उस न उस का नामफ़ारस यानी फट रखा 30 िफर उस का भाई पदा हआिजस क हाथ म सख़र धागा बधा हआ था उस कानाम ज़ारह यानी चमक रखा गया

यसफ़ और फ़तीफ़ार की बीवी

39 1 इसमाईिलयो न यसफ़ को िमसर ल जा करबच िदया था िमसर क बादशाह क एक

आला अफ़सर बनाम फ़तीफ़ार न उस ख़रीद िलयावह शाही महािफ़ज़ो का कपतान था 2 रब यसफ़ कसाथ था जो भी काम वह करता उस म कामयाबरहता वह अपन िमसरी मािलक क घर म रहता

था 3 िजस न दखा िक रब यसफ़ क साथ ह औरउस हर काम म कामयाबी दता ह 4 चनाच यसफ़को मािलक की ख़ास महरबानी हािसल हई औरफ़तीफ़ार न उस अपना ज़ाती नौकर बना िलया उसन उस अपन घरान क इिनतज़ाम पर मक़ररर िकयाऔर अपनी परी िमलिकयत उस क सपदर कर दी5 िजस वक़त स फ़तीफ़ार न अपन घरान का इिनतज़ामऔर परी िमलिकयत यसफ़ क सपदर की उस वक़तस रब न फ़तीफ़ार को यसफ़ क सबब स बरकत दीउस की बरकत फ़तीफ़ार की हर चीज़ पर थी ख़वाहघर म थी या खत म 6 फ़तीफ़ार न अपनी हर चीज़यसफ़ क हाथ म छोड़ दी और चिक यसफ़ सबकछ अचछी तरह चलाता था इस िलए फ़तीफ़ार कोखाना खान क िसवा िकसी भी मआमल की िफ़करनही थी

यसफ़ िनहायत ख़बसरत आदमी था 7 कछ दरक बाद उस क मािलक की बीवी की आख उस परलगी उस न उस स कहा ldquoमर साथ हमिबसतर होrdquo8 यसफ़ इनकार करक कहन लगा ldquoमर मािलक कोमर सबब स िकसी मआमल की िफ़कर नही ह उनहोन सब कछ मर सपदर कर िदया ह 9 घर क इिनतज़ामपर उन का इख़ितयार मर इख़ितयार स ज़यादा नहीह आप क िसवा उनहो न कोई भी चीज़ मझ स बाज़नही रखी तो िफर म िकस तरह इतना ग़लत कामकर म िकस तरह अललाह का गनाह करrdquo

10 मािलक की बीवी रोज़-ब-रोज़ यसफ़ क पीछपड़ी रही िक मर साथ हमिबसतर हो लिकन वहहमशा इनकार करता रहा

11 एक िदन वह काम करन क िलए घर म गया घरम और कोई नौकर नही था 12 फ़तीफ़ार की बीवीन यसफ़ का िलबास पकड़ कर कहा ldquoमर साथहमिबसतर होrdquo यसफ़ भाग कर बाहर चला गयालिकन उस का िलबास पीछ औरत क हाथ म ही रहगया 13 जब मािलक की बीवी न दखा िक वह अपनािलबास छोड़ कर भाग गया ह 14 तो उस न घर कनौकरो को बला कर कहा ldquoयह दखो मर मािलक

48 पदाइश 3915ndash4017इस इबरानी को हमार पास ल आए ह तािक वह हमज़लील कर वह मरी इसमतदरी करन क िलए मरकमर म आ गया लिकन म ऊची आवाज़ स चीख़नलगी 15 जब म मदद क िलए ऊची आवाज़ स चीख़नलगी तो वह अपना िलबास छोड़ कर भाग गयाrdquo16 उस न मािलक क आन तक यसफ़ का िलबासअपन पास रखा 17 जब वह घर वापस आया तोउस न उस यही कहानी सनाई ldquoयह इबरानी ग़लामजो आप ल आए ह मरी तज़लील क िलए मर पासआया 18 लिकन जब म मदद क िलए चीख़न लगीतो वह अपना िलबास छोड़ कर भाग गयाrdquo

यसफ़ क़दख़ान म19 यह सन कर फ़तीफ़ार बड़ ग़सस म आ गया

20 उस न यसफ़ को िगिरफ़तार करक उस जल म डालिदया जहा बादशाह क क़दी रख जात थ वही वहरहा 21 लिकन रब यसफ़ क साथ था उस न उसपर महरबानी की और उस क़दख़ान क दारोग़ कीनज़र म मक़बल िकया 22 यसफ़ यहा तक मक़बलहआ िक दारोग़ न तमाम क़िदयो को उस क सपदरकरक उस परा इिनतज़ाम चलान की िज़ममादारी दी23 दारोग़ को िकसी भी मआमल की िजस उस नयसफ़ क सपदर िकया था िफ़कर न रही कयिक रबयसफ़ क साथ था और उस हर काम म कामयाबीबख़शी

क़िदयो क ख़वाब

40 1 कछ दर क बाद य हआ िक िमसर कबादशाह क सरदार साक़ी और बकरी क

इचाजर न अपन मािलक का गनाह िकया 2 िफ़रऔनको दोनो अफ़सरो पर ग़ससा आ गया 3 उस न उनहउस क़दख़ान म डाल िदया जो शाही महािफ़ज़ोक कपतान क सपदर था और िजस म यसफ़ था4 महािफ़ज़ो क कपतान न उनह यसफ़ क हवाल िकयातािक वह उन की िख़दमत कर वहा वह काफ़ी दरतक रह

5 एक रात बादशाह क सरदार साक़ी और बकरीक इचाजर न ख़वाब दखा दोनो का ख़वाब फ़क़र फ़क़रथा और उन का मतलब भी फ़क़र फ़क़र था 6 जबयसफ़ सबह क वक़त उन क पास आया तो वह दबहए नज़र आए 7 उस न उन स पछा ldquoआज आपकय इतन परशान हrdquo 8 उनहो न जवाब िदया ldquoहमदोनो न ख़वाब दखा ह और कोई नही जो हम उन कामतलब बताएrdquo यसफ़ न कहा ldquoख़वाबो की ताबीरतो अललाह का काम ह ज़रा मझ अपन ख़वाब तोसनाएrdquo

9 सरदार साक़ी न शर िकया ldquoम न ख़वाब म अपनसामन अगर की बल दखी 10 उस की तीन शाख़ थीउस क पतत लग कोपल फट िनकली और अगर पकगए 11 मर हाथ म बादशाह का पयाला था और मन अगरो को तोड़ कर य भीच िदया िक उन कारस बादशाह क पयाल म आ गया िफर म न पयालाबादशाह को पश िकयाrdquo

12 यसफ़ न कहा ldquoतीन शाख़ो स मराद तीन िदनह 13 तीन िदन क बाद िफ़रऔन आप को बहालकर लगा आप को पहली िज़ममादारी वापस िमलजाएगी आप पहल की तरह सरदार साक़ी कीहिसयत स बादशाह का पयाला सभालग 14 लिकनजब आप बहाल हो जाए तो मरा ख़याल करमहरबानी करक बादशाह क सामन मरा िज़कर करतािक म यहा स िरहा हो जाऊ 15 कयिक मझइबरािनयो क मलक स अग़वा करक यहा लाया गयाह और यहा भी मझ स कोई ऐसी ग़लती नही हईिक मझ इस गढ़ म फका जाताrdquo

16 जब शाही बकरी क इचाजर न दखा िक सरदारसाक़ी क ख़वाब का अचछा मतलब िनकला तो उसन यसफ़ स कहा ldquoमरा ख़वाब भी सन म न सर परतीन टोकिरया उठा रखी थी जो बकरी की चीज़ो सभरी हई थी 17 सब स ऊपर वाली टोकरी म वहतमाम चीज़ थी जो बादशाह की मज़ क िलए बनाईजाती ह लिकन पिरनद आ कर उनह खा रह थrdquo

पदाइश 4018ndash4122 4918 यसफ़ न कहा ldquoतीन टोकिरयो स मराद तीन

िदन ह 19 तीन िदन क बाद ही िफ़रऔन आप कोक़दख़ान स िनकाल कर दरख़त स लटका दगापिरनद आप की लाश को खा जाएगrdquo

20 तीन िदन क बाद बादशाह की सालिगरह थीउस न अपन तमाम अफ़सरो की िज़याफ़त की इसमौक़ पर उस न सरदार साक़ी और बकरी क इचाजरको जल स िनकाल कर अपन हज़र लान का हकमिदया 21 सरदार साक़ी को पहल वाली िज़ममादारीसौप दी गई 22 लिकन बकरी क इचाजर को सज़ा-ए-मौत द कर दरख़त स लटका िदया गया सब कछवसा ही हआ जसा यसफ़ न कहा था

23 लिकन सरदार साक़ी न यसफ़ का ख़याल निकया बिलक उस भल ही गया

बादशाह क ख़वाब

41 1 दो साल गज़र गए िक एक रात बादशाह नख़वाब दखा वह दरया-ए-नील क िकनार

खड़ा था 2 अचानक दरया म स सात ख़बसरतऔर मोटी गाए िनकल कर सरकडो म चरन लगी3 उन क बाद सात और गाए िनकल आई लिकनवह बदसरत और दबली-पतली थी वह दरया किकनार दसरी गायो क पास खड़ी हो कर 4 पहलीसात ख़बसरत और मोटी मोटी गायो को खा गईइस क बाद िमसर का बादशाह जाग उठा 5 िफर वहदबारा सो गया इस दफ़ा उस न एक और ख़वाबदखा अनाज क एक पौद पर सात मोटी मोटी औरअचछी अचछी बाल लगी थी 6 िफर सात और बालफट िनकली जो दबली-पतली और मशिरक़ी हवास झलसी हई थी 7 अनाज की सात दबली-पतलीबालो न सात मोटी और ख़बसरत बालो को िनगलिलया िफर िफ़रऔन जाग उठा तो मालम हआ िकम न ख़वाब ही दखा ह

8 सबह हई तो वह परशान था इस िलए उस न िमसरक तमाम जादगरो और आिलमो को बलाया उस न

उनह अपन ख़वाब सनाए लिकन कोई भी उन कीताबीर न कर सका

9 िफर सरदार साक़ी न िफ़रऔन स कहा ldquoआजमझ अपनी ख़ताए याद आती ह 10 एक िदनिफ़रऔन अपन ख़ािदमो स नाराज़ हए हज़र न मझऔर बकरी क इचाजर को क़दख़ान म डलवा िदयािजस पर शाही महािफ़ज़ो का कपतान मक़ररर था11 एक ही रात म हम दोनो न मख़तिलफ़ ख़वाब दखिजन का मतलब फ़क़र फ़क़र था 12 वहा जल म एकइबरानी नौजवान था वह महािफ़ज़ो क कपतान काग़लाम था हम न उस अपन ख़वाब सनाए तो उस नहम उन का मतलब बता िदया 13 और जो कछ भीउस न बताया सब कछ वसा ही हआ मझ अपनीिज़ममादारी वापस िमल गई जबिक बकरी क इचाजरको सज़ा-ए-मौत द कर दरख़त स लटका िदया गयाrdquo

14 यह सन कर िफ़रऔन न यसफ़ को बलाया औरउस जलदी स क़दख़ान स लाया गया उस न शवकरवा कर अपन कपड़ बदल और सीध बादशाहक हज़र पहचा

15 बादशाह न कहा ldquoम न ख़वाब दखा ह औरयहा कोई नही जो उस की ताबीर कर सक लिकनसना ह िक त ख़वाब को सन कर उस का मतलबबता सकता हrdquo 16 यसफ़ न जवाब िदया ldquoयह मरइख़ितयार म नही ह लिकन अललाह ही बादशाह कोसलामती का पग़ाम दगाrdquo

17 िफ़रऔन न यसफ़ को अपन ख़वाब सनाएldquoम ख़वाब म दरया-ए-नील क िकनार खड़ा था18 अचानक दरया म स सात मोटी मोटी औरख़बसरत गाए िनकल कर सरकडो म चरन लगी19 इस क बाद सात और गाए िनकली वह िनहायतबदसरत और दबली-पतली थी म न इतनी बदसरतगाए िमसर म कही भी नही दखी 20 दबली औरबदसरत गाए पहली मोटी गायो को खा गई 21 औरिनगलन क बाद भी मालम नही होता था िक उनहो नमोटी गायो को खाया ह वह पहल की तरह बदसरतही थी इस क बाद म जाग उठा 22 िफर म न एक

50 पदाइश 4123ndash49और ख़वाब दखा सात मोटी और अचछी बाल एकही पौद पर लगी थी 23 इस क बाद सात और बालिनकली जो ख़राब दबली-पतली और मशिरक़ी हवास झलसी हई थी 24 सात दबली-पतली बाल सातअचछी बालो को िनगल गई म न यह सब कछ अपनजादगरो को बताया लिकन वह इस की ताबीर न करसकrdquo

25 यसफ़ न बादशाह स कहा ldquoदोनो ख़वाबो काएक ही मतलब ह इन स अललाह न हज़र पर ज़ािहरिकया ह िक वह कया कछ करन को ह 26 सातअचछी गायो स मराद सात साल ह इसी तरह सातअचछी बालो स मराद भी सात साल ह दोनो ख़वाबएक ही बात बयान करत ह 27 जो सात दबली औरबदसरत गाए बाद म िनकल उन स मराद सात औरसाल ह यही सात दबली-पतली और मशिरक़ी हवास झलसी हई बालो का मतलब भी ह वह एक हीबात बयान करती ह िक सात साल तक काल पड़गा28 यह वही बात ह जो म न हज़र स कही िक अललाहन हज़र पर ज़ािहर िकया ह िक वह कया करगा29 सात साल आएग िजन क दौरान िमसर क पर मलकम कसरत स पदावार होगी 30 उस क बाद सात सालकाल पड़गा काल इतना शदीद होगा िक लोग भलजाएग िक पहल इतनी कसरत थी कयिक काल मलकको तबाह कर दगा 31 काल की िशददत क बाइसअचछ सालो की कसरत याद ही नही रहगी 32 हज़रको इस िलए एक ही पग़ाम दो मख़तिलफ़ ख़वाबोकी सरत म िमला िक अललाह इस का पकका इरादारखता ह और वह जलद ही इस पर अमल करगा33 अब बादशाह िकसी समझदार और दािनशमनदआदमी को मलक-ए-िमसर का इिनतज़ाम सौप 34 इसक इलावा वह ऐस आदमी मक़ररर कर जो सात अचछसालो क दौरान हर फ़सल का पाचवा िहससा ल35 वह उन अचछ सालो क दौरान ख़राक जमा करबादशाह उनह इख़ितयार द िक वह शहरो म गोदामबना कर अनाज को महफ़ज़ कर ल 36 यह ख़राक

काल क उन सात सालो क िलए मख़सस की जाए जोिमसर म आन वाल ह य मलक तबाह नही होगाrdquo

यसफ़ को िमसर पर हािकम मक़ररर िकया जाता ह37 यह मनसबा बादशाह और उस क अफ़सरान को

अचछा लगा 38 उस न उन स कहा ldquoहम इस कामक िलए यसफ़ स ज़यादा लाइक़ आदमी नही िमलगाउस म अललाह की रह हrdquo 39 बादशाह न यसफ़ सकहा ldquoअललाह न यह सब कछ तझ पर ज़ािहर िकयाह इस िलए कोई भी तझ स ज़यादा समझदार औरदािनशमनद नही ह 40 म तझ अपन महल पर मक़रररकरता ह मरी तमाम रआया तर ताब रहगी तराइख़ितयार िसफ़र मर इख़ितयार स कम होगा 41 अबम तझ पर मलक-ए-िमसर पर हािकम मक़ररर करताहrdquo

42 बादशाह न अपनी उगली स वह अगठी उतारीिजस स महर लगाता था और उस यसफ़ की उगलीम पहना िदया उस न उस कतान का बारीक िलबासपहनाया और उस क गल म सोन का गलबनद पहनािदया 43 िफर उस न उस अपन दसर रथ म सवारिकया और लोग उस क आग आग पकारत रहldquoघटन टको घटन टकोrdquo

य यसफ़ पर िमसर का हािकम बना 44 िफ़रऔन नउस स कहा ldquoम तो बादशाह ह लिकन तरी इजाज़तक बग़र पर मलक म कोई भी अपना हाथ या पाओनही िहलाएगाrdquo 45ndash46 उस न यसफ़ का िमसरी नामसाफ़नत-फ़ानह रखा और ओन क पजारी फ़ोतीिफ़राकी बटी आसनत क साथ उस की शादी कराई

यसफ़ 30 साल का था जब वह िमसर क बादशाहिफ़रऔन की िख़दमत करन लगा उस न िफ़रऔनक हज़र स िनकल कर िमसर का दौरा िकया

47 सात अचछ सालो क दौरान मलक म िनहायतअचछी फ़सल उगी 48 यसफ़ न तमाम ख़राकजमा करक शहरो म महफ़ज़ कर ली हर शहरम उस न इदरिगदर क खतो की पदावार महफ़ज़रखी 49 जमाशदा अनाज समनदर की रत की

पदाइश 4150ndash4216 51मािननद बकसरत था इतना अनाज था िक यसफ़ नआिख़रकार उस की पमाइश करना छोड़ िदया

50 काल स पहल यसफ़ और आसनत क दो बटपदा हए 51 उस न पहल का नाम मनससी यानी lsquoजोभला दता हrsquo रखा कयिक उस न कहा ldquoअललाह नमरी मसीबत और मर बाप का घराना मरी याददाशतस िनकाल िदया हrdquo 52 दसर का नाम उस न इफ़राईमयानी lsquoदगना फलदारrsquo रखा कयिक उस न कहाldquoअललाह न मझ मरी मसीबत क मलक म फलन फलनिदया हrdquo

53 सात अचछ साल िजन म कसरत की फ़सल उगीगज़र गए 54 िफर काल क सात साल शर हए िजसतरह यसफ़ न कहा था तमाम दीगर ममािलक मभी काल पड़ गया लिकन िमसर म वािफ़र ख़राकपाई जाती थी 55 जब काल न तमाम िमसर म ज़ोरपकड़ा तो लोग चीख़ कर खान क िलए बादशाहस िमननत करन लग तब िफ़रऔन न उन स कहाldquoयसफ़ क पास जाओ जो कछ वह तमह बताएगावही करोrdquo 56 जब काल परी दिनया म फल गयातो यसफ़ न अनाज क गोदाम खोल कर िमिसरयो कोअनाज बच िदया कयिक काल क बाइस मलक कहालात बहत ख़राब हो गए थ 57 तमाम ममािलकस भी लोग अनाज ख़रीदन क िलए यसफ़ क पासआए कयिक परी दिनया सख़त काल की िगिरफ़त मथी

यसफ़ क भाई िमसर म

42 1 जब याक़ब को मालम हआ िक िमसर मअनाज ह तो उस न अपन बटो स कहा

ldquoतम कय एक दसर का मह तकत हो 2 सना हिक िमसर म अनाज ह वहा जा कर हमार िलए कछख़रीद लाओ तािक हम भक न मरrdquo

3 तब यसफ़ क दस भाई अनाज ख़रीदन क िलएिमसर गए 4 लिकन याक़ब न यसफ़ क सग भाईिबनयमीन को साथ न भजा कयिक उस न कहाldquoऐसा न हो िक उस जानी नक़सान पहचrdquo 5 य याक़ब

क बट बहत सार और लोगो क साथ िमसर गएकयिक मलक-ए-कनआन भी काल की िगिरफ़त मथा

6 यसफ़ िमसर क हािकम की हिसयत स लोगो कोअनाज बचता था इस िलए उस क भाई आ करउस क सामन मह क बल झक गए 7 जब यसफ़न अपन भाइयो को दखा तो उस न उनह पहचानिलया लिकन ऐसा िकया जसा उन स नावािक़फ़ होऔर सख़ती स उन स बात की ldquoतम कहा स आएहोrdquo उनहो न जवाब िदया ldquoहम मलक-ए-कनआनस अनाज ख़रीदन क िलए आए हrdquo 8 गो यसफ़ नअपन भाइयो को पहचान िलया लिकन उनहो न उसन पहचाना 9 उस वह ख़वाब याद आए जो उस नउन क बार म दख थ उस न कहा ldquoतम जासस होतम यह दखन आए हो िक हमारा मलक िकन िकनजगहो पर ग़रमहफ़ज़ हrdquo

10 उनहो न कहा ldquoजनाब हरिगज़ नही आप कग़लाम ग़लला ख़रीदन आए ह 11 हम सब एक ही मदरक बट ह आप क ख़ािदम शरीफ़ लोग ह जाससनही हrdquo 12 लिकन यसफ़ न इसरार िकया ldquoनहीतम दखन आए हो िक हमारा मलक िकन िकन जगहोपर ग़रमहफ़ज़ हrdquo

13 उनहो न अज़र की ldquoआप क ख़ािदम कल बारहभाई ह हम एक ही आदमी क बट ह जो कनआन मरहता ह सब स छोटा भाई इस वक़त हमार बाप कपास ह जबिक एक मर गया हrdquo 14 लिकन यसफ़ नअपना इलज़ाम दहराया ldquoऐसा ही ह जसा म न कहाह िक तम जासस हो 15 म तमहारी बात जाच लगािफ़रऔन की हयात की क़सम पहल तमहारा सब सछोटा भाई आए वनार तम इस जगह स कभी नही जासकोग 16 एक भाई को उस लान क िलए भज दोबाक़ी सब यहा िगिरफ़तार रहग िफर पता चलगा िकतमहारी बात सच ह िक नही अगर नही तो िफ़रऔनकी हयात की क़सम इस का मतलब यह होगा िकतम जासस होrdquo

52 पदाइश 4217ndash3817 यह कह कर यसफ़ न उनह तीन िदन क िलए

क़दख़ान म डाल िदया 18 तीसर िदन उस न उन सकहा ldquoम अललाह का ख़ौफ़ मानता ह इस िलए तमको एक शतर पर जीता छोड़गा 19 अगर तम वाक़ईशरीफ़ लोग हो तो ऐसा करो िक तम म स एक यहा क़दख़ान म रह जबिक बाक़ी सब अनाज ल करअपन भक घर वालो क पास वापस जाए 20 लिकनलािज़म ह िक तम अपन सब स छोट भाई को मरपास ल आओ िसफ़र इस स तमहारी बात सच सािबतहोगी और तम मौत स बच जाओगrdquo

यसफ़ क भाई राज़ी हो गए 21 वह आपस म कहनलग ldquoबशक यह हमार अपन भाई पर ज़लम की सज़ाह जब वह इिलतजा कर रहा था िक मझ पर रहमकर तो हम न उस की बड़ी मसीबत दख कर भी उसकी न सनी इस िलए यह मसीबत हम पर आ गईहrdquo 22 और रिबन न कहा ldquoकया म न नही कहाथा िक लड़क पर ज़लम मत करो लिकन तम न मरीएक न मानी अब उस की मौत का िहसाब-िकताबिकया जा रहा हrdquo

23 उनह मालम नही था िक यसफ़ हमारी बात समझसकता ह कयिक वह मतिजरम की मािरफ़त उन सबात करता था 24 यह बात सन कर वह उनह छोड़कर रोन लगा िफर वह सभल कर वापस आयाउस न शमाऊन को चन कर उस उन क सामन हीबाध िलया

यसफ़ क भाई कनआन वापस जात ह25 यसफ़ न हकम िदया िक मलािज़म उन की बोिरया

अनाज स भर कर हर एक भाई क पस उस की बोरीम वापस रख द और उनह सफ़र क िलए खाना भीद उनहो न ऐसा ही िकया 26 िफर यसफ़ क भाईअपन गधो पर अनाज लाद कर रवाना हो गए

27 जब वह रात क िलए िकसी जगह पर ठहर तोएक भाई न अपन गध क िलए चारा िनकालन कीग़रज़ स अपनी बोरी खोली तो दखा िक बोरी क महम उस क पस पड़ ह 28 उस न अपन भाइयो स

कहा ldquoमर पस वापस कर िदए गए ह वह मरी बोरीम हrdquo यह दख कर उन क होश उड़ गए कापत हएवह एक दसर को दखन और कहन लग ldquoयह कयाह जो अललाह न हमार साथ िकया हrdquo

29 मलक-ए-कनआन म अपन बाप क पास पहचकर उनहो न उस सब कछ सनाया जो उन क साथहआ था उनहो न कहा 30 ldquoउस मलक क मािलकन बड़ी सख़ती स हमार साथ बात की उस न हमजासस क़रार िदया 31 लिकन हम न उस स कहाlsquoहम जासस नही बिलक शरीफ़ लोग ह 32 हम बारहभाई ह एक ही बाप क बट एक तो मर गया जबिकसब स छोटा भाई इस वक़त कनआन म बाप क पासहrsquo 33 िफर उस मलक क मािलक न हम स कहा lsquoइसस मझ पता चलगा िक तम शरीफ़ लोग हो िक एकभाई को मर पास छोड़ दो और अपन भक घर वालोक िलए ख़राक ल कर चल जाओ 34 लिकन अपनसब स छोट भाई को मर पास ल आओ तािक मझमालम हो जाए िक तम जासस नही बिलक शरीफ़लोग हो िफर म तम को तमहारा भाई वापस करदगा और तम इस मलक म आज़ादी स ितजारत करसकोगrsquordquo

35 उनहो न अपनी बोिरयो स अनाज िनकाल िदयातो दखा िक हर एक की बोरी म उस क पसो की थलीरखी हई ह यह पस दख कर वह ख़द और उन काबाप डर गए 36 उन क बाप न उन स कहा ldquoतम नमझ मर बचचो स महरम कर िदया ह यसफ़ नही रहाशमाऊन भी नही रहा और अब तम िबनयमीन को भीमझ स छीनना चाहत हो सब कछ मर िख़लाफ़ हrdquo37 िफर रिबन बोल उठा ldquoअगर म उस सलामतीस आप क पास वापस न पहचाऊ तो आप मर दोबटो को सज़ा-ए-मौत द सकत ह उस मर सपदर करतो म उस वापस ल आऊगाrdquo 38 लिकन याक़ब नकहा ldquoमरा बटा तमहार साथ जान का नही कयिकउस का भाई मर गया ह और वह अकला ही रह गयाह अगर उस को रासत म जानी नक़सान पहच तो तममझ बढ़ को ग़म क मार पाताल म पहचाओगrdquo

पदाइश 431ndash25 53

िबनयमीन क हमराह दसरा सफ़र

43 1 काल न ज़ोर पकड़ा 2 जब िमसर स लायागया अनाज ख़तम हो गया तो याक़ब न

कहा ldquoअब वापस जा कर हमार िलए कछ और ग़ललाख़रीद लाओrdquo 3 लिकन यहदाह न कहा ldquoउस मदरन सख़ती स कहा था lsquoतम िसफ़र इस सरत म मर पासआ सकत हो िक तमहारा भाई साथ होrsquo 4 अगर आपहमार भाई को साथ भज तो िफर हम जा कर आप किलए ग़लला ख़रीदग 5 वनार नही कयिक उस आदमी नकहा था िक हम िसफ़र इस सरत म उस क पास आसकत ह िक हमारा भाई साथ होrdquo 6 याक़ब न कहाldquoतम न उस कय बताया िक हमारा एक और भाई भीह इस स तम न मझ बड़ी मसीबत म डाल िदयाहrdquo 7 उनहो न जवाब िदया ldquoवह आदमी हमार औरहमार ख़ानदान क बार म पछता रहा lsquoकया तमहाराबाप अब तक िज़नदा ह कया तमहारा कोई और भाईहrsquo िफर हम जवाब दना पड़ा हम कया पता थािक वह हम अपन भाई को साथ लान को कहगाrdquo8 िफर यहदाह न बाप स कहा ldquoलड़क को मर साथभज द तो हम अभी रवाना हो जाएग वनार आपहमार बचच बिलक हम सब भको मर जाएग 9 म ख़दउस का ज़ािमन हगा आप मझ उस की जान कािज़ममादार ठहरा सकत ह अगर म उस सलामती सवापस न पहचाऊ तो िफर म िज़नदगी क आिख़र तकक़सरवार ठहरगा 10 िजतनी दर तक हम िझजकतरह ह उतनी दर म तो हम दो दफ़ा िमसर जा कर वापसआ सकत थrdquo

11 तब उन क बाप इसराईल न कहा ldquoअगर औरकोई सरत नही तो इस मलक की बहतरीन पदावारम स कछ तहफ़ क तौर पर ल कर उस आदमी को ददो यानी कछ बलसान शहद लादन मर िपसता औरबादाम 12 अपन साथ दगनी रक़म ल कर जाओकयिक तमह वह पस वापस करन ह जो तमहारीबोिरयो म रख गए थ शायद िकसी स ग़लती हईहो 13 अपन भाई को ल कर सीध वापस पहचना

14 अललाह क़ािदर-ए-मतलक़ कर िक यह आदमी तमपर रहम करक िबनयमीन और तमहार दसर भाई कोवापस भज जहा तक मरा ताललक़ ह अगर मझअपन बचचो स महरम होना ह तो ऐसा ही होrdquo

15 चनाच वह तहफ़ दगनी रक़म और िबनयमीनको साथ ल कर चल पड़ िमसर पहच कर वह यसफ़क सामन हािज़र हए 16 जब यसफ़ न िबनयमीन कोउन क साथ दखा तो उस न अपन घर पर मक़रररमलािज़म स कहा ldquoइन आदिमयो को मर घर लजाओ तािक वह दोपहर का खाना मर साथ खाएजानवर को ज़बह करक खाना तययार करोrdquo

17 मलािज़म न ऐसा ही िकया और भाइयो को यसफ़क घर ल गया 18 जब उनह उस क घर पहचाया जारहा था तो वह डर कर सोचन लग ldquoहम उन पसो कसबब स यहा लाया जा रहा ह जो पहली दफ़ा हमारीबोिरयो म वापस िकए गए थ वह हम पर अचानकहमला करक हमार गध छीन लग और हम ग़लाम बनालगrdquo

19 इस िलए घर क दरवाज़ पर पहच कर उनहो न घरपर मक़ररर मलािज़म स कहा 20 ldquoजनाब-ए-आलीहमारी बात सन लीिजए इस स पहल हम अनाजख़रीदन क िलए यहा आए थ 21 लिकन जब हमयहा स रवाना हो कर रासत म रात क िलए ठहर तोहम न अपनी बोिरया खोल कर दखा िक हर बोरी कमह म हमार पसो की परी रक़म पड़ी ह हम यह पसवापस ल आए ह 22 नीज़ हम मज़ीद ख़राक ख़रीदनक िलए और पस ल आए ह ख़दा जान िकस न हमारयह पस हमारी बोिरयो म रख िदएrdquo

23 मलािज़म न कहा ldquoिफ़कर न कर मत डर आपक और आप क बाप क ख़दा न आप क िलए आपकी बोिरयो म यह ख़ज़ाना रखा होगा बहरहाल मझआप क पस िमल गए हrdquo

मलािज़म शमाऊन को उन क पास बाहर ल आया24 िफर उस न भाइयो को यसफ़ क घर म ल जा करउनह पाओ धोन क िलए पानी और गधो को चारािदया 25 उनहो न अपन तहफ़ तययार रख कयिक

54 पदाइश 4326ndash4415उनह बताया गया ldquoयसफ़ दोपहर का खाना आप कसाथ ही खाएगाrdquo

26 जब यसफ़ घर पहचा तो वह अपन तहफ़ ल करउस क सामन आए और मह क बल झक गए 27 उसन उन स ख़िरयत दरयाफ़त की और िफर कहा ldquoतमन अपन बढ़ बाप का िज़कर िकया कया वह ठीकह कया वह अब तक िज़नदा हrdquo 28 उनहो न जवाबिदया ldquoजी आप क ख़ािदम हमार बाप अब तकिज़नदा हrdquo वह दबारा मह क बल झक गए

29 जब यसफ़ न अपन सग भाई िबनयमीन को दखातो उस न कहा ldquoकया यह तमहारा सब स छोटा भाईह िजस का तम न िज़कर िकया था बटा अललाह कीनज़र-ए-करम तम पर होrdquo 30 यसफ़ अपन भाई कोदख कर इतना मतअिससर हआ िक वह रोन को थाइस िलए वह जलदी स वहा स िनकल कर अपन सोनक कमर म गया और रो पड़ा 31 िफर वह अपना महधो कर वापस आया अपन आप पर क़ाब पा करउस न हकम िदया िक नौकर खाना ल आए

32 नौकरो न यसफ़ क िलए खान का अलगइिनतज़ाम िकया और भाइयो क िलए अलग िमिसरयोक िलए भी खान का अलग इिनतज़ाम था कयिकइबरािनयो क साथ खाना खाना उन की नज़र मक़ािबल-ए-नफ़रत था 33 भाइयो को उन की उमर कीततीरब क मतािबक़ यसफ़ क सामन िबठाया गयायह दख कर भाई िनहायत हरान हए 34 नौकरो नउनह यसफ़ की मज़ पर स खाना ल कर िखलायालिकन िबनयमीन को दसरो की िनसबत पाच गनाज़यादा िमला य उनहो न यसफ़ क साथ जी भर करखाया और िपया

गमशदा पयाला

44 1 यसफ़ न घर पर मक़ररर मलािज़म कोहकम िदया ldquoउन मदोर की बोिरया ख़राक

स इतनी भर दना िजतनी वह उठा कर ल जा सक हरएक क पस उस की अपनी बोरी क मह म रख दना2 सब स छोट भाई की बोरी म न िसफ़र पस बिलक

मर चादी क पयाल को भी रख दनाrdquo मलािज़म नऐसा ही िकया

3 अगली सबह जब पौ फटन लगी तो भाइयो कोउन क गधो समत रख़सत कर िदया गया 4 वह अभीशहर स िनकल कर दर नही गए थ िक यसफ़ न अपनघर पर मक़ररर मलािज़म स कहा ldquoजलदी करो उनआदिमयो का ताक़क़ब करो उन क पास पहच करयह पछना lsquoआप न हमारी भलाई क जवाब म ग़लतकाम कय िकया ह 5 आप न मर मािलक का चादीका पयाला कय चराया ह उस स वह न िसफ़र पीत हबिलक उस ग़बदानी क िलए भी इसतमाल करत हआप एक िनहायत सगीन जमर क मतरिकब हए हrsquordquo

6 जब मलािज़म भाइयो क पास पहचा तो उस न उनस यही बात की 7 जवाब म उनहो न कहा ldquoहमारमािलक ऐसी बात कय करत ह कभी नही हो सकतािक आप क ख़ािदम ऐसा कर 8 आप तो जानत हिक हम मलक-ए-कनआन स वह पस वापस ल आएजो हमारी बोिरयो म थ तो िफर हम कय आप कमािलक क घर स चादी या सोना चराएग 9 अगर वहआप क ख़ािदमो म स िकसी क पास िमल जाए तोउस मार डाला जाए और बाक़ी सब आप क ग़लामबनrdquo

10 मलािज़म न कहा ldquoठीक ह ऐसा ही होगालिकन िसफ़र वही मरा ग़लाम बनगा िजस न पयालाचराया ह बाक़ी सब आज़ाद हrdquo 11 उनहो न जलदीस अपनी बोिरया उतार कर ज़मीन पर रख दी हरएक न अपनी बोरी खोल दी 12 मलािज़म बोिरयोकी तलाशी लन लगा वह बड़ भाई स शर करकआिख़रकार सब स छोट भाई तक पहच गया औरवहा िबनयमीन की बोरी म स पयाला िनकला13 भाइयो न यह दख कर परशानी म अपन िलबासफाड़ िलए वह अपन गधो को दबारा लाद कर शहरवापस आ गए

14 जब यहदाह और उस क भाई यसफ़ क घर पहचतो वह अभी वही था वह उस क सामन मह क बलिगर गए 15 यसफ़ न कहा ldquoयह तम न कया िकया

पदाइश 4416ndash455 55ह कया तम नही जानत िक मझ जसा आदमी ग़बका इलम रखता हrdquo 16 यहदाह न कहा ldquoजनाब-ए-आली हम कया कह अब हम अपन िदफ़ा म कयाकह अललाह ही न हम क़सरवार ठहराया ह अबहम सब आप क ग़लाम ह न िसफ़र वह िजस क पासस पयाला िमल गयाrdquo 17 यसफ़ न कहा ldquoअललाह नकर िक म ऐसा कर बिलक िसफ़र वही मरा ग़लामहोगा िजस क पास पयाला था बाक़ी सब सलामतीस अपन बाप क पास वापस चल जाएrdquo

यहदाह िबनयमीन की िसफ़ािरश करता ह18 लिकन यहदाह न यसफ़ क क़रीब आ कर कहा

ldquoमर मािलक महरबानी करक अपन बनद को एकबात करन की इजाज़त द मझ पर ग़ससा न करअगरच आप िमसर क बादशाह जस ह 19 जनाब-ए-आली आप न हम स पछा lsquoकया तमहारा बाप याकोई और भाई हrsquo 20 हम न जवाब िदया lsquoहमाराबाप ह वह बढ़ा ह हमारा एक छोटा भाई भी ह जोउस वक़त पदा हआ जब हमारा बाप उमररसीदा थाउस लड़क का भाई मर चका ह उस की मा क िसफ़रयह दो बट पदा हए अब वह अकला ही रह गया हउस का बाप उस िशददत स पयार करता हrsquo 21 जनाब-ए-आली आप न हम बताया lsquoउस यहा ल आओतािक म ख़द उस दख सकrsquo 22 हम न जवाब िदयाlsquoयह लड़का अपन बाप को छोड़ नही सकता वनारउस का बाप मर जाएगाrsquo 23 िफर आप न कहा lsquoतमिसफ़र इस सरत म मर पास आ सकोग िक तमहारासब स छोटा भाई तमहार साथ होrsquo 24 जब हम अपनबाप क पास वापस पहच तो हम न उनह सब कछबताया जो आप न कहा था 25 िफर उनहो न हम सकहा lsquoिमसर लौट कर कछ ग़लला ख़रीद लाओrsquo 26 हमन जवाब िदया lsquoहम जा नही सकत हम िसफ़र इससरत म उस मदर क पास जा सकत ह िक हमारासब स छोटा भाई साथ हो हम तब ही जा सकत हजब वह भी हमार साथ चलrsquo 27 हमार बाप न हमस कहा lsquoतम जानत हो िक मरी बीवी रािख़ल स मर

दो बट पदा हए 28 पहला मझ छोड़ चका ह िकसीजगली जानवर न उस फाड़ खाया होगा कयिक उसीवक़त स म न उस नही दखा 29 अगर इस को भी मझस ल जान की वजह स जानी नक़सान पहच तो तममझ बढ़ को ग़म क मार पाताल म पहचाओगrsquordquo

30ndash31 यहदाह न अपनी बात जारी रखी ldquoजनाब-ए-आली अब अगर म अपन बाप क पास जाऊ औरवह दख िक लड़का मर साथ नही ह तो वह दम तोड़दग उन की िज़नदगी इस क़दर लड़क की िज़नदगीपर मनहिसर ह और वह इतन बढ़ ह िक हम ऐसीहरकत स उनह क़बर तक पहचा दग 32 न िसफ़र यहबिलक म न बाप स कहा lsquoम ख़द इस का ज़ािमनहगा अगर म इस सलामती स वापस न पहचाऊ तोिफर म िज़नदगी क आिख़र तक क़सरवार ठहरगाrsquo33 अब अपन ख़ािदम की गज़ािरश सन म यहा रहकर इस लड़क की जगह ग़लाम बन जाता ह औरवह दसर भाइयो क साथ वापस चला जाए 34 अगरलड़का मर साथ न हआ तो म िकस तरह अपन बापको मह िदखा सकता ह म बदारशत नही कर सकगािक वह इस मसीबत म मबतला हो जाएrdquo

यसफ़ अपन आप को ज़ािहर करता ह

45 1 यह सन कर यसफ़ अपन आप पर क़ाबन रख सका उस न ऊची आवाज़ स हकम

िदया िक तमाम मलािज़म कमर स िनकल जाए कोईऔर शख़स कमर म नही था जब यसफ़ न अपनभाइयो को बताया िक वह कौन ह 2 वह इतन ज़ोरस रो पड़ा िक िमिसरयो न उस की आवाज़ सनी औरिफ़रऔन क घरान को पता चल गया 3 यसफ़ नअपन भाइयो स कहा ldquoम यसफ़ ह कया मरा बापअब तक िज़नदा हrdquo

लिकन उस क भाई यह सन कर इतन घबरा गएिक वह जवाब न द सक

4 िफर यसफ़ न कहा ldquoमर क़रीब आओrdquo वहक़रीब आए तो उस न कहा ldquoम तमहारा भाई यसफ़ह िजस तम न बच कर िमसर िभजवाया 5 अब

56 पदाइश 456ndash463मरी बात सनो न घबराओ और न अपन आप कोइलज़ाम दो िक हम न यसफ़ को बच िदया असल मअललाह न ख़द मझ तमहार आग यहा भज िदया तािकहम सब बच रह 6 यह काल का दसरा साल हपाच और साल क दौरान न हल चलगा न फ़सलकटगी 7 अललाह न मझ तमहार आग भजा तािकदिनया म तमहारा एक बचा-खचा िहससा महफ़ज़ रहऔर तमहारी जान एक बड़ी मख़लसी की मािरफ़तछट जाए 8 चनाच तम न मझ यहा नही भजा बिलकअललाह न उस न मझ िफ़रऔन का बाप उस क परघरान का मािलक और िमसर का हािकम बना िदयाह 9 अब जलदी स मर बाप क पास वापस जा करउन स कहो lsquoआप का बटा यसफ़ आप को इिततलादता ह िक अललाह न मझ िमसर का मािलक बना िदयाह मर पास आ जाए दर न कर 10 आप जशन कइलाक़ म रह सकत ह वहा आप मर क़रीब होगआप आप की आल-ओ-औलाद गाय-बल भड़-बकिरया और जो कछ भी आप का ह 11 वहा मआप की ज़रिरयात परी करगा कयिक काल कोअभी पाच साल और लगग वनार आप आप क घरवाल और जो भी आप क ह बदहाल हो जाएगrsquo12 तम ख़द और मरा भाई िबनयमीन दख सकत होिक म यसफ़ ही ह जो तमहार साथ बात कर रहा ह13 मर बाप को िमसर म मर असर-ओ-रसख़ क बारम इिततला दो उनह सब कछ बताओ जो तम न दखाह िफर जलद ही मर बाप को यहा ल आओrdquo

14 यह कह कर वह अपन भाई िबनयमीन को गललगा कर रो पड़ा िबनयमीन भी उस क गल लगकर रोन लगा 15 िफर यसफ़ न रोत हए अपन हरएक भाई को बोसा िदया इस क बाद उस क भाईउस क साथ बात करन लग

16 जब यह ख़बर बादशाह क महल तक पहची िकयसफ़ क भाई आए ह तो िफ़रऔन और उस क तमामअफ़सरान ख़श हए 17 उस न यसफ़ स कहा ldquoअपनभाइयो को बता िक अपन जानवरो पर ग़लला लाद करमलक-ए-कनआन वापस चल जाओ 18 वहा अपन

बाप और ख़ानदानो को ल कर मर पास आ जाओम तम को िमसर की सब स अचछी ज़मीन द दगाऔर तम इस मलक की बहतरीन पदावार खा सकोग19 उनह यह िहदायत भी द िक अपन बाल-बचचो किलए िमसर स गािड़या ल जाओ और अपन बाप को भीिबठा कर यहा ल आओ 20 अपन माल की ज़यादािफ़कर न करो कयिक तमह मलक-ए-िमसर का बहतरीनमाल िमलगाrdquo

21 यसफ़ क भाइयो न ऐसा ही िकया यसफ़ न उनहबादशाह क हकम क मतािबक़ गािड़या और सफ़र किलए ख़राक दी 22 उस न हर एक भाई को कपड़ोका एक जोड़ा भी िदया लिकन िबनयमीन को उसन चादी क 300 िसकक और पाच जोड़ िदए 23 उसन अपन बाप को दस गध िभजवा िदए जो िमसर कबहतरीन माल स लद हए थ और दस गिधया जोअनाज रोटी और बाप क सफ़र क िलए खान सलदी हई थी 24 य उस न अपन भाइयो को रख़सतकरक कहा ldquoरासत म झगड़ा न करनाrdquo

25 वह िमसर स रवाना हो कर मलक-ए-कनआन मअपन बाप क पास पहच 26 उनहो न उस स कहाldquoयसफ़ िज़नदा ह वह पर िमसर का हािकम हrdquoलिकन याक़ब हकका-बकका रह गया कयिक उस यक़ीनन आया 27 ताहम उनहो न उस सब कछ बताया जोयसफ़ न उन स कहा था और उस न ख़द वह गािड़या दखी जो यसफ़ न उस िमसर ल जान क िलए िभजवादी थी िफर याक़ब की जान म जान आ गई 28 औरउस न कहा ldquoमरा बटा यसफ़ िज़नदा ह यही काफ़ीह मरन स पहल म जा कर उस स िमलगाrdquo

याक़ब िमसर जाता ह

46 1 याक़ब सब कछ ल कर रवाना हआ औरबर-सबा पहचा वहा उस न अपन बाप

इसहाक़ क ख़दा क हज़र क़बारिनया चढ़ाई 2 रात कोअललाह रोया म उस स हमकलाम हआ उस न कहाldquoयाक़ब याक़बrdquo याक़ब न जवाब िदया ldquoजी महािज़र हrdquo 3 अललाह न कहा ldquoम अललाह ह तर बाप

पदाइश 464ndash34 57इसहाक़ का ख़दा िमसर जान स मत डर कयिक वहा म तझ स एक बड़ी क़ौम बनाऊगा 4 म तर साथिमसर जाऊगा और तझ इस मलक म वापस भी लआऊगा जब त मरगा तो यसफ़ ख़द तरी आख बनदकरगाrdquo

5 इस क बाद याक़ब बर-सबा स रवाना हआ उसक बटो न उस और अपन बाल-बचचो को उन गािड़योम िबठा िदया जो िमसर क बादशाह न िभजवाई थी6 य याक़ब और उस की तमाम औलाद अपन मवशीऔर कनआन म हािसल िकया हआ माल ल करिमसर चल गए 7 याक़ब क बट-बिटया पोत-पोितया और बाक़ी औलाद सब साथ गए

8 इसराईल की औलाद क नाम जो िमसर चली गईयह ह

याक़ब क पहलौठ रिबन 9 क बट हनक फ़ललहसरोन और कमीर थ 10 शमाऊन क बट यमएलयमीन उहद यकीन सहर और साऊल थ (साऊलकनआनी औरत का बचचा था) 11 लावी क बटजसोरन िक़हात और िमरारी थ 12 यहदाह क बट एरओनान सला फ़ारस और ज़ारह थ (एर और ओनानकनआन म मर चक थ) फ़ारस क दो बट हसरोनऔर हमल थ 13 इशकार क बट तोला फ़ववा योबऔर िसमरोन थ 14 ज़बलन क बट सरद ऐलोन औरयहलीएल थ 15 इन बटो की मा िलयाह थी औरवह मसोपतािमया म पदा हए इन क इलावा दीनाउस की बटी थी कल 33 मदर िलयाह की औलादथ

16 जद क बट िसफ़यान हजजी सनी इसबन एरीअरदी और अरली थ 17 आशर क बट ियमनाइसवाह इसवी और बरीआ थ आशर की बटी िसरहथी और बरीआ क दो बट थ िहबर और मलकीएल18 कल 16 अफ़राद िज़लफ़ा की औलाद थ िजसलाबन न अपनी बटी िलयाह को िदया था

19 रािख़ल क बट यसफ़ और िबनयमीन थ20 यसफ़ क दो बट मनससी और इफ़राईम िमसर मपदा हए उन की मा ओन क पजारी फ़ोतीिफ़रा की

बटी आसनत थी 21 िबनयमीन क बट बाला बकरअशबल जीरा नामान इख़ी रोस मफ़फ़ीम हफ़फ़ीमऔर अदर थ 22 कल 14 मदर रािख़ल की औलाद थ

23 दान का बटा हशीम था 24 नफ़ताली क बटयहसीएल जनी ियसर और िसललीम थ 25 कल 7मदर िबलहाह की औलाद थ िजस लाबन न अपनीबटी रािख़ल को िदया था

26 याक़ब की औलाद क 66 अफ़राद उस क साथिमसर चल गए इस तादाद म बटो की बीिवया शािमल नही थी 27 जब हम याक़ब यसफ़ और उसक दो बट इन म शािमल करत ह तो याक़ब क घरानक 70 अफ़राद िमसर गए

याक़ब और उस का ख़ानदान िमसर म28 याक़ब न यहदाह को अपन आग यसफ़ क पास

भजा तािक वह जशन म उन स िमल जब वह वहा पहच 29 तो यसफ़ अपन रथ पर सवार हो कर अपनबाप स िमलन क िलए जशन गया उस दख कर वहउस क गल लग कर काफ़ी दर रोता रहा 30 याक़बन यसफ़ स कहा ldquoअब म मरन क िलए तययार हकयिक म न ख़द दखा ह िक त िज़नदा हrdquo

31 िफर यसफ़ न अपन भाइयो और अपन बाप कख़ानदान क बाक़ी अफ़राद स कहा ldquoज़ररी ह िक मजा कर बादशाह को इिततला द िक मर भाई और मरबाप का परा ख़ानदान जो कनआन क रहन वाल हमर पास आ गए ह 32 म उस स कहगा lsquoयह आदमीभड़-बकिरयो क चरवाह ह वह मवशी पालत ह इसिलए अपनी भड़-बकिरया गाय-बल और बाक़ी सारामाल अपन साथ ल आए हrsquo 33 बादशाह तमह बलाकर पछगा िक तम कया काम करत हो 34 िफर तमको जवाब दना ह lsquoआप क ख़ािदम बचपन स मवशीपालत आए ह यह हमार बापदादा का पशा था औरहमारा भी हrsquo अगर तम यह कहो तो तमह जशन मरहन की इजाज़त िमलगी कयिक भड़-बकिरयो कचरवाह िमिसरयो की नज़र म क़ािबल-ए-नफ़रत हrdquo

58 पदाइश 471ndash22

47 1 यसफ़ िफ़रऔन क पास गया और उसइिततला द कर कहा ldquoमरा बाप और भाई

अपनी भड़-बकिरयो गाय-बलो और सार माल समतमलक-ए-कनआन स आ कर जशन म ठहर हए हrdquo2 उस न अपन भाइयो म स पाच को चन कर िफ़रऔनक सामन पश िकया 3 िफ़रऔन न भाइयो स पछाldquoतम कया काम करत होrdquo उनहो न जवाब िदयाldquoआप क ख़ािदम भड़-बकिरयो क चरवाह ह यहहमार बापदादा का पशा था और हमारा भी ह 4 हमयहा आए ह तािक कछ दर अजनबी की हिसयत सआप क पास ठहर कयिक काल न कनआन म बहतज़ोर पकड़ा ह वहा आप क ख़ािदमो क जानवरो किलए चरागाह ख़तम हो गई ह इस िलए हम जशन मरहन की इजाज़त दrdquo

5 बादशाह न यसफ़ स कहा ldquoतरा बाप और भाईतर पास आ गए ह 6 मलक-ए-िमसर तर सामन खलाह उनह बहतरीन जगह पर आबाद कर वह जशनम रह और अगर उन म स कछ ह जो ख़ासक़ािबिलयत रखत ह तो उनह मर मविशयो कीिनगहदाशत पर रखrdquo

7 िफर यसफ़ अपन बाप याक़ब को ल आया औरिफ़रऔन क सामन पश िकया याक़ब न बादशाह कोबरकत दी 8 बादशाह न उस स पछा ldquoतमहारी उमरकया हrdquo 9 याक़ब न जवाब िदया ldquoम 130 साल सइस दिनया का महमान ह मरी िज़नदगी मख़तसर औरतकलीफ़िदह थी और मर बापदादा मझ स ज़यादाउमररसीदा हए थ जब वह इस दिनया क महमान थrdquo10 यह कह कर याक़ब िफ़रऔन को दबारा बरकतद कर चला गया

11 िफर यसफ़ न अपन बाप और भाइयो को िमसरम आबाद िकया उस न उनह रामसीस क इलाक़ मबहतरीन ज़मीन दी िजस तरह बादशाह न हकम िदयाथा 12 यसफ़ अपन बाप क पर घरान को ख़राकमहयया करता रहा हर ख़ानदान को उस क बचचोकी तादाद क मतािबक़ ख़राक िमलती रही

काल का सख़त असर13 काल इतना सख़त था िक कही भी रोटी नही

िमलती थी िमसर और कनआन म लोग िनढाल होगए

14 िमसर और कनआन क तमाम पस अनाज ख़रीदनक िलए सफ़र हो गए यसफ़ उनह जमा करकिफ़रऔन क महल म ल आया 15 जब िमसर औरकनआन क पस ख़तम हो गए तो िमिसरयो न यसफ़ कपास आ कर कहा ldquoहम रोटी द हम आप क सामनकय मर हमार पस ख़तम हो गए हrdquo 16 यसफ़ नजवाब िदया ldquoअगर आप क पस ख़तम ह तो मझअपन मवशी द म उन क इवज़ रोटी दता हrdquo17 चनाच वह अपन घोड़ भड़-बकिरया गाय-बलऔर गध यसफ़ क पास ल आए इन क इवज़ उसन उनह ख़राक दी उस साल उस न उनह उन क तमाममविशयो क इवज़ ख़राक महयया की

18 अगल साल वह दबारा उस क पास आए उनहोन कहा ldquoजनाब-ए-आली हम यह बात आप स नहीछपा सकत िक अब हम िसफ़र अपन आप और अपनीज़मीन को आप को द सकत ह हमार पस तो ख़तमह और आप हमार मवशी भी ल चक ह 19 हम कय आप की आखो क सामन मर जाए हमारी ज़मीनकय तबाह हो जाए हम रोटी द तो हम और हमारीज़मीन बादशाह की होगी हम िफ़रऔन क ग़लामहोग हम बीज द तािक हम जीत बच और ज़मीनतबाह न हो जाएrdquo

20 चनाच यसफ़ न िफ़रऔन क िलए िमसर की परीज़मीन ख़रीद ली काल की सख़ती क सबब स तमामिमिसरयो न अपन खत बच िदए इस तरीक़ स परामलक िफ़रऔन की िमलिकयत म आ गया 21 यसफ़न िमसर क एक िसर स दसर िसर तक क लोगो कोशहरो म मनतिक़ल कर िदया 22 िसफ़र पजािरयो कीज़मीन आज़ाद रही उनह अपनी ज़मीन बचन कीज़ररत ही नही थी कयिक उनह िफ़रऔन स इतनावज़ीफ़ा िमलता था िक गज़ारा हो जाता था

पदाइश 4723ndash4814 5923 यसफ़ न लोगो स कहा ldquoग़ौर स सन आज म न

आप को और आप की ज़मीन को बादशाह क िलएख़रीद िलया ह अब यह बीज ल कर अपन खतो म बोना 24 आप को िफ़रऔन को फ़सल का पाचवा िहससा दना ह बाक़ी पदावार आप की होगी आपइस स बीज बो सकत ह और यह आप क औरआप क घरानो और बचचो क खान क िलए होगाrdquo25 उनहो न जवाब िदया ldquoआप न हम बचाया हहमार मािलक हम पर महरबानी कर तो हम िफ़रऔनक ग़लाम बनगrdquo

26 इस तरह यसफ़ न िमसर म यह क़ानन नािफ़ज़िकया िक हर फ़सल का पाचवा िहससा बादशाह काह यह क़ानन आज तक जारी ह िसफ़र पजािरयो कीज़मीन बादशाह की िमलिकयत म न आई

याक़ब की आिख़री गज़ािरश27 इसराईली िमसर म जशन क इलाक़ म आबाद

हए वहा उनह ज़मीन िमली और वह फल फल औरतादाद म बहत बढ़ गए

28 याक़ब 17 साल िमसर म रहा वह 147 सालका था जब फ़ौत हआ 29 जब मरन का वक़त क़रीबआया तो उस न यसफ़ को बला कर कहा ldquoमहरबानीकरक अपना हाथ मरी रान क नीच रख कर क़समखा िक त मझ पर शफ़क़त और वफ़ादारी का इसतरह इज़हार करगा िक मझ िमसर म दफ़न नहीकरगा 30 जब म मर कर अपन बापदादा स जािमलगा तो मझ िमसर स ल जा कर मर बापदादाकी क़बर म दफ़नानाrdquo यसफ़ न जवाब िदया ldquoठीकहrdquo 31 याक़ब न कहा ldquoक़सम खा िक त ऐसा हीकरगाrdquo यसफ़ न क़सम खाई तब इसराईल न अपनिबसतर क िसरहान पर अललाह को िसजदा िकया

याक़ब इफ़राईम और मनससी को बरकत दता ह

48 1 कछ दर क बाद यसफ़ को इिततला दी गईिक आप का बाप बीमार ह वह अपन दो

बटो मनससी और इफ़राईम को साथ ल कर याक़ब सिमलन गया

2 याक़ब को बताया गया ldquoआप का बटा आगया हrdquo तो वह अपन आप को सभाल कर अपनिबसतर पर बठ गया 3 उस न यसफ़ स कहा ldquoजबम कनआनी शहर लज़ म था तो अललाह क़ािदर-ए-मतलक़ मझ पर ज़ािहर हआ उस न मझ बरकतद कर 4 कहा lsquoम तझ फलन फलन दगा और तरीऔलाद बढ़ा दगा बिलक तझ स बहत सी क़ौमिनकलन दगा और म तरी औलाद को यह मलकहमशा क िलए द दगाrsquo 5 अब मरी बात सन मचाहता ह िक तर बट जो मर आन स पहल िमसरम पदा हए मर बट हो इफ़राईम और मनससी रिबनऔर शमाऊन क बराबर ही मर बट हो 6 अगर इनक बाद तर हा और बट पदा हो जाए तो वह मर बटनही बिलक तर ठहरग जो मीरास वह पाएग वहउनह इफ़राईम और मनससी की मीरास म स िमलगी7 म यह तरी मा रािख़ल क सबब स कर रहा ह जोमसोपतािमया स वापसी क वक़त कनआन म इफ़राताक क़रीब मर गई म न उस वही रासत म दफ़निकयाrdquo (आज इफ़राता को बत-लहम कहा जाता ह)

8 िफर याक़ब न यसफ़ क बटो पर नज़र डाल करपछा ldquoयह कौन हrdquo 9 यसफ़ न जवाब िदया ldquoयहमर बट ह जो अललाह न मझ यहा िमसर म िदएrdquoयाक़ब न कहा ldquoउनह मर क़रीब ल आ तािक मउनह बरकत दrdquo 10 बढ़ा होन क सबब स याक़बकी आख कमज़ोर थी वह अचछी तरह दख नहीसकता था यसफ़ अपन बटो को याक़ब क पासल आया तो उस न उनह बोसा द कर गल लगाया11 और यसफ़ स कहा ldquoमझ तवक़क़ो ही नही थीिक म कभी तरा िचहरा दखगा और अब अललाह नमझ तर बटो को दखन का मौक़ा भी िदया हrdquo

12 िफर यसफ़ उनह याक़ब की गोद म स ल करख़द उस क सामन मह क बल झक गया 13 यसफ़न इफ़राईम को याक़ब क बाए हाथ रखा और मनससीको उस क दाए हाथ 14 लिकन याक़ब न अपना

60 पदाइश 4815ndash4912दहना हाथ बाई तरफ़ बढ़ा कर इफ़राईम क सर पररखा अगरच वह छोटा था इस तरह उस न अपनाबाया हाथ दाई तरफ़ बढ़ा कर मनससी क सर पररखा जो बड़ा था 15 िफर उस न यसफ़ को उस कबटो की मािरफ़त बरकत दी ldquoअललाह िजस क हज़रमर बापदादा इबराहीम और इसहाक़ चलत रह और जोशर स आज तक मरा चरवाहा रहा ह इनह बरकत द16 िजस फ़िरशत न इवज़ाना द कर मझ हर नक़सान सबचाया ह वह इनह बरकत द अललाह कर िक इन ममरा नाम और मर बापदादा इबराहीम और इसहाक़ कनाम जीत रह दिनया म इन की औलाद की तादादबहत बढ़ जाएrdquo

17 जब यसफ़ न दखा िक बाप न अपना दहना हाथछोट बट इफ़राईम क सर पर रखा ह तो यह उस बरालगा इस िलए उस न बाप का हाथ पकड़ा तािकउस इफ़राईम क सर पर स उठा कर मनससी क सरपर रख 18 उस न कहा ldquoअबब ऐस नही दसरालड़का बड़ा ह उसी पर अपना दहना हाथ रखrdquo19 लिकन बाप न इनकार करक कहा ldquoमझ पता हबटा मझ पता ह वह भी एक बड़ी क़ौम बनगािफर भी उस का छोटा भाई उस स बड़ा होगा औरउस स क़ौमो की बड़ी तादाद िनकलगीrdquo

20 उस िदन उस न दोनो बटो को बरकत द करकहा ldquoइसराईली तमहारा नाम ल कर बरकत िदयाकरग जब वह बरकत दग तो कहग lsquoअललाह आपक साथ वसा कर जसा उस न इफ़राईम और मनससीक साथ िकया हrsquordquo इस तरह याक़ब न इफ़राईम कोमनससी स बड़ा बना िदया 21 यसफ़ स उस न कहाldquoम तो मरन वाला ह लिकन अललाह तमहार साथहोगा और तमह तमहार बापदादा क मलक म वापस लजाएगा 22 एक बात म म तझ तर भाइयो पर तजीरहदता ह म तझ कनआन म वह िक़तआ दता ह जो मन अपनी तलवार और कमान स अमोिरयो स छीनाथाrdquo

याक़ब अपन बटो को बरकत दता ह

49 1 याक़ब न अपन बटो को बला कर कहाldquoमर पास जमा हो जाओ तािक म तमह

बताऊ िक मसतक़िबल म तमहार साथ कया कयाहोगा 2 ऐ याक़ब क बटो इकटठ हो कर सनो अपनबाप इसराईल की बातो पर ग़ौर करो

3 रिबन तम मर पहलौठ हो मर ज़ोर और मरीताक़त का पहला फल तम इज़ज़त और क़ववतक िलहाज़ स बरतर हो 4 लिकन चिक तम बकाबसलाब की मािननद हो इस िलए तमहारी अववलहिसयत जाती रह कयिक तम न मरी हरम सहमिबसतर हो कर अपन बाप की बहरमती की ह

5 शमाऊन और लावी दोनो भाइयो की तलवारज़लम-ओ-तशददद क हिथयार रह ह 6 मरी जान नउन की मजिलस म शािमल और न उन की जमाअतम दािख़ल हो कयिक उनहो न ग़सस म आ कर दसरोको क़तल िकया ह उनहो न अपनी मज़ीर स बलो कीकोच काटी ह 7 उन क ग़सस पर लानत हो जो इतनाज़बरदसत ह और उन क तश पर जो इतना सख़त हम उनह याक़ब क मलक म ितततर-िबततर करगा उनहइसराईल म मनतिशर कर दगा

8 यहदाह तमहार भाई तमहारी तारीफ़ करग तमअपन दशमनो की गदरन पकड़ रहोग और तमहार बापक बट तमहार सामन झक जाएग 9 यहदाह शरबबरका बचचा ह मर बट तम अभी अभी िशकार मारकर वापस आए हो यहदाह शरबबर बिलक शरनीकी तरह दबक कर बठ जाता ह कौन उस छड़नकी जरअत करगा 10 शाही असा यहदाह स दर नहीहोगा बिलक शाही इख़ितयार उस वक़त तक उस कीऔलाद क पास रहगा जब तक वह हािकम न आएिजस क ताब क़ौम रहगी 11 वह अपना जवान गधाअगर की बल स और अपनी गधी का बचचा बहतरीनअगर की बल स बाधगा वह अपना िलबास म मऔर अपना कपड़ा अगर क ख़न म धोएगा 12 उस

पदाइश 4913ndash503 61की आख म स ज़यादा गदली और उस क दात दधस ज़यादा सफ़द होग

13 ज़बलन सािहल पर आबाद होगा जहा बहरीजहाज़ होग उस की हद सदा तक होगी

14 इशकार ताक़तवर गधा ह जो अपन ज़ीन क दोबोरो क दरिमयान बठा ह 15 जब वह दखगा िक उसकी आरामगाह अचछी और उस का मलक ख़शनमाह तो वह बोझ उठान क िलए तययार हो जाएगा औरउजरत क बग़र काम करन क िलए मजबर िकयाजाएगा

16 दान अपनी क़ौम का इनसाफ़ करगा अगरच वहइसराईल क क़बीलो म स एक ही ह 17 दान सड़कक साप और रासत क अफ़ई की मािननद होगा वहघोड़ की एिड़यो को काटगा तो उस का सवार पीछिगर जाएगा

18 ऐ रब म तरी ही नजात क इिनतज़ार म ह19 जद पर डाकओ का जथथा हमला करगा लिकन

वह पलट कर उसी पर हमला कर दगा20 आशर को िग़ज़ाइयत वाली ख़राक हािसल

होगी वह लज़ीज़ शाही खाना महयया करगा21 नफ़ताली आज़ाद छोड़ी हई िहरनी ह वह

ख़बसरत बात करता ह g22 यसफ़ फलदार बल ह वह चशम पर लगी हई

फलदार बल ह िजस की शाख़ दीवार पर चढ़ गईह 23 तीरअनदाज़ो न उस पर तीर चला कर उसतग िकया और उस क पीछ पड़ गए 24 लिकन उसकी कमान मज़बत रही और उस क बाज़ याक़बक ज़ोरावर ख़दा क सबब स ताक़तवर रह उसचरवाह क सबब स जो इसराईल का ज़बरदसत सरमाह 25 कयिक तर बाप का ख़दा तरी मदद करता हअललाह क़ािदर-ए-मतलक़ तझ आसमान की बरकतज़मीन की गहराइयो की बरकत और औलाद कीबरकत दता ह 26 तर बाप की बरकत क़दीम पहाड़ोऔर अबदी पहािड़यो की मग़रब चीज़ो स ज़यादा

अज़ीम ह यह तमाम बरकत यसफ़ क सर पर होउस शख़स क चाद पर जो अपन भाइयो पर शहज़ादाह

27 िबनयमीन फाड़न वाला भिड़या ह सबह वहअपना िशकार खा जाता और रात को अपना लटाहआ माल तक़सीम कर दता हrdquo

28 यह इसराईल क कल बारह क़बील ह और यहवह कछ ह जो उन क बाप न उन स बरकत दत वक़तकहा उस न हर एक को उस की अपनी बरकत दी

याक़ब का इिनतक़ाल29 िफर याक़ब न अपन बटो को हकम िदया ldquoअब

म कच करक अपन बापदादा स जा िमलगा मझमर बापदादा क साथ उस ग़ार म दफ़नाना जो िहततीआदमी इफ़रोन क खत म ह 30 यानी उस ग़ार म जोमलक-ए-कनआन म ममर क मशिरक़ म मकफ़ीला कखत म ह इबराहीम न उस खत समत अपन लोगोको दफ़नान क िलए इफ़रोन िहतती स ख़रीद िलया था31 वहा इबराहीम और उस की बीवी सारा दफ़नाएगए वहा इसहाक़ और उस की बीवी िरबक़ा दफ़नाएगए और वहा म न िलयाह को दफ़न िकया 32 वहखत और उस का ग़ार िहिततयो स ख़रीदा गया थाrdquo

33 इन िहदायात क बाद याक़ब न अपन पाओिबसतर पर समट िलए और दम छोड़ कर अपनबापदादा स जा िमला

याक़ब को दफ़न िकया जाता ह

50 1 यसफ़ अपन बाप क िचहर स िलपटगया उस न रोत हए उस बोसा िदया 2 उस

क मलािज़मो म स कछ डाकटर थ उस न उनहिहदायत दी िक मर बाप इसराईल की लाश को हनतकर तािक वह गल न जाए उनहो न ऐसा ही िकया3 इस म 40 िदन लग गए आम तौर पर हनत करन

gया ख़बसरत बचच पदा करती ह

62 पदाइश 504ndash23क िलए इतन ही िदन लगत ह िमिसरयो न 70 िदनतक याक़ब का मातम िकया

4 जब मातम का वक़त ख़तम हआ तो यसफ़ नबादशाह क दरबािरयो स कहा ldquoमहरबानी करकयह ख़बर बादशाह तक पहचा द 5 िक मर बाप नमझ क़सम िदला कर कहा था lsquoम मरन वाला ह मझउस क़बर म दफ़न करना जो म न मलक-ए-कनआनम अपन िलए बनवाईrsquo अब मझ इजाज़त द िक मवहा जाऊ और अपन बाप को दफ़न करक वापसआऊrdquo 6 िफ़रऔन न जवाब िदया ldquoजा अपन बापको दफ़न कर िजस तरह उस न तझ क़सम िदलाईथीrdquo

7 चनाच यसफ़ अपन बाप को दफ़नान क िलएकनआन रवाना हआ बादशाह क तमाम मलािज़ममहल क बज़गर और पर िमसर क बज़गर उस क साथथ 8 यसफ़ क घरान क अफ़राद उस क भाई औरउस क बाप क घरान क लोग भी साथ गए िसफ़र उनक बचच उन की भड़-बकिरया और गाय-बल जशनम रह 9 रथ और घड़सवार भी साथ गए सब िमलकर बड़ा लशकर बन गए

10 जब वह यदरन क क़रीब अतद क खिलयान परपहच तो उनहो न िनहायत िदलसोज़ नोहा िकया वहा यसफ़ न सात िदन तक अपन बाप का मातम िकया11 जब मक़ामी कनआिनयो न अतद क खिलयान परमातम का यह नज़ारा दखा तो उनहो न कहा ldquoयह तोमातम का बहत बड़ा इिनतज़ाम ह जो िमसरी करवारह हrdquo इस िलए उस जगह का नाम अबील-िमसरीमयानी lsquoिमिसरयो का मातमrsquo पड़ गया 12 य याक़ब कबटो न अपन बाप का हकम परा िकया 13 उनहो नउस मलक-ए-कनआन म ल जा कर मकफ़ीला क खतक ग़ार म दफ़न िकया जो ममर क मशिरक़ म ह यहवही खत ह जो इबराहीम न इफ़रोन िहतती स अपन लोगोको दफ़नान क िलए ख़रीदा था

14 इस क बाद यसफ़ उस क भाई और बाक़ीतमाम लोग जो जनाज़ क िलए साथ गए थ िमसर कोलौट आए

यसफ़ अपन भाइयो को तसलली दता ह15 जब याक़ब इिनतक़ाल कर गया तो यसफ़ क

भाई डर गए उनहो न कहा ldquoख़तरा ह िक अब यसफ़हमारा ताक़क़ब करक उस ग़लत काम का बदला लजो हम न उस क साथ िकया था िफर कया होगाrdquo16 यह सोच कर उनहो न यसफ़ को ख़बर भजी ldquoआपक बाप न मरन स पशतर िहदायत दी 17 िक यसफ़को बताना lsquoअपन भाइयो क उस ग़लत काम कोमआफ़ कर दना जो उनहो न तमहार साथ िकयाrsquoअब हम जो आप क बाप क ख़दा क परोकार हमआफ़ कर दrdquo

यह ख़बर सन कर यसफ़ रो पड़ा 18 िफर उस कभाई ख़द आए और उस क सामन िगर गए उनहो नकहा ldquoहम आप क ख़ािदम हrdquo 19 लिकन यसफ़ नकहा ldquoमत डरो कया म अललाह की जगह ह हरिगज़नही 20 तम न मझ नक़सान पहचान का इरादा िकयाथा लिकन अललाह न उस स भलाई पदा की औरअब इस का मक़सद परा हो रहा ह बहत स लोगमौत स बच रह ह 21 चनाच अब डरन की ज़ररतनही ह म तमह और तमहार बचचो को ख़राक महययाकरता रहगाrdquo

य यसफ़ न उनह तसलली दी और उन स नमीर स बातकी

यसफ़ का इिनतक़ाल22 यसफ़ अपन बाप क ख़ानदान समत िमसर म रहा

वह 110 साल िज़नदा रहा 23 मौत स पहल उस न निसफ़र इफ़राईम क बचचो को बिलक उस क पोतो कोभी दखा मनससी क बट मकीर क बचच भी उस कीमौजदगी म पदा हो कर उस की गोद म रख गए h

hग़ािलबन इस का मतलब यह ह िक उस न उनह लपालक बनाया

पदाइश 5024ndash26 6324 िफर एक वक़त आया िक यसफ़ न अपन भाइयो

स कहा ldquoम मरन वाला ह लिकन अललाह ज़ररआप की दख-भाल करक आप को इस मलक सउस मलक म ल जाएगा िजस का उस न इबराहीमइसहाक़ और याक़ब स क़सम खा कर वादा िकयाहrdquo 25 िफर यसफ़ न इसराईिलयो को क़सम िदला

कर कहा ldquoअललाह यक़ीनन तमहारी दख-भाल करकवहा ल जाएगा उस वक़त मरी हिडडयो को भी उठाकर साथ ल जानाrdquo

26 िफर यसफ़ फ़ौत हो गया वह 110 साल का थाउस हनत करक िमसर म एक ताबत म रखा गया

ख़रज

याक़ब का ख़ानदान िमसर म

1 1 ज़ल म उन बटो क नाम ह जो अपन बापयाक़ब और अपन ख़ानदानो समत िमसर म आए

थ 2 रिबन शमाऊन लावी यहदाह 3 इशकारज़बलन िबनयमीन 4 दान नफ़ताली जद औरआशर 5 उस वक़त याक़ब की औलाद की तादाद70 थी यसफ़ तो पहल ही िमसर आ चका था

6 िमसर म रहत हए बहत िदन गज़र गए इतन मयसफ़ उस क तमाम भाई और उस नसल क तमामलोग मर गए 7 इसराईली फल फल और तादाद मबहत बढ़ गए नतीज म वह िनहायत ही ताक़तवरहो गए परा मलक उन स भर गया

इसराईिलयो को दबाया जाता ह8 होत होत एक नया बादशाह तख़तनशीन हआ जो

यसफ़ स नावािक़फ़ था 9 उस न अपन लोगो सकहा ldquoइसराईिलयो को दखो वह तादाद और ताक़तम हम स बढ़ गए ह 10 आओ हम िहकमत स कामल वनार वह मज़ीद बढ़ जाएग ऐसा न हो िक वहिकसी जग क मौक़ पर दशमन का साथ द कर हमस लड़ और मलक को छोड़ जाएrdquo

11 चनाच िमिसरयो न इसराईिलयो पर िनगरान मक़रररिकए तािक बगार म उन स काम करवा कर उनहदबात रह उस वक़त उनहो न िपतोम और रामसीसक शहर तामीर िकए इन शहरो म िफ़रऔन बादशाहक बड़ बड़ गोदाम थ 12 लिकन िजतना इसराईिलयोको दबाया गया उतना ही वह तादाद म बढ़त औरफलत गए आिख़रकार िमसरी उन स दहशत खानलग 13 और वह बड़ी बरहमी स उन स काम करवातरह 14 इसराईिलयो का गज़ारा िनहायत मिशकल होगया उनह गारा तययार करक ईट बनाना और खतो

म मख़तिलफ़ िक़सम क काम करना पड़ इस म िमसरीउन स बड़ी बरहमी स पश आत रह

दाइया अललाह की राह पर चलती ह15 इसराईिलयो की दो दाइया थी िजन क नाम िसफ़रा

और फ़आ थ िमसर क बादशाह न उन स कहा16 ldquoजब इबरानी औरत तमह मदद क िलए बलाए तोख़बरदार रहो अगर लड़का पदा हो तो उस जान समार दो अगर लड़की हो तो उस जीता छोड़ दोrdquo17 लिकन दाइया अललाह का ख़ौफ़ मानती थी उनहोन िमसर क बादशाह का हकम न माना बिलक लड़कोको भी जीन िदया

18 तब िमसर क बादशाह न उनह दबारा बला करपछा ldquoतम न यह कय िकया तम लड़को कोकय जीता छोड़ दती होrdquo 19 उनहो न जवाब िदयाldquoइबरानी औरत िमसरी औरतो स ज़यादा मज़बत हबचच हमार पहचन स पहल ही पदा हो जात हrdquo

20 चनाच अललाह न दाइयो को बरकत दी औरइसराईली क़ौम तादाद म बढ़ कर बहत ताक़तवर होगई 21 और चिक दाइया अललाह का ख़ौफ़ मानती थीइस िलए उस न उनह औलाद द कर उन क ख़ानदानोको क़ाइम रखा

22 आिख़रकार बादशाह न अपन तमाम हमवतनोस बात की ldquoजब भी इबरािनयो क लड़क पदा हो तोउनह दरया-ए-नील म फक दना िसफ़र लड़िकयो कोिज़नदा रहन दोrdquo

मसा की पदाइश और बचाओ

2 1 उन िदनो म लावी क एक आदमी न अपन हीक़बील की एक औरत स शादी की 2 औरत

हािमला हई और बचचा पदा हआ मा न दखा िकलड़का ख़बसरत ह इस िलए उस न उस तीन माह

ख़रज 23ndash24 65तक छपाए रखा 3 जब वह उस और ज़यादा न छपासकी तो उस न आबी नसरल स टोकरी बना कर उसपर तारकोल चढ़ाया िफर उस न बचच को टोकरीम रख कर टोकरी को दरया-ए-नील क िकनार परउग हए सरकडो म रख िदया 4 बचच की बहन कछफ़ािसल पर खड़ी दखती रही िक उस का कया बनगा

5 उस वक़त िफ़रऔन की बटी नहान क िलए दरयापर आई उस की नौकरािनया दरया क िकनारटहलन लगी तब उस न सरकडो म टोकरी दखीऔर अपनी लौडी को उस लान भजा 6 उस खोला तोछोटा लड़का िदखाई िदया जो रो रहा था िफ़रऔनकी बटी को उस पर तरस आया उस न कहा ldquoयहकोई इबरानी बचचा हrdquo

7 अब बचच की बहन िफ़रऔन की बटी क पास गईऔर पछा ldquoकया म बचच को दध िपलान क िलएकोई इबरानी औरत ढड लाऊrdquo 8 िफ़रऔन की बटीन कहा ldquoहा जाओrdquo लड़की चली गई और बचचकी सगी मा को ल कर वापस आई 9 िफ़रऔन कीबटी न मा स कहा ldquoबचच को ल जाओ और उस मरिलए दध िपलाया करो म तमह इस का मआवज़ादगीrdquo चनाच बचच की मा न उस दध िपलान क िलएल िलया

10 जब बचचा बड़ा हआ तो उस की मा उस िफ़रऔनकी बटी क पास ल गई और वह उस का बटाबन गया िफ़रऔन की बटी न उस का नाम मसायानी lsquoिनकाला गयाrsquo रख कर कहा ldquoम उस पानी सिनकाल लाई हrdquo

मसा फ़रार होता ह11 जब मसा जवान हआ तो एक िदन वह घर स

िनकल कर अपन लोगो क पास गया जो जबरी कामम मसरफ़ थ मसा न दखा िक एक िमसरी मर एकइबरानी भाई को मार रहा ह 12 मसा न चारो तरफ़नज़र दौड़ाई जब मालम हआ िक कोई नही दखरहा तो उस न िमसरी को जान स मार िदया और उसरत म छपा िदया

13 अगल िदन भी मसा घर स िनकला इस दफ़ा दोइबरानी मदर आपस म लड़ रह थ जो ग़लती पर थाउस स मसा न पछा ldquoतम अपन भाई को कय माररह होrdquo 14 आदमी न जवाब िदया ldquoिकस न आपको हम पर हकमरान और क़ाज़ी मक़ररर िकया हकया आप मझ भी क़तल करना चाहत ह िजस तरहिमसरी को मार डाला थाrdquo तब मसा डर गया उसन सोचा ldquoहाय मरा भद खल गया हrdquo

15 बादशाह को भी पता लगा तो उस न मसा कोमरवान की कोिशश की लिकन मसा िमिदयान कमलक को भाग गया वहा वह एक कए क पास बठगया 16 िमिदयान म एक इमाम था िजस की सातबिटया थी यह लड़िकया अपनी भड़-बकिरयो कोपानी िपलान क िलए कए पर आई और पानी िनकालकर हौज़ भरन लगी 17 लिकन कछ चरवाहो न आकर उनह भगा िदया यह दख कर मसा उठा औरलड़िकयो को चरवाहो स बचा कर उन क रवड़ कोपानी िपलाया

18 जब लड़िकया अपन बाप रऊएल क पास वापसआई तो बाप न पछा ldquoआज तम इतनी जलदी स कय वापस आ गई होrdquo 19 लड़िकयो न जवाब िदयाldquoएक िमसरी आदमी न हम चरवाहो स बचाया निसफ़र यह बिलक उस न हमार िलए पानी भी िनकालकर रवड़ को िपला िदयाrdquo 20 रऊएल न कहा ldquoवहआदमी कहा ह तम उस कय छोड़ कर आई होउस बलाओ तािक वह हमार साथ खाना खाएrdquo

21 मसा रऊएल क घर म ठहरन क िलए राज़ी होगया बाद म उस की शादी रऊएल की बटी सफ़फ़रास हई 22 सफ़फ़रा क बटा पदा हआ तो मसा नकहा ldquoइस का नाम जसोरम यानी lsquoअजनबी मलकम परदसीrsquo हो कयिक म अजनबी मलक म परदसीहrdquo

23 काफ़ी असार गज़र गया इतन म िमसर काबादशाह इिनतक़ाल कर गया इसराईली अपनीग़लामी तल कराहत और मदद क िलए पकारत रहऔर उन की चीख़ अललाह तक पहच गई 24 अललाह

66 ख़रज 225ndash319न उन की आह सनी और उस अहद को याद िकयाजो उस न इबराहीम इसहाक़ और याक़ब स बाधाथा 25 अललाह इसराईिलयो की हालत दख कर उनका ख़याल करन लगा

जलती हई झाड़ी

3 1 मसा अपन ससर ियतरो की भड़-बकिरयोकी िनगहबानी करता था (िमिदयान का इमाम

रऊएल ियतरो भी कहलाता था) एक िदन मसा रवड़को रिगसतान की परली जािनब ल गया और चलतचलत अललाह क पहाड़ होिरब यानी सीना तक पहचगया 2 वहा रब का फ़िरशता आग क शोल म उसपर ज़ािहर हआ यह शोला एक झाड़ी म भड़क रहाथा मसा न दखा िक झाड़ी जल रही ह लिकन भसमनही हो रही 3 मसा न सोचा ldquoयह तो अजीब बातह कया वजह ह िक जलती हई झाड़ी भसम नहीहो रही म ज़रा वहा जा कर यह हरतअगज़ मनज़रदखrdquo

4 जब रब न दखा िक मसा झाड़ी को दखन आरहा ह तो उस न उस झाड़ी म स पकारा ldquoमसामसाrdquo मसा न कहा ldquoजी म हािज़र हrdquo 5 रब नकहा ldquoइस स ज़यादा क़रीब न आना अपनी जितया उतार कयिक त मक़ददस ज़मीन पर खड़ा ह 6 म तरबाप का ख़दा इबराहीम का ख़दा इसहाक़ का ख़दाऔर याक़ब का ख़दा हrdquo यह सन कर मसा न अपनामह ढाक िलया कयिक वह अललाह को दखन स डरा

7 रब न कहा ldquoम न िमसर म अपनी क़ौम की बरीहालत दखी और ग़लामी म उन की चीख़ सनी हऔर म उन क दखो को ख़ब जानता ह 8 अब मउनह िमिसरयो क क़ाब स बचान क िलए उतर आयाह म उनह िमसर स िनकाल कर एक अचछ वसीमलक म ल जाऊगा एक ऐस मलक म जहा दध औरशहद की कसरत ह गो इस वक़त कनआनी िहततीअमोरी फ़िरज़ज़ी िहववी और यबसी उस म रहत ह9 इसराईिलयो की चीख़ मझ तक पहची ह म न दखाह िक िमसरी उन पर िकस तरह का ज़लम ढा रह ह

10 चनाच अब जा म तझ िफ़रऔन क पास भजताह कयिक तझ मरी क़ौम इसराईल को िमसर स िनकालकर लाना हrdquo

11 लिकन मसा न अललाह स कहा ldquoम कौन ह िकिफ़रऔन क पास जा कर इसराईिलयो को िमसर सिनकाल लाऊrdquo 12 अललाह न कहा ldquoम तो तर साथहगा और इस का सबत िक म तझ भज रहा ह यहहोगा िक लोगो क िमसर स िनकलन क बाद तम यहा आ कर इस पहाड़ पर मरी इबादत करोगrdquo

13 लिकन मसा न एितराज़ िकया ldquoअगर मइसराईिलयो क पास जा कर उनह बताऊ िक तमहारबापदादा क ख़दा न मझ तमहार पास भजा ह तो वहपछग lsquoउस का नाम कया हrsquo िफर म उन को कयाजवाब दrdquo

14 अललाह न कहा ldquoम जो ह सो म ह उन स कहनाlsquoम ह न मझ तमहार पास भजा ह 15 रब जो तमहारबापदादा का ख़दा इबराहीम का ख़दा इसहाक़ काख़दा और याक़ब का ख़दा ह उसी न मझ तमहार पासभजा हrsquo यह अबद तक मरा नाम रहगा लोग यहीनाम ल कर मझ नसल-दर-नसल याद करग

16 अब जा और इसराईल क बज़गोर को जमा करकउन को बता द िक रब तमहार बापदादा इबराहीमइसहाक़ और याक़ब का ख़दा मझ पर ज़ािहर हआ हवह फ़रमाता ह lsquoम न ख़ब दख िलया ह िक िमसर मतमहार साथ कया सलक हो रहा ह 17 इस िलए म नफ़सला िकया ह िक तमह िमसर की मसीबत स िनकालकर कनआिनयो िहिततयो अमोिरयो फ़िरिज़ज़योिहिववयो और यबिसयो क मलक म ल जाऊ ऐसमलक म जहा दध और शहद की कसरत हrsquo 18 बज़गरतरी सनग िफर उन क साथ िमसर क बादशाह कपास जा कर उस स कहना lsquoरब इबरािनयो का ख़दाहम पर ज़ािहर हआ ह इस िलए हम इजाज़त द िकहम तीन िदन का सफ़र करक रिगसतान म रब अपनख़दा क िलए क़बारिनया चढ़ाएrsquo

19 लिकन मझ मालम ह िक िमसर का बादशाह िसफ़रइस सरत म तमह जान दगा िक कोई ज़बरदसती तमह

ख़रज 320ndash420 67ल जाए 20 इस िलए म अपनी क़दरत ज़ािहर करकअपन मोिजज़ो की मािरफ़त िमिसरयो को मारगािफर वह तमह जान दगा 21 उस वक़त म िमिसरयोक िदलो को तमहार िलए नमर कर दगा तमह ख़ालीहाथ नही जाना पड़गा 22 तमाम इबरानी औरत अपनीिमसरी पड़ोसनो और अपन घर म रहन वाली िमसरीऔरतो स चादी और सोन क ज़वरात और नफ़ीसकपड़ माग कर अपन बचचो को पहनाएगी य िमिसरयोको लट िलया जाएगाrdquo

4 1 मसा न एितराज़ िकया ldquoलिकन इसराईली नमरी बात का यक़ीन करग न मरी सनग वह

तो कहग lsquoरब तम पर ज़ािहर नही हआrsquordquo 2 जवाबम रब न मसा स कहा ldquoत न हाथ म कया पकड़ाहआ हrdquo मसा न कहा ldquoलाठीrdquo 3 रब न कहा ldquoउसज़मीन पर डाल दrdquo मसा न ऐसा िकया तो लाठी सापबन गई और मसा डर कर भागा 4 रब न कहा ldquoअबसाप की दम को पकड़ लrdquo मसा न ऐसा िकया तोसाप िफर लाठी बन गया

5 रब न कहा ldquoयह दख कर लोगो को यक़ीनआएगा िक रब जो उन क बापदादा का ख़दाइबराहीम का ख़दा इसहाक़ का ख़दा और याक़ब काख़दा ह तझ पर ज़ािहर हआ ह 6 अब अपना हाथअपन िलबास म डाल दrdquo मसा न ऐसा िकया जबउस न अपना हाथ िनकाला तो वह बफ़र की मािननदसफ़द हो गया था कोढ़ जसी बीमारी लग गई थी7 तब रब न कहा ldquoअब अपना हाथ दबारा अपनिलबास म डालrdquo मसा न ऐसा िकया जब उस नअपना हाथ दबारा िनकाला तो वह िफर सहतमनदथा

8 रब न कहा ldquoअगर लोगो को पहला मोिजज़ा दखकर यक़ीन न आए और वह तरी न सन तो शायदउनह दसरा मोिजज़ा दख कर यक़ीन आए 9 अगरउनह िफर भी यक़ीन न आए और वह तरी न सन तोदरया-ए-नील स कछ पानी िनकाल कर उस ख़शकज़मीन पर उडल द यह पानी ज़मीन पर िगरत ही ख़नबन जाएगाrdquo

10 लिकन मसा न कहा ldquoमर आक़ा म माज़रतचाहता ह म अचछी तरह बात नही कर सकताबिलक म कभी भी यह िलयाक़त नही रखता थाइस वक़त भी जब म तझ स बात कर रहा ह मरीयही हालत ह म रक रक कर बोलता हrdquo 11 रबन कहा ldquoिकस न इनसान का मह बनाया कौन एकको गगा और दसर को बहरा बना दता ह कौन एकको दखन की क़ािबिलयत दता ह और दसर को इसस महरम रखता ह कया म जो रब ह यह सब कछनही करता 12 अब जा तर बोलत वक़त म ख़दतर साथ हगा और तझ वह कछ िसखाऊगा जो तझकहना हrdquo

13 लिकन मसा न इिलतजा की ldquoमर आक़ामहरबानी करक िकसी और को भज दrdquo

14 तब रब मसा स सख़त ख़फ़ा हआ उस न कहाldquoकया तरा लावी भाई हारन ऐस काम क िलए हािज़रनही ह म जानता ह िक वह अचछी तरह बोलसकता ह दख वह तझ स िमलन क िलए िनकलचका ह तझ दख कर वह िनहायत ख़श होगा15 उस वह कछ बता जो उस कहना ह तमहार बोलतवक़त म तर और उस क साथ हगा और तमह वह कछिसखाऊगा जो तमह करना होगा 16 हारन तरी जगहक़ौम स बात करगा जबिक त मरी तरह उस वह कछबताएगा जो उस कहना ह 17 लिकन यह लाठी भीसाथ ल जाना कयिक इसी क ज़रीए त यह मोिजज़करगाrdquo

मसा िमसर को लौट जाता ह18 िफर मसा अपन ससर ियतरो क घर वापस चला

गया उस न कहा ldquoमझ ज़रा अपन अज़ीज़ो क पासवापस जान द जो िमसर म ह म मालम करना चाहताह िक वह अभी तक िज़नदा ह िक नहीrdquo ियतरो नजवाब िदया ldquoठीक ह सलामती स जाएrdquo 19 मसाअभी िमिदयान म था िक रब न उस स कहा ldquoिमसरको वापस चला जा कयिक जो आदमी तझ क़तलकरना चाहत थ वह मर गए हrdquo 20 चनाच मसा

68 ख़रज 421ndash511अपनी बीवी और बटो को गध पर सवार करक िमसरको लौटन लगा अललाह की लाठी उस क हाथ म थी

21 रब न उस स यह भी कहा ldquoिमसर जा करिफ़रऔन क सामन वह तमाम मोिजज़ िदखा िजनका म न तझ इख़ितयार िदया ह लिकन मर कहनपर वह अड़ा रहगा वह इसराईिलयो को जान कीइजाज़त नही दगा 22 उस वक़त िफ़रऔन को बतादना lsquoरब फ़रमाता ह िक इसराईल मरा पहलौठा ह23 म तझ बता चका ह िक मर बट को जान द तािकवह मरी इबादत कर अगर त मर बट को जान समना कर तो म तर पहलौठ को जान स मार दगाrsquordquo

24 एक िदन जब मसा अपन ख़ानदान क साथ रासतम िकसी सराय म ठहरा हआ था तो रब न उस परहमला करक उस मार दन की कोिशश की 25 यहदख कर सफ़फ़रा न एक तज़ पतथर स अपन बटका ख़तना िकया और काट हए िहसस स मसा क परछए उस न कहा ldquoयक़ीनन तम मर ख़नी दलहा होrdquo26 तब अललाह न मसा को छोड़ िदया सफ़फ़रा न उसख़तन क बाइस ही lsquoख़नी दलहाrsquo कहा था

27 रब न हारन स भी बात की ldquoरिगसतान म मसास िमलन जाrdquo हारन चल पड़ा और अललाह कपहाड़ क पास मसा स िमला उस न उस बोसा िदया28 मसा न हारन को सब कछ सना िदया जो रब नउस कहन क िलए भजा था उस न उस उन मोिजज़ोक बार म भी बताया जो उस िदखान थ

29 िफर दोनो िमल कर िमसर गए वहा पहच करउनहो न इसराईल क तमाम बज़गोर को जमा िकया30 हारन न उनह वह तमाम बात सनाई जो रब नमसा को बताई थी उस न मज़करा मोिजज़ भी लोगोक सामन िदखाए 31 िफर उनह यक़ीन आया औरजब उनहो न सना िक रब को तमहारा ख़याल ह औरवह तमहारी मसीबत स आगाह ह तो उनहो न रब कोिसजदा िकया

मसा और हारन िफ़रऔन क दरबार म

5 1 िफर मसा और हारन िफ़रऔन क पास गएउनहो न कहा ldquoरब इसराईल का ख़दा फ़रमाता

ह lsquoमरी क़ौम को रिगसतान म जान द तािक वहमर िलए ईद मनाएrsquordquo 2 िफ़रऔन न जवाब िदयाldquoयह रब कौन ह म कय उस का हकम मान करइसराईिलयो को जान द न म रब को जानता ह नइसराईिलयो को जान दगाrdquo

3 हारन और मसा न कहा ldquoइबरािनयो का ख़दाहम पर ज़ािहर हआ ह इस िलए महरबानी करकहम इजाज़त द िक रिगसतान म तीन िदन का सफ़रकरक रब अपन ख़दा क हज़र क़बारिनया पश करकही वह हम िकसी बीमारी या तलवार स न मारrdquo

4 लिकन िमसर क बादशाह न इनकार िकया ldquoमसाऔर हारन तम लोगो को काम स कय रोक रह होजाओ जो काम हम न तम को िदया ह उस पर लगजाओ 5 इसराईली वस भी तादाद म बहत बढ़ गएह और तम उनह काम करन स रोक रह होrdquo

जवाब म िफ़रऔन का सख़त दबाओ6 उसी िदन िफ़रऔन न िमसरी िनगरानो और उन क

तहत क इसराईली िनगरानो को हकम िदया 7 ldquoअबस इसराईिलयो को ईट बनान क िलए भसा मत दनाबिलक वह ख़द जा कर भसा जमा कर 8 तो भी वहउतनी ही ईट बनाए िजतनी पहल बनात थ वह ससतहो गए ह और इसी िलए चीख़ रह ह िक हम जान द तािक अपन ख़दा को क़बारिनया पश कर 9 उन सऔर ज़यादा सख़त काम कराओ उनह काम म लगाएरखो उन क पास इतना वक़त ही न हो िक वह झटीबातो पर धयान दrdquo

10 िमसरी िनगरान और उन क तहत क इसराईलीिनगरानो न लोगो क पास जा कर उन स कहाldquoिफ़रऔन का हकम ह िक तमह भसा न िदया जाए11 इस िलए ख़द जाओ और भसा ढड कर जमा करो

ख़रज 512ndash69 69लिकन ख़बरदार उतनी ही ईट बनाओ िजतनी पहलबनात थrdquo

12 यह सन कर इसराईली भसा जमा करन क िलएपर मलक म फल गए 13 िमसरी िनगरान यह कह करउन पर दबाओ डालत रह िक उतनी ईट बनाओिजतनी पहल बनात थ 14 जो इसराईली िनगरान उनहोन मक़ररर िकए थ उनह वह पीटत और कहत रहldquoतम न कल और आज उतनी ईट कय नही बनवाईिजतनी पहल बनवात थrdquo

15 िफर इसराईली िनगरान िफ़रऔन क पास गएउनहो न िशकायत करक कहा ldquoआप अपन ख़ािदमोक साथ ऐसा सलक कय कर रह ह 16 हम भसा नहीिदया जा रहा और साथ साथ यह कहा गया ह िकउतनी ईट बनाओ िजतनी पहल बनात थ नतीज महम मारा पीटा भी जा रहा ह हालािक ऐसा करन मआप क अपन लोग ग़लती पर हrdquo

17 िफ़रऔन न जवाब िदया ldquoतम लोग ससत होतम काम करना नही चाहत इस िलए तम यहजगह छोड़ना और रब को क़बारिनया पश करनाचाहत हो 18 अब जाओ काम करो तमह भसा नहीिदया जाएगा लिकन ख़बरदार उतनी ही ईट बनाओिजतनी पहल बनात थrdquo

19 जब इसराईली िनगरानो को बताया गया िक ईटोकी मतलबा तादाद कम न करो तो वह समझ गए िकहम फस गए ह 20 िफ़रऔन क महल स िनकल करउन की मलाक़ात मसा और हारन स हई जो उन कइिनतज़ार म थ 21 उनहो न मसा और हारन स कहाldquoरब ख़द आप की अदालत कर कयिक आप कसबब स िफ़रऔन और उस क मलािज़मो को हम सिघन आती ह आप न उनह हम मार दन का मौक़ा दिदया हrdquo

मसा की िशकायत और रब का जवाब22 यह सन कर मसा रब क पास वापस आया और

कहा ldquoऐ आक़ा त न इस क़ौम स ऐसा बरा सलककय िकया कया त न इसी मक़सद स मझ यहा भजाह 23 जब स म न िफ़रऔन क पास जा कर उसतरी मज़ीर बताई ह वह इसराईली क़ौम स बरा सलककर रहा ह और त न अब तक उनह बचान का कोईक़दम नही उठायाrdquo

6 1 रब न जवाब िदया ldquoअब त दखगा िक मिफ़रऔन क साथ कया कछ करता ह मरी

अज़ीम क़दरत का तजिरबा करक वह मर लोगो कोजान दगा बिलक उनह जान पर मजबर करगाrdquo

2 अललाह न मसा स यह भी कहा ldquoम रब ह 3 मइबराहीम इसहाक़ और याक़ब पर ज़ािहर हआ वहमर नाम अललाह क़ािदर-ए-मतलक़ iस वािक़फ़ हएलिकन म न उन पर अपन नाम रब jका इिनकशाफ़नही िकया 4 म न उन स अहद करक वादा िकयािक उनह मलक-ए-कनआन दगा िजस म वह अजनबीक तौर पर रहत थ 5 अब म न सना ह िक इसराईलीिकस तरह िमिसरयो की ग़लामी म कराह रह ह औरम न अपना अहद याद िकया ह 6 चनाच इसराईिलयोको बताना lsquoम रब ह म तमह िमिसरयो क जए सआज़ाद करगा और उन की ग़लामी स बचाऊगा मबड़ी क़दरत क साथ तमह छड़ाऊगा और उन कीअदालत करगा 7 म तमह अपनी क़ौम बनाऊगाऔर तमहारा ख़दा हगा तब तम जान लोग िक मरब तमहारा ख़दा ह िजस न तमह िमिसरयो क जएस आज़ाद कर िदया ह 8 म तमह उस मलक म लजाऊगा िजस का वादा म न क़सम खा कर इबराहीमइसहाक़ और याक़ब स िकया ह वह मलक तमहारीअपनी िमलिकयत होगा म रब हrsquordquo

9 मसा न यह सब कछ इसराईिलयो को बता िदयालिकन उनहो न उस की बात न मानी कयिक वह

iइबरानी म एल-शदईjइबरानी म यहव

70 ख़रज 610ndash77सख़त काम क बाइस िहममत हार गए थ 10 तब रबन मसा स कहा 11 ldquoजा िमसर क बादशाह िफ़रऔनको बता दना िक इसराईिलयो को अपन मलक स जानदrdquo 12 लिकन मसा न एितराज़ िकया ldquoइसराईली मरीबात सनना नही चाहत तो िफ़रऔन कय मरी बात मानजबिक म रक रक कर बोलता हrdquo

13 लिकन रब न मसा और हारन को हकम िदयाldquoइसराईिलयो और िमसर क बादशाह िफ़रऔन स बातकरक इसराईिलयो को िमसर स िनकालोrdquo

मसा और हारन क आबा-ओ-अजदाद14 इसराईल क आबाई घरानो क सरबराह यह थ

इसराईल क पहलौठ रिबन क चार बट हनक फ़ललहसरोन और कमीर थ इन स रिबन की चार शाख़िनकली

15 शमाऊन क पाच बट यमएल यमीन उहदयकीन सहर और साऊल थ (साऊल कनआनीऔरत का बचचा था) इन स शमाऊन की पाच शाख़िनकली

16 लावी क तीन बट जसोरन िक़हात और िमरारीथ (लावी 137 साल की उमर म फ़ौत हआ)

17 जसोरन क दो बट िलबनी और िसमई थ इन सजसोरन की दो शाख़ िनकली 18 िक़हात क चार बटअमराम इज़हार हबरन और उज़ज़ीएल थ (िक़हात133 साल की उमर म फ़ौत हआ) 19 िमरारी क दो बटमहली और मशी थ इन सब स लावी की मख़तिलफ़शाख़ िनकली

20 अमराम न अपनी फफी यकिबद स शादी की उनक दो बट हारन और मसा पदा हए (अमराम 137साल की उमर म फ़ौत हआ) 21 इज़हार क तीन बटक़ोरह नफ़ज और िज़करी थ 22 उज़ज़ीएल क तीनबट मीसाएल इलसफ़न और िसतरी थ

23 हारन न इलीिसबा स शादी की (इलीिसबाअममीनदाब की बटी और नहसोन की बहन थी)उन क चार बट नदब अबीह इलीअज़र और इतमरथ 24 क़ोरह क तीन बट अससीर इलक़ाना और

अिबयासफ़ थ उन स क़ोरिहयो की तीन शाख़िनकली 25 हारन क बट इलीअज़र न फ़तीएल कीएक बटी स शादी की उन का एक बटा फ़ीनहासथा

यह सब लावी क आबाई घरानो क सरबराह थ26 रब न अमराम क दो बटो हारन और मसा को

हकम िदया िक मरी क़ौम को उस क ख़ानदानो कीततीरब क मतािबक़ िमसर स िनकालो 27 इन ही दोआदिमयो न िमसर क बादशाह िफ़रऔन स बात कीिक इसराईिलयो को िमसर स जान द

रब दबारा मसा स हमकलाम होता ह28 िमसर म रब न मसा स कहा 29 ldquoम रब ह िमसर

क बादशाह को वह सब कछ बता दना जो म तझबताता हrdquo 30 मसा न एितराज़ िकया ldquoम तो रकरक कर बोलता ह िफ़रऔन िकस तरह मरी बातमानगाrdquo

7 1 लिकन रब न कहा ldquoदख मर कहन पर तिफ़रऔन क िलए अललाह की हिसयत रखगा

और तरा भाई हारन तरा पग़मबर होगा 2 जो भीहकम म तझ दगा उस त हारन को बता द िफर वहसब कछ िफ़रऔन को बताए तािक वह इसराईिलयोको अपन मलक स जान द 3 लिकन म िफ़रऔन कोअड़ जान दगा अगरच म िमसर म बहत स िनशानोऔर मोिजज़ो स अपनी क़दरत का मज़ाहरा करगा4 तो भी िफ़रऔन तमहारी नही सनगा तब िमिसरयोपर मरा हाथ भारी हो जाएगा और म उन को सख़तसज़ा द कर अपनी क़ौम इसराईल को ख़ानदानो कीततीरब क मतािबक़ िमसर स िनकाल लाऊगा 5 जबम िमसर क िख़लाफ़ अपनी क़दरत का इज़हार करकइसराईिलयो को वहा स िनकालगा तो िमसरी जान लगिक म रब हrdquo

6 मसा और हारन न सब कछ वसा ही िकया जसारब न उनह हकम िदया 7 िफ़रऔन स बात करत वक़तमसा 80 साल का और हारन 83 साल का था

ख़रज 78ndash85 71

मसा की लाठी साप बन जाती ह8 रब न मसा और हारन स कहा 9 ldquoजब िफ़रऔन

तमह मोिजज़ा िदखान को कहगा तो मसा हारन सकह िक अपनी लाठी ज़मीन पर डाल द इस पर वहसाप बन जाएगीrdquo

10 मसा और हारन न िफ़रऔन क पास जा करऐसा ही िकया हारन न अपनी लाठी िफ़रऔन औरउस क उहददारो क सामन डाल दी तो वह साप बनगई 11 यह दख कर िफ़रऔन न अपन आिलमो औरजादगरो को बलाया जादगरो न भी अपन जाद सऐसा ही िकया 12 हर एक न अपनी लाठी ज़मीन परफकी तो वह साप बन गई लिकन हारन की लाठीन उन की लािठयो को िनगल िलया

13 ताहम िफ़रऔन इस स मतअिससर न हआ उसन मसा और हारन की बात सनन स इनकार िकयावसा ही हआ जसा रब न कहा था

पानी ख़न म बदल जाता ह14 िफर रब न मसा स कहा ldquoिफ़रऔन अड़ गया

ह वह मरी क़ौम को िमसर छोड़न स रोकता ह15 कल सबह-सवर जब वह दरया-ए-नील पर आएगातो उस स िमलन क िलए दरया क िकनार पर खड़हो जाना उस लाठी को थाम रखना जो साप बनगई थी 16 जब वह वहा पहच तो उस स कहनाlsquoरब इबरािनयो क ख़दा न मझ आप को यह बतानक िलए भजा ह िक मरी क़ौम को मरी इबादत करनक िलए रिगसतान म जान द लिकन आप न अभीतक उस की नही सनी 17 चनाच अब आप जान लगिक वह रब ह म इस लाठी को जो मर हाथ म हल कर दरया-ए-नील क पानी को मारगा िफर वहख़न म बदल जाएगा 18 दरया-ए-नील की मछिलया मर जाएगी दरया स बदब उठगी और िमसरी दरयाका पानी नही पी सकगrsquordquo

19 रब न मसा स कहा ldquoहारन को बता दना िकवह अपनी लाठी ल कर अपना हाथ उन तमाम जगहो

की तरफ़ बढ़ाए जहा पानी जमा होता ह तब िमसरकी तमाम निदयो नहरो जोहड़ो और तालाबो कापानी ख़न म बदल जाएगा पर मलक म ख़न ही ख़नहोगा यहा तक िक लकड़ी और पतथर क बतरनो कापानी भी ख़न म बदल जाएगाrdquo

20 चनाच मसा और हारन न िफ़रऔन और उस कउहददारो क सामन अपनी लाठी उठा कर दरया-ए-नील क पानी पर मारी इस पर दरया का सारा पानीख़न म बदल गया 21 दरया की मछिलया मर गईऔर उस स इतनी बदब उठन लगी िक िमसरी उसका पानी न पी सक िमसर म चारो तरफ़ ख़न ही ख़नथा

22 लिकन जादगरो न भी अपन जाद क ज़रीए ऐसाही िकया इस िलए िफ़रऔन अड़ गया और मसाऔर हारन की बात न मानी वसा ही हआ जसा रबन कहा था 23 िफ़रऔन पलट कर अपन घर वापसचला गया उस उस की पवार नही थी जो मसा औरहारन न िकया था 24 लिकन िमसरी दरया स पानीन पी सक और उनहो न पीन का पानी हािसल करनक िलए दरया क िकनार िकनार गढ़ खोद 25 पानीक बदल जान क बाद सात िदन गज़र गए

मढ़क

8 1 िफर रब न मसा स कहा ldquoिफ़रऔन क पासजा कर उस बता दना िक रब फ़रमाता ह lsquoमरी

क़ौम को मरी इबादत करन क िलए जान द 2 वनारम पर िमसर को मढ़को स सज़ा दगा 3 दरया-ए-नीलमढ़को स इतना भर जाएगा िक वह दरया स िनकलकर तर महल तर सोन क कमर और तर िबसतर मजा घसग वह तर उहददारो और तरी रआया क घरोम आएग बिलक तर तनरो और आटा गधन क बतरनोम भी फदकत िफरग 4 मढ़क तझ पर तरी क़ौम परऔर तर उहददारो पर चढ़ जाएगrsquordquo

5 रब न मसा स कहा ldquoहारन को बता दना िकवह अपनी लाठी को हाथ म ल कर उस दरयाओनहरो और जोहड़ो क ऊपर उठाए तािक मढ़क बाहर

72 ख़रज 86ndash27िनकल कर िमसर क मलक म फल जाएrdquo 6 हारन नमलक-ए-िमसर क पानी क ऊपर अपनी लाठी उठाईतो मढ़को क ग़ोल पानी स िनकल कर पर मलक परछा गए 7 लिकन जादगरो न भी अपन जाद स ऐसाही िकया वह भी दरया स मढ़क िनकाल लाए

8 िफ़रऔन न मसा और हारन को बला कर कहाldquoरब स दआ करो िक वह मझ स और मरी क़ौम समढ़को को दर कर िफर म तमहारी क़ौम को जानदगा तािक वह रब को क़बारिनया पश करrdquo

9 मसा न जवाब िदया ldquoवह वक़त मक़ररर कर जबम आप क उहददारो और आप की क़ौम क िलएदआ कर िफर जो मढ़क आप क पास और आपक घरो म ह उसी वक़त ख़तम हो जाएग मढ़क िसफ़रदरया म पाए जाएगrdquo

10 िफ़रऔन न कहा ldquoठीक ह कल उनह ख़तमकरोrdquo मसा न कहा ldquoजसा आप कहत ह वसा हीहोगा इस तरह आप को मालम होगा िक हमार ख़दाकी मािननद कोई नही ह 11 मढ़क आप आप कघरो आप क उहददारो और आप की क़ौम को छोड़कर िसफ़र दरया म रह जाएगrdquo

12 मसा और हारन िफ़रऔन क पास स चल गएऔर मसा न रब स िमननत की िक वह मढ़को क वहग़ोल दर कर जो उस न िफ़रऔन क िख़लाफ़ भज थ13 रब न उस की दआ सनी घरो सहनो और खतोम मढ़क मर गए 14 लोगो न उनह जमा करक उन कढर लगा िदए उन की बदब पर मलक म फल गई

15 लिकन जब िफ़रऔन न दखा िक मसला हल होगया ह तो वह िफर अकड़ गया और उन की न सनीय रब की बात दरसत िनकली

जए 16 िफर रब न मसा स कहा ldquoहारन स कहना िक

वह अपनी लाठी स ज़मीन की गदर को मार जबवह ऐसा करगा तो पर िमसर की गदर जओ म बदलजाएगीrdquo

17 उनहो न ऐसा ही िकया हारन न अपनी लाठी सज़मीन की गदर को मारा तो पर मलक की गदर जओ मबदल गई उन क ग़ोल जानवरो और आदिमयो परछा गए 18 जादगरो न भी अपन जाद स ऐसा करनकी कोिशश की लिकन वह गदर स जए न बना सकजए आदिमयो और जानवरो पर छा गई 19 जादगरोन िफ़रऔन स कहा ldquoअललाह की क़दरत न यह िकयाहrdquo लिकन िफ़रऔन न उन की न सनी य रब कीबात दरसत िनकली

काटन वाली मिकखया 20 िफर रब न मसा स कहा ldquoजब िफ़रऔन सबह-

सवर दरया पर जाए तो त उस क रासत म खड़ा होजाना उस कहना िक रब फ़रमाता ह lsquoमरी क़ौम कोजान द तािक वह मरी इबादत कर सक 21 वनार मतर और तर उहददारो क पास तरी क़ौम क पास औरतर घरो म काटन वाली मिकखया भज दगा िमिसरयोक घर मिकखयो स भर जाएग बिलक िजस ज़मीनपर वह खड़ ह वह भी मिकखयो स ढाकी जाएगी22 लिकन उस वक़त म अपनी क़ौम क साथ जो जशनम रहती ह फ़क़र सलक करगा वहा एक भी काटनवाली मकखी नही होगी इस तरह तझ पता लगगािक इस मलक म म ही रब ह 23 म अपनी क़ौम औरतरी क़ौम म इिमतयाज़ करगा कल ही मरी क़दरतका इज़हार होगाrsquordquo

24 रब न ऐसा ही िकया काटन वाली मिकखयो कग़ोल िफ़रऔन क महल उस क उहददारो क घरोऔर पर िमसर म फल गए मलक का सतयानास होगया

25 िफर िफ़रऔन न मसा और हारन को बला करकहा ldquoचलो इसी मलक म अपन ख़दा को क़बारिनया पश करोrdquo 26 लिकन मसा न कहा ldquoयह मनािसबनही ह जो क़बारिनया हम रब अपन ख़दा को पशकरग वह िमिसरयो की नज़र म िघनौनी ह अगर हमयहा ऐसा कर तो कया वह हम सगसार नही करग27 इस िलए लािज़म ह िक हम तीन िदन का सफ़र

ख़रज 828ndash918 73करक रिगसतान म ही रब अपन ख़दा को क़बारिनया पश कर िजस तरह उस न हम हकम भी िदया हrdquo

28 िफ़रऔन न जवाब िदया ldquoठीक ह म तमह जान दगा तािक तम रिगसतान म रब अपन ख़दा कोक़बारिनया पश करो लिकन तमह ज़यादा दर नहीजाना ह और मर िलए भी दआ करनाrdquo

29 मसा न कहा ldquoठीक म जात ही रब सदआ करगा कल ही मिकखया िफ़रऔन उस कउहददारो और उस की क़ौम स दर हो जाएगी लिकनहम दबारा फ़रब न दना बिलक हम जान दना तािकहम रब को क़बारिनया पश कर सकrdquo

30 िफर मसा िफ़रऔन क पास स चला गया औररब स दआ की 31 रब न मसा की दआ सनीकाटन वाली मिकखया िफ़रऔन उस क उहददारोऔर उस की क़ौम स दर हो गई एक भी मकखी नरही 32 लिकन िफ़रऔन िफर अकड़ गया उस नइसराईिलयो को जान न िदया

मविशयो म वबा

9 1 िफर रब न मसा स कहा ldquoिफ़रऔन क पासजा कर उस बता िक रब इबरािनयो का ख़दा

फ़रमाता ह lsquoमरी क़ौम को जान द तािक वह मरीइबादत कर सकrsquo 2 अगर आप इनकार कर औरउनह रोकत रह 3 तो रब अपनी क़दरत का इज़हारकरक आप क मविशयो म भयानक वबा फला दगाजो आप क घोड़ो गधो ऊटो गाय-बलो भड़-बकिरयो और मढो म फल जाएगी 4 लिकन रबइसराईल और िमसर क मविशयो म इिमतयाज़ करगाइसराईिलयो का एक भी जानवर नही मरगा 5 रब नफ़सला कर िलया ह िक वह कल ही ऐसा करगाrdquo

6 अगल िदन रब न ऐसा ही िकया िमसर क तमाममवशी मर गए लिकन इसराईिलयो का एक भीजानवर न मरा 7 िफ़रऔन न कछ लोगो को उन कपास भज िदया तो पता चला िक एक भी जानवर नहीमरा ताहम िफ़रऔन अड़ा रहा उस न इसराईिलयोको जान न िदया

फोड़-फिसया 8 िफर रब न मसा और हारन स कहा ldquoअपनी

मिटठया िकसी भटटी की राख स भर कर िफ़रऔन कपास जाओ िफर मसा िफ़रऔन क सामन यह राखहवा म उड़ा द 9 यह राख बारीक धल का बादल बनजाएगी जो पर मलक पर छा जाएगा उस क असरस लोगो और जानवरो क िजसमो पर फोड़-फिसया फट िनकलगrdquo

10 मसा और हारन न ऐसा ही िकया वह िकसीभटटी स राख ल कर िफ़रऔन क सामन खड़ हो गएमसा न राख को हवा म उड़ा िदया तो इनसानो औरजानवरो क िजसमो पर फोड़-फिसया िनकल आए11 इस मतरबा जादगर मसा क सामन खड़ भी न होसक कयिक उन क िजसमो पर भी फोड़ िनकल आएथ तमाम िमिसरयो का यही हाल था 12 लिकन रबन िफ़रऔन को िज़ददी बनाए रखा इस िलए उस नमसा और हारन की न सनी य वसा ही हआ जसारब न मसा को बताया था

ओल13 इस क बाद रब न मसा स कहा ldquoसबह-सवर

उठ और िफ़रऔन क सामन खड़ हो कर उस बतािक रब इबरािनयो का ख़दा फ़रमाता ह lsquoमरी क़ौमको जान द तािक वह मरी इबादत कर सक 14 वनारम अपनी तमाम आफ़त तझ पर तर उहददारो परऔर तरी क़ौम पर आन दगा िफर त जान लगा िकतमाम दिनया म मझ जसा कोई नही ह 15 अगर मचाहता तो अपनी क़दरत स ऐसी वबा फला सकतािक तझ और तरी क़ौम को दिनया स िमटा िदयाजाता 16 लिकन म न तझ इस िलए बरपा िकया हिक तझ पर अपनी क़दरत का इज़हार कर औरय तमाम दिनया म मर नाम का परचार िकया जाए17 त अभी तक अपन आप को सरफ़राज़ करक मरीक़ौम क िख़लाफ़ ह और उनह जान नही दता 18 इसिलए कल म इसी वक़त भयानक िक़सम क ओलो का

74 ख़रज 919ndash106तफ़ान भज दगा िमसरी क़ौम की इिबतदा स ल करआज तक िमसर म ओलो का ऐसा तफ़ान कभी नहीआया होगा 19 अपन बनदो को अभी भजना तािकवह तर मविशयो को और खतो म पड़ तर माल कोला कर महफ़ज़ कर ल कयिक जो भी खल मदान मरहगा वह ओलो स मर जाएगा ख़वाह इनसान हो याहवानrsquordquo

20 िफ़रऔन क कछ उहददार रब का पग़ाम सन करडर गए और भाग कर अपन जानवरो और ग़लामोको घरो म ल आए 21 लिकन दसरो न रब क पग़ामकी पवार न की उन क जानवर और ग़लाम बाहरखल मदान म रह

22 रब न मसा स कहा ldquoअपना हाथ आसमान कीतरफ़ बढ़ा द िफर िमसर क तमाम इनसानो जानवरोऔर खतो क पौदो पर ओल पड़गrdquo 23 मसा नअपनी लाठी आसमान की तरफ़ उठाई तो रब नएक ज़बरदसत तफ़ान भज िदया ओल पड़ िबजलीिगरी और बादल गरजत रह 24 ओल पड़त रह औरिबजली चमकती रही िमसरी क़ौम की इिबतदा स लकर अब तक ऐस ख़तरनाक ओल कभी नही पड़ थ25 इनसानो स ल कर हवानो तक खतो म सब कछबबारद हो गया ओलो न खतो म तमाम पौद औरदरख़त भी तोड़ िदए 26 वह िसफ़र जशन क इलाक़ मन पड़ जहा इसराईली आबाद थ

27 तब िफ़रऔन न मसा और हारन को बलायाउस न कहा ldquoइस मतरबा म न गनाह िकया ह रबहक़ पर ह मझ स और मरी क़ौम स ग़लती हईह 28 ओल और अललाह की गरजती आवाज़ हद सज़यादा ह रब स दआ करो तािक ओल रक जाएअब म तमह जान दगा अब स तमह यहा रहना नहीपड़गाrdquo

29 मसा न िफ़रऔन स कहा ldquoम शहर स िनकलकर दोनो हाथ रब की तरफ़ उठा कर दआ करगािफर गरज और ओल रक जाएग और आप जान लगिक परी दिनया रब की ह 30 लिकन म जानता ह िक

आप और आप क उहददार अभी तक रब ख़दा काख़ौफ़ नही मानतrdquo

31 उस वक़त सन क फल िनकल चक थ और जौकी बाल लग गई थी इस िलए यह फ़सल तबाह होगई 32 लिकन गह और एक और िक़सम की गनदमजो बाद म पकती ह बबारद न हई

33 मसा िफ़रऔन को छोड़ कर शहर स िनकलाउस न रब की तरफ़ अपन हाथ उठाए तो गरज ओलऔर बािरश का तफ़ान रक गया 34 जब िफ़रऔन नदखा िक तफ़ान ख़तम हो गया ह तो वह और उस कउहददार दबारा गनाह करक अकड़ गए 35 िफ़रऔनअड़ा रहा और इसराईिलयो को जान न िदया वसा हीहआ जसा रब न मसा स कहा था

िटिडडया

10 1 िफर रब न मसा स कहा ldquoिफ़रऔन कपास जा कयिक म न उस का और उस

क दरबािरयो का िदल सख़त कर िदया ह तािक उनक दरिमयान अपन मोिजज़ो और अपनी क़दरत काइज़हार कर सक 2 और तम अपन बट-बिटयो औरपोत-पोितयो को सना सको िक म न िमिसरयो क साथकया सलक िकया ह और उन क दरिमयान िकस तरहक मोिजज़ करक अपनी क़दरत का इज़हार िकया हय तम जान लोग िक म रब हrdquo

3 मसा और हारन िफ़रऔन क पास गए उनहो नउस स कहा ldquoरब इबरािनयो क ख़दा का फ़रमान हlsquoत कब तक मर सामन हिथयार डालन स इनकारकरगा मरी क़ौम को मरी इबादत करन क िलएजान द 4 वनार म कल तर मलक म िटिडडया लाऊगा5 उन क ग़ोल ज़मीन पर य छा जाएग िक ज़मीन नज़रही नही आएगी जो कछ ओलो न तबाह नही िकयाउस वह चट कर जाएगी बच हए दरख़तो क पततभी ख़तम हो जाएग 6 तर महल तर उहददारो औरबाक़ी लोगो क घर उन स भर जाएग जब स िमसरीइस मलक म आबाद हए ह तम न कभी िटिडडयो का

ख़रज 107ndash26 75ऐसा सख़त हमला नही दखा होगाrsquordquo यह कह कर मसापलट कर वहा स चला गया

7 इस पर दरबािरयो न िफ़रऔन स बात की ldquoहमकब तक इस मदर क जाल म फस रह इसराईिलयोको रब अपन ख़दा की इबादत करन क िलए जान दकया आप को अभी तक मालम नही िक िमसर बबारदहो गया हrdquo

8 तब मसा और हारन को िफ़रऔन क पासबलाया गया उस न उन स कहा ldquoजाओ अपन ख़दाकी इबादत करो लिकन यह बताओ िक कौन कौनसाथ जाएगाrdquo 9 मसा न जवाब िदया ldquoहमार जवानऔर बढ़ साथ जाएग हम अपन बट-बिटयो भड़-बकिरयो और गाय-बलो को भी साथ ल कर जाएगहम सब क सब जाएग कयिक हम रब की ईद मनानीहrdquo

10 िफ़रऔन न तनज़न कहा ldquoठीक ह जाओ औररब तमहार साथ हो नही म िकस तरह तम सब कोबाल-बचचो समत जान द सकता ह तम न कोई बरामनसबा बनाया ह 11 नही िसफ़र मदर जा कर रब कीइबादत कर सकत ह तम न तो यही दरख़वासत कीथीrdquo तब मसा और हारन को िफ़रऔन क सामनस िनकाल िदया गया

12 िफर रब न मसा स कहा ldquoिमसर पर अपना हाथउठा तािक िटिडडया आ कर िमसर की सरज़मीन परफल जाए जो कछ भी खतो म ओलो स बच गयाह उस वह खा जाएगीrdquo

13 मसा न अपनी लाठी िमसर पर उठाई तो रब नमशिरक़ स आधी चलाई जो सारा िदन और सारी रातचलती रही और अगली सबह तक िमसर म िटिडडया पहचाई 14 बशमार िटिडडया पर मलक पर हमला करकहर जगह बठ गई इस स पहल या बाद म कभी भीिटिडडयो का इतना सख़त हमला न हआ था 15 उनहो नज़मीन को य ढाक िलया िक वह काली नज़र आनलगी जो कछ भी ओलो स बच गया था चाह खतोक पौद या दरख़तो क फल थ उनहो न खा िलया

िमसर म एक भी दरख़त या पौदा न रहा िजस क पततबच गए हो

16 तब िफ़रऔन न मसा और हारन को जलदी सबलवाया उस न कहा ldquoम न तमहार ख़दा का औरतमहारा गनाह िकया ह 17 अब एक और मतरबा मरागनाह मआफ़ करो और रब अपन ख़दा स दआ करोतािक मौत की यह हालत मझ स दर हो जाएrdquo

18 मसा न महल स िनकल कर रब स दआ की19 जवाब म रब न हवा का रख़ बदल िदया उस नमग़िरब स तज़ आधी चलाई िजस न िटिडडयो को उड़ाकर बहर-ए-क़लज़म म डाल िदया िमसर म एक भीिटडडी न रही 20 लिकन रब न होन िदया िक िफ़रऔनिफर अड़ गया उस न इसराईिलयो को जान न िदया

अधरा21 इस क बाद रब न मसा स कहा ldquoअपना

हाथ आसमान की तरफ़ उठा तो िमसर पर अधराछा जाएगा इतना अधरा होगा िक बनदा उस छसकगाrdquo 22 मसा न अपना हाथ आसमान की तरफ़उठाया तो तीन िदन तक िमसर पर गहरा अधरा छायारहा 23 तीन िदन तक लोग न एक दसर को दखसक न कही जा सक लिकन जहा इसराईली रहतथ वहा रौशनी थी

24 तब िफ़रऔन न मसा को िफर बलवाया औरकहा ldquoजाओ रब की इबादत करो तम अपन साथबाल-बचचो को भी ल जा सकत हो िसफ़र अपनी भड़-बकिरया और गाय-बल पीछ छोड़ दनाrdquo 25 मसा नजवाब िदया ldquoकया आप ही हम क़बारिनयो क िलएजानवर दग तािक उनह रब अपन ख़दा को पश कर26 यक़ीनन नही इस िलए लािज़म ह िक हम अपनजानवरो को साथ ल कर जाए एक खर भी पीछनही छोड़ा जाएगा कयिक अभी तक हम मालम नहीिक रब की इबादत क िलए िकन िकन जानवरो कीज़ररत होगी यह उस वक़त ही पता चलगा जब हममिनज़ल-ए-मक़सद पर पहचग इस िलए ज़ररी हिक हम सब को अपन साथ ल कर जाएrdquo

76 ख़रज 1027ndash121127 लिकन रब की मज़ीर क मतािबक़ िफ़रऔन अड़

गया उस न उनह जान न िदया 28 उस न मसा सकहा ldquoदफ़ा हो जा ख़बरदार िफर कभी अपनीशकल न िदखाना वनार तझ मौत क हवाल कर िदयाजाएगाrdquo 29 मसा न कहा ldquoठीक ह आप की मज़ीरम िफर कभी आप क सामन नही आऊगाrdquo

आिख़री सज़ा का एलान

11 1 तब रब न मसा स कहा ldquoअब म िफ़रऔनऔर िमसर पर आिख़री आफ़त लान को

ह इस क बाद वह तमह जान दगा बिलक तमहज़बरदसती िनकाल दगा 2 इसराईिलयो को बता दनािक हर मदर अपन पड़ोसी और हर औरत अपनीपड़ोसन स सोन-चादी की चीज़ माग लrdquo 3 (रब निमिसरयो क िदल इसराईिलयो की तरफ़ माइल करिदए थ वह िफ़रऔन क उहददारो समत ख़ासकरमसा की बड़ी इज़ज़त करत थ)

4 मसा न कहा ldquoरब फ़रमाता ह lsquoआज आधी रातक वक़त म िमसर म स गज़रगा 5 तब बादशाह कपहलौठ स ल कर चककी पीसन वाली नौकरानी कपहलौठ तक िमिसरयो का हर पहलौठा मर जाएगाचौपाइयो क पहलौठ भी मर जाएग 6 िमसर कीसरज़मीन पर ऐसा रोना पीटना होगा िक न माज़ी मकभी हआ न मसतक़िबल म कभी होगा 7 लिकनइसराईली और उन क जानवर बच रहग कतता भीउन पर नही भौकगा इस तरह तम जान लोग िकरब इसराईिलयो की िनसबत िमिसरयो स फ़क़र सलककरता हrsquordquo 8 मसा न यह कछ िफ़रऔन को बतायािफर कहा ldquoउस वक़त आप क तमाम उहददारआ कर मर सामन झक जाएग और िमननत करगlsquoअपन परोकारो क साथ चल जाएrsquo तब म चलाही जाऊगाrdquo यह कह कर मसा िफ़रऔन क पास सचला गया वह बड़ ग़सस म था

9 रब न मसा स कहा था ldquoिफ़रऔन तमहारी नहीसनगा कयिक लािज़म ह िक म िमसर म अपनी क़दरतका मज़ीद इज़हार करrdquo 10 गो मसा और हारन न

िफ़रऔन क सामन यह तमाम मोिजज़ िदखाए लिकनरब न िफ़रऔन को िज़ददी बनाए रखा इस िलए उसन इसराईिलयो को मलक छोड़न न िदया

फ़सह की ईद

12 1 िफर रब न िमसर म मसा और हारन सकहा 2 ldquoअब स यह महीना तमहार िलए

साल का पहला महीना होrdquo 3 इसराईल की परीजमाअत को बताना िक इस महीन क दसव िदनहर ख़ानदान का सरपरसत अपन घरान क िलए ललायानी भड़ या बकरी का बचचा हािसल कर 4 अगरघरान क अफ़राद परा जानवर खान क िलए कम होतो वह अपन सब स क़रीबी पड़ोसी क साथ िमलकर लला हािसल कर इतन लोग उस म स खाएिक सब क िलए काफ़ी हो और परा जानवर खायाजाए 5 इस क िलए एक साल का नर बचचा चन लनािजस म नक़स न हो वह भड़ या बकरी का बचचा होसकता ह

6 महीन क 14व िदन तक उस की दख-भाल करोउस िदन तमाम इसराईली सरज क ग़रब होत वक़तअपन लल ज़बह कर 7 हर ख़ानदान अपन जानवरका कछ ख़न जमा करक उस उस घर क दरवाज़की चौखट पर लगाए जहा लला खाया जाएगायह ख़न चौखट क ऊपर वाल िहसस और दाएबाए क बाज़ओ पर लगाया जाए 8 लािज़म ह िकलोग जानवर को भन कर उसी रात खाए साथही वह कड़वा साग-पात और बख़मीरी रोिटया भीखाए 9 लल का गोशत कचचा न खाना न उस पानीम उबालना बिलक पर जानवर को सर परो औरअनदरनी िहससो समत आग पर भनना 10 लािज़मह िक परा गोशत उसी रात खाया जाए अगर कछसबह तक बच जाए तो उस जलाना ह 11 खाना खातवक़त ऐसा िलबास पहनना जस तम सफ़र पर जा रहहो अपन जत पहन रखना और हाथ म सफ़र क िलएलाठी िलए हए तम उस जलदी जलदी खाना रब कफ़सह की ईद य मनाना

ख़रज 1212ndash33 7712 म आज रात िमसर म स गज़रगा और हर पहलौठ

को जान स मार दगा ख़वाह इनसान का हो या हवानका य म जो रब ह िमसर क तमाम दवताओ कीअदालत करगा 13 लिकन तमहार घरो पर लगाहआ ख़न तमहारा ख़ास िनशान होगा िजस िजसघर क दरवाज़ पर म वह ख़न दखगा उस छोड़ताजाऊगा जब म िमसर पर हमला करगा तो मोहिलकवबा तम तक नही पहचगी 14 आज की रात कोहमशा याद रखना इस नसल-दर-नसल और हर सालरब की ख़ास ईद क तौर पर मनाना

बख़मीरी रोटी की ईद15 सात िदन तक बख़मीरी रोटी खाना ह पहल िदन

अपन घरो स तमाम ख़मीर िनकाल दना अगर कोईइन सात िदनो क दौरान ख़मीर खाए तो उस क़ौम मस िमटाया जाए 16 इस ईद क पहल और आिख़रीिदन मक़ददस इजितमा मनअिक़द करना इन तमामिदनो क दौरान काम न करना िसफ़र एक काम कीइजाज़त ह और वह ह अपना खाना तययार करना17 बख़मीरी रोटी की ईद मनाना लािज़म ह कयिकउस िदन म तमहार मतअिददद ख़ानदानो को िमसर सिनकाल लाया इस िलए यह िदन नसल-दर-नसल हरसाल याद रखना 18 पहल महीन क 14व िदन कीशाम स ल कर 21व िदन की शाम तक िसफ़र बख़मीरीरोटी खाना 19 सात िदन तक तमहार घरो म ख़मीरन पाया जाए जो भी इस दौरान ख़मीर खाए उसइसराईल की जमाअत म स िमटाया जाए ख़वाह वहइसराईली शहरी हो या अजनबी 20 ग़रज़ इस ईद कदौरान ख़मीर न खाना जहा भी तम रहत हो वहा बख़मीरी रोटी ही खाना ह

पहलौठो की हलाकत21 िफर मसा न तमाम इसराईली बज़गोर को बला कर

उन स कहा ldquoजाओ अपन ख़ानदानो क िलए भड़या बकरी क बचच चन कर उनह फ़सह की ईद किलए ज़बह करो 22 ज़फ़ का गचछा ल कर उस ख़न

स भर हए बासन म डबो दना िफर उस ल कर ख़नको चौखट क ऊपर वाल िहसस और दाए बाए कबाज़ओ पर लगा दना सबह तक कोई अपन घर स निनकल 23 जब रब िमिसरयो को मार डालन क िलएमलक म स गज़रगा तो वह चौखट क ऊपर वालिहसस और दाए बाए क बाज़ओ पर लगा हआ ख़नदख कर उन घरो को छोड़ दगा वह हलाक करनवाल फ़िरशत को इजाज़त नही दगा िक वह तमहारघरो म जा कर तमह हलाक कर

24 तम अपनी औलाद समत हमशा इन िहदायातपर अमल करना 25 यह रसम उस वक़त भी अदाकरना जब तम उस मलक म पहचोग जो रब तमहदगा 26 और जब तमहार बचच तम स पछ िक हम यहईद कय मनात ह 27 तो उन स कहो lsquoयह फ़सह कीक़बारनी ह जो हम रब को पश करत ह कयिक जबरब िमिसरयो को हलाक कर रहा था तो उस न हमारघरो को छोड़ िदया थाrsquordquo

यह सन कर इसराईिलयो न अललाह को िसजदािकया 28 िफर उनहो न सब कछ वसा ही िकया जसारब न मसा और हारन को बताया था

29 आधी रात को रब न बादशाह क पहलौठ सल कर जल क क़दी क पहलौठ तक िमिसरयो कतमाम पहलौठो को जान स मार िदया चौपाइयो कपहलौठ भी मर गए 30 उस रात िमसर क हर घर मकोई न कोई मर गया िफ़रऔन उस क उहददारऔर िमसर क तमाम लोग जाग उठ और ज़ोर ज़ोर सरोन और चीख़न लग

इसराईिलयो की िहजरत31 अभी रात थी िक िफ़रऔन न मसा और हारन

को बला कर कहा ldquoअब तम और बाक़ी इसराईलीमरी क़ौम म स िनकल जाओ अपनी दरख़वासत कमतािबक़ रब की इबादत करो 32 िजस तरह तमचाहत हो अपनी भड़-बकिरयो को भी अपन साथ लजाओ और मझ भी बरकत दनाrdquo 33 बाक़ी िमिसरयो

78 ख़रज 1234ndash136न भी इसराईिलयो पर ज़ोर द कर कहा ldquoजलदी जलदीमलक स िनकल जाओ वनार हम सब मर जाएगrdquo

34 इसराईिलयो क गध हए आट म ख़मीर नही थाउनहो न उस गधन क बतरनो म रख कर अपन कपड़ोम लपट िलया और सफ़र करत वक़त अपन कधो पररख िलया 35 इसराईली मसा की िहदायत पर अमलकरक अपन िमसरी पड़ोिसयो क पास गए और उनस कपड़ और सोन-चादी की चीज़ मागी 36 रब निमिसरयो क िदलो को इसराईिलयो की तरफ़ माइलकर िदया था इस िलए उनहो न उन की हर दरख़वासतपरी की य इसराईिलयो न िमिसरयो को लट िलया

37 इसराईली रामसीस स रवाना हो कर सककात पहचगए औरतो और बचचो को छोड़ कर उन क 6 लाखमदर थ 38 वह अपन भड़-बकिरयो और गाय-बलो कबड़ बड़ रवड़ भी साथ ल गए बहत स ऐस लोग भीउन क साथ िनकल जो इसराईली नही थ 39 रासत मउनहो न उस बख़मीरी आट स रोिटया बनाई जो वहसाथ ल कर िनकल थ आट म इस िलए ख़मीर नहीथा िक उनह इतनी जलदी स िमसर स िनकाल िदयागया था िक खाना तययार करन का वक़त ही न िमलाथा

40 इसराईली 430 साल तक िमसर म रह थ 41 430साल क ऐन बाद उसी िदन रब क यह तमामख़ानदान िमसर स िनकल 42 उस ख़ास रात रब न ख़दपहरा िदया तािक इसराईली िमसर स िनकल सक इसिलए तमाम इसराईिलयो क िलए लािज़म ह िक वहनसल-दर-नसल इस रात रब की ताज़ीम म जागत रहवह भी और उन क बाद की औलाद भी

फ़सह की ईद की िहदायात43 रब न मसा और हारन स कहा ldquoफ़सह की ईद

क यह उसल ह िकसी भी परदसी को फ़सह की ईद का खाना खान

की इजाज़त नही ह 44 अगर तम न िकसी ग़लाम को

ख़रीद कर उस का ख़तना िकया ह तो वह फ़सह काखाना खा सकता ह 45 लिकन ग़रशहरी या मज़दरको फ़सह का खाना खान की इजाज़त नही ह 46 यहखाना एक ही घर क अनदर खाना ह न गोशत घर सबाहर ल जाना न लल की िकसी हडडी को तोड़ना47 लािज़म ह िक इसराईल की परी जमाअत यह ईदमनाए 48 अगर कोई परदसी तमहार साथ रहता हजो फ़सह की ईद म िशकर त करना चाह तो लािज़म हिक पहल उस क घरान क हर मदर का ख़तना िकयाजाए तब वह इसराईली की तरह खान म शरीक होसकता ह लिकन िजस का ख़तना न हआ उस फ़सहका खाना खान की इजाज़त नही ह 49 यही उसलहर एक पर लाग होगा ख़वाह वह इसराईली हो यापरदसीrdquo

50 तमाम इसराईिलयो न वसा ही िकया जसा रब नमसा और हारन स कहा था 51 उसी िदन रब तमामइसराईिलयो को ख़ानदानो की ततीरब क मतािबक़िमसर स िनकाल लाया

यह ईद नजात की याद िदलाती

13 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो क हरपहलौठ को मर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस

करना ह हर पहला नर बचचा मरा ही ह ख़वाह इनसानका हो या हवान काrdquo 3 िफर मसा न लोगो स कहाldquoइस िदन को याद रखो जब तम रब की अज़ीमक़दरत क बाइस िमसर की ग़लामी स िनकल इसिदन कोई चीज़ न खाना िजस म ख़मीर हो 4 आजही अबीब क महीन kम तम िमसर स रवाना हो रह हो5 रब न तमहार बापदादा स क़सम खा कर वादा िकयाह िक वह तम को कनआनी िहतती अमोरी िहववीऔर यबसी क़ौमो का मलक दगा एक ऐसा मलकिजस म दध और शहद की कसरत ह जब रब तमहउस मलक म पहचा दगा तो लािज़म ह िक तम इसीमहीन म यह रसम मनाओ 6 सात िदन बख़मीरी रोटी

kमाचर ता अपरल

ख़रज 137ndash144 79खाओ सातव िदन रब की ताज़ीम म ईद मनाओ7 सात िदन ख़मीरी रोटी न खाना कही भी ख़मीर नपाया जाए पर मलक म ख़मीर का नाम-ओ-िनशानतक न हो

8 उस िदन अपन बट स यह कहो lsquoम यह ईद उसकाम की ख़शी म मनाता ह जो रब न मर िलए िकयाजब म िमसर स िनकलाrsquo 9 यह ईद तमहार हाथ यापशानी पर िनशान की मािननद हो जो तमह याद िदलाएिक रब की शरीअत को तमहार होटो पर रहना हकयिक रब तमह अपनी अज़ीम क़दरत स िमसर सिनकाल लाया 10 इस िदन की याद हर साल ठीकवक़त पर मनाना

पहलौठो की मख़सिसयत11 रब तमह कनआिनयो क उस मलक म ल जाएगा

िजस का वादा उस न क़सम खा कर तम और तमहारबापदादा स िकया ह 12 लािज़म ह िक वहा पहचकर तम अपन तमाम पहलौठो को रब क िलएमख़सस करो तमहार मविशयो क तमाम पहलौठ भीरब की िमलिकयत ह 13 अगर तम अपना पहलौठागधा ख़द रखना चाहो तो रब को उस क बदलभड़ या बकरी का बचचा पश करो लिकन अगरतम उस रखना नही चाहत तो उस की गदरन तोड़डालो लिकन इनसान क पहलौठो क िलए हर सरतम इवज़ी दना ह

14 आन वाल िदनो म जब तमहारा बटा पछ िक इसका कया मतलब ह तो उस जवाब दना lsquoरब अपनीअज़ीम क़दरत स हम िमसर की ग़लामी स िनकाललाया 15 जब िफ़रऔन न अकड़ कर हम जान निदया तो रब न िमसर क तमाम इनसानो और हवानोक पहलौठो को मार डाला इस वजह स म अपनजानवरो का हर पहला बचचा रब को क़बारन करताऔर अपन हर पहलौठ क िलए इवज़ी दता हrsquo 16 यहदसतर तमहार हाथ और पशानी पर िनशान की मािननदहो जो तमह याद िदलाए िक रब हम अपनी क़दरतस िमसर स िनकाल लायाrdquo

िमसर स िनकलन का रासता17 जब िफ़रऔन न इसराईली क़ौम को जान िदया तो

अललाह उनह िफ़िलिसतयो क इलाक़ म स गज़रन वालरासत स ल कर न गया अगरच उस पर चलत हएवह जलद ही मलक-ए-कनआन पहच जात बिलकरब न कहा ldquoअगर उस रासत पर चलग तो उनहदसरो स लड़ना पड़गा ऐसा न हो िक वह इस वजहस अपना इरादा बदल कर िमसर लौट जाएrdquo 18 इसिलए अललाह उनह दसर रासत स ल कर गया औरवह रिगसतान क रासत स बहर-ए-क़लज़म की तरफ़बढ़ िमसर स िनकलत वक़त मदर मसललह थ 19 मसायसफ़ का ताबत भी अपन साथ ल गया कयिकयसफ़ न इसराईिलयो को क़सम िदला कर कहा थाldquoअललाह यक़ीनन तमहारी दख-भाल करक वहा लजाएगा उस वक़त मरी हिडडयो को भी उठा कर साथल जानाrdquo

20 इसराईिलयो न सककात को छोड़ कर एताम मअपन ख़म लगाए एताम रिगसतान क िकनार परथा 21 रब उन क आग आग चलता गया िदन कवक़त बादल क सतन म तािक उनह रासत का पतालग और रात क वक़त आग क सतन म तािक उनहरौशनी िमल य वह िदन और रात सफ़र कर सकतथ 22 िदन क वक़त बादल का सतन और रात कवक़त आग का सतन उन क सामन रहा वह कभीभी अपनी जगह स न हटा

इसराईल समनदर म स गज़रता ह

14 1 तब रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयोको कह दना िक वह पीछ मड़ कर िमजदाल

और समनदर क बीच यानी फ़ी-हख़ीरोत क नज़दीकरक जाए वह बाल-सफ़ोन क मक़ािबल सािहल परअपन ख़म लगाए 3 यह दख कर िफ़रऔन समझगािक इसराईली रासता भल कर आवारा िफर रह हऔर िक रिगसतान न चारो तरफ़ उनह घर रखाह 4 िफर म िफ़रऔन को दबारा अड़ जान दगा

80 ख़रज 145ndash25और वह इसराईिलयो का पीछा करगा लिकन मिफ़रऔन और उस की परी फ़ौज पर अपना जलालज़ािहर करगा िमसरी जान लग िक म ही रब हrdquoइसराईिलयो न ऐसा ही िकया

5 जब िमसर क बादशाह को इिततला दी गई िकइसराईली िहजरत कर गए ह तो उस न और उस कदरबािरयो न अपना ख़याल बदल कर कहा ldquoहम नकया िकया ह हम न उनह जान िदया ह और अबहम उन की िख़दमत स महरम हो गए हrdquo 6 चनाचबादशाह न अपना जगी रथ तययार करवाया औरअपनी फ़ौज को ल कर िनकला 7 वह 600 बहतरीनिक़सम क रथ और िमसर क बाक़ी तमाम रथो को साथल गया तमाम रथो पर अफ़सरान मक़ररर थ 8 रबन िमसर क बादशाह िफ़रऔन को दबारा अड़ जानिदया था इस िलए जब इसराईली बड़ इख़ितयार कसाथ िनकल रह थ तो वह उन का ताक़क़ब करनलगा 9 इसराईिलयो का पीछा करत करत िफ़रऔनक तमाम घोड़ रथ सवार और फ़ौजी उन क क़रीबपहच इसराईली बहर-ए-क़लज़म क सािहल पर बाल-सफ़ोन क मक़ािबल फ़ी-हख़ीरोत क नज़दीक ख़मलगा चक थ

10 जब इसराईिलयो न िफ़रऔन और उस की फ़ौजको अपनी तरफ़ बढ़त दखा तो वह सख़त घबरा गएऔर मदद क िलए रब क सामन चीख़न-िचललान लग11 उनहो न मसा स कहा ldquoकया िमसर म क़बरो की कमीथी िक आप हम रिगसतान म ल आए ह हम िमसरस िनकाल कर आप न हमार साथ कया िकया ह12 कया हम न िमसर म आप स दरख़वासत नही की थीिक महरबानी करक हम छोड़ द हम िमिसरयो कीिख़दमत करन द यहा आ कर रिगसतान म मर जानकी िनसबत बहतर होता िक हम िमिसरयो क ग़लामरहतrdquo

13 लिकन मसा न जवाब िदया ldquoमत घबराओआराम स खड़ रहो और दखो िक रब तमह आज िकसतरह बचाएगा आज क बाद तम इन िमिसरयो को

िफर कभी नही दखोग 14 रब तमहार िलए लड़गातमह बस चप रहना हrdquo

15 िफर रब न मसा स कहा ldquoत मर सामन कय चीख़ रहा ह इसराईिलयो को आग बढ़न का हकमद 16 अपनी लाठी को पकड़ कर उस समनदर कऊपर उठा तो वह दो िहससो म बट जाएगा इसराईलीख़शक ज़मीन पर समनदर म स गज़रग 17 म िमिसरयोको अड़ रहन दगा तािक वह इसराईिलयो का पीछाकर िफर म िफ़रऔन उस की सारी फ़ौज उस करथो और उस क सवारो पर अपना जलाल ज़ािहरकरगा 18 जब म िफ़रऔन उस क रथो और उसक सवारो पर अपना जलाल ज़ािहर करगा तो िमसरीजान लग िक म ही रब हrdquo

19 अललाह का फ़िरशता इसराईली लशकर क आगआग चल रहा था अब वह वहा स हट कर उन कपीछ खड़ा हो गया बादल का सतन भी लोगो कआग स हट कर उन क पीछ जा खड़ा हआ 20 इसतरह बादल िमिसरयो और इसराईिलयो क लशकरो कदरिमयान आ गया परी रात िमिसरयो की तरफ़ अधराही अधरा था जबिक इसराईिलयो की तरफ़ रौशनीथी इस िलए िमसरी परी रात क दौरान इसराईिलयोक क़रीब न आ सक

21 मसा न अपना हाथ समनदर क ऊपर उठाया तोरब न मशिरक़ स तज़ आधी चलाई आधी तमामरात चलती रही उस न समनदर को पीछ हटा करउस की तह ख़शक कर दी समनदर दो िहससो म बटगया 22 तो इसराईली समनदर म स ख़शक ज़मीन परचलत हए गज़र गए उन क दाई और बाई तरफ़ पानीदीवार की तरह खड़ा रहा

23 जब िमिसरयो को पता चला तो िफ़रऔन कतमाम घोड़ रथ और घड़सवार भी उन क पीछ पीछसमनदर म चल गए 24 सबह-सवर ही रब न बादलऔर आग क सतन स िमसर की फ़ौज पर िनगाह कीऔर उस म अबतरी पदा कर दी 25 उन क रथो कपिहए िनकल गए तो उन पर क़ाब पाना मिशकल होगया िमिसरयो न कहा ldquoआओ हम इसराईिलयो स

ख़रज 1426ndash1513 81भाग जाए कयिक रब उन क साथ ह वही िमसर कामक़ाबला कर रहा हrdquo

26 तब रब न मसा स कहा ldquoअपना हाथ समनदरक ऊपर उठा िफर पानी वापस आ कर िमिसरयो उनक रथो और घड़सवारो को डबो दगाrdquo 27 मसा नअपना हाथ समनदर क ऊपर उठाया तो िदन िनकलतवक़त पानी मामल क मतािबक़ बहन लगा और िजसतरफ़ िमसरी भाग रह थ वहा पानी ही पानी था य रबन उनह समनदर म बहा कर ग़क़र कर िदया 28 पानीवापस आ गया उस न रथो और घड़सवारो को ढाकिलया िफ़रऔन की परी फ़ौज जो इसराईिलयो काताक़क़ब कर रही थी डब कर तबाह हो गई उन मस एक भी न बचा 29 लिकन इसराईली ख़शक ज़मीनपर समनदर म स गज़र उन क दाई और बाई तरफ़पानी दीवार की तरह खड़ा रहा

30 उस िदन रब न इसराईिलयो को िमिसरयो सबचाया िमिसरयो की लाश उनह सािहल पर नज़रआई 31 जब इसराईिलयो न रब की यह अज़ीमक़दरत दखी जो उस न िमिसरयो पर ज़ािहर की थीतो रब का ख़ौफ़ उन पर छा गया वह उस पर औरउस क ख़ािदम मसा पर एितमाद करन लग

मसा का गीत

15 1 तब मसा और इसराईिलयो न रब क िलएयह गीत गाया

ldquoम रब की तमजीद म गीत गाऊगा कयिक वहिनहायत अज़ीम ह घोड़ और उस क सवार को उसन समनदर म पटख़ िदया ह

2 रब मरी क़ववत और मरा गीत ह वह मरी नजातबन गया ह वही मरा ख़दा ह और म उस की तारीफ़करगा वही मर बाप का ख़दा ह और म उस कीताज़ीम करगा

3 रब सरमा ह रब उस का नाम ह

4 िफ़रऔन क रथो और फ़ौज को उस न समनदर मपटख़ िदया तो बादशाह क बहतरीन अफ़सरान बहर-ए-क़लज़म म डब गए

5 गहर पानी न उनह ढाक िलया और वह पतथरकी तरह समनदर की तह तक उतर गए

6 ऐ रब तर दहन हाथ का जलाल बड़ी क़दरत सज़ािहर होता ह ऐ रब तरा दहना हाथ दशमन कोिचकनाचर कर दता ह

7 जो तर िख़लाफ़ उठ खड़ होत ह उनह त अपनीअज़मत का इज़हार करक ज़मीन पर पटख़ दता हतरा ग़ज़ब उन पर आन पड़ता ह तो वह आग म भसकी तरह जल जात ह

8 त न ग़सस म आ कर फक मारी तो पानी ढर कीसरत म जमा हो गया बहता पानी ठोस दीवार बनगया समनदर गहराई तक जम गया

9 दशमन न डीग मार कर कहा lsquoम उन का पीछाकरक उनह पकड़ लगा म उन का लटा हआ मालतक़सीम करगा मरी लालची जान उन स सर होजाएगी म अपनी तलवार खच कर उनह हलाककरगाrsquo

10 लिकन त न उन पर फक मारी तो समनदर न उनहढाक िलया और वह सीस की तरह ज़ोरदार मौजोम डब गए

11 ऐ रब कौन सा माबद तरी मािननद ह कौनतरी तरह जलाली और क़ददस ह कौन तरी तरहहरतअगज़ काम करता और अज़ीम मोिजज़ िदखाताह कोई भी नही

12 त न अपना दहना हाथ उठाया तो ज़मीन हमारदशमनो को िनगल गई

13 अपनी शफ़क़त स त न इवज़ाना द कर अपनीक़ौम को छटकारा िदया और उस की राहनमाईकी ह अपनी क़दरत स त न उस अपनी मक़ददससकनतगाह तक पहचाया ह

82 ख़रज 1514ndash16614 यह सन कर दीगर क़ौम काप उठी िफ़िलसती

डर क मार पच-ओ-ताब खान लग15 अदोम क रईस सहम गए मोआब क राहनमाओ

पर कपकपी तारी हो गई और कनआन क तमामबािशनद िहममत हार गए

16 दहशत और ख़ौफ़ उन पर छा गया तरी अज़ीमक़दरत क बाइस वह पतथर की तरह जम गए ऐरब वह न िहल जब तक तरी क़ौम गज़र न गईवह बिहसस-ओ-हरकत रह जब तक तरी ख़रीदी हईक़ौम गज़र न गई

17 ऐ रब त अपन लोगो को ल कर पौदो की तरहअपन मौरसी पहाड़ पर लगाएगा उस जगह पर जोत न अपनी सकनत क िलए चन ली ह जहा त नअपन हाथो स अपना मिक़दस तययार िकया ह

18 रब अबद तक बादशाह हrdquo

19 जब िफ़रऔन क घोड़ रथ और घड़सवारसमनदर म चल गए तो रब न उनह समनदर क पानीस ढाक िलया लिकन इसराईली ख़शक ज़मीन परसमनदर म स गज़र गए 20 तब हारन की बहनमिरयम जो निबया थी न दफ़ िलया और बाक़ी तमामऔरत भी दफ़ ल कर उस क पीछ हो ली सबगान और नाचन लगी मिरयम न यह गा कर उनकी राहनमाई की

21 ldquoरब की तमजीद म गीत गाओ कयिक वहिनहायत अज़ीम ह घोड़ और उस क सवार को उसन समनदर म पटख़ िदया हrdquo

मारा और एलीम क चशम22 मसा क कहन पर इसराईली बहर-ए-क़लज़म स

रवाना हो कर दशत-ए-शर म चल गए वहा वहतीन िदन तक सफ़र करत रह इस दौरान उनहपानी न िमला 23 आिख़रकार वह मारा पहच जहा पानी दसतयाब था लिकन वह कड़वा था इस िलएमक़ाम का नाम मारा यानी कड़वाहट पड़ गया24 यह दख कर लोग मसा क िख़लाफ़ बड़बड़ा कर

कहन लग ldquoहम कया िपएrdquo 25 मसा न मदद क िलएरब स इिलतजा की तो उस न उस लकड़ी का एकटकड़ा िदखाया जब मसा न यह लकड़ी पानी मडाली तो पानी की कड़वाहट ख़तम हो गई

मारा म रब न अपनी क़ौम को क़वानीन िदए वहा उस न उनह आज़माया भी 26 उस न कहा ldquoग़ौर सरब अपन ख़दा की आवाज़ सनो जो कछ उस कीनज़र म दरसत ह वही करो उस क अहकाम परधयान दो और उस की तमाम िहदायात पर अमलकरो िफर म तम पर वह बीमािरया नही लाऊगा जोिमिसरयो पर लाया था कयिक म रब ह जो तझ िशफ़ादता हrdquo 27 िफर इसराईली रवाना हो कर एलीम पहचजहा 12 चशम और खजर क 70 दरख़त थ वहा उनहो न पानी क क़रीब अपन ख़म लगाए

मन और बटर

16 1 इस क बाद इसराईल की परी जमाअतएलीम स सफ़र करक सीन क रिगसतान म

पहची जो एलीम और सीना क दरिमयान ह वह िमसरस िनकलन क बाद दसर महीन क 15व िदन पहच2 रिगसतान म तमाम लोग िफर मसा और हारन किख़लाफ़ बड़बड़ान लग 3 उनहो न कहा ldquoकाश रबहम िमसर म ही मार डालता वहा हम कम अज़ कमजी भर कर गोशत और रोटी तो खा सकत थ आपहम िसफ़र इस िलए रिगसतान म ल आए ह िक हमसब भक मर जाएrdquo

4 तब रब न मसा स कहा ldquoम आसमान स तमहारिलए रोटी बरसाऊगा हर रोज़ लोग बाहर जा करउसी िदन की ज़ररत क मतािबक़ खाना जमा करइस स म उनह आज़मा कर दखगा िक आया वह मरीसनत ह िक नही 5 हर रोज़ वह िसफ़र उतना खानाजमा कर िजतना िक एक िदन क िलए काफ़ी होलिकन छट िदन जब वह खाना तययार करग तो वहअगल िदन क िलए भी काफ़ी होगाrdquo

6 मसा और हारन न इसराईिलयो स कहा ldquoआजशाम को तम जान लोग िक रब ही तमह िमसर स

ख़रज 167ndash29 83िनकाल लाया ह 7 और कल सबह तम रब काजलाल दखोग उस न तमहारी िशकायत सन ली हकयिक असल म तम हमार िख़लाफ़ नही बिलक रबक िख़लाफ़ बड़बड़ा रह हो 8 िफर भी रब तम कोशाम क वक़त गोशत और सबह क वक़त वािफ़र रोटीदगा कयिक उस न तमहारी िशकायत सन ली हतमहारी िशकायत हमार िख़लाफ़ नही बिलक रब किख़लाफ़ हrdquo

9 मसा न हारन स कहा ldquoइसराईिलयो को बतानाlsquoरब क सामन हािज़र हो जाओ कयिक उस न तमहारीिशकायत सन ली हrsquordquo 10 जब हारन परी जमाअतक सामन बात करन लगा तो लोगो न पलट कररिगसतान की तरफ़ दखा वहा रब का जलाल बादलम ज़ािहर हआ 11 रब न मसा स कहा 12 ldquoम नइसराईिलयो की िशकायत सन ली ह उनह बताlsquoआज जब सरज ग़रब होन लगगा तो तम गोशतखाओग और कल सबह पट भर कर रोटी िफर तमजान लोग िक म रब तमहारा ख़दा हrsquordquo

13 उसी शाम बटरो क ग़ोल आए जो परी ख़मागाहपर छा गए और अगली सबह ख़म क चारो तरफ़ओस पड़ी थी 14 जब ओस सख गई तो बफ़र कगालो जस पतल दान पाल की तरह ज़मीन पर पड़थ 15 जब इसराईिलयो न उस दखा तो एक दसर सपछन लग ldquoमन हrdquo यानी ldquoयह कया हrdquo कयिकवह नही जानत थ िक यह कया चीज़ ह मसा न उनको समझाया ldquoयह वह रोटी ह जो रब न तमह खानक िलए दी ह 16 रब का हकम ह िक हर एक उतनाजमा कर िजतना उस क ख़ानदान को ज़ररत होअपन ख़ानदान क हर फ़दर क िलए दो िलटर जमाकरोrdquo

17 इसराईिलयो न ऐसा ही िकया बाज़ न ज़यादा औरबाज़ न कम जमा िकया 18 लिकन जब उस नापागया तो हर एक आदमी क िलए काफ़ी था िजसन ज़यादा जमा िकया था उस क पास कछ न बचालिकन िजस न कम जमा िकया था उस क पास भी

काफ़ी था 19 मसा न हकम िदया ldquoअगल िदन किलए खाना न बचानाrdquo

20 लिकन लोगो न मसा की बात न मानी बिलकबाज़ न खाना बचा िलया लिकन अगली सबह मालमहआ िक बच हए खान म कीड़ पड़ गए ह और उसस बहत बदब आ रही ह यह सन कर मसा उन सनाराज़ हआ

21 हर सबह हर कोई उतना जमा कर लता िजतनीउस ज़ररत होती थी जब धप तज़ होती तो जो कछज़मीन पर रह जाता वह िपघल कर ख़तम हो जाताथा

22 छट िदन जब लोग यह ख़राक जमा करत तो वहिमक़दार म दगनी होती थी यानी हर फ़दर क िलए चारिलटर जब जमाअत क बज़गोर न मसा क पास आकर उस इिततला दी 23 तो उस न उन स कहा ldquoरबका फ़रमान ह िक कल आराम का िदन ह मक़ददससबत का िदन जो अललाह की ताज़ीम म मनाना हआज तम जो तनर म पकाना चाहत हो पका लो औरजो उबालना चाहत हो उबाल लो जो बच जाए उसकल क िलए महफ़ज़ रखोrdquo

24 लोगो न मसा क हकम क मतािबक़ अगल िदनक िलए खाना महफ़ज़ कर िलया तो न खान स बदबआई न उस म कीड़ पड़ 25 मसा न कहा ldquoआजयही बचा हआ खाना खाओ कयिक आज सबत कािदन ह रब की ताज़ीम म आराम का िदन आजतमह रिगसतान म कछ नही िमलगा 26 छः िदन कदौरान यह ख़राक जमा करना ह लिकन सातवा िदनआराम का िदन ह उस िदन ज़मीन पर खान क िलएकछ नही होगाrdquo

27 तो भी कछ लोग हफ़त को खाना जमा करन किलए िनकल लिकन उनह कछ न िमला 28 तब रबन मसा स कहा ldquoतम लोग कब तक मर अहकामऔर िहदायात पर अमल करन स इनकार करोग29 दखो रब न तमहार िलए मक़ररर िकया ह िक सबतका िदन आराम का िदन ह इस िलए वह तमह जमएको दो िदन क िलए ख़राक दता ह हफ़त को सब को

84 ख़रज 1630ndash1714अपन ख़मो म रहना ह कोई भी अपन घर स बाहरन िनकलrdquo

30 चनाच लोग सबत क िदन आराम करत थ31 इसराईिलयो न इस ख़राक का नाम lsquoमनrsquo रखा

उस क दान धिनए की मािननद सफ़द थ और उसका ज़ाइक़ा शहद स बन कक की मािननद था

32 मसा न कहा ldquoरब फ़रमाता ह lsquoदो िलटर मनएक मतरबान म रख कर उस आन वाली नसलो किलए महफ़ज़ रखना िफर वह दख सकग िक म तमहकया खाना िखलाता रहा जब तमह िमसर स िनकाललायाrsquordquo 33 मसा न हारन स कहा ldquoएक मतरबानलो और उस दो िलटर मन स भर कर रब क सामनरखो तािक वह आन वाली नसलो क िलए महफ़ज़रहrdquo 34 हारन न ऐसा ही िकया उस न मन क इसमतरबान को अहद क सनदक़ क सामन रखा तािकवह महफ़ज़ रह

35 इसराईिलयो को 40 साल तक मन िमलता रहावह उस वक़त तक मन खात रह जब तक रिगसतान सिनकल कर कनआन की सरहद पर न पहच 36 (जोपमाना इसराईली मन क िलए इसतमाल करत थ वहदो िलटर का एक बतरन था िजस का नाम ओमर था)

चटान स पानी

17 1 िफर इसराईल की परी जमाअत सीन करिगसतान स िनकली रब िजस तरह हकम

दता रहा वह एक जगह स दसरी जगह सफ़र करतरह रफ़ीदीम म उनहो न ख़म लगाए वहा पीन किलए पानी न िमला 2 इस िलए वह मसा क साथ यहकह कर झगड़न लग ldquoहम पीन क िलए पानी दोrdquoमसा न जवाब िदया ldquoतम मझ स कय झगड़ रह होरब को कय आज़मा रह होrdquo 3 लिकन लोग बहतपयास थ वह मसा क िख़लाफ़ बड़बड़ान स बाज़ नआए बिलक कहा ldquoआप हम िमसर स कय लाए हकया इस िलए िक हम अपन बचचो और रवड़ो समतपयास मर जाएrdquo

4 तब मसा न रब क हज़र फ़यारद की ldquoम इन लोगोक साथ कया कर हालात ज़रा भी और िबगड़ जाएतो वह मझ सगसार कर दगrdquo 5 रब न मसा स कहाldquoकछ बज़गर साथ ल कर लोगो क आग आग चलवह लाठी भी साथ ल जा िजस स त न दरया-ए-नील को मारा था 6 म होिरब यानी सीना पहाड़ कीएक चटान पर तर सामन खड़ा हगा लाठी स चटानको मारना तो उस स पानी िनकलगा और लोग पीसकगrdquo

मसा न इसराईल क बज़गोर क सामन ऐसा ही िकया7 उस न उस जगह का नाम मससा और मरीबा यानीlsquoआज़माना और झगड़नाrsquo रखा कयिक वहा इसराईलीबड़बड़ाए और यह पछ कर रब को आज़माया िककया रब हमार दरिमयान ह िक नही

अमालीिक़यो की िशकसत8 रफ़ीदीम वह जगह भी थी जहा अमालीक़ी

इसराईिलयो स लड़न आए 9 मसा न यशअ स कहाldquoलड़न क क़ािबल आदिमयो को चन लो और िनकलकर अमालीिक़यो का मक़ाबला करो कल म अललाहकी लाठी पकड़ हए पहाड़ की चोटी पर खड़ा होजाऊगाrdquo

10 यशअ मसा की िहदायत क मतािबक़अमालीिक़यो स लड़न गया जबिक मसा हारनऔर हर पहाड़ की चोटी पर चढ़ गए 11 और यहआ िक जब मसा क हाथ उठाए हए थ तो इसराईलीजीतत रह और जब वह नीच थ तो अमालीक़ीजीतत रह 12 कछ दर क बाद मसा क बाज़ थकगए इस िलए हारन और हर एक चटान ल आएतािक वह उस पर बठ जाए िफर उनहो न उस कदाई और बाई तरफ़ खड़ हो कर उस क बाज़ओको ऊपर उठाए रखा सरज क ग़रब होन तकउनहो न य मसा की मदद की 13 इस तरह यशअ नअमालीिक़यो स लड़त लड़त उनह िशकसत दी

14 तब रब न मसा स कहा ldquoयह वािक़आ यादगारीक िलए िकताब म िलख ल लािज़म ह िक यह

ख़रज 1715ndash1820 85सब कछ यशअ की याद म रह कयिक म दिनयास अमालीिक़यो का नाम-ओ-िनशान िमटा दगाrdquo15 उस वक़त मसा न क़बारनगाह बना कर उस कानाम lsquoरब मरा झडा हrsquo रखा 16 उस न कहा ldquoरब कतख़त क िख़लाफ़ हाथ उठाया गया ह इस िलए रबकी अमालीिक़यो स हमशा तक जग रहगीrdquo

ियतरो स मलाक़ात

18 1 मसा का ससर ियतरो अब तक िमिदयानम इमाम था जब उस न सब कछ सना

जो अललाह न मसा और अपनी क़ौम क िलए िकयाह िक वह उनह िमसर स िनकाल लाया ह 2 तो वहमसा क पास आया वह उस की बीवी सफ़फ़रा कोअपन साथ लाया कयिक मसा न उस अपन बटोसमत मक भज िदया था 3 ियतरो मसा क दोनो बटोको भी साथ लाया पहल बट का नाम जसोरम यानीlsquoअजनबी मलक म परदसीrsquo था कयिक जब वह पदाहआ तो मसा न कहा था ldquoम अजनबी मलक मपरदसी हrdquo 4 दसर बट का नाम इलीअज़र यानी lsquoमराख़दा मददगार हrsquo था कयिक जब वह पदा हआ तोमसा न कहा था ldquoमर बाप क ख़दा न मरी मददकरक मझ िफ़रऔन की तलवार स बचाया हrdquo

5 ियतरो मसा की बीवी और बट साथ ल कर उसवक़त मसा क पास पहचा जब उस न रिगसतान मअललाह क पहाड़ यानी सीना क क़रीब ख़मा लगायाहआ था 6 उस न मसा को पग़ाम भजा था ldquoम आपका ससर ियतरो आप की बीवी और दो बटो को साथल कर आप क पास आ रहा हrdquo

7 मसा अपन ससर क इिसतक़बाल क िलए बाहरिनकला उस क सामन झका और उस बोसा िदयादोनो न एक दसर का हाल पछा िफर ख़म म चलगए 8 मसा न ियतरो को तफ़सील स बताया िक रबन इसराईिलयो की ख़ाितर िफ़रऔन और िमिसरयो कसाथ कया कछ िकया ह उस न रासत म पश आईतमाम मिशकलात का िज़कर भी िकया िक रब न हमिकस तरह उन स बचाया ह

9 ियतरो उन सार अचछ कामो क बार म सन करख़श हआ जो रब न इसराईिलयो क िलए िकए थ जबउस न उनह िमिसरयो क हाथ स बचाया था 10 उस नकहा ldquoरब की तमजीद हो िजस न आप को िमिसरयोऔर िफ़रऔन क क़बज़ स नजात िदलाई ह उसीन क़ौम को ग़लामी स छड़ाया ह 11 अब म न जानिलया ह िक रब तमाम माबदो स अज़ीम ह कयिकउस न यह सब कछ उन लोगो क साथ िकया िजनहोन अपन ग़रर म इसराईिलयो क साथ बरा सलकिकया थाrdquo 12 िफर ियतरो न अललाह को भसम होनवाली क़बारनी और दीगर कई क़बारिनया पश कीतब हारन और तमाम बज़गर मसा क ससर ियतरो कसाथ अललाह क हज़र खाना खान बठ

70 बज़गोर को मक़ररर िकया जाता ह13 अगल िदन मसा लोगो का इनसाफ़ करन क िलए

बठ गया उन की तादाद इतनी ज़यादा थी िक वहसबह स ल कर शाम तक मसा क सामन खड़ रह14 जब ियतरो न यह सब कछ दखा तो उस न पछाldquoयह कया ह जो आप लोगो क साथ कर रह हसारा िदन वह आप को घर रहत और आप उन कीअदालत करत रहत ह आप यह सब कछ अकलही कय कर रह हrdquo

15 मसा न जवाब िदया ldquoलोग मर पास आ करअललाह की मज़ीर मालम करत ह 16 जब कभी कोईतनाज़ो या झगड़ा होता ह तो दोनो पािटरया मर पासआती ह म फ़सला करक उनह अललाह क अहकामऔर िहदायात बताता हrdquo

17 मसा क ससर न उस स कहा ldquoआप का तरीक़ाअचछा नही ह 18 काम इतना वसी ह िक आप उसअकल नही सभाल सकत इस स आप और वहलोग जो आप क पास आत ह बरी तरह थक जातह 19 मरी बात सन म आप को एक मशवरा दता हअललाह उस म आप की मदद कर लािज़म ह िकआप अललाह क सामन क़ौम क नमाइनदा रह औरउन क मआमलात उस क सामन पश कर 20 यह

86 ख़रज 1821ndash1914भी ज़ररी ह िक आप उनह अललाह क अहकाम औरिहदायात िसखाए िक वह िकस तरह िज़नदगी गज़ारऔर कया कया कर 21 लिकन साथ साथ क़ौम म सक़ािबल-ए-एितमाद आदमी चन वह ऐस लोग हो जोअललाह का ख़ौफ़ मानत हो रासतिदल हो और िरशवतस नफ़रत करत हो उनह हज़ार हज़ार सौ सौ पचासपचास और दस दस आदिमयो पर मक़ररर कर 22 उनआदिमयो की िज़ममादारी यह होगी िक वह हर वक़तलोगो का इनसाफ़ कर अगर कोई बहत ही पचीदामआमला हो तो वह फ़सल क िलए आप क पासआए लिकन दीगर मआमलो का फ़सला वह ख़दकर य वह काम म आप का हाथ बटाएग और आपका बोझ हलका हो जाएगा

23 अगर मरा यह मशवरा अललाह की मज़ीर कमतािबक़ हो और आप ऐसा कर तो आप अपनीिज़ममादारी िनभा सकग और यह तमाम लोग इनसाफ़क िमलन पर सलामती क साथ अपन अपन घर जासकगrdquo

24 मसा न अपन ससर का मशवरा मान िलया औरऐसा ही िकया 25 उस न इसराईिलयो म स क़ािबल-ए-एितमाद आदमी चन और उनह हज़ार हज़ार सौसौ पचास पचास और दस दस आदिमयो पर मक़रररिकया 26 यह मदर क़ाज़ी बन कर मसतिक़ल तौर परलोगो का इनसाफ़ करन लग आसान मसलो काफ़सला वह ख़द करत और मिशकल मआमलो कोमसा क पास ल आत थ

27 कछ असर बाद मसा न अपन ससर को रख़सतिकया तो ियतरो अपन वतन वापस चला गया

कोह-ए-सीना

19 1 इसराईिलयो को िमसर स सफ़र करत हएदो महीन हो गए थ तीसर महीन क पहल

ही िदन वह सीना क रिगसतान म पहच 2 उस िदनवह रफ़ीदीम को छोड़ कर दशत-ए-सीना म आ पहचवहा उनहो न रिगसतान म पहाड़ क क़रीब डर डाल

3 तब मसा पहाड़ पर चढ़ कर अललाह क पास गयाअललाह न पहाड़ पर स मसा को पकार कर कहाldquoयाक़ब क घरान बनी इसराईल को बता 4 lsquoतम नदखा ह िक म न िमिसरयो क साथ कया कछ िकयाऔर िक म तम को उक़ाब क परो पर उठा कर यहा अपन पास लाया ह 5 चनाच अगर तम मरी सनो औरमर अहद क मतािबक़ चलो तो िफर तमाम क़ौमोम स मरी ख़ास िमलिकयत होग गो परी दिनयामरी ही ह 6 लिकन तम मर िलए मख़सस इमामो कीबादशाही और मक़ददस क़ौम होगrsquo अब जा कर यहसारी बात इसराईिलयो को बताrdquo

7 मसा न पहाड़ स उतर कर और क़ौम क बज़गोरको बला कर उनह वह तमाम बात बताई जो कहन किलए रब न उस हकम िदया था 8 जवाब म परी क़ौमन िमल कर कहा ldquoहम रब की हर बात परी करग जोउस न फ़रमाई हrdquo मसा न पहाड़ पर लौट कर रबको क़ौम का जवाब बताया 9 जब वह पहचा तो रबन मसा स कहा ldquoम घन बादल म तर पास आऊगातािक लोग मझ तझ स हमकलाम होत हए सन िफरवह हमशा तझ पर भरोसा रखगrdquo तब मसा न रबको वह तमाम बात बताई जो लोगो न की थी

10 रब न मसा स कहा ldquoअब लोगो क पास लौटकर आज और कल उनह मर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस कर वह अपन िलबास धो कर 11 तीसर िदनक िलए तययार हो जाए कयिक उस िदन रब लोगो कदखत दखत कोह-ए-सीना पर उतरगा 12 लोगो कीिहफ़ाज़त क िलए चारो तरफ़ पहाड़ की हदद मक़रररकर उनह ख़बरदार कर िक हदद को पार न करोन पहाड़ पर चढ़ो न उस क दामन को छओ जो भीउस छए वह ज़रर मारा जाए 13 और उस हाथ स छकर नही मारना ह बिलक पतथरो या तीरो स ख़वाहइनसान हो या हवान वह िज़नदा नही रह सकता जबतक नरिसगा दर तक फका न जाए उस वक़त तकलोगो को पहाड़ पर चढ़न की इजाज़त नही हrdquo

14 मसा न पहाड़ स उतर कर लोगो को अललाहक िलए मख़सस-ओ-मक़ददस िकया उनहो न अपन

ख़रज 1915ndash2016 87िलबास भी धोए 15 उस न उन स कहा ldquoतीसर िदनक िलए तययार हो जाओ मदर औरतो स हमिबसतरन होrdquo

16 तीसर िदन सबह पहाड़ पर घना बादल छागया िबजली चमकन लगी बादल गरजन लगाऔर नरिसग की िनहायत ज़ोरदार आवाज़ सनाई दीख़मागाह म लोग लरज़ उठ 17 तब मसा लोगो कोअललाह स िमलन क िलए ख़मागाह स बाहर पहाड़की तरफ़ ल गया और वह पहाड़ क दामन म खड़हए 18 सीना पहाड़ धए स ढका हआ था कयिक रबआग म उस पर उतर आया पहाड़ स धआ इस तरहउठ रहा था जस िकसी भटट स उठता ह परा पहाड़िशददत स लरज़न लगा 19 नरिसग की आवाज़ तज़स तज़तर होती गई मसा बोलन लगा और अललाहउस ऊची आवाज़ म जवाब दता रहा

20 रब सीना पहाड़ की चोटी पर उतरा और मसा कोऊपर आन क िलए कहा मसा ऊपर चढ़ा 21 रबन मसा स कहा ldquoफ़ौरन नीच उतर कर लोगो कोख़बरदार कर िक वह मझ दखन क िलए पहाड़ कीहदद म ज़बरदसती दािख़ल न हो अगर वह ऐसा करतो बहत स हलाक हो जाएग 22 इमाम भी जो रबक हज़र आत ह अपन आप को मख़सस-ओ-मक़ददसकर वनार मरा ग़ज़ब उन पर टट पड़गाrdquo

23 लिकन मसा न रब स कहा ldquoलोग पहाड़ पर नहीआ सकत कयिक त न ख़द ही हम ख़बरदार िकयािक हम पहाड़ की हदद मक़ररर करक उस मख़सस-ओ-मक़ददस करrdquo

24 रब न जवाब िदया ldquoतो भी उतर जा और हारनको साथ ल कर वापस आ लिकन इमामो औरलोगो को मत आन द अगर वह ज़बरदसती मर पासआए तो मरा ग़ज़ब उन पर टट पड़गाrdquo

25 मसा न लोगो क पास उतर कर उनह यह बातबता दी

दस अहकाम

20 1 तब अललाह न यह तमाम बात फ़रमाई2 ldquoम रब तरा ख़दा ह जो तझ मलक-ए-िमसर

की ग़लामी स िनकाल लाया 3 मर िसवा िकसी औरमाबद की परिसतश न करना 4 अपन िलए बत नबनाना िकसी भी चीज़ की मरत न बनाना चाह वहआसमान म ज़मीन पर या समनदर म हो 5 न बतो कीपरिसतश न उन की िख़दमत करना कयिक म तरारब ग़यर ख़दा ह जो मझ स नफ़रत करत ह उनह मतीसरी और चौथी पशत तक सज़ा दगा 6 लिकन जोमझ स महबबत रखत और मर अहकाम पर करत हउन पर म हज़ार पशतो तक महरबानी करगा

7 रब अपन ख़दा का नाम बमक़सद या ग़लत मक़सदक िलए इसतमाल न करना जो भी ऐसा करता ह उसरब सज़ा िदए बग़र नही छोड़गा

8 सबत क िदन का ख़याल रखना उस इस तरहमनाना िक वह मख़सस-ओ-मक़ददस हो 9 हफ़त कपहल छः िदन अपना काम-काज कर 10 लिकनसातवा िदन रब तर ख़दा का आराम का िदन हउस िदन िकसी तरह का काम न करना न त न तराबटा न तरी बटी न तरा नौकर न तरी नौकरानी औरन तर मवशी जो परदसी तर दरिमयान रहता ह वहभी काम न कर 11 कयिक रब न पहल छः िदन मआसमान-ओ-ज़मीन समनदर और जो कछ उन म हबनाया लिकन सातव िदन आराम िकया इस िलएरब न सबत क िदन को बरकत द कर मक़ररर िकयािक वह मख़सस और मक़ददस हो

12 अपन बाप और अपनी मा की इज़ज़त करनािफर त उस मलक म जो रब तरा ख़दा तझ दन वालाह दर तक जीता रहगा

13 क़तल न करना14 िज़ना न करना15 चोरी न करना16 अपन पड़ोसी क बार म झटी गवाही न दना

88 ख़रज 2017ndash21917 अपन पड़ोसी क घर का लालच न करना न

उस की बीवी का न उस क नौकर का न उस कीनौकरानी का न उस क बल और न उस क गध काबिलक उस की िकसी भी चीज़ का लालच न करनाrdquo

लोग घबरा जात ह18 जब बाक़ी तमाम लोगो न बादल की गरज और

नरिसग की आवाज़ सनी और िबजली की चमक औरपहाड़ स उठत हए धए को दखा तो वह ख़ौफ़ क मारकापन लग और पहाड़ स दर खड़ हो गए 19 उनहोन मसा स कहा ldquoआप ही हम स बात कर तो हमसनग लिकन अललाह को हम स बात न करन द वनारहम मर जाएगrdquo

20 लिकन मसा न उन स कहा ldquoमत डरो कयिकरब तमह जाचन क िलए आया ह तािक उस का ख़ौफ़तमहारी आखो क सामन रह और तम गनाह न करोrdquo21 लोग दर ही रह जबिक मसा उस गहरी तारीकी कक़रीब गया जहा अललाह था

22 तब रब न मसा स कहा ldquoइसराईिलयो को बताlsquoतम न ख़द दखा िक म न आसमान पर स तमहारसाथ बात की ह 23 चनाच मरी परिसतश क साथसाथ अपन िलए सोन या चादी क बत न बनाओ24 मर िलए िमटटी की क़बारनगाह बना कर उस परअपनी भड़-बकिरयो और गाय-बलो की भसम होनवाली और सलामती की क़बारिनया चढ़ाना म तझवह जगह िदखाऊगा जहा मर नाम की ताज़ीम मक़बारिनया पश करनी ह ऐसी तमाम जगहो पर मतर पास आ कर तझ बरकत दगा

25 अगर त मर िलए क़बारनगाह बनान की ख़ाितरपतथर इसतमाल करना चाह तो तराश हए पतथरइसतमाल न करना कयिक त तराशन क िलएइसतमाल होन वाल औज़ार स उस की बहरमतीकरगा 26 क़बारनगाह को सीिढ़यो क बग़र बनानाह तािक उस पर चढ़न स तर िलबास क नीच स तरानगापन नज़र न आएrsquo

21 1 इसराईिलयो को यह अहकाम बता

इबरानी ग़लाम क हक़क़2 lsquoअगर त इबरानी ग़लाम ख़रीद तो वह

छः साल तरा ग़लाम रह इस क बाद लािज़म ह िकउस आज़ाद कर िदया जाए आज़ाद होन क िलएउस पस दन की ज़ररत नही होगी

3 अगर ग़लाम ग़रशादीशदा हालत म मािलक कघर आया हो तो वह आज़ाद हो कर अकला हीचला जाए अगर वह शादीशदा हालत म आया होतो लािज़म ह िक वह अपनी बीवी समत आज़ादहो कर जाए 4 अगर मािलक न ग़लाम की शादीकराई और बचच पदा हए ह तो उस की बीवी औरबचच मािलक की िमलिकयत होग छः साल क बादजब ग़लाम आज़ाद हो कर जाए तो उस की बीवीऔर बचच मािलक ही क पास रह

5 अगर ग़लाम कह ldquoम अपन मािलक और अपनबीवी बचचो स महबबत रखता ह म आज़ाद नहीहोना चाहताrdquo 6 तो ग़लाम का मािलक उस अललाहक सामन लाए वह उस दरवाज़ या उस की चौखटक पास ल जाए और सताली यानी तज़ औज़ार सउस क कान की लौ छद द तब वह िज़नदगी भरउस का ग़लाम बना रहगा

7 अगर कोई अपनी बटी को ग़लामी म बच डाल तोउस क िलए आज़ादी िमलन की शराइत मदर स फ़क़रह 8 अगर उस क मािलक न उस मनतख़ब िकयािक वह उस की बीवी बन जाए लिकन बाद म वहउस पसनद न आए तो लािज़म ह िक वह मनािसबमआवज़ा ल कर उस उस क िरशतदारो को वापसकर द उस औरत को ग़रमिलकयो क हाथ बचनका इख़ितयार नही ह कयिक उस न उस क साथबवफ़ा सलक िकया ह

9 अगर लौडी का मािलक उस की अपन बट कसाथ शादी कराए तो औरत को बटी क हक़क़हािसल होग

ख़रज 2110ndash30 8910 अगर मािलक न उस स शादी करक बाद म

दसरी औरत स भी शादी की तो लािज़म ह िक वहपहली को भी खाना और कपड़ दता रह इस कइलावा उस क साथ हमिबसतर होन का फ़ज़र भीअदा करना ह 11 अगर वह यह तीन फ़राइज़ अदान कर तो उस औरत को आज़ाद करना पड़गा इससरत म उस मफ़त आज़ाद करना होगा

ज़ख़मी करन की सज़ा12 जो िकसी को जान-बझ कर इतना सख़त मारता

हो िक वह मर जाए तो उस ज़रर सज़ा-ए-मौत दनाह 13 लिकन अगर उस न उस जान-बझ कर न माराबिलक यह इिततफ़ाक़ स हआ और अललाह न यह होनिदया तो मारन वाला एक ऐसी जगह पनाह ल सकताह जो म मक़ररर करगा वहा उस क़तल िकए जानकी इजाज़त नही होगी 14 लिकन जो दीदा-दािनसताऔर चालाकी स िकसी को मार डालता ह उस मरीक़बारनगाह स भी छीन कर सज़ा-ए-मौत दना ह

15 जो अपन बाप या अपनी मा को मारता पीटताह उस सज़ा-ए-मौत दी जाए

16 िजस न िकसी को अग़वा कर िलया ह उस सज़ा-ए-मौत दी जाए चाह वह उस ग़लाम बना कर बचचका हो या उस अब तक अपन पास रखा हआ हो

17 जो अपन बाप या मा पर लानत कर उस सज़ा-ए-मौत दी जाए

18 हो सकता ह िक आदमी झगड़ और एक शख़सदसर को पतथर या मकक स इतना ज़ख़मी कर द िकगो वह बच जाए वह िबसतर स उठ न सकता हो19 अगर बाद म मरीज़ यहा तक िशफ़ा पाए िक दबाराउठ कर लाठी क सहार चल िफर सक तो चोटपहचान वाल को सज़ा नही िमलगी उस िसफ़र उसवक़त क िलए मआवज़ा दना पड़गा जब तक मरीज़पस न कमा सक साथ ही उस उस का परा इलाजकरवाना ह

20 जो अपन ग़लाम या लौडी को लाठी स य मारिक वह मर जाए उस सज़ा दी जाए 21 लिकन अगर

ग़लाम या लौडी िपटाई क बाद एक या दो िदन िज़नदारह तो मािलक को सज़ा न दी जाए कयिक जो रक़मउस न उस क िलए दी थी उस का नक़सान उस ख़दउठाना पड़गा

22 हो सकता ह िक लोग आपस म लड़ रह होऔर लड़त लड़त िकसी हािमला औरत स य टकराजाए िक उस का बचचा ज़ाए हो जाए अगर कोई औरनक़सान न हआ हो तो ज़बर पहचान वाल को जमारनादना पड़गा औरत का शौहर यह जमारना मक़ररर करऔर अदालत म इस की तसदीक़ हो

23 लिकन अगर उस औरत को और नक़सान भीपहचा हो तो िफर ज़बर पहचान वाल को इस उसलक मतािबक़ सज़ा दी जाए िक जान क बदल जान24 आख क बदल आख दात क बदल दात हाथ कबदल हाथ पाओ क बदल पाओ 25 जलन क ज़ख़मक बदल जलन का ज़ख़म मार क बदल मार काटक बदल काट

26 अगर कोई मािलक अपन ग़लाम की आख पर य मार िक वह ज़ाए हो जाए तो उस ग़लाम को आख कबदल आज़ाद करना पड़गा चाह ग़लाम मदर हो याऔरत 27 अगर मािलक क पीटन स ग़लाम का दातटट जाए तो उस ग़लाम को दात क बदल आज़ादकरना पड़गा चाह ग़लाम मदर हो या औरत

नक़सान का मआवज़ा28 अगर कोई बल िकसी मदर या औरत को ऐसा मार

िक वह मर जाए तो उस बल को सगसार िकया जाएउस का गोशत खान की इजाज़त नही ह इस सरतम बल क मािलक को सज़ा न दी जाए 29 लिकन होसकता ह िक मािलक को पहल आगाह िकया गयाथा िक बल लोगो को मारता ह तो भी उस न बल कोखला छोड़ा था िजस क नतीज म उस न िकसी कोमार डाला ऐसी सरत म न िसफ़र बल को बिलक उसक मािलक को भी सगसार करना ह 30 लिकन अगरफ़सला िकया जाए िक वह अपनी जान का िफ़दया द

90 ख़रज 2131ndash229तो िजतना मआवज़ा भी मक़ररर िकया जाए उस दनापड़गा

31 सज़ा म कोई फ़क़र नही ह चाह बट को माराजाए या बटी को 32 लिकन अगर बल िकसी ग़लामया लौडी को मार द तो उस का मािलक ग़लामक मािलक को चादी क 30 िसकक द और बल कोसगसार िकया जाए

33 हो सकता ह िक िकसी न अपन हौज़ को खलारहन िदया या हौज़ बनान क िलए गढ़ा खोद कर उसखला रहन िदया और कोई बल या गधा उस म िगरकर मर गया 34 ऐसी सरत म हौज़ का मािलक मदारजानवर क िलए पस द वह जानवर क मािलक कोउस की परी क़ीमत अदा कर और मदार जानवर ख़दल ल

35 अगर िकसी का बल िकसी दसर क बल कोऐस मार िक वह मर जाए तो दोनो मािलक िज़नदाबल को बच कर उस क पस आपस म बराबर बाटल इसी तरह वह मदार बल को भी बराबर तक़सीमकर 36 लिकन हो सकता ह िक मािलक को मालमथा िक मरा बल दसर जानवरो पर हमला करता ह इसक बावजद उस न उस आज़ाद छोड़ िदया था ऐसीसरत म उस मदार बल क इवज़ उस क मािलक कोनया बल दना पड़गा और वह मदार बल ख़द ल ल

िमलिकयत की िहफ़ाज़त

22 1 िजस न कोई बल या भड़ चोरी करक उसज़बह िकया या बच डाला ह उस हर चोरी

क बल क इवज़ पाच बल और हर चोरी की भड़ कइवज़ चार भड़ वापस करना ह

2 हो सकता ह िक कोई चोर नक़ब लगा रहा होऔर लोग उस पकड़ कर यहा तक मारत पीटत रहिक वह मर जाए अगर रात क वक़त ऐसा हआ होतो वह उस क ख़न क िज़ममादार नही ठहर सकत3 लिकन अगर सरज क तल होन क बाद ऐसा हआहो तो िजस न उस मारा वह क़ाितल ठहरगा

चोर को हर चराई हई चीज़ का इवज़ाना दना हअगर उस क पास दन क िलए कछ न हो तो उसग़लाम बना कर बचना ह जो पस उस बचन क इवज़िमल वह चराई हई चीज़ो क बदल म िदए जाए

4 अगर चोरी का जानवर चोर क पास िज़नदा पायाजाए तो उस हर जानवर क इवज़ दो दन पड़ग चाहवह बल भड़ बकरी या गधा हो

5 हो सकता ह िक कोई अपन मवशी को अपन खतया अगर क बाग़ म छोड़ कर चरन द और होत होतवह िकसी दसर क खत या अगर क बाग़ म जा करचरन लग ऐसी सरत म लािज़म ह िक मवशी कामािलक नक़सान क इवज़ अपन अगर क बाग़ औरखत की बहतरीन पदावार म स द

6 हो सकता ह िक िकसी न आग जलाई हो औरवह काटदार झािड़यो क ज़रीए पड़ोसी क खत तकफल कर उस क अनाज क पलो को उस की पकीहई फ़सल को या खत की िकसी और पदावार कोबबारद कर द ऐसी सरत म िजस न आग जलाई होउस उस की परी क़ीमत अदा करनी ह

7 हो सकता ह िक िकसी न कछ पस या कोई औरमाल अपन िकसी वािक़फ़कार क सपदर कर िदया होतािक वह उस महफ़ज़ रख अगर यह चीज़ उस कघर स चोरी हो जाए और बाद म चोर को पकड़ा जाएतो चोर को उस की दगनी क़ीमत अदा करनी पड़गी8 लिकन अगर चोर पकड़ा न जाए तो लािज़म ह िकउस घर का मािलक िजस क सपदर यह चीज़ की गईथी अललाह क हज़र खड़ा हो तािक मालम िकया जाएिक उस न ख़द यह माल चोरी िकया ह या नही

9 हो सकता ह िक दो लोगो का आपस म झगड़ाहो और दोनो िकसी चीज़ क बार म दावा करत होिक यह मरी ह अगर कोई क़ीमती चीज़ हो मसलनबल गधा भड़ बकरी कपड़ या कोई खोई हईचीज़ तो मआमला अललाह क हज़र लाया जाए िजसअललाह क़सरवार क़रार द उस दसर को ज़र-ए-बहसचीज़ की दगनी क़ीमत अदा करनी ह

ख़रज 2210ndash30 9110 हो सकता ह िक िकसी न अपना कोई गधा बल

भड़ बकरी या कोई और जानवर िकसी वािक़फ़कारक सपदर कर िदया तािक वह उस महफ़ज़ रख वहा जानवर मर जाए या ज़ख़मी हो जाए या कोई उसपर क़बज़ा करक उस उस वक़त ल जाए जब कोई नदख रहा हो 11 यह मआमला य हल िकया जाए िकिजस क सपदर जानवर िकया गया था वह रब क हज़रक़सम खा कर कह िक म न अपन वािक़फ़कार कजानवर क लालच म यह काम नही िकया जानवरक मािलक को यह क़बल करना पड़गा और दसरको इस क बदल कछ नही दना होगा 12 लिकनअगर वाक़ई जानवर को चोरी िकया गया ह तो िजसक सपदर जानवर िकया गया था उस उस की क़ीमतअदा करनी पड़गी 13 अगर िकसी जगली जानवर नउस फाड़ डाला हो तो वह सबत क तौर पर फाड़ीहई लाश को ल आए िफर उस उस की क़ीमत अदानही करनी पड़गी

14 हो सकता ह िक कोई अपन वािक़फ़कार सइजाज़त ल कर उस का जानवर इसतमाल कर अगरजानवर को मािलक की ग़रमौजदगी म चोट लगया वह मर जाए तो उस शख़स को िजस क पासजानवर उस वक़त था उस का मआवज़ा दना पड़गा15 लिकन अगर जानवर का मािलक उस वक़त साथथा तो दसर को मआवज़ा दन की ज़ररत नही होगीअगर उस न जानवर को िकराए पर िलया हो तो उसका नक़सान िकराए स परा हो जाएगा

लड़की को वरग़लान का जमर16 अगर िकसी कवारी की मगनी नही हई और कोई

मदर उस वरग़ला कर उस स हमिबसतर हो जाए तोवह महर द कर उस स शादी कर 17 लिकन अगरलड़की का बाप उस की उस मदर क साथ शादी करनस इनकार कर इस सरत म भी मदर को कवारी किलए मक़रररा रक़म दनी पड़गी

सज़ा-ए-मौत क लाइक़ जराइम18 जादगरनी को जीन न दना19 जो शख़स िकसी जानवर क साथ िजनसी

ताललक़ात रखता हो उस सज़ा-ए-मौत दी जाए20 जो न िसफ़र रब को क़बारिनया पश कर बिलक

दीगर माबदो को भी उस क़ौम स िनकाल कर हलाकिकया जाए

कमज़ोरो की िहफ़ाज़त क िलए अहकाम21 जो परदसी तर मलक म महमान ह उस न दबाना

और न उस स बरा सलक करना कयिक तम भी िमसरम परदसी थ

22 िकसी बवा या यतीम स बरा सलक न करना23 अगर त ऐसा कर और वह िचलला कर मझ स फ़यारदकर तो म ज़रर उन की सनगा 24 म बड़ ग़सस मआ कर तमह तलवार स मार डालगा िफर तमहारीबीिवया ख़द बवाए और तमहार बचच ख़द यतीम बनजाएग

25 अगर त न मरी क़ौम क िकसी ग़रीब को क़ज़रिदया ह तो उस स सद न लना

26 अगर तझ िकसी स उस की चादर िगरवी कतौर पर िमली हो तो उस सरज डबन स पहल हीवापस कर दना ह 27 कयिक इसी को वह सोन किलए इसतमाल करता ह वनार वह कया चीज़ ओढ़कर सोएगा अगर त चादर वापस न कर और वहशख़स िचलला कर मझ स फ़यारद कर तो म उस कीसनगा कयिक म महरबान ह

अललाह स मतािललक़ फ़राइज़28 अललाह को न कोसना न अपनी क़ौम क िकसी

सरदार पर लानत करना29 मझ वक़त पर अपन खत और कोलहओ की

पदावार म स नज़रान पश करना अपन पहलौठ मझदना 30 अपन बलो भड़ो और बकिरयो क पहलौठोको भी मझ दना जानवर का पहलौठा पहल सात

92 ख़रज 2231ndash2319िदन अपनी मा क साथ रह आठव िदन वह मझिदया जाए

31 अपन आप को मर िलए मख़सस-ओ-मक़ददसरखना इस िलए ऐस जानवर का गोशत मत खानािजस िकसी जगली जानवर न फाड़ डाला ह ऐसगोशत को कततो को खान दना

अदालत म इनसाफ़ और दसरो स महबबत

23 1 ग़लत अफ़वाह न फलाना िकसी शरीरआदमी का साथ द कर झटी गवाही दना

मना ह 2 अगर अकसिरयत ग़लत काम कर रही होतो उस क पीछ न हो लना अदालत म गवाही दतवक़त अकसिरयत क साथ िमल कर ऐसी बात नकरना िजस स ग़लत फ़सला िकया जाए 3 लिकनअदालत म िकसी ग़रीब की तरफ़दारी भी न करना

4 अगर तझ तर दशमन का बल या गधा आवारािफरता हआ नज़र आए तो उस हर सरत म वापसकर दना 5 अगर तझ स नफ़रत करन वाल का गधाबोझ तल िगर गया हो और तझ पता लग तो उस नछोड़ना बिलक ज़रर उस की मदद करना

6 अदालत म ग़रीब क हक़क़ न मारना 7 ऐसमआमल स दर रहना िजस म लोग झट बोलत हजो बगनाह और हक़ पर ह उस सज़ा-ए-मौत नदना कयिक म क़सरवार को हक़-ब-जािनब नहीठहराऊगा 8 िरशवत न लना कयिक िरशवत दखन वालको अधा कर दती ह और उस की बात बनन नहीदती जो हक़ पर ह

9 जो परदसी तर मलक म महमान ह उस पर दबाओन डालना तम ऐस लोगो की हालत स ख़ब वािक़फ़हो कयिक तम ख़द िमसर म परदसी रह हो

सबत का साल और सबत10 छः साल तक अपनी ज़मीन म बीज बो कर

उस की पदावार जमा करना 11 लिकन सातव साल

ज़मीन को इसतमाल न करना बिलक उस पड़ रहनदना जो कछ भी उग वह क़ौम क ग़रीब लोग खाएजो उन स बच जाए उस जगली जानवर खाए अपनअगर और ज़तन क बाग़ो क साथ भी ऐसा ही करनाह

12 छः िदन अपना काम-काज करना लिकन सातविदन आराम करना िफर तरा बल और तरा गधा भीआराम कर सकग तरी लौडी का बटा और तर साथरहन वाला परदसी भी ताज़ादम हो जाएग

13 जो भी िहदायत म न दी ह उस पर अमल करदीगर माबदो की परिसतश न करना म तर मह सउन क नामो तक का िज़कर न सन

तीन ख़ास ईद14 साल म तीन दफ़ा मरी ताज़ीम म ईद मनाना

15 पहल बख़मीरी रोटी की ईद मनाना अबीब कमहीन lम सात िदन तक तरी रोटी म ख़मीर न होिजस तरह म न हकम िदया ह कयिक इस महीन म तिमसर स िनकला इन िदनो म कोई मर हज़र ख़ालीहाथ न आए 16 दसर फ़सलकटाई की ईद उस वक़तमनाना जब त अपन खत म बोई हई पहली फ़सलकाटगा तीसर जमा करन की ईद फ़सल की कटाईक इख़ितताम mपर मनाना ह जब त न अगर औरबाक़ी बाग़ो क फल जमा िकए होग 17 य तर तमाममदर तीन मतरबा रब क़ािदर-ए-मतलक़ क हज़र हािज़रहआ कर

18 जब त िकसी जानवर को ज़बह करक क़बारनीक तौर पर पश कर तो उस क ख़न क साथ ऐसी रोटीपश न करना िजस म ख़मीर हो और जो जानवर तमरी ईदो पर चढ़ाए उन की चबीर अगली सबह तकबाक़ी न रह

19 अपनी ज़मीन की पहली पदावार का बहतरीनिहससा रब अपन ख़दा क घर म लाना

lमाचर ता अपरलmिसतमबर ता अकतबर

ख़रज 2320ndash246 93भड़ या बकरी क बचच को उस की मा क दध म न

पकाना

रब का फ़िरशता राहनमाई करगा20 म तर आग आग फ़िरशता भजता ह जो रासत

म तरी िहफ़ाज़त करगा और तझ उस जगह तक लजाएगा जो म न तर िलए तययार की ह 21 उस कीमौजदगी म एहितयात बरतना उस की सनना औरउस की िख़लाफ़वरज़ी न करना अगर त सरकशहो जाए तो वह तझ मआफ़ नही करगा कयिक मरानाम उस म हािज़र होगा 22 लिकन अगर त उस कीसन और सब कछ कर जो म तझ बताता ह तो म तरदशमनो का दशमन और तर मख़ािलफ़ो का मख़ािलफ़हगा

23 कयिक मरा फ़िरशता तर आग आग चलगाऔर तझ मलक-ए-कनआन तक पहचा दगा जहा अमोरी िहतती फ़िरज़ज़ी कनआनी िहववी औरयबसी आबाद ह तब म उनह र-ए-ज़मीन पर सिमटा दगा 24 उन क माबदो को िसजदा न करना नउन की िख़दमत करना उन क रसम-ओ-िरवाज भीन अपनाना बिलक उन क बतो को तबाह कर दनािजन सतनो क सामन वह इबादत करत ह उन कोभी टकड़ टकड़ कर डालना 25 रब अपन ख़दा कीिख़दमत करना िफर म तरी ख़राक और पानी कोबरकत द कर तमाम बीमािरया तझ स दर करगा26 िफर तर मलक म न िकसी का बचचा ज़ाए होगान कोई बाझ होगी साथ ही म तझ तवील िज़नदगीअता करगा

27 म तर आग आग दहशत फलाऊगा जहा भीत जाएगा वहा म तमाम क़ौमो म अबतरी पदाकरगा मर सबब स तर सार दशमन पलट कर भागजाएग 28 म तर आग ज़मबर भज दगा जो िहववीकनआनी और िहतती को मलक छोड़न पर मजबरकरग 29 लिकन जब त वहा पहचगा तो म उनह एकही साल म मलक स नही िनकालगा वनार परा मलकवीरान हो जाएगा और जगली जानवर फल कर तर

िलए नक़सान का बाइस बन जाएग 30 इस िलए मतर पहचन पर मलक क बािशनदो को थोड़ा थोड़ाकरक िनकालता जाऊगा इतन म तरी तादाद बढ़गीऔर त रफ़ता रफ़ता मलक पर क़बज़ा कर सकगा

31 म तरी सरहदद मक़ररर करगा बहर-ए-क़लज़मएक हद होगी और िफ़िलिसतयो का समनदर दसरीजनब का रिगसतान एक होगी और दरया-ए-फ़रातदसरी म मलक क बािशनदो को तर क़बज़ म करदगा और त उनह अपन आग आग मलक स दरकरता जाएगा 32 लािज़म ह िक त उन क साथ याउन क माबदो क साथ अहद न बाध 33 उन का तरमलक म रहना मना ह वनार त उन क सबब स मरागनाह करगा अगर त उन क माबदो की इबादतकरगा तो यह तर िलए फदा बन जाएगाrsquordquo

रब इसराईल स अहद बाधता ह

24 1 रब न मसा स कहा ldquoत हारन नदबअबीह और इसराईल क 70 बज़गर मर पास

ऊपर आए कछ फ़ािसल पर खड़ हो कर मझ िसजदाकरो 2 िसफ़र त अकला ही मर क़रीब आ दसर दररह और क़ौम क बाक़ी लोग तर साथ पहाड़ पर नचढ़rdquo

3 तब मसा न क़ौम क पास जा कर रब की तमामबात और अहकाम पश िकए जवाब म सब न िमलकर कहा ldquoहम रब की इन तमाम बातो पर अमलकरगrdquo

4 तब मसा न रब की तमाम बात िलख ली अगलिदन वह सबह-सवर उठा और पहाड़ क पास गयाउस क दामन म उस न क़बारनगाह बनाई साथ हीउस न इसराईल क हर एक क़बील क िलए एक एकपतथर का सतन खड़ा िकया 5 िफर उस न कछइसराईली नौजवानो को क़बारनी पश करन क िलएबलाया तािक वह रब की ताज़ीम म भसम होन वालीक़बारिनया चढ़ाए और जवान बलो को सलामती कीक़बारनी क तौर पर पश कर 6 मसा न क़बारिनयोका ख़न जमा िकया उस का आधा िहससा उस न

94 ख़रज 247ndash2512बासनो म डाल िदया और आधा िहससा क़बारनगाहपर िछड़क िदया

7 िफर उस न वह िकताब ली िजस म रब क साथअहद की तमाम शराइत दजर थी और उस क़ौम कोपढ़ कर सनाया जवाब म उनहो न कहा ldquoहम रबकी इन तमाम बातो पर अमल करग हम उस कीसनगrdquo 8 इस पर मसा न बासनो म स ख़न ल कर उसलोगो पर िछड़का और कहा ldquoयह ख़न उस अहदकी तसदीक़ करता ह जो रब न तमहार साथ िकया हऔर जो उस की तमाम बातो पर मबनी हrdquo

9 इस क बाद मसा हारन नदब अबीह औरइसराईल क 70 बज़गर सीना पहाड़ पर चढ़ 10 वहा उनहो न इसराईल क ख़दा को दखा लगता था िकउस क पाओ क नीच सग-ए-लाजवदर का सा तख़ताथा वह आसमान की मािननद साफ़-ओ-शफ़फ़ाफ़था 11 अगरच इसराईल क राहनमाओ न यह सबकछ दखा तो भी रब न उनह हलाक न िकया बिलकवह अललाह को दखत रह और उस क हज़र अहद काखाना खात और पीत रह

पतथर की तिख़तया 12 पहाड़ स उतरन क बाद रब न मसा स कहा ldquoमर

पास पहाड़ पर आ कर कछ दर क िलए ठहर रहनाम तझ पतथर की तिख़तया दगा िजन पर म न अपनीशरीअत और अहकाम िलख ह और जो इसराईल कीतालीम-ओ-तिबरयत क िलए ज़ररी हrdquo

13 मसा अपन मददगार यशअ क साथ चल पड़ाऔर अललाह क पहाड़ पर चढ़ गया 14 पहल उस नबज़गोर स कहा ldquoहमारी वापसी क इिनतज़ार म यहा ठहर रहो हारन और हर तमहार पास रहग कोईभी मआमला हो तो लोग उन ही क पास जाएrdquo

मसा रब स िमलता ह15 जब मसा चढ़न लगा तो पहाड़ पर बादल छा

गया 16 रब का जलाल कोह-ए-सीना पर उतर आयाछः िदन तक बादल उस पर छाया रहा सातव िदनरब न बादल म स मसा को बलाया 17 रब का जलालइसराईिलयो को भी नज़र आता था उनह य लगा जसािक पहाड़ की चोटी पर तज़ आग भड़क रही हो18 चढ़त चढ़त मसा बादल म दािख़ल हआ वहा वह चालीस िदन और चालीस रात रहा

मलाक़ात का ख़मा बनान क िलए हिदए

25 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोबता िक वह हिदए ला कर मझ उठान वाली

क़बारनी क तौर पर पश कर लिकन िसफ़र उन सहिदए क़बल करो जो िदली ख़शी स द 3 उन स यहचीज़ हिदए क तौर पर क़बल करो सोना चादीपीतल 4 नील अग़रवानी और िक़िमरज़ी रग का धागाबारीक कतान बकरी क बाल 5 मढो की सख़र रगीहई खाल तख़स nकी खाल कीकर की लकड़ी6 शमादान क िलए ज़तन का तल मसह करन क िलएतल और ख़शबदार बख़र क िलए मसाल 7 अक़ीक़-ए-अहमर और दीगर जवािहर जो इमाम-ए-आज़म कबालापोश और सीन क कीस म जड़ जाएग 8 इनचीज़ो स लोग मर िलए मिक़दस बनाए तािक म उनक दरिमयान रह 9 म तझ मिक़दस और उस क तमामसामान का नमना िदखाऊगा कयिक तमह सब कछऐन उसी क मतािबक़ बनाना ह

अहद का सनदक़10ndash12 लोग कीकर की लकड़ी का सनदक़ बनाए

उस की लमबाई पौन चार फ़ट हो जबिक उस कीचौड़ाई और ऊचाई सवा दो दो फ़ट हो पर सनदक़पर अनदर और बाहर स ख़ािलस सोना चढ़ाना ऊपर

nग़ािलबन इस मतरक इबरानी लफ़ज़ स मराद कोई समनदरी जानवर ह

ख़रज 2513ndash261 95की सतह क इदरिगदर सोन की झालर लगाना सनदक़को उठान क िलए सोन क चार कड़ ढाल कर उनहसनदक़ क चारपाइयो पर लगाना दोनो तरफ़ दो दोकड़ हो 13 िफर कीकर की दो लकिड़या सनदक़ कोउठान क िलए तययार करना उन पर सोना चढ़ा कर14 उन को दोनो तरफ़ क कड़ो म डालना तािक उन ससनदक़ को उठाया जाए 15 यह लकिड़या सनदक़ कइन कड़ो म पड़ी रह उनह कभी भी दर न िकया जाए16 सनदक़ म शरीअत की वह दो तिख़तया रखना जोम तझ दगा

17 सनदक़ का ढकना ख़ािलस सोन का बनाना उसकी लमबाई पौन चार फ़ट और चौड़ाई सवा दो फ़टहो उस का नाम कफ़फ़ार का ढकना ह 18ndash19 सोन सघड़ कर दो करबी फ़िरशत बनाए जाए जो ढकन कदोनो िसरो पर खड़ हो यह दो फ़िरशत और ढकनाएक ही टकड़ स बनान ह 20 फ़िरशतो क पर य ऊपरकी तरफ़ फल हए हो िक वह ढकन को पनाह दउन क मह एक दसर की तरफ़ िकए हए हो और वहढकन की तरफ़ दख

21 ढकन को सनदक़ पर लगा और सनदक़ मशरीअत की वह दो तिख़तया रख जो म तझ दगा22 वहा ढकन क ऊपर दोनो फ़िरशतो क दरिमयानस म अपन आप को तझ पर ज़ािहर करक तझ सहमकलाम हगा और तझ इसराईिलयो क िलए तमामअहकाम दगा

मख़सस रोिटयो की मज़23 कीकर की लकड़ी की मज़ बनाना उस की

लमबाई तीन फ़ट चौड़ाई डढ़ फ़ट और ऊचाई सवादो फ़ट हो 24 उस पर ख़ािलस सोना चढ़ाना औरउस क इदरिगदर सोन की झालर लगाना 25 मज़ कीऊपर की सतह पर चौखटा लगाना िजस की ऊचाईतीन इच हो और िजस पर सोन की झालर लगी हो26 सोन क चार कड़ ढाल कर उनह चारो कोनो परलगाना जहा मज़ क पाए लग ह 27 यह कड़ मज़की सतह पर लग चौखट क नीच लगाए जाए उन

म वह लकिड़या डालनी ह िजन स मज़ को उठायाजाएगा 28 यह लकिड़या भी कीकर की हो और उनपर सोना चढ़ाया जाए उन स मज़ को उठाना ह

29 उस क थाल पयाल मतरबान और म की नज़रपश करन क बतरन ख़ािलस सोन स बनाना ह 30 मज़पर वह रोिटया हर वक़त मर हज़र पड़ी रह जो मरिलए मख़सस ह

शमादान31 ख़ािलस सोन का शमादान भी बनाना उस का

पाया और डडी घड़ कर बनाना ह उस की पयािलया जो फलो और किलयो की शकल की होगी पाए औरडडी क साथ एक ही टकड़ा हो 32 डडी स दाई औरबाई तरफ़ तीन तीन शाख़ िनकल 33 हर शाख़ परतीन पयािलया लगी हो जो बादाम की किलयो औरफलो की शकल की हो 34 शमादान की डडी परभी इस िक़सम की पयािलया लगी हो लिकन तादादम चार 35 इन म स तीन पयािलया दाए बाए की छःशाख़ो क नीच लगी हो वह य लगी हो िक हर पयालीस दो शाख़ िनकल 36 शाख़ और पयािलया बिलकपरा शमादान ख़ािलस सोन क एक ही टकड़ स घड़कर बनाना ह

37 शमादान क िलए सात चराग़ बना कर उनह य शाख़ो पर रखना िक वह सामन की जगह रौशनकर 38 बतती कतरन की क़िचया और जलत कोएलक िलए छोट बतरन भी ख़ािलस सोन स बनाएजाए 39 शमादान और उस सार सामान क िलए पर34 िकलोगराम ख़ािलस सोना इसतमाल िकया जाए40 ग़ौर कर िक सब कछ ऐन उस नमन क मतािबक़बनाया जाए जो म तझ यहा पहाड़ पर िदखाता ह

मलाक़ात का ख़मा

26 1 मक़ददस ख़म क िलए दस पद र बनाना उनक िलए बारीक कतान और नील अग़रवानी

और िक़िमरज़ी रग का धागा इसतमाल करना पदोर मिकसी मािहर कारीगर क कढ़ाई क काम स करबी

96 ख़रज 262ndash30फ़िरशतो का िडज़ाइन बनवाना 2 हर पद र की लमबाई42 फ़ट और चौड़ाई 6 फ़ट हो 3 पाच पदोर क लमबहािशए एक दसर क साथ जोड़ जाए और इसी तरहबाक़ी पाच भी य दो बड़ टकड़ बन जाएग 4 दोनोटकड़ो को एक दसर क साथ िमलान क िलए नीलधाग क हलक़ बनाना यह हलक़ हर टकड़ क 42फ़ट वाल एक िकनार पर लगाए जाए 5 एक टकड़क हािशए पर 50 हलक़ और दसर पर भी उतन हीहलक़ इन दो हािशयो क हलक़ एक दसर क आमन-सामन हो 6 िफर सोन की 50 हक बना कर उन सआमन-सामन क हलक़ एक दसर क साथ िमलानाय दोनो टकड़ जड़ कर ख़म का काम दग

7 बकरी क बालो स भी 11 पद र बनाना िजनह कपड़वाल ख़म क ऊपर रखा जाए 8 हर पद र की लमबाई45 फ़ट और चौड़ाई 6 फ़ट हो 9 पाच पदोर क लमबहािशए एक दसर क साथ जोड़ जाए और इसी तरहबाक़ी छः भी इन छः पदोर क छट पद र को एक दफ़ातह करना यह सामन वाल िहसस स लटक

10 बकरी क बाल क इन दोनो टकड़ो को भीिमलाना ह इस क िलए हर टकड़ क 45 फ़ट वालएक िकनार पर पचास पचास हलक़ लगाना 11 िफरपीतल की 50 हक बना कर उन स दोनो िहससिमलाना 12 जब बकिरयो क बालो का यह ख़माकपड़ क ख़म क ऊपर लगाया जाएगा तो आधा पदारबाक़ी रहगा वह ख़म की िपछली तरफ़ लटका रह13 ख़म क दाई और बाई तरफ़ बकरी क बालो काख़मा कपड़ क ख़म की िनसबत डढ़ डढ़ फ़ट लमबाहोगा य वह दोनो तरफ़ लटक हए कपड़ क ख़मको महफ़ज़ रखगा

14 एक दसर क ऊपर क इन दोनो ख़मो कीिहफ़ाज़त क िलए दो िग़लाफ़ बनान ह बकरी कबालो क ख़म पर मढो की सख़र रगी हई खाल जोड़कर रखी जाए और उन पर तख़स की खाल िमलाकर रखी जाए

15 कीकर की लकड़ी क तख़त बनाना जो खड़िकए जाए तािक ख़म की दीवारो का काम द 16 हर

तख़त की ऊचाई 15 फ़ट हो और चौड़ाई सवा दोफ़ट 17 हर तख़त क नीच दो दो चल हो यह चलहर तख़त को उस क पाइयो क साथ जोड़गी तािकतख़ता खड़ा रह 18 ख़म की जनबी दीवार क िलए20 तख़तो की ज़ररत ह 19 और साथ ही चादी क40 पाइयो की उन पर तख़त खड़ िकए जाएग हरतख़त क नीच दो पाए होग और हर पाए म एकचल लगगी 20 इसी तरह ख़म की िशमाली दीवारक िलए भी 20 तख़तो की ज़ररत ह 21 और साथही चादी क 40 पाइयो की वह भी तख़तो को खड़ाकरन क िलए ह हर तख़त क नीच दो पाए होग22 ख़म की िपछली यानी मग़िरबी दीवार क िलएछः तख़त बनाना 23 इस दीवार को िशमाली औरजनबी दीवारो क साथ जोड़न क िलए कोन वाल दोतख़त बनाना 24 इन दो तख़तो म नीच स ल कर ऊपरतक कोना हो तािक एक स िशमाली दीवार मग़िरबीदीवार क साथ जड़ जाए और दसर स जनबी दीवारमग़िरबी दीवार क साथ इन क ऊपर क िसर कड़ोस मज़बत िकए जाए 25 य िपछल यानी मग़िरबीतख़तो की परी तादाद 8 होगी और इन क िलए चादीक पाइयो की तादाद 16 हर तख़त क नीच दो दोपाए होग

26ndash27 इस क इलावा कीकर की लकड़ी क शहतीरबनाना तीनो दीवारो क िलए पाच पाच शहतीरवह हर दीवार क तख़तो पर य लगाए जाए िकवह उनह एक दसर क साथ िमलाए 28 दरिमयानीशहतीर दीवार की आधी ऊचाई पर दीवार क एकिसर स दसर िसर तक लगाया जाए 29 शहतीरो कोतख़तो क साथ लगान क िलए सोन क कड़ बनाकर तख़तो म लगाना तमाम तख़तो और शहतीरोपर सोना चढ़ाना

30 पर मक़ददस ख़म को उसी नमन क मतािबक़बनाना जो म तझ पहाड़ पर िदखाता ह

ख़रज 2631ndash2716 97

मक़ददस ख़म क पद र31 अब एक और पदार बनाना इस क िलए भी

बारीक कतान और नील अग़रवानी और िक़िमरज़ीरग का धागा इसतमाल करना उस पर भी िकसीमािहर कारीगर क कढ़ाई क काम स करबी फ़िरशतोका िडज़ाइन बनवाना 32 इस सोन की हको सकीकर की लकड़ी क चार सतनो स लटकाना इनसतनो पर सोना चढ़ाया जाए और वह चादी कपाइयो पर खड़ हो 33 यह पदार मक़ददस कमर कोमक़ददसतरीन कमर स अलग करगा िजस म अहदका सनदक़ पड़ा रहगा पद र को लटकान क बादउस क पीछ मक़ददसतरीन कमर म अहद का सनदक़रखना 34 िफर अहद क सनदक़ पर कफ़फ़ार काढकना रखना

35 िजस मज़ पर मर िलए मख़सस की गई रोिटया पड़ी रहती ह वह पद र क बाहर मक़ददस कमर मिशमाल की तरफ़ रखी जाए उस क मक़ािबल जनबकी तरफ़ शमादान रखा जाए

36 िफर ख़म क दरवाज़ क िलए भी पदार बनायाजाए इस क िलए भी बारीक कतान और नीलअग़रवानी और िक़िमरज़ी रग का धागा इसतमाल िकयाजाए इस पर कढ़ाई का काम िकया जाए

37 इस पद र को सोन की हको स कीकर की लकड़ीक पाच सतनो स लटकाना इन सतनो पर भी सोनाचढ़ाया जाए और वह पीतल क पाइयो पर खड़ हो

जानवरो को चढ़ान की क़बारनगाह

27 1 कीकर की लकड़ी की क़बारनगाहबनाना उस की ऊचाई साढ़ चार फ़ट हो

जबिक उस की लमबाई और चौड़ाई साढ़ सात सातफ़ट हो 2 उस क ऊपर चारो कोनो म स एक एकसीग िनकल सीग और क़बारनगाह एक ही टकड़ कहो सब पर पीतल चढ़ाना 3 उस का तमाम साज़-ओ-सामान और बतरन भी पीतल क हो यानी राख को

उठा कर ल जान की बालिटया बलच काट जलतहए कोएल क िलए बतरन और िछड़काओ क कटोर

4 क़बारनगाह को उठान क िलए पीतल का जगलाबनाना जो ऊपर स खला हो जगल क चारो कोनोपर कड़ लगाए जाए 5 क़बारनगाह की आधी ऊचाईपर िकनारा लगाना और क़बारनगाह को जगल म इसिकनार तक रखा जाए 6 उस उठान क िलए कीकरकी दो लकिड़या बनाना िजन पर पीतल चढ़ाना ह7 उन को क़बारनगाह क दोनो तरफ़ क कड़ो म डालदना

8 परी क़बारनगाह लकड़ी की हो लिकन अनदर सखोखली हो उस ऐन उस नमन क मतािबक़ बनानाजो म तझ पहाड़ पर िदखाता ह

ख़म का सहन9 मक़ददस ख़म क िलए सहन बनाना उस की

चारदीवारी बारीक कतान क कपड़ स बनाई जाएचारदीवारी की लमबाई जनब की तरफ़ 150 फ़ट हो10 कपड़ को चादी की हको और पिटटयो स लकड़ीक 20 खमबो क साथ लगाया जाए हर खमबा पीतलक पाए पर खड़ा हो 11 चारदीवारी िशमाल की तरफ़भी इसी की मािननद हो 12 ख़म क पीछ मग़िरब कीतरफ़ चारदीवारी की चौड़ाई 75 फ़ट हो और कपड़ालकड़ी क 10 खमबो क साथ लगाया जाए यह खमबभी पीतल क पाइयो पर खड़ हो

13 सामन मशिरक़ की तरफ़ जहा स सरज तलहोता ह चारदीवारी की चौड़ाई भी 75 फ़ट हो14ndash15 यहा चारदीवारी का दरवाज़ा हो कपड़ादरवाज़ क दाई तरफ़ साढ़ 22 फ़ट चौड़ा हो औरउस क बाई तरफ़ भी उतना ही चौड़ा उस दोनो तरफ़तीन तीन लकड़ी क खमबो क साथ लगाया जाए जोपीतल क पाइयो पर खड़ हो 16 दरवाज़ का पदार 30फ़ट चौड़ा बनाना वह नील अग़रवानी और िक़िमरज़ीरग क धाग और बारीक कतान स बनाया जाए औरउस पर कढ़ाई का काम हो यह कपड़ा लकड़ी क

98 ख़रज 2717ndash2815चार खमबो क साथ लगाया जाए वह भी पीतल कपाइयो पर खड़ हो

17 तमाम खमब पीतल क पाइयो पर खड़ हो औरकपड़ा चादी की हको और पिटटयो स हर खमब कसाथ लगाया जाए 18 चारदीवारी की लमबाई 150फ़ट चौड़ाई 75 फ़ट और ऊचाई साढ़ 7 फ़ट होखमबो क तमाम पाए पीतल क हो 19 जो भी साज़-ओ-सामान मक़ददस ख़म म इसतमाल िकया जाता हवह सब पीतल का हो ख़म और चारदीवारी की मख़भी पीतल की हो

शमादान का तल20 इसराईिलयो को हकम दना िक वह तर पास कट

हए ज़तनो का ख़ािलस तल लाए तािक मक़ददस कमरक शमादान क चराग़ मतवाितर जलत रह 21 हारनऔर उस क बट शमादान को मलाक़ात क ख़म कमक़ददस कमर म रख उस पद र क सामन िजस कपीछ अहद का सनदक़ ह उस म वह तल डालत रहतािक वह रब क सामन शाम स ल कर सबह तकजलता रह इसराईिलयो का यह उसल अबद तकक़ाइम रह

इमामो क िलबास

28 1 अपन भाई हारन और उस क बटो नदबअबीह इलीअज़र और इतमर को बला

म न उनह इसराईिलयो म स चन िलया ह तािक वहइमामो की हिसयत स मरी िख़दमत कर 2 अपन भाईहारन क िलए मक़ददस िलबास बनवाना जो परवक़ारऔर शानदार हो 3 िलबास बनान की िज़ममादारीउन तमाम लोगो को दना जो ऐस कामो म मािहरह और िजन को म न िहकमत की रह स भर िदयाह कयिक जब हारन को मख़सस िकया जाएगा औरवह मक़ददस ख़म की िख़दमत सरअनजाम दगा तो उसइन कपड़ो की ज़ररत होगी

4 उस क िलए यह िलबास बनान ह सीन काकीसा बालापोश चोग़ा बना हआ ज़रजामा पगड़ी

और कमरबनद यह कपड़ अपन भाई हारन औरउस क बटो क िलए बनवान ह तािक वह इमाम कतौर पर िख़दमत कर सक 5 इन कपड़ो क िलए सोनाऔर नील अग़रवानी और िक़िमरज़ी रग का धागा औरबारीक कतान इसतमाल िकया जाए

हारन का बालापोश6 बालापोश को भी सोन और नील अग़रवानी और

िक़िमरज़ी रग क धाग और बारीक कतान स बनानाह उस पर िकसी मािहर कारीगर स कढ़ाई का कामकरवाया जाए 7 उस की दो पिटटया हो जो कधोपर रख कर सामन और पीछ स बालापोश क साथलगी हो 8 इस क इलावा एक पटका बनना ह िजसस बालापोश को बाधा जाए और जो बालापोश कसाथ एक टकड़ा हो उस क िलए भी सोना नीलअग़रवानी और िक़िमरज़ी रग का धागा और बारीककतान इसतमाल िकया जाए

9 िफर अक़ीक़-ए-अहमर क दो पतथर चन कर उनपर इसराईल क बारह बटो क नाम कनदा करना10 हर जौहर पर छः छः नाम उन की पदाइश कीततीरब क मतािबक़ कनदा िकए जाए 11 यह नामउस तरह जौहरो पर कनदा िकए जाए िजस तरह महरकनदा की जाती ह िफर दोनो जौहर सोन क ख़ानो म जड़ कर 12 बालापोश की दो पिटटयो पर ऐस लगानािक कधो पर आ जाए जब हारन मर हज़र आएगातो जौहरो पर क यह नाम उस क कधो पर होग औरमझ इसराईिलयो की याद िदलाएग

13 सोन क ख़ान बनाना 14 और ख़ािलस सोन कीदो ज़नजीर जो डोरी की तरह गधी हई हो िफर इनदो ज़नजीरो को सोन क ख़ानो क साथ लगाना

सीन का कीसा15 सीन क िलए कीसा बनाना उस म वह क़रए पड़

रह िजन की मािरफ़त मरी मज़ीर मालम की जाएगीमािहर कारीगर उस उन ही चीज़ो स बनाए िजनस हारन का बालापोश बनाया गया ह यानी सोन

ख़रज 2816ndash34 99और नील अग़रवानी और िक़िमरज़ी रग क धाग औरबारीक कतान स 16 जब कपड़ को एक दफ़ा तहिकया गया हो तो कीस की लमबाई और चौड़ाई नौनौ इच हो

17 उस पर चार क़तारो म जवािहर जड़ना हरक़तार म तीन तीन जौहर हो पहली क़तार मलाल oज़बजरद pऔर ज़मररद 18 दसरी म फ़ीरोज़ासग-ए-लाजवदर qऔर हजर-उल-क़मर r19 तीसरीम ज़रक़ोन sअक़ीक़ tऔर याक़त-ए-अग़रवानीu20 चौथी म पखराज vअक़ीक़-ए-अहमर wऔरयशब xहर जौहर सोन क ख़ान म जड़ा हआ हो21 यह बारह जवािहर इसराईल क बारह क़बीलो कीनमाइनदगी करत ह एक एक जौहर पर एक क़बीलका नाम कनदा िकया जाए यह नाम उस तरह कनदािकए जाए िजस तरह महर कनदा की जाती ह

22 सीन क कीस पर ख़ािलस सोन की दो ज़नजीरलगाना जो डोरी की तरह गधी हई हो 23 उनहलगान क िलए दो कड़ बना कर कीस क ऊपरक दो कोनो पर लगाना 24 अब दोनो ज़नजीर उनदो कड़ो स लगाना 25 उन क दसर िसर बालापोशकी कधो वाली पिटटयो क दो ख़ानो क साथ जोड़दना िफर सामन की तरफ़ लगाना 26 कीस किनचल दो कोनो पर भी सोन क दो कड़ लगानावह अनदर बालापोश की तरफ़ लग हो 27 अब दोऔर कड़ बना कर बालापोश की कधो वाली पिटटयो

पर लगाना यह भी सामन की तरफ़ लग हो लिकननीच बालापोश क पटक क ऊपर ही 28 सीन ककीस क िनचल कड़ नीली डोरी स बालापोश क इनिनचल कड़ो क साथ बाध जाए य कीसा पटक कऊपर अचछी तरह सीन क साथ लगा रहगा

29 जब भी हारन मिक़दस म दािख़ल हो कर रबक हज़र आएगा वह इसराईली क़बीलो क नाम अपनिदल पर सीन क कीस की सरत म साथ ल जाएगाय वह क़ौम की याद िदलाता रहगा

30 सीन क कीस म दोनो क़रए बनाम ऊरीम औरतममीम रख जाए वह भी मिक़दस म रब क सामनआत वक़त हारन क िदल पर हो य जब हारनरब क हज़र होगा तो रब की मज़ीर पछन का वसीलाहमशा उस क िदल पर होगा

हारन का चोग़ा31 चोग़ा भी बनना वह परी तरह नील धाग स

बनाया जाए चोग़ को बालापोश स पहल पहनाजाए 32 उस क िगरीबान को बन हए कालर समज़बत िकया जाए तािक वह न फट 33 नीलअग़रवानी और िक़िमरज़ी रग क धाग स अनार बना करउनह चोग़ क दामन म लगा दना उन क दरिमयानसोन की घिटया लगाना 34 दामन म अनार औरघिटया बारी बारी लगाना

oया एक िक़सम का सख़र अक़ीक़ याद रह िक चिक क़दीम ज़मान क अकसर जवािहरात क नाम मतरक ह या उन का मतलबबदल गया ह इस िलए उन का मख़तिलफ़ तजरमा हो सकता हpperidotqlapis lazulirmoonstoneshyacinthtagateuamethystvtopaswcarnelianxjasper

100 ख़रज 2835ndash291435 हारन िख़दमत करत वक़त हमशा चोग़ा पहन

जब वह मिक़दस म रब क हज़र आएगा और वहा स िनकलगा तो घिटया सनाई दगी िफर वह नहीमरगा

माथ पर छोटी तख़ती ज़रजामा और पगड़ी36 ख़ािलस सोन की तख़ती बना कर उस पर यह

अलफ़ाज़ कनदा करना lsquoरब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददसrsquo यह अलफ़ाज़ य कनदा िकए जाए िजसतरह महर कनदा की जाती ह 37 उस नीली डोरी सपगड़ी क सामन वाल िहसस स लगाया जाए 38 तािकवह हारन क माथ पर पड़ी रह जब भी वह मिक़दसम जाए तो यह तख़ती साथ हो जब इसराईली अपननज़रान ला कर रब क िलए मख़सस कर लिकनिकसी ग़लती क बाइस क़सरवार हो तो उन का यहक़सर हारन पर मनतिक़ल होगा इस िलए यह तख़तीहर वक़त उस क माथ पर हो तािक रब इसराईिलयोको क़बल कर ल

39 ज़रजाम को बारीक कतान स बनना और इसतरह पगड़ी भी िफर कमरबनद बनाना उस परकढ़ाई का काम िकया जाए

बाक़ी िलबास40 हारन क बटो क िलए भी ज़रजाम कमरबनद

और पगिड़या बनाना तािक वह परवक़ार औरशानदार नज़र आए 41 यह सब अपन भाई हारनऔर उस क बटो को पहनाना उन क सरो पर तलउडल कर उनह मसह करना य उनह उन क उहद परमक़ररर करक मरी िख़दमत क िलए मख़सस करना

42 उन क िलए कतान क पाजाम भी बनाना तािकवह ज़रजाम क नीच नग न हो उन की लमबाईकमर स रान तक हो 43 जब भी हारन और उसक बट मलाक़ात क ख़म म दािख़ल हो तो उनह यहपाजाम पहनन ह इसी तरह जब उनह मक़ददस कमरम िख़दमत करन क िलए क़बारनगाह क पास आनाहोता ह तो वह यह पहन वनार वह क़सरवार ठहर

कर मर जाएग यह हारन और उस की औलाद किलए एक अबदी उसल ह

इमामो की मख़सिसयत

29 1 इमामो को मिक़दस म मरी िख़दमत किलए मख़सस करन का यह तरीक़ा ह

एक जवान बल और दो बऐब मढ चन लना2 बहतरीन मद स तीन िक़सम की चीज़ पकाना िजनम ख़मीर न हो पहल सादा रोटी दसर रोटी िजसम तल डाला गया हो तीसर रोटी िजस पर तललगाया गया हो 3 यह चीज़ टोकरी म रख कर जवानबल और दो मढो क साथ रब को पश करना4 िफर हारन और उस क बटो को मलाक़ात कख़म क दरवाज़ पर ला कर ग़सल कराना 5 इस कबाद ज़रजामा चोग़ा बालापोश और सीन का कीसाल कर हारन को पहनाना बालापोश को उस कमहारत स बन हए पटक क ज़रीए बाधना 6 उस कसर पर पगड़ी बाध कर उस पर सोन की मक़ददसतख़ती लगाना 7 हारन क सर पर मसह का तलउडल कर उस मसह करना

8 िफर उस क बटो को आग ला कर ज़रजामापहनाना 9 उन क पगिड़या और कमरबनद बाधनाय त हारन और उस क बटो को उन क मनसब परमक़ररर करना िसफ़र वह और उन की औलाद हमशातक मिक़दस म मरी िख़दमत करत रह

10 बल को मलाक़ात क ख़म क सामन लानाहारन और उस क बट उस क सर पर अपन हाथरख 11 उस ख़म क दरवाज़ क सामन रब क हज़रज़बह करना 12 बल क ख़न म स कछ ल कर अपनीउगली स क़बारनगाह क सीगो पर लगाना और बाक़ीख़न क़बारनगाह क पाए पर उडल दना 13 अतिड़योपर की तमाम चबीर जोड़कलजी और दोनो गद र उनकी चबीर समत ल कर क़बारनगाह पर जला दना14 लिकन बल क गोशत खाल और अतिड़यो कगोबर को ख़मागाह क बाहर जला दना यह गनाहकी क़बारनी ह

ख़रज 2915ndash36 10115 इस क बाद पहल मढ को ल आना हारन और

उस क बट अपन हाथ मढ क सर पर रख 16 उसज़बह करक उस का ख़न क़बारनगाह क चार पहलओपर िछड़कना 17 मढ को टकड़ टकड़ करक उस कीअतिड़यो और िपडिलयो को धोना िफर उनह सरऔर बाक़ी टकड़ो क साथ िमला कर 18 पर मढ कोक़बारनगाह पर जला दना जलन वाली यह क़बारनीरब क िलए भसम होन वाली क़बारनी ह और उस कीख़शब रब को पसनद ह

19 अब दसर मढ को ल आना हारन और उसक बट अपन हाथ मढ क सर पर रख 20 उस कोज़बह करना उस क ख़न म स कछ ल कर हारनऔर उस क बटो क दहन कान की लौ पर लगानाइसी तरह ख़न को उन क दहन हाथ और दहन पाओक अगठो पर भी लगाना बाक़ी ख़न क़बारनगाह कचार पहलओ पर िछड़कना 21 जो ख़न क़बारनगाहपर पड़ा ह उस म स कछ ल कर और मसह क तलक साथ िमला कर हारन और उस क कपड़ो परिछड़कना इसी तरह उस क बटो और उन क कपड़ोपर भी िछड़कना य वह और उस क बट िख़दमतक िलए मख़सस-ओ-मक़ददस हो जाएग

22 इस मढ का ख़ास मक़सद यह ह िक हारनऔर उस क बटो को मिक़दस म िख़दमत करन काइख़ितयार और उहदा िदया जाए मढ की चबीर दमअतिड़यो पर की सारी चबीर जोड़कलजी दोनो गद रउन की चबीर समत और दहनी रान अलग करनी ह23 उस टोकरी म स जो रब क हज़र यानी ख़म कदरवाज़ पर पड़ी ह एक सादा रोटी एक रोटी िजसम तल डाला गया हो और एक रोटी िजस पर तललगाया गया हो िनकालना 24 मढ स अलग की गईचीज़ और बख़मीरी रोटी की टोकरी की यह चीज़ल कर हारन और उस क बटो क हाथो म दनाऔर वह उनह िहलान वाली क़बारनी क तौर पर रबक सामन िहलाए 25 िफर यह चीज़ उन स वापस लकर भसम होन वाली क़बारनी क साथ क़बारनगाह पर

जला दना यह रब क िलए जलन वाली क़बारनी हऔर उस की ख़शब रब को पसनद ह

26 अब उस मढ का सीना लना िजस की मािरफ़तहारन को इमाम-ए-आज़म का इख़ितयार िदया जाताह सीन को भी िहलान वाली क़बारनी क तौर पररब क सामन िहलाना यह सीना क़बारनी का तरािहससा होगा 27 य तझ हारन और उस क बटो कीमख़सिसयत क िलए मसतामल मढ क टकड़ मख़सस-ओ-मक़ददस करन ह उस क सीन को रब क सामनिहलान वाली क़बारनी क तौर पर िहलाया जाए औरउस की रान को उठान वाली क़बारनी क तौर परउठाया जाए 28 हारन और उस की औलाद कोइसराईिलयो की तरफ़ स हमशा तक यह िमलन काहक़ ह जब भी इसराईली रब को अपनी सलामतीकी क़बारिनया पश कर तो इमामो को यह दो टकड़िमलग

29 जब हारन फ़ौत हो जाएगा तो उस क मक़ददसिलबास उस की औलाद म स उस मदर को दन ह िजसमसह करक हारन की जगह मक़ररर िकया जाएगा30 जो बटा उस की जगह मक़ररर िकया जाएगा औरमिक़दस म िख़दमत करन क िलए मलाक़ात क ख़मम आएगा वह यह िलबास सात िदन तक पहन रह

31 जो मढा हारन और उस क बटो की मख़सिसयतक िलए ज़बह िकया गया ह उस मक़ददस जगह परउबालना ह 32 िफर हारन और उस क बट मलाक़ातक ख़म क दरवाज़ पर मढ का गोशत और टोकरी कीबख़मीरी रोिटया खाए 33 वह यह चीज़ खाए िजनस उनह गनाहो का कफ़फ़ारा और इमाम का उहदािमला ह लिकन कोई और यह न खाए कयिक यहमख़सस-ओ-मक़ददस ह 34 और अगर अगली सबहतक इस गोशत या रोटी म स कछ बच जाए तो उसजलाया जाए उस खाना मना ह कयिक वह मक़ददसह

35 जब त हारन और उस क बटो को इमाम मक़रररकरगा तो ऐन मरी िहदायत पर अमल करना यहतक़रीब सात िदन तक मनाई जाए 36 इस क दौरान

102 ख़रज 2937ndash3012गनाह की क़बारनी क तौर पर रोज़ाना एक जवान बलज़बह करना इस स त क़बारनगाह का कफ़फ़ारा दकर उस हर तरह की नापाकी स पाक करगा इस कइलावा उस पर मसह का तल उडलना इस स वहमर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस हो जाएगा 37 सात िदनतक क़बारनगाह का कफ़फ़ारा द कर उस पाक-साफ़करना और उस तल स मख़सस-ओ-मक़ददस करनािफर क़बारनगाह िनहायत मक़ददस होगी जो भी उसछएगा वह भी मख़सस-ओ-मक़ददस हो जाएगा

रोज़मरार की क़बारिनया 38 रोज़ाना एक एक साल क दो भड़ क नर बचच

क़बारनगाह पर जला दना 39 एक को सबह क वक़तदसर को सरज क ग़रब होन क ऐन बाद 40 पहलजानवर क साथ डढ़ िकलोगराम बहतरीन मदा पशिकया जाए जो कट हए ज़तनो क एक िलटर तलक साथ िमलाया गया हो म की नज़र क तौर परएक िलटर म भी क़बारनगाह पर उडलना 41 दसरजानवर क साथ भी ग़लला और म की यह दो नज़रपश की जाए ऐसी क़बारनी की ख़शब रब को पसनदह

42 लािज़म ह िक आन वाली तमाम नसल भसमहोन वाली यह क़बारनी बाक़ाइदगी स मक़ददस ख़मक दरवाज़ पर रब क हज़र चढ़ाए वहा म तम सिमला करगा और तम स हमकलाम हगा 43 वहा म इसराईिलयो स भी िमला करगा और वह जगहमर जलाल स मख़सस-ओ-मक़ददस हो जाएगी 44 य म मलाक़ात क ख़म और क़बारनगाह को मख़ससकरगा और हारन और उस क बटो को मख़ससकरगा तािक वह इमामो की हिसयत स मरी िख़दमतकर

45 तब म इसराईिलयो क दरिमयान रहगा और उनका ख़दा हगा 46 वह जान लग िक म रब उन काख़दा ह िक म उनह िमसर स िनकाल लाया तािक उनक दरिमयान सकनत कर म रब उन का ख़दा ह

बख़र जलान की क़बारनगाह

30 1 कीकर की लकड़ी की क़बारनगाह बनानािजस पर बख़र जलाया जाए 2 वह डढ़ फ़ट

लमबी इतनी ही चौड़ी और तीन फ़ट ऊची हो उसक चारो कोनो म स सीग िनकल जो क़बारनगाह कसाथ एक ही टकड़ स बनाए गए हो 3 उस की ऊपरकी सतह उस क चार पहलओ और उस क सीगोपर ख़ािलस सोना चढ़ाना ऊपर की सतह क इदरिगदरसोन की झालर हो 4 सोन क दो कड़ बना कर इनहउस झालर क नीच एक दसर क मक़ािबल पहलओपर लगाना इन कड़ो म क़बारनगाह को उठान कीलकिड़या डाली जाएगी 5 यह लकिड़या कीकर कीहो और उन पर भी सोना चढ़ाना

6 इस क़बारनगाह को ख़म क मक़ददस कमर म उसपद र क सामन रखना िजस क पीछ अहद का सनदक़और उस का ढकना होग वह ढकना जहा म तझस िमला करगा 7 जब हारन हर सबह शमादान कचराग़ तययार कर उस वक़त वह उस पर ख़शबदारबख़र जलाए 8 सरज क ग़रब होन क बाद भी जबवह दबारा चराग़ो की दख-भाल करगा तो वह साथसाथ बख़र जलाए य रब क सामन बख़र मतवाितरजलता रह लािज़म ह िक बाद की नसल भी इसउसल पर क़ाइम रह

9 इस क़बारनगाह पर िसफ़र जाइज़ बख़र इसतमालिकया जाए इस पर न तो जानवरो की क़बारिनया चढ़ाई जाए न ग़लला या म की नज़र पश की जाए10 हारन साल म एक दफ़ा उस का कफ़फ़ारा द करउस पाक कर इस क िलए वह कफ़फ़ार क िदन उसक़बारनी का कछ ख़न सीगो पर लगाए यह उसल भीअबद तक क़ाइम रह यह क़बारनगाह रब क िलएिनहायत मक़ददस हrdquo

मदरमशमारी क पस11 रब न मसा स कहा 12 ldquoजब भी त इसराईिलयो

की मदरमशमारी कर तो लािज़म ह िक िजन का शमार

ख़रज 3013ndash36 103िकया गया हो वह रब को अपनी जान का िफ़दया दतािक उन म वबा न फल 13 िजस िजस का शमारिकया गया हो वह चादी क आध िसकक क बराबररक़म उठान वाली क़बारनी क तौर पर द िसकक कावज़न मिक़दस क िसकको क बराबर हो यानी चादी किसकक का वज़न 11 गराम हो इस िलए छः गराम चादीदनी ह 14 िजस की भी उमर 20 साल या इस स ज़ाइदहो वह रब को यह रक़म उठान वाली क़बारनी क तौरपर द 15 अमीर और ग़रीब दोनो इतना ही द कयिकयही नज़राना रब को पश करन स तमहारी जान काकफ़फ़ारा िदया जाता ह 16 कफ़फ़ार की यह रक़ममलाक़ात क ख़म की िख़दमत क िलए इसतमालकरना िफर यह नज़राना रब को याद िदलाता रहगािक तमहारी जानो का कफ़फ़ारा िदया गया हrdquo

धोन का हौज़17 रब न मसा स कहा 18 ldquoपीतल का ढाचा बनाना

िजस पर पीतल का हौज़ बना कर रखना ह यह हौज़धोन क िलए ह उस सहन म मलाक़ात क ख़म औरजानवरो को चढ़ान की क़बारनगाह क दरिमयान रखकर पानी स भर दना 19 हारन और उस क बट अपनहाथ-पाओ धोन क िलए उस का पानी इसतमाल कर20 मलाक़ात क ख़म म दािख़ल होन स पहल ही वहअपन आप को धोए वनार वह मर जाएग इसी तरहजब भी वह ख़म क बाहर की क़बारनगाह पर जानवरोकी क़बारिनया चढ़ाए 21 तो लािज़म ह िक पहल हाथ-पाओ धो ल वनार वह मर जाएग यह उसल हारनऔर उस की औलाद क िलए हमशा तक क़ाइम रहrdquo

मसह का तल22 रब न मसा स कहा 23 ldquoमसह क तल क

िलए उमदा िक़सम क मसाल इसतमाल करना6 िकलोगराम आब-ए-मर 3 िकलोगराम ख़शबदारदारचीनी 3 िकलोगराम ख़शबदार बद 24 और 6

िकलोगराम तजपात यह चीज़ मिक़दस क बाटो किहसाब स तोल कर चार िलटर ज़तन क तल मडालना 25 सब कछ िमला कर ख़शबदार तल तययारकरना वह मक़ददस ह और िसफ़र उस वक़त इसतमालिकया जाए जब कोई चीज़ या शख़स मर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस िकया जाए

26 यही तल ल कर मलाक़ात का ख़मा और उसका सारा सामान मसह करना यानी ख़मा अहदका सनदक़ 27 मज़ और उस का सामान शमादानऔर उस का सामान बख़र जलान की क़बारनगाह28 जानवरो को चढ़ान की क़बारनगाह और उस कासामान धोन का हौज़ और उस का ढाचा 29 य तयह तमाम चीज़ मख़सस-ओ-मक़ददस करगा इस सवह िनहायत मक़ददस हो जाएगी जो भी उनह छएगावह मक़ददस हो जाएगा

30 हारन और उस क बटो को भी इस तल स मसहकरना तािक वह मक़ददस हो कर मर िलए इमाम काकाम सरअनजाम द सक 31 इसराईिलयो को कहद िक यह तल हमशा तक मर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस ह 32 इस िलए इस अपन िलए इसतमाल नकरना और न इस तरकीब स अपन िलए तल बनानायह तल मख़सस-ओ-मक़ददस ह और तमह भी इस य ठहराना ह 33 जो इस तरकीब स आम इसतमाल किलए तल बनाता ह या िकसी आम शख़स पर लगाताह उस उस की क़ौम म स िमटा डालना हrdquo

बख़र की क़बारनी34 रब न मसा स कहा ldquoबख़र इस तरकीब स

बनाना ह मसतकी ओिनका yिबरीजा और ख़ािलसलबान बराबर क िहससो म 35 िमला कर ख़शबदारबख़र बनाना इतरसाज़ का यह काम नमकीनख़ािलस और मक़ददस हो 36 इस म स कछ पीसकर पाउडर बनाना और मलाक़ात क ख़म म अहद

yonycha (unguis odoratus)

104 ख़रज 3037ndash321क सनदक़ क सामन डालना जहा म तझ स िमलाकरगा

इस बख़र को मक़ददसतरीन ठहराना 37 इसीतरकीब क मतािबक़ अपन िलए बख़र न बनाना इसरब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस ठहराना ह 38 जोभी अपन ज़ाती इसतमाल क िलए इस िक़सम काबख़र बनाए उस उस की क़ौम म स िमटा डालनाहrdquo

बज़लीएल और उहिलयाब

31 1 िफर रब न मसा स कहा 2 ldquoम न यहदाहक क़बील क बज़लीएल िबन ऊरी िबन हर

को चन िलया ह तािक वह मक़ददस ख़म की तामीरम राहनमाई कर 3 म न उस इलाही रह स मामरकरक िहकमत समझ और तामीर क हर काम किलए दरकार इलम द िदया ह 4 वह नक़श बना करउन क मतािबक़ सोन चादी और पीतल की चीज़बना सकता ह 5 वह जवािहर को काट कर जड़नकी क़ािबिलयत रखता ह वह लकड़ी को तराश करउस स मख़तिलफ़ चीज़ बना सकता ह वह बहत सारऔर कामो म भी महारत रखता ह

6 साथ ही म न दान क क़बील क उहिलयाब िबनअख़ीसमक को मक़ररर िकया ह तािक वह हर कामम उस की मदद कर इस क इलावा म न तमामसमझदार कारीगरो को महारत दी ह तािक वह सबकछ उन िहदायात क मतािबक़ बना सक जो म नतझ दी ह 7 यानी मलाक़ात का ख़मा कफ़फ़ार कढकन समत अहद का सनदक़ और ख़म का सारादसरा सामान 8 मज़ और उस का सामान ख़ािलससोन का शमादान और उस का सामान बख़र जलानकी क़बारनगाह 9 जानवरो को चढ़ान की क़बारनगाहऔर उस का सामान धोन का हौज़ उस ढाच समतिजस पर वह रखा जाता ह 10 वह िलबास जो हारनऔर उस क बट मिक़दस म िख़दमत करन क िलएपहनत ह 11 मसह का तल और मिक़दस क िलए

ख़शबदार बख़र यह सब कछ वह वस ही बनाएजस म न तझ हकम िदया हrdquo

सबत यानी हफ़त का िदन12 रब न मसा स कहा 13 ldquoइसराईिलयो को बता

िक हर सबत का िदन ज़रर मनाओ कयिक सबतका िदन एक नमाया िनशान ह िजस स जान िलयाजाएगा िक म रब ह जो तमह मख़सस-ओ-मक़ददसकरता ह और यह िनशान मर और तमहार दरिमयाननसल-दर-नसल क़ाइम रहगा 14 सबत का िदन ज़ररमनाना कयिक वह तमहार िलए मख़सस-ओ-मक़ददसह जो भी उस की बहरमती कर वह ज़रर जान समारा जाए जो भी इस िदन काम कर उस उस कीक़ौम म स िमटाया जाए 15 छः िदन काम करनालिकन सातवा िदन आराम का िदन ह वह रब किलए मख़सस-ओ-मक़ददस ह

16 इसराईिलयो को हाल म और मसतक़िबल मसबत का िदन अबदी अहद समझ कर मनाना ह17 वह मर और इसराईिलयो क दरिमयान अबदीिनशान होगा कयिक रब न छः िदन क दौरानआसमान-ओ-ज़मीन को बनाया जबिक सातव िदनउस न आराम िकया और ताज़ादम हो गयाrdquo

रब शरीअत की तिख़तया दता ह18 यह सब कछ मसा को बतान क बाद रब न उस

सीना पहाड़ पर शरीअत की दो तिख़तया दी अललाहन ख़द पतथर की इन तिख़तयो पर तमाम बात िलखीथी

सोन का बछड़ा

32 1 पहाड़ क दामन म लोग मसा क इिनतज़ारम रह लिकन बहत दर हो गई एक िदन

वह हारन क िगदर जमा हो कर कहन लग ldquoआएहमार िलए दवता बना द जो हमार आग आग चलतहए हमारी राहनमाई कर कयिक कया मालम िक उस

ख़रज 322ndash23 105बनद मसा को कया हआ ह जो हम िमसर स िनकाललायाrdquo

2 जवाब म हारन न कहा ldquoआप की बीिवया बटऔर बिटया अपनी सोन की बािलया उतार कर मरपास ल आएrdquo 3 सब लोग अपनी बािलया उतारउतार कर हारन क पास ल आए 4 तो उस न यहज़वरात ल कर बछड़ा ढाल िदया बछड़ को दखकर लोग बोल उठ ldquoऐ इसराईल यह तर दवता हजो तझ िमसर स िनकाल लाएrdquo

5 जब हारन न यह दखा तो उस न बछड़ कसामन क़बारनगाह बना कर एलान िकया ldquoकल हमरब की ताज़ीम म ईद मनाएगrdquo 6 अगल िदन लोगसबह-सवर उठ और भसम होन वाली क़बारिनया औरसलामती की क़बारिनया चढ़ाई वह खान-पीन किलए बठ गए और िफर उठ कर रगरिलयो म अपनिदल बहलान लग

मसा अपनी क़ौम की शफ़ाअत करता ह7 उस वक़त रब न मसा स कहा ldquoपहाड़ स उतर

जा तर लोग िजनह त िमसर स िनकाल लाया बड़ीशरारत कर रह ह 8 वह िकतनी जलदी स उस रासतस हट गए ह िजस पर चलन क िलए म न उनह हकमिदया था उनहो न अपन िलए ढाला हआ बछड़ा बनाकर उस िसजदा िकया ह उनहो न उस क़बारिनया पशकरक कहा ह lsquoऐ इसराईल यह तर दवता ह यहीतझ िमसर स िनकाल लाए हrsquordquo 9 अललाह न मसा सकहा ldquoम न दखा ह िक यह क़ौम बड़ी हटधमर ह10 अब मझ रोकन की कोिशश न कर म उन परअपना ग़ज़ब उडल कर उन को र-ए-ज़मीन पर सिमटा दगा उन की जगह म तझ स एक बड़ी क़ौमबना दगाrdquo

11 लिकन मसा न कहा ldquoऐ रब त अपनी क़ौमपर अपना ग़ससा कय उतारना चाहता ह त ख़दअपनी अज़ीम क़दरत स उस िमसर स िनकाल लायाह 12 िमसरी कय कह lsquoरब इसराईिलयो को िसफ़र इसबर मक़सद स हमार मलक स िनकाल ल गया ह िक

उनह पहाड़ी इलाक़ म मार डाल और य उनह र-ए-ज़मीन पर स िमटाएrsquo अपना ग़ससा ठडा होन द औरअपनी क़ौम क साथ बरा सलक करन स बाज़ रह13 याद रख िक त न अपन ख़ािदमो इबराहीम इसहाक़और याक़ब स अपनी ही क़सम खा कर कहा थाlsquoम तमहारी औलाद की तादाद य बढ़ाऊगा िक वहआसमान क िसतारो क बराबर हो जाएगी म उनहवह मलक दगा िजस का वादा म न िकया ह औरवह उस हमशा क िलए मीरास म पाएगrsquordquo

14 मसा क कहन पर रब न वह नही िकया िजस काएलान उस न कर िदया था बिलक वह अपनी क़ौमस बरा सलक करन स बाज़ रहा

बतपरसती क नताइज15 मसा मड़ कर पहाड़ स उतरा उस क हाथो म

शरीअत की दोनो तिख़तया थी उन पर आग पीछिलखा गया था 16 अललाह न ख़द तिख़तयो को बनाकर उन पर अपन अहकाम कनदा िकए थ

17 उतरत उतरत यशअ न लोगो का शोर सना औरमसा स कहा ldquoख़मागाह म जग का शोर मच रहाहrdquo 18 मसा न जवाब िदया ldquoन तो यह फ़तहमनदोक नार ह न िशकसत खाए हओ की चीख़-पकारमझ गान वालो की आवाज़ सनाई द रही हrdquo

19 जब वह ख़मागाह क नज़दीक पहचा तो उस नलोगो को सोन क बछड़ क सामन नाचत हए दखाबड़ ग़सस म आ कर उस न तिख़तयो को ज़मीन परपटख़ िदया और वह टकड़ टकड़ हो कर पहाड़ कदामन म िगर गई 20 मसा न इसराईिलयो क बनाए हएबछड़ को जला िदया जो कछ बच गया उस उस नपीस पीस कर पाउडर बना डाला और पाउडर पानीपर िछड़क कर इसराईिलयो को िपला िदया

21 उस न हारन स पछा ldquoइन लोगो न तमहार साथकया िकया िक तम न उनह ऐस बड़ गनाह म फसािदयाrdquo 22 हारन न कहा ldquoमर आक़ा ग़सस न होआप ख़द जानत ह िक यह लोग बदी पर तल रहतह 23 उनहो न मझ स कहा lsquoहमार िलए दवता बना

106 ख़रज 3224ndash337द जो हमार आग आग चलत हए हमारी राहनमाईकर कयिक कया मालम िक उस बनद मसा को कयाहआ ह जो हम िमसर स िनकाल लायाrsquo 24 इस िलएम न उन को बताया lsquoिजस क पास सोन क ज़वरातह वह उनह उतार लाएrsquo जो कछ उनहो न मझ िदयाउस म न आग म फक िदया तो होत होत सोन कायह बछड़ा िनकल आयाrdquo

25 मसा न दखा िक लोग बकाब हो गए ह कयिकहारन न उनह बलगाम छोड़ िदया था और य वहइसराईल क दशमनो क िलए मज़ाक़ का िनशाना बनगए थ 26 मसा ख़मागाह क दरवाज़ पर खड़ होकर बोला ldquoजो भी रब का बनदा ह वह मर पासआएrdquo जवाब म लावी क क़बील क तमाम लोगउस क पास जमा हो गए 27 िफर मसा न उन सकहा ldquoरब इसराईल का ख़दा फ़रमाता ह lsquoहर एकअपनी तलवार ल कर ख़मागाह म स गज़र एक िसरक दरवाज़ स शर करक दसर िसर क दरवाज़ तकचलत चलत हर िमलन वाल को जान स मार दो चाहवह तमहारा भाई दोसत या िरशतदार ही कय न होिफर मड़ कर मारत मारत पहल दरवाज़ पर वापसआ जाओrsquordquo

28 लािवयो न मसा की िहदायत पर अमल िकयातो उस िदन तक़रीबन 3000 मदर हलाक हए 29 यहदख कर मसा न लािवयो स कहा ldquoआज अपनआप को मिक़दस म रब की िख़दमत करन क िलएमख़सस-ओ-मक़ददस करो कयिक तम अपन बटोऔर भाइयो क िख़लाफ़ लड़न क िलए तययार थइस िलए रब तम को आज बरकत दगाrdquo

30 अगल िदन मसा न इसराईिलयो स बात की ldquoतमन िनहायत सगीन गनाह िकया ह तो भी म अब रबक पास पहाड़ पर जा रहा ह शायद म तमहार गनाहका कफ़फ़ारा द सकrdquo

31 चनाच मसा न रब क पास वापस जा कर कहाldquoहाय इस क़ौम न िनहायत सगीन गनाह िकया हउनहो न अपन िलए सोन का दवता बना िलया32 महरबानी करक उनह मआफ़ कर लिकन अगर

त उनह मआफ़ न कर तो िफर मझ भी अपनी उसिकताब म स िमटा द िजस म त न अपन लोगोक नाम दजर िकए हrdquo 33 रब न जवाब िदया ldquoमिसफ़र उस को अपनी िकताब म स िमटाता ह जो मरागनाह करता ह 34 अब जा लोगो को उस जगह लचल िजस का िज़कर म न िकया ह मरा फ़िरशता तरआग आग चलगा लिकन जब सज़ा का मक़रररा िदनआएगा तब म उनह सज़ा दगाrdquo

35 िफर रब न इसराईिलयो क दरिमयान वबा फलनदी इस िलए िक उनहो न उस बछड़ की पजा की थीजो हारन न बनाया था

33 1 रब न मसा स कहा ldquoइस जगह स रवानाहो जा उन लोगो को ल कर िजन को त

िमसर स िनकाल लाया ह उस मलक को जा िजस कावादा म न इबराहीम इसहाक़ और याक़ब स िकयाह उन ही स म न क़सम खा कर कहा था lsquoम यहमलक तमहारी औलाद को दगाrsquo 2 म तर आग आगफ़िरशता भज कर कनआनी अमोरी िहतती फ़िरज़ज़ीिहववी और यबसी अक़वाम को उस मलक स िनकालदगा 3 उठ उस मलक को जा जहा दध और शहदकी कसरत ह लिकन म साथ नही जाऊगा तम इतनहटधमर हो िक अगर म साथ जाऊ तो ख़तरा ह िकतमह वहा पहचन स पहल ही बबारद कर दrdquo

4 जब इसराईिलयो न यह सख़त अलफ़ाज़ सन तोवह मातम करन लग िकसी न भी अपन ज़वर नपहन 5 कयिक रब न मसा स कहा था ldquoइसराईिलयोको बता िक तम हटधमर हो अगर म एक लमहा भीतमहार साथ चल तो ख़तरा ह िक म तमह तबाह करद अब अपन ज़वरात उतार डालो िफर म फ़सलाकरगा िक तमहार साथ कया िकया जाएrdquo

6 इन अलफ़ाज़ पर इसराईिलयो न होिरब यानी सीनापहाड़ पर अपन ज़वर उतार िदए

मलाक़ात का ख़मा7 उस वक़त मसा न ख़मा ल कर उस कछ फ़ािसल

पर ख़मागाह क बाहर लगा िदया उस न उस का

ख़रज 338ndash346 107नाम lsquoमलाक़ात का ख़माrsquo रखा जो भी रब की मज़ीरदरयाफ़त करना चाहता वह ख़मागाह स िनकल करवहा जाता 8 जब भी मसा ख़मागाह स िनकल करवहा जाता तो तमाम लोग अपन ख़मो क दरवाज़ोपर खड़ हो कर मसा क पीछ दखन लगत उस कमलाक़ात क ख़म म ओझल होन तक वह उस दखतरहत

9 मसा क ख़म म दािख़ल होन पर बादल का सतनउतर कर ख़म क दरवाज़ पर ठहर जाता िजतनीदर तक रब मसा स बात करता उतनी दर तक वहवहा ठहरा रहता 10 जब इसराईली मलाक़ात क ख़मक दरवाज़ पर बादल का सतन दखत तो वह अपनअपन ख़म क दरवाज़ पर खड़ हो कर िसजदा करत11 रब मसा स र-ब-र बात करता था ऐस शख़स कीतरह जो अपन दोसत स बात करता ह इस क बादमसा िनकल कर ख़मागाह को वापस चला जातालिकन उस का जवान मददगार यशअ िबन नन ख़मको नही छोड़ता था

मसा रब का जलाल दखता ह12 मसा न रब स कहा ldquoदख त मझ स कहता

आया ह िक इस क़ौम को कनआन ल चल लिकनत मर साथ िकस को भजगा त न अब तक यहबात मझ नही बताई हालािक त न कहा ह lsquoम तझबनाम जानता ह तझ मरा करम हािसल हआ हrsquo13 अगर मझ वाक़ई तरा करम हािसल ह तो मझअपन रासत िदखा तािक म तझ जान ल और तराकरम मझ हािसल होता रह इस बात का ख़यालरख िक यह क़ौम तरी ही उममत हrdquo

14 रब न जवाब िदया ldquoम ख़द तर साथ चलगाऔर तझ आराम दगाrdquo 15 मसा न कहा ldquoअगर तख़द साथ नही चलगा तो िफर हम यहा स रवाना नकरना 16 अगर त हमार साथ न जाए तो िकस तरहपता चलगा िक मझ और तरी क़ौम को तरा करमहािसल हआ ह हम िसफ़र इसी वजह स दिनया कीदीगर क़ौमो स अलग और ममताज़ हrdquo

17 रब न मसा स कहा ldquoम तरी यह दरख़वासत भीपरी करगा कयिक तझ मरा करम हािसल हआ हऔर म तझ बनाम जानता हrdquo

18 िफर मसा बोला ldquoबराह-ए-करम मझ अपनाजलाल िदखाrdquo 19 रब न जवाब िदया ldquoम अपनीपरी भलाई तर सामन स गज़रन दगा और तर सामनही अपन नाम रब का एलान करगा म िजस परमहरबान होना चाह उस पर महरबान होता ह औरिजस पर रहम करना चाह उस पर रहम करता ह20 लिकन त मरा िचहरा नही दख सकता कयिक जोभी मरा िचहरा दख वह िज़नदा नही रह सकताrdquo21 िफर रब न फ़रमाया ldquoदख मर पास एक जगह हवहा की चटान पर खड़ा हो जा 22 जब मरा जलालवहा स गज़रगा तो म तझ चटान क एक िशगाफ़ मरखगा और अपना हाथ तर ऊपर फलाऊगा तािक तमर गज़रन क दौरान महफ़ज़ रह 23 इस क बाद मअपना हाथ हटाऊगा और त मर पीछ दख सकगालिकन मरा िचहरा दखा नही जा सकताrdquo

पतथर की नई तिख़तया

34 1 रब न मसा स कहा ldquoअपन िलए पतथरकी दो तिख़तया तराश ल जो पहली दो की

मािननद हो िफर म उन पर वह अलफ़ाज़ िलखगाजो पहली तिख़तयो पर िलख थ िजनह त न पटख़िदया था 2 सबह तक तययार हो कर सीना पहाड़पर चढ़ना चोटी पर मर सामन खड़ा हो जा 3 तरसाथ कोई भी न आए बिलक पर पहाड़ पर कोई औरशख़स नज़र न आए यहा तक िक भड़-बकिरया औरगाय-बल भी पहाड़ क दामन म न चरrdquo

4 चनाच मसा न दो तिख़तया तराश ली जो पहलीकी मािननद थी िफर वह सबह-सवर उठ कर सीनापहाड़ पर चढ़ गया िजस तरह रब न उस हकम िदयाथा उस क हाथो म पतथर की दोनो तिख़तया थी5 जब वह चोटी पर पहचा तो रब बादल म उतरआया और उस क पास खड़ हो कर अपन नामरब का एलान िकया 6 मसा क सामन स गज़रत

108 ख़रज 347ndash25हए उस न पकारा ldquoरब रब रहीम और महरबानख़दा तहममल शफ़क़त और वफ़ा स भरपर 7 वहहज़ारो पर अपनी शफ़क़त क़ाइम रखता और लोगोका क़सर नाफ़रमानी और गनाह मआफ़ करता हलिकन वह हर एक को उस की मनािसब सज़ा भीदता ह जब वािलदन गनाह कर तो उन की औलादको भी तीसरी और चौथी पशत तक सज़ा क नताइजभगतन पड़गrdquo

8 मसा न जलदी स झक कर िसजदा िकया 9 उस नकहा ldquoऐ रब अगर मझ पर तरा करम हो तो हमारसाथ चल बशक यह क़ौम हटधमर ह तो भी हमाराक़सर और गनाह मआफ़ कर और बख़श द िक हमदबारा तर ही बन जाएrdquo

10 तब रब न कहा ldquoम तमहार साथ अहद बाधगातरी क़ौम क सामन ही म ऐस मोिजज़ करगा जोअब तक दिनया भर की िकसी भी क़ौम म नही िकएगए परी क़ौम िजस क दरिमयान त रहता ह रबका काम दखगी और उस स डर जाएगी जो म तरसाथ करगा 11 जो अहकाम म आज दता ह उनपर अमल करता रह म अमोरी कनआनी िहततीफ़िरज़ज़ी िहववी और यबसी अक़वाम को तर आगआग मलक स िनकाल दगा 12 ख़बरदार जो उसमलक म रहत ह जहा त जा रहा ह उन स अहद नबाधना वनार वह तर दरिमयान रहत हए तझ गनाहोम फसात रहग 13 उन की क़बारनगाह ढा दना उनक बतो क सतन टकड़ टकड़ कर दना और उन कीदवी यसीरत क खमब काट डालना

14 िकसी और माबद की परिसतश न करनाकयिक रब का नाम ग़यर ह अललाह ग़रतमनद ह15 ख़बरदार उस मलक क बािशनदो स अहद नकरना कयिक तर दरिमयान रहत हए भी वह अपनमाबदो की परवी करक िज़ना करग और उनहक़बारिनया चढ़ाएग आिख़रकार वह तझ भी अपनीक़बारिनयो म िशकर त की दावत दग 16 ख़तरा ह िक त

उन की बिटयो का अपन बटो क साथ िरशता बाधिफर जब यह अपन माबदो की परवी करक िज़नाकरगी तो उन क सबब स तर बट भी उन की परवीकरन लगग

17 अपन िलए दवता न ढालना

सालाना ईद18 बख़मीरी रोटी की ईद मनाना अबीब क महीन

zम सात िदन तक तरी रोटी म ख़मीर न हो िजस तरहम न हकम िदया ह कयिक इस महीन म त िमसर सिनकला

19 हर पहलौठा मरा ह तर माल मविशयो का हरपहलौठा मरा ह चाह बछड़ा हो या लला 20 लिकनपहलौठ गध क इवज़ भड़ दना अगर यह ममिकनन हो तो उस की गदरन तोड़ डालना अपन पहलौठबटो क िलए भी इवज़ी दना कोई मर पास ख़ालीहाथ न आए

21 छः िदन काम-काज करना लिकन सातव िदनआराम करना ख़वाह हल चलाना हो या फ़सलकाटनी हो तो भी सातव िदन आराम करना

22 गनदम की फ़सल की कटाई की ईद aउस वक़तमनाना जब त गह की पहली फ़सल काटगा अगरऔर फल जमा करन की ईद इसराईली साल कइख़ितताम पर मनानी ह 23 लािज़म ह िक तर तमाममदर साल म तीन मतरबा रब क़ािदर-ए-मतलक़ कसामन जो इसराईल का ख़दा ह हािज़र हो 24 म तरआग आग क़ौमो को मलक स िनकाल दगा और तरीसरहदद बढ़ाता जाऊगा िफर जब त साल म तीनमतरबा रब अपन ख़दा क हज़र आएगा तो कोई भीतर मलक का लालच नही करगा

25 जब त िकसी जानवर को ज़बह करक क़बारनीक तौर पर पश करता ह तो उस क ख़न क साथ ऐसीरोटी पश न करना िजस म ख़मीर हो ईद-ए-फ़सह कीक़बारनी स अगली सबह तक कछ बाक़ी न रह

zमाचर ता अपरलaिसतमबर ता अकतबर

ख़रज 3426ndash3516 10926 अपनी ज़मीन की पहली पदावार म स बहतरीन

िहससा रब अपन ख़दा क घर म ल आनाबकरी या भड़ क बचच को उस की मा क दध म न

पकानाrdquo

मसा क िचहर पर चमक27 रब न मसा स कहा ldquoयह तमाम बात िलख ल

कयिक यह उस अहद की बनयाद ह जो म न तर औरइसराईल क साथ बाधा हrdquo

28 मसा चालीस िदन और चालीस रात वही रब कहज़र रहा इस दौरान न उस न कछ खाया न िपयाउस न पतथर की तिख़तयो पर अहद क दस अहकामिलख

29 इस क बाद मसा शरीअत की दोनो तिख़तयो कोहाथ म िलए हए सीना पहाड़ स उतरा उस क िचहरकी िजलद चमक रही थी कयिक उस न रब स बातकी थी लिकन उस ख़द इस का इलम नही था30 जब हारन और तमाम इसराईिलयो न दखा िकमसा का िचहरा चमक रहा ह तो वह उस क पासआन स डर गए 31 लिकन उस न उनह बलाया तोहारन और जमाअत क तमाम सरदार उस क पासआए और उस न उन स बात की 32 बाद म बाक़ीइसराईली भी आए और मसा न उनह तमाम अहकामसनाए जो रब न उस कोह-ए-सीना पर िदए थ

33 यह सब कछ कहन क बाद मसा न अपन िचहरपर िनक़ाब डाल िलया 34 जब भी वह रब स बातकरन क िलए मलाक़ात क ख़म म जाता तो िनक़ाबको ख़म स िनकलत वक़त तक उतार लता औरजब वह िनकल कर इसराईिलयो को रब स िमल हएअहकाम सनाता 35 तो वह दखत िक उस क िचहरकी िजलद चमक रही ह इस क बाद मसा दबारािनक़ाब को अपन िचहर पर डाल लता और वह उसवक़त तक िचहर पर रहता जब तक मसा रब स बातकरन क िलए मलाक़ात क ख़म म न जाता था

सबत का िदन

35 1 मसा न इसराईल की परी जमाअत कोइकटठा करक कहा ldquoरब न तम को यह

हकम िदए ह 2 छः िदन काम-काज िकया जाएलिकन सातवा िदन मख़सस-ओ-मक़ददस हो वह रबक िलए आराम का सबत ह जो भी इस िदन कामकर उस सज़ा-ए-मौत दी जाए 3 हफ़त क िदन अपनतमाम घरो म आग तक न जलानाrdquo

मलाक़ात क ख़म क िलए सामान4 मसा न इसराईल की परी जमाअत स कहा ldquoरब

न िहदायत दी ह 5 िक जो कछ तमहार पास ह उस मस हिदए ला कर रब को उठान वाली क़बारनी क तौरपर पश करो जो भी िदली ख़शी स दना चाह वहइन चीज़ो म स कछ द सोना चादी पीतल 6 नीलअग़रवानी और िक़िमरज़ी रग का धागा बारीक कतानबकरी क बाल 7 मढो की सख़र रगी हई खालतख़स की खाल कीकर की लकड़ी 8 शमादान किलए ज़तन का तल मसह करन क िलए तल औरख़शबदार बख़र क िलए मसाल 9 अक़ीक़-ए-अहमरऔर दीगर जवािहर जो इमाम-ए-आज़म क बालापोशऔर सीन क कीस म जड़ जाएग

10 तम म स िजतन मािहर कारीगर ह वह आ करवह कछ बनाए जो रब न फ़रमाया 11 यानी ख़मा औरवह िग़लाफ़ जो उस क ऊपर लगाए जाएग हकदीवारो क तख़त शहतीर सतन और पाए 12 अहदका सनदक़ उस उठान की लकिड़या उस ककफ़फ़ार का ढकना मक़ददसतरीन कमर क दरवाज़का पदार 13 मख़सस रोिटयो की मज़ उस उठानकी लकिड़या उस का सारा सामान और रोिटया14 शमादान और उस पर रखन क चराग़ उस कसामान समत शमादान क िलए तल 15 बख़र जलानकी क़बारनगाह उस उठान की लकिड़या मसह कातल ख़शबदार बख़र मक़ददस ख़म क दरवाज़ कापदार 16 जानवरो को चढ़ान की क़बारनगाह उस का

110 ख़रज 3517ndash364पीतल का जगला उस उठान की लकिड़या औरबाक़ी सारा सामान धोन का हौज़ और वह ढाचािजस पर हौज़ रखा जाता ह 17 चारदीवारी क पद रउन क खमबो और पाइयो समत सहन क दरवाज़का पदार 18 ख़म और चारदीवारी की मख़ और रसस19 और वह मक़ददस िलबास जो हारन और उस कबट मिक़दस म िख़दमत करन क िलए पहनत हrdquo

20 यह सन कर इसराईल की परी जमाअत मसाक पास स चली गई 21 और जो जो िदली ख़शीस दना चाहता था वह मलाक़ात क ख़म उस कसामान या इमामो क कपड़ो क िलए कोई हिदयाल कर वापस आया 22 रब क हिदए क िलए मदरऔर ख़वातीन िदली ख़शी स अपन सोन क ज़वरातमसलन जड़ाओ िपन बािलया और छलल ल आए23 िजस िजस क पास दरकार चीज़ो म स कछ थावह उस मसा क पास ल आया यानी नील िक़िमरज़ीऔर अग़रवानी रग का धागा बारीक कतान बकरीक बाल मढो की सख़र रगी हई खाल और तख़सकी खाल 24 चादी पीतल और कीकर की लकड़ीभी हिदए क तौर पर लाई गई 25 और िजतनी औरतकातन म मािहर थी वह अपनी काती हई चीज़ लआई यानी नील िक़िमरज़ी और अग़रवानी रग काधागा और बारीक कतान 26 इसी तरह जो जो औरतबकरी क बाल कातन म मािहर थी और िदली ख़शीस मिक़दस क िलए काम करना चाहती थी वहयह कात कर ल आई 27 सरदार अक़ीक़-ए-अहमरऔर दीगर जवािहर ल आए जो इमाम-ए-आज़म कबालापोश और सीन क कीस क िलए दरकार थ28 वह शमादान मसह क तल और ख़शबदार बख़रक िलए मसाल और ज़तन का तल भी ल आए

29 य इसराईल क तमाम मदर और ख़वातीन जो िदलीख़शी स रब को कछ दना चाहत थ उस सार कामक िलए हिदए ल आए जो रब न मसा की मािरफ़तकरन को कहा था

बज़लीएल और उहिलयाब30 िफर मसा न इसराईिलयो स कहा ldquoरब न यहदाह

क क़बील क बज़लीएल िबन ऊरी िबन हर को चनिलया ह 31 उस न उस इलाही रह स मामर करकिहकमत समझ और तामीर क हर काम क िलएदरकार इलम द िदया ह 32 वह नक़श बना कर उनक मतािबक़ सोन चादी और पीतल की चीज़ बनासकता ह 33 वह जवािहर को काट कर जड़न कीक़ािबिलयत रखता ह वह लकड़ी को तराश करउस स मख़तिलफ़ चीज़ बना सकता ह वह बहतसार और कामो म भी महारत रखता ह 34 साथ हीरब न उस और दान क क़बील क उहिलयाब िबनअख़ीसमक को दसरो को िसखान की क़ािबिलयतभी दी ह 35 उस न उनह वह महारत और िहकमत दीह जो हर काम क िलए दरकार ह यानी कारीगरी कहर काम क िलए कढ़ाई क काम क िलए नीलअग़रवानी और िक़िमरज़ी रग क धाग और बारीककतान स कपड़ा बनान क िलए और बनाई क कामक िलए वह मािहर कारीगर ह और नक़श भी बनासकत ह

36 1 लािज़म ह िक बज़लीएल उहिलयाब औरबाक़ी कारीगर िजन को रब न मिक़दस की

तामीर क िलए िहकमत और समझ दी ह सब कछऐन उन िहदायात क मतािबक़ बनाए जो रब न दीहrdquo

इसराईली िदली ख़शी स दत ह2 मसा न बज़लीएल और उहिलयाब को बलाया

साथ ही उस न हर उस कारीगर को भी बलाया िजसरब न मिक़दस की तामीर क िलए िहकमत और महारतदी थी और जो ख़शी स आना और यह काम करनाचाहता था 3 उनह मसा स तमाम हिदए िमल जोइसराईली मिक़दस की तामीर क िलए लाए थ

इस क बाद भी लोग रोज़-ब-रोज़ सबह क वक़तहिदए लात रह 4 आिख़रकार तमाम कारीगर जो

ख़रज 365ndash34 111मिक़दस बनान क काम म लग थ अपना काम छोड़कर मसा क पास आए 5 उनहो न कहा ldquoलोग हद सज़यादा ला रह ह िजस काम का हकम रब न िदया हउस क िलए इतन सामान की ज़ररत नही हrdquo 6 तबमसा न परी ख़मागाह म एलान करवा िदया िक कोईमदर या औरत मिक़दस की तामीर क िलए अब कछन लाए

य उनह मज़ीद चीज़ लान स रोका गया 7 कयिककाम क िलए सामान ज़ररत स ज़यादा हो गया था

मलाक़ात का ख़मा8 जो कारीगर महारत रखत थ उनहो न ख़म को

बनाया उनहो न बारीक कतान और नील अग़रवानीऔर िक़िमरज़ी धाग स दस पद र बनाए पदोर पर िकसीमािहर कारीगर क कढ़ाई क काम स करबी फ़िरशतोका िडज़ाइन बनाया गया 9 हर पद र की लमबाई 42फ़ट और चौड़ाई 6 फ़ट थी 10 पाच पदोर क लमबहािशए एक दसर क साथ जोड़ गए और इसी तरहबाक़ी पाच भी य दो बड़ टकड़ बन गए 11 दोनोटकड़ो को एक दसर क साथ िमलान क िलए उनहो ननील धाग क हलक़ बनाए यह हलक़ हर टकड़ क 42फ़ट वाल एक िकनार पर लगाए गए 12 एक टकड़क हािशए पर 50 हलक़ और दसर पर भी उतन हीहलक़ इन दो हािशयो क हलक़ एक दसर क आमन-सामन थ 13 िफर बज़लीएल न सोन की 50 हक बनाकर उन स आमन-सामन क हलक़ो को एक दसर कसाथ िमलाया य दोनो टकड़ो क जोड़न स ख़मा बनगया

14 उस न बकरी क बालो स भी 11 पद र बनाए िजनहकपड़ वाल ख़म क ऊपर रखना था 15 हर पद र कीलमबाई 45 फ़ट और चौड़ाई 6 फ़ट थी 16 पाच पदोरक लमब हािशए एक दसर क साथ जोड़ गए और इसतरह बाक़ी छः भी 17 इन दोनो टकड़ो को िमलानक िलए उस न हर टकड़ क 45 फ़ट वाल एक िकनारपर पचास पचास हलक़ लगाए 18 िफर पीतल की 50हक बना कर उस न दोनो िहसस िमलाए

19 एक दसर क ऊपर क दोनो ख़मो की िहफ़ाज़तक िलए बज़लीएल न दो और िग़लाफ़ बनाए बकरीक बालो क ख़म पर रखन क िलए उस न मढो कीसख़र रगी हई खाल जोड़ दी और उस क ऊपर रखनक िलए तख़स की खाल िमलाई

20 इस क बाद उस न कीकर की लकड़ी क तख़तबनाए जो ख़म की दीवारो का काम दत थ 21 हरतख़त की ऊचाई 15 फ़ट थी और चौड़ाई सवा दोफ़ट 22 हर तख़त क नीच दो दो चल थी इन चलोस हर तख़त को उस क पाइयो क साथ जोड़ा जाताथा तािक तख़ता खड़ा रह 23 ख़म की जनबी दीवारक िलए 20 तख़त बनाए गए 24 और साथ ही चादीक 40 पाए भी िजन पर तख़त खड़ िकए जात थ हरतख़त क नीच दो पाए थ और हर पाए म एक चललगती थी 25 इसी तरह ख़म की िशमाली दीवार किलए भी 20 तख़त बनाए गए 26 और साथ ही चादीक 40 पाए जो तख़तो को खड़ा करन क िलए थहर तख़त क नीच दो पाए थ 27 ख़म की िपछलीयानी मग़िरबी दीवार क िलए छः तख़त बनाए गए28 इस दीवार को िशमाली और जनबी दीवारो कसाथ जोड़न क िलए कोन वाल दो तख़त बनाए गए29 इन दो तख़तो म नीच स ल कर ऊपर तक कोनाथा तािक एक स िशमाली दीवार मग़िरबी दीवार कसाथ जड़ जाए और दसर स जनबी दीवार मग़िरबीदीवार क साथ इन क ऊपर क िसर कड़ो स मज़बतिकए गए 30 य िपछल यानी मग़िरबी तख़तो की परीतादाद 8 थी और इन क िलए चादी क पाइयो कीतादाद 16 हर तख़त क नीच दो पाए

31ndash32 िफर बज़लीएल न कीकर की लकड़ी कशहतीर बनाए तीनो दीवारो क िलए पाच पाचशहतीर वह हर दीवार क तख़तो पर य लगान किलए थ िक उन स तख़त एक दसर क साथ िमलाएजाए 33 दरिमयानी शहतीर य बनाया गया िक वहदीवार की आधी ऊचाई पर दीवार क एक िसर सदसर िसर तक लग सकता था 34 उस न तमाम तख़तोऔर शहतीरो पर सोना चढ़ाया शहतीरो को तख़तो

112 ख़रज 3635ndash3719क साथ लगान क िलए उस न सोन क कड़ बनाएजो तख़तो म लगान थ

मक़ददस ख़म क पद र35 अब बज़लीएल न एक और पदार बनाया उस

क िलए भी बारीक कतान और नील अग़रवानी औरिक़िमरज़ी रग का धागा इसतमाल हआ उस पर भीिकसी मािहर कारीगर क कढ़ाई क काम स करबीफ़िरशतो का िडज़ाइन बनाया गया 36 िफर उस नपद र को लटकान क िलए कीकर की लकड़ी क चारसतन सोन की हक और चादी क चार पाए बनाएसतनो पर सोना चढ़ाया गया

37 बज़लीएल न ख़म क दरवाज़ क िलए भी पदारबनाया वह भी बारीक कतान और नील अग़रवानीऔर िक़िमरज़ी रग क धाग स बनाया गया और उसपर कढ़ाई का काम िकया गया 38 इस पद र कोलटकान क िलए उस न सोन की हक और कीकरकी लकड़ी क पाच सतन बनाए सतनो क ऊपर किसरो और पिटटयो पर सोना चढ़ाया गया जबिक उनक पाए पीतल क थ

अहद का सनदक़

37 1 बज़लीएल न कीकर की लकड़ी कासनदक़ बनाया उस की लमबाई पौन चार

फ़ट थी जबिक उस की चौड़ाई और ऊचाई सवा दोदो फ़ट थी 2 उस न पर सनदक़ पर अनदर और बाहरस ख़ािलस सोना चढ़ाया ऊपर की सतह क इदरिगदरउस न सोन की झालर लगाई 3 सनदक़ को उठान किलए उस न सोन क चार कड़ ढाल कर उनह सनदक़क चारपाइयो पर लगाया दोनो तरफ़ दो दो कड़थ 4 िफर उस न कीकर की दो लकिड़या सनदक़को उठान क िलए तययार की और उन पर सोनाचढ़ाया 5 उस न इन लकिड़यो को दोनो तरफ़ ककड़ो म डाल िदया तािक उन स सनदक़ को उठायाजा सक

6 बज़लीएल न सनदक़ का ढकना ख़ािलस सोन काबनाया उस की लमबाई पौन चार फ़ट और चौड़ाईसवा दो फ़ट थी 7ndash8 िफर उस न दो करबी फ़िरशतसोन स घड़ कर बनाए जो ढकन क दोनो िसरो परखड़ थ यह दो फ़िरशत और ढकना एक ही टकड़ सबनाए गए 9 फ़िरशतो क पर य ऊपर की तरफ़ फलहए थ िक वह ढकन को पनाह दत थ उन क महएक दसर की तरफ़ िकए हए थ और वह ढकन कीतरफ़ दखत थ

मख़सस रोिटयो की मज़10 इस क बाद बज़लीएल न कीकर की लकड़ी

की मज़ बनाई उस की लमबाई तीन फ़ट चौड़ाईडढ़ फ़ट और ऊचाई सवा दो फ़ट थी 11 उस न उसपर ख़ािलस सोना चढ़ा कर उस क इदरिगदर सोन कीझालर लगाई 12 मज़ की ऊपर की सतह पर उसन चौखटा भी लगाया िजस की ऊचाई तीन इच थीऔर िजस पर सोन की झालर लगी थी 13 अब उसन सोन क चार कड़ ढाल कर उनह चारो कोनो परलगाया जहा मज़ क पाए लग थ 14 यह कड़ मज़ कीसतह पर लग चौखट क नीच लगाए गए उन म वहलकिड़या डालनी थी िजन स मज़ को उठाना था15 बज़लीएल न यह लकिड़या भी कीकर स बनाईऔर उन पर सोना चढ़ाया

16 आिख़रकार उस न ख़ािलस सोन क वह थालपयाल म की नज़र पश करन क बतरन और मतरबानबनाए जो उस पर रख जात थ

शमादान17 िफर बज़लीएल न ख़ािलस सोन का शमादान

बनाया उस का पाया और डडी घड़ कर बनाएगए उस की पयािलया जो फलो और किलयो कीशकल की थी पाए और डडी क साथ एक ही टकड़ाथी 18 डडी स दाई और बाई तरफ़ तीन तीन शाख़िनकलती थी 19 हर शाख़ पर तीन पयािलया लगीथी जो बादाम की किलयो और फलो की शकल

ख़रज 3720ndash3815 113की थी 20 शमादान की डडी पर भी इस िक़सम कीपयािलया लगी थी लिकन तादाद म चार 21 इन मस तीन पयािलया दाए बाए की छः शाख़ो क नीचलगी थी वह य लगी थी िक हर पयाली स दो शाख़िनकलती थी 22 शाख़ और पयािलया बिलक पराशमादान ख़ािलस सोन क एक ही टकड़ स घड़ करबनाया गया

23 बज़लीएल न शमादान क िलए ख़ािलस सोन कसात चराग़ बनाए उस न बतती कतरन की क़िचया और जलत कोएल क िलए छोट बतरन भी ख़ािलससोन स बनाए 24 शमादान और उस क तमाम सामानक िलए पर 34 िकलोगराम ख़ािलस सोना इसतमालहआ

बख़र जलान की क़बारनगाह25 बज़लीएल न कीकर की लकड़ी की क़बारनगाह

बनाई जो बख़र जलान क िलए थी वह डढ़ फ़टलमबी इतनी ही चौड़ी और तीन फ़ट ऊची थी उसक चार कोनो म स सीग िनकलत थ जो क़बारनगाह कसाथ एक ही टकड़ स बनाए गए थ 26 उस की ऊपरकी सतह उस क चार पहलओ और उस क सीगोपर ख़ािलस सोना चढ़ाया गया ऊपर की सतह कइदरिगदर बज़लीएल न सोन की झालर बनाई 27 सोनक दो कड़ बना कर उस न उनह इस झालर क नीचएक दसर क मक़ािबल पहलओ पर लगाया इनकड़ो म क़बारनगाह को उठान की लकिड़या डालीगई 28 यह लकिड़या कीकर की थी और उन परभी सोना चढ़ाया गया

29 बज़लीएल न मसह करन का मक़ददस तल औरख़शबदार ख़ािलस बख़र भी बनाया यह इतरसाज़ काकाम था

जानवरो को पश करन की क़बारनगाह

38 1 बज़लीएल न कीकर की लकड़ी की एकऔर क़बारनगाह बनाई जो भसम होन वाली

क़बारिनयो क िलए थी उस की ऊचाई साढ़ चार फ़ट

उस की लमबाई और चौड़ाई साढ़ सात सात फ़ट थी2 उस क ऊपर चारो कोनो म स सीग िनकलत थसीग और क़बारनगाह एक ही टकड़ क थ और उसपर पीतल चढ़ाया गया 3 उस का तमाम साज़-ओ-सामान और बतरन भी पीतल क थ यानी राख को उठाकर ल जान की बालिटया बलच काट जलत हएकोएल क िलए बतरन और िछड़काओ क कटोर

4 क़बारनगाह को उठान क िलए उस न पीतल काजगला बनाया वह ऊपर स खला था और य बनायागया िक जब क़बारनगाह उस म रखी जाए तो वह उसिकनार तक पहच जो क़बारनगाह की आधी ऊचाई परलगी थी 5 उस न क़बारनगाह को उठान क िलए चारकड़ बना कर उनह जगल क चार कोनो पर लगाया6 िफर उस न कीकर की दो लकिड़या बना कर उनपर पीतल चढ़ाया 7 और क़बारनगाह क दोनो तरफ़लग इन कड़ो म डाल दी य उस उठाया जा सकताथा क़बारनगाह लकड़ी की थी लिकन खोखली थी

8 बज़लीएल न धोन का हौज़ और उस का ढाचाभी पीतल स बनाया उस का पीतल उन औरतो कआईनो स िमला था जो मलाक़ात क ख़म क दरवाज़पर िख़दमत करती थी

ख़म का सहन9 िफर बज़लीएल न सहन बनाया उस की

चारदीवारी बारीक कतान क कपड़ स बनाई गईचारदीवारी की लमबाई जनब की तरफ़ 150 फ़टथी 10 कपड़ को लगान क िलए चादी की हकपिटटया लकड़ी क खमब और उन क पाए बनाए गए11 चारदीवारी िशमाल की तरफ़ भी इसी तरह बनाईगई 12 ख़म क पीछ मग़िरब की तरफ़ चारदीवारी कीचौड़ाई 75 फ़ट थी कपड़ क इलावा उस क िलए10 खमब 10 पाए और कपड़ा लगान क िलए चादीकी हक और पिटटया बनाई गई 13 सामन मशिरक़की तरफ़ जहा स सरज तल होता ह चारदीवारी कीचौड़ाई भी 75 फ़ट थी 14ndash15 कपड़ा दरवाज़ क दाईतरफ़ साढ़ 22 फ़ट चौड़ा था और उस क बाई तरफ़

114 ख़रज 3816ndash395भी उतना ही चौड़ा उस दोनो तरफ़ तीन तीन खमबोक साथ लगाया गया जो पीतल क पाइयो पर खड़ थ16 चारदीवारी क तमाम पदोर क िलए बारीक कतानइसतमाल हआ 17 खमब पीतल क पाइयो पर खड़थ और पद र चादी की हको और पिटटयो स खमबोक साथ लग थ खमबो क ऊपर क िसरो पर चादीचढ़ाई गई थी सहन क तमाम खमबो पर चादी कीपिटटया लगी थी

18 चारदीवारी क दरवाज़ का पदार नील अग़रवानीऔर िक़िमरज़ी रग क धाग और बारीक कतान सबनाया गया और उस पर कढ़ाई का काम िकयागया वह 30 फ़ट चौड़ा और चारदीवारी क दसरपदोर की तरह साढ़ सात फ़ट ऊचा था 19 उस क चारखमब और पीतल क चार पाए थ उस की हक औरपिटटया चादी की थी और खमबो क ऊपर क िसरोपर चादी चढ़ाई गई थी 20 ख़म और चारदीवारी कीतमाम मख़ पीतल की थी

ख़म का तामीरी सामान21 ज़ल म उस सामान की फ़हिरसत ह जो मिक़दस

की तामीर क िलए इसतमाल हआ मसा क हकमपर इमाम-ए-आज़म हारन क बट इतमर न लािवयोकी मािरफ़त यह फ़हिरसत तययार की 22 (यहदाह कक़बील क बज़लीएल िबन ऊरी िबन हर न वह सबकछ बनाया जो रब न मसा को बताया था 23 उस कसाथ दान क क़बील का उहिलयाब िबन अख़ीसमकथा जो कारीगरी क हर काम और कढ़ाई क काम ममािहर था वह नील अग़रवानी और िक़िमरज़ी रग कधाग और बारीक कतान स कपड़ा बनान म भी मािहरथा)

24 उस सोन का वज़न जो लोगो क हिदयो स जमाहआ और मिक़दस की तामीर क िलए इसतमाल हआतक़रीबन 1000 िकलोगराम था (उस मिक़दस कबाटो क िहसाब स तोला गया)

25 तामीर क िलए चादी जो मदरमशमारी क िहसाबस वसल हई उस का वज़न तक़रीबन 3430

िकलोगराम था (उस भी मिक़दस क बाटो क िहसाबस तोला गया) 26 िजन मदोर की उमर 20 साल या इसस ज़ाइद थी उनह चादी का आधा आधा िसकका दनापड़ा मदोर की कल तादाद 603550 थी 27 चिकदीवारो क तख़तो क पाए और मक़ददसतरीन कमरक दरवाज़ क सतनो क पाए चादी क थ इस िलएतक़रीबन परी चादी इन 100 पाइयो क िलए सफ़रहई 28 तक़रीबन 30 िकलोगराम चादी बच गई इसस चारदीवारी क खमबो की हक और पिटटया बनाईगई और यह खमबो क ऊपर क िसरो पर भी चढ़ाईगई

29 जो पीतल हिदयो स जमा हआ उस का वज़नतक़रीबन 2425 िकलोगराम था 30 ख़म क दरवाज़क पाए जानवरो को चढ़ान की क़बारनगाह उस काजगला बतरन और साज़-ओ-सामान 31 चारदीवारीक पाए सहन क दरवाज़ क पाए और ख़म औरचारदीवारी की तमाम मख़ इसी स बनाई गई

हारन का बालापोश

39 1 बज़लीएल की िहदायत पर कारीगरो ननील अग़रवानी और िक़िमरज़ी रग का धागा

ल कर मिक़दस म िख़दमत क िलए िलबास बनाएउनहो न हारन क मक़ददस कपड़ उन िहदायात क ऐनमतािबक़ बनाए जो रब न मसा को दी थी 2 उनहो नइमाम-ए-आज़म का बालापोश बनान क िलए सोनानील अग़रवानी और िक़िमरज़ी रग का धागा औरबारीक कतान इसतमाल िकया 3 उनहो न सोन कोकट कट कर वक़र बनाया और िफर उस काट करधाग बनाए जब नील अग़रवानी और िक़िमरज़ी रगक धाग और बारीक कतान स कपड़ा बनाया गयातो सोन का यह धागा महारत स कढ़ाई क कामम इसतमाल हआ 4 उनहो न बालापोश क िलए दोपिटटया बनाई और उनह बालापोश क कधो पर रखकर सामन और पीछ स बालापोश क साथ लगाइ5 पटका भी बनाया गया िजस स बालापोश को बाधाजाता था इस क िलए भी सोना नील अग़रवानी और

ख़रज 396ndash29 115िक़िमरज़ी रग का धागा और बारीक कतान इसतमालहआ यह उन िहदायात क ऐन मतािबक़ हआ जोरब न मसा को दी थी 6 िफर उनहो न अक़ीक़-ए-अहमर क दो पतथर चन िलए और उनह सोन क ख़ानोम जड़ कर उन पर इसराईल क बारह बटो क नामकनदा िकए यह नाम जौहरो पर उस तरह कनदा िकएगए िजस तरह महर कनदा की जाती ह 7 उनहो नपतथरो को बालापोश की दो पिटटयो पर य लगाया िकवह हारन क कधो पर रब को इसराईिलयो की यादिदलात रह यह सब कछ रब की दी गई िहदायातक ऐन मतािबक़ हआ

सीन का कीसा8 इस क बाद उनहो न सीन का कीसा बनाया

यह मािहर कारीगर का काम था और उन ही चीज़ोस बना िजन स हारन का बालापोश भी बना थायानी सोन और नील अग़रवानी और िक़िमरज़ी रगक धाग और बारीक कतान स 9 जब कपड़ कोएक दफ़ा तह िकया गया तो कीस की लमबाई औरचौड़ाई नौ नौ इच थी 10 उनहो न उस पर चारक़तारो म जवािहर जड़ हर क़तार म तीन तीन जौहरथ पहली क़तार म लाल ज़बजरद और ज़मररद11 दसरी म फ़ीरोज़ा सग-ए-लाजवदर और हजर-उल-क़मर 12 तीसरी म ज़रक़ोन अक़ीक़ और याक़त-ए-अग़रवानी 13 चौथी म पखराज अक़ीक़-ए-अहमरऔर यशब हर जौहर सोन क ख़ान म जड़ा हआ था14 यह बारह जवािहर इसराईल क बारह क़बीलो कीनमाइनदगी करत थ एक एक जौहर पर एक क़बीलका नाम कनदा िकया गया और यह नाम उस तरहकनदा िकए गए िजस तरह महर कनदा की जाती ह

15 अब उनहो न सीन क कीस क िलए ख़ािलससोन की दो ज़नजीर बनाई जो डोरी की तरह गधीहई थी 16 साथ साथ उनहो न सोन क दो ख़ान औरदो कड़ भी बनाए उनहो न यह कड़ कीस क ऊपरक दो कोनो पर लगाए 17 िफर दोनो ज़नजीर उनदो कड़ो क साथ लगाई गई 18 उन क दसर िसर

बालापोश की कधो वाली पिटटयो क दो ख़ानो कसाथ जोड़ िदए गए िफर सामन की तरफ़ लगाए गए19 उनहो न कीस क िनचल दो कोनो पर भी सोन कदो कड़ लगाए वह अनदर बालापोश की तरफ़ लगथ 20 अब उनहो न दो और कड़ बना कर बालापोशकी कधो वाली पिटटयो पर लगाए यह भी सामन कीतरफ़ लग थ लिकन नीच बालापोश क पटक कऊपर ही 21 उनहो न सीन क कीस क िनचल कड़नीली डोरी स बालापोश क इन िनचल कड़ो क साथबाध य कीसा पटक क ऊपर अचछी तरह सीन कसाथ लगा रहा यह उन िहदायात क ऐन मतािबक़हआ जो रब न मसा को दी थी

हारन का चोग़ा22 िफर कारीगरो न चोग़ा बना वह परी तरह नील

धाग स बनाया गया चोग़ को बालापोश स पहलपहनना था 23 उस क िगरीबान को बन हए कालरस मज़बत िकया गया तािक वह न फट 24 उनहो ननील अग़रवानी और िक़िमरज़ी रग क धाग स अनारबना कर उनह चोग़ क दामन म लगा िदया 25 उनक दरिमयान ख़ािलस सोन की घिटया लगाई गई26 दामन म अनार और घिटया बारी बारी लगाई गईलािज़म था िक हारन िख़दमत करन क िलए हमशायह चोग़ा पहन रब न मसा को यही हकम िदया था

िख़दमत क िलए दीगर िलबास27 कारीगरो न हारन और उस क बटो क िलए

बारीक कतान क ज़रजाम बनाए यह बनन वालका काम था 28 साथ साथ उनहो न बारीक कतानकी पगिड़या और बारीक कतान क पाजाम बनाए29 कमरबनद को बारीक कतान और नील अग़रवानीऔर िक़िमरज़ी रग क धाग स बनाया गया कढ़ाईकरन वालो न इस पर काम िकया सब कछ उनिहदायात क मतािबक़ बनाया गया जो रब न मसाको दी थी

116 ख़रज 3930ndash401530 उनहो न मक़ददस ताज यानी ख़ािलस सोन की

तख़ती बनाई और उस पर यह अलफ़ाज़ कनदा िकएlsquoरब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददसrsquo 31 िफर उनहो नइस नीली डोरी स पगड़ी क सामन वाल िहसस सलगा िदया यह भी उन िहदायात क मतािबक़ बनायागया जो रब न मसा को दी थी

सारा सामान मसा को िदखाया जाता ह32 आिख़रकार मिक़दस का काम मकममल हआ

इसराईिलयो न सब कछ उन िहदायात क मतािबक़बनाया था जो रब न मसा को दी थी 33 वह मिक़दसकी तमाम चीज़ मसा क पास ल आए यानी मक़ददसख़मा और उस का सारा सामान उस की हक दीवारोक तख़त शहतीर सतन और पाए 34 ख़म पर मढो की सख़र रगी हई खालो का िग़लाफ़ और तख़स कीखालो का िग़लाफ़ मक़ददसतरीन कमर क दरवाज़का पदार 35 अहद का सनदक़ िजस म शरीअत कीतिख़तया रखनी थी उस उठान की लकिड़या औरउस का ढकना 36 मख़सस रोिटयो की मज़ उसका सारा सामान और रोिटया 37 ख़ािलस सोन काशमादान और उस पर रखन क चराग़ उस क सारसामान समत शमादान क िलए तल 38 बख़र जलानकी सोन की क़बारनगाह मसह का तल ख़शबदारबख़र मक़ददस ख़म क दरवाज़ का पदार 39 जानवरोको चढ़ान की पीतल की क़बारनगाह उस का पीतलका जगला उस उठान की लकिड़या और बाक़ीसारा सामान धोन का हौज़ और वह ढाचा िजसपर हौज़ रखना था 40 चारदीवारी क पद र उन कखमबो और पाइयो समत सहन क दरवाज़ का पदारचारदीवारी क रसस और मख़ मलाक़ात क ख़मम िख़दमत करन का बाक़ी सारा सामान 41 औरमिक़दस म िख़दमत करन क वह मक़ददस िलबासजो हारन और उस क बटो को पहनन थ

42 सब कछ उन िहदायात क मतािबक़ बनाया गयाथा जो रब न मसा को दी थी 43 मसा न तमाम चीज़ोका मआइना िकया और मालम िकया िक उनहो न

सब कछ रब की िहदायात क मतािबक़ बनाया थातब उस न उनह बरकत दी

मिक़दस को खड़ा करन की िहदायात

40 1 िफर रब न मसा स कहा 2 ldquoपहल महीनकी पहली तारीख़ को मलाक़ात का ख़मा

खड़ा करना 3 अहद का सनदक़ िजस म शरीअतकी तिख़तया ह मक़ददसतरीन कमर म रख कर उसक दरवाज़ का पदार लगाना 4 इस क बाद मख़ससरोिटयो की मज़ मक़ददस कमर म ला कर उस परतमाम ज़ररी सामान रखना उस कमर म शमादान भील आना और उस पर उस क चराग़ रखना 5 बख़रकी सोन की क़बारनगाह उस पद र क सामन रखनािजस क पीछ अहद का सनदक़ ह िफर ख़म म दािख़ल होन क दरवाज़ पर पदार लगाना 6 जानवरोको चढ़ान की क़बारनगाह सहन म ख़म क दरवाज़क सामन रखी जाए 7 ख़म और इस क़बारनगाह कदरिमयान धोन का हौज़ रख कर उस म पानी डालना8 सहन की चारदीवारी खड़ी करक उस क दरवाज़का पदार लगाना

9 िफर मसह का तल ल कर उस ख़म और उसक सार सामान पर िछड़क दना य त उस मरिलए मख़सस करगा और वह मक़ददस होगा 10 िफरजानवरो को चढ़ान की क़बारनगाह और उस कसामान पर मसह का तल िछड़कना य त उस मरिलए मख़सस करगा और वह िनहायत मक़ददस होगा11 इसी तरह हौज़ और उस ढाच को भी मख़ससकरना िजस पर हौज़ रखा गया ह

12 हारन और उस क बटो को मलाक़ात क ख़मक दरवाज़ पर ला कर ग़सल कराना 13 िफर हारनको मक़ददस िलबास पहनाना और उस मसह करकमर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस करना तािक इमाम कतौर पर मरी िख़दमत कर 14 उस क बटो को ला करउनह ज़रजाम पहना दना 15 उनह उन क वािलद कीतरह मसह करना तािक वह भी इमामो क तौर परमरी िख़दमत कर जब उनह मसह िकया जाएगा तो

ख़रज 4016ndash38 117वह और बाद म उन की औलाद हमशा तक मिक़दसम इस िख़दमत क िलए मख़सस होगrdquo

मिक़दस को खड़ा िकया जाता ह16 मसा न सब कछ रब की िहदायात क मतािबक़

िकया 17 पहल महीन की पहली तारीख़ को मक़ददसख़मा खड़ा िकया गया उनह िमसर स िनकल परा एकसाल हो गया था 18 मसा न दीवार क तख़तो कोउन क पाइयो पर खड़ा करक उन क साथ शहतीरलगाए इसी तरह उस न सतनो को भी खड़ा िकया19 उस न रब की िहदायात क ऐन मतािबक़ दीवारोपर कपड़ का ख़मा लगाया और उस पर दसर िग़लाफ़रख

20 उस न शरीअत की दोनो तिख़तया ल कर अहदक सनदक़ म रख दी उठान क िलए लकिड़या सनदक़ क कड़ो म डाल दी और कफ़फ़ार का ढकनाउस पर लगा िदया 21 िफर उस न रब की िहदायात कऐन मतािबक़ सनदक़ को मक़ददसतरीन कमर म रखकर उस क दरवाज़ का पदार लगा िदया य अहद कसनदक़ पर पदार पड़ा रहा 22 मसा न मख़सस रोिटयोकी मज़ मक़ददस कमर क िशमाली िहसस म उस पद रक सामन रख दी िजस क पीछ अहद का सनदक़ था23 उस न रब की िहदायत क ऐन मतािबक़ रब किलए मख़सस की हई रोिटया मज़ पर रखी 24 उसीकमर क जनबी िहसस म उस न शमादान को मज़क मक़ािबल रख िदया 25 उस पर उस न रब कीिहदायत क ऐन मतािबक़ रब क सामन चराग़ रखिदए 26 उस न बख़र की सोन की क़बारनगाह भी उसीकमर म रखी उस पद र क िबलकल सामन िजस कपीछ अहद का सनदक़ था 27 उस न उस पर रब कीिहदायत क ऐन मतािबक़ ख़शबदार बख़र जलाया

28 िफर उस न ख़म का दरवाज़ा लगा िदया29 बाहर जा कर उस न जानवरो को चढ़ान कीक़बारनगाह ख़म क दरवाज़ क सामन रख दी उसपर उस न रब की िहदायत क ऐन मतािबक़ भसमहोन वाली क़बारिनया और ग़लला की नज़र चढ़ाई

30 उस न धोन क हौज़ को ख़म और उस क़बारनगाहक दरिमयान रख कर उस म पानी डाल िदया31 मसा हारन और उस क बट उस अपन हाथ-पाओ धोन क िलए इसतमाल करत थ 32 जब भीवह मलाक़ात क ख़म म दािख़ल होत या जानवरोको चढ़ान की क़बारनगाह क पास आत तो रब कीिहदायत क ऐन मतािबक़ पहल ग़सल करत

33 आिख़र म मसा न ख़मा क़बारनगाह औरचारदीवारी खड़ी करक सहन क दरवाज़ का पदारलगा िदया य मसा न मिक़दस की तामीर मकममलकी

ख़म म रब का जलाल34 िफर मलाक़ात क ख़म पर बादल छा गया और

मिक़दस रब क जलाल स भर गया 35 मसा ख़म म दािख़ल न हो सका कयिक बादल उस पर ठहरा हआथा और मिक़दस रब क जलाल स भर गया था

36 तमाम सफ़र क दौरान जब भी मिक़दस क ऊपरस बादल उठता तो इसराईली सफ़र क िलए तययारहो जात 37 अगर वह न उठता तो वह उस वक़त तकठहर रहत जब तक बादल उठ न जाता 38 िदन कवक़त बादल मिक़दस क ऊपर ठहरा रहता और रातक वक़त वह तमाम इसराईिलयो को आग की सरत मनज़र आता था यह िसलिसला पर सफ़र क दौरानजारी रहा

अहबार

भसम होन वाली क़बारनी

1 1 रब न मलाक़ात क ख़म म स मसा को बलाकर कहा 2 िक इसराईिलयो को इिततला द

ldquoअगर तम म स कोई रब को क़बारनी पश करनाचाह तो वह अपन गाय-बलो या भड़-बकिरयो म सजानवर चन ल

3 अगर वह अपन गाय-बलो म स भसम होन वालीक़बारनी चढ़ाना चाह तो वह बऐब बल चन कर उसमलाक़ात क ख़म क दरवाज़ पर पश कर तािक रबउस क़बल कर 4 क़बारनी पश करन वाला अपनाहाथ जानवर क सर पर रख तो यह क़बारनी मक़बलहो कर उस का कफ़फ़ारा दगी 5 क़बारनी पश करनवाला बल को वहा रब क सामन ज़बह कर िफरहारन क बट जो इमाम ह उस का ख़न रब कोपश करक उस दरवाज़ पर की क़बारनगाह क चारपहलओ पर िछड़क 6 इस क बाद क़बारनी पशकरन वाला खाल उतार कर जानवर क टकड़ टकड़कर 7 इमाम क़बारनगाह पर आग लगा कर उस परततीरब स लकिड़या चन 8 उस पर वह जानवर कटकड़ सर और चबीर समत रख 9 लािज़म ह िकक़बारनी पश करन वाला पहल जानवर की अतिड़या और िपडिलया धोए िफर इमाम पर जानवर कोक़बारनगाह पर जला द इस जलन वाली क़बारनी कीख़शब रब को पसनद ह

10 अगर भसम होन वाली क़बारनी भड़-बकिरयो म स चनी जाए तो वह बऐब नर हो 11 पश करन वालाउस रब क सामन क़बारनगाह की िशमाली िसमत मज़बह कर िफर हारन क बट जो इमाम ह उसका ख़न क़बारनगाह क चार पहलओ पर िछड़क12 इस क बाद पश करन वाला जानवर क टकड़टकड़ कर और इमाम यह टकड़ सर और चबीर समत

क़बारनगाह की जलती हई लकिड़यो पर ततीरब सरख 13 लािज़म ह िक क़बारनी पश करन वाला पहलजानवर की अतिड़या और िपडिलया धोए िफरइमाम पर जानवर को रब को पश करक क़बारनगाहपर जला द इस जलन वाली क़बारनी की ख़शब रबको पसनद ह

14 अगर भसम होन वाली क़बारनी पिरनदा हो तो वहक़मरी या जवान कबतर हो 15 इमाम उस क़बारनगाहक पास ल आए और उस का सर मरोड़ करक़बारनगाह पर जला द वह उस का ख़न य िनकलनद िक वह क़बारनगाह की एक तरफ़ स नीच टपक16 वह उस का पोटा और जो उस म ह दर करकक़बारनगाह की मशिरक़ी िसमत म फक द वहा जहा राख फकी जाती ह 17 उस पश करत वक़त इमामउस क पर पकड़ कर पिरनद को फाड़ डाल लिकनय िक वह िबलकल टकड़ टकड़ न हो जाए िफरइमाम उस क़बारनगाह पर जलती हई लकिड़यो परजला द इस जलन वाली क़बारनी की ख़शब रब कोपसनद ह

ग़लला की नज़र

2 1 अगर कोई रब को ग़लला की नज़र पश करनाचाह तो वह इस क िलए बहतरीन मदा इसतमाल

कर उस पर वह ज़तन का तल उडल और लबानरख कर 2 उस हारन क बटो क पास ल आए जोइमाम ह इमाम तल स िमलाया गया मटठी भर मदाऔर तमाम लबान ल कर क़बारनगाह पर जला दयह यादगार का िहससा ह और उस की ख़शब रबको पसनद ह 3 बाक़ी मदा और तल हारन औरउस क बटो का िहससा ह वह रब की जलन वालीक़बारिनयो म स एक िनहायत मक़ददस िहससा ह

अहबार 24ndash315 1194 अगर यह क़बारनी तनर म पकाई हई रोटी हो तो

उस म ख़मीर न हो इस की दो िक़सम हो सकतीह रोिटया जो बहतरीन मद और तल स बनी हई होऔर रोिटया िजन पर तल लगाया गया हो

5 अगर यह क़बारनी तव पर पकाई हई रोटी हो तोवह बहतरीन मद और तल की हो उस म ख़मीर नहो 6 चिक वह ग़लला की नज़र ह इस िलए रोटी कोटकड़ टकड़ करना और उस पर तल डालना

7 अगर यह क़बारनी कड़ाही म पकाई हई रोटी होतो वह बहतरीन मद और तल की हो

8 अगर त इन चीज़ो की बनी हई ग़लला की नज़र रबक हज़र लाना चाह तो उस इमाम को पश करनावही उस क़बारनगाह क पास ल आए 9 िफर इमामयादगार का िहससा अलग करक उस क़बारनगाह परजला द ऐसी क़बारनी की ख़शब रब को पसनद ह10 क़बारनी का बाक़ी िहससा हारन और उस क बटोक िलए ह वह रब की जलन वाली क़बारिनयो म सएक िनहायत मक़ददस िहससा ह

11 ग़लला की िजतनी नज़र तम रब को पश करत होउन म ख़मीर न हो कयिक लािज़म ह िक तम रबको जलन वाली क़बारनी पश करत वक़त न ख़मीरन शहद जलाओ 12 यह चीज़ फ़सल क पहल फलोक साथ रब को पश की जा सकती ह लिकन उनहक़बारनगाह पर न जलाया जाए कयिक वहा रब कोउन की ख़शब पसनद नही ह 13 ग़लला की हर नज़रम नमक हो कयिक नमक उस अहद की नमाइनदगीकरता ह जो तर ख़दा न तर साथ बाधा ह तझ हरक़बारनी म नमक डालना ह

14 अगर त ग़लला की नज़र क िलए फ़सल क पहलफल पश करना चाह तो कचली हई कचची बािलया भन कर पश करना 15 चिक वह ग़लला की नज़र हइस िलए उस पर तल उडलना और लबान रखना16 कचल हए दानो और तल का जो िहससा रब काह यानी यादगार का िहससा उस इमाम तमाम लबानक साथ जला द यह नज़र रब क िलए जलन वालीक़बारनी ह

सलामती की क़बारनी

3 1 अगर कोई रब को सलामती की क़बारनी पशकरन क िलए गाय या बल चढ़ाना चाह तो वह

जानवर बऐब हो 2 वह अपना हाथ जानवर क सरपर रख कर उस मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ परज़बह कर हारन क बट जो इमाम ह उस का ख़नक़बारनगाह क चार पहलओ पर िछड़क 3ndash4 पशकरन वाला अतिड़यो पर की सारी चबीर गद र उसचबीर समत जो उन पर और कमर क क़रीब होती हऔर जोड़कलजी जलन वाली क़बारनी क तौर पर रबको पश कर इन चीज़ो को गदोर क साथ ही अलगकरना ह 5 िफर हारन क बट यह सब कछ भसमहोन वाली क़बारनी क साथ क़बारनगाह की लकिड़योपर जला द यह जलन वाली क़बारनी ह और इस कीख़शब रब को पसनद ह 6 अगर सलामती की क़बारनीक िलए भड़-बकिरयो म स जानवर चना जाए तो वहबऐब नर या मादा हो

7 अगर वह भड़ का बचचा चढ़ाना चाह तो वह उसरब क सामन ल आए 8 वह अपना हाथ उस कसर पर रख कर उस मलाक़ात क ख़म क सामनज़बह कर हारन क बट उस का ख़न क़बारनगाहक चार पहलओ पर िछड़क 9ndash10 पश करन वालाचबीर परी दम अतिड़यो पर की सारी चबीर गद रउस चबीर समत जो उन पर और कमर क क़रीबहोती ह और जोड़कलजी जलन वाली क़बारनी कतौर पर रब को पश कर इन चीज़ो को गदोर क साथही अलग करना ह 11 इमाम यह सब कछ रब कोपश करक क़बारनगाह पर जला द यह ख़राक जलनवाली क़बारनी ह

12 अगर सलामती की क़बारनी बकरी की हो 13 तोपश करन वाला उस पर हाथ रख कर उस मलाक़ातक ख़म क सामन ज़बह कर हारन क बट जानवरका ख़न क़बारनगाह क चार पहलओ पर िछड़क14ndash15 पश करन वाला अतिड़यो पर की सारी चबीरगद र उस चबीर समत जो उन पर और कमर क क़रीब

120 अहबार 316ndash421होती ह और जोड़कलजी जलन वाली क़बारनी कतौर पर रब को पश कर इन चीज़ो को गदोर क साथही अलग करना ह 16 इमाम यह सब कछ रब कोपश करक क़बारनगाह पर जला द यह ख़राक जलनवाली क़बारनी ह और इस की ख़शब रब को पसनदह

सारी चबीर रब की ह 17 तमहार िलए ख़न या चबीरखाना मना ह यह न िसफ़र तमहार िलए मना ह बिलकतमहारी औलाद क िलए भी न िसफ़र यहा बिलक हरजगह जहा तम रहत होrdquo

गनाह की क़बारनी

4 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो को बतानािक जो भी ग़रइरादी तौर पर गनाह करक रब क

िकसी हकम को तोड़ वह यह कर

इमाम क िलए गनाह की क़बारनी3 अगर इमाम-ए-आज़म गनाह कर और नतीज म

परी क़ौम क़सरवार ठहर तो िफर वह रब को एकबऐब जवान बल ल कर गनाह की क़बारनी क तौरपर पश कर 4 वह जवान बल को मलाक़ात क ख़मक दरवाज़ क पास ल आए और अपना हाथ उसक सर पर रख कर उस रब क सामन ज़बह कर5 िफर वह जानवर क ख़न म स कछ ल कर ख़म म जाए 6 वहा वह अपनी उगली उस म डाल कर उससात बार रब क सामन यानी मक़ददसतरीन कमर कपद र पर िछड़क 7 िफर वह ख़म क अनदर की उसक़बारनगाह क चारो सीगो पर ख़न लगाए िजस परबख़र जलाया जाता ह बाक़ी ख़न वह बाहर ख़मक दरवाज़ पर की उस क़बारनगाह क पाए पर उडलिजस पर जानवर जलाए जात ह 8 जवान बल कीसारी चबीर अतिड़यो पर की सारी चबीर 9 गद र उसचबीर समत जो उन पर और कमर क क़रीब होती हऔर जोड़कलजी को गदोर क साथ ही अलग करनाह 10 यह िबलकल उसी तरह िकया जाए िजस तरह

उस बल क साथ िकया गया जो सलामती की क़बारनीक िलए पश िकया जाता ह इमाम यह सब कछउस क़बारनगाह पर जला द िजस पर जानवर जलाएजात ह 11 लिकन वह उस की खाल उस का सारागोशत सर और िपडिलया अतिड़या और उन कागोबर 12 ख़मागाह क बाहर ल जाए यह चीज़ उसपाक जगह पर जहा क़बारिनयो की राख फकी जातीह लकिड़यो पर रख कर जला दनी ह

क़ौम क िलए गनाह की क़बारनी13 अगर इसराईल की परी जमाअत न ग़रइरादी तौर

पर गनाह करक रब क िकसी हकम स तजावज़िकया ह और जमाअत को मालम नही था तो भीवह क़सरवार ह 14 जब लोगो को पता लग िक हमन गनाह िकया ह तो जमाअत मलाक़ात क ख़म कपास एक जवान बल ल आए और उस गनाह कीक़बारनी क तौर पर पश कर 15 जमाअत क बज़गररब क सामन अपन हाथ उस क सर पर रख औरवह वही ज़बह िकया जाए 16 िफर इमाम-ए-आज़मजानवर क ख़न म स कछ ल कर मलाक़ात क ख़म म जाए 17 वहा वह अपनी उगली उस म डाल कर उससात बार रब क सामन यानी मक़ददसतरीन कमर कपद र पर िछड़क 18 िफर वह ख़म क अनदर की उसक़बारनगाह क चारो सीगो पर ख़न लगाए िजस परबख़र जलाया जाता ह बाक़ी ख़न वह बाहर ख़मक दरवाज़ की उस क़बारनगाह क पाए पर उडलिजस पर जानवर जलाए जात ह 19 इस क बाद वहउस की तमाम चबीर िनकाल कर क़बारनगाह पर जलाद 20 उस बल क साथ वह सब कछ कर जो उसअपन ज़ाती ग़रइरादी गनाह क िलए करना होता हय वह लोगो का कफ़फ़ारा दगा और उनह मआफ़ीिमल जाएगी 21 आिख़र म वह बल को ख़मागाह कबाहर ल जा कर उस तरह जला द िजस तरह उसअपन िलए बल को जला दना होता ह यह जमाअतका गनाह दर करन की क़बारनी ह

अहबार 422ndash56 121

क़ौम क राहनमा क िलए गनाह की क़बारनी22 अगर कोई सरदार ग़रइरादी तौर पर गनाह करक

रब क िकसी हकम स तजावज़ कर और य क़सरवारठहर तो 23 जब भी उस पता लग िक मझ स गनाहहआ ह तो वह क़बारनी क िलए एक बऐब बकरा लआए 24 वह अपना हाथ बकर क सर पर रख करउस वहा ज़बह कर जहा भसम होन वाली क़बारिनया ज़बह की जाती ह यह गनाह की क़बारनी ह 25 इमामअपनी उगली ख़न म डाल कर उस उस क़बारनगाह कचारो सीगो पर लगाए िजस पर जानवर जलाए जातह बाक़ी ख़न वह क़बारनगाह क पाए पर उडल26 िफर वह उस की सारी चबीर क़बारनगाह पर उसतरह जला द िजस तरह वह सलामती की क़बारिनयोकी चबीर जला दता ह य इमाम उस आदमी काकफ़फ़ारा दगा और उस मआफ़ी हािसल हो जाएगी

आम लोगो क िलए गनाह की क़बारनी27 अगर कोई आम शख़स ग़रइरादी तौर पर गनाह

करक रब क िकसी हकम स तजावज़ कर और य क़सरवार ठहर तो 28 जब भी उस पता लग िक मझस गनाह हआ ह तो वह क़बारनी क िलए एक बऐबबकरी ल आए 29 वह अपना हाथ बकरी क सर पररख कर उस वहा ज़बह कर जहा भसम होन वालीक़बारिनया ज़बह की जाती ह 30 इमाम अपनी उगलीख़न म डाल कर उस उस क़बारनगाह क चारो सीगोपर लगाए िजस पर जानवर जलाए जात ह बाक़ीख़न वह क़बारनगाह क पाए पर उडल 31 िफर वहउस की सारी चबीर उस तरह िनकाल िजस तरह वहसलामती की क़बारिनयो की चबीर िनकालता ह इसक बाद वह उस क़बारनगाह पर जला द ऐसी क़बारनीकी ख़शब रब को पसनद ह य इमाम उस आदमी काकफ़फ़ारा दगा और उस मआफ़ी हािसल हो जाएगी

32 अगर वह गनाह की क़बारनी क िलए भड़ काबचचा लाना चाह तो वह बऐब मादा हो 33 वह अपनाहाथ उस क सर पर रख कर उस वहा ज़बह कर

जहा भसम होन वाली क़बारिनया ज़बह की जाती ह34 इमाम अपनी उगली ख़न म डाल कर उस उसक़बारनगाह क चारो सीगो पर लगाए िजस पर जानवरजलाए जात ह बाक़ी ख़न वह क़बारनगाह क पाएपर उडल 35 िफर वह उस की तमाम चबीर उस तरहिनकाल िजस तरह सलामती की क़बारनी क िलएज़बह िकए गए जवान मढ की चबीर िनकाली जातीह इस क बाद इमाम चबीर को क़बारनगाह पर उनक़बारिनयो समत जला द जो रब क िलए जलाई जातीह य इमाम उस आदमी का कफ़फ़ारा दगा और उसमआफ़ी िमल जाएगी

गनाह की क़बारिनयो क बार म ख़ास िहदायात

5 1 हो सकता ह िक िकसी न य गनाह िकया िकउस न कोई जमर दखा या वह उस क बार म कछ

जानता ह तो भी जब गवाहो को क़सम क िलएबलाया जाता ह तो वह गवाही दन क िलए सामननही आता इस सरत म वह क़सरवार ठहरता ह

2 हो सकता ह िक िकसी न ग़रइरादी तौर पर िकसीनापाक चीज़ को छ िलया ह ख़वाह वह िकसी जगलीजानवर मवशी या रगन वाल जानवर की लाश कय नहो इस सरत म वह नापाक ह और क़सरवार ठहरताह

3 हो सकता ह िक िकसी न ग़रइरादी तौर पर िकसीशख़स की नापाकी को छ िलया ह यानी उस की कोईऐसी चीज़ िजस स वह नापाक हो गया ह जब उसमालम हो जाता ह तो वह क़सरवार ठहरता ह

4 हो सकता ह िक िकसी न बपवारई स कछ करनकी क़सम खाई ह चाह वह अचछा काम था याग़लत जब वह जान लता ह िक उस न कया िकयाह तो वह क़सरवार ठहरता ह

5 जो इस तरह क िकसी गनाह की िबना परक़सरवार हो लािज़म ह िक वह अपना गनाह तसलीमकर 6 िफर वह गनाह की क़बारनी क तौर पर एकभड़ या बकरी पश कर य इमाम उस का कफ़फ़ारादगा

122 अहबार 57ndash677 अगर क़सरवार शख़स ग़बरत क बाइस भड़ या

बकरी न द सक तो वह रब को दो क़िमरया या दोजवान कबतर पश कर एक गनाह की क़बारनी किलए और एक भसम होन वाली क़बारनी क िलए8 वह उनह इमाम क पास ल आए इमाम पहल गनाहकी क़बारनी क िलए पिरनदा पश कर वह उस कीगदरन मरोड़ डाल लिकन ऐस िक सर जदा न हो जाए9 िफर वह उस क ख़न म स कछ क़बारनगाह क एकपहल पर िछड़क बाक़ी ख़न वह य िनकलन द िकवह क़बारनगाह क पाए पर टपक यह गनाह कीक़बारनी ह 10 िफर इमाम दसर पिरनद को क़वाइदक मतािबक़ भसम होन वाली क़बारनी क तौर पर पशकर य इमाम उस आदमी का कफ़फ़ारा दगा औरउस मआफ़ी िमल जाएगी

11 अगर वह शख़स ग़बरत क बाइस दो क़िमरया यादो जवान कबतर भी न द सक तो िफर वह गनाह कीक़बारनी क िलए डढ़ िकलोगराम बहतरीन मदा पशकर वह उस पर न तल उडल न लबान रख कयिकयह ग़लला की नज़र नही बिलक गनाह की क़बारनी ह12 वह उस इमाम क पास ल आए जो यादगार कािहससा यानी मटठी भर उन क़बारिनयो क साथ जला दजो रब क िलए जलाई जाती ह यह गनाह की क़बारनीह 13 य इमाम उस आदमी का कफ़फ़ारा दगा औरउस मआफ़ी िमल जाएगी ग़लला की नज़र की तरहबाक़ी मदा इमाम का िहससा हrdquo

क़सर की क़बारनी14 रब न मसा स कहा 15 ldquoअगर िकसी न बईमानी

करक ग़रइरादी तौर पर रब की मख़सस और मक़ददसचीज़ो क िसलिसल म गनाह िकया हो ऐसा शख़सक़सर की क़बारनी क तौर पर रब को बऐब औरक़ीमत क िलहाज़ स मनािसब मढा या बकरा पशकर उस की क़ीमत मिक़दस की शरह क मतािबक़मक़ररर की जाए 16 िजतना नक़सान मिक़दस को हआह उतना ही वह द इस क इलावा वह मज़ीद 20फ़ीसद अदा कर वह उस इमाम को द द और इमाम

जानवर को क़सर की क़बारनी क तौर पर पश करकउस का कफ़फ़ारा द य उस मआफ़ी िमल जाएगी

17 अगर कोई ग़रइरादी तौर पर गनाह करक रबक िकसी हकम स तजावज़ कर तो वह क़सरवार हऔर वह उस का िज़ममादार ठहरगा 18 वह क़सरकी क़बारनी क तौर पर इमाम क पास एक बऐबऔर क़ीमत क िलहाज़ स मनािसब मढा ल आएउस की क़ीमत मिक़दस की शरह क मतािबक़ मक़रररकी जाए िफर इमाम यह क़बारनी उस गनाह क िलएचढ़ाए जो क़सरवार शख़स न ग़रइरादी तौर पर िकयाह य उस मआफ़ी िमल जाएगी 19 यह क़सर कीक़बारनी ह कयिक वह रब का गनाह करक क़सरवारठहरा हrdquo

6 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoहो सकता ह िकसीन गनाह करक बईमानी की ह मसलन उस न

अपन पड़ोसी की कोई चीज़ वापस नही की जो उसक सपदर की गई थी या जो उस िगरवी क तौर परिमली थी या उस न उस की कोई चीज़ चोरी कीया उस न िकसी स कोई चीज़ छीन ली 3 या उस निकसी की गमशदा चीज़ क बार म झट बोला जबउस िमल गई या उस न क़सम खा कर झट बोला हया इस तरह का कोई और गनाह िकया ह 4 अगरवह इस तरह का गनाह करक क़सरवार ठहर तोलािज़म ह िक वह वही चीज़ वापस कर जो उस नचोरी की या छीन ली या जो उस क सपदर की गईया जो गमशदा हो कर उस क पास आ गई ह 5 यािजस क बार म उस न क़सम खा कर झट बोला हवह उस का उतना ही वापस करक 20 फ़ीसद ज़यादाद और वह यह सब कछ उस िदन वापस कर जबवह अपनी क़सर की क़बारनी पश करता ह 6 क़सरकी क़बारनी क तौर पर वह एक बऐब और क़ीमत किलहाज़ स मनािसब मढा इमाम क पास ल आए औररब को पश कर उस की क़ीमत मिक़दस की शरहक मतािबक़ मक़ररर की जाए 7 िफर इमाम रब कसामन उस का कफ़फ़ारा दगा तो उस मआफ़ी िमलजाएगीrdquo

अहबार 68ndash30 123

भसम होन वाली क़बारनी8 रब न मसा स कहा 9 ldquoहारन और उस क बटो

को भसम होन वाली क़बारिनयो क बार म ज़ल कीिहदायात दना भसम होन वाली क़बारनी परी रातसबह तक क़बारनगाह की उस जगह पर रह जहा आगजलती ह आग को बझन न दना 10 सबह को इमामकतान का िलबास और कतान का पाजामा पहन करक़बारनी स बची हई राख क़बारनगाह क पास ज़मीनपर डाल 11 िफर वह अपन कपड़ बदल कर राखको ख़मागाह क बाहर िकसी पाक जगह पर छोड़आए 12 क़बारनगाह पर आग जलती रह वह कभीभी न बझ हर सबह इमाम लकिड़या चन कर उसपर भसम होन वाली क़बारनी ततीरब स रख और उसपर सलामती की क़बारनी की चबीर जला द 13 आगहमशा जलती रह वह कभी न बझन पाए

ग़लला की नज़र14 ग़लला की नज़र क बार म िहदायात यह ह

हारन क बट उस क़बारनगाह क सामन रब को पशकर 15 िफर इमाम यादगार का िहससा यानी तल सिमलाया गया मटठी भर बहतरीन मदा और क़बारनी कातमाम लबान ल कर क़बारनगाह पर जला द इसकी ख़शब रब को पसनद ह 16 हारन और उस कबट क़बारनी का बाक़ी िहससा खा ल लिकन वहउस मक़ददस जगह पर यानी मलाक़ात क ख़म कीचारदीवारी क अनदर खाए और उस म ख़मीर नहो 17 उस पकान क िलए उस म ख़मीर न डालाजाए म न जलन वाली क़बारिनयो म स यह िहससाउन क िलए मक़ररर िकया ह यह गनाह की क़बारनीऔर क़सर की क़बारनी की तरह िनहायत मक़ददस ह18 हारन की औलाद क तमाम मदर उस खाए यहउसल अबद तक क़ाइम रह जो भी उस छएगा वहमख़सस-ओ-मक़ददस हो जाएगाrdquo

19 रब न मसा स कहा 20 ldquoजब हारन और उसक बटो को इमाम की िज़ममादारी उठान क िलए

मख़सस करक तल स मसह िकया जाएगा तो वह डढ़िकलोगराम बहतरीन मदा पश कर उस का आधािहससा सबह को और आधा िहससा शाम क वक़तपश िकया जाए वह ग़लला की यह नज़र रोज़ाना पशकर 21 उस तल क साथ िमला कर तव पर पकानाह िफर उस टकड़ टकड़ करक ग़लला की नज़र कतौर पर पश करना उस की ख़शब रब को पसनद ह22 यह क़बारनी हमशा हारन की नसल का वह आदमीपश कर िजस मसह करक इमाम-ए-आज़म का उहदािदया गया ह और वह उस पर तौर पर रब क िलएजला द 23 इमाम की ग़लला की नज़र हमशा पर तौरपर जलाना उस न खानाrdquo

गनाह की क़बारनी24 रब न मसा स कहा 25 ldquoहारन और उस क बटो

को गनाह की क़बारनी क बार म ज़ल की िहदायातदना गनाह की क़बारनी को रब क सामन वही ज़बहकरना ह जहा भसम होन वाली क़बारनी ज़बह कीजाती ह वह िनहायत मक़ददस ह 26 उस पश करनवाला इमाम उस मक़ददस जगह पर यानी मलाक़ातक ख़म की चारदीवारी क अनदर खाए 27 जो भीइस क़बारनी क गोशत को छ लता ह वह मख़सस-ओ-मक़ददस हो जाता ह अगर क़बारनी क ख़न क छीटिकसी िलबास पर पड़ जाए तो उस मक़ददस जगह परधोना ह 28 अगर गोशत को हिडया म पकाया गयाहो तो उस बतरन को बाद म तोड़ दना ह अगर उसक िलए पीतल का बतरन इसतमाल िकया गया हो तोउस ख़ब माझ कर पानी स साफ़ करना 29 इमामोक ख़ानदानो म स तमाम मदर उस खा सकत ह यहखाना िनहायत मक़ददस ह 30 लिकन गनाह की हरवह क़बारनी खाई न जाए िजस का ख़न मलाक़ात कख़म म इस िलए लाया गया ह िक मिक़दस म िकसीका कफ़फ़ारा िदया जाए उस जलाना ह

124 अहबार 71ndash25

क़सर की क़बारनी

7 1 क़सर की क़बारनी जो िनहायत मक़ददस ह उसक बार म िहदायात यह ह

2 क़सर की क़बारनी वही ज़बह करनी ह जहा भसमहोन वाली क़बारनी ज़बह की जाती ह उस का ख़नक़बारनगाह क चार पहलओ पर िछड़का जाए 3 उसकी तमाम चबीर िनकाल कर क़बारनगाह पर चढ़ानी हयानी उस की दम अतिड़यो पर की चबीर 4 गद र उसचबीर समत जो उन पर और कमर क क़रीब होतीह और जोड़कलजी इन चीज़ो को गदोर क साथही अलग करना ह 5 इमाम यह सब कछ रब कोक़बारनगाह पर जलन वाली क़बारनी क तौर पर पशकर यह क़सर की क़बारनी ह 6 इमामो क ख़ानदानोम स तमाम मदर उस खा सकत ह लिकन उसमक़ददस जगह पर खाया जाए यह िनहायत मक़ददसह

7 गनाह और क़सर की क़बारनी क िलए एक हीउसल ह जो इमाम क़बारनी को पश करक कफ़फ़ारादता ह उस को उस का गोशत िमलता ह 8 इसतरह जो इमाम िकसी जानवर को भसम होन वालीक़बारनी क तौर पर चढ़ाता ह उसी को जानवर कीखाल िमलती ह 9 और इसी तरह तनर म कड़ाहीम या तव पर पकाई गई ग़लला की हर नज़र उस इमामको िमलती ह िजस न उस पश िकया ह 10 लिकनहारन क तमाम बटो को ग़लला की बाक़ी नज़र बराबरबराबर िमलती रह ख़वाह उन म तल िमलाया गयाहो या वह ख़शक हो

सलामती की क़बारनी11 सलामती की क़बारनी जो रब को पश की जाती

ह उस क बार म ज़ल की िहदायात ह 12 अगर कोई इस क़बारनी स अपनी शकरगज़ारी का

इज़हार करना चाह तो वह जानवर क साथ बख़मीरीरोटी िजस म तल डाला गया हो बख़मीरी रोटी िजसपर तल लगाया गया हो और रोटी िजस म बहतरीन

मदा और तल िमलाया गया हो पश कर 13 इस कइलावा वह ख़मीरी रोटी भी पश कर 14 पश करनवाला क़बारनी की हर चीज़ का एक िहससा उठा कररब क िलए मख़सस कर यह उस इमाम का िहससाह जो जानवर का ख़न क़बारनगाह पर िछड़कता ह15 गोशत उसी िदन खाया जाए जब जानवर को ज़बहिकया गया हो अगली सबह तक कछ नही बचनाचािहए

16 इस क़बारनी का गोशत िसफ़र इस सरत म अगलिदन खाया जा सकता ह जब िकसी न मननत मानकर या अपनी ख़शी स उस पश िकया ह 17 अगरकछ गोशत तीसर िदन तक बच जाए तो उस जलानाह 18 अगर उस तीसर िदन भी खाया जाए तो रब यहक़बारनी क़बल नही करगा उस का कोई फ़ाइदा नहीहोगा बिलक उस नापाक क़रार िदया जाएगा जो भीउस स खाएगा वह क़सरवार ठहरगा 19 अगर यहगोशत िकसी नापाक चीज़ स लग जाए तो उस नहीखाना ह बिलक उस जलाया जाए अगर गोशत पाकह तो हर शख़स जो ख़द पाक ह उस खा सकता ह20 लिकन अगर नापाक शख़स रब को पश की गईसलामती की क़बारनी का यह गोशत खाए तो उस उसकी क़ौम म स िमटा डालना ह 21 हो सकता ह िकिकसी न िकसी नापाक चीज़ को छ िलया ह चाह वहनापाक शख़स जानवर या कोई और िघनौनी औरनापाक चीज़ हो अगर ऐसा शख़स रब को पश कीगई सलामती की क़बारनी का गोशत खाए तो उस उसकी क़ौम म स िमटा डालना हrdquo

चबीर और ख़न खाना मना ह22 रब न मसा स कहा 23 ldquoइसराईिलयो को बता

दना िक गाय-बल और भड़-बकिरयो की चबीर खानातमहार िलए मना ह 24 तम िफ़तरी तौर पर मर हएजानवरो और फाड़ हए जानवरो की चबीर दीगर कामोक िलए इसतमाल कर सकत हो लिकन उस खानामना ह 25 जो भी उस चबीर म स खाए जो जला कररब को पश की जाती ह उस उस की क़ौम म स िमटा

अहबार 726ndash814 125डालना ह 26 जहा भी तम रहत हो वहा पिरनदो यादीगर जानवरो का ख़न खाना मना ह 27 जो भी ख़नखाए उस उस की क़ौम म स िमटाया जाएrdquo

क़बारिनयो म स इमाम का िहससा28 रब न मसा स कहा 29 ldquoइसराईिलयो को बताना

िक जो रब को सलामती की क़बारनी पश कर वह रबक िलए एक िहससा मख़सस कर 30 वह जलन वालीयह क़बारनी अपन हाथो स रब को पश कर इस किलए वह जानवर की चबीर और सीना रब क सामनपश कर सीना िहलान वाली क़बारनी हो 31 इमामचबीर को क़बारनगाह पर जला द जबिक सीना हारनऔर उस क बटो का िहससा ह 32 क़बारनी की दहनीरान इमाम को उठान वाली क़बारनी क तौर पर दीजाए 33 वह उस इमाम का िहससा ह जो सलामतीकी क़बारनी का ख़न और चबीर चढ़ाता ह

34 इसराईिलयो की सलामती की क़बारिनयो म स मन िहलान वाला सीना और उठान वाली रान इमामोको दी ह यह चीज़ हमशा क िलए इसराईिलयो कीतरफ़ स इमामो का हक़ हrdquo

35 यह उस िदन जलन वाली क़बारिनयो म स हारनऔर उस क बटो का िहससा बन गई जब उनहमिक़दस म रब की िख़दमत म पश िकया गया 36 रबन उस िदन जब उनह तल स मसह िकया गया हकमिदया था िक इसराईली यह िहससा हमशा इमामो कोिदया कर

37 ग़रज़ यह िहदायात तमाम क़बारिनयो क बार म हयानी भसम होन वाली क़बारनी ग़लला की नज़र गनाहकी क़बारनी क़सर की क़बारनी इमाम को मिक़दसम िख़दमत क िलए मख़सस करन की क़बारनी औरसलामती की क़बारनी क बार म 38 रब न मसा कोयह िहदायात सीना पहाड़ पर दी उस िदन जब उसन इसराईिलयो को हकम िदया िक वह दशत-ए-सीनाम रब को अपनी क़बारिनया पश कर

हारन और उस क बटो की मख़सिसयत

8 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoहारन और उस कबटो को मर हज़र ल आना नीज़ इमामो क

िलबास मसह का तल गनाह की क़बारनी क िलएजवान बल दो मढ और बख़मीरी रोिटयो की टोकरील आना 3 िफर परी जमाअत को ख़म क दरवाज़पर जमा करनाrdquo

4 मसा न ऐसा ही िकया जब परी जमाअत इकटठीहो गई तो 5 उस न उन स कहा ldquoअब म वह कछकरता ह िजस का हकम रब न िदया हrdquo 6 मसा नहारन और उस क बटो को सामन ला कर ग़सलकराया 7 उस न हारन को कतान का ज़रजामा पहनाकर कमरबनद लपटा िफर उस न चोग़ा पहनायािजस पर उस न बालापोश को महारत स बन हएपटक स बाधा 8 इस क बाद उस न सीन का कीसालगा कर उस म दोनो क़रए बनाम ऊरीम और तममीमरख 9 िफर उस न हारन क सर पर पगड़ी रखी िजसक सामन वाल िहसस पर उस न मक़ददस ताज यानीसोन की तख़ती लगा दी सब कछ उस हकम क ऐनमतािबक़ हआ जो रब न मसा को िदया था

10 इस क बाद मसा न मसह क तल स मिक़दस कोऔर जो कछ उस म था मसह करक उस मख़सस-ओ-मक़ददस िकया 11 उस न यह तल सात बार जानवरचढ़ान की क़बारनगाह और उस क सामान पर िछड़किदया इसी तरह उस न सात बार धोन क हौज़और उस ढाच पर तल िछड़क िदया िजस पर हौज़रखा हआ था य यह चीज़ मख़सस-ओ-मक़ददस हई12 उस न हारन क सर पर मसह का तल उडल करउस मसह िकया य वह मख़सस-ओ-मक़ददस हआ

13 िफर मसा न हारन क बटो को सामन ला करउनह ज़रजाम पहनाए कमरबनद लपट और उन कसरो पर पगिड़या बाधी सब कछ उस हकम क ऐनमतािबक़ हआ जो रब न मसा को िदया था

14 अब मसा न गनाह की क़बारनी क िलए जवानबल को पश िकया हारन और उस क बटो न

126 अहबार 815ndash35अपन हाथ उस क सर पर रख 15 मसा न उस ज़बहकरक उस क ख़न म स कछ ल कर अपनी उगली सक़बारनगाह क सीगो पर लगा िदया तािक वह गनाहोस पाक हो जाए बाक़ी ख़न उस न क़बारनगाह क पाएपर उडल िदया य उस न उस मख़सस-ओ-मक़ददसकरक उस का कफ़फ़ारा िदया 16 मसा न अतिड़योपर की तमाम चबीर जोड़कलजी और दोनो गद र उनकी चबीर समत ल कर क़बारनगाह पर जला िदए17 लिकन बल की खाल गोशत और अतिड़यो कगोबर को उस न ख़मागाह क बाहर ल जा कर जलािदया सब कछ उस हकम क मतािबक़ हआ जो रबन मसा को िदया था

18 इस क बाद उस न भसम होन वाली क़बारनी किलए पहला मढा पश िकया हारन और उस क बटोन अपन हाथ उस क सर पर रख िदए 19 मसा नउस ज़बह करक उस का ख़न क़बारनगाह क चारपहलओ पर िछड़क िदया 20 उस न मढ को टकड़टकड़ करक सर टकड़ और चबीर जला दी 21 उसन अतिड़या और िपडिलया पानी स साफ़ करक परमढ को क़बारनगाह पर जला िदया सब कछ उसहकम क ऐन मतािबक़ हआ जो रब न मसा को िदयाथा रब क िलए जलन वाली यह क़बारनी भसम होनवाली क़बारनी थी और उस की ख़शब रब को पसनदथी

22 इस क बाद मसा न दसर मढ को पश िकया इसक़बारनी का मक़सद इमामो को मिक़दस म िख़दमत किलए मख़सस करना था हारन और उस क बटो नअपन हाथ मढ क सर पर रख िदए 23 मसा न उसज़बह करक उस क ख़न म स कछ ल कर हारनक दहन कान की लौ पर और उस क दहन हाथऔर दहन पाओ क अगठो पर लगाया 24 यही उसन हारन क बटो क साथ भी िकया उस न उनहसामन ला कर उन क दहन कान की लौ पर औरउन क दहन हाथ और दहन पाओ क अगठो परख़न लगाया बाक़ी ख़न उस न क़बारनगाह क चारपहलओ पर िछड़क िदया 25 उस न मढ की चबीर

दम अतिड़यो पर की सारी चबीर जोड़कलजी दोनोगद र उन की चबीर समत और दहनी रान अलग की26 िफर वह रब क सामन पड़ी बख़मीरी रोिटयो कीटोकरी म स एक सादा रोटी एक रोटी िजस म तलडाला गया था और एक रोटी िजस पर तल लगायागया था ल कर चबीर और रान पर रख दी 27 उस नयह सब कछ हारन और उस क बटो क हाथो पररख कर उस िहलान वाली क़बारनी क तौर पर रबको पश िकया 28 िफर उस न यह चीज़ उन स वापसल कर क़बारनगाह पर जला दी िजस पर पहल भसमहोन वाली क़बारनी रखी गई थी रब क िलए जलनवाली यह क़बारनी इमामो को मख़सस करन क िलएचढ़ाई गई और उस की ख़शब रब को पसनद थी

29 मसा न सीना भी िलया और उस िहलान वालीक़बारनी क तौर पर रब क सामन िहलाया यहमख़सिसयत क मढ म स मसा का िहससा था मसान इस म भी सब कछ रब क हकम क ऐन मतािबक़िकया

30 िफर उस न मसह क तल और क़बारनगाह पर कख़न म स कछ ल कर हारन उस क बटो और उनक कपड़ो पर िछड़क िदया य उस न उनह और उनक कपड़ो को मख़सस-ओ-मक़ददस िकया

31 मसा न उन स कहा ldquoगोशत को मलाक़ात कख़म क दरवाज़ पर उबाल कर उस उन रोिटयो कसाथ खाना जो मख़सिसयत की क़बारिनयो की टोकरीम पड़ी ह कयिक रब न मझ यही हकम िदया ह32 गोशत और रोिटयो का बक़ाया जला दना 33 सातिदन तक मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ म स निनकलना कयिक मिक़दस म िख़दमत क िलए तमहारीमख़सिसयत क इतन ही िदन ह 34 जो कछ आजहआ ह वह रब क हकम क मतािबक़ हआ तािकतमहारा कफ़फ़ारा िदया जाए 35 तमह सात रात औरिदन तक ख़म क दरवाज़ क अनदर रहना ह रब कीइस िहदायत को मानो वनार तम मर जाओग कयिकयह हकम मझ रब की तरफ़ स िदया गया हrdquo

अहबार 836ndash923 12736 हारन और उस क बटो न उन तमाम िहदायात

पर अमल िकया जो रब न मसा की मािरफ़त उनह दीथी

हारन क़बारिनया चढ़ाता ह

9 1 मख़सिसयत क सात िदन क बाद मसा नआठव िदन हारन उस क बटो और इसराईल

क बज़गोर को बलाया 2 उस न हारन स कहाldquoएक बऐब बछड़ा और एक बऐब मढा चन कररब को पश कर बछड़ा गनाह की क़बारनी किलए और मढा भसम होन वाली क़बारनी क िलएहो 3 िफर इसराईिलयो को कह दना िक गनाह कीक़बारनी क िलए एक बकरा जबिक भसम होन वालीक़बारनी क िलए एक बऐब यकसाला बछड़ा औरएक बऐब यकसाला भड़ का बचचा पश करो 4 साथही सलामती की क़बारनी क िलए एक बल और एकमढा चनो तल क साथ िमलाई हई ग़लला की नज़रभी ल कर सब कछ रब को पश करो कयिक आजही रब तम पर ज़ािहर होगाrdquo

5 इसराईली मसा की मतलबा तमाम चीज़ मलाक़ातक ख़म क सामन ल आए परी जमाअत क़रीब आकर रब क सामन खड़ी हो गई 6 मसा न उन स कहाldquoतमह वही करना ह िजस का हकम रब न तमह िदयाह कयिक आज ही रब का जलाल तम पर ज़ािहरहोगाrdquo

7 िफर उस न हारन स कहा ldquoक़बारनगाह कपास जा कर गनाह की क़बारनी और भसम होनवाली क़बारनी चढ़ा कर अपना और अपनी क़ौम काकफ़फ़ारा दना रब क हकम क मतािबक़ क़ौम किलए भी क़बारनी पश करना तािक उस का कफ़फ़ारािदया जाएrdquo

8 हारन क़बारनगाह क पास आया उस न बछड़को ज़बह िकया यह उस क िलए गनाह की क़बारनीथा 9 उस क बट बछड़ का ख़न उस क पास लआए उस न अपनी उगली ख़न म डबो कर उसक़बारनगाह क सीगो पर लगाया बाक़ी ख़न को उस

न क़बारनगाह क पाए पर उडल िदया 10 िफर उस नउस की चबीर गदोर और जोड़कलजी को क़बारनगाहपर जला िदया जस रब न मसा को हकम िदया थावस ही हारन न िकया 11 बछड़ का गोशत औरखाल उस न ख़मागाह क बाहर ल जा कर जला दी

12 इस क बाद हारन न भसम होन वाली क़बारनीको ज़बह िकया उस क बटो न उस उस का ख़निदया और उस न उस क़बारनगाह क चार पहलओ परिछड़क िदया 13 उनहो न उस क़बारनी क मख़तिलफ़टकड़ सर समत िदए और उस न उनह क़बारनगाहपर जला िदया 14 िफर उस न उस की अतिड़या औरिपडिलया धो कर भसम होन वाली क़बारनी की बाक़ीचीज़ो पर रख कर जला दी

15 अब हारन न क़ौम क िलए क़बारनी चढ़ाई उसन गनाह की क़बारनी क िलए बकरा ज़बह करकउस पहली क़बारनी की तरह चढ़ाया 16 उस न भसमहोन वाली क़बारनी भी क़वाइद क मतािबक़ चढ़ाई17 उस न ग़लला की नज़र पश की और उस म स मटठीभर क़बारनगाह पर जला िदया यह ग़लला की उस नज़रक इलावा थी जो सबह को भसम होन वाली क़बारनीक साथ चढ़ाई गई थी 18 िफर उस न सलामती कीक़बारनी क िलए बल और मढ को ज़बह िकया यहभी क़ौम क िलए थी उस क बटो न उस जानवरोका ख़न िदया और उस न उस क़बारनगाह क चारपहलओ पर िछड़क िदया 19 लिकन उनहो न बलऔर मढ को चबीर दम अतिड़यो पर की चबीर औरजोड़कलजी िनकाल कर 20 सीन क टकड़ो पर रखिदया हारन न चबीर का िहससा क़बारनगाह पर जलािदया 21 सीन क टकड़ और दहनी रान उस न िहलानवाली क़बारनी क तौर पर रब क सामन िहलाई उसन सब कछ मसा क हकम क मतािबक़ ही िकया

22 तमाम क़बारिनया पश करन क बाद हारन नअपन हाथ उठा कर क़ौम को बरकत दी िफर वहक़बारनगाह स उतर कर 23 मसा क साथ मलाक़ात कख़म म दािख़ल हआ जब दोनो बाहर आए तो उनहोन क़ौम को बरकत दी तब रब का जलाल परी क़ौम

128 अहबार 924ndash1017पर ज़ािहर हआ 24 रब क हज़र स आग िनकल करक़बारनगाह पर उतरी और भसम होन वाली क़बारनीऔर चबीर क टकड़ भसम कर िदए यह दख करलोग ख़शी क नार मारन लग और मह क बल िगरगए

नदब और अबीह का गनाह

10 1 हारन क बट नदब और अबीह न अपनअपन बख़रदान ल कर उन म जलत हए

कोएल डाल उन पर बख़र डाल कर वह रब कसामन आए तािक उस पश कर लिकन यह आगनाजाइज़ थी रब न यह पश करन का हकम नहीिदया था 2 अचानक रब क हज़र स आग िनकलीिजस न उनह भसम कर िदया वही रब क सामन वहमर गए

3 मसा न हारन स कहा ldquoअब वही हआ ह जो रबन फ़रमाया था िक जो मर क़रीब ह उन स म अपनीक़ददिसयत ज़ािहर करगा म तमाम क़ौम क सामनही अपन जलाल का इज़हार करगाrdquo

हारन ख़ामोश रहा 4 मसा न हारन क चचाउज़ज़ीएल क बटो मीसाएल और इलसफ़न को बलाकर कहा ldquoइधर आओ और अपन िरशतदारो कोमिक़दस क सामन स उठा कर ख़मागाह क बाहरल जाओrdquo 5 वह आए और मसा क हकम क ऐनमतािबक़ उनह उन क ज़रजामो समत उठा करख़मागाह क बाहर ल गए

6 मसा न हारन और उस क दीगर बटो इलीअज़रऔर इतमर स कहा ldquoमातम का इज़हार न करो नअपन बाल िबखरन दो न अपन कपड़ फाड़ो वनारतम मर जाओग और रब परी जमाअत स नाराज़ होजाएगा लिकन तमहार िरशतदार और बाक़ी तमामइसराईली ज़रर इन का मातम कर िजन को रब नआग स हलाक कर िदया ह 7 मलाक़ात क ख़म कदरवाज़ क बाहर न िनकलो वनार तम मर जाओगकयिक तमह रब क तल स मसह िकया गया हrdquoचनाच उनहो न ऐसा ही िकया

इमामो क िलए िहदायात8 रब न हारन स कहा 9 ldquoजब भी तझ या तर बटो

को मलाक़ात क ख़म म दािख़ल होना ह तो म याकोई और नशाआवर चीज़ पीना मना ह वनार तममर जाओग यह उसल आन वाली नसलो क िलएभी अबद तक अनिमट ह 10 यह भी लािज़म ह िकतम मक़ददस और ग़रमक़ददस चीज़ो म पाक औरनापाक चीज़ो म इिमतयाज़ करो 11 तमह इसराईिलयोको तमाम पाबिनदया िसखानी ह जो म न तमह मसाकी मािरफ़त बताई हrdquo

12 मसा न हारन और उस क बच हए बटोइलीअज़र और इतमर स कहा ldquoग़लला की नज़र काजो िहससा रब क सामन जलाया नही जाता उस अपनिलए ल कर बख़मीरी रोटी पकाना और क़बारनगाहक पास ही खाना कयिक वह िनहायत मक़ददस ह13 उस मक़ददस जगह पर खाना कयिक वह रब कीजलन वाली क़बारिनयो म स तमहार और तमहार बटोका िहससा ह कयिक मझ इस का हकम िदया गयाह 14 जो सीना िहलान वाली क़बारनी और दहनीरान उठान वाली क़बारनी क तौर पर पश की गईह वह तम और तमहार बट-बिटया खा सकत हउनह मक़ददस जगह पर खाना ह इसराईिलयो कीसलामती की क़बारिनयो म स यह टकड़ तमहारािहससा ह 15 लिकन पहल इमाम रान और सीन कोजलन वाली क़बारिनयो की चबीर क साथ पश करवह उनह िहलान वाली क़बारनी क तौर पर रब कसामन िहलाए रब फ़रमाता ह िक यह टकड़ अबदतक तमहार और तमहार बटो का िहससा हrdquo

16 मसा न दरयाफ़त िकया िक उस बकर क गोशतका कया हआ जो गनाह की क़बारनी क तौर परचढ़ाया गया था उस पता चला िक वह भी जलगया था यह सन कर उस हारन क बटो इलीअज़रऔर इतमर पर ग़ससा आया उस न पछा 17 ldquoतम नगनाह की क़बारनी का गोशत कय नही खाया तमहउस मक़ददस जगह पर खाना था यह एक िनहायत

अहबार 1018ndash1132 129मक़ददस िहससा ह जो रब न तमह िदया तािक तमजमाअत का क़सर दर करक रब क सामन लोगो काकफ़फ़ारा दो 18 चिक इस बकर का ख़न मिक़दस मन लाया गया इस िलए तमह उस का गोशत मिक़दसम खाना था िजस तरह म न तमह हकम िदया थाrdquo

19 हारन न मसा को जवाब द कर कहा ldquoदखआज लोगो न अपन िलए गनाह की क़बारनी औरभसम होन वाली क़बारनी रब को पश की ह जबिकमझ पर यह आफ़त गज़री ह अगर म आज गनाहकी क़बारनी स खाता तो कया यह रब को अचछालगताrdquo 20 यह बात मसा को अचछी लगी

पाक और नापाक जानवर

11 1 रब न मसा और हारन स कहा2 ldquoइसराईिलयो को बताना िक तमह ज़मीन

पर रहन वाल जानवरो म स ज़ल क जानवरो कोखान की इजाज़त ह 3 िजन क खर या पाओिबलकल िचर हए ह और जो जगाली करत ह उनहखान की इजाज़त ह 4ndash6 ऊट िबजज या ख़रगोशखाना मना ह वह तमहार िलए नापाक ह कयिकवह जगाली तो करत ह लिकन उन क खर या पाओिचर हए नही ह 7 सअर न खाना वह तमहार िलएनापाक ह कयिक उस क खर तो िचर हए ह लिकनवह जगाली नही करता 8 न उन का गोशत खाना नउन की लाशो को छना वह तमहार िलए नापाक ह

9 समनदरी और दरयाई जानवर खान क िलए जाइज़ह अगर उन क पर और िछलक हो 10 लिकन िजनक पर या िछलक नही ह वह सब तमहार िलएमकरह ह ख़वाह वह बड़ी तादाद म िमल कर रहतह या नही 11 इस िलए उन का गोशत खाना मना हऔर उन की लाशो स भी िघन खाना ह 12 पानी मरहन वाल तमाम जानवर िजन क पर या िछलक नहो तमहार िलए मकरह ह

13 ज़ल क पिरनद तमहार िलए क़ािबल-ए-िघन होइनह खाना मना ह कयिक वह मकरह ह उक़ाबदिढ़यल िगदध काला िगदध 14 लाल चील हर िक़समकी काली चील 15 हर िक़सम का कववा 16 उक़ाबीउलल छोट कान वाला उलल बड़ कान वाला उललहर िक़सम का बाज़ 17 छोटा उलल क़क़ िचघाड़नवाला उलल 18 सफ़द उलल दशती उलल िमसरी िगदध19 लक़लक़ हर िक़सम का बतीमार हदहद औरचमगादड़ b

20 तमाम पर रखन वाल कीड़ जो चार पाओ परचलत ह तमहार िलए मकरह ह 21 िसवाए उन किजन की टागो क दो िहसस ह और जो फदकत ह उनको तम खा सकत हो 22 इस नात स तम मख़तिलफ़िक़सम क िटडड खा सकत हो 23 बाक़ी सब पर रखनवाल कीड़ जो चार पाओ पर चलत ह तमहार िलएमकरह ह

24ndash28 जो भी ज़ल क जानवरो की लाश छए वहशाम तक नापाक रहगा (अिलफ़) खर रखन वालतमाम जानवर िसवाए उन क िजन क खर या पाओपर तौर पर िचर हए ह और जो जगाली करत ह (ब)तमाम जानवर जो अपन चार पजो पर चलत ह यहजानवर तमहार िलए नापाक ह और जो भी उन कीलाश उठाए या छए लािज़म ह िक वह अपन कपड़धो ल इस क बावजद भी वह शाम तक नापाकरहगा

29ndash30 ज़मीन पर रगन वाल जानवरो म स छछदरमख़तिलफ़ िक़सम क चह और मख़तिलफ़ िक़सम कीिछपकिलया तमहार िलए नापाक ह 31 जो भी उनहऔर उन की लाश छ लता ह वह शाम तक नापाकरहगा 32 अगर उन म स िकसी की लाश िकसी चीज़पर िगर पड़ तो वह भी नापाक हो जाएगी इस सकोई फ़क़र नही पड़ता िक वह लकड़ी कपड़ चमड़या टाट की बनी हो न इस स कोई फ़क़र पड़ता हिक वह िकस काम क िलए इसतमाल की जाती ह

bयाद रह िक क़दीम ज़मान क इन पिरनदो क अकसर नाम मतरक ह या उन का मतलब बदल गया ह इस िलए उन का मख़तिलफ़तजरमा हो सकता ह

130 अहबार 1133ndash132उस हर सरत म पानी म डबोना ह तो भी वह शामतक नापाक रहगी 33 अगर ऐसी लाश िमटटी क बतरनम िगर जाए तो जो कछ भी उस म ह नापाक होजाएगा और तमह उस बतरन को तोड़ना ह 34 हर खानवाली चीज़ िजस पर ऐस बतरन का पानी डाला गयाह नापाक ह इसी तरह उस बतरन स िनकली हईहर पीन वाली चीज़ नापाक ह 35 िजस पर भी ऐसीलाश िगर पड़ वह नापाक हो जाता ह अगर वह तनरया चलह पर िगर पड़ तो उन को तोड़ दना ह वहनापाक ह और तमहार िलए नापाक रहग 36 लिकनिजस चशम या हौज़ म ऐसी लाश िगर वह पाक रहताह िसफ़र वह जो लाश को छ लता ह नापाक हो जाताह 37 अगर ऐसी लाश बीजो पर िगर पड़ िजन कोअभी बोना ह तो वह पाक रहत ह 38 लिकन अगरबीजो पर पानी डाला गया हो और िफर लाश उन परिगर पड़ तो वह नापाक ह

39 अगर ऐसा जानवर िजस खान की इजाज़त ह मरजाए तो जो भी उस की लाश छए शाम तक नापाकरहगा 40 जो उस म स कछ खाए या उस उठा करल जाए उस अपन कपड़ो को धोना ह तो भी वहशाम तक नापाक रहगा

41 हर जानवर जो ज़मीन पर रगता ह क़ािबल-ए-िघन ह उस खाना मना ह 42 चाह वह अपन पट परचाह चार या इस स ज़ाइद पाओ पर चलता हो 43 इनतमाम रगन वालो स अपन आप को िघन का बाइसऔर नापाक न बनाना 44 कयिक म रब तमहारा ख़दाह लािज़म ह िक तम अपन आप को मख़सस-ओ-मक़ददस रखो कयिक म क़ददस ह अपन आप कोज़मीन पर रगन वाल तमाम जानवरो स नापाक नबनाना 45 म रब ह म तमह िमसर स िनकाल लायाह तािक तमहारा ख़दा बन िलहाज़ा मक़ददस रहोकयिक म क़ददस ह

46 ज़मीन पर चलन वाल जानवरो पिरनदो आबीजानवरो और ज़मीन पर रगन वाल जानवरो क बारम शरअ यही ह 47 लािज़म ह िक तम नापाक और

पाक म इिमतयाज़ करो ऐस जानवरो म जो खान किलए जाइज़ ह और ऐसो म जो नाजाइज़ हrdquo

बचच की पदाइश क बाद मा पर पाबिनदया

12 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोबता िक जब िकसी औरत क लड़का पदा

हो तो वह माहवारी क अययाम की तरह सात िदनतक नापाक रहगी 3 आठव िदन लड़क का ख़तनाकरवाना ह 4 िफर मा मज़ीद 33 िदन इिनतज़ार करइस क बाद उस की वह नापाकी दर हो जाएगी जोख़न बहन स पदा हई ह इस दौरान वह कोई मख़ससऔर मक़ददस चीज़ न छए न मिक़दस क पास जाए

5 अगर उस क लड़की पदा हो जाए तो वह माहवारीक अययाम की तरह नापाक ह यह नापाकी 14 िदनतक रहगी िफर वह मज़ीद 66 िदन इिनतज़ार करइस क बाद उस की वह नापाकी दर हो जाएगी जोख़न बहन स पदा हई ह

6 जब लड़क या लड़की क िसलिसल म यह िदनगज़र जाए तो वह मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ परइमाम को ज़ल की चीज़ द भसम होन वाली क़बारनीक िलए एक यकसाला भड़ का बचचा और गनाह कीक़बारनी क िलए एक जवान कबतर या क़मरी 7 इमामयह जानवर रब को पश करक उस का कफ़फ़ारा दिफर ख़न बहन क बाइस पदा होन वाली नापाकीदर हो जाएगी उसल एक ही ह चाह लड़का हो यालड़की

8 अगर वह ग़बरत क बाइस भड़ का बचचा न दसक तो िफर वह दो क़िमरया या दो जवान कबतरल आए एक भसम होन वाली क़बारनी क िलए औरदसरा गनाह की क़बारनी क िलए य इमाम उस काकफ़फ़ारा द और वह पाक हो जाएगीrdquo

िजलदी बीमािरया

13 1 रब न मसा और हारन स कहा 2 ldquoअगरिकसी की िजलद म सजन या पपड़ी या

सफ़द दाग़ हो और ख़तरा ह िक वबाई िजलदी बीमारी

अहबार 133ndash25 131हो तो उस इमामो यानी हारन या उस क बटो कपास ल आना ह 3 इमाम उस जगह का मआइनाकर अगर उस क बाल सफ़द हो गए हो और वहिजलद म धसी हई हो तो वबाई बीमारी ह जब इमामको यह मालम हो तो वह उस नापाक क़रार द4 लिकन हो सकता ह िक िजलद की जगह सफ़दतो ह लिकन िजलद म धसी हई नही ह न उस कबाल सफ़द हए ह इस सरत म इमाम उस शख़सको सात िदन क िलए अलािहदगी म रख 5 सातविदन इमाम दबारा उस का मआइना कर अगर वहदख िक मतअिससरा जगह वसी ही ह और फलीनही तो वह उस मज़ीद सात िदन अलािहदगी म रख6 सातव िदन वह एक और मतरबा उस का मआइनाकर अगर उस जगह का रग दबारा सहतमनद िजलदक रग की मािननद हो रहा हो और फली न हो तो वहउस पाक क़रार द इस का मतलब ह िक यह मज़रआम पपड़ी स ज़यादा नही ह मरीज़ अपन कपड़धो ल तो वह पाक हो जाएगा 7 लिकन अगर इसक बाद मतअिससरा जगह फलन लग तो वह दबाराअपन आप को इमाम को िदखाए 8 इमाम उस कामआइना कर अगर जगह वाक़ई फल गई हो तोइमाम उस नापाक क़रार द कयिक यह वबाई िजलदीमज़र ह

9 अगर िकसी क िजसम पर वबाई िजलदी मज़र नज़रआए तो उस इमाम क पास लाया जाए 10 इमाम उसका मआइना कर अगर मतअिससरा िजलद म सफ़दसजन हो उस क बाल भी सफ़द हो गए हो औरउस म कचचा गोशत मौजद हो 11 तो इस का मतलबह िक वबाई िजलदी बीमारी परानी ह इमाम उसशख़स को सात िदन क िलए अलािहदगी म रख करइिनतज़ार न कर बिलक उस फ़ौरन नापाक क़रार दकयिक यह उस की नापाकी का सबत ह 12 लिकनअगर बीमारी जलदी स फल गई हो यहा तक िकसर स ल कर पाओ तक परी िजलद मतअिससर हईहो 13 तो इमाम यह दख कर मरीज़ को पाक क़रारद चिक परी िजलद सफ़द हो गई ह इस िलए वह

पाक ह 14 लिकन जब भी कही कचचा गोशत नज़रआए उस वक़त वह नापाक हो जाता ह 15 इमामयह दख कर मरीज़ को नापाक क़रार द कचचा गोशतहर सरत म नापाक ह कयिक इस का मतलब हिक वबाई िजलदी बीमारी लग गई ह 16 अगर कचचगोशत का यह ज़ख़म भर जाए और मतअिससरा जगहकी िजलद सफ़द हो जाए तो मरीज़ इमाम क पासजाए 17 अगर इमाम दख िक वाक़ई ऐसा ही हआ हऔर मतअिससरा िजलद सफ़द हो गई ह तो वह उसपाक क़रार द

18 अगर िकसी की िजलद पर फोड़ा हो लिकन वहठीक हो जाए 19 और उस की जगह सफ़द सजन यासख़ीर-माइल सफ़द दाग़ नज़र आए तो मरीज़ अपनआप को इमाम को िदखाए 20 अगर वह उस कामआइना करक दख िक मतअिससरा जगह िजलद कअनदर धसी हई ह और उस क बाल सफ़द हो गएह तो वह मरीज़ को नापाक क़रार द कयिक इसका मतलब ह िक जहा पहल फोड़ा था वहा वबाईिजलदी बीमारी पदा हो गई ह 21 लिकन अगर इमामदख िक मतअिससरा जगह क बाल सफ़द नही ह वहिजलद म धसी हई नज़र नही आती और उस का रगदबारा सहतमनद िजलद की मािननद हो रहा ह तो वहउस सात िदन क िलए अलािहदगी म रख 22 अगरइस दौरान बीमारी मज़ीद फल जाए तो इमाम मरीज़को नापाक क़रार द कयिक इस का मतलब ह िकवबाई िजलदी बीमारी लग गई ह 23 लिकन अगरदाग़ न फल तो इस का मतलब ह िक यह िसफ़र उसभर हए ज़ख़म का िनशान ह जो फोड़ स पदा हआथा इमाम मरीज़ को पाक क़रार द

24 अगर िकसी की िजलद पर जलन का ज़ख़मलग जाए और मतअिससरा जगह पर सख़ीर-माइलसफ़द दाग़ या सफ़द दाग़ पदा हो जाए 25 तो इमाममतअिससरा जगह का मआइना कर अगर मालम होजाए िक मतअिससरा जगह क बाल सफ़द हो गए हऔर वह िजलद म धसी हई ह तो इस का मतलबह िक चोट की जगह पर वबाई िजलदी मज़र लग

132 अहबार 1326ndash48गया ह इमाम उस नापाक क़रार द कयिक वबाईिजलदी बीमारी लग गई ह 26 लिकन अगर इमामन मालम िकया ह िक दाग़ म बाल सफ़द नही हवह िजलद म धसा हआ नज़र नही आता और उसका रग सहतमनद िजलद की मािननद हो रहा ह तोवह मरीज़ को सात िदन तक अलािहदगी म रख27 अगर वह सातव िदन मालम कर िक मतअिससराजगह फल गई ह तो वह उस नापाक क़रार द कयिकइस का मतलब ह िक वबाई िजलदी बीमारी लग गईह 28 लिकन अगर दाग़ फला हआ नज़र नही आताऔर मतअिससरा िजलद का रग सहतमनद िजलद करग की मािननद हो गया ह तो इस का मतलब ह िकयह िसफ़र उस भर हए ज़ख़म का िनशान ह जो जलनस पदा हआ था इमाम मरीज़ को पाक क़रार द

29 अगर िकसी क सर या दाढ़ी की िजलद मिनशान नज़र आए 30 तो इमाम मतअिससरा जगह कामआइना कर अगर वह धसी हई नज़र आए औरउस क बाल रग क िलहाज़ स चमकत हए सोनकी मािननद और बारीक हो तो इमाम मरीज़ कोनापाक क़रार द इस का मतलब ह िक ऐसी वबाईिजलदी बीमारी सर या दाढ़ी की िजलद पर लग गई हजो ख़ािरश पदा करती ह 31 लिकन अगर इमाम नमालम िकया िक मतअिससरा जगह िजलद म धसी हईनज़र नही आती अगरच उस क बालो का रग बदलगया ह तो वह उस सात िदन क िलए अलािहदगीम रख 32 सातव िदन इमाम िजलद की मतअिससराजगह का मआइना कर अगर वह फली हई नज़रनही आती और उस क बालो का रग चमकदार सोनकी मािननद नही ह साथ ही वह जगह िजलद म धसीहई भी िदखाई नही दती 33 तो मरीज़ अपन बालमडवाए िसफ़र वह बाल रह जाए जो मतअिससराजगह स िनकलत ह इमाम मरीज़ को मज़ीद सातिदन अलािहदगी म रख 34 सातव िदन वह उस कामआइना कर अगर मतअिससरा जगह नही फलीऔर वह िजलद म धसी हई नज़र नही आती तोइमाम उस पाक क़रार द वह अपन कपड़ धो ल

तो वह पाक हो जाएगा 35 लिकन अगर इस क बादिजलद की मतअिससरा जगह फलना शर हो जाए36 तो इमाम दबारा उस का मआइना कर अगर वहजगह वाक़ई फली हई नज़र आए तो मरीज़ नापाकह चाह मतअिससरा जगह क बालो का रग चमकतसोन की मािननद हो या न हो 37 लिकन अगर उसक ख़याल म मतअिससरा जगह फली हई नज़र नहीआती बिलक उस म स काल रग क बाल िनकल रहह तो इस का मतलब ह िक मरीज़ की सहत बहालहो गई ह इमाम उस पाक क़रार द

38 अगर िकसी मदर या औरत की िजलद पर सफ़ददाग़ पदा हो जाए 39 तो इमाम उन का मआइना करअगर उन का सफ़द रग हलका सा हो तो यह िसफ़रबज़रर पपड़ी ह मरीज़ पाक ह

40ndash41 अगर िकसी मदर का सर माथ की तरफ़ यापीछ की तरफ़ गजा ह तो वह पाक ह 42 लिकनअगर उस जगह जहा वह गजा ह सख़ीर-माइल सफ़ददाग़ हो तो इस का मतलब ह िक वहा वबाई िजलदीबीमारी लग गई ह 43 इमाम उस का मआइना करअगर गजी जगह पर सख़ीर-माइल सफ़द सजन हो जोवबाई िजलदी बीमारी की मािननद नज़र आए 44 तोमरीज़ को वबाई िजलदी बीमारी लग गई ह इमामउस नापाक क़रार द

नापाक मरीज़ का सलक45 वबाई िजलदी बीमारी का मरीज़ फट कपड़

पहन उस क बाल िबखर रह वह अपनी मछो कोिकसी कपड़ स छपाए और पकारता रह lsquoनापाकनापाकrsquo 46 िजस वक़त तक वबाई िजलदी बीमारीलगी रह वह नापाक ह वह इस दौरान ख़मागाह कबाहर जा कर तनहाई म रह

फफदी स िनपटन का तरीक़ा47 हो सकता ह िक ऊन या कतान क िकसी िलबास

पर फफदी लग गई ह 48 या िक फफदी ऊन याकतान क िकसी कपड़ क टकड़ या िकसी चमड़

अहबार 1349ndash1413 133या चमड़ की िकसी चीज़ पर लग गई ह 49 अगरफफदी का रग हरा या लाल सा हो तो वह फलनवाली फफदी ह और लािज़म ह िक उस इमाम कोिदखाया जाए 50 इमाम उस का मआइना करक उससात िदन क िलए अलािहदगी म रख 51 सातव िदनवह दबारा उस का मआइना कर अगर फफदी फलगई हो तो इस का मतलब ह िक वह नक़सानदह हमतअिससरा चीज़ नापाक ह 52 इमाम उस जला दकयिक यह फफदी नक़सानदह ह लािज़म ह िक उसजला िदया जाए 53 लिकन अगर इन सात िदनो कबाद फफदी फली हई नज़र नही आती 54 तो इमामहकम द िक मतअिससरा चीज़ को धलवाया जाएिफर वह उस मज़ीद सात िदन क िलए अलािहदगीम रख 55 इस क बाद वह दबारा उस का मआइनाकर अगर वह मालम कर िक फफदी तो फली हईनज़र नही आती लिकन उस का रग वस का वसाह तो वह नापाक ह उस जला दना चाह फफदीमतअिससरा चीज़ क सामन वाल िहसस या िपछलिहसस म लगी हो 56 लिकन अगर मालम हो जाएिक फफदी का रग माद पड़ गया ह तो इमाम कपड़या चमड़ म स मतअिससरा जगह फाड़ कर िनकालद 57 तो भी हो सकता ह िक फफदी दबारा उसीकपड़ या चमड़ पर नज़र आए इस का मतलब हिक वह फल रही ह और उस जला दना लािज़म ह58 लिकन अगर फफदी धोन क बाद ग़ाइब हो जाएतो उस एक और दफ़ा धोना ह िफर मतअिससराचीज़ पाक होगी

59 इसी तरह फफदी स िनपटना ह चाह वह ऊनया कतान क िकसी िलबास को लग गई हो चाहऊन या कतान क िकसी टकड़ या चमड़ की िकसीचीज़ को लग गई हो इन ही उसलो क तहत फ़सलाकरना ह िक मतअिससरा चीज़ पाक ह या नापाकrdquo

वबाई िजलदी बीमारी क मरीज़ की िशफ़ा पर क़बारनी

14 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoअगर कोई शख़सिजलदी बीमारी स िशफ़ा पाए और उस

पाक-साफ़ कराना ह तो उस इमाम क पास लायाजाए 3 जो ख़मागाह क बाहर जा कर उस का मआइनाकर अगर वह दख िक मरीज़ की सहत वाक़ईबहाल हो गई ह 4 तो इमाम उस क िलए दो िज़नदाऔर पाक पिरनद दवदार की लकड़ी िक़िमरज़ी रगका धागा और ज़फ़ा मगवाए 5 इमाम क हकम परपिरनदो म स एक को ताज़ा पानी स भर हए िमटटीक बतरन क ऊपर ज़बह िकया जाए 6 इमाम िज़नदापिरनद को दवदार की लकड़ी िक़िमरज़ी रग क धागऔर ज़फ़ा क साथ ज़बह िकए गए पिरनद क उस ख़नम डबो द जो िमटटी क बतरन क पानी म आ गया ह7 वह पानी स िमलाया हआ ख़न सात बार पाक होनवाल शख़स पर िछड़क कर उस पाक क़रार द िफरिज़नदा पिरनद को खल मदान म छोड़ द 8 जो अपनआप को पाक-साफ़ करा रहा ह वह अपन कपड़धोए अपन तमाम बाल मडवाए और नहा ल इसक बाद वह पाक ह अब वह ख़मागाह म दािख़ल होसकता ह अगरच वह मज़ीद सात िदन अपन डर मनही जा सकता 9 सातव िदन वह दबारा अपन सरक बाल अपनी दाढ़ी अपन अबर और बाक़ी तमामबाल मडवाए वह अपन कपड़ धोए और नहा लतब वह पाक ह

10 आठव िदन वह दो भड़ क नर बचच और एकयकसाला भड़ चन ल जो बऐब हो साथ ही वह ग़ललाकी नज़र क िलए तल क साथ िमलाया गया साढ़4 िकलोगराम बहतरीन मदा और 300 िमलीिलटरतल ल 11 िफर िजस इमाम न उस पाक क़रार िदयावह उस इन क़बारिनयो समत मलाक़ात क ख़म कदरवाज़ पर रब को पश कर 12 भड़ का एक नरबचचा और 300 िमलीिलटर तल क़सर की क़बारनी किलए ह इमाम उनह िहलान वाली क़बारनी क तौर पररब क सामन िहलाए 13 िफर वह भड़ क इस बचचको ख़म क दरवाज़ पर ज़बह कर जहा गनाह कीक़बारिनया और भसम होन वाली क़बारिनया ज़बह कीजाती ह गनाह की क़बारिनयो की तरह क़सर की यहक़बारनी इमाम का िहससा ह और िनहायत मक़ददस ह

134 अहबार 1414ndash3814 इमाम ख़न म स कछ ल कर पाक होन वाल कदहन कान की लौ पर और उस क दहन हाथ औरदहन पाओ क अगठो पर लगाए 15 अब वह 300िमलीिलटर तल म स कछ ल कर अपन बाए हाथकी हथली पर डाल 16 अपन दहन हाथ क अगठक साथ वाली उगली इस तल म डबो कर वह उससात बार रब क सामन िछड़क 17 वह अपनी हथलीपर क तल म स कछ और ल कर पाक होन वाल कदहन कान की लौ पर और उस क दहन हाथ औरदहन पाओ क अगठो पर लगा द यानी उन जगहोपर जहा वह क़सर की क़बारनी का ख़न लगा चकाह 18 इमाम अपनी हथली पर का बाक़ी तल पाकहोन वाल क सर पर डाल कर रब क सामन उस काकफ़फ़ारा द

19 इस क बाद इमाम गनाह की क़बारनी चढ़ा करपाक होन वाल का कफ़फ़ारा द आिख़र म वह भसमहोन वाली क़बारनी का जानवर ज़बह कर 20 वह उसग़लला की नज़र क साथ क़बारनगाह पर चढ़ा कर उसका कफ़फ़ारा द तब वह पाक ह

21 अगर िशफ़ायाब शख़स ग़बरत क बाइस यहक़बारिनया नही चढ़ा सकता तो िफर वह क़सर कीक़बारनी क िलए भड़ का िसफ़र एक नर बचचा ल आएकाफ़ी ह िक कफ़फ़ारा दन क िलए यही रब क सामनिहलाया जाए साथ साथ ग़लला की नज़र क िलएडढ़ िकलोगराम बहतरीन मदा तल क साथ िमला करपश िकया जाए और 300 िमलीिलटर तल 22 इसक इलावा वह दो क़िमरया या दो जवान कबतर पशकर एक को गनाह की क़बारनी क िलए और दसरको भसम होन वाली क़बारनी क िलए 23 आठव िदनवह उनह मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ पर इमाम कपास और रब क सामन ल आए तािक वह पाक-साफ़हो जाए 24 इमाम भड़ क बचच को 300 िमलीिलटरतल समत ल कर िहलान वाली क़बारनी क तौर पररब क सामन िहलाए 25 वह क़सर की क़बारनी किलए भड़ क बचच को ज़बह कर और उस क ख़न म सकछ ल कर पाक होन वाल क दहन कान की लौ पर

और उस क दहन हाथ और दहन पाओ क अगठोपर लगाए 26 अब वह 300 िमलीिलटर तल म सकछ अपन बाए हाथ की हथली पर डाल 27 औरअपन दहन हाथ क अगठ क साथ वाली उगली इसतल म डबो कर उस सात बार रब क सामन िछड़कद 28 वह अपनी हथली पर क तल म स कछ औरल कर पाक होन वाल क दहन कान की लौ परऔर उस क दहन हाथ और दहन पाओ क अगठोपर लगा द यानी उन जगहो पर जहा वह क़सर कीक़बारनी का ख़न लगा चका ह 29 अपनी हथली परका बाक़ी तल वह पाक होन वाल क सर पर डाल दतािक रब क सामन उस का कफ़फ़ारा द 30 इस कबाद वह िशफ़ायाब शख़स की गनजाइश क मतािबक़दो क़िमरया या दो जवान कबतर चढ़ाए 31 एक कोगनाह की क़बारनी क िलए और दसर को भसम होनवाली क़बारनी क िलए साथ ही वह ग़लला की नज़रपश कर य इमाम रब क सामन उस का कफ़फ़ारादता ह 32 यह उसल ऐस शख़स क िलए ह जो वबाईिजलदी बीमारी स िशफ़ा पा गया ह लिकन अपनीग़बरत क बाइस पाक हो जान क िलए परी क़बारनीपश नही कर सकताrdquo

घरो म फफदी33 रब न मसा और हारन स कहा 34 ldquoजब तम

मलक-ए-कनआन म दािख़ल होग जो म तमह दगा तोवहा ऐस मकान होग िजन म म न फफदी फलन दीह 35 ऐस घर का मािलक जा कर इमाम को बताएिक म न अपन घर म फफदी जसी कोई चीज़ दखी ह36 तब इमाम हकम द िक घर का मआइना करन सपहल घर का परा सामान िनकाला जाए वनार अगरघर को नापाक क़रार िदया जाए तो सामान को भीनापाक क़रार िदया जाएगा इस क बाद इमाम अनदरजा कर मकान का मआइना कर 37 वह दीवारोक साथ लगी हई फफदी का मआइना कर अगरमतअिससरा जगह हरी या लाल सी हो और दीवारक अनदर धसी हई नज़र आए 38 तो िफर इमाम घर स

अहबार 1439ndash1514 135िनकल कर सात िदन क िलए ताला लगाए 39 सातविदन वह वापस आ कर मकान का मआइना करअगर फफदी फली हई नज़र आए 40 तो वह हकम दिक मतअिससरा पतथरो को िनकाल कर आबादी कबाहर िकसी नापाक जगह पर फका जाए 41 नीज़वह हकम द िक अनदर की दीवारो को करदा जाएऔर करदी हई िमटटी को आबादी क बाहर िकसीनापाक जगह पर फका जाए 42 िफर लोग नए पतथरलगा कर घर को नए गार स पलसतर कर 43 लिकनअगर इस क बावजद फफदी दबारा पदा हो जाए44 तो इमाम आ कर दबारा उस का मआइना करअगर वह दख िक फफदी घर म फल गई ह तो इसका मतलब ह िक फफदी नक़सानदह ह इस िलए घरनापाक ह 45 लािज़म ह िक उस पर तौर पर ढा िदयाजाए और सब कछ यानी उस क पतथर लकड़ी औरपलसतर को आबादी क बाहर िकसी नापाक जगहपर फका जाए

46 अगर इमाम न िकसी घर का मआइना करकताला लगा िदया ह और िफर भी कोई उस घर मदािख़ल हो जाए तो वह शाम तक नापाक रहगा47 जो ऐस घर म सोए या खाना खाए लािज़म ह िकवह अपन कपड़ धो ल 48 लिकन अगर घर को नएिसर स पलसतर करन क बाद इमाम आ कर उसका दबारा मआइना कर और दख िक फफदी दबारानही िनकली तो इस का मतलब ह िक फफदी ख़तमहो गई ह वह उस पाक क़रार द 49 उस गनाह सपाक-साफ़ करान क िलए वह दो पिरनद दवदार कीलकड़ी िक़िमरज़ी रग का धागा और ज़फ़ा ल ल50 वह पिरनदो म स एक को ताज़ा पानी स भर हएिमटटी क बतरन क ऊपर ज़बह कर 51 इस क बादवह दवदार की लकड़ी ज़फ़ा िक़िमरज़ी रग का धागाऔर िज़नदा पिरनदा ल कर उस ताज़ा पानी म डबो दिजस क साथ ज़बह िकए हए पिरनद का ख़न िमलायागया ह और इस पानी को सात बार घर पर िछड़क द52 इन चीज़ो स वह घर को गनाह स पाक-साफ़ करताह 53 आिख़र म वह िज़नदा पिरनद को आबादी क

बाहर खल मदान म छोड़ द य वह घर का कफ़फ़ारादगा और वह पाक-साफ़ हो जाएगा

54ndash56 लािज़म ह िक हर िक़सम की वबाई बीमारीस ऐस िनपटो जस बयान िकया गया ह चाह वहवबाई िजलदी बीमािरया हो (मसलन ख़ािरश सजनपपड़ी या सफ़द दाग़) चाह कपड़ो या घरो म फफदीहो 57 इन उसलो क तहत फ़सला करना ह िक कोईशख़स या चीज़ पाक ह या नापाकrdquo

मदोर की नापाकी

15 1 रब न मसा और हारन स कहा2 ldquoइसराईिलयो को बताना िक अगर िकसी

मदर को जरयान का मज़र हो तो वह ख़ािरज होन वालमाए क सबब स नापाक ह 3 चाह माए बहता रहताहो या रक गया हो 4 िजस चीज़ पर भी मरीज़ लटताया बठता ह वह नापाक ह 5ndash6 जो भी उस क लटनकी जगह को छए या उस क बठन की जगह परबठ जाए वह अपन कपड़ धो कर नहा ल वह शामतक नापाक रहगा 7 इसी तरह जो भी ऐस मरीज़ कोछए वह अपन कपड़ धो कर नहा ल वह शाम तकनापाक रहगा 8 अगर मरीज़ िकसी पाक शख़स परथक तो यही कछ करना ह और वह शख़स शाम तकनापाक रहगा 9 जब ऐसा मरीज़ िकसी जानवर परसवार होता ह तो हर चीज़ िजस पर वह बठ जाताह नापाक ह 10 जो भी ऐसी चीज़ छए या उस उठाकर ल जाए वह अपन कपड़ धो कर नहा ल वहशाम तक नापाक रहगा 11 िजस िकसी को भी मरीज़अपन हाथ धोए बग़र छए वह अपन कपड़ धो करनहा ल वह शाम तक नापाक रहगा 12 िमटटी का जोबतरन ऐसा मरीज़ छए उस तोड़ िदया जाए लकड़ीका जो बतरन वह छए उस ख़ब धोया जाए

13 िजस इस मज़र स िशफ़ा िमली ह वह सात िदनइिनतज़ार कर इस क बाद वह ताज़ा पानी स अपनकपड़ धो कर नहा ल िफर वह पाक हो जाएगा14 आठव िदन वह दो क़िमरया या दो जवान कबतरल कर मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ पर रब क सामन

136 अहबार 1515ndash168इमाम को द 15 इमाम उन म स एक को गनाह कीक़बारनी क तौर पर और दसर को भसम होन वालीक़बारनी क तौर पर चढ़ाए य वह रब क सामन उसका कफ़फ़ारा दगा

16 अगर िकसी मदर का नतफ़ा ख़ािरज हो जाए तोवह अपन पर िजसम को धो ल वह शाम तक नापाकरहगा 17 हर कपड़ा या चमड़ा िजस स नतफ़ा लगगया हो उस धोना ह वह भी शाम तक नापाक रहगा18 अगर मदर और औरत क हमिबसतर होन पर नतफ़ाख़ािरज हो जाए तो लािज़म ह िक दोनो नहा ल वहशाम तक नापाक रहग

औरतो की नापाकी19 माहवारी क वक़त औरत सात िदन तक नापाक

ह जो भी उस छए वह शाम तक नापाक रहगा20 इस दौरान िजस चीज़ पर भी वह लटती या बठतीह वह नापाक ह 21ndash23 जो भी उस क लटन की जगहको छए या उस क बठन की जगह पर बठ जाए वहअपन कपड़ धो कर नहा ल वह शाम तक नापाकरहगा 24 अगर मदर औरत स हमिबसतर हो और उसीवक़त माहवारी क िदन शर हो जाए तो मदर ख़न लगनक बाइस सात िदन तक नापाक रहगा िजस चीज़ परभी वह लटता ह वह नापाक हो जाएगी

25 अगर िकसी औरत को माहवारी क िदन छोड़कर िकसी और वक़त कई िदनो तक ख़न आए याख़न माहवारी क िदनो क बाद भी जारी रह तो वहमाहवारी क िदनो की तरह उस वक़त तक नापाकरहगी जब तक ख़न रक न जाए 26 िजस चीज़ परभी वह लटती या बठती ह वह नापाक ह 27 जो भीऐसी चीज़ को छए वह अपन कपड़ धो कर नहा लवह शाम तक नापाक रहगा 28 ख़न क रक जानपर औरत मज़ीद सात िदन इिनतज़ार कर िफर वहपाक होगी 29 आठव िदन वह दो क़िमरया या दोजवान कबतर ल कर मलाक़ात क ख़म क दरवाज़पर इमाम क पास आए 30 इमाम उन म स एक कोगनाह की क़बारनी क िलए और दसर को भसम होन

वाली क़बारनी क िलए चढ़ाए य वह रब क सामनउस की नापाकी का कफ़फ़ारा दगा

31 लािज़म ह िक इसराईिलयो को ऐसी चीज़ो स दररखा जाए िजन स वह नापाक हो जाए वनार मरा वहमिक़दस जो उन क दरिमयान ह उन स नापाक होजाएगा और वह हलाक हो जाएग

32 लािज़म ह िक इस िक़सम क मआमलो स ऐसिनपटो जस बयान िकया गया ह इस म वह मदरशािमल ह जो जरयान का मरीज़ ह और वह जो नतफ़ाख़ािरज होन क बाइस नापाक ह 33 इस म वह औरतभी शािमल ह िजस क माहवारी क अययाम ह औरवह मदर जो नापाक औरत स हमिबसतर हो जाताहrdquo

यौम-ए-कफ़फ़ारा

16 1 जब हारन क दो बट रब क क़रीब आकर हलाक हए तो इस क बाद रब मसा स

हमकलाम हआ 2 उस न कहाldquoअपन भाई हारन को बताना िक वह िसफ़र मक़रररा

वक़त पर पद र क पीछ मक़ददसतरीन कमर म दािख़लहो कर अहद क सनदक़ क ढकन क सामन खड़ा होजाए वनार वह मर जाएगा कयिक म ख़द उस ढकनक ऊपर बादल की सरत म ज़ािहर होता ह 3 औरजब भी वह दािख़ल हो तो गनाह की क़बारनी क िलएएक जवान बल और भसम होन वाली क़बारनी किलए एक मढा पश कर 4 पहल वह नहा कर इमामक कतान क मक़ददस कपड़ पहन ल यानी ज़रजामाउस क नीच पाजामा िफर कमरबनद और पगड़ी5 इसराईल की जमाअत हारन को गनाह की क़बारनीक िलए दो बकर और भसम होन वाली क़बारनी किलए एक मढा द

6 पहल हारन अपन और अपन घरान क िलएजवान बल को गनाह की क़बारनी क तौर पर चढ़ाए7 िफर वह दोनो बकरो को मलाक़ात क ख़म कदरवाज़ पर रब क सामन ल आए 8 वहा वह क़रआडाल कर एक को रब क िलए चन और दसर को

अहबार 169ndash29 137अज़ाज़ल क िलए 9 जो बकरा रब क िलए ह उसवह गनाह की क़बारनी क तौर पर पश कर 10 दसराबकरा जो क़रए क ज़रीए अज़ाज़ल क िलए चना गयाउस िज़नदा हालत म रब क सामन खड़ा िकया जाएतािक वह जमाअत का कफ़फ़ारा द वहा स उसरिगसतान म अज़ाज़ल क पास भजा जाए

11 लिकन पहल हारन जवान बल को गनाह कीक़बारनी क तौर पर चढ़ा कर अपना और अपन घरानका कफ़फ़ारा द उस ज़बह करन क बाद 12 वह बख़रकी क़बारनगाह स जलत हए कोएलो स भरा हआबतरन ल कर अपनी दोनो मिटठया बारीक ख़शबदारबख़र स भर ल और मक़ददसतरीन कमर म दािख़लहो जाए 13 वहा वह रब क हज़र बख़र को जलतहए कोएलो पर डाल द इस स पदा होन वाला धआअहद क सनदक़ का ढकना छपा दगा तािक हारनमर न जाए 14 अब वह जवान बल क ख़न म सकछ ल कर अपनी उगली स ढकन क सामन वालिहसस पर िछड़क िफर कछ अपनी उगली स सातबार उस क सामन ज़मीन पर िछड़क 15 इस क बादवह उस बकर को ज़बह कर जो क़ौम क िलए गनाहकी क़बारनी ह वह उस का ख़न मक़ददसतरीन कमरम ल आए और उस बल क ख़न की तरह अहद कसनदक़ क ढकन पर और सात बार उस क सामनज़मीन पर िछड़क 16 य वह मक़ददसतरीन कमर काकफ़फ़ारा दगा जो इसराईिलयो की नापािकयो औरतमाम गनाहो स मतअिससर होता रहता ह इस सवह मलाक़ात क पर ख़म का भी कफ़फ़ारा दगा जोख़मागाह क दरिमयान होन क बाइस इसराईिलयो कीनापािकयो स मतअिससर होता रहता ह

17 िजतना वक़त हारन अपना अपन घरान का औरइसराईल की परी जमाअत का कफ़फ़ारा दन क िलएमक़ददसतरीन कमर म रहगा इस दौरान िकसी दसरको मलाक़ात क ख़म म ठहरन की इजाज़त नही ह18 िफर वह मक़ददसतरीन कमर स िनकल कर ख़मम रब क सामन पड़ी क़बारनगाह का कफ़फ़ारा दवह बल और बकर क ख़न म स कछ ल कर उस

क़बारनगाह क चारो सीगो पर लगाए 19 कछ ख़नवह अपनी उगली स सात बार उस पर िछड़क द य वह उस इसराईिलयो की नापािकयो स पाक करकमख़सस-ओ-मक़ददस करगा

20 मक़ददसतरीन कमर मलाक़ात क ख़म औरक़बारनगाह का कफ़फ़ारा दन क बाद हारन िज़नदाबकर को सामन लाए 21 वह अपन दोनो हाथ उसक सर पर रख और इसराईिलयो क तमाम क़सर यानीउन क तमाम जराइम और गनाहो का इक़रार करकउनह बकर क सर पर डाल द िफर वह उस रिगसतानम भज द इस क िलए वह बकर को एक आदमी कसपदर कर िजस यह िज़ममादारी दी गई ह 22 बकराअपन आप पर उन का तमाम क़सर उठा कर िकसीवीरान जगह म ल जाएगा वहा साथ वाला आदमीउस छोड़ आए

23 इस क बाद हारन मलाक़ात क ख़म म जाएऔर कतान क वह कपड़ जो उस न मक़ददसतरीनकमर म दािख़ल होन स पशतर पहन िलए थ उतारकर वही छोड़ द 24 वह मक़ददस जगह पर नहा करअपनी िख़दमत क आम कपड़ पहन ल िफर वहबाहर आ कर अपन और अपनी क़ौम क िलए भसमहोन वाली क़बारनी पश कर तािक अपना और अपनीक़ौम का कफ़फ़ारा द 25 इस क इलावा वह गनाहकी क़बारनी की चबीर क़बारनगाह पर जला द

26 जो आदमी अज़ाज़ल क िलए बकर को रिगसतानम छोड़ आया ह वह अपन कपड़ धो कर नहा लइस क बाद वह ख़मागाह म आ सकता ह

27 िजस बल और बकर को गनाह की क़बारनी किलए पश िकया गया और िजन का ख़न कफ़फ़ारा दनक िलए मक़ददसतरीन कमर म लाया गया लािज़मह िक उन की खाल गोशत और गोबर ख़मागाह कबाहर जला िदया जाए 28 यह चीज़ जलान वाला बादम अपन कपड़ धो कर नहा ल िफर वह ख़मागाहम आ सकता ह

29 लािज़म ह िक सातव महीन क दसव िदनइसराईली और उन क दरिमयान रहन वाल परदसी

138 अहबार 1630ndash1716अपनी जान को दख द और काम न कर यहउसल तमहार िलए अबद तक क़ाइम रह 30 इस िदनतमहारा कफ़फ़ारा िदया जाएगा तािक तमह पाक िकयाजाए तब तम रब क सामन अपन तमाम गनाहो सपाक ठहरोग 31 परा िदन आराम करो और अपनीजान को दख दो यह उसल अबद तक क़ाइम रह

32 इस िदन इमाम-ए-आज़म तमहारा कफ़फ़ारा दवह इमाम िजस उस क बाप की जगह मसह िकयागया और इख़ितयार िदया गया ह वह कतान कमक़ददस कपड़ पहन कर 33 मक़ददसतरीन कमरमलाक़ात क ख़म क़बारनगाह इमामो और जमाअतक तमाम लोगो का कफ़फ़ारा द 34 लािज़म ह िकसाल म एक दफ़ा इसराईिलयो क तमाम गनाहो काकफ़फ़ारा िदया जाए यह उसल तमहार िलए अबदतक क़ाइम रहrdquo

सब कछ वस ही िकया गया जसा रब न मसा कोहकम िदया था

क़बारनी चढ़ान का मक़ाम

17 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoहारन उस कबटो और तमाम इसराईिलयो को िहदायत

दना 3ndash4 िक जो भी इसराईली अपनी गाय या भड़-बकरी मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ पर रब कोक़बारनी क तौर पर पश न कर बिलक ख़मागाह कअनदर या बाहर िकसी और जगह पर ज़बह करवह ख़न बहान का क़सरवार ठहरगा उस न ख़नबहाया ह और लािज़म ह िक उस उस की क़ौम मस िमटाया जाए 5 इस िहदायत का मक़सद यह हिक इसराईली अब स अपनी क़बारिनया खल मदानम ज़बह न कर बिलक रब को पश कर वह अपनजानवरो को मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ पर इमामक पास ला कर उनह रब को सलामती की क़बारनीक तौर पर पश कर 6 इमाम उन का ख़न मलाक़ातक ख़म क दरवाज़ पर की क़बारनगाह पर िछड़कऔर उन की चबीर उस पर जला द ऐसी क़बारनी कीख़शब रब को पसनद ह 7 अब स इसराईली अपनी

क़बारिनया उन बकरो क दवताओ को पश न करिजन की परवी करक उनहो न िज़ना िकया ह यहउन क िलए और उन क बाद आन वाली नसलो किलए एक दाइमी उसल ह

8 लािज़म ह िक हर इसराईली और तमहार दरिमयानरहन वाला परदसी अपनी भसम होन वाली क़बारनीया कोई और क़बारनी 9 मलाक़ात क ख़म क दरवाज़पर ला कर रब को पश कर वनार उस उस की क़ौमम स िमटाया जाएगा

ख़न खाना मना ह10 ख़न खाना िबलकल मना ह जो भी इसराईली

या तमहार दरिमयान रहन वाला परदसी ख़न खाए मउस क िख़लाफ़ हो जाऊगा और उस उस की क़ौमम स िमटा डालगा 11 कयिक हर मख़लक़ क ख़न मउस की जान ह म न उस तमह द िदया ह तािक वहक़बारनगाह पर तमहारा कफ़फ़ारा द कयिक ख़न हीउस जान क ज़रीए जो उस म ह तमहारा कफ़फ़ारा दताह 12 इस िलए म कहता ह िक न कोई इसराईली नकोई परदसी ख़न खाए

13 अगर कोई भी इसराईली या परदसी िकसीजानवर या पिरनद का िशकार करक पकड़ िजसखान की इजाज़त ह तो वह उस ज़बह करन क बादउस का परा ख़न ज़मीन पर बहन द और ख़न परिमटटी डाल 14 कयिक हर मख़लक़ का ख़न उस कीजान ह इस िलए म न इसराईिलयो को कहा ह िकिकसी भी मख़लक़ का ख़न न खाओ हर मख़लक़का ख़न उस की जान ह और जो भी उस खाए उसक़ौम म स िमटा दना ह

15 अगर कोई भी इसराईली या परदसी ऐस जानवरका गोशत खाए जो िफ़तरी तौर पर मर गया या िजसजगली जानवरो न फाड़ डाला हो तो वह अपन कपड़धो कर नहा ल वह शाम तक नापाक रहगा 16 जोऐसा नही करता उस अपन क़सर की सज़ा भगतनीपड़गीrdquo

अहबार 181ndash30 139

नाजाइज़ िजनसी ताललक़ात

18 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयोको बताना िक म रब तमहारा ख़दा ह

3 िमिसरयो की तरह िज़नदगी न गज़ारना िजन म तमरहत थ मलक-ए-कनआन क लोगो की तरह भीिज़नदगी न गज़ारना िजन क पास म तमह ल जारहा ह उन क रसम-ओ-िरवाज न अपनाना 4 मरही अहकाम पर अमल करो और मरी िहदायातक मतािबक़ चलो म रब तमहारा ख़दा ह 5 मरीिहदायात और अहकाम क मतािबक़ चलना कयिकजो य करगा वह जीता रहगा म रब ह

6 तम म स कोई भी अपनी क़रीबी िरशतदार सहमिबसतर न हो म रब ह

7 अपनी मा स हमिबसतर न होना वनार तर बापकी बहरमती हो जाएगी वह तरी मा ह इस िलएउस स हमिबसतर न होना

8 अपन बाप की िकसी भी बीवी स हमिबसतर नहोना वनार तर बाप की बहरमती हो जाएगी

9 अपनी बहन स हमिबसतर न होना चाह वह तरबाप या तरी मा की बटी हो चाह वह तर ही घर मया कही और पदा हई हो

10 अपनी पोती या नवासी स हमिबसतर न होनावनार तरी अपनी बहरमती हो जाएगी

11 अपन बाप की बीवी की बटी स हमिबसतर नहोना वह तरी बहन ह

12 अपनी फफी स हमिबसतर न होना वह तर बापकी क़रीबी िरशतदार ह

13 अपनी ख़ाला स हमिबसतर न होना वह तरी मा की क़रीबी िरशतदार ह

14 अपन बाप क भाई की बीवी स हमिबसतर नहोना वनार तर बाप क भाई की बहरमती हो जाएगीउस की बीवी तरी चची ह

15 अपनी बह स हमिबसतर न होना वह तर बटकी बीवी ह

16 अपनी भाबी स हमिबसतर न होना वनार तर भाईकी बहरमती हो जाएगी

17 अगर तरा िजनसी ताललक़ िकसी औरत स हो तोउस की बटी पोती या नवासी स हमिबसतर होनामना ह कयिक वह उस की क़रीबी िरशतदार ह ऐसाकरना बड़ी शमरनाक हरकत ह

18 अपनी बीवी क जीत जी उस की बहन स शादीन करना

19 िकसी औरत स उस की माहवारी क िदनो म हमिबसतर न होना इस दौरान वह नापाक ह

20 िकसी दसर मदर की बीवी स हमिबसतर न होनावनार त अपन आप को नापाक करगा

21 अपन िकसी भी बचच को मिलक दवता कोक़बारनी क तौर पर पश करक जला दना मना ह ऐसीहरकत स त अपन ख़दा क नाम को दाग़ लगाएगाम रब ह

22 मदर दसर मदर क साथ िजनसी ताललक़ात न रखऐसी हरकत क़ािबल-ए-िघन ह

23 िकसी जानवर स िजनसी ताललक़ात न रखना वनारत नापाक हो जाएगा औरतो क िलए भी ऐसा करनामना ह यह बड़ी शमरनाक हरकत ह

24 ऐसी हरकतो स अपन आप को नापाक नकरना कयिक जो क़ौम म तमहार आग मलक सिनकालगा वह इसी तरह नापाक होती रही 25 मलकख़द भी नापाक हआ इस िलए म न उस उस कक़सर क सबब स सज़ा दी और नतीज म उसन अपन बािशनदो को उगल िदया 26 लिकन तममरी िहदायात और अहकाम क मतािबक़ चलो नदसी और न परदसी ऐसी कोई िघनौनी हरकत कर27 कयिक यह तमाम क़ािबल-ए-िघन बात उन स हईजो तम स पहल इस मलक म रहत थ य मलकनापाक हआ 28 िलहाज़ा अगर तम भी मलक कोनापाक करोग तो वह तमह इसी तरह उगल दगािजस तरह उस न तम स पहल मौजद क़ौमो को उगलिदया 29 जो भी मज़करा िघनौनी हरकतो म स एककर उस उस की क़ौम म स िमटाया जाए 30 मर

140 अहबार 191ndash23अहकाम क मतािबक़ चलत रहो और ऐस क़ािबल-ए-िघन रसम-ओ-िरवाज न अपनाना जो तमहार आनस पहल राइज थ इन स अपन आप को नापाक नकरना म रब तमहारा ख़दा हrdquo

मक़ददस क़ौम क िलए िहदायात

19 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कीपरी जमाअत को बताना िक मक़ददस रहो

कयिक म रब तमहारा ख़दा क़ददस ह3 तम म स हर एक अपन मा-बाप की इज़ज़त कर

हफ़त क िदन काम न करना म रब तमहारा ख़दा ह4 न बतो की तरफ़ रज करना न अपन िलए दवताढालना म ही रब तमहारा ख़दा ह

5 जब तम रब को सलामती की क़बारनी पश करतहो तो उस य चढ़ाओ िक तम मनज़र हो जाओ 6 उसका गोशत उसी िदन या अगल िदन खाया जाए जो भीतीसर िदन तक बच जाता ह उस जलाना ह 7 अगरकोई उस तीसर िदन खाए तो उस इलम होना चािहएिक यह क़बारनी नापाक ह और रब को पसनद नही ह8 ऐस शख़स को अपन क़सर की सज़ा उठानी पड़गीकयिक उस न उस चीज़ की मक़ददस हालत ख़तम कीह जो रब क िलए मख़सस की गई थी उस उस कीक़ौम म स िमटाया जाए

9 कटाई क वक़त अपनी फ़सल पर तौर पर नकाटना बिलक खत क िकनारो पर कछ छोड़ दनाइस तरह जो कछ कटाई करत वक़त खत म बच जाएउस छोड़ना 10 अगर क बाग़ो म भी जो कछ अगरतोड़त वक़त बच जाए उस छोड़ दना जो अगर ज़मीनपर िगर जाए उनह उठा कर न ल जाना उनह ग़रीबोऔर परदिसयो क िलए छोड़ दना म रब तमहाराख़दा ह

11 चोरी न करना झट न बोलना एक दसर कोधोका न दना

12 मर नाम की क़सम खा कर धोका न दना वनारतम मर नाम को दाग़ लगाओग म रब ह

13 एक दसर को न दबाना और न लटना िकसीकी मज़दरी उसी िदन की शाम तक द दना और उसअगली सबह तक रोक न रखना

14 बहर को न कोसना न अध क रासत म कोईचीज़ रखना िजस स वह ठोकर खाए इस म भी अपनख़दा का ख़ौफ़ मानना म रब ह

15 अदालत म िकसी की हक़तलफ़ी न करनाफ़सला करत वक़त िकसी की भी जािनबदारी नकरना चाह वह ग़रीब या असर-ओ-रसख़ वाला होइनसाफ़ स अपन पड़ोसी की अदालत कर

16 अपनी क़ौम म इधर उधर िफरत हए िकसी परबहतान न लगाना कोई भी ऐसा काम न करना िजसस िकसी की जान ख़तर म पड़ जाए म रब ह

17 िदल म अपन भाई स नफ़रत न करना अगरिकसी की सरज़िनश करनी ह तो र-ब-र करना वनारत उस क सबब स क़सरवार ठहरगा

18 इिनतक़ाम न लना अपनी क़ौम क िकसी शख़सपर दर तक तरा ग़ससा न रह बिलक अपन पड़ोसी सवसी महबबत रखना जसी त अपन आप स रखता हम रब ह

19 मरी िहदायात पर अमल करो दो मख़तिलफ़िक़सम क जानवरो को िमलाप न करन दना अपनखत म दो िक़सम क बीज न बोना ऐसा कपड़ा नपहनना जो दो मख़तिलफ़ िक़सम क धागो का बनाहआ हो

20 अगर कोई आदमी िकसी लौडी स िजस कीमगनी िकसी और स हो चकी हो हमिबसतर हो जाएऔर लौडी को अब तक न पसो स न वस ही आज़ादिकया गया हो तो मनािसब सज़ा दी जाए लिकन उनहसज़ा-ए-मौत न दी जाए कयिक उस अब तक आज़ादनही िकया गया 21 क़सरवार आदमी मलाक़ात कख़म क दरवाज़ पर एक मढा ल आए तािक वह रबको क़सर की क़बारनी क तौर पर पश िकया जाए22 इमाम इस क़बारनी स रब क सामन उस क गनाहका कफ़फ़ारा द य उस का गनाह मआफ़ िकयाजाएगा 23 जब मलक-ए-कनआन म दािख़ल होन क

अहबार 1924ndash2010 141बाद तम फलदार दरख़त लगाओग तो पहल तीन सालउन का फल न खाना बिलक उस ममन cसमझना24 चौथ साल उन का तमाम फल ख़शी क मक़ददसनज़रान क तौर पर रब क िलए मख़सस िकया जाए25 पाचव साल तम उन का फल खा सकत हो य तमहारी फ़सल बढ़ाई जाएगी म रब तमहारा ख़दा ह

26 ऐसा गोशत न खाना िजस म ख़न हो फ़ाल याशगन न िनकालना

27 अपन सर क बाल गोल शकल म न कटवाना नअपनी दाढ़ी को तराशना 28 अपन आप को मदोर कसबब स काट कर ज़ख़मी न करना न अपनी िजलदपर नक़श गदवाना म रब ह

29 अपनी बटी को कसबी न बनाना वनार उस कीमक़ददस हालत जाती रहगी और मलक िज़नाकारी कबाइस हरामकारी स भर जाएगा

30 हफ़त क िदन आराम करना और मर मिक़दस काएहितराम करना म रब ह

31 ऐस लोगो क पास न जाना जो मदोर स रािबताकरत ह न ग़बदानो की तरफ़ रज करना वनार तमउन स नापाक हो जाओग म रब तमहारा ख़दा ह

32 बढ़ लोगो क सामन उठ कर खड़ा हो जानाबज़गोर की इज़ज़त करना और अपन ख़दा काएहितराम करना म रब ह

33 जो परदसी तमहार मलक म तमहार दरिमयानरहता ह उस न दबाना 34 उस क साथ ऐसा सलककर जसा अपन हमवतनो क साथ करता ह िजसतरह त अपन आप स महबबत रखता ह उसी तरहउस स भी महबबत रखना याद रह िक तम ख़द िमसरम परदसी थ म रब तमहारा ख़दा ह

35 नाइनसाफ़ी न करना न अदालत म न लमबाईनापत वक़त न तोलत वक़त और न िकसी चीज़ कीिमक़दार नापत वक़त 36 सहीह तराज़ सहीह बाटऔर सहीह पमाना इसतमाल करना म रब तमहाराख़दा ह जो तमह िमसर स िनकाल लाया ह

37 मरी तमाम िहदायात और तमाम अहकाम मानोऔर उन पर अमल करो म रब हrdquo

जराइम की सज़ाए

20 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोबताना िक तम म स जो भी अपन बचच

को मिलक दवता को क़बारनी क तौर पर पश करउस सज़ा-ए-मौत दनी ह इस म कोई फ़क़र नही िकवह इसराईली ह या परदसी जमाअत क लोग उससगसार कर 3 म ख़द ऐस शख़स क िख़लाफ़ होजाऊगा और उस उस की क़ौम म स िमटा डालगाकयिक अपन बचचो को मिलक को पश करन स उस नमर मिक़दस को नापाक िकया और मर नाम को दाग़लगाया ह 4 अगर जमाअत क लोग अपनी आखबनद करक ऐस शख़स की हरकत नज़रअनदाज़ करऔर उस सज़ा-ए-मौत न द 5 तो िफर म ख़द ऐस शख़सऔर उस क घरान क िख़लाफ़ खड़ा हो जाऊगा मउस और उन तमाम लोगो को क़ौम म स िमटा डालगािजनहो न उस क पीछ लग कर मिलक दवता कोिसजदा करन स िज़ना िकया ह

6 जो शख़स मदोर स रािबता करन और ग़बदानीकरन वालो की तरफ़ रज करता ह म उस क िख़लाफ़हो जाऊगा उन की परवी करन स वह िज़ना करताह म उस उस की क़ौम म स िमटा डालगा 7 अपनआप को मर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस रखो कयिकम रब तमहारा ख़दा ह 8 मरी िहदायात मानो औरउन पर अमल करो म रब ह जो तमह मख़सस-ओ-मक़ददस करता ह

9 िजस न भी अपन बाप या मा पर लानत भजी हउस सज़ा-ए-मौत दी जाए इस हरकत स वह अपनीमौत का ख़द िज़ममादार ह

10 अगर िकसी मदर न िकसी की बीवी क साथ िज़नािकया ह तो दोनो को सज़ा-ए-मौत दनी ह

cलफ़ज़ी तजरमा नामख़तन

142 अहबार 2011ndash21211 जो मदर अपन बाप की बीवी स हमिबसतर हआ

ह उस न अपन बाप की बहरमती की ह दोनोको सज़ा-ए-मौत दनी ह वह अपनी मौत क ख़दिज़ममादार ह

12 अगर कोई मदर अपनी बह स हमिबसतर हआह तो दोनो को सज़ा-ए-मौत दनी ह जो कछ उनहोन िकया ह वह िनहायत शमरनाक ह वह अपनी मौतक ख़द िज़ममादार ह

13 अगर कोई मदर िकसी दसर मदर स िजनसीताललक़ात रख तो दोनो को इस िघनौनी हरकत कबाइस सज़ा-ए-मौत दनी ह वह अपनी मौत क ख़दिज़ममादार ह

14 अगर कोई आदमी अपनी बीवी क इलावा उसकी मा स भी शादी कर तो यह एक िनहायत शमरनाकबात ह दोनो को जला दना ह तािक तमहार दरिमयानकोई ऐसी ख़बीस बात न रह

15 जो मदर िकसी जानवर स िजनसी ताललक़ात रखउस सज़ा-ए-मौत दना ह उस जानवर को भी मारिदया जाए 16 जो औरत िकसी जानवर स िजनसीताललक़ात रख उस सज़ा-ए-मौत दनी ह उस जानवरको भी मार िदया जाए वह अपनी मौत क ख़दिज़ममादार ह

17 िजस मदर न अपनी बहन स शादी की ह उस नशमरनाक हरकत की ह चाह वह बाप की बटी होया मा की उनह इसराईली क़ौम की नज़रो स िमटायाजाए ऐस शख़स न अपनी बहन की बहरमती कीह इस िलए उस ख़द अपन क़सर क नतीज बदारशतकरन पड़ग

18 अगर कोई मदर माहवारी क अययाम म िकसीऔरत स हमिबसतर हआ ह तो दोनो को उन कीक़ौम म स िमटाना ह कयिक दोनो न औरत क ख़नक ममबा स पदार उठाया ह

19 अपनी ख़ाला या फफी स हमिबसतर न होनाकयिक जो ऐसा करता ह वह अपनी क़रीबी िरशतदारकी बहरमती करता ह दोनो को अपन क़सर कनतीज बदारशत करन पड़ग

20 जो अपनी चची या ताई स हमिबसतर हआ हउस न अपन चचा या ताया की बहरमती की ह दोनोको अपन क़सर क नतीज बदारशत करन पड़ग वहबऔलाद मरग

21 िजस न अपनी भाबी स शादी की ह उस न एकनिजस हरकत की ह उस न अपन भाई की बहरमतीकी ह वह बऔलाद रहग

22 मरी तमाम िहदायात और अहकाम को मानो औरउन पर अमल करो वनार िजस मलक म म तमह ल जारहा ह वह तमह उगल दगा 23 उन क़ौमो क रसम-ओ-िरवाज क मतािबक़ िज़नदगी न गज़ारना िजनहम तमहार आग स िनकाल दगा मझ इस सबब सउन स िघन आन लगी िक वह यह सब कछ करतथ 24 लिकन तम स म न कहा lsquoतम ही उन कीज़मीन पर क़बज़ा करोग म ही उस तमह द दगा ऐसामलक िजस म कसरत का दध और शहद हrsquo म रबतमहारा ख़दा ह िजस न तम को दीगर क़ौमो म स चनकर अलग कर िदया ह 25 इस िलए लािज़म ह िकतम ज़मीन पर चलन वाल जानवरो और पिरनदो म पाक और नापाक का इिमतयाज़ करो अपन आप कोनापाक जानवर खान स क़ािबल-ए-िघन न बनानाचाह वह ज़मीन पर चलत या रगत ह चाह हवा मउड़त ह म ही न उनह तमहार िलए नापाक क़रारिदया ह 26 तमह मर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस होनाह कयिक म क़ददस ह और म न तमह दीगर क़ौमोम स चन कर अपन िलए अलग कर िलया ह

27 तम म स जो मदोर स रािबता या ग़बदानी करताह उस सज़ा-ए-मौत दनी ह ख़वाह औरत हो यामदर उनह सगसार करना वह अपनी मौत क ख़दिज़ममादार हrdquo

इमामो क िलए िहदायात

21 1 रब न मसा स कहा ldquoहारन क बटो कोजो इमाम ह बता दना िक इमाम अपन

आप को िकसी इसराईली की लाश क क़रीब जानस नापाक न कर 2 िसवाए अपन क़रीबी िरशतदारो

अहबार 213ndash223 143क यानी मा बाप बटा बटी भाई 3 और जोग़रशादीशदा बहन उस क घर म रहती ह 4 वहअपनी क़ौम म िकसी और क बाइस अपन आप कोनापाक न कर वनार उस की मक़ददस हालत जातीरहगी

5 इमाम अपन सर को न मडवाए वह न अपनीदाढ़ी को तराश और न काटन स अपन आप कोज़ख़मी कर

6 वह अपन ख़दा क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस रहऔर अपन ख़दा क नाम को दाग़ न लगाए चिक वहरब को जलन वाली क़बारिनया यानी अपन ख़दा कीरोटी पश करत ह इस िलए लािज़म ह िक वह मक़ददसरह 7 इमाम िज़नाकार औरत मिनदर की कसबी यातलाक़याफ़ता औरत स शादी न कर कयिक वहअपन रब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस ह 8 इमामको मक़ददस समझना कयिक वह तर ख़दा की रोटीको क़बारनगाह पर चढ़ाता ह वह तर िलए मक़ददसठहर कयिक म रब क़ददस ह म ही तमह मक़ददसकरता ह

9 िकसी इमाम की जो बटी िज़नाकारी स अपनीमक़ददस हालत को ख़तम कर दती ह वह अपन बापकी मक़ददस हालत को भी ख़तम कर दती ह उसजला िदया जाए

10 इमाम-ए-आज़म क सर पर मसह का तल उडलागया ह और उस इमाम-ए-आज़म क मक़ददस कपड़पहनन का इख़ितयार िदया गया ह इस िलए वहरज क आलम म अपन बालो को िबखरन न द नकभी अपन कपड़ो को फाड़ 11 वह िकसी लाश कक़रीब न जाए चाह वह उस क बाप या मा की लाशकय न हो वनार वह नापाक हो जाएगा 12 जब तककोई लाश उस क घर म पड़ी रह वह मिक़दस कोछोड़ कर अपन घर न जाए वनार वह मिक़दस कोनापाक करगा कयिक उस उस क ख़दा क तलस मख़सस िकया गया ह म रब ह 13 इमाम-ए-आज़म को िसफ़र कवारी स शादी की इजाज़त ह14 वह बवा तलाक़याफ़ता औरत मिनदर की कसबी

या िज़नाकार औरत स शादी न कर बिलक िसफ़रअपन क़बील की कवारी स 15 वनार उस की औलादमख़सस-ओ-मक़ददस नही होगी कयिक म रब ह जोउस अपन िलए मख़सस-ओ-मक़ददस करता हrdquo

16 रब न मसा स यह भी कहा 17 ldquoहारन को बतानािक तरी औलाद म स कोई भी िजस क िजसम म नक़सहो मर हज़र आ कर अपन ख़दा की रोटी न चढ़ाएयह उसल आन वाली नसलो क िलए भी अटल ह18 कयिक कोई भी माज़र मर हज़र न आए न अधान लगड़ा न वह िजस की नाक िचरी हई हो या िजसक िकसी उज़ म कमी बशी हो 19 न वह िजस कापाओ या हाथ टटा हआ हो 20 न कबड़ा न बौना नवह िजस की आख म नक़स हो या िजस वबाई िजलदीबीमारी हो या िजस क ख़सय कचल हए हो 21 हारनइमाम की कोई भी औलाद िजस क िजसम म नक़स होमर हज़र आ कर रब को जलन वाली क़बारिनया पशन कर चिक उस म नक़स ह इस िलए वह मर हज़रआ कर अपन ख़दा की रोटी न चढ़ाए 22 उस अललाहकी मक़ददस बिलक मक़ददसतरीन क़बारिनयो म स भीइमामो का िहससा खान की इजाज़त ह 23 लिकनचिक उस म नक़स ह इस िलए वह मक़ददसतरीन कमरक दरवाज़ क पद र क क़रीब न जाए न क़बारनगाह कपास आए वनार वह मरी मक़ददस चीज़ो को नापाककरगा कयिक म रब ह जो उनह अपन िलए मख़सस-ओ-मक़ददस करता हrdquo

24 मसा न यह िहदायात हारन उस क बटो औरतमाम इसराईिलयो को दी

क़बारनी का गोशत खान की िहदायात

22 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoहारन और उसक बटो को बताना िक इसराईिलयो की उन

क़बारिनयो का एहितराम करो जो तम न मर िलएमख़सस-ओ-मक़ददस की ह वनार तम मर नाम कोदाग़ लगाओग म रब ह 3 जो इमाम नापाक होनक बावजद उन क़बारिनयो क पास आ जाए जोइसराईिलयो न मर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस की ह

144 अहबार 224ndash23उस मर सामन स िमटाना ह यह उसल आन वालीनसलो क िलए भी अटल ह म रब ह

4 हारन की औलाद म स जो भी वबाई िजलदीबीमारी या जरयान का मरीज़ हो उस मक़ददसक़बारिनयो म स अपना िहससा खान की इजाज़त नहीह पहल वह पाक हो जाए जो ऐसी कोई भी चीज़छए जो लाश स नापाक हो गई हो या ऐस आदमीको छए िजस का नतफ़ा िनकला हो वह नापाक होजाता ह 5 वह नापाक रगन वाल जानवर या नापाकशख़स को छन स भी नापाक हो जाता ह ख़वाह वहिकसी भी सबब स नापाक कय न हआ हो 6 जो ऐसीकोई भी चीज़ छए वह शाम तक नापाक रहगा इसक इलावा लािज़म ह िक वह मक़ददस क़बारिनयो म स अपना िहससा खान स पहल नहा ल 7 सरज कग़रब होन पर वह पाक होगा और मक़ददस क़बारिनयोम स अपना िहससा खा सकगा कयिक वह उस कीरोज़ी ह 8 इमाम ऐस जानवरो का गोशत न खाए जोिफ़तरी तौर पर मर गए या िजनह जगली जानवरो नफाड़ डाला हो वनार वह नापाक हो जाएगा म रबह

9 इमाम मरी िहदायात क मतािबक़ चल वनारवह क़सरवार बन जाएग और मक़ददस चीज़ो कीबहरमती करन क सबब स मर जाएग म रब ह जोउनह अपन िलए मख़सस-ओ-मक़ददस करता ह

10 िसफ़र इमाम क ख़ानदान क अफ़राद मक़ददसक़बारिनयो म स खा सकत ह ग़रशहरी या मज़दरको इजाज़त नही ह 11 लिकन इमाम का ग़लाम यालौडी उस म स खा सकत ह चाह उनह ख़रीदा गयाहो या वह उस क घर म पदा हए हो 12 अगर इमामकी बटी न िकसी ऐस शख़स स शादी की ह जो इमामनही ह तो उस मक़ददस क़बारिनयो म स खान कीइजाज़त नही ह 13 लिकन हो सकता ह िक वह बवाया तलाक़याफ़ता हो और उस क बचच न हो जबवह अपन बाप क घर लौट कर वहा ऐस रहगी जसअपनी जवानी म तो वह अपन बाप क उस खान मस खा सकती ह जो क़बारिनयो म स बाप का िहससा

ह लिकन जो इमाम क ख़ानदान का फ़दर नही ह उसखान की इजाज़त नही ह

14 िजस शख़स न नादािनसता तौर पर मक़ददसक़बारिनयो म स इमाम क िहसस स कछ खाया हवह इमाम को सब कछ वापस करन क इलावा20 फ़ीसद ज़यादा द 15 इमाम रब को पश की हईक़बारिनयो की मक़ददस हालत य ख़तम न कर 16 िकवह दसर इसराईिलयो को यह मक़ददस चीज़ खान दऐसी हरकत स वह उन को बड़ा क़सरवार बना दगम रब ह जो उनह अपन िलए मख़सस-ओ-मक़ददसकरता हrdquo

जानवरो की क़बारिनयो क बार म िहदायात17 रब न मसा स कहा 18 ldquoहारन उस क बटो

और इसराईिलयो को बताना िक अगर तम म स कोईइसराईली या परदसी रब को भसम होन वाली क़बारनीपश करना चाह तो तरीक़-ए-कार म कोई फ़क़र नहीह चाह वह यह मननत मान कर या वस ही िदलीख़शी स कर रहा हो 19 इस क िलए लािज़म ह िकतम एक बऐब बल मढा या बकरा पश करो िफर हीउस क़बल िकया जाएगा 20 क़बारनी क िलए कभीभी ऐसा जानवर पश न करना िजस म नक़स हो वनारतम उस क बाइस मनज़र नही होग 21 अगर कोई रबको सलामती की क़बारनी पश करना चाह तो तरीक़-ए-कार म कोई फ़क़र नही ह चाह वह यह मननत मानकर या वस ही िदली ख़शी स कर रहा हो इस किलए लािज़म ह िक वह गाय-बलो या भड़-बकिरयो म स बऐब जानवर चन िफर उस क़बल िकया जाएगा22 रब को ऐस जानवर पश न करना जो अध हो िजनक आज़ा टट या कट हए हो िजन को रसौली हो यािजनह वबाई िजलदी बीमारी लग गई हो रब को उनहजलन वाली क़बारनी क तौर पर क़बारनगाह पर पशन करना 23 लिकन िजस गाय-बल या भड़-बकरीक िकसी उज़ म कमी बशी हो उस पश िकया जासकता ह शतर यह ह िक पश करन वाला उस वसही िदली ख़शी स चढ़ाए अगर वह उस अपनी मननत

अहबार 2224ndash2316 145मान कर पश कर तो वह क़बल नही िकया जाएगा24 रब को ऐसा जानवर पश न करना िजस क ख़सयकचल तोड़ या कट हए हो अपन मलक म जानवरोको इस तरह ख़सी न बनाना 25 न ऐस जानवर िकसीग़रमलकी स ख़रीद कर अपन ख़दा की रोटी क तौरपर पश करना तम ऐस जानवरो क बाइस मनज़रनही होग कयिक उन म ख़राबी और नक़स हrdquo

26 रब न मसा स यह भी कहा 27 ldquoजब िकसी गायभड़ या बकरी का बचचा पदा होता ह तो लािज़म ह िकवह पहल सात िदन अपनी मा क पास रह आठविदन स पहल रब उस जलन वाली क़बारनी क तौर परक़बल नही करगा 28 िकसी गाय भड़ या बकरी कबचच को उस की मा समत एक ही िदन ज़बह न करना29 जब तम रब को सलामती की कोई क़बारनी चढ़ानाचाहत हो तो उस य पश करना िक तम मनज़र होजाओ 30 अगली सबह तक कछ बचा न रह बिलकउस उसी िदन खाना ह म रब ह

31 मर अहकाम मानो और उन पर अमल करो मरब ह 32 मर नाम को दाग़ न लगाना लािज़म ह िकमझ इसराईिलयो क दरिमयान क़ददस माना जाए मरब ह जो तमह अपन िलए मख़सस-ओ-मक़ददस करताह 33 म तमह िमसर स िनकाल लाया ह तािक तमहाराख़दा ह म रब हrdquo

23 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोबताना िक यह मरी रब की ईद ह िजन पर

तमह लोगो को मक़ददस इजितमा क िलए जमा करनाह

सबत का िदन3 हफ़त म छः िदन काम करना लिकन सातवा िदन

हर तरह स आराम का िदन ह उस िदन मक़ददसइजितमा हो जहा भी तम रहत हो वहा काम नकरना यह िदन रब क िलए मख़सस सबत ह

फ़सह की ईद और बख़मीरी रोटी की ईद4 यह रब की ईद ह िजन पर तमह लोगो को मक़ददस

इजितमा क िलए जमा करना ह5 फ़सह की ईद पहल महीन क चौधव िदन शर

होती ह उस िदन सरज क ग़रब होन पर रबकी ख़शी मनाई जाए 6 अगल िदन रब की याद मबख़मीरी रोटी की ईद शर होती ह सात िदन तकतमहारी रोटी म ख़मीर न हो 7 इन सात िदनो क पहलिदन मक़ददस इजितमा हो और लोग अपना हर कामछोड़ 8 इन सात िदनो म रोज़ाना रब को जलन वालीक़बारनी पश करो सातव िदन भी मक़ददस इजितमाहो और लोग अपना हर काम छोड़rdquo

पहल पल की ईद9 रब न मसा स कहा 10 ldquoइसराईिलयो को बताना

िक जब तम उस मलक म दािख़ल होग जो म तमह दगा और वहा अनाज की फ़सल काटोग तो तमहइमाम को पहला पला दना ह 11 इतवार को इमामयह पला रब क सामन िहलाए तािक तम मनज़र होजाओ 12 उस िदन भड़ का एक यकसाला बऐब बचचाभी रब को पश करना उस क़बारनगाह पर भसम होनवाली क़बारनी क तौर पर चढ़ाना 13 साथ ही ग़ललाकी नज़र क िलए तल स िमलाया गया 3 िकलोगरामबहतरीन मदा भी पश करना जलन वाली यह क़बारनीरब को पसनद ह इस क इलावा म की नज़र क िलएएक िलटर म भी पश करना 14 पहल यह सब कछकरो िफर ही तमह नई फ़सल क अनाज स खान कीइजाज़त होगी ख़वाह वह भना हआ हो ख़वाह कचचाया रोटी की सरत म पकाया गया हो जहा भी तमरहत हो वहा ऐसा ही करना ह यह उसल अबद तकक़ाइम रह

हफ़तो की ईद यानी पिनतकसत15 िजस िदन तम न अनाज का पला पश िकया उस

िदन स पर सात हफ़त िगनो 16 पचासव िदन यानी

146 अहबार 2317ndash39सातव इतवार को रब को नए अनाज की क़बारनीचढ़ाना 17 हर घरान की तरफ़ स रब को िहलानवाली क़बारनी क तौर पर दो रोिटया पश की जाएहर रोटी क िलए 3 िकलोगराम बहतरीन मदा इसतमालिकया जाए उन म ख़मीर डाल कर पकाना ह यहफ़सल की पहली पदावार की क़बारनी ह 18 इनरोिटयो क साथ एक जवान बल दो मढ और भड़क सात बऐब और यकसाला बचच पश करो उनहरब क हज़र भसम होन वाली क़बारनी क तौर परचढ़ाना इस क इलावा ग़लला की नज़र और म कीनज़र भी पश करनी ह जलन वाली इस क़बारनी कीख़शब रब को पसनद ह 19 िफर गनाह की क़बारनीक िलए एक बकरा और सलामती की क़बारनी किलए दो यकसाला भड़ क बचच चढ़ाओ 20 इमाम भड़क यह दो बचच मज़करा रोिटयो समत िहलान वालीक़बारनी क तौर पर रब क सामन िहलाए यह रबक िलए मख़सस-ओ-मक़ददस ह और क़बारिनयो म सइमाम का िहससा ह 21 उसी िदन लोगो को मक़ददसइजितमा क िलए जमा करो कोई भी काम न करनायह उसल अबद तक क़ाइम रह और इस हर जगहमानना ह

22 कटाई क वक़त अपनी फ़सल पर तौर पर नकाटना बिलक खत क िकनारो पर कछ छोड़ दनाइस तरह जो कछ कटाई करत वक़त खत म बचजाए उस छोड़ना बचा हआ अनाज ग़रीबो औरपरदिसयो क िलए छोड़ दना म रब तमहारा ख़दाहrdquo

नए साल की ईद23 रब न मसा स कहा 24 ldquoइसराईिलयो को बताना

िक सातव महीन का पहला िदन आराम का िदन हउस िदन मक़ददस इजितमा हो िजस पर याद िदलान किलए नरिसगा फका जाए 25 कोई भी काम न करनारब को जलन वाली क़बारनी पश करनाrdquo

कफ़फ़ारा का िदन26 रब न मसा स कहा 27 ldquoसातव महीन का दसवा

िदन कफ़फ़ारा का िदन ह उस िदन मक़ददस इजितमाहो अपनी जान को दख दना और रब को जलनवाली क़बारनी पश करना 28 उस िदन काम न करनाकयिक यह कफ़फ़ारा का िदन ह जब रब तमहार ख़दाक सामन तमहारा कफ़फ़ारा िदया जाता ह 29 जो उसिदन अपनी जान को दख नही दता उस उस की क़ौमम स िमटाया जाए 30 जो उस िदन काम करता ह उसम उस की क़ौम म स िनकाल कर हलाक करगा31 कोई भी काम न करना यह उसल अबद तकक़ाइम रह और इस हर जगह मानना ह 32 यह िदनआराम का ख़ास िदन ह िजस म तमह अपनी जान कोदख दना ह इस महीन क नव िदन की शाम स लकर अगली शाम तक मनानाrdquo

झोपिड़यो की ईद33 रब न मसा स कहा 34 ldquoइसराईिलयो को बताना

िक सातव महीन क पदरहव िदन झोपिड़यो की ईदशर होती ह इस का दौरािनया सात िदन ह 35 पहलिदन मक़ददस इजितमा हो इस िदन कोई काम नकरना 36 इन सात िदनो क दौरान रब को जलनवाली क़बारिनया पश करना आठव िदन मक़ददसइजितमा हो रब को जलन वाली क़बारनी पश करोइस ख़ास इजितमा क िदन भी काम नही करना ह

37 यह रब की ईद ह िजन पर तमह मक़ददस इजितमाकरना ह तािक रब को रोज़मरार की मतलबा जलनवाली क़बारिनया और म की नज़र पश की जाए यानीभसम होन वाली क़बारिनया ग़लला की नज़र ज़बह कीक़बारिनया और म की नज़र 38 यह क़बारिनया उनक़बारिनयो क इलावा ह जो सबत क िदन चढ़ाई जातीह और जो तम न हिदए क तौर पर या मननत मान करया अपनी िदली ख़शी स पश की ह

39 चनाच सातव महीन क पदरहव िदन फ़सल कीकटाई क इख़ितताम पर रब की यह ईद यानी

अहबार 2340ndash2420 147झोपिड़यो की ईद मनाओ इस सात िदन मनानापहला और आिख़री िदन आराम क िदन ह 40 पहलिदन अपन िलए दरख़तो क बहतरीन फल खजरकी डािलया और घन दरख़तो और सफ़दा की शाख़तोड़ना सात िदन तक रब अपन ख़दा क सामन ख़शीमनाओ 41 हर साल सातव महीन म रब की ख़शी मयह ईद मनाना यह उसल अबद तक क़ाइम रह42 ईद क हफ़त क दौरान झोपिड़यो म रहना तमाममलक म आबाद इसराईली ऐसा कर 43 िफर तमहारीऔलाद जानगी िक इसराईिलयो को िमसर स िनकालतवक़त म न उनह झोपिड़यो म बसाया म रब तमहाराख़दा हrdquo

44 मसा न इसराईिलयो को रब की ईदो क बार मयह बात बताई

रब क सामन शमादान और रोिटया

24 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोहकम द िक वह तर पास कट हए ज़तनो

का ख़ािलस तल ल आए तािक मक़ददस कमर कशमादान क चराग़ मतवाितर जलत रह 3 हारन उनहमसलसल शाम स ल कर सबह तक रब क हज़रसभाल यानी वहा जहा वह मक़ददसतरीन कमर कपद र क सामन पड़ ह उस पद र क सामन िजस क पीछअहद का सनदक़ ह यह उसल अबद तक क़ाइमरह 4 वह ख़ािलस सोन क शमादान पर लग चराग़ोकी दख-भाल य कर िक यह हमशा रब क सामनजलत रह

5 बारह रोिटया पकाना हर रोटी क िलए 3िकलोगराम बहतरीन मदा इसतमाल िकया जाए6 उनह दो क़तारो म रब क सामन ख़ािलस सोनकी मज़ पर रखना 7 हर क़तार पर ख़ािलस लबानडालना यह लबान रोटी क िलए यादगारी कीक़बारनी ह िजस बाद म रब क िलए जलाना ह 8 हरहफ़त को रब क सामन ताज़ा रोिटया इसी ततीरब समज़ पर रखनी ह यह इसराईिलयो क िलए अबदीअहद की लािज़मी शतर ह 9 मज़ की रोिटया हारन

और उस क बटो का िहससा ह और वह उनहमक़ददस जगह पर खाए कयिक वह जलन वालीक़बारिनयो का मक़ददसतरीन िहससा ह यह अबदतक उन का हक़ रहगाrdquo

अललाह की तौहीन ख़रज़ी औरज़ख़मी करन की सज़ाए

10ndash11 ख़मागाह म एक आदमी था िजस का बापिमसरी और मा इसराईली थी मा का नाम सलमीतथा वह िदबरी की बटी और दान क क़बील की थीएक िदन यह आदमी ख़मागाह म िकसी इसराईली सझगड़न लगा लड़त लड़त उस न रब क नाम पर कफ़रबक कर उस पर लानत भजी यह सन कर लोग उसमसा क पास ल आए 12 वहा उनहो न उस पहर मिबठा कर रब की िहदायत का इिनतज़ार िकया

13 तब रब न मसा स कहा 14 ldquoलानत करन वालको ख़मागाह क बाहर ल जाओ िजनहो न उसकी यह बात सनी ह वह सब अपन हाथ उस कसर पर रख िफर परी जमाअत उस सगसार कर15 इसराईिलयो स कहना िक जो भी अपन ख़दा परलानत भज उस अपन क़सर क नतीज बदारशत करनपड़ग 16 जो भी रब क नाम पर कफ़र बक उस सज़ा-ए-मौत दी जाए परी जमाअत उस सगसार कर िजसन रब क नाम पर कफ़र बका हो उस ज़रर सज़ा-ए-मौत दनी ह ख़वाह दसी हो या परदसी

17 िजस न िकसी को मार डाला ह उस सज़ा-ए-मौत दी जाए 18 िजस न िकसी क जानवर को मारडाला ह वह उस का मआवज़ा द जान क बदलजान दी जाए 19 अगर िकसी न िकसी को ज़ख़मीकर िदया ह तो वही कछ उस क साथ िकया जाएजो उस न दसर क साथ िकया ह 20 अगर दसर कीकोई हडडी टट जाए तो उस की वही हडडी तोड़ी जाएअगर दसर की आख ज़ाए हो जाए तो उस की आखज़ाए कर दी जाए अगर दसर का दात टट जाए तोउस का वही दात तोड़ा जाए जो भी ज़ख़म उस नदसर को पहचाया वही ज़ख़म उस पहचाया जाए

148 अहबार 2421ndash252221 िजस न िकसी जानवर को मार डाला ह वह उसका मआवज़ा द लिकन िजस न िकसी इनसान कोमार िदया ह उस सज़ा-ए-मौत दनी ह 22 दसी औरपरदसी क िलए तमहारा एक ही क़ानन हो म रबतमहारा ख़दा हrdquo

23 िफर मसा न इसराईिलयो स बात की और उनहोन रब पर लानत भजन वाल को ख़मागाह स बाहर लजा कर उस सगसार िकया उनहो न वसा ही िकयाजसा रब न मसा को हकम िदया था

ज़मीन क िलए सबत का साल

25 1 रब न सीना पहाड़ पर मसा स कहा2 ldquoइसराईिलयो को बताना िक जब तम उस

मलक म दािख़ल होग जो म तमह दगा तो लािज़मह िक रब की ताज़ीम म ज़मीन एक साल आरामकर 3 छः साल क दौरान अपन खतो म बीज बोनाअपन अगर क बाग़ो की काट-छाट करना और उनकी फ़सल जमा करना 4 लिकन सातवा साल ज़मीनक िलए आराम का साल ह रब की ताज़ीम म सबतका साल उस साल न अपन खतो म बीज बोनान अपन अगर क बाग़ो की काट-छाट करना 5 जोअनाज ख़द-ब-ख़द उगता ह उस की कटाई न करनाऔर जो अगर उस साल लगत ह उन को तोड़ करजमा न करना कयिक ज़मीन को एक साल क िलएआराम करना ह 6 अलबतता जो भी यह ज़मीन आरामक साल म पदा करगी उस स तम अपनी रोज़ानाकी ज़रिरयात परी कर सकत हो यानी त तर ग़लामऔर लौिडया तर मज़दर तर ग़रशहरी तर साथ रहनवाल परदसी 7 तर मवशी और तरी ज़मीन पर रहनवाल जगली जानवर जो कछ भी यह ज़मीन पदाकरती ह वह खाया जा सकता ह

बहाली का साल8 सात सबत क साल यानी 49 साल क बाद एक

और काम करना ह 9 पचासव साल क सातव महीनक दसव िदन यानी कफ़फ़ारा क िदन अपन मलक

की हर जगह नरिसगा बजाना 10 पचासवा सालमख़सस-ओ-मक़ददस करो और पर मलक म एलानकरो िक तमाम बािशनदो को आज़ाद कर िदया जाएयह बहाली का साल हो िजस म हर शख़स को उसकी िमलिकयत वापस की जाए और हर ग़लाम कोआज़ाद िकया जाए तािक वह अपन िरशतदारो कपास वापस जा सक 11 यह पचासवा साल बहालीका साल हो इस िलए न अपन खतो म बीज बोना नख़द-ब-ख़द उगन वाल अनाज की कटाई करना औरन अगर तोड़ कर जमा करना 12 कयिक यह बहालीका साल ह जो तमहार िलए मख़सस-ओ-मक़ददस हरोज़ाना उतनी ही पदावार लना िक एक िदन कीज़रिरयात परी हो जाए 13 बहाली क साल म हरशख़स को उस की िमलिकयत वापस की जाए

14 चनाच जब कभी तम अपन िकसी हमवतन भाईको ज़मीन बचत या उस स ख़रीदत हो तो उस सनाजाइज़ फ़ाइदा न उठाना 15 ज़मीन की क़ीमत इसिहसाब स मक़ररर की जाए िक वह अगल बहाली कसाल तक िकतन साल फ़सल पदा करगी 16 अगरबहत साल रह गए हो तो उस की क़ीमत ज़यादा होगीऔर अगर कम साल रह गए हो तो उस की क़ीमतकम होगी कयिक उन फ़सलो की तादाद िबक रहीह जो ज़मीन अगल बहाली क साल तक पदा करसकती ह

17 अपन हमवतन स नाजाइज़ फ़ाइदा न उठानाबिलक रब अपन ख़दा का ख़ौफ़ मानना कयिक मरब तमहारा ख़दा ह

18 मरी िहदायात पर अमल करना और मर अहकामको मान कर उन क मतािबक़ चलना तब तमअपन मलक म महफ़ज़ रहोग 19 ज़मीन अपनी परीपदावार दगी तम सर हो जाओग और महफ़ज़ रहोग20 हो सकता ह कोई पछ lsquoहम सातव साल म कयाखाएग जबिक हम बीज नही बोएग और फ़सल नहीकाटगrsquo 21 जवाब यह ह िक म छट साल म ज़मीनको इतनी बरकत दगा िक उस साल की पदावार तीनसाल क िलए काफ़ी होगी 22 जब तम आठव साल

अहबार 2523ndash43 149बीज बोओग तो तमहार पास छट साल की इतनीपदावार बाक़ी होगी िक तम फ़सल की कटाई तकगज़ारा कर सकोग

मौरसी ज़मीन क हक़क़23 कोई ज़मीन भी हमशा क िलए न बची जाए

कयिक मलक की तमाम ज़मीन मरी ही ह तम मरहज़र िसफ़र परदसी और ग़रशहरी हो 24 मलक मजहा भी ज़मीन िबक जाए वहा मौरसी मािलक कायह हक़ माना जाए िक वह अपनी ज़मीन वापसख़रीद सकता ह

25 अगर तरा कोई हमवतन भाई ग़रीब हो करअपनी कछ ज़मीन बचन पर मजबर हो जाए तोलािज़म ह िक उस का सब स क़रीबी िरशतदार उसवापस ख़रीद ल 26 हो सकता ह िक ऐस शख़स काकोई क़रीबी िरशतदार न हो जो उस की ज़मीन वापसख़रीद सक लिकन वह ख़द कछ दर क बाद इतनपस जमा करता ह िक वह अपनी ज़मीन वापस ख़रीदसकता ह 27 इस सरत म वह िहसाब कर िक ख़रीदनवाल क िलए अगल बहाली क साल तक िकतनसाल रह गए ह िजतना नक़सान ख़रीदन वाल कोज़मीन को बहाली क साल स पहल वापस दन सपहचगा उतन ही पस उस दन ह 28 लिकन अगरउस क पास इतन पस न हो तो ज़मीन अगल बहालीक साल तक ख़रीदन वाल क हाथ म रहगी िफरउस मौरसी मािलक को वापस िदया जाएगा

29 अगर िकसी का घर फ़सीलदार शहर म ह तो जबवह उस बचगा तो अपना घर वापस ख़रीदन का हक़िसफ़र एक साल तक रहगा 30 अगर पहला मािलकउस पहल साल क अनदर अनदर न ख़रीद तो वहहमशा क िलए ख़रीदन वाल की मौरसी िमलिकयतबन जाएगा वह बहाली क साल म भी वापस नहीिकया जाएगा

31 लिकन जो घर ऐसी आबादी म ह िजस कीफ़सील न हो वह दीहात म शमार िकया जाता हउस क मौरसी मािलक को हक़ हािसल ह िक हर

वक़त अपना घर वापस ख़रीद सक बहाली क सालम इस घर को लािज़मन वापस कर दना ह

32 लिकन लािवयो को यह हक़ हािसल ह िक वहअपन वह घर हर वक़त ख़रीद सकत ह जो उन किलए मक़ररर िकए हए शहरो म ह 33 अगर ऐसा घरिकसी लावी क हाथ फ़रोख़त िकया जाए और वापसन ख़रीदा जाए तो उस लािज़मन बहाली क साल मवापस करना ह कयिक लावी क जो घर उन कमक़रररा शहरो म होत ह वह इसराईिलयो म उन कीमौरसी िमलिकयत ह 34 लिकन जो ज़मीन शहरो कइदरिगदर मवशी चरान क िलए मक़ररर ह उनह बचन कीइजाज़त नही ह वह उन की दाइमी िमलिकयत ह

ग़रीबो क िलए क़ज़ार35 अगर तरा कोई हमवतन भाई ग़रीब हो जाए और

गज़ारा न कर सक तो उस की मदद कर उस तरहउस की मदद करना िजस तरह परदसी या ग़रशहरीकी मदद करनी होती ह तािक वह तर साथ रहत हएिज़नदगी गज़ार सक 36 उस स िकसी तरह का सद नलना बिलक अपन ख़दा का ख़ौफ़ मानना तािक तराभाई तर साथ िज़नदगी गज़ार सक 37 अगर वह तराक़ज़रदार हो तो उस स सद न लना इसी तरह ख़राकबचत वक़त उस स नफ़ा न लना 38 म रब तमहाराख़दा ह म तमह इस िलए िमसर स िनकाल लाया िकतमह मलक-ए-कनआन द और तमहारा ख़दा ह

इसराईली ग़लामो क हक़क़39 अगर तरा कोई इसराईली भाई ग़रीब हो कर

अपन आप को तर हाथ बच डाल तो उस स ग़लामका सा काम न कराना 40 उस क साथ मज़दरया ग़रशहरी का सा सलक करना वह तर िलएबहाली क साल तक काम कर 41 िफर वह औरउस क बाल-बचच आज़ाद हो कर अपन िरशतदारोऔर मौरसी ज़मीन क पास वापस जाए 42 चिकइसराईली मर ख़ािदम ह िजनह म िमसर स िनकाललाया इस िलए उनह ग़लामी म न बचा जाए 43 ऐस

150 अहबार 2544ndash2612लोगो पर सख़ती स हकमरानी न करना बिलक अपनख़दा का ख़ौफ़ मानना

44 तम पड़ोसी ममािलक स अपन िलए ग़लामऔर लौिडया हािसल कर सकत हो 45 जो परदसीग़रशहरी क तौर पर तमहार मलक म आबाद ह उनहभी तम ख़रीद सकत हो उन म वह भी शािमल ह जोतमहार मलक म पदा हए ह वही तमहारी िमलिकयतबन कर 46 तमहार बटो की मीरास म आ जाए औरवही हमशा तमहार ग़लाम रह लिकन अपन हमवतनभाइयो पर सख़त हकमरानी न करना

47 अगर तर मलक म रहन वाला कोई परदसी याग़रशहरी अमीर हो जाए जबिक तरा कोई हमवतनभाई ग़रीब हो कर अपन आप को उस परदसी याग़रशहरी या उस क ख़ानदान क िकसी फ़दर को बचडाल 48 तो िबक जान क बाद उस आज़ादी ख़रीदनका हक़ हािसल ह कोई भाई 49 चचा ताया चचाया ताया का बटा या कोई और क़रीबी िरशतदार उसवापस ख़रीद सकता ह वह ख़द भी अपनी आज़ादीख़रीद सकता ह अगर उस क पास पस काफ़ी हो50 इस सरत म वह अपन मािलक स िमल कर वहसाल िगन जो उस क ख़रीदन स ल कर अगल बहालीक साल तक बाक़ी ह उस की आज़ादी क पस उसक़ीमत पर मबनी हो जो मज़दर को इतन सालो किलए िदए जात ह 51ndash52 िजतन साल बाक़ी रह गएह उन क मतािबक़ उस की िबक जान की क़ीमत मस पस वापस कर िदए जाए 53 उस क साथ साल-ब-साल मज़दर का सा सलक िकया जाए उस कामािलक उस पर सख़त हकमरानी न कर 54 अगर वहइस तरह क िकसी तरीक़ स आज़ाद न हो जाए तोउस और उस क बचचो को हर हालत म अगल बहालीक साल म आज़ाद कर दना ह 55 कयिक इसराईलीमर ही ख़ािदम ह वह मर ही ख़ािदम ह िजनह म िमसरस िनकाल लाया म रब तमहारा ख़दा ह

फ़रमाबरदारी का अजर

26 1 अपन िलए बत न बनाना न अपन िलएदवता क मजससम या पतथर क मख़सस

िकए हए सतन खड़ करना न िसजदा करन क िलएअपन मलक म ऐस पतथर रखना िजन म दवता कीतसवीर कनदा की गई हो म रब तमहारा ख़दा ह2 सबत का िदन मनाना और मर मिक़दस की ताज़ीमकरना म रब ह

3 अगर तम मरी िहदायात पर चलो और मरअहकाम मान कर उन पर अमल करो 4 तो म वक़तपर बािरश भजगा ज़मीन अपनी पदावार दगी औरदरख़त अपन अपन फल लाएग 5 कसरत क बाइसअनाज की फ़सल की कटाई अगर तोड़त वक़त तकजारी रहगी और अगर की फ़सल उस वक़त तक तोड़ीजाएगी जब तक बीज बोन का मौसम आएगा इतनीख़राक िमलगी िक तम कभी भक नही होग औरतम अपन मलक म महफ़ज़ रहोग

6 म मलक को अमन-ओ-अमान बख़शगा तमआराम स लट जाओग कयिक िकसी ख़तर स डरनकी ज़ररत नही होगी म वहशी जानवर मलक स दरकर दगा और वह तलवार की क़तल-ओ-ग़ारत सबचा रहगा 7 तम अपन दशमनो पर ग़ािलब आ करउन का ताक़क़ब करोग और वह तमहारी तलवारस मार जाएग 8 तमहार पाच आदमी सौ दशमनो कापीछा करग और तमहार सौ आदमी उन क दसहज़ार आदिमयो को भगा दग तमहार दशमन तमहारीतलवार स मार जाएग

9 मरी नज़र-ए-करम तम पर होगी म तमहारीऔलाद की तादाद बढ़ाऊगा और तमहार साथ अपनाअहद क़ाइम रखगा 10 एक साल इतनी फ़सल होगीिक जब अगली फ़सल की कटाई होगी तो नएअनाज क िलए जगह बनान की ख़ाितर परान अनाजको फक दना पड़गा 11 म तमहार दरिमयान अपनामसकन क़ाइम करगा और तम स िघन नही खाऊगा12 म तम म िफरगा और तम मरी क़ौम होग

अहबार 2613ndash36 15113 म रब तमहारा ख़दा ह जो तमह िमसर स िनकाल

लाया तािक तमहारी ग़लामी की हालत ख़तम हो जाएम न तमहार जए को तोड़ डाला और अब तम आज़ादऔर सीध हो कर चल सकत हो

फ़रमाबरदार न होन की सज़ा14 लिकन अगर तम मरी नही सनोग और इन तमाम

अहकाम पर नही चलोग 15 अगर तम मरी िहदायातको रदद करक मर अहकाम स िघन खाओग और उनपर अमल न करक मरा अहद तोड़ोग 16 तो म जवाबम तम पर अचानक दहशत तारी कर दगा िजसम कोख़तम करन वाली बीमािरयो और बख़ार स तमहारीआख ज़ाए हो जाएगी और तमहारी जान िछन जाएगीजब तम बीज बोओग तो बफ़ाइदा कयिक दशमनउस की फ़सल खा जाएगा 17 म तमहार िख़लाफ़हो जाऊगा इस िलए तम अपन दशमनो क हाथस िशकसत खाओग तम स नफ़रत रखन वाल तमपर हकमत करग उस वक़त भी जब कोई तमहाराताक़क़ब नही करगा तम भाग जाओग

18 अगर तम इस क बाद भी मरी न सनो तो म तमहारगनाहो क सबब स तमह सात गना ज़यादा सज़ा दगा19 म तमहारा सख़त ग़रर ख़ाक म िमला दगा तमहारऊपर आसमान लोह जसा और तमहार नीच ज़मीनपीतल जसी होगी 20 िजतनी भी महनत करोग वहबफ़ाइदा होगी कयिक तमहार खतो म फ़सल नहीपकगी और तमहार दरख़त फल नही लाएग

21 अगर तम िफर भी मरी मख़ालफ़त करोग औरमरी नही सनोग तो म इन गनाहो क जवाब म तमह इस स भी सात गना ज़यादा सज़ा दगा 22 म तमहारिख़लाफ़ जगली जानवर भज दगा जो तमहार बचचोको फाड़ खाएग और तमहार मवशी बबारद कर दगआिख़र म तमहारी तादाद इतनी कम हो जाएगी िकतमहारी सड़क वीरान हो जाएगी

23 अगर तम िफर भी मरी तिबरयत क़बल न करोबिलक मर मख़ािलफ़ रहो 24 तो म ख़द तमहारिख़लाफ़ हो जाऊगा इन गनाहो क जवाब म म तमह

सात गना ज़यादा सज़ा दगा 25 म तम पर तलवारचला कर इस का बदला लगा िक तम न मर अहदको तोड़ा ह जब तम अपनी िहफ़ाज़त क िलए शहरोम भाग कर जमा होग तो म तमहार दरिमयान वबाईबीमािरया फलाऊगा और तमह दशमनो क हाथ म ददगा 26 अनाज की इतनी कमी होगी िक दस औरततमहारी परी रोटी एक ही तनर म पका सकगी औरवह उस बड़ी एहितयात स तोल तोल कर तक़सीमकरगी तम खा कर भी भक रहोग

27 अगर तम िफर भी मरी नही सनोग बिलक मरमख़ािलफ़ रहोग 28 तो मरा ग़ससा भड़कगा और मतमहार िख़लाफ़ हो कर तमहार गनाहो क जवाब मतमह सात गना ज़यादा सज़ा दगा 29 तम मसीबत कबाइस अपन बट-बिटयो का गोशत खाओग 30 मतमहारी ऊची जगहो की क़बारनगाह और तमहारीबख़र की क़बारनगाह बबारद कर दगा म तमहारीलाशो क ढर तमहार बजान बतो पर लगाऊगा औरतम स िघन खाऊगा 31 म तमहार शहरो को खडरातम बदल कर तमहार मिनदरो को बबारद करगातमहारी क़बारिनयो की ख़शब मझ पसनद नही आएगी32 म तमहार मलक का सतयानास य करगा िक जोदशमन उस म आबाद हो जाएग उन क रोगट खड़ होजाएग 33 म तमह मख़तिलफ़ ममािलक म मनतिशरकर दगा लिकन वहा भी अपनी तलवार को हाथम िलए तमहारा पीछा करगा तमहारी ज़मीन वीरानहोगी और तमहार शहर खडरात बन जाएग 34 उसवक़त जब तम अपन दशमनो क मलक म रहोगतमहारी ज़मीन वीरान हालत म आराम क वह सालमना सकगी िजन स वह महरम रही ह 35 उन तमामिदनो म जब वह बबारद रहगी उस वह आराम िमलगाजो उस न िमला जब तम मलक म रहत थ

36 तम म स जो बच कर अपन दशमनो क ममािलकम रहग उन क िदलो पर म दहशत तारी करगा वहहवा क झोको स िगरन वाल पतत की आवाज़ सचौक कर भाग जाएग वह फ़रार होग गोया कोईहाथ म तलवार िलए उन का ताक़क़ब कर रहा हो

152 अहबार 2637ndash2713और वह िगर कर मर जाएग हालािक कोई उन कापीछा नही कर रहा होगा 37 वह एक दसर स टकराकर लड़खड़ाएग गोया कोई तलवार ल कर उन कपीछ चल रहा हो हालािक कोई नही ह चनाच तमअपन दशमनो का सामना नही कर सकोग 38 तमदीगर क़ौमो म मनतिशर हो कर हलाक हो जाओगऔर तमहार दशमनो की ज़मीन तमह हड़प कर लगी

39 तम म स बाक़ी लोग अपन और अपन बापदादाक क़सर क बाइस अपन दशमनो क ममािलक मगल सड़ जाएग 40 लिकन एक वक़त आएगा िकवह अपन और अपन बापदादा का क़सर मान लगवह मर साथ अपनी बवफ़ाई और वह मख़ालफ़ततसलीम करग 41 िजस क सबब स म उन क िख़लाफ़हआ और उनह उन क दशमनो क मलक म धकलिदया था पहल उन का ख़तना िसफ़र ज़ािहरी तौरपर हआ था लिकन अब उन का िदल आिजज़ होजाएगा और वह अपन क़सर की क़ीमत अदा करग42 िफर म इबराहीम क साथ अपना अहद इसहाक़ कसाथ अपना अहद और याक़ब क साथ अपना अहदयाद करगा म मलक-ए-कनआन भी याद करगा43 लिकन पहल वह ज़मीन को छोड़ग तािक वह उनकी ग़रमौजदगी म वीरान हो कर आराम क सालमनाए य इसराईली अपन क़सर क नतीज भगतगइस सबब स िक उनहो न मर अहकाम रदद िकए औरमरी िहदायात स िघन खाई 44 इस क बावजद भी मउनह दशमनो क मलक म छोड़ कर रदद नही करगान यहा तक उन स िघन खाऊगा िक वह िबलकलतबाह हो जाए कयिक म उन क साथ अपना अहदनही तोड़न का म रब उन का ख़दा ह 45 म उन कीख़ाितर उन क बापदादा क साथ बधा हआ अहदयाद करगा उन लोगो क साथ अहद िजनह म दसरीक़ौमो क दखत दखत िमसर स िनकाल लाया तािकउन का ख़दा ह म रब हrdquo

46 रब न मसा को इसराईिलयो क िलए यह तमामिहदायात और अहकाम सीना पहाड़ पर िदए

मख़सस की हई चीज़ो की वापसी

27 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोबताना िक अगर िकसी न मननत मान कर

िकसी को रब क िलए मख़सस िकया हो तो वहउस ज़ल की रक़म द कर आज़ाद कर सकता ह(मसतामल िसकक मिक़दस क िसकको क बराबर हो) 3 उस आदमी क िलए िजस की उमर 20 और 60साल क दरिमयान ह चादी क 50 िसकक 4 इसी उमरकी औरत क िलए चादी क 30 िसकक 5 उस लड़कक िलए िजस की उमर 5 और 20 साल क दरिमयानहो चादी क 20 िसकक इसी उमर की लड़की क िलएचादी क 10 िसकक 6 एक माह स ल कर 5 साल तकक लड़क क िलए चादी क 5 िसकक इसी उमर कीलड़की क िलए चादी क 3 िसकक 7 साठ साल सबड़ आदमी क िलए चादी क 15 िसकक और इसी उमरकी औरत क िलए चादी क 10 िसकक

8 अगर मननत मानन वाला मक़रररा रक़म अदा नकर सक तो वह मख़सस िकए हए शख़स को इमामक पास ल आए िफर इमाम ऐसी रक़म मक़ररर करजो मननत मानन वाला अदा कर सक

9 अगर िकसी न मननत मान कर ऐसा जानवरमख़सस िकया जो रब की क़बारिनयो क िलएइसतमाल हो सकता ह तो ऐसा जानवर मख़सस-ओ-मक़ददस हो जाता ह 10 वह उस बदल नही सकतान वह अचछ जानवर की जगह नािक़स न नािक़सजानवर की जगह अचछा जानवर द अगर वह एकजानवर दसर की जगह द तो दोनो मख़सस-ओ-मक़ददस हो जात ह

11 अगर िकसी न मननत मान कर कोई नापाकजानवर मख़सस िकया जो रब की क़बारिनयो क िलएइसतमाल नही हो सकता तो वह उस को इमाम कपास ल आए 12 इमाम उस की रक़म उस की अचछीऔर बरी िसफ़तो का िलहाज़ करक मक़ररर कर इसमक़रररा क़ीमत म कमी बशी नही हो सकती 13 अगर

अहबार 2714ndash33 153मननत मानन वाला उस वापस ख़रीदना चाह तो वहमक़रररा क़ीमत जमा 20 फ़ीसद अदा कर

14 अगर कोई अपना घर रब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस कर तो इमाम उस की अचछी और बरीिसफ़तो का िलहाज़ करक उस की रक़म मक़ररर करइस मक़रररा क़ीमत म कमी बशी नही हो सकती15 अगर घर को मख़सस करन वाला उस वापसख़रीदना चाह तो वह मक़रररा रक़म जमा 20 फ़ीसदअदा कर

16 अगर कोई अपनी मौरसी ज़मीन म स कछरब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस कर तो उस कीक़ीमत उस बीज की िमक़दार क मतािबक़ मक़रररकी जाए जो उस म बोना होता ह िजस खत म 135िकलोगराम जौ का बीज बोया जाए उस की क़ीमतचादी क 50 िसकक होगी 17 शतर यह ह िक वह अपनीज़मीन बहाली क साल क ऐन बाद मख़सस करिफर उस की यही क़ीमत मक़ररर की जाए 18 अगरज़मीन का मािलक उस बहाली क साल क कछ दरबाद मख़सस कर तो इमाम अगल बहाली क सालतक रहन वाल सालो क मतािबक़ ज़मीन की क़ीमतमक़ररर कर िजतन कम साल बाक़ी ह उतनी कमउस की क़ीमत होगी 19 अगर मख़सस करन वालाअपनी ज़मीन वापस ख़रीदना चाह तो वह मक़ररराक़ीमत जमा 20 फ़ीसद अदा कर 20 अगर मख़ससकरन वाला अपनी ज़मीन को रब स वापस ख़रीदबग़र उस िकसी और को बच तो उस वापस ख़रीदनका हक़ ख़तम हो जाएगा 21 अगल बहाली क सालयह ज़मीन मख़सस-ओ-मक़ददस रहगी और रब कीदाइमी िमलिकयत हो जाएगी चनाच वह इमाम कीिमलिकयत होगी

22 अगर कोई अपना मौरसी खत नही बिलकअपना ख़रीदा हआ खत रब क िलए मख़सस कर23 तो इमाम अगल बहाली क साल तक रहन वालसालो का िलहाज़ करक उस की क़ीमत मक़ररर करखत का मािलक उसी िदन उस क पस अदा कर यहपस रब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस होग 24 बहाली

क साल म यह खत उस शख़स क पास वापस आएगािजस न उस बचा था

25 वापस ख़रीदन क िलए मसतामल िसकक मिक़दसक िसकको क बराबर हो उस क चादी क िसकको कावज़न 11 गराम ह

26 लिकन कोई भी िकसी मवशी का पहलौठा रबक िलए मख़सस नही कर सकता वह तो पहल सरब क िलए मख़सस ह इस म कोई फ़क़र नही िक वहगाय बल या भड़ हो 27 अगर उस न कोई नापाकजानवर मख़सस िकया हो तो वह उस मक़रररा क़ीमतजमा 20 फ़ीसद क िलए वापस ख़रीद सकता हअगर वह उस वापस न ख़रीद तो वह मक़रररा क़ीमतक िलए बचा जाए

28 लिकन अगर िकसी न अपनी िमलिकयत म सकछ ग़रमशरत तौर पर रब क िलए मख़सस िकयाह तो उस बचा या वापस नही ख़रीदा जा सकताख़वाह वह इनसान जानवर या ज़मीन हो जो इसतरह मख़सस िकया गया हो वह रब क िलए िनहायतमक़ददस ह 29 इसी तरह िजस शख़स को तबाही किलए मख़सस िकया गया ह उस का िफ़दया नही िदयाजा सकता लािज़म ह िक उस सज़ा-ए-मौत दी जाए

30 हर फ़सल का दसवा िहससा रब का ह चाहवह अनाज हो या फल वह रब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस ह 31 अगर कोई अपनी फ़सल का दसवा िहससा छड़ाना चाहता ह तो वह इस क िलए उस कीमक़रररा क़ीमत जमा 20 फ़ीसद द 32 इसी तरह गाय-बलो और भड़-बकिरयो का दसवा िहससा भी रब किलए मख़सस-ओ-मक़ददस ह हर दसवा जानवर जोगललाबान क डड क नीच स गज़रगा 33 यह जानवरचनन स पहल उन का मआइना न िकया जाए िककौन स जानवर अचछ या कमज़ोर ह यह भी नकरना िक दसव िहसस क िकसी जानवर क बदलकोई और जानवर िदया जाए अगर िफर भी उसबदला जाए तो दोनो जानवर रब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस होग और उनह वापस ख़रीदा नही जासकताrdquo

154 अहबार 273434 यह वह अहकाम ह जो रब न सीना पहाड़ पर

मसा को इसराईिलयो क िलए िदए

िगनती

इसराईिलयो की पहली मदरमशमारी

1 1 इसराईिलयो को िमसर स िनकल हए एक सालस ज़यादा असार गज़र गया था अब तक वह

दशत-ए-सीना म थ दसर साल क दसर महीन कपहल िदन रब मलाक़ात क ख़म म मसा स हमकलामहआ उस न कहा

2 ldquoत और हारन तमाम इसराईिलयो की मदरमशमारीकबो और आबाई घरानो क मतािबक़ करना उनतमाम मदोर की फ़हिरसत बनाना 3 जो कम अज़ कमबीस साल क और जग लड़न क क़ािबल हो 4 इसम हर क़बील क एक ख़ानदान का सरपरसत तमहारीमदद कर 5 यह उन क नाम ह रिबन क क़बीलस इलीसर िबन शिदयर

6 शमाऊन क क़बील स सलमीएल िबन सरीशददी7 यहदाह क क़बील स नहसोन िबन अममीनदाब8 इशकार क क़बील स नतनीएल िबन ज़ग़र9 ज़बलन क क़बील स इिलयाब िबन हलोन10 यसफ़ क बट इफ़राईम क क़बील स इलीसमा

िबन अममीहद यसफ़ क बट मनससी क क़बील सजमलीएल िबन फ़दाहसर

11 िबनयमीन क क़बील स अिबदान िबनिजदाऊनी

12 दान क क़बील स अख़ीअज़र िबन अममीशददी13 आशर क क़बील स फ़जईएल िबन अकरान14 जद क क़बील स इिलयासफ़ िबन दऊएल15 नफ़ताली क क़बील स अख़ीरा िबन एनानrdquo16 यही मदर जमाअत स इस काम क िलए बलाए

गए वह अपन क़बीलो क राहनमा और कबो कसरपरसत थ 17 इन की मदद स मसा और हारनन 18 उसी िदन परी जमाअत को इकटठा िकया हरइसराईली मदर जो कम अज़ कम 20 साल का था

रिजसटर म दजर िकया गया रिजसटर की ततीरब उनक कबो और आबाई घरानो क मतािबक़ थी

19 सब कछ वसा ही िकया गया जसा रब न हकमिदया था मसा न सीना क रिगसतान म लोगो कीमदरमशमारी की नतीजा यह िनकला

20ndash21 रिबन क क़बील क 46500 मदर22ndash23 शमाऊन क क़बील क 59300 मदर24ndash25 जद क क़बील क 45650 मदर26ndash27 यहदाह क क़बील क 74600 मदर28ndash29 इशकार क क़बील क 54400 मदर30ndash31 ज़बलन क क़बील क 57400 मदर32ndash33 यसफ़ क बट इफ़राईम क क़बील क 40500

मदर34ndash35 यसफ़ क बट मनससी क क़बील क 32200

मदर36ndash37 िबनयमीन क क़बील क 35400 मदर38ndash39 दान क क़बील क 62700 मदर40ndash41 आशर क क़बील क 41500 मदर42ndash43 नफ़ताली क क़बील क 53400 मदर44 मसा हारन और क़बीलो क बारह राहनमाओ

न इन तमाम आदिमयो को िगना 45ndash46 उन की परीतादाद 603550 थी

47 लिकन लािवयो की मदरमशमारी न हई 48 कयिकरब न मसा स कहा था 49 ldquoइसराईिलयो कीमदरमशमारी म लािवयो को शािमल न करना 50 इसक बजाय उनह शरीअत की सकनतगाह और उसका सारा सामान सभालन की िज़ममादारी दना वहसफ़र करत वक़त यह ख़मा और उस का सारासामान उठा कर ल जाए उस की िख़दमत क िलएहािज़र रह और रकत वक़त उस अपन ख़मो सघर रख 51 रवाना होत वक़त वही ख़म को समटऔर रकत वक़त वही उस लगाए अगर कोई और

156 िगनती 152ndash233उस क क़रीब आए तो उस सज़ा-ए-मौत दी जाएगी52 बाक़ी इसराईली ख़मागाह म अपन अपन दसत कमतािबक़ और अपन अपन अलम क इदरिगदर अपनख़म लगाए 53 लिकन लावी अपन ख़मो स शरीअतकी सकनतगाह को घर ल तािक मरा ग़ज़ब िकसीग़लत शख़स क नज़दीक आन स इसराईिलयो कीजमाअत पर नािज़ल न हो जाए य लािवयो कोशरीअत की सकनतगाह को सभालना हrdquo

54 इसराईिलयो न वसा ही िकया जसा रब न मसाको हकम िदया था

ख़मागाह म क़बीलो की ततीरब

2 1 रब न मसा और हारन स कहा 2 िक इसराईलीअपन ख़म कछ फ़ािसल पर मलाक़ात क ख़म

क इदरिगदर लगाए हर एक अपन अपन अलमऔर अपन अपन आबाई घरान क िनशान क साथख़माज़न हो

3 इन िहदायात क मतािबक़ मिक़दस क मशिरक़म यहदाह का अलम था िजस क इदरिगदर तीन दसतख़माज़न थ पहल यहदाह का क़बीला िजस काकमाडर नहसोन िबन अममीनदाब था 4 और िजसक लशकर क 74600 फ़ौजी थ 5 दसर इशकार काक़बीला िजस का कमाडर नतनीएल िबन ज़ग़र था6 और िजस क लशकर क 54400 फ़ौजी थ 7 तीसरज़बलन का क़बीला िजस का कमाडर इिलयाब िबनहलोन था 8 और िजस क लशकर क 57400 फ़ौजीथ 9 तीनो क़बीलो क फ़ौिजयो की कल तादाद186400 थी रवाना होत वक़त यह आग चलतथ

10 मिक़दस क जनब म रिबन का अलम था िजसक इदरिगदर तीन दसत ख़माज़न थ पहल रिबनका क़बीला िजस का कमाडर इलीसर िबन शिदयरथा 11 और िजस क 46500 फ़ौजी थ 12 दसरशमाऊन का क़बीला िजस का कमाडर सलमीएलिबन सरीशददी था 13 और िजस क 59300 फ़ौजीथ 14 तीसर जद का क़बीला िजस का कमाडर

इिलयासफ़ िबन दऊएल था 15 और िजस क 45650फ़ौजी थ 16 तीनो क़बीलो क फ़ौिजयो की कलतादाद 151450 थी रवाना होत वक़त यह मशिरक़ीक़बीलो क पीछ चलत थ

17 इन जनबी क़बीलो क बाद लावी मलाक़ात काख़मा उठा कर क़बीलो क ऐन बीच म चलत थक़बील उस ततीरब स रवाना होत थ िजस ततीरब सवह अपन ख़म लगात थ हर क़बीला अपन अलमक पीछ चलता था

18 मिक़दस क मग़िरब म इफ़राईम का अलम थािजस क इदरिगदर तीन दसत ख़माज़न थ पहलइफ़राईम का क़बीला िजस का कमाडर इलीसमािबन अममीहद था 19 और िजस क 40500 फ़ौजीथ 20 दसर मनससी का क़बीला िजस का कमाडरजमलीएल िबन फ़दाहसर था 21 और िजस क32200 फ़ौजी थ 22 तीसर िबनयमीन का क़बीलािजस का कमाडर अिबदान िबन िजदाऊनी था23 और िजस क 35400 फ़ौजी थ 24 तीनो क़बीलोक फ़ौिजयो की कल तादाद 108100 थी रवानाहोत वक़त यह जनबी क़बीलो क पीछ चलत थ

25 मिक़दस क िशमाल म दान का अलम थािजस क इदरिगदर तीन दसत ख़माज़न थ पहलदान का क़बीला िजस का कमाडर अख़ीअज़रिबन अममीशददी था 26 और िजस क 62700 फ़ौजीथ 27 दसर आशर का क़बीला िजस का कमाडरफ़जईएल िबन अकरान था 28 और िजस क 41500फ़ौजी थ 29 तीसर नफ़ताली का क़बीला िजस काकमाडर अख़ीरा िबन एनान था 30 और िजस क53400 फ़ौजी थ 31 तीनो क़बीलो की कल तादाद157600 थी वह आिख़र म अपना अलम उठा कररवाना होत थ

32 परी ख़मागाह क फ़ौिजयो की कल तादाद603550 थी 33 िसफ़र लावी इस तादाद म शािमलनही थ कयिक रब न मसा को हकम िदया था िक उनकी भतीर न की जाए

िगनती 234ndash331 15734 य इसराईिलयो न सब कछ उन िहदायात क

मतािबक़ िकया जो रब न मसा को दी थी उन कमतािबक़ ही वह अपन झडो क इदरिगदर अपन ख़मलगात थ और उन क मतािबक़ ही अपन कबो औरआबाई घरानो क साथ रवाना होत थ

हारन क बट

3 1 यह हारन और मसा क ख़ानदान का बयानह उस वक़त का िज़कर ह जब रब न सीना पहाड़

पर मसा स बात की 2 हारन क चार बट थ बड़ाबटा नदब था िफर अबीह इलीअज़र और इतमर3 यह इमाम थ िजन को मसह करक इस िख़दमत काइख़ितयार िदया गया था 4 लिकन नदब और अबीहउस वक़त मर गए जब उनहो न दशत-ए-सीना म रबक हज़र नाजाइज़ आग पश की चिक वह बऔलादथ इस िलए हारन क जीत जी िसफ़र इलीअज़र औरइतमर इमाम की िख़दमत सरअनजाम दत थ

लािवयो की मिक़दस म िज़ममादारी5 रब न मसा स कहा 6 ldquoलावी क क़बील को

ला कर हारन की िख़दमत करन की िज़ममादारीद 7 उनह उस क िलए और परी जमाअत क िलएमलाक़ात क ख़म की िख़दमात सभालना ह 8 वहमलाक़ात क ख़म का सामान सभाल और तमामइसराईिलयो क िलए मिक़दस क फ़राइज़ अदा कर9 तमाम इसराईिलयो म स िसफ़र लािवयो को हारनऔर उस क बटो की िख़दमत क िलए मक़ररर कर10 लिकन िसफ़र हारन और उस क बटो को इमामकी हिसयत हािसल ह जो भी बािक़यो म स उन कीिज़ममादािरया उठान की कोिशश करगा उस सज़ा-ए-मौत दी जाएगीrdquo

11 रब न मसा स यह भी कहा 12 ldquoम न इसराईिलयोम स लािवयो को चन िलया ह वह तमाम इसराईलीपहलौठो क इवज़ मर िलए मख़सस ह 13 कयिकतमाम पहलौठ मर ही ह िजस िदन म न िमसर मतमाम पहलौठो को मार िदया उस िदन म न इसराईल

क पहलौठो को अपन िलए मख़सस िकया ख़वाहवह इनसान क थ या हवान क वह मर ही ह म रबहrdquo

लािवयो की मदरमशमारी14 रब न सीना क रिगसतान म मसा स कहा

15 ldquoलािवयो को िगन कर उन क आबाई घरानो औरकबो क मतािबक़ रिजसटर म दजर करना हर बटको िगनना ह जो एक माह या इस स ज़ाइद का हrdquo16 मसा न ऐसा ही िकया

17 लावी क तीन बट जसोरन िक़हात और िमरारीथ 18 जसोरन क दो कब उस क बटो िलबनी औरिसमई क नाम रखत थ 19 िक़हात क चार कब उसक बटो अमराम इज़हार हबरन और उज़ज़ीएल क नामरखत थ 20 िमरारी क दो कब उस क बटो महलीऔर मशी क नाम रखत थ ग़रज़ लावी क क़बीलक कब उस क पोतो क नाम रखत थ

21 जसोरन क दो कबो बनाम िलबनी और िसमई22 क 7500 मदर थ जो एक माह या इस स ज़ाइदक थ 23 उनह अपन ख़म मग़िरब म मिक़दस कपीछ लगान थ 24 उन का राहनमा इिलयासफ़ िबनलाएल था 25 और वह ख़म को सभालत थ यानीउस की पोिशश ख़म क दरवाज़ का पदार 26 ख़मऔर क़बारनगाह की चारदीवारी क पद र चारदीवारीक दरवाज़ का पदार और तमाम रसस इन चीज़ो समतािललक़ सारी िख़दमत उन की िज़ममादारी थी

27 िक़हात क चार कबो बनाम अमराम इज़हार हबरन और उज़ज़ीएल 28 क 8600 मदर थ जो एकमाह या इस स ज़ाइद क थ और िजन को मिक़दसकी िख़दमत करनी थी 29 उनह अपन डर मिक़दसक जनब म डालन थ 30 उन का राहनमा इलीसफ़निबन उज़ज़ीएल था 31 और वह यह चीज़ सभालत थ अहद का सनदक़ मज़ शमादान क़बारनगाह वहबतरन और साज़-ओ-सामान जो मिक़दस म इसतमालहोता था और मक़ददसतरीन कमर का पदार इन चीज़ोस मतािललक़ सारी िख़दमत उन की िज़ममादारी थी

158 िगनती 332ndash4932 हारन इमाम का बटा इलीअज़र लािवयो क तमामराहनमाओ पर मक़ररर था वह उन तमाम लोगो काइचाजर था जो मिक़दस की दख-भाल करत थ

33 िमरारी क दो कबो बनाम महली और मशी 34 क6200 मदर थ जो एक माह या इस स ज़ाइद कथ 35 उन का राहनमा सरीएल िबन अबीख़ल थाउनह अपन डर मिक़दस क िशमाल म डालन थ36 और वह यह चीज़ सभालत थ ख़म क तख़तउस क शहतीर खमब पाए और इस तरह का सारासामान इन चीज़ो स मतािललक़ सारी िख़दमत उन कीिज़ममादारी थी 37 वह चारदीवारी क खमब पाएमख़ और रसस भी सभालत थ

38 मसा हारन और उन क बटो को अपन डरमशिरक़ म मिक़दस क सामन डालन थ उन कीिज़ममादारी मिक़दस म बनी इसराईल क िलए िख़दमतकरना थी उन क इलावा जो भी मिक़दस म दािख़लहोन की कोिशश करता उस सज़ा-ए-मौत दनी थी

39 उन लावी मदोर की कल तादाद जो एक माह याइस स ज़ाइद क थ 22000 थी रब क कहन परमसा और हारन न उनह कबो क मतािबक़ िगन कररिजसटर म दजर िकया

लावी क क़बील क मदर पहलौठो क इवज़ी ह40 रब न मसा स कहा ldquoतमाम इसराईली पहलौठो

को िगनना जो एक माह या इस स ज़ाइद क हऔर उन क नाम रिजसटर म दजर करना 41 उनतमाम पहलौठो की जगह लािवयो को मर िलएमख़सस करना इसी तरह इसराईिलयो क मविशयोक पहलौठो की जगह लािवयो क मवशी मर िलएमख़सस करना म रब हrdquo 42 मसा न ऐसा ही िकयाजसा रब न उस हकम िदया उस न तमाम इसराईलीपहलौठ 43 जो एक माह या इस स ज़ाइद क थ िगनिलए उन की कल तादाद 22273 थी

44 रब न मसा स कहा 45 ldquoमझ तमाम इसराईलीपहलौठो की जगह लािवयो को पश करना इसीतरह मझ इसराईिलयो क मविशयो की जगह लािवयो

क मवशी पश करना लावी मर ही ह म रब ह46 लािवयो की िनसबत बाक़ी इसराईिलयो क 273पहलौठ ज़यादा ह उन म स 47 हर एक क इवज़ चादीक पाच िसकक ल जो मिक़दस क वज़न क मतािबक़हो (फ़ी िसकका तक़रीबन 11 गराम) 48 यह पस हारनऔर उस क बटो को दनाrdquo

49 मसा न ऐसा ही िकया 50 य उस न चादी क1365 िसकक (तक़रीबन 16 िकलोगराम) जमा करक51 हारन और उस क बटो को िदए िजस तरह रबन उस हकम िदया था

िक़हाितयो की िज़ममादािरया

4 1 रब न मसा और हारन स कहा 2 ldquoलावी कक़बील म स िक़हाितयो की मदरमशमारी उन क

कबो और आबाई घरानो क मतािबक़ करना 3 उनतमाम मदोर को रिजसटर म दजर करना जो 30 स लकर 50 साल क ह और मलाक़ात क ख़म म िख़दमतकरन क िलए आ सकत ह 4 िक़हाितयो की िख़दमतमक़ददसतरीन कमर की दख-भाल ह

5 जब ख़म को सफ़र क िलए समटना ह तो हारनऔर उस क बट दािख़ल हो कर मक़ददसतरीन कमरका पदार उतार और उस शरीअत क सनदक़ पर डालद 6 इस पर वह तख़स की खालो का िग़लाफ़ औरआिख़र म परी तरह नील रग का कपड़ा िबछाए इसक बाद वह सनदक़ को उठान की लकिड़या लगाए

7 वह उस मज़ पर भी नील रग का कपड़ा िबछाएिजस पर रब को रोटी पश की जाती ह उस पर थालपयाल म की नज़र पश करन क बतरन और मतरबानरख जाए जो रोटी हमशा मज़ पर होती ह वह भी उसपर रह 8 हारन और उस क बट इन तमाम चीज़ो परिक़िमरज़ी रग का कपड़ा िबछा कर आिख़र म उन कऊपर तख़स की खालो का िग़लाफ़ डाल इस कबाद वह मज़ को उठान की लकिड़या लगाए

9 वह शमादान और उस क सामान पर यानी उसक चराग़ बतती कतरन की क़िचयो जलत कोएलक छोट बतरनो और तल क बतरनो पर नील रग का

िगनती 410ndash33 159कपड़ा रख 10 यह सब कछ वह तख़स की खालोक िग़लाफ़ म लपट और उस उठा कर ल जान किलए एक चौखट पर रख

11 वह बख़र जलान की सोन की क़बारनगाह पर भीनील रग का कपड़ा िबछा कर उस पर तख़स कीखालो का िग़लाफ़ डाल और िफर उस उठान कीलकिड़या लगाए 12 वह सारा सामान जो मक़ददसकमर म इसतमाल होता ह ल कर नील रग क कपड़म लपट उस पर तख़स की खालो का िग़लाफ़ डालऔर उस उठा कर ल जान क िलए एक चौखट पररख

13 िफर वह जानवरो को जलान की क़बारनगाह कोराख स साफ़ करक उस पर अग़रवानी रग का कपड़ािबछाए 14 उस पर वह क़बारनगाह की िख़दमत किलए सारा ज़ररी सामान रख यानी िछड़काओ ककटोर जलत हए कोएल क बतरन बलच और काटइस सामान पर वह तख़स की खालो का िग़लाफ़डाल कर क़बारनगाह को उठान की लकिड़या लगाए

15 सफ़र क िलए रवाना होत वक़त यह सब कछउठा कर ल जाना िक़हाितयो की िज़ममादारी हलिकन लािज़म ह िक पहल हारन और उस क बटयह तमाम मक़ददस चीज़ ढाप िक़हाती इन म स कोईभी चीज़ न छए वनार मर जाएग

16 हारन इमाम का बटा इलीअज़र पर मक़ददस ख़मऔर उस क सामान का इचाजर हो इस म चराग़ो कातल बख़र ग़लला की रोज़ाना नज़र और मसह का तलभी शािमल हrdquo

17 रब न मसा और हारन स कहा 18 ldquoख़बरदाररहो िक िक़हात क कब लावी क क़बील म स िमटनन पाए 19 चनाच जब वह मक़ददसतरीन चीज़ो कपास आए तो हारन और उस क बट हर एक कोउस सामान क पास ल जाए जो उस उठा कर लजाना ह तािक वह न मर बिलक जीत रह 20 िक़हातीएक लमह क िलए भी मक़ददस चीज़ दखन क िलएअनदर न जाए वनार वह मर जाएगrdquo

जसोरिनयो की िज़ममादािरया 21 िफर रब न मसा स कहा 22 ldquoजसोरन की औलाद

की मदरमशमारी भी उन क आबाई घरानो और कबोक मतािबक़ करना 23 उन तमाम मदोर को रिजसटरम दजर करना जो 30 स ल कर 50 साल क ह औरमलाक़ात क ख़म म िख़दमत क िलए आ सकत ह24 वह यह चीज़ उठा कर ल जान क िज़ममादार ह 25 मलाक़ात का ख़मा उस की छत छत पर रखीहई तख़स की खाल की पोिशश ख़म क दरवाज़का पदार 26 ख़म और क़बारनगाह की चारदीवारी कपद र चारदीवारी क दरवाज़ का पदार उस क रससऔर उस लगान का बाक़ी सामान वह उन तमामकामो क िज़ममादार ह जो इन चीज़ो स मनसिलकह 27 जसोरिनयो की परी िख़दमत हारन और उस कबटो की िहदायात क मतािबक़ हो ख़बरदार रहो िकवह सब कछ ऐन िहदायात क मतािबक़ उठा कर लजाए 28 यह सब मलाक़ात क ख़म म जसोरिनयो कीिज़ममादािरया ह इस काम म हारन इमाम का बटाइतमर उन पर मक़ररर हrdquo

िमरािरयो की िज़ममादािरया 29 रब न कहा ldquoिमरारी की औलाद की मदरमशमारी

भी उन क आबाई घरानो और कबो क मतािबक़करना 30 उन तमाम मदोर को रिजसटर म दजर करनाजो 30 स ल कर 50 साल क ह और मलाक़ातक ख़म म िख़दमत क िलए आ सकत ह 31 वहमलाक़ात क ख़म की यह चीज़ उठा कर ल जानक िज़ममादार ह दीवार क तख़त शहतीर खमबऔर पाए 32 िफर ख़म की चारदीवारी क खमब पाएमख़ रसस और यह चीज़ लगान का सामान हर एकको तफ़सील स बताना िक वह कया कया उठा करल जाए 33 यह सब कछ िमरािरयो की मलाक़ातक ख़म म िज़ममादािरयो म शािमल ह इस काम महारन इमाम का बटा इतमर उन पर मक़ररर होrdquo

160 िगनती 434ndash515

लािवयो की मदरमशमारी34 मसा हारन और जमाअत क राहनमाओ न

िक़हाितयो की मदरमशमारी उन क कबो और आबाईघरानो क मतािबक़ की 35ndash37 उनहो न उन तमाममदोर को रिजसटर म दजर िकया जो 30 स ल कर 50साल क थ और जो मलाक़ात क ख़म म िख़दमतकर सकत थ उन की कल तादाद 2750 थी मसाऔर हारन न सब कछ वसा ही िकया जसा रब नमसा की मािरफ़त फ़रमाया था 38ndash41 िफर जसोरिनयोकी मदरमशमारी उन क कबो और आबाई घरानोक मतािबक़ हई िख़दमत क लाइक़ मदोर की कलतादाद 2630 थी मसा और हारन न सब कछ वसाही िकया जसा रब न मसा क ज़रीए फ़रमाया था42ndash45 िफर िमरािरयो की मदरमशमारी उन क कबोऔर आबाई घरानो क मतािबक़ हई िख़दमत कलाइक़ मदोर की कल तादाद 3200 थी मसा औरहारन न सब कछ वसा ही िकया जसा रब न मसाक ज़रीए फ़रमाया था 46ndash48 लािवयो क उन मदोरकी कल तादाद 8580 थी िजनह मलाक़ात क ख़मम िख़दमत करना और सफ़र करत वक़त उस उठाकर ल जाना था

49 मसा न रब क हकम क मतािबक़ हर एक को उसकी अपनी अपनी िज़ममादारी सौपी और उस बतायािक उस कया कया उठा कर ल जाना ह य उन कीमदरमशमारी रब क उस हकम क ऐन मतािबक़ की गईजो उस न मसा की मािरफ़त िदया था

नापाक लोग ख़मागाह म नही रह सकत

5 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो को हकमद िक हर उस शख़स को ख़मागाह स बाहर कर

दो िजस को वबाई िजलदी बीमारी ह िजस क ज़ख़मोस माए िनकलता रहता ह या जो िकसी लाश कोछन स नापाक ह 3 ख़वाह मदर हो या औरत सबको ख़मागाह क बाहर भज दना तािक वह ख़मागाहको नापाक न कर जहा म तमहार दरिमयान सकनत

करता हrdquo 4 इसराईिलयो न वसा ही िकया जसा रबन मसा को कहा था उनहो न रब क हकम क ऐनमतािबक़ इस तरह क तमाम लोगो को ख़मागाह सबाहर कर िदया

ग़लत काम का मआवज़ा5 रब न मसा स कहा 6 ldquoइसराईिलयो को िहदायत

दना िक जो भी िकसी स ग़लत सलक कर वह मरसाथ बवफ़ाई करता ह और क़सरवार ह ख़वाहमदर हो या औरत 7 लािज़म ह िक वह अपना गनाहतसलीम कर और उस का परा मआवज़ा द बिलकमतअिससरा शख़स का नक़सान परा करन क इलावा20 फ़ीसद ज़यादा द 8 लिकन अगर वह शख़स िजसका क़सर िकया गया था मर चका हो और उसका कोई वािरस न हो जो यह मआवज़ा वसल करसक तो िफर उस रब को दना ह इमाम को यहमआवज़ा उस मढ क इलावा िमलगा जो क़सरवारअपन कफ़फ़ारा क िलए दगा 9ndash10 नीज़ इमाम कोइसराईिलयो की क़बारिनयो म स वह कछ िमलना हजो उठान वाली क़बारनी क तौर पर उस िदया जाताह यह िहससा िसफ़र इमामो को ही िमलना हrdquo

िज़ना क शक पर अललाह का फ़सला11 रब न मसा स कहा 12 ldquoइसराईिलयो को बताना

हो सकता ह िक कोई शादीशदा औरत भटक करअपन शौहर स बवफ़ा हो जाए और 13 िकसी औरस हमिबसतर हो कर नापाक हो जाए उस क शौहरन उस नही दखा कयिक यह पोशीदगी म हआ हऔर न िकसी न उस पकड़ा न इस का कोई गवाहह 14 अगर शौहर को अपनी बीवी की वफ़ादारी परशक हो और वह ग़रत खान लग लिकन यक़ीन सनही कह सकता िक मरी बीवी क़सरवार ह िक नही15 तो वह अपनी बीवी को इमाम क पास ल आएसाथ साथ वह अपनी बीवी क िलए क़बारनी क तौरपर जौ का डढ़ िकलोगराम बहतरीन मदा ल आए इसपर न तल उडला जाए न बख़र डाला जाए कयिक

िगनती 516ndash611 161ग़लला की यह नज़र ग़रत की नज़र ह िजस का मक़सदह िक पोशीदा क़सर ज़ािहर हो जाए 16 इमाम औरतको क़रीब आन द और रब क सामन खड़ा कर17 वह िमटटी का बतरन मक़ददस पानी स भर कर उसम मिक़दस क फ़शर की कछ ख़ाक डाल 18 िफर वहऔरत को रब को पश करक उस क बाल खलवाएऔर उस क हाथो पर मद की नज़र रख इमाम कअपन हाथ म कड़व पानी का वह बतरन हो जो लानतका बाइस ह

19 िफर वह औरत को क़सम िखला कर कहlsquoअगर कोई और आदमी आप स हमिबसतर नहीहआ ह और आप नापाक नही हई ह तो इस कड़वपानी की लानत का आप पर कोई असर न हो20 लिकन अगर आप भटक कर अपन शौहर सबवफ़ा हो गई ह और िकसी और स हमिबसतर होकर नापाक हो गई ह 21 तो रब आप को आप कीक़ौम क सामन लानती बनाए आप बाझ हो जाएऔर आप का पट फल जाए 22 जब लानत का यहपानी आप क पट म उतर तो आप बाझ हो जाएऔर आप का पट फल जाएrsquo इस पर औरत कहlsquoआमीन ऐसा ही होrsquo

23 िफर इमाम यह लानत िलख कर काग़ज़ को बतरनक पानी म य धो द िक उस पर िलखी हई बातपानी म घल जाए 24 बाद म वह औरत को यह पानीिपलाए तािक वह उस क िजसम म जा कर उस लानतपहचाए 25 लिकन पहल इमाम उस क हाथो म सग़रत की क़बारनी ल कर उस ग़लला की नज़र क तौरपर रब क सामन िहलाए और िफर क़बारनगाह कपास ल आए 26 उस पर वह मटठी भर यादगारी कीक़बारनी क तौर पर जलाए इस क बाद वह औरतको पानी िपलाए 27 अगर वह अपन शौहर स बवफ़ाथी और नापाक हो गई ह तो वह बाझ हो जाएगी उसका पट फल जाएगा और वह अपनी क़ौम क सामनलानती ठहरगी 28 लिकन अगर वह पाक-साफ़ हतो उस सज़ा नही दी जाएगी और वह बचच जनम दनक क़ािबल रहगी

29ndash30 चनाच ऐसा ही करना ह जब शौहर ग़रत खाएऔर उस अपनी बीवी पर िज़ना का शक हो बीवीको क़बारनगाह क सामन खड़ा िकया जाए और इमामयह सब कछ कर 31 इस सरत म शौहर बक़सरठहरगा लिकन अगर उस की बीवी न वाक़ई िज़नािकया हो तो उस अपन गनाह क नतीज बदारशत करनपड़गrdquo

जो अपन आप को मख़सस करत ह

6 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोिहदायत दना िक अगर कोई आदमी या औरत

मननत मान कर अपन आप को एक मक़रररा वक़त किलए रब क िलए मख़सस कर 3 तो वह म या कोईऔर नशाआवर चीज़ न िपए न वह अगर या िकसीऔर चीज़ का िसरका िपए न अगर का रस वहअगर या िकशिमश न खाए 4 जब तक वह मख़ससह वह अगर की कोई भी पदावार न खाए यहा तकिक अगर क बीज या िछलक भी न खाए 5 जब तकवह अपनी मननत क मतािबक़ मख़सस ह वह अपनबाल न कटवाए िजतनी दर क िलए उस न अपनआप को रब क िलए मख़सस िकया ह उतनी दर तकवह मक़ददस ह इस िलए वह अपन बाल बढ़न द6 जब तक वह मख़सस ह वह िकसी लाश क क़रीबन जाए 7 चाह वह उस क बाप मा भाई या बहन कीलाश कय न हो कयिक इस स वह नापाक हो जाएगाजबिक अभी तक उस की मख़सिसयत लमब बालोकी सरत म नज़र आती ह 8 वह अपनी मख़सिसयतक दौरान रब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस ह

9 अगर कोई अचानक मर जाए जब मख़सस शख़सउस क क़रीब हो तो उस क मख़सस बाल नापाकहो जाएग ऐसी सरत म लािज़म ह िक वह अपनआप को पाक-साफ़ करक सातव िदन अपन सरको मडवाए 10 आठव िदन वह दो क़िमरया या दोजवान कबतर ल कर मलाक़ात क ख़म क दरवाज़पर आए और इमाम को द 11 इमाम इन म स एकको गनाह की क़बारनी क तौर पर चढ़ाए और दसर

162 िगनती 612ndash77को भसम होन वाली क़बारनी क तौर पर य वह उसक िलए कफ़फ़ारा दगा जो लाश क क़रीब होन सनापाक हो गया ह उसी िदन वह अपन सर को दबारामख़सस कर 12 और अपन आप को मक़रररा वक़त किलए दबारा रब क िलए मख़सस कर वह क़सर कीक़बारनी क तौर पर एक साल का भड़ का बचचा पशकर िजतन िदन उस न पहल मख़सिसयत की हालतम गज़ार ह वह शमार नही िकए जा सकत कयिकवह मख़सिसयत की हालत म नापाक हो गया थावह दबारा पहल िदन स शर कर

13 शरीअत क मतािबक़ जब मख़सस शख़स कामक़रररा वक़त गज़र गया हो तो पहल उस मलाक़ात कख़म क दरवाज़ पर लाया जाए 14 वहा वह रब कोभसम होन वाली क़बारनी क िलए भड़ का एक बऐबयकसाला नर बचचा गनाह की क़बारनी क िलए एकबऐब यकसाला भड़ और सलामती की क़बारनी किलए एक बऐब मढा पश कर 15 इस क इलावा वहएक टोकरी म बख़मीरी रोिटया िजन म बहतरीन मदाऔर तल िमलाया गया हो और बख़मीरी रोिटया िजनपर तल लगाया गया हो मतािललक़ा ग़लला की नज़र औरम की नज़र क साथ 16 रब को पश कर पहल इमामगनाह की क़बारनी और भसम होन वाली क़बारनी रबक हज़र चढ़ाए 17 िफर वह मढ को बख़मीरी रोिटयोक साथ सलामती की क़बारनी क तौर पर पश करइमाम ग़लला की नज़र और म की नज़र भी चढ़ाए18 इस दौरान मख़सस शख़स मलाक़ात क ख़म परअपन मख़सस िकए गए सर को मडवा कर तमामबाल सलामती की क़बारनी की आग म फक

19 िफर इमाम मढ का एक पका हआ शाना औरटोकरी म स दोनो िक़समो की एक एक रोटी ल करमख़सस शख़स क हाथो पर रख 20 इस क बाद वहयह चीज़ वापस ल कर उनह िहलान की क़बारनीक तौर पर रब क सामन िहलाए यह एक मक़ददसक़बारनी ह जो इमाम का िहससा ह सलामती कीक़बारनी का िहलाया हआ सीना और उठाई हई रान

भी इमाम का िहससा ह क़बारनी क इख़ितताम परमख़सस िकए हए शख़स को म पीन की इजाज़त ह

21 जो अपन आप को रब क िलए मख़सस करता हवह ऐसा ही कर लािज़म ह िक वह इन िहदायात कमतािबक़ तमाम क़बारिनया पश कर अगर गनजाइशहो तो वह और भी पश कर सकता ह बहरहाललािज़म ह िक वह अपनी मननत और यह िहदायातपरी करrdquo

इमाम की बरकत22 रब न मसा स कहा 23 ldquoहारन और उस क बटो

को बता दना िक वह इसराईिलयो को य बरकत द24 lsquoरब तझ बरकत द और तरी िहफ़ाज़त कर25 रब अपन िचहर का महरबान नर तझ पर

चमकाए और तझ पर रहम कर26 रब की नज़र-ए-करम तझ पर हो और वह तझ

सलामती बख़शrsquo27 य वह मरा नाम ल कर इसराईिलयो को बरकत

द िफर म उनह बरकत दगाrdquo

मिक़दस की मख़सिसयत क हिदए

7 1 िजस िदन मिक़दस मकममल हआ उसी िदनमसा न उस मख़सस-ओ-मक़ददस िकया इस क

िलए उस न ख़म उस क तमाम सामान क़बारनगाहऔर उस क तमाम सामान पर तल िछड़का 2ndash3 िफरक़बीलो क बारह सरदार मिक़दस क िलए हिदए लकर आए यह वही राहनमा थ िजनहो न मदरमशमारीक वक़त मसा की मदद की थी उनहो न छत वालीछ बल गािड़या और बारह बल ख़म क सामनरब को पश िकए दो दो सरदारो की तरफ़ स एकबलगाड़ी और हर एक सरदार की तरफ़ स एक बल

4 रब न मसा स कहा 5 ldquoयह तहफ़ क़बल करकमलाक़ात क ख़म क काम क िलए इसतमाल करउनह लािवयो म उन की िख़दमत की ज़ररत कमतािबक़ तक़सीम करनाrdquo 6 चनाच मसा न बलगािड़या और बल लािवयो को द िदए 7 उस न दो

िगनती 78ndash84 163बल गािड़या चार बलो समत जसोरिनयो को 8 औरचार बल गािड़या आठ बलो समत िमरािरयो को दीिमरारी हारन इमाम क बट इतमर क तहत िख़दमतकरत थ 9 लिकन मसा न िक़हाितयो को न बलगािड़या और न बल िदए वजह यह थी िक जोमक़ददस चीज़ उन क सपदर थी वह उन को कधोपर उठा कर ल जानी थी

10 बारह सरदार क़बारनगाह की मख़सिसयत कमौक़ पर भी हिदए ल आए उनहो न अपन हिदएक़बारनगाह क सामन पश िकए 11 रब न मसा सकहा ldquoसरदार बारह िदन क दौरान बारी बारी अपनहिदए पश करrdquo 12 पहल िदन यहदाह क सरदारनहसोन िबन अममीनदाब की बारी थी उस क हिदएयह थ 13 चादी का थाल िजस का वज़न डढ़िकलोगराम था और िछड़काओ का चादी का कटोरािजस का वज़न 800 गराम था दोनो ग़लला की नज़रक िलए तल क साथ िमलाए गए बहतरीन मद स भरहए थ 14 इन क इलावा नहसोन न यह चीज़ पश की सोन का पयाला िजस का वज़न 110 गराम था औरजो बख़र स भरा हआ था 15 एक जवान बल एकमढा भसम होन वाली क़बारनी क िलए भड़ का एकयकसाला बचचा 16 गनाह की क़बारनी क िलए एकबकरा 17 और सलामती की क़बारनी क िलए दो बलपाच मढ पाच बकर और भड़ क पाच यकसालाबचच

18ndash23 अगल गयारह िदन बाक़ी सरदार भी यहीहिदए मिक़दस क पास ल आए दसर िदन इशकारक सरदार नतनीएल िबन ज़ग़र की बारी थी24ndash29 तीसर िदन ज़बलन क सरदार इिलयाब िबनहलोन की 30ndash47 चौथ िदन रिबन क सरदार इलीसरिबन शिदयर की पाचव िदन शमाऊन क सरदारसलमीएल िबन सरीशददी की छट िदन जद कसरदार इिलयासफ़ िबन दऊएल की 48ndash53 सातविदन इफ़राईम क सरदार इलीसमा िबन अममीहदकी 54ndash71 आठव िदन मनससी क सरदार जमलीएलिबन फ़दाहसर की नव िदन िबनयमीन क सरदार

अिबदान िबन िजदाऊनी की दसव िदन दान कसरदार अख़ीअज़र िबन अममीशददी की 72ndash83 गयारविदन आशर क सरदार फ़जईएल िबन अकरान की औरबारहव िदन नफ़ताली क सरदार अख़ीरा िबन एनानकी बारी थी

84 इसराईल क इन सरदारो न िमल कर क़बारनगाहकी मख़सिसयत क िलए चादी क 12 थालिछड़काओ क चादी क 12 कटोर और सोन क12 पयाल पश िकए 85 हर थाल का वज़न डढ़िकलोगराम और िछड़काओ क हर कटोर का वज़न800 गराम था इन चीज़ो का कल वज़न तक़रीबन 28िकलोगराम था 86 बख़र स भर हए सोन क पयालोका कल वज़न तक़रीबन डढ़ िकलोगराम था (फ़ीपयाला 110 गराम) 87 सरदारो न िमल कर भसम होनवाली क़बारनी क िलए 12 जवान बल 12 मढ औरभड़ क 12 यकसाला बचच उन की ग़लला की नज़रोसमत पश िकए गनाह की क़बारनी क िलए उनहो न12 बकर पश िकए 88 और सलामती की क़बारनी किलए 24 बल 60 मढ 60 बकर और भड़ क 60यकसाला बचच इन तमाम जानवरो को क़बारनगाहकी मख़सिसयत क मौक़ पर चढ़ाया गया

89 जब मसा मलाक़ात क ख़म म रब क साथ बातकरन क िलए दािख़ल होता था तो वह रब कीआवाज़ अहद क सनदक़ क ढकन पर स यानी दोकरबी फ़िरशतो क दरिमयान स सनता था

शमादान पर चराग़

8 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoहारन को बतानाlsquoतझ सात चराग़ो को शमादान पर य रखना

ह िक वह शमादान का सामन वाला िहससा रौशनकरrsquordquo

3 हारन न ऐसा ही िकया िजस तरह रब न मसा कोहकम िदया था उसी तरह उस न चराग़ो को रख िदयातािक वह सामन वाला िहससा रौशन कर 4 शमादानपाए स ल कर ऊपर की किलयो तक सोन क एकघड़ हए टकड़ का बना हआ था मसा न उस उस

164 िगनती 85ndash95नमन क ऐन मतािबक़ बनवाया जो रब न उस िदखायाथा

लािवयो की मख़सिसयत5 रब न मसा स कहा 6 ldquoलािवयो को दीगर

इसराईिलयो स अलग करक पाक-साफ़ करना 7 इसक िलए गनाह स पाक करन वाला पानी उन परिछड़क कर उनह हकम दना िक अपन िजसम कपर बाल मडवाओ और अपन कपड़ धोओ य वहपाक-साफ़ हो जाएग 8 िफर वह एक जवान बल चनऔर साथ की ग़लला की नज़र क िलए तल क साथिमलाया गया बहतरीन मदा ल त ख़द भी एक जवानबल चन वह गनाह की क़बारनी क िलए होगा

9 इस क बाद लािवयो को मलाक़ात क ख़म कसामन खड़ा करक इसराईल की परी जमाअत कोवहा जमा करना 10 जब लावी रब क सामन खड़ होतो बाक़ी इसराईली उन क सरो पर अपन हाथ रख11 िफर हारन लािवयो को रब क सामन पश करउनह इसराईिलयो की तरफ़ स िहलाई हई क़बारनी कीहिसयत स पश िकया जाए तािक वह रब की िख़दमतकर सक 12 िफर लावी अपन हाथ दोनो बलो कसरो पर रख एक बल को गनाह की क़बारनी क तौरपर और दसर को भसम होन वाली क़बारनी क तौरपर चढ़ाओ तािक लािवयो का कफ़फ़ारा िदया जाए

13 लािवयो को इस तरीक़ स हारन और उस कबटो क सामन खड़ा करक रब को िहलाई हई क़बारनीक तौर पर पश करना ह 14 उनह बाक़ी इसराईिलयोस अलग करन स वह मरा िहससा बनग 15 इस कबाद ही वह मलाक़ात क ख़म म आ कर िख़दमतकर कयिक अब वह िख़दमत करन क लाइक़ हउनह पाक-साफ़ करक िहलाई हई क़बारनी क तौर परपश करन का सबब यह ह 16 िक लावी इसराईिलयोम स वह ह जो मझ पर तौर पर िदए गए ह म नउनह इसराईिलयो क तमाम पहलौठो की जगह लिलया ह 17 कयिक इसराईल म हर पहलौठा मरा हख़वाह वह इनसान का हो या हवान का उस िदन

जब म न िमिसरयो क पहलौठो को मार िदया म नइसराईल क पहलौठो को अपन िलए मख़सस-ओ-मक़ददस िकया 18 इस िसलिसल म म न लािवयोको इसराईिलयो क तमाम पहलौठो की जगह ल कर19 उनह हारन और उस क बटो को िदया ह वहमलाक़ात क ख़म म इसराईिलयो की िख़दमत करऔर उन क िलए कफ़फ़ारा का इिनतज़ाम क़ाइम रखतािक जब इसराईली मिक़दस क क़रीब आए तो उनको वबा स मारा न जाएrdquo

20 मसा हारन और इसराईिलयो की परी जमाअतन एहितयात स रब की लािवयो क बार म िहदायातपर अमल िकया 21 लािवयो न अपन आप कोगनाहो स पाक-साफ़ करक अपन कपड़ो को धोयािफर हारन न उनह रब क सामन िहलाई हई क़बारनीक तौर पर पश िकया और उन का कफ़फ़ारा िदयातािक वह पाक हो जाए 22 इस क बाद लावीमलाक़ात क ख़म म आए तािक हारन और उस कबटो क तहत िख़दमत कर य सब कछ वसा हीिकया गया जसा रब न मसा को हकम िदया था

23 रब न मसा स यह भी कहा 24 ldquoलावी 25 सालकी उमर म मलाक़ात क ख़म म अपनी िख़दमत शरकर 25 और 50 साल की उमर म िरटायर हो जाए26 इस क बाद वह मलाक़ात क ख़म म अपन भाइयोकी मदद कर सकत ह लिकन ख़द िख़दमत नही करसकत तझ लािवयो को इन िहदायात क मतािबक़उन की अपनी अपनी िज़ममादािरया दनी हrdquo

रिगसतान म ईद-ए-फ़सह

9 1 इसराईिलयो को िमसर स िनकल एक साल होगया था दसर साल क पहल महीन म रब न

दशत-ए-सीना म मसा स बात की2 ldquoलािज़म ह िक इसराईली ईद-ए-फ़सह को मक़रररा

वक़त पर मनाए 3 यानी इस महीन क चौधव िदनसरज क ग़रब होन क ऐन बाद उस तमाम क़वाइदक मतािबक़ मनानाrdquo 4 चनाच मसा न इसराईिलयो सकहा िक वह ईद-ए-फ़सह मनाए 5 और उनहो न ऐसा

िगनती 96ndash106 165ही िकया उनहो न ईद-ए-फ़सह को पहल महीन कचौधव िदन सरज क ग़रब होन क ऐन बाद मनायाउनहो न सब कछ वसा ही िकया जसा रब न मसाको हकम िदया था

6 लिकन कछ आदमी नापाक थ कयिक उनहो नलाश छ ली थी इस वजह स वह उस िदन ईद-ए-फ़सह न मना सक वह मसा और हारन क पास आकर 7 कहन लग ldquoहम न लाश छ ली ह इस िलएनापाक ह लिकन हम इस सबब स ईद-ए-फ़सह कोमनान स कय रोका जाए हम भी मक़रररा वक़त परबाक़ी इसराईिलयो क साथ रब की क़बारनी पश करनाचाहत हrdquo 8 मसा न जवाब िदया ldquoयहा मर इिनतज़ारम खड़ रहो म मालम करता ह िक रब तमहार बारम कया हकम दता हrdquo

9 रब न मसा स कहा 10 ldquoइसराईिलयो को बता दनािक अगर तम या तमहारी औलाद म स कोई ईद-ए-फ़सह क दौरान लाश छन स नापाक हो या िकसीदरदराज़ इलाक़ म सफ़र कर रहा हो तो भी वहईद मना सकता ह 11 ऐसा शख़स उस ऐन एक माहक बाद मना कर लल क साथ बख़मीरी रोटी औरकड़वा साग-पात खाए 12 खान म स कछ भी अगलीसबह तक बाक़ी न रह जानवर की कोई भी हडडीन तोड़ना मनान वाला ईद-ए-फ़सह क पर फ़राइज़अदा कर 13 लिकन जो पाक होन और सफ़र न करनक बावजद भी ईद-ए-फ़सह को न मनाए उस उसकी क़ौम म स िमटाया जाए कयिक उस न मक़रररावक़त पर रब को क़बारनी पश नही की उस शख़सको अपन गनाह का नतीजा भगतना पड़गा 14 अगरकोई परदसी तमहार दरिमयान रहत हए रब क सामनईद-ए-फ़सह मनाना चाह तो उस इजाज़त ह शतर यहह िक वह पर फ़राइज़ अदा कर परदसी और दसीक िलए ईद-ए-फ़सह मनान क फ़राइज़ एक जस हrdquo

मलाक़ात क ख़म पर बादल का सतन15 िजस िदन शरीअत क मक़ददस ख़म को खड़ा

िकया गया उस िदन बादल आ कर उस पर छा गया

रात क वक़त बादल आग की सरत म नज़र आया16 इस क बाद यही सरत-ए-हाल रही िक बादल उसपर छाया रहता और रात क दौरान आग की सरतम नज़र आता 17 जब भी बादल ख़म पर स उठताइसराईली रवाना हो जात जहा भी बादल उतर जातावहा इसराईली अपन डर डालत 18 इसराईली रबक हकम पर रवाना होत और उस क हकम पर डरडालत जब तक बादल मिक़दस पर छाया रहता उसवक़त तक वह वही ठहरत 19 कभी कभी बादलबड़ी दर तक ख़म पर ठहरा रहता तब इसराईलीरब का हकम मान कर रवाना न होत 20 कभी कभीबादल िसफ़र दो चार िदन क िलए ख़म पर ठहरतािफर वह रब क हकम क मतािबक़ ही ठहरत औररवाना होत थ 21 कभी कभी बादल िसफ़र शाम सल कर सबह तक ख़म पर ठहरता जब वह सबहक वक़त उठता तो इसराईली भी रवाना होत थ जबभी बादल उठता वह भी रवाना हो जात 22 जब तकबादल मक़ददस ख़म पर छाया रहता उस वक़त तकइसराईली रवाना न होत चाह वह दो िदन एक माहएक साल या इस स ज़यादा असार मिक़दस पर छायारहता लिकन जब वह उठता तो इसराईली भी रवानाहो जात 23 वह रब क हकम पर ख़म लगात औरउस क हकम पर रवाना होत थ वह वसा ही करतथ जसा रब मसा की मािरफ़त फ़रमाता था

10 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoचादी क दोिबगल घड़ कर बनवा ल उनह जमाअत

को जमा करन और क़बीलो को रवाना करन क िलएइसतमाल कर 3 जब दोनो को दर तक बजाया जाएतो परी जमाअत मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ परआ कर तर सामन जमा हो जाए 4 लिकन अगर एकही बजाया जाए तो िसफ़र कबो क बज़गर तर सामनजमा हो जाए 5 अगर उन की आवाज़ िसफ़र थोड़ीदर क िलए सनाई द तो मिक़दस क मशिरक़ म मौजदक़बील रवाना हो जाए 6 िफर जब उन की आवाज़दसरी बार थोड़ी दर क िलए सनाई द तो मिक़दस कजनब म मौजद क़बील रवाना हो जाए जब उन की

166 िगनती 107ndash32आवाज़ थोड़ी दर क िलए सनाई द तो यह रवाना होनका एलान होगा 7 इस क मक़ाबल म जब उन कीआवाज़ दर तक सनाई द तो यह इस बात का एलानहोगा िक जमाअत जमा हो जाए

8 िबगल बजान की िज़ममादारी हारन क बटो यानीइमामो को दी जाए यह तमहार और आन वालीनसलो क िलए दाइमी उसल हो 9 उन की आवाज़उस वक़त भी थोड़ी दर क िलए सना दो जब तमअपन मलक म िकसी ज़ािलम दशमन स जग लड़नक िलए िनकलोग तब रब तमहारा ख़दा तमह यादकरक दशमन स बचाएगा

10 इसी तरह उन की आवाज़ मिक़दस म ख़शी कमौक़ो पर सनाई द यानी मक़रररा ईदो और नए चादकी ईदो पर इन मौक़ो पर वह भसम होन वालीक़बारिनया और सलामती की क़बारिनया चढ़ात वक़तबजाए जाए िफर तमहारा ख़दा तमह याद करगा मरब तमहारा ख़दा हrdquo

सीना पहाड़ स रवानगी11 इसराईिलयो को िमसर स िनकल एक साल स

ज़ाइद असार हो चका था दसर साल क बीसविदन बादल मलाक़ात क ख़म पर स उठा 12 िफरइसराईली मक़रररा ततीरब क मतािबक़ दशत-ए-सीना सरवाना हए चलत चलत बादल फ़ारान क रिगसतानम उतर आया

13 उस वक़त वह पहली दफ़ा उस ततीरब स रवानाहए जो रब न मसा की मािरफ़त मक़ररर की थी14 पहल यहदाह क क़बील क तीन दसत अपन अलमक तहत चल पड़ तीनो का कमाडर नहसोन िबनअममीनदाब था 15 साथ चलन वाल क़बील इशकारका कमाडर नतनीएल िबन ज़ग़र था 16 ज़बलन काक़बीला भी साथ चला िजस का कमाडर इिलयाबिबन हलोन था 17 इस क बाद मलाक़ात का ख़माउतारा गया जसोरनी और िमरारी उस उठा कर चलिदए 18 इन लािवयो क बाद रिबन क क़बील कतीन दसत अपन अलम क तहत चलन लग तीनो

का कमाडर इलीसर िबन शिदयर था 19 साथ चलनवाल क़बील शमाऊन का कमाडर सलमीएल िबनसरीशददी था 20 जद का क़बीला भी साथ चला िजसका कमाडर इिलयासफ़ िबन दऊएल था 21 िफरलािवयो म स िक़हाती मिक़दस का सामान उठा कररवाना हए लािज़म था िक उन क अगली मिनज़लपर पहचन तक मलाक़ात का ख़मा लगा िदया गयाहो 22 इस क बाद इफ़राईम क क़बील क तीन दसतअपन अलम क तहत चल िदए उन का कमाडरइलीसमा िबन अममीहद था 23 इफ़राईम क साथचलन वाल क़बील मनससी का कमाडर जमलीएलिबन फ़दाहसर था 24 िबनयमीन का क़बीला भी साथचला िजस का कमाडर अिबदान िबन िजदाऊनी था25 आिख़र म दान क तीन दसत अक़बी महािफ़ज़क तौर पर अपन अलम क तहत रवाना हए उनका कमाडर अख़ीअज़र िबन अममीशददी था 26 दानक साथ चलन वाल क़बील आशर का कमाडरफ़जईएल िबन अकरान था 27 नफ़ताली का क़बीलाभी साथ चला िजस का कमाडर अख़ीरा िबन एनानथा 28 इसराईली इसी ततीरब स रवाना हए

मसा होबाब को साथ चलन पर मजबर करता ह29 मसा न अपन िमिदयानी ससर रऊएल यानी ियतरो

क बट होबाब स कहा ldquoहम उस जगह क िलएरवाना हो रह ह िजस का वादा रब न हम स िकया हहमार साथ चल हम आप पर एहसान करग कयिकरब न इसराईल पर एहसान करन का वादा िकयाहrdquo 30 लिकन होबाब न जवाब िदया ldquoम साथ नहीजाऊगा बिलक अपन मलक और िरशतदारो क पासवापस चला जाऊगाrdquo 31 मसा न कहा ldquoमहरबानीकरक हम न छोड़ कयिक आप ही जानत ह िक हमरिगसतान म कहा कहा अपन डर डाल सकत हआप रिगसतान म हम रासता िदखा सकत ह 32 अगरआप हमार साथ जाए तो हम आप को उस एहसानम शरीक करग जो रब हम पर करगाrdquo

िगनती 1033ndash1118 167

अहद क सनदक़ का सफ़र33 चनाच उनहो न रब क पहाड़ स रवाना हो कर

तीन िदन सफ़र िकया इस दौरान रब का अहद कासनदक़ उन क आग आग चला तािक उन क िलएआराम करन की जगह मालम कर 34 जब कभीवह रवाना होत तो रब का बादल िदन क वक़तउन क ऊपर रहता 35 सनदक़ क रवाना होत वक़तमसा कहता ldquoऐ रब उठ तर दशमन ितततर-िबततरहो जाए तझ स नफ़रत करन वाल तर सामन सफ़रार हो जाएrdquo 36 और जब भी वह रक जाता तोमसा कहता ldquoऐ रब इसराईल क हज़ारो ख़ानदानोक पास वापस आrdquo

तबएरा म रब की आग

11 1 एक िदन लोग ख़ब िशकायत करन लगजब यह िशकायत रब तक पहची तो उस

ग़ससा आया और उस की आग उन क दरिमयानभड़क उठी जलत जलत उस न ख़मागाह का एकिकनारा भसम कर िदया 2 लोग मदद क िलए मसा कपास आ कर िचललान लग तो उस न रब स दआ कीऔर आग बझ गई 3 उस मक़ाम का नाम तबएरायानी जलना पड़ गया कयिक रब की आग उन कदरिमयान जल उठी थी

मसा 70 राहनमा चनता ह4 इसराईिलयो क साथ जो अजनबी सफ़र कर रह

थ वह गोशत खान की शदीद आज़र करन लग तबइसराईली भी रो पड़ और कहन लग ldquoकौन हम गोशतिखलाएगा 5 िमसर म हम मछली मफ़त खा सकतथ हाय वहा क खीर तरबज़ गनदन पयाज़ औरलहसन िकतन अचछ थ 6 लिकन अब तो हमारीजान सख गई ह यहा बस मन ही मन नज़र आतारहता हrdquo

7 मन धिनए क दानो की मािननद था और उस कारग गगल क गद की मािननद था 8ndash9 रात क वक़त

वह ख़मागाह म ओस क साथ ज़मीन पर िगरता थासबह क वक़त लोग इधर उधर घमत िफरत हए उसजमा करत थ िफर वह उस चककी म पीस कर याउखली म कट कर उबालत या रोटी बनात थ उसका ज़ाइक़ा ऐसी रोटी का सा था िजस म ज़तन कातल डाला गया हो

10 तमाम ख़ानदान अपन अपन ख़म क दरवाज़ पररोन लग तो रब को शदीद ग़ससा आया उन का शोरमसा को भी बहत बरा लगा 11 उस न रब स पछाldquoत न अपन ख़ािदम क साथ इतना बरा सलक कय िकया म न िकस काम स तझ इतना नाराज़ िकयािक त न इन तमाम लोगो का बोझ मझ पर डालिदया 12 कया म न हािमला हो कर इस परी क़ौमको जनम िदया िक त मझ स कहता ह lsquoइस उस तरहउठा कर ल चलना िजस तरह आया शीरख़वार बचचको उठा कर हर जगह साथ िलए िफरती ह इसीतरह इस उस मलक म ल जाना िजस का वादा मन क़सम खा कर इन क बापदादा स िकया हrsquo 13 ऐअललाह म इन तमाम लोगो को कहा स गोशत महययाकर वह मर सामन रोत रहत ह िक हम खान किलए गोशत दो 14 म अकला इन तमाम लोगो कीिज़ममादारी नही उठा सकता यह बोझ मर िलए हदस ज़यादा भारी ह 15 अगर त इस पर इसरार कर तोिफर बहतर ह िक अभी मझ मार द तािक म अपनीतबाही न दखrdquo

16 जवाब म रब न मसा स कहा ldquoमर पास इसराईलक 70 बज़गर जमा कर िसफ़र ऐस लोग चन िजन कबार म तझ मालम ह िक वह लोगो क बज़गर औरिनगहबान ह उनह मलाक़ात क ख़म क पास ल आवहा वह तर साथ खड़ हो जाए 17 तो म उतर करतर साथ हमकलाम हगा उस वक़त म उस रह म सकछ लगा जो म न तझ पर नािज़ल िकया था और उसउन पर नािज़ल करगा तब वह क़ौम का बोझ उठानम तरी मदद करग और त इस म अकला नही रहगा18 लोगो को बताना lsquoअपन आप को मख़सस-ओ-मक़ददस करो कयिक कल तम गोशत खाओग रब

168 िगनती 1119ndash124न तमहारी सनी जब तम रो पड़ िक कौन हम गोशतिखलाएगा िमसर म हमारी हालत बहतर थी अबरब तमह गोशत महयया करगा और तम उस खाओग19 तम उस न िसफ़र एक दो या पाच िदन खाओगबिलक 10 या 20 िदन स भी ज़यादा अस र तक 20 तमएक परा महीना ख़ब गोशत खाओग यहा तक िकवह तमहारी नाक स िनकलगा और तमह उस स िघनआएगी और यह इस सबब स होगा िक तम न रबको जो तमहार दरिमयान ह रदद िकया और रोत रोतउस क सामन कहा िक हम कय िमसर स िनकलrsquordquo

21 लिकन मसा न एितराज़ िकया ldquoअगर क़ौम कपदल चलन वाल िगन जाए तो छः लाख ह त िकसतरह हम एक माह तक गोशत महयया करगा 22 कयागाय-बलो या भड़-बकिरयो को इतनी िमक़दार मज़बह िकया जा सकता ह िक काफ़ी हो अगरसमनदर की तमाम मछिलया उन क िलए पकड़ी जाएतो कया काफ़ी होगीrdquo

23 रब न कहा ldquoकया रब का इख़ितयार कम हअब त ख़द दख लगा िक मरी बात दरसत ह िकनहीrdquo

24 चनाच मसा न वहा स िनकल कर लोगो कोरब की यह बात बताई उस न उन क बज़गोर म स70 को चन कर उनह मलाक़ात क ख़म क इदरिगदरखड़ा कर िदया 25 तब रब बादल म उतर कर मसास हमकलाम हआ जो रह उस न मसा पर नािज़लिकया था उस म स उस न कछ ल कर उन 70 बज़गोरपर नािज़ल िकया जब रह उन पर आया तो वहनबववत करन लग लिकन ऐसा िफर कभी न हआ

26 अब ऐसा हआ िक इन सततर बज़गोर म स दोख़मागाह म रह गए थ उन क नाम इलदाद और मदादथ उनह चना तो गया था लिकन वह मलाक़ात कख़म क पास नही आए थ इस क बावजद रह उनपर भी नािज़ल हआ और वह ख़मागाह म नबववतकरन लग 27 एक नौजवान भाग कर मसा क पासआया और कहा ldquoइलदाद और मदाद ख़मागाह म हीनबववत कर रह हrdquo

28 यशअ िबन नन जो जवानी स मसा का मददगारथा बोल उठा ldquoमसा मर आक़ा उनह रोक दrdquo29 लिकन मसा न जवाब िदया ldquoकया त मरी ख़ाितरग़रत खा रहा ह काश रब क तमाम लोग नबी होतऔर वह उन सब पर अपना रह नािज़ल करताrdquo30 िफर मसा और इसराईल क बज़गर ख़मागाह मवापस आए

31 तब रब की तरफ़ स ज़ोरदार हवा चलन लगीिजस न समनदर को पार करन वाल बटरो क ग़ोलधकल कर ख़मागाह क इदरिगदर ज़मीन पर फक िदएउन क ग़ोल तीन फ़ट ऊच और ख़मागाह क चारोतरफ़ 30 िकलोमीटर तक पड़ रह 32 उस पर िदनऔर रात और अगल पर िदन लोग िनकल कर बटरजमा करत रह हर एक न कम अज़ कम दस बड़ीटोकिरया भर ली िफर उनहो न उन का गोशत ख़मक इदरिगदर ज़मीन पर फला िदया तािक वह ख़शक होजाए

33 लिकन गोशत क पहल टकड़ अभी मह म थिक रब का ग़ज़ब उन पर आन पड़ा और उस न उनम सख़त वबा फलन दी 34 चनाच मक़ाम का नामक़बरोत-हततावा यानी lsquoलालच की क़बरrsquo रखा गयाकयिक वहा उनहो न उन लोगो को दफ़न िकया जोगोशत क लालच म आ गए थ

35 इस क बाद इसराईली क़बरोत-हततावा स रवानाहो कर हसीरात पहच गए वहा वह ख़माज़न हए

मिरयम और हारन की मख़ालफ़त

12 1 एक िदन मिरयम और हारन मसा किख़लाफ़ बात करन लग वजह यह थी िक

उस न कश की एक औरत स शादी की थी 2 उनहो नपछा ldquoकया रब िसफ़र मसा की मािरफ़त बात करताह कया उस न हम स भी बात नही कीrdquo रब न उनकी यह बात सनी

3 लिकन मसा िनहायत हलीम था दिनया म उसजसा हलीम कोई नही था 4 अचानक रब मसा

िगनती 125ndash1320 169हारन और मिरयम स मख़ाितब हआ ldquoतम तीनोबाहर िनकल कर मलाक़ात क ख़म क पास आओrdquo

तीनो वहा पहच 5 तब रब बादल क सतन म उतरकर मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ पर खड़ा हआउस न हारन और मिरयम को बलाया तो दोनो आए6 उस न कहा ldquoमरी बात सनो जब तमहार दरिमयाननबी होता ह तो म अपन आप को रोया म उस परज़ािहर करता ह या ख़वाब म उस स मख़ाितब होताह 7 लिकन मर ख़ािदम मसा की और बात ह उसम न अपन पर घरान पर मक़ररर िकया ह 8 उस सम र-ब-र हमकलाम होता ह उस स म मअममोक ज़रीए नही बिलक साफ़ साफ़ बात करता ह वहरब की सरत दखता ह तो िफर तम मर ख़ािदम किख़लाफ़ बात करन स कय न डरrdquo

9 रब का ग़ज़ब उन पर आन पड़ा और वह चलागया 10 जब बादल का सतन ख़म स दर हआ तोमिरयम की िजलद बफ़र की मािननद सफ़द थी वहकोढ़ का िशकार हो गई थी हारन उस की तरफ़मड़ा तो उस की हालत दखी 11 और मसा स कहाldquoमर आक़ा महरबानी करक हम इस गनाह की सज़ान द जो हमारी हमाक़त क बाइस सरज़द हआ ह12 मिरयम को इस हालत म न छोड़ वह तो ऐस बचचकी मािननद ह जो मदार पदा हआ हो िजस क िजसमका आधा िहससा गल चका होrdquo

13 तब मसा न पकार कर रब स कहा ldquoऐ अललाहमहरबानी करक उस िशफ़ा दrdquo 14 रब न जवाब ममसा स कहा ldquoअगर मिरयम का बाप उस क महपर थकता तो कया वह पर हफ़त तक शमर महसस नकरती उस एक हफ़त क िलए ख़मागाह क बाहरबनद रख इस क बाद उस वापस लाया जा सकताहrdquo

15 चनाच मिरयम को एक हफ़त क िलए ख़मागाहक बाहर बनद रखा गया लोग उस वक़त तक सफ़रक िलए रवाना न हए जब तक उस वापस न लायागया 16 जब वह वापस आई तो इसराईली हसीरात सरवाना हो कर फ़ारान क रिगसतान म ख़माज़न हए

मलक-ए-कनआन म इसराईली जासस

13 1 िफर रब न मसा स कहा 2 ldquoकछ आदमीमलक-ए-कनआन का जाइज़ा लन क िलए

भज द कयिक म उस इसराईिलयो को दन को ह हरक़बील म स एक राहनमा को चन कर भज दrdquo

3 मसा न रब क कहन पर उनह दशत-ए-फ़ारान सभजा सब इसराईली राहनमा थ 4 उन क नाम यह ह रिबन क क़बील स सममअ िबन ज़ककर

5 शमाऊन क क़बील स साफ़त िबन होरी6 यहदाह क क़बील स कािलब िबन यफ़नना7 इशकार क क़बील स इजाल िबन यसफ़8 इफ़राईम क क़बील स होसअ िबन नन9 िबनयमीन क क़बील स फ़लती िबन रफ़10 ज़बलन क क़बील स जददीएल िबन सोदी11 यसफ़ क बट मनससी क क़बील स िजददी िबन

ससी12 दान क क़बील स अममीएल िबन जमलली13 आशर क क़बील स सतर िबन मीकाएल14 नफ़ताली क क़बील स नख़बी िबन वफ़सी15 जद क क़बील स िजयएल िबन माकी16 मसा न इन ही बारह आदिमयो को मलक का

जाइज़ा लन क िलए भजा उस न होसअ का नामयशअ यानी lsquoरब नजात हrsquo म बदल िदया

17 उनह रख़सत करन स पहल उस न कहा ldquoदशत-ए-नजब स गज़र कर पहाड़ी इलाक़ तक पहचो18 मालम करो िक यह िकस तरह का मलक ह औरउस क बािशनद कस ह कया वह ताक़तवर हया कमज़ोर तादाद म कम ह या ज़यादा 19 िजसमलक म वह बसत ह कया वह अचछा ह िक नहीवह िकस िक़सम क शहरो म रहत ह कया उनकी चारदीवािरया ह िक नही 20 मलक की ज़मीनज़रख़ज़ ह या बजर उस म दरख़त ह िक नहीऔर जरअत करक मलक का कछ फल चन कर लआओrdquo उस वक़त पहल अगर पक गए थ

170 िगनती 1321ndash14921 चनाच इन आदिमयो न सफ़र करक दशत-ए-सीन

स रहोब तक मलक का जाइज़ा िलया रहोब लबो-हमात क क़रीब ह 22 वह दशत-ए-नजब स गज़र करहबरन पहच जहा अनाक़ क बट अख़ीमान सीसी औरतलमी रहत थ (हबरन को िमसर क शहर ज़अन ससात साल पहल तामीर िकया गया था) 23 जब वहवादी-ए-इसकाल तक पहच तो उनहो न एक डालीकाट ली िजस पर अगर का गचछा लगा हआ थादो आदिमयो न यह अगर कछ अनार और कछअनजीर लाठी पर लटकाए और उस उठा कर चलपड़ 24 उस जगह का नाम उस गचछ क सबब सजो इसराईिलयो न वहा स काट िलया इसकाल यानीगचछा रखा गया

25 चालीस िदन तक मलक का खोज लगात लगातवह लौट आए 26 वह मसा हारन और इसराईलकी परी जमाअत क पास आए जो दशत-ए-फ़ारानम क़ािदस की जगह पर इिनतज़ार कर रह थ वहा उनहो न सब कछ बताया जो उनहो न मालम िकयाथा और उनह वह फल िदखाए जो ल कर आए थ27 उनहो न मसा को िरपोटर दी ldquoहम उस मलक मगए जहा आप न हम भजा था वाक़ई उस मलकम दध और शहद की कसरत ह यहा हमार पासउस क कछ फल भी ह 28 लिकन उस क बािशनदताक़तवर ह उन क शहरो की फ़सील ह और वहिनहायत बड़ ह हम न वहा अनाक़ की औलाद भीदखी 29 अमालीक़ी दशत-ए-नजब म रहत ह जबिकिहतती यबसी और अमोरी पहाड़ी इलाक़ म आबादह कनआनी सािहली इलाक़ और दरया-ए-यदरन किकनार िकनार बसत हrdquo

30 कािलब न मसा क सामन जमाशदा लोगो कोइशारा िकया िक वह ख़ामोश हो जाए िफर उस नकहा ldquoआए हम मलक म दािख़ल हो जाए और उसपर क़बज़ा कर ल कयिक हम यक़ीनन यह करन कक़ािबल हrdquo 31 लिकन दसर आदिमयो न जो उस कसाथ मलक को दखन गए थ कहा ldquoहम उन लोगोपर हमला नही कर सकत कयिक वह हम स ताक़तवर

हrdquo 32 उनहो न इसराईिलयो क दरिमयान उस मलकक बार म ग़लत अफ़वाह फलाई िजस की तफ़तीशउनहो न की थी उनहो न कहा ldquoिजस मलक म स हमगज़र तािक उस का जाइज़ा ल वह अपन बािशनदोको हड़प कर लता ह जो भी उस म रहता ह िनहायतदराज़क़द ह 33 हम न वहा दओक़ामत अफ़राद भीदख (अनाक़ क बट दओक़ामत क अफ़राद कीऔलाद थ) उन क सामन हम अपन आप को िटडडीजसा महसस कर रह थ और हम उन की नज़र मऐस थ भीrdquo

लोग कनआन म दािख़ल नही होना चाहत

14 1 उस रात तमाम लोग चीख़ मार मारकर रोत रह 2 सब मसा और हारन क

िख़लाफ़ बड़बड़ान लग परी जमाअत न उन स कहाldquoकाश हम िमसर या इस रिगसतान म मर गए होत3 रब हम कय उस मलक म ल जा रहा ह कयाइस िलए िक दशमन हम तलवार स क़तल कर औरहमार बाल-बचचो को लट ल कया बहतर नही होगािक हम िमसर वापस जाएrdquo 4 उनहो न एक दसर सकहा ldquoआओ हम राहनमा चन कर िमसर वापस चलजाएrdquo

5 तब मसा और हारन परी जमाअत क सामन महक बल िगर 6 लिकन यशअ िबन नन और कािलबिबन यफ़नना बाक़ी दस जाससो स फ़क़र थ परशानीक आलम म उनहो न अपन कपड़ फाड़ कर 7 परीजमाअत स कहा ldquoिजस मलक म स हम गज़र औरिजस की तफ़तीश हम न की वह िनहायत ही अचछाह 8 अगर रब हम स ख़श ह तो वह ज़रर हम उसमलक म ल जाएगा िजस म दध और शहद की कसरतह वह हम ज़रर यह मलक दगा 9 रब स बग़ावतमत करना उस मलक क रहन वालो स न डर हमउनह हड़प कर जाएग उन की पनाह उन स जातीरही ह जबिक रब हमार साथ ह चनाच उन स मतडरrdquo

िगनती 1410ndash33 17110 यह सन कर परी जमाअत उनह सगसार करन क

िलए तययार हई लिकन अचानक रब का जलालमलाक़ात क ख़म पर ज़ािहर हआ और तमामइसराईिलयो न उस दखा 11 रब न मसा स कहा ldquoयहलोग मझ कब तक हक़ीर जानग वह कब तक मझपर ईमान रखन स इनकार करग अगरच म न उन कदरिमयान इतन मोिजज़ िकए ह 12 म उनह वबा समार डालगा और उनह र-ए-ज़मीन पर स िमटा दगाउन की जगह म तझ स एक क़ौम बनाऊगा जो उनस बड़ी और ताक़तवर होगीrdquo

13 लिकन मसा न रब स कहा ldquoिफर िमसरी यह सनलग कयिक त न अपनी क़दरत स इन लोगो कोिमसर स िनकाल कर यहा तक पहचाया ह 14 िमसरीयह बात कनआन क बािशनदो को बताएग यह लोगपहल स सन चक ह िक रब इस क़ौम क साथ हिक तझ र-ब-र दखा जाता ह िक तरा बादल उनक ऊपर ठहरा रहता ह और िक त िदन क वक़तबादल क सतन म और रात को आग क सतन म इनक आग आग चलता ह 15 अगर त एक दम इस परीक़ौम को तबाह कर डाल तो बाक़ी क़ौम यह सनकर कहगी 16 lsquoरब इन लोगो को उस मलक म लजान क क़ािबल नही था िजस का वादा उस न उनस क़सम खा कर िकया था इसी िलए उस न उनहरिगसतान म हलाक कर िदयाrsquo 17 ऐ रब अब अपनीक़दरत य ज़ािहर कर िजस तरह त न फ़रमाया हकयिक त न कहा 18 lsquoरब तहममल और शफ़क़त सभरपर ह वह गनाह और नाफ़रमानी मआफ़ करताह लिकन हर एक को उस की मनािसब सज़ा भी दताह जब वािलदन गनाह कर तो उन की औलाद को भीतीसरी और चौथी पशत तक सज़ा क नताइज भगतनपड़गrsquo 19 इन लोगो का क़सर अपनी अज़ीम शफ़क़तक मतािबक़ मआफ़ कर उनह उस तरह मआफ़ करिजस तरह त उनह िमसर स िनकलत वक़त अब तकमआफ़ करता रहा हrdquo

20 रब न जवाब िदया ldquoतर कहन पर म न उनहमआफ़ कर िदया ह 21 इस क बावजद मरी हयात

की क़सम और मर जलाल की क़सम जो परी दिनयाको मामर करता ह 22 इन लोगो म स कोई भी उसमलक म दािख़ल नही होगा उनहो न मरा जलाल औरमर मोिजज़ दख ह जो म न िमसर और रिगसतान म करिदखाए ह तो भी उनहो न दस दफ़ा मझ आज़मायाऔर मरी न सनी 23 उन म स एक भी उस मलक कोनही दखगा िजस का वादा म न क़सम खा कर उनक बापदादा स िकया था िजस न भी मझ हक़ीरजाना ह वह कभी उस नही दखगा 24 िसफ़र मराख़ािदम कािलब मख़तिलफ़ ह उस की रह फ़क़रह वह पर िदल स मरी परवी करता ह इस िलएम उस उस मलक म ल जाऊगा िजस म उस न सफ़रिकया ह उस की औलाद मलक मीरास म पाएगी25 लिकन िफ़लहाल अमालीक़ी और कनआनी उसकी वािदयो म आबाद रहग चनाच कल मड़ करवापस चलो रिगसतान म बहर-ए-क़लज़म की तरफ़रवाना हो जाओrdquo

26 रब न मसा और हारन स कहा 27 ldquoयह शरीरजमाअत कब तक मर िख़लाफ़ बड़बड़ाती रहगीउन क िगल-िशकव मझ तक पहच गए ह 28 इसिलए उनह बताओ lsquoरब फ़रमाता ह िक मरी हयात कीक़सम म तमहार साथ वही कछ करगा जो तम न मरसामन कहा ह 29 तम इस रिगसतान म मर कर यहीपड़ रहोग हर एक जो 20 साल या इस स ज़ाइद काह जो मदरमशमारी म िगना गया और जो मर िख़लाफ़बड़बड़ाया 30 गो म न हाथ उठा कर क़सम खाईथी िक म तझ उस म बसाऊगा तम म स कोई भीउस मलक म दािख़ल नही होगा िसफ़र कािलब िबनयफ़नना और यशअ िबन नन दािख़ल होग 31 तम नकहा था िक दशमन हमार बचचो को लट लग लिकनउन ही को म उस मलक म ल जाऊगा िजस तम नरदद िकया ह 32 लिकन तम ख़द दािख़ल नही होगतमहारी लाश इस रिगसतान म पड़ी रहगी 33 तमहारबचच 40 साल तक यहा रिगसतान म गललाबान होगउनह तमहारी बवफ़ाई क सबब स उस वक़त तकतकलीफ़ उठानी पड़गी जब तक तम म स आिख़री

172 िगनती 1434ndash1514शख़स मर न गया हो 34 तम न चालीस िदन क दौरानउस मलक का जाइज़ा िलया अब तमह चालीस सालतक अपन गनाहो का नतीजा भगतना पड़गा तबतमह पता चलगा िक इस का कया मतलब ह िकम तमहारी मख़ालफ़त करता ह 35 म रब न यहबात फ़रमाई ह म यक़ीनन यह सब कछ उस सारीशरीर जमाअत क साथ करगा िजस न िमल करमरी मख़ालफ़त की ह इसी रिगसतान म वह ख़तमहो जाएग यही मर जाएगrsquordquo

36ndash37 िजन आदिमयो को मसा न मलक का जाइज़ालन क िलए भजा था रब न उनह फ़ौरन मोहिलकवबा स मार डाला कयिक उन क ग़लत अफ़वाहफलान स परी जमाअत बड़बड़ान लगी थी 38 िसफ़रयशअ िबन नन और कािलब िबन यफ़नना िज़नदा रह

39 जब मसा न रब की यह बात इसराईिलयो कोबताई तो वह ख़ब मातम करन लग 40 अगली सबह-सवर वह उठ और यह कहत हए ऊच पहाड़ी इलाक़क िलए रवाना हए िक हम स ग़लती हई ह लिकनअब हम हािज़र ह और उस जगह की तरफ़ जा रहह िजस का िज़कर रब न िकया ह

41 लिकन मसा न कहा ldquoतम कय रब कीिख़लाफ़वरज़ी कर रह हो तम कामयाब नही होग42 वहा न जाओ कयिक रब तमहार साथ नही ह तमदशमनो क हाथो िशकसत खाओग 43 कयिक वहा अमालीक़ी और कनआनी तमहारा सामना करगचिक तम न अपना मह रब स फर िलया ह इस िलएवह तमहार साथ नही होगा और दशमन तमह तलवारस मार डालगाrdquo

44 तो भी वह अपन ग़रर म जरअत करक ऊचपहाड़ी इलाक़ की तरफ़ बढ़ हालािक न मसा औरन अहद क सनदक़ ही न ख़मागाह को छोड़ा 45 िफरउस पहाड़ी इलाक़ म रहन वाल अमालीक़ी औरकनआनी उन पर आन पड़ और उनह मारत मारतहमार तक ितततर-िबततर कर िदया

कनआन म क़बारिनया पश करन का तरीक़ा

15 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोबताना िक जब तम उस मलक म दािख़ल

होग जो म तमह दगा 3ndash4 तो जलन वाली क़बारिनया य पश करना

अगर तम अपन गाय-बलो या भड़-बकिरयो म सऐसी क़बारनी पश करना चाहो िजस की ख़शब रबको पसनद हो तो साथ साथ डढ़ िकलोगराम बहतरीनमदा भी पश करो जो एक िलटर ज़तन क तल क साथिमलाया गया हो इस म कोई फ़क़र नही िक यह भसमहोन वाली क़बारनी मननत की क़बारनी िदली ख़शी कीक़बारनी या िकसी ईद की क़बारनी हो

5 हर भड़ को पश करत वक़त एक िलटर म भी मकी नज़र क तौर पर पश करना 6 जब मढा क़बारनिकया जाए तो 3 िकलोगराम बहतरीन मदा भी साथपश करना जो सवा िलटर तल क साथ िमलाया गयाहो 7 सवा िलटर म भी म की नज़र क तौर पर पश कीजाए ऐसी क़बारनी की ख़शब रब को पसनद आएगी

8 अगर त रब को भसम होन वाली क़बारनी मननतकी क़बारनी या सलामती की क़बारनी क तौर परजवान बल पश करना चाह 9 तो उस क साथ साढ़ 4िकलोगराम बहतरीन मदा भी पश करना जो दो िलटरतल क साथ िमलाया गया हो 10 दो िलटर म भीम की नज़र क तौर पर पश की जाए ऐसी क़बारनीकी ख़शब रब को पसनद ह 11 लािज़म ह िक जबभी िकसी गाय बल भड़ मढ बकरी या बकर कोचढ़ाया जाए तो ऐसा ही िकया जाए

12 अगर एक स ज़ाइद जानवरो को क़बारन करनाह तो हर एक क िलए मक़रररा ग़लला और म की नज़रभी साथ ही पश की जाए

13 लािज़म ह िक हर दसी इसराईली जलन वालीक़बारिनया पश करत वक़त ऐसा ही कर िफर उन कीख़शब रब को पसनद आएगी 14 यह भी लािज़म ह िकइसराईल म आिरज़ी या मसतिक़ल तौर पर रहन वालपरदसी इन उसलो क मतािबक़ अपनी क़बारिनया

िगनती 1515ndash38 173चढ़ाए िफर उन की ख़शब रब को पसनद आएगी15 मलक-ए-कनआन म रहन वाल तमाम लोगो किलए पाबिनदया एक जसी ह ख़वाह वह दसी होया परदसी कयिक रब की नज़र म परदसी तमहारबराबर ह यह तमहार और तमहारी औलाद क िलएदाइमी उसल ह 16 तमहार और तमहार साथ रहनवाल परदसी क िलए एक ही शरीअत हrdquo

फ़सल क िलए शकरगज़ारी की क़बारनी17 रब न मसा स कहा 18 ldquoइसराईिलयो को बताना

िक जब तम उस मलक म दािख़ल होग िजस म मतमह ल जा रहा ह 19 और वहा की पदावार खाओगतो पहल उस का एक िहससा उठान वाली क़बारनीक तौर पर रब को पश करना 20 फ़सल क पहलख़ािलस आट म स मर िलए एक रोटी बना कर उठानवाली क़बारनी क तौर पर पश करो वह गाहन कीजगह की तरफ़ स रब क िलए उठान वाली क़बारनीहोगी 21 अपनी फ़सल क पहल ख़ािलस आट म सयह क़बारनी पश िकया करो यह उसल हमशा तकलाग रह

नादािनसता गनाहो क िलए क़बारिनया 22 हो सकता ह िक ग़रइरादी तौर पर तम स ग़लती

हई ह और तम न उन अहकाम पर पर तौर पर अमलनही िकया जो रब मसा को द चका ह 23 या जो वहआन वाली नसलो को दगा 24 अगर जमाअत इसबात स नावािक़फ़ थी और ग़रइरादी तौर पर उस सग़लती हई तो िफर परी जमाअत एक जवान बल भसमहोन वाली क़बारनी क तौर पर पश कर साथ ही वहमक़रररा ग़लला और म की नज़र भी पश कर इस कीख़शब रब को पसनद होगी इस क इलावा जमाअतगनाह की क़बारनी क िलए एक बकरा पश कर25 इमाम इसराईल की परी जमाअत का कफ़फ़ारा द तोउनह मआफ़ी िमलगी कयिक उन का गनाह ग़रइरादीथा और उनहो न रब को भसम होन वाली क़बारनीऔर गनाह की क़बारनी पश की ह 26 इसराईिलयो की

परी जमाअत को परदिसयो समत मआफ़ी िमलगीकयिक गनाह ग़रइरादी था

27 अगर िसफ़र एक शख़स स ग़रइरादी तौर पर गनाहहआ हो तो गनाह की क़बारनी क िलए वह एकयकसाला बकरी पश कर 28 इमाम रब क सामनउस शख़स का कफ़फ़ारा द जब कफ़फ़ारा द िदयागया तो उस मआफ़ी हािसल होगी 29 यही उसलपरदसी पर भी लाग ह अगर उस स ग़रइरादी तौरपर गनाह हआ हो तो वह मआफ़ी हािसल करन किलए वही कछ कर जो इसराईली को करना होता ह

दािनसता गनाहो क िलए सज़ा-ए-मौत30 लिकन अगर कोई दसी या परदसी जान-बझ कर

गनाह करता ह तो ऐसा शख़स रब की इहानत करताह इस िलए लािज़म ह िक उस उस की क़ौम म सिमटाया जाए 31 उस न रब का कलाम हक़ीर जानकर उस क अहकाम तोड़ डाल ह इस िलए उसज़रर क़ौम म स िमटाया जाए वह अपन गनाह कािज़ममादार हrdquo

32 जब इसराईली रिगसतान म स गज़र रह थ तो एकआदमी को पकड़ा गया जो हफ़त क िदन लकिड़या जमा कर रहा था 33 िजनहो न उस पकड़ा था वहउस मसा हारन और परी जमाअत क पास ल आए34 चिक साफ़ मालम नही था िक उस क साथ कयािकया जाए इस िलए उनहो न उस िगिरफ़तार करिलया

35 िफर रब न मसा स कहा ldquoइस आदमी को ज़ररसज़ा-ए-मौत दी जाए परी जमाअत उस ख़मागाह कबाहर ल जा कर सगसार करrdquo 36 चनाच जमाअतन उस ख़मागाह क बाहर ल जा कर सगसार िकयािजस तरह रब न मसा को हकम िदया था

अहकाम की याद िदलान वाल फनदन37 रब न मसा स कहा 38 ldquoइसराईिलयो को बताना

िक तम और तमहार बाद की नसल अपन िलबास किकनारो पर फनदन लगाए हर फनदना एक िक़िमरज़ी

174 िगनती 1539ndash1622डोरी स िलबास क साथ लगा हो 39 इन फनदनोको दख कर तमह रब क तमाम अहकाम याद रहगऔर तम उन पर अमल करोग िफर तम अपनिदलो और आखो की ग़लत ख़वािहशो क पीछ नहीपड़ोग बिलक िज़नाकारी स दर रहोग 40 िफर तम मरअहकाम को याद करक उन पर अमल करोग औरअपन ख़दा क सामन मख़सस-ओ-मक़ददस रहोग41 म रब तमहारा ख़दा ह जो तमह िमसर स िनकाललाया तािक तमहारा ख़दा ह म रब तमहारा ख़दाहrdquo

क़ोरह दातन और अबीराम की सरकशी

16 1ndash2 एक िदन क़ोरह िबन इज़हार मसा किख़लाफ़ उठा वह लावी क क़बील का

िक़हाती था उस क साथ रिबन क क़बील क तीनआदमी थ इिलयाब क बट दातन और अबीराम औरओन िबन पलत उन क साथ 250 और आदमी भी थजो जमाअत क सरदार और असर-ओ-रसख़ वाल थऔर जो कौसल क िलए चन गए थ 3 वह िमल करमसा और हारन क पास आ कर कहन लग ldquoआपहम स िज़यादती कर रह ह परी जमाअत मख़सस-ओ-मक़ददस ह और रब उस क दरिमयान ह तो िफरआप अपन आप को कय रब की जमाअत स बढ़ करसमझत हrdquo

4 यह सन कर मसा मह क बल िगरा 5 िफर उसन क़ोरह और उस क तमाम सािथयो स कहाldquoकल सबह रब ज़ािहर करगा िक कौन उस काबनदा और कौन मख़सस-ओ-मक़ददस ह उसी को वहअपन पास आन दगा 6 ऐ क़ोरह कल अपन तमामसािथयो क साथ बख़रदान ल कर 7 रब क सामनउन म अगार और बख़र डालो िजस आदमी को रबचनगा वह मख़सस-ओ-मक़ददस होगा अब तम लावीख़द िज़यादती कर रह होrdquo

8 मसा न क़ोरह स बात जारी रखी ldquoऐ लावी कीऔलाद सनो 9 कया तमहारी नज़र म यह कोई छोटीबात ह िक रब तमह इसराईली जमाअत क बाक़ी

लोगो स अलग करक अपन क़रीब ल आया तािकतम रब क मिक़दस म और जमाअत क सामन खड़हो कर उन की िख़दमत करो 10 वह तझ और तरसाथी लािवयो को अपन क़रीब लाया ह लिकन अबतम इमाम का उहदा भी अपनाना चाहत हो 11 अपनसािथयो स िमल कर त न हारन की नही बिलक रबकी मख़ालफ़त की ह कयिक हारन कौन ह िक तमउस क िख़लाफ़ बड़बड़ाओrdquo

12 िफर मसा न इिलयाब क बटो दातन औरअबीराम को बलाया लिकन उनहो न कहा ldquoहमनही आएग 13 आप हम एक ऐस मलक स िनकाललाए ह जहा दध और शहद की कसरत ह तािक हमरिगसतान म हलाक हो जाए कया यह काफ़ी नही हकया अब आप हम पर हकमत भी करना चाहत ह14 न आप न हम ऐस मलक म पहचाया िजस म दधऔर शहद की कसरत ह न हम खतो और अगर कबाग़ो क वािरस बनाया ह कया आप इन आदिमयोकी आख िनकाल डालग नही हम हरिगज़ नहीआएगrdquo

15 तब मसा िनहायत ग़सस हआ उस न रब सकहा ldquoउन की क़बारनी को क़बल न कर म न एकगधा तक उन स नही िलया न म न उन म स िकसीस बरा सलक िकया हrdquo

16 क़ोरह स उस न कहा ldquoकल तम और तमहारसाथी रब क सामन हािज़र हो जाओ हारन भीआएगा 17 हर एक अपना बख़रदान ल कर उसरब को पश करrdquo 18 चनाच हर आदमी न अपनाबख़रदान ल कर उस म अगार और बख़र डाल िदयािफर सब मसा और हारन क साथ मलाक़ात क ख़मक दरवाज़ पर खड़ हए 19 क़ोरह न परी जमाअतको दरवाज़ पर मसा और हारन क मक़ाबल म जमािकया था

अचानक परी जमाअत पर रब का जलाल ज़ािहरहआ 20 रब न मसा और हारन स कहा 21 ldquoइसजमाअत स अलग हो जाओ तािक म इस फ़ौरनहलाक कर दrdquo 22 मसा और हारन मह क बल िगर

िगनती 1623ndash46 175और बोल उठ ldquoऐ अललाह त तमाम जानो का ख़दाह कया तरा ग़ज़ब एक ही आदमी क गनाह क सबबस परी जमाअत पर आन पड़गाrdquo

23 तब रब न मसा स कहा 24 ldquoजमाअत को बताद िक क़ोरह दातन और अबीराम क डरो स दरहो जाओrdquo 25 मसा उठ कर दातन और अबीराम कपास गया और इसराईल क बज़गर उस क पीछ चल26 उस न जमाअत को आगाह िकया ldquoइन शरीरो कख़मो स दर हो जाओ जो कछ भी उन क पास ह उसन छओ वनार तम भी उन क साथ तबाह हो जाओगजब वह अपन गनाहो क बाइस हलाक होगrdquo 27 तबबाक़ी लोग क़ोरह दातन और अबीराम क डरो सदर हो गए

दातन और अबीराम अपन बाल-बचचो समत अपनख़मो स िनकल कर बाहर खड़ थ 28 मसा न कहाldquoअब तमह पता चलगा िक रब न मझ यह सब कछकरन क िलए भजा ह म अपनी नही बिलक उस कीमज़ीर परी कर रहा ह 29 अगर यह लोग दसरो कीतरह तबई मौत मर तो िफर रब न मझ नही भजा30 लिकन अगर रब ऐसा काम कर जो पहल कभीनही हआ और ज़मीन अपना मह खोल कर उनह औरउन का परा माल हड़प कर ल और उनह जीत जीदफ़ना द तो इस का मतलब होगा िक इन आदिमयोन रब को हक़ीर जाना हrdquo

31 यह बात कहत ही उन क नीच की ज़मीन फटगई 32 उस न अपना मह खोल कर उनह उन कख़ानदानो को क़ोरह क तमाम लोगो को और उनका सारा सामान हड़प कर िलया 33 वह अपनी परीिमलिकयत समत जीत जी दफ़न हो गए ज़मीन उनक ऊपर वापस आ गई य उनह जमाअत स िनकालागया और वह हलाक हो गए 34 उन की चीख़ सनकर उन क इदरिगदर खड़ तमाम इसराईली भाग उठकयिक उनहो न सोचा ldquoऐसा न हो िक ज़मीन हम भीिनगल लrdquo

35 उसी लमह रब की तरफ़ स आग उतर आई औरउन 250 आदिमयो को भसम कर िदया जो बख़र पश

कर रह थ 36 रब न मसा स कहा 37 ldquoहारन इमामक बट इलीअज़र को इिततला द िक वह बख़रदानोको राख म स िनकाल कर रख उन क अगार वह दरफक बख़रदानो को रखन का सबब यह ह िक अबवह मख़सस-ओ-मक़ददस ह 38 लोग उन आदिमयो कयह बख़रदान ल ल जो अपन गनाह क बाइस जा-ब-हक़ हो गए वह उनह कट कर उन स चादर बनाएऔर उनह जलन वाली क़बारिनयो की क़बारनगाह परचढ़ाए कयिक वह रब को पश िकए गए ह इस िलएवह मख़सस-ओ-मक़ददस ह य वह इसराईिलयो किलए एक िनशान रहगrdquo

39 चनाच इलीअज़र इमाम न पीतल क यहबख़रदान जमा िकए जो भसम िकए हए आदिमयोन रब को पश िकए थ िफर लोगो न उनह कट करउन स चादर बनाई और उनह क़बारनगाह पर चढ़ािदया 40 हारन न सब कछ वसा ही िकया जसा रबन मसा की मािरफ़त बताया था मक़सद यह था िकबख़रदान इसराईिलयो को याद िदलात रह िक िसफ़रहारन की औलाद ही को रब क सामन आ कर बख़रजलान की इजाज़त ह अगर कोई और ऐसा कर तोउस का हाल क़ोरह और उस क सािथयो का साहोगा

41 अगल िदन इसराईल की परी जमाअत मसा औरहारन क िख़लाफ़ बड़बड़ान लगी उनहो न कहाldquoआप न रब की क़ौम को मार डाला हrdquo 42 लिकनजब वह मसा और हारन क मक़ाबल म जमा हएऔर मलाक़ात क ख़म का रख़ िकया तो अचानकउस पर बादल छा गया और रब का जलाल ज़ािहरहआ 43 िफर मसा और हारन मलाक़ात क ख़म कसामन आए 44 और रब न मसा स कहा 45 ldquoइसजमाअत स िनकल जाओ तािक म इस फ़ौरन हलाककर दrdquo यह सन कर दोनो मह क बल िगर 46 मसान हारन स कहा ldquoअपना बख़रदान ल कर उस मक़बारनगाह क अगार और बख़र डाल िफर भाग करजमाअत क पास चल जाए तािक उन का कफ़फ़ारा

176 िगनती 1647ndash187द जलदी कर कयिक रब का ग़ज़ब उन पर टट पड़ाह वबा फलन लगी हrdquo

47 हारन न ऐसा ही िकया वह दौड़ कर जमाअतक बीच म गया लोगो म वबा शर हो चकी थीलिकन हारन न रब को बख़र पश करक उन काकफ़फ़ारा िदया 48 वह िज़नदो और मदोर क बीचम खड़ा हआ तो वबा रक गई 49 तो भी 14700अफ़राद वबा स मर गए इस म वह शािमल नही हजो क़ोरह क सबब स मर गए थ

50 जब वबा रक गई तो हारन मसा क पास वापसआया जो अब तक मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ परखड़ा था

हारन की लाठी स कोपल िनकलती ह

17 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो सबात करक उन स 12 लािठया मगवा ल

हर क़बील क सरदार स एक लाठी हर लाठी पर उसक मािलक का नाम िलखना 3 लावी की लाठी परहारन का नाम िलखना कयिक हर क़बील क सरदारक िलए एक लाठी होगी 4 िफर उन को मलाक़ात कख़म म अहद क सनदक़ क सामन रख जहा मरी तमस मलाक़ात होती ह 5 िजस आदमी को म न चनिलया ह उस की लाठी स कोपल फट िनकलगी इसतरह म तमहार िख़लाफ़ इसराईिलयो की बड़बड़ाहटख़तम कर दगाrdquo

6 चनाच मसा न इसराईिलयो स बात की औरक़बीलो क हर सरदार न उस अपनी लाठी दी इन 12लािठयो म हारन की लाठी भी शािमल थी 7 मसान उनह मलाक़ात क ख़म म अहद क सनदक़ कसामन रखा 8 अगल िदन जब वह मलाक़ात क ख़मम दािख़ल हआ तो उस न दखा िक लावी क क़बीलक सरदार हारन की लाठी स न िसफ़र कोपल फटिनकली ह बिलक फल और पक हए बादाम भी लगह

9 मसा तमाम लािठया रब क सामन स बाहर लाकर इसराईिलयो क पास ल आया और उनहो न उन

का मआइना िकया िफर हर एक न अपनी अपनीलाठी वापस ल ली 10 रब न मसा स कहा ldquoहारनकी लाठी अहद क सनदक़ क सामन रख द यहबाग़ी इसराईिलयो को याद िदलाएगी िक वह अपनाबड़बड़ाना बनद कर वनार हलाक हो जाएगrdquo

11 मसा न ऐसा ही िकया 12 लिकन इसराईिलयो नमसा स कहा ldquoहाय हम मर जाएग हाय हम हलाकहो जाएग हम सब हलाक हो जाएग 13 जो भी रबक मिक़दस क क़रीब आए वह मर जाएगा कया हमसब ही हलाक हो जाएगrdquo

इमामो और लािवयो की िज़ममादािरया

18 1 रब न हारन स कहा ldquoमिक़दस तरी तरबटो और लावी क क़बील की िज़ममादारी

ह अगर इस म कोई ग़लती हो जाए तो तम क़सरवारठहरोग इसी तरह इमामो की िख़दमत िसफ़र तरीऔर तर बटो की िज़ममादारी ह अगर इस म कोईग़लती हो जाए तो त और तर बट क़सरवार ठहरग2 अपन क़बील लावी क बाक़ी आदिमयो को भी मरक़रीब आन द वह तर साथ िमल कर य िहससा लिक वह तरी और तर बटो की िख़दमत कर जब तमख़म क सामन अपनी िज़ममादािरया िनभाओग 3 तरीिख़दमत और ख़म म िख़दमत उन की िज़ममादारी हलिकन वह ख़म क मख़सस-ओ-मक़ददस सामान औरक़बारनगाह क क़रीब न जाए वनार न िसफ़र वह बिलकत भी हलाक हो जाएगा 4 य वह तर साथ िमल करमलाक़ात क ख़म क पर काम म िहससा ल लिकनिकसी और को ऐसा करन की इजाज़त नही ह5 िसफ़र त और तर बट मिक़दस और क़बारनगाह कीदख-भाल कर तािक मरा ग़ज़ब दबारा इसराईिलयोपर न भड़क 6 म ही न इसराईिलयो म स तर भाइयोयानी लािवयो को चन कर तझ तहफ़ क तौर परिदया ह वह रब क िलए मख़सस ह तािक ख़म म िख़दमत कर 7 लिकन िसफ़र त और तर बट इमामकी िख़दमत सरअनजाम द म तमह इमाम का उहदातहफ़ क तौर पर दता ह कोई और क़बारनगाह और

िगनती 188ndash27 177मक़ददस चीज़ो क नज़दीक न आए वनार उस सज़ा-ए-मौत दी जाएrdquo

इमामो का िहससा8 रब न हारन स कहा ldquoम न ख़द मक़ररर िकया

ह िक तमाम उठान वाली क़बारिनया तरा िहससा होयह हमशा तक क़बारिनयो म स तरा और तरी औलादका िहससा ह 9 तमह मक़ददसतरीन क़बारिनयो का वहिहससा िमलना ह जो जलाया नही जाता हा तझऔर तर बटो को वही िहससा िमलना ह ख़वाह वहमझ ग़लला की नज़र गनाह की क़बारिनया या क़सरकी क़बारिनया पश कर 10 उस मक़ददस जगह परखाना हर मदर उस खा सकता ह ख़याल रख िकवह मख़सस-ओ-मक़ददस ह

11 म न मक़ररर िकया ह िक तमाम िहलान वालीक़बारिनयो का उठाया हआ िहससा तरा ह यह हमशाक िलए तर और तर बट-बिटयो का िहससा ह तरघरान का हर फ़दर उस खा सकता ह शतर यह ह िकवह पाक हो 12 जब लोग रब को अपनी फ़सलो कापहला फल पश करग तो वह तरा ही िहससा होगाम तझ ज़तन क तल नई म और अनाज का बहतरीनिहससा दता ह 13 फ़सलो का जो भी पहला फल वहरब को पश करग वह तरा ही होगा तर घरान काहर पाक फ़दर उस खा सकता ह 14 इसराईल म जोभी चीज़ रब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस की गई हवह तरी होगी 15 हर इनसान और हर हवान का जोपहलौठा रब को पश िकया जाता ह वह तरा ही हलिकन लािज़म ह िक त हर इनसान और हर नापाकजानवर क पहलौठ का िफ़दया द कर उस छड़ाए

16 जब वह एक माह क ह तो उन क इवज़ चादीक पाच िसकक दना (हर िसकक का वज़न मिक़दस कबाटो क मतािबक़ 11 गराम हो) 17 लिकन गाय-बलोऔर भड़-बकिरयो क पहल बचचो का िफ़दया यानीमआवज़ा न दना वह मख़सस-ओ-मक़ददस ह उनका ख़न क़बारनगाह पर िछड़क दना और उन कीचबीर जला दना ऐसी क़बारनी रब को पसनद होगी

18 उन का गोशत वस ही तमहार िलए हो जस िहलानवाली क़बारनी का सीना और दहनी रान भी तमहारिलए ह

19 मक़ददस क़बारिनयो म स तमाम उठान वालीक़बारिनया तरा और तर बट-बिटयो का िहससा हम न उस हमशा क िलए तझ िदया ह यह नमक कादाइमी अहद ह जो म न तर और तरी औलाद क साथक़ाइम िकया हrdquo

लािवयो का िहससा20 रब न हारन स कहा ldquoत मीरास म ज़मीन

नही पाएगा इसराईल म तझ कोई िहससा नही िदयाजाएगा कयिक इसराईिलयो क दरिमयान म ही तरािहससा और तरी मीरास ह 21 अपनी पदावार का जोदसवा िहससा इसराईली मझ दत ह वह म लािवयो कोदता ह यह उन की िवरासत ह जो उनह मलाक़ात कख़म म िख़दमत करन क बदल म िमलती ह 22 अबस इसराईली मलाक़ात क ख़म क क़रीब न आए वनारउनह अपनी ख़ता का नतीजा बदारशत करना पड़गाऔर वह हलाक हो जाएग 23 िसफ़र लावी मलाक़ातक ख़म म िख़दमत कर अगर इस म कोई ग़लती होजाए तो वही क़सरवार ठहरग यह एक दाइमी उसलह उनह इसराईल म मीरास म ज़मीन नही िमलगी24 कयिक म न उनह वही दसवा िहससा मीरास क तौरपर िदया ह जो इसराईली मझ उठान वाली क़बारनी कतौर पर पश करत ह इस वजह स म न उन क बारम कहा िक उनह बाक़ी इसराईिलयो क साथ मीरासम ज़मीन नही िमलगीrdquo

लािवयो का दसवा िहससा25 रब न मसा स कहा 26 ldquoलािवयो को बताना

िक तमह इसराईिलयो की पदावार का दसवा िहससािमलगा यह रब की तरफ़ स तमहारी िवरासत होगीलािज़म ह िक तम इस का दसवा िहससा रब कोउठान वाली क़बारनी क तौर पर पश करो 27 तमहारीयह क़बारनी नए अनाज या नए अगर क रस की

178 िगनती 1828ndash1918क़बारनी क बराबर क़रार दी जाएगी 28 इस तरह तमभी रब को इसराईिलयो की पदावार क दसव िहसस मस उठान वाली क़बारनी पश करोग रब क िलए यहक़बारनी हारन इमाम को दना 29 जो भी तमह िमलाह उस म स सब स अचछा और मक़ददस िहससा रबको दना 30 जब तम इस का सब स अचछा िहससापश करोग तो उस नए अनाज या नए अगर क रस कीक़बारनी क बराबर क़रार िदया जाएगा 31 तम अपनघरानो समत इस का बाक़ी िहससा कही भी खा सकतहो कयिक यह मलाक़ात क ख़म म तमहारी िख़दमतका अजर ह 32 अगर तम न पहल इस का बहतरीनिहससा पश िकया हो तो िफर इस खान म तमहाराकोई क़सर नही होगा िफर इसराईिलयो की मख़सस-ओ-मक़ददस क़बारिनया तम स नापाक नही हो जाएगीऔर तम नही मरोगrdquo

सख़र गाय की राख

19 1 रब न मसा और हारन स कहा2 ldquoइसराईिलयो को बताना िक वह तमहार

पास सख़र रग की जवान गाय ल कर आए उस मनक़स न हो और उस पर कभी जआ न रखा गया हो3 तम उस इलीअज़र इमाम को दना जो उस ख़म कबाहर ल जाए वहा उस उस की मौजदगी म ज़बहिकया जाए 4 िफर इलीअज़र इमाम अपनी उगलीस उस क ख़न स कछ ल कर मलाक़ात क ख़मक सामन वाल िहसस की तरफ़ िछड़क 5 उस कीमौजदगी म परी की परी गाय को जलाया जाए उसकी खाल गोशत ख़न और अतिड़यो का गोबर भीजलाया जाए 6 िफर वह दवदार की लकड़ी ज़फ़ाऔर िक़िमरज़ी रग का धागा ल कर उस जलती हईगाय पर फक 7 इस क बाद वह अपन कपड़ो कोधो कर नहा ल िफर वह ख़मागाह म आ सकता हलिकन शाम तक नापाक रहगा

8 िजस आदमी न गाय को जलाया वह भी अपनकपड़ो को धो कर नहा ल वह भी शाम तक नापाकरहगा

9 एक दसरा आदमी जो पाक ह गाय की राखइकटठी करक ख़मागाह क बाहर िकसी पाक जगहपर डाल द वहा इसराईल की जमाअत उस नापाकीदर करन का पानी तययार करन क िलए महफ़ज़ रखयह गनाह स पाक करन क िलए इसतमाल होगा10 िजस आदमी न राख इकटठी की ह वह भी अपनकपड़ो को धो ल वह भी शाम तक नापाक रहगायह इसराईिलयो और उन क दरिमयान रहन वालपरदिसयो क िलए दाइमी उसल हो

लाश छन स पाक हो जान का तरीक़ा11 जो भी लाश छए वह सात िदन तक नापाक

रहगा 12 तीसर और सातव िदन वह अपन आप परनापाकी दर करन का पानी िछड़क कर पाक-साफ़हो जाए इस क बाद ही वह पाक होगा लिकनअगर वह इन दोनो िदनो म अपन आप को य पाकन कर तो नापाक रहगा 13 जो भी लाश छ कर अपनआप को य पाक नही करता वह रब क मिक़दस कोनापाक करता ह लािज़म ह िक उस इसराईल म सिमटाया जाए चिक नापाकी दर करन का पानी उसपर िछड़का नही गया इस िलए वह नापाक रहगा

14 अगर कोई डर म मर जाए तो जो भी उस वक़तउस म मौजद हो या दािख़ल हो जाए वह सात िदनतक नापाक रहगा 15 हर खला बतरन जो ढकन सबनद न िकया गया हो वह भी नापाक होगा 16 इसीतरह जो खल मदान म लाश छए वह भी सात िदनतक नापाक रहगा ख़वाह वह तलवार स या तबईमौत मरा हो जो इनसान की कोई हडडी या क़बर छएवह भी सात िदन तक नापाक रहगा

17 नापाकी दर करन क िलए उस सख़र रग की गायकी राख म स कछ लना जो गनाह दर करन क िलएजलाई गई थी उस बतरन म डाल कर ताज़ा पानीम िमलाना 18 िफर कोई पाक आदमी कछ ज़फ़ा लऔर उस उस पानी म डबो कर मर हए शख़स क ख़मउस क सामान और उन लोगो पर िछड़क जो उस कमरत वक़त वहा थ इसी तरह वह पानी उस शख़स

िगनती 1919ndash2017 179पर भी िछड़क िजस न तबई या ग़रतबई मौत मर हएशख़स को िकसी इनसान की हडडी को या कोई क़बरछई हो 19 पाक आदमी यह पानी तीसर और सातविदन नापाक शख़स पर िछड़क सातव िदन वह उसपाक कर िजस पाक िकया जा रहा ह वह अपनकपड़ धो कर नहा ल तो वह उसी शाम पाक होगा

20 लिकन जो नापाक शख़स अपन आप को पाकनही करता उस जमाअत म स िमटाना ह कयिकउस न रब का मिक़दस नापाक कर िदया ह नापाकीदर करन का पानी उस पर नही िछड़का गया इसिलए वह नापाक रहा ह 21 यह उन क िलए दाइमीउसल ह िजस आदमी न नापाकी दर करन का पानीिछड़का ह वह भी अपन कपड़ धोए बिलक िजस नभी यह पानी छआ ह शाम तक नापाक रहगा 22 औरनापाक शख़स जो भी चीज़ छए वह नापाक हो जातीह न िसफ़र यह बिलक जो बाद म यह नापाक चीज़छए वह भी शाम तक नापाक रहगाrdquo

चटान स पानी

20 1 पहल महीन म इसराईल की परी जमाअतदशत-ए-सीन म पहच कर क़ािदस म रहन

लगी वहा मिरयम न वफ़ात पाई और वही उसदफ़नाया गया

2 क़ािदस म पानी दसतयाब नही था इस िलए लोगमसा और हारन क मक़ाबल म जमा हए 3 वह मसास यह कह कर झगड़न लग ldquoकाश हम अपन भाइयोक साथ रब क सामन मर गए होत 4 आप रब कीजमाअत को कय इस रिगसतान म ल आए कया इसिलए िक हम यहा अपन मविशयो समत मर जाए5 आप हम िमसर स िनकाल कर उस नाख़शगवारजगह पर कय ल आए ह यहा न तो अनाज नअनजीर अगर या अनार दसतयाब ह पानी भी नहीहrdquo

6 मसा और हारन लोगो को छोड़ कर मलाक़ात कख़म क दरवाज़ पर गए और मह क बल िगर तबरब का जलाल उन पर ज़ािहर हआ 7 रब न मसा

स कहा 8 ldquoअहद क सनदक़ क सामन पड़ी लाठीपकड़ कर हारन क साथ जमाअत को इकटठा करउन क सामन चटान स बात करो तो वह अपना पानीदगी य त चटान म स जमाअत क िलए पानी िनकालकर उनह उन क मविशयो समत पानी िपलाएगाrdquo

9 मसा न ऐसा ही िकया उस न अहद क सनदक़क सामन पड़ी लाठी उठाई 10 और हारन क साथजमाअत को चटान क सामन इकटठा िकया मसा नउन स कहा ldquoऐ बग़ावत करन वालो सनो कया हमइस चटान म स तमहार िलए पानी िनकालrdquo 11 उसन लाठी को उठा कर चटान को दो मतरबा मारा तोबहत सा पानी फट िनकला जमाअत और उन कमविशयो न ख़ब पानी िपया

12 लिकन रब न मसा और हारन स कहा ldquoतमहारामझ पर इतना ईमान नही था िक मरी क़ददिसयत कोइसराईिलयो क सामन क़ाइम रखत इस िलए तम उसजमाअत को उस मलक म नही ल जाओग जो म उनहदगाrdquo

13 यह वािक़आ मरीबा यानी lsquoझगड़नाrsquo क पानी परहआ वहा इसराईिलयो न रब स झगड़ा िकया औरवहा उस न उन पर ज़ािहर िकया िक वह क़ददस ह

अदोम इसराईल को गज़रन नही दता14 क़ािदस स मसा न अदोम क बादशाह को इिततला

भजी ldquoआप क भाई इसराईल की तरफ़ स एकगज़ािरश ह आप को उन तमाम मसीबतो क बार मइलम ह जो हम पर आन पड़ी ह 15 हमार बापदादािमसर गए थ और वहा हम बहत अस र तक रहिमिसरयो न हमार बापदादा और हम स बरा सलकिकया 16 लिकन जब हम न िचलला कर रब स िमननतकी तो उस न हमारी सनी और फ़िरशता भज कर हमिमसर स िनकाल लाया अब हम यहा क़ािदस शहरम ह जो आप की सरहद पर ह 17 महरबानी करकहम अपन मलक म स गज़रन द हम िकसी खत याअगर क बाग़ म नही जाएग न िकसी कए का पानीिपएग हम शाहराह पर ही रहग आप क मलक म

180 िगनती 2018ndash219स गज़रत हए हम उस स न दाई और न बाई तरफ़हटगrdquo

18 लिकन अदोिमयो न जवाब िदया ldquoयहा स नगज़रना वनार हम िनकल कर आप स लड़गrdquo19 इसराईल न दबारा ख़बर भजी ldquoहम शाहराह पररहत हए गज़रग अगर हम या हमार जानवरो कोपानी की ज़ररत हई तो पस द कर ख़रीद लग हमपदल ही गज़रना चाहत ह और कछ नही चाहतrdquo

20 लिकन अदोिमयो न दबारा इनकार िकया साथही उनहो न उन क साथ लड़न क िलए एक बड़ी औरताक़तवर फ़ौज भजी

21 चिक अदोम न उनह गज़रन की इजाज़त न दीइस िलए इसराईली मड़ कर दसर रासत स चल गए

हारन की वफ़ात22 इसराईल की परी जमाअत क़ािदस स रवाना हो

कर होर पहाड़ क पास पहची 23 यह पहाड़ अदोमकी सरहद पर वाक़ था वहा रब न मसा और हारनस कहा 24 ldquoहारन अब कच करक अपन बापदादास जा िमलगा वह उस मलक म दािख़ल नही होगाजो म इसराईिलयो को दगा कयिक तम दोनो नमरीबा क पानी पर मर हकम की िख़लाफ़वरज़ी की25 हारन और उस क बट इलीअज़र को ल कर होरपहाड़ पर चढ़ जा 26 हारन क कपड़ उतार कर उसक बट इलीअज़र को पहना दना िफर हारन कचकरक अपन बापदादा स जा िमलगाrdquo

27 मसा न ऐसा ही िकया जसा रब न कहा तीनोपरी जमाअत क दखत दखत होर पहाड़ पर चढ़ गए28 मसा न हारन क कपड़ उतरवा कर उस क बटइलीअज़र को पहना िदए िफर हारन वहा पहाड़की चोटी पर फ़ौत हआ और मसा और इलीअज़रनीच उतर गए 29 जब परी जमाअत को मालम हआिक हारन इिनतक़ाल कर गया ह तो सब न 30 िदनतक उस क िलए मातम िकया

कनआनी मलक-ए-अराद पर फ़तह

21 1 दशत-ए-नजब क कनआनी मलक अरादक बादशाह को ख़बर िमली िक इसराईली

अथािरम की तरफ़ बढ़ रह ह उस न उन पर हमलािकया और कई एक को पकड़ कर क़द कर िलया2 तब इसराईिलयो न रब क सामन मननत मान करकहा ldquoअगर त हम उन पर फ़तह दगा तो हम उनहउन क शहरो समत तबाह कर दगrdquo 3 रब न उन कीसनी और कनआिनयो पर फ़तह बख़शी इसराईिलयोन उनह उन क शहरो समत परी तरह तबाह कर िदयाइस िलए उस जगह का नाम हमार यानी तबाही पड़गया

पीतल का साप4 होर पहाड़ स रवाना हो कर वह बहर-ए-क़लज़म

की तरफ़ चल िदए तािक अदोम क मलक म सगज़रना न पड़ लिकन चलत चलत लोग बसबर होगए 5 वह रब और मसा क िख़लाफ़ बात करन लगldquoआप हम िमसर स िनकाल कर रिगसतान म मरनक िलए कय ल आए ह यहा न रोटी दसतयाब हन पानी हम इस घिटया िक़सम की ख़राक स िघनआती हrdquo

6 तब रब न उन क दरिमयान ज़हरील साप भज िदएिजन क काटन स बहत स लोग मर गए 7 िफर लोगमसा क पास आए उनहो न कहा ldquoहम न रब औरआप क िख़लाफ़ बात करत हए गनाह िकया हमारीिसफ़ािरश कर िक रब हम स साप दर कर दrdquo

मसा न उन क िलए दआ की 8 तो रब न मसा सकहा ldquoएक साप बना कर उस खमब स लटका दजो भी डसा गया हो वह उस दख कर बच जाएगाrdquo9 चनाच मसा न पीतल का एक साप बनाया औरखमबा खड़ा करक साप को उस स लटका िदयाऔर ऐसा हआ िक िजस भी डसा गया था वह पीतलक साप पर नज़र करक बच गया

िगनती 2110ndash32 181

मोआब की तरफ़ सफ़र10 इसराईली रवाना हए और ओबोत म अपन ख़म

लगाए 11 िफर वहा स कच करक अयय-अबारीमम डर डाल उस रिगसतान म जो मशिरक़ की तरफ़मोआब क सामन ह 12 वहा स रवाना हो कर वहवादी-ए-िज़रद म ख़माज़न हए 13 जब वादी-ए-िज़रदस रवाना हए तो दरया-ए-अनोरन क परल यानी जनबीिकनार पर ख़माज़न हए यह दरया रिगसतान मह और अमोिरयो क इलाक़ स िनकलता ह यहअमोिरयो और मोआिबयो क दरिमयान की सरहदह 14 इस का िज़कर िकताब lsquoरब की जगrsquo म भी ह

ldquoवाहब जो सफ़ा म ह दरया-ए-अनोरन की वािदया 15 और वािदयो का वह ढलान जो आर शहर तकजाता ह और मोआब की सरहद पर वाक़ हrdquo

16 वहा स वह बर यानी lsquoकआrsquo पहच यह वही बरह जहा रब न मसा स कहा ldquoलोगो को इकटठा करतो म उनह पानी दगाrdquo 17 उस वक़त इसराईिलयो नयह गीत गाया

ldquoऐ कए फट िनकल उस क बार म गीत गाओ18 उस कए क बार म िजस सरदारो न खोदा िजस

क़ौम क राहनमाओ न असा-ए-शाही और अपनीलािठयो स खोदाrdquo

िफर वह रिगसतान स मततना को गए 19 मततनास नहलीएल को और नहलीएल स बामात को20 बामात स वह मोआिबयो क इलाक़ की उस वादीम पहच जो िपसगा पहाड़ क दामन म ह इस पहाड़की चोटी स वादी-ए-यदरन का जनबी िहससा यशीमोनख़ब नज़र आता ह

सीहोन और ओज की िशकसत21 इसराईल न अमोिरयो क बादशाह सीहोन को

इिततला भजी 22 ldquoहम अपन मलक म स गज़रन दहम सीध सीध गज़र जाएग न हम कोई खत याअगर का बाग़ छड़ग न िकसी कए का पानी िपएगहम आप क मलक म स सीध गज़रत हए शाहराह पर

ही रहगrdquo 23 लिकन सीहोन न उनह गज़रन न िदयाबिलक अपनी फ़ौज जमा करक इसराईल स लड़न किलए रिगसतान म चल पड़ा यहज़ पहच कर उस नइसराईिलयो स जग की 24 लिकन इसराईिलयो न उसक़तल िकया और दरया-ए-अनोरन स ल कर दरया-ए-यबबोक़ तक यानी अममोिनयो की सरहद तक उसक मलक पर क़बज़ा कर िलया वह इस स आगन जा सक कयिक अममोिनयो न अपनी सरहद कीिहसारबनदी कर रखी थी 25 इसराईली तमाम अमोरीशहरो पर क़बज़ा करक उन म रहन लग उन महसबोन और उस क इदरिगदर की आबािदया शािमलथी

26 हसबोन अमोरी बादशाह सीहोन का दार-उल-हकमत था उस न मोआब क िपछल बादशाह सलड़ कर उस स यह इलाक़ा दरया-ए-अनोरन तक छीनिलया था 27 उस वािकए का िज़कर शाइरी म य िकयागया ह

ldquoहसबोन क पास आ कर उस अज़ सर-ए-नौ तामीरकरो सीहोन क शहर को अज़ सर-ए-नौ क़ाइम करो

28 हसबोन स आग िनकली सीहोन क शहर सशोला भड़का उस न मोआब क शहर आर को जलािदया अनोरन की बलिनदयो क मािलको को भसमिकया

29 ऐ मोआब तझ पर अफ़सोस ऐ कमोस दवताकी क़ौम त हलाक हई ह कमोस न अपन बटोको मफ़रर और अपनी बिटयो को अमोरी बादशाहसीहोन की क़दी बना िदया ह

30 लिकन जब हम न अमोिरयो पर तीर चलाए तोहसबोन का इलाक़ा दीबोन तक बबारद हआ हम ननफ़ह तक सब कछ तबाह िकया वह नफ़ह िजसका इलाक़ा मीदबा तक हrdquo

31 य इसराईल अमोिरयो क मलक म आबाद हआ32 वहा स मसा न अपन जासस याज़र शहर भजवहा भी अमोरी रहत थ इसराईिलयो न याज़र औरउस क इदरिगदर क शहरो पर भी क़बज़ा िकया औरवहा क अमोिरयो को िनकाल िदया

182 िगनती 2133ndash221833 इस क बाद वह मड़ कर बसन की तरफ़ बढ़

तब बसन का बादशाह ओज अपनी तमाम फ़ौज लकर उन स लड़न क िलए शहर इदरई आया 34 उसवक़त रब न मसा स कहा ldquoओज स न डरना म उसउस की तमाम फ़ौज और उस का मलक तर हवालकर चका ह उस क साथ वही सलक कर जो त नअमोिरयो क बादशाह सीहोन क साथ िकया िजसका दार-उल-हकमत हसबोन थाrdquo 35 इसराईिलयो नओज उस क बटो और तमाम फ़ौज को हलाक करिदया कोई भी न बचा िफर उनहो न बसन क मलकपर क़बज़ा कर िलया

बलक़ बलआम को इसराईलपर लानत भजन क िलए बलाता ह

22 1 इस क बाद इसराईली मोआब क मदानोम पहच कर दरया-ए-यदरन क मशिरक़ी

िकनार पर यरीह क आमन-सामन ख़माज़न हए2 मोआब क बादशाह बलक़ िबन सफ़ोर को मालम

हआ िक इसराईिलयो न अमोिरयो क साथ कया कछिकया ह 3 मोआिबयो न यह भी दखा िक इसराईलीबहत ज़यादा ह इस िलए उन पर दहशत छा गई4 उनहो न िमिदयािनयो क बज़गोर स बात की ldquoअबयह हजम उस तरह हमार इदरिगदर का इलाक़ा चटकर जाएगा िजस तरह बल मदान की घास चट करजाता हrdquo

5 तब बलक़ न अपन क़ािसद फ़तोर शहर को भजजो दरया-ए-फ़रात पर वाक़ था और जहा बलआमिबन बओर अपन वतन म रहता था क़ािसद उसबलान क िलए उस क पास पहच और उस बलक़का पग़ाम सनाया ldquoएक क़ौम िमसर स िनकल आई हजो र-ए-ज़मीन पर छा कर मर क़रीब ही आबाद हईह 6 इस िलए आए और इन लोगो पर लानत भजकयिक वह मझ स ज़यादा ताक़तवर ह िफर शायदम उनह िशकसत द कर मलक स भगा सक कयिक मजानता ह िक िजनह आप बरकत दत ह उनह बरकत

िमलती ह और िजन पर आप लानत भजत ह उन परलानत आती हrdquo

7 यह पग़ाम ल कर मोआब और िमिदयान क बज़गररवाना हए उन क पास इनआम क पस थ बलआमक पास पहच कर उनहो न उस बलक़ का पग़ामसनाया 8 बलआम न कहा ldquoरात यहा गज़ार कलम आप को बता दगा िक रब इस क बार म कयाफ़रमाता हrdquo चनाच मोआबी सरदार उस क पासठहर गए

9 रात क वक़त अललाह बलआम पर ज़ािहर हआउस न पछा ldquoयह आदमी कौन ह जो तर पासआए हrdquo 10 बलआम न जवाब िदया ldquoमोआब कबादशाह बलक़ िबन सफ़ोर न मझ पग़ाम भजा ह11 lsquoजो क़ौम िमसर स िनकल आई ह वह र-ए-ज़मीनपर छा गई ह इस िलए आए और मर िलए उन परलानत भज िफर शायद म उन स लड़ कर उनह भगादन म कामयाब हो जाऊrsquordquo 12 रब न बलआम सकहा ldquoउन क साथ न जाना तझ उन पर लानत भजनकी इजाज़त नही ह कयिक उन पर मरी बरकत हrdquo

13 अगली सबह बलआम जाग उठा तो उस न बलक़क सरदारो स कहा ldquoअपन वतन वापस चल जाएकयिक रब न मझ आप क साथ जान की इजाज़त नहीदीrdquo 14 चनाच मोआबी सरदार ख़ाली हाथ बलक़क पास वापस आए उनहो न कहा ldquoबलआम हमारसाथ आन स इनकार करता हrdquo 15 तब बलक़ न औरसरदार भज जो पहल वालो की िनसबत तादाद औरउहद क िलहाज़ स ज़यादा थ 16 वह बलआम कपास जा कर कहन लग ldquoबलक़ िबन सफ़ोर कहतह िक कोई भी बात आप को मर पास आन स नरोक 17 कयिक म आप को बड़ा इनआम दगा आपजो भी कहग म करन क िलए तययार ह आए तोसही और मर िलए उन लोगो पर लानत भजrdquo

18 लिकन बलआम न जवाब िदया ldquoअगर बलक़अपन महल को चादी और सोन स भर कर भीमझ द तो भी म रब अपन ख़दा क फ़रमान कीिख़लाफ़वरज़ी नही कर सकता ख़वाह बात छोटी

िगनती 2219ndash41 183हो या बड़ी 19 आप दसर सरदारो की तरह रात यहा गज़ार इतन म म मालम करगा िक रब मझ मज़ीदकया कछ बताता हrdquo

20 उस रात अललाह बलआम पर ज़ािहर हआ औरकहा ldquoचिक यह आदमी तझ बलान आए ह इस िलएउन क साथ चला जा लिकन िसफ़र वही कछ करनाजो म तझ बताऊगाrdquo

बलआम की गधी21 सबह को बलआम न उठ कर अपनी गधी पर

ज़ीन कसा और मोआबी सरदारो क साथ चल पड़ा22 लिकन अललाह िनहायत ग़सस हआ िक वह जा रहाह इस िलए उस का फ़िरशता उस का मक़ाबला करनक िलए रासत म खड़ा हो गया बलआम अपनी गधीपर सवार था और उस क दो नौकर उस क साथ चलरह थ 23 जब गधी न दखा िक रब का फ़िरशता अपनहाथ म तलवार थाम हए रासत म खड़ा ह तो वह रासतस हट कर खत म चलन लगी बलआम उस मारतमारत रासत पर वापस ल आया

24 िफर वह अगर क दो बाग़ो क दरिमयान सगज़रन लग रासता तग था कयिक वह दोनो तरफ़बाग़ो की चारदीवारी स बनद था अब रब काफ़िरशता वहा खड़ा हआ 25 गधी यह दख करचारदीवारी क साथ साथ चलन लगी और बलआमका पाओ कचला गया उस न उस दबारा मारा

26 रब का फ़िरशता आग िनकला और तीसरी मतरबारासत म खड़ा हो गया अब रासत स हट जान कीकोई गनजाइश नही थी न दाई तरफ़ और न बाईतरफ़ 27 जब गधी न रब का फ़िरशता दखा तो वहलट गई बलआम को ग़ससा आ गया और उस नउस अपनी लाठी स ख़ब मारा

28 तब रब न गधी को बोलन िदया और उस नबलआम स कहा ldquoम न आप स कया ग़लत सलकिकया ह िक आप मझ अब तीसरी दफ़ा पीट रहहrdquo 29 बलआम न जवाब िदया ldquoत न मझ बवक़फ़बनाया ह काश मर हाथ म तलवार होती तो म अभी

तझ ज़बह कर दताrdquo 30 गधी न बलआम स कहाldquoकया म आप की गधी नही ह िजस पर आप आजतक सवार होत रह ह कया मझ कभी ऐसा करनकी आदत थीrdquo उस न कहा ldquoनहीrdquo

31 िफर रब न बलआम की आख खोली और उस नरब क फ़िरशत को दखा जो अब तक हाथ म तलवारथाम हए रासत म खड़ा था बलआम न मह क बलिगर कर िसजदा िकया 32 रब क फ़िरशत न पछाldquoत न तीन बार अपनी गधी को कय पीटा म तरमक़ाबल म आया ह कयिक िजस तरफ़ त बढ़ रहाह उस का अनजाम बरा ह 33 गधी तीन मतरबा मझदख कर मरी तरफ़ स हट गई अगर वह न हटतीतो त उस वक़त हलाक हो गया होता अगरच म गधीको छोड़ दताrdquo

34 बलआम न रब क फ़िरशत स कहा ldquoम न गनाहिकया ह मझ मालम नही था िक त मर मक़ाबलम रासत म खड़ा ह लिकन अगर मरा सफ़र तझबरा लग तो म अब वापस चला जाऊगाrdquo 35 रब कफ़िरशत न कहा ldquoइन आदिमयो क साथ अपना सफ़रजारी रख लिकन िसफ़र वही कछ कहना जो म तझबताऊगाrdquo चनाच बलआम न बलक़ क सरदारो कसाथ अपना सफ़र जारी रखा

36 जब बलक़ को ख़बर िमली िक बलआम आरहा ह तो वह उस स िमलन क िलए मोआब क उसशहर तक गया जो मोआब की सरहद दरया-ए-अनोरनपर वाक़ ह 37 उस न बलआम स कहा ldquoकया म नआप को इिततला नही भजी थी िक आप ज़रर आएआप कय नही आए कया आप न सोचा िक म आपको मनािसब इनआम नही द पाऊगाrdquo 38 बलआमन जवाब िदया ldquoबहरहाल अब म पहच गया हलिकन म िसफ़र वही कछ कह सकता ह जो अललाहन पहल ही मर मह म डाल िदया हrdquo

39 िफर बलआम बलक़ क साथ िक़यरत-हसातगया 40 वहा बलक़ न गाय-बल और भड़-बकिरया क़बारन करक उन क गोशत म स बलआम और उसक साथ वाल सरदारो को द िदया 41 अगली सबह

184 िगनती 231ndash19बलक़ बलआम को साथ ल कर एक ऊची जगहपर चढ़ गया िजस का नाम बामोत-बाल था वहा सइसराईली ख़मागाह का िकनारा नज़र आता था

बलआम की पहली बरकत

23 1 बलआम न कहा ldquoयहा मर िलए सातक़बारनगाह बनाए साथ साथ मर िलए सात

बल और सात मढ तययार कर रखrdquo 2 बलक़ न ऐसाही िकया और दोनो न िमल कर हर क़बारनगाह परएक बल और एक मढा चढ़ाया 3 िफर बलआम नबलक़ स कहा ldquoयहा अपनी क़बारनी क पास खड़रह म कछ फ़ािसल पर जाता ह शायद रब मझ सिमलन आए जो कछ वह मझ पर ज़ािहर कर म आपको बता दगाrdquo

यह कह कर वह एक ऊच मक़ाम पर चला गयाजो हिरयाली स िबलकल महरम था 4 वहा अललाहबलआम स िमला बलआम न कहा ldquoम न सातक़बारनगाह तययार करक हर क़बारनगाह पर एक बलऔर एक मढा क़बारन िकया हrdquo 5 तब रब न उसबलक़ क िलए पग़ाम िदया और कहा ldquoबलक़ कपास वापस जा और उस यह पग़ाम सनाrdquo 6 बलआमबलक़ क पास वापस आया जो अब तक मोआबीसरदारो क साथ अपनी क़बारनी क पास खड़ा था7 बलआम बोल उठा

ldquoबलक़ मझ अराम स यहा लाया ह मोआबीबादशाह न मझ मशिरक़ी पहाड़ो स बला कर कहाlsquoआओ याक़ब पर मर िलए लानत भजो आओइसराईल को बददआ दोrsquo

8 म िकस तरह उन पर लानत भज िजन पर अललाहन लानत नही भजी म िकस तरह उनह बददआ द िजनह रब न बददआ नही दी

9 म उनह चटानो की चोटी स दखता ह पहािड़योस उन का मशाहदा करता ह वाक़ई यह एक ऐसीक़ौम ह जो दसरो स अलग रहती ह यह अपन आपको दसरी क़ौमो स ममताज़ समझती ह

10 कौन याक़ब की औलाद को िगन सकता ह जोगदर की मािननद बशमार ह कौन इसराईिलयो काचौथा िहससा भी िगन सकता ह रब कर िक मरासतबाज़ो की मौत मर िक मरा अनजाम उन कअनजाम जसा अचछा होrdquo

11 बलक़ न बलआम स कहा ldquoआप न मर साथकया िकया ह म आप को अपन दशमनो पर लानतभजन क िलए लाया और आप न उनह अचछी-ख़ासीबरकत दी हrdquo 12 बलआम न जवाब िदया ldquoकयालािज़म नही िक म वही कछ बोल जो रब न बतानको कहा हrdquo

बलआम की दसरी बरकत13 िफर बलक़ न उस स कहा ldquoआए हम एक

और जगह जाए जहा स आप इसराईली क़ौम कोदख सकग गो उन की ख़मागाह का िसफ़र िकनाराही नज़र आएगा आप सब को नही दख सकगवही स उन पर मर िलए लानत भजrdquo 14 यह कहकर वह उस क साथ िपसगा की चोटी पर चढ़ करपहरदारो क मदान तक पहच गया वहा भी उसन सात क़बारनगाह बना कर हर एक पर एक बलऔर एक मढा क़बारन िकया 15 बलआम न बलक़स कहा ldquoयहा अपनी क़बारनगाह क पास खड़ रहम कछ फ़ािसल पर जा कर रब स िमलगाrdquo

16 रब बलआम स िमला उस न उस बलक़ क िलएपग़ाम िदया और कहा ldquoबलक़ क पास वापस जाऔर उस यह पग़ाम सना दrdquo 17 वह वापस चलागया बलक़ अब तक अपन सरदारो क साथ अपनीक़बारनी क पास खड़ा था उस न उस स पछा ldquoरबन कया कहाrdquo 18 बलआम न कहा ldquoऐ बलक़ उठोऔर सनो ऐ सफ़ोर क बट मरी बात पर ग़ौर करो

19 अललाह आदमी नही जो झट बोलता ह वहइनसान नही जो कोई फ़सला करक बाद म पछताएकया वह कभी अपनी बात पर अमल नही करताकया वह कभी अपनी बात परी नही करता

िगनती 2320ndash2411 18520 मझ बरकत दन को कहा गया ह उस न बरकत

दी ह और म यह बरकत रोक नही सकता21 याक़ब क घरान म ख़राबी नज़र नही आती

इसराईल म दख िदखाई नही दता रब उस का ख़दाउस क साथ ह और क़ौम बादशाह की ख़शी म नारलगाती ह

22 अललाह उनह िमसर स िनकाल लाया और उनहजगली बल की ताक़त हािसल ह

23 याक़ब क घरान क िख़लाफ़ जादगरी नाकामह इसराईल क िख़लाफ़ ग़बदानी बफ़ाइदा ह अबयाक़ब क घरान स कहा जाएगा lsquoअललाह न कसाकाम िकया हrsquo

24 इसराईली क़ौम शरनी की तरह उठती औरशरबबर की तरह खड़ी हो जाती ह जब तक वहअपना िशकार न खा ल वह आराम नही करता जबतक वह मार हए लोगो का ख़न न पी ल वह नहीलटताrdquo

25 यह सन कर बलक़ न कहा ldquoअगर आप उनपर लानत भजन स इनकार कर कम अज़ कम उनहबरकत तो न दrdquo 26 बलआम न जवाब िदया ldquoकयाम न आप को नही बताया था िक जो कछ भी रबकहगा म वही करगाrdquo

बलआम की तीसरी बरकत27 तब बलक़ न बलआम स कहा ldquoआए म आप

को एक और जगह ल जाऊ शायद अललाह राज़ी होजाए िक आप मर िलए वहा स उन पर लानत भजrdquo28 वह उस क साथ फ़ग़र पहाड़ पर चढ़ गया उस कीचोटी स यदरन की वादी का जनबी िहससा यशीमोनिदखाई िदया 29 बलआम न उस स कहा ldquoमर िलएयहा सात क़बारनगाह बना कर सात बल और सातमढ तययार कर रखrdquo 30 बलक़ न ऐसा ही िकयाउस न हर एक क़बारनगाह पर एक बल और एकमढा क़बारन िकया

24 1 अब बलआम को उस बात का परायक़ीन हो गया िक रब को पसनद ह िक

म इसराईिलयो को बरकत द इस िलए उस न इसमतरबा पहल की तरह जादगरी का तरीक़ा इसतमालन िकया बिलक सीधा रिगसतान की तरफ़ रख़ िकया2 जहा इसराईल अपन अपन क़बीलो की ततीरब सख़माज़न था यह दख कर अललाह का रह उस परनािज़ल हआ 3 और वह बोल उठा

ldquoबलआम िबन बओर का पग़ाम सनो उस कपग़ाम पर ग़ौर करो जो साफ़ साफ़ दखता ह 4 उसका पग़ाम जो अललाह की बात सन लता ह क़ािदर-ए-मतलक़ की रोया को दख लता ह और ज़मीन परिगर कर पोशीदा बात दखता ह

5 ऐ याक़ब तर ख़म िकतन शानदार ह ऐ इसराईलतर घर िकतन अचछ ह

6 वह दर तक फली हई वािदयो की मािननद नहरक िकनार लग बाग़ो की मािननद रब क लगाए हएऊद क दरख़तो की मािननद पानी क िकनार लगदवदार क दरख़तो की मािननद ह

7 उन की बािलटयो स पानी छलकता रहगा उन कबीज को कसरत का पानी िमलगा उन का बादशाहअजाज स ज़यादा ताक़तवर होगा और उन कीसलतनत सरफ़राज़ होगी

8 अललाह उनह िमसर स िनकाल लाया और उनहजगली बल की सी ताक़त हािसल ह वह मख़ािलफ़क़ौमो को हड़प करक उन की हिडडया चर चर करदत ह वह अपन तीर चला कर उनह मार डालत ह

9 इसराईल शरबबर या शरनी की मािननद ह जबवह दबक कर बठ जाए तो कोई भी उस छड़न कीजरअत नही करता जो तझ बरकत द उस बरकतिमल और जो तझ पर लानत भज उस पर लानतआएrdquo

10 यह सन कर बलक़ आप स बाहर हआ उस नताली बजा कर अपनी िहक़ारत का इज़हार िकयाऔर कहा ldquoम न तझ इस िलए बलाया था िक तमर दशमनो पर लानत भज अब त न उनह तीनोबार बरकत ही दी ह 11 अब दफ़ा हो जा अपनघर वापस भाग जा म न कहा था िक बड़ा इनआम

186 िगनती 2412ndash257दगा लिकन रब न तझ इनआम पान स रोक िदयाहrdquo

12 बलआम न जवाब िदया ldquoकया म न उन लोगोको िजनह आप न मझ बलान क िलए भजा था नहीबताया था 13 िक अगर बलक़ अपन महल को चादीऔर सोन स भर कर भी मझ द द तो भी म रबकी िकसी बात की िख़लाफ़वरज़ी नही कर सकताख़वाह मरी नीयत अचछी हो या बरी म िसफ़र वहकछ कर सकता ह जो अललाह फ़रमाता ह 14 अबम अपन वतन वापस चला जाता ह लिकन पहल मआप को बता दता ह िक आिख़रकार यह क़ौम आपकी क़ौम क साथ कया कछ करगीrdquo

बलआम की चौथी बरकत15 वह बोल उठाldquoबलआम िबन बओर का पग़ाम सनो उस का

पग़ाम जो साफ़ साफ़ दखता ह16 उस का पग़ाम जो अललाह की बात सन लता और

अललाह तआला की मज़ीर को जानता ह जो क़ािदर-ए-मतलक़ की रोया को दख लता और ज़मीन पर िगरकर पोशीदा बात दखता ह

17 िजस म दख रहा ह वह इस वक़त नही ह जोमझ नज़र आ रहा ह वह क़रीब नही ह याक़ब कघरान स िसतारा िनकलगा और इसराईल स असा-ए-शाही उठगा जो मोआब क माथो और सत क तमामबटो की खोपिड़यो को पाश पाश करगा

18 अदोम उस क क़बज़ म आएगा उस का दशमनसईर उस की िमलिकयत बनगा जबिक इसराईल कीताक़त बढ़ती जाएगी

19 याक़ब क घरान स एक हकमरान िनकलगा जोशहर क बच हओ को हलाक कर दगाrdquo

बलआम क आिख़री पग़ाम20 िफर बलआम न अमालीक़ को दखा और कहाldquoअमालीक़ क़ौमो म अववल था लिकन

आिख़रकार वह ख़तम हो जाएगाrdquo

21 िफर उस न क़ीिनयो को दखा और कहाldquoतरी सकनतगाह मसतहकम ह तरा चटान म बना

घोसला मज़बत ह22 लिकन त तबाह हो जाएगा जब असर तझ

िगिरफ़तार करगाrdquo23 एक और दफ़ा उस न बात कीldquoहाय कौन िज़नदा रह सकता ह जब अललाह य

करगा24 िकततीम क सािहल स बहरी जहाज़ आएग जो

असर और इबर को ज़लील करग लिकन वह ख़दभी हलाक हो जाएगrdquo

25 िफर बलआम उठ कर अपन घर वापस चलागया बलक़ भी वहा स चला गया

मोआब इसराईिलयो की आज़माइश करता ह

25 1 जब इसराईली िशततीम म रह रह थ तोइसराईली मदर मोआबी औरतो स िज़नाकारी

करन लग 2 यह ऐसा हआ िक मोआबी औरत अपनदवताओ को क़बारिनया पश करत वक़त इसराईिलयोको शरीक होन की दावत दन लगी इसराईली दावतक़बल करक क़बारिनयो स खान और दवताओ कोिसजदा करन लग 3 इस तरीक़ स इसराईली मोआबीदवता बनाम बाल-फ़ग़र की पजा करन लग और रबका ग़ज़ब उन पर आन पड़ा 4 उस न मसा स कहाldquoइस क़ौम क तमाम राहनमाओ को सज़ा-ए-मौत दकर सरज की रौशनी म रब क सामन लटका वनार रबका इसराईिलयो पर स ग़ज़ब नही टलगाrdquo 5 चनाचमसा न इसराईल क क़ािज़यो स कहा ldquoलािज़म ह िकतम म स हर एक अपन उन आदिमयो को जान समार द जो बाल-फ़ग़र दवता की पजा म शरीक हएहrdquo

6 मसा और इसराईल की परी जमाअत मलाक़ात कख़म क दरवाज़ पर जमा हो कर रोन लग इिततफ़ाक़स उसी वक़त एक आदमी वहा स गज़रा जो एकिमिदयानी औरत को अपन घर ल जा रहा था 7 यहदख कर हारन का पोता फ़ीनहास िबन इलीअज़र

िगनती 258ndash2622 187जमाअत स िनकला और नज़ा पकड़ कर 8 उसइसराईली क पीछ चल पड़ा वह औरत समत अपनख़म म दािख़ल हआ तो फ़ीनहास न उन क पीछ पीछजा कर नज़ा इतन ज़ोर स मारा िक वह दोनो म सगज़र गया उस वक़त वबा फलन लगी थी लिकनफ़ीनहास क इस अमल स वह रक गई 9 तो भी24000 अफ़राद मर चक थ

10 रब न मसा स कहा 11 ldquoहारन क पोत फ़ीनहासिबन इलीअज़र न इसराईिलयो पर मरा ग़ससा ठडाकर िदया ह मरी ग़रत अपना कर वह इसराईल मदीगर माबदो की पजा को बदारशत न कर सका इसिलए मरी ग़रत न इसराईिलयो को नसत-ओ-नाबद नहीिकया 12 िलहाज़ा उस बता दना िक म उस क साथसलामती का अहद क़ाइम करता ह 13 इस अहदक तहत उस और उस की औलाद को अबद तकइमाम का उहदा हािसल रहगा कयिक अपन ख़दा कीख़ाितर ग़रत खा कर उस न इसराईिलयो का कफ़फ़ारािदयाrdquo

14 िजस आदमी को िमिदयानी औरत क साथ मारिदया गया उस का नाम िज़मरी िबन सल था औरवह शमाऊन क क़बील क एक आबाई घरान कासरपरसत था 15 िमिदयानी औरत का नाम कज़बीथा और वह सर की बटी थी जो िमिदयािनयो कएक आबाई घरान का सरपरसत था

16 रब न मसा स कहा 17 ldquoिमिदयािनयो को दशमनक़रार द कर उनह मार डालना 18 कयिक उनहो नअपनी चालािकयो स तमहार साथ दशमन का सासलक िकया उनहो न तमह बाल-फ़ग़र की पजाकरन पर उकसाया और तमह अपनी बहन िमिदयानीसरदार की बटी कज़बी क ज़रीए िजस वबा फलतवक़त मार िदया गया बहकायाrdquo

दसरी मदरमशमारी

26 1 वबा क बाद रब न मसा और हारन कबट इलीअज़र स कहा

2 ldquoपरी इसराईली जमाअत की मदरमशमारी उन कआबाई घरानो क मतािबक़ करना उन तमाम मदोरको िगनना जो 20 साल या इस स ज़ाइद क ह औरजो जग लड़न क क़ािबल हrdquo

3ndash4 मसा और इलीअज़र न इसराईिलयो को बतायािक रब न उनह कया हकम िदया ह चनाच उनहो नमोआब क मदानी इलाक़ म यरीह क सामन लिकनदरया-ए-यदरन क मशिरक़ी िकनार पर मदरमशमारीकी यह वह इसराईली आदमी थ जो िमसर स िनकलथ

5ndash7 इसराईल क पहलौठ रिबन क क़बील क43730 मदर थ क़बील क चार कब हनकी फ़ललवीहसरोनी और कमीर रिबन क बटो हनक फ़लल हसरोनऔर कमीर स िनकल हए थ 8 रिबन का बटा फ़ललइिलयाब का बाप था 9 िजस क बट नमएल दातनऔर अबीराम थ

दातन और अबीराम वही लोग थ िजनह जमाअतन चना था और िजनहो न क़ोरह क गरोह समत मसाऔर हारन स झगड़त हए ख़द रब स झगड़ा िकया10 उस वक़त ज़मीन न अपना मह खोल कर उनहक़ोरह समत हड़प कर िलया था उस क 250 साथीभी मर गए थ जब आग न उनह भसम कर िदया य वह सब इसराईल क िलए इबरतअगज़ िमसाल बन गएथ 11 लिकन क़ोरह की परी नसल िमटाई नही गईथी

12ndash14 शमाऊन क क़बील क 22200 मदर थक़बील क पाच कब नमएली यमीनी यक़ीनीज़ारही और साऊली शमाऊन क बटो नमएल यमीनयकीन ज़ारह और साऊल स िनकल हए थ

15ndash18 जद क क़बील क 40500 मदर थ क़बील कसात कब सफ़ोनी हजजी सनी उज़नी एरी अरदीऔर अरली जद क बटो सफ़ोन हजजी सनी उज़नीएरी अरद और अरली स िनकल हए थ

19ndash22 यहदाह क क़बील क 76500 मदर थयहदाह क दो बट एर और ओनान िमसर आन सपहल कनआन म मर गए थ क़बील क तीन कब

188 िगनती 2623ndash62सलानी फ़ारसी और ज़ारही यहदाह क बटो सलाफ़ारस और ज़ारह स िनकल हए थ

फ़ारस क दो बटो हसरोन और हमल स दो कबहसरोनी और हमली िनकल हए थ 23ndash25 इशकार कक़बील क 64300 मदर थ क़बील क चार कबतोलई फ़ववी यसबी और िसमरोनी इशकार क बटोतोला फ़ववा यसब और िसमरोन स िनकल हए थ

26ndash27 ज़बलन क क़बील क 60500 मदर थक़बील क तीन कब सरदी ऐलोनी और यहलीएलीज़बलन क बटो सरद ऐलोन और यहलीएल सिनकल हए थ

28 यसफ़ क दो बटो मनससी और इफ़राईम क अलगअलग क़बील बन

29ndash34 मनससी क क़बील क 52700 मदर थक़बील क आठ कब मकीरी िजिलआदी ईअज़रीख़लक़ी असरीएली िसकमी समीदाई और िहफ़रीथ मकीरी मनससी क बट मकीर स जबिकिजिलआदी मकीर क बट िजिलआद स िनकल हएथ बाक़ी कब िजिलआद क छः बटो ईअज़रख़लक़ असरीएल िसकम समीदा और िहफ़र सिनकल हए थ

िहफ़र िसलािफ़हाद का बाप था िसलािफ़हाद काकोई बटा नही बिलक पाच बिटया महलाह नआहहजलाह िमलकाह और ितज़ार थी

35ndash37 इफ़राईम क क़बील क 32500 मदर थक़बील क चार कब सतलही बकरी तहनी औरईरानी थ पहल तीन कब इफ़राईम क बटो सतलहबकर और तहन स जबिक ईरानी सतलह क बटईरान स िनकल हए थ

38ndash41 िबनयमीन क क़बील क 45600 मदर थक़बील क सात कब बालाई अशबली अख़ीरामीसफ़ामी हफ़ामी अदीर और नामानी थ पहल पाचकब िबनयमीन क बटो बाला अशबल अख़ीरामसफ़ाम और हफ़ाम स जबिक अदीर और नामानीबाला क बटो स िनकल हए थ

42ndash43 दान क क़बील क 64400 मदर थ सब दानक बट सहाम स िनकल हए थ इस िलए सहामीकहलात थ

44ndash47 आशर क क़बील क 53400 मदर थ क़बीलक पाच कब ियमनी इसवी बरीई िहबरी औरमलकीएली थ पहल तीन कब आशर क बटो ियमनाइसवी और बरीआ स जबिक बाक़ी बरीआ क बटोिहबर और मलकीएल स िनकल हए थ आशर कीएक बटी बनाम िसरह भी थी

48ndash50 नफ़ताली क क़बील क 45400 मदर थक़बील क चार कब यहसीएली जनी ियसरी औरिसललीमी नफ़ताली क बटो यहसीएल जनी ियसरऔर िसललीम स िनकल हए थ

51 इसराईली मदोर की कल तादाद 601730 थी52 रब न मसा स कहा 53 ldquoजब मलक-ए-कनआन

को तक़सीम िकया जाएगा तो ज़मीन इन की तादादक मतािबक़ दना ह 54 बड़ क़बीलो को छोट कीिनसबत ज़यादा ज़मीन दी जाए हर क़बील का इलाक़ाउस की तादाद स मतािबक़त रख 55ndash56 क़रआडालन स फ़सला िकया जाए िक हर क़बील कोकहा ज़मीन िमलगी लिकन हर क़बील क इलाक़का रक़बा इस पर मबनी हो िक क़बील क िकतनअफ़राद हrdquo

57 लावी क क़बील क तीन कब जसोरनी िक़हातीऔर िमरारी लावी क बटो जसोरन िक़हात औरिमरारी स िनकल हए थ 58 इस क इलावा िलबनीिहबरनी महली मशी और कोरही भी लावी क कबथ िक़हात अमराम का बाप था 59 अमराम न लावीऔरत यकिबद स शादी की जो िमसर म पदा हई थीउन क दो बट हारन और मसा और एक बटी मिरयमपदा हए 60 हारन क बट नदब अबीह इलीअज़रऔर इतमर थ 61 लिकन नदब और अबीह रब कोबख़र की नाजाइज़ क़बारनी पश करन क बाइस मरगए 62 लािवयो क मदोर की कल तादाद 23000थी इन म वह सब शािमल थ जो एक माह या इसस ज़ाइद क थ उनह दसर इसराईिलयो स अलग िगना

िगनती 2663ndash2721 189गया कयिक उनह इसराईल म मीरास म ज़मीन नहीिमलनी थी

63 य मसा और इलीअज़र न मोआब क मदानीइलाक़ म यरीह क सामन लिकन दरया-ए-यदरन कमशिरक़ी िकनार पर इसराईिलयो की मदरमशमारी की64 लोगो को िगनत िगनत उनह मालम हआ िक जोलोग दशत-ए-सीन म मसा और हारन की पहलीमदरमशमारी म िगन गए थ वह सब मर चक ह 65 रबन कहा था िक वह सब क सब रिगसतान म मरजाएग और ऐसा ही हआ था िसफ़र कािलब िबनयफ़नना और यशअ िबन नन िज़नदा रह

िसलािफ़हाद की बिटया

27 1 िसलािफ़हाद की पाच बिटया महलाहनआह हजलाह िमलकाह और ितज़ार थी

िसलािफ़हाद यसफ़ क बट मनससी क कब काथा उस का परा नाम िसलािफ़हाद िबन िहफ़रिबन िजिलआद िबन मकीर िबन मनससी िबन यसफ़था 2 िसलािफ़हाद की बिटया मलाक़ात क ख़म कदरवाज़ पर आ कर मसा इलीअज़र इमाम और परीजमाअत क सामन खड़ी हई उनहो न कहा 3 ldquoहमाराबाप रिगसतान म फ़ौत हआ लिकन वह क़ोरह कउन सािथयो म स नही था जो रब क िख़लाफ़ मततिहदहए थ वह इस सबब स न मरा बिलक अपन ज़ातीगनाह क बाइस जब वह मर गया तो उस का कोईबटा नही था 4 कया यह ठीक ह िक हमार ख़ानदानम बटा न होन क बाइस हम ज़मीन न िमल औरहमार बाप का नाम-ओ-िनशान िमट जाए हम भीहमार बाप क दीगर िरशतदारो क साथ ज़मीन दrdquo

5 मसा न उन का मआमला रब क सामन पश िकया6 तो रब न उस स कहा 7 ldquoजो बात िसलािफ़हाद कीबिटया कर रही ह वह दरसत ह उनह ज़रर उन कबाप क िरशतदारो क साथ ज़मीन िमलनी चािहएउनह बाप का िवरसा िमल जाए 8 इसराईिलयो कोभी बताना िक जब भी कोई आदमी मर जाए िजसका बटा न हो तो उस की बटी को उस की मीरास

िमल जाए 9 अगर उस की बटी भी न हो तो उस कभाइयो को उस की मीरास िमल जाए 10 अगर उसक भाई भी न हो तो उस क बाप क भाइयो को उसकी मीरास िमल जाए 11 अगर यह भी न हो तो उसक सब स क़रीबी िरशतदार को उस की मीरास िमलजाए वह उस की ज़ाती िमलिकयत होगी यह उसलइसराईिलयो क िलए क़ाननी हिसयत रखता ह वहइस वसा मान जसा रब न मसा को हकम िदया हrdquo

यशअ को मसा का जानशीन मक़ररर िकया जाता ह12 िफर रब न मसा स कहा ldquoअबारीम क पहाड़ी

िसलिसल क इस पहाड़ पर चढ़ कर उस मलकपर िनगाह डाल जो म इसराईिलयो को दगा 13 उसदखन क बाद त भी अपन भाई हारन की तरह कचकरक अपन बापदादा स जा िमलगा 14 कयिक तमदोनो न दशत-ए-सीन म मर हकम की िख़लाफ़वरज़ीकी उस वक़त जब परी जमाअत न मरीबा म मरिख़लाफ़ िगला-िशकवा िकया तो त न चटान सपानी िनकालत वक़त लोगो क सामन मरी क़ददिसयतक़ाइम न रखीrdquo (मरीबा दशत-ए-सीन क क़ािदस मचशमा ह)

15 मसा न रब स कहा 16 ldquoऐ रब तमाम जानो कख़दा जमाअत पर िकसी आदमी को मक़ररर कर17 जो उन क आग आग जग क िलए िनकल औरउन क आग आग वापस आ जाए जो उनह बाहरल जाए और वापस ल आए वनार रब की जमाअतउन भड़ो की मािननद होगी िजन का कोई चरवाहा नहोrdquo

18 जवाब म रब न मसा स कहा ldquoयशअ िबननन को चन ल िजस म मरा रह ह और अपनाहाथ उस पर रख 19 उस इलीअज़र इमाम और परीजमाअत क सामन खड़ा करक उन क र-ब-र हीउस राहनमाई की िज़ममादारी द 20 अपन इख़ितयारम स कछ उस द तािक इसराईल की परी जमाअत उसकी इताअत कर 21 रब की मज़ीर जानन क िलए वहइलीअज़र इमाम क सामन खड़ा होगा तो इलीअज़र

190 िगनती 2722ndash2822रब क सामन ऊरीम और तममीम इसतमाल करक उसकी मज़ीर दरयाफ़त करगा उसी क हकम पर यशअऔर इसराईल की परी जमाअत ख़मागाह स िनकलगऔर वापस आएगrdquo

22 मसा न ऐसा ही िकया उस न यशअ को चनकर इलीअज़र और परी जमाअत क सामन खड़ािकया 23 िफर उस न उस पर अपन हाथ रख करउस राहनमाई की िज़ममादारी सौपी िजस तरह रब नउस बताया था

रोज़मरार की क़बारिनया

28 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोबताना ख़याल रखो िक तम मक़रररा

औक़ात पर मझ जलन वाली क़बारिनया पश करोयह मरी रोटी ह और इन की ख़शब मझ पसनद ह3 रब को जलन वाली यह क़बारनी पश करना

रोज़ाना भड़ क दो यकसाला बचच जो बऐब हो परतौर पर जला दना 4 एक को सबह क वक़त पशकरना और दसर को सरज क डबन क ऐन बाद5 भड़ क बचच क साथ ग़लला की नज़र भी पश की जाएयानी डढ़ िकलोगराम बहतरीन मदा जो एक िलटरज़तन क कट कर िनकाल हए तल क साथ िमलायागया हो 6 यह रोज़मरार की क़बारनी ह जो पर तौरपर जलाई जाती ह और पहली दफ़ा सीना पहाड़ परचढ़ाई गई इस जलन वाली क़बारनी की ख़शब रबको पसनद ह 7ndash8 साथ ही एक िलटर शराब भी नज़रक तौर पर क़बारनगाह पर डाली जाए सबह औरशाम की यह क़बारिनया दोनो ही इस तरीक़ स पशकी जाए

सबत यानी हफ़त की क़बारनी9 सबत क िदन भड़ क दो और बचच चढ़ाना वह

भी बऐब और एक साल क हो साथ ही म और ग़ललाकी नज़र भी पश की जाए ग़लला की नज़र क िलए 3िकलोगराम बहतरीन मदा तल क साथ िमलाया जाए

10 भसम होन वाली यह क़बारनी हर हफ़त क िदन पशकरनी ह यह रोज़मरार की क़बारिनयो क इलावा ह

हर माह क पहल िदन की क़बारनी11 हर माह क शर म रब को भसम होन वाली

क़बारनी क तौर पर दो जवान बल एक मढा और भड़क सात यकसाला बचच पश करना सब बग़र नक़सक हो 12 हर जानवर क साथ ग़लला की नज़र पशकरना िजस क िलए तल म िमलाया गया बहतरीनमदा इसतमाल िकया जाए हर बल क साथ साढ़ 4िकलोगराम हर मढ क साथ 3 िकलोगराम 13 और भड़क हर बचच क साथ डढ़ िकलोगराम मदा पश करनाभसम होन वाली यह क़बारिनया रब को पसनद ह14 इन क़बारिनयो क साथ म की नज़र भी क़बारनगाहपर डालना यानी हर बल क साथ दो िलटर हर मढक साथ सवा िलटर और भड़ क हर बचच क साथ एकिलटर म पश करना यह क़बारनी साल म हर महीन कपहल िदन क मौक़ पर पश करनी ह 15 इस क़बारनीऔर रोज़मरार की क़बारिनयो क इलावा रब को एकबकरा गनाह की क़बारनी क तौर पर पश करना

फ़सह की क़बारिनया 16 पहल महीन क चौधव िदन फ़सह की ईद मनाई

जाए 17 अगल िदन पर हफ़त की वह ईद शर होतीह िजस क दौरान तमह िसफ़र बख़मीरी रोटी खानी ह18 पहल िदन काम न करना बिलक मक़ददस इजितमाक िलए इकटठ होना 19 रब क हज़र भसम होन वालीक़बारनी क तौर पर दो जवान बल एक मढा औरभड़ क सात यकसाला बचच पश करना सब बग़रनक़स क हो 20 हर जानवर क साथ ग़लला की नज़रभी पश करना िजस क िलए तल क साथ िमलायागया बहतरीन मदा इसतमाल िकया जाए हर बल कसाथ साढ़ 4 िकलोगराम हर मढ क साथ 3 िकलोगराम21 और भड़ क हर बचच क साथ डढ़ िकलोगराम मदापश करना 22 गनाह की क़बारनी क तौर पर एकबकरा भी पश करना तािक तमहारा कफ़फ़ारा िदया

िगनती 2823ndash2935 191जाए 23ndash24 इन तमाम क़बारिनयो को ईद क दौरानहर रोज़ पश करना यह रोज़मरार की भसम होन वालीक़बारिनयो क इलावा ह इस ख़राक की ख़शब रबको पसनद ह 25 सातव िदन काम न करना बिलकमक़ददस इजितमा क िलए इकटठ होना

फ़सल की कटाई की ईद की क़बारिनया 26 फ़सल की कटाई क पहल िदन की ईद पर जब

तम रब को अपनी फ़सल की पहली पदावार पशकरत हो तो काम न करना बिलक मक़ददस इजितमाक िलए इकटठ होना 27ndash29 उस िदन दो जवान बलएक मढा और भड़ क सात यकसाला बचच क़बारनगाहपर पर तौर पर जला दना इस क साथ ग़लला और मकी वही नज़र पश करना जो फ़सह की ईद पर भी पशकी जाती ह 30 इस क इलावा रब को एक बकरागनाह की क़बारनी क तौर पर चढ़ाना

31 यह तमाम क़बारिनया रोज़मरार की भसम होनवाली क़बारिनयो और उन क साथ वाली ग़लला औरम की नज़रो क इलावा ह वह बऐब हो

नए साल की ईद की क़बारिनया

29 1 सातव माह क पदरहव िदन भी काम नकरना बिलक मक़ददस इजितमा क िलए

इकटठ होना उस िदन नरिसग फक जाए 2 रब कोभसम होन वाली क़बारनी पश की जाए िजस कीख़शब उस पसनद हो यानी एक जवान बल एकमढा और भड़ क सात यकसाला बचच सब नक़सक बग़र हो 3 हर जानवर क साथ ग़लला की नज़र भीपश करना िजस क िलए तल क साथ िमलाया गयाबहतरीन मदा इसतमाल िकया जाए बल क साथसाढ़ 4 िकलोगराम मढ क साथ 3 िकलोगराम 4 औरभड़ क हर बचच क साथ डढ़ िकलोगराम मदा पशकरना 5 एक बकरा भी गनाह की क़बारनी क तौरपर पश करना तािक तमहारा कफ़फ़ारा िदया जाए6 यह क़बारिनया रोज़ाना और हर माह क पहल िदन

की क़बारिनयो और उन क साथ की ग़लला और म कीनज़रो क इलावा ह इन की ख़शब रब को पसनद ह

कफ़फ़ारा क िदन की क़बारिनया 7 सातव महीन क दसव िदन मक़ददस इजितमा क

िलए इकटठ होना उस िदन काम न करना और अपनीजान को दख दना 8ndash11 रब को वही क़बारिनया पशकरना जो इसी महीन क पहल िदन पश की जाती हिसफ़र एक फ़क़र ह उस िदन एक नही बिलक दो बकरगनाह की क़बारनी क तौर पर पश िकए जाए तािकतमहारा कफ़फ़ारा िदया जाए ऐसी क़बारिनया रब कोपसनद ह

झोपिड़यो की ईद की क़बारिनया 12 सातव महीन क पदरहव िदन भी काम न करना

बिलक मक़ददस इजितमा क िलए इकटठ होना सातिदन तक रब की ताज़ीम म ईद मनाना 13 ईद कपहल िदन रब को 13 जवान बल 2 मढ और 14भड़ क यकसाला बचच भसम होन वाली क़बारनी कतौर पर पश करना इन की ख़शब उस पसनद हसब नक़स क बग़र हो 14 हर जानवर क साथ ग़ललाकी नज़र भी पश करना िजस क िलए तल स िमलायागया बहतरीन मदा इसतमाल िकया जाए हर बल कसाथ साढ़ 4 िकलोगराम हर मढ क साथ 3 िकलोगराम15 और भड़ क हर बचच क साथ डढ़ िकलोगराम मदापश करना 16 इस क इलावा एक बकरा भी गनाहकी क़बारनी क तौर पर पश करना यह क़बारिनया रोज़ाना की भसम होन वाली क़बारिनयो और उन कसाथ वाली ग़लला और म की नज़रो क इलावा ह17ndash34 ईद क बाक़ी छः िदन यही क़बारिनया पश करनीह लिकन हर िदन एक बल कम हो यानी दसर िदन12 तीसर िदन 11 चौथ िदन 10 पाचव िदन 9छट िदन 8 और सातव िदन 7 बल हर िदन गनाहकी क़बारनी क िलए बकरा और मामल की रोज़ानाकी क़बारिनया भी पश करना 35 ईद क आठव िदनकाम न करना बिलक मक़ददस इजितमा क िलए इकटठ

192 िगनती 2936ndash313होना 36 रब को एक जवान बल एक मढा और भड़क सात यकसाला बचच भसम होन वाली क़बारनी कतौर पर पश करना इन की ख़शब रब को पसनदह सब नक़स क बग़र हो 37ndash38 साथ ही वह तमामक़बारिनया भी पश करना जो पहल िदन पश कीजाती ह 39 यह सब वही क़बारिनया ह जो तमह रबको अपनी ईदो पर पश करनी ह यह उन तमामक़बारिनयो क इलावा ह जो तम िदली ख़शी स यामननत मान कर दत हो चाह वह भसम होन वालीग़लला की म की या सलामती की क़बारिनया कय नहोrdquo

40 मसा न रब की यह तमाम िहदायात इसराईिलयोको बता दी

मननत मानन क क़वाइद

30 1 िफर मसा न क़बीलो क सरदारो स कहाldquoरब फ़रमाता ह

2 अगर कोई आदमी रब को कछ दन की मननत मानया िकसी चीज़ स पह रज़ करन की क़सम खाए तो वहअपनी बात पर क़ाइम रह कर उस परा कर

3 अगर कोई जवान औरत जो अब तक अपन बापक घर म रहती ह रब को कछ दन की मननत मानया िकसी चीज़ स पह रज़ करन की क़सम खाए 4 तोलािज़म ह िक वह अपनी मननत या क़सम की हर बातपरी कर शतर यह ह िक उस का बाप उस क बार मसन कर एितराज़ न कर 5 लिकन अगर उस का बापयह सन कर उस ऐसा करन स मना कर तो उस कीमननत या क़सम मनसख़ ह और वह उस परा करन सबरी ह रब उस मआफ़ करगा कयिक उस क बापन उस मना िकया ह

6 हो सकता ह िक िकसी ग़रशादीशदा औरत नमननत मानी या िकसी चीज़ स पह रज़ करन की क़समखाई चाह उस न दािनसता तौर पर या बसोच-समझऐसा िकया इस क बाद उस औरत न शादी कर ली7 शादीशदा हालत म भी लािज़म ह िक वह अपनीमननत या क़सम की हर बात परी कर शतर यह ह िक

उस का शौहर इस क बार म सन कर एितराज़ न कर8 लिकन अगर उस का शौहर यह सन कर उस ऐसाकरन स मना कर तो उस की मननत या क़सम मनसख़ह और वह उस परा करन स बरी ह रब उस मआफ़करगा 9 अगर िकसी बवा या तलाकशदा औरत नमननत मानी या िकसी चीज़ स पह रज़ करन की क़समखाई तो लािज़म ह िक वह अपनी हर बात परी कर

10 अगर िकसी शादीशदा औरत न मननत मानी यािकसी चीज़ स पह रज़ करन की क़सम खाई 11 तोलािज़म ह िक वह अपनी हर बात परी कर शतर यहह िक उस का शौहर उस क बार म सन कर एितराज़न कर 12 लिकन अगर उस का शौहर उस ऐसा करनस मना कर तो उस की मननत या क़सम मनसख़ हवह उस परा करन स बरी ह रब उस मआफ़ करगाकयिक उस क शौहर न उस मना िकया ह 13 चाहबीवी न कछ दन की मननत मानी हो या िकसी चीज़स पह रज़ करन की क़सम खाई हो उस क शौहर कोउस की तसदीक़ या उस मनसख़ करन का इख़ितयारह 14 अगर उस न अपनी बीवी की मननत या क़समक बार म सन िलया और अगल िदन तक एितराज़न िकया तो लािज़म ह िक उस की बीवी अपनी हरबात परी कर शौहर न अगल िदन तक एितराज़ नकरन स अपनी बीवी की बात की तसदीक़ की ह15 अगर वह इस क बाद यह मननत या क़सम मनसख़कर तो उस इस क़सर क नताइज भगतन पड़गrdquo

16 रब न मसा को यह िहदायात दी यह ऐसी औरतोकी मननतो या क़समो क उसल ह जो ग़रशादीशदाहालत म अपन बाप क घर म रहती ह या जोशादीशदा ह

िमिदयािनयो स जग

31 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoिमिदयािनयो सइसराईिलयो का बदला ल इस क बाद त

कच करक अपन बापदादा स जा िमलगाrdquo3 चनाच मसा न इसराईिलयो स कहा ldquoहिथयारो

स अपन कछ आदिमयो को लस करो तािक वह

िगनती 314ndash35 193िमिदयान स जग करक रब का बदला ल 4 हरक़बील क 1000 मदर जग लड़न क िलए भजोrdquo

5 चनाच हर क़बील क 1000 मसललह मदर यानीकल 12000 आदमी चन गए 6 तब मसा न उनह जगलड़न क िलए भज िदया उस न इलीअज़र इमाम कबट फ़ीनहास को भी उन क साथ भजा िजस क पासमिक़दस की कछ चीज़ और एलान करन क िबगलथ 7 उनहो न रब क हकम क मतािबक़ िमिदयािनयोस जग की और तमाम आदिमयो को मौत क घाटउतार िदया 8 इन म िमिदयािनयो क पाच बादशाहइवी रक़म सर हर और रबा थ बलआम िबनबओर को भी जान स मार िदया गया

9 इसराईिलयो न िमिदयानी औरतो और बचचो कोिगिरफ़तार करक उन क तमाम गाय-बल भड़-बकिरया और माल लट िलया 10 उनहो न उन कीतमाम आबािदयो को ख़मागाहो समत जला कर राखकर िदया 11ndash12 िफर वह तमाम लटा हआ मालक़िदयो और जानवरो समत मसा इलीअज़र इमामऔर इसराईल की परी जमाअत क पास ल आएजो ख़मागाह म इिनतज़ार कर रह थ अभी तकवह मोआब क मदानी इलाक़ म दरया-ए-यदरन कमशिरक़ी िकनार पर यरीह क सामन ठहर हए थ13 मसा इलीअज़र और जमाअत क तमाम सरदारउन का इिसतक़बाल करन क िलए ख़मागाह सिनकल

14 उनह दख कर मसा को हज़ार हज़ार और सौसौ अफ़राद पर मक़ररर अफ़सरान पर ग़ससा आया15 उस न कहा ldquoआप न तमाम औरतो को कय बचाएरखा 16 उन ही न बलआम क मशवर पर फ़ग़र मइसराईिलयो को रब स दर कर िदया था उन ही कसबब स रब की वबा उस क लोगो म फल गई17 चनाच अब तमाम लड़को को जान स मार दोउन तमाम औरतो को भी मौत क घाट उतारना जोकवािरया नही ह 18 लिकन तमाम कवािरयो कोबचाए रखना 19 िजस न भी िकसी को मार िदया यािकसी लाश को छआ ह वह सात िदन तक ख़मागाह

क बाहर रह तीसर और सातव िदन अपन आपको अपन क़िदयो समत गनाह स पाक-साफ़ करना20 हर िलबास और हर चीज़ को पाक-साफ़ करनाजो चमड़ बकिरयो क बालो या लकड़ी की होrdquo

21 िफर इलीअज़र इमाम न जग स वापस आन वालमदोर स कहा ldquoजो शरीअत रब न मसा को दी उसक मतािबक़ 22ndash23 जो भी चीज़ जल नही जाती उसआग म स गज़ार दना तािक पाक-साफ़ हो जाएउस म सोना चादी पीतल लोहा टीन और सीसाशािमल ह िफर उस पर नापाकी दर करन का पानीिछड़कना बाक़ी तमाम चीज़ पानी म स गज़ार दनातािक वह पाक-साफ़ हो जाए 24 सातव िदन अपनिलबास को धोना तो तम पाक-साफ़ हो कर ख़मागाहम दािख़ल हो सकत होrdquo

लट हए माल की तक़सीम25 रब न मसा स कहा 26 ldquoतमाम क़िदयो और लट

हए जानवरो को िगन इस म इलीअज़र इमाम औरक़बाइली कबो क सरपरसत तरी मदद कर 27 सारामाल दो बराबर क िहससो म तक़सीम करना एकिहससा फ़ौिजयो क िलए और दसरा बाक़ी जमाअतक िलए हो 28 फ़ौिजयो क िहसस क पाच पाच सौक़िदयो म स एक एक िनकाल कर रब को दना इसीतरह पाच पाच सौ बलो गधो भड़ो और बकिरयोम स एक एक िनकाल कर रब को दना 29 उनहइलीअज़र इमाम को दना तािक वह उनह रब कोउठान वाली क़बारनी क तौर पर पश कर 30 बाक़ीजमाअत क िहसस क पचास पचास क़िदयो म सएक एक िनकाल कर रब को दना इसी तरह पचासपचास बलो गधो भड़ो और बकिरयो या दसरजानवरो म स भी एक एक िनकाल कर रब को दनाउनह उन लािवयो को दना जो रब क मिक़दस कोसभालत हrdquo

31 मसा और इलीअज़र न ऐसा ही िकया32ndash34 उनहो न 675000 भड़-बकिरया 72000गाय-बल और 61000 गध िगन 35 इन क इलावा

194 िगनती 3136ndash321232000 क़दी कवािरया भी थी 36ndash40 फ़ौिजयोको तमाम चीज़ो का आधा िहससा िमल गयायानी 337500 भड़-बकिरया 36000 गाय-बल30500 गध और 16000 क़दी कवािरया इन मस उनहो न 675 भड़-बकिरया 72 गाय-बल 61 गधऔर 32 लड़िकया रब को दी 41 मसा न रब का यहिहससा इलीअज़र इमाम को उठान वाली क़बारनी कतौर पर द िदया िजस तरह रब न हकम िदया था42ndash47 बाक़ी जमाअत को भी लट हए माल का आधािहससा िमल गया मसा न पचास पचास क़िदयो औरजानवरो म स एक एक िनकाल कर उन लािवयो कोद िदया जो रब का मिक़दस सभालत थ उस न वसाही िकया जसा रब न हकम िदया था

48 िफर वह अफ़सर मसा क पास आए जो लशकरक हज़ार हज़ार और सौ सौ आदिमयो पर मक़रररथ 49 उनहो न उस स कहा ldquoआप क ख़ािदमो नउन फ़ौिजयो को िगन िलया ह िजन पर वह मक़रररह और हम पता चल गया िक एक भी कम नहीहआ 50 इस िलए हम रब को सोन का तमाम ज़वरक़बारन करना चाहत ह जो हम फ़तह पान पर िमलाथा मसलन सोन क बाज़बनद कगन महर लगान कीअगिठया बािलया और हार यह सब कछ हम रबको पश करना चाहत ह तािक रब क सामन हमाराकफ़फ़ारा हो जाएrdquo

51 मसा और इलीअज़र इमाम न सोन की तमामचीज़ उन स ल ली 52 जो चीज़ उनहो न अफ़सरानक लट हए माल म स रब को उठान वाली क़बारनीक तौर पर पश की उन का परा वज़न तक़रीबन190 िकलोगराम था 53 िसफ़र अफ़सरान न ऐसा िकयाबाक़ी फ़ौिजयो न अपना लट का माल अपन िलएरख िलया 54 मसा और इलीअज़र अफ़सरान का यहसोना मलाक़ात क ख़म म ल आए तािक वह रब कोउस की क़ौम की याद िदलाता रह

दरया-ए-यदरन क मशिरक़ी िकनार परआबाद क़बील

32 1 रिबन और जद क क़बीलो क पासबहत स मवशी थ जब उनहो न दखा िक

याज़र और िजिलआद का इलाक़ा मवशी पालन किलए अचछा ह 2 तो उनहो न मसा इलीअज़र इमामऔर जमाअत क राहनमाओ क पास आ कर कहा3ndash4 ldquoिजस इलाक़ को रब न इसराईल की जमाअत कआग आग िशकसत दी ह वह मवशी पालन क िलएअचछा ह अतारात दीबोन याज़र िनमरा हसबोनइलीआली सबाम नब और बऊन जो इस म शािमलह हमार काम आएग कयिक आप क ख़ािदमो कपास मवशी ह 5 अगर आप की नज़र-ए-करम हमपर हो तो हम यह इलाक़ा िदया जाए यह हमारीिमलिकयत बन जाए और हम दरया-ए-यदरन को पारकरन पर मजबर न िकया जाएrdquo

6 मसा न जद और रिबन क अफ़राद स कहाldquoकया तम यहा पीछ रह कर अपन भाइयो को छोड़नाचाहत हो जब वह जग लड़न क िलए आग िनकलग7 उस वक़त जब इसराईली दरया-ए-यदरन को पारकरक उस मलक म दािख़ल होन वाल ह जो रबन उनह िदया ह तो तम कय उन की हौसलािशकनीकर रह हो 8 तमहार बापदादा न भी यही कछ िकयाजब म न उनह क़ािदस-बनीरअ स मलक क बार ममालमात हािसल करन क िलए भजा 9 इसकाल कीवादी म पहच कर मलक की तफ़तीश करन क बादउनहो न इसराईिलयो की हौसलािशकनी की तािकवह उस मलक म दािख़ल न हो जो रब न उनह िदयाथा 10 उस िदन रब न ग़सस म आ कर क़सम खाई11 lsquoउन आदिमयो म स जो िमसर स िनकल आए हकोई उस मलक को नही दखगा िजस का वादा मन क़सम खा कर इबराहीम इसहाक़ और याक़ब सिकया था कयिक उनहो न परी वफ़ादारी स मरी परवीन की िसफ़र वह िजन की उमर उस वक़त 20 साल सकम ह दािख़ल होग 12 बज़गोर म स िसफ़र कािलबिबन यफ़नना क़िनज़ज़ी और यशअ िबन नन मलक म

िगनती 3213ndash37 195दािख़ल होग इस िलए िक उनहो न परी वफ़ादारीस मरी परवी कीrsquo 13 उस वक़त रब का ग़ज़ब उनपर आन पड़ा और उनह 40 साल तक रिगसतान ममार मार िफरना पड़ा जब तक िक वह तमाम नसलख़तम न हो गई िजस न उस क नज़दीक ग़लत कामिकया था 14 अब तम गनाहगारो की औलाद अपनबापदादा की जगह खड़ हो कर रब का इसराईल परग़ससा मज़ीद बढ़ा रह हो 15 अगर तम उस की परवीस हटोग तो वह दबारा इन लोगो को रिगसतान म रहनदगा और तम इन की हलाकत का बाइस बनोगrdquo

16 इस क बाद रिबन और जद क अफ़राद दबारामसा क पास आए और कहा ldquoहम यहा िफ़लहालअपन मवशी क िलए बाड़ और अपन बाल-बचचोक िलए शहर बनाना चाहत ह 17 इस क बाद हममसललह हो कर इसराईिलयो क आग आग चलग औरहर एक को उस की अपनी जगह तक पहचाएगइतन म हमार बाल-बचच हमार शहरो की फ़सीलो कअनदर मलक क मख़ािलफ़ बािशनदो स महफ़ज़ रहग18 हम उस वक़त तक अपन घरो को नही लौटगजब तक हर इसराईली को उस की मौरसी ज़मीनन िमल जाए 19 दसर हम ख़द उन क साथ दरया-ए-यदरन क मग़िरब म मीरास म कछ नही पाएग कयिकहम अपनी मौरसी ज़मीन दरया-ए-यदरन क मशिरक़ीिकनार पर िमल चकी हrdquo

20 यह सन कर मसा न कहा ldquoअगर तम ऐसा हीकरोग तो ठीक ह िफर रब क सामन जग क िलएतययार हो जाओ 21 और सब हिथयार बाध कर रबक सामन दरया-ए-यदरन को पार करो उस वक़ततक न लौटो जब तक रब न अपन तमाम दशमनोको अपन आग स िनकाल न िदया हो 22 िफर जबमलक पर रब का क़बज़ा हो गया होगा तो तम लौटसकोग तब तम न रब और अपन हमवतन भाइयोक िलए अपन फ़राइज़ अदा कर िदए होग और यहइलाक़ा रब क सामन तमहारा मौरसी हक़ होगा23 लिकन अगर तम ऐसा न करो तो िफर तम रब हीका गनाह करोग यक़ीन जानो तमह अपन गनाह की

सज़ा िमलगी 24 अब अपन बाल-बचचो क िलए शहरऔर अपन मविशयो क िलए बाड़ बना लो लिकनअपन वाद को ज़रर परा करनाrdquo

25 जद और रिबन क अफ़राद न मसा स कहाldquoहम आप क ख़ािदम ह हम अपन आक़ा क हकमक मतािबक़ ही करग 26 हमार बाल-बचच और मवशीयही िजिलआद क शहरो म रहग 27 लिकन आप कख़ािदम मसललह हो कर दरया को पार करग और रबक सामन जग करग हम सब कछ वसा ही करगजसा हमार आक़ा न हम हकम िदया हrdquo

28 तब मसा न इलीअज़र इमाम यशअ िबन ननऔर क़बाइली कबो क सरपरसतो को िहदायत दी29 ldquoलािज़म ह िक जद और रिबन क मदर मसललहहो कर तमहार साथ ही रब क सामन दरया-ए-यदरनको पार कर और मलक पर क़बज़ा कर अगर वहऐसा कर तो उनह मीरास म िजिलआद का इलाक़ादो 30 लिकन अगर वह ऐसा न कर तो िफर उनहमलक-ए-कनआन ही म तमहार साथ मौरसी ज़मीनिमलrdquo

31 जद और रिबन क अफ़राद न इसरार िकयाldquoआप क ख़ािदम सब कछ करग जो रब न कहाह 32 हम मसललह हो कर रब क सामन दरया-ए-यदरनको पार करग और कनआन क मलक म दािख़लहोग अगरच हमारी मौरसी ज़मीन यदरन क मशिरक़ीिकनार पर होगीrdquo

33 तब मसा न जद रिबन और मनससी क आधक़बील को यह इलाक़ा िदया उस म वह परा मलकशािमल था िजस पर पहल अमोिरयो का बादशाहसीहोन और बसन का बादशाह ओज हकमत करतथ इन िशकसतख़दार ममािलक क दीहातो समततमाम शहर उन क हवाल िकए गए

34 जद क क़बील न दीबोन अतारात अरोईर35 अतरात-शोफ़ान याज़र यगबहा 36 बत-िनमराऔर बत-हारान क शहरो को दबारा तामीर िकयाउनहो न उन की फ़सील बनाई और अपन मविशयोक िलए बाड़ भी 37 रिबन क क़बील न हसबोन

196 िगनती 3238ndash3351इलीआली िक़यरताइम 38 नब बाल-मऊन औरिसबमाह दबारा तामीर िकए नब और बाल-मऊनक नाम बदल गए कयिक उनहो न उन शहरो को नएनाम िदए जो उनहो न दबारा तामीर िकए

39 मनससी क बट मकीर की औलाद न िजिलआदजा कर उस पर क़बज़ा कर िलया और उस क तमामअमोरी बािशनदो को िनकाल िदया 40 चनाच मसान मकीिरयो को िजिलआद की सरज़मीन द दी औरवह वहा आबाद हए 41 मनससी क एक आदमीबनाम याईर न उस इलाक़ म कछ बिसतयो पर क़बज़ाकरक उनह हववोत-याईर यानी lsquoयाईर की बिसतयाrsquoका नाम िदया 42 इसी तरह उस क़बील क एक औरआदमी बनाम नबह न जा कर क़नात और उस कदीहातो पर क़बज़ा कर िलया उस न शहर का नामनबह रखा

इसराईल क सफ़र क मरहल

33 1 ज़ल म उन जगहो क नाम ह जहा जहा इसराईली क़बील अपन दसतो क मतािबक़

मसा और हारन की राहनमाई म िमसर स िनकल करख़माज़न हए थ 2 रब क हकम पर मसा न हर जगहका नाम क़लमबनद िकया जहा उनहो न अपन ख़मलगाए थ उन जगहो क नाम यह ह

3 पहल महीन क पदरहव िदन इसराईली रामसीसस रवाना हए यानी फ़सह क िदन क बाद क िदनवह बड़ इख़ितयार क साथ तमाम िमिसरयो क दखतदखत चल गए 4 िमसरी उस वक़त अपन पहलौठोको दफ़न कर रह थ कयिक रब न पहलौठो को मारकर उन क दवताओ की अदालत की थी

5 रामसीस स इसराईली सककात पहच गए जहा उनहोन पहली मतरबा अपन डर लगाए 6 वहा स वह एतामपहच जो रिगसतान क िकनार पर वाक़ ह 7 एतामस वह वापस मड़ कर फ़ी-हख़ीरोत की तरफ़ बढ़ जोबाल-सफ़ोन क मशिरक़ म ह वह िमजदाल क क़रीबख़माज़न हए 8 िफर वह फ़ी-हख़ीरोत स कच करकसमनदर म स गज़र गए इस क बाद वह तीन िदन

एताम क रिगसतान म सफ़र करत करत मारा पहचगए और वहा अपन ख़म लगाए 9 मारा स वह एलीमचल गए जहा 12 चशम और खजर क 70 दरख़त थवहा ठहरन क बाद 10 वह बहर-ए-क़लज़म क सािहलपर ख़माज़न हए 11 िफर दशत-ए-सीन म पहच गए

12 उन क अगल मरहल यह थ दफ़क़ा13ndash37 अलस रफ़ीदीम जहा पीन का पानी दसतयाबन था दशत-ए-सीना क़बरोत-हततावा हसीरात िरतमािरममोन-फ़ारस िलबना िरससा क़हीलाता साफ़रपहाड़ हरादा मक़हीलोत तहत तारह िमतक़ाहशमना मौसीरोत बनी-याक़ान होर-हिजजदजादयतबाता अबरना असयन-जाबर दशत-ए-सीन म वाक़क़ािदस और होर पहाड़ जो अदोम की सरहद परवाक़ ह

38 वहा रब न हारन इमाम को हकम िदया िक वहहोर पहाड़ पर चढ़ जाए वही वह पाचव माह कपहल िदन फ़ौत हआ इसराईिलयो को िमसर स िनकल40 साल गज़र चक थ 39 उस वक़त हारन 123 सालका था

40 उन िदनो म अराद क कनआनी बादशाह न सनािक इसराईली मर मलक की तरफ़ बढ़ रह ह वहकनआन क जनब म हकमत करता था

41ndash47 होर पहाड़ स रवाना हो कर इसराईली ज़लकी जगहो पर ठहर ज़लमना फ़नोन ओबोतअयय-अबारीम जो मोआब क इलाक़ म था दीबोन-जद अलमन-िदबलाताइम और नब क क़रीब वाक़अबारीम का पहाड़ी इलाक़ा 48 वहा स उनहो नयदरन की वादी म उतर कर मोआब क मदानी इलाक़म अपन डर लगाए अब वह दरया-ए-यदरन कमशिरक़ी िकनार पर यरीह शहर क सामन थ 49 उनक ख़म बत-यसीमोत स ल कर अबील-िशततीम तकलग थ

तमाम कनआनी बािशनदो को िनकालन का हकम50 वहा रब न मसा स कहा 51 ldquoइसराईिलयो को

बताना िक जब तम दरया-ए-यदरन को पार करक

िगनती 3352ndash3428 197मलक-ए-कनआन म दािख़ल होग 52 तो लािज़म हिक तम तमाम बािशनदो को िनकाल दो उन कतराश और ढाल हए बतो को तोड़ डालो औरउन की ऊची जगहो क मिनदरो को तबाह करो53 मलक पर क़बज़ा करक उस म आबाद हो जाओकयिक म न यह मलक तमह द िदया ह यह मरीतरफ़ स तमहारी मौरसी िमलिकयत ह 54 मलक कोमख़तिलफ़ क़बीलो और ख़ानदानो म क़रआ डालकर तक़सीम करना हर ख़ानदान क अफ़राद कीतादाद का िलहाज़ रखना बड़ ख़ानदान को िनसबतनज़यादा ज़मीन दना और छोट ख़ानदान को िनसबतनकम ज़मीन 55 लिकन अगर तम मलक क बािशनदोको नही िनकालोग तो बच हए तमहारी आखो म ख़ारऔर तमहार पहलओ म काट बन कर तमह उस मलकम तग करग िजस म तम आबाद होग 56 िफर मतमहार साथ वह कछ करगा जो उन क साथ करनाचाहता हrdquo

मलक-ए-कनआन की सरहदद

34 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोबताना िक जब तम उस मलक म दािख़ल

होग जो म तमह मीरास म दगा तो उस की सरहदद यहहोगी

3 उस की जनबी सरहद दशत-ए-सीन म अदोमकी सरहद क साथ साथ चलगी मशिरक़ म वहबहीरा-ए-मदारर क जनबी सािहल स शर होगी िफरइन जगहो स हो कर मग़िरब की तरफ़ गज़रगी 4 दरार-ए-अक़रबबीम क जनब म स दशत-ए-सीनम स क़ािदस-बनीरअ क जनब म स हसर-अददारऔर अज़मन म स 5 वहा स वह मड़ कर िमसरकी सरहद पर वाक़ वादी-ए-िमसर क साथ साथबहीरा-ए-रम तक पहचगी 6 उस की मग़िरबी सरहदबहीरा-ए-रम का सािहल होगा 7 उस की िशमालीसरहद बहीरा-ए-रम स ल कर इन जगहो स होकर मशिरक़ की तरफ़ गज़रगी होर पहाड़ 8 लबो-हमात िसदाद 9 िज़फ़रन और हसर-एनान हसर-

एनान िशमाली सरहद का सब स मशिरक़ी मक़ामहोगा 10 उस की मशिरक़ी सरहद िशमाल म हसर-एनान स शर होगी िफर वह इन जगहो स हो करजनब की तरफ़ गज़रगी िसफ़ाम 11 िरबला जो ऐन कमशिरक़ म ह और िकननरत यानी गलील की झील कमशिरक़ म वाक़ पहाड़ी इलाक़ा 12 इस क बाद वहदरया-ए-यदरन क िकनार िकनार गज़रती हई बहीरा-ए-मदारर तक पहचगी यह तमहार मलक की सरहददहोगीrdquo

13 मसा न इसराईिलयो स कहा ldquoयह वही मलक हिजस तमह क़रआ डाल कर तक़सीम करना ह रबन हकम िदया ह िक उस बाक़ी साढ़ नौ क़बीलो कोदना ह 14 कयिक अढ़ाई क़बीलो क ख़ानदानो कोउन की मीरास िमल चकी ह यानी रिबन और जदक पर क़बील और मनससी क आध क़बील को15 उनह यहा दरया-ए-यदरन क मशिरक़ म यरीह कसामन ज़मीन िमल चकी हrdquo

मलक तक़सीम करन क िज़ममादार आदमी16 रब न मसा स कहा 17 ldquoइलीअज़र इमाम और

यशअ िबन नन लोगो क िलए मलक तक़सीम कर18 हर क़बील क एक एक राहनमा को भी चननातािक वह तक़सीम करन म मदद कर िजन को तमहचनना ह उन क नाम यह ह

19 यहदाह क क़बील का कािलब िबन यफ़नना20 शमाऊन क क़बील का समएल िबन अममीहद21 िबनयमीन क क़बील का इलीदाद िबन

िकसलोन22 दान क क़बील का बक़क़ी िबन यगली23 मनससी क क़बील का हननीएल िबन अफ़द24 इफ़राईम क क़बील का क़मएल िबन िसफ़तान25 ज़बलन क क़बील का इलीसफ़न िबन फ़नारक26 इशकार क क़बील का फ़लतीएल िबन अज़ज़ान27 आशर क क़बील का अख़ीहद िबन शलमी28 नफ़ताली क क़बील का िफ़दाहल िबन

अममीहदrdquo

198 िगनती 3429ndash353029 रब न इन ही आदिमयो को मलक को इसराईिलयो

म तक़सीम करन की िज़ममादारी दी

लािवयो क िलए शहर

35 1 इसराईली अब तक मोआब क मदानीइलाक़ म दरया-ए-यदरन क मशिरक़ी

िकनार पर यरीह क सामन थ वहा रब न मसा सकहा

2 ldquoइसराईिलयो को बता द िक वह लािवयो कोअपनी िमली हई ज़मीनो म स रहन क िलए शहरद उनह शहरो क इदरिगदर मवशी चरान की ज़मीन भीिमल 3 िफर लािवयो क पास रहन क िलए शहर औरअपन जानवर चरान क िलए ज़मीन होगी 4 चरान किलए ज़मीन शहर क इदरिगदर होगी और चारो तरफ़का फ़ािसला फ़सीलो स 1500 फ़ट हो 5 चरान कीयह ज़मीन मरबबा शकल की होगी िजस क हर पहलका फ़ािसला 3000 फ़ट हो शहर इस मरबबा शकलक बीच म हो यह रक़बा शहर क बािशनदो क िलएहो तािक वह अपन मवशी चरा सक

ग़रइरादी ख़रज़ी क िलए पनाह क शहर6ndash7 ldquoलािवयो को कल 48 शहर दना इन म स छः

पनाह क शहर मक़ररर करना उन म ऐस लोग पनाहल सकग िजन क हाथो ग़रइरादी तौर पर कोई हलाकहआ हो 8 हर क़बीला लािवयो को अपन इलाक़ करक़ब क मतािबक़ शहर द िजस क़बील का इलाक़ाबड़ा ह उस लािवयो को ज़यादा शहर दन ह जबिकिजस क़बील का इलाक़ा छोटा ह वह लािवयो कोकम शहर दrdquo

9 िफर रब न मसा स कहा 10 ldquoइसराईिलयो कोबताना िक दरया-ए-यदरन को पार करन क बाद11 कछ पनाह क शहर मक़ररर करना उन म वहशख़स पनाह ल सकगा िजस क हाथो ग़रइरादी तौरपर कोई हलाक हआ हो 12 वहा वह इिनतक़ाम लनवाल स पनाह ल सकगा और जमाअत की अदालतक सामन खड़ होन स पहल मारा नही जा सकगा

13 इस क िलए छः शहर चन लो 14 तीन दरया-ए-यदरन क मशिरक़ म और तीन मलक-ए-कनआन महो 15 यह छः शहर हर िकसी को पनाह दग चाहवह इसराईली परदसी या उन क दरिमयान रहन वालाग़रशहरी हो िजस स भी ग़रइरादी तौर पर कोईहलाक हआ हो वह वहा पनाह ल सकता ह

16ndash18 अगर िकसी न िकसी को जान-बझ कर लोहपतथर या लकड़ी की िकसी चीज़ स मार डाला हो वहक़ाितल ह और उस सज़ा-ए-मौत दनी ह 19 मक़तलका सब स क़रीबी िरशतदार उस तलाश करक मारद 20ndash21 कयिक जो नफ़रत या दशमनी क बाइस जान-बझ कर िकसी को य धकका द उस पर कोई चीज़फक द या उस मकका मार िक वह मर जाए वह क़ाितलह और उस सज़ा-ए-मौत दनी ह

22 लिकन वह क़ाितल नही ह िजस स दशमनी कबाइस नही बिलक इिततफ़ाक़ स और ग़रइरादी तौरपर कोई हलाक हआ हो चाह उस न उस धककािदया कोई चीज़ उस पर फक दी 23 या कोई पतथरउस पर िगरन िदया 24 अगर ऐसा हआ तो लािज़मह िक जमाअत इन िहदायात क मतािबक़ उस कऔर इिनतक़ाम लन वाल क दरिमयान फ़सला कर25 अगर मिलज़म बक़सर ह तो जमाअत उस कीिहफ़ाज़त करक उस पनाह क उस शहर म वापस लजाए िजस म उस न पनाह ली ह वहा वह मक़ददसतल स मसह िकए गए इमाम-ए-आज़म की मौत तकरह 26 लिकन अगर यह शख़स इस स पहल पनाह कशहर स िनकल तो वह महफ़ज़ नही होगा 27 अगरउस का इिनतक़ाम लन वाल स सामना हो जाए तोइिनतक़ाम लन वाल को उस मार डालन की इजाज़तहोगी अगर वह ऐसा कर तो बक़सर रहगा 28 पनाहलन वाला इमाम-ए-आज़म की वफ़ात तक पनाह कशहर म रह इस क बाद ही वह अपन घर वापस जासकता ह 29 यह उसल दाइमी ह जहा भी तम रहतहो तमह हमशा इन पर अमल करना ह

30 िजस पर क़तल का इलज़ाम लगाया गया हो उसिसफ़र इस सरत म सज़ा-ए-मौत दी जा सकती ह िक

िगनती 3531ndash3613 199कम अज़ कम दो गवाह हो एक गवाह काफ़ी नहीह

31 क़ाितल को ज़रर सज़ा-ए-मौत दना ख़वाह वहइस स बचन क िलए कोई भी मआवज़ा द उसआज़ाद न छोड़ना बिलक सज़ा-ए-मौत दना 32 उसशख़स स भी पस क़बल न करना िजस स ग़रइरादीतौर पर कोई हलाक हआ हो और जो इस सबब सपनाह क शहर म रह रहा ह उस इजाज़त नही िकवह पस द कर पनाह का शहर छोड़ और अपन घरवापस चला जाए लािज़म ह िक वह इस क िलएइमाम-ए-आज़म की वफ़ात का इिनतज़ार कर

33 िजस मलक म तम रहत हो उस की मक़ददसहालत को नापाक न करना जब िकसी को उस मक़तल िकया जाए तो वह नापाक हो जाता ह जब इसतरह ख़न बहता ह तो मलक की मक़ददस हालत िसफ़रउस शख़स क ख़न बहन स बहाल हो जाती ह िजसन यह ख़न बहाया ह यानी मलक का िसफ़र क़ाितलकी मौत स ही कफ़फ़ारा िदया जा सकता ह 34 उसमलक को नापाक न करना िजस म तम आबाद होऔर िजस म म सकनत करता ह कयिक म रब ह जो इसराईिलयो क दरिमयान सकनत करता हrdquo

एक क़बील की मौरसी ज़मीन शादी स दसरक़बील म मनतिक़ल नही हो सकती

36 1 एक िदन िजिलआद िबन मकीर िबनमनससी िबन यसफ़ क कब स िनकल हए

आबाई घरानो क सरपरसत मसा और उन सरदारोक पास आए जो दीगर आबाई घरानो क सरपरसतथ 2 उनहो न कहा ldquoरब न आप को हकम िदयाथा िक आप क़रआ डाल कर मलक को इसराईिलयोम तक़सीम कर उस वक़त उस न यह भी कहा थािक हमार भाई िसलािफ़हाद की बिटयो को उस कीमौरसी ज़मीन िमलनी ह 3 अगर वह इसराईल किकसी और क़बील क मदोर स शादी कर तो िफर

यह ज़मीन जो हमार क़बील का मौरसी िहससा हउस क़बील का मौरसी िहससा बनगी और हम उसस महरम हो जाएग िफर हमारा क़बाइली इलाक़ाछोटा हो जाएगा 4 और अगर हम यह ज़मीन वापसभी ख़रीद तो भी वह अगल बहाली क साल म दसरक़बील को वापस चली जाएगी िजस म इन औरतोन शादी की ह इस तरह वह हमशा क िलए हमारहाथ स िनकल जाएगीrdquo

5 मसा न रब क हकम पर इसराईिलयो को बतायाldquoिजिलआद क मदर हक़-ब-जािनब ह 6 इस िलए रबकी िहदायत यह ह िक िसलािफ़हाद की बिटयो कोहर आदमी स शादी करन की इजाज़त ह लिकनिसफ़र इस सरत म िक वह उन क अपन क़बील काहो 7 इस तरह एक क़बील की मौरसी ज़मीन िकसीदसर क़बील म मनतिक़ल नही होगी लािज़म ह िकहर क़बील का परा इलाक़ा उसी क पास रह

8 जो भी बटी मीरास म ज़मीन पाती ह उस क िलएलािज़म ह िक वह अपन ही क़बील क िकसी मदर सशादी कर तािक उस की ज़मीन क़बील क पास हीरह 9 एक क़बील की मौरसी ज़मीन िकसी दसरक़बील को मनतिक़ल करन की इजाज़त नही हलािज़म ह िक हर क़बील का परा मौरसी इलाक़ाउसी क पास रहrdquo

10ndash11 िसलािफ़हाद की बिटयो महलाह ितज़ारहजलाह िमलकाह और नआह न वसा ही िकयाजसा रब न मसा को बताया था उनहो न अपनचचाज़ाद भाइयो स शादी की 12 चिक वह भीमनससी क क़बील क थ इस िलए यह मौरसी ज़मीनिसलािफ़हाद क क़बील क पास रही

13 रब न यह अहकाम और िहदायात इसराईिलयोको मसा की मािरफ़त दी जब वह मोआब क मदानीइलाक़ म दरया-ए-यदरन क मशिरक़ी िकनार पर यरीहक सामन ख़माज़न थ

इिसतसना

मसा इसराईिलयो स मख़ाितब होता ह

1 1 इस िकताब म वह बात दजर ह जो मसा नतमाम इसराईिलयो स कही जब वह दरया-ए-

यदरन क मशिरक़ी िकनार पर बयाबान म थ वहयदरन की वादी म सफ़ क क़रीब थ एक तरफ़ फ़ारानशहर था और दसरी तरफ़ तोफ़ल लाबन हसीरातऔर दीज़हब क शहर थ 2 अगर अदोम क पहाड़ीइलाक़ स हो कर जाए तो होिरब यानी सीना पहाड़स क़ािदस-बनीरअ तक का सफ़र 11 िदन म त िकयाजा सकता ह

3 इसराईिलयो को िमसर स िनकल 40 साल हो गएथ इस साल क गयारव माह क पहल िदन मसा नउनह सब कछ बताया जो रब न उस उनह बतानको कहा था 4 उस वक़त वह अमोिरयो क बादशाहसीहोन को िशकसत द चका था िजस का दार-उल-हकमत हसबोन था बसन क बादशाह ओज पर भीफ़तह हािसल हो चकी थी िजस की हकमत क मकर ज़असतारात और इदरई थ

5 वहा दरया-ए-यदरन क मशिरक़ी िकनार पर जोमोआब क इलाक़ म था मसा अललाह की शरीअतकी तशरीह करन लगा उस न कहा

6 जब तम होिरब यानी सीना पहाड़ क पास थ तोरब हमार ख़दा न हम स कहा ldquoतम काफ़ी दर सयहा ठहर हए हो 7 अब इस जगह को छोड़ करआग मलक-ए-कनआन की तरफ़ बढ़ो अमोिरयोक पहाड़ी इलाक़ और उन क पड़ोस की क़ौमो कपास जाओ जो यदरन क मदानी इलाक़ म आबाद हपहाड़ी इलाक़ म मग़िरब क नशबी पहाड़ी इलाक़म जनब क दशत-ए-नजब म सािहली इलाक़ ममलक-ए-कनआन म और लबनान म दरया-ए-फ़राततक चल जाओ 8 म न तमह यह मलक द िदया ह

अब जा कर उस पर क़बज़ा कर लो कयिक रब नक़सम खा कर तमहार बापदादा इबराहीम इसहाक़और याक़ब स वादा िकया था िक म यह मलक तमहऔर तमहारी औलाद को दगाrdquo

राहनमा मक़ररर िकए गए9 उस वक़त म न तम स कहा ldquoम अकला तमहारी

राहनमाई करन की िज़ममादारी नही उठा सकता10 रब तमहार ख़दा न तमहारी तादाद इतनी बढ़ा दीह िक आज तम आसमान क िसतारो की मािननदबशमार हो 11 और रब तमहार बापदादा का ख़दाकर िक तमहारी तादाद मज़ीद हज़ार गना बढ़ जाएवह तमह वह बरकत द िजस का वादा उस न िकयाह 12 लिकन म अकला ही तमहारा बोझ उठानऔर झगड़ो को िनपटान की िज़ममादारी नही उठासकता 13 इस िलए अपन हर क़बील म स कछ ऐसदािनशमनद और समझदार आदमी चन लो िजन कीिलयाक़त को लोग मानत ह िफर म उनह तम परमक़ररर करगाrdquo

14 यह बात तमह पसनद आई 15 तम न अपन म सऐस राहनमा चन िलए जो दािनशमनद थ और िजन कीिलयाक़त को लोग मानत थ िफर म न उनह हज़ारहज़ार सौ सौ और पचास पचास मदोर पर मक़रररिकया य वह क़बीलो क िनगहबान बन गए 16 उसवक़त म न उन क़ािज़यो स कहा ldquoअदालत करतवक़त हर एक की बात ग़ौर स सन कर ग़रजािनबदारफ़सल करना चाह दो इसराईली फ़रीक़ एक दसरस झगड़ा कर रह हो या मआमला िकसी इसराईलीऔर परदसी क दरिमयान हो 17 अदालत करत वक़तजािनबदारी न करना छोट और बड़ की बात सनकर दोनो क साथ एक जसा सलक करना िकसी समत डरना कयिक अललाह ही न तमह अदालत करन

इिसतसना 118ndash39 201की िज़ममादारी दी ह अगर िकसी मआमल म फ़सलाकरना तमहार िलए मिशकल हो तो उस मझ पश करोिफर म ही उस का फ़सला करगाrdquo 18 उस वक़त मन तमह सब कछ बताया जो तमह करना था

मलक-ए-कनआन म जासस19 हम न वसा ही िकया जसा रब न हम कहा था

हम होिरब स रवाना हो कर अमोिरयो क पहाड़ीइलाक़ की तरफ़ बढ़ सफ़र करत करत हम उसवसी और हौलनाक रिगसतान म स गज़र गए िजसतम न दख िलया ह आिख़रकार हम क़ािदस-बनीरअपहच गए 20 वहा म न तम स कहा ldquoतम अमोिरयोक पहाड़ी इलाक़ तक पहच गए हो जो रब हमाराख़दा हम दन वाला ह 21 दख रब तर ख़दा न तझयह मलक द िदया ह अब जा कर उस पर क़बज़ाकर ल िजस तरह रब तर बापदादा क ख़दा न तझबताया ह मत डरना और बिदल न हो जानाrdquo

22 लिकन तम सब मर पास आए और कहा ldquoकय न हम जान स पहल कछ आदमी भज जो मलक कहालात दरयाफ़त कर और वापस आ कर हम उसरासत क बार म बताए िजस पर हम जाना ह और उनशहरो क बार म इिततला द िजन क पास हम पहचगrdquo23 यह बात मझ पसनद आई म न इस काम क िलएहर क़बील क एक आदमी को चन कर भज िदया24 जब यह बारह आदमी पहाड़ी इलाक़ म जा करवादी-ए-इसकाल म पहच तो उस की तफ़तीश की25 िफर वह मलक का कछ फल ल कर लौट आएऔर हम मलक क बार म इिततला द कर कहा ldquoजोमलक रब हमारा ख़दा हम दन वाला ह वह अचछाहrdquo

26 लिकन तम जाना नही चाहत थ बिलक सरकशीकरक रब अपन ख़दा का हकम न माना 27 तमन अपन ख़मो म बड़बड़ात हए कहा ldquoरब हम सनफ़रत रखता ह वह हम िमसर स िनकाल लाया हतािक हम अमोिरयो क हाथो हलाक करवाए 28 हमकहा जाए हमार भाइयो न हम बिदल कर िदया

ह वह कहत ह lsquoवहा क लोग हम स ताक़तवरऔर दराज़क़द ह उन क बड़ बड़ शहरो की फ़सीलआसमान स बात करती ह वहा हम न अनाक़ कीऔलाद भी दखी जो दओक़ामत हrsquordquo

29 म न कहा ldquoन घबराओ और न उन स ख़ौफ़खाओ 30 रब तमहारा ख़दा तमहार आग आग चलताहआ तमहार िलए लड़गा तम ख़द दख चक हो िकवह िकस तरह िमसर 31 और रिगसतान म तमहार िलएलड़ा यहा भी वह ऐसा ही करगा त ख़द गवाहह िक बयाबान म पर सफ़र क दौरान रब तझ य उठाए िफरा िजस तरह बाप अपन बट को उठाएिफरता ह इस तरह चलत चलत तम यहा तक पहचगएrdquo 32 इस क बावजद तम न रब अपन ख़दा परभरोसा न रखा 33 तम न यह बात नज़रअनदाज़ कीिक वह सफ़र क दौरान रात क वक़त आग और िदनक वक़त बादल की सरत म तमहार आग आग चलतारहा तािक तमहार िलए ख़म लगान की जगह मालमकर और तमह रासता िदखाए

34 जब रब न तमहारी यह बात सनी तो उस ग़ससाआया और उस न क़सम खा कर कहा 35 ldquoइस शरीरनसल का एक मदर भी उस अचछ मलक को नहीदखगा अगरच म न क़सम खा कर तमहार बापदादास वादा िकया था िक म उस उनह दगा 36 िसफ़रकािलब िबन यफ़नना उस दखगा म उस और उसकी औलाद को वह मलक दगा िजस म उस न सफ़रिकया ह कयिक उस न पर तौर पर रब की परवीकीrdquo

37 तमहारी वजह स रब मझ स भी नाराज़ हआ औरकहा ldquoत भी उस म दािख़ल नही होगा 38 लिकनतरा मददगार यशअ िबन नन दािख़ल होगा उस कीहौसलाअफ़ज़ाई कर कयिक वह मलक पर क़बज़ाकरन म इसराईल की राहनमाई करगाrdquo 39 तम सरब न कहा ldquoतमहार बचच जो अभी अचछ और बरम इिमतयाज़ नही कर सकत वही मलक म दािख़लहोग वही बचच िजन क बार म तम न कहा िक दशमनउनह मलक-ए-कनआन म छीन लग उनह म मलक

202 इिसतसना 140ndash215दगा और वह उस पर क़बज़ा करग 40 लिकन तमख़द आग न बढ़ो पीछ मड़ कर दबारा रिगसतान मबहर-ए-क़लज़म की तरफ़ सफ़र करोrdquo

41 तब तम न कहा ldquoहम न रब का गनाह िकया हअब हम मलक म जा कर लड़ग िजस तरह रब हमारख़दा न हम हकम िदया हrdquo चनाच यह सोचत हएिक उस पहाड़ी इलाक़ पर हमला करना आसान होगाहर एक मसललह हआ 42 लिकन रब न मझ स कहाldquoउनह बताना िक वहा जग करन क िलए न जाओकयिक म तमहार साथ नही हगा तम अपन दशमनोक हाथो िशकसत खाओगrdquo

43 म न तमह यह बताया लिकन तम न मरी न सनीतम न सरकशी करक रब का हकम न माना बिलकमग़रर हो कर पहाड़ी इलाक़ म दािख़ल हए 44 वहा क अमोरी बािशनद तमहारा सामना करन िनकल वहशहद की मिकखयो क ग़ोल की तरह तम पर टट पड़और तमहारा ताक़क़ब करक तमह सईर स हमार तकमारत गए

45 तब तम वापस आ कर रब क सामन ज़ार-ओ-क़तार रोन लग लिकन उस न तवजजह न दी बिलकतमह नज़रअनदाज़ िकया 46 इस क बाद तम बहतिदनो तक क़ािदस-बनीरअ म रह

रिगसतान म दबारा सफ़र

2 1 िफर िजस तरह रब न मझ हकम िदया था हमपीछ मड़ कर रिगसतान म बहर-ए-क़लज़म की

तरफ़ सफ़र करन लग काफ़ी दर तक हम सईर यानीअदोम क पहाड़ी इलाक़ क िकनार िकनार िफरतरह

2 एक िदन रब न मझ स कहा 3 ldquoतम बहत दरस इस पहाड़ी इलाक़ क िकनार िकनार िफर रह होअब िशमाल की तरफ़ सफ़र करो 4 क़ौम को बतानाअगल िदनो म तम सईर क मलक म स गज़रोग जहा तमहार भाई एसौ की औलाद आबाद ह वह तम सडरग तो भी बड़ी एहितयात स गज़रना 5 उन कसाथ जग न छड़ना कयिक म तमह उन क मलक

का एक मरबबा फ़ट भी नही दगा म न सईर कापहाड़ी इलाक़ा एसौ और उस की औलाद को िदयाह 6 लािज़म ह िक तम खान और पीन की तमामज़रिरयात पस द कर ख़रीदोrdquo

7 जो भी काम त न िकया ह रब न उस पर बरकतदी ह इस वसी रिगसतान म पर सफ़र क दौरान उसन तरी िनगहबानी की इन 40 सालो क दौरान रबतरा ख़दा तर साथ था और तरी तमाम ज़रिरयातपरी होती रही

8 चनाच हम सईर को छोड़ कर जहा हमार भाईएसौ की औलाद आबाद थी दसर रासत स आगिनकल हम न वह रासता छोड़ िदया जो ऐलातऔर असयन-जाबर क शहरो स बहीरा-ए-मदारर तकपहचाता ह और मोआब क बयाबान की तरफ़ बढ़नलग 9 वहा रब न मझ स कहा ldquoमोआब क बािशनदोकी मख़ालफ़त न करना और न उन क साथ जगछड़ना कयिक म उन क मलक का कोई भी िहससातझ नही दगा म न आर शहर को लत की औलादको िदया हrdquo

10 पहल ऐमी वहा रहत थ जो अनाक़ की औलादकी तरह ताक़तवर दराज़क़द और तादाद म ज़यादाथ 11 अनाक़ की औलाद की तरह वह रफ़ाइयो म शमार िकए जात थ लिकन मोआबी उनह ऐमी कहतथ

12 इसी तरह क़दीम ज़मान म होरी सईर म आबादथ लिकन एसौ की औलाद न उनह वहा स िनकालिदया था िजस तरह इसराईिलयो न बाद म उस मलकम िकया जो रब न उनह िदया था उसी तरह एसौ कीऔलाद बढ़त बढ़त होिरयो को तबाह करक उन कीजगह आबाद हए थ

13 रब न कहा ldquoअब जा कर वादी-ए-िज़रद कोउबर करोrdquo हम न ऐसा ही िकया 14 हम क़ािदस-बनीरअ स रवाना हए 38 साल हो गए थ अब वहतमाम आदमी मर चक थ जो उस वक़त जग करनक क़ािबल थ वसा ही हआ था जसा रब न क़समखा कर कहा था 15 रब की मख़ालफ़त क बाइस

इिसतसना 216ndash37 203आिख़रकार ख़मागाह म उस नसल का एक मदर भीन रहा 16 जब वह सब मर गए थ 17 तब रब न मझस कहा 18 ldquoआज तमह आर शहर स हो कर मोआबक इलाक़ म स गज़रना ह 19 िफर तम अममोिनयोक इलाक़ तक पहचोग उन की भी मख़ालफ़त नकरना और न उन क साथ जग छड़ना कयिक मउन क मलक का कोई भी िहससा तमह नही दगा मन यह मलक लत की औलाद को िदया हrdquo

20 हक़ीक़त म अममोिनयो का मलक भी रफ़ाइयोका मलक समझा जाता था जो क़दीम ज़मान म वहा आबाद थ अममोनी उनह ज़मज़मी कहत थ21 और वह दओक़ामत थ ताक़तवर और तादाद मज़यादा वह अनाक़ की औलाद जस दराज़क़द थजब अममोनी मलक म आए तो रब न रफ़ाइयो को उनक आग आग तबाह कर िदया चनाच अममोनी बढ़तबढ़त उनह िनकालत गए और उन की जगह आबादहए 22 िबलकल उसी तरह िजस तरह रब न एसौ कीऔलाद क आग आग होिरयो को तबाह कर िदयाथा जब वह सईर क मलक म आए थ वहा भी वहबढ़त बढ़त होिरयो को िनकालत गए और उन कीजगह आबाद हए 23 इसी तरह एक और क़दीम क़ौमबनाम अववी को भी उस क मलक स िनकाला गयाअववी ग़ज़ज़ा तक आबाद थ लिकन जब कफ़तरीकफ़तर यानी करत स आए तो उनहो न उनह तबाहकर िदया और उन की जगह आबाद हो गए

सीहोन बादशाह स जग24 रब न मसा स कहा ldquoअब जा कर वादी-ए-

अनोरन को उबर करो य समझो िक म हसबोन कअमोरी बादशाह सीहोन को उस क मलक समततमहार हवाल कर चका ह उस पर क़बज़ा करनाशर करो और उस क साथ जग करन का मौक़ाढडो 25 इसी िदन स म तमाम क़ौमो म तमहार बारम दहशत और ख़ौफ़ पदा करगा वह तमहारी ख़बरसन कर ख़ौफ़ क मार थरथराएगी और कापगीrdquo

26 म न दशत-ए-क़दीमात स हसबोन क बादशाहसीहोन क पास क़ािसद भज मरा पग़ाम नफ़रत औरमख़ालफ़त स ख़ाली था वह यह था 27 ldquoहम अपनमलक म स गज़रन द हम शाहराह पर ही रहग औरउस स न बाई न दाई तरफ़ हटग 28 हम खान औरपीन की तमाम ज़रिरयात क िलए मनािसब पस दगहम पदल अपन मलक म स गज़रन द 29 िजस तरहसईर क बािशनदो एसौ की औलाद और आर क रहनवाल मोआिबयो न हम गज़रन िदया कयिक हमारीमिनज़ल दरया-ए-यदरन क मग़िरब म ह वह मलक जोरब हमारा ख़दा हम दन वाला हrdquo

30 लिकन हसबोन क बादशाह सीहोन न हम गज़रनन िदया कयिक रब तमहार ख़दा न उस बलचक औरहमारी बात स इनकार करन पर आमादा कर िदयाथा तािक सीहोन हमार क़ाब म आ जाए और बादम ऐसा ही हआ 31 रब न मझ स कहा ldquoय समझ लिक म सीहोन और उस क मलक को तर हवाल करनलगा ह अब िनकल कर उस पर क़बज़ा करना शरकरोrdquo

32 जब सीहोन अपनी सारी फ़ौज ल कर हमारामक़ाबला करन क िलए यहज़ आया 33 तो रब हमारख़दा न हम परी फ़तह बख़शी हम न सीहोन उस कबटो और परी क़ौम को िशकसत दी 34 उस वक़तहम न उस क तमाम शहरो पर क़बज़ा कर िलया औरउन क तमाम मदोर औरतो और बचचो को मार डालाकोई भी न बचा 35 हम न िसफ़र मवशी और शहरोका लटा हआ माल अपन िलए बचाए रखा

36 वादी-ए-अनोरन क िकनार पर वाक़ अरोईर सल कर िजिलआद तक हर शहर को िशकसत माननीपड़ी इस म वह शहर भी शािमल था जो वादी-ए-अनोरन म था रब हमार ख़दा न उन सब को हमारहवाल कर िदया 37 लिकन तम न अममोिनयो कामलक छोड़ िदया और न दरया-ए-यबबोक़ क इदरिगदरक इलाक़ न उस क पहाड़ी इलाक़ क शहरो कोछड़ा कयिक रब हमार ख़दा न ऐसा करन स तमहमना िकया था

204 इिसतसना 31ndash19

बसन क बादशाह ओज की िशकसत

3 1 इस क बाद हम िशमाल म बसन की तरफ़बढ़ गए बसन का बादशाह ओज अपनी तमाम

फ़ौज क साथ िनकल कर हमारा मक़ाबला करन किलए इदरई आया 2 रब न मझ स कहा ldquoउस स मतडर म उस उस की परी फ़ौज और उस का मलकतर हवाल कर चका ह उस क साथ वह कछ करजो त न अमोरी बादशाह सीहोन क साथ िकया जोहसबोन म हकमत करता थाrdquo

3 ऐसा ही हआ रब हमार ख़दा की मदद स हमन बसन क बादशाह ओज और उस की तमाम क़ौमको िशकसत दी हम न सब को हलाक कर िदयाकोई भी न बचा 4 उसी वक़त हम न उस क तमामशहरो पर क़बज़ा कर िलया हम न कल 60 शहरो परयानी अजरब क सार इलाक़ पर क़बज़ा िकया िजस परओज की हकमत थी 5 इन तमाम शहरो की िहफ़ाज़तऊची ऊची फ़सीलो और कड वाल दरवाज़ो स कीगई थी दीहात म बहत सी ऐसी आबािदया भी िमलगई िजन की फ़सील नही थी 6 हम न उन क साथवह कछ िकया जो हम न हसबोन क बादशाह सीहोनक इलाक़ क साथ िकया था हम न सब कछ रब कहवाल करक हर शहर को और तमाम मदोर औरतोऔर बचचो को हलाक कर डाला 7 हम न िसफ़र तमाममवशी और शहरो का लटा हआ माल अपन िलएबचाए रखा

8 य हम न उस वक़त अमोिरयो क इन दो बादशाहोस दरया-ए-यदरन का मशिरक़ी इलाक़ा वादी-ए-अनोरनस ल कर हमरन पहाड़ तक छीन िलया 9 (सदा कबािशनद हमरन को िसयरन कहत ह जबिक अमोिरयोन उस का नाम सनीर रखा) 10 हम न ओज बादशाहक पर इलाक़ पर क़बज़ा कर िलया इस म मदान-ए-मतरफ़ा क तमाम शहर शािमल थ नीज़ सलका औरइदरई तक िजिलआद और बसन क पर इलाक़

11 बादशाह ओज दओक़ामत क़बील रफ़ाई काआिख़री मदर था उस का लोह का ताबत 13 स

ज़ाइद फ़ट लमबा और छः फ़ट चौड़ा था और आजतक अममोिनयो क शहर रबबा म दखा जा सकता ह

यदरन क मशिरक़ म मलक की तक़सीम12 जब हम न दरया-ए-यदरन क मशिरक़ी इलाक़ पर

क़बज़ा िकया तो म न रिबन और जद क क़बीलोको उस का जनबी िहससा शहरो समत िदया इसइलाक़ की जनबी सरहद दरया-ए-अनोरन पर वाक़शहर अरोईर ह जबिक िशमाल म इस म िजिलआदक पहाड़ी इलाक़ का आधा िहससा भी शािमल ह13 िजिलआद का िशमाली िहससा और बसन कामलक म न मनससी क आध क़बील को िदया

(बसन म अजरब का इलाक़ा ह जहा पहलओज बादशाह की हकमत थी और जो रफ़ाइयोयानी दओक़ामत अफ़राद का मलक कहलाता था14 मनससी क क़बील क एक आदमी बनाम याईर नअजरब पर जसिरयो और माकाितयो की सरहद तकक़बज़ा कर िलया था उस न इस इलाक़ की बिसतयोको अपना नाम िदया आज तक यही नाम हववोत-याईर यानी याईर की बिसतया चलता ह)

15 म न िजिलआद का िशमाली िहससा मनससी ककब मकीर को िदया 16 लिकन िजिलआद का जनबीिहससा रिबन और जद क क़बीलो को िदया इसिहसस की एक सरहद जनब म वादी-ए-अनोरन क बीचम स गज़रती ह जबिक दसरी सरहद दरया-ए-यबबोक़ह िजस क पार अममोिनयो की हकमत ह 17 उसकी मग़िरबी सरहद दरया-ए-यदरन ह यानी िकननरत(गलील) की झील स ल कर बहीरा-ए-मदारर तक जोिपसगा क पहाड़ी िसलिसल क दामन म ह

18 उस वक़त म न रिबन जद और मनससी कक़बीलो स कहा ldquoरब तमहार ख़दा न तमह मीरासम यह मलक द िदया ह लिकन शतर यह ह िकतमहार तमाम जग करन क क़ािबल मदर मसललह होकर तमहार इसराईली भाइयो क आग आग दरया-ए-यदरन को पार कर 19 िसफ़र तमहारी औरत और बचचपीछ रह कर उन शहरो म इिनतज़ार कर सकत ह जो

इिसतसना 320ndash410 205म न तमहार िलए मक़ररर िकए ह तम अपन मविशयोको भी पीछ छोड़ सकत हो कयिक मझ पता ह िकतमहार बहत ज़यादा जानवर ह 20 अपन भाइयो कसाथ चलत हए उन की मदद करत रहो जब रबतमहारा ख़दा उनह दरया-ए-यदरन क मग़िरब म वाक़मलक दगा और वह तमहारी तरह आराम और सकनस वहा आबाद हो जाएग तब तम अपन मलक मवापस जा सकत होrdquo

मसा को यदरन पार करन की इजाज़त नही िमलती21 साथ साथ म न यशअ स कहा ldquoत न अपनी

आखो स सब कछ दख िलया ह जो रब तमहार ख़दान इन दोनो बादशाहो सीहोन और ओज स िकयावह यही कछ हर उस बादशाह क साथ करगा िजसक मलक पर त दरया को पार करक हमला करगा22 उन स न डरो तमहारा ख़दा ख़द तमहार िलए जगकरगाrdquo

23 उस वक़त म न रब स इिलतजा करक कहा24 ldquoऐ रब क़ािदर-ए-मतलक़ त अपन ख़ािदम कोअपनी अज़मत और क़दरत िदखान लगा ह कयाआसमान या ज़मीन पर कोई और ख़दा ह जो तरीतरह क अज़ीम काम कर सकता ह हरिगज़ नही25 महरबानी करक मझ भी दरया-ए-यदरन को पारकरक उस अचछ मलक यानी उस बहतरीन पहाड़ीइलाक़ को लबनान तक दखन की इजाज़त दrdquo

26 लिकन तमहार सबब स रब मझ स नाराज़ थाउस न मरी न सनी बिलक कहा ldquoबस कर आइनदामर साथ इस का िज़कर न करना 27 िपसगा की चोटीपर चढ़ कर चारो तरफ़ नज़र दौड़ा वहा स ग़ौरस दख कयिक त ख़द दरया-ए-यदरन को उबर नहीकरगा 28 अपनी जगह यशअ को मक़ररर कर उसकी हौसलाअफ़ज़ाई कर और उस मज़बत कर कयिकवही इस क़ौम को दरया-ए-यदरन क मग़िरब म लजाएगा और क़बीलो म उस मलक को तक़सीम करगािजस त पहाड़ स दखगाrdquo

29 चनाच हम बत-फ़ग़र क क़रीब वादी म ठहर

फ़रमाबरदारी की अशदद ज़ररत

4 1 ऐ इसराईल अब वह तमाम अहकाम धयान ससन ल जो म तमह िसखाता ह उन पर अमल

करो तािक तम िज़नदा रहो और जा कर उस मलक परक़बज़ा करो जो रब तमहार बापदादा का ख़दा तमहदन वाला ह 2 जो अहकाम म तमह िसखाता ह उनम न िकसी बात का इज़ाफ़ा करो और न उन स कोईबात िनकालो रब अपन ख़दा क तमाम अहकाम परअमल करो जो म न तमह िदए ह 3 तम न ख़द दखाह िक रब न बाल-फ़ग़र स कया कछ िकया वहा रबतर ख़दा न हर एक को हलाक कर डाला िजस नफ़ग़र क बाल दवता की पजा की 4 लिकन तम मस िजतन रब अपन ख़दा क साथ िलपट रह वह सबआज तक िज़नदा ह

5 म न तमह तमाम अहकाम य िसखा िदए ह िजसतरह रब मर ख़दा न मझ बताया कयिक लािज़म हिक तम उस मलक म इन क ताब रहो िजस पर तमक़बज़ा करन वाल हो 6 इनह मानो और इन पर अमलकरो तो दसरी क़ौमो को तमहारी दािनशमनदी औरसमझ नज़र आएगी िफर वह इन तमाम अहकाम कबार म सन कर कहगी ldquoवाह यह अज़ीम क़ौम कसीदािनशमनद और समझदार हrdquo 7 कौन सी अज़ीमक़ौम क माबद इतन क़रीब ह िजतना हमारा ख़दाहमार क़रीब ह जब भी हम मदद क िलए पकारत हतो रब हमारा ख़दा मौजद होता ह 8 कौन सी अज़ीमक़ौम क पास ऐस मिनसफ़ाना अहकाम और िहदायातह जस म आज तमह परी शरीअत सना कर पश कररहा ह

9 लिकन ख़बरदार एहितयात करना और वहतमाम बात न भलना जो तरी आखो न दखी ह वहउमर भर तर िदल म स िमट न जाए बिलक उनह अपनबचचो और पोत-पोितयो को भी बतात रहना 10 वहिदन याद कर जब त होिरब यानी सीना पहाड़ पररब अपन ख़दा क सामन हािज़र था और उस न मझबताया ldquoक़ौम को यहा मर पास जमा कर तािक म

206 इिसतसना 411ndash32उन स बात कर और वह उमर भर मरा ख़ौफ़ मानऔर अपन बचचो को मरी बात िसखात रहrdquo

11 उस वक़त तम क़रीब आ कर पहाड़ क दामनम खड़ हए वह जल रहा था और उस की आगआसमान तक भड़क रही थी जबिक काल बादलोऔर गहर अधर न उस नज़रो स छपा िदया 12 िफररब आग म स तम स हमकलाम हआ तम न उस कीबात सनी लिकन उस की कोई शकल न दखी िसफ़रउस की आवाज़ सनाई दी 13 उस न तमहार िलएअपन अहद यानी उन 10 अहकाम का एलान िकयाऔर हकम िदया िक इन पर अमल करो िफर उस नउनह पतथर की दो तिख़तयो पर िलख िदया 14 रब नमझ िहदायत की ldquoउनह वह तमाम अहकाम िसखािजन क मतािबक़ उनह चलना होगा जब वह दरया-ए-यदरन को पार करक कनआन पर क़बज़ा करगrdquo

बतपरसती क बार म आगाही15 जब रब होिरब यानी सीना पहाड़ पर तम स

हमकलाम हआ तो तम न उस की कोई शकल नदखी चनाच ख़बरदार रहो 16 िक तम ग़लत कामकरक अपन िलए िकसी भी शकल का बत न बनाओन मदर औरत 17 ज़मीन पर चलन वाल जानवरपिरनद 18 रगन वाल जानवर या मछली का बतबनाओ 19 जब त आसमान की तरफ़ नज़र उठाकर आसमान का परा लशकर दख तो सरज चादऔर िसतारो की परिसतश और िख़दमत करन कीआज़माइश म न पड़ना रब तर ख़दा न इन चीज़ोको बाक़ी तमाम क़ौमो को अता िकया ह 20 लिकनतमह उस न िमसर क भड़कत भटट स िनकाला ह तािकतम उस की अपनी क़ौम और उस की मीरास बनजाओ और आज ऐसा ही हआ ह

21 तमहार सबब स रब न मझ स नाराज़ हो करक़सम खाई िक त दरया-ए-यदरन को पार करक उसअचछ मलक म दािख़ल नही होगा जो रब तरा ख़दातझ मीरास म दन वाला ह 22 म यही इसी मलक ममर जाऊगा और दरया-ए-यदरन को पार नही करगा

लिकन तम दरया को पार करक उस बहतरीन मलकपर क़बज़ा करोग 23 हर सरत म वह अहद यादरखना जो रब तमहार ख़दा न तमहार साथ बाधा हअपन िलए िकसी भी चीज़ की मरत न बनाना यहरब का हकम ह 24 कयिक रब तरा ख़दा भसम करदन वाली आग ह वह ग़यर ख़दा ह

25 तम मलक म जा कर वहा रहोग तमहार बचच औरपोत-नवास उस म पदा हो जाएग जब इस तरह बहतवक़त गज़र जाएगा तो ख़तरा ह िक तम ग़लत कामकरक िकसी चीज़ की मरत बनाओ ऐसा कभी नकरना यह रब तमहार ख़दा की नज़र म बरा ह औरउस ग़ससा िदलाएगा 26 आज आसमान और ज़मीनमर गवाह ह िक अगर तम ऐसा करो तो जलदी स उसमलक म स िमट जाओग िजस पर तम दरया-ए-यदरनको पार करक क़बज़ा करोग तम दर तक वहा जीतनही रहोग बिलक पर तौर पर हलाक हो जाओग27 रब तमह मलक स िनकाल कर मख़तिलफ़ क़ौमो म मनतिशर कर दगा और वहा िसफ़र थोड़ ही अफ़रादबच रहग 28 वहा तम इनसान क हाथो स बन हएलकड़ी और पतथर क बतो की िख़दमत करोग जोन दख सकत न सन सकत न खा सकत और न सघसकत ह

29 वही त रब अपन ख़दा को तलाश करगा औरअगर उस पर िदल-ओ-जान स ढड तो वह तझिमल भी जाएगा 30 जब त इस तकलीफ़ म मबतलाहोगा और यह सारा कछ तझ पर स गज़रगा िफरआिख़रकार रब अपन ख़दा की तरफ़ रज करक उसकी सनगा 31 कयिक रब तरा ख़दा रहीम ख़दा हवह तझ न तकर करगा और न बबारद करगा वह उसअहद को नही भलगा जो उस न क़सम खा कर तरबापदादा स बाधा था

रब ही हमारा ख़दा ह32 दिनया म इनसान की तख़लीक़ स ल कर आज

तक माज़ी की तफ़तीश कर आसमान क एक िसर सदसर िसर तक खोज लगा कया इस स पहल कभी

इिसतसना 433ndash53 207इस तरह का मोिजज़ाना काम हआ ह कया िकसीन इस स पहल इस िक़सम क अज़ीम काम की ख़बरसनी ह 33 त न आग म स बोलती हई अललाह कीआवाज़ सनी तो भी जीता बचा कया िकसी और क़ौमक साथ ऐसा हआ ह 34 कया िकसी और माबदन कभी जरअत की ह िक रब की तरह परी क़ौमको एक मलक स िनकाल कर अपनी िमलिकयतबनाया हो उस न ऐसा ही तमहार साथ िकया उसन तमहार दखत दखत िमिसरयो को आज़माया उनहबड़ मोिजज़ िदखाए उन क साथ जग की अपनीबड़ी क़दरत और इख़ितयार का इज़हार िकया औरहौलनाक कामो स उन पर ग़ािलब आ गया

35 तझ यह सब कछ िदखाया गया तािक त जानल िक रब ख़दा ह उस क िसवा कोई और नहीह 36 उस न तझ नसीहत दन क िलए आसमान सअपनी आवाज़ सनाई ज़मीन पर उस न तझ अपनीअज़ीम आग िदखाई िजस म स त न उस की बातसनी 37 उस तर बापदादा स पयार था और उस नतझ जो उन की औलाद ह चन िलया इस िलए वहख़द हािज़र हो कर अपनी अज़ीम क़दरत स तझ िमसरस िनकाल लाया 38 उस न तर आग स तझ स ज़यादाबड़ी और ताक़तवर क़ौम िनकाल दी तािक तझ उनका मलक मीरास म िमल जाए आज ऐसा ही हो रहाह

39 चनाच आज जान ल और ज़हन म रख िक रबआसमान और ज़मीन का ख़दा ह कोई और माबदनही ह 40 उस क अहकाम पर अमल कर जो म तझआज सना रहा ह िफर त और तरी औलाद कामयाबहोग और त दर तक उस मलक म जीता रहगा जोरब तझ हमशा क िलए द रहा ह

यदरन क मशिरक़ म पनाह क शहर41 यह कह कर मसा न दरया-ए-यदरन क मशिरक़

म पनाह क तीन शहर चन िलए 42 उन म वह शख़सपनाह ल सकता था िजस न दशमनी की िबना परनही बिलक ग़रइरादी तौर पर िकसी को जान स मार

िदया था ऐस शहर म पनाह लन क सबब स उसबदल म क़तल नही िकया जा सकता था 43 इस किलए रिबन क क़बील क िलए मदान-ए-मतरफ़ा काशहर बसर जद क क़बील क िलए िजिलआद काशहर रामात और मनससी क क़बील क िलए बसनका शहर जौलान चना गया

शरीअत का पशलफ़ज़44 दजर-ए-ज़ल वह शरीअत ह जो मसा न

इसराईिलयो को पश की 45 मसा न यह अहकाम औरिहदायात उस वक़त पश की जब वह िमसर स िनकलकर 46 दरया-ए-यदरन क मशिरक़ी िकनार पर थ बत-फ़ग़र उन क मक़ािबल था और वह अमोरी बादशाहसीहोन क मलक म ख़माज़न थ सीहोन की िरहाइशहसबोन म थी और उस इसराईिलयो स िशकसत हई थीजब वह मसा की राहनमाई म िमसर स िनकल आएथ 47 उस क मलक पर क़बज़ा करक उनहो न बसनक मलक पर भी फ़तह पाई थी िजस का बादशाह ओजथा इन दोनो अमोरी बादशाहो का यह परा इलाक़ाउन क हाथ म आ गया था यह इलाक़ा दरया-ए-यदरनक मशिरक़ म था 48 उस की जनबी सरहद दरया-ए-अनोरन क िकनार पर वाक़ शहर अरोईर थी जबिकउस की िशमाली सरहद िसयरन यानी हमरन पहाड़ थी49 दरया-ए-यदरन का परा मशिरक़ी िकनारा िपसगा कपहाड़ी िसलिसल क दामन म वाक़ बहीरा-ए-मदाररतक उस म शािमल था

दस अहकाम

5 1 मसा न तमाम इसराईिलयो को जमा करककहा

ए इसराईल धयान स वह िहदायात और अहकामसन जो म तमह आज पश कर रहा ह उनह सीखोऔर बड़ी एहितयात स उन पर अमल करो 2 रबहमार ख़दा न होिरब यानी सीना पहाड़ पर हमार साथअहद बाधा 3 उस न यह अहद हमार बापदादा कसाथ नही बिलक हमार ही साथ बाधा ह जो आज

208 इिसतसना 54ndash27इस जगह पर िज़नदा ह 4 रब पहाड़ पर आग म सर-ब-र हो कर तम स हमकलाम हआ 5 उस वक़तम तमहार और रब क दरिमयान खड़ा हआ तािकतमह रब की बात सनाऊ कयिक तम आग स डरतथ और इस िलए पहाड़ पर न चढ़ उस वक़त रब नकहा

6 ldquoम रब तरा ख़दा ह जो तझ मलक-ए-िमसर कीग़लामी स िनकाल लाया 7 मर िसवा िकसी औरमाबद की परिसतश न करना

8 अपन िलए बत न बनाना िकसी भी चीज़ की मरतन बनाना चाह वह आसमान म ज़मीन पर या समनदरम हो 9 न बतो की परिसतश न उन की िख़दमतकरना कयिक म तरा रब ग़यर ख़दा ह जो मझ सनफ़रत करत ह उनह म तीसरी और चौथी पशत तकसज़ा दगा 10 लिकन जो मझ स महबबत रखत औरमर अहकाम पर करत ह उन पर म हज़ार पशतो तकमहरबानी करगा

11 रब अपन ख़दा का नाम बमक़सद या ग़लतमक़सद क िलए इसतमाल न करना जो भी ऐसा करताह उस रब सज़ा िदए बग़र नही छोड़गा

12 सबत क िदन का ख़याल रखना उस इस तरहमनाना िक वह मख़सस-ओ-मक़ददस हो उसी तरहिजस तरह रब तर ख़दा न तझ हकम िदया ह 13 हफ़तक पहल छः िदन अपना काम-काज कर 14 लिकनसातवा िदन रब तर ख़दा का आराम का िदन हउस िदन िकसी तरह का काम न करना न त न तराबटा न तरी बटी न तरा नौकर न तरी नौकरानी नतरा बल न तरा गधा न तरा कोई और मवशी जोपरदसी तर दरिमयान रहता ह वह भी काम न कर तरनौकर और तरी नौकरानी को तरी तरह आराम कामौक़ा िमलना ह 15 याद रखना िक त िमसर म ग़लामथा और िक रब तरा ख़दा ही तझ बड़ी क़दरत औरइख़ितयार स वहा स िनकाल लाया इस िलए उस नतझ हकम िदया ह िक सबत का िदन मनाना

16 अपन बाप और अपनी मा की इज़ज़त करनािजस तरह रब तर ख़दा न तझ हकम िदया ह िफर

त उस मलक म जो रब तरा ख़दा तझ दन वाला हख़शहाल होगा और दर तक जीता रहगा

17 क़तल न करना18 िज़ना न करना19 चोरी न करना20 अपन पड़ोसी क बार म झटी गवाही न दना21 अपन पड़ोसी की बीवी का लालच न करना न

उस क घर का न उस की ज़मीन का न उस क नौकरका न उस की नौकरानी का न उस क बल और नउस क गध का बिलक उस की िकसी भी चीज़ कालालच न करनाrdquo

22 रब न तम सब को यह अहकाम िदए जब तमसीना पहाड़ क दामन म जमा थ वहा तम न आगबादल और गहर अधर म स उस की ज़ोरदार आवाज़सनी यही कछ उस न कहा और बस िफर उस नउनह पतथर की दो तिख़तयो पर िलख कर मझ दिदया

लोग रब स डरत ह23 जब तम न तारीकी स यह आवाज़ सनी और

पहाड़ की जलती हई हालत दखी तो तमहार क़बीलोक राहनमा और बज़गर मर पास आए 24 उनहो नकहा ldquoरब हमार ख़दा न हम पर अपना जलाल औरअज़मत ज़ािहर की ह आज हम न आग म स उसकी आवाज़ सनी ह हम न दख िलया ह िक जबअललाह इनसान स हमकलाम होता ह तो ज़ररी नहीिक वह मर जाए 25 लिकन अब हम कय अपनी जानख़तर म डाल अगर हम मज़ीद रब अपन ख़दा कीआवाज़ सन तो यह बड़ी आग हम भसम कर दगी औरहम अपनी जान स हाथ धो बठग 26 कयिक फ़ानीइनसानो म स कौन हमारी तरह िज़नदा ख़दा को आगम स बात करत हए सन कर िज़नदा रहा ह कोई भीनही 27 आप ही क़रीब जा कर उन तमाम बातो कोसन जो रब हमारा ख़दा हम बताना चाहता ह िफरलौट कर हम वह बात सनाए हम उनह सनग औरउन पर अमल करगrdquo

इिसतसना 528ndash621 20928 जब रब न यह सना तो उस न मझ स कहा ldquoम न

इन लोगो की यह बात सन ली ह वह ठीक कहत ह29 काश उन की सोच हमशा ऐसी ही हो काश वहहमशा इसी तरह मरा ख़ौफ़ मान और मर अहकामपर अमल कर अगर वह ऐसा करग तो वह औरउन की औलाद हमशा कामयाब रहग 30 जा उनहबता द िक अपन ख़मो म लौट जाओ 31 लिकन तयहा मर पास रह तािक म तझ तमाम क़वानीन औरअहकाम द द उन को लोगो को िसखाना तािक वहउस मलक म उन क मतािबक़ चल जो म उनह दगाrdquo

32 चनाच एहितयात स उन अहकाम पर अमल करोजो रब तमहार ख़दा न तमह िदए ह उन स न दाईतरफ़ हटो न बाई तरफ़ 33 हमशा उस राह पर चलतरहो जो रब तमहार ख़दा न तमह बताई ह िफर तमकामयाब होग और उस मलक म दर तक जीत रहोगिजस पर तम क़बज़ा करोग

सब स बड़ा हकम

6 1 यह वह तमाम अहकाम ह जो रब तमहार ख़दान मझ तमह िसखान क िलए कहा उस मलक म

इन पर अमल करना िजस म तम जान वाल हो तािकउस पर क़बज़ा करो 2 उमर भर त तर बचच और पोत-नवास रब अपन ख़दा का ख़ौफ़ मान और उस कउन तमाम अहकाम पर चल जो म तझ द रहा हतब त दर तक जीता रहगा 3 ऐ इसराईल यह मरीबात सन और बड़ी एहितयात स इन पर अमल करिफर रब तर ख़दा का वादा परा हो जाएगा िक तकामयाब रहगा और तरी तादाद उस मलक म ख़बबढ़ती जाएगी िजस म दध और शहद की कसरत ह

4 सन ऐ इसराईल रब हमारा ख़दा एक ही रब ह5 रब अपन ख़दा स अपन पर िदल अपनी परी जानऔर अपनी परी ताक़त स पयार करना 6 जो अहकामम तझ आज बता रहा ह उनह अपन िदल पर नक़शकर 7 उनह अपन बचचो क ज़हननशीन करा यहीबात हर वक़त और हर जगह तर लबो पर हो ख़वाहत घर म बठा या रासत पर चलता हो लटा हो या

खड़ा हो 8 उनह िनशान क तौर पर और याददहानीक िलए अपन बाज़ओ और माथ पर लगा 9 उनहअपन घरो की चौखटो और अपन शहरो क दरवाज़ोपर िलख

10 रब तर ख़दा का वादा परा होगा जो उस न क़समखा कर तर बापदादा इबराहीम इसहाक़ और याक़बक साथ िकया िक म तझ कनआन म ल जाऊगा जोबड़ और शानदार शहर उस म ह वह त न ख़द नहीबनाए 11 जो मकान उस म ह वह ऐसी अचछी चीज़ोस भर हए ह जो त न उन म नही रखी जो कए उसम ह उन को त न नही खोदा जो अगर और ज़तन कबाग़ उस म ह उनह त न नही लगाया यह हक़ीक़तयाद रख जब त उस मलक म कसरत का खाना खाकर सर हो जाएगा 12 तो ख़बरदार रब को न भलनाजो तझ िमसर की ग़लामी स िनकाल लाया

13 रब अपन ख़दा का ख़ौफ़ मानना िसफ़र उसीकी इबादत करना और उसी का नाम ल कर क़समखाना 14 दीगर माबदो की परवी न करना इस मतमाम पड़ोसी अक़वाम क दवता भी शािमल ह15 वनार रब तर ख़दा का ग़ज़ब तझ पर नािज़ल होकर तझ मलक म स िमटा डालगा कयिक वह ग़यरख़दा ह और तर दरिमयान ही रहता ह

16 रब अपन ख़दा को उस तरह न आज़माना िजसतरह तम न मससा म िकया था 17 धयान स रबअपन ख़दा क अहकाम क मतािबक़ चलो उन तमामिहदायात और क़वानीन पर जो उस न तझ िदए ह18 जो कछ रब की नज़र म दरसत और अचछा ह वहकर िफर त कामयाब रहगा त जा कर उस अचछमलक पर क़बज़ा करगा िजस का वादा रब न तरबापदादा स क़सम खा कर िकया था 19 तब रब कीबात परी हो जाएगी िक त अपन दशमनो को अपनआग आग िनकाल दगा

20 आन वाल िदनो म तर बचच पछग ldquoरब हमारख़दा न आप को इन तमाम अहकाम पर अमलकरन को कय कहाrdquo 21 िफर उनह जवाब दना ldquoहमिमसर क बादशाह िफ़रऔन क ग़लाम थ लिकन रब

210 इिसतसना 622ndash714हम बड़ी क़दरत का इज़हार करक िमसर स िनकाललाया 22 हमार दखत दखत उस न बड़ बड़ िनशानऔर मोिजज़ िकए और िमसर िफ़रऔन और उस कपर घरान पर हौलनाक मसीबत भजी 23 उस वक़तवह हम वहा स िनकाल लाया तािक हम ल कर वहमलक द िजस का वादा उस न क़सम खा कर हमारबापदादा क साथ िकया था 24 रब हमार ख़दा ही नहम कहा िक इन तमाम अहकाम क मतािबक़ चलोऔर रब अपन ख़दा का ख़ौफ़ मानो कयिक अगरहम ऐसा कर तो िफर हम हमशा कामयाब और िज़नदारहग और आज तक ऐसा ही रहा ह 25 अगर हमरब अपन ख़दा क हज़र रह कर एहितयात स उनतमाम बातो पर अमल करग जो उस न हम करन कोकही ह तो वह हम रासतबाज़ क़रार दगाrdquo

दसरी कनआनी क़ौमो को िनकालना ह

7 1 रब तरा ख़दा तझ उस मलक म ल जाएगा िजसपर त जा कर क़बज़ा करगा वह तर सामन स

बहत सी क़ौम भगा दगा गो यह सात क़ौम यानीिहतती िजजारसी अमोरी कनआनी फ़िरज़ज़ी िहववीऔर यबसी तादाद और ताक़त क िलहाज़ स तझस बड़ी होगी 2 तो भी रब तरा ख़दा उनह तर हवालकरगा जब त उनह िशकसत दगा तो उन सब को उसक िलए मख़सस करक हलाक कर दना ह न उन कसाथ अहद बाधना और न उन पर रहम करना 3 उनम स िकसी स शादी न करना न अपनी बिटयो कािरशता उन क बटो को दना न अपन बटो का िरशताउन की बिटयो स करना 4 वनार वह तमहार बचचो कोमरी परवी स दर करग और वह मरी नही बिलक उनक दवताओ की िख़दमत करग तब रब का ग़ज़बतम पर नािज़ल हो कर जलदी स तमह हलाक करदगा 5 इस िलए उन की क़बारनगाह ढा दना िजनपतथरो की वह पजा करत ह उनह िचकनाचर करदना उन क यसीरत दवी क खमब काट डालना औरउन क बत जला दना

6 कयिक त रब अपन ख़दा क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस ह उस न दिनया की तमाम क़ौमो म स तझचन कर अपनी क़ौम और ख़ास िमलिकयत बनाया7 रब न कय तमहार साथ ताललक़ क़ाइम िकया औरतमह चन िलया कया इस वजह स िक तम तादादम दीगर क़ौमो की िनसबत ज़यादा थ हरिगज़ नहीतम तो बहत कम थ 8 बिलक वजह यह थी िक रबन तमह पयार िकया और वह वादा परा िकया जो उसन क़सम खा कर तमहार बापदादा क साथ िकयाथा इसी िलए वह िफ़दया द कर तमह बड़ी क़दरत सिमसर की ग़लामी और उस मलक क बादशाह क हाथस बचा लाया 9 चनाच जान ल िक िसफ़र रब तराख़दा ही ख़दा ह वह वफ़ादार ख़दा ह जो उस समहबबत रखत और उस क अहकाम पर अमल करतह उन क साथ वह अपना अहद क़ाइम रखगा औरउन पर हज़ार पशतो तक महरबानी करगा 10 लिकनउस स नफ़रत करन वालो को वह उन क र-ब-रमनािसब सज़ा द कर बबारद करगा हा जो उस सनफ़रत करत ह उन क र-ब-र वह मनािसब सज़ादगा और िझजकगा नही

11 चनाच धयान स उन तमाम अहकाम पर अमलकर जो म आज तझ द रहा ह तािक त उन कमतािबक़ िज़नदगी गज़ार 12 अगर त उन पर तवजजहद और एहितयात स उन पर चल तो िफर रब तराख़दा तर साथ अपना अहद क़ाइम रखगा और तझपर महरबानी करगा िबलकल उस वाद क मतािबक़जो उस न क़सम खा कर तर बापदादा स िकया था13 वह तझ पयार करगा और तझ उस मलक म बरकतदगा जो तझ दन का वादा उस न क़सम खा कर तरबापदादा स िकया था तझ बहत औलाद बख़शनक इलावा वह तर खतो को बरकत दगा और तझकसरत का अनाज अगर और ज़तन हािसल होगावह तर रवड़ो को भी बरकत दगा और तर गाय-बलो और भड़-बकिरयो की तादाद बढ़ती जाएगी14 तझ दीगर तमाम क़ौमो की िनसबत कही ज़यादाबरकत िमलगी न तझ म और न तर मविशयो म

इिसतसना 715ndash89 211बाझपन पाया जाएगा 15 रब हर बीमारी को तझ सदर रखगा वह तझ म वह ख़तरनाक वबाए फलननही दगा िजन स त िमसर म वािक़फ़ हआ बिलक उनहउन म फलाएगा जो तझ स नफ़रत रखत ह

16 जो भी क़ौम रब तरा ख़दा तर हाथ म कर दगाउनह तबाह करना लािज़म ह उन पर रहम की िनगाहस न दखना न उन क दवताओ की िख़दमत करनावनार त फस जाएगा

17 गो तरा िदल कह ldquoयह क़ौम हम स ताक़तवरह हम िकस तरह इनह िनकाल सकत हrdquo 18 तोभी उन स न डर वही कछ ज़हन म रख जो रबतर ख़दा न िफ़रऔन और पर िमसर क साथ िकया19 कयिक त न अपनी आखो स रब अपन ख़दा कीवह बड़ी आज़मान वाली मसीबत और मोिजज़ उसका वह अज़ीम इख़ितयार और क़दरत दखी िजसस वह तझ वहा स िनकाल लाया वही कछ रबतरा ख़दा उन क़ौमो क साथ भी करगा िजन स तइस वक़त डरता ह 20 न िसफ़र यह बिलक रब तराख़दा उन क दरिमयान ज़मबर भी भजगा तािक वहभी तबाह हो जाए जो पहल हमलो स बच कर छप गएह 21 उन स दहशत न खा कयिक रब तरा ख़दा तरदरिमयान ह वह अज़ीम ख़दा ह िजस स सब ख़ौफ़खात ह 22 वह रफ़ता रफ़ता उन क़ौमो को तर आग सभगा दगा त उनह एक दम ख़तम नही कर सकगावनार जगली जानवर तज़ी स बढ़ कर तझ नक़सानपहचाएग

23 रब तरा ख़दा उनह तर हवाल कर दगा वह उनम इतनी सख़त अफ़रा-तफ़री पदा करगा िक वह बबारदहो जाएग 24 वह उन क बादशाहो को भी तर क़ाब मकर दगा और त उन का नाम-ओ-िनशान िमटा दगाकोई भी तरा सामना नही कर सकगा बिलक त उनसब को बबारद कर दगा

25 उन क दवताओ क मजससम जला दना जोचादी और सोना उन पर चढ़ाया हआ ह उस कालालच न करना उस न लना वनार त फस जाएगाकयिक इन चीज़ो स रब तर ख़दा को िघन आती

ह 26 इस तरह की मकरह चीज़ अपन घर म नलाना वनार तझ भी उस क साथ अलग करक बबारदिकया जाएगा तर िदल म उस स शदीद नफ़रत औरिघन हो कयिक उस पर तौर पर बबारद करन क िलएमख़सस िकया गया ह

रब को न भलना

8 1 एहितयात स उन तमाम अहकाम पर अमलकरो जो म आज तझ द रहा ह कयिक ऐसा

करन स तम जीत रहोग तादाद म बढ़ोग और जाकर उस मलक पर क़बज़ा करोग िजस का वादा रबन तमहार बापदादा स क़सम खा कर िकया था

2 वह परा वक़त याद रख जब रब तरा ख़दारिगसतान म 40 साल तक तरी राहनमाई करता रहातािक तझ आिजज़ करक आज़माए और मालम करिक कया त उस क अहकाम पर चलगा िक नही3 उस न तझ आिजज़ करक भक होन िदया िफरतझ मन िखलाया िजस स न त और न तर बापदादावािक़फ़ थ कयिक वह तझ िसखाना चाहता था िकइनसान की िज़नदगी िसफ़र रोटी पर मनहिसर नही होतीबिलक हर उस बात पर जो रब क मह स िनकलतीह

4 इन 40 सालो क दौरान तर कपड़ न िघस न फटन तर पाओ सज 5 चनाच िदल म जान ल िक िजसतरह बाप अपन बट की तबीरयत करता ह उसी तरहरब हमारा ख़दा हमारी तिबरयत करता ह

6 रब अपन ख़दा क अहकाम पर अमल करक उसकी राहो पर चल और उस का ख़ौफ़ मान 7 कयिकवह तझ एक बहतरीन मलक म ल जा रहा ह िजसम नहर और ऐस चशम ह जो पहािड़यो और वािदयोकी ज़मीन स फट िनकलत ह 8 उस की पदावारअनाज जौ अगर अनजीर अनार ज़तन और शहदह 9 उस म रोटी की कमी नही होगी और त िकसीचीज़ स महरम नही रहगा उस क पतथरो म लोहापाया जाता ह और खदाई स त उस की पहािड़यो सताबा हािसल कर सकगा

212 इिसतसना 810ndash9910 जब त कसरत का खाना खा कर सर हो जाएगा

तो िफर रब अपन ख़दा की तमजीद करना िजस नतझ यह शानदार मलक िदया ह 11 ख़बरदार रबअपन ख़दा को न भल और उस क उन अहकामपर अमल करन स गरज़ न कर जो म आज तझ दरहा ह 12 कयिक जब त कसरत का खाना खा करसर हो जाएगा त शानदार घर बना कर उन म रहगा13 और तर रवड़ सोन-चादी और बाक़ी तमाम मालम इज़ाफ़ा होगा 14 तो कही त मग़रर हो कर रबअपन ख़दा को भल न जाए जो तझ िमसर की ग़लामीस िनकाल लाया 15 जब त उस वसी और हौलनाकरिगसतान म सफ़र कर रहा था िजस म ज़हरील सापऔर िबचछ थ तो वही तरी राहनमाई करता रहापानी स महरम उस इलाक़ म वही सख़त पतथर मस पानी िनकाल लाया 16 रिगसतान म वही तझ मनिखलाता रहा िजस स तर बापदादा वािक़फ़ न थइन मिशकलात स वह तझ आिजज़ करक आज़मातारहा तािक आिख़रकार त कामयाब हो जाए

17 जब तझ कामयाबी हािसल होगी तो यह न कहनािक म न अपनी ही क़ववत और ताक़त स यह सबकछ हािसल िकया ह 18 बिलक रब अपन ख़दा कोयाद करना िजस न तझ दौलत हािसल करन कीक़ािबिलयत दी ह कयिक वह आज भी उसी अहदपर क़ाइम ह जो उस न तर बापदादा स िकया था

19 रब अपन ख़दा को न भलना और न दीगरमाबदो क पीछ पड़ कर उनह िसजदा और उन कीिख़दमत करना वनार म ख़द गवाह ह िक तमयक़ीनन हलाक हो जाओग 20 अगर तम रब अपनख़दा की इताअत नही करोग तो िफर वह तमह उनक़ौमो की तरह तबाह कर दगा जो तम स पहल इसमलक म रहती थी

मलक िमलन का सबब इसराईल की रासती नही ह

9 1 सन ऐ इसराईल आज त दरया-ए-यदरन को पारकरन वाला ह दसरी तरफ़ त ऐसी क़ौमो को

भगा दगा जो तझ स बड़ी और ताक़तवर ह और

िजन क शानदार शहरो की फ़सील आसमान स बातकरती ह 2 वहा अनाक़ी बसत ह जो ताक़तवर औरदराज़क़द ह त ख़द जानता ह िक उन क बार म कहाजाता ह ldquoकौन अनािक़यो का सामना कर सकताहrdquo 3 लिकन आज जान ल िक रब तरा ख़दा तरआग आग चलत हए उनह भसम कर दन वाली आगकी तरह हलाक करगा वह तर आग आग उन परक़ाब पाएगा और त उनह िनकाल कर जलदी िमटादगा िजस तरह रब न वादा िकया ह

4 जब रब तरा ख़दा उनह तर सामन स िनकाल दगातो त यह न कहना ldquoम रासतबाज़ ह इसी िलए रबमझ लाइक़ समझ कर यहा लाया और यह मलकमीरास म द िदया हrdquo यह बात हरिगज़ दरसत नहीह रब उन क़ौमो को उन की ग़लत हरकतो की वजहस तर सामन स िनकाल दगा 5 त अपनी रासतबाज़ीऔर दयानतदारी की िबना पर उस मलक पर क़बज़ानही करगा बिलक रब उनह उन की शरीर हरकतोक बाइस तर सामन स िनकाल दगा दसर जो वादाउस न तर बापदादा इबराहीम इसहाक़ और याक़ब कसाथ क़सम खा कर िकया था उस परा होना ह

6 चनाच जान ल िक रब तरा ख़दा तझ तरी रासतीक बाइस यह अचछा मलक नही द रहा हक़ीक़त तोयह ह िक त हटधमर क़ौम ह

सोन का बछड़ा7 याद रख और कभी न भल िक त न रिगसतान म

रब अपन ख़दा को िकस तरह नाराज़ िकया िमसरस िनकलत वक़त स ल कर यहा पहचन तक तमरब स सरकश रह हो 8 ख़ासकर होिरब यानी सीनाक दामन म तम न रब को इतना ग़ससा िदलाया िकवह तमह हलाक करन को था 9 उस वक़त म पहाड़पर चढ़ गया था तािक पतथर की तिख़तया यानी उसअहद की तिख़तया िमल जाए जो रब न तमहार साथबाधा था कछ खाए िपए बग़र म 40 िदन और रातवहा रहा

इिसतसना 910ndash103 21310ndash11 जो कछ रब न आग म स कहा था जब तम

पहाड़ क दामन म जमा थ वही कछ उस न अपनीउगली स दोनो तिख़तयो पर िलख कर मझ िदया12 उस न मझ स कहा ldquoफ़ौरन यहा स उतर जा तरीक़ौम िजस त िमसर स िनकाल लाया िबगड़ गई हवह िकतनी जलदी स मर अहकाम स हट गए हउनहो न अपन िलए बत ढाल िलया ह 13 म न जानिलया ह िक यह क़ौम िकतनी िज़ददी ह 14 अब मझछोड़ द तािक म उनह तबाह करक उन का नाम-ओ-िनशान दिनया म स िमटा डाल उन की जगह म तझस एक क़ौम बना लगा जो उन स बड़ी और ताक़तवरहोगीrdquo

15 म मड़ कर पहाड़ स उतरा जो अब तक भड़करहा था मर हाथो म अहद की दोनो तिख़तया थी16 तमह दखत ही मझ मालम हआ िक तम न रबअपन ख़दा का गनाह िकया ह तम न अपन िलएबछड़ का बत ढाल िलया था तम िकतनी जलदी सरब की मक़रररा राह स हट गए थ

17 तब म न तमहार दखत दखत दोनो तिख़तयो कोज़मीन पर पटख़ कर टकड़ टकड़ कर िदया 18 एकऔर बार म रब क सामन मह क बल िगरा म न नकछ खाया न कछ िपया 40 िदन और रात म तमहारतमाम गनाहो क बाइस इसी हालत म रहा कयिकजो कछ तम न िकया था वह रब को िनहायत बरालगा इस िलए वह ग़ज़बनाक हो गया था 19 वहतम स इतना नाराज़ था िक म बहत डर गया य लगरहा था िक वह तमह हलाक कर दगा लिकन इसबार भी उस न मरी सन ली 20 म न हारन क िलएभी दआ की कयिक रब उस स भी िनहायत नाराज़था और उस हलाक कर दना चाहता था

21 जो बछड़ा तम न गनाह करक बनाया था उसम न जला िदया िफर जो कछ बाक़ी रह गया उसकचल िदया और पीस पीस कर पाउडर बना िदयायह पाउडर म न उस चशम म फक िदया जो पहाड़पर स बह रहा था

22 तम न रब को तबएरा मससा और क़बरोत-हततावाम भी ग़ससा िदलाया 23 क़ािदस-बनीरअ म भी ऐसा हीहआ वहा स रब न तमह भज कर कहा था ldquoजाओउस मलक पर क़बज़ा करो जो म न तमह द िदयाहrdquo लिकन तम न सरकश हो कर रब अपन ख़दा कहकम की िख़लाफ़वरज़ी की तम न उस पर एितमादन िकया न उस की सनी 24 जब स म तमह जानताह तमहारा रब क साथ रवयया बािग़याना ही रहा ह

25 म 40 िदन और रात रब क सामन ज़मीन पर महक बल रहा कयिक रब न कहा था िक वह तमहहलाक कर दगा 26 म न उस स िमननत करक कहाldquoऐ रब क़ािदर-ए-मतलक़ अपनी क़ौम को तबाह नकर वह तो तरी ही िमलिकयत ह िजस त न िफ़दयाद कर अपनी अज़ीम क़दरत स बचाया और बड़इख़ितयार क साथ िमसर स िनकाल लाया 27 अपनख़ािदमो इबराहीम इसहाक़ और याक़ब को याद करऔर इस क़ौम की िज़द शरीर हरकतो और गनाहपर तवजजह न द 28 वनार िमसरी कहग lsquoरब उनहउस मलक म लान क क़ािबल नही था िजस का वादाउस न िकया था बिलक वह उन स नफ़रत करता थाहा वह उनह हलाक करन क िलए रिगसतान म लआयाrsquo 29 वह तो तरी क़ौम ह तरी िमलिकयत िजसत अपनी अज़ीम क़दरत और इख़ितयार स िमसर सिनकाल लायाrdquo

मसा को नई तिख़तया िमलती ह

10 1 उस वक़त रब न मझ स कहा ldquoपतथरकी दो और तिख़तया तराशना जो पहली

तिख़तयो की मािननद हो उनह ल कर मर पास पहाड़पर चढ़ आ लकड़ी का सनदक़ भी बनाना 2 िफरम इन तिख़तयो पर दबारा वही बात िलखगा जो मउन तिख़तयो पर िलख चका था जो त न तोड़ डालीतमह उनह सनदक़ म महफ़ज़ रखना हrdquo

3 म न कीकर की लकड़ी का सनदक़ बनवायाऔर दो तिख़तया तराशी जो पहली तिख़तयो कीमािननद थी िफर म दोनो तिख़तया ल कर पहाड़

214 इिसतसना 104ndash114पर चढ़ गया 4 रब न उन तिख़तयो पर दबारा वहदस अहकाम िलख िदए जो वह पहली तिख़तयो परिलख चका था (उन ही अहकाम का एलान उस नपहाड़ पर आग म स िकया था जब तम उस क दामनम जमा थ) िफर उस न यह तिख़तया मर सपदर की5 म लौट कर उतरा और तिख़तयो को उस सनदक़ मरखा जो म न बनाया था वहा वह अब तक ह सबकछ वसा ही हआ जसा रब न हकम िदया था

इमामो और लािवयो की िख़दमत6 (इस क बाद इसराईली बनी-याक़ान क कओ स

रवाना हो कर मौसीरा पहच वहा हारन फ़ौत हआउस दफ़न करन क बाद उस का बटा इलीअज़र उसकी जगह इमाम बना 7 िफर वह आग सफ़र करतकरत जदजदा िफर यतबाता पहच जहा नहर ह

8 उन िदनो म रब न लावी क क़बील को अलगकरक उस रब क अहद क सनदक़ को उठा कर लजान रब क हज़र िख़दमत करन और उस क नामस बरकत दन की िज़ममादारी दी आज तक यह उनकी िज़ममादारी रही ह 9 इस वजह स लािवयो कोदीगर क़बीलो की तरह न िहससा न मीरास िमलीरब तरा ख़दा ख़द उन की मीरास ह उस न ख़द उनहयह फ़रमाया ह)

10 जब म न दसरी मतरबा 40 िदन और रात पहाड़पर गज़ार तो रब न इस दफ़ा भी मरी सनी और तझहलाक न करन पर आमादा हआ 11 उस न कहाldquoजा क़ौम की राहनमाई कर तािक वह जा कर उसमलक पर क़बज़ा कर िजस का वादा म न क़सम खाकर उन क बापदादा स िकया थाrdquo

रब का ख़ौफ़12 ऐ इसराईल अब मरी बात सन रब तरा ख़दा तझ

स कया तक़ाज़ा करता ह िसफ़र यह िक त उस काख़ौफ़ मान उस की तमाम राहो पर चल उस पयारकर अपन पर िदल-ओ-जान स उस की िख़दमत कर

13 और उस क तमाम अहकाम पर अमल कर आजम उनह तझ तरी बहतरी क िलए द रहा ह

14 परा आसमान ज़मीन और जो कछ उस पर हसब का मािलक रब तरा ख़दा ह 15 तो भी उस नतर बापदादा पर ही अपनी ख़ास शफ़क़त का इज़हारकरक उन स महबबत की और उस न तमह चनकर दसरी तमाम क़ौमो पर तजीरह दी जसा िक आजज़ािहर ह 16 ख़तना उस की क़ौम का िनशान हलिकन धयान रखो िक वह न िसफ़र ज़ािहरी बिलकबाितनी भी हो आइनदा अड़ न जाओ

17 कयिक रब तमहारा ख़दा ख़दाओ का ख़दा औररबो का रब ह वह अज़ीम और ज़ोरावर ख़दा ह िजसस सब ख़ौफ़ खात ह वह जािनबदारी नही करताऔर िरशवत नही लता 18 वह यतीमो और बवाओ काइनसाफ़ करता ह वह परदसी स पयार करता औरउस ख़राक और पोशाक महयया करता ह 19 तम भीउन क साथ महबबत स पश आओ कयिक तम भीिमसर म परदसी थ

20 रब अपन ख़दा का ख़ौफ़ मान और उस कीिख़दमत कर उस स िलपटा रह और उसी क नामकी क़सम खा 21 वही तरा फ़ख़र ह वह तरा ख़दाह िजस न वह तमाम अज़ीम और डराऔन काम िकएजो त न ख़द दख 22 जब तर बापदादा िमसर गए थतो 70 अफ़राद थ और अब रब तर ख़दा न तझिसतारो की मािननद बशमार बना िदया ह

रब स महबबत रख और उस की सन

11 1 रब अपन ख़दा स पयार कर और हमशाउस क अहकाम क मतािबक़ िज़नदगी

गज़ार 2 आज जान लो िक तमहार बचचो न नही बिलकतम ही न रब अपन ख़दा स तिबरयत पाई तम न उसकी अज़मत बड़ इख़ितयार और क़दरत को दखा3 और तम उन मोिजज़ो क गवाह हो जो उस न िमसरक बादशाह िफ़रऔन और उस क पर मलक क सामनिकए 4 तम न दखा िक रब न िकस तरह िमसरी फ़ौजको उस क घोड़ो और रथो समत बहर-ए-क़लज़म म

इिसतसना 115ndash28 215ग़क़र कर िदया जब वह तमहारा ताक़क़ब कर रह थउस न उनह य तबाह िकया िक वह आज तक बहालनही हए

5 तमहार बचच नही बिलक तम ही गवाह हो िक यहा पहचन स पहल रब न रिगसतान म तमहारी िकस तरहदख-भाल की 6 तम न उस का इिलयाब क बटोदातन और अबीराम क साथ सलक दखा जो रिबनक क़बील क थ उस िदन ज़मीन न ख़मागाह कअनदर मह खोल कर उनह उन क घरानो डरो औरतमाम जानदारो समत हड़प कर िलया

7 तम न अपनी ही आखो स रब क यह तमामअज़ीम काम दख ह 8 चनाच उन तमाम अहकामपर अमल करत रहो जो म आज तमह द रहा ह तािकतमह वह ताक़त हािसल हो जो दरकार होगी जब तमदरया-ए-यदरन को पार करक मलक पर क़बज़ा करोग9 अगर तम फ़रमाबरदार रहो तो दर तक उस मलकम जीत रहोग िजस का वादा रब न क़सम खा करतमहार बापदादा स िकया था और िजस म दध औरशहद की कसरत ह

10 कयिक यह मलक िमसर की मािननद नही ह जहा स तम िनकल आए हो वहा क खतो म तझ बीज बोकर बड़ी महनत स उस की आबपाशी करनी पड़तीथी 11 जबिक िजस मलक पर तम क़बज़ा करोग उसम पहाड़ और वािदया ह िजनह िसफ़र बािरश का पानीसराब करता ह 12 रब तरा ख़दा ख़द उस मलक काख़याल रखता ह रब तर ख़दा की आख साल कपहल िदन स ल कर आिख़र तक मतवाितर उस परलगी रहती ह

13 चनाच उन अहकाम क ताब रहो जो म आज तमहद रहा ह रब अपन ख़दा स पयार करो और अपनपर िदल-ओ-जान स उस की िख़दमत करो 14 िफरवह ख़रीफ़ और बहार की सालाना बािरश वक़त परभजगा अनाज अगर और ज़तन की फ़सल पकगीऔर त उनह जमा कर लगा 15 नीज़ अललाह तरीचरागाहो म तर रवड़ो क िलए घास महयया करगाऔर त खा कर सर हो जाएगा

16 लिकन ख़बरदार कही तमह वरग़लाया न जाएऐसा न हो िक तम रब की राह स हट जाओ औरदीगर माबदो को िसजदा करक उन की िख़दमत करो17 वनार रब का ग़ज़ब तम पर आन पड़गा और वहमलक म बािरश होन नही दगा तमहारी फ़सल नहीपकगी और तमह जलद ही उस अचछ मलक म सिमटा िदया जाएगा जो रब तमह द रहा ह

18 चनाच मरी यह बात अपन िदलो पर नक़श करलो उनह िनशान क तौर पर और याददहानी क िलएअपन हाथो और माथो पर लगाओ 19 उनह अपनबचचो को िसखाओ हर जगह और हमशा उन कबार म बात करो ख़वाह त घर म बठा या रासत परचलता हो लटा हो या खड़ा हो 20 उनह अपन घरोकी चौखटो और अपन शहरो क दरवाज़ो पर िलख21 तािक जब तक ज़मीन पर आसमान क़ाइम ह तमऔर तमहारी औलाद उस मलक म जीत रह िजस कावादा रब न क़सम खा कर तमहार बापदादा स िकयाथा

22 एहितयात स उन अहकाम की परवी करो जो मतमह द रहा ह रब अपन ख़दा स पयार करो उसक तमाम अहकाम पर अमल करो और उस क साथिलपट रहो 23 िफर वह तमहार आग आग यह तमामक़ौम िनकाल दगा और तम ऐसी क़ौमो की ज़मीनोपर क़बज़ा करोग जो तम स बड़ी और ताक़तवर ह24 तम जहा भी क़दम रखोग वह तमहारा ही होगाजनबी रिगसतान स ल कर लबनान तक दरया-ए-फ़रात स बहीरा-ए-रम तक 25 कोई भी तमहारासामना नही कर सकगा तम उस मलक म जहा भी जाओग वहा रब तमहारा ख़दा अपन वाद कमतािबक़ तमहारी दहशत और ख़ौफ़ पदा कर दगा26 आज तम ख़द फ़सला करो कया तम रब कीबरकत या उस की लानत पाना चाहत हो 27 अगरतम रब अपन ख़दा क उन अहकाम पर अमल करोजो म आज तमह द रहा ह तो वह तमह बरकत दगा28 लिकन अगर तम उन क ताब न रहो बिलक मरी

216 इिसतसना 1129ndash1215पशकरदा राह स हट कर दीगर माबदो की परवी करोतो वह तम पर लानत भजगा

29 जब रब तरा ख़दा तझ उस मलक म ल जाएगािजस पर त क़बज़ा करगा तो लािज़म ह िक गिरज़ीमपहाड़ पर चढ़ कर बरकत का एलान कर और ऐबालपहाड़ पर लानत का 30 यह दो पहाड़ दरया-ए-यदरनक मग़िरब म उन कनआिनयो क इलाक़ म वाक़ह जो वादी-ए-यदरन म आबाद ह वह मग़िरब कीतरफ़ िजलजाल शहर क सामन मोिरह क बलत कदरख़तो क नज़दीक ह 31 अब तम दरया-ए-यदरन कोपार करक उस मलक पर क़बज़ा करन वाल हो जोरब तमहारा ख़दा तमह द रहा ह जब तम उस अपनाकर उस म आबाद हो जाओग 32 तो एहितयात सउन तमाम अहकाम पर अमल करत रहो जो म आजतमह द रहा ह

मलक म रब क अहकाम

12 1 ज़ल म वह अहकाम और क़वानीन हिजन पर तमह धयान स अमल करना होगा

जब तम उस मलक म आबाद होग जो रब तरबापदादा का ख़दा तझ द रहा ह तािक त उस परक़बज़ा कर मलक म रहत हए उमर भर उन क ताबरहो

मलक म एक ही जगह पर मिक़दस हो2 उन तमाम जगहो को बबारद करो जहा वह क़ौम

िजनह तमह िनकालना ह अपन दवताओ की पजाकरती ह ख़वाह वह ऊच पहाड़ो पहािड़यो या घनदरख़तो क साय म कय न हो 3 उन की क़बारनगाहोको ढा दना िजन पतथरो की पजा वह करत ह उनहिचकनाचर कर दना यसीरत दवी क खमब जलादना उन क दवताओ क मजससम काट डालनाग़रज़ इन जगहो स उन का नाम-ओ-िनशान िमट जाए

4 रब अपन ख़दा की परिसतश करन क िलए उन कतरीक़ न अपनाना 5 रब तमहारा ख़दा क़बीलो म सअपन नाम की सकनत क िलए एक जगह चन लगा

इबादत क िलए वहा जाया करो 6 और वहा अपनीतमाम क़बारिनया ला कर पश करो ख़वाह वह भसमहोन वाली क़बारिनया ज़बह की क़बारिनया पदावारका दसवा िहससा उठान वाली क़बारिनया मननत कहिदए ख़शी स पश की गई क़बारिनया या मविशयोक पहलौठ कय न हो 7 वहा रब अपन ख़दा क हज़रअपन घरानो समत खाना खा कर उन कामयािबयोकी ख़शी मनाओ जो तझ रब तर ख़दा की बरकत कबाइस हािसल हई ह

8 उस वक़त तमह वह नही करना जो हम करत आएह आज तक हर कोई अपनी मज़ीर क मतािबक़इबादत करता ह 9 कयिक अब तक तम आराम कीउस जगह नही पहच जो तझ रब तर ख़दा स मीरासम िमलनी ह 10 लिकन जलद ही तम दरया-ए-यदरनको पार करक उस मलक म आबाद हो जाओग जोरब तमहारा ख़दा तमह मीरास म द रहा ह उस वक़तवह तमह इदरिगदर क दशमनो स बचाए रखगा औरतम आराम और सकन स िज़नदगी गज़ार सकोग11 तब रब तमहारा ख़दा अपन नाम की सकनत किलए एक जगह चन लगा और तमह सब कछ जो मबताऊगा वहा ला कर पश करना ह ख़वाह वह भसमहोन वाली क़बारिनया ज़बह की क़बारिनया पदावारका दसवा िहससा उठान वाली क़बारिनया या मननतक ख़ास हिदए कय न हो 12 वहा रब क सामन तमतमहार बट-बिटया तमहार ग़लाम और लौिडया ख़शीमनाए अपन शहरो म आबाद लािवयो को भी अपनीख़शी म शरीक करो कयिक उन क पास मौरसीज़मीन नही होगी

13 ख़बरदार अपनी भसम होन वाली क़बारिनया हरजगह पर पश न करना 14 बिलक िसफ़र उस जगह परजो रब क़बीलो म स चनगा वही सब कछ य मनािजस तरह म तझ बताता ह

15 लिकन वह जानवर इस म शािमल नही ह जोत क़बारनी क तौर पर पश नही करना चाहता बिलकिसफ़र खाना चाहता ह ऐस जानवर त आज़ादी सअपन तमाम शहरो म ज़बह करक उस बरकत क

इिसतसना 1216ndash134 217मतािबक़ खा सकता ह जो रब तर ख़दा न तझ दी हऐसा गोशत िहरन और ग़ज़ाल क गोशत की मािननद हयानी पाक और नापाक दोनो ही उस खा सकत ह16 लिकन ख़न न खाना उस पानी की तरह ज़मीनपर उडल कर ज़ाए कर दना

17 जो भी चीज़ रब क िलए मख़सस की गई ह उनहअपन शहरो म न खाना मसलन अनाज अगर करस और ज़तन क तल का दसवा िहससा मविशयोक पहलौठ मननत क हिदए ख़शी स पश की गईक़बारिनया और उठान वाली क़बारिनया 18 यह चीज़िसफ़र रब क हज़र खाना यानी उस जगह पर िजस वहमिक़दस क िलए चनगा वही त अपन बट-बिटयोग़लामो लौिडयो और अपन क़बाइली इलाक़ कलािवयो क साथ जमा हो कर ख़शी मना िक रब नहमारी महनत को बरकत दी ह 19 अपन मलक मलािवयो की ज़रिरयात उमर भर परी करन की िफ़कररख

20 जब रब तरा ख़दा अपन वाद क मतािबक़ तरीसरहदद बढ़ा दगा और त गोशत खान की ख़वािहशरखगा तो िजस तरह जी चाह गोशत खा सकगा21 अगर तरा घर उस मिक़दस स दर हो िजस रबतरा ख़दा अपन नाम की सकनत क िलए चनगा तोत िजस तरह जी चाह अपन शहरो म रब स िमलहए मविशयो को ज़बह करक खा सकता ह लिकनऐसा ही करना जसा म न हकम िदया ह 22 ऐसा गोशतिहरन और ग़ज़ाल क गोशत की मािननद ह यानी पाकऔर नापाक दोनो ही उस खा सकत ह 23 अलबततागोशत क साथ ख़न न खाना कयिक ख़न जानदार कीजान ह उस की जान गोशत क साथ न खाना 24 ख़नन खाना बिलक उस ज़मीन पर उडल कर ज़ाए करदना 25 उस न खाना तािक तझ और तरी औलाद कोकामयाबी हािसल हो कयिक ऐसा करन स त रब कीनज़र म सहीह काम करगा

26 लिकन जो चीज़ रब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददसह या जो त न मननत मान कर उस क िलए मख़ससकी ह लािज़म ह िक त उनह उस जगह ल जाए िजस

रब मिक़दस क िलए चनगा 27 वही रब अपन ख़दाकी क़बारनगाह पर अपनी भसम होन वाली क़बारिनया गोशत और ख़न समत चढ़ा ज़बह की क़बारिनयो काख़न क़बारनगाह पर उडल दना लिकन उन का गोशतत खा सकता ह

28 जो भी िहदायात म तझ द रहा ह उनह एहितयातस परा कर िफर त और तरी औलाद ख़शहाल रहगकयिक त वह कछ करगा जो रब तर ख़दा की नज़रम अचछा और दरसत ह

29 रब तरा ख़दा उन क़ौमो को िमटा दगा िजन कीतरफ़ त बढ़ रहा ह त उनह उन क मलक स िनकालताजाएगा और ख़द उस म आबाद हो जाएगा 30 लिकनख़बरदार उन क ख़तम होन क बाद भी उन कदवताओ क बार म मालमात हािसल न कर वनार तफस जाएगा मत कहना िक यह क़ौम िकस तरीक़ सअपन दवताओ की पजा करती ह हम भी ऐसा हीकर 31 ऐसा मत कर यह क़ौम ऐस िघनौन तरीक़स पजा करती ह िजन स रब नफ़रत करता ह वहअपन बचचो को भी जला कर अपन दवताओ को पशकरत ह

32 कलाम की जो भी बात म तमह पश करता ह उसक ताब रह कर उस पर अमल करो न िकसी बातका इज़ाफ़ा करना न कोई बात िनकालना

दवताओ की तरफ़ लजान वालो स सलक

13 1 तर दरिमयान ऐस लोग उठ खड़ होग जोअपन आप को नबी या ख़वाब दखन वाल

कहग हो सकता ह िक वह िकसी इलाही िनशान यामोिजज़ का एलान कर 2 जो वाक़ई वजद म आएसाथ साथ वह कह ldquoआ हम दीगर माबदो की पजाकर हम उन की िख़दमत कर िजन स त अब तकवािक़फ़ नही हrdquo 3 ऐस लोगो की न सन इस सरब तमहारा ख़दा तमह आज़मा कर मालम कर रहाह िक कया तम वाक़ई अपन पर िदल-ओ-जान सउस स पयार करत हो 4 तमह रब अपन ख़दा कीपरवी करना और उसी का ख़ौफ़ मानना ह उस क

218 इिसतसना 135ndash143अहकाम क मतािबक़ िज़नदगी गज़ारो उस की सनोउस की िख़दमत करो उस क साथ िलपट रहो 5 ऐसनिबयो या ख़वाब दखन वालो को सज़ा-ए-मौत दनाकयिक वह तझ रब तमहार ख़दा स बग़ावत करनपर उकसाना चाहत ह उसी स िजस न िफ़दया द करतमह िमसर की ग़लामी स बचाया और वहा स िनकाललाया चिक वह तझ उस राह स हटाना चाहत हिजस रब तर ख़दा न तर िलए मक़ररर िकया ह इसिलए लािज़म ह िक उनह सज़ा-ए-मौत दी जाए ऐसीबराई अपन दरिमयान स िमटा दना

6 हो सकता ह िक तरा सगा भाई तरा बटा याबटी तरी बीवी या तरा क़रीबी दोसत तझ चपक सवरग़लान की कोिशश कर िक आ हम जा कर दीगरमाबदो की पजा कर ऐस दवताओ की िजन स नत और न तर बापदादा वािक़फ़ थ 7 ख़वाह इदरिगदरकी या दरदराज़ की क़ौमो क दवता हो ख़वाह दिनयाक एक िसर क या दसर िसर क माबद हो 8 िकसीसरत म अपनी रज़ामनदी का इज़हार न कर न उसकी सन उस पर रहम न कर न उस बचाए रख नउस पनाह द 9 बिलक उस सज़ा-ए-मौत द और उससगसार करत वक़त पहल तरा हाथ उस पर पतथरफक िफर ही बाक़ी तमाम लोग िहससा ल 10 उसज़रर पतथरो स सज़ा-ए-मौत दना कयिक उस न तझरब तर ख़दा स दर करन की कोिशश की उसी सजो तझ िमसर की ग़लामी स िनकाल लाया 11 िफरतमाम इसराईल यह सन कर डर जाएगा और आइनदातर दरिमयान ऐसी शरीर हरकत करन की जरअतनही करगा

12 जब त उन शहरो म रहन लगगा जो रब तरा ख़दातझ द रहा ह तो शायद तझ ख़बर िमल जाए 13 िकशरीर लोग तर दरिमयान स उभर आए ह जो अपनशहर क बािशनदो को यह कह कर ग़लत राह पर लाए

ह िक आओ हम दीगर माबदो की पजा कर ऐसमाबदो की िजन स तम वािक़फ़ नही हो 14 लािज़मह िक त दरयाफ़त करक इस की तफ़तीश कर औरख़ब मालम कर िक कया हआ ह अगर सािबत होजाए िक यह िघनौनी बात वाक़ई हई ह 15 तो िफरलािज़म ह िक त शहर क तमाम बािशनदो को हलाककर उस रब क सपदर करक सरासर तबाह करना निसफ़र उस क लोग बिलक उस क मवशी भी 16 शहरका परा माल-ए-ग़नीमत चौक म इकटठा कर िफरपर शहर को उस क माल समत रब क िलए मख़ससकरक जला दना उस दबारा कभी न तामीर िकयाजाए बिलक उस क खडरात हमशा तक रह

17 परा शहर रब क िलए मख़सस िकया गया ह इसिलए उस की कोई भी चीज़ तर पास न पाई जाएिसफ़र इस सरत म रब का ग़ज़ब ठडा हो जाएगाऔर वह तझ पर रहम करक अपनी महरबानी काइज़हार करगा और तरी तादाद बढ़ाएगा िजस तरहउस न क़सम खा कर तर बापदादा स वादा िकया ह18 लिकन यह सब कछ इस पर मबनी ह िक त रबअपन ख़दा की सन और उस क उन तमाम अहकामपर अमल कर जो म तझ आज द रहा ह वही कछकर जो उस की नज़र म दरसत ह

पाक और नापाक जानवर

14 1 तम रब अपन ख़दा क फ़ज़रनद हो अपनआप को मदोर क सबब स न ज़ख़मी करो

न अपन सर क सामन वाल बाल मडवाओ 2 कयिकत रब अपन ख़दा क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस क़ौमह दिनया की तमाम क़ौमो म स रब न तझ ही चनकर अपनी िमलिकयत बना िलया ह

3 कोई भी मकरह चीज़ न खाना

इिसतसना 144ndash27 2194 तम बल भड़-बकरी 5 िहरन ग़ज़ाल मग

dपहाड़ी बकरी महात eग़ज़ाल-ए-अफ़रीक़ा fऔरपहाड़ी बकरी खा सकत हो 6 िजन क खर या पाओिबलकल िचर हए ह और जो जगाली करत ह उनहखान की इजाज़त ह 7 ऊट िबजज या ख़रगोश खानामना ह वह तमहार िलए नापाक ह कयिक वहजगाली तो करत ह लिकन उन क खर या पाओिचर हए नही ह 8 सअर न खाना वह तमहार िलएनापाक ह कयिक उस क खर तो िचर हए ह लिकनवह जगाली नही करता न उन का गोशत खाना नउन की लाशो को छना

9 पानी म रहन वाल जानवर खान क िलए जाइज़ह अगर उन क पर और िछलक हो 10 लिकन िजनक पर या िछलक नही ह वह तमहार िलए नापाक ह

11 तम हर पाक पिरनदा खा सकत हो 12 लिकनज़ल क पिरनद खाना मना ह उक़ाब दिढ़यल िगदधकाला िगदध 13 लाल चील काली चील हर िक़समका िगदध 14 हर िक़सम का कववा 15 उक़ाबी उललछोट कान वाला उलल बड़ कान वाला उलल हर िक़समका बाज़ 16 छोटा उलल िचघाड़न वाला उलल सफ़दउलल 17 दशती उलल िमसरी िगदध क़क़ 18 लक़लक़ हरिक़सम का बतीमार हदहद और चमगादड़ g

19 तमाम पर रखन वाल कीड़ तमहार िलए नापाकह उनह खाना मना ह 20 लिकन तम हर पाक पिरनदाखा सकत हो

21 जो जानवर ख़द-ब-ख़द मर जाए उस न खानात उस अपनी आबादी म रहन वाल िकसी परदसीको द या िकसी अजनबी को बच सकता ह और वहउस खा सकता ह लिकन त उस मत खाना कयिक

त रब अपन ख़दा क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस क़ौमह

बकरी क बचच को उस की मा क दध म पकानामना ह

अपनी पदावार का दसवा िहससा मख़सस करना22 लािज़म ह िक त हर साल अपन खतो की

पदावार का दसवा िहससा रब क िलए अलग कर23 इस क िलए अपना अनाज अगर का रस ज़तनका तल और मवशी क पहलौठ रब अपन ख़दा कहज़र ल आना यानी उस जगह जो वह अपन नाम कीसकनत क िलए चनगा वहा यह चीज़ क़बारन करकखा तािक त उमर भर रब अपन ख़दा का ख़ौफ़ माननासीख

24 लिकन हो सकता ह िक जो जगह रब तरा ख़दाअपन नाम की सकनत क िलए चनगा वह तर घर सहद स ज़यादा दर हो और रब तर ख़दा की बरकतक बाइस मज़करा दसवा िहससा इतना ज़यादा हो िकत उस मिक़दस तक नही पहचा सकता 25 इस सरतम उस बच कर उस क पस उस जगह ल जा जो रबतरा ख़दा अपन नाम की सकनत क िलए चनगा26 वहा पहच कर उन पसो स जो जी चाह ख़रीदनाख़वाह गाय-बल भड़-बकरी म या म जसी कोई औरचीज़ कय न हो िफर अपन घरान क साथ िमल कररब अपन ख़दा क हज़र यह चीज़ खाना और ख़शीमनाना 27 ऐस मौक़ो पर उन लािवयो का ख़यालरखना जो तर क़बाइली इलाक़ म रहत ह कयिकउनह मीरास म ज़मीन नही िमलगी

dयह िहरन क मशाबह होता ह लिकन िफ़तरतन मख़तिलफ़ होता ह इस क सीग खोखल बशाख और उनझड़ होत ह antelopeयाद रह िक क़दीम ज़मान क इन जानवरो क अकसर नाम मतरक ह या उन का मतलब बदल गया ह इस िलए उन का मख़तिलफ़तजरमा हो सकता हeमहात दराज़क़द िहरनो की एक नौ िजस क सीग चककरदार होत ह addaxfग़ज़ाल-ए-अफ़रीक़ा िचकारो की तीन इक़साम म स कोई जो अपन लमब और हलक़ादार सीगो की वजह स ममताज़ ह oryxgयाद रह िक क़दीम ज़मान क इन पिरनदो क अकसर नाम मतरक ह या उन का मतलब बदल गया ह इस िलए उन का मख़तिलफ़तजरमा हो सकता ह

220 इिसतसना 1428ndash151928 हर तीसर साल अपनी पदावार का दसवा िहससा

अपन शहरो म जमा करना 29 उस लािवयो को दनािजन क पास मौरसी ज़मीन नही ह नीज़ अपन शहरोम आबाद परदिसयो यतीमो और बवाओ को दनावह आए और खाना खा कर सर हो जाए तािक रबतरा ख़दा तर हर काम म बरकत द

क़ज़रदारो की बहाली का साल

15 1 हर सात साल क बाद एक दसर क कज़ रमआफ़ कर दना 2 उस वक़त िजस न भी

िकसी इसराईली भाई को क़ज़र िदया ह वह उस मनसख़कर वह अपन पड़ोसी या भाई को पस वापस करनपर मजबर न कर कयिक रब की ताज़ीम म क़ज़रमआफ़ करन क साल का एलान िकया गया ह 3 इससाल म त िसफ़र ग़रमलकी क़ज़रदारो को पस वापसकरन पर मजबर कर सकता ह अपन इसराईली भाईक तमाम क़ज़र मआफ़ कर दना

4 तर दरिमयान कोई भी ग़रीब नही होना चािहएकयिक जब त उस मलक म रहगा जो रब तरा ख़दातझ मीरास म दन वाला ह तो वह तझ बहत बरकतदगा 5 लिकन शतर यह ह िक त पर तौर पर उस कीसन और एहितयात स उस क उन तमाम अहकामपर अमल कर जो म तझ आज द रहा ह 6 िफर रबतमहारा ख़दा तझ अपन वाद क मतािबक़ बरकतदगा त िकसी भी क़ौम स उधार नही लगा बिलकबहत सी क़ौमो को उधार दगा कोई भी क़ौम तझपर हकमत नही करगी बिलक त बहत सी क़ौमो परहकमत करगा

7 जब त उस मलक म आबाद होगा जो रब तरा ख़दातझ दन वाला ह तो अपन दरिमयान रहन वाल ग़रीबभाई स सख़त सलक न करना न कजस होना 8 खलिदल स उस की मदद कर िजतनी उस ज़ररत ह उसउधार क तौर पर द 9 ख़बरदार ऐसा मत सोच िकक़ज़र मआफ़ करन का साल क़रीब ह इस िलए म उसकछ नही दगा अगर त ऐसी शरीर बात अपन िदलम सोचत हए ज़ररतमनद भाई को क़ज़र दन स इनकार

कर और वह रब क सामन तरी िशकायत कर तो तक़सरवार ठहरगा 10 उस ज़रर कछ द बिलक ख़शीस द िफर रब तरा ख़दा तर हर काम म बरकत दगा11 मलक म हमशा ग़रीब और ज़ररतमनद लोग पाएजाएग इस िलए म तझ हकम दता ह िक खल िदल सअपन ग़रीब और ज़ररतमनद भाइयो की मदद कर

ग़लामो को आज़ाद करन का फ़ज़र12 अगर कोई इसराईली भाई या बहन अपन आप

को बच कर तरा ग़लाम बन जाए तो वह छः सालतरी िख़दमत कर लिकन लािज़म ह िक सातव सालउस आज़ाद कर िदया जाए 13 आज़ाद करत वक़तउस ख़ाली हाथ फ़ािरग़ न करना 14 बिलक अपनीभड़-बकिरयो अनाज तल और म स उस फ़ययाज़ीस कछ द यानी उन चीज़ो म स िजन स रब तर ख़दान तझ बरकत दी ह 15 याद रख िक त भी िमसर मग़लाम था और िक रब तर ख़दा न िफ़दया द कर तझछड़ाया इसी िलए म आज तझ यह हकम दता ह

16 लिकन ममिकन ह िक तरा ग़लाम तझ छोड़ना नचाह कयिक वह तझ स और तर ख़ानदान स महबबतरखता ह और वह तर पास रह कर ख़शहाल ह17 इस सरत म उस दरवाज़ क पास ल जा और उसक कान की लौ चौखट क साथ लगा कर उस सतालीयानी तज़ औज़ार स छद द तब वह िज़नदगी भर तराग़लाम बना रहगा अपनी लौडी क साथ भी ऐसा हीकरना

18 अगर ग़लाम तझ छः साल क बाद छोड़ना चाहतो बरा न मानना आिख़र अगर उस की जगह कोईऔर वही काम तनख़वाह क िलए करता तो तरअख़राजात दगन होत उस आज़ाद करना तो रब तराख़दा तर हर काम म बरकत दगा

जानवरो क पहलौठ मख़सस ह19 अपनी गायो और भड़-बकिरयो क नर पहलौठ

रब अपन ख़दा क िलए मख़सस करना न गाय कपहलौठ को काम क िलए इसतमाल करना न भड़ क

इिसतसना 1520ndash1616 221पहलौठ क बाल कतरना 20 हर साल ऐस बचच उसजगह ल जा जो रब अपन मिक़दस क िलए चनगावहा उनह रब अपन ख़दा क हज़र अपन पर ख़ानदानसमत खाना

21 अगर ऐस जानवर म कोई ख़राबी हो वह अधाया लगड़ा हो या उस म कोई और नक़स हो तो उस रबअपन ख़दा क िलए क़बारन न करना 22 ऐस जानवरत घर म ज़बह करक खा सकता ह वह िहरन औरग़ज़ाल की मािननद ह िजनह त खा तो सकता हलिकन क़बारनी क तौर पर पश नही कर सकतापाक और नापाक शख़स दोनो उस खा सकत ह23 लिकन ख़न न खाना उस पानी की तरह ज़मीनपर उडल कर ज़ाए कर दना

फ़सह की ईद

16 1 अबीब क महीन hम रब अपन ख़दा कीताज़ीम म फ़सह की ईद मनाना कयिक इस

महीन म वह तझ रात क वक़त िमसर स िनकाल लाया2 उस जगह जमा हो जा जो रब अपन नाम की सकनतक िलए चनगा उस क़बारनी क िलए भड़-बकिरया या गाय-बल पश करना 3 गोशत क साथ बख़मीरीरोटी खाना सात िदन तक यही रोटी खा िबलकलउसी तरह िजस तरह त न िकया जब जलदी जलदीिमसर स िनकला मसीबत की यह रोटी इस िलए खातािक वह िदन तर जीत जी याद रह जब त िमसर सरवाना हआ 4 लािज़म ह िक ईद क हफ़त क दौरानतर पर मलक म ख़मीर न पाया जाए

जो क़बारनी त ईद क पहल िदन की शाम को पशकर उस का गोशत उसी वक़त खा ल अगली सबहतक कछ बाक़ी न रह जाए 5 फ़सह की क़बारनीिकसी भी शहर म जो रब तरा ख़दा तझ दगा नचढ़ाना 6 बिलक िसफ़र उस जगह जो वह अपन नामकी सकनत क िलए चनगा िमसर स िनकलत वक़तकी तरह क़बारनी क जानवर को सरज डबत वक़त

ज़बह कर 7 िफर उस भन कर उस जगह खाना जोरब तरा ख़दा चनगा अगली सबह अपन घर वापसचला जा 8 ईद क पहल छः िदन बख़मीरी रोटी खातारह सातव िदन काम न करना बिलक रब अपन ख़दाकी इबादत क िलए जमा हो जाना

फ़सल की कटाई की ईद9 जब अनाज की फ़सल की कटाई शर होगी तो

पहल िदन क सात हफ़त बाद 10 फ़सल की कटाईकी ईद मनाना रब अपन ख़दा को उतना पश करिजतना जी चाह वह उस बरकत क मतािबक़ होजो उस न तझ दी ह 11 इस क िलए भी उस जगहजमा हो जा जो रब अपन नाम की सकनत क िलएचनगा वहा उस क हज़र ख़शी मना तर बाल-बचचतर ग़लाम और लौिडया और तर शहरो म रहन वाललावी परदसी यतीम और बवाए सब तरी ख़शी मशरीक हो 12 इन अहकाम पर ज़रर अमल करनाऔर मत भलना िक त िमसर म ग़लाम था

झोपिड़यो की ईद13 अनाज गाहन और अगर का रस िनकालन क

बाद झोपिड़यो की ईद मनाना िजस का दौरािनयासात िदन हो 14 ईद क मौक़ पर ख़शी मनाना तरबाल-बचच तर ग़लाम और लौिडया और तर शहरोम बसन वाल लावी परदसी यतीम और बवाए सबतरी ख़शी म शरीक हो 15 जो जगह रब तरा ख़दामिक़दस क िलए चनगा वहा उस की ताज़ीम म सातिदन तक यह ईद मनाना कयिक रब तरा ख़दा तरीतमाम फ़सलो और महनत को बरकत दगा इस िलएख़ब ख़शी मनाना

16 इसराईल क तमाम मदर साल म तीन मतरबा उसमिक़दस पर हािज़र हो जाए जो रब तरा ख़दा चनगायानी बख़मीरी रोटी की ईद फ़सल की कटाई कीईद और झोपिड़यो की ईद पर कोई भी रब क

hमाचर ता अपरल

222 इिसतसना 1617ndash1716हज़र ख़ाली हाथ न आए 17 हर कोई उस बरकतक मतािबक़ द जो रब तर ख़दा न उस दी ह

क़ाज़ी मक़ररर करना18 अपन अपन क़बाइली इलाक़ म क़ाज़ी और

िनगहबान मक़ररर कर वह हर उस शहर म होजो रब तरा ख़दा तझ दगा वह इनसाफ़ स लोगोकी अदालत कर 19 न िकसी क हक़क़ मारना नजािनबदारी िदखाना िरशवत क़बल न करना कयिकिरशवत दािनशमनदो को अधा कर दती और रासतबाज़की बात पलट दती ह 20 िसफ़र और िसफ़र इनसाफ़क मतािबक़ चल तािक त जीता रह और उस मलकपर क़बज़ा कर जो रब तरा ख़दा तझ दगा

बतपरसती की सज़ा21 जहा त रब अपन ख़दा क िलए क़बारनगाह

बनाएगा वहा न यसीरत दवी की पजा क िलए लकड़ीका खमबा 22 और न कोई ऐसा पतथर खड़ा करनािजस की पजा लोग करत ह रब तरा ख़दा इन चीज़ोस नफ़रत रखता ह

17 1 रब अपन ख़दा को नािक़स गाय-बल याभड़-बकरी पश न करना कयिक वह ऐसी

क़बारनी स नफ़रत रखता ह2 जब त उन शहरो म आबाद हो जाएगा जो रब

तरा ख़दा तझ दगा तो हो सकता ह िक तर दरिमयानकोई मदर या औरत रब तर ख़दा का अहद तोड़ करवह कछ कर जो उस बरा लग 3 मसलन वह दीगरमाबदो को या सरज चाद या िसतारो क पर लशकरको िसजदा कर हालािक म न यह मना िकया ह4 जब भी तझ इस िक़सम की ख़बर िमल तो इस कापरा खोज लगा अगर बात दरसत िनकल और ऐसीिघनौनी हरकत वाक़ई इसराईल म की गई हो 5 तोक़सरवार को शहर क बाहर ल जा कर सगसार करदना 6 लिकन लािज़म ह िक पहल कम अज़ कम दोया तीन लोग गवाही द िक उस न ऐसा ही िकया हउस सज़ा-ए-मौत दन क िलए एक गवाह काफ़ी नही

7 पहल गवाह उस पर पतथर फक इस क बाद बाक़ीतमाम लोग उस सगसार कर य त अपन दरिमयानस बराई िमटा दगा

मिक़दस म आलातरीन अदालत8 अगर तर शहर क क़ािज़यो क िलए िकसी मक़ददम

का फ़सला करना मिशकल हो तो उस मिक़दस मआ कर अपना मआमला पश कर जो रब तरा ख़दाचनगा ख़वाह िकसी को क़तल िकया गया हो उसज़ख़मी कर िदया गया हो या कोई और मसला हो9 लावी क क़बील क इमामो और मिक़दस म िख़दमतकरन वाल क़ाज़ी को अपना मक़ददमा पश कर औरवह फ़सला कर 10 जो फ़सला वह उस मिक़दसम करग जो रब चनगा उस मानना पड़गा जो भीिहदायत वह द उस पर एहितयात स अमल कर11 शरीअत की जो भी बात वह तझ िसखाए और जोभी फ़सला वह द उस पर अमल कर जो कछ भी वहतझ बताए उस स न दाई और न बाई तरफ़ मड़ना

12 जो मिक़दस म रब तर ख़दा की िख़दमत करनवाल क़ाज़ी या इमाम को हक़ीर जान कर उन कीनही सनता उस सज़ा-ए-मौत दी जाए य त इसराईल सबराई िमटा दगा 13 िफर तमाम लोग यह सन कर डरजाएग और आइनदा ऐसी गसताख़ी करन की जरअतनही करग

बादशाह क बार म उसल14 त जलद ही उस मलक म दािख़ल होगा जो रब

तरा ख़दा तझ दन वाला ह जब त उस पर क़बज़ाकरक उस म आबाद हो जाएगा तो हो सकता ह िक तएक िदन कह ldquoआओ हम इदरिगदर की तमाम क़ौमोकी तरह बादशाह मक़ररर कर जो हम पर हकमतकरrdquo 15 अगर त ऐसा कर तो िसफ़र वह शख़स मक़रररकर िजस रब तरा ख़दा चनगा वह परदसी न होबिलक तरा अपना इसराईली भाई हो 16 बादशाहबहत ज़यादा घोड़ न रख न अपन लोगो को उनहख़रीदन क िलए िमसर भज कयिक रब न तझ स कहा

इिसतसना 1717ndash1819 223ह िक कभी वहा वापस न जाना 17 तरा बादशाहज़यादा बीिवया भी न रख वनार उस का िदल रब सदर हो जाएगा और वह हद स ज़यादा सोना-चादीजमा न कर

18 तख़तनशीन होत वक़त वह लावी क क़बीलक इमामो क पास पड़ी इस शरीअत की नक़लिलखवाए 19 यह िकताब उस क पास महफ़ज़ रहऔर वह उमर भर रोज़ाना इस पढ़ता रह तािक रबअपन ख़दा का ख़ौफ़ मानना सीख तब वह शरीअतकी तमाम बातो की परवी करगा 20 अपन आप कोअपन इसराईली भाइयो स ज़यादा अहम नही समझगाऔर िकसी तरह भी शरीअत स हट कर काम नहीकरगा नतीज म वह और उस की औलाद बहत अस रतक इसराईल पर हकमत करग

इमामो और लािवयो का िहससा

18 1 इसराईल क हर क़बील को मीरास म उसका अपना इलाक़ा िमलगा िसवाए लावी क

क़बील क िजस म इमाम भी शािमल ह वह जलनवाली और दीगर क़बारिनयो म स अपना िहससा लकर गज़ारा कर 2 उन क पास दसरो की तरह मौरसीज़मीन नही होगी बिलक रब ख़द उन का मौरसीिहससा होगा यह उस न वादा करक कहा ह

3 जब भी िकसी बल या भड़ को क़बारन िकया जाएतो इमामो को उस का शाना जबड़ और ओझड़ीिमलन का हक़ ह 4 अपनी फ़सलो का पहला फलभी उनह दना यानी अनाज म ज़तन का तल औरभड़ो की पहली कतरी हई ऊन 5 कयिक रब न तरतमाम क़बीलो म स लावी क क़बील को ही मिक़दसम रब क नाम म िख़दमत करन क िलए चना हयह हमशा क िलए उन की और उन की औलाद कीिज़ममादारी रहगी

6 कछ लावी मिक़दस क पास नही बिलक इसराईलक मख़तिलफ़ शहरो म रहग अगर उन म स कोई उसजगह आना चाह जो रब मिक़दस क िलए चनगा 7 तोवह वहा क िख़दमत करन वाल लािवयो की तरह

मिक़दस म रब अपन ख़दा क नाम म िख़दमत करसकता ह 8 उस क़बारिनयो म स दसरो क बराबरलािवयो का िहससा िमलना ह ख़वाह उस ख़ानदानीिमलिकयत बचन स पस िमल गए हो या नही

जादगरी मना ह9 जब त उस मलक म दािख़ल होगा जो रब तरा

ख़दा तझ द रहा ह तो वहा की रहन वाली क़ौमो किघनौन दसतर न अपनाना 10 तर दरिमयान कोई भीअपन बट या बटी को क़बारनी क तौर पर न जलाएन कोई ग़बदानी कर न फ़ाल या शगन िनकालया जादगरी कर 11 इसी तरह मतर पढ़ना हािज़रातकरना िक़समत का हाल बताना या मदोर की रहो सरािबता करना सख़त मना ह 12 जो भी ऐसा कर वहरब की नज़र म क़ािबल-ए-िघन ह इन ही मकरहदसतरो की वजह स रब तरा ख़दा तर आग स उनक़ौमो को िनकाल दगा 13 इस िलए लािज़म ह िकत रब अपन ख़दा क सामन बक़सर रह

नबी का वादा14 िजन क़ौमो को त िनकालन वाला ह वह उन की

सनती ह जो फ़ाल िनकालत और ग़बदानी करत हलिकन रब तर ख़दा न तझ ऐसा करन की इजाज़तनही दी

15 रब तरा ख़दा तर वासत तर भाइयो म स मझजस नबी को बरपा करगा उस की सनना 16 कयिकहोिरब यानी सीना पहाड़ पर जमा होत वक़त तन ख़द रब अपन ख़दा स दरख़वासत की ldquoन ममज़ीद रब अपन ख़दा की आवाज़ सनना चाहतान यह भड़कती हई आग दखना चाहता ह वनार मरजाऊगाrdquo 17 तब रब न मझ स कहा ldquoजो कछ वहकहत ह वह ठीक ह 18 आइनदा म उन म स तझजसा नबी खड़ा करगा म अपन अलफ़ाज़ उस कमह म डाल दगा और वह मरी हर बात उन तकपहचाएगा 19 जब वह नबी मर नाम म कछ कह तोलािज़म ह िक त उस की सन जो नही सनगा उस स

224 इिसतसना 1820ndash1915म ख़द जवाब तलब करगा 20 लिकन अगर कोईनबी गसताख़ हो कर मर नाम म कोई बात कह जो मन उस बतान को नही कहा था तो उस सज़ा-ए-मौतदनी ह इसी तरह उस नबी को भी हलाक कर दनाह जो दीगर माबदो क नाम म बात करrdquo

21 शायद तर ज़हन म सवाल उभर आए िक हमिकस तरह मालम कर सकत ह िक कोई कलामवाक़ई रब की तरफ़ स ह या नही 22 जवाब यहह िक अगर नबी रब क नाम म कछ कह और वहपरा न हो जाए तो मतलब ह िक नबी की बात रब कीतरफ़ स नही ह बिलक उस न गसताख़ी करक बातकी ह इस सरत म उस स मत डरना

पनाह क शहर

19 1 रब तरा ख़दा उस मलक म आबाद क़ौमोको तबाह करगा जो वह तझ द रहा ह

जब त उनह भगा कर उन क शहरो और घरो म आबाद हो जाएगा 2ndash3 तो पर मलक को तीन िहससो म तक़सीम कर हर िहसस म एक मकर ज़ी शहर मक़रररकर उन तक पहचान वाल रासत साफ़-सथर रखनाइन शहरो म हर वह शख़स पनाह ल सकता ह िजसक हाथ स कोई ग़रइरादी तौर पर हलाक हआ ह4 वह ऐस शहर म जा कर इिनतक़ाम लन वालो समहफ़ज़ रहगा शतर यह ह िक उस न न क़सदन औरन दशमनी क बाइस िकसी को मार िदया हो

5 मसलन दो आदमी जगल म दरख़त काट रह हकलहाड़ी चलात वक़त एक की कलहाड़ी दसत सिनकल कर उस क साथी को लग जाए और वह मरजाए ऐसा शख़स फ़रार हो कर ऐस शहर म पनाहल सकता ह तािक बचा रह 6 इस िलए ज़ररी हिक ऐस शहरो का फ़ािसला ज़यादा न हो कयिकजब इिनतक़ाम लन वाला उस का ताक़क़ब करगा तोख़तरा ह िक वह तश म उस पकड़ कर मार डालअगरच भागन वाला बक़सर ह जो कछ उस न िकयावह दशमनी क सबब स नही बिलक ग़रइरादी तौर पर

हआ 7 इस िलए लािज़म ह िक त पनाह क तीन शहरअलग कर ल

8 बाद म रब तरा ख़दा तरी सरहदद मज़ीद बढ़ा दगाकयिक यही वादा उस न क़सम खा कर तर बापदादास िकया ह अपन वाद क मतािबक़ वह तझ परामलक दगा 9 अलबतता शतर यह ह िक त एहितयात सउन तमाम अहकाम की परवी कर जो म तझ आजद रहा ह दसर अलफ़ाज़ म शतर यह ह िक त रबअपन ख़दा को पयार कर और हमशा उस की राहोम चलता रह अगर त ऐसा ही कर और नतीजतनरब का वादा परा हो जाए तो लािज़म ह िक त पनाहक तीन और शहर अलग कर ल 10 वनार तर मलकम जो रब तरा ख़दा तझ मीरास म द रहा ह बक़सरलोगो को जान स मारा जाएगा और त ख़द िज़ममादारठहरगा

11 लिकन हो सकता ह कोई दशमनी क बाइसिकसी की ताक म बठ जाए और उस पर हमला करकउस मार डाल अगर क़ाितल पनाह क िकसी शहरम भाग कर पनाह ल 12 तो उस क शहर क बज़गरइिततला द िक उस वापस लाया जाए उस इिनतक़ामलन वाल क हवाल िकया जाए तािक उस सज़ा-ए-मौत िमल 13 उस पर रहम मत करना लािज़म हिक त इसराईल म स बक़सर की मौत का दाग़ िमटाएतािक त ख़शहाल रह

ज़मीनो की हदद14 जब त उस मलक म रहगा जो रब तरा ख़दा तझ

मीरास म दगा तािक त उस पर क़बज़ा कर तो ज़मीनकी वह हदद आग पीछ न करना जो तर बापदादा नमक़ररर की

अदालत म गवाह15 त िकसी को एक ही गवाह क कहन पर

क़सरवार नही ठहरा सकता जो भी जमर सरज़द हआह कम अज़ कम दो या तीन गवाहो की ज़ररत हवनार त उस क़सरवार नही ठहरा सकता

इिसतसना 1916ndash2019 22516 अगर िजस पर इलज़ाम लगाया गया ह इनकार

करक दावा कर िक गवाह झट बोल रहा ह 17 तोदोनो मिक़दस म रब क हज़र आ कर िख़दमत करनवाल इमामो और क़ािज़यो को अपना मआमला पशकर 18 क़ाज़ी इस का ख़ब खोज लगाए अगर बातदरसत िनकल िक गवाह न झट बोल कर अपन भाईपर ग़लत इलज़ाम लगाया ह 19 तो उस क साथ वहकछ िकया जाए जो वह अपन भाई क िलए चाहरहा था य त अपन दरिमयान स बराई िमटा दगा20 िफर तमाम बाक़ी लोग यह सन कर डर जाएग औरआइनदा तर दरिमयान ऐसी ग़लत हरकत करन कीजरअत नही करग 21 क़सरवार पर रहम न करनाउसल यह हो िक जान क बदल जान आख क बदलआख दात क बदल दात हाथ क बदल हाथ पाओक बदल पाओ

जग क उसल

20 1 जब त जग क िलए िनकल कर दखताह िक दशमन तादाद म ज़यादा ह और उन

क पास घोड़ और रथ भी ह तो मत डरना रब तराख़दा जो तझ िमसर स िनकाल लाया अब भी तर साथह 2 जग क िलए िनकलन स पहल इमाम सामनआए और फ़ौज स मख़ाितब हो कर 3 कह ldquoसन ऐइसराईल आज तम अपन दशमन स लड़न जा रहहो उन क सबब स परशान न हो उन स न ख़ौफ़खाओ न घबराओ 4 कयिक रब तमहारा ख़दा ख़दतमहार साथ जा कर दशमन स लड़गा वही तमह फ़तहबख़शगाrdquo

5 िफर िनगहबान फ़ौज स मख़ाितब हो ldquoकया यहा कोई ह िजस न हाल म अपना नया घर मकममलिकया लिकन उस मख़सस करन का मौक़ा न िमलावह अपन घर वापस चला जाए ऐसा न हो िक वहजग क दौरान मारा जाए और कोई और घर कोमख़सस करक उस म बसन लग 6 कया कोई ह िजसन अगर का बाग़ लगा कर इस वक़त उस की पहलीफ़सल क इिनतज़ार म ह वह अपन घर वापस चला

जाए ऐसा न हो िक वह जग म मारा जाए और कोईऔर बाग़ का फ़ाइदा उठाए 7 कया कोई ह िजस कीमगनी हई ह और जो इस वक़त शादी क इिनतज़ार मह वह अपन घर वापस चला जाए ऐसा न हो िकवह जग म मारा जाए और कोई और उस की मगतरस शादी करrdquo

8 िनगहबान कह ldquoकया कोई ख़ौफ़ज़दा या परशानह वह अपन घर वापस चला जाए तािक अपनसािथयो को परशान न करrdquo 9 इस क बाद फ़ौिजयोपर अफ़सर मक़ररर िकए जाए

10 िकसी शहर पर हमला करन स पहल उस कबािशनदो को हिथयार डाल दन का मौक़ा दना11 अगर वह मान जाए और अपन दरवाज़ खोल द तोवह तर िलए बगार म काम करक तरी िख़दमत कर12 लिकन अगर वह हिथयार डालन स इनकार करऔर जग िछड़ जाए तो शहर का महासरा कर 13 जबरब तरा ख़दा तझ शहर पर फ़तह दगा तो उस क तमाममदोर को हलाक कर दना 14 त तमाम माल-ए-ग़नीमतऔरतो बचचो और मविशयो समत रख सकता हदशमन की जो चीज़ रब न तर हवाल कर दी ह उनसब को त इसतमाल कर सकता ह 15 य उन शहरोस िनपटना जो तर अपन मलक स बाहर ह

16 लिकन जो शहर उस मलक म वाक़ ह जो रब तराख़दा तझ मीरास म द रहा ह उन क तमाम जानदारोको हलाक कर दना 17 उनह रब क सपदर करकमकममल तौर पर हलाक करना िजस तरह रब तरख़दा न तझ हकम िदया ह इस म िहतती अमोरीकनआनी फ़िरज़ज़ी िहववी और यबसी शािमल ह18 अगर त ऐसा न कर तो वह तमह रब तमहार ख़दाका गनाह करन पर उकसाएग जो िघनौनी हरकतवह अपन दवताओ की पजा करत वक़त करत हउनह वह तमह भी िसखाएग

19 शहर का महासरा करत वक़त इदरिगदर क फलदारदरख़तो को काट कर तबाह न कर दना ख़वाह बड़ीदर भी हो जाए वनार त उन का फल नही खा सकगाउनह न काटना कया दरख़त तर दशमन ह िजन का

226 इिसतसना 2020ndash2117महासरा करना ह हरिगज़ नही 20 उन दरख़तो कीऔर बात ह जो फल नही लात उनह त काट करमहासर क िलए इसतमाल कर सकता ह जब तकशहर िशकसत न खाए

नामालम क़तल का कफ़फ़ारा

21 1 जब त उस मलक म आबाद होगा जो रबतझ मीरास म द रहा ह तािक त उस पर

क़बज़ा कर तो हो सकता ह िक कोई लाश खल मदानम कही पड़ी पाई जाए अगर मालम न हो िक िकसन उस क़तल िकया ह 2 तो पहल इदरिगदर क शहरोक बज़गर और क़ाज़ी आ कर पता कर िक कौन साशहर लाश क ज़यादा क़रीब ह 3 िफर उस शहर कबज़गर एक जवान गाय चन ल जो कभी काम क िलएइसतमाल नही हई 4 वह उस एक ऐसी वादी म लजाए िजस म न कभी हल चलाया गया न पौद लगाएगए हो वादी म ऐसी नहर हो जो परा साल बहती रहवही बज़गर जवान गाय की गदरन तोड़ डाल

5 िफर लावी क क़बील क इमाम क़रीब आएकयिक रब तमहार ख़दा न उनह चन िलया ह तािकवह िख़दमत कर रब क नाम स बरकत द औरतमाम झगड़ो और हमलो का फ़सला कर 6 उन कदखत दखत शहर क बज़गर अपन हाथ गाय कीलाश क ऊपर धो ल 7 साथ साथ वह कह ldquoहमन इस शख़स को क़तल नही िकया न हम न दखा िकिकस न यह िकया 8 ऐ रब अपनी क़ौम इसराईलका यह कफ़फ़ारा क़बल फ़रमा िजस त न िफ़दया दकर छड़ाया ह अपनी क़ौम इसराईल को इस बक़सरक क़तल का क़सरवार न ठहराrdquo तब मक़तल काकफ़फ़ारा िदया जाएगा

9 य त ऐस बक़सर शख़स क क़तल का दाग़ अपनदरिमयान स िमटा दगा कयिक त न वही कछ िकयाहोगा जो रब की नज़र म दरसत ह

जगी क़दी औरत स शादी10 हो सकता ह िक त अपन दशमन स जग कर

और रब तमहारा ख़दा तझ फ़तह बख़श जगी क़िदयोको जमा करत वक़त 11 तझ उन म स एक ख़बसरतऔरत नज़र आती ह िजस क साथ तरा िदल लगजाता ह त उस स शादी कर सकता ह 12 उसअपन घर म ल आ वहा वह अपन सर क बालोको मडवाए अपन नाख़न तराश 13 और अपन वहकपड़ उतार जो वह पहन हए थी जब उस क़द िकयागया वह पर एक महीन तक अपन वािलदन क िलएमातम कर िफर त उस क पास जा कर उस क साथशादी कर सकता ह

14 अगर वह तझ िकसी वक़त पसनद न आए तोउस जान द वह वहा जाए जहा उस का जी चाहतझ उस बचन या उस स लौडी का सा सलक करनकी इजाज़त नही ह कयिक त न उस मजबर करकउस स शादी की ह

पहलौठ क हक़क़15 हो सकता ह िकसी मदर की दो बीिवया हो

एक को वह पयार करता ह दसरी को नही दोनोबीिवयो क बट पदा हए ह लिकन िजस बीवी सशौहर महबबत नही करता उस का बटा सब स पहलपदा हआ 16 जब बाप अपनी िमलिकयत विसयतम तक़सीम करता ह तो लािज़म ह िक वह अपन सबस बड़ बट का मौरसी हक़ परा कर उस पहलौठका यह हक़ उस बीवी क बट को मनतिक़ल करनकी इजाज़त नही िजस वह पयार करता ह 17 उसतसलीम करना ह िक उस बीवी का बटा सब स बड़ाह िजस स वह महबबत नही करता नतीजतन उसउस बट को दसर बटो की िनसबत दगना िहससा दनापड़गा कयिक वह अपन बाप की ताक़त का पहलाइज़हार ह उस पहलौठ का हक़ हािसल ह

इिसतसना 2118ndash2215 227

सरकश बटा18 हो सकता ह िक िकसी का बटा हटधमर और

सरकश हो वह अपन वािलदन की इताअत नहीकरता और उन क तमबीह करन और सज़ा दन परभी उन की नही सनता 19 इस सरत म वािलदन उसपकड़ कर शहर क दरवाज़ पर ल जाए जहा बज़गरजमा होत ह 20 वह बज़गोर स कह ldquoहमारा बटाहटधमर और सरकश ह वह हमारी इताअत नहीकरता बिलक अययाश और शराबी हrdquo 21 यह सनकर शहर क तमाम मदर उस सगसार कर य त अपनदरिमयान स बराई िमटा दगा तमाम इसराईल यह सनकर डर जाएगा

सज़ा-ए-मौत पान वाल को उसी िदन दफ़नाना ह22 जब त िकसी को सज़ा-ए-मौत द कर उस की

लाश िकसी लकड़ी या दरख़त स लटकाता ह 23 तोउस अगली सबह तक वहा न छोड़ना हर सरत मउस उसी िदन दफ़ना दना कयिक िजस भी दरख़त सलटकाया गया ह उस पर अललाह की लानत ह अगरउस उसी िदन दफ़नाया न जाए तो त उस मलक कोनापाक कर दगा जो रब तरा ख़दा तझ मीरास म दरहा ह

मदद करन क िलए तययार रहना

22 1 अगर तझ िकसी हमवतन भाई का बलया भड़-बकरी भटकी हई नज़र आए तो उस

नज़रअनदाज़ न करना बिलक मािलक क पास वापसल जाना 2 अगर मािलक का घर क़रीब न हो या तझमालम न हो िक मािलक कौन ह तो जानवर को अपनघर ला कर उस वक़त तक सभाल रखना जब तकिक मािलक उस ढडन न आए िफर जानवर को उसवापस कर दना 3 यही कछ कर अगर तर हमवतनभाई का गधा भटका हआ नज़र आए या उस कागमशदा कोट या कोई और चीज़ कही नज़र आएउस नज़रअनदाज़ न करना

4 अगर त दख िक िकसी हमवतन का गधा या बलरासत म िगर गया ह तो उस नज़रअनदाज़ न करनाजानवर को खड़ा करन म अपन भाई की मदद कर

क़दरती इिनतज़ाम क तहत रहना5 औरत क िलए मदोर क कपड़ पहनना मना ह इसी

तरह मदर क िलए औरतो क कपड़ पहनना भी मनाह जो ऐसा करता ह उस स रब तर ख़दा को िघनआती ह

6 अगर तझ कही रासत म िकसी दरख़त म याज़मीन पर घोसला नज़र आए और पिरनदा अपन बचचोया अडो पर बठा हआ हो तो मा को बचचो समत नपकड़ना 7 तझ बचच ल जान की इजाज़त ह लिकनमा को छोड़ दना तािक त ख़शहाल और दर तकजीता रह

8 नया मकान तामीर करत वक़त छत पर चारोतरफ़ दीवार बनाना वनार त उस शख़स की मौत कािज़ममादार ठहरगा जो तरी छत पर स िगर जाए

9 अपन अगर क बाग़ म दो िक़सम क बीज न बोनावनार सब कछ मिक़दस क िलए मख़सस-ओ-मक़ददसहोगा न िसफ़र वह फ़सल जो तम न अगर क इलावालगाई बिलक अगर भी

10 बल और गध को जोड़ कर हल न चलाना11 ऐस कपड़ न पहनना िजन म बनत वक़त ऊन

और कतान िमलाए गए ह12 अपनी चादर क चारो कोनो पर फनदन लगाना

इिज़दवाजी िज़नदगी की िहफ़ाज़त13 अगर कोई आदमी शादी करन क थोड़ी दर बाद

अपनी बीवी को पसनद न कर 14 और िफर उस कीबदनामी करक कह ldquoइस औरत स शादी करन कबाद मझ पता चला िक वह कवारी नही हrdquo 15 तोजवाब म बीवी क वािलदन शहर क दरवाज़ पर जमा

228 इिसतसना 2216ndash235होन वाल बज़गोर क पास सबत iल आए िक बटीशादी स पहल कवारी थी 16 बीवी का बाप बज़गोरस कह ldquoम न अपनी बटी की शादी इस आदमी सकी ह लिकन यह उस स नफ़रत करता ह 17 अबइस न उस की बदनामी करक कहा ह lsquoमझ पताचला िक तमहारी बटी कवारी नही हrsquo लिकन यहा सबत ह िक मरी बटी कवारी थीrdquo िफर वािलदनशहर क बज़गोर को मज़करा कपड़ा िदखाए

18 तब बज़गर उस आदमी को पकड़ कर सज़ा द19 कयिक उस न एक इसराईली कवारी की बदनामीकी ह इस क इलावा उस जमारन क तौर पर बीवीक बाप को चादी क 100 िसकक दन पड़ग लािज़म हिक वह शौहर क फ़राइज़ अदा करता रह वह उमरभर उस तलाक़ नही द सकगा

20 लिकन अगर आदमी की बात दरसत िनकलऔर सािबत न हो सक िक बीवी शादी स पहलकवारी थी 21 तो उस बाप क घर लाया जाए वहा शहर क आदमी उस सगसार कर द कयिक अपनबाप क घर म रहत हए बदकारी करन स उस नइसराईल म एक अहमक़ाना और बदीन हरकत कीह य त अपन दरिमयान स बराई िमटा दगा 22 अगरकोई आदमी िकसी की बीवी क साथ िज़ना कर औरवह पकड़ जाए तो दोनो को सज़ा-ए-मौत दनी ह य त इसराईल स बराई िमटा दगा

23 अगर आबादी म िकसी मदर की मलाक़ात िकसीऐसी कवारी स हो िजस की िकसी और क साथमगनी हई ह और वह उस क साथ हमिबसतर हो जाए24 तो लािज़म ह िक तम दोनो को शहर क दरवाज़ कपास ला कर सगसार करो वजह यह ह िक लड़कीन मदद क िलए न पकारा अगरच उस जगह लोगआबाद थ मदर का जमर यह था िक उस न िकसीऔर की मगतर की इसमतदरी की ह य त अपनदरिमयान स बराई िमटा दगा

25 लिकन अगर मदर ग़रआबाद जगह म िकसी औरकी मगतर की इसमतदरी कर तो िसफ़र उसी को सज़ा-ए-मौत दी जाए 26 लड़की को कोई सज़ा न दनाकयिक उस न कछ नही िकया जो मौत क लाइक़हो िज़यादती करन वाल की हरकत उस शख़स कबराबर ह िजस न िकसी पर हमला करक उस क़तल करिदया ह 27 चिक उस न लड़की को वहा पाया जहा लोग नही रहत इस िलए अगरच लड़की न मदद किलए पकारा तो भी उस कोई न बचा सका

28 हो सकता ह कोई आदमी िकसी लड़की कीइसमतदरी कर िजस की मगनी नही हई ह अगर उनहपकड़ा जाए 29 तो वह लड़की क बाप को चादी क50 िसकक द लािज़म ह िक वह उसी लड़की स शादीकर कयिक उस न उस की इसमतदरी की ह न िसफ़रयह बिलक वह उमर भर उस तलाक़ नही द सकता

30 अपन बाप की बीवी स शादी करना मना ह जोकोई यह कर वह अपन बाप की बहरमती करता ह

मक़ददस इजितमा म शरीक होन की शराइत

23 1 जब इसराईली रब क मिक़दस क पास जमाहोत ह तो उस हािज़र होन की इजाज़त नही

जो काटन या कचलन स ख़ोजा बन गया ह 2 इसीतरह वह भी मक़ददस इजितमा स दर रह जो नाजाइज़ताललक़ात क नतीज म पदा हआ ह उस की औलादभी दसवी पशत तक उस म नही आ सकती

3 कोई भी अममोनी या मोआबी मक़ददस इजितमा मशरीक नही हो सकता इन क़ौमो की औलाद दसवीपशत तक भी इस जमाअत म हािज़र नही हो सकती4 कयिक जब तम िमसर स िनकल आए तो वह रोटीऔर पानी ल कर तम स िमलन न आए न िसफ़र यहबिलक उनहो न मसोपतािमया क शहर फ़तोर म जाकर बलआम िबन बओर को पस िदए तािक वह तझपर लानत भज 5 लिकन रब तर ख़दा न बलआम कीन सनी बिलक उस की लानत बरकत म बदल दी

iयानी वह कपड़ा िजस पर नया जोड़ा सोया हआ था

इिसतसना 236ndash25 229कयिक रब तरा ख़दा तझ स पयार करता ह 6 उमर भरकछ न करना िजस स इन क़ौमो की सलामती औरख़शहाली बढ़ जाए

7 लिकन अदोिमयो को मकरह न समझना कयिकवह तमहार भाई ह इसी तरह िमिसरयो को भी मकरहन समझना कयिक त उन क मलक म परदसी महमानथा 8 उन की तीसरी नसल क लोग रब क मक़ददसइजितमा म शरीक हो सकत ह

ख़मागाह म नापाकी9 अपन दशमनो स जग करत वक़त अपनी

लशकरगाह म हर नापाक चीज़ स दर रहना10 मसलन अगर कोई आदमी रात क वक़तएहितलाम क बाइस नापाक हो जाए तो वहलशकरगाह क बाहर जा कर शाम तक वहा ठहर11 िदन ढलत वक़त वह नहा ल तो सरज डबन परलशकरगाह म वापस आ सकता ह

12 अपनी हाजत रफ़ा करन क िलए लशकरगाहस बाहर कोई जगह मक़ररर कर 13 जब िकसी कोहाजत क िलए बठना हो तो वह इस क िलए गढ़ाखोद और बाद म उस िमटटी स भर द इस िलए अपनसामान म खदाई का कोई आला रखना ज़ररी ह

14 रब तरा ख़दा तरी लशकरगाह म तर दरिमयानही घमता िफरता ह तािक त महफ़ज़ रह और दशमनतर सामन िशकसत खाए इस िलए लािज़म ह िकतरी लशकरगाह उस क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस होऐसा न हो िक अललाह वहा कोई शमरनाक बात दखकर तझ स दर हो जाए

फ़रार हए ग़लामो की मदद करना15 अगर कोई ग़लाम तर पास पनाह ल तो उस

मािलक को वापस न करना 16 वह तर साथ औरतर दरिमयान ही रह वहा जहा वह बसना चाह उसशहर म जो उस पसनद आए उस न दबाना

मिनदर म इसमतफ़रोशी मना ह17 िकसी दवता की िख़दमत म इसमतफ़रोशी करना

हर इसराईली औरत और मदर क िलए मना ह 18 मननतमानत वक़त न कसबी का अजर न कतत क पस jरबक मिक़दस म लाना कयिक रब तर ख़दा को दोनोचीज़ो स िघन ह

अपन हमवतनो स सद न लना19 अगर कोई इसराईली भाई तझ स क़ज़र ल तो उस

स सद न लना ख़वाह त न उस पस खाना या कोईऔर चीज़ दी हो 20 अपन इसराईली भाई स सद न लबिलक िसफ़र परदसी स िफर जब त मलक पर क़बज़ाकरक उस म रहगा तो रब तरा ख़दा तर हर काम मबरकत दगा

अपनी मननत परी करना21 जब त रब अपन ख़दा क हज़र मननत मान तो

उस परा करन म दर न करना रब तरा ख़दा यक़ीननतझ स इस का मतालबा करगा अगर त उस परा नकर तो क़सरवार ठहरगा 22 अगर त मननत मानन सबाज़ रह तो क़सरवार नही ठहरगा 23 लिकन अगरत अपनी िदली ख़शी स रब क हज़र मननत मान तोहर सरत म उस परा कर

दसर क बाग़ म स गज़रन का रवयया24 िकसी हमवतन क अगर क बाग़ म स गज़रत

वक़त तझ िजतना जी चाह उस क अगर खान कीइजाज़त ह लिकन अपन िकसी बतरन म फल जमान करना 25 इसी तरह िकसी हमवतन क अनाज कखत म स गज़रत वक़त तझ अपन हाथो स अनाजकी बािलया तोड़न की इजाज़त ह लिकन दरानतीइसतमाल न करना

jयक़ीन स नही कहा जा सकता िक lsquoकतत क पसrsquo स कया मराद ह ग़ािलबन इस क पीछ बतपरसती का कोई दसतर ह

230 इिसतसना 241ndash19

तलाक़ और दबारा शादी

24 1 हो सकता ह कोई आदमी िकसी औरतस शादी कर लिकन बाद म उस पसनद न

कर कयिक उस बीवी क बार म िकसी शमरनाक बातका पता चल गया ह वह तलाक़नामा िलख कर उसऔरत को दता और िफर उस घर स वापस भज दताह 2 इस क बाद उस औरत की शादी िकसी और मदरस हो जाती ह 3 और वह भी बाद म उस पसनद नहीकरता वह भी तलाक़नामा िलख कर उस औरत कोदता और िफर उस घर स वापस भज दता ह ख़वाहदसरा शौहर उस वापस भज द या शौहर मर जाए4 औरत क पहल शौहर को उस स दबारा शादी करनकी इजाज़त नही ह कयिक वह औरत उस क िलएनापाक ह ऐसी हरकत रब की नज़र म क़ािबल-ए-िघन ह उस मलक को य गनाहआलदा न करना जोरब तरा ख़दा तझ मीरास म द रहा ह

मज़ीद िहदायात5 अगर िकसी आदमी न अभी अभी शादी की हो

तो त उस भतीर करक जग करन क िलए नही भजसकता त उस कोई भी ऐसी िज़ममादारी नही दसकता िजस स वह घर स दर रहन पर मजबर होजाए एक साल तक वह ऐसी िज़ममादािरयो स बरीरह तािक घर म रह कर अपनी बीवी को ख़श करसक

6 अगर कोई तझ स उधार ल तो ज़मानत क तौरपर उस स न उस की छोटी चककी न उस की बड़ीचककी का पाट लना कयिक ऐसा करन स त उस कीजान लगा यानी त वह चीज़ लगा िजस स उस कागज़ारा होता ह

7 अगर िकसी आदमी को पकड़ा जाए िजस न अपनहमवतन को अग़वा करक ग़लाम बना िलया या बचिदया ह तो उस सज़ा-ए-मौत दना ह य त अपनदरिमयान स बराई िमटा दगा

8 अगर कोई वबाई िजलदी बीमारी तझ लग जाएतो बड़ी एहितयात स लावी क क़बील क इमामो कीतमाम िहदायात पर अमल करना जो भी हकम म नउनह िदया उस परा करना 9 याद कर िक रब तरख़दा न मिरयम क साथ कया िकया जब तम िमसर सिनकल कर सफ़र कर रह थ

ग़रीबो क हक़क़10 अपन हमवतन को उधार दत वक़त उस क घर म

न जाना तािक ज़मानत की कोई चीज़ िमल 11 बिलकबाहर ठहर कर इिनतज़ार कर िक वह ख़द घर सज़मानत की चीज़ िनकाल कर तझ द 12 अगर वहइतना ज़ररतमनद हो िक िसफ़र अपनी चादर द सकतो रात क वक़त ज़मानत तर पास न रह 13 उस सरजडबन तक वापस करना तािक क़ज़रदार उस म िलपटकर सो सक िफर वह तझ बरकत दगा और रब तराख़दा तरा यह क़दम रासत क़रार दगा

14 ज़ररतमनद मज़दर स ग़लत फ़ाइदा न उठानाचाह वह इसराईली हो या परदसी 15 उस रोज़ानासरज डबन स पहल पहल उस की मज़दरी द दनाकयिक इस स उस का गज़ारा होता ह कही वह रबक हज़र तरी िशकायत न कर और त क़सरवार ठहर

16 वािलदन को उन क बचचो क जराइम क सबब ससज़ा-ए-मौत न दी जाए न बचचो को उन क वािलदनक जराइम क सबब स अगर िकसी को सज़ा-ए-मौत दनी हो तो उस गनाह क सबब स जो उस नख़द िकया ह

17 परदिसयो और यतीमो क हक़क़ क़ाइम रखनाउधार दत वक़त ज़मानत क तौर पर बवा की चादरन लना 18 याद रख िक त भी िमसर म ग़लाम था औरिक रब तर ख़दा न िफ़दया द कर तझ वहा स छड़ायाइसी वजह स म तझ यह हकम दता ह

19 अगर त फ़सल की कटाई क वक़त एक पला भलकर खत म छोड़ आए तो उस लान क िलए वापस नजाना उस परदिसयो यतीमो और बवाओ क िलएवही छोड़ दना तािक रब तरा ख़दा तर हर काम म

इिसतसना 2420ndash2518 231बरकत द 20 जब ज़तन की फ़सल पक गई हो तोदरख़तो को मार मार कर एक ही बार उन म स फलउतार इस क बाद उनह न छड़ना बचा हआ फलपरदिसयो यतीमो और बवाओ क िलए छोड़ दना21 इसी तरह अपन अगर तोड़न क िलए एक ही बारबाग़ म स गज़रना इस क बाद उस न छड़ना बचाहआ फल परदिसयो यतीमो और बवाओ क िलएछोड़ दना 22 याद रख िक त ख़द िमसर म ग़लाम थाइसी वजह स म तझ यह हकम दता ह

कोड़ लगान की मनािसब सज़ा

25 1 अगर लोग अपना एक दसर क साथझगड़ा ख़द िनपटा न सक तो वह अपना

मआमला अदालत म पश कर क़ाज़ी फ़सला करिक कौन बक़सर ह और कौन मजिरम 2 अगरमजिरम को कोड़ लगान की सज़ा दनी ह तो उसक़ाज़ी क सामन ही मह क बल ज़मीन पर िलटानािफर उस इतन कोड़ लगाए जाए िजतनो क वहलाइक़ ह 3 लिकन उस को ज़यादा स ज़यादा 40कोड़ लगान ह वनार तर इसराईली भाई की सर-ए-आम बइज़ज़ती हो जाएगी

बल का मह न बाधना4 जब त फ़सल गाहन क िलए उस पर बल चलन

दता ह तो उस का मह बाध कर न रखना

मरहम भाई की बीवी स शादी करन का हकम5 अगर कोई शादीशदा मदर बऔलाद मर जाए और

उस का सगा भाई साथ रह तो उस का फ़ज़र ह िकबवा स शादी कर बवा शौहर क ख़ानदान स हटकर िकसी और स शादी न कर बिलक िसफ़र अपनदवर स 6 पहला बटा जो इस िरशत स पदा होगापहल शौहर क बट की हिसयत रखगा य उस कानाम क़ाइम रहगा

7 लिकन अगर दवर भाबी स शादी करना न चाहतो भाबी शहर क दरवाज़ पर जमा होन वाल बज़गोर

क पास जाए और उन स कह ldquoमरा दवर मझ सशादी करन स इनकार करता ह वह अपना फ़ज़रअदा करन को तययार नही िक अपन भाई का नामक़ाइम रखrdquo 8 िफर शहर क बज़गर दवर को बलाकर उस समझाए अगर वह इस क बावजद भीउस स शादी करन स इनकार कर 9 तो उस की भाबीबज़गोर की मौजदगी म उस क पास जा कर उस कीएक चपपल उतार ल िफर वह उस क मह पर थककर कह ldquoउस आदमी स ऐसा सलक िकया जाताह जो अपन भाई की नसल क़ाइम रखन को तययारनहीrdquo 10 आइनदा इसराईल म दवर की नसल ldquoनगपाओ वाल की नसलrdquo कहलाएगी

झगड़ म नाज़बा हरकत11 अगर दो आदमी लड़ रह हो और एक की बीवी

अपन शौहर को बचान की ख़ाितर मख़ािलफ़ क उज़-ए-तनासल को पकड़ ल 12 तो लािज़म ह िक त औरतका हाथ काट डाल उस पर रहम न करना

धोका न दना13 तोलत वक़त अपन थल म सहीह वज़न क बाट

रख और धोका दन क िलए हलक बाट साथ नरखना 14 इसी तरह अपन घर म अनाज की पमाइशकरन का सहीह बतरन रख और धोका दन क िलएछोटा बतरन साथ न रखना 15 सहीह वज़न क बाटऔर पमाइश करन क सहीह बतरन इसतमाल करनातािक त दर तक उस मलक म जीता रह जो रब तराख़दा तझ दगा 16 कयिक उस हर धोकबाज़ स िघनह

अमालीिक़यो को सज़ा दना17 याद रह िक अमालीिक़यो न तझ स कया कछ

िकया जब तम िमसर स िनकल कर सफ़र कर रहथ 18 जब त थकाहारा था तो वह तझ पर हमलाकरक पीछ पीछ चलन वाल तमाम कमज़ोरो कोजान स मारत रह वह अललाह का ख़ौफ़ नही मानत

232 इिसतसना 2519ndash2618थ 19 चनाच जब रब तरा ख़दा तझ इदरिगदर क तमामदशमनो स सकन दगा और त उस मलक म आबादहोगा जो वह तझ मीरास म द रहा ह तािक त उसपर क़बज़ा कर तो अमालीिक़यो को य हलाक करिक दिनया म उन का नाम-ओ-िनशान न रह यह बातमत भलना

ज़मीन की पहली पदावार रब को पश करना

26 1 जब त उस मलक म दािख़ल होगा जो रबतरा ख़दा तझ मीरास म द रहा ह और त

उस पर क़बज़ा करक उस म आबाद हो जाएगा 2 तोजो भी फ़सल त काटगा उस क पहल फल म सकछ टोकर म रख कर उस जगह ल जा जो रबतरा ख़दा अपन नाम की सकनत क िलए चनगा3 वहा िख़दमत करन वाल इमाम स कह ldquoआज मरब अपन ख़दा क हज़र एलान करता ह िक उसमलक म पहच गया ह िजस का हम दन का वादा रबन क़सम खा कर हमार बापदादा स िकया थाrdquo

4 तब इमाम तरा टोकरा ल कर उस रब तर ख़दा कीक़बारनगाह क सामन रख द 5 िफर रब अपन ख़दाक हज़र कह ldquoमरा बाप आवारा िफरन वाला अरामीथा जो अपन लोगो को ल कर िमसर म आबाद हआवहा पहचत वक़त उन की तादाद कम थी लिकनहोत होत वह बड़ी और ताक़तवर क़ौम बन गए6 लिकन िमिसरयो न हमार साथ बरा सलक िकयाऔर हम दबा कर सख़त ग़लामी म फसा िदया 7 िफरहम न िचलला कर रब अपन बापदादा क ख़दा सफ़यारद की और रब न हमारी सनी उस न हमारादख हमारी मसीबत और दबी हई हालत दखी 8 औरबड़ इख़ितयार और क़दरत का इज़हार करक हमिमसर स िनकाल लाया उस वक़त उस न िमिसरयो म दहशत फला कर बड़ मोिजज़ िदखाए 9 वह हम यहा ल आया और यह मलक िदया िजस म दध और शहदकी कसरत ह 10 ऐ रब अब म तझ उस ज़मीन कापहला फल पश करता ह जो त न हम बख़शी हrdquo

अपनी पदावार का टोकरा रब अपन ख़दा क सामनरख कर उस िसजदा करना 11 ख़शी मनाना िक रबमर ख़दा न मझ और मर घरान को इतनी अचछी चीज़ोस नवाज़ा ह इस ख़शी म अपन दरिमयान रहन वाललािवयो और परदिसयो को भी शािमल करना

फ़सल का ज़ररतमनदो क िलए िहससा12 हर तीसर साल अपनी तमाम फ़सलो का दसवा

िहससा लािवयो परदिसयो यतीमो और बवाओ कोदना तािक वह तर शहरो म खाना खा कर सर होजाए 13 िफर रब अपन ख़दा स कह ldquoम न वसाही िकया ह जसा त न मझ हकम िदया म न अपनघर स तर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस िहससा िनकालकर उस लािवयो परदिसयो यतीमो और बवाओको िदया ह म न सब कछ तरी िहदायात क ऐनमतािबक़ िकया ह और कछ नही भला 14 मातमकरत वक़त म न इस मख़सस-ओ-मक़ददस िहसस सकछ नही खाया म इस उठा कर घर स बाहर लातवक़त नापाक नही था म न इस म स मदोर को भी कछपश नही िकया म न रब अपन ख़दा की इताअतकरक वह सब कछ िकया ह जो त न मझ करन कोफ़रमाया था 15 चनाच आसमान पर अपन मिक़दसस िनगाह करक अपनी क़ौम इसराईल को बरकतद उस मलक को भी बरकत द िजस का वादा त नक़सम खा कर हमार बापदादा स िकया और जो तन हम बख़श भी िदया ह उस मलक को िजस म दधऔर शहद की कसरत हrdquo

तम रब की क़ौम हो16 आज रब तरा ख़दा फ़रमाता ह िक इन अहकाम

और िहदायात की परवी कर पर िदल-ओ-जान सऔर बड़ी एहितयात स इन पर अमल कर

17 आज त न एलान िकया ह ldquoरब मरा ख़दा हम उस की राहो पर चलता रहगा उस क अहकामक ताब रहगा और उस की सनगाrdquo 18 और आजरब न एलान िकया ह ldquoत मरी क़ौम और मरी अपनी

इिसतसना 2619ndash2721 233िमलिकयत ह िजस तरह म न तझ स वादा िकयाह अब मर तमाम अहकाम क मतािबक़ िज़नदगीगज़ार 19 िजतनी भी क़ौम म न ख़लक़ की ह उनसब पर म तझ सरफ़राज़ करगा और तझ तारीफ़शहरत और इज़ज़त अता करगा त रब अपन ख़दाक िलए मख़सस-ओ-मक़ददस क़ौम होगा िजस तरह मन वादा िकया हrdquo

ऐबाल पहाड़ पर क़बारनगाह बनाना ह

27 1 िफर मसा न बज़गोर स िमल कर क़ौम सकहा ldquoतमाम िहदायात क ताब रहो जो म

तमह आज द रहा ह 2 जब तम दरया-ए-यदरन को पारकरक उस मलक म दािख़ल होग जो रब तरा ख़दातझ द रहा ह तो वहा बड़ पतथर खड़ करक उन परसफदी कर 3 उन पर लफ़ज़-ब-लफ़ज़ परी शरीअतिलख दरया को पार करन क बाद यही कछ करतािक त उस मलक म दािख़ल हो जो रब तरा ख़दातझ दगा और िजस म दध और शहद की कसरत हकयिक रब तर बापदादा क ख़दा न यह दन का तझ सवादा िकया ह 4 चनाच यदरन को पार करक पतथरोको ऐबाल पहाड़ पर खड़ा करो और उन पर सफदीकर

5 वहा रब अपन ख़दा क िलए क़बारनगाह बनानाजो पतथर त उस क िलए इसतमाल कर उनह लोह किकसी औज़ार स न तराशना 6 िसफ़र सािलम पतथरइसतमाल कर क़बारनगाह पर रब अपन ख़दा कोभसम होन वाली क़बारिनया पश कर 7 सलामती कीक़बारिनया भी उस पर चढ़ा उनह वहा रब अपन ख़दाक हज़र खा कर ख़शी मना 8 वहा खड़ िकए गएपतथरो पर शरीअत क तमाम अलफ़ाज़ साफ़ साफ़िलख जाएrdquo

ऐबाल पहाड़ पर स लानत9 िफर मसा न लावी क क़बील क इमामो स

िमल कर तमाम इसराईिलयो स कहा ldquoऐ इसराईलख़ामोशी स सन अब त रब अपन ख़दा की क़ौम

बन गया ह 10 इस िलए उस का फ़रमाबरदार रहऔर उस क उन अहकाम पर अमल कर जो म तझआज द रहा हrdquo

11 उसी िदन मसा न इसराईिलयो को हकम दकर कहा 12 ldquoदरया-ए-यदरन को पार करन कबाद शमाऊन लावी यहदाह इशकार यसफ़ औरिबनयमीन क क़बील गिरज़ीम पहाड़ पर खड़ होजाए वहा वह बरकत क अलफ़ाज़ बोल 13 बाक़ीक़बील यानी रिबन जद आशर ज़बलन दान औरनफ़ताली ऐबाल पहाड़ पर खड़ हो कर लानत कअलफ़ाज़ बोल

14 िफर लावी तमाम लोगो स मख़ाितब हो कर ऊचीआवाज़ स कह

15 lsquoउस पर लानत जो बत तराश कर या ढाल करचपक स खड़ा कर रब को कारीगर क हाथो स बनीहई ऐसी चीज़ स िघन हrsquo

जवाब म सब लोग कह lsquoआमीनrsquo16 िफर लावी कह lsquoउस पर लानत जो अपन बाप

या मा की तहक़ीर करrsquoसब लोग कह lsquoआमीनrsquo17 lsquoउस पर लानत जो अपन पड़ोसी की ज़मीन की

हदद आग पीछ करrsquoसब लोग कह lsquoआमीनrsquo18 lsquoउस पर लानत जो िकसी अध की राहनमाई

करक उस ग़लत रासत पर ल जाएrsquoसब लोग कह lsquoआमीनrsquo19 lsquoउस पर लानत जो परदिसयो यतीमो या बवाओ

क हक़क़ क़ाइम न रखrsquoसब लोग कह lsquoआमीनrsquo20 lsquoउस पर लानत जो अपन बाप की बीवी स

हमिबसतर हो जाए कयिक वह अपन बाप कीबहरमती करता हrsquo

सब लोग कह lsquoआमीनrsquo21 lsquoउस पर लानत जो जानवर स िजनसी ताललक़

रखrsquoसब लोग कह lsquoआमीनrsquo

234 इिसतसना 2722ndash282022 lsquoउस पर लानत जो अपनी सगी बहन अपन बाप

की बटी या अपनी मा की बटी स हमिबसतर होजाएrsquo

सब लोग कह lsquoआमीनrsquo23 lsquoउस पर लानत जो अपनी सास स हमिबसतर हो

जाएrsquoसब लोग कह lsquoआमीनrsquo24 lsquoउस पर लानत जो चपक स अपन हमवतन को

क़तल कर दrsquoसब लोग कह lsquoआमीनrsquo25 lsquoउस पर लानत जो पस ल कर िकसी बक़सर

शख़स को क़तल करrsquoसब लोग कह lsquoआमीनrsquo26 lsquoउस पर लानत जो इस शरीअत की बात क़ाइम

न रख न इन पर अमल करrsquoसब लोग कह lsquoआमीनrsquo

फ़रमाबरदारी की बरकत

28 1 रब तरा ख़दा तझ दिनया की तमाम क़ौमोपर सरफ़राज़ करगा शतर यह ह िक त उस

की सन और एहितयात स उस क उन तमाम अहकामपर अमल कर जो म तझ आज द रहा ह 2 रब अपनख़दा का फ़रमाबरदार रह तो तझ हर तरह की बरकतहािसल होगी 3 रब तझ शहर और दीहात म बरकतदगा 4 तरी औलाद फल फलगी तरी अचछी-ख़ासीफ़सल पकगी तर गाय-बलो और भड़-बकिरयो कबचच तरक़क़ी करग 5 तरा टोकरा फल स भरा रहगाऔर आटा गधन का तरा बतरन आट स ख़ाली नहीहोगा 6 रब तझ घर म आत और वहा स िनकलतवक़त बरकत दगा

7 जब तर दशमन तझ पर हमला करग तो वह रब कीमदद स िशकसत खाएग गो वह िमल कर तझ परहमला कर तो भी त उनह चारो तरफ़ मनतिशर कर दगा

8 अललाह तर हर काम म बरकत दगा अनाज कीकसरत क सबब स तर गोदाम भर रहग रब तराख़दा तझ उस मलक म बरकत दगा जो वह तझ दन

वाला ह 9 रब अपनी क़सम क मतािबक़ तझ अपनीमख़सस-ओ-मक़ददस क़ौम बनाएगा अगर त उस कअहकाम पर अमल कर और उस की राहो पर चल10 िफर दिनया की तमाम क़ौम तझ स ख़ौफ़ खाएगीकयिक वह दखगी िक त रब की क़ौम ह और उस कनाम स कहलाता ह

11 रब तझ बहत औलाद दगा तर रवड़ बढ़ाएगाऔर तझ कसरत की फ़सल दगा य वह तझ उसमलक म बरकत दगा िजस का वादा उस न क़समखा कर तर बापदादा स िकया 12 रब आसमानक ख़ज़ानो को खोल कर वक़त पर तरी ज़मीन परबािरश बरसाएगा वह तर हर काम म बरकत दगात बहत सी क़ौमो को उधार दगा लिकन िकसी काभी क़ज़रदार नही होगा 13 रब तझ क़ौमो की दम नहीबिलक उन का सर बनाएगा त तरक़क़ी करता जाएगाऔर ज़वाल का िशकार नही होगा लिकन शतर यहह िक त रब अपन ख़दा क वह अहकाम मान कर उनपर अमल कर जो म तझ आज द रहा ह 14 जो कछभी म न तझ करन को कहा ह उस स िकसी तरहभी हट कर िज़नदगी न गज़ारना न दीगर माबदो कीपरवी करना न उन की िख़दमत करना

नाफ़रमानी की लानत15 लिकन अगर त रब अपन ख़दा की न सन और

उस क उन तमाम अहकाम पर अमल न कर जो मआज तझ द रहा ह तो हर तरह की लानत तझ परआएगी 16 शहर और दीहात म तझ पर लानत होगी17 तर टोकर और आटा गधन क तर बतरन पर लानतहोगी 18 तरी औलाद पर तर गाय-बलो और भड़-बकिरयो क बचचो पर और तर खतो पर लानत होगी19 घर म आत और वहा स िनकलत वक़त तझ परलानत होगी 20 अगर त ग़लत काम करक रब कोछोड़ तो जो कछ भी त कर वह तझ पर लानतपरशािनया और मसीबत आन दगा तब तरा जलदीस सतयानास होगा और त हलाक हो जाएगा

इिसतसना 2821ndash44 23521 रब तझ म वबाई बीमािरया फलाएगा िजन क

सबब स तझ म स कोई उस मलक म िज़नदा नहीरहगा िजस पर त अभी क़बज़ा करन वाला ह22 रब तझ मोहिलक बीमािरयो बख़ार और सजनस मारगा झलसान वाली गमीर काल पतरोग औरफफदी तरी फ़सल ख़तम करगी ऐसी मसीबतो कबाइस त तबाह हो जाएगा 23 तर ऊपर आसमानपीतल जसा सख़त होगा जबिक तर नीच ज़मीन लोहकी मािननद होगी 24 बािरश की जगह रब तर मलकपर गदर और रत बरसाएगा जो आसमान स तर मलकपर छा कर तझ बबारद कर दगी

25 जब त अपन दशमनो का सामना कर तो रब तझिशकसत िदलाएगा गो त िमल कर उन की तरफ़बढ़गा तो भी उन स भाग कर चारो तरफ़ मनतिशर होजाएगा दिनया क तमाम ममािलक म लोगो क रोगटखड़ हो जाएग जब वह तरी मसीबत दखग 26 पिरनदऔर जगली जानवर तरी लाशो को खा जाएग औरउनह भगान वाला कोई नही होगा 27 रब तझ उनही फोड़ो स मारगा जो िमिसरयो को िनकल थ ऐसिजलदी अमराज़ फलग िजन का इलाज नही ह 28 तपागलपन का िशकार हो जाएगा रब तझ अधपनऔर ज़हनी अबतरी म मबतला कर दगा 29 दोपहर कवक़त भी त अध की तरह टटोल टटोल कर िफरगाजो कछ भी त कर उस म नाकाम रहगा रोज़-ब-रोज़लोग तझ दबात और लटत रहग और तझ बचानवाला कोई नही होगा

30 तरी मगनी िकसी औरत स होगी तो कोई औरआ कर उस की इसमतदरी करगा त अपन िलए घरबनाएगा लिकन उस म नही रहगा त अपन िलएअगर का बाग़ लगाएगा लिकन उस का फल नहीखाएगा 31 तर दखत दखत तरा बल ज़बह िकयाजाएगा लिकन त उस का गोशत नही खाएगा तरागधा तझ स छीन िलया जाएगा और वापस नही िकयाजाएगा तरी भड़-बकिरया दशमन को दी जाएगीऔर उनह छड़ान वाला कोई नही होगा 32 तर बट-बिटयो को िकसी दसरी क़ौम को िदया जाएगा और

त कछ नही कर सकगा रोज़-ब-रोज़ त अपन बचचोक इिनतज़ार म उफ़क़ को तकता रहगा लिकन दखतदखत तरी आख धनदला जाएगी

33 एक अजनबी क़ौम तरी ज़मीन की पदावार औरतरी महनत-ओ-मशक़क़त की कमाई ल जाएगी तझउमर भर ज़लम और दबाओ बदारशत करना पड़गा

34 जो हौलनाक बात तरी आख दखगी उन सत पागल हो जाएगा 35 रब तझ तकलीफ़िदह औरलाइलाज फोड़ो स मारगा जो तलव स ल कर चादीतक पर िजसम पर फल कर तर घटनो और टागो कोमतअिससर करग

36 रब तझ और तर मक़ररर िकए हए बादशाह कोएक ऐस मलक म ल जाएगा िजस स न त और नतर बापदादा वािक़फ़ थ वहा त दीगर माबदो यानीलकड़ी और पतथर क बतो की िख़दमत करगा37 िजस िजस क़ौम म रब तझ हाक दगा वहा तझदख कर लोगो क रोगट खड़ हो जाएग और वह तरामज़ाक़ उड़ाएग त उन क िलए इबरतअगज़ िमसालहोगा

38 त अपन खतो म बहत बीज बोन क बावजद कमही फ़सल काटगा कयिक िटडड उस खा जाएग 39 तअगर क बाग़ लगा कर उन पर ख़ब महनत करगालिकन न उन क अगर तोड़गा न उन की म िपएगाकयिक कीड़ उनह खा जाएग 40 गो तर पर मलक मज़तन क दरख़त होग तो भी त उन का तल इसतमालनही कर सकगा कयिक ज़तन ख़राब हो कर ज़मीनपर िगर जाएग

41 तर बट-बिटया तो होग लिकन त उन स महरमहो जाएगा कयिक उनह िगिरफ़तार करक िकसीअजनबी मलक म ल जाया जाएगा 42 िटिडडयो कग़ोल तर मलक क तमाम दरख़तो और फ़सलो परक़बज़ा कर लग 43 तर दरिमयान रहन वाला परदसीतझ स बढ़ कर तरक़क़ी करता जाएगा जबिक तझपर ज़वाल आ जाएगा 44 उस क पास तझ उधारदन क िलए पस होग जबिक तर पास उस उधार दन

236 इिसतसना 2845ndash64को कछ नही होगा आिख़र म वह सर और त दमहोगा

45 यह तमाम लानत तझ पर आन पड़गी जब तकत तबाह न हो जाए वह तरा ताक़क़ब करती रहगीकयिक त न रब अपन ख़दा की न सनी और उस कअहकाम पर अमल न िकया 46 य यह हमशा तकतर और तरी औलाद क िलए एक मोिजज़ाना औरइबरतअगज़ इलाही िनशान रहगी

47 चिक त न िदली ख़शी स उस वक़त रब अपनख़दा की िख़दमत न की जब तर पास सब कछ था48 इस िलए त उन दशमनो की िख़दमत करगा िजनहरब तर िख़लाफ़ भजगा त भका पयासा नगा औरहर चीज़ का हाजतमनद होगा और रब तरी गदरन परलोह का जआ रख कर तझ मकममल तबाही तक लजाएगा

49 रब तर िख़लाफ़ एक क़ौम खड़ी करगा जो दर सबिलक दिनया की इिनतहा स आ कर उक़ाब की तरहतझ पर झपटटा मारगी वह ऐसी ज़बान बोलगी िजसस त वािक़फ़ नही होगा 50 वह सख़त क़ौम होगीजो न बज़गोर का िलहाज़ करगी और न बचचो पर रहमकरगी 51 वह तर मवशी और फ़सल खा जाएगी औरत भक मर जाएगा त हलाक हो जाएगा कयिक तरिलए कछ नही बचगा न अनाज न म न तल न गाय-बलो या भड़-बकिरयो क बचच 52 दशमन तर मलकक तमाम शहरो का महासरा करगा आिख़रकारिजन ऊची और मज़बत फ़सीलो पर त एितमाद करगावह भी सब िगर पड़गी दशमन उस मलक का कोईभी शहर नही छोड़गा जो रब तरा ख़दा तझ दन वालाह

53 जब दशमन तर शहरो का महासरा करगा तोत उन म इतना शदीद भका हो जाएगा िक अपनबचचो को खा लगा जो रब तर ख़दा न तझ िदएह 54ndash55 महासर क दौरान तम म स सब स शरीफ़और शाइसता आदमी भी अपन बचच को ज़बह करकखाएगा कयिक उस क पास कोई और ख़राक नहीहोगी उस की हालत इतनी बरी होगी िक वह

उस अपन सग भाई बीवी या बाक़ी बचचो क साथतक़सीम करन क िलए तययार नही होगा 56ndash57 तमम स सब स शरीफ़ और शाइसता औरत भी ऐसा हीकरगी अगरच पहल वह इतनी नाज़क थी िक फ़शरको अपन तलव स छन की जरअत नही करती थीमहासर क दौरान उस इतनी शदीद भक होगी िकजब उस क बचचा पदा होगा तो वह छप छप कर उसखाएगी न िसफ़र यह बिलक वह पदाइश क वक़त बचचक साथ ख़ािरज हई आलाईश भी खाएगी और उसअपन शौहर या अपन बाक़ी बचचो म बाटन क िलएतययार नही होगी इतनी मसीबत तझ पर महासर कदौरान आएगी

58 ग़रज़ एहितयात स शरीअत की उन तमाम बातोकी परवी कर जो इस िकताब म दजर ह और रबअपन ख़दा क परजलाल और बारोब नाम का ख़ौफ़मानना 59 वनार वह तझ और तरी औलाद म सख़तऔर लाइलाज अमराज़ और ऐसी दहशतनाक वबाएफलाएगा जो रोकी नही जा सकगी 60 िजन तमामवबाओ स त िमसर म दहशत खाता था वह अब तरदरिमयान फल कर तर साथ िचमटी रहगी 61 न िसफ़रशरीअत की इस िकताब म बयान की हई बीमािरया और मसीबत तझ पर आएगी बिलक रब और भी तझपर भजगा जब तक िक त हलाक न हो जाए

62 अगर त रब अपन ख़दा की न सन तोआिख़रकार तम म स बहत कम बच रहग गो तमपहल िसतारो जस बशमार थ 63 िजस तरह पहलरब ख़शी स तमह कामयाबी दता और तमहारी तादादबढ़ाता था उसी तरह अब वह तमह बबारद औरतबाह करन म ख़शी महसस करगा तमह ज़बरदसतीउस मलक स िनकाला जाएगा िजस पर त इस वक़तदािख़ल हो कर क़बज़ा करन वाला ह 64 तब रब तझदिनया क एक िसर स ल कर दसर िसर तक तमामक़ौमो म मनतिशर कर दगा वहा त दीगर माबदो कीपजा करगा ऐस दवताओ की िजन स न त और नतर बापदादा वािक़फ़ थ

इिसतसना 2865ndash2918 23765 उन ममािलक म भी न त आराम-ओ-सकन

पाएगा न तर पाओ जम जाएग रब होन दगा िकतरा िदल थरथराता रहगा तरी आख परशानी कबाइस धनदला जाएगी और तरी जान स उममीद कीहर िकरन जाती रहगी 66 तरी जान हर वक़त ख़तरम होगी और त िदन रात दहशत खात हए मरन कीतवक़क़ो करगा 67 सबह उठ कर त कहगा ldquoकाशशाम होrdquo और शाम क वक़त ldquoकाश सबह होrdquoकयिक जो कछ त दखगा उस स तर िदल को दहशतघर लगी

68 रब तझ जहाज़ो म िबठा कर िमसर वापस लजाएगा अगरच म न कहा था िक त उस दबारा कभीनही दखगा वहा पहच कर तम अपन दशमनो सबात करक अपन आप को ग़लाम क तौर पर बचनकी कोिशश करोग लिकन कोई भी तमह ख़रीदनानही चाहगाrdquo

मोआब म रब क साथ नया अहद

29 1 जब इसराईली मोआब म थ तो रब न मसाको हकम िदया िक इसराईिलयो क साथ एक

और अहद बाध यह उस अहद क इलावा था जोरब होिरब यानी सीना पर उन क साथ बाध चकाथा 2 इस िसलिसल म मसा न तमाम इसराईिलयोको बला कर कहा ldquoतम न ख़द दखा िक रब निमसर क बादशाह िफ़रऔन उस क मलािज़मो औरपर मलक क साथ कया कछ िकया 3 तम न अपनीआखो स वह बड़ी आज़माइश इलाही िनशान औरमोिजज़ दख िजन क ज़रीए रब न अपनी क़दरत काइज़हार िकया

4 मगर अफ़सोस आज तक रब न तमह न समझदारिदल अता िकया न आख जो दख सक या कान जोसन सक 5 रिगसतान म म न 40 साल तक तमहारीराहनमाई की इस दौरान न तमहार कपड़ फट औरन तमहार जत िघस 6 न तमहार पास रोटी थी न मया म जसी कोई और चीज़ तो भी रब न तमहारी

ज़रिरयात परी की तािक तम सीख लो िक वही रबतमहारा ख़दा ह

7 िफर हम यहा आए तो हसबोन का बादशाह सीहोनऔर बसन का बादशाह ओज िनकल कर हम सलड़न आए लिकन हम न उनह िशकसत दी 8 उनक मलक पर क़बज़ा करक हम न उस रिबन जदऔर मनससी क आध क़बील को मीरास म िदया9 अब एहितयात स इस अहद की तमाम शराइत परीकरो तािक तम हर बात म कामयाब हो

10 इस वक़त तम सब रब अपन ख़दा क हज़रखड़ हो तमहार क़बीलो क सरदार तमहार बज़गरिनगहबान मदर 11 औरत और बचच तर दरिमयानरहन वाल परदसी भी लककड़हारो स ल कर पानी भरनवालो तक तर साथ यहा हािज़र ह 12 त इस िलएयहा जमा हआ ह िक रब अपन ख़दा का वह अहदतसलीम कर जो वह आज क़सम खा कर तर साथबाध रहा ह 13 इस स वह आज इस की तसदीक़कर रहा ह िक त उस की क़ौम और वह तरा ख़दाह यानी वही बात िजस का वादा उस न तझ स औरतर बापदादा इबराहीम इसहाक़ और याक़ब स िकयाथा 14ndash15 लिकन म यह अहद क़सम खा कर न िसफ़रतमहार साथ जो हािज़र हो बाध रहा ह बिलक तमहारीआन वाली नसलो क साथ भी

बतपरसती की सज़ा16 तम ख़द जानत हो िक हम िमसर म िकस तरह

िज़नदगी गज़ारत थ यह भी तमह याद ह िक हमिकस तरह मख़तिलफ़ ममािलक म स गज़रत हए यहा तक पहच 17 तम न उन क नफ़रतअगज़ बत दखजो लकड़ी पतथर चादी और सोन क थ 18 धयानदो िक यहा मौजद कोई भी मदर औरत कमबा याक़बीला रब अपन ख़दा स हट कर दसरी क़ौमो कदवताओ की पजा न कर ऐसा न हो िक तमहारदरिमयान कोई जड़ फट कर ज़हरीला और कड़वाफल लाए

238 इिसतसना 2919ndash30919 तम सब न वह लानत सनी ह जो रब नाफ़रमानो

पर भजगा तो भी हो सकता ह िक कोई अपनआप को रब की बरकत का वािरस समझ कर कहldquoबशक म अपनी ग़लत राहो स हटन क िलए तययारनही ह लिकन कोई बात नही म महफ़ज़ रहगाrdquoख़बरदार ऐसी हरकत स वह न िसफ़र अपन ऊपरबिलक पर मलक पर तबाही लाएगा k20 रब कभी भीउस मआफ़ करन पर आमादा नही होगा बिलक वहउस अपन ग़ज़ब और ग़रत का िनशाना बनाएगा इसिकताब म दजर तमाम लानत उस पर आएगी और रबदिनया स उस का नाम-ओ-िनशान िमटा दगा 21 वहउस परी जमाअत स अलग करक उस पर अहद कीवह तमाम लानत लाएगा जो शरीअत की इस िकताबम िलखी हई ह

22 मसतक़िबल म तमहारी औलाद और दरदराज़ममािलक स आन वाल मसािफ़र उन मसीबतो औरअमराज़ का असर दखग िजन स रब न मलक कोतबाह िकया होगा 23 चारो तरफ़ ज़मीन झलसी हईऔर गधक और नमक स ढकी हई नज़र आएगीबीज उस म बोया नही जाएगा कयिक ख़दरौ पौदोतक कछ नही उगगा तमहारा मलक सदम अमराअदमा और ज़बोईम की मािननद होगा िजन को रब नअपन ग़ज़ब म तबाह िकया 24 तमाम क़ौम पछगीlsquoरब न इस मलक क साथ ऐसा कय िकया उसक सख़त ग़ज़ब की कया वजह थीrsquo 25 उनह जवाबिमलगा lsquoवजह यह ह िक इस मलक क बािशनदो नरब अपन बापदादा क ख़दा का अहद तोड़ िदया जोउस न उनह िमसर स िनकालत वक़त उन स बाधा था26 उनहो न जा कर दीगर माबदो की िख़दमत की औरउनह िसजदा िकया िजन स वह पहल वािक़फ़ नही थऔर जो रब न उनह नही िदए थ 27 इसी िलए उस काग़ज़ब इस मलक पर नािज़ल हआ और वह उस परवह तमाम लानत लाया िजन का िज़कर इस िकताबम ह 28 वह इतना ग़सस हआ िक उस न उनह जड़

स उखाड़ कर एक अजनबी मलक म फक िदया जहा वह आज तक आबाद हrsquo

29 बहत कछ पोशीदा ह और िसफ़र रब हमारा ख़दाउस का इलम रखता ह लिकन उस न हम पर अपनीशरीअत का इिनकशाफ़ कर िदया ह लािज़म ह िकहम और हमारी औलाद उस क फ़रमाबरदार रह

तौबा क मसबत नतीज

30 1 म न तझ बताया ह िक तर िलए कयाकछ बरकत का और कया कछ लानत का

बाइस ह जब रब तरा ख़दा तझ तरी ग़लत हरकतोक सबब स मख़तिलफ़ क़ौमो म मनतिशर कर दगा तोत मरी बात मान जाएगा 2 तब त और तरी औलादरब अपन ख़दा क पास वापस आएग और पर िदल-ओ-जान स उस की सन कर उन तमाम अहकाम परअमल करग जो म आज तझ द रहा ह 3 िफर रबतरा ख़दा तझ बहाल करगा और तझ पर रहम करकतझ उन तमाम क़ौमो स िनकाल कर जमा करगािजन म उस न तझ मनतिशर कर िदया था 4 हारब तरा ख़दा तझ हर जगह स जमा करक वापसलाएगा चाह त सब स दर मलक म कय न पड़ा हो5 वह तझ तर बापदादा क मलक म लाएगा और तउस पर क़बज़ा करगा िफर वह तझ तर बापदादा सज़यादा कामयाबी बख़शगा और तरी तादाद ज़यादाबढ़ाएगा

6 ख़तना रब की क़ौम का ज़ािहरी िनशान ह लिकनउस वक़त रब तरा ख़दा तर और तरी औलाद काबाितनी ख़तना करगा तािक त उस पर िदल-ओ-जानस पयार कर और जीता रह 7 जो लानत रब तरा ख़दातझ पर लाया था उनह वह अब तर दशमनो पर आनदगा उन पर जो तझ स नफ़रत रखत और तझ ईज़ापहचात ह 8 कयिक त दबारा रब की सनगा और उसक तमाम अहकाम की परवी करगा जो म तझ आजद रहा ह 9 जो कछ भी त करगा उस म रब तझ बड़ी

kलफ़ज़ी तजरमा सराब ज़मीन ख़शक ज़मीन क साथ तबाह हो जाएगी

इिसतसना 3010ndash317 239कामयाबी बख़शगा और तझ कसरत की औलादमवशी और फ़सल हािसल होगी कयिक िजस तरहवह तर बापदादा को कामयाबी दन म ख़शी महससकरता था उसी तरह वह तझ भी कामयाबी दन म ख़शी महसस करगा

10 शतर िसफ़र यह ह िक त रब अपन ख़दा की सनशरीअत म दजर उस क अहकाम पर अमल कर औरपर िदल-ओ-जान स उस की तरफ़ रज लाए

11 जो अहकाम म आज तझ द रहा ह न वह हदस ज़यादा मिशकल ह न तरी पहच स बाहर 12 वहआसमान पर नही ह िक त कह lsquoकौन आसमानपर चढ़ कर हमार िलए यह अहकाम नीच ल आएतािक हम उनह सन सक और उन पर अमल करसकrsquo 13 वह समनदर क पार भी नही ह िक त कहlsquoकौन समनदर को पार करक हमार िलए यह अहकामलाएगा तािक हम उनह सन सक और उन पर अमलकर सकrsquo 14 कयिक यह कलाम तर िनहायत क़रीबबिलक तर मह और िदल म मौजद ह चनाच उस परअमल करन म कोई भी रकावट नही ह

िज़नदगी या मौत का चनाओ15 दख आज म तझ दो रासत पश करता ह एक

िज़नदगी और ख़शहाली की तरफ़ ल जाता ह जबिकदसरा मौत और हलाकत की तरफ़ 16 आज म तझहकम दता ह िक रब अपन ख़दा को पयार कर उसकी राहो पर चल और उस क अहकाम क ताब रहिफर त िज़नदा रह कर तरक़क़ी करगा और रब तराख़दा तझ उस मलक म बरकत दगा िजस म त दािख़लहोन वाला ह

17 लिकन अगर तरा िदल इस रासत स हट करनाफ़रमानी कर तो बरकत की तवक़क़ो न कर अगरत आज़माइश म पड़ कर दीगर माबदो को िसजदाऔर उन की िख़दमत कर 18 तो तम ज़रर तबाह होजाओग आज म एलान करता ह िक इस सरत मतम ज़यादा दर तक उस मलक म आबाद नही रहोग

िजस म त दरया-ए-यदरन को पार करक दािख़ल होगातािक उस पर क़बज़ा कर

19 आज आसमान और ज़मीन तमहार िख़लाफ़ मरगवाह ह िक म न तमह िज़नदगी और बरकतो कारासता और मौत और लानतो का रासता पश िकया हअब िज़नदगी का रासता इख़ितयार कर तािक त औरतरी औलाद िज़नदा रह 20 रब अपन ख़दा को पयारकर उस की सन और उस स िलपटा रह कयिकवही तरी िज़नदगी ह और वही करगा िक त दर तकउस मलक म जीता रहगा िजस का वादा उस न क़समखा कर तर बापदादा इबराहीम इसहाक़ और याक़बस िकया थाrdquo

यशअ को मसा की जगह मक़ररर िकया जाता ह

31 1 मसा न जा कर तमाम इसराईिलयो समज़ीद कहा

2 ldquoअब म 120 साल का हो चका ह मरा चलनािफरना मिशकल हो गया ह और वस भी रब न मझबताया ह lsquoत दरया-ए-यदरन को पार नही करगाrsquo3 रब तरा ख़दा ख़द तर आग आग जा कर यदरन कोपार करगा वही तर आग आग इन क़ौमो को तबाहकरगा तािक त उन क मलक पर क़बज़ा कर सकदरया को पार करत वक़त यशअ तर आग चलगािजस तरह रब न फ़रमाया ह 4 रब वहा क लोगोको िबलकल उसी तरह तबाह करगा िजस तरह वहअमोिरयो को उन क बादशाहो सीहोन और ओजसमत तबाह कर चका ह 5 रब तमह उन पर ग़ािलबआन दगा उस वक़त तमह उन क साथ वसा सलककरना ह जसा म न तमह बताया ह 6 मज़बत औरिदलर हो उन स ख़ौफ़ न खाओ कयिक रब तराख़दा तर साथ चलता ह वह तझ कभी नही छोड़गातझ कभी तकर नही करगाrdquo

7 इस क बाद मसा न तमाम इसराईिलयो क सामनयशअ को बलाया और उस स कहा ldquoमज़बत औरिदलर हो कयिक त इस क़ौम को उस मलक म लजाएगा िजस का वादा रब न क़सम खा कर उन

240 इिसतसना 318ndash26क बापदादा स िकया था लािज़म ह िक त हीउस तक़सीम करक हर क़बील को उस का मौरसीइलाक़ा द 8 रब ख़द तर आग आग चलत हए तरसाथ होगा वह तझ कभी नही छोड़गा तझ कभीनही तकर करगा ख़ौफ़ न खाना न घबरानाrdquo

हर सात साल क बाद शरीअत की ितलावत9 मसा न यह परी शरीअत िलख कर इसराईल क

तमाम बज़गोर और लावी क क़बील क उन इमामोक सपदर की जो सफ़र करत वक़त अहद का सनदक़उठा कर ल चलत थ उस न उन स कहा 10ndash11 ldquoहरसात साल क बाद इस शरीअत की ितलावत करनायानी बहाली क साल म जब तमाम क़ज़र मनसख़िकए जात ह ितलावत उस वक़त करना ह जबइसराईली झोपिड़यो की ईद क िलए रब अपन ख़दा कसामन उस जगह हािज़र होग जो वह मिक़दस क िलएचनगा 12 तमाम लोगो को मदोर औरतो बचचो औरपरदिसयो समत वहा जमा करना तािक वह सन करसीख रब तमहार ख़दा का ख़ौफ़ मान और एहितयातस इस शरीअत की बातो पर अमल कर 13 लािज़मह िक उन की औलाद जो इस शरीअत स नावािक़फ़ह इस सन और सीख तािक उमर भर उस मलक मरब तमहार ख़दा का ख़ौफ़ मान िजस पर तम दरया-ए-यदरन को पार करक क़बज़ा करोगrdquo

रब मसा को आिख़री िहदायात दता ह14 रब न मसा स कहा ldquoअब तरी मौत क़रीब ह

यशअ को बला कर उस क साथ मलाक़ात क ख़मम हािज़र हो जा वहा म उस उस की िज़ममादािरया सौपगाrdquo

मसा और यशअ आ कर ख़म म हािज़र हए 15 तोरब ख़म क दरवाज़ पर बादल क सतन म ज़ािहरहआ 16 उस न मसा स कहा ldquoत जलद ही मरकर अपन बापदादा स जा िमलगा लिकन यहक़ौम मलक म दािख़ल होन पर िज़ना करक उस कअजनबी दवताओ की परवी करन लग जाएगी वह

मझ तकर करक वह अहद तोड़ दगी जो म न उन कसाथ बाधा ह 17 िफर मरा ग़ज़ब उन पर भड़कगाम उनह छोड़ कर अपना िचहरा उन स छपा लगातब उनह कचचा चबा िलया जाएगा और बहत सारीहबतनाक मसीबत उन पर आएगी उस वक़त वहकहग lsquoकया यह मसीबत इस वजह स हम पर नहीआई िक रब हमार साथ नही हrsquo 18 और ऐसा हीहोगा म ज़रर अपना िचहरा उन स छपाए रखगाकयिक दीगर माबदो क पीछ चलन स उनहो न एकिनहायत शरीर क़दम उठाया होगा

19 अब ज़ल का गीत िलख कर इसराईिलयो को य िसखाओ िक वह ज़बानी याद रह और मर िलए उनक िख़लाफ़ गवाही िदया कर 20 कयिक म उनह उसमलक म ल जा रहा ह िजस का वादा म न क़सम खाकर उन क बापदादा स िकया था उस मलक म िजसम दध और शहद की कसरत ह वहा इतनी ख़राकहोगी िक उन की भक जाती रहगी और वह मोट होजाएग लिकन िफर वह दीगर माबदो क पीछ लगजाएग और उन की िख़दमत करग वह मझ रदद करगऔर मरा अहद तोड़ग 21 नतीज म उन पर बहत सारीहबतनाक मसीबत आएगी िफर यह गीत जो उन कीऔलाद को याद रहगा उन क िख़लाफ़ गवाही दगाकयिक गो म उनह उस मलक म ल जा रहा ह िजसका वादा म न क़सम खा कर उन स िकया था तो भीम जानता ह िक वह अब तक िकस तरह की सोचरखत हrdquo

22 मसा न उसी िदन यह गीत िलख कर इसराईिलयोको िसखाया

23 िफर रब न यशअ िबन नन स कहा ldquoमज़बतऔर िदलर हो कयिक त इसराईिलयो को उस मलकम ल जाएगा िजस का वादा म न क़सम खा कर उनस िकया था म ख़द तर साथ हगाrdquo

24 जब मसा न परी शरीअत को िकताब म िलखिलया 25 तो वह उन लािवयो स मख़ाितब हआ जोसफ़र करत वक़त अहद का सनदक़ उठा कर ल जातथ 26 ldquoशरीअत की यह िकताब ल कर रब अपन

इिसतसना 3127ndash3213 241ख़दा क अहद क सनदक़ क पास रखना वहा वहपड़ी रह और तर िख़लाफ़ गवाही दती रह 27 कयिकम ख़ब जानता ह िक त िकतना सरकश और हटधमरह मरी मौजदगी म भी तम न िकतनी दफ़ा रब ससरकशी की तो िफर मर मरन क बाद तम कयाकछ नही करोग 28 अब मर सामन अपन क़बीलोक तमाम बज़गोर और िनगहबानो को जमा करो तािकवह ख़द मरी यह बात सन और आसमान और ज़मीनउन क िख़लाफ़ गवाह हो 29 कयिक मझ मालम हिक मरी मौत क बाद तम ज़रर िबगड़ जाओग औरउस रासत स हट जाओग िजस पर चलन की म न तमहताकीद की ह आिख़रकार तम पर मसीबत आएगीकयिक तम वह कछ करोग जो रब को बरा लगता हतम अपन हाथो क काम स उस ग़ससा िदलाओगrdquo

30 िफर मसा न इसराईल की तमाम जमाअत कसामन यह गीत शर स ल कर आिख़र तक पशिकया

मसा का गीत

32 1 ऐ आसमान मरी बात पर ग़ौर कर ऐज़मीन मरा गीत सन

2 मरी तालीम बदा-बादी जसी हो मरी बात शबनमकी तरह ज़मीन पर पड़ जाए वह बािरश की मािननदहो जो हिरयाली पर बरसती ह

3 म रब का नाम पकारगा हमार ख़दा की अज़मतकी तमजीद करो

4 वह चटान ह और उस का काम कािमल ह उसकी तमाम राह रासत ह वह वफ़ादार ख़दा ह िजसम फ़रब नही ह बिलक जो आिदल और िदयानतदारह

5 एक टढ़ी और कजरौ नसल न उस का गनाहिकया वह उस क फ़ज़रनद नही बिलक दाग़ सािबतहए ह

6 ऐ मरी अहमक़ और बसमझ क़ौम कया तमहारारब स ऐसा रवयया ठीक ह वह तो तमहारा बाप औरख़ािलक़ ह िजस न तमह बनाया और क़ाइम िकया

7 क़दीम ज़मान को याद करना माज़ी की नसलो परतवजजह दना अपन बाप स पछना तो वह तझ बतादगा अपन बज़गोर स पता करना तो वह तझ इिततलादग

8 जब अललाह तआला न हर क़ौम को उस काअपना अपना मौरसी इलाक़ा द कर तमाम इनसानोको मख़तिलफ़ गरोहो म अलग कर िदया तो उस नक़ौमो की सरहदद इसराईिलयो की तादाद क मतािबक़मक़ररर की

9 कयिक रब का िहससा उस की क़ौम ह याक़बको उस न मीरास म पाया ह

10 यह क़ौम उस रिगसतान म िमल गई वीरान-ओ-सनसान बयाबान म जहा चारो तरफ़ हौलनाकआवाज़ गजती थी उस न उस घर कर उस की दख-भाल की उस अपनी आख की पतली की तरह बचाएरखा

11 जब उक़ाब अपन बचचो को उड़ना िसखाता ह तोवह उनह घोसल स िनकाल कर उन क साथ उड़ताह अगर वह िगर भी जाए तो वह हािज़र ह औरउन क नीच अपन परो को फला कर उनह ज़मीन सटकरा जान स बचाता ह रब का इसराईल क साथयही सलक था

12 रब न अकल ही उस की राहनमाई की िकसीअजनबी माबद न िशकर त न की

13 उस न उस रथ पर सवार करक मलक कीबलिनदयो पर स गज़रन िदया और उस खत का फलिखला कर उस चटान स शहद और सख़त पतथर सज़तन का तल महयया िकया l

lलफ़ज़ी तजरमा चसन िदया

242 इिसतसना 3214ndash3114 उस न उस गाय की लससी और भड़-बकरी का

दध चीदा भड़ क बचचो समत िखलाया और उस बसनक मोट-ताज़ मढ बकर और बहतरीन अनाज अतािकया उस वक़त त आला अगर की उमदा म सलतफ़अनदोज़ हआ

15 लिकन जब यसरन mमोटा हो गया तो वहदोलिततया झाड़न लगा जब वह हलक़ तक भर करतनोमनद और फ़बार हआ तो उस न अपन ख़दा औरख़ािलक़ को रदद िकया उस न अपनी नजात कीचटान को हक़ीर जाना

16 अपन अजनबी माबदो स उनहो न उस की ग़रतको जोश िदलाया अपन िघनौन बतो स उस ग़ससािदलाया

17 उनहो न बदरहो को क़बारिनया पश की जो ख़दानही ह ऐस माबदो को िजन स न वह और न उनक बापदादा वािक़फ़ थ कयिक वह थोड़ी दर पहलवजद म आए थ

18 त वह चटान भल गया िजस न तझ पदा िकयावही ख़दा िजस न तझ जनम िदया

19 रब न यह दख कर उनह रदद िकया कयिक वहअपन बट-बिटयो स नाराज़ था

20 उस न कहा ldquoम अपना िचहरा उन स छपा लगािफर पता लगगा िक मर बग़र उन का कया अनजामहोता ह कयिक वह सरासर िबगड़ गए ह उन मवफ़ादारी पाई नही जाती

21 उनहो न उस की परिसतश स जो ख़दा नही हमरी ग़रत को जोश िदलाया अपन बकार बतो समझ ग़ससा िदलाया ह चनाच म ख़द ही उनह ग़रतिदलाऊगा एक ऐसी क़ौम क ज़रीए जो हक़ीक़त मक़ौम नही ह एक नादान क़ौम क ज़रीए म उनह ग़ससािदलाऊगा

22 कयिक मर ग़सस स आग भड़क उठी ह जोपाताल की तह तक पहचगी और ज़मीन और उस कीपदावार हड़प करक पहाड़ो की बनयादो को जलादगी

23 म उन पर मसीबत पर मसीबत आन दगा औरअपन तमाम तीर उन पर चलाऊगा

24 भक क मार उन की ताक़त जाती रहगी औरवह बख़ार और वबाई अमराज़ का लक़मा बनग मउन क िख़लाफ़ फाड़न वाल जानवर और ज़हरीलसाप भज दगा

25 बाहर तलवार उनह बऔलाद कर दगी औरघर म दहशत फल जाएगी शीरख़वार बचच नौजवानलड़क-लड़िकया और बज़गर सब उस की िगिरफ़त मआ जाएग

26 मझ कहना चािहए था िक म उनह िचकनाचरकरक इनसानो म स उन का नाम-ओ-िनशान िमटादगा

27 लिकन अनदशा था िक दशमन ग़लत मतलबिनकाल कर कह lsquoहम ख़द उन पर ग़ािलब आएइस म रब का हाथ नही हrsquordquo

28 कयिक यह क़ौम बसमझ और िहकमत स ख़ालीह

29 काश वह दािनशमनद हो कर यह बात समझकाश वह जान ल िक उन का कया अनजाम ह

30 कयिक दशमन का एक आदमी िकस तरह हज़ारइसराईिलयो का ताक़क़ब कर सकता ह उस क दोमदर िकस तरह दस हज़ार इसराईिलयो को भगा सकतह वजह िसफ़र यह ह िक उन की चटान न उनहदशमन क हाथ बच िदया रब न ख़द उनह दशमन कक़बज़ म कर िदया

31 हमार दशमन ख़द मानत ह िक इसराईल की चटानहमारी चटान जसी नही ह

mयानी इसराईल

इिसतसना 3232ndash332 24332 उन की बल तो सदम की बल और अमरा क

बाग़ स ह उन क अगर ज़हरील और उन क गचछकड़व ह

33 उन की म सापो का मोहिलक ज़हर ह

34 रब फ़रमाता ह ldquoकया म न इन बातो पर महरलगा कर उनह अपन ख़ज़ान म महफ़ज़ नही रखा

35 इिनतक़ाम लना मरा ही काम ह म ही बदलालगा एक वक़त आएगा िक उन का पाओ िफसलगाकयिक उन की तबाही का िदन क़रीब ह उन काअनजाम जलद ही आन वाला हrdquo

36 यक़ीनन रब अपनी क़ौम का इनसाफ़ करगा वहअपन ख़ािदमो पर तरस खाएगा जब दखगा िक उनकी ताक़त जाती रही ह और कोई नही बचा

37 उस वक़त वह पछगा ldquoअब उन क दवता कहा ह वह चटान िजस की पनाह उनहो न ली

38 वह दवता कहा ह िजनहो न उन क बहतरीनजानवर खाए और उन की म की नज़र पी ली वहतमहारी मदद क िलए उठ और तमह पनाह द

39 अब जान लो िक म और िसफ़र म ख़दा ह मरिसवा कोई और ख़दा नही ह म ही हलाक करताऔर म ही िज़नदा कर दता ह म ही ज़ख़मी करताऔर म ही िशफ़ा दता ह कोई मर हाथ स नही बचासकता

40 म अपना हाथ आसमान की तरफ़ उठा करएलान करता ह िक मरी अबदी हयात की क़सम

41 जब म अपनी चमकती हई तलवार को तज़करक अदालत क िलए पकड़ लगा तो अपनमख़ािलफ़ो स इिनतक़ाम और अपन नफ़रत करनवालो स बदला लगा

42 मर तीर ख़न पी पी कर नश म धत हो जाएग मरीतलवार मक़तलो और क़िदयो क ख़न और दशमन कसरदारो क सरो स सर हो जाएगीrdquo

43 ऐ दीगर क़ौमो उस की उममत क साथ ख़शीमनाओ कयिक वह अपन ख़ािदमो क ख़न काइिनतक़ाम लगा वह अपन मख़ािलफ़ो स बदला लकर अपन मलक और क़ौम का कफ़फ़ारा दगा

44 मसा और यशअ िबन नन न आ कर इसराईिलयोको यह परा गीत सनाया 45ndash46 िफर मसा न उन सकहा ldquoआज म न तमह इन तमाम बातो स आगाहिकया ह लािज़म ह िक वह तमहार िदलो म बठजाए अपनी औलाद को भी हकम दो िक एहितयातस इस शरीअत की तमाम बातो पर अमल कर47 यह ख़ाली बात नही बिलक तमहारी िज़नदगी कासरचशमा ह इन क मतािबक़ चलन क बाइस तमदर तक उस मलक म जीत रहोग िजस पर तम दरया-ए-यदरन को पार करक क़बज़ा करन वाल होrdquo

मसा का नब पहाड़ पर इिनतक़ाल48 उसी िदन रब न मसा स कहा 49 ldquoपहाड़ी

िसलिसल अबारीम क पहाड़ नब पर चढ़ जा जोयरीह क सामन लिकन यदरन क मशिरक़ी िकनार परयानी मोआब क मलक म ह वहा स कनआन परनज़र डाल उस मलक पर जो म इसराईिलयो को दरहा ह 50 इस क बाद त वहा मर कर अपन बापदादास जा िमलगा िबलकल उसी तरह िजस तरह तराभाई हारन होर पहाड़ पर मर कर अपन बापदादा सजा िमला ह 51 कयिक तम दोनो इसराईिलयो क र-ब-र बवफ़ा हए जब तम दशत-ए-सीन म क़ािदसक क़रीब थ और मरीबा क चशम पर इसराईिलयोक सामन खड़ थ तो तम न मरी क़ददिसयत क़ाइमन रखी 52 इस सबब स त वह मलक िसफ़र दर सदखगा जो म इसराईिलयो को द रहा ह त ख़द उसम दािख़ल नही होगाrdquo

मसा क़बीलो को बरकत दता ह

33 1 मरन स पशतर मदर-ए-ख़दा मसा नइसराईिलयो को बरकत द कर 2 कहा

244 इिसतसना 333ndash19ldquoरब सीना स आया सईर nस उस का नर उन पर

तल हआ वह कोह-ए-फ़ारान स रौशनी फला करिरबबोत-क़ािदस स आया वह अपन जनबी इलाक़स रवाना हो कर उन की ख़ाितर पहाड़ी ढलानो कपास आया

3 यक़ीनन वह क़ौमो स महबबत करता ह तमाममक़ददसीन तर हाथ म ह वह तर पाओ क सामनझक कर तझ स िहदायत पात ह

4 मसा न हम शरीअत दी यानी वह चीज़ जो याक़बकी जमाअत की मौरसी िमलिकयत ह

5 इसराईल क राहनमा अपन क़बीलो समत जमा हएतो रब यसरन oका बादशाह बन गया

6 रिबन की बरकत रिबन मर न जाए बिलक जीता रह वह तादाद म

बढ़ जाए

7 यहदाह की बरकत ऐ रब यहदाह की पकार सन कर उस दबारा उस

की क़ौम म शािमल कर उस क हाथ उस क िलएलड़ मख़ािलफ़ो का सामना करत वक़त उस कीमदद कर

8 लावी की बरकत तरी मज़ीर मालम करन क क़रए बनाम ऊरीम और

तममीम तर वफ़ादार ख़ािदम लावी क पास होत हत न उस मससा म आज़माया और मरीबा म उस सलड़ा 9 उस न तरा कलाम सभाल कर तरा अहदक़ाइम रखा यहा तक िक उस न न अपन मा-बापका न अपन सग भाइयो या बचचो का िलहाज़ िकया

10 वह याक़ब को तरी िहदायात और इसराईल कोतरी शरीअत िसखा कर तर सामन बख़र और तरीक़बारनगाह पर भसम होन वाली क़बारिनया चढ़ाताह

11 ऐ रब उस की ताक़त को बढ़ा कर उस क हाथोका काम पसनद कर उस क मख़ािलफ़ो की कमरतोड़ और उस स नफ़रत रखन वालो को ऐसा मारिक आइनदा कभी न उठ

12 िबनयमीन की बरकत िबनयमीन रब को पयारा ह वह सलामती स उस

क पास रहता ह कयिक रब िदन रात उस पनाह दताह िबनयमीन उस की पहाड़ी ढलानो क दरिमयानमहफ़ज़ रहता ह

13 यसफ़ की बरकत रब उस की ज़मीन को बरकत द आसमान स

क़ीमती ओस टपक और ज़मीन क नीच स चशम फटिनकल

14 यसफ़ को सरज की बहतरीन पदावार और हरमहीन का लज़ीज़तरीन फल हािसल हो

15 उस क़दीम पहाड़ो और अबदी वािदयो कीबहतरीन चीज़ो स नवाज़ा जाए

16 ज़मीन क तमाम ज़ख़ीर उस क िलए खल जाएवह उस को पसनद हो जो जलती हई झाड़ी म सकनतकरता था यह तमाम बरकत यसफ़ क सर पर ठहरउस क सर पर जो अपन भाइयो म शहज़ादा ह

17 यसफ़ साड क पहलौठ जसा अज़ीम ह और उसक सीग जगली बल क सीग ह िजन स वह दिनयाकी इिनतहा तक सब क़ौमो को मारगा इफ़राईमक बशमार अफ़राद ऐस ही ह मनससी क हज़ारोअफ़राद ऐस ही ह

18 ज़बलन और इशकार की बरकत ऐ ज़बलन घर स िनकलत वक़त ख़शी मना ऐ

इशकार अपन ख़मो म रहत हए ख़श हो19 वह दीगर क़ौमो को अपन पहाड़ पर आन की

दावत दग और वहा रासती की क़बारिनया पश करगnअदोमoइसराईल

इिसतसना 3320ndash348 245वह समनदर की कसरत और समनदर की रत म छपहए ख़ज़ानो को जज़ब कर लग

20 जद की बरकत मबारक ह वह जो जद का इलाक़ा वसी कर द

जद शरबबर की तरह दबक कर िकसी का बाज़ यासर फाड़ डालन क िलए तययार रहता ह

21 उस न अपन िलए सब स अचछी ज़मीन चन लीराहनमा का िहससा उसी क िलए महफ़ज़ रखा गयाजब क़ौम क राहनमा जमा हए तो उस न रब की रासतमज़ीर परी की और इसराईल क बार म उस क फ़सलअमल म लाया

22 दान की बरकत दान शरबबर का बचचा ह जो बसन स िनकल कर

छलाग लगाता ह

23 नफ़ताली की बरकत नफ़ताली रब की मनज़री स सर ह उस उस की परी

बरकत हािसल ह वह गलील की झील और उस कजनब का इलाक़ा मीरास म पाएगा

24 आशर की बरकत आशर बटो म सब स मबारक ह वह अपन भाइयो

को पसनद हो उस क पास ज़तन का इतना तल होिक वह अपन पाओ उस म डबो सक

25 तर शहरो क दरवाज़ो क कड लोह और पीतलक हो तरी ताक़त उमर भर क़ाइम रह

26 यसरन क ख़दा की मािननद कोई नही ह जोआसमान पर सवार हो कर हा अपन जलाल मबादलो पर बठ कर तरी मदद करन क िलए आताह

27 अज़ली ख़दा तरी पनाहगाह ह वह अपन अज़लीबाज़ तर नीच फलाए रखता ह वह दशमन को तरसामन स भगा कर उस हलाक करन को कहता ह

28 चनाच इसराईल सलामती स िज़नदगी गज़ारगायाक़ब का चशमा अलग और महफ़ज़ रहगा उसकी ज़मीन अनाज और अगर की कसरत पदा करगीऔर उस क ऊपर आसमान ज़मीन पर ओस पड़नदगा

29 ऐ इसराईल त िकतना मबारक ह कौन तरीमािननद ह िजस रब न बचाया ह वह तरी मददकी ढाल और तरी शान की तलवार ह तर दशमनिशकसत खा कर तरी ख़शामद करग और त उन कीकमर पाओ तल कचलगाrdquo

मसा की वफ़ात

34 1 यह बरकत द कर मसा मोआब का मदानीइलाक़ा छोड़ कर यरीह क मक़ािबल नब

पहाड़ पर चढ़ गया नब िपसगा क पहाड़ी िसलिसलकी एक चोटी था वहा स रब न उस वह परा मलकिदखाया जो वह इसराईल को दन वाला था यानीिजिलआद क इलाक़ स ल कर दान क इलाक़ तक2 नफ़ताली का परा इलाक़ा इफ़राईम और मनससीका इलाक़ा यहदाह का इलाक़ा बहीरा-ए-रम तक3 जनब म दशत-ए-नजब और खजर क शहर यरीहकी वादी स ल कर ज़ग़र तक 4 रब न उस स कहाldquoयह वह मलक ह िजस का वादा म न क़सम खा करइबराहीम इसहाक़ और याक़ब स िकया म न उन सकहा था िक उन की औलाद को यह मलक िमलगात उस म दािख़ल नही होगा लिकन म तझ यहा लआया ह तािक त उस अपनी आखो स दख सकrdquo

5 इस क बाद रब का ख़ािदम मसा वही मोआब कमलक म फ़ौत हआ िबलकल उसी तरह िजस तरहरब न कहा था 6 रब न उस बत-फ़ग़र की िकसीवादी म दफ़न िकया लिकन आज तक िकसी कोभी मालम नही िक उस की क़बर कहा ह

7 अपनी वफ़ात क वक़त मसा 120 साल का थाआिख़र तक न उस की आख धनदलाई न उस कीताक़त कम हई 8 इसराईिलयो न मोआब क मदानीइलाक़ म 30 िदन तक उस का मातम िकया

246 इिसतसना 349ndash129 िफर यशअ िबन नन मसा की जगह खड़ा हआ

वह िहकमत की रह स मामर था कयिक मसा नअपन हाथ उस पर रख िदए थ इसराईिलयो न उसकी सनी और वह कछ िकया जो रब न उनह मसाकी मािरफ़त बताया था

10 इस क बाद इसराईल म मसा जसा नबी कभी नउठा िजस स रब र-ब-र बात करता था 11 िकसी

और नबी न ऐस इलाही िनशान और मोिजज़ नही िकएजस मसा न िफ़रऔन बादशाह उस क मलािज़मोऔर पर मलक क सामन िकए जब रब न उस िमसरभजा 12 िकसी और नबी न इस िक़सम का बड़ाइख़ितयार न िदखाया न ऐस अज़ीम और हबतनाककाम िकए जस मसा न इसराईिलयो क सामन िकए

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Page 2: तौररेत · 2020. 2. 5. · पदाइशै 2.16–3.15 3 16 लिकने रब ख़दा ने उसे आगाह िकया, “तु झे हरु

बार _____________________________________ ररवरम

The Pentateuch in Modern UrduTranslated from the Original Hebrew

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ररमला हरकर क ब-हकक-ए नाशशिरीन शरयोशललक रीसोसरद कनसलटरलटटस एल-एल-सी महफर ज हहल

पदाइश

दिनया की तख़लीक़ का पहला िदन रौशनी

1 1 इिबतदा म अललाह न आसमान और ज़मीन कोबनाया 2 अभी तक ज़मीन वीरान और ख़ाली

थी वह गहर पानी स ढकी हई थी िजस क ऊपरअधरा ही अधरा था अललाह का रह पानी क ऊपरमडला रहा था

3 िफर अललाह न कहा ldquoरौशनी हो जाएrdquo तो रौशनीपदा हो गई 4 अललाह न दखा िक रौशनी अचछी हऔर उस न रौशनी को तारीकी स अलग कर िदया5 अललाह न रौशनी को िदन का नाम िदया और तारीकीको रात का शाम हई िफर सबह य पहला िदन गज़रगया

दसरा िदन आसमान6 अललाह न कहा ldquoपानी क दरिमयान एक ऐसा

गमबद पदा हो जाए िजस स िनचला पानी ऊपर कपानी स अलग हो जाएrdquo 7 ऐसा ही हआ अललाह नएक ऐसा गमबद बनाया िजस स िनचला पानी ऊपरक पानी स अलग हो गया 8 अललाह न गमबद कोआसमान का नाम िदया शाम हई िफर सबह य दसरा िदन गज़र गया

तीसरा िदन ख़शक ज़मीन और पौद9 अललाह न कहा ldquoजो पानी आसमान क नीच ह

वह एक जगह जमा हो जाए तािक दसरी तरफ़ ख़शकजगह नज़र आएrdquo ऐसा ही हआ 10 अललाह न ख़शकजगह को ज़मीन का नाम िदया और जमाशदा पानीको समनदर का और अललाह न दखा िक यह अचछाह 11 िफर उस न कहा ldquoज़मीन हिरयावल पदा करऐस पौद जो बीज रखत हो और ऐस दरख़त िजन क

फल अपनी अपनी िक़सम क बीज रखत होrdquo ऐसाही हआ 12 ज़मीन न हिरयावल पदा की ऐस पौद जोअपनी अपनी िक़सम क बीज रखत और ऐस दरख़तिजन क फल अपनी अपनी िक़सम क बीज रखत थअललाह न दखा िक यह अचछा ह 13 शाम हई िफरसबह य तीसरा िदन गज़र गया

चौथा िदन सरज चाद और िसतार14 अललाह न कहा ldquoआसमान पर रौशिनया पदा

हो जाए तािक िदन और रात म इिमतयाज़ हो औरइसी तरह मख़तिलफ़ मौसमो िदनो और सालो म भी 15 आसमान की यह रौशिनया दिनया को रौशनकरrdquo ऐसा ही हआ 16 अललाह न दो बड़ी रौशिनया बनाई सरज जो बड़ा था िदन पर हकमत करन कोऔर चाद जो छोटा था रात पर इन क इलावा उसन िसतारो को भी बनाया 17 उस न उनह आसमानपर रखा तािक वह दिनया को रौशन कर 18 िदनऔर रात पर हकमत कर और रौशनी और तारीकीम इिमतयाज़ पदा कर अललाह न दखा िक यह अचछाह 19 शाम हई िफर सबह य चौथा िदन गज़र गया

पाचवा िदन पानी और हवा क जानदार20 अललाह न कहा ldquoपानी आबी जानदारो स भर

जाए और िफ़ज़ा म पिरनद उड़त िफरrdquo 21 अललाहन बड़ बड़ समनदरी जानवर बनाए पानी की तमामदीगर मख़लक़ात और हर िक़सम क पर रखन वालजानदार भी बनाए अललाह न दखा िक यह अचछाह 22 उस न उनह बरकत दी और कहा ldquoफलो फलोऔर तादाद म बढ़त जाओ समनदर तम स भर जाएइसी तरह पिरनद ज़मीन पर तादाद म बढ़ जाएrdquo23 शाम हई िफर सबह य पाचवा िदन गज़र गया

2 पदाइश 124ndash215

छटा िदन ज़मीन पर चलन वाल जानवरऔर इनसान24 अललाह न कहा ldquoज़मीन हर िक़सम क जानदार

पदा कर मवशी रगन वाल और जगली जानवरrdquoऐसा ही हआ 25 अललाह न हर िक़सम क मवशी रगनवाल और जगली जानवर बनाए उस न दखा िक यहअचछा ह

26 अललाह न कहा ldquoआओ अब हम इनसान कोअपनी सरत पर बनाए वह हम स मशाबहत रखवह तमाम जानवरो पर हकमत कर समनदर कीमछिलयो पर हवा क पिरनदो पर मविशयो परजगली जानवरो पर और ज़मीन पर क तमाम रगनवाल जानदारो परrdquo 27 य अललाह न इनसान कोअपनी सरत पर बनाया अललाह की सरत पर उसन उनह मदर और औरत बनाया 28 अललाह न उनहबरकत दी और कहा ldquoफलो फलो और तादाद मबढ़त जाओ दिनया तम स भर जाए और तम उसपर इख़ितयार रखो समनदर की मछिलयो हवा कपिरनदो और ज़मीन पर क तमाम रगन वाल जानदारोपर हकमत करोrdquo

29 अललाह न उन स मज़ीद कहा ldquoतमाम बीजदारपौद और फलदार दरख़त तमहार ही ह म उनह तम कोखान क िलए दता ह 30 इस तरह म तमाम जानवरोको खान क िलए हिरयाली दता ह िजस म भी जानह वह यह खा सकता ह ख़वाह वह ज़मीन पर चलनिफरन वाला जानवर हवा का पिरनदा या ज़मीन पररगन वाला कय न होrdquo ऐसा ही हआ 31 अललाह नसब पर नज़र की तो दखा िक वह बहत अचछा बनगया ह शाम हई िफर सबह छटा िदन गज़र गया

सातवा िदन आराम

2 1 य आसमान-ओ-ज़मीन और उन की तमामचीज़ो की तख़लीक़ मकममल हई 2 सातव िदन

अललाह का सारा काम तकमील को पहचा इस स

फ़ािरग़ हो कर उस न आराम िकया 3 अललाह नसातव िदन को बरकत दी और उस मख़सस-ओ-मक़ददस िकया कयिक उस िदन उस न अपन तमामतख़लीक़ी काम स फ़ािरग़ हो कर आराम िकया

आदम और हववा4 यह आसमान-ओ-ज़मीन की तख़लीक़ का बयान

ह जब रब ख़दा न आसमान-ओ-ज़मीन को बनाया5 तो शर म झािड़या और पौद नही उगत थ वजहयह थी िक अललाह न बािरश का इिनतज़ाम नही िकयाथा और अभी इनसान भी पदा नही हआ था िकज़मीन की खतीबाड़ी करता 6 इस की बजाय ज़मीनम स धनद उठ कर उस की परी सतह को तर करतीथी 7 िफर रब ख़दा न ज़मीन स िमटटी ल कर इनसानको तशकील िदया और उस क नथनो म िज़नदगी कादम फका तो वह जीती जान हआ

8 रब ख़दा न मशिरक़ म मलक-ए-अदन म एक बाग़लगाया उस म उस न उस आदमी को रखा िजस उसन बनाया था 9 रब ख़दा क हकम पर ज़मीन म स तरहतरह क दरख़त फट िनकल ऐस दरख़त जो दखन मिदलकश और खान क िलए अचछ थ बाग़ क बीचम दो दरख़त थ एक का फल िज़नदगी बख़शता थाजबिक दसर का फल अचछ और बर की पहचानिदलाता था 10 अदन म स एक दरया िनकल करबाग़ की आबपाशी करता था वहा स बह कर वहचार शाख़ो म तक़सीम हआ 11ndash12 पहली शाख़ कानाम फ़ीसन ह वह मलक-ए-हवीला को घर हए बहतीह जहा ख़ािलस सोना गगल का गद और अक़ीक़-ए-अहमर aपाए जात ह 13 दसरी का नाम जहन ह जोकश को घर हए बहती ह 14 तीसरी का नाम िदजलाह जो असर क मशिरक़ को जाती ह और चौथी कानाम फ़रात ह

15 रब ख़दा न पहल आदमी को बाग़-ए-अदन मरखा तािक वह उस की बाग़बानी और िहफ़ाज़त कर

acarnelian

पदाइश 216ndash315 316 लिकन रब ख़दा न उस आगाह िकया ldquoतझ हरदरख़त का फल खान की इजाज़त ह 17 लिकन िजसदरख़त का फल अचछ और बर की पहचान िदलाताह उस का फल खाना मना ह अगर उस खाए तोयक़ीनन मरगाrdquo

18 रब ख़दा न कहा ldquoअचछा नही िक आदमीअकला रह म उस क िलए एक मनािसब मददगारबनाता हrdquo

19 रब ख़दा न िमटटी स ज़मीन पर चलन िफरन वालजानवर और हवा क पिरनद बनाए थ अब वह उनहआदमी क पास ल आया तािक मालम हो जाए िकवह उन क कया कया नाम रखगा य हर जानवरको आदम की तरफ़ स नाम िमल गया 20 आदमी नतमाम मविशयो पिरनदो और ज़मीन पर िफरन वालजानदारो क नाम रख लिकन उस अपन िलए कोईमनािसब मददगार न िमला

21 तब रब ख़दा न उस सला िदया जब वह गहरीनीद सो रहा था तो उस न उस की पसिलयो म स एकिनकाल कर उस की जगह गोशत भर िदया 22 पसलीस उस न औरत बनाई और उस आदमी क पास लआया 23 उस दख कर वह पकार उठा ldquoवाह यहतो मझ जसी ही ह मरी हिडडयो म स हडडी और मरगोशत म स गोशत ह इस का नाम नारी रखा जाएकयिक वह नर स िनकाली गई हrdquo 24 इस िलए मदरअपन मा-बाप को छोड़ कर अपनी बीवी क साथपवसत हो जाता ह और वह दोनो एक हो जात ह25 दोनो आदमी और औरत नग थ लिकन यह उनक िलए शमर का बाइस नही था

गनाह का आग़ाज़

3 1 साप ज़मीन पर चलन िफरन वाल उन तमामजानवरो स ज़यादा चालाक था िजन को रब ख़दा

न बनाया था उस न औरत स पछा ldquoकया अललाह नवाक़ई कहा िक बाग़ क िकसी भी दरख़त का फल नखानाrdquo 2 औरत न जवाब िदया ldquoहरिगज़ नही हमबाग़ का हर फल खा सकत ह 3 िसफ़र उस दरख़त

क फल स गरज़ करना ह जो बाग़ क बीच म हअललाह न कहा िक उस का फल न खाओ बिलक उसछना भी नही वनार तम यक़ीनन मर जाओगrdquo 4 सापन औरत स कहा ldquoतम हरिगज़ न मरोग 5 बिलकअललाह जानता ह िक जब तम उस का फल खाओगतो तमहारी आख खल जाएगी और तम अललाह कीमािननद हो जाओग तम जो भी अचछा और बरा हउस जान लोगrdquo

6 औरत न दरख़त पर ग़ौर िकया िक खान किलए अचछा और दखन म भी िदलकश ह सब सिदलफ़रब बात यह िक उस स समझ हािसल होसकती ह यह सोच कर उस न उस का फल ल करउस खाया िफर उस न अपन शौहर को भी द िदयाकयिक वह उस क साथ था उस न भी खा िलया7 लिकन खात ही उन की आख खल गई और उन कोमालम हआ िक हम नग ह चनाच उनहो न अनजीरक पतत सी कर लिगया बना ली

8 शाम क वक़त जब ठडी हवा चलन लगी तो उनहोन रब ख़दा को बाग़ म चलत िफरत सना वह डरक मार दरख़तो क पीछ छप गए 9 रब ख़दा न पकारकर कहा ldquoआदम त कहा हrdquo 10 आदम न जवाबिदया ldquoम न तझ बाग़ म चलत हए सना तो डर गयाकयिक म नगा ह इस िलए म छप गयाrdquo 11 उस नपछा ldquoिकस न तझ बताया िक त नगा ह कया तन उस दरख़त का फल खाया ह िजस खान स म नमना िकया थाrdquo 12 आदम न कहा ldquoजो औरत त नमर साथ रहन क िलए दी ह उस न मझ फल िदयाइस िलए म न खा िलयाrdquo 13 अब रब ख़दा औरतस मख़ाितब हआ ldquoत न यह कय िकयाrdquo औरत नजवाब िदया ldquoसाप न मझ बहकाया तो म न खायाrdquo

14 रब ख़दा न साप स कहा ldquoचिक त न यह िकयाइस िलए त तमाम मविशयो और जगली जानवरो म लानती ह त उमर भर पट क बल रगगा और ख़ाकचाटगा 15 म तर और औरत क दरिमयान दशमनीपदा करगा उस की औलाद तरी औलाद की दशमन

4 पदाइश 316ndash411होगी वह तर सर को कचल डालगी जबिक त उसकी एड़ी पर काटगाrdquo

16 िफर रब ख़दा औरत स मख़ाितब हआ औरकहा ldquoजब त उममीद स होगी तो म तरी तकलीफ़ कोबहत बढ़ाऊगा जब तर बचच होग तो त शदीद ददरका िशकार होगी त अपन शौहर की तमनना करगीलिकन वह तझ पर हकमत करगाrdquo 17 आदम स उसन कहा ldquoत न अपनी बीवी की बात मानी और उसदरख़त का फल खाया िजस खान स म न मना िकयाथा इस िलए तर सबब स ज़मीन पर लानत ह उसस ख़राक हािसल करन क िलए तझ उमर भर महनत-मशक़क़त करनी पड़गी 18 तर िलए वह ख़ारदार पौदऔर ऊटकटार पदा करगी हालािक त उस स अपनीख़राक भी हािसल करगा 19 पसीना बहा बहा करतझ रोटी कमान क िलए भाग-दौड़ करनी पड़गीऔर यह िसलिसला मौत तक जारी रहगा त महनतकरत करत दबारा ज़मीन म लौट जाएगा कयिक तउसी स िलया गया ह त ख़ाक ह और दबारा ख़ाकम िमल जाएगाrdquo

20 आदम न अपनी बीवी का नाम हववा यानीिज़नदगी रखा कयिक बाद म वह तमाम िज़नदो कीमा बन गई 21 रब ख़दा न आदम और उस की बीवीक िलए खालो स िलबास बना कर उनह पहनाया22 उस न कहा ldquoइनसान हमारी मािननद हो गया हवह अचछ और बर का इलम रखता ह अब ऐसान हो िक वह हाथ बढ़ा कर िज़नदगी बख़शन वालदरख़त क फल स ल और उस स खा कर हमशातक िज़नदा रहrdquo 23 इस िलए रब ख़दा न उस बाग़-ए-अदन स िनकाल कर उस ज़मीन की खतीबाड़ीकरन की िज़ममादारी दी िजस म स उस िलया गयाथा 24 इनसान को ख़ािरज करन क बाद उस न बाग़-ए-अदन क मशिरक़ म करबी फ़िरशत खड़ िकएऔर साथ साथ एक आितशी तलवार रखी जो इधरउधर घमती थी तािक उस रासत की िहफ़ाज़त करजो िज़नदगी बख़शन वाल दरख़त तक पहचाता था

क़ाबील और हाबील

4 1 आदम हववा स हमिबसतर हआ तो उन कापहला बटा क़ाबील पदा हआ हववा न कहा

ldquoरब की मदद स म न एक मदर हािसल िकया हrdquo2 बाद म क़ाबील का भाई हाबील पदा हआ हाबीलभड़-बकिरयो का चरवाहा बन गया जबिक क़ाबीलखतीबाड़ी करन लगा

पहला क़तल3 कछ दर क बाद क़ाबील न रब को अपनी फ़सलो

म स कछ पश िकया 4 हाबील न भी नज़राना पशिकया लिकन उस न अपनी भड़-बकिरयो क कछपहलौठ उन की चबीर समत चढ़ाए हाबील कानज़राना रब को पसनद आया 5 मगर क़ाबील कानज़राना मनज़र न हआ यह दख कर क़ाबील बड़ग़सस म आ गया और उस का मह िबगड़ गया6 रब न पछा ldquoत ग़सस म कय आ गया ह तरा महकय लटका हआ ह 7 कया अगर त अचछी नीयतरखता ह तो अपनी नज़र उठा कर मरी तरफ़ नहीदख सकगा लिकन अगर अचछी नीयत नही रखतातो ख़बरदार गनाह दरवाज़ पर दबका बठा ह औरतझ चाहता ह लिकन तरा फ़ज़र ह िक उस पर ग़ािलबआएrdquo

8 एक िदन क़ाबील न अपन भाई स कहा ldquoआओहम बाहर खल मदान म चलrdquo और जब वह खलमदान म थ तो क़ाबील न अपन भाई हाबील पर हमलाकरक उस मार डाला

9 तब रब न क़ाबील स पछा ldquoतरा भाई हाबीलकहा हrdquo क़ाबील न जवाब िदया ldquoमझ कया पताकया अपन भाई की दख-भाल करना मरी िज़ममादारीहrdquo 10 रब न कहा ldquoत न कया िकया ह तर भाईका ख़न ज़मीन म स पकार कर मझ स फ़यारद कररहा ह 11 इस िलए तझ पर लानत ह और ज़मीन नतझ रदद िकया ह कयिक ज़मीन को मह खोल करतर हाथ स क़तल िकए हए भाई का ख़न पीना पड़ा

पदाइश 412ndash510 512 अब स जब त खतीबाड़ी करगा तो ज़मीन अपनीपदावार दन स इनकार करगी त मफ़रर हो करमारा मारा िफरगाrdquo 13 क़ाबील न कहा ldquoमरी सज़ािनहायत सख़त ह म इस बदारशत नही कर पाऊगा14 आज त मझ ज़मीन की सतह स भगा रहा ह औरमझ तर हज़र स भी छप जाना ह म मफ़रर कीहिसयत स मारा मारा िफरता रहगा इस िलए िजसको भी पता चलगा िक म कहा ह वह मझ क़तल करडालगाrdquo 15 लिकन रब न उस स कहा ldquoहरिगज़नही जो क़ाबील को क़तल कर उस स सात गनाबदला िलया जाएगाrdquo िफर रब न उस पर एक िनशानलगाया तािक जो भी क़ाबील को दख वह उस क़तलन कर द 16 इस क बाद क़ाबील रब क हज़र सचला गया और अदन क मशिरक़ की तरफ़ नोद कइलाक़ म जा बसा

क़ाबील का ख़ानदान17 क़ाबील की बीवी हािमला हई बटा पदा हआ

िजस का नाम हनक रखा गया क़ाबील न एक शहरतामीर िकया और अपन बट की ख़शी म उस कानाम हनक रखा 18 हनक का बटा ईराद था ईरादका बटा महयाएल महयाएल का बटा मतसाएलऔर मतसाएल का बटा लमक था 19 लमक कीदो बीिवया थी अदा और िज़लला 20 अदा का बटायाबल था उस की नसल क लोग ख़मो म रहत औरमवशी पालत थ 21 याबल का भाई यबल था उसकी नसल क लोग सरोद bऔर बासरी बजात थ22 िज़लला क भी बटा पदा हआ िजस का नाम तबल-क़ाबील था वह लोहार था उस की नसल क लोगपीतल और लोह की चीज़ बनात थ तबल-क़ाबीलकी बहन का नाम नामा था 23 एक िदन लमक नअपनी बीिवयो स कहा ldquoअदा और िज़लला मरी बातसनो लमक की बीिवयो मर अलफ़ाज़ पर ग़ौर करो24 एक आदमी न मझ ज़ख़मी िकया तो म न उस मार

डाला एक लड़क न मर चोट लगाई तो म न उसक़तल कर िदया जो क़ाबील को क़तल कर उस ससात गना बदला िलया जाएगा लिकन जो लमक कोक़तल कर उस स सतततर गना बदला िलया जाएगाrdquo

सत और अनस25 आदम और हववा का एक और बटा पदा हआ

हववा न उस का नाम सत रख कर कहा ldquoअललाह नमझ हाबील की जगह िजस क़ाबील न क़तल िकयाएक और बटा बख़शा हrdquo 26 सत क हा भी बटा पदाहआ उस न उस का नाम अनस रखा

उन िदनो म लोग रब का नाम ल कर इबादत करनलग

आदम स नह तक का नसबनामा

5 1 ज़ल म आदम का नसबनामा दजर हजब अललाह न इनसान को ख़लक़ िकया तो उस

न उस अपनी सरत पर बनाया 2 उस न उनह मदर औरऔरत पदा िकया और िजस िदन उस न उनह ख़लक़िकया उस न उनह बरकत द कर उन का नाम आदमयानी इनसान रखा

3 आदम की उमर 130 साल थी जब उस का बटासत पदा हआ सत सरत क िलहाज़ स अपन बापकी मािननद था वह उस स मशाबहत रखता था4 सत की पदाइश क बाद आदम मज़ीद 800 सालिज़नदा रहा उस क और बट-बिटया भी पदा हए5 वह 930 साल की उमर म फ़ौत हआ

6 सत 105 साल का था जब उस का बटा अनसपदा हआ 7 इस क बाद वह मज़ीद 807 साल िज़नदारहा उस क और बट-बिटया भी पदा हए 8 वह 912साल की उमर म फ़ौत हआ

9 अनस 90 बरस का था जब उस का बटा क़ीनानपदा हआ 10 इस क बाद वह मज़ीद 815 साल

bलफ़ज़ी तजरमा चग चिक यह साज़ बरर-ए-सग़ीर म कम ही इसतमाल होता ह इस िलए मतजरमीन न इस की जगह लफ़ज़ lsquoसरोदrsquoइसतमाल िकया ह

6 पदाइश 511ndash613िज़नदा रहा उस क और बट-बिटया भी पदा हए11 वह 905 साल की उमर म फ़ौत हआ

12 क़ीनान 70 साल का था जब उस का बटामहलल-एल पदा हआ 13 इस क बाद वह मज़ीद840 साल िज़नदा रहा उस क और बट-बिटया भीपदा हए 14 वह 910 साल की उमर म फ़ौत हआ

15 महलल-एल 65 साल का था जब उस का बटायािरद पदा हआ 16 इस क बाद वह मज़ीद 830साल िज़नदा रहा उस क और बट-बिटया भी पदाहए 17 वह 895 साल की उमर म फ़ौत हआ

18 यािरद 162 साल का था जब उस का बटा हनकपदा हआ 19 इस क बाद वह मज़ीद 800 सालिज़नदा रहा उस क और बट-बिटया भी पदा हए20 वह 962 साल की उमर म फ़ौत हआ

21 हनक 65 साल का था जब उस का बटामतिसलह पदा हआ 22 इस क बाद वह मज़ीद 300साल अललाह क साथ चलता रहा उस क और बट-बिटया भी पदा हए 23 वह कल 365 साल दिनया मरहा 24 हनक अललाह क साथ साथ चलता था 365साल की उमर म वह ग़ाइब हआ कयिक अललाह नउस उठा िलया

25 मतिसलह 187 साल का था जब उस का बटालमक पदा हआ 26 वह मज़ीद 782 साल िज़नदारहा उस क और बट और बिटया भी पदा हए 27 वह969 साल की उमर म फ़ौत हआ

28 लमक 182 साल का था जब उस का बटा पदाहआ 29 उस न उस का नाम नह यानी तसलली रखाकयिक उस न उस क बार म कहा ldquoहमारा खतीबाड़ीका काम िनहायत तकलीफ़िदह ह इस िलए िकअललाह न ज़मीन पर लानत भजी ह लिकन अब हमबट की मािरफ़त तसलली पाएगrdquo 30 इस क बाद वहमज़ीद 595 साल िज़नदा रहा उस क और बट-बिटया भी पदा हए 31 वह 777 साल की उमर म फ़ौत हआ

32 नह 500 साल का था जब उस क बट िसम हामऔर याफ़त पदा हए

लोगो की िज़यादितया

6 1 दिनया म लोगो की तादाद बढ़न लगी उन कहा बिटया पदा हई 2 तब आसमानी हिसतयो

न दखा िक बनी नौ इनसान की बिटया ख़बसरत हऔर उनहो न उन म स कछ चन कर उन स शादी की3 िफर रब न कहा ldquoमरी रह हमशा क िलए इनसानम न रह कयिक वह फ़ानी मख़लक़ ह अब स वह120 साल स ज़यादा िज़नदा नही रहगाrdquo 4 उन िदनोम और बाद म भी दिनया म दओक़ामत अफ़रादथ जो इनसानी औरतो और उन आसमानी हिसतयोकी शािदयो स पदा हए थ यह दओक़ामत अफ़रादक़दीम ज़मान क मशहर सरमा थ

5 रब न दखा िक इनसान िनहायत िबगड़ गया हिक उस क तमाम ख़यालात लगातार बराई की तरफ़माइल रहत ह 6 वह पछताया िक म न इनसान कोबना कर दिनया म रख िदया ह और उस सख़त दखहआ 7 उस न कहा ldquoगो म ही न इनसान को ख़लक़िकया म उस र-ए-ज़मीन पर स िमटा डालगा मन िसफ़र लोगो को बिलक ज़मीन पर चलन िफरनऔर रगन वाल जानवरो और हवा क पिरनदो कोभी हलाक कर दगा कयिक म पछताता ह िक म नउन को बनायाrdquo

बड़ सलाब क िलए नह की तययािरया 8 िसफ़र नह पर रब की नज़र-ए-करम थी 9 यह उस

की िज़नदगी का बयान हनह रासतबाज़ था उस ज़मान क लोगो म िसफ़र

वही बक़सर था वह अललाह क साथ साथ चलताथा 10 नह क तीन बट थ िसम हाम और याफ़त11 लिकन दिनया अललाह की नज़र म िबगड़ी हई औरज़लम-ओ-तशददद स भरी हई थी 12 जहा भी अललाहदखता दिनया ख़राब थी कयिक तमाम जानदारो नज़मीन पर अपनी रिवश को िबगाड़ िदया था

13 तब अललाह न नह स कहा ldquoम न तमाम जानदारोको ख़तम करन का फ़सला िकया ह कयिक उन

पदाइश 614ndash721 7क सबब स परी दिनया ज़लम-ओ-तशददद स भर गईह चनाच म उन को ज़मीन समत तबाह कर दगा14 अब अपन िलए सवर cकी लकड़ी की कशती बनाल उस म कमर हो और उस अनदर और बाहरतारकोल लगा 15 उस की लमबाई 450 फ़ट चौड़ाई75 फ़ट और ऊचाई 45 फ़ट हो 16 कशती की छतको य बनाना िक उस क नीच 18 इच खला रह एकतरफ़ दरवाज़ा हो और उस की तीन मिनज़ल हो17 म पानी का इतना बड़ा सलाब लाऊगा िक वहज़मीन क तमाम जानदारो को हलाक कर डालगाज़मीन पर सब कछ फ़ना हो जाएगा 18 लिकन तरसाथ म अहद बाधगा िजस क तहत त अपन बटोअपनी बीवी और बहओ क साथ कशती म जाएगा19 हर िक़सम क जानवर का एक नर और एक मादाभी अपन साथ कशती म ल जाना तािक वह तर साथजीत बच 20 हर िक़सम क पर रखन वाल जानवरऔर हर िक़सम क ज़मीन पर िफरन या रगन वालजानवर दो दो हो कर तर पास आएग तािक जीत बचजाए 21 जो भी ख़राक दरकार ह उस अपन और उनक िलए जमा करक कशती म महफ़ज़ कर लनाrdquo

22 नह न सब कछ वसा ही िकया जसा अललाह नउस बताया

सलाब का अग़ाज़

7 1 िफर रब न नह स कहा ldquoअपन घरान समतकशती म दािख़ल हो जा कयिक इस दौर क

लोगो म स म न िसफ़र तझ रासतबाज़ पाया ह 2 हरिक़सम क पाक जानवरो म स सात सात नर-ओ-मादाक जोड़ जबिक नापाक जानवरो म स नर-ओ-मादाका िसफ़र एक एक जोड़ा साथ ल जाना 3 इसी तरहहर िक़सम क पर रखन वालो म स सात सात नर-ओ-मादा क जोड़ भी साथ ल जाना तािक उन की नसलबची रह 4 एक हफ़त क बाद म चालीस िदन औरचालीस रात मतवाितर बािरश बरसाऊगा इस स म

तमाम जानदारो को र-ए-ज़मीन पर स िमटा डालगाअगरच म ही न उनह बनाया हrdquo

5 नह न वसा ही िकया जसा रब न हकम िदया था6 वह 600 साल का था जब यह तफ़ानी सलाब ज़मीनपर आया

7 तफ़ानी सलाब स बचन क िलए नह अपन बटोअपनी बीवी और बहओ क साथ कशती म सवारहआ 8 ज़मीन पर िफरन वाल पाक और नापाकजानवर पर रखन वाल और तमाम रगन वाल जानवरभी आए 9 नर-ओ-मादा की सरत म दो दो हो कर वहनह क पास आ कर कशती म सवार हए सब कछवसा ही हआ जसा अललाह न नह को हकम िदया था10 एक हफ़त क बाद तफ़ानी सलाब ज़मीन पर आगया

11 यह सब कछ उस वक़त हआ जब नह 600 सालका था दसर महीन क 17व िदन ज़मीन की गहराइयोम स तमाम चशम फट िनकल और आसमान पर पानीक दरीच खल गए 12 चालीस िदन और चालीस राततक मसलाधार बािरश होती रही 13 जब बािरश शरहई तो नह उस क बट िसम हाम और याफ़त उसकी बीवी और बहए कशती म सवार हो चक थ14 उन क साथ हर िक़सम क जगली जानवर मवशीरगन और पर रखन वाल जानवर थ 15 हर िक़समक जानदार दो दो हो कर नह क पास आ कर कशतीम सवार हो चक थ 16 नर-ओ-मादा आए थ सबकछ वसा ही हआ था जसा अललाह न नह को हकमिदया था िफर रब न दरवाज़ को बनद कर िदया

17 चालीस िदन तक तफ़ानी सलाब जारी रहा पानीचढ़ा तो उस न कशती को ज़मीन पर स उठा िलया18 पानी ज़ोर पकड़ कर बहत बढ़ गया और कशतीउस पर तरन लगी 19 आिख़रकार पानी इतना ज़यादाहो गया िक तमाम ऊच पहाड़ भी उस म छप गए20 बिलक सब स ऊची चोटी पर पानी की गहराई 20फ़ट थी 21 ज़मीन पर रहन वाली हर मख़लक़ हलाक

cइबरानी लफ़ज़ मतरक ह शायद इस का मतलब सवर या दवदार की लकड़ी हो

8 पदाइश 722ndash93हई पिरनद मवशी जगली जानवर तमाम जानदारिजन स ज़मीन भरी हई थी और इनसान सब कछमर गया 22 ज़मीन पर हर जानदार मख़लक़ हलाकहई 23 य हर मख़लक़ को र-ए-ज़मीन पर स िमटािदया गया इनसान ज़मीन पर िफरन और रगन वालजानवर और पिरनद सब कछ ख़तम कर िदया गयािसफ़र नह और कशती म सवार उस क साथी बच गए

24 सलाब डढ़ सौ िदन तक ज़मीन पर ग़ािलब रहा

सलाब का इख़ितताम

8 1 लिकन अललाह को नह और तमाम जानवर यादरह जो कशती म थ उस न हवा चला दी िजस स

पानी कम होन लगा 2 ज़मीन क चशम और आसमानपर क पानी क दरीच बनद हो गए और बािरश रकगई 3 पानी घटता गया 150 िदन क बाद वह काफ़ीकम हो गया था 4 सातव महीन क 17व िदन कशतीअरारात क एक पहाड़ पर िटक गई 5 दसव महीनक पहल िदन पानी इतना कम हो गया था िक पहाड़ोकी चोिटया नज़र आन लगी थी

6ndash7 चालीस िदन क बाद नह न कशती की िखड़कीखोल कर एक कववा छोड़ िदया और वह उड़ करचला गया लिकन जब तक ज़मीन पर पानी था वहआता जाता रहा 8 िफर नह न एक कबतर छोड़ िदयातािक पता चल िक ज़मीन पानी स िनकल आई ह यानही 9 लिकन कबतर को कही भी बठन की जगहन िमली कयिक अब तक परी ज़मीन पर पानी हीपानी था वह कशती और नह क पास वापस आगया और नह न अपना हाथ बढ़ाया और कबतरको पकड़ कर अपन पास कशती म रख िलया

10 उस न एक हफ़ता और इिनतज़ार करक कबतरको दबारा छोड़ िदया 11 शाम क वक़त वह लौटआया इस दफ़ा उस की चोच म ज़तन का ताज़ापतता था तब नह को मालम हआ िक ज़मीन पानी सिनकल आई ह

12 उस न मज़ीद एक हफ़त क बाद कबतर को छोड़िदया इस दफ़ा वह वापस न आया

13 जब नह 601 साल का था तो पहल महीन कपहल िदन ज़मीन की सतह पर पानी ख़तम हो गयातब नह न कशती की छत खोल दी और दखा िकज़मीन की सतह पर पानी नही ह 14 दसर महीन क27व िदन ज़मीन िबलकल ख़शक हो गई

15 िफर अललाह न नह स कहा 16 ldquoअपनी बीवीबटो और बहओ क साथ कशती स िनकल आ17 िजतन भी जानवर साथ ह उनह िनकाल द ख़वाहपिरनद हो ख़वाह ज़मीन पर िफरन या रगन वालजानवर वह दिनया म फल जाए नसल बढ़ाएऔर तादाद म बढ़त जाएrdquo 18 चनाच नह अपनबटो अपनी बीवी और बहओ समत िनकल आया19 तमाम जानवर और पिरनद भी अपनी अपनी िक़समक गरोहो म कशती स िनकल

20 उस वक़त नह न रब क िलए क़बारनगाह बनाईउस न तमाम िफरन और उड़न वाल पाक जानवरोम स कछ चन कर उनह ज़बह िकया और क़बारनगाहपर परी तरह जला िदया 21 यह क़बारिनया दख कररब ख़श हआ और अपन िदल म कहा ldquoअब सम कभी ज़मीन पर इनसान की वजह स लानत नहीभजगा कयिक उस का िदल बचपन ही स बराई कीतरफ़ माइल ह अब स म कभी इस तरह तमाम जानरखन वाली मख़लक़ात को र-ए-ज़मीन पर स नहीिमटाऊगा 22 दिनया क मक़रररा औक़ात जारी रहगबीज बोन और फ़सल काटन का वक़त ठड औरतिपश गिमरयो और सिदरयो का मौसम िदन औररात यह सब कछ दिनया क अख़ीर तक क़ाइमरहगाrdquo

अललाह का नह क साथ अहद

9 1 िफर अललाह न नह और उस क बटो को बरकतद कर कहा ldquoफलो फलो और तादाद म बढ़त

जाओ दिनया तम स भर जाए 2 ज़मीन पर िफरनऔर रगन वाल जानवर पिरनद और मछिलया सबतम स डरग उनह तमहार इख़ितयार म कर िदया गयाह 3 िजस तरह म न तमहार खान क िलए पौदो की

पदाइश 94ndash104 9पदावार मक़ररर की ह उसी तरह अब स तमह हरिक़सम क जानवर खान की इजाज़त भी ह 4 लिकनख़बरदार ऐसा गोशत न खाना िजस म ख़न ह कयिकख़न म उस की जान ह

5 िकसी की जान लना मना ह जो ऐसा करगा उसअपनी जान दनी पड़गी ख़वाह वह इनसान हो याहवान म ख़द इस का मतालबा करगा 6 जो भीिकसी का ख़न बहाए उस का ख़न भी बहाया जाएगाकयिक अललाह न इनसान को अपनी सरत पर बनायाह

7 अब फलो फलो और तादाद म बढ़त जाओदिनया म फल जाओrdquo

8 तब अललाह न नह और उस क बटो स कहा9 ldquoअब म तमहार और तमहारी औलाद क साथ अहदक़ाइम करता ह 10 यह अहद उन तमाम जानवरोक साथ भी होगा जो कशती म स िनकल ह यानीपिरनदो मविशयो और ज़मीन पर क तमाम जानवरोक साथ 11 म तमहार साथ अहद बाध कर वादाकरता ह िक अब स ऐसा कभी नही होगा िक ज़मीनकी तमाम िज़नदगी सलाब स ख़तम कर दी जाएगीअब स ऐसा सलाब कभी नही आएगा जो परी ज़मीनको तबाह कर द 12 इस अबदी अहद का िनशानजो म तमहार और तमाम जानदारो क साथ क़ाइमकर रहा ह यह ह िक 13 म अपनी कमान बादलो म रखता ह वह मर दिनया क साथ अहद का िनशानहोगा 14 जब कभी मर कहन पर आसमान पर बादलछा जाएग और क़ौस-ए-क़ज़ह उन म स नज़र आएगी15 तो म यह अहद याद करगा जो तमहार और तमामजानदारो क साथ िकया गया ह अब कभी भी ऐसासलाब नही आएगा जो तमाम िज़नदगी को हलाककर द 16 क़ौस-ए-क़ज़ह नज़र आएगी तो म उस दखकर उस दाइमी अहद को याद करगा जो मर औरदिनया की तमाम जानदार मख़लक़ात क दरिमयानह 17 यह उस अहद का िनशान ह जो म न दिनया कतमाम जानदारो क साथ िकया हrdquo

नह क बट18 नह क जो बट उस क साथ कशती स िनकल

िसम हाम और याफ़त थ हाम कनआन का बाप था19 दिनया भर क तमाम लोग इन तीनो की औलाद ह

20 नह िकसान था शर म उस न अगर का बाग़लगाया 21 अगर स म बना कर उस न इतनी पी लीिक वह नश म धत अपन डर म नगा पड़ा रहा22 कनआन क बाप हाम न उस य पड़ा हआ दखातो बाहर जा कर अपन दोनो भाइयो को उस क बारम बताया 23 यह सन कर िसम और याफ़त न अपनकधो पर कपड़ा रखा िफर वह उलट चलत हएडर म दािख़ल हए और कपड़ा अपन बाप पर डालिदया उन क मह दसरी तरफ़ मड़ रह तािक बाप कीबरहनगी नज़र न आए

24 जब नह होश म आया तो उस को पता चलािक सब स छोट बट न कया िकया ह 25 उस नकहा ldquoकनआन पर लानत वह अपन भाइयो काज़लीलतरीन ग़लाम होगा

26 मबारक हो रब जो िसम का ख़दा ह कनआनिसम का ग़लाम हो 27 अललाह कर िक याफ़त कीहदद बढ़ जाए याफ़त िसम क डरो म रह औरकनआन उस का ग़लाम होrdquo

28 सलाब क बाद नह मज़ीद 350 साल िज़नदा रहा29 वह 950 साल की उमर म फ़ौत हआ

नह की औलाद

10 1 यह नह क बटो िसम हाम और याफ़तका नसबनामा ह उन क बट सलाब क

बाद पदा हए

याफ़त की नसल2 याफ़त क बट जमर माजज मादी यावान तबल

मसक और तीरास थ 3 जमर क बट अशकनाज़रीफ़त और तजमार थ 4 यावान क बट इलीसा औरतरसीस थ िकतती और दोदानी भी उस की औलाद

10 पदाइश 105ndash114ह 5 वह उन क़ौमो क आबा-ओ-अजदाद ह जोसािहली इलाक़ो और जज़ीरो म फल गई यह याफ़तकी औलाद ह जो अपन अपन क़बील और मलक मरहत हए अपनी अपनी ज़बान बोलत ह

हाम की नसल6 हाम क बट कश िमसर फ़त और कनआन थ

7 कश क बट िसबा हवीला सबता रामा औरसबतका थ रामा क बट सबा और ददान थ

8 कश का एक और बटा बनाम नमरद था वहदिनया म पहला ज़बरदसत हािकम था 9 रब कनज़दीक वह ज़बरदसत िशकारी था इस िलए आजभी िकसी अचछ िशकारी क बार म कहा जाताह ldquoवह नमरद की मािननद ह जो रब क नज़दीकज़बरदसत िशकारी थाrdquo 10 उस की सलतनत क पहलमकर ज़ मलक-ए-िसनआर म बाबल अरक अककादऔर कलना क शहर थ 11 उस मलक स िनकल करवह असर चला गया जहा उस न नीनवा रहोबोत-ईर कलह 12 और रसन क शहर तामीर िकए बड़ाशहर रसन नीनवा और कलह क दरिमयान वाक़ ह

13 िमसर इन क़ौमो का बाप था लदी अनामीिलहाबी नफ़तही 14 फ़तरसी कसलही (िजन सिफ़िलसती िनकल) और कफ़तरी

15 कनआन का पहलौठा सदा था कनआन ज़लकी क़ौमो का बाप भी था िहतती 16 यबसी अमोरीिजजारसी 17 िहववी अक़ीर सीनी 18 अवारदी समारीऔर हमाती बाद म कनआनी क़बील इतन फल गए19 िक उन की हदद िशमाल म सदा स जनब की तरफ़िजरार स हो कर ग़ज़ज़ा तक और वहा स मशिरक़ कीतरफ़ सदम अमरा अदमा और ज़बोईम स हो करलसा तक थी

20 यह सब हाम की औलाद ह जो उन क अपनअपन क़बील अपनी अपनी ज़बान अपन अपनमलक और अपनी अपनी क़ौम क मतािबक़ दजर ह

िसम की नसल21 िसम याफ़त का बड़ा भाई था उस क भी बट

पदा हए िसम तमाम बनी इबर का बाप ह22 िसम क बट ऐलाम असर अफ़र कसद लद और

अराम थ23 अराम क बट ऊज़ हल जतर और मस थ24 अफ़र कसद का बटा िसलह और िसलह का बटा

इबर था25 इबर क हा दो बट पदा हए एक का नाम फ़लज

यानी तक़सीम था कयिक उन अययाम म दिनयातक़सीम हई फ़लज क भाई का नाम यक़तान था

26 यक़तान क बट अलमदाद सलफ़ हसरमावतइराख़ 27 हदराम ऊज़ाल िदक़ला 28 ऊबालअबीमाएल सबा 29 ओफ़ीर हवीला और यबाब थयह सब यक़तान क बट थ 30 वह मसा स ल करसफ़ार और मशिरक़ी पहाड़ी इलाक़ तक आबाद थ

31 यह सब िसम की औलाद ह जो अपन अपनक़बील अपनी अपनी ज़बान अपन अपन मलकऔर अपनी अपनी क़ौम क मतािबक़ दजर ह

32 यह सब नह क बटो क क़बील ह जो अपनीनसलो और क़ौमो क मतािबक़ दजर िकए गए हसलाब क बाद तमाम क़ौम इन ही स िनकल करर-ए-ज़मीन पर फल गई

बाबल का बजर

11 1 उस वक़त तक परी दिनया क लोग एकही ज़बान बोलत थ 2 मशिरक़ की तरफ़

बढ़त बढ़त वह िसनआर क एक मदान म पहच करवहा आबाद हए 3 तब वह एक दसर स कहन लगldquoआओ हम िमटटी स ईट बना कर उनह आग म ख़बपकाएrdquo उनहो न तामीरी काम क िलए पतथर कीजगह ईट और मसाल की जगह तारकोल इसतमालिकया 4 िफर वह कहन लग ldquoआओ हम अपनिलए शहर बना ल िजस म ऐसा बजर हो जो आसमान

पदाइश 115ndash123 11तक पहच जाए िफर हमारा नाम क़ाइम रहगा औरहम र-ए-ज़मीन पर िबखर जान स बच जाएगrdquo

5 लिकन रब उस शहर और बजर को दखन क िलएउतर आया िजस लोग बना रह थ 6 रब न कहाldquoयह लोग एक ही क़ौम ह और एक ही ज़बान बोलतह और यह िसफ़र उस का आग़ाज़ ह जो वह करनाचाहत ह अब स जो भी वह िमल कर करना चाहगउस स उनह रोका नही जा सकगा 7 इस िलए आओहम दिनया म उतर कर उन की ज़बान को दहरम-बहरमकर द तािक वह एक दसर की बात समझ न पाएrdquo

8 इस तरीक़ स रब न उनह तमाम र-ए-ज़मीन परमनतिशर कर िदया और शहर की तामीर रक गई9 इस िलए शहर का नाम बाबल यानी अबतरी ठहराकयिक रब न वहा तमाम लोगो की ज़बान को दहरम-बहरम करक उनह तमाम र-ए-ज़मीन पर मनतिशर करिदया

िसम स अबराम तक का नसबनामा10 यह िसम का नसबनामा ह िसम 100 साल का था जब उस का बटा अफ़र कसद

पदा हआ यह सलाब क दो साल बाद हआ 11 इसक बाद वह मज़ीद 500 साल िज़नदा रहा उस कऔर बट-बिटया भी पदा हए

12 अफ़र कसद 35 साल का था जब िसलह पदाहआ 13 इस क बाद वह मज़ीद 403 साल िज़नदारहा उस क और बट-बिटया भी पदा हए

14 िसलह 30 साल का था जब इबर पदा हआ15 इस क बाद वह मज़ीद 403 साल िज़नदा रहा उसक और बट-बिटया भी पदा हए

16 इबर 34 साल का था जब फ़लज पदा हआ17 इस क बाद वह मज़ीद 430 साल िज़नदा रहा उसक और बट-बिटया भी पदा हए

18 फ़लज 30 साल का था जब रऊ पदा हआ19 इस क बाद वह मज़ीद 209 साल िज़नदा रहाउस क और बट-बिटया भी पदा हए

20 रऊ 32 साल का था जब सरज पदा हआ21 इस क बाद वह मज़ीद 207 साल िज़नदा रहाउस क और बट-बिटया भी पदा हए

22 सरज 30 साल का था जब नहर पदा हआ23 इस क बाद वह मज़ीद 200 साल िज़नदा रहा उसक और बट-बिटया भी पदा हए

24 नहर 29 साल का था जब तारह पदा हआ25 इस क बाद वह मज़ीद 119 साल िज़नदा रहाउस क और बट-बिटया भी पदा हए

26 तारह 70 साल का था जब उस क बट अबरामनहर और हारान पदा हए

27 यह तारह का नसबनामा ह अबराम नहर औरहारान तारह क बट थ लत हारान का बटा था28 अपन बाप तारह की िज़नदगी म ही हारान किसदयोक ऊर म इिनतक़ाल कर गया जहा वह पदा भी हआथा

29 बाक़ी दोनो बटो की शादी हई अबराम की बीवीका नाम सारय था और नहर की बीवी का नामिमलकाह िमलकाह हारान की बटी थी और उस कीएक बहन बनाम इसका थी 30 सारय बाझ थी इसिलए उस क बचच नही थ

31 तारह किसदयो क ऊर स रवाना हो कर मलक-ए-कनआन की तरफ़ सफ़र करन लगा उस क साथउस का बटा अबराम उस का पोता लत यानी हारानका बटा और उस की बह सारय थ जब वह हारानपहच तो वहा आबाद हो गए 32 तारह 205 साल काथा जब उस न हारान म वफ़ात पाई

अबराम की बलाहट

12 1 रब न अबराम स कहा ldquoअपन वतनअपन िरशतदारो और अपन बाप क घर को

छोड़कर उस मलक म चला जा जो म तझ िदखाऊगा2 म तझ स एक बड़ी क़ौम बनाऊगा तझ बरकत दगाऔर तर नाम को बहत बढ़ाऊगा त दसरो क िलएबरकत का बाइस होगा 3 जो तझ बरकत दग उनहम भी बरकत दगा जो तझ पर लानत करगा उस पर

12 पदाइश 124ndash136म भी लानत करगा दिनया की तमाम क़ौम तझ सबरकत पाएगीrdquo

4 अबराम न रब की सनी और हारान स रवाना हआलत उस क साथ था उस वक़त अबराम 75 साल काथा 5 उस क साथ उस की बीवी सारय और उसका भतीजा लत थ वह अपन नौकर-चाकरो समतअपनी परी िमलिकयत भी साथ ल गया जो उस नहारान म हािसल की थी चलत चलत वह कनआनपहच 6 अबराम उस मलक म स गज़र कर िसकम कमक़ाम पर ठहर गया जहा मोिरह क बलत का दरख़तथा उस ज़मान म मलक म कनआनी क़ौम आबादथी

7 वहा रब अबराम पर ज़ािहर हआ और उस स कहाldquoम तरी औलाद को यह मलक दगाrdquo इस िलए उसन वहा रब की ताज़ीम म क़बारनगाह बनाई जहा वहउस पर ज़ािहर हआ था 8 वहा स वह उस पहाड़ीइलाक़ की तरफ़ गया जो बत-एल क मशिरक़ म हवहा उस न अपना ख़मा लगाया मग़िरब म बत-एलथा और मशिरक़ म अई इस जगह पर भी उस न रबकी ताज़ीम म क़बारनगाह बनाई और रब का नाम लकर इबादत की

9 िफर अबराम दबारा रवाना हो कर जनब क दशत-ए-नजब की तरफ़ चल पड़ा

अबराम िमसर म10 उन िदनो म मलक-ए-कनआन म काल पड़ा

काल इतना सख़त था िक अबराम उस स बचन कीख़ाितर कछ दर क िलए िमसर म जा बसा लिकनपरदसी की हिसयत स 11 जब वह िमसर की सरहदक क़रीब आए तो उस न अपनी बीवी सारय स कहाldquoम जानता ह िक त िकतनी ख़बसरत ह 12 िमसरीतझ दखग िफर कहग lsquoयह इस का शौहर हrsquo नतीजम वह मझ मार डालग और तझ िज़नदा छोड़ग13 इस िलए लोगो स यह कहत रहना िक म अबरामकी बहन ह िफर मर साथ अचछा सलक िकयाजाएगा और मरी जान तर सबब स बच जाएगीrdquo

14 जब अबराम िमसर पहचा तो वाक़ई िमिसरयो नदखा िक सारय िनहायत ही ख़बसरत ह 15 औरजब िफ़रऔन क अफ़सरान न उस दखा तो उनहोन िफ़रऔन क सामन सारय की तारीफ़ कीआिख़रकार उस महल म पहचाया गया 16 िफ़रऔनन सारय की ख़ाितर अबराम पर एहसान करक उसभड़-बकिरया गाय-बल गध-गिधया नौकर-चाकरऔर ऊट िदए

17 लिकन रब न सारय क सबब स िफ़रऔन औरउस क घरान म सख़त िक़सम क अमराज़ फलाए18 आिख़रकार िफ़रऔन न अबराम को बला करकहा ldquoत न मर साथ कया िकया त न मझ कय नही बताया िक सारय तरी बीवी ह 19 त न कय कहा िक वह मरी बहन ह इस धोक की िबना परम न उस घर म रख िलया तािक उस स शादी करदख तरी बीवी हािज़र ह इस ल कर यहा स िनकलजाrdquo 20 िफर िफ़रऔन न अपन िसपािहयो को हकमिदया और उनहो न अबराम उस की बीवी और परीिमलिकयत को रख़सत करक मलक स रवाना करिदया

अबराम और लत अलग हो जात ह

13 1 अबराम अपनी बीवी लत और तमामजायदाद को साथ ल कर िमसर स िनकला

और कनआन क जनबी इलाक़ दशत-ए-नजब मवापस आया

2 अबराम िनहायत दौलतमनद हो गया था उस कपास बहत स मवशी और सोना-चादी थी 3 वहा सजगह-ब-जगह चलत हए वह आिख़रकार बत-एल सहो कर उस मक़ाम तक पहच गया जहा उस न शर मअपना डरा लगाया था और जो बत-एल और अई कदरिमयान था 4 वहा जहा उस न क़बारनगाह बनाईथी उस न रब का नाम ल कर उस की इबादत की

5 लत क पास भी बहत सी भड़-बकिरया गाय-बलऔर ख़म थ 6 नतीजा यह िनकला िक आिख़रकारवह िमल कर न रह सक कयिक इतनी जगह नही

पदाइश 137ndash1410 13थी िक दोनो क रवड़ एक ही जगह पर चर सक7 अबराम और लत क चरवाह आपस म झगड़न लग(उस ज़मान म कनआनी और फ़िरज़ज़ी भी मलक मआबाद थ) 8 तब अबराम न लत स बात की ldquoऐसानही होना चािहए िक तर और मर दरिमयान झगड़ाहो या तर चरवाहो और मर चरवाहो क दरिमयानहम तो भाई ह 9 कया ज़ररत ह िक हम िमल कररह जबिक त आसानी स इस मलक की िकसी औरजगह रह सकता ह बहतर ह िक त मझ स अलगहो कर कही और रह अगर त बाए हाथ जाए तो मदाए हाथ जाऊगा और अगर त दाए हाथ जाए तो मबाए हाथ जाऊगाrdquo

10 लत न अपनी नज़र उठा कर दखा िक दरया-ए-यदरन क पर इलाक़ म ज़ग़र तक पानी की कसरत हवह रब क बाग़ या मलक-ए-िमसर की मािननद थाकयिक उस वक़त रब न सदम और अमरा को तबाहनही िकया था 11 चनाच लत न दरया-ए-यदरन कपर इलाक़ को चन िलया और मशिरक़ की तरफ़ जाबसा य दोनो िरशतदार एक दसर स जदा हो गए12 अबराम मलक-ए-कनआन म रहा जबिक लत यदरनक इलाक़ क शहरो क दरिमयान आबाद हो गयावहा उस न अपन ख़म सदम क क़रीब लगा िदए13 लिकन सदम क बािशनद िनहायत शरीर थ औरउन क रब क िख़लाफ़ गनाह िनहायत मकरह थ

रब का अबराम क साथ दबारा वादा14 लत अबराम स जदा हआ तो रब न अबराम

स कहा ldquoअपनी नज़र उठा कर चारो तरफ़ यानीिशमाल जनब मशिरक़ और मग़िरब की तरफ़ दख15 जो भी ज़मीन तझ नज़र आए उस म तझ औरतरी औलाद को हमशा क िलए दता ह 16 म तरीऔलाद को ख़ाक की तरह बशमार होन दगा िजसतरह ख़ाक क ज़रर िगन नही जा सकत उसी तरह तरीऔलाद भी िगनी नही जा सकगी 17 चनाच उठ करइस मलक की हर जगह चल िफर कयिक म इस तझदता हrdquo

18 अबराम रवाना हआ चलत चलत उस न अपनडर हबरन क क़रीब ममर क दरख़तो क पास लगाएवहा उस न रब की ताज़ीम म क़बारनगाह बनाई

अबराम लत को छड़ाता ह

14 1 कनआन म जग हई बरन-ए-मलकक चार बादशाहो न कनआन क पाच

बादशाहो स जग की बरन-ए-मलक क बादशाह यहथ िसनआर स अमरािफ़ल इललासर स अयरक ऐलामस िकदलारउमर और जोइम स ितदआल 2 कनआनक बादशाह यह थ सदम स िबरा अमरा स िबशारअदमा स िसनयाब ज़बोईम स िशमबर और बालायानी ज़ग़र का बादशाह

3 कनआन क इन पाच बादशाहो का इिततहाद हआथा और वह वादी-य-िसददीम म जमा हए थ (अबिसददीम नही ह कयिक उस की जगह बहीरा-ए-मदाररआ गया ह) 4 िकदलारउमर न बारह साल तक उनपर हकमत की थी लिकन तरहव साल वह बाग़ी होगए थ

5 अब एक साल क बाद िकदलारउमर और उस कइिततहादी अपनी फ़ौजो क साथ आए पहल उनहो नअसतारात-क़न रम म रफ़ाइयो को हाम म ज़िज़यो कोसवी-िक़यरताइम म ऐिमयो को 6 और होिरयो को उनक पहाड़ी इलाक़ सईर म िशकसत दी य वह एल-फ़ारान तक पहच गए जो रिगसतान क िकनार परह 7 िफर वह वापस आए और ऐन-िमसफ़ात यानीक़ािदस पहच उनहो न अमालीिक़यो क पर इलाक़को तबाह कर िदया और हससन-तमर म आबादअमोिरयो को भी िशकसत दी

8 उस वक़त सदम अमरा अदमा ज़बोईम औरबाला यानी ज़ग़र क बादशाह उन स लड़न क िलएिसददीम की वादी म जमा हए 9 इन पाच बादशाहो नऐलाम क बादशाह िकदलारउमर जोइम क बादशाहितदआल िसनआर क बादशाह अमरािफ़ल औरइललासर क बादशाह अयरक का मक़ाबला िकया10 इस वादी म तारकोल क मतअिददद गढ़ थ जब

14 पदाइश 1411ndash158बाग़ी बादशाह िशकसत खा कर भागन लग तो सदमऔर अमरा क बादशाह इन गढ़ो म िगर गए जबिकबाक़ी तीन बादशाह बच कर पहाड़ी इलाक़ म फ़रारहए 11 फ़तहमनद बादशाह सदम और अमरा कातमाम माल तमाम खान वाली चीज़ो समत लट करवापस चल िदए 12 अबराम का भतीजा लत सदम मरहता था इस िलए वह उस भी उस की िमलिकयतसमत छीन कर साथ ल गए

13 लिकन एक आदमी न जो बच िनकला था इबरानीमदर अबराम क पास आ कर उस सब कछ बता िदयाउस वक़त वह ममर क दरख़तो क पास आबाद था ममरअमोरी था वह और उस क भाई इसकाल और आनरअबराम क इिततहादी थ 14 जब अबराम को पता चलािक भतीज को िगिरफ़तार कर िलया गया ह तो उस नअपन घर म पदा हए तमाम जगआज़मदा ग़लामो कोजमा करक दान तक दशमन का ताक़क़ब िकया उसक साथ 318 अफ़राद थ 15 वहा उस न अपन बनदोको गरोहो म तक़सीम करक रात क वक़त दशमन परहमला िकया दशमन िशकसत खा कर भाग गया औरअबराम न दिमशक़ क िशमाल म वाक़ ख़बा तक उसका ताक़क़ब िकया 16 वह उन स लटा हआ तमाममाल वापस ल आया लत उस की जायदाद औरतऔर बाक़ी क़दी भी दशमन क क़बज़ स बच िनकल

मिलक-ए-िसदक़ सािलम का बादशाह17 जब अबराम िकदलारउमर और उस क इिततहािदयो

पर फ़तह पान क बाद वापस पहचा तो सदम काबादशाह उस स िमलन क िलए वादी-ए-सवी मआया (इस आजकल बादशाह की वादी कहा जाताह) 18 सािलम का बादशाह मिलक-ए-िसदक़ भीवहा पहचा वह अपन साथ रोटी और म ल आयामिलक-ए-िसदक़ अललाह तआला का इमाम था19 उस न अबराम को बरकत द कर कहा ldquoअबरामपर अललाह तआला की बरकत हो जो आसमान-ओ-ज़मीन का ख़ािलक़ ह 20 अललाह तआला मबारक

हो िजस न तर दशमनो को तर हाथ म कर िदया हrdquoअबराम न उस तमाम माल का दसवा िहससा िदया

21 सदम क बादशाह न अबराम स कहा ldquoमझ मरलोग वापस कर द और बाक़ी चीज़ अपन पास रखलrdquo 22 लिकन अबराम न उस स कहा ldquoम न रब सक़सम खाई ह अललाह तआला स जो आसमान-ओ-ज़मीन का ख़ािलक़ ह 23 िक म उस म स कछ नहीलगा जो आप का ह चाह वह धागा या जती कातसमा ही कय न हो ऐसा न हो िक आप कह lsquoमन अबराम को दौलतमनद बना िदया हrsquo 24 िसवाएउस खान क जो मर आदिमयो न रासत म खाया हम कछ क़बल नही करगा लिकन मर इिततहादीआनर इसकाल और ममर ज़रर अपना अपना िहससालrdquo

अबराम क साथ रब का अहद

15 1 इस क बाद रब रोया म अबराम सहमकलाम हआ ldquoअबराम मत डर म ही

तरी िसपर ह म ही तरा बहत बड़ा अजर हrdquo2 लिकन अबराम न एितराज़ िकया ldquoऐ रब क़ािदर-

ए-मतलक़ त मझ कया दगा जबिक अभी तक मरहा कोई बचचा नही ह और इलीअज़र दिमशक़ी मरीमीरास पाएगा 3 त न मझ औलाद नही बख़शी इसिलए मर घरान का नौकर मरा वािरस होगाrdquo 4 तबअबराम को अललाह स एक और कलाम िमला ldquoयहआदमी इलीअज़र तरा वािरस नही होगा बिलक तराअपना ही बटा तरा वािरस होगाrdquo 5 रब न उस बाहरल जा कर कहा ldquoआसमान की तरफ़ दख औरिसतारो को िगनन की कोिशश कर तरी औलादइतनी ही बशमार होगीrdquo

6 अबराम न रब पर भरोसा रखा इस िबना परअललाह न उस रासतबाज़ क़रार िदया

7 िफर रब न उस स कहा ldquoम रब ह जो तझकिसदयो क ऊर स यहा ल आया तािक तझ यहमलक मीरास म द दrdquo 8 अबराम न पछा ldquoऐ रबक़ािदर-ए-मतलक़ म िकस तरह जानिक इस मलक

पदाइश 159ndash1611 15पर क़बज़ा करगाrdquo 9 जवाब म रब न कहा ldquoमरहज़र एक तीनसाला गाय एक तीनसाला बकरी औरएक तीनसाला मढा ल आ एक क़मरी और एककबतर का बचचा भी ल आनाrdquo 10 अबराम न ऐसाही िकया और िफर हर एक जानवर को दो िहससोम काट कर उन को एक दसर क आमन-सामन रखिदया लिकन पिरनदो को उस न सािलम रहन िदया11 िशकारी पिरनद उन पर उतरन लग लिकन अबरामउनह भगाता रहा

12 जब सरज डबन लगा तो अबराम पर गहरी नीदतारी हई उस पर दहशत और अधरा ही अधराछा गया 13 िफर रब न उस स कहा ldquoजान ल िकतरी औलाद ऐस मलक म रहगी जो उस का नहीहोगा वहा वह अजनबी और ग़लाम होगी औरउस पर 400 साल तक बहत ज़लम िकया जाएगा14 लिकन म उस क़ौम की अदालत करगा िजसन उस ग़लाम बनाया होगा इस क बाद वह बड़ीदौलत पा कर उस मलक स िनकलग 15 त ख़दउमररसीदा हो कर सलामती क साथ इिनतक़ाल करकअपन बापदादा स जा िमलगा और दफ़नाया जाएगा16 तरी औलाद की चौथी पशत ग़रवतन स वापसआएगी कयिक उस वक़त तक म अमोिरयो कोबदारशत करगा लिकन आिख़रकार उन क गनाहइतन सगीन हो जाएग िक म उनह मलक-ए-कनआनस िनकाल दगाrdquo

17 सरज ग़रब हआ अधरा छा गया अचानकएक धआदार तनर और एक भड़कती हई मशअलनज़र आई और जानवरो क दो दो टकड़ो क बीच मस गज़र

18 उस वक़त रब न अबराम क साथ अहद िकयाउस न कहा ldquoम यह मलक िमसर की सरहद स फ़राततक तरी औलाद को दगा 19 अगरच अभी तकइस म क़ीनी क़िनज़ज़ी कदमनी 20 िहतती फ़िरज़ज़ीरफ़ाई 21 अमोरी कनआनी िजजारसी और यबसीआबाद हrdquo

हािजरा और इसमाईल

16 1 अब तक अबराम की बीवी सारय क कोईबचचा नही हआ था लिकन उनहो न एक

िमसरी लौडी रखी थी िजस का नाम हािजरा था 2 औरएक िदन सारय न अबराम स कहा ldquoरब न मझ बचचपदा करन स महरम रखा ह इस िलए मरी लौडीक साथ हमिबसतर हो शायद मझ उस की मािरफ़तबचचा िमल जाएrdquo

अबराम न सारय की बात मान ली 3 चनाच सारयन अपनी िमसरी लौडी हािजरा को अपन शौहर अबरामको द िदया तािक वह उस की बीवी बन जाए उसवक़त अबराम को कनआन म बसत हए दस साल होगए थ 4 अबराम हािजरा स हमिबसतर हआ तो वहउममीद स हो गई जब हािजरा को यह मालम हआतो वह अपनी मािलकन को हक़ीर जानन लगी 5 तबसारय न अबराम स कहा ldquoजो ज़लम मझ पर िकयाजा रहा ह वह आप ही पर आए म न ख़द इस आपक बाज़ओ म द िदया था अब जब इस मालम हआह िक उममीद स ह तो मझ हक़ीर जानन लगी ह रबमर और आप क दरिमयान फ़सला करrdquo 6 अबरामन जवाब िदया ldquoदखो यह तमहारी लौडी ह औरतमहार इख़ितयार म ह जो तमहारा जी चाह उस कसाथ करोrdquo

इस पर सारय उस स इतना बरा सलक करन लगीिक हािजरा फ़रार हो गई 7 रब क फ़िरशत को हािजरारिगसतान क उस चशम क क़रीब िमली जो शर करासत पर ह 8 उस न कहा ldquoसारय की लौडी हािजरात कहा स आ रही ह और कहा जा रही हrdquo हािजरान जवाब िदया ldquoम अपनी मािलकन सारय स फ़रारहो रही हrdquo 9 रब क फ़िरशत न उस स कहा ldquoअपनीमािलकन क पास वापस चली जा और उस क ताबरह 10 म तरी औलाद इतनी बढ़ाऊगा िक उस िगनानही जा सकगाrdquo 11 रब क फ़िरशत न मज़ीद कहाldquoत उममीद स ह एक बटा पदा होगा उस का नामइसमाईल यानी lsquoअललाह सनता हrsquo रख कयिक रब न

16 पदाइश 1612ndash1720मसीबत म तरी आवाज़ सनी 12 वह जगली गध कीमािननद होगा उस का हाथ हर एक क िख़लाफ़ औरहर एक का हाथ उस क िख़लाफ़ होगा तो भी वहअपन तमाम भाइयो क सामन आबाद रहगाrdquo

13 रब क उस क साथ बात करन क बाद हािजरा नउस का नाम अतता-एल-रोई यानी lsquoत एक माबद ह जोमझ दखता हrsquo रखा उस न कहा ldquoकया म न वाक़ईउस क पीछ दखा ह िजस न मझ दखा हrdquo 14 इसिलए उस जगह क कए का नाम lsquoबर-लही-रोईrsquo यानीlsquoउस िज़नदा हसती का कआ जो मझ दखता हrsquo पड़गया वह क़ािदस और बरद क दरिमयान वाक़ ह

15 हािजरा वापस गई और उस क बटा पदा हआअबराम न उस का नाम इसमाईल रखा 16 उस वक़तअबराम 86 साल का था

अहद का िनशान ख़तना

17 1 जब अबराम 99 साल का था तो रबउस पर ज़ािहर हआ उस न कहा ldquoम

अललाह क़ािदर-ए-मतलक़ ह मर हज़र चलता रहऔर बइलज़ाम हो 2 म तर साथ अपना अहद बाधगाऔर तरी औलाद को बहत ही ज़यादा बढ़ा दगाrdquo

3 अबराम मह क बल िगर गया और अललाह न उसस कहा 4 ldquoमरा तर साथ अहद ह िक त बहत क़ौमोका बाप होगा 5 अब स त अबराम यानी lsquoअज़ीमबापrsquo नही कहलाएगा बिलक तरा नाम इबराहीम यानीlsquoबहत क़ौमो का बापrsquo होगा कयिक म न तझ बहतक़ौमो का बाप बना िदया ह 6 म तझ बहत ही ज़यादाऔलाद बख़श दगा इतनी िक क़ौम बनगी तझ सबादशाह भी िनकलग 7 म अपना अहद तर औरतरी औलाद क साथ नसल-दर-नसल क़ाइम करगाएक अबदी अहद िजस क मतािबक़ म तरा औरतरी औलाद का ख़दा हगा 8 त इस वक़त मलक-ए-कनआन म परदसी ह लिकन म इस पर मलक कोतझ और तरी औलाद को दता ह यह हमशा तकउन का ही रहगा और म उन का ख़दा हगाrdquo

9 अललाह न इबराहीम स यह भी कहा ldquoतझ औरतरी औलाद को नसल-दर-नसल मर अहद की शराइतपरी करनी ह 10 इस की एक शतर यह ह िक हर एकमदर का ख़तना िकया जाए 11 अपना ख़तना कराओयह हमार आपस क अहद का ज़ािहरी िनशान होगा12 लािज़म ह िक त और तरी औलाद नसल-दर-नसलअपन हर एक बट का आठव िदन ख़तना करवाएयह उसल उस पर भी लाग ह जो तर घर म रहताह लिकन तझ स िरशता नही रखता चाह वह घर मपदा हआ हो या िकसी अजनबी स ख़रीदा गया हो13 घर क हर एक मदर का ख़तना करना लािज़म हख़वाह वह घर म पदा हआ हो या िकसी अजनबी सख़रीदा गया हो यह इस बात का िनशान होगा िकमरा तर साथ अहद हमशा तक क़ाइम रहगा 14 िजसमदर का ख़तना न िकया गया उस उस की क़ौम म सिमटाया जाएगा कयिक उस न मर अहद की शराइतपरी न कीrdquo

15 अललाह न इबराहीम स यह भी कहा ldquoअपनी बीवीसारय का नाम भी बदल दना अब स उस का नामसारय नही बिलक सारा यानी शहज़ादी होगा 16 मउस बरकत बख़शगा और तझ उस की मािरफ़त बटादगा म उस यहा तक बरकत दगा िक उस स क़ौमबिलक क़ौमो क बादशाह िनकलगrdquo

17 इबराहीम मह क बल िगर गया लिकन िदल हीिदल म वह हस पड़ा और सोचा ldquoयह िकस तरह होसकता ह म तो 100 साल का ह ऐस आदमी क हा बचचा िकस तरह पदा हो सकता ह और सारा जसीउमररसीदा औरत क बचचा िकस तरह पदा हो सकताह उस की उमर तो 90 साल हrdquo 18 उस न अललाह सकहा ldquoहा इसमाईल ही तर सामन जीता रहrdquo

19 अललाह न कहा ldquoनही तरी बीवी सारा क हा बटापदा होगा त उस का नाम इसहाक़ यानी lsquoवह हसताहrsquo रखना म उस क और उस की औलाद क साथअबदी अहद बाधगा 20 म इसमाईल क िसलिसलम भी तरी दरख़वासत परी करगा म उस भी बरकतद कर फलन फलन दगा और उस की औलाद बहत

पदाइश 1721ndash1817 17ही ज़यादा बढ़ा दगा वह बारह रईसो का बाप होगाऔर म उस की मािरफ़त एक बड़ी क़ौम बनाऊगा21 लिकन मरा अहद इसहाक़ क साथ होगा जो ऐनएक साल क बाद सारा क हा पदा होगाrdquo

22 अललाह की इबराहीम क साथ बात ख़तम हई औरवह उस क पास स आसमान पर चला गया

23 उसी िदन इबराहीम न अललाह का हकम परा िकयाउस न घर क हर एक मदर का ख़तना करवाया अपनबट इसमाईल का भी और उन का भी जो उस क घरम रहत लिकन उस स िरशता नही रखत थ चाह वहउस क घर म पदा हए थ या ख़रीद गए थ 24 इबराहीम99 साल का था जब उस का ख़तना हआ 25 जबिकउस का बटा इसमाईल 13 साल का था 26 दोनो काख़तना उसी िदन हआ 27 साथ साथ घरान क तमामबाक़ी मदोर का ख़तना भी हआ बशमल उन क िजनका इबराहीम क साथ िरशता नही था चाह वह घर मपदा हए या िकसी अजनबी स ख़रीद गए थ

ममर म इबराहीम क तीन महमान

18 1 एक िदन रब ममर क दरख़तो क पासइबराहीम पर ज़ािहर हआ इबराहीम अपन

ख़म क दरवाज़ पर बठा था िदन की गमीर उरज परथी 2 अचानक उस न दखा िक तीन मदर मर सामनखड़ ह उनह दखत ही वह ख़म स उन स िमलन किलए दौड़ा और मह क बल िगर कर िसजदा िकया3 उस न कहा ldquoमर आक़ा अगर मझ पर आप ककरम की नज़र ह तो आग न बढ़ बिलक कछ दरअपन बनद क घर ठहर 4 अगर इजाज़त हो तो मकछ पानी ल आऊ तािक आप अपन पाओ धो करदरख़त क साय म आराम कर सक 5 साथ साथ मआप क िलए थोड़ा बहत खाना भी ल आऊ तािकआप तक़िवयत पा कर आग बढ़ सक मझ यह करनद कयिक आप अपन ख़ािदम क घर आ गए हrdquoउनहो न कहा ldquoठीक ह जो कछ त न कहा ह वहकरrdquo

6 इबराहीम ख़म की तरफ़ दौड़ कर सारा क पासआया और कहा ldquoजलदी करो 16 िकलोगरामबहतरीन मदा ल और उस गध कर रोिटया बनाrdquo7 िफर वह भाग कर बलो क पास पहचा उन म सउस न एक मोटा-ताज़ा बछड़ा चन िलया िजस कागोशत नमर था और उस अपन नौकर को िदया िजसन जलदी स उस तययार िकया 8 जब खाना तययारथा तो इबराहीम न उस ल कर लससी और दध कसाथ अपन महमानो क आग रख िदया वह खानलग और इबराहीम उन क सामन दरख़त क साय मखड़ा रहा

9 उनहो न पछा ldquoतरी बीवी सारा कहा हrdquo उसन जवाब िदया ldquoख़म मrdquo 10 रब न कहा ldquoऐन एकसाल क बाद म वापस आऊगा तो तरी बीवी साराक बटा होगाrdquo

सारा यह बात सन रही थी कयिक वह उस क पीछख़म क दरवाज़ क पास थी 11 दोनो िमया-बीवी बढ़हो चक थ और सारा उस उमर स गज़र चकी थी िजसम औरतो क बचच पदा होत ह 12 इस िलए साराअनदर ही अनदर हस पड़ी और सोचा ldquoयह कसहो सकता ह कया जब म बढ़ाप क बाइस िघस फटिलबास की मािननद ह तो जवानी क जोबन का लतफ़उठाऊ और मरा शौहर भी बढ़ा हrdquo

13 रब न इबराहीम स पछा ldquoसारा कय हस रही हवह कय कह रही ह lsquoकया वाक़ई मर हा बचचा पदाहोगा जबिक म इतनी उमररसीदा हrsquo 14 कया रब किलए कोई काम नाममिकन ह एक साल क बादमक़रररा वक़त पर म वापस आऊगा तो सारा क बटाहोगाrdquo 15 सारा डर गई उस न झट बोल कर इनकारिकया ldquoम नही हस रही थीrdquo

रब न कहा ldquoनही त ज़रर हस रही थीrdquo

इबराहीम सदम क िलए िमननत करता ह16 िफर महमान उठ कर रवाना हए और नीच वादी

म सदम की तरफ़ दखन लग इबराहीम उनह रख़सतकरन क िलए साथ साथ चल रहा था 17 रब न िदल

18 पदाइश 1818ndash195म कहा ldquoम इबराहीम स वह काम कय छपाए रख जोम करन क िलए जा रहा ह 18 इसी स तो एक बड़ीऔर ताक़तवर क़ौम िनकलगी और इसी स म दिनयाकी तमाम क़ौमो को बरकत दगा 19 उसी को म नचन िलया ह तािक वह अपनी औलाद और अपनबाद क घरान को हकम द िक वह रब की राह परचल कर रासत और मिनसफ़ाना काम कर कयिकअगर वह ऐसा कर तो रब इबराहीम क साथ अपनावादा परा करगाrdquo

20 िफर रब न कहा ldquoसदम और अमरा की बदी कबाइस लोगो की आह बलनद हो रही ह कयिक उन सबहत सगीन गनाह सरज़द हो रह ह 21 म उतर करउन क पास जा रहा ह तािक दख िक यह इलज़ामवाक़ई सच ह जो मझ तक पहच ह अगर ऐसा नहीह तो म यह जानना चाहता हrdquo

22 दसर दो आदमी सदम की तरफ़ आग िनकलजबिक रब कछ दर क िलए वहा ठहरा रहा औरइबराहीम उस क सामन खड़ा रहा 23 िफर उस नक़रीब आ कर उस स बात की ldquoकया त रासतबाज़ोको भी शरीरो क साथ तबाह कर दगा 24 हो सकताह िक शहर म 50 रासतबाज़ हो कया त िफर भीशहर को बबारद कर दगा और उस उन 50 क सबबस मआफ़ नही करगा 25 यह कस हो सकता ह िकत बक़सरो को शरीरो क साथ हलाक कर द यहतो नाममिकन ह िक त नक और शरीर लोगो स एकजसा सलक कर कया लािज़म नही िक परी दिनयाका मिनसफ़ इनसाफ़ करrdquo

26 रब न जवाब िदया ldquoअगर मझ शहर म 50रासतबाज़ िमल जाए तो उन क सबब स तमाम कोमआफ़ कर दगाrdquo

27 इबराहीम न कहा ldquoम मआफ़ी चाहता ह िक म नरब स बात करन की जरअत की ह अगरच म ख़ाकऔर राख ही ह 28 लिकन हो सकता ह िक िसफ़र 45रासतबाज़ उस म हो कया त िफर भी उन पाच लोगोकी कमी क सबब स पर शहर को तबाह करगाrdquo

उस न कहा ldquoअगर मझ 45 भी िमल जाए तो उसबबारद नही करगाrdquo

29 इबराहीम न अपनी बात जारी रखी ldquoऔर अगरिसफ़र 40 नक लोग हो तोrdquo रब न कहा ldquoम उन 40क सबब स उनह छोड़ दगाrdquo

30 इबराहीम न कहा ldquoरब ग़ससा न कर िक म एकदफ़ा और बात कर शायद वहा िसफ़र 30 होrdquo उसन जवाब िदया ldquoिफर भी उनह छोड़ दगाrdquo

31 इबराहीम न कहा ldquoम मआफ़ी चाहता ह िक म नरब स बात करन की जरअत की ह अगर िसफ़र 20पाए जाएrdquo रब न कहा ldquoम 20 क सबब स शहरको बबारद करन स बाज़ रहगाrdquo

32 इबराहीम न एक आिख़री दफ़ा बात की ldquoरबग़ससा न कर अगर म एक और बार बात कर शायदउस म िसफ़र 10 पाए जाएrdquo रब न कहा ldquoम उस उन10 लोगो क सबब स भी बबारद नही करगाrdquo

33 इन बातो क बाद रब चला गया और इबराहीमअपन घर को लौट आया

सदम और अमरा की तबाही

19 1 शाम क वक़त यह दो फ़िरशत सदम पहचलत शहर क दरवाज़ पर बठा था जब उस

न उनह दखा तो खड़ हो कर उन स िमलन गया औरमह क बल िगर कर िसजदा िकया 2 उस न कहाldquoसािहबो अपन बनद क घर तशरीफ़ लाए तािक अपनपाओ धो कर रात को ठहर और िफर कल सबह-सवर उठ कर अपना सफ़र जारी रखrdquo उनहो न कहाldquoकोई बात नही हम चौक म रात गज़ारगrdquo 3 लिकनलत न उनह बहत मजबर िकया और आिख़रकार वहउस क साथ उस क घर आए उस न उन क िलएखाना पकाया और बख़मीरी रोटी बनाई िफर उनहोन खाना खाया

4 वह अभी सोन क िलए लट नही थ िक शहर कजवानो स ल कर बढ़ो तक तमाम मदोर न लत कघर को घर िलया 5 उनहो न आवाज़ द कर लत सकहा ldquoवह आदमी कहा ह जो रात क वक़त तर पास

पदाइश 196ndash29 19आए उन को बाहर ल आ तािक हम उन क साथहरामकारी करrdquo

6 लत उन स िमलन बाहर गया उस न अपन पीछदरवाज़ा बनद कर िलया 7 और कहा ldquoमर भाइयोऐसा मत करो ऐसी बदकारी न करो 8 दखो मरीदो कवारी बिटया ह उनह म तमहार पास बाहर लआता ह िफर जो जी चाह उन क साथ करो लिकनइन आदिमयो को छोड़ दो कयिक वह मर महमानहrdquo

9 उनहो न कहा ldquoरासत स हट जा दखो यह शख़सजब हमार पास आया था तो अजनबी था और अबयह हम पर हािकम बनना चाहता ह अब तर साथउन स ज़यादा बरा सलक करगrdquo वह उस मजबरकरत करत दरवाज़ को तोड़न क िलए आग बढ़10 लिकन ऐन वक़त पर अनदर क आदमी लत कोपकड़ कर अनदर ल आए िफर दरवाज़ा दबारा बनदकर िदया 11 उनहो न छोटो स ल कर बड़ो तक बाहरक तमाम आदिमयो को अधा कर िदया और वहदरवाज़ को ढडत ढडत थक गए

12 दोनो आदिमयो न लत स कहा ldquoकया तरा कोईऔर िरशतदार इस शहर म रहता ह मसलन कोईदामाद या बटा-बटी सब को साथ ल कर यहा सचला जा 13 कयिक हम यह मक़ाम तबाह करन कोह इस क बािशनदो की बदी क बाइस लोगो कीआह बलनद हो कर रब क हज़र पहच गई ह इसिलए उस न हम इस को तबाह करन क िलए भजाहrdquo

14 लत घर स िनकला और अपन दामादो स बातकी िजन का उस की बिटयो क साथ िरशता हो चकाथा उस न कहा ldquoजलदी करो इस जगह स िनकलोकयिक रब इस शहर को तबाह करन को हrdquo लिकनउस क दामादो न इस मज़ाक़ ही समझा

15 जब पौ फटन लगी तो दोनो आदिमयो न लतको बहत समझाया और कहा ldquoजलदी कर अपनीबीवी और दोनो बिटयो को साथ ल कर चला जावनार जब शहर को सज़ा दी जाएगी तो त भी हलाक हो

जाएगाrdquo 16 तो भी वह िझजकता रहा आिख़रकारदोनो न लत उस की बीवी और बिटयो क हाथपकड़ कर उनह शहर क बाहर तक पहचा िदयाकयिक रब को लत पर तरस आता था

17 ज ही वह उनह बाहर ल आए उन म स एक नकहा ldquoअपनी जान बचा कर चला जा पीछ मड़ करन दखना मदान म कही न ठहरना बिलक पहाड़ो म पनाह लना वनार त हलाक हो जाएगाrdquo

18 लिकन लत न उन स कहा ldquoनही मर आक़ा ऐसान हो 19 तर बनद को तरी नज़र-ए-करम हािसल हईह और त न मरी जान बचान म बहत महरबानी करिदखाई ह लिकन म पहाड़ो म पनाह नही ल सकतावहा पहचन स पहल यह मसीबत मझ पर आन पड़गीऔर म हलाक हो जाऊगा 20 दख क़रीब ही एकछोटा क़सबा ह वह इतना नज़दीक ह िक म उसतरफ़ िहजरत कर सकता ह मझ वहा पनाह लन दवह छोटा ही ह ना िफर मरी जान बचगीrdquo

21 उस न कहा ldquoचलो ठीक ह तरी यह दरख़वासतभी मनज़र ह म यह क़सबा तबाह नही करगा22 लिकन भाग कर वहा पनाह ल कयिक जब तकत वहा पहच न जाए म कछ नही कर सकताrdquo इसिलए क़सब का नाम ज़ग़र यानी छोटा ह

23 जब लत ज़ग़र पहचा तो सरज िनकला हआ था24 तब रब न आसमान स सदम और अमरा पर गधकऔर आग बरसाई 25 य उस न उस पर मदान को उसक शहरो बािशनदो और तमाम हिरयाली समत तबाहकर िदया 26 लिकन फ़रार होत वक़त लत की बीवीन पीछ मड़ कर दखा तो वह फ़ौरन नमक का सतनबन गई

27 इबराहीम सबह-सवर उठ कर उस जगह वापसआया जहा वह कल रब क सामन खड़ा हआ था28 जब उस न नीच सदम अमरा और परी वादी कीतरफ़ नज़र की तो वहा स भटट का सा धआ उठ रहाथा

29 य अललाह न इबराहीम को याद िकया जब उसन उस मदान क शहर तबाह िकए कयिक वह उनह

20 पदाइश 1930ndash2012तबाह करन स पहल लत को जो उन म आबाद थावहा स िनकाल लाया

लत और उस की बिटया 30 लत और उस की बिटया ज़यादा दर तक ज़ग़र

म न ठहर वह रवाना हो कर पहाड़ो म आबाद हएकयिक लत ज़ग़र म रहन स डरता था वहा उनहो नएक ग़ार को अपना घर बना िलया

31 एक िदन बड़ी बटी न छोटी स कहा ldquoअबब बढ़ाह और यहा कोई मदर ह नही िजस क ज़रीए हमार बचचपदा हो सक 32 आओ हम अबब को म िपलाए जबवह नश म धत हो तो हम उस क साथ हमिबसतर होकर अपन िलए औलाद पदा कर तािक हमारी नसलक़ाइम रहrdquo

33 उस रात उनहो न अपन बाप को म िपलाई जबवह नश म था तो बड़ी बटी अनदर जा कर उस कसाथ हमिबसतर हई चिक लत होश म नही था इसिलए उस कछ भी मालम न हआ 34 अगल िदन बड़ीबहन न छोटी बहन स कहा ldquoिपछली रात म अबबस हमिबसतर हई आओ आज रात को हम उसदबारा म िपलाए जब वह नश म धत हो तो तमउस क साथ हमिबसतर हो कर अपन िलए औलादपदा करना तािक हमारी नसल क़ाइम रहrdquo 35 चनाचउनहो न उस रात भी अपन बाप को म िपलाई जबवह नश म था तो छोटी बटी उठ कर उस क साथहमिबसतर हई इस बार भी वह होश म नही था इसिलए उस कछ भी मालम न हआ

36 य लत की बिटया अपन बाप स उममीद सहई 37 बड़ी बटी क हा बटा पदा हआ उस न उसका नाम मोआब रखा उस स मोआबी िनकल ह38 छोटी बटी क हा भी बटा पदा हआ उस न उसका नाम िबन-अममी रखा उस स अममोनी िनकल ह

इबराहीम और अबीमिलक

20 1 इबराहीम वहा स जनब की तरफ़ दशत-ए-नजब म चला गया और क़ािदस और शर

क दरिमयान जा बसा कछ दर क िलए वह िजरार मठहरा लिकन अजनबी की हिसयत स 2 वहा उसन लोगो को बताया ldquoसारा मरी बहन हrdquo इस िलएिजरार क बादशाह अबीमिलक न िकसी को िभजवािदया िक उस महल म ल आए

3 लिकन रात क वक़त अललाह ख़वाब म अबीमिलकपर ज़ािहर हआ और कहा ldquoमौत तर सर पर खड़ीह कयिक जो औरत त अपन घर ल आया ह वहशादीशदा हrdquo

4 असल म अबीमिलक अभी तक सारा क क़रीबनही गया था उस न कहा ldquoमर आक़ा कया त एकबक़सर क़ौम को भी हलाक करगा 5 कया इबराहीमन मझ स नही कहा था िक सारा मरी बहन ह औरसारा न उस की हा म हा िमलाई मरी नीयत अचछीथी और म न ग़लत काम नही िकयाrdquo 6 अललाह नकहा ldquoहा म जानता ह िक इस म तरी नीयत अचछीथी इस िलए म न तझ मरा गनाह करन और उस छनस रोक िदया 7 अब उस औरत को उस क शौहरको वापस कर द कयिक वह नबी ह और तर िलएदआ करगा िफर त नही मरगा लिकन अगर त उसवापस नही करगा तो जान ल िक तरी और तर लोगोकी मौत यक़ीनी हrdquo

8 अबीमिलक न सबह-सवर उठ कर अपन तमामकािरनदो को यह सब कछ बताया यह सन कर उनपर दहशत छा गई 9 िफर अबीमिलक न इबराहीमको बला कर कहा ldquoआप न हमार साथ कया िकयाह म न आप क साथ कया ग़लत काम िकया िकआप न मझ और मरी सलतनत को इतन सगीन जमरम फसा िदया ह जो सलक आप न हमार साथ करिदखाया ह वह िकसी भी शख़स क साथ नही करनाचािहए 10 आप न यह कय िकयाrdquo

11 इबराहीम न जवाब िदया ldquoम न अपन िदल मकहा िक यहा क लोग अललाह का ख़ौफ़ नही रखतहोग इस िलए वह मरी बीवी को हािसल करन किलए मझ क़तल कर दग 12 हक़ीक़त म वह मरी बहनभी ह वह मर बाप की बटी ह अगरच उस की और

पदाइश 2013ndash2119 21मरी मा फ़क़र ह य म उस स शादी कर सका 13 िफरजब अललाह न होन िदया िक म अपन बाप क घरानस िनकल कर इधर उधर िफरतो म न अपनी बीवीस कहा lsquoमझ पर यह महरबानी कर िक जहा भी हमजाए मर बार म कह दना िक वह मरा भाई हrsquordquo

14 िफर अबीमिलक न इबराहीम को भड़-बकिरयागाय-बल ग़लाम और लौिडया द कर उस की बीवीसारा को उस वापस कर िदया 15 उस न कहा ldquoमरामलक आप क िलए खला ह जहा जी चाह उस म जाबसrdquo 16 सारा स उस न कहा ldquoम आप क भाई कोचादी क हज़ार िसकक दता ह इस स आप और आपक लोगो क सामन आप क साथ िकए गए नारवासलक का इज़ाला हो और आप को बक़सर क़रारिदया जाएrdquo

17ndash18 तब इबराहीम न अललाह स दआ की औरअललाह न अबीमिलक उस की बीवी और उस कीलौिडयो को िशफ़ा दी कयिक रब न अबीमिलक कघरान की तमाम औरतो को सारा क सबब स बाझबना िदया था लिकन अब उन क हा दबारा बचचपदा होन लग

इसहाक़ की पदाइश

21 1 तब रब न सारा क साथ वसा ही िकयाजसा उस न फ़रमाया था जो वादा उस न

सारा क बार म िकया था उस उस न परा िकया 2 वहहािमला हई और बटा पदा हआ ऐन उस वक़त बढ़इबराहीम क हा बटा पदा हआ जो अललाह न मक़रररकरक उस बताया था

3 इबराहीम न अपन इस बट का नाम इसहाक़ यानीlsquoवह हसता हrsquo रखा 4 जब इसहाक़ आठ िदन काथा तो इबराहीम न उस का ख़तना कराया िजस तरहअललाह न उस हकम िदया था 5 जब इसहाक़ पदाहआ उस वक़त इबराहीम 100 साल का था 6 सारान कहा ldquoअललाह न मझ हसाया और हर कोई जोमर बार म यह सनगा हसगा 7 इस स पहल कौनइबराहीम स यह कहन की जरअत कर सकता था िक

सारा अपन बचचो को दध िपलाएगी और अब मरहा बटा पदा हआ ह अगरच इबराहीम बढ़ा हो गयाहrdquo

8 इसहाक़ बड़ा होता गया जब उस का दध छड़ायागया तो इबराहीम न उस क िलए बड़ी िज़याफ़त की

इबराहीम हािजरा और इसमाईल को िनकाल दता ह9 एक िदन सारा न दखा िक िमसरी लौडी हािजरा

का बटा इसमाईल इसहाक़ का मज़ाक़ उड़ा रहा ह10 उस न इबराहीम स कहा ldquoइस लौडी और उस कबट को घर स िनकाल द कयिक वह मर बट इसहाक़क साथ मीरास नही पाएगाrdquo

11 इबराहीम को यह बात बहत बरी लगी आिख़रइसमाईल भी उस का बटा था 12 लिकन अललाह नउस स कहा ldquoजो बात सारा न अपनी लौडी औरउस क बट क बार म कही ह वह तझ बरी न लगसारा की बात मान ल कयिक तरी नसल इसहाक़ हीस क़ाइम रहगी 13 लिकन म इसमाईल स भी एकक़ौम बनाऊगा कयिक वह तरा बटा हrdquo

14 इबराहीम सबह-सवर उठा उस न रोटी और पानीकी मशक हािजरा क कधो पर रख कर उस लड़क कसाथ घर स िनकाल िदया हािजरा चलत चलत बर-सबा क रिगसतान म इधर उधर िफरन लगी 15 िफरपानी ख़तम हो गया हािजरा लड़क को िकसी झाड़ीक नीच छोड़ कर 16 कोई 300 फ़ट दर बठ गईकयिक उस न िदल म कहा ldquoम उस मरत नही दखसकतीrdquo वह वहा बठ कर रोन लगी

17 लिकन अललाह न बट की रोती हई आवाज़ सनली अललाह क फ़िरशत न आसमान पर स पकार करहािजरा स बात की ldquoहािजरा कया बात ह मत डरकयिक अललाह न लड़क का जो वहा पड़ा ह रोना सनिलया ह 18 उठ लड़क को उठा कर उस का हाथथाम ल कयिक म उस स एक बड़ी क़ौम बनाऊगाrdquo

19 िफर अललाह न हािजरा की आख खोल दी औरउस की नज़र एक कए पर पड़ी वह वहा गई औरमशक को पानी स भर कर लड़क को िपलाया

22 पदाइश 2120ndash221120 अललाह लड़क क साथ था वह जवान हआ और

तीरअनदाज़ बन कर बयाबान म रहन लगा 21 जबवह फ़ारान क रिगसतान म रहता था तो उस की मा न उस एक िमसरी औरत स बयाह िदया

अबीमिलक क साथ अहद22 उन िदनो म अबीमिलक और उस क

िसपाहसालार फ़ीकल न इबराहीम स कहा ldquoजो कछभी आप करत ह अललाह आप क साथ ह 23 अब मझस अललाह की क़सम खाए िक आप मझ और मरीआल-ओ-औलाद को धोका नही दग मझ पर औरइस मलक पर िजस म आप परदसी ह वही महरबानीकर जो म न आप पर की हrdquo

24 इबराहीम न जवाब िदया ldquoम क़सम खाता हrdquo25 िफर उस न अबीमिलक स िशकायत करत हएकहा ldquoआप क बनदो न हमार एक कए पर क़बज़ाकर िलया हrdquo 26 अबीमिलक न कहा ldquoमझ नहीमालम िक िकस न ऐसा िकया ह आप न भी मझनही बताया आज म पहली दफ़ा यह बात सन रहाहrdquo

27 तब इबराहीम न अबीमिलक को भड़-बकिरया और गाय-बल िदए और दोनो न एक दसर क साथअहद बाधा 28 िफर इबराहीम न भड़ क सात मादाबचचो को अलग कर िलया 29 अबीमिलक न पछाldquoआप न यह कय िकयाrdquo 30 इबराहीम न जवाब िदयाldquoभड़ क इन सात बचचो को मझ स ल ल यह इस कगवाह हो िक म न इस कए को खोदा हrdquo 31 इस िलएउस जगह का नाम बर-सबा यानी lsquoक़सम का कआrsquoरखा गया कयिक वहा उन दोनो मदोर न क़सम खाई

32 य उनहो न बर-सबा म एक दसर स अहद बाधािफर अबीमिलक और फ़ीकल िफ़िलिसतयो क मलकवापस चल गए 33 इस क बाद इबराहीम न बर-सबाम झाओ का दरख़त लगाया वहा उस न रब कानाम ल कर उस की इबादत की जो अबदी ख़दा ह34 इबराहीम बहत अस र तक िफ़िलिसतयो क मलक मआबाद रहा लिकन अजनबी की हिसयत स

इबराहीम की आज़माइश

22 1 कछ असर क बाद अललाह न इबराहीमको आज़माया उस न उस स कहा

ldquoइबराहीमrdquo उस न जवाब िदया ldquoजी म हािज़रहrdquo 2 अललाह न कहा ldquoअपन इकलौत बट इसहाक़को िजस त पयार करता ह साथ ल कर मोिरयाहक इलाक़ म चला जा वहा म तझ एक पहाड़िदखाऊगा उस पर अपन बट को क़बारन कर दउस ज़बह करक क़बारनगाह पर जला दनाrdquo

3 सबह-सवर इबराहीम उठा और अपन गध पर ज़ीनकसा उस न अपन साथ दो नौकरो और अपन बटइसहाक़ को िलया िफर वह क़बारनी को जलान किलए लकड़ी काट कर उस जगह की तरफ़ रवानाहआ जो अललाह न उस बताई थी 4 सफ़र करतकरत तीसर िदन क़बारनी की जगह इबराहीम को दरस नज़र आई 5 उस न नौकरो स कहा ldquoयहा गध कपास ठहरो म लड़क क साथ वहा जा कर परिसतशकरगा िफर हम तमहार पास वापस आ जाएगrdquo

6 इबराहीम न क़बारनी को जलान क िलए लकिड़या इसहाक़ क कधो पर रख दी और ख़द छरी और आगजलान क िलए अगारो का बतरन उठाया दोनो चलिदए 7 इसहाक़ बोला ldquoअबबrdquo इबराहीम न कहाldquoजी बटाrdquo ldquoअबब आग और लकिड़या तो हमारपास ह लिकन क़बारनी क िलए भड़ या बकरी कहा हrdquo 8 इबराहीम न जवाब िदया ldquoअललाह ख़द क़बारनीक िलए जानवर महयया करगा बटाrdquo वह आग बढ़गए

9 चलत चलत वह उस मक़ाम पर पहच जो अललाहन उस पर ज़ािहर िकया था इबराहीम न वहा क़बारनगाह बनाई और उस पर लकिड़या ततीरब सरख दी िफर उस न इसहाक़ को बाध कर लकिड़योपर रख िदया 10 और छरी पकड़ ली तािक अपनबट को ज़बह कर 11 ऐन उसी वक़त रब क फ़िरशतन आसमान पर स उस आवाज़ दी ldquoइबराहीमइबराहीमrdquo इबराहीम न कहा ldquoजी म हािज़र हrdquo

पदाइश 2212ndash2315 2312 फ़िरशत न कहा ldquoअपन बट पर हाथ न चला नउस क साथ कछ कर अब म न जान िलया ह िक तअललाह का ख़ौफ़ रखता ह कयिक त अपन इकलौतबट को भी मझ दन क िलए तययार हrdquo

13 अचानक इबराहीम को एक मढा नज़र आया िजसक सीग गजान झािड़यो म फस हए थ इबराहीम नउस ज़बह करक अपन बट की जगह क़बारनी क तौरपर जला िदया 14 उस न उस मक़ाम का नाम ldquoरबमहयया करता हrdquo रखा इस िलए आज तक कहाजाता ह ldquoरब क पहाड़ पर महयया िकया जाता हrdquo

15 रब क फ़िरशत न एक बार िफर आसमान पर सपकार कर उस स बात की 16 ldquoरब का फ़रमान हमरी ज़ात की क़सम चिक त न यह िकया और अपनइकलौत बट को मझ पश करन क िलए तययार था17 इस िलए म तझ बरकत दगा और तरी औलादको आसमान क िसतारो और सािहल की रत कीतरह बशमार होन दगा तरी औलाद अपन दशमनोक शहरो क दरवाज़ो पर क़बज़ा करगी 18 चिक त नमरी सनी इस िलए तरी औलाद स दिनया की तमामक़ौम बरकत पाएगीrdquo

19 इस क बाद इबराहीम अपन नौकरो क पासवापस आया और वह िमल कर बर-सबा लौट वहा इबराहीम आबाद रहा

20 इन वािक़आत क बाद इबराहीम को इिततलािमली ldquoआप क भाई नहर की बीवी िमलकाह कहा भी बट पदा हए ह 21 उस क पहलौठ ऊज़क बाद बज़ क़मएल (अराम का बाप) 22 कसदहज़ िफ़लदास इदलाफ़ और बतएल पदा हए हrdquo23 िमलकाह और नहर क हा यह आठ बट पदा हए(बतएल िरबक़ा का बाप था) 24 नहर की हरम कानाम रमा था उस क हा भी बट पदा हए िजन कनाम ितबख़ जाहम तख़स और माका ह

सारा की वफ़ात

23 1 सारा 127 साल की उमर म हबरन मइिनतक़ाल कर गई 2 उस ज़मान म हबरन

का नाम िक़यरत-अबार था और वह मलक-ए-कनआनम था इबराहीम न उस क पास आ कर मातम िकया3 िफर वह जनाज़ क पास स उठा और िहिततयो सबात की उस न कहा 4 ldquoम आप क दरिमयानपरदसी और ग़रशहरी की हिसयत स रहता ह मझक़बर क िलए ज़मीन बच तािक अपनी बीवी को अपनघर स ल जा कर दफ़न कर सकrdquo 5ndash6 िहिततयो नजवाब िदया ldquoहमार आक़ा हमारी बात सन आपहमार दरिमयान अललाह क रईस ह अपनी बीवी कोहमारी बहतरीन क़बर म दफ़न कर हम म स कोईनही जो आप स अपनी क़बर का इनकार करगाrdquo

7 इबराहीम उठा और मलक क बािशनदो यानीिहिततयो क सामन ताज़ीमन झक गया 8 उस न कहाldquoअगर आप इस क िलए तययार ह िक म अपनीबीवी को अपन घर स ल जा कर दफ़न करतो सहरक बट इफ़रोन स मरी िसफ़ािरश कर 9 िक वह मझमकफ़ीला का ग़ार बच द वह उस का ह और उसक खत क िकनार पर ह म उस की परी क़ीमत दनक िलए तययार ह तािक आप क दरिमयान रहत हएमर पास क़बर भी होrdquo

10 इफ़रोन िहिततयो की जमाअत म मौजद थाइबराहीम की दरख़वासत पर उस न उन तमाम िहिततयोक सामन जो शहर क दरवाज़ पर जमा थ जवाबिदया 11 ldquoनही मर आक़ा मरी बात सन म आपको यह खत और उस म मौजद ग़ार द दता ह सबजो हािज़र ह मर गवाह ह म यह आप को दता हअपनी बीवी को वहा दफ़न कर दrdquo

12 इबराहीम दबारा मलक क बािशनदो क सामनअदबन झक गया 13 उस न सब क सामन इफ़रोनस कहा ldquoमहरबानी करक मरी बात पर ग़ौर करम खत की परी क़ीमत अदा करगा उस क़बलकर तािक वहा अपनी बीवी को दफ़न कर सकrdquo14ndash15 इफ़रोन न जवाब िदया ldquoमर आक़ा सन इस

24 पदाइश 2316ndash2416ज़मीन की क़ीमत िसफ़र 400 चादी क िसकक ह dआपक और मर दरिमयान यह कया ह अपनी बीवी कोदफ़न कर दrdquo

16 इबराहीम न इफ़रोन की मतलबा क़ीमत मान लीऔर सब क सामन चादी क 400 िसकक तोल करइफ़रोन को द िदए इस क िलए उस न उस वक़तक राइज बाट इसतमाल िकए 17 चनाच मकफ़ीला मइफ़रोन की ज़मीन इबराहीम की िमलिकयत हो गईयह ज़मीन ममर क मशिरक़ म थी उस म खत खतका ग़ार और खत की हदद म मौजद तमाम दरख़तशािमल थ 18 िहिततयो की परी जमाअत न जो शहरक दरवाज़ पर जमा थी ज़मीन क इिनतक़ाल कीतसदीक़ की 19 िफर इबराहीम न अपनी बीवी साराको मलक-ए-कनआन क उस ग़ार म दफ़न िकया जोममर यानी हबरन क मशिरक़ म वाक़ मकफ़ीला क खतम था 20 इस तरीक़ स यह खत और उस का ग़ारिहिततयो स इबराहीम क नाम पर मनतिक़ल कर िदयागया तािक उस क पास क़बर हो

इसहाक़ और िरबक़ा

24 1 इबराहीम अब बहत बढ़ा हो गया था रबन उस हर िलहाज़ स बरकत दी थी 2 एक

िदन उस न अपन घर क सब स बज़गर नौकर सजो उस की जायदाद का परा इिनतज़ाम चलाता थाबात की ldquoक़सम क िलए अपना हाथ मरी रान कनीच रखो 3 रब की क़सम खाओ जो आसमान-ओ-ज़मीन का ख़दा ह िक तम इन कनआिनयो म सिजन क दरिमयान म रहता ह मर बट क िलए बीवीनही लाओग 4 बिलक मर वतन म मर िरशतदारो कपास जाओग और उन ही म स मर बट क िलए बीवीलाओगrdquo 5 उस क नौकर न कहा ldquoशायद वह औरतमर साथ यहा आना न चाह कया म इस सरत मआप क बट को उस वतन म वापस ल जाऊ िजसस आप िनकल हrdquo 6 इबराहीम न कहा ldquoख़बरदार

उस हरिगज़ वापस न ल जाना 7 रब जो आसमानका ख़दा ह अपना फ़िरशता तमहार आग भजगा इसिलए तम वहा मर बट क िलए बीवी चनन म ज़ररकामयाब होग कयिक वही मझ मर बाप क घर औरमर वतन स यहा ल आया ह और उसी न क़समखा कर मझ स वादा िकया ह िक म कनआन कायह मलक तरी औलाद को दगा 8 अगर वहा कीऔरत यहा आना न चाह तो िफर तम अपनी क़समस आज़ाद होग लिकन िकसी सरत म भी मर बटको वहा वापस न ल जानाrdquo

9 इबराहीम क नौकर न अपना हाथ उस की रानक नीच रख कर क़सम खाई िक म सब कछ ऐसाही करगा 10 िफर वह अपन आक़ा क दस ऊटोपर क़ीमती तहफ़ लाद कर मसोपतािमया की तरफ़रवाना हआ चलत चलत वह नहर क शहर पहचगया

11 उस न ऊटो को शहर क बाहर कए क पासिबठाया शाम का वक़त था जब औरत कए क पासआ कर पानी भतीर थी 12 िफर उस न दआ की ldquoऐरब मर आक़ा इबराहीम क ख़दा मझ आज कामयाबीबख़श और मर आक़ा इबराहीम पर महरबानी कर13 अब म इस चशम पर खड़ा ह और शहर कीबिटया पानी भरन क िलए आ रही ह 14 म उन म सिकसी स कहगा lsquoज़रा अपना घड़ा नीच करक मझपानी िपलाएrsquo अगर वह जवाब द lsquoपी ल म आपक ऊटो को भी पानी िपला दती हrsquo तो वह वही होगीिजस त न अपन ख़ािदम इसहाक़ क िलए चन रखा हअगर ऐसा हआ तो म जान लगा िक त न मर आक़ापर महरबानी की हrdquo

15 वह अभी दआ कर ही रहा था िक िरबक़ा शहर सिनकल आई उस क कध पर घड़ा था वह बतएलकी बटी थी (बतएल इबराहीम क भाई नहर की बीवीिमलकाह का बटा था) 16 िरबक़ा िनहायत ख़बसरतजवान लड़की थी और वह कवारी भी थी वह चशम

dतक़रीबन साढ़ चार िकलोगराम चादी

पदाइश 2417ndash44 25तक उतरी अपना घड़ा भरा और िफर वापस ऊपरआई

17 इबराहीम का नौकर दौड़ कर उस स िमला उसन कहा ldquoज़रा मझ अपन घड़ स थोड़ा सा पानीिपलाएrdquo 18 िरबक़ा न कहा ldquoजनाब पी लrdquo जलदीस उस न अपन घड़ को कध पर स उतार कर हाथ मपकड़ा तािक वह पी सक 19 जब वह पीन स फ़ािरग़हआ तो िरबक़ा न कहा ldquoम आप क ऊटो क िलए भीपानी ल आती ह वह भी पर तौर पर अपनी पयासबझाएrdquo 20 जलदी स उस न अपन घड़ का पानी हौज़म उडल िदया और िफर भाग कर कए स इतना पानीलाती रही िक तमाम ऊटो की पयास बझ गई

21 इतन म इबराहीम का आदमी ख़ामोशी स उसदखता रहा कयिक वह जानना चाहता था िक कयारब मझ सफ़र की कामयाबी बख़शगा या नही 22 ऊटपानी पीन स फ़ािरग़ हए तो उस न िरबक़ा को सोन कीएक नथ और दो कगन िदए नथ का वज़न तक़रीबन6 गराम था और कगनो का 120 गराम

23 उस न पछा ldquoआप िकस की बटी ह कया उसक हा इतनी जगह ह िक हम वहा रात गज़ार सकrdquo

24 िरबक़ा न जवाब िदया ldquoमरा बाप बतएल ह वहनहर और िमलकाह का बटा ह 25 हमार पास भसाऔर चारा ह रात गज़ारन क िलए भी काफ़ी जगहहrdquo 26 यह सन कर इबराहीम क नौकर न रब कोिसजदा िकया 27 उस न कहा ldquoमर आक़ा इबराहीमक ख़दा की तमजीद हो िजस क करम और वफ़ादारीन मर आक़ा को नही छोड़ा रब न मझ सीधा मरमािलक क िरशतदारो तक पहचाया हrdquo

28 लड़की भाग कर अपनी मा क घर चली गईवहा उस न सब कछ बता िदया जो हआ था29ndash30 जब िरबक़ा क भाई लाबन न नथ और बहनकी कलाइयो म कगनो को दखा और वह सब कछसना जो इबराहीम क नौकर न िरबक़ा को बताया थातो वह फ़ौरन कए की तरफ़ दौड़ा

इबराहीम का नौकर अब तक ऊटो समत वहा खड़ाथा 31 लाबन न कहा ldquoरब क मबारक बनद मर

साथ आए आप यहा शहर क बाहर कय खड़ ह मन अपन घर म आप क िलए सब कछ तययार िकयाह आप क ऊटो क िलए भी काफ़ी जगह हrdquo 32 वहनौकर को ल कर घर पहचा ऊटो स सामान उतारागया और उन को भसा और चारा िदया गया पानीभी लाया गया तािक इबराहीम का नौकर और उस कआदमी अपन पाओ धोए

33 लिकन जब खाना आ गया तो इबराहीम क नौकरन कहा ldquoइस स पहल िक म खाना खाऊ लािज़मह िक अपना मआमला पश करrdquo लाबन न कहाldquoबताए अपनी बातrdquo 34 उस न कहा ldquoम इबराहीमका नौकर ह 35 रब न मर आक़ा को बहत बरकतदी ह वह बहत अमीर बन गया ह रब न उस कसरतस भड़-बकिरया गाय-बल सोना-चादी ग़लाम औरलौिडया ऊट और गध िदए ह 36 जब मर मािलककी बीवी बढ़ी हो गई थी तो उस क बटा पदा हआथा इबराहीम न उस अपनी परी िमलिकयत द दी ह37 लिकन मर आक़ा न मझ स कहा lsquoक़सम खाओिक तम इन कनआिनयो म स िजन क दरिमयान मरहता ह मर बट क िलए बीवी नही लाओग 38 बिलकमर बाप क घरान और मर िरशतदारो क पास जा करउस क िलए बीवी लाओगrsquo 39 म न अपन मािलकस कहा lsquoशायद वह औरत मर साथ आना न चाहrsquo40 उस न कहा lsquoरब िजस क सामन म चलता रहाह अपन फ़िरशत को तमहार साथ भजगा और तमहकामयाबी बख़शगा तमह ज़रर मर िरशतदारो औरमर बाप क घरान स मर बट क िलए बीवी िमलगी41 लिकन अगर तम मर िरशतदारो क पास जाओ औरवह इनकार कर तो िफर तम अपनी क़सम स आज़ादहोगrsquo 42 आज जब म कए क पास आया तो म नदआ की lsquoऐ रब मर आक़ा क ख़दा अगर तरी मज़ीरहो तो मझ इस िमशन म कामयाबी बख़श िजस किलए म यहा आया ह 43 अब म इस कए क पासखड़ा ह जब कोई जवान औरत शहर स िनकल करयहा आए तो म उस स कहगा ldquoज़रा मझ अपन घड़स थोड़ा सा पानी िपलाएrdquo 44 अगर वह कह ldquoपी

26 पदाइश 2445ndash67ल म आप क ऊटो क िलए भी पानी ल आऊगीrdquo तोइस का मतलब यह हो िक त न उस मर आक़ा कबट क िलए चन िलया ह िक उस की बीवी बन जाएrsquo

45 म अभी िदल म यह दआ कर रहा था िक िरबक़ाशहर स िनकल आई उस क कध पर घड़ा था वहचशम तक उतरी और अपना घड़ा भर िलया म नउस स कहा lsquoज़रा मझ पानी िपलाएrsquo 46 जवाब मउस न जलदी स अपन घड़ को कध पर स उतार करकहा lsquoपी ल म आप क ऊटो को भी पानी िपलातीहrsquo म न पानी िपया और उस न ऊटो को भी पानीिपलाया 47 िफर म न उस स पछा lsquoआप िकस कीबटी हrsquo उस न जवाब िदया lsquoमरा बाप बतएल हवह नहर और िमलकाह का बटा हrsquo िफर म न उसकी नाक म नथ और उस की कलाइयो म कगनपहना िदए 48 तब म न रब को िसजदा करक अपनआक़ा इबराहीम क ख़दा की तमजीद की िजस न मझसीधा मर मािलक की भतीजी तक पहचाया तािकवह इसहाक़ की बीवी बन जाए

49 अब मझ बताए कया आप मर आक़ा पर अपनीमहरबानी और वफ़ादारी का इज़हार करना चाहतह अगर ऐसा ह तो िरबक़ा की इसहाक़ क साथशादी क़बल कर अगर आप मततिफ़क़ नही ह तोमझ बताए तािक म कोई और क़दम उठा सकrdquo

50 लाबन और बतएल न जवाब िदया ldquoयह बातरब की तरफ़ स ह इस िलए हम िकसी तरह भीइनकार नही कर सकत 51 िरबक़ा आप क सामनह उस ल जाए वह आप क मािलक क बट कीबीवी बन जाए िजस तरह रब न फ़रमाया हrdquo 52 यहसन कर इबराहीम क नौकर न रब को िसजदा िकया53 िफर उस न सोन और चादी क ज़वरात और महगमलबसात अपन सामान म स िनकाल कर िरबक़ा कोिदए िरबक़ा क भाई और मा को भी क़ीमती तहफ़िमल

54 इस क बाद उस न अपन हमसफ़रो क साथ शामका खाना खाया वह रात को वही ठहर अगल िदन

जब उठ तो नौकर न कहा ldquoअब हम इजाज़त दतािक अपन आक़ा क पास लौट जाएrdquo 55 िरबक़ाक भाई और मा न कहा ldquoिरबक़ा कछ िदन औरहमार हा ठहर िफर आप जाएrdquo 56 लिकन उस नउन स कहा ldquoअब दर न कर कयिक रब न मझमर िमशन म कामयाबी बख़शी ह मझ इजाज़त दतािक अपन मािलक क पास वापस जाऊrdquo 57 उनहोन कहा ldquoचल हम लड़की को बला कर उसी स पछलत हrdquo

58 उनहो न िरबक़ा को बला कर उस स पछा ldquoकयात अभी इस आदमी क साथ जाना चाहती हrdquoउस न कहा ldquoजी म जाना चाहती हrdquo 59 चनाचउनहो न अपनी बहन िरबक़ा उस की दाया इबराहीमक नौकर और उस क हमसफ़रो को रख़सत करिदया 60 पहल उनहो न िरबक़ा को बरकत द करकहा ldquoहमारी बहन अललाह कर िक त करोड़ो कीमा बन तरी औलाद अपन दशमनो क शहरो कदरवाज़ो पर क़बज़ा करrdquo 61 िफर िरबक़ा और उसकी नौकरािनया उठ कर ऊटो पर सवार हई औरइबराहीम क नौकर क पीछ हो ली चनाच नौकर उनहसाथ ल कर रवाना हो गया

62 उस वक़त इसहाक़ मलक क जनबी िहसस दशत-ए-नजब म रहता था वह बर-लही-रोई स आया था63 एक शाम वह िनकल कर खल मदान म अपनीसोचो म मगन टहल रहा था िक अचानक ऊट उसकी तरफ़ आत हए नज़र आए 64 जब िरबक़ा नअपनी नज़र उठा कर इसहाक़ को दखा तो उस नऊट स उतर कर 65 नौकर स पछा ldquoवह आदमी कौनह जो मदान म हम स िमलन आ रहा हrdquo नौकर नकहा ldquoमरा मािलक हrdquo यह सन कर िरबक़ा न चादरल कर अपन िचहर को ढाप िलया

66 नौकर न इसहाक़ को सब कछ बता िदया जोउस न िकया था 67 िफर इसहाक़ िरबक़ा को अपनीमा सारा क डर म ल गया उस न उस स शादी कीऔर वह उस की बीवी बन गई इसहाक़ क िदल म

पदाइश 251ndash28 27उस क िलए बहत महबबत पदा हई य उस अपनीमा की मौत क बाद सकन िमला

इबराहीम की मज़ीद औलाद

25 1 इबराहीम न एक और शादी की नई बीवीका नाम क़तरा था 2 क़तरा क छः बट

पदा हए िज़मरान यक़सान िमदान िमिदयान इसबाक़और सख़ 3 यक़सान क दो बट थ सबा और ददानअसरी लतसी और लमी ददान की औलाद ह4 िमिदयान क बट ऐफ़ा इफ़र हनक अबीदा औरइलदआ थ यह सब क़तरा की औलाद थ

5 इबराहीम न अपनी सारी िमलिकयत इसहाक़ कोद दी 6 अपनी मौत स पहल उस न अपनी दसरीबीिवयो क बटो को तहफ़ द कर अपन बट स दरमशिरक़ की तरफ़ भज िदया

इबराहीम की वफ़ात7ndash8 इबराहीम 175 साल की उमर म फ़ौत हआ

ग़रज़ वह बहत उमररसीदा और िज़नदगी स आसदाहो कर इिनतक़ाल करक अपन बापदादा स जािमला 9ndash10 उस क बटो इसहाक़ और इसमाईल न उसमकफ़ीला क ग़ार म दफ़न िकया जो ममर क मशिरक़म ह यह वही ग़ार था िजस खत समत िहतती आदमीइफ़रोन िबन सहर स ख़रीदा गया था इबराहीम औरउस की बीवी सारा दोनो को उस म दफ़न िकया गया

11 इबराहीम की वफ़ात क बाद अललाह न इसहाक़को बरकत दी उस वक़त इसहाक़ बर-लही-रोई कक़रीब आबाद था

इसमाईल की औलाद12 इबराहीम का बटा इसमाईल जो सारा की िमसरी

लौडी हािजरा क हा पदा हआ उस का नसबनामायह ह 13 इसमाईल क बट बड़ स ल कर छोटतक यह ह नबायोत क़ीदार अदिबएल िमबसाम14 िमशमा दमा मससा 15 हदद तमा यतर नफ़ीसऔर िक़दमा

16 यह बट बारह क़बीलो क बानी बन गए औरजहा जहा वह आबाद हए उन जगहो का वही नामपड़ गया 17 इसमाईल 137 साल का था जब वहकच करक अपन बापदादा स जा िमला 18 उस कीऔलाद उस इलाक़ म आबाद थी जो हवीला और शरक दरिमयान ह और जो िमसर क मशिरक़ म असर कीतरफ़ ह य इसमाईल अपन तमाम भाइयो क सामनही आबाद हआ

एसौ और याक़ब की पदाइश19 यह इबराहीम क बट इसहाक़ का बयान ह20 इसहाक़ 40 साल का था जब उस की िरबक़ा

स शादी हई िरबक़ा लाबन की बहन और अरामीमदर बतएल की बटी थी (बतएल मसोपतािमया काथा) 21 िरबक़ा क बचच पदा न हए लिकन इसहाक़न अपनी बीवी क िलए दआ की तो रब न उस कीसनी और िरबक़ा उममीद स हई 22 उस क पट मबचच एक दसर स ज़ोरआज़माई करन लग तो वह रबस पछन गई ldquoअगर यह मरी हालत रहगी तो िफर मयहा तक कय पहच गई हrdquo 23 रब न उस स कहाldquoतर अनदर दो क़ौम ह वह तझ स िनकल कर एकदसरी स अलग अलग हो जाएगी उन म स एकज़यादा ताक़तवर होगी और बड़ा छोट की िख़दमतकरगाrdquo

24 पदाइश का वक़त आ गया तो जड़वा बट पदाहए 25 पहला बचचा िनकला तो सख़र सा था और ऐसालग रहा था िक वह घन बालो का कोट ही पहन हएह इस िलए उस का नाम एसौ यानी lsquoबालो वालाrsquoरखा गया 26 इस क बाद दसरा बचचा पदा हआ वहएसौ की एड़ी पकड़ हए िनकला इस िलए उस कानाम याक़ब यानी lsquoएड़ी पकड़न वालाrsquo रखा गयाउस वक़त इसहाक़ 60 साल का था

27 लड़क जवान हए एसौ मािहर िशकारी बन गयाऔर खल मदान म ख़श रहता था उस क मक़ाबलम याक़ब शाइसता था और डर म रहना पसनद करताथा 28 इसहाक़ एसौ को पयार करता था कयिक वह

28 पदाइश 2529ndash2618िशकार का गोशत पसनद करता था लिकन िरबक़ायाक़ब को पयार करती थी

29 एक िदन याक़ब सालन पका रहा था िक एसौथकाहारा जगल स आया 30 उस न कहा ldquoमझजलदी स लाल सालन हा इसी लाल सालन स कछखान को दो म तो बदम हो रहा हrdquo (इसी िलएबाद म उस का नाम अदोम यानी सख़र पड़ गया)31 याक़ब न कहा ldquoपहल मझ पहलौठ का हक़ बचदोrdquo 32 एसौ न कहा ldquoम तो भक स मर रहा हपहलौठ का हक़ मर िकस काम काrdquo 33 याक़ब नकहा ldquoपहल क़सम खा कर मझ यह हक़ बच दोrdquoएसौ न क़सम खा कर उस पहलौठ का हक़ मनतिक़लकर िदया

34 तब याक़ब न उस कछ रोटी और दाल द दीऔर एसौ न खाया और िपया िफर वह उठ कर चलागया य उस न पहलौठ क हक़ को हक़ीर जाना

इसहाक़ और िरबक़ा िजरार म

26 1 उस मलक म दबारा काल पड़ा िजसतरह इबराहीम क िदनो म भी पड़ गया

था इसहाक़ िजरार शहर गया िजस पर िफ़िलिसतयोक बादशाह अबीमिलक की हकमत थी 2 रब नइसहाक़ पर ज़ािहर हो कर कहा ldquoिमसर न जा बिलकउस मलक म बस जो म तझ िदखाता ह 3 उस मलकम अजनबी रह तो म तर साथ हगा और तझ बरकतदगा कयिक म तझ और तरी औलाद को यह तमामइलाक़ा दगा और वह वादा परा करगा जो म नक़सम खा कर तर बाप इबराहीम स िकया था 4 मतझ इतनी औलाद दगा िजतन आसमान पर िसतारह और म यह तमाम मलक उनह द दगा तरी औलादस दिनया की तमाम क़ौम बरकत पाएगी 5 म तझइस िलए बरकत दगा िक इबराहीम मर ताब रहाऔर मरी िहदायात और अहकाम पर चलता रहाrdquo6 चनाच इसहाक़ िजरार म आबाद हो गया

7 जब वहा क मदोर न िरबक़ा क बार म पछा तोइसहाक़ न कहा ldquoयह मरी बहन हrdquo वह उनह यह

बतान स डरता था िक यह मरी बीवी ह कयिक उसन सोचा ldquoिरबक़ा िनहायत ख़बसरत ह अगर उनहमालम हो जाए िक िरबक़ा मरी बीवी ह तो वह उसहािसल करन की ख़ाितर मझ क़तल कर दगrdquo

8 काफ़ी वक़त गज़र गया एक िदन िफ़िलिसतयो कबादशाह न अपनी िखड़की म स झाक कर दखा िकइसहाक़ अपनी बीवी को पयार कर रहा ह 9 उस नइसहाक़ को बला कर कहा ldquoवह तो आप की बीवीह आप न कय कहा िक मरी बहन हrdquo इसहाक़ नजवाब िदया ldquoम न सोचा िक अगर म बताऊ िक यहमरी बीवी ह तो लोग मझ क़तल कर दगrdquo

10 अबीमिलक न कहा ldquoआप न हमार साथकसा सलक कर िदखाया िकतनी आसानी स मरआदिमयो म स कोई आप की बीवी स हमिबसतरहो जाता इस तरह हम आप क सबब स एक बड़ जमरक क़सरवार ठहरतrdquo 11 िफर अबीमिलक न तमामलोगो को हकम िदया ldquoजो भी इस मदर या उस कीबीवी को छड़ उस सज़ा-ए-मौत दी जाएगीrdquo

इसहाक़ का िफ़िलिसतयो क साथ झगड़ा12 इसहाक़ न उस इलाक़ म काशतकारी की और

उसी साल उस सौ गना फल िमला य रब न उसबरकत दी 13 और वह अमीर हो गया उस कीदौलत बढ़ती गई और वह िनहायत दौलतमनद होगया 14 उस क पास इतनी भड़-बकिरया गाय-बलऔर ग़लाम थ िक िफ़िलसती उस स हसद करन लग15 अब ऐसा हआ िक उनहो न उन तमाम कओ कोिमटटी स भर कर बनद कर िदया जो उस क बाप कनौकरो न खोद थ

16 आिख़रकार अबीमिलक न इसहाक़ स कहाldquoकही और जा कर रह कयिक आप हम स ज़यादाज़ोरावर हो गए हrdquo

17 चनाच इसहाक़ न वहा स जा कर िजरार की वादीम अपन डर लगाए 18 वहा िफ़िलिसतयो न इबराहीमकी मौत क बाद तमाम कओ को िमटटी स भर िदया

पदाइश 2619ndash277 29था इसहाक़ न उन को दबारा खदवाया उस न उनक वही नाम रख जो उस क बाप न रख थ

19 इसहाक़ क नौकरो को वादी म खोदत खोदतताज़ा पानी िमल गया 20 लिकन िजरार क चरवाहआ कर इसहाक़ क चरवाहो स झगड़न लग उनहोन कहा ldquoयह हमारा कआ हrdquo इस िलए उस न उसकए का नाम उसक यानी झगड़ा रखा 21 इसहाक़क नौकरो न एक और कआ खोद िलया लिकनउस पर भी झगड़ा हआ इस िलए उस न उस कानाम िसतना यानी मख़ालफ़त रखा 22 वहा स जा करउस न एक तीसरा कआ खदवाया इस दफ़ा कोईझगड़ा न हआ इस िलए उस न उस का नाम रहोबोतयानी lsquoखली जगहrsquo रखा कयिक उस न कहा ldquoरबन हम खली जगह दी ह और अब हम मलक म फलफलगrdquo

23 वहा स वह बर-सबा चला गया 24 उसी रातरब उस पर ज़ािहर हआ और कहा ldquoम तर बापइबराहीम का ख़दा ह मत डर कयिक म तर साथ हम तझ बरकत दगा और तझ अपन ख़ािदम इबराहीमकी ख़ाितर बहत औलाद दगाrdquo

25 वहा इसहाक़ न क़बारनगाह बनाई और रब कानाम ल कर इबादत की वहा उस न अपन ख़मलगाए और उस क नौकरो न कआ खोद िलया

अबीमिलक क साथ अहद26 एक िदन अबीमिलक उस का साथी अख़ज़त

और उस का िसपहसालार फ़ीकल िजरार स उस कपास आए 27 इसहाक़ न पछा ldquoआप कय मर पासआए ह आप तो मझ स नफ़रत रखत ह कया आपन मझ अपन दरिमयान स ख़ािरज नही िकया थाrdquo28 उनहो न जवाब िदया ldquoहम न जान िलया ह िकरब आप क साथ ह इस िलए हम न कहा िक हमाराआप क साथ अहद होना चािहए आइए हम क़समखा कर एक दसर स अहद बाध 29 िक आप हमनक़सान नही पहचाएग कयिक हम न भी आप कोनही छड़ा बिलक आप स िसफ़र अचछा सलक िकया

और आप को सलामती क साथ रख़सत िकया हऔर अब ज़ािहर ह िक रब न आप को बरकत दीहrdquo

30 इसहाक़ न उन की िज़याफ़त की और उनहो नखाया और िपया 31 िफर सबह-सवर उठ कर उनहो नएक दसर क सामन क़सम खाई इस क बाद इसहाक़न उनह रख़सत िकया और वह सलामती स रवानाहए

32 उसी िदन इसहाक़ क नौकर आए और उस उसकए क बार म इिततला दी जो उनहो न खोदा था उनहोन कहा ldquoहम पानी िमल गया हrdquo 33 उस न कए कानाम सबा यानी lsquoक़समrsquo रखा आज तक साथ वालशहर का नाम बर-सबा ह

एसौ की अजनबी बीिवया 34 जब एसौ 40 साल का था तो उस न दो िहतती

औरतो स शादी की बरी की बटी यहिदत स औरऐलोन की बटी बासमत स 35 यह औरत इसहाक़और िरबक़ा क िलए बड़ दख का बाइस बनी

इसहाक़ याक़ब को बरकत दता ह

27 1 इसहाक़ बढ़ा हो गया तो उस की नज़रधनदला गई उस न अपन बड़ बट को

बला कर कहा ldquoबटाrdquo एसौ न जवाब िदया ldquoजीम हािज़र हrdquo 2 इसहाक़ न कहा ldquoम बढ़ा हो गयाह और ख़दा जान कब मर जाऊ 3 इस िलए अपनातीर कमान ल कर जगल म िनकल जा और मर िलएिकसी जानवर का िशकार कर 4 उस तययार करकऐसा लज़ीज़ खाना पका जो मझ पसनद ह िफर उसमर पास ल आ मरन स पहल म वह खाना खा करतझ बरकत दना चाहता हrdquo

5 िरबक़ा न इसहाक़ की एसौ क साथ बातचीत सनली थी जब एसौ िशकार करन क िलए चला गयातो उस न याक़ब स कहा 6 ldquoअभी अभी म न तमहारअबब को एसौ स यह बात करत हए सना िक 7 lsquoमरिलए िकसी जानवर का िशकार करक ल आ उस

30 पदाइश 278ndash33तययार करक मर िलए लज़ीज़ खाना पका मरन सपहल म यह खाना खा कर तझ रब क सामन बरकतदना चाहता हrsquo 8 अब सनो मर बट जो कछ मबताती ह वह करो 9 जा कर रवड़ म स बकिरयोक दो अचछ अचछ बचच चन लो िफर म वही लज़ीज़खाना पकाऊगी जो तमहार अबब को पसनद ह 10 तमयह खाना उस क पास ल जाओग तो वह उस खा करमरन स पहल तमह बरकत दगाrdquo

11 लिकन याक़ब न एितराज़ िकया ldquoआप जानतीह िक एसौ क िजसम पर घन बाल ह जबिक मर बालकम ह 12 कही मझ छन स मर बाप को पता न चलजाए िक म उस फ़रब द रहा ह िफर मझ पर बरकतनही बिलक लानत आएगीrdquo 13 उस की मा न कहाldquoतम पर आन वाली लानत मझ पर आए बटा बसमरी बात मान लो जाओ और बकिरयो क वह बचचल आओrdquo

14 चनाच वह गया और उनह अपनी मा क पासल आया िरबक़ा न ऐसा लज़ीज़ खाना पकाया जोयाक़ब क बाप को पसनद था 15 एसौ क ख़ास मौक़ोक िलए अचछ िलबास िरबक़ा क पास घर म थ उसन उन म स बहतरीन िलबास चन कर अपन छोट बटको पहना िदया 16 साथ साथ उस न बकिरयो कीखाल उस क हाथो और गदरन पर जहा बाल न थलपट दी 17 िफर उस न अपन बट याक़ब को रोटीऔर वह लज़ीज़ खाना िदया जो उस न पकाया था

18 याक़ब न अपन बाप क पास जा कर कहाldquoअबब जीrdquo इसहाक़ न कहा ldquoजी बटा त कौनहrdquo 19 उस न कहा ldquoम आप का पहलौठा एसौ हम न वह िकया ह जो आप न मझ कहा था अब ज़राउठ और बठ कर मर िशकार का खाना खाए तािकआप बाद म मझ बरकत दrdquo 20 इसहाक़ न पछाldquoबटा तझ यह िशकार इतनी जलदी िकस तरह िमलगयाrdquo उस न जवाब िदया ldquoरब आप क ख़दा नउस मर सामन स गज़रन िदयाrdquo

21 इसहाक़ न कहा ldquoबटा मर क़रीब आ तािक मतझ छ लिक त वाक़ई मरा बटा एसौ ह िक नहीrdquo

22 याक़ब अपन बाप क नज़दीक आया इसहाक़ नउस छ कर कहा ldquoतरी आवाज़ तो याक़ब की हलिकन तर हाथ एसौ क हrdquo 23 य उस न फ़रबखाया चिक याक़ब क हाथ एसौ क हाथ कीमािननद थ इस िलए उस न उस बरकत दी 24 तोभी उस न दबारा पछा ldquoकया त वाक़ई मरा बटाएसौ हrdquo याक़ब न जवाब िदया ldquoजी म वहीहrdquo 25 आिख़रकार इसहाक़ न कहा ldquoिशकार काखाना मर पास ल आ बटा उस खान क बाद मतझ बरकत दगाrdquo याक़ब खाना और म ल आयाइसहाक़ न खाया और िपया 26 िफर कहा ldquoबटा मरपास आ और मझ बोसा दrdquo 27 याक़ब न पास आकर उस बोसा िदया इसहाक़ न उस क िलबास कोसघ कर उस बरकत दी उस न कहा

ldquoमर बट की ख़शब उस खल मदान की ख़शब कीमािननद ह िजस रब न बरकत दी ह 28 अललाह तझआसमान की ओस और ज़मीन की ज़रख़ज़ी द वहतझ कसरत का अनाज और अगर का रस द 29 क़ौमतरी िख़दमत कर और उममत तर सामन झक जाएअपन भाइयो का हकमरान बन और तरी मा कीऔलाद तर सामन घटन टक जो तझ पर लानत करवह ख़द लानती हो और जो तझ बरकत द वह ख़दबरकत पाएrdquo

एसौ भी बरकत मागता ह30 इसहाक़ की बरकत क बाद याक़ब अभी रख़सत

ही हआ था िक उस का भाई एसौ िशकार करकवापस आया 31 वह भी लज़ीज़ खाना पका कर उसअपन बाप क पास ल आया उस न कहा ldquoअबबजी उठ और मर िशकार का खाना खाए तािक आपमझ बरकत दrdquo 32 इसहाक़ न पछा ldquoत कौन हrdquoउस न जवाब िदया ldquoम आप का बड़ा बटा एसौ हrdquo

33 इसहाक़ घबरा कर िशददत स कापन लगा उसन पछा ldquoिफर वह कौन था जो िकसी जानवर कािशकार करक मर पास ल आया तर आन स ज़रा

पदाइश 2734ndash289 31पहल म न उस िशकार का खाना खा कर उस शख़सको बरकत दी अब वह बरकत उसी पर रहगीrdquo

34 यह सन कर एसौ ज़ोरदार और तलख़ चीख़ मारनलगा ldquoअबब मझ भी बरकत दrdquo उस न कहा35 लिकन इसहाक़ न जवाब िदया ldquoतर भाई न आकर मझ फ़रब िदया उस न तरी बरकत तझ स छीनली हrdquo 36 एसौ न कहा ldquoउस का नाम याक़ब ठीकही रखा गया ह कयिक अब उस न मझ दसरी बारधोका िदया ह पहल उस न पहलौठ का हक़ मझस छीन िलया और अब मरी बरकत भी ज़बरदसतील ली कया आप न मर िलए कोई बरकत महफ़ज़नही रखीrdquo 37 लिकन इसहाक़ न कहा ldquoम न उसतरा हकमरान और उस क तमाम भाइयो को उस कख़ािदम बना िदया ह म न उस अनाज और अगर कारस महयया िकया ह अब मझ बता बटा कया कछरह गया ह जो म तझ दrdquo 38 लिकन एसौ ख़ामोश नहआ बिलक कहा ldquoअबब कया आप क पास वाक़ईिसफ़र यही बरकत थी अबब मझ भी बरकत दrdquoवह ज़ार-ओ-क़तार रोन लगा

39 िफर इसहाक़ न कहा ldquoत ज़मीन की ज़रख़ज़ीऔर आसमान की ओस स महरम रहगा 40 त िसफ़रअपनी तलवार क सहार िज़नदा रहगा और अपन भाईकी िख़दमत करगा लिकन एक िदन त बचन हो करउस का जआ अपनी गदरन पर स उतार फकगाrdquo

याक़ब की िहजरत41 बाप की बरकत क सबब स एसौ याक़ब का

दशमन बन गया उस न िदल म कहा ldquoवह िदनक़रीब आ गए ह िक अबब इिनतक़ाल कर जाएगऔर हम उन का मातम करग िफर म अपन भाई कोमार डालगाrdquo

42 िरबक़ा को अपन बड़ बट एसौ का यह इरादामालम हआ उस न याक़ब को बला कर कहाldquoतमहारा भाई बदला लना चाहता ह वह तमह क़तलकरन का इरादा रखता ह 43 बटा अब मरी सनोयहा स िहजरत कर जाओ हारान शहर म मर भाई

लाबन क पास चल जाओ 44 वहा कछ िदन ठहररहना जब तक तमहार भाई का ग़ससा ठडा न हो जाए45 जब उस का ग़ससा ठडा हो जाएगा और वह तमहारउस क साथ िकए गए सलक को भल जाएगा तब मइिततला दगी िक तम वहा स वापस आ सकत हो मकय एक ही िदन म तम दोनो स महरम हो जाऊrdquo

46 िफर िरबक़ा न इसहाक़ स बात की ldquoम एसौ कीबीिवयो क सबब स अपनी िज़नदगी स तग ह अगरयाक़ब भी इस मलक की औरतो म स िकसी स शादीकर तो बहतर ह िक म पहल ही मर जाऊrdquo

28 1 इसहाक़ न याक़ब को बला कर उसबरकत दी और कहा ldquoलािज़म ह िक त

िकसी कनआनी औरत स शादी न कर 2 अब सीधमसोपतािमया म अपन नाना बतएल क घर जा औरवहा अपन माम लाबन की लड़िकयो म स िकसी एकस शादी कर 3 अललाह क़ािदर-ए-मतलक़ तझ बरकतद कर फलन फलन द और तझ इतनी औलाद द िकत बहत सारी क़ौमो का बाप बन 4 वह तझ औरतरी औलाद को इबराहीम की बरकत द िजस उस नयह मलक िदया िजस म त महमान क तौर पर रहताह यह मलक तमहार क़बज़ म आएrdquo 5 य इसहाक़न याक़ब को मसोपतािमया म लाबन क घर भजालाबन अरामी मदर बतएल का बटा और िरबक़ा काभाई था

एसौ एक और शादी करता ह6 एसौ को पता चला िक इसहाक़ न याक़ब को

बरकत द कर मसोपतािमया भज िदया ह तािक वहा शादी कर उस यह भी मालम हआ िक इसहाक़ न उसकनआनी औरत स शादी करन स मना िकया ह 7 औरिक याक़ब अपन मा-बाप की सन कर मसोपतािमयाचला गया ह 8 एसौ समझ गया िक कनआनी औरतमर बाप को मनज़र नही ह 9 इस िलए वह इबराहीम कबट इसमाईल क पास गया और उस की बटी महलतस शादी की वह नबायोत की बहन थी य उस कीबीिवयो म इज़ाफ़ा हआ

32 पदाइश 2810ndash2912

बत-एल म याक़ब का ख़वाब10 याक़ब बर-सबा स हारान की तरफ़ रवाना हआ

11 जब सरज ग़रब हआ तो वह रात गज़ारन क िलएरक गया और वहा क पतथरो म स एक को ल करउस अपन िसरहान रखा और सो गया

12 जब वह सो रहा था तो ख़वाब म एक सीढ़ी दखीजो ज़मीन स आसमान तक पहचती थी फ़िरशत उसपर चढ़त और उतरत नज़र आत थ 13 रब उस कऊपर खड़ा था उस न कहा ldquoम रब इबराहीम औरइसहाक़ का ख़दा ह म तझ और तरी औलाद कोयह ज़मीन दगा िजस पर त लटा ह 14 तरी औलादज़मीन पर ख़ाक की तरह बशमार होगी और त चारोतरफ़ फल जाएगा दिनया की तमाम क़ौम तर औरतरी औलाद क वसील स बरकत पाएगी 15 म तरसाथ हगा तझ महफ़ज़ रखगा और आिख़रकार तझइस मलक म वापस लाऊगा ममिकन ही नही िक मतर साथ अपना वादा परा करन स पहल तझ छोड़दrdquo

16 तब याक़ब जाग उठा उस न कहा ldquoयक़ीननरब यहा हािज़र ह और मझ मालम नही थाrdquo 17 वहडर गया और कहा ldquoयह िकतना ख़ौफ़नाक मक़ामह यह तो अललाह ही का घर और आसमान कादरवाज़ा हrdquo

18 याक़ब सबह-सवर उठा उस न वह पतथर िलयाजो उस न अपन िसरहान रखा था और उस सतन कीतरह खड़ा िकया िफर उस न उस पर ज़तन का तलउडल िदया 19 उस न मक़ाम का नाम बत-एल यानीlsquoअललाह का घरrsquo रखा (पहल साथ वाल शहर कानाम लज़ था) 20 उस न क़सम खा कर कहा ldquoअगररब मर साथ हो सफ़र पर मरी िहफ़ाज़त कर मझखाना और कपड़ा महयया कर 21 और म सलामती सअपन बाप क घर वापस पहच तो िफर वह मरा ख़दाहोगा 22 जहा यह पतथर सतन क तौर पर खड़ा हवहा अललाह का घर होगा और जो भी त मझ दगाउस का दसवा िहससा तझ िदया करगाrdquo

याक़ब लाबन क घर पहचता ह

29 1 याक़ब न अपना सफ़र जारी रखा औरचलत चलत मशिरक़ी क़ौमो क मलक म

पहच गया 2 वहा उस न खत म कआ दखा िजस कइदरिगदर भड़-बकिरयो क तीन रवड़ जमा थ रवड़ोको कए का पानी िपलाया जाना था लिकन उस कमह पर बड़ा पतथर पड़ा था 3 वहा पानी िपलान कायह तरीक़ा था िक पहल चरवाह तमाम रवड़ो काइिनतज़ार करत और िफर पतथर को लढ़का कर महस हटा दत थ पानी िपलान क बाद वह पतथर कोदबारा मह पर रख दत थ

4 याक़ब न चरवाहो स पछा ldquoमर भाइयो आपकहा क हrdquo उनहो न जवाब िदया ldquoहारान कrdquo5 उस न पछा ldquoकया आप नहर क पोत लाबन कोजानत हrdquo उनहो न कहा ldquoजी हाrdquo 6 उस न पछाldquoकया वह ख़िरयत स हrdquo उनहो न कहा ldquoजी वहख़िरयत स ह दखो उधर उस की बटी रािख़लरवड़ ल कर आ रही हrdquo 7 याक़ब न कहा ldquoअभीतो शाम तक बहत वक़त बाक़ी ह रवड़ो को जमाकरन का वक़त तो नही ह आप कय उनह पानी िपलाकर दबारा चरन नही दतrdquo 8 उनहो न जवाब िदयाldquoपहल ज़ररी ह िक तमाम रवड़ यहा पहच तब हीपतथर को लढ़का कर एक तरफ़ हटाया जाएगा औरहम रवड़ो को पानी िपलाएगrdquo

9 याक़ब अभी उन स बात कर ही रहा था िकरािख़ल अपन बाप का रवड़ ल कर आ पहचीकयिक भड़-बकिरयो को चराना उस का काम था10 जब याक़ब न रािख़ल को माम लाबन क रवड़ कसाथ आत दखा तो उस न कए क पास जा कर पतथरको लढ़का कर मह स हटा िदया और भड़-बकिरयोको पानी िपलाया 11 िफर उस न उस बोसा िदयाऔर ख़ब रोन लगा 12 उस न कहा ldquoम आप कअबब की बहन िरबक़ा का बटा हrdquo यह सन कररािख़ल न भाग कर अपन अबब को इिततला दी

पदाइश 2913ndash35 3313 जब लाबन न सना िक मरा भानजा याक़ब आया

ह तो वह दौड़ कर उस स िमलन गया और उस गललगा कर अपन घर ल आया याक़ब न उस सब कछबता िदया जो हआ था 14 लाबन न कहा ldquoआपवाक़ई मर िरशतदार हrdquo याक़ब न वहा एक परामहीना गज़ारा

अपनी बीिवयो क िलए याक़ब की महनत-मशक़क़त15 िफर लाबन याक़ब स कहन लगा ldquoबशक आप

मर िरशतदार ह लिकन आप को मर िलए काम करनक बदल म कछ िमलना चािहए म आप को िकतनपस दrdquo 16 लाबन की दो बिटया थी बड़ी का नामिलयाह था और छोटी का रािख़ल 17 िलयाह कीआख चनधी थी जबिक रािख़ल हर तरह स ख़बसरतथी 18 याक़ब को रािख़ल स महबबत थी इस िलएउस न कहा ldquoअगर मझ आप की छोटी बटी रािख़लिमल जाए तो आप क िलए सात साल काम करगाrdquo19 लाबन न कहा ldquoिकसी और आदमी की िनसबतमझ यह ज़यादा पसनद ह िक आप ही स उस की शादीकराऊrdquo

20 पस याक़ब न रािख़ल को पान क िलए सात सालतक काम िकया लिकन उस ऐसा लगा जसा दो एकिदन ही गज़र हो कयिक वह रािख़ल को िशददत सपयार करता था 21 इस क बाद उस न लाबन स कहाldquoमददत परी हो गई ह अब मझ अपनी बटी स शादीकरन दrdquo 22 लाबन न उस मक़ाम क तमाम लोगोको दावत द कर शादी की िज़याफ़त की 23 लिकनउस रात वह रािख़ल की बजाय िलयाह को याक़बक पास ल आया और याक़ब उसी स हमिबसतरहआ 24 (लाबन न िलयाह को अपनी लौडी िज़लफ़ाद दी थी तािक वह उस की िख़दमत कर)

25 जब सबह हई तो याक़ब न दखा िक िलयाह हीमर पास ह उस न लाबन क पास जा कर कहा ldquoयहआप न मर साथ कया िकया ह कया म न रािख़लक िलए काम नही िकया आप न मझ धोका कय िदयाrdquo 26 लाबन न जवाब िदया ldquoयहा दसतर नही

ह िक छोटी बटी की शादी बड़ी स पहल कर दीजाए 27 एक हफ़त क बाद शादी की रसमात परी होजाएगी उस वक़त तक सबर कर िफर म आप कोरािख़ल भी द दगा शतर यह ह िक आप मज़ीद सातसाल मर िलए काम करrdquo

28 याक़ब मान गया चनाच जब एक हफ़त क बादशादी की रसमात परी हई तो लाबन न अपनी बटीरािख़ल की शादी भी उस क साथ कर दी 29 (लाबनन रािख़ल को अपनी लौडी िबलहाह द दी तािकवह उस की िख़दमत कर) 30 याक़ब रािख़ल स भीहमिबसतर हआ वह िलयाह की िनसबत उस ज़यादापयार करता था िफर उस न रािख़ल क इवज़ सातसाल और लाबन की िख़दमत की

याक़ब क बचच31 जब रब न दखा िक िलयाह स नफ़रत की जाती

ह तो उस न उस औलाद दी जबिक रािख़ल क हा बचच पदा न हए

32 िलयाह हािमला हई और उस क बटा पदा हआउस न कहा ldquoरब न मरी मसीबत दखी ह और अबमरा शौहर मझ पयार करगाrdquo उस न उस का नामरिबन यानी lsquoदखो एक बटाrsquo रखा

33 वह दबारा हािमला हई एक और बटा पदाहआ उस न कहा ldquoरब न सना िक मझ स नफ़रतकी जाती ह इस िलए उस न मझ यह भी िदया हrdquoउस न उस का नाम शमाऊन यानी lsquoरब न सना हrsquoरखा

34 वह एक और दफ़ा हािमला हई तीसरा बटा पदाहआ उस न कहा ldquoअब आिख़रकार शौहर क साथमरा बधन मज़बत हो जाएगा कयिक म न उस किलए तीन बटो को जनम िदया हrdquo उस न उस कानाम लावी यानी बधन रखा

35 वह एक बार िफर हािमला हई चौथा बटा पदाहआ उस न कहा ldquoइस दफ़ा म रब की तमजीदकरगीrdquo उस न उस का नाम यहदाह यानी तमजीदरखा इस क बाद उस स और बचच पदा न हए

34 पदाइश 301ndash24

30 1 लिकन रािख़ल बऔलाद ही रही इसिलए वह अपनी बहन स हसद करन लगी

उस न याक़ब स कहा ldquoमझ भी औलाद द वनारम मर जाऊगीrdquo 2 याक़ब को ग़ससा आया उस नकहा ldquoकया म अललाह ह िजस न तझ औलाद समहरम रखा हrdquo 3 रािख़ल न कहा ldquoयहा मरी लौडीिबलहाह ह उस क साथ हमिबसतर हो तािक वह मरिलए बचच को जनम द और म उस की मािरफ़त मा बनजाऊrdquo

4 य उस न अपन शौहर को िबलहाह दी और वहउस स हमिबसतर हआ 5 िबलहाह हािमला हई औरबटा पदा हआ 6 रािख़ल न कहा ldquoअललाह न मर हक़म फ़सला िदया ह उस न मरी दआ सन कर मझ बटाद िदया हrdquo उस न उस का नाम दान यानी lsquoिकसीक हक़ म फ़सला करन वालाrsquo रखा

7 िबलहाह दबारा हािमला हई और एक और बटापदा हआ 8 रािख़ल न कहा ldquoम न अपनी बहन ससख़त कशती लड़ी ह लिकन जीत गई हrdquo उस नउस का नाम नफ़ताली यानी lsquoकशती म मझ स जीतागयाrsquo रखा

9 जब िलयाह न दखा िक मर और बचच पदा नहीहो रह तो उस न याक़ब को अपनी लौडी िज़लफ़ा ददी तािक वह भी उस की बीवी हो 10 िज़लफ़ा क भीएक बटा पदा हआ 11 िलयाह न कहा ldquoम िकतनीख़शिक़समत हrdquo चनाच उस न उस का नाम जदयानी ख़शिक़समती रखा

12 िफर िज़लफ़ा क दसरा बटा पदा हआ 13 िलयाहन कहा ldquoम िकतनी मबारक ह अब ख़वातीन मझमबारक कहगीrdquo उस न उस का नाम आशर यानीमबारक रखा

14 एक िदन अनाज की फ़सल की कटाई हो रहीथी िक रिबन बाहर िनकल कर खतो म चला गयावहा उस मदरमगयाह eिमल गए वह उनह अपनी मा

िलयाह क पास ल आया यह दख कर रािख़ल निलयाह स कहा ldquoमझ ज़रा अपन बट क मदरमगयाहम स कछ द दोrdquo 15 िलयाह न जवाब िदया ldquoकयायही काफ़ी नही िक तम न मर शौहर को मझ स छीनिलया ह अब मर बट क मदरमगयाह को भी छीननाचाहती होrdquo रािख़ल न कहा ldquoअगर तम मझ अपनबट क मदरमगयाह म स दो तो आज रात याक़ब कसाथ सो सकती होrdquo

16 शाम को याक़ब खतो स वापस आ रहा था िकिलयाह आग स उस स िमलन को गई और कहाldquoआज रात आप को मर साथ सोना ह कयिक म नअपन बट क मदरमगयाह क इवज़ आप को उजरतपर िलया हrdquo चनाच याक़ब न िलयाह क पास रातगज़ारी

17 उस वक़त अललाह न िलयाह की दआ सनी औरवह हािमला हई उस क पाचवा बटा पदा हआ18 िलयाह न कहा ldquoअललाह न मझ इस का अजर िदयाह िक म न अपन शौहर को अपनी लौडी दीrdquo उसन उस का नाम इशकार यानी अजर रखा

19 इस क बाद वह एक और दफ़ा हािमला हईउस क छटा बटा पदा हआ 20 उस न कहा ldquoअललाहन मझ एक अचछा-ख़ासा तहफ़ा िदया ह अब मराख़ावनद मर साथ रहगा कयिक मझ स उस क छःबट पदा हए हrdquo उस न उस का नाम ज़बलन यानीिरहाइश रखा

21 इस क बाद बटी पदा हई उस न उस का नामदीना रखा

22 िफर अललाह न रािख़ल को भी याद िकया उसन उस की दआ सन कर उस औलाद बख़शी 23 वहहािमला हई और एक बटा पदा हआ उस न कहाldquoमझ बटा अता करन स अललाह न मरी इज़ज़त बहालकर दी ह 24 रब मझ एक और बटा दrdquo उस न उसका नाम यसफ़ यानी lsquoवह और दrsquo रखा

eएक पौदा िजस क बार म ख़याल िकया जाता था िक उस खा कर बाझ औरत भी बचच को जनम दगी

पदाइश 3025ndash312 35

याक़ब का लाबन क साथ सौदा25 यसफ़ की पदाइश क बाद याक़ब न लाबन स

कहा ldquoअब मझ इजाज़त द िक म अपन वतन औरघर को वापस जाऊ 26 मझ मर बाल-बचच द िजन कइवज़ म न आप की िख़दमत की ह िफर म चलाजाऊगा आप तो ख़द जानत ह िक म न िकतनीमहनत क साथ आप क िलए काम िकया हrdquo

27 लिकन लाबन न कहा ldquoमझ पर महरबानी करऔर यही रह मझ ग़बदानी स पता चला ह िक रब नमझ आप क सबब स बरकत दी ह 28 अपनी उजरतख़द मक़ररर कर तो म वही िदया करगाrdquo

29 याक़ब न कहा ldquoआप जानत ह िक म न िकसतरह आप क िलए काम िकया िक मर वसील सआप क मवशी िकतन बढ़ गए ह 30 जो थोड़ा बहतमर आन स पहल आप क पास था वह अब बहतज़यादा बढ़ गया ह रब न मर काम स आप को बहतबरकत दी ह अब वह वक़त आ गया ह िक म अपनघर क िलए कछ करrdquo

31 लाबन न कहा ldquoम आप को कया दrdquo याक़बन कहा ldquoमझ कछ न द म इस शतर पर आप कीभड़-बकिरयो की दख-भाल जारी रखगा िक 32 आजम आप क रवड़ म स गज़र कर उन तमाम भड़ोको अलग कर लगा िजन क िजसम पर छोट या बड़धबब हो या जो सफ़द न हो इसी तरह म उन तमामबकिरयो को भी अलग कर लगा िजन क िजसमपर छोट या बड़ धबब हो यही मरी उजरत होगी33 आइनदा िजन बकिरयो क िजसम पर छोट या बड़धबब होग या िजन भड़ो का रग सफ़द नही होगावह मरा अजर होगी जब कभी आप उन का मआइनाकरग तो आप मालम कर सकग िक म िदयानतदाररहा ह कयिक मर जानवरो क रग स ही ज़ािहर होगािक म न आप का कछ चराया नही हrdquo 34 लाबन नकहा ldquoठीक ह ऐसा ही हो जसा आप न कहा हrdquo

35 उसी िदन लाबन न उन बकरो को अलग करिलया िजन क िजसम पर धािरया या धबब थ और

उन तमाम बकिरयो को िजन क िजसम पर छोट याबड़ धबब थ िजस क भी िजसम पर सफ़द िनशानथा उस उस न अलग कर िलया इसी तरह उस नउन तमाम भड़ो को भी अलग कर िलया जो पर तौरपर सफ़द न थ िफर लाबन न उनह अपन बटो कसपदर कर िदया 36 जो उन क साथ याक़ब स इतना दरचल गए िक उन क दरिमयान तीन िदन का फ़ािसलाथा तब याक़ब लाबन की बाक़ी भड़-बकिरयो कीदख-भाल करता गया

37 याक़ब न सफ़दा बादाम और चनार की हरी हरीशाख़ ल कर उन स कछ िछलका य उतार िदया िकउस पर सफ़द धािरया नज़र आई 38 उस न उनहभड़-बकिरयो क सामन उन हौज़ो म गाड़ िदया जहा वह पानी पीत थ कयिक वहा यह जानवर मसत होकर िमलाप करत थ 39 जब वह इन शाख़ो क सामनिमलाप करत तो जो बचच पदा होत उन क िजसम परछोट और बड़ धबब और धािरया होती थी 40 िफरयाक़ब न भड़ क बचचो को अलग करक अपन रवड़ोको लाबन क उन जानवरो क सामन चरन िदया िजनक िजसम पर धािरया थी और जो सफ़द न थ य उसन अपन ज़ाती रवड़ो को अलग कर िलया और उनहलाबन क रवड़ क साथ चरन न िदया

41 लिकन उस न यह शाख़ िसफ़र उस वक़त हौज़ो म खड़ी की जब ताक़तवर जानवर मसत हो कर िमलापकरत थ 42 कमज़ोर जानवरो क साथ उस न ऐसान िकया इसी तरह लाबन को कमज़ोर जानवर औरयाक़ब को ताक़तवर जानवर िमल गए 43 य याक़बबहत अमीर बन गया उस क पास बहत स रवड़ग़लाम और लौिडया ऊट और गध थ

याक़ब की िहजरत

31 1 एक िदन याक़ब को पता चला िक लाबनक बट मर बार म कह रह ह ldquoयाक़ब न

हमार अबब स सब कछ छीन िलया ह उस न यहतमाम दौलत हमार बाप की िमलिकयत स हािसलकी हrdquo 2 याक़ब न यह भी दखा िक लाबन का

36 पदाइश 313ndash25मर साथ रवयया पहल की िनसबत िबगड़ गया ह3 िफर रब न उस स कहा ldquoअपन बाप क मलक औरअपन िरशतदारो क पास वापस चला जा म तर साथहगाrdquo

4 उस वक़त याक़ब खल मदान म अपन रवड़ो कपास था उस न वहा स रािख़ल और िलयाह कोबला कर 5 उन स कहा ldquoम न दख िलया ह िक आपक बाप का मर साथ रवयया पहल की िनसबत िबगड़गया ह लिकन मर बाप का ख़दा मर साथ रहा ह6 आप दोनो जानती ह िक म न आप क अबब किलए िकतनी जािफ़शानी स काम िकया ह 7 लिकनवह मझ फ़रब दता रहा और मरी उजरत दस बारबदली ताहम अललाह न उस मझ नक़सान पहचान निदया 8 जब माम लाबन कहत थ lsquoिजन जानवरो किजसम पर धबब हो वही आप को उजरत क तौर परिमलगrsquo तो तमाम भड़-बकिरयो क ऐस बचच पदा हएिजन क िजसमो पर धबब ही थ जब उनहो न कहाlsquoिजन जानवरो क िजसम पर धािरया होगी वही आपको उजरत क तौर पर िमलगrsquo तो तमाम भड़-बकिरयोक ऐस बचच पदा हए िजन क िजसमो पर धािरया हीथी 9 य अललाह न आप क अबब क मवशी छीनकर मझ द िदए ह 10 अब ऐसा हआ िक हवानो कीमसती क मौसम म म न एक ख़वाब दखा उस म जोमढ और बकर भड़-बकिरयो स िमलाप कर रह थउन क िजसम पर बड़ और छोट धबब और धािरया थी 11 उस ख़वाब म अललाह क फ़िरशत न मझ सबात की lsquoयाक़बrsquo म न कहा lsquoजी म हािज़र हrsquo12 फ़िरशत न कहा lsquoअपनी नज़र उठा कर उस परग़ौर कर जो हो रहा ह वह तमाम मढ और बकरजो भड़-बकिरयो स िमलाप कर रह ह उन क िजसमपर बड़ और छोट धबब और धािरया ह म यह ख़दकरवा रहा ह कयिक म न वह सब कछ दख िलया हजो लाबन न तर साथ िकया ह 13 म वह ख़दा ह जोबत-एल म तझ पर ज़ािहर हआ था उस जगह जहा त न सतन पर तल उडल कर उस मर िलए मख़सस

िकया और मर हज़र क़सम खाई थी अब उठ औररवाना हो कर अपन वतन वापस चला जाrsquordquo

14 रािख़ल और िलयाह न जवाब म याक़ब स कहाldquoअब हम अपन बाप की मीरास स कछ िमलन कीउममीद नही रही 15 उस का हमार साथ अजनबी कासा सलक ह पहल उस न हम बच िदया और अबउस न वह सार पस खा भी िलए ह 16 चनाच जो भीदौलत अललाह न हमार बाप स छीन ली ह वह हमारीऔर हमार बचचो की ही ह अब जो कछ भी अललाहन आप को बताया ह वह करrdquo

17 तब याक़ब न उठ कर अपन बाल-बचचो कोऊटो पर िबठाया 18 और अपन तमाम मवशी औरमसोपतािमया स हािसल िकया हआ तमाम सामानल कर मलक-ए-कनआन म अपन बाप क हा जान किलए रवाना हआ 19 उस वक़त लाबन अपनी भड़-बकिरयो की पशम कतरन को गया हआ था उसकी ग़रमौजदगी म रािख़ल न अपन बाप क बत चरािलए

20 याक़ब न लाबन को फ़रब द कर उस इिततला नदी िक म जा रहा ह 21 बिलक अपनी सारी िमलिकयतसमट कर फ़रार हआ दरया-ए-फ़रात को पार करकवह िजिलआद क पहाड़ी इलाक़ की तरफ़ सफ़रकरन लगा

लाबन याक़ब का ताक़क़ब करता ह22 तीन िदन गज़र गए िफर लाबन को बताया गया

िक याक़ब भाग गया ह 23 अपन िरशतदारो कोसाथ ल कर उस न उस का ताक़क़ब िकया सातिदन चलत चलत उस न याक़ब को आ िलया जबवह िजिलआद क पहाड़ी इलाक़ म पहच गया था24 लिकन उस रात अललाह न ख़वाब म लाबन क पासआ कर उस स कहा ldquoख़बरदार याक़ब को बरा-भला न कहनाrdquo

25 जब लाबन उस क पास पहचा तो याक़ब निजिलआद क पहाड़ी इलाक़ म अपन ख़म लगाएहए थ लाबन न भी अपन िरशतदारो क साथ वही

पदाइश 3126ndash43 37अपन ख़म लगाए 26 उस न याक़ब स कहा ldquoयहआप न कया िकया ह आप मझ धोका द कर मरीबिटयो को कय जगी क़िदयो की तरह हाक लाए ह27 आप कय मझ फ़रब द कर ख़ामोशी स भाग आएह अगर आप मझ इिततला दत तो म आप को ख़शीख़शी दफ़ और सरोद क साथ गात बजात रख़सतकरता 28 आप न मझ अपन नवास-नवािसयो औरबिटयो को बोसा दन का मौक़ा भी न िदया आप कीयह हरकत बड़ी अहमक़ाना थी 29 म आप को बहतनक़सान पहचा सकता ह लिकन िपछली रात आपक अबब क ख़दा न मझ स कहा lsquoख़बरदार याक़बको बरा-भला न कहनाrsquo 30 ठीक ह आप इस िलएचल गए िक अपन बाप क घर वापस जान क बड़आरज़मनद थ लिकन यह आप न कया िकया ह िकमर बत चरा लाए हrdquo

31 याक़ब न जवाब िदया ldquoमझ डर था िक आपअपनी बिटयो को मझ स छीन लग 32 लिकन अगरआप को यहा िकसी क पास अपन बत िमल जाएतो उस सज़ा-ए-मौत दी जाए हमार िरशतदारो कीमौजदगी म मालम कर िक मर पास आप की कोईचीज़ ह िक नही अगर ह तो उस ल लrdquo याक़ब कोमालम नही था िक रािख़ल न बतो को चराया ह

33 लाबन याक़ब क ख़म म दािख़ल हआ और ढडनलगा वहा स िनकल कर वह िलयाह क ख़म म औरदोनो लौिडयो क ख़म म गया लिकन उस क बतकही नज़र न आए आिख़र म वह रािख़ल क ख़मम दािख़ल हआ 34 रािख़ल बतो को ऊटो की एककाठी क नीच छपा कर उस पर बठ गई थी लाबनटटोल टटोल कर पर ख़म म स गज़रा लिकन बत निमल 35 रािख़ल न अपन बाप स कहा ldquoअबब मझस नाराज़ न होना िक म आप क सामन खड़ी नही होसकती म अययाम-ए-माहवारी क सबब स उठ नहीसकतीrdquo लाबन उस छोड़ कर ढडता रहा लिकनकछ न िमला

36 िफर याक़ब को ग़ससा आया और वह लाबन सझगड़न लगा उस न पछा ldquoमझ स कया जमर सरज़दहआ ह म न कया गनाह िकया ह िक आप इतनीतनदी स मर ताक़क़ब क िलए िनकल ह 37 आप नटटोल टटोल कर मर सार सामान की तलाशी ली हतो आप का कया िनकला ह उस यहा अपन और मरिरशतदारो क सामन रख िफर वह फ़सला कर िकहम म स कौन हक़ पर ह 38 म बीस साल तक आपक साथ रहा ह उस दौरान आप की भड़-बकिरया बचचो स महरम नही रही बिलक म न आप का एकमढा भी नही खाया 39 जब भी कोई भड़ या बकरीिकसी जगली जानवर न फाड़ डाली तो म उस आपक पास न लाया बिलक मझ ख़द उस का नक़सानभरना पड़ा आप का तक़ाज़ा था िक म ख़द चोरीहए माल का इवज़ाना द ख़वाह वह िदन क वक़तचोरी हआ या रात को 40 म िदन की शदीद गमीरक बाइस िपघल गया और रात की शदीद सदीर कबाइस जम गया काम इतना सख़त था िक म नीद समहरम रहा 41 पर बीस साल इसी हालत म गज़रगए चौदह साल म न आप की बिटयो क इवज़ कामिकया और छः साल आप की भड़-बकिरयो क िलएउस दौरान आप न दस बार मरी तनख़वाह बदल दी42 अगर मर बाप इसहाक़ का ख़दा और मर दादाइबराहीम का माबद fमर साथ न होता तो आप मझज़रर ख़ाली हाथ रख़सत करत लिकन अललाह नमरी मसीबत और मरी सख़त महनत-मशक़क़त दखीह इस िलए उस न कल रात को मर हक़ म फ़सलािदयाrdquo

याक़ब और लाबन क दरिमयान अहद43 तब लाबन न याक़ब स कहा ldquoयह बिटया तो

मरी बिटया ह और इन क बचच मर बचच ह यह भड़-बकिरया भी मरी ही ह लिकन अब म अपनी बिटयोऔर उन क बचचो क िलए कछ नही कर सकता

fलफ़ज़ी तजरमा दहशत यानी इसहाक़ का वह ख़दा िजस स इनसान दहशत खाता ह

38 पदाइश 3144ndash321244 इस िलए आओ हम एक दसर क साथ अहदबाध इस क िलए हम यहा पतथरो का ढर लगाएजो अहद की गवाही दता रहrdquo

45 चनाच याक़ब न एक पतथर ल कर उस सतनक तौर पर खड़ा िकया 46 उस न अपन िरशतदारो सकहा ldquoकछ पतथर जमा करrdquo उनहो न पतथर जमाकरक ढर लगा िदया िफर उनहो न उस ढर क पासबठ कर खाना खाया 47 लाबन न उस का नाम यजर-शाहदथा रखा जबिक याक़ब न जल-एद रखा दोनोनामो का मतलब lsquoगवाही का ढरrsquo ह यानी वह ढर जोगवाही दता ह 48 लाबन न कहा ldquoआज हम दोनोक दरिमयान यह ढर अहद की गवाही दता हrdquo इसिलए उस का नाम जल-एद रखा गया 49 उस का एकऔर नाम िमसफ़ाह यानी lsquoपहरदारो का मीनारrsquo भीरखा गया कयिक लाबन न कहा ldquoरब हम पर पहराद जब हम एक दसर स अलग हो जाएग 50 मरीबिटयो स बरा सलक न करना न उन क इलावािकसी और स शादी करना अगर मझ पता भी नचल लिकन ज़रर याद रख िक अललाह मर और आपक सामन गवाह ह 51 यहा यह ढर ह जो म न लगािदया ह और यहा यह सतन भी ह 52 यह ढर औरसतन दोनो इस क गवाह ह िक न म यहा स गज़रकर आप को नक़सान पहचाऊगा और न आप यहा सगज़र कर मझ नक़सान पहचाएग 53 इबराहीम नहरऔर उन क बाप का ख़दा हम दोनो क दरिमयानफ़सला कर अगर ऐसा कोई मआमला होrdquo जवाबम याक़ब न इसहाक़ क माबद की क़सम खाई िकम यह अहद कभी नही तोड़गा 54 उस न पहाड़ परएक जानवर क़बारनी क तौर पर चढ़ाया और अपनिरशतदारो को खाना खान की दावत दी उनहो नखाना खा कर वही पहाड़ पर रात गज़ारी

55 अगल िदन सबह-सवर लाबन न अपन नवास-नवािसयो और बिटयो को बोसा द कर उनह बरकतदी िफर वह अपन घर वापस चला गया

याक़ब एसौ स िमलन क िलए तययार हो जाता ह

32 1 याक़ब न भी अपना सफ़र जारी रखारासत म अललाह क फ़िरशत उस स िमल

2 उनह दख कर उस न कहा ldquoयह अललाह कीलशकरगाह हrdquo उस न उस मक़ाम का नाम महनाइमयानी lsquoदो लशकरगाहrsquo रखा

3 याक़ब न अपन भाई एसौ क पास अपन आगआग क़ािसद भज एसौ सईर यानी अदोम क मलकम आबाद था 4 उनह एसौ को बताना था ldquoआपका ख़ािदम याक़ब आप को इिततला दता ह िक मपरदस म जा कर अब तक लाबन का महमान रहाह 5 वहा मझ बल गध भड़-बकिरया ग़लाम औरलौिडया हािसल हए ह अब म अपन मािलक कोइिततला द रहा ह िक वापस आ गया ह और आपकी नज़र-ए-करम का ख़वािहशमनद हrdquo

6 जब क़ािसद वापस आए तो उनहो न कहा ldquoहमआप क भाई एसौ क पास गए और वह 400 आदमीसाथ ल कर आप स िमलन आ रहा हrdquo

7 याक़ब घबरा कर बहत परशान हआ उस नअपन साथ क तमाम लोगो भड़-बकिरयो गाय-बलोऔर ऊटो को दो गरोहो म तक़सीम िकया 8 ख़यालयह था िक अगर एसौ आ कर एक गरोह पर हमलाकर तो बाक़ी गरोह शायद बच जाए 9 िफर याक़बन दआ की ldquoऐ मर दादा इबराहीम और मर बापइसहाक़ क ख़दा मरी दआ सन ऐ रब त न ख़दमझ बताया lsquoअपन मलक और िरशतदारो क पासवापस जा और म तझ कामयाबी दगाrsquo 10 म उसतमाम महरबानी और वफ़ादारी क लाइक़ नही जो तन अपन ख़ािदम को िदखाई ह जब म न लाबन कपास जात वक़त दरया-ए-यदरन को पार िकया तो मरपास िसफ़र यह लाठी थी और अब मर पास यह दोगरोह ह 11 मझ अपन भाई एसौ स बचा कयिक मझडर ह िक वह मझ पर हमला करक बाल-बचचो समतसब कछ तबाह कर दगा 12 त न ख़द कहा था lsquoम

पदाइश 3213ndash335 39तझ कामयाबी दगा और तरी औलाद इतनी बढ़ाऊगािक वह समनदर की रत की मािननद बशमार होगीrsquordquo

13 याक़ब न वहा रात गज़ारी िफर उस न अपनमाल म स एसौ क िलए तहफ़ चन िलए 14 200बकिरया 20 बकर 200 भड़ 20 मढ 15 30 दधदन वाली ऊटिनया बचचो समत 40 गाए 10 बल20 गिधया और 10 गध 16 उस न उनह मख़तिलफ़रवड़ो म तक़सीम करक अपन मख़तिलफ़ नौकरो कसपदर िकया और उन स कहा ldquoमर आग आग चलोलिकन हर रवड़ क दरिमयान फ़ािसला रखोrdquo

17 जो नौकर पहल रवड़ ल कर आग िनकला उसस याक़ब न कहा ldquoमरा भाई एसौ तम स िमलगा औरपछगा lsquoतमहारा मािलक कौन ह तम कहा जा रहहो तमहार सामन क जानवर िकस क हrsquo 18 जवाबम तमह कहना ह lsquoयह आप क ख़ािदम याक़ब क हयह तहफ़ा ह जो वह अपन मािलक एसौ को भज रहह याक़ब हमार पीछ पीछ आ रह हrsquordquo

19 याक़ब न यही हकम हर एक नौकर को िदयािजस रवड़ ल कर उस क आग आग जाना था उसन कहा ldquoजब तम एसौ स िमलोग तो उस स यहीकहना ह 20 तमह यह भी ज़रर कहना ह आप कख़ािदम याक़ब हमार पीछ आ रह हrdquo कयिक याक़बन सोचा म इन तहफ़ो स उस क साथ सलह करगािफर जब उस स मलाक़ात होगी तो शायद वह मझक़बल कर ल 21 य उस न यह तहफ़ अपन आगआग भज िदए लिकन उस न ख़द ख़मागाह म रातगज़ारी

याक़ब की कशती22 उस रात वह उठा और अपनी दो बीिवयो दो

लौिडयो और गयारह बटो को ल कर दरया-ए-यबबोक़को वहा स पार िकया जहा कम गहराई थी 23 िफरउस न अपना सारा सामान भी वहा भज िदया24 लिकन वह ख़द अकला ही पीछ रह गया

उस वक़त एक आदमी आया और पौ फटन तकउस स कशती लड़ता रहा 25 जब उस न दखा िक

म याक़ब पर ग़ािलब नही आ रहा तो उस न उसक कलह को छआ और उस का जोड़ िनकल गया26 आदमी न कहा ldquoमझ जान द कयिक पौ फटनवाली हrdquo

याक़ब न कहा ldquoपहल मझ बरकत द िफर ही आपको जान दगाrdquo 27 आदमी न पछा ldquoतरा कया नामहrdquo उस न जवाब िदया ldquoयाक़बrdquo 28 आदमी नकहा ldquoअब स तरा नाम याक़ब नही बिलक इसराईलयानी lsquoवह अललाह स लड़ता हrsquo होगा कयिक तअललाह और आदिमयो क साथ लड़ कर ग़ािलबआया हrdquo

29 याक़ब न कहा ldquoमझ अपना नाम बताएrdquo उसन कहा ldquoत कय मरा नाम जानना चाहता हrdquo िफरउस न याक़ब को बरकत दी

30 याक़ब न कहा ldquoम न अललाह को र-ब-र दखातो भी बच गया हrdquo इस िलए उस न उस मक़ाम कानाम फ़नीएल रखा 31 याक़ब वहा स चला तो सरजतल हो रहा था वह कलह क सबब स लगड़ाता रहा

32 यही वजह ह िक आज भी इसराईल की औलादकलह क जोड़ पर की नस को नही खात कयिकयाक़ब की इसी नस को छआ गया था

याक़ब एसौ स िमलता ह

33 1 िफर एसौ उन की तरफ़ आता हआ नज़रआया उस क साथ 400 आदमी थ उनह

दख कर याक़ब न बचचो को बाट कर िलयाह रािख़लऔर दोनो लौिडयो क हवाल कर िदया 2 उस नदोनो लौिडयो को उन क बचचो समत आग चलनिदया िफर िलयाह उस क बचचो समत और आिख़रम रािख़ल और यसफ़ आए 3 याक़ब ख़द सब सआग एसौ स िमलन गया चलत चलत वह सात दफ़ाज़मीन तक झका 4 लिकन एसौ दौड़ कर उस सिमलन आया और उस गल लगा कर बोसा िदयादोनो रो पड़

5 िफर एसौ न औरतो और बचचो को दखा उस नपछा ldquoतमहार साथ यह लोग कौन हrdquo याक़ब न

40 पदाइश 336ndash347कहा ldquoयह आप क ख़ािदम क बचच ह जो अललाह नअपन करम स नवाज़ हrdquo

6 दोनो लौिडया अपन बचचो समत आ कर उस कसामन झक गई 7 िफर िलयाह अपन बचचो क साथआई और आिख़र म यसफ़ और रािख़ल आ कर झकगए

8 एसौ न पछा ldquoिजस जानवरो क बड़ ग़ोल समरी मलाक़ात हई उस स कया मराद हrdquo याक़ब नजवाब िदया ldquoयह तहफ़ा ह तािक आप का ख़ािदमआप की नज़र म मक़बल होrdquo 9 लिकन एसौ न कहाldquoमर भाई मर पास बहत कछ ह यह अपन पास हीरखोrdquo 10 याक़ब न कहा ldquoनही जी अगर मझ परआप क करम की नज़र ह तो मर इस तहफ़ को ज़ररक़बल फ़रमाए कयिक जब म न आप का िचहरादखा तो वह मर िलए अललाह क िचहर की मािननदथा आप न मर साथ इस क़दर अचछा सलक िकयाह 11 महरबानी करक यह तहफ़ा क़बल कर जो मआप क िलए लाया ह कयिक अललाह न मझ परअपन करम का इज़हार िकया ह और मर पास बहतकछ हrdquo

याक़ब इसरार करता रहा तो आिख़रकार एसौन उस क़बल कर िलया िफर एसौ कहन लगा12 ldquoआओ हम रवाना हो जाए म तमहार आग आगचलगाrdquo 13 याक़ब न जवाब िदया ldquoमर मािलकआप जानत ह िक मर बचच नाज़क ह मर पास भड़-बकिरया गाय-बल और उन क दध पीन वाल बचच भीह अगर म उनह एक िदन क िलए भी हद स ज़यादाहाक तो वह मर जाएग 14 मर मािलक महरबानीकरक मर आग आग जाए म आराम स उसी रफ़तारस आप क पीछ पीछ चलता रहगा िजस रफ़तार समर मवशी और मर बचच चल सकग य हम आिहसताचलत हए आप क पास सईर पहचगrdquo 15 एसौ नकहा ldquoकया म अपन आदिमयो म स कछ आप कपास छोड़ दrdquo लिकन याक़ब न कहा ldquoकया ज़ररतह सब स अहम बात यह ह िक आप न मझ क़बलकर िलया हrdquo

16 उस िदन एसौ सईर क िलए और 17 याक़बसककात क िलए रवाना हआ वहा उस न अपनिलए मकान बना िलया और अपन मविशयो क िलएझोपिड़या इस िलए उस मक़ाम का नाम सककात यानीझोपिड़या पड़ गया

18 िफर याक़ब चलत चलत सलामती स िसकमशहर पहचा य उस का मसोपतािमया स मलक-ए-कनआन तक का सफ़र इख़ितताम तक पहच गयाउस न अपन ख़म शहर क सामन लगाए 19 उस कख़म हमोर की औलाद की ज़मीन पर लग थ उस नयह ज़मीन चादी क 100 िसकको क बदल ख़रीद ली20 वहा उस न क़बारनगाह बनाई िजस का नाम उस नlsquoएल ख़दा-ए- इसराईलrsquo रखा

दीना की इसमतदरी

34 1 एक िदन याक़ब और िलयाह की बटीदीना कनआनी औरतो स िमलन क िलए

घर स िनकली 2 शहर म एक आदमी बनाम िसकमरहता था उस का वािलद हमोर उस इलाक़ काहकमरान था और िहववी क़ौम स ताललक़ रखता थाजब िसकम न दीना को दखा तो उस न उस पकड़कर उस की इसमतदरी की 3 लिकन उस का िदलदीना स लग गया वह उस स महबबत करन लगाऔर पयार स उस स बात करता रहा 4 उस न अपनबाप स कहा ldquoइस लड़की क साथ मरी शादी करादrdquo

5 जब याक़ब न अपनी बटी की इसमतदरी की ख़बरसनी तो उस क बट मविशयो क साथ खल मदान मथ इस िलए वह उन क वापस आन तक ख़ामोशरहा

6 िसकम का बाप हमोर शहर स िनकल कर याक़बस बात करन क िलए आया 7 जब याक़ब क बटोको दीना की इसमतदरी की ख़बर िमली तो उन किदल रिजश और ग़सस स भर गए िक िसकम नयाक़ब की बटी की इसमतदरी स इसराईल की इतनीबइज़ज़ती की ह वह सीध खल मदान स वापस

पदाइश 348ndash31 41आए 8 हमोर न याक़ब स कहा ldquoमर बट का िदलआप की बटी स लग गया ह महरबानी करक उसकी शादी मर बट क साथ कर द 9 हमार साथ िरशताबाध हमार बट-बिटयो क साथ शािदया कराए10 िफर आप हमार साथ इस मलक म रह सकग औरपरा मलक आप क िलए खला होगा आप जहा भीचाह आबाद हो सकग ितजारत कर सकग औरज़मीन ख़रीद सकगrdquo 11 िसकम न ख़द भी दीनाक बाप और भाइयो स िमननत की ldquoअगर मरी यहदरख़वासत मनज़र हो तो म जो कछ आप कहग अदाकर दगा 12 िजतना भी महर और तहफ़ आप मक़रररकर म द दगा िसफ़र मरी यह ख़वािहश परी कर िकयह लड़की मर अक़द म आ जाएrdquo

13 लिकन दीना की इसमतदरी क सबब स याक़बक बटो न िसकम और उस क बाप हमोर स चालाकीकरक 14 कहा ldquoहम ऐसा नही कर सकत हम अपनीबहन की शादी िकसी ऐस आदमी स नही करा सकतिजस का ख़तना नही हआ इस स हमारी बइज़ज़तीहोती ह 15 हम िसफ़र इस शतर पर राज़ी होग िक आपअपन तमाम लड़को और मदोर का ख़तना करवान सहमारी मािननद हो जाए 16 िफर आप क बट-बिटयोक साथ हमारी शािदया हो सकगी और हम आपक साथ एक क़ौम बन जाएग 17 लिकन अगर आपख़तना करान क िलए तययार नही ह तो हम अपनीबहन को ल कर चल जाएगrdquo

18 यह बात हमोर और उस क बट िसकम कोअचछी लगी 19 नौजवान िसकम न फ़ौरन उन परअमल िकया कयिक वह दीना को बहत पसनदकरता था िसकम अपन ख़ानदान म सब समअज़ज़ज़ था 20 हमोर अपन बट िसकम क साथशहर क दरवाज़ पर गया जहा शहर क फ़सल िकएजात थ वहा उनहो न बाक़ी शहिरयो स बात की21 ldquoयह आदमी हम स झगड़न वाल नही ह इस िलएकय न वह इस मलक म हमार साथ रह और हमारदरिमयान ितजारत कर हमार मलक म उन क िलए

भी काफ़ी जगह ह आओ हम उन की बिटयो औरबटो स शािदया कर 22 लिकन यह आदमी िसफ़रइस शतर पर हमार दरिमयान रहन और एक ही क़ौमबनन क िलए तययार ह िक हम उन की तरह अपनतमाम लड़को और मदोर का ख़तना कराए 23 अगरहम ऐसा कर तो उन क तमाम मवशी और सारा मालहमारा ही होगा चनाच आओ हम मततिफ़क़ हो करफ़सला कर ल तािक वह हमार दरिमयान रहrdquo

24 िसकम क शहरी हमोर और िसकम क मशवर परराज़ी हए तमाम लड़को और मदोर का ख़तना करायागया 25 तीन िदन क बाद जब ख़तन क सबब सलोगो की हालत बरी थी तो दीना क दो भाई शमाऊनऔर लावी अपनी तलवार ल कर शहर म दािख़लहए िकसी को शक तक नही था िक कया कछ होगाअनदर जा कर उनहो न बचचो स ल कर बढ़ो तकतमाम मदोर को क़तल कर िदया 26 िजन म हमोर औरउस का बटा िसकम भी शािमल थ िफर वह दीनाको िसकम क घर स ल कर चल गए

27 इस क़तल-ए-आम क बाद याक़ब क बाक़ी बटशहर पर टट पड़ और उस लट िलया य उनहो नअपनी बहन की इसमतदरी का बदला िलया 28 वहभड़-बकिरया गाय-बल गध और शहर क अनदरऔर बाहर का सब कछ ल कर चलत बन 29 उनहोन सार माल पर क़बज़ा िकया औरतो और बचचो कोक़दी बना िलया और तमाम घरो का सामान भी लगए

30 िफर याक़ब न शमाऊन और लावी स कहा ldquoतमन मझ मसीबत म डाल िदया ह अब कनआनीफ़िरज़ज़ी और मलक क बाक़ी बािशनदो म मरीबदनामी हई ह मर साथ कम आदमी ह अगर दसरिमल कर हम पर हमला कर तो हमार पर ख़ानदानका सतयानास हो जाएगाrdquo 31 लिकन उनहो न कहाldquoकया यह ठीक था िक उस न हमारी बहन क साथकसबी का सा सलक िकयाrdquo

42 पदाइश 351ndash23

बत-एल म याक़ब पर अललाह की बरकत

35 1 अललाह न याक़ब स कहा ldquoउठ बत-एलजा कर वहा आबाद हो वही अललाह क

िलए जो तझ पर ज़ािहर हआ जब त अपन भाई एसौस भाग रहा था क़बारनगाह बनाrdquo 2 चनाच याक़ब नअपन घर वालो और बाक़ी सार सािथयो स कहाldquoजो भी अजनबी बत आप क पास ह उनह फक दअपन आप को पाक-साफ़ करक अपन कपड़ बदल3 कयिक हम यह जगह छोड़ कर बत-एल जाना हवहा म उस ख़दा क िलए क़बारनगाह बनाऊगा िजसन मसीबत क वक़त मरी दआ सनी जहा भी म गयावहा वह मर साथ रहा हrdquo 4 यह सन कर उनहो नयाक़ब को तमाम बत द िदए जो उन क पास थ औरतमाम बािलया जो उनहो न तावीज़ क तौर पर कानोम पहन रखी थी उस न सब कछ िसकम क क़रीबबलत क दरख़त क नीच ज़मीन म दबा िदया 5 िफरवह रवाना हए इदरिगदर क शहरो पर अललाह की तरफ़स इतना शदीद ख़ौफ़ छा गया िक उनहो न याक़बऔर उस क बटो का ताक़क़ब न िकया

6 चलत चलत याक़ब अपन लोगो समत लज़ पहचगया जो मलक-ए-कनआन म था आज लज़ का नामबत-एल ह 7 याक़ब न वहा क़बारनगाह बना करमक़ाम का नाम बत-एल यानी lsquoअललाह का घरrsquo रखाकयिक वहा अललाह न अपन आप को उस पर ज़ािहरिकया था जब वह अपन भाई स फ़रार हो रहा था

8 वहा िरबक़ा की दाया दबोरा मर गई वह बत-एलक जनब म बलत क दरख़त क नीच दफ़न हई इसिलए उस का नाम अललोन-बकत यानी lsquoरोन का बलतका दरख़तrsquo रखा गया

9 अललाह याक़ब पर एक दफ़ा और ज़ािहर हआ औरउस बरकत दी यह मसोपतािमया स वापस आन परदसरी बार हआ 10 अललाह न उस स कहा ldquoअब सतरा नाम याक़ब नही बिलक इसराईल होगाrdquo य उसन उस का नया नाम इसराईल रखा 11 अललाह न यहभी उस स कहा ldquoम अललाह क़ािदर-ए-मतलक़ ह

फल फल और तादाद म बढ़ता जा एक क़ौम नहीबिलक बहत सी क़ौम तझ स िनकलगी तरी औलादम बादशाह भी शािमल होग 12 म तझ वही मलकदगा जो इबराहीम और इसहाक़ को िदया ह और तरबाद उस तरी औलाद को दगाrdquo

13 िफर अललाह वहा स आसमान पर चला गया14 जहा अललाह याक़ब स हमकलाम हआ था वहा उस न पतथर का सतन खड़ा िकया और उस पर मऔर तल उडल कर उस मख़सस िकया 15 उस नजगह का नाम बत-एल रखा

रािख़ल की मौत16 िफर याक़ब अपन घर वालो क साथ बत-एल

को छोड़ कर इफ़राता की तरफ़ चल पड़ा रािख़लउममीद स थी और रासत म बचच की पदाइश कावक़त आ गया बचचा बड़ी मिशकल स पदा हआ17 जब ददर-ए-ज़ह उरज को पहच गया तो दाई नउस स कहा ldquoमत डरो कयिक एक और बटा हrdquo18 लिकन वह दम तोड़न वाली थी और मरत मरतउस न उस का नाम िबन-ऊनी यानी lsquoमरी मसीबतका बटाrsquo रखा लिकन उस क बाप न उस का नामिबनयमीन यानी lsquoदहन हाथ या ख़शिक़समती काबटाrsquo रखा 19 रािख़ल फ़ौत हई और वह इफ़राता करासत म दफ़न हई आजकल इफ़राता को बत-लहमकहा जाता ह 20 याक़ब न उस की क़बर पर पतथरका सतन खड़ा िकया वह आज तक रािख़ल कीक़बर की िनशानिदही करता ह

21 वहा स याक़ब न अपना सफ़र जारी रखा औरिमजदल-इदर की परली तरफ़ अपन ख़म लगाए22 जब वह वहा ठहर थ तो रिबन याक़ब की हरमिबलहाह स हमिबसतर हआ याक़ब को मालम होगया

याक़ब क बटयाक़ब क बारह बट थ 23 िलयाह क बट यह थ

उस का सब स बड़ा बटा रिबन िफर शमाऊन

पदाइश 3524ndash3626 43लावी यहदाह इशकार और ज़बलन 24 रािख़ल कदो बट थ यसफ़ और िबनयमीन 25 रािख़ल कीलौडी िबलहाह क दो बट थ दान और नफ़ताली26 िलयाह की लौडी िज़लफ़ा क दो बट थ जद औरआशर याक़ब क यह बट मसोपतािमया म पदा हए

इसहाक़ की मौत27 िफर याक़ब अपन बाप इसहाक़ क पास पहच

गया जो हबरन क क़रीब ममर म अजनबी की हिसयतस रहता था (उस वक़त हबरन का नाम िक़यरत-अबारथा) वहा इसहाक़ और उस स पहल इबराहीम रहाकरत थ 28ndash29 इसहाक़ 180 साल का था जब वहउमररसीदा और िज़नदगी स आसदा हो कर अपनबापदादा स जा िमला उस क बट एसौ और याक़बन उस दफ़न िकया

एसौ की औलाद

36 1 यह एसौ की औलाद का नसबनामा ह(एसौ को अदोम भी कहा जाता ह)

2 एसौ न तीन कनआनी औरतो स शादी की िहतती आदमी ऐलोन की बटी अदा स अना कीबटी उहलीबामा स जो िहववी आदमी िसबओन कीनवासी थी 3 और इसमाईल की बटी बासमत सजो नबायोत की बहन थी 4 अदा का एक बटाइलीफ़ज़ और बासमत का एक बटा रऊएल पदाहआ 5 उहलीबामा क तीन बट पदा हए यऊसयालाम और क़ोरह एसौ क यह तमाम बट मलक-ए-कनआन म पदा हए

6 बाद म एसौ दसर मलक म चला गया उस नअपनी बीिवयो बट-बिटयो और घर क रहन वालोको अपन तमाम मविशयो और मलक-ए-कनआन महािसल िकए हए माल समत अपन साथ िलया 7 वहइस वजह स चला गया िक दोनो भाइयो क पास इतनरवड़ थ िक चरान की जगह कम पड़ गई 8 चनाचएसौ पहाड़ी इलाक़ सईर म आबाद हआ एसौ कादसरा नाम अदोम ह

9 यह एसौ यानी सईर क पहाड़ी इलाक़ म आबादअदोिमयो का नसबनामा ह 10 एसौ की बीवी अदाका एक बटा इलीफ़ज़ था जबिक उस की बीवीबासमत का एक बटा रऊएल था 11 इलीफ़ज़ कबट तमान ओमर सफ़ो जाताम क़नज़ 12 औरअमालीक़ थ अमालीक़ इलीफ़ज़ की हरम ितमनाका बटा था यह सब एसौ की बीवी अदा की औलादम शािमल थ 13 रऊएल क बट नहत ज़ारह सममाऔर िमज़ज़ा थ यह सब एसौ की बीवी बासमत कीऔलाद म शािमल थ 14 एसौ की बीवी उहलीबामाजो अना की बटी और िसबओन की नवासी थी कतीन बट यऊस यालाम और क़ोरह थ

15 एसौ स मख़तिलफ़ क़बीलो क सरदार िनकलउस क पहलौठ इलीफ़ज़ स यह क़बाइली सरदारिनकल तमान ओमर सफ़ो क़नज़ 16 क़ोरहजाताम और अमालीक़ यह सब एसौ की बीवीअदा की औलाद थ 17 एसौ क बट रऊएल स यहक़बाइली सरदार िनकल नहत ज़ारह सममा औरिमज़ज़ा यह सब एसौ की बीवी बासमत की औलादथ 18 एसौ की बीवी उहलीबामा यानी अना की बटीस यह क़बाइली सरदार िनकल यऊस यालाम औरक़ोरह 19 यह तमाम सरदार एसौ की औलाद ह

सईर की औलाद20 मलक-ए-अदोम क कछ बािशनद होरी आदमी

सईर की औलाद थ उन क नाम लोतान सोबलिसबओन अना 21 दीसोन एसर और दीसान थसईर क यह बट मलक-ए-अदोम म होरी क़बीलो कसरदार थ

22 लोतान होरी और हमाम का बाप था (ितमनालोतान की बहन थी) 23 सोबल क बट अलवानमानहत ऐबाल सफ़ो और ओनाम थ 24 िसबओनक बट अययाह और अना थ इसी अना को गमरचशम िमल जब वह बयाबान म अपन बाप क गधचरा रहा था 25 अना का एक बटा दीसोन और एकबटी उहलीबामा थी 26 दीसोन क चार बट हमदान

44 पदाइश 3627ndash3711इशबान ियतरान और िकरान थ 27 एसर क तीन बटिबलहान ज़ावान और अक़ान थ 28 दीसान क दोबट ऊज़ और अरान थ

29ndash30 यही यानी लोतान सोबल िसबओन अनादीसोन एसर और दीसान सईर क मलक म होरीक़बाइल क सरदार थ

अदोम क बादशाह31 इस स पहल िक इसराईिलयो का कोई बादशाह

था ज़ल क बादशाह यक बाद दीगर मलक-ए-अदोमम हकमत करत थ

32 बाला िबन बओर जो िदनहाबा शहर का थामलक-ए-अदोम का पहला बादशाह था

33 उस की मौत पर यबाब िबन ज़ारह जो बसरा शहरका था

34 उस की मौत पर हशाम जो तमािनयो क मलकका था

35 उस की मौत पर हदद िबन िबदद िजस नमलक-ए-मोआब म िमिदयािनयो को िशकसत दी वहअवीत का था

36 उस की मौत पर समला जो मिसरक़ा का था37 उस की मौत पर साऊल जो दरया-ए-फ़रात पर

रहोबोत शहर का था38 उस की मौत पर बाल-हनान िबन अकबोर39 उस की मौत पर हदद जो फ़ाऊ शहर का

था (बीवी का नाम महतब-एल िबनत मितरद िबनतमज़ाहाब था)

40ndash43 एसौ स अदोमी क़बीलो क यह सरदारिनकल ितमना अलवह यतत उहलीबामा ऐलाफ़ीनोन क़नज़ तमान िमबसार मजदीएल औरइराम अदोम क सरदारो की यह फ़हिरसत उनकी मौरसी ज़मीन की आबािदयो और क़बीलो कमतािबक़ ही बयान की गई ह एसौ उन का बाप ह

यसफ़ क ख़वाब

37 1 याक़ब मलक-ए-कनआन म रहता थाजहा पहल उस का बाप भी परदसी था

2 यह याक़ब क ख़ानदान का बयान हउस वक़त याक़ब का बटा यसफ़ 17 साल का

था वह अपन भाइयो यानी िबलहाह और िज़लफ़ा कबटो क साथ भड़-बकिरयो की दख-भाल करता थायसफ़ अपन बाप को अपन भाइयो की बरी हरकतोकी इिततला िदया करता था

3 याक़ब यसफ़ को अपन तमाम बटो की िनसबतज़यादा पयार करता था वजह यह थी िक वह तबपदा हआ जब बाप बढ़ा था इस िलए याक़ब न उसक िलए एक ख़ास रगदार िलबास बनवाया 4 जबउस क भाइयो न दखा िक हमारा बाप यसफ़ को हमस ज़यादा पयार करता ह तो वह उस स नफ़रत करनलग और अदब स उस स बात नही करत थ

5 एक रात यसफ़ न ख़वाब दखा जब उस न अपनभाइयो को ख़वाब सनाया तो वह उस स और भीनफ़रत करन लग 6 उस न कहा ldquoसनो म न ख़वाबदखा 7 हम सब खत म पल बाध रह थ िक मरा पलाखड़ा हो गया आप क पल मर पल क इदरिगदर जमाहो कर उस क सामन झक गएrdquo 8 उस क भाइयो नकहा ldquoअचछा त बादशाह बन कर हम पर हकमतकरगाrdquo उस क ख़वाबो और उस की बातो क सबबस उन की उस स नफ़रत मज़ीद बढ़ गई

9 कछ दर क बाद यसफ़ न एक और ख़वाब दखाउस न अपन भाइयो स कहा ldquoम न एक और ख़वाबदखा ह उस म सरज चाद और गयारह िसतार मरसामन झक गएrdquo 10 उस न यह ख़वाब अपन बाप कोभी सनाया तो उस न उस डाटा उस न कहा ldquoयहकसा ख़वाब ह जो त न दखा यह कसी बात ह िकम तरी मा और तर भाई आ कर तर सामन ज़मीनतक झक जाएrdquo 11 नतीज म उस क भाई उस सबहत हसद करन लग लिकन उस क बाप न िदलम यह बात महफ़ज़ रखी

पदाइश 3712ndash35 45

यसफ़ को बचा जाता ह12 एक िदन जब यसफ़ क भाई अपन बाप क रवड़

चरान क िलए िसकम तक पहच गए थ 13 तो याक़बन यसफ़ स कहा ldquoतर भाई िसकम म रवड़ो को चरारह ह आ म तझ उन क पास भज दता हrdquo यसफ़ नजवाब िदया ldquoठीक हrdquo 14 याक़ब न कहा ldquoजा करमालम कर िक तर भाई और उन क साथ क रवड़ख़िरयत स ह िक नही िफर वापस आ कर मझ बतादनाrdquo चनाच उस क बाप न उस वादी-ए-हबरन सभज िदया और यसफ़ िसकम पहच गया

15 वहा वह इधर उधर िफरता रहा आिख़रकारएक आदमी उस स िमला और पछा ldquoआप कया ढडरह हrdquo 16 यसफ़ न जवाब िदया ldquoम अपन भाइयोको तलाश कर रहा ह मझ बताए िक वह अपनजानवरो को कहा चरा रह हrdquo 17 आदमी न कहाldquoवह यहा स चल गए ह म न उनह यह कहत सनािक आओ हम दतन जाएrdquo यह सन कर यसफ़ अपनभाइयो क पीछ दतन चला गया वहा उस वह िमलगए

18 जब यसफ़ अभी दर स नज़र आया तो उस कभाइयो न उस क पहचन स पहल उस क़तल करनका मनसबा बनाया 19 उनहो न कहा ldquoदखो ख़वाबदखन वाला आ रहा ह 20 आओ हम उस मार डालऔर उस की लाश िकसी गढ़ म फक द हम कहगिक िकसी वहशी जानवर न उस फाड़ खाया ह िफरपता चलगा िक उस क ख़वाबो की कया हक़ीक़तहrdquo

21 जब रिबन न उन की बात सनी तो उस न यसफ़को बचान की कोिशश की उस न कहा ldquoनही हमउस क़तल न कर 22 उस का ख़न न करना बशकउस इस गढ़ म फक द जो रिगसतान म ह लिकन उसहाथ न लगाएrdquo उस न यह इस िलए कहा िक वहउस बचा कर बाप क पास वापस पहचाना चाहताथा

23 ज ही यसफ़ अपन भाइयो क पास पहचा उनहोन उस का रगदार िलबास उतार कर 24 यसफ़ को गढ़म फक िदया गढ़ा ख़ाली था उस म पानी नही था25 िफर वह रोटी खान क िलए बठ गए अचानकइसमाईिलयो का एक क़ािफ़ला नज़र आया वहिजिलआद स िमसर जा रह थ और उन क ऊट क़ीमतीमसालो यानी लादन बलसान और मर स लद हए थ26 तब यहदाह न अपन भाइयो स कहा ldquoहम कयाफ़ाइदा ह अगर अपन भाई को क़तल करक उस कख़न को छपा द 27 आओ हम उस इन इसमाईिलयोक हाथ फ़रोख़त कर द िफर कोई ज़ररत नही होगीिक हम उस हाथ लगाए आिख़र वह हमारा भाईहrdquo

उस क भाई राज़ी हए 28 चनाच जब िमिदयानीतािजर वहा स गज़र तो भाइयो न यसफ़ को खच करगढ़ स िनकाला और चादी क 20 िसकको क इवज़ बचडाला इसमाईली उस ल कर िमसर चल गए

29 उस वक़त रिबन मौजद नही था जब वह गढ़क पास वापस आया तो यसफ़ उस म नही था यहदख कर उस न परशानी म अपन कपड़ फाड़ डाल30 वह अपन भाइयो क पास वापस गया और कहाldquoलड़का नही ह अब म िकस तरह अबब क पासजाऊrdquo 31 तब उनहो न बकरा ज़बह करक यसफ़का िलबास उस क ख़न म डबोया 32 िफर रगदारिलबास इस ख़बर क साथ अपन बाप को िभजवािदया िक ldquoहम यह िमला ह इस ग़ौर स दख यहआप क बट का िलबास तो नहीrdquo

33 याक़ब न उस पहचान िलया और कहा ldquoबशकउसी का ह िकसी वहशी जानवर न उस फाड़ खायाह यक़ीनन यसफ़ को फाड़ िदया गया हrdquo 34 याक़बन ग़म क मार अपन कपड़ फाड़ और अपनी कमर सटाट ओढ़ कर बड़ी दर तक अपन बट क िलए मातमकरता रहा 35 उस क तमाम बट-बिटया उस तसललीदन आए लिकन उस न तसलली पान स इनकार िकयाऔर कहा ldquoम पाताल म उतरत हए भी अपन बट क

46 पदाइश 3736ndash3822िलए मातम करगाrdquo इस हालत म वह अपन बटक िलए रोता रहा

36 इतन म िमिदयानी िमसर पहच कर यसफ़ को बचचक थ िमसर क बादशाह िफ़रऔन क एक आलाअफ़सर फ़तीफ़ार न उस ख़रीद िलया फ़तीफ़ारबादशाह क महािफ़ज़ो पर मक़ररर था

यहदाह और तमर

38 1 उन िदनो म यहदाह अपन भाइयो कोछोड़ कर एक आदमी क पास रहन लगा

िजस का नाम हीरा था और जो अदललाम शहर स था2 वहा यहदाह की मलाक़ात एक कनआनी औरत सहई िजस क बाप का नाम सअ था उस न उस सशादी की 3 बटा पदा हआ िजस का नाम यहदाह नएर रखा 4 एक और बटा पदा हआ िजस का नामबीवी न ओनान रखा 5 उस क तीसरा बटा भी पदाहआ उस न उस का नाम सला रखा यहदाह क़ज़ीबम था जब वह पदा हआ

6 यहदाह न अपन बड़ बट एर की शादी एक लड़कीस कराई िजस का नाम तमर था 7 रब क नज़दीकएर शरीर था इस िलए उस न उस हलाक कर िदया8 इस पर यहदाह न एर क छोट भाई ओनान स कहाldquoअपन बड़ भाई की बवा क पास जाओ और उस सशादी करो तािक तमहार भाई की नसल क़ाइम रहrdquo9 ओनान न ऐसा िकया लिकन वह जानता था िक जोभी बचच पदा होग वह क़ानन क मतािबक़ मर बड़ भाईक होग इस िलए जब भी वह तमर स हमिबसतरहोता तो नतफ़ा को ज़मीन पर िगरा दता कयिक वहनही चाहता था िक मरी मािरफ़त मर भाई क बचचपदा हो 10 यह बात रब को बरी लगी और उस नउस भी सज़ा-ए-मौत दी 11 तब यहदाह न अपनी बहतमर स कहा ldquoअपन बाप क घर वापस चली जाओऔर उस वक़त तक बवा रहो जब तक मरा बटा सलाबड़ा न हो जाएrdquo उस न यह इस िलए कहा िक उसडर था िक कही सला भी अपन भाइयो की तरह मरन जाए चनाच तमर अपन मक चली गई

12 काफ़ी िदनो क बाद यहदाह की बीवी जो सअकी बटी थी मर गई मातम का वक़त गज़र गया तोयहदाह अपन अदललामी दोसत हीरा क साथ ितमनतगया जहा यहदाह की भड़ो की पशम कतरी जा रहीथी 13 तमर को बताया गया ldquoआप का ससर अपनीभड़ो की पशम कतरन क िलए ितमनत जा रहा हrdquo14 यह सन कर तमर न बवा क कपड़ उतार कर आमकपड़ पहन िलए िफर वह अपना मह चादर स लपटकर ऐनीम शहर क दरवाज़ पर बठ गई जो ितमनतक रासत म था तमर न यह हरकत इस िलए की िकयहदाह का बटा सला अब बािलग़ हो चका था तोभी उस की उस क साथ शादी नही की गई थी

15 जब यहदाह वहा स गज़रा तो उस न उस दखकर सोचा िक यह कसबी ह कयिक उस न अपना महछपाया हआ था 16 वह रासत स हट कर उस क पासगया और कहा ldquoज़रा मझ अपन हा आन दrdquo (उसन नही पहचाना िक यह मरी बह ह) तमर न कहाldquoआप मझ कया दगrdquo 17 उस न जवाब िदया ldquoमआप को बकरी का बचचा भज दगाrdquo तमर न कहाldquoठीक ह लिकन उस भजन तक मझ ज़मानत दrdquo18 उस न पछा ldquoम आप को कया दrdquo तमर न कहाldquoअपनी महर और उस गल म लटकान की डोरी वहलाठी भी द जो आप पकड़ हए हrdquo चनाच यहदाहउस यह चीज़ द कर उस क साथ हमिबसतर हआनतीज म तमर उममीद स हई 19 िफर तमर उठ करअपन घर वापस चली गई उस न अपनी चादर उतारकर दबारा बवा क कपड़ पहन िलए

20 यहदाह न अपन दोसत हीरा अदललामी क हाथबकरी का बचचा भज िदया तािक वह चीज़ वापसिमल जाए जो उस न ज़मानत क तौर पर दी थीलिकन हीरा को पता न चला िक औरत कहा ह21 उस न ऐनीम क बािशनदो स पछा ldquoवह कसबीकहा ह जो यहा सड़क पर बठी थीrdquo उनहो न जवाबिदया ldquoयहा ऐसी कोई कसबी नही थीrdquo

22 उस न यहदाह क पास वापस जा कर कहा ldquoवहमझ नही िमली बिलक वहा क रहन वालो न कहा िक

पदाइश 3823ndash3914 47यहा कोई ऐसी कसबी थी नहीrdquo 23 यहदाह न कहाldquoिफर वह ज़मानत की चीज़ अपन पास ही रख उसछोड़ दो वनार लोग हमारा मज़ाक़ उड़ाएग हम न तोपरी कोिशश की िक उस बकरी का बचचा िमल जाएलिकन खोज लगान क बावजद आप को पता न चलािक वह कहा हrdquo

24 तीन माह क बाद यहदाह को इिततला दी गईldquoआप की बह तमर न िज़ना िकया ह और अब वहहािमला हrdquo यहदाह न हकम िदया ldquoउस बाहर लाकर जला दोrdquo 25 तमर को जलान क िलए बाहरलाया गया तो उस न अपन ससर को ख़बर भज दीldquoयह चीज़ दख यह उस आदमी की ह िजस कीमािरफ़त म उममीद स ह पता कर िक यह महर उसकी डोरी और यह लाठी िकस की हrdquo 26 यहदाहन उनह पहचान िलया उस न कहा ldquoम नही बिलकयह औरत हक़ पर ह कयिक म न उस की अपन बटसला स शादी नही कराईrdquo लिकन बाद म यहदाहकभी भी तमर स हमिबसतर न हआ

27 जब जनम दन का वक़त आया तो मालम हआिक जड़वा बचच ह 28 एक बचच का हाथ िनकला तोदाई न उस पकड़ कर उस म सख़र धागा बाध िदयाऔर कहा ldquoयह पहल पदा हआrdquo 29 लिकन उसन अपना हाथ वापस खच िलया और उस का भाईपहल पदा हआ यह दख कर दाई बोल उठी ldquoतिकस तरह फट िनकला हrdquo उस न उस का नामफ़ारस यानी फट रखा 30 िफर उस का भाई पदा हआिजस क हाथ म सख़र धागा बधा हआ था उस कानाम ज़ारह यानी चमक रखा गया

यसफ़ और फ़तीफ़ार की बीवी

39 1 इसमाईिलयो न यसफ़ को िमसर ल जा करबच िदया था िमसर क बादशाह क एक

आला अफ़सर बनाम फ़तीफ़ार न उस ख़रीद िलयावह शाही महािफ़ज़ो का कपतान था 2 रब यसफ़ कसाथ था जो भी काम वह करता उस म कामयाबरहता वह अपन िमसरी मािलक क घर म रहता

था 3 िजस न दखा िक रब यसफ़ क साथ ह औरउस हर काम म कामयाबी दता ह 4 चनाच यसफ़को मािलक की ख़ास महरबानी हािसल हई औरफ़तीफ़ार न उस अपना ज़ाती नौकर बना िलया उसन उस अपन घरान क इिनतज़ाम पर मक़ररर िकयाऔर अपनी परी िमलिकयत उस क सपदर कर दी5 िजस वक़त स फ़तीफ़ार न अपन घरान का इिनतज़ामऔर परी िमलिकयत यसफ़ क सपदर की उस वक़तस रब न फ़तीफ़ार को यसफ़ क सबब स बरकत दीउस की बरकत फ़तीफ़ार की हर चीज़ पर थी ख़वाहघर म थी या खत म 6 फ़तीफ़ार न अपनी हर चीज़यसफ़ क हाथ म छोड़ दी और चिक यसफ़ सबकछ अचछी तरह चलाता था इस िलए फ़तीफ़ार कोखाना खान क िसवा िकसी भी मआमल की िफ़करनही थी

यसफ़ िनहायत ख़बसरत आदमी था 7 कछ दरक बाद उस क मािलक की बीवी की आख उस परलगी उस न उस स कहा ldquoमर साथ हमिबसतर होrdquo8 यसफ़ इनकार करक कहन लगा ldquoमर मािलक कोमर सबब स िकसी मआमल की िफ़कर नही ह उनहोन सब कछ मर सपदर कर िदया ह 9 घर क इिनतज़ामपर उन का इख़ितयार मर इख़ितयार स ज़यादा नहीह आप क िसवा उनहो न कोई भी चीज़ मझ स बाज़नही रखी तो िफर म िकस तरह इतना ग़लत कामकर म िकस तरह अललाह का गनाह करrdquo

10 मािलक की बीवी रोज़-ब-रोज़ यसफ़ क पीछपड़ी रही िक मर साथ हमिबसतर हो लिकन वहहमशा इनकार करता रहा

11 एक िदन वह काम करन क िलए घर म गया घरम और कोई नौकर नही था 12 फ़तीफ़ार की बीवीन यसफ़ का िलबास पकड़ कर कहा ldquoमर साथहमिबसतर होrdquo यसफ़ भाग कर बाहर चला गयालिकन उस का िलबास पीछ औरत क हाथ म ही रहगया 13 जब मािलक की बीवी न दखा िक वह अपनािलबास छोड़ कर भाग गया ह 14 तो उस न घर कनौकरो को बला कर कहा ldquoयह दखो मर मािलक

48 पदाइश 3915ndash4017इस इबरानी को हमार पास ल आए ह तािक वह हमज़लील कर वह मरी इसमतदरी करन क िलए मरकमर म आ गया लिकन म ऊची आवाज़ स चीख़नलगी 15 जब म मदद क िलए ऊची आवाज़ स चीख़नलगी तो वह अपना िलबास छोड़ कर भाग गयाrdquo16 उस न मािलक क आन तक यसफ़ का िलबासअपन पास रखा 17 जब वह घर वापस आया तोउस न उस यही कहानी सनाई ldquoयह इबरानी ग़लामजो आप ल आए ह मरी तज़लील क िलए मर पासआया 18 लिकन जब म मदद क िलए चीख़न लगीतो वह अपना िलबास छोड़ कर भाग गयाrdquo

यसफ़ क़दख़ान म19 यह सन कर फ़तीफ़ार बड़ ग़सस म आ गया

20 उस न यसफ़ को िगिरफ़तार करक उस जल म डालिदया जहा बादशाह क क़दी रख जात थ वही वहरहा 21 लिकन रब यसफ़ क साथ था उस न उसपर महरबानी की और उस क़दख़ान क दारोग़ कीनज़र म मक़बल िकया 22 यसफ़ यहा तक मक़बलहआ िक दारोग़ न तमाम क़िदयो को उस क सपदरकरक उस परा इिनतज़ाम चलान की िज़ममादारी दी23 दारोग़ को िकसी भी मआमल की िजस उस नयसफ़ क सपदर िकया था िफ़कर न रही कयिक रबयसफ़ क साथ था और उस हर काम म कामयाबीबख़शी

क़िदयो क ख़वाब

40 1 कछ दर क बाद य हआ िक िमसर कबादशाह क सरदार साक़ी और बकरी क

इचाजर न अपन मािलक का गनाह िकया 2 िफ़रऔनको दोनो अफ़सरो पर ग़ससा आ गया 3 उस न उनहउस क़दख़ान म डाल िदया जो शाही महािफ़ज़ोक कपतान क सपदर था और िजस म यसफ़ था4 महािफ़ज़ो क कपतान न उनह यसफ़ क हवाल िकयातािक वह उन की िख़दमत कर वहा वह काफ़ी दरतक रह

5 एक रात बादशाह क सरदार साक़ी और बकरीक इचाजर न ख़वाब दखा दोनो का ख़वाब फ़क़र फ़क़रथा और उन का मतलब भी फ़क़र फ़क़र था 6 जबयसफ़ सबह क वक़त उन क पास आया तो वह दबहए नज़र आए 7 उस न उन स पछा ldquoआज आपकय इतन परशान हrdquo 8 उनहो न जवाब िदया ldquoहमदोनो न ख़वाब दखा ह और कोई नही जो हम उन कामतलब बताएrdquo यसफ़ न कहा ldquoख़वाबो की ताबीरतो अललाह का काम ह ज़रा मझ अपन ख़वाब तोसनाएrdquo

9 सरदार साक़ी न शर िकया ldquoम न ख़वाब म अपनसामन अगर की बल दखी 10 उस की तीन शाख़ थीउस क पतत लग कोपल फट िनकली और अगर पकगए 11 मर हाथ म बादशाह का पयाला था और मन अगरो को तोड़ कर य भीच िदया िक उन कारस बादशाह क पयाल म आ गया िफर म न पयालाबादशाह को पश िकयाrdquo

12 यसफ़ न कहा ldquoतीन शाख़ो स मराद तीन िदनह 13 तीन िदन क बाद िफ़रऔन आप को बहालकर लगा आप को पहली िज़ममादारी वापस िमलजाएगी आप पहल की तरह सरदार साक़ी कीहिसयत स बादशाह का पयाला सभालग 14 लिकनजब आप बहाल हो जाए तो मरा ख़याल करमहरबानी करक बादशाह क सामन मरा िज़कर करतािक म यहा स िरहा हो जाऊ 15 कयिक मझइबरािनयो क मलक स अग़वा करक यहा लाया गयाह और यहा भी मझ स कोई ऐसी ग़लती नही हईिक मझ इस गढ़ म फका जाताrdquo

16 जब शाही बकरी क इचाजर न दखा िक सरदारसाक़ी क ख़वाब का अचछा मतलब िनकला तो उसन यसफ़ स कहा ldquoमरा ख़वाब भी सन म न सर परतीन टोकिरया उठा रखी थी जो बकरी की चीज़ो सभरी हई थी 17 सब स ऊपर वाली टोकरी म वहतमाम चीज़ थी जो बादशाह की मज़ क िलए बनाईजाती ह लिकन पिरनद आ कर उनह खा रह थrdquo

पदाइश 4018ndash4122 4918 यसफ़ न कहा ldquoतीन टोकिरयो स मराद तीन

िदन ह 19 तीन िदन क बाद ही िफ़रऔन आप कोक़दख़ान स िनकाल कर दरख़त स लटका दगापिरनद आप की लाश को खा जाएगrdquo

20 तीन िदन क बाद बादशाह की सालिगरह थीउस न अपन तमाम अफ़सरो की िज़याफ़त की इसमौक़ पर उस न सरदार साक़ी और बकरी क इचाजरको जल स िनकाल कर अपन हज़र लान का हकमिदया 21 सरदार साक़ी को पहल वाली िज़ममादारीसौप दी गई 22 लिकन बकरी क इचाजर को सज़ा-ए-मौत द कर दरख़त स लटका िदया गया सब कछवसा ही हआ जसा यसफ़ न कहा था

23 लिकन सरदार साक़ी न यसफ़ का ख़याल निकया बिलक उस भल ही गया

बादशाह क ख़वाब

41 1 दो साल गज़र गए िक एक रात बादशाह नख़वाब दखा वह दरया-ए-नील क िकनार

खड़ा था 2 अचानक दरया म स सात ख़बसरतऔर मोटी गाए िनकल कर सरकडो म चरन लगी3 उन क बाद सात और गाए िनकल आई लिकनवह बदसरत और दबली-पतली थी वह दरया किकनार दसरी गायो क पास खड़ी हो कर 4 पहलीसात ख़बसरत और मोटी मोटी गायो को खा गईइस क बाद िमसर का बादशाह जाग उठा 5 िफर वहदबारा सो गया इस दफ़ा उस न एक और ख़वाबदखा अनाज क एक पौद पर सात मोटी मोटी औरअचछी अचछी बाल लगी थी 6 िफर सात और बालफट िनकली जो दबली-पतली और मशिरक़ी हवास झलसी हई थी 7 अनाज की सात दबली-पतलीबालो न सात मोटी और ख़बसरत बालो को िनगलिलया िफर िफ़रऔन जाग उठा तो मालम हआ िकम न ख़वाब ही दखा ह

8 सबह हई तो वह परशान था इस िलए उस न िमसरक तमाम जादगरो और आिलमो को बलाया उस न

उनह अपन ख़वाब सनाए लिकन कोई भी उन कीताबीर न कर सका

9 िफर सरदार साक़ी न िफ़रऔन स कहा ldquoआजमझ अपनी ख़ताए याद आती ह 10 एक िदनिफ़रऔन अपन ख़ािदमो स नाराज़ हए हज़र न मझऔर बकरी क इचाजर को क़दख़ान म डलवा िदयािजस पर शाही महािफ़ज़ो का कपतान मक़ररर था11 एक ही रात म हम दोनो न मख़तिलफ़ ख़वाब दखिजन का मतलब फ़क़र फ़क़र था 12 वहा जल म एकइबरानी नौजवान था वह महािफ़ज़ो क कपतान काग़लाम था हम न उस अपन ख़वाब सनाए तो उस नहम उन का मतलब बता िदया 13 और जो कछ भीउस न बताया सब कछ वसा ही हआ मझ अपनीिज़ममादारी वापस िमल गई जबिक बकरी क इचाजरको सज़ा-ए-मौत द कर दरख़त स लटका िदया गयाrdquo

14 यह सन कर िफ़रऔन न यसफ़ को बलाया औरउस जलदी स क़दख़ान स लाया गया उस न शवकरवा कर अपन कपड़ बदल और सीध बादशाहक हज़र पहचा

15 बादशाह न कहा ldquoम न ख़वाब दखा ह औरयहा कोई नही जो उस की ताबीर कर सक लिकनसना ह िक त ख़वाब को सन कर उस का मतलबबता सकता हrdquo 16 यसफ़ न जवाब िदया ldquoयह मरइख़ितयार म नही ह लिकन अललाह ही बादशाह कोसलामती का पग़ाम दगाrdquo

17 िफ़रऔन न यसफ़ को अपन ख़वाब सनाएldquoम ख़वाब म दरया-ए-नील क िकनार खड़ा था18 अचानक दरया म स सात मोटी मोटी औरख़बसरत गाए िनकल कर सरकडो म चरन लगी19 इस क बाद सात और गाए िनकली वह िनहायतबदसरत और दबली-पतली थी म न इतनी बदसरतगाए िमसर म कही भी नही दखी 20 दबली औरबदसरत गाए पहली मोटी गायो को खा गई 21 औरिनगलन क बाद भी मालम नही होता था िक उनहो नमोटी गायो को खाया ह वह पहल की तरह बदसरतही थी इस क बाद म जाग उठा 22 िफर म न एक

50 पदाइश 4123ndash49और ख़वाब दखा सात मोटी और अचछी बाल एकही पौद पर लगी थी 23 इस क बाद सात और बालिनकली जो ख़राब दबली-पतली और मशिरक़ी हवास झलसी हई थी 24 सात दबली-पतली बाल सातअचछी बालो को िनगल गई म न यह सब कछ अपनजादगरो को बताया लिकन वह इस की ताबीर न करसकrdquo

25 यसफ़ न बादशाह स कहा ldquoदोनो ख़वाबो काएक ही मतलब ह इन स अललाह न हज़र पर ज़ािहरिकया ह िक वह कया कछ करन को ह 26 सातअचछी गायो स मराद सात साल ह इसी तरह सातअचछी बालो स मराद भी सात साल ह दोनो ख़वाबएक ही बात बयान करत ह 27 जो सात दबली औरबदसरत गाए बाद म िनकल उन स मराद सात औरसाल ह यही सात दबली-पतली और मशिरक़ी हवास झलसी हई बालो का मतलब भी ह वह एक हीबात बयान करती ह िक सात साल तक काल पड़गा28 यह वही बात ह जो म न हज़र स कही िक अललाहन हज़र पर ज़ािहर िकया ह िक वह कया करगा29 सात साल आएग िजन क दौरान िमसर क पर मलकम कसरत स पदावार होगी 30 उस क बाद सात सालकाल पड़गा काल इतना शदीद होगा िक लोग भलजाएग िक पहल इतनी कसरत थी कयिक काल मलकको तबाह कर दगा 31 काल की िशददत क बाइसअचछ सालो की कसरत याद ही नही रहगी 32 हज़रको इस िलए एक ही पग़ाम दो मख़तिलफ़ ख़वाबोकी सरत म िमला िक अललाह इस का पकका इरादारखता ह और वह जलद ही इस पर अमल करगा33 अब बादशाह िकसी समझदार और दािनशमनदआदमी को मलक-ए-िमसर का इिनतज़ाम सौप 34 इसक इलावा वह ऐस आदमी मक़ररर कर जो सात अचछसालो क दौरान हर फ़सल का पाचवा िहससा ल35 वह उन अचछ सालो क दौरान ख़राक जमा करबादशाह उनह इख़ितयार द िक वह शहरो म गोदामबना कर अनाज को महफ़ज़ कर ल 36 यह ख़राक

काल क उन सात सालो क िलए मख़सस की जाए जोिमसर म आन वाल ह य मलक तबाह नही होगाrdquo

यसफ़ को िमसर पर हािकम मक़ररर िकया जाता ह37 यह मनसबा बादशाह और उस क अफ़सरान को

अचछा लगा 38 उस न उन स कहा ldquoहम इस कामक िलए यसफ़ स ज़यादा लाइक़ आदमी नही िमलगाउस म अललाह की रह हrdquo 39 बादशाह न यसफ़ सकहा ldquoअललाह न यह सब कछ तझ पर ज़ािहर िकयाह इस िलए कोई भी तझ स ज़यादा समझदार औरदािनशमनद नही ह 40 म तझ अपन महल पर मक़रररकरता ह मरी तमाम रआया तर ताब रहगी तराइख़ितयार िसफ़र मर इख़ितयार स कम होगा 41 अबम तझ पर मलक-ए-िमसर पर हािकम मक़ररर करताहrdquo

42 बादशाह न अपनी उगली स वह अगठी उतारीिजस स महर लगाता था और उस यसफ़ की उगलीम पहना िदया उस न उस कतान का बारीक िलबासपहनाया और उस क गल म सोन का गलबनद पहनािदया 43 िफर उस न उस अपन दसर रथ म सवारिकया और लोग उस क आग आग पकारत रहldquoघटन टको घटन टकोrdquo

य यसफ़ पर िमसर का हािकम बना 44 िफ़रऔन नउस स कहा ldquoम तो बादशाह ह लिकन तरी इजाज़तक बग़र पर मलक म कोई भी अपना हाथ या पाओनही िहलाएगाrdquo 45ndash46 उस न यसफ़ का िमसरी नामसाफ़नत-फ़ानह रखा और ओन क पजारी फ़ोतीिफ़राकी बटी आसनत क साथ उस की शादी कराई

यसफ़ 30 साल का था जब वह िमसर क बादशाहिफ़रऔन की िख़दमत करन लगा उस न िफ़रऔनक हज़र स िनकल कर िमसर का दौरा िकया

47 सात अचछ सालो क दौरान मलक म िनहायतअचछी फ़सल उगी 48 यसफ़ न तमाम ख़राकजमा करक शहरो म महफ़ज़ कर ली हर शहरम उस न इदरिगदर क खतो की पदावार महफ़ज़रखी 49 जमाशदा अनाज समनदर की रत की

पदाइश 4150ndash4216 51मािननद बकसरत था इतना अनाज था िक यसफ़ नआिख़रकार उस की पमाइश करना छोड़ िदया

50 काल स पहल यसफ़ और आसनत क दो बटपदा हए 51 उस न पहल का नाम मनससी यानी lsquoजोभला दता हrsquo रखा कयिक उस न कहा ldquoअललाह नमरी मसीबत और मर बाप का घराना मरी याददाशतस िनकाल िदया हrdquo 52 दसर का नाम उस न इफ़राईमयानी lsquoदगना फलदारrsquo रखा कयिक उस न कहाldquoअललाह न मझ मरी मसीबत क मलक म फलन फलनिदया हrdquo

53 सात अचछ साल िजन म कसरत की फ़सल उगीगज़र गए 54 िफर काल क सात साल शर हए िजसतरह यसफ़ न कहा था तमाम दीगर ममािलक मभी काल पड़ गया लिकन िमसर म वािफ़र ख़राकपाई जाती थी 55 जब काल न तमाम िमसर म ज़ोरपकड़ा तो लोग चीख़ कर खान क िलए बादशाहस िमननत करन लग तब िफ़रऔन न उन स कहाldquoयसफ़ क पास जाओ जो कछ वह तमह बताएगावही करोrdquo 56 जब काल परी दिनया म फल गयातो यसफ़ न अनाज क गोदाम खोल कर िमिसरयो कोअनाज बच िदया कयिक काल क बाइस मलक कहालात बहत ख़राब हो गए थ 57 तमाम ममािलकस भी लोग अनाज ख़रीदन क िलए यसफ़ क पासआए कयिक परी दिनया सख़त काल की िगिरफ़त मथी

यसफ़ क भाई िमसर म

42 1 जब याक़ब को मालम हआ िक िमसर मअनाज ह तो उस न अपन बटो स कहा

ldquoतम कय एक दसर का मह तकत हो 2 सना हिक िमसर म अनाज ह वहा जा कर हमार िलए कछख़रीद लाओ तािक हम भक न मरrdquo

3 तब यसफ़ क दस भाई अनाज ख़रीदन क िलएिमसर गए 4 लिकन याक़ब न यसफ़ क सग भाईिबनयमीन को साथ न भजा कयिक उस न कहाldquoऐसा न हो िक उस जानी नक़सान पहचrdquo 5 य याक़ब

क बट बहत सार और लोगो क साथ िमसर गएकयिक मलक-ए-कनआन भी काल की िगिरफ़त मथा

6 यसफ़ िमसर क हािकम की हिसयत स लोगो कोअनाज बचता था इस िलए उस क भाई आ करउस क सामन मह क बल झक गए 7 जब यसफ़न अपन भाइयो को दखा तो उस न उनह पहचानिलया लिकन ऐसा िकया जसा उन स नावािक़फ़ होऔर सख़ती स उन स बात की ldquoतम कहा स आएहोrdquo उनहो न जवाब िदया ldquoहम मलक-ए-कनआनस अनाज ख़रीदन क िलए आए हrdquo 8 गो यसफ़ नअपन भाइयो को पहचान िलया लिकन उनहो न उसन पहचाना 9 उस वह ख़वाब याद आए जो उस नउन क बार म दख थ उस न कहा ldquoतम जासस होतम यह दखन आए हो िक हमारा मलक िकन िकनजगहो पर ग़रमहफ़ज़ हrdquo

10 उनहो न कहा ldquoजनाब हरिगज़ नही आप कग़लाम ग़लला ख़रीदन आए ह 11 हम सब एक ही मदरक बट ह आप क ख़ािदम शरीफ़ लोग ह जाससनही हrdquo 12 लिकन यसफ़ न इसरार िकया ldquoनहीतम दखन आए हो िक हमारा मलक िकन िकन जगहोपर ग़रमहफ़ज़ हrdquo

13 उनहो न अज़र की ldquoआप क ख़ािदम कल बारहभाई ह हम एक ही आदमी क बट ह जो कनआन मरहता ह सब स छोटा भाई इस वक़त हमार बाप कपास ह जबिक एक मर गया हrdquo 14 लिकन यसफ़ नअपना इलज़ाम दहराया ldquoऐसा ही ह जसा म न कहाह िक तम जासस हो 15 म तमहारी बात जाच लगािफ़रऔन की हयात की क़सम पहल तमहारा सब सछोटा भाई आए वनार तम इस जगह स कभी नही जासकोग 16 एक भाई को उस लान क िलए भज दोबाक़ी सब यहा िगिरफ़तार रहग िफर पता चलगा िकतमहारी बात सच ह िक नही अगर नही तो िफ़रऔनकी हयात की क़सम इस का मतलब यह होगा िकतम जासस होrdquo

52 पदाइश 4217ndash3817 यह कह कर यसफ़ न उनह तीन िदन क िलए

क़दख़ान म डाल िदया 18 तीसर िदन उस न उन सकहा ldquoम अललाह का ख़ौफ़ मानता ह इस िलए तमको एक शतर पर जीता छोड़गा 19 अगर तम वाक़ईशरीफ़ लोग हो तो ऐसा करो िक तम म स एक यहा क़दख़ान म रह जबिक बाक़ी सब अनाज ल करअपन भक घर वालो क पास वापस जाए 20 लिकनलािज़म ह िक तम अपन सब स छोट भाई को मरपास ल आओ िसफ़र इस स तमहारी बात सच सािबतहोगी और तम मौत स बच जाओगrdquo

यसफ़ क भाई राज़ी हो गए 21 वह आपस म कहनलग ldquoबशक यह हमार अपन भाई पर ज़लम की सज़ाह जब वह इिलतजा कर रहा था िक मझ पर रहमकर तो हम न उस की बड़ी मसीबत दख कर भी उसकी न सनी इस िलए यह मसीबत हम पर आ गईहrdquo 22 और रिबन न कहा ldquoकया म न नही कहाथा िक लड़क पर ज़लम मत करो लिकन तम न मरीएक न मानी अब उस की मौत का िहसाब-िकताबिकया जा रहा हrdquo

23 उनह मालम नही था िक यसफ़ हमारी बात समझसकता ह कयिक वह मतिजरम की मािरफ़त उन सबात करता था 24 यह बात सन कर वह उनह छोड़कर रोन लगा िफर वह सभल कर वापस आयाउस न शमाऊन को चन कर उस उन क सामन हीबाध िलया

यसफ़ क भाई कनआन वापस जात ह25 यसफ़ न हकम िदया िक मलािज़म उन की बोिरया

अनाज स भर कर हर एक भाई क पस उस की बोरीम वापस रख द और उनह सफ़र क िलए खाना भीद उनहो न ऐसा ही िकया 26 िफर यसफ़ क भाईअपन गधो पर अनाज लाद कर रवाना हो गए

27 जब वह रात क िलए िकसी जगह पर ठहर तोएक भाई न अपन गध क िलए चारा िनकालन कीग़रज़ स अपनी बोरी खोली तो दखा िक बोरी क महम उस क पस पड़ ह 28 उस न अपन भाइयो स

कहा ldquoमर पस वापस कर िदए गए ह वह मरी बोरीम हrdquo यह दख कर उन क होश उड़ गए कापत हएवह एक दसर को दखन और कहन लग ldquoयह कयाह जो अललाह न हमार साथ िकया हrdquo

29 मलक-ए-कनआन म अपन बाप क पास पहचकर उनहो न उस सब कछ सनाया जो उन क साथहआ था उनहो न कहा 30 ldquoउस मलक क मािलकन बड़ी सख़ती स हमार साथ बात की उस न हमजासस क़रार िदया 31 लिकन हम न उस स कहाlsquoहम जासस नही बिलक शरीफ़ लोग ह 32 हम बारहभाई ह एक ही बाप क बट एक तो मर गया जबिकसब स छोटा भाई इस वक़त कनआन म बाप क पासहrsquo 33 िफर उस मलक क मािलक न हम स कहा lsquoइसस मझ पता चलगा िक तम शरीफ़ लोग हो िक एकभाई को मर पास छोड़ दो और अपन भक घर वालोक िलए ख़राक ल कर चल जाओ 34 लिकन अपनसब स छोट भाई को मर पास ल आओ तािक मझमालम हो जाए िक तम जासस नही बिलक शरीफ़लोग हो िफर म तम को तमहारा भाई वापस करदगा और तम इस मलक म आज़ादी स ितजारत करसकोगrsquordquo

35 उनहो न अपनी बोिरयो स अनाज िनकाल िदयातो दखा िक हर एक की बोरी म उस क पसो की थलीरखी हई ह यह पस दख कर वह ख़द और उन काबाप डर गए 36 उन क बाप न उन स कहा ldquoतम नमझ मर बचचो स महरम कर िदया ह यसफ़ नही रहाशमाऊन भी नही रहा और अब तम िबनयमीन को भीमझ स छीनना चाहत हो सब कछ मर िख़लाफ़ हrdquo37 िफर रिबन बोल उठा ldquoअगर म उस सलामतीस आप क पास वापस न पहचाऊ तो आप मर दोबटो को सज़ा-ए-मौत द सकत ह उस मर सपदर करतो म उस वापस ल आऊगाrdquo 38 लिकन याक़ब नकहा ldquoमरा बटा तमहार साथ जान का नही कयिकउस का भाई मर गया ह और वह अकला ही रह गयाह अगर उस को रासत म जानी नक़सान पहच तो तममझ बढ़ को ग़म क मार पाताल म पहचाओगrdquo

पदाइश 431ndash25 53

िबनयमीन क हमराह दसरा सफ़र

43 1 काल न ज़ोर पकड़ा 2 जब िमसर स लायागया अनाज ख़तम हो गया तो याक़ब न

कहा ldquoअब वापस जा कर हमार िलए कछ और ग़ललाख़रीद लाओrdquo 3 लिकन यहदाह न कहा ldquoउस मदरन सख़ती स कहा था lsquoतम िसफ़र इस सरत म मर पासआ सकत हो िक तमहारा भाई साथ होrsquo 4 अगर आपहमार भाई को साथ भज तो िफर हम जा कर आप किलए ग़लला ख़रीदग 5 वनार नही कयिक उस आदमी नकहा था िक हम िसफ़र इस सरत म उस क पास आसकत ह िक हमारा भाई साथ होrdquo 6 याक़ब न कहाldquoतम न उस कय बताया िक हमारा एक और भाई भीह इस स तम न मझ बड़ी मसीबत म डाल िदयाहrdquo 7 उनहो न जवाब िदया ldquoवह आदमी हमार औरहमार ख़ानदान क बार म पछता रहा lsquoकया तमहाराबाप अब तक िज़नदा ह कया तमहारा कोई और भाईहrsquo िफर हम जवाब दना पड़ा हम कया पता थािक वह हम अपन भाई को साथ लान को कहगाrdquo8 िफर यहदाह न बाप स कहा ldquoलड़क को मर साथभज द तो हम अभी रवाना हो जाएग वनार आपहमार बचच बिलक हम सब भको मर जाएग 9 म ख़दउस का ज़ािमन हगा आप मझ उस की जान कािज़ममादार ठहरा सकत ह अगर म उस सलामती सवापस न पहचाऊ तो िफर म िज़नदगी क आिख़र तकक़सरवार ठहरगा 10 िजतनी दर तक हम िझजकतरह ह उतनी दर म तो हम दो दफ़ा िमसर जा कर वापसआ सकत थrdquo

11 तब उन क बाप इसराईल न कहा ldquoअगर औरकोई सरत नही तो इस मलक की बहतरीन पदावारम स कछ तहफ़ क तौर पर ल कर उस आदमी को ददो यानी कछ बलसान शहद लादन मर िपसता औरबादाम 12 अपन साथ दगनी रक़म ल कर जाओकयिक तमह वह पस वापस करन ह जो तमहारीबोिरयो म रख गए थ शायद िकसी स ग़लती हईहो 13 अपन भाई को ल कर सीध वापस पहचना

14 अललाह क़ािदर-ए-मतलक़ कर िक यह आदमी तमपर रहम करक िबनयमीन और तमहार दसर भाई कोवापस भज जहा तक मरा ताललक़ ह अगर मझअपन बचचो स महरम होना ह तो ऐसा ही होrdquo

15 चनाच वह तहफ़ दगनी रक़म और िबनयमीनको साथ ल कर चल पड़ िमसर पहच कर वह यसफ़क सामन हािज़र हए 16 जब यसफ़ न िबनयमीन कोउन क साथ दखा तो उस न अपन घर पर मक़रररमलािज़म स कहा ldquoइन आदिमयो को मर घर लजाओ तािक वह दोपहर का खाना मर साथ खाएजानवर को ज़बह करक खाना तययार करोrdquo

17 मलािज़म न ऐसा ही िकया और भाइयो को यसफ़क घर ल गया 18 जब उनह उस क घर पहचाया जारहा था तो वह डर कर सोचन लग ldquoहम उन पसो कसबब स यहा लाया जा रहा ह जो पहली दफ़ा हमारीबोिरयो म वापस िकए गए थ वह हम पर अचानकहमला करक हमार गध छीन लग और हम ग़लाम बनालगrdquo

19 इस िलए घर क दरवाज़ पर पहच कर उनहो न घरपर मक़ररर मलािज़म स कहा 20 ldquoजनाब-ए-आलीहमारी बात सन लीिजए इस स पहल हम अनाजख़रीदन क िलए यहा आए थ 21 लिकन जब हमयहा स रवाना हो कर रासत म रात क िलए ठहर तोहम न अपनी बोिरया खोल कर दखा िक हर बोरी कमह म हमार पसो की परी रक़म पड़ी ह हम यह पसवापस ल आए ह 22 नीज़ हम मज़ीद ख़राक ख़रीदनक िलए और पस ल आए ह ख़दा जान िकस न हमारयह पस हमारी बोिरयो म रख िदएrdquo

23 मलािज़म न कहा ldquoिफ़कर न कर मत डर आपक और आप क बाप क ख़दा न आप क िलए आपकी बोिरयो म यह ख़ज़ाना रखा होगा बहरहाल मझआप क पस िमल गए हrdquo

मलािज़म शमाऊन को उन क पास बाहर ल आया24 िफर उस न भाइयो को यसफ़ क घर म ल जा करउनह पाओ धोन क िलए पानी और गधो को चारािदया 25 उनहो न अपन तहफ़ तययार रख कयिक

54 पदाइश 4326ndash4415उनह बताया गया ldquoयसफ़ दोपहर का खाना आप कसाथ ही खाएगाrdquo

26 जब यसफ़ घर पहचा तो वह अपन तहफ़ ल करउस क सामन आए और मह क बल झक गए 27 उसन उन स ख़िरयत दरयाफ़त की और िफर कहा ldquoतमन अपन बढ़ बाप का िज़कर िकया कया वह ठीकह कया वह अब तक िज़नदा हrdquo 28 उनहो न जवाबिदया ldquoजी आप क ख़ािदम हमार बाप अब तकिज़नदा हrdquo वह दबारा मह क बल झक गए

29 जब यसफ़ न अपन सग भाई िबनयमीन को दखातो उस न कहा ldquoकया यह तमहारा सब स छोटा भाईह िजस का तम न िज़कर िकया था बटा अललाह कीनज़र-ए-करम तम पर होrdquo 30 यसफ़ अपन भाई कोदख कर इतना मतअिससर हआ िक वह रोन को थाइस िलए वह जलदी स वहा स िनकल कर अपन सोनक कमर म गया और रो पड़ा 31 िफर वह अपना महधो कर वापस आया अपन आप पर क़ाब पा करउस न हकम िदया िक नौकर खाना ल आए

32 नौकरो न यसफ़ क िलए खान का अलगइिनतज़ाम िकया और भाइयो क िलए अलग िमिसरयोक िलए भी खान का अलग इिनतज़ाम था कयिकइबरािनयो क साथ खाना खाना उन की नज़र मक़ािबल-ए-नफ़रत था 33 भाइयो को उन की उमर कीततीरब क मतािबक़ यसफ़ क सामन िबठाया गयायह दख कर भाई िनहायत हरान हए 34 नौकरो नउनह यसफ़ की मज़ पर स खाना ल कर िखलायालिकन िबनयमीन को दसरो की िनसबत पाच गनाज़यादा िमला य उनहो न यसफ़ क साथ जी भर करखाया और िपया

गमशदा पयाला

44 1 यसफ़ न घर पर मक़ररर मलािज़म कोहकम िदया ldquoउन मदोर की बोिरया ख़राक

स इतनी भर दना िजतनी वह उठा कर ल जा सक हरएक क पस उस की अपनी बोरी क मह म रख दना2 सब स छोट भाई की बोरी म न िसफ़र पस बिलक

मर चादी क पयाल को भी रख दनाrdquo मलािज़म नऐसा ही िकया

3 अगली सबह जब पौ फटन लगी तो भाइयो कोउन क गधो समत रख़सत कर िदया गया 4 वह अभीशहर स िनकल कर दर नही गए थ िक यसफ़ न अपनघर पर मक़ररर मलािज़म स कहा ldquoजलदी करो उनआदिमयो का ताक़क़ब करो उन क पास पहच करयह पछना lsquoआप न हमारी भलाई क जवाब म ग़लतकाम कय िकया ह 5 आप न मर मािलक का चादीका पयाला कय चराया ह उस स वह न िसफ़र पीत हबिलक उस ग़बदानी क िलए भी इसतमाल करत हआप एक िनहायत सगीन जमर क मतरिकब हए हrsquordquo

6 जब मलािज़म भाइयो क पास पहचा तो उस न उनस यही बात की 7 जवाब म उनहो न कहा ldquoहमारमािलक ऐसी बात कय करत ह कभी नही हो सकतािक आप क ख़ािदम ऐसा कर 8 आप तो जानत हिक हम मलक-ए-कनआन स वह पस वापस ल आएजो हमारी बोिरयो म थ तो िफर हम कय आप कमािलक क घर स चादी या सोना चराएग 9 अगर वहआप क ख़ािदमो म स िकसी क पास िमल जाए तोउस मार डाला जाए और बाक़ी सब आप क ग़लामबनrdquo

10 मलािज़म न कहा ldquoठीक ह ऐसा ही होगालिकन िसफ़र वही मरा ग़लाम बनगा िजस न पयालाचराया ह बाक़ी सब आज़ाद हrdquo 11 उनहो न जलदीस अपनी बोिरया उतार कर ज़मीन पर रख दी हरएक न अपनी बोरी खोल दी 12 मलािज़म बोिरयोकी तलाशी लन लगा वह बड़ भाई स शर करकआिख़रकार सब स छोट भाई तक पहच गया औरवहा िबनयमीन की बोरी म स पयाला िनकला13 भाइयो न यह दख कर परशानी म अपन िलबासफाड़ िलए वह अपन गधो को दबारा लाद कर शहरवापस आ गए

14 जब यहदाह और उस क भाई यसफ़ क घर पहचतो वह अभी वही था वह उस क सामन मह क बलिगर गए 15 यसफ़ न कहा ldquoयह तम न कया िकया

पदाइश 4416ndash455 55ह कया तम नही जानत िक मझ जसा आदमी ग़बका इलम रखता हrdquo 16 यहदाह न कहा ldquoजनाब-ए-आली हम कया कह अब हम अपन िदफ़ा म कयाकह अललाह ही न हम क़सरवार ठहराया ह अबहम सब आप क ग़लाम ह न िसफ़र वह िजस क पासस पयाला िमल गयाrdquo 17 यसफ़ न कहा ldquoअललाह नकर िक म ऐसा कर बिलक िसफ़र वही मरा ग़लामहोगा िजस क पास पयाला था बाक़ी सब सलामतीस अपन बाप क पास वापस चल जाएrdquo

यहदाह िबनयमीन की िसफ़ािरश करता ह18 लिकन यहदाह न यसफ़ क क़रीब आ कर कहा

ldquoमर मािलक महरबानी करक अपन बनद को एकबात करन की इजाज़त द मझ पर ग़ससा न करअगरच आप िमसर क बादशाह जस ह 19 जनाब-ए-आली आप न हम स पछा lsquoकया तमहारा बाप याकोई और भाई हrsquo 20 हम न जवाब िदया lsquoहमाराबाप ह वह बढ़ा ह हमारा एक छोटा भाई भी ह जोउस वक़त पदा हआ जब हमारा बाप उमररसीदा थाउस लड़क का भाई मर चका ह उस की मा क िसफ़रयह दो बट पदा हए अब वह अकला ही रह गया हउस का बाप उस िशददत स पयार करता हrsquo 21 जनाब-ए-आली आप न हम बताया lsquoउस यहा ल आओतािक म ख़द उस दख सकrsquo 22 हम न जवाब िदयाlsquoयह लड़का अपन बाप को छोड़ नही सकता वनारउस का बाप मर जाएगाrsquo 23 िफर आप न कहा lsquoतमिसफ़र इस सरत म मर पास आ सकोग िक तमहारासब स छोटा भाई तमहार साथ होrsquo 24 जब हम अपनबाप क पास वापस पहच तो हम न उनह सब कछबताया जो आप न कहा था 25 िफर उनहो न हम सकहा lsquoिमसर लौट कर कछ ग़लला ख़रीद लाओrsquo 26 हमन जवाब िदया lsquoहम जा नही सकत हम िसफ़र इससरत म उस मदर क पास जा सकत ह िक हमारासब स छोटा भाई साथ हो हम तब ही जा सकत हजब वह भी हमार साथ चलrsquo 27 हमार बाप न हमस कहा lsquoतम जानत हो िक मरी बीवी रािख़ल स मर

दो बट पदा हए 28 पहला मझ छोड़ चका ह िकसीजगली जानवर न उस फाड़ खाया होगा कयिक उसीवक़त स म न उस नही दखा 29 अगर इस को भी मझस ल जान की वजह स जानी नक़सान पहच तो तममझ बढ़ को ग़म क मार पाताल म पहचाओगrsquordquo

30ndash31 यहदाह न अपनी बात जारी रखी ldquoजनाब-ए-आली अब अगर म अपन बाप क पास जाऊ औरवह दख िक लड़का मर साथ नही ह तो वह दम तोड़दग उन की िज़नदगी इस क़दर लड़क की िज़नदगीपर मनहिसर ह और वह इतन बढ़ ह िक हम ऐसीहरकत स उनह क़बर तक पहचा दग 32 न िसफ़र यहबिलक म न बाप स कहा lsquoम ख़द इस का ज़ािमनहगा अगर म इस सलामती स वापस न पहचाऊ तोिफर म िज़नदगी क आिख़र तक क़सरवार ठहरगाrsquo33 अब अपन ख़ािदम की गज़ािरश सन म यहा रहकर इस लड़क की जगह ग़लाम बन जाता ह औरवह दसर भाइयो क साथ वापस चला जाए 34 अगरलड़का मर साथ न हआ तो म िकस तरह अपन बापको मह िदखा सकता ह म बदारशत नही कर सकगािक वह इस मसीबत म मबतला हो जाएrdquo

यसफ़ अपन आप को ज़ािहर करता ह

45 1 यह सन कर यसफ़ अपन आप पर क़ाबन रख सका उस न ऊची आवाज़ स हकम

िदया िक तमाम मलािज़म कमर स िनकल जाए कोईऔर शख़स कमर म नही था जब यसफ़ न अपनभाइयो को बताया िक वह कौन ह 2 वह इतन ज़ोरस रो पड़ा िक िमिसरयो न उस की आवाज़ सनी औरिफ़रऔन क घरान को पता चल गया 3 यसफ़ नअपन भाइयो स कहा ldquoम यसफ़ ह कया मरा बापअब तक िज़नदा हrdquo

लिकन उस क भाई यह सन कर इतन घबरा गएिक वह जवाब न द सक

4 िफर यसफ़ न कहा ldquoमर क़रीब आओrdquo वहक़रीब आए तो उस न कहा ldquoम तमहारा भाई यसफ़ह िजस तम न बच कर िमसर िभजवाया 5 अब

56 पदाइश 456ndash463मरी बात सनो न घबराओ और न अपन आप कोइलज़ाम दो िक हम न यसफ़ को बच िदया असल मअललाह न ख़द मझ तमहार आग यहा भज िदया तािकहम सब बच रह 6 यह काल का दसरा साल हपाच और साल क दौरान न हल चलगा न फ़सलकटगी 7 अललाह न मझ तमहार आग भजा तािकदिनया म तमहारा एक बचा-खचा िहससा महफ़ज़ रहऔर तमहारी जान एक बड़ी मख़लसी की मािरफ़तछट जाए 8 चनाच तम न मझ यहा नही भजा बिलकअललाह न उस न मझ िफ़रऔन का बाप उस क परघरान का मािलक और िमसर का हािकम बना िदयाह 9 अब जलदी स मर बाप क पास वापस जा करउन स कहो lsquoआप का बटा यसफ़ आप को इिततलादता ह िक अललाह न मझ िमसर का मािलक बना िदयाह मर पास आ जाए दर न कर 10 आप जशन कइलाक़ म रह सकत ह वहा आप मर क़रीब होगआप आप की आल-ओ-औलाद गाय-बल भड़-बकिरया और जो कछ भी आप का ह 11 वहा मआप की ज़रिरयात परी करगा कयिक काल कोअभी पाच साल और लगग वनार आप आप क घरवाल और जो भी आप क ह बदहाल हो जाएगrsquo12 तम ख़द और मरा भाई िबनयमीन दख सकत होिक म यसफ़ ही ह जो तमहार साथ बात कर रहा ह13 मर बाप को िमसर म मर असर-ओ-रसख़ क बारम इिततला दो उनह सब कछ बताओ जो तम न दखाह िफर जलद ही मर बाप को यहा ल आओrdquo

14 यह कह कर वह अपन भाई िबनयमीन को गललगा कर रो पड़ा िबनयमीन भी उस क गल लगकर रोन लगा 15 िफर यसफ़ न रोत हए अपन हरएक भाई को बोसा िदया इस क बाद उस क भाईउस क साथ बात करन लग

16 जब यह ख़बर बादशाह क महल तक पहची िकयसफ़ क भाई आए ह तो िफ़रऔन और उस क तमामअफ़सरान ख़श हए 17 उस न यसफ़ स कहा ldquoअपनभाइयो को बता िक अपन जानवरो पर ग़लला लाद करमलक-ए-कनआन वापस चल जाओ 18 वहा अपन

बाप और ख़ानदानो को ल कर मर पास आ जाओम तम को िमसर की सब स अचछी ज़मीन द दगाऔर तम इस मलक की बहतरीन पदावार खा सकोग19 उनह यह िहदायत भी द िक अपन बाल-बचचो किलए िमसर स गािड़या ल जाओ और अपन बाप को भीिबठा कर यहा ल आओ 20 अपन माल की ज़यादािफ़कर न करो कयिक तमह मलक-ए-िमसर का बहतरीनमाल िमलगाrdquo

21 यसफ़ क भाइयो न ऐसा ही िकया यसफ़ न उनहबादशाह क हकम क मतािबक़ गािड़या और सफ़र किलए ख़राक दी 22 उस न हर एक भाई को कपड़ोका एक जोड़ा भी िदया लिकन िबनयमीन को उसन चादी क 300 िसकक और पाच जोड़ िदए 23 उसन अपन बाप को दस गध िभजवा िदए जो िमसर कबहतरीन माल स लद हए थ और दस गिधया जोअनाज रोटी और बाप क सफ़र क िलए खान सलदी हई थी 24 य उस न अपन भाइयो को रख़सतकरक कहा ldquoरासत म झगड़ा न करनाrdquo

25 वह िमसर स रवाना हो कर मलक-ए-कनआन मअपन बाप क पास पहच 26 उनहो न उस स कहाldquoयसफ़ िज़नदा ह वह पर िमसर का हािकम हrdquoलिकन याक़ब हकका-बकका रह गया कयिक उस यक़ीनन आया 27 ताहम उनहो न उस सब कछ बताया जोयसफ़ न उन स कहा था और उस न ख़द वह गािड़या दखी जो यसफ़ न उस िमसर ल जान क िलए िभजवादी थी िफर याक़ब की जान म जान आ गई 28 औरउस न कहा ldquoमरा बटा यसफ़ िज़नदा ह यही काफ़ीह मरन स पहल म जा कर उस स िमलगाrdquo

याक़ब िमसर जाता ह

46 1 याक़ब सब कछ ल कर रवाना हआ औरबर-सबा पहचा वहा उस न अपन बाप

इसहाक़ क ख़दा क हज़र क़बारिनया चढ़ाई 2 रात कोअललाह रोया म उस स हमकलाम हआ उस न कहाldquoयाक़ब याक़बrdquo याक़ब न जवाब िदया ldquoजी महािज़र हrdquo 3 अललाह न कहा ldquoम अललाह ह तर बाप

पदाइश 464ndash34 57इसहाक़ का ख़दा िमसर जान स मत डर कयिक वहा म तझ स एक बड़ी क़ौम बनाऊगा 4 म तर साथिमसर जाऊगा और तझ इस मलक म वापस भी लआऊगा जब त मरगा तो यसफ़ ख़द तरी आख बनदकरगाrdquo

5 इस क बाद याक़ब बर-सबा स रवाना हआ उसक बटो न उस और अपन बाल-बचचो को उन गािड़योम िबठा िदया जो िमसर क बादशाह न िभजवाई थी6 य याक़ब और उस की तमाम औलाद अपन मवशीऔर कनआन म हािसल िकया हआ माल ल करिमसर चल गए 7 याक़ब क बट-बिटया पोत-पोितया और बाक़ी औलाद सब साथ गए

8 इसराईल की औलाद क नाम जो िमसर चली गईयह ह

याक़ब क पहलौठ रिबन 9 क बट हनक फ़ललहसरोन और कमीर थ 10 शमाऊन क बट यमएलयमीन उहद यकीन सहर और साऊल थ (साऊलकनआनी औरत का बचचा था) 11 लावी क बटजसोरन िक़हात और िमरारी थ 12 यहदाह क बट एरओनान सला फ़ारस और ज़ारह थ (एर और ओनानकनआन म मर चक थ) फ़ारस क दो बट हसरोनऔर हमल थ 13 इशकार क बट तोला फ़ववा योबऔर िसमरोन थ 14 ज़बलन क बट सरद ऐलोन औरयहलीएल थ 15 इन बटो की मा िलयाह थी औरवह मसोपतािमया म पदा हए इन क इलावा दीनाउस की बटी थी कल 33 मदर िलयाह की औलादथ

16 जद क बट िसफ़यान हजजी सनी इसबन एरीअरदी और अरली थ 17 आशर क बट ियमनाइसवाह इसवी और बरीआ थ आशर की बटी िसरहथी और बरीआ क दो बट थ िहबर और मलकीएल18 कल 16 अफ़राद िज़लफ़ा की औलाद थ िजसलाबन न अपनी बटी िलयाह को िदया था

19 रािख़ल क बट यसफ़ और िबनयमीन थ20 यसफ़ क दो बट मनससी और इफ़राईम िमसर मपदा हए उन की मा ओन क पजारी फ़ोतीिफ़रा की

बटी आसनत थी 21 िबनयमीन क बट बाला बकरअशबल जीरा नामान इख़ी रोस मफ़फ़ीम हफ़फ़ीमऔर अदर थ 22 कल 14 मदर रािख़ल की औलाद थ

23 दान का बटा हशीम था 24 नफ़ताली क बटयहसीएल जनी ियसर और िसललीम थ 25 कल 7मदर िबलहाह की औलाद थ िजस लाबन न अपनीबटी रािख़ल को िदया था

26 याक़ब की औलाद क 66 अफ़राद उस क साथिमसर चल गए इस तादाद म बटो की बीिवया शािमल नही थी 27 जब हम याक़ब यसफ़ और उसक दो बट इन म शािमल करत ह तो याक़ब क घरानक 70 अफ़राद िमसर गए

याक़ब और उस का ख़ानदान िमसर म28 याक़ब न यहदाह को अपन आग यसफ़ क पास

भजा तािक वह जशन म उन स िमल जब वह वहा पहच 29 तो यसफ़ अपन रथ पर सवार हो कर अपनबाप स िमलन क िलए जशन गया उस दख कर वहउस क गल लग कर काफ़ी दर रोता रहा 30 याक़बन यसफ़ स कहा ldquoअब म मरन क िलए तययार हकयिक म न ख़द दखा ह िक त िज़नदा हrdquo

31 िफर यसफ़ न अपन भाइयो और अपन बाप कख़ानदान क बाक़ी अफ़राद स कहा ldquoज़ररी ह िक मजा कर बादशाह को इिततला द िक मर भाई और मरबाप का परा ख़ानदान जो कनआन क रहन वाल हमर पास आ गए ह 32 म उस स कहगा lsquoयह आदमीभड़-बकिरयो क चरवाह ह वह मवशी पालत ह इसिलए अपनी भड़-बकिरया गाय-बल और बाक़ी सारामाल अपन साथ ल आए हrsquo 33 बादशाह तमह बलाकर पछगा िक तम कया काम करत हो 34 िफर तमको जवाब दना ह lsquoआप क ख़ािदम बचपन स मवशीपालत आए ह यह हमार बापदादा का पशा था औरहमारा भी हrsquo अगर तम यह कहो तो तमह जशन मरहन की इजाज़त िमलगी कयिक भड़-बकिरयो कचरवाह िमिसरयो की नज़र म क़ािबल-ए-नफ़रत हrdquo

58 पदाइश 471ndash22

47 1 यसफ़ िफ़रऔन क पास गया और उसइिततला द कर कहा ldquoमरा बाप और भाई

अपनी भड़-बकिरयो गाय-बलो और सार माल समतमलक-ए-कनआन स आ कर जशन म ठहर हए हrdquo2 उस न अपन भाइयो म स पाच को चन कर िफ़रऔनक सामन पश िकया 3 िफ़रऔन न भाइयो स पछाldquoतम कया काम करत होrdquo उनहो न जवाब िदयाldquoआप क ख़ािदम भड़-बकिरयो क चरवाह ह यहहमार बापदादा का पशा था और हमारा भी ह 4 हमयहा आए ह तािक कछ दर अजनबी की हिसयत सआप क पास ठहर कयिक काल न कनआन म बहतज़ोर पकड़ा ह वहा आप क ख़ािदमो क जानवरो किलए चरागाह ख़तम हो गई ह इस िलए हम जशन मरहन की इजाज़त दrdquo

5 बादशाह न यसफ़ स कहा ldquoतरा बाप और भाईतर पास आ गए ह 6 मलक-ए-िमसर तर सामन खलाह उनह बहतरीन जगह पर आबाद कर वह जशनम रह और अगर उन म स कछ ह जो ख़ासक़ािबिलयत रखत ह तो उनह मर मविशयो कीिनगहदाशत पर रखrdquo

7 िफर यसफ़ अपन बाप याक़ब को ल आया औरिफ़रऔन क सामन पश िकया याक़ब न बादशाह कोबरकत दी 8 बादशाह न उस स पछा ldquoतमहारी उमरकया हrdquo 9 याक़ब न जवाब िदया ldquoम 130 साल सइस दिनया का महमान ह मरी िज़नदगी मख़तसर औरतकलीफ़िदह थी और मर बापदादा मझ स ज़यादाउमररसीदा हए थ जब वह इस दिनया क महमान थrdquo10 यह कह कर याक़ब िफ़रऔन को दबारा बरकतद कर चला गया

11 िफर यसफ़ न अपन बाप और भाइयो को िमसरम आबाद िकया उस न उनह रामसीस क इलाक़ मबहतरीन ज़मीन दी िजस तरह बादशाह न हकम िदयाथा 12 यसफ़ अपन बाप क पर घरान को ख़राकमहयया करता रहा हर ख़ानदान को उस क बचचोकी तादाद क मतािबक़ ख़राक िमलती रही

काल का सख़त असर13 काल इतना सख़त था िक कही भी रोटी नही

िमलती थी िमसर और कनआन म लोग िनढाल होगए

14 िमसर और कनआन क तमाम पस अनाज ख़रीदनक िलए सफ़र हो गए यसफ़ उनह जमा करकिफ़रऔन क महल म ल आया 15 जब िमसर औरकनआन क पस ख़तम हो गए तो िमिसरयो न यसफ़ कपास आ कर कहा ldquoहम रोटी द हम आप क सामनकय मर हमार पस ख़तम हो गए हrdquo 16 यसफ़ नजवाब िदया ldquoअगर आप क पस ख़तम ह तो मझअपन मवशी द म उन क इवज़ रोटी दता हrdquo17 चनाच वह अपन घोड़ भड़-बकिरया गाय-बलऔर गध यसफ़ क पास ल आए इन क इवज़ उसन उनह ख़राक दी उस साल उस न उनह उन क तमाममविशयो क इवज़ ख़राक महयया की

18 अगल साल वह दबारा उस क पास आए उनहोन कहा ldquoजनाब-ए-आली हम यह बात आप स नहीछपा सकत िक अब हम िसफ़र अपन आप और अपनीज़मीन को आप को द सकत ह हमार पस तो ख़तमह और आप हमार मवशी भी ल चक ह 19 हम कय आप की आखो क सामन मर जाए हमारी ज़मीनकय तबाह हो जाए हम रोटी द तो हम और हमारीज़मीन बादशाह की होगी हम िफ़रऔन क ग़लामहोग हम बीज द तािक हम जीत बच और ज़मीनतबाह न हो जाएrdquo

20 चनाच यसफ़ न िफ़रऔन क िलए िमसर की परीज़मीन ख़रीद ली काल की सख़ती क सबब स तमामिमिसरयो न अपन खत बच िदए इस तरीक़ स परामलक िफ़रऔन की िमलिकयत म आ गया 21 यसफ़न िमसर क एक िसर स दसर िसर तक क लोगो कोशहरो म मनतिक़ल कर िदया 22 िसफ़र पजािरयो कीज़मीन आज़ाद रही उनह अपनी ज़मीन बचन कीज़ररत ही नही थी कयिक उनह िफ़रऔन स इतनावज़ीफ़ा िमलता था िक गज़ारा हो जाता था

पदाइश 4723ndash4814 5923 यसफ़ न लोगो स कहा ldquoग़ौर स सन आज म न

आप को और आप की ज़मीन को बादशाह क िलएख़रीद िलया ह अब यह बीज ल कर अपन खतो म बोना 24 आप को िफ़रऔन को फ़सल का पाचवा िहससा दना ह बाक़ी पदावार आप की होगी आपइस स बीज बो सकत ह और यह आप क औरआप क घरानो और बचचो क खान क िलए होगाrdquo25 उनहो न जवाब िदया ldquoआप न हम बचाया हहमार मािलक हम पर महरबानी कर तो हम िफ़रऔनक ग़लाम बनगrdquo

26 इस तरह यसफ़ न िमसर म यह क़ानन नािफ़ज़िकया िक हर फ़सल का पाचवा िहससा बादशाह काह यह क़ानन आज तक जारी ह िसफ़र पजािरयो कीज़मीन बादशाह की िमलिकयत म न आई

याक़ब की आिख़री गज़ािरश27 इसराईली िमसर म जशन क इलाक़ म आबाद

हए वहा उनह ज़मीन िमली और वह फल फल औरतादाद म बहत बढ़ गए

28 याक़ब 17 साल िमसर म रहा वह 147 सालका था जब फ़ौत हआ 29 जब मरन का वक़त क़रीबआया तो उस न यसफ़ को बला कर कहा ldquoमहरबानीकरक अपना हाथ मरी रान क नीच रख कर क़समखा िक त मझ पर शफ़क़त और वफ़ादारी का इसतरह इज़हार करगा िक मझ िमसर म दफ़न नहीकरगा 30 जब म मर कर अपन बापदादा स जािमलगा तो मझ िमसर स ल जा कर मर बापदादाकी क़बर म दफ़नानाrdquo यसफ़ न जवाब िदया ldquoठीकहrdquo 31 याक़ब न कहा ldquoक़सम खा िक त ऐसा हीकरगाrdquo यसफ़ न क़सम खाई तब इसराईल न अपनिबसतर क िसरहान पर अललाह को िसजदा िकया

याक़ब इफ़राईम और मनससी को बरकत दता ह

48 1 कछ दर क बाद यसफ़ को इिततला दी गईिक आप का बाप बीमार ह वह अपन दो

बटो मनससी और इफ़राईम को साथ ल कर याक़ब सिमलन गया

2 याक़ब को बताया गया ldquoआप का बटा आगया हrdquo तो वह अपन आप को सभाल कर अपनिबसतर पर बठ गया 3 उस न यसफ़ स कहा ldquoजबम कनआनी शहर लज़ म था तो अललाह क़ािदर-ए-मतलक़ मझ पर ज़ािहर हआ उस न मझ बरकतद कर 4 कहा lsquoम तझ फलन फलन दगा और तरीऔलाद बढ़ा दगा बिलक तझ स बहत सी क़ौमिनकलन दगा और म तरी औलाद को यह मलकहमशा क िलए द दगाrsquo 5 अब मरी बात सन मचाहता ह िक तर बट जो मर आन स पहल िमसरम पदा हए मर बट हो इफ़राईम और मनससी रिबनऔर शमाऊन क बराबर ही मर बट हो 6 अगर इनक बाद तर हा और बट पदा हो जाए तो वह मर बटनही बिलक तर ठहरग जो मीरास वह पाएग वहउनह इफ़राईम और मनससी की मीरास म स िमलगी7 म यह तरी मा रािख़ल क सबब स कर रहा ह जोमसोपतािमया स वापसी क वक़त कनआन म इफ़राताक क़रीब मर गई म न उस वही रासत म दफ़निकयाrdquo (आज इफ़राता को बत-लहम कहा जाता ह)

8 िफर याक़ब न यसफ़ क बटो पर नज़र डाल करपछा ldquoयह कौन हrdquo 9 यसफ़ न जवाब िदया ldquoयहमर बट ह जो अललाह न मझ यहा िमसर म िदएrdquoयाक़ब न कहा ldquoउनह मर क़रीब ल आ तािक मउनह बरकत दrdquo 10 बढ़ा होन क सबब स याक़बकी आख कमज़ोर थी वह अचछी तरह दख नहीसकता था यसफ़ अपन बटो को याक़ब क पासल आया तो उस न उनह बोसा द कर गल लगाया11 और यसफ़ स कहा ldquoमझ तवक़क़ो ही नही थीिक म कभी तरा िचहरा दखगा और अब अललाह नमझ तर बटो को दखन का मौक़ा भी िदया हrdquo

12 िफर यसफ़ उनह याक़ब की गोद म स ल करख़द उस क सामन मह क बल झक गया 13 यसफ़न इफ़राईम को याक़ब क बाए हाथ रखा और मनससीको उस क दाए हाथ 14 लिकन याक़ब न अपना

60 पदाइश 4815ndash4912दहना हाथ बाई तरफ़ बढ़ा कर इफ़राईम क सर पररखा अगरच वह छोटा था इस तरह उस न अपनाबाया हाथ दाई तरफ़ बढ़ा कर मनससी क सर पररखा जो बड़ा था 15 िफर उस न यसफ़ को उस कबटो की मािरफ़त बरकत दी ldquoअललाह िजस क हज़रमर बापदादा इबराहीम और इसहाक़ चलत रह और जोशर स आज तक मरा चरवाहा रहा ह इनह बरकत द16 िजस फ़िरशत न इवज़ाना द कर मझ हर नक़सान सबचाया ह वह इनह बरकत द अललाह कर िक इन ममरा नाम और मर बापदादा इबराहीम और इसहाक़ कनाम जीत रह दिनया म इन की औलाद की तादादबहत बढ़ जाएrdquo

17 जब यसफ़ न दखा िक बाप न अपना दहना हाथछोट बट इफ़राईम क सर पर रखा ह तो यह उस बरालगा इस िलए उस न बाप का हाथ पकड़ा तािकउस इफ़राईम क सर पर स उठा कर मनससी क सरपर रख 18 उस न कहा ldquoअबब ऐस नही दसरालड़का बड़ा ह उसी पर अपना दहना हाथ रखrdquo19 लिकन बाप न इनकार करक कहा ldquoमझ पता हबटा मझ पता ह वह भी एक बड़ी क़ौम बनगािफर भी उस का छोटा भाई उस स बड़ा होगा औरउस स क़ौमो की बड़ी तादाद िनकलगीrdquo

20 उस िदन उस न दोनो बटो को बरकत द करकहा ldquoइसराईली तमहारा नाम ल कर बरकत िदयाकरग जब वह बरकत दग तो कहग lsquoअललाह आपक साथ वसा कर जसा उस न इफ़राईम और मनससीक साथ िकया हrsquordquo इस तरह याक़ब न इफ़राईम कोमनससी स बड़ा बना िदया 21 यसफ़ स उस न कहाldquoम तो मरन वाला ह लिकन अललाह तमहार साथहोगा और तमह तमहार बापदादा क मलक म वापस लजाएगा 22 एक बात म म तझ तर भाइयो पर तजीरहदता ह म तझ कनआन म वह िक़तआ दता ह जो मन अपनी तलवार और कमान स अमोिरयो स छीनाथाrdquo

याक़ब अपन बटो को बरकत दता ह

49 1 याक़ब न अपन बटो को बला कर कहाldquoमर पास जमा हो जाओ तािक म तमह

बताऊ िक मसतक़िबल म तमहार साथ कया कयाहोगा 2 ऐ याक़ब क बटो इकटठ हो कर सनो अपनबाप इसराईल की बातो पर ग़ौर करो

3 रिबन तम मर पहलौठ हो मर ज़ोर और मरीताक़त का पहला फल तम इज़ज़त और क़ववतक िलहाज़ स बरतर हो 4 लिकन चिक तम बकाबसलाब की मािननद हो इस िलए तमहारी अववलहिसयत जाती रह कयिक तम न मरी हरम सहमिबसतर हो कर अपन बाप की बहरमती की ह

5 शमाऊन और लावी दोनो भाइयो की तलवारज़लम-ओ-तशददद क हिथयार रह ह 6 मरी जान नउन की मजिलस म शािमल और न उन की जमाअतम दािख़ल हो कयिक उनहो न ग़सस म आ कर दसरोको क़तल िकया ह उनहो न अपनी मज़ीर स बलो कीकोच काटी ह 7 उन क ग़सस पर लानत हो जो इतनाज़बरदसत ह और उन क तश पर जो इतना सख़त हम उनह याक़ब क मलक म ितततर-िबततर करगा उनहइसराईल म मनतिशर कर दगा

8 यहदाह तमहार भाई तमहारी तारीफ़ करग तमअपन दशमनो की गदरन पकड़ रहोग और तमहार बापक बट तमहार सामन झक जाएग 9 यहदाह शरबबरका बचचा ह मर बट तम अभी अभी िशकार मारकर वापस आए हो यहदाह शरबबर बिलक शरनीकी तरह दबक कर बठ जाता ह कौन उस छड़नकी जरअत करगा 10 शाही असा यहदाह स दर नहीहोगा बिलक शाही इख़ितयार उस वक़त तक उस कीऔलाद क पास रहगा जब तक वह हािकम न आएिजस क ताब क़ौम रहगी 11 वह अपना जवान गधाअगर की बल स और अपनी गधी का बचचा बहतरीनअगर की बल स बाधगा वह अपना िलबास म मऔर अपना कपड़ा अगर क ख़न म धोएगा 12 उस

पदाइश 4913ndash503 61की आख म स ज़यादा गदली और उस क दात दधस ज़यादा सफ़द होग

13 ज़बलन सािहल पर आबाद होगा जहा बहरीजहाज़ होग उस की हद सदा तक होगी

14 इशकार ताक़तवर गधा ह जो अपन ज़ीन क दोबोरो क दरिमयान बठा ह 15 जब वह दखगा िक उसकी आरामगाह अचछी और उस का मलक ख़शनमाह तो वह बोझ उठान क िलए तययार हो जाएगा औरउजरत क बग़र काम करन क िलए मजबर िकयाजाएगा

16 दान अपनी क़ौम का इनसाफ़ करगा अगरच वहइसराईल क क़बीलो म स एक ही ह 17 दान सड़कक साप और रासत क अफ़ई की मािननद होगा वहघोड़ की एिड़यो को काटगा तो उस का सवार पीछिगर जाएगा

18 ऐ रब म तरी ही नजात क इिनतज़ार म ह19 जद पर डाकओ का जथथा हमला करगा लिकन

वह पलट कर उसी पर हमला कर दगा20 आशर को िग़ज़ाइयत वाली ख़राक हािसल

होगी वह लज़ीज़ शाही खाना महयया करगा21 नफ़ताली आज़ाद छोड़ी हई िहरनी ह वह

ख़बसरत बात करता ह g22 यसफ़ फलदार बल ह वह चशम पर लगी हई

फलदार बल ह िजस की शाख़ दीवार पर चढ़ गईह 23 तीरअनदाज़ो न उस पर तीर चला कर उसतग िकया और उस क पीछ पड़ गए 24 लिकन उसकी कमान मज़बत रही और उस क बाज़ याक़बक ज़ोरावर ख़दा क सबब स ताक़तवर रह उसचरवाह क सबब स जो इसराईल का ज़बरदसत सरमाह 25 कयिक तर बाप का ख़दा तरी मदद करता हअललाह क़ािदर-ए-मतलक़ तझ आसमान की बरकतज़मीन की गहराइयो की बरकत और औलाद कीबरकत दता ह 26 तर बाप की बरकत क़दीम पहाड़ोऔर अबदी पहािड़यो की मग़रब चीज़ो स ज़यादा

अज़ीम ह यह तमाम बरकत यसफ़ क सर पर होउस शख़स क चाद पर जो अपन भाइयो पर शहज़ादाह

27 िबनयमीन फाड़न वाला भिड़या ह सबह वहअपना िशकार खा जाता और रात को अपना लटाहआ माल तक़सीम कर दता हrdquo

28 यह इसराईल क कल बारह क़बील ह और यहवह कछ ह जो उन क बाप न उन स बरकत दत वक़तकहा उस न हर एक को उस की अपनी बरकत दी

याक़ब का इिनतक़ाल29 िफर याक़ब न अपन बटो को हकम िदया ldquoअब

म कच करक अपन बापदादा स जा िमलगा मझमर बापदादा क साथ उस ग़ार म दफ़नाना जो िहततीआदमी इफ़रोन क खत म ह 30 यानी उस ग़ार म जोमलक-ए-कनआन म ममर क मशिरक़ म मकफ़ीला कखत म ह इबराहीम न उस खत समत अपन लोगोको दफ़नान क िलए इफ़रोन िहतती स ख़रीद िलया था31 वहा इबराहीम और उस की बीवी सारा दफ़नाएगए वहा इसहाक़ और उस की बीवी िरबक़ा दफ़नाएगए और वहा म न िलयाह को दफ़न िकया 32 वहखत और उस का ग़ार िहिततयो स ख़रीदा गया थाrdquo

33 इन िहदायात क बाद याक़ब न अपन पाओिबसतर पर समट िलए और दम छोड़ कर अपनबापदादा स जा िमला

याक़ब को दफ़न िकया जाता ह

50 1 यसफ़ अपन बाप क िचहर स िलपटगया उस न रोत हए उस बोसा िदया 2 उस

क मलािज़मो म स कछ डाकटर थ उस न उनहिहदायत दी िक मर बाप इसराईल की लाश को हनतकर तािक वह गल न जाए उनहो न ऐसा ही िकया3 इस म 40 िदन लग गए आम तौर पर हनत करन

gया ख़बसरत बचच पदा करती ह

62 पदाइश 504ndash23क िलए इतन ही िदन लगत ह िमिसरयो न 70 िदनतक याक़ब का मातम िकया

4 जब मातम का वक़त ख़तम हआ तो यसफ़ नबादशाह क दरबािरयो स कहा ldquoमहरबानी करकयह ख़बर बादशाह तक पहचा द 5 िक मर बाप नमझ क़सम िदला कर कहा था lsquoम मरन वाला ह मझउस क़बर म दफ़न करना जो म न मलक-ए-कनआनम अपन िलए बनवाईrsquo अब मझ इजाज़त द िक मवहा जाऊ और अपन बाप को दफ़न करक वापसआऊrdquo 6 िफ़रऔन न जवाब िदया ldquoजा अपन बापको दफ़न कर िजस तरह उस न तझ क़सम िदलाईथीrdquo

7 चनाच यसफ़ अपन बाप को दफ़नान क िलएकनआन रवाना हआ बादशाह क तमाम मलािज़ममहल क बज़गर और पर िमसर क बज़गर उस क साथथ 8 यसफ़ क घरान क अफ़राद उस क भाई औरउस क बाप क घरान क लोग भी साथ गए िसफ़र उनक बचच उन की भड़-बकिरया और गाय-बल जशनम रह 9 रथ और घड़सवार भी साथ गए सब िमलकर बड़ा लशकर बन गए

10 जब वह यदरन क क़रीब अतद क खिलयान परपहच तो उनहो न िनहायत िदलसोज़ नोहा िकया वहा यसफ़ न सात िदन तक अपन बाप का मातम िकया11 जब मक़ामी कनआिनयो न अतद क खिलयान परमातम का यह नज़ारा दखा तो उनहो न कहा ldquoयह तोमातम का बहत बड़ा इिनतज़ाम ह जो िमसरी करवारह हrdquo इस िलए उस जगह का नाम अबील-िमसरीमयानी lsquoिमिसरयो का मातमrsquo पड़ गया 12 य याक़ब कबटो न अपन बाप का हकम परा िकया 13 उनहो नउस मलक-ए-कनआन म ल जा कर मकफ़ीला क खतक ग़ार म दफ़न िकया जो ममर क मशिरक़ म ह यहवही खत ह जो इबराहीम न इफ़रोन िहतती स अपन लोगोको दफ़नान क िलए ख़रीदा था

14 इस क बाद यसफ़ उस क भाई और बाक़ीतमाम लोग जो जनाज़ क िलए साथ गए थ िमसर कोलौट आए

यसफ़ अपन भाइयो को तसलली दता ह15 जब याक़ब इिनतक़ाल कर गया तो यसफ़ क

भाई डर गए उनहो न कहा ldquoख़तरा ह िक अब यसफ़हमारा ताक़क़ब करक उस ग़लत काम का बदला लजो हम न उस क साथ िकया था िफर कया होगाrdquo16 यह सोच कर उनहो न यसफ़ को ख़बर भजी ldquoआपक बाप न मरन स पशतर िहदायत दी 17 िक यसफ़को बताना lsquoअपन भाइयो क उस ग़लत काम कोमआफ़ कर दना जो उनहो न तमहार साथ िकयाrsquoअब हम जो आप क बाप क ख़दा क परोकार हमआफ़ कर दrdquo

यह ख़बर सन कर यसफ़ रो पड़ा 18 िफर उस कभाई ख़द आए और उस क सामन िगर गए उनहो नकहा ldquoहम आप क ख़ािदम हrdquo 19 लिकन यसफ़ नकहा ldquoमत डरो कया म अललाह की जगह ह हरिगज़नही 20 तम न मझ नक़सान पहचान का इरादा िकयाथा लिकन अललाह न उस स भलाई पदा की औरअब इस का मक़सद परा हो रहा ह बहत स लोगमौत स बच रह ह 21 चनाच अब डरन की ज़ररतनही ह म तमह और तमहार बचचो को ख़राक महययाकरता रहगाrdquo

य यसफ़ न उनह तसलली दी और उन स नमीर स बातकी

यसफ़ का इिनतक़ाल22 यसफ़ अपन बाप क ख़ानदान समत िमसर म रहा

वह 110 साल िज़नदा रहा 23 मौत स पहल उस न निसफ़र इफ़राईम क बचचो को बिलक उस क पोतो कोभी दखा मनससी क बट मकीर क बचच भी उस कीमौजदगी म पदा हो कर उस की गोद म रख गए h

hग़ािलबन इस का मतलब यह ह िक उस न उनह लपालक बनाया

पदाइश 5024ndash26 6324 िफर एक वक़त आया िक यसफ़ न अपन भाइयो

स कहा ldquoम मरन वाला ह लिकन अललाह ज़ररआप की दख-भाल करक आप को इस मलक सउस मलक म ल जाएगा िजस का उस न इबराहीमइसहाक़ और याक़ब स क़सम खा कर वादा िकयाहrdquo 25 िफर यसफ़ न इसराईिलयो को क़सम िदला

कर कहा ldquoअललाह यक़ीनन तमहारी दख-भाल करकवहा ल जाएगा उस वक़त मरी हिडडयो को भी उठाकर साथ ल जानाrdquo

26 िफर यसफ़ फ़ौत हो गया वह 110 साल का थाउस हनत करक िमसर म एक ताबत म रखा गया

ख़रज

याक़ब का ख़ानदान िमसर म

1 1 ज़ल म उन बटो क नाम ह जो अपन बापयाक़ब और अपन ख़ानदानो समत िमसर म आए

थ 2 रिबन शमाऊन लावी यहदाह 3 इशकारज़बलन िबनयमीन 4 दान नफ़ताली जद औरआशर 5 उस वक़त याक़ब की औलाद की तादाद70 थी यसफ़ तो पहल ही िमसर आ चका था

6 िमसर म रहत हए बहत िदन गज़र गए इतन मयसफ़ उस क तमाम भाई और उस नसल क तमामलोग मर गए 7 इसराईली फल फल और तादाद मबहत बढ़ गए नतीज म वह िनहायत ही ताक़तवरहो गए परा मलक उन स भर गया

इसराईिलयो को दबाया जाता ह8 होत होत एक नया बादशाह तख़तनशीन हआ जो

यसफ़ स नावािक़फ़ था 9 उस न अपन लोगो सकहा ldquoइसराईिलयो को दखो वह तादाद और ताक़तम हम स बढ़ गए ह 10 आओ हम िहकमत स कामल वनार वह मज़ीद बढ़ जाएग ऐसा न हो िक वहिकसी जग क मौक़ पर दशमन का साथ द कर हमस लड़ और मलक को छोड़ जाएrdquo

11 चनाच िमिसरयो न इसराईिलयो पर िनगरान मक़रररिकए तािक बगार म उन स काम करवा कर उनहदबात रह उस वक़त उनहो न िपतोम और रामसीसक शहर तामीर िकए इन शहरो म िफ़रऔन बादशाहक बड़ बड़ गोदाम थ 12 लिकन िजतना इसराईिलयोको दबाया गया उतना ही वह तादाद म बढ़त औरफलत गए आिख़रकार िमसरी उन स दहशत खानलग 13 और वह बड़ी बरहमी स उन स काम करवातरह 14 इसराईिलयो का गज़ारा िनहायत मिशकल होगया उनह गारा तययार करक ईट बनाना और खतो

म मख़तिलफ़ िक़सम क काम करना पड़ इस म िमसरीउन स बड़ी बरहमी स पश आत रह

दाइया अललाह की राह पर चलती ह15 इसराईिलयो की दो दाइया थी िजन क नाम िसफ़रा

और फ़आ थ िमसर क बादशाह न उन स कहा16 ldquoजब इबरानी औरत तमह मदद क िलए बलाए तोख़बरदार रहो अगर लड़का पदा हो तो उस जान समार दो अगर लड़की हो तो उस जीता छोड़ दोrdquo17 लिकन दाइया अललाह का ख़ौफ़ मानती थी उनहोन िमसर क बादशाह का हकम न माना बिलक लड़कोको भी जीन िदया

18 तब िमसर क बादशाह न उनह दबारा बला करपछा ldquoतम न यह कय िकया तम लड़को कोकय जीता छोड़ दती होrdquo 19 उनहो न जवाब िदयाldquoइबरानी औरत िमसरी औरतो स ज़यादा मज़बत हबचच हमार पहचन स पहल ही पदा हो जात हrdquo

20 चनाच अललाह न दाइयो को बरकत दी औरइसराईली क़ौम तादाद म बढ़ कर बहत ताक़तवर होगई 21 और चिक दाइया अललाह का ख़ौफ़ मानती थीइस िलए उस न उनह औलाद द कर उन क ख़ानदानोको क़ाइम रखा

22 आिख़रकार बादशाह न अपन तमाम हमवतनोस बात की ldquoजब भी इबरािनयो क लड़क पदा हो तोउनह दरया-ए-नील म फक दना िसफ़र लड़िकयो कोिज़नदा रहन दोrdquo

मसा की पदाइश और बचाओ

2 1 उन िदनो म लावी क एक आदमी न अपन हीक़बील की एक औरत स शादी की 2 औरत

हािमला हई और बचचा पदा हआ मा न दखा िकलड़का ख़बसरत ह इस िलए उस न उस तीन माह

ख़रज 23ndash24 65तक छपाए रखा 3 जब वह उस और ज़यादा न छपासकी तो उस न आबी नसरल स टोकरी बना कर उसपर तारकोल चढ़ाया िफर उस न बचच को टोकरीम रख कर टोकरी को दरया-ए-नील क िकनार परउग हए सरकडो म रख िदया 4 बचच की बहन कछफ़ािसल पर खड़ी दखती रही िक उस का कया बनगा

5 उस वक़त िफ़रऔन की बटी नहान क िलए दरयापर आई उस की नौकरािनया दरया क िकनारटहलन लगी तब उस न सरकडो म टोकरी दखीऔर अपनी लौडी को उस लान भजा 6 उस खोला तोछोटा लड़का िदखाई िदया जो रो रहा था िफ़रऔनकी बटी को उस पर तरस आया उस न कहा ldquoयहकोई इबरानी बचचा हrdquo

7 अब बचच की बहन िफ़रऔन की बटी क पास गईऔर पछा ldquoकया म बचच को दध िपलान क िलएकोई इबरानी औरत ढड लाऊrdquo 8 िफ़रऔन की बटीन कहा ldquoहा जाओrdquo लड़की चली गई और बचचकी सगी मा को ल कर वापस आई 9 िफ़रऔन कीबटी न मा स कहा ldquoबचच को ल जाओ और उस मरिलए दध िपलाया करो म तमह इस का मआवज़ादगीrdquo चनाच बचच की मा न उस दध िपलान क िलएल िलया

10 जब बचचा बड़ा हआ तो उस की मा उस िफ़रऔनकी बटी क पास ल गई और वह उस का बटाबन गया िफ़रऔन की बटी न उस का नाम मसायानी lsquoिनकाला गयाrsquo रख कर कहा ldquoम उस पानी सिनकाल लाई हrdquo

मसा फ़रार होता ह11 जब मसा जवान हआ तो एक िदन वह घर स

िनकल कर अपन लोगो क पास गया जो जबरी कामम मसरफ़ थ मसा न दखा िक एक िमसरी मर एकइबरानी भाई को मार रहा ह 12 मसा न चारो तरफ़नज़र दौड़ाई जब मालम हआ िक कोई नही दखरहा तो उस न िमसरी को जान स मार िदया और उसरत म छपा िदया

13 अगल िदन भी मसा घर स िनकला इस दफ़ा दोइबरानी मदर आपस म लड़ रह थ जो ग़लती पर थाउस स मसा न पछा ldquoतम अपन भाई को कय माररह होrdquo 14 आदमी न जवाब िदया ldquoिकस न आपको हम पर हकमरान और क़ाज़ी मक़ररर िकया हकया आप मझ भी क़तल करना चाहत ह िजस तरहिमसरी को मार डाला थाrdquo तब मसा डर गया उसन सोचा ldquoहाय मरा भद खल गया हrdquo

15 बादशाह को भी पता लगा तो उस न मसा कोमरवान की कोिशश की लिकन मसा िमिदयान कमलक को भाग गया वहा वह एक कए क पास बठगया 16 िमिदयान म एक इमाम था िजस की सातबिटया थी यह लड़िकया अपनी भड़-बकिरयो कोपानी िपलान क िलए कए पर आई और पानी िनकालकर हौज़ भरन लगी 17 लिकन कछ चरवाहो न आकर उनह भगा िदया यह दख कर मसा उठा औरलड़िकयो को चरवाहो स बचा कर उन क रवड़ कोपानी िपलाया

18 जब लड़िकया अपन बाप रऊएल क पास वापसआई तो बाप न पछा ldquoआज तम इतनी जलदी स कय वापस आ गई होrdquo 19 लड़िकयो न जवाब िदयाldquoएक िमसरी आदमी न हम चरवाहो स बचाया निसफ़र यह बिलक उस न हमार िलए पानी भी िनकालकर रवड़ को िपला िदयाrdquo 20 रऊएल न कहा ldquoवहआदमी कहा ह तम उस कय छोड़ कर आई होउस बलाओ तािक वह हमार साथ खाना खाएrdquo

21 मसा रऊएल क घर म ठहरन क िलए राज़ी होगया बाद म उस की शादी रऊएल की बटी सफ़फ़रास हई 22 सफ़फ़रा क बटा पदा हआ तो मसा नकहा ldquoइस का नाम जसोरम यानी lsquoअजनबी मलकम परदसीrsquo हो कयिक म अजनबी मलक म परदसीहrdquo

23 काफ़ी असार गज़र गया इतन म िमसर काबादशाह इिनतक़ाल कर गया इसराईली अपनीग़लामी तल कराहत और मदद क िलए पकारत रहऔर उन की चीख़ अललाह तक पहच गई 24 अललाह

66 ख़रज 225ndash319न उन की आह सनी और उस अहद को याद िकयाजो उस न इबराहीम इसहाक़ और याक़ब स बाधाथा 25 अललाह इसराईिलयो की हालत दख कर उनका ख़याल करन लगा

जलती हई झाड़ी

3 1 मसा अपन ससर ियतरो की भड़-बकिरयोकी िनगहबानी करता था (िमिदयान का इमाम

रऊएल ियतरो भी कहलाता था) एक िदन मसा रवड़को रिगसतान की परली जािनब ल गया और चलतचलत अललाह क पहाड़ होिरब यानी सीना तक पहचगया 2 वहा रब का फ़िरशता आग क शोल म उसपर ज़ािहर हआ यह शोला एक झाड़ी म भड़क रहाथा मसा न दखा िक झाड़ी जल रही ह लिकन भसमनही हो रही 3 मसा न सोचा ldquoयह तो अजीब बातह कया वजह ह िक जलती हई झाड़ी भसम नहीहो रही म ज़रा वहा जा कर यह हरतअगज़ मनज़रदखrdquo

4 जब रब न दखा िक मसा झाड़ी को दखन आरहा ह तो उस न उस झाड़ी म स पकारा ldquoमसामसाrdquo मसा न कहा ldquoजी म हािज़र हrdquo 5 रब नकहा ldquoइस स ज़यादा क़रीब न आना अपनी जितया उतार कयिक त मक़ददस ज़मीन पर खड़ा ह 6 म तरबाप का ख़दा इबराहीम का ख़दा इसहाक़ का ख़दाऔर याक़ब का ख़दा हrdquo यह सन कर मसा न अपनामह ढाक िलया कयिक वह अललाह को दखन स डरा

7 रब न कहा ldquoम न िमसर म अपनी क़ौम की बरीहालत दखी और ग़लामी म उन की चीख़ सनी हऔर म उन क दखो को ख़ब जानता ह 8 अब मउनह िमिसरयो क क़ाब स बचान क िलए उतर आयाह म उनह िमसर स िनकाल कर एक अचछ वसीमलक म ल जाऊगा एक ऐस मलक म जहा दध औरशहद की कसरत ह गो इस वक़त कनआनी िहततीअमोरी फ़िरज़ज़ी िहववी और यबसी उस म रहत ह9 इसराईिलयो की चीख़ मझ तक पहची ह म न दखाह िक िमसरी उन पर िकस तरह का ज़लम ढा रह ह

10 चनाच अब जा म तझ िफ़रऔन क पास भजताह कयिक तझ मरी क़ौम इसराईल को िमसर स िनकालकर लाना हrdquo

11 लिकन मसा न अललाह स कहा ldquoम कौन ह िकिफ़रऔन क पास जा कर इसराईिलयो को िमसर सिनकाल लाऊrdquo 12 अललाह न कहा ldquoम तो तर साथहगा और इस का सबत िक म तझ भज रहा ह यहहोगा िक लोगो क िमसर स िनकलन क बाद तम यहा आ कर इस पहाड़ पर मरी इबादत करोगrdquo

13 लिकन मसा न एितराज़ िकया ldquoअगर मइसराईिलयो क पास जा कर उनह बताऊ िक तमहारबापदादा क ख़दा न मझ तमहार पास भजा ह तो वहपछग lsquoउस का नाम कया हrsquo िफर म उन को कयाजवाब दrdquo

14 अललाह न कहा ldquoम जो ह सो म ह उन स कहनाlsquoम ह न मझ तमहार पास भजा ह 15 रब जो तमहारबापदादा का ख़दा इबराहीम का ख़दा इसहाक़ काख़दा और याक़ब का ख़दा ह उसी न मझ तमहार पासभजा हrsquo यह अबद तक मरा नाम रहगा लोग यहीनाम ल कर मझ नसल-दर-नसल याद करग

16 अब जा और इसराईल क बज़गोर को जमा करकउन को बता द िक रब तमहार बापदादा इबराहीमइसहाक़ और याक़ब का ख़दा मझ पर ज़ािहर हआ हवह फ़रमाता ह lsquoम न ख़ब दख िलया ह िक िमसर मतमहार साथ कया सलक हो रहा ह 17 इस िलए म नफ़सला िकया ह िक तमह िमसर की मसीबत स िनकालकर कनआिनयो िहिततयो अमोिरयो फ़िरिज़ज़योिहिववयो और यबिसयो क मलक म ल जाऊ ऐसमलक म जहा दध और शहद की कसरत हrsquo 18 बज़गरतरी सनग िफर उन क साथ िमसर क बादशाह कपास जा कर उस स कहना lsquoरब इबरािनयो का ख़दाहम पर ज़ािहर हआ ह इस िलए हम इजाज़त द िकहम तीन िदन का सफ़र करक रिगसतान म रब अपनख़दा क िलए क़बारिनया चढ़ाएrsquo

19 लिकन मझ मालम ह िक िमसर का बादशाह िसफ़रइस सरत म तमह जान दगा िक कोई ज़बरदसती तमह

ख़रज 320ndash420 67ल जाए 20 इस िलए म अपनी क़दरत ज़ािहर करकअपन मोिजज़ो की मािरफ़त िमिसरयो को मारगािफर वह तमह जान दगा 21 उस वक़त म िमिसरयोक िदलो को तमहार िलए नमर कर दगा तमह ख़ालीहाथ नही जाना पड़गा 22 तमाम इबरानी औरत अपनीिमसरी पड़ोसनो और अपन घर म रहन वाली िमसरीऔरतो स चादी और सोन क ज़वरात और नफ़ीसकपड़ माग कर अपन बचचो को पहनाएगी य िमिसरयोको लट िलया जाएगाrdquo

4 1 मसा न एितराज़ िकया ldquoलिकन इसराईली नमरी बात का यक़ीन करग न मरी सनग वह

तो कहग lsquoरब तम पर ज़ािहर नही हआrsquordquo 2 जवाबम रब न मसा स कहा ldquoत न हाथ म कया पकड़ाहआ हrdquo मसा न कहा ldquoलाठीrdquo 3 रब न कहा ldquoउसज़मीन पर डाल दrdquo मसा न ऐसा िकया तो लाठी सापबन गई और मसा डर कर भागा 4 रब न कहा ldquoअबसाप की दम को पकड़ लrdquo मसा न ऐसा िकया तोसाप िफर लाठी बन गया

5 रब न कहा ldquoयह दख कर लोगो को यक़ीनआएगा िक रब जो उन क बापदादा का ख़दाइबराहीम का ख़दा इसहाक़ का ख़दा और याक़ब काख़दा ह तझ पर ज़ािहर हआ ह 6 अब अपना हाथअपन िलबास म डाल दrdquo मसा न ऐसा िकया जबउस न अपना हाथ िनकाला तो वह बफ़र की मािननदसफ़द हो गया था कोढ़ जसी बीमारी लग गई थी7 तब रब न कहा ldquoअब अपना हाथ दबारा अपनिलबास म डालrdquo मसा न ऐसा िकया जब उस नअपना हाथ दबारा िनकाला तो वह िफर सहतमनदथा

8 रब न कहा ldquoअगर लोगो को पहला मोिजज़ा दखकर यक़ीन न आए और वह तरी न सन तो शायदउनह दसरा मोिजज़ा दख कर यक़ीन आए 9 अगरउनह िफर भी यक़ीन न आए और वह तरी न सन तोदरया-ए-नील स कछ पानी िनकाल कर उस ख़शकज़मीन पर उडल द यह पानी ज़मीन पर िगरत ही ख़नबन जाएगाrdquo

10 लिकन मसा न कहा ldquoमर आक़ा म माज़रतचाहता ह म अचछी तरह बात नही कर सकताबिलक म कभी भी यह िलयाक़त नही रखता थाइस वक़त भी जब म तझ स बात कर रहा ह मरीयही हालत ह म रक रक कर बोलता हrdquo 11 रबन कहा ldquoिकस न इनसान का मह बनाया कौन एकको गगा और दसर को बहरा बना दता ह कौन एकको दखन की क़ािबिलयत दता ह और दसर को इसस महरम रखता ह कया म जो रब ह यह सब कछनही करता 12 अब जा तर बोलत वक़त म ख़दतर साथ हगा और तझ वह कछ िसखाऊगा जो तझकहना हrdquo

13 लिकन मसा न इिलतजा की ldquoमर आक़ामहरबानी करक िकसी और को भज दrdquo

14 तब रब मसा स सख़त ख़फ़ा हआ उस न कहाldquoकया तरा लावी भाई हारन ऐस काम क िलए हािज़रनही ह म जानता ह िक वह अचछी तरह बोलसकता ह दख वह तझ स िमलन क िलए िनकलचका ह तझ दख कर वह िनहायत ख़श होगा15 उस वह कछ बता जो उस कहना ह तमहार बोलतवक़त म तर और उस क साथ हगा और तमह वह कछिसखाऊगा जो तमह करना होगा 16 हारन तरी जगहक़ौम स बात करगा जबिक त मरी तरह उस वह कछबताएगा जो उस कहना ह 17 लिकन यह लाठी भीसाथ ल जाना कयिक इसी क ज़रीए त यह मोिजज़करगाrdquo

मसा िमसर को लौट जाता ह18 िफर मसा अपन ससर ियतरो क घर वापस चला

गया उस न कहा ldquoमझ ज़रा अपन अज़ीज़ो क पासवापस जान द जो िमसर म ह म मालम करना चाहताह िक वह अभी तक िज़नदा ह िक नहीrdquo ियतरो नजवाब िदया ldquoठीक ह सलामती स जाएrdquo 19 मसाअभी िमिदयान म था िक रब न उस स कहा ldquoिमसरको वापस चला जा कयिक जो आदमी तझ क़तलकरना चाहत थ वह मर गए हrdquo 20 चनाच मसा

68 ख़रज 421ndash511अपनी बीवी और बटो को गध पर सवार करक िमसरको लौटन लगा अललाह की लाठी उस क हाथ म थी

21 रब न उस स यह भी कहा ldquoिमसर जा करिफ़रऔन क सामन वह तमाम मोिजज़ िदखा िजनका म न तझ इख़ितयार िदया ह लिकन मर कहनपर वह अड़ा रहगा वह इसराईिलयो को जान कीइजाज़त नही दगा 22 उस वक़त िफ़रऔन को बतादना lsquoरब फ़रमाता ह िक इसराईल मरा पहलौठा ह23 म तझ बता चका ह िक मर बट को जान द तािकवह मरी इबादत कर अगर त मर बट को जान समना कर तो म तर पहलौठ को जान स मार दगाrsquordquo

24 एक िदन जब मसा अपन ख़ानदान क साथ रासतम िकसी सराय म ठहरा हआ था तो रब न उस परहमला करक उस मार दन की कोिशश की 25 यहदख कर सफ़फ़रा न एक तज़ पतथर स अपन बटका ख़तना िकया और काट हए िहसस स मसा क परछए उस न कहा ldquoयक़ीनन तम मर ख़नी दलहा होrdquo26 तब अललाह न मसा को छोड़ िदया सफ़फ़रा न उसख़तन क बाइस ही lsquoख़नी दलहाrsquo कहा था

27 रब न हारन स भी बात की ldquoरिगसतान म मसास िमलन जाrdquo हारन चल पड़ा और अललाह कपहाड़ क पास मसा स िमला उस न उस बोसा िदया28 मसा न हारन को सब कछ सना िदया जो रब नउस कहन क िलए भजा था उस न उस उन मोिजज़ोक बार म भी बताया जो उस िदखान थ

29 िफर दोनो िमल कर िमसर गए वहा पहच करउनहो न इसराईल क तमाम बज़गोर को जमा िकया30 हारन न उनह वह तमाम बात सनाई जो रब नमसा को बताई थी उस न मज़करा मोिजज़ भी लोगोक सामन िदखाए 31 िफर उनह यक़ीन आया औरजब उनहो न सना िक रब को तमहारा ख़याल ह औरवह तमहारी मसीबत स आगाह ह तो उनहो न रब कोिसजदा िकया

मसा और हारन िफ़रऔन क दरबार म

5 1 िफर मसा और हारन िफ़रऔन क पास गएउनहो न कहा ldquoरब इसराईल का ख़दा फ़रमाता

ह lsquoमरी क़ौम को रिगसतान म जान द तािक वहमर िलए ईद मनाएrsquordquo 2 िफ़रऔन न जवाब िदयाldquoयह रब कौन ह म कय उस का हकम मान करइसराईिलयो को जान द न म रब को जानता ह नइसराईिलयो को जान दगाrdquo

3 हारन और मसा न कहा ldquoइबरािनयो का ख़दाहम पर ज़ािहर हआ ह इस िलए महरबानी करकहम इजाज़त द िक रिगसतान म तीन िदन का सफ़रकरक रब अपन ख़दा क हज़र क़बारिनया पश करकही वह हम िकसी बीमारी या तलवार स न मारrdquo

4 लिकन िमसर क बादशाह न इनकार िकया ldquoमसाऔर हारन तम लोगो को काम स कय रोक रह होजाओ जो काम हम न तम को िदया ह उस पर लगजाओ 5 इसराईली वस भी तादाद म बहत बढ़ गएह और तम उनह काम करन स रोक रह होrdquo

जवाब म िफ़रऔन का सख़त दबाओ6 उसी िदन िफ़रऔन न िमसरी िनगरानो और उन क

तहत क इसराईली िनगरानो को हकम िदया 7 ldquoअबस इसराईिलयो को ईट बनान क िलए भसा मत दनाबिलक वह ख़द जा कर भसा जमा कर 8 तो भी वहउतनी ही ईट बनाए िजतनी पहल बनात थ वह ससतहो गए ह और इसी िलए चीख़ रह ह िक हम जान द तािक अपन ख़दा को क़बारिनया पश कर 9 उन सऔर ज़यादा सख़त काम कराओ उनह काम म लगाएरखो उन क पास इतना वक़त ही न हो िक वह झटीबातो पर धयान दrdquo

10 िमसरी िनगरान और उन क तहत क इसराईलीिनगरानो न लोगो क पास जा कर उन स कहाldquoिफ़रऔन का हकम ह िक तमह भसा न िदया जाए11 इस िलए ख़द जाओ और भसा ढड कर जमा करो

ख़रज 512ndash69 69लिकन ख़बरदार उतनी ही ईट बनाओ िजतनी पहलबनात थrdquo

12 यह सन कर इसराईली भसा जमा करन क िलएपर मलक म फल गए 13 िमसरी िनगरान यह कह करउन पर दबाओ डालत रह िक उतनी ईट बनाओिजतनी पहल बनात थ 14 जो इसराईली िनगरान उनहोन मक़ररर िकए थ उनह वह पीटत और कहत रहldquoतम न कल और आज उतनी ईट कय नही बनवाईिजतनी पहल बनवात थrdquo

15 िफर इसराईली िनगरान िफ़रऔन क पास गएउनहो न िशकायत करक कहा ldquoआप अपन ख़ािदमोक साथ ऐसा सलक कय कर रह ह 16 हम भसा नहीिदया जा रहा और साथ साथ यह कहा गया ह िकउतनी ईट बनाओ िजतनी पहल बनात थ नतीज महम मारा पीटा भी जा रहा ह हालािक ऐसा करन मआप क अपन लोग ग़लती पर हrdquo

17 िफ़रऔन न जवाब िदया ldquoतम लोग ससत होतम काम करना नही चाहत इस िलए तम यहजगह छोड़ना और रब को क़बारिनया पश करनाचाहत हो 18 अब जाओ काम करो तमह भसा नहीिदया जाएगा लिकन ख़बरदार उतनी ही ईट बनाओिजतनी पहल बनात थrdquo

19 जब इसराईली िनगरानो को बताया गया िक ईटोकी मतलबा तादाद कम न करो तो वह समझ गए िकहम फस गए ह 20 िफ़रऔन क महल स िनकल करउन की मलाक़ात मसा और हारन स हई जो उन कइिनतज़ार म थ 21 उनहो न मसा और हारन स कहाldquoरब ख़द आप की अदालत कर कयिक आप कसबब स िफ़रऔन और उस क मलािज़मो को हम सिघन आती ह आप न उनह हम मार दन का मौक़ा दिदया हrdquo

मसा की िशकायत और रब का जवाब22 यह सन कर मसा रब क पास वापस आया और

कहा ldquoऐ आक़ा त न इस क़ौम स ऐसा बरा सलककय िकया कया त न इसी मक़सद स मझ यहा भजाह 23 जब स म न िफ़रऔन क पास जा कर उसतरी मज़ीर बताई ह वह इसराईली क़ौम स बरा सलककर रहा ह और त न अब तक उनह बचान का कोईक़दम नही उठायाrdquo

6 1 रब न जवाब िदया ldquoअब त दखगा िक मिफ़रऔन क साथ कया कछ करता ह मरी

अज़ीम क़दरत का तजिरबा करक वह मर लोगो कोजान दगा बिलक उनह जान पर मजबर करगाrdquo

2 अललाह न मसा स यह भी कहा ldquoम रब ह 3 मइबराहीम इसहाक़ और याक़ब पर ज़ािहर हआ वहमर नाम अललाह क़ािदर-ए-मतलक़ iस वािक़फ़ हएलिकन म न उन पर अपन नाम रब jका इिनकशाफ़नही िकया 4 म न उन स अहद करक वादा िकयािक उनह मलक-ए-कनआन दगा िजस म वह अजनबीक तौर पर रहत थ 5 अब म न सना ह िक इसराईलीिकस तरह िमिसरयो की ग़लामी म कराह रह ह औरम न अपना अहद याद िकया ह 6 चनाच इसराईिलयोको बताना lsquoम रब ह म तमह िमिसरयो क जए सआज़ाद करगा और उन की ग़लामी स बचाऊगा मबड़ी क़दरत क साथ तमह छड़ाऊगा और उन कीअदालत करगा 7 म तमह अपनी क़ौम बनाऊगाऔर तमहारा ख़दा हगा तब तम जान लोग िक मरब तमहारा ख़दा ह िजस न तमह िमिसरयो क जएस आज़ाद कर िदया ह 8 म तमह उस मलक म लजाऊगा िजस का वादा म न क़सम खा कर इबराहीमइसहाक़ और याक़ब स िकया ह वह मलक तमहारीअपनी िमलिकयत होगा म रब हrsquordquo

9 मसा न यह सब कछ इसराईिलयो को बता िदयालिकन उनहो न उस की बात न मानी कयिक वह

iइबरानी म एल-शदईjइबरानी म यहव

70 ख़रज 610ndash77सख़त काम क बाइस िहममत हार गए थ 10 तब रबन मसा स कहा 11 ldquoजा िमसर क बादशाह िफ़रऔनको बता दना िक इसराईिलयो को अपन मलक स जानदrdquo 12 लिकन मसा न एितराज़ िकया ldquoइसराईली मरीबात सनना नही चाहत तो िफ़रऔन कय मरी बात मानजबिक म रक रक कर बोलता हrdquo

13 लिकन रब न मसा और हारन को हकम िदयाldquoइसराईिलयो और िमसर क बादशाह िफ़रऔन स बातकरक इसराईिलयो को िमसर स िनकालोrdquo

मसा और हारन क आबा-ओ-अजदाद14 इसराईल क आबाई घरानो क सरबराह यह थ

इसराईल क पहलौठ रिबन क चार बट हनक फ़ललहसरोन और कमीर थ इन स रिबन की चार शाख़िनकली

15 शमाऊन क पाच बट यमएल यमीन उहदयकीन सहर और साऊल थ (साऊल कनआनीऔरत का बचचा था) इन स शमाऊन की पाच शाख़िनकली

16 लावी क तीन बट जसोरन िक़हात और िमरारीथ (लावी 137 साल की उमर म फ़ौत हआ)

17 जसोरन क दो बट िलबनी और िसमई थ इन सजसोरन की दो शाख़ िनकली 18 िक़हात क चार बटअमराम इज़हार हबरन और उज़ज़ीएल थ (िक़हात133 साल की उमर म फ़ौत हआ) 19 िमरारी क दो बटमहली और मशी थ इन सब स लावी की मख़तिलफ़शाख़ िनकली

20 अमराम न अपनी फफी यकिबद स शादी की उनक दो बट हारन और मसा पदा हए (अमराम 137साल की उमर म फ़ौत हआ) 21 इज़हार क तीन बटक़ोरह नफ़ज और िज़करी थ 22 उज़ज़ीएल क तीनबट मीसाएल इलसफ़न और िसतरी थ

23 हारन न इलीिसबा स शादी की (इलीिसबाअममीनदाब की बटी और नहसोन की बहन थी)उन क चार बट नदब अबीह इलीअज़र और इतमरथ 24 क़ोरह क तीन बट अससीर इलक़ाना और

अिबयासफ़ थ उन स क़ोरिहयो की तीन शाख़िनकली 25 हारन क बट इलीअज़र न फ़तीएल कीएक बटी स शादी की उन का एक बटा फ़ीनहासथा

यह सब लावी क आबाई घरानो क सरबराह थ26 रब न अमराम क दो बटो हारन और मसा को

हकम िदया िक मरी क़ौम को उस क ख़ानदानो कीततीरब क मतािबक़ िमसर स िनकालो 27 इन ही दोआदिमयो न िमसर क बादशाह िफ़रऔन स बात कीिक इसराईिलयो को िमसर स जान द

रब दबारा मसा स हमकलाम होता ह28 िमसर म रब न मसा स कहा 29 ldquoम रब ह िमसर

क बादशाह को वह सब कछ बता दना जो म तझबताता हrdquo 30 मसा न एितराज़ िकया ldquoम तो रकरक कर बोलता ह िफ़रऔन िकस तरह मरी बातमानगाrdquo

7 1 लिकन रब न कहा ldquoदख मर कहन पर तिफ़रऔन क िलए अललाह की हिसयत रखगा

और तरा भाई हारन तरा पग़मबर होगा 2 जो भीहकम म तझ दगा उस त हारन को बता द िफर वहसब कछ िफ़रऔन को बताए तािक वह इसराईिलयोको अपन मलक स जान द 3 लिकन म िफ़रऔन कोअड़ जान दगा अगरच म िमसर म बहत स िनशानोऔर मोिजज़ो स अपनी क़दरत का मज़ाहरा करगा4 तो भी िफ़रऔन तमहारी नही सनगा तब िमिसरयोपर मरा हाथ भारी हो जाएगा और म उन को सख़तसज़ा द कर अपनी क़ौम इसराईल को ख़ानदानो कीततीरब क मतािबक़ िमसर स िनकाल लाऊगा 5 जबम िमसर क िख़लाफ़ अपनी क़दरत का इज़हार करकइसराईिलयो को वहा स िनकालगा तो िमसरी जान लगिक म रब हrdquo

6 मसा और हारन न सब कछ वसा ही िकया जसारब न उनह हकम िदया 7 िफ़रऔन स बात करत वक़तमसा 80 साल का और हारन 83 साल का था

ख़रज 78ndash85 71

मसा की लाठी साप बन जाती ह8 रब न मसा और हारन स कहा 9 ldquoजब िफ़रऔन

तमह मोिजज़ा िदखान को कहगा तो मसा हारन सकह िक अपनी लाठी ज़मीन पर डाल द इस पर वहसाप बन जाएगीrdquo

10 मसा और हारन न िफ़रऔन क पास जा करऐसा ही िकया हारन न अपनी लाठी िफ़रऔन औरउस क उहददारो क सामन डाल दी तो वह साप बनगई 11 यह दख कर िफ़रऔन न अपन आिलमो औरजादगरो को बलाया जादगरो न भी अपन जाद सऐसा ही िकया 12 हर एक न अपनी लाठी ज़मीन परफकी तो वह साप बन गई लिकन हारन की लाठीन उन की लािठयो को िनगल िलया

13 ताहम िफ़रऔन इस स मतअिससर न हआ उसन मसा और हारन की बात सनन स इनकार िकयावसा ही हआ जसा रब न कहा था

पानी ख़न म बदल जाता ह14 िफर रब न मसा स कहा ldquoिफ़रऔन अड़ गया

ह वह मरी क़ौम को िमसर छोड़न स रोकता ह15 कल सबह-सवर जब वह दरया-ए-नील पर आएगातो उस स िमलन क िलए दरया क िकनार पर खड़हो जाना उस लाठी को थाम रखना जो साप बनगई थी 16 जब वह वहा पहच तो उस स कहनाlsquoरब इबरािनयो क ख़दा न मझ आप को यह बतानक िलए भजा ह िक मरी क़ौम को मरी इबादत करनक िलए रिगसतान म जान द लिकन आप न अभीतक उस की नही सनी 17 चनाच अब आप जान लगिक वह रब ह म इस लाठी को जो मर हाथ म हल कर दरया-ए-नील क पानी को मारगा िफर वहख़न म बदल जाएगा 18 दरया-ए-नील की मछिलया मर जाएगी दरया स बदब उठगी और िमसरी दरयाका पानी नही पी सकगrsquordquo

19 रब न मसा स कहा ldquoहारन को बता दना िकवह अपनी लाठी ल कर अपना हाथ उन तमाम जगहो

की तरफ़ बढ़ाए जहा पानी जमा होता ह तब िमसरकी तमाम निदयो नहरो जोहड़ो और तालाबो कापानी ख़न म बदल जाएगा पर मलक म ख़न ही ख़नहोगा यहा तक िक लकड़ी और पतथर क बतरनो कापानी भी ख़न म बदल जाएगाrdquo

20 चनाच मसा और हारन न िफ़रऔन और उस कउहददारो क सामन अपनी लाठी उठा कर दरया-ए-नील क पानी पर मारी इस पर दरया का सारा पानीख़न म बदल गया 21 दरया की मछिलया मर गईऔर उस स इतनी बदब उठन लगी िक िमसरी उसका पानी न पी सक िमसर म चारो तरफ़ ख़न ही ख़नथा

22 लिकन जादगरो न भी अपन जाद क ज़रीए ऐसाही िकया इस िलए िफ़रऔन अड़ गया और मसाऔर हारन की बात न मानी वसा ही हआ जसा रबन कहा था 23 िफ़रऔन पलट कर अपन घर वापसचला गया उस उस की पवार नही थी जो मसा औरहारन न िकया था 24 लिकन िमसरी दरया स पानीन पी सक और उनहो न पीन का पानी हािसल करनक िलए दरया क िकनार िकनार गढ़ खोद 25 पानीक बदल जान क बाद सात िदन गज़र गए

मढ़क

8 1 िफर रब न मसा स कहा ldquoिफ़रऔन क पासजा कर उस बता दना िक रब फ़रमाता ह lsquoमरी

क़ौम को मरी इबादत करन क िलए जान द 2 वनारम पर िमसर को मढ़को स सज़ा दगा 3 दरया-ए-नीलमढ़को स इतना भर जाएगा िक वह दरया स िनकलकर तर महल तर सोन क कमर और तर िबसतर मजा घसग वह तर उहददारो और तरी रआया क घरोम आएग बिलक तर तनरो और आटा गधन क बतरनोम भी फदकत िफरग 4 मढ़क तझ पर तरी क़ौम परऔर तर उहददारो पर चढ़ जाएगrsquordquo

5 रब न मसा स कहा ldquoहारन को बता दना िकवह अपनी लाठी को हाथ म ल कर उस दरयाओनहरो और जोहड़ो क ऊपर उठाए तािक मढ़क बाहर

72 ख़रज 86ndash27िनकल कर िमसर क मलक म फल जाएrdquo 6 हारन नमलक-ए-िमसर क पानी क ऊपर अपनी लाठी उठाईतो मढ़को क ग़ोल पानी स िनकल कर पर मलक परछा गए 7 लिकन जादगरो न भी अपन जाद स ऐसाही िकया वह भी दरया स मढ़क िनकाल लाए

8 िफ़रऔन न मसा और हारन को बला कर कहाldquoरब स दआ करो िक वह मझ स और मरी क़ौम समढ़को को दर कर िफर म तमहारी क़ौम को जानदगा तािक वह रब को क़बारिनया पश करrdquo

9 मसा न जवाब िदया ldquoवह वक़त मक़ररर कर जबम आप क उहददारो और आप की क़ौम क िलएदआ कर िफर जो मढ़क आप क पास और आपक घरो म ह उसी वक़त ख़तम हो जाएग मढ़क िसफ़रदरया म पाए जाएगrdquo

10 िफ़रऔन न कहा ldquoठीक ह कल उनह ख़तमकरोrdquo मसा न कहा ldquoजसा आप कहत ह वसा हीहोगा इस तरह आप को मालम होगा िक हमार ख़दाकी मािननद कोई नही ह 11 मढ़क आप आप कघरो आप क उहददारो और आप की क़ौम को छोड़कर िसफ़र दरया म रह जाएगrdquo

12 मसा और हारन िफ़रऔन क पास स चल गएऔर मसा न रब स िमननत की िक वह मढ़को क वहग़ोल दर कर जो उस न िफ़रऔन क िख़लाफ़ भज थ13 रब न उस की दआ सनी घरो सहनो और खतोम मढ़क मर गए 14 लोगो न उनह जमा करक उन कढर लगा िदए उन की बदब पर मलक म फल गई

15 लिकन जब िफ़रऔन न दखा िक मसला हल होगया ह तो वह िफर अकड़ गया और उन की न सनीय रब की बात दरसत िनकली

जए 16 िफर रब न मसा स कहा ldquoहारन स कहना िक

वह अपनी लाठी स ज़मीन की गदर को मार जबवह ऐसा करगा तो पर िमसर की गदर जओ म बदलजाएगीrdquo

17 उनहो न ऐसा ही िकया हारन न अपनी लाठी सज़मीन की गदर को मारा तो पर मलक की गदर जओ मबदल गई उन क ग़ोल जानवरो और आदिमयो परछा गए 18 जादगरो न भी अपन जाद स ऐसा करनकी कोिशश की लिकन वह गदर स जए न बना सकजए आदिमयो और जानवरो पर छा गई 19 जादगरोन िफ़रऔन स कहा ldquoअललाह की क़दरत न यह िकयाहrdquo लिकन िफ़रऔन न उन की न सनी य रब कीबात दरसत िनकली

काटन वाली मिकखया 20 िफर रब न मसा स कहा ldquoजब िफ़रऔन सबह-

सवर दरया पर जाए तो त उस क रासत म खड़ा होजाना उस कहना िक रब फ़रमाता ह lsquoमरी क़ौम कोजान द तािक वह मरी इबादत कर सक 21 वनार मतर और तर उहददारो क पास तरी क़ौम क पास औरतर घरो म काटन वाली मिकखया भज दगा िमिसरयोक घर मिकखयो स भर जाएग बिलक िजस ज़मीनपर वह खड़ ह वह भी मिकखयो स ढाकी जाएगी22 लिकन उस वक़त म अपनी क़ौम क साथ जो जशनम रहती ह फ़क़र सलक करगा वहा एक भी काटनवाली मकखी नही होगी इस तरह तझ पता लगगािक इस मलक म म ही रब ह 23 म अपनी क़ौम औरतरी क़ौम म इिमतयाज़ करगा कल ही मरी क़दरतका इज़हार होगाrsquordquo

24 रब न ऐसा ही िकया काटन वाली मिकखयो कग़ोल िफ़रऔन क महल उस क उहददारो क घरोऔर पर िमसर म फल गए मलक का सतयानास होगया

25 िफर िफ़रऔन न मसा और हारन को बला करकहा ldquoचलो इसी मलक म अपन ख़दा को क़बारिनया पश करोrdquo 26 लिकन मसा न कहा ldquoयह मनािसबनही ह जो क़बारिनया हम रब अपन ख़दा को पशकरग वह िमिसरयो की नज़र म िघनौनी ह अगर हमयहा ऐसा कर तो कया वह हम सगसार नही करग27 इस िलए लािज़म ह िक हम तीन िदन का सफ़र

ख़रज 828ndash918 73करक रिगसतान म ही रब अपन ख़दा को क़बारिनया पश कर िजस तरह उस न हम हकम भी िदया हrdquo

28 िफ़रऔन न जवाब िदया ldquoठीक ह म तमह जान दगा तािक तम रिगसतान म रब अपन ख़दा कोक़बारिनया पश करो लिकन तमह ज़यादा दर नहीजाना ह और मर िलए भी दआ करनाrdquo

29 मसा न कहा ldquoठीक म जात ही रब सदआ करगा कल ही मिकखया िफ़रऔन उस कउहददारो और उस की क़ौम स दर हो जाएगी लिकनहम दबारा फ़रब न दना बिलक हम जान दना तािकहम रब को क़बारिनया पश कर सकrdquo

30 िफर मसा िफ़रऔन क पास स चला गया औररब स दआ की 31 रब न मसा की दआ सनीकाटन वाली मिकखया िफ़रऔन उस क उहददारोऔर उस की क़ौम स दर हो गई एक भी मकखी नरही 32 लिकन िफ़रऔन िफर अकड़ गया उस नइसराईिलयो को जान न िदया

मविशयो म वबा

9 1 िफर रब न मसा स कहा ldquoिफ़रऔन क पासजा कर उस बता िक रब इबरािनयो का ख़दा

फ़रमाता ह lsquoमरी क़ौम को जान द तािक वह मरीइबादत कर सकrsquo 2 अगर आप इनकार कर औरउनह रोकत रह 3 तो रब अपनी क़दरत का इज़हारकरक आप क मविशयो म भयानक वबा फला दगाजो आप क घोड़ो गधो ऊटो गाय-बलो भड़-बकिरयो और मढो म फल जाएगी 4 लिकन रबइसराईल और िमसर क मविशयो म इिमतयाज़ करगाइसराईिलयो का एक भी जानवर नही मरगा 5 रब नफ़सला कर िलया ह िक वह कल ही ऐसा करगाrdquo

6 अगल िदन रब न ऐसा ही िकया िमसर क तमाममवशी मर गए लिकन इसराईिलयो का एक भीजानवर न मरा 7 िफ़रऔन न कछ लोगो को उन कपास भज िदया तो पता चला िक एक भी जानवर नहीमरा ताहम िफ़रऔन अड़ा रहा उस न इसराईिलयोको जान न िदया

फोड़-फिसया 8 िफर रब न मसा और हारन स कहा ldquoअपनी

मिटठया िकसी भटटी की राख स भर कर िफ़रऔन कपास जाओ िफर मसा िफ़रऔन क सामन यह राखहवा म उड़ा द 9 यह राख बारीक धल का बादल बनजाएगी जो पर मलक पर छा जाएगा उस क असरस लोगो और जानवरो क िजसमो पर फोड़-फिसया फट िनकलगrdquo

10 मसा और हारन न ऐसा ही िकया वह िकसीभटटी स राख ल कर िफ़रऔन क सामन खड़ हो गएमसा न राख को हवा म उड़ा िदया तो इनसानो औरजानवरो क िजसमो पर फोड़-फिसया िनकल आए11 इस मतरबा जादगर मसा क सामन खड़ भी न होसक कयिक उन क िजसमो पर भी फोड़ िनकल आएथ तमाम िमिसरयो का यही हाल था 12 लिकन रबन िफ़रऔन को िज़ददी बनाए रखा इस िलए उस नमसा और हारन की न सनी य वसा ही हआ जसारब न मसा को बताया था

ओल13 इस क बाद रब न मसा स कहा ldquoसबह-सवर

उठ और िफ़रऔन क सामन खड़ हो कर उस बतािक रब इबरािनयो का ख़दा फ़रमाता ह lsquoमरी क़ौमको जान द तािक वह मरी इबादत कर सक 14 वनारम अपनी तमाम आफ़त तझ पर तर उहददारो परऔर तरी क़ौम पर आन दगा िफर त जान लगा िकतमाम दिनया म मझ जसा कोई नही ह 15 अगर मचाहता तो अपनी क़दरत स ऐसी वबा फला सकतािक तझ और तरी क़ौम को दिनया स िमटा िदयाजाता 16 लिकन म न तझ इस िलए बरपा िकया हिक तझ पर अपनी क़दरत का इज़हार कर औरय तमाम दिनया म मर नाम का परचार िकया जाए17 त अभी तक अपन आप को सरफ़राज़ करक मरीक़ौम क िख़लाफ़ ह और उनह जान नही दता 18 इसिलए कल म इसी वक़त भयानक िक़सम क ओलो का

74 ख़रज 919ndash106तफ़ान भज दगा िमसरी क़ौम की इिबतदा स ल करआज तक िमसर म ओलो का ऐसा तफ़ान कभी नहीआया होगा 19 अपन बनदो को अभी भजना तािकवह तर मविशयो को और खतो म पड़ तर माल कोला कर महफ़ज़ कर ल कयिक जो भी खल मदान मरहगा वह ओलो स मर जाएगा ख़वाह इनसान हो याहवानrsquordquo

20 िफ़रऔन क कछ उहददार रब का पग़ाम सन करडर गए और भाग कर अपन जानवरो और ग़लामोको घरो म ल आए 21 लिकन दसरो न रब क पग़ामकी पवार न की उन क जानवर और ग़लाम बाहरखल मदान म रह

22 रब न मसा स कहा ldquoअपना हाथ आसमान कीतरफ़ बढ़ा द िफर िमसर क तमाम इनसानो जानवरोऔर खतो क पौदो पर ओल पड़गrdquo 23 मसा नअपनी लाठी आसमान की तरफ़ उठाई तो रब नएक ज़बरदसत तफ़ान भज िदया ओल पड़ िबजलीिगरी और बादल गरजत रह 24 ओल पड़त रह औरिबजली चमकती रही िमसरी क़ौम की इिबतदा स लकर अब तक ऐस ख़तरनाक ओल कभी नही पड़ थ25 इनसानो स ल कर हवानो तक खतो म सब कछबबारद हो गया ओलो न खतो म तमाम पौद औरदरख़त भी तोड़ िदए 26 वह िसफ़र जशन क इलाक़ मन पड़ जहा इसराईली आबाद थ

27 तब िफ़रऔन न मसा और हारन को बलायाउस न कहा ldquoइस मतरबा म न गनाह िकया ह रबहक़ पर ह मझ स और मरी क़ौम स ग़लती हईह 28 ओल और अललाह की गरजती आवाज़ हद सज़यादा ह रब स दआ करो तािक ओल रक जाएअब म तमह जान दगा अब स तमह यहा रहना नहीपड़गाrdquo

29 मसा न िफ़रऔन स कहा ldquoम शहर स िनकलकर दोनो हाथ रब की तरफ़ उठा कर दआ करगािफर गरज और ओल रक जाएग और आप जान लगिक परी दिनया रब की ह 30 लिकन म जानता ह िक

आप और आप क उहददार अभी तक रब ख़दा काख़ौफ़ नही मानतrdquo

31 उस वक़त सन क फल िनकल चक थ और जौकी बाल लग गई थी इस िलए यह फ़सल तबाह होगई 32 लिकन गह और एक और िक़सम की गनदमजो बाद म पकती ह बबारद न हई

33 मसा िफ़रऔन को छोड़ कर शहर स िनकलाउस न रब की तरफ़ अपन हाथ उठाए तो गरज ओलऔर बािरश का तफ़ान रक गया 34 जब िफ़रऔन नदखा िक तफ़ान ख़तम हो गया ह तो वह और उस कउहददार दबारा गनाह करक अकड़ गए 35 िफ़रऔनअड़ा रहा और इसराईिलयो को जान न िदया वसा हीहआ जसा रब न मसा स कहा था

िटिडडया

10 1 िफर रब न मसा स कहा ldquoिफ़रऔन कपास जा कयिक म न उस का और उस

क दरबािरयो का िदल सख़त कर िदया ह तािक उनक दरिमयान अपन मोिजज़ो और अपनी क़दरत काइज़हार कर सक 2 और तम अपन बट-बिटयो औरपोत-पोितयो को सना सको िक म न िमिसरयो क साथकया सलक िकया ह और उन क दरिमयान िकस तरहक मोिजज़ करक अपनी क़दरत का इज़हार िकया हय तम जान लोग िक म रब हrdquo

3 मसा और हारन िफ़रऔन क पास गए उनहो नउस स कहा ldquoरब इबरािनयो क ख़दा का फ़रमान हlsquoत कब तक मर सामन हिथयार डालन स इनकारकरगा मरी क़ौम को मरी इबादत करन क िलएजान द 4 वनार म कल तर मलक म िटिडडया लाऊगा5 उन क ग़ोल ज़मीन पर य छा जाएग िक ज़मीन नज़रही नही आएगी जो कछ ओलो न तबाह नही िकयाउस वह चट कर जाएगी बच हए दरख़तो क पततभी ख़तम हो जाएग 6 तर महल तर उहददारो औरबाक़ी लोगो क घर उन स भर जाएग जब स िमसरीइस मलक म आबाद हए ह तम न कभी िटिडडयो का

ख़रज 107ndash26 75ऐसा सख़त हमला नही दखा होगाrsquordquo यह कह कर मसापलट कर वहा स चला गया

7 इस पर दरबािरयो न िफ़रऔन स बात की ldquoहमकब तक इस मदर क जाल म फस रह इसराईिलयोको रब अपन ख़दा की इबादत करन क िलए जान दकया आप को अभी तक मालम नही िक िमसर बबारदहो गया हrdquo

8 तब मसा और हारन को िफ़रऔन क पासबलाया गया उस न उन स कहा ldquoजाओ अपन ख़दाकी इबादत करो लिकन यह बताओ िक कौन कौनसाथ जाएगाrdquo 9 मसा न जवाब िदया ldquoहमार जवानऔर बढ़ साथ जाएग हम अपन बट-बिटयो भड़-बकिरयो और गाय-बलो को भी साथ ल कर जाएगहम सब क सब जाएग कयिक हम रब की ईद मनानीहrdquo

10 िफ़रऔन न तनज़न कहा ldquoठीक ह जाओ औररब तमहार साथ हो नही म िकस तरह तम सब कोबाल-बचचो समत जान द सकता ह तम न कोई बरामनसबा बनाया ह 11 नही िसफ़र मदर जा कर रब कीइबादत कर सकत ह तम न तो यही दरख़वासत कीथीrdquo तब मसा और हारन को िफ़रऔन क सामनस िनकाल िदया गया

12 िफर रब न मसा स कहा ldquoिमसर पर अपना हाथउठा तािक िटिडडया आ कर िमसर की सरज़मीन परफल जाए जो कछ भी खतो म ओलो स बच गयाह उस वह खा जाएगीrdquo

13 मसा न अपनी लाठी िमसर पर उठाई तो रब नमशिरक़ स आधी चलाई जो सारा िदन और सारी रातचलती रही और अगली सबह तक िमसर म िटिडडया पहचाई 14 बशमार िटिडडया पर मलक पर हमला करकहर जगह बठ गई इस स पहल या बाद म कभी भीिटिडडयो का इतना सख़त हमला न हआ था 15 उनहो नज़मीन को य ढाक िलया िक वह काली नज़र आनलगी जो कछ भी ओलो स बच गया था चाह खतोक पौद या दरख़तो क फल थ उनहो न खा िलया

िमसर म एक भी दरख़त या पौदा न रहा िजस क पततबच गए हो

16 तब िफ़रऔन न मसा और हारन को जलदी सबलवाया उस न कहा ldquoम न तमहार ख़दा का औरतमहारा गनाह िकया ह 17 अब एक और मतरबा मरागनाह मआफ़ करो और रब अपन ख़दा स दआ करोतािक मौत की यह हालत मझ स दर हो जाएrdquo

18 मसा न महल स िनकल कर रब स दआ की19 जवाब म रब न हवा का रख़ बदल िदया उस नमग़िरब स तज़ आधी चलाई िजस न िटिडडयो को उड़ाकर बहर-ए-क़लज़म म डाल िदया िमसर म एक भीिटडडी न रही 20 लिकन रब न होन िदया िक िफ़रऔनिफर अड़ गया उस न इसराईिलयो को जान न िदया

अधरा21 इस क बाद रब न मसा स कहा ldquoअपना

हाथ आसमान की तरफ़ उठा तो िमसर पर अधराछा जाएगा इतना अधरा होगा िक बनदा उस छसकगाrdquo 22 मसा न अपना हाथ आसमान की तरफ़उठाया तो तीन िदन तक िमसर पर गहरा अधरा छायारहा 23 तीन िदन तक लोग न एक दसर को दखसक न कही जा सक लिकन जहा इसराईली रहतथ वहा रौशनी थी

24 तब िफ़रऔन न मसा को िफर बलवाया औरकहा ldquoजाओ रब की इबादत करो तम अपन साथबाल-बचचो को भी ल जा सकत हो िसफ़र अपनी भड़-बकिरया और गाय-बल पीछ छोड़ दनाrdquo 25 मसा नजवाब िदया ldquoकया आप ही हम क़बारिनयो क िलएजानवर दग तािक उनह रब अपन ख़दा को पश कर26 यक़ीनन नही इस िलए लािज़म ह िक हम अपनजानवरो को साथ ल कर जाए एक खर भी पीछनही छोड़ा जाएगा कयिक अभी तक हम मालम नहीिक रब की इबादत क िलए िकन िकन जानवरो कीज़ररत होगी यह उस वक़त ही पता चलगा जब हममिनज़ल-ए-मक़सद पर पहचग इस िलए ज़ररी हिक हम सब को अपन साथ ल कर जाएrdquo

76 ख़रज 1027ndash121127 लिकन रब की मज़ीर क मतािबक़ िफ़रऔन अड़

गया उस न उनह जान न िदया 28 उस न मसा सकहा ldquoदफ़ा हो जा ख़बरदार िफर कभी अपनीशकल न िदखाना वनार तझ मौत क हवाल कर िदयाजाएगाrdquo 29 मसा न कहा ldquoठीक ह आप की मज़ीरम िफर कभी आप क सामन नही आऊगाrdquo

आिख़री सज़ा का एलान

11 1 तब रब न मसा स कहा ldquoअब म िफ़रऔनऔर िमसर पर आिख़री आफ़त लान को

ह इस क बाद वह तमह जान दगा बिलक तमहज़बरदसती िनकाल दगा 2 इसराईिलयो को बता दनािक हर मदर अपन पड़ोसी और हर औरत अपनीपड़ोसन स सोन-चादी की चीज़ माग लrdquo 3 (रब निमिसरयो क िदल इसराईिलयो की तरफ़ माइल करिदए थ वह िफ़रऔन क उहददारो समत ख़ासकरमसा की बड़ी इज़ज़त करत थ)

4 मसा न कहा ldquoरब फ़रमाता ह lsquoआज आधी रातक वक़त म िमसर म स गज़रगा 5 तब बादशाह कपहलौठ स ल कर चककी पीसन वाली नौकरानी कपहलौठ तक िमिसरयो का हर पहलौठा मर जाएगाचौपाइयो क पहलौठ भी मर जाएग 6 िमसर कीसरज़मीन पर ऐसा रोना पीटना होगा िक न माज़ी मकभी हआ न मसतक़िबल म कभी होगा 7 लिकनइसराईली और उन क जानवर बच रहग कतता भीउन पर नही भौकगा इस तरह तम जान लोग िकरब इसराईिलयो की िनसबत िमिसरयो स फ़क़र सलककरता हrsquordquo 8 मसा न यह कछ िफ़रऔन को बतायािफर कहा ldquoउस वक़त आप क तमाम उहददारआ कर मर सामन झक जाएग और िमननत करगlsquoअपन परोकारो क साथ चल जाएrsquo तब म चलाही जाऊगाrdquo यह कह कर मसा िफ़रऔन क पास सचला गया वह बड़ ग़सस म था

9 रब न मसा स कहा था ldquoिफ़रऔन तमहारी नहीसनगा कयिक लािज़म ह िक म िमसर म अपनी क़दरतका मज़ीद इज़हार करrdquo 10 गो मसा और हारन न

िफ़रऔन क सामन यह तमाम मोिजज़ िदखाए लिकनरब न िफ़रऔन को िज़ददी बनाए रखा इस िलए उसन इसराईिलयो को मलक छोड़न न िदया

फ़सह की ईद

12 1 िफर रब न िमसर म मसा और हारन सकहा 2 ldquoअब स यह महीना तमहार िलए

साल का पहला महीना होrdquo 3 इसराईल की परीजमाअत को बताना िक इस महीन क दसव िदनहर ख़ानदान का सरपरसत अपन घरान क िलए ललायानी भड़ या बकरी का बचचा हािसल कर 4 अगरघरान क अफ़राद परा जानवर खान क िलए कम होतो वह अपन सब स क़रीबी पड़ोसी क साथ िमलकर लला हािसल कर इतन लोग उस म स खाएिक सब क िलए काफ़ी हो और परा जानवर खायाजाए 5 इस क िलए एक साल का नर बचचा चन लनािजस म नक़स न हो वह भड़ या बकरी का बचचा होसकता ह

6 महीन क 14व िदन तक उस की दख-भाल करोउस िदन तमाम इसराईली सरज क ग़रब होत वक़तअपन लल ज़बह कर 7 हर ख़ानदान अपन जानवरका कछ ख़न जमा करक उस उस घर क दरवाज़की चौखट पर लगाए जहा लला खाया जाएगायह ख़न चौखट क ऊपर वाल िहसस और दाएबाए क बाज़ओ पर लगाया जाए 8 लािज़म ह िकलोग जानवर को भन कर उसी रात खाए साथही वह कड़वा साग-पात और बख़मीरी रोिटया भीखाए 9 लल का गोशत कचचा न खाना न उस पानीम उबालना बिलक पर जानवर को सर परो औरअनदरनी िहससो समत आग पर भनना 10 लािज़मह िक परा गोशत उसी रात खाया जाए अगर कछसबह तक बच जाए तो उस जलाना ह 11 खाना खातवक़त ऐसा िलबास पहनना जस तम सफ़र पर जा रहहो अपन जत पहन रखना और हाथ म सफ़र क िलएलाठी िलए हए तम उस जलदी जलदी खाना रब कफ़सह की ईद य मनाना

ख़रज 1212ndash33 7712 म आज रात िमसर म स गज़रगा और हर पहलौठ

को जान स मार दगा ख़वाह इनसान का हो या हवानका य म जो रब ह िमसर क तमाम दवताओ कीअदालत करगा 13 लिकन तमहार घरो पर लगाहआ ख़न तमहारा ख़ास िनशान होगा िजस िजसघर क दरवाज़ पर म वह ख़न दखगा उस छोड़ताजाऊगा जब म िमसर पर हमला करगा तो मोहिलकवबा तम तक नही पहचगी 14 आज की रात कोहमशा याद रखना इस नसल-दर-नसल और हर सालरब की ख़ास ईद क तौर पर मनाना

बख़मीरी रोटी की ईद15 सात िदन तक बख़मीरी रोटी खाना ह पहल िदन

अपन घरो स तमाम ख़मीर िनकाल दना अगर कोईइन सात िदनो क दौरान ख़मीर खाए तो उस क़ौम मस िमटाया जाए 16 इस ईद क पहल और आिख़रीिदन मक़ददस इजितमा मनअिक़द करना इन तमामिदनो क दौरान काम न करना िसफ़र एक काम कीइजाज़त ह और वह ह अपना खाना तययार करना17 बख़मीरी रोटी की ईद मनाना लािज़म ह कयिकउस िदन म तमहार मतअिददद ख़ानदानो को िमसर सिनकाल लाया इस िलए यह िदन नसल-दर-नसल हरसाल याद रखना 18 पहल महीन क 14व िदन कीशाम स ल कर 21व िदन की शाम तक िसफ़र बख़मीरीरोटी खाना 19 सात िदन तक तमहार घरो म ख़मीरन पाया जाए जो भी इस दौरान ख़मीर खाए उसइसराईल की जमाअत म स िमटाया जाए ख़वाह वहइसराईली शहरी हो या अजनबी 20 ग़रज़ इस ईद कदौरान ख़मीर न खाना जहा भी तम रहत हो वहा बख़मीरी रोटी ही खाना ह

पहलौठो की हलाकत21 िफर मसा न तमाम इसराईली बज़गोर को बला कर

उन स कहा ldquoजाओ अपन ख़ानदानो क िलए भड़या बकरी क बचच चन कर उनह फ़सह की ईद किलए ज़बह करो 22 ज़फ़ का गचछा ल कर उस ख़न

स भर हए बासन म डबो दना िफर उस ल कर ख़नको चौखट क ऊपर वाल िहसस और दाए बाए कबाज़ओ पर लगा दना सबह तक कोई अपन घर स निनकल 23 जब रब िमिसरयो को मार डालन क िलएमलक म स गज़रगा तो वह चौखट क ऊपर वालिहसस और दाए बाए क बाज़ओ पर लगा हआ ख़नदख कर उन घरो को छोड़ दगा वह हलाक करनवाल फ़िरशत को इजाज़त नही दगा िक वह तमहारघरो म जा कर तमह हलाक कर

24 तम अपनी औलाद समत हमशा इन िहदायातपर अमल करना 25 यह रसम उस वक़त भी अदाकरना जब तम उस मलक म पहचोग जो रब तमहदगा 26 और जब तमहार बचच तम स पछ िक हम यहईद कय मनात ह 27 तो उन स कहो lsquoयह फ़सह कीक़बारनी ह जो हम रब को पश करत ह कयिक जबरब िमिसरयो को हलाक कर रहा था तो उस न हमारघरो को छोड़ िदया थाrsquordquo

यह सन कर इसराईिलयो न अललाह को िसजदािकया 28 िफर उनहो न सब कछ वसा ही िकया जसारब न मसा और हारन को बताया था

29 आधी रात को रब न बादशाह क पहलौठ सल कर जल क क़दी क पहलौठ तक िमिसरयो कतमाम पहलौठो को जान स मार िदया चौपाइयो कपहलौठ भी मर गए 30 उस रात िमसर क हर घर मकोई न कोई मर गया िफ़रऔन उस क उहददारऔर िमसर क तमाम लोग जाग उठ और ज़ोर ज़ोर सरोन और चीख़न लग

इसराईिलयो की िहजरत31 अभी रात थी िक िफ़रऔन न मसा और हारन

को बला कर कहा ldquoअब तम और बाक़ी इसराईलीमरी क़ौम म स िनकल जाओ अपनी दरख़वासत कमतािबक़ रब की इबादत करो 32 िजस तरह तमचाहत हो अपनी भड़-बकिरयो को भी अपन साथ लजाओ और मझ भी बरकत दनाrdquo 33 बाक़ी िमिसरयो

78 ख़रज 1234ndash136न भी इसराईिलयो पर ज़ोर द कर कहा ldquoजलदी जलदीमलक स िनकल जाओ वनार हम सब मर जाएगrdquo

34 इसराईिलयो क गध हए आट म ख़मीर नही थाउनहो न उस गधन क बतरनो म रख कर अपन कपड़ोम लपट िलया और सफ़र करत वक़त अपन कधो पररख िलया 35 इसराईली मसा की िहदायत पर अमलकरक अपन िमसरी पड़ोिसयो क पास गए और उनस कपड़ और सोन-चादी की चीज़ मागी 36 रब निमिसरयो क िदलो को इसराईिलयो की तरफ़ माइलकर िदया था इस िलए उनहो न उन की हर दरख़वासतपरी की य इसराईिलयो न िमिसरयो को लट िलया

37 इसराईली रामसीस स रवाना हो कर सककात पहचगए औरतो और बचचो को छोड़ कर उन क 6 लाखमदर थ 38 वह अपन भड़-बकिरयो और गाय-बलो कबड़ बड़ रवड़ भी साथ ल गए बहत स ऐस लोग भीउन क साथ िनकल जो इसराईली नही थ 39 रासत मउनहो न उस बख़मीरी आट स रोिटया बनाई जो वहसाथ ल कर िनकल थ आट म इस िलए ख़मीर नहीथा िक उनह इतनी जलदी स िमसर स िनकाल िदयागया था िक खाना तययार करन का वक़त ही न िमलाथा

40 इसराईली 430 साल तक िमसर म रह थ 41 430साल क ऐन बाद उसी िदन रब क यह तमामख़ानदान िमसर स िनकल 42 उस ख़ास रात रब न ख़दपहरा िदया तािक इसराईली िमसर स िनकल सक इसिलए तमाम इसराईिलयो क िलए लािज़म ह िक वहनसल-दर-नसल इस रात रब की ताज़ीम म जागत रहवह भी और उन क बाद की औलाद भी

फ़सह की ईद की िहदायात43 रब न मसा और हारन स कहा ldquoफ़सह की ईद

क यह उसल ह िकसी भी परदसी को फ़सह की ईद का खाना खान

की इजाज़त नही ह 44 अगर तम न िकसी ग़लाम को

ख़रीद कर उस का ख़तना िकया ह तो वह फ़सह काखाना खा सकता ह 45 लिकन ग़रशहरी या मज़दरको फ़सह का खाना खान की इजाज़त नही ह 46 यहखाना एक ही घर क अनदर खाना ह न गोशत घर सबाहर ल जाना न लल की िकसी हडडी को तोड़ना47 लािज़म ह िक इसराईल की परी जमाअत यह ईदमनाए 48 अगर कोई परदसी तमहार साथ रहता हजो फ़सह की ईद म िशकर त करना चाह तो लािज़म हिक पहल उस क घरान क हर मदर का ख़तना िकयाजाए तब वह इसराईली की तरह खान म शरीक होसकता ह लिकन िजस का ख़तना न हआ उस फ़सहका खाना खान की इजाज़त नही ह 49 यही उसलहर एक पर लाग होगा ख़वाह वह इसराईली हो यापरदसीrdquo

50 तमाम इसराईिलयो न वसा ही िकया जसा रब नमसा और हारन स कहा था 51 उसी िदन रब तमामइसराईिलयो को ख़ानदानो की ततीरब क मतािबक़िमसर स िनकाल लाया

यह ईद नजात की याद िदलाती

13 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो क हरपहलौठ को मर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस

करना ह हर पहला नर बचचा मरा ही ह ख़वाह इनसानका हो या हवान काrdquo 3 िफर मसा न लोगो स कहाldquoइस िदन को याद रखो जब तम रब की अज़ीमक़दरत क बाइस िमसर की ग़लामी स िनकल इसिदन कोई चीज़ न खाना िजस म ख़मीर हो 4 आजही अबीब क महीन kम तम िमसर स रवाना हो रह हो5 रब न तमहार बापदादा स क़सम खा कर वादा िकयाह िक वह तम को कनआनी िहतती अमोरी िहववीऔर यबसी क़ौमो का मलक दगा एक ऐसा मलकिजस म दध और शहद की कसरत ह जब रब तमहउस मलक म पहचा दगा तो लािज़म ह िक तम इसीमहीन म यह रसम मनाओ 6 सात िदन बख़मीरी रोटी

kमाचर ता अपरल

ख़रज 137ndash144 79खाओ सातव िदन रब की ताज़ीम म ईद मनाओ7 सात िदन ख़मीरी रोटी न खाना कही भी ख़मीर नपाया जाए पर मलक म ख़मीर का नाम-ओ-िनशानतक न हो

8 उस िदन अपन बट स यह कहो lsquoम यह ईद उसकाम की ख़शी म मनाता ह जो रब न मर िलए िकयाजब म िमसर स िनकलाrsquo 9 यह ईद तमहार हाथ यापशानी पर िनशान की मािननद हो जो तमह याद िदलाएिक रब की शरीअत को तमहार होटो पर रहना हकयिक रब तमह अपनी अज़ीम क़दरत स िमसर सिनकाल लाया 10 इस िदन की याद हर साल ठीकवक़त पर मनाना

पहलौठो की मख़सिसयत11 रब तमह कनआिनयो क उस मलक म ल जाएगा

िजस का वादा उस न क़सम खा कर तम और तमहारबापदादा स िकया ह 12 लािज़म ह िक वहा पहचकर तम अपन तमाम पहलौठो को रब क िलएमख़सस करो तमहार मविशयो क तमाम पहलौठ भीरब की िमलिकयत ह 13 अगर तम अपना पहलौठागधा ख़द रखना चाहो तो रब को उस क बदलभड़ या बकरी का बचचा पश करो लिकन अगरतम उस रखना नही चाहत तो उस की गदरन तोड़डालो लिकन इनसान क पहलौठो क िलए हर सरतम इवज़ी दना ह

14 आन वाल िदनो म जब तमहारा बटा पछ िक इसका कया मतलब ह तो उस जवाब दना lsquoरब अपनीअज़ीम क़दरत स हम िमसर की ग़लामी स िनकाललाया 15 जब िफ़रऔन न अकड़ कर हम जान निदया तो रब न िमसर क तमाम इनसानो और हवानोक पहलौठो को मार डाला इस वजह स म अपनजानवरो का हर पहला बचचा रब को क़बारन करताऔर अपन हर पहलौठ क िलए इवज़ी दता हrsquo 16 यहदसतर तमहार हाथ और पशानी पर िनशान की मािननदहो जो तमह याद िदलाए िक रब हम अपनी क़दरतस िमसर स िनकाल लायाrdquo

िमसर स िनकलन का रासता17 जब िफ़रऔन न इसराईली क़ौम को जान िदया तो

अललाह उनह िफ़िलिसतयो क इलाक़ म स गज़रन वालरासत स ल कर न गया अगरच उस पर चलत हएवह जलद ही मलक-ए-कनआन पहच जात बिलकरब न कहा ldquoअगर उस रासत पर चलग तो उनहदसरो स लड़ना पड़गा ऐसा न हो िक वह इस वजहस अपना इरादा बदल कर िमसर लौट जाएrdquo 18 इसिलए अललाह उनह दसर रासत स ल कर गया औरवह रिगसतान क रासत स बहर-ए-क़लज़म की तरफ़बढ़ िमसर स िनकलत वक़त मदर मसललह थ 19 मसायसफ़ का ताबत भी अपन साथ ल गया कयिकयसफ़ न इसराईिलयो को क़सम िदला कर कहा थाldquoअललाह यक़ीनन तमहारी दख-भाल करक वहा लजाएगा उस वक़त मरी हिडडयो को भी उठा कर साथल जानाrdquo

20 इसराईिलयो न सककात को छोड़ कर एताम मअपन ख़म लगाए एताम रिगसतान क िकनार परथा 21 रब उन क आग आग चलता गया िदन कवक़त बादल क सतन म तािक उनह रासत का पतालग और रात क वक़त आग क सतन म तािक उनहरौशनी िमल य वह िदन और रात सफ़र कर सकतथ 22 िदन क वक़त बादल का सतन और रात कवक़त आग का सतन उन क सामन रहा वह कभीभी अपनी जगह स न हटा

इसराईल समनदर म स गज़रता ह

14 1 तब रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयोको कह दना िक वह पीछ मड़ कर िमजदाल

और समनदर क बीच यानी फ़ी-हख़ीरोत क नज़दीकरक जाए वह बाल-सफ़ोन क मक़ािबल सािहल परअपन ख़म लगाए 3 यह दख कर िफ़रऔन समझगािक इसराईली रासता भल कर आवारा िफर रह हऔर िक रिगसतान न चारो तरफ़ उनह घर रखाह 4 िफर म िफ़रऔन को दबारा अड़ जान दगा

80 ख़रज 145ndash25और वह इसराईिलयो का पीछा करगा लिकन मिफ़रऔन और उस की परी फ़ौज पर अपना जलालज़ािहर करगा िमसरी जान लग िक म ही रब हrdquoइसराईिलयो न ऐसा ही िकया

5 जब िमसर क बादशाह को इिततला दी गई िकइसराईली िहजरत कर गए ह तो उस न और उस कदरबािरयो न अपना ख़याल बदल कर कहा ldquoहम नकया िकया ह हम न उनह जान िदया ह और अबहम उन की िख़दमत स महरम हो गए हrdquo 6 चनाचबादशाह न अपना जगी रथ तययार करवाया औरअपनी फ़ौज को ल कर िनकला 7 वह 600 बहतरीनिक़सम क रथ और िमसर क बाक़ी तमाम रथो को साथल गया तमाम रथो पर अफ़सरान मक़ररर थ 8 रबन िमसर क बादशाह िफ़रऔन को दबारा अड़ जानिदया था इस िलए जब इसराईली बड़ इख़ितयार कसाथ िनकल रह थ तो वह उन का ताक़क़ब करनलगा 9 इसराईिलयो का पीछा करत करत िफ़रऔनक तमाम घोड़ रथ सवार और फ़ौजी उन क क़रीबपहच इसराईली बहर-ए-क़लज़म क सािहल पर बाल-सफ़ोन क मक़ािबल फ़ी-हख़ीरोत क नज़दीक ख़मलगा चक थ

10 जब इसराईिलयो न िफ़रऔन और उस की फ़ौजको अपनी तरफ़ बढ़त दखा तो वह सख़त घबरा गएऔर मदद क िलए रब क सामन चीख़न-िचललान लग11 उनहो न मसा स कहा ldquoकया िमसर म क़बरो की कमीथी िक आप हम रिगसतान म ल आए ह हम िमसरस िनकाल कर आप न हमार साथ कया िकया ह12 कया हम न िमसर म आप स दरख़वासत नही की थीिक महरबानी करक हम छोड़ द हम िमिसरयो कीिख़दमत करन द यहा आ कर रिगसतान म मर जानकी िनसबत बहतर होता िक हम िमिसरयो क ग़लामरहतrdquo

13 लिकन मसा न जवाब िदया ldquoमत घबराओआराम स खड़ रहो और दखो िक रब तमह आज िकसतरह बचाएगा आज क बाद तम इन िमिसरयो को

िफर कभी नही दखोग 14 रब तमहार िलए लड़गातमह बस चप रहना हrdquo

15 िफर रब न मसा स कहा ldquoत मर सामन कय चीख़ रहा ह इसराईिलयो को आग बढ़न का हकमद 16 अपनी लाठी को पकड़ कर उस समनदर कऊपर उठा तो वह दो िहससो म बट जाएगा इसराईलीख़शक ज़मीन पर समनदर म स गज़रग 17 म िमिसरयोको अड़ रहन दगा तािक वह इसराईिलयो का पीछाकर िफर म िफ़रऔन उस की सारी फ़ौज उस करथो और उस क सवारो पर अपना जलाल ज़ािहरकरगा 18 जब म िफ़रऔन उस क रथो और उसक सवारो पर अपना जलाल ज़ािहर करगा तो िमसरीजान लग िक म ही रब हrdquo

19 अललाह का फ़िरशता इसराईली लशकर क आगआग चल रहा था अब वह वहा स हट कर उन कपीछ खड़ा हो गया बादल का सतन भी लोगो कआग स हट कर उन क पीछ जा खड़ा हआ 20 इसतरह बादल िमिसरयो और इसराईिलयो क लशकरो कदरिमयान आ गया परी रात िमिसरयो की तरफ़ अधराही अधरा था जबिक इसराईिलयो की तरफ़ रौशनीथी इस िलए िमसरी परी रात क दौरान इसराईिलयोक क़रीब न आ सक

21 मसा न अपना हाथ समनदर क ऊपर उठाया तोरब न मशिरक़ स तज़ आधी चलाई आधी तमामरात चलती रही उस न समनदर को पीछ हटा करउस की तह ख़शक कर दी समनदर दो िहससो म बटगया 22 तो इसराईली समनदर म स ख़शक ज़मीन परचलत हए गज़र गए उन क दाई और बाई तरफ़ पानीदीवार की तरह खड़ा रहा

23 जब िमिसरयो को पता चला तो िफ़रऔन कतमाम घोड़ रथ और घड़सवार भी उन क पीछ पीछसमनदर म चल गए 24 सबह-सवर ही रब न बादलऔर आग क सतन स िमसर की फ़ौज पर िनगाह कीऔर उस म अबतरी पदा कर दी 25 उन क रथो कपिहए िनकल गए तो उन पर क़ाब पाना मिशकल होगया िमिसरयो न कहा ldquoआओ हम इसराईिलयो स

ख़रज 1426ndash1513 81भाग जाए कयिक रब उन क साथ ह वही िमसर कामक़ाबला कर रहा हrdquo

26 तब रब न मसा स कहा ldquoअपना हाथ समनदरक ऊपर उठा िफर पानी वापस आ कर िमिसरयो उनक रथो और घड़सवारो को डबो दगाrdquo 27 मसा नअपना हाथ समनदर क ऊपर उठाया तो िदन िनकलतवक़त पानी मामल क मतािबक़ बहन लगा और िजसतरफ़ िमसरी भाग रह थ वहा पानी ही पानी था य रबन उनह समनदर म बहा कर ग़क़र कर िदया 28 पानीवापस आ गया उस न रथो और घड़सवारो को ढाकिलया िफ़रऔन की परी फ़ौज जो इसराईिलयो काताक़क़ब कर रही थी डब कर तबाह हो गई उन मस एक भी न बचा 29 लिकन इसराईली ख़शक ज़मीनपर समनदर म स गज़र उन क दाई और बाई तरफ़पानी दीवार की तरह खड़ा रहा

30 उस िदन रब न इसराईिलयो को िमिसरयो सबचाया िमिसरयो की लाश उनह सािहल पर नज़रआई 31 जब इसराईिलयो न रब की यह अज़ीमक़दरत दखी जो उस न िमिसरयो पर ज़ािहर की थीतो रब का ख़ौफ़ उन पर छा गया वह उस पर औरउस क ख़ािदम मसा पर एितमाद करन लग

मसा का गीत

15 1 तब मसा और इसराईिलयो न रब क िलएयह गीत गाया

ldquoम रब की तमजीद म गीत गाऊगा कयिक वहिनहायत अज़ीम ह घोड़ और उस क सवार को उसन समनदर म पटख़ िदया ह

2 रब मरी क़ववत और मरा गीत ह वह मरी नजातबन गया ह वही मरा ख़दा ह और म उस की तारीफ़करगा वही मर बाप का ख़दा ह और म उस कीताज़ीम करगा

3 रब सरमा ह रब उस का नाम ह

4 िफ़रऔन क रथो और फ़ौज को उस न समनदर मपटख़ िदया तो बादशाह क बहतरीन अफ़सरान बहर-ए-क़लज़म म डब गए

5 गहर पानी न उनह ढाक िलया और वह पतथरकी तरह समनदर की तह तक उतर गए

6 ऐ रब तर दहन हाथ का जलाल बड़ी क़दरत सज़ािहर होता ह ऐ रब तरा दहना हाथ दशमन कोिचकनाचर कर दता ह

7 जो तर िख़लाफ़ उठ खड़ होत ह उनह त अपनीअज़मत का इज़हार करक ज़मीन पर पटख़ दता हतरा ग़ज़ब उन पर आन पड़ता ह तो वह आग म भसकी तरह जल जात ह

8 त न ग़सस म आ कर फक मारी तो पानी ढर कीसरत म जमा हो गया बहता पानी ठोस दीवार बनगया समनदर गहराई तक जम गया

9 दशमन न डीग मार कर कहा lsquoम उन का पीछाकरक उनह पकड़ लगा म उन का लटा हआ मालतक़सीम करगा मरी लालची जान उन स सर होजाएगी म अपनी तलवार खच कर उनह हलाककरगाrsquo

10 लिकन त न उन पर फक मारी तो समनदर न उनहढाक िलया और वह सीस की तरह ज़ोरदार मौजोम डब गए

11 ऐ रब कौन सा माबद तरी मािननद ह कौनतरी तरह जलाली और क़ददस ह कौन तरी तरहहरतअगज़ काम करता और अज़ीम मोिजज़ िदखाताह कोई भी नही

12 त न अपना दहना हाथ उठाया तो ज़मीन हमारदशमनो को िनगल गई

13 अपनी शफ़क़त स त न इवज़ाना द कर अपनीक़ौम को छटकारा िदया और उस की राहनमाईकी ह अपनी क़दरत स त न उस अपनी मक़ददससकनतगाह तक पहचाया ह

82 ख़रज 1514ndash16614 यह सन कर दीगर क़ौम काप उठी िफ़िलसती

डर क मार पच-ओ-ताब खान लग15 अदोम क रईस सहम गए मोआब क राहनमाओ

पर कपकपी तारी हो गई और कनआन क तमामबािशनद िहममत हार गए

16 दहशत और ख़ौफ़ उन पर छा गया तरी अज़ीमक़दरत क बाइस वह पतथर की तरह जम गए ऐरब वह न िहल जब तक तरी क़ौम गज़र न गईवह बिहसस-ओ-हरकत रह जब तक तरी ख़रीदी हईक़ौम गज़र न गई

17 ऐ रब त अपन लोगो को ल कर पौदो की तरहअपन मौरसी पहाड़ पर लगाएगा उस जगह पर जोत न अपनी सकनत क िलए चन ली ह जहा त नअपन हाथो स अपना मिक़दस तययार िकया ह

18 रब अबद तक बादशाह हrdquo

19 जब िफ़रऔन क घोड़ रथ और घड़सवारसमनदर म चल गए तो रब न उनह समनदर क पानीस ढाक िलया लिकन इसराईली ख़शक ज़मीन परसमनदर म स गज़र गए 20 तब हारन की बहनमिरयम जो निबया थी न दफ़ िलया और बाक़ी तमामऔरत भी दफ़ ल कर उस क पीछ हो ली सबगान और नाचन लगी मिरयम न यह गा कर उनकी राहनमाई की

21 ldquoरब की तमजीद म गीत गाओ कयिक वहिनहायत अज़ीम ह घोड़ और उस क सवार को उसन समनदर म पटख़ िदया हrdquo

मारा और एलीम क चशम22 मसा क कहन पर इसराईली बहर-ए-क़लज़म स

रवाना हो कर दशत-ए-शर म चल गए वहा वहतीन िदन तक सफ़र करत रह इस दौरान उनहपानी न िमला 23 आिख़रकार वह मारा पहच जहा पानी दसतयाब था लिकन वह कड़वा था इस िलएमक़ाम का नाम मारा यानी कड़वाहट पड़ गया24 यह दख कर लोग मसा क िख़लाफ़ बड़बड़ा कर

कहन लग ldquoहम कया िपएrdquo 25 मसा न मदद क िलएरब स इिलतजा की तो उस न उस लकड़ी का एकटकड़ा िदखाया जब मसा न यह लकड़ी पानी मडाली तो पानी की कड़वाहट ख़तम हो गई

मारा म रब न अपनी क़ौम को क़वानीन िदए वहा उस न उनह आज़माया भी 26 उस न कहा ldquoग़ौर सरब अपन ख़दा की आवाज़ सनो जो कछ उस कीनज़र म दरसत ह वही करो उस क अहकाम परधयान दो और उस की तमाम िहदायात पर अमलकरो िफर म तम पर वह बीमािरया नही लाऊगा जोिमिसरयो पर लाया था कयिक म रब ह जो तझ िशफ़ादता हrdquo 27 िफर इसराईली रवाना हो कर एलीम पहचजहा 12 चशम और खजर क 70 दरख़त थ वहा उनहो न पानी क क़रीब अपन ख़म लगाए

मन और बटर

16 1 इस क बाद इसराईल की परी जमाअतएलीम स सफ़र करक सीन क रिगसतान म

पहची जो एलीम और सीना क दरिमयान ह वह िमसरस िनकलन क बाद दसर महीन क 15व िदन पहच2 रिगसतान म तमाम लोग िफर मसा और हारन किख़लाफ़ बड़बड़ान लग 3 उनहो न कहा ldquoकाश रबहम िमसर म ही मार डालता वहा हम कम अज़ कमजी भर कर गोशत और रोटी तो खा सकत थ आपहम िसफ़र इस िलए रिगसतान म ल आए ह िक हमसब भक मर जाएrdquo

4 तब रब न मसा स कहा ldquoम आसमान स तमहारिलए रोटी बरसाऊगा हर रोज़ लोग बाहर जा करउसी िदन की ज़ररत क मतािबक़ खाना जमा करइस स म उनह आज़मा कर दखगा िक आया वह मरीसनत ह िक नही 5 हर रोज़ वह िसफ़र उतना खानाजमा कर िजतना िक एक िदन क िलए काफ़ी होलिकन छट िदन जब वह खाना तययार करग तो वहअगल िदन क िलए भी काफ़ी होगाrdquo

6 मसा और हारन न इसराईिलयो स कहा ldquoआजशाम को तम जान लोग िक रब ही तमह िमसर स

ख़रज 167ndash29 83िनकाल लाया ह 7 और कल सबह तम रब काजलाल दखोग उस न तमहारी िशकायत सन ली हकयिक असल म तम हमार िख़लाफ़ नही बिलक रबक िख़लाफ़ बड़बड़ा रह हो 8 िफर भी रब तम कोशाम क वक़त गोशत और सबह क वक़त वािफ़र रोटीदगा कयिक उस न तमहारी िशकायत सन ली हतमहारी िशकायत हमार िख़लाफ़ नही बिलक रब किख़लाफ़ हrdquo

9 मसा न हारन स कहा ldquoइसराईिलयो को बतानाlsquoरब क सामन हािज़र हो जाओ कयिक उस न तमहारीिशकायत सन ली हrsquordquo 10 जब हारन परी जमाअतक सामन बात करन लगा तो लोगो न पलट कररिगसतान की तरफ़ दखा वहा रब का जलाल बादलम ज़ािहर हआ 11 रब न मसा स कहा 12 ldquoम नइसराईिलयो की िशकायत सन ली ह उनह बताlsquoआज जब सरज ग़रब होन लगगा तो तम गोशतखाओग और कल सबह पट भर कर रोटी िफर तमजान लोग िक म रब तमहारा ख़दा हrsquordquo

13 उसी शाम बटरो क ग़ोल आए जो परी ख़मागाहपर छा गए और अगली सबह ख़म क चारो तरफ़ओस पड़ी थी 14 जब ओस सख गई तो बफ़र कगालो जस पतल दान पाल की तरह ज़मीन पर पड़थ 15 जब इसराईिलयो न उस दखा तो एक दसर सपछन लग ldquoमन हrdquo यानी ldquoयह कया हrdquo कयिकवह नही जानत थ िक यह कया चीज़ ह मसा न उनको समझाया ldquoयह वह रोटी ह जो रब न तमह खानक िलए दी ह 16 रब का हकम ह िक हर एक उतनाजमा कर िजतना उस क ख़ानदान को ज़ररत होअपन ख़ानदान क हर फ़दर क िलए दो िलटर जमाकरोrdquo

17 इसराईिलयो न ऐसा ही िकया बाज़ न ज़यादा औरबाज़ न कम जमा िकया 18 लिकन जब उस नापागया तो हर एक आदमी क िलए काफ़ी था िजसन ज़यादा जमा िकया था उस क पास कछ न बचालिकन िजस न कम जमा िकया था उस क पास भी

काफ़ी था 19 मसा न हकम िदया ldquoअगल िदन किलए खाना न बचानाrdquo

20 लिकन लोगो न मसा की बात न मानी बिलकबाज़ न खाना बचा िलया लिकन अगली सबह मालमहआ िक बच हए खान म कीड़ पड़ गए ह और उसस बहत बदब आ रही ह यह सन कर मसा उन सनाराज़ हआ

21 हर सबह हर कोई उतना जमा कर लता िजतनीउस ज़ररत होती थी जब धप तज़ होती तो जो कछज़मीन पर रह जाता वह िपघल कर ख़तम हो जाताथा

22 छट िदन जब लोग यह ख़राक जमा करत तो वहिमक़दार म दगनी होती थी यानी हर फ़दर क िलए चारिलटर जब जमाअत क बज़गोर न मसा क पास आकर उस इिततला दी 23 तो उस न उन स कहा ldquoरबका फ़रमान ह िक कल आराम का िदन ह मक़ददससबत का िदन जो अललाह की ताज़ीम म मनाना हआज तम जो तनर म पकाना चाहत हो पका लो औरजो उबालना चाहत हो उबाल लो जो बच जाए उसकल क िलए महफ़ज़ रखोrdquo

24 लोगो न मसा क हकम क मतािबक़ अगल िदनक िलए खाना महफ़ज़ कर िलया तो न खान स बदबआई न उस म कीड़ पड़ 25 मसा न कहा ldquoआजयही बचा हआ खाना खाओ कयिक आज सबत कािदन ह रब की ताज़ीम म आराम का िदन आजतमह रिगसतान म कछ नही िमलगा 26 छः िदन कदौरान यह ख़राक जमा करना ह लिकन सातवा िदनआराम का िदन ह उस िदन ज़मीन पर खान क िलएकछ नही होगाrdquo

27 तो भी कछ लोग हफ़त को खाना जमा करन किलए िनकल लिकन उनह कछ न िमला 28 तब रबन मसा स कहा ldquoतम लोग कब तक मर अहकामऔर िहदायात पर अमल करन स इनकार करोग29 दखो रब न तमहार िलए मक़ररर िकया ह िक सबतका िदन आराम का िदन ह इस िलए वह तमह जमएको दो िदन क िलए ख़राक दता ह हफ़त को सब को

84 ख़रज 1630ndash1714अपन ख़मो म रहना ह कोई भी अपन घर स बाहरन िनकलrdquo

30 चनाच लोग सबत क िदन आराम करत थ31 इसराईिलयो न इस ख़राक का नाम lsquoमनrsquo रखा

उस क दान धिनए की मािननद सफ़द थ और उसका ज़ाइक़ा शहद स बन कक की मािननद था

32 मसा न कहा ldquoरब फ़रमाता ह lsquoदो िलटर मनएक मतरबान म रख कर उस आन वाली नसलो किलए महफ़ज़ रखना िफर वह दख सकग िक म तमहकया खाना िखलाता रहा जब तमह िमसर स िनकाललायाrsquordquo 33 मसा न हारन स कहा ldquoएक मतरबानलो और उस दो िलटर मन स भर कर रब क सामनरखो तािक वह आन वाली नसलो क िलए महफ़ज़रहrdquo 34 हारन न ऐसा ही िकया उस न मन क इसमतरबान को अहद क सनदक़ क सामन रखा तािकवह महफ़ज़ रह

35 इसराईिलयो को 40 साल तक मन िमलता रहावह उस वक़त तक मन खात रह जब तक रिगसतान सिनकल कर कनआन की सरहद पर न पहच 36 (जोपमाना इसराईली मन क िलए इसतमाल करत थ वहदो िलटर का एक बतरन था िजस का नाम ओमर था)

चटान स पानी

17 1 िफर इसराईल की परी जमाअत सीन करिगसतान स िनकली रब िजस तरह हकम

दता रहा वह एक जगह स दसरी जगह सफ़र करतरह रफ़ीदीम म उनहो न ख़म लगाए वहा पीन किलए पानी न िमला 2 इस िलए वह मसा क साथ यहकह कर झगड़न लग ldquoहम पीन क िलए पानी दोrdquoमसा न जवाब िदया ldquoतम मझ स कय झगड़ रह होरब को कय आज़मा रह होrdquo 3 लिकन लोग बहतपयास थ वह मसा क िख़लाफ़ बड़बड़ान स बाज़ नआए बिलक कहा ldquoआप हम िमसर स कय लाए हकया इस िलए िक हम अपन बचचो और रवड़ो समतपयास मर जाएrdquo

4 तब मसा न रब क हज़र फ़यारद की ldquoम इन लोगोक साथ कया कर हालात ज़रा भी और िबगड़ जाएतो वह मझ सगसार कर दगrdquo 5 रब न मसा स कहाldquoकछ बज़गर साथ ल कर लोगो क आग आग चलवह लाठी भी साथ ल जा िजस स त न दरया-ए-नील को मारा था 6 म होिरब यानी सीना पहाड़ कीएक चटान पर तर सामन खड़ा हगा लाठी स चटानको मारना तो उस स पानी िनकलगा और लोग पीसकगrdquo

मसा न इसराईल क बज़गोर क सामन ऐसा ही िकया7 उस न उस जगह का नाम मससा और मरीबा यानीlsquoआज़माना और झगड़नाrsquo रखा कयिक वहा इसराईलीबड़बड़ाए और यह पछ कर रब को आज़माया िककया रब हमार दरिमयान ह िक नही

अमालीिक़यो की िशकसत8 रफ़ीदीम वह जगह भी थी जहा अमालीक़ी

इसराईिलयो स लड़न आए 9 मसा न यशअ स कहाldquoलड़न क क़ािबल आदिमयो को चन लो और िनकलकर अमालीिक़यो का मक़ाबला करो कल म अललाहकी लाठी पकड़ हए पहाड़ की चोटी पर खड़ा होजाऊगाrdquo

10 यशअ मसा की िहदायत क मतािबक़अमालीिक़यो स लड़न गया जबिक मसा हारनऔर हर पहाड़ की चोटी पर चढ़ गए 11 और यहआ िक जब मसा क हाथ उठाए हए थ तो इसराईलीजीतत रह और जब वह नीच थ तो अमालीक़ीजीतत रह 12 कछ दर क बाद मसा क बाज़ थकगए इस िलए हारन और हर एक चटान ल आएतािक वह उस पर बठ जाए िफर उनहो न उस कदाई और बाई तरफ़ खड़ हो कर उस क बाज़ओको ऊपर उठाए रखा सरज क ग़रब होन तकउनहो न य मसा की मदद की 13 इस तरह यशअ नअमालीिक़यो स लड़त लड़त उनह िशकसत दी

14 तब रब न मसा स कहा ldquoयह वािक़आ यादगारीक िलए िकताब म िलख ल लािज़म ह िक यह

ख़रज 1715ndash1820 85सब कछ यशअ की याद म रह कयिक म दिनयास अमालीिक़यो का नाम-ओ-िनशान िमटा दगाrdquo15 उस वक़त मसा न क़बारनगाह बना कर उस कानाम lsquoरब मरा झडा हrsquo रखा 16 उस न कहा ldquoरब कतख़त क िख़लाफ़ हाथ उठाया गया ह इस िलए रबकी अमालीिक़यो स हमशा तक जग रहगीrdquo

ियतरो स मलाक़ात

18 1 मसा का ससर ियतरो अब तक िमिदयानम इमाम था जब उस न सब कछ सना

जो अललाह न मसा और अपनी क़ौम क िलए िकयाह िक वह उनह िमसर स िनकाल लाया ह 2 तो वहमसा क पास आया वह उस की बीवी सफ़फ़रा कोअपन साथ लाया कयिक मसा न उस अपन बटोसमत मक भज िदया था 3 ियतरो मसा क दोनो बटोको भी साथ लाया पहल बट का नाम जसोरम यानीlsquoअजनबी मलक म परदसीrsquo था कयिक जब वह पदाहआ तो मसा न कहा था ldquoम अजनबी मलक मपरदसी हrdquo 4 दसर बट का नाम इलीअज़र यानी lsquoमराख़दा मददगार हrsquo था कयिक जब वह पदा हआ तोमसा न कहा था ldquoमर बाप क ख़दा न मरी मददकरक मझ िफ़रऔन की तलवार स बचाया हrdquo

5 ियतरो मसा की बीवी और बट साथ ल कर उसवक़त मसा क पास पहचा जब उस न रिगसतान मअललाह क पहाड़ यानी सीना क क़रीब ख़मा लगायाहआ था 6 उस न मसा को पग़ाम भजा था ldquoम आपका ससर ियतरो आप की बीवी और दो बटो को साथल कर आप क पास आ रहा हrdquo

7 मसा अपन ससर क इिसतक़बाल क िलए बाहरिनकला उस क सामन झका और उस बोसा िदयादोनो न एक दसर का हाल पछा िफर ख़म म चलगए 8 मसा न ियतरो को तफ़सील स बताया िक रबन इसराईिलयो की ख़ाितर िफ़रऔन और िमिसरयो कसाथ कया कछ िकया ह उस न रासत म पश आईतमाम मिशकलात का िज़कर भी िकया िक रब न हमिकस तरह उन स बचाया ह

9 ियतरो उन सार अचछ कामो क बार म सन करख़श हआ जो रब न इसराईिलयो क िलए िकए थ जबउस न उनह िमिसरयो क हाथ स बचाया था 10 उस नकहा ldquoरब की तमजीद हो िजस न आप को िमिसरयोऔर िफ़रऔन क क़बज़ स नजात िदलाई ह उसीन क़ौम को ग़लामी स छड़ाया ह 11 अब म न जानिलया ह िक रब तमाम माबदो स अज़ीम ह कयिकउस न यह सब कछ उन लोगो क साथ िकया िजनहोन अपन ग़रर म इसराईिलयो क साथ बरा सलकिकया थाrdquo 12 िफर ियतरो न अललाह को भसम होनवाली क़बारनी और दीगर कई क़बारिनया पश कीतब हारन और तमाम बज़गर मसा क ससर ियतरो कसाथ अललाह क हज़र खाना खान बठ

70 बज़गोर को मक़ररर िकया जाता ह13 अगल िदन मसा लोगो का इनसाफ़ करन क िलए

बठ गया उन की तादाद इतनी ज़यादा थी िक वहसबह स ल कर शाम तक मसा क सामन खड़ रह14 जब ियतरो न यह सब कछ दखा तो उस न पछाldquoयह कया ह जो आप लोगो क साथ कर रह हसारा िदन वह आप को घर रहत और आप उन कीअदालत करत रहत ह आप यह सब कछ अकलही कय कर रह हrdquo

15 मसा न जवाब िदया ldquoलोग मर पास आ करअललाह की मज़ीर मालम करत ह 16 जब कभी कोईतनाज़ो या झगड़ा होता ह तो दोनो पािटरया मर पासआती ह म फ़सला करक उनह अललाह क अहकामऔर िहदायात बताता हrdquo

17 मसा क ससर न उस स कहा ldquoआप का तरीक़ाअचछा नही ह 18 काम इतना वसी ह िक आप उसअकल नही सभाल सकत इस स आप और वहलोग जो आप क पास आत ह बरी तरह थक जातह 19 मरी बात सन म आप को एक मशवरा दता हअललाह उस म आप की मदद कर लािज़म ह िकआप अललाह क सामन क़ौम क नमाइनदा रह औरउन क मआमलात उस क सामन पश कर 20 यह

86 ख़रज 1821ndash1914भी ज़ररी ह िक आप उनह अललाह क अहकाम औरिहदायात िसखाए िक वह िकस तरह िज़नदगी गज़ारऔर कया कया कर 21 लिकन साथ साथ क़ौम म सक़ािबल-ए-एितमाद आदमी चन वह ऐस लोग हो जोअललाह का ख़ौफ़ मानत हो रासतिदल हो और िरशवतस नफ़रत करत हो उनह हज़ार हज़ार सौ सौ पचासपचास और दस दस आदिमयो पर मक़ररर कर 22 उनआदिमयो की िज़ममादारी यह होगी िक वह हर वक़तलोगो का इनसाफ़ कर अगर कोई बहत ही पचीदामआमला हो तो वह फ़सल क िलए आप क पासआए लिकन दीगर मआमलो का फ़सला वह ख़दकर य वह काम म आप का हाथ बटाएग और आपका बोझ हलका हो जाएगा

23 अगर मरा यह मशवरा अललाह की मज़ीर कमतािबक़ हो और आप ऐसा कर तो आप अपनीिज़ममादारी िनभा सकग और यह तमाम लोग इनसाफ़क िमलन पर सलामती क साथ अपन अपन घर जासकगrdquo

24 मसा न अपन ससर का मशवरा मान िलया औरऐसा ही िकया 25 उस न इसराईिलयो म स क़ािबल-ए-एितमाद आदमी चन और उनह हज़ार हज़ार सौसौ पचास पचास और दस दस आदिमयो पर मक़रररिकया 26 यह मदर क़ाज़ी बन कर मसतिक़ल तौर परलोगो का इनसाफ़ करन लग आसान मसलो काफ़सला वह ख़द करत और मिशकल मआमलो कोमसा क पास ल आत थ

27 कछ असर बाद मसा न अपन ससर को रख़सतिकया तो ियतरो अपन वतन वापस चला गया

कोह-ए-सीना

19 1 इसराईिलयो को िमसर स सफ़र करत हएदो महीन हो गए थ तीसर महीन क पहल

ही िदन वह सीना क रिगसतान म पहच 2 उस िदनवह रफ़ीदीम को छोड़ कर दशत-ए-सीना म आ पहचवहा उनहो न रिगसतान म पहाड़ क क़रीब डर डाल

3 तब मसा पहाड़ पर चढ़ कर अललाह क पास गयाअललाह न पहाड़ पर स मसा को पकार कर कहाldquoयाक़ब क घरान बनी इसराईल को बता 4 lsquoतम नदखा ह िक म न िमिसरयो क साथ कया कछ िकयाऔर िक म तम को उक़ाब क परो पर उठा कर यहा अपन पास लाया ह 5 चनाच अगर तम मरी सनो औरमर अहद क मतािबक़ चलो तो िफर तमाम क़ौमोम स मरी ख़ास िमलिकयत होग गो परी दिनयामरी ही ह 6 लिकन तम मर िलए मख़सस इमामो कीबादशाही और मक़ददस क़ौम होगrsquo अब जा कर यहसारी बात इसराईिलयो को बताrdquo

7 मसा न पहाड़ स उतर कर और क़ौम क बज़गोरको बला कर उनह वह तमाम बात बताई जो कहन किलए रब न उस हकम िदया था 8 जवाब म परी क़ौमन िमल कर कहा ldquoहम रब की हर बात परी करग जोउस न फ़रमाई हrdquo मसा न पहाड़ पर लौट कर रबको क़ौम का जवाब बताया 9 जब वह पहचा तो रबन मसा स कहा ldquoम घन बादल म तर पास आऊगातािक लोग मझ तझ स हमकलाम होत हए सन िफरवह हमशा तझ पर भरोसा रखगrdquo तब मसा न रबको वह तमाम बात बताई जो लोगो न की थी

10 रब न मसा स कहा ldquoअब लोगो क पास लौटकर आज और कल उनह मर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस कर वह अपन िलबास धो कर 11 तीसर िदनक िलए तययार हो जाए कयिक उस िदन रब लोगो कदखत दखत कोह-ए-सीना पर उतरगा 12 लोगो कीिहफ़ाज़त क िलए चारो तरफ़ पहाड़ की हदद मक़रररकर उनह ख़बरदार कर िक हदद को पार न करोन पहाड़ पर चढ़ो न उस क दामन को छओ जो भीउस छए वह ज़रर मारा जाए 13 और उस हाथ स छकर नही मारना ह बिलक पतथरो या तीरो स ख़वाहइनसान हो या हवान वह िज़नदा नही रह सकता जबतक नरिसगा दर तक फका न जाए उस वक़त तकलोगो को पहाड़ पर चढ़न की इजाज़त नही हrdquo

14 मसा न पहाड़ स उतर कर लोगो को अललाहक िलए मख़सस-ओ-मक़ददस िकया उनहो न अपन

ख़रज 1915ndash2016 87िलबास भी धोए 15 उस न उन स कहा ldquoतीसर िदनक िलए तययार हो जाओ मदर औरतो स हमिबसतरन होrdquo

16 तीसर िदन सबह पहाड़ पर घना बादल छागया िबजली चमकन लगी बादल गरजन लगाऔर नरिसग की िनहायत ज़ोरदार आवाज़ सनाई दीख़मागाह म लोग लरज़ उठ 17 तब मसा लोगो कोअललाह स िमलन क िलए ख़मागाह स बाहर पहाड़की तरफ़ ल गया और वह पहाड़ क दामन म खड़हए 18 सीना पहाड़ धए स ढका हआ था कयिक रबआग म उस पर उतर आया पहाड़ स धआ इस तरहउठ रहा था जस िकसी भटट स उठता ह परा पहाड़िशददत स लरज़न लगा 19 नरिसग की आवाज़ तज़स तज़तर होती गई मसा बोलन लगा और अललाहउस ऊची आवाज़ म जवाब दता रहा

20 रब सीना पहाड़ की चोटी पर उतरा और मसा कोऊपर आन क िलए कहा मसा ऊपर चढ़ा 21 रबन मसा स कहा ldquoफ़ौरन नीच उतर कर लोगो कोख़बरदार कर िक वह मझ दखन क िलए पहाड़ कीहदद म ज़बरदसती दािख़ल न हो अगर वह ऐसा करतो बहत स हलाक हो जाएग 22 इमाम भी जो रबक हज़र आत ह अपन आप को मख़सस-ओ-मक़ददसकर वनार मरा ग़ज़ब उन पर टट पड़गाrdquo

23 लिकन मसा न रब स कहा ldquoलोग पहाड़ पर नहीआ सकत कयिक त न ख़द ही हम ख़बरदार िकयािक हम पहाड़ की हदद मक़ररर करक उस मख़सस-ओ-मक़ददस करrdquo

24 रब न जवाब िदया ldquoतो भी उतर जा और हारनको साथ ल कर वापस आ लिकन इमामो औरलोगो को मत आन द अगर वह ज़बरदसती मर पासआए तो मरा ग़ज़ब उन पर टट पड़गाrdquo

25 मसा न लोगो क पास उतर कर उनह यह बातबता दी

दस अहकाम

20 1 तब अललाह न यह तमाम बात फ़रमाई2 ldquoम रब तरा ख़दा ह जो तझ मलक-ए-िमसर

की ग़लामी स िनकाल लाया 3 मर िसवा िकसी औरमाबद की परिसतश न करना 4 अपन िलए बत नबनाना िकसी भी चीज़ की मरत न बनाना चाह वहआसमान म ज़मीन पर या समनदर म हो 5 न बतो कीपरिसतश न उन की िख़दमत करना कयिक म तरारब ग़यर ख़दा ह जो मझ स नफ़रत करत ह उनह मतीसरी और चौथी पशत तक सज़ा दगा 6 लिकन जोमझ स महबबत रखत और मर अहकाम पर करत हउन पर म हज़ार पशतो तक महरबानी करगा

7 रब अपन ख़दा का नाम बमक़सद या ग़लत मक़सदक िलए इसतमाल न करना जो भी ऐसा करता ह उसरब सज़ा िदए बग़र नही छोड़गा

8 सबत क िदन का ख़याल रखना उस इस तरहमनाना िक वह मख़सस-ओ-मक़ददस हो 9 हफ़त कपहल छः िदन अपना काम-काज कर 10 लिकनसातवा िदन रब तर ख़दा का आराम का िदन हउस िदन िकसी तरह का काम न करना न त न तराबटा न तरी बटी न तरा नौकर न तरी नौकरानी औरन तर मवशी जो परदसी तर दरिमयान रहता ह वहभी काम न कर 11 कयिक रब न पहल छः िदन मआसमान-ओ-ज़मीन समनदर और जो कछ उन म हबनाया लिकन सातव िदन आराम िकया इस िलएरब न सबत क िदन को बरकत द कर मक़ररर िकयािक वह मख़सस और मक़ददस हो

12 अपन बाप और अपनी मा की इज़ज़त करनािफर त उस मलक म जो रब तरा ख़दा तझ दन वालाह दर तक जीता रहगा

13 क़तल न करना14 िज़ना न करना15 चोरी न करना16 अपन पड़ोसी क बार म झटी गवाही न दना

88 ख़रज 2017ndash21917 अपन पड़ोसी क घर का लालच न करना न

उस की बीवी का न उस क नौकर का न उस कीनौकरानी का न उस क बल और न उस क गध काबिलक उस की िकसी भी चीज़ का लालच न करनाrdquo

लोग घबरा जात ह18 जब बाक़ी तमाम लोगो न बादल की गरज और

नरिसग की आवाज़ सनी और िबजली की चमक औरपहाड़ स उठत हए धए को दखा तो वह ख़ौफ़ क मारकापन लग और पहाड़ स दर खड़ हो गए 19 उनहोन मसा स कहा ldquoआप ही हम स बात कर तो हमसनग लिकन अललाह को हम स बात न करन द वनारहम मर जाएगrdquo

20 लिकन मसा न उन स कहा ldquoमत डरो कयिकरब तमह जाचन क िलए आया ह तािक उस का ख़ौफ़तमहारी आखो क सामन रह और तम गनाह न करोrdquo21 लोग दर ही रह जबिक मसा उस गहरी तारीकी कक़रीब गया जहा अललाह था

22 तब रब न मसा स कहा ldquoइसराईिलयो को बताlsquoतम न ख़द दखा िक म न आसमान पर स तमहारसाथ बात की ह 23 चनाच मरी परिसतश क साथसाथ अपन िलए सोन या चादी क बत न बनाओ24 मर िलए िमटटी की क़बारनगाह बना कर उस परअपनी भड़-बकिरयो और गाय-बलो की भसम होनवाली और सलामती की क़बारिनया चढ़ाना म तझवह जगह िदखाऊगा जहा मर नाम की ताज़ीम मक़बारिनया पश करनी ह ऐसी तमाम जगहो पर मतर पास आ कर तझ बरकत दगा

25 अगर त मर िलए क़बारनगाह बनान की ख़ाितरपतथर इसतमाल करना चाह तो तराश हए पतथरइसतमाल न करना कयिक त तराशन क िलएइसतमाल होन वाल औज़ार स उस की बहरमतीकरगा 26 क़बारनगाह को सीिढ़यो क बग़र बनानाह तािक उस पर चढ़न स तर िलबास क नीच स तरानगापन नज़र न आएrsquo

21 1 इसराईिलयो को यह अहकाम बता

इबरानी ग़लाम क हक़क़2 lsquoअगर त इबरानी ग़लाम ख़रीद तो वह

छः साल तरा ग़लाम रह इस क बाद लािज़म ह िकउस आज़ाद कर िदया जाए आज़ाद होन क िलएउस पस दन की ज़ररत नही होगी

3 अगर ग़लाम ग़रशादीशदा हालत म मािलक कघर आया हो तो वह आज़ाद हो कर अकला हीचला जाए अगर वह शादीशदा हालत म आया होतो लािज़म ह िक वह अपनी बीवी समत आज़ादहो कर जाए 4 अगर मािलक न ग़लाम की शादीकराई और बचच पदा हए ह तो उस की बीवी औरबचच मािलक की िमलिकयत होग छः साल क बादजब ग़लाम आज़ाद हो कर जाए तो उस की बीवीऔर बचच मािलक ही क पास रह

5 अगर ग़लाम कह ldquoम अपन मािलक और अपनबीवी बचचो स महबबत रखता ह म आज़ाद नहीहोना चाहताrdquo 6 तो ग़लाम का मािलक उस अललाहक सामन लाए वह उस दरवाज़ या उस की चौखटक पास ल जाए और सताली यानी तज़ औज़ार सउस क कान की लौ छद द तब वह िज़नदगी भरउस का ग़लाम बना रहगा

7 अगर कोई अपनी बटी को ग़लामी म बच डाल तोउस क िलए आज़ादी िमलन की शराइत मदर स फ़क़रह 8 अगर उस क मािलक न उस मनतख़ब िकयािक वह उस की बीवी बन जाए लिकन बाद म वहउस पसनद न आए तो लािज़म ह िक वह मनािसबमआवज़ा ल कर उस उस क िरशतदारो को वापसकर द उस औरत को ग़रमिलकयो क हाथ बचनका इख़ितयार नही ह कयिक उस न उस क साथबवफ़ा सलक िकया ह

9 अगर लौडी का मािलक उस की अपन बट कसाथ शादी कराए तो औरत को बटी क हक़क़हािसल होग

ख़रज 2110ndash30 8910 अगर मािलक न उस स शादी करक बाद म

दसरी औरत स भी शादी की तो लािज़म ह िक वहपहली को भी खाना और कपड़ दता रह इस कइलावा उस क साथ हमिबसतर होन का फ़ज़र भीअदा करना ह 11 अगर वह यह तीन फ़राइज़ अदान कर तो उस औरत को आज़ाद करना पड़गा इससरत म उस मफ़त आज़ाद करना होगा

ज़ख़मी करन की सज़ा12 जो िकसी को जान-बझ कर इतना सख़त मारता

हो िक वह मर जाए तो उस ज़रर सज़ा-ए-मौत दनाह 13 लिकन अगर उस न उस जान-बझ कर न माराबिलक यह इिततफ़ाक़ स हआ और अललाह न यह होनिदया तो मारन वाला एक ऐसी जगह पनाह ल सकताह जो म मक़ररर करगा वहा उस क़तल िकए जानकी इजाज़त नही होगी 14 लिकन जो दीदा-दािनसताऔर चालाकी स िकसी को मार डालता ह उस मरीक़बारनगाह स भी छीन कर सज़ा-ए-मौत दना ह

15 जो अपन बाप या अपनी मा को मारता पीटताह उस सज़ा-ए-मौत दी जाए

16 िजस न िकसी को अग़वा कर िलया ह उस सज़ा-ए-मौत दी जाए चाह वह उस ग़लाम बना कर बचचका हो या उस अब तक अपन पास रखा हआ हो

17 जो अपन बाप या मा पर लानत कर उस सज़ा-ए-मौत दी जाए

18 हो सकता ह िक आदमी झगड़ और एक शख़सदसर को पतथर या मकक स इतना ज़ख़मी कर द िकगो वह बच जाए वह िबसतर स उठ न सकता हो19 अगर बाद म मरीज़ यहा तक िशफ़ा पाए िक दबाराउठ कर लाठी क सहार चल िफर सक तो चोटपहचान वाल को सज़ा नही िमलगी उस िसफ़र उसवक़त क िलए मआवज़ा दना पड़गा जब तक मरीज़पस न कमा सक साथ ही उस उस का परा इलाजकरवाना ह

20 जो अपन ग़लाम या लौडी को लाठी स य मारिक वह मर जाए उस सज़ा दी जाए 21 लिकन अगर

ग़लाम या लौडी िपटाई क बाद एक या दो िदन िज़नदारह तो मािलक को सज़ा न दी जाए कयिक जो रक़मउस न उस क िलए दी थी उस का नक़सान उस ख़दउठाना पड़गा

22 हो सकता ह िक लोग आपस म लड़ रह होऔर लड़त लड़त िकसी हािमला औरत स य टकराजाए िक उस का बचचा ज़ाए हो जाए अगर कोई औरनक़सान न हआ हो तो ज़बर पहचान वाल को जमारनादना पड़गा औरत का शौहर यह जमारना मक़ररर करऔर अदालत म इस की तसदीक़ हो

23 लिकन अगर उस औरत को और नक़सान भीपहचा हो तो िफर ज़बर पहचान वाल को इस उसलक मतािबक़ सज़ा दी जाए िक जान क बदल जान24 आख क बदल आख दात क बदल दात हाथ कबदल हाथ पाओ क बदल पाओ 25 जलन क ज़ख़मक बदल जलन का ज़ख़म मार क बदल मार काटक बदल काट

26 अगर कोई मािलक अपन ग़लाम की आख पर य मार िक वह ज़ाए हो जाए तो उस ग़लाम को आख कबदल आज़ाद करना पड़गा चाह ग़लाम मदर हो याऔरत 27 अगर मािलक क पीटन स ग़लाम का दातटट जाए तो उस ग़लाम को दात क बदल आज़ादकरना पड़गा चाह ग़लाम मदर हो या औरत

नक़सान का मआवज़ा28 अगर कोई बल िकसी मदर या औरत को ऐसा मार

िक वह मर जाए तो उस बल को सगसार िकया जाएउस का गोशत खान की इजाज़त नही ह इस सरतम बल क मािलक को सज़ा न दी जाए 29 लिकन होसकता ह िक मािलक को पहल आगाह िकया गयाथा िक बल लोगो को मारता ह तो भी उस न बल कोखला छोड़ा था िजस क नतीज म उस न िकसी कोमार डाला ऐसी सरत म न िसफ़र बल को बिलक उसक मािलक को भी सगसार करना ह 30 लिकन अगरफ़सला िकया जाए िक वह अपनी जान का िफ़दया द

90 ख़रज 2131ndash229तो िजतना मआवज़ा भी मक़ररर िकया जाए उस दनापड़गा

31 सज़ा म कोई फ़क़र नही ह चाह बट को माराजाए या बटी को 32 लिकन अगर बल िकसी ग़लामया लौडी को मार द तो उस का मािलक ग़लामक मािलक को चादी क 30 िसकक द और बल कोसगसार िकया जाए

33 हो सकता ह िक िकसी न अपन हौज़ को खलारहन िदया या हौज़ बनान क िलए गढ़ा खोद कर उसखला रहन िदया और कोई बल या गधा उस म िगरकर मर गया 34 ऐसी सरत म हौज़ का मािलक मदारजानवर क िलए पस द वह जानवर क मािलक कोउस की परी क़ीमत अदा कर और मदार जानवर ख़दल ल

35 अगर िकसी का बल िकसी दसर क बल कोऐस मार िक वह मर जाए तो दोनो मािलक िज़नदाबल को बच कर उस क पस आपस म बराबर बाटल इसी तरह वह मदार बल को भी बराबर तक़सीमकर 36 लिकन हो सकता ह िक मािलक को मालमथा िक मरा बल दसर जानवरो पर हमला करता ह इसक बावजद उस न उस आज़ाद छोड़ िदया था ऐसीसरत म उस मदार बल क इवज़ उस क मािलक कोनया बल दना पड़गा और वह मदार बल ख़द ल ल

िमलिकयत की िहफ़ाज़त

22 1 िजस न कोई बल या भड़ चोरी करक उसज़बह िकया या बच डाला ह उस हर चोरी

क बल क इवज़ पाच बल और हर चोरी की भड़ कइवज़ चार भड़ वापस करना ह

2 हो सकता ह िक कोई चोर नक़ब लगा रहा होऔर लोग उस पकड़ कर यहा तक मारत पीटत रहिक वह मर जाए अगर रात क वक़त ऐसा हआ होतो वह उस क ख़न क िज़ममादार नही ठहर सकत3 लिकन अगर सरज क तल होन क बाद ऐसा हआहो तो िजस न उस मारा वह क़ाितल ठहरगा

चोर को हर चराई हई चीज़ का इवज़ाना दना हअगर उस क पास दन क िलए कछ न हो तो उसग़लाम बना कर बचना ह जो पस उस बचन क इवज़िमल वह चराई हई चीज़ो क बदल म िदए जाए

4 अगर चोरी का जानवर चोर क पास िज़नदा पायाजाए तो उस हर जानवर क इवज़ दो दन पड़ग चाहवह बल भड़ बकरी या गधा हो

5 हो सकता ह िक कोई अपन मवशी को अपन खतया अगर क बाग़ म छोड़ कर चरन द और होत होतवह िकसी दसर क खत या अगर क बाग़ म जा करचरन लग ऐसी सरत म लािज़म ह िक मवशी कामािलक नक़सान क इवज़ अपन अगर क बाग़ औरखत की बहतरीन पदावार म स द

6 हो सकता ह िक िकसी न आग जलाई हो औरवह काटदार झािड़यो क ज़रीए पड़ोसी क खत तकफल कर उस क अनाज क पलो को उस की पकीहई फ़सल को या खत की िकसी और पदावार कोबबारद कर द ऐसी सरत म िजस न आग जलाई होउस उस की परी क़ीमत अदा करनी ह

7 हो सकता ह िक िकसी न कछ पस या कोई औरमाल अपन िकसी वािक़फ़कार क सपदर कर िदया होतािक वह उस महफ़ज़ रख अगर यह चीज़ उस कघर स चोरी हो जाए और बाद म चोर को पकड़ा जाएतो चोर को उस की दगनी क़ीमत अदा करनी पड़गी8 लिकन अगर चोर पकड़ा न जाए तो लािज़म ह िकउस घर का मािलक िजस क सपदर यह चीज़ की गईथी अललाह क हज़र खड़ा हो तािक मालम िकया जाएिक उस न ख़द यह माल चोरी िकया ह या नही

9 हो सकता ह िक दो लोगो का आपस म झगड़ाहो और दोनो िकसी चीज़ क बार म दावा करत होिक यह मरी ह अगर कोई क़ीमती चीज़ हो मसलनबल गधा भड़ बकरी कपड़ या कोई खोई हईचीज़ तो मआमला अललाह क हज़र लाया जाए िजसअललाह क़सरवार क़रार द उस दसर को ज़र-ए-बहसचीज़ की दगनी क़ीमत अदा करनी ह

ख़रज 2210ndash30 9110 हो सकता ह िक िकसी न अपना कोई गधा बल

भड़ बकरी या कोई और जानवर िकसी वािक़फ़कारक सपदर कर िदया तािक वह उस महफ़ज़ रख वहा जानवर मर जाए या ज़ख़मी हो जाए या कोई उसपर क़बज़ा करक उस उस वक़त ल जाए जब कोई नदख रहा हो 11 यह मआमला य हल िकया जाए िकिजस क सपदर जानवर िकया गया था वह रब क हज़रक़सम खा कर कह िक म न अपन वािक़फ़कार कजानवर क लालच म यह काम नही िकया जानवरक मािलक को यह क़बल करना पड़गा और दसरको इस क बदल कछ नही दना होगा 12 लिकनअगर वाक़ई जानवर को चोरी िकया गया ह तो िजसक सपदर जानवर िकया गया था उस उस की क़ीमतअदा करनी पड़गी 13 अगर िकसी जगली जानवर नउस फाड़ डाला हो तो वह सबत क तौर पर फाड़ीहई लाश को ल आए िफर उस उस की क़ीमत अदानही करनी पड़गी

14 हो सकता ह िक कोई अपन वािक़फ़कार सइजाज़त ल कर उस का जानवर इसतमाल कर अगरजानवर को मािलक की ग़रमौजदगी म चोट लगया वह मर जाए तो उस शख़स को िजस क पासजानवर उस वक़त था उस का मआवज़ा दना पड़गा15 लिकन अगर जानवर का मािलक उस वक़त साथथा तो दसर को मआवज़ा दन की ज़ररत नही होगीअगर उस न जानवर को िकराए पर िलया हो तो उसका नक़सान िकराए स परा हो जाएगा

लड़की को वरग़लान का जमर16 अगर िकसी कवारी की मगनी नही हई और कोई

मदर उस वरग़ला कर उस स हमिबसतर हो जाए तोवह महर द कर उस स शादी कर 17 लिकन अगरलड़की का बाप उस की उस मदर क साथ शादी करनस इनकार कर इस सरत म भी मदर को कवारी किलए मक़रररा रक़म दनी पड़गी

सज़ा-ए-मौत क लाइक़ जराइम18 जादगरनी को जीन न दना19 जो शख़स िकसी जानवर क साथ िजनसी

ताललक़ात रखता हो उस सज़ा-ए-मौत दी जाए20 जो न िसफ़र रब को क़बारिनया पश कर बिलक

दीगर माबदो को भी उस क़ौम स िनकाल कर हलाकिकया जाए

कमज़ोरो की िहफ़ाज़त क िलए अहकाम21 जो परदसी तर मलक म महमान ह उस न दबाना

और न उस स बरा सलक करना कयिक तम भी िमसरम परदसी थ

22 िकसी बवा या यतीम स बरा सलक न करना23 अगर त ऐसा कर और वह िचलला कर मझ स फ़यारदकर तो म ज़रर उन की सनगा 24 म बड़ ग़सस मआ कर तमह तलवार स मार डालगा िफर तमहारीबीिवया ख़द बवाए और तमहार बचच ख़द यतीम बनजाएग

25 अगर त न मरी क़ौम क िकसी ग़रीब को क़ज़रिदया ह तो उस स सद न लना

26 अगर तझ िकसी स उस की चादर िगरवी कतौर पर िमली हो तो उस सरज डबन स पहल हीवापस कर दना ह 27 कयिक इसी को वह सोन किलए इसतमाल करता ह वनार वह कया चीज़ ओढ़कर सोएगा अगर त चादर वापस न कर और वहशख़स िचलला कर मझ स फ़यारद कर तो म उस कीसनगा कयिक म महरबान ह

अललाह स मतािललक़ फ़राइज़28 अललाह को न कोसना न अपनी क़ौम क िकसी

सरदार पर लानत करना29 मझ वक़त पर अपन खत और कोलहओ की

पदावार म स नज़रान पश करना अपन पहलौठ मझदना 30 अपन बलो भड़ो और बकिरयो क पहलौठोको भी मझ दना जानवर का पहलौठा पहल सात

92 ख़रज 2231ndash2319िदन अपनी मा क साथ रह आठव िदन वह मझिदया जाए

31 अपन आप को मर िलए मख़सस-ओ-मक़ददसरखना इस िलए ऐस जानवर का गोशत मत खानािजस िकसी जगली जानवर न फाड़ डाला ह ऐसगोशत को कततो को खान दना

अदालत म इनसाफ़ और दसरो स महबबत

23 1 ग़लत अफ़वाह न फलाना िकसी शरीरआदमी का साथ द कर झटी गवाही दना

मना ह 2 अगर अकसिरयत ग़लत काम कर रही होतो उस क पीछ न हो लना अदालत म गवाही दतवक़त अकसिरयत क साथ िमल कर ऐसी बात नकरना िजस स ग़लत फ़सला िकया जाए 3 लिकनअदालत म िकसी ग़रीब की तरफ़दारी भी न करना

4 अगर तझ तर दशमन का बल या गधा आवारािफरता हआ नज़र आए तो उस हर सरत म वापसकर दना 5 अगर तझ स नफ़रत करन वाल का गधाबोझ तल िगर गया हो और तझ पता लग तो उस नछोड़ना बिलक ज़रर उस की मदद करना

6 अदालत म ग़रीब क हक़क़ न मारना 7 ऐसमआमल स दर रहना िजस म लोग झट बोलत हजो बगनाह और हक़ पर ह उस सज़ा-ए-मौत नदना कयिक म क़सरवार को हक़-ब-जािनब नहीठहराऊगा 8 िरशवत न लना कयिक िरशवत दखन वालको अधा कर दती ह और उस की बात बनन नहीदती जो हक़ पर ह

9 जो परदसी तर मलक म महमान ह उस पर दबाओन डालना तम ऐस लोगो की हालत स ख़ब वािक़फ़हो कयिक तम ख़द िमसर म परदसी रह हो

सबत का साल और सबत10 छः साल तक अपनी ज़मीन म बीज बो कर

उस की पदावार जमा करना 11 लिकन सातव साल

ज़मीन को इसतमाल न करना बिलक उस पड़ रहनदना जो कछ भी उग वह क़ौम क ग़रीब लोग खाएजो उन स बच जाए उस जगली जानवर खाए अपनअगर और ज़तन क बाग़ो क साथ भी ऐसा ही करनाह

12 छः िदन अपना काम-काज करना लिकन सातविदन आराम करना िफर तरा बल और तरा गधा भीआराम कर सकग तरी लौडी का बटा और तर साथरहन वाला परदसी भी ताज़ादम हो जाएग

13 जो भी िहदायत म न दी ह उस पर अमल करदीगर माबदो की परिसतश न करना म तर मह सउन क नामो तक का िज़कर न सन

तीन ख़ास ईद14 साल म तीन दफ़ा मरी ताज़ीम म ईद मनाना

15 पहल बख़मीरी रोटी की ईद मनाना अबीब कमहीन lम सात िदन तक तरी रोटी म ख़मीर न होिजस तरह म न हकम िदया ह कयिक इस महीन म तिमसर स िनकला इन िदनो म कोई मर हज़र ख़ालीहाथ न आए 16 दसर फ़सलकटाई की ईद उस वक़तमनाना जब त अपन खत म बोई हई पहली फ़सलकाटगा तीसर जमा करन की ईद फ़सल की कटाईक इख़ितताम mपर मनाना ह जब त न अगर औरबाक़ी बाग़ो क फल जमा िकए होग 17 य तर तमाममदर तीन मतरबा रब क़ािदर-ए-मतलक़ क हज़र हािज़रहआ कर

18 जब त िकसी जानवर को ज़बह करक क़बारनीक तौर पर पश कर तो उस क ख़न क साथ ऐसी रोटीपश न करना िजस म ख़मीर हो और जो जानवर तमरी ईदो पर चढ़ाए उन की चबीर अगली सबह तकबाक़ी न रह

19 अपनी ज़मीन की पहली पदावार का बहतरीनिहससा रब अपन ख़दा क घर म लाना

lमाचर ता अपरलmिसतमबर ता अकतबर

ख़रज 2320ndash246 93भड़ या बकरी क बचच को उस की मा क दध म न

पकाना

रब का फ़िरशता राहनमाई करगा20 म तर आग आग फ़िरशता भजता ह जो रासत

म तरी िहफ़ाज़त करगा और तझ उस जगह तक लजाएगा जो म न तर िलए तययार की ह 21 उस कीमौजदगी म एहितयात बरतना उस की सनना औरउस की िख़लाफ़वरज़ी न करना अगर त सरकशहो जाए तो वह तझ मआफ़ नही करगा कयिक मरानाम उस म हािज़र होगा 22 लिकन अगर त उस कीसन और सब कछ कर जो म तझ बताता ह तो म तरदशमनो का दशमन और तर मख़ािलफ़ो का मख़ािलफ़हगा

23 कयिक मरा फ़िरशता तर आग आग चलगाऔर तझ मलक-ए-कनआन तक पहचा दगा जहा अमोरी िहतती फ़िरज़ज़ी कनआनी िहववी औरयबसी आबाद ह तब म उनह र-ए-ज़मीन पर सिमटा दगा 24 उन क माबदो को िसजदा न करना नउन की िख़दमत करना उन क रसम-ओ-िरवाज भीन अपनाना बिलक उन क बतो को तबाह कर दनािजन सतनो क सामन वह इबादत करत ह उन कोभी टकड़ टकड़ कर डालना 25 रब अपन ख़दा कीिख़दमत करना िफर म तरी ख़राक और पानी कोबरकत द कर तमाम बीमािरया तझ स दर करगा26 िफर तर मलक म न िकसी का बचचा ज़ाए होगान कोई बाझ होगी साथ ही म तझ तवील िज़नदगीअता करगा

27 म तर आग आग दहशत फलाऊगा जहा भीत जाएगा वहा म तमाम क़ौमो म अबतरी पदाकरगा मर सबब स तर सार दशमन पलट कर भागजाएग 28 म तर आग ज़मबर भज दगा जो िहववीकनआनी और िहतती को मलक छोड़न पर मजबरकरग 29 लिकन जब त वहा पहचगा तो म उनह एकही साल म मलक स नही िनकालगा वनार परा मलकवीरान हो जाएगा और जगली जानवर फल कर तर

िलए नक़सान का बाइस बन जाएग 30 इस िलए मतर पहचन पर मलक क बािशनदो को थोड़ा थोड़ाकरक िनकालता जाऊगा इतन म तरी तादाद बढ़गीऔर त रफ़ता रफ़ता मलक पर क़बज़ा कर सकगा

31 म तरी सरहदद मक़ररर करगा बहर-ए-क़लज़मएक हद होगी और िफ़िलिसतयो का समनदर दसरीजनब का रिगसतान एक होगी और दरया-ए-फ़रातदसरी म मलक क बािशनदो को तर क़बज़ म करदगा और त उनह अपन आग आग मलक स दरकरता जाएगा 32 लािज़म ह िक त उन क साथ याउन क माबदो क साथ अहद न बाध 33 उन का तरमलक म रहना मना ह वनार त उन क सबब स मरागनाह करगा अगर त उन क माबदो की इबादतकरगा तो यह तर िलए फदा बन जाएगाrsquordquo

रब इसराईल स अहद बाधता ह

24 1 रब न मसा स कहा ldquoत हारन नदबअबीह और इसराईल क 70 बज़गर मर पास

ऊपर आए कछ फ़ािसल पर खड़ हो कर मझ िसजदाकरो 2 िसफ़र त अकला ही मर क़रीब आ दसर दररह और क़ौम क बाक़ी लोग तर साथ पहाड़ पर नचढ़rdquo

3 तब मसा न क़ौम क पास जा कर रब की तमामबात और अहकाम पश िकए जवाब म सब न िमलकर कहा ldquoहम रब की इन तमाम बातो पर अमलकरगrdquo

4 तब मसा न रब की तमाम बात िलख ली अगलिदन वह सबह-सवर उठा और पहाड़ क पास गयाउस क दामन म उस न क़बारनगाह बनाई साथ हीउस न इसराईल क हर एक क़बील क िलए एक एकपतथर का सतन खड़ा िकया 5 िफर उस न कछइसराईली नौजवानो को क़बारनी पश करन क िलएबलाया तािक वह रब की ताज़ीम म भसम होन वालीक़बारिनया चढ़ाए और जवान बलो को सलामती कीक़बारनी क तौर पर पश कर 6 मसा न क़बारिनयोका ख़न जमा िकया उस का आधा िहससा उस न

94 ख़रज 247ndash2512बासनो म डाल िदया और आधा िहससा क़बारनगाहपर िछड़क िदया

7 िफर उस न वह िकताब ली िजस म रब क साथअहद की तमाम शराइत दजर थी और उस क़ौम कोपढ़ कर सनाया जवाब म उनहो न कहा ldquoहम रबकी इन तमाम बातो पर अमल करग हम उस कीसनगrdquo 8 इस पर मसा न बासनो म स ख़न ल कर उसलोगो पर िछड़का और कहा ldquoयह ख़न उस अहदकी तसदीक़ करता ह जो रब न तमहार साथ िकया हऔर जो उस की तमाम बातो पर मबनी हrdquo

9 इस क बाद मसा हारन नदब अबीह औरइसराईल क 70 बज़गर सीना पहाड़ पर चढ़ 10 वहा उनहो न इसराईल क ख़दा को दखा लगता था िकउस क पाओ क नीच सग-ए-लाजवदर का सा तख़ताथा वह आसमान की मािननद साफ़-ओ-शफ़फ़ाफ़था 11 अगरच इसराईल क राहनमाओ न यह सबकछ दखा तो भी रब न उनह हलाक न िकया बिलकवह अललाह को दखत रह और उस क हज़र अहद काखाना खात और पीत रह

पतथर की तिख़तया 12 पहाड़ स उतरन क बाद रब न मसा स कहा ldquoमर

पास पहाड़ पर आ कर कछ दर क िलए ठहर रहनाम तझ पतथर की तिख़तया दगा िजन पर म न अपनीशरीअत और अहकाम िलख ह और जो इसराईल कीतालीम-ओ-तिबरयत क िलए ज़ररी हrdquo

13 मसा अपन मददगार यशअ क साथ चल पड़ाऔर अललाह क पहाड़ पर चढ़ गया 14 पहल उस नबज़गोर स कहा ldquoहमारी वापसी क इिनतज़ार म यहा ठहर रहो हारन और हर तमहार पास रहग कोईभी मआमला हो तो लोग उन ही क पास जाएrdquo

मसा रब स िमलता ह15 जब मसा चढ़न लगा तो पहाड़ पर बादल छा

गया 16 रब का जलाल कोह-ए-सीना पर उतर आयाछः िदन तक बादल उस पर छाया रहा सातव िदनरब न बादल म स मसा को बलाया 17 रब का जलालइसराईिलयो को भी नज़र आता था उनह य लगा जसािक पहाड़ की चोटी पर तज़ आग भड़क रही हो18 चढ़त चढ़त मसा बादल म दािख़ल हआ वहा वह चालीस िदन और चालीस रात रहा

मलाक़ात का ख़मा बनान क िलए हिदए

25 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोबता िक वह हिदए ला कर मझ उठान वाली

क़बारनी क तौर पर पश कर लिकन िसफ़र उन सहिदए क़बल करो जो िदली ख़शी स द 3 उन स यहचीज़ हिदए क तौर पर क़बल करो सोना चादीपीतल 4 नील अग़रवानी और िक़िमरज़ी रग का धागाबारीक कतान बकरी क बाल 5 मढो की सख़र रगीहई खाल तख़स nकी खाल कीकर की लकड़ी6 शमादान क िलए ज़तन का तल मसह करन क िलएतल और ख़शबदार बख़र क िलए मसाल 7 अक़ीक़-ए-अहमर और दीगर जवािहर जो इमाम-ए-आज़म कबालापोश और सीन क कीस म जड़ जाएग 8 इनचीज़ो स लोग मर िलए मिक़दस बनाए तािक म उनक दरिमयान रह 9 म तझ मिक़दस और उस क तमामसामान का नमना िदखाऊगा कयिक तमह सब कछऐन उसी क मतािबक़ बनाना ह

अहद का सनदक़10ndash12 लोग कीकर की लकड़ी का सनदक़ बनाए

उस की लमबाई पौन चार फ़ट हो जबिक उस कीचौड़ाई और ऊचाई सवा दो दो फ़ट हो पर सनदक़पर अनदर और बाहर स ख़ािलस सोना चढ़ाना ऊपर

nग़ािलबन इस मतरक इबरानी लफ़ज़ स मराद कोई समनदरी जानवर ह

ख़रज 2513ndash261 95की सतह क इदरिगदर सोन की झालर लगाना सनदक़को उठान क िलए सोन क चार कड़ ढाल कर उनहसनदक़ क चारपाइयो पर लगाना दोनो तरफ़ दो दोकड़ हो 13 िफर कीकर की दो लकिड़या सनदक़ कोउठान क िलए तययार करना उन पर सोना चढ़ा कर14 उन को दोनो तरफ़ क कड़ो म डालना तािक उन ससनदक़ को उठाया जाए 15 यह लकिड़या सनदक़ कइन कड़ो म पड़ी रह उनह कभी भी दर न िकया जाए16 सनदक़ म शरीअत की वह दो तिख़तया रखना जोम तझ दगा

17 सनदक़ का ढकना ख़ािलस सोन का बनाना उसकी लमबाई पौन चार फ़ट और चौड़ाई सवा दो फ़टहो उस का नाम कफ़फ़ार का ढकना ह 18ndash19 सोन सघड़ कर दो करबी फ़िरशत बनाए जाए जो ढकन कदोनो िसरो पर खड़ हो यह दो फ़िरशत और ढकनाएक ही टकड़ स बनान ह 20 फ़िरशतो क पर य ऊपरकी तरफ़ फल हए हो िक वह ढकन को पनाह दउन क मह एक दसर की तरफ़ िकए हए हो और वहढकन की तरफ़ दख

21 ढकन को सनदक़ पर लगा और सनदक़ मशरीअत की वह दो तिख़तया रख जो म तझ दगा22 वहा ढकन क ऊपर दोनो फ़िरशतो क दरिमयानस म अपन आप को तझ पर ज़ािहर करक तझ सहमकलाम हगा और तझ इसराईिलयो क िलए तमामअहकाम दगा

मख़सस रोिटयो की मज़23 कीकर की लकड़ी की मज़ बनाना उस की

लमबाई तीन फ़ट चौड़ाई डढ़ फ़ट और ऊचाई सवादो फ़ट हो 24 उस पर ख़ािलस सोना चढ़ाना औरउस क इदरिगदर सोन की झालर लगाना 25 मज़ कीऊपर की सतह पर चौखटा लगाना िजस की ऊचाईतीन इच हो और िजस पर सोन की झालर लगी हो26 सोन क चार कड़ ढाल कर उनह चारो कोनो परलगाना जहा मज़ क पाए लग ह 27 यह कड़ मज़की सतह पर लग चौखट क नीच लगाए जाए उन

म वह लकिड़या डालनी ह िजन स मज़ को उठायाजाएगा 28 यह लकिड़या भी कीकर की हो और उनपर सोना चढ़ाया जाए उन स मज़ को उठाना ह

29 उस क थाल पयाल मतरबान और म की नज़रपश करन क बतरन ख़ािलस सोन स बनाना ह 30 मज़पर वह रोिटया हर वक़त मर हज़र पड़ी रह जो मरिलए मख़सस ह

शमादान31 ख़ािलस सोन का शमादान भी बनाना उस का

पाया और डडी घड़ कर बनाना ह उस की पयािलया जो फलो और किलयो की शकल की होगी पाए औरडडी क साथ एक ही टकड़ा हो 32 डडी स दाई औरबाई तरफ़ तीन तीन शाख़ िनकल 33 हर शाख़ परतीन पयािलया लगी हो जो बादाम की किलयो औरफलो की शकल की हो 34 शमादान की डडी परभी इस िक़सम की पयािलया लगी हो लिकन तादादम चार 35 इन म स तीन पयािलया दाए बाए की छःशाख़ो क नीच लगी हो वह य लगी हो िक हर पयालीस दो शाख़ िनकल 36 शाख़ और पयािलया बिलकपरा शमादान ख़ािलस सोन क एक ही टकड़ स घड़कर बनाना ह

37 शमादान क िलए सात चराग़ बना कर उनह य शाख़ो पर रखना िक वह सामन की जगह रौशनकर 38 बतती कतरन की क़िचया और जलत कोएलक िलए छोट बतरन भी ख़ािलस सोन स बनाएजाए 39 शमादान और उस सार सामान क िलए पर34 िकलोगराम ख़ािलस सोना इसतमाल िकया जाए40 ग़ौर कर िक सब कछ ऐन उस नमन क मतािबक़बनाया जाए जो म तझ यहा पहाड़ पर िदखाता ह

मलाक़ात का ख़मा

26 1 मक़ददस ख़म क िलए दस पद र बनाना उनक िलए बारीक कतान और नील अग़रवानी

और िक़िमरज़ी रग का धागा इसतमाल करना पदोर मिकसी मािहर कारीगर क कढ़ाई क काम स करबी

96 ख़रज 262ndash30फ़िरशतो का िडज़ाइन बनवाना 2 हर पद र की लमबाई42 फ़ट और चौड़ाई 6 फ़ट हो 3 पाच पदोर क लमबहािशए एक दसर क साथ जोड़ जाए और इसी तरहबाक़ी पाच भी य दो बड़ टकड़ बन जाएग 4 दोनोटकड़ो को एक दसर क साथ िमलान क िलए नीलधाग क हलक़ बनाना यह हलक़ हर टकड़ क 42फ़ट वाल एक िकनार पर लगाए जाए 5 एक टकड़क हािशए पर 50 हलक़ और दसर पर भी उतन हीहलक़ इन दो हािशयो क हलक़ एक दसर क आमन-सामन हो 6 िफर सोन की 50 हक बना कर उन सआमन-सामन क हलक़ एक दसर क साथ िमलानाय दोनो टकड़ जड़ कर ख़म का काम दग

7 बकरी क बालो स भी 11 पद र बनाना िजनह कपड़वाल ख़म क ऊपर रखा जाए 8 हर पद र की लमबाई45 फ़ट और चौड़ाई 6 फ़ट हो 9 पाच पदोर क लमबहािशए एक दसर क साथ जोड़ जाए और इसी तरहबाक़ी छः भी इन छः पदोर क छट पद र को एक दफ़ातह करना यह सामन वाल िहसस स लटक

10 बकरी क बाल क इन दोनो टकड़ो को भीिमलाना ह इस क िलए हर टकड़ क 45 फ़ट वालएक िकनार पर पचास पचास हलक़ लगाना 11 िफरपीतल की 50 हक बना कर उन स दोनो िहससिमलाना 12 जब बकिरयो क बालो का यह ख़माकपड़ क ख़म क ऊपर लगाया जाएगा तो आधा पदारबाक़ी रहगा वह ख़म की िपछली तरफ़ लटका रह13 ख़म क दाई और बाई तरफ़ बकरी क बालो काख़मा कपड़ क ख़म की िनसबत डढ़ डढ़ फ़ट लमबाहोगा य वह दोनो तरफ़ लटक हए कपड़ क ख़मको महफ़ज़ रखगा

14 एक दसर क ऊपर क इन दोनो ख़मो कीिहफ़ाज़त क िलए दो िग़लाफ़ बनान ह बकरी कबालो क ख़म पर मढो की सख़र रगी हई खाल जोड़कर रखी जाए और उन पर तख़स की खाल िमलाकर रखी जाए

15 कीकर की लकड़ी क तख़त बनाना जो खड़िकए जाए तािक ख़म की दीवारो का काम द 16 हर

तख़त की ऊचाई 15 फ़ट हो और चौड़ाई सवा दोफ़ट 17 हर तख़त क नीच दो दो चल हो यह चलहर तख़त को उस क पाइयो क साथ जोड़गी तािकतख़ता खड़ा रह 18 ख़म की जनबी दीवार क िलए20 तख़तो की ज़ररत ह 19 और साथ ही चादी क40 पाइयो की उन पर तख़त खड़ िकए जाएग हरतख़त क नीच दो पाए होग और हर पाए म एकचल लगगी 20 इसी तरह ख़म की िशमाली दीवारक िलए भी 20 तख़तो की ज़ररत ह 21 और साथही चादी क 40 पाइयो की वह भी तख़तो को खड़ाकरन क िलए ह हर तख़त क नीच दो पाए होग22 ख़म की िपछली यानी मग़िरबी दीवार क िलएछः तख़त बनाना 23 इस दीवार को िशमाली औरजनबी दीवारो क साथ जोड़न क िलए कोन वाल दोतख़त बनाना 24 इन दो तख़तो म नीच स ल कर ऊपरतक कोना हो तािक एक स िशमाली दीवार मग़िरबीदीवार क साथ जड़ जाए और दसर स जनबी दीवारमग़िरबी दीवार क साथ इन क ऊपर क िसर कड़ोस मज़बत िकए जाए 25 य िपछल यानी मग़िरबीतख़तो की परी तादाद 8 होगी और इन क िलए चादीक पाइयो की तादाद 16 हर तख़त क नीच दो दोपाए होग

26ndash27 इस क इलावा कीकर की लकड़ी क शहतीरबनाना तीनो दीवारो क िलए पाच पाच शहतीरवह हर दीवार क तख़तो पर य लगाए जाए िकवह उनह एक दसर क साथ िमलाए 28 दरिमयानीशहतीर दीवार की आधी ऊचाई पर दीवार क एकिसर स दसर िसर तक लगाया जाए 29 शहतीरो कोतख़तो क साथ लगान क िलए सोन क कड़ बनाकर तख़तो म लगाना तमाम तख़तो और शहतीरोपर सोना चढ़ाना

30 पर मक़ददस ख़म को उसी नमन क मतािबक़बनाना जो म तझ पहाड़ पर िदखाता ह

ख़रज 2631ndash2716 97

मक़ददस ख़म क पद र31 अब एक और पदार बनाना इस क िलए भी

बारीक कतान और नील अग़रवानी और िक़िमरज़ीरग का धागा इसतमाल करना उस पर भी िकसीमािहर कारीगर क कढ़ाई क काम स करबी फ़िरशतोका िडज़ाइन बनवाना 32 इस सोन की हको सकीकर की लकड़ी क चार सतनो स लटकाना इनसतनो पर सोना चढ़ाया जाए और वह चादी कपाइयो पर खड़ हो 33 यह पदार मक़ददस कमर कोमक़ददसतरीन कमर स अलग करगा िजस म अहदका सनदक़ पड़ा रहगा पद र को लटकान क बादउस क पीछ मक़ददसतरीन कमर म अहद का सनदक़रखना 34 िफर अहद क सनदक़ पर कफ़फ़ार काढकना रखना

35 िजस मज़ पर मर िलए मख़सस की गई रोिटया पड़ी रहती ह वह पद र क बाहर मक़ददस कमर मिशमाल की तरफ़ रखी जाए उस क मक़ािबल जनबकी तरफ़ शमादान रखा जाए

36 िफर ख़म क दरवाज़ क िलए भी पदार बनायाजाए इस क िलए भी बारीक कतान और नीलअग़रवानी और िक़िमरज़ी रग का धागा इसतमाल िकयाजाए इस पर कढ़ाई का काम िकया जाए

37 इस पद र को सोन की हको स कीकर की लकड़ीक पाच सतनो स लटकाना इन सतनो पर भी सोनाचढ़ाया जाए और वह पीतल क पाइयो पर खड़ हो

जानवरो को चढ़ान की क़बारनगाह

27 1 कीकर की लकड़ी की क़बारनगाहबनाना उस की ऊचाई साढ़ चार फ़ट हो

जबिक उस की लमबाई और चौड़ाई साढ़ सात सातफ़ट हो 2 उस क ऊपर चारो कोनो म स एक एकसीग िनकल सीग और क़बारनगाह एक ही टकड़ कहो सब पर पीतल चढ़ाना 3 उस का तमाम साज़-ओ-सामान और बतरन भी पीतल क हो यानी राख को

उठा कर ल जान की बालिटया बलच काट जलतहए कोएल क िलए बतरन और िछड़काओ क कटोर

4 क़बारनगाह को उठान क िलए पीतल का जगलाबनाना जो ऊपर स खला हो जगल क चारो कोनोपर कड़ लगाए जाए 5 क़बारनगाह की आधी ऊचाईपर िकनारा लगाना और क़बारनगाह को जगल म इसिकनार तक रखा जाए 6 उस उठान क िलए कीकरकी दो लकिड़या बनाना िजन पर पीतल चढ़ाना ह7 उन को क़बारनगाह क दोनो तरफ़ क कड़ो म डालदना

8 परी क़बारनगाह लकड़ी की हो लिकन अनदर सखोखली हो उस ऐन उस नमन क मतािबक़ बनानाजो म तझ पहाड़ पर िदखाता ह

ख़म का सहन9 मक़ददस ख़म क िलए सहन बनाना उस की

चारदीवारी बारीक कतान क कपड़ स बनाई जाएचारदीवारी की लमबाई जनब की तरफ़ 150 फ़ट हो10 कपड़ को चादी की हको और पिटटयो स लकड़ीक 20 खमबो क साथ लगाया जाए हर खमबा पीतलक पाए पर खड़ा हो 11 चारदीवारी िशमाल की तरफ़भी इसी की मािननद हो 12 ख़म क पीछ मग़िरब कीतरफ़ चारदीवारी की चौड़ाई 75 फ़ट हो और कपड़ालकड़ी क 10 खमबो क साथ लगाया जाए यह खमबभी पीतल क पाइयो पर खड़ हो

13 सामन मशिरक़ की तरफ़ जहा स सरज तलहोता ह चारदीवारी की चौड़ाई भी 75 फ़ट हो14ndash15 यहा चारदीवारी का दरवाज़ा हो कपड़ादरवाज़ क दाई तरफ़ साढ़ 22 फ़ट चौड़ा हो औरउस क बाई तरफ़ भी उतना ही चौड़ा उस दोनो तरफ़तीन तीन लकड़ी क खमबो क साथ लगाया जाए जोपीतल क पाइयो पर खड़ हो 16 दरवाज़ का पदार 30फ़ट चौड़ा बनाना वह नील अग़रवानी और िक़िमरज़ीरग क धाग और बारीक कतान स बनाया जाए औरउस पर कढ़ाई का काम हो यह कपड़ा लकड़ी क

98 ख़रज 2717ndash2815चार खमबो क साथ लगाया जाए वह भी पीतल कपाइयो पर खड़ हो

17 तमाम खमब पीतल क पाइयो पर खड़ हो औरकपड़ा चादी की हको और पिटटयो स हर खमब कसाथ लगाया जाए 18 चारदीवारी की लमबाई 150फ़ट चौड़ाई 75 फ़ट और ऊचाई साढ़ 7 फ़ट होखमबो क तमाम पाए पीतल क हो 19 जो भी साज़-ओ-सामान मक़ददस ख़म म इसतमाल िकया जाता हवह सब पीतल का हो ख़म और चारदीवारी की मख़भी पीतल की हो

शमादान का तल20 इसराईिलयो को हकम दना िक वह तर पास कट

हए ज़तनो का ख़ािलस तल लाए तािक मक़ददस कमरक शमादान क चराग़ मतवाितर जलत रह 21 हारनऔर उस क बट शमादान को मलाक़ात क ख़म कमक़ददस कमर म रख उस पद र क सामन िजस कपीछ अहद का सनदक़ ह उस म वह तल डालत रहतािक वह रब क सामन शाम स ल कर सबह तकजलता रह इसराईिलयो का यह उसल अबद तकक़ाइम रह

इमामो क िलबास

28 1 अपन भाई हारन और उस क बटो नदबअबीह इलीअज़र और इतमर को बला

म न उनह इसराईिलयो म स चन िलया ह तािक वहइमामो की हिसयत स मरी िख़दमत कर 2 अपन भाईहारन क िलए मक़ददस िलबास बनवाना जो परवक़ारऔर शानदार हो 3 िलबास बनान की िज़ममादारीउन तमाम लोगो को दना जो ऐस कामो म मािहरह और िजन को म न िहकमत की रह स भर िदयाह कयिक जब हारन को मख़सस िकया जाएगा औरवह मक़ददस ख़म की िख़दमत सरअनजाम दगा तो उसइन कपड़ो की ज़ररत होगी

4 उस क िलए यह िलबास बनान ह सीन काकीसा बालापोश चोग़ा बना हआ ज़रजामा पगड़ी

और कमरबनद यह कपड़ अपन भाई हारन औरउस क बटो क िलए बनवान ह तािक वह इमाम कतौर पर िख़दमत कर सक 5 इन कपड़ो क िलए सोनाऔर नील अग़रवानी और िक़िमरज़ी रग का धागा औरबारीक कतान इसतमाल िकया जाए

हारन का बालापोश6 बालापोश को भी सोन और नील अग़रवानी और

िक़िमरज़ी रग क धाग और बारीक कतान स बनानाह उस पर िकसी मािहर कारीगर स कढ़ाई का कामकरवाया जाए 7 उस की दो पिटटया हो जो कधोपर रख कर सामन और पीछ स बालापोश क साथलगी हो 8 इस क इलावा एक पटका बनना ह िजसस बालापोश को बाधा जाए और जो बालापोश कसाथ एक टकड़ा हो उस क िलए भी सोना नीलअग़रवानी और िक़िमरज़ी रग का धागा और बारीककतान इसतमाल िकया जाए

9 िफर अक़ीक़-ए-अहमर क दो पतथर चन कर उनपर इसराईल क बारह बटो क नाम कनदा करना10 हर जौहर पर छः छः नाम उन की पदाइश कीततीरब क मतािबक़ कनदा िकए जाए 11 यह नामउस तरह जौहरो पर कनदा िकए जाए िजस तरह महरकनदा की जाती ह िफर दोनो जौहर सोन क ख़ानो म जड़ कर 12 बालापोश की दो पिटटयो पर ऐस लगानािक कधो पर आ जाए जब हारन मर हज़र आएगातो जौहरो पर क यह नाम उस क कधो पर होग औरमझ इसराईिलयो की याद िदलाएग

13 सोन क ख़ान बनाना 14 और ख़ािलस सोन कीदो ज़नजीर जो डोरी की तरह गधी हई हो िफर इनदो ज़नजीरो को सोन क ख़ानो क साथ लगाना

सीन का कीसा15 सीन क िलए कीसा बनाना उस म वह क़रए पड़

रह िजन की मािरफ़त मरी मज़ीर मालम की जाएगीमािहर कारीगर उस उन ही चीज़ो स बनाए िजनस हारन का बालापोश बनाया गया ह यानी सोन

ख़रज 2816ndash34 99और नील अग़रवानी और िक़िमरज़ी रग क धाग औरबारीक कतान स 16 जब कपड़ को एक दफ़ा तहिकया गया हो तो कीस की लमबाई और चौड़ाई नौनौ इच हो

17 उस पर चार क़तारो म जवािहर जड़ना हरक़तार म तीन तीन जौहर हो पहली क़तार मलाल oज़बजरद pऔर ज़मररद 18 दसरी म फ़ीरोज़ासग-ए-लाजवदर qऔर हजर-उल-क़मर r19 तीसरीम ज़रक़ोन sअक़ीक़ tऔर याक़त-ए-अग़रवानीu20 चौथी म पखराज vअक़ीक़-ए-अहमर wऔरयशब xहर जौहर सोन क ख़ान म जड़ा हआ हो21 यह बारह जवािहर इसराईल क बारह क़बीलो कीनमाइनदगी करत ह एक एक जौहर पर एक क़बीलका नाम कनदा िकया जाए यह नाम उस तरह कनदािकए जाए िजस तरह महर कनदा की जाती ह

22 सीन क कीस पर ख़ािलस सोन की दो ज़नजीरलगाना जो डोरी की तरह गधी हई हो 23 उनहलगान क िलए दो कड़ बना कर कीस क ऊपरक दो कोनो पर लगाना 24 अब दोनो ज़नजीर उनदो कड़ो स लगाना 25 उन क दसर िसर बालापोशकी कधो वाली पिटटयो क दो ख़ानो क साथ जोड़दना िफर सामन की तरफ़ लगाना 26 कीस किनचल दो कोनो पर भी सोन क दो कड़ लगानावह अनदर बालापोश की तरफ़ लग हो 27 अब दोऔर कड़ बना कर बालापोश की कधो वाली पिटटयो

पर लगाना यह भी सामन की तरफ़ लग हो लिकननीच बालापोश क पटक क ऊपर ही 28 सीन ककीस क िनचल कड़ नीली डोरी स बालापोश क इनिनचल कड़ो क साथ बाध जाए य कीसा पटक कऊपर अचछी तरह सीन क साथ लगा रहगा

29 जब भी हारन मिक़दस म दािख़ल हो कर रबक हज़र आएगा वह इसराईली क़बीलो क नाम अपनिदल पर सीन क कीस की सरत म साथ ल जाएगाय वह क़ौम की याद िदलाता रहगा

30 सीन क कीस म दोनो क़रए बनाम ऊरीम औरतममीम रख जाए वह भी मिक़दस म रब क सामनआत वक़त हारन क िदल पर हो य जब हारनरब क हज़र होगा तो रब की मज़ीर पछन का वसीलाहमशा उस क िदल पर होगा

हारन का चोग़ा31 चोग़ा भी बनना वह परी तरह नील धाग स

बनाया जाए चोग़ को बालापोश स पहल पहनाजाए 32 उस क िगरीबान को बन हए कालर समज़बत िकया जाए तािक वह न फट 33 नीलअग़रवानी और िक़िमरज़ी रग क धाग स अनार बना करउनह चोग़ क दामन म लगा दना उन क दरिमयानसोन की घिटया लगाना 34 दामन म अनार औरघिटया बारी बारी लगाना

oया एक िक़सम का सख़र अक़ीक़ याद रह िक चिक क़दीम ज़मान क अकसर जवािहरात क नाम मतरक ह या उन का मतलबबदल गया ह इस िलए उन का मख़तिलफ़ तजरमा हो सकता हpperidotqlapis lazulirmoonstoneshyacinthtagateuamethystvtopaswcarnelianxjasper

100 ख़रज 2835ndash291435 हारन िख़दमत करत वक़त हमशा चोग़ा पहन

जब वह मिक़दस म रब क हज़र आएगा और वहा स िनकलगा तो घिटया सनाई दगी िफर वह नहीमरगा

माथ पर छोटी तख़ती ज़रजामा और पगड़ी36 ख़ािलस सोन की तख़ती बना कर उस पर यह

अलफ़ाज़ कनदा करना lsquoरब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददसrsquo यह अलफ़ाज़ य कनदा िकए जाए िजसतरह महर कनदा की जाती ह 37 उस नीली डोरी सपगड़ी क सामन वाल िहसस स लगाया जाए 38 तािकवह हारन क माथ पर पड़ी रह जब भी वह मिक़दसम जाए तो यह तख़ती साथ हो जब इसराईली अपननज़रान ला कर रब क िलए मख़सस कर लिकनिकसी ग़लती क बाइस क़सरवार हो तो उन का यहक़सर हारन पर मनतिक़ल होगा इस िलए यह तख़तीहर वक़त उस क माथ पर हो तािक रब इसराईिलयोको क़बल कर ल

39 ज़रजाम को बारीक कतान स बनना और इसतरह पगड़ी भी िफर कमरबनद बनाना उस परकढ़ाई का काम िकया जाए

बाक़ी िलबास40 हारन क बटो क िलए भी ज़रजाम कमरबनद

और पगिड़या बनाना तािक वह परवक़ार औरशानदार नज़र आए 41 यह सब अपन भाई हारनऔर उस क बटो को पहनाना उन क सरो पर तलउडल कर उनह मसह करना य उनह उन क उहद परमक़ररर करक मरी िख़दमत क िलए मख़सस करना

42 उन क िलए कतान क पाजाम भी बनाना तािकवह ज़रजाम क नीच नग न हो उन की लमबाईकमर स रान तक हो 43 जब भी हारन और उसक बट मलाक़ात क ख़म म दािख़ल हो तो उनह यहपाजाम पहनन ह इसी तरह जब उनह मक़ददस कमरम िख़दमत करन क िलए क़बारनगाह क पास आनाहोता ह तो वह यह पहन वनार वह क़सरवार ठहर

कर मर जाएग यह हारन और उस की औलाद किलए एक अबदी उसल ह

इमामो की मख़सिसयत

29 1 इमामो को मिक़दस म मरी िख़दमत किलए मख़सस करन का यह तरीक़ा ह

एक जवान बल और दो बऐब मढ चन लना2 बहतरीन मद स तीन िक़सम की चीज़ पकाना िजनम ख़मीर न हो पहल सादा रोटी दसर रोटी िजसम तल डाला गया हो तीसर रोटी िजस पर तललगाया गया हो 3 यह चीज़ टोकरी म रख कर जवानबल और दो मढो क साथ रब को पश करना4 िफर हारन और उस क बटो को मलाक़ात कख़म क दरवाज़ पर ला कर ग़सल कराना 5 इस कबाद ज़रजामा चोग़ा बालापोश और सीन का कीसाल कर हारन को पहनाना बालापोश को उस कमहारत स बन हए पटक क ज़रीए बाधना 6 उस कसर पर पगड़ी बाध कर उस पर सोन की मक़ददसतख़ती लगाना 7 हारन क सर पर मसह का तलउडल कर उस मसह करना

8 िफर उस क बटो को आग ला कर ज़रजामापहनाना 9 उन क पगिड़या और कमरबनद बाधनाय त हारन और उस क बटो को उन क मनसब परमक़ररर करना िसफ़र वह और उन की औलाद हमशातक मिक़दस म मरी िख़दमत करत रह

10 बल को मलाक़ात क ख़म क सामन लानाहारन और उस क बट उस क सर पर अपन हाथरख 11 उस ख़म क दरवाज़ क सामन रब क हज़रज़बह करना 12 बल क ख़न म स कछ ल कर अपनीउगली स क़बारनगाह क सीगो पर लगाना और बाक़ीख़न क़बारनगाह क पाए पर उडल दना 13 अतिड़योपर की तमाम चबीर जोड़कलजी और दोनो गद र उनकी चबीर समत ल कर क़बारनगाह पर जला दना14 लिकन बल क गोशत खाल और अतिड़यो कगोबर को ख़मागाह क बाहर जला दना यह गनाहकी क़बारनी ह

ख़रज 2915ndash36 10115 इस क बाद पहल मढ को ल आना हारन और

उस क बट अपन हाथ मढ क सर पर रख 16 उसज़बह करक उस का ख़न क़बारनगाह क चार पहलओपर िछड़कना 17 मढ को टकड़ टकड़ करक उस कीअतिड़यो और िपडिलयो को धोना िफर उनह सरऔर बाक़ी टकड़ो क साथ िमला कर 18 पर मढ कोक़बारनगाह पर जला दना जलन वाली यह क़बारनीरब क िलए भसम होन वाली क़बारनी ह और उस कीख़शब रब को पसनद ह

19 अब दसर मढ को ल आना हारन और उसक बट अपन हाथ मढ क सर पर रख 20 उस कोज़बह करना उस क ख़न म स कछ ल कर हारनऔर उस क बटो क दहन कान की लौ पर लगानाइसी तरह ख़न को उन क दहन हाथ और दहन पाओक अगठो पर भी लगाना बाक़ी ख़न क़बारनगाह कचार पहलओ पर िछड़कना 21 जो ख़न क़बारनगाहपर पड़ा ह उस म स कछ ल कर और मसह क तलक साथ िमला कर हारन और उस क कपड़ो परिछड़कना इसी तरह उस क बटो और उन क कपड़ोपर भी िछड़कना य वह और उस क बट िख़दमतक िलए मख़सस-ओ-मक़ददस हो जाएग

22 इस मढ का ख़ास मक़सद यह ह िक हारनऔर उस क बटो को मिक़दस म िख़दमत करन काइख़ितयार और उहदा िदया जाए मढ की चबीर दमअतिड़यो पर की सारी चबीर जोड़कलजी दोनो गद रउन की चबीर समत और दहनी रान अलग करनी ह23 उस टोकरी म स जो रब क हज़र यानी ख़म कदरवाज़ पर पड़ी ह एक सादा रोटी एक रोटी िजसम तल डाला गया हो और एक रोटी िजस पर तललगाया गया हो िनकालना 24 मढ स अलग की गईचीज़ और बख़मीरी रोटी की टोकरी की यह चीज़ल कर हारन और उस क बटो क हाथो म दनाऔर वह उनह िहलान वाली क़बारनी क तौर पर रबक सामन िहलाए 25 िफर यह चीज़ उन स वापस लकर भसम होन वाली क़बारनी क साथ क़बारनगाह पर

जला दना यह रब क िलए जलन वाली क़बारनी हऔर उस की ख़शब रब को पसनद ह

26 अब उस मढ का सीना लना िजस की मािरफ़तहारन को इमाम-ए-आज़म का इख़ितयार िदया जाताह सीन को भी िहलान वाली क़बारनी क तौर पररब क सामन िहलाना यह सीना क़बारनी का तरािहससा होगा 27 य तझ हारन और उस क बटो कीमख़सिसयत क िलए मसतामल मढ क टकड़ मख़सस-ओ-मक़ददस करन ह उस क सीन को रब क सामनिहलान वाली क़बारनी क तौर पर िहलाया जाए औरउस की रान को उठान वाली क़बारनी क तौर परउठाया जाए 28 हारन और उस की औलाद कोइसराईिलयो की तरफ़ स हमशा तक यह िमलन काहक़ ह जब भी इसराईली रब को अपनी सलामतीकी क़बारिनया पश कर तो इमामो को यह दो टकड़िमलग

29 जब हारन फ़ौत हो जाएगा तो उस क मक़ददसिलबास उस की औलाद म स उस मदर को दन ह िजसमसह करक हारन की जगह मक़ररर िकया जाएगा30 जो बटा उस की जगह मक़ररर िकया जाएगा औरमिक़दस म िख़दमत करन क िलए मलाक़ात क ख़मम आएगा वह यह िलबास सात िदन तक पहन रह

31 जो मढा हारन और उस क बटो की मख़सिसयतक िलए ज़बह िकया गया ह उस मक़ददस जगह परउबालना ह 32 िफर हारन और उस क बट मलाक़ातक ख़म क दरवाज़ पर मढ का गोशत और टोकरी कीबख़मीरी रोिटया खाए 33 वह यह चीज़ खाए िजनस उनह गनाहो का कफ़फ़ारा और इमाम का उहदािमला ह लिकन कोई और यह न खाए कयिक यहमख़सस-ओ-मक़ददस ह 34 और अगर अगली सबहतक इस गोशत या रोटी म स कछ बच जाए तो उसजलाया जाए उस खाना मना ह कयिक वह मक़ददसह

35 जब त हारन और उस क बटो को इमाम मक़रररकरगा तो ऐन मरी िहदायत पर अमल करना यहतक़रीब सात िदन तक मनाई जाए 36 इस क दौरान

102 ख़रज 2937ndash3012गनाह की क़बारनी क तौर पर रोज़ाना एक जवान बलज़बह करना इस स त क़बारनगाह का कफ़फ़ारा दकर उस हर तरह की नापाकी स पाक करगा इस कइलावा उस पर मसह का तल उडलना इस स वहमर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस हो जाएगा 37 सात िदनतक क़बारनगाह का कफ़फ़ारा द कर उस पाक-साफ़करना और उस तल स मख़सस-ओ-मक़ददस करनािफर क़बारनगाह िनहायत मक़ददस होगी जो भी उसछएगा वह भी मख़सस-ओ-मक़ददस हो जाएगा

रोज़मरार की क़बारिनया 38 रोज़ाना एक एक साल क दो भड़ क नर बचच

क़बारनगाह पर जला दना 39 एक को सबह क वक़तदसर को सरज क ग़रब होन क ऐन बाद 40 पहलजानवर क साथ डढ़ िकलोगराम बहतरीन मदा पशिकया जाए जो कट हए ज़तनो क एक िलटर तलक साथ िमलाया गया हो म की नज़र क तौर परएक िलटर म भी क़बारनगाह पर उडलना 41 दसरजानवर क साथ भी ग़लला और म की यह दो नज़रपश की जाए ऐसी क़बारनी की ख़शब रब को पसनदह

42 लािज़म ह िक आन वाली तमाम नसल भसमहोन वाली यह क़बारनी बाक़ाइदगी स मक़ददस ख़मक दरवाज़ पर रब क हज़र चढ़ाए वहा म तम सिमला करगा और तम स हमकलाम हगा 43 वहा म इसराईिलयो स भी िमला करगा और वह जगहमर जलाल स मख़सस-ओ-मक़ददस हो जाएगी 44 य म मलाक़ात क ख़म और क़बारनगाह को मख़ससकरगा और हारन और उस क बटो को मख़ससकरगा तािक वह इमामो की हिसयत स मरी िख़दमतकर

45 तब म इसराईिलयो क दरिमयान रहगा और उनका ख़दा हगा 46 वह जान लग िक म रब उन काख़दा ह िक म उनह िमसर स िनकाल लाया तािक उनक दरिमयान सकनत कर म रब उन का ख़दा ह

बख़र जलान की क़बारनगाह

30 1 कीकर की लकड़ी की क़बारनगाह बनानािजस पर बख़र जलाया जाए 2 वह डढ़ फ़ट

लमबी इतनी ही चौड़ी और तीन फ़ट ऊची हो उसक चारो कोनो म स सीग िनकल जो क़बारनगाह कसाथ एक ही टकड़ स बनाए गए हो 3 उस की ऊपरकी सतह उस क चार पहलओ और उस क सीगोपर ख़ािलस सोना चढ़ाना ऊपर की सतह क इदरिगदरसोन की झालर हो 4 सोन क दो कड़ बना कर इनहउस झालर क नीच एक दसर क मक़ािबल पहलओपर लगाना इन कड़ो म क़बारनगाह को उठान कीलकिड़या डाली जाएगी 5 यह लकिड़या कीकर कीहो और उन पर भी सोना चढ़ाना

6 इस क़बारनगाह को ख़म क मक़ददस कमर म उसपद र क सामन रखना िजस क पीछ अहद का सनदक़और उस का ढकना होग वह ढकना जहा म तझस िमला करगा 7 जब हारन हर सबह शमादान कचराग़ तययार कर उस वक़त वह उस पर ख़शबदारबख़र जलाए 8 सरज क ग़रब होन क बाद भी जबवह दबारा चराग़ो की दख-भाल करगा तो वह साथसाथ बख़र जलाए य रब क सामन बख़र मतवाितरजलता रह लािज़म ह िक बाद की नसल भी इसउसल पर क़ाइम रह

9 इस क़बारनगाह पर िसफ़र जाइज़ बख़र इसतमालिकया जाए इस पर न तो जानवरो की क़बारिनया चढ़ाई जाए न ग़लला या म की नज़र पश की जाए10 हारन साल म एक दफ़ा उस का कफ़फ़ारा द करउस पाक कर इस क िलए वह कफ़फ़ार क िदन उसक़बारनी का कछ ख़न सीगो पर लगाए यह उसल भीअबद तक क़ाइम रह यह क़बारनगाह रब क िलएिनहायत मक़ददस हrdquo

मदरमशमारी क पस11 रब न मसा स कहा 12 ldquoजब भी त इसराईिलयो

की मदरमशमारी कर तो लािज़म ह िक िजन का शमार

ख़रज 3013ndash36 103िकया गया हो वह रब को अपनी जान का िफ़दया दतािक उन म वबा न फल 13 िजस िजस का शमारिकया गया हो वह चादी क आध िसकक क बराबररक़म उठान वाली क़बारनी क तौर पर द िसकक कावज़न मिक़दस क िसकको क बराबर हो यानी चादी किसकक का वज़न 11 गराम हो इस िलए छः गराम चादीदनी ह 14 िजस की भी उमर 20 साल या इस स ज़ाइदहो वह रब को यह रक़म उठान वाली क़बारनी क तौरपर द 15 अमीर और ग़रीब दोनो इतना ही द कयिकयही नज़राना रब को पश करन स तमहारी जान काकफ़फ़ारा िदया जाता ह 16 कफ़फ़ार की यह रक़ममलाक़ात क ख़म की िख़दमत क िलए इसतमालकरना िफर यह नज़राना रब को याद िदलाता रहगािक तमहारी जानो का कफ़फ़ारा िदया गया हrdquo

धोन का हौज़17 रब न मसा स कहा 18 ldquoपीतल का ढाचा बनाना

िजस पर पीतल का हौज़ बना कर रखना ह यह हौज़धोन क िलए ह उस सहन म मलाक़ात क ख़म औरजानवरो को चढ़ान की क़बारनगाह क दरिमयान रखकर पानी स भर दना 19 हारन और उस क बट अपनहाथ-पाओ धोन क िलए उस का पानी इसतमाल कर20 मलाक़ात क ख़म म दािख़ल होन स पहल ही वहअपन आप को धोए वनार वह मर जाएग इसी तरहजब भी वह ख़म क बाहर की क़बारनगाह पर जानवरोकी क़बारिनया चढ़ाए 21 तो लािज़म ह िक पहल हाथ-पाओ धो ल वनार वह मर जाएग यह उसल हारनऔर उस की औलाद क िलए हमशा तक क़ाइम रहrdquo

मसह का तल22 रब न मसा स कहा 23 ldquoमसह क तल क

िलए उमदा िक़सम क मसाल इसतमाल करना6 िकलोगराम आब-ए-मर 3 िकलोगराम ख़शबदारदारचीनी 3 िकलोगराम ख़शबदार बद 24 और 6

िकलोगराम तजपात यह चीज़ मिक़दस क बाटो किहसाब स तोल कर चार िलटर ज़तन क तल मडालना 25 सब कछ िमला कर ख़शबदार तल तययारकरना वह मक़ददस ह और िसफ़र उस वक़त इसतमालिकया जाए जब कोई चीज़ या शख़स मर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस िकया जाए

26 यही तल ल कर मलाक़ात का ख़मा और उसका सारा सामान मसह करना यानी ख़मा अहदका सनदक़ 27 मज़ और उस का सामान शमादानऔर उस का सामान बख़र जलान की क़बारनगाह28 जानवरो को चढ़ान की क़बारनगाह और उस कासामान धोन का हौज़ और उस का ढाचा 29 य तयह तमाम चीज़ मख़सस-ओ-मक़ददस करगा इस सवह िनहायत मक़ददस हो जाएगी जो भी उनह छएगावह मक़ददस हो जाएगा

30 हारन और उस क बटो को भी इस तल स मसहकरना तािक वह मक़ददस हो कर मर िलए इमाम काकाम सरअनजाम द सक 31 इसराईिलयो को कहद िक यह तल हमशा तक मर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस ह 32 इस िलए इस अपन िलए इसतमाल नकरना और न इस तरकीब स अपन िलए तल बनानायह तल मख़सस-ओ-मक़ददस ह और तमह भी इस य ठहराना ह 33 जो इस तरकीब स आम इसतमाल किलए तल बनाता ह या िकसी आम शख़स पर लगाताह उस उस की क़ौम म स िमटा डालना हrdquo

बख़र की क़बारनी34 रब न मसा स कहा ldquoबख़र इस तरकीब स

बनाना ह मसतकी ओिनका yिबरीजा और ख़ािलसलबान बराबर क िहससो म 35 िमला कर ख़शबदारबख़र बनाना इतरसाज़ का यह काम नमकीनख़ािलस और मक़ददस हो 36 इस म स कछ पीसकर पाउडर बनाना और मलाक़ात क ख़म म अहद

yonycha (unguis odoratus)

104 ख़रज 3037ndash321क सनदक़ क सामन डालना जहा म तझ स िमलाकरगा

इस बख़र को मक़ददसतरीन ठहराना 37 इसीतरकीब क मतािबक़ अपन िलए बख़र न बनाना इसरब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस ठहराना ह 38 जोभी अपन ज़ाती इसतमाल क िलए इस िक़सम काबख़र बनाए उस उस की क़ौम म स िमटा डालनाहrdquo

बज़लीएल और उहिलयाब

31 1 िफर रब न मसा स कहा 2 ldquoम न यहदाहक क़बील क बज़लीएल िबन ऊरी िबन हर

को चन िलया ह तािक वह मक़ददस ख़म की तामीरम राहनमाई कर 3 म न उस इलाही रह स मामरकरक िहकमत समझ और तामीर क हर काम किलए दरकार इलम द िदया ह 4 वह नक़श बना करउन क मतािबक़ सोन चादी और पीतल की चीज़बना सकता ह 5 वह जवािहर को काट कर जड़नकी क़ािबिलयत रखता ह वह लकड़ी को तराश करउस स मख़तिलफ़ चीज़ बना सकता ह वह बहत सारऔर कामो म भी महारत रखता ह

6 साथ ही म न दान क क़बील क उहिलयाब िबनअख़ीसमक को मक़ररर िकया ह तािक वह हर कामम उस की मदद कर इस क इलावा म न तमामसमझदार कारीगरो को महारत दी ह तािक वह सबकछ उन िहदायात क मतािबक़ बना सक जो म नतझ दी ह 7 यानी मलाक़ात का ख़मा कफ़फ़ार कढकन समत अहद का सनदक़ और ख़म का सारादसरा सामान 8 मज़ और उस का सामान ख़ािलससोन का शमादान और उस का सामान बख़र जलानकी क़बारनगाह 9 जानवरो को चढ़ान की क़बारनगाहऔर उस का सामान धोन का हौज़ उस ढाच समतिजस पर वह रखा जाता ह 10 वह िलबास जो हारनऔर उस क बट मिक़दस म िख़दमत करन क िलएपहनत ह 11 मसह का तल और मिक़दस क िलए

ख़शबदार बख़र यह सब कछ वह वस ही बनाएजस म न तझ हकम िदया हrdquo

सबत यानी हफ़त का िदन12 रब न मसा स कहा 13 ldquoइसराईिलयो को बता

िक हर सबत का िदन ज़रर मनाओ कयिक सबतका िदन एक नमाया िनशान ह िजस स जान िलयाजाएगा िक म रब ह जो तमह मख़सस-ओ-मक़ददसकरता ह और यह िनशान मर और तमहार दरिमयाननसल-दर-नसल क़ाइम रहगा 14 सबत का िदन ज़ररमनाना कयिक वह तमहार िलए मख़सस-ओ-मक़ददसह जो भी उस की बहरमती कर वह ज़रर जान समारा जाए जो भी इस िदन काम कर उस उस कीक़ौम म स िमटाया जाए 15 छः िदन काम करनालिकन सातवा िदन आराम का िदन ह वह रब किलए मख़सस-ओ-मक़ददस ह

16 इसराईिलयो को हाल म और मसतक़िबल मसबत का िदन अबदी अहद समझ कर मनाना ह17 वह मर और इसराईिलयो क दरिमयान अबदीिनशान होगा कयिक रब न छः िदन क दौरानआसमान-ओ-ज़मीन को बनाया जबिक सातव िदनउस न आराम िकया और ताज़ादम हो गयाrdquo

रब शरीअत की तिख़तया दता ह18 यह सब कछ मसा को बतान क बाद रब न उस

सीना पहाड़ पर शरीअत की दो तिख़तया दी अललाहन ख़द पतथर की इन तिख़तयो पर तमाम बात िलखीथी

सोन का बछड़ा

32 1 पहाड़ क दामन म लोग मसा क इिनतज़ारम रह लिकन बहत दर हो गई एक िदन

वह हारन क िगदर जमा हो कर कहन लग ldquoआएहमार िलए दवता बना द जो हमार आग आग चलतहए हमारी राहनमाई कर कयिक कया मालम िक उस

ख़रज 322ndash23 105बनद मसा को कया हआ ह जो हम िमसर स िनकाललायाrdquo

2 जवाब म हारन न कहा ldquoआप की बीिवया बटऔर बिटया अपनी सोन की बािलया उतार कर मरपास ल आएrdquo 3 सब लोग अपनी बािलया उतारउतार कर हारन क पास ल आए 4 तो उस न यहज़वरात ल कर बछड़ा ढाल िदया बछड़ को दखकर लोग बोल उठ ldquoऐ इसराईल यह तर दवता हजो तझ िमसर स िनकाल लाएrdquo

5 जब हारन न यह दखा तो उस न बछड़ कसामन क़बारनगाह बना कर एलान िकया ldquoकल हमरब की ताज़ीम म ईद मनाएगrdquo 6 अगल िदन लोगसबह-सवर उठ और भसम होन वाली क़बारिनया औरसलामती की क़बारिनया चढ़ाई वह खान-पीन किलए बठ गए और िफर उठ कर रगरिलयो म अपनिदल बहलान लग

मसा अपनी क़ौम की शफ़ाअत करता ह7 उस वक़त रब न मसा स कहा ldquoपहाड़ स उतर

जा तर लोग िजनह त िमसर स िनकाल लाया बड़ीशरारत कर रह ह 8 वह िकतनी जलदी स उस रासतस हट गए ह िजस पर चलन क िलए म न उनह हकमिदया था उनहो न अपन िलए ढाला हआ बछड़ा बनाकर उस िसजदा िकया ह उनहो न उस क़बारिनया पशकरक कहा ह lsquoऐ इसराईल यह तर दवता ह यहीतझ िमसर स िनकाल लाए हrsquordquo 9 अललाह न मसा सकहा ldquoम न दखा ह िक यह क़ौम बड़ी हटधमर ह10 अब मझ रोकन की कोिशश न कर म उन परअपना ग़ज़ब उडल कर उन को र-ए-ज़मीन पर सिमटा दगा उन की जगह म तझ स एक बड़ी क़ौमबना दगाrdquo

11 लिकन मसा न कहा ldquoऐ रब त अपनी क़ौमपर अपना ग़ससा कय उतारना चाहता ह त ख़दअपनी अज़ीम क़दरत स उस िमसर स िनकाल लायाह 12 िमसरी कय कह lsquoरब इसराईिलयो को िसफ़र इसबर मक़सद स हमार मलक स िनकाल ल गया ह िक

उनह पहाड़ी इलाक़ म मार डाल और य उनह र-ए-ज़मीन पर स िमटाएrsquo अपना ग़ससा ठडा होन द औरअपनी क़ौम क साथ बरा सलक करन स बाज़ रह13 याद रख िक त न अपन ख़ािदमो इबराहीम इसहाक़और याक़ब स अपनी ही क़सम खा कर कहा थाlsquoम तमहारी औलाद की तादाद य बढ़ाऊगा िक वहआसमान क िसतारो क बराबर हो जाएगी म उनहवह मलक दगा िजस का वादा म न िकया ह औरवह उस हमशा क िलए मीरास म पाएगrsquordquo

14 मसा क कहन पर रब न वह नही िकया िजस काएलान उस न कर िदया था बिलक वह अपनी क़ौमस बरा सलक करन स बाज़ रहा

बतपरसती क नताइज15 मसा मड़ कर पहाड़ स उतरा उस क हाथो म

शरीअत की दोनो तिख़तया थी उन पर आग पीछिलखा गया था 16 अललाह न ख़द तिख़तयो को बनाकर उन पर अपन अहकाम कनदा िकए थ

17 उतरत उतरत यशअ न लोगो का शोर सना औरमसा स कहा ldquoख़मागाह म जग का शोर मच रहाहrdquo 18 मसा न जवाब िदया ldquoन तो यह फ़तहमनदोक नार ह न िशकसत खाए हओ की चीख़-पकारमझ गान वालो की आवाज़ सनाई द रही हrdquo

19 जब वह ख़मागाह क नज़दीक पहचा तो उस नलोगो को सोन क बछड़ क सामन नाचत हए दखाबड़ ग़सस म आ कर उस न तिख़तयो को ज़मीन परपटख़ िदया और वह टकड़ टकड़ हो कर पहाड़ कदामन म िगर गई 20 मसा न इसराईिलयो क बनाए हएबछड़ को जला िदया जो कछ बच गया उस उस नपीस पीस कर पाउडर बना डाला और पाउडर पानीपर िछड़क कर इसराईिलयो को िपला िदया

21 उस न हारन स पछा ldquoइन लोगो न तमहार साथकया िकया िक तम न उनह ऐस बड़ गनाह म फसािदयाrdquo 22 हारन न कहा ldquoमर आक़ा ग़सस न होआप ख़द जानत ह िक यह लोग बदी पर तल रहतह 23 उनहो न मझ स कहा lsquoहमार िलए दवता बना

106 ख़रज 3224ndash337द जो हमार आग आग चलत हए हमारी राहनमाईकर कयिक कया मालम िक उस बनद मसा को कयाहआ ह जो हम िमसर स िनकाल लायाrsquo 24 इस िलएम न उन को बताया lsquoिजस क पास सोन क ज़वरातह वह उनह उतार लाएrsquo जो कछ उनहो न मझ िदयाउस म न आग म फक िदया तो होत होत सोन कायह बछड़ा िनकल आयाrdquo

25 मसा न दखा िक लोग बकाब हो गए ह कयिकहारन न उनह बलगाम छोड़ िदया था और य वहइसराईल क दशमनो क िलए मज़ाक़ का िनशाना बनगए थ 26 मसा ख़मागाह क दरवाज़ पर खड़ होकर बोला ldquoजो भी रब का बनदा ह वह मर पासआएrdquo जवाब म लावी क क़बील क तमाम लोगउस क पास जमा हो गए 27 िफर मसा न उन सकहा ldquoरब इसराईल का ख़दा फ़रमाता ह lsquoहर एकअपनी तलवार ल कर ख़मागाह म स गज़र एक िसरक दरवाज़ स शर करक दसर िसर क दरवाज़ तकचलत चलत हर िमलन वाल को जान स मार दो चाहवह तमहारा भाई दोसत या िरशतदार ही कय न होिफर मड़ कर मारत मारत पहल दरवाज़ पर वापसआ जाओrsquordquo

28 लािवयो न मसा की िहदायत पर अमल िकयातो उस िदन तक़रीबन 3000 मदर हलाक हए 29 यहदख कर मसा न लािवयो स कहा ldquoआज अपनआप को मिक़दस म रब की िख़दमत करन क िलएमख़सस-ओ-मक़ददस करो कयिक तम अपन बटोऔर भाइयो क िख़लाफ़ लड़न क िलए तययार थइस िलए रब तम को आज बरकत दगाrdquo

30 अगल िदन मसा न इसराईिलयो स बात की ldquoतमन िनहायत सगीन गनाह िकया ह तो भी म अब रबक पास पहाड़ पर जा रहा ह शायद म तमहार गनाहका कफ़फ़ारा द सकrdquo

31 चनाच मसा न रब क पास वापस जा कर कहाldquoहाय इस क़ौम न िनहायत सगीन गनाह िकया हउनहो न अपन िलए सोन का दवता बना िलया32 महरबानी करक उनह मआफ़ कर लिकन अगर

त उनह मआफ़ न कर तो िफर मझ भी अपनी उसिकताब म स िमटा द िजस म त न अपन लोगोक नाम दजर िकए हrdquo 33 रब न जवाब िदया ldquoमिसफ़र उस को अपनी िकताब म स िमटाता ह जो मरागनाह करता ह 34 अब जा लोगो को उस जगह लचल िजस का िज़कर म न िकया ह मरा फ़िरशता तरआग आग चलगा लिकन जब सज़ा का मक़रररा िदनआएगा तब म उनह सज़ा दगाrdquo

35 िफर रब न इसराईिलयो क दरिमयान वबा फलनदी इस िलए िक उनहो न उस बछड़ की पजा की थीजो हारन न बनाया था

33 1 रब न मसा स कहा ldquoइस जगह स रवानाहो जा उन लोगो को ल कर िजन को त

िमसर स िनकाल लाया ह उस मलक को जा िजस कावादा म न इबराहीम इसहाक़ और याक़ब स िकयाह उन ही स म न क़सम खा कर कहा था lsquoम यहमलक तमहारी औलाद को दगाrsquo 2 म तर आग आगफ़िरशता भज कर कनआनी अमोरी िहतती फ़िरज़ज़ीिहववी और यबसी अक़वाम को उस मलक स िनकालदगा 3 उठ उस मलक को जा जहा दध और शहदकी कसरत ह लिकन म साथ नही जाऊगा तम इतनहटधमर हो िक अगर म साथ जाऊ तो ख़तरा ह िकतमह वहा पहचन स पहल ही बबारद कर दrdquo

4 जब इसराईिलयो न यह सख़त अलफ़ाज़ सन तोवह मातम करन लग िकसी न भी अपन ज़वर नपहन 5 कयिक रब न मसा स कहा था ldquoइसराईिलयोको बता िक तम हटधमर हो अगर म एक लमहा भीतमहार साथ चल तो ख़तरा ह िक म तमह तबाह करद अब अपन ज़वरात उतार डालो िफर म फ़सलाकरगा िक तमहार साथ कया िकया जाएrdquo

6 इन अलफ़ाज़ पर इसराईिलयो न होिरब यानी सीनापहाड़ पर अपन ज़वर उतार िदए

मलाक़ात का ख़मा7 उस वक़त मसा न ख़मा ल कर उस कछ फ़ािसल

पर ख़मागाह क बाहर लगा िदया उस न उस का

ख़रज 338ndash346 107नाम lsquoमलाक़ात का ख़माrsquo रखा जो भी रब की मज़ीरदरयाफ़त करना चाहता वह ख़मागाह स िनकल करवहा जाता 8 जब भी मसा ख़मागाह स िनकल करवहा जाता तो तमाम लोग अपन ख़मो क दरवाज़ोपर खड़ हो कर मसा क पीछ दखन लगत उस कमलाक़ात क ख़म म ओझल होन तक वह उस दखतरहत

9 मसा क ख़म म दािख़ल होन पर बादल का सतनउतर कर ख़म क दरवाज़ पर ठहर जाता िजतनीदर तक रब मसा स बात करता उतनी दर तक वहवहा ठहरा रहता 10 जब इसराईली मलाक़ात क ख़मक दरवाज़ पर बादल का सतन दखत तो वह अपनअपन ख़म क दरवाज़ पर खड़ हो कर िसजदा करत11 रब मसा स र-ब-र बात करता था ऐस शख़स कीतरह जो अपन दोसत स बात करता ह इस क बादमसा िनकल कर ख़मागाह को वापस चला जातालिकन उस का जवान मददगार यशअ िबन नन ख़मको नही छोड़ता था

मसा रब का जलाल दखता ह12 मसा न रब स कहा ldquoदख त मझ स कहता

आया ह िक इस क़ौम को कनआन ल चल लिकनत मर साथ िकस को भजगा त न अब तक यहबात मझ नही बताई हालािक त न कहा ह lsquoम तझबनाम जानता ह तझ मरा करम हािसल हआ हrsquo13 अगर मझ वाक़ई तरा करम हािसल ह तो मझअपन रासत िदखा तािक म तझ जान ल और तराकरम मझ हािसल होता रह इस बात का ख़यालरख िक यह क़ौम तरी ही उममत हrdquo

14 रब न जवाब िदया ldquoम ख़द तर साथ चलगाऔर तझ आराम दगाrdquo 15 मसा न कहा ldquoअगर तख़द साथ नही चलगा तो िफर हम यहा स रवाना नकरना 16 अगर त हमार साथ न जाए तो िकस तरहपता चलगा िक मझ और तरी क़ौम को तरा करमहािसल हआ ह हम िसफ़र इसी वजह स दिनया कीदीगर क़ौमो स अलग और ममताज़ हrdquo

17 रब न मसा स कहा ldquoम तरी यह दरख़वासत भीपरी करगा कयिक तझ मरा करम हािसल हआ हऔर म तझ बनाम जानता हrdquo

18 िफर मसा बोला ldquoबराह-ए-करम मझ अपनाजलाल िदखाrdquo 19 रब न जवाब िदया ldquoम अपनीपरी भलाई तर सामन स गज़रन दगा और तर सामनही अपन नाम रब का एलान करगा म िजस परमहरबान होना चाह उस पर महरबान होता ह औरिजस पर रहम करना चाह उस पर रहम करता ह20 लिकन त मरा िचहरा नही दख सकता कयिक जोभी मरा िचहरा दख वह िज़नदा नही रह सकताrdquo21 िफर रब न फ़रमाया ldquoदख मर पास एक जगह हवहा की चटान पर खड़ा हो जा 22 जब मरा जलालवहा स गज़रगा तो म तझ चटान क एक िशगाफ़ मरखगा और अपना हाथ तर ऊपर फलाऊगा तािक तमर गज़रन क दौरान महफ़ज़ रह 23 इस क बाद मअपना हाथ हटाऊगा और त मर पीछ दख सकगालिकन मरा िचहरा दखा नही जा सकताrdquo

पतथर की नई तिख़तया

34 1 रब न मसा स कहा ldquoअपन िलए पतथरकी दो तिख़तया तराश ल जो पहली दो की

मािननद हो िफर म उन पर वह अलफ़ाज़ िलखगाजो पहली तिख़तयो पर िलख थ िजनह त न पटख़िदया था 2 सबह तक तययार हो कर सीना पहाड़पर चढ़ना चोटी पर मर सामन खड़ा हो जा 3 तरसाथ कोई भी न आए बिलक पर पहाड़ पर कोई औरशख़स नज़र न आए यहा तक िक भड़-बकिरया औरगाय-बल भी पहाड़ क दामन म न चरrdquo

4 चनाच मसा न दो तिख़तया तराश ली जो पहलीकी मािननद थी िफर वह सबह-सवर उठ कर सीनापहाड़ पर चढ़ गया िजस तरह रब न उस हकम िदयाथा उस क हाथो म पतथर की दोनो तिख़तया थी5 जब वह चोटी पर पहचा तो रब बादल म उतरआया और उस क पास खड़ हो कर अपन नामरब का एलान िकया 6 मसा क सामन स गज़रत

108 ख़रज 347ndash25हए उस न पकारा ldquoरब रब रहीम और महरबानख़दा तहममल शफ़क़त और वफ़ा स भरपर 7 वहहज़ारो पर अपनी शफ़क़त क़ाइम रखता और लोगोका क़सर नाफ़रमानी और गनाह मआफ़ करता हलिकन वह हर एक को उस की मनािसब सज़ा भीदता ह जब वािलदन गनाह कर तो उन की औलादको भी तीसरी और चौथी पशत तक सज़ा क नताइजभगतन पड़गrdquo

8 मसा न जलदी स झक कर िसजदा िकया 9 उस नकहा ldquoऐ रब अगर मझ पर तरा करम हो तो हमारसाथ चल बशक यह क़ौम हटधमर ह तो भी हमाराक़सर और गनाह मआफ़ कर और बख़श द िक हमदबारा तर ही बन जाएrdquo

10 तब रब न कहा ldquoम तमहार साथ अहद बाधगातरी क़ौम क सामन ही म ऐस मोिजज़ करगा जोअब तक दिनया भर की िकसी भी क़ौम म नही िकएगए परी क़ौम िजस क दरिमयान त रहता ह रबका काम दखगी और उस स डर जाएगी जो म तरसाथ करगा 11 जो अहकाम म आज दता ह उनपर अमल करता रह म अमोरी कनआनी िहततीफ़िरज़ज़ी िहववी और यबसी अक़वाम को तर आगआग मलक स िनकाल दगा 12 ख़बरदार जो उसमलक म रहत ह जहा त जा रहा ह उन स अहद नबाधना वनार वह तर दरिमयान रहत हए तझ गनाहोम फसात रहग 13 उन की क़बारनगाह ढा दना उनक बतो क सतन टकड़ टकड़ कर दना और उन कीदवी यसीरत क खमब काट डालना

14 िकसी और माबद की परिसतश न करनाकयिक रब का नाम ग़यर ह अललाह ग़रतमनद ह15 ख़बरदार उस मलक क बािशनदो स अहद नकरना कयिक तर दरिमयान रहत हए भी वह अपनमाबदो की परवी करक िज़ना करग और उनहक़बारिनया चढ़ाएग आिख़रकार वह तझ भी अपनीक़बारिनयो म िशकर त की दावत दग 16 ख़तरा ह िक त

उन की बिटयो का अपन बटो क साथ िरशता बाधिफर जब यह अपन माबदो की परवी करक िज़नाकरगी तो उन क सबब स तर बट भी उन की परवीकरन लगग

17 अपन िलए दवता न ढालना

सालाना ईद18 बख़मीरी रोटी की ईद मनाना अबीब क महीन

zम सात िदन तक तरी रोटी म ख़मीर न हो िजस तरहम न हकम िदया ह कयिक इस महीन म त िमसर सिनकला

19 हर पहलौठा मरा ह तर माल मविशयो का हरपहलौठा मरा ह चाह बछड़ा हो या लला 20 लिकनपहलौठ गध क इवज़ भड़ दना अगर यह ममिकनन हो तो उस की गदरन तोड़ डालना अपन पहलौठबटो क िलए भी इवज़ी दना कोई मर पास ख़ालीहाथ न आए

21 छः िदन काम-काज करना लिकन सातव िदनआराम करना ख़वाह हल चलाना हो या फ़सलकाटनी हो तो भी सातव िदन आराम करना

22 गनदम की फ़सल की कटाई की ईद aउस वक़तमनाना जब त गह की पहली फ़सल काटगा अगरऔर फल जमा करन की ईद इसराईली साल कइख़ितताम पर मनानी ह 23 लािज़म ह िक तर तमाममदर साल म तीन मतरबा रब क़ािदर-ए-मतलक़ कसामन जो इसराईल का ख़दा ह हािज़र हो 24 म तरआग आग क़ौमो को मलक स िनकाल दगा और तरीसरहदद बढ़ाता जाऊगा िफर जब त साल म तीनमतरबा रब अपन ख़दा क हज़र आएगा तो कोई भीतर मलक का लालच नही करगा

25 जब त िकसी जानवर को ज़बह करक क़बारनीक तौर पर पश करता ह तो उस क ख़न क साथ ऐसीरोटी पश न करना िजस म ख़मीर हो ईद-ए-फ़सह कीक़बारनी स अगली सबह तक कछ बाक़ी न रह

zमाचर ता अपरलaिसतमबर ता अकतबर

ख़रज 3426ndash3516 10926 अपनी ज़मीन की पहली पदावार म स बहतरीन

िहससा रब अपन ख़दा क घर म ल आनाबकरी या भड़ क बचच को उस की मा क दध म न

पकानाrdquo

मसा क िचहर पर चमक27 रब न मसा स कहा ldquoयह तमाम बात िलख ल

कयिक यह उस अहद की बनयाद ह जो म न तर औरइसराईल क साथ बाधा हrdquo

28 मसा चालीस िदन और चालीस रात वही रब कहज़र रहा इस दौरान न उस न कछ खाया न िपयाउस न पतथर की तिख़तयो पर अहद क दस अहकामिलख

29 इस क बाद मसा शरीअत की दोनो तिख़तयो कोहाथ म िलए हए सीना पहाड़ स उतरा उस क िचहरकी िजलद चमक रही थी कयिक उस न रब स बातकी थी लिकन उस ख़द इस का इलम नही था30 जब हारन और तमाम इसराईिलयो न दखा िकमसा का िचहरा चमक रहा ह तो वह उस क पासआन स डर गए 31 लिकन उस न उनह बलाया तोहारन और जमाअत क तमाम सरदार उस क पासआए और उस न उन स बात की 32 बाद म बाक़ीइसराईली भी आए और मसा न उनह तमाम अहकामसनाए जो रब न उस कोह-ए-सीना पर िदए थ

33 यह सब कछ कहन क बाद मसा न अपन िचहरपर िनक़ाब डाल िलया 34 जब भी वह रब स बातकरन क िलए मलाक़ात क ख़म म जाता तो िनक़ाबको ख़म स िनकलत वक़त तक उतार लता औरजब वह िनकल कर इसराईिलयो को रब स िमल हएअहकाम सनाता 35 तो वह दखत िक उस क िचहरकी िजलद चमक रही ह इस क बाद मसा दबारािनक़ाब को अपन िचहर पर डाल लता और वह उसवक़त तक िचहर पर रहता जब तक मसा रब स बातकरन क िलए मलाक़ात क ख़म म न जाता था

सबत का िदन

35 1 मसा न इसराईल की परी जमाअत कोइकटठा करक कहा ldquoरब न तम को यह

हकम िदए ह 2 छः िदन काम-काज िकया जाएलिकन सातवा िदन मख़सस-ओ-मक़ददस हो वह रबक िलए आराम का सबत ह जो भी इस िदन कामकर उस सज़ा-ए-मौत दी जाए 3 हफ़त क िदन अपनतमाम घरो म आग तक न जलानाrdquo

मलाक़ात क ख़म क िलए सामान4 मसा न इसराईल की परी जमाअत स कहा ldquoरब

न िहदायत दी ह 5 िक जो कछ तमहार पास ह उस मस हिदए ला कर रब को उठान वाली क़बारनी क तौरपर पश करो जो भी िदली ख़शी स दना चाह वहइन चीज़ो म स कछ द सोना चादी पीतल 6 नीलअग़रवानी और िक़िमरज़ी रग का धागा बारीक कतानबकरी क बाल 7 मढो की सख़र रगी हई खालतख़स की खाल कीकर की लकड़ी 8 शमादान किलए ज़तन का तल मसह करन क िलए तल औरख़शबदार बख़र क िलए मसाल 9 अक़ीक़-ए-अहमरऔर दीगर जवािहर जो इमाम-ए-आज़म क बालापोशऔर सीन क कीस म जड़ जाएग

10 तम म स िजतन मािहर कारीगर ह वह आ करवह कछ बनाए जो रब न फ़रमाया 11 यानी ख़मा औरवह िग़लाफ़ जो उस क ऊपर लगाए जाएग हकदीवारो क तख़त शहतीर सतन और पाए 12 अहदका सनदक़ उस उठान की लकिड़या उस ककफ़फ़ार का ढकना मक़ददसतरीन कमर क दरवाज़का पदार 13 मख़सस रोिटयो की मज़ उस उठानकी लकिड़या उस का सारा सामान और रोिटया14 शमादान और उस पर रखन क चराग़ उस कसामान समत शमादान क िलए तल 15 बख़र जलानकी क़बारनगाह उस उठान की लकिड़या मसह कातल ख़शबदार बख़र मक़ददस ख़म क दरवाज़ कापदार 16 जानवरो को चढ़ान की क़बारनगाह उस का

110 ख़रज 3517ndash364पीतल का जगला उस उठान की लकिड़या औरबाक़ी सारा सामान धोन का हौज़ और वह ढाचािजस पर हौज़ रखा जाता ह 17 चारदीवारी क पद रउन क खमबो और पाइयो समत सहन क दरवाज़का पदार 18 ख़म और चारदीवारी की मख़ और रसस19 और वह मक़ददस िलबास जो हारन और उस कबट मिक़दस म िख़दमत करन क िलए पहनत हrdquo

20 यह सन कर इसराईल की परी जमाअत मसाक पास स चली गई 21 और जो जो िदली ख़शीस दना चाहता था वह मलाक़ात क ख़म उस कसामान या इमामो क कपड़ो क िलए कोई हिदयाल कर वापस आया 22 रब क हिदए क िलए मदरऔर ख़वातीन िदली ख़शी स अपन सोन क ज़वरातमसलन जड़ाओ िपन बािलया और छलल ल आए23 िजस िजस क पास दरकार चीज़ो म स कछ थावह उस मसा क पास ल आया यानी नील िक़िमरज़ीऔर अग़रवानी रग का धागा बारीक कतान बकरीक बाल मढो की सख़र रगी हई खाल और तख़सकी खाल 24 चादी पीतल और कीकर की लकड़ीभी हिदए क तौर पर लाई गई 25 और िजतनी औरतकातन म मािहर थी वह अपनी काती हई चीज़ लआई यानी नील िक़िमरज़ी और अग़रवानी रग काधागा और बारीक कतान 26 इसी तरह जो जो औरतबकरी क बाल कातन म मािहर थी और िदली ख़शीस मिक़दस क िलए काम करना चाहती थी वहयह कात कर ल आई 27 सरदार अक़ीक़-ए-अहमरऔर दीगर जवािहर ल आए जो इमाम-ए-आज़म कबालापोश और सीन क कीस क िलए दरकार थ28 वह शमादान मसह क तल और ख़शबदार बख़रक िलए मसाल और ज़तन का तल भी ल आए

29 य इसराईल क तमाम मदर और ख़वातीन जो िदलीख़शी स रब को कछ दना चाहत थ उस सार कामक िलए हिदए ल आए जो रब न मसा की मािरफ़तकरन को कहा था

बज़लीएल और उहिलयाब30 िफर मसा न इसराईिलयो स कहा ldquoरब न यहदाह

क क़बील क बज़लीएल िबन ऊरी िबन हर को चनिलया ह 31 उस न उस इलाही रह स मामर करकिहकमत समझ और तामीर क हर काम क िलएदरकार इलम द िदया ह 32 वह नक़श बना कर उनक मतािबक़ सोन चादी और पीतल की चीज़ बनासकता ह 33 वह जवािहर को काट कर जड़न कीक़ािबिलयत रखता ह वह लकड़ी को तराश करउस स मख़तिलफ़ चीज़ बना सकता ह वह बहतसार और कामो म भी महारत रखता ह 34 साथ हीरब न उस और दान क क़बील क उहिलयाब िबनअख़ीसमक को दसरो को िसखान की क़ािबिलयतभी दी ह 35 उस न उनह वह महारत और िहकमत दीह जो हर काम क िलए दरकार ह यानी कारीगरी कहर काम क िलए कढ़ाई क काम क िलए नीलअग़रवानी और िक़िमरज़ी रग क धाग और बारीककतान स कपड़ा बनान क िलए और बनाई क कामक िलए वह मािहर कारीगर ह और नक़श भी बनासकत ह

36 1 लािज़म ह िक बज़लीएल उहिलयाब औरबाक़ी कारीगर िजन को रब न मिक़दस की

तामीर क िलए िहकमत और समझ दी ह सब कछऐन उन िहदायात क मतािबक़ बनाए जो रब न दीहrdquo

इसराईली िदली ख़शी स दत ह2 मसा न बज़लीएल और उहिलयाब को बलाया

साथ ही उस न हर उस कारीगर को भी बलाया िजसरब न मिक़दस की तामीर क िलए िहकमत और महारतदी थी और जो ख़शी स आना और यह काम करनाचाहता था 3 उनह मसा स तमाम हिदए िमल जोइसराईली मिक़दस की तामीर क िलए लाए थ

इस क बाद भी लोग रोज़-ब-रोज़ सबह क वक़तहिदए लात रह 4 आिख़रकार तमाम कारीगर जो

ख़रज 365ndash34 111मिक़दस बनान क काम म लग थ अपना काम छोड़कर मसा क पास आए 5 उनहो न कहा ldquoलोग हद सज़यादा ला रह ह िजस काम का हकम रब न िदया हउस क िलए इतन सामान की ज़ररत नही हrdquo 6 तबमसा न परी ख़मागाह म एलान करवा िदया िक कोईमदर या औरत मिक़दस की तामीर क िलए अब कछन लाए

य उनह मज़ीद चीज़ लान स रोका गया 7 कयिककाम क िलए सामान ज़ररत स ज़यादा हो गया था

मलाक़ात का ख़मा8 जो कारीगर महारत रखत थ उनहो न ख़म को

बनाया उनहो न बारीक कतान और नील अग़रवानीऔर िक़िमरज़ी धाग स दस पद र बनाए पदोर पर िकसीमािहर कारीगर क कढ़ाई क काम स करबी फ़िरशतोका िडज़ाइन बनाया गया 9 हर पद र की लमबाई 42फ़ट और चौड़ाई 6 फ़ट थी 10 पाच पदोर क लमबहािशए एक दसर क साथ जोड़ गए और इसी तरहबाक़ी पाच भी य दो बड़ टकड़ बन गए 11 दोनोटकड़ो को एक दसर क साथ िमलान क िलए उनहो ननील धाग क हलक़ बनाए यह हलक़ हर टकड़ क 42फ़ट वाल एक िकनार पर लगाए गए 12 एक टकड़क हािशए पर 50 हलक़ और दसर पर भी उतन हीहलक़ इन दो हािशयो क हलक़ एक दसर क आमन-सामन थ 13 िफर बज़लीएल न सोन की 50 हक बनाकर उन स आमन-सामन क हलक़ो को एक दसर कसाथ िमलाया य दोनो टकड़ो क जोड़न स ख़मा बनगया

14 उस न बकरी क बालो स भी 11 पद र बनाए िजनहकपड़ वाल ख़म क ऊपर रखना था 15 हर पद र कीलमबाई 45 फ़ट और चौड़ाई 6 फ़ट थी 16 पाच पदोरक लमब हािशए एक दसर क साथ जोड़ गए और इसतरह बाक़ी छः भी 17 इन दोनो टकड़ो को िमलानक िलए उस न हर टकड़ क 45 फ़ट वाल एक िकनारपर पचास पचास हलक़ लगाए 18 िफर पीतल की 50हक बना कर उस न दोनो िहसस िमलाए

19 एक दसर क ऊपर क दोनो ख़मो की िहफ़ाज़तक िलए बज़लीएल न दो और िग़लाफ़ बनाए बकरीक बालो क ख़म पर रखन क िलए उस न मढो कीसख़र रगी हई खाल जोड़ दी और उस क ऊपर रखनक िलए तख़स की खाल िमलाई

20 इस क बाद उस न कीकर की लकड़ी क तख़तबनाए जो ख़म की दीवारो का काम दत थ 21 हरतख़त की ऊचाई 15 फ़ट थी और चौड़ाई सवा दोफ़ट 22 हर तख़त क नीच दो दो चल थी इन चलोस हर तख़त को उस क पाइयो क साथ जोड़ा जाताथा तािक तख़ता खड़ा रह 23 ख़म की जनबी दीवारक िलए 20 तख़त बनाए गए 24 और साथ ही चादीक 40 पाए भी िजन पर तख़त खड़ िकए जात थ हरतख़त क नीच दो पाए थ और हर पाए म एक चललगती थी 25 इसी तरह ख़म की िशमाली दीवार किलए भी 20 तख़त बनाए गए 26 और साथ ही चादीक 40 पाए जो तख़तो को खड़ा करन क िलए थहर तख़त क नीच दो पाए थ 27 ख़म की िपछलीयानी मग़िरबी दीवार क िलए छः तख़त बनाए गए28 इस दीवार को िशमाली और जनबी दीवारो कसाथ जोड़न क िलए कोन वाल दो तख़त बनाए गए29 इन दो तख़तो म नीच स ल कर ऊपर तक कोनाथा तािक एक स िशमाली दीवार मग़िरबी दीवार कसाथ जड़ जाए और दसर स जनबी दीवार मग़िरबीदीवार क साथ इन क ऊपर क िसर कड़ो स मज़बतिकए गए 30 य िपछल यानी मग़िरबी तख़तो की परीतादाद 8 थी और इन क िलए चादी क पाइयो कीतादाद 16 हर तख़त क नीच दो पाए

31ndash32 िफर बज़लीएल न कीकर की लकड़ी कशहतीर बनाए तीनो दीवारो क िलए पाच पाचशहतीर वह हर दीवार क तख़तो पर य लगान किलए थ िक उन स तख़त एक दसर क साथ िमलाएजाए 33 दरिमयानी शहतीर य बनाया गया िक वहदीवार की आधी ऊचाई पर दीवार क एक िसर सदसर िसर तक लग सकता था 34 उस न तमाम तख़तोऔर शहतीरो पर सोना चढ़ाया शहतीरो को तख़तो

112 ख़रज 3635ndash3719क साथ लगान क िलए उस न सोन क कड़ बनाएजो तख़तो म लगान थ

मक़ददस ख़म क पद र35 अब बज़लीएल न एक और पदार बनाया उस

क िलए भी बारीक कतान और नील अग़रवानी औरिक़िमरज़ी रग का धागा इसतमाल हआ उस पर भीिकसी मािहर कारीगर क कढ़ाई क काम स करबीफ़िरशतो का िडज़ाइन बनाया गया 36 िफर उस नपद र को लटकान क िलए कीकर की लकड़ी क चारसतन सोन की हक और चादी क चार पाए बनाएसतनो पर सोना चढ़ाया गया

37 बज़लीएल न ख़म क दरवाज़ क िलए भी पदारबनाया वह भी बारीक कतान और नील अग़रवानीऔर िक़िमरज़ी रग क धाग स बनाया गया और उसपर कढ़ाई का काम िकया गया 38 इस पद र कोलटकान क िलए उस न सोन की हक और कीकरकी लकड़ी क पाच सतन बनाए सतनो क ऊपर किसरो और पिटटयो पर सोना चढ़ाया गया जबिक उनक पाए पीतल क थ

अहद का सनदक़

37 1 बज़लीएल न कीकर की लकड़ी कासनदक़ बनाया उस की लमबाई पौन चार

फ़ट थी जबिक उस की चौड़ाई और ऊचाई सवा दोदो फ़ट थी 2 उस न पर सनदक़ पर अनदर और बाहरस ख़ािलस सोना चढ़ाया ऊपर की सतह क इदरिगदरउस न सोन की झालर लगाई 3 सनदक़ को उठान किलए उस न सोन क चार कड़ ढाल कर उनह सनदक़क चारपाइयो पर लगाया दोनो तरफ़ दो दो कड़थ 4 िफर उस न कीकर की दो लकिड़या सनदक़को उठान क िलए तययार की और उन पर सोनाचढ़ाया 5 उस न इन लकिड़यो को दोनो तरफ़ ककड़ो म डाल िदया तािक उन स सनदक़ को उठायाजा सक

6 बज़लीएल न सनदक़ का ढकना ख़ािलस सोन काबनाया उस की लमबाई पौन चार फ़ट और चौड़ाईसवा दो फ़ट थी 7ndash8 िफर उस न दो करबी फ़िरशतसोन स घड़ कर बनाए जो ढकन क दोनो िसरो परखड़ थ यह दो फ़िरशत और ढकना एक ही टकड़ सबनाए गए 9 फ़िरशतो क पर य ऊपर की तरफ़ फलहए थ िक वह ढकन को पनाह दत थ उन क महएक दसर की तरफ़ िकए हए थ और वह ढकन कीतरफ़ दखत थ

मख़सस रोिटयो की मज़10 इस क बाद बज़लीएल न कीकर की लकड़ी

की मज़ बनाई उस की लमबाई तीन फ़ट चौड़ाईडढ़ फ़ट और ऊचाई सवा दो फ़ट थी 11 उस न उसपर ख़ािलस सोना चढ़ा कर उस क इदरिगदर सोन कीझालर लगाई 12 मज़ की ऊपर की सतह पर उसन चौखटा भी लगाया िजस की ऊचाई तीन इच थीऔर िजस पर सोन की झालर लगी थी 13 अब उसन सोन क चार कड़ ढाल कर उनह चारो कोनो परलगाया जहा मज़ क पाए लग थ 14 यह कड़ मज़ कीसतह पर लग चौखट क नीच लगाए गए उन म वहलकिड़या डालनी थी िजन स मज़ को उठाना था15 बज़लीएल न यह लकिड़या भी कीकर स बनाईऔर उन पर सोना चढ़ाया

16 आिख़रकार उस न ख़ािलस सोन क वह थालपयाल म की नज़र पश करन क बतरन और मतरबानबनाए जो उस पर रख जात थ

शमादान17 िफर बज़लीएल न ख़ािलस सोन का शमादान

बनाया उस का पाया और डडी घड़ कर बनाएगए उस की पयािलया जो फलो और किलयो कीशकल की थी पाए और डडी क साथ एक ही टकड़ाथी 18 डडी स दाई और बाई तरफ़ तीन तीन शाख़िनकलती थी 19 हर शाख़ पर तीन पयािलया लगीथी जो बादाम की किलयो और फलो की शकल

ख़रज 3720ndash3815 113की थी 20 शमादान की डडी पर भी इस िक़सम कीपयािलया लगी थी लिकन तादाद म चार 21 इन मस तीन पयािलया दाए बाए की छः शाख़ो क नीचलगी थी वह य लगी थी िक हर पयाली स दो शाख़िनकलती थी 22 शाख़ और पयािलया बिलक पराशमादान ख़ािलस सोन क एक ही टकड़ स घड़ करबनाया गया

23 बज़लीएल न शमादान क िलए ख़ािलस सोन कसात चराग़ बनाए उस न बतती कतरन की क़िचया और जलत कोएल क िलए छोट बतरन भी ख़ािलससोन स बनाए 24 शमादान और उस क तमाम सामानक िलए पर 34 िकलोगराम ख़ािलस सोना इसतमालहआ

बख़र जलान की क़बारनगाह25 बज़लीएल न कीकर की लकड़ी की क़बारनगाह

बनाई जो बख़र जलान क िलए थी वह डढ़ फ़टलमबी इतनी ही चौड़ी और तीन फ़ट ऊची थी उसक चार कोनो म स सीग िनकलत थ जो क़बारनगाह कसाथ एक ही टकड़ स बनाए गए थ 26 उस की ऊपरकी सतह उस क चार पहलओ और उस क सीगोपर ख़ािलस सोना चढ़ाया गया ऊपर की सतह कइदरिगदर बज़लीएल न सोन की झालर बनाई 27 सोनक दो कड़ बना कर उस न उनह इस झालर क नीचएक दसर क मक़ािबल पहलओ पर लगाया इनकड़ो म क़बारनगाह को उठान की लकिड़या डालीगई 28 यह लकिड़या कीकर की थी और उन परभी सोना चढ़ाया गया

29 बज़लीएल न मसह करन का मक़ददस तल औरख़शबदार ख़ािलस बख़र भी बनाया यह इतरसाज़ काकाम था

जानवरो को पश करन की क़बारनगाह

38 1 बज़लीएल न कीकर की लकड़ी की एकऔर क़बारनगाह बनाई जो भसम होन वाली

क़बारिनयो क िलए थी उस की ऊचाई साढ़ चार फ़ट

उस की लमबाई और चौड़ाई साढ़ सात सात फ़ट थी2 उस क ऊपर चारो कोनो म स सीग िनकलत थसीग और क़बारनगाह एक ही टकड़ क थ और उसपर पीतल चढ़ाया गया 3 उस का तमाम साज़-ओ-सामान और बतरन भी पीतल क थ यानी राख को उठाकर ल जान की बालिटया बलच काट जलत हएकोएल क िलए बतरन और िछड़काओ क कटोर

4 क़बारनगाह को उठान क िलए उस न पीतल काजगला बनाया वह ऊपर स खला था और य बनायागया िक जब क़बारनगाह उस म रखी जाए तो वह उसिकनार तक पहच जो क़बारनगाह की आधी ऊचाई परलगी थी 5 उस न क़बारनगाह को उठान क िलए चारकड़ बना कर उनह जगल क चार कोनो पर लगाया6 िफर उस न कीकर की दो लकिड़या बना कर उनपर पीतल चढ़ाया 7 और क़बारनगाह क दोनो तरफ़लग इन कड़ो म डाल दी य उस उठाया जा सकताथा क़बारनगाह लकड़ी की थी लिकन खोखली थी

8 बज़लीएल न धोन का हौज़ और उस का ढाचाभी पीतल स बनाया उस का पीतल उन औरतो कआईनो स िमला था जो मलाक़ात क ख़म क दरवाज़पर िख़दमत करती थी

ख़म का सहन9 िफर बज़लीएल न सहन बनाया उस की

चारदीवारी बारीक कतान क कपड़ स बनाई गईचारदीवारी की लमबाई जनब की तरफ़ 150 फ़टथी 10 कपड़ को लगान क िलए चादी की हकपिटटया लकड़ी क खमब और उन क पाए बनाए गए11 चारदीवारी िशमाल की तरफ़ भी इसी तरह बनाईगई 12 ख़म क पीछ मग़िरब की तरफ़ चारदीवारी कीचौड़ाई 75 फ़ट थी कपड़ क इलावा उस क िलए10 खमब 10 पाए और कपड़ा लगान क िलए चादीकी हक और पिटटया बनाई गई 13 सामन मशिरक़की तरफ़ जहा स सरज तल होता ह चारदीवारी कीचौड़ाई भी 75 फ़ट थी 14ndash15 कपड़ा दरवाज़ क दाईतरफ़ साढ़ 22 फ़ट चौड़ा था और उस क बाई तरफ़

114 ख़रज 3816ndash395भी उतना ही चौड़ा उस दोनो तरफ़ तीन तीन खमबोक साथ लगाया गया जो पीतल क पाइयो पर खड़ थ16 चारदीवारी क तमाम पदोर क िलए बारीक कतानइसतमाल हआ 17 खमब पीतल क पाइयो पर खड़थ और पद र चादी की हको और पिटटयो स खमबोक साथ लग थ खमबो क ऊपर क िसरो पर चादीचढ़ाई गई थी सहन क तमाम खमबो पर चादी कीपिटटया लगी थी

18 चारदीवारी क दरवाज़ का पदार नील अग़रवानीऔर िक़िमरज़ी रग क धाग और बारीक कतान सबनाया गया और उस पर कढ़ाई का काम िकयागया वह 30 फ़ट चौड़ा और चारदीवारी क दसरपदोर की तरह साढ़ सात फ़ट ऊचा था 19 उस क चारखमब और पीतल क चार पाए थ उस की हक औरपिटटया चादी की थी और खमबो क ऊपर क िसरोपर चादी चढ़ाई गई थी 20 ख़म और चारदीवारी कीतमाम मख़ पीतल की थी

ख़म का तामीरी सामान21 ज़ल म उस सामान की फ़हिरसत ह जो मिक़दस

की तामीर क िलए इसतमाल हआ मसा क हकमपर इमाम-ए-आज़म हारन क बट इतमर न लािवयोकी मािरफ़त यह फ़हिरसत तययार की 22 (यहदाह कक़बील क बज़लीएल िबन ऊरी िबन हर न वह सबकछ बनाया जो रब न मसा को बताया था 23 उस कसाथ दान क क़बील का उहिलयाब िबन अख़ीसमकथा जो कारीगरी क हर काम और कढ़ाई क काम ममािहर था वह नील अग़रवानी और िक़िमरज़ी रग कधाग और बारीक कतान स कपड़ा बनान म भी मािहरथा)

24 उस सोन का वज़न जो लोगो क हिदयो स जमाहआ और मिक़दस की तामीर क िलए इसतमाल हआतक़रीबन 1000 िकलोगराम था (उस मिक़दस कबाटो क िहसाब स तोला गया)

25 तामीर क िलए चादी जो मदरमशमारी क िहसाबस वसल हई उस का वज़न तक़रीबन 3430

िकलोगराम था (उस भी मिक़दस क बाटो क िहसाबस तोला गया) 26 िजन मदोर की उमर 20 साल या इसस ज़ाइद थी उनह चादी का आधा आधा िसकका दनापड़ा मदोर की कल तादाद 603550 थी 27 चिकदीवारो क तख़तो क पाए और मक़ददसतरीन कमरक दरवाज़ क सतनो क पाए चादी क थ इस िलएतक़रीबन परी चादी इन 100 पाइयो क िलए सफ़रहई 28 तक़रीबन 30 िकलोगराम चादी बच गई इसस चारदीवारी क खमबो की हक और पिटटया बनाईगई और यह खमबो क ऊपर क िसरो पर भी चढ़ाईगई

29 जो पीतल हिदयो स जमा हआ उस का वज़नतक़रीबन 2425 िकलोगराम था 30 ख़म क दरवाज़क पाए जानवरो को चढ़ान की क़बारनगाह उस काजगला बतरन और साज़-ओ-सामान 31 चारदीवारीक पाए सहन क दरवाज़ क पाए और ख़म औरचारदीवारी की तमाम मख़ इसी स बनाई गई

हारन का बालापोश

39 1 बज़लीएल की िहदायत पर कारीगरो ननील अग़रवानी और िक़िमरज़ी रग का धागा

ल कर मिक़दस म िख़दमत क िलए िलबास बनाएउनहो न हारन क मक़ददस कपड़ उन िहदायात क ऐनमतािबक़ बनाए जो रब न मसा को दी थी 2 उनहो नइमाम-ए-आज़म का बालापोश बनान क िलए सोनानील अग़रवानी और िक़िमरज़ी रग का धागा औरबारीक कतान इसतमाल िकया 3 उनहो न सोन कोकट कट कर वक़र बनाया और िफर उस काट करधाग बनाए जब नील अग़रवानी और िक़िमरज़ी रगक धाग और बारीक कतान स कपड़ा बनाया गयातो सोन का यह धागा महारत स कढ़ाई क कामम इसतमाल हआ 4 उनहो न बालापोश क िलए दोपिटटया बनाई और उनह बालापोश क कधो पर रखकर सामन और पीछ स बालापोश क साथ लगाइ5 पटका भी बनाया गया िजस स बालापोश को बाधाजाता था इस क िलए भी सोना नील अग़रवानी और

ख़रज 396ndash29 115िक़िमरज़ी रग का धागा और बारीक कतान इसतमालहआ यह उन िहदायात क ऐन मतािबक़ हआ जोरब न मसा को दी थी 6 िफर उनहो न अक़ीक़-ए-अहमर क दो पतथर चन िलए और उनह सोन क ख़ानोम जड़ कर उन पर इसराईल क बारह बटो क नामकनदा िकए यह नाम जौहरो पर उस तरह कनदा िकएगए िजस तरह महर कनदा की जाती ह 7 उनहो नपतथरो को बालापोश की दो पिटटयो पर य लगाया िकवह हारन क कधो पर रब को इसराईिलयो की यादिदलात रह यह सब कछ रब की दी गई िहदायातक ऐन मतािबक़ हआ

सीन का कीसा8 इस क बाद उनहो न सीन का कीसा बनाया

यह मािहर कारीगर का काम था और उन ही चीज़ोस बना िजन स हारन का बालापोश भी बना थायानी सोन और नील अग़रवानी और िक़िमरज़ी रगक धाग और बारीक कतान स 9 जब कपड़ कोएक दफ़ा तह िकया गया तो कीस की लमबाई औरचौड़ाई नौ नौ इच थी 10 उनहो न उस पर चारक़तारो म जवािहर जड़ हर क़तार म तीन तीन जौहरथ पहली क़तार म लाल ज़बजरद और ज़मररद11 दसरी म फ़ीरोज़ा सग-ए-लाजवदर और हजर-उल-क़मर 12 तीसरी म ज़रक़ोन अक़ीक़ और याक़त-ए-अग़रवानी 13 चौथी म पखराज अक़ीक़-ए-अहमरऔर यशब हर जौहर सोन क ख़ान म जड़ा हआ था14 यह बारह जवािहर इसराईल क बारह क़बीलो कीनमाइनदगी करत थ एक एक जौहर पर एक क़बीलका नाम कनदा िकया गया और यह नाम उस तरहकनदा िकए गए िजस तरह महर कनदा की जाती ह

15 अब उनहो न सीन क कीस क िलए ख़ािलससोन की दो ज़नजीर बनाई जो डोरी की तरह गधीहई थी 16 साथ साथ उनहो न सोन क दो ख़ान औरदो कड़ भी बनाए उनहो न यह कड़ कीस क ऊपरक दो कोनो पर लगाए 17 िफर दोनो ज़नजीर उनदो कड़ो क साथ लगाई गई 18 उन क दसर िसर

बालापोश की कधो वाली पिटटयो क दो ख़ानो कसाथ जोड़ िदए गए िफर सामन की तरफ़ लगाए गए19 उनहो न कीस क िनचल दो कोनो पर भी सोन कदो कड़ लगाए वह अनदर बालापोश की तरफ़ लगथ 20 अब उनहो न दो और कड़ बना कर बालापोशकी कधो वाली पिटटयो पर लगाए यह भी सामन कीतरफ़ लग थ लिकन नीच बालापोश क पटक कऊपर ही 21 उनहो न सीन क कीस क िनचल कड़नीली डोरी स बालापोश क इन िनचल कड़ो क साथबाध य कीसा पटक क ऊपर अचछी तरह सीन कसाथ लगा रहा यह उन िहदायात क ऐन मतािबक़हआ जो रब न मसा को दी थी

हारन का चोग़ा22 िफर कारीगरो न चोग़ा बना वह परी तरह नील

धाग स बनाया गया चोग़ को बालापोश स पहलपहनना था 23 उस क िगरीबान को बन हए कालरस मज़बत िकया गया तािक वह न फट 24 उनहो ननील अग़रवानी और िक़िमरज़ी रग क धाग स अनारबना कर उनह चोग़ क दामन म लगा िदया 25 उनक दरिमयान ख़ािलस सोन की घिटया लगाई गई26 दामन म अनार और घिटया बारी बारी लगाई गईलािज़म था िक हारन िख़दमत करन क िलए हमशायह चोग़ा पहन रब न मसा को यही हकम िदया था

िख़दमत क िलए दीगर िलबास27 कारीगरो न हारन और उस क बटो क िलए

बारीक कतान क ज़रजाम बनाए यह बनन वालका काम था 28 साथ साथ उनहो न बारीक कतानकी पगिड़या और बारीक कतान क पाजाम बनाए29 कमरबनद को बारीक कतान और नील अग़रवानीऔर िक़िमरज़ी रग क धाग स बनाया गया कढ़ाईकरन वालो न इस पर काम िकया सब कछ उनिहदायात क मतािबक़ बनाया गया जो रब न मसाको दी थी

116 ख़रज 3930ndash401530 उनहो न मक़ददस ताज यानी ख़ािलस सोन की

तख़ती बनाई और उस पर यह अलफ़ाज़ कनदा िकएlsquoरब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददसrsquo 31 िफर उनहो नइस नीली डोरी स पगड़ी क सामन वाल िहसस सलगा िदया यह भी उन िहदायात क मतािबक़ बनायागया जो रब न मसा को दी थी

सारा सामान मसा को िदखाया जाता ह32 आिख़रकार मिक़दस का काम मकममल हआ

इसराईिलयो न सब कछ उन िहदायात क मतािबक़बनाया था जो रब न मसा को दी थी 33 वह मिक़दसकी तमाम चीज़ मसा क पास ल आए यानी मक़ददसख़मा और उस का सारा सामान उस की हक दीवारोक तख़त शहतीर सतन और पाए 34 ख़म पर मढो की सख़र रगी हई खालो का िग़लाफ़ और तख़स कीखालो का िग़लाफ़ मक़ददसतरीन कमर क दरवाज़का पदार 35 अहद का सनदक़ िजस म शरीअत कीतिख़तया रखनी थी उस उठान की लकिड़या औरउस का ढकना 36 मख़सस रोिटयो की मज़ उसका सारा सामान और रोिटया 37 ख़ािलस सोन काशमादान और उस पर रखन क चराग़ उस क सारसामान समत शमादान क िलए तल 38 बख़र जलानकी सोन की क़बारनगाह मसह का तल ख़शबदारबख़र मक़ददस ख़म क दरवाज़ का पदार 39 जानवरोको चढ़ान की पीतल की क़बारनगाह उस का पीतलका जगला उस उठान की लकिड़या और बाक़ीसारा सामान धोन का हौज़ और वह ढाचा िजसपर हौज़ रखना था 40 चारदीवारी क पद र उन कखमबो और पाइयो समत सहन क दरवाज़ का पदारचारदीवारी क रसस और मख़ मलाक़ात क ख़मम िख़दमत करन का बाक़ी सारा सामान 41 औरमिक़दस म िख़दमत करन क वह मक़ददस िलबासजो हारन और उस क बटो को पहनन थ

42 सब कछ उन िहदायात क मतािबक़ बनाया गयाथा जो रब न मसा को दी थी 43 मसा न तमाम चीज़ोका मआइना िकया और मालम िकया िक उनहो न

सब कछ रब की िहदायात क मतािबक़ बनाया थातब उस न उनह बरकत दी

मिक़दस को खड़ा करन की िहदायात

40 1 िफर रब न मसा स कहा 2 ldquoपहल महीनकी पहली तारीख़ को मलाक़ात का ख़मा

खड़ा करना 3 अहद का सनदक़ िजस म शरीअतकी तिख़तया ह मक़ददसतरीन कमर म रख कर उसक दरवाज़ का पदार लगाना 4 इस क बाद मख़ससरोिटयो की मज़ मक़ददस कमर म ला कर उस परतमाम ज़ररी सामान रखना उस कमर म शमादान भील आना और उस पर उस क चराग़ रखना 5 बख़रकी सोन की क़बारनगाह उस पद र क सामन रखनािजस क पीछ अहद का सनदक़ ह िफर ख़म म दािख़ल होन क दरवाज़ पर पदार लगाना 6 जानवरोको चढ़ान की क़बारनगाह सहन म ख़म क दरवाज़क सामन रखी जाए 7 ख़म और इस क़बारनगाह कदरिमयान धोन का हौज़ रख कर उस म पानी डालना8 सहन की चारदीवारी खड़ी करक उस क दरवाज़का पदार लगाना

9 िफर मसह का तल ल कर उस ख़म और उसक सार सामान पर िछड़क दना य त उस मरिलए मख़सस करगा और वह मक़ददस होगा 10 िफरजानवरो को चढ़ान की क़बारनगाह और उस कसामान पर मसह का तल िछड़कना य त उस मरिलए मख़सस करगा और वह िनहायत मक़ददस होगा11 इसी तरह हौज़ और उस ढाच को भी मख़ससकरना िजस पर हौज़ रखा गया ह

12 हारन और उस क बटो को मलाक़ात क ख़मक दरवाज़ पर ला कर ग़सल कराना 13 िफर हारनको मक़ददस िलबास पहनाना और उस मसह करकमर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस करना तािक इमाम कतौर पर मरी िख़दमत कर 14 उस क बटो को ला करउनह ज़रजाम पहना दना 15 उनह उन क वािलद कीतरह मसह करना तािक वह भी इमामो क तौर परमरी िख़दमत कर जब उनह मसह िकया जाएगा तो

ख़रज 4016ndash38 117वह और बाद म उन की औलाद हमशा तक मिक़दसम इस िख़दमत क िलए मख़सस होगrdquo

मिक़दस को खड़ा िकया जाता ह16 मसा न सब कछ रब की िहदायात क मतािबक़

िकया 17 पहल महीन की पहली तारीख़ को मक़ददसख़मा खड़ा िकया गया उनह िमसर स िनकल परा एकसाल हो गया था 18 मसा न दीवार क तख़तो कोउन क पाइयो पर खड़ा करक उन क साथ शहतीरलगाए इसी तरह उस न सतनो को भी खड़ा िकया19 उस न रब की िहदायात क ऐन मतािबक़ दीवारोपर कपड़ का ख़मा लगाया और उस पर दसर िग़लाफ़रख

20 उस न शरीअत की दोनो तिख़तया ल कर अहदक सनदक़ म रख दी उठान क िलए लकिड़या सनदक़ क कड़ो म डाल दी और कफ़फ़ार का ढकनाउस पर लगा िदया 21 िफर उस न रब की िहदायात कऐन मतािबक़ सनदक़ को मक़ददसतरीन कमर म रखकर उस क दरवाज़ का पदार लगा िदया य अहद कसनदक़ पर पदार पड़ा रहा 22 मसा न मख़सस रोिटयोकी मज़ मक़ददस कमर क िशमाली िहसस म उस पद रक सामन रख दी िजस क पीछ अहद का सनदक़ था23 उस न रब की िहदायत क ऐन मतािबक़ रब किलए मख़सस की हई रोिटया मज़ पर रखी 24 उसीकमर क जनबी िहसस म उस न शमादान को मज़क मक़ािबल रख िदया 25 उस पर उस न रब कीिहदायत क ऐन मतािबक़ रब क सामन चराग़ रखिदए 26 उस न बख़र की सोन की क़बारनगाह भी उसीकमर म रखी उस पद र क िबलकल सामन िजस कपीछ अहद का सनदक़ था 27 उस न उस पर रब कीिहदायत क ऐन मतािबक़ ख़शबदार बख़र जलाया

28 िफर उस न ख़म का दरवाज़ा लगा िदया29 बाहर जा कर उस न जानवरो को चढ़ान कीक़बारनगाह ख़म क दरवाज़ क सामन रख दी उसपर उस न रब की िहदायत क ऐन मतािबक़ भसमहोन वाली क़बारिनया और ग़लला की नज़र चढ़ाई

30 उस न धोन क हौज़ को ख़म और उस क़बारनगाहक दरिमयान रख कर उस म पानी डाल िदया31 मसा हारन और उस क बट उस अपन हाथ-पाओ धोन क िलए इसतमाल करत थ 32 जब भीवह मलाक़ात क ख़म म दािख़ल होत या जानवरोको चढ़ान की क़बारनगाह क पास आत तो रब कीिहदायत क ऐन मतािबक़ पहल ग़सल करत

33 आिख़र म मसा न ख़मा क़बारनगाह औरचारदीवारी खड़ी करक सहन क दरवाज़ का पदारलगा िदया य मसा न मिक़दस की तामीर मकममलकी

ख़म म रब का जलाल34 िफर मलाक़ात क ख़म पर बादल छा गया और

मिक़दस रब क जलाल स भर गया 35 मसा ख़म म दािख़ल न हो सका कयिक बादल उस पर ठहरा हआथा और मिक़दस रब क जलाल स भर गया था

36 तमाम सफ़र क दौरान जब भी मिक़दस क ऊपरस बादल उठता तो इसराईली सफ़र क िलए तययारहो जात 37 अगर वह न उठता तो वह उस वक़त तकठहर रहत जब तक बादल उठ न जाता 38 िदन कवक़त बादल मिक़दस क ऊपर ठहरा रहता और रातक वक़त वह तमाम इसराईिलयो को आग की सरत मनज़र आता था यह िसलिसला पर सफ़र क दौरानजारी रहा

अहबार

भसम होन वाली क़बारनी

1 1 रब न मलाक़ात क ख़म म स मसा को बलाकर कहा 2 िक इसराईिलयो को इिततला द

ldquoअगर तम म स कोई रब को क़बारनी पश करनाचाह तो वह अपन गाय-बलो या भड़-बकिरयो म सजानवर चन ल

3 अगर वह अपन गाय-बलो म स भसम होन वालीक़बारनी चढ़ाना चाह तो वह बऐब बल चन कर उसमलाक़ात क ख़म क दरवाज़ पर पश कर तािक रबउस क़बल कर 4 क़बारनी पश करन वाला अपनाहाथ जानवर क सर पर रख तो यह क़बारनी मक़बलहो कर उस का कफ़फ़ारा दगी 5 क़बारनी पश करनवाला बल को वहा रब क सामन ज़बह कर िफरहारन क बट जो इमाम ह उस का ख़न रब कोपश करक उस दरवाज़ पर की क़बारनगाह क चारपहलओ पर िछड़क 6 इस क बाद क़बारनी पशकरन वाला खाल उतार कर जानवर क टकड़ टकड़कर 7 इमाम क़बारनगाह पर आग लगा कर उस परततीरब स लकिड़या चन 8 उस पर वह जानवर कटकड़ सर और चबीर समत रख 9 लािज़म ह िकक़बारनी पश करन वाला पहल जानवर की अतिड़या और िपडिलया धोए िफर इमाम पर जानवर कोक़बारनगाह पर जला द इस जलन वाली क़बारनी कीख़शब रब को पसनद ह

10 अगर भसम होन वाली क़बारनी भड़-बकिरयो म स चनी जाए तो वह बऐब नर हो 11 पश करन वालाउस रब क सामन क़बारनगाह की िशमाली िसमत मज़बह कर िफर हारन क बट जो इमाम ह उसका ख़न क़बारनगाह क चार पहलओ पर िछड़क12 इस क बाद पश करन वाला जानवर क टकड़टकड़ कर और इमाम यह टकड़ सर और चबीर समत

क़बारनगाह की जलती हई लकिड़यो पर ततीरब सरख 13 लािज़म ह िक क़बारनी पश करन वाला पहलजानवर की अतिड़या और िपडिलया धोए िफरइमाम पर जानवर को रब को पश करक क़बारनगाहपर जला द इस जलन वाली क़बारनी की ख़शब रबको पसनद ह

14 अगर भसम होन वाली क़बारनी पिरनदा हो तो वहक़मरी या जवान कबतर हो 15 इमाम उस क़बारनगाहक पास ल आए और उस का सर मरोड़ करक़बारनगाह पर जला द वह उस का ख़न य िनकलनद िक वह क़बारनगाह की एक तरफ़ स नीच टपक16 वह उस का पोटा और जो उस म ह दर करकक़बारनगाह की मशिरक़ी िसमत म फक द वहा जहा राख फकी जाती ह 17 उस पश करत वक़त इमामउस क पर पकड़ कर पिरनद को फाड़ डाल लिकनय िक वह िबलकल टकड़ टकड़ न हो जाए िफरइमाम उस क़बारनगाह पर जलती हई लकिड़यो परजला द इस जलन वाली क़बारनी की ख़शब रब कोपसनद ह

ग़लला की नज़र

2 1 अगर कोई रब को ग़लला की नज़र पश करनाचाह तो वह इस क िलए बहतरीन मदा इसतमाल

कर उस पर वह ज़तन का तल उडल और लबानरख कर 2 उस हारन क बटो क पास ल आए जोइमाम ह इमाम तल स िमलाया गया मटठी भर मदाऔर तमाम लबान ल कर क़बारनगाह पर जला दयह यादगार का िहससा ह और उस की ख़शब रबको पसनद ह 3 बाक़ी मदा और तल हारन औरउस क बटो का िहससा ह वह रब की जलन वालीक़बारिनयो म स एक िनहायत मक़ददस िहससा ह

अहबार 24ndash315 1194 अगर यह क़बारनी तनर म पकाई हई रोटी हो तो

उस म ख़मीर न हो इस की दो िक़सम हो सकतीह रोिटया जो बहतरीन मद और तल स बनी हई होऔर रोिटया िजन पर तल लगाया गया हो

5 अगर यह क़बारनी तव पर पकाई हई रोटी हो तोवह बहतरीन मद और तल की हो उस म ख़मीर नहो 6 चिक वह ग़लला की नज़र ह इस िलए रोटी कोटकड़ टकड़ करना और उस पर तल डालना

7 अगर यह क़बारनी कड़ाही म पकाई हई रोटी होतो वह बहतरीन मद और तल की हो

8 अगर त इन चीज़ो की बनी हई ग़लला की नज़र रबक हज़र लाना चाह तो उस इमाम को पश करनावही उस क़बारनगाह क पास ल आए 9 िफर इमामयादगार का िहससा अलग करक उस क़बारनगाह परजला द ऐसी क़बारनी की ख़शब रब को पसनद ह10 क़बारनी का बाक़ी िहससा हारन और उस क बटोक िलए ह वह रब की जलन वाली क़बारिनयो म सएक िनहायत मक़ददस िहससा ह

11 ग़लला की िजतनी नज़र तम रब को पश करत होउन म ख़मीर न हो कयिक लािज़म ह िक तम रबको जलन वाली क़बारनी पश करत वक़त न ख़मीरन शहद जलाओ 12 यह चीज़ फ़सल क पहल फलोक साथ रब को पश की जा सकती ह लिकन उनहक़बारनगाह पर न जलाया जाए कयिक वहा रब कोउन की ख़शब पसनद नही ह 13 ग़लला की हर नज़रम नमक हो कयिक नमक उस अहद की नमाइनदगीकरता ह जो तर ख़दा न तर साथ बाधा ह तझ हरक़बारनी म नमक डालना ह

14 अगर त ग़लला की नज़र क िलए फ़सल क पहलफल पश करना चाह तो कचली हई कचची बािलया भन कर पश करना 15 चिक वह ग़लला की नज़र हइस िलए उस पर तल उडलना और लबान रखना16 कचल हए दानो और तल का जो िहससा रब काह यानी यादगार का िहससा उस इमाम तमाम लबानक साथ जला द यह नज़र रब क िलए जलन वालीक़बारनी ह

सलामती की क़बारनी

3 1 अगर कोई रब को सलामती की क़बारनी पशकरन क िलए गाय या बल चढ़ाना चाह तो वह

जानवर बऐब हो 2 वह अपना हाथ जानवर क सरपर रख कर उस मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ परज़बह कर हारन क बट जो इमाम ह उस का ख़नक़बारनगाह क चार पहलओ पर िछड़क 3ndash4 पशकरन वाला अतिड़यो पर की सारी चबीर गद र उसचबीर समत जो उन पर और कमर क क़रीब होती हऔर जोड़कलजी जलन वाली क़बारनी क तौर पर रबको पश कर इन चीज़ो को गदोर क साथ ही अलगकरना ह 5 िफर हारन क बट यह सब कछ भसमहोन वाली क़बारनी क साथ क़बारनगाह की लकिड़योपर जला द यह जलन वाली क़बारनी ह और इस कीख़शब रब को पसनद ह 6 अगर सलामती की क़बारनीक िलए भड़-बकिरयो म स जानवर चना जाए तो वहबऐब नर या मादा हो

7 अगर वह भड़ का बचचा चढ़ाना चाह तो वह उसरब क सामन ल आए 8 वह अपना हाथ उस कसर पर रख कर उस मलाक़ात क ख़म क सामनज़बह कर हारन क बट उस का ख़न क़बारनगाहक चार पहलओ पर िछड़क 9ndash10 पश करन वालाचबीर परी दम अतिड़यो पर की सारी चबीर गद रउस चबीर समत जो उन पर और कमर क क़रीबहोती ह और जोड़कलजी जलन वाली क़बारनी कतौर पर रब को पश कर इन चीज़ो को गदोर क साथही अलग करना ह 11 इमाम यह सब कछ रब कोपश करक क़बारनगाह पर जला द यह ख़राक जलनवाली क़बारनी ह

12 अगर सलामती की क़बारनी बकरी की हो 13 तोपश करन वाला उस पर हाथ रख कर उस मलाक़ातक ख़म क सामन ज़बह कर हारन क बट जानवरका ख़न क़बारनगाह क चार पहलओ पर िछड़क14ndash15 पश करन वाला अतिड़यो पर की सारी चबीरगद र उस चबीर समत जो उन पर और कमर क क़रीब

120 अहबार 316ndash421होती ह और जोड़कलजी जलन वाली क़बारनी कतौर पर रब को पश कर इन चीज़ो को गदोर क साथही अलग करना ह 16 इमाम यह सब कछ रब कोपश करक क़बारनगाह पर जला द यह ख़राक जलनवाली क़बारनी ह और इस की ख़शब रब को पसनदह

सारी चबीर रब की ह 17 तमहार िलए ख़न या चबीरखाना मना ह यह न िसफ़र तमहार िलए मना ह बिलकतमहारी औलाद क िलए भी न िसफ़र यहा बिलक हरजगह जहा तम रहत होrdquo

गनाह की क़बारनी

4 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो को बतानािक जो भी ग़रइरादी तौर पर गनाह करक रब क

िकसी हकम को तोड़ वह यह कर

इमाम क िलए गनाह की क़बारनी3 अगर इमाम-ए-आज़म गनाह कर और नतीज म

परी क़ौम क़सरवार ठहर तो िफर वह रब को एकबऐब जवान बल ल कर गनाह की क़बारनी क तौरपर पश कर 4 वह जवान बल को मलाक़ात क ख़मक दरवाज़ क पास ल आए और अपना हाथ उसक सर पर रख कर उस रब क सामन ज़बह कर5 िफर वह जानवर क ख़न म स कछ ल कर ख़म म जाए 6 वहा वह अपनी उगली उस म डाल कर उससात बार रब क सामन यानी मक़ददसतरीन कमर कपद र पर िछड़क 7 िफर वह ख़म क अनदर की उसक़बारनगाह क चारो सीगो पर ख़न लगाए िजस परबख़र जलाया जाता ह बाक़ी ख़न वह बाहर ख़मक दरवाज़ पर की उस क़बारनगाह क पाए पर उडलिजस पर जानवर जलाए जात ह 8 जवान बल कीसारी चबीर अतिड़यो पर की सारी चबीर 9 गद र उसचबीर समत जो उन पर और कमर क क़रीब होती हऔर जोड़कलजी को गदोर क साथ ही अलग करनाह 10 यह िबलकल उसी तरह िकया जाए िजस तरह

उस बल क साथ िकया गया जो सलामती की क़बारनीक िलए पश िकया जाता ह इमाम यह सब कछउस क़बारनगाह पर जला द िजस पर जानवर जलाएजात ह 11 लिकन वह उस की खाल उस का सारागोशत सर और िपडिलया अतिड़या और उन कागोबर 12 ख़मागाह क बाहर ल जाए यह चीज़ उसपाक जगह पर जहा क़बारिनयो की राख फकी जातीह लकिड़यो पर रख कर जला दनी ह

क़ौम क िलए गनाह की क़बारनी13 अगर इसराईल की परी जमाअत न ग़रइरादी तौर

पर गनाह करक रब क िकसी हकम स तजावज़िकया ह और जमाअत को मालम नही था तो भीवह क़सरवार ह 14 जब लोगो को पता लग िक हमन गनाह िकया ह तो जमाअत मलाक़ात क ख़म कपास एक जवान बल ल आए और उस गनाह कीक़बारनी क तौर पर पश कर 15 जमाअत क बज़गररब क सामन अपन हाथ उस क सर पर रख औरवह वही ज़बह िकया जाए 16 िफर इमाम-ए-आज़मजानवर क ख़न म स कछ ल कर मलाक़ात क ख़म म जाए 17 वहा वह अपनी उगली उस म डाल कर उससात बार रब क सामन यानी मक़ददसतरीन कमर कपद र पर िछड़क 18 िफर वह ख़म क अनदर की उसक़बारनगाह क चारो सीगो पर ख़न लगाए िजस परबख़र जलाया जाता ह बाक़ी ख़न वह बाहर ख़मक दरवाज़ की उस क़बारनगाह क पाए पर उडलिजस पर जानवर जलाए जात ह 19 इस क बाद वहउस की तमाम चबीर िनकाल कर क़बारनगाह पर जलाद 20 उस बल क साथ वह सब कछ कर जो उसअपन ज़ाती ग़रइरादी गनाह क िलए करना होता हय वह लोगो का कफ़फ़ारा दगा और उनह मआफ़ीिमल जाएगी 21 आिख़र म वह बल को ख़मागाह कबाहर ल जा कर उस तरह जला द िजस तरह उसअपन िलए बल को जला दना होता ह यह जमाअतका गनाह दर करन की क़बारनी ह

अहबार 422ndash56 121

क़ौम क राहनमा क िलए गनाह की क़बारनी22 अगर कोई सरदार ग़रइरादी तौर पर गनाह करक

रब क िकसी हकम स तजावज़ कर और य क़सरवारठहर तो 23 जब भी उस पता लग िक मझ स गनाहहआ ह तो वह क़बारनी क िलए एक बऐब बकरा लआए 24 वह अपना हाथ बकर क सर पर रख करउस वहा ज़बह कर जहा भसम होन वाली क़बारिनया ज़बह की जाती ह यह गनाह की क़बारनी ह 25 इमामअपनी उगली ख़न म डाल कर उस उस क़बारनगाह कचारो सीगो पर लगाए िजस पर जानवर जलाए जातह बाक़ी ख़न वह क़बारनगाह क पाए पर उडल26 िफर वह उस की सारी चबीर क़बारनगाह पर उसतरह जला द िजस तरह वह सलामती की क़बारिनयोकी चबीर जला दता ह य इमाम उस आदमी काकफ़फ़ारा दगा और उस मआफ़ी हािसल हो जाएगी

आम लोगो क िलए गनाह की क़बारनी27 अगर कोई आम शख़स ग़रइरादी तौर पर गनाह

करक रब क िकसी हकम स तजावज़ कर और य क़सरवार ठहर तो 28 जब भी उस पता लग िक मझस गनाह हआ ह तो वह क़बारनी क िलए एक बऐबबकरी ल आए 29 वह अपना हाथ बकरी क सर पररख कर उस वहा ज़बह कर जहा भसम होन वालीक़बारिनया ज़बह की जाती ह 30 इमाम अपनी उगलीख़न म डाल कर उस उस क़बारनगाह क चारो सीगोपर लगाए िजस पर जानवर जलाए जात ह बाक़ीख़न वह क़बारनगाह क पाए पर उडल 31 िफर वहउस की सारी चबीर उस तरह िनकाल िजस तरह वहसलामती की क़बारिनयो की चबीर िनकालता ह इसक बाद वह उस क़बारनगाह पर जला द ऐसी क़बारनीकी ख़शब रब को पसनद ह य इमाम उस आदमी काकफ़फ़ारा दगा और उस मआफ़ी हािसल हो जाएगी

32 अगर वह गनाह की क़बारनी क िलए भड़ काबचचा लाना चाह तो वह बऐब मादा हो 33 वह अपनाहाथ उस क सर पर रख कर उस वहा ज़बह कर

जहा भसम होन वाली क़बारिनया ज़बह की जाती ह34 इमाम अपनी उगली ख़न म डाल कर उस उसक़बारनगाह क चारो सीगो पर लगाए िजस पर जानवरजलाए जात ह बाक़ी ख़न वह क़बारनगाह क पाएपर उडल 35 िफर वह उस की तमाम चबीर उस तरहिनकाल िजस तरह सलामती की क़बारनी क िलएज़बह िकए गए जवान मढ की चबीर िनकाली जातीह इस क बाद इमाम चबीर को क़बारनगाह पर उनक़बारिनयो समत जला द जो रब क िलए जलाई जातीह य इमाम उस आदमी का कफ़फ़ारा दगा और उसमआफ़ी िमल जाएगी

गनाह की क़बारिनयो क बार म ख़ास िहदायात

5 1 हो सकता ह िक िकसी न य गनाह िकया िकउस न कोई जमर दखा या वह उस क बार म कछ

जानता ह तो भी जब गवाहो को क़सम क िलएबलाया जाता ह तो वह गवाही दन क िलए सामननही आता इस सरत म वह क़सरवार ठहरता ह

2 हो सकता ह िक िकसी न ग़रइरादी तौर पर िकसीनापाक चीज़ को छ िलया ह ख़वाह वह िकसी जगलीजानवर मवशी या रगन वाल जानवर की लाश कय नहो इस सरत म वह नापाक ह और क़सरवार ठहरताह

3 हो सकता ह िक िकसी न ग़रइरादी तौर पर िकसीशख़स की नापाकी को छ िलया ह यानी उस की कोईऐसी चीज़ िजस स वह नापाक हो गया ह जब उसमालम हो जाता ह तो वह क़सरवार ठहरता ह

4 हो सकता ह िक िकसी न बपवारई स कछ करनकी क़सम खाई ह चाह वह अचछा काम था याग़लत जब वह जान लता ह िक उस न कया िकयाह तो वह क़सरवार ठहरता ह

5 जो इस तरह क िकसी गनाह की िबना परक़सरवार हो लािज़म ह िक वह अपना गनाह तसलीमकर 6 िफर वह गनाह की क़बारनी क तौर पर एकभड़ या बकरी पश कर य इमाम उस का कफ़फ़ारादगा

122 अहबार 57ndash677 अगर क़सरवार शख़स ग़बरत क बाइस भड़ या

बकरी न द सक तो वह रब को दो क़िमरया या दोजवान कबतर पश कर एक गनाह की क़बारनी किलए और एक भसम होन वाली क़बारनी क िलए8 वह उनह इमाम क पास ल आए इमाम पहल गनाहकी क़बारनी क िलए पिरनदा पश कर वह उस कीगदरन मरोड़ डाल लिकन ऐस िक सर जदा न हो जाए9 िफर वह उस क ख़न म स कछ क़बारनगाह क एकपहल पर िछड़क बाक़ी ख़न वह य िनकलन द िकवह क़बारनगाह क पाए पर टपक यह गनाह कीक़बारनी ह 10 िफर इमाम दसर पिरनद को क़वाइदक मतािबक़ भसम होन वाली क़बारनी क तौर पर पशकर य इमाम उस आदमी का कफ़फ़ारा दगा औरउस मआफ़ी िमल जाएगी

11 अगर वह शख़स ग़बरत क बाइस दो क़िमरया यादो जवान कबतर भी न द सक तो िफर वह गनाह कीक़बारनी क िलए डढ़ िकलोगराम बहतरीन मदा पशकर वह उस पर न तल उडल न लबान रख कयिकयह ग़लला की नज़र नही बिलक गनाह की क़बारनी ह12 वह उस इमाम क पास ल आए जो यादगार कािहससा यानी मटठी भर उन क़बारिनयो क साथ जला दजो रब क िलए जलाई जाती ह यह गनाह की क़बारनीह 13 य इमाम उस आदमी का कफ़फ़ारा दगा औरउस मआफ़ी िमल जाएगी ग़लला की नज़र की तरहबाक़ी मदा इमाम का िहससा हrdquo

क़सर की क़बारनी14 रब न मसा स कहा 15 ldquoअगर िकसी न बईमानी

करक ग़रइरादी तौर पर रब की मख़सस और मक़ददसचीज़ो क िसलिसल म गनाह िकया हो ऐसा शख़सक़सर की क़बारनी क तौर पर रब को बऐब औरक़ीमत क िलहाज़ स मनािसब मढा या बकरा पशकर उस की क़ीमत मिक़दस की शरह क मतािबक़मक़ररर की जाए 16 िजतना नक़सान मिक़दस को हआह उतना ही वह द इस क इलावा वह मज़ीद 20फ़ीसद अदा कर वह उस इमाम को द द और इमाम

जानवर को क़सर की क़बारनी क तौर पर पश करकउस का कफ़फ़ारा द य उस मआफ़ी िमल जाएगी

17 अगर कोई ग़रइरादी तौर पर गनाह करक रबक िकसी हकम स तजावज़ कर तो वह क़सरवार हऔर वह उस का िज़ममादार ठहरगा 18 वह क़सरकी क़बारनी क तौर पर इमाम क पास एक बऐबऔर क़ीमत क िलहाज़ स मनािसब मढा ल आएउस की क़ीमत मिक़दस की शरह क मतािबक़ मक़रररकी जाए िफर इमाम यह क़बारनी उस गनाह क िलएचढ़ाए जो क़सरवार शख़स न ग़रइरादी तौर पर िकयाह य उस मआफ़ी िमल जाएगी 19 यह क़सर कीक़बारनी ह कयिक वह रब का गनाह करक क़सरवारठहरा हrdquo

6 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoहो सकता ह िकसीन गनाह करक बईमानी की ह मसलन उस न

अपन पड़ोसी की कोई चीज़ वापस नही की जो उसक सपदर की गई थी या जो उस िगरवी क तौर परिमली थी या उस न उस की कोई चीज़ चोरी कीया उस न िकसी स कोई चीज़ छीन ली 3 या उस निकसी की गमशदा चीज़ क बार म झट बोला जबउस िमल गई या उस न क़सम खा कर झट बोला हया इस तरह का कोई और गनाह िकया ह 4 अगरवह इस तरह का गनाह करक क़सरवार ठहर तोलािज़म ह िक वह वही चीज़ वापस कर जो उस नचोरी की या छीन ली या जो उस क सपदर की गईया जो गमशदा हो कर उस क पास आ गई ह 5 यािजस क बार म उस न क़सम खा कर झट बोला हवह उस का उतना ही वापस करक 20 फ़ीसद ज़यादाद और वह यह सब कछ उस िदन वापस कर जबवह अपनी क़सर की क़बारनी पश करता ह 6 क़सरकी क़बारनी क तौर पर वह एक बऐब और क़ीमत किलहाज़ स मनािसब मढा इमाम क पास ल आए औररब को पश कर उस की क़ीमत मिक़दस की शरहक मतािबक़ मक़ररर की जाए 7 िफर इमाम रब कसामन उस का कफ़फ़ारा दगा तो उस मआफ़ी िमलजाएगीrdquo

अहबार 68ndash30 123

भसम होन वाली क़बारनी8 रब न मसा स कहा 9 ldquoहारन और उस क बटो

को भसम होन वाली क़बारिनयो क बार म ज़ल कीिहदायात दना भसम होन वाली क़बारनी परी रातसबह तक क़बारनगाह की उस जगह पर रह जहा आगजलती ह आग को बझन न दना 10 सबह को इमामकतान का िलबास और कतान का पाजामा पहन करक़बारनी स बची हई राख क़बारनगाह क पास ज़मीनपर डाल 11 िफर वह अपन कपड़ बदल कर राखको ख़मागाह क बाहर िकसी पाक जगह पर छोड़आए 12 क़बारनगाह पर आग जलती रह वह कभीभी न बझ हर सबह इमाम लकिड़या चन कर उसपर भसम होन वाली क़बारनी ततीरब स रख और उसपर सलामती की क़बारनी की चबीर जला द 13 आगहमशा जलती रह वह कभी न बझन पाए

ग़लला की नज़र14 ग़लला की नज़र क बार म िहदायात यह ह

हारन क बट उस क़बारनगाह क सामन रब को पशकर 15 िफर इमाम यादगार का िहससा यानी तल सिमलाया गया मटठी भर बहतरीन मदा और क़बारनी कातमाम लबान ल कर क़बारनगाह पर जला द इसकी ख़शब रब को पसनद ह 16 हारन और उस कबट क़बारनी का बाक़ी िहससा खा ल लिकन वहउस मक़ददस जगह पर यानी मलाक़ात क ख़म कीचारदीवारी क अनदर खाए और उस म ख़मीर नहो 17 उस पकान क िलए उस म ख़मीर न डालाजाए म न जलन वाली क़बारिनयो म स यह िहससाउन क िलए मक़ररर िकया ह यह गनाह की क़बारनीऔर क़सर की क़बारनी की तरह िनहायत मक़ददस ह18 हारन की औलाद क तमाम मदर उस खाए यहउसल अबद तक क़ाइम रह जो भी उस छएगा वहमख़सस-ओ-मक़ददस हो जाएगाrdquo

19 रब न मसा स कहा 20 ldquoजब हारन और उसक बटो को इमाम की िज़ममादारी उठान क िलए

मख़सस करक तल स मसह िकया जाएगा तो वह डढ़िकलोगराम बहतरीन मदा पश कर उस का आधािहससा सबह को और आधा िहससा शाम क वक़तपश िकया जाए वह ग़लला की यह नज़र रोज़ाना पशकर 21 उस तल क साथ िमला कर तव पर पकानाह िफर उस टकड़ टकड़ करक ग़लला की नज़र कतौर पर पश करना उस की ख़शब रब को पसनद ह22 यह क़बारनी हमशा हारन की नसल का वह आदमीपश कर िजस मसह करक इमाम-ए-आज़म का उहदािदया गया ह और वह उस पर तौर पर रब क िलएजला द 23 इमाम की ग़लला की नज़र हमशा पर तौरपर जलाना उस न खानाrdquo

गनाह की क़बारनी24 रब न मसा स कहा 25 ldquoहारन और उस क बटो

को गनाह की क़बारनी क बार म ज़ल की िहदायातदना गनाह की क़बारनी को रब क सामन वही ज़बहकरना ह जहा भसम होन वाली क़बारनी ज़बह कीजाती ह वह िनहायत मक़ददस ह 26 उस पश करनवाला इमाम उस मक़ददस जगह पर यानी मलाक़ातक ख़म की चारदीवारी क अनदर खाए 27 जो भीइस क़बारनी क गोशत को छ लता ह वह मख़सस-ओ-मक़ददस हो जाता ह अगर क़बारनी क ख़न क छीटिकसी िलबास पर पड़ जाए तो उस मक़ददस जगह परधोना ह 28 अगर गोशत को हिडया म पकाया गयाहो तो उस बतरन को बाद म तोड़ दना ह अगर उसक िलए पीतल का बतरन इसतमाल िकया गया हो तोउस ख़ब माझ कर पानी स साफ़ करना 29 इमामोक ख़ानदानो म स तमाम मदर उस खा सकत ह यहखाना िनहायत मक़ददस ह 30 लिकन गनाह की हरवह क़बारनी खाई न जाए िजस का ख़न मलाक़ात कख़म म इस िलए लाया गया ह िक मिक़दस म िकसीका कफ़फ़ारा िदया जाए उस जलाना ह

124 अहबार 71ndash25

क़सर की क़बारनी

7 1 क़सर की क़बारनी जो िनहायत मक़ददस ह उसक बार म िहदायात यह ह

2 क़सर की क़बारनी वही ज़बह करनी ह जहा भसमहोन वाली क़बारनी ज़बह की जाती ह उस का ख़नक़बारनगाह क चार पहलओ पर िछड़का जाए 3 उसकी तमाम चबीर िनकाल कर क़बारनगाह पर चढ़ानी हयानी उस की दम अतिड़यो पर की चबीर 4 गद र उसचबीर समत जो उन पर और कमर क क़रीब होतीह और जोड़कलजी इन चीज़ो को गदोर क साथही अलग करना ह 5 इमाम यह सब कछ रब कोक़बारनगाह पर जलन वाली क़बारनी क तौर पर पशकर यह क़सर की क़बारनी ह 6 इमामो क ख़ानदानोम स तमाम मदर उस खा सकत ह लिकन उसमक़ददस जगह पर खाया जाए यह िनहायत मक़ददसह

7 गनाह और क़सर की क़बारनी क िलए एक हीउसल ह जो इमाम क़बारनी को पश करक कफ़फ़ारादता ह उस को उस का गोशत िमलता ह 8 इसतरह जो इमाम िकसी जानवर को भसम होन वालीक़बारनी क तौर पर चढ़ाता ह उसी को जानवर कीखाल िमलती ह 9 और इसी तरह तनर म कड़ाहीम या तव पर पकाई गई ग़लला की हर नज़र उस इमामको िमलती ह िजस न उस पश िकया ह 10 लिकनहारन क तमाम बटो को ग़लला की बाक़ी नज़र बराबरबराबर िमलती रह ख़वाह उन म तल िमलाया गयाहो या वह ख़शक हो

सलामती की क़बारनी11 सलामती की क़बारनी जो रब को पश की जाती

ह उस क बार म ज़ल की िहदायात ह 12 अगर कोई इस क़बारनी स अपनी शकरगज़ारी का

इज़हार करना चाह तो वह जानवर क साथ बख़मीरीरोटी िजस म तल डाला गया हो बख़मीरी रोटी िजसपर तल लगाया गया हो और रोटी िजस म बहतरीन

मदा और तल िमलाया गया हो पश कर 13 इस कइलावा वह ख़मीरी रोटी भी पश कर 14 पश करनवाला क़बारनी की हर चीज़ का एक िहससा उठा कररब क िलए मख़सस कर यह उस इमाम का िहससाह जो जानवर का ख़न क़बारनगाह पर िछड़कता ह15 गोशत उसी िदन खाया जाए जब जानवर को ज़बहिकया गया हो अगली सबह तक कछ नही बचनाचािहए

16 इस क़बारनी का गोशत िसफ़र इस सरत म अगलिदन खाया जा सकता ह जब िकसी न मननत मानकर या अपनी ख़शी स उस पश िकया ह 17 अगरकछ गोशत तीसर िदन तक बच जाए तो उस जलानाह 18 अगर उस तीसर िदन भी खाया जाए तो रब यहक़बारनी क़बल नही करगा उस का कोई फ़ाइदा नहीहोगा बिलक उस नापाक क़रार िदया जाएगा जो भीउस स खाएगा वह क़सरवार ठहरगा 19 अगर यहगोशत िकसी नापाक चीज़ स लग जाए तो उस नहीखाना ह बिलक उस जलाया जाए अगर गोशत पाकह तो हर शख़स जो ख़द पाक ह उस खा सकता ह20 लिकन अगर नापाक शख़स रब को पश की गईसलामती की क़बारनी का यह गोशत खाए तो उस उसकी क़ौम म स िमटा डालना ह 21 हो सकता ह िकिकसी न िकसी नापाक चीज़ को छ िलया ह चाह वहनापाक शख़स जानवर या कोई और िघनौनी औरनापाक चीज़ हो अगर ऐसा शख़स रब को पश कीगई सलामती की क़बारनी का गोशत खाए तो उस उसकी क़ौम म स िमटा डालना हrdquo

चबीर और ख़न खाना मना ह22 रब न मसा स कहा 23 ldquoइसराईिलयो को बता

दना िक गाय-बल और भड़-बकिरयो की चबीर खानातमहार िलए मना ह 24 तम िफ़तरी तौर पर मर हएजानवरो और फाड़ हए जानवरो की चबीर दीगर कामोक िलए इसतमाल कर सकत हो लिकन उस खानामना ह 25 जो भी उस चबीर म स खाए जो जला कररब को पश की जाती ह उस उस की क़ौम म स िमटा

अहबार 726ndash814 125डालना ह 26 जहा भी तम रहत हो वहा पिरनदो यादीगर जानवरो का ख़न खाना मना ह 27 जो भी ख़नखाए उस उस की क़ौम म स िमटाया जाएrdquo

क़बारिनयो म स इमाम का िहससा28 रब न मसा स कहा 29 ldquoइसराईिलयो को बताना

िक जो रब को सलामती की क़बारनी पश कर वह रबक िलए एक िहससा मख़सस कर 30 वह जलन वालीयह क़बारनी अपन हाथो स रब को पश कर इस किलए वह जानवर की चबीर और सीना रब क सामनपश कर सीना िहलान वाली क़बारनी हो 31 इमामचबीर को क़बारनगाह पर जला द जबिक सीना हारनऔर उस क बटो का िहससा ह 32 क़बारनी की दहनीरान इमाम को उठान वाली क़बारनी क तौर पर दीजाए 33 वह उस इमाम का िहससा ह जो सलामतीकी क़बारनी का ख़न और चबीर चढ़ाता ह

34 इसराईिलयो की सलामती की क़बारिनयो म स मन िहलान वाला सीना और उठान वाली रान इमामोको दी ह यह चीज़ हमशा क िलए इसराईिलयो कीतरफ़ स इमामो का हक़ हrdquo

35 यह उस िदन जलन वाली क़बारिनयो म स हारनऔर उस क बटो का िहससा बन गई जब उनहमिक़दस म रब की िख़दमत म पश िकया गया 36 रबन उस िदन जब उनह तल स मसह िकया गया हकमिदया था िक इसराईली यह िहससा हमशा इमामो कोिदया कर

37 ग़रज़ यह िहदायात तमाम क़बारिनयो क बार म हयानी भसम होन वाली क़बारनी ग़लला की नज़र गनाहकी क़बारनी क़सर की क़बारनी इमाम को मिक़दसम िख़दमत क िलए मख़सस करन की क़बारनी औरसलामती की क़बारनी क बार म 38 रब न मसा कोयह िहदायात सीना पहाड़ पर दी उस िदन जब उसन इसराईिलयो को हकम िदया िक वह दशत-ए-सीनाम रब को अपनी क़बारिनया पश कर

हारन और उस क बटो की मख़सिसयत

8 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoहारन और उस कबटो को मर हज़र ल आना नीज़ इमामो क

िलबास मसह का तल गनाह की क़बारनी क िलएजवान बल दो मढ और बख़मीरी रोिटयो की टोकरील आना 3 िफर परी जमाअत को ख़म क दरवाज़पर जमा करनाrdquo

4 मसा न ऐसा ही िकया जब परी जमाअत इकटठीहो गई तो 5 उस न उन स कहा ldquoअब म वह कछकरता ह िजस का हकम रब न िदया हrdquo 6 मसा नहारन और उस क बटो को सामन ला कर ग़सलकराया 7 उस न हारन को कतान का ज़रजामा पहनाकर कमरबनद लपटा िफर उस न चोग़ा पहनायािजस पर उस न बालापोश को महारत स बन हएपटक स बाधा 8 इस क बाद उस न सीन का कीसालगा कर उस म दोनो क़रए बनाम ऊरीम और तममीमरख 9 िफर उस न हारन क सर पर पगड़ी रखी िजसक सामन वाल िहसस पर उस न मक़ददस ताज यानीसोन की तख़ती लगा दी सब कछ उस हकम क ऐनमतािबक़ हआ जो रब न मसा को िदया था

10 इस क बाद मसा न मसह क तल स मिक़दस कोऔर जो कछ उस म था मसह करक उस मख़सस-ओ-मक़ददस िकया 11 उस न यह तल सात बार जानवरचढ़ान की क़बारनगाह और उस क सामान पर िछड़किदया इसी तरह उस न सात बार धोन क हौज़और उस ढाच पर तल िछड़क िदया िजस पर हौज़रखा हआ था य यह चीज़ मख़सस-ओ-मक़ददस हई12 उस न हारन क सर पर मसह का तल उडल करउस मसह िकया य वह मख़सस-ओ-मक़ददस हआ

13 िफर मसा न हारन क बटो को सामन ला करउनह ज़रजाम पहनाए कमरबनद लपट और उन कसरो पर पगिड़या बाधी सब कछ उस हकम क ऐनमतािबक़ हआ जो रब न मसा को िदया था

14 अब मसा न गनाह की क़बारनी क िलए जवानबल को पश िकया हारन और उस क बटो न

126 अहबार 815ndash35अपन हाथ उस क सर पर रख 15 मसा न उस ज़बहकरक उस क ख़न म स कछ ल कर अपनी उगली सक़बारनगाह क सीगो पर लगा िदया तािक वह गनाहोस पाक हो जाए बाक़ी ख़न उस न क़बारनगाह क पाएपर उडल िदया य उस न उस मख़सस-ओ-मक़ददसकरक उस का कफ़फ़ारा िदया 16 मसा न अतिड़योपर की तमाम चबीर जोड़कलजी और दोनो गद र उनकी चबीर समत ल कर क़बारनगाह पर जला िदए17 लिकन बल की खाल गोशत और अतिड़यो कगोबर को उस न ख़मागाह क बाहर ल जा कर जलािदया सब कछ उस हकम क मतािबक़ हआ जो रबन मसा को िदया था

18 इस क बाद उस न भसम होन वाली क़बारनी किलए पहला मढा पश िकया हारन और उस क बटोन अपन हाथ उस क सर पर रख िदए 19 मसा नउस ज़बह करक उस का ख़न क़बारनगाह क चारपहलओ पर िछड़क िदया 20 उस न मढ को टकड़टकड़ करक सर टकड़ और चबीर जला दी 21 उसन अतिड़या और िपडिलया पानी स साफ़ करक परमढ को क़बारनगाह पर जला िदया सब कछ उसहकम क ऐन मतािबक़ हआ जो रब न मसा को िदयाथा रब क िलए जलन वाली यह क़बारनी भसम होनवाली क़बारनी थी और उस की ख़शब रब को पसनदथी

22 इस क बाद मसा न दसर मढ को पश िकया इसक़बारनी का मक़सद इमामो को मिक़दस म िख़दमत किलए मख़सस करना था हारन और उस क बटो नअपन हाथ मढ क सर पर रख िदए 23 मसा न उसज़बह करक उस क ख़न म स कछ ल कर हारनक दहन कान की लौ पर और उस क दहन हाथऔर दहन पाओ क अगठो पर लगाया 24 यही उसन हारन क बटो क साथ भी िकया उस न उनहसामन ला कर उन क दहन कान की लौ पर औरउन क दहन हाथ और दहन पाओ क अगठो परख़न लगाया बाक़ी ख़न उस न क़बारनगाह क चारपहलओ पर िछड़क िदया 25 उस न मढ की चबीर

दम अतिड़यो पर की सारी चबीर जोड़कलजी दोनोगद र उन की चबीर समत और दहनी रान अलग की26 िफर वह रब क सामन पड़ी बख़मीरी रोिटयो कीटोकरी म स एक सादा रोटी एक रोटी िजस म तलडाला गया था और एक रोटी िजस पर तल लगायागया था ल कर चबीर और रान पर रख दी 27 उस नयह सब कछ हारन और उस क बटो क हाथो पररख कर उस िहलान वाली क़बारनी क तौर पर रबको पश िकया 28 िफर उस न यह चीज़ उन स वापसल कर क़बारनगाह पर जला दी िजस पर पहल भसमहोन वाली क़बारनी रखी गई थी रब क िलए जलनवाली यह क़बारनी इमामो को मख़सस करन क िलएचढ़ाई गई और उस की ख़शब रब को पसनद थी

29 मसा न सीना भी िलया और उस िहलान वालीक़बारनी क तौर पर रब क सामन िहलाया यहमख़सिसयत क मढ म स मसा का िहससा था मसान इस म भी सब कछ रब क हकम क ऐन मतािबक़िकया

30 िफर उस न मसह क तल और क़बारनगाह पर कख़न म स कछ ल कर हारन उस क बटो और उनक कपड़ो पर िछड़क िदया य उस न उनह और उनक कपड़ो को मख़सस-ओ-मक़ददस िकया

31 मसा न उन स कहा ldquoगोशत को मलाक़ात कख़म क दरवाज़ पर उबाल कर उस उन रोिटयो कसाथ खाना जो मख़सिसयत की क़बारिनयो की टोकरीम पड़ी ह कयिक रब न मझ यही हकम िदया ह32 गोशत और रोिटयो का बक़ाया जला दना 33 सातिदन तक मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ म स निनकलना कयिक मिक़दस म िख़दमत क िलए तमहारीमख़सिसयत क इतन ही िदन ह 34 जो कछ आजहआ ह वह रब क हकम क मतािबक़ हआ तािकतमहारा कफ़फ़ारा िदया जाए 35 तमह सात रात औरिदन तक ख़म क दरवाज़ क अनदर रहना ह रब कीइस िहदायत को मानो वनार तम मर जाओग कयिकयह हकम मझ रब की तरफ़ स िदया गया हrdquo

अहबार 836ndash923 12736 हारन और उस क बटो न उन तमाम िहदायात

पर अमल िकया जो रब न मसा की मािरफ़त उनह दीथी

हारन क़बारिनया चढ़ाता ह

9 1 मख़सिसयत क सात िदन क बाद मसा नआठव िदन हारन उस क बटो और इसराईल

क बज़गोर को बलाया 2 उस न हारन स कहाldquoएक बऐब बछड़ा और एक बऐब मढा चन कररब को पश कर बछड़ा गनाह की क़बारनी किलए और मढा भसम होन वाली क़बारनी क िलएहो 3 िफर इसराईिलयो को कह दना िक गनाह कीक़बारनी क िलए एक बकरा जबिक भसम होन वालीक़बारनी क िलए एक बऐब यकसाला बछड़ा औरएक बऐब यकसाला भड़ का बचचा पश करो 4 साथही सलामती की क़बारनी क िलए एक बल और एकमढा चनो तल क साथ िमलाई हई ग़लला की नज़रभी ल कर सब कछ रब को पश करो कयिक आजही रब तम पर ज़ािहर होगाrdquo

5 इसराईली मसा की मतलबा तमाम चीज़ मलाक़ातक ख़म क सामन ल आए परी जमाअत क़रीब आकर रब क सामन खड़ी हो गई 6 मसा न उन स कहाldquoतमह वही करना ह िजस का हकम रब न तमह िदयाह कयिक आज ही रब का जलाल तम पर ज़ािहरहोगाrdquo

7 िफर उस न हारन स कहा ldquoक़बारनगाह कपास जा कर गनाह की क़बारनी और भसम होनवाली क़बारनी चढ़ा कर अपना और अपनी क़ौम काकफ़फ़ारा दना रब क हकम क मतािबक़ क़ौम किलए भी क़बारनी पश करना तािक उस का कफ़फ़ारािदया जाएrdquo

8 हारन क़बारनगाह क पास आया उस न बछड़को ज़बह िकया यह उस क िलए गनाह की क़बारनीथा 9 उस क बट बछड़ का ख़न उस क पास लआए उस न अपनी उगली ख़न म डबो कर उसक़बारनगाह क सीगो पर लगाया बाक़ी ख़न को उस

न क़बारनगाह क पाए पर उडल िदया 10 िफर उस नउस की चबीर गदोर और जोड़कलजी को क़बारनगाहपर जला िदया जस रब न मसा को हकम िदया थावस ही हारन न िकया 11 बछड़ का गोशत औरखाल उस न ख़मागाह क बाहर ल जा कर जला दी

12 इस क बाद हारन न भसम होन वाली क़बारनीको ज़बह िकया उस क बटो न उस उस का ख़निदया और उस न उस क़बारनगाह क चार पहलओ परिछड़क िदया 13 उनहो न उस क़बारनी क मख़तिलफ़टकड़ सर समत िदए और उस न उनह क़बारनगाहपर जला िदया 14 िफर उस न उस की अतिड़या औरिपडिलया धो कर भसम होन वाली क़बारनी की बाक़ीचीज़ो पर रख कर जला दी

15 अब हारन न क़ौम क िलए क़बारनी चढ़ाई उसन गनाह की क़बारनी क िलए बकरा ज़बह करकउस पहली क़बारनी की तरह चढ़ाया 16 उस न भसमहोन वाली क़बारनी भी क़वाइद क मतािबक़ चढ़ाई17 उस न ग़लला की नज़र पश की और उस म स मटठीभर क़बारनगाह पर जला िदया यह ग़लला की उस नज़रक इलावा थी जो सबह को भसम होन वाली क़बारनीक साथ चढ़ाई गई थी 18 िफर उस न सलामती कीक़बारनी क िलए बल और मढ को ज़बह िकया यहभी क़ौम क िलए थी उस क बटो न उस जानवरोका ख़न िदया और उस न उस क़बारनगाह क चारपहलओ पर िछड़क िदया 19 लिकन उनहो न बलऔर मढ को चबीर दम अतिड़यो पर की चबीर औरजोड़कलजी िनकाल कर 20 सीन क टकड़ो पर रखिदया हारन न चबीर का िहससा क़बारनगाह पर जलािदया 21 सीन क टकड़ और दहनी रान उस न िहलानवाली क़बारनी क तौर पर रब क सामन िहलाई उसन सब कछ मसा क हकम क मतािबक़ ही िकया

22 तमाम क़बारिनया पश करन क बाद हारन नअपन हाथ उठा कर क़ौम को बरकत दी िफर वहक़बारनगाह स उतर कर 23 मसा क साथ मलाक़ात कख़म म दािख़ल हआ जब दोनो बाहर आए तो उनहोन क़ौम को बरकत दी तब रब का जलाल परी क़ौम

128 अहबार 924ndash1017पर ज़ािहर हआ 24 रब क हज़र स आग िनकल करक़बारनगाह पर उतरी और भसम होन वाली क़बारनीऔर चबीर क टकड़ भसम कर िदए यह दख करलोग ख़शी क नार मारन लग और मह क बल िगरगए

नदब और अबीह का गनाह

10 1 हारन क बट नदब और अबीह न अपनअपन बख़रदान ल कर उन म जलत हए

कोएल डाल उन पर बख़र डाल कर वह रब कसामन आए तािक उस पश कर लिकन यह आगनाजाइज़ थी रब न यह पश करन का हकम नहीिदया था 2 अचानक रब क हज़र स आग िनकलीिजस न उनह भसम कर िदया वही रब क सामन वहमर गए

3 मसा न हारन स कहा ldquoअब वही हआ ह जो रबन फ़रमाया था िक जो मर क़रीब ह उन स म अपनीक़ददिसयत ज़ािहर करगा म तमाम क़ौम क सामनही अपन जलाल का इज़हार करगाrdquo

हारन ख़ामोश रहा 4 मसा न हारन क चचाउज़ज़ीएल क बटो मीसाएल और इलसफ़न को बलाकर कहा ldquoइधर आओ और अपन िरशतदारो कोमिक़दस क सामन स उठा कर ख़मागाह क बाहरल जाओrdquo 5 वह आए और मसा क हकम क ऐनमतािबक़ उनह उन क ज़रजामो समत उठा करख़मागाह क बाहर ल गए

6 मसा न हारन और उस क दीगर बटो इलीअज़रऔर इतमर स कहा ldquoमातम का इज़हार न करो नअपन बाल िबखरन दो न अपन कपड़ फाड़ो वनारतम मर जाओग और रब परी जमाअत स नाराज़ होजाएगा लिकन तमहार िरशतदार और बाक़ी तमामइसराईली ज़रर इन का मातम कर िजन को रब नआग स हलाक कर िदया ह 7 मलाक़ात क ख़म कदरवाज़ क बाहर न िनकलो वनार तम मर जाओगकयिक तमह रब क तल स मसह िकया गया हrdquoचनाच उनहो न ऐसा ही िकया

इमामो क िलए िहदायात8 रब न हारन स कहा 9 ldquoजब भी तझ या तर बटो

को मलाक़ात क ख़म म दािख़ल होना ह तो म याकोई और नशाआवर चीज़ पीना मना ह वनार तममर जाओग यह उसल आन वाली नसलो क िलएभी अबद तक अनिमट ह 10 यह भी लािज़म ह िकतम मक़ददस और ग़रमक़ददस चीज़ो म पाक औरनापाक चीज़ो म इिमतयाज़ करो 11 तमह इसराईिलयोको तमाम पाबिनदया िसखानी ह जो म न तमह मसाकी मािरफ़त बताई हrdquo

12 मसा न हारन और उस क बच हए बटोइलीअज़र और इतमर स कहा ldquoग़लला की नज़र काजो िहससा रब क सामन जलाया नही जाता उस अपनिलए ल कर बख़मीरी रोटी पकाना और क़बारनगाहक पास ही खाना कयिक वह िनहायत मक़ददस ह13 उस मक़ददस जगह पर खाना कयिक वह रब कीजलन वाली क़बारिनयो म स तमहार और तमहार बटोका िहससा ह कयिक मझ इस का हकम िदया गयाह 14 जो सीना िहलान वाली क़बारनी और दहनीरान उठान वाली क़बारनी क तौर पर पश की गईह वह तम और तमहार बट-बिटया खा सकत हउनह मक़ददस जगह पर खाना ह इसराईिलयो कीसलामती की क़बारिनयो म स यह टकड़ तमहारािहससा ह 15 लिकन पहल इमाम रान और सीन कोजलन वाली क़बारिनयो की चबीर क साथ पश करवह उनह िहलान वाली क़बारनी क तौर पर रब कसामन िहलाए रब फ़रमाता ह िक यह टकड़ अबदतक तमहार और तमहार बटो का िहससा हrdquo

16 मसा न दरयाफ़त िकया िक उस बकर क गोशतका कया हआ जो गनाह की क़बारनी क तौर परचढ़ाया गया था उस पता चला िक वह भी जलगया था यह सन कर उस हारन क बटो इलीअज़रऔर इतमर पर ग़ससा आया उस न पछा 17 ldquoतम नगनाह की क़बारनी का गोशत कय नही खाया तमहउस मक़ददस जगह पर खाना था यह एक िनहायत

अहबार 1018ndash1132 129मक़ददस िहससा ह जो रब न तमह िदया तािक तमजमाअत का क़सर दर करक रब क सामन लोगो काकफ़फ़ारा दो 18 चिक इस बकर का ख़न मिक़दस मन लाया गया इस िलए तमह उस का गोशत मिक़दसम खाना था िजस तरह म न तमह हकम िदया थाrdquo

19 हारन न मसा को जवाब द कर कहा ldquoदखआज लोगो न अपन िलए गनाह की क़बारनी औरभसम होन वाली क़बारनी रब को पश की ह जबिकमझ पर यह आफ़त गज़री ह अगर म आज गनाहकी क़बारनी स खाता तो कया यह रब को अचछालगताrdquo 20 यह बात मसा को अचछी लगी

पाक और नापाक जानवर

11 1 रब न मसा और हारन स कहा2 ldquoइसराईिलयो को बताना िक तमह ज़मीन

पर रहन वाल जानवरो म स ज़ल क जानवरो कोखान की इजाज़त ह 3 िजन क खर या पाओिबलकल िचर हए ह और जो जगाली करत ह उनहखान की इजाज़त ह 4ndash6 ऊट िबजज या ख़रगोशखाना मना ह वह तमहार िलए नापाक ह कयिकवह जगाली तो करत ह लिकन उन क खर या पाओिचर हए नही ह 7 सअर न खाना वह तमहार िलएनापाक ह कयिक उस क खर तो िचर हए ह लिकनवह जगाली नही करता 8 न उन का गोशत खाना नउन की लाशो को छना वह तमहार िलए नापाक ह

9 समनदरी और दरयाई जानवर खान क िलए जाइज़ह अगर उन क पर और िछलक हो 10 लिकन िजनक पर या िछलक नही ह वह सब तमहार िलएमकरह ह ख़वाह वह बड़ी तादाद म िमल कर रहतह या नही 11 इस िलए उन का गोशत खाना मना हऔर उन की लाशो स भी िघन खाना ह 12 पानी मरहन वाल तमाम जानवर िजन क पर या िछलक नहो तमहार िलए मकरह ह

13 ज़ल क पिरनद तमहार िलए क़ािबल-ए-िघन होइनह खाना मना ह कयिक वह मकरह ह उक़ाबदिढ़यल िगदध काला िगदध 14 लाल चील हर िक़समकी काली चील 15 हर िक़सम का कववा 16 उक़ाबीउलल छोट कान वाला उलल बड़ कान वाला उललहर िक़सम का बाज़ 17 छोटा उलल क़क़ िचघाड़नवाला उलल 18 सफ़द उलल दशती उलल िमसरी िगदध19 लक़लक़ हर िक़सम का बतीमार हदहद औरचमगादड़ b

20 तमाम पर रखन वाल कीड़ जो चार पाओ परचलत ह तमहार िलए मकरह ह 21 िसवाए उन किजन की टागो क दो िहसस ह और जो फदकत ह उनको तम खा सकत हो 22 इस नात स तम मख़तिलफ़िक़सम क िटडड खा सकत हो 23 बाक़ी सब पर रखनवाल कीड़ जो चार पाओ पर चलत ह तमहार िलएमकरह ह

24ndash28 जो भी ज़ल क जानवरो की लाश छए वहशाम तक नापाक रहगा (अिलफ़) खर रखन वालतमाम जानवर िसवाए उन क िजन क खर या पाओपर तौर पर िचर हए ह और जो जगाली करत ह (ब)तमाम जानवर जो अपन चार पजो पर चलत ह यहजानवर तमहार िलए नापाक ह और जो भी उन कीलाश उठाए या छए लािज़म ह िक वह अपन कपड़धो ल इस क बावजद भी वह शाम तक नापाकरहगा

29ndash30 ज़मीन पर रगन वाल जानवरो म स छछदरमख़तिलफ़ िक़सम क चह और मख़तिलफ़ िक़सम कीिछपकिलया तमहार िलए नापाक ह 31 जो भी उनहऔर उन की लाश छ लता ह वह शाम तक नापाकरहगा 32 अगर उन म स िकसी की लाश िकसी चीज़पर िगर पड़ तो वह भी नापाक हो जाएगी इस सकोई फ़क़र नही पड़ता िक वह लकड़ी कपड़ चमड़या टाट की बनी हो न इस स कोई फ़क़र पड़ता हिक वह िकस काम क िलए इसतमाल की जाती ह

bयाद रह िक क़दीम ज़मान क इन पिरनदो क अकसर नाम मतरक ह या उन का मतलब बदल गया ह इस िलए उन का मख़तिलफ़तजरमा हो सकता ह

130 अहबार 1133ndash132उस हर सरत म पानी म डबोना ह तो भी वह शामतक नापाक रहगी 33 अगर ऐसी लाश िमटटी क बतरनम िगर जाए तो जो कछ भी उस म ह नापाक होजाएगा और तमह उस बतरन को तोड़ना ह 34 हर खानवाली चीज़ िजस पर ऐस बतरन का पानी डाला गयाह नापाक ह इसी तरह उस बतरन स िनकली हईहर पीन वाली चीज़ नापाक ह 35 िजस पर भी ऐसीलाश िगर पड़ वह नापाक हो जाता ह अगर वह तनरया चलह पर िगर पड़ तो उन को तोड़ दना ह वहनापाक ह और तमहार िलए नापाक रहग 36 लिकनिजस चशम या हौज़ म ऐसी लाश िगर वह पाक रहताह िसफ़र वह जो लाश को छ लता ह नापाक हो जाताह 37 अगर ऐसी लाश बीजो पर िगर पड़ िजन कोअभी बोना ह तो वह पाक रहत ह 38 लिकन अगरबीजो पर पानी डाला गया हो और िफर लाश उन परिगर पड़ तो वह नापाक ह

39 अगर ऐसा जानवर िजस खान की इजाज़त ह मरजाए तो जो भी उस की लाश छए शाम तक नापाकरहगा 40 जो उस म स कछ खाए या उस उठा करल जाए उस अपन कपड़ो को धोना ह तो भी वहशाम तक नापाक रहगा

41 हर जानवर जो ज़मीन पर रगता ह क़ािबल-ए-िघन ह उस खाना मना ह 42 चाह वह अपन पट परचाह चार या इस स ज़ाइद पाओ पर चलता हो 43 इनतमाम रगन वालो स अपन आप को िघन का बाइसऔर नापाक न बनाना 44 कयिक म रब तमहारा ख़दाह लािज़म ह िक तम अपन आप को मख़सस-ओ-मक़ददस रखो कयिक म क़ददस ह अपन आप कोज़मीन पर रगन वाल तमाम जानवरो स नापाक नबनाना 45 म रब ह म तमह िमसर स िनकाल लायाह तािक तमहारा ख़दा बन िलहाज़ा मक़ददस रहोकयिक म क़ददस ह

46 ज़मीन पर चलन वाल जानवरो पिरनदो आबीजानवरो और ज़मीन पर रगन वाल जानवरो क बारम शरअ यही ह 47 लािज़म ह िक तम नापाक और

पाक म इिमतयाज़ करो ऐस जानवरो म जो खान किलए जाइज़ ह और ऐसो म जो नाजाइज़ हrdquo

बचच की पदाइश क बाद मा पर पाबिनदया

12 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोबता िक जब िकसी औरत क लड़का पदा

हो तो वह माहवारी क अययाम की तरह सात िदनतक नापाक रहगी 3 आठव िदन लड़क का ख़तनाकरवाना ह 4 िफर मा मज़ीद 33 िदन इिनतज़ार करइस क बाद उस की वह नापाकी दर हो जाएगी जोख़न बहन स पदा हई ह इस दौरान वह कोई मख़ससऔर मक़ददस चीज़ न छए न मिक़दस क पास जाए

5 अगर उस क लड़की पदा हो जाए तो वह माहवारीक अययाम की तरह नापाक ह यह नापाकी 14 िदनतक रहगी िफर वह मज़ीद 66 िदन इिनतज़ार करइस क बाद उस की वह नापाकी दर हो जाएगी जोख़न बहन स पदा हई ह

6 जब लड़क या लड़की क िसलिसल म यह िदनगज़र जाए तो वह मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ परइमाम को ज़ल की चीज़ द भसम होन वाली क़बारनीक िलए एक यकसाला भड़ का बचचा और गनाह कीक़बारनी क िलए एक जवान कबतर या क़मरी 7 इमामयह जानवर रब को पश करक उस का कफ़फ़ारा दिफर ख़न बहन क बाइस पदा होन वाली नापाकीदर हो जाएगी उसल एक ही ह चाह लड़का हो यालड़की

8 अगर वह ग़बरत क बाइस भड़ का बचचा न दसक तो िफर वह दो क़िमरया या दो जवान कबतरल आए एक भसम होन वाली क़बारनी क िलए औरदसरा गनाह की क़बारनी क िलए य इमाम उस काकफ़फ़ारा द और वह पाक हो जाएगीrdquo

िजलदी बीमािरया

13 1 रब न मसा और हारन स कहा 2 ldquoअगरिकसी की िजलद म सजन या पपड़ी या

सफ़द दाग़ हो और ख़तरा ह िक वबाई िजलदी बीमारी

अहबार 133ndash25 131हो तो उस इमामो यानी हारन या उस क बटो कपास ल आना ह 3 इमाम उस जगह का मआइनाकर अगर उस क बाल सफ़द हो गए हो और वहिजलद म धसी हई हो तो वबाई बीमारी ह जब इमामको यह मालम हो तो वह उस नापाक क़रार द4 लिकन हो सकता ह िक िजलद की जगह सफ़दतो ह लिकन िजलद म धसी हई नही ह न उस कबाल सफ़द हए ह इस सरत म इमाम उस शख़सको सात िदन क िलए अलािहदगी म रख 5 सातविदन इमाम दबारा उस का मआइना कर अगर वहदख िक मतअिससरा जगह वसी ही ह और फलीनही तो वह उस मज़ीद सात िदन अलािहदगी म रख6 सातव िदन वह एक और मतरबा उस का मआइनाकर अगर उस जगह का रग दबारा सहतमनद िजलदक रग की मािननद हो रहा हो और फली न हो तो वहउस पाक क़रार द इस का मतलब ह िक यह मज़रआम पपड़ी स ज़यादा नही ह मरीज़ अपन कपड़धो ल तो वह पाक हो जाएगा 7 लिकन अगर इसक बाद मतअिससरा जगह फलन लग तो वह दबाराअपन आप को इमाम को िदखाए 8 इमाम उस कामआइना कर अगर जगह वाक़ई फल गई हो तोइमाम उस नापाक क़रार द कयिक यह वबाई िजलदीमज़र ह

9 अगर िकसी क िजसम पर वबाई िजलदी मज़र नज़रआए तो उस इमाम क पास लाया जाए 10 इमाम उसका मआइना कर अगर मतअिससरा िजलद म सफ़दसजन हो उस क बाल भी सफ़द हो गए हो औरउस म कचचा गोशत मौजद हो 11 तो इस का मतलबह िक वबाई िजलदी बीमारी परानी ह इमाम उसशख़स को सात िदन क िलए अलािहदगी म रख करइिनतज़ार न कर बिलक उस फ़ौरन नापाक क़रार दकयिक यह उस की नापाकी का सबत ह 12 लिकनअगर बीमारी जलदी स फल गई हो यहा तक िकसर स ल कर पाओ तक परी िजलद मतअिससर हईहो 13 तो इमाम यह दख कर मरीज़ को पाक क़रारद चिक परी िजलद सफ़द हो गई ह इस िलए वह

पाक ह 14 लिकन जब भी कही कचचा गोशत नज़रआए उस वक़त वह नापाक हो जाता ह 15 इमामयह दख कर मरीज़ को नापाक क़रार द कचचा गोशतहर सरत म नापाक ह कयिक इस का मतलब हिक वबाई िजलदी बीमारी लग गई ह 16 अगर कचचगोशत का यह ज़ख़म भर जाए और मतअिससरा जगहकी िजलद सफ़द हो जाए तो मरीज़ इमाम क पासजाए 17 अगर इमाम दख िक वाक़ई ऐसा ही हआ हऔर मतअिससरा िजलद सफ़द हो गई ह तो वह उसपाक क़रार द

18 अगर िकसी की िजलद पर फोड़ा हो लिकन वहठीक हो जाए 19 और उस की जगह सफ़द सजन यासख़ीर-माइल सफ़द दाग़ नज़र आए तो मरीज़ अपनआप को इमाम को िदखाए 20 अगर वह उस कामआइना करक दख िक मतअिससरा जगह िजलद कअनदर धसी हई ह और उस क बाल सफ़द हो गएह तो वह मरीज़ को नापाक क़रार द कयिक इसका मतलब ह िक जहा पहल फोड़ा था वहा वबाईिजलदी बीमारी पदा हो गई ह 21 लिकन अगर इमामदख िक मतअिससरा जगह क बाल सफ़द नही ह वहिजलद म धसी हई नज़र नही आती और उस का रगदबारा सहतमनद िजलद की मािननद हो रहा ह तो वहउस सात िदन क िलए अलािहदगी म रख 22 अगरइस दौरान बीमारी मज़ीद फल जाए तो इमाम मरीज़को नापाक क़रार द कयिक इस का मतलब ह िकवबाई िजलदी बीमारी लग गई ह 23 लिकन अगरदाग़ न फल तो इस का मतलब ह िक यह िसफ़र उसभर हए ज़ख़म का िनशान ह जो फोड़ स पदा हआथा इमाम मरीज़ को पाक क़रार द

24 अगर िकसी की िजलद पर जलन का ज़ख़मलग जाए और मतअिससरा जगह पर सख़ीर-माइलसफ़द दाग़ या सफ़द दाग़ पदा हो जाए 25 तो इमाममतअिससरा जगह का मआइना कर अगर मालम होजाए िक मतअिससरा जगह क बाल सफ़द हो गए हऔर वह िजलद म धसी हई ह तो इस का मतलबह िक चोट की जगह पर वबाई िजलदी मज़र लग

132 अहबार 1326ndash48गया ह इमाम उस नापाक क़रार द कयिक वबाईिजलदी बीमारी लग गई ह 26 लिकन अगर इमामन मालम िकया ह िक दाग़ म बाल सफ़द नही हवह िजलद म धसा हआ नज़र नही आता और उसका रग सहतमनद िजलद की मािननद हो रहा ह तोवह मरीज़ को सात िदन तक अलािहदगी म रख27 अगर वह सातव िदन मालम कर िक मतअिससराजगह फल गई ह तो वह उस नापाक क़रार द कयिकइस का मतलब ह िक वबाई िजलदी बीमारी लग गईह 28 लिकन अगर दाग़ फला हआ नज़र नही आताऔर मतअिससरा िजलद का रग सहतमनद िजलद करग की मािननद हो गया ह तो इस का मतलब ह िकयह िसफ़र उस भर हए ज़ख़म का िनशान ह जो जलनस पदा हआ था इमाम मरीज़ को पाक क़रार द

29 अगर िकसी क सर या दाढ़ी की िजलद मिनशान नज़र आए 30 तो इमाम मतअिससरा जगह कामआइना कर अगर वह धसी हई नज़र आए औरउस क बाल रग क िलहाज़ स चमकत हए सोनकी मािननद और बारीक हो तो इमाम मरीज़ कोनापाक क़रार द इस का मतलब ह िक ऐसी वबाईिजलदी बीमारी सर या दाढ़ी की िजलद पर लग गई हजो ख़ािरश पदा करती ह 31 लिकन अगर इमाम नमालम िकया िक मतअिससरा जगह िजलद म धसी हईनज़र नही आती अगरच उस क बालो का रग बदलगया ह तो वह उस सात िदन क िलए अलािहदगीम रख 32 सातव िदन इमाम िजलद की मतअिससराजगह का मआइना कर अगर वह फली हई नज़रनही आती और उस क बालो का रग चमकदार सोनकी मािननद नही ह साथ ही वह जगह िजलद म धसीहई भी िदखाई नही दती 33 तो मरीज़ अपन बालमडवाए िसफ़र वह बाल रह जाए जो मतअिससराजगह स िनकलत ह इमाम मरीज़ को मज़ीद सातिदन अलािहदगी म रख 34 सातव िदन वह उस कामआइना कर अगर मतअिससरा जगह नही फलीऔर वह िजलद म धसी हई नज़र नही आती तोइमाम उस पाक क़रार द वह अपन कपड़ धो ल

तो वह पाक हो जाएगा 35 लिकन अगर इस क बादिजलद की मतअिससरा जगह फलना शर हो जाए36 तो इमाम दबारा उस का मआइना कर अगर वहजगह वाक़ई फली हई नज़र आए तो मरीज़ नापाकह चाह मतअिससरा जगह क बालो का रग चमकतसोन की मािननद हो या न हो 37 लिकन अगर उसक ख़याल म मतअिससरा जगह फली हई नज़र नहीआती बिलक उस म स काल रग क बाल िनकल रहह तो इस का मतलब ह िक मरीज़ की सहत बहालहो गई ह इमाम उस पाक क़रार द

38 अगर िकसी मदर या औरत की िजलद पर सफ़ददाग़ पदा हो जाए 39 तो इमाम उन का मआइना करअगर उन का सफ़द रग हलका सा हो तो यह िसफ़रबज़रर पपड़ी ह मरीज़ पाक ह

40ndash41 अगर िकसी मदर का सर माथ की तरफ़ यापीछ की तरफ़ गजा ह तो वह पाक ह 42 लिकनअगर उस जगह जहा वह गजा ह सख़ीर-माइल सफ़ददाग़ हो तो इस का मतलब ह िक वहा वबाई िजलदीबीमारी लग गई ह 43 इमाम उस का मआइना करअगर गजी जगह पर सख़ीर-माइल सफ़द सजन हो जोवबाई िजलदी बीमारी की मािननद नज़र आए 44 तोमरीज़ को वबाई िजलदी बीमारी लग गई ह इमामउस नापाक क़रार द

नापाक मरीज़ का सलक45 वबाई िजलदी बीमारी का मरीज़ फट कपड़

पहन उस क बाल िबखर रह वह अपनी मछो कोिकसी कपड़ स छपाए और पकारता रह lsquoनापाकनापाकrsquo 46 िजस वक़त तक वबाई िजलदी बीमारीलगी रह वह नापाक ह वह इस दौरान ख़मागाह कबाहर जा कर तनहाई म रह

फफदी स िनपटन का तरीक़ा47 हो सकता ह िक ऊन या कतान क िकसी िलबास

पर फफदी लग गई ह 48 या िक फफदी ऊन याकतान क िकसी कपड़ क टकड़ या िकसी चमड़

अहबार 1349ndash1413 133या चमड़ की िकसी चीज़ पर लग गई ह 49 अगरफफदी का रग हरा या लाल सा हो तो वह फलनवाली फफदी ह और लािज़म ह िक उस इमाम कोिदखाया जाए 50 इमाम उस का मआइना करक उससात िदन क िलए अलािहदगी म रख 51 सातव िदनवह दबारा उस का मआइना कर अगर फफदी फलगई हो तो इस का मतलब ह िक वह नक़सानदह हमतअिससरा चीज़ नापाक ह 52 इमाम उस जला दकयिक यह फफदी नक़सानदह ह लािज़म ह िक उसजला िदया जाए 53 लिकन अगर इन सात िदनो कबाद फफदी फली हई नज़र नही आती 54 तो इमामहकम द िक मतअिससरा चीज़ को धलवाया जाएिफर वह उस मज़ीद सात िदन क िलए अलािहदगीम रख 55 इस क बाद वह दबारा उस का मआइनाकर अगर वह मालम कर िक फफदी तो फली हईनज़र नही आती लिकन उस का रग वस का वसाह तो वह नापाक ह उस जला दना चाह फफदीमतअिससरा चीज़ क सामन वाल िहसस या िपछलिहसस म लगी हो 56 लिकन अगर मालम हो जाएिक फफदी का रग माद पड़ गया ह तो इमाम कपड़या चमड़ म स मतअिससरा जगह फाड़ कर िनकालद 57 तो भी हो सकता ह िक फफदी दबारा उसीकपड़ या चमड़ पर नज़र आए इस का मतलब हिक वह फल रही ह और उस जला दना लािज़म ह58 लिकन अगर फफदी धोन क बाद ग़ाइब हो जाएतो उस एक और दफ़ा धोना ह िफर मतअिससराचीज़ पाक होगी

59 इसी तरह फफदी स िनपटना ह चाह वह ऊनया कतान क िकसी िलबास को लग गई हो चाहऊन या कतान क िकसी टकड़ या चमड़ की िकसीचीज़ को लग गई हो इन ही उसलो क तहत फ़सलाकरना ह िक मतअिससरा चीज़ पाक ह या नापाकrdquo

वबाई िजलदी बीमारी क मरीज़ की िशफ़ा पर क़बारनी

14 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoअगर कोई शख़सिजलदी बीमारी स िशफ़ा पाए और उस

पाक-साफ़ कराना ह तो उस इमाम क पास लायाजाए 3 जो ख़मागाह क बाहर जा कर उस का मआइनाकर अगर वह दख िक मरीज़ की सहत वाक़ईबहाल हो गई ह 4 तो इमाम उस क िलए दो िज़नदाऔर पाक पिरनद दवदार की लकड़ी िक़िमरज़ी रगका धागा और ज़फ़ा मगवाए 5 इमाम क हकम परपिरनदो म स एक को ताज़ा पानी स भर हए िमटटीक बतरन क ऊपर ज़बह िकया जाए 6 इमाम िज़नदापिरनद को दवदार की लकड़ी िक़िमरज़ी रग क धागऔर ज़फ़ा क साथ ज़बह िकए गए पिरनद क उस ख़नम डबो द जो िमटटी क बतरन क पानी म आ गया ह7 वह पानी स िमलाया हआ ख़न सात बार पाक होनवाल शख़स पर िछड़क कर उस पाक क़रार द िफरिज़नदा पिरनद को खल मदान म छोड़ द 8 जो अपनआप को पाक-साफ़ करा रहा ह वह अपन कपड़धोए अपन तमाम बाल मडवाए और नहा ल इसक बाद वह पाक ह अब वह ख़मागाह म दािख़ल होसकता ह अगरच वह मज़ीद सात िदन अपन डर मनही जा सकता 9 सातव िदन वह दबारा अपन सरक बाल अपनी दाढ़ी अपन अबर और बाक़ी तमामबाल मडवाए वह अपन कपड़ धोए और नहा लतब वह पाक ह

10 आठव िदन वह दो भड़ क नर बचच और एकयकसाला भड़ चन ल जो बऐब हो साथ ही वह ग़ललाकी नज़र क िलए तल क साथ िमलाया गया साढ़4 िकलोगराम बहतरीन मदा और 300 िमलीिलटरतल ल 11 िफर िजस इमाम न उस पाक क़रार िदयावह उस इन क़बारिनयो समत मलाक़ात क ख़म कदरवाज़ पर रब को पश कर 12 भड़ का एक नरबचचा और 300 िमलीिलटर तल क़सर की क़बारनी किलए ह इमाम उनह िहलान वाली क़बारनी क तौर पररब क सामन िहलाए 13 िफर वह भड़ क इस बचचको ख़म क दरवाज़ पर ज़बह कर जहा गनाह कीक़बारिनया और भसम होन वाली क़बारिनया ज़बह कीजाती ह गनाह की क़बारिनयो की तरह क़सर की यहक़बारनी इमाम का िहससा ह और िनहायत मक़ददस ह

134 अहबार 1414ndash3814 इमाम ख़न म स कछ ल कर पाक होन वाल कदहन कान की लौ पर और उस क दहन हाथ औरदहन पाओ क अगठो पर लगाए 15 अब वह 300िमलीिलटर तल म स कछ ल कर अपन बाए हाथकी हथली पर डाल 16 अपन दहन हाथ क अगठक साथ वाली उगली इस तल म डबो कर वह उससात बार रब क सामन िछड़क 17 वह अपनी हथलीपर क तल म स कछ और ल कर पाक होन वाल कदहन कान की लौ पर और उस क दहन हाथ औरदहन पाओ क अगठो पर लगा द यानी उन जगहोपर जहा वह क़सर की क़बारनी का ख़न लगा चकाह 18 इमाम अपनी हथली पर का बाक़ी तल पाकहोन वाल क सर पर डाल कर रब क सामन उस काकफ़फ़ारा द

19 इस क बाद इमाम गनाह की क़बारनी चढ़ा करपाक होन वाल का कफ़फ़ारा द आिख़र म वह भसमहोन वाली क़बारनी का जानवर ज़बह कर 20 वह उसग़लला की नज़र क साथ क़बारनगाह पर चढ़ा कर उसका कफ़फ़ारा द तब वह पाक ह

21 अगर िशफ़ायाब शख़स ग़बरत क बाइस यहक़बारिनया नही चढ़ा सकता तो िफर वह क़सर कीक़बारनी क िलए भड़ का िसफ़र एक नर बचचा ल आएकाफ़ी ह िक कफ़फ़ारा दन क िलए यही रब क सामनिहलाया जाए साथ साथ ग़लला की नज़र क िलएडढ़ िकलोगराम बहतरीन मदा तल क साथ िमला करपश िकया जाए और 300 िमलीिलटर तल 22 इसक इलावा वह दो क़िमरया या दो जवान कबतर पशकर एक को गनाह की क़बारनी क िलए और दसरको भसम होन वाली क़बारनी क िलए 23 आठव िदनवह उनह मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ पर इमाम कपास और रब क सामन ल आए तािक वह पाक-साफ़हो जाए 24 इमाम भड़ क बचच को 300 िमलीिलटरतल समत ल कर िहलान वाली क़बारनी क तौर पररब क सामन िहलाए 25 वह क़सर की क़बारनी किलए भड़ क बचच को ज़बह कर और उस क ख़न म सकछ ल कर पाक होन वाल क दहन कान की लौ पर

और उस क दहन हाथ और दहन पाओ क अगठोपर लगाए 26 अब वह 300 िमलीिलटर तल म सकछ अपन बाए हाथ की हथली पर डाल 27 औरअपन दहन हाथ क अगठ क साथ वाली उगली इसतल म डबो कर उस सात बार रब क सामन िछड़कद 28 वह अपनी हथली पर क तल म स कछ औरल कर पाक होन वाल क दहन कान की लौ परऔर उस क दहन हाथ और दहन पाओ क अगठोपर लगा द यानी उन जगहो पर जहा वह क़सर कीक़बारनी का ख़न लगा चका ह 29 अपनी हथली परका बाक़ी तल वह पाक होन वाल क सर पर डाल दतािक रब क सामन उस का कफ़फ़ारा द 30 इस कबाद वह िशफ़ायाब शख़स की गनजाइश क मतािबक़दो क़िमरया या दो जवान कबतर चढ़ाए 31 एक कोगनाह की क़बारनी क िलए और दसर को भसम होनवाली क़बारनी क िलए साथ ही वह ग़लला की नज़रपश कर य इमाम रब क सामन उस का कफ़फ़ारादता ह 32 यह उसल ऐस शख़स क िलए ह जो वबाईिजलदी बीमारी स िशफ़ा पा गया ह लिकन अपनीग़बरत क बाइस पाक हो जान क िलए परी क़बारनीपश नही कर सकताrdquo

घरो म फफदी33 रब न मसा और हारन स कहा 34 ldquoजब तम

मलक-ए-कनआन म दािख़ल होग जो म तमह दगा तोवहा ऐस मकान होग िजन म म न फफदी फलन दीह 35 ऐस घर का मािलक जा कर इमाम को बताएिक म न अपन घर म फफदी जसी कोई चीज़ दखी ह36 तब इमाम हकम द िक घर का मआइना करन सपहल घर का परा सामान िनकाला जाए वनार अगरघर को नापाक क़रार िदया जाए तो सामान को भीनापाक क़रार िदया जाएगा इस क बाद इमाम अनदरजा कर मकान का मआइना कर 37 वह दीवारोक साथ लगी हई फफदी का मआइना कर अगरमतअिससरा जगह हरी या लाल सी हो और दीवारक अनदर धसी हई नज़र आए 38 तो िफर इमाम घर स

अहबार 1439ndash1514 135िनकल कर सात िदन क िलए ताला लगाए 39 सातविदन वह वापस आ कर मकान का मआइना करअगर फफदी फली हई नज़र आए 40 तो वह हकम दिक मतअिससरा पतथरो को िनकाल कर आबादी कबाहर िकसी नापाक जगह पर फका जाए 41 नीज़वह हकम द िक अनदर की दीवारो को करदा जाएऔर करदी हई िमटटी को आबादी क बाहर िकसीनापाक जगह पर फका जाए 42 िफर लोग नए पतथरलगा कर घर को नए गार स पलसतर कर 43 लिकनअगर इस क बावजद फफदी दबारा पदा हो जाए44 तो इमाम आ कर दबारा उस का मआइना करअगर वह दख िक फफदी घर म फल गई ह तो इसका मतलब ह िक फफदी नक़सानदह ह इस िलए घरनापाक ह 45 लािज़म ह िक उस पर तौर पर ढा िदयाजाए और सब कछ यानी उस क पतथर लकड़ी औरपलसतर को आबादी क बाहर िकसी नापाक जगहपर फका जाए

46 अगर इमाम न िकसी घर का मआइना करकताला लगा िदया ह और िफर भी कोई उस घर मदािख़ल हो जाए तो वह शाम तक नापाक रहगा47 जो ऐस घर म सोए या खाना खाए लािज़म ह िकवह अपन कपड़ धो ल 48 लिकन अगर घर को नएिसर स पलसतर करन क बाद इमाम आ कर उसका दबारा मआइना कर और दख िक फफदी दबारानही िनकली तो इस का मतलब ह िक फफदी ख़तमहो गई ह वह उस पाक क़रार द 49 उस गनाह सपाक-साफ़ करान क िलए वह दो पिरनद दवदार कीलकड़ी िक़िमरज़ी रग का धागा और ज़फ़ा ल ल50 वह पिरनदो म स एक को ताज़ा पानी स भर हएिमटटी क बतरन क ऊपर ज़बह कर 51 इस क बादवह दवदार की लकड़ी ज़फ़ा िक़िमरज़ी रग का धागाऔर िज़नदा पिरनदा ल कर उस ताज़ा पानी म डबो दिजस क साथ ज़बह िकए हए पिरनद का ख़न िमलायागया ह और इस पानी को सात बार घर पर िछड़क द52 इन चीज़ो स वह घर को गनाह स पाक-साफ़ करताह 53 आिख़र म वह िज़नदा पिरनद को आबादी क

बाहर खल मदान म छोड़ द य वह घर का कफ़फ़ारादगा और वह पाक-साफ़ हो जाएगा

54ndash56 लािज़म ह िक हर िक़सम की वबाई बीमारीस ऐस िनपटो जस बयान िकया गया ह चाह वहवबाई िजलदी बीमािरया हो (मसलन ख़ािरश सजनपपड़ी या सफ़द दाग़) चाह कपड़ो या घरो म फफदीहो 57 इन उसलो क तहत फ़सला करना ह िक कोईशख़स या चीज़ पाक ह या नापाकrdquo

मदोर की नापाकी

15 1 रब न मसा और हारन स कहा2 ldquoइसराईिलयो को बताना िक अगर िकसी

मदर को जरयान का मज़र हो तो वह ख़ािरज होन वालमाए क सबब स नापाक ह 3 चाह माए बहता रहताहो या रक गया हो 4 िजस चीज़ पर भी मरीज़ लटताया बठता ह वह नापाक ह 5ndash6 जो भी उस क लटनकी जगह को छए या उस क बठन की जगह परबठ जाए वह अपन कपड़ धो कर नहा ल वह शामतक नापाक रहगा 7 इसी तरह जो भी ऐस मरीज़ कोछए वह अपन कपड़ धो कर नहा ल वह शाम तकनापाक रहगा 8 अगर मरीज़ िकसी पाक शख़स परथक तो यही कछ करना ह और वह शख़स शाम तकनापाक रहगा 9 जब ऐसा मरीज़ िकसी जानवर परसवार होता ह तो हर चीज़ िजस पर वह बठ जाताह नापाक ह 10 जो भी ऐसी चीज़ छए या उस उठाकर ल जाए वह अपन कपड़ धो कर नहा ल वहशाम तक नापाक रहगा 11 िजस िकसी को भी मरीज़अपन हाथ धोए बग़र छए वह अपन कपड़ धो करनहा ल वह शाम तक नापाक रहगा 12 िमटटी का जोबतरन ऐसा मरीज़ छए उस तोड़ िदया जाए लकड़ीका जो बतरन वह छए उस ख़ब धोया जाए

13 िजस इस मज़र स िशफ़ा िमली ह वह सात िदनइिनतज़ार कर इस क बाद वह ताज़ा पानी स अपनकपड़ धो कर नहा ल िफर वह पाक हो जाएगा14 आठव िदन वह दो क़िमरया या दो जवान कबतरल कर मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ पर रब क सामन

136 अहबार 1515ndash168इमाम को द 15 इमाम उन म स एक को गनाह कीक़बारनी क तौर पर और दसर को भसम होन वालीक़बारनी क तौर पर चढ़ाए य वह रब क सामन उसका कफ़फ़ारा दगा

16 अगर िकसी मदर का नतफ़ा ख़ािरज हो जाए तोवह अपन पर िजसम को धो ल वह शाम तक नापाकरहगा 17 हर कपड़ा या चमड़ा िजस स नतफ़ा लगगया हो उस धोना ह वह भी शाम तक नापाक रहगा18 अगर मदर और औरत क हमिबसतर होन पर नतफ़ाख़ािरज हो जाए तो लािज़म ह िक दोनो नहा ल वहशाम तक नापाक रहग

औरतो की नापाकी19 माहवारी क वक़त औरत सात िदन तक नापाक

ह जो भी उस छए वह शाम तक नापाक रहगा20 इस दौरान िजस चीज़ पर भी वह लटती या बठतीह वह नापाक ह 21ndash23 जो भी उस क लटन की जगहको छए या उस क बठन की जगह पर बठ जाए वहअपन कपड़ धो कर नहा ल वह शाम तक नापाकरहगा 24 अगर मदर औरत स हमिबसतर हो और उसीवक़त माहवारी क िदन शर हो जाए तो मदर ख़न लगनक बाइस सात िदन तक नापाक रहगा िजस चीज़ परभी वह लटता ह वह नापाक हो जाएगी

25 अगर िकसी औरत को माहवारी क िदन छोड़कर िकसी और वक़त कई िदनो तक ख़न आए याख़न माहवारी क िदनो क बाद भी जारी रह तो वहमाहवारी क िदनो की तरह उस वक़त तक नापाकरहगी जब तक ख़न रक न जाए 26 िजस चीज़ परभी वह लटती या बठती ह वह नापाक ह 27 जो भीऐसी चीज़ को छए वह अपन कपड़ धो कर नहा लवह शाम तक नापाक रहगा 28 ख़न क रक जानपर औरत मज़ीद सात िदन इिनतज़ार कर िफर वहपाक होगी 29 आठव िदन वह दो क़िमरया या दोजवान कबतर ल कर मलाक़ात क ख़म क दरवाज़पर इमाम क पास आए 30 इमाम उन म स एक कोगनाह की क़बारनी क िलए और दसर को भसम होन

वाली क़बारनी क िलए चढ़ाए य वह रब क सामनउस की नापाकी का कफ़फ़ारा दगा

31 लािज़म ह िक इसराईिलयो को ऐसी चीज़ो स दररखा जाए िजन स वह नापाक हो जाए वनार मरा वहमिक़दस जो उन क दरिमयान ह उन स नापाक होजाएगा और वह हलाक हो जाएग

32 लािज़म ह िक इस िक़सम क मआमलो स ऐसिनपटो जस बयान िकया गया ह इस म वह मदरशािमल ह जो जरयान का मरीज़ ह और वह जो नतफ़ाख़ािरज होन क बाइस नापाक ह 33 इस म वह औरतभी शािमल ह िजस क माहवारी क अययाम ह औरवह मदर जो नापाक औरत स हमिबसतर हो जाताहrdquo

यौम-ए-कफ़फ़ारा

16 1 जब हारन क दो बट रब क क़रीब आकर हलाक हए तो इस क बाद रब मसा स

हमकलाम हआ 2 उस न कहाldquoअपन भाई हारन को बताना िक वह िसफ़र मक़रररा

वक़त पर पद र क पीछ मक़ददसतरीन कमर म दािख़लहो कर अहद क सनदक़ क ढकन क सामन खड़ा होजाए वनार वह मर जाएगा कयिक म ख़द उस ढकनक ऊपर बादल की सरत म ज़ािहर होता ह 3 औरजब भी वह दािख़ल हो तो गनाह की क़बारनी क िलएएक जवान बल और भसम होन वाली क़बारनी किलए एक मढा पश कर 4 पहल वह नहा कर इमामक कतान क मक़ददस कपड़ पहन ल यानी ज़रजामाउस क नीच पाजामा िफर कमरबनद और पगड़ी5 इसराईल की जमाअत हारन को गनाह की क़बारनीक िलए दो बकर और भसम होन वाली क़बारनी किलए एक मढा द

6 पहल हारन अपन और अपन घरान क िलएजवान बल को गनाह की क़बारनी क तौर पर चढ़ाए7 िफर वह दोनो बकरो को मलाक़ात क ख़म कदरवाज़ पर रब क सामन ल आए 8 वहा वह क़रआडाल कर एक को रब क िलए चन और दसर को

अहबार 169ndash29 137अज़ाज़ल क िलए 9 जो बकरा रब क िलए ह उसवह गनाह की क़बारनी क तौर पर पश कर 10 दसराबकरा जो क़रए क ज़रीए अज़ाज़ल क िलए चना गयाउस िज़नदा हालत म रब क सामन खड़ा िकया जाएतािक वह जमाअत का कफ़फ़ारा द वहा स उसरिगसतान म अज़ाज़ल क पास भजा जाए

11 लिकन पहल हारन जवान बल को गनाह कीक़बारनी क तौर पर चढ़ा कर अपना और अपन घरानका कफ़फ़ारा द उस ज़बह करन क बाद 12 वह बख़रकी क़बारनगाह स जलत हए कोएलो स भरा हआबतरन ल कर अपनी दोनो मिटठया बारीक ख़शबदारबख़र स भर ल और मक़ददसतरीन कमर म दािख़लहो जाए 13 वहा वह रब क हज़र बख़र को जलतहए कोएलो पर डाल द इस स पदा होन वाला धआअहद क सनदक़ का ढकना छपा दगा तािक हारनमर न जाए 14 अब वह जवान बल क ख़न म सकछ ल कर अपनी उगली स ढकन क सामन वालिहसस पर िछड़क िफर कछ अपनी उगली स सातबार उस क सामन ज़मीन पर िछड़क 15 इस क बादवह उस बकर को ज़बह कर जो क़ौम क िलए गनाहकी क़बारनी ह वह उस का ख़न मक़ददसतरीन कमरम ल आए और उस बल क ख़न की तरह अहद कसनदक़ क ढकन पर और सात बार उस क सामनज़मीन पर िछड़क 16 य वह मक़ददसतरीन कमर काकफ़फ़ारा दगा जो इसराईिलयो की नापािकयो औरतमाम गनाहो स मतअिससर होता रहता ह इस सवह मलाक़ात क पर ख़म का भी कफ़फ़ारा दगा जोख़मागाह क दरिमयान होन क बाइस इसराईिलयो कीनापािकयो स मतअिससर होता रहता ह

17 िजतना वक़त हारन अपना अपन घरान का औरइसराईल की परी जमाअत का कफ़फ़ारा दन क िलएमक़ददसतरीन कमर म रहगा इस दौरान िकसी दसरको मलाक़ात क ख़म म ठहरन की इजाज़त नही ह18 िफर वह मक़ददसतरीन कमर स िनकल कर ख़मम रब क सामन पड़ी क़बारनगाह का कफ़फ़ारा दवह बल और बकर क ख़न म स कछ ल कर उस

क़बारनगाह क चारो सीगो पर लगाए 19 कछ ख़नवह अपनी उगली स सात बार उस पर िछड़क द य वह उस इसराईिलयो की नापािकयो स पाक करकमख़सस-ओ-मक़ददस करगा

20 मक़ददसतरीन कमर मलाक़ात क ख़म औरक़बारनगाह का कफ़फ़ारा दन क बाद हारन िज़नदाबकर को सामन लाए 21 वह अपन दोनो हाथ उसक सर पर रख और इसराईिलयो क तमाम क़सर यानीउन क तमाम जराइम और गनाहो का इक़रार करकउनह बकर क सर पर डाल द िफर वह उस रिगसतानम भज द इस क िलए वह बकर को एक आदमी कसपदर कर िजस यह िज़ममादारी दी गई ह 22 बकराअपन आप पर उन का तमाम क़सर उठा कर िकसीवीरान जगह म ल जाएगा वहा साथ वाला आदमीउस छोड़ आए

23 इस क बाद हारन मलाक़ात क ख़म म जाएऔर कतान क वह कपड़ जो उस न मक़ददसतरीनकमर म दािख़ल होन स पशतर पहन िलए थ उतारकर वही छोड़ द 24 वह मक़ददस जगह पर नहा करअपनी िख़दमत क आम कपड़ पहन ल िफर वहबाहर आ कर अपन और अपनी क़ौम क िलए भसमहोन वाली क़बारनी पश कर तािक अपना और अपनीक़ौम का कफ़फ़ारा द 25 इस क इलावा वह गनाहकी क़बारनी की चबीर क़बारनगाह पर जला द

26 जो आदमी अज़ाज़ल क िलए बकर को रिगसतानम छोड़ आया ह वह अपन कपड़ धो कर नहा लइस क बाद वह ख़मागाह म आ सकता ह

27 िजस बल और बकर को गनाह की क़बारनी किलए पश िकया गया और िजन का ख़न कफ़फ़ारा दनक िलए मक़ददसतरीन कमर म लाया गया लािज़मह िक उन की खाल गोशत और गोबर ख़मागाह कबाहर जला िदया जाए 28 यह चीज़ जलान वाला बादम अपन कपड़ धो कर नहा ल िफर वह ख़मागाहम आ सकता ह

29 लािज़म ह िक सातव महीन क दसव िदनइसराईली और उन क दरिमयान रहन वाल परदसी

138 अहबार 1630ndash1716अपनी जान को दख द और काम न कर यहउसल तमहार िलए अबद तक क़ाइम रह 30 इस िदनतमहारा कफ़फ़ारा िदया जाएगा तािक तमह पाक िकयाजाए तब तम रब क सामन अपन तमाम गनाहो सपाक ठहरोग 31 परा िदन आराम करो और अपनीजान को दख दो यह उसल अबद तक क़ाइम रह

32 इस िदन इमाम-ए-आज़म तमहारा कफ़फ़ारा दवह इमाम िजस उस क बाप की जगह मसह िकयागया और इख़ितयार िदया गया ह वह कतान कमक़ददस कपड़ पहन कर 33 मक़ददसतरीन कमरमलाक़ात क ख़म क़बारनगाह इमामो और जमाअतक तमाम लोगो का कफ़फ़ारा द 34 लािज़म ह िकसाल म एक दफ़ा इसराईिलयो क तमाम गनाहो काकफ़फ़ारा िदया जाए यह उसल तमहार िलए अबदतक क़ाइम रहrdquo

सब कछ वस ही िकया गया जसा रब न मसा कोहकम िदया था

क़बारनी चढ़ान का मक़ाम

17 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoहारन उस कबटो और तमाम इसराईिलयो को िहदायत

दना 3ndash4 िक जो भी इसराईली अपनी गाय या भड़-बकरी मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ पर रब कोक़बारनी क तौर पर पश न कर बिलक ख़मागाह कअनदर या बाहर िकसी और जगह पर ज़बह करवह ख़न बहान का क़सरवार ठहरगा उस न ख़नबहाया ह और लािज़म ह िक उस उस की क़ौम मस िमटाया जाए 5 इस िहदायत का मक़सद यह हिक इसराईली अब स अपनी क़बारिनया खल मदानम ज़बह न कर बिलक रब को पश कर वह अपनजानवरो को मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ पर इमामक पास ला कर उनह रब को सलामती की क़बारनीक तौर पर पश कर 6 इमाम उन का ख़न मलाक़ातक ख़म क दरवाज़ पर की क़बारनगाह पर िछड़कऔर उन की चबीर उस पर जला द ऐसी क़बारनी कीख़शब रब को पसनद ह 7 अब स इसराईली अपनी

क़बारिनया उन बकरो क दवताओ को पश न करिजन की परवी करक उनहो न िज़ना िकया ह यहउन क िलए और उन क बाद आन वाली नसलो किलए एक दाइमी उसल ह

8 लािज़म ह िक हर इसराईली और तमहार दरिमयानरहन वाला परदसी अपनी भसम होन वाली क़बारनीया कोई और क़बारनी 9 मलाक़ात क ख़म क दरवाज़पर ला कर रब को पश कर वनार उस उस की क़ौमम स िमटाया जाएगा

ख़न खाना मना ह10 ख़न खाना िबलकल मना ह जो भी इसराईली

या तमहार दरिमयान रहन वाला परदसी ख़न खाए मउस क िख़लाफ़ हो जाऊगा और उस उस की क़ौमम स िमटा डालगा 11 कयिक हर मख़लक़ क ख़न मउस की जान ह म न उस तमह द िदया ह तािक वहक़बारनगाह पर तमहारा कफ़फ़ारा द कयिक ख़न हीउस जान क ज़रीए जो उस म ह तमहारा कफ़फ़ारा दताह 12 इस िलए म कहता ह िक न कोई इसराईली नकोई परदसी ख़न खाए

13 अगर कोई भी इसराईली या परदसी िकसीजानवर या पिरनद का िशकार करक पकड़ िजसखान की इजाज़त ह तो वह उस ज़बह करन क बादउस का परा ख़न ज़मीन पर बहन द और ख़न परिमटटी डाल 14 कयिक हर मख़लक़ का ख़न उस कीजान ह इस िलए म न इसराईिलयो को कहा ह िकिकसी भी मख़लक़ का ख़न न खाओ हर मख़लक़का ख़न उस की जान ह और जो भी उस खाए उसक़ौम म स िमटा दना ह

15 अगर कोई भी इसराईली या परदसी ऐस जानवरका गोशत खाए जो िफ़तरी तौर पर मर गया या िजसजगली जानवरो न फाड़ डाला हो तो वह अपन कपड़धो कर नहा ल वह शाम तक नापाक रहगा 16 जोऐसा नही करता उस अपन क़सर की सज़ा भगतनीपड़गीrdquo

अहबार 181ndash30 139

नाजाइज़ िजनसी ताललक़ात

18 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयोको बताना िक म रब तमहारा ख़दा ह

3 िमिसरयो की तरह िज़नदगी न गज़ारना िजन म तमरहत थ मलक-ए-कनआन क लोगो की तरह भीिज़नदगी न गज़ारना िजन क पास म तमह ल जारहा ह उन क रसम-ओ-िरवाज न अपनाना 4 मरही अहकाम पर अमल करो और मरी िहदायातक मतािबक़ चलो म रब तमहारा ख़दा ह 5 मरीिहदायात और अहकाम क मतािबक़ चलना कयिकजो य करगा वह जीता रहगा म रब ह

6 तम म स कोई भी अपनी क़रीबी िरशतदार सहमिबसतर न हो म रब ह

7 अपनी मा स हमिबसतर न होना वनार तर बापकी बहरमती हो जाएगी वह तरी मा ह इस िलएउस स हमिबसतर न होना

8 अपन बाप की िकसी भी बीवी स हमिबसतर नहोना वनार तर बाप की बहरमती हो जाएगी

9 अपनी बहन स हमिबसतर न होना चाह वह तरबाप या तरी मा की बटी हो चाह वह तर ही घर मया कही और पदा हई हो

10 अपनी पोती या नवासी स हमिबसतर न होनावनार तरी अपनी बहरमती हो जाएगी

11 अपन बाप की बीवी की बटी स हमिबसतर नहोना वह तरी बहन ह

12 अपनी फफी स हमिबसतर न होना वह तर बापकी क़रीबी िरशतदार ह

13 अपनी ख़ाला स हमिबसतर न होना वह तरी मा की क़रीबी िरशतदार ह

14 अपन बाप क भाई की बीवी स हमिबसतर नहोना वनार तर बाप क भाई की बहरमती हो जाएगीउस की बीवी तरी चची ह

15 अपनी बह स हमिबसतर न होना वह तर बटकी बीवी ह

16 अपनी भाबी स हमिबसतर न होना वनार तर भाईकी बहरमती हो जाएगी

17 अगर तरा िजनसी ताललक़ िकसी औरत स हो तोउस की बटी पोती या नवासी स हमिबसतर होनामना ह कयिक वह उस की क़रीबी िरशतदार ह ऐसाकरना बड़ी शमरनाक हरकत ह

18 अपनी बीवी क जीत जी उस की बहन स शादीन करना

19 िकसी औरत स उस की माहवारी क िदनो म हमिबसतर न होना इस दौरान वह नापाक ह

20 िकसी दसर मदर की बीवी स हमिबसतर न होनावनार त अपन आप को नापाक करगा

21 अपन िकसी भी बचच को मिलक दवता कोक़बारनी क तौर पर पश करक जला दना मना ह ऐसीहरकत स त अपन ख़दा क नाम को दाग़ लगाएगाम रब ह

22 मदर दसर मदर क साथ िजनसी ताललक़ात न रखऐसी हरकत क़ािबल-ए-िघन ह

23 िकसी जानवर स िजनसी ताललक़ात न रखना वनारत नापाक हो जाएगा औरतो क िलए भी ऐसा करनामना ह यह बड़ी शमरनाक हरकत ह

24 ऐसी हरकतो स अपन आप को नापाक नकरना कयिक जो क़ौम म तमहार आग मलक सिनकालगा वह इसी तरह नापाक होती रही 25 मलकख़द भी नापाक हआ इस िलए म न उस उस कक़सर क सबब स सज़ा दी और नतीज म उसन अपन बािशनदो को उगल िदया 26 लिकन तममरी िहदायात और अहकाम क मतािबक़ चलो नदसी और न परदसी ऐसी कोई िघनौनी हरकत कर27 कयिक यह तमाम क़ािबल-ए-िघन बात उन स हईजो तम स पहल इस मलक म रहत थ य मलकनापाक हआ 28 िलहाज़ा अगर तम भी मलक कोनापाक करोग तो वह तमह इसी तरह उगल दगािजस तरह उस न तम स पहल मौजद क़ौमो को उगलिदया 29 जो भी मज़करा िघनौनी हरकतो म स एककर उस उस की क़ौम म स िमटाया जाए 30 मर

140 अहबार 191ndash23अहकाम क मतािबक़ चलत रहो और ऐस क़ािबल-ए-िघन रसम-ओ-िरवाज न अपनाना जो तमहार आनस पहल राइज थ इन स अपन आप को नापाक नकरना म रब तमहारा ख़दा हrdquo

मक़ददस क़ौम क िलए िहदायात

19 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कीपरी जमाअत को बताना िक मक़ददस रहो

कयिक म रब तमहारा ख़दा क़ददस ह3 तम म स हर एक अपन मा-बाप की इज़ज़त कर

हफ़त क िदन काम न करना म रब तमहारा ख़दा ह4 न बतो की तरफ़ रज करना न अपन िलए दवताढालना म ही रब तमहारा ख़दा ह

5 जब तम रब को सलामती की क़बारनी पश करतहो तो उस य चढ़ाओ िक तम मनज़र हो जाओ 6 उसका गोशत उसी िदन या अगल िदन खाया जाए जो भीतीसर िदन तक बच जाता ह उस जलाना ह 7 अगरकोई उस तीसर िदन खाए तो उस इलम होना चािहएिक यह क़बारनी नापाक ह और रब को पसनद नही ह8 ऐस शख़स को अपन क़सर की सज़ा उठानी पड़गीकयिक उस न उस चीज़ की मक़ददस हालत ख़तम कीह जो रब क िलए मख़सस की गई थी उस उस कीक़ौम म स िमटाया जाए

9 कटाई क वक़त अपनी फ़सल पर तौर पर नकाटना बिलक खत क िकनारो पर कछ छोड़ दनाइस तरह जो कछ कटाई करत वक़त खत म बच जाएउस छोड़ना 10 अगर क बाग़ो म भी जो कछ अगरतोड़त वक़त बच जाए उस छोड़ दना जो अगर ज़मीनपर िगर जाए उनह उठा कर न ल जाना उनह ग़रीबोऔर परदिसयो क िलए छोड़ दना म रब तमहाराख़दा ह

11 चोरी न करना झट न बोलना एक दसर कोधोका न दना

12 मर नाम की क़सम खा कर धोका न दना वनारतम मर नाम को दाग़ लगाओग म रब ह

13 एक दसर को न दबाना और न लटना िकसीकी मज़दरी उसी िदन की शाम तक द दना और उसअगली सबह तक रोक न रखना

14 बहर को न कोसना न अध क रासत म कोईचीज़ रखना िजस स वह ठोकर खाए इस म भी अपनख़दा का ख़ौफ़ मानना म रब ह

15 अदालत म िकसी की हक़तलफ़ी न करनाफ़सला करत वक़त िकसी की भी जािनबदारी नकरना चाह वह ग़रीब या असर-ओ-रसख़ वाला होइनसाफ़ स अपन पड़ोसी की अदालत कर

16 अपनी क़ौम म इधर उधर िफरत हए िकसी परबहतान न लगाना कोई भी ऐसा काम न करना िजसस िकसी की जान ख़तर म पड़ जाए म रब ह

17 िदल म अपन भाई स नफ़रत न करना अगरिकसी की सरज़िनश करनी ह तो र-ब-र करना वनारत उस क सबब स क़सरवार ठहरगा

18 इिनतक़ाम न लना अपनी क़ौम क िकसी शख़सपर दर तक तरा ग़ससा न रह बिलक अपन पड़ोसी सवसी महबबत रखना जसी त अपन आप स रखता हम रब ह

19 मरी िहदायात पर अमल करो दो मख़तिलफ़िक़सम क जानवरो को िमलाप न करन दना अपनखत म दो िक़सम क बीज न बोना ऐसा कपड़ा नपहनना जो दो मख़तिलफ़ िक़सम क धागो का बनाहआ हो

20 अगर कोई आदमी िकसी लौडी स िजस कीमगनी िकसी और स हो चकी हो हमिबसतर हो जाएऔर लौडी को अब तक न पसो स न वस ही आज़ादिकया गया हो तो मनािसब सज़ा दी जाए लिकन उनहसज़ा-ए-मौत न दी जाए कयिक उस अब तक आज़ादनही िकया गया 21 क़सरवार आदमी मलाक़ात कख़म क दरवाज़ पर एक मढा ल आए तािक वह रबको क़सर की क़बारनी क तौर पर पश िकया जाए22 इमाम इस क़बारनी स रब क सामन उस क गनाहका कफ़फ़ारा द य उस का गनाह मआफ़ िकयाजाएगा 23 जब मलक-ए-कनआन म दािख़ल होन क

अहबार 1924ndash2010 141बाद तम फलदार दरख़त लगाओग तो पहल तीन सालउन का फल न खाना बिलक उस ममन cसमझना24 चौथ साल उन का तमाम फल ख़शी क मक़ददसनज़रान क तौर पर रब क िलए मख़सस िकया जाए25 पाचव साल तम उन का फल खा सकत हो य तमहारी फ़सल बढ़ाई जाएगी म रब तमहारा ख़दा ह

26 ऐसा गोशत न खाना िजस म ख़न हो फ़ाल याशगन न िनकालना

27 अपन सर क बाल गोल शकल म न कटवाना नअपनी दाढ़ी को तराशना 28 अपन आप को मदोर कसबब स काट कर ज़ख़मी न करना न अपनी िजलदपर नक़श गदवाना म रब ह

29 अपनी बटी को कसबी न बनाना वनार उस कीमक़ददस हालत जाती रहगी और मलक िज़नाकारी कबाइस हरामकारी स भर जाएगा

30 हफ़त क िदन आराम करना और मर मिक़दस काएहितराम करना म रब ह

31 ऐस लोगो क पास न जाना जो मदोर स रािबताकरत ह न ग़बदानो की तरफ़ रज करना वनार तमउन स नापाक हो जाओग म रब तमहारा ख़दा ह

32 बढ़ लोगो क सामन उठ कर खड़ा हो जानाबज़गोर की इज़ज़त करना और अपन ख़दा काएहितराम करना म रब ह

33 जो परदसी तमहार मलक म तमहार दरिमयानरहता ह उस न दबाना 34 उस क साथ ऐसा सलककर जसा अपन हमवतनो क साथ करता ह िजसतरह त अपन आप स महबबत रखता ह उसी तरहउस स भी महबबत रखना याद रह िक तम ख़द िमसरम परदसी थ म रब तमहारा ख़दा ह

35 नाइनसाफ़ी न करना न अदालत म न लमबाईनापत वक़त न तोलत वक़त और न िकसी चीज़ कीिमक़दार नापत वक़त 36 सहीह तराज़ सहीह बाटऔर सहीह पमाना इसतमाल करना म रब तमहाराख़दा ह जो तमह िमसर स िनकाल लाया ह

37 मरी तमाम िहदायात और तमाम अहकाम मानोऔर उन पर अमल करो म रब हrdquo

जराइम की सज़ाए

20 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोबताना िक तम म स जो भी अपन बचच

को मिलक दवता को क़बारनी क तौर पर पश करउस सज़ा-ए-मौत दनी ह इस म कोई फ़क़र नही िकवह इसराईली ह या परदसी जमाअत क लोग उससगसार कर 3 म ख़द ऐस शख़स क िख़लाफ़ होजाऊगा और उस उस की क़ौम म स िमटा डालगाकयिक अपन बचचो को मिलक को पश करन स उस नमर मिक़दस को नापाक िकया और मर नाम को दाग़लगाया ह 4 अगर जमाअत क लोग अपनी आखबनद करक ऐस शख़स की हरकत नज़रअनदाज़ करऔर उस सज़ा-ए-मौत न द 5 तो िफर म ख़द ऐस शख़सऔर उस क घरान क िख़लाफ़ खड़ा हो जाऊगा मउस और उन तमाम लोगो को क़ौम म स िमटा डालगािजनहो न उस क पीछ लग कर मिलक दवता कोिसजदा करन स िज़ना िकया ह

6 जो शख़स मदोर स रािबता करन और ग़बदानीकरन वालो की तरफ़ रज करता ह म उस क िख़लाफ़हो जाऊगा उन की परवी करन स वह िज़ना करताह म उस उस की क़ौम म स िमटा डालगा 7 अपनआप को मर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस रखो कयिकम रब तमहारा ख़दा ह 8 मरी िहदायात मानो औरउन पर अमल करो म रब ह जो तमह मख़सस-ओ-मक़ददस करता ह

9 िजस न भी अपन बाप या मा पर लानत भजी हउस सज़ा-ए-मौत दी जाए इस हरकत स वह अपनीमौत का ख़द िज़ममादार ह

10 अगर िकसी मदर न िकसी की बीवी क साथ िज़नािकया ह तो दोनो को सज़ा-ए-मौत दनी ह

cलफ़ज़ी तजरमा नामख़तन

142 अहबार 2011ndash21211 जो मदर अपन बाप की बीवी स हमिबसतर हआ

ह उस न अपन बाप की बहरमती की ह दोनोको सज़ा-ए-मौत दनी ह वह अपनी मौत क ख़दिज़ममादार ह

12 अगर कोई मदर अपनी बह स हमिबसतर हआह तो दोनो को सज़ा-ए-मौत दनी ह जो कछ उनहोन िकया ह वह िनहायत शमरनाक ह वह अपनी मौतक ख़द िज़ममादार ह

13 अगर कोई मदर िकसी दसर मदर स िजनसीताललक़ात रख तो दोनो को इस िघनौनी हरकत कबाइस सज़ा-ए-मौत दनी ह वह अपनी मौत क ख़दिज़ममादार ह

14 अगर कोई आदमी अपनी बीवी क इलावा उसकी मा स भी शादी कर तो यह एक िनहायत शमरनाकबात ह दोनो को जला दना ह तािक तमहार दरिमयानकोई ऐसी ख़बीस बात न रह

15 जो मदर िकसी जानवर स िजनसी ताललक़ात रखउस सज़ा-ए-मौत दना ह उस जानवर को भी मारिदया जाए 16 जो औरत िकसी जानवर स िजनसीताललक़ात रख उस सज़ा-ए-मौत दनी ह उस जानवरको भी मार िदया जाए वह अपनी मौत क ख़दिज़ममादार ह

17 िजस मदर न अपनी बहन स शादी की ह उस नशमरनाक हरकत की ह चाह वह बाप की बटी होया मा की उनह इसराईली क़ौम की नज़रो स िमटायाजाए ऐस शख़स न अपनी बहन की बहरमती कीह इस िलए उस ख़द अपन क़सर क नतीज बदारशतकरन पड़ग

18 अगर कोई मदर माहवारी क अययाम म िकसीऔरत स हमिबसतर हआ ह तो दोनो को उन कीक़ौम म स िमटाना ह कयिक दोनो न औरत क ख़नक ममबा स पदार उठाया ह

19 अपनी ख़ाला या फफी स हमिबसतर न होनाकयिक जो ऐसा करता ह वह अपनी क़रीबी िरशतदारकी बहरमती करता ह दोनो को अपन क़सर कनतीज बदारशत करन पड़ग

20 जो अपनी चची या ताई स हमिबसतर हआ हउस न अपन चचा या ताया की बहरमती की ह दोनोको अपन क़सर क नतीज बदारशत करन पड़ग वहबऔलाद मरग

21 िजस न अपनी भाबी स शादी की ह उस न एकनिजस हरकत की ह उस न अपन भाई की बहरमतीकी ह वह बऔलाद रहग

22 मरी तमाम िहदायात और अहकाम को मानो औरउन पर अमल करो वनार िजस मलक म म तमह ल जारहा ह वह तमह उगल दगा 23 उन क़ौमो क रसम-ओ-िरवाज क मतािबक़ िज़नदगी न गज़ारना िजनहम तमहार आग स िनकाल दगा मझ इस सबब सउन स िघन आन लगी िक वह यह सब कछ करतथ 24 लिकन तम स म न कहा lsquoतम ही उन कीज़मीन पर क़बज़ा करोग म ही उस तमह द दगा ऐसामलक िजस म कसरत का दध और शहद हrsquo म रबतमहारा ख़दा ह िजस न तम को दीगर क़ौमो म स चनकर अलग कर िदया ह 25 इस िलए लािज़म ह िकतम ज़मीन पर चलन वाल जानवरो और पिरनदो म पाक और नापाक का इिमतयाज़ करो अपन आप कोनापाक जानवर खान स क़ािबल-ए-िघन न बनानाचाह वह ज़मीन पर चलत या रगत ह चाह हवा मउड़त ह म ही न उनह तमहार िलए नापाक क़रारिदया ह 26 तमह मर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस होनाह कयिक म क़ददस ह और म न तमह दीगर क़ौमोम स चन कर अपन िलए अलग कर िलया ह

27 तम म स जो मदोर स रािबता या ग़बदानी करताह उस सज़ा-ए-मौत दनी ह ख़वाह औरत हो यामदर उनह सगसार करना वह अपनी मौत क ख़दिज़ममादार हrdquo

इमामो क िलए िहदायात

21 1 रब न मसा स कहा ldquoहारन क बटो कोजो इमाम ह बता दना िक इमाम अपन

आप को िकसी इसराईली की लाश क क़रीब जानस नापाक न कर 2 िसवाए अपन क़रीबी िरशतदारो

अहबार 213ndash223 143क यानी मा बाप बटा बटी भाई 3 और जोग़रशादीशदा बहन उस क घर म रहती ह 4 वहअपनी क़ौम म िकसी और क बाइस अपन आप कोनापाक न कर वनार उस की मक़ददस हालत जातीरहगी

5 इमाम अपन सर को न मडवाए वह न अपनीदाढ़ी को तराश और न काटन स अपन आप कोज़ख़मी कर

6 वह अपन ख़दा क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस रहऔर अपन ख़दा क नाम को दाग़ न लगाए चिक वहरब को जलन वाली क़बारिनया यानी अपन ख़दा कीरोटी पश करत ह इस िलए लािज़म ह िक वह मक़ददसरह 7 इमाम िज़नाकार औरत मिनदर की कसबी यातलाक़याफ़ता औरत स शादी न कर कयिक वहअपन रब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस ह 8 इमामको मक़ददस समझना कयिक वह तर ख़दा की रोटीको क़बारनगाह पर चढ़ाता ह वह तर िलए मक़ददसठहर कयिक म रब क़ददस ह म ही तमह मक़ददसकरता ह

9 िकसी इमाम की जो बटी िज़नाकारी स अपनीमक़ददस हालत को ख़तम कर दती ह वह अपन बापकी मक़ददस हालत को भी ख़तम कर दती ह उसजला िदया जाए

10 इमाम-ए-आज़म क सर पर मसह का तल उडलागया ह और उस इमाम-ए-आज़म क मक़ददस कपड़पहनन का इख़ितयार िदया गया ह इस िलए वहरज क आलम म अपन बालो को िबखरन न द नकभी अपन कपड़ो को फाड़ 11 वह िकसी लाश कक़रीब न जाए चाह वह उस क बाप या मा की लाशकय न हो वनार वह नापाक हो जाएगा 12 जब तककोई लाश उस क घर म पड़ी रह वह मिक़दस कोछोड़ कर अपन घर न जाए वनार वह मिक़दस कोनापाक करगा कयिक उस उस क ख़दा क तलस मख़सस िकया गया ह म रब ह 13 इमाम-ए-आज़म को िसफ़र कवारी स शादी की इजाज़त ह14 वह बवा तलाक़याफ़ता औरत मिनदर की कसबी

या िज़नाकार औरत स शादी न कर बिलक िसफ़रअपन क़बील की कवारी स 15 वनार उस की औलादमख़सस-ओ-मक़ददस नही होगी कयिक म रब ह जोउस अपन िलए मख़सस-ओ-मक़ददस करता हrdquo

16 रब न मसा स यह भी कहा 17 ldquoहारन को बतानािक तरी औलाद म स कोई भी िजस क िजसम म नक़सहो मर हज़र आ कर अपन ख़दा की रोटी न चढ़ाएयह उसल आन वाली नसलो क िलए भी अटल ह18 कयिक कोई भी माज़र मर हज़र न आए न अधान लगड़ा न वह िजस की नाक िचरी हई हो या िजसक िकसी उज़ म कमी बशी हो 19 न वह िजस कापाओ या हाथ टटा हआ हो 20 न कबड़ा न बौना नवह िजस की आख म नक़स हो या िजस वबाई िजलदीबीमारी हो या िजस क ख़सय कचल हए हो 21 हारनइमाम की कोई भी औलाद िजस क िजसम म नक़स होमर हज़र आ कर रब को जलन वाली क़बारिनया पशन कर चिक उस म नक़स ह इस िलए वह मर हज़रआ कर अपन ख़दा की रोटी न चढ़ाए 22 उस अललाहकी मक़ददस बिलक मक़ददसतरीन क़बारिनयो म स भीइमामो का िहससा खान की इजाज़त ह 23 लिकनचिक उस म नक़स ह इस िलए वह मक़ददसतरीन कमरक दरवाज़ क पद र क क़रीब न जाए न क़बारनगाह कपास आए वनार वह मरी मक़ददस चीज़ो को नापाककरगा कयिक म रब ह जो उनह अपन िलए मख़सस-ओ-मक़ददस करता हrdquo

24 मसा न यह िहदायात हारन उस क बटो औरतमाम इसराईिलयो को दी

क़बारनी का गोशत खान की िहदायात

22 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoहारन और उसक बटो को बताना िक इसराईिलयो की उन

क़बारिनयो का एहितराम करो जो तम न मर िलएमख़सस-ओ-मक़ददस की ह वनार तम मर नाम कोदाग़ लगाओग म रब ह 3 जो इमाम नापाक होनक बावजद उन क़बारिनयो क पास आ जाए जोइसराईिलयो न मर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस की ह

144 अहबार 224ndash23उस मर सामन स िमटाना ह यह उसल आन वालीनसलो क िलए भी अटल ह म रब ह

4 हारन की औलाद म स जो भी वबाई िजलदीबीमारी या जरयान का मरीज़ हो उस मक़ददसक़बारिनयो म स अपना िहससा खान की इजाज़त नहीह पहल वह पाक हो जाए जो ऐसी कोई भी चीज़छए जो लाश स नापाक हो गई हो या ऐस आदमीको छए िजस का नतफ़ा िनकला हो वह नापाक होजाता ह 5 वह नापाक रगन वाल जानवर या नापाकशख़स को छन स भी नापाक हो जाता ह ख़वाह वहिकसी भी सबब स नापाक कय न हआ हो 6 जो ऐसीकोई भी चीज़ छए वह शाम तक नापाक रहगा इसक इलावा लािज़म ह िक वह मक़ददस क़बारिनयो म स अपना िहससा खान स पहल नहा ल 7 सरज कग़रब होन पर वह पाक होगा और मक़ददस क़बारिनयोम स अपना िहससा खा सकगा कयिक वह उस कीरोज़ी ह 8 इमाम ऐस जानवरो का गोशत न खाए जोिफ़तरी तौर पर मर गए या िजनह जगली जानवरो नफाड़ डाला हो वनार वह नापाक हो जाएगा म रबह

9 इमाम मरी िहदायात क मतािबक़ चल वनारवह क़सरवार बन जाएग और मक़ददस चीज़ो कीबहरमती करन क सबब स मर जाएग म रब ह जोउनह अपन िलए मख़सस-ओ-मक़ददस करता ह

10 िसफ़र इमाम क ख़ानदान क अफ़राद मक़ददसक़बारिनयो म स खा सकत ह ग़रशहरी या मज़दरको इजाज़त नही ह 11 लिकन इमाम का ग़लाम यालौडी उस म स खा सकत ह चाह उनह ख़रीदा गयाहो या वह उस क घर म पदा हए हो 12 अगर इमामकी बटी न िकसी ऐस शख़स स शादी की ह जो इमामनही ह तो उस मक़ददस क़बारिनयो म स खान कीइजाज़त नही ह 13 लिकन हो सकता ह िक वह बवाया तलाक़याफ़ता हो और उस क बचच न हो जबवह अपन बाप क घर लौट कर वहा ऐस रहगी जसअपनी जवानी म तो वह अपन बाप क उस खान मस खा सकती ह जो क़बारिनयो म स बाप का िहससा

ह लिकन जो इमाम क ख़ानदान का फ़दर नही ह उसखान की इजाज़त नही ह

14 िजस शख़स न नादािनसता तौर पर मक़ददसक़बारिनयो म स इमाम क िहसस स कछ खाया हवह इमाम को सब कछ वापस करन क इलावा20 फ़ीसद ज़यादा द 15 इमाम रब को पश की हईक़बारिनयो की मक़ददस हालत य ख़तम न कर 16 िकवह दसर इसराईिलयो को यह मक़ददस चीज़ खान दऐसी हरकत स वह उन को बड़ा क़सरवार बना दगम रब ह जो उनह अपन िलए मख़सस-ओ-मक़ददसकरता हrdquo

जानवरो की क़बारिनयो क बार म िहदायात17 रब न मसा स कहा 18 ldquoहारन उस क बटो

और इसराईिलयो को बताना िक अगर तम म स कोईइसराईली या परदसी रब को भसम होन वाली क़बारनीपश करना चाह तो तरीक़-ए-कार म कोई फ़क़र नहीह चाह वह यह मननत मान कर या वस ही िदलीख़शी स कर रहा हो 19 इस क िलए लािज़म ह िकतम एक बऐब बल मढा या बकरा पश करो िफर हीउस क़बल िकया जाएगा 20 क़बारनी क िलए कभीभी ऐसा जानवर पश न करना िजस म नक़स हो वनारतम उस क बाइस मनज़र नही होग 21 अगर कोई रबको सलामती की क़बारनी पश करना चाह तो तरीक़-ए-कार म कोई फ़क़र नही ह चाह वह यह मननत मानकर या वस ही िदली ख़शी स कर रहा हो इस किलए लािज़म ह िक वह गाय-बलो या भड़-बकिरयो म स बऐब जानवर चन िफर उस क़बल िकया जाएगा22 रब को ऐस जानवर पश न करना जो अध हो िजनक आज़ा टट या कट हए हो िजन को रसौली हो यािजनह वबाई िजलदी बीमारी लग गई हो रब को उनहजलन वाली क़बारनी क तौर पर क़बारनगाह पर पशन करना 23 लिकन िजस गाय-बल या भड़-बकरीक िकसी उज़ म कमी बशी हो उस पश िकया जासकता ह शतर यह ह िक पश करन वाला उस वसही िदली ख़शी स चढ़ाए अगर वह उस अपनी मननत

अहबार 2224ndash2316 145मान कर पश कर तो वह क़बल नही िकया जाएगा24 रब को ऐसा जानवर पश न करना िजस क ख़सयकचल तोड़ या कट हए हो अपन मलक म जानवरोको इस तरह ख़सी न बनाना 25 न ऐस जानवर िकसीग़रमलकी स ख़रीद कर अपन ख़दा की रोटी क तौरपर पश करना तम ऐस जानवरो क बाइस मनज़रनही होग कयिक उन म ख़राबी और नक़स हrdquo

26 रब न मसा स यह भी कहा 27 ldquoजब िकसी गायभड़ या बकरी का बचचा पदा होता ह तो लािज़म ह िकवह पहल सात िदन अपनी मा क पास रह आठविदन स पहल रब उस जलन वाली क़बारनी क तौर परक़बल नही करगा 28 िकसी गाय भड़ या बकरी कबचच को उस की मा समत एक ही िदन ज़बह न करना29 जब तम रब को सलामती की कोई क़बारनी चढ़ानाचाहत हो तो उस य पश करना िक तम मनज़र होजाओ 30 अगली सबह तक कछ बचा न रह बिलकउस उसी िदन खाना ह म रब ह

31 मर अहकाम मानो और उन पर अमल करो मरब ह 32 मर नाम को दाग़ न लगाना लािज़म ह िकमझ इसराईिलयो क दरिमयान क़ददस माना जाए मरब ह जो तमह अपन िलए मख़सस-ओ-मक़ददस करताह 33 म तमह िमसर स िनकाल लाया ह तािक तमहाराख़दा ह म रब हrdquo

23 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोबताना िक यह मरी रब की ईद ह िजन पर

तमह लोगो को मक़ददस इजितमा क िलए जमा करनाह

सबत का िदन3 हफ़त म छः िदन काम करना लिकन सातवा िदन

हर तरह स आराम का िदन ह उस िदन मक़ददसइजितमा हो जहा भी तम रहत हो वहा काम नकरना यह िदन रब क िलए मख़सस सबत ह

फ़सह की ईद और बख़मीरी रोटी की ईद4 यह रब की ईद ह िजन पर तमह लोगो को मक़ददस

इजितमा क िलए जमा करना ह5 फ़सह की ईद पहल महीन क चौधव िदन शर

होती ह उस िदन सरज क ग़रब होन पर रबकी ख़शी मनाई जाए 6 अगल िदन रब की याद मबख़मीरी रोटी की ईद शर होती ह सात िदन तकतमहारी रोटी म ख़मीर न हो 7 इन सात िदनो क पहलिदन मक़ददस इजितमा हो और लोग अपना हर कामछोड़ 8 इन सात िदनो म रोज़ाना रब को जलन वालीक़बारनी पश करो सातव िदन भी मक़ददस इजितमाहो और लोग अपना हर काम छोड़rdquo

पहल पल की ईद9 रब न मसा स कहा 10 ldquoइसराईिलयो को बताना

िक जब तम उस मलक म दािख़ल होग जो म तमह दगा और वहा अनाज की फ़सल काटोग तो तमहइमाम को पहला पला दना ह 11 इतवार को इमामयह पला रब क सामन िहलाए तािक तम मनज़र होजाओ 12 उस िदन भड़ का एक यकसाला बऐब बचचाभी रब को पश करना उस क़बारनगाह पर भसम होनवाली क़बारनी क तौर पर चढ़ाना 13 साथ ही ग़ललाकी नज़र क िलए तल स िमलाया गया 3 िकलोगरामबहतरीन मदा भी पश करना जलन वाली यह क़बारनीरब को पसनद ह इस क इलावा म की नज़र क िलएएक िलटर म भी पश करना 14 पहल यह सब कछकरो िफर ही तमह नई फ़सल क अनाज स खान कीइजाज़त होगी ख़वाह वह भना हआ हो ख़वाह कचचाया रोटी की सरत म पकाया गया हो जहा भी तमरहत हो वहा ऐसा ही करना ह यह उसल अबद तकक़ाइम रह

हफ़तो की ईद यानी पिनतकसत15 िजस िदन तम न अनाज का पला पश िकया उस

िदन स पर सात हफ़त िगनो 16 पचासव िदन यानी

146 अहबार 2317ndash39सातव इतवार को रब को नए अनाज की क़बारनीचढ़ाना 17 हर घरान की तरफ़ स रब को िहलानवाली क़बारनी क तौर पर दो रोिटया पश की जाएहर रोटी क िलए 3 िकलोगराम बहतरीन मदा इसतमालिकया जाए उन म ख़मीर डाल कर पकाना ह यहफ़सल की पहली पदावार की क़बारनी ह 18 इनरोिटयो क साथ एक जवान बल दो मढ और भड़क सात बऐब और यकसाला बचच पश करो उनहरब क हज़र भसम होन वाली क़बारनी क तौर परचढ़ाना इस क इलावा ग़लला की नज़र और म कीनज़र भी पश करनी ह जलन वाली इस क़बारनी कीख़शब रब को पसनद ह 19 िफर गनाह की क़बारनीक िलए एक बकरा और सलामती की क़बारनी किलए दो यकसाला भड़ क बचच चढ़ाओ 20 इमाम भड़क यह दो बचच मज़करा रोिटयो समत िहलान वालीक़बारनी क तौर पर रब क सामन िहलाए यह रबक िलए मख़सस-ओ-मक़ददस ह और क़बारिनयो म सइमाम का िहससा ह 21 उसी िदन लोगो को मक़ददसइजितमा क िलए जमा करो कोई भी काम न करनायह उसल अबद तक क़ाइम रह और इस हर जगहमानना ह

22 कटाई क वक़त अपनी फ़सल पर तौर पर नकाटना बिलक खत क िकनारो पर कछ छोड़ दनाइस तरह जो कछ कटाई करत वक़त खत म बचजाए उस छोड़ना बचा हआ अनाज ग़रीबो औरपरदिसयो क िलए छोड़ दना म रब तमहारा ख़दाहrdquo

नए साल की ईद23 रब न मसा स कहा 24 ldquoइसराईिलयो को बताना

िक सातव महीन का पहला िदन आराम का िदन हउस िदन मक़ददस इजितमा हो िजस पर याद िदलान किलए नरिसगा फका जाए 25 कोई भी काम न करनारब को जलन वाली क़बारनी पश करनाrdquo

कफ़फ़ारा का िदन26 रब न मसा स कहा 27 ldquoसातव महीन का दसवा

िदन कफ़फ़ारा का िदन ह उस िदन मक़ददस इजितमाहो अपनी जान को दख दना और रब को जलनवाली क़बारनी पश करना 28 उस िदन काम न करनाकयिक यह कफ़फ़ारा का िदन ह जब रब तमहार ख़दाक सामन तमहारा कफ़फ़ारा िदया जाता ह 29 जो उसिदन अपनी जान को दख नही दता उस उस की क़ौमम स िमटाया जाए 30 जो उस िदन काम करता ह उसम उस की क़ौम म स िनकाल कर हलाक करगा31 कोई भी काम न करना यह उसल अबद तकक़ाइम रह और इस हर जगह मानना ह 32 यह िदनआराम का ख़ास िदन ह िजस म तमह अपनी जान कोदख दना ह इस महीन क नव िदन की शाम स लकर अगली शाम तक मनानाrdquo

झोपिड़यो की ईद33 रब न मसा स कहा 34 ldquoइसराईिलयो को बताना

िक सातव महीन क पदरहव िदन झोपिड़यो की ईदशर होती ह इस का दौरािनया सात िदन ह 35 पहलिदन मक़ददस इजितमा हो इस िदन कोई काम नकरना 36 इन सात िदनो क दौरान रब को जलनवाली क़बारिनया पश करना आठव िदन मक़ददसइजितमा हो रब को जलन वाली क़बारनी पश करोइस ख़ास इजितमा क िदन भी काम नही करना ह

37 यह रब की ईद ह िजन पर तमह मक़ददस इजितमाकरना ह तािक रब को रोज़मरार की मतलबा जलनवाली क़बारिनया और म की नज़र पश की जाए यानीभसम होन वाली क़बारिनया ग़लला की नज़र ज़बह कीक़बारिनया और म की नज़र 38 यह क़बारिनया उनक़बारिनयो क इलावा ह जो सबत क िदन चढ़ाई जातीह और जो तम न हिदए क तौर पर या मननत मान करया अपनी िदली ख़शी स पश की ह

39 चनाच सातव महीन क पदरहव िदन फ़सल कीकटाई क इख़ितताम पर रब की यह ईद यानी

अहबार 2340ndash2420 147झोपिड़यो की ईद मनाओ इस सात िदन मनानापहला और आिख़री िदन आराम क िदन ह 40 पहलिदन अपन िलए दरख़तो क बहतरीन फल खजरकी डािलया और घन दरख़तो और सफ़दा की शाख़तोड़ना सात िदन तक रब अपन ख़दा क सामन ख़शीमनाओ 41 हर साल सातव महीन म रब की ख़शी मयह ईद मनाना यह उसल अबद तक क़ाइम रह42 ईद क हफ़त क दौरान झोपिड़यो म रहना तमाममलक म आबाद इसराईली ऐसा कर 43 िफर तमहारीऔलाद जानगी िक इसराईिलयो को िमसर स िनकालतवक़त म न उनह झोपिड़यो म बसाया म रब तमहाराख़दा हrdquo

44 मसा न इसराईिलयो को रब की ईदो क बार मयह बात बताई

रब क सामन शमादान और रोिटया

24 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोहकम द िक वह तर पास कट हए ज़तनो

का ख़ािलस तल ल आए तािक मक़ददस कमर कशमादान क चराग़ मतवाितर जलत रह 3 हारन उनहमसलसल शाम स ल कर सबह तक रब क हज़रसभाल यानी वहा जहा वह मक़ददसतरीन कमर कपद र क सामन पड़ ह उस पद र क सामन िजस क पीछअहद का सनदक़ ह यह उसल अबद तक क़ाइमरह 4 वह ख़ािलस सोन क शमादान पर लग चराग़ोकी दख-भाल य कर िक यह हमशा रब क सामनजलत रह

5 बारह रोिटया पकाना हर रोटी क िलए 3िकलोगराम बहतरीन मदा इसतमाल िकया जाए6 उनह दो क़तारो म रब क सामन ख़ािलस सोनकी मज़ पर रखना 7 हर क़तार पर ख़ािलस लबानडालना यह लबान रोटी क िलए यादगारी कीक़बारनी ह िजस बाद म रब क िलए जलाना ह 8 हरहफ़त को रब क सामन ताज़ा रोिटया इसी ततीरब समज़ पर रखनी ह यह इसराईिलयो क िलए अबदीअहद की लािज़मी शतर ह 9 मज़ की रोिटया हारन

और उस क बटो का िहससा ह और वह उनहमक़ददस जगह पर खाए कयिक वह जलन वालीक़बारिनयो का मक़ददसतरीन िहससा ह यह अबदतक उन का हक़ रहगाrdquo

अललाह की तौहीन ख़रज़ी औरज़ख़मी करन की सज़ाए

10ndash11 ख़मागाह म एक आदमी था िजस का बापिमसरी और मा इसराईली थी मा का नाम सलमीतथा वह िदबरी की बटी और दान क क़बील की थीएक िदन यह आदमी ख़मागाह म िकसी इसराईली सझगड़न लगा लड़त लड़त उस न रब क नाम पर कफ़रबक कर उस पर लानत भजी यह सन कर लोग उसमसा क पास ल आए 12 वहा उनहो न उस पहर मिबठा कर रब की िहदायत का इिनतज़ार िकया

13 तब रब न मसा स कहा 14 ldquoलानत करन वालको ख़मागाह क बाहर ल जाओ िजनहो न उसकी यह बात सनी ह वह सब अपन हाथ उस कसर पर रख िफर परी जमाअत उस सगसार कर15 इसराईिलयो स कहना िक जो भी अपन ख़दा परलानत भज उस अपन क़सर क नतीज बदारशत करनपड़ग 16 जो भी रब क नाम पर कफ़र बक उस सज़ा-ए-मौत दी जाए परी जमाअत उस सगसार कर िजसन रब क नाम पर कफ़र बका हो उस ज़रर सज़ा-ए-मौत दनी ह ख़वाह दसी हो या परदसी

17 िजस न िकसी को मार डाला ह उस सज़ा-ए-मौत दी जाए 18 िजस न िकसी क जानवर को मारडाला ह वह उस का मआवज़ा द जान क बदलजान दी जाए 19 अगर िकसी न िकसी को ज़ख़मीकर िदया ह तो वही कछ उस क साथ िकया जाएजो उस न दसर क साथ िकया ह 20 अगर दसर कीकोई हडडी टट जाए तो उस की वही हडडी तोड़ी जाएअगर दसर की आख ज़ाए हो जाए तो उस की आखज़ाए कर दी जाए अगर दसर का दात टट जाए तोउस का वही दात तोड़ा जाए जो भी ज़ख़म उस नदसर को पहचाया वही ज़ख़म उस पहचाया जाए

148 अहबार 2421ndash252221 िजस न िकसी जानवर को मार डाला ह वह उसका मआवज़ा द लिकन िजस न िकसी इनसान कोमार िदया ह उस सज़ा-ए-मौत दनी ह 22 दसी औरपरदसी क िलए तमहारा एक ही क़ानन हो म रबतमहारा ख़दा हrdquo

23 िफर मसा न इसराईिलयो स बात की और उनहोन रब पर लानत भजन वाल को ख़मागाह स बाहर लजा कर उस सगसार िकया उनहो न वसा ही िकयाजसा रब न मसा को हकम िदया था

ज़मीन क िलए सबत का साल

25 1 रब न सीना पहाड़ पर मसा स कहा2 ldquoइसराईिलयो को बताना िक जब तम उस

मलक म दािख़ल होग जो म तमह दगा तो लािज़मह िक रब की ताज़ीम म ज़मीन एक साल आरामकर 3 छः साल क दौरान अपन खतो म बीज बोनाअपन अगर क बाग़ो की काट-छाट करना और उनकी फ़सल जमा करना 4 लिकन सातवा साल ज़मीनक िलए आराम का साल ह रब की ताज़ीम म सबतका साल उस साल न अपन खतो म बीज बोनान अपन अगर क बाग़ो की काट-छाट करना 5 जोअनाज ख़द-ब-ख़द उगता ह उस की कटाई न करनाऔर जो अगर उस साल लगत ह उन को तोड़ करजमा न करना कयिक ज़मीन को एक साल क िलएआराम करना ह 6 अलबतता जो भी यह ज़मीन आरामक साल म पदा करगी उस स तम अपनी रोज़ानाकी ज़रिरयात परी कर सकत हो यानी त तर ग़लामऔर लौिडया तर मज़दर तर ग़रशहरी तर साथ रहनवाल परदसी 7 तर मवशी और तरी ज़मीन पर रहनवाल जगली जानवर जो कछ भी यह ज़मीन पदाकरती ह वह खाया जा सकता ह

बहाली का साल8 सात सबत क साल यानी 49 साल क बाद एक

और काम करना ह 9 पचासव साल क सातव महीनक दसव िदन यानी कफ़फ़ारा क िदन अपन मलक

की हर जगह नरिसगा बजाना 10 पचासवा सालमख़सस-ओ-मक़ददस करो और पर मलक म एलानकरो िक तमाम बािशनदो को आज़ाद कर िदया जाएयह बहाली का साल हो िजस म हर शख़स को उसकी िमलिकयत वापस की जाए और हर ग़लाम कोआज़ाद िकया जाए तािक वह अपन िरशतदारो कपास वापस जा सक 11 यह पचासवा साल बहालीका साल हो इस िलए न अपन खतो म बीज बोना नख़द-ब-ख़द उगन वाल अनाज की कटाई करना औरन अगर तोड़ कर जमा करना 12 कयिक यह बहालीका साल ह जो तमहार िलए मख़सस-ओ-मक़ददस हरोज़ाना उतनी ही पदावार लना िक एक िदन कीज़रिरयात परी हो जाए 13 बहाली क साल म हरशख़स को उस की िमलिकयत वापस की जाए

14 चनाच जब कभी तम अपन िकसी हमवतन भाईको ज़मीन बचत या उस स ख़रीदत हो तो उस सनाजाइज़ फ़ाइदा न उठाना 15 ज़मीन की क़ीमत इसिहसाब स मक़ररर की जाए िक वह अगल बहाली कसाल तक िकतन साल फ़सल पदा करगी 16 अगरबहत साल रह गए हो तो उस की क़ीमत ज़यादा होगीऔर अगर कम साल रह गए हो तो उस की क़ीमतकम होगी कयिक उन फ़सलो की तादाद िबक रहीह जो ज़मीन अगल बहाली क साल तक पदा करसकती ह

17 अपन हमवतन स नाजाइज़ फ़ाइदा न उठानाबिलक रब अपन ख़दा का ख़ौफ़ मानना कयिक मरब तमहारा ख़दा ह

18 मरी िहदायात पर अमल करना और मर अहकामको मान कर उन क मतािबक़ चलना तब तमअपन मलक म महफ़ज़ रहोग 19 ज़मीन अपनी परीपदावार दगी तम सर हो जाओग और महफ़ज़ रहोग20 हो सकता ह कोई पछ lsquoहम सातव साल म कयाखाएग जबिक हम बीज नही बोएग और फ़सल नहीकाटगrsquo 21 जवाब यह ह िक म छट साल म ज़मीनको इतनी बरकत दगा िक उस साल की पदावार तीनसाल क िलए काफ़ी होगी 22 जब तम आठव साल

अहबार 2523ndash43 149बीज बोओग तो तमहार पास छट साल की इतनीपदावार बाक़ी होगी िक तम फ़सल की कटाई तकगज़ारा कर सकोग

मौरसी ज़मीन क हक़क़23 कोई ज़मीन भी हमशा क िलए न बची जाए

कयिक मलक की तमाम ज़मीन मरी ही ह तम मरहज़र िसफ़र परदसी और ग़रशहरी हो 24 मलक मजहा भी ज़मीन िबक जाए वहा मौरसी मािलक कायह हक़ माना जाए िक वह अपनी ज़मीन वापसख़रीद सकता ह

25 अगर तरा कोई हमवतन भाई ग़रीब हो करअपनी कछ ज़मीन बचन पर मजबर हो जाए तोलािज़म ह िक उस का सब स क़रीबी िरशतदार उसवापस ख़रीद ल 26 हो सकता ह िक ऐस शख़स काकोई क़रीबी िरशतदार न हो जो उस की ज़मीन वापसख़रीद सक लिकन वह ख़द कछ दर क बाद इतनपस जमा करता ह िक वह अपनी ज़मीन वापस ख़रीदसकता ह 27 इस सरत म वह िहसाब कर िक ख़रीदनवाल क िलए अगल बहाली क साल तक िकतनसाल रह गए ह िजतना नक़सान ख़रीदन वाल कोज़मीन को बहाली क साल स पहल वापस दन सपहचगा उतन ही पस उस दन ह 28 लिकन अगरउस क पास इतन पस न हो तो ज़मीन अगल बहालीक साल तक ख़रीदन वाल क हाथ म रहगी िफरउस मौरसी मािलक को वापस िदया जाएगा

29 अगर िकसी का घर फ़सीलदार शहर म ह तो जबवह उस बचगा तो अपना घर वापस ख़रीदन का हक़िसफ़र एक साल तक रहगा 30 अगर पहला मािलकउस पहल साल क अनदर अनदर न ख़रीद तो वहहमशा क िलए ख़रीदन वाल की मौरसी िमलिकयतबन जाएगा वह बहाली क साल म भी वापस नहीिकया जाएगा

31 लिकन जो घर ऐसी आबादी म ह िजस कीफ़सील न हो वह दीहात म शमार िकया जाता हउस क मौरसी मािलक को हक़ हािसल ह िक हर

वक़त अपना घर वापस ख़रीद सक बहाली क सालम इस घर को लािज़मन वापस कर दना ह

32 लिकन लािवयो को यह हक़ हािसल ह िक वहअपन वह घर हर वक़त ख़रीद सकत ह जो उन किलए मक़ररर िकए हए शहरो म ह 33 अगर ऐसा घरिकसी लावी क हाथ फ़रोख़त िकया जाए और वापसन ख़रीदा जाए तो उस लािज़मन बहाली क साल मवापस करना ह कयिक लावी क जो घर उन कमक़रररा शहरो म होत ह वह इसराईिलयो म उन कीमौरसी िमलिकयत ह 34 लिकन जो ज़मीन शहरो कइदरिगदर मवशी चरान क िलए मक़ररर ह उनह बचन कीइजाज़त नही ह वह उन की दाइमी िमलिकयत ह

ग़रीबो क िलए क़ज़ार35 अगर तरा कोई हमवतन भाई ग़रीब हो जाए और

गज़ारा न कर सक तो उस की मदद कर उस तरहउस की मदद करना िजस तरह परदसी या ग़रशहरीकी मदद करनी होती ह तािक वह तर साथ रहत हएिज़नदगी गज़ार सक 36 उस स िकसी तरह का सद नलना बिलक अपन ख़दा का ख़ौफ़ मानना तािक तराभाई तर साथ िज़नदगी गज़ार सक 37 अगर वह तराक़ज़रदार हो तो उस स सद न लना इसी तरह ख़राकबचत वक़त उस स नफ़ा न लना 38 म रब तमहाराख़दा ह म तमह इस िलए िमसर स िनकाल लाया िकतमह मलक-ए-कनआन द और तमहारा ख़दा ह

इसराईली ग़लामो क हक़क़39 अगर तरा कोई इसराईली भाई ग़रीब हो कर

अपन आप को तर हाथ बच डाल तो उस स ग़लामका सा काम न कराना 40 उस क साथ मज़दरया ग़रशहरी का सा सलक करना वह तर िलएबहाली क साल तक काम कर 41 िफर वह औरउस क बाल-बचच आज़ाद हो कर अपन िरशतदारोऔर मौरसी ज़मीन क पास वापस जाए 42 चिकइसराईली मर ख़ािदम ह िजनह म िमसर स िनकाललाया इस िलए उनह ग़लामी म न बचा जाए 43 ऐस

150 अहबार 2544ndash2612लोगो पर सख़ती स हकमरानी न करना बिलक अपनख़दा का ख़ौफ़ मानना

44 तम पड़ोसी ममािलक स अपन िलए ग़लामऔर लौिडया हािसल कर सकत हो 45 जो परदसीग़रशहरी क तौर पर तमहार मलक म आबाद ह उनहभी तम ख़रीद सकत हो उन म वह भी शािमल ह जोतमहार मलक म पदा हए ह वही तमहारी िमलिकयतबन कर 46 तमहार बटो की मीरास म आ जाए औरवही हमशा तमहार ग़लाम रह लिकन अपन हमवतनभाइयो पर सख़त हकमरानी न करना

47 अगर तर मलक म रहन वाला कोई परदसी याग़रशहरी अमीर हो जाए जबिक तरा कोई हमवतनभाई ग़रीब हो कर अपन आप को उस परदसी याग़रशहरी या उस क ख़ानदान क िकसी फ़दर को बचडाल 48 तो िबक जान क बाद उस आज़ादी ख़रीदनका हक़ हािसल ह कोई भाई 49 चचा ताया चचाया ताया का बटा या कोई और क़रीबी िरशतदार उसवापस ख़रीद सकता ह वह ख़द भी अपनी आज़ादीख़रीद सकता ह अगर उस क पास पस काफ़ी हो50 इस सरत म वह अपन मािलक स िमल कर वहसाल िगन जो उस क ख़रीदन स ल कर अगल बहालीक साल तक बाक़ी ह उस की आज़ादी क पस उसक़ीमत पर मबनी हो जो मज़दर को इतन सालो किलए िदए जात ह 51ndash52 िजतन साल बाक़ी रह गएह उन क मतािबक़ उस की िबक जान की क़ीमत मस पस वापस कर िदए जाए 53 उस क साथ साल-ब-साल मज़दर का सा सलक िकया जाए उस कामािलक उस पर सख़त हकमरानी न कर 54 अगर वहइस तरह क िकसी तरीक़ स आज़ाद न हो जाए तोउस और उस क बचचो को हर हालत म अगल बहालीक साल म आज़ाद कर दना ह 55 कयिक इसराईलीमर ही ख़ािदम ह वह मर ही ख़ािदम ह िजनह म िमसरस िनकाल लाया म रब तमहारा ख़दा ह

फ़रमाबरदारी का अजर

26 1 अपन िलए बत न बनाना न अपन िलएदवता क मजससम या पतथर क मख़सस

िकए हए सतन खड़ करना न िसजदा करन क िलएअपन मलक म ऐस पतथर रखना िजन म दवता कीतसवीर कनदा की गई हो म रब तमहारा ख़दा ह2 सबत का िदन मनाना और मर मिक़दस की ताज़ीमकरना म रब ह

3 अगर तम मरी िहदायात पर चलो और मरअहकाम मान कर उन पर अमल करो 4 तो म वक़तपर बािरश भजगा ज़मीन अपनी पदावार दगी औरदरख़त अपन अपन फल लाएग 5 कसरत क बाइसअनाज की फ़सल की कटाई अगर तोड़त वक़त तकजारी रहगी और अगर की फ़सल उस वक़त तक तोड़ीजाएगी जब तक बीज बोन का मौसम आएगा इतनीख़राक िमलगी िक तम कभी भक नही होग औरतम अपन मलक म महफ़ज़ रहोग

6 म मलक को अमन-ओ-अमान बख़शगा तमआराम स लट जाओग कयिक िकसी ख़तर स डरनकी ज़ररत नही होगी म वहशी जानवर मलक स दरकर दगा और वह तलवार की क़तल-ओ-ग़ारत सबचा रहगा 7 तम अपन दशमनो पर ग़ािलब आ करउन का ताक़क़ब करोग और वह तमहारी तलवारस मार जाएग 8 तमहार पाच आदमी सौ दशमनो कापीछा करग और तमहार सौ आदमी उन क दसहज़ार आदिमयो को भगा दग तमहार दशमन तमहारीतलवार स मार जाएग

9 मरी नज़र-ए-करम तम पर होगी म तमहारीऔलाद की तादाद बढ़ाऊगा और तमहार साथ अपनाअहद क़ाइम रखगा 10 एक साल इतनी फ़सल होगीिक जब अगली फ़सल की कटाई होगी तो नएअनाज क िलए जगह बनान की ख़ाितर परान अनाजको फक दना पड़गा 11 म तमहार दरिमयान अपनामसकन क़ाइम करगा और तम स िघन नही खाऊगा12 म तम म िफरगा और तम मरी क़ौम होग

अहबार 2613ndash36 15113 म रब तमहारा ख़दा ह जो तमह िमसर स िनकाल

लाया तािक तमहारी ग़लामी की हालत ख़तम हो जाएम न तमहार जए को तोड़ डाला और अब तम आज़ादऔर सीध हो कर चल सकत हो

फ़रमाबरदार न होन की सज़ा14 लिकन अगर तम मरी नही सनोग और इन तमाम

अहकाम पर नही चलोग 15 अगर तम मरी िहदायातको रदद करक मर अहकाम स िघन खाओग और उनपर अमल न करक मरा अहद तोड़ोग 16 तो म जवाबम तम पर अचानक दहशत तारी कर दगा िजसम कोख़तम करन वाली बीमािरयो और बख़ार स तमहारीआख ज़ाए हो जाएगी और तमहारी जान िछन जाएगीजब तम बीज बोओग तो बफ़ाइदा कयिक दशमनउस की फ़सल खा जाएगा 17 म तमहार िख़लाफ़हो जाऊगा इस िलए तम अपन दशमनो क हाथस िशकसत खाओग तम स नफ़रत रखन वाल तमपर हकमत करग उस वक़त भी जब कोई तमहाराताक़क़ब नही करगा तम भाग जाओग

18 अगर तम इस क बाद भी मरी न सनो तो म तमहारगनाहो क सबब स तमह सात गना ज़यादा सज़ा दगा19 म तमहारा सख़त ग़रर ख़ाक म िमला दगा तमहारऊपर आसमान लोह जसा और तमहार नीच ज़मीनपीतल जसी होगी 20 िजतनी भी महनत करोग वहबफ़ाइदा होगी कयिक तमहार खतो म फ़सल नहीपकगी और तमहार दरख़त फल नही लाएग

21 अगर तम िफर भी मरी मख़ालफ़त करोग औरमरी नही सनोग तो म इन गनाहो क जवाब म तमह इस स भी सात गना ज़यादा सज़ा दगा 22 म तमहारिख़लाफ़ जगली जानवर भज दगा जो तमहार बचचोको फाड़ खाएग और तमहार मवशी बबारद कर दगआिख़र म तमहारी तादाद इतनी कम हो जाएगी िकतमहारी सड़क वीरान हो जाएगी

23 अगर तम िफर भी मरी तिबरयत क़बल न करोबिलक मर मख़ािलफ़ रहो 24 तो म ख़द तमहारिख़लाफ़ हो जाऊगा इन गनाहो क जवाब म म तमह

सात गना ज़यादा सज़ा दगा 25 म तम पर तलवारचला कर इस का बदला लगा िक तम न मर अहदको तोड़ा ह जब तम अपनी िहफ़ाज़त क िलए शहरोम भाग कर जमा होग तो म तमहार दरिमयान वबाईबीमािरया फलाऊगा और तमह दशमनो क हाथ म ददगा 26 अनाज की इतनी कमी होगी िक दस औरततमहारी परी रोटी एक ही तनर म पका सकगी औरवह उस बड़ी एहितयात स तोल तोल कर तक़सीमकरगी तम खा कर भी भक रहोग

27 अगर तम िफर भी मरी नही सनोग बिलक मरमख़ािलफ़ रहोग 28 तो मरा ग़ससा भड़कगा और मतमहार िख़लाफ़ हो कर तमहार गनाहो क जवाब मतमह सात गना ज़यादा सज़ा दगा 29 तम मसीबत कबाइस अपन बट-बिटयो का गोशत खाओग 30 मतमहारी ऊची जगहो की क़बारनगाह और तमहारीबख़र की क़बारनगाह बबारद कर दगा म तमहारीलाशो क ढर तमहार बजान बतो पर लगाऊगा औरतम स िघन खाऊगा 31 म तमहार शहरो को खडरातम बदल कर तमहार मिनदरो को बबारद करगातमहारी क़बारिनयो की ख़शब मझ पसनद नही आएगी32 म तमहार मलक का सतयानास य करगा िक जोदशमन उस म आबाद हो जाएग उन क रोगट खड़ होजाएग 33 म तमह मख़तिलफ़ ममािलक म मनतिशरकर दगा लिकन वहा भी अपनी तलवार को हाथम िलए तमहारा पीछा करगा तमहारी ज़मीन वीरानहोगी और तमहार शहर खडरात बन जाएग 34 उसवक़त जब तम अपन दशमनो क मलक म रहोगतमहारी ज़मीन वीरान हालत म आराम क वह सालमना सकगी िजन स वह महरम रही ह 35 उन तमामिदनो म जब वह बबारद रहगी उस वह आराम िमलगाजो उस न िमला जब तम मलक म रहत थ

36 तम म स जो बच कर अपन दशमनो क ममािलकम रहग उन क िदलो पर म दहशत तारी करगा वहहवा क झोको स िगरन वाल पतत की आवाज़ सचौक कर भाग जाएग वह फ़रार होग गोया कोईहाथ म तलवार िलए उन का ताक़क़ब कर रहा हो

152 अहबार 2637ndash2713और वह िगर कर मर जाएग हालािक कोई उन कापीछा नही कर रहा होगा 37 वह एक दसर स टकराकर लड़खड़ाएग गोया कोई तलवार ल कर उन कपीछ चल रहा हो हालािक कोई नही ह चनाच तमअपन दशमनो का सामना नही कर सकोग 38 तमदीगर क़ौमो म मनतिशर हो कर हलाक हो जाओगऔर तमहार दशमनो की ज़मीन तमह हड़प कर लगी

39 तम म स बाक़ी लोग अपन और अपन बापदादाक क़सर क बाइस अपन दशमनो क ममािलक मगल सड़ जाएग 40 लिकन एक वक़त आएगा िकवह अपन और अपन बापदादा का क़सर मान लगवह मर साथ अपनी बवफ़ाई और वह मख़ालफ़ततसलीम करग 41 िजस क सबब स म उन क िख़लाफ़हआ और उनह उन क दशमनो क मलक म धकलिदया था पहल उन का ख़तना िसफ़र ज़ािहरी तौरपर हआ था लिकन अब उन का िदल आिजज़ होजाएगा और वह अपन क़सर की क़ीमत अदा करग42 िफर म इबराहीम क साथ अपना अहद इसहाक़ कसाथ अपना अहद और याक़ब क साथ अपना अहदयाद करगा म मलक-ए-कनआन भी याद करगा43 लिकन पहल वह ज़मीन को छोड़ग तािक वह उनकी ग़रमौजदगी म वीरान हो कर आराम क सालमनाए य इसराईली अपन क़सर क नतीज भगतगइस सबब स िक उनहो न मर अहकाम रदद िकए औरमरी िहदायात स िघन खाई 44 इस क बावजद भी मउनह दशमनो क मलक म छोड़ कर रदद नही करगान यहा तक उन स िघन खाऊगा िक वह िबलकलतबाह हो जाए कयिक म उन क साथ अपना अहदनही तोड़न का म रब उन का ख़दा ह 45 म उन कीख़ाितर उन क बापदादा क साथ बधा हआ अहदयाद करगा उन लोगो क साथ अहद िजनह म दसरीक़ौमो क दखत दखत िमसर स िनकाल लाया तािकउन का ख़दा ह म रब हrdquo

46 रब न मसा को इसराईिलयो क िलए यह तमामिहदायात और अहकाम सीना पहाड़ पर िदए

मख़सस की हई चीज़ो की वापसी

27 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोबताना िक अगर िकसी न मननत मान कर

िकसी को रब क िलए मख़सस िकया हो तो वहउस ज़ल की रक़म द कर आज़ाद कर सकता ह(मसतामल िसकक मिक़दस क िसकको क बराबर हो) 3 उस आदमी क िलए िजस की उमर 20 और 60साल क दरिमयान ह चादी क 50 िसकक 4 इसी उमरकी औरत क िलए चादी क 30 िसकक 5 उस लड़कक िलए िजस की उमर 5 और 20 साल क दरिमयानहो चादी क 20 िसकक इसी उमर की लड़की क िलएचादी क 10 िसकक 6 एक माह स ल कर 5 साल तकक लड़क क िलए चादी क 5 िसकक इसी उमर कीलड़की क िलए चादी क 3 िसकक 7 साठ साल सबड़ आदमी क िलए चादी क 15 िसकक और इसी उमरकी औरत क िलए चादी क 10 िसकक

8 अगर मननत मानन वाला मक़रररा रक़म अदा नकर सक तो वह मख़सस िकए हए शख़स को इमामक पास ल आए िफर इमाम ऐसी रक़म मक़ररर करजो मननत मानन वाला अदा कर सक

9 अगर िकसी न मननत मान कर ऐसा जानवरमख़सस िकया जो रब की क़बारिनयो क िलएइसतमाल हो सकता ह तो ऐसा जानवर मख़सस-ओ-मक़ददस हो जाता ह 10 वह उस बदल नही सकतान वह अचछ जानवर की जगह नािक़स न नािक़सजानवर की जगह अचछा जानवर द अगर वह एकजानवर दसर की जगह द तो दोनो मख़सस-ओ-मक़ददस हो जात ह

11 अगर िकसी न मननत मान कर कोई नापाकजानवर मख़सस िकया जो रब की क़बारिनयो क िलएइसतमाल नही हो सकता तो वह उस को इमाम कपास ल आए 12 इमाम उस की रक़म उस की अचछीऔर बरी िसफ़तो का िलहाज़ करक मक़ररर कर इसमक़रररा क़ीमत म कमी बशी नही हो सकती 13 अगर

अहबार 2714ndash33 153मननत मानन वाला उस वापस ख़रीदना चाह तो वहमक़रररा क़ीमत जमा 20 फ़ीसद अदा कर

14 अगर कोई अपना घर रब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस कर तो इमाम उस की अचछी और बरीिसफ़तो का िलहाज़ करक उस की रक़म मक़ररर करइस मक़रररा क़ीमत म कमी बशी नही हो सकती15 अगर घर को मख़सस करन वाला उस वापसख़रीदना चाह तो वह मक़रररा रक़म जमा 20 फ़ीसदअदा कर

16 अगर कोई अपनी मौरसी ज़मीन म स कछरब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस कर तो उस कीक़ीमत उस बीज की िमक़दार क मतािबक़ मक़रररकी जाए जो उस म बोना होता ह िजस खत म 135िकलोगराम जौ का बीज बोया जाए उस की क़ीमतचादी क 50 िसकक होगी 17 शतर यह ह िक वह अपनीज़मीन बहाली क साल क ऐन बाद मख़सस करिफर उस की यही क़ीमत मक़ररर की जाए 18 अगरज़मीन का मािलक उस बहाली क साल क कछ दरबाद मख़सस कर तो इमाम अगल बहाली क सालतक रहन वाल सालो क मतािबक़ ज़मीन की क़ीमतमक़ररर कर िजतन कम साल बाक़ी ह उतनी कमउस की क़ीमत होगी 19 अगर मख़सस करन वालाअपनी ज़मीन वापस ख़रीदना चाह तो वह मक़ररराक़ीमत जमा 20 फ़ीसद अदा कर 20 अगर मख़ससकरन वाला अपनी ज़मीन को रब स वापस ख़रीदबग़र उस िकसी और को बच तो उस वापस ख़रीदनका हक़ ख़तम हो जाएगा 21 अगल बहाली क सालयह ज़मीन मख़सस-ओ-मक़ददस रहगी और रब कीदाइमी िमलिकयत हो जाएगी चनाच वह इमाम कीिमलिकयत होगी

22 अगर कोई अपना मौरसी खत नही बिलकअपना ख़रीदा हआ खत रब क िलए मख़सस कर23 तो इमाम अगल बहाली क साल तक रहन वालसालो का िलहाज़ करक उस की क़ीमत मक़ररर करखत का मािलक उसी िदन उस क पस अदा कर यहपस रब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस होग 24 बहाली

क साल म यह खत उस शख़स क पास वापस आएगािजस न उस बचा था

25 वापस ख़रीदन क िलए मसतामल िसकक मिक़दसक िसकको क बराबर हो उस क चादी क िसकको कावज़न 11 गराम ह

26 लिकन कोई भी िकसी मवशी का पहलौठा रबक िलए मख़सस नही कर सकता वह तो पहल सरब क िलए मख़सस ह इस म कोई फ़क़र नही िक वहगाय बल या भड़ हो 27 अगर उस न कोई नापाकजानवर मख़सस िकया हो तो वह उस मक़रररा क़ीमतजमा 20 फ़ीसद क िलए वापस ख़रीद सकता हअगर वह उस वापस न ख़रीद तो वह मक़रररा क़ीमतक िलए बचा जाए

28 लिकन अगर िकसी न अपनी िमलिकयत म सकछ ग़रमशरत तौर पर रब क िलए मख़सस िकयाह तो उस बचा या वापस नही ख़रीदा जा सकताख़वाह वह इनसान जानवर या ज़मीन हो जो इसतरह मख़सस िकया गया हो वह रब क िलए िनहायतमक़ददस ह 29 इसी तरह िजस शख़स को तबाही किलए मख़सस िकया गया ह उस का िफ़दया नही िदयाजा सकता लािज़म ह िक उस सज़ा-ए-मौत दी जाए

30 हर फ़सल का दसवा िहससा रब का ह चाहवह अनाज हो या फल वह रब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस ह 31 अगर कोई अपनी फ़सल का दसवा िहससा छड़ाना चाहता ह तो वह इस क िलए उस कीमक़रररा क़ीमत जमा 20 फ़ीसद द 32 इसी तरह गाय-बलो और भड़-बकिरयो का दसवा िहससा भी रब किलए मख़सस-ओ-मक़ददस ह हर दसवा जानवर जोगललाबान क डड क नीच स गज़रगा 33 यह जानवरचनन स पहल उन का मआइना न िकया जाए िककौन स जानवर अचछ या कमज़ोर ह यह भी नकरना िक दसव िहसस क िकसी जानवर क बदलकोई और जानवर िदया जाए अगर िफर भी उसबदला जाए तो दोनो जानवर रब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस होग और उनह वापस ख़रीदा नही जासकताrdquo

154 अहबार 273434 यह वह अहकाम ह जो रब न सीना पहाड़ पर

मसा को इसराईिलयो क िलए िदए

िगनती

इसराईिलयो की पहली मदरमशमारी

1 1 इसराईिलयो को िमसर स िनकल हए एक सालस ज़यादा असार गज़र गया था अब तक वह

दशत-ए-सीना म थ दसर साल क दसर महीन कपहल िदन रब मलाक़ात क ख़म म मसा स हमकलामहआ उस न कहा

2 ldquoत और हारन तमाम इसराईिलयो की मदरमशमारीकबो और आबाई घरानो क मतािबक़ करना उनतमाम मदोर की फ़हिरसत बनाना 3 जो कम अज़ कमबीस साल क और जग लड़न क क़ािबल हो 4 इसम हर क़बील क एक ख़ानदान का सरपरसत तमहारीमदद कर 5 यह उन क नाम ह रिबन क क़बीलस इलीसर िबन शिदयर

6 शमाऊन क क़बील स सलमीएल िबन सरीशददी7 यहदाह क क़बील स नहसोन िबन अममीनदाब8 इशकार क क़बील स नतनीएल िबन ज़ग़र9 ज़बलन क क़बील स इिलयाब िबन हलोन10 यसफ़ क बट इफ़राईम क क़बील स इलीसमा

िबन अममीहद यसफ़ क बट मनससी क क़बील सजमलीएल िबन फ़दाहसर

11 िबनयमीन क क़बील स अिबदान िबनिजदाऊनी

12 दान क क़बील स अख़ीअज़र िबन अममीशददी13 आशर क क़बील स फ़जईएल िबन अकरान14 जद क क़बील स इिलयासफ़ िबन दऊएल15 नफ़ताली क क़बील स अख़ीरा िबन एनानrdquo16 यही मदर जमाअत स इस काम क िलए बलाए

गए वह अपन क़बीलो क राहनमा और कबो कसरपरसत थ 17 इन की मदद स मसा और हारनन 18 उसी िदन परी जमाअत को इकटठा िकया हरइसराईली मदर जो कम अज़ कम 20 साल का था

रिजसटर म दजर िकया गया रिजसटर की ततीरब उनक कबो और आबाई घरानो क मतािबक़ थी

19 सब कछ वसा ही िकया गया जसा रब न हकमिदया था मसा न सीना क रिगसतान म लोगो कीमदरमशमारी की नतीजा यह िनकला

20ndash21 रिबन क क़बील क 46500 मदर22ndash23 शमाऊन क क़बील क 59300 मदर24ndash25 जद क क़बील क 45650 मदर26ndash27 यहदाह क क़बील क 74600 मदर28ndash29 इशकार क क़बील क 54400 मदर30ndash31 ज़बलन क क़बील क 57400 मदर32ndash33 यसफ़ क बट इफ़राईम क क़बील क 40500

मदर34ndash35 यसफ़ क बट मनससी क क़बील क 32200

मदर36ndash37 िबनयमीन क क़बील क 35400 मदर38ndash39 दान क क़बील क 62700 मदर40ndash41 आशर क क़बील क 41500 मदर42ndash43 नफ़ताली क क़बील क 53400 मदर44 मसा हारन और क़बीलो क बारह राहनमाओ

न इन तमाम आदिमयो को िगना 45ndash46 उन की परीतादाद 603550 थी

47 लिकन लािवयो की मदरमशमारी न हई 48 कयिकरब न मसा स कहा था 49 ldquoइसराईिलयो कीमदरमशमारी म लािवयो को शािमल न करना 50 इसक बजाय उनह शरीअत की सकनतगाह और उसका सारा सामान सभालन की िज़ममादारी दना वहसफ़र करत वक़त यह ख़मा और उस का सारासामान उठा कर ल जाए उस की िख़दमत क िलएहािज़र रह और रकत वक़त उस अपन ख़मो सघर रख 51 रवाना होत वक़त वही ख़म को समटऔर रकत वक़त वही उस लगाए अगर कोई और

156 िगनती 152ndash233उस क क़रीब आए तो उस सज़ा-ए-मौत दी जाएगी52 बाक़ी इसराईली ख़मागाह म अपन अपन दसत कमतािबक़ और अपन अपन अलम क इदरिगदर अपनख़म लगाए 53 लिकन लावी अपन ख़मो स शरीअतकी सकनतगाह को घर ल तािक मरा ग़ज़ब िकसीग़लत शख़स क नज़दीक आन स इसराईिलयो कीजमाअत पर नािज़ल न हो जाए य लािवयो कोशरीअत की सकनतगाह को सभालना हrdquo

54 इसराईिलयो न वसा ही िकया जसा रब न मसाको हकम िदया था

ख़मागाह म क़बीलो की ततीरब

2 1 रब न मसा और हारन स कहा 2 िक इसराईलीअपन ख़म कछ फ़ािसल पर मलाक़ात क ख़म

क इदरिगदर लगाए हर एक अपन अपन अलमऔर अपन अपन आबाई घरान क िनशान क साथख़माज़न हो

3 इन िहदायात क मतािबक़ मिक़दस क मशिरक़म यहदाह का अलम था िजस क इदरिगदर तीन दसतख़माज़न थ पहल यहदाह का क़बीला िजस काकमाडर नहसोन िबन अममीनदाब था 4 और िजसक लशकर क 74600 फ़ौजी थ 5 दसर इशकार काक़बीला िजस का कमाडर नतनीएल िबन ज़ग़र था6 और िजस क लशकर क 54400 फ़ौजी थ 7 तीसरज़बलन का क़बीला िजस का कमाडर इिलयाब िबनहलोन था 8 और िजस क लशकर क 57400 फ़ौजीथ 9 तीनो क़बीलो क फ़ौिजयो की कल तादाद186400 थी रवाना होत वक़त यह आग चलतथ

10 मिक़दस क जनब म रिबन का अलम था िजसक इदरिगदर तीन दसत ख़माज़न थ पहल रिबनका क़बीला िजस का कमाडर इलीसर िबन शिदयरथा 11 और िजस क 46500 फ़ौजी थ 12 दसरशमाऊन का क़बीला िजस का कमाडर सलमीएलिबन सरीशददी था 13 और िजस क 59300 फ़ौजीथ 14 तीसर जद का क़बीला िजस का कमाडर

इिलयासफ़ िबन दऊएल था 15 और िजस क 45650फ़ौजी थ 16 तीनो क़बीलो क फ़ौिजयो की कलतादाद 151450 थी रवाना होत वक़त यह मशिरक़ीक़बीलो क पीछ चलत थ

17 इन जनबी क़बीलो क बाद लावी मलाक़ात काख़मा उठा कर क़बीलो क ऐन बीच म चलत थक़बील उस ततीरब स रवाना होत थ िजस ततीरब सवह अपन ख़म लगात थ हर क़बीला अपन अलमक पीछ चलता था

18 मिक़दस क मग़िरब म इफ़राईम का अलम थािजस क इदरिगदर तीन दसत ख़माज़न थ पहलइफ़राईम का क़बीला िजस का कमाडर इलीसमािबन अममीहद था 19 और िजस क 40500 फ़ौजीथ 20 दसर मनससी का क़बीला िजस का कमाडरजमलीएल िबन फ़दाहसर था 21 और िजस क32200 फ़ौजी थ 22 तीसर िबनयमीन का क़बीलािजस का कमाडर अिबदान िबन िजदाऊनी था23 और िजस क 35400 फ़ौजी थ 24 तीनो क़बीलोक फ़ौिजयो की कल तादाद 108100 थी रवानाहोत वक़त यह जनबी क़बीलो क पीछ चलत थ

25 मिक़दस क िशमाल म दान का अलम थािजस क इदरिगदर तीन दसत ख़माज़न थ पहलदान का क़बीला िजस का कमाडर अख़ीअज़रिबन अममीशददी था 26 और िजस क 62700 फ़ौजीथ 27 दसर आशर का क़बीला िजस का कमाडरफ़जईएल िबन अकरान था 28 और िजस क 41500फ़ौजी थ 29 तीसर नफ़ताली का क़बीला िजस काकमाडर अख़ीरा िबन एनान था 30 और िजस क53400 फ़ौजी थ 31 तीनो क़बीलो की कल तादाद157600 थी वह आिख़र म अपना अलम उठा कररवाना होत थ

32 परी ख़मागाह क फ़ौिजयो की कल तादाद603550 थी 33 िसफ़र लावी इस तादाद म शािमलनही थ कयिक रब न मसा को हकम िदया था िक उनकी भतीर न की जाए

िगनती 234ndash331 15734 य इसराईिलयो न सब कछ उन िहदायात क

मतािबक़ िकया जो रब न मसा को दी थी उन कमतािबक़ ही वह अपन झडो क इदरिगदर अपन ख़मलगात थ और उन क मतािबक़ ही अपन कबो औरआबाई घरानो क साथ रवाना होत थ

हारन क बट

3 1 यह हारन और मसा क ख़ानदान का बयानह उस वक़त का िज़कर ह जब रब न सीना पहाड़

पर मसा स बात की 2 हारन क चार बट थ बड़ाबटा नदब था िफर अबीह इलीअज़र और इतमर3 यह इमाम थ िजन को मसह करक इस िख़दमत काइख़ितयार िदया गया था 4 लिकन नदब और अबीहउस वक़त मर गए जब उनहो न दशत-ए-सीना म रबक हज़र नाजाइज़ आग पश की चिक वह बऔलादथ इस िलए हारन क जीत जी िसफ़र इलीअज़र औरइतमर इमाम की िख़दमत सरअनजाम दत थ

लािवयो की मिक़दस म िज़ममादारी5 रब न मसा स कहा 6 ldquoलावी क क़बील को

ला कर हारन की िख़दमत करन की िज़ममादारीद 7 उनह उस क िलए और परी जमाअत क िलएमलाक़ात क ख़म की िख़दमात सभालना ह 8 वहमलाक़ात क ख़म का सामान सभाल और तमामइसराईिलयो क िलए मिक़दस क फ़राइज़ अदा कर9 तमाम इसराईिलयो म स िसफ़र लािवयो को हारनऔर उस क बटो की िख़दमत क िलए मक़ररर कर10 लिकन िसफ़र हारन और उस क बटो को इमामकी हिसयत हािसल ह जो भी बािक़यो म स उन कीिज़ममादािरया उठान की कोिशश करगा उस सज़ा-ए-मौत दी जाएगीrdquo

11 रब न मसा स यह भी कहा 12 ldquoम न इसराईिलयोम स लािवयो को चन िलया ह वह तमाम इसराईलीपहलौठो क इवज़ मर िलए मख़सस ह 13 कयिकतमाम पहलौठ मर ही ह िजस िदन म न िमसर मतमाम पहलौठो को मार िदया उस िदन म न इसराईल

क पहलौठो को अपन िलए मख़सस िकया ख़वाहवह इनसान क थ या हवान क वह मर ही ह म रबहrdquo

लािवयो की मदरमशमारी14 रब न सीना क रिगसतान म मसा स कहा

15 ldquoलािवयो को िगन कर उन क आबाई घरानो औरकबो क मतािबक़ रिजसटर म दजर करना हर बटको िगनना ह जो एक माह या इस स ज़ाइद का हrdquo16 मसा न ऐसा ही िकया

17 लावी क तीन बट जसोरन िक़हात और िमरारीथ 18 जसोरन क दो कब उस क बटो िलबनी औरिसमई क नाम रखत थ 19 िक़हात क चार कब उसक बटो अमराम इज़हार हबरन और उज़ज़ीएल क नामरखत थ 20 िमरारी क दो कब उस क बटो महलीऔर मशी क नाम रखत थ ग़रज़ लावी क क़बीलक कब उस क पोतो क नाम रखत थ

21 जसोरन क दो कबो बनाम िलबनी और िसमई22 क 7500 मदर थ जो एक माह या इस स ज़ाइदक थ 23 उनह अपन ख़म मग़िरब म मिक़दस कपीछ लगान थ 24 उन का राहनमा इिलयासफ़ िबनलाएल था 25 और वह ख़म को सभालत थ यानीउस की पोिशश ख़म क दरवाज़ का पदार 26 ख़मऔर क़बारनगाह की चारदीवारी क पद र चारदीवारीक दरवाज़ का पदार और तमाम रसस इन चीज़ो समतािललक़ सारी िख़दमत उन की िज़ममादारी थी

27 िक़हात क चार कबो बनाम अमराम इज़हार हबरन और उज़ज़ीएल 28 क 8600 मदर थ जो एकमाह या इस स ज़ाइद क थ और िजन को मिक़दसकी िख़दमत करनी थी 29 उनह अपन डर मिक़दसक जनब म डालन थ 30 उन का राहनमा इलीसफ़निबन उज़ज़ीएल था 31 और वह यह चीज़ सभालत थ अहद का सनदक़ मज़ शमादान क़बारनगाह वहबतरन और साज़-ओ-सामान जो मिक़दस म इसतमालहोता था और मक़ददसतरीन कमर का पदार इन चीज़ोस मतािललक़ सारी िख़दमत उन की िज़ममादारी थी

158 िगनती 332ndash4932 हारन इमाम का बटा इलीअज़र लािवयो क तमामराहनमाओ पर मक़ररर था वह उन तमाम लोगो काइचाजर था जो मिक़दस की दख-भाल करत थ

33 िमरारी क दो कबो बनाम महली और मशी 34 क6200 मदर थ जो एक माह या इस स ज़ाइद कथ 35 उन का राहनमा सरीएल िबन अबीख़ल थाउनह अपन डर मिक़दस क िशमाल म डालन थ36 और वह यह चीज़ सभालत थ ख़म क तख़तउस क शहतीर खमब पाए और इस तरह का सारासामान इन चीज़ो स मतािललक़ सारी िख़दमत उन कीिज़ममादारी थी 37 वह चारदीवारी क खमब पाएमख़ और रसस भी सभालत थ

38 मसा हारन और उन क बटो को अपन डरमशिरक़ म मिक़दस क सामन डालन थ उन कीिज़ममादारी मिक़दस म बनी इसराईल क िलए िख़दमतकरना थी उन क इलावा जो भी मिक़दस म दािख़लहोन की कोिशश करता उस सज़ा-ए-मौत दनी थी

39 उन लावी मदोर की कल तादाद जो एक माह याइस स ज़ाइद क थ 22000 थी रब क कहन परमसा और हारन न उनह कबो क मतािबक़ िगन कररिजसटर म दजर िकया

लावी क क़बील क मदर पहलौठो क इवज़ी ह40 रब न मसा स कहा ldquoतमाम इसराईली पहलौठो

को िगनना जो एक माह या इस स ज़ाइद क हऔर उन क नाम रिजसटर म दजर करना 41 उनतमाम पहलौठो की जगह लािवयो को मर िलएमख़सस करना इसी तरह इसराईिलयो क मविशयोक पहलौठो की जगह लािवयो क मवशी मर िलएमख़सस करना म रब हrdquo 42 मसा न ऐसा ही िकयाजसा रब न उस हकम िदया उस न तमाम इसराईलीपहलौठ 43 जो एक माह या इस स ज़ाइद क थ िगनिलए उन की कल तादाद 22273 थी

44 रब न मसा स कहा 45 ldquoमझ तमाम इसराईलीपहलौठो की जगह लािवयो को पश करना इसीतरह मझ इसराईिलयो क मविशयो की जगह लािवयो

क मवशी पश करना लावी मर ही ह म रब ह46 लािवयो की िनसबत बाक़ी इसराईिलयो क 273पहलौठ ज़यादा ह उन म स 47 हर एक क इवज़ चादीक पाच िसकक ल जो मिक़दस क वज़न क मतािबक़हो (फ़ी िसकका तक़रीबन 11 गराम) 48 यह पस हारनऔर उस क बटो को दनाrdquo

49 मसा न ऐसा ही िकया 50 य उस न चादी क1365 िसकक (तक़रीबन 16 िकलोगराम) जमा करक51 हारन और उस क बटो को िदए िजस तरह रबन उस हकम िदया था

िक़हाितयो की िज़ममादािरया

4 1 रब न मसा और हारन स कहा 2 ldquoलावी कक़बील म स िक़हाितयो की मदरमशमारी उन क

कबो और आबाई घरानो क मतािबक़ करना 3 उनतमाम मदोर को रिजसटर म दजर करना जो 30 स लकर 50 साल क ह और मलाक़ात क ख़म म िख़दमतकरन क िलए आ सकत ह 4 िक़हाितयो की िख़दमतमक़ददसतरीन कमर की दख-भाल ह

5 जब ख़म को सफ़र क िलए समटना ह तो हारनऔर उस क बट दािख़ल हो कर मक़ददसतरीन कमरका पदार उतार और उस शरीअत क सनदक़ पर डालद 6 इस पर वह तख़स की खालो का िग़लाफ़ औरआिख़र म परी तरह नील रग का कपड़ा िबछाए इसक बाद वह सनदक़ को उठान की लकिड़या लगाए

7 वह उस मज़ पर भी नील रग का कपड़ा िबछाएिजस पर रब को रोटी पश की जाती ह उस पर थालपयाल म की नज़र पश करन क बतरन और मतरबानरख जाए जो रोटी हमशा मज़ पर होती ह वह भी उसपर रह 8 हारन और उस क बट इन तमाम चीज़ो परिक़िमरज़ी रग का कपड़ा िबछा कर आिख़र म उन कऊपर तख़स की खालो का िग़लाफ़ डाल इस कबाद वह मज़ को उठान की लकिड़या लगाए

9 वह शमादान और उस क सामान पर यानी उसक चराग़ बतती कतरन की क़िचयो जलत कोएलक छोट बतरनो और तल क बतरनो पर नील रग का

िगनती 410ndash33 159कपड़ा रख 10 यह सब कछ वह तख़स की खालोक िग़लाफ़ म लपट और उस उठा कर ल जान किलए एक चौखट पर रख

11 वह बख़र जलान की सोन की क़बारनगाह पर भीनील रग का कपड़ा िबछा कर उस पर तख़स कीखालो का िग़लाफ़ डाल और िफर उस उठान कीलकिड़या लगाए 12 वह सारा सामान जो मक़ददसकमर म इसतमाल होता ह ल कर नील रग क कपड़म लपट उस पर तख़स की खालो का िग़लाफ़ डालऔर उस उठा कर ल जान क िलए एक चौखट पररख

13 िफर वह जानवरो को जलान की क़बारनगाह कोराख स साफ़ करक उस पर अग़रवानी रग का कपड़ािबछाए 14 उस पर वह क़बारनगाह की िख़दमत किलए सारा ज़ररी सामान रख यानी िछड़काओ ककटोर जलत हए कोएल क बतरन बलच और काटइस सामान पर वह तख़स की खालो का िग़लाफ़डाल कर क़बारनगाह को उठान की लकिड़या लगाए

15 सफ़र क िलए रवाना होत वक़त यह सब कछउठा कर ल जाना िक़हाितयो की िज़ममादारी हलिकन लािज़म ह िक पहल हारन और उस क बटयह तमाम मक़ददस चीज़ ढाप िक़हाती इन म स कोईभी चीज़ न छए वनार मर जाएग

16 हारन इमाम का बटा इलीअज़र पर मक़ददस ख़मऔर उस क सामान का इचाजर हो इस म चराग़ो कातल बख़र ग़लला की रोज़ाना नज़र और मसह का तलभी शािमल हrdquo

17 रब न मसा और हारन स कहा 18 ldquoख़बरदाररहो िक िक़हात क कब लावी क क़बील म स िमटनन पाए 19 चनाच जब वह मक़ददसतरीन चीज़ो कपास आए तो हारन और उस क बट हर एक कोउस सामान क पास ल जाए जो उस उठा कर लजाना ह तािक वह न मर बिलक जीत रह 20 िक़हातीएक लमह क िलए भी मक़ददस चीज़ दखन क िलएअनदर न जाए वनार वह मर जाएगrdquo

जसोरिनयो की िज़ममादािरया 21 िफर रब न मसा स कहा 22 ldquoजसोरन की औलाद

की मदरमशमारी भी उन क आबाई घरानो और कबोक मतािबक़ करना 23 उन तमाम मदोर को रिजसटरम दजर करना जो 30 स ल कर 50 साल क ह औरमलाक़ात क ख़म म िख़दमत क िलए आ सकत ह24 वह यह चीज़ उठा कर ल जान क िज़ममादार ह 25 मलाक़ात का ख़मा उस की छत छत पर रखीहई तख़स की खाल की पोिशश ख़म क दरवाज़का पदार 26 ख़म और क़बारनगाह की चारदीवारी कपद र चारदीवारी क दरवाज़ का पदार उस क रससऔर उस लगान का बाक़ी सामान वह उन तमामकामो क िज़ममादार ह जो इन चीज़ो स मनसिलकह 27 जसोरिनयो की परी िख़दमत हारन और उस कबटो की िहदायात क मतािबक़ हो ख़बरदार रहो िकवह सब कछ ऐन िहदायात क मतािबक़ उठा कर लजाए 28 यह सब मलाक़ात क ख़म म जसोरिनयो कीिज़ममादािरया ह इस काम म हारन इमाम का बटाइतमर उन पर मक़ररर हrdquo

िमरािरयो की िज़ममादािरया 29 रब न कहा ldquoिमरारी की औलाद की मदरमशमारी

भी उन क आबाई घरानो और कबो क मतािबक़करना 30 उन तमाम मदोर को रिजसटर म दजर करनाजो 30 स ल कर 50 साल क ह और मलाक़ातक ख़म म िख़दमत क िलए आ सकत ह 31 वहमलाक़ात क ख़म की यह चीज़ उठा कर ल जानक िज़ममादार ह दीवार क तख़त शहतीर खमबऔर पाए 32 िफर ख़म की चारदीवारी क खमब पाएमख़ रसस और यह चीज़ लगान का सामान हर एकको तफ़सील स बताना िक वह कया कया उठा करल जाए 33 यह सब कछ िमरािरयो की मलाक़ातक ख़म म िज़ममादािरयो म शािमल ह इस काम महारन इमाम का बटा इतमर उन पर मक़ररर होrdquo

160 िगनती 434ndash515

लािवयो की मदरमशमारी34 मसा हारन और जमाअत क राहनमाओ न

िक़हाितयो की मदरमशमारी उन क कबो और आबाईघरानो क मतािबक़ की 35ndash37 उनहो न उन तमाममदोर को रिजसटर म दजर िकया जो 30 स ल कर 50साल क थ और जो मलाक़ात क ख़म म िख़दमतकर सकत थ उन की कल तादाद 2750 थी मसाऔर हारन न सब कछ वसा ही िकया जसा रब नमसा की मािरफ़त फ़रमाया था 38ndash41 िफर जसोरिनयोकी मदरमशमारी उन क कबो और आबाई घरानोक मतािबक़ हई िख़दमत क लाइक़ मदोर की कलतादाद 2630 थी मसा और हारन न सब कछ वसाही िकया जसा रब न मसा क ज़रीए फ़रमाया था42ndash45 िफर िमरािरयो की मदरमशमारी उन क कबोऔर आबाई घरानो क मतािबक़ हई िख़दमत कलाइक़ मदोर की कल तादाद 3200 थी मसा औरहारन न सब कछ वसा ही िकया जसा रब न मसाक ज़रीए फ़रमाया था 46ndash48 लािवयो क उन मदोरकी कल तादाद 8580 थी िजनह मलाक़ात क ख़मम िख़दमत करना और सफ़र करत वक़त उस उठाकर ल जाना था

49 मसा न रब क हकम क मतािबक़ हर एक को उसकी अपनी अपनी िज़ममादारी सौपी और उस बतायािक उस कया कया उठा कर ल जाना ह य उन कीमदरमशमारी रब क उस हकम क ऐन मतािबक़ की गईजो उस न मसा की मािरफ़त िदया था

नापाक लोग ख़मागाह म नही रह सकत

5 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो को हकमद िक हर उस शख़स को ख़मागाह स बाहर कर

दो िजस को वबाई िजलदी बीमारी ह िजस क ज़ख़मोस माए िनकलता रहता ह या जो िकसी लाश कोछन स नापाक ह 3 ख़वाह मदर हो या औरत सबको ख़मागाह क बाहर भज दना तािक वह ख़मागाहको नापाक न कर जहा म तमहार दरिमयान सकनत

करता हrdquo 4 इसराईिलयो न वसा ही िकया जसा रबन मसा को कहा था उनहो न रब क हकम क ऐनमतािबक़ इस तरह क तमाम लोगो को ख़मागाह सबाहर कर िदया

ग़लत काम का मआवज़ा5 रब न मसा स कहा 6 ldquoइसराईिलयो को िहदायत

दना िक जो भी िकसी स ग़लत सलक कर वह मरसाथ बवफ़ाई करता ह और क़सरवार ह ख़वाहमदर हो या औरत 7 लािज़म ह िक वह अपना गनाहतसलीम कर और उस का परा मआवज़ा द बिलकमतअिससरा शख़स का नक़सान परा करन क इलावा20 फ़ीसद ज़यादा द 8 लिकन अगर वह शख़स िजसका क़सर िकया गया था मर चका हो और उसका कोई वािरस न हो जो यह मआवज़ा वसल करसक तो िफर उस रब को दना ह इमाम को यहमआवज़ा उस मढ क इलावा िमलगा जो क़सरवारअपन कफ़फ़ारा क िलए दगा 9ndash10 नीज़ इमाम कोइसराईिलयो की क़बारिनयो म स वह कछ िमलना हजो उठान वाली क़बारनी क तौर पर उस िदया जाताह यह िहससा िसफ़र इमामो को ही िमलना हrdquo

िज़ना क शक पर अललाह का फ़सला11 रब न मसा स कहा 12 ldquoइसराईिलयो को बताना

हो सकता ह िक कोई शादीशदा औरत भटक करअपन शौहर स बवफ़ा हो जाए और 13 िकसी औरस हमिबसतर हो कर नापाक हो जाए उस क शौहरन उस नही दखा कयिक यह पोशीदगी म हआ हऔर न िकसी न उस पकड़ा न इस का कोई गवाहह 14 अगर शौहर को अपनी बीवी की वफ़ादारी परशक हो और वह ग़रत खान लग लिकन यक़ीन सनही कह सकता िक मरी बीवी क़सरवार ह िक नही15 तो वह अपनी बीवी को इमाम क पास ल आएसाथ साथ वह अपनी बीवी क िलए क़बारनी क तौरपर जौ का डढ़ िकलोगराम बहतरीन मदा ल आए इसपर न तल उडला जाए न बख़र डाला जाए कयिक

िगनती 516ndash611 161ग़लला की यह नज़र ग़रत की नज़र ह िजस का मक़सदह िक पोशीदा क़सर ज़ािहर हो जाए 16 इमाम औरतको क़रीब आन द और रब क सामन खड़ा कर17 वह िमटटी का बतरन मक़ददस पानी स भर कर उसम मिक़दस क फ़शर की कछ ख़ाक डाल 18 िफर वहऔरत को रब को पश करक उस क बाल खलवाएऔर उस क हाथो पर मद की नज़र रख इमाम कअपन हाथ म कड़व पानी का वह बतरन हो जो लानतका बाइस ह

19 िफर वह औरत को क़सम िखला कर कहlsquoअगर कोई और आदमी आप स हमिबसतर नहीहआ ह और आप नापाक नही हई ह तो इस कड़वपानी की लानत का आप पर कोई असर न हो20 लिकन अगर आप भटक कर अपन शौहर सबवफ़ा हो गई ह और िकसी और स हमिबसतर होकर नापाक हो गई ह 21 तो रब आप को आप कीक़ौम क सामन लानती बनाए आप बाझ हो जाएऔर आप का पट फल जाए 22 जब लानत का यहपानी आप क पट म उतर तो आप बाझ हो जाएऔर आप का पट फल जाएrsquo इस पर औरत कहlsquoआमीन ऐसा ही होrsquo

23 िफर इमाम यह लानत िलख कर काग़ज़ को बतरनक पानी म य धो द िक उस पर िलखी हई बातपानी म घल जाए 24 बाद म वह औरत को यह पानीिपलाए तािक वह उस क िजसम म जा कर उस लानतपहचाए 25 लिकन पहल इमाम उस क हाथो म सग़रत की क़बारनी ल कर उस ग़लला की नज़र क तौरपर रब क सामन िहलाए और िफर क़बारनगाह कपास ल आए 26 उस पर वह मटठी भर यादगारी कीक़बारनी क तौर पर जलाए इस क बाद वह औरतको पानी िपलाए 27 अगर वह अपन शौहर स बवफ़ाथी और नापाक हो गई ह तो वह बाझ हो जाएगी उसका पट फल जाएगा और वह अपनी क़ौम क सामनलानती ठहरगी 28 लिकन अगर वह पाक-साफ़ हतो उस सज़ा नही दी जाएगी और वह बचच जनम दनक क़ािबल रहगी

29ndash30 चनाच ऐसा ही करना ह जब शौहर ग़रत खाएऔर उस अपनी बीवी पर िज़ना का शक हो बीवीको क़बारनगाह क सामन खड़ा िकया जाए और इमामयह सब कछ कर 31 इस सरत म शौहर बक़सरठहरगा लिकन अगर उस की बीवी न वाक़ई िज़नािकया हो तो उस अपन गनाह क नतीज बदारशत करनपड़गrdquo

जो अपन आप को मख़सस करत ह

6 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोिहदायत दना िक अगर कोई आदमी या औरत

मननत मान कर अपन आप को एक मक़रररा वक़त किलए रब क िलए मख़सस कर 3 तो वह म या कोईऔर नशाआवर चीज़ न िपए न वह अगर या िकसीऔर चीज़ का िसरका िपए न अगर का रस वहअगर या िकशिमश न खाए 4 जब तक वह मख़ससह वह अगर की कोई भी पदावार न खाए यहा तकिक अगर क बीज या िछलक भी न खाए 5 जब तकवह अपनी मननत क मतािबक़ मख़सस ह वह अपनबाल न कटवाए िजतनी दर क िलए उस न अपनआप को रब क िलए मख़सस िकया ह उतनी दर तकवह मक़ददस ह इस िलए वह अपन बाल बढ़न द6 जब तक वह मख़सस ह वह िकसी लाश क क़रीबन जाए 7 चाह वह उस क बाप मा भाई या बहन कीलाश कय न हो कयिक इस स वह नापाक हो जाएगाजबिक अभी तक उस की मख़सिसयत लमब बालोकी सरत म नज़र आती ह 8 वह अपनी मख़सिसयतक दौरान रब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस ह

9 अगर कोई अचानक मर जाए जब मख़सस शख़सउस क क़रीब हो तो उस क मख़सस बाल नापाकहो जाएग ऐसी सरत म लािज़म ह िक वह अपनआप को पाक-साफ़ करक सातव िदन अपन सरको मडवाए 10 आठव िदन वह दो क़िमरया या दोजवान कबतर ल कर मलाक़ात क ख़म क दरवाज़पर आए और इमाम को द 11 इमाम इन म स एकको गनाह की क़बारनी क तौर पर चढ़ाए और दसर

162 िगनती 612ndash77को भसम होन वाली क़बारनी क तौर पर य वह उसक िलए कफ़फ़ारा दगा जो लाश क क़रीब होन सनापाक हो गया ह उसी िदन वह अपन सर को दबारामख़सस कर 12 और अपन आप को मक़रररा वक़त किलए दबारा रब क िलए मख़सस कर वह क़सर कीक़बारनी क तौर पर एक साल का भड़ का बचचा पशकर िजतन िदन उस न पहल मख़सिसयत की हालतम गज़ार ह वह शमार नही िकए जा सकत कयिकवह मख़सिसयत की हालत म नापाक हो गया थावह दबारा पहल िदन स शर कर

13 शरीअत क मतािबक़ जब मख़सस शख़स कामक़रररा वक़त गज़र गया हो तो पहल उस मलाक़ात कख़म क दरवाज़ पर लाया जाए 14 वहा वह रब कोभसम होन वाली क़बारनी क िलए भड़ का एक बऐबयकसाला नर बचचा गनाह की क़बारनी क िलए एकबऐब यकसाला भड़ और सलामती की क़बारनी किलए एक बऐब मढा पश कर 15 इस क इलावा वहएक टोकरी म बख़मीरी रोिटया िजन म बहतरीन मदाऔर तल िमलाया गया हो और बख़मीरी रोिटया िजनपर तल लगाया गया हो मतािललक़ा ग़लला की नज़र औरम की नज़र क साथ 16 रब को पश कर पहल इमामगनाह की क़बारनी और भसम होन वाली क़बारनी रबक हज़र चढ़ाए 17 िफर वह मढ को बख़मीरी रोिटयोक साथ सलामती की क़बारनी क तौर पर पश करइमाम ग़लला की नज़र और म की नज़र भी चढ़ाए18 इस दौरान मख़सस शख़स मलाक़ात क ख़म परअपन मख़सस िकए गए सर को मडवा कर तमामबाल सलामती की क़बारनी की आग म फक

19 िफर इमाम मढ का एक पका हआ शाना औरटोकरी म स दोनो िक़समो की एक एक रोटी ल करमख़सस शख़स क हाथो पर रख 20 इस क बाद वहयह चीज़ वापस ल कर उनह िहलान की क़बारनीक तौर पर रब क सामन िहलाए यह एक मक़ददसक़बारनी ह जो इमाम का िहससा ह सलामती कीक़बारनी का िहलाया हआ सीना और उठाई हई रान

भी इमाम का िहससा ह क़बारनी क इख़ितताम परमख़सस िकए हए शख़स को म पीन की इजाज़त ह

21 जो अपन आप को रब क िलए मख़सस करता हवह ऐसा ही कर लािज़म ह िक वह इन िहदायात कमतािबक़ तमाम क़बारिनया पश कर अगर गनजाइशहो तो वह और भी पश कर सकता ह बहरहाललािज़म ह िक वह अपनी मननत और यह िहदायातपरी करrdquo

इमाम की बरकत22 रब न मसा स कहा 23 ldquoहारन और उस क बटो

को बता दना िक वह इसराईिलयो को य बरकत द24 lsquoरब तझ बरकत द और तरी िहफ़ाज़त कर25 रब अपन िचहर का महरबान नर तझ पर

चमकाए और तझ पर रहम कर26 रब की नज़र-ए-करम तझ पर हो और वह तझ

सलामती बख़शrsquo27 य वह मरा नाम ल कर इसराईिलयो को बरकत

द िफर म उनह बरकत दगाrdquo

मिक़दस की मख़सिसयत क हिदए

7 1 िजस िदन मिक़दस मकममल हआ उसी िदनमसा न उस मख़सस-ओ-मक़ददस िकया इस क

िलए उस न ख़म उस क तमाम सामान क़बारनगाहऔर उस क तमाम सामान पर तल िछड़का 2ndash3 िफरक़बीलो क बारह सरदार मिक़दस क िलए हिदए लकर आए यह वही राहनमा थ िजनहो न मदरमशमारीक वक़त मसा की मदद की थी उनहो न छत वालीछ बल गािड़या और बारह बल ख़म क सामनरब को पश िकए दो दो सरदारो की तरफ़ स एकबलगाड़ी और हर एक सरदार की तरफ़ स एक बल

4 रब न मसा स कहा 5 ldquoयह तहफ़ क़बल करकमलाक़ात क ख़म क काम क िलए इसतमाल करउनह लािवयो म उन की िख़दमत की ज़ररत कमतािबक़ तक़सीम करनाrdquo 6 चनाच मसा न बलगािड़या और बल लािवयो को द िदए 7 उस न दो

िगनती 78ndash84 163बल गािड़या चार बलो समत जसोरिनयो को 8 औरचार बल गािड़या आठ बलो समत िमरािरयो को दीिमरारी हारन इमाम क बट इतमर क तहत िख़दमतकरत थ 9 लिकन मसा न िक़हाितयो को न बलगािड़या और न बल िदए वजह यह थी िक जोमक़ददस चीज़ उन क सपदर थी वह उन को कधोपर उठा कर ल जानी थी

10 बारह सरदार क़बारनगाह की मख़सिसयत कमौक़ पर भी हिदए ल आए उनहो न अपन हिदएक़बारनगाह क सामन पश िकए 11 रब न मसा सकहा ldquoसरदार बारह िदन क दौरान बारी बारी अपनहिदए पश करrdquo 12 पहल िदन यहदाह क सरदारनहसोन िबन अममीनदाब की बारी थी उस क हिदएयह थ 13 चादी का थाल िजस का वज़न डढ़िकलोगराम था और िछड़काओ का चादी का कटोरािजस का वज़न 800 गराम था दोनो ग़लला की नज़रक िलए तल क साथ िमलाए गए बहतरीन मद स भरहए थ 14 इन क इलावा नहसोन न यह चीज़ पश की सोन का पयाला िजस का वज़न 110 गराम था औरजो बख़र स भरा हआ था 15 एक जवान बल एकमढा भसम होन वाली क़बारनी क िलए भड़ का एकयकसाला बचचा 16 गनाह की क़बारनी क िलए एकबकरा 17 और सलामती की क़बारनी क िलए दो बलपाच मढ पाच बकर और भड़ क पाच यकसालाबचच

18ndash23 अगल गयारह िदन बाक़ी सरदार भी यहीहिदए मिक़दस क पास ल आए दसर िदन इशकारक सरदार नतनीएल िबन ज़ग़र की बारी थी24ndash29 तीसर िदन ज़बलन क सरदार इिलयाब िबनहलोन की 30ndash47 चौथ िदन रिबन क सरदार इलीसरिबन शिदयर की पाचव िदन शमाऊन क सरदारसलमीएल िबन सरीशददी की छट िदन जद कसरदार इिलयासफ़ िबन दऊएल की 48ndash53 सातविदन इफ़राईम क सरदार इलीसमा िबन अममीहदकी 54ndash71 आठव िदन मनससी क सरदार जमलीएलिबन फ़दाहसर की नव िदन िबनयमीन क सरदार

अिबदान िबन िजदाऊनी की दसव िदन दान कसरदार अख़ीअज़र िबन अममीशददी की 72ndash83 गयारविदन आशर क सरदार फ़जईएल िबन अकरान की औरबारहव िदन नफ़ताली क सरदार अख़ीरा िबन एनानकी बारी थी

84 इसराईल क इन सरदारो न िमल कर क़बारनगाहकी मख़सिसयत क िलए चादी क 12 थालिछड़काओ क चादी क 12 कटोर और सोन क12 पयाल पश िकए 85 हर थाल का वज़न डढ़िकलोगराम और िछड़काओ क हर कटोर का वज़न800 गराम था इन चीज़ो का कल वज़न तक़रीबन 28िकलोगराम था 86 बख़र स भर हए सोन क पयालोका कल वज़न तक़रीबन डढ़ िकलोगराम था (फ़ीपयाला 110 गराम) 87 सरदारो न िमल कर भसम होनवाली क़बारनी क िलए 12 जवान बल 12 मढ औरभड़ क 12 यकसाला बचच उन की ग़लला की नज़रोसमत पश िकए गनाह की क़बारनी क िलए उनहो न12 बकर पश िकए 88 और सलामती की क़बारनी किलए 24 बल 60 मढ 60 बकर और भड़ क 60यकसाला बचच इन तमाम जानवरो को क़बारनगाहकी मख़सिसयत क मौक़ पर चढ़ाया गया

89 जब मसा मलाक़ात क ख़म म रब क साथ बातकरन क िलए दािख़ल होता था तो वह रब कीआवाज़ अहद क सनदक़ क ढकन पर स यानी दोकरबी फ़िरशतो क दरिमयान स सनता था

शमादान पर चराग़

8 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoहारन को बतानाlsquoतझ सात चराग़ो को शमादान पर य रखना

ह िक वह शमादान का सामन वाला िहससा रौशनकरrsquordquo

3 हारन न ऐसा ही िकया िजस तरह रब न मसा कोहकम िदया था उसी तरह उस न चराग़ो को रख िदयातािक वह सामन वाला िहससा रौशन कर 4 शमादानपाए स ल कर ऊपर की किलयो तक सोन क एकघड़ हए टकड़ का बना हआ था मसा न उस उस

164 िगनती 85ndash95नमन क ऐन मतािबक़ बनवाया जो रब न उस िदखायाथा

लािवयो की मख़सिसयत5 रब न मसा स कहा 6 ldquoलािवयो को दीगर

इसराईिलयो स अलग करक पाक-साफ़ करना 7 इसक िलए गनाह स पाक करन वाला पानी उन परिछड़क कर उनह हकम दना िक अपन िजसम कपर बाल मडवाओ और अपन कपड़ धोओ य वहपाक-साफ़ हो जाएग 8 िफर वह एक जवान बल चनऔर साथ की ग़लला की नज़र क िलए तल क साथिमलाया गया बहतरीन मदा ल त ख़द भी एक जवानबल चन वह गनाह की क़बारनी क िलए होगा

9 इस क बाद लािवयो को मलाक़ात क ख़म कसामन खड़ा करक इसराईल की परी जमाअत कोवहा जमा करना 10 जब लावी रब क सामन खड़ होतो बाक़ी इसराईली उन क सरो पर अपन हाथ रख11 िफर हारन लािवयो को रब क सामन पश करउनह इसराईिलयो की तरफ़ स िहलाई हई क़बारनी कीहिसयत स पश िकया जाए तािक वह रब की िख़दमतकर सक 12 िफर लावी अपन हाथ दोनो बलो कसरो पर रख एक बल को गनाह की क़बारनी क तौरपर और दसर को भसम होन वाली क़बारनी क तौरपर चढ़ाओ तािक लािवयो का कफ़फ़ारा िदया जाए

13 लािवयो को इस तरीक़ स हारन और उस कबटो क सामन खड़ा करक रब को िहलाई हई क़बारनीक तौर पर पश करना ह 14 उनह बाक़ी इसराईिलयोस अलग करन स वह मरा िहससा बनग 15 इस कबाद ही वह मलाक़ात क ख़म म आ कर िख़दमतकर कयिक अब वह िख़दमत करन क लाइक़ हउनह पाक-साफ़ करक िहलाई हई क़बारनी क तौर परपश करन का सबब यह ह 16 िक लावी इसराईिलयोम स वह ह जो मझ पर तौर पर िदए गए ह म नउनह इसराईिलयो क तमाम पहलौठो की जगह लिलया ह 17 कयिक इसराईल म हर पहलौठा मरा हख़वाह वह इनसान का हो या हवान का उस िदन

जब म न िमिसरयो क पहलौठो को मार िदया म नइसराईल क पहलौठो को अपन िलए मख़सस-ओ-मक़ददस िकया 18 इस िसलिसल म म न लािवयोको इसराईिलयो क तमाम पहलौठो की जगह ल कर19 उनह हारन और उस क बटो को िदया ह वहमलाक़ात क ख़म म इसराईिलयो की िख़दमत करऔर उन क िलए कफ़फ़ारा का इिनतज़ाम क़ाइम रखतािक जब इसराईली मिक़दस क क़रीब आए तो उनको वबा स मारा न जाएrdquo

20 मसा हारन और इसराईिलयो की परी जमाअतन एहितयात स रब की लािवयो क बार म िहदायातपर अमल िकया 21 लािवयो न अपन आप कोगनाहो स पाक-साफ़ करक अपन कपड़ो को धोयािफर हारन न उनह रब क सामन िहलाई हई क़बारनीक तौर पर पश िकया और उन का कफ़फ़ारा िदयातािक वह पाक हो जाए 22 इस क बाद लावीमलाक़ात क ख़म म आए तािक हारन और उस कबटो क तहत िख़दमत कर य सब कछ वसा हीिकया गया जसा रब न मसा को हकम िदया था

23 रब न मसा स यह भी कहा 24 ldquoलावी 25 सालकी उमर म मलाक़ात क ख़म म अपनी िख़दमत शरकर 25 और 50 साल की उमर म िरटायर हो जाए26 इस क बाद वह मलाक़ात क ख़म म अपन भाइयोकी मदद कर सकत ह लिकन ख़द िख़दमत नही करसकत तझ लािवयो को इन िहदायात क मतािबक़उन की अपनी अपनी िज़ममादािरया दनी हrdquo

रिगसतान म ईद-ए-फ़सह

9 1 इसराईिलयो को िमसर स िनकल एक साल होगया था दसर साल क पहल महीन म रब न

दशत-ए-सीना म मसा स बात की2 ldquoलािज़म ह िक इसराईली ईद-ए-फ़सह को मक़रररा

वक़त पर मनाए 3 यानी इस महीन क चौधव िदनसरज क ग़रब होन क ऐन बाद उस तमाम क़वाइदक मतािबक़ मनानाrdquo 4 चनाच मसा न इसराईिलयो सकहा िक वह ईद-ए-फ़सह मनाए 5 और उनहो न ऐसा

िगनती 96ndash106 165ही िकया उनहो न ईद-ए-फ़सह को पहल महीन कचौधव िदन सरज क ग़रब होन क ऐन बाद मनायाउनहो न सब कछ वसा ही िकया जसा रब न मसाको हकम िदया था

6 लिकन कछ आदमी नापाक थ कयिक उनहो नलाश छ ली थी इस वजह स वह उस िदन ईद-ए-फ़सह न मना सक वह मसा और हारन क पास आकर 7 कहन लग ldquoहम न लाश छ ली ह इस िलएनापाक ह लिकन हम इस सबब स ईद-ए-फ़सह कोमनान स कय रोका जाए हम भी मक़रररा वक़त परबाक़ी इसराईिलयो क साथ रब की क़बारनी पश करनाचाहत हrdquo 8 मसा न जवाब िदया ldquoयहा मर इिनतज़ारम खड़ रहो म मालम करता ह िक रब तमहार बारम कया हकम दता हrdquo

9 रब न मसा स कहा 10 ldquoइसराईिलयो को बता दनािक अगर तम या तमहारी औलाद म स कोई ईद-ए-फ़सह क दौरान लाश छन स नापाक हो या िकसीदरदराज़ इलाक़ म सफ़र कर रहा हो तो भी वहईद मना सकता ह 11 ऐसा शख़स उस ऐन एक माहक बाद मना कर लल क साथ बख़मीरी रोटी औरकड़वा साग-पात खाए 12 खान म स कछ भी अगलीसबह तक बाक़ी न रह जानवर की कोई भी हडडीन तोड़ना मनान वाला ईद-ए-फ़सह क पर फ़राइज़अदा कर 13 लिकन जो पाक होन और सफ़र न करनक बावजद भी ईद-ए-फ़सह को न मनाए उस उसकी क़ौम म स िमटाया जाए कयिक उस न मक़रररावक़त पर रब को क़बारनी पश नही की उस शख़सको अपन गनाह का नतीजा भगतना पड़गा 14 अगरकोई परदसी तमहार दरिमयान रहत हए रब क सामनईद-ए-फ़सह मनाना चाह तो उस इजाज़त ह शतर यहह िक वह पर फ़राइज़ अदा कर परदसी और दसीक िलए ईद-ए-फ़सह मनान क फ़राइज़ एक जस हrdquo

मलाक़ात क ख़म पर बादल का सतन15 िजस िदन शरीअत क मक़ददस ख़म को खड़ा

िकया गया उस िदन बादल आ कर उस पर छा गया

रात क वक़त बादल आग की सरत म नज़र आया16 इस क बाद यही सरत-ए-हाल रही िक बादल उसपर छाया रहता और रात क दौरान आग की सरतम नज़र आता 17 जब भी बादल ख़म पर स उठताइसराईली रवाना हो जात जहा भी बादल उतर जातावहा इसराईली अपन डर डालत 18 इसराईली रबक हकम पर रवाना होत और उस क हकम पर डरडालत जब तक बादल मिक़दस पर छाया रहता उसवक़त तक वह वही ठहरत 19 कभी कभी बादलबड़ी दर तक ख़म पर ठहरा रहता तब इसराईलीरब का हकम मान कर रवाना न होत 20 कभी कभीबादल िसफ़र दो चार िदन क िलए ख़म पर ठहरतािफर वह रब क हकम क मतािबक़ ही ठहरत औररवाना होत थ 21 कभी कभी बादल िसफ़र शाम सल कर सबह तक ख़म पर ठहरता जब वह सबहक वक़त उठता तो इसराईली भी रवाना होत थ जबभी बादल उठता वह भी रवाना हो जात 22 जब तकबादल मक़ददस ख़म पर छाया रहता उस वक़त तकइसराईली रवाना न होत चाह वह दो िदन एक माहएक साल या इस स ज़यादा असार मिक़दस पर छायारहता लिकन जब वह उठता तो इसराईली भी रवानाहो जात 23 वह रब क हकम पर ख़म लगात औरउस क हकम पर रवाना होत थ वह वसा ही करतथ जसा रब मसा की मािरफ़त फ़रमाता था

10 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoचादी क दोिबगल घड़ कर बनवा ल उनह जमाअत

को जमा करन और क़बीलो को रवाना करन क िलएइसतमाल कर 3 जब दोनो को दर तक बजाया जाएतो परी जमाअत मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ परआ कर तर सामन जमा हो जाए 4 लिकन अगर एकही बजाया जाए तो िसफ़र कबो क बज़गर तर सामनजमा हो जाए 5 अगर उन की आवाज़ िसफ़र थोड़ीदर क िलए सनाई द तो मिक़दस क मशिरक़ म मौजदक़बील रवाना हो जाए 6 िफर जब उन की आवाज़दसरी बार थोड़ी दर क िलए सनाई द तो मिक़दस कजनब म मौजद क़बील रवाना हो जाए जब उन की

166 िगनती 107ndash32आवाज़ थोड़ी दर क िलए सनाई द तो यह रवाना होनका एलान होगा 7 इस क मक़ाबल म जब उन कीआवाज़ दर तक सनाई द तो यह इस बात का एलानहोगा िक जमाअत जमा हो जाए

8 िबगल बजान की िज़ममादारी हारन क बटो यानीइमामो को दी जाए यह तमहार और आन वालीनसलो क िलए दाइमी उसल हो 9 उन की आवाज़उस वक़त भी थोड़ी दर क िलए सना दो जब तमअपन मलक म िकसी ज़ािलम दशमन स जग लड़नक िलए िनकलोग तब रब तमहारा ख़दा तमह यादकरक दशमन स बचाएगा

10 इसी तरह उन की आवाज़ मिक़दस म ख़शी कमौक़ो पर सनाई द यानी मक़रररा ईदो और नए चादकी ईदो पर इन मौक़ो पर वह भसम होन वालीक़बारिनया और सलामती की क़बारिनया चढ़ात वक़तबजाए जाए िफर तमहारा ख़दा तमह याद करगा मरब तमहारा ख़दा हrdquo

सीना पहाड़ स रवानगी11 इसराईिलयो को िमसर स िनकल एक साल स

ज़ाइद असार हो चका था दसर साल क बीसविदन बादल मलाक़ात क ख़म पर स उठा 12 िफरइसराईली मक़रररा ततीरब क मतािबक़ दशत-ए-सीना सरवाना हए चलत चलत बादल फ़ारान क रिगसतानम उतर आया

13 उस वक़त वह पहली दफ़ा उस ततीरब स रवानाहए जो रब न मसा की मािरफ़त मक़ररर की थी14 पहल यहदाह क क़बील क तीन दसत अपन अलमक तहत चल पड़ तीनो का कमाडर नहसोन िबनअममीनदाब था 15 साथ चलन वाल क़बील इशकारका कमाडर नतनीएल िबन ज़ग़र था 16 ज़बलन काक़बीला भी साथ चला िजस का कमाडर इिलयाबिबन हलोन था 17 इस क बाद मलाक़ात का ख़माउतारा गया जसोरनी और िमरारी उस उठा कर चलिदए 18 इन लािवयो क बाद रिबन क क़बील कतीन दसत अपन अलम क तहत चलन लग तीनो

का कमाडर इलीसर िबन शिदयर था 19 साथ चलनवाल क़बील शमाऊन का कमाडर सलमीएल िबनसरीशददी था 20 जद का क़बीला भी साथ चला िजसका कमाडर इिलयासफ़ िबन दऊएल था 21 िफरलािवयो म स िक़हाती मिक़दस का सामान उठा कररवाना हए लािज़म था िक उन क अगली मिनज़लपर पहचन तक मलाक़ात का ख़मा लगा िदया गयाहो 22 इस क बाद इफ़राईम क क़बील क तीन दसतअपन अलम क तहत चल िदए उन का कमाडरइलीसमा िबन अममीहद था 23 इफ़राईम क साथचलन वाल क़बील मनससी का कमाडर जमलीएलिबन फ़दाहसर था 24 िबनयमीन का क़बीला भी साथचला िजस का कमाडर अिबदान िबन िजदाऊनी था25 आिख़र म दान क तीन दसत अक़बी महािफ़ज़क तौर पर अपन अलम क तहत रवाना हए उनका कमाडर अख़ीअज़र िबन अममीशददी था 26 दानक साथ चलन वाल क़बील आशर का कमाडरफ़जईएल िबन अकरान था 27 नफ़ताली का क़बीलाभी साथ चला िजस का कमाडर अख़ीरा िबन एनानथा 28 इसराईली इसी ततीरब स रवाना हए

मसा होबाब को साथ चलन पर मजबर करता ह29 मसा न अपन िमिदयानी ससर रऊएल यानी ियतरो

क बट होबाब स कहा ldquoहम उस जगह क िलएरवाना हो रह ह िजस का वादा रब न हम स िकया हहमार साथ चल हम आप पर एहसान करग कयिकरब न इसराईल पर एहसान करन का वादा िकयाहrdquo 30 लिकन होबाब न जवाब िदया ldquoम साथ नहीजाऊगा बिलक अपन मलक और िरशतदारो क पासवापस चला जाऊगाrdquo 31 मसा न कहा ldquoमहरबानीकरक हम न छोड़ कयिक आप ही जानत ह िक हमरिगसतान म कहा कहा अपन डर डाल सकत हआप रिगसतान म हम रासता िदखा सकत ह 32 अगरआप हमार साथ जाए तो हम आप को उस एहसानम शरीक करग जो रब हम पर करगाrdquo

िगनती 1033ndash1118 167

अहद क सनदक़ का सफ़र33 चनाच उनहो न रब क पहाड़ स रवाना हो कर

तीन िदन सफ़र िकया इस दौरान रब का अहद कासनदक़ उन क आग आग चला तािक उन क िलएआराम करन की जगह मालम कर 34 जब कभीवह रवाना होत तो रब का बादल िदन क वक़तउन क ऊपर रहता 35 सनदक़ क रवाना होत वक़तमसा कहता ldquoऐ रब उठ तर दशमन ितततर-िबततरहो जाए तझ स नफ़रत करन वाल तर सामन सफ़रार हो जाएrdquo 36 और जब भी वह रक जाता तोमसा कहता ldquoऐ रब इसराईल क हज़ारो ख़ानदानोक पास वापस आrdquo

तबएरा म रब की आग

11 1 एक िदन लोग ख़ब िशकायत करन लगजब यह िशकायत रब तक पहची तो उस

ग़ससा आया और उस की आग उन क दरिमयानभड़क उठी जलत जलत उस न ख़मागाह का एकिकनारा भसम कर िदया 2 लोग मदद क िलए मसा कपास आ कर िचललान लग तो उस न रब स दआ कीऔर आग बझ गई 3 उस मक़ाम का नाम तबएरायानी जलना पड़ गया कयिक रब की आग उन कदरिमयान जल उठी थी

मसा 70 राहनमा चनता ह4 इसराईिलयो क साथ जो अजनबी सफ़र कर रह

थ वह गोशत खान की शदीद आज़र करन लग तबइसराईली भी रो पड़ और कहन लग ldquoकौन हम गोशतिखलाएगा 5 िमसर म हम मछली मफ़त खा सकतथ हाय वहा क खीर तरबज़ गनदन पयाज़ औरलहसन िकतन अचछ थ 6 लिकन अब तो हमारीजान सख गई ह यहा बस मन ही मन नज़र आतारहता हrdquo

7 मन धिनए क दानो की मािननद था और उस कारग गगल क गद की मािननद था 8ndash9 रात क वक़त

वह ख़मागाह म ओस क साथ ज़मीन पर िगरता थासबह क वक़त लोग इधर उधर घमत िफरत हए उसजमा करत थ िफर वह उस चककी म पीस कर याउखली म कट कर उबालत या रोटी बनात थ उसका ज़ाइक़ा ऐसी रोटी का सा था िजस म ज़तन कातल डाला गया हो

10 तमाम ख़ानदान अपन अपन ख़म क दरवाज़ पररोन लग तो रब को शदीद ग़ससा आया उन का शोरमसा को भी बहत बरा लगा 11 उस न रब स पछाldquoत न अपन ख़ािदम क साथ इतना बरा सलक कय िकया म न िकस काम स तझ इतना नाराज़ िकयािक त न इन तमाम लोगो का बोझ मझ पर डालिदया 12 कया म न हािमला हो कर इस परी क़ौमको जनम िदया िक त मझ स कहता ह lsquoइस उस तरहउठा कर ल चलना िजस तरह आया शीरख़वार बचचको उठा कर हर जगह साथ िलए िफरती ह इसीतरह इस उस मलक म ल जाना िजस का वादा मन क़सम खा कर इन क बापदादा स िकया हrsquo 13 ऐअललाह म इन तमाम लोगो को कहा स गोशत महययाकर वह मर सामन रोत रहत ह िक हम खान किलए गोशत दो 14 म अकला इन तमाम लोगो कीिज़ममादारी नही उठा सकता यह बोझ मर िलए हदस ज़यादा भारी ह 15 अगर त इस पर इसरार कर तोिफर बहतर ह िक अभी मझ मार द तािक म अपनीतबाही न दखrdquo

16 जवाब म रब न मसा स कहा ldquoमर पास इसराईलक 70 बज़गर जमा कर िसफ़र ऐस लोग चन िजन कबार म तझ मालम ह िक वह लोगो क बज़गर औरिनगहबान ह उनह मलाक़ात क ख़म क पास ल आवहा वह तर साथ खड़ हो जाए 17 तो म उतर करतर साथ हमकलाम हगा उस वक़त म उस रह म सकछ लगा जो म न तझ पर नािज़ल िकया था और उसउन पर नािज़ल करगा तब वह क़ौम का बोझ उठानम तरी मदद करग और त इस म अकला नही रहगा18 लोगो को बताना lsquoअपन आप को मख़सस-ओ-मक़ददस करो कयिक कल तम गोशत खाओग रब

168 िगनती 1119ndash124न तमहारी सनी जब तम रो पड़ िक कौन हम गोशतिखलाएगा िमसर म हमारी हालत बहतर थी अबरब तमह गोशत महयया करगा और तम उस खाओग19 तम उस न िसफ़र एक दो या पाच िदन खाओगबिलक 10 या 20 िदन स भी ज़यादा अस र तक 20 तमएक परा महीना ख़ब गोशत खाओग यहा तक िकवह तमहारी नाक स िनकलगा और तमह उस स िघनआएगी और यह इस सबब स होगा िक तम न रबको जो तमहार दरिमयान ह रदद िकया और रोत रोतउस क सामन कहा िक हम कय िमसर स िनकलrsquordquo

21 लिकन मसा न एितराज़ िकया ldquoअगर क़ौम कपदल चलन वाल िगन जाए तो छः लाख ह त िकसतरह हम एक माह तक गोशत महयया करगा 22 कयागाय-बलो या भड़-बकिरयो को इतनी िमक़दार मज़बह िकया जा सकता ह िक काफ़ी हो अगरसमनदर की तमाम मछिलया उन क िलए पकड़ी जाएतो कया काफ़ी होगीrdquo

23 रब न कहा ldquoकया रब का इख़ितयार कम हअब त ख़द दख लगा िक मरी बात दरसत ह िकनहीrdquo

24 चनाच मसा न वहा स िनकल कर लोगो कोरब की यह बात बताई उस न उन क बज़गोर म स70 को चन कर उनह मलाक़ात क ख़म क इदरिगदरखड़ा कर िदया 25 तब रब बादल म उतर कर मसास हमकलाम हआ जो रह उस न मसा पर नािज़लिकया था उस म स उस न कछ ल कर उन 70 बज़गोरपर नािज़ल िकया जब रह उन पर आया तो वहनबववत करन लग लिकन ऐसा िफर कभी न हआ

26 अब ऐसा हआ िक इन सततर बज़गोर म स दोख़मागाह म रह गए थ उन क नाम इलदाद और मदादथ उनह चना तो गया था लिकन वह मलाक़ात कख़म क पास नही आए थ इस क बावजद रह उनपर भी नािज़ल हआ और वह ख़मागाह म नबववतकरन लग 27 एक नौजवान भाग कर मसा क पासआया और कहा ldquoइलदाद और मदाद ख़मागाह म हीनबववत कर रह हrdquo

28 यशअ िबन नन जो जवानी स मसा का मददगारथा बोल उठा ldquoमसा मर आक़ा उनह रोक दrdquo29 लिकन मसा न जवाब िदया ldquoकया त मरी ख़ाितरग़रत खा रहा ह काश रब क तमाम लोग नबी होतऔर वह उन सब पर अपना रह नािज़ल करताrdquo30 िफर मसा और इसराईल क बज़गर ख़मागाह मवापस आए

31 तब रब की तरफ़ स ज़ोरदार हवा चलन लगीिजस न समनदर को पार करन वाल बटरो क ग़ोलधकल कर ख़मागाह क इदरिगदर ज़मीन पर फक िदएउन क ग़ोल तीन फ़ट ऊच और ख़मागाह क चारोतरफ़ 30 िकलोमीटर तक पड़ रह 32 उस पर िदनऔर रात और अगल पर िदन लोग िनकल कर बटरजमा करत रह हर एक न कम अज़ कम दस बड़ीटोकिरया भर ली िफर उनहो न उन का गोशत ख़मक इदरिगदर ज़मीन पर फला िदया तािक वह ख़शक होजाए

33 लिकन गोशत क पहल टकड़ अभी मह म थिक रब का ग़ज़ब उन पर आन पड़ा और उस न उनम सख़त वबा फलन दी 34 चनाच मक़ाम का नामक़बरोत-हततावा यानी lsquoलालच की क़बरrsquo रखा गयाकयिक वहा उनहो न उन लोगो को दफ़न िकया जोगोशत क लालच म आ गए थ

35 इस क बाद इसराईली क़बरोत-हततावा स रवानाहो कर हसीरात पहच गए वहा वह ख़माज़न हए

मिरयम और हारन की मख़ालफ़त

12 1 एक िदन मिरयम और हारन मसा किख़लाफ़ बात करन लग वजह यह थी िक

उस न कश की एक औरत स शादी की थी 2 उनहो नपछा ldquoकया रब िसफ़र मसा की मािरफ़त बात करताह कया उस न हम स भी बात नही कीrdquo रब न उनकी यह बात सनी

3 लिकन मसा िनहायत हलीम था दिनया म उसजसा हलीम कोई नही था 4 अचानक रब मसा

िगनती 125ndash1320 169हारन और मिरयम स मख़ाितब हआ ldquoतम तीनोबाहर िनकल कर मलाक़ात क ख़म क पास आओrdquo

तीनो वहा पहच 5 तब रब बादल क सतन म उतरकर मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ पर खड़ा हआउस न हारन और मिरयम को बलाया तो दोनो आए6 उस न कहा ldquoमरी बात सनो जब तमहार दरिमयाननबी होता ह तो म अपन आप को रोया म उस परज़ािहर करता ह या ख़वाब म उस स मख़ाितब होताह 7 लिकन मर ख़ािदम मसा की और बात ह उसम न अपन पर घरान पर मक़ररर िकया ह 8 उस सम र-ब-र हमकलाम होता ह उस स म मअममोक ज़रीए नही बिलक साफ़ साफ़ बात करता ह वहरब की सरत दखता ह तो िफर तम मर ख़ािदम किख़लाफ़ बात करन स कय न डरrdquo

9 रब का ग़ज़ब उन पर आन पड़ा और वह चलागया 10 जब बादल का सतन ख़म स दर हआ तोमिरयम की िजलद बफ़र की मािननद सफ़द थी वहकोढ़ का िशकार हो गई थी हारन उस की तरफ़मड़ा तो उस की हालत दखी 11 और मसा स कहाldquoमर आक़ा महरबानी करक हम इस गनाह की सज़ान द जो हमारी हमाक़त क बाइस सरज़द हआ ह12 मिरयम को इस हालत म न छोड़ वह तो ऐस बचचकी मािननद ह जो मदार पदा हआ हो िजस क िजसमका आधा िहससा गल चका होrdquo

13 तब मसा न पकार कर रब स कहा ldquoऐ अललाहमहरबानी करक उस िशफ़ा दrdquo 14 रब न जवाब ममसा स कहा ldquoअगर मिरयम का बाप उस क महपर थकता तो कया वह पर हफ़त तक शमर महसस नकरती उस एक हफ़त क िलए ख़मागाह क बाहरबनद रख इस क बाद उस वापस लाया जा सकताहrdquo

15 चनाच मिरयम को एक हफ़त क िलए ख़मागाहक बाहर बनद रखा गया लोग उस वक़त तक सफ़रक िलए रवाना न हए जब तक उस वापस न लायागया 16 जब वह वापस आई तो इसराईली हसीरात सरवाना हो कर फ़ारान क रिगसतान म ख़माज़न हए

मलक-ए-कनआन म इसराईली जासस

13 1 िफर रब न मसा स कहा 2 ldquoकछ आदमीमलक-ए-कनआन का जाइज़ा लन क िलए

भज द कयिक म उस इसराईिलयो को दन को ह हरक़बील म स एक राहनमा को चन कर भज दrdquo

3 मसा न रब क कहन पर उनह दशत-ए-फ़ारान सभजा सब इसराईली राहनमा थ 4 उन क नाम यह ह रिबन क क़बील स सममअ िबन ज़ककर

5 शमाऊन क क़बील स साफ़त िबन होरी6 यहदाह क क़बील स कािलब िबन यफ़नना7 इशकार क क़बील स इजाल िबन यसफ़8 इफ़राईम क क़बील स होसअ िबन नन9 िबनयमीन क क़बील स फ़लती िबन रफ़10 ज़बलन क क़बील स जददीएल िबन सोदी11 यसफ़ क बट मनससी क क़बील स िजददी िबन

ससी12 दान क क़बील स अममीएल िबन जमलली13 आशर क क़बील स सतर िबन मीकाएल14 नफ़ताली क क़बील स नख़बी िबन वफ़सी15 जद क क़बील स िजयएल िबन माकी16 मसा न इन ही बारह आदिमयो को मलक का

जाइज़ा लन क िलए भजा उस न होसअ का नामयशअ यानी lsquoरब नजात हrsquo म बदल िदया

17 उनह रख़सत करन स पहल उस न कहा ldquoदशत-ए-नजब स गज़र कर पहाड़ी इलाक़ तक पहचो18 मालम करो िक यह िकस तरह का मलक ह औरउस क बािशनद कस ह कया वह ताक़तवर हया कमज़ोर तादाद म कम ह या ज़यादा 19 िजसमलक म वह बसत ह कया वह अचछा ह िक नहीवह िकस िक़सम क शहरो म रहत ह कया उनकी चारदीवािरया ह िक नही 20 मलक की ज़मीनज़रख़ज़ ह या बजर उस म दरख़त ह िक नहीऔर जरअत करक मलक का कछ फल चन कर लआओrdquo उस वक़त पहल अगर पक गए थ

170 िगनती 1321ndash14921 चनाच इन आदिमयो न सफ़र करक दशत-ए-सीन

स रहोब तक मलक का जाइज़ा िलया रहोब लबो-हमात क क़रीब ह 22 वह दशत-ए-नजब स गज़र करहबरन पहच जहा अनाक़ क बट अख़ीमान सीसी औरतलमी रहत थ (हबरन को िमसर क शहर ज़अन ससात साल पहल तामीर िकया गया था) 23 जब वहवादी-ए-इसकाल तक पहच तो उनहो न एक डालीकाट ली िजस पर अगर का गचछा लगा हआ थादो आदिमयो न यह अगर कछ अनार और कछअनजीर लाठी पर लटकाए और उस उठा कर चलपड़ 24 उस जगह का नाम उस गचछ क सबब सजो इसराईिलयो न वहा स काट िलया इसकाल यानीगचछा रखा गया

25 चालीस िदन तक मलक का खोज लगात लगातवह लौट आए 26 वह मसा हारन और इसराईलकी परी जमाअत क पास आए जो दशत-ए-फ़ारानम क़ािदस की जगह पर इिनतज़ार कर रह थ वहा उनहो न सब कछ बताया जो उनहो न मालम िकयाथा और उनह वह फल िदखाए जो ल कर आए थ27 उनहो न मसा को िरपोटर दी ldquoहम उस मलक मगए जहा आप न हम भजा था वाक़ई उस मलकम दध और शहद की कसरत ह यहा हमार पासउस क कछ फल भी ह 28 लिकन उस क बािशनदताक़तवर ह उन क शहरो की फ़सील ह और वहिनहायत बड़ ह हम न वहा अनाक़ की औलाद भीदखी 29 अमालीक़ी दशत-ए-नजब म रहत ह जबिकिहतती यबसी और अमोरी पहाड़ी इलाक़ म आबादह कनआनी सािहली इलाक़ और दरया-ए-यदरन किकनार िकनार बसत हrdquo

30 कािलब न मसा क सामन जमाशदा लोगो कोइशारा िकया िक वह ख़ामोश हो जाए िफर उस नकहा ldquoआए हम मलक म दािख़ल हो जाए और उसपर क़बज़ा कर ल कयिक हम यक़ीनन यह करन कक़ािबल हrdquo 31 लिकन दसर आदिमयो न जो उस कसाथ मलक को दखन गए थ कहा ldquoहम उन लोगोपर हमला नही कर सकत कयिक वह हम स ताक़तवर

हrdquo 32 उनहो न इसराईिलयो क दरिमयान उस मलकक बार म ग़लत अफ़वाह फलाई िजस की तफ़तीशउनहो न की थी उनहो न कहा ldquoिजस मलक म स हमगज़र तािक उस का जाइज़ा ल वह अपन बािशनदोको हड़प कर लता ह जो भी उस म रहता ह िनहायतदराज़क़द ह 33 हम न वहा दओक़ामत अफ़राद भीदख (अनाक़ क बट दओक़ामत क अफ़राद कीऔलाद थ) उन क सामन हम अपन आप को िटडडीजसा महसस कर रह थ और हम उन की नज़र मऐस थ भीrdquo

लोग कनआन म दािख़ल नही होना चाहत

14 1 उस रात तमाम लोग चीख़ मार मारकर रोत रह 2 सब मसा और हारन क

िख़लाफ़ बड़बड़ान लग परी जमाअत न उन स कहाldquoकाश हम िमसर या इस रिगसतान म मर गए होत3 रब हम कय उस मलक म ल जा रहा ह कयाइस िलए िक दशमन हम तलवार स क़तल कर औरहमार बाल-बचचो को लट ल कया बहतर नही होगािक हम िमसर वापस जाएrdquo 4 उनहो न एक दसर सकहा ldquoआओ हम राहनमा चन कर िमसर वापस चलजाएrdquo

5 तब मसा और हारन परी जमाअत क सामन महक बल िगर 6 लिकन यशअ िबन नन और कािलबिबन यफ़नना बाक़ी दस जाससो स फ़क़र थ परशानीक आलम म उनहो न अपन कपड़ फाड़ कर 7 परीजमाअत स कहा ldquoिजस मलक म स हम गज़र औरिजस की तफ़तीश हम न की वह िनहायत ही अचछाह 8 अगर रब हम स ख़श ह तो वह ज़रर हम उसमलक म ल जाएगा िजस म दध और शहद की कसरतह वह हम ज़रर यह मलक दगा 9 रब स बग़ावतमत करना उस मलक क रहन वालो स न डर हमउनह हड़प कर जाएग उन की पनाह उन स जातीरही ह जबिक रब हमार साथ ह चनाच उन स मतडरrdquo

िगनती 1410ndash33 17110 यह सन कर परी जमाअत उनह सगसार करन क

िलए तययार हई लिकन अचानक रब का जलालमलाक़ात क ख़म पर ज़ािहर हआ और तमामइसराईिलयो न उस दखा 11 रब न मसा स कहा ldquoयहलोग मझ कब तक हक़ीर जानग वह कब तक मझपर ईमान रखन स इनकार करग अगरच म न उन कदरिमयान इतन मोिजज़ िकए ह 12 म उनह वबा समार डालगा और उनह र-ए-ज़मीन पर स िमटा दगाउन की जगह म तझ स एक क़ौम बनाऊगा जो उनस बड़ी और ताक़तवर होगीrdquo

13 लिकन मसा न रब स कहा ldquoिफर िमसरी यह सनलग कयिक त न अपनी क़दरत स इन लोगो कोिमसर स िनकाल कर यहा तक पहचाया ह 14 िमसरीयह बात कनआन क बािशनदो को बताएग यह लोगपहल स सन चक ह िक रब इस क़ौम क साथ हिक तझ र-ब-र दखा जाता ह िक तरा बादल उनक ऊपर ठहरा रहता ह और िक त िदन क वक़तबादल क सतन म और रात को आग क सतन म इनक आग आग चलता ह 15 अगर त एक दम इस परीक़ौम को तबाह कर डाल तो बाक़ी क़ौम यह सनकर कहगी 16 lsquoरब इन लोगो को उस मलक म लजान क क़ािबल नही था िजस का वादा उस न उनस क़सम खा कर िकया था इसी िलए उस न उनहरिगसतान म हलाक कर िदयाrsquo 17 ऐ रब अब अपनीक़दरत य ज़ािहर कर िजस तरह त न फ़रमाया हकयिक त न कहा 18 lsquoरब तहममल और शफ़क़त सभरपर ह वह गनाह और नाफ़रमानी मआफ़ करताह लिकन हर एक को उस की मनािसब सज़ा भी दताह जब वािलदन गनाह कर तो उन की औलाद को भीतीसरी और चौथी पशत तक सज़ा क नताइज भगतनपड़गrsquo 19 इन लोगो का क़सर अपनी अज़ीम शफ़क़तक मतािबक़ मआफ़ कर उनह उस तरह मआफ़ करिजस तरह त उनह िमसर स िनकलत वक़त अब तकमआफ़ करता रहा हrdquo

20 रब न जवाब िदया ldquoतर कहन पर म न उनहमआफ़ कर िदया ह 21 इस क बावजद मरी हयात

की क़सम और मर जलाल की क़सम जो परी दिनयाको मामर करता ह 22 इन लोगो म स कोई भी उसमलक म दािख़ल नही होगा उनहो न मरा जलाल औरमर मोिजज़ दख ह जो म न िमसर और रिगसतान म करिदखाए ह तो भी उनहो न दस दफ़ा मझ आज़मायाऔर मरी न सनी 23 उन म स एक भी उस मलक कोनही दखगा िजस का वादा म न क़सम खा कर उनक बापदादा स िकया था िजस न भी मझ हक़ीरजाना ह वह कभी उस नही दखगा 24 िसफ़र मराख़ािदम कािलब मख़तिलफ़ ह उस की रह फ़क़रह वह पर िदल स मरी परवी करता ह इस िलएम उस उस मलक म ल जाऊगा िजस म उस न सफ़रिकया ह उस की औलाद मलक मीरास म पाएगी25 लिकन िफ़लहाल अमालीक़ी और कनआनी उसकी वािदयो म आबाद रहग चनाच कल मड़ करवापस चलो रिगसतान म बहर-ए-क़लज़म की तरफ़रवाना हो जाओrdquo

26 रब न मसा और हारन स कहा 27 ldquoयह शरीरजमाअत कब तक मर िख़लाफ़ बड़बड़ाती रहगीउन क िगल-िशकव मझ तक पहच गए ह 28 इसिलए उनह बताओ lsquoरब फ़रमाता ह िक मरी हयात कीक़सम म तमहार साथ वही कछ करगा जो तम न मरसामन कहा ह 29 तम इस रिगसतान म मर कर यहीपड़ रहोग हर एक जो 20 साल या इस स ज़ाइद काह जो मदरमशमारी म िगना गया और जो मर िख़लाफ़बड़बड़ाया 30 गो म न हाथ उठा कर क़सम खाईथी िक म तझ उस म बसाऊगा तम म स कोई भीउस मलक म दािख़ल नही होगा िसफ़र कािलब िबनयफ़नना और यशअ िबन नन दािख़ल होग 31 तम नकहा था िक दशमन हमार बचचो को लट लग लिकनउन ही को म उस मलक म ल जाऊगा िजस तम नरदद िकया ह 32 लिकन तम ख़द दािख़ल नही होगतमहारी लाश इस रिगसतान म पड़ी रहगी 33 तमहारबचच 40 साल तक यहा रिगसतान म गललाबान होगउनह तमहारी बवफ़ाई क सबब स उस वक़त तकतकलीफ़ उठानी पड़गी जब तक तम म स आिख़री

172 िगनती 1434ndash1514शख़स मर न गया हो 34 तम न चालीस िदन क दौरानउस मलक का जाइज़ा िलया अब तमह चालीस सालतक अपन गनाहो का नतीजा भगतना पड़गा तबतमह पता चलगा िक इस का कया मतलब ह िकम तमहारी मख़ालफ़त करता ह 35 म रब न यहबात फ़रमाई ह म यक़ीनन यह सब कछ उस सारीशरीर जमाअत क साथ करगा िजस न िमल करमरी मख़ालफ़त की ह इसी रिगसतान म वह ख़तमहो जाएग यही मर जाएगrsquordquo

36ndash37 िजन आदिमयो को मसा न मलक का जाइज़ालन क िलए भजा था रब न उनह फ़ौरन मोहिलकवबा स मार डाला कयिक उन क ग़लत अफ़वाहफलान स परी जमाअत बड़बड़ान लगी थी 38 िसफ़रयशअ िबन नन और कािलब िबन यफ़नना िज़नदा रह

39 जब मसा न रब की यह बात इसराईिलयो कोबताई तो वह ख़ब मातम करन लग 40 अगली सबह-सवर वह उठ और यह कहत हए ऊच पहाड़ी इलाक़क िलए रवाना हए िक हम स ग़लती हई ह लिकनअब हम हािज़र ह और उस जगह की तरफ़ जा रहह िजस का िज़कर रब न िकया ह

41 लिकन मसा न कहा ldquoतम कय रब कीिख़लाफ़वरज़ी कर रह हो तम कामयाब नही होग42 वहा न जाओ कयिक रब तमहार साथ नही ह तमदशमनो क हाथो िशकसत खाओग 43 कयिक वहा अमालीक़ी और कनआनी तमहारा सामना करगचिक तम न अपना मह रब स फर िलया ह इस िलएवह तमहार साथ नही होगा और दशमन तमह तलवारस मार डालगाrdquo

44 तो भी वह अपन ग़रर म जरअत करक ऊचपहाड़ी इलाक़ की तरफ़ बढ़ हालािक न मसा औरन अहद क सनदक़ ही न ख़मागाह को छोड़ा 45 िफरउस पहाड़ी इलाक़ म रहन वाल अमालीक़ी औरकनआनी उन पर आन पड़ और उनह मारत मारतहमार तक ितततर-िबततर कर िदया

कनआन म क़बारिनया पश करन का तरीक़ा

15 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोबताना िक जब तम उस मलक म दािख़ल

होग जो म तमह दगा 3ndash4 तो जलन वाली क़बारिनया य पश करना

अगर तम अपन गाय-बलो या भड़-बकिरयो म सऐसी क़बारनी पश करना चाहो िजस की ख़शब रबको पसनद हो तो साथ साथ डढ़ िकलोगराम बहतरीनमदा भी पश करो जो एक िलटर ज़तन क तल क साथिमलाया गया हो इस म कोई फ़क़र नही िक यह भसमहोन वाली क़बारनी मननत की क़बारनी िदली ख़शी कीक़बारनी या िकसी ईद की क़बारनी हो

5 हर भड़ को पश करत वक़त एक िलटर म भी मकी नज़र क तौर पर पश करना 6 जब मढा क़बारनिकया जाए तो 3 िकलोगराम बहतरीन मदा भी साथपश करना जो सवा िलटर तल क साथ िमलाया गयाहो 7 सवा िलटर म भी म की नज़र क तौर पर पश कीजाए ऐसी क़बारनी की ख़शब रब को पसनद आएगी

8 अगर त रब को भसम होन वाली क़बारनी मननतकी क़बारनी या सलामती की क़बारनी क तौर परजवान बल पश करना चाह 9 तो उस क साथ साढ़ 4िकलोगराम बहतरीन मदा भी पश करना जो दो िलटरतल क साथ िमलाया गया हो 10 दो िलटर म भीम की नज़र क तौर पर पश की जाए ऐसी क़बारनीकी ख़शब रब को पसनद ह 11 लािज़म ह िक जबभी िकसी गाय बल भड़ मढ बकरी या बकर कोचढ़ाया जाए तो ऐसा ही िकया जाए

12 अगर एक स ज़ाइद जानवरो को क़बारन करनाह तो हर एक क िलए मक़रररा ग़लला और म की नज़रभी साथ ही पश की जाए

13 लािज़म ह िक हर दसी इसराईली जलन वालीक़बारिनया पश करत वक़त ऐसा ही कर िफर उन कीख़शब रब को पसनद आएगी 14 यह भी लािज़म ह िकइसराईल म आिरज़ी या मसतिक़ल तौर पर रहन वालपरदसी इन उसलो क मतािबक़ अपनी क़बारिनया

िगनती 1515ndash38 173चढ़ाए िफर उन की ख़शब रब को पसनद आएगी15 मलक-ए-कनआन म रहन वाल तमाम लोगो किलए पाबिनदया एक जसी ह ख़वाह वह दसी होया परदसी कयिक रब की नज़र म परदसी तमहारबराबर ह यह तमहार और तमहारी औलाद क िलएदाइमी उसल ह 16 तमहार और तमहार साथ रहनवाल परदसी क िलए एक ही शरीअत हrdquo

फ़सल क िलए शकरगज़ारी की क़बारनी17 रब न मसा स कहा 18 ldquoइसराईिलयो को बताना

िक जब तम उस मलक म दािख़ल होग िजस म मतमह ल जा रहा ह 19 और वहा की पदावार खाओगतो पहल उस का एक िहससा उठान वाली क़बारनीक तौर पर रब को पश करना 20 फ़सल क पहलख़ािलस आट म स मर िलए एक रोटी बना कर उठानवाली क़बारनी क तौर पर पश करो वह गाहन कीजगह की तरफ़ स रब क िलए उठान वाली क़बारनीहोगी 21 अपनी फ़सल क पहल ख़ािलस आट म सयह क़बारनी पश िकया करो यह उसल हमशा तकलाग रह

नादािनसता गनाहो क िलए क़बारिनया 22 हो सकता ह िक ग़रइरादी तौर पर तम स ग़लती

हई ह और तम न उन अहकाम पर पर तौर पर अमलनही िकया जो रब मसा को द चका ह 23 या जो वहआन वाली नसलो को दगा 24 अगर जमाअत इसबात स नावािक़फ़ थी और ग़रइरादी तौर पर उस सग़लती हई तो िफर परी जमाअत एक जवान बल भसमहोन वाली क़बारनी क तौर पर पश कर साथ ही वहमक़रररा ग़लला और म की नज़र भी पश कर इस कीख़शब रब को पसनद होगी इस क इलावा जमाअतगनाह की क़बारनी क िलए एक बकरा पश कर25 इमाम इसराईल की परी जमाअत का कफ़फ़ारा द तोउनह मआफ़ी िमलगी कयिक उन का गनाह ग़रइरादीथा और उनहो न रब को भसम होन वाली क़बारनीऔर गनाह की क़बारनी पश की ह 26 इसराईिलयो की

परी जमाअत को परदिसयो समत मआफ़ी िमलगीकयिक गनाह ग़रइरादी था

27 अगर िसफ़र एक शख़स स ग़रइरादी तौर पर गनाहहआ हो तो गनाह की क़बारनी क िलए वह एकयकसाला बकरी पश कर 28 इमाम रब क सामनउस शख़स का कफ़फ़ारा द जब कफ़फ़ारा द िदयागया तो उस मआफ़ी हािसल होगी 29 यही उसलपरदसी पर भी लाग ह अगर उस स ग़रइरादी तौरपर गनाह हआ हो तो वह मआफ़ी हािसल करन किलए वही कछ कर जो इसराईली को करना होता ह

दािनसता गनाहो क िलए सज़ा-ए-मौत30 लिकन अगर कोई दसी या परदसी जान-बझ कर

गनाह करता ह तो ऐसा शख़स रब की इहानत करताह इस िलए लािज़म ह िक उस उस की क़ौम म सिमटाया जाए 31 उस न रब का कलाम हक़ीर जानकर उस क अहकाम तोड़ डाल ह इस िलए उसज़रर क़ौम म स िमटाया जाए वह अपन गनाह कािज़ममादार हrdquo

32 जब इसराईली रिगसतान म स गज़र रह थ तो एकआदमी को पकड़ा गया जो हफ़त क िदन लकिड़या जमा कर रहा था 33 िजनहो न उस पकड़ा था वहउस मसा हारन और परी जमाअत क पास ल आए34 चिक साफ़ मालम नही था िक उस क साथ कयािकया जाए इस िलए उनहो न उस िगिरफ़तार करिलया

35 िफर रब न मसा स कहा ldquoइस आदमी को ज़ररसज़ा-ए-मौत दी जाए परी जमाअत उस ख़मागाह कबाहर ल जा कर सगसार करrdquo 36 चनाच जमाअतन उस ख़मागाह क बाहर ल जा कर सगसार िकयािजस तरह रब न मसा को हकम िदया था

अहकाम की याद िदलान वाल फनदन37 रब न मसा स कहा 38 ldquoइसराईिलयो को बताना

िक तम और तमहार बाद की नसल अपन िलबास किकनारो पर फनदन लगाए हर फनदना एक िक़िमरज़ी

174 िगनती 1539ndash1622डोरी स िलबास क साथ लगा हो 39 इन फनदनोको दख कर तमह रब क तमाम अहकाम याद रहगऔर तम उन पर अमल करोग िफर तम अपनिदलो और आखो की ग़लत ख़वािहशो क पीछ नहीपड़ोग बिलक िज़नाकारी स दर रहोग 40 िफर तम मरअहकाम को याद करक उन पर अमल करोग औरअपन ख़दा क सामन मख़सस-ओ-मक़ददस रहोग41 म रब तमहारा ख़दा ह जो तमह िमसर स िनकाललाया तािक तमहारा ख़दा ह म रब तमहारा ख़दाहrdquo

क़ोरह दातन और अबीराम की सरकशी

16 1ndash2 एक िदन क़ोरह िबन इज़हार मसा किख़लाफ़ उठा वह लावी क क़बील का

िक़हाती था उस क साथ रिबन क क़बील क तीनआदमी थ इिलयाब क बट दातन और अबीराम औरओन िबन पलत उन क साथ 250 और आदमी भी थजो जमाअत क सरदार और असर-ओ-रसख़ वाल थऔर जो कौसल क िलए चन गए थ 3 वह िमल करमसा और हारन क पास आ कर कहन लग ldquoआपहम स िज़यादती कर रह ह परी जमाअत मख़सस-ओ-मक़ददस ह और रब उस क दरिमयान ह तो िफरआप अपन आप को कय रब की जमाअत स बढ़ करसमझत हrdquo

4 यह सन कर मसा मह क बल िगरा 5 िफर उसन क़ोरह और उस क तमाम सािथयो स कहाldquoकल सबह रब ज़ािहर करगा िक कौन उस काबनदा और कौन मख़सस-ओ-मक़ददस ह उसी को वहअपन पास आन दगा 6 ऐ क़ोरह कल अपन तमामसािथयो क साथ बख़रदान ल कर 7 रब क सामनउन म अगार और बख़र डालो िजस आदमी को रबचनगा वह मख़सस-ओ-मक़ददस होगा अब तम लावीख़द िज़यादती कर रह होrdquo

8 मसा न क़ोरह स बात जारी रखी ldquoऐ लावी कीऔलाद सनो 9 कया तमहारी नज़र म यह कोई छोटीबात ह िक रब तमह इसराईली जमाअत क बाक़ी

लोगो स अलग करक अपन क़रीब ल आया तािकतम रब क मिक़दस म और जमाअत क सामन खड़हो कर उन की िख़दमत करो 10 वह तझ और तरसाथी लािवयो को अपन क़रीब लाया ह लिकन अबतम इमाम का उहदा भी अपनाना चाहत हो 11 अपनसािथयो स िमल कर त न हारन की नही बिलक रबकी मख़ालफ़त की ह कयिक हारन कौन ह िक तमउस क िख़लाफ़ बड़बड़ाओrdquo

12 िफर मसा न इिलयाब क बटो दातन औरअबीराम को बलाया लिकन उनहो न कहा ldquoहमनही आएग 13 आप हम एक ऐस मलक स िनकाललाए ह जहा दध और शहद की कसरत ह तािक हमरिगसतान म हलाक हो जाए कया यह काफ़ी नही हकया अब आप हम पर हकमत भी करना चाहत ह14 न आप न हम ऐस मलक म पहचाया िजस म दधऔर शहद की कसरत ह न हम खतो और अगर कबाग़ो क वािरस बनाया ह कया आप इन आदिमयोकी आख िनकाल डालग नही हम हरिगज़ नहीआएगrdquo

15 तब मसा िनहायत ग़सस हआ उस न रब सकहा ldquoउन की क़बारनी को क़बल न कर म न एकगधा तक उन स नही िलया न म न उन म स िकसीस बरा सलक िकया हrdquo

16 क़ोरह स उस न कहा ldquoकल तम और तमहारसाथी रब क सामन हािज़र हो जाओ हारन भीआएगा 17 हर एक अपना बख़रदान ल कर उसरब को पश करrdquo 18 चनाच हर आदमी न अपनाबख़रदान ल कर उस म अगार और बख़र डाल िदयािफर सब मसा और हारन क साथ मलाक़ात क ख़मक दरवाज़ पर खड़ हए 19 क़ोरह न परी जमाअतको दरवाज़ पर मसा और हारन क मक़ाबल म जमािकया था

अचानक परी जमाअत पर रब का जलाल ज़ािहरहआ 20 रब न मसा और हारन स कहा 21 ldquoइसजमाअत स अलग हो जाओ तािक म इस फ़ौरनहलाक कर दrdquo 22 मसा और हारन मह क बल िगर

िगनती 1623ndash46 175और बोल उठ ldquoऐ अललाह त तमाम जानो का ख़दाह कया तरा ग़ज़ब एक ही आदमी क गनाह क सबबस परी जमाअत पर आन पड़गाrdquo

23 तब रब न मसा स कहा 24 ldquoजमाअत को बताद िक क़ोरह दातन और अबीराम क डरो स दरहो जाओrdquo 25 मसा उठ कर दातन और अबीराम कपास गया और इसराईल क बज़गर उस क पीछ चल26 उस न जमाअत को आगाह िकया ldquoइन शरीरो कख़मो स दर हो जाओ जो कछ भी उन क पास ह उसन छओ वनार तम भी उन क साथ तबाह हो जाओगजब वह अपन गनाहो क बाइस हलाक होगrdquo 27 तबबाक़ी लोग क़ोरह दातन और अबीराम क डरो सदर हो गए

दातन और अबीराम अपन बाल-बचचो समत अपनख़मो स िनकल कर बाहर खड़ थ 28 मसा न कहाldquoअब तमह पता चलगा िक रब न मझ यह सब कछकरन क िलए भजा ह म अपनी नही बिलक उस कीमज़ीर परी कर रहा ह 29 अगर यह लोग दसरो कीतरह तबई मौत मर तो िफर रब न मझ नही भजा30 लिकन अगर रब ऐसा काम कर जो पहल कभीनही हआ और ज़मीन अपना मह खोल कर उनह औरउन का परा माल हड़प कर ल और उनह जीत जीदफ़ना द तो इस का मतलब होगा िक इन आदिमयोन रब को हक़ीर जाना हrdquo

31 यह बात कहत ही उन क नीच की ज़मीन फटगई 32 उस न अपना मह खोल कर उनह उन कख़ानदानो को क़ोरह क तमाम लोगो को और उनका सारा सामान हड़प कर िलया 33 वह अपनी परीिमलिकयत समत जीत जी दफ़न हो गए ज़मीन उनक ऊपर वापस आ गई य उनह जमाअत स िनकालागया और वह हलाक हो गए 34 उन की चीख़ सनकर उन क इदरिगदर खड़ तमाम इसराईली भाग उठकयिक उनहो न सोचा ldquoऐसा न हो िक ज़मीन हम भीिनगल लrdquo

35 उसी लमह रब की तरफ़ स आग उतर आई औरउन 250 आदिमयो को भसम कर िदया जो बख़र पश

कर रह थ 36 रब न मसा स कहा 37 ldquoहारन इमामक बट इलीअज़र को इिततला द िक वह बख़रदानोको राख म स िनकाल कर रख उन क अगार वह दरफक बख़रदानो को रखन का सबब यह ह िक अबवह मख़सस-ओ-मक़ददस ह 38 लोग उन आदिमयो कयह बख़रदान ल ल जो अपन गनाह क बाइस जा-ब-हक़ हो गए वह उनह कट कर उन स चादर बनाएऔर उनह जलन वाली क़बारिनयो की क़बारनगाह परचढ़ाए कयिक वह रब को पश िकए गए ह इस िलएवह मख़सस-ओ-मक़ददस ह य वह इसराईिलयो किलए एक िनशान रहगrdquo

39 चनाच इलीअज़र इमाम न पीतल क यहबख़रदान जमा िकए जो भसम िकए हए आदिमयोन रब को पश िकए थ िफर लोगो न उनह कट करउन स चादर बनाई और उनह क़बारनगाह पर चढ़ािदया 40 हारन न सब कछ वसा ही िकया जसा रबन मसा की मािरफ़त बताया था मक़सद यह था िकबख़रदान इसराईिलयो को याद िदलात रह िक िसफ़रहारन की औलाद ही को रब क सामन आ कर बख़रजलान की इजाज़त ह अगर कोई और ऐसा कर तोउस का हाल क़ोरह और उस क सािथयो का साहोगा

41 अगल िदन इसराईल की परी जमाअत मसा औरहारन क िख़लाफ़ बड़बड़ान लगी उनहो न कहाldquoआप न रब की क़ौम को मार डाला हrdquo 42 लिकनजब वह मसा और हारन क मक़ाबल म जमा हएऔर मलाक़ात क ख़म का रख़ िकया तो अचानकउस पर बादल छा गया और रब का जलाल ज़ािहरहआ 43 िफर मसा और हारन मलाक़ात क ख़म कसामन आए 44 और रब न मसा स कहा 45 ldquoइसजमाअत स िनकल जाओ तािक म इस फ़ौरन हलाककर दrdquo यह सन कर दोनो मह क बल िगर 46 मसान हारन स कहा ldquoअपना बख़रदान ल कर उस मक़बारनगाह क अगार और बख़र डाल िफर भाग करजमाअत क पास चल जाए तािक उन का कफ़फ़ारा

176 िगनती 1647ndash187द जलदी कर कयिक रब का ग़ज़ब उन पर टट पड़ाह वबा फलन लगी हrdquo

47 हारन न ऐसा ही िकया वह दौड़ कर जमाअतक बीच म गया लोगो म वबा शर हो चकी थीलिकन हारन न रब को बख़र पश करक उन काकफ़फ़ारा िदया 48 वह िज़नदो और मदोर क बीचम खड़ा हआ तो वबा रक गई 49 तो भी 14700अफ़राद वबा स मर गए इस म वह शािमल नही हजो क़ोरह क सबब स मर गए थ

50 जब वबा रक गई तो हारन मसा क पास वापसआया जो अब तक मलाक़ात क ख़म क दरवाज़ परखड़ा था

हारन की लाठी स कोपल िनकलती ह

17 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो सबात करक उन स 12 लािठया मगवा ल

हर क़बील क सरदार स एक लाठी हर लाठी पर उसक मािलक का नाम िलखना 3 लावी की लाठी परहारन का नाम िलखना कयिक हर क़बील क सरदारक िलए एक लाठी होगी 4 िफर उन को मलाक़ात कख़म म अहद क सनदक़ क सामन रख जहा मरी तमस मलाक़ात होती ह 5 िजस आदमी को म न चनिलया ह उस की लाठी स कोपल फट िनकलगी इसतरह म तमहार िख़लाफ़ इसराईिलयो की बड़बड़ाहटख़तम कर दगाrdquo

6 चनाच मसा न इसराईिलयो स बात की औरक़बीलो क हर सरदार न उस अपनी लाठी दी इन 12लािठयो म हारन की लाठी भी शािमल थी 7 मसान उनह मलाक़ात क ख़म म अहद क सनदक़ कसामन रखा 8 अगल िदन जब वह मलाक़ात क ख़मम दािख़ल हआ तो उस न दखा िक लावी क क़बीलक सरदार हारन की लाठी स न िसफ़र कोपल फटिनकली ह बिलक फल और पक हए बादाम भी लगह

9 मसा तमाम लािठया रब क सामन स बाहर लाकर इसराईिलयो क पास ल आया और उनहो न उन

का मआइना िकया िफर हर एक न अपनी अपनीलाठी वापस ल ली 10 रब न मसा स कहा ldquoहारनकी लाठी अहद क सनदक़ क सामन रख द यहबाग़ी इसराईिलयो को याद िदलाएगी िक वह अपनाबड़बड़ाना बनद कर वनार हलाक हो जाएगrdquo

11 मसा न ऐसा ही िकया 12 लिकन इसराईिलयो नमसा स कहा ldquoहाय हम मर जाएग हाय हम हलाकहो जाएग हम सब हलाक हो जाएग 13 जो भी रबक मिक़दस क क़रीब आए वह मर जाएगा कया हमसब ही हलाक हो जाएगrdquo

इमामो और लािवयो की िज़ममादािरया

18 1 रब न हारन स कहा ldquoमिक़दस तरी तरबटो और लावी क क़बील की िज़ममादारी

ह अगर इस म कोई ग़लती हो जाए तो तम क़सरवारठहरोग इसी तरह इमामो की िख़दमत िसफ़र तरीऔर तर बटो की िज़ममादारी ह अगर इस म कोईग़लती हो जाए तो त और तर बट क़सरवार ठहरग2 अपन क़बील लावी क बाक़ी आदिमयो को भी मरक़रीब आन द वह तर साथ िमल कर य िहससा लिक वह तरी और तर बटो की िख़दमत कर जब तमख़म क सामन अपनी िज़ममादािरया िनभाओग 3 तरीिख़दमत और ख़म म िख़दमत उन की िज़ममादारी हलिकन वह ख़म क मख़सस-ओ-मक़ददस सामान औरक़बारनगाह क क़रीब न जाए वनार न िसफ़र वह बिलकत भी हलाक हो जाएगा 4 य वह तर साथ िमल करमलाक़ात क ख़म क पर काम म िहससा ल लिकनिकसी और को ऐसा करन की इजाज़त नही ह5 िसफ़र त और तर बट मिक़दस और क़बारनगाह कीदख-भाल कर तािक मरा ग़ज़ब दबारा इसराईिलयोपर न भड़क 6 म ही न इसराईिलयो म स तर भाइयोयानी लािवयो को चन कर तझ तहफ़ क तौर परिदया ह वह रब क िलए मख़सस ह तािक ख़म म िख़दमत कर 7 लिकन िसफ़र त और तर बट इमामकी िख़दमत सरअनजाम द म तमह इमाम का उहदातहफ़ क तौर पर दता ह कोई और क़बारनगाह और

िगनती 188ndash27 177मक़ददस चीज़ो क नज़दीक न आए वनार उस सज़ा-ए-मौत दी जाएrdquo

इमामो का िहससा8 रब न हारन स कहा ldquoम न ख़द मक़ररर िकया

ह िक तमाम उठान वाली क़बारिनया तरा िहससा होयह हमशा तक क़बारिनयो म स तरा और तरी औलादका िहससा ह 9 तमह मक़ददसतरीन क़बारिनयो का वहिहससा िमलना ह जो जलाया नही जाता हा तझऔर तर बटो को वही िहससा िमलना ह ख़वाह वहमझ ग़लला की नज़र गनाह की क़बारिनया या क़सरकी क़बारिनया पश कर 10 उस मक़ददस जगह परखाना हर मदर उस खा सकता ह ख़याल रख िकवह मख़सस-ओ-मक़ददस ह

11 म न मक़ररर िकया ह िक तमाम िहलान वालीक़बारिनयो का उठाया हआ िहससा तरा ह यह हमशाक िलए तर और तर बट-बिटयो का िहससा ह तरघरान का हर फ़दर उस खा सकता ह शतर यह ह िकवह पाक हो 12 जब लोग रब को अपनी फ़सलो कापहला फल पश करग तो वह तरा ही िहससा होगाम तझ ज़तन क तल नई म और अनाज का बहतरीनिहससा दता ह 13 फ़सलो का जो भी पहला फल वहरब को पश करग वह तरा ही होगा तर घरान काहर पाक फ़दर उस खा सकता ह 14 इसराईल म जोभी चीज़ रब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस की गई हवह तरी होगी 15 हर इनसान और हर हवान का जोपहलौठा रब को पश िकया जाता ह वह तरा ही हलिकन लािज़म ह िक त हर इनसान और हर नापाकजानवर क पहलौठ का िफ़दया द कर उस छड़ाए

16 जब वह एक माह क ह तो उन क इवज़ चादीक पाच िसकक दना (हर िसकक का वज़न मिक़दस कबाटो क मतािबक़ 11 गराम हो) 17 लिकन गाय-बलोऔर भड़-बकिरयो क पहल बचचो का िफ़दया यानीमआवज़ा न दना वह मख़सस-ओ-मक़ददस ह उनका ख़न क़बारनगाह पर िछड़क दना और उन कीचबीर जला दना ऐसी क़बारनी रब को पसनद होगी

18 उन का गोशत वस ही तमहार िलए हो जस िहलानवाली क़बारनी का सीना और दहनी रान भी तमहारिलए ह

19 मक़ददस क़बारिनयो म स तमाम उठान वालीक़बारिनया तरा और तर बट-बिटयो का िहससा हम न उस हमशा क िलए तझ िदया ह यह नमक कादाइमी अहद ह जो म न तर और तरी औलाद क साथक़ाइम िकया हrdquo

लािवयो का िहससा20 रब न हारन स कहा ldquoत मीरास म ज़मीन

नही पाएगा इसराईल म तझ कोई िहससा नही िदयाजाएगा कयिक इसराईिलयो क दरिमयान म ही तरािहससा और तरी मीरास ह 21 अपनी पदावार का जोदसवा िहससा इसराईली मझ दत ह वह म लािवयो कोदता ह यह उन की िवरासत ह जो उनह मलाक़ात कख़म म िख़दमत करन क बदल म िमलती ह 22 अबस इसराईली मलाक़ात क ख़म क क़रीब न आए वनारउनह अपनी ख़ता का नतीजा बदारशत करना पड़गाऔर वह हलाक हो जाएग 23 िसफ़र लावी मलाक़ातक ख़म म िख़दमत कर अगर इस म कोई ग़लती होजाए तो वही क़सरवार ठहरग यह एक दाइमी उसलह उनह इसराईल म मीरास म ज़मीन नही िमलगी24 कयिक म न उनह वही दसवा िहससा मीरास क तौरपर िदया ह जो इसराईली मझ उठान वाली क़बारनी कतौर पर पश करत ह इस वजह स म न उन क बारम कहा िक उनह बाक़ी इसराईिलयो क साथ मीरासम ज़मीन नही िमलगीrdquo

लािवयो का दसवा िहससा25 रब न मसा स कहा 26 ldquoलािवयो को बताना

िक तमह इसराईिलयो की पदावार का दसवा िहससािमलगा यह रब की तरफ़ स तमहारी िवरासत होगीलािज़म ह िक तम इस का दसवा िहससा रब कोउठान वाली क़बारनी क तौर पर पश करो 27 तमहारीयह क़बारनी नए अनाज या नए अगर क रस की

178 िगनती 1828ndash1918क़बारनी क बराबर क़रार दी जाएगी 28 इस तरह तमभी रब को इसराईिलयो की पदावार क दसव िहसस मस उठान वाली क़बारनी पश करोग रब क िलए यहक़बारनी हारन इमाम को दना 29 जो भी तमह िमलाह उस म स सब स अचछा और मक़ददस िहससा रबको दना 30 जब तम इस का सब स अचछा िहससापश करोग तो उस नए अनाज या नए अगर क रस कीक़बारनी क बराबर क़रार िदया जाएगा 31 तम अपनघरानो समत इस का बाक़ी िहससा कही भी खा सकतहो कयिक यह मलाक़ात क ख़म म तमहारी िख़दमतका अजर ह 32 अगर तम न पहल इस का बहतरीनिहससा पश िकया हो तो िफर इस खान म तमहाराकोई क़सर नही होगा िफर इसराईिलयो की मख़सस-ओ-मक़ददस क़बारिनया तम स नापाक नही हो जाएगीऔर तम नही मरोगrdquo

सख़र गाय की राख

19 1 रब न मसा और हारन स कहा2 ldquoइसराईिलयो को बताना िक वह तमहार

पास सख़र रग की जवान गाय ल कर आए उस मनक़स न हो और उस पर कभी जआ न रखा गया हो3 तम उस इलीअज़र इमाम को दना जो उस ख़म कबाहर ल जाए वहा उस उस की मौजदगी म ज़बहिकया जाए 4 िफर इलीअज़र इमाम अपनी उगलीस उस क ख़न स कछ ल कर मलाक़ात क ख़मक सामन वाल िहसस की तरफ़ िछड़क 5 उस कीमौजदगी म परी की परी गाय को जलाया जाए उसकी खाल गोशत ख़न और अतिड़यो का गोबर भीजलाया जाए 6 िफर वह दवदार की लकड़ी ज़फ़ाऔर िक़िमरज़ी रग का धागा ल कर उस जलती हईगाय पर फक 7 इस क बाद वह अपन कपड़ो कोधो कर नहा ल िफर वह ख़मागाह म आ सकता हलिकन शाम तक नापाक रहगा

8 िजस आदमी न गाय को जलाया वह भी अपनकपड़ो को धो कर नहा ल वह भी शाम तक नापाकरहगा

9 एक दसरा आदमी जो पाक ह गाय की राखइकटठी करक ख़मागाह क बाहर िकसी पाक जगहपर डाल द वहा इसराईल की जमाअत उस नापाकीदर करन का पानी तययार करन क िलए महफ़ज़ रखयह गनाह स पाक करन क िलए इसतमाल होगा10 िजस आदमी न राख इकटठी की ह वह भी अपनकपड़ो को धो ल वह भी शाम तक नापाक रहगायह इसराईिलयो और उन क दरिमयान रहन वालपरदिसयो क िलए दाइमी उसल हो

लाश छन स पाक हो जान का तरीक़ा11 जो भी लाश छए वह सात िदन तक नापाक

रहगा 12 तीसर और सातव िदन वह अपन आप परनापाकी दर करन का पानी िछड़क कर पाक-साफ़हो जाए इस क बाद ही वह पाक होगा लिकनअगर वह इन दोनो िदनो म अपन आप को य पाकन कर तो नापाक रहगा 13 जो भी लाश छ कर अपनआप को य पाक नही करता वह रब क मिक़दस कोनापाक करता ह लािज़म ह िक उस इसराईल म सिमटाया जाए चिक नापाकी दर करन का पानी उसपर िछड़का नही गया इस िलए वह नापाक रहगा

14 अगर कोई डर म मर जाए तो जो भी उस वक़तउस म मौजद हो या दािख़ल हो जाए वह सात िदनतक नापाक रहगा 15 हर खला बतरन जो ढकन सबनद न िकया गया हो वह भी नापाक होगा 16 इसीतरह जो खल मदान म लाश छए वह भी सात िदनतक नापाक रहगा ख़वाह वह तलवार स या तबईमौत मरा हो जो इनसान की कोई हडडी या क़बर छएवह भी सात िदन तक नापाक रहगा

17 नापाकी दर करन क िलए उस सख़र रग की गायकी राख म स कछ लना जो गनाह दर करन क िलएजलाई गई थी उस बतरन म डाल कर ताज़ा पानीम िमलाना 18 िफर कोई पाक आदमी कछ ज़फ़ा लऔर उस उस पानी म डबो कर मर हए शख़स क ख़मउस क सामान और उन लोगो पर िछड़क जो उस कमरत वक़त वहा थ इसी तरह वह पानी उस शख़स

िगनती 1919ndash2017 179पर भी िछड़क िजस न तबई या ग़रतबई मौत मर हएशख़स को िकसी इनसान की हडडी को या कोई क़बरछई हो 19 पाक आदमी यह पानी तीसर और सातविदन नापाक शख़स पर िछड़क सातव िदन वह उसपाक कर िजस पाक िकया जा रहा ह वह अपनकपड़ धो कर नहा ल तो वह उसी शाम पाक होगा

20 लिकन जो नापाक शख़स अपन आप को पाकनही करता उस जमाअत म स िमटाना ह कयिकउस न रब का मिक़दस नापाक कर िदया ह नापाकीदर करन का पानी उस पर नही िछड़का गया इसिलए वह नापाक रहा ह 21 यह उन क िलए दाइमीउसल ह िजस आदमी न नापाकी दर करन का पानीिछड़का ह वह भी अपन कपड़ धोए बिलक िजस नभी यह पानी छआ ह शाम तक नापाक रहगा 22 औरनापाक शख़स जो भी चीज़ छए वह नापाक हो जातीह न िसफ़र यह बिलक जो बाद म यह नापाक चीज़छए वह भी शाम तक नापाक रहगाrdquo

चटान स पानी

20 1 पहल महीन म इसराईल की परी जमाअतदशत-ए-सीन म पहच कर क़ािदस म रहन

लगी वहा मिरयम न वफ़ात पाई और वही उसदफ़नाया गया

2 क़ािदस म पानी दसतयाब नही था इस िलए लोगमसा और हारन क मक़ाबल म जमा हए 3 वह मसास यह कह कर झगड़न लग ldquoकाश हम अपन भाइयोक साथ रब क सामन मर गए होत 4 आप रब कीजमाअत को कय इस रिगसतान म ल आए कया इसिलए िक हम यहा अपन मविशयो समत मर जाए5 आप हम िमसर स िनकाल कर उस नाख़शगवारजगह पर कय ल आए ह यहा न तो अनाज नअनजीर अगर या अनार दसतयाब ह पानी भी नहीहrdquo

6 मसा और हारन लोगो को छोड़ कर मलाक़ात कख़म क दरवाज़ पर गए और मह क बल िगर तबरब का जलाल उन पर ज़ािहर हआ 7 रब न मसा

स कहा 8 ldquoअहद क सनदक़ क सामन पड़ी लाठीपकड़ कर हारन क साथ जमाअत को इकटठा करउन क सामन चटान स बात करो तो वह अपना पानीदगी य त चटान म स जमाअत क िलए पानी िनकालकर उनह उन क मविशयो समत पानी िपलाएगाrdquo

9 मसा न ऐसा ही िकया उस न अहद क सनदक़क सामन पड़ी लाठी उठाई 10 और हारन क साथजमाअत को चटान क सामन इकटठा िकया मसा नउन स कहा ldquoऐ बग़ावत करन वालो सनो कया हमइस चटान म स तमहार िलए पानी िनकालrdquo 11 उसन लाठी को उठा कर चटान को दो मतरबा मारा तोबहत सा पानी फट िनकला जमाअत और उन कमविशयो न ख़ब पानी िपया

12 लिकन रब न मसा और हारन स कहा ldquoतमहारामझ पर इतना ईमान नही था िक मरी क़ददिसयत कोइसराईिलयो क सामन क़ाइम रखत इस िलए तम उसजमाअत को उस मलक म नही ल जाओग जो म उनहदगाrdquo

13 यह वािक़आ मरीबा यानी lsquoझगड़नाrsquo क पानी परहआ वहा इसराईिलयो न रब स झगड़ा िकया औरवहा उस न उन पर ज़ािहर िकया िक वह क़ददस ह

अदोम इसराईल को गज़रन नही दता14 क़ािदस स मसा न अदोम क बादशाह को इिततला

भजी ldquoआप क भाई इसराईल की तरफ़ स एकगज़ािरश ह आप को उन तमाम मसीबतो क बार मइलम ह जो हम पर आन पड़ी ह 15 हमार बापदादािमसर गए थ और वहा हम बहत अस र तक रहिमिसरयो न हमार बापदादा और हम स बरा सलकिकया 16 लिकन जब हम न िचलला कर रब स िमननतकी तो उस न हमारी सनी और फ़िरशता भज कर हमिमसर स िनकाल लाया अब हम यहा क़ािदस शहरम ह जो आप की सरहद पर ह 17 महरबानी करकहम अपन मलक म स गज़रन द हम िकसी खत याअगर क बाग़ म नही जाएग न िकसी कए का पानीिपएग हम शाहराह पर ही रहग आप क मलक म

180 िगनती 2018ndash219स गज़रत हए हम उस स न दाई और न बाई तरफ़हटगrdquo

18 लिकन अदोिमयो न जवाब िदया ldquoयहा स नगज़रना वनार हम िनकल कर आप स लड़गrdquo19 इसराईल न दबारा ख़बर भजी ldquoहम शाहराह पररहत हए गज़रग अगर हम या हमार जानवरो कोपानी की ज़ररत हई तो पस द कर ख़रीद लग हमपदल ही गज़रना चाहत ह और कछ नही चाहतrdquo

20 लिकन अदोिमयो न दबारा इनकार िकया साथही उनहो न उन क साथ लड़न क िलए एक बड़ी औरताक़तवर फ़ौज भजी

21 चिक अदोम न उनह गज़रन की इजाज़त न दीइस िलए इसराईली मड़ कर दसर रासत स चल गए

हारन की वफ़ात22 इसराईल की परी जमाअत क़ािदस स रवाना हो

कर होर पहाड़ क पास पहची 23 यह पहाड़ अदोमकी सरहद पर वाक़ था वहा रब न मसा और हारनस कहा 24 ldquoहारन अब कच करक अपन बापदादास जा िमलगा वह उस मलक म दािख़ल नही होगाजो म इसराईिलयो को दगा कयिक तम दोनो नमरीबा क पानी पर मर हकम की िख़लाफ़वरज़ी की25 हारन और उस क बट इलीअज़र को ल कर होरपहाड़ पर चढ़ जा 26 हारन क कपड़ उतार कर उसक बट इलीअज़र को पहना दना िफर हारन कचकरक अपन बापदादा स जा िमलगाrdquo

27 मसा न ऐसा ही िकया जसा रब न कहा तीनोपरी जमाअत क दखत दखत होर पहाड़ पर चढ़ गए28 मसा न हारन क कपड़ उतरवा कर उस क बटइलीअज़र को पहना िदए िफर हारन वहा पहाड़की चोटी पर फ़ौत हआ और मसा और इलीअज़रनीच उतर गए 29 जब परी जमाअत को मालम हआिक हारन इिनतक़ाल कर गया ह तो सब न 30 िदनतक उस क िलए मातम िकया

कनआनी मलक-ए-अराद पर फ़तह

21 1 दशत-ए-नजब क कनआनी मलक अरादक बादशाह को ख़बर िमली िक इसराईली

अथािरम की तरफ़ बढ़ रह ह उस न उन पर हमलािकया और कई एक को पकड़ कर क़द कर िलया2 तब इसराईिलयो न रब क सामन मननत मान करकहा ldquoअगर त हम उन पर फ़तह दगा तो हम उनहउन क शहरो समत तबाह कर दगrdquo 3 रब न उन कीसनी और कनआिनयो पर फ़तह बख़शी इसराईिलयोन उनह उन क शहरो समत परी तरह तबाह कर िदयाइस िलए उस जगह का नाम हमार यानी तबाही पड़गया

पीतल का साप4 होर पहाड़ स रवाना हो कर वह बहर-ए-क़लज़म

की तरफ़ चल िदए तािक अदोम क मलक म सगज़रना न पड़ लिकन चलत चलत लोग बसबर होगए 5 वह रब और मसा क िख़लाफ़ बात करन लगldquoआप हम िमसर स िनकाल कर रिगसतान म मरनक िलए कय ल आए ह यहा न रोटी दसतयाब हन पानी हम इस घिटया िक़सम की ख़राक स िघनआती हrdquo

6 तब रब न उन क दरिमयान ज़हरील साप भज िदएिजन क काटन स बहत स लोग मर गए 7 िफर लोगमसा क पास आए उनहो न कहा ldquoहम न रब औरआप क िख़लाफ़ बात करत हए गनाह िकया हमारीिसफ़ािरश कर िक रब हम स साप दर कर दrdquo

मसा न उन क िलए दआ की 8 तो रब न मसा सकहा ldquoएक साप बना कर उस खमब स लटका दजो भी डसा गया हो वह उस दख कर बच जाएगाrdquo9 चनाच मसा न पीतल का एक साप बनाया औरखमबा खड़ा करक साप को उस स लटका िदयाऔर ऐसा हआ िक िजस भी डसा गया था वह पीतलक साप पर नज़र करक बच गया

िगनती 2110ndash32 181

मोआब की तरफ़ सफ़र10 इसराईली रवाना हए और ओबोत म अपन ख़म

लगाए 11 िफर वहा स कच करक अयय-अबारीमम डर डाल उस रिगसतान म जो मशिरक़ की तरफ़मोआब क सामन ह 12 वहा स रवाना हो कर वहवादी-ए-िज़रद म ख़माज़न हए 13 जब वादी-ए-िज़रदस रवाना हए तो दरया-ए-अनोरन क परल यानी जनबीिकनार पर ख़माज़न हए यह दरया रिगसतान मह और अमोिरयो क इलाक़ स िनकलता ह यहअमोिरयो और मोआिबयो क दरिमयान की सरहदह 14 इस का िज़कर िकताब lsquoरब की जगrsquo म भी ह

ldquoवाहब जो सफ़ा म ह दरया-ए-अनोरन की वािदया 15 और वािदयो का वह ढलान जो आर शहर तकजाता ह और मोआब की सरहद पर वाक़ हrdquo

16 वहा स वह बर यानी lsquoकआrsquo पहच यह वही बरह जहा रब न मसा स कहा ldquoलोगो को इकटठा करतो म उनह पानी दगाrdquo 17 उस वक़त इसराईिलयो नयह गीत गाया

ldquoऐ कए फट िनकल उस क बार म गीत गाओ18 उस कए क बार म िजस सरदारो न खोदा िजस

क़ौम क राहनमाओ न असा-ए-शाही और अपनीलािठयो स खोदाrdquo

िफर वह रिगसतान स मततना को गए 19 मततनास नहलीएल को और नहलीएल स बामात को20 बामात स वह मोआिबयो क इलाक़ की उस वादीम पहच जो िपसगा पहाड़ क दामन म ह इस पहाड़की चोटी स वादी-ए-यदरन का जनबी िहससा यशीमोनख़ब नज़र आता ह

सीहोन और ओज की िशकसत21 इसराईल न अमोिरयो क बादशाह सीहोन को

इिततला भजी 22 ldquoहम अपन मलक म स गज़रन दहम सीध सीध गज़र जाएग न हम कोई खत याअगर का बाग़ छड़ग न िकसी कए का पानी िपएगहम आप क मलक म स सीध गज़रत हए शाहराह पर

ही रहगrdquo 23 लिकन सीहोन न उनह गज़रन न िदयाबिलक अपनी फ़ौज जमा करक इसराईल स लड़न किलए रिगसतान म चल पड़ा यहज़ पहच कर उस नइसराईिलयो स जग की 24 लिकन इसराईिलयो न उसक़तल िकया और दरया-ए-अनोरन स ल कर दरया-ए-यबबोक़ तक यानी अममोिनयो की सरहद तक उसक मलक पर क़बज़ा कर िलया वह इस स आगन जा सक कयिक अममोिनयो न अपनी सरहद कीिहसारबनदी कर रखी थी 25 इसराईली तमाम अमोरीशहरो पर क़बज़ा करक उन म रहन लग उन महसबोन और उस क इदरिगदर की आबािदया शािमलथी

26 हसबोन अमोरी बादशाह सीहोन का दार-उल-हकमत था उस न मोआब क िपछल बादशाह सलड़ कर उस स यह इलाक़ा दरया-ए-अनोरन तक छीनिलया था 27 उस वािकए का िज़कर शाइरी म य िकयागया ह

ldquoहसबोन क पास आ कर उस अज़ सर-ए-नौ तामीरकरो सीहोन क शहर को अज़ सर-ए-नौ क़ाइम करो

28 हसबोन स आग िनकली सीहोन क शहर सशोला भड़का उस न मोआब क शहर आर को जलािदया अनोरन की बलिनदयो क मािलको को भसमिकया

29 ऐ मोआब तझ पर अफ़सोस ऐ कमोस दवताकी क़ौम त हलाक हई ह कमोस न अपन बटोको मफ़रर और अपनी बिटयो को अमोरी बादशाहसीहोन की क़दी बना िदया ह

30 लिकन जब हम न अमोिरयो पर तीर चलाए तोहसबोन का इलाक़ा दीबोन तक बबारद हआ हम ननफ़ह तक सब कछ तबाह िकया वह नफ़ह िजसका इलाक़ा मीदबा तक हrdquo

31 य इसराईल अमोिरयो क मलक म आबाद हआ32 वहा स मसा न अपन जासस याज़र शहर भजवहा भी अमोरी रहत थ इसराईिलयो न याज़र औरउस क इदरिगदर क शहरो पर भी क़बज़ा िकया औरवहा क अमोिरयो को िनकाल िदया

182 िगनती 2133ndash221833 इस क बाद वह मड़ कर बसन की तरफ़ बढ़

तब बसन का बादशाह ओज अपनी तमाम फ़ौज लकर उन स लड़न क िलए शहर इदरई आया 34 उसवक़त रब न मसा स कहा ldquoओज स न डरना म उसउस की तमाम फ़ौज और उस का मलक तर हवालकर चका ह उस क साथ वही सलक कर जो त नअमोिरयो क बादशाह सीहोन क साथ िकया िजसका दार-उल-हकमत हसबोन थाrdquo 35 इसराईिलयो नओज उस क बटो और तमाम फ़ौज को हलाक करिदया कोई भी न बचा िफर उनहो न बसन क मलकपर क़बज़ा कर िलया

बलक़ बलआम को इसराईलपर लानत भजन क िलए बलाता ह

22 1 इस क बाद इसराईली मोआब क मदानोम पहच कर दरया-ए-यदरन क मशिरक़ी

िकनार पर यरीह क आमन-सामन ख़माज़न हए2 मोआब क बादशाह बलक़ िबन सफ़ोर को मालम

हआ िक इसराईिलयो न अमोिरयो क साथ कया कछिकया ह 3 मोआिबयो न यह भी दखा िक इसराईलीबहत ज़यादा ह इस िलए उन पर दहशत छा गई4 उनहो न िमिदयािनयो क बज़गोर स बात की ldquoअबयह हजम उस तरह हमार इदरिगदर का इलाक़ा चटकर जाएगा िजस तरह बल मदान की घास चट करजाता हrdquo

5 तब बलक़ न अपन क़ािसद फ़तोर शहर को भजजो दरया-ए-फ़रात पर वाक़ था और जहा बलआमिबन बओर अपन वतन म रहता था क़ािसद उसबलान क िलए उस क पास पहच और उस बलक़का पग़ाम सनाया ldquoएक क़ौम िमसर स िनकल आई हजो र-ए-ज़मीन पर छा कर मर क़रीब ही आबाद हईह 6 इस िलए आए और इन लोगो पर लानत भजकयिक वह मझ स ज़यादा ताक़तवर ह िफर शायदम उनह िशकसत द कर मलक स भगा सक कयिक मजानता ह िक िजनह आप बरकत दत ह उनह बरकत

िमलती ह और िजन पर आप लानत भजत ह उन परलानत आती हrdquo

7 यह पग़ाम ल कर मोआब और िमिदयान क बज़गररवाना हए उन क पास इनआम क पस थ बलआमक पास पहच कर उनहो न उस बलक़ का पग़ामसनाया 8 बलआम न कहा ldquoरात यहा गज़ार कलम आप को बता दगा िक रब इस क बार म कयाफ़रमाता हrdquo चनाच मोआबी सरदार उस क पासठहर गए

9 रात क वक़त अललाह बलआम पर ज़ािहर हआउस न पछा ldquoयह आदमी कौन ह जो तर पासआए हrdquo 10 बलआम न जवाब िदया ldquoमोआब कबादशाह बलक़ िबन सफ़ोर न मझ पग़ाम भजा ह11 lsquoजो क़ौम िमसर स िनकल आई ह वह र-ए-ज़मीनपर छा गई ह इस िलए आए और मर िलए उन परलानत भज िफर शायद म उन स लड़ कर उनह भगादन म कामयाब हो जाऊrsquordquo 12 रब न बलआम सकहा ldquoउन क साथ न जाना तझ उन पर लानत भजनकी इजाज़त नही ह कयिक उन पर मरी बरकत हrdquo

13 अगली सबह बलआम जाग उठा तो उस न बलक़क सरदारो स कहा ldquoअपन वतन वापस चल जाएकयिक रब न मझ आप क साथ जान की इजाज़त नहीदीrdquo 14 चनाच मोआबी सरदार ख़ाली हाथ बलक़क पास वापस आए उनहो न कहा ldquoबलआम हमारसाथ आन स इनकार करता हrdquo 15 तब बलक़ न औरसरदार भज जो पहल वालो की िनसबत तादाद औरउहद क िलहाज़ स ज़यादा थ 16 वह बलआम कपास जा कर कहन लग ldquoबलक़ िबन सफ़ोर कहतह िक कोई भी बात आप को मर पास आन स नरोक 17 कयिक म आप को बड़ा इनआम दगा आपजो भी कहग म करन क िलए तययार ह आए तोसही और मर िलए उन लोगो पर लानत भजrdquo

18 लिकन बलआम न जवाब िदया ldquoअगर बलक़अपन महल को चादी और सोन स भर कर भीमझ द तो भी म रब अपन ख़दा क फ़रमान कीिख़लाफ़वरज़ी नही कर सकता ख़वाह बात छोटी

िगनती 2219ndash41 183हो या बड़ी 19 आप दसर सरदारो की तरह रात यहा गज़ार इतन म म मालम करगा िक रब मझ मज़ीदकया कछ बताता हrdquo

20 उस रात अललाह बलआम पर ज़ािहर हआ औरकहा ldquoचिक यह आदमी तझ बलान आए ह इस िलएउन क साथ चला जा लिकन िसफ़र वही कछ करनाजो म तझ बताऊगाrdquo

बलआम की गधी21 सबह को बलआम न उठ कर अपनी गधी पर

ज़ीन कसा और मोआबी सरदारो क साथ चल पड़ा22 लिकन अललाह िनहायत ग़सस हआ िक वह जा रहाह इस िलए उस का फ़िरशता उस का मक़ाबला करनक िलए रासत म खड़ा हो गया बलआम अपनी गधीपर सवार था और उस क दो नौकर उस क साथ चलरह थ 23 जब गधी न दखा िक रब का फ़िरशता अपनहाथ म तलवार थाम हए रासत म खड़ा ह तो वह रासतस हट कर खत म चलन लगी बलआम उस मारतमारत रासत पर वापस ल आया

24 िफर वह अगर क दो बाग़ो क दरिमयान सगज़रन लग रासता तग था कयिक वह दोनो तरफ़बाग़ो की चारदीवारी स बनद था अब रब काफ़िरशता वहा खड़ा हआ 25 गधी यह दख करचारदीवारी क साथ साथ चलन लगी और बलआमका पाओ कचला गया उस न उस दबारा मारा

26 रब का फ़िरशता आग िनकला और तीसरी मतरबारासत म खड़ा हो गया अब रासत स हट जान कीकोई गनजाइश नही थी न दाई तरफ़ और न बाईतरफ़ 27 जब गधी न रब का फ़िरशता दखा तो वहलट गई बलआम को ग़ससा आ गया और उस नउस अपनी लाठी स ख़ब मारा

28 तब रब न गधी को बोलन िदया और उस नबलआम स कहा ldquoम न आप स कया ग़लत सलकिकया ह िक आप मझ अब तीसरी दफ़ा पीट रहहrdquo 29 बलआम न जवाब िदया ldquoत न मझ बवक़फ़बनाया ह काश मर हाथ म तलवार होती तो म अभी

तझ ज़बह कर दताrdquo 30 गधी न बलआम स कहाldquoकया म आप की गधी नही ह िजस पर आप आजतक सवार होत रह ह कया मझ कभी ऐसा करनकी आदत थीrdquo उस न कहा ldquoनहीrdquo

31 िफर रब न बलआम की आख खोली और उस नरब क फ़िरशत को दखा जो अब तक हाथ म तलवारथाम हए रासत म खड़ा था बलआम न मह क बलिगर कर िसजदा िकया 32 रब क फ़िरशत न पछाldquoत न तीन बार अपनी गधी को कय पीटा म तरमक़ाबल म आया ह कयिक िजस तरफ़ त बढ़ रहाह उस का अनजाम बरा ह 33 गधी तीन मतरबा मझदख कर मरी तरफ़ स हट गई अगर वह न हटतीतो त उस वक़त हलाक हो गया होता अगरच म गधीको छोड़ दताrdquo

34 बलआम न रब क फ़िरशत स कहा ldquoम न गनाहिकया ह मझ मालम नही था िक त मर मक़ाबलम रासत म खड़ा ह लिकन अगर मरा सफ़र तझबरा लग तो म अब वापस चला जाऊगाrdquo 35 रब कफ़िरशत न कहा ldquoइन आदिमयो क साथ अपना सफ़रजारी रख लिकन िसफ़र वही कछ कहना जो म तझबताऊगाrdquo चनाच बलआम न बलक़ क सरदारो कसाथ अपना सफ़र जारी रखा

36 जब बलक़ को ख़बर िमली िक बलआम आरहा ह तो वह उस स िमलन क िलए मोआब क उसशहर तक गया जो मोआब की सरहद दरया-ए-अनोरनपर वाक़ ह 37 उस न बलआम स कहा ldquoकया म नआप को इिततला नही भजी थी िक आप ज़रर आएआप कय नही आए कया आप न सोचा िक म आपको मनािसब इनआम नही द पाऊगाrdquo 38 बलआमन जवाब िदया ldquoबहरहाल अब म पहच गया हलिकन म िसफ़र वही कछ कह सकता ह जो अललाहन पहल ही मर मह म डाल िदया हrdquo

39 िफर बलआम बलक़ क साथ िक़यरत-हसातगया 40 वहा बलक़ न गाय-बल और भड़-बकिरया क़बारन करक उन क गोशत म स बलआम और उसक साथ वाल सरदारो को द िदया 41 अगली सबह

184 िगनती 231ndash19बलक़ बलआम को साथ ल कर एक ऊची जगहपर चढ़ गया िजस का नाम बामोत-बाल था वहा सइसराईली ख़मागाह का िकनारा नज़र आता था

बलआम की पहली बरकत

23 1 बलआम न कहा ldquoयहा मर िलए सातक़बारनगाह बनाए साथ साथ मर िलए सात

बल और सात मढ तययार कर रखrdquo 2 बलक़ न ऐसाही िकया और दोनो न िमल कर हर क़बारनगाह परएक बल और एक मढा चढ़ाया 3 िफर बलआम नबलक़ स कहा ldquoयहा अपनी क़बारनी क पास खड़रह म कछ फ़ािसल पर जाता ह शायद रब मझ सिमलन आए जो कछ वह मझ पर ज़ािहर कर म आपको बता दगाrdquo

यह कह कर वह एक ऊच मक़ाम पर चला गयाजो हिरयाली स िबलकल महरम था 4 वहा अललाहबलआम स िमला बलआम न कहा ldquoम न सातक़बारनगाह तययार करक हर क़बारनगाह पर एक बलऔर एक मढा क़बारन िकया हrdquo 5 तब रब न उसबलक़ क िलए पग़ाम िदया और कहा ldquoबलक़ कपास वापस जा और उस यह पग़ाम सनाrdquo 6 बलआमबलक़ क पास वापस आया जो अब तक मोआबीसरदारो क साथ अपनी क़बारनी क पास खड़ा था7 बलआम बोल उठा

ldquoबलक़ मझ अराम स यहा लाया ह मोआबीबादशाह न मझ मशिरक़ी पहाड़ो स बला कर कहाlsquoआओ याक़ब पर मर िलए लानत भजो आओइसराईल को बददआ दोrsquo

8 म िकस तरह उन पर लानत भज िजन पर अललाहन लानत नही भजी म िकस तरह उनह बददआ द िजनह रब न बददआ नही दी

9 म उनह चटानो की चोटी स दखता ह पहािड़योस उन का मशाहदा करता ह वाक़ई यह एक ऐसीक़ौम ह जो दसरो स अलग रहती ह यह अपन आपको दसरी क़ौमो स ममताज़ समझती ह

10 कौन याक़ब की औलाद को िगन सकता ह जोगदर की मािननद बशमार ह कौन इसराईिलयो काचौथा िहससा भी िगन सकता ह रब कर िक मरासतबाज़ो की मौत मर िक मरा अनजाम उन कअनजाम जसा अचछा होrdquo

11 बलक़ न बलआम स कहा ldquoआप न मर साथकया िकया ह म आप को अपन दशमनो पर लानतभजन क िलए लाया और आप न उनह अचछी-ख़ासीबरकत दी हrdquo 12 बलआम न जवाब िदया ldquoकयालािज़म नही िक म वही कछ बोल जो रब न बतानको कहा हrdquo

बलआम की दसरी बरकत13 िफर बलक़ न उस स कहा ldquoआए हम एक

और जगह जाए जहा स आप इसराईली क़ौम कोदख सकग गो उन की ख़मागाह का िसफ़र िकनाराही नज़र आएगा आप सब को नही दख सकगवही स उन पर मर िलए लानत भजrdquo 14 यह कहकर वह उस क साथ िपसगा की चोटी पर चढ़ करपहरदारो क मदान तक पहच गया वहा भी उसन सात क़बारनगाह बना कर हर एक पर एक बलऔर एक मढा क़बारन िकया 15 बलआम न बलक़स कहा ldquoयहा अपनी क़बारनगाह क पास खड़ रहम कछ फ़ािसल पर जा कर रब स िमलगाrdquo

16 रब बलआम स िमला उस न उस बलक़ क िलएपग़ाम िदया और कहा ldquoबलक़ क पास वापस जाऔर उस यह पग़ाम सना दrdquo 17 वह वापस चलागया बलक़ अब तक अपन सरदारो क साथ अपनीक़बारनी क पास खड़ा था उस न उस स पछा ldquoरबन कया कहाrdquo 18 बलआम न कहा ldquoऐ बलक़ उठोऔर सनो ऐ सफ़ोर क बट मरी बात पर ग़ौर करो

19 अललाह आदमी नही जो झट बोलता ह वहइनसान नही जो कोई फ़सला करक बाद म पछताएकया वह कभी अपनी बात पर अमल नही करताकया वह कभी अपनी बात परी नही करता

िगनती 2320ndash2411 18520 मझ बरकत दन को कहा गया ह उस न बरकत

दी ह और म यह बरकत रोक नही सकता21 याक़ब क घरान म ख़राबी नज़र नही आती

इसराईल म दख िदखाई नही दता रब उस का ख़दाउस क साथ ह और क़ौम बादशाह की ख़शी म नारलगाती ह

22 अललाह उनह िमसर स िनकाल लाया और उनहजगली बल की ताक़त हािसल ह

23 याक़ब क घरान क िख़लाफ़ जादगरी नाकामह इसराईल क िख़लाफ़ ग़बदानी बफ़ाइदा ह अबयाक़ब क घरान स कहा जाएगा lsquoअललाह न कसाकाम िकया हrsquo

24 इसराईली क़ौम शरनी की तरह उठती औरशरबबर की तरह खड़ी हो जाती ह जब तक वहअपना िशकार न खा ल वह आराम नही करता जबतक वह मार हए लोगो का ख़न न पी ल वह नहीलटताrdquo

25 यह सन कर बलक़ न कहा ldquoअगर आप उनपर लानत भजन स इनकार कर कम अज़ कम उनहबरकत तो न दrdquo 26 बलआम न जवाब िदया ldquoकयाम न आप को नही बताया था िक जो कछ भी रबकहगा म वही करगाrdquo

बलआम की तीसरी बरकत27 तब बलक़ न बलआम स कहा ldquoआए म आप

को एक और जगह ल जाऊ शायद अललाह राज़ी होजाए िक आप मर िलए वहा स उन पर लानत भजrdquo28 वह उस क साथ फ़ग़र पहाड़ पर चढ़ गया उस कीचोटी स यदरन की वादी का जनबी िहससा यशीमोनिदखाई िदया 29 बलआम न उस स कहा ldquoमर िलएयहा सात क़बारनगाह बना कर सात बल और सातमढ तययार कर रखrdquo 30 बलक़ न ऐसा ही िकयाउस न हर एक क़बारनगाह पर एक बल और एकमढा क़बारन िकया

24 1 अब बलआम को उस बात का परायक़ीन हो गया िक रब को पसनद ह िक

म इसराईिलयो को बरकत द इस िलए उस न इसमतरबा पहल की तरह जादगरी का तरीक़ा इसतमालन िकया बिलक सीधा रिगसतान की तरफ़ रख़ िकया2 जहा इसराईल अपन अपन क़बीलो की ततीरब सख़माज़न था यह दख कर अललाह का रह उस परनािज़ल हआ 3 और वह बोल उठा

ldquoबलआम िबन बओर का पग़ाम सनो उस कपग़ाम पर ग़ौर करो जो साफ़ साफ़ दखता ह 4 उसका पग़ाम जो अललाह की बात सन लता ह क़ािदर-ए-मतलक़ की रोया को दख लता ह और ज़मीन परिगर कर पोशीदा बात दखता ह

5 ऐ याक़ब तर ख़म िकतन शानदार ह ऐ इसराईलतर घर िकतन अचछ ह

6 वह दर तक फली हई वािदयो की मािननद नहरक िकनार लग बाग़ो की मािननद रब क लगाए हएऊद क दरख़तो की मािननद पानी क िकनार लगदवदार क दरख़तो की मािननद ह

7 उन की बािलटयो स पानी छलकता रहगा उन कबीज को कसरत का पानी िमलगा उन का बादशाहअजाज स ज़यादा ताक़तवर होगा और उन कीसलतनत सरफ़राज़ होगी

8 अललाह उनह िमसर स िनकाल लाया और उनहजगली बल की सी ताक़त हािसल ह वह मख़ािलफ़क़ौमो को हड़प करक उन की हिडडया चर चर करदत ह वह अपन तीर चला कर उनह मार डालत ह

9 इसराईल शरबबर या शरनी की मािननद ह जबवह दबक कर बठ जाए तो कोई भी उस छड़न कीजरअत नही करता जो तझ बरकत द उस बरकतिमल और जो तझ पर लानत भज उस पर लानतआएrdquo

10 यह सन कर बलक़ आप स बाहर हआ उस नताली बजा कर अपनी िहक़ारत का इज़हार िकयाऔर कहा ldquoम न तझ इस िलए बलाया था िक तमर दशमनो पर लानत भज अब त न उनह तीनोबार बरकत ही दी ह 11 अब दफ़ा हो जा अपनघर वापस भाग जा म न कहा था िक बड़ा इनआम

186 िगनती 2412ndash257दगा लिकन रब न तझ इनआम पान स रोक िदयाहrdquo

12 बलआम न जवाब िदया ldquoकया म न उन लोगोको िजनह आप न मझ बलान क िलए भजा था नहीबताया था 13 िक अगर बलक़ अपन महल को चादीऔर सोन स भर कर भी मझ द द तो भी म रबकी िकसी बात की िख़लाफ़वरज़ी नही कर सकताख़वाह मरी नीयत अचछी हो या बरी म िसफ़र वहकछ कर सकता ह जो अललाह फ़रमाता ह 14 अबम अपन वतन वापस चला जाता ह लिकन पहल मआप को बता दता ह िक आिख़रकार यह क़ौम आपकी क़ौम क साथ कया कछ करगीrdquo

बलआम की चौथी बरकत15 वह बोल उठाldquoबलआम िबन बओर का पग़ाम सनो उस का

पग़ाम जो साफ़ साफ़ दखता ह16 उस का पग़ाम जो अललाह की बात सन लता और

अललाह तआला की मज़ीर को जानता ह जो क़ािदर-ए-मतलक़ की रोया को दख लता और ज़मीन पर िगरकर पोशीदा बात दखता ह

17 िजस म दख रहा ह वह इस वक़त नही ह जोमझ नज़र आ रहा ह वह क़रीब नही ह याक़ब कघरान स िसतारा िनकलगा और इसराईल स असा-ए-शाही उठगा जो मोआब क माथो और सत क तमामबटो की खोपिड़यो को पाश पाश करगा

18 अदोम उस क क़बज़ म आएगा उस का दशमनसईर उस की िमलिकयत बनगा जबिक इसराईल कीताक़त बढ़ती जाएगी

19 याक़ब क घरान स एक हकमरान िनकलगा जोशहर क बच हओ को हलाक कर दगाrdquo

बलआम क आिख़री पग़ाम20 िफर बलआम न अमालीक़ को दखा और कहाldquoअमालीक़ क़ौमो म अववल था लिकन

आिख़रकार वह ख़तम हो जाएगाrdquo

21 िफर उस न क़ीिनयो को दखा और कहाldquoतरी सकनतगाह मसतहकम ह तरा चटान म बना

घोसला मज़बत ह22 लिकन त तबाह हो जाएगा जब असर तझ

िगिरफ़तार करगाrdquo23 एक और दफ़ा उस न बात कीldquoहाय कौन िज़नदा रह सकता ह जब अललाह य

करगा24 िकततीम क सािहल स बहरी जहाज़ आएग जो

असर और इबर को ज़लील करग लिकन वह ख़दभी हलाक हो जाएगrdquo

25 िफर बलआम उठ कर अपन घर वापस चलागया बलक़ भी वहा स चला गया

मोआब इसराईिलयो की आज़माइश करता ह

25 1 जब इसराईली िशततीम म रह रह थ तोइसराईली मदर मोआबी औरतो स िज़नाकारी

करन लग 2 यह ऐसा हआ िक मोआबी औरत अपनदवताओ को क़बारिनया पश करत वक़त इसराईिलयोको शरीक होन की दावत दन लगी इसराईली दावतक़बल करक क़बारिनयो स खान और दवताओ कोिसजदा करन लग 3 इस तरीक़ स इसराईली मोआबीदवता बनाम बाल-फ़ग़र की पजा करन लग और रबका ग़ज़ब उन पर आन पड़ा 4 उस न मसा स कहाldquoइस क़ौम क तमाम राहनमाओ को सज़ा-ए-मौत दकर सरज की रौशनी म रब क सामन लटका वनार रबका इसराईिलयो पर स ग़ज़ब नही टलगाrdquo 5 चनाचमसा न इसराईल क क़ािज़यो स कहा ldquoलािज़म ह िकतम म स हर एक अपन उन आदिमयो को जान समार द जो बाल-फ़ग़र दवता की पजा म शरीक हएहrdquo

6 मसा और इसराईल की परी जमाअत मलाक़ात कख़म क दरवाज़ पर जमा हो कर रोन लग इिततफ़ाक़स उसी वक़त एक आदमी वहा स गज़रा जो एकिमिदयानी औरत को अपन घर ल जा रहा था 7 यहदख कर हारन का पोता फ़ीनहास िबन इलीअज़र

िगनती 258ndash2622 187जमाअत स िनकला और नज़ा पकड़ कर 8 उसइसराईली क पीछ चल पड़ा वह औरत समत अपनख़म म दािख़ल हआ तो फ़ीनहास न उन क पीछ पीछजा कर नज़ा इतन ज़ोर स मारा िक वह दोनो म सगज़र गया उस वक़त वबा फलन लगी थी लिकनफ़ीनहास क इस अमल स वह रक गई 9 तो भी24000 अफ़राद मर चक थ

10 रब न मसा स कहा 11 ldquoहारन क पोत फ़ीनहासिबन इलीअज़र न इसराईिलयो पर मरा ग़ससा ठडाकर िदया ह मरी ग़रत अपना कर वह इसराईल मदीगर माबदो की पजा को बदारशत न कर सका इसिलए मरी ग़रत न इसराईिलयो को नसत-ओ-नाबद नहीिकया 12 िलहाज़ा उस बता दना िक म उस क साथसलामती का अहद क़ाइम करता ह 13 इस अहदक तहत उस और उस की औलाद को अबद तकइमाम का उहदा हािसल रहगा कयिक अपन ख़दा कीख़ाितर ग़रत खा कर उस न इसराईिलयो का कफ़फ़ारािदयाrdquo

14 िजस आदमी को िमिदयानी औरत क साथ मारिदया गया उस का नाम िज़मरी िबन सल था औरवह शमाऊन क क़बील क एक आबाई घरान कासरपरसत था 15 िमिदयानी औरत का नाम कज़बीथा और वह सर की बटी थी जो िमिदयािनयो कएक आबाई घरान का सरपरसत था

16 रब न मसा स कहा 17 ldquoिमिदयािनयो को दशमनक़रार द कर उनह मार डालना 18 कयिक उनहो नअपनी चालािकयो स तमहार साथ दशमन का सासलक िकया उनहो न तमह बाल-फ़ग़र की पजाकरन पर उकसाया और तमह अपनी बहन िमिदयानीसरदार की बटी कज़बी क ज़रीए िजस वबा फलतवक़त मार िदया गया बहकायाrdquo

दसरी मदरमशमारी

26 1 वबा क बाद रब न मसा और हारन कबट इलीअज़र स कहा

2 ldquoपरी इसराईली जमाअत की मदरमशमारी उन कआबाई घरानो क मतािबक़ करना उन तमाम मदोरको िगनना जो 20 साल या इस स ज़ाइद क ह औरजो जग लड़न क क़ािबल हrdquo

3ndash4 मसा और इलीअज़र न इसराईिलयो को बतायािक रब न उनह कया हकम िदया ह चनाच उनहो नमोआब क मदानी इलाक़ म यरीह क सामन लिकनदरया-ए-यदरन क मशिरक़ी िकनार पर मदरमशमारीकी यह वह इसराईली आदमी थ जो िमसर स िनकलथ

5ndash7 इसराईल क पहलौठ रिबन क क़बील क43730 मदर थ क़बील क चार कब हनकी फ़ललवीहसरोनी और कमीर रिबन क बटो हनक फ़लल हसरोनऔर कमीर स िनकल हए थ 8 रिबन का बटा फ़ललइिलयाब का बाप था 9 िजस क बट नमएल दातनऔर अबीराम थ

दातन और अबीराम वही लोग थ िजनह जमाअतन चना था और िजनहो न क़ोरह क गरोह समत मसाऔर हारन स झगड़त हए ख़द रब स झगड़ा िकया10 उस वक़त ज़मीन न अपना मह खोल कर उनहक़ोरह समत हड़प कर िलया था उस क 250 साथीभी मर गए थ जब आग न उनह भसम कर िदया य वह सब इसराईल क िलए इबरतअगज़ िमसाल बन गएथ 11 लिकन क़ोरह की परी नसल िमटाई नही गईथी

12ndash14 शमाऊन क क़बील क 22200 मदर थक़बील क पाच कब नमएली यमीनी यक़ीनीज़ारही और साऊली शमाऊन क बटो नमएल यमीनयकीन ज़ारह और साऊल स िनकल हए थ

15ndash18 जद क क़बील क 40500 मदर थ क़बील कसात कब सफ़ोनी हजजी सनी उज़नी एरी अरदीऔर अरली जद क बटो सफ़ोन हजजी सनी उज़नीएरी अरद और अरली स िनकल हए थ

19ndash22 यहदाह क क़बील क 76500 मदर थयहदाह क दो बट एर और ओनान िमसर आन सपहल कनआन म मर गए थ क़बील क तीन कब

188 िगनती 2623ndash62सलानी फ़ारसी और ज़ारही यहदाह क बटो सलाफ़ारस और ज़ारह स िनकल हए थ

फ़ारस क दो बटो हसरोन और हमल स दो कबहसरोनी और हमली िनकल हए थ 23ndash25 इशकार कक़बील क 64300 मदर थ क़बील क चार कबतोलई फ़ववी यसबी और िसमरोनी इशकार क बटोतोला फ़ववा यसब और िसमरोन स िनकल हए थ

26ndash27 ज़बलन क क़बील क 60500 मदर थक़बील क तीन कब सरदी ऐलोनी और यहलीएलीज़बलन क बटो सरद ऐलोन और यहलीएल सिनकल हए थ

28 यसफ़ क दो बटो मनससी और इफ़राईम क अलगअलग क़बील बन

29ndash34 मनससी क क़बील क 52700 मदर थक़बील क आठ कब मकीरी िजिलआदी ईअज़रीख़लक़ी असरीएली िसकमी समीदाई और िहफ़रीथ मकीरी मनससी क बट मकीर स जबिकिजिलआदी मकीर क बट िजिलआद स िनकल हएथ बाक़ी कब िजिलआद क छः बटो ईअज़रख़लक़ असरीएल िसकम समीदा और िहफ़र सिनकल हए थ

िहफ़र िसलािफ़हाद का बाप था िसलािफ़हाद काकोई बटा नही बिलक पाच बिटया महलाह नआहहजलाह िमलकाह और ितज़ार थी

35ndash37 इफ़राईम क क़बील क 32500 मदर थक़बील क चार कब सतलही बकरी तहनी औरईरानी थ पहल तीन कब इफ़राईम क बटो सतलहबकर और तहन स जबिक ईरानी सतलह क बटईरान स िनकल हए थ

38ndash41 िबनयमीन क क़बील क 45600 मदर थक़बील क सात कब बालाई अशबली अख़ीरामीसफ़ामी हफ़ामी अदीर और नामानी थ पहल पाचकब िबनयमीन क बटो बाला अशबल अख़ीरामसफ़ाम और हफ़ाम स जबिक अदीर और नामानीबाला क बटो स िनकल हए थ

42ndash43 दान क क़बील क 64400 मदर थ सब दानक बट सहाम स िनकल हए थ इस िलए सहामीकहलात थ

44ndash47 आशर क क़बील क 53400 मदर थ क़बीलक पाच कब ियमनी इसवी बरीई िहबरी औरमलकीएली थ पहल तीन कब आशर क बटो ियमनाइसवी और बरीआ स जबिक बाक़ी बरीआ क बटोिहबर और मलकीएल स िनकल हए थ आशर कीएक बटी बनाम िसरह भी थी

48ndash50 नफ़ताली क क़बील क 45400 मदर थक़बील क चार कब यहसीएली जनी ियसरी औरिसललीमी नफ़ताली क बटो यहसीएल जनी ियसरऔर िसललीम स िनकल हए थ

51 इसराईली मदोर की कल तादाद 601730 थी52 रब न मसा स कहा 53 ldquoजब मलक-ए-कनआन

को तक़सीम िकया जाएगा तो ज़मीन इन की तादादक मतािबक़ दना ह 54 बड़ क़बीलो को छोट कीिनसबत ज़यादा ज़मीन दी जाए हर क़बील का इलाक़ाउस की तादाद स मतािबक़त रख 55ndash56 क़रआडालन स फ़सला िकया जाए िक हर क़बील कोकहा ज़मीन िमलगी लिकन हर क़बील क इलाक़का रक़बा इस पर मबनी हो िक क़बील क िकतनअफ़राद हrdquo

57 लावी क क़बील क तीन कब जसोरनी िक़हातीऔर िमरारी लावी क बटो जसोरन िक़हात औरिमरारी स िनकल हए थ 58 इस क इलावा िलबनीिहबरनी महली मशी और कोरही भी लावी क कबथ िक़हात अमराम का बाप था 59 अमराम न लावीऔरत यकिबद स शादी की जो िमसर म पदा हई थीउन क दो बट हारन और मसा और एक बटी मिरयमपदा हए 60 हारन क बट नदब अबीह इलीअज़रऔर इतमर थ 61 लिकन नदब और अबीह रब कोबख़र की नाजाइज़ क़बारनी पश करन क बाइस मरगए 62 लािवयो क मदोर की कल तादाद 23000थी इन म वह सब शािमल थ जो एक माह या इसस ज़ाइद क थ उनह दसर इसराईिलयो स अलग िगना

िगनती 2663ndash2721 189गया कयिक उनह इसराईल म मीरास म ज़मीन नहीिमलनी थी

63 य मसा और इलीअज़र न मोआब क मदानीइलाक़ म यरीह क सामन लिकन दरया-ए-यदरन कमशिरक़ी िकनार पर इसराईिलयो की मदरमशमारी की64 लोगो को िगनत िगनत उनह मालम हआ िक जोलोग दशत-ए-सीन म मसा और हारन की पहलीमदरमशमारी म िगन गए थ वह सब मर चक ह 65 रबन कहा था िक वह सब क सब रिगसतान म मरजाएग और ऐसा ही हआ था िसफ़र कािलब िबनयफ़नना और यशअ िबन नन िज़नदा रह

िसलािफ़हाद की बिटया

27 1 िसलािफ़हाद की पाच बिटया महलाहनआह हजलाह िमलकाह और ितज़ार थी

िसलािफ़हाद यसफ़ क बट मनससी क कब काथा उस का परा नाम िसलािफ़हाद िबन िहफ़रिबन िजिलआद िबन मकीर िबन मनससी िबन यसफ़था 2 िसलािफ़हाद की बिटया मलाक़ात क ख़म कदरवाज़ पर आ कर मसा इलीअज़र इमाम और परीजमाअत क सामन खड़ी हई उनहो न कहा 3 ldquoहमाराबाप रिगसतान म फ़ौत हआ लिकन वह क़ोरह कउन सािथयो म स नही था जो रब क िख़लाफ़ मततिहदहए थ वह इस सबब स न मरा बिलक अपन ज़ातीगनाह क बाइस जब वह मर गया तो उस का कोईबटा नही था 4 कया यह ठीक ह िक हमार ख़ानदानम बटा न होन क बाइस हम ज़मीन न िमल औरहमार बाप का नाम-ओ-िनशान िमट जाए हम भीहमार बाप क दीगर िरशतदारो क साथ ज़मीन दrdquo

5 मसा न उन का मआमला रब क सामन पश िकया6 तो रब न उस स कहा 7 ldquoजो बात िसलािफ़हाद कीबिटया कर रही ह वह दरसत ह उनह ज़रर उन कबाप क िरशतदारो क साथ ज़मीन िमलनी चािहएउनह बाप का िवरसा िमल जाए 8 इसराईिलयो कोभी बताना िक जब भी कोई आदमी मर जाए िजसका बटा न हो तो उस की बटी को उस की मीरास

िमल जाए 9 अगर उस की बटी भी न हो तो उस कभाइयो को उस की मीरास िमल जाए 10 अगर उसक भाई भी न हो तो उस क बाप क भाइयो को उसकी मीरास िमल जाए 11 अगर यह भी न हो तो उसक सब स क़रीबी िरशतदार को उस की मीरास िमलजाए वह उस की ज़ाती िमलिकयत होगी यह उसलइसराईिलयो क िलए क़ाननी हिसयत रखता ह वहइस वसा मान जसा रब न मसा को हकम िदया हrdquo

यशअ को मसा का जानशीन मक़ररर िकया जाता ह12 िफर रब न मसा स कहा ldquoअबारीम क पहाड़ी

िसलिसल क इस पहाड़ पर चढ़ कर उस मलकपर िनगाह डाल जो म इसराईिलयो को दगा 13 उसदखन क बाद त भी अपन भाई हारन की तरह कचकरक अपन बापदादा स जा िमलगा 14 कयिक तमदोनो न दशत-ए-सीन म मर हकम की िख़लाफ़वरज़ीकी उस वक़त जब परी जमाअत न मरीबा म मरिख़लाफ़ िगला-िशकवा िकया तो त न चटान सपानी िनकालत वक़त लोगो क सामन मरी क़ददिसयतक़ाइम न रखीrdquo (मरीबा दशत-ए-सीन क क़ािदस मचशमा ह)

15 मसा न रब स कहा 16 ldquoऐ रब तमाम जानो कख़दा जमाअत पर िकसी आदमी को मक़ररर कर17 जो उन क आग आग जग क िलए िनकल औरउन क आग आग वापस आ जाए जो उनह बाहरल जाए और वापस ल आए वनार रब की जमाअतउन भड़ो की मािननद होगी िजन का कोई चरवाहा नहोrdquo

18 जवाब म रब न मसा स कहा ldquoयशअ िबननन को चन ल िजस म मरा रह ह और अपनाहाथ उस पर रख 19 उस इलीअज़र इमाम और परीजमाअत क सामन खड़ा करक उन क र-ब-र हीउस राहनमाई की िज़ममादारी द 20 अपन इख़ितयारम स कछ उस द तािक इसराईल की परी जमाअत उसकी इताअत कर 21 रब की मज़ीर जानन क िलए वहइलीअज़र इमाम क सामन खड़ा होगा तो इलीअज़र

190 िगनती 2722ndash2822रब क सामन ऊरीम और तममीम इसतमाल करक उसकी मज़ीर दरयाफ़त करगा उसी क हकम पर यशअऔर इसराईल की परी जमाअत ख़मागाह स िनकलगऔर वापस आएगrdquo

22 मसा न ऐसा ही िकया उस न यशअ को चनकर इलीअज़र और परी जमाअत क सामन खड़ािकया 23 िफर उस न उस पर अपन हाथ रख करउस राहनमाई की िज़ममादारी सौपी िजस तरह रब नउस बताया था

रोज़मरार की क़बारिनया

28 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोबताना ख़याल रखो िक तम मक़रररा

औक़ात पर मझ जलन वाली क़बारिनया पश करोयह मरी रोटी ह और इन की ख़शब मझ पसनद ह3 रब को जलन वाली यह क़बारनी पश करना

रोज़ाना भड़ क दो यकसाला बचच जो बऐब हो परतौर पर जला दना 4 एक को सबह क वक़त पशकरना और दसर को सरज क डबन क ऐन बाद5 भड़ क बचच क साथ ग़लला की नज़र भी पश की जाएयानी डढ़ िकलोगराम बहतरीन मदा जो एक िलटरज़तन क कट कर िनकाल हए तल क साथ िमलायागया हो 6 यह रोज़मरार की क़बारनी ह जो पर तौरपर जलाई जाती ह और पहली दफ़ा सीना पहाड़ परचढ़ाई गई इस जलन वाली क़बारनी की ख़शब रबको पसनद ह 7ndash8 साथ ही एक िलटर शराब भी नज़रक तौर पर क़बारनगाह पर डाली जाए सबह औरशाम की यह क़बारिनया दोनो ही इस तरीक़ स पशकी जाए

सबत यानी हफ़त की क़बारनी9 सबत क िदन भड़ क दो और बचच चढ़ाना वह

भी बऐब और एक साल क हो साथ ही म और ग़ललाकी नज़र भी पश की जाए ग़लला की नज़र क िलए 3िकलोगराम बहतरीन मदा तल क साथ िमलाया जाए

10 भसम होन वाली यह क़बारनी हर हफ़त क िदन पशकरनी ह यह रोज़मरार की क़बारिनयो क इलावा ह

हर माह क पहल िदन की क़बारनी11 हर माह क शर म रब को भसम होन वाली

क़बारनी क तौर पर दो जवान बल एक मढा और भड़क सात यकसाला बचच पश करना सब बग़र नक़सक हो 12 हर जानवर क साथ ग़लला की नज़र पशकरना िजस क िलए तल म िमलाया गया बहतरीनमदा इसतमाल िकया जाए हर बल क साथ साढ़ 4िकलोगराम हर मढ क साथ 3 िकलोगराम 13 और भड़क हर बचच क साथ डढ़ िकलोगराम मदा पश करनाभसम होन वाली यह क़बारिनया रब को पसनद ह14 इन क़बारिनयो क साथ म की नज़र भी क़बारनगाहपर डालना यानी हर बल क साथ दो िलटर हर मढक साथ सवा िलटर और भड़ क हर बचच क साथ एकिलटर म पश करना यह क़बारनी साल म हर महीन कपहल िदन क मौक़ पर पश करनी ह 15 इस क़बारनीऔर रोज़मरार की क़बारिनयो क इलावा रब को एकबकरा गनाह की क़बारनी क तौर पर पश करना

फ़सह की क़बारिनया 16 पहल महीन क चौधव िदन फ़सह की ईद मनाई

जाए 17 अगल िदन पर हफ़त की वह ईद शर होतीह िजस क दौरान तमह िसफ़र बख़मीरी रोटी खानी ह18 पहल िदन काम न करना बिलक मक़ददस इजितमाक िलए इकटठ होना 19 रब क हज़र भसम होन वालीक़बारनी क तौर पर दो जवान बल एक मढा औरभड़ क सात यकसाला बचच पश करना सब बग़रनक़स क हो 20 हर जानवर क साथ ग़लला की नज़रभी पश करना िजस क िलए तल क साथ िमलायागया बहतरीन मदा इसतमाल िकया जाए हर बल कसाथ साढ़ 4 िकलोगराम हर मढ क साथ 3 िकलोगराम21 और भड़ क हर बचच क साथ डढ़ िकलोगराम मदापश करना 22 गनाह की क़बारनी क तौर पर एकबकरा भी पश करना तािक तमहारा कफ़फ़ारा िदया

िगनती 2823ndash2935 191जाए 23ndash24 इन तमाम क़बारिनयो को ईद क दौरानहर रोज़ पश करना यह रोज़मरार की भसम होन वालीक़बारिनयो क इलावा ह इस ख़राक की ख़शब रबको पसनद ह 25 सातव िदन काम न करना बिलकमक़ददस इजितमा क िलए इकटठ होना

फ़सल की कटाई की ईद की क़बारिनया 26 फ़सल की कटाई क पहल िदन की ईद पर जब

तम रब को अपनी फ़सल की पहली पदावार पशकरत हो तो काम न करना बिलक मक़ददस इजितमाक िलए इकटठ होना 27ndash29 उस िदन दो जवान बलएक मढा और भड़ क सात यकसाला बचच क़बारनगाहपर पर तौर पर जला दना इस क साथ ग़लला और मकी वही नज़र पश करना जो फ़सह की ईद पर भी पशकी जाती ह 30 इस क इलावा रब को एक बकरागनाह की क़बारनी क तौर पर चढ़ाना

31 यह तमाम क़बारिनया रोज़मरार की भसम होनवाली क़बारिनयो और उन क साथ वाली ग़लला औरम की नज़रो क इलावा ह वह बऐब हो

नए साल की ईद की क़बारिनया

29 1 सातव माह क पदरहव िदन भी काम नकरना बिलक मक़ददस इजितमा क िलए

इकटठ होना उस िदन नरिसग फक जाए 2 रब कोभसम होन वाली क़बारनी पश की जाए िजस कीख़शब उस पसनद हो यानी एक जवान बल एकमढा और भड़ क सात यकसाला बचच सब नक़सक बग़र हो 3 हर जानवर क साथ ग़लला की नज़र भीपश करना िजस क िलए तल क साथ िमलाया गयाबहतरीन मदा इसतमाल िकया जाए बल क साथसाढ़ 4 िकलोगराम मढ क साथ 3 िकलोगराम 4 औरभड़ क हर बचच क साथ डढ़ िकलोगराम मदा पशकरना 5 एक बकरा भी गनाह की क़बारनी क तौरपर पश करना तािक तमहारा कफ़फ़ारा िदया जाए6 यह क़बारिनया रोज़ाना और हर माह क पहल िदन

की क़बारिनयो और उन क साथ की ग़लला और म कीनज़रो क इलावा ह इन की ख़शब रब को पसनद ह

कफ़फ़ारा क िदन की क़बारिनया 7 सातव महीन क दसव िदन मक़ददस इजितमा क

िलए इकटठ होना उस िदन काम न करना और अपनीजान को दख दना 8ndash11 रब को वही क़बारिनया पशकरना जो इसी महीन क पहल िदन पश की जाती हिसफ़र एक फ़क़र ह उस िदन एक नही बिलक दो बकरगनाह की क़बारनी क तौर पर पश िकए जाए तािकतमहारा कफ़फ़ारा िदया जाए ऐसी क़बारिनया रब कोपसनद ह

झोपिड़यो की ईद की क़बारिनया 12 सातव महीन क पदरहव िदन भी काम न करना

बिलक मक़ददस इजितमा क िलए इकटठ होना सातिदन तक रब की ताज़ीम म ईद मनाना 13 ईद कपहल िदन रब को 13 जवान बल 2 मढ और 14भड़ क यकसाला बचच भसम होन वाली क़बारनी कतौर पर पश करना इन की ख़शब उस पसनद हसब नक़स क बग़र हो 14 हर जानवर क साथ ग़ललाकी नज़र भी पश करना िजस क िलए तल स िमलायागया बहतरीन मदा इसतमाल िकया जाए हर बल कसाथ साढ़ 4 िकलोगराम हर मढ क साथ 3 िकलोगराम15 और भड़ क हर बचच क साथ डढ़ िकलोगराम मदापश करना 16 इस क इलावा एक बकरा भी गनाहकी क़बारनी क तौर पर पश करना यह क़बारिनया रोज़ाना की भसम होन वाली क़बारिनयो और उन कसाथ वाली ग़लला और म की नज़रो क इलावा ह17ndash34 ईद क बाक़ी छः िदन यही क़बारिनया पश करनीह लिकन हर िदन एक बल कम हो यानी दसर िदन12 तीसर िदन 11 चौथ िदन 10 पाचव िदन 9छट िदन 8 और सातव िदन 7 बल हर िदन गनाहकी क़बारनी क िलए बकरा और मामल की रोज़ानाकी क़बारिनया भी पश करना 35 ईद क आठव िदनकाम न करना बिलक मक़ददस इजितमा क िलए इकटठ

192 िगनती 2936ndash313होना 36 रब को एक जवान बल एक मढा और भड़क सात यकसाला बचच भसम होन वाली क़बारनी कतौर पर पश करना इन की ख़शब रब को पसनदह सब नक़स क बग़र हो 37ndash38 साथ ही वह तमामक़बारिनया भी पश करना जो पहल िदन पश कीजाती ह 39 यह सब वही क़बारिनया ह जो तमह रबको अपनी ईदो पर पश करनी ह यह उन तमामक़बारिनयो क इलावा ह जो तम िदली ख़शी स यामननत मान कर दत हो चाह वह भसम होन वालीग़लला की म की या सलामती की क़बारिनया कय नहोrdquo

40 मसा न रब की यह तमाम िहदायात इसराईिलयोको बता दी

मननत मानन क क़वाइद

30 1 िफर मसा न क़बीलो क सरदारो स कहाldquoरब फ़रमाता ह

2 अगर कोई आदमी रब को कछ दन की मननत मानया िकसी चीज़ स पह रज़ करन की क़सम खाए तो वहअपनी बात पर क़ाइम रह कर उस परा कर

3 अगर कोई जवान औरत जो अब तक अपन बापक घर म रहती ह रब को कछ दन की मननत मानया िकसी चीज़ स पह रज़ करन की क़सम खाए 4 तोलािज़म ह िक वह अपनी मननत या क़सम की हर बातपरी कर शतर यह ह िक उस का बाप उस क बार मसन कर एितराज़ न कर 5 लिकन अगर उस का बापयह सन कर उस ऐसा करन स मना कर तो उस कीमननत या क़सम मनसख़ ह और वह उस परा करन सबरी ह रब उस मआफ़ करगा कयिक उस क बापन उस मना िकया ह

6 हो सकता ह िक िकसी ग़रशादीशदा औरत नमननत मानी या िकसी चीज़ स पह रज़ करन की क़समखाई चाह उस न दािनसता तौर पर या बसोच-समझऐसा िकया इस क बाद उस औरत न शादी कर ली7 शादीशदा हालत म भी लािज़म ह िक वह अपनीमननत या क़सम की हर बात परी कर शतर यह ह िक

उस का शौहर इस क बार म सन कर एितराज़ न कर8 लिकन अगर उस का शौहर यह सन कर उस ऐसाकरन स मना कर तो उस की मननत या क़सम मनसख़ह और वह उस परा करन स बरी ह रब उस मआफ़करगा 9 अगर िकसी बवा या तलाकशदा औरत नमननत मानी या िकसी चीज़ स पह रज़ करन की क़समखाई तो लािज़म ह िक वह अपनी हर बात परी कर

10 अगर िकसी शादीशदा औरत न मननत मानी यािकसी चीज़ स पह रज़ करन की क़सम खाई 11 तोलािज़म ह िक वह अपनी हर बात परी कर शतर यहह िक उस का शौहर उस क बार म सन कर एितराज़न कर 12 लिकन अगर उस का शौहर उस ऐसा करनस मना कर तो उस की मननत या क़सम मनसख़ हवह उस परा करन स बरी ह रब उस मआफ़ करगाकयिक उस क शौहर न उस मना िकया ह 13 चाहबीवी न कछ दन की मननत मानी हो या िकसी चीज़स पह रज़ करन की क़सम खाई हो उस क शौहर कोउस की तसदीक़ या उस मनसख़ करन का इख़ितयारह 14 अगर उस न अपनी बीवी की मननत या क़समक बार म सन िलया और अगल िदन तक एितराज़न िकया तो लािज़म ह िक उस की बीवी अपनी हरबात परी कर शौहर न अगल िदन तक एितराज़ नकरन स अपनी बीवी की बात की तसदीक़ की ह15 अगर वह इस क बाद यह मननत या क़सम मनसख़कर तो उस इस क़सर क नताइज भगतन पड़गrdquo

16 रब न मसा को यह िहदायात दी यह ऐसी औरतोकी मननतो या क़समो क उसल ह जो ग़रशादीशदाहालत म अपन बाप क घर म रहती ह या जोशादीशदा ह

िमिदयािनयो स जग

31 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoिमिदयािनयो सइसराईिलयो का बदला ल इस क बाद त

कच करक अपन बापदादा स जा िमलगाrdquo3 चनाच मसा न इसराईिलयो स कहा ldquoहिथयारो

स अपन कछ आदिमयो को लस करो तािक वह

िगनती 314ndash35 193िमिदयान स जग करक रब का बदला ल 4 हरक़बील क 1000 मदर जग लड़न क िलए भजोrdquo

5 चनाच हर क़बील क 1000 मसललह मदर यानीकल 12000 आदमी चन गए 6 तब मसा न उनह जगलड़न क िलए भज िदया उस न इलीअज़र इमाम कबट फ़ीनहास को भी उन क साथ भजा िजस क पासमिक़दस की कछ चीज़ और एलान करन क िबगलथ 7 उनहो न रब क हकम क मतािबक़ िमिदयािनयोस जग की और तमाम आदिमयो को मौत क घाटउतार िदया 8 इन म िमिदयािनयो क पाच बादशाहइवी रक़म सर हर और रबा थ बलआम िबनबओर को भी जान स मार िदया गया

9 इसराईिलयो न िमिदयानी औरतो और बचचो कोिगिरफ़तार करक उन क तमाम गाय-बल भड़-बकिरया और माल लट िलया 10 उनहो न उन कीतमाम आबािदयो को ख़मागाहो समत जला कर राखकर िदया 11ndash12 िफर वह तमाम लटा हआ मालक़िदयो और जानवरो समत मसा इलीअज़र इमामऔर इसराईल की परी जमाअत क पास ल आएजो ख़मागाह म इिनतज़ार कर रह थ अभी तकवह मोआब क मदानी इलाक़ म दरया-ए-यदरन कमशिरक़ी िकनार पर यरीह क सामन ठहर हए थ13 मसा इलीअज़र और जमाअत क तमाम सरदारउन का इिसतक़बाल करन क िलए ख़मागाह सिनकल

14 उनह दख कर मसा को हज़ार हज़ार और सौसौ अफ़राद पर मक़ररर अफ़सरान पर ग़ससा आया15 उस न कहा ldquoआप न तमाम औरतो को कय बचाएरखा 16 उन ही न बलआम क मशवर पर फ़ग़र मइसराईिलयो को रब स दर कर िदया था उन ही कसबब स रब की वबा उस क लोगो म फल गई17 चनाच अब तमाम लड़को को जान स मार दोउन तमाम औरतो को भी मौत क घाट उतारना जोकवािरया नही ह 18 लिकन तमाम कवािरयो कोबचाए रखना 19 िजस न भी िकसी को मार िदया यािकसी लाश को छआ ह वह सात िदन तक ख़मागाह

क बाहर रह तीसर और सातव िदन अपन आपको अपन क़िदयो समत गनाह स पाक-साफ़ करना20 हर िलबास और हर चीज़ को पाक-साफ़ करनाजो चमड़ बकिरयो क बालो या लकड़ी की होrdquo

21 िफर इलीअज़र इमाम न जग स वापस आन वालमदोर स कहा ldquoजो शरीअत रब न मसा को दी उसक मतािबक़ 22ndash23 जो भी चीज़ जल नही जाती उसआग म स गज़ार दना तािक पाक-साफ़ हो जाएउस म सोना चादी पीतल लोहा टीन और सीसाशािमल ह िफर उस पर नापाकी दर करन का पानीिछड़कना बाक़ी तमाम चीज़ पानी म स गज़ार दनातािक वह पाक-साफ़ हो जाए 24 सातव िदन अपनिलबास को धोना तो तम पाक-साफ़ हो कर ख़मागाहम दािख़ल हो सकत होrdquo

लट हए माल की तक़सीम25 रब न मसा स कहा 26 ldquoतमाम क़िदयो और लट

हए जानवरो को िगन इस म इलीअज़र इमाम औरक़बाइली कबो क सरपरसत तरी मदद कर 27 सारामाल दो बराबर क िहससो म तक़सीम करना एकिहससा फ़ौिजयो क िलए और दसरा बाक़ी जमाअतक िलए हो 28 फ़ौिजयो क िहसस क पाच पाच सौक़िदयो म स एक एक िनकाल कर रब को दना इसीतरह पाच पाच सौ बलो गधो भड़ो और बकिरयोम स एक एक िनकाल कर रब को दना 29 उनहइलीअज़र इमाम को दना तािक वह उनह रब कोउठान वाली क़बारनी क तौर पर पश कर 30 बाक़ीजमाअत क िहसस क पचास पचास क़िदयो म सएक एक िनकाल कर रब को दना इसी तरह पचासपचास बलो गधो भड़ो और बकिरयो या दसरजानवरो म स भी एक एक िनकाल कर रब को दनाउनह उन लािवयो को दना जो रब क मिक़दस कोसभालत हrdquo

31 मसा और इलीअज़र न ऐसा ही िकया32ndash34 उनहो न 675000 भड़-बकिरया 72000गाय-बल और 61000 गध िगन 35 इन क इलावा

194 िगनती 3136ndash321232000 क़दी कवािरया भी थी 36ndash40 फ़ौिजयोको तमाम चीज़ो का आधा िहससा िमल गयायानी 337500 भड़-बकिरया 36000 गाय-बल30500 गध और 16000 क़दी कवािरया इन मस उनहो न 675 भड़-बकिरया 72 गाय-बल 61 गधऔर 32 लड़िकया रब को दी 41 मसा न रब का यहिहससा इलीअज़र इमाम को उठान वाली क़बारनी कतौर पर द िदया िजस तरह रब न हकम िदया था42ndash47 बाक़ी जमाअत को भी लट हए माल का आधािहससा िमल गया मसा न पचास पचास क़िदयो औरजानवरो म स एक एक िनकाल कर उन लािवयो कोद िदया जो रब का मिक़दस सभालत थ उस न वसाही िकया जसा रब न हकम िदया था

48 िफर वह अफ़सर मसा क पास आए जो लशकरक हज़ार हज़ार और सौ सौ आदिमयो पर मक़रररथ 49 उनहो न उस स कहा ldquoआप क ख़ािदमो नउन फ़ौिजयो को िगन िलया ह िजन पर वह मक़रररह और हम पता चल गया िक एक भी कम नहीहआ 50 इस िलए हम रब को सोन का तमाम ज़वरक़बारन करना चाहत ह जो हम फ़तह पान पर िमलाथा मसलन सोन क बाज़बनद कगन महर लगान कीअगिठया बािलया और हार यह सब कछ हम रबको पश करना चाहत ह तािक रब क सामन हमाराकफ़फ़ारा हो जाएrdquo

51 मसा और इलीअज़र इमाम न सोन की तमामचीज़ उन स ल ली 52 जो चीज़ उनहो न अफ़सरानक लट हए माल म स रब को उठान वाली क़बारनीक तौर पर पश की उन का परा वज़न तक़रीबन190 िकलोगराम था 53 िसफ़र अफ़सरान न ऐसा िकयाबाक़ी फ़ौिजयो न अपना लट का माल अपन िलएरख िलया 54 मसा और इलीअज़र अफ़सरान का यहसोना मलाक़ात क ख़म म ल आए तािक वह रब कोउस की क़ौम की याद िदलाता रह

दरया-ए-यदरन क मशिरक़ी िकनार परआबाद क़बील

32 1 रिबन और जद क क़बीलो क पासबहत स मवशी थ जब उनहो न दखा िक

याज़र और िजिलआद का इलाक़ा मवशी पालन किलए अचछा ह 2 तो उनहो न मसा इलीअज़र इमामऔर जमाअत क राहनमाओ क पास आ कर कहा3ndash4 ldquoिजस इलाक़ को रब न इसराईल की जमाअत कआग आग िशकसत दी ह वह मवशी पालन क िलएअचछा ह अतारात दीबोन याज़र िनमरा हसबोनइलीआली सबाम नब और बऊन जो इस म शािमलह हमार काम आएग कयिक आप क ख़ािदमो कपास मवशी ह 5 अगर आप की नज़र-ए-करम हमपर हो तो हम यह इलाक़ा िदया जाए यह हमारीिमलिकयत बन जाए और हम दरया-ए-यदरन को पारकरन पर मजबर न िकया जाएrdquo

6 मसा न जद और रिबन क अफ़राद स कहाldquoकया तम यहा पीछ रह कर अपन भाइयो को छोड़नाचाहत हो जब वह जग लड़न क िलए आग िनकलग7 उस वक़त जब इसराईली दरया-ए-यदरन को पारकरक उस मलक म दािख़ल होन वाल ह जो रबन उनह िदया ह तो तम कय उन की हौसलािशकनीकर रह हो 8 तमहार बापदादा न भी यही कछ िकयाजब म न उनह क़ािदस-बनीरअ स मलक क बार ममालमात हािसल करन क िलए भजा 9 इसकाल कीवादी म पहच कर मलक की तफ़तीश करन क बादउनहो न इसराईिलयो की हौसलािशकनी की तािकवह उस मलक म दािख़ल न हो जो रब न उनह िदयाथा 10 उस िदन रब न ग़सस म आ कर क़सम खाई11 lsquoउन आदिमयो म स जो िमसर स िनकल आए हकोई उस मलक को नही दखगा िजस का वादा मन क़सम खा कर इबराहीम इसहाक़ और याक़ब सिकया था कयिक उनहो न परी वफ़ादारी स मरी परवीन की िसफ़र वह िजन की उमर उस वक़त 20 साल सकम ह दािख़ल होग 12 बज़गोर म स िसफ़र कािलबिबन यफ़नना क़िनज़ज़ी और यशअ िबन नन मलक म

िगनती 3213ndash37 195दािख़ल होग इस िलए िक उनहो न परी वफ़ादारीस मरी परवी कीrsquo 13 उस वक़त रब का ग़ज़ब उनपर आन पड़ा और उनह 40 साल तक रिगसतान ममार मार िफरना पड़ा जब तक िक वह तमाम नसलख़तम न हो गई िजस न उस क नज़दीक ग़लत कामिकया था 14 अब तम गनाहगारो की औलाद अपनबापदादा की जगह खड़ हो कर रब का इसराईल परग़ससा मज़ीद बढ़ा रह हो 15 अगर तम उस की परवीस हटोग तो वह दबारा इन लोगो को रिगसतान म रहनदगा और तम इन की हलाकत का बाइस बनोगrdquo

16 इस क बाद रिबन और जद क अफ़राद दबारामसा क पास आए और कहा ldquoहम यहा िफ़लहालअपन मवशी क िलए बाड़ और अपन बाल-बचचोक िलए शहर बनाना चाहत ह 17 इस क बाद हममसललह हो कर इसराईिलयो क आग आग चलग औरहर एक को उस की अपनी जगह तक पहचाएगइतन म हमार बाल-बचच हमार शहरो की फ़सीलो कअनदर मलक क मख़ािलफ़ बािशनदो स महफ़ज़ रहग18 हम उस वक़त तक अपन घरो को नही लौटगजब तक हर इसराईली को उस की मौरसी ज़मीनन िमल जाए 19 दसर हम ख़द उन क साथ दरया-ए-यदरन क मग़िरब म मीरास म कछ नही पाएग कयिकहम अपनी मौरसी ज़मीन दरया-ए-यदरन क मशिरक़ीिकनार पर िमल चकी हrdquo

20 यह सन कर मसा न कहा ldquoअगर तम ऐसा हीकरोग तो ठीक ह िफर रब क सामन जग क िलएतययार हो जाओ 21 और सब हिथयार बाध कर रबक सामन दरया-ए-यदरन को पार करो उस वक़ततक न लौटो जब तक रब न अपन तमाम दशमनोको अपन आग स िनकाल न िदया हो 22 िफर जबमलक पर रब का क़बज़ा हो गया होगा तो तम लौटसकोग तब तम न रब और अपन हमवतन भाइयोक िलए अपन फ़राइज़ अदा कर िदए होग और यहइलाक़ा रब क सामन तमहारा मौरसी हक़ होगा23 लिकन अगर तम ऐसा न करो तो िफर तम रब हीका गनाह करोग यक़ीन जानो तमह अपन गनाह की

सज़ा िमलगी 24 अब अपन बाल-बचचो क िलए शहरऔर अपन मविशयो क िलए बाड़ बना लो लिकनअपन वाद को ज़रर परा करनाrdquo

25 जद और रिबन क अफ़राद न मसा स कहाldquoहम आप क ख़ािदम ह हम अपन आक़ा क हकमक मतािबक़ ही करग 26 हमार बाल-बचच और मवशीयही िजिलआद क शहरो म रहग 27 लिकन आप कख़ािदम मसललह हो कर दरया को पार करग और रबक सामन जग करग हम सब कछ वसा ही करगजसा हमार आक़ा न हम हकम िदया हrdquo

28 तब मसा न इलीअज़र इमाम यशअ िबन ननऔर क़बाइली कबो क सरपरसतो को िहदायत दी29 ldquoलािज़म ह िक जद और रिबन क मदर मसललहहो कर तमहार साथ ही रब क सामन दरया-ए-यदरनको पार कर और मलक पर क़बज़ा कर अगर वहऐसा कर तो उनह मीरास म िजिलआद का इलाक़ादो 30 लिकन अगर वह ऐसा न कर तो िफर उनहमलक-ए-कनआन ही म तमहार साथ मौरसी ज़मीनिमलrdquo

31 जद और रिबन क अफ़राद न इसरार िकयाldquoआप क ख़ािदम सब कछ करग जो रब न कहाह 32 हम मसललह हो कर रब क सामन दरया-ए-यदरनको पार करग और कनआन क मलक म दािख़लहोग अगरच हमारी मौरसी ज़मीन यदरन क मशिरक़ीिकनार पर होगीrdquo

33 तब मसा न जद रिबन और मनससी क आधक़बील को यह इलाक़ा िदया उस म वह परा मलकशािमल था िजस पर पहल अमोिरयो का बादशाहसीहोन और बसन का बादशाह ओज हकमत करतथ इन िशकसतख़दार ममािलक क दीहातो समततमाम शहर उन क हवाल िकए गए

34 जद क क़बील न दीबोन अतारात अरोईर35 अतरात-शोफ़ान याज़र यगबहा 36 बत-िनमराऔर बत-हारान क शहरो को दबारा तामीर िकयाउनहो न उन की फ़सील बनाई और अपन मविशयोक िलए बाड़ भी 37 रिबन क क़बील न हसबोन

196 िगनती 3238ndash3351इलीआली िक़यरताइम 38 नब बाल-मऊन औरिसबमाह दबारा तामीर िकए नब और बाल-मऊनक नाम बदल गए कयिक उनहो न उन शहरो को नएनाम िदए जो उनहो न दबारा तामीर िकए

39 मनससी क बट मकीर की औलाद न िजिलआदजा कर उस पर क़बज़ा कर िलया और उस क तमामअमोरी बािशनदो को िनकाल िदया 40 चनाच मसान मकीिरयो को िजिलआद की सरज़मीन द दी औरवह वहा आबाद हए 41 मनससी क एक आदमीबनाम याईर न उस इलाक़ म कछ बिसतयो पर क़बज़ाकरक उनह हववोत-याईर यानी lsquoयाईर की बिसतयाrsquoका नाम िदया 42 इसी तरह उस क़बील क एक औरआदमी बनाम नबह न जा कर क़नात और उस कदीहातो पर क़बज़ा कर िलया उस न शहर का नामनबह रखा

इसराईल क सफ़र क मरहल

33 1 ज़ल म उन जगहो क नाम ह जहा जहा इसराईली क़बील अपन दसतो क मतािबक़

मसा और हारन की राहनमाई म िमसर स िनकल करख़माज़न हए थ 2 रब क हकम पर मसा न हर जगहका नाम क़लमबनद िकया जहा उनहो न अपन ख़मलगाए थ उन जगहो क नाम यह ह

3 पहल महीन क पदरहव िदन इसराईली रामसीसस रवाना हए यानी फ़सह क िदन क बाद क िदनवह बड़ इख़ितयार क साथ तमाम िमिसरयो क दखतदखत चल गए 4 िमसरी उस वक़त अपन पहलौठोको दफ़न कर रह थ कयिक रब न पहलौठो को मारकर उन क दवताओ की अदालत की थी

5 रामसीस स इसराईली सककात पहच गए जहा उनहोन पहली मतरबा अपन डर लगाए 6 वहा स वह एतामपहच जो रिगसतान क िकनार पर वाक़ ह 7 एतामस वह वापस मड़ कर फ़ी-हख़ीरोत की तरफ़ बढ़ जोबाल-सफ़ोन क मशिरक़ म ह वह िमजदाल क क़रीबख़माज़न हए 8 िफर वह फ़ी-हख़ीरोत स कच करकसमनदर म स गज़र गए इस क बाद वह तीन िदन

एताम क रिगसतान म सफ़र करत करत मारा पहचगए और वहा अपन ख़म लगाए 9 मारा स वह एलीमचल गए जहा 12 चशम और खजर क 70 दरख़त थवहा ठहरन क बाद 10 वह बहर-ए-क़लज़म क सािहलपर ख़माज़न हए 11 िफर दशत-ए-सीन म पहच गए

12 उन क अगल मरहल यह थ दफ़क़ा13ndash37 अलस रफ़ीदीम जहा पीन का पानी दसतयाबन था दशत-ए-सीना क़बरोत-हततावा हसीरात िरतमािरममोन-फ़ारस िलबना िरससा क़हीलाता साफ़रपहाड़ हरादा मक़हीलोत तहत तारह िमतक़ाहशमना मौसीरोत बनी-याक़ान होर-हिजजदजादयतबाता अबरना असयन-जाबर दशत-ए-सीन म वाक़क़ािदस और होर पहाड़ जो अदोम की सरहद परवाक़ ह

38 वहा रब न हारन इमाम को हकम िदया िक वहहोर पहाड़ पर चढ़ जाए वही वह पाचव माह कपहल िदन फ़ौत हआ इसराईिलयो को िमसर स िनकल40 साल गज़र चक थ 39 उस वक़त हारन 123 सालका था

40 उन िदनो म अराद क कनआनी बादशाह न सनािक इसराईली मर मलक की तरफ़ बढ़ रह ह वहकनआन क जनब म हकमत करता था

41ndash47 होर पहाड़ स रवाना हो कर इसराईली ज़लकी जगहो पर ठहर ज़लमना फ़नोन ओबोतअयय-अबारीम जो मोआब क इलाक़ म था दीबोन-जद अलमन-िदबलाताइम और नब क क़रीब वाक़अबारीम का पहाड़ी इलाक़ा 48 वहा स उनहो नयदरन की वादी म उतर कर मोआब क मदानी इलाक़म अपन डर लगाए अब वह दरया-ए-यदरन कमशिरक़ी िकनार पर यरीह शहर क सामन थ 49 उनक ख़म बत-यसीमोत स ल कर अबील-िशततीम तकलग थ

तमाम कनआनी बािशनदो को िनकालन का हकम50 वहा रब न मसा स कहा 51 ldquoइसराईिलयो को

बताना िक जब तम दरया-ए-यदरन को पार करक

िगनती 3352ndash3428 197मलक-ए-कनआन म दािख़ल होग 52 तो लािज़म हिक तम तमाम बािशनदो को िनकाल दो उन कतराश और ढाल हए बतो को तोड़ डालो औरउन की ऊची जगहो क मिनदरो को तबाह करो53 मलक पर क़बज़ा करक उस म आबाद हो जाओकयिक म न यह मलक तमह द िदया ह यह मरीतरफ़ स तमहारी मौरसी िमलिकयत ह 54 मलक कोमख़तिलफ़ क़बीलो और ख़ानदानो म क़रआ डालकर तक़सीम करना हर ख़ानदान क अफ़राद कीतादाद का िलहाज़ रखना बड़ ख़ानदान को िनसबतनज़यादा ज़मीन दना और छोट ख़ानदान को िनसबतनकम ज़मीन 55 लिकन अगर तम मलक क बािशनदोको नही िनकालोग तो बच हए तमहारी आखो म ख़ारऔर तमहार पहलओ म काट बन कर तमह उस मलकम तग करग िजस म तम आबाद होग 56 िफर मतमहार साथ वह कछ करगा जो उन क साथ करनाचाहता हrdquo

मलक-ए-कनआन की सरहदद

34 1 रब न मसा स कहा 2 ldquoइसराईिलयो कोबताना िक जब तम उस मलक म दािख़ल

होग जो म तमह मीरास म दगा तो उस की सरहदद यहहोगी

3 उस की जनबी सरहद दशत-ए-सीन म अदोमकी सरहद क साथ साथ चलगी मशिरक़ म वहबहीरा-ए-मदारर क जनबी सािहल स शर होगी िफरइन जगहो स हो कर मग़िरब की तरफ़ गज़रगी 4 दरार-ए-अक़रबबीम क जनब म स दशत-ए-सीनम स क़ािदस-बनीरअ क जनब म स हसर-अददारऔर अज़मन म स 5 वहा स वह मड़ कर िमसरकी सरहद पर वाक़ वादी-ए-िमसर क साथ साथबहीरा-ए-रम तक पहचगी 6 उस की मग़िरबी सरहदबहीरा-ए-रम का सािहल होगा 7 उस की िशमालीसरहद बहीरा-ए-रम स ल कर इन जगहो स होकर मशिरक़ की तरफ़ गज़रगी होर पहाड़ 8 लबो-हमात िसदाद 9 िज़फ़रन और हसर-एनान हसर-

एनान िशमाली सरहद का सब स मशिरक़ी मक़ामहोगा 10 उस की मशिरक़ी सरहद िशमाल म हसर-एनान स शर होगी िफर वह इन जगहो स हो करजनब की तरफ़ गज़रगी िसफ़ाम 11 िरबला जो ऐन कमशिरक़ म ह और िकननरत यानी गलील की झील कमशिरक़ म वाक़ पहाड़ी इलाक़ा 12 इस क बाद वहदरया-ए-यदरन क िकनार िकनार गज़रती हई बहीरा-ए-मदारर तक पहचगी यह तमहार मलक की सरहददहोगीrdquo

13 मसा न इसराईिलयो स कहा ldquoयह वही मलक हिजस तमह क़रआ डाल कर तक़सीम करना ह रबन हकम िदया ह िक उस बाक़ी साढ़ नौ क़बीलो कोदना ह 14 कयिक अढ़ाई क़बीलो क ख़ानदानो कोउन की मीरास िमल चकी ह यानी रिबन और जदक पर क़बील और मनससी क आध क़बील को15 उनह यहा दरया-ए-यदरन क मशिरक़ म यरीह कसामन ज़मीन िमल चकी हrdquo

मलक तक़सीम करन क िज़ममादार आदमी16 रब न मसा स कहा 17 ldquoइलीअज़र इमाम और

यशअ िबन नन लोगो क िलए मलक तक़सीम कर18 हर क़बील क एक एक राहनमा को भी चननातािक वह तक़सीम करन म मदद कर िजन को तमहचनना ह उन क नाम यह ह

19 यहदाह क क़बील का कािलब िबन यफ़नना20 शमाऊन क क़बील का समएल िबन अममीहद21 िबनयमीन क क़बील का इलीदाद िबन

िकसलोन22 दान क क़बील का बक़क़ी िबन यगली23 मनससी क क़बील का हननीएल िबन अफ़द24 इफ़राईम क क़बील का क़मएल िबन िसफ़तान25 ज़बलन क क़बील का इलीसफ़न िबन फ़नारक26 इशकार क क़बील का फ़लतीएल िबन अज़ज़ान27 आशर क क़बील का अख़ीहद िबन शलमी28 नफ़ताली क क़बील का िफ़दाहल िबन

अममीहदrdquo

198 िगनती 3429ndash353029 रब न इन ही आदिमयो को मलक को इसराईिलयो

म तक़सीम करन की िज़ममादारी दी

लािवयो क िलए शहर

35 1 इसराईली अब तक मोआब क मदानीइलाक़ म दरया-ए-यदरन क मशिरक़ी

िकनार पर यरीह क सामन थ वहा रब न मसा सकहा

2 ldquoइसराईिलयो को बता द िक वह लािवयो कोअपनी िमली हई ज़मीनो म स रहन क िलए शहरद उनह शहरो क इदरिगदर मवशी चरान की ज़मीन भीिमल 3 िफर लािवयो क पास रहन क िलए शहर औरअपन जानवर चरान क िलए ज़मीन होगी 4 चरान किलए ज़मीन शहर क इदरिगदर होगी और चारो तरफ़का फ़ािसला फ़सीलो स 1500 फ़ट हो 5 चरान कीयह ज़मीन मरबबा शकल की होगी िजस क हर पहलका फ़ािसला 3000 फ़ट हो शहर इस मरबबा शकलक बीच म हो यह रक़बा शहर क बािशनदो क िलएहो तािक वह अपन मवशी चरा सक

ग़रइरादी ख़रज़ी क िलए पनाह क शहर6ndash7 ldquoलािवयो को कल 48 शहर दना इन म स छः

पनाह क शहर मक़ररर करना उन म ऐस लोग पनाहल सकग िजन क हाथो ग़रइरादी तौर पर कोई हलाकहआ हो 8 हर क़बीला लािवयो को अपन इलाक़ करक़ब क मतािबक़ शहर द िजस क़बील का इलाक़ाबड़ा ह उस लािवयो को ज़यादा शहर दन ह जबिकिजस क़बील का इलाक़ा छोटा ह वह लािवयो कोकम शहर दrdquo

9 िफर रब न मसा स कहा 10 ldquoइसराईिलयो कोबताना िक दरया-ए-यदरन को पार करन क बाद11 कछ पनाह क शहर मक़ररर करना उन म वहशख़स पनाह ल सकगा िजस क हाथो ग़रइरादी तौरपर कोई हलाक हआ हो 12 वहा वह इिनतक़ाम लनवाल स पनाह ल सकगा और जमाअत की अदालतक सामन खड़ होन स पहल मारा नही जा सकगा

13 इस क िलए छः शहर चन लो 14 तीन दरया-ए-यदरन क मशिरक़ म और तीन मलक-ए-कनआन महो 15 यह छः शहर हर िकसी को पनाह दग चाहवह इसराईली परदसी या उन क दरिमयान रहन वालाग़रशहरी हो िजस स भी ग़रइरादी तौर पर कोईहलाक हआ हो वह वहा पनाह ल सकता ह

16ndash18 अगर िकसी न िकसी को जान-बझ कर लोहपतथर या लकड़ी की िकसी चीज़ स मार डाला हो वहक़ाितल ह और उस सज़ा-ए-मौत दनी ह 19 मक़तलका सब स क़रीबी िरशतदार उस तलाश करक मारद 20ndash21 कयिक जो नफ़रत या दशमनी क बाइस जान-बझ कर िकसी को य धकका द उस पर कोई चीज़फक द या उस मकका मार िक वह मर जाए वह क़ाितलह और उस सज़ा-ए-मौत दनी ह

22 लिकन वह क़ाितल नही ह िजस स दशमनी कबाइस नही बिलक इिततफ़ाक़ स और ग़रइरादी तौरपर कोई हलाक हआ हो चाह उस न उस धककािदया कोई चीज़ उस पर फक दी 23 या कोई पतथरउस पर िगरन िदया 24 अगर ऐसा हआ तो लािज़मह िक जमाअत इन िहदायात क मतािबक़ उस कऔर इिनतक़ाम लन वाल क दरिमयान फ़सला कर25 अगर मिलज़म बक़सर ह तो जमाअत उस कीिहफ़ाज़त करक उस पनाह क उस शहर म वापस लजाए िजस म उस न पनाह ली ह वहा वह मक़ददसतल स मसह िकए गए इमाम-ए-आज़म की मौत तकरह 26 लिकन अगर यह शख़स इस स पहल पनाह कशहर स िनकल तो वह महफ़ज़ नही होगा 27 अगरउस का इिनतक़ाम लन वाल स सामना हो जाए तोइिनतक़ाम लन वाल को उस मार डालन की इजाज़तहोगी अगर वह ऐसा कर तो बक़सर रहगा 28 पनाहलन वाला इमाम-ए-आज़म की वफ़ात तक पनाह कशहर म रह इस क बाद ही वह अपन घर वापस जासकता ह 29 यह उसल दाइमी ह जहा भी तम रहतहो तमह हमशा इन पर अमल करना ह

30 िजस पर क़तल का इलज़ाम लगाया गया हो उसिसफ़र इस सरत म सज़ा-ए-मौत दी जा सकती ह िक

िगनती 3531ndash3613 199कम अज़ कम दो गवाह हो एक गवाह काफ़ी नहीह

31 क़ाितल को ज़रर सज़ा-ए-मौत दना ख़वाह वहइस स बचन क िलए कोई भी मआवज़ा द उसआज़ाद न छोड़ना बिलक सज़ा-ए-मौत दना 32 उसशख़स स भी पस क़बल न करना िजस स ग़रइरादीतौर पर कोई हलाक हआ हो और जो इस सबब सपनाह क शहर म रह रहा ह उस इजाज़त नही िकवह पस द कर पनाह का शहर छोड़ और अपन घरवापस चला जाए लािज़म ह िक वह इस क िलएइमाम-ए-आज़म की वफ़ात का इिनतज़ार कर

33 िजस मलक म तम रहत हो उस की मक़ददसहालत को नापाक न करना जब िकसी को उस मक़तल िकया जाए तो वह नापाक हो जाता ह जब इसतरह ख़न बहता ह तो मलक की मक़ददस हालत िसफ़रउस शख़स क ख़न बहन स बहाल हो जाती ह िजसन यह ख़न बहाया ह यानी मलक का िसफ़र क़ाितलकी मौत स ही कफ़फ़ारा िदया जा सकता ह 34 उसमलक को नापाक न करना िजस म तम आबाद होऔर िजस म म सकनत करता ह कयिक म रब ह जो इसराईिलयो क दरिमयान सकनत करता हrdquo

एक क़बील की मौरसी ज़मीन शादी स दसरक़बील म मनतिक़ल नही हो सकती

36 1 एक िदन िजिलआद िबन मकीर िबनमनससी िबन यसफ़ क कब स िनकल हए

आबाई घरानो क सरपरसत मसा और उन सरदारोक पास आए जो दीगर आबाई घरानो क सरपरसतथ 2 उनहो न कहा ldquoरब न आप को हकम िदयाथा िक आप क़रआ डाल कर मलक को इसराईिलयोम तक़सीम कर उस वक़त उस न यह भी कहा थािक हमार भाई िसलािफ़हाद की बिटयो को उस कीमौरसी ज़मीन िमलनी ह 3 अगर वह इसराईल किकसी और क़बील क मदोर स शादी कर तो िफर

यह ज़मीन जो हमार क़बील का मौरसी िहससा हउस क़बील का मौरसी िहससा बनगी और हम उसस महरम हो जाएग िफर हमारा क़बाइली इलाक़ाछोटा हो जाएगा 4 और अगर हम यह ज़मीन वापसभी ख़रीद तो भी वह अगल बहाली क साल म दसरक़बील को वापस चली जाएगी िजस म इन औरतोन शादी की ह इस तरह वह हमशा क िलए हमारहाथ स िनकल जाएगीrdquo

5 मसा न रब क हकम पर इसराईिलयो को बतायाldquoिजिलआद क मदर हक़-ब-जािनब ह 6 इस िलए रबकी िहदायत यह ह िक िसलािफ़हाद की बिटयो कोहर आदमी स शादी करन की इजाज़त ह लिकनिसफ़र इस सरत म िक वह उन क अपन क़बील काहो 7 इस तरह एक क़बील की मौरसी ज़मीन िकसीदसर क़बील म मनतिक़ल नही होगी लािज़म ह िकहर क़बील का परा इलाक़ा उसी क पास रह

8 जो भी बटी मीरास म ज़मीन पाती ह उस क िलएलािज़म ह िक वह अपन ही क़बील क िकसी मदर सशादी कर तािक उस की ज़मीन क़बील क पास हीरह 9 एक क़बील की मौरसी ज़मीन िकसी दसरक़बील को मनतिक़ल करन की इजाज़त नही हलािज़म ह िक हर क़बील का परा मौरसी इलाक़ाउसी क पास रहrdquo

10ndash11 िसलािफ़हाद की बिटयो महलाह ितज़ारहजलाह िमलकाह और नआह न वसा ही िकयाजसा रब न मसा को बताया था उनहो न अपनचचाज़ाद भाइयो स शादी की 12 चिक वह भीमनससी क क़बील क थ इस िलए यह मौरसी ज़मीनिसलािफ़हाद क क़बील क पास रही

13 रब न यह अहकाम और िहदायात इसराईिलयोको मसा की मािरफ़त दी जब वह मोआब क मदानीइलाक़ म दरया-ए-यदरन क मशिरक़ी िकनार पर यरीहक सामन ख़माज़न थ

इिसतसना

मसा इसराईिलयो स मख़ाितब होता ह

1 1 इस िकताब म वह बात दजर ह जो मसा नतमाम इसराईिलयो स कही जब वह दरया-ए-

यदरन क मशिरक़ी िकनार पर बयाबान म थ वहयदरन की वादी म सफ़ क क़रीब थ एक तरफ़ फ़ारानशहर था और दसरी तरफ़ तोफ़ल लाबन हसीरातऔर दीज़हब क शहर थ 2 अगर अदोम क पहाड़ीइलाक़ स हो कर जाए तो होिरब यानी सीना पहाड़स क़ािदस-बनीरअ तक का सफ़र 11 िदन म त िकयाजा सकता ह

3 इसराईिलयो को िमसर स िनकल 40 साल हो गएथ इस साल क गयारव माह क पहल िदन मसा नउनह सब कछ बताया जो रब न उस उनह बतानको कहा था 4 उस वक़त वह अमोिरयो क बादशाहसीहोन को िशकसत द चका था िजस का दार-उल-हकमत हसबोन था बसन क बादशाह ओज पर भीफ़तह हािसल हो चकी थी िजस की हकमत क मकर ज़असतारात और इदरई थ

5 वहा दरया-ए-यदरन क मशिरक़ी िकनार पर जोमोआब क इलाक़ म था मसा अललाह की शरीअतकी तशरीह करन लगा उस न कहा

6 जब तम होिरब यानी सीना पहाड़ क पास थ तोरब हमार ख़दा न हम स कहा ldquoतम काफ़ी दर सयहा ठहर हए हो 7 अब इस जगह को छोड़ करआग मलक-ए-कनआन की तरफ़ बढ़ो अमोिरयोक पहाड़ी इलाक़ और उन क पड़ोस की क़ौमो कपास जाओ जो यदरन क मदानी इलाक़ म आबाद हपहाड़ी इलाक़ म मग़िरब क नशबी पहाड़ी इलाक़म जनब क दशत-ए-नजब म सािहली इलाक़ ममलक-ए-कनआन म और लबनान म दरया-ए-फ़राततक चल जाओ 8 म न तमह यह मलक द िदया ह

अब जा कर उस पर क़बज़ा कर लो कयिक रब नक़सम खा कर तमहार बापदादा इबराहीम इसहाक़और याक़ब स वादा िकया था िक म यह मलक तमहऔर तमहारी औलाद को दगाrdquo

राहनमा मक़ररर िकए गए9 उस वक़त म न तम स कहा ldquoम अकला तमहारी

राहनमाई करन की िज़ममादारी नही उठा सकता10 रब तमहार ख़दा न तमहारी तादाद इतनी बढ़ा दीह िक आज तम आसमान क िसतारो की मािननदबशमार हो 11 और रब तमहार बापदादा का ख़दाकर िक तमहारी तादाद मज़ीद हज़ार गना बढ़ जाएवह तमह वह बरकत द िजस का वादा उस न िकयाह 12 लिकन म अकला ही तमहारा बोझ उठानऔर झगड़ो को िनपटान की िज़ममादारी नही उठासकता 13 इस िलए अपन हर क़बील म स कछ ऐसदािनशमनद और समझदार आदमी चन लो िजन कीिलयाक़त को लोग मानत ह िफर म उनह तम परमक़ररर करगाrdquo

14 यह बात तमह पसनद आई 15 तम न अपन म सऐस राहनमा चन िलए जो दािनशमनद थ और िजन कीिलयाक़त को लोग मानत थ िफर म न उनह हज़ारहज़ार सौ सौ और पचास पचास मदोर पर मक़रररिकया य वह क़बीलो क िनगहबान बन गए 16 उसवक़त म न उन क़ािज़यो स कहा ldquoअदालत करतवक़त हर एक की बात ग़ौर स सन कर ग़रजािनबदारफ़सल करना चाह दो इसराईली फ़रीक़ एक दसरस झगड़ा कर रह हो या मआमला िकसी इसराईलीऔर परदसी क दरिमयान हो 17 अदालत करत वक़तजािनबदारी न करना छोट और बड़ की बात सनकर दोनो क साथ एक जसा सलक करना िकसी समत डरना कयिक अललाह ही न तमह अदालत करन

इिसतसना 118ndash39 201की िज़ममादारी दी ह अगर िकसी मआमल म फ़सलाकरना तमहार िलए मिशकल हो तो उस मझ पश करोिफर म ही उस का फ़सला करगाrdquo 18 उस वक़त मन तमह सब कछ बताया जो तमह करना था

मलक-ए-कनआन म जासस19 हम न वसा ही िकया जसा रब न हम कहा था

हम होिरब स रवाना हो कर अमोिरयो क पहाड़ीइलाक़ की तरफ़ बढ़ सफ़र करत करत हम उसवसी और हौलनाक रिगसतान म स गज़र गए िजसतम न दख िलया ह आिख़रकार हम क़ािदस-बनीरअपहच गए 20 वहा म न तम स कहा ldquoतम अमोिरयोक पहाड़ी इलाक़ तक पहच गए हो जो रब हमाराख़दा हम दन वाला ह 21 दख रब तर ख़दा न तझयह मलक द िदया ह अब जा कर उस पर क़बज़ाकर ल िजस तरह रब तर बापदादा क ख़दा न तझबताया ह मत डरना और बिदल न हो जानाrdquo

22 लिकन तम सब मर पास आए और कहा ldquoकय न हम जान स पहल कछ आदमी भज जो मलक कहालात दरयाफ़त कर और वापस आ कर हम उसरासत क बार म बताए िजस पर हम जाना ह और उनशहरो क बार म इिततला द िजन क पास हम पहचगrdquo23 यह बात मझ पसनद आई म न इस काम क िलएहर क़बील क एक आदमी को चन कर भज िदया24 जब यह बारह आदमी पहाड़ी इलाक़ म जा करवादी-ए-इसकाल म पहच तो उस की तफ़तीश की25 िफर वह मलक का कछ फल ल कर लौट आएऔर हम मलक क बार म इिततला द कर कहा ldquoजोमलक रब हमारा ख़दा हम दन वाला ह वह अचछाहrdquo

26 लिकन तम जाना नही चाहत थ बिलक सरकशीकरक रब अपन ख़दा का हकम न माना 27 तमन अपन ख़मो म बड़बड़ात हए कहा ldquoरब हम सनफ़रत रखता ह वह हम िमसर स िनकाल लाया हतािक हम अमोिरयो क हाथो हलाक करवाए 28 हमकहा जाए हमार भाइयो न हम बिदल कर िदया

ह वह कहत ह lsquoवहा क लोग हम स ताक़तवरऔर दराज़क़द ह उन क बड़ बड़ शहरो की फ़सीलआसमान स बात करती ह वहा हम न अनाक़ कीऔलाद भी दखी जो दओक़ामत हrsquordquo

29 म न कहा ldquoन घबराओ और न उन स ख़ौफ़खाओ 30 रब तमहारा ख़दा तमहार आग आग चलताहआ तमहार िलए लड़गा तम ख़द दख चक हो िकवह िकस तरह िमसर 31 और रिगसतान म तमहार िलएलड़ा यहा भी वह ऐसा ही करगा त ख़द गवाहह िक बयाबान म पर सफ़र क दौरान रब तझ य उठाए िफरा िजस तरह बाप अपन बट को उठाएिफरता ह इस तरह चलत चलत तम यहा तक पहचगएrdquo 32 इस क बावजद तम न रब अपन ख़दा परभरोसा न रखा 33 तम न यह बात नज़रअनदाज़ कीिक वह सफ़र क दौरान रात क वक़त आग और िदनक वक़त बादल की सरत म तमहार आग आग चलतारहा तािक तमहार िलए ख़म लगान की जगह मालमकर और तमह रासता िदखाए

34 जब रब न तमहारी यह बात सनी तो उस ग़ससाआया और उस न क़सम खा कर कहा 35 ldquoइस शरीरनसल का एक मदर भी उस अचछ मलक को नहीदखगा अगरच म न क़सम खा कर तमहार बापदादास वादा िकया था िक म उस उनह दगा 36 िसफ़रकािलब िबन यफ़नना उस दखगा म उस और उसकी औलाद को वह मलक दगा िजस म उस न सफ़रिकया ह कयिक उस न पर तौर पर रब की परवीकीrdquo

37 तमहारी वजह स रब मझ स भी नाराज़ हआ औरकहा ldquoत भी उस म दािख़ल नही होगा 38 लिकनतरा मददगार यशअ िबन नन दािख़ल होगा उस कीहौसलाअफ़ज़ाई कर कयिक वह मलक पर क़बज़ाकरन म इसराईल की राहनमाई करगाrdquo 39 तम सरब न कहा ldquoतमहार बचच जो अभी अचछ और बरम इिमतयाज़ नही कर सकत वही मलक म दािख़लहोग वही बचच िजन क बार म तम न कहा िक दशमनउनह मलक-ए-कनआन म छीन लग उनह म मलक

202 इिसतसना 140ndash215दगा और वह उस पर क़बज़ा करग 40 लिकन तमख़द आग न बढ़ो पीछ मड़ कर दबारा रिगसतान मबहर-ए-क़लज़म की तरफ़ सफ़र करोrdquo

41 तब तम न कहा ldquoहम न रब का गनाह िकया हअब हम मलक म जा कर लड़ग िजस तरह रब हमारख़दा न हम हकम िदया हrdquo चनाच यह सोचत हएिक उस पहाड़ी इलाक़ पर हमला करना आसान होगाहर एक मसललह हआ 42 लिकन रब न मझ स कहाldquoउनह बताना िक वहा जग करन क िलए न जाओकयिक म तमहार साथ नही हगा तम अपन दशमनोक हाथो िशकसत खाओगrdquo

43 म न तमह यह बताया लिकन तम न मरी न सनीतम न सरकशी करक रब का हकम न माना बिलकमग़रर हो कर पहाड़ी इलाक़ म दािख़ल हए 44 वहा क अमोरी बािशनद तमहारा सामना करन िनकल वहशहद की मिकखयो क ग़ोल की तरह तम पर टट पड़और तमहारा ताक़क़ब करक तमह सईर स हमार तकमारत गए

45 तब तम वापस आ कर रब क सामन ज़ार-ओ-क़तार रोन लग लिकन उस न तवजजह न दी बिलकतमह नज़रअनदाज़ िकया 46 इस क बाद तम बहतिदनो तक क़ािदस-बनीरअ म रह

रिगसतान म दबारा सफ़र

2 1 िफर िजस तरह रब न मझ हकम िदया था हमपीछ मड़ कर रिगसतान म बहर-ए-क़लज़म की

तरफ़ सफ़र करन लग काफ़ी दर तक हम सईर यानीअदोम क पहाड़ी इलाक़ क िकनार िकनार िफरतरह

2 एक िदन रब न मझ स कहा 3 ldquoतम बहत दरस इस पहाड़ी इलाक़ क िकनार िकनार िफर रह होअब िशमाल की तरफ़ सफ़र करो 4 क़ौम को बतानाअगल िदनो म तम सईर क मलक म स गज़रोग जहा तमहार भाई एसौ की औलाद आबाद ह वह तम सडरग तो भी बड़ी एहितयात स गज़रना 5 उन कसाथ जग न छड़ना कयिक म तमह उन क मलक

का एक मरबबा फ़ट भी नही दगा म न सईर कापहाड़ी इलाक़ा एसौ और उस की औलाद को िदयाह 6 लािज़म ह िक तम खान और पीन की तमामज़रिरयात पस द कर ख़रीदोrdquo

7 जो भी काम त न िकया ह रब न उस पर बरकतदी ह इस वसी रिगसतान म पर सफ़र क दौरान उसन तरी िनगहबानी की इन 40 सालो क दौरान रबतरा ख़दा तर साथ था और तरी तमाम ज़रिरयातपरी होती रही

8 चनाच हम सईर को छोड़ कर जहा हमार भाईएसौ की औलाद आबाद थी दसर रासत स आगिनकल हम न वह रासता छोड़ िदया जो ऐलातऔर असयन-जाबर क शहरो स बहीरा-ए-मदारर तकपहचाता ह और मोआब क बयाबान की तरफ़ बढ़नलग 9 वहा रब न मझ स कहा ldquoमोआब क बािशनदोकी मख़ालफ़त न करना और न उन क साथ जगछड़ना कयिक म उन क मलक का कोई भी िहससातझ नही दगा म न आर शहर को लत की औलादको िदया हrdquo

10 पहल ऐमी वहा रहत थ जो अनाक़ की औलादकी तरह ताक़तवर दराज़क़द और तादाद म ज़यादाथ 11 अनाक़ की औलाद की तरह वह रफ़ाइयो म शमार िकए जात थ लिकन मोआबी उनह ऐमी कहतथ

12 इसी तरह क़दीम ज़मान म होरी सईर म आबादथ लिकन एसौ की औलाद न उनह वहा स िनकालिदया था िजस तरह इसराईिलयो न बाद म उस मलकम िकया जो रब न उनह िदया था उसी तरह एसौ कीऔलाद बढ़त बढ़त होिरयो को तबाह करक उन कीजगह आबाद हए थ

13 रब न कहा ldquoअब जा कर वादी-ए-िज़रद कोउबर करोrdquo हम न ऐसा ही िकया 14 हम क़ािदस-बनीरअ स रवाना हए 38 साल हो गए थ अब वहतमाम आदमी मर चक थ जो उस वक़त जग करनक क़ािबल थ वसा ही हआ था जसा रब न क़समखा कर कहा था 15 रब की मख़ालफ़त क बाइस

इिसतसना 216ndash37 203आिख़रकार ख़मागाह म उस नसल का एक मदर भीन रहा 16 जब वह सब मर गए थ 17 तब रब न मझस कहा 18 ldquoआज तमह आर शहर स हो कर मोआबक इलाक़ म स गज़रना ह 19 िफर तम अममोिनयोक इलाक़ तक पहचोग उन की भी मख़ालफ़त नकरना और न उन क साथ जग छड़ना कयिक मउन क मलक का कोई भी िहससा तमह नही दगा मन यह मलक लत की औलाद को िदया हrdquo

20 हक़ीक़त म अममोिनयो का मलक भी रफ़ाइयोका मलक समझा जाता था जो क़दीम ज़मान म वहा आबाद थ अममोनी उनह ज़मज़मी कहत थ21 और वह दओक़ामत थ ताक़तवर और तादाद मज़यादा वह अनाक़ की औलाद जस दराज़क़द थजब अममोनी मलक म आए तो रब न रफ़ाइयो को उनक आग आग तबाह कर िदया चनाच अममोनी बढ़तबढ़त उनह िनकालत गए और उन की जगह आबादहए 22 िबलकल उसी तरह िजस तरह रब न एसौ कीऔलाद क आग आग होिरयो को तबाह कर िदयाथा जब वह सईर क मलक म आए थ वहा भी वहबढ़त बढ़त होिरयो को िनकालत गए और उन कीजगह आबाद हए 23 इसी तरह एक और क़दीम क़ौमबनाम अववी को भी उस क मलक स िनकाला गयाअववी ग़ज़ज़ा तक आबाद थ लिकन जब कफ़तरीकफ़तर यानी करत स आए तो उनहो न उनह तबाहकर िदया और उन की जगह आबाद हो गए

सीहोन बादशाह स जग24 रब न मसा स कहा ldquoअब जा कर वादी-ए-

अनोरन को उबर करो य समझो िक म हसबोन कअमोरी बादशाह सीहोन को उस क मलक समततमहार हवाल कर चका ह उस पर क़बज़ा करनाशर करो और उस क साथ जग करन का मौक़ाढडो 25 इसी िदन स म तमाम क़ौमो म तमहार बारम दहशत और ख़ौफ़ पदा करगा वह तमहारी ख़बरसन कर ख़ौफ़ क मार थरथराएगी और कापगीrdquo

26 म न दशत-ए-क़दीमात स हसबोन क बादशाहसीहोन क पास क़ािसद भज मरा पग़ाम नफ़रत औरमख़ालफ़त स ख़ाली था वह यह था 27 ldquoहम अपनमलक म स गज़रन द हम शाहराह पर ही रहग औरउस स न बाई न दाई तरफ़ हटग 28 हम खान औरपीन की तमाम ज़रिरयात क िलए मनािसब पस दगहम पदल अपन मलक म स गज़रन द 29 िजस तरहसईर क बािशनदो एसौ की औलाद और आर क रहनवाल मोआिबयो न हम गज़रन िदया कयिक हमारीमिनज़ल दरया-ए-यदरन क मग़िरब म ह वह मलक जोरब हमारा ख़दा हम दन वाला हrdquo

30 लिकन हसबोन क बादशाह सीहोन न हम गज़रनन िदया कयिक रब तमहार ख़दा न उस बलचक औरहमारी बात स इनकार करन पर आमादा कर िदयाथा तािक सीहोन हमार क़ाब म आ जाए और बादम ऐसा ही हआ 31 रब न मझ स कहा ldquoय समझ लिक म सीहोन और उस क मलक को तर हवाल करनलगा ह अब िनकल कर उस पर क़बज़ा करना शरकरोrdquo

32 जब सीहोन अपनी सारी फ़ौज ल कर हमारामक़ाबला करन क िलए यहज़ आया 33 तो रब हमारख़दा न हम परी फ़तह बख़शी हम न सीहोन उस कबटो और परी क़ौम को िशकसत दी 34 उस वक़तहम न उस क तमाम शहरो पर क़बज़ा कर िलया औरउन क तमाम मदोर औरतो और बचचो को मार डालाकोई भी न बचा 35 हम न िसफ़र मवशी और शहरोका लटा हआ माल अपन िलए बचाए रखा

36 वादी-ए-अनोरन क िकनार पर वाक़ अरोईर सल कर िजिलआद तक हर शहर को िशकसत माननीपड़ी इस म वह शहर भी शािमल था जो वादी-ए-अनोरन म था रब हमार ख़दा न उन सब को हमारहवाल कर िदया 37 लिकन तम न अममोिनयो कामलक छोड़ िदया और न दरया-ए-यबबोक़ क इदरिगदरक इलाक़ न उस क पहाड़ी इलाक़ क शहरो कोछड़ा कयिक रब हमार ख़दा न ऐसा करन स तमहमना िकया था

204 इिसतसना 31ndash19

बसन क बादशाह ओज की िशकसत

3 1 इस क बाद हम िशमाल म बसन की तरफ़बढ़ गए बसन का बादशाह ओज अपनी तमाम

फ़ौज क साथ िनकल कर हमारा मक़ाबला करन किलए इदरई आया 2 रब न मझ स कहा ldquoउस स मतडर म उस उस की परी फ़ौज और उस का मलकतर हवाल कर चका ह उस क साथ वह कछ करजो त न अमोरी बादशाह सीहोन क साथ िकया जोहसबोन म हकमत करता थाrdquo

3 ऐसा ही हआ रब हमार ख़दा की मदद स हमन बसन क बादशाह ओज और उस की तमाम क़ौमको िशकसत दी हम न सब को हलाक कर िदयाकोई भी न बचा 4 उसी वक़त हम न उस क तमामशहरो पर क़बज़ा कर िलया हम न कल 60 शहरो परयानी अजरब क सार इलाक़ पर क़बज़ा िकया िजस परओज की हकमत थी 5 इन तमाम शहरो की िहफ़ाज़तऊची ऊची फ़सीलो और कड वाल दरवाज़ो स कीगई थी दीहात म बहत सी ऐसी आबािदया भी िमलगई िजन की फ़सील नही थी 6 हम न उन क साथवह कछ िकया जो हम न हसबोन क बादशाह सीहोनक इलाक़ क साथ िकया था हम न सब कछ रब कहवाल करक हर शहर को और तमाम मदोर औरतोऔर बचचो को हलाक कर डाला 7 हम न िसफ़र तमाममवशी और शहरो का लटा हआ माल अपन िलएबचाए रखा

8 य हम न उस वक़त अमोिरयो क इन दो बादशाहोस दरया-ए-यदरन का मशिरक़ी इलाक़ा वादी-ए-अनोरनस ल कर हमरन पहाड़ तक छीन िलया 9 (सदा कबािशनद हमरन को िसयरन कहत ह जबिक अमोिरयोन उस का नाम सनीर रखा) 10 हम न ओज बादशाहक पर इलाक़ पर क़बज़ा कर िलया इस म मदान-ए-मतरफ़ा क तमाम शहर शािमल थ नीज़ सलका औरइदरई तक िजिलआद और बसन क पर इलाक़

11 बादशाह ओज दओक़ामत क़बील रफ़ाई काआिख़री मदर था उस का लोह का ताबत 13 स

ज़ाइद फ़ट लमबा और छः फ़ट चौड़ा था और आजतक अममोिनयो क शहर रबबा म दखा जा सकता ह

यदरन क मशिरक़ म मलक की तक़सीम12 जब हम न दरया-ए-यदरन क मशिरक़ी इलाक़ पर

क़बज़ा िकया तो म न रिबन और जद क क़बीलोको उस का जनबी िहससा शहरो समत िदया इसइलाक़ की जनबी सरहद दरया-ए-अनोरन पर वाक़शहर अरोईर ह जबिक िशमाल म इस म िजिलआदक पहाड़ी इलाक़ का आधा िहससा भी शािमल ह13 िजिलआद का िशमाली िहससा और बसन कामलक म न मनससी क आध क़बील को िदया

(बसन म अजरब का इलाक़ा ह जहा पहलओज बादशाह की हकमत थी और जो रफ़ाइयोयानी दओक़ामत अफ़राद का मलक कहलाता था14 मनससी क क़बील क एक आदमी बनाम याईर नअजरब पर जसिरयो और माकाितयो की सरहद तकक़बज़ा कर िलया था उस न इस इलाक़ की बिसतयोको अपना नाम िदया आज तक यही नाम हववोत-याईर यानी याईर की बिसतया चलता ह)

15 म न िजिलआद का िशमाली िहससा मनससी ककब मकीर को िदया 16 लिकन िजिलआद का जनबीिहससा रिबन और जद क क़बीलो को िदया इसिहसस की एक सरहद जनब म वादी-ए-अनोरन क बीचम स गज़रती ह जबिक दसरी सरहद दरया-ए-यबबोक़ह िजस क पार अममोिनयो की हकमत ह 17 उसकी मग़िरबी सरहद दरया-ए-यदरन ह यानी िकननरत(गलील) की झील स ल कर बहीरा-ए-मदारर तक जोिपसगा क पहाड़ी िसलिसल क दामन म ह

18 उस वक़त म न रिबन जद और मनससी कक़बीलो स कहा ldquoरब तमहार ख़दा न तमह मीरासम यह मलक द िदया ह लिकन शतर यह ह िकतमहार तमाम जग करन क क़ािबल मदर मसललह होकर तमहार इसराईली भाइयो क आग आग दरया-ए-यदरन को पार कर 19 िसफ़र तमहारी औरत और बचचपीछ रह कर उन शहरो म इिनतज़ार कर सकत ह जो

इिसतसना 320ndash410 205म न तमहार िलए मक़ररर िकए ह तम अपन मविशयोको भी पीछ छोड़ सकत हो कयिक मझ पता ह िकतमहार बहत ज़यादा जानवर ह 20 अपन भाइयो कसाथ चलत हए उन की मदद करत रहो जब रबतमहारा ख़दा उनह दरया-ए-यदरन क मग़िरब म वाक़मलक दगा और वह तमहारी तरह आराम और सकनस वहा आबाद हो जाएग तब तम अपन मलक मवापस जा सकत होrdquo

मसा को यदरन पार करन की इजाज़त नही िमलती21 साथ साथ म न यशअ स कहा ldquoत न अपनी

आखो स सब कछ दख िलया ह जो रब तमहार ख़दान इन दोनो बादशाहो सीहोन और ओज स िकयावह यही कछ हर उस बादशाह क साथ करगा िजसक मलक पर त दरया को पार करक हमला करगा22 उन स न डरो तमहारा ख़दा ख़द तमहार िलए जगकरगाrdquo

23 उस वक़त म न रब स इिलतजा करक कहा24 ldquoऐ रब क़ािदर-ए-मतलक़ त अपन ख़ािदम कोअपनी अज़मत और क़दरत िदखान लगा ह कयाआसमान या ज़मीन पर कोई और ख़दा ह जो तरीतरह क अज़ीम काम कर सकता ह हरिगज़ नही25 महरबानी करक मझ भी दरया-ए-यदरन को पारकरक उस अचछ मलक यानी उस बहतरीन पहाड़ीइलाक़ को लबनान तक दखन की इजाज़त दrdquo

26 लिकन तमहार सबब स रब मझ स नाराज़ थाउस न मरी न सनी बिलक कहा ldquoबस कर आइनदामर साथ इस का िज़कर न करना 27 िपसगा की चोटीपर चढ़ कर चारो तरफ़ नज़र दौड़ा वहा स ग़ौरस दख कयिक त ख़द दरया-ए-यदरन को उबर नहीकरगा 28 अपनी जगह यशअ को मक़ररर कर उसकी हौसलाअफ़ज़ाई कर और उस मज़बत कर कयिकवही इस क़ौम को दरया-ए-यदरन क मग़िरब म लजाएगा और क़बीलो म उस मलक को तक़सीम करगािजस त पहाड़ स दखगाrdquo

29 चनाच हम बत-फ़ग़र क क़रीब वादी म ठहर

फ़रमाबरदारी की अशदद ज़ररत

4 1 ऐ इसराईल अब वह तमाम अहकाम धयान ससन ल जो म तमह िसखाता ह उन पर अमल

करो तािक तम िज़नदा रहो और जा कर उस मलक परक़बज़ा करो जो रब तमहार बापदादा का ख़दा तमहदन वाला ह 2 जो अहकाम म तमह िसखाता ह उनम न िकसी बात का इज़ाफ़ा करो और न उन स कोईबात िनकालो रब अपन ख़दा क तमाम अहकाम परअमल करो जो म न तमह िदए ह 3 तम न ख़द दखाह िक रब न बाल-फ़ग़र स कया कछ िकया वहा रबतर ख़दा न हर एक को हलाक कर डाला िजस नफ़ग़र क बाल दवता की पजा की 4 लिकन तम मस िजतन रब अपन ख़दा क साथ िलपट रह वह सबआज तक िज़नदा ह

5 म न तमह तमाम अहकाम य िसखा िदए ह िजसतरह रब मर ख़दा न मझ बताया कयिक लािज़म हिक तम उस मलक म इन क ताब रहो िजस पर तमक़बज़ा करन वाल हो 6 इनह मानो और इन पर अमलकरो तो दसरी क़ौमो को तमहारी दािनशमनदी औरसमझ नज़र आएगी िफर वह इन तमाम अहकाम कबार म सन कर कहगी ldquoवाह यह अज़ीम क़ौम कसीदािनशमनद और समझदार हrdquo 7 कौन सी अज़ीमक़ौम क माबद इतन क़रीब ह िजतना हमारा ख़दाहमार क़रीब ह जब भी हम मदद क िलए पकारत हतो रब हमारा ख़दा मौजद होता ह 8 कौन सी अज़ीमक़ौम क पास ऐस मिनसफ़ाना अहकाम और िहदायातह जस म आज तमह परी शरीअत सना कर पश कररहा ह

9 लिकन ख़बरदार एहितयात करना और वहतमाम बात न भलना जो तरी आखो न दखी ह वहउमर भर तर िदल म स िमट न जाए बिलक उनह अपनबचचो और पोत-पोितयो को भी बतात रहना 10 वहिदन याद कर जब त होिरब यानी सीना पहाड़ पररब अपन ख़दा क सामन हािज़र था और उस न मझबताया ldquoक़ौम को यहा मर पास जमा कर तािक म

206 इिसतसना 411ndash32उन स बात कर और वह उमर भर मरा ख़ौफ़ मानऔर अपन बचचो को मरी बात िसखात रहrdquo

11 उस वक़त तम क़रीब आ कर पहाड़ क दामनम खड़ हए वह जल रहा था और उस की आगआसमान तक भड़क रही थी जबिक काल बादलोऔर गहर अधर न उस नज़रो स छपा िदया 12 िफररब आग म स तम स हमकलाम हआ तम न उस कीबात सनी लिकन उस की कोई शकल न दखी िसफ़रउस की आवाज़ सनाई दी 13 उस न तमहार िलएअपन अहद यानी उन 10 अहकाम का एलान िकयाऔर हकम िदया िक इन पर अमल करो िफर उस नउनह पतथर की दो तिख़तयो पर िलख िदया 14 रब नमझ िहदायत की ldquoउनह वह तमाम अहकाम िसखािजन क मतािबक़ उनह चलना होगा जब वह दरया-ए-यदरन को पार करक कनआन पर क़बज़ा करगrdquo

बतपरसती क बार म आगाही15 जब रब होिरब यानी सीना पहाड़ पर तम स

हमकलाम हआ तो तम न उस की कोई शकल नदखी चनाच ख़बरदार रहो 16 िक तम ग़लत कामकरक अपन िलए िकसी भी शकल का बत न बनाओन मदर औरत 17 ज़मीन पर चलन वाल जानवरपिरनद 18 रगन वाल जानवर या मछली का बतबनाओ 19 जब त आसमान की तरफ़ नज़र उठाकर आसमान का परा लशकर दख तो सरज चादऔर िसतारो की परिसतश और िख़दमत करन कीआज़माइश म न पड़ना रब तर ख़दा न इन चीज़ोको बाक़ी तमाम क़ौमो को अता िकया ह 20 लिकनतमह उस न िमसर क भड़कत भटट स िनकाला ह तािकतम उस की अपनी क़ौम और उस की मीरास बनजाओ और आज ऐसा ही हआ ह

21 तमहार सबब स रब न मझ स नाराज़ हो करक़सम खाई िक त दरया-ए-यदरन को पार करक उसअचछ मलक म दािख़ल नही होगा जो रब तरा ख़दातझ मीरास म दन वाला ह 22 म यही इसी मलक ममर जाऊगा और दरया-ए-यदरन को पार नही करगा

लिकन तम दरया को पार करक उस बहतरीन मलकपर क़बज़ा करोग 23 हर सरत म वह अहद यादरखना जो रब तमहार ख़दा न तमहार साथ बाधा हअपन िलए िकसी भी चीज़ की मरत न बनाना यहरब का हकम ह 24 कयिक रब तरा ख़दा भसम करदन वाली आग ह वह ग़यर ख़दा ह

25 तम मलक म जा कर वहा रहोग तमहार बचच औरपोत-नवास उस म पदा हो जाएग जब इस तरह बहतवक़त गज़र जाएगा तो ख़तरा ह िक तम ग़लत कामकरक िकसी चीज़ की मरत बनाओ ऐसा कभी नकरना यह रब तमहार ख़दा की नज़र म बरा ह औरउस ग़ससा िदलाएगा 26 आज आसमान और ज़मीनमर गवाह ह िक अगर तम ऐसा करो तो जलदी स उसमलक म स िमट जाओग िजस पर तम दरया-ए-यदरनको पार करक क़बज़ा करोग तम दर तक वहा जीतनही रहोग बिलक पर तौर पर हलाक हो जाओग27 रब तमह मलक स िनकाल कर मख़तिलफ़ क़ौमो म मनतिशर कर दगा और वहा िसफ़र थोड़ ही अफ़रादबच रहग 28 वहा तम इनसान क हाथो स बन हएलकड़ी और पतथर क बतो की िख़दमत करोग जोन दख सकत न सन सकत न खा सकत और न सघसकत ह

29 वही त रब अपन ख़दा को तलाश करगा औरअगर उस पर िदल-ओ-जान स ढड तो वह तझिमल भी जाएगा 30 जब त इस तकलीफ़ म मबतलाहोगा और यह सारा कछ तझ पर स गज़रगा िफरआिख़रकार रब अपन ख़दा की तरफ़ रज करक उसकी सनगा 31 कयिक रब तरा ख़दा रहीम ख़दा हवह तझ न तकर करगा और न बबारद करगा वह उसअहद को नही भलगा जो उस न क़सम खा कर तरबापदादा स बाधा था

रब ही हमारा ख़दा ह32 दिनया म इनसान की तख़लीक़ स ल कर आज

तक माज़ी की तफ़तीश कर आसमान क एक िसर सदसर िसर तक खोज लगा कया इस स पहल कभी

इिसतसना 433ndash53 207इस तरह का मोिजज़ाना काम हआ ह कया िकसीन इस स पहल इस िक़सम क अज़ीम काम की ख़बरसनी ह 33 त न आग म स बोलती हई अललाह कीआवाज़ सनी तो भी जीता बचा कया िकसी और क़ौमक साथ ऐसा हआ ह 34 कया िकसी और माबदन कभी जरअत की ह िक रब की तरह परी क़ौमको एक मलक स िनकाल कर अपनी िमलिकयतबनाया हो उस न ऐसा ही तमहार साथ िकया उसन तमहार दखत दखत िमिसरयो को आज़माया उनहबड़ मोिजज़ िदखाए उन क साथ जग की अपनीबड़ी क़दरत और इख़ितयार का इज़हार िकया औरहौलनाक कामो स उन पर ग़ािलब आ गया

35 तझ यह सब कछ िदखाया गया तािक त जानल िक रब ख़दा ह उस क िसवा कोई और नहीह 36 उस न तझ नसीहत दन क िलए आसमान सअपनी आवाज़ सनाई ज़मीन पर उस न तझ अपनीअज़ीम आग िदखाई िजस म स त न उस की बातसनी 37 उस तर बापदादा स पयार था और उस नतझ जो उन की औलाद ह चन िलया इस िलए वहख़द हािज़र हो कर अपनी अज़ीम क़दरत स तझ िमसरस िनकाल लाया 38 उस न तर आग स तझ स ज़यादाबड़ी और ताक़तवर क़ौम िनकाल दी तािक तझ उनका मलक मीरास म िमल जाए आज ऐसा ही हो रहाह

39 चनाच आज जान ल और ज़हन म रख िक रबआसमान और ज़मीन का ख़दा ह कोई और माबदनही ह 40 उस क अहकाम पर अमल कर जो म तझआज सना रहा ह िफर त और तरी औलाद कामयाबहोग और त दर तक उस मलक म जीता रहगा जोरब तझ हमशा क िलए द रहा ह

यदरन क मशिरक़ म पनाह क शहर41 यह कह कर मसा न दरया-ए-यदरन क मशिरक़

म पनाह क तीन शहर चन िलए 42 उन म वह शख़सपनाह ल सकता था िजस न दशमनी की िबना परनही बिलक ग़रइरादी तौर पर िकसी को जान स मार

िदया था ऐस शहर म पनाह लन क सबब स उसबदल म क़तल नही िकया जा सकता था 43 इस किलए रिबन क क़बील क िलए मदान-ए-मतरफ़ा काशहर बसर जद क क़बील क िलए िजिलआद काशहर रामात और मनससी क क़बील क िलए बसनका शहर जौलान चना गया

शरीअत का पशलफ़ज़44 दजर-ए-ज़ल वह शरीअत ह जो मसा न

इसराईिलयो को पश की 45 मसा न यह अहकाम औरिहदायात उस वक़त पश की जब वह िमसर स िनकलकर 46 दरया-ए-यदरन क मशिरक़ी िकनार पर थ बत-फ़ग़र उन क मक़ािबल था और वह अमोरी बादशाहसीहोन क मलक म ख़माज़न थ सीहोन की िरहाइशहसबोन म थी और उस इसराईिलयो स िशकसत हई थीजब वह मसा की राहनमाई म िमसर स िनकल आएथ 47 उस क मलक पर क़बज़ा करक उनहो न बसनक मलक पर भी फ़तह पाई थी िजस का बादशाह ओजथा इन दोनो अमोरी बादशाहो का यह परा इलाक़ाउन क हाथ म आ गया था यह इलाक़ा दरया-ए-यदरनक मशिरक़ म था 48 उस की जनबी सरहद दरया-ए-अनोरन क िकनार पर वाक़ शहर अरोईर थी जबिकउस की िशमाली सरहद िसयरन यानी हमरन पहाड़ थी49 दरया-ए-यदरन का परा मशिरक़ी िकनारा िपसगा कपहाड़ी िसलिसल क दामन म वाक़ बहीरा-ए-मदाररतक उस म शािमल था

दस अहकाम

5 1 मसा न तमाम इसराईिलयो को जमा करककहा

ए इसराईल धयान स वह िहदायात और अहकामसन जो म तमह आज पश कर रहा ह उनह सीखोऔर बड़ी एहितयात स उन पर अमल करो 2 रबहमार ख़दा न होिरब यानी सीना पहाड़ पर हमार साथअहद बाधा 3 उस न यह अहद हमार बापदादा कसाथ नही बिलक हमार ही साथ बाधा ह जो आज

208 इिसतसना 54ndash27इस जगह पर िज़नदा ह 4 रब पहाड़ पर आग म सर-ब-र हो कर तम स हमकलाम हआ 5 उस वक़तम तमहार और रब क दरिमयान खड़ा हआ तािकतमह रब की बात सनाऊ कयिक तम आग स डरतथ और इस िलए पहाड़ पर न चढ़ उस वक़त रब नकहा

6 ldquoम रब तरा ख़दा ह जो तझ मलक-ए-िमसर कीग़लामी स िनकाल लाया 7 मर िसवा िकसी औरमाबद की परिसतश न करना

8 अपन िलए बत न बनाना िकसी भी चीज़ की मरतन बनाना चाह वह आसमान म ज़मीन पर या समनदरम हो 9 न बतो की परिसतश न उन की िख़दमतकरना कयिक म तरा रब ग़यर ख़दा ह जो मझ सनफ़रत करत ह उनह म तीसरी और चौथी पशत तकसज़ा दगा 10 लिकन जो मझ स महबबत रखत औरमर अहकाम पर करत ह उन पर म हज़ार पशतो तकमहरबानी करगा

11 रब अपन ख़दा का नाम बमक़सद या ग़लतमक़सद क िलए इसतमाल न करना जो भी ऐसा करताह उस रब सज़ा िदए बग़र नही छोड़गा

12 सबत क िदन का ख़याल रखना उस इस तरहमनाना िक वह मख़सस-ओ-मक़ददस हो उसी तरहिजस तरह रब तर ख़दा न तझ हकम िदया ह 13 हफ़तक पहल छः िदन अपना काम-काज कर 14 लिकनसातवा िदन रब तर ख़दा का आराम का िदन हउस िदन िकसी तरह का काम न करना न त न तराबटा न तरी बटी न तरा नौकर न तरी नौकरानी नतरा बल न तरा गधा न तरा कोई और मवशी जोपरदसी तर दरिमयान रहता ह वह भी काम न कर तरनौकर और तरी नौकरानी को तरी तरह आराम कामौक़ा िमलना ह 15 याद रखना िक त िमसर म ग़लामथा और िक रब तरा ख़दा ही तझ बड़ी क़दरत औरइख़ितयार स वहा स िनकाल लाया इस िलए उस नतझ हकम िदया ह िक सबत का िदन मनाना

16 अपन बाप और अपनी मा की इज़ज़त करनािजस तरह रब तर ख़दा न तझ हकम िदया ह िफर

त उस मलक म जो रब तरा ख़दा तझ दन वाला हख़शहाल होगा और दर तक जीता रहगा

17 क़तल न करना18 िज़ना न करना19 चोरी न करना20 अपन पड़ोसी क बार म झटी गवाही न दना21 अपन पड़ोसी की बीवी का लालच न करना न

उस क घर का न उस की ज़मीन का न उस क नौकरका न उस की नौकरानी का न उस क बल और नउस क गध का बिलक उस की िकसी भी चीज़ कालालच न करनाrdquo

22 रब न तम सब को यह अहकाम िदए जब तमसीना पहाड़ क दामन म जमा थ वहा तम न आगबादल और गहर अधर म स उस की ज़ोरदार आवाज़सनी यही कछ उस न कहा और बस िफर उस नउनह पतथर की दो तिख़तयो पर िलख कर मझ दिदया

लोग रब स डरत ह23 जब तम न तारीकी स यह आवाज़ सनी और

पहाड़ की जलती हई हालत दखी तो तमहार क़बीलोक राहनमा और बज़गर मर पास आए 24 उनहो नकहा ldquoरब हमार ख़दा न हम पर अपना जलाल औरअज़मत ज़ािहर की ह आज हम न आग म स उसकी आवाज़ सनी ह हम न दख िलया ह िक जबअललाह इनसान स हमकलाम होता ह तो ज़ररी नहीिक वह मर जाए 25 लिकन अब हम कय अपनी जानख़तर म डाल अगर हम मज़ीद रब अपन ख़दा कीआवाज़ सन तो यह बड़ी आग हम भसम कर दगी औरहम अपनी जान स हाथ धो बठग 26 कयिक फ़ानीइनसानो म स कौन हमारी तरह िज़नदा ख़दा को आगम स बात करत हए सन कर िज़नदा रहा ह कोई भीनही 27 आप ही क़रीब जा कर उन तमाम बातो कोसन जो रब हमारा ख़दा हम बताना चाहता ह िफरलौट कर हम वह बात सनाए हम उनह सनग औरउन पर अमल करगrdquo

इिसतसना 528ndash621 20928 जब रब न यह सना तो उस न मझ स कहा ldquoम न

इन लोगो की यह बात सन ली ह वह ठीक कहत ह29 काश उन की सोच हमशा ऐसी ही हो काश वहहमशा इसी तरह मरा ख़ौफ़ मान और मर अहकामपर अमल कर अगर वह ऐसा करग तो वह औरउन की औलाद हमशा कामयाब रहग 30 जा उनहबता द िक अपन ख़मो म लौट जाओ 31 लिकन तयहा मर पास रह तािक म तझ तमाम क़वानीन औरअहकाम द द उन को लोगो को िसखाना तािक वहउस मलक म उन क मतािबक़ चल जो म उनह दगाrdquo

32 चनाच एहितयात स उन अहकाम पर अमल करोजो रब तमहार ख़दा न तमह िदए ह उन स न दाईतरफ़ हटो न बाई तरफ़ 33 हमशा उस राह पर चलतरहो जो रब तमहार ख़दा न तमह बताई ह िफर तमकामयाब होग और उस मलक म दर तक जीत रहोगिजस पर तम क़बज़ा करोग

सब स बड़ा हकम

6 1 यह वह तमाम अहकाम ह जो रब तमहार ख़दान मझ तमह िसखान क िलए कहा उस मलक म

इन पर अमल करना िजस म तम जान वाल हो तािकउस पर क़बज़ा करो 2 उमर भर त तर बचच और पोत-नवास रब अपन ख़दा का ख़ौफ़ मान और उस कउन तमाम अहकाम पर चल जो म तझ द रहा हतब त दर तक जीता रहगा 3 ऐ इसराईल यह मरीबात सन और बड़ी एहितयात स इन पर अमल करिफर रब तर ख़दा का वादा परा हो जाएगा िक तकामयाब रहगा और तरी तादाद उस मलक म ख़बबढ़ती जाएगी िजस म दध और शहद की कसरत ह

4 सन ऐ इसराईल रब हमारा ख़दा एक ही रब ह5 रब अपन ख़दा स अपन पर िदल अपनी परी जानऔर अपनी परी ताक़त स पयार करना 6 जो अहकामम तझ आज बता रहा ह उनह अपन िदल पर नक़शकर 7 उनह अपन बचचो क ज़हननशीन करा यहीबात हर वक़त और हर जगह तर लबो पर हो ख़वाहत घर म बठा या रासत पर चलता हो लटा हो या

खड़ा हो 8 उनह िनशान क तौर पर और याददहानीक िलए अपन बाज़ओ और माथ पर लगा 9 उनहअपन घरो की चौखटो और अपन शहरो क दरवाज़ोपर िलख

10 रब तर ख़दा का वादा परा होगा जो उस न क़समखा कर तर बापदादा इबराहीम इसहाक़ और याक़बक साथ िकया िक म तझ कनआन म ल जाऊगा जोबड़ और शानदार शहर उस म ह वह त न ख़द नहीबनाए 11 जो मकान उस म ह वह ऐसी अचछी चीज़ोस भर हए ह जो त न उन म नही रखी जो कए उसम ह उन को त न नही खोदा जो अगर और ज़तन कबाग़ उस म ह उनह त न नही लगाया यह हक़ीक़तयाद रख जब त उस मलक म कसरत का खाना खाकर सर हो जाएगा 12 तो ख़बरदार रब को न भलनाजो तझ िमसर की ग़लामी स िनकाल लाया

13 रब अपन ख़दा का ख़ौफ़ मानना िसफ़र उसीकी इबादत करना और उसी का नाम ल कर क़समखाना 14 दीगर माबदो की परवी न करना इस मतमाम पड़ोसी अक़वाम क दवता भी शािमल ह15 वनार रब तर ख़दा का ग़ज़ब तझ पर नािज़ल होकर तझ मलक म स िमटा डालगा कयिक वह ग़यरख़दा ह और तर दरिमयान ही रहता ह

16 रब अपन ख़दा को उस तरह न आज़माना िजसतरह तम न मससा म िकया था 17 धयान स रबअपन ख़दा क अहकाम क मतािबक़ चलो उन तमामिहदायात और क़वानीन पर जो उस न तझ िदए ह18 जो कछ रब की नज़र म दरसत और अचछा ह वहकर िफर त कामयाब रहगा त जा कर उस अचछमलक पर क़बज़ा करगा िजस का वादा रब न तरबापदादा स क़सम खा कर िकया था 19 तब रब कीबात परी हो जाएगी िक त अपन दशमनो को अपनआग आग िनकाल दगा

20 आन वाल िदनो म तर बचच पछग ldquoरब हमारख़दा न आप को इन तमाम अहकाम पर अमलकरन को कय कहाrdquo 21 िफर उनह जवाब दना ldquoहमिमसर क बादशाह िफ़रऔन क ग़लाम थ लिकन रब

210 इिसतसना 622ndash714हम बड़ी क़दरत का इज़हार करक िमसर स िनकाललाया 22 हमार दखत दखत उस न बड़ बड़ िनशानऔर मोिजज़ िकए और िमसर िफ़रऔन और उस कपर घरान पर हौलनाक मसीबत भजी 23 उस वक़तवह हम वहा स िनकाल लाया तािक हम ल कर वहमलक द िजस का वादा उस न क़सम खा कर हमारबापदादा क साथ िकया था 24 रब हमार ख़दा ही नहम कहा िक इन तमाम अहकाम क मतािबक़ चलोऔर रब अपन ख़दा का ख़ौफ़ मानो कयिक अगरहम ऐसा कर तो िफर हम हमशा कामयाब और िज़नदारहग और आज तक ऐसा ही रहा ह 25 अगर हमरब अपन ख़दा क हज़र रह कर एहितयात स उनतमाम बातो पर अमल करग जो उस न हम करन कोकही ह तो वह हम रासतबाज़ क़रार दगाrdquo

दसरी कनआनी क़ौमो को िनकालना ह

7 1 रब तरा ख़दा तझ उस मलक म ल जाएगा िजसपर त जा कर क़बज़ा करगा वह तर सामन स

बहत सी क़ौम भगा दगा गो यह सात क़ौम यानीिहतती िजजारसी अमोरी कनआनी फ़िरज़ज़ी िहववीऔर यबसी तादाद और ताक़त क िलहाज़ स तझस बड़ी होगी 2 तो भी रब तरा ख़दा उनह तर हवालकरगा जब त उनह िशकसत दगा तो उन सब को उसक िलए मख़सस करक हलाक कर दना ह न उन कसाथ अहद बाधना और न उन पर रहम करना 3 उनम स िकसी स शादी न करना न अपनी बिटयो कािरशता उन क बटो को दना न अपन बटो का िरशताउन की बिटयो स करना 4 वनार वह तमहार बचचो कोमरी परवी स दर करग और वह मरी नही बिलक उनक दवताओ की िख़दमत करग तब रब का ग़ज़बतम पर नािज़ल हो कर जलदी स तमह हलाक करदगा 5 इस िलए उन की क़बारनगाह ढा दना िजनपतथरो की वह पजा करत ह उनह िचकनाचर करदना उन क यसीरत दवी क खमब काट डालना औरउन क बत जला दना

6 कयिक त रब अपन ख़दा क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस ह उस न दिनया की तमाम क़ौमो म स तझचन कर अपनी क़ौम और ख़ास िमलिकयत बनाया7 रब न कय तमहार साथ ताललक़ क़ाइम िकया औरतमह चन िलया कया इस वजह स िक तम तादादम दीगर क़ौमो की िनसबत ज़यादा थ हरिगज़ नहीतम तो बहत कम थ 8 बिलक वजह यह थी िक रबन तमह पयार िकया और वह वादा परा िकया जो उसन क़सम खा कर तमहार बापदादा क साथ िकयाथा इसी िलए वह िफ़दया द कर तमह बड़ी क़दरत सिमसर की ग़लामी और उस मलक क बादशाह क हाथस बचा लाया 9 चनाच जान ल िक िसफ़र रब तराख़दा ही ख़दा ह वह वफ़ादार ख़दा ह जो उस समहबबत रखत और उस क अहकाम पर अमल करतह उन क साथ वह अपना अहद क़ाइम रखगा औरउन पर हज़ार पशतो तक महरबानी करगा 10 लिकनउस स नफ़रत करन वालो को वह उन क र-ब-रमनािसब सज़ा द कर बबारद करगा हा जो उस सनफ़रत करत ह उन क र-ब-र वह मनािसब सज़ादगा और िझजकगा नही

11 चनाच धयान स उन तमाम अहकाम पर अमलकर जो म आज तझ द रहा ह तािक त उन कमतािबक़ िज़नदगी गज़ार 12 अगर त उन पर तवजजहद और एहितयात स उन पर चल तो िफर रब तराख़दा तर साथ अपना अहद क़ाइम रखगा और तझपर महरबानी करगा िबलकल उस वाद क मतािबक़जो उस न क़सम खा कर तर बापदादा स िकया था13 वह तझ पयार करगा और तझ उस मलक म बरकतदगा जो तझ दन का वादा उस न क़सम खा कर तरबापदादा स िकया था तझ बहत औलाद बख़शनक इलावा वह तर खतो को बरकत दगा और तझकसरत का अनाज अगर और ज़तन हािसल होगावह तर रवड़ो को भी बरकत दगा और तर गाय-बलो और भड़-बकिरयो की तादाद बढ़ती जाएगी14 तझ दीगर तमाम क़ौमो की िनसबत कही ज़यादाबरकत िमलगी न तझ म और न तर मविशयो म

इिसतसना 715ndash89 211बाझपन पाया जाएगा 15 रब हर बीमारी को तझ सदर रखगा वह तझ म वह ख़तरनाक वबाए फलननही दगा िजन स त िमसर म वािक़फ़ हआ बिलक उनहउन म फलाएगा जो तझ स नफ़रत रखत ह

16 जो भी क़ौम रब तरा ख़दा तर हाथ म कर दगाउनह तबाह करना लािज़म ह उन पर रहम की िनगाहस न दखना न उन क दवताओ की िख़दमत करनावनार त फस जाएगा

17 गो तरा िदल कह ldquoयह क़ौम हम स ताक़तवरह हम िकस तरह इनह िनकाल सकत हrdquo 18 तोभी उन स न डर वही कछ ज़हन म रख जो रबतर ख़दा न िफ़रऔन और पर िमसर क साथ िकया19 कयिक त न अपनी आखो स रब अपन ख़दा कीवह बड़ी आज़मान वाली मसीबत और मोिजज़ उसका वह अज़ीम इख़ितयार और क़दरत दखी िजसस वह तझ वहा स िनकाल लाया वही कछ रबतरा ख़दा उन क़ौमो क साथ भी करगा िजन स तइस वक़त डरता ह 20 न िसफ़र यह बिलक रब तराख़दा उन क दरिमयान ज़मबर भी भजगा तािक वहभी तबाह हो जाए जो पहल हमलो स बच कर छप गएह 21 उन स दहशत न खा कयिक रब तरा ख़दा तरदरिमयान ह वह अज़ीम ख़दा ह िजस स सब ख़ौफ़खात ह 22 वह रफ़ता रफ़ता उन क़ौमो को तर आग सभगा दगा त उनह एक दम ख़तम नही कर सकगावनार जगली जानवर तज़ी स बढ़ कर तझ नक़सानपहचाएग

23 रब तरा ख़दा उनह तर हवाल कर दगा वह उनम इतनी सख़त अफ़रा-तफ़री पदा करगा िक वह बबारदहो जाएग 24 वह उन क बादशाहो को भी तर क़ाब मकर दगा और त उन का नाम-ओ-िनशान िमटा दगाकोई भी तरा सामना नही कर सकगा बिलक त उनसब को बबारद कर दगा

25 उन क दवताओ क मजससम जला दना जोचादी और सोना उन पर चढ़ाया हआ ह उस कालालच न करना उस न लना वनार त फस जाएगाकयिक इन चीज़ो स रब तर ख़दा को िघन आती

ह 26 इस तरह की मकरह चीज़ अपन घर म नलाना वनार तझ भी उस क साथ अलग करक बबारदिकया जाएगा तर िदल म उस स शदीद नफ़रत औरिघन हो कयिक उस पर तौर पर बबारद करन क िलएमख़सस िकया गया ह

रब को न भलना

8 1 एहितयात स उन तमाम अहकाम पर अमलकरो जो म आज तझ द रहा ह कयिक ऐसा

करन स तम जीत रहोग तादाद म बढ़ोग और जाकर उस मलक पर क़बज़ा करोग िजस का वादा रबन तमहार बापदादा स क़सम खा कर िकया था

2 वह परा वक़त याद रख जब रब तरा ख़दारिगसतान म 40 साल तक तरी राहनमाई करता रहातािक तझ आिजज़ करक आज़माए और मालम करिक कया त उस क अहकाम पर चलगा िक नही3 उस न तझ आिजज़ करक भक होन िदया िफरतझ मन िखलाया िजस स न त और न तर बापदादावािक़फ़ थ कयिक वह तझ िसखाना चाहता था िकइनसान की िज़नदगी िसफ़र रोटी पर मनहिसर नही होतीबिलक हर उस बात पर जो रब क मह स िनकलतीह

4 इन 40 सालो क दौरान तर कपड़ न िघस न फटन तर पाओ सज 5 चनाच िदल म जान ल िक िजसतरह बाप अपन बट की तबीरयत करता ह उसी तरहरब हमारा ख़दा हमारी तिबरयत करता ह

6 रब अपन ख़दा क अहकाम पर अमल करक उसकी राहो पर चल और उस का ख़ौफ़ मान 7 कयिकवह तझ एक बहतरीन मलक म ल जा रहा ह िजसम नहर और ऐस चशम ह जो पहािड़यो और वािदयोकी ज़मीन स फट िनकलत ह 8 उस की पदावारअनाज जौ अगर अनजीर अनार ज़तन और शहदह 9 उस म रोटी की कमी नही होगी और त िकसीचीज़ स महरम नही रहगा उस क पतथरो म लोहापाया जाता ह और खदाई स त उस की पहािड़यो सताबा हािसल कर सकगा

212 इिसतसना 810ndash9910 जब त कसरत का खाना खा कर सर हो जाएगा

तो िफर रब अपन ख़दा की तमजीद करना िजस नतझ यह शानदार मलक िदया ह 11 ख़बरदार रबअपन ख़दा को न भल और उस क उन अहकामपर अमल करन स गरज़ न कर जो म आज तझ दरहा ह 12 कयिक जब त कसरत का खाना खा करसर हो जाएगा त शानदार घर बना कर उन म रहगा13 और तर रवड़ सोन-चादी और बाक़ी तमाम मालम इज़ाफ़ा होगा 14 तो कही त मग़रर हो कर रबअपन ख़दा को भल न जाए जो तझ िमसर की ग़लामीस िनकाल लाया 15 जब त उस वसी और हौलनाकरिगसतान म सफ़र कर रहा था िजस म ज़हरील सापऔर िबचछ थ तो वही तरी राहनमाई करता रहापानी स महरम उस इलाक़ म वही सख़त पतथर मस पानी िनकाल लाया 16 रिगसतान म वही तझ मनिखलाता रहा िजस स तर बापदादा वािक़फ़ न थइन मिशकलात स वह तझ आिजज़ करक आज़मातारहा तािक आिख़रकार त कामयाब हो जाए

17 जब तझ कामयाबी हािसल होगी तो यह न कहनािक म न अपनी ही क़ववत और ताक़त स यह सबकछ हािसल िकया ह 18 बिलक रब अपन ख़दा कोयाद करना िजस न तझ दौलत हािसल करन कीक़ािबिलयत दी ह कयिक वह आज भी उसी अहदपर क़ाइम ह जो उस न तर बापदादा स िकया था

19 रब अपन ख़दा को न भलना और न दीगरमाबदो क पीछ पड़ कर उनह िसजदा और उन कीिख़दमत करना वनार म ख़द गवाह ह िक तमयक़ीनन हलाक हो जाओग 20 अगर तम रब अपनख़दा की इताअत नही करोग तो िफर वह तमह उनक़ौमो की तरह तबाह कर दगा जो तम स पहल इसमलक म रहती थी

मलक िमलन का सबब इसराईल की रासती नही ह

9 1 सन ऐ इसराईल आज त दरया-ए-यदरन को पारकरन वाला ह दसरी तरफ़ त ऐसी क़ौमो को

भगा दगा जो तझ स बड़ी और ताक़तवर ह और

िजन क शानदार शहरो की फ़सील आसमान स बातकरती ह 2 वहा अनाक़ी बसत ह जो ताक़तवर औरदराज़क़द ह त ख़द जानता ह िक उन क बार म कहाजाता ह ldquoकौन अनािक़यो का सामना कर सकताहrdquo 3 लिकन आज जान ल िक रब तरा ख़दा तरआग आग चलत हए उनह भसम कर दन वाली आगकी तरह हलाक करगा वह तर आग आग उन परक़ाब पाएगा और त उनह िनकाल कर जलदी िमटादगा िजस तरह रब न वादा िकया ह

4 जब रब तरा ख़दा उनह तर सामन स िनकाल दगातो त यह न कहना ldquoम रासतबाज़ ह इसी िलए रबमझ लाइक़ समझ कर यहा लाया और यह मलकमीरास म द िदया हrdquo यह बात हरिगज़ दरसत नहीह रब उन क़ौमो को उन की ग़लत हरकतो की वजहस तर सामन स िनकाल दगा 5 त अपनी रासतबाज़ीऔर दयानतदारी की िबना पर उस मलक पर क़बज़ानही करगा बिलक रब उनह उन की शरीर हरकतोक बाइस तर सामन स िनकाल दगा दसर जो वादाउस न तर बापदादा इबराहीम इसहाक़ और याक़ब कसाथ क़सम खा कर िकया था उस परा होना ह

6 चनाच जान ल िक रब तरा ख़दा तझ तरी रासतीक बाइस यह अचछा मलक नही द रहा हक़ीक़त तोयह ह िक त हटधमर क़ौम ह

सोन का बछड़ा7 याद रख और कभी न भल िक त न रिगसतान म

रब अपन ख़दा को िकस तरह नाराज़ िकया िमसरस िनकलत वक़त स ल कर यहा पहचन तक तमरब स सरकश रह हो 8 ख़ासकर होिरब यानी सीनाक दामन म तम न रब को इतना ग़ससा िदलाया िकवह तमह हलाक करन को था 9 उस वक़त म पहाड़पर चढ़ गया था तािक पतथर की तिख़तया यानी उसअहद की तिख़तया िमल जाए जो रब न तमहार साथबाधा था कछ खाए िपए बग़र म 40 िदन और रातवहा रहा

इिसतसना 910ndash103 21310ndash11 जो कछ रब न आग म स कहा था जब तम

पहाड़ क दामन म जमा थ वही कछ उस न अपनीउगली स दोनो तिख़तयो पर िलख कर मझ िदया12 उस न मझ स कहा ldquoफ़ौरन यहा स उतर जा तरीक़ौम िजस त िमसर स िनकाल लाया िबगड़ गई हवह िकतनी जलदी स मर अहकाम स हट गए हउनहो न अपन िलए बत ढाल िलया ह 13 म न जानिलया ह िक यह क़ौम िकतनी िज़ददी ह 14 अब मझछोड़ द तािक म उनह तबाह करक उन का नाम-ओ-िनशान दिनया म स िमटा डाल उन की जगह म तझस एक क़ौम बना लगा जो उन स बड़ी और ताक़तवरहोगीrdquo

15 म मड़ कर पहाड़ स उतरा जो अब तक भड़करहा था मर हाथो म अहद की दोनो तिख़तया थी16 तमह दखत ही मझ मालम हआ िक तम न रबअपन ख़दा का गनाह िकया ह तम न अपन िलएबछड़ का बत ढाल िलया था तम िकतनी जलदी सरब की मक़रररा राह स हट गए थ

17 तब म न तमहार दखत दखत दोनो तिख़तयो कोज़मीन पर पटख़ कर टकड़ टकड़ कर िदया 18 एकऔर बार म रब क सामन मह क बल िगरा म न नकछ खाया न कछ िपया 40 िदन और रात म तमहारतमाम गनाहो क बाइस इसी हालत म रहा कयिकजो कछ तम न िकया था वह रब को िनहायत बरालगा इस िलए वह ग़ज़बनाक हो गया था 19 वहतम स इतना नाराज़ था िक म बहत डर गया य लगरहा था िक वह तमह हलाक कर दगा लिकन इसबार भी उस न मरी सन ली 20 म न हारन क िलएभी दआ की कयिक रब उस स भी िनहायत नाराज़था और उस हलाक कर दना चाहता था

21 जो बछड़ा तम न गनाह करक बनाया था उसम न जला िदया िफर जो कछ बाक़ी रह गया उसकचल िदया और पीस पीस कर पाउडर बना िदयायह पाउडर म न उस चशम म फक िदया जो पहाड़पर स बह रहा था

22 तम न रब को तबएरा मससा और क़बरोत-हततावाम भी ग़ससा िदलाया 23 क़ािदस-बनीरअ म भी ऐसा हीहआ वहा स रब न तमह भज कर कहा था ldquoजाओउस मलक पर क़बज़ा करो जो म न तमह द िदयाहrdquo लिकन तम न सरकश हो कर रब अपन ख़दा कहकम की िख़लाफ़वरज़ी की तम न उस पर एितमादन िकया न उस की सनी 24 जब स म तमह जानताह तमहारा रब क साथ रवयया बािग़याना ही रहा ह

25 म 40 िदन और रात रब क सामन ज़मीन पर महक बल रहा कयिक रब न कहा था िक वह तमहहलाक कर दगा 26 म न उस स िमननत करक कहाldquoऐ रब क़ािदर-ए-मतलक़ अपनी क़ौम को तबाह नकर वह तो तरी ही िमलिकयत ह िजस त न िफ़दयाद कर अपनी अज़ीम क़दरत स बचाया और बड़इख़ितयार क साथ िमसर स िनकाल लाया 27 अपनख़ािदमो इबराहीम इसहाक़ और याक़ब को याद करऔर इस क़ौम की िज़द शरीर हरकतो और गनाहपर तवजजह न द 28 वनार िमसरी कहग lsquoरब उनहउस मलक म लान क क़ािबल नही था िजस का वादाउस न िकया था बिलक वह उन स नफ़रत करता थाहा वह उनह हलाक करन क िलए रिगसतान म लआयाrsquo 29 वह तो तरी क़ौम ह तरी िमलिकयत िजसत अपनी अज़ीम क़दरत और इख़ितयार स िमसर सिनकाल लायाrdquo

मसा को नई तिख़तया िमलती ह

10 1 उस वक़त रब न मझ स कहा ldquoपतथरकी दो और तिख़तया तराशना जो पहली

तिख़तयो की मािननद हो उनह ल कर मर पास पहाड़पर चढ़ आ लकड़ी का सनदक़ भी बनाना 2 िफरम इन तिख़तयो पर दबारा वही बात िलखगा जो मउन तिख़तयो पर िलख चका था जो त न तोड़ डालीतमह उनह सनदक़ म महफ़ज़ रखना हrdquo

3 म न कीकर की लकड़ी का सनदक़ बनवायाऔर दो तिख़तया तराशी जो पहली तिख़तयो कीमािननद थी िफर म दोनो तिख़तया ल कर पहाड़

214 इिसतसना 104ndash114पर चढ़ गया 4 रब न उन तिख़तयो पर दबारा वहदस अहकाम िलख िदए जो वह पहली तिख़तयो परिलख चका था (उन ही अहकाम का एलान उस नपहाड़ पर आग म स िकया था जब तम उस क दामनम जमा थ) िफर उस न यह तिख़तया मर सपदर की5 म लौट कर उतरा और तिख़तयो को उस सनदक़ मरखा जो म न बनाया था वहा वह अब तक ह सबकछ वसा ही हआ जसा रब न हकम िदया था

इमामो और लािवयो की िख़दमत6 (इस क बाद इसराईली बनी-याक़ान क कओ स

रवाना हो कर मौसीरा पहच वहा हारन फ़ौत हआउस दफ़न करन क बाद उस का बटा इलीअज़र उसकी जगह इमाम बना 7 िफर वह आग सफ़र करतकरत जदजदा िफर यतबाता पहच जहा नहर ह

8 उन िदनो म रब न लावी क क़बील को अलगकरक उस रब क अहद क सनदक़ को उठा कर लजान रब क हज़र िख़दमत करन और उस क नामस बरकत दन की िज़ममादारी दी आज तक यह उनकी िज़ममादारी रही ह 9 इस वजह स लािवयो कोदीगर क़बीलो की तरह न िहससा न मीरास िमलीरब तरा ख़दा ख़द उन की मीरास ह उस न ख़द उनहयह फ़रमाया ह)

10 जब म न दसरी मतरबा 40 िदन और रात पहाड़पर गज़ार तो रब न इस दफ़ा भी मरी सनी और तझहलाक न करन पर आमादा हआ 11 उस न कहाldquoजा क़ौम की राहनमाई कर तािक वह जा कर उसमलक पर क़बज़ा कर िजस का वादा म न क़सम खाकर उन क बापदादा स िकया थाrdquo

रब का ख़ौफ़12 ऐ इसराईल अब मरी बात सन रब तरा ख़दा तझ

स कया तक़ाज़ा करता ह िसफ़र यह िक त उस काख़ौफ़ मान उस की तमाम राहो पर चल उस पयारकर अपन पर िदल-ओ-जान स उस की िख़दमत कर

13 और उस क तमाम अहकाम पर अमल कर आजम उनह तझ तरी बहतरी क िलए द रहा ह

14 परा आसमान ज़मीन और जो कछ उस पर हसब का मािलक रब तरा ख़दा ह 15 तो भी उस नतर बापदादा पर ही अपनी ख़ास शफ़क़त का इज़हारकरक उन स महबबत की और उस न तमह चनकर दसरी तमाम क़ौमो पर तजीरह दी जसा िक आजज़ािहर ह 16 ख़तना उस की क़ौम का िनशान हलिकन धयान रखो िक वह न िसफ़र ज़ािहरी बिलकबाितनी भी हो आइनदा अड़ न जाओ

17 कयिक रब तमहारा ख़दा ख़दाओ का ख़दा औररबो का रब ह वह अज़ीम और ज़ोरावर ख़दा ह िजसस सब ख़ौफ़ खात ह वह जािनबदारी नही करताऔर िरशवत नही लता 18 वह यतीमो और बवाओ काइनसाफ़ करता ह वह परदसी स पयार करता औरउस ख़राक और पोशाक महयया करता ह 19 तम भीउन क साथ महबबत स पश आओ कयिक तम भीिमसर म परदसी थ

20 रब अपन ख़दा का ख़ौफ़ मान और उस कीिख़दमत कर उस स िलपटा रह और उसी क नामकी क़सम खा 21 वही तरा फ़ख़र ह वह तरा ख़दाह िजस न वह तमाम अज़ीम और डराऔन काम िकएजो त न ख़द दख 22 जब तर बापदादा िमसर गए थतो 70 अफ़राद थ और अब रब तर ख़दा न तझिसतारो की मािननद बशमार बना िदया ह

रब स महबबत रख और उस की सन

11 1 रब अपन ख़दा स पयार कर और हमशाउस क अहकाम क मतािबक़ िज़नदगी

गज़ार 2 आज जान लो िक तमहार बचचो न नही बिलकतम ही न रब अपन ख़दा स तिबरयत पाई तम न उसकी अज़मत बड़ इख़ितयार और क़दरत को दखा3 और तम उन मोिजज़ो क गवाह हो जो उस न िमसरक बादशाह िफ़रऔन और उस क पर मलक क सामनिकए 4 तम न दखा िक रब न िकस तरह िमसरी फ़ौजको उस क घोड़ो और रथो समत बहर-ए-क़लज़म म

इिसतसना 115ndash28 215ग़क़र कर िदया जब वह तमहारा ताक़क़ब कर रह थउस न उनह य तबाह िकया िक वह आज तक बहालनही हए

5 तमहार बचच नही बिलक तम ही गवाह हो िक यहा पहचन स पहल रब न रिगसतान म तमहारी िकस तरहदख-भाल की 6 तम न उस का इिलयाब क बटोदातन और अबीराम क साथ सलक दखा जो रिबनक क़बील क थ उस िदन ज़मीन न ख़मागाह कअनदर मह खोल कर उनह उन क घरानो डरो औरतमाम जानदारो समत हड़प कर िलया

7 तम न अपनी ही आखो स रब क यह तमामअज़ीम काम दख ह 8 चनाच उन तमाम अहकामपर अमल करत रहो जो म आज तमह द रहा ह तािकतमह वह ताक़त हािसल हो जो दरकार होगी जब तमदरया-ए-यदरन को पार करक मलक पर क़बज़ा करोग9 अगर तम फ़रमाबरदार रहो तो दर तक उस मलकम जीत रहोग िजस का वादा रब न क़सम खा करतमहार बापदादा स िकया था और िजस म दध औरशहद की कसरत ह

10 कयिक यह मलक िमसर की मािननद नही ह जहा स तम िनकल आए हो वहा क खतो म तझ बीज बोकर बड़ी महनत स उस की आबपाशी करनी पड़तीथी 11 जबिक िजस मलक पर तम क़बज़ा करोग उसम पहाड़ और वािदया ह िजनह िसफ़र बािरश का पानीसराब करता ह 12 रब तरा ख़दा ख़द उस मलक काख़याल रखता ह रब तर ख़दा की आख साल कपहल िदन स ल कर आिख़र तक मतवाितर उस परलगी रहती ह

13 चनाच उन अहकाम क ताब रहो जो म आज तमहद रहा ह रब अपन ख़दा स पयार करो और अपनपर िदल-ओ-जान स उस की िख़दमत करो 14 िफरवह ख़रीफ़ और बहार की सालाना बािरश वक़त परभजगा अनाज अगर और ज़तन की फ़सल पकगीऔर त उनह जमा कर लगा 15 नीज़ अललाह तरीचरागाहो म तर रवड़ो क िलए घास महयया करगाऔर त खा कर सर हो जाएगा

16 लिकन ख़बरदार कही तमह वरग़लाया न जाएऐसा न हो िक तम रब की राह स हट जाओ औरदीगर माबदो को िसजदा करक उन की िख़दमत करो17 वनार रब का ग़ज़ब तम पर आन पड़गा और वहमलक म बािरश होन नही दगा तमहारी फ़सल नहीपकगी और तमह जलद ही उस अचछ मलक म सिमटा िदया जाएगा जो रब तमह द रहा ह

18 चनाच मरी यह बात अपन िदलो पर नक़श करलो उनह िनशान क तौर पर और याददहानी क िलएअपन हाथो और माथो पर लगाओ 19 उनह अपनबचचो को िसखाओ हर जगह और हमशा उन कबार म बात करो ख़वाह त घर म बठा या रासत परचलता हो लटा हो या खड़ा हो 20 उनह अपन घरोकी चौखटो और अपन शहरो क दरवाज़ो पर िलख21 तािक जब तक ज़मीन पर आसमान क़ाइम ह तमऔर तमहारी औलाद उस मलक म जीत रह िजस कावादा रब न क़सम खा कर तमहार बापदादा स िकयाथा

22 एहितयात स उन अहकाम की परवी करो जो मतमह द रहा ह रब अपन ख़दा स पयार करो उसक तमाम अहकाम पर अमल करो और उस क साथिलपट रहो 23 िफर वह तमहार आग आग यह तमामक़ौम िनकाल दगा और तम ऐसी क़ौमो की ज़मीनोपर क़बज़ा करोग जो तम स बड़ी और ताक़तवर ह24 तम जहा भी क़दम रखोग वह तमहारा ही होगाजनबी रिगसतान स ल कर लबनान तक दरया-ए-फ़रात स बहीरा-ए-रम तक 25 कोई भी तमहारासामना नही कर सकगा तम उस मलक म जहा भी जाओग वहा रब तमहारा ख़दा अपन वाद कमतािबक़ तमहारी दहशत और ख़ौफ़ पदा कर दगा26 आज तम ख़द फ़सला करो कया तम रब कीबरकत या उस की लानत पाना चाहत हो 27 अगरतम रब अपन ख़दा क उन अहकाम पर अमल करोजो म आज तमह द रहा ह तो वह तमह बरकत दगा28 लिकन अगर तम उन क ताब न रहो बिलक मरी

216 इिसतसना 1129ndash1215पशकरदा राह स हट कर दीगर माबदो की परवी करोतो वह तम पर लानत भजगा

29 जब रब तरा ख़दा तझ उस मलक म ल जाएगािजस पर त क़बज़ा करगा तो लािज़म ह िक गिरज़ीमपहाड़ पर चढ़ कर बरकत का एलान कर और ऐबालपहाड़ पर लानत का 30 यह दो पहाड़ दरया-ए-यदरनक मग़िरब म उन कनआिनयो क इलाक़ म वाक़ह जो वादी-ए-यदरन म आबाद ह वह मग़िरब कीतरफ़ िजलजाल शहर क सामन मोिरह क बलत कदरख़तो क नज़दीक ह 31 अब तम दरया-ए-यदरन कोपार करक उस मलक पर क़बज़ा करन वाल हो जोरब तमहारा ख़दा तमह द रहा ह जब तम उस अपनाकर उस म आबाद हो जाओग 32 तो एहितयात सउन तमाम अहकाम पर अमल करत रहो जो म आजतमह द रहा ह

मलक म रब क अहकाम

12 1 ज़ल म वह अहकाम और क़वानीन हिजन पर तमह धयान स अमल करना होगा

जब तम उस मलक म आबाद होग जो रब तरबापदादा का ख़दा तझ द रहा ह तािक त उस परक़बज़ा कर मलक म रहत हए उमर भर उन क ताबरहो

मलक म एक ही जगह पर मिक़दस हो2 उन तमाम जगहो को बबारद करो जहा वह क़ौम

िजनह तमह िनकालना ह अपन दवताओ की पजाकरती ह ख़वाह वह ऊच पहाड़ो पहािड़यो या घनदरख़तो क साय म कय न हो 3 उन की क़बारनगाहोको ढा दना िजन पतथरो की पजा वह करत ह उनहिचकनाचर कर दना यसीरत दवी क खमब जलादना उन क दवताओ क मजससम काट डालनाग़रज़ इन जगहो स उन का नाम-ओ-िनशान िमट जाए

4 रब अपन ख़दा की परिसतश करन क िलए उन कतरीक़ न अपनाना 5 रब तमहारा ख़दा क़बीलो म सअपन नाम की सकनत क िलए एक जगह चन लगा

इबादत क िलए वहा जाया करो 6 और वहा अपनीतमाम क़बारिनया ला कर पश करो ख़वाह वह भसमहोन वाली क़बारिनया ज़बह की क़बारिनया पदावारका दसवा िहससा उठान वाली क़बारिनया मननत कहिदए ख़शी स पश की गई क़बारिनया या मविशयोक पहलौठ कय न हो 7 वहा रब अपन ख़दा क हज़रअपन घरानो समत खाना खा कर उन कामयािबयोकी ख़शी मनाओ जो तझ रब तर ख़दा की बरकत कबाइस हािसल हई ह

8 उस वक़त तमह वह नही करना जो हम करत आएह आज तक हर कोई अपनी मज़ीर क मतािबक़इबादत करता ह 9 कयिक अब तक तम आराम कीउस जगह नही पहच जो तझ रब तर ख़दा स मीरासम िमलनी ह 10 लिकन जलद ही तम दरया-ए-यदरनको पार करक उस मलक म आबाद हो जाओग जोरब तमहारा ख़दा तमह मीरास म द रहा ह उस वक़तवह तमह इदरिगदर क दशमनो स बचाए रखगा औरतम आराम और सकन स िज़नदगी गज़ार सकोग11 तब रब तमहारा ख़दा अपन नाम की सकनत किलए एक जगह चन लगा और तमह सब कछ जो मबताऊगा वहा ला कर पश करना ह ख़वाह वह भसमहोन वाली क़बारिनया ज़बह की क़बारिनया पदावारका दसवा िहससा उठान वाली क़बारिनया या मननतक ख़ास हिदए कय न हो 12 वहा रब क सामन तमतमहार बट-बिटया तमहार ग़लाम और लौिडया ख़शीमनाए अपन शहरो म आबाद लािवयो को भी अपनीख़शी म शरीक करो कयिक उन क पास मौरसीज़मीन नही होगी

13 ख़बरदार अपनी भसम होन वाली क़बारिनया हरजगह पर पश न करना 14 बिलक िसफ़र उस जगह परजो रब क़बीलो म स चनगा वही सब कछ य मनािजस तरह म तझ बताता ह

15 लिकन वह जानवर इस म शािमल नही ह जोत क़बारनी क तौर पर पश नही करना चाहता बिलकिसफ़र खाना चाहता ह ऐस जानवर त आज़ादी सअपन तमाम शहरो म ज़बह करक उस बरकत क

इिसतसना 1216ndash134 217मतािबक़ खा सकता ह जो रब तर ख़दा न तझ दी हऐसा गोशत िहरन और ग़ज़ाल क गोशत की मािननद हयानी पाक और नापाक दोनो ही उस खा सकत ह16 लिकन ख़न न खाना उस पानी की तरह ज़मीनपर उडल कर ज़ाए कर दना

17 जो भी चीज़ रब क िलए मख़सस की गई ह उनहअपन शहरो म न खाना मसलन अनाज अगर करस और ज़तन क तल का दसवा िहससा मविशयोक पहलौठ मननत क हिदए ख़शी स पश की गईक़बारिनया और उठान वाली क़बारिनया 18 यह चीज़िसफ़र रब क हज़र खाना यानी उस जगह पर िजस वहमिक़दस क िलए चनगा वही त अपन बट-बिटयोग़लामो लौिडयो और अपन क़बाइली इलाक़ कलािवयो क साथ जमा हो कर ख़शी मना िक रब नहमारी महनत को बरकत दी ह 19 अपन मलक मलािवयो की ज़रिरयात उमर भर परी करन की िफ़कररख

20 जब रब तरा ख़दा अपन वाद क मतािबक़ तरीसरहदद बढ़ा दगा और त गोशत खान की ख़वािहशरखगा तो िजस तरह जी चाह गोशत खा सकगा21 अगर तरा घर उस मिक़दस स दर हो िजस रबतरा ख़दा अपन नाम की सकनत क िलए चनगा तोत िजस तरह जी चाह अपन शहरो म रब स िमलहए मविशयो को ज़बह करक खा सकता ह लिकनऐसा ही करना जसा म न हकम िदया ह 22 ऐसा गोशतिहरन और ग़ज़ाल क गोशत की मािननद ह यानी पाकऔर नापाक दोनो ही उस खा सकत ह 23 अलबततागोशत क साथ ख़न न खाना कयिक ख़न जानदार कीजान ह उस की जान गोशत क साथ न खाना 24 ख़नन खाना बिलक उस ज़मीन पर उडल कर ज़ाए करदना 25 उस न खाना तािक तझ और तरी औलाद कोकामयाबी हािसल हो कयिक ऐसा करन स त रब कीनज़र म सहीह काम करगा

26 लिकन जो चीज़ रब क िलए मख़सस-ओ-मक़ददसह या जो त न मननत मान कर उस क िलए मख़ससकी ह लािज़म ह िक त उनह उस जगह ल जाए िजस

रब मिक़दस क िलए चनगा 27 वही रब अपन ख़दाकी क़बारनगाह पर अपनी भसम होन वाली क़बारिनया गोशत और ख़न समत चढ़ा ज़बह की क़बारिनयो काख़न क़बारनगाह पर उडल दना लिकन उन का गोशतत खा सकता ह

28 जो भी िहदायात म तझ द रहा ह उनह एहितयातस परा कर िफर त और तरी औलाद ख़शहाल रहगकयिक त वह कछ करगा जो रब तर ख़दा की नज़रम अचछा और दरसत ह

29 रब तरा ख़दा उन क़ौमो को िमटा दगा िजन कीतरफ़ त बढ़ रहा ह त उनह उन क मलक स िनकालताजाएगा और ख़द उस म आबाद हो जाएगा 30 लिकनख़बरदार उन क ख़तम होन क बाद भी उन कदवताओ क बार म मालमात हािसल न कर वनार तफस जाएगा मत कहना िक यह क़ौम िकस तरीक़ सअपन दवताओ की पजा करती ह हम भी ऐसा हीकर 31 ऐसा मत कर यह क़ौम ऐस िघनौन तरीक़स पजा करती ह िजन स रब नफ़रत करता ह वहअपन बचचो को भी जला कर अपन दवताओ को पशकरत ह

32 कलाम की जो भी बात म तमह पश करता ह उसक ताब रह कर उस पर अमल करो न िकसी बातका इज़ाफ़ा करना न कोई बात िनकालना

दवताओ की तरफ़ लजान वालो स सलक

13 1 तर दरिमयान ऐस लोग उठ खड़ होग जोअपन आप को नबी या ख़वाब दखन वाल

कहग हो सकता ह िक वह िकसी इलाही िनशान यामोिजज़ का एलान कर 2 जो वाक़ई वजद म आएसाथ साथ वह कह ldquoआ हम दीगर माबदो की पजाकर हम उन की िख़दमत कर िजन स त अब तकवािक़फ़ नही हrdquo 3 ऐस लोगो की न सन इस सरब तमहारा ख़दा तमह आज़मा कर मालम कर रहाह िक कया तम वाक़ई अपन पर िदल-ओ-जान सउस स पयार करत हो 4 तमह रब अपन ख़दा कीपरवी करना और उसी का ख़ौफ़ मानना ह उस क

218 इिसतसना 135ndash143अहकाम क मतािबक़ िज़नदगी गज़ारो उस की सनोउस की िख़दमत करो उस क साथ िलपट रहो 5 ऐसनिबयो या ख़वाब दखन वालो को सज़ा-ए-मौत दनाकयिक वह तझ रब तमहार ख़दा स बग़ावत करनपर उकसाना चाहत ह उसी स िजस न िफ़दया द करतमह िमसर की ग़लामी स बचाया और वहा स िनकाललाया चिक वह तझ उस राह स हटाना चाहत हिजस रब तर ख़दा न तर िलए मक़ररर िकया ह इसिलए लािज़म ह िक उनह सज़ा-ए-मौत दी जाए ऐसीबराई अपन दरिमयान स िमटा दना

6 हो सकता ह िक तरा सगा भाई तरा बटा याबटी तरी बीवी या तरा क़रीबी दोसत तझ चपक सवरग़लान की कोिशश कर िक आ हम जा कर दीगरमाबदो की पजा कर ऐस दवताओ की िजन स नत और न तर बापदादा वािक़फ़ थ 7 ख़वाह इदरिगदरकी या दरदराज़ की क़ौमो क दवता हो ख़वाह दिनयाक एक िसर क या दसर िसर क माबद हो 8 िकसीसरत म अपनी रज़ामनदी का इज़हार न कर न उसकी सन उस पर रहम न कर न उस बचाए रख नउस पनाह द 9 बिलक उस सज़ा-ए-मौत द और उससगसार करत वक़त पहल तरा हाथ उस पर पतथरफक िफर ही बाक़ी तमाम लोग िहससा ल 10 उसज़रर पतथरो स सज़ा-ए-मौत दना कयिक उस न तझरब तर ख़दा स दर करन की कोिशश की उसी सजो तझ िमसर की ग़लामी स िनकाल लाया 11 िफरतमाम इसराईल यह सन कर डर जाएगा और आइनदातर दरिमयान ऐसी शरीर हरकत करन की जरअतनही करगा

12 जब त उन शहरो म रहन लगगा जो रब तरा ख़दातझ द रहा ह तो शायद तझ ख़बर िमल जाए 13 िकशरीर लोग तर दरिमयान स उभर आए ह जो अपनशहर क बािशनदो को यह कह कर ग़लत राह पर लाए

ह िक आओ हम दीगर माबदो की पजा कर ऐसमाबदो की िजन स तम वािक़फ़ नही हो 14 लािज़मह िक त दरयाफ़त करक इस की तफ़तीश कर औरख़ब मालम कर िक कया हआ ह अगर सािबत होजाए िक यह िघनौनी बात वाक़ई हई ह 15 तो िफरलािज़म ह िक त शहर क तमाम बािशनदो को हलाककर उस रब क सपदर करक सरासर तबाह करना निसफ़र उस क लोग बिलक उस क मवशी भी 16 शहरका परा माल-ए-ग़नीमत चौक म इकटठा कर िफरपर शहर को उस क माल समत रब क िलए मख़ससकरक जला दना उस दबारा कभी न तामीर िकयाजाए बिलक उस क खडरात हमशा तक रह

17 परा शहर रब क िलए मख़सस िकया गया ह इसिलए उस की कोई भी चीज़ तर पास न पाई जाएिसफ़र इस सरत म रब का ग़ज़ब ठडा हो जाएगाऔर वह तझ पर रहम करक अपनी महरबानी काइज़हार करगा और तरी तादाद बढ़ाएगा िजस तरहउस न क़सम खा कर तर बापदादा स वादा िकया ह18 लिकन यह सब कछ इस पर मबनी ह िक त रबअपन ख़दा की सन और उस क उन तमाम अहकामपर अमल कर जो म तझ आज द रहा ह वही कछकर जो उस की नज़र म दरसत ह

पाक और नापाक जानवर

14 1 तम रब अपन ख़दा क फ़ज़रनद हो अपनआप को मदोर क सबब स न ज़ख़मी करो

न अपन सर क सामन वाल बाल मडवाओ 2 कयिकत रब अपन ख़दा क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस क़ौमह दिनया की तमाम क़ौमो म स रब न तझ ही चनकर अपनी िमलिकयत बना िलया ह

3 कोई भी मकरह चीज़ न खाना

इिसतसना 144ndash27 2194 तम बल भड़-बकरी 5 िहरन ग़ज़ाल मग

dपहाड़ी बकरी महात eग़ज़ाल-ए-अफ़रीक़ा fऔरपहाड़ी बकरी खा सकत हो 6 िजन क खर या पाओिबलकल िचर हए ह और जो जगाली करत ह उनहखान की इजाज़त ह 7 ऊट िबजज या ख़रगोश खानामना ह वह तमहार िलए नापाक ह कयिक वहजगाली तो करत ह लिकन उन क खर या पाओिचर हए नही ह 8 सअर न खाना वह तमहार िलएनापाक ह कयिक उस क खर तो िचर हए ह लिकनवह जगाली नही करता न उन का गोशत खाना नउन की लाशो को छना

9 पानी म रहन वाल जानवर खान क िलए जाइज़ह अगर उन क पर और िछलक हो 10 लिकन िजनक पर या िछलक नही ह वह तमहार िलए नापाक ह

11 तम हर पाक पिरनदा खा सकत हो 12 लिकनज़ल क पिरनद खाना मना ह उक़ाब दिढ़यल िगदधकाला िगदध 13 लाल चील काली चील हर िक़समका िगदध 14 हर िक़सम का कववा 15 उक़ाबी उललछोट कान वाला उलल बड़ कान वाला उलल हर िक़समका बाज़ 16 छोटा उलल िचघाड़न वाला उलल सफ़दउलल 17 दशती उलल िमसरी िगदध क़क़ 18 लक़लक़ हरिक़सम का बतीमार हदहद और चमगादड़ g

19 तमाम पर रखन वाल कीड़ तमहार िलए नापाकह उनह खाना मना ह 20 लिकन तम हर पाक पिरनदाखा सकत हो

21 जो जानवर ख़द-ब-ख़द मर जाए उस न खानात उस अपनी आबादी म रहन वाल िकसी परदसीको द या िकसी अजनबी को बच सकता ह और वहउस खा सकता ह लिकन त उस मत खाना कयिक

त रब अपन ख़दा क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस क़ौमह

बकरी क बचच को उस की मा क दध म पकानामना ह

अपनी पदावार का दसवा िहससा मख़सस करना22 लािज़म ह िक त हर साल अपन खतो की

पदावार का दसवा िहससा रब क िलए अलग कर23 इस क िलए अपना अनाज अगर का रस ज़तनका तल और मवशी क पहलौठ रब अपन ख़दा कहज़र ल आना यानी उस जगह जो वह अपन नाम कीसकनत क िलए चनगा वहा यह चीज़ क़बारन करकखा तािक त उमर भर रब अपन ख़दा का ख़ौफ़ माननासीख

24 लिकन हो सकता ह िक जो जगह रब तरा ख़दाअपन नाम की सकनत क िलए चनगा वह तर घर सहद स ज़यादा दर हो और रब तर ख़दा की बरकतक बाइस मज़करा दसवा िहससा इतना ज़यादा हो िकत उस मिक़दस तक नही पहचा सकता 25 इस सरतम उस बच कर उस क पस उस जगह ल जा जो रबतरा ख़दा अपन नाम की सकनत क िलए चनगा26 वहा पहच कर उन पसो स जो जी चाह ख़रीदनाख़वाह गाय-बल भड़-बकरी म या म जसी कोई औरचीज़ कय न हो िफर अपन घरान क साथ िमल कररब अपन ख़दा क हज़र यह चीज़ खाना और ख़शीमनाना 27 ऐस मौक़ो पर उन लािवयो का ख़यालरखना जो तर क़बाइली इलाक़ म रहत ह कयिकउनह मीरास म ज़मीन नही िमलगी

dयह िहरन क मशाबह होता ह लिकन िफ़तरतन मख़तिलफ़ होता ह इस क सीग खोखल बशाख और उनझड़ होत ह antelopeयाद रह िक क़दीम ज़मान क इन जानवरो क अकसर नाम मतरक ह या उन का मतलब बदल गया ह इस िलए उन का मख़तिलफ़तजरमा हो सकता हeमहात दराज़क़द िहरनो की एक नौ िजस क सीग चककरदार होत ह addaxfग़ज़ाल-ए-अफ़रीक़ा िचकारो की तीन इक़साम म स कोई जो अपन लमब और हलक़ादार सीगो की वजह स ममताज़ ह oryxgयाद रह िक क़दीम ज़मान क इन पिरनदो क अकसर नाम मतरक ह या उन का मतलब बदल गया ह इस िलए उन का मख़तिलफ़तजरमा हो सकता ह

220 इिसतसना 1428ndash151928 हर तीसर साल अपनी पदावार का दसवा िहससा

अपन शहरो म जमा करना 29 उस लािवयो को दनािजन क पास मौरसी ज़मीन नही ह नीज़ अपन शहरोम आबाद परदिसयो यतीमो और बवाओ को दनावह आए और खाना खा कर सर हो जाए तािक रबतरा ख़दा तर हर काम म बरकत द

क़ज़रदारो की बहाली का साल

15 1 हर सात साल क बाद एक दसर क कज़ रमआफ़ कर दना 2 उस वक़त िजस न भी

िकसी इसराईली भाई को क़ज़र िदया ह वह उस मनसख़कर वह अपन पड़ोसी या भाई को पस वापस करनपर मजबर न कर कयिक रब की ताज़ीम म क़ज़रमआफ़ करन क साल का एलान िकया गया ह 3 इससाल म त िसफ़र ग़रमलकी क़ज़रदारो को पस वापसकरन पर मजबर कर सकता ह अपन इसराईली भाईक तमाम क़ज़र मआफ़ कर दना

4 तर दरिमयान कोई भी ग़रीब नही होना चािहएकयिक जब त उस मलक म रहगा जो रब तरा ख़दातझ मीरास म दन वाला ह तो वह तझ बहत बरकतदगा 5 लिकन शतर यह ह िक त पर तौर पर उस कीसन और एहितयात स उस क उन तमाम अहकामपर अमल कर जो म तझ आज द रहा ह 6 िफर रबतमहारा ख़दा तझ अपन वाद क मतािबक़ बरकतदगा त िकसी भी क़ौम स उधार नही लगा बिलकबहत सी क़ौमो को उधार दगा कोई भी क़ौम तझपर हकमत नही करगी बिलक त बहत सी क़ौमो परहकमत करगा

7 जब त उस मलक म आबाद होगा जो रब तरा ख़दातझ दन वाला ह तो अपन दरिमयान रहन वाल ग़रीबभाई स सख़त सलक न करना न कजस होना 8 खलिदल स उस की मदद कर िजतनी उस ज़ररत ह उसउधार क तौर पर द 9 ख़बरदार ऐसा मत सोच िकक़ज़र मआफ़ करन का साल क़रीब ह इस िलए म उसकछ नही दगा अगर त ऐसी शरीर बात अपन िदलम सोचत हए ज़ररतमनद भाई को क़ज़र दन स इनकार

कर और वह रब क सामन तरी िशकायत कर तो तक़सरवार ठहरगा 10 उस ज़रर कछ द बिलक ख़शीस द िफर रब तरा ख़दा तर हर काम म बरकत दगा11 मलक म हमशा ग़रीब और ज़ररतमनद लोग पाएजाएग इस िलए म तझ हकम दता ह िक खल िदल सअपन ग़रीब और ज़ररतमनद भाइयो की मदद कर

ग़लामो को आज़ाद करन का फ़ज़र12 अगर कोई इसराईली भाई या बहन अपन आप

को बच कर तरा ग़लाम बन जाए तो वह छः सालतरी िख़दमत कर लिकन लािज़म ह िक सातव सालउस आज़ाद कर िदया जाए 13 आज़ाद करत वक़तउस ख़ाली हाथ फ़ािरग़ न करना 14 बिलक अपनीभड़-बकिरयो अनाज तल और म स उस फ़ययाज़ीस कछ द यानी उन चीज़ो म स िजन स रब तर ख़दान तझ बरकत दी ह 15 याद रख िक त भी िमसर मग़लाम था और िक रब तर ख़दा न िफ़दया द कर तझछड़ाया इसी िलए म आज तझ यह हकम दता ह

16 लिकन ममिकन ह िक तरा ग़लाम तझ छोड़ना नचाह कयिक वह तझ स और तर ख़ानदान स महबबतरखता ह और वह तर पास रह कर ख़शहाल ह17 इस सरत म उस दरवाज़ क पास ल जा और उसक कान की लौ चौखट क साथ लगा कर उस सतालीयानी तज़ औज़ार स छद द तब वह िज़नदगी भर तराग़लाम बना रहगा अपनी लौडी क साथ भी ऐसा हीकरना

18 अगर ग़लाम तझ छः साल क बाद छोड़ना चाहतो बरा न मानना आिख़र अगर उस की जगह कोईऔर वही काम तनख़वाह क िलए करता तो तरअख़राजात दगन होत उस आज़ाद करना तो रब तराख़दा तर हर काम म बरकत दगा

जानवरो क पहलौठ मख़सस ह19 अपनी गायो और भड़-बकिरयो क नर पहलौठ

रब अपन ख़दा क िलए मख़सस करना न गाय कपहलौठ को काम क िलए इसतमाल करना न भड़ क

इिसतसना 1520ndash1616 221पहलौठ क बाल कतरना 20 हर साल ऐस बचच उसजगह ल जा जो रब अपन मिक़दस क िलए चनगावहा उनह रब अपन ख़दा क हज़र अपन पर ख़ानदानसमत खाना

21 अगर ऐस जानवर म कोई ख़राबी हो वह अधाया लगड़ा हो या उस म कोई और नक़स हो तो उस रबअपन ख़दा क िलए क़बारन न करना 22 ऐस जानवरत घर म ज़बह करक खा सकता ह वह िहरन औरग़ज़ाल की मािननद ह िजनह त खा तो सकता हलिकन क़बारनी क तौर पर पश नही कर सकतापाक और नापाक शख़स दोनो उस खा सकत ह23 लिकन ख़न न खाना उस पानी की तरह ज़मीनपर उडल कर ज़ाए कर दना

फ़सह की ईद

16 1 अबीब क महीन hम रब अपन ख़दा कीताज़ीम म फ़सह की ईद मनाना कयिक इस

महीन म वह तझ रात क वक़त िमसर स िनकाल लाया2 उस जगह जमा हो जा जो रब अपन नाम की सकनतक िलए चनगा उस क़बारनी क िलए भड़-बकिरया या गाय-बल पश करना 3 गोशत क साथ बख़मीरीरोटी खाना सात िदन तक यही रोटी खा िबलकलउसी तरह िजस तरह त न िकया जब जलदी जलदीिमसर स िनकला मसीबत की यह रोटी इस िलए खातािक वह िदन तर जीत जी याद रह जब त िमसर सरवाना हआ 4 लािज़म ह िक ईद क हफ़त क दौरानतर पर मलक म ख़मीर न पाया जाए

जो क़बारनी त ईद क पहल िदन की शाम को पशकर उस का गोशत उसी वक़त खा ल अगली सबहतक कछ बाक़ी न रह जाए 5 फ़सह की क़बारनीिकसी भी शहर म जो रब तरा ख़दा तझ दगा नचढ़ाना 6 बिलक िसफ़र उस जगह जो वह अपन नामकी सकनत क िलए चनगा िमसर स िनकलत वक़तकी तरह क़बारनी क जानवर को सरज डबत वक़त

ज़बह कर 7 िफर उस भन कर उस जगह खाना जोरब तरा ख़दा चनगा अगली सबह अपन घर वापसचला जा 8 ईद क पहल छः िदन बख़मीरी रोटी खातारह सातव िदन काम न करना बिलक रब अपन ख़दाकी इबादत क िलए जमा हो जाना

फ़सल की कटाई की ईद9 जब अनाज की फ़सल की कटाई शर होगी तो

पहल िदन क सात हफ़त बाद 10 फ़सल की कटाईकी ईद मनाना रब अपन ख़दा को उतना पश करिजतना जी चाह वह उस बरकत क मतािबक़ होजो उस न तझ दी ह 11 इस क िलए भी उस जगहजमा हो जा जो रब अपन नाम की सकनत क िलएचनगा वहा उस क हज़र ख़शी मना तर बाल-बचचतर ग़लाम और लौिडया और तर शहरो म रहन वाललावी परदसी यतीम और बवाए सब तरी ख़शी मशरीक हो 12 इन अहकाम पर ज़रर अमल करनाऔर मत भलना िक त िमसर म ग़लाम था

झोपिड़यो की ईद13 अनाज गाहन और अगर का रस िनकालन क

बाद झोपिड़यो की ईद मनाना िजस का दौरािनयासात िदन हो 14 ईद क मौक़ पर ख़शी मनाना तरबाल-बचच तर ग़लाम और लौिडया और तर शहरोम बसन वाल लावी परदसी यतीम और बवाए सबतरी ख़शी म शरीक हो 15 जो जगह रब तरा ख़दामिक़दस क िलए चनगा वहा उस की ताज़ीम म सातिदन तक यह ईद मनाना कयिक रब तरा ख़दा तरीतमाम फ़सलो और महनत को बरकत दगा इस िलएख़ब ख़शी मनाना

16 इसराईल क तमाम मदर साल म तीन मतरबा उसमिक़दस पर हािज़र हो जाए जो रब तरा ख़दा चनगायानी बख़मीरी रोटी की ईद फ़सल की कटाई कीईद और झोपिड़यो की ईद पर कोई भी रब क

hमाचर ता अपरल

222 इिसतसना 1617ndash1716हज़र ख़ाली हाथ न आए 17 हर कोई उस बरकतक मतािबक़ द जो रब तर ख़दा न उस दी ह

क़ाज़ी मक़ररर करना18 अपन अपन क़बाइली इलाक़ म क़ाज़ी और

िनगहबान मक़ररर कर वह हर उस शहर म होजो रब तरा ख़दा तझ दगा वह इनसाफ़ स लोगोकी अदालत कर 19 न िकसी क हक़क़ मारना नजािनबदारी िदखाना िरशवत क़बल न करना कयिकिरशवत दािनशमनदो को अधा कर दती और रासतबाज़की बात पलट दती ह 20 िसफ़र और िसफ़र इनसाफ़क मतािबक़ चल तािक त जीता रह और उस मलकपर क़बज़ा कर जो रब तरा ख़दा तझ दगा

बतपरसती की सज़ा21 जहा त रब अपन ख़दा क िलए क़बारनगाह

बनाएगा वहा न यसीरत दवी की पजा क िलए लकड़ीका खमबा 22 और न कोई ऐसा पतथर खड़ा करनािजस की पजा लोग करत ह रब तरा ख़दा इन चीज़ोस नफ़रत रखता ह

17 1 रब अपन ख़दा को नािक़स गाय-बल याभड़-बकरी पश न करना कयिक वह ऐसी

क़बारनी स नफ़रत रखता ह2 जब त उन शहरो म आबाद हो जाएगा जो रब

तरा ख़दा तझ दगा तो हो सकता ह िक तर दरिमयानकोई मदर या औरत रब तर ख़दा का अहद तोड़ करवह कछ कर जो उस बरा लग 3 मसलन वह दीगरमाबदो को या सरज चाद या िसतारो क पर लशकरको िसजदा कर हालािक म न यह मना िकया ह4 जब भी तझ इस िक़सम की ख़बर िमल तो इस कापरा खोज लगा अगर बात दरसत िनकल और ऐसीिघनौनी हरकत वाक़ई इसराईल म की गई हो 5 तोक़सरवार को शहर क बाहर ल जा कर सगसार करदना 6 लिकन लािज़म ह िक पहल कम अज़ कम दोया तीन लोग गवाही द िक उस न ऐसा ही िकया हउस सज़ा-ए-मौत दन क िलए एक गवाह काफ़ी नही

7 पहल गवाह उस पर पतथर फक इस क बाद बाक़ीतमाम लोग उस सगसार कर य त अपन दरिमयानस बराई िमटा दगा

मिक़दस म आलातरीन अदालत8 अगर तर शहर क क़ािज़यो क िलए िकसी मक़ददम

का फ़सला करना मिशकल हो तो उस मिक़दस मआ कर अपना मआमला पश कर जो रब तरा ख़दाचनगा ख़वाह िकसी को क़तल िकया गया हो उसज़ख़मी कर िदया गया हो या कोई और मसला हो9 लावी क क़बील क इमामो और मिक़दस म िख़दमतकरन वाल क़ाज़ी को अपना मक़ददमा पश कर औरवह फ़सला कर 10 जो फ़सला वह उस मिक़दसम करग जो रब चनगा उस मानना पड़गा जो भीिहदायत वह द उस पर एहितयात स अमल कर11 शरीअत की जो भी बात वह तझ िसखाए और जोभी फ़सला वह द उस पर अमल कर जो कछ भी वहतझ बताए उस स न दाई और न बाई तरफ़ मड़ना

12 जो मिक़दस म रब तर ख़दा की िख़दमत करनवाल क़ाज़ी या इमाम को हक़ीर जान कर उन कीनही सनता उस सज़ा-ए-मौत दी जाए य त इसराईल सबराई िमटा दगा 13 िफर तमाम लोग यह सन कर डरजाएग और आइनदा ऐसी गसताख़ी करन की जरअतनही करग

बादशाह क बार म उसल14 त जलद ही उस मलक म दािख़ल होगा जो रब

तरा ख़दा तझ दन वाला ह जब त उस पर क़बज़ाकरक उस म आबाद हो जाएगा तो हो सकता ह िक तएक िदन कह ldquoआओ हम इदरिगदर की तमाम क़ौमोकी तरह बादशाह मक़ररर कर जो हम पर हकमतकरrdquo 15 अगर त ऐसा कर तो िसफ़र वह शख़स मक़रररकर िजस रब तरा ख़दा चनगा वह परदसी न होबिलक तरा अपना इसराईली भाई हो 16 बादशाहबहत ज़यादा घोड़ न रख न अपन लोगो को उनहख़रीदन क िलए िमसर भज कयिक रब न तझ स कहा

इिसतसना 1717ndash1819 223ह िक कभी वहा वापस न जाना 17 तरा बादशाहज़यादा बीिवया भी न रख वनार उस का िदल रब सदर हो जाएगा और वह हद स ज़यादा सोना-चादीजमा न कर

18 तख़तनशीन होत वक़त वह लावी क क़बीलक इमामो क पास पड़ी इस शरीअत की नक़लिलखवाए 19 यह िकताब उस क पास महफ़ज़ रहऔर वह उमर भर रोज़ाना इस पढ़ता रह तािक रबअपन ख़दा का ख़ौफ़ मानना सीख तब वह शरीअतकी तमाम बातो की परवी करगा 20 अपन आप कोअपन इसराईली भाइयो स ज़यादा अहम नही समझगाऔर िकसी तरह भी शरीअत स हट कर काम नहीकरगा नतीज म वह और उस की औलाद बहत अस रतक इसराईल पर हकमत करग

इमामो और लािवयो का िहससा

18 1 इसराईल क हर क़बील को मीरास म उसका अपना इलाक़ा िमलगा िसवाए लावी क

क़बील क िजस म इमाम भी शािमल ह वह जलनवाली और दीगर क़बारिनयो म स अपना िहससा लकर गज़ारा कर 2 उन क पास दसरो की तरह मौरसीज़मीन नही होगी बिलक रब ख़द उन का मौरसीिहससा होगा यह उस न वादा करक कहा ह

3 जब भी िकसी बल या भड़ को क़बारन िकया जाएतो इमामो को उस का शाना जबड़ और ओझड़ीिमलन का हक़ ह 4 अपनी फ़सलो का पहला फलभी उनह दना यानी अनाज म ज़तन का तल औरभड़ो की पहली कतरी हई ऊन 5 कयिक रब न तरतमाम क़बीलो म स लावी क क़बील को ही मिक़दसम रब क नाम म िख़दमत करन क िलए चना हयह हमशा क िलए उन की और उन की औलाद कीिज़ममादारी रहगी

6 कछ लावी मिक़दस क पास नही बिलक इसराईलक मख़तिलफ़ शहरो म रहग अगर उन म स कोई उसजगह आना चाह जो रब मिक़दस क िलए चनगा 7 तोवह वहा क िख़दमत करन वाल लािवयो की तरह

मिक़दस म रब अपन ख़दा क नाम म िख़दमत करसकता ह 8 उस क़बारिनयो म स दसरो क बराबरलािवयो का िहससा िमलना ह ख़वाह उस ख़ानदानीिमलिकयत बचन स पस िमल गए हो या नही

जादगरी मना ह9 जब त उस मलक म दािख़ल होगा जो रब तरा

ख़दा तझ द रहा ह तो वहा की रहन वाली क़ौमो किघनौन दसतर न अपनाना 10 तर दरिमयान कोई भीअपन बट या बटी को क़बारनी क तौर पर न जलाएन कोई ग़बदानी कर न फ़ाल या शगन िनकालया जादगरी कर 11 इसी तरह मतर पढ़ना हािज़रातकरना िक़समत का हाल बताना या मदोर की रहो सरािबता करना सख़त मना ह 12 जो भी ऐसा कर वहरब की नज़र म क़ािबल-ए-िघन ह इन ही मकरहदसतरो की वजह स रब तरा ख़दा तर आग स उनक़ौमो को िनकाल दगा 13 इस िलए लािज़म ह िकत रब अपन ख़दा क सामन बक़सर रह

नबी का वादा14 िजन क़ौमो को त िनकालन वाला ह वह उन की

सनती ह जो फ़ाल िनकालत और ग़बदानी करत हलिकन रब तर ख़दा न तझ ऐसा करन की इजाज़तनही दी

15 रब तरा ख़दा तर वासत तर भाइयो म स मझजस नबी को बरपा करगा उस की सनना 16 कयिकहोिरब यानी सीना पहाड़ पर जमा होत वक़त तन ख़द रब अपन ख़दा स दरख़वासत की ldquoन ममज़ीद रब अपन ख़दा की आवाज़ सनना चाहतान यह भड़कती हई आग दखना चाहता ह वनार मरजाऊगाrdquo 17 तब रब न मझ स कहा ldquoजो कछ वहकहत ह वह ठीक ह 18 आइनदा म उन म स तझजसा नबी खड़ा करगा म अपन अलफ़ाज़ उस कमह म डाल दगा और वह मरी हर बात उन तकपहचाएगा 19 जब वह नबी मर नाम म कछ कह तोलािज़म ह िक त उस की सन जो नही सनगा उस स

224 इिसतसना 1820ndash1915म ख़द जवाब तलब करगा 20 लिकन अगर कोईनबी गसताख़ हो कर मर नाम म कोई बात कह जो मन उस बतान को नही कहा था तो उस सज़ा-ए-मौतदनी ह इसी तरह उस नबी को भी हलाक कर दनाह जो दीगर माबदो क नाम म बात करrdquo

21 शायद तर ज़हन म सवाल उभर आए िक हमिकस तरह मालम कर सकत ह िक कोई कलामवाक़ई रब की तरफ़ स ह या नही 22 जवाब यहह िक अगर नबी रब क नाम म कछ कह और वहपरा न हो जाए तो मतलब ह िक नबी की बात रब कीतरफ़ स नही ह बिलक उस न गसताख़ी करक बातकी ह इस सरत म उस स मत डरना

पनाह क शहर

19 1 रब तरा ख़दा उस मलक म आबाद क़ौमोको तबाह करगा जो वह तझ द रहा ह

जब त उनह भगा कर उन क शहरो और घरो म आबाद हो जाएगा 2ndash3 तो पर मलक को तीन िहससो म तक़सीम कर हर िहसस म एक मकर ज़ी शहर मक़रररकर उन तक पहचान वाल रासत साफ़-सथर रखनाइन शहरो म हर वह शख़स पनाह ल सकता ह िजसक हाथ स कोई ग़रइरादी तौर पर हलाक हआ ह4 वह ऐस शहर म जा कर इिनतक़ाम लन वालो समहफ़ज़ रहगा शतर यह ह िक उस न न क़सदन औरन दशमनी क बाइस िकसी को मार िदया हो

5 मसलन दो आदमी जगल म दरख़त काट रह हकलहाड़ी चलात वक़त एक की कलहाड़ी दसत सिनकल कर उस क साथी को लग जाए और वह मरजाए ऐसा शख़स फ़रार हो कर ऐस शहर म पनाहल सकता ह तािक बचा रह 6 इस िलए ज़ररी हिक ऐस शहरो का फ़ािसला ज़यादा न हो कयिकजब इिनतक़ाम लन वाला उस का ताक़क़ब करगा तोख़तरा ह िक वह तश म उस पकड़ कर मार डालअगरच भागन वाला बक़सर ह जो कछ उस न िकयावह दशमनी क सबब स नही बिलक ग़रइरादी तौर पर

हआ 7 इस िलए लािज़म ह िक त पनाह क तीन शहरअलग कर ल

8 बाद म रब तरा ख़दा तरी सरहदद मज़ीद बढ़ा दगाकयिक यही वादा उस न क़सम खा कर तर बापदादास िकया ह अपन वाद क मतािबक़ वह तझ परामलक दगा 9 अलबतता शतर यह ह िक त एहितयात सउन तमाम अहकाम की परवी कर जो म तझ आजद रहा ह दसर अलफ़ाज़ म शतर यह ह िक त रबअपन ख़दा को पयार कर और हमशा उस की राहोम चलता रह अगर त ऐसा ही कर और नतीजतनरब का वादा परा हो जाए तो लािज़म ह िक त पनाहक तीन और शहर अलग कर ल 10 वनार तर मलकम जो रब तरा ख़दा तझ मीरास म द रहा ह बक़सरलोगो को जान स मारा जाएगा और त ख़द िज़ममादारठहरगा

11 लिकन हो सकता ह कोई दशमनी क बाइसिकसी की ताक म बठ जाए और उस पर हमला करकउस मार डाल अगर क़ाितल पनाह क िकसी शहरम भाग कर पनाह ल 12 तो उस क शहर क बज़गरइिततला द िक उस वापस लाया जाए उस इिनतक़ामलन वाल क हवाल िकया जाए तािक उस सज़ा-ए-मौत िमल 13 उस पर रहम मत करना लािज़म हिक त इसराईल म स बक़सर की मौत का दाग़ िमटाएतािक त ख़शहाल रह

ज़मीनो की हदद14 जब त उस मलक म रहगा जो रब तरा ख़दा तझ

मीरास म दगा तािक त उस पर क़बज़ा कर तो ज़मीनकी वह हदद आग पीछ न करना जो तर बापदादा नमक़ररर की

अदालत म गवाह15 त िकसी को एक ही गवाह क कहन पर

क़सरवार नही ठहरा सकता जो भी जमर सरज़द हआह कम अज़ कम दो या तीन गवाहो की ज़ररत हवनार त उस क़सरवार नही ठहरा सकता

इिसतसना 1916ndash2019 22516 अगर िजस पर इलज़ाम लगाया गया ह इनकार

करक दावा कर िक गवाह झट बोल रहा ह 17 तोदोनो मिक़दस म रब क हज़र आ कर िख़दमत करनवाल इमामो और क़ािज़यो को अपना मआमला पशकर 18 क़ाज़ी इस का ख़ब खोज लगाए अगर बातदरसत िनकल िक गवाह न झट बोल कर अपन भाईपर ग़लत इलज़ाम लगाया ह 19 तो उस क साथ वहकछ िकया जाए जो वह अपन भाई क िलए चाहरहा था य त अपन दरिमयान स बराई िमटा दगा20 िफर तमाम बाक़ी लोग यह सन कर डर जाएग औरआइनदा तर दरिमयान ऐसी ग़लत हरकत करन कीजरअत नही करग 21 क़सरवार पर रहम न करनाउसल यह हो िक जान क बदल जान आख क बदलआख दात क बदल दात हाथ क बदल हाथ पाओक बदल पाओ

जग क उसल

20 1 जब त जग क िलए िनकल कर दखताह िक दशमन तादाद म ज़यादा ह और उन

क पास घोड़ और रथ भी ह तो मत डरना रब तराख़दा जो तझ िमसर स िनकाल लाया अब भी तर साथह 2 जग क िलए िनकलन स पहल इमाम सामनआए और फ़ौज स मख़ाितब हो कर 3 कह ldquoसन ऐइसराईल आज तम अपन दशमन स लड़न जा रहहो उन क सबब स परशान न हो उन स न ख़ौफ़खाओ न घबराओ 4 कयिक रब तमहारा ख़दा ख़दतमहार साथ जा कर दशमन स लड़गा वही तमह फ़तहबख़शगाrdquo

5 िफर िनगहबान फ़ौज स मख़ाितब हो ldquoकया यहा कोई ह िजस न हाल म अपना नया घर मकममलिकया लिकन उस मख़सस करन का मौक़ा न िमलावह अपन घर वापस चला जाए ऐसा न हो िक वहजग क दौरान मारा जाए और कोई और घर कोमख़सस करक उस म बसन लग 6 कया कोई ह िजसन अगर का बाग़ लगा कर इस वक़त उस की पहलीफ़सल क इिनतज़ार म ह वह अपन घर वापस चला

जाए ऐसा न हो िक वह जग म मारा जाए और कोईऔर बाग़ का फ़ाइदा उठाए 7 कया कोई ह िजस कीमगनी हई ह और जो इस वक़त शादी क इिनतज़ार मह वह अपन घर वापस चला जाए ऐसा न हो िकवह जग म मारा जाए और कोई और उस की मगतरस शादी करrdquo

8 िनगहबान कह ldquoकया कोई ख़ौफ़ज़दा या परशानह वह अपन घर वापस चला जाए तािक अपनसािथयो को परशान न करrdquo 9 इस क बाद फ़ौिजयोपर अफ़सर मक़ररर िकए जाए

10 िकसी शहर पर हमला करन स पहल उस कबािशनदो को हिथयार डाल दन का मौक़ा दना11 अगर वह मान जाए और अपन दरवाज़ खोल द तोवह तर िलए बगार म काम करक तरी िख़दमत कर12 लिकन अगर वह हिथयार डालन स इनकार करऔर जग िछड़ जाए तो शहर का महासरा कर 13 जबरब तरा ख़दा तझ शहर पर फ़तह दगा तो उस क तमाममदोर को हलाक कर दना 14 त तमाम माल-ए-ग़नीमतऔरतो बचचो और मविशयो समत रख सकता हदशमन की जो चीज़ रब न तर हवाल कर दी ह उनसब को त इसतमाल कर सकता ह 15 य उन शहरोस िनपटना जो तर अपन मलक स बाहर ह

16 लिकन जो शहर उस मलक म वाक़ ह जो रब तराख़दा तझ मीरास म द रहा ह उन क तमाम जानदारोको हलाक कर दना 17 उनह रब क सपदर करकमकममल तौर पर हलाक करना िजस तरह रब तरख़दा न तझ हकम िदया ह इस म िहतती अमोरीकनआनी फ़िरज़ज़ी िहववी और यबसी शािमल ह18 अगर त ऐसा न कर तो वह तमह रब तमहार ख़दाका गनाह करन पर उकसाएग जो िघनौनी हरकतवह अपन दवताओ की पजा करत वक़त करत हउनह वह तमह भी िसखाएग

19 शहर का महासरा करत वक़त इदरिगदर क फलदारदरख़तो को काट कर तबाह न कर दना ख़वाह बड़ीदर भी हो जाए वनार त उन का फल नही खा सकगाउनह न काटना कया दरख़त तर दशमन ह िजन का

226 इिसतसना 2020ndash2117महासरा करना ह हरिगज़ नही 20 उन दरख़तो कीऔर बात ह जो फल नही लात उनह त काट करमहासर क िलए इसतमाल कर सकता ह जब तकशहर िशकसत न खाए

नामालम क़तल का कफ़फ़ारा

21 1 जब त उस मलक म आबाद होगा जो रबतझ मीरास म द रहा ह तािक त उस पर

क़बज़ा कर तो हो सकता ह िक कोई लाश खल मदानम कही पड़ी पाई जाए अगर मालम न हो िक िकसन उस क़तल िकया ह 2 तो पहल इदरिगदर क शहरोक बज़गर और क़ाज़ी आ कर पता कर िक कौन साशहर लाश क ज़यादा क़रीब ह 3 िफर उस शहर कबज़गर एक जवान गाय चन ल जो कभी काम क िलएइसतमाल नही हई 4 वह उस एक ऐसी वादी म लजाए िजस म न कभी हल चलाया गया न पौद लगाएगए हो वादी म ऐसी नहर हो जो परा साल बहती रहवही बज़गर जवान गाय की गदरन तोड़ डाल

5 िफर लावी क क़बील क इमाम क़रीब आएकयिक रब तमहार ख़दा न उनह चन िलया ह तािकवह िख़दमत कर रब क नाम स बरकत द औरतमाम झगड़ो और हमलो का फ़सला कर 6 उन कदखत दखत शहर क बज़गर अपन हाथ गाय कीलाश क ऊपर धो ल 7 साथ साथ वह कह ldquoहमन इस शख़स को क़तल नही िकया न हम न दखा िकिकस न यह िकया 8 ऐ रब अपनी क़ौम इसराईलका यह कफ़फ़ारा क़बल फ़रमा िजस त न िफ़दया दकर छड़ाया ह अपनी क़ौम इसराईल को इस बक़सरक क़तल का क़सरवार न ठहराrdquo तब मक़तल काकफ़फ़ारा िदया जाएगा

9 य त ऐस बक़सर शख़स क क़तल का दाग़ अपनदरिमयान स िमटा दगा कयिक त न वही कछ िकयाहोगा जो रब की नज़र म दरसत ह

जगी क़दी औरत स शादी10 हो सकता ह िक त अपन दशमन स जग कर

और रब तमहारा ख़दा तझ फ़तह बख़श जगी क़िदयोको जमा करत वक़त 11 तझ उन म स एक ख़बसरतऔरत नज़र आती ह िजस क साथ तरा िदल लगजाता ह त उस स शादी कर सकता ह 12 उसअपन घर म ल आ वहा वह अपन सर क बालोको मडवाए अपन नाख़न तराश 13 और अपन वहकपड़ उतार जो वह पहन हए थी जब उस क़द िकयागया वह पर एक महीन तक अपन वािलदन क िलएमातम कर िफर त उस क पास जा कर उस क साथशादी कर सकता ह

14 अगर वह तझ िकसी वक़त पसनद न आए तोउस जान द वह वहा जाए जहा उस का जी चाहतझ उस बचन या उस स लौडी का सा सलक करनकी इजाज़त नही ह कयिक त न उस मजबर करकउस स शादी की ह

पहलौठ क हक़क़15 हो सकता ह िकसी मदर की दो बीिवया हो

एक को वह पयार करता ह दसरी को नही दोनोबीिवयो क बट पदा हए ह लिकन िजस बीवी सशौहर महबबत नही करता उस का बटा सब स पहलपदा हआ 16 जब बाप अपनी िमलिकयत विसयतम तक़सीम करता ह तो लािज़म ह िक वह अपन सबस बड़ बट का मौरसी हक़ परा कर उस पहलौठका यह हक़ उस बीवी क बट को मनतिक़ल करनकी इजाज़त नही िजस वह पयार करता ह 17 उसतसलीम करना ह िक उस बीवी का बटा सब स बड़ाह िजस स वह महबबत नही करता नतीजतन उसउस बट को दसर बटो की िनसबत दगना िहससा दनापड़गा कयिक वह अपन बाप की ताक़त का पहलाइज़हार ह उस पहलौठ का हक़ हािसल ह

इिसतसना 2118ndash2215 227

सरकश बटा18 हो सकता ह िक िकसी का बटा हटधमर और

सरकश हो वह अपन वािलदन की इताअत नहीकरता और उन क तमबीह करन और सज़ा दन परभी उन की नही सनता 19 इस सरत म वािलदन उसपकड़ कर शहर क दरवाज़ पर ल जाए जहा बज़गरजमा होत ह 20 वह बज़गोर स कह ldquoहमारा बटाहटधमर और सरकश ह वह हमारी इताअत नहीकरता बिलक अययाश और शराबी हrdquo 21 यह सनकर शहर क तमाम मदर उस सगसार कर य त अपनदरिमयान स बराई िमटा दगा तमाम इसराईल यह सनकर डर जाएगा

सज़ा-ए-मौत पान वाल को उसी िदन दफ़नाना ह22 जब त िकसी को सज़ा-ए-मौत द कर उस की

लाश िकसी लकड़ी या दरख़त स लटकाता ह 23 तोउस अगली सबह तक वहा न छोड़ना हर सरत मउस उसी िदन दफ़ना दना कयिक िजस भी दरख़त सलटकाया गया ह उस पर अललाह की लानत ह अगरउस उसी िदन दफ़नाया न जाए तो त उस मलक कोनापाक कर दगा जो रब तरा ख़दा तझ मीरास म दरहा ह

मदद करन क िलए तययार रहना

22 1 अगर तझ िकसी हमवतन भाई का बलया भड़-बकरी भटकी हई नज़र आए तो उस

नज़रअनदाज़ न करना बिलक मािलक क पास वापसल जाना 2 अगर मािलक का घर क़रीब न हो या तझमालम न हो िक मािलक कौन ह तो जानवर को अपनघर ला कर उस वक़त तक सभाल रखना जब तकिक मािलक उस ढडन न आए िफर जानवर को उसवापस कर दना 3 यही कछ कर अगर तर हमवतनभाई का गधा भटका हआ नज़र आए या उस कागमशदा कोट या कोई और चीज़ कही नज़र आएउस नज़रअनदाज़ न करना

4 अगर त दख िक िकसी हमवतन का गधा या बलरासत म िगर गया ह तो उस नज़रअनदाज़ न करनाजानवर को खड़ा करन म अपन भाई की मदद कर

क़दरती इिनतज़ाम क तहत रहना5 औरत क िलए मदोर क कपड़ पहनना मना ह इसी

तरह मदर क िलए औरतो क कपड़ पहनना भी मनाह जो ऐसा करता ह उस स रब तर ख़दा को िघनआती ह

6 अगर तझ कही रासत म िकसी दरख़त म याज़मीन पर घोसला नज़र आए और पिरनदा अपन बचचोया अडो पर बठा हआ हो तो मा को बचचो समत नपकड़ना 7 तझ बचच ल जान की इजाज़त ह लिकनमा को छोड़ दना तािक त ख़शहाल और दर तकजीता रह

8 नया मकान तामीर करत वक़त छत पर चारोतरफ़ दीवार बनाना वनार त उस शख़स की मौत कािज़ममादार ठहरगा जो तरी छत पर स िगर जाए

9 अपन अगर क बाग़ म दो िक़सम क बीज न बोनावनार सब कछ मिक़दस क िलए मख़सस-ओ-मक़ददसहोगा न िसफ़र वह फ़सल जो तम न अगर क इलावालगाई बिलक अगर भी

10 बल और गध को जोड़ कर हल न चलाना11 ऐस कपड़ न पहनना िजन म बनत वक़त ऊन

और कतान िमलाए गए ह12 अपनी चादर क चारो कोनो पर फनदन लगाना

इिज़दवाजी िज़नदगी की िहफ़ाज़त13 अगर कोई आदमी शादी करन क थोड़ी दर बाद

अपनी बीवी को पसनद न कर 14 और िफर उस कीबदनामी करक कह ldquoइस औरत स शादी करन कबाद मझ पता चला िक वह कवारी नही हrdquo 15 तोजवाब म बीवी क वािलदन शहर क दरवाज़ पर जमा

228 इिसतसना 2216ndash235होन वाल बज़गोर क पास सबत iल आए िक बटीशादी स पहल कवारी थी 16 बीवी का बाप बज़गोरस कह ldquoम न अपनी बटी की शादी इस आदमी सकी ह लिकन यह उस स नफ़रत करता ह 17 अबइस न उस की बदनामी करक कहा ह lsquoमझ पताचला िक तमहारी बटी कवारी नही हrsquo लिकन यहा सबत ह िक मरी बटी कवारी थीrdquo िफर वािलदनशहर क बज़गोर को मज़करा कपड़ा िदखाए

18 तब बज़गर उस आदमी को पकड़ कर सज़ा द19 कयिक उस न एक इसराईली कवारी की बदनामीकी ह इस क इलावा उस जमारन क तौर पर बीवीक बाप को चादी क 100 िसकक दन पड़ग लािज़म हिक वह शौहर क फ़राइज़ अदा करता रह वह उमरभर उस तलाक़ नही द सकगा

20 लिकन अगर आदमी की बात दरसत िनकलऔर सािबत न हो सक िक बीवी शादी स पहलकवारी थी 21 तो उस बाप क घर लाया जाए वहा शहर क आदमी उस सगसार कर द कयिक अपनबाप क घर म रहत हए बदकारी करन स उस नइसराईल म एक अहमक़ाना और बदीन हरकत कीह य त अपन दरिमयान स बराई िमटा दगा 22 अगरकोई आदमी िकसी की बीवी क साथ िज़ना कर औरवह पकड़ जाए तो दोनो को सज़ा-ए-मौत दनी ह य त इसराईल स बराई िमटा दगा

23 अगर आबादी म िकसी मदर की मलाक़ात िकसीऐसी कवारी स हो िजस की िकसी और क साथमगनी हई ह और वह उस क साथ हमिबसतर हो जाए24 तो लािज़म ह िक तम दोनो को शहर क दरवाज़ कपास ला कर सगसार करो वजह यह ह िक लड़कीन मदद क िलए न पकारा अगरच उस जगह लोगआबाद थ मदर का जमर यह था िक उस न िकसीऔर की मगतर की इसमतदरी की ह य त अपनदरिमयान स बराई िमटा दगा

25 लिकन अगर मदर ग़रआबाद जगह म िकसी औरकी मगतर की इसमतदरी कर तो िसफ़र उसी को सज़ा-ए-मौत दी जाए 26 लड़की को कोई सज़ा न दनाकयिक उस न कछ नही िकया जो मौत क लाइक़हो िज़यादती करन वाल की हरकत उस शख़स कबराबर ह िजस न िकसी पर हमला करक उस क़तल करिदया ह 27 चिक उस न लड़की को वहा पाया जहा लोग नही रहत इस िलए अगरच लड़की न मदद किलए पकारा तो भी उस कोई न बचा सका

28 हो सकता ह कोई आदमी िकसी लड़की कीइसमतदरी कर िजस की मगनी नही हई ह अगर उनहपकड़ा जाए 29 तो वह लड़की क बाप को चादी क50 िसकक द लािज़म ह िक वह उसी लड़की स शादीकर कयिक उस न उस की इसमतदरी की ह न िसफ़रयह बिलक वह उमर भर उस तलाक़ नही द सकता

30 अपन बाप की बीवी स शादी करना मना ह जोकोई यह कर वह अपन बाप की बहरमती करता ह

मक़ददस इजितमा म शरीक होन की शराइत

23 1 जब इसराईली रब क मिक़दस क पास जमाहोत ह तो उस हािज़र होन की इजाज़त नही

जो काटन या कचलन स ख़ोजा बन गया ह 2 इसीतरह वह भी मक़ददस इजितमा स दर रह जो नाजाइज़ताललक़ात क नतीज म पदा हआ ह उस की औलादभी दसवी पशत तक उस म नही आ सकती

3 कोई भी अममोनी या मोआबी मक़ददस इजितमा मशरीक नही हो सकता इन क़ौमो की औलाद दसवीपशत तक भी इस जमाअत म हािज़र नही हो सकती4 कयिक जब तम िमसर स िनकल आए तो वह रोटीऔर पानी ल कर तम स िमलन न आए न िसफ़र यहबिलक उनहो न मसोपतािमया क शहर फ़तोर म जाकर बलआम िबन बओर को पस िदए तािक वह तझपर लानत भज 5 लिकन रब तर ख़दा न बलआम कीन सनी बिलक उस की लानत बरकत म बदल दी

iयानी वह कपड़ा िजस पर नया जोड़ा सोया हआ था

इिसतसना 236ndash25 229कयिक रब तरा ख़दा तझ स पयार करता ह 6 उमर भरकछ न करना िजस स इन क़ौमो की सलामती औरख़शहाली बढ़ जाए

7 लिकन अदोिमयो को मकरह न समझना कयिकवह तमहार भाई ह इसी तरह िमिसरयो को भी मकरहन समझना कयिक त उन क मलक म परदसी महमानथा 8 उन की तीसरी नसल क लोग रब क मक़ददसइजितमा म शरीक हो सकत ह

ख़मागाह म नापाकी9 अपन दशमनो स जग करत वक़त अपनी

लशकरगाह म हर नापाक चीज़ स दर रहना10 मसलन अगर कोई आदमी रात क वक़तएहितलाम क बाइस नापाक हो जाए तो वहलशकरगाह क बाहर जा कर शाम तक वहा ठहर11 िदन ढलत वक़त वह नहा ल तो सरज डबन परलशकरगाह म वापस आ सकता ह

12 अपनी हाजत रफ़ा करन क िलए लशकरगाहस बाहर कोई जगह मक़ररर कर 13 जब िकसी कोहाजत क िलए बठना हो तो वह इस क िलए गढ़ाखोद और बाद म उस िमटटी स भर द इस िलए अपनसामान म खदाई का कोई आला रखना ज़ररी ह

14 रब तरा ख़दा तरी लशकरगाह म तर दरिमयानही घमता िफरता ह तािक त महफ़ज़ रह और दशमनतर सामन िशकसत खाए इस िलए लािज़म ह िकतरी लशकरगाह उस क िलए मख़सस-ओ-मक़ददस होऐसा न हो िक अललाह वहा कोई शमरनाक बात दखकर तझ स दर हो जाए

फ़रार हए ग़लामो की मदद करना15 अगर कोई ग़लाम तर पास पनाह ल तो उस

मािलक को वापस न करना 16 वह तर साथ औरतर दरिमयान ही रह वहा जहा वह बसना चाह उसशहर म जो उस पसनद आए उस न दबाना

मिनदर म इसमतफ़रोशी मना ह17 िकसी दवता की िख़दमत म इसमतफ़रोशी करना

हर इसराईली औरत और मदर क िलए मना ह 18 मननतमानत वक़त न कसबी का अजर न कतत क पस jरबक मिक़दस म लाना कयिक रब तर ख़दा को दोनोचीज़ो स िघन ह

अपन हमवतनो स सद न लना19 अगर कोई इसराईली भाई तझ स क़ज़र ल तो उस

स सद न लना ख़वाह त न उस पस खाना या कोईऔर चीज़ दी हो 20 अपन इसराईली भाई स सद न लबिलक िसफ़र परदसी स िफर जब त मलक पर क़बज़ाकरक उस म रहगा तो रब तरा ख़दा तर हर काम मबरकत दगा

अपनी मननत परी करना21 जब त रब अपन ख़दा क हज़र मननत मान तो

उस परा करन म दर न करना रब तरा ख़दा यक़ीननतझ स इस का मतालबा करगा अगर त उस परा नकर तो क़सरवार ठहरगा 22 अगर त मननत मानन सबाज़ रह तो क़सरवार नही ठहरगा 23 लिकन अगरत अपनी िदली ख़शी स रब क हज़र मननत मान तोहर सरत म उस परा कर

दसर क बाग़ म स गज़रन का रवयया24 िकसी हमवतन क अगर क बाग़ म स गज़रत

वक़त तझ िजतना जी चाह उस क अगर खान कीइजाज़त ह लिकन अपन िकसी बतरन म फल जमान करना 25 इसी तरह िकसी हमवतन क अनाज कखत म स गज़रत वक़त तझ अपन हाथो स अनाजकी बािलया तोड़न की इजाज़त ह लिकन दरानतीइसतमाल न करना

jयक़ीन स नही कहा जा सकता िक lsquoकतत क पसrsquo स कया मराद ह ग़ािलबन इस क पीछ बतपरसती का कोई दसतर ह

230 इिसतसना 241ndash19

तलाक़ और दबारा शादी

24 1 हो सकता ह कोई आदमी िकसी औरतस शादी कर लिकन बाद म उस पसनद न

कर कयिक उस बीवी क बार म िकसी शमरनाक बातका पता चल गया ह वह तलाक़नामा िलख कर उसऔरत को दता और िफर उस घर स वापस भज दताह 2 इस क बाद उस औरत की शादी िकसी और मदरस हो जाती ह 3 और वह भी बाद म उस पसनद नहीकरता वह भी तलाक़नामा िलख कर उस औरत कोदता और िफर उस घर स वापस भज दता ह ख़वाहदसरा शौहर उस वापस भज द या शौहर मर जाए4 औरत क पहल शौहर को उस स दबारा शादी करनकी इजाज़त नही ह कयिक वह औरत उस क िलएनापाक ह ऐसी हरकत रब की नज़र म क़ािबल-ए-िघन ह उस मलक को य गनाहआलदा न करना जोरब तरा ख़दा तझ मीरास म द रहा ह

मज़ीद िहदायात5 अगर िकसी आदमी न अभी अभी शादी की हो

तो त उस भतीर करक जग करन क िलए नही भजसकता त उस कोई भी ऐसी िज़ममादारी नही दसकता िजस स वह घर स दर रहन पर मजबर होजाए एक साल तक वह ऐसी िज़ममादािरयो स बरीरह तािक घर म रह कर अपनी बीवी को ख़श करसक

6 अगर कोई तझ स उधार ल तो ज़मानत क तौरपर उस स न उस की छोटी चककी न उस की बड़ीचककी का पाट लना कयिक ऐसा करन स त उस कीजान लगा यानी त वह चीज़ लगा िजस स उस कागज़ारा होता ह

7 अगर िकसी आदमी को पकड़ा जाए िजस न अपनहमवतन को अग़वा करक ग़लाम बना िलया या बचिदया ह तो उस सज़ा-ए-मौत दना ह य त अपनदरिमयान स बराई िमटा दगा

8 अगर कोई वबाई िजलदी बीमारी तझ लग जाएतो बड़ी एहितयात स लावी क क़बील क इमामो कीतमाम िहदायात पर अमल करना जो भी हकम म नउनह िदया उस परा करना 9 याद कर िक रब तरख़दा न मिरयम क साथ कया िकया जब तम िमसर सिनकल कर सफ़र कर रह थ

ग़रीबो क हक़क़10 अपन हमवतन को उधार दत वक़त उस क घर म

न जाना तािक ज़मानत की कोई चीज़ िमल 11 बिलकबाहर ठहर कर इिनतज़ार कर िक वह ख़द घर सज़मानत की चीज़ िनकाल कर तझ द 12 अगर वहइतना ज़ररतमनद हो िक िसफ़र अपनी चादर द सकतो रात क वक़त ज़मानत तर पास न रह 13 उस सरजडबन तक वापस करना तािक क़ज़रदार उस म िलपटकर सो सक िफर वह तझ बरकत दगा और रब तराख़दा तरा यह क़दम रासत क़रार दगा

14 ज़ररतमनद मज़दर स ग़लत फ़ाइदा न उठानाचाह वह इसराईली हो या परदसी 15 उस रोज़ानासरज डबन स पहल पहल उस की मज़दरी द दनाकयिक इस स उस का गज़ारा होता ह कही वह रबक हज़र तरी िशकायत न कर और त क़सरवार ठहर

16 वािलदन को उन क बचचो क जराइम क सबब ससज़ा-ए-मौत न दी जाए न बचचो को उन क वािलदनक जराइम क सबब स अगर िकसी को सज़ा-ए-मौत दनी हो तो उस गनाह क सबब स जो उस नख़द िकया ह

17 परदिसयो और यतीमो क हक़क़ क़ाइम रखनाउधार दत वक़त ज़मानत क तौर पर बवा की चादरन लना 18 याद रख िक त भी िमसर म ग़लाम था औरिक रब तर ख़दा न िफ़दया द कर तझ वहा स छड़ायाइसी वजह स म तझ यह हकम दता ह

19 अगर त फ़सल की कटाई क वक़त एक पला भलकर खत म छोड़ आए तो उस लान क िलए वापस नजाना उस परदिसयो यतीमो और बवाओ क िलएवही छोड़ दना तािक रब तरा ख़दा तर हर काम म

इिसतसना 2420ndash2518 231बरकत द 20 जब ज़तन की फ़सल पक गई हो तोदरख़तो को मार मार कर एक ही बार उन म स फलउतार इस क बाद उनह न छड़ना बचा हआ फलपरदिसयो यतीमो और बवाओ क िलए छोड़ दना21 इसी तरह अपन अगर तोड़न क िलए एक ही बारबाग़ म स गज़रना इस क बाद उस न छड़ना बचाहआ फल परदिसयो यतीमो और बवाओ क िलएछोड़ दना 22 याद रख िक त ख़द िमसर म ग़लाम थाइसी वजह स म तझ यह हकम दता ह

कोड़ लगान की मनािसब सज़ा

25 1 अगर लोग अपना एक दसर क साथझगड़ा ख़द िनपटा न सक तो वह अपना

मआमला अदालत म पश कर क़ाज़ी फ़सला करिक कौन बक़सर ह और कौन मजिरम 2 अगरमजिरम को कोड़ लगान की सज़ा दनी ह तो उसक़ाज़ी क सामन ही मह क बल ज़मीन पर िलटानािफर उस इतन कोड़ लगाए जाए िजतनो क वहलाइक़ ह 3 लिकन उस को ज़यादा स ज़यादा 40कोड़ लगान ह वनार तर इसराईली भाई की सर-ए-आम बइज़ज़ती हो जाएगी

बल का मह न बाधना4 जब त फ़सल गाहन क िलए उस पर बल चलन

दता ह तो उस का मह बाध कर न रखना

मरहम भाई की बीवी स शादी करन का हकम5 अगर कोई शादीशदा मदर बऔलाद मर जाए और

उस का सगा भाई साथ रह तो उस का फ़ज़र ह िकबवा स शादी कर बवा शौहर क ख़ानदान स हटकर िकसी और स शादी न कर बिलक िसफ़र अपनदवर स 6 पहला बटा जो इस िरशत स पदा होगापहल शौहर क बट की हिसयत रखगा य उस कानाम क़ाइम रहगा

7 लिकन अगर दवर भाबी स शादी करना न चाहतो भाबी शहर क दरवाज़ पर जमा होन वाल बज़गोर

क पास जाए और उन स कह ldquoमरा दवर मझ सशादी करन स इनकार करता ह वह अपना फ़ज़रअदा करन को तययार नही िक अपन भाई का नामक़ाइम रखrdquo 8 िफर शहर क बज़गर दवर को बलाकर उस समझाए अगर वह इस क बावजद भीउस स शादी करन स इनकार कर 9 तो उस की भाबीबज़गोर की मौजदगी म उस क पास जा कर उस कीएक चपपल उतार ल िफर वह उस क मह पर थककर कह ldquoउस आदमी स ऐसा सलक िकया जाताह जो अपन भाई की नसल क़ाइम रखन को तययारनहीrdquo 10 आइनदा इसराईल म दवर की नसल ldquoनगपाओ वाल की नसलrdquo कहलाएगी

झगड़ म नाज़बा हरकत11 अगर दो आदमी लड़ रह हो और एक की बीवी

अपन शौहर को बचान की ख़ाितर मख़ािलफ़ क उज़-ए-तनासल को पकड़ ल 12 तो लािज़म ह िक त औरतका हाथ काट डाल उस पर रहम न करना

धोका न दना13 तोलत वक़त अपन थल म सहीह वज़न क बाट

रख और धोका दन क िलए हलक बाट साथ नरखना 14 इसी तरह अपन घर म अनाज की पमाइशकरन का सहीह बतरन रख और धोका दन क िलएछोटा बतरन साथ न रखना 15 सहीह वज़न क बाटऔर पमाइश करन क सहीह बतरन इसतमाल करनातािक त दर तक उस मलक म जीता रह जो रब तराख़दा तझ दगा 16 कयिक उस हर धोकबाज़ स िघनह

अमालीिक़यो को सज़ा दना17 याद रह िक अमालीिक़यो न तझ स कया कछ

िकया जब तम िमसर स िनकल कर सफ़र कर रहथ 18 जब त थकाहारा था तो वह तझ पर हमलाकरक पीछ पीछ चलन वाल तमाम कमज़ोरो कोजान स मारत रह वह अललाह का ख़ौफ़ नही मानत

232 इिसतसना 2519ndash2618थ 19 चनाच जब रब तरा ख़दा तझ इदरिगदर क तमामदशमनो स सकन दगा और त उस मलक म आबादहोगा जो वह तझ मीरास म द रहा ह तािक त उसपर क़बज़ा कर तो अमालीिक़यो को य हलाक करिक दिनया म उन का नाम-ओ-िनशान न रह यह बातमत भलना

ज़मीन की पहली पदावार रब को पश करना

26 1 जब त उस मलक म दािख़ल होगा जो रबतरा ख़दा तझ मीरास म द रहा ह और त

उस पर क़बज़ा करक उस म आबाद हो जाएगा 2 तोजो भी फ़सल त काटगा उस क पहल फल म सकछ टोकर म रख कर उस जगह ल जा जो रबतरा ख़दा अपन नाम की सकनत क िलए चनगा3 वहा िख़दमत करन वाल इमाम स कह ldquoआज मरब अपन ख़दा क हज़र एलान करता ह िक उसमलक म पहच गया ह िजस का हम दन का वादा रबन क़सम खा कर हमार बापदादा स िकया थाrdquo

4 तब इमाम तरा टोकरा ल कर उस रब तर ख़दा कीक़बारनगाह क सामन रख द 5 िफर रब अपन ख़दाक हज़र कह ldquoमरा बाप आवारा िफरन वाला अरामीथा जो अपन लोगो को ल कर िमसर म आबाद हआवहा पहचत वक़त उन की तादाद कम थी लिकनहोत होत वह बड़ी और ताक़तवर क़ौम बन गए6 लिकन िमिसरयो न हमार साथ बरा सलक िकयाऔर हम दबा कर सख़त ग़लामी म फसा िदया 7 िफरहम न िचलला कर रब अपन बापदादा क ख़दा सफ़यारद की और रब न हमारी सनी उस न हमारादख हमारी मसीबत और दबी हई हालत दखी 8 औरबड़ इख़ितयार और क़दरत का इज़हार करक हमिमसर स िनकाल लाया उस वक़त उस न िमिसरयो म दहशत फला कर बड़ मोिजज़ िदखाए 9 वह हम यहा ल आया और यह मलक िदया िजस म दध और शहदकी कसरत ह 10 ऐ रब अब म तझ उस ज़मीन कापहला फल पश करता ह जो त न हम बख़शी हrdquo

अपनी पदावार का टोकरा रब अपन ख़दा क सामनरख कर उस िसजदा करना 11 ख़शी मनाना िक रबमर ख़दा न मझ और मर घरान को इतनी अचछी चीज़ोस नवाज़ा ह इस ख़शी म अपन दरिमयान रहन वाललािवयो और परदिसयो को भी शािमल करना

फ़सल का ज़ररतमनदो क िलए िहससा12 हर तीसर साल अपनी तमाम फ़सलो का दसवा

िहससा लािवयो परदिसयो यतीमो और बवाओ कोदना तािक वह तर शहरो म खाना खा कर सर होजाए 13 िफर रब अपन ख़दा स कह ldquoम न वसाही िकया ह जसा त न मझ हकम िदया म न अपनघर स तर िलए मख़सस-ओ-मक़ददस िहससा िनकालकर उस लािवयो परदिसयो यतीमो और बवाओको िदया ह म न सब कछ तरी िहदायात क ऐनमतािबक़ िकया ह और कछ नही भला 14 मातमकरत वक़त म न इस मख़सस-ओ-मक़ददस िहसस सकछ नही खाया म इस उठा कर घर स बाहर लातवक़त नापाक नही था म न इस म स मदोर को भी कछपश नही िकया म न रब अपन ख़दा की इताअतकरक वह सब कछ िकया ह जो त न मझ करन कोफ़रमाया था 15 चनाच आसमान पर अपन मिक़दसस िनगाह करक अपनी क़ौम इसराईल को बरकतद उस मलक को भी बरकत द िजस का वादा त नक़सम खा कर हमार बापदादा स िकया और जो तन हम बख़श भी िदया ह उस मलक को िजस म दधऔर शहद की कसरत हrdquo

तम रब की क़ौम हो16 आज रब तरा ख़दा फ़रमाता ह िक इन अहकाम

और िहदायात की परवी कर पर िदल-ओ-जान सऔर बड़ी एहितयात स इन पर अमल कर

17 आज त न एलान िकया ह ldquoरब मरा ख़दा हम उस की राहो पर चलता रहगा उस क अहकामक ताब रहगा और उस की सनगाrdquo 18 और आजरब न एलान िकया ह ldquoत मरी क़ौम और मरी अपनी

इिसतसना 2619ndash2721 233िमलिकयत ह िजस तरह म न तझ स वादा िकयाह अब मर तमाम अहकाम क मतािबक़ िज़नदगीगज़ार 19 िजतनी भी क़ौम म न ख़लक़ की ह उनसब पर म तझ सरफ़राज़ करगा और तझ तारीफ़शहरत और इज़ज़त अता करगा त रब अपन ख़दाक िलए मख़सस-ओ-मक़ददस क़ौम होगा िजस तरह मन वादा िकया हrdquo

ऐबाल पहाड़ पर क़बारनगाह बनाना ह

27 1 िफर मसा न बज़गोर स िमल कर क़ौम सकहा ldquoतमाम िहदायात क ताब रहो जो म

तमह आज द रहा ह 2 जब तम दरया-ए-यदरन को पारकरक उस मलक म दािख़ल होग जो रब तरा ख़दातझ द रहा ह तो वहा बड़ पतथर खड़ करक उन परसफदी कर 3 उन पर लफ़ज़-ब-लफ़ज़ परी शरीअतिलख दरया को पार करन क बाद यही कछ करतािक त उस मलक म दािख़ल हो जो रब तरा ख़दातझ दगा और िजस म दध और शहद की कसरत हकयिक रब तर बापदादा क ख़दा न यह दन का तझ सवादा िकया ह 4 चनाच यदरन को पार करक पतथरोको ऐबाल पहाड़ पर खड़ा करो और उन पर सफदीकर

5 वहा रब अपन ख़दा क िलए क़बारनगाह बनानाजो पतथर त उस क िलए इसतमाल कर उनह लोह किकसी औज़ार स न तराशना 6 िसफ़र सािलम पतथरइसतमाल कर क़बारनगाह पर रब अपन ख़दा कोभसम होन वाली क़बारिनया पश कर 7 सलामती कीक़बारिनया भी उस पर चढ़ा उनह वहा रब अपन ख़दाक हज़र खा कर ख़शी मना 8 वहा खड़ िकए गएपतथरो पर शरीअत क तमाम अलफ़ाज़ साफ़ साफ़िलख जाएrdquo

ऐबाल पहाड़ पर स लानत9 िफर मसा न लावी क क़बील क इमामो स

िमल कर तमाम इसराईिलयो स कहा ldquoऐ इसराईलख़ामोशी स सन अब त रब अपन ख़दा की क़ौम

बन गया ह 10 इस िलए उस का फ़रमाबरदार रहऔर उस क उन अहकाम पर अमल कर जो म तझआज द रहा हrdquo

11 उसी िदन मसा न इसराईिलयो को हकम दकर कहा 12 ldquoदरया-ए-यदरन को पार करन कबाद शमाऊन लावी यहदाह इशकार यसफ़ औरिबनयमीन क क़बील गिरज़ीम पहाड़ पर खड़ होजाए वहा वह बरकत क अलफ़ाज़ बोल 13 बाक़ीक़बील यानी रिबन जद आशर ज़बलन दान औरनफ़ताली ऐबाल पहाड़ पर खड़ हो कर लानत कअलफ़ाज़ बोल

14 िफर लावी तमाम लोगो स मख़ाितब हो कर ऊचीआवाज़ स कह

15 lsquoउस पर लानत जो बत तराश कर या ढाल करचपक स खड़ा कर रब को कारीगर क हाथो स बनीहई ऐसी चीज़ स िघन हrsquo

जवाब म सब लोग कह lsquoआमीनrsquo16 िफर लावी कह lsquoउस पर लानत जो अपन बाप

या मा की तहक़ीर करrsquoसब लोग कह lsquoआमीनrsquo17 lsquoउस पर लानत जो अपन पड़ोसी की ज़मीन की

हदद आग पीछ करrsquoसब लोग कह lsquoआमीनrsquo18 lsquoउस पर लानत जो िकसी अध की राहनमाई

करक उस ग़लत रासत पर ल जाएrsquoसब लोग कह lsquoआमीनrsquo19 lsquoउस पर लानत जो परदिसयो यतीमो या बवाओ

क हक़क़ क़ाइम न रखrsquoसब लोग कह lsquoआमीनrsquo20 lsquoउस पर लानत जो अपन बाप की बीवी स

हमिबसतर हो जाए कयिक वह अपन बाप कीबहरमती करता हrsquo

सब लोग कह lsquoआमीनrsquo21 lsquoउस पर लानत जो जानवर स िजनसी ताललक़

रखrsquoसब लोग कह lsquoआमीनrsquo

234 इिसतसना 2722ndash282022 lsquoउस पर लानत जो अपनी सगी बहन अपन बाप

की बटी या अपनी मा की बटी स हमिबसतर होजाएrsquo

सब लोग कह lsquoआमीनrsquo23 lsquoउस पर लानत जो अपनी सास स हमिबसतर हो

जाएrsquoसब लोग कह lsquoआमीनrsquo24 lsquoउस पर लानत जो चपक स अपन हमवतन को

क़तल कर दrsquoसब लोग कह lsquoआमीनrsquo25 lsquoउस पर लानत जो पस ल कर िकसी बक़सर

शख़स को क़तल करrsquoसब लोग कह lsquoआमीनrsquo26 lsquoउस पर लानत जो इस शरीअत की बात क़ाइम

न रख न इन पर अमल करrsquoसब लोग कह lsquoआमीनrsquo

फ़रमाबरदारी की बरकत

28 1 रब तरा ख़दा तझ दिनया की तमाम क़ौमोपर सरफ़राज़ करगा शतर यह ह िक त उस

की सन और एहितयात स उस क उन तमाम अहकामपर अमल कर जो म तझ आज द रहा ह 2 रब अपनख़दा का फ़रमाबरदार रह तो तझ हर तरह की बरकतहािसल होगी 3 रब तझ शहर और दीहात म बरकतदगा 4 तरी औलाद फल फलगी तरी अचछी-ख़ासीफ़सल पकगी तर गाय-बलो और भड़-बकिरयो कबचच तरक़क़ी करग 5 तरा टोकरा फल स भरा रहगाऔर आटा गधन का तरा बतरन आट स ख़ाली नहीहोगा 6 रब तझ घर म आत और वहा स िनकलतवक़त बरकत दगा

7 जब तर दशमन तझ पर हमला करग तो वह रब कीमदद स िशकसत खाएग गो वह िमल कर तझ परहमला कर तो भी त उनह चारो तरफ़ मनतिशर कर दगा

8 अललाह तर हर काम म बरकत दगा अनाज कीकसरत क सबब स तर गोदाम भर रहग रब तराख़दा तझ उस मलक म बरकत दगा जो वह तझ दन

वाला ह 9 रब अपनी क़सम क मतािबक़ तझ अपनीमख़सस-ओ-मक़ददस क़ौम बनाएगा अगर त उस कअहकाम पर अमल कर और उस की राहो पर चल10 िफर दिनया की तमाम क़ौम तझ स ख़ौफ़ खाएगीकयिक वह दखगी िक त रब की क़ौम ह और उस कनाम स कहलाता ह

11 रब तझ बहत औलाद दगा तर रवड़ बढ़ाएगाऔर तझ कसरत की फ़सल दगा य वह तझ उसमलक म बरकत दगा िजस का वादा उस न क़समखा कर तर बापदादा स िकया 12 रब आसमानक ख़ज़ानो को खोल कर वक़त पर तरी ज़मीन परबािरश बरसाएगा वह तर हर काम म बरकत दगात बहत सी क़ौमो को उधार दगा लिकन िकसी काभी क़ज़रदार नही होगा 13 रब तझ क़ौमो की दम नहीबिलक उन का सर बनाएगा त तरक़क़ी करता जाएगाऔर ज़वाल का िशकार नही होगा लिकन शतर यहह िक त रब अपन ख़दा क वह अहकाम मान कर उनपर अमल कर जो म तझ आज द रहा ह 14 जो कछभी म न तझ करन को कहा ह उस स िकसी तरहभी हट कर िज़नदगी न गज़ारना न दीगर माबदो कीपरवी करना न उन की िख़दमत करना

नाफ़रमानी की लानत15 लिकन अगर त रब अपन ख़दा की न सन और

उस क उन तमाम अहकाम पर अमल न कर जो मआज तझ द रहा ह तो हर तरह की लानत तझ परआएगी 16 शहर और दीहात म तझ पर लानत होगी17 तर टोकर और आटा गधन क तर बतरन पर लानतहोगी 18 तरी औलाद पर तर गाय-बलो और भड़-बकिरयो क बचचो पर और तर खतो पर लानत होगी19 घर म आत और वहा स िनकलत वक़त तझ परलानत होगी 20 अगर त ग़लत काम करक रब कोछोड़ तो जो कछ भी त कर वह तझ पर लानतपरशािनया और मसीबत आन दगा तब तरा जलदीस सतयानास होगा और त हलाक हो जाएगा

इिसतसना 2821ndash44 23521 रब तझ म वबाई बीमािरया फलाएगा िजन क

सबब स तझ म स कोई उस मलक म िज़नदा नहीरहगा िजस पर त अभी क़बज़ा करन वाला ह22 रब तझ मोहिलक बीमािरयो बख़ार और सजनस मारगा झलसान वाली गमीर काल पतरोग औरफफदी तरी फ़सल ख़तम करगी ऐसी मसीबतो कबाइस त तबाह हो जाएगा 23 तर ऊपर आसमानपीतल जसा सख़त होगा जबिक तर नीच ज़मीन लोहकी मािननद होगी 24 बािरश की जगह रब तर मलकपर गदर और रत बरसाएगा जो आसमान स तर मलकपर छा कर तझ बबारद कर दगी

25 जब त अपन दशमनो का सामना कर तो रब तझिशकसत िदलाएगा गो त िमल कर उन की तरफ़बढ़गा तो भी उन स भाग कर चारो तरफ़ मनतिशर होजाएगा दिनया क तमाम ममािलक म लोगो क रोगटखड़ हो जाएग जब वह तरी मसीबत दखग 26 पिरनदऔर जगली जानवर तरी लाशो को खा जाएग औरउनह भगान वाला कोई नही होगा 27 रब तझ उनही फोड़ो स मारगा जो िमिसरयो को िनकल थ ऐसिजलदी अमराज़ फलग िजन का इलाज नही ह 28 तपागलपन का िशकार हो जाएगा रब तझ अधपनऔर ज़हनी अबतरी म मबतला कर दगा 29 दोपहर कवक़त भी त अध की तरह टटोल टटोल कर िफरगाजो कछ भी त कर उस म नाकाम रहगा रोज़-ब-रोज़लोग तझ दबात और लटत रहग और तझ बचानवाला कोई नही होगा

30 तरी मगनी िकसी औरत स होगी तो कोई औरआ कर उस की इसमतदरी करगा त अपन िलए घरबनाएगा लिकन उस म नही रहगा त अपन िलएअगर का बाग़ लगाएगा लिकन उस का फल नहीखाएगा 31 तर दखत दखत तरा बल ज़बह िकयाजाएगा लिकन त उस का गोशत नही खाएगा तरागधा तझ स छीन िलया जाएगा और वापस नही िकयाजाएगा तरी भड़-बकिरया दशमन को दी जाएगीऔर उनह छड़ान वाला कोई नही होगा 32 तर बट-बिटयो को िकसी दसरी क़ौम को िदया जाएगा और

त कछ नही कर सकगा रोज़-ब-रोज़ त अपन बचचोक इिनतज़ार म उफ़क़ को तकता रहगा लिकन दखतदखत तरी आख धनदला जाएगी

33 एक अजनबी क़ौम तरी ज़मीन की पदावार औरतरी महनत-ओ-मशक़क़त की कमाई ल जाएगी तझउमर भर ज़लम और दबाओ बदारशत करना पड़गा

34 जो हौलनाक बात तरी आख दखगी उन सत पागल हो जाएगा 35 रब तझ तकलीफ़िदह औरलाइलाज फोड़ो स मारगा जो तलव स ल कर चादीतक पर िजसम पर फल कर तर घटनो और टागो कोमतअिससर करग

36 रब तझ और तर मक़ररर िकए हए बादशाह कोएक ऐस मलक म ल जाएगा िजस स न त और नतर बापदादा वािक़फ़ थ वहा त दीगर माबदो यानीलकड़ी और पतथर क बतो की िख़दमत करगा37 िजस िजस क़ौम म रब तझ हाक दगा वहा तझदख कर लोगो क रोगट खड़ हो जाएग और वह तरामज़ाक़ उड़ाएग त उन क िलए इबरतअगज़ िमसालहोगा

38 त अपन खतो म बहत बीज बोन क बावजद कमही फ़सल काटगा कयिक िटडड उस खा जाएग 39 तअगर क बाग़ लगा कर उन पर ख़ब महनत करगालिकन न उन क अगर तोड़गा न उन की म िपएगाकयिक कीड़ उनह खा जाएग 40 गो तर पर मलक मज़तन क दरख़त होग तो भी त उन का तल इसतमालनही कर सकगा कयिक ज़तन ख़राब हो कर ज़मीनपर िगर जाएग

41 तर बट-बिटया तो होग लिकन त उन स महरमहो जाएगा कयिक उनह िगिरफ़तार करक िकसीअजनबी मलक म ल जाया जाएगा 42 िटिडडयो कग़ोल तर मलक क तमाम दरख़तो और फ़सलो परक़बज़ा कर लग 43 तर दरिमयान रहन वाला परदसीतझ स बढ़ कर तरक़क़ी करता जाएगा जबिक तझपर ज़वाल आ जाएगा 44 उस क पास तझ उधारदन क िलए पस होग जबिक तर पास उस उधार दन

236 इिसतसना 2845ndash64को कछ नही होगा आिख़र म वह सर और त दमहोगा

45 यह तमाम लानत तझ पर आन पड़गी जब तकत तबाह न हो जाए वह तरा ताक़क़ब करती रहगीकयिक त न रब अपन ख़दा की न सनी और उस कअहकाम पर अमल न िकया 46 य यह हमशा तकतर और तरी औलाद क िलए एक मोिजज़ाना औरइबरतअगज़ इलाही िनशान रहगी

47 चिक त न िदली ख़शी स उस वक़त रब अपनख़दा की िख़दमत न की जब तर पास सब कछ था48 इस िलए त उन दशमनो की िख़दमत करगा िजनहरब तर िख़लाफ़ भजगा त भका पयासा नगा औरहर चीज़ का हाजतमनद होगा और रब तरी गदरन परलोह का जआ रख कर तझ मकममल तबाही तक लजाएगा

49 रब तर िख़लाफ़ एक क़ौम खड़ी करगा जो दर सबिलक दिनया की इिनतहा स आ कर उक़ाब की तरहतझ पर झपटटा मारगी वह ऐसी ज़बान बोलगी िजसस त वािक़फ़ नही होगा 50 वह सख़त क़ौम होगीजो न बज़गोर का िलहाज़ करगी और न बचचो पर रहमकरगी 51 वह तर मवशी और फ़सल खा जाएगी औरत भक मर जाएगा त हलाक हो जाएगा कयिक तरिलए कछ नही बचगा न अनाज न म न तल न गाय-बलो या भड़-बकिरयो क बचच 52 दशमन तर मलकक तमाम शहरो का महासरा करगा आिख़रकारिजन ऊची और मज़बत फ़सीलो पर त एितमाद करगावह भी सब िगर पड़गी दशमन उस मलक का कोईभी शहर नही छोड़गा जो रब तरा ख़दा तझ दन वालाह

53 जब दशमन तर शहरो का महासरा करगा तोत उन म इतना शदीद भका हो जाएगा िक अपनबचचो को खा लगा जो रब तर ख़दा न तझ िदएह 54ndash55 महासर क दौरान तम म स सब स शरीफ़और शाइसता आदमी भी अपन बचच को ज़बह करकखाएगा कयिक उस क पास कोई और ख़राक नहीहोगी उस की हालत इतनी बरी होगी िक वह

उस अपन सग भाई बीवी या बाक़ी बचचो क साथतक़सीम करन क िलए तययार नही होगा 56ndash57 तमम स सब स शरीफ़ और शाइसता औरत भी ऐसा हीकरगी अगरच पहल वह इतनी नाज़क थी िक फ़शरको अपन तलव स छन की जरअत नही करती थीमहासर क दौरान उस इतनी शदीद भक होगी िकजब उस क बचचा पदा होगा तो वह छप छप कर उसखाएगी न िसफ़र यह बिलक वह पदाइश क वक़त बचचक साथ ख़ािरज हई आलाईश भी खाएगी और उसअपन शौहर या अपन बाक़ी बचचो म बाटन क िलएतययार नही होगी इतनी मसीबत तझ पर महासर कदौरान आएगी

58 ग़रज़ एहितयात स शरीअत की उन तमाम बातोकी परवी कर जो इस िकताब म दजर ह और रबअपन ख़दा क परजलाल और बारोब नाम का ख़ौफ़मानना 59 वनार वह तझ और तरी औलाद म सख़तऔर लाइलाज अमराज़ और ऐसी दहशतनाक वबाएफलाएगा जो रोकी नही जा सकगी 60 िजन तमामवबाओ स त िमसर म दहशत खाता था वह अब तरदरिमयान फल कर तर साथ िचमटी रहगी 61 न िसफ़रशरीअत की इस िकताब म बयान की हई बीमािरया और मसीबत तझ पर आएगी बिलक रब और भी तझपर भजगा जब तक िक त हलाक न हो जाए

62 अगर त रब अपन ख़दा की न सन तोआिख़रकार तम म स बहत कम बच रहग गो तमपहल िसतारो जस बशमार थ 63 िजस तरह पहलरब ख़शी स तमह कामयाबी दता और तमहारी तादादबढ़ाता था उसी तरह अब वह तमह बबारद औरतबाह करन म ख़शी महसस करगा तमह ज़बरदसतीउस मलक स िनकाला जाएगा िजस पर त इस वक़तदािख़ल हो कर क़बज़ा करन वाला ह 64 तब रब तझदिनया क एक िसर स ल कर दसर िसर तक तमामक़ौमो म मनतिशर कर दगा वहा त दीगर माबदो कीपजा करगा ऐस दवताओ की िजन स न त और नतर बापदादा वािक़फ़ थ

इिसतसना 2865ndash2918 23765 उन ममािलक म भी न त आराम-ओ-सकन

पाएगा न तर पाओ जम जाएग रब होन दगा िकतरा िदल थरथराता रहगा तरी आख परशानी कबाइस धनदला जाएगी और तरी जान स उममीद कीहर िकरन जाती रहगी 66 तरी जान हर वक़त ख़तरम होगी और त िदन रात दहशत खात हए मरन कीतवक़क़ो करगा 67 सबह उठ कर त कहगा ldquoकाशशाम होrdquo और शाम क वक़त ldquoकाश सबह होrdquoकयिक जो कछ त दखगा उस स तर िदल को दहशतघर लगी

68 रब तझ जहाज़ो म िबठा कर िमसर वापस लजाएगा अगरच म न कहा था िक त उस दबारा कभीनही दखगा वहा पहच कर तम अपन दशमनो सबात करक अपन आप को ग़लाम क तौर पर बचनकी कोिशश करोग लिकन कोई भी तमह ख़रीदनानही चाहगाrdquo

मोआब म रब क साथ नया अहद

29 1 जब इसराईली मोआब म थ तो रब न मसाको हकम िदया िक इसराईिलयो क साथ एक

और अहद बाध यह उस अहद क इलावा था जोरब होिरब यानी सीना पर उन क साथ बाध चकाथा 2 इस िसलिसल म मसा न तमाम इसराईिलयोको बला कर कहा ldquoतम न ख़द दखा िक रब निमसर क बादशाह िफ़रऔन उस क मलािज़मो औरपर मलक क साथ कया कछ िकया 3 तम न अपनीआखो स वह बड़ी आज़माइश इलाही िनशान औरमोिजज़ दख िजन क ज़रीए रब न अपनी क़दरत काइज़हार िकया

4 मगर अफ़सोस आज तक रब न तमह न समझदारिदल अता िकया न आख जो दख सक या कान जोसन सक 5 रिगसतान म म न 40 साल तक तमहारीराहनमाई की इस दौरान न तमहार कपड़ फट औरन तमहार जत िघस 6 न तमहार पास रोटी थी न मया म जसी कोई और चीज़ तो भी रब न तमहारी

ज़रिरयात परी की तािक तम सीख लो िक वही रबतमहारा ख़दा ह

7 िफर हम यहा आए तो हसबोन का बादशाह सीहोनऔर बसन का बादशाह ओज िनकल कर हम सलड़न आए लिकन हम न उनह िशकसत दी 8 उनक मलक पर क़बज़ा करक हम न उस रिबन जदऔर मनससी क आध क़बील को मीरास म िदया9 अब एहितयात स इस अहद की तमाम शराइत परीकरो तािक तम हर बात म कामयाब हो

10 इस वक़त तम सब रब अपन ख़दा क हज़रखड़ हो तमहार क़बीलो क सरदार तमहार बज़गरिनगहबान मदर 11 औरत और बचच तर दरिमयानरहन वाल परदसी भी लककड़हारो स ल कर पानी भरनवालो तक तर साथ यहा हािज़र ह 12 त इस िलएयहा जमा हआ ह िक रब अपन ख़दा का वह अहदतसलीम कर जो वह आज क़सम खा कर तर साथबाध रहा ह 13 इस स वह आज इस की तसदीक़कर रहा ह िक त उस की क़ौम और वह तरा ख़दाह यानी वही बात िजस का वादा उस न तझ स औरतर बापदादा इबराहीम इसहाक़ और याक़ब स िकयाथा 14ndash15 लिकन म यह अहद क़सम खा कर न िसफ़रतमहार साथ जो हािज़र हो बाध रहा ह बिलक तमहारीआन वाली नसलो क साथ भी

बतपरसती की सज़ा16 तम ख़द जानत हो िक हम िमसर म िकस तरह

िज़नदगी गज़ारत थ यह भी तमह याद ह िक हमिकस तरह मख़तिलफ़ ममािलक म स गज़रत हए यहा तक पहच 17 तम न उन क नफ़रतअगज़ बत दखजो लकड़ी पतथर चादी और सोन क थ 18 धयानदो िक यहा मौजद कोई भी मदर औरत कमबा याक़बीला रब अपन ख़दा स हट कर दसरी क़ौमो कदवताओ की पजा न कर ऐसा न हो िक तमहारदरिमयान कोई जड़ फट कर ज़हरीला और कड़वाफल लाए

238 इिसतसना 2919ndash30919 तम सब न वह लानत सनी ह जो रब नाफ़रमानो

पर भजगा तो भी हो सकता ह िक कोई अपनआप को रब की बरकत का वािरस समझ कर कहldquoबशक म अपनी ग़लत राहो स हटन क िलए तययारनही ह लिकन कोई बात नही म महफ़ज़ रहगाrdquoख़बरदार ऐसी हरकत स वह न िसफ़र अपन ऊपरबिलक पर मलक पर तबाही लाएगा k20 रब कभी भीउस मआफ़ करन पर आमादा नही होगा बिलक वहउस अपन ग़ज़ब और ग़रत का िनशाना बनाएगा इसिकताब म दजर तमाम लानत उस पर आएगी और रबदिनया स उस का नाम-ओ-िनशान िमटा दगा 21 वहउस परी जमाअत स अलग करक उस पर अहद कीवह तमाम लानत लाएगा जो शरीअत की इस िकताबम िलखी हई ह

22 मसतक़िबल म तमहारी औलाद और दरदराज़ममािलक स आन वाल मसािफ़र उन मसीबतो औरअमराज़ का असर दखग िजन स रब न मलक कोतबाह िकया होगा 23 चारो तरफ़ ज़मीन झलसी हईऔर गधक और नमक स ढकी हई नज़र आएगीबीज उस म बोया नही जाएगा कयिक ख़दरौ पौदोतक कछ नही उगगा तमहारा मलक सदम अमराअदमा और ज़बोईम की मािननद होगा िजन को रब नअपन ग़ज़ब म तबाह िकया 24 तमाम क़ौम पछगीlsquoरब न इस मलक क साथ ऐसा कय िकया उसक सख़त ग़ज़ब की कया वजह थीrsquo 25 उनह जवाबिमलगा lsquoवजह यह ह िक इस मलक क बािशनदो नरब अपन बापदादा क ख़दा का अहद तोड़ िदया जोउस न उनह िमसर स िनकालत वक़त उन स बाधा था26 उनहो न जा कर दीगर माबदो की िख़दमत की औरउनह िसजदा िकया िजन स वह पहल वािक़फ़ नही थऔर जो रब न उनह नही िदए थ 27 इसी िलए उस काग़ज़ब इस मलक पर नािज़ल हआ और वह उस परवह तमाम लानत लाया िजन का िज़कर इस िकताबम ह 28 वह इतना ग़सस हआ िक उस न उनह जड़

स उखाड़ कर एक अजनबी मलक म फक िदया जहा वह आज तक आबाद हrsquo

29 बहत कछ पोशीदा ह और िसफ़र रब हमारा ख़दाउस का इलम रखता ह लिकन उस न हम पर अपनीशरीअत का इिनकशाफ़ कर िदया ह लािज़म ह िकहम और हमारी औलाद उस क फ़रमाबरदार रह

तौबा क मसबत नतीज

30 1 म न तझ बताया ह िक तर िलए कयाकछ बरकत का और कया कछ लानत का

बाइस ह जब रब तरा ख़दा तझ तरी ग़लत हरकतोक सबब स मख़तिलफ़ क़ौमो म मनतिशर कर दगा तोत मरी बात मान जाएगा 2 तब त और तरी औलादरब अपन ख़दा क पास वापस आएग और पर िदल-ओ-जान स उस की सन कर उन तमाम अहकाम परअमल करग जो म आज तझ द रहा ह 3 िफर रबतरा ख़दा तझ बहाल करगा और तझ पर रहम करकतझ उन तमाम क़ौमो स िनकाल कर जमा करगािजन म उस न तझ मनतिशर कर िदया था 4 हारब तरा ख़दा तझ हर जगह स जमा करक वापसलाएगा चाह त सब स दर मलक म कय न पड़ा हो5 वह तझ तर बापदादा क मलक म लाएगा और तउस पर क़बज़ा करगा िफर वह तझ तर बापदादा सज़यादा कामयाबी बख़शगा और तरी तादाद ज़यादाबढ़ाएगा

6 ख़तना रब की क़ौम का ज़ािहरी िनशान ह लिकनउस वक़त रब तरा ख़दा तर और तरी औलाद काबाितनी ख़तना करगा तािक त उस पर िदल-ओ-जानस पयार कर और जीता रह 7 जो लानत रब तरा ख़दातझ पर लाया था उनह वह अब तर दशमनो पर आनदगा उन पर जो तझ स नफ़रत रखत और तझ ईज़ापहचात ह 8 कयिक त दबारा रब की सनगा और उसक तमाम अहकाम की परवी करगा जो म तझ आजद रहा ह 9 जो कछ भी त करगा उस म रब तझ बड़ी

kलफ़ज़ी तजरमा सराब ज़मीन ख़शक ज़मीन क साथ तबाह हो जाएगी

इिसतसना 3010ndash317 239कामयाबी बख़शगा और तझ कसरत की औलादमवशी और फ़सल हािसल होगी कयिक िजस तरहवह तर बापदादा को कामयाबी दन म ख़शी महससकरता था उसी तरह वह तझ भी कामयाबी दन म ख़शी महसस करगा

10 शतर िसफ़र यह ह िक त रब अपन ख़दा की सनशरीअत म दजर उस क अहकाम पर अमल कर औरपर िदल-ओ-जान स उस की तरफ़ रज लाए

11 जो अहकाम म आज तझ द रहा ह न वह हदस ज़यादा मिशकल ह न तरी पहच स बाहर 12 वहआसमान पर नही ह िक त कह lsquoकौन आसमानपर चढ़ कर हमार िलए यह अहकाम नीच ल आएतािक हम उनह सन सक और उन पर अमल करसकrsquo 13 वह समनदर क पार भी नही ह िक त कहlsquoकौन समनदर को पार करक हमार िलए यह अहकामलाएगा तािक हम उनह सन सक और उन पर अमलकर सकrsquo 14 कयिक यह कलाम तर िनहायत क़रीबबिलक तर मह और िदल म मौजद ह चनाच उस परअमल करन म कोई भी रकावट नही ह

िज़नदगी या मौत का चनाओ15 दख आज म तझ दो रासत पश करता ह एक

िज़नदगी और ख़शहाली की तरफ़ ल जाता ह जबिकदसरा मौत और हलाकत की तरफ़ 16 आज म तझहकम दता ह िक रब अपन ख़दा को पयार कर उसकी राहो पर चल और उस क अहकाम क ताब रहिफर त िज़नदा रह कर तरक़क़ी करगा और रब तराख़दा तझ उस मलक म बरकत दगा िजस म त दािख़लहोन वाला ह

17 लिकन अगर तरा िदल इस रासत स हट करनाफ़रमानी कर तो बरकत की तवक़क़ो न कर अगरत आज़माइश म पड़ कर दीगर माबदो को िसजदाऔर उन की िख़दमत कर 18 तो तम ज़रर तबाह होजाओग आज म एलान करता ह िक इस सरत मतम ज़यादा दर तक उस मलक म आबाद नही रहोग

िजस म त दरया-ए-यदरन को पार करक दािख़ल होगातािक उस पर क़बज़ा कर

19 आज आसमान और ज़मीन तमहार िख़लाफ़ मरगवाह ह िक म न तमह िज़नदगी और बरकतो कारासता और मौत और लानतो का रासता पश िकया हअब िज़नदगी का रासता इख़ितयार कर तािक त औरतरी औलाद िज़नदा रह 20 रब अपन ख़दा को पयारकर उस की सन और उस स िलपटा रह कयिकवही तरी िज़नदगी ह और वही करगा िक त दर तकउस मलक म जीता रहगा िजस का वादा उस न क़समखा कर तर बापदादा इबराहीम इसहाक़ और याक़बस िकया थाrdquo

यशअ को मसा की जगह मक़ररर िकया जाता ह

31 1 मसा न जा कर तमाम इसराईिलयो समज़ीद कहा

2 ldquoअब म 120 साल का हो चका ह मरा चलनािफरना मिशकल हो गया ह और वस भी रब न मझबताया ह lsquoत दरया-ए-यदरन को पार नही करगाrsquo3 रब तरा ख़दा ख़द तर आग आग जा कर यदरन कोपार करगा वही तर आग आग इन क़ौमो को तबाहकरगा तािक त उन क मलक पर क़बज़ा कर सकदरया को पार करत वक़त यशअ तर आग चलगािजस तरह रब न फ़रमाया ह 4 रब वहा क लोगोको िबलकल उसी तरह तबाह करगा िजस तरह वहअमोिरयो को उन क बादशाहो सीहोन और ओजसमत तबाह कर चका ह 5 रब तमह उन पर ग़ािलबआन दगा उस वक़त तमह उन क साथ वसा सलककरना ह जसा म न तमह बताया ह 6 मज़बत औरिदलर हो उन स ख़ौफ़ न खाओ कयिक रब तराख़दा तर साथ चलता ह वह तझ कभी नही छोड़गातझ कभी तकर नही करगाrdquo

7 इस क बाद मसा न तमाम इसराईिलयो क सामनयशअ को बलाया और उस स कहा ldquoमज़बत औरिदलर हो कयिक त इस क़ौम को उस मलक म लजाएगा िजस का वादा रब न क़सम खा कर उन

240 इिसतसना 318ndash26क बापदादा स िकया था लािज़म ह िक त हीउस तक़सीम करक हर क़बील को उस का मौरसीइलाक़ा द 8 रब ख़द तर आग आग चलत हए तरसाथ होगा वह तझ कभी नही छोड़गा तझ कभीनही तकर करगा ख़ौफ़ न खाना न घबरानाrdquo

हर सात साल क बाद शरीअत की ितलावत9 मसा न यह परी शरीअत िलख कर इसराईल क

तमाम बज़गोर और लावी क क़बील क उन इमामोक सपदर की जो सफ़र करत वक़त अहद का सनदक़उठा कर ल चलत थ उस न उन स कहा 10ndash11 ldquoहरसात साल क बाद इस शरीअत की ितलावत करनायानी बहाली क साल म जब तमाम क़ज़र मनसख़िकए जात ह ितलावत उस वक़त करना ह जबइसराईली झोपिड़यो की ईद क िलए रब अपन ख़दा कसामन उस जगह हािज़र होग जो वह मिक़दस क िलएचनगा 12 तमाम लोगो को मदोर औरतो बचचो औरपरदिसयो समत वहा जमा करना तािक वह सन करसीख रब तमहार ख़दा का ख़ौफ़ मान और एहितयातस इस शरीअत की बातो पर अमल कर 13 लािज़मह िक उन की औलाद जो इस शरीअत स नावािक़फ़ह इस सन और सीख तािक उमर भर उस मलक मरब तमहार ख़दा का ख़ौफ़ मान िजस पर तम दरया-ए-यदरन को पार करक क़बज़ा करोगrdquo

रब मसा को आिख़री िहदायात दता ह14 रब न मसा स कहा ldquoअब तरी मौत क़रीब ह

यशअ को बला कर उस क साथ मलाक़ात क ख़मम हािज़र हो जा वहा म उस उस की िज़ममादािरया सौपगाrdquo

मसा और यशअ आ कर ख़म म हािज़र हए 15 तोरब ख़म क दरवाज़ पर बादल क सतन म ज़ािहरहआ 16 उस न मसा स कहा ldquoत जलद ही मरकर अपन बापदादा स जा िमलगा लिकन यहक़ौम मलक म दािख़ल होन पर िज़ना करक उस कअजनबी दवताओ की परवी करन लग जाएगी वह

मझ तकर करक वह अहद तोड़ दगी जो म न उन कसाथ बाधा ह 17 िफर मरा ग़ज़ब उन पर भड़कगाम उनह छोड़ कर अपना िचहरा उन स छपा लगातब उनह कचचा चबा िलया जाएगा और बहत सारीहबतनाक मसीबत उन पर आएगी उस वक़त वहकहग lsquoकया यह मसीबत इस वजह स हम पर नहीआई िक रब हमार साथ नही हrsquo 18 और ऐसा हीहोगा म ज़रर अपना िचहरा उन स छपाए रखगाकयिक दीगर माबदो क पीछ चलन स उनहो न एकिनहायत शरीर क़दम उठाया होगा

19 अब ज़ल का गीत िलख कर इसराईिलयो को य िसखाओ िक वह ज़बानी याद रह और मर िलए उनक िख़लाफ़ गवाही िदया कर 20 कयिक म उनह उसमलक म ल जा रहा ह िजस का वादा म न क़सम खाकर उन क बापदादा स िकया था उस मलक म िजसम दध और शहद की कसरत ह वहा इतनी ख़राकहोगी िक उन की भक जाती रहगी और वह मोट होजाएग लिकन िफर वह दीगर माबदो क पीछ लगजाएग और उन की िख़दमत करग वह मझ रदद करगऔर मरा अहद तोड़ग 21 नतीज म उन पर बहत सारीहबतनाक मसीबत आएगी िफर यह गीत जो उन कीऔलाद को याद रहगा उन क िख़लाफ़ गवाही दगाकयिक गो म उनह उस मलक म ल जा रहा ह िजसका वादा म न क़सम खा कर उन स िकया था तो भीम जानता ह िक वह अब तक िकस तरह की सोचरखत हrdquo

22 मसा न उसी िदन यह गीत िलख कर इसराईिलयोको िसखाया

23 िफर रब न यशअ िबन नन स कहा ldquoमज़बतऔर िदलर हो कयिक त इसराईिलयो को उस मलकम ल जाएगा िजस का वादा म न क़सम खा कर उनस िकया था म ख़द तर साथ हगाrdquo

24 जब मसा न परी शरीअत को िकताब म िलखिलया 25 तो वह उन लािवयो स मख़ाितब हआ जोसफ़र करत वक़त अहद का सनदक़ उठा कर ल जातथ 26 ldquoशरीअत की यह िकताब ल कर रब अपन

इिसतसना 3127ndash3213 241ख़दा क अहद क सनदक़ क पास रखना वहा वहपड़ी रह और तर िख़लाफ़ गवाही दती रह 27 कयिकम ख़ब जानता ह िक त िकतना सरकश और हटधमरह मरी मौजदगी म भी तम न िकतनी दफ़ा रब ससरकशी की तो िफर मर मरन क बाद तम कयाकछ नही करोग 28 अब मर सामन अपन क़बीलोक तमाम बज़गोर और िनगहबानो को जमा करो तािकवह ख़द मरी यह बात सन और आसमान और ज़मीनउन क िख़लाफ़ गवाह हो 29 कयिक मझ मालम हिक मरी मौत क बाद तम ज़रर िबगड़ जाओग औरउस रासत स हट जाओग िजस पर चलन की म न तमहताकीद की ह आिख़रकार तम पर मसीबत आएगीकयिक तम वह कछ करोग जो रब को बरा लगता हतम अपन हाथो क काम स उस ग़ससा िदलाओगrdquo

30 िफर मसा न इसराईल की तमाम जमाअत कसामन यह गीत शर स ल कर आिख़र तक पशिकया

मसा का गीत

32 1 ऐ आसमान मरी बात पर ग़ौर कर ऐज़मीन मरा गीत सन

2 मरी तालीम बदा-बादी जसी हो मरी बात शबनमकी तरह ज़मीन पर पड़ जाए वह बािरश की मािननदहो जो हिरयाली पर बरसती ह

3 म रब का नाम पकारगा हमार ख़दा की अज़मतकी तमजीद करो

4 वह चटान ह और उस का काम कािमल ह उसकी तमाम राह रासत ह वह वफ़ादार ख़दा ह िजसम फ़रब नही ह बिलक जो आिदल और िदयानतदारह

5 एक टढ़ी और कजरौ नसल न उस का गनाहिकया वह उस क फ़ज़रनद नही बिलक दाग़ सािबतहए ह

6 ऐ मरी अहमक़ और बसमझ क़ौम कया तमहारारब स ऐसा रवयया ठीक ह वह तो तमहारा बाप औरख़ािलक़ ह िजस न तमह बनाया और क़ाइम िकया

7 क़दीम ज़मान को याद करना माज़ी की नसलो परतवजजह दना अपन बाप स पछना तो वह तझ बतादगा अपन बज़गोर स पता करना तो वह तझ इिततलादग

8 जब अललाह तआला न हर क़ौम को उस काअपना अपना मौरसी इलाक़ा द कर तमाम इनसानोको मख़तिलफ़ गरोहो म अलग कर िदया तो उस नक़ौमो की सरहदद इसराईिलयो की तादाद क मतािबक़मक़ररर की

9 कयिक रब का िहससा उस की क़ौम ह याक़बको उस न मीरास म पाया ह

10 यह क़ौम उस रिगसतान म िमल गई वीरान-ओ-सनसान बयाबान म जहा चारो तरफ़ हौलनाकआवाज़ गजती थी उस न उस घर कर उस की दख-भाल की उस अपनी आख की पतली की तरह बचाएरखा

11 जब उक़ाब अपन बचचो को उड़ना िसखाता ह तोवह उनह घोसल स िनकाल कर उन क साथ उड़ताह अगर वह िगर भी जाए तो वह हािज़र ह औरउन क नीच अपन परो को फला कर उनह ज़मीन सटकरा जान स बचाता ह रब का इसराईल क साथयही सलक था

12 रब न अकल ही उस की राहनमाई की िकसीअजनबी माबद न िशकर त न की

13 उस न उस रथ पर सवार करक मलक कीबलिनदयो पर स गज़रन िदया और उस खत का फलिखला कर उस चटान स शहद और सख़त पतथर सज़तन का तल महयया िकया l

lलफ़ज़ी तजरमा चसन िदया

242 इिसतसना 3214ndash3114 उस न उस गाय की लससी और भड़-बकरी का

दध चीदा भड़ क बचचो समत िखलाया और उस बसनक मोट-ताज़ मढ बकर और बहतरीन अनाज अतािकया उस वक़त त आला अगर की उमदा म सलतफ़अनदोज़ हआ

15 लिकन जब यसरन mमोटा हो गया तो वहदोलिततया झाड़न लगा जब वह हलक़ तक भर करतनोमनद और फ़बार हआ तो उस न अपन ख़दा औरख़ािलक़ को रदद िकया उस न अपनी नजात कीचटान को हक़ीर जाना

16 अपन अजनबी माबदो स उनहो न उस की ग़रतको जोश िदलाया अपन िघनौन बतो स उस ग़ससािदलाया

17 उनहो न बदरहो को क़बारिनया पश की जो ख़दानही ह ऐस माबदो को िजन स न वह और न उनक बापदादा वािक़फ़ थ कयिक वह थोड़ी दर पहलवजद म आए थ

18 त वह चटान भल गया िजस न तझ पदा िकयावही ख़दा िजस न तझ जनम िदया

19 रब न यह दख कर उनह रदद िकया कयिक वहअपन बट-बिटयो स नाराज़ था

20 उस न कहा ldquoम अपना िचहरा उन स छपा लगािफर पता लगगा िक मर बग़र उन का कया अनजामहोता ह कयिक वह सरासर िबगड़ गए ह उन मवफ़ादारी पाई नही जाती

21 उनहो न उस की परिसतश स जो ख़दा नही हमरी ग़रत को जोश िदलाया अपन बकार बतो समझ ग़ससा िदलाया ह चनाच म ख़द ही उनह ग़रतिदलाऊगा एक ऐसी क़ौम क ज़रीए जो हक़ीक़त मक़ौम नही ह एक नादान क़ौम क ज़रीए म उनह ग़ससािदलाऊगा

22 कयिक मर ग़सस स आग भड़क उठी ह जोपाताल की तह तक पहचगी और ज़मीन और उस कीपदावार हड़प करक पहाड़ो की बनयादो को जलादगी

23 म उन पर मसीबत पर मसीबत आन दगा औरअपन तमाम तीर उन पर चलाऊगा

24 भक क मार उन की ताक़त जाती रहगी औरवह बख़ार और वबाई अमराज़ का लक़मा बनग मउन क िख़लाफ़ फाड़न वाल जानवर और ज़हरीलसाप भज दगा

25 बाहर तलवार उनह बऔलाद कर दगी औरघर म दहशत फल जाएगी शीरख़वार बचच नौजवानलड़क-लड़िकया और बज़गर सब उस की िगिरफ़त मआ जाएग

26 मझ कहना चािहए था िक म उनह िचकनाचरकरक इनसानो म स उन का नाम-ओ-िनशान िमटादगा

27 लिकन अनदशा था िक दशमन ग़लत मतलबिनकाल कर कह lsquoहम ख़द उन पर ग़ािलब आएइस म रब का हाथ नही हrsquordquo

28 कयिक यह क़ौम बसमझ और िहकमत स ख़ालीह

29 काश वह दािनशमनद हो कर यह बात समझकाश वह जान ल िक उन का कया अनजाम ह

30 कयिक दशमन का एक आदमी िकस तरह हज़ारइसराईिलयो का ताक़क़ब कर सकता ह उस क दोमदर िकस तरह दस हज़ार इसराईिलयो को भगा सकतह वजह िसफ़र यह ह िक उन की चटान न उनहदशमन क हाथ बच िदया रब न ख़द उनह दशमन कक़बज़ म कर िदया

31 हमार दशमन ख़द मानत ह िक इसराईल की चटानहमारी चटान जसी नही ह

mयानी इसराईल

इिसतसना 3232ndash332 24332 उन की बल तो सदम की बल और अमरा क

बाग़ स ह उन क अगर ज़हरील और उन क गचछकड़व ह

33 उन की म सापो का मोहिलक ज़हर ह

34 रब फ़रमाता ह ldquoकया म न इन बातो पर महरलगा कर उनह अपन ख़ज़ान म महफ़ज़ नही रखा

35 इिनतक़ाम लना मरा ही काम ह म ही बदलालगा एक वक़त आएगा िक उन का पाओ िफसलगाकयिक उन की तबाही का िदन क़रीब ह उन काअनजाम जलद ही आन वाला हrdquo

36 यक़ीनन रब अपनी क़ौम का इनसाफ़ करगा वहअपन ख़ािदमो पर तरस खाएगा जब दखगा िक उनकी ताक़त जाती रही ह और कोई नही बचा

37 उस वक़त वह पछगा ldquoअब उन क दवता कहा ह वह चटान िजस की पनाह उनहो न ली

38 वह दवता कहा ह िजनहो न उन क बहतरीनजानवर खाए और उन की म की नज़र पी ली वहतमहारी मदद क िलए उठ और तमह पनाह द

39 अब जान लो िक म और िसफ़र म ख़दा ह मरिसवा कोई और ख़दा नही ह म ही हलाक करताऔर म ही िज़नदा कर दता ह म ही ज़ख़मी करताऔर म ही िशफ़ा दता ह कोई मर हाथ स नही बचासकता

40 म अपना हाथ आसमान की तरफ़ उठा करएलान करता ह िक मरी अबदी हयात की क़सम

41 जब म अपनी चमकती हई तलवार को तज़करक अदालत क िलए पकड़ लगा तो अपनमख़ािलफ़ो स इिनतक़ाम और अपन नफ़रत करनवालो स बदला लगा

42 मर तीर ख़न पी पी कर नश म धत हो जाएग मरीतलवार मक़तलो और क़िदयो क ख़न और दशमन कसरदारो क सरो स सर हो जाएगीrdquo

43 ऐ दीगर क़ौमो उस की उममत क साथ ख़शीमनाओ कयिक वह अपन ख़ािदमो क ख़न काइिनतक़ाम लगा वह अपन मख़ािलफ़ो स बदला लकर अपन मलक और क़ौम का कफ़फ़ारा दगा

44 मसा और यशअ िबन नन न आ कर इसराईिलयोको यह परा गीत सनाया 45ndash46 िफर मसा न उन सकहा ldquoआज म न तमह इन तमाम बातो स आगाहिकया ह लािज़म ह िक वह तमहार िदलो म बठजाए अपनी औलाद को भी हकम दो िक एहितयातस इस शरीअत की तमाम बातो पर अमल कर47 यह ख़ाली बात नही बिलक तमहारी िज़नदगी कासरचशमा ह इन क मतािबक़ चलन क बाइस तमदर तक उस मलक म जीत रहोग िजस पर तम दरया-ए-यदरन को पार करक क़बज़ा करन वाल होrdquo

मसा का नब पहाड़ पर इिनतक़ाल48 उसी िदन रब न मसा स कहा 49 ldquoपहाड़ी

िसलिसल अबारीम क पहाड़ नब पर चढ़ जा जोयरीह क सामन लिकन यदरन क मशिरक़ी िकनार परयानी मोआब क मलक म ह वहा स कनआन परनज़र डाल उस मलक पर जो म इसराईिलयो को दरहा ह 50 इस क बाद त वहा मर कर अपन बापदादास जा िमलगा िबलकल उसी तरह िजस तरह तराभाई हारन होर पहाड़ पर मर कर अपन बापदादा सजा िमला ह 51 कयिक तम दोनो इसराईिलयो क र-ब-र बवफ़ा हए जब तम दशत-ए-सीन म क़ािदसक क़रीब थ और मरीबा क चशम पर इसराईिलयोक सामन खड़ थ तो तम न मरी क़ददिसयत क़ाइमन रखी 52 इस सबब स त वह मलक िसफ़र दर सदखगा जो म इसराईिलयो को द रहा ह त ख़द उसम दािख़ल नही होगाrdquo

मसा क़बीलो को बरकत दता ह

33 1 मरन स पशतर मदर-ए-ख़दा मसा नइसराईिलयो को बरकत द कर 2 कहा

244 इिसतसना 333ndash19ldquoरब सीना स आया सईर nस उस का नर उन पर

तल हआ वह कोह-ए-फ़ारान स रौशनी फला करिरबबोत-क़ािदस स आया वह अपन जनबी इलाक़स रवाना हो कर उन की ख़ाितर पहाड़ी ढलानो कपास आया

3 यक़ीनन वह क़ौमो स महबबत करता ह तमाममक़ददसीन तर हाथ म ह वह तर पाओ क सामनझक कर तझ स िहदायत पात ह

4 मसा न हम शरीअत दी यानी वह चीज़ जो याक़बकी जमाअत की मौरसी िमलिकयत ह

5 इसराईल क राहनमा अपन क़बीलो समत जमा हएतो रब यसरन oका बादशाह बन गया

6 रिबन की बरकत रिबन मर न जाए बिलक जीता रह वह तादाद म

बढ़ जाए

7 यहदाह की बरकत ऐ रब यहदाह की पकार सन कर उस दबारा उस

की क़ौम म शािमल कर उस क हाथ उस क िलएलड़ मख़ािलफ़ो का सामना करत वक़त उस कीमदद कर

8 लावी की बरकत तरी मज़ीर मालम करन क क़रए बनाम ऊरीम और

तममीम तर वफ़ादार ख़ािदम लावी क पास होत हत न उस मससा म आज़माया और मरीबा म उस सलड़ा 9 उस न तरा कलाम सभाल कर तरा अहदक़ाइम रखा यहा तक िक उस न न अपन मा-बापका न अपन सग भाइयो या बचचो का िलहाज़ िकया

10 वह याक़ब को तरी िहदायात और इसराईल कोतरी शरीअत िसखा कर तर सामन बख़र और तरीक़बारनगाह पर भसम होन वाली क़बारिनया चढ़ाताह

11 ऐ रब उस की ताक़त को बढ़ा कर उस क हाथोका काम पसनद कर उस क मख़ािलफ़ो की कमरतोड़ और उस स नफ़रत रखन वालो को ऐसा मारिक आइनदा कभी न उठ

12 िबनयमीन की बरकत िबनयमीन रब को पयारा ह वह सलामती स उस

क पास रहता ह कयिक रब िदन रात उस पनाह दताह िबनयमीन उस की पहाड़ी ढलानो क दरिमयानमहफ़ज़ रहता ह

13 यसफ़ की बरकत रब उस की ज़मीन को बरकत द आसमान स

क़ीमती ओस टपक और ज़मीन क नीच स चशम फटिनकल

14 यसफ़ को सरज की बहतरीन पदावार और हरमहीन का लज़ीज़तरीन फल हािसल हो

15 उस क़दीम पहाड़ो और अबदी वािदयो कीबहतरीन चीज़ो स नवाज़ा जाए

16 ज़मीन क तमाम ज़ख़ीर उस क िलए खल जाएवह उस को पसनद हो जो जलती हई झाड़ी म सकनतकरता था यह तमाम बरकत यसफ़ क सर पर ठहरउस क सर पर जो अपन भाइयो म शहज़ादा ह

17 यसफ़ साड क पहलौठ जसा अज़ीम ह और उसक सीग जगली बल क सीग ह िजन स वह दिनयाकी इिनतहा तक सब क़ौमो को मारगा इफ़राईमक बशमार अफ़राद ऐस ही ह मनससी क हज़ारोअफ़राद ऐस ही ह

18 ज़बलन और इशकार की बरकत ऐ ज़बलन घर स िनकलत वक़त ख़शी मना ऐ

इशकार अपन ख़मो म रहत हए ख़श हो19 वह दीगर क़ौमो को अपन पहाड़ पर आन की

दावत दग और वहा रासती की क़बारिनया पश करगnअदोमoइसराईल

इिसतसना 3320ndash348 245वह समनदर की कसरत और समनदर की रत म छपहए ख़ज़ानो को जज़ब कर लग

20 जद की बरकत मबारक ह वह जो जद का इलाक़ा वसी कर द

जद शरबबर की तरह दबक कर िकसी का बाज़ यासर फाड़ डालन क िलए तययार रहता ह

21 उस न अपन िलए सब स अचछी ज़मीन चन लीराहनमा का िहससा उसी क िलए महफ़ज़ रखा गयाजब क़ौम क राहनमा जमा हए तो उस न रब की रासतमज़ीर परी की और इसराईल क बार म उस क फ़सलअमल म लाया

22 दान की बरकत दान शरबबर का बचचा ह जो बसन स िनकल कर

छलाग लगाता ह

23 नफ़ताली की बरकत नफ़ताली रब की मनज़री स सर ह उस उस की परी

बरकत हािसल ह वह गलील की झील और उस कजनब का इलाक़ा मीरास म पाएगा

24 आशर की बरकत आशर बटो म सब स मबारक ह वह अपन भाइयो

को पसनद हो उस क पास ज़तन का इतना तल होिक वह अपन पाओ उस म डबो सक

25 तर शहरो क दरवाज़ो क कड लोह और पीतलक हो तरी ताक़त उमर भर क़ाइम रह

26 यसरन क ख़दा की मािननद कोई नही ह जोआसमान पर सवार हो कर हा अपन जलाल मबादलो पर बठ कर तरी मदद करन क िलए आताह

27 अज़ली ख़दा तरी पनाहगाह ह वह अपन अज़लीबाज़ तर नीच फलाए रखता ह वह दशमन को तरसामन स भगा कर उस हलाक करन को कहता ह

28 चनाच इसराईल सलामती स िज़नदगी गज़ारगायाक़ब का चशमा अलग और महफ़ज़ रहगा उसकी ज़मीन अनाज और अगर की कसरत पदा करगीऔर उस क ऊपर आसमान ज़मीन पर ओस पड़नदगा

29 ऐ इसराईल त िकतना मबारक ह कौन तरीमािननद ह िजस रब न बचाया ह वह तरी मददकी ढाल और तरी शान की तलवार ह तर दशमनिशकसत खा कर तरी ख़शामद करग और त उन कीकमर पाओ तल कचलगाrdquo

मसा की वफ़ात

34 1 यह बरकत द कर मसा मोआब का मदानीइलाक़ा छोड़ कर यरीह क मक़ािबल नब

पहाड़ पर चढ़ गया नब िपसगा क पहाड़ी िसलिसलकी एक चोटी था वहा स रब न उस वह परा मलकिदखाया जो वह इसराईल को दन वाला था यानीिजिलआद क इलाक़ स ल कर दान क इलाक़ तक2 नफ़ताली का परा इलाक़ा इफ़राईम और मनससीका इलाक़ा यहदाह का इलाक़ा बहीरा-ए-रम तक3 जनब म दशत-ए-नजब और खजर क शहर यरीहकी वादी स ल कर ज़ग़र तक 4 रब न उस स कहाldquoयह वह मलक ह िजस का वादा म न क़सम खा करइबराहीम इसहाक़ और याक़ब स िकया म न उन सकहा था िक उन की औलाद को यह मलक िमलगात उस म दािख़ल नही होगा लिकन म तझ यहा लआया ह तािक त उस अपनी आखो स दख सकrdquo

5 इस क बाद रब का ख़ािदम मसा वही मोआब कमलक म फ़ौत हआ िबलकल उसी तरह िजस तरहरब न कहा था 6 रब न उस बत-फ़ग़र की िकसीवादी म दफ़न िकया लिकन आज तक िकसी कोभी मालम नही िक उस की क़बर कहा ह

7 अपनी वफ़ात क वक़त मसा 120 साल का थाआिख़र तक न उस की आख धनदलाई न उस कीताक़त कम हई 8 इसराईिलयो न मोआब क मदानीइलाक़ म 30 िदन तक उस का मातम िकया

246 इिसतसना 349ndash129 िफर यशअ िबन नन मसा की जगह खड़ा हआ

वह िहकमत की रह स मामर था कयिक मसा नअपन हाथ उस पर रख िदए थ इसराईिलयो न उसकी सनी और वह कछ िकया जो रब न उनह मसाकी मािरफ़त बताया था

10 इस क बाद इसराईल म मसा जसा नबी कभी नउठा िजस स रब र-ब-र बात करता था 11 िकसी

और नबी न ऐस इलाही िनशान और मोिजज़ नही िकएजस मसा न िफ़रऔन बादशाह उस क मलािज़मोऔर पर मलक क सामन िकए जब रब न उस िमसरभजा 12 िकसी और नबी न इस िक़सम का बड़ाइख़ितयार न िदखाया न ऐस अज़ीम और हबतनाककाम िकए जस मसा न इसराईिलयो क सामन िकए

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                    • इसतिसना 34
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