यक्षप्रश्नाः
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.. यक्षप्रश्नाः�� .. http://sanskritdocuments.org/all_sa/yaxa_sa.html
Yaksha's Questions
३१३
वै�शं�पायन उवैच .
स ददशं� हतान्भ्राता��ल्लो�कपालोनिनवै च्य�तान� .
य�गान्ता समन�प्राप्ता शंक्रप्रानितामगा%रवैन� .. १..
निवैनिनक'र्ण�धन�र्बा�र्ण� दृष्ट्�वै निनहतामर्जु��नम� .
भी/मस न� यम% च�भी% निनर्विवै1च ष्ट्न� गाताय�षः3 .. २..
स द5र्घ�म�ष्र्ण� निन3श्वस्य शं�कर्बाष्पापारिरप्लो�ता3 .
तान� दृष्ट्�वै पानितातान� भ्राता�न� सवै;श्चि=न्तासमन्विन्वैता3 .. ३..
धम�पा�त्रो� महर्बाहुर्विवै1लोलोपा स�निवैस्तारम� .
नन� त्वैय महर्बाह� प्रानिताज्ञाता� वैCक�दर .. ४..
स�य�धनस्य भी त्स्यमिम गादय सक्थिGHनिन रर्ण .
व्यH; तादद्य म सवै; त्वैमिय न/र निनपानिताता .. ५..
महत्मनिन महर्बाह� क� रूर्ण� क'र्विता1वैध�न .
मन�ष्यस�भीवै वैच� निवैधर्मिम1ण्य3 प्रानिता श्रु�ता3 .. ६..
र्बाहवैता� दिदव्यवैचस्ता� ता भीवैन्ता� कH� मCषः .
द वै=निपा यदऽवै�चन� सSताक त्वै� धनञ्जय .. ७..
सहस्राक्षादनवैर3 क� न्विन्तापा�त्रोस्तावै निता वै� .
उत्तर पारिरयत्रो च र्जुगा�भीS�तानिन सवै�शं3 .. ८..
निवैपानष्ट्� श्चिश्रुय� च�षःमहता� पा�नरञ्जस .
नस्य र्जु ता रर्ण कश्चि=दर्जु ता न�षः कस्यचिचता� .. ९..
स�ऽय� मCत्य�वैशं� यता3 कH� जिर्जुष्र्ण�म�हर्बालो3 .
अय� मम�शं� स�हत्य शं ता भीSम% धनञ्जय3 .. १०..
आश्चिश्रुत्य य� वैय� नH� दुः3खान्य तानिन स निहम .
रर्ण प्रामत्त% वै/र% च सद शंत्रो�निनर्बाहर्णb .. ११..
कH� रिरपा�वैशं� यता% क� न्ता/पा�त्रो% महर्बालो% .
य% सवै�स्त्रोप्रानिताहता% भी/मस नधनञ्जय% .. १२..
अश्मसरमय� नSन� हृदय� मम दुःहृद�3 .
यम% यद ता% दृष्ट्�वैऽद्य पानिताता% नवैद5य�ता .. १३..
शंस्त्रोज्ञा द शंकलोज्ञास्तापा�य�क्ताः3 निक्रयन्विन्वैता3 .
अकC त्वै सदृशं� कम� किंक1 शं ध्वै� पा�रुषःषः�भी3 .. १४..
अनिवैक्षाताशंर/=प्यप्रामCष्ट्शंरसन3 .
अस�ज्ञा भी�निवै सङ्गम्य किंक1 शं ध्वैमपारजिर्जुता3 .. १५..
सनSनिनवैद्रेः 3 स�स�प्ता� दृष्ट्�वै भ्राता�न� महमनिता3 .
स�खा� प्रास�प्ता� प्रास्विस्वैन्नः3 खिखान्नः3 कष्ट्� दशं� गाता3 .. १६..
एवैम वै दमिमत्य�Gत्वै धम�त्म स नर श्वर3 .
शं�कसगार मध्यस्थो� दध्य% करर्णमक� लो3 .. १७..
इनिताकता�व्यता� च निता द शंकलोनिवैभीगानिवैता� .
नश्चिभीपा द महर्बाहुश्चि=न्तायन� महमनिता3 .. १८..
अH स�स्ताभ्य धम�त्म तादऽऽत्मन� तापा3 स�ता3 .
एवै� निवैलोप्य र्बाहुध धम�पा�त्रो� य�मिधमिsर3 .. १९..
र्बा�द्ध्या निवैचिचन्तायमस वै/र3 क न निनपानिताता3 .. २०..
न�षः� शंस्त्रोप्राहर�ऽस्विस्ता पाद� न हस्विस्ता कस्यचिचता� .
भीSता� महदिदद� मन्य भ्रातार� य न म हता3 .. २१..
एकग्रं� चिचन्तामियष्यमिम पा/त्वै वै त्स्यमिम वै र्जुलोम� .
स्यत्त� दुःयvधन न दम�पा�शं� निवैनिहता� कC ताम� .. २२..
गान्धाररर्जुरचिचता� सताता� जिर्जुह्मर्बा�जिyन .
यस्य कय�मकय; वै समम वै भीवैत्य�ता .. २३..
कस्तास्य निवैश्वस द्वी5र� दुःष्कC ता रकC तात्मन3 .
अHवै पा�रुषः�गाS�ढैः� 3 प्राय�गा�ऽय� दुःरत्मन3 .. २४..
भीवै दिदनिता महर्बा�जिyर्बा�हुध तादचिचन्तायता� .
तास्यस/न्नः निवैषः र्ण दम�दक� दूनिषःता� यH .. २५..
मCतानमनिपा च�ता षः� निवैकC ता� न�वै र्जुयता .
म�खावैर्ण�3 प्रासन्नः म भ्राता�र्णमिमत्यचिचन्तायता� .. २६..
एक� कशं=%र्घर्बालोनिनमन्पा�रुषःसत्तमन� .
क�ऽन्य3 प्रानितासमस ता कलोन्ताकयमदृता .. २७..
एता न व्यवैसय न तात्त�य� व्यवैगाढैःवैन� .
गाहमन= तात्त�यमन्तारिरक्षात्स शं�श्रु�वै .. २८..
यक्षा उवैच .
अह� र्बाक3 शं�वैलोमत्स्यभीक्षा�
न/ता3 मय प्रा तावैशं� तावैन�र्जु3 .
त्वै� पाञ्चम� भीनिवैता रर्जुपा�त्रो
न च त्प्राश्नान्पाCच्छता� व्यकर�निषः .. २९..
म ताता सहस� कषः�म�म पाSवै�पारिरग्रंह3 .
प्राश्नान�Gत्वै ता� क%न्ता य ताता3 निपार्बा हरस्वै च .. ३०..
य�मिधमिsर उवैच .
रुद्रेःर्ण� वै वैसSन� वै मरुता� वै प्राधनभीक� .
पाCच्छमिम क� भीवैन्द वै� न�ताच्छक� निनन कC ताम� .. ३१..
निहमवैन्पारिरयत्रो= निवैन्ध्य� मलोय एवै च .
चत्वैर3 पावै�ता3 क न पानिताता भीSरिरता र्जुस3 .. ३२..
अता/वै ता महत्कम� कC ता� च र्बाचिलोन� वैर .
यन्नः द वै न गान्धावै� नस�र= रक्षास3 .. ३३..
निवैषःह रन्महय�y कC ता� ता तान्महद्भु�ताम� .
न ता र्जुनमिम यत्कय; नश्चिभीर्जुनमिम कङ्� श्चिक्षाताम� ..३४..
क%ताSहलो� महज्जाता� सध्वैस� चगाता� मम .
य नस्म्य�निद्वीग्नहृदय3 सम�त्पान्नःचिशंर�ज्वैर3 .. ३५..
पाCच्छमिम भीगावै�स्तास्मत्क� भीवैनिनह निताsनिता .
यक्षा उवैच .
यक्षा�ऽहमस्विस्म भीद्रेः� ता नस्विस्म पाक्षा/ र्जुलो चर3 .. ३६..
मय�ता निनहता3 सवै� भ्रातारस्ता मह%र्जुस3 .
वै�शं�पायन उवैच .
तातास्तामचिशंवै� श्रु�त्वै वैच� स पारुषःक्षारम� .. ३७..
यक्षास्य ब्रु�वैता� रर्जुन्नः�पाक्रम्य ताद क्थिस्थोता3 .
निवैरूपाक्षा� महकय� यक्षा� तालोसम�च्छ्रयम� .. ३८..
ज्वैलोनक� प्राता/कशंमधCष्य� पावै�ता�पामम� .
वैCक्षामश्चिश्रुत्य निताsन्ता� ददशं� भीरताषः�भी3 .. ३९..
म र्घगा�भी/रनद न तार्जु�यन्ता� महस्वैनम� .
यक्षा उवैच .
इम ता भ्रातार� रर्जुन्वैय�मर्ण मयऽसकC ता� ..४०..
र्बालोत्त�य� जिर्जुह/षः�न्तास्ताता� वै� मCदिदता मय .
न पा यम�दक� रर्जुन्प्रार्णनिनह पार/प्सता .. ४१..
पाH� म सहस� कषः�म�म पाSवै�पारिरग्रंह3 .
प्राश्नान�Gत्वै ता� क%न्ता य ताता3 निपार्बा हरस्वै च .. ४२..
य�मिधमिsर उवैच .
न चह�� कमय यक्षा तावै पाSवै�पारिरग्रंहम� .
कम� न�तात्प्राशं�सन्विन्ता सन्ता� निह पा�रुषः3 सद .. ४३..
यदत्मन स्वैमत्मन� प्राशं�स पा�रुषःषः�भी .
यH प्राज्ञा� ता� ता प्राश्नान्प्रानितावैक्ष्यमिम पाCच्छ मम� .. ४४..
यक्षा उवैच .
किंक1 स्विस्वैददिदत्यम�न्नःयनिता क च तास्यश्चिभीता=र3 .
क=�नमस्ता� नयनिता कस्मिंस्म1= प्रानितानिताsनिता .. ४५..
य�मिधमिsर उवैच .
ब्रुह्मदिदत्यम�न्नःयनिता द वैस्तास्यश्चिभीता=र3 .
धम�=स्ता� नयनिता च सत्य च प्रानितानिताsनिता .. ४६..
यक्षा उवैच .
क नस्विस्वैच्छ्र�नित्रोय� भीवैनिता क नस्विस्वैनिद्वीन्दता महता� .
क नस्विस्वैद्द्�निवैता/यवैन्भीवैनिता रर्जुन� क न च र्बा�जिyमन� .. ४७..
य�मिधमिsर उवैच .
श्रु�ता न श्रु�नित्रोय� भीवैनिता तापास निवैन्दता महता� .
धCत्य निद्वीता/यवैन्भीवैनिता र्बा�जिyमन� वैCyस वैय .. ४८..
यक्षा उवैच .
किंक1 ब्रुह्मर्णन� द वैत्वै� क= धम�3 सतामिमवै .
क=�षः� मन�षः� भीवै3 निकम षःमसतामिमवै .. ४९..
य�मिधमिsर उवैच .
स्वैध्यय एषः� द वैत्वै� तापा एषः� सतामिमवै .
मरर्ण� मन�षः� भीवै3 पारिरवैद�ऽसतामिमवै .. ५०..
यक्षा उवैच .
किंक1 क्षानित्रोयर्ण� द वैत्वै� क= धम�3 सतामिमवै .
क=�षः� मन�षः� भीवै3 निकम षःमसतामिमवै .. ५१..
य�मिधमिsर उवैच .
इष्वैस्त्रोम षः� द वैत्वै� यज्ञा एषः� सतामिमवै .
भीय� वै� मन�षः� भीवै3 पारिरत्यगा�ऽसतामिमवै .. ५२..
यक्षा उवैच .
निकम क� यचिज्ञाय� सम निकम क� यचिज्ञाय� यर्जु�3 .
क च�षः� वैCर्ण�ता यज्ञा� क� यज्ञा� ननितावैता�ता .. ५३..
य�मिधमिsर उवैच .
प्रार्ण� वै� यचिज्ञाय� सम मन� वै� यचिज्ञाय� यर्जु�3 .
ऋगा क वैCर्ण�ता यज्ञा� ता� यज्ञा� ननितावैता�ता .. ५४..
यक्षा उवैच .
किंक1स्विस्वैदवैपाता� श्रु s� किंक1स्विस्वैमिन्नःवैपाता� वैरम� .
किंक1स्विस्वैत्प्रानिताsमनन� किंक1स्विस्वैत्प्रासवैता� वैरम� .. ५५..
य�मिधमिsर उवैच .
वैषः�मवैताता� श्रु s� र्बा/र्जु� निनवैपाता� वैरम� .
गावै3 प्रानिताsमनन� पा�त्रो3 प्रासवैता� वैर3 .. ५६..
यक्षा उवैच .
इजिन्द्रेःयH�नन�भीवैन� र्बा�जिyम�ल्लो�कपाSजिर्जुता3 .
स�मता3 सवै�भीSतानम�च्छ्वैसन� क� न र्जु/वैनिता .. ५७..
य�मिधमिsर उवैच .
द वैतानिताचिHभीCत्यन� निपाता�र्णमत्मन= य3 .
न निनवै�पानिता पाञ्चनम�च्छ्वैसन्नः स र्जु/वैनिता .. ५८..
यक्षा उवैच .
किंक1स्विस्वैद्गु�रुतार� भीSम 3 किंक1स्विस्वैदुःच्चतार� च खाता� .
किंक1स्विस्वैच्छ5घ्रतार� वैय�3 किंक1स्विस्वैद्बहुतार� ताCर्णता� .. ५९..
य�मिधमिsर उवैच .
मता गा�रुतार भीSम 3 खाता� निपाता�च्चरस्ताH .
मन3 शं/घ्रतार� वैताक्थिच्चन्ता र्बाहुतार/ ताCर्णता� .. ६०..
यक्षा उवैच .
किंक1स्विस्वैत्स�प्ता� न निनमिमषःनिता किंक1स्विस्वैज्जाता� न च�पानिता .
कस्यस्विस्वैy�दय� नस्विस्ता किंक1स्विस्वैद्वी गा न वैध�ता .. ६१..
य�मिधमिsर उवैच .
मत्स्य3 स�प्ता� न निनमिमषःत्यण्डं� र्जुता� न च�पानिता .
अश्मन� हृदय� नस्विस्ता नद5 वै गा न वैध�ता .. ६२..
यक्षा उवैच .
किंक1स्विस्वैत्प्रावैसता� मिमत्रो� किंक1स्विस्वैन्मिन्मत्रो� गाCह सता3 .
आता�रस्य च किंक1 मिमत्रो� किंक1स्विस्वैन्मिन्मत्रो� मरिरष्यता3 .. ६३..
य�मिधमिsर उवैच .
सH�3 प्रावैसता� मिमत्रो� भीय� मिमत्रो� गाCह सता3 .
आता�रस्य श्चिभीषःनि�त्रो� दन� मिमत्रो� मरिरष्यता3 .. ६४..
यक्षा उवैच .
क�ऽनिताचिH3 सवै�भीSतान� किंक1स्विस्वैyम; सनतानम� .
अमCता� किंक1स्विस्वैद्रेःर्जु न्द्रेः किंक1स्विस्वैता� सवै�मिमद� र्जुगाता� .. ६५..
य�मिधमिsर उवैच .
अनिताचिH3 सवै�भीSतानमखिग्न3 स�म� गावैमCताम� .
सनतान�ऽमCता� धमv वैय�3 सवै�मिमद� र्जुगाता� .. ६६..
यक्षा उवैच .
किंक1स्विस्वैद क� निवैचरता र्जुता3 क� र्जुयता पा�न3 .
किंक1स्विस्वैजिyमस्य भी�षःज्य� किंक1स्विस्वैदवैपान� महता� .. ६७..
य�मिधमिsर उवैच .
सSय� एक� निवैचरता चन्द्रेःम र्जुयता पा�न3 .
अखिग्नर्विह1मस्य भी�षःज्य� भीSमिमरपावैन� महता� .. ६८..
यक्षा उवैच .
किंक1स्विस्वैद कपाद� धम्य; किंक1स्विस्वैद कपाद� यशं3 .
किंक1स्विस्वैद कपाद� स्वैग्य; किंक1स्विस्वैद कपाद� स�खाम� .. ६९..
य�मिधमिsर उवैच .
दक्ष्यम कपाद� धम्य; दनम कपाद� यशं3 .
सत्यम कपाद� स्वैग्य; शं/लोम कपाद� स�खाम� .. ७०..
यक्षा उवैच .
किंक1स्विस्वैदत्म मन�ष्यस्य किंक1स्विस्वैद्द्�वैकC ता3 सखा .
उपार्जु/वैन� किंक1स्विस्वैदस्य किंक1स्विस्वैदस्य पारयर्णम� .. ७१..
य�मिधमिsर उवैच .
पा�त्रो आत्म मन�ष्यस्य भीय� द�वैकC ता3 सखा .
उपार्जु/वैन� च पार्जु�न्य� दनमस्य पारयर्णम� .. ७२..
यक्षा उवैच .
धन्यनम�त्तम� किंक1स्विस्वैद� धनन� स्यता� निकम�त्तमम� .
लोभीनम�त्तम� किंक1स्यता� स�खान� स्यखित्कम�त्तमम� .. ७३..
य�मिधमिsर उवैच .
धन्यनम�त्तम� दक्ष्य� धननम�त्तम� श्रु�ताम� .
लोभीन� श्रु य आर�ग्य� स�खान� ता�मिष्ट्रुत्तम .. ७४..
यक्षा उवैच .
क= धम�3 पार� लो�क क= धम�3 सद फलो3 .
किंक1 निनयम्य न शं�चन्विन्ता क� = सन्मिन्धान� र्जु/य�ता .. ७५..
य�मिधमिsर उवैच .
आनCशं�स्य� पार� धम�स्त्रोय/ धम�3 सद फलो3 .
मन� यम्य न शं�चन्विन्ता सन्मिन्धा3 सजिद्भुन� र्जु/य�ता .. ७६..
यक्षा उवैच .
किंक1 न� निहत्वै निप्राय� भीवैनिता किंक1 न� निहत्वै न शं�चनिता .
किंक1 न� निहत्वैऽH�वैन्भीवैनिता किंक1 न� निहत्वै स�खा/ भीवै ता� .. ७७..
य�मिधमिsर उवैच .
मन� निहत्वै निप्राय� भीवैनिता क्र�ध� निहत्वै न शं�चनिता .
कम� निहत्वैऽH�वैन्भीवैनिता लो�भी� निहत्वै स�खा/ भीवै ता� .. ७८..
यक्षा उवैच .
निकमH; ब्रुह्मर्ण दन� निकमH; नटनता�क .
निकमH; च�वै भीCत्य षः� निकमH; च�वै रर्जुस� .. ७९..
य�मिधमिsर उवैच .
धम�H; ब्रुह्मर्ण दन� यशं�H; नटनता�क .
भीCत्य षः� भीरर्णH; वै� भीयH; च�वै रर्जुस� .. ८०..
यक्षा उवैच .
क न स्विस्वैदवैCता� लो�क3 क न स्विस्वैन्नः प्राकशंता .
क न त्यर्जुनिता मिमत्रोश्चिर्ण क न स्वैगा; न गाच्छनिता .. ८१..
य�मिधमिsर उवैच .
अज्ञान नवैCता� लो�कस्तामस न प्राकशंता .
लो�भीत्त्यर्जुनिता मिमत्रोश्चिर्ण सङ्गता� स्वैगा; न गाच्छनिता .. ८२..
यक्षा उवैच .
मCता3 कH� स्यत्पा�रुषः3 कH� रष्ट्रं� मCता� भीवै ता� .
श्रुy� मCता� कH� वै स्यता� कH� यज्ञा� मCता� भीवै ता� .. ८३..
य�मिधमिsर उवैच .
मCता� दरिरद्रेः3 पा�रुषः� मCता� रष्ट्रंमरर्जुकम� .
मCतामश्रु�नित्रोय� श्रुy� मCता� यज्ञास्त्वैदश्चिक्षार्ण3 .. ८४..
यक्षा उवैच .
क दिदक्थिGकम�दक� प्रा�क्ताः� निकमन्नः� किंक1च वै� निवैषःम� .
श्रुyस्य कलोमख्यनिह ताता3 निपार्बा हरस्वै च .. ८५..
य�मिधमिsर उवैच .
सन्ता� दिदग्र्जुलोमकशं� गा%रन्नः� प्राH�न निवैषःम� .
श्रुyस्य ब्रुह्मर्ण3 कलो3 कH� वै यक्षा मन्यस .. ८६..
यक्षा उवैच .
तापा3 किंक1लोक्षार्ण� प्रा�क्ताः� क� दम= प्राक'र्विता1ता3 .
क्षाम च क पार प्ता�क्ताः क च हृईः3 पारिरक'र्विता1ता .. ८७..
य�मिधमिsर उवैच .
तापा3 स्वैधम�वैर्विता1त्वै� मनस� दमन� दम3 .
क्षाम द्वीन्द्वीसनिहष्र्ण�त्वै� हृईःरकय�निनवैता�नम� .. ८८..
यक्षा उवैच .
किंक1 ज्ञान� प्रा�च्यता रर्जुन� क3 शंम= प्राक'र्विता1ता3 .
दय च क पार प्रा�क्ताः निकञ्चर्जु�वैम�दहृताम� .. ८९..
य�मिधमिsर उवैच .
ज्ञान� तात्त्वैH�स�र्बा�ध3 शंमश्चि=त्तप्राशंन्ताता .
दय सवै�स�खा�निषःत्वैमर्जु�वै� समचिचत्तता .. ९०..
यक्षा उवैच .
क3 शंत्रो�दुः�र्जु�य3 पा��स� क= व्यदिदरनन्ताक3 .
क'दृशं= स्मCता3 सध�रसध�3 क'दृशं3 स्मCता3 .. ९१..
य�मिधमिsर उवैच .
क्र�ध3 स�दुःर्जु�य3 शंत्रो�लोvभी� व्यदिदरनन्ताक3 .
सवै�भीSतानिहता3 सध�रसदुःर्विन1द�य3 स्मCता3 .. ९२..
यक्षा उवैच .
क� म�ह3 प्रा�च्यता रर्जुन� क= मन3 प्राक'र्विता1ता3 .
निकमलोस्य� च निवैज्ञा य� क= शं�क3 प्राक'र्विता1ता3 .. ९३..
य�मिधमिsर उवैच .
म�ह� निह धम�मSढैःत्वै� मनस्त्वैत्मश्चिभीमनिनता .
धम�निनन्मिष्क्रयताऽऽलोस्य� शं�कस्त्वैज्ञानम�च्यता .. ९४..
यक्षा उवैच .
किंक1 स्थो�य�मCनिषःश्चिभी3 प्रा�क्ताः� किंक1 च ध�य�म�दहृताम� .
स्नन� च किंक1 पार� प्रा�क्ताः� दन� च निकमिमह�च्यता .. ९५..
य�मिधमिsर उवैच .
स्वैधम� क्थिस्थोरता स्थो�य; ध�य�मिमजिन्द्रेःयनिनग्रंह3 .
स्नन� मन�मलोत्यगा� दन� वै� भीSतारक्षार्णम� .. ९६..
यक्षा उवैच .
क3 पाक्थिण्डंता3 पा�मन� ज्ञा य� नस्विस्ताक3 क= उच्यता .
क� मSखा�3 क= कम3 स्यता� क� मत्सर इनिता स्मCता3 .. ९७..
य�मिधमिsर उवैच .
धम�ज्ञा3 पाक्थिण्डंता� ज्ञा य� नस्विस्ताक� मSखा� उच्यता .
कम3 स�सरह ता�= हृत्तपा� मत्सर3 स्मCता3 .. ९८..
यक्षा उवैच .
क�ऽहङ्� कर इनिता प्रा�क्ताः3 क= द�भी3 प्राक'र्विता1ता3 .
किंक1 ताद्द्�वै� पार� प्रा�क्ताः� किंक1 तात्पा�शं�न्यम�च्यता .. ९९..
य�मिधमिsर उवैच .
महज्ञानमहङ्� कर� दम्भो� धमv ध्वैर्जु�च्छ्रय3 .
द�वै� दनफलो� प्रा�क्ताः� पा�शं�न्य� पारदूषःर्णम� .. १००..
यक्षा उवैच .
धम�=H�= कम= पारस्परनिवैर�मिधन3 .
एषः� निनत्यनिवैरुyन� कHम कत्रो सङ्गम3 .. १०१..
य�मिधमिsर उवैच .
यद धम�= भीय� च पारस्परवैशंन�गा% .
ताद धम�H�कमन� त्रोयर्णमनिपा सङ्गम3 .. १०२..
यक्षा उवैच .
अक्षाय� नरक3 क न प्राप्यता भीरताषः�भी .
एतान्म पाCच्छता3 प्राश्ना� ताच्छ5घ्र� वैक्ताः� मह�चिस .. १०३..
य�मिधमिsर उवैच .
ब्रुह्मर्ण� स्वैयमहूय यचमनमनिकञ्चनम� .
पा=न्नःस्ता/निता य� ब्रुSयता� स�ऽक्षाय� नरक� व्रर्जु ता� .. १०४..
वै द षः� धम�शंस्त्रो षः� मिमथ्य य� वै� निद्वीर्जुनिताषः� .
द वै षः� निपाताCधम�षः� स�ऽक्षाय� नरक� व्रर्जु ता� .. १०५..
निवैद्यमन धन लो�भीद्द्नभी�गानिवैवैर्जिर्जु1ता3 .
पा=न्नःस्ता/निता य� ब्रुSयता� स�ऽक्षाय� नरक� व्रर्जु ता� .. १०६..
यक्षा उवैच .
रर्जुन� क� लो न वैCत्त न स्वैध्यय न श्रु�ता न वै .
ब्रुह्मण्य� क न भीवैनिता प्राब्रुSह्ये ताता� स�निनश्चि=ताम� .. १०७..
य�मिधमिsर उवैच .
श्रु�र्ण� यक्षा क� लो� ताता न स्वैध्यय� न च श्रु�ताम� .
करर्ण� निह निद्वीर्जुत्वै च वैCत्तम वै न स�शंय3 .. १०८..
वैCत्त� यत्न न स�रक्ष्य� ब्रुह्मर्ण न निवैशं षःता3 .
अक्षा/र्णवैCत्त� न क्षा/र्ण� वैCत्ततास्ता� हता� हता3 .. १०९..
पाठक3 पाठक=�वै य चन्य शंस्त्रोचिचन्ताक3 .
सवै� व्यसनिनन� मSखा� य3 निक्रयवैन� स पाक्थिण्डंता3 .. ११०..
चता�वै�द�ऽनिपा दुःवैC�त्त3 स शंSद्रेःदनितारिरच्यता .
य�ऽखिग्नह�त्रोपार� दन्ता3 स ब्रुह्मर्ण इनिता स्मCता3 .. १११..
यक्षा उवैच .
निप्रायवैचनवैद5 किंक1 लोभीता
निवैमCचिशंताकय�कर3 किंक1 लोभीता .
र्बाहुमिमत्रोकर3 किंक1 लोभीता
धम� रता3 किंक1 लोभीता कHय .. ११२..
य�मिधमिsर उवैच .
निप्रायवैचनवैद5 निप्राय� भीवैनिता
निवैमCचिशंताकय�कर�ऽमिधक� र्जुयनिता .
र्बाहुमिमत्रोकर3 स�खा� वैसता
य= धम�रता3 स गाकिंता1 लोभीता .. ११३..
यक्षा उवैच .
क� म�दता निकम=य; क3 पान्थाः3 क च वैर्विता1क .
वैद म चता�र3 प्राश्नान� मCता र्जु/वैन्ता� र्बान्धावै3 .. ११४..
य�मिधमिsर उवैच .
पाञ्चम ऽहनिन षःs वै शंक� पाचनिता स्वै गाCह .
अनCर्ण/ चप्रावैस/ च स वैरिरचर म�दता .. ११५..
अहन्यहनिन भीSतानिन गाच्छन्ता/ह यमलोयम� .
शं षः3 स्थोवैरमिमच्छन्विन्ता निकम=य�मता3 पारम� .. ११६..
ताकvऽप्रानिताs3 श्रु�ताय� निवैश्चिभीन्नः
न�क� ऋनिषःय�स्य मता� प्रामर्णम� .
धम�स्य तात्त्वै� निननिहता� गा�हय�
महर्जुन� य न गाता3 स पान्थाः3 .. ११७..
अस्विस्मन� महम�हमय कटह
सSय�खिग्नन रनित्रोदिदवै न्धान न .
मसता��दवै�पारिरर्घट्टन न
भीSतानिन कलो3 पाचता/निता वैता� .. ११८..
यक्षा उवैच .
व्यख्यता म त्वैय प्राश्ना यHताथ्य� पारन्तापा .
पा�रुषः� न्वित्वैदन© व्यख्यनिह य= सवै�धन/ नर3 .. ११९..
य�मिधमिsर उवैच .
दिदवै� स्पCशंनिता भीSमिंम1 च शंब्द3 पा�ण्य न कम�र्ण .
यवैत्स शंब्द� भीवैनिता तावैत्पा�रुषः उच्यता .. १२०..
ता�ल्य निप्रायनिप्राय यस्य स�खादुः3खा ताH�वै च .
अता/तानगाता च�भी स वै� सवै�धन/ नर3 .. १२१..
यक्षा उवैच .
व्यख्यता3 पा�रुषः� रर्जुन्य= सवै�धन/ नर3 .
तास्मत्त्वैम क� भ्राता�र्ण� यमिमच्छचिस स र्जु/वैता� .. १२२..
य�मिधमिsर उवैच .
श्यम� य एषः रक्ताःक्षा� र्बाCहच्छलो इवै�स्वि¬ता3 .
व्यSढैः�रस्क� महर्बाहुन�क� लो� यक्षा र्जु/वैता� .. १२३..
यक्षा उवैच .
निप्रायस्ता भी/मस न�ऽयमर्जु��न� वै3 पारयर्णम� .
स कस्मन्नःक� लो� रर्जुन्सपात्न� र्जु/वैमिमच्छचिस .. १२४..
यस्य नगासहस्रा र्ण दशंसङ्� ख्य न वै� र्बालोम� .
ता�ल्य� ता� भी/मम�त्सCज्य नक� लो� र्जु/वैमिमच्छचिस .. १२५..
ताH�न� मन�र्जु3 प्राहुभी�मस न� निप्राय� तावै .
अH क नन�भीवै न सपात्न� र्जु/वैमिमच्छचिस .. १२६..
यस्य र्बाहुर्बालो� सवै� पाण्डंवै3 सम�पासता .
अर्जु��न� तामपाहय नक� लो� र्जु/वैमिमच्छचिस .. १२७..
य�मिधमिsर उवैच .
धम� एवै हता� हन्विन्ता धमv रक्षानिता रश्चिक्षाता3 .
तास्मyम; न त्यर्जुमिम म न� धमv हता�ऽवैध/ता� .. १२८..
आनCशं�स्य� पार� धम�3 पारमH�च्च म मताम� .
आनCशं�स्य� चिचक'षः�मिम नक� लो� यक्षा र्जु/वैता� .. १२९..
धम�शं/लो3 सद रर्जु इनिता म� मनवै निवैदुः3 .
स्वैधम�न्नः चचिलोष्यमिम नक� लो� यक्षा र्जु/वैता� .. १३०..
क� न्ता/ च�वै मद्रेः5 च द्वी भीय� ता� निपाता�म�म .
उभी सपा�त्रो स्यता� वै� इनिता म ध/यता मनिता3 .. १३१..
यH क� न्ता/ ताH मद्रेः5 निवैशं षः� नस्विस्ता म ताय�3 .
मताCभ्य� सममिमच्छमिम नक� लो� यक्षा र्जु/वैता� .. १३२..
यक्षा उवैच .
तास्य ता ऽH�च्च कमच्च आनCशं�स्य� पार� मताम� .
तास्मत्त भ्रातार3 सवै� र्जु/वैन्ता� भीरताषः�भी .. १३३..
इनिता श्रु/महभीरता आरण्यक पावै�श्चिर्ण आरर्ण यपावै�श्चिर्ण यक्षाप्राश्ना
त्रोय�दशंमिधकनित्रोशंताताम�ऽध्यय3 ..
.. इनिता..
These verses form Ch. 297 of Prof. Tokunaga's files,
and Ch. 313 of Pt. Kinjavadekar's edition.
Following verses do not appear in the former:
4-20; 34; 66-67; 79-82;86-118; 128; 131 .
Please send corrections to Sunder Hattangadi ([email protected] OR [email protected])
Last updated October 12 1998 for HTML version