हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं ·...

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हम परम वर पर वास करत हम परम वर क बार या जानत अयाय एक Manuscript

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Page 1: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम पर म श वर पर ववशवा स कर त ह

ह म पर मश व र क बार म कय ा ज ानत ह अधयाय एक

Manuscript

ii

चलचचतर अधययन मारगदचशगका एव कई अनय ससाधन क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

copy थरग ममलमनयम मममनसटरीज 2012 क दवारा

सवागचधकार सरचित इस परकाशन क मकसी भी भार क परकाशक थरग ममलमनयम मममनसटरीज इनक रप रशन 316 लाइव ओकस बलवारग कसलबरी फल रररा 32707 की चलचित अनममत क मबना समीिा मटपपणी या अधययन क उददशय क चलए सचिपत उदधरण क अमतररक त मकसी भी रप म या मकसी भी तरह क लाभ क चलए पनः परकचशत नही मकया जा सकता

पमवतरशासटतर क सभी उदधरण बाइबल स साइटी ऑफ़ इमरया की महनदी की पमवतर बाइबल स चलए रए ह सवागचधकार copy The Bible Society of India

थरग ममलमनयम मममनसटरीज की सवकाई क मवषय म 1997 म सटथामपत थरग ममलमनयम मममनसटरीज एक लाभमनरपि ससमाचाररक मसीही सवकाई ह ज पर

ससार क चलए मफत म बाइबल आधाररत चशिा परदान करन क चलए परमतबदध ह

स सा र क ल ि ए म फ़त म ब ाइ बि आधा र रत ल िकषा

हमारा लकषय ससार भर क हजार पासवान और मसीही अरव क मफ़त म मसीही चशिा परदान करना ह चजनह सवकाई क चलए पयागपत परचशिण परापत नही हआ ह हम इस लकषय क अगरजी अरबी मनराररन रसी और सटपमनश भाषाओ म अमदवतीय मलटीमीमरया सममनारी पाठयकरम की रचना करन और उनह मवशव भर म मवतररत करन क दवारा परा कर रह ह हमार पाठयकरम का अनवाद सहभारी सवकाइय क दवारा दजगन भर स अचधक अनय भाषाओ म भी मकया जा रहा ह पाठयकरम म गरामिक वीमरय स चलचित मनदश और इटरनट ससाधन पाए जात ह इसकी रचना ऐस की रई ह मक इसका परय र ऑनलाइन और सामदामयक अधययन द न सदभो म सटकल समह और वयमिरत रप म मकया जा सकता ह

वषो क परयास स हमन अचछी मवषय-वसटत और रणवतता स पररपणग परसटकार-परापत मलटीमीमरया अधययन की रचना करन की बहत ही मकफ़ायती मवचध क मवकचसत मकया ह हमार लिक और सपादक धमगवजञामनक रप स परचशचित चशिक ह हमार अनवादक धमगवजञामनक रप स दि ह और लकषय-भाषाओ क मातभाषी ह और हमार अधयाय म ससार भर क सकड सममामनत सममनारी पर फ़सर और पासवान क रहन मवचार शाममल ह इसक अमतररि हमार गरामिक मरजाइनर चचतरकार और पर रयससग अतयाधमनक उपकरण और तकनीक का परय र करन क दवारा उतपादन क उचचतम सटतर का पालन करत ह

अपन मवतरण क लकषय क परा करन क चलए थरग ममलमनयम न कलीचसयाओ सममनाररय बाइबल सटकल ममशनररय मसीही परसारक सटलाइट टलीमवजन परदाताओ और अनय सरठन क साथ रणनीमतक सहभामरताए सटथामपत की ह इन सबध क िलसटवरप सटथानीय अरव पासवान और सममनारी मवदयाचथगय तक अनक मवमरओ अधययन क पहचाया जा चका ह हमारी वबसाइट भी मवतरण क माधयम क रप म कायग करती ह और हमार अधयाय क अमतररि साममगरय क भी परदान करती ह चजसम ऐस मनदश भी शाममल ह मक अपन चशिण समदाय क कस आरभ मकया जाए

थरग ममलमनयम मममनसटरीज a 501(c)(3) कारप रशन क रप म IRS क दवारा मानयता परापत ह हम आचथगक रप स कलीचसयाओ क टकस-रीरकटीबल य रदान ससटथान वयापार और ल र पर आधाररत ह हमारी सवकाइग क बार म अचधक जानकारी क चलए और यह जानन क चलए मक आप मकस परकार इसम सहभारी ह सकत ह कपया हमारी वबसाइट httpthirdmillorg क दि

iii

चलचचतर अधययन मारगदचशगका एव कई अनय ससाधन क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

ववषय -वसत पररचय 1

परकाि न और र हसय 1

ईश व रीय परक ािन 2

मलभत अवधारणा 2

मवमभनन परकार 4

ईश व रीय रहसय 9

मलभत धारणा 9

मभनन परकार 13

ग ण और कायय 15

ईश व रीय गण 16

मलभत धारणा 16

मभनन परकार 20

ईश व रीय क ा यय 22

मलभत धारणा 22

मभनन परकार 25

उपस हार 27

हम परमश वर पर मवशवास करत ह अधयाय एक

हम परमश वर क बार म कया जानत ह

-1-

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पररचय

ldquoपरमश वर क जाननrdquo का अथग अलर-अलर ल र क चलए अलर-अलर ह ता ह mdash अथागत परमश वर क साथ वयमिरत घमनषठता का अनभव करन स लकर उसक सामथी कायो क दिन उसक बार म उन तथय क समझन तक ज पमवतर आतमा न परकट मकए ह हमम स अचधकाश यह समझत ह मक परमश वर क साथ वयमिरत सबध रिना और उस ससार म कायग करत हए दिना महतवपणग ह परत दिद रप स हमम स अचधकाश यह नही भापत मक परमश वर क बार म अचधक स अचधक तथय क जानना भी उतना ही महतवपणग ह और यह क ई अजबा नही ह पारपररक मवचधवत धमगमवजञानी अकसर चजस ldquoपरमश वर की धमगचशिाrdquo या ldquoपरमश वर मवजञानrdquo कहत ह उसका अधययन करना इतना जमटल ह मक इस समझन क चलए कािी परयास करना पडता ह परत यह चजतना भी कमठन ह चजतना अचधक हम परमश वर क बार म सीित ह उतना ही अचधक हमारा वयमिरत सबध उसक साथ बढ़ता जाता ह और चजतन अचधक तथय हम उसक बार म जान जात ह इस ससार म उसक कायग क बार उतनी ही अचधक हमारी जाररकता भी बढ़ती जाती ह वासटतव म परमश वर क बार म अचधक स अचधक सीिना हमार मसीही मवश वास क परतयक पहल क शमिशाली बनाता ह

यह हमारी शिला हम परमश वर पर मवश वास करत ह का पहला अधयाय ह यह वह शिला ह चजस हमन परमश वर मवजञान या सटवय परमश वर क अधययन क चलए सममपगत मकया ह हमन इस अधयाय का शीषगक मदया ह ldquoहम परमश वर क बार म कया जानत हrdquo इस अधयाय म हम यह बताएर मक ससमाचाररक मवचधवत धमगमवजञामनय न इस मवषय स सबचधत सबस मलभत मवषय क कस दिा मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह

हम परमश वर क बार म कया जानत ह पर आधाररत यह पररचयातमक अधयाय बमनयादी मवषय क द ज ड पर धयान दरा पहला हम परमश वर क परकाशन और रहसटय अथागत परमश वर न अपन बार म कया परकट मकया ह और कया रपत रिा ह का अधययन करर और दसरा हम परमश वर की मवशषताओ और उसक कायो ज परमश वर की धमगचशिा क पारपररक अधययन क द मखय मवषय ह की जाच करर आइए पहल परमश वर क परकाशन और रहसटय क दि

परक ािन औ र रहसय

सरल रप म बतान क चलए हम परमश वर क परकाशन और रहसटय का अधययन अलर-अलर करर हम ईश वरीय परकाशन स आरभ करर और मिर हम ईश वरीय रहसटय की ओर मडर आइए हम इसक साथ आरभ कर मक मसीही मनषयजामत क समि परमश वर क परकाशन या सटव-परकटीकरण क मवषय म कया मवश वास करत ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

-2-

चलचचतर अधययन मारगदरशगका एव कई अनय ससाधनो क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

ईश वरीय परकािन जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त ईश वरीय परकाशन स बढ़कर मकसी और

बमनयादी मवषय की कलपना करना कमठन ह रा परमश वर न अपन मवषय म कया परकट मकया ह उसन यह कस मकया ह इन परशन क हमार उततर न परमश वर मवजञान क परतयक पहल क सवयवससटथत कर मदया

हम ईश वरीय परकाशन क मवचार का पररचय द रप म दर पहला हम परकाशन की मलभत मसीही अवधारणा का पररचय दर और दसरा हम परकाशन क द मखय परकार क दिर चजनह हम तब धयान म रिना चामहए जब हम परमश वर क बार म सीित ह त मिर ईश वरीय परकाशन की मलभत अवधारणा कया ह

मि भत अवधारण ा अपन उददशय क चलए हम ईश वरीय परकाशन की मलभत मसीही अवधारणा क इस परकार साररमभगत

कर सकत ह

परम श व र क ा सव -परकट ीक रण सद व म ा नव ी य स द भ ो म वद या ज ा त ा ह और मसी ह म स पणयत ा क सा थ वद या ज ा त ा ह

इस तथय क साथ आरभ करत हए इस अवधारणा क द पहलओ पर परकाश रालना आवशयक ह मक परमश वर न सदव सटवय क मानवीय सदभो म परकट मकया ह

म रा मा न ना ह वक ब ा इब ि क परम श व र क ब ा र म सब स अ दभत ब ात जो व ा सत व म क वि बा इब ि क परम श व र क व व षय म ही पाई जाती ह यह ह व क व ह अ पन ी सभी अ व णयन ीय व व िषत ा ओ या इ न अ सीम वव िषत ा ओ ज स सवोचचता और अ न त त ा और अ सी वम तत ा क ो ऐस रल चत परा लणयो क स ब ध म ब न ा ए रख ता ह ज ो न शवर सीवमत और इ व त हास म ह और हम बता या ग या ह वक वह म हान lsquo म ह rsquo रलचत परा ल णयो क सा थ स ब ध स थ ा व पत क रन क ल ि ए सम य स था न और म ा नव ी य इ वत हा स म परव ि क रत ा ह और और उन क सा थ उ नक सतर पर स ब ध स थ ाव पत क रत ा ह इ सका अथय यह न ही ह व क वह अ पन सवय जञा न ी अ सी वम त अ न त स वभाव क ो त याग दत ा ह पर त वह उ नक साथ उसी सत र पर स ब ध ब नात ा ह जहा व हो त ह िग भ ग व स ही ज स हम एक छ ो ट ब चच क सा थ क रत ह और उ नस उ सी सत र पर ब ात क रत ा ह म अ पन ी रसोई म ज ात ा ह और हर तरफ आट ा वब ख रा हआ पा त ा ह और कहत ा ह ldquo वपरय क या आट क सा थ क छ हआ ह rdquo इ सल ि ए न ही वक म न ही ज ा नत ा वक आट क सा थ क या कछ हआ ह पर त म अ पन ब चचो क साथ उसी स त र पर एक स ब ध बन ा रहा ह ज हा व ह और परम श व र अ पन अ नगर ह म हमार ल ि ए यही क रत ा ह परम श व र क ी अ दभ त क पािता ऐस त रीक स हम ा र सा थ स ब ध ब न ान म म ा गय द िय न क रत ी ह वक कई ब ार ऐसा ि गता ह व क व ह अ पन ी कछ असी म अ न त व व िषत ा ओ क सा थ समझौ त ा क र रहा हो पर त ऐसा व बल कि नही ह परम श वर तो ब स हम ा र सा थ हम ा र स तर पर स ब ध बन ा रहा ह क यो वक व ह हम स उत न ा अ ल धक परम क रता ह

- डॉ क ऐर रक थ ोन स

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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चलचचतर अधययन मारगदरशगका एव कई अनय ससाधनो क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

हम सब जानत ह मक हम परमश वर का अधययन वस नही कर सकत जस हम परमतमदन क जीवन की अनय बहत सी बात का करत ह हम उसकी उचाई और उसक भार क नाप नही सकत या उस परिनली म रालकर जाच नही सकत इसक मवपरीत परमश वर अनभव स इतना पर ह हमस बहत दर ह मक वह कवल इस एक वासटतमवकता मबना चछपा रहरा और वह वासटतमवकता यह ह मक पमवतर आतमा न उस मानवीय सदभो म परकट मकया ह मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर इस परकाशन क मानवरपी चररतर क रप म सब चधत मकया ह दसर शबद म परमश वर न सटवय क मानवीय रप म परकट मकया ह या ऐस रप म परकट मकया ह मक मनषय समझ सक

पमवतरशासटतर म परमश वर क कम स कम चार परकार क मानवरपी परकाशन मदए हए ह सबस सचिपत भाव म पमवतरशासटतर अकसर परमश वर की मवशषताओ की तलना मानवीय मवशषताओ क साथ करता ह बाइबल क असखय अनचछद परमश वर क मवषय म ऐस बात करत ह जस मक उसक आि कान नाक हाथ पाव और पर ह परमश वर तकग -मवतकग भी करता ह परशन पछता ह दसर स मवचार-मवमशग करता ह भावनाओ क महसस करता ह और चचतन करता ह वह कायगवाही करता ह और नरम भी पड जाता ह जस मक आप और म करत ह परत सपणग पमवतरशासटतर यह सटपषट करता ह मक इस तरह क मानवरपी ईशवरवाद क रपक अथागत परमश वर और मनषय क बीच की तलना क रप म ही चलया जाना चामहए परमश वर क पास ल र क समान भौमतक आि या हाथ नही ह परत मिर भी हम जानत ह मक वह हर समय दिता ह और कायो क परा करता ह

थ ड स बड भाव म पमवतरशासटतर परमश वर क मानवीय सामाचजक सरचनाओ क सदभो म भी मानवरपी भाव म परसटतत करता ह उदाहरण क चलए बाइबल बारबार परमश वर क समषट क सवोचच राजा क रप म परदचशगत करता ह वह सटवरग क चसहासन पर मवराजमान ह मतरणा करता ह कायो का लिाज िा लता ह घ षणाए करता ह सदशवाहक क भजता ह और आराधना सटवीकार करता ह वस ही जस बाइबल क समय म माववीय समराट मकया करत थ

ऐस ही भाव म पमवतरशासटतर परमश वर क इसराएल क राजकीय य दधा वयवसटथा क दन वाल वाचा क सटथामपत करन वाल और वाचा क परा करन वाल क रप म दशागता ह वह अपन ल र का राजकीय चरवाहा और राजकीय पमत और मपता ह एक बार मिर स परमश वर क मवषय म य परकाशन हम बतात ह मक कछ रप म परमश वर मनषय क जसा ह वह ऐस रप म राजय करता ह ज उन रप क समान ह चजनम पराचीन ससार क मानवीय राजाओ न राजय मकया था

और अचधक मवसटतत रप म हम कह सकत ह मक इमतहास म परमश वर क दशय परकटीकरण भी मानवरपी ह बाइबल ऐस कई समय का वणगन करती ह जब परमश वर दशय रप म इस ससार म परकट हआ - चजस हम अकसर ldquoईशदशगनrdquo कहत ह सबस नाटकीय ईशदशगन न परमश वर क भौमतक धए और आर क साथ और ममहमा क उसक दशय सटवरीय बादल क दशगन क साथ ज डा अब कलससटसय 125 और 1 तीमचथयस 117 जस अनचछद हम बतात ह मक परमश वर सटवय अदशय ह अतः परमश वर क य दशय परकटीकरण भी इस भाव म मानवरपी ह मक य परमश वर क वस परसटतत नही करत ह जस वह सटवय क जानता ह इसकी अपिा व परमश वर क ऐस रप म परसटतत करत ह मक चजनम मनषय अपनी चसममत िमताओ म उसका अनभव कर सकत ह

अततः सबस मवसटतत भाव म पमवतरशासटतर परमश वर क तब भी मानवीय अथग म परकट करता ह जब वह उसकी असटपषट य गयताओ क दशागता ह बाइबल अकसर परमश वर क नयायी पमवतर सामथी इतयामद क रप म सब चधत करता ह परत बाइबल क लिक न मानवीय आधार पर परमश वर क इन असटपषट मववरण क सटपषट मकया ऐस रप म चजनह हम समझ सकत ह अतः यह कहना सही ह रा मकसी न मकसी तरह स

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सपणग ईश वरीय परकाशन मानवरपी ह परमश वर न मनषयजामत क समि अपन मवषय म सचचाइय क परकट मकया ह परत सदव ऐस रप म ज हमारी मानवीय सीममतताओ क अनसार ह

यह धयान म रित हए मक पमवतर आतमा न सदव परमश वर क मानवीय सदभो म हम पर परकट मकया ह आइए हम ईश वरीय परकाशन की दसरी मल मवशषता क दि परमश वर न सटवय क सबस सपणग रप म मसीह म परकट मकया ह

मनचित रप स मसीही मवश वास म सटवय मसीह स बढ़कर और कछ भी अचधक महतवपणग नही ह कवल वही हमारा उदधारकताग और हमारा परभ ह और वह मनषयजामत क परमत परमश वर का अपना सवोचच परकाशन ह अब मसीही क अनयायी ह न क नात हम यह मानत ह मक परमश वर न बाइबल क इमतहास म सटवय क कई तरह स परकट मकया ह परत कलससटसय 115 जस अनचछद हम बतात ह मक मानवीय सदभो म यीश ही परमश वर का अपना परम परकटीकरण ह यीश परमश वर का दहधारी अनत पतर ह चसदध मानवीय सटवरप और परमश वर का परमतमनचध ह और इसी कारण परमश वर क मवषय म चजन बात पर हम मवश वास करत ह व यीश म परमश वर क सवोचच परकाशन अथागत उसकी चशिाओ और उसक जीवन मतय पनरतथान सटवरागर हण और ममहमामय पनरारमन क महतव अनसार ह नी चामहए

ईश वरीय परकाशन की इस मलभत अवधारणा क धयान म रित हए हम परमश वर की ओर स आन वाल मवमभनन परकार क परकाशन पर धयान दन क दवारा परमश वर क सटव-परकटीकरण क दिना चामहए

वववभनन परका र जसा मक हमन कहा ह परमश वर का सवोचच परकाशन यीश ह परत नए मनयम क मववरण म यीश न

यह सटपषट मकया मक वह परमश वर का एकमातर सटव-परकटीकरण ह इसकी अपिा उसन पमषट की ह मक परमश वर न सटवय क मवमभनन तरीक स परकट मकया ह

सब स पहि हम परम श वर को त ब त क न ही ज ा न सकत ह जब तक वह सव य क ो हम पर परक ट न ही क रत ा और व ह ऐसा कई त री क ो स करत ा ह सवि और उ सक अ दभ त क ायो क दवा रा भ ी जब हम अ पन चा रो ओर द खत ह व ह सवय क ो द सर ि ो ग ो क सा थ हम ा र स ब धो म परकट क रत ा ह जो हम व ब ात बत ा त ह ज ो उ नहो न परम श व र क ब ा र म सीख ी ह हम परम श व र स इ स परक ा िन क ो क ई स त रो म परा पत क रत ह व न स स द ह म सीवह यो क लि ए सब स म हत व पणय यह ह व क परम श व र न हमा र सम कष स व य क ो अ पन पव वतर व चन म परक ट वक या ह इ स क ा रण हम हम ा र चारो ओर द खत ह और हम पात ह वक परम श व र न हम पर सव य क ो परक ट वक या ह हम ज ा नत ह व क उ सक ा अ स सत तव ह और वफर व ह अ पन ल िष यो क दव ा रा और आज तक अ पन पव व तर व चन क दव ा रा हम स वय क बा र म बत ा त ा ह

- डॉ ज फरी म र

मवचधवत धमगमवजञान अकसर परमश वर क परकाशन क द परकार क पहचानता ह चजनह सटवय यीश न सटवीकार मकया था पहल परकार क अकसर सामानय परकाशन या सटवाभामवक परकाशन कहा जाता ह

साम ानय परकािन सरल शबद म कह त सामानय परकाशन बाइबल की उस चशिा क दशागता ह चजसम परमश वर न समषट क हर अनभव क दवारा सटवय क मनषय पर परकट मकया परान मनयम क कई अनचछद जस भजन 19 क समरप सटवय यीश न सामानय परकाशन स बारबार धमगवजञामनक अथो क परापत

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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चलचचतर अधययन मारगदरशगका एव कई अनय ससाधनो क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

मकया उसन परमश वर क बार म चशिा दन क चलए अकसर परकमत और सामानय मानवीय रमतमवचधओ जस िती-बाडी और मछली पकडन क कायो का परय र मकया वासटतव म उसन बार-बार अपन चशषय क परररत मकया मक व अपन भीतर और चार ओर यह पहचानन क चलए दि मक व अपन जीवन क अनभव स परमश वर क बार म कया सीि सकत थ

हम परररत क काम 1417 और 1728 जस सटथान म ऐसी ही समान बात क दित ह इन पद म परररत पौलस न मसीह क उदाहरण का अनसरण मकया और सामानय परकाशन क लार मकया यहा उसन अनयजामतय क ल र का धयान उस ओर लराया ज व परकमत पर चचतन करन और यनानी कावय क दवारा परमश वर क बार म जानत थ

र ममय 1 और 2 पमवतरशासटतर म सामानय परकाशन का सबस वयापक सटपषटीकरण करता ह य अधयाय सकारातमक और नकारातमक द न दमषटक ण की ओर धयान आकमषगत करत ह चजनह हम तब धयान म रिना चामहए जब हम परमश वर मवजञान की ि ज करत ह सकारातमक रप स र ममय 1 और 2 चसिात ह मक हम परमश वर की समषट म जीवन क अनभव स परमश वर क बार म बहत सी बात सीि सकत ह समनए र ममय 120 म परररत पौलस न कया कहा ह

उ सक अन दख गण अ थ ा यत उसक ी सनातन साम रथयय और परम श व रत व जगत क ी ससष ट क सम य स उ सक क ाम ो क दवारा दख न म आत ह (रो व मयो 12 0 )

जब हम इन अधयाय क धयान स दित ह त हम पात ह मक ldquoजरत की समषटrdquo पराकमतक वयवसटथा स बढ़कर ह पौलस क मन म भी वही था ज हम मानवीय ससटकमत सटवय मनषय और हमार वयमिरत आतररक जीवन अथागत हमार नमतक मववक अतजञागन पवागभास आमद स परमश वर क बार म सीित ह

म रा वव चा र ह व क सा म ा नय परका िन व ास तव म म हत व पणय धमय व जञा व नक अ व धारणा ह पहि ा कारण क यो वक यह व ह ब ा त ह ल जसक ा इ नक ा र न ही वक या जा सक ता हम सब इ स स सार म रहत ह चा ह हम म सीही हो या न हो हम सब परम श व र दव ा रा रच इस स सा र म रहत ह अब चा ह एक ग र -म सीही ववश वा सी यह म ान या न म ा न वह द सरी ब ा त ह पर त ल जस हम ldquoसाम ानय परक ािनrdquo क हत ह व ह सव ि म हम ा र चा रो ओर वद ख ाई दन वा ि ी ब ात ह हम सव ि क ो द खन क दव ा रा ही ऐसी ब हत सी ब ा तो को दख सक त ह वक परम श व र क ौ न ह हम वा स तव वक त ा क क ा रण यह द खत ह व क हम ा र पा स एक साम रथयय िाि ी परम श वर ह क यो व क उ सन गर हो और ल सत ा रो और च दर मा क ी रचना की ह हमा र पा स एक ऐसा परम श वर ह जो स दर ता क ो पस द क रत ा ह और ज ो ब ा त स द र परक वत क ी होती ह व उ सक लि ए महतव रख त ी ह हम इस ज ान व रो व कषो और सयायसत म दख त ह हम एक िर म परम श व र क व भ व को द खत ह हम उसक चररतर क ो वही पा त ह ज हा हम द खत ह अ ब यह ब हत ही महत व पणय हो सकत ा ह व व िषक र सस मा चा र परचा र क द व िक ो ण स क यो वक हम कही पर एक आर व भक वब द क ी आव शयकत ा ह और सा म ानय परक ा िन हम वह आर वभ क व ब द द ता ह हम स सा र क बा र म कछ ब ा त ो क ो ज ा नत ह ल ज सम हम रहत ह और इसलि ए हम ा र चा रो ओर द ख न क दव ा रा उ स परम श व र क ब ा र म भ ी ज ा नत ह ल ज सन इ स स सा र क ो रचा ह

- रव ह र रक रो डवहव र

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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समदय स सामानय परकाशन क परमत इस सकारातमक दमषटक ण न ldquoपराकमतक धमगमवजञानrdquo क रप म परमश वर क धमगचशिा म एक महतवपणग भममका अदा की ह पराकमतक धमगमवजञान सामानय परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म जानन का एक मनरतर परयास ह मसीह क अनयामयय न सदव यह सटवीकार मकया ह मक हम पराकमतक धमगमवजञान क माधयम स परमश वर क बार म बहत कछ सीि सकत ह और कछक अपवाद क साथ परमश वर की धमगचशिा पर औपचाररक धमगवजञामनक चचतन न कलीचसया की लरभर परतयक शािा म पराकमतक धमगमवजञान क ससममचलत कर मदया ह

असल म मधयकालीन अवचध क दौरान अगरणी मवदवतावादी धमगमवजञामनय न पराकमतक धमगमवजञान का अनसरण करन क चलए वासटतव म एक औपचाररक मतर-रपी रणनीमत की रचना की पहला उनह न ldquoकरणीय सबध का तरीकाrdquo लमटन म वाया कौजाचलटामटस क बार म बात की इसस उनका अथग था मक हम समषट म उन अचछी बात क दिन क दवारा परमश वर क बार म सतय क सीि सकत ह चजनह परमश वर न रचा ह या वह उनकी ldquoरचना का कारण बनाrdquo ह उदाहरण क चलए हम दि सकत ह मक परमश वर न इस ससार म सदरता और करम-वयवसटथा की रचना अतः हम कह सकत ह मक परमश वर सटवय भी सदर और वयवससटथत ह रा

दसरा मवदवतावादी धमगमवजञामनय न ldquoमनषध क तरीकrdquo लमटन म वाया मनराशमनस क बार म भी बात की इसस उनका अथग था मक हम परमश वर क समषट की सीममतताओ और कममय क मवपरीत दशागन क दवारा परमश वर क मवषय म सतय क परमाचणत कर सकत ह उदाहरण क चलए समषट समय म सीममत ह परत परमश वर अनत ह समषट सटथान म सीममत ह परत परमश वर असीममत ह

और तीसरा मधयकालीन मवदवतावादी धमगमवजञामनय न ldquoशषठता क तरीकrdquo लमटन म वाया एमीननमटआए क बार म भी बात की इसस उनका अथग था मक हम इस बात पर धयान दन क दवारा सामानय परकाशन स परमश वर क मवषय म सतय क परमाचणत कर सकत ह मक कस परमश वर सदव उन वसटतओ स शषठ ह चजसकी उसन रचना की ह उदाहरण क चलए परकमत की शमि परमश वर क सवोचच सामथयग म मवश वास करन म हमारा मारगदशगन करती ह मानवीय बौचदधक य गयताए परमश वर की अतलय बचदध की ओर हम अगरसर करती ह

अचधकतर ससमाचाररक ल र आजकल ऐस कठ र तरीक का अनसरण नही करत ह परत पराकमतक धमगमवजञान परमश वर मवजञान म मखय भममका अदा करना मनरतर जारी रिती ह यीश न अपन चल क चसिाया मक परमश वर न समषट क परमत हमार अनभव क परतयक पहल की रचना अपन बार म बात क परकट करन क चलए की ह और मसीह क मवश वासय गय ल र क रप म हम सामानय परकाशन क माधयम स उन सब बात क ि जना चामहए चजनह हम परमश वर क बार म सीि सकत ह

सामानय परकाशन और पराकमतक धमगमवजञान क परमत य सकारातमक दमषटक ण परमश वर मवजञान क मकसी भी अधययन क चलए महतवपणग ह परत हम इस पर भी धयान दना आवशयक ह मक कस र ममय क पहल द अधयाय कछ महतवपणग नकारातमक दमषटक ण भी परसटतत करत ह र ममय 118 म पौलस न तब सामानय परकाशन क परमत अचधक नकारातमक दमषटक ण पर बल मदया जब उसन यह चलिा

परम श व र क ा कर ोध त ो उ न ि ो गो क ी सब अ भवि और अधमय पर स व गय स परगट होत ा ह ज ो सत य को अधमय स दब ाए रख त ह (रो व मयो 1 1 8 )

इस पद म पौलस न सटपषट मकया मक सामानय परकाशन उसकी दया और उदधार की अपिा ldquoपरमश वर का कर धrdquo परकट करता ह और यह सतय ह कय मक अचधकतर पापी ल र सामानय परकाशन क ldquoसतय क अधमग स दबाए रित हrdquo वासटतव म र ममय 125 क अनसार

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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[पा व पयो न] परम श वर की सचचाई क ो बद िक र झठ ब ना डाि ा (रो वम यो 1 15 )

सटवय यीश न समय-समय पर दशागया मक पापपणग मनषय मनरनतर अपन जीवन क अनभव स परमश वर क मवषय म उन बात क सीिन म असिल हए ज उनह सीिनी चामहए थी जस मक यीश और पौलस द न न बताया पापपणग ल र म समषट क माधयम स परमश वर दवारा परकट बात क मवषय म सटवय स और दसर स झठ ब लन की परवमतत ह ती ह

म इ स ब ा र म ब हत अल धक सचत रहन ा चा ह ग ा वक हम पराक वतक धमय वव जञा न क ि बि या उ सक ी शरणी स परम श व र ब ार म कया सीख त ह म रोव म यो 1 2 0 ज स क थन ो पर आल शरत हो न ा चा ह ग ा ज ो वक उसक ी व भ वत ा उस क सा म रथयय क बा र म ब ात क रत ह म सो चता ह वक यह व ब ा त ह ल ज न पर आप उ स स द भय म आलशरत सकत ह जो आप सी ख ना चा हत ह पर त म त र त ही यह भी कहन ा चाह ग ा वक उ ल चत द वि क ो ण क ो परापत क रन क लि ए हम व व िष परक ािन क ी बहत आव शयकत ा ह इसल ि ए आपक ो म न ष य क त कय -व व तय क क ो ज ा चन क लि ए वव िष परक ा िन की आव शयकत ा ह म रा क हन ा ह वक व फर चाह यह स वा यतत हो या सव त तर म ानव ीय तकय -व वतय क कयो वक रलचत कषतर कछ ब ा त ो क ो उत पनन क रत ा ह लज नह स दह क रप म भ ी पढा और समझा जा सक त ा ह परभ यी ि म सीह क ी व ा स तव वक त ा क ा वव िष परका िन इ स उ ल चत रप म परा क रता ह वक परम श व र क ौन ह हम ार तकय -व वतय क क ो उसक अ न सार रख न क लि ए उसक व चन क पराम िय क ी ब हत अ लधक आव शयक त ा ह

- डॉ बर स एि फ़ीलस

परम श व र क ी सवि हम क ई ब ात ल सख ा त ी ह सब स मि भत ब ात यह व न सस द ह हम यह लसख ात ी ह वक व ह सव ो चच सव िक त ा य ह परम श व र व ह ह ज ो सब व सत ओ क ो िनय स उ त पनन क रत ा ह अतः यह हम उ सक ी सा म रथयय क ब ा र म भी लसख ाती ह रोव म यो 1 क अ न सा र यह हम उसक ी धाव मय कत ा क ब ा र म लसख ा ती ह हम रो वम यो 1 म पा त ह वक सब मन ष य ज ा नत ह व क परम श व र ह व क उ सक ी आराधन ा क ी जा न ी चाव हए और सब ि ो ग ो क पास परम श व र की धा व मय क ता और पववतर ता का ब ो ध ह पा पी म न षयो क रप म हम उस दब ा द त ह हम उ स अ नद ख ा क रन क ा परयास क रत ह अतः सवि हम लसख ाती ह वक परम श व र सव ि कत ा य ह वह साम थी ह और व ह धमी ह पापी म न ष यो क रप म हम उ न ब ात ो क ा इनकार क रन और उ नह दब ा न क ा परयास क रत ह अ तः परम श व र क ब ा र म जो ब ात सव ि न ही ल सखा त ी व ह यह ह वक हम उ सक सा थ सही स ब ध क स ब न ा ए सवि व ब ात ल सख ात ी ह ज ो म न यहा द िा यई ह पर त यह हम परम श व र क अ न गरह और परभ यीि म सीह म द या क वव षय म न ही ल सख ात ी इ सक ल ि ए परभ यी ि म सीह म उ सक क ा यो पर उ सस स ब लधत परक परक ािन क ा होना आव शयक ह

- डॉ क ािय आर टर म न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सामानय परकाशन क परमत य नकारातमक दमषटक ण पराकमतक धमगमवजञान पर बहत अचधक मनभगर रहन क मवषय म एक कडी चतावनी क उतपनन करत ह पराकमतक धमगमवजञान तरमटरमहत नही ह कय मक पाप न समषट स परापत हमार अनभव स परमश वर क मवषय म सीिन की हमारी िमता क भरषट कर मदया ह रभीर मसीही धमगमवजञामनय क सवोततम परयास क बावजद भी पराकमतक धमगमवजञान न मनरनतर सामानय परकाशन का रलत अथग मनकाला ह और परमश वर क परमत हमारी अवधारणा म ममथया बात क राला ह

उदाहरण क चलए धमागधयिीय और मधयकालीन अवचधय क दौरान अनयजामत क यनानी रहसटयवाद न बहत स ल र क इस बात का इनकार करन क परररत मकया मक मनषय परमश वर क बार म कछ जान सकता ह अठारहवी शताबदी म परकमत की वयवसटथा क परमत रलत समझ न कई धमगमवजञामनय क परब धन दववाद अथागत ऐसा मवश वास मक परमश वर इस ससार की रमतमवचधय म ससममचलत नही ह का समथगन क परररत मकया हाल ही समदय म जीवमवजञान क मवजञानीय अधययन न ल र क समषटकताग क रप म परमश वर क बाइबल क चचतरण का इनकार करन क परररत मकया ह परतयक पडाव पर मनषय क हदय की भरषटता न सामानय परकाशन म परमश वर क बार म परकट सतय क ि दन म धमगमवजञामनय क परररत मकया ह

मनसटसदह पराकमतक धमगमवजञान क परमत य नकारातमक दमषटक ण एक मलभत परशन की ओर अरवाई करत ह यमद पाप सामानय परकाशन क परमत हमारी जाररकता क भरषट करता ह त हम परमश वर क बार म सतय क कस जान सकत ह

इस परशन का उततर दन क चलए हम ईश वरीय परकाशन क दसर मखय परकार क दिर सामानय परकाशन क अमतररि यीश न यह भी चसिाया मक परमश वर न हम मवशष या सटीक परकाशन मदया ह

व व िष परक ािन वयापक रप म कह त मवशष परकाशन अलौमकक माधयम क दवारा परमश वर का सटव-परकटीकरण ह पमवतर आतमा न सटवपन दशगन वाचणय और उदधार तथा दर क बड कायो क दवारा परकाशन मदया ह परमश वर न सटवय क पररणा-परापत मानवीय परमतमनचधय क दवारा भी परकट मकया ह जस मक उसक भमवषयदविा और परररत ज पमवतर आतमा क दवारा पररणा-परापत थ और मनसटसदह जसा मक हमन पहल कहा था परमश वर का सबस बडा मवशष परकाशन मसीह म था

परमश वर की धमगचशिा क चलए मवशष परकाशन क महतव क बढ़ा चढ़ा कर नही बताया जा सकता यह परमश वर क उददशय क चलए इतना आवशयक ह मक पाप क इस ससार म आन स पहल ही परमश वर न आदम और हववा का मवशष मौचिक परकाशन क दवारा मारगदशगन मकया और मनसटसदह मवशष परकाशन पाप म पतन क बाद भी महतवपणग रहा ह यह न कवल सामानय परकाशन क समझन क हमार परयास का मारगदशगन करता ह बसलक यह अनत उदधार क मारग क भी परकट करता ह

यह मकतना भी अदभत कय न ह मक परमश वर न हम अलौमकक परकाशन परदान मकया ह - ससार म पाप क आन स पहल और बाद म भी - परत चजस हम सामानय रप स ldquoपरमश वर की ओर स मवशष परकाशनrdquo कहत ह वह हजार वषो पहल घमटत हआ था अतः हम आज मवशष परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म कस सीित ह

एक बार मिर स हम उस ओर मडना चामहए ज परमश वर क सवोचच परकाशन अथागत यीश न चसिाया था सिप म मसीह न अपन अनयामयय क चसिाया मक व सटवय क पमवतरशासटतर म मदए हए परमश वर क मवशष परकाशन क परमत सममपगत कर मरकस 1228-34 जस अनचछद सटपषट रप स दशागत ह मक यीश न अपन समय क अनय रसबबय क समान परमश वर क मवशष चलचित परकाशन क रप म परान मनयम की पमषट की

और हम जानत ह मक नया मनयम भी परमश वर का पररणा-परापत परकाशन ह यहनना 1612-13 और इमिचसय 220 जस सटथान म हम सीित ह मक यीश क सटवरागर हण क बाद उसन पमवतर आतमा क पहली

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सदी क परररत और भमवषयदविाओ क परचशचित करन क चलए भजा मक व उसकी कलीचसया क समि परमश वर क परकट कर नया मनयम पहली सदी क इन परररमतक और भमवषयदवाणीय मवशष परकाशन का हमारा परमतमनचध सकलन ह इसी कारण ससमाचाररक मसीही बल दत ह मक हम इमतहास म सामानय परकाशन और मवशष परकाशन द न म परमश वर क परकटीकरण क समझन क चलए पमवतरशासटतर पर मनभगर ह सकत ह

परमश वर क परकाशन और रहसटय क मवषय म हमार अधययन म हमन परमश वर क मवषय म हमार सपणग जञान क सर त क रप म ईश वरीय परकाशन की ि ज की ह अब आइए इस पहल क दसर महसटस की ओर मड ईशवरीय रहसटय अथागत परमश वर क बार म व बहत सी बात ज चछपी रहती ह क परमश वर मवजञान क हमार अधययन क मकस परकार परभामवत करना चामहए

ईश वरीय रहसय

एक बात लज स हम सम झन ा ह और ज ो सम झन क लि ए आसान न ही ह व ह ह वक व ा स तव म परम श वर कौ न ह वह जञानाती त ह व ह सव ि स पर ह जो कछ हम यहा इ स स सार म अ नभ व क रत ह उ सन रचा ह इ सल ि ए हम व ा सत व म उ स तब तक न ही ज ा न सक त ज ब त क व ह स व य क ो परकट न ही क रत ा जब तक व ह व कसी त रह स इ स सव ि म परव ि न ही क रता व ह हम स ब ात क रता ह वह हम पर स व य क ो परक ट क रता ह ज ो उसन पणय रप स अ पन पतर यी ि म वक या ह पर त उ सस व ह हम ा र ल ि ए रहसयमयी बन जात ा ह और सचचा ई यह ह व क व ही एक मा तर त रीक ा ह लज सम हम परम श व र क राज य क ो उ सक िा सन क ो और उ सक अ ल धक ार क ो ज ा न सकत ह - क यो वक वह हम यहा रहन क ी अ नम वत द त ा ह और व ह एक अ द शय परम श व र ह - इसल ि ए उ सक राज य क ो ज ान न क ा क वि एक त रीक ा यही ह व क वह उस हम पर परक ट क र द

- डॉ र रक ब ॉयड

जसा मक हम दि चक ह परमश वर न सटवय और मनषयजामत क बीच की एक बहत बडी दरी पर मवजय परापत कर ली ह उसन अपन सामानय और मवशष परकाशन क दवारा हमार चलए यह सभव बनाया मक हम उसक मवषय म जान सक परत साथ ही परमश वर क बार म हमारा जञान ईश वरीय रहसटय क दवारा बहत अचधक परभामवत ह ता ह ऐसी बहत सी बात ह चजनह परमश वर न अपन बार म परकट नही मकया ह

ईश वरीय रहसटय क समझना परमश वर मवजञान क चलए इतना महतवपणग ह मक यह इस द चरण म दिन म हमारी सहायता कररा हम पहल ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा क सटपषट करर तब हम रहसटय क उन परकार क सटपशग करर चजनका हम सामना करत ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा कया ह

मि भत धारण ा शबद ldquoरहसटयrdquo का परय र पमवतरशासटतर म मवमभनन तरीक स मकया जाता ह परत हमार उददशय क चलए

हम कह सकत ह मक ईश वरीय रहसटय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र क व व षय म ऐस अ स खय अ परक ा लित सत य ह ज ो परम श व र क परवत हमा री सम झ क ो सीव मत करत ह

हम इस पररभाषा क द पहलओ क उजारर करर पहला पहल यह तथय ह मक ईश वरीय रहसटय ldquoपरमश वर क मवषय म असखय अपरकाचशत सतय हrdquo र ममय 1133 म परररत पौलस न सकत मदया मक हम सदव ईश वरीय रहसटय क परमत सचत रहना चामहए उसन चलिा

आहा परम श व र क ा धन और ब लि और जञान कया ही ग भी र ह

उ सक ववचार क स अथाह और उ सक मा गय क स अ गम ह (रो व म यो 1 1 3 3 )

इस पद तक क अधयाय म पौलस न सामानय और मवशष परकाशन क दवारा परमश वर क बार म कई मजबत धारणाओ क दशागया परत इस अनचछद म पौलस न परमश वर क जञान और बचदध की ldquoरभीरताrdquo की ओर सकत मकया और उसन सटवीकार मकया मक परमश वर क मवचार ldquoअथाहrdquo ह और ldquoउसक मारग अरमrdquo ह यदयमप पौलस न ईश वरीय परकाशन क दवारा परमश वर क बार म बहत कछ समझा था मिर भी उसन असखय रहसटय अथागत ऐसी बात का सामना मकया चजनह परमश वर क आतमा न परकट नही मकया था

परम श व र रहस यम यी ह क यो वक व ह क सी भ ी समझ और जञान स पर ह ज ो हम ार पा स हो व ह सम य सम य पर हम स परा म िय वक ए वब न ा क ा यय क रत ा ह व ह सद व हम स परा म िय लि ए व बन ा ही क ायय क रत ा ह पर त क ई ब ार उसक क ायय क रन क त रीक क ो सम झना हमा र लि ए क व ठन होता ह वह इस भाव म भ ी सम झ स पर ह वक को ई भी परम श व र क जञान क ो पणय रप स परा पत नही कर सक त ा वहा रहस य क ा होन ा अ वशय ह क यो वक वह परम श व र ह और क ोई रलचत पराणी न ही ह परम श व र क रहस यम यी हो न क बा र म ऐसा क छ न ही ह व क जो हम ा र लि ए वक सी रप म क ोई सम सया हो परम श व र क रहस य क ा अ थय यह न ही ह व क उ स तक पह चा नही ज ा सक ता इसक ा अ थय यह न ही ह वक वह हम स परम न ही क रत ा और वक हम उसक परम क ो म हसस न ही क र सक त ह इ सक ा अ थय इ नम स क ो ई भ ी ब ा त न ही ह व ा सत व म यवद वह रहस यमयी न हो त ा त ो हम सरलकषत रप स क ह सक त थ वक व ह परम श व र नही ह हम ऐसा परम श व र क यो चावहए जो रहसयमयी न हो हम उ स ज ा न त ह व यापक रप स न ही पर त हम उ स सचच रप स ज ा न त ह हम उ स सम झत नही पर त व न ल ित रप स हम उस कहन क लि ए पया यपत रप स ज ा नत ह व क हम वक सी अ स पि द ा िय व नक ल सिा त क ो नही ब सलक परम श व र क ो ज ा न त ह

- डॉ ववलि यम ऐड ग ा र

मपरसटन चथय ल चजकल समीनरी क मवचधवत धमगमवजञान क पर िसर चालसग ह ज चजनका जीवनकाल 1797-1878 तक था न महतवपणग रप म ईश वरीय रहसटय क साररमभगत मकया अपन मवचधवत धमगमवजञान क पहल ससटकरण क भार 1 क अधयाय 4 म उसन यह चलिा

परम श व र म उसक व व षय म हम ा र वव चा रो स ब ढक र ब हत क छ ह और उसक व व षय म हम ज ो क छ ज ा नत ह व ह हम अ पणय रप स ज ान त ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ह ज न यहा द महतवपणग अवल कन क दशागया ह पहल उसन बल मदया मक परमश वर क बार म ज सतय ह वह ldquoहमार मवचार स बढ़कर बहत कछ हrdquo यहा पर कवल थ ड स रहसटय नही ह न ही बहत स रहसटय ह इसकी अपिा कय मक परमश वर सटवय असीम ह इसचलए वहा हमारी कलपना स बढ़कर बहत स रहसटय ह ह ज न यह भी सटपषट मकया मक ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क इतना भर दत ह मक ldquo[परमश वर क] मवषय म हम ज कछ जानत ह वह हम अपणग रप स जानत हrdquo दसर शबद म परमश वर क बार म ऐसी एक भी बात नही ह चजस हम पणग रीमत स समझत ह

क ई ब ार जब हम वक सी क ो यह क हत हए सन त ह व क परम श व र समझ स पर ह त ो हम इस पर एक त रह स नक ा रात मक परव त वकर या द त ह - कया म उ स नही ज ान सक त ा क या म उ सक ब ा र म ज ान का री परापत न ही क र सकता और व नस स द ह ब ाइबि परम श व र क ा सव -परक ा िन ह उ सन स व य क ो परक ट व क या ह त ा व क हम उ स व यविगत रप स जान सक और उसक बा र म क छ ब ात ो क ो जा न सक पर त यवद आप रकक र उसक ब ा र म सो च वक यवद परम श व र सच म अ सीवम त परम श व र ह त ो म रा छ ोट ा सा वद म ाग और यहा तक वक इ स स सा र क ा सव ो ततम धमय व जञाव नक वदम ाग भ ी उ स उ सकी पणयत ा म समझ न ही पा एग ा अ पन ी पर रभ ा षा क अ न सार यव द म उ स सम झ सक तो म उ सक ल जत ना ही महा न हो ज ा ऊ ग ा और इसल ि ए यह ब हत ही म हतव पणय भ ा ग ह हम ारा परम श व र क ोई छ ोट ा परम श व र नही ह व ह इ तन ा छो ट ा न ही ह वक म अ पन वद म ा ग या वक सी पसत क म उ सक ी स पणय सम झ क ो परापत क र ि हम आभ ारी ह वक उ सन स व य क ो पयायपत रप स परक ट वक या ह और यह वक उ सन हम ा र उ ि ा र क ा परब ध वक या ह त ा व क हम उ सक ब ा र म कछ सम झ क ो परापत क र सक और उ सक साथ स ग वत रख सक उ सक साथ सही स ग वत म रह सक और उ सक ब ा र म सही ववचार रख सक चा ह व ह व या पक रप स न हो पर त उस ज ान ा ज ा सकत ा ह क यो वक उ सन स व य क ो पराकल ित वक या ह पर त व ह समझ स पर ह और उसक ी पणयत ा परम श व र क ब ा र म हम ारी सम झ और उसक लि ए हम ारी आरधना और उसक परव त हम ारी आजञाक ा र रत ा क लि ए ब हत अ ल धक बहत ही अ लधक महतव पणय ह

- डॉ ग ा रथ क ोक र रि

यह पहचानन क अमतररि मक ईश वरीय रहसटय असखय ह हम सदव ईश वरीय रहसटय क दसर महतवपणग पहल पर भी धयान दना चामहए ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क बहत सीममत कर दत ह जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह

ऐस कई मवमभनन तरीक ह चजनम ईश वरीय रहसटय परमश वर क बार म हमार जञान क सीममत कर दत ह परत इस अधयाय क चलए हम कवल द तरीक पर धयान दर एक ओर हमार पास परमश वर क बार म बहत ही सीममत जानकारी ह यदयमप परमश वर न सटपषट कर मदया ह मक उदधार और मसीह म जीवन क चलए आवशयक कया ह वासटतव म हमम स क ई भी परमश वर क बार म अचधक कछ नही समझता पहला कररसनथय 1312 हम बताता ह मक हम परमश वर का सतय कवल ldquoधधलाrdquo मदिाई दता ह जस मक हम ldquoएक दपगण मrdquo दि रह ह

इसचलए परमश वर की धमगचशिा क मवचार-मवमशग म असखय परशन उठ िड ह त ह चजनका ऐस ही परी तरह स उततर नही मदया जा सकता उदारण क चलए परमश वर बराई क कय अनममत दता ह वतगमान

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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घटनाओ म हम परमश वर क उददशय क कस समझ सकत ह बहत स धमगमवजञानी मवशषकर व ज सदहवामदय स मघर हए ह ऐसी कलपनाओ म रहत ह कय मक व यह सटवीकार नही कर सकत मक हमार पास ऐस परशन क उततर नही ह परत ईश वरीय रहसटय अकसर मसीह क मवश वासय गय अनयामयय क यह सटवीकार करन म अरवाई दत ह ldquoमझ नही पताrdquo जब बात परमश वर की धमगचशिा की आती ह तब यमद परमश वर न इस परकट नही मकया ह त हम इस जान नही सकत यह इतनी सरल बात ह

मसीह क मवश वासय गय अनयायी ह न क नात हम इस सचचाई स कभी भारना नही चामहए मक हमार पास परमश वर क बार म सीममत जानकारी ह वासटतव म पल दर पल इस तरह की सीममतता क सटमरण करना एक आशीष ह ईश वरीय रहसटय हम परमश वर पर भर सा रिन क मववश करत ह हम परमश वर क जञान क परापत करन क चलए अपनी सीममत य गयताओ पर मवश वास रिन की अपिा पमवतर आतमा की सवकाई क दवारा मपता और मसीह पर मनभगर ह ना चामहए

दसरी ओर ईश वरीय रहसटय का अथग यह भी ह मक मनषय कवल परमश वर क परकाशन क सीममत सटपषटीकरण ही परसटतत कर सकत ह हम इस बात पर बल दन म सही ह मक सतय क परमश वर का परकाशन सटवय म मवर धाभासी नही ह और हम परमश वर क परकाशन क बीच बहत स तामकग क सबध क दि सकत ह परत चाह हम सटवीकार कर या न कर ईश वरीय रहसटय न कवल इस बात क सीममत करत ह मक हमार पास परमश वर क बार म मकतनी जानकारी ह साथ ही व परमश वर न ज सटवय क बार म परकट मकया ह उसम स अचधकाश बात की तामकग क सबदधता क सटपषट करन की हमारी य गयता क भी सीममत कर दत ह

उदाहरण क चलए हम मतरएकता अथागत परमश वर एक ह और उसक तीन वयमितव ह का सपणग रप स तामकग क सटपषटीकरण नही द सकत हम इस वासटतमवकता क परतयक पहल क तामकग क रप स सटपषट नही कर सकत मक यीश पणग रप स परमश वर और मनषय द न ह हम परी तरह स यह सटपषट नही कर सकत मक परमश वर मनषय क मकरयाकलाप पर सपणग परभतव रिन क बाद भी हम हमार कायो क चलए कस चजममदार ठहराता ह सवोततम मसीही मवचारक न इन और इन जस अनय परशन क उततर दन का परयास मकयाह परत व सपणग और तामकग क सटपषटीकरण क परदान करन क मनकट आन म भी असिल रह ह

अततः परमश वर न सटवय क बार म ज कछ परकट मकया ह उसकी तामकग क सबदधता क सटपषट करन का परयास करना महतवपणग ह सकता ह परत हम इस तरह स मनधागररत नही करत ह मक कया सतय ह और कया झठ मकसी भी धमगवजञामनक दाव का सतय कवल इस बात पर मनभगर करता ह मक कया परमश वर न इस सामानय या मवशष परकाशन म परकट मकया ह या नही

ज ब धमय ववजञानी क हत ह वक परम श व र सम झ स पर ह त ो उनक कहन क ा अ थय यह हो त ा ह वक हम जो न शवर परा णी ह उ सक स पणय सार और अ ससतत व क ो समझ और ब झ नही सक त परम श व र क अ सी वम त हो न क क ा रण यह स भ ा व न ा ब हत ही कम ह व क हम उस उस उसक ी पणयता म समझ और ज ा न सक म उस स म रण क रत ा ह ज ो पौि स रो वम यो 1 1 3 3 -3 4 म कहत ा ह ज ब व ह परम शवर क अथ ा ह जञा न और ब ल ि क ब ा र म बा त क रता ह पर त वफर भी क यो व क उ सन हम पयायपत स व -परकट ीकरण परद ा न वक या ह इ सलि ए यह ववश वास म आन हत हम ा र ल ि ए पया यपत ह

- रव ह ि री को क रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय रहसटय क महतव क और अचधक रप स समझन क चलए हमन मलभत धारणा की ि ज की ह अब ईश वरीय रहसटय क उन मवमभनन परकार पर धयान दना सहायक ह रा ज उस समय मकरयासनवत ह त ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह

वभनन परका र हम रहसटय क द मवमभनन परकार क बीच अनतर कर सकत ह पहल परकार क हम ldquoअसटथाई रहसटयrdquo

कहर आइए दि मक ऐसा कहन स हमारा कया अथग ह अ सथाई असटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह ज एक मनचित अवचध तक मनषय स चछप

हए ह परत मिर व इमतहास म बाद म मकसी समय परकट मकए जात ह परमश वर सामानय परकाशन क दवारा अकसर उस परकट करता ह ज एक समय म रहसटयमयी था वह भौमतक ससार मानवीय ससटकमत अनय ल र या यहा तक मक हमार भीतर आए पररवतगन का परय र असटथाई रहसटय क परकट करन क चलए करता ह

मवशष परकाशन क साथ भी कछ ऐसा ही ह ता ह पमवतरशासटतर का धयान स मकया हआ अधययन दशागता ह मक परमश वर क बाद क परकाशन न उसक पहल क परकाशन का कभी मवर धाभास नही मकया ह परत यह भी सटपषट ह मक परमश वर न समय क साथ-साथ अपन बार म और अचधक परकट मकया ह मवशष परकाशन का परकटीकरण बाइबल क इमतहास की परतयक अवचध क दौरान हआ ह मनसटसदह ईश वरीय रहसटय का सबस नाटकीय परकटीकरण मसीह क मवशष परकाशन म हआ पौलस क मन म यही बात थी जब उसन इमिचसय 19 33 और 619 क चलिा इन पद म पौलस न मसीह म परमश वर क अनत उददशय क रहसटय क दशागया उसन सटपषट मकया मक यह रहसटय नए मनयम क परररत और भमवषयदविाओ क समय तक चछपाए रिा रया था

इसी कारण जब कभी हम परमश वर क बार म सीिन का परयास करत ह त हम परान मनयम म पाए जान वाल असटथाई रहसटय क सटपषट करन क चलए सदव नए मनयम क मवशष परकाशन की ि ज करनी चामहए

क ई ब ार हम िब द ldquo रहसयम यrdquo क ा परयोग परम श वर क ब ा र म ब ा त क रन क ल ि ए क रत ह क यो व क हम सम झ न ही पा त ह वक वह व ास तव म क या क र रहा ह द सरी ओर नया वन यम िब द ldquo रहसयमयrdquo क ा परयोग सा म ा नय रप म क रत ा ह ज ो व क यन ा नी िबद वम सट ीररयोन स आत ा ह - यह व ा स तव म समा न िब द ह - इ सक ा अ थय ह व क परम श व र दवा रा उ िार क ी अ नगरहक ारी योजन ा क ा परकट ीक रण ऐसी ब ात ह ल ज स हम अ पन आप स क भ ी सो च ही न ही पात अथ ा यत यह इस भाव म रहस य ह व क हम इ स कभ ी भ ी सम झ न ही पा त यवद परम श व र न इ स हम पर परक ट न वक या होत ा और इ सलि ए परम श व र अ पन वव िष परक ािन म अ पनी योजन ा क ो हम पर परक ट क रत ा ह और यही क ा रण ह वक आप िब द वम सट ीररयोन क ा परयोग इ व फल सयो और 1 क र रस नथ यो म होत ा हआ दख त ह यह ऐसा ह व क परम श व र धीर धी र अ पन परक ािन क ो परक ट क र रहा ह और हम वदख ा रहा ह वक क स उिार यहव द यो और अनयज ा व त यो द ो नो क ल ि ए ह और यह वक सी भ ी व यव ि क ल ि ए ह ज ो यी ि म सी ह क ो अ पन म सी ह क रप म स व ीक ा र क रग ा

- डॉ स म एि ि ाम रसन

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत नए मनयम क मवश वासी ह न क बावजद भी हम यह भी सटमरण रिना चामहए मक परमश वर न अभी तक परतयक असटथाई रहसटय क परकट नही मकया ह 1 कररसनथय 1312 म पौलस इस इस तरह स चलिता ह

इ स सम य म रा जञान अ धरा ह पर त उ स सम य ऐसी परी रीवत स पव हचा न ग ा (1 क र रस नथ यो 13 12 )

जब मसीह ममहमा म वापस आएरा कवल तभी वह परतयक असटथाई रहसटय क परकट कर दरा और हम परमश वर और उसक मारो क आज की अपिा कही अचधक परी तरह स समझ पाएर

जसा मक हम दि चक ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त हम कई असटथाई रहसटय का सामना करत ह परत बाइबल इस सटपषट कर दती ह मक जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह त हम सटथाई रहसटय क भी दिना ह ता ह

सथा ई सटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह चजनह मनषय कभी समझ नही पाएरा कय मक य सतय हमारी समझ स पर ह पारपररक धमगमवजञान म इस वासटतमवकता क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क रप म कहा जाता ह हम परमश वर क बार म कछ बात क समझ सकत ह जब वह उनह मानवीय रग प म परकट करता ह परत हम परमश वर क बार म मकसी भी बात क परी तरह स कभी नही समझ सकर हम इस मवचार क यशायाह 558-9 म सटपषट रप स अमभवयि पात ह जहा भमवषयदविा यशायाह यह चलिा ह

क यो वक यहोवा क हत ा ह म र ववचार और त म हा र ववचार एक सम ान न ही ह न तमहा री ग व त और म री ग व त एक सी ह क यो वक म री और तमहा री गवत म और म र और त म हा र सोच व व चा रो म आक ाि और परथवी क ा अ नतर ह (यिायाह 5 5 8 -9 )

इन पद म यशायाह न इसराएल क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क कारण उतपनन परमश वर क सटथाई रहसटय क सटमरण मदलाया

जब पववतर िासतर परम श व र क ो रहस यमयी क रप म द िायता ह त ो हम यह सव न ल ित क रना चावहए वक हम िब द ldquo रहसय rdquo क ो गित रप म न समझ ि जब म इ स स सा र क ी वस त ओ क रहस यम यी होन क बा र म सो चता ह त ो मझ िग त ा ह व क उ नक क छ ल छ प हए रहस य ह जो म झ वकसी सम य पर चवकत क र द ग ऐसी ब ात इ स व व षय म न ही ह ldquo रहसयम यीrdquo स हम ा रा अ थय यह ह वक परम श व र सम झ स पर ह हम ारा अ थय ह व क उ सक पा स ऐसा ज ी व न ह ज ो हमा री क ल पन ा स पर ह इसक ा अ थय यह ह वक उ सक ब ार म ऐसा कछ ह ल ज स हम परी री व त स समझ न ही सक त और म भ ी उ स सम झ न ही सक ता इ सक ा अथय ह वक यह म र रलचत ज ीव न स पर क ी ब ात ह वह म री सो च स वह बह त ब ड़ा ह इ सक ल ि ए लजस तकन ीक ी धमय व जञा व न क िबद का हम परयो ग क रत ह व ह ह ldquoअ न भवा त ी तrdquo परम श वर अ न भवात ीत ह वह हम ा र सोच-ववचार क ी सीम ा स पर ह और इ सी लि ए व ह आरा धन ा क यो गय ह इ सी लि ए वह म हान ह इ सी लि ए वह ऐसा ह ल ज सकी हम परि सा क रत ह

-डॉ ग री एम ब जय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र म रहस य आ ल िक रप स उ सक ी इस परक वत क क ारण ह व क व ह क ौ न ह और उ सक अ सी वम त ब न ाम हम ा र सी वम त हो न हम ा री सी वम तता तथा उसक ी असीवमत सा म रथयय और समझ क क ा रण ह पर त सा थ ही यह व व िष रप स सव ि म उ सक उ दद शयो और योज न ा ओ स भ ी स ब ल धत ह परम श व र कयो इ सी त रीक स क ा यय क रता और उ स त रीक स क ा यय न ही क रत ा ह और म सो चत ा ह वक बहत ब ा र अ हक ा री म न ष यो क रप म हम यह सोचत ह वक हम परम श व र स ब हतर क ा यो क ो क रन ा ज ान त ह पर त परम श वर क रहस य म उ द ाह रण क लि ए व यवसथा वववरण 29 29 म यह इ सक ब ा र म पवव तर िास तर म ब ात क रत ा ह ग पत ब ात परम श व र क ी ही ह पर त जो बा त उ सन परक ट क ी ह उन म हम आन नद और उ त सव मन ा सक त ह और व हा एक ऐसा भ ा व ह ल ज सम हम स वी क ार कर सकत ह वक परम श व र न हम सब क छ न ही ब ता या ह उ सन अ पन ब ा र म हम सब कछ न ही बत ा या ह - व ह क स बत ा सक त ा ह और हम उ स क स सम झ सक त ह पर त सा थ ही उ सन हम वह सब भी न ही ब त ा या ह वक वह अ पन उ दद शयो और योज न ा ओ क ो क स परा क र रहा ह और परा न व न यम क अ ययब स ब हतर इ स क ोई न ही ज ान त ा जो इ स वव षय म परशनो का उतत र चा हत ा था वक परम श व र न इ न ब ात ो क ी अ नम वत क यो दी और परम श व र न उ स वह उतत र न ही वद या जो वह चाहत ा था परम श व र न उ स यह उ ततर व द या ldquoम ज ान त ा ह वक म क या क र रहा ह और एक भाव म म री यो ज न ा म एक रहस य ह ल ज स क वि म ही परी त रह स सपि क र सक त ा ह और अ तत ः त सम य क अ त म दख गा जब सब कछ अ चा नक स और परी त रह स अ थय पणय हो ग ा rdquo

-रव ह डॉ ि ईस व व क ि र

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस शिला का जब हम आरभ करत ह त हम सदव यह याद रिना चामहए मक यदयमप परमश वर न सटवय क सामानय और मवशष द न परकार क परकाशन म परकट मकया ह मिर भी उसन हमस सटथाई और असटथाई द न परकार क रहसटय क चछपाए रिा ह हम इस वासटतमवकता स ऐसी ही बच नही सकत मक हम कवल रचचत पराणी ही ह चजनकी परमश वर क मवषय म समझ सदव बहत ही सीममत ह

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस अधयाय म अब तक हमन ऐस कछ तरीक क दिा ह चजनम ईश वरीय परकाशन और रहसटय परमश वर मवजञान क अधययन क आकार दत ह अब हम अपन दसर मखय मवषय की ओर मडन क चलए तयार ह परमश वर की मवशषताए और उसक कायग य मवषय उन द पराथममक तरीक क परसटतत करत ह चजनक दवारा पारपररक धमगमवजञामनय न परमश वर क बार म हमार जञान क साररमभगत मकया ह

गण औ र क ायय

परमश वर क रण और कायो क अमतररि मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर परमश वर मवजञान म मतरएकता क धमगचशिा क ऊपर भी बहत अचधक धयान कसनित मकया ह हमन पमवतर मतरएकता क ऊपर कझ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सीमा तक परररत का मवश वासवचन क ऊपर हमारी शिला म वातागलाप मकया ह इस शिला म हम इन द अनय मखय मवषय क ऊपर धयान कसनित करर

उततर ततर अधयाय म हम परमश वर क रण और कायो क ऊपर कई मवशषताओ की ि ज करर परत इस समय हम यहा पर कवल एक ही अवधारणा का पररचय दर परथम हम ईश वरीय रण या परमश वर कौन ह क ऊपर धयान दर और दसरा हम ईश वरीय कायो की ओर मडर या परमश वर कया करता ह आइए परमश वर क ईश वरीय रण स आरभ कर

ईश वरीय ग ण ईश वरीय रण क मवषय का पररचय द चरण म कराना सहायतापणग ह रा हम परमश वर क रण की

मल धारणा स आरभ करर तब हम ईश वरीय रण क परकार की जाच करर ज मक अकसर मवचधवत धमगमवजञान म मभनन रप म पहचान रए ह इसचलए ईश वरीय रण की मल धारणा कया हॽ

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश मसीमहय क यह पछना ह मक परमश वर क कया रण हॽ त ह सकता ह मक

कदाचचत वह यह कह मक परमश वर क रण व सारी य गयताए या चाररमतरक रण ह चजनह पमवतरशासटतर परमश वर स ससमबसनधत करता ह ठीक ह यह दमषटक ण तब तक सही ह जब तक यह इस माना जाता रह परत पारपररक धमगमवजञान म वाकयाश परमश वर क रण कछ मवशष बात की सकत दता ह

मवचधवत धमगमवजञान म ईश वरीय रण

परम श व र क सा र क ी पणयत ा ए वव व भ नन त रह क ऐवत हा लसक परगट ी क रणो क दव ा रा परक ट क ी गई ह

यह पररभाषा द पराथममक तथय क उजारर करती ह ज मक परमश वर क रण क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग क चचमतरत करती ह परथम सटथान पर परमश वर क रण परमश वर क सार की पणगताए ह आधमनक ससमाचारवादी अकसर परमश वर क सार की ओर सकत नही करत ह इसचलए इस धारणा की ि ज करनी सहायतापणग ह रा

शबद सार क साथ आरभ करत हए ज मक लमटन शबद इशसनसया क अनवाद का अथग सार या अससटततव क रप म करता ह लमटन धमगमवजञान म परमश वर का सार मनकट घमनषठता क साथ शबद सबसटसनसया या ततव क साथ समबदध ह धमागधयिीय और मधयकालीन धमगमवजञामनय न इन शबद क नव-अिलातनवाद और अरसटत क दाशगमनक मवचार स अपनाया था अब पलट और अरसटत क दमषटक ण म सार का मवचार मवमभनन तरह स पाया जाता ह और सार की धारणा क सबध म कई महतवपणग जमटलताए आधमनक दशगनशासटतर म उठ िडी हई ह परत आतमसात करन क चलए यह मल मवचार कमठन नही ह

सरल शबद म मकसी वसटत का सार अससटततव या ततव एक न पररवमतगत ह न वाली वासटतमवकता ह ती ह ज इसक सभी बाहरी सटवरप पररवमतगत ह त पररटीकरण की पषठभमम म ह ती ह मसीही धमगमवजञामनय न सार क इसी मवचार स अपन अधययन क आधाररत मकया ह जब उनह न परमश वर क रण और पणगताओ क ऊपर मवचार मवमशग मकया

सामानय रप म परमश वर क सार म चार महतवपणग मभननताए ससममचलत ह परमश वर का सार परमश वर सटवय कया ह परमश वर की पणगताए या रण परमश वर क सार की य गयताए परमश वर का

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 2: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

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copy थरग ममलमनयम मममनसटरीज 2012 क दवारा

सवागचधकार सरचित इस परकाशन क मकसी भी भार क परकाशक थरग ममलमनयम मममनसटरीज इनक रप रशन 316 लाइव ओकस बलवारग कसलबरी फल रररा 32707 की चलचित अनममत क मबना समीिा मटपपणी या अधययन क उददशय क चलए सचिपत उदधरण क अमतररक त मकसी भी रप म या मकसी भी तरह क लाभ क चलए पनः परकचशत नही मकया जा सकता

पमवतरशासटतर क सभी उदधरण बाइबल स साइटी ऑफ़ इमरया की महनदी की पमवतर बाइबल स चलए रए ह सवागचधकार copy The Bible Society of India

थरग ममलमनयम मममनसटरीज की सवकाई क मवषय म 1997 म सटथामपत थरग ममलमनयम मममनसटरीज एक लाभमनरपि ससमाचाररक मसीही सवकाई ह ज पर

ससार क चलए मफत म बाइबल आधाररत चशिा परदान करन क चलए परमतबदध ह

स सा र क ल ि ए म फ़त म ब ाइ बि आधा र रत ल िकषा

हमारा लकषय ससार भर क हजार पासवान और मसीही अरव क मफ़त म मसीही चशिा परदान करना ह चजनह सवकाई क चलए पयागपत परचशिण परापत नही हआ ह हम इस लकषय क अगरजी अरबी मनराररन रसी और सटपमनश भाषाओ म अमदवतीय मलटीमीमरया सममनारी पाठयकरम की रचना करन और उनह मवशव भर म मवतररत करन क दवारा परा कर रह ह हमार पाठयकरम का अनवाद सहभारी सवकाइय क दवारा दजगन भर स अचधक अनय भाषाओ म भी मकया जा रहा ह पाठयकरम म गरामिक वीमरय स चलचित मनदश और इटरनट ससाधन पाए जात ह इसकी रचना ऐस की रई ह मक इसका परय र ऑनलाइन और सामदामयक अधययन द न सदभो म सटकल समह और वयमिरत रप म मकया जा सकता ह

वषो क परयास स हमन अचछी मवषय-वसटत और रणवतता स पररपणग परसटकार-परापत मलटीमीमरया अधययन की रचना करन की बहत ही मकफ़ायती मवचध क मवकचसत मकया ह हमार लिक और सपादक धमगवजञामनक रप स परचशचित चशिक ह हमार अनवादक धमगवजञामनक रप स दि ह और लकषय-भाषाओ क मातभाषी ह और हमार अधयाय म ससार भर क सकड सममामनत सममनारी पर फ़सर और पासवान क रहन मवचार शाममल ह इसक अमतररि हमार गरामिक मरजाइनर चचतरकार और पर रयससग अतयाधमनक उपकरण और तकनीक का परय र करन क दवारा उतपादन क उचचतम सटतर का पालन करत ह

अपन मवतरण क लकषय क परा करन क चलए थरग ममलमनयम न कलीचसयाओ सममनाररय बाइबल सटकल ममशनररय मसीही परसारक सटलाइट टलीमवजन परदाताओ और अनय सरठन क साथ रणनीमतक सहभामरताए सटथामपत की ह इन सबध क िलसटवरप सटथानीय अरव पासवान और सममनारी मवदयाचथगय तक अनक मवमरओ अधययन क पहचाया जा चका ह हमारी वबसाइट भी मवतरण क माधयम क रप म कायग करती ह और हमार अधयाय क अमतररि साममगरय क भी परदान करती ह चजसम ऐस मनदश भी शाममल ह मक अपन चशिण समदाय क कस आरभ मकया जाए

थरग ममलमनयम मममनसटरीज a 501(c)(3) कारप रशन क रप म IRS क दवारा मानयता परापत ह हम आचथगक रप स कलीचसयाओ क टकस-रीरकटीबल य रदान ससटथान वयापार और ल र पर आधाररत ह हमारी सवकाइग क बार म अचधक जानकारी क चलए और यह जानन क चलए मक आप मकस परकार इसम सहभारी ह सकत ह कपया हमारी वबसाइट httpthirdmillorg क दि

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ववषय -वसत पररचय 1

परकाि न और र हसय 1

ईश व रीय परक ािन 2

मलभत अवधारणा 2

मवमभनन परकार 4

ईश व रीय रहसय 9

मलभत धारणा 9

मभनन परकार 13

ग ण और कायय 15

ईश व रीय गण 16

मलभत धारणा 16

मभनन परकार 20

ईश व रीय क ा यय 22

मलभत धारणा 22

मभनन परकार 25

उपस हार 27

हम परमश वर पर मवशवास करत ह अधयाय एक

हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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पररचय

ldquoपरमश वर क जाननrdquo का अथग अलर-अलर ल र क चलए अलर-अलर ह ता ह mdash अथागत परमश वर क साथ वयमिरत घमनषठता का अनभव करन स लकर उसक सामथी कायो क दिन उसक बार म उन तथय क समझन तक ज पमवतर आतमा न परकट मकए ह हमम स अचधकाश यह समझत ह मक परमश वर क साथ वयमिरत सबध रिना और उस ससार म कायग करत हए दिना महतवपणग ह परत दिद रप स हमम स अचधकाश यह नही भापत मक परमश वर क बार म अचधक स अचधक तथय क जानना भी उतना ही महतवपणग ह और यह क ई अजबा नही ह पारपररक मवचधवत धमगमवजञानी अकसर चजस ldquoपरमश वर की धमगचशिाrdquo या ldquoपरमश वर मवजञानrdquo कहत ह उसका अधययन करना इतना जमटल ह मक इस समझन क चलए कािी परयास करना पडता ह परत यह चजतना भी कमठन ह चजतना अचधक हम परमश वर क बार म सीित ह उतना ही अचधक हमारा वयमिरत सबध उसक साथ बढ़ता जाता ह और चजतन अचधक तथय हम उसक बार म जान जात ह इस ससार म उसक कायग क बार उतनी ही अचधक हमारी जाररकता भी बढ़ती जाती ह वासटतव म परमश वर क बार म अचधक स अचधक सीिना हमार मसीही मवश वास क परतयक पहल क शमिशाली बनाता ह

यह हमारी शिला हम परमश वर पर मवश वास करत ह का पहला अधयाय ह यह वह शिला ह चजस हमन परमश वर मवजञान या सटवय परमश वर क अधययन क चलए सममपगत मकया ह हमन इस अधयाय का शीषगक मदया ह ldquoहम परमश वर क बार म कया जानत हrdquo इस अधयाय म हम यह बताएर मक ससमाचाररक मवचधवत धमगमवजञामनय न इस मवषय स सबचधत सबस मलभत मवषय क कस दिा मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह

हम परमश वर क बार म कया जानत ह पर आधाररत यह पररचयातमक अधयाय बमनयादी मवषय क द ज ड पर धयान दरा पहला हम परमश वर क परकाशन और रहसटय अथागत परमश वर न अपन बार म कया परकट मकया ह और कया रपत रिा ह का अधययन करर और दसरा हम परमश वर की मवशषताओ और उसक कायो ज परमश वर की धमगचशिा क पारपररक अधययन क द मखय मवषय ह की जाच करर आइए पहल परमश वर क परकाशन और रहसटय क दि

परक ािन औ र रहसय

सरल रप म बतान क चलए हम परमश वर क परकाशन और रहसटय का अधययन अलर-अलर करर हम ईश वरीय परकाशन स आरभ करर और मिर हम ईश वरीय रहसटय की ओर मडर आइए हम इसक साथ आरभ कर मक मसीही मनषयजामत क समि परमश वर क परकाशन या सटव-परकटीकरण क मवषय म कया मवश वास करत ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय परकािन जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त ईश वरीय परकाशन स बढ़कर मकसी और

बमनयादी मवषय की कलपना करना कमठन ह रा परमश वर न अपन मवषय म कया परकट मकया ह उसन यह कस मकया ह इन परशन क हमार उततर न परमश वर मवजञान क परतयक पहल क सवयवससटथत कर मदया

हम ईश वरीय परकाशन क मवचार का पररचय द रप म दर पहला हम परकाशन की मलभत मसीही अवधारणा का पररचय दर और दसरा हम परकाशन क द मखय परकार क दिर चजनह हम तब धयान म रिना चामहए जब हम परमश वर क बार म सीित ह त मिर ईश वरीय परकाशन की मलभत अवधारणा कया ह

मि भत अवधारण ा अपन उददशय क चलए हम ईश वरीय परकाशन की मलभत मसीही अवधारणा क इस परकार साररमभगत

कर सकत ह

परम श व र क ा सव -परकट ीक रण सद व म ा नव ी य स द भ ो म वद या ज ा त ा ह और मसी ह म स पणयत ा क सा थ वद या ज ा त ा ह

इस तथय क साथ आरभ करत हए इस अवधारणा क द पहलओ पर परकाश रालना आवशयक ह मक परमश वर न सदव सटवय क मानवीय सदभो म परकट मकया ह

म रा मा न ना ह वक ब ा इब ि क परम श व र क ब ा र म सब स अ दभत ब ात जो व ा सत व म क वि बा इब ि क परम श व र क व व षय म ही पाई जाती ह यह ह व क व ह अ पन ी सभी अ व णयन ीय व व िषत ा ओ या इ न अ सीम वव िषत ा ओ ज स सवोचचता और अ न त त ा और अ सी वम तत ा क ो ऐस रल चत परा लणयो क स ब ध म ब न ा ए रख ता ह ज ो न शवर सीवमत और इ व त हास म ह और हम बता या ग या ह वक वह म हान lsquo म ह rsquo रलचत परा ल णयो क सा थ स ब ध स थ ा व पत क रन क ल ि ए सम य स था न और म ा नव ी य इ वत हा स म परव ि क रत ा ह और और उन क सा थ उ नक सतर पर स ब ध स थ ाव पत क रत ा ह इ सका अथय यह न ही ह व क वह अ पन सवय जञा न ी अ सी वम त अ न त स वभाव क ो त याग दत ा ह पर त वह उ नक साथ उसी सत र पर स ब ध ब नात ा ह जहा व हो त ह िग भ ग व स ही ज स हम एक छ ो ट ब चच क सा थ क रत ह और उ नस उ सी सत र पर ब ात क रत ा ह म अ पन ी रसोई म ज ात ा ह और हर तरफ आट ा वब ख रा हआ पा त ा ह और कहत ा ह ldquo वपरय क या आट क सा थ क छ हआ ह rdquo इ सल ि ए न ही वक म न ही ज ा नत ा वक आट क सा थ क या कछ हआ ह पर त म अ पन ब चचो क साथ उसी स त र पर एक स ब ध बन ा रहा ह ज हा व ह और परम श व र अ पन अ नगर ह म हमार ल ि ए यही क रत ा ह परम श व र क ी अ दभ त क पािता ऐस त रीक स हम ा र सा थ स ब ध ब न ान म म ा गय द िय न क रत ी ह वक कई ब ार ऐसा ि गता ह व क व ह अ पन ी कछ असी म अ न त व व िषत ा ओ क सा थ समझौ त ा क र रहा हो पर त ऐसा व बल कि नही ह परम श वर तो ब स हम ा र सा थ हम ा र स तर पर स ब ध बन ा रहा ह क यो वक व ह हम स उत न ा अ ल धक परम क रता ह

- डॉ क ऐर रक थ ोन स

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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हम सब जानत ह मक हम परमश वर का अधययन वस नही कर सकत जस हम परमतमदन क जीवन की अनय बहत सी बात का करत ह हम उसकी उचाई और उसक भार क नाप नही सकत या उस परिनली म रालकर जाच नही सकत इसक मवपरीत परमश वर अनभव स इतना पर ह हमस बहत दर ह मक वह कवल इस एक वासटतमवकता मबना चछपा रहरा और वह वासटतमवकता यह ह मक पमवतर आतमा न उस मानवीय सदभो म परकट मकया ह मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर इस परकाशन क मानवरपी चररतर क रप म सब चधत मकया ह दसर शबद म परमश वर न सटवय क मानवीय रप म परकट मकया ह या ऐस रप म परकट मकया ह मक मनषय समझ सक

पमवतरशासटतर म परमश वर क कम स कम चार परकार क मानवरपी परकाशन मदए हए ह सबस सचिपत भाव म पमवतरशासटतर अकसर परमश वर की मवशषताओ की तलना मानवीय मवशषताओ क साथ करता ह बाइबल क असखय अनचछद परमश वर क मवषय म ऐस बात करत ह जस मक उसक आि कान नाक हाथ पाव और पर ह परमश वर तकग -मवतकग भी करता ह परशन पछता ह दसर स मवचार-मवमशग करता ह भावनाओ क महसस करता ह और चचतन करता ह वह कायगवाही करता ह और नरम भी पड जाता ह जस मक आप और म करत ह परत सपणग पमवतरशासटतर यह सटपषट करता ह मक इस तरह क मानवरपी ईशवरवाद क रपक अथागत परमश वर और मनषय क बीच की तलना क रप म ही चलया जाना चामहए परमश वर क पास ल र क समान भौमतक आि या हाथ नही ह परत मिर भी हम जानत ह मक वह हर समय दिता ह और कायो क परा करता ह

थ ड स बड भाव म पमवतरशासटतर परमश वर क मानवीय सामाचजक सरचनाओ क सदभो म भी मानवरपी भाव म परसटतत करता ह उदाहरण क चलए बाइबल बारबार परमश वर क समषट क सवोचच राजा क रप म परदचशगत करता ह वह सटवरग क चसहासन पर मवराजमान ह मतरणा करता ह कायो का लिाज िा लता ह घ षणाए करता ह सदशवाहक क भजता ह और आराधना सटवीकार करता ह वस ही जस बाइबल क समय म माववीय समराट मकया करत थ

ऐस ही भाव म पमवतरशासटतर परमश वर क इसराएल क राजकीय य दधा वयवसटथा क दन वाल वाचा क सटथामपत करन वाल और वाचा क परा करन वाल क रप म दशागता ह वह अपन ल र का राजकीय चरवाहा और राजकीय पमत और मपता ह एक बार मिर स परमश वर क मवषय म य परकाशन हम बतात ह मक कछ रप म परमश वर मनषय क जसा ह वह ऐस रप म राजय करता ह ज उन रप क समान ह चजनम पराचीन ससार क मानवीय राजाओ न राजय मकया था

और अचधक मवसटतत रप म हम कह सकत ह मक इमतहास म परमश वर क दशय परकटीकरण भी मानवरपी ह बाइबल ऐस कई समय का वणगन करती ह जब परमश वर दशय रप म इस ससार म परकट हआ - चजस हम अकसर ldquoईशदशगनrdquo कहत ह सबस नाटकीय ईशदशगन न परमश वर क भौमतक धए और आर क साथ और ममहमा क उसक दशय सटवरीय बादल क दशगन क साथ ज डा अब कलससटसय 125 और 1 तीमचथयस 117 जस अनचछद हम बतात ह मक परमश वर सटवय अदशय ह अतः परमश वर क य दशय परकटीकरण भी इस भाव म मानवरपी ह मक य परमश वर क वस परसटतत नही करत ह जस वह सटवय क जानता ह इसकी अपिा व परमश वर क ऐस रप म परसटतत करत ह मक चजनम मनषय अपनी चसममत िमताओ म उसका अनभव कर सकत ह

अततः सबस मवसटतत भाव म पमवतरशासटतर परमश वर क तब भी मानवीय अथग म परकट करता ह जब वह उसकी असटपषट य गयताओ क दशागता ह बाइबल अकसर परमश वर क नयायी पमवतर सामथी इतयामद क रप म सब चधत करता ह परत बाइबल क लिक न मानवीय आधार पर परमश वर क इन असटपषट मववरण क सटपषट मकया ऐस रप म चजनह हम समझ सकत ह अतः यह कहना सही ह रा मकसी न मकसी तरह स

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सपणग ईश वरीय परकाशन मानवरपी ह परमश वर न मनषयजामत क समि अपन मवषय म सचचाइय क परकट मकया ह परत सदव ऐस रप म ज हमारी मानवीय सीममतताओ क अनसार ह

यह धयान म रित हए मक पमवतर आतमा न सदव परमश वर क मानवीय सदभो म हम पर परकट मकया ह आइए हम ईश वरीय परकाशन की दसरी मल मवशषता क दि परमश वर न सटवय क सबस सपणग रप म मसीह म परकट मकया ह

मनचित रप स मसीही मवश वास म सटवय मसीह स बढ़कर और कछ भी अचधक महतवपणग नही ह कवल वही हमारा उदधारकताग और हमारा परभ ह और वह मनषयजामत क परमत परमश वर का अपना सवोचच परकाशन ह अब मसीही क अनयायी ह न क नात हम यह मानत ह मक परमश वर न बाइबल क इमतहास म सटवय क कई तरह स परकट मकया ह परत कलससटसय 115 जस अनचछद हम बतात ह मक मानवीय सदभो म यीश ही परमश वर का अपना परम परकटीकरण ह यीश परमश वर का दहधारी अनत पतर ह चसदध मानवीय सटवरप और परमश वर का परमतमनचध ह और इसी कारण परमश वर क मवषय म चजन बात पर हम मवश वास करत ह व यीश म परमश वर क सवोचच परकाशन अथागत उसकी चशिाओ और उसक जीवन मतय पनरतथान सटवरागर हण और ममहमामय पनरारमन क महतव अनसार ह नी चामहए

ईश वरीय परकाशन की इस मलभत अवधारणा क धयान म रित हए हम परमश वर की ओर स आन वाल मवमभनन परकार क परकाशन पर धयान दन क दवारा परमश वर क सटव-परकटीकरण क दिना चामहए

वववभनन परका र जसा मक हमन कहा ह परमश वर का सवोचच परकाशन यीश ह परत नए मनयम क मववरण म यीश न

यह सटपषट मकया मक वह परमश वर का एकमातर सटव-परकटीकरण ह इसकी अपिा उसन पमषट की ह मक परमश वर न सटवय क मवमभनन तरीक स परकट मकया ह

सब स पहि हम परम श वर को त ब त क न ही ज ा न सकत ह जब तक वह सव य क ो हम पर परक ट न ही क रत ा और व ह ऐसा कई त री क ो स करत ा ह सवि और उ सक अ दभ त क ायो क दवा रा भ ी जब हम अ पन चा रो ओर द खत ह व ह सवय क ो द सर ि ो ग ो क सा थ हम ा र स ब धो म परकट क रत ा ह जो हम व ब ात बत ा त ह ज ो उ नहो न परम श व र क ब ा र म सीख ी ह हम परम श व र स इ स परक ा िन क ो क ई स त रो म परा पत क रत ह व न स स द ह म सीवह यो क लि ए सब स म हत व पणय यह ह व क परम श व र न हमा र सम कष स व य क ो अ पन पव वतर व चन म परक ट वक या ह इ स क ा रण हम हम ा र चारो ओर द खत ह और हम पात ह वक परम श व र न हम पर सव य क ो परक ट वक या ह हम ज ा नत ह व क उ सक ा अ स सत तव ह और वफर व ह अ पन ल िष यो क दव ा रा और आज तक अ पन पव व तर व चन क दव ा रा हम स वय क बा र म बत ा त ा ह

- डॉ ज फरी म र

मवचधवत धमगमवजञान अकसर परमश वर क परकाशन क द परकार क पहचानता ह चजनह सटवय यीश न सटवीकार मकया था पहल परकार क अकसर सामानय परकाशन या सटवाभामवक परकाशन कहा जाता ह

साम ानय परकािन सरल शबद म कह त सामानय परकाशन बाइबल की उस चशिा क दशागता ह चजसम परमश वर न समषट क हर अनभव क दवारा सटवय क मनषय पर परकट मकया परान मनयम क कई अनचछद जस भजन 19 क समरप सटवय यीश न सामानय परकाशन स बारबार धमगवजञामनक अथो क परापत

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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मकया उसन परमश वर क बार म चशिा दन क चलए अकसर परकमत और सामानय मानवीय रमतमवचधओ जस िती-बाडी और मछली पकडन क कायो का परय र मकया वासटतव म उसन बार-बार अपन चशषय क परररत मकया मक व अपन भीतर और चार ओर यह पहचानन क चलए दि मक व अपन जीवन क अनभव स परमश वर क बार म कया सीि सकत थ

हम परररत क काम 1417 और 1728 जस सटथान म ऐसी ही समान बात क दित ह इन पद म परररत पौलस न मसीह क उदाहरण का अनसरण मकया और सामानय परकाशन क लार मकया यहा उसन अनयजामतय क ल र का धयान उस ओर लराया ज व परकमत पर चचतन करन और यनानी कावय क दवारा परमश वर क बार म जानत थ

र ममय 1 और 2 पमवतरशासटतर म सामानय परकाशन का सबस वयापक सटपषटीकरण करता ह य अधयाय सकारातमक और नकारातमक द न दमषटक ण की ओर धयान आकमषगत करत ह चजनह हम तब धयान म रिना चामहए जब हम परमश वर मवजञान की ि ज करत ह सकारातमक रप स र ममय 1 और 2 चसिात ह मक हम परमश वर की समषट म जीवन क अनभव स परमश वर क बार म बहत सी बात सीि सकत ह समनए र ममय 120 म परररत पौलस न कया कहा ह

उ सक अन दख गण अ थ ा यत उसक ी सनातन साम रथयय और परम श व रत व जगत क ी ससष ट क सम य स उ सक क ाम ो क दवारा दख न म आत ह (रो व मयो 12 0 )

जब हम इन अधयाय क धयान स दित ह त हम पात ह मक ldquoजरत की समषटrdquo पराकमतक वयवसटथा स बढ़कर ह पौलस क मन म भी वही था ज हम मानवीय ससटकमत सटवय मनषय और हमार वयमिरत आतररक जीवन अथागत हमार नमतक मववक अतजञागन पवागभास आमद स परमश वर क बार म सीित ह

म रा वव चा र ह व क सा म ा नय परका िन व ास तव म म हत व पणय धमय व जञा व नक अ व धारणा ह पहि ा कारण क यो वक यह व ह ब ा त ह ल जसक ा इ नक ा र न ही वक या जा सक ता हम सब इ स स सार म रहत ह चा ह हम म सीही हो या न हो हम सब परम श व र दव ा रा रच इस स सा र म रहत ह अब चा ह एक ग र -म सीही ववश वा सी यह म ान या न म ा न वह द सरी ब ा त ह पर त ल जस हम ldquoसाम ानय परक ािनrdquo क हत ह व ह सव ि म हम ा र चा रो ओर वद ख ाई दन वा ि ी ब ात ह हम सव ि क ो द खन क दव ा रा ही ऐसी ब हत सी ब ा तो को दख सक त ह वक परम श व र क ौ न ह हम वा स तव वक त ा क क ा रण यह द खत ह व क हम ा र पा स एक साम रथयय िाि ी परम श वर ह क यो व क उ सन गर हो और ल सत ा रो और च दर मा क ी रचना की ह हमा र पा स एक ऐसा परम श वर ह जो स दर ता क ो पस द क रत ा ह और ज ो ब ा त स द र परक वत क ी होती ह व उ सक लि ए महतव रख त ी ह हम इस ज ान व रो व कषो और सयायसत म दख त ह हम एक िर म परम श व र क व भ व को द खत ह हम उसक चररतर क ो वही पा त ह ज हा हम द खत ह अ ब यह ब हत ही महत व पणय हो सकत ा ह व व िषक र सस मा चा र परचा र क द व िक ो ण स क यो वक हम कही पर एक आर व भक वब द क ी आव शयकत ा ह और सा म ानय परक ा िन हम वह आर वभ क व ब द द ता ह हम स सा र क बा र म कछ ब ा त ो क ो ज ा नत ह ल ज सम हम रहत ह और इसलि ए हम ा र चा रो ओर द ख न क दव ा रा उ स परम श व र क ब ा र म भ ी ज ा नत ह ल ज सन इ स स सा र क ो रचा ह

- रव ह र रक रो डवहव र

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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समदय स सामानय परकाशन क परमत इस सकारातमक दमषटक ण न ldquoपराकमतक धमगमवजञानrdquo क रप म परमश वर क धमगचशिा म एक महतवपणग भममका अदा की ह पराकमतक धमगमवजञान सामानय परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म जानन का एक मनरतर परयास ह मसीह क अनयामयय न सदव यह सटवीकार मकया ह मक हम पराकमतक धमगमवजञान क माधयम स परमश वर क बार म बहत कछ सीि सकत ह और कछक अपवाद क साथ परमश वर की धमगचशिा पर औपचाररक धमगवजञामनक चचतन न कलीचसया की लरभर परतयक शािा म पराकमतक धमगमवजञान क ससममचलत कर मदया ह

असल म मधयकालीन अवचध क दौरान अगरणी मवदवतावादी धमगमवजञामनय न पराकमतक धमगमवजञान का अनसरण करन क चलए वासटतव म एक औपचाररक मतर-रपी रणनीमत की रचना की पहला उनह न ldquoकरणीय सबध का तरीकाrdquo लमटन म वाया कौजाचलटामटस क बार म बात की इसस उनका अथग था मक हम समषट म उन अचछी बात क दिन क दवारा परमश वर क बार म सतय क सीि सकत ह चजनह परमश वर न रचा ह या वह उनकी ldquoरचना का कारण बनाrdquo ह उदाहरण क चलए हम दि सकत ह मक परमश वर न इस ससार म सदरता और करम-वयवसटथा की रचना अतः हम कह सकत ह मक परमश वर सटवय भी सदर और वयवससटथत ह रा

दसरा मवदवतावादी धमगमवजञामनय न ldquoमनषध क तरीकrdquo लमटन म वाया मनराशमनस क बार म भी बात की इसस उनका अथग था मक हम परमश वर क समषट की सीममतताओ और कममय क मवपरीत दशागन क दवारा परमश वर क मवषय म सतय क परमाचणत कर सकत ह उदाहरण क चलए समषट समय म सीममत ह परत परमश वर अनत ह समषट सटथान म सीममत ह परत परमश वर असीममत ह

और तीसरा मधयकालीन मवदवतावादी धमगमवजञामनय न ldquoशषठता क तरीकrdquo लमटन म वाया एमीननमटआए क बार म भी बात की इसस उनका अथग था मक हम इस बात पर धयान दन क दवारा सामानय परकाशन स परमश वर क मवषय म सतय क परमाचणत कर सकत ह मक कस परमश वर सदव उन वसटतओ स शषठ ह चजसकी उसन रचना की ह उदाहरण क चलए परकमत की शमि परमश वर क सवोचच सामथयग म मवश वास करन म हमारा मारगदशगन करती ह मानवीय बौचदधक य गयताए परमश वर की अतलय बचदध की ओर हम अगरसर करती ह

अचधकतर ससमाचाररक ल र आजकल ऐस कठ र तरीक का अनसरण नही करत ह परत पराकमतक धमगमवजञान परमश वर मवजञान म मखय भममका अदा करना मनरतर जारी रिती ह यीश न अपन चल क चसिाया मक परमश वर न समषट क परमत हमार अनभव क परतयक पहल की रचना अपन बार म बात क परकट करन क चलए की ह और मसीह क मवश वासय गय ल र क रप म हम सामानय परकाशन क माधयम स उन सब बात क ि जना चामहए चजनह हम परमश वर क बार म सीि सकत ह

सामानय परकाशन और पराकमतक धमगमवजञान क परमत य सकारातमक दमषटक ण परमश वर मवजञान क मकसी भी अधययन क चलए महतवपणग ह परत हम इस पर भी धयान दना आवशयक ह मक कस र ममय क पहल द अधयाय कछ महतवपणग नकारातमक दमषटक ण भी परसटतत करत ह र ममय 118 म पौलस न तब सामानय परकाशन क परमत अचधक नकारातमक दमषटक ण पर बल मदया जब उसन यह चलिा

परम श व र क ा कर ोध त ो उ न ि ो गो क ी सब अ भवि और अधमय पर स व गय स परगट होत ा ह ज ो सत य को अधमय स दब ाए रख त ह (रो व मयो 1 1 8 )

इस पद म पौलस न सटपषट मकया मक सामानय परकाशन उसकी दया और उदधार की अपिा ldquoपरमश वर का कर धrdquo परकट करता ह और यह सतय ह कय मक अचधकतर पापी ल र सामानय परकाशन क ldquoसतय क अधमग स दबाए रित हrdquo वासटतव म र ममय 125 क अनसार

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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[पा व पयो न] परम श वर की सचचाई क ो बद िक र झठ ब ना डाि ा (रो वम यो 1 15 )

सटवय यीश न समय-समय पर दशागया मक पापपणग मनषय मनरनतर अपन जीवन क अनभव स परमश वर क मवषय म उन बात क सीिन म असिल हए ज उनह सीिनी चामहए थी जस मक यीश और पौलस द न न बताया पापपणग ल र म समषट क माधयम स परमश वर दवारा परकट बात क मवषय म सटवय स और दसर स झठ ब लन की परवमतत ह ती ह

म इ स ब ा र म ब हत अल धक सचत रहन ा चा ह ग ा वक हम पराक वतक धमय वव जञा न क ि बि या उ सक ी शरणी स परम श व र ब ार म कया सीख त ह म रोव म यो 1 2 0 ज स क थन ो पर आल शरत हो न ा चा ह ग ा ज ो वक उसक ी व भ वत ा उस क सा म रथयय क बा र म ब ात क रत ह म सो चता ह वक यह व ब ा त ह ल ज न पर आप उ स स द भय म आलशरत सकत ह जो आप सी ख ना चा हत ह पर त म त र त ही यह भी कहन ा चाह ग ा वक उ ल चत द वि क ो ण क ो परापत क रन क लि ए हम व व िष परक ािन क ी बहत आव शयकत ा ह इसल ि ए आपक ो म न ष य क त कय -व व तय क क ो ज ा चन क लि ए वव िष परक ा िन की आव शयकत ा ह म रा क हन ा ह वक व फर चाह यह स वा यतत हो या सव त तर म ानव ीय तकय -व वतय क कयो वक रलचत कषतर कछ ब ा त ो क ो उत पनन क रत ा ह लज नह स दह क रप म भ ी पढा और समझा जा सक त ा ह परभ यी ि म सीह क ी व ा स तव वक त ा क ा वव िष परका िन इ स उ ल चत रप म परा क रता ह वक परम श व र क ौन ह हम ार तकय -व वतय क क ो उसक अ न सार रख न क लि ए उसक व चन क पराम िय क ी ब हत अ लधक आव शयक त ा ह

- डॉ बर स एि फ़ीलस

परम श व र क ी सवि हम क ई ब ात ल सख ा त ी ह सब स मि भत ब ात यह व न सस द ह हम यह लसख ात ी ह वक व ह सव ो चच सव िक त ा य ह परम श व र व ह ह ज ो सब व सत ओ क ो िनय स उ त पनन क रत ा ह अतः यह हम उ सक ी सा म रथयय क ब ा र म भी लसख ाती ह रोव म यो 1 क अ न सा र यह हम उसक ी धाव मय कत ा क ब ा र म लसख ा ती ह हम रो वम यो 1 म पा त ह वक सब मन ष य ज ा नत ह व क परम श व र ह व क उ सक ी आराधन ा क ी जा न ी चाव हए और सब ि ो ग ो क पास परम श व र की धा व मय क ता और पववतर ता का ब ो ध ह पा पी म न षयो क रप म हम उस दब ा द त ह हम उ स अ नद ख ा क रन क ा परयास क रत ह अतः सवि हम लसख ाती ह वक परम श व र सव ि कत ा य ह वह साम थी ह और व ह धमी ह पापी म न ष यो क रप म हम उ न ब ात ो क ा इनकार क रन और उ नह दब ा न क ा परयास क रत ह अ तः परम श व र क ब ा र म जो ब ात सव ि न ही ल सखा त ी व ह यह ह वक हम उ सक सा थ सही स ब ध क स ब न ा ए सवि व ब ात ल सख ात ी ह ज ो म न यहा द िा यई ह पर त यह हम परम श व र क अ न गरह और परभ यीि म सीह म द या क वव षय म न ही ल सख ात ी इ सक ल ि ए परभ यी ि म सीह म उ सक क ा यो पर उ सस स ब लधत परक परक ािन क ा होना आव शयक ह

- डॉ क ािय आर टर म न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सामानय परकाशन क परमत य नकारातमक दमषटक ण पराकमतक धमगमवजञान पर बहत अचधक मनभगर रहन क मवषय म एक कडी चतावनी क उतपनन करत ह पराकमतक धमगमवजञान तरमटरमहत नही ह कय मक पाप न समषट स परापत हमार अनभव स परमश वर क मवषय म सीिन की हमारी िमता क भरषट कर मदया ह रभीर मसीही धमगमवजञामनय क सवोततम परयास क बावजद भी पराकमतक धमगमवजञान न मनरनतर सामानय परकाशन का रलत अथग मनकाला ह और परमश वर क परमत हमारी अवधारणा म ममथया बात क राला ह

उदाहरण क चलए धमागधयिीय और मधयकालीन अवचधय क दौरान अनयजामत क यनानी रहसटयवाद न बहत स ल र क इस बात का इनकार करन क परररत मकया मक मनषय परमश वर क बार म कछ जान सकता ह अठारहवी शताबदी म परकमत की वयवसटथा क परमत रलत समझ न कई धमगमवजञामनय क परब धन दववाद अथागत ऐसा मवश वास मक परमश वर इस ससार की रमतमवचधय म ससममचलत नही ह का समथगन क परररत मकया हाल ही समदय म जीवमवजञान क मवजञानीय अधययन न ल र क समषटकताग क रप म परमश वर क बाइबल क चचतरण का इनकार करन क परररत मकया ह परतयक पडाव पर मनषय क हदय की भरषटता न सामानय परकाशन म परमश वर क बार म परकट सतय क ि दन म धमगमवजञामनय क परररत मकया ह

मनसटसदह पराकमतक धमगमवजञान क परमत य नकारातमक दमषटक ण एक मलभत परशन की ओर अरवाई करत ह यमद पाप सामानय परकाशन क परमत हमारी जाररकता क भरषट करता ह त हम परमश वर क बार म सतय क कस जान सकत ह

इस परशन का उततर दन क चलए हम ईश वरीय परकाशन क दसर मखय परकार क दिर सामानय परकाशन क अमतररि यीश न यह भी चसिाया मक परमश वर न हम मवशष या सटीक परकाशन मदया ह

व व िष परक ािन वयापक रप म कह त मवशष परकाशन अलौमकक माधयम क दवारा परमश वर का सटव-परकटीकरण ह पमवतर आतमा न सटवपन दशगन वाचणय और उदधार तथा दर क बड कायो क दवारा परकाशन मदया ह परमश वर न सटवय क पररणा-परापत मानवीय परमतमनचधय क दवारा भी परकट मकया ह जस मक उसक भमवषयदविा और परररत ज पमवतर आतमा क दवारा पररणा-परापत थ और मनसटसदह जसा मक हमन पहल कहा था परमश वर का सबस बडा मवशष परकाशन मसीह म था

परमश वर की धमगचशिा क चलए मवशष परकाशन क महतव क बढ़ा चढ़ा कर नही बताया जा सकता यह परमश वर क उददशय क चलए इतना आवशयक ह मक पाप क इस ससार म आन स पहल ही परमश वर न आदम और हववा का मवशष मौचिक परकाशन क दवारा मारगदशगन मकया और मनसटसदह मवशष परकाशन पाप म पतन क बाद भी महतवपणग रहा ह यह न कवल सामानय परकाशन क समझन क हमार परयास का मारगदशगन करता ह बसलक यह अनत उदधार क मारग क भी परकट करता ह

यह मकतना भी अदभत कय न ह मक परमश वर न हम अलौमकक परकाशन परदान मकया ह - ससार म पाप क आन स पहल और बाद म भी - परत चजस हम सामानय रप स ldquoपरमश वर की ओर स मवशष परकाशनrdquo कहत ह वह हजार वषो पहल घमटत हआ था अतः हम आज मवशष परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म कस सीित ह

एक बार मिर स हम उस ओर मडना चामहए ज परमश वर क सवोचच परकाशन अथागत यीश न चसिाया था सिप म मसीह न अपन अनयामयय क चसिाया मक व सटवय क पमवतरशासटतर म मदए हए परमश वर क मवशष परकाशन क परमत सममपगत कर मरकस 1228-34 जस अनचछद सटपषट रप स दशागत ह मक यीश न अपन समय क अनय रसबबय क समान परमश वर क मवशष चलचित परकाशन क रप म परान मनयम की पमषट की

और हम जानत ह मक नया मनयम भी परमश वर का पररणा-परापत परकाशन ह यहनना 1612-13 और इमिचसय 220 जस सटथान म हम सीित ह मक यीश क सटवरागर हण क बाद उसन पमवतर आतमा क पहली

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सदी क परररत और भमवषयदविाओ क परचशचित करन क चलए भजा मक व उसकी कलीचसया क समि परमश वर क परकट कर नया मनयम पहली सदी क इन परररमतक और भमवषयदवाणीय मवशष परकाशन का हमारा परमतमनचध सकलन ह इसी कारण ससमाचाररक मसीही बल दत ह मक हम इमतहास म सामानय परकाशन और मवशष परकाशन द न म परमश वर क परकटीकरण क समझन क चलए पमवतरशासटतर पर मनभगर ह सकत ह

परमश वर क परकाशन और रहसटय क मवषय म हमार अधययन म हमन परमश वर क मवषय म हमार सपणग जञान क सर त क रप म ईश वरीय परकाशन की ि ज की ह अब आइए इस पहल क दसर महसटस की ओर मड ईशवरीय रहसटय अथागत परमश वर क बार म व बहत सी बात ज चछपी रहती ह क परमश वर मवजञान क हमार अधययन क मकस परकार परभामवत करना चामहए

ईश वरीय रहसय

एक बात लज स हम सम झन ा ह और ज ो सम झन क लि ए आसान न ही ह व ह ह वक व ा स तव म परम श वर कौ न ह वह जञानाती त ह व ह सव ि स पर ह जो कछ हम यहा इ स स सार म अ नभ व क रत ह उ सन रचा ह इ सल ि ए हम व ा सत व म उ स तब तक न ही ज ा न सक त ज ब त क व ह स व य क ो परकट न ही क रत ा जब तक व ह व कसी त रह स इ स सव ि म परव ि न ही क रता व ह हम स ब ात क रता ह वह हम पर स व य क ो परक ट क रता ह ज ो उसन पणय रप स अ पन पतर यी ि म वक या ह पर त उ सस व ह हम ा र ल ि ए रहसयमयी बन जात ा ह और सचचा ई यह ह व क व ही एक मा तर त रीक ा ह लज सम हम परम श व र क राज य क ो उ सक िा सन क ो और उ सक अ ल धक ार क ो ज ा न सकत ह - क यो वक वह हम यहा रहन क ी अ नम वत द त ा ह और व ह एक अ द शय परम श व र ह - इसल ि ए उ सक राज य क ो ज ान न क ा क वि एक त रीक ा यही ह व क वह उस हम पर परक ट क र द

- डॉ र रक ब ॉयड

जसा मक हम दि चक ह परमश वर न सटवय और मनषयजामत क बीच की एक बहत बडी दरी पर मवजय परापत कर ली ह उसन अपन सामानय और मवशष परकाशन क दवारा हमार चलए यह सभव बनाया मक हम उसक मवषय म जान सक परत साथ ही परमश वर क बार म हमारा जञान ईश वरीय रहसटय क दवारा बहत अचधक परभामवत ह ता ह ऐसी बहत सी बात ह चजनह परमश वर न अपन बार म परकट नही मकया ह

ईश वरीय रहसटय क समझना परमश वर मवजञान क चलए इतना महतवपणग ह मक यह इस द चरण म दिन म हमारी सहायता कररा हम पहल ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा क सटपषट करर तब हम रहसटय क उन परकार क सटपशग करर चजनका हम सामना करत ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा कया ह

मि भत धारण ा शबद ldquoरहसटयrdquo का परय र पमवतरशासटतर म मवमभनन तरीक स मकया जाता ह परत हमार उददशय क चलए

हम कह सकत ह मक ईश वरीय रहसटय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र क व व षय म ऐस अ स खय अ परक ा लित सत य ह ज ो परम श व र क परवत हमा री सम झ क ो सीव मत करत ह

हम इस पररभाषा क द पहलओ क उजारर करर पहला पहल यह तथय ह मक ईश वरीय रहसटय ldquoपरमश वर क मवषय म असखय अपरकाचशत सतय हrdquo र ममय 1133 म परररत पौलस न सकत मदया मक हम सदव ईश वरीय रहसटय क परमत सचत रहना चामहए उसन चलिा

आहा परम श व र क ा धन और ब लि और जञान कया ही ग भी र ह

उ सक ववचार क स अथाह और उ सक मा गय क स अ गम ह (रो व म यो 1 1 3 3 )

इस पद तक क अधयाय म पौलस न सामानय और मवशष परकाशन क दवारा परमश वर क बार म कई मजबत धारणाओ क दशागया परत इस अनचछद म पौलस न परमश वर क जञान और बचदध की ldquoरभीरताrdquo की ओर सकत मकया और उसन सटवीकार मकया मक परमश वर क मवचार ldquoअथाहrdquo ह और ldquoउसक मारग अरमrdquo ह यदयमप पौलस न ईश वरीय परकाशन क दवारा परमश वर क बार म बहत कछ समझा था मिर भी उसन असखय रहसटय अथागत ऐसी बात का सामना मकया चजनह परमश वर क आतमा न परकट नही मकया था

परम श व र रहस यम यी ह क यो वक व ह क सी भ ी समझ और जञान स पर ह ज ो हम ार पा स हो व ह सम य सम य पर हम स परा म िय वक ए वब न ा क ा यय क रत ा ह व ह सद व हम स परा म िय लि ए व बन ा ही क ायय क रत ा ह पर त क ई ब ार उसक क ायय क रन क त रीक क ो सम झना हमा र लि ए क व ठन होता ह वह इस भाव म भ ी सम झ स पर ह वक को ई भी परम श व र क जञान क ो पणय रप स परा पत नही कर सक त ा वहा रहस य क ा होन ा अ वशय ह क यो वक वह परम श व र ह और क ोई रलचत पराणी न ही ह परम श व र क रहस यम यी हो न क बा र म ऐसा क छ न ही ह व क जो हम ा र लि ए वक सी रप म क ोई सम सया हो परम श व र क रहस य क ा अ थय यह न ही ह व क उ स तक पह चा नही ज ा सक ता इसक ा अ थय यह न ही ह वक वह हम स परम न ही क रत ा और वक हम उसक परम क ो म हसस न ही क र सक त ह इ सक ा अ थय इ नम स क ो ई भ ी ब ा त न ही ह व ा सत व म यवद वह रहस यमयी न हो त ा त ो हम सरलकषत रप स क ह सक त थ वक व ह परम श व र नही ह हम ऐसा परम श व र क यो चावहए जो रहसयमयी न हो हम उ स ज ा न त ह व यापक रप स न ही पर त हम उ स सचच रप स ज ा न त ह हम उ स सम झत नही पर त व न ल ित रप स हम उस कहन क लि ए पया यपत रप स ज ा नत ह व क हम वक सी अ स पि द ा िय व नक ल सिा त क ो नही ब सलक परम श व र क ो ज ा न त ह

- डॉ ववलि यम ऐड ग ा र

मपरसटन चथय ल चजकल समीनरी क मवचधवत धमगमवजञान क पर िसर चालसग ह ज चजनका जीवनकाल 1797-1878 तक था न महतवपणग रप म ईश वरीय रहसटय क साररमभगत मकया अपन मवचधवत धमगमवजञान क पहल ससटकरण क भार 1 क अधयाय 4 म उसन यह चलिा

परम श व र म उसक व व षय म हम ा र वव चा रो स ब ढक र ब हत क छ ह और उसक व व षय म हम ज ो क छ ज ा नत ह व ह हम अ पणय रप स ज ान त ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ह ज न यहा द महतवपणग अवल कन क दशागया ह पहल उसन बल मदया मक परमश वर क बार म ज सतय ह वह ldquoहमार मवचार स बढ़कर बहत कछ हrdquo यहा पर कवल थ ड स रहसटय नही ह न ही बहत स रहसटय ह इसकी अपिा कय मक परमश वर सटवय असीम ह इसचलए वहा हमारी कलपना स बढ़कर बहत स रहसटय ह ह ज न यह भी सटपषट मकया मक ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क इतना भर दत ह मक ldquo[परमश वर क] मवषय म हम ज कछ जानत ह वह हम अपणग रप स जानत हrdquo दसर शबद म परमश वर क बार म ऐसी एक भी बात नही ह चजस हम पणग रीमत स समझत ह

क ई ब ार जब हम वक सी क ो यह क हत हए सन त ह व क परम श व र समझ स पर ह त ो हम इस पर एक त रह स नक ा रात मक परव त वकर या द त ह - कया म उ स नही ज ान सक त ा क या म उ सक ब ा र म ज ान का री परापत न ही क र सकता और व नस स द ह ब ाइबि परम श व र क ा सव -परक ा िन ह उ सन स व य क ो परक ट व क या ह त ा व क हम उ स व यविगत रप स जान सक और उसक बा र म क छ ब ात ो क ो जा न सक पर त यवद आप रकक र उसक ब ा र म सो च वक यवद परम श व र सच म अ सीवम त परम श व र ह त ो म रा छ ोट ा सा वद म ाग और यहा तक वक इ स स सा र क ा सव ो ततम धमय व जञाव नक वदम ाग भ ी उ स उ सकी पणयत ा म समझ न ही पा एग ा अ पन ी पर रभ ा षा क अ न सार यव द म उ स सम झ सक तो म उ सक ल जत ना ही महा न हो ज ा ऊ ग ा और इसल ि ए यह ब हत ही म हतव पणय भ ा ग ह हम ारा परम श व र क ोई छ ोट ा परम श व र नही ह व ह इ तन ा छो ट ा न ही ह वक म अ पन वद म ा ग या वक सी पसत क म उ सक ी स पणय सम झ क ो परापत क र ि हम आभ ारी ह वक उ सन स व य क ो पयायपत रप स परक ट वक या ह और यह वक उ सन हम ा र उ ि ा र क ा परब ध वक या ह त ा व क हम उ सक ब ा र म कछ सम झ क ो परापत क र सक और उ सक साथ स ग वत रख सक उ सक साथ सही स ग वत म रह सक और उ सक ब ा र म सही ववचार रख सक चा ह व ह व या पक रप स न हो पर त उस ज ान ा ज ा सकत ा ह क यो वक उ सन स व य क ो पराकल ित वक या ह पर त व ह समझ स पर ह और उसक ी पणयत ा परम श व र क ब ा र म हम ारी सम झ और उसक लि ए हम ारी आरधना और उसक परव त हम ारी आजञाक ा र रत ा क लि ए ब हत अ ल धक बहत ही अ लधक महतव पणय ह

- डॉ ग ा रथ क ोक र रि

यह पहचानन क अमतररि मक ईश वरीय रहसटय असखय ह हम सदव ईश वरीय रहसटय क दसर महतवपणग पहल पर भी धयान दना चामहए ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क बहत सीममत कर दत ह जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह

ऐस कई मवमभनन तरीक ह चजनम ईश वरीय रहसटय परमश वर क बार म हमार जञान क सीममत कर दत ह परत इस अधयाय क चलए हम कवल द तरीक पर धयान दर एक ओर हमार पास परमश वर क बार म बहत ही सीममत जानकारी ह यदयमप परमश वर न सटपषट कर मदया ह मक उदधार और मसीह म जीवन क चलए आवशयक कया ह वासटतव म हमम स क ई भी परमश वर क बार म अचधक कछ नही समझता पहला कररसनथय 1312 हम बताता ह मक हम परमश वर का सतय कवल ldquoधधलाrdquo मदिाई दता ह जस मक हम ldquoएक दपगण मrdquo दि रह ह

इसचलए परमश वर की धमगचशिा क मवचार-मवमशग म असखय परशन उठ िड ह त ह चजनका ऐस ही परी तरह स उततर नही मदया जा सकता उदारण क चलए परमश वर बराई क कय अनममत दता ह वतगमान

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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घटनाओ म हम परमश वर क उददशय क कस समझ सकत ह बहत स धमगमवजञानी मवशषकर व ज सदहवामदय स मघर हए ह ऐसी कलपनाओ म रहत ह कय मक व यह सटवीकार नही कर सकत मक हमार पास ऐस परशन क उततर नही ह परत ईश वरीय रहसटय अकसर मसीह क मवश वासय गय अनयामयय क यह सटवीकार करन म अरवाई दत ह ldquoमझ नही पताrdquo जब बात परमश वर की धमगचशिा की आती ह तब यमद परमश वर न इस परकट नही मकया ह त हम इस जान नही सकत यह इतनी सरल बात ह

मसीह क मवश वासय गय अनयायी ह न क नात हम इस सचचाई स कभी भारना नही चामहए मक हमार पास परमश वर क बार म सीममत जानकारी ह वासटतव म पल दर पल इस तरह की सीममतता क सटमरण करना एक आशीष ह ईश वरीय रहसटय हम परमश वर पर भर सा रिन क मववश करत ह हम परमश वर क जञान क परापत करन क चलए अपनी सीममत य गयताओ पर मवश वास रिन की अपिा पमवतर आतमा की सवकाई क दवारा मपता और मसीह पर मनभगर ह ना चामहए

दसरी ओर ईश वरीय रहसटय का अथग यह भी ह मक मनषय कवल परमश वर क परकाशन क सीममत सटपषटीकरण ही परसटतत कर सकत ह हम इस बात पर बल दन म सही ह मक सतय क परमश वर का परकाशन सटवय म मवर धाभासी नही ह और हम परमश वर क परकाशन क बीच बहत स तामकग क सबध क दि सकत ह परत चाह हम सटवीकार कर या न कर ईश वरीय रहसटय न कवल इस बात क सीममत करत ह मक हमार पास परमश वर क बार म मकतनी जानकारी ह साथ ही व परमश वर न ज सटवय क बार म परकट मकया ह उसम स अचधकाश बात की तामकग क सबदधता क सटपषट करन की हमारी य गयता क भी सीममत कर दत ह

उदाहरण क चलए हम मतरएकता अथागत परमश वर एक ह और उसक तीन वयमितव ह का सपणग रप स तामकग क सटपषटीकरण नही द सकत हम इस वासटतमवकता क परतयक पहल क तामकग क रप स सटपषट नही कर सकत मक यीश पणग रप स परमश वर और मनषय द न ह हम परी तरह स यह सटपषट नही कर सकत मक परमश वर मनषय क मकरयाकलाप पर सपणग परभतव रिन क बाद भी हम हमार कायो क चलए कस चजममदार ठहराता ह सवोततम मसीही मवचारक न इन और इन जस अनय परशन क उततर दन का परयास मकयाह परत व सपणग और तामकग क सटपषटीकरण क परदान करन क मनकट आन म भी असिल रह ह

अततः परमश वर न सटवय क बार म ज कछ परकट मकया ह उसकी तामकग क सबदधता क सटपषट करन का परयास करना महतवपणग ह सकता ह परत हम इस तरह स मनधागररत नही करत ह मक कया सतय ह और कया झठ मकसी भी धमगवजञामनक दाव का सतय कवल इस बात पर मनभगर करता ह मक कया परमश वर न इस सामानय या मवशष परकाशन म परकट मकया ह या नही

ज ब धमय ववजञानी क हत ह वक परम श व र सम झ स पर ह त ो उनक कहन क ा अ थय यह हो त ा ह वक हम जो न शवर परा णी ह उ सक स पणय सार और अ ससतत व क ो समझ और ब झ नही सक त परम श व र क अ सी वम त हो न क क ा रण यह स भ ा व न ा ब हत ही कम ह व क हम उस उस उसक ी पणयता म समझ और ज ा न सक म उस स म रण क रत ा ह ज ो पौि स रो वम यो 1 1 3 3 -3 4 म कहत ा ह ज ब व ह परम शवर क अथ ा ह जञा न और ब ल ि क ब ा र म बा त क रता ह पर त वफर भी क यो व क उ सन हम पयायपत स व -परकट ीकरण परद ा न वक या ह इ सलि ए यह ववश वास म आन हत हम ा र ल ि ए पया यपत ह

- रव ह ि री को क रि

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ईश वरीय रहसटय क महतव क और अचधक रप स समझन क चलए हमन मलभत धारणा की ि ज की ह अब ईश वरीय रहसटय क उन मवमभनन परकार पर धयान दना सहायक ह रा ज उस समय मकरयासनवत ह त ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह

वभनन परका र हम रहसटय क द मवमभनन परकार क बीच अनतर कर सकत ह पहल परकार क हम ldquoअसटथाई रहसटयrdquo

कहर आइए दि मक ऐसा कहन स हमारा कया अथग ह अ सथाई असटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह ज एक मनचित अवचध तक मनषय स चछप

हए ह परत मिर व इमतहास म बाद म मकसी समय परकट मकए जात ह परमश वर सामानय परकाशन क दवारा अकसर उस परकट करता ह ज एक समय म रहसटयमयी था वह भौमतक ससार मानवीय ससटकमत अनय ल र या यहा तक मक हमार भीतर आए पररवतगन का परय र असटथाई रहसटय क परकट करन क चलए करता ह

मवशष परकाशन क साथ भी कछ ऐसा ही ह ता ह पमवतरशासटतर का धयान स मकया हआ अधययन दशागता ह मक परमश वर क बाद क परकाशन न उसक पहल क परकाशन का कभी मवर धाभास नही मकया ह परत यह भी सटपषट ह मक परमश वर न समय क साथ-साथ अपन बार म और अचधक परकट मकया ह मवशष परकाशन का परकटीकरण बाइबल क इमतहास की परतयक अवचध क दौरान हआ ह मनसटसदह ईश वरीय रहसटय का सबस नाटकीय परकटीकरण मसीह क मवशष परकाशन म हआ पौलस क मन म यही बात थी जब उसन इमिचसय 19 33 और 619 क चलिा इन पद म पौलस न मसीह म परमश वर क अनत उददशय क रहसटय क दशागया उसन सटपषट मकया मक यह रहसटय नए मनयम क परररत और भमवषयदविाओ क समय तक चछपाए रिा रया था

इसी कारण जब कभी हम परमश वर क बार म सीिन का परयास करत ह त हम परान मनयम म पाए जान वाल असटथाई रहसटय क सटपषट करन क चलए सदव नए मनयम क मवशष परकाशन की ि ज करनी चामहए

क ई ब ार हम िब द ldquo रहसयम यrdquo क ा परयोग परम श वर क ब ा र म ब ा त क रन क ल ि ए क रत ह क यो व क हम सम झ न ही पा त ह वक वह व ास तव म क या क र रहा ह द सरी ओर नया वन यम िब द ldquo रहसयमयrdquo क ा परयोग सा म ा नय रप म क रत ा ह ज ो व क यन ा नी िबद वम सट ीररयोन स आत ा ह - यह व ा स तव म समा न िब द ह - इ सक ा अ थय ह व क परम श व र दवा रा उ िार क ी अ नगरहक ारी योजन ा क ा परकट ीक रण ऐसी ब ात ह ल ज स हम अ पन आप स क भ ी सो च ही न ही पात अथ ा यत यह इस भाव म रहस य ह व क हम इ स कभ ी भ ी सम झ न ही पा त यवद परम श व र न इ स हम पर परक ट न वक या होत ा और इ सलि ए परम श व र अ पन वव िष परक ािन म अ पनी योजन ा क ो हम पर परक ट क रत ा ह और यही क ा रण ह वक आप िब द वम सट ीररयोन क ा परयोग इ व फल सयो और 1 क र रस नथ यो म होत ा हआ दख त ह यह ऐसा ह व क परम श व र धीर धी र अ पन परक ािन क ो परक ट क र रहा ह और हम वदख ा रहा ह वक क स उिार यहव द यो और अनयज ा व त यो द ो नो क ल ि ए ह और यह वक सी भ ी व यव ि क ल ि ए ह ज ो यी ि म सी ह क ो अ पन म सी ह क रप म स व ीक ा र क रग ा

- डॉ स म एि ि ाम रसन

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत नए मनयम क मवश वासी ह न क बावजद भी हम यह भी सटमरण रिना चामहए मक परमश वर न अभी तक परतयक असटथाई रहसटय क परकट नही मकया ह 1 कररसनथय 1312 म पौलस इस इस तरह स चलिता ह

इ स सम य म रा जञान अ धरा ह पर त उ स सम य ऐसी परी रीवत स पव हचा न ग ा (1 क र रस नथ यो 13 12 )

जब मसीह ममहमा म वापस आएरा कवल तभी वह परतयक असटथाई रहसटय क परकट कर दरा और हम परमश वर और उसक मारो क आज की अपिा कही अचधक परी तरह स समझ पाएर

जसा मक हम दि चक ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त हम कई असटथाई रहसटय का सामना करत ह परत बाइबल इस सटपषट कर दती ह मक जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह त हम सटथाई रहसटय क भी दिना ह ता ह

सथा ई सटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह चजनह मनषय कभी समझ नही पाएरा कय मक य सतय हमारी समझ स पर ह पारपररक धमगमवजञान म इस वासटतमवकता क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क रप म कहा जाता ह हम परमश वर क बार म कछ बात क समझ सकत ह जब वह उनह मानवीय रग प म परकट करता ह परत हम परमश वर क बार म मकसी भी बात क परी तरह स कभी नही समझ सकर हम इस मवचार क यशायाह 558-9 म सटपषट रप स अमभवयि पात ह जहा भमवषयदविा यशायाह यह चलिा ह

क यो वक यहोवा क हत ा ह म र ववचार और त म हा र ववचार एक सम ान न ही ह न तमहा री ग व त और म री ग व त एक सी ह क यो वक म री और तमहा री गवत म और म र और त म हा र सोच व व चा रो म आक ाि और परथवी क ा अ नतर ह (यिायाह 5 5 8 -9 )

इन पद म यशायाह न इसराएल क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क कारण उतपनन परमश वर क सटथाई रहसटय क सटमरण मदलाया

जब पववतर िासतर परम श व र क ो रहस यमयी क रप म द िायता ह त ो हम यह सव न ल ित क रना चावहए वक हम िब द ldquo रहसय rdquo क ो गित रप म न समझ ि जब म इ स स सा र क ी वस त ओ क रहस यम यी होन क बा र म सो चता ह त ो मझ िग त ा ह व क उ नक क छ ल छ प हए रहस य ह जो म झ वकसी सम य पर चवकत क र द ग ऐसी ब ात इ स व व षय म न ही ह ldquo रहसयम यीrdquo स हम ा रा अ थय यह ह वक परम श व र सम झ स पर ह हम ारा अ थय ह व क उ सक पा स ऐसा ज ी व न ह ज ो हमा री क ल पन ा स पर ह इसक ा अ थय यह ह वक उ सक ब ार म ऐसा कछ ह ल ज स हम परी री व त स समझ न ही सक त और म भ ी उ स सम झ न ही सक ता इ सक ा अथय ह वक यह म र रलचत ज ीव न स पर क ी ब ात ह वह म री सो च स वह बह त ब ड़ा ह इ सक ल ि ए लजस तकन ीक ी धमय व जञा व न क िबद का हम परयो ग क रत ह व ह ह ldquoअ न भवा त ी तrdquo परम श वर अ न भवात ीत ह वह हम ा र सोच-ववचार क ी सीम ा स पर ह और इ सी लि ए व ह आरा धन ा क यो गय ह इ सी लि ए वह म हान ह इ सी लि ए वह ऐसा ह ल ज सकी हम परि सा क रत ह

-डॉ ग री एम ब जय

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परम श व र म रहस य आ ल िक रप स उ सक ी इस परक वत क क ारण ह व क व ह क ौ न ह और उ सक अ सी वम त ब न ाम हम ा र सी वम त हो न हम ा री सी वम तता तथा उसक ी असीवमत सा म रथयय और समझ क क ा रण ह पर त सा थ ही यह व व िष रप स सव ि म उ सक उ दद शयो और योज न ा ओ स भ ी स ब ल धत ह परम श व र कयो इ सी त रीक स क ा यय क रता और उ स त रीक स क ा यय न ही क रत ा ह और म सो चत ा ह वक बहत ब ा र अ हक ा री म न ष यो क रप म हम यह सोचत ह वक हम परम श व र स ब हतर क ा यो क ो क रन ा ज ान त ह पर त परम श वर क रहस य म उ द ाह रण क लि ए व यवसथा वववरण 29 29 म यह इ सक ब ा र म पवव तर िास तर म ब ात क रत ा ह ग पत ब ात परम श व र क ी ही ह पर त जो बा त उ सन परक ट क ी ह उन म हम आन नद और उ त सव मन ा सक त ह और व हा एक ऐसा भ ा व ह ल ज सम हम स वी क ार कर सकत ह वक परम श व र न हम सब क छ न ही ब ता या ह उ सन अ पन ब ा र म हम सब कछ न ही बत ा या ह - व ह क स बत ा सक त ा ह और हम उ स क स सम झ सक त ह पर त सा थ ही उ सन हम वह सब भी न ही ब त ा या ह वक वह अ पन उ दद शयो और योज न ा ओ क ो क स परा क र रहा ह और परा न व न यम क अ ययब स ब हतर इ स क ोई न ही ज ान त ा जो इ स वव षय म परशनो का उतत र चा हत ा था वक परम श व र न इ न ब ात ो क ी अ नम वत क यो दी और परम श व र न उ स वह उतत र न ही वद या जो वह चाहत ा था परम श व र न उ स यह उ ततर व द या ldquoम ज ान त ा ह वक म क या क र रहा ह और एक भाव म म री यो ज न ा म एक रहस य ह ल ज स क वि म ही परी त रह स सपि क र सक त ा ह और अ तत ः त सम य क अ त म दख गा जब सब कछ अ चा नक स और परी त रह स अ थय पणय हो ग ा rdquo

-रव ह डॉ ि ईस व व क ि र

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस शिला का जब हम आरभ करत ह त हम सदव यह याद रिना चामहए मक यदयमप परमश वर न सटवय क सामानय और मवशष द न परकार क परकाशन म परकट मकया ह मिर भी उसन हमस सटथाई और असटथाई द न परकार क रहसटय क चछपाए रिा ह हम इस वासटतमवकता स ऐसी ही बच नही सकत मक हम कवल रचचत पराणी ही ह चजनकी परमश वर क मवषय म समझ सदव बहत ही सीममत ह

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस अधयाय म अब तक हमन ऐस कछ तरीक क दिा ह चजनम ईश वरीय परकाशन और रहसटय परमश वर मवजञान क अधययन क आकार दत ह अब हम अपन दसर मखय मवषय की ओर मडन क चलए तयार ह परमश वर की मवशषताए और उसक कायग य मवषय उन द पराथममक तरीक क परसटतत करत ह चजनक दवारा पारपररक धमगमवजञामनय न परमश वर क बार म हमार जञान क साररमभगत मकया ह

गण औ र क ायय

परमश वर क रण और कायो क अमतररि मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर परमश वर मवजञान म मतरएकता क धमगचशिा क ऊपर भी बहत अचधक धयान कसनित मकया ह हमन पमवतर मतरएकता क ऊपर कझ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सीमा तक परररत का मवश वासवचन क ऊपर हमारी शिला म वातागलाप मकया ह इस शिला म हम इन द अनय मखय मवषय क ऊपर धयान कसनित करर

उततर ततर अधयाय म हम परमश वर क रण और कायो क ऊपर कई मवशषताओ की ि ज करर परत इस समय हम यहा पर कवल एक ही अवधारणा का पररचय दर परथम हम ईश वरीय रण या परमश वर कौन ह क ऊपर धयान दर और दसरा हम ईश वरीय कायो की ओर मडर या परमश वर कया करता ह आइए परमश वर क ईश वरीय रण स आरभ कर

ईश वरीय ग ण ईश वरीय रण क मवषय का पररचय द चरण म कराना सहायतापणग ह रा हम परमश वर क रण की

मल धारणा स आरभ करर तब हम ईश वरीय रण क परकार की जाच करर ज मक अकसर मवचधवत धमगमवजञान म मभनन रप म पहचान रए ह इसचलए ईश वरीय रण की मल धारणा कया हॽ

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश मसीमहय क यह पछना ह मक परमश वर क कया रण हॽ त ह सकता ह मक

कदाचचत वह यह कह मक परमश वर क रण व सारी य गयताए या चाररमतरक रण ह चजनह पमवतरशासटतर परमश वर स ससमबसनधत करता ह ठीक ह यह दमषटक ण तब तक सही ह जब तक यह इस माना जाता रह परत पारपररक धमगमवजञान म वाकयाश परमश वर क रण कछ मवशष बात की सकत दता ह

मवचधवत धमगमवजञान म ईश वरीय रण

परम श व र क सा र क ी पणयत ा ए वव व भ नन त रह क ऐवत हा लसक परगट ी क रणो क दव ा रा परक ट क ी गई ह

यह पररभाषा द पराथममक तथय क उजारर करती ह ज मक परमश वर क रण क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग क चचमतरत करती ह परथम सटथान पर परमश वर क रण परमश वर क सार की पणगताए ह आधमनक ससमाचारवादी अकसर परमश वर क सार की ओर सकत नही करत ह इसचलए इस धारणा की ि ज करनी सहायतापणग ह रा

शबद सार क साथ आरभ करत हए ज मक लमटन शबद इशसनसया क अनवाद का अथग सार या अससटततव क रप म करता ह लमटन धमगमवजञान म परमश वर का सार मनकट घमनषठता क साथ शबद सबसटसनसया या ततव क साथ समबदध ह धमागधयिीय और मधयकालीन धमगमवजञामनय न इन शबद क नव-अिलातनवाद और अरसटत क दाशगमनक मवचार स अपनाया था अब पलट और अरसटत क दमषटक ण म सार का मवचार मवमभनन तरह स पाया जाता ह और सार की धारणा क सबध म कई महतवपणग जमटलताए आधमनक दशगनशासटतर म उठ िडी हई ह परत आतमसात करन क चलए यह मल मवचार कमठन नही ह

सरल शबद म मकसी वसटत का सार अससटततव या ततव एक न पररवमतगत ह न वाली वासटतमवकता ह ती ह ज इसक सभी बाहरी सटवरप पररवमतगत ह त पररटीकरण की पषठभमम म ह ती ह मसीही धमगमवजञामनय न सार क इसी मवचार स अपन अधययन क आधाररत मकया ह जब उनह न परमश वर क रण और पणगताओ क ऊपर मवचार मवमशग मकया

सामानय रप म परमश वर क सार म चार महतवपणग मभननताए ससममचलत ह परमश वर का सार परमश वर सटवय कया ह परमश वर की पणगताए या रण परमश वर क सार की य गयताए परमश वर का

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 3: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

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ववषय -वसत पररचय 1

परकाि न और र हसय 1

ईश व रीय परक ािन 2

मलभत अवधारणा 2

मवमभनन परकार 4

ईश व रीय रहसय 9

मलभत धारणा 9

मभनन परकार 13

ग ण और कायय 15

ईश व रीय गण 16

मलभत धारणा 16

मभनन परकार 20

ईश व रीय क ा यय 22

मलभत धारणा 22

मभनन परकार 25

उपस हार 27

हम परमश वर पर मवशवास करत ह अधयाय एक

हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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पररचय

ldquoपरमश वर क जाननrdquo का अथग अलर-अलर ल र क चलए अलर-अलर ह ता ह mdash अथागत परमश वर क साथ वयमिरत घमनषठता का अनभव करन स लकर उसक सामथी कायो क दिन उसक बार म उन तथय क समझन तक ज पमवतर आतमा न परकट मकए ह हमम स अचधकाश यह समझत ह मक परमश वर क साथ वयमिरत सबध रिना और उस ससार म कायग करत हए दिना महतवपणग ह परत दिद रप स हमम स अचधकाश यह नही भापत मक परमश वर क बार म अचधक स अचधक तथय क जानना भी उतना ही महतवपणग ह और यह क ई अजबा नही ह पारपररक मवचधवत धमगमवजञानी अकसर चजस ldquoपरमश वर की धमगचशिाrdquo या ldquoपरमश वर मवजञानrdquo कहत ह उसका अधययन करना इतना जमटल ह मक इस समझन क चलए कािी परयास करना पडता ह परत यह चजतना भी कमठन ह चजतना अचधक हम परमश वर क बार म सीित ह उतना ही अचधक हमारा वयमिरत सबध उसक साथ बढ़ता जाता ह और चजतन अचधक तथय हम उसक बार म जान जात ह इस ससार म उसक कायग क बार उतनी ही अचधक हमारी जाररकता भी बढ़ती जाती ह वासटतव म परमश वर क बार म अचधक स अचधक सीिना हमार मसीही मवश वास क परतयक पहल क शमिशाली बनाता ह

यह हमारी शिला हम परमश वर पर मवश वास करत ह का पहला अधयाय ह यह वह शिला ह चजस हमन परमश वर मवजञान या सटवय परमश वर क अधययन क चलए सममपगत मकया ह हमन इस अधयाय का शीषगक मदया ह ldquoहम परमश वर क बार म कया जानत हrdquo इस अधयाय म हम यह बताएर मक ससमाचाररक मवचधवत धमगमवजञामनय न इस मवषय स सबचधत सबस मलभत मवषय क कस दिा मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह

हम परमश वर क बार म कया जानत ह पर आधाररत यह पररचयातमक अधयाय बमनयादी मवषय क द ज ड पर धयान दरा पहला हम परमश वर क परकाशन और रहसटय अथागत परमश वर न अपन बार म कया परकट मकया ह और कया रपत रिा ह का अधययन करर और दसरा हम परमश वर की मवशषताओ और उसक कायो ज परमश वर की धमगचशिा क पारपररक अधययन क द मखय मवषय ह की जाच करर आइए पहल परमश वर क परकाशन और रहसटय क दि

परक ािन औ र रहसय

सरल रप म बतान क चलए हम परमश वर क परकाशन और रहसटय का अधययन अलर-अलर करर हम ईश वरीय परकाशन स आरभ करर और मिर हम ईश वरीय रहसटय की ओर मडर आइए हम इसक साथ आरभ कर मक मसीही मनषयजामत क समि परमश वर क परकाशन या सटव-परकटीकरण क मवषय म कया मवश वास करत ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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चलचचतर अधययन मारगदरशगका एव कई अनय ससाधनो क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

ईश वरीय परकािन जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त ईश वरीय परकाशन स बढ़कर मकसी और

बमनयादी मवषय की कलपना करना कमठन ह रा परमश वर न अपन मवषय म कया परकट मकया ह उसन यह कस मकया ह इन परशन क हमार उततर न परमश वर मवजञान क परतयक पहल क सवयवससटथत कर मदया

हम ईश वरीय परकाशन क मवचार का पररचय द रप म दर पहला हम परकाशन की मलभत मसीही अवधारणा का पररचय दर और दसरा हम परकाशन क द मखय परकार क दिर चजनह हम तब धयान म रिना चामहए जब हम परमश वर क बार म सीित ह त मिर ईश वरीय परकाशन की मलभत अवधारणा कया ह

मि भत अवधारण ा अपन उददशय क चलए हम ईश वरीय परकाशन की मलभत मसीही अवधारणा क इस परकार साररमभगत

कर सकत ह

परम श व र क ा सव -परकट ीक रण सद व म ा नव ी य स द भ ो म वद या ज ा त ा ह और मसी ह म स पणयत ा क सा थ वद या ज ा त ा ह

इस तथय क साथ आरभ करत हए इस अवधारणा क द पहलओ पर परकाश रालना आवशयक ह मक परमश वर न सदव सटवय क मानवीय सदभो म परकट मकया ह

म रा मा न ना ह वक ब ा इब ि क परम श व र क ब ा र म सब स अ दभत ब ात जो व ा सत व म क वि बा इब ि क परम श व र क व व षय म ही पाई जाती ह यह ह व क व ह अ पन ी सभी अ व णयन ीय व व िषत ा ओ या इ न अ सीम वव िषत ा ओ ज स सवोचचता और अ न त त ा और अ सी वम तत ा क ो ऐस रल चत परा लणयो क स ब ध म ब न ा ए रख ता ह ज ो न शवर सीवमत और इ व त हास म ह और हम बता या ग या ह वक वह म हान lsquo म ह rsquo रलचत परा ल णयो क सा थ स ब ध स थ ा व पत क रन क ल ि ए सम य स था न और म ा नव ी य इ वत हा स म परव ि क रत ा ह और और उन क सा थ उ नक सतर पर स ब ध स थ ाव पत क रत ा ह इ सका अथय यह न ही ह व क वह अ पन सवय जञा न ी अ सी वम त अ न त स वभाव क ो त याग दत ा ह पर त वह उ नक साथ उसी सत र पर स ब ध ब नात ा ह जहा व हो त ह िग भ ग व स ही ज स हम एक छ ो ट ब चच क सा थ क रत ह और उ नस उ सी सत र पर ब ात क रत ा ह म अ पन ी रसोई म ज ात ा ह और हर तरफ आट ा वब ख रा हआ पा त ा ह और कहत ा ह ldquo वपरय क या आट क सा थ क छ हआ ह rdquo इ सल ि ए न ही वक म न ही ज ा नत ा वक आट क सा थ क या कछ हआ ह पर त म अ पन ब चचो क साथ उसी स त र पर एक स ब ध बन ा रहा ह ज हा व ह और परम श व र अ पन अ नगर ह म हमार ल ि ए यही क रत ा ह परम श व र क ी अ दभ त क पािता ऐस त रीक स हम ा र सा थ स ब ध ब न ान म म ा गय द िय न क रत ी ह वक कई ब ार ऐसा ि गता ह व क व ह अ पन ी कछ असी म अ न त व व िषत ा ओ क सा थ समझौ त ा क र रहा हो पर त ऐसा व बल कि नही ह परम श वर तो ब स हम ा र सा थ हम ा र स तर पर स ब ध बन ा रहा ह क यो वक व ह हम स उत न ा अ ल धक परम क रता ह

- डॉ क ऐर रक थ ोन स

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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हम सब जानत ह मक हम परमश वर का अधययन वस नही कर सकत जस हम परमतमदन क जीवन की अनय बहत सी बात का करत ह हम उसकी उचाई और उसक भार क नाप नही सकत या उस परिनली म रालकर जाच नही सकत इसक मवपरीत परमश वर अनभव स इतना पर ह हमस बहत दर ह मक वह कवल इस एक वासटतमवकता मबना चछपा रहरा और वह वासटतमवकता यह ह मक पमवतर आतमा न उस मानवीय सदभो म परकट मकया ह मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर इस परकाशन क मानवरपी चररतर क रप म सब चधत मकया ह दसर शबद म परमश वर न सटवय क मानवीय रप म परकट मकया ह या ऐस रप म परकट मकया ह मक मनषय समझ सक

पमवतरशासटतर म परमश वर क कम स कम चार परकार क मानवरपी परकाशन मदए हए ह सबस सचिपत भाव म पमवतरशासटतर अकसर परमश वर की मवशषताओ की तलना मानवीय मवशषताओ क साथ करता ह बाइबल क असखय अनचछद परमश वर क मवषय म ऐस बात करत ह जस मक उसक आि कान नाक हाथ पाव और पर ह परमश वर तकग -मवतकग भी करता ह परशन पछता ह दसर स मवचार-मवमशग करता ह भावनाओ क महसस करता ह और चचतन करता ह वह कायगवाही करता ह और नरम भी पड जाता ह जस मक आप और म करत ह परत सपणग पमवतरशासटतर यह सटपषट करता ह मक इस तरह क मानवरपी ईशवरवाद क रपक अथागत परमश वर और मनषय क बीच की तलना क रप म ही चलया जाना चामहए परमश वर क पास ल र क समान भौमतक आि या हाथ नही ह परत मिर भी हम जानत ह मक वह हर समय दिता ह और कायो क परा करता ह

थ ड स बड भाव म पमवतरशासटतर परमश वर क मानवीय सामाचजक सरचनाओ क सदभो म भी मानवरपी भाव म परसटतत करता ह उदाहरण क चलए बाइबल बारबार परमश वर क समषट क सवोचच राजा क रप म परदचशगत करता ह वह सटवरग क चसहासन पर मवराजमान ह मतरणा करता ह कायो का लिाज िा लता ह घ षणाए करता ह सदशवाहक क भजता ह और आराधना सटवीकार करता ह वस ही जस बाइबल क समय म माववीय समराट मकया करत थ

ऐस ही भाव म पमवतरशासटतर परमश वर क इसराएल क राजकीय य दधा वयवसटथा क दन वाल वाचा क सटथामपत करन वाल और वाचा क परा करन वाल क रप म दशागता ह वह अपन ल र का राजकीय चरवाहा और राजकीय पमत और मपता ह एक बार मिर स परमश वर क मवषय म य परकाशन हम बतात ह मक कछ रप म परमश वर मनषय क जसा ह वह ऐस रप म राजय करता ह ज उन रप क समान ह चजनम पराचीन ससार क मानवीय राजाओ न राजय मकया था

और अचधक मवसटतत रप म हम कह सकत ह मक इमतहास म परमश वर क दशय परकटीकरण भी मानवरपी ह बाइबल ऐस कई समय का वणगन करती ह जब परमश वर दशय रप म इस ससार म परकट हआ - चजस हम अकसर ldquoईशदशगनrdquo कहत ह सबस नाटकीय ईशदशगन न परमश वर क भौमतक धए और आर क साथ और ममहमा क उसक दशय सटवरीय बादल क दशगन क साथ ज डा अब कलससटसय 125 और 1 तीमचथयस 117 जस अनचछद हम बतात ह मक परमश वर सटवय अदशय ह अतः परमश वर क य दशय परकटीकरण भी इस भाव म मानवरपी ह मक य परमश वर क वस परसटतत नही करत ह जस वह सटवय क जानता ह इसकी अपिा व परमश वर क ऐस रप म परसटतत करत ह मक चजनम मनषय अपनी चसममत िमताओ म उसका अनभव कर सकत ह

अततः सबस मवसटतत भाव म पमवतरशासटतर परमश वर क तब भी मानवीय अथग म परकट करता ह जब वह उसकी असटपषट य गयताओ क दशागता ह बाइबल अकसर परमश वर क नयायी पमवतर सामथी इतयामद क रप म सब चधत करता ह परत बाइबल क लिक न मानवीय आधार पर परमश वर क इन असटपषट मववरण क सटपषट मकया ऐस रप म चजनह हम समझ सकत ह अतः यह कहना सही ह रा मकसी न मकसी तरह स

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सपणग ईश वरीय परकाशन मानवरपी ह परमश वर न मनषयजामत क समि अपन मवषय म सचचाइय क परकट मकया ह परत सदव ऐस रप म ज हमारी मानवीय सीममतताओ क अनसार ह

यह धयान म रित हए मक पमवतर आतमा न सदव परमश वर क मानवीय सदभो म हम पर परकट मकया ह आइए हम ईश वरीय परकाशन की दसरी मल मवशषता क दि परमश वर न सटवय क सबस सपणग रप म मसीह म परकट मकया ह

मनचित रप स मसीही मवश वास म सटवय मसीह स बढ़कर और कछ भी अचधक महतवपणग नही ह कवल वही हमारा उदधारकताग और हमारा परभ ह और वह मनषयजामत क परमत परमश वर का अपना सवोचच परकाशन ह अब मसीही क अनयायी ह न क नात हम यह मानत ह मक परमश वर न बाइबल क इमतहास म सटवय क कई तरह स परकट मकया ह परत कलससटसय 115 जस अनचछद हम बतात ह मक मानवीय सदभो म यीश ही परमश वर का अपना परम परकटीकरण ह यीश परमश वर का दहधारी अनत पतर ह चसदध मानवीय सटवरप और परमश वर का परमतमनचध ह और इसी कारण परमश वर क मवषय म चजन बात पर हम मवश वास करत ह व यीश म परमश वर क सवोचच परकाशन अथागत उसकी चशिाओ और उसक जीवन मतय पनरतथान सटवरागर हण और ममहमामय पनरारमन क महतव अनसार ह नी चामहए

ईश वरीय परकाशन की इस मलभत अवधारणा क धयान म रित हए हम परमश वर की ओर स आन वाल मवमभनन परकार क परकाशन पर धयान दन क दवारा परमश वर क सटव-परकटीकरण क दिना चामहए

वववभनन परका र जसा मक हमन कहा ह परमश वर का सवोचच परकाशन यीश ह परत नए मनयम क मववरण म यीश न

यह सटपषट मकया मक वह परमश वर का एकमातर सटव-परकटीकरण ह इसकी अपिा उसन पमषट की ह मक परमश वर न सटवय क मवमभनन तरीक स परकट मकया ह

सब स पहि हम परम श वर को त ब त क न ही ज ा न सकत ह जब तक वह सव य क ो हम पर परक ट न ही क रत ा और व ह ऐसा कई त री क ो स करत ा ह सवि और उ सक अ दभ त क ायो क दवा रा भ ी जब हम अ पन चा रो ओर द खत ह व ह सवय क ो द सर ि ो ग ो क सा थ हम ा र स ब धो म परकट क रत ा ह जो हम व ब ात बत ा त ह ज ो उ नहो न परम श व र क ब ा र म सीख ी ह हम परम श व र स इ स परक ा िन क ो क ई स त रो म परा पत क रत ह व न स स द ह म सीवह यो क लि ए सब स म हत व पणय यह ह व क परम श व र न हमा र सम कष स व य क ो अ पन पव वतर व चन म परक ट वक या ह इ स क ा रण हम हम ा र चारो ओर द खत ह और हम पात ह वक परम श व र न हम पर सव य क ो परक ट वक या ह हम ज ा नत ह व क उ सक ा अ स सत तव ह और वफर व ह अ पन ल िष यो क दव ा रा और आज तक अ पन पव व तर व चन क दव ा रा हम स वय क बा र म बत ा त ा ह

- डॉ ज फरी म र

मवचधवत धमगमवजञान अकसर परमश वर क परकाशन क द परकार क पहचानता ह चजनह सटवय यीश न सटवीकार मकया था पहल परकार क अकसर सामानय परकाशन या सटवाभामवक परकाशन कहा जाता ह

साम ानय परकािन सरल शबद म कह त सामानय परकाशन बाइबल की उस चशिा क दशागता ह चजसम परमश वर न समषट क हर अनभव क दवारा सटवय क मनषय पर परकट मकया परान मनयम क कई अनचछद जस भजन 19 क समरप सटवय यीश न सामानय परकाशन स बारबार धमगवजञामनक अथो क परापत

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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मकया उसन परमश वर क बार म चशिा दन क चलए अकसर परकमत और सामानय मानवीय रमतमवचधओ जस िती-बाडी और मछली पकडन क कायो का परय र मकया वासटतव म उसन बार-बार अपन चशषय क परररत मकया मक व अपन भीतर और चार ओर यह पहचानन क चलए दि मक व अपन जीवन क अनभव स परमश वर क बार म कया सीि सकत थ

हम परररत क काम 1417 और 1728 जस सटथान म ऐसी ही समान बात क दित ह इन पद म परररत पौलस न मसीह क उदाहरण का अनसरण मकया और सामानय परकाशन क लार मकया यहा उसन अनयजामतय क ल र का धयान उस ओर लराया ज व परकमत पर चचतन करन और यनानी कावय क दवारा परमश वर क बार म जानत थ

र ममय 1 और 2 पमवतरशासटतर म सामानय परकाशन का सबस वयापक सटपषटीकरण करता ह य अधयाय सकारातमक और नकारातमक द न दमषटक ण की ओर धयान आकमषगत करत ह चजनह हम तब धयान म रिना चामहए जब हम परमश वर मवजञान की ि ज करत ह सकारातमक रप स र ममय 1 और 2 चसिात ह मक हम परमश वर की समषट म जीवन क अनभव स परमश वर क बार म बहत सी बात सीि सकत ह समनए र ममय 120 म परररत पौलस न कया कहा ह

उ सक अन दख गण अ थ ा यत उसक ी सनातन साम रथयय और परम श व रत व जगत क ी ससष ट क सम य स उ सक क ाम ो क दवारा दख न म आत ह (रो व मयो 12 0 )

जब हम इन अधयाय क धयान स दित ह त हम पात ह मक ldquoजरत की समषटrdquo पराकमतक वयवसटथा स बढ़कर ह पौलस क मन म भी वही था ज हम मानवीय ससटकमत सटवय मनषय और हमार वयमिरत आतररक जीवन अथागत हमार नमतक मववक अतजञागन पवागभास आमद स परमश वर क बार म सीित ह

म रा वव चा र ह व क सा म ा नय परका िन व ास तव म म हत व पणय धमय व जञा व नक अ व धारणा ह पहि ा कारण क यो वक यह व ह ब ा त ह ल जसक ा इ नक ा र न ही वक या जा सक ता हम सब इ स स सार म रहत ह चा ह हम म सीही हो या न हो हम सब परम श व र दव ा रा रच इस स सा र म रहत ह अब चा ह एक ग र -म सीही ववश वा सी यह म ान या न म ा न वह द सरी ब ा त ह पर त ल जस हम ldquoसाम ानय परक ािनrdquo क हत ह व ह सव ि म हम ा र चा रो ओर वद ख ाई दन वा ि ी ब ात ह हम सव ि क ो द खन क दव ा रा ही ऐसी ब हत सी ब ा तो को दख सक त ह वक परम श व र क ौ न ह हम वा स तव वक त ा क क ा रण यह द खत ह व क हम ा र पा स एक साम रथयय िाि ी परम श वर ह क यो व क उ सन गर हो और ल सत ा रो और च दर मा क ी रचना की ह हमा र पा स एक ऐसा परम श वर ह जो स दर ता क ो पस द क रत ा ह और ज ो ब ा त स द र परक वत क ी होती ह व उ सक लि ए महतव रख त ी ह हम इस ज ान व रो व कषो और सयायसत म दख त ह हम एक िर म परम श व र क व भ व को द खत ह हम उसक चररतर क ो वही पा त ह ज हा हम द खत ह अ ब यह ब हत ही महत व पणय हो सकत ा ह व व िषक र सस मा चा र परचा र क द व िक ो ण स क यो वक हम कही पर एक आर व भक वब द क ी आव शयकत ा ह और सा म ानय परक ा िन हम वह आर वभ क व ब द द ता ह हम स सा र क बा र म कछ ब ा त ो क ो ज ा नत ह ल ज सम हम रहत ह और इसलि ए हम ा र चा रो ओर द ख न क दव ा रा उ स परम श व र क ब ा र म भ ी ज ा नत ह ल ज सन इ स स सा र क ो रचा ह

- रव ह र रक रो डवहव र

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समदय स सामानय परकाशन क परमत इस सकारातमक दमषटक ण न ldquoपराकमतक धमगमवजञानrdquo क रप म परमश वर क धमगचशिा म एक महतवपणग भममका अदा की ह पराकमतक धमगमवजञान सामानय परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म जानन का एक मनरतर परयास ह मसीह क अनयामयय न सदव यह सटवीकार मकया ह मक हम पराकमतक धमगमवजञान क माधयम स परमश वर क बार म बहत कछ सीि सकत ह और कछक अपवाद क साथ परमश वर की धमगचशिा पर औपचाररक धमगवजञामनक चचतन न कलीचसया की लरभर परतयक शािा म पराकमतक धमगमवजञान क ससममचलत कर मदया ह

असल म मधयकालीन अवचध क दौरान अगरणी मवदवतावादी धमगमवजञामनय न पराकमतक धमगमवजञान का अनसरण करन क चलए वासटतव म एक औपचाररक मतर-रपी रणनीमत की रचना की पहला उनह न ldquoकरणीय सबध का तरीकाrdquo लमटन म वाया कौजाचलटामटस क बार म बात की इसस उनका अथग था मक हम समषट म उन अचछी बात क दिन क दवारा परमश वर क बार म सतय क सीि सकत ह चजनह परमश वर न रचा ह या वह उनकी ldquoरचना का कारण बनाrdquo ह उदाहरण क चलए हम दि सकत ह मक परमश वर न इस ससार म सदरता और करम-वयवसटथा की रचना अतः हम कह सकत ह मक परमश वर सटवय भी सदर और वयवससटथत ह रा

दसरा मवदवतावादी धमगमवजञामनय न ldquoमनषध क तरीकrdquo लमटन म वाया मनराशमनस क बार म भी बात की इसस उनका अथग था मक हम परमश वर क समषट की सीममतताओ और कममय क मवपरीत दशागन क दवारा परमश वर क मवषय म सतय क परमाचणत कर सकत ह उदाहरण क चलए समषट समय म सीममत ह परत परमश वर अनत ह समषट सटथान म सीममत ह परत परमश वर असीममत ह

और तीसरा मधयकालीन मवदवतावादी धमगमवजञामनय न ldquoशषठता क तरीकrdquo लमटन म वाया एमीननमटआए क बार म भी बात की इसस उनका अथग था मक हम इस बात पर धयान दन क दवारा सामानय परकाशन स परमश वर क मवषय म सतय क परमाचणत कर सकत ह मक कस परमश वर सदव उन वसटतओ स शषठ ह चजसकी उसन रचना की ह उदाहरण क चलए परकमत की शमि परमश वर क सवोचच सामथयग म मवश वास करन म हमारा मारगदशगन करती ह मानवीय बौचदधक य गयताए परमश वर की अतलय बचदध की ओर हम अगरसर करती ह

अचधकतर ससमाचाररक ल र आजकल ऐस कठ र तरीक का अनसरण नही करत ह परत पराकमतक धमगमवजञान परमश वर मवजञान म मखय भममका अदा करना मनरतर जारी रिती ह यीश न अपन चल क चसिाया मक परमश वर न समषट क परमत हमार अनभव क परतयक पहल की रचना अपन बार म बात क परकट करन क चलए की ह और मसीह क मवश वासय गय ल र क रप म हम सामानय परकाशन क माधयम स उन सब बात क ि जना चामहए चजनह हम परमश वर क बार म सीि सकत ह

सामानय परकाशन और पराकमतक धमगमवजञान क परमत य सकारातमक दमषटक ण परमश वर मवजञान क मकसी भी अधययन क चलए महतवपणग ह परत हम इस पर भी धयान दना आवशयक ह मक कस र ममय क पहल द अधयाय कछ महतवपणग नकारातमक दमषटक ण भी परसटतत करत ह र ममय 118 म पौलस न तब सामानय परकाशन क परमत अचधक नकारातमक दमषटक ण पर बल मदया जब उसन यह चलिा

परम श व र क ा कर ोध त ो उ न ि ो गो क ी सब अ भवि और अधमय पर स व गय स परगट होत ा ह ज ो सत य को अधमय स दब ाए रख त ह (रो व मयो 1 1 8 )

इस पद म पौलस न सटपषट मकया मक सामानय परकाशन उसकी दया और उदधार की अपिा ldquoपरमश वर का कर धrdquo परकट करता ह और यह सतय ह कय मक अचधकतर पापी ल र सामानय परकाशन क ldquoसतय क अधमग स दबाए रित हrdquo वासटतव म र ममय 125 क अनसार

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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[पा व पयो न] परम श वर की सचचाई क ो बद िक र झठ ब ना डाि ा (रो वम यो 1 15 )

सटवय यीश न समय-समय पर दशागया मक पापपणग मनषय मनरनतर अपन जीवन क अनभव स परमश वर क मवषय म उन बात क सीिन म असिल हए ज उनह सीिनी चामहए थी जस मक यीश और पौलस द न न बताया पापपणग ल र म समषट क माधयम स परमश वर दवारा परकट बात क मवषय म सटवय स और दसर स झठ ब लन की परवमतत ह ती ह

म इ स ब ा र म ब हत अल धक सचत रहन ा चा ह ग ा वक हम पराक वतक धमय वव जञा न क ि बि या उ सक ी शरणी स परम श व र ब ार म कया सीख त ह म रोव म यो 1 2 0 ज स क थन ो पर आल शरत हो न ा चा ह ग ा ज ो वक उसक ी व भ वत ा उस क सा म रथयय क बा र म ब ात क रत ह म सो चता ह वक यह व ब ा त ह ल ज न पर आप उ स स द भय म आलशरत सकत ह जो आप सी ख ना चा हत ह पर त म त र त ही यह भी कहन ा चाह ग ा वक उ ल चत द वि क ो ण क ो परापत क रन क लि ए हम व व िष परक ािन क ी बहत आव शयकत ा ह इसल ि ए आपक ो म न ष य क त कय -व व तय क क ो ज ा चन क लि ए वव िष परक ा िन की आव शयकत ा ह म रा क हन ा ह वक व फर चाह यह स वा यतत हो या सव त तर म ानव ीय तकय -व वतय क कयो वक रलचत कषतर कछ ब ा त ो क ो उत पनन क रत ा ह लज नह स दह क रप म भ ी पढा और समझा जा सक त ा ह परभ यी ि म सीह क ी व ा स तव वक त ा क ा वव िष परका िन इ स उ ल चत रप म परा क रता ह वक परम श व र क ौन ह हम ार तकय -व वतय क क ो उसक अ न सार रख न क लि ए उसक व चन क पराम िय क ी ब हत अ लधक आव शयक त ा ह

- डॉ बर स एि फ़ीलस

परम श व र क ी सवि हम क ई ब ात ल सख ा त ी ह सब स मि भत ब ात यह व न सस द ह हम यह लसख ात ी ह वक व ह सव ो चच सव िक त ा य ह परम श व र व ह ह ज ो सब व सत ओ क ो िनय स उ त पनन क रत ा ह अतः यह हम उ सक ी सा म रथयय क ब ा र म भी लसख ाती ह रोव म यो 1 क अ न सा र यह हम उसक ी धाव मय कत ा क ब ा र म लसख ा ती ह हम रो वम यो 1 म पा त ह वक सब मन ष य ज ा नत ह व क परम श व र ह व क उ सक ी आराधन ा क ी जा न ी चाव हए और सब ि ो ग ो क पास परम श व र की धा व मय क ता और पववतर ता का ब ो ध ह पा पी म न षयो क रप म हम उस दब ा द त ह हम उ स अ नद ख ा क रन क ा परयास क रत ह अतः सवि हम लसख ाती ह वक परम श व र सव ि कत ा य ह वह साम थी ह और व ह धमी ह पापी म न ष यो क रप म हम उ न ब ात ो क ा इनकार क रन और उ नह दब ा न क ा परयास क रत ह अ तः परम श व र क ब ा र म जो ब ात सव ि न ही ल सखा त ी व ह यह ह वक हम उ सक सा थ सही स ब ध क स ब न ा ए सवि व ब ात ल सख ात ी ह ज ो म न यहा द िा यई ह पर त यह हम परम श व र क अ न गरह और परभ यीि म सीह म द या क वव षय म न ही ल सख ात ी इ सक ल ि ए परभ यी ि म सीह म उ सक क ा यो पर उ सस स ब लधत परक परक ािन क ा होना आव शयक ह

- डॉ क ािय आर टर म न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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चलचचतर अधययन मारगदरशगका एव कई अनय ससाधनो क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

सामानय परकाशन क परमत य नकारातमक दमषटक ण पराकमतक धमगमवजञान पर बहत अचधक मनभगर रहन क मवषय म एक कडी चतावनी क उतपनन करत ह पराकमतक धमगमवजञान तरमटरमहत नही ह कय मक पाप न समषट स परापत हमार अनभव स परमश वर क मवषय म सीिन की हमारी िमता क भरषट कर मदया ह रभीर मसीही धमगमवजञामनय क सवोततम परयास क बावजद भी पराकमतक धमगमवजञान न मनरनतर सामानय परकाशन का रलत अथग मनकाला ह और परमश वर क परमत हमारी अवधारणा म ममथया बात क राला ह

उदाहरण क चलए धमागधयिीय और मधयकालीन अवचधय क दौरान अनयजामत क यनानी रहसटयवाद न बहत स ल र क इस बात का इनकार करन क परररत मकया मक मनषय परमश वर क बार म कछ जान सकता ह अठारहवी शताबदी म परकमत की वयवसटथा क परमत रलत समझ न कई धमगमवजञामनय क परब धन दववाद अथागत ऐसा मवश वास मक परमश वर इस ससार की रमतमवचधय म ससममचलत नही ह का समथगन क परररत मकया हाल ही समदय म जीवमवजञान क मवजञानीय अधययन न ल र क समषटकताग क रप म परमश वर क बाइबल क चचतरण का इनकार करन क परररत मकया ह परतयक पडाव पर मनषय क हदय की भरषटता न सामानय परकाशन म परमश वर क बार म परकट सतय क ि दन म धमगमवजञामनय क परररत मकया ह

मनसटसदह पराकमतक धमगमवजञान क परमत य नकारातमक दमषटक ण एक मलभत परशन की ओर अरवाई करत ह यमद पाप सामानय परकाशन क परमत हमारी जाररकता क भरषट करता ह त हम परमश वर क बार म सतय क कस जान सकत ह

इस परशन का उततर दन क चलए हम ईश वरीय परकाशन क दसर मखय परकार क दिर सामानय परकाशन क अमतररि यीश न यह भी चसिाया मक परमश वर न हम मवशष या सटीक परकाशन मदया ह

व व िष परक ािन वयापक रप म कह त मवशष परकाशन अलौमकक माधयम क दवारा परमश वर का सटव-परकटीकरण ह पमवतर आतमा न सटवपन दशगन वाचणय और उदधार तथा दर क बड कायो क दवारा परकाशन मदया ह परमश वर न सटवय क पररणा-परापत मानवीय परमतमनचधय क दवारा भी परकट मकया ह जस मक उसक भमवषयदविा और परररत ज पमवतर आतमा क दवारा पररणा-परापत थ और मनसटसदह जसा मक हमन पहल कहा था परमश वर का सबस बडा मवशष परकाशन मसीह म था

परमश वर की धमगचशिा क चलए मवशष परकाशन क महतव क बढ़ा चढ़ा कर नही बताया जा सकता यह परमश वर क उददशय क चलए इतना आवशयक ह मक पाप क इस ससार म आन स पहल ही परमश वर न आदम और हववा का मवशष मौचिक परकाशन क दवारा मारगदशगन मकया और मनसटसदह मवशष परकाशन पाप म पतन क बाद भी महतवपणग रहा ह यह न कवल सामानय परकाशन क समझन क हमार परयास का मारगदशगन करता ह बसलक यह अनत उदधार क मारग क भी परकट करता ह

यह मकतना भी अदभत कय न ह मक परमश वर न हम अलौमकक परकाशन परदान मकया ह - ससार म पाप क आन स पहल और बाद म भी - परत चजस हम सामानय रप स ldquoपरमश वर की ओर स मवशष परकाशनrdquo कहत ह वह हजार वषो पहल घमटत हआ था अतः हम आज मवशष परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म कस सीित ह

एक बार मिर स हम उस ओर मडना चामहए ज परमश वर क सवोचच परकाशन अथागत यीश न चसिाया था सिप म मसीह न अपन अनयामयय क चसिाया मक व सटवय क पमवतरशासटतर म मदए हए परमश वर क मवशष परकाशन क परमत सममपगत कर मरकस 1228-34 जस अनचछद सटपषट रप स दशागत ह मक यीश न अपन समय क अनय रसबबय क समान परमश वर क मवशष चलचित परकाशन क रप म परान मनयम की पमषट की

और हम जानत ह मक नया मनयम भी परमश वर का पररणा-परापत परकाशन ह यहनना 1612-13 और इमिचसय 220 जस सटथान म हम सीित ह मक यीश क सटवरागर हण क बाद उसन पमवतर आतमा क पहली

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सदी क परररत और भमवषयदविाओ क परचशचित करन क चलए भजा मक व उसकी कलीचसया क समि परमश वर क परकट कर नया मनयम पहली सदी क इन परररमतक और भमवषयदवाणीय मवशष परकाशन का हमारा परमतमनचध सकलन ह इसी कारण ससमाचाररक मसीही बल दत ह मक हम इमतहास म सामानय परकाशन और मवशष परकाशन द न म परमश वर क परकटीकरण क समझन क चलए पमवतरशासटतर पर मनभगर ह सकत ह

परमश वर क परकाशन और रहसटय क मवषय म हमार अधययन म हमन परमश वर क मवषय म हमार सपणग जञान क सर त क रप म ईश वरीय परकाशन की ि ज की ह अब आइए इस पहल क दसर महसटस की ओर मड ईशवरीय रहसटय अथागत परमश वर क बार म व बहत सी बात ज चछपी रहती ह क परमश वर मवजञान क हमार अधययन क मकस परकार परभामवत करना चामहए

ईश वरीय रहसय

एक बात लज स हम सम झन ा ह और ज ो सम झन क लि ए आसान न ही ह व ह ह वक व ा स तव म परम श वर कौ न ह वह जञानाती त ह व ह सव ि स पर ह जो कछ हम यहा इ स स सार म अ नभ व क रत ह उ सन रचा ह इ सल ि ए हम व ा सत व म उ स तब तक न ही ज ा न सक त ज ब त क व ह स व य क ो परकट न ही क रत ा जब तक व ह व कसी त रह स इ स सव ि म परव ि न ही क रता व ह हम स ब ात क रता ह वह हम पर स व य क ो परक ट क रता ह ज ो उसन पणय रप स अ पन पतर यी ि म वक या ह पर त उ सस व ह हम ा र ल ि ए रहसयमयी बन जात ा ह और सचचा ई यह ह व क व ही एक मा तर त रीक ा ह लज सम हम परम श व र क राज य क ो उ सक िा सन क ो और उ सक अ ल धक ार क ो ज ा न सकत ह - क यो वक वह हम यहा रहन क ी अ नम वत द त ा ह और व ह एक अ द शय परम श व र ह - इसल ि ए उ सक राज य क ो ज ान न क ा क वि एक त रीक ा यही ह व क वह उस हम पर परक ट क र द

- डॉ र रक ब ॉयड

जसा मक हम दि चक ह परमश वर न सटवय और मनषयजामत क बीच की एक बहत बडी दरी पर मवजय परापत कर ली ह उसन अपन सामानय और मवशष परकाशन क दवारा हमार चलए यह सभव बनाया मक हम उसक मवषय म जान सक परत साथ ही परमश वर क बार म हमारा जञान ईश वरीय रहसटय क दवारा बहत अचधक परभामवत ह ता ह ऐसी बहत सी बात ह चजनह परमश वर न अपन बार म परकट नही मकया ह

ईश वरीय रहसटय क समझना परमश वर मवजञान क चलए इतना महतवपणग ह मक यह इस द चरण म दिन म हमारी सहायता कररा हम पहल ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा क सटपषट करर तब हम रहसटय क उन परकार क सटपशग करर चजनका हम सामना करत ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा कया ह

मि भत धारण ा शबद ldquoरहसटयrdquo का परय र पमवतरशासटतर म मवमभनन तरीक स मकया जाता ह परत हमार उददशय क चलए

हम कह सकत ह मक ईश वरीय रहसटय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र क व व षय म ऐस अ स खय अ परक ा लित सत य ह ज ो परम श व र क परवत हमा री सम झ क ो सीव मत करत ह

हम इस पररभाषा क द पहलओ क उजारर करर पहला पहल यह तथय ह मक ईश वरीय रहसटय ldquoपरमश वर क मवषय म असखय अपरकाचशत सतय हrdquo र ममय 1133 म परररत पौलस न सकत मदया मक हम सदव ईश वरीय रहसटय क परमत सचत रहना चामहए उसन चलिा

आहा परम श व र क ा धन और ब लि और जञान कया ही ग भी र ह

उ सक ववचार क स अथाह और उ सक मा गय क स अ गम ह (रो व म यो 1 1 3 3 )

इस पद तक क अधयाय म पौलस न सामानय और मवशष परकाशन क दवारा परमश वर क बार म कई मजबत धारणाओ क दशागया परत इस अनचछद म पौलस न परमश वर क जञान और बचदध की ldquoरभीरताrdquo की ओर सकत मकया और उसन सटवीकार मकया मक परमश वर क मवचार ldquoअथाहrdquo ह और ldquoउसक मारग अरमrdquo ह यदयमप पौलस न ईश वरीय परकाशन क दवारा परमश वर क बार म बहत कछ समझा था मिर भी उसन असखय रहसटय अथागत ऐसी बात का सामना मकया चजनह परमश वर क आतमा न परकट नही मकया था

परम श व र रहस यम यी ह क यो वक व ह क सी भ ी समझ और जञान स पर ह ज ो हम ार पा स हो व ह सम य सम य पर हम स परा म िय वक ए वब न ा क ा यय क रत ा ह व ह सद व हम स परा म िय लि ए व बन ा ही क ायय क रत ा ह पर त क ई ब ार उसक क ायय क रन क त रीक क ो सम झना हमा र लि ए क व ठन होता ह वह इस भाव म भ ी सम झ स पर ह वक को ई भी परम श व र क जञान क ो पणय रप स परा पत नही कर सक त ा वहा रहस य क ा होन ा अ वशय ह क यो वक वह परम श व र ह और क ोई रलचत पराणी न ही ह परम श व र क रहस यम यी हो न क बा र म ऐसा क छ न ही ह व क जो हम ा र लि ए वक सी रप म क ोई सम सया हो परम श व र क रहस य क ा अ थय यह न ही ह व क उ स तक पह चा नही ज ा सक ता इसक ा अ थय यह न ही ह वक वह हम स परम न ही क रत ा और वक हम उसक परम क ो म हसस न ही क र सक त ह इ सक ा अ थय इ नम स क ो ई भ ी ब ा त न ही ह व ा सत व म यवद वह रहस यमयी न हो त ा त ो हम सरलकषत रप स क ह सक त थ वक व ह परम श व र नही ह हम ऐसा परम श व र क यो चावहए जो रहसयमयी न हो हम उ स ज ा न त ह व यापक रप स न ही पर त हम उ स सचच रप स ज ा न त ह हम उ स सम झत नही पर त व न ल ित रप स हम उस कहन क लि ए पया यपत रप स ज ा नत ह व क हम वक सी अ स पि द ा िय व नक ल सिा त क ो नही ब सलक परम श व र क ो ज ा न त ह

- डॉ ववलि यम ऐड ग ा र

मपरसटन चथय ल चजकल समीनरी क मवचधवत धमगमवजञान क पर िसर चालसग ह ज चजनका जीवनकाल 1797-1878 तक था न महतवपणग रप म ईश वरीय रहसटय क साररमभगत मकया अपन मवचधवत धमगमवजञान क पहल ससटकरण क भार 1 क अधयाय 4 म उसन यह चलिा

परम श व र म उसक व व षय म हम ा र वव चा रो स ब ढक र ब हत क छ ह और उसक व व षय म हम ज ो क छ ज ा नत ह व ह हम अ पणय रप स ज ान त ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ह ज न यहा द महतवपणग अवल कन क दशागया ह पहल उसन बल मदया मक परमश वर क बार म ज सतय ह वह ldquoहमार मवचार स बढ़कर बहत कछ हrdquo यहा पर कवल थ ड स रहसटय नही ह न ही बहत स रहसटय ह इसकी अपिा कय मक परमश वर सटवय असीम ह इसचलए वहा हमारी कलपना स बढ़कर बहत स रहसटय ह ह ज न यह भी सटपषट मकया मक ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क इतना भर दत ह मक ldquo[परमश वर क] मवषय म हम ज कछ जानत ह वह हम अपणग रप स जानत हrdquo दसर शबद म परमश वर क बार म ऐसी एक भी बात नही ह चजस हम पणग रीमत स समझत ह

क ई ब ार जब हम वक सी क ो यह क हत हए सन त ह व क परम श व र समझ स पर ह त ो हम इस पर एक त रह स नक ा रात मक परव त वकर या द त ह - कया म उ स नही ज ान सक त ा क या म उ सक ब ा र म ज ान का री परापत न ही क र सकता और व नस स द ह ब ाइबि परम श व र क ा सव -परक ा िन ह उ सन स व य क ो परक ट व क या ह त ा व क हम उ स व यविगत रप स जान सक और उसक बा र म क छ ब ात ो क ो जा न सक पर त यवद आप रकक र उसक ब ा र म सो च वक यवद परम श व र सच म अ सीवम त परम श व र ह त ो म रा छ ोट ा सा वद म ाग और यहा तक वक इ स स सा र क ा सव ो ततम धमय व जञाव नक वदम ाग भ ी उ स उ सकी पणयत ा म समझ न ही पा एग ा अ पन ी पर रभ ा षा क अ न सार यव द म उ स सम झ सक तो म उ सक ल जत ना ही महा न हो ज ा ऊ ग ा और इसल ि ए यह ब हत ही म हतव पणय भ ा ग ह हम ारा परम श व र क ोई छ ोट ा परम श व र नही ह व ह इ तन ा छो ट ा न ही ह वक म अ पन वद म ा ग या वक सी पसत क म उ सक ी स पणय सम झ क ो परापत क र ि हम आभ ारी ह वक उ सन स व य क ो पयायपत रप स परक ट वक या ह और यह वक उ सन हम ा र उ ि ा र क ा परब ध वक या ह त ा व क हम उ सक ब ा र म कछ सम झ क ो परापत क र सक और उ सक साथ स ग वत रख सक उ सक साथ सही स ग वत म रह सक और उ सक ब ा र म सही ववचार रख सक चा ह व ह व या पक रप स न हो पर त उस ज ान ा ज ा सकत ा ह क यो वक उ सन स व य क ो पराकल ित वक या ह पर त व ह समझ स पर ह और उसक ी पणयत ा परम श व र क ब ा र म हम ारी सम झ और उसक लि ए हम ारी आरधना और उसक परव त हम ारी आजञाक ा र रत ा क लि ए ब हत अ ल धक बहत ही अ लधक महतव पणय ह

- डॉ ग ा रथ क ोक र रि

यह पहचानन क अमतररि मक ईश वरीय रहसटय असखय ह हम सदव ईश वरीय रहसटय क दसर महतवपणग पहल पर भी धयान दना चामहए ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क बहत सीममत कर दत ह जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह

ऐस कई मवमभनन तरीक ह चजनम ईश वरीय रहसटय परमश वर क बार म हमार जञान क सीममत कर दत ह परत इस अधयाय क चलए हम कवल द तरीक पर धयान दर एक ओर हमार पास परमश वर क बार म बहत ही सीममत जानकारी ह यदयमप परमश वर न सटपषट कर मदया ह मक उदधार और मसीह म जीवन क चलए आवशयक कया ह वासटतव म हमम स क ई भी परमश वर क बार म अचधक कछ नही समझता पहला कररसनथय 1312 हम बताता ह मक हम परमश वर का सतय कवल ldquoधधलाrdquo मदिाई दता ह जस मक हम ldquoएक दपगण मrdquo दि रह ह

इसचलए परमश वर की धमगचशिा क मवचार-मवमशग म असखय परशन उठ िड ह त ह चजनका ऐस ही परी तरह स उततर नही मदया जा सकता उदारण क चलए परमश वर बराई क कय अनममत दता ह वतगमान

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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घटनाओ म हम परमश वर क उददशय क कस समझ सकत ह बहत स धमगमवजञानी मवशषकर व ज सदहवामदय स मघर हए ह ऐसी कलपनाओ म रहत ह कय मक व यह सटवीकार नही कर सकत मक हमार पास ऐस परशन क उततर नही ह परत ईश वरीय रहसटय अकसर मसीह क मवश वासय गय अनयामयय क यह सटवीकार करन म अरवाई दत ह ldquoमझ नही पताrdquo जब बात परमश वर की धमगचशिा की आती ह तब यमद परमश वर न इस परकट नही मकया ह त हम इस जान नही सकत यह इतनी सरल बात ह

मसीह क मवश वासय गय अनयायी ह न क नात हम इस सचचाई स कभी भारना नही चामहए मक हमार पास परमश वर क बार म सीममत जानकारी ह वासटतव म पल दर पल इस तरह की सीममतता क सटमरण करना एक आशीष ह ईश वरीय रहसटय हम परमश वर पर भर सा रिन क मववश करत ह हम परमश वर क जञान क परापत करन क चलए अपनी सीममत य गयताओ पर मवश वास रिन की अपिा पमवतर आतमा की सवकाई क दवारा मपता और मसीह पर मनभगर ह ना चामहए

दसरी ओर ईश वरीय रहसटय का अथग यह भी ह मक मनषय कवल परमश वर क परकाशन क सीममत सटपषटीकरण ही परसटतत कर सकत ह हम इस बात पर बल दन म सही ह मक सतय क परमश वर का परकाशन सटवय म मवर धाभासी नही ह और हम परमश वर क परकाशन क बीच बहत स तामकग क सबध क दि सकत ह परत चाह हम सटवीकार कर या न कर ईश वरीय रहसटय न कवल इस बात क सीममत करत ह मक हमार पास परमश वर क बार म मकतनी जानकारी ह साथ ही व परमश वर न ज सटवय क बार म परकट मकया ह उसम स अचधकाश बात की तामकग क सबदधता क सटपषट करन की हमारी य गयता क भी सीममत कर दत ह

उदाहरण क चलए हम मतरएकता अथागत परमश वर एक ह और उसक तीन वयमितव ह का सपणग रप स तामकग क सटपषटीकरण नही द सकत हम इस वासटतमवकता क परतयक पहल क तामकग क रप स सटपषट नही कर सकत मक यीश पणग रप स परमश वर और मनषय द न ह हम परी तरह स यह सटपषट नही कर सकत मक परमश वर मनषय क मकरयाकलाप पर सपणग परभतव रिन क बाद भी हम हमार कायो क चलए कस चजममदार ठहराता ह सवोततम मसीही मवचारक न इन और इन जस अनय परशन क उततर दन का परयास मकयाह परत व सपणग और तामकग क सटपषटीकरण क परदान करन क मनकट आन म भी असिल रह ह

अततः परमश वर न सटवय क बार म ज कछ परकट मकया ह उसकी तामकग क सबदधता क सटपषट करन का परयास करना महतवपणग ह सकता ह परत हम इस तरह स मनधागररत नही करत ह मक कया सतय ह और कया झठ मकसी भी धमगवजञामनक दाव का सतय कवल इस बात पर मनभगर करता ह मक कया परमश वर न इस सामानय या मवशष परकाशन म परकट मकया ह या नही

ज ब धमय ववजञानी क हत ह वक परम श व र सम झ स पर ह त ो उनक कहन क ा अ थय यह हो त ा ह वक हम जो न शवर परा णी ह उ सक स पणय सार और अ ससतत व क ो समझ और ब झ नही सक त परम श व र क अ सी वम त हो न क क ा रण यह स भ ा व न ा ब हत ही कम ह व क हम उस उस उसक ी पणयता म समझ और ज ा न सक म उस स म रण क रत ा ह ज ो पौि स रो वम यो 1 1 3 3 -3 4 म कहत ा ह ज ब व ह परम शवर क अथ ा ह जञा न और ब ल ि क ब ा र म बा त क रता ह पर त वफर भी क यो व क उ सन हम पयायपत स व -परकट ीकरण परद ा न वक या ह इ सलि ए यह ववश वास म आन हत हम ा र ल ि ए पया यपत ह

- रव ह ि री को क रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय रहसटय क महतव क और अचधक रप स समझन क चलए हमन मलभत धारणा की ि ज की ह अब ईश वरीय रहसटय क उन मवमभनन परकार पर धयान दना सहायक ह रा ज उस समय मकरयासनवत ह त ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह

वभनन परका र हम रहसटय क द मवमभनन परकार क बीच अनतर कर सकत ह पहल परकार क हम ldquoअसटथाई रहसटयrdquo

कहर आइए दि मक ऐसा कहन स हमारा कया अथग ह अ सथाई असटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह ज एक मनचित अवचध तक मनषय स चछप

हए ह परत मिर व इमतहास म बाद म मकसी समय परकट मकए जात ह परमश वर सामानय परकाशन क दवारा अकसर उस परकट करता ह ज एक समय म रहसटयमयी था वह भौमतक ससार मानवीय ससटकमत अनय ल र या यहा तक मक हमार भीतर आए पररवतगन का परय र असटथाई रहसटय क परकट करन क चलए करता ह

मवशष परकाशन क साथ भी कछ ऐसा ही ह ता ह पमवतरशासटतर का धयान स मकया हआ अधययन दशागता ह मक परमश वर क बाद क परकाशन न उसक पहल क परकाशन का कभी मवर धाभास नही मकया ह परत यह भी सटपषट ह मक परमश वर न समय क साथ-साथ अपन बार म और अचधक परकट मकया ह मवशष परकाशन का परकटीकरण बाइबल क इमतहास की परतयक अवचध क दौरान हआ ह मनसटसदह ईश वरीय रहसटय का सबस नाटकीय परकटीकरण मसीह क मवशष परकाशन म हआ पौलस क मन म यही बात थी जब उसन इमिचसय 19 33 और 619 क चलिा इन पद म पौलस न मसीह म परमश वर क अनत उददशय क रहसटय क दशागया उसन सटपषट मकया मक यह रहसटय नए मनयम क परररत और भमवषयदविाओ क समय तक चछपाए रिा रया था

इसी कारण जब कभी हम परमश वर क बार म सीिन का परयास करत ह त हम परान मनयम म पाए जान वाल असटथाई रहसटय क सटपषट करन क चलए सदव नए मनयम क मवशष परकाशन की ि ज करनी चामहए

क ई ब ार हम िब द ldquo रहसयम यrdquo क ा परयोग परम श वर क ब ा र म ब ा त क रन क ल ि ए क रत ह क यो व क हम सम झ न ही पा त ह वक वह व ास तव म क या क र रहा ह द सरी ओर नया वन यम िब द ldquo रहसयमयrdquo क ा परयोग सा म ा नय रप म क रत ा ह ज ो व क यन ा नी िबद वम सट ीररयोन स आत ा ह - यह व ा स तव म समा न िब द ह - इ सक ा अ थय ह व क परम श व र दवा रा उ िार क ी अ नगरहक ारी योजन ा क ा परकट ीक रण ऐसी ब ात ह ल ज स हम अ पन आप स क भ ी सो च ही न ही पात अथ ा यत यह इस भाव म रहस य ह व क हम इ स कभ ी भ ी सम झ न ही पा त यवद परम श व र न इ स हम पर परक ट न वक या होत ा और इ सलि ए परम श व र अ पन वव िष परक ािन म अ पनी योजन ा क ो हम पर परक ट क रत ा ह और यही क ा रण ह वक आप िब द वम सट ीररयोन क ा परयोग इ व फल सयो और 1 क र रस नथ यो म होत ा हआ दख त ह यह ऐसा ह व क परम श व र धीर धी र अ पन परक ािन क ो परक ट क र रहा ह और हम वदख ा रहा ह वक क स उिार यहव द यो और अनयज ा व त यो द ो नो क ल ि ए ह और यह वक सी भ ी व यव ि क ल ि ए ह ज ो यी ि म सी ह क ो अ पन म सी ह क रप म स व ीक ा र क रग ा

- डॉ स म एि ि ाम रसन

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत नए मनयम क मवश वासी ह न क बावजद भी हम यह भी सटमरण रिना चामहए मक परमश वर न अभी तक परतयक असटथाई रहसटय क परकट नही मकया ह 1 कररसनथय 1312 म पौलस इस इस तरह स चलिता ह

इ स सम य म रा जञान अ धरा ह पर त उ स सम य ऐसी परी रीवत स पव हचा न ग ा (1 क र रस नथ यो 13 12 )

जब मसीह ममहमा म वापस आएरा कवल तभी वह परतयक असटथाई रहसटय क परकट कर दरा और हम परमश वर और उसक मारो क आज की अपिा कही अचधक परी तरह स समझ पाएर

जसा मक हम दि चक ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त हम कई असटथाई रहसटय का सामना करत ह परत बाइबल इस सटपषट कर दती ह मक जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह त हम सटथाई रहसटय क भी दिना ह ता ह

सथा ई सटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह चजनह मनषय कभी समझ नही पाएरा कय मक य सतय हमारी समझ स पर ह पारपररक धमगमवजञान म इस वासटतमवकता क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क रप म कहा जाता ह हम परमश वर क बार म कछ बात क समझ सकत ह जब वह उनह मानवीय रग प म परकट करता ह परत हम परमश वर क बार म मकसी भी बात क परी तरह स कभी नही समझ सकर हम इस मवचार क यशायाह 558-9 म सटपषट रप स अमभवयि पात ह जहा भमवषयदविा यशायाह यह चलिा ह

क यो वक यहोवा क हत ा ह म र ववचार और त म हा र ववचार एक सम ान न ही ह न तमहा री ग व त और म री ग व त एक सी ह क यो वक म री और तमहा री गवत म और म र और त म हा र सोच व व चा रो म आक ाि और परथवी क ा अ नतर ह (यिायाह 5 5 8 -9 )

इन पद म यशायाह न इसराएल क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क कारण उतपनन परमश वर क सटथाई रहसटय क सटमरण मदलाया

जब पववतर िासतर परम श व र क ो रहस यमयी क रप म द िायता ह त ो हम यह सव न ल ित क रना चावहए वक हम िब द ldquo रहसय rdquo क ो गित रप म न समझ ि जब म इ स स सा र क ी वस त ओ क रहस यम यी होन क बा र म सो चता ह त ो मझ िग त ा ह व क उ नक क छ ल छ प हए रहस य ह जो म झ वकसी सम य पर चवकत क र द ग ऐसी ब ात इ स व व षय म न ही ह ldquo रहसयम यीrdquo स हम ा रा अ थय यह ह वक परम श व र सम झ स पर ह हम ारा अ थय ह व क उ सक पा स ऐसा ज ी व न ह ज ो हमा री क ल पन ा स पर ह इसक ा अ थय यह ह वक उ सक ब ार म ऐसा कछ ह ल ज स हम परी री व त स समझ न ही सक त और म भ ी उ स सम झ न ही सक ता इ सक ा अथय ह वक यह म र रलचत ज ीव न स पर क ी ब ात ह वह म री सो च स वह बह त ब ड़ा ह इ सक ल ि ए लजस तकन ीक ी धमय व जञा व न क िबद का हम परयो ग क रत ह व ह ह ldquoअ न भवा त ी तrdquo परम श वर अ न भवात ीत ह वह हम ा र सोच-ववचार क ी सीम ा स पर ह और इ सी लि ए व ह आरा धन ा क यो गय ह इ सी लि ए वह म हान ह इ सी लि ए वह ऐसा ह ल ज सकी हम परि सा क रत ह

-डॉ ग री एम ब जय

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परम श व र म रहस य आ ल िक रप स उ सक ी इस परक वत क क ारण ह व क व ह क ौ न ह और उ सक अ सी वम त ब न ाम हम ा र सी वम त हो न हम ा री सी वम तता तथा उसक ी असीवमत सा म रथयय और समझ क क ा रण ह पर त सा थ ही यह व व िष रप स सव ि म उ सक उ दद शयो और योज न ा ओ स भ ी स ब ल धत ह परम श व र कयो इ सी त रीक स क ा यय क रता और उ स त रीक स क ा यय न ही क रत ा ह और म सो चत ा ह वक बहत ब ा र अ हक ा री म न ष यो क रप म हम यह सोचत ह वक हम परम श व र स ब हतर क ा यो क ो क रन ा ज ान त ह पर त परम श वर क रहस य म उ द ाह रण क लि ए व यवसथा वववरण 29 29 म यह इ सक ब ा र म पवव तर िास तर म ब ात क रत ा ह ग पत ब ात परम श व र क ी ही ह पर त जो बा त उ सन परक ट क ी ह उन म हम आन नद और उ त सव मन ा सक त ह और व हा एक ऐसा भ ा व ह ल ज सम हम स वी क ार कर सकत ह वक परम श व र न हम सब क छ न ही ब ता या ह उ सन अ पन ब ा र म हम सब कछ न ही बत ा या ह - व ह क स बत ा सक त ा ह और हम उ स क स सम झ सक त ह पर त सा थ ही उ सन हम वह सब भी न ही ब त ा या ह वक वह अ पन उ दद शयो और योज न ा ओ क ो क स परा क र रहा ह और परा न व न यम क अ ययब स ब हतर इ स क ोई न ही ज ान त ा जो इ स वव षय म परशनो का उतत र चा हत ा था वक परम श व र न इ न ब ात ो क ी अ नम वत क यो दी और परम श व र न उ स वह उतत र न ही वद या जो वह चाहत ा था परम श व र न उ स यह उ ततर व द या ldquoम ज ान त ा ह वक म क या क र रहा ह और एक भाव म म री यो ज न ा म एक रहस य ह ल ज स क वि म ही परी त रह स सपि क र सक त ा ह और अ तत ः त सम य क अ त म दख गा जब सब कछ अ चा नक स और परी त रह स अ थय पणय हो ग ा rdquo

-रव ह डॉ ि ईस व व क ि र

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस शिला का जब हम आरभ करत ह त हम सदव यह याद रिना चामहए मक यदयमप परमश वर न सटवय क सामानय और मवशष द न परकार क परकाशन म परकट मकया ह मिर भी उसन हमस सटथाई और असटथाई द न परकार क रहसटय क चछपाए रिा ह हम इस वासटतमवकता स ऐसी ही बच नही सकत मक हम कवल रचचत पराणी ही ह चजनकी परमश वर क मवषय म समझ सदव बहत ही सीममत ह

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस अधयाय म अब तक हमन ऐस कछ तरीक क दिा ह चजनम ईश वरीय परकाशन और रहसटय परमश वर मवजञान क अधययन क आकार दत ह अब हम अपन दसर मखय मवषय की ओर मडन क चलए तयार ह परमश वर की मवशषताए और उसक कायग य मवषय उन द पराथममक तरीक क परसटतत करत ह चजनक दवारा पारपररक धमगमवजञामनय न परमश वर क बार म हमार जञान क साररमभगत मकया ह

गण औ र क ायय

परमश वर क रण और कायो क अमतररि मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर परमश वर मवजञान म मतरएकता क धमगचशिा क ऊपर भी बहत अचधक धयान कसनित मकया ह हमन पमवतर मतरएकता क ऊपर कझ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सीमा तक परररत का मवश वासवचन क ऊपर हमारी शिला म वातागलाप मकया ह इस शिला म हम इन द अनय मखय मवषय क ऊपर धयान कसनित करर

उततर ततर अधयाय म हम परमश वर क रण और कायो क ऊपर कई मवशषताओ की ि ज करर परत इस समय हम यहा पर कवल एक ही अवधारणा का पररचय दर परथम हम ईश वरीय रण या परमश वर कौन ह क ऊपर धयान दर और दसरा हम ईश वरीय कायो की ओर मडर या परमश वर कया करता ह आइए परमश वर क ईश वरीय रण स आरभ कर

ईश वरीय ग ण ईश वरीय रण क मवषय का पररचय द चरण म कराना सहायतापणग ह रा हम परमश वर क रण की

मल धारणा स आरभ करर तब हम ईश वरीय रण क परकार की जाच करर ज मक अकसर मवचधवत धमगमवजञान म मभनन रप म पहचान रए ह इसचलए ईश वरीय रण की मल धारणा कया हॽ

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश मसीमहय क यह पछना ह मक परमश वर क कया रण हॽ त ह सकता ह मक

कदाचचत वह यह कह मक परमश वर क रण व सारी य गयताए या चाररमतरक रण ह चजनह पमवतरशासटतर परमश वर स ससमबसनधत करता ह ठीक ह यह दमषटक ण तब तक सही ह जब तक यह इस माना जाता रह परत पारपररक धमगमवजञान म वाकयाश परमश वर क रण कछ मवशष बात की सकत दता ह

मवचधवत धमगमवजञान म ईश वरीय रण

परम श व र क सा र क ी पणयत ा ए वव व भ नन त रह क ऐवत हा लसक परगट ी क रणो क दव ा रा परक ट क ी गई ह

यह पररभाषा द पराथममक तथय क उजारर करती ह ज मक परमश वर क रण क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग क चचमतरत करती ह परथम सटथान पर परमश वर क रण परमश वर क सार की पणगताए ह आधमनक ससमाचारवादी अकसर परमश वर क सार की ओर सकत नही करत ह इसचलए इस धारणा की ि ज करनी सहायतापणग ह रा

शबद सार क साथ आरभ करत हए ज मक लमटन शबद इशसनसया क अनवाद का अथग सार या अससटततव क रप म करता ह लमटन धमगमवजञान म परमश वर का सार मनकट घमनषठता क साथ शबद सबसटसनसया या ततव क साथ समबदध ह धमागधयिीय और मधयकालीन धमगमवजञामनय न इन शबद क नव-अिलातनवाद और अरसटत क दाशगमनक मवचार स अपनाया था अब पलट और अरसटत क दमषटक ण म सार का मवचार मवमभनन तरह स पाया जाता ह और सार की धारणा क सबध म कई महतवपणग जमटलताए आधमनक दशगनशासटतर म उठ िडी हई ह परत आतमसात करन क चलए यह मल मवचार कमठन नही ह

सरल शबद म मकसी वसटत का सार अससटततव या ततव एक न पररवमतगत ह न वाली वासटतमवकता ह ती ह ज इसक सभी बाहरी सटवरप पररवमतगत ह त पररटीकरण की पषठभमम म ह ती ह मसीही धमगमवजञामनय न सार क इसी मवचार स अपन अधययन क आधाररत मकया ह जब उनह न परमश वर क रण और पणगताओ क ऊपर मवचार मवमशग मकया

सामानय रप म परमश वर क सार म चार महतवपणग मभननताए ससममचलत ह परमश वर का सार परमश वर सटवय कया ह परमश वर की पणगताए या रण परमश वर क सार की य गयताए परमश वर का

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 4: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर मवशवास करत ह अधयाय एक

हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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पररचय

ldquoपरमश वर क जाननrdquo का अथग अलर-अलर ल र क चलए अलर-अलर ह ता ह mdash अथागत परमश वर क साथ वयमिरत घमनषठता का अनभव करन स लकर उसक सामथी कायो क दिन उसक बार म उन तथय क समझन तक ज पमवतर आतमा न परकट मकए ह हमम स अचधकाश यह समझत ह मक परमश वर क साथ वयमिरत सबध रिना और उस ससार म कायग करत हए दिना महतवपणग ह परत दिद रप स हमम स अचधकाश यह नही भापत मक परमश वर क बार म अचधक स अचधक तथय क जानना भी उतना ही महतवपणग ह और यह क ई अजबा नही ह पारपररक मवचधवत धमगमवजञानी अकसर चजस ldquoपरमश वर की धमगचशिाrdquo या ldquoपरमश वर मवजञानrdquo कहत ह उसका अधययन करना इतना जमटल ह मक इस समझन क चलए कािी परयास करना पडता ह परत यह चजतना भी कमठन ह चजतना अचधक हम परमश वर क बार म सीित ह उतना ही अचधक हमारा वयमिरत सबध उसक साथ बढ़ता जाता ह और चजतन अचधक तथय हम उसक बार म जान जात ह इस ससार म उसक कायग क बार उतनी ही अचधक हमारी जाररकता भी बढ़ती जाती ह वासटतव म परमश वर क बार म अचधक स अचधक सीिना हमार मसीही मवश वास क परतयक पहल क शमिशाली बनाता ह

यह हमारी शिला हम परमश वर पर मवश वास करत ह का पहला अधयाय ह यह वह शिला ह चजस हमन परमश वर मवजञान या सटवय परमश वर क अधययन क चलए सममपगत मकया ह हमन इस अधयाय का शीषगक मदया ह ldquoहम परमश वर क बार म कया जानत हrdquo इस अधयाय म हम यह बताएर मक ससमाचाररक मवचधवत धमगमवजञामनय न इस मवषय स सबचधत सबस मलभत मवषय क कस दिा मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह

हम परमश वर क बार म कया जानत ह पर आधाररत यह पररचयातमक अधयाय बमनयादी मवषय क द ज ड पर धयान दरा पहला हम परमश वर क परकाशन और रहसटय अथागत परमश वर न अपन बार म कया परकट मकया ह और कया रपत रिा ह का अधययन करर और दसरा हम परमश वर की मवशषताओ और उसक कायो ज परमश वर की धमगचशिा क पारपररक अधययन क द मखय मवषय ह की जाच करर आइए पहल परमश वर क परकाशन और रहसटय क दि

परक ािन औ र रहसय

सरल रप म बतान क चलए हम परमश वर क परकाशन और रहसटय का अधययन अलर-अलर करर हम ईश वरीय परकाशन स आरभ करर और मिर हम ईश वरीय रहसटय की ओर मडर आइए हम इसक साथ आरभ कर मक मसीही मनषयजामत क समि परमश वर क परकाशन या सटव-परकटीकरण क मवषय म कया मवश वास करत ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय परकािन जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त ईश वरीय परकाशन स बढ़कर मकसी और

बमनयादी मवषय की कलपना करना कमठन ह रा परमश वर न अपन मवषय म कया परकट मकया ह उसन यह कस मकया ह इन परशन क हमार उततर न परमश वर मवजञान क परतयक पहल क सवयवससटथत कर मदया

हम ईश वरीय परकाशन क मवचार का पररचय द रप म दर पहला हम परकाशन की मलभत मसीही अवधारणा का पररचय दर और दसरा हम परकाशन क द मखय परकार क दिर चजनह हम तब धयान म रिना चामहए जब हम परमश वर क बार म सीित ह त मिर ईश वरीय परकाशन की मलभत अवधारणा कया ह

मि भत अवधारण ा अपन उददशय क चलए हम ईश वरीय परकाशन की मलभत मसीही अवधारणा क इस परकार साररमभगत

कर सकत ह

परम श व र क ा सव -परकट ीक रण सद व म ा नव ी य स द भ ो म वद या ज ा त ा ह और मसी ह म स पणयत ा क सा थ वद या ज ा त ा ह

इस तथय क साथ आरभ करत हए इस अवधारणा क द पहलओ पर परकाश रालना आवशयक ह मक परमश वर न सदव सटवय क मानवीय सदभो म परकट मकया ह

म रा मा न ना ह वक ब ा इब ि क परम श व र क ब ा र म सब स अ दभत ब ात जो व ा सत व म क वि बा इब ि क परम श व र क व व षय म ही पाई जाती ह यह ह व क व ह अ पन ी सभी अ व णयन ीय व व िषत ा ओ या इ न अ सीम वव िषत ा ओ ज स सवोचचता और अ न त त ा और अ सी वम तत ा क ो ऐस रल चत परा लणयो क स ब ध म ब न ा ए रख ता ह ज ो न शवर सीवमत और इ व त हास म ह और हम बता या ग या ह वक वह म हान lsquo म ह rsquo रलचत परा ल णयो क सा थ स ब ध स थ ा व पत क रन क ल ि ए सम य स था न और म ा नव ी य इ वत हा स म परव ि क रत ा ह और और उन क सा थ उ नक सतर पर स ब ध स थ ाव पत क रत ा ह इ सका अथय यह न ही ह व क वह अ पन सवय जञा न ी अ सी वम त अ न त स वभाव क ो त याग दत ा ह पर त वह उ नक साथ उसी सत र पर स ब ध ब नात ा ह जहा व हो त ह िग भ ग व स ही ज स हम एक छ ो ट ब चच क सा थ क रत ह और उ नस उ सी सत र पर ब ात क रत ा ह म अ पन ी रसोई म ज ात ा ह और हर तरफ आट ा वब ख रा हआ पा त ा ह और कहत ा ह ldquo वपरय क या आट क सा थ क छ हआ ह rdquo इ सल ि ए न ही वक म न ही ज ा नत ा वक आट क सा थ क या कछ हआ ह पर त म अ पन ब चचो क साथ उसी स त र पर एक स ब ध बन ा रहा ह ज हा व ह और परम श व र अ पन अ नगर ह म हमार ल ि ए यही क रत ा ह परम श व र क ी अ दभ त क पािता ऐस त रीक स हम ा र सा थ स ब ध ब न ान म म ा गय द िय न क रत ी ह वक कई ब ार ऐसा ि गता ह व क व ह अ पन ी कछ असी म अ न त व व िषत ा ओ क सा थ समझौ त ा क र रहा हो पर त ऐसा व बल कि नही ह परम श वर तो ब स हम ा र सा थ हम ा र स तर पर स ब ध बन ा रहा ह क यो वक व ह हम स उत न ा अ ल धक परम क रता ह

- डॉ क ऐर रक थ ोन स

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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हम सब जानत ह मक हम परमश वर का अधययन वस नही कर सकत जस हम परमतमदन क जीवन की अनय बहत सी बात का करत ह हम उसकी उचाई और उसक भार क नाप नही सकत या उस परिनली म रालकर जाच नही सकत इसक मवपरीत परमश वर अनभव स इतना पर ह हमस बहत दर ह मक वह कवल इस एक वासटतमवकता मबना चछपा रहरा और वह वासटतमवकता यह ह मक पमवतर आतमा न उस मानवीय सदभो म परकट मकया ह मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर इस परकाशन क मानवरपी चररतर क रप म सब चधत मकया ह दसर शबद म परमश वर न सटवय क मानवीय रप म परकट मकया ह या ऐस रप म परकट मकया ह मक मनषय समझ सक

पमवतरशासटतर म परमश वर क कम स कम चार परकार क मानवरपी परकाशन मदए हए ह सबस सचिपत भाव म पमवतरशासटतर अकसर परमश वर की मवशषताओ की तलना मानवीय मवशषताओ क साथ करता ह बाइबल क असखय अनचछद परमश वर क मवषय म ऐस बात करत ह जस मक उसक आि कान नाक हाथ पाव और पर ह परमश वर तकग -मवतकग भी करता ह परशन पछता ह दसर स मवचार-मवमशग करता ह भावनाओ क महसस करता ह और चचतन करता ह वह कायगवाही करता ह और नरम भी पड जाता ह जस मक आप और म करत ह परत सपणग पमवतरशासटतर यह सटपषट करता ह मक इस तरह क मानवरपी ईशवरवाद क रपक अथागत परमश वर और मनषय क बीच की तलना क रप म ही चलया जाना चामहए परमश वर क पास ल र क समान भौमतक आि या हाथ नही ह परत मिर भी हम जानत ह मक वह हर समय दिता ह और कायो क परा करता ह

थ ड स बड भाव म पमवतरशासटतर परमश वर क मानवीय सामाचजक सरचनाओ क सदभो म भी मानवरपी भाव म परसटतत करता ह उदाहरण क चलए बाइबल बारबार परमश वर क समषट क सवोचच राजा क रप म परदचशगत करता ह वह सटवरग क चसहासन पर मवराजमान ह मतरणा करता ह कायो का लिाज िा लता ह घ षणाए करता ह सदशवाहक क भजता ह और आराधना सटवीकार करता ह वस ही जस बाइबल क समय म माववीय समराट मकया करत थ

ऐस ही भाव म पमवतरशासटतर परमश वर क इसराएल क राजकीय य दधा वयवसटथा क दन वाल वाचा क सटथामपत करन वाल और वाचा क परा करन वाल क रप म दशागता ह वह अपन ल र का राजकीय चरवाहा और राजकीय पमत और मपता ह एक बार मिर स परमश वर क मवषय म य परकाशन हम बतात ह मक कछ रप म परमश वर मनषय क जसा ह वह ऐस रप म राजय करता ह ज उन रप क समान ह चजनम पराचीन ससार क मानवीय राजाओ न राजय मकया था

और अचधक मवसटतत रप म हम कह सकत ह मक इमतहास म परमश वर क दशय परकटीकरण भी मानवरपी ह बाइबल ऐस कई समय का वणगन करती ह जब परमश वर दशय रप म इस ससार म परकट हआ - चजस हम अकसर ldquoईशदशगनrdquo कहत ह सबस नाटकीय ईशदशगन न परमश वर क भौमतक धए और आर क साथ और ममहमा क उसक दशय सटवरीय बादल क दशगन क साथ ज डा अब कलससटसय 125 और 1 तीमचथयस 117 जस अनचछद हम बतात ह मक परमश वर सटवय अदशय ह अतः परमश वर क य दशय परकटीकरण भी इस भाव म मानवरपी ह मक य परमश वर क वस परसटतत नही करत ह जस वह सटवय क जानता ह इसकी अपिा व परमश वर क ऐस रप म परसटतत करत ह मक चजनम मनषय अपनी चसममत िमताओ म उसका अनभव कर सकत ह

अततः सबस मवसटतत भाव म पमवतरशासटतर परमश वर क तब भी मानवीय अथग म परकट करता ह जब वह उसकी असटपषट य गयताओ क दशागता ह बाइबल अकसर परमश वर क नयायी पमवतर सामथी इतयामद क रप म सब चधत करता ह परत बाइबल क लिक न मानवीय आधार पर परमश वर क इन असटपषट मववरण क सटपषट मकया ऐस रप म चजनह हम समझ सकत ह अतः यह कहना सही ह रा मकसी न मकसी तरह स

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सपणग ईश वरीय परकाशन मानवरपी ह परमश वर न मनषयजामत क समि अपन मवषय म सचचाइय क परकट मकया ह परत सदव ऐस रप म ज हमारी मानवीय सीममतताओ क अनसार ह

यह धयान म रित हए मक पमवतर आतमा न सदव परमश वर क मानवीय सदभो म हम पर परकट मकया ह आइए हम ईश वरीय परकाशन की दसरी मल मवशषता क दि परमश वर न सटवय क सबस सपणग रप म मसीह म परकट मकया ह

मनचित रप स मसीही मवश वास म सटवय मसीह स बढ़कर और कछ भी अचधक महतवपणग नही ह कवल वही हमारा उदधारकताग और हमारा परभ ह और वह मनषयजामत क परमत परमश वर का अपना सवोचच परकाशन ह अब मसीही क अनयायी ह न क नात हम यह मानत ह मक परमश वर न बाइबल क इमतहास म सटवय क कई तरह स परकट मकया ह परत कलससटसय 115 जस अनचछद हम बतात ह मक मानवीय सदभो म यीश ही परमश वर का अपना परम परकटीकरण ह यीश परमश वर का दहधारी अनत पतर ह चसदध मानवीय सटवरप और परमश वर का परमतमनचध ह और इसी कारण परमश वर क मवषय म चजन बात पर हम मवश वास करत ह व यीश म परमश वर क सवोचच परकाशन अथागत उसकी चशिाओ और उसक जीवन मतय पनरतथान सटवरागर हण और ममहमामय पनरारमन क महतव अनसार ह नी चामहए

ईश वरीय परकाशन की इस मलभत अवधारणा क धयान म रित हए हम परमश वर की ओर स आन वाल मवमभनन परकार क परकाशन पर धयान दन क दवारा परमश वर क सटव-परकटीकरण क दिना चामहए

वववभनन परका र जसा मक हमन कहा ह परमश वर का सवोचच परकाशन यीश ह परत नए मनयम क मववरण म यीश न

यह सटपषट मकया मक वह परमश वर का एकमातर सटव-परकटीकरण ह इसकी अपिा उसन पमषट की ह मक परमश वर न सटवय क मवमभनन तरीक स परकट मकया ह

सब स पहि हम परम श वर को त ब त क न ही ज ा न सकत ह जब तक वह सव य क ो हम पर परक ट न ही क रत ा और व ह ऐसा कई त री क ो स करत ा ह सवि और उ सक अ दभ त क ायो क दवा रा भ ी जब हम अ पन चा रो ओर द खत ह व ह सवय क ो द सर ि ो ग ो क सा थ हम ा र स ब धो म परकट क रत ा ह जो हम व ब ात बत ा त ह ज ो उ नहो न परम श व र क ब ा र म सीख ी ह हम परम श व र स इ स परक ा िन क ो क ई स त रो म परा पत क रत ह व न स स द ह म सीवह यो क लि ए सब स म हत व पणय यह ह व क परम श व र न हमा र सम कष स व य क ो अ पन पव वतर व चन म परक ट वक या ह इ स क ा रण हम हम ा र चारो ओर द खत ह और हम पात ह वक परम श व र न हम पर सव य क ो परक ट वक या ह हम ज ा नत ह व क उ सक ा अ स सत तव ह और वफर व ह अ पन ल िष यो क दव ा रा और आज तक अ पन पव व तर व चन क दव ा रा हम स वय क बा र म बत ा त ा ह

- डॉ ज फरी म र

मवचधवत धमगमवजञान अकसर परमश वर क परकाशन क द परकार क पहचानता ह चजनह सटवय यीश न सटवीकार मकया था पहल परकार क अकसर सामानय परकाशन या सटवाभामवक परकाशन कहा जाता ह

साम ानय परकािन सरल शबद म कह त सामानय परकाशन बाइबल की उस चशिा क दशागता ह चजसम परमश वर न समषट क हर अनभव क दवारा सटवय क मनषय पर परकट मकया परान मनयम क कई अनचछद जस भजन 19 क समरप सटवय यीश न सामानय परकाशन स बारबार धमगवजञामनक अथो क परापत

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मकया उसन परमश वर क बार म चशिा दन क चलए अकसर परकमत और सामानय मानवीय रमतमवचधओ जस िती-बाडी और मछली पकडन क कायो का परय र मकया वासटतव म उसन बार-बार अपन चशषय क परररत मकया मक व अपन भीतर और चार ओर यह पहचानन क चलए दि मक व अपन जीवन क अनभव स परमश वर क बार म कया सीि सकत थ

हम परररत क काम 1417 और 1728 जस सटथान म ऐसी ही समान बात क दित ह इन पद म परररत पौलस न मसीह क उदाहरण का अनसरण मकया और सामानय परकाशन क लार मकया यहा उसन अनयजामतय क ल र का धयान उस ओर लराया ज व परकमत पर चचतन करन और यनानी कावय क दवारा परमश वर क बार म जानत थ

र ममय 1 और 2 पमवतरशासटतर म सामानय परकाशन का सबस वयापक सटपषटीकरण करता ह य अधयाय सकारातमक और नकारातमक द न दमषटक ण की ओर धयान आकमषगत करत ह चजनह हम तब धयान म रिना चामहए जब हम परमश वर मवजञान की ि ज करत ह सकारातमक रप स र ममय 1 और 2 चसिात ह मक हम परमश वर की समषट म जीवन क अनभव स परमश वर क बार म बहत सी बात सीि सकत ह समनए र ममय 120 म परररत पौलस न कया कहा ह

उ सक अन दख गण अ थ ा यत उसक ी सनातन साम रथयय और परम श व रत व जगत क ी ससष ट क सम य स उ सक क ाम ो क दवारा दख न म आत ह (रो व मयो 12 0 )

जब हम इन अधयाय क धयान स दित ह त हम पात ह मक ldquoजरत की समषटrdquo पराकमतक वयवसटथा स बढ़कर ह पौलस क मन म भी वही था ज हम मानवीय ससटकमत सटवय मनषय और हमार वयमिरत आतररक जीवन अथागत हमार नमतक मववक अतजञागन पवागभास आमद स परमश वर क बार म सीित ह

म रा वव चा र ह व क सा म ा नय परका िन व ास तव म म हत व पणय धमय व जञा व नक अ व धारणा ह पहि ा कारण क यो वक यह व ह ब ा त ह ल जसक ा इ नक ा र न ही वक या जा सक ता हम सब इ स स सार म रहत ह चा ह हम म सीही हो या न हो हम सब परम श व र दव ा रा रच इस स सा र म रहत ह अब चा ह एक ग र -म सीही ववश वा सी यह म ान या न म ा न वह द सरी ब ा त ह पर त ल जस हम ldquoसाम ानय परक ािनrdquo क हत ह व ह सव ि म हम ा र चा रो ओर वद ख ाई दन वा ि ी ब ात ह हम सव ि क ो द खन क दव ा रा ही ऐसी ब हत सी ब ा तो को दख सक त ह वक परम श व र क ौ न ह हम वा स तव वक त ा क क ा रण यह द खत ह व क हम ा र पा स एक साम रथयय िाि ी परम श वर ह क यो व क उ सन गर हो और ल सत ा रो और च दर मा क ी रचना की ह हमा र पा स एक ऐसा परम श वर ह जो स दर ता क ो पस द क रत ा ह और ज ो ब ा त स द र परक वत क ी होती ह व उ सक लि ए महतव रख त ी ह हम इस ज ान व रो व कषो और सयायसत म दख त ह हम एक िर म परम श व र क व भ व को द खत ह हम उसक चररतर क ो वही पा त ह ज हा हम द खत ह अ ब यह ब हत ही महत व पणय हो सकत ा ह व व िषक र सस मा चा र परचा र क द व िक ो ण स क यो वक हम कही पर एक आर व भक वब द क ी आव शयकत ा ह और सा म ानय परक ा िन हम वह आर वभ क व ब द द ता ह हम स सा र क बा र म कछ ब ा त ो क ो ज ा नत ह ल ज सम हम रहत ह और इसलि ए हम ा र चा रो ओर द ख न क दव ा रा उ स परम श व र क ब ा र म भ ी ज ा नत ह ल ज सन इ स स सा र क ो रचा ह

- रव ह र रक रो डवहव र

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समदय स सामानय परकाशन क परमत इस सकारातमक दमषटक ण न ldquoपराकमतक धमगमवजञानrdquo क रप म परमश वर क धमगचशिा म एक महतवपणग भममका अदा की ह पराकमतक धमगमवजञान सामानय परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म जानन का एक मनरतर परयास ह मसीह क अनयामयय न सदव यह सटवीकार मकया ह मक हम पराकमतक धमगमवजञान क माधयम स परमश वर क बार म बहत कछ सीि सकत ह और कछक अपवाद क साथ परमश वर की धमगचशिा पर औपचाररक धमगवजञामनक चचतन न कलीचसया की लरभर परतयक शािा म पराकमतक धमगमवजञान क ससममचलत कर मदया ह

असल म मधयकालीन अवचध क दौरान अगरणी मवदवतावादी धमगमवजञामनय न पराकमतक धमगमवजञान का अनसरण करन क चलए वासटतव म एक औपचाररक मतर-रपी रणनीमत की रचना की पहला उनह न ldquoकरणीय सबध का तरीकाrdquo लमटन म वाया कौजाचलटामटस क बार म बात की इसस उनका अथग था मक हम समषट म उन अचछी बात क दिन क दवारा परमश वर क बार म सतय क सीि सकत ह चजनह परमश वर न रचा ह या वह उनकी ldquoरचना का कारण बनाrdquo ह उदाहरण क चलए हम दि सकत ह मक परमश वर न इस ससार म सदरता और करम-वयवसटथा की रचना अतः हम कह सकत ह मक परमश वर सटवय भी सदर और वयवससटथत ह रा

दसरा मवदवतावादी धमगमवजञामनय न ldquoमनषध क तरीकrdquo लमटन म वाया मनराशमनस क बार म भी बात की इसस उनका अथग था मक हम परमश वर क समषट की सीममतताओ और कममय क मवपरीत दशागन क दवारा परमश वर क मवषय म सतय क परमाचणत कर सकत ह उदाहरण क चलए समषट समय म सीममत ह परत परमश वर अनत ह समषट सटथान म सीममत ह परत परमश वर असीममत ह

और तीसरा मधयकालीन मवदवतावादी धमगमवजञामनय न ldquoशषठता क तरीकrdquo लमटन म वाया एमीननमटआए क बार म भी बात की इसस उनका अथग था मक हम इस बात पर धयान दन क दवारा सामानय परकाशन स परमश वर क मवषय म सतय क परमाचणत कर सकत ह मक कस परमश वर सदव उन वसटतओ स शषठ ह चजसकी उसन रचना की ह उदाहरण क चलए परकमत की शमि परमश वर क सवोचच सामथयग म मवश वास करन म हमारा मारगदशगन करती ह मानवीय बौचदधक य गयताए परमश वर की अतलय बचदध की ओर हम अगरसर करती ह

अचधकतर ससमाचाररक ल र आजकल ऐस कठ र तरीक का अनसरण नही करत ह परत पराकमतक धमगमवजञान परमश वर मवजञान म मखय भममका अदा करना मनरतर जारी रिती ह यीश न अपन चल क चसिाया मक परमश वर न समषट क परमत हमार अनभव क परतयक पहल की रचना अपन बार म बात क परकट करन क चलए की ह और मसीह क मवश वासय गय ल र क रप म हम सामानय परकाशन क माधयम स उन सब बात क ि जना चामहए चजनह हम परमश वर क बार म सीि सकत ह

सामानय परकाशन और पराकमतक धमगमवजञान क परमत य सकारातमक दमषटक ण परमश वर मवजञान क मकसी भी अधययन क चलए महतवपणग ह परत हम इस पर भी धयान दना आवशयक ह मक कस र ममय क पहल द अधयाय कछ महतवपणग नकारातमक दमषटक ण भी परसटतत करत ह र ममय 118 म पौलस न तब सामानय परकाशन क परमत अचधक नकारातमक दमषटक ण पर बल मदया जब उसन यह चलिा

परम श व र क ा कर ोध त ो उ न ि ो गो क ी सब अ भवि और अधमय पर स व गय स परगट होत ा ह ज ो सत य को अधमय स दब ाए रख त ह (रो व मयो 1 1 8 )

इस पद म पौलस न सटपषट मकया मक सामानय परकाशन उसकी दया और उदधार की अपिा ldquoपरमश वर का कर धrdquo परकट करता ह और यह सतय ह कय मक अचधकतर पापी ल र सामानय परकाशन क ldquoसतय क अधमग स दबाए रित हrdquo वासटतव म र ममय 125 क अनसार

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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[पा व पयो न] परम श वर की सचचाई क ो बद िक र झठ ब ना डाि ा (रो वम यो 1 15 )

सटवय यीश न समय-समय पर दशागया मक पापपणग मनषय मनरनतर अपन जीवन क अनभव स परमश वर क मवषय म उन बात क सीिन म असिल हए ज उनह सीिनी चामहए थी जस मक यीश और पौलस द न न बताया पापपणग ल र म समषट क माधयम स परमश वर दवारा परकट बात क मवषय म सटवय स और दसर स झठ ब लन की परवमतत ह ती ह

म इ स ब ा र म ब हत अल धक सचत रहन ा चा ह ग ा वक हम पराक वतक धमय वव जञा न क ि बि या उ सक ी शरणी स परम श व र ब ार म कया सीख त ह म रोव म यो 1 2 0 ज स क थन ो पर आल शरत हो न ा चा ह ग ा ज ो वक उसक ी व भ वत ा उस क सा म रथयय क बा र म ब ात क रत ह म सो चता ह वक यह व ब ा त ह ल ज न पर आप उ स स द भय म आलशरत सकत ह जो आप सी ख ना चा हत ह पर त म त र त ही यह भी कहन ा चाह ग ा वक उ ल चत द वि क ो ण क ो परापत क रन क लि ए हम व व िष परक ािन क ी बहत आव शयकत ा ह इसल ि ए आपक ो म न ष य क त कय -व व तय क क ो ज ा चन क लि ए वव िष परक ा िन की आव शयकत ा ह म रा क हन ा ह वक व फर चाह यह स वा यतत हो या सव त तर म ानव ीय तकय -व वतय क कयो वक रलचत कषतर कछ ब ा त ो क ो उत पनन क रत ा ह लज नह स दह क रप म भ ी पढा और समझा जा सक त ा ह परभ यी ि म सीह क ी व ा स तव वक त ा क ा वव िष परका िन इ स उ ल चत रप म परा क रता ह वक परम श व र क ौन ह हम ार तकय -व वतय क क ो उसक अ न सार रख न क लि ए उसक व चन क पराम िय क ी ब हत अ लधक आव शयक त ा ह

- डॉ बर स एि फ़ीलस

परम श व र क ी सवि हम क ई ब ात ल सख ा त ी ह सब स मि भत ब ात यह व न सस द ह हम यह लसख ात ी ह वक व ह सव ो चच सव िक त ा य ह परम श व र व ह ह ज ो सब व सत ओ क ो िनय स उ त पनन क रत ा ह अतः यह हम उ सक ी सा म रथयय क ब ा र म भी लसख ाती ह रोव म यो 1 क अ न सा र यह हम उसक ी धाव मय कत ा क ब ा र म लसख ा ती ह हम रो वम यो 1 म पा त ह वक सब मन ष य ज ा नत ह व क परम श व र ह व क उ सक ी आराधन ा क ी जा न ी चाव हए और सब ि ो ग ो क पास परम श व र की धा व मय क ता और पववतर ता का ब ो ध ह पा पी म न षयो क रप म हम उस दब ा द त ह हम उ स अ नद ख ा क रन क ा परयास क रत ह अतः सवि हम लसख ाती ह वक परम श व र सव ि कत ा य ह वह साम थी ह और व ह धमी ह पापी म न ष यो क रप म हम उ न ब ात ो क ा इनकार क रन और उ नह दब ा न क ा परयास क रत ह अ तः परम श व र क ब ा र म जो ब ात सव ि न ही ल सखा त ी व ह यह ह वक हम उ सक सा थ सही स ब ध क स ब न ा ए सवि व ब ात ल सख ात ी ह ज ो म न यहा द िा यई ह पर त यह हम परम श व र क अ न गरह और परभ यीि म सीह म द या क वव षय म न ही ल सख ात ी इ सक ल ि ए परभ यी ि म सीह म उ सक क ा यो पर उ सस स ब लधत परक परक ािन क ा होना आव शयक ह

- डॉ क ािय आर टर म न

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सामानय परकाशन क परमत य नकारातमक दमषटक ण पराकमतक धमगमवजञान पर बहत अचधक मनभगर रहन क मवषय म एक कडी चतावनी क उतपनन करत ह पराकमतक धमगमवजञान तरमटरमहत नही ह कय मक पाप न समषट स परापत हमार अनभव स परमश वर क मवषय म सीिन की हमारी िमता क भरषट कर मदया ह रभीर मसीही धमगमवजञामनय क सवोततम परयास क बावजद भी पराकमतक धमगमवजञान न मनरनतर सामानय परकाशन का रलत अथग मनकाला ह और परमश वर क परमत हमारी अवधारणा म ममथया बात क राला ह

उदाहरण क चलए धमागधयिीय और मधयकालीन अवचधय क दौरान अनयजामत क यनानी रहसटयवाद न बहत स ल र क इस बात का इनकार करन क परररत मकया मक मनषय परमश वर क बार म कछ जान सकता ह अठारहवी शताबदी म परकमत की वयवसटथा क परमत रलत समझ न कई धमगमवजञामनय क परब धन दववाद अथागत ऐसा मवश वास मक परमश वर इस ससार की रमतमवचधय म ससममचलत नही ह का समथगन क परररत मकया हाल ही समदय म जीवमवजञान क मवजञानीय अधययन न ल र क समषटकताग क रप म परमश वर क बाइबल क चचतरण का इनकार करन क परररत मकया ह परतयक पडाव पर मनषय क हदय की भरषटता न सामानय परकाशन म परमश वर क बार म परकट सतय क ि दन म धमगमवजञामनय क परररत मकया ह

मनसटसदह पराकमतक धमगमवजञान क परमत य नकारातमक दमषटक ण एक मलभत परशन की ओर अरवाई करत ह यमद पाप सामानय परकाशन क परमत हमारी जाररकता क भरषट करता ह त हम परमश वर क बार म सतय क कस जान सकत ह

इस परशन का उततर दन क चलए हम ईश वरीय परकाशन क दसर मखय परकार क दिर सामानय परकाशन क अमतररि यीश न यह भी चसिाया मक परमश वर न हम मवशष या सटीक परकाशन मदया ह

व व िष परक ािन वयापक रप म कह त मवशष परकाशन अलौमकक माधयम क दवारा परमश वर का सटव-परकटीकरण ह पमवतर आतमा न सटवपन दशगन वाचणय और उदधार तथा दर क बड कायो क दवारा परकाशन मदया ह परमश वर न सटवय क पररणा-परापत मानवीय परमतमनचधय क दवारा भी परकट मकया ह जस मक उसक भमवषयदविा और परररत ज पमवतर आतमा क दवारा पररणा-परापत थ और मनसटसदह जसा मक हमन पहल कहा था परमश वर का सबस बडा मवशष परकाशन मसीह म था

परमश वर की धमगचशिा क चलए मवशष परकाशन क महतव क बढ़ा चढ़ा कर नही बताया जा सकता यह परमश वर क उददशय क चलए इतना आवशयक ह मक पाप क इस ससार म आन स पहल ही परमश वर न आदम और हववा का मवशष मौचिक परकाशन क दवारा मारगदशगन मकया और मनसटसदह मवशष परकाशन पाप म पतन क बाद भी महतवपणग रहा ह यह न कवल सामानय परकाशन क समझन क हमार परयास का मारगदशगन करता ह बसलक यह अनत उदधार क मारग क भी परकट करता ह

यह मकतना भी अदभत कय न ह मक परमश वर न हम अलौमकक परकाशन परदान मकया ह - ससार म पाप क आन स पहल और बाद म भी - परत चजस हम सामानय रप स ldquoपरमश वर की ओर स मवशष परकाशनrdquo कहत ह वह हजार वषो पहल घमटत हआ था अतः हम आज मवशष परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म कस सीित ह

एक बार मिर स हम उस ओर मडना चामहए ज परमश वर क सवोचच परकाशन अथागत यीश न चसिाया था सिप म मसीह न अपन अनयामयय क चसिाया मक व सटवय क पमवतरशासटतर म मदए हए परमश वर क मवशष परकाशन क परमत सममपगत कर मरकस 1228-34 जस अनचछद सटपषट रप स दशागत ह मक यीश न अपन समय क अनय रसबबय क समान परमश वर क मवशष चलचित परकाशन क रप म परान मनयम की पमषट की

और हम जानत ह मक नया मनयम भी परमश वर का पररणा-परापत परकाशन ह यहनना 1612-13 और इमिचसय 220 जस सटथान म हम सीित ह मक यीश क सटवरागर हण क बाद उसन पमवतर आतमा क पहली

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सदी क परररत और भमवषयदविाओ क परचशचित करन क चलए भजा मक व उसकी कलीचसया क समि परमश वर क परकट कर नया मनयम पहली सदी क इन परररमतक और भमवषयदवाणीय मवशष परकाशन का हमारा परमतमनचध सकलन ह इसी कारण ससमाचाररक मसीही बल दत ह मक हम इमतहास म सामानय परकाशन और मवशष परकाशन द न म परमश वर क परकटीकरण क समझन क चलए पमवतरशासटतर पर मनभगर ह सकत ह

परमश वर क परकाशन और रहसटय क मवषय म हमार अधययन म हमन परमश वर क मवषय म हमार सपणग जञान क सर त क रप म ईश वरीय परकाशन की ि ज की ह अब आइए इस पहल क दसर महसटस की ओर मड ईशवरीय रहसटय अथागत परमश वर क बार म व बहत सी बात ज चछपी रहती ह क परमश वर मवजञान क हमार अधययन क मकस परकार परभामवत करना चामहए

ईश वरीय रहसय

एक बात लज स हम सम झन ा ह और ज ो सम झन क लि ए आसान न ही ह व ह ह वक व ा स तव म परम श वर कौ न ह वह जञानाती त ह व ह सव ि स पर ह जो कछ हम यहा इ स स सार म अ नभ व क रत ह उ सन रचा ह इ सल ि ए हम व ा सत व म उ स तब तक न ही ज ा न सक त ज ब त क व ह स व य क ो परकट न ही क रत ा जब तक व ह व कसी त रह स इ स सव ि म परव ि न ही क रता व ह हम स ब ात क रता ह वह हम पर स व य क ो परक ट क रता ह ज ो उसन पणय रप स अ पन पतर यी ि म वक या ह पर त उ सस व ह हम ा र ल ि ए रहसयमयी बन जात ा ह और सचचा ई यह ह व क व ही एक मा तर त रीक ा ह लज सम हम परम श व र क राज य क ो उ सक िा सन क ो और उ सक अ ल धक ार क ो ज ा न सकत ह - क यो वक वह हम यहा रहन क ी अ नम वत द त ा ह और व ह एक अ द शय परम श व र ह - इसल ि ए उ सक राज य क ो ज ान न क ा क वि एक त रीक ा यही ह व क वह उस हम पर परक ट क र द

- डॉ र रक ब ॉयड

जसा मक हम दि चक ह परमश वर न सटवय और मनषयजामत क बीच की एक बहत बडी दरी पर मवजय परापत कर ली ह उसन अपन सामानय और मवशष परकाशन क दवारा हमार चलए यह सभव बनाया मक हम उसक मवषय म जान सक परत साथ ही परमश वर क बार म हमारा जञान ईश वरीय रहसटय क दवारा बहत अचधक परभामवत ह ता ह ऐसी बहत सी बात ह चजनह परमश वर न अपन बार म परकट नही मकया ह

ईश वरीय रहसटय क समझना परमश वर मवजञान क चलए इतना महतवपणग ह मक यह इस द चरण म दिन म हमारी सहायता कररा हम पहल ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा क सटपषट करर तब हम रहसटय क उन परकार क सटपशग करर चजनका हम सामना करत ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा कया ह

मि भत धारण ा शबद ldquoरहसटयrdquo का परय र पमवतरशासटतर म मवमभनन तरीक स मकया जाता ह परत हमार उददशय क चलए

हम कह सकत ह मक ईश वरीय रहसटय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र क व व षय म ऐस अ स खय अ परक ा लित सत य ह ज ो परम श व र क परवत हमा री सम झ क ो सीव मत करत ह

हम इस पररभाषा क द पहलओ क उजारर करर पहला पहल यह तथय ह मक ईश वरीय रहसटय ldquoपरमश वर क मवषय म असखय अपरकाचशत सतय हrdquo र ममय 1133 म परररत पौलस न सकत मदया मक हम सदव ईश वरीय रहसटय क परमत सचत रहना चामहए उसन चलिा

आहा परम श व र क ा धन और ब लि और जञान कया ही ग भी र ह

उ सक ववचार क स अथाह और उ सक मा गय क स अ गम ह (रो व म यो 1 1 3 3 )

इस पद तक क अधयाय म पौलस न सामानय और मवशष परकाशन क दवारा परमश वर क बार म कई मजबत धारणाओ क दशागया परत इस अनचछद म पौलस न परमश वर क जञान और बचदध की ldquoरभीरताrdquo की ओर सकत मकया और उसन सटवीकार मकया मक परमश वर क मवचार ldquoअथाहrdquo ह और ldquoउसक मारग अरमrdquo ह यदयमप पौलस न ईश वरीय परकाशन क दवारा परमश वर क बार म बहत कछ समझा था मिर भी उसन असखय रहसटय अथागत ऐसी बात का सामना मकया चजनह परमश वर क आतमा न परकट नही मकया था

परम श व र रहस यम यी ह क यो वक व ह क सी भ ी समझ और जञान स पर ह ज ो हम ार पा स हो व ह सम य सम य पर हम स परा म िय वक ए वब न ा क ा यय क रत ा ह व ह सद व हम स परा म िय लि ए व बन ा ही क ायय क रत ा ह पर त क ई ब ार उसक क ायय क रन क त रीक क ो सम झना हमा र लि ए क व ठन होता ह वह इस भाव म भ ी सम झ स पर ह वक को ई भी परम श व र क जञान क ो पणय रप स परा पत नही कर सक त ा वहा रहस य क ा होन ा अ वशय ह क यो वक वह परम श व र ह और क ोई रलचत पराणी न ही ह परम श व र क रहस यम यी हो न क बा र म ऐसा क छ न ही ह व क जो हम ा र लि ए वक सी रप म क ोई सम सया हो परम श व र क रहस य क ा अ थय यह न ही ह व क उ स तक पह चा नही ज ा सक ता इसक ा अ थय यह न ही ह वक वह हम स परम न ही क रत ा और वक हम उसक परम क ो म हसस न ही क र सक त ह इ सक ा अ थय इ नम स क ो ई भ ी ब ा त न ही ह व ा सत व म यवद वह रहस यमयी न हो त ा त ो हम सरलकषत रप स क ह सक त थ वक व ह परम श व र नही ह हम ऐसा परम श व र क यो चावहए जो रहसयमयी न हो हम उ स ज ा न त ह व यापक रप स न ही पर त हम उ स सचच रप स ज ा न त ह हम उ स सम झत नही पर त व न ल ित रप स हम उस कहन क लि ए पया यपत रप स ज ा नत ह व क हम वक सी अ स पि द ा िय व नक ल सिा त क ो नही ब सलक परम श व र क ो ज ा न त ह

- डॉ ववलि यम ऐड ग ा र

मपरसटन चथय ल चजकल समीनरी क मवचधवत धमगमवजञान क पर िसर चालसग ह ज चजनका जीवनकाल 1797-1878 तक था न महतवपणग रप म ईश वरीय रहसटय क साररमभगत मकया अपन मवचधवत धमगमवजञान क पहल ससटकरण क भार 1 क अधयाय 4 म उसन यह चलिा

परम श व र म उसक व व षय म हम ा र वव चा रो स ब ढक र ब हत क छ ह और उसक व व षय म हम ज ो क छ ज ा नत ह व ह हम अ पणय रप स ज ान त ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ह ज न यहा द महतवपणग अवल कन क दशागया ह पहल उसन बल मदया मक परमश वर क बार म ज सतय ह वह ldquoहमार मवचार स बढ़कर बहत कछ हrdquo यहा पर कवल थ ड स रहसटय नही ह न ही बहत स रहसटय ह इसकी अपिा कय मक परमश वर सटवय असीम ह इसचलए वहा हमारी कलपना स बढ़कर बहत स रहसटय ह ह ज न यह भी सटपषट मकया मक ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क इतना भर दत ह मक ldquo[परमश वर क] मवषय म हम ज कछ जानत ह वह हम अपणग रप स जानत हrdquo दसर शबद म परमश वर क बार म ऐसी एक भी बात नही ह चजस हम पणग रीमत स समझत ह

क ई ब ार जब हम वक सी क ो यह क हत हए सन त ह व क परम श व र समझ स पर ह त ो हम इस पर एक त रह स नक ा रात मक परव त वकर या द त ह - कया म उ स नही ज ान सक त ा क या म उ सक ब ा र म ज ान का री परापत न ही क र सकता और व नस स द ह ब ाइबि परम श व र क ा सव -परक ा िन ह उ सन स व य क ो परक ट व क या ह त ा व क हम उ स व यविगत रप स जान सक और उसक बा र म क छ ब ात ो क ो जा न सक पर त यवद आप रकक र उसक ब ा र म सो च वक यवद परम श व र सच म अ सीवम त परम श व र ह त ो म रा छ ोट ा सा वद म ाग और यहा तक वक इ स स सा र क ा सव ो ततम धमय व जञाव नक वदम ाग भ ी उ स उ सकी पणयत ा म समझ न ही पा एग ा अ पन ी पर रभ ा षा क अ न सार यव द म उ स सम झ सक तो म उ सक ल जत ना ही महा न हो ज ा ऊ ग ा और इसल ि ए यह ब हत ही म हतव पणय भ ा ग ह हम ारा परम श व र क ोई छ ोट ा परम श व र नही ह व ह इ तन ा छो ट ा न ही ह वक म अ पन वद म ा ग या वक सी पसत क म उ सक ी स पणय सम झ क ो परापत क र ि हम आभ ारी ह वक उ सन स व य क ो पयायपत रप स परक ट वक या ह और यह वक उ सन हम ा र उ ि ा र क ा परब ध वक या ह त ा व क हम उ सक ब ा र म कछ सम झ क ो परापत क र सक और उ सक साथ स ग वत रख सक उ सक साथ सही स ग वत म रह सक और उ सक ब ा र म सही ववचार रख सक चा ह व ह व या पक रप स न हो पर त उस ज ान ा ज ा सकत ा ह क यो वक उ सन स व य क ो पराकल ित वक या ह पर त व ह समझ स पर ह और उसक ी पणयत ा परम श व र क ब ा र म हम ारी सम झ और उसक लि ए हम ारी आरधना और उसक परव त हम ारी आजञाक ा र रत ा क लि ए ब हत अ ल धक बहत ही अ लधक महतव पणय ह

- डॉ ग ा रथ क ोक र रि

यह पहचानन क अमतररि मक ईश वरीय रहसटय असखय ह हम सदव ईश वरीय रहसटय क दसर महतवपणग पहल पर भी धयान दना चामहए ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क बहत सीममत कर दत ह जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह

ऐस कई मवमभनन तरीक ह चजनम ईश वरीय रहसटय परमश वर क बार म हमार जञान क सीममत कर दत ह परत इस अधयाय क चलए हम कवल द तरीक पर धयान दर एक ओर हमार पास परमश वर क बार म बहत ही सीममत जानकारी ह यदयमप परमश वर न सटपषट कर मदया ह मक उदधार और मसीह म जीवन क चलए आवशयक कया ह वासटतव म हमम स क ई भी परमश वर क बार म अचधक कछ नही समझता पहला कररसनथय 1312 हम बताता ह मक हम परमश वर का सतय कवल ldquoधधलाrdquo मदिाई दता ह जस मक हम ldquoएक दपगण मrdquo दि रह ह

इसचलए परमश वर की धमगचशिा क मवचार-मवमशग म असखय परशन उठ िड ह त ह चजनका ऐस ही परी तरह स उततर नही मदया जा सकता उदारण क चलए परमश वर बराई क कय अनममत दता ह वतगमान

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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घटनाओ म हम परमश वर क उददशय क कस समझ सकत ह बहत स धमगमवजञानी मवशषकर व ज सदहवामदय स मघर हए ह ऐसी कलपनाओ म रहत ह कय मक व यह सटवीकार नही कर सकत मक हमार पास ऐस परशन क उततर नही ह परत ईश वरीय रहसटय अकसर मसीह क मवश वासय गय अनयामयय क यह सटवीकार करन म अरवाई दत ह ldquoमझ नही पताrdquo जब बात परमश वर की धमगचशिा की आती ह तब यमद परमश वर न इस परकट नही मकया ह त हम इस जान नही सकत यह इतनी सरल बात ह

मसीह क मवश वासय गय अनयायी ह न क नात हम इस सचचाई स कभी भारना नही चामहए मक हमार पास परमश वर क बार म सीममत जानकारी ह वासटतव म पल दर पल इस तरह की सीममतता क सटमरण करना एक आशीष ह ईश वरीय रहसटय हम परमश वर पर भर सा रिन क मववश करत ह हम परमश वर क जञान क परापत करन क चलए अपनी सीममत य गयताओ पर मवश वास रिन की अपिा पमवतर आतमा की सवकाई क दवारा मपता और मसीह पर मनभगर ह ना चामहए

दसरी ओर ईश वरीय रहसटय का अथग यह भी ह मक मनषय कवल परमश वर क परकाशन क सीममत सटपषटीकरण ही परसटतत कर सकत ह हम इस बात पर बल दन म सही ह मक सतय क परमश वर का परकाशन सटवय म मवर धाभासी नही ह और हम परमश वर क परकाशन क बीच बहत स तामकग क सबध क दि सकत ह परत चाह हम सटवीकार कर या न कर ईश वरीय रहसटय न कवल इस बात क सीममत करत ह मक हमार पास परमश वर क बार म मकतनी जानकारी ह साथ ही व परमश वर न ज सटवय क बार म परकट मकया ह उसम स अचधकाश बात की तामकग क सबदधता क सटपषट करन की हमारी य गयता क भी सीममत कर दत ह

उदाहरण क चलए हम मतरएकता अथागत परमश वर एक ह और उसक तीन वयमितव ह का सपणग रप स तामकग क सटपषटीकरण नही द सकत हम इस वासटतमवकता क परतयक पहल क तामकग क रप स सटपषट नही कर सकत मक यीश पणग रप स परमश वर और मनषय द न ह हम परी तरह स यह सटपषट नही कर सकत मक परमश वर मनषय क मकरयाकलाप पर सपणग परभतव रिन क बाद भी हम हमार कायो क चलए कस चजममदार ठहराता ह सवोततम मसीही मवचारक न इन और इन जस अनय परशन क उततर दन का परयास मकयाह परत व सपणग और तामकग क सटपषटीकरण क परदान करन क मनकट आन म भी असिल रह ह

अततः परमश वर न सटवय क बार म ज कछ परकट मकया ह उसकी तामकग क सबदधता क सटपषट करन का परयास करना महतवपणग ह सकता ह परत हम इस तरह स मनधागररत नही करत ह मक कया सतय ह और कया झठ मकसी भी धमगवजञामनक दाव का सतय कवल इस बात पर मनभगर करता ह मक कया परमश वर न इस सामानय या मवशष परकाशन म परकट मकया ह या नही

ज ब धमय ववजञानी क हत ह वक परम श व र सम झ स पर ह त ो उनक कहन क ा अ थय यह हो त ा ह वक हम जो न शवर परा णी ह उ सक स पणय सार और अ ससतत व क ो समझ और ब झ नही सक त परम श व र क अ सी वम त हो न क क ा रण यह स भ ा व न ा ब हत ही कम ह व क हम उस उस उसक ी पणयता म समझ और ज ा न सक म उस स म रण क रत ा ह ज ो पौि स रो वम यो 1 1 3 3 -3 4 म कहत ा ह ज ब व ह परम शवर क अथ ा ह जञा न और ब ल ि क ब ा र म बा त क रता ह पर त वफर भी क यो व क उ सन हम पयायपत स व -परकट ीकरण परद ा न वक या ह इ सलि ए यह ववश वास म आन हत हम ा र ल ि ए पया यपत ह

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हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय रहसटय क महतव क और अचधक रप स समझन क चलए हमन मलभत धारणा की ि ज की ह अब ईश वरीय रहसटय क उन मवमभनन परकार पर धयान दना सहायक ह रा ज उस समय मकरयासनवत ह त ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह

वभनन परका र हम रहसटय क द मवमभनन परकार क बीच अनतर कर सकत ह पहल परकार क हम ldquoअसटथाई रहसटयrdquo

कहर आइए दि मक ऐसा कहन स हमारा कया अथग ह अ सथाई असटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह ज एक मनचित अवचध तक मनषय स चछप

हए ह परत मिर व इमतहास म बाद म मकसी समय परकट मकए जात ह परमश वर सामानय परकाशन क दवारा अकसर उस परकट करता ह ज एक समय म रहसटयमयी था वह भौमतक ससार मानवीय ससटकमत अनय ल र या यहा तक मक हमार भीतर आए पररवतगन का परय र असटथाई रहसटय क परकट करन क चलए करता ह

मवशष परकाशन क साथ भी कछ ऐसा ही ह ता ह पमवतरशासटतर का धयान स मकया हआ अधययन दशागता ह मक परमश वर क बाद क परकाशन न उसक पहल क परकाशन का कभी मवर धाभास नही मकया ह परत यह भी सटपषट ह मक परमश वर न समय क साथ-साथ अपन बार म और अचधक परकट मकया ह मवशष परकाशन का परकटीकरण बाइबल क इमतहास की परतयक अवचध क दौरान हआ ह मनसटसदह ईश वरीय रहसटय का सबस नाटकीय परकटीकरण मसीह क मवशष परकाशन म हआ पौलस क मन म यही बात थी जब उसन इमिचसय 19 33 और 619 क चलिा इन पद म पौलस न मसीह म परमश वर क अनत उददशय क रहसटय क दशागया उसन सटपषट मकया मक यह रहसटय नए मनयम क परररत और भमवषयदविाओ क समय तक चछपाए रिा रया था

इसी कारण जब कभी हम परमश वर क बार म सीिन का परयास करत ह त हम परान मनयम म पाए जान वाल असटथाई रहसटय क सटपषट करन क चलए सदव नए मनयम क मवशष परकाशन की ि ज करनी चामहए

क ई ब ार हम िब द ldquo रहसयम यrdquo क ा परयोग परम श वर क ब ा र म ब ा त क रन क ल ि ए क रत ह क यो व क हम सम झ न ही पा त ह वक वह व ास तव म क या क र रहा ह द सरी ओर नया वन यम िब द ldquo रहसयमयrdquo क ा परयोग सा म ा नय रप म क रत ा ह ज ो व क यन ा नी िबद वम सट ीररयोन स आत ा ह - यह व ा स तव म समा न िब द ह - इ सक ा अ थय ह व क परम श व र दवा रा उ िार क ी अ नगरहक ारी योजन ा क ा परकट ीक रण ऐसी ब ात ह ल ज स हम अ पन आप स क भ ी सो च ही न ही पात अथ ा यत यह इस भाव म रहस य ह व क हम इ स कभ ी भ ी सम झ न ही पा त यवद परम श व र न इ स हम पर परक ट न वक या होत ा और इ सलि ए परम श व र अ पन वव िष परक ािन म अ पनी योजन ा क ो हम पर परक ट क रत ा ह और यही क ा रण ह वक आप िब द वम सट ीररयोन क ा परयोग इ व फल सयो और 1 क र रस नथ यो म होत ा हआ दख त ह यह ऐसा ह व क परम श व र धीर धी र अ पन परक ािन क ो परक ट क र रहा ह और हम वदख ा रहा ह वक क स उिार यहव द यो और अनयज ा व त यो द ो नो क ल ि ए ह और यह वक सी भ ी व यव ि क ल ि ए ह ज ो यी ि म सी ह क ो अ पन म सी ह क रप म स व ीक ा र क रग ा

- डॉ स म एि ि ाम रसन

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत नए मनयम क मवश वासी ह न क बावजद भी हम यह भी सटमरण रिना चामहए मक परमश वर न अभी तक परतयक असटथाई रहसटय क परकट नही मकया ह 1 कररसनथय 1312 म पौलस इस इस तरह स चलिता ह

इ स सम य म रा जञान अ धरा ह पर त उ स सम य ऐसी परी रीवत स पव हचा न ग ा (1 क र रस नथ यो 13 12 )

जब मसीह ममहमा म वापस आएरा कवल तभी वह परतयक असटथाई रहसटय क परकट कर दरा और हम परमश वर और उसक मारो क आज की अपिा कही अचधक परी तरह स समझ पाएर

जसा मक हम दि चक ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त हम कई असटथाई रहसटय का सामना करत ह परत बाइबल इस सटपषट कर दती ह मक जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह त हम सटथाई रहसटय क भी दिना ह ता ह

सथा ई सटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह चजनह मनषय कभी समझ नही पाएरा कय मक य सतय हमारी समझ स पर ह पारपररक धमगमवजञान म इस वासटतमवकता क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क रप म कहा जाता ह हम परमश वर क बार म कछ बात क समझ सकत ह जब वह उनह मानवीय रग प म परकट करता ह परत हम परमश वर क बार म मकसी भी बात क परी तरह स कभी नही समझ सकर हम इस मवचार क यशायाह 558-9 म सटपषट रप स अमभवयि पात ह जहा भमवषयदविा यशायाह यह चलिा ह

क यो वक यहोवा क हत ा ह म र ववचार और त म हा र ववचार एक सम ान न ही ह न तमहा री ग व त और म री ग व त एक सी ह क यो वक म री और तमहा री गवत म और म र और त म हा र सोच व व चा रो म आक ाि और परथवी क ा अ नतर ह (यिायाह 5 5 8 -9 )

इन पद म यशायाह न इसराएल क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क कारण उतपनन परमश वर क सटथाई रहसटय क सटमरण मदलाया

जब पववतर िासतर परम श व र क ो रहस यमयी क रप म द िायता ह त ो हम यह सव न ल ित क रना चावहए वक हम िब द ldquo रहसय rdquo क ो गित रप म न समझ ि जब म इ स स सा र क ी वस त ओ क रहस यम यी होन क बा र म सो चता ह त ो मझ िग त ा ह व क उ नक क छ ल छ प हए रहस य ह जो म झ वकसी सम य पर चवकत क र द ग ऐसी ब ात इ स व व षय म न ही ह ldquo रहसयम यीrdquo स हम ा रा अ थय यह ह वक परम श व र सम झ स पर ह हम ारा अ थय ह व क उ सक पा स ऐसा ज ी व न ह ज ो हमा री क ल पन ा स पर ह इसक ा अ थय यह ह वक उ सक ब ार म ऐसा कछ ह ल ज स हम परी री व त स समझ न ही सक त और म भ ी उ स सम झ न ही सक ता इ सक ा अथय ह वक यह म र रलचत ज ीव न स पर क ी ब ात ह वह म री सो च स वह बह त ब ड़ा ह इ सक ल ि ए लजस तकन ीक ी धमय व जञा व न क िबद का हम परयो ग क रत ह व ह ह ldquoअ न भवा त ी तrdquo परम श वर अ न भवात ीत ह वह हम ा र सोच-ववचार क ी सीम ा स पर ह और इ सी लि ए व ह आरा धन ा क यो गय ह इ सी लि ए वह म हान ह इ सी लि ए वह ऐसा ह ल ज सकी हम परि सा क रत ह

-डॉ ग री एम ब जय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र म रहस य आ ल िक रप स उ सक ी इस परक वत क क ारण ह व क व ह क ौ न ह और उ सक अ सी वम त ब न ाम हम ा र सी वम त हो न हम ा री सी वम तता तथा उसक ी असीवमत सा म रथयय और समझ क क ा रण ह पर त सा थ ही यह व व िष रप स सव ि म उ सक उ दद शयो और योज न ा ओ स भ ी स ब ल धत ह परम श व र कयो इ सी त रीक स क ा यय क रता और उ स त रीक स क ा यय न ही क रत ा ह और म सो चत ा ह वक बहत ब ा र अ हक ा री म न ष यो क रप म हम यह सोचत ह वक हम परम श व र स ब हतर क ा यो क ो क रन ा ज ान त ह पर त परम श वर क रहस य म उ द ाह रण क लि ए व यवसथा वववरण 29 29 म यह इ सक ब ा र म पवव तर िास तर म ब ात क रत ा ह ग पत ब ात परम श व र क ी ही ह पर त जो बा त उ सन परक ट क ी ह उन म हम आन नद और उ त सव मन ा सक त ह और व हा एक ऐसा भ ा व ह ल ज सम हम स वी क ार कर सकत ह वक परम श व र न हम सब क छ न ही ब ता या ह उ सन अ पन ब ा र म हम सब कछ न ही बत ा या ह - व ह क स बत ा सक त ा ह और हम उ स क स सम झ सक त ह पर त सा थ ही उ सन हम वह सब भी न ही ब त ा या ह वक वह अ पन उ दद शयो और योज न ा ओ क ो क स परा क र रहा ह और परा न व न यम क अ ययब स ब हतर इ स क ोई न ही ज ान त ा जो इ स वव षय म परशनो का उतत र चा हत ा था वक परम श व र न इ न ब ात ो क ी अ नम वत क यो दी और परम श व र न उ स वह उतत र न ही वद या जो वह चाहत ा था परम श व र न उ स यह उ ततर व द या ldquoम ज ान त ा ह वक म क या क र रहा ह और एक भाव म म री यो ज न ा म एक रहस य ह ल ज स क वि म ही परी त रह स सपि क र सक त ा ह और अ तत ः त सम य क अ त म दख गा जब सब कछ अ चा नक स और परी त रह स अ थय पणय हो ग ा rdquo

-रव ह डॉ ि ईस व व क ि र

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस शिला का जब हम आरभ करत ह त हम सदव यह याद रिना चामहए मक यदयमप परमश वर न सटवय क सामानय और मवशष द न परकार क परकाशन म परकट मकया ह मिर भी उसन हमस सटथाई और असटथाई द न परकार क रहसटय क चछपाए रिा ह हम इस वासटतमवकता स ऐसी ही बच नही सकत मक हम कवल रचचत पराणी ही ह चजनकी परमश वर क मवषय म समझ सदव बहत ही सीममत ह

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस अधयाय म अब तक हमन ऐस कछ तरीक क दिा ह चजनम ईश वरीय परकाशन और रहसटय परमश वर मवजञान क अधययन क आकार दत ह अब हम अपन दसर मखय मवषय की ओर मडन क चलए तयार ह परमश वर की मवशषताए और उसक कायग य मवषय उन द पराथममक तरीक क परसटतत करत ह चजनक दवारा पारपररक धमगमवजञामनय न परमश वर क बार म हमार जञान क साररमभगत मकया ह

गण औ र क ायय

परमश वर क रण और कायो क अमतररि मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर परमश वर मवजञान म मतरएकता क धमगचशिा क ऊपर भी बहत अचधक धयान कसनित मकया ह हमन पमवतर मतरएकता क ऊपर कझ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सीमा तक परररत का मवश वासवचन क ऊपर हमारी शिला म वातागलाप मकया ह इस शिला म हम इन द अनय मखय मवषय क ऊपर धयान कसनित करर

उततर ततर अधयाय म हम परमश वर क रण और कायो क ऊपर कई मवशषताओ की ि ज करर परत इस समय हम यहा पर कवल एक ही अवधारणा का पररचय दर परथम हम ईश वरीय रण या परमश वर कौन ह क ऊपर धयान दर और दसरा हम ईश वरीय कायो की ओर मडर या परमश वर कया करता ह आइए परमश वर क ईश वरीय रण स आरभ कर

ईश वरीय ग ण ईश वरीय रण क मवषय का पररचय द चरण म कराना सहायतापणग ह रा हम परमश वर क रण की

मल धारणा स आरभ करर तब हम ईश वरीय रण क परकार की जाच करर ज मक अकसर मवचधवत धमगमवजञान म मभनन रप म पहचान रए ह इसचलए ईश वरीय रण की मल धारणा कया हॽ

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश मसीमहय क यह पछना ह मक परमश वर क कया रण हॽ त ह सकता ह मक

कदाचचत वह यह कह मक परमश वर क रण व सारी य गयताए या चाररमतरक रण ह चजनह पमवतरशासटतर परमश वर स ससमबसनधत करता ह ठीक ह यह दमषटक ण तब तक सही ह जब तक यह इस माना जाता रह परत पारपररक धमगमवजञान म वाकयाश परमश वर क रण कछ मवशष बात की सकत दता ह

मवचधवत धमगमवजञान म ईश वरीय रण

परम श व र क सा र क ी पणयत ा ए वव व भ नन त रह क ऐवत हा लसक परगट ी क रणो क दव ा रा परक ट क ी गई ह

यह पररभाषा द पराथममक तथय क उजारर करती ह ज मक परमश वर क रण क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग क चचमतरत करती ह परथम सटथान पर परमश वर क रण परमश वर क सार की पणगताए ह आधमनक ससमाचारवादी अकसर परमश वर क सार की ओर सकत नही करत ह इसचलए इस धारणा की ि ज करनी सहायतापणग ह रा

शबद सार क साथ आरभ करत हए ज मक लमटन शबद इशसनसया क अनवाद का अथग सार या अससटततव क रप म करता ह लमटन धमगमवजञान म परमश वर का सार मनकट घमनषठता क साथ शबद सबसटसनसया या ततव क साथ समबदध ह धमागधयिीय और मधयकालीन धमगमवजञामनय न इन शबद क नव-अिलातनवाद और अरसटत क दाशगमनक मवचार स अपनाया था अब पलट और अरसटत क दमषटक ण म सार का मवचार मवमभनन तरह स पाया जाता ह और सार की धारणा क सबध म कई महतवपणग जमटलताए आधमनक दशगनशासटतर म उठ िडी हई ह परत आतमसात करन क चलए यह मल मवचार कमठन नही ह

सरल शबद म मकसी वसटत का सार अससटततव या ततव एक न पररवमतगत ह न वाली वासटतमवकता ह ती ह ज इसक सभी बाहरी सटवरप पररवमतगत ह त पररटीकरण की पषठभमम म ह ती ह मसीही धमगमवजञामनय न सार क इसी मवचार स अपन अधययन क आधाररत मकया ह जब उनह न परमश वर क रण और पणगताओ क ऊपर मवचार मवमशग मकया

सामानय रप म परमश वर क सार म चार महतवपणग मभननताए ससममचलत ह परमश वर का सार परमश वर सटवय कया ह परमश वर की पणगताए या रण परमश वर क सार की य गयताए परमश वर का

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 5: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय परकािन जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त ईश वरीय परकाशन स बढ़कर मकसी और

बमनयादी मवषय की कलपना करना कमठन ह रा परमश वर न अपन मवषय म कया परकट मकया ह उसन यह कस मकया ह इन परशन क हमार उततर न परमश वर मवजञान क परतयक पहल क सवयवससटथत कर मदया

हम ईश वरीय परकाशन क मवचार का पररचय द रप म दर पहला हम परकाशन की मलभत मसीही अवधारणा का पररचय दर और दसरा हम परकाशन क द मखय परकार क दिर चजनह हम तब धयान म रिना चामहए जब हम परमश वर क बार म सीित ह त मिर ईश वरीय परकाशन की मलभत अवधारणा कया ह

मि भत अवधारण ा अपन उददशय क चलए हम ईश वरीय परकाशन की मलभत मसीही अवधारणा क इस परकार साररमभगत

कर सकत ह

परम श व र क ा सव -परकट ीक रण सद व म ा नव ी य स द भ ो म वद या ज ा त ा ह और मसी ह म स पणयत ा क सा थ वद या ज ा त ा ह

इस तथय क साथ आरभ करत हए इस अवधारणा क द पहलओ पर परकाश रालना आवशयक ह मक परमश वर न सदव सटवय क मानवीय सदभो म परकट मकया ह

म रा मा न ना ह वक ब ा इब ि क परम श व र क ब ा र म सब स अ दभत ब ात जो व ा सत व म क वि बा इब ि क परम श व र क व व षय म ही पाई जाती ह यह ह व क व ह अ पन ी सभी अ व णयन ीय व व िषत ा ओ या इ न अ सीम वव िषत ा ओ ज स सवोचचता और अ न त त ा और अ सी वम तत ा क ो ऐस रल चत परा लणयो क स ब ध म ब न ा ए रख ता ह ज ो न शवर सीवमत और इ व त हास म ह और हम बता या ग या ह वक वह म हान lsquo म ह rsquo रलचत परा ल णयो क सा थ स ब ध स थ ा व पत क रन क ल ि ए सम य स था न और म ा नव ी य इ वत हा स म परव ि क रत ा ह और और उन क सा थ उ नक सतर पर स ब ध स थ ाव पत क रत ा ह इ सका अथय यह न ही ह व क वह अ पन सवय जञा न ी अ सी वम त अ न त स वभाव क ो त याग दत ा ह पर त वह उ नक साथ उसी सत र पर स ब ध ब नात ा ह जहा व हो त ह िग भ ग व स ही ज स हम एक छ ो ट ब चच क सा थ क रत ह और उ नस उ सी सत र पर ब ात क रत ा ह म अ पन ी रसोई म ज ात ा ह और हर तरफ आट ा वब ख रा हआ पा त ा ह और कहत ा ह ldquo वपरय क या आट क सा थ क छ हआ ह rdquo इ सल ि ए न ही वक म न ही ज ा नत ा वक आट क सा थ क या कछ हआ ह पर त म अ पन ब चचो क साथ उसी स त र पर एक स ब ध बन ा रहा ह ज हा व ह और परम श व र अ पन अ नगर ह म हमार ल ि ए यही क रत ा ह परम श व र क ी अ दभ त क पािता ऐस त रीक स हम ा र सा थ स ब ध ब न ान म म ा गय द िय न क रत ी ह वक कई ब ार ऐसा ि गता ह व क व ह अ पन ी कछ असी म अ न त व व िषत ा ओ क सा थ समझौ त ा क र रहा हो पर त ऐसा व बल कि नही ह परम श वर तो ब स हम ा र सा थ हम ा र स तर पर स ब ध बन ा रहा ह क यो वक व ह हम स उत न ा अ ल धक परम क रता ह

- डॉ क ऐर रक थ ोन स

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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हम सब जानत ह मक हम परमश वर का अधययन वस नही कर सकत जस हम परमतमदन क जीवन की अनय बहत सी बात का करत ह हम उसकी उचाई और उसक भार क नाप नही सकत या उस परिनली म रालकर जाच नही सकत इसक मवपरीत परमश वर अनभव स इतना पर ह हमस बहत दर ह मक वह कवल इस एक वासटतमवकता मबना चछपा रहरा और वह वासटतमवकता यह ह मक पमवतर आतमा न उस मानवीय सदभो म परकट मकया ह मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर इस परकाशन क मानवरपी चररतर क रप म सब चधत मकया ह दसर शबद म परमश वर न सटवय क मानवीय रप म परकट मकया ह या ऐस रप म परकट मकया ह मक मनषय समझ सक

पमवतरशासटतर म परमश वर क कम स कम चार परकार क मानवरपी परकाशन मदए हए ह सबस सचिपत भाव म पमवतरशासटतर अकसर परमश वर की मवशषताओ की तलना मानवीय मवशषताओ क साथ करता ह बाइबल क असखय अनचछद परमश वर क मवषय म ऐस बात करत ह जस मक उसक आि कान नाक हाथ पाव और पर ह परमश वर तकग -मवतकग भी करता ह परशन पछता ह दसर स मवचार-मवमशग करता ह भावनाओ क महसस करता ह और चचतन करता ह वह कायगवाही करता ह और नरम भी पड जाता ह जस मक आप और म करत ह परत सपणग पमवतरशासटतर यह सटपषट करता ह मक इस तरह क मानवरपी ईशवरवाद क रपक अथागत परमश वर और मनषय क बीच की तलना क रप म ही चलया जाना चामहए परमश वर क पास ल र क समान भौमतक आि या हाथ नही ह परत मिर भी हम जानत ह मक वह हर समय दिता ह और कायो क परा करता ह

थ ड स बड भाव म पमवतरशासटतर परमश वर क मानवीय सामाचजक सरचनाओ क सदभो म भी मानवरपी भाव म परसटतत करता ह उदाहरण क चलए बाइबल बारबार परमश वर क समषट क सवोचच राजा क रप म परदचशगत करता ह वह सटवरग क चसहासन पर मवराजमान ह मतरणा करता ह कायो का लिाज िा लता ह घ षणाए करता ह सदशवाहक क भजता ह और आराधना सटवीकार करता ह वस ही जस बाइबल क समय म माववीय समराट मकया करत थ

ऐस ही भाव म पमवतरशासटतर परमश वर क इसराएल क राजकीय य दधा वयवसटथा क दन वाल वाचा क सटथामपत करन वाल और वाचा क परा करन वाल क रप म दशागता ह वह अपन ल र का राजकीय चरवाहा और राजकीय पमत और मपता ह एक बार मिर स परमश वर क मवषय म य परकाशन हम बतात ह मक कछ रप म परमश वर मनषय क जसा ह वह ऐस रप म राजय करता ह ज उन रप क समान ह चजनम पराचीन ससार क मानवीय राजाओ न राजय मकया था

और अचधक मवसटतत रप म हम कह सकत ह मक इमतहास म परमश वर क दशय परकटीकरण भी मानवरपी ह बाइबल ऐस कई समय का वणगन करती ह जब परमश वर दशय रप म इस ससार म परकट हआ - चजस हम अकसर ldquoईशदशगनrdquo कहत ह सबस नाटकीय ईशदशगन न परमश वर क भौमतक धए और आर क साथ और ममहमा क उसक दशय सटवरीय बादल क दशगन क साथ ज डा अब कलससटसय 125 और 1 तीमचथयस 117 जस अनचछद हम बतात ह मक परमश वर सटवय अदशय ह अतः परमश वर क य दशय परकटीकरण भी इस भाव म मानवरपी ह मक य परमश वर क वस परसटतत नही करत ह जस वह सटवय क जानता ह इसकी अपिा व परमश वर क ऐस रप म परसटतत करत ह मक चजनम मनषय अपनी चसममत िमताओ म उसका अनभव कर सकत ह

अततः सबस मवसटतत भाव म पमवतरशासटतर परमश वर क तब भी मानवीय अथग म परकट करता ह जब वह उसकी असटपषट य गयताओ क दशागता ह बाइबल अकसर परमश वर क नयायी पमवतर सामथी इतयामद क रप म सब चधत करता ह परत बाइबल क लिक न मानवीय आधार पर परमश वर क इन असटपषट मववरण क सटपषट मकया ऐस रप म चजनह हम समझ सकत ह अतः यह कहना सही ह रा मकसी न मकसी तरह स

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सपणग ईश वरीय परकाशन मानवरपी ह परमश वर न मनषयजामत क समि अपन मवषय म सचचाइय क परकट मकया ह परत सदव ऐस रप म ज हमारी मानवीय सीममतताओ क अनसार ह

यह धयान म रित हए मक पमवतर आतमा न सदव परमश वर क मानवीय सदभो म हम पर परकट मकया ह आइए हम ईश वरीय परकाशन की दसरी मल मवशषता क दि परमश वर न सटवय क सबस सपणग रप म मसीह म परकट मकया ह

मनचित रप स मसीही मवश वास म सटवय मसीह स बढ़कर और कछ भी अचधक महतवपणग नही ह कवल वही हमारा उदधारकताग और हमारा परभ ह और वह मनषयजामत क परमत परमश वर का अपना सवोचच परकाशन ह अब मसीही क अनयायी ह न क नात हम यह मानत ह मक परमश वर न बाइबल क इमतहास म सटवय क कई तरह स परकट मकया ह परत कलससटसय 115 जस अनचछद हम बतात ह मक मानवीय सदभो म यीश ही परमश वर का अपना परम परकटीकरण ह यीश परमश वर का दहधारी अनत पतर ह चसदध मानवीय सटवरप और परमश वर का परमतमनचध ह और इसी कारण परमश वर क मवषय म चजन बात पर हम मवश वास करत ह व यीश म परमश वर क सवोचच परकाशन अथागत उसकी चशिाओ और उसक जीवन मतय पनरतथान सटवरागर हण और ममहमामय पनरारमन क महतव अनसार ह नी चामहए

ईश वरीय परकाशन की इस मलभत अवधारणा क धयान म रित हए हम परमश वर की ओर स आन वाल मवमभनन परकार क परकाशन पर धयान दन क दवारा परमश वर क सटव-परकटीकरण क दिना चामहए

वववभनन परका र जसा मक हमन कहा ह परमश वर का सवोचच परकाशन यीश ह परत नए मनयम क मववरण म यीश न

यह सटपषट मकया मक वह परमश वर का एकमातर सटव-परकटीकरण ह इसकी अपिा उसन पमषट की ह मक परमश वर न सटवय क मवमभनन तरीक स परकट मकया ह

सब स पहि हम परम श वर को त ब त क न ही ज ा न सकत ह जब तक वह सव य क ो हम पर परक ट न ही क रत ा और व ह ऐसा कई त री क ो स करत ा ह सवि और उ सक अ दभ त क ायो क दवा रा भ ी जब हम अ पन चा रो ओर द खत ह व ह सवय क ो द सर ि ो ग ो क सा थ हम ा र स ब धो म परकट क रत ा ह जो हम व ब ात बत ा त ह ज ो उ नहो न परम श व र क ब ा र म सीख ी ह हम परम श व र स इ स परक ा िन क ो क ई स त रो म परा पत क रत ह व न स स द ह म सीवह यो क लि ए सब स म हत व पणय यह ह व क परम श व र न हमा र सम कष स व य क ो अ पन पव वतर व चन म परक ट वक या ह इ स क ा रण हम हम ा र चारो ओर द खत ह और हम पात ह वक परम श व र न हम पर सव य क ो परक ट वक या ह हम ज ा नत ह व क उ सक ा अ स सत तव ह और वफर व ह अ पन ल िष यो क दव ा रा और आज तक अ पन पव व तर व चन क दव ा रा हम स वय क बा र म बत ा त ा ह

- डॉ ज फरी म र

मवचधवत धमगमवजञान अकसर परमश वर क परकाशन क द परकार क पहचानता ह चजनह सटवय यीश न सटवीकार मकया था पहल परकार क अकसर सामानय परकाशन या सटवाभामवक परकाशन कहा जाता ह

साम ानय परकािन सरल शबद म कह त सामानय परकाशन बाइबल की उस चशिा क दशागता ह चजसम परमश वर न समषट क हर अनभव क दवारा सटवय क मनषय पर परकट मकया परान मनयम क कई अनचछद जस भजन 19 क समरप सटवय यीश न सामानय परकाशन स बारबार धमगवजञामनक अथो क परापत

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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मकया उसन परमश वर क बार म चशिा दन क चलए अकसर परकमत और सामानय मानवीय रमतमवचधओ जस िती-बाडी और मछली पकडन क कायो का परय र मकया वासटतव म उसन बार-बार अपन चशषय क परररत मकया मक व अपन भीतर और चार ओर यह पहचानन क चलए दि मक व अपन जीवन क अनभव स परमश वर क बार म कया सीि सकत थ

हम परररत क काम 1417 और 1728 जस सटथान म ऐसी ही समान बात क दित ह इन पद म परररत पौलस न मसीह क उदाहरण का अनसरण मकया और सामानय परकाशन क लार मकया यहा उसन अनयजामतय क ल र का धयान उस ओर लराया ज व परकमत पर चचतन करन और यनानी कावय क दवारा परमश वर क बार म जानत थ

र ममय 1 और 2 पमवतरशासटतर म सामानय परकाशन का सबस वयापक सटपषटीकरण करता ह य अधयाय सकारातमक और नकारातमक द न दमषटक ण की ओर धयान आकमषगत करत ह चजनह हम तब धयान म रिना चामहए जब हम परमश वर मवजञान की ि ज करत ह सकारातमक रप स र ममय 1 और 2 चसिात ह मक हम परमश वर की समषट म जीवन क अनभव स परमश वर क बार म बहत सी बात सीि सकत ह समनए र ममय 120 म परररत पौलस न कया कहा ह

उ सक अन दख गण अ थ ा यत उसक ी सनातन साम रथयय और परम श व रत व जगत क ी ससष ट क सम य स उ सक क ाम ो क दवारा दख न म आत ह (रो व मयो 12 0 )

जब हम इन अधयाय क धयान स दित ह त हम पात ह मक ldquoजरत की समषटrdquo पराकमतक वयवसटथा स बढ़कर ह पौलस क मन म भी वही था ज हम मानवीय ससटकमत सटवय मनषय और हमार वयमिरत आतररक जीवन अथागत हमार नमतक मववक अतजञागन पवागभास आमद स परमश वर क बार म सीित ह

म रा वव चा र ह व क सा म ा नय परका िन व ास तव म म हत व पणय धमय व जञा व नक अ व धारणा ह पहि ा कारण क यो वक यह व ह ब ा त ह ल जसक ा इ नक ा र न ही वक या जा सक ता हम सब इ स स सार म रहत ह चा ह हम म सीही हो या न हो हम सब परम श व र दव ा रा रच इस स सा र म रहत ह अब चा ह एक ग र -म सीही ववश वा सी यह म ान या न म ा न वह द सरी ब ा त ह पर त ल जस हम ldquoसाम ानय परक ािनrdquo क हत ह व ह सव ि म हम ा र चा रो ओर वद ख ाई दन वा ि ी ब ात ह हम सव ि क ो द खन क दव ा रा ही ऐसी ब हत सी ब ा तो को दख सक त ह वक परम श व र क ौ न ह हम वा स तव वक त ा क क ा रण यह द खत ह व क हम ा र पा स एक साम रथयय िाि ी परम श वर ह क यो व क उ सन गर हो और ल सत ा रो और च दर मा क ी रचना की ह हमा र पा स एक ऐसा परम श वर ह जो स दर ता क ो पस द क रत ा ह और ज ो ब ा त स द र परक वत क ी होती ह व उ सक लि ए महतव रख त ी ह हम इस ज ान व रो व कषो और सयायसत म दख त ह हम एक िर म परम श व र क व भ व को द खत ह हम उसक चररतर क ो वही पा त ह ज हा हम द खत ह अ ब यह ब हत ही महत व पणय हो सकत ा ह व व िषक र सस मा चा र परचा र क द व िक ो ण स क यो वक हम कही पर एक आर व भक वब द क ी आव शयकत ा ह और सा म ानय परक ा िन हम वह आर वभ क व ब द द ता ह हम स सा र क बा र म कछ ब ा त ो क ो ज ा नत ह ल ज सम हम रहत ह और इसलि ए हम ा र चा रो ओर द ख न क दव ा रा उ स परम श व र क ब ा र म भ ी ज ा नत ह ल ज सन इ स स सा र क ो रचा ह

- रव ह र रक रो डवहव र

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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समदय स सामानय परकाशन क परमत इस सकारातमक दमषटक ण न ldquoपराकमतक धमगमवजञानrdquo क रप म परमश वर क धमगचशिा म एक महतवपणग भममका अदा की ह पराकमतक धमगमवजञान सामानय परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म जानन का एक मनरतर परयास ह मसीह क अनयामयय न सदव यह सटवीकार मकया ह मक हम पराकमतक धमगमवजञान क माधयम स परमश वर क बार म बहत कछ सीि सकत ह और कछक अपवाद क साथ परमश वर की धमगचशिा पर औपचाररक धमगवजञामनक चचतन न कलीचसया की लरभर परतयक शािा म पराकमतक धमगमवजञान क ससममचलत कर मदया ह

असल म मधयकालीन अवचध क दौरान अगरणी मवदवतावादी धमगमवजञामनय न पराकमतक धमगमवजञान का अनसरण करन क चलए वासटतव म एक औपचाररक मतर-रपी रणनीमत की रचना की पहला उनह न ldquoकरणीय सबध का तरीकाrdquo लमटन म वाया कौजाचलटामटस क बार म बात की इसस उनका अथग था मक हम समषट म उन अचछी बात क दिन क दवारा परमश वर क बार म सतय क सीि सकत ह चजनह परमश वर न रचा ह या वह उनकी ldquoरचना का कारण बनाrdquo ह उदाहरण क चलए हम दि सकत ह मक परमश वर न इस ससार म सदरता और करम-वयवसटथा की रचना अतः हम कह सकत ह मक परमश वर सटवय भी सदर और वयवससटथत ह रा

दसरा मवदवतावादी धमगमवजञामनय न ldquoमनषध क तरीकrdquo लमटन म वाया मनराशमनस क बार म भी बात की इसस उनका अथग था मक हम परमश वर क समषट की सीममतताओ और कममय क मवपरीत दशागन क दवारा परमश वर क मवषय म सतय क परमाचणत कर सकत ह उदाहरण क चलए समषट समय म सीममत ह परत परमश वर अनत ह समषट सटथान म सीममत ह परत परमश वर असीममत ह

और तीसरा मधयकालीन मवदवतावादी धमगमवजञामनय न ldquoशषठता क तरीकrdquo लमटन म वाया एमीननमटआए क बार म भी बात की इसस उनका अथग था मक हम इस बात पर धयान दन क दवारा सामानय परकाशन स परमश वर क मवषय म सतय क परमाचणत कर सकत ह मक कस परमश वर सदव उन वसटतओ स शषठ ह चजसकी उसन रचना की ह उदाहरण क चलए परकमत की शमि परमश वर क सवोचच सामथयग म मवश वास करन म हमारा मारगदशगन करती ह मानवीय बौचदधक य गयताए परमश वर की अतलय बचदध की ओर हम अगरसर करती ह

अचधकतर ससमाचाररक ल र आजकल ऐस कठ र तरीक का अनसरण नही करत ह परत पराकमतक धमगमवजञान परमश वर मवजञान म मखय भममका अदा करना मनरतर जारी रिती ह यीश न अपन चल क चसिाया मक परमश वर न समषट क परमत हमार अनभव क परतयक पहल की रचना अपन बार म बात क परकट करन क चलए की ह और मसीह क मवश वासय गय ल र क रप म हम सामानय परकाशन क माधयम स उन सब बात क ि जना चामहए चजनह हम परमश वर क बार म सीि सकत ह

सामानय परकाशन और पराकमतक धमगमवजञान क परमत य सकारातमक दमषटक ण परमश वर मवजञान क मकसी भी अधययन क चलए महतवपणग ह परत हम इस पर भी धयान दना आवशयक ह मक कस र ममय क पहल द अधयाय कछ महतवपणग नकारातमक दमषटक ण भी परसटतत करत ह र ममय 118 म पौलस न तब सामानय परकाशन क परमत अचधक नकारातमक दमषटक ण पर बल मदया जब उसन यह चलिा

परम श व र क ा कर ोध त ो उ न ि ो गो क ी सब अ भवि और अधमय पर स व गय स परगट होत ा ह ज ो सत य को अधमय स दब ाए रख त ह (रो व मयो 1 1 8 )

इस पद म पौलस न सटपषट मकया मक सामानय परकाशन उसकी दया और उदधार की अपिा ldquoपरमश वर का कर धrdquo परकट करता ह और यह सतय ह कय मक अचधकतर पापी ल र सामानय परकाशन क ldquoसतय क अधमग स दबाए रित हrdquo वासटतव म र ममय 125 क अनसार

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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[पा व पयो न] परम श वर की सचचाई क ो बद िक र झठ ब ना डाि ा (रो वम यो 1 15 )

सटवय यीश न समय-समय पर दशागया मक पापपणग मनषय मनरनतर अपन जीवन क अनभव स परमश वर क मवषय म उन बात क सीिन म असिल हए ज उनह सीिनी चामहए थी जस मक यीश और पौलस द न न बताया पापपणग ल र म समषट क माधयम स परमश वर दवारा परकट बात क मवषय म सटवय स और दसर स झठ ब लन की परवमतत ह ती ह

म इ स ब ा र म ब हत अल धक सचत रहन ा चा ह ग ा वक हम पराक वतक धमय वव जञा न क ि बि या उ सक ी शरणी स परम श व र ब ार म कया सीख त ह म रोव म यो 1 2 0 ज स क थन ो पर आल शरत हो न ा चा ह ग ा ज ो वक उसक ी व भ वत ा उस क सा म रथयय क बा र म ब ात क रत ह म सो चता ह वक यह व ब ा त ह ल ज न पर आप उ स स द भय म आलशरत सकत ह जो आप सी ख ना चा हत ह पर त म त र त ही यह भी कहन ा चाह ग ा वक उ ल चत द वि क ो ण क ो परापत क रन क लि ए हम व व िष परक ािन क ी बहत आव शयकत ा ह इसल ि ए आपक ो म न ष य क त कय -व व तय क क ो ज ा चन क लि ए वव िष परक ा िन की आव शयकत ा ह म रा क हन ा ह वक व फर चाह यह स वा यतत हो या सव त तर म ानव ीय तकय -व वतय क कयो वक रलचत कषतर कछ ब ा त ो क ो उत पनन क रत ा ह लज नह स दह क रप म भ ी पढा और समझा जा सक त ा ह परभ यी ि म सीह क ी व ा स तव वक त ा क ा वव िष परका िन इ स उ ल चत रप म परा क रता ह वक परम श व र क ौन ह हम ार तकय -व वतय क क ो उसक अ न सार रख न क लि ए उसक व चन क पराम िय क ी ब हत अ लधक आव शयक त ा ह

- डॉ बर स एि फ़ीलस

परम श व र क ी सवि हम क ई ब ात ल सख ा त ी ह सब स मि भत ब ात यह व न सस द ह हम यह लसख ात ी ह वक व ह सव ो चच सव िक त ा य ह परम श व र व ह ह ज ो सब व सत ओ क ो िनय स उ त पनन क रत ा ह अतः यह हम उ सक ी सा म रथयय क ब ा र म भी लसख ाती ह रोव म यो 1 क अ न सा र यह हम उसक ी धाव मय कत ा क ब ा र म लसख ा ती ह हम रो वम यो 1 म पा त ह वक सब मन ष य ज ा नत ह व क परम श व र ह व क उ सक ी आराधन ा क ी जा न ी चाव हए और सब ि ो ग ो क पास परम श व र की धा व मय क ता और पववतर ता का ब ो ध ह पा पी म न षयो क रप म हम उस दब ा द त ह हम उ स अ नद ख ा क रन क ा परयास क रत ह अतः सवि हम लसख ाती ह वक परम श व र सव ि कत ा य ह वह साम थी ह और व ह धमी ह पापी म न ष यो क रप म हम उ न ब ात ो क ा इनकार क रन और उ नह दब ा न क ा परयास क रत ह अ तः परम श व र क ब ा र म जो ब ात सव ि न ही ल सखा त ी व ह यह ह वक हम उ सक सा थ सही स ब ध क स ब न ा ए सवि व ब ात ल सख ात ी ह ज ो म न यहा द िा यई ह पर त यह हम परम श व र क अ न गरह और परभ यीि म सीह म द या क वव षय म न ही ल सख ात ी इ सक ल ि ए परभ यी ि म सीह म उ सक क ा यो पर उ सस स ब लधत परक परक ािन क ा होना आव शयक ह

- डॉ क ािय आर टर म न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सामानय परकाशन क परमत य नकारातमक दमषटक ण पराकमतक धमगमवजञान पर बहत अचधक मनभगर रहन क मवषय म एक कडी चतावनी क उतपनन करत ह पराकमतक धमगमवजञान तरमटरमहत नही ह कय मक पाप न समषट स परापत हमार अनभव स परमश वर क मवषय म सीिन की हमारी िमता क भरषट कर मदया ह रभीर मसीही धमगमवजञामनय क सवोततम परयास क बावजद भी पराकमतक धमगमवजञान न मनरनतर सामानय परकाशन का रलत अथग मनकाला ह और परमश वर क परमत हमारी अवधारणा म ममथया बात क राला ह

उदाहरण क चलए धमागधयिीय और मधयकालीन अवचधय क दौरान अनयजामत क यनानी रहसटयवाद न बहत स ल र क इस बात का इनकार करन क परररत मकया मक मनषय परमश वर क बार म कछ जान सकता ह अठारहवी शताबदी म परकमत की वयवसटथा क परमत रलत समझ न कई धमगमवजञामनय क परब धन दववाद अथागत ऐसा मवश वास मक परमश वर इस ससार की रमतमवचधय म ससममचलत नही ह का समथगन क परररत मकया हाल ही समदय म जीवमवजञान क मवजञानीय अधययन न ल र क समषटकताग क रप म परमश वर क बाइबल क चचतरण का इनकार करन क परररत मकया ह परतयक पडाव पर मनषय क हदय की भरषटता न सामानय परकाशन म परमश वर क बार म परकट सतय क ि दन म धमगमवजञामनय क परररत मकया ह

मनसटसदह पराकमतक धमगमवजञान क परमत य नकारातमक दमषटक ण एक मलभत परशन की ओर अरवाई करत ह यमद पाप सामानय परकाशन क परमत हमारी जाररकता क भरषट करता ह त हम परमश वर क बार म सतय क कस जान सकत ह

इस परशन का उततर दन क चलए हम ईश वरीय परकाशन क दसर मखय परकार क दिर सामानय परकाशन क अमतररि यीश न यह भी चसिाया मक परमश वर न हम मवशष या सटीक परकाशन मदया ह

व व िष परक ािन वयापक रप म कह त मवशष परकाशन अलौमकक माधयम क दवारा परमश वर का सटव-परकटीकरण ह पमवतर आतमा न सटवपन दशगन वाचणय और उदधार तथा दर क बड कायो क दवारा परकाशन मदया ह परमश वर न सटवय क पररणा-परापत मानवीय परमतमनचधय क दवारा भी परकट मकया ह जस मक उसक भमवषयदविा और परररत ज पमवतर आतमा क दवारा पररणा-परापत थ और मनसटसदह जसा मक हमन पहल कहा था परमश वर का सबस बडा मवशष परकाशन मसीह म था

परमश वर की धमगचशिा क चलए मवशष परकाशन क महतव क बढ़ा चढ़ा कर नही बताया जा सकता यह परमश वर क उददशय क चलए इतना आवशयक ह मक पाप क इस ससार म आन स पहल ही परमश वर न आदम और हववा का मवशष मौचिक परकाशन क दवारा मारगदशगन मकया और मनसटसदह मवशष परकाशन पाप म पतन क बाद भी महतवपणग रहा ह यह न कवल सामानय परकाशन क समझन क हमार परयास का मारगदशगन करता ह बसलक यह अनत उदधार क मारग क भी परकट करता ह

यह मकतना भी अदभत कय न ह मक परमश वर न हम अलौमकक परकाशन परदान मकया ह - ससार म पाप क आन स पहल और बाद म भी - परत चजस हम सामानय रप स ldquoपरमश वर की ओर स मवशष परकाशनrdquo कहत ह वह हजार वषो पहल घमटत हआ था अतः हम आज मवशष परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म कस सीित ह

एक बार मिर स हम उस ओर मडना चामहए ज परमश वर क सवोचच परकाशन अथागत यीश न चसिाया था सिप म मसीह न अपन अनयामयय क चसिाया मक व सटवय क पमवतरशासटतर म मदए हए परमश वर क मवशष परकाशन क परमत सममपगत कर मरकस 1228-34 जस अनचछद सटपषट रप स दशागत ह मक यीश न अपन समय क अनय रसबबय क समान परमश वर क मवशष चलचित परकाशन क रप म परान मनयम की पमषट की

और हम जानत ह मक नया मनयम भी परमश वर का पररणा-परापत परकाशन ह यहनना 1612-13 और इमिचसय 220 जस सटथान म हम सीित ह मक यीश क सटवरागर हण क बाद उसन पमवतर आतमा क पहली

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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चलचचतर अधययन मारगदरशगका एव कई अनय ससाधनो क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

सदी क परररत और भमवषयदविाओ क परचशचित करन क चलए भजा मक व उसकी कलीचसया क समि परमश वर क परकट कर नया मनयम पहली सदी क इन परररमतक और भमवषयदवाणीय मवशष परकाशन का हमारा परमतमनचध सकलन ह इसी कारण ससमाचाररक मसीही बल दत ह मक हम इमतहास म सामानय परकाशन और मवशष परकाशन द न म परमश वर क परकटीकरण क समझन क चलए पमवतरशासटतर पर मनभगर ह सकत ह

परमश वर क परकाशन और रहसटय क मवषय म हमार अधययन म हमन परमश वर क मवषय म हमार सपणग जञान क सर त क रप म ईश वरीय परकाशन की ि ज की ह अब आइए इस पहल क दसर महसटस की ओर मड ईशवरीय रहसटय अथागत परमश वर क बार म व बहत सी बात ज चछपी रहती ह क परमश वर मवजञान क हमार अधययन क मकस परकार परभामवत करना चामहए

ईश वरीय रहसय

एक बात लज स हम सम झन ा ह और ज ो सम झन क लि ए आसान न ही ह व ह ह वक व ा स तव म परम श वर कौ न ह वह जञानाती त ह व ह सव ि स पर ह जो कछ हम यहा इ स स सार म अ नभ व क रत ह उ सन रचा ह इ सल ि ए हम व ा सत व म उ स तब तक न ही ज ा न सक त ज ब त क व ह स व य क ो परकट न ही क रत ा जब तक व ह व कसी त रह स इ स सव ि म परव ि न ही क रता व ह हम स ब ात क रता ह वह हम पर स व य क ो परक ट क रता ह ज ो उसन पणय रप स अ पन पतर यी ि म वक या ह पर त उ सस व ह हम ा र ल ि ए रहसयमयी बन जात ा ह और सचचा ई यह ह व क व ही एक मा तर त रीक ा ह लज सम हम परम श व र क राज य क ो उ सक िा सन क ो और उ सक अ ल धक ार क ो ज ा न सकत ह - क यो वक वह हम यहा रहन क ी अ नम वत द त ा ह और व ह एक अ द शय परम श व र ह - इसल ि ए उ सक राज य क ो ज ान न क ा क वि एक त रीक ा यही ह व क वह उस हम पर परक ट क र द

- डॉ र रक ब ॉयड

जसा मक हम दि चक ह परमश वर न सटवय और मनषयजामत क बीच की एक बहत बडी दरी पर मवजय परापत कर ली ह उसन अपन सामानय और मवशष परकाशन क दवारा हमार चलए यह सभव बनाया मक हम उसक मवषय म जान सक परत साथ ही परमश वर क बार म हमारा जञान ईश वरीय रहसटय क दवारा बहत अचधक परभामवत ह ता ह ऐसी बहत सी बात ह चजनह परमश वर न अपन बार म परकट नही मकया ह

ईश वरीय रहसटय क समझना परमश वर मवजञान क चलए इतना महतवपणग ह मक यह इस द चरण म दिन म हमारी सहायता कररा हम पहल ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा क सटपषट करर तब हम रहसटय क उन परकार क सटपशग करर चजनका हम सामना करत ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा कया ह

मि भत धारण ा शबद ldquoरहसटयrdquo का परय र पमवतरशासटतर म मवमभनन तरीक स मकया जाता ह परत हमार उददशय क चलए

हम कह सकत ह मक ईश वरीय रहसटय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र क व व षय म ऐस अ स खय अ परक ा लित सत य ह ज ो परम श व र क परवत हमा री सम झ क ो सीव मत करत ह

हम इस पररभाषा क द पहलओ क उजारर करर पहला पहल यह तथय ह मक ईश वरीय रहसटय ldquoपरमश वर क मवषय म असखय अपरकाचशत सतय हrdquo र ममय 1133 म परररत पौलस न सकत मदया मक हम सदव ईश वरीय रहसटय क परमत सचत रहना चामहए उसन चलिा

आहा परम श व र क ा धन और ब लि और जञान कया ही ग भी र ह

उ सक ववचार क स अथाह और उ सक मा गय क स अ गम ह (रो व म यो 1 1 3 3 )

इस पद तक क अधयाय म पौलस न सामानय और मवशष परकाशन क दवारा परमश वर क बार म कई मजबत धारणाओ क दशागया परत इस अनचछद म पौलस न परमश वर क जञान और बचदध की ldquoरभीरताrdquo की ओर सकत मकया और उसन सटवीकार मकया मक परमश वर क मवचार ldquoअथाहrdquo ह और ldquoउसक मारग अरमrdquo ह यदयमप पौलस न ईश वरीय परकाशन क दवारा परमश वर क बार म बहत कछ समझा था मिर भी उसन असखय रहसटय अथागत ऐसी बात का सामना मकया चजनह परमश वर क आतमा न परकट नही मकया था

परम श व र रहस यम यी ह क यो वक व ह क सी भ ी समझ और जञान स पर ह ज ो हम ार पा स हो व ह सम य सम य पर हम स परा म िय वक ए वब न ा क ा यय क रत ा ह व ह सद व हम स परा म िय लि ए व बन ा ही क ायय क रत ा ह पर त क ई ब ार उसक क ायय क रन क त रीक क ो सम झना हमा र लि ए क व ठन होता ह वह इस भाव म भ ी सम झ स पर ह वक को ई भी परम श व र क जञान क ो पणय रप स परा पत नही कर सक त ा वहा रहस य क ा होन ा अ वशय ह क यो वक वह परम श व र ह और क ोई रलचत पराणी न ही ह परम श व र क रहस यम यी हो न क बा र म ऐसा क छ न ही ह व क जो हम ा र लि ए वक सी रप म क ोई सम सया हो परम श व र क रहस य क ा अ थय यह न ही ह व क उ स तक पह चा नही ज ा सक ता इसक ा अ थय यह न ही ह वक वह हम स परम न ही क रत ा और वक हम उसक परम क ो म हसस न ही क र सक त ह इ सक ा अ थय इ नम स क ो ई भ ी ब ा त न ही ह व ा सत व म यवद वह रहस यमयी न हो त ा त ो हम सरलकषत रप स क ह सक त थ वक व ह परम श व र नही ह हम ऐसा परम श व र क यो चावहए जो रहसयमयी न हो हम उ स ज ा न त ह व यापक रप स न ही पर त हम उ स सचच रप स ज ा न त ह हम उ स सम झत नही पर त व न ल ित रप स हम उस कहन क लि ए पया यपत रप स ज ा नत ह व क हम वक सी अ स पि द ा िय व नक ल सिा त क ो नही ब सलक परम श व र क ो ज ा न त ह

- डॉ ववलि यम ऐड ग ा र

मपरसटन चथय ल चजकल समीनरी क मवचधवत धमगमवजञान क पर िसर चालसग ह ज चजनका जीवनकाल 1797-1878 तक था न महतवपणग रप म ईश वरीय रहसटय क साररमभगत मकया अपन मवचधवत धमगमवजञान क पहल ससटकरण क भार 1 क अधयाय 4 म उसन यह चलिा

परम श व र म उसक व व षय म हम ा र वव चा रो स ब ढक र ब हत क छ ह और उसक व व षय म हम ज ो क छ ज ा नत ह व ह हम अ पणय रप स ज ान त ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ह ज न यहा द महतवपणग अवल कन क दशागया ह पहल उसन बल मदया मक परमश वर क बार म ज सतय ह वह ldquoहमार मवचार स बढ़कर बहत कछ हrdquo यहा पर कवल थ ड स रहसटय नही ह न ही बहत स रहसटय ह इसकी अपिा कय मक परमश वर सटवय असीम ह इसचलए वहा हमारी कलपना स बढ़कर बहत स रहसटय ह ह ज न यह भी सटपषट मकया मक ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क इतना भर दत ह मक ldquo[परमश वर क] मवषय म हम ज कछ जानत ह वह हम अपणग रप स जानत हrdquo दसर शबद म परमश वर क बार म ऐसी एक भी बात नही ह चजस हम पणग रीमत स समझत ह

क ई ब ार जब हम वक सी क ो यह क हत हए सन त ह व क परम श व र समझ स पर ह त ो हम इस पर एक त रह स नक ा रात मक परव त वकर या द त ह - कया म उ स नही ज ान सक त ा क या म उ सक ब ा र म ज ान का री परापत न ही क र सकता और व नस स द ह ब ाइबि परम श व र क ा सव -परक ा िन ह उ सन स व य क ो परक ट व क या ह त ा व क हम उ स व यविगत रप स जान सक और उसक बा र म क छ ब ात ो क ो जा न सक पर त यवद आप रकक र उसक ब ा र म सो च वक यवद परम श व र सच म अ सीवम त परम श व र ह त ो म रा छ ोट ा सा वद म ाग और यहा तक वक इ स स सा र क ा सव ो ततम धमय व जञाव नक वदम ाग भ ी उ स उ सकी पणयत ा म समझ न ही पा एग ा अ पन ी पर रभ ा षा क अ न सार यव द म उ स सम झ सक तो म उ सक ल जत ना ही महा न हो ज ा ऊ ग ा और इसल ि ए यह ब हत ही म हतव पणय भ ा ग ह हम ारा परम श व र क ोई छ ोट ा परम श व र नही ह व ह इ तन ा छो ट ा न ही ह वक म अ पन वद म ा ग या वक सी पसत क म उ सक ी स पणय सम झ क ो परापत क र ि हम आभ ारी ह वक उ सन स व य क ो पयायपत रप स परक ट वक या ह और यह वक उ सन हम ा र उ ि ा र क ा परब ध वक या ह त ा व क हम उ सक ब ा र म कछ सम झ क ो परापत क र सक और उ सक साथ स ग वत रख सक उ सक साथ सही स ग वत म रह सक और उ सक ब ा र म सही ववचार रख सक चा ह व ह व या पक रप स न हो पर त उस ज ान ा ज ा सकत ा ह क यो वक उ सन स व य क ो पराकल ित वक या ह पर त व ह समझ स पर ह और उसक ी पणयत ा परम श व र क ब ा र म हम ारी सम झ और उसक लि ए हम ारी आरधना और उसक परव त हम ारी आजञाक ा र रत ा क लि ए ब हत अ ल धक बहत ही अ लधक महतव पणय ह

- डॉ ग ा रथ क ोक र रि

यह पहचानन क अमतररि मक ईश वरीय रहसटय असखय ह हम सदव ईश वरीय रहसटय क दसर महतवपणग पहल पर भी धयान दना चामहए ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क बहत सीममत कर दत ह जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह

ऐस कई मवमभनन तरीक ह चजनम ईश वरीय रहसटय परमश वर क बार म हमार जञान क सीममत कर दत ह परत इस अधयाय क चलए हम कवल द तरीक पर धयान दर एक ओर हमार पास परमश वर क बार म बहत ही सीममत जानकारी ह यदयमप परमश वर न सटपषट कर मदया ह मक उदधार और मसीह म जीवन क चलए आवशयक कया ह वासटतव म हमम स क ई भी परमश वर क बार म अचधक कछ नही समझता पहला कररसनथय 1312 हम बताता ह मक हम परमश वर का सतय कवल ldquoधधलाrdquo मदिाई दता ह जस मक हम ldquoएक दपगण मrdquo दि रह ह

इसचलए परमश वर की धमगचशिा क मवचार-मवमशग म असखय परशन उठ िड ह त ह चजनका ऐस ही परी तरह स उततर नही मदया जा सकता उदारण क चलए परमश वर बराई क कय अनममत दता ह वतगमान

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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घटनाओ म हम परमश वर क उददशय क कस समझ सकत ह बहत स धमगमवजञानी मवशषकर व ज सदहवामदय स मघर हए ह ऐसी कलपनाओ म रहत ह कय मक व यह सटवीकार नही कर सकत मक हमार पास ऐस परशन क उततर नही ह परत ईश वरीय रहसटय अकसर मसीह क मवश वासय गय अनयामयय क यह सटवीकार करन म अरवाई दत ह ldquoमझ नही पताrdquo जब बात परमश वर की धमगचशिा की आती ह तब यमद परमश वर न इस परकट नही मकया ह त हम इस जान नही सकत यह इतनी सरल बात ह

मसीह क मवश वासय गय अनयायी ह न क नात हम इस सचचाई स कभी भारना नही चामहए मक हमार पास परमश वर क बार म सीममत जानकारी ह वासटतव म पल दर पल इस तरह की सीममतता क सटमरण करना एक आशीष ह ईश वरीय रहसटय हम परमश वर पर भर सा रिन क मववश करत ह हम परमश वर क जञान क परापत करन क चलए अपनी सीममत य गयताओ पर मवश वास रिन की अपिा पमवतर आतमा की सवकाई क दवारा मपता और मसीह पर मनभगर ह ना चामहए

दसरी ओर ईश वरीय रहसटय का अथग यह भी ह मक मनषय कवल परमश वर क परकाशन क सीममत सटपषटीकरण ही परसटतत कर सकत ह हम इस बात पर बल दन म सही ह मक सतय क परमश वर का परकाशन सटवय म मवर धाभासी नही ह और हम परमश वर क परकाशन क बीच बहत स तामकग क सबध क दि सकत ह परत चाह हम सटवीकार कर या न कर ईश वरीय रहसटय न कवल इस बात क सीममत करत ह मक हमार पास परमश वर क बार म मकतनी जानकारी ह साथ ही व परमश वर न ज सटवय क बार म परकट मकया ह उसम स अचधकाश बात की तामकग क सबदधता क सटपषट करन की हमारी य गयता क भी सीममत कर दत ह

उदाहरण क चलए हम मतरएकता अथागत परमश वर एक ह और उसक तीन वयमितव ह का सपणग रप स तामकग क सटपषटीकरण नही द सकत हम इस वासटतमवकता क परतयक पहल क तामकग क रप स सटपषट नही कर सकत मक यीश पणग रप स परमश वर और मनषय द न ह हम परी तरह स यह सटपषट नही कर सकत मक परमश वर मनषय क मकरयाकलाप पर सपणग परभतव रिन क बाद भी हम हमार कायो क चलए कस चजममदार ठहराता ह सवोततम मसीही मवचारक न इन और इन जस अनय परशन क उततर दन का परयास मकयाह परत व सपणग और तामकग क सटपषटीकरण क परदान करन क मनकट आन म भी असिल रह ह

अततः परमश वर न सटवय क बार म ज कछ परकट मकया ह उसकी तामकग क सबदधता क सटपषट करन का परयास करना महतवपणग ह सकता ह परत हम इस तरह स मनधागररत नही करत ह मक कया सतय ह और कया झठ मकसी भी धमगवजञामनक दाव का सतय कवल इस बात पर मनभगर करता ह मक कया परमश वर न इस सामानय या मवशष परकाशन म परकट मकया ह या नही

ज ब धमय ववजञानी क हत ह वक परम श व र सम झ स पर ह त ो उनक कहन क ा अ थय यह हो त ा ह वक हम जो न शवर परा णी ह उ सक स पणय सार और अ ससतत व क ो समझ और ब झ नही सक त परम श व र क अ सी वम त हो न क क ा रण यह स भ ा व न ा ब हत ही कम ह व क हम उस उस उसक ी पणयता म समझ और ज ा न सक म उस स म रण क रत ा ह ज ो पौि स रो वम यो 1 1 3 3 -3 4 म कहत ा ह ज ब व ह परम शवर क अथ ा ह जञा न और ब ल ि क ब ा र म बा त क रता ह पर त वफर भी क यो व क उ सन हम पयायपत स व -परकट ीकरण परद ा न वक या ह इ सलि ए यह ववश वास म आन हत हम ा र ल ि ए पया यपत ह

- रव ह ि री को क रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय रहसटय क महतव क और अचधक रप स समझन क चलए हमन मलभत धारणा की ि ज की ह अब ईश वरीय रहसटय क उन मवमभनन परकार पर धयान दना सहायक ह रा ज उस समय मकरयासनवत ह त ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह

वभनन परका र हम रहसटय क द मवमभनन परकार क बीच अनतर कर सकत ह पहल परकार क हम ldquoअसटथाई रहसटयrdquo

कहर आइए दि मक ऐसा कहन स हमारा कया अथग ह अ सथाई असटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह ज एक मनचित अवचध तक मनषय स चछप

हए ह परत मिर व इमतहास म बाद म मकसी समय परकट मकए जात ह परमश वर सामानय परकाशन क दवारा अकसर उस परकट करता ह ज एक समय म रहसटयमयी था वह भौमतक ससार मानवीय ससटकमत अनय ल र या यहा तक मक हमार भीतर आए पररवतगन का परय र असटथाई रहसटय क परकट करन क चलए करता ह

मवशष परकाशन क साथ भी कछ ऐसा ही ह ता ह पमवतरशासटतर का धयान स मकया हआ अधययन दशागता ह मक परमश वर क बाद क परकाशन न उसक पहल क परकाशन का कभी मवर धाभास नही मकया ह परत यह भी सटपषट ह मक परमश वर न समय क साथ-साथ अपन बार म और अचधक परकट मकया ह मवशष परकाशन का परकटीकरण बाइबल क इमतहास की परतयक अवचध क दौरान हआ ह मनसटसदह ईश वरीय रहसटय का सबस नाटकीय परकटीकरण मसीह क मवशष परकाशन म हआ पौलस क मन म यही बात थी जब उसन इमिचसय 19 33 और 619 क चलिा इन पद म पौलस न मसीह म परमश वर क अनत उददशय क रहसटय क दशागया उसन सटपषट मकया मक यह रहसटय नए मनयम क परररत और भमवषयदविाओ क समय तक चछपाए रिा रया था

इसी कारण जब कभी हम परमश वर क बार म सीिन का परयास करत ह त हम परान मनयम म पाए जान वाल असटथाई रहसटय क सटपषट करन क चलए सदव नए मनयम क मवशष परकाशन की ि ज करनी चामहए

क ई ब ार हम िब द ldquo रहसयम यrdquo क ा परयोग परम श वर क ब ा र म ब ा त क रन क ल ि ए क रत ह क यो व क हम सम झ न ही पा त ह वक वह व ास तव म क या क र रहा ह द सरी ओर नया वन यम िब द ldquo रहसयमयrdquo क ा परयोग सा म ा नय रप म क रत ा ह ज ो व क यन ा नी िबद वम सट ीररयोन स आत ा ह - यह व ा स तव म समा न िब द ह - इ सक ा अ थय ह व क परम श व र दवा रा उ िार क ी अ नगरहक ारी योजन ा क ा परकट ीक रण ऐसी ब ात ह ल ज स हम अ पन आप स क भ ी सो च ही न ही पात अथ ा यत यह इस भाव म रहस य ह व क हम इ स कभ ी भ ी सम झ न ही पा त यवद परम श व र न इ स हम पर परक ट न वक या होत ा और इ सलि ए परम श व र अ पन वव िष परक ािन म अ पनी योजन ा क ो हम पर परक ट क रत ा ह और यही क ा रण ह वक आप िब द वम सट ीररयोन क ा परयोग इ व फल सयो और 1 क र रस नथ यो म होत ा हआ दख त ह यह ऐसा ह व क परम श व र धीर धी र अ पन परक ािन क ो परक ट क र रहा ह और हम वदख ा रहा ह वक क स उिार यहव द यो और अनयज ा व त यो द ो नो क ल ि ए ह और यह वक सी भ ी व यव ि क ल ि ए ह ज ो यी ि म सी ह क ो अ पन म सी ह क रप म स व ीक ा र क रग ा

- डॉ स म एि ि ाम रसन

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत नए मनयम क मवश वासी ह न क बावजद भी हम यह भी सटमरण रिना चामहए मक परमश वर न अभी तक परतयक असटथाई रहसटय क परकट नही मकया ह 1 कररसनथय 1312 म पौलस इस इस तरह स चलिता ह

इ स सम य म रा जञान अ धरा ह पर त उ स सम य ऐसी परी रीवत स पव हचा न ग ा (1 क र रस नथ यो 13 12 )

जब मसीह ममहमा म वापस आएरा कवल तभी वह परतयक असटथाई रहसटय क परकट कर दरा और हम परमश वर और उसक मारो क आज की अपिा कही अचधक परी तरह स समझ पाएर

जसा मक हम दि चक ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त हम कई असटथाई रहसटय का सामना करत ह परत बाइबल इस सटपषट कर दती ह मक जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह त हम सटथाई रहसटय क भी दिना ह ता ह

सथा ई सटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह चजनह मनषय कभी समझ नही पाएरा कय मक य सतय हमारी समझ स पर ह पारपररक धमगमवजञान म इस वासटतमवकता क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क रप म कहा जाता ह हम परमश वर क बार म कछ बात क समझ सकत ह जब वह उनह मानवीय रग प म परकट करता ह परत हम परमश वर क बार म मकसी भी बात क परी तरह स कभी नही समझ सकर हम इस मवचार क यशायाह 558-9 म सटपषट रप स अमभवयि पात ह जहा भमवषयदविा यशायाह यह चलिा ह

क यो वक यहोवा क हत ा ह म र ववचार और त म हा र ववचार एक सम ान न ही ह न तमहा री ग व त और म री ग व त एक सी ह क यो वक म री और तमहा री गवत म और म र और त म हा र सोच व व चा रो म आक ाि और परथवी क ा अ नतर ह (यिायाह 5 5 8 -9 )

इन पद म यशायाह न इसराएल क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क कारण उतपनन परमश वर क सटथाई रहसटय क सटमरण मदलाया

जब पववतर िासतर परम श व र क ो रहस यमयी क रप म द िायता ह त ो हम यह सव न ल ित क रना चावहए वक हम िब द ldquo रहसय rdquo क ो गित रप म न समझ ि जब म इ स स सा र क ी वस त ओ क रहस यम यी होन क बा र म सो चता ह त ो मझ िग त ा ह व क उ नक क छ ल छ प हए रहस य ह जो म झ वकसी सम य पर चवकत क र द ग ऐसी ब ात इ स व व षय म न ही ह ldquo रहसयम यीrdquo स हम ा रा अ थय यह ह वक परम श व र सम झ स पर ह हम ारा अ थय ह व क उ सक पा स ऐसा ज ी व न ह ज ो हमा री क ल पन ा स पर ह इसक ा अ थय यह ह वक उ सक ब ार म ऐसा कछ ह ल ज स हम परी री व त स समझ न ही सक त और म भ ी उ स सम झ न ही सक ता इ सक ा अथय ह वक यह म र रलचत ज ीव न स पर क ी ब ात ह वह म री सो च स वह बह त ब ड़ा ह इ सक ल ि ए लजस तकन ीक ी धमय व जञा व न क िबद का हम परयो ग क रत ह व ह ह ldquoअ न भवा त ी तrdquo परम श वर अ न भवात ीत ह वह हम ा र सोच-ववचार क ी सीम ा स पर ह और इ सी लि ए व ह आरा धन ा क यो गय ह इ सी लि ए वह म हान ह इ सी लि ए वह ऐसा ह ल ज सकी हम परि सा क रत ह

-डॉ ग री एम ब जय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र म रहस य आ ल िक रप स उ सक ी इस परक वत क क ारण ह व क व ह क ौ न ह और उ सक अ सी वम त ब न ाम हम ा र सी वम त हो न हम ा री सी वम तता तथा उसक ी असीवमत सा म रथयय और समझ क क ा रण ह पर त सा थ ही यह व व िष रप स सव ि म उ सक उ दद शयो और योज न ा ओ स भ ी स ब ल धत ह परम श व र कयो इ सी त रीक स क ा यय क रता और उ स त रीक स क ा यय न ही क रत ा ह और म सो चत ा ह वक बहत ब ा र अ हक ा री म न ष यो क रप म हम यह सोचत ह वक हम परम श व र स ब हतर क ा यो क ो क रन ा ज ान त ह पर त परम श वर क रहस य म उ द ाह रण क लि ए व यवसथा वववरण 29 29 म यह इ सक ब ा र म पवव तर िास तर म ब ात क रत ा ह ग पत ब ात परम श व र क ी ही ह पर त जो बा त उ सन परक ट क ी ह उन म हम आन नद और उ त सव मन ा सक त ह और व हा एक ऐसा भ ा व ह ल ज सम हम स वी क ार कर सकत ह वक परम श व र न हम सब क छ न ही ब ता या ह उ सन अ पन ब ा र म हम सब कछ न ही बत ा या ह - व ह क स बत ा सक त ा ह और हम उ स क स सम झ सक त ह पर त सा थ ही उ सन हम वह सब भी न ही ब त ा या ह वक वह अ पन उ दद शयो और योज न ा ओ क ो क स परा क र रहा ह और परा न व न यम क अ ययब स ब हतर इ स क ोई न ही ज ान त ा जो इ स वव षय म परशनो का उतत र चा हत ा था वक परम श व र न इ न ब ात ो क ी अ नम वत क यो दी और परम श व र न उ स वह उतत र न ही वद या जो वह चाहत ा था परम श व र न उ स यह उ ततर व द या ldquoम ज ान त ा ह वक म क या क र रहा ह और एक भाव म म री यो ज न ा म एक रहस य ह ल ज स क वि म ही परी त रह स सपि क र सक त ा ह और अ तत ः त सम य क अ त म दख गा जब सब कछ अ चा नक स और परी त रह स अ थय पणय हो ग ा rdquo

-रव ह डॉ ि ईस व व क ि र

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस शिला का जब हम आरभ करत ह त हम सदव यह याद रिना चामहए मक यदयमप परमश वर न सटवय क सामानय और मवशष द न परकार क परकाशन म परकट मकया ह मिर भी उसन हमस सटथाई और असटथाई द न परकार क रहसटय क चछपाए रिा ह हम इस वासटतमवकता स ऐसी ही बच नही सकत मक हम कवल रचचत पराणी ही ह चजनकी परमश वर क मवषय म समझ सदव बहत ही सीममत ह

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस अधयाय म अब तक हमन ऐस कछ तरीक क दिा ह चजनम ईश वरीय परकाशन और रहसटय परमश वर मवजञान क अधययन क आकार दत ह अब हम अपन दसर मखय मवषय की ओर मडन क चलए तयार ह परमश वर की मवशषताए और उसक कायग य मवषय उन द पराथममक तरीक क परसटतत करत ह चजनक दवारा पारपररक धमगमवजञामनय न परमश वर क बार म हमार जञान क साररमभगत मकया ह

गण औ र क ायय

परमश वर क रण और कायो क अमतररि मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर परमश वर मवजञान म मतरएकता क धमगचशिा क ऊपर भी बहत अचधक धयान कसनित मकया ह हमन पमवतर मतरएकता क ऊपर कझ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सीमा तक परररत का मवश वासवचन क ऊपर हमारी शिला म वातागलाप मकया ह इस शिला म हम इन द अनय मखय मवषय क ऊपर धयान कसनित करर

उततर ततर अधयाय म हम परमश वर क रण और कायो क ऊपर कई मवशषताओ की ि ज करर परत इस समय हम यहा पर कवल एक ही अवधारणा का पररचय दर परथम हम ईश वरीय रण या परमश वर कौन ह क ऊपर धयान दर और दसरा हम ईश वरीय कायो की ओर मडर या परमश वर कया करता ह आइए परमश वर क ईश वरीय रण स आरभ कर

ईश वरीय ग ण ईश वरीय रण क मवषय का पररचय द चरण म कराना सहायतापणग ह रा हम परमश वर क रण की

मल धारणा स आरभ करर तब हम ईश वरीय रण क परकार की जाच करर ज मक अकसर मवचधवत धमगमवजञान म मभनन रप म पहचान रए ह इसचलए ईश वरीय रण की मल धारणा कया हॽ

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश मसीमहय क यह पछना ह मक परमश वर क कया रण हॽ त ह सकता ह मक

कदाचचत वह यह कह मक परमश वर क रण व सारी य गयताए या चाररमतरक रण ह चजनह पमवतरशासटतर परमश वर स ससमबसनधत करता ह ठीक ह यह दमषटक ण तब तक सही ह जब तक यह इस माना जाता रह परत पारपररक धमगमवजञान म वाकयाश परमश वर क रण कछ मवशष बात की सकत दता ह

मवचधवत धमगमवजञान म ईश वरीय रण

परम श व र क सा र क ी पणयत ा ए वव व भ नन त रह क ऐवत हा लसक परगट ी क रणो क दव ा रा परक ट क ी गई ह

यह पररभाषा द पराथममक तथय क उजारर करती ह ज मक परमश वर क रण क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग क चचमतरत करती ह परथम सटथान पर परमश वर क रण परमश वर क सार की पणगताए ह आधमनक ससमाचारवादी अकसर परमश वर क सार की ओर सकत नही करत ह इसचलए इस धारणा की ि ज करनी सहायतापणग ह रा

शबद सार क साथ आरभ करत हए ज मक लमटन शबद इशसनसया क अनवाद का अथग सार या अससटततव क रप म करता ह लमटन धमगमवजञान म परमश वर का सार मनकट घमनषठता क साथ शबद सबसटसनसया या ततव क साथ समबदध ह धमागधयिीय और मधयकालीन धमगमवजञामनय न इन शबद क नव-अिलातनवाद और अरसटत क दाशगमनक मवचार स अपनाया था अब पलट और अरसटत क दमषटक ण म सार का मवचार मवमभनन तरह स पाया जाता ह और सार की धारणा क सबध म कई महतवपणग जमटलताए आधमनक दशगनशासटतर म उठ िडी हई ह परत आतमसात करन क चलए यह मल मवचार कमठन नही ह

सरल शबद म मकसी वसटत का सार अससटततव या ततव एक न पररवमतगत ह न वाली वासटतमवकता ह ती ह ज इसक सभी बाहरी सटवरप पररवमतगत ह त पररटीकरण की पषठभमम म ह ती ह मसीही धमगमवजञामनय न सार क इसी मवचार स अपन अधययन क आधाररत मकया ह जब उनह न परमश वर क रण और पणगताओ क ऊपर मवचार मवमशग मकया

सामानय रप म परमश वर क सार म चार महतवपणग मभननताए ससममचलत ह परमश वर का सार परमश वर सटवय कया ह परमश वर की पणगताए या रण परमश वर क सार की य गयताए परमश वर का

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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चलचचतर अधययन मारगदरशगका एव कई अनय ससाधनो क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 6: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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चलचचतर अधययन मारगदरशगका एव कई अनय ससाधनो क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

हम सब जानत ह मक हम परमश वर का अधययन वस नही कर सकत जस हम परमतमदन क जीवन की अनय बहत सी बात का करत ह हम उसकी उचाई और उसक भार क नाप नही सकत या उस परिनली म रालकर जाच नही सकत इसक मवपरीत परमश वर अनभव स इतना पर ह हमस बहत दर ह मक वह कवल इस एक वासटतमवकता मबना चछपा रहरा और वह वासटतमवकता यह ह मक पमवतर आतमा न उस मानवीय सदभो म परकट मकया ह मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर इस परकाशन क मानवरपी चररतर क रप म सब चधत मकया ह दसर शबद म परमश वर न सटवय क मानवीय रप म परकट मकया ह या ऐस रप म परकट मकया ह मक मनषय समझ सक

पमवतरशासटतर म परमश वर क कम स कम चार परकार क मानवरपी परकाशन मदए हए ह सबस सचिपत भाव म पमवतरशासटतर अकसर परमश वर की मवशषताओ की तलना मानवीय मवशषताओ क साथ करता ह बाइबल क असखय अनचछद परमश वर क मवषय म ऐस बात करत ह जस मक उसक आि कान नाक हाथ पाव और पर ह परमश वर तकग -मवतकग भी करता ह परशन पछता ह दसर स मवचार-मवमशग करता ह भावनाओ क महसस करता ह और चचतन करता ह वह कायगवाही करता ह और नरम भी पड जाता ह जस मक आप और म करत ह परत सपणग पमवतरशासटतर यह सटपषट करता ह मक इस तरह क मानवरपी ईशवरवाद क रपक अथागत परमश वर और मनषय क बीच की तलना क रप म ही चलया जाना चामहए परमश वर क पास ल र क समान भौमतक आि या हाथ नही ह परत मिर भी हम जानत ह मक वह हर समय दिता ह और कायो क परा करता ह

थ ड स बड भाव म पमवतरशासटतर परमश वर क मानवीय सामाचजक सरचनाओ क सदभो म भी मानवरपी भाव म परसटतत करता ह उदाहरण क चलए बाइबल बारबार परमश वर क समषट क सवोचच राजा क रप म परदचशगत करता ह वह सटवरग क चसहासन पर मवराजमान ह मतरणा करता ह कायो का लिाज िा लता ह घ षणाए करता ह सदशवाहक क भजता ह और आराधना सटवीकार करता ह वस ही जस बाइबल क समय म माववीय समराट मकया करत थ

ऐस ही भाव म पमवतरशासटतर परमश वर क इसराएल क राजकीय य दधा वयवसटथा क दन वाल वाचा क सटथामपत करन वाल और वाचा क परा करन वाल क रप म दशागता ह वह अपन ल र का राजकीय चरवाहा और राजकीय पमत और मपता ह एक बार मिर स परमश वर क मवषय म य परकाशन हम बतात ह मक कछ रप म परमश वर मनषय क जसा ह वह ऐस रप म राजय करता ह ज उन रप क समान ह चजनम पराचीन ससार क मानवीय राजाओ न राजय मकया था

और अचधक मवसटतत रप म हम कह सकत ह मक इमतहास म परमश वर क दशय परकटीकरण भी मानवरपी ह बाइबल ऐस कई समय का वणगन करती ह जब परमश वर दशय रप म इस ससार म परकट हआ - चजस हम अकसर ldquoईशदशगनrdquo कहत ह सबस नाटकीय ईशदशगन न परमश वर क भौमतक धए और आर क साथ और ममहमा क उसक दशय सटवरीय बादल क दशगन क साथ ज डा अब कलससटसय 125 और 1 तीमचथयस 117 जस अनचछद हम बतात ह मक परमश वर सटवय अदशय ह अतः परमश वर क य दशय परकटीकरण भी इस भाव म मानवरपी ह मक य परमश वर क वस परसटतत नही करत ह जस वह सटवय क जानता ह इसकी अपिा व परमश वर क ऐस रप म परसटतत करत ह मक चजनम मनषय अपनी चसममत िमताओ म उसका अनभव कर सकत ह

अततः सबस मवसटतत भाव म पमवतरशासटतर परमश वर क तब भी मानवीय अथग म परकट करता ह जब वह उसकी असटपषट य गयताओ क दशागता ह बाइबल अकसर परमश वर क नयायी पमवतर सामथी इतयामद क रप म सब चधत करता ह परत बाइबल क लिक न मानवीय आधार पर परमश वर क इन असटपषट मववरण क सटपषट मकया ऐस रप म चजनह हम समझ सकत ह अतः यह कहना सही ह रा मकसी न मकसी तरह स

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सपणग ईश वरीय परकाशन मानवरपी ह परमश वर न मनषयजामत क समि अपन मवषय म सचचाइय क परकट मकया ह परत सदव ऐस रप म ज हमारी मानवीय सीममतताओ क अनसार ह

यह धयान म रित हए मक पमवतर आतमा न सदव परमश वर क मानवीय सदभो म हम पर परकट मकया ह आइए हम ईश वरीय परकाशन की दसरी मल मवशषता क दि परमश वर न सटवय क सबस सपणग रप म मसीह म परकट मकया ह

मनचित रप स मसीही मवश वास म सटवय मसीह स बढ़कर और कछ भी अचधक महतवपणग नही ह कवल वही हमारा उदधारकताग और हमारा परभ ह और वह मनषयजामत क परमत परमश वर का अपना सवोचच परकाशन ह अब मसीही क अनयायी ह न क नात हम यह मानत ह मक परमश वर न बाइबल क इमतहास म सटवय क कई तरह स परकट मकया ह परत कलससटसय 115 जस अनचछद हम बतात ह मक मानवीय सदभो म यीश ही परमश वर का अपना परम परकटीकरण ह यीश परमश वर का दहधारी अनत पतर ह चसदध मानवीय सटवरप और परमश वर का परमतमनचध ह और इसी कारण परमश वर क मवषय म चजन बात पर हम मवश वास करत ह व यीश म परमश वर क सवोचच परकाशन अथागत उसकी चशिाओ और उसक जीवन मतय पनरतथान सटवरागर हण और ममहमामय पनरारमन क महतव अनसार ह नी चामहए

ईश वरीय परकाशन की इस मलभत अवधारणा क धयान म रित हए हम परमश वर की ओर स आन वाल मवमभनन परकार क परकाशन पर धयान दन क दवारा परमश वर क सटव-परकटीकरण क दिना चामहए

वववभनन परका र जसा मक हमन कहा ह परमश वर का सवोचच परकाशन यीश ह परत नए मनयम क मववरण म यीश न

यह सटपषट मकया मक वह परमश वर का एकमातर सटव-परकटीकरण ह इसकी अपिा उसन पमषट की ह मक परमश वर न सटवय क मवमभनन तरीक स परकट मकया ह

सब स पहि हम परम श वर को त ब त क न ही ज ा न सकत ह जब तक वह सव य क ो हम पर परक ट न ही क रत ा और व ह ऐसा कई त री क ो स करत ा ह सवि और उ सक अ दभ त क ायो क दवा रा भ ी जब हम अ पन चा रो ओर द खत ह व ह सवय क ो द सर ि ो ग ो क सा थ हम ा र स ब धो म परकट क रत ा ह जो हम व ब ात बत ा त ह ज ो उ नहो न परम श व र क ब ा र म सीख ी ह हम परम श व र स इ स परक ा िन क ो क ई स त रो म परा पत क रत ह व न स स द ह म सीवह यो क लि ए सब स म हत व पणय यह ह व क परम श व र न हमा र सम कष स व य क ो अ पन पव वतर व चन म परक ट वक या ह इ स क ा रण हम हम ा र चारो ओर द खत ह और हम पात ह वक परम श व र न हम पर सव य क ो परक ट वक या ह हम ज ा नत ह व क उ सक ा अ स सत तव ह और वफर व ह अ पन ल िष यो क दव ा रा और आज तक अ पन पव व तर व चन क दव ा रा हम स वय क बा र म बत ा त ा ह

- डॉ ज फरी म र

मवचधवत धमगमवजञान अकसर परमश वर क परकाशन क द परकार क पहचानता ह चजनह सटवय यीश न सटवीकार मकया था पहल परकार क अकसर सामानय परकाशन या सटवाभामवक परकाशन कहा जाता ह

साम ानय परकािन सरल शबद म कह त सामानय परकाशन बाइबल की उस चशिा क दशागता ह चजसम परमश वर न समषट क हर अनभव क दवारा सटवय क मनषय पर परकट मकया परान मनयम क कई अनचछद जस भजन 19 क समरप सटवय यीश न सामानय परकाशन स बारबार धमगवजञामनक अथो क परापत

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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मकया उसन परमश वर क बार म चशिा दन क चलए अकसर परकमत और सामानय मानवीय रमतमवचधओ जस िती-बाडी और मछली पकडन क कायो का परय र मकया वासटतव म उसन बार-बार अपन चशषय क परररत मकया मक व अपन भीतर और चार ओर यह पहचानन क चलए दि मक व अपन जीवन क अनभव स परमश वर क बार म कया सीि सकत थ

हम परररत क काम 1417 और 1728 जस सटथान म ऐसी ही समान बात क दित ह इन पद म परररत पौलस न मसीह क उदाहरण का अनसरण मकया और सामानय परकाशन क लार मकया यहा उसन अनयजामतय क ल र का धयान उस ओर लराया ज व परकमत पर चचतन करन और यनानी कावय क दवारा परमश वर क बार म जानत थ

र ममय 1 और 2 पमवतरशासटतर म सामानय परकाशन का सबस वयापक सटपषटीकरण करता ह य अधयाय सकारातमक और नकारातमक द न दमषटक ण की ओर धयान आकमषगत करत ह चजनह हम तब धयान म रिना चामहए जब हम परमश वर मवजञान की ि ज करत ह सकारातमक रप स र ममय 1 और 2 चसिात ह मक हम परमश वर की समषट म जीवन क अनभव स परमश वर क बार म बहत सी बात सीि सकत ह समनए र ममय 120 म परररत पौलस न कया कहा ह

उ सक अन दख गण अ थ ा यत उसक ी सनातन साम रथयय और परम श व रत व जगत क ी ससष ट क सम य स उ सक क ाम ो क दवारा दख न म आत ह (रो व मयो 12 0 )

जब हम इन अधयाय क धयान स दित ह त हम पात ह मक ldquoजरत की समषटrdquo पराकमतक वयवसटथा स बढ़कर ह पौलस क मन म भी वही था ज हम मानवीय ससटकमत सटवय मनषय और हमार वयमिरत आतररक जीवन अथागत हमार नमतक मववक अतजञागन पवागभास आमद स परमश वर क बार म सीित ह

म रा वव चा र ह व क सा म ा नय परका िन व ास तव म म हत व पणय धमय व जञा व नक अ व धारणा ह पहि ा कारण क यो वक यह व ह ब ा त ह ल जसक ा इ नक ा र न ही वक या जा सक ता हम सब इ स स सार म रहत ह चा ह हम म सीही हो या न हो हम सब परम श व र दव ा रा रच इस स सा र म रहत ह अब चा ह एक ग र -म सीही ववश वा सी यह म ान या न म ा न वह द सरी ब ा त ह पर त ल जस हम ldquoसाम ानय परक ािनrdquo क हत ह व ह सव ि म हम ा र चा रो ओर वद ख ाई दन वा ि ी ब ात ह हम सव ि क ो द खन क दव ा रा ही ऐसी ब हत सी ब ा तो को दख सक त ह वक परम श व र क ौ न ह हम वा स तव वक त ा क क ा रण यह द खत ह व क हम ा र पा स एक साम रथयय िाि ी परम श वर ह क यो व क उ सन गर हो और ल सत ा रो और च दर मा क ी रचना की ह हमा र पा स एक ऐसा परम श वर ह जो स दर ता क ो पस द क रत ा ह और ज ो ब ा त स द र परक वत क ी होती ह व उ सक लि ए महतव रख त ी ह हम इस ज ान व रो व कषो और सयायसत म दख त ह हम एक िर म परम श व र क व भ व को द खत ह हम उसक चररतर क ो वही पा त ह ज हा हम द खत ह अ ब यह ब हत ही महत व पणय हो सकत ा ह व व िषक र सस मा चा र परचा र क द व िक ो ण स क यो वक हम कही पर एक आर व भक वब द क ी आव शयकत ा ह और सा म ानय परक ा िन हम वह आर वभ क व ब द द ता ह हम स सा र क बा र म कछ ब ा त ो क ो ज ा नत ह ल ज सम हम रहत ह और इसलि ए हम ा र चा रो ओर द ख न क दव ा रा उ स परम श व र क ब ा र म भ ी ज ा नत ह ल ज सन इ स स सा र क ो रचा ह

- रव ह र रक रो डवहव र

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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समदय स सामानय परकाशन क परमत इस सकारातमक दमषटक ण न ldquoपराकमतक धमगमवजञानrdquo क रप म परमश वर क धमगचशिा म एक महतवपणग भममका अदा की ह पराकमतक धमगमवजञान सामानय परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म जानन का एक मनरतर परयास ह मसीह क अनयामयय न सदव यह सटवीकार मकया ह मक हम पराकमतक धमगमवजञान क माधयम स परमश वर क बार म बहत कछ सीि सकत ह और कछक अपवाद क साथ परमश वर की धमगचशिा पर औपचाररक धमगवजञामनक चचतन न कलीचसया की लरभर परतयक शािा म पराकमतक धमगमवजञान क ससममचलत कर मदया ह

असल म मधयकालीन अवचध क दौरान अगरणी मवदवतावादी धमगमवजञामनय न पराकमतक धमगमवजञान का अनसरण करन क चलए वासटतव म एक औपचाररक मतर-रपी रणनीमत की रचना की पहला उनह न ldquoकरणीय सबध का तरीकाrdquo लमटन म वाया कौजाचलटामटस क बार म बात की इसस उनका अथग था मक हम समषट म उन अचछी बात क दिन क दवारा परमश वर क बार म सतय क सीि सकत ह चजनह परमश वर न रचा ह या वह उनकी ldquoरचना का कारण बनाrdquo ह उदाहरण क चलए हम दि सकत ह मक परमश वर न इस ससार म सदरता और करम-वयवसटथा की रचना अतः हम कह सकत ह मक परमश वर सटवय भी सदर और वयवससटथत ह रा

दसरा मवदवतावादी धमगमवजञामनय न ldquoमनषध क तरीकrdquo लमटन म वाया मनराशमनस क बार म भी बात की इसस उनका अथग था मक हम परमश वर क समषट की सीममतताओ और कममय क मवपरीत दशागन क दवारा परमश वर क मवषय म सतय क परमाचणत कर सकत ह उदाहरण क चलए समषट समय म सीममत ह परत परमश वर अनत ह समषट सटथान म सीममत ह परत परमश वर असीममत ह

और तीसरा मधयकालीन मवदवतावादी धमगमवजञामनय न ldquoशषठता क तरीकrdquo लमटन म वाया एमीननमटआए क बार म भी बात की इसस उनका अथग था मक हम इस बात पर धयान दन क दवारा सामानय परकाशन स परमश वर क मवषय म सतय क परमाचणत कर सकत ह मक कस परमश वर सदव उन वसटतओ स शषठ ह चजसकी उसन रचना की ह उदाहरण क चलए परकमत की शमि परमश वर क सवोचच सामथयग म मवश वास करन म हमारा मारगदशगन करती ह मानवीय बौचदधक य गयताए परमश वर की अतलय बचदध की ओर हम अगरसर करती ह

अचधकतर ससमाचाररक ल र आजकल ऐस कठ र तरीक का अनसरण नही करत ह परत पराकमतक धमगमवजञान परमश वर मवजञान म मखय भममका अदा करना मनरतर जारी रिती ह यीश न अपन चल क चसिाया मक परमश वर न समषट क परमत हमार अनभव क परतयक पहल की रचना अपन बार म बात क परकट करन क चलए की ह और मसीह क मवश वासय गय ल र क रप म हम सामानय परकाशन क माधयम स उन सब बात क ि जना चामहए चजनह हम परमश वर क बार म सीि सकत ह

सामानय परकाशन और पराकमतक धमगमवजञान क परमत य सकारातमक दमषटक ण परमश वर मवजञान क मकसी भी अधययन क चलए महतवपणग ह परत हम इस पर भी धयान दना आवशयक ह मक कस र ममय क पहल द अधयाय कछ महतवपणग नकारातमक दमषटक ण भी परसटतत करत ह र ममय 118 म पौलस न तब सामानय परकाशन क परमत अचधक नकारातमक दमषटक ण पर बल मदया जब उसन यह चलिा

परम श व र क ा कर ोध त ो उ न ि ो गो क ी सब अ भवि और अधमय पर स व गय स परगट होत ा ह ज ो सत य को अधमय स दब ाए रख त ह (रो व मयो 1 1 8 )

इस पद म पौलस न सटपषट मकया मक सामानय परकाशन उसकी दया और उदधार की अपिा ldquoपरमश वर का कर धrdquo परकट करता ह और यह सतय ह कय मक अचधकतर पापी ल र सामानय परकाशन क ldquoसतय क अधमग स दबाए रित हrdquo वासटतव म र ममय 125 क अनसार

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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[पा व पयो न] परम श वर की सचचाई क ो बद िक र झठ ब ना डाि ा (रो वम यो 1 15 )

सटवय यीश न समय-समय पर दशागया मक पापपणग मनषय मनरनतर अपन जीवन क अनभव स परमश वर क मवषय म उन बात क सीिन म असिल हए ज उनह सीिनी चामहए थी जस मक यीश और पौलस द न न बताया पापपणग ल र म समषट क माधयम स परमश वर दवारा परकट बात क मवषय म सटवय स और दसर स झठ ब लन की परवमतत ह ती ह

म इ स ब ा र म ब हत अल धक सचत रहन ा चा ह ग ा वक हम पराक वतक धमय वव जञा न क ि बि या उ सक ी शरणी स परम श व र ब ार म कया सीख त ह म रोव म यो 1 2 0 ज स क थन ो पर आल शरत हो न ा चा ह ग ा ज ो वक उसक ी व भ वत ा उस क सा म रथयय क बा र म ब ात क रत ह म सो चता ह वक यह व ब ा त ह ल ज न पर आप उ स स द भय म आलशरत सकत ह जो आप सी ख ना चा हत ह पर त म त र त ही यह भी कहन ा चाह ग ा वक उ ल चत द वि क ो ण क ो परापत क रन क लि ए हम व व िष परक ािन क ी बहत आव शयकत ा ह इसल ि ए आपक ो म न ष य क त कय -व व तय क क ो ज ा चन क लि ए वव िष परक ा िन की आव शयकत ा ह म रा क हन ा ह वक व फर चाह यह स वा यतत हो या सव त तर म ानव ीय तकय -व वतय क कयो वक रलचत कषतर कछ ब ा त ो क ो उत पनन क रत ा ह लज नह स दह क रप म भ ी पढा और समझा जा सक त ा ह परभ यी ि म सीह क ी व ा स तव वक त ा क ा वव िष परका िन इ स उ ल चत रप म परा क रता ह वक परम श व र क ौन ह हम ार तकय -व वतय क क ो उसक अ न सार रख न क लि ए उसक व चन क पराम िय क ी ब हत अ लधक आव शयक त ा ह

- डॉ बर स एि फ़ीलस

परम श व र क ी सवि हम क ई ब ात ल सख ा त ी ह सब स मि भत ब ात यह व न सस द ह हम यह लसख ात ी ह वक व ह सव ो चच सव िक त ा य ह परम श व र व ह ह ज ो सब व सत ओ क ो िनय स उ त पनन क रत ा ह अतः यह हम उ सक ी सा म रथयय क ब ा र म भी लसख ाती ह रोव म यो 1 क अ न सा र यह हम उसक ी धाव मय कत ा क ब ा र म लसख ा ती ह हम रो वम यो 1 म पा त ह वक सब मन ष य ज ा नत ह व क परम श व र ह व क उ सक ी आराधन ा क ी जा न ी चाव हए और सब ि ो ग ो क पास परम श व र की धा व मय क ता और पववतर ता का ब ो ध ह पा पी म न षयो क रप म हम उस दब ा द त ह हम उ स अ नद ख ा क रन क ा परयास क रत ह अतः सवि हम लसख ाती ह वक परम श व र सव ि कत ा य ह वह साम थी ह और व ह धमी ह पापी म न ष यो क रप म हम उ न ब ात ो क ा इनकार क रन और उ नह दब ा न क ा परयास क रत ह अ तः परम श व र क ब ा र म जो ब ात सव ि न ही ल सखा त ी व ह यह ह वक हम उ सक सा थ सही स ब ध क स ब न ा ए सवि व ब ात ल सख ात ी ह ज ो म न यहा द िा यई ह पर त यह हम परम श व र क अ न गरह और परभ यीि म सीह म द या क वव षय म न ही ल सख ात ी इ सक ल ि ए परभ यी ि म सीह म उ सक क ा यो पर उ सस स ब लधत परक परक ािन क ा होना आव शयक ह

- डॉ क ािय आर टर म न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सामानय परकाशन क परमत य नकारातमक दमषटक ण पराकमतक धमगमवजञान पर बहत अचधक मनभगर रहन क मवषय म एक कडी चतावनी क उतपनन करत ह पराकमतक धमगमवजञान तरमटरमहत नही ह कय मक पाप न समषट स परापत हमार अनभव स परमश वर क मवषय म सीिन की हमारी िमता क भरषट कर मदया ह रभीर मसीही धमगमवजञामनय क सवोततम परयास क बावजद भी पराकमतक धमगमवजञान न मनरनतर सामानय परकाशन का रलत अथग मनकाला ह और परमश वर क परमत हमारी अवधारणा म ममथया बात क राला ह

उदाहरण क चलए धमागधयिीय और मधयकालीन अवचधय क दौरान अनयजामत क यनानी रहसटयवाद न बहत स ल र क इस बात का इनकार करन क परररत मकया मक मनषय परमश वर क बार म कछ जान सकता ह अठारहवी शताबदी म परकमत की वयवसटथा क परमत रलत समझ न कई धमगमवजञामनय क परब धन दववाद अथागत ऐसा मवश वास मक परमश वर इस ससार की रमतमवचधय म ससममचलत नही ह का समथगन क परररत मकया हाल ही समदय म जीवमवजञान क मवजञानीय अधययन न ल र क समषटकताग क रप म परमश वर क बाइबल क चचतरण का इनकार करन क परररत मकया ह परतयक पडाव पर मनषय क हदय की भरषटता न सामानय परकाशन म परमश वर क बार म परकट सतय क ि दन म धमगमवजञामनय क परररत मकया ह

मनसटसदह पराकमतक धमगमवजञान क परमत य नकारातमक दमषटक ण एक मलभत परशन की ओर अरवाई करत ह यमद पाप सामानय परकाशन क परमत हमारी जाररकता क भरषट करता ह त हम परमश वर क बार म सतय क कस जान सकत ह

इस परशन का उततर दन क चलए हम ईश वरीय परकाशन क दसर मखय परकार क दिर सामानय परकाशन क अमतररि यीश न यह भी चसिाया मक परमश वर न हम मवशष या सटीक परकाशन मदया ह

व व िष परक ािन वयापक रप म कह त मवशष परकाशन अलौमकक माधयम क दवारा परमश वर का सटव-परकटीकरण ह पमवतर आतमा न सटवपन दशगन वाचणय और उदधार तथा दर क बड कायो क दवारा परकाशन मदया ह परमश वर न सटवय क पररणा-परापत मानवीय परमतमनचधय क दवारा भी परकट मकया ह जस मक उसक भमवषयदविा और परररत ज पमवतर आतमा क दवारा पररणा-परापत थ और मनसटसदह जसा मक हमन पहल कहा था परमश वर का सबस बडा मवशष परकाशन मसीह म था

परमश वर की धमगचशिा क चलए मवशष परकाशन क महतव क बढ़ा चढ़ा कर नही बताया जा सकता यह परमश वर क उददशय क चलए इतना आवशयक ह मक पाप क इस ससार म आन स पहल ही परमश वर न आदम और हववा का मवशष मौचिक परकाशन क दवारा मारगदशगन मकया और मनसटसदह मवशष परकाशन पाप म पतन क बाद भी महतवपणग रहा ह यह न कवल सामानय परकाशन क समझन क हमार परयास का मारगदशगन करता ह बसलक यह अनत उदधार क मारग क भी परकट करता ह

यह मकतना भी अदभत कय न ह मक परमश वर न हम अलौमकक परकाशन परदान मकया ह - ससार म पाप क आन स पहल और बाद म भी - परत चजस हम सामानय रप स ldquoपरमश वर की ओर स मवशष परकाशनrdquo कहत ह वह हजार वषो पहल घमटत हआ था अतः हम आज मवशष परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म कस सीित ह

एक बार मिर स हम उस ओर मडना चामहए ज परमश वर क सवोचच परकाशन अथागत यीश न चसिाया था सिप म मसीह न अपन अनयामयय क चसिाया मक व सटवय क पमवतरशासटतर म मदए हए परमश वर क मवशष परकाशन क परमत सममपगत कर मरकस 1228-34 जस अनचछद सटपषट रप स दशागत ह मक यीश न अपन समय क अनय रसबबय क समान परमश वर क मवशष चलचित परकाशन क रप म परान मनयम की पमषट की

और हम जानत ह मक नया मनयम भी परमश वर का पररणा-परापत परकाशन ह यहनना 1612-13 और इमिचसय 220 जस सटथान म हम सीित ह मक यीश क सटवरागर हण क बाद उसन पमवतर आतमा क पहली

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सदी क परररत और भमवषयदविाओ क परचशचित करन क चलए भजा मक व उसकी कलीचसया क समि परमश वर क परकट कर नया मनयम पहली सदी क इन परररमतक और भमवषयदवाणीय मवशष परकाशन का हमारा परमतमनचध सकलन ह इसी कारण ससमाचाररक मसीही बल दत ह मक हम इमतहास म सामानय परकाशन और मवशष परकाशन द न म परमश वर क परकटीकरण क समझन क चलए पमवतरशासटतर पर मनभगर ह सकत ह

परमश वर क परकाशन और रहसटय क मवषय म हमार अधययन म हमन परमश वर क मवषय म हमार सपणग जञान क सर त क रप म ईश वरीय परकाशन की ि ज की ह अब आइए इस पहल क दसर महसटस की ओर मड ईशवरीय रहसटय अथागत परमश वर क बार म व बहत सी बात ज चछपी रहती ह क परमश वर मवजञान क हमार अधययन क मकस परकार परभामवत करना चामहए

ईश वरीय रहसय

एक बात लज स हम सम झन ा ह और ज ो सम झन क लि ए आसान न ही ह व ह ह वक व ा स तव म परम श वर कौ न ह वह जञानाती त ह व ह सव ि स पर ह जो कछ हम यहा इ स स सार म अ नभ व क रत ह उ सन रचा ह इ सल ि ए हम व ा सत व म उ स तब तक न ही ज ा न सक त ज ब त क व ह स व य क ो परकट न ही क रत ा जब तक व ह व कसी त रह स इ स सव ि म परव ि न ही क रता व ह हम स ब ात क रता ह वह हम पर स व य क ो परक ट क रता ह ज ो उसन पणय रप स अ पन पतर यी ि म वक या ह पर त उ सस व ह हम ा र ल ि ए रहसयमयी बन जात ा ह और सचचा ई यह ह व क व ही एक मा तर त रीक ा ह लज सम हम परम श व र क राज य क ो उ सक िा सन क ो और उ सक अ ल धक ार क ो ज ा न सकत ह - क यो वक वह हम यहा रहन क ी अ नम वत द त ा ह और व ह एक अ द शय परम श व र ह - इसल ि ए उ सक राज य क ो ज ान न क ा क वि एक त रीक ा यही ह व क वह उस हम पर परक ट क र द

- डॉ र रक ब ॉयड

जसा मक हम दि चक ह परमश वर न सटवय और मनषयजामत क बीच की एक बहत बडी दरी पर मवजय परापत कर ली ह उसन अपन सामानय और मवशष परकाशन क दवारा हमार चलए यह सभव बनाया मक हम उसक मवषय म जान सक परत साथ ही परमश वर क बार म हमारा जञान ईश वरीय रहसटय क दवारा बहत अचधक परभामवत ह ता ह ऐसी बहत सी बात ह चजनह परमश वर न अपन बार म परकट नही मकया ह

ईश वरीय रहसटय क समझना परमश वर मवजञान क चलए इतना महतवपणग ह मक यह इस द चरण म दिन म हमारी सहायता कररा हम पहल ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा क सटपषट करर तब हम रहसटय क उन परकार क सटपशग करर चजनका हम सामना करत ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा कया ह

मि भत धारण ा शबद ldquoरहसटयrdquo का परय र पमवतरशासटतर म मवमभनन तरीक स मकया जाता ह परत हमार उददशय क चलए

हम कह सकत ह मक ईश वरीय रहसटय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र क व व षय म ऐस अ स खय अ परक ा लित सत य ह ज ो परम श व र क परवत हमा री सम झ क ो सीव मत करत ह

हम इस पररभाषा क द पहलओ क उजारर करर पहला पहल यह तथय ह मक ईश वरीय रहसटय ldquoपरमश वर क मवषय म असखय अपरकाचशत सतय हrdquo र ममय 1133 म परररत पौलस न सकत मदया मक हम सदव ईश वरीय रहसटय क परमत सचत रहना चामहए उसन चलिा

आहा परम श व र क ा धन और ब लि और जञान कया ही ग भी र ह

उ सक ववचार क स अथाह और उ सक मा गय क स अ गम ह (रो व म यो 1 1 3 3 )

इस पद तक क अधयाय म पौलस न सामानय और मवशष परकाशन क दवारा परमश वर क बार म कई मजबत धारणाओ क दशागया परत इस अनचछद म पौलस न परमश वर क जञान और बचदध की ldquoरभीरताrdquo की ओर सकत मकया और उसन सटवीकार मकया मक परमश वर क मवचार ldquoअथाहrdquo ह और ldquoउसक मारग अरमrdquo ह यदयमप पौलस न ईश वरीय परकाशन क दवारा परमश वर क बार म बहत कछ समझा था मिर भी उसन असखय रहसटय अथागत ऐसी बात का सामना मकया चजनह परमश वर क आतमा न परकट नही मकया था

परम श व र रहस यम यी ह क यो वक व ह क सी भ ी समझ और जञान स पर ह ज ो हम ार पा स हो व ह सम य सम य पर हम स परा म िय वक ए वब न ा क ा यय क रत ा ह व ह सद व हम स परा म िय लि ए व बन ा ही क ायय क रत ा ह पर त क ई ब ार उसक क ायय क रन क त रीक क ो सम झना हमा र लि ए क व ठन होता ह वह इस भाव म भ ी सम झ स पर ह वक को ई भी परम श व र क जञान क ो पणय रप स परा पत नही कर सक त ा वहा रहस य क ा होन ा अ वशय ह क यो वक वह परम श व र ह और क ोई रलचत पराणी न ही ह परम श व र क रहस यम यी हो न क बा र म ऐसा क छ न ही ह व क जो हम ा र लि ए वक सी रप म क ोई सम सया हो परम श व र क रहस य क ा अ थय यह न ही ह व क उ स तक पह चा नही ज ा सक ता इसक ा अ थय यह न ही ह वक वह हम स परम न ही क रत ा और वक हम उसक परम क ो म हसस न ही क र सक त ह इ सक ा अ थय इ नम स क ो ई भ ी ब ा त न ही ह व ा सत व म यवद वह रहस यमयी न हो त ा त ो हम सरलकषत रप स क ह सक त थ वक व ह परम श व र नही ह हम ऐसा परम श व र क यो चावहए जो रहसयमयी न हो हम उ स ज ा न त ह व यापक रप स न ही पर त हम उ स सचच रप स ज ा न त ह हम उ स सम झत नही पर त व न ल ित रप स हम उस कहन क लि ए पया यपत रप स ज ा नत ह व क हम वक सी अ स पि द ा िय व नक ल सिा त क ो नही ब सलक परम श व र क ो ज ा न त ह

- डॉ ववलि यम ऐड ग ा र

मपरसटन चथय ल चजकल समीनरी क मवचधवत धमगमवजञान क पर िसर चालसग ह ज चजनका जीवनकाल 1797-1878 तक था न महतवपणग रप म ईश वरीय रहसटय क साररमभगत मकया अपन मवचधवत धमगमवजञान क पहल ससटकरण क भार 1 क अधयाय 4 म उसन यह चलिा

परम श व र म उसक व व षय म हम ा र वव चा रो स ब ढक र ब हत क छ ह और उसक व व षय म हम ज ो क छ ज ा नत ह व ह हम अ पणय रप स ज ान त ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ह ज न यहा द महतवपणग अवल कन क दशागया ह पहल उसन बल मदया मक परमश वर क बार म ज सतय ह वह ldquoहमार मवचार स बढ़कर बहत कछ हrdquo यहा पर कवल थ ड स रहसटय नही ह न ही बहत स रहसटय ह इसकी अपिा कय मक परमश वर सटवय असीम ह इसचलए वहा हमारी कलपना स बढ़कर बहत स रहसटय ह ह ज न यह भी सटपषट मकया मक ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क इतना भर दत ह मक ldquo[परमश वर क] मवषय म हम ज कछ जानत ह वह हम अपणग रप स जानत हrdquo दसर शबद म परमश वर क बार म ऐसी एक भी बात नही ह चजस हम पणग रीमत स समझत ह

क ई ब ार जब हम वक सी क ो यह क हत हए सन त ह व क परम श व र समझ स पर ह त ो हम इस पर एक त रह स नक ा रात मक परव त वकर या द त ह - कया म उ स नही ज ान सक त ा क या म उ सक ब ा र म ज ान का री परापत न ही क र सकता और व नस स द ह ब ाइबि परम श व र क ा सव -परक ा िन ह उ सन स व य क ो परक ट व क या ह त ा व क हम उ स व यविगत रप स जान सक और उसक बा र म क छ ब ात ो क ो जा न सक पर त यवद आप रकक र उसक ब ा र म सो च वक यवद परम श व र सच म अ सीवम त परम श व र ह त ो म रा छ ोट ा सा वद म ाग और यहा तक वक इ स स सा र क ा सव ो ततम धमय व जञाव नक वदम ाग भ ी उ स उ सकी पणयत ा म समझ न ही पा एग ा अ पन ी पर रभ ा षा क अ न सार यव द म उ स सम झ सक तो म उ सक ल जत ना ही महा न हो ज ा ऊ ग ा और इसल ि ए यह ब हत ही म हतव पणय भ ा ग ह हम ारा परम श व र क ोई छ ोट ा परम श व र नही ह व ह इ तन ा छो ट ा न ही ह वक म अ पन वद म ा ग या वक सी पसत क म उ सक ी स पणय सम झ क ो परापत क र ि हम आभ ारी ह वक उ सन स व य क ो पयायपत रप स परक ट वक या ह और यह वक उ सन हम ा र उ ि ा र क ा परब ध वक या ह त ा व क हम उ सक ब ा र म कछ सम झ क ो परापत क र सक और उ सक साथ स ग वत रख सक उ सक साथ सही स ग वत म रह सक और उ सक ब ा र म सही ववचार रख सक चा ह व ह व या पक रप स न हो पर त उस ज ान ा ज ा सकत ा ह क यो वक उ सन स व य क ो पराकल ित वक या ह पर त व ह समझ स पर ह और उसक ी पणयत ा परम श व र क ब ा र म हम ारी सम झ और उसक लि ए हम ारी आरधना और उसक परव त हम ारी आजञाक ा र रत ा क लि ए ब हत अ ल धक बहत ही अ लधक महतव पणय ह

- डॉ ग ा रथ क ोक र रि

यह पहचानन क अमतररि मक ईश वरीय रहसटय असखय ह हम सदव ईश वरीय रहसटय क दसर महतवपणग पहल पर भी धयान दना चामहए ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क बहत सीममत कर दत ह जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह

ऐस कई मवमभनन तरीक ह चजनम ईश वरीय रहसटय परमश वर क बार म हमार जञान क सीममत कर दत ह परत इस अधयाय क चलए हम कवल द तरीक पर धयान दर एक ओर हमार पास परमश वर क बार म बहत ही सीममत जानकारी ह यदयमप परमश वर न सटपषट कर मदया ह मक उदधार और मसीह म जीवन क चलए आवशयक कया ह वासटतव म हमम स क ई भी परमश वर क बार म अचधक कछ नही समझता पहला कररसनथय 1312 हम बताता ह मक हम परमश वर का सतय कवल ldquoधधलाrdquo मदिाई दता ह जस मक हम ldquoएक दपगण मrdquo दि रह ह

इसचलए परमश वर की धमगचशिा क मवचार-मवमशग म असखय परशन उठ िड ह त ह चजनका ऐस ही परी तरह स उततर नही मदया जा सकता उदारण क चलए परमश वर बराई क कय अनममत दता ह वतगमान

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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घटनाओ म हम परमश वर क उददशय क कस समझ सकत ह बहत स धमगमवजञानी मवशषकर व ज सदहवामदय स मघर हए ह ऐसी कलपनाओ म रहत ह कय मक व यह सटवीकार नही कर सकत मक हमार पास ऐस परशन क उततर नही ह परत ईश वरीय रहसटय अकसर मसीह क मवश वासय गय अनयामयय क यह सटवीकार करन म अरवाई दत ह ldquoमझ नही पताrdquo जब बात परमश वर की धमगचशिा की आती ह तब यमद परमश वर न इस परकट नही मकया ह त हम इस जान नही सकत यह इतनी सरल बात ह

मसीह क मवश वासय गय अनयायी ह न क नात हम इस सचचाई स कभी भारना नही चामहए मक हमार पास परमश वर क बार म सीममत जानकारी ह वासटतव म पल दर पल इस तरह की सीममतता क सटमरण करना एक आशीष ह ईश वरीय रहसटय हम परमश वर पर भर सा रिन क मववश करत ह हम परमश वर क जञान क परापत करन क चलए अपनी सीममत य गयताओ पर मवश वास रिन की अपिा पमवतर आतमा की सवकाई क दवारा मपता और मसीह पर मनभगर ह ना चामहए

दसरी ओर ईश वरीय रहसटय का अथग यह भी ह मक मनषय कवल परमश वर क परकाशन क सीममत सटपषटीकरण ही परसटतत कर सकत ह हम इस बात पर बल दन म सही ह मक सतय क परमश वर का परकाशन सटवय म मवर धाभासी नही ह और हम परमश वर क परकाशन क बीच बहत स तामकग क सबध क दि सकत ह परत चाह हम सटवीकार कर या न कर ईश वरीय रहसटय न कवल इस बात क सीममत करत ह मक हमार पास परमश वर क बार म मकतनी जानकारी ह साथ ही व परमश वर न ज सटवय क बार म परकट मकया ह उसम स अचधकाश बात की तामकग क सबदधता क सटपषट करन की हमारी य गयता क भी सीममत कर दत ह

उदाहरण क चलए हम मतरएकता अथागत परमश वर एक ह और उसक तीन वयमितव ह का सपणग रप स तामकग क सटपषटीकरण नही द सकत हम इस वासटतमवकता क परतयक पहल क तामकग क रप स सटपषट नही कर सकत मक यीश पणग रप स परमश वर और मनषय द न ह हम परी तरह स यह सटपषट नही कर सकत मक परमश वर मनषय क मकरयाकलाप पर सपणग परभतव रिन क बाद भी हम हमार कायो क चलए कस चजममदार ठहराता ह सवोततम मसीही मवचारक न इन और इन जस अनय परशन क उततर दन का परयास मकयाह परत व सपणग और तामकग क सटपषटीकरण क परदान करन क मनकट आन म भी असिल रह ह

अततः परमश वर न सटवय क बार म ज कछ परकट मकया ह उसकी तामकग क सबदधता क सटपषट करन का परयास करना महतवपणग ह सकता ह परत हम इस तरह स मनधागररत नही करत ह मक कया सतय ह और कया झठ मकसी भी धमगवजञामनक दाव का सतय कवल इस बात पर मनभगर करता ह मक कया परमश वर न इस सामानय या मवशष परकाशन म परकट मकया ह या नही

ज ब धमय ववजञानी क हत ह वक परम श व र सम झ स पर ह त ो उनक कहन क ा अ थय यह हो त ा ह वक हम जो न शवर परा णी ह उ सक स पणय सार और अ ससतत व क ो समझ और ब झ नही सक त परम श व र क अ सी वम त हो न क क ा रण यह स भ ा व न ा ब हत ही कम ह व क हम उस उस उसक ी पणयता म समझ और ज ा न सक म उस स म रण क रत ा ह ज ो पौि स रो वम यो 1 1 3 3 -3 4 म कहत ा ह ज ब व ह परम शवर क अथ ा ह जञा न और ब ल ि क ब ा र म बा त क रता ह पर त वफर भी क यो व क उ सन हम पयायपत स व -परकट ीकरण परद ा न वक या ह इ सलि ए यह ववश वास म आन हत हम ा र ल ि ए पया यपत ह

- रव ह ि री को क रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय रहसटय क महतव क और अचधक रप स समझन क चलए हमन मलभत धारणा की ि ज की ह अब ईश वरीय रहसटय क उन मवमभनन परकार पर धयान दना सहायक ह रा ज उस समय मकरयासनवत ह त ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह

वभनन परका र हम रहसटय क द मवमभनन परकार क बीच अनतर कर सकत ह पहल परकार क हम ldquoअसटथाई रहसटयrdquo

कहर आइए दि मक ऐसा कहन स हमारा कया अथग ह अ सथाई असटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह ज एक मनचित अवचध तक मनषय स चछप

हए ह परत मिर व इमतहास म बाद म मकसी समय परकट मकए जात ह परमश वर सामानय परकाशन क दवारा अकसर उस परकट करता ह ज एक समय म रहसटयमयी था वह भौमतक ससार मानवीय ससटकमत अनय ल र या यहा तक मक हमार भीतर आए पररवतगन का परय र असटथाई रहसटय क परकट करन क चलए करता ह

मवशष परकाशन क साथ भी कछ ऐसा ही ह ता ह पमवतरशासटतर का धयान स मकया हआ अधययन दशागता ह मक परमश वर क बाद क परकाशन न उसक पहल क परकाशन का कभी मवर धाभास नही मकया ह परत यह भी सटपषट ह मक परमश वर न समय क साथ-साथ अपन बार म और अचधक परकट मकया ह मवशष परकाशन का परकटीकरण बाइबल क इमतहास की परतयक अवचध क दौरान हआ ह मनसटसदह ईश वरीय रहसटय का सबस नाटकीय परकटीकरण मसीह क मवशष परकाशन म हआ पौलस क मन म यही बात थी जब उसन इमिचसय 19 33 और 619 क चलिा इन पद म पौलस न मसीह म परमश वर क अनत उददशय क रहसटय क दशागया उसन सटपषट मकया मक यह रहसटय नए मनयम क परररत और भमवषयदविाओ क समय तक चछपाए रिा रया था

इसी कारण जब कभी हम परमश वर क बार म सीिन का परयास करत ह त हम परान मनयम म पाए जान वाल असटथाई रहसटय क सटपषट करन क चलए सदव नए मनयम क मवशष परकाशन की ि ज करनी चामहए

क ई ब ार हम िब द ldquo रहसयम यrdquo क ा परयोग परम श वर क ब ा र म ब ा त क रन क ल ि ए क रत ह क यो व क हम सम झ न ही पा त ह वक वह व ास तव म क या क र रहा ह द सरी ओर नया वन यम िब द ldquo रहसयमयrdquo क ा परयोग सा म ा नय रप म क रत ा ह ज ो व क यन ा नी िबद वम सट ीररयोन स आत ा ह - यह व ा स तव म समा न िब द ह - इ सक ा अ थय ह व क परम श व र दवा रा उ िार क ी अ नगरहक ारी योजन ा क ा परकट ीक रण ऐसी ब ात ह ल ज स हम अ पन आप स क भ ी सो च ही न ही पात अथ ा यत यह इस भाव म रहस य ह व क हम इ स कभ ी भ ी सम झ न ही पा त यवद परम श व र न इ स हम पर परक ट न वक या होत ा और इ सलि ए परम श व र अ पन वव िष परक ािन म अ पनी योजन ा क ो हम पर परक ट क रत ा ह और यही क ा रण ह वक आप िब द वम सट ीररयोन क ा परयोग इ व फल सयो और 1 क र रस नथ यो म होत ा हआ दख त ह यह ऐसा ह व क परम श व र धीर धी र अ पन परक ािन क ो परक ट क र रहा ह और हम वदख ा रहा ह वक क स उिार यहव द यो और अनयज ा व त यो द ो नो क ल ि ए ह और यह वक सी भ ी व यव ि क ल ि ए ह ज ो यी ि म सी ह क ो अ पन म सी ह क रप म स व ीक ा र क रग ा

- डॉ स म एि ि ाम रसन

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत नए मनयम क मवश वासी ह न क बावजद भी हम यह भी सटमरण रिना चामहए मक परमश वर न अभी तक परतयक असटथाई रहसटय क परकट नही मकया ह 1 कररसनथय 1312 म पौलस इस इस तरह स चलिता ह

इ स सम य म रा जञान अ धरा ह पर त उ स सम य ऐसी परी रीवत स पव हचा न ग ा (1 क र रस नथ यो 13 12 )

जब मसीह ममहमा म वापस आएरा कवल तभी वह परतयक असटथाई रहसटय क परकट कर दरा और हम परमश वर और उसक मारो क आज की अपिा कही अचधक परी तरह स समझ पाएर

जसा मक हम दि चक ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त हम कई असटथाई रहसटय का सामना करत ह परत बाइबल इस सटपषट कर दती ह मक जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह त हम सटथाई रहसटय क भी दिना ह ता ह

सथा ई सटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह चजनह मनषय कभी समझ नही पाएरा कय मक य सतय हमारी समझ स पर ह पारपररक धमगमवजञान म इस वासटतमवकता क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क रप म कहा जाता ह हम परमश वर क बार म कछ बात क समझ सकत ह जब वह उनह मानवीय रग प म परकट करता ह परत हम परमश वर क बार म मकसी भी बात क परी तरह स कभी नही समझ सकर हम इस मवचार क यशायाह 558-9 म सटपषट रप स अमभवयि पात ह जहा भमवषयदविा यशायाह यह चलिा ह

क यो वक यहोवा क हत ा ह म र ववचार और त म हा र ववचार एक सम ान न ही ह न तमहा री ग व त और म री ग व त एक सी ह क यो वक म री और तमहा री गवत म और म र और त म हा र सोच व व चा रो म आक ाि और परथवी क ा अ नतर ह (यिायाह 5 5 8 -9 )

इन पद म यशायाह न इसराएल क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क कारण उतपनन परमश वर क सटथाई रहसटय क सटमरण मदलाया

जब पववतर िासतर परम श व र क ो रहस यमयी क रप म द िायता ह त ो हम यह सव न ल ित क रना चावहए वक हम िब द ldquo रहसय rdquo क ो गित रप म न समझ ि जब म इ स स सा र क ी वस त ओ क रहस यम यी होन क बा र म सो चता ह त ो मझ िग त ा ह व क उ नक क छ ल छ प हए रहस य ह जो म झ वकसी सम य पर चवकत क र द ग ऐसी ब ात इ स व व षय म न ही ह ldquo रहसयम यीrdquo स हम ा रा अ थय यह ह वक परम श व र सम झ स पर ह हम ारा अ थय ह व क उ सक पा स ऐसा ज ी व न ह ज ो हमा री क ल पन ा स पर ह इसक ा अ थय यह ह वक उ सक ब ार म ऐसा कछ ह ल ज स हम परी री व त स समझ न ही सक त और म भ ी उ स सम झ न ही सक ता इ सक ा अथय ह वक यह म र रलचत ज ीव न स पर क ी ब ात ह वह म री सो च स वह बह त ब ड़ा ह इ सक ल ि ए लजस तकन ीक ी धमय व जञा व न क िबद का हम परयो ग क रत ह व ह ह ldquoअ न भवा त ी तrdquo परम श वर अ न भवात ीत ह वह हम ा र सोच-ववचार क ी सीम ा स पर ह और इ सी लि ए व ह आरा धन ा क यो गय ह इ सी लि ए वह म हान ह इ सी लि ए वह ऐसा ह ल ज सकी हम परि सा क रत ह

-डॉ ग री एम ब जय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र म रहस य आ ल िक रप स उ सक ी इस परक वत क क ारण ह व क व ह क ौ न ह और उ सक अ सी वम त ब न ाम हम ा र सी वम त हो न हम ा री सी वम तता तथा उसक ी असीवमत सा म रथयय और समझ क क ा रण ह पर त सा थ ही यह व व िष रप स सव ि म उ सक उ दद शयो और योज न ा ओ स भ ी स ब ल धत ह परम श व र कयो इ सी त रीक स क ा यय क रता और उ स त रीक स क ा यय न ही क रत ा ह और म सो चत ा ह वक बहत ब ा र अ हक ा री म न ष यो क रप म हम यह सोचत ह वक हम परम श व र स ब हतर क ा यो क ो क रन ा ज ान त ह पर त परम श वर क रहस य म उ द ाह रण क लि ए व यवसथा वववरण 29 29 म यह इ सक ब ा र म पवव तर िास तर म ब ात क रत ा ह ग पत ब ात परम श व र क ी ही ह पर त जो बा त उ सन परक ट क ी ह उन म हम आन नद और उ त सव मन ा सक त ह और व हा एक ऐसा भ ा व ह ल ज सम हम स वी क ार कर सकत ह वक परम श व र न हम सब क छ न ही ब ता या ह उ सन अ पन ब ा र म हम सब कछ न ही बत ा या ह - व ह क स बत ा सक त ा ह और हम उ स क स सम झ सक त ह पर त सा थ ही उ सन हम वह सब भी न ही ब त ा या ह वक वह अ पन उ दद शयो और योज न ा ओ क ो क स परा क र रहा ह और परा न व न यम क अ ययब स ब हतर इ स क ोई न ही ज ान त ा जो इ स वव षय म परशनो का उतत र चा हत ा था वक परम श व र न इ न ब ात ो क ी अ नम वत क यो दी और परम श व र न उ स वह उतत र न ही वद या जो वह चाहत ा था परम श व र न उ स यह उ ततर व द या ldquoम ज ान त ा ह वक म क या क र रहा ह और एक भाव म म री यो ज न ा म एक रहस य ह ल ज स क वि म ही परी त रह स सपि क र सक त ा ह और अ तत ः त सम य क अ त म दख गा जब सब कछ अ चा नक स और परी त रह स अ थय पणय हो ग ा rdquo

-रव ह डॉ ि ईस व व क ि र

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस शिला का जब हम आरभ करत ह त हम सदव यह याद रिना चामहए मक यदयमप परमश वर न सटवय क सामानय और मवशष द न परकार क परकाशन म परकट मकया ह मिर भी उसन हमस सटथाई और असटथाई द न परकार क रहसटय क चछपाए रिा ह हम इस वासटतमवकता स ऐसी ही बच नही सकत मक हम कवल रचचत पराणी ही ह चजनकी परमश वर क मवषय म समझ सदव बहत ही सीममत ह

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस अधयाय म अब तक हमन ऐस कछ तरीक क दिा ह चजनम ईश वरीय परकाशन और रहसटय परमश वर मवजञान क अधययन क आकार दत ह अब हम अपन दसर मखय मवषय की ओर मडन क चलए तयार ह परमश वर की मवशषताए और उसक कायग य मवषय उन द पराथममक तरीक क परसटतत करत ह चजनक दवारा पारपररक धमगमवजञामनय न परमश वर क बार म हमार जञान क साररमभगत मकया ह

गण औ र क ायय

परमश वर क रण और कायो क अमतररि मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर परमश वर मवजञान म मतरएकता क धमगचशिा क ऊपर भी बहत अचधक धयान कसनित मकया ह हमन पमवतर मतरएकता क ऊपर कझ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सीमा तक परररत का मवश वासवचन क ऊपर हमारी शिला म वातागलाप मकया ह इस शिला म हम इन द अनय मखय मवषय क ऊपर धयान कसनित करर

उततर ततर अधयाय म हम परमश वर क रण और कायो क ऊपर कई मवशषताओ की ि ज करर परत इस समय हम यहा पर कवल एक ही अवधारणा का पररचय दर परथम हम ईश वरीय रण या परमश वर कौन ह क ऊपर धयान दर और दसरा हम ईश वरीय कायो की ओर मडर या परमश वर कया करता ह आइए परमश वर क ईश वरीय रण स आरभ कर

ईश वरीय ग ण ईश वरीय रण क मवषय का पररचय द चरण म कराना सहायतापणग ह रा हम परमश वर क रण की

मल धारणा स आरभ करर तब हम ईश वरीय रण क परकार की जाच करर ज मक अकसर मवचधवत धमगमवजञान म मभनन रप म पहचान रए ह इसचलए ईश वरीय रण की मल धारणा कया हॽ

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश मसीमहय क यह पछना ह मक परमश वर क कया रण हॽ त ह सकता ह मक

कदाचचत वह यह कह मक परमश वर क रण व सारी य गयताए या चाररमतरक रण ह चजनह पमवतरशासटतर परमश वर स ससमबसनधत करता ह ठीक ह यह दमषटक ण तब तक सही ह जब तक यह इस माना जाता रह परत पारपररक धमगमवजञान म वाकयाश परमश वर क रण कछ मवशष बात की सकत दता ह

मवचधवत धमगमवजञान म ईश वरीय रण

परम श व र क सा र क ी पणयत ा ए वव व भ नन त रह क ऐवत हा लसक परगट ी क रणो क दव ा रा परक ट क ी गई ह

यह पररभाषा द पराथममक तथय क उजारर करती ह ज मक परमश वर क रण क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग क चचमतरत करती ह परथम सटथान पर परमश वर क रण परमश वर क सार की पणगताए ह आधमनक ससमाचारवादी अकसर परमश वर क सार की ओर सकत नही करत ह इसचलए इस धारणा की ि ज करनी सहायतापणग ह रा

शबद सार क साथ आरभ करत हए ज मक लमटन शबद इशसनसया क अनवाद का अथग सार या अससटततव क रप म करता ह लमटन धमगमवजञान म परमश वर का सार मनकट घमनषठता क साथ शबद सबसटसनसया या ततव क साथ समबदध ह धमागधयिीय और मधयकालीन धमगमवजञामनय न इन शबद क नव-अिलातनवाद और अरसटत क दाशगमनक मवचार स अपनाया था अब पलट और अरसटत क दमषटक ण म सार का मवचार मवमभनन तरह स पाया जाता ह और सार की धारणा क सबध म कई महतवपणग जमटलताए आधमनक दशगनशासटतर म उठ िडी हई ह परत आतमसात करन क चलए यह मल मवचार कमठन नही ह

सरल शबद म मकसी वसटत का सार अससटततव या ततव एक न पररवमतगत ह न वाली वासटतमवकता ह ती ह ज इसक सभी बाहरी सटवरप पररवमतगत ह त पररटीकरण की पषठभमम म ह ती ह मसीही धमगमवजञामनय न सार क इसी मवचार स अपन अधययन क आधाररत मकया ह जब उनह न परमश वर क रण और पणगताओ क ऊपर मवचार मवमशग मकया

सामानय रप म परमश वर क सार म चार महतवपणग मभननताए ससममचलत ह परमश वर का सार परमश वर सटवय कया ह परमश वर की पणगताए या रण परमश वर क सार की य गयताए परमश वर का

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 7: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सपणग ईश वरीय परकाशन मानवरपी ह परमश वर न मनषयजामत क समि अपन मवषय म सचचाइय क परकट मकया ह परत सदव ऐस रप म ज हमारी मानवीय सीममतताओ क अनसार ह

यह धयान म रित हए मक पमवतर आतमा न सदव परमश वर क मानवीय सदभो म हम पर परकट मकया ह आइए हम ईश वरीय परकाशन की दसरी मल मवशषता क दि परमश वर न सटवय क सबस सपणग रप म मसीह म परकट मकया ह

मनचित रप स मसीही मवश वास म सटवय मसीह स बढ़कर और कछ भी अचधक महतवपणग नही ह कवल वही हमारा उदधारकताग और हमारा परभ ह और वह मनषयजामत क परमत परमश वर का अपना सवोचच परकाशन ह अब मसीही क अनयायी ह न क नात हम यह मानत ह मक परमश वर न बाइबल क इमतहास म सटवय क कई तरह स परकट मकया ह परत कलससटसय 115 जस अनचछद हम बतात ह मक मानवीय सदभो म यीश ही परमश वर का अपना परम परकटीकरण ह यीश परमश वर का दहधारी अनत पतर ह चसदध मानवीय सटवरप और परमश वर का परमतमनचध ह और इसी कारण परमश वर क मवषय म चजन बात पर हम मवश वास करत ह व यीश म परमश वर क सवोचच परकाशन अथागत उसकी चशिाओ और उसक जीवन मतय पनरतथान सटवरागर हण और ममहमामय पनरारमन क महतव अनसार ह नी चामहए

ईश वरीय परकाशन की इस मलभत अवधारणा क धयान म रित हए हम परमश वर की ओर स आन वाल मवमभनन परकार क परकाशन पर धयान दन क दवारा परमश वर क सटव-परकटीकरण क दिना चामहए

वववभनन परका र जसा मक हमन कहा ह परमश वर का सवोचच परकाशन यीश ह परत नए मनयम क मववरण म यीश न

यह सटपषट मकया मक वह परमश वर का एकमातर सटव-परकटीकरण ह इसकी अपिा उसन पमषट की ह मक परमश वर न सटवय क मवमभनन तरीक स परकट मकया ह

सब स पहि हम परम श वर को त ब त क न ही ज ा न सकत ह जब तक वह सव य क ो हम पर परक ट न ही क रत ा और व ह ऐसा कई त री क ो स करत ा ह सवि और उ सक अ दभ त क ायो क दवा रा भ ी जब हम अ पन चा रो ओर द खत ह व ह सवय क ो द सर ि ो ग ो क सा थ हम ा र स ब धो म परकट क रत ा ह जो हम व ब ात बत ा त ह ज ो उ नहो न परम श व र क ब ा र म सीख ी ह हम परम श व र स इ स परक ा िन क ो क ई स त रो म परा पत क रत ह व न स स द ह म सीवह यो क लि ए सब स म हत व पणय यह ह व क परम श व र न हमा र सम कष स व य क ो अ पन पव वतर व चन म परक ट वक या ह इ स क ा रण हम हम ा र चारो ओर द खत ह और हम पात ह वक परम श व र न हम पर सव य क ो परक ट वक या ह हम ज ा नत ह व क उ सक ा अ स सत तव ह और वफर व ह अ पन ल िष यो क दव ा रा और आज तक अ पन पव व तर व चन क दव ा रा हम स वय क बा र म बत ा त ा ह

- डॉ ज फरी म र

मवचधवत धमगमवजञान अकसर परमश वर क परकाशन क द परकार क पहचानता ह चजनह सटवय यीश न सटवीकार मकया था पहल परकार क अकसर सामानय परकाशन या सटवाभामवक परकाशन कहा जाता ह

साम ानय परकािन सरल शबद म कह त सामानय परकाशन बाइबल की उस चशिा क दशागता ह चजसम परमश वर न समषट क हर अनभव क दवारा सटवय क मनषय पर परकट मकया परान मनयम क कई अनचछद जस भजन 19 क समरप सटवय यीश न सामानय परकाशन स बारबार धमगवजञामनक अथो क परापत

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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मकया उसन परमश वर क बार म चशिा दन क चलए अकसर परकमत और सामानय मानवीय रमतमवचधओ जस िती-बाडी और मछली पकडन क कायो का परय र मकया वासटतव म उसन बार-बार अपन चशषय क परररत मकया मक व अपन भीतर और चार ओर यह पहचानन क चलए दि मक व अपन जीवन क अनभव स परमश वर क बार म कया सीि सकत थ

हम परररत क काम 1417 और 1728 जस सटथान म ऐसी ही समान बात क दित ह इन पद म परररत पौलस न मसीह क उदाहरण का अनसरण मकया और सामानय परकाशन क लार मकया यहा उसन अनयजामतय क ल र का धयान उस ओर लराया ज व परकमत पर चचतन करन और यनानी कावय क दवारा परमश वर क बार म जानत थ

र ममय 1 और 2 पमवतरशासटतर म सामानय परकाशन का सबस वयापक सटपषटीकरण करता ह य अधयाय सकारातमक और नकारातमक द न दमषटक ण की ओर धयान आकमषगत करत ह चजनह हम तब धयान म रिना चामहए जब हम परमश वर मवजञान की ि ज करत ह सकारातमक रप स र ममय 1 और 2 चसिात ह मक हम परमश वर की समषट म जीवन क अनभव स परमश वर क बार म बहत सी बात सीि सकत ह समनए र ममय 120 म परररत पौलस न कया कहा ह

उ सक अन दख गण अ थ ा यत उसक ी सनातन साम रथयय और परम श व रत व जगत क ी ससष ट क सम य स उ सक क ाम ो क दवारा दख न म आत ह (रो व मयो 12 0 )

जब हम इन अधयाय क धयान स दित ह त हम पात ह मक ldquoजरत की समषटrdquo पराकमतक वयवसटथा स बढ़कर ह पौलस क मन म भी वही था ज हम मानवीय ससटकमत सटवय मनषय और हमार वयमिरत आतररक जीवन अथागत हमार नमतक मववक अतजञागन पवागभास आमद स परमश वर क बार म सीित ह

म रा वव चा र ह व क सा म ा नय परका िन व ास तव म म हत व पणय धमय व जञा व नक अ व धारणा ह पहि ा कारण क यो वक यह व ह ब ा त ह ल जसक ा इ नक ा र न ही वक या जा सक ता हम सब इ स स सार म रहत ह चा ह हम म सीही हो या न हो हम सब परम श व र दव ा रा रच इस स सा र म रहत ह अब चा ह एक ग र -म सीही ववश वा सी यह म ान या न म ा न वह द सरी ब ा त ह पर त ल जस हम ldquoसाम ानय परक ािनrdquo क हत ह व ह सव ि म हम ा र चा रो ओर वद ख ाई दन वा ि ी ब ात ह हम सव ि क ो द खन क दव ा रा ही ऐसी ब हत सी ब ा तो को दख सक त ह वक परम श व र क ौ न ह हम वा स तव वक त ा क क ा रण यह द खत ह व क हम ा र पा स एक साम रथयय िाि ी परम श वर ह क यो व क उ सन गर हो और ल सत ा रो और च दर मा क ी रचना की ह हमा र पा स एक ऐसा परम श वर ह जो स दर ता क ो पस द क रत ा ह और ज ो ब ा त स द र परक वत क ी होती ह व उ सक लि ए महतव रख त ी ह हम इस ज ान व रो व कषो और सयायसत म दख त ह हम एक िर म परम श व र क व भ व को द खत ह हम उसक चररतर क ो वही पा त ह ज हा हम द खत ह अ ब यह ब हत ही महत व पणय हो सकत ा ह व व िषक र सस मा चा र परचा र क द व िक ो ण स क यो वक हम कही पर एक आर व भक वब द क ी आव शयकत ा ह और सा म ानय परक ा िन हम वह आर वभ क व ब द द ता ह हम स सा र क बा र म कछ ब ा त ो क ो ज ा नत ह ल ज सम हम रहत ह और इसलि ए हम ा र चा रो ओर द ख न क दव ा रा उ स परम श व र क ब ा र म भ ी ज ा नत ह ल ज सन इ स स सा र क ो रचा ह

- रव ह र रक रो डवहव र

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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समदय स सामानय परकाशन क परमत इस सकारातमक दमषटक ण न ldquoपराकमतक धमगमवजञानrdquo क रप म परमश वर क धमगचशिा म एक महतवपणग भममका अदा की ह पराकमतक धमगमवजञान सामानय परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म जानन का एक मनरतर परयास ह मसीह क अनयामयय न सदव यह सटवीकार मकया ह मक हम पराकमतक धमगमवजञान क माधयम स परमश वर क बार म बहत कछ सीि सकत ह और कछक अपवाद क साथ परमश वर की धमगचशिा पर औपचाररक धमगवजञामनक चचतन न कलीचसया की लरभर परतयक शािा म पराकमतक धमगमवजञान क ससममचलत कर मदया ह

असल म मधयकालीन अवचध क दौरान अगरणी मवदवतावादी धमगमवजञामनय न पराकमतक धमगमवजञान का अनसरण करन क चलए वासटतव म एक औपचाररक मतर-रपी रणनीमत की रचना की पहला उनह न ldquoकरणीय सबध का तरीकाrdquo लमटन म वाया कौजाचलटामटस क बार म बात की इसस उनका अथग था मक हम समषट म उन अचछी बात क दिन क दवारा परमश वर क बार म सतय क सीि सकत ह चजनह परमश वर न रचा ह या वह उनकी ldquoरचना का कारण बनाrdquo ह उदाहरण क चलए हम दि सकत ह मक परमश वर न इस ससार म सदरता और करम-वयवसटथा की रचना अतः हम कह सकत ह मक परमश वर सटवय भी सदर और वयवससटथत ह रा

दसरा मवदवतावादी धमगमवजञामनय न ldquoमनषध क तरीकrdquo लमटन म वाया मनराशमनस क बार म भी बात की इसस उनका अथग था मक हम परमश वर क समषट की सीममतताओ और कममय क मवपरीत दशागन क दवारा परमश वर क मवषय म सतय क परमाचणत कर सकत ह उदाहरण क चलए समषट समय म सीममत ह परत परमश वर अनत ह समषट सटथान म सीममत ह परत परमश वर असीममत ह

और तीसरा मधयकालीन मवदवतावादी धमगमवजञामनय न ldquoशषठता क तरीकrdquo लमटन म वाया एमीननमटआए क बार म भी बात की इसस उनका अथग था मक हम इस बात पर धयान दन क दवारा सामानय परकाशन स परमश वर क मवषय म सतय क परमाचणत कर सकत ह मक कस परमश वर सदव उन वसटतओ स शषठ ह चजसकी उसन रचना की ह उदाहरण क चलए परकमत की शमि परमश वर क सवोचच सामथयग म मवश वास करन म हमारा मारगदशगन करती ह मानवीय बौचदधक य गयताए परमश वर की अतलय बचदध की ओर हम अगरसर करती ह

अचधकतर ससमाचाररक ल र आजकल ऐस कठ र तरीक का अनसरण नही करत ह परत पराकमतक धमगमवजञान परमश वर मवजञान म मखय भममका अदा करना मनरतर जारी रिती ह यीश न अपन चल क चसिाया मक परमश वर न समषट क परमत हमार अनभव क परतयक पहल की रचना अपन बार म बात क परकट करन क चलए की ह और मसीह क मवश वासय गय ल र क रप म हम सामानय परकाशन क माधयम स उन सब बात क ि जना चामहए चजनह हम परमश वर क बार म सीि सकत ह

सामानय परकाशन और पराकमतक धमगमवजञान क परमत य सकारातमक दमषटक ण परमश वर मवजञान क मकसी भी अधययन क चलए महतवपणग ह परत हम इस पर भी धयान दना आवशयक ह मक कस र ममय क पहल द अधयाय कछ महतवपणग नकारातमक दमषटक ण भी परसटतत करत ह र ममय 118 म पौलस न तब सामानय परकाशन क परमत अचधक नकारातमक दमषटक ण पर बल मदया जब उसन यह चलिा

परम श व र क ा कर ोध त ो उ न ि ो गो क ी सब अ भवि और अधमय पर स व गय स परगट होत ा ह ज ो सत य को अधमय स दब ाए रख त ह (रो व मयो 1 1 8 )

इस पद म पौलस न सटपषट मकया मक सामानय परकाशन उसकी दया और उदधार की अपिा ldquoपरमश वर का कर धrdquo परकट करता ह और यह सतय ह कय मक अचधकतर पापी ल र सामानय परकाशन क ldquoसतय क अधमग स दबाए रित हrdquo वासटतव म र ममय 125 क अनसार

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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[पा व पयो न] परम श वर की सचचाई क ो बद िक र झठ ब ना डाि ा (रो वम यो 1 15 )

सटवय यीश न समय-समय पर दशागया मक पापपणग मनषय मनरनतर अपन जीवन क अनभव स परमश वर क मवषय म उन बात क सीिन म असिल हए ज उनह सीिनी चामहए थी जस मक यीश और पौलस द न न बताया पापपणग ल र म समषट क माधयम स परमश वर दवारा परकट बात क मवषय म सटवय स और दसर स झठ ब लन की परवमतत ह ती ह

म इ स ब ा र म ब हत अल धक सचत रहन ा चा ह ग ा वक हम पराक वतक धमय वव जञा न क ि बि या उ सक ी शरणी स परम श व र ब ार म कया सीख त ह म रोव म यो 1 2 0 ज स क थन ो पर आल शरत हो न ा चा ह ग ा ज ो वक उसक ी व भ वत ा उस क सा म रथयय क बा र म ब ात क रत ह म सो चता ह वक यह व ब ा त ह ल ज न पर आप उ स स द भय म आलशरत सकत ह जो आप सी ख ना चा हत ह पर त म त र त ही यह भी कहन ा चाह ग ा वक उ ल चत द वि क ो ण क ो परापत क रन क लि ए हम व व िष परक ािन क ी बहत आव शयकत ा ह इसल ि ए आपक ो म न ष य क त कय -व व तय क क ो ज ा चन क लि ए वव िष परक ा िन की आव शयकत ा ह म रा क हन ा ह वक व फर चाह यह स वा यतत हो या सव त तर म ानव ीय तकय -व वतय क कयो वक रलचत कषतर कछ ब ा त ो क ो उत पनन क रत ा ह लज नह स दह क रप म भ ी पढा और समझा जा सक त ा ह परभ यी ि म सीह क ी व ा स तव वक त ा क ा वव िष परका िन इ स उ ल चत रप म परा क रता ह वक परम श व र क ौन ह हम ार तकय -व वतय क क ो उसक अ न सार रख न क लि ए उसक व चन क पराम िय क ी ब हत अ लधक आव शयक त ा ह

- डॉ बर स एि फ़ीलस

परम श व र क ी सवि हम क ई ब ात ल सख ा त ी ह सब स मि भत ब ात यह व न सस द ह हम यह लसख ात ी ह वक व ह सव ो चच सव िक त ा य ह परम श व र व ह ह ज ो सब व सत ओ क ो िनय स उ त पनन क रत ा ह अतः यह हम उ सक ी सा म रथयय क ब ा र म भी लसख ाती ह रोव म यो 1 क अ न सा र यह हम उसक ी धाव मय कत ा क ब ा र म लसख ा ती ह हम रो वम यो 1 म पा त ह वक सब मन ष य ज ा नत ह व क परम श व र ह व क उ सक ी आराधन ा क ी जा न ी चाव हए और सब ि ो ग ो क पास परम श व र की धा व मय क ता और पववतर ता का ब ो ध ह पा पी म न षयो क रप म हम उस दब ा द त ह हम उ स अ नद ख ा क रन क ा परयास क रत ह अतः सवि हम लसख ाती ह वक परम श व र सव ि कत ा य ह वह साम थी ह और व ह धमी ह पापी म न ष यो क रप म हम उ न ब ात ो क ा इनकार क रन और उ नह दब ा न क ा परयास क रत ह अ तः परम श व र क ब ा र म जो ब ात सव ि न ही ल सखा त ी व ह यह ह वक हम उ सक सा थ सही स ब ध क स ब न ा ए सवि व ब ात ल सख ात ी ह ज ो म न यहा द िा यई ह पर त यह हम परम श व र क अ न गरह और परभ यीि म सीह म द या क वव षय म न ही ल सख ात ी इ सक ल ि ए परभ यी ि म सीह म उ सक क ा यो पर उ सस स ब लधत परक परक ािन क ा होना आव शयक ह

- डॉ क ािय आर टर म न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सामानय परकाशन क परमत य नकारातमक दमषटक ण पराकमतक धमगमवजञान पर बहत अचधक मनभगर रहन क मवषय म एक कडी चतावनी क उतपनन करत ह पराकमतक धमगमवजञान तरमटरमहत नही ह कय मक पाप न समषट स परापत हमार अनभव स परमश वर क मवषय म सीिन की हमारी िमता क भरषट कर मदया ह रभीर मसीही धमगमवजञामनय क सवोततम परयास क बावजद भी पराकमतक धमगमवजञान न मनरनतर सामानय परकाशन का रलत अथग मनकाला ह और परमश वर क परमत हमारी अवधारणा म ममथया बात क राला ह

उदाहरण क चलए धमागधयिीय और मधयकालीन अवचधय क दौरान अनयजामत क यनानी रहसटयवाद न बहत स ल र क इस बात का इनकार करन क परररत मकया मक मनषय परमश वर क बार म कछ जान सकता ह अठारहवी शताबदी म परकमत की वयवसटथा क परमत रलत समझ न कई धमगमवजञामनय क परब धन दववाद अथागत ऐसा मवश वास मक परमश वर इस ससार की रमतमवचधय म ससममचलत नही ह का समथगन क परररत मकया हाल ही समदय म जीवमवजञान क मवजञानीय अधययन न ल र क समषटकताग क रप म परमश वर क बाइबल क चचतरण का इनकार करन क परररत मकया ह परतयक पडाव पर मनषय क हदय की भरषटता न सामानय परकाशन म परमश वर क बार म परकट सतय क ि दन म धमगमवजञामनय क परररत मकया ह

मनसटसदह पराकमतक धमगमवजञान क परमत य नकारातमक दमषटक ण एक मलभत परशन की ओर अरवाई करत ह यमद पाप सामानय परकाशन क परमत हमारी जाररकता क भरषट करता ह त हम परमश वर क बार म सतय क कस जान सकत ह

इस परशन का उततर दन क चलए हम ईश वरीय परकाशन क दसर मखय परकार क दिर सामानय परकाशन क अमतररि यीश न यह भी चसिाया मक परमश वर न हम मवशष या सटीक परकाशन मदया ह

व व िष परक ािन वयापक रप म कह त मवशष परकाशन अलौमकक माधयम क दवारा परमश वर का सटव-परकटीकरण ह पमवतर आतमा न सटवपन दशगन वाचणय और उदधार तथा दर क बड कायो क दवारा परकाशन मदया ह परमश वर न सटवय क पररणा-परापत मानवीय परमतमनचधय क दवारा भी परकट मकया ह जस मक उसक भमवषयदविा और परररत ज पमवतर आतमा क दवारा पररणा-परापत थ और मनसटसदह जसा मक हमन पहल कहा था परमश वर का सबस बडा मवशष परकाशन मसीह म था

परमश वर की धमगचशिा क चलए मवशष परकाशन क महतव क बढ़ा चढ़ा कर नही बताया जा सकता यह परमश वर क उददशय क चलए इतना आवशयक ह मक पाप क इस ससार म आन स पहल ही परमश वर न आदम और हववा का मवशष मौचिक परकाशन क दवारा मारगदशगन मकया और मनसटसदह मवशष परकाशन पाप म पतन क बाद भी महतवपणग रहा ह यह न कवल सामानय परकाशन क समझन क हमार परयास का मारगदशगन करता ह बसलक यह अनत उदधार क मारग क भी परकट करता ह

यह मकतना भी अदभत कय न ह मक परमश वर न हम अलौमकक परकाशन परदान मकया ह - ससार म पाप क आन स पहल और बाद म भी - परत चजस हम सामानय रप स ldquoपरमश वर की ओर स मवशष परकाशनrdquo कहत ह वह हजार वषो पहल घमटत हआ था अतः हम आज मवशष परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म कस सीित ह

एक बार मिर स हम उस ओर मडना चामहए ज परमश वर क सवोचच परकाशन अथागत यीश न चसिाया था सिप म मसीह न अपन अनयामयय क चसिाया मक व सटवय क पमवतरशासटतर म मदए हए परमश वर क मवशष परकाशन क परमत सममपगत कर मरकस 1228-34 जस अनचछद सटपषट रप स दशागत ह मक यीश न अपन समय क अनय रसबबय क समान परमश वर क मवशष चलचित परकाशन क रप म परान मनयम की पमषट की

और हम जानत ह मक नया मनयम भी परमश वर का पररणा-परापत परकाशन ह यहनना 1612-13 और इमिचसय 220 जस सटथान म हम सीित ह मक यीश क सटवरागर हण क बाद उसन पमवतर आतमा क पहली

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सदी क परररत और भमवषयदविाओ क परचशचित करन क चलए भजा मक व उसकी कलीचसया क समि परमश वर क परकट कर नया मनयम पहली सदी क इन परररमतक और भमवषयदवाणीय मवशष परकाशन का हमारा परमतमनचध सकलन ह इसी कारण ससमाचाररक मसीही बल दत ह मक हम इमतहास म सामानय परकाशन और मवशष परकाशन द न म परमश वर क परकटीकरण क समझन क चलए पमवतरशासटतर पर मनभगर ह सकत ह

परमश वर क परकाशन और रहसटय क मवषय म हमार अधययन म हमन परमश वर क मवषय म हमार सपणग जञान क सर त क रप म ईश वरीय परकाशन की ि ज की ह अब आइए इस पहल क दसर महसटस की ओर मड ईशवरीय रहसटय अथागत परमश वर क बार म व बहत सी बात ज चछपी रहती ह क परमश वर मवजञान क हमार अधययन क मकस परकार परभामवत करना चामहए

ईश वरीय रहसय

एक बात लज स हम सम झन ा ह और ज ो सम झन क लि ए आसान न ही ह व ह ह वक व ा स तव म परम श वर कौ न ह वह जञानाती त ह व ह सव ि स पर ह जो कछ हम यहा इ स स सार म अ नभ व क रत ह उ सन रचा ह इ सल ि ए हम व ा सत व म उ स तब तक न ही ज ा न सक त ज ब त क व ह स व य क ो परकट न ही क रत ा जब तक व ह व कसी त रह स इ स सव ि म परव ि न ही क रता व ह हम स ब ात क रता ह वह हम पर स व य क ो परक ट क रता ह ज ो उसन पणय रप स अ पन पतर यी ि म वक या ह पर त उ सस व ह हम ा र ल ि ए रहसयमयी बन जात ा ह और सचचा ई यह ह व क व ही एक मा तर त रीक ा ह लज सम हम परम श व र क राज य क ो उ सक िा सन क ो और उ सक अ ल धक ार क ो ज ा न सकत ह - क यो वक वह हम यहा रहन क ी अ नम वत द त ा ह और व ह एक अ द शय परम श व र ह - इसल ि ए उ सक राज य क ो ज ान न क ा क वि एक त रीक ा यही ह व क वह उस हम पर परक ट क र द

- डॉ र रक ब ॉयड

जसा मक हम दि चक ह परमश वर न सटवय और मनषयजामत क बीच की एक बहत बडी दरी पर मवजय परापत कर ली ह उसन अपन सामानय और मवशष परकाशन क दवारा हमार चलए यह सभव बनाया मक हम उसक मवषय म जान सक परत साथ ही परमश वर क बार म हमारा जञान ईश वरीय रहसटय क दवारा बहत अचधक परभामवत ह ता ह ऐसी बहत सी बात ह चजनह परमश वर न अपन बार म परकट नही मकया ह

ईश वरीय रहसटय क समझना परमश वर मवजञान क चलए इतना महतवपणग ह मक यह इस द चरण म दिन म हमारी सहायता कररा हम पहल ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा क सटपषट करर तब हम रहसटय क उन परकार क सटपशग करर चजनका हम सामना करत ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा कया ह

मि भत धारण ा शबद ldquoरहसटयrdquo का परय र पमवतरशासटतर म मवमभनन तरीक स मकया जाता ह परत हमार उददशय क चलए

हम कह सकत ह मक ईश वरीय रहसटय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र क व व षय म ऐस अ स खय अ परक ा लित सत य ह ज ो परम श व र क परवत हमा री सम झ क ो सीव मत करत ह

हम इस पररभाषा क द पहलओ क उजारर करर पहला पहल यह तथय ह मक ईश वरीय रहसटय ldquoपरमश वर क मवषय म असखय अपरकाचशत सतय हrdquo र ममय 1133 म परररत पौलस न सकत मदया मक हम सदव ईश वरीय रहसटय क परमत सचत रहना चामहए उसन चलिा

आहा परम श व र क ा धन और ब लि और जञान कया ही ग भी र ह

उ सक ववचार क स अथाह और उ सक मा गय क स अ गम ह (रो व म यो 1 1 3 3 )

इस पद तक क अधयाय म पौलस न सामानय और मवशष परकाशन क दवारा परमश वर क बार म कई मजबत धारणाओ क दशागया परत इस अनचछद म पौलस न परमश वर क जञान और बचदध की ldquoरभीरताrdquo की ओर सकत मकया और उसन सटवीकार मकया मक परमश वर क मवचार ldquoअथाहrdquo ह और ldquoउसक मारग अरमrdquo ह यदयमप पौलस न ईश वरीय परकाशन क दवारा परमश वर क बार म बहत कछ समझा था मिर भी उसन असखय रहसटय अथागत ऐसी बात का सामना मकया चजनह परमश वर क आतमा न परकट नही मकया था

परम श व र रहस यम यी ह क यो वक व ह क सी भ ी समझ और जञान स पर ह ज ो हम ार पा स हो व ह सम य सम य पर हम स परा म िय वक ए वब न ा क ा यय क रत ा ह व ह सद व हम स परा म िय लि ए व बन ा ही क ायय क रत ा ह पर त क ई ब ार उसक क ायय क रन क त रीक क ो सम झना हमा र लि ए क व ठन होता ह वह इस भाव म भ ी सम झ स पर ह वक को ई भी परम श व र क जञान क ो पणय रप स परा पत नही कर सक त ा वहा रहस य क ा होन ा अ वशय ह क यो वक वह परम श व र ह और क ोई रलचत पराणी न ही ह परम श व र क रहस यम यी हो न क बा र म ऐसा क छ न ही ह व क जो हम ा र लि ए वक सी रप म क ोई सम सया हो परम श व र क रहस य क ा अ थय यह न ही ह व क उ स तक पह चा नही ज ा सक ता इसक ा अ थय यह न ही ह वक वह हम स परम न ही क रत ा और वक हम उसक परम क ो म हसस न ही क र सक त ह इ सक ा अ थय इ नम स क ो ई भ ी ब ा त न ही ह व ा सत व म यवद वह रहस यमयी न हो त ा त ो हम सरलकषत रप स क ह सक त थ वक व ह परम श व र नही ह हम ऐसा परम श व र क यो चावहए जो रहसयमयी न हो हम उ स ज ा न त ह व यापक रप स न ही पर त हम उ स सचच रप स ज ा न त ह हम उ स सम झत नही पर त व न ल ित रप स हम उस कहन क लि ए पया यपत रप स ज ा नत ह व क हम वक सी अ स पि द ा िय व नक ल सिा त क ो नही ब सलक परम श व र क ो ज ा न त ह

- डॉ ववलि यम ऐड ग ा र

मपरसटन चथय ल चजकल समीनरी क मवचधवत धमगमवजञान क पर िसर चालसग ह ज चजनका जीवनकाल 1797-1878 तक था न महतवपणग रप म ईश वरीय रहसटय क साररमभगत मकया अपन मवचधवत धमगमवजञान क पहल ससटकरण क भार 1 क अधयाय 4 म उसन यह चलिा

परम श व र म उसक व व षय म हम ा र वव चा रो स ब ढक र ब हत क छ ह और उसक व व षय म हम ज ो क छ ज ा नत ह व ह हम अ पणय रप स ज ान त ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ह ज न यहा द महतवपणग अवल कन क दशागया ह पहल उसन बल मदया मक परमश वर क बार म ज सतय ह वह ldquoहमार मवचार स बढ़कर बहत कछ हrdquo यहा पर कवल थ ड स रहसटय नही ह न ही बहत स रहसटय ह इसकी अपिा कय मक परमश वर सटवय असीम ह इसचलए वहा हमारी कलपना स बढ़कर बहत स रहसटय ह ह ज न यह भी सटपषट मकया मक ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क इतना भर दत ह मक ldquo[परमश वर क] मवषय म हम ज कछ जानत ह वह हम अपणग रप स जानत हrdquo दसर शबद म परमश वर क बार म ऐसी एक भी बात नही ह चजस हम पणग रीमत स समझत ह

क ई ब ार जब हम वक सी क ो यह क हत हए सन त ह व क परम श व र समझ स पर ह त ो हम इस पर एक त रह स नक ा रात मक परव त वकर या द त ह - कया म उ स नही ज ान सक त ा क या म उ सक ब ा र म ज ान का री परापत न ही क र सकता और व नस स द ह ब ाइबि परम श व र क ा सव -परक ा िन ह उ सन स व य क ो परक ट व क या ह त ा व क हम उ स व यविगत रप स जान सक और उसक बा र म क छ ब ात ो क ो जा न सक पर त यवद आप रकक र उसक ब ा र म सो च वक यवद परम श व र सच म अ सीवम त परम श व र ह त ो म रा छ ोट ा सा वद म ाग और यहा तक वक इ स स सा र क ा सव ो ततम धमय व जञाव नक वदम ाग भ ी उ स उ सकी पणयत ा म समझ न ही पा एग ा अ पन ी पर रभ ा षा क अ न सार यव द म उ स सम झ सक तो म उ सक ल जत ना ही महा न हो ज ा ऊ ग ा और इसल ि ए यह ब हत ही म हतव पणय भ ा ग ह हम ारा परम श व र क ोई छ ोट ा परम श व र नही ह व ह इ तन ा छो ट ा न ही ह वक म अ पन वद म ा ग या वक सी पसत क म उ सक ी स पणय सम झ क ो परापत क र ि हम आभ ारी ह वक उ सन स व य क ो पयायपत रप स परक ट वक या ह और यह वक उ सन हम ा र उ ि ा र क ा परब ध वक या ह त ा व क हम उ सक ब ा र म कछ सम झ क ो परापत क र सक और उ सक साथ स ग वत रख सक उ सक साथ सही स ग वत म रह सक और उ सक ब ा र म सही ववचार रख सक चा ह व ह व या पक रप स न हो पर त उस ज ान ा ज ा सकत ा ह क यो वक उ सन स व य क ो पराकल ित वक या ह पर त व ह समझ स पर ह और उसक ी पणयत ा परम श व र क ब ा र म हम ारी सम झ और उसक लि ए हम ारी आरधना और उसक परव त हम ारी आजञाक ा र रत ा क लि ए ब हत अ ल धक बहत ही अ लधक महतव पणय ह

- डॉ ग ा रथ क ोक र रि

यह पहचानन क अमतररि मक ईश वरीय रहसटय असखय ह हम सदव ईश वरीय रहसटय क दसर महतवपणग पहल पर भी धयान दना चामहए ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क बहत सीममत कर दत ह जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह

ऐस कई मवमभनन तरीक ह चजनम ईश वरीय रहसटय परमश वर क बार म हमार जञान क सीममत कर दत ह परत इस अधयाय क चलए हम कवल द तरीक पर धयान दर एक ओर हमार पास परमश वर क बार म बहत ही सीममत जानकारी ह यदयमप परमश वर न सटपषट कर मदया ह मक उदधार और मसीह म जीवन क चलए आवशयक कया ह वासटतव म हमम स क ई भी परमश वर क बार म अचधक कछ नही समझता पहला कररसनथय 1312 हम बताता ह मक हम परमश वर का सतय कवल ldquoधधलाrdquo मदिाई दता ह जस मक हम ldquoएक दपगण मrdquo दि रह ह

इसचलए परमश वर की धमगचशिा क मवचार-मवमशग म असखय परशन उठ िड ह त ह चजनका ऐस ही परी तरह स उततर नही मदया जा सकता उदारण क चलए परमश वर बराई क कय अनममत दता ह वतगमान

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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घटनाओ म हम परमश वर क उददशय क कस समझ सकत ह बहत स धमगमवजञानी मवशषकर व ज सदहवामदय स मघर हए ह ऐसी कलपनाओ म रहत ह कय मक व यह सटवीकार नही कर सकत मक हमार पास ऐस परशन क उततर नही ह परत ईश वरीय रहसटय अकसर मसीह क मवश वासय गय अनयामयय क यह सटवीकार करन म अरवाई दत ह ldquoमझ नही पताrdquo जब बात परमश वर की धमगचशिा की आती ह तब यमद परमश वर न इस परकट नही मकया ह त हम इस जान नही सकत यह इतनी सरल बात ह

मसीह क मवश वासय गय अनयायी ह न क नात हम इस सचचाई स कभी भारना नही चामहए मक हमार पास परमश वर क बार म सीममत जानकारी ह वासटतव म पल दर पल इस तरह की सीममतता क सटमरण करना एक आशीष ह ईश वरीय रहसटय हम परमश वर पर भर सा रिन क मववश करत ह हम परमश वर क जञान क परापत करन क चलए अपनी सीममत य गयताओ पर मवश वास रिन की अपिा पमवतर आतमा की सवकाई क दवारा मपता और मसीह पर मनभगर ह ना चामहए

दसरी ओर ईश वरीय रहसटय का अथग यह भी ह मक मनषय कवल परमश वर क परकाशन क सीममत सटपषटीकरण ही परसटतत कर सकत ह हम इस बात पर बल दन म सही ह मक सतय क परमश वर का परकाशन सटवय म मवर धाभासी नही ह और हम परमश वर क परकाशन क बीच बहत स तामकग क सबध क दि सकत ह परत चाह हम सटवीकार कर या न कर ईश वरीय रहसटय न कवल इस बात क सीममत करत ह मक हमार पास परमश वर क बार म मकतनी जानकारी ह साथ ही व परमश वर न ज सटवय क बार म परकट मकया ह उसम स अचधकाश बात की तामकग क सबदधता क सटपषट करन की हमारी य गयता क भी सीममत कर दत ह

उदाहरण क चलए हम मतरएकता अथागत परमश वर एक ह और उसक तीन वयमितव ह का सपणग रप स तामकग क सटपषटीकरण नही द सकत हम इस वासटतमवकता क परतयक पहल क तामकग क रप स सटपषट नही कर सकत मक यीश पणग रप स परमश वर और मनषय द न ह हम परी तरह स यह सटपषट नही कर सकत मक परमश वर मनषय क मकरयाकलाप पर सपणग परभतव रिन क बाद भी हम हमार कायो क चलए कस चजममदार ठहराता ह सवोततम मसीही मवचारक न इन और इन जस अनय परशन क उततर दन का परयास मकयाह परत व सपणग और तामकग क सटपषटीकरण क परदान करन क मनकट आन म भी असिल रह ह

अततः परमश वर न सटवय क बार म ज कछ परकट मकया ह उसकी तामकग क सबदधता क सटपषट करन का परयास करना महतवपणग ह सकता ह परत हम इस तरह स मनधागररत नही करत ह मक कया सतय ह और कया झठ मकसी भी धमगवजञामनक दाव का सतय कवल इस बात पर मनभगर करता ह मक कया परमश वर न इस सामानय या मवशष परकाशन म परकट मकया ह या नही

ज ब धमय ववजञानी क हत ह वक परम श व र सम झ स पर ह त ो उनक कहन क ा अ थय यह हो त ा ह वक हम जो न शवर परा णी ह उ सक स पणय सार और अ ससतत व क ो समझ और ब झ नही सक त परम श व र क अ सी वम त हो न क क ा रण यह स भ ा व न ा ब हत ही कम ह व क हम उस उस उसक ी पणयता म समझ और ज ा न सक म उस स म रण क रत ा ह ज ो पौि स रो वम यो 1 1 3 3 -3 4 म कहत ा ह ज ब व ह परम शवर क अथ ा ह जञा न और ब ल ि क ब ा र म बा त क रता ह पर त वफर भी क यो व क उ सन हम पयायपत स व -परकट ीकरण परद ा न वक या ह इ सलि ए यह ववश वास म आन हत हम ा र ल ि ए पया यपत ह

- रव ह ि री को क रि

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ईश वरीय रहसटय क महतव क और अचधक रप स समझन क चलए हमन मलभत धारणा की ि ज की ह अब ईश वरीय रहसटय क उन मवमभनन परकार पर धयान दना सहायक ह रा ज उस समय मकरयासनवत ह त ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह

वभनन परका र हम रहसटय क द मवमभनन परकार क बीच अनतर कर सकत ह पहल परकार क हम ldquoअसटथाई रहसटयrdquo

कहर आइए दि मक ऐसा कहन स हमारा कया अथग ह अ सथाई असटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह ज एक मनचित अवचध तक मनषय स चछप

हए ह परत मिर व इमतहास म बाद म मकसी समय परकट मकए जात ह परमश वर सामानय परकाशन क दवारा अकसर उस परकट करता ह ज एक समय म रहसटयमयी था वह भौमतक ससार मानवीय ससटकमत अनय ल र या यहा तक मक हमार भीतर आए पररवतगन का परय र असटथाई रहसटय क परकट करन क चलए करता ह

मवशष परकाशन क साथ भी कछ ऐसा ही ह ता ह पमवतरशासटतर का धयान स मकया हआ अधययन दशागता ह मक परमश वर क बाद क परकाशन न उसक पहल क परकाशन का कभी मवर धाभास नही मकया ह परत यह भी सटपषट ह मक परमश वर न समय क साथ-साथ अपन बार म और अचधक परकट मकया ह मवशष परकाशन का परकटीकरण बाइबल क इमतहास की परतयक अवचध क दौरान हआ ह मनसटसदह ईश वरीय रहसटय का सबस नाटकीय परकटीकरण मसीह क मवशष परकाशन म हआ पौलस क मन म यही बात थी जब उसन इमिचसय 19 33 और 619 क चलिा इन पद म पौलस न मसीह म परमश वर क अनत उददशय क रहसटय क दशागया उसन सटपषट मकया मक यह रहसटय नए मनयम क परररत और भमवषयदविाओ क समय तक चछपाए रिा रया था

इसी कारण जब कभी हम परमश वर क बार म सीिन का परयास करत ह त हम परान मनयम म पाए जान वाल असटथाई रहसटय क सटपषट करन क चलए सदव नए मनयम क मवशष परकाशन की ि ज करनी चामहए

क ई ब ार हम िब द ldquo रहसयम यrdquo क ा परयोग परम श वर क ब ा र म ब ा त क रन क ल ि ए क रत ह क यो व क हम सम झ न ही पा त ह वक वह व ास तव म क या क र रहा ह द सरी ओर नया वन यम िब द ldquo रहसयमयrdquo क ा परयोग सा म ा नय रप म क रत ा ह ज ो व क यन ा नी िबद वम सट ीररयोन स आत ा ह - यह व ा स तव म समा न िब द ह - इ सक ा अ थय ह व क परम श व र दवा रा उ िार क ी अ नगरहक ारी योजन ा क ा परकट ीक रण ऐसी ब ात ह ल ज स हम अ पन आप स क भ ी सो च ही न ही पात अथ ा यत यह इस भाव म रहस य ह व क हम इ स कभ ी भ ी सम झ न ही पा त यवद परम श व र न इ स हम पर परक ट न वक या होत ा और इ सलि ए परम श व र अ पन वव िष परक ािन म अ पनी योजन ा क ो हम पर परक ट क रत ा ह और यही क ा रण ह वक आप िब द वम सट ीररयोन क ा परयोग इ व फल सयो और 1 क र रस नथ यो म होत ा हआ दख त ह यह ऐसा ह व क परम श व र धीर धी र अ पन परक ािन क ो परक ट क र रहा ह और हम वदख ा रहा ह वक क स उिार यहव द यो और अनयज ा व त यो द ो नो क ल ि ए ह और यह वक सी भ ी व यव ि क ल ि ए ह ज ो यी ि म सी ह क ो अ पन म सी ह क रप म स व ीक ा र क रग ा

- डॉ स म एि ि ाम रसन

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत नए मनयम क मवश वासी ह न क बावजद भी हम यह भी सटमरण रिना चामहए मक परमश वर न अभी तक परतयक असटथाई रहसटय क परकट नही मकया ह 1 कररसनथय 1312 म पौलस इस इस तरह स चलिता ह

इ स सम य म रा जञान अ धरा ह पर त उ स सम य ऐसी परी रीवत स पव हचा न ग ा (1 क र रस नथ यो 13 12 )

जब मसीह ममहमा म वापस आएरा कवल तभी वह परतयक असटथाई रहसटय क परकट कर दरा और हम परमश वर और उसक मारो क आज की अपिा कही अचधक परी तरह स समझ पाएर

जसा मक हम दि चक ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त हम कई असटथाई रहसटय का सामना करत ह परत बाइबल इस सटपषट कर दती ह मक जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह त हम सटथाई रहसटय क भी दिना ह ता ह

सथा ई सटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह चजनह मनषय कभी समझ नही पाएरा कय मक य सतय हमारी समझ स पर ह पारपररक धमगमवजञान म इस वासटतमवकता क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क रप म कहा जाता ह हम परमश वर क बार म कछ बात क समझ सकत ह जब वह उनह मानवीय रग प म परकट करता ह परत हम परमश वर क बार म मकसी भी बात क परी तरह स कभी नही समझ सकर हम इस मवचार क यशायाह 558-9 म सटपषट रप स अमभवयि पात ह जहा भमवषयदविा यशायाह यह चलिा ह

क यो वक यहोवा क हत ा ह म र ववचार और त म हा र ववचार एक सम ान न ही ह न तमहा री ग व त और म री ग व त एक सी ह क यो वक म री और तमहा री गवत म और म र और त म हा र सोच व व चा रो म आक ाि और परथवी क ा अ नतर ह (यिायाह 5 5 8 -9 )

इन पद म यशायाह न इसराएल क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क कारण उतपनन परमश वर क सटथाई रहसटय क सटमरण मदलाया

जब पववतर िासतर परम श व र क ो रहस यमयी क रप म द िायता ह त ो हम यह सव न ल ित क रना चावहए वक हम िब द ldquo रहसय rdquo क ो गित रप म न समझ ि जब म इ स स सा र क ी वस त ओ क रहस यम यी होन क बा र म सो चता ह त ो मझ िग त ा ह व क उ नक क छ ल छ प हए रहस य ह जो म झ वकसी सम य पर चवकत क र द ग ऐसी ब ात इ स व व षय म न ही ह ldquo रहसयम यीrdquo स हम ा रा अ थय यह ह वक परम श व र सम झ स पर ह हम ारा अ थय ह व क उ सक पा स ऐसा ज ी व न ह ज ो हमा री क ल पन ा स पर ह इसक ा अ थय यह ह वक उ सक ब ार म ऐसा कछ ह ल ज स हम परी री व त स समझ न ही सक त और म भ ी उ स सम झ न ही सक ता इ सक ा अथय ह वक यह म र रलचत ज ीव न स पर क ी ब ात ह वह म री सो च स वह बह त ब ड़ा ह इ सक ल ि ए लजस तकन ीक ी धमय व जञा व न क िबद का हम परयो ग क रत ह व ह ह ldquoअ न भवा त ी तrdquo परम श वर अ न भवात ीत ह वह हम ा र सोच-ववचार क ी सीम ा स पर ह और इ सी लि ए व ह आरा धन ा क यो गय ह इ सी लि ए वह म हान ह इ सी लि ए वह ऐसा ह ल ज सकी हम परि सा क रत ह

-डॉ ग री एम ब जय

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परम श व र म रहस य आ ल िक रप स उ सक ी इस परक वत क क ारण ह व क व ह क ौ न ह और उ सक अ सी वम त ब न ाम हम ा र सी वम त हो न हम ा री सी वम तता तथा उसक ी असीवमत सा म रथयय और समझ क क ा रण ह पर त सा थ ही यह व व िष रप स सव ि म उ सक उ दद शयो और योज न ा ओ स भ ी स ब ल धत ह परम श व र कयो इ सी त रीक स क ा यय क रता और उ स त रीक स क ा यय न ही क रत ा ह और म सो चत ा ह वक बहत ब ा र अ हक ा री म न ष यो क रप म हम यह सोचत ह वक हम परम श व र स ब हतर क ा यो क ो क रन ा ज ान त ह पर त परम श वर क रहस य म उ द ाह रण क लि ए व यवसथा वववरण 29 29 म यह इ सक ब ा र म पवव तर िास तर म ब ात क रत ा ह ग पत ब ात परम श व र क ी ही ह पर त जो बा त उ सन परक ट क ी ह उन म हम आन नद और उ त सव मन ा सक त ह और व हा एक ऐसा भ ा व ह ल ज सम हम स वी क ार कर सकत ह वक परम श व र न हम सब क छ न ही ब ता या ह उ सन अ पन ब ा र म हम सब कछ न ही बत ा या ह - व ह क स बत ा सक त ा ह और हम उ स क स सम झ सक त ह पर त सा थ ही उ सन हम वह सब भी न ही ब त ा या ह वक वह अ पन उ दद शयो और योज न ा ओ क ो क स परा क र रहा ह और परा न व न यम क अ ययब स ब हतर इ स क ोई न ही ज ान त ा जो इ स वव षय म परशनो का उतत र चा हत ा था वक परम श व र न इ न ब ात ो क ी अ नम वत क यो दी और परम श व र न उ स वह उतत र न ही वद या जो वह चाहत ा था परम श व र न उ स यह उ ततर व द या ldquoम ज ान त ा ह वक म क या क र रहा ह और एक भाव म म री यो ज न ा म एक रहस य ह ल ज स क वि म ही परी त रह स सपि क र सक त ा ह और अ तत ः त सम य क अ त म दख गा जब सब कछ अ चा नक स और परी त रह स अ थय पणय हो ग ा rdquo

-रव ह डॉ ि ईस व व क ि र

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस शिला का जब हम आरभ करत ह त हम सदव यह याद रिना चामहए मक यदयमप परमश वर न सटवय क सामानय और मवशष द न परकार क परकाशन म परकट मकया ह मिर भी उसन हमस सटथाई और असटथाई द न परकार क रहसटय क चछपाए रिा ह हम इस वासटतमवकता स ऐसी ही बच नही सकत मक हम कवल रचचत पराणी ही ह चजनकी परमश वर क मवषय म समझ सदव बहत ही सीममत ह

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस अधयाय म अब तक हमन ऐस कछ तरीक क दिा ह चजनम ईश वरीय परकाशन और रहसटय परमश वर मवजञान क अधययन क आकार दत ह अब हम अपन दसर मखय मवषय की ओर मडन क चलए तयार ह परमश वर की मवशषताए और उसक कायग य मवषय उन द पराथममक तरीक क परसटतत करत ह चजनक दवारा पारपररक धमगमवजञामनय न परमश वर क बार म हमार जञान क साररमभगत मकया ह

गण औ र क ायय

परमश वर क रण और कायो क अमतररि मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर परमश वर मवजञान म मतरएकता क धमगचशिा क ऊपर भी बहत अचधक धयान कसनित मकया ह हमन पमवतर मतरएकता क ऊपर कझ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सीमा तक परररत का मवश वासवचन क ऊपर हमारी शिला म वातागलाप मकया ह इस शिला म हम इन द अनय मखय मवषय क ऊपर धयान कसनित करर

उततर ततर अधयाय म हम परमश वर क रण और कायो क ऊपर कई मवशषताओ की ि ज करर परत इस समय हम यहा पर कवल एक ही अवधारणा का पररचय दर परथम हम ईश वरीय रण या परमश वर कौन ह क ऊपर धयान दर और दसरा हम ईश वरीय कायो की ओर मडर या परमश वर कया करता ह आइए परमश वर क ईश वरीय रण स आरभ कर

ईश वरीय ग ण ईश वरीय रण क मवषय का पररचय द चरण म कराना सहायतापणग ह रा हम परमश वर क रण की

मल धारणा स आरभ करर तब हम ईश वरीय रण क परकार की जाच करर ज मक अकसर मवचधवत धमगमवजञान म मभनन रप म पहचान रए ह इसचलए ईश वरीय रण की मल धारणा कया हॽ

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश मसीमहय क यह पछना ह मक परमश वर क कया रण हॽ त ह सकता ह मक

कदाचचत वह यह कह मक परमश वर क रण व सारी य गयताए या चाररमतरक रण ह चजनह पमवतरशासटतर परमश वर स ससमबसनधत करता ह ठीक ह यह दमषटक ण तब तक सही ह जब तक यह इस माना जाता रह परत पारपररक धमगमवजञान म वाकयाश परमश वर क रण कछ मवशष बात की सकत दता ह

मवचधवत धमगमवजञान म ईश वरीय रण

परम श व र क सा र क ी पणयत ा ए वव व भ नन त रह क ऐवत हा लसक परगट ी क रणो क दव ा रा परक ट क ी गई ह

यह पररभाषा द पराथममक तथय क उजारर करती ह ज मक परमश वर क रण क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग क चचमतरत करती ह परथम सटथान पर परमश वर क रण परमश वर क सार की पणगताए ह आधमनक ससमाचारवादी अकसर परमश वर क सार की ओर सकत नही करत ह इसचलए इस धारणा की ि ज करनी सहायतापणग ह रा

शबद सार क साथ आरभ करत हए ज मक लमटन शबद इशसनसया क अनवाद का अथग सार या अससटततव क रप म करता ह लमटन धमगमवजञान म परमश वर का सार मनकट घमनषठता क साथ शबद सबसटसनसया या ततव क साथ समबदध ह धमागधयिीय और मधयकालीन धमगमवजञामनय न इन शबद क नव-अिलातनवाद और अरसटत क दाशगमनक मवचार स अपनाया था अब पलट और अरसटत क दमषटक ण म सार का मवचार मवमभनन तरह स पाया जाता ह और सार की धारणा क सबध म कई महतवपणग जमटलताए आधमनक दशगनशासटतर म उठ िडी हई ह परत आतमसात करन क चलए यह मल मवचार कमठन नही ह

सरल शबद म मकसी वसटत का सार अससटततव या ततव एक न पररवमतगत ह न वाली वासटतमवकता ह ती ह ज इसक सभी बाहरी सटवरप पररवमतगत ह त पररटीकरण की पषठभमम म ह ती ह मसीही धमगमवजञामनय न सार क इसी मवचार स अपन अधययन क आधाररत मकया ह जब उनह न परमश वर क रण और पणगताओ क ऊपर मवचार मवमशग मकया

सामानय रप म परमश वर क सार म चार महतवपणग मभननताए ससममचलत ह परमश वर का सार परमश वर सटवय कया ह परमश वर की पणगताए या रण परमश वर क सार की य गयताए परमश वर का

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 8: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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मकया उसन परमश वर क बार म चशिा दन क चलए अकसर परकमत और सामानय मानवीय रमतमवचधओ जस िती-बाडी और मछली पकडन क कायो का परय र मकया वासटतव म उसन बार-बार अपन चशषय क परररत मकया मक व अपन भीतर और चार ओर यह पहचानन क चलए दि मक व अपन जीवन क अनभव स परमश वर क बार म कया सीि सकत थ

हम परररत क काम 1417 और 1728 जस सटथान म ऐसी ही समान बात क दित ह इन पद म परररत पौलस न मसीह क उदाहरण का अनसरण मकया और सामानय परकाशन क लार मकया यहा उसन अनयजामतय क ल र का धयान उस ओर लराया ज व परकमत पर चचतन करन और यनानी कावय क दवारा परमश वर क बार म जानत थ

र ममय 1 और 2 पमवतरशासटतर म सामानय परकाशन का सबस वयापक सटपषटीकरण करता ह य अधयाय सकारातमक और नकारातमक द न दमषटक ण की ओर धयान आकमषगत करत ह चजनह हम तब धयान म रिना चामहए जब हम परमश वर मवजञान की ि ज करत ह सकारातमक रप स र ममय 1 और 2 चसिात ह मक हम परमश वर की समषट म जीवन क अनभव स परमश वर क बार म बहत सी बात सीि सकत ह समनए र ममय 120 म परररत पौलस न कया कहा ह

उ सक अन दख गण अ थ ा यत उसक ी सनातन साम रथयय और परम श व रत व जगत क ी ससष ट क सम य स उ सक क ाम ो क दवारा दख न म आत ह (रो व मयो 12 0 )

जब हम इन अधयाय क धयान स दित ह त हम पात ह मक ldquoजरत की समषटrdquo पराकमतक वयवसटथा स बढ़कर ह पौलस क मन म भी वही था ज हम मानवीय ससटकमत सटवय मनषय और हमार वयमिरत आतररक जीवन अथागत हमार नमतक मववक अतजञागन पवागभास आमद स परमश वर क बार म सीित ह

म रा वव चा र ह व क सा म ा नय परका िन व ास तव म म हत व पणय धमय व जञा व नक अ व धारणा ह पहि ा कारण क यो वक यह व ह ब ा त ह ल जसक ा इ नक ा र न ही वक या जा सक ता हम सब इ स स सार म रहत ह चा ह हम म सीही हो या न हो हम सब परम श व र दव ा रा रच इस स सा र म रहत ह अब चा ह एक ग र -म सीही ववश वा सी यह म ान या न म ा न वह द सरी ब ा त ह पर त ल जस हम ldquoसाम ानय परक ािनrdquo क हत ह व ह सव ि म हम ा र चा रो ओर वद ख ाई दन वा ि ी ब ात ह हम सव ि क ो द खन क दव ा रा ही ऐसी ब हत सी ब ा तो को दख सक त ह वक परम श व र क ौ न ह हम वा स तव वक त ा क क ा रण यह द खत ह व क हम ा र पा स एक साम रथयय िाि ी परम श वर ह क यो व क उ सन गर हो और ल सत ा रो और च दर मा क ी रचना की ह हमा र पा स एक ऐसा परम श वर ह जो स दर ता क ो पस द क रत ा ह और ज ो ब ा त स द र परक वत क ी होती ह व उ सक लि ए महतव रख त ी ह हम इस ज ान व रो व कषो और सयायसत म दख त ह हम एक िर म परम श व र क व भ व को द खत ह हम उसक चररतर क ो वही पा त ह ज हा हम द खत ह अ ब यह ब हत ही महत व पणय हो सकत ा ह व व िषक र सस मा चा र परचा र क द व िक ो ण स क यो वक हम कही पर एक आर व भक वब द क ी आव शयकत ा ह और सा म ानय परक ा िन हम वह आर वभ क व ब द द ता ह हम स सा र क बा र म कछ ब ा त ो क ो ज ा नत ह ल ज सम हम रहत ह और इसलि ए हम ा र चा रो ओर द ख न क दव ा रा उ स परम श व र क ब ा र म भ ी ज ा नत ह ल ज सन इ स स सा र क ो रचा ह

- रव ह र रक रो डवहव र

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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समदय स सामानय परकाशन क परमत इस सकारातमक दमषटक ण न ldquoपराकमतक धमगमवजञानrdquo क रप म परमश वर क धमगचशिा म एक महतवपणग भममका अदा की ह पराकमतक धमगमवजञान सामानय परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म जानन का एक मनरतर परयास ह मसीह क अनयामयय न सदव यह सटवीकार मकया ह मक हम पराकमतक धमगमवजञान क माधयम स परमश वर क बार म बहत कछ सीि सकत ह और कछक अपवाद क साथ परमश वर की धमगचशिा पर औपचाररक धमगवजञामनक चचतन न कलीचसया की लरभर परतयक शािा म पराकमतक धमगमवजञान क ससममचलत कर मदया ह

असल म मधयकालीन अवचध क दौरान अगरणी मवदवतावादी धमगमवजञामनय न पराकमतक धमगमवजञान का अनसरण करन क चलए वासटतव म एक औपचाररक मतर-रपी रणनीमत की रचना की पहला उनह न ldquoकरणीय सबध का तरीकाrdquo लमटन म वाया कौजाचलटामटस क बार म बात की इसस उनका अथग था मक हम समषट म उन अचछी बात क दिन क दवारा परमश वर क बार म सतय क सीि सकत ह चजनह परमश वर न रचा ह या वह उनकी ldquoरचना का कारण बनाrdquo ह उदाहरण क चलए हम दि सकत ह मक परमश वर न इस ससार म सदरता और करम-वयवसटथा की रचना अतः हम कह सकत ह मक परमश वर सटवय भी सदर और वयवससटथत ह रा

दसरा मवदवतावादी धमगमवजञामनय न ldquoमनषध क तरीकrdquo लमटन म वाया मनराशमनस क बार म भी बात की इसस उनका अथग था मक हम परमश वर क समषट की सीममतताओ और कममय क मवपरीत दशागन क दवारा परमश वर क मवषय म सतय क परमाचणत कर सकत ह उदाहरण क चलए समषट समय म सीममत ह परत परमश वर अनत ह समषट सटथान म सीममत ह परत परमश वर असीममत ह

और तीसरा मधयकालीन मवदवतावादी धमगमवजञामनय न ldquoशषठता क तरीकrdquo लमटन म वाया एमीननमटआए क बार म भी बात की इसस उनका अथग था मक हम इस बात पर धयान दन क दवारा सामानय परकाशन स परमश वर क मवषय म सतय क परमाचणत कर सकत ह मक कस परमश वर सदव उन वसटतओ स शषठ ह चजसकी उसन रचना की ह उदाहरण क चलए परकमत की शमि परमश वर क सवोचच सामथयग म मवश वास करन म हमारा मारगदशगन करती ह मानवीय बौचदधक य गयताए परमश वर की अतलय बचदध की ओर हम अगरसर करती ह

अचधकतर ससमाचाररक ल र आजकल ऐस कठ र तरीक का अनसरण नही करत ह परत पराकमतक धमगमवजञान परमश वर मवजञान म मखय भममका अदा करना मनरतर जारी रिती ह यीश न अपन चल क चसिाया मक परमश वर न समषट क परमत हमार अनभव क परतयक पहल की रचना अपन बार म बात क परकट करन क चलए की ह और मसीह क मवश वासय गय ल र क रप म हम सामानय परकाशन क माधयम स उन सब बात क ि जना चामहए चजनह हम परमश वर क बार म सीि सकत ह

सामानय परकाशन और पराकमतक धमगमवजञान क परमत य सकारातमक दमषटक ण परमश वर मवजञान क मकसी भी अधययन क चलए महतवपणग ह परत हम इस पर भी धयान दना आवशयक ह मक कस र ममय क पहल द अधयाय कछ महतवपणग नकारातमक दमषटक ण भी परसटतत करत ह र ममय 118 म पौलस न तब सामानय परकाशन क परमत अचधक नकारातमक दमषटक ण पर बल मदया जब उसन यह चलिा

परम श व र क ा कर ोध त ो उ न ि ो गो क ी सब अ भवि और अधमय पर स व गय स परगट होत ा ह ज ो सत य को अधमय स दब ाए रख त ह (रो व मयो 1 1 8 )

इस पद म पौलस न सटपषट मकया मक सामानय परकाशन उसकी दया और उदधार की अपिा ldquoपरमश वर का कर धrdquo परकट करता ह और यह सतय ह कय मक अचधकतर पापी ल र सामानय परकाशन क ldquoसतय क अधमग स दबाए रित हrdquo वासटतव म र ममय 125 क अनसार

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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[पा व पयो न] परम श वर की सचचाई क ो बद िक र झठ ब ना डाि ा (रो वम यो 1 15 )

सटवय यीश न समय-समय पर दशागया मक पापपणग मनषय मनरनतर अपन जीवन क अनभव स परमश वर क मवषय म उन बात क सीिन म असिल हए ज उनह सीिनी चामहए थी जस मक यीश और पौलस द न न बताया पापपणग ल र म समषट क माधयम स परमश वर दवारा परकट बात क मवषय म सटवय स और दसर स झठ ब लन की परवमतत ह ती ह

म इ स ब ा र म ब हत अल धक सचत रहन ा चा ह ग ा वक हम पराक वतक धमय वव जञा न क ि बि या उ सक ी शरणी स परम श व र ब ार म कया सीख त ह म रोव म यो 1 2 0 ज स क थन ो पर आल शरत हो न ा चा ह ग ा ज ो वक उसक ी व भ वत ा उस क सा म रथयय क बा र म ब ात क रत ह म सो चता ह वक यह व ब ा त ह ल ज न पर आप उ स स द भय म आलशरत सकत ह जो आप सी ख ना चा हत ह पर त म त र त ही यह भी कहन ा चाह ग ा वक उ ल चत द वि क ो ण क ो परापत क रन क लि ए हम व व िष परक ािन क ी बहत आव शयकत ा ह इसल ि ए आपक ो म न ष य क त कय -व व तय क क ो ज ा चन क लि ए वव िष परक ा िन की आव शयकत ा ह म रा क हन ा ह वक व फर चाह यह स वा यतत हो या सव त तर म ानव ीय तकय -व वतय क कयो वक रलचत कषतर कछ ब ा त ो क ो उत पनन क रत ा ह लज नह स दह क रप म भ ी पढा और समझा जा सक त ा ह परभ यी ि म सीह क ी व ा स तव वक त ा क ा वव िष परका िन इ स उ ल चत रप म परा क रता ह वक परम श व र क ौन ह हम ार तकय -व वतय क क ो उसक अ न सार रख न क लि ए उसक व चन क पराम िय क ी ब हत अ लधक आव शयक त ा ह

- डॉ बर स एि फ़ीलस

परम श व र क ी सवि हम क ई ब ात ल सख ा त ी ह सब स मि भत ब ात यह व न सस द ह हम यह लसख ात ी ह वक व ह सव ो चच सव िक त ा य ह परम श व र व ह ह ज ो सब व सत ओ क ो िनय स उ त पनन क रत ा ह अतः यह हम उ सक ी सा म रथयय क ब ा र म भी लसख ाती ह रोव म यो 1 क अ न सा र यह हम उसक ी धाव मय कत ा क ब ा र म लसख ा ती ह हम रो वम यो 1 म पा त ह वक सब मन ष य ज ा नत ह व क परम श व र ह व क उ सक ी आराधन ा क ी जा न ी चाव हए और सब ि ो ग ो क पास परम श व र की धा व मय क ता और पववतर ता का ब ो ध ह पा पी म न षयो क रप म हम उस दब ा द त ह हम उ स अ नद ख ा क रन क ा परयास क रत ह अतः सवि हम लसख ाती ह वक परम श व र सव ि कत ा य ह वह साम थी ह और व ह धमी ह पापी म न ष यो क रप म हम उ न ब ात ो क ा इनकार क रन और उ नह दब ा न क ा परयास क रत ह अ तः परम श व र क ब ा र म जो ब ात सव ि न ही ल सखा त ी व ह यह ह वक हम उ सक सा थ सही स ब ध क स ब न ा ए सवि व ब ात ल सख ात ी ह ज ो म न यहा द िा यई ह पर त यह हम परम श व र क अ न गरह और परभ यीि म सीह म द या क वव षय म न ही ल सख ात ी इ सक ल ि ए परभ यी ि म सीह म उ सक क ा यो पर उ सस स ब लधत परक परक ािन क ा होना आव शयक ह

- डॉ क ािय आर टर म न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सामानय परकाशन क परमत य नकारातमक दमषटक ण पराकमतक धमगमवजञान पर बहत अचधक मनभगर रहन क मवषय म एक कडी चतावनी क उतपनन करत ह पराकमतक धमगमवजञान तरमटरमहत नही ह कय मक पाप न समषट स परापत हमार अनभव स परमश वर क मवषय म सीिन की हमारी िमता क भरषट कर मदया ह रभीर मसीही धमगमवजञामनय क सवोततम परयास क बावजद भी पराकमतक धमगमवजञान न मनरनतर सामानय परकाशन का रलत अथग मनकाला ह और परमश वर क परमत हमारी अवधारणा म ममथया बात क राला ह

उदाहरण क चलए धमागधयिीय और मधयकालीन अवचधय क दौरान अनयजामत क यनानी रहसटयवाद न बहत स ल र क इस बात का इनकार करन क परररत मकया मक मनषय परमश वर क बार म कछ जान सकता ह अठारहवी शताबदी म परकमत की वयवसटथा क परमत रलत समझ न कई धमगमवजञामनय क परब धन दववाद अथागत ऐसा मवश वास मक परमश वर इस ससार की रमतमवचधय म ससममचलत नही ह का समथगन क परररत मकया हाल ही समदय म जीवमवजञान क मवजञानीय अधययन न ल र क समषटकताग क रप म परमश वर क बाइबल क चचतरण का इनकार करन क परररत मकया ह परतयक पडाव पर मनषय क हदय की भरषटता न सामानय परकाशन म परमश वर क बार म परकट सतय क ि दन म धमगमवजञामनय क परररत मकया ह

मनसटसदह पराकमतक धमगमवजञान क परमत य नकारातमक दमषटक ण एक मलभत परशन की ओर अरवाई करत ह यमद पाप सामानय परकाशन क परमत हमारी जाररकता क भरषट करता ह त हम परमश वर क बार म सतय क कस जान सकत ह

इस परशन का उततर दन क चलए हम ईश वरीय परकाशन क दसर मखय परकार क दिर सामानय परकाशन क अमतररि यीश न यह भी चसिाया मक परमश वर न हम मवशष या सटीक परकाशन मदया ह

व व िष परक ािन वयापक रप म कह त मवशष परकाशन अलौमकक माधयम क दवारा परमश वर का सटव-परकटीकरण ह पमवतर आतमा न सटवपन दशगन वाचणय और उदधार तथा दर क बड कायो क दवारा परकाशन मदया ह परमश वर न सटवय क पररणा-परापत मानवीय परमतमनचधय क दवारा भी परकट मकया ह जस मक उसक भमवषयदविा और परररत ज पमवतर आतमा क दवारा पररणा-परापत थ और मनसटसदह जसा मक हमन पहल कहा था परमश वर का सबस बडा मवशष परकाशन मसीह म था

परमश वर की धमगचशिा क चलए मवशष परकाशन क महतव क बढ़ा चढ़ा कर नही बताया जा सकता यह परमश वर क उददशय क चलए इतना आवशयक ह मक पाप क इस ससार म आन स पहल ही परमश वर न आदम और हववा का मवशष मौचिक परकाशन क दवारा मारगदशगन मकया और मनसटसदह मवशष परकाशन पाप म पतन क बाद भी महतवपणग रहा ह यह न कवल सामानय परकाशन क समझन क हमार परयास का मारगदशगन करता ह बसलक यह अनत उदधार क मारग क भी परकट करता ह

यह मकतना भी अदभत कय न ह मक परमश वर न हम अलौमकक परकाशन परदान मकया ह - ससार म पाप क आन स पहल और बाद म भी - परत चजस हम सामानय रप स ldquoपरमश वर की ओर स मवशष परकाशनrdquo कहत ह वह हजार वषो पहल घमटत हआ था अतः हम आज मवशष परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म कस सीित ह

एक बार मिर स हम उस ओर मडना चामहए ज परमश वर क सवोचच परकाशन अथागत यीश न चसिाया था सिप म मसीह न अपन अनयामयय क चसिाया मक व सटवय क पमवतरशासटतर म मदए हए परमश वर क मवशष परकाशन क परमत सममपगत कर मरकस 1228-34 जस अनचछद सटपषट रप स दशागत ह मक यीश न अपन समय क अनय रसबबय क समान परमश वर क मवशष चलचित परकाशन क रप म परान मनयम की पमषट की

और हम जानत ह मक नया मनयम भी परमश वर का पररणा-परापत परकाशन ह यहनना 1612-13 और इमिचसय 220 जस सटथान म हम सीित ह मक यीश क सटवरागर हण क बाद उसन पमवतर आतमा क पहली

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सदी क परररत और भमवषयदविाओ क परचशचित करन क चलए भजा मक व उसकी कलीचसया क समि परमश वर क परकट कर नया मनयम पहली सदी क इन परररमतक और भमवषयदवाणीय मवशष परकाशन का हमारा परमतमनचध सकलन ह इसी कारण ससमाचाररक मसीही बल दत ह मक हम इमतहास म सामानय परकाशन और मवशष परकाशन द न म परमश वर क परकटीकरण क समझन क चलए पमवतरशासटतर पर मनभगर ह सकत ह

परमश वर क परकाशन और रहसटय क मवषय म हमार अधययन म हमन परमश वर क मवषय म हमार सपणग जञान क सर त क रप म ईश वरीय परकाशन की ि ज की ह अब आइए इस पहल क दसर महसटस की ओर मड ईशवरीय रहसटय अथागत परमश वर क बार म व बहत सी बात ज चछपी रहती ह क परमश वर मवजञान क हमार अधययन क मकस परकार परभामवत करना चामहए

ईश वरीय रहसय

एक बात लज स हम सम झन ा ह और ज ो सम झन क लि ए आसान न ही ह व ह ह वक व ा स तव म परम श वर कौ न ह वह जञानाती त ह व ह सव ि स पर ह जो कछ हम यहा इ स स सार म अ नभ व क रत ह उ सन रचा ह इ सल ि ए हम व ा सत व म उ स तब तक न ही ज ा न सक त ज ब त क व ह स व य क ो परकट न ही क रत ा जब तक व ह व कसी त रह स इ स सव ि म परव ि न ही क रता व ह हम स ब ात क रता ह वह हम पर स व य क ो परक ट क रता ह ज ो उसन पणय रप स अ पन पतर यी ि म वक या ह पर त उ सस व ह हम ा र ल ि ए रहसयमयी बन जात ा ह और सचचा ई यह ह व क व ही एक मा तर त रीक ा ह लज सम हम परम श व र क राज य क ो उ सक िा सन क ो और उ सक अ ल धक ार क ो ज ा न सकत ह - क यो वक वह हम यहा रहन क ी अ नम वत द त ा ह और व ह एक अ द शय परम श व र ह - इसल ि ए उ सक राज य क ो ज ान न क ा क वि एक त रीक ा यही ह व क वह उस हम पर परक ट क र द

- डॉ र रक ब ॉयड

जसा मक हम दि चक ह परमश वर न सटवय और मनषयजामत क बीच की एक बहत बडी दरी पर मवजय परापत कर ली ह उसन अपन सामानय और मवशष परकाशन क दवारा हमार चलए यह सभव बनाया मक हम उसक मवषय म जान सक परत साथ ही परमश वर क बार म हमारा जञान ईश वरीय रहसटय क दवारा बहत अचधक परभामवत ह ता ह ऐसी बहत सी बात ह चजनह परमश वर न अपन बार म परकट नही मकया ह

ईश वरीय रहसटय क समझना परमश वर मवजञान क चलए इतना महतवपणग ह मक यह इस द चरण म दिन म हमारी सहायता कररा हम पहल ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा क सटपषट करर तब हम रहसटय क उन परकार क सटपशग करर चजनका हम सामना करत ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा कया ह

मि भत धारण ा शबद ldquoरहसटयrdquo का परय र पमवतरशासटतर म मवमभनन तरीक स मकया जाता ह परत हमार उददशय क चलए

हम कह सकत ह मक ईश वरीय रहसटय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र क व व षय म ऐस अ स खय अ परक ा लित सत य ह ज ो परम श व र क परवत हमा री सम झ क ो सीव मत करत ह

हम इस पररभाषा क द पहलओ क उजारर करर पहला पहल यह तथय ह मक ईश वरीय रहसटय ldquoपरमश वर क मवषय म असखय अपरकाचशत सतय हrdquo र ममय 1133 म परररत पौलस न सकत मदया मक हम सदव ईश वरीय रहसटय क परमत सचत रहना चामहए उसन चलिा

आहा परम श व र क ा धन और ब लि और जञान कया ही ग भी र ह

उ सक ववचार क स अथाह और उ सक मा गय क स अ गम ह (रो व म यो 1 1 3 3 )

इस पद तक क अधयाय म पौलस न सामानय और मवशष परकाशन क दवारा परमश वर क बार म कई मजबत धारणाओ क दशागया परत इस अनचछद म पौलस न परमश वर क जञान और बचदध की ldquoरभीरताrdquo की ओर सकत मकया और उसन सटवीकार मकया मक परमश वर क मवचार ldquoअथाहrdquo ह और ldquoउसक मारग अरमrdquo ह यदयमप पौलस न ईश वरीय परकाशन क दवारा परमश वर क बार म बहत कछ समझा था मिर भी उसन असखय रहसटय अथागत ऐसी बात का सामना मकया चजनह परमश वर क आतमा न परकट नही मकया था

परम श व र रहस यम यी ह क यो वक व ह क सी भ ी समझ और जञान स पर ह ज ो हम ार पा स हो व ह सम य सम य पर हम स परा म िय वक ए वब न ा क ा यय क रत ा ह व ह सद व हम स परा म िय लि ए व बन ा ही क ायय क रत ा ह पर त क ई ब ार उसक क ायय क रन क त रीक क ो सम झना हमा र लि ए क व ठन होता ह वह इस भाव म भ ी सम झ स पर ह वक को ई भी परम श व र क जञान क ो पणय रप स परा पत नही कर सक त ा वहा रहस य क ा होन ा अ वशय ह क यो वक वह परम श व र ह और क ोई रलचत पराणी न ही ह परम श व र क रहस यम यी हो न क बा र म ऐसा क छ न ही ह व क जो हम ा र लि ए वक सी रप म क ोई सम सया हो परम श व र क रहस य क ा अ थय यह न ही ह व क उ स तक पह चा नही ज ा सक ता इसक ा अ थय यह न ही ह वक वह हम स परम न ही क रत ा और वक हम उसक परम क ो म हसस न ही क र सक त ह इ सक ा अ थय इ नम स क ो ई भ ी ब ा त न ही ह व ा सत व म यवद वह रहस यमयी न हो त ा त ो हम सरलकषत रप स क ह सक त थ वक व ह परम श व र नही ह हम ऐसा परम श व र क यो चावहए जो रहसयमयी न हो हम उ स ज ा न त ह व यापक रप स न ही पर त हम उ स सचच रप स ज ा न त ह हम उ स सम झत नही पर त व न ल ित रप स हम उस कहन क लि ए पया यपत रप स ज ा नत ह व क हम वक सी अ स पि द ा िय व नक ल सिा त क ो नही ब सलक परम श व र क ो ज ा न त ह

- डॉ ववलि यम ऐड ग ा र

मपरसटन चथय ल चजकल समीनरी क मवचधवत धमगमवजञान क पर िसर चालसग ह ज चजनका जीवनकाल 1797-1878 तक था न महतवपणग रप म ईश वरीय रहसटय क साररमभगत मकया अपन मवचधवत धमगमवजञान क पहल ससटकरण क भार 1 क अधयाय 4 म उसन यह चलिा

परम श व र म उसक व व षय म हम ा र वव चा रो स ब ढक र ब हत क छ ह और उसक व व षय म हम ज ो क छ ज ा नत ह व ह हम अ पणय रप स ज ान त ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ह ज न यहा द महतवपणग अवल कन क दशागया ह पहल उसन बल मदया मक परमश वर क बार म ज सतय ह वह ldquoहमार मवचार स बढ़कर बहत कछ हrdquo यहा पर कवल थ ड स रहसटय नही ह न ही बहत स रहसटय ह इसकी अपिा कय मक परमश वर सटवय असीम ह इसचलए वहा हमारी कलपना स बढ़कर बहत स रहसटय ह ह ज न यह भी सटपषट मकया मक ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क इतना भर दत ह मक ldquo[परमश वर क] मवषय म हम ज कछ जानत ह वह हम अपणग रप स जानत हrdquo दसर शबद म परमश वर क बार म ऐसी एक भी बात नही ह चजस हम पणग रीमत स समझत ह

क ई ब ार जब हम वक सी क ो यह क हत हए सन त ह व क परम श व र समझ स पर ह त ो हम इस पर एक त रह स नक ा रात मक परव त वकर या द त ह - कया म उ स नही ज ान सक त ा क या म उ सक ब ा र म ज ान का री परापत न ही क र सकता और व नस स द ह ब ाइबि परम श व र क ा सव -परक ा िन ह उ सन स व य क ो परक ट व क या ह त ा व क हम उ स व यविगत रप स जान सक और उसक बा र म क छ ब ात ो क ो जा न सक पर त यवद आप रकक र उसक ब ा र म सो च वक यवद परम श व र सच म अ सीवम त परम श व र ह त ो म रा छ ोट ा सा वद म ाग और यहा तक वक इ स स सा र क ा सव ो ततम धमय व जञाव नक वदम ाग भ ी उ स उ सकी पणयत ा म समझ न ही पा एग ा अ पन ी पर रभ ा षा क अ न सार यव द म उ स सम झ सक तो म उ सक ल जत ना ही महा न हो ज ा ऊ ग ा और इसल ि ए यह ब हत ही म हतव पणय भ ा ग ह हम ारा परम श व र क ोई छ ोट ा परम श व र नही ह व ह इ तन ा छो ट ा न ही ह वक म अ पन वद म ा ग या वक सी पसत क म उ सक ी स पणय सम झ क ो परापत क र ि हम आभ ारी ह वक उ सन स व य क ो पयायपत रप स परक ट वक या ह और यह वक उ सन हम ा र उ ि ा र क ा परब ध वक या ह त ा व क हम उ सक ब ा र म कछ सम झ क ो परापत क र सक और उ सक साथ स ग वत रख सक उ सक साथ सही स ग वत म रह सक और उ सक ब ा र म सही ववचार रख सक चा ह व ह व या पक रप स न हो पर त उस ज ान ा ज ा सकत ा ह क यो वक उ सन स व य क ो पराकल ित वक या ह पर त व ह समझ स पर ह और उसक ी पणयत ा परम श व र क ब ा र म हम ारी सम झ और उसक लि ए हम ारी आरधना और उसक परव त हम ारी आजञाक ा र रत ा क लि ए ब हत अ ल धक बहत ही अ लधक महतव पणय ह

- डॉ ग ा रथ क ोक र रि

यह पहचानन क अमतररि मक ईश वरीय रहसटय असखय ह हम सदव ईश वरीय रहसटय क दसर महतवपणग पहल पर भी धयान दना चामहए ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क बहत सीममत कर दत ह जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह

ऐस कई मवमभनन तरीक ह चजनम ईश वरीय रहसटय परमश वर क बार म हमार जञान क सीममत कर दत ह परत इस अधयाय क चलए हम कवल द तरीक पर धयान दर एक ओर हमार पास परमश वर क बार म बहत ही सीममत जानकारी ह यदयमप परमश वर न सटपषट कर मदया ह मक उदधार और मसीह म जीवन क चलए आवशयक कया ह वासटतव म हमम स क ई भी परमश वर क बार म अचधक कछ नही समझता पहला कररसनथय 1312 हम बताता ह मक हम परमश वर का सतय कवल ldquoधधलाrdquo मदिाई दता ह जस मक हम ldquoएक दपगण मrdquo दि रह ह

इसचलए परमश वर की धमगचशिा क मवचार-मवमशग म असखय परशन उठ िड ह त ह चजनका ऐस ही परी तरह स उततर नही मदया जा सकता उदारण क चलए परमश वर बराई क कय अनममत दता ह वतगमान

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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घटनाओ म हम परमश वर क उददशय क कस समझ सकत ह बहत स धमगमवजञानी मवशषकर व ज सदहवामदय स मघर हए ह ऐसी कलपनाओ म रहत ह कय मक व यह सटवीकार नही कर सकत मक हमार पास ऐस परशन क उततर नही ह परत ईश वरीय रहसटय अकसर मसीह क मवश वासय गय अनयामयय क यह सटवीकार करन म अरवाई दत ह ldquoमझ नही पताrdquo जब बात परमश वर की धमगचशिा की आती ह तब यमद परमश वर न इस परकट नही मकया ह त हम इस जान नही सकत यह इतनी सरल बात ह

मसीह क मवश वासय गय अनयायी ह न क नात हम इस सचचाई स कभी भारना नही चामहए मक हमार पास परमश वर क बार म सीममत जानकारी ह वासटतव म पल दर पल इस तरह की सीममतता क सटमरण करना एक आशीष ह ईश वरीय रहसटय हम परमश वर पर भर सा रिन क मववश करत ह हम परमश वर क जञान क परापत करन क चलए अपनी सीममत य गयताओ पर मवश वास रिन की अपिा पमवतर आतमा की सवकाई क दवारा मपता और मसीह पर मनभगर ह ना चामहए

दसरी ओर ईश वरीय रहसटय का अथग यह भी ह मक मनषय कवल परमश वर क परकाशन क सीममत सटपषटीकरण ही परसटतत कर सकत ह हम इस बात पर बल दन म सही ह मक सतय क परमश वर का परकाशन सटवय म मवर धाभासी नही ह और हम परमश वर क परकाशन क बीच बहत स तामकग क सबध क दि सकत ह परत चाह हम सटवीकार कर या न कर ईश वरीय रहसटय न कवल इस बात क सीममत करत ह मक हमार पास परमश वर क बार म मकतनी जानकारी ह साथ ही व परमश वर न ज सटवय क बार म परकट मकया ह उसम स अचधकाश बात की तामकग क सबदधता क सटपषट करन की हमारी य गयता क भी सीममत कर दत ह

उदाहरण क चलए हम मतरएकता अथागत परमश वर एक ह और उसक तीन वयमितव ह का सपणग रप स तामकग क सटपषटीकरण नही द सकत हम इस वासटतमवकता क परतयक पहल क तामकग क रप स सटपषट नही कर सकत मक यीश पणग रप स परमश वर और मनषय द न ह हम परी तरह स यह सटपषट नही कर सकत मक परमश वर मनषय क मकरयाकलाप पर सपणग परभतव रिन क बाद भी हम हमार कायो क चलए कस चजममदार ठहराता ह सवोततम मसीही मवचारक न इन और इन जस अनय परशन क उततर दन का परयास मकयाह परत व सपणग और तामकग क सटपषटीकरण क परदान करन क मनकट आन म भी असिल रह ह

अततः परमश वर न सटवय क बार म ज कछ परकट मकया ह उसकी तामकग क सबदधता क सटपषट करन का परयास करना महतवपणग ह सकता ह परत हम इस तरह स मनधागररत नही करत ह मक कया सतय ह और कया झठ मकसी भी धमगवजञामनक दाव का सतय कवल इस बात पर मनभगर करता ह मक कया परमश वर न इस सामानय या मवशष परकाशन म परकट मकया ह या नही

ज ब धमय ववजञानी क हत ह वक परम श व र सम झ स पर ह त ो उनक कहन क ा अ थय यह हो त ा ह वक हम जो न शवर परा णी ह उ सक स पणय सार और अ ससतत व क ो समझ और ब झ नही सक त परम श व र क अ सी वम त हो न क क ा रण यह स भ ा व न ा ब हत ही कम ह व क हम उस उस उसक ी पणयता म समझ और ज ा न सक म उस स म रण क रत ा ह ज ो पौि स रो वम यो 1 1 3 3 -3 4 म कहत ा ह ज ब व ह परम शवर क अथ ा ह जञा न और ब ल ि क ब ा र म बा त क रता ह पर त वफर भी क यो व क उ सन हम पयायपत स व -परकट ीकरण परद ा न वक या ह इ सलि ए यह ववश वास म आन हत हम ा र ल ि ए पया यपत ह

- रव ह ि री को क रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय रहसटय क महतव क और अचधक रप स समझन क चलए हमन मलभत धारणा की ि ज की ह अब ईश वरीय रहसटय क उन मवमभनन परकार पर धयान दना सहायक ह रा ज उस समय मकरयासनवत ह त ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह

वभनन परका र हम रहसटय क द मवमभनन परकार क बीच अनतर कर सकत ह पहल परकार क हम ldquoअसटथाई रहसटयrdquo

कहर आइए दि मक ऐसा कहन स हमारा कया अथग ह अ सथाई असटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह ज एक मनचित अवचध तक मनषय स चछप

हए ह परत मिर व इमतहास म बाद म मकसी समय परकट मकए जात ह परमश वर सामानय परकाशन क दवारा अकसर उस परकट करता ह ज एक समय म रहसटयमयी था वह भौमतक ससार मानवीय ससटकमत अनय ल र या यहा तक मक हमार भीतर आए पररवतगन का परय र असटथाई रहसटय क परकट करन क चलए करता ह

मवशष परकाशन क साथ भी कछ ऐसा ही ह ता ह पमवतरशासटतर का धयान स मकया हआ अधययन दशागता ह मक परमश वर क बाद क परकाशन न उसक पहल क परकाशन का कभी मवर धाभास नही मकया ह परत यह भी सटपषट ह मक परमश वर न समय क साथ-साथ अपन बार म और अचधक परकट मकया ह मवशष परकाशन का परकटीकरण बाइबल क इमतहास की परतयक अवचध क दौरान हआ ह मनसटसदह ईश वरीय रहसटय का सबस नाटकीय परकटीकरण मसीह क मवशष परकाशन म हआ पौलस क मन म यही बात थी जब उसन इमिचसय 19 33 और 619 क चलिा इन पद म पौलस न मसीह म परमश वर क अनत उददशय क रहसटय क दशागया उसन सटपषट मकया मक यह रहसटय नए मनयम क परररत और भमवषयदविाओ क समय तक चछपाए रिा रया था

इसी कारण जब कभी हम परमश वर क बार म सीिन का परयास करत ह त हम परान मनयम म पाए जान वाल असटथाई रहसटय क सटपषट करन क चलए सदव नए मनयम क मवशष परकाशन की ि ज करनी चामहए

क ई ब ार हम िब द ldquo रहसयम यrdquo क ा परयोग परम श वर क ब ा र म ब ा त क रन क ल ि ए क रत ह क यो व क हम सम झ न ही पा त ह वक वह व ास तव म क या क र रहा ह द सरी ओर नया वन यम िब द ldquo रहसयमयrdquo क ा परयोग सा म ा नय रप म क रत ा ह ज ो व क यन ा नी िबद वम सट ीररयोन स आत ा ह - यह व ा स तव म समा न िब द ह - इ सक ा अ थय ह व क परम श व र दवा रा उ िार क ी अ नगरहक ारी योजन ा क ा परकट ीक रण ऐसी ब ात ह ल ज स हम अ पन आप स क भ ी सो च ही न ही पात अथ ा यत यह इस भाव म रहस य ह व क हम इ स कभ ी भ ी सम झ न ही पा त यवद परम श व र न इ स हम पर परक ट न वक या होत ा और इ सलि ए परम श व र अ पन वव िष परक ािन म अ पनी योजन ा क ो हम पर परक ट क रत ा ह और यही क ा रण ह वक आप िब द वम सट ीररयोन क ा परयोग इ व फल सयो और 1 क र रस नथ यो म होत ा हआ दख त ह यह ऐसा ह व क परम श व र धीर धी र अ पन परक ािन क ो परक ट क र रहा ह और हम वदख ा रहा ह वक क स उिार यहव द यो और अनयज ा व त यो द ो नो क ल ि ए ह और यह वक सी भ ी व यव ि क ल ि ए ह ज ो यी ि म सी ह क ो अ पन म सी ह क रप म स व ीक ा र क रग ा

- डॉ स म एि ि ाम रसन

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत नए मनयम क मवश वासी ह न क बावजद भी हम यह भी सटमरण रिना चामहए मक परमश वर न अभी तक परतयक असटथाई रहसटय क परकट नही मकया ह 1 कररसनथय 1312 म पौलस इस इस तरह स चलिता ह

इ स सम य म रा जञान अ धरा ह पर त उ स सम य ऐसी परी रीवत स पव हचा न ग ा (1 क र रस नथ यो 13 12 )

जब मसीह ममहमा म वापस आएरा कवल तभी वह परतयक असटथाई रहसटय क परकट कर दरा और हम परमश वर और उसक मारो क आज की अपिा कही अचधक परी तरह स समझ पाएर

जसा मक हम दि चक ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त हम कई असटथाई रहसटय का सामना करत ह परत बाइबल इस सटपषट कर दती ह मक जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह त हम सटथाई रहसटय क भी दिना ह ता ह

सथा ई सटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह चजनह मनषय कभी समझ नही पाएरा कय मक य सतय हमारी समझ स पर ह पारपररक धमगमवजञान म इस वासटतमवकता क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क रप म कहा जाता ह हम परमश वर क बार म कछ बात क समझ सकत ह जब वह उनह मानवीय रग प म परकट करता ह परत हम परमश वर क बार म मकसी भी बात क परी तरह स कभी नही समझ सकर हम इस मवचार क यशायाह 558-9 म सटपषट रप स अमभवयि पात ह जहा भमवषयदविा यशायाह यह चलिा ह

क यो वक यहोवा क हत ा ह म र ववचार और त म हा र ववचार एक सम ान न ही ह न तमहा री ग व त और म री ग व त एक सी ह क यो वक म री और तमहा री गवत म और म र और त म हा र सोच व व चा रो म आक ाि और परथवी क ा अ नतर ह (यिायाह 5 5 8 -9 )

इन पद म यशायाह न इसराएल क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क कारण उतपनन परमश वर क सटथाई रहसटय क सटमरण मदलाया

जब पववतर िासतर परम श व र क ो रहस यमयी क रप म द िायता ह त ो हम यह सव न ल ित क रना चावहए वक हम िब द ldquo रहसय rdquo क ो गित रप म न समझ ि जब म इ स स सा र क ी वस त ओ क रहस यम यी होन क बा र म सो चता ह त ो मझ िग त ा ह व क उ नक क छ ल छ प हए रहस य ह जो म झ वकसी सम य पर चवकत क र द ग ऐसी ब ात इ स व व षय म न ही ह ldquo रहसयम यीrdquo स हम ा रा अ थय यह ह वक परम श व र सम झ स पर ह हम ारा अ थय ह व क उ सक पा स ऐसा ज ी व न ह ज ो हमा री क ल पन ा स पर ह इसक ा अ थय यह ह वक उ सक ब ार म ऐसा कछ ह ल ज स हम परी री व त स समझ न ही सक त और म भ ी उ स सम झ न ही सक ता इ सक ा अथय ह वक यह म र रलचत ज ीव न स पर क ी ब ात ह वह म री सो च स वह बह त ब ड़ा ह इ सक ल ि ए लजस तकन ीक ी धमय व जञा व न क िबद का हम परयो ग क रत ह व ह ह ldquoअ न भवा त ी तrdquo परम श वर अ न भवात ीत ह वह हम ा र सोच-ववचार क ी सीम ा स पर ह और इ सी लि ए व ह आरा धन ा क यो गय ह इ सी लि ए वह म हान ह इ सी लि ए वह ऐसा ह ल ज सकी हम परि सा क रत ह

-डॉ ग री एम ब जय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र म रहस य आ ल िक रप स उ सक ी इस परक वत क क ारण ह व क व ह क ौ न ह और उ सक अ सी वम त ब न ाम हम ा र सी वम त हो न हम ा री सी वम तता तथा उसक ी असीवमत सा म रथयय और समझ क क ा रण ह पर त सा थ ही यह व व िष रप स सव ि म उ सक उ दद शयो और योज न ा ओ स भ ी स ब ल धत ह परम श व र कयो इ सी त रीक स क ा यय क रता और उ स त रीक स क ा यय न ही क रत ा ह और म सो चत ा ह वक बहत ब ा र अ हक ा री म न ष यो क रप म हम यह सोचत ह वक हम परम श व र स ब हतर क ा यो क ो क रन ा ज ान त ह पर त परम श वर क रहस य म उ द ाह रण क लि ए व यवसथा वववरण 29 29 म यह इ सक ब ा र म पवव तर िास तर म ब ात क रत ा ह ग पत ब ात परम श व र क ी ही ह पर त जो बा त उ सन परक ट क ी ह उन म हम आन नद और उ त सव मन ा सक त ह और व हा एक ऐसा भ ा व ह ल ज सम हम स वी क ार कर सकत ह वक परम श व र न हम सब क छ न ही ब ता या ह उ सन अ पन ब ा र म हम सब कछ न ही बत ा या ह - व ह क स बत ा सक त ा ह और हम उ स क स सम झ सक त ह पर त सा थ ही उ सन हम वह सब भी न ही ब त ा या ह वक वह अ पन उ दद शयो और योज न ा ओ क ो क स परा क र रहा ह और परा न व न यम क अ ययब स ब हतर इ स क ोई न ही ज ान त ा जो इ स वव षय म परशनो का उतत र चा हत ा था वक परम श व र न इ न ब ात ो क ी अ नम वत क यो दी और परम श व र न उ स वह उतत र न ही वद या जो वह चाहत ा था परम श व र न उ स यह उ ततर व द या ldquoम ज ान त ा ह वक म क या क र रहा ह और एक भाव म म री यो ज न ा म एक रहस य ह ल ज स क वि म ही परी त रह स सपि क र सक त ा ह और अ तत ः त सम य क अ त म दख गा जब सब कछ अ चा नक स और परी त रह स अ थय पणय हो ग ा rdquo

-रव ह डॉ ि ईस व व क ि र

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस शिला का जब हम आरभ करत ह त हम सदव यह याद रिना चामहए मक यदयमप परमश वर न सटवय क सामानय और मवशष द न परकार क परकाशन म परकट मकया ह मिर भी उसन हमस सटथाई और असटथाई द न परकार क रहसटय क चछपाए रिा ह हम इस वासटतमवकता स ऐसी ही बच नही सकत मक हम कवल रचचत पराणी ही ह चजनकी परमश वर क मवषय म समझ सदव बहत ही सीममत ह

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस अधयाय म अब तक हमन ऐस कछ तरीक क दिा ह चजनम ईश वरीय परकाशन और रहसटय परमश वर मवजञान क अधययन क आकार दत ह अब हम अपन दसर मखय मवषय की ओर मडन क चलए तयार ह परमश वर की मवशषताए और उसक कायग य मवषय उन द पराथममक तरीक क परसटतत करत ह चजनक दवारा पारपररक धमगमवजञामनय न परमश वर क बार म हमार जञान क साररमभगत मकया ह

गण औ र क ायय

परमश वर क रण और कायो क अमतररि मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर परमश वर मवजञान म मतरएकता क धमगचशिा क ऊपर भी बहत अचधक धयान कसनित मकया ह हमन पमवतर मतरएकता क ऊपर कझ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सीमा तक परररत का मवश वासवचन क ऊपर हमारी शिला म वातागलाप मकया ह इस शिला म हम इन द अनय मखय मवषय क ऊपर धयान कसनित करर

उततर ततर अधयाय म हम परमश वर क रण और कायो क ऊपर कई मवशषताओ की ि ज करर परत इस समय हम यहा पर कवल एक ही अवधारणा का पररचय दर परथम हम ईश वरीय रण या परमश वर कौन ह क ऊपर धयान दर और दसरा हम ईश वरीय कायो की ओर मडर या परमश वर कया करता ह आइए परमश वर क ईश वरीय रण स आरभ कर

ईश वरीय ग ण ईश वरीय रण क मवषय का पररचय द चरण म कराना सहायतापणग ह रा हम परमश वर क रण की

मल धारणा स आरभ करर तब हम ईश वरीय रण क परकार की जाच करर ज मक अकसर मवचधवत धमगमवजञान म मभनन रप म पहचान रए ह इसचलए ईश वरीय रण की मल धारणा कया हॽ

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश मसीमहय क यह पछना ह मक परमश वर क कया रण हॽ त ह सकता ह मक

कदाचचत वह यह कह मक परमश वर क रण व सारी य गयताए या चाररमतरक रण ह चजनह पमवतरशासटतर परमश वर स ससमबसनधत करता ह ठीक ह यह दमषटक ण तब तक सही ह जब तक यह इस माना जाता रह परत पारपररक धमगमवजञान म वाकयाश परमश वर क रण कछ मवशष बात की सकत दता ह

मवचधवत धमगमवजञान म ईश वरीय रण

परम श व र क सा र क ी पणयत ा ए वव व भ नन त रह क ऐवत हा लसक परगट ी क रणो क दव ा रा परक ट क ी गई ह

यह पररभाषा द पराथममक तथय क उजारर करती ह ज मक परमश वर क रण क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग क चचमतरत करती ह परथम सटथान पर परमश वर क रण परमश वर क सार की पणगताए ह आधमनक ससमाचारवादी अकसर परमश वर क सार की ओर सकत नही करत ह इसचलए इस धारणा की ि ज करनी सहायतापणग ह रा

शबद सार क साथ आरभ करत हए ज मक लमटन शबद इशसनसया क अनवाद का अथग सार या अससटततव क रप म करता ह लमटन धमगमवजञान म परमश वर का सार मनकट घमनषठता क साथ शबद सबसटसनसया या ततव क साथ समबदध ह धमागधयिीय और मधयकालीन धमगमवजञामनय न इन शबद क नव-अिलातनवाद और अरसटत क दाशगमनक मवचार स अपनाया था अब पलट और अरसटत क दमषटक ण म सार का मवचार मवमभनन तरह स पाया जाता ह और सार की धारणा क सबध म कई महतवपणग जमटलताए आधमनक दशगनशासटतर म उठ िडी हई ह परत आतमसात करन क चलए यह मल मवचार कमठन नही ह

सरल शबद म मकसी वसटत का सार अससटततव या ततव एक न पररवमतगत ह न वाली वासटतमवकता ह ती ह ज इसक सभी बाहरी सटवरप पररवमतगत ह त पररटीकरण की पषठभमम म ह ती ह मसीही धमगमवजञामनय न सार क इसी मवचार स अपन अधययन क आधाररत मकया ह जब उनह न परमश वर क रण और पणगताओ क ऊपर मवचार मवमशग मकया

सामानय रप म परमश वर क सार म चार महतवपणग मभननताए ससममचलत ह परमश वर का सार परमश वर सटवय कया ह परमश वर की पणगताए या रण परमश वर क सार की य गयताए परमश वर का

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 9: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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समदय स सामानय परकाशन क परमत इस सकारातमक दमषटक ण न ldquoपराकमतक धमगमवजञानrdquo क रप म परमश वर क धमगचशिा म एक महतवपणग भममका अदा की ह पराकमतक धमगमवजञान सामानय परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म जानन का एक मनरतर परयास ह मसीह क अनयामयय न सदव यह सटवीकार मकया ह मक हम पराकमतक धमगमवजञान क माधयम स परमश वर क बार म बहत कछ सीि सकत ह और कछक अपवाद क साथ परमश वर की धमगचशिा पर औपचाररक धमगवजञामनक चचतन न कलीचसया की लरभर परतयक शािा म पराकमतक धमगमवजञान क ससममचलत कर मदया ह

असल म मधयकालीन अवचध क दौरान अगरणी मवदवतावादी धमगमवजञामनय न पराकमतक धमगमवजञान का अनसरण करन क चलए वासटतव म एक औपचाररक मतर-रपी रणनीमत की रचना की पहला उनह न ldquoकरणीय सबध का तरीकाrdquo लमटन म वाया कौजाचलटामटस क बार म बात की इसस उनका अथग था मक हम समषट म उन अचछी बात क दिन क दवारा परमश वर क बार म सतय क सीि सकत ह चजनह परमश वर न रचा ह या वह उनकी ldquoरचना का कारण बनाrdquo ह उदाहरण क चलए हम दि सकत ह मक परमश वर न इस ससार म सदरता और करम-वयवसटथा की रचना अतः हम कह सकत ह मक परमश वर सटवय भी सदर और वयवससटथत ह रा

दसरा मवदवतावादी धमगमवजञामनय न ldquoमनषध क तरीकrdquo लमटन म वाया मनराशमनस क बार म भी बात की इसस उनका अथग था मक हम परमश वर क समषट की सीममतताओ और कममय क मवपरीत दशागन क दवारा परमश वर क मवषय म सतय क परमाचणत कर सकत ह उदाहरण क चलए समषट समय म सीममत ह परत परमश वर अनत ह समषट सटथान म सीममत ह परत परमश वर असीममत ह

और तीसरा मधयकालीन मवदवतावादी धमगमवजञामनय न ldquoशषठता क तरीकrdquo लमटन म वाया एमीननमटआए क बार म भी बात की इसस उनका अथग था मक हम इस बात पर धयान दन क दवारा सामानय परकाशन स परमश वर क मवषय म सतय क परमाचणत कर सकत ह मक कस परमश वर सदव उन वसटतओ स शषठ ह चजसकी उसन रचना की ह उदाहरण क चलए परकमत की शमि परमश वर क सवोचच सामथयग म मवश वास करन म हमारा मारगदशगन करती ह मानवीय बौचदधक य गयताए परमश वर की अतलय बचदध की ओर हम अगरसर करती ह

अचधकतर ससमाचाररक ल र आजकल ऐस कठ र तरीक का अनसरण नही करत ह परत पराकमतक धमगमवजञान परमश वर मवजञान म मखय भममका अदा करना मनरतर जारी रिती ह यीश न अपन चल क चसिाया मक परमश वर न समषट क परमत हमार अनभव क परतयक पहल की रचना अपन बार म बात क परकट करन क चलए की ह और मसीह क मवश वासय गय ल र क रप म हम सामानय परकाशन क माधयम स उन सब बात क ि जना चामहए चजनह हम परमश वर क बार म सीि सकत ह

सामानय परकाशन और पराकमतक धमगमवजञान क परमत य सकारातमक दमषटक ण परमश वर मवजञान क मकसी भी अधययन क चलए महतवपणग ह परत हम इस पर भी धयान दना आवशयक ह मक कस र ममय क पहल द अधयाय कछ महतवपणग नकारातमक दमषटक ण भी परसटतत करत ह र ममय 118 म पौलस न तब सामानय परकाशन क परमत अचधक नकारातमक दमषटक ण पर बल मदया जब उसन यह चलिा

परम श व र क ा कर ोध त ो उ न ि ो गो क ी सब अ भवि और अधमय पर स व गय स परगट होत ा ह ज ो सत य को अधमय स दब ाए रख त ह (रो व मयो 1 1 8 )

इस पद म पौलस न सटपषट मकया मक सामानय परकाशन उसकी दया और उदधार की अपिा ldquoपरमश वर का कर धrdquo परकट करता ह और यह सतय ह कय मक अचधकतर पापी ल र सामानय परकाशन क ldquoसतय क अधमग स दबाए रित हrdquo वासटतव म र ममय 125 क अनसार

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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[पा व पयो न] परम श वर की सचचाई क ो बद िक र झठ ब ना डाि ा (रो वम यो 1 15 )

सटवय यीश न समय-समय पर दशागया मक पापपणग मनषय मनरनतर अपन जीवन क अनभव स परमश वर क मवषय म उन बात क सीिन म असिल हए ज उनह सीिनी चामहए थी जस मक यीश और पौलस द न न बताया पापपणग ल र म समषट क माधयम स परमश वर दवारा परकट बात क मवषय म सटवय स और दसर स झठ ब लन की परवमतत ह ती ह

म इ स ब ा र म ब हत अल धक सचत रहन ा चा ह ग ा वक हम पराक वतक धमय वव जञा न क ि बि या उ सक ी शरणी स परम श व र ब ार म कया सीख त ह म रोव म यो 1 2 0 ज स क थन ो पर आल शरत हो न ा चा ह ग ा ज ो वक उसक ी व भ वत ा उस क सा म रथयय क बा र म ब ात क रत ह म सो चता ह वक यह व ब ा त ह ल ज न पर आप उ स स द भय म आलशरत सकत ह जो आप सी ख ना चा हत ह पर त म त र त ही यह भी कहन ा चाह ग ा वक उ ल चत द वि क ो ण क ो परापत क रन क लि ए हम व व िष परक ािन क ी बहत आव शयकत ा ह इसल ि ए आपक ो म न ष य क त कय -व व तय क क ो ज ा चन क लि ए वव िष परक ा िन की आव शयकत ा ह म रा क हन ा ह वक व फर चाह यह स वा यतत हो या सव त तर म ानव ीय तकय -व वतय क कयो वक रलचत कषतर कछ ब ा त ो क ो उत पनन क रत ा ह लज नह स दह क रप म भ ी पढा और समझा जा सक त ा ह परभ यी ि म सीह क ी व ा स तव वक त ा क ा वव िष परका िन इ स उ ल चत रप म परा क रता ह वक परम श व र क ौन ह हम ार तकय -व वतय क क ो उसक अ न सार रख न क लि ए उसक व चन क पराम िय क ी ब हत अ लधक आव शयक त ा ह

- डॉ बर स एि फ़ीलस

परम श व र क ी सवि हम क ई ब ात ल सख ा त ी ह सब स मि भत ब ात यह व न सस द ह हम यह लसख ात ी ह वक व ह सव ो चच सव िक त ा य ह परम श व र व ह ह ज ो सब व सत ओ क ो िनय स उ त पनन क रत ा ह अतः यह हम उ सक ी सा म रथयय क ब ा र म भी लसख ाती ह रोव म यो 1 क अ न सा र यह हम उसक ी धाव मय कत ा क ब ा र म लसख ा ती ह हम रो वम यो 1 म पा त ह वक सब मन ष य ज ा नत ह व क परम श व र ह व क उ सक ी आराधन ा क ी जा न ी चाव हए और सब ि ो ग ो क पास परम श व र की धा व मय क ता और पववतर ता का ब ो ध ह पा पी म न षयो क रप म हम उस दब ा द त ह हम उ स अ नद ख ा क रन क ा परयास क रत ह अतः सवि हम लसख ाती ह वक परम श व र सव ि कत ा य ह वह साम थी ह और व ह धमी ह पापी म न ष यो क रप म हम उ न ब ात ो क ा इनकार क रन और उ नह दब ा न क ा परयास क रत ह अ तः परम श व र क ब ा र म जो ब ात सव ि न ही ल सखा त ी व ह यह ह वक हम उ सक सा थ सही स ब ध क स ब न ा ए सवि व ब ात ल सख ात ी ह ज ो म न यहा द िा यई ह पर त यह हम परम श व र क अ न गरह और परभ यीि म सीह म द या क वव षय म न ही ल सख ात ी इ सक ल ि ए परभ यी ि म सीह म उ सक क ा यो पर उ सस स ब लधत परक परक ािन क ा होना आव शयक ह

- डॉ क ािय आर टर म न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सामानय परकाशन क परमत य नकारातमक दमषटक ण पराकमतक धमगमवजञान पर बहत अचधक मनभगर रहन क मवषय म एक कडी चतावनी क उतपनन करत ह पराकमतक धमगमवजञान तरमटरमहत नही ह कय मक पाप न समषट स परापत हमार अनभव स परमश वर क मवषय म सीिन की हमारी िमता क भरषट कर मदया ह रभीर मसीही धमगमवजञामनय क सवोततम परयास क बावजद भी पराकमतक धमगमवजञान न मनरनतर सामानय परकाशन का रलत अथग मनकाला ह और परमश वर क परमत हमारी अवधारणा म ममथया बात क राला ह

उदाहरण क चलए धमागधयिीय और मधयकालीन अवचधय क दौरान अनयजामत क यनानी रहसटयवाद न बहत स ल र क इस बात का इनकार करन क परररत मकया मक मनषय परमश वर क बार म कछ जान सकता ह अठारहवी शताबदी म परकमत की वयवसटथा क परमत रलत समझ न कई धमगमवजञामनय क परब धन दववाद अथागत ऐसा मवश वास मक परमश वर इस ससार की रमतमवचधय म ससममचलत नही ह का समथगन क परररत मकया हाल ही समदय म जीवमवजञान क मवजञानीय अधययन न ल र क समषटकताग क रप म परमश वर क बाइबल क चचतरण का इनकार करन क परररत मकया ह परतयक पडाव पर मनषय क हदय की भरषटता न सामानय परकाशन म परमश वर क बार म परकट सतय क ि दन म धमगमवजञामनय क परररत मकया ह

मनसटसदह पराकमतक धमगमवजञान क परमत य नकारातमक दमषटक ण एक मलभत परशन की ओर अरवाई करत ह यमद पाप सामानय परकाशन क परमत हमारी जाररकता क भरषट करता ह त हम परमश वर क बार म सतय क कस जान सकत ह

इस परशन का उततर दन क चलए हम ईश वरीय परकाशन क दसर मखय परकार क दिर सामानय परकाशन क अमतररि यीश न यह भी चसिाया मक परमश वर न हम मवशष या सटीक परकाशन मदया ह

व व िष परक ािन वयापक रप म कह त मवशष परकाशन अलौमकक माधयम क दवारा परमश वर का सटव-परकटीकरण ह पमवतर आतमा न सटवपन दशगन वाचणय और उदधार तथा दर क बड कायो क दवारा परकाशन मदया ह परमश वर न सटवय क पररणा-परापत मानवीय परमतमनचधय क दवारा भी परकट मकया ह जस मक उसक भमवषयदविा और परररत ज पमवतर आतमा क दवारा पररणा-परापत थ और मनसटसदह जसा मक हमन पहल कहा था परमश वर का सबस बडा मवशष परकाशन मसीह म था

परमश वर की धमगचशिा क चलए मवशष परकाशन क महतव क बढ़ा चढ़ा कर नही बताया जा सकता यह परमश वर क उददशय क चलए इतना आवशयक ह मक पाप क इस ससार म आन स पहल ही परमश वर न आदम और हववा का मवशष मौचिक परकाशन क दवारा मारगदशगन मकया और मनसटसदह मवशष परकाशन पाप म पतन क बाद भी महतवपणग रहा ह यह न कवल सामानय परकाशन क समझन क हमार परयास का मारगदशगन करता ह बसलक यह अनत उदधार क मारग क भी परकट करता ह

यह मकतना भी अदभत कय न ह मक परमश वर न हम अलौमकक परकाशन परदान मकया ह - ससार म पाप क आन स पहल और बाद म भी - परत चजस हम सामानय रप स ldquoपरमश वर की ओर स मवशष परकाशनrdquo कहत ह वह हजार वषो पहल घमटत हआ था अतः हम आज मवशष परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म कस सीित ह

एक बार मिर स हम उस ओर मडना चामहए ज परमश वर क सवोचच परकाशन अथागत यीश न चसिाया था सिप म मसीह न अपन अनयामयय क चसिाया मक व सटवय क पमवतरशासटतर म मदए हए परमश वर क मवशष परकाशन क परमत सममपगत कर मरकस 1228-34 जस अनचछद सटपषट रप स दशागत ह मक यीश न अपन समय क अनय रसबबय क समान परमश वर क मवशष चलचित परकाशन क रप म परान मनयम की पमषट की

और हम जानत ह मक नया मनयम भी परमश वर का पररणा-परापत परकाशन ह यहनना 1612-13 और इमिचसय 220 जस सटथान म हम सीित ह मक यीश क सटवरागर हण क बाद उसन पमवतर आतमा क पहली

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सदी क परररत और भमवषयदविाओ क परचशचित करन क चलए भजा मक व उसकी कलीचसया क समि परमश वर क परकट कर नया मनयम पहली सदी क इन परररमतक और भमवषयदवाणीय मवशष परकाशन का हमारा परमतमनचध सकलन ह इसी कारण ससमाचाररक मसीही बल दत ह मक हम इमतहास म सामानय परकाशन और मवशष परकाशन द न म परमश वर क परकटीकरण क समझन क चलए पमवतरशासटतर पर मनभगर ह सकत ह

परमश वर क परकाशन और रहसटय क मवषय म हमार अधययन म हमन परमश वर क मवषय म हमार सपणग जञान क सर त क रप म ईश वरीय परकाशन की ि ज की ह अब आइए इस पहल क दसर महसटस की ओर मड ईशवरीय रहसटय अथागत परमश वर क बार म व बहत सी बात ज चछपी रहती ह क परमश वर मवजञान क हमार अधययन क मकस परकार परभामवत करना चामहए

ईश वरीय रहसय

एक बात लज स हम सम झन ा ह और ज ो सम झन क लि ए आसान न ही ह व ह ह वक व ा स तव म परम श वर कौ न ह वह जञानाती त ह व ह सव ि स पर ह जो कछ हम यहा इ स स सार म अ नभ व क रत ह उ सन रचा ह इ सल ि ए हम व ा सत व म उ स तब तक न ही ज ा न सक त ज ब त क व ह स व य क ो परकट न ही क रत ा जब तक व ह व कसी त रह स इ स सव ि म परव ि न ही क रता व ह हम स ब ात क रता ह वह हम पर स व य क ो परक ट क रता ह ज ो उसन पणय रप स अ पन पतर यी ि म वक या ह पर त उ सस व ह हम ा र ल ि ए रहसयमयी बन जात ा ह और सचचा ई यह ह व क व ही एक मा तर त रीक ा ह लज सम हम परम श व र क राज य क ो उ सक िा सन क ो और उ सक अ ल धक ार क ो ज ा न सकत ह - क यो वक वह हम यहा रहन क ी अ नम वत द त ा ह और व ह एक अ द शय परम श व र ह - इसल ि ए उ सक राज य क ो ज ान न क ा क वि एक त रीक ा यही ह व क वह उस हम पर परक ट क र द

- डॉ र रक ब ॉयड

जसा मक हम दि चक ह परमश वर न सटवय और मनषयजामत क बीच की एक बहत बडी दरी पर मवजय परापत कर ली ह उसन अपन सामानय और मवशष परकाशन क दवारा हमार चलए यह सभव बनाया मक हम उसक मवषय म जान सक परत साथ ही परमश वर क बार म हमारा जञान ईश वरीय रहसटय क दवारा बहत अचधक परभामवत ह ता ह ऐसी बहत सी बात ह चजनह परमश वर न अपन बार म परकट नही मकया ह

ईश वरीय रहसटय क समझना परमश वर मवजञान क चलए इतना महतवपणग ह मक यह इस द चरण म दिन म हमारी सहायता कररा हम पहल ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा क सटपषट करर तब हम रहसटय क उन परकार क सटपशग करर चजनका हम सामना करत ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा कया ह

मि भत धारण ा शबद ldquoरहसटयrdquo का परय र पमवतरशासटतर म मवमभनन तरीक स मकया जाता ह परत हमार उददशय क चलए

हम कह सकत ह मक ईश वरीय रहसटय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र क व व षय म ऐस अ स खय अ परक ा लित सत य ह ज ो परम श व र क परवत हमा री सम झ क ो सीव मत करत ह

हम इस पररभाषा क द पहलओ क उजारर करर पहला पहल यह तथय ह मक ईश वरीय रहसटय ldquoपरमश वर क मवषय म असखय अपरकाचशत सतय हrdquo र ममय 1133 म परररत पौलस न सकत मदया मक हम सदव ईश वरीय रहसटय क परमत सचत रहना चामहए उसन चलिा

आहा परम श व र क ा धन और ब लि और जञान कया ही ग भी र ह

उ सक ववचार क स अथाह और उ सक मा गय क स अ गम ह (रो व म यो 1 1 3 3 )

इस पद तक क अधयाय म पौलस न सामानय और मवशष परकाशन क दवारा परमश वर क बार म कई मजबत धारणाओ क दशागया परत इस अनचछद म पौलस न परमश वर क जञान और बचदध की ldquoरभीरताrdquo की ओर सकत मकया और उसन सटवीकार मकया मक परमश वर क मवचार ldquoअथाहrdquo ह और ldquoउसक मारग अरमrdquo ह यदयमप पौलस न ईश वरीय परकाशन क दवारा परमश वर क बार म बहत कछ समझा था मिर भी उसन असखय रहसटय अथागत ऐसी बात का सामना मकया चजनह परमश वर क आतमा न परकट नही मकया था

परम श व र रहस यम यी ह क यो वक व ह क सी भ ी समझ और जञान स पर ह ज ो हम ार पा स हो व ह सम य सम य पर हम स परा म िय वक ए वब न ा क ा यय क रत ा ह व ह सद व हम स परा म िय लि ए व बन ा ही क ायय क रत ा ह पर त क ई ब ार उसक क ायय क रन क त रीक क ो सम झना हमा र लि ए क व ठन होता ह वह इस भाव म भ ी सम झ स पर ह वक को ई भी परम श व र क जञान क ो पणय रप स परा पत नही कर सक त ा वहा रहस य क ा होन ा अ वशय ह क यो वक वह परम श व र ह और क ोई रलचत पराणी न ही ह परम श व र क रहस यम यी हो न क बा र म ऐसा क छ न ही ह व क जो हम ा र लि ए वक सी रप म क ोई सम सया हो परम श व र क रहस य क ा अ थय यह न ही ह व क उ स तक पह चा नही ज ा सक ता इसक ा अ थय यह न ही ह वक वह हम स परम न ही क रत ा और वक हम उसक परम क ो म हसस न ही क र सक त ह इ सक ा अ थय इ नम स क ो ई भ ी ब ा त न ही ह व ा सत व म यवद वह रहस यमयी न हो त ा त ो हम सरलकषत रप स क ह सक त थ वक व ह परम श व र नही ह हम ऐसा परम श व र क यो चावहए जो रहसयमयी न हो हम उ स ज ा न त ह व यापक रप स न ही पर त हम उ स सचच रप स ज ा न त ह हम उ स सम झत नही पर त व न ल ित रप स हम उस कहन क लि ए पया यपत रप स ज ा नत ह व क हम वक सी अ स पि द ा िय व नक ल सिा त क ो नही ब सलक परम श व र क ो ज ा न त ह

- डॉ ववलि यम ऐड ग ा र

मपरसटन चथय ल चजकल समीनरी क मवचधवत धमगमवजञान क पर िसर चालसग ह ज चजनका जीवनकाल 1797-1878 तक था न महतवपणग रप म ईश वरीय रहसटय क साररमभगत मकया अपन मवचधवत धमगमवजञान क पहल ससटकरण क भार 1 क अधयाय 4 म उसन यह चलिा

परम श व र म उसक व व षय म हम ा र वव चा रो स ब ढक र ब हत क छ ह और उसक व व षय म हम ज ो क छ ज ा नत ह व ह हम अ पणय रप स ज ान त ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ह ज न यहा द महतवपणग अवल कन क दशागया ह पहल उसन बल मदया मक परमश वर क बार म ज सतय ह वह ldquoहमार मवचार स बढ़कर बहत कछ हrdquo यहा पर कवल थ ड स रहसटय नही ह न ही बहत स रहसटय ह इसकी अपिा कय मक परमश वर सटवय असीम ह इसचलए वहा हमारी कलपना स बढ़कर बहत स रहसटय ह ह ज न यह भी सटपषट मकया मक ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क इतना भर दत ह मक ldquo[परमश वर क] मवषय म हम ज कछ जानत ह वह हम अपणग रप स जानत हrdquo दसर शबद म परमश वर क बार म ऐसी एक भी बात नही ह चजस हम पणग रीमत स समझत ह

क ई ब ार जब हम वक सी क ो यह क हत हए सन त ह व क परम श व र समझ स पर ह त ो हम इस पर एक त रह स नक ा रात मक परव त वकर या द त ह - कया म उ स नही ज ान सक त ा क या म उ सक ब ा र म ज ान का री परापत न ही क र सकता और व नस स द ह ब ाइबि परम श व र क ा सव -परक ा िन ह उ सन स व य क ो परक ट व क या ह त ा व क हम उ स व यविगत रप स जान सक और उसक बा र म क छ ब ात ो क ो जा न सक पर त यवद आप रकक र उसक ब ा र म सो च वक यवद परम श व र सच म अ सीवम त परम श व र ह त ो म रा छ ोट ा सा वद म ाग और यहा तक वक इ स स सा र क ा सव ो ततम धमय व जञाव नक वदम ाग भ ी उ स उ सकी पणयत ा म समझ न ही पा एग ा अ पन ी पर रभ ा षा क अ न सार यव द म उ स सम झ सक तो म उ सक ल जत ना ही महा न हो ज ा ऊ ग ा और इसल ि ए यह ब हत ही म हतव पणय भ ा ग ह हम ारा परम श व र क ोई छ ोट ा परम श व र नही ह व ह इ तन ा छो ट ा न ही ह वक म अ पन वद म ा ग या वक सी पसत क म उ सक ी स पणय सम झ क ो परापत क र ि हम आभ ारी ह वक उ सन स व य क ो पयायपत रप स परक ट वक या ह और यह वक उ सन हम ा र उ ि ा र क ा परब ध वक या ह त ा व क हम उ सक ब ा र म कछ सम झ क ो परापत क र सक और उ सक साथ स ग वत रख सक उ सक साथ सही स ग वत म रह सक और उ सक ब ा र म सही ववचार रख सक चा ह व ह व या पक रप स न हो पर त उस ज ान ा ज ा सकत ा ह क यो वक उ सन स व य क ो पराकल ित वक या ह पर त व ह समझ स पर ह और उसक ी पणयत ा परम श व र क ब ा र म हम ारी सम झ और उसक लि ए हम ारी आरधना और उसक परव त हम ारी आजञाक ा र रत ा क लि ए ब हत अ ल धक बहत ही अ लधक महतव पणय ह

- डॉ ग ा रथ क ोक र रि

यह पहचानन क अमतररि मक ईश वरीय रहसटय असखय ह हम सदव ईश वरीय रहसटय क दसर महतवपणग पहल पर भी धयान दना चामहए ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क बहत सीममत कर दत ह जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह

ऐस कई मवमभनन तरीक ह चजनम ईश वरीय रहसटय परमश वर क बार म हमार जञान क सीममत कर दत ह परत इस अधयाय क चलए हम कवल द तरीक पर धयान दर एक ओर हमार पास परमश वर क बार म बहत ही सीममत जानकारी ह यदयमप परमश वर न सटपषट कर मदया ह मक उदधार और मसीह म जीवन क चलए आवशयक कया ह वासटतव म हमम स क ई भी परमश वर क बार म अचधक कछ नही समझता पहला कररसनथय 1312 हम बताता ह मक हम परमश वर का सतय कवल ldquoधधलाrdquo मदिाई दता ह जस मक हम ldquoएक दपगण मrdquo दि रह ह

इसचलए परमश वर की धमगचशिा क मवचार-मवमशग म असखय परशन उठ िड ह त ह चजनका ऐस ही परी तरह स उततर नही मदया जा सकता उदारण क चलए परमश वर बराई क कय अनममत दता ह वतगमान

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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घटनाओ म हम परमश वर क उददशय क कस समझ सकत ह बहत स धमगमवजञानी मवशषकर व ज सदहवामदय स मघर हए ह ऐसी कलपनाओ म रहत ह कय मक व यह सटवीकार नही कर सकत मक हमार पास ऐस परशन क उततर नही ह परत ईश वरीय रहसटय अकसर मसीह क मवश वासय गय अनयामयय क यह सटवीकार करन म अरवाई दत ह ldquoमझ नही पताrdquo जब बात परमश वर की धमगचशिा की आती ह तब यमद परमश वर न इस परकट नही मकया ह त हम इस जान नही सकत यह इतनी सरल बात ह

मसीह क मवश वासय गय अनयायी ह न क नात हम इस सचचाई स कभी भारना नही चामहए मक हमार पास परमश वर क बार म सीममत जानकारी ह वासटतव म पल दर पल इस तरह की सीममतता क सटमरण करना एक आशीष ह ईश वरीय रहसटय हम परमश वर पर भर सा रिन क मववश करत ह हम परमश वर क जञान क परापत करन क चलए अपनी सीममत य गयताओ पर मवश वास रिन की अपिा पमवतर आतमा की सवकाई क दवारा मपता और मसीह पर मनभगर ह ना चामहए

दसरी ओर ईश वरीय रहसटय का अथग यह भी ह मक मनषय कवल परमश वर क परकाशन क सीममत सटपषटीकरण ही परसटतत कर सकत ह हम इस बात पर बल दन म सही ह मक सतय क परमश वर का परकाशन सटवय म मवर धाभासी नही ह और हम परमश वर क परकाशन क बीच बहत स तामकग क सबध क दि सकत ह परत चाह हम सटवीकार कर या न कर ईश वरीय रहसटय न कवल इस बात क सीममत करत ह मक हमार पास परमश वर क बार म मकतनी जानकारी ह साथ ही व परमश वर न ज सटवय क बार म परकट मकया ह उसम स अचधकाश बात की तामकग क सबदधता क सटपषट करन की हमारी य गयता क भी सीममत कर दत ह

उदाहरण क चलए हम मतरएकता अथागत परमश वर एक ह और उसक तीन वयमितव ह का सपणग रप स तामकग क सटपषटीकरण नही द सकत हम इस वासटतमवकता क परतयक पहल क तामकग क रप स सटपषट नही कर सकत मक यीश पणग रप स परमश वर और मनषय द न ह हम परी तरह स यह सटपषट नही कर सकत मक परमश वर मनषय क मकरयाकलाप पर सपणग परभतव रिन क बाद भी हम हमार कायो क चलए कस चजममदार ठहराता ह सवोततम मसीही मवचारक न इन और इन जस अनय परशन क उततर दन का परयास मकयाह परत व सपणग और तामकग क सटपषटीकरण क परदान करन क मनकट आन म भी असिल रह ह

अततः परमश वर न सटवय क बार म ज कछ परकट मकया ह उसकी तामकग क सबदधता क सटपषट करन का परयास करना महतवपणग ह सकता ह परत हम इस तरह स मनधागररत नही करत ह मक कया सतय ह और कया झठ मकसी भी धमगवजञामनक दाव का सतय कवल इस बात पर मनभगर करता ह मक कया परमश वर न इस सामानय या मवशष परकाशन म परकट मकया ह या नही

ज ब धमय ववजञानी क हत ह वक परम श व र सम झ स पर ह त ो उनक कहन क ा अ थय यह हो त ा ह वक हम जो न शवर परा णी ह उ सक स पणय सार और अ ससतत व क ो समझ और ब झ नही सक त परम श व र क अ सी वम त हो न क क ा रण यह स भ ा व न ा ब हत ही कम ह व क हम उस उस उसक ी पणयता म समझ और ज ा न सक म उस स म रण क रत ा ह ज ो पौि स रो वम यो 1 1 3 3 -3 4 म कहत ा ह ज ब व ह परम शवर क अथ ा ह जञा न और ब ल ि क ब ा र म बा त क रता ह पर त वफर भी क यो व क उ सन हम पयायपत स व -परकट ीकरण परद ा न वक या ह इ सलि ए यह ववश वास म आन हत हम ा र ल ि ए पया यपत ह

- रव ह ि री को क रि

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ईश वरीय रहसटय क महतव क और अचधक रप स समझन क चलए हमन मलभत धारणा की ि ज की ह अब ईश वरीय रहसटय क उन मवमभनन परकार पर धयान दना सहायक ह रा ज उस समय मकरयासनवत ह त ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह

वभनन परका र हम रहसटय क द मवमभनन परकार क बीच अनतर कर सकत ह पहल परकार क हम ldquoअसटथाई रहसटयrdquo

कहर आइए दि मक ऐसा कहन स हमारा कया अथग ह अ सथाई असटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह ज एक मनचित अवचध तक मनषय स चछप

हए ह परत मिर व इमतहास म बाद म मकसी समय परकट मकए जात ह परमश वर सामानय परकाशन क दवारा अकसर उस परकट करता ह ज एक समय म रहसटयमयी था वह भौमतक ससार मानवीय ससटकमत अनय ल र या यहा तक मक हमार भीतर आए पररवतगन का परय र असटथाई रहसटय क परकट करन क चलए करता ह

मवशष परकाशन क साथ भी कछ ऐसा ही ह ता ह पमवतरशासटतर का धयान स मकया हआ अधययन दशागता ह मक परमश वर क बाद क परकाशन न उसक पहल क परकाशन का कभी मवर धाभास नही मकया ह परत यह भी सटपषट ह मक परमश वर न समय क साथ-साथ अपन बार म और अचधक परकट मकया ह मवशष परकाशन का परकटीकरण बाइबल क इमतहास की परतयक अवचध क दौरान हआ ह मनसटसदह ईश वरीय रहसटय का सबस नाटकीय परकटीकरण मसीह क मवशष परकाशन म हआ पौलस क मन म यही बात थी जब उसन इमिचसय 19 33 और 619 क चलिा इन पद म पौलस न मसीह म परमश वर क अनत उददशय क रहसटय क दशागया उसन सटपषट मकया मक यह रहसटय नए मनयम क परररत और भमवषयदविाओ क समय तक चछपाए रिा रया था

इसी कारण जब कभी हम परमश वर क बार म सीिन का परयास करत ह त हम परान मनयम म पाए जान वाल असटथाई रहसटय क सटपषट करन क चलए सदव नए मनयम क मवशष परकाशन की ि ज करनी चामहए

क ई ब ार हम िब द ldquo रहसयम यrdquo क ा परयोग परम श वर क ब ा र म ब ा त क रन क ल ि ए क रत ह क यो व क हम सम झ न ही पा त ह वक वह व ास तव म क या क र रहा ह द सरी ओर नया वन यम िब द ldquo रहसयमयrdquo क ा परयोग सा म ा नय रप म क रत ा ह ज ो व क यन ा नी िबद वम सट ीररयोन स आत ा ह - यह व ा स तव म समा न िब द ह - इ सक ा अ थय ह व क परम श व र दवा रा उ िार क ी अ नगरहक ारी योजन ा क ा परकट ीक रण ऐसी ब ात ह ल ज स हम अ पन आप स क भ ी सो च ही न ही पात अथ ा यत यह इस भाव म रहस य ह व क हम इ स कभ ी भ ी सम झ न ही पा त यवद परम श व र न इ स हम पर परक ट न वक या होत ा और इ सलि ए परम श व र अ पन वव िष परक ािन म अ पनी योजन ा क ो हम पर परक ट क रत ा ह और यही क ा रण ह वक आप िब द वम सट ीररयोन क ा परयोग इ व फल सयो और 1 क र रस नथ यो म होत ा हआ दख त ह यह ऐसा ह व क परम श व र धीर धी र अ पन परक ािन क ो परक ट क र रहा ह और हम वदख ा रहा ह वक क स उिार यहव द यो और अनयज ा व त यो द ो नो क ल ि ए ह और यह वक सी भ ी व यव ि क ल ि ए ह ज ो यी ि म सी ह क ो अ पन म सी ह क रप म स व ीक ा र क रग ा

- डॉ स म एि ि ाम रसन

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत नए मनयम क मवश वासी ह न क बावजद भी हम यह भी सटमरण रिना चामहए मक परमश वर न अभी तक परतयक असटथाई रहसटय क परकट नही मकया ह 1 कररसनथय 1312 म पौलस इस इस तरह स चलिता ह

इ स सम य म रा जञान अ धरा ह पर त उ स सम य ऐसी परी रीवत स पव हचा न ग ा (1 क र रस नथ यो 13 12 )

जब मसीह ममहमा म वापस आएरा कवल तभी वह परतयक असटथाई रहसटय क परकट कर दरा और हम परमश वर और उसक मारो क आज की अपिा कही अचधक परी तरह स समझ पाएर

जसा मक हम दि चक ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त हम कई असटथाई रहसटय का सामना करत ह परत बाइबल इस सटपषट कर दती ह मक जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह त हम सटथाई रहसटय क भी दिना ह ता ह

सथा ई सटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह चजनह मनषय कभी समझ नही पाएरा कय मक य सतय हमारी समझ स पर ह पारपररक धमगमवजञान म इस वासटतमवकता क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क रप म कहा जाता ह हम परमश वर क बार म कछ बात क समझ सकत ह जब वह उनह मानवीय रग प म परकट करता ह परत हम परमश वर क बार म मकसी भी बात क परी तरह स कभी नही समझ सकर हम इस मवचार क यशायाह 558-9 म सटपषट रप स अमभवयि पात ह जहा भमवषयदविा यशायाह यह चलिा ह

क यो वक यहोवा क हत ा ह म र ववचार और त म हा र ववचार एक सम ान न ही ह न तमहा री ग व त और म री ग व त एक सी ह क यो वक म री और तमहा री गवत म और म र और त म हा र सोच व व चा रो म आक ाि और परथवी क ा अ नतर ह (यिायाह 5 5 8 -9 )

इन पद म यशायाह न इसराएल क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क कारण उतपनन परमश वर क सटथाई रहसटय क सटमरण मदलाया

जब पववतर िासतर परम श व र क ो रहस यमयी क रप म द िायता ह त ो हम यह सव न ल ित क रना चावहए वक हम िब द ldquo रहसय rdquo क ो गित रप म न समझ ि जब म इ स स सा र क ी वस त ओ क रहस यम यी होन क बा र म सो चता ह त ो मझ िग त ा ह व क उ नक क छ ल छ प हए रहस य ह जो म झ वकसी सम य पर चवकत क र द ग ऐसी ब ात इ स व व षय म न ही ह ldquo रहसयम यीrdquo स हम ा रा अ थय यह ह वक परम श व र सम झ स पर ह हम ारा अ थय ह व क उ सक पा स ऐसा ज ी व न ह ज ो हमा री क ल पन ा स पर ह इसक ा अ थय यह ह वक उ सक ब ार म ऐसा कछ ह ल ज स हम परी री व त स समझ न ही सक त और म भ ी उ स सम झ न ही सक ता इ सक ा अथय ह वक यह म र रलचत ज ीव न स पर क ी ब ात ह वह म री सो च स वह बह त ब ड़ा ह इ सक ल ि ए लजस तकन ीक ी धमय व जञा व न क िबद का हम परयो ग क रत ह व ह ह ldquoअ न भवा त ी तrdquo परम श वर अ न भवात ीत ह वह हम ा र सोच-ववचार क ी सीम ा स पर ह और इ सी लि ए व ह आरा धन ा क यो गय ह इ सी लि ए वह म हान ह इ सी लि ए वह ऐसा ह ल ज सकी हम परि सा क रत ह

-डॉ ग री एम ब जय

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परम श व र म रहस य आ ल िक रप स उ सक ी इस परक वत क क ारण ह व क व ह क ौ न ह और उ सक अ सी वम त ब न ाम हम ा र सी वम त हो न हम ा री सी वम तता तथा उसक ी असीवमत सा म रथयय और समझ क क ा रण ह पर त सा थ ही यह व व िष रप स सव ि म उ सक उ दद शयो और योज न ा ओ स भ ी स ब ल धत ह परम श व र कयो इ सी त रीक स क ा यय क रता और उ स त रीक स क ा यय न ही क रत ा ह और म सो चत ा ह वक बहत ब ा र अ हक ा री म न ष यो क रप म हम यह सोचत ह वक हम परम श व र स ब हतर क ा यो क ो क रन ा ज ान त ह पर त परम श वर क रहस य म उ द ाह रण क लि ए व यवसथा वववरण 29 29 म यह इ सक ब ा र म पवव तर िास तर म ब ात क रत ा ह ग पत ब ात परम श व र क ी ही ह पर त जो बा त उ सन परक ट क ी ह उन म हम आन नद और उ त सव मन ा सक त ह और व हा एक ऐसा भ ा व ह ल ज सम हम स वी क ार कर सकत ह वक परम श व र न हम सब क छ न ही ब ता या ह उ सन अ पन ब ा र म हम सब कछ न ही बत ा या ह - व ह क स बत ा सक त ा ह और हम उ स क स सम झ सक त ह पर त सा थ ही उ सन हम वह सब भी न ही ब त ा या ह वक वह अ पन उ दद शयो और योज न ा ओ क ो क स परा क र रहा ह और परा न व न यम क अ ययब स ब हतर इ स क ोई न ही ज ान त ा जो इ स वव षय म परशनो का उतत र चा हत ा था वक परम श व र न इ न ब ात ो क ी अ नम वत क यो दी और परम श व र न उ स वह उतत र न ही वद या जो वह चाहत ा था परम श व र न उ स यह उ ततर व द या ldquoम ज ान त ा ह वक म क या क र रहा ह और एक भाव म म री यो ज न ा म एक रहस य ह ल ज स क वि म ही परी त रह स सपि क र सक त ा ह और अ तत ः त सम य क अ त म दख गा जब सब कछ अ चा नक स और परी त रह स अ थय पणय हो ग ा rdquo

-रव ह डॉ ि ईस व व क ि र

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस शिला का जब हम आरभ करत ह त हम सदव यह याद रिना चामहए मक यदयमप परमश वर न सटवय क सामानय और मवशष द न परकार क परकाशन म परकट मकया ह मिर भी उसन हमस सटथाई और असटथाई द न परकार क रहसटय क चछपाए रिा ह हम इस वासटतमवकता स ऐसी ही बच नही सकत मक हम कवल रचचत पराणी ही ह चजनकी परमश वर क मवषय म समझ सदव बहत ही सीममत ह

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस अधयाय म अब तक हमन ऐस कछ तरीक क दिा ह चजनम ईश वरीय परकाशन और रहसटय परमश वर मवजञान क अधययन क आकार दत ह अब हम अपन दसर मखय मवषय की ओर मडन क चलए तयार ह परमश वर की मवशषताए और उसक कायग य मवषय उन द पराथममक तरीक क परसटतत करत ह चजनक दवारा पारपररक धमगमवजञामनय न परमश वर क बार म हमार जञान क साररमभगत मकया ह

गण औ र क ायय

परमश वर क रण और कायो क अमतररि मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर परमश वर मवजञान म मतरएकता क धमगचशिा क ऊपर भी बहत अचधक धयान कसनित मकया ह हमन पमवतर मतरएकता क ऊपर कझ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सीमा तक परररत का मवश वासवचन क ऊपर हमारी शिला म वातागलाप मकया ह इस शिला म हम इन द अनय मखय मवषय क ऊपर धयान कसनित करर

उततर ततर अधयाय म हम परमश वर क रण और कायो क ऊपर कई मवशषताओ की ि ज करर परत इस समय हम यहा पर कवल एक ही अवधारणा का पररचय दर परथम हम ईश वरीय रण या परमश वर कौन ह क ऊपर धयान दर और दसरा हम ईश वरीय कायो की ओर मडर या परमश वर कया करता ह आइए परमश वर क ईश वरीय रण स आरभ कर

ईश वरीय ग ण ईश वरीय रण क मवषय का पररचय द चरण म कराना सहायतापणग ह रा हम परमश वर क रण की

मल धारणा स आरभ करर तब हम ईश वरीय रण क परकार की जाच करर ज मक अकसर मवचधवत धमगमवजञान म मभनन रप म पहचान रए ह इसचलए ईश वरीय रण की मल धारणा कया हॽ

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश मसीमहय क यह पछना ह मक परमश वर क कया रण हॽ त ह सकता ह मक

कदाचचत वह यह कह मक परमश वर क रण व सारी य गयताए या चाररमतरक रण ह चजनह पमवतरशासटतर परमश वर स ससमबसनधत करता ह ठीक ह यह दमषटक ण तब तक सही ह जब तक यह इस माना जाता रह परत पारपररक धमगमवजञान म वाकयाश परमश वर क रण कछ मवशष बात की सकत दता ह

मवचधवत धमगमवजञान म ईश वरीय रण

परम श व र क सा र क ी पणयत ा ए वव व भ नन त रह क ऐवत हा लसक परगट ी क रणो क दव ा रा परक ट क ी गई ह

यह पररभाषा द पराथममक तथय क उजारर करती ह ज मक परमश वर क रण क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग क चचमतरत करती ह परथम सटथान पर परमश वर क रण परमश वर क सार की पणगताए ह आधमनक ससमाचारवादी अकसर परमश वर क सार की ओर सकत नही करत ह इसचलए इस धारणा की ि ज करनी सहायतापणग ह रा

शबद सार क साथ आरभ करत हए ज मक लमटन शबद इशसनसया क अनवाद का अथग सार या अससटततव क रप म करता ह लमटन धमगमवजञान म परमश वर का सार मनकट घमनषठता क साथ शबद सबसटसनसया या ततव क साथ समबदध ह धमागधयिीय और मधयकालीन धमगमवजञामनय न इन शबद क नव-अिलातनवाद और अरसटत क दाशगमनक मवचार स अपनाया था अब पलट और अरसटत क दमषटक ण म सार का मवचार मवमभनन तरह स पाया जाता ह और सार की धारणा क सबध म कई महतवपणग जमटलताए आधमनक दशगनशासटतर म उठ िडी हई ह परत आतमसात करन क चलए यह मल मवचार कमठन नही ह

सरल शबद म मकसी वसटत का सार अससटततव या ततव एक न पररवमतगत ह न वाली वासटतमवकता ह ती ह ज इसक सभी बाहरी सटवरप पररवमतगत ह त पररटीकरण की पषठभमम म ह ती ह मसीही धमगमवजञामनय न सार क इसी मवचार स अपन अधययन क आधाररत मकया ह जब उनह न परमश वर क रण और पणगताओ क ऊपर मवचार मवमशग मकया

सामानय रप म परमश वर क सार म चार महतवपणग मभननताए ससममचलत ह परमश वर का सार परमश वर सटवय कया ह परमश वर की पणगताए या रण परमश वर क सार की य गयताए परमश वर का

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 10: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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[पा व पयो न] परम श वर की सचचाई क ो बद िक र झठ ब ना डाि ा (रो वम यो 1 15 )

सटवय यीश न समय-समय पर दशागया मक पापपणग मनषय मनरनतर अपन जीवन क अनभव स परमश वर क मवषय म उन बात क सीिन म असिल हए ज उनह सीिनी चामहए थी जस मक यीश और पौलस द न न बताया पापपणग ल र म समषट क माधयम स परमश वर दवारा परकट बात क मवषय म सटवय स और दसर स झठ ब लन की परवमतत ह ती ह

म इ स ब ा र म ब हत अल धक सचत रहन ा चा ह ग ा वक हम पराक वतक धमय वव जञा न क ि बि या उ सक ी शरणी स परम श व र ब ार म कया सीख त ह म रोव म यो 1 2 0 ज स क थन ो पर आल शरत हो न ा चा ह ग ा ज ो वक उसक ी व भ वत ा उस क सा म रथयय क बा र म ब ात क रत ह म सो चता ह वक यह व ब ा त ह ल ज न पर आप उ स स द भय म आलशरत सकत ह जो आप सी ख ना चा हत ह पर त म त र त ही यह भी कहन ा चाह ग ा वक उ ल चत द वि क ो ण क ो परापत क रन क लि ए हम व व िष परक ािन क ी बहत आव शयकत ा ह इसल ि ए आपक ो म न ष य क त कय -व व तय क क ो ज ा चन क लि ए वव िष परक ा िन की आव शयकत ा ह म रा क हन ा ह वक व फर चाह यह स वा यतत हो या सव त तर म ानव ीय तकय -व वतय क कयो वक रलचत कषतर कछ ब ा त ो क ो उत पनन क रत ा ह लज नह स दह क रप म भ ी पढा और समझा जा सक त ा ह परभ यी ि म सीह क ी व ा स तव वक त ा क ा वव िष परका िन इ स उ ल चत रप म परा क रता ह वक परम श व र क ौन ह हम ार तकय -व वतय क क ो उसक अ न सार रख न क लि ए उसक व चन क पराम िय क ी ब हत अ लधक आव शयक त ा ह

- डॉ बर स एि फ़ीलस

परम श व र क ी सवि हम क ई ब ात ल सख ा त ी ह सब स मि भत ब ात यह व न सस द ह हम यह लसख ात ी ह वक व ह सव ो चच सव िक त ा य ह परम श व र व ह ह ज ो सब व सत ओ क ो िनय स उ त पनन क रत ा ह अतः यह हम उ सक ी सा म रथयय क ब ा र म भी लसख ाती ह रोव म यो 1 क अ न सा र यह हम उसक ी धाव मय कत ा क ब ा र म लसख ा ती ह हम रो वम यो 1 म पा त ह वक सब मन ष य ज ा नत ह व क परम श व र ह व क उ सक ी आराधन ा क ी जा न ी चाव हए और सब ि ो ग ो क पास परम श व र की धा व मय क ता और पववतर ता का ब ो ध ह पा पी म न षयो क रप म हम उस दब ा द त ह हम उ स अ नद ख ा क रन क ा परयास क रत ह अतः सवि हम लसख ाती ह वक परम श व र सव ि कत ा य ह वह साम थी ह और व ह धमी ह पापी म न ष यो क रप म हम उ न ब ात ो क ा इनकार क रन और उ नह दब ा न क ा परयास क रत ह अ तः परम श व र क ब ा र म जो ब ात सव ि न ही ल सखा त ी व ह यह ह वक हम उ सक सा थ सही स ब ध क स ब न ा ए सवि व ब ात ल सख ात ी ह ज ो म न यहा द िा यई ह पर त यह हम परम श व र क अ न गरह और परभ यीि म सीह म द या क वव षय म न ही ल सख ात ी इ सक ल ि ए परभ यी ि म सीह म उ सक क ा यो पर उ सस स ब लधत परक परक ािन क ा होना आव शयक ह

- डॉ क ािय आर टर म न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सामानय परकाशन क परमत य नकारातमक दमषटक ण पराकमतक धमगमवजञान पर बहत अचधक मनभगर रहन क मवषय म एक कडी चतावनी क उतपनन करत ह पराकमतक धमगमवजञान तरमटरमहत नही ह कय मक पाप न समषट स परापत हमार अनभव स परमश वर क मवषय म सीिन की हमारी िमता क भरषट कर मदया ह रभीर मसीही धमगमवजञामनय क सवोततम परयास क बावजद भी पराकमतक धमगमवजञान न मनरनतर सामानय परकाशन का रलत अथग मनकाला ह और परमश वर क परमत हमारी अवधारणा म ममथया बात क राला ह

उदाहरण क चलए धमागधयिीय और मधयकालीन अवचधय क दौरान अनयजामत क यनानी रहसटयवाद न बहत स ल र क इस बात का इनकार करन क परररत मकया मक मनषय परमश वर क बार म कछ जान सकता ह अठारहवी शताबदी म परकमत की वयवसटथा क परमत रलत समझ न कई धमगमवजञामनय क परब धन दववाद अथागत ऐसा मवश वास मक परमश वर इस ससार की रमतमवचधय म ससममचलत नही ह का समथगन क परररत मकया हाल ही समदय म जीवमवजञान क मवजञानीय अधययन न ल र क समषटकताग क रप म परमश वर क बाइबल क चचतरण का इनकार करन क परररत मकया ह परतयक पडाव पर मनषय क हदय की भरषटता न सामानय परकाशन म परमश वर क बार म परकट सतय क ि दन म धमगमवजञामनय क परररत मकया ह

मनसटसदह पराकमतक धमगमवजञान क परमत य नकारातमक दमषटक ण एक मलभत परशन की ओर अरवाई करत ह यमद पाप सामानय परकाशन क परमत हमारी जाररकता क भरषट करता ह त हम परमश वर क बार म सतय क कस जान सकत ह

इस परशन का उततर दन क चलए हम ईश वरीय परकाशन क दसर मखय परकार क दिर सामानय परकाशन क अमतररि यीश न यह भी चसिाया मक परमश वर न हम मवशष या सटीक परकाशन मदया ह

व व िष परक ािन वयापक रप म कह त मवशष परकाशन अलौमकक माधयम क दवारा परमश वर का सटव-परकटीकरण ह पमवतर आतमा न सटवपन दशगन वाचणय और उदधार तथा दर क बड कायो क दवारा परकाशन मदया ह परमश वर न सटवय क पररणा-परापत मानवीय परमतमनचधय क दवारा भी परकट मकया ह जस मक उसक भमवषयदविा और परररत ज पमवतर आतमा क दवारा पररणा-परापत थ और मनसटसदह जसा मक हमन पहल कहा था परमश वर का सबस बडा मवशष परकाशन मसीह म था

परमश वर की धमगचशिा क चलए मवशष परकाशन क महतव क बढ़ा चढ़ा कर नही बताया जा सकता यह परमश वर क उददशय क चलए इतना आवशयक ह मक पाप क इस ससार म आन स पहल ही परमश वर न आदम और हववा का मवशष मौचिक परकाशन क दवारा मारगदशगन मकया और मनसटसदह मवशष परकाशन पाप म पतन क बाद भी महतवपणग रहा ह यह न कवल सामानय परकाशन क समझन क हमार परयास का मारगदशगन करता ह बसलक यह अनत उदधार क मारग क भी परकट करता ह

यह मकतना भी अदभत कय न ह मक परमश वर न हम अलौमकक परकाशन परदान मकया ह - ससार म पाप क आन स पहल और बाद म भी - परत चजस हम सामानय रप स ldquoपरमश वर की ओर स मवशष परकाशनrdquo कहत ह वह हजार वषो पहल घमटत हआ था अतः हम आज मवशष परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म कस सीित ह

एक बार मिर स हम उस ओर मडना चामहए ज परमश वर क सवोचच परकाशन अथागत यीश न चसिाया था सिप म मसीह न अपन अनयामयय क चसिाया मक व सटवय क पमवतरशासटतर म मदए हए परमश वर क मवशष परकाशन क परमत सममपगत कर मरकस 1228-34 जस अनचछद सटपषट रप स दशागत ह मक यीश न अपन समय क अनय रसबबय क समान परमश वर क मवशष चलचित परकाशन क रप म परान मनयम की पमषट की

और हम जानत ह मक नया मनयम भी परमश वर का पररणा-परापत परकाशन ह यहनना 1612-13 और इमिचसय 220 जस सटथान म हम सीित ह मक यीश क सटवरागर हण क बाद उसन पमवतर आतमा क पहली

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सदी क परररत और भमवषयदविाओ क परचशचित करन क चलए भजा मक व उसकी कलीचसया क समि परमश वर क परकट कर नया मनयम पहली सदी क इन परररमतक और भमवषयदवाणीय मवशष परकाशन का हमारा परमतमनचध सकलन ह इसी कारण ससमाचाररक मसीही बल दत ह मक हम इमतहास म सामानय परकाशन और मवशष परकाशन द न म परमश वर क परकटीकरण क समझन क चलए पमवतरशासटतर पर मनभगर ह सकत ह

परमश वर क परकाशन और रहसटय क मवषय म हमार अधययन म हमन परमश वर क मवषय म हमार सपणग जञान क सर त क रप म ईश वरीय परकाशन की ि ज की ह अब आइए इस पहल क दसर महसटस की ओर मड ईशवरीय रहसटय अथागत परमश वर क बार म व बहत सी बात ज चछपी रहती ह क परमश वर मवजञान क हमार अधययन क मकस परकार परभामवत करना चामहए

ईश वरीय रहसय

एक बात लज स हम सम झन ा ह और ज ो सम झन क लि ए आसान न ही ह व ह ह वक व ा स तव म परम श वर कौ न ह वह जञानाती त ह व ह सव ि स पर ह जो कछ हम यहा इ स स सार म अ नभ व क रत ह उ सन रचा ह इ सल ि ए हम व ा सत व म उ स तब तक न ही ज ा न सक त ज ब त क व ह स व य क ो परकट न ही क रत ा जब तक व ह व कसी त रह स इ स सव ि म परव ि न ही क रता व ह हम स ब ात क रता ह वह हम पर स व य क ो परक ट क रता ह ज ो उसन पणय रप स अ पन पतर यी ि म वक या ह पर त उ सस व ह हम ा र ल ि ए रहसयमयी बन जात ा ह और सचचा ई यह ह व क व ही एक मा तर त रीक ा ह लज सम हम परम श व र क राज य क ो उ सक िा सन क ो और उ सक अ ल धक ार क ो ज ा न सकत ह - क यो वक वह हम यहा रहन क ी अ नम वत द त ा ह और व ह एक अ द शय परम श व र ह - इसल ि ए उ सक राज य क ो ज ान न क ा क वि एक त रीक ा यही ह व क वह उस हम पर परक ट क र द

- डॉ र रक ब ॉयड

जसा मक हम दि चक ह परमश वर न सटवय और मनषयजामत क बीच की एक बहत बडी दरी पर मवजय परापत कर ली ह उसन अपन सामानय और मवशष परकाशन क दवारा हमार चलए यह सभव बनाया मक हम उसक मवषय म जान सक परत साथ ही परमश वर क बार म हमारा जञान ईश वरीय रहसटय क दवारा बहत अचधक परभामवत ह ता ह ऐसी बहत सी बात ह चजनह परमश वर न अपन बार म परकट नही मकया ह

ईश वरीय रहसटय क समझना परमश वर मवजञान क चलए इतना महतवपणग ह मक यह इस द चरण म दिन म हमारी सहायता कररा हम पहल ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा क सटपषट करर तब हम रहसटय क उन परकार क सटपशग करर चजनका हम सामना करत ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा कया ह

मि भत धारण ा शबद ldquoरहसटयrdquo का परय र पमवतरशासटतर म मवमभनन तरीक स मकया जाता ह परत हमार उददशय क चलए

हम कह सकत ह मक ईश वरीय रहसटय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र क व व षय म ऐस अ स खय अ परक ा लित सत य ह ज ो परम श व र क परवत हमा री सम झ क ो सीव मत करत ह

हम इस पररभाषा क द पहलओ क उजारर करर पहला पहल यह तथय ह मक ईश वरीय रहसटय ldquoपरमश वर क मवषय म असखय अपरकाचशत सतय हrdquo र ममय 1133 म परररत पौलस न सकत मदया मक हम सदव ईश वरीय रहसटय क परमत सचत रहना चामहए उसन चलिा

आहा परम श व र क ा धन और ब लि और जञान कया ही ग भी र ह

उ सक ववचार क स अथाह और उ सक मा गय क स अ गम ह (रो व म यो 1 1 3 3 )

इस पद तक क अधयाय म पौलस न सामानय और मवशष परकाशन क दवारा परमश वर क बार म कई मजबत धारणाओ क दशागया परत इस अनचछद म पौलस न परमश वर क जञान और बचदध की ldquoरभीरताrdquo की ओर सकत मकया और उसन सटवीकार मकया मक परमश वर क मवचार ldquoअथाहrdquo ह और ldquoउसक मारग अरमrdquo ह यदयमप पौलस न ईश वरीय परकाशन क दवारा परमश वर क बार म बहत कछ समझा था मिर भी उसन असखय रहसटय अथागत ऐसी बात का सामना मकया चजनह परमश वर क आतमा न परकट नही मकया था

परम श व र रहस यम यी ह क यो वक व ह क सी भ ी समझ और जञान स पर ह ज ो हम ार पा स हो व ह सम य सम य पर हम स परा म िय वक ए वब न ा क ा यय क रत ा ह व ह सद व हम स परा म िय लि ए व बन ा ही क ायय क रत ा ह पर त क ई ब ार उसक क ायय क रन क त रीक क ो सम झना हमा र लि ए क व ठन होता ह वह इस भाव म भ ी सम झ स पर ह वक को ई भी परम श व र क जञान क ो पणय रप स परा पत नही कर सक त ा वहा रहस य क ा होन ा अ वशय ह क यो वक वह परम श व र ह और क ोई रलचत पराणी न ही ह परम श व र क रहस यम यी हो न क बा र म ऐसा क छ न ही ह व क जो हम ा र लि ए वक सी रप म क ोई सम सया हो परम श व र क रहस य क ा अ थय यह न ही ह व क उ स तक पह चा नही ज ा सक ता इसक ा अ थय यह न ही ह वक वह हम स परम न ही क रत ा और वक हम उसक परम क ो म हसस न ही क र सक त ह इ सक ा अ थय इ नम स क ो ई भ ी ब ा त न ही ह व ा सत व म यवद वह रहस यमयी न हो त ा त ो हम सरलकषत रप स क ह सक त थ वक व ह परम श व र नही ह हम ऐसा परम श व र क यो चावहए जो रहसयमयी न हो हम उ स ज ा न त ह व यापक रप स न ही पर त हम उ स सचच रप स ज ा न त ह हम उ स सम झत नही पर त व न ल ित रप स हम उस कहन क लि ए पया यपत रप स ज ा नत ह व क हम वक सी अ स पि द ा िय व नक ल सिा त क ो नही ब सलक परम श व र क ो ज ा न त ह

- डॉ ववलि यम ऐड ग ा र

मपरसटन चथय ल चजकल समीनरी क मवचधवत धमगमवजञान क पर िसर चालसग ह ज चजनका जीवनकाल 1797-1878 तक था न महतवपणग रप म ईश वरीय रहसटय क साररमभगत मकया अपन मवचधवत धमगमवजञान क पहल ससटकरण क भार 1 क अधयाय 4 म उसन यह चलिा

परम श व र म उसक व व षय म हम ा र वव चा रो स ब ढक र ब हत क छ ह और उसक व व षय म हम ज ो क छ ज ा नत ह व ह हम अ पणय रप स ज ान त ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ह ज न यहा द महतवपणग अवल कन क दशागया ह पहल उसन बल मदया मक परमश वर क बार म ज सतय ह वह ldquoहमार मवचार स बढ़कर बहत कछ हrdquo यहा पर कवल थ ड स रहसटय नही ह न ही बहत स रहसटय ह इसकी अपिा कय मक परमश वर सटवय असीम ह इसचलए वहा हमारी कलपना स बढ़कर बहत स रहसटय ह ह ज न यह भी सटपषट मकया मक ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क इतना भर दत ह मक ldquo[परमश वर क] मवषय म हम ज कछ जानत ह वह हम अपणग रप स जानत हrdquo दसर शबद म परमश वर क बार म ऐसी एक भी बात नही ह चजस हम पणग रीमत स समझत ह

क ई ब ार जब हम वक सी क ो यह क हत हए सन त ह व क परम श व र समझ स पर ह त ो हम इस पर एक त रह स नक ा रात मक परव त वकर या द त ह - कया म उ स नही ज ान सक त ा क या म उ सक ब ा र म ज ान का री परापत न ही क र सकता और व नस स द ह ब ाइबि परम श व र क ा सव -परक ा िन ह उ सन स व य क ो परक ट व क या ह त ा व क हम उ स व यविगत रप स जान सक और उसक बा र म क छ ब ात ो क ो जा न सक पर त यवद आप रकक र उसक ब ा र म सो च वक यवद परम श व र सच म अ सीवम त परम श व र ह त ो म रा छ ोट ा सा वद म ाग और यहा तक वक इ स स सा र क ा सव ो ततम धमय व जञाव नक वदम ाग भ ी उ स उ सकी पणयत ा म समझ न ही पा एग ा अ पन ी पर रभ ा षा क अ न सार यव द म उ स सम झ सक तो म उ सक ल जत ना ही महा न हो ज ा ऊ ग ा और इसल ि ए यह ब हत ही म हतव पणय भ ा ग ह हम ारा परम श व र क ोई छ ोट ा परम श व र नही ह व ह इ तन ा छो ट ा न ही ह वक म अ पन वद म ा ग या वक सी पसत क म उ सक ी स पणय सम झ क ो परापत क र ि हम आभ ारी ह वक उ सन स व य क ो पयायपत रप स परक ट वक या ह और यह वक उ सन हम ा र उ ि ा र क ा परब ध वक या ह त ा व क हम उ सक ब ा र म कछ सम झ क ो परापत क र सक और उ सक साथ स ग वत रख सक उ सक साथ सही स ग वत म रह सक और उ सक ब ा र म सही ववचार रख सक चा ह व ह व या पक रप स न हो पर त उस ज ान ा ज ा सकत ा ह क यो वक उ सन स व य क ो पराकल ित वक या ह पर त व ह समझ स पर ह और उसक ी पणयत ा परम श व र क ब ा र म हम ारी सम झ और उसक लि ए हम ारी आरधना और उसक परव त हम ारी आजञाक ा र रत ा क लि ए ब हत अ ल धक बहत ही अ लधक महतव पणय ह

- डॉ ग ा रथ क ोक र रि

यह पहचानन क अमतररि मक ईश वरीय रहसटय असखय ह हम सदव ईश वरीय रहसटय क दसर महतवपणग पहल पर भी धयान दना चामहए ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क बहत सीममत कर दत ह जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह

ऐस कई मवमभनन तरीक ह चजनम ईश वरीय रहसटय परमश वर क बार म हमार जञान क सीममत कर दत ह परत इस अधयाय क चलए हम कवल द तरीक पर धयान दर एक ओर हमार पास परमश वर क बार म बहत ही सीममत जानकारी ह यदयमप परमश वर न सटपषट कर मदया ह मक उदधार और मसीह म जीवन क चलए आवशयक कया ह वासटतव म हमम स क ई भी परमश वर क बार म अचधक कछ नही समझता पहला कररसनथय 1312 हम बताता ह मक हम परमश वर का सतय कवल ldquoधधलाrdquo मदिाई दता ह जस मक हम ldquoएक दपगण मrdquo दि रह ह

इसचलए परमश वर की धमगचशिा क मवचार-मवमशग म असखय परशन उठ िड ह त ह चजनका ऐस ही परी तरह स उततर नही मदया जा सकता उदारण क चलए परमश वर बराई क कय अनममत दता ह वतगमान

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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घटनाओ म हम परमश वर क उददशय क कस समझ सकत ह बहत स धमगमवजञानी मवशषकर व ज सदहवामदय स मघर हए ह ऐसी कलपनाओ म रहत ह कय मक व यह सटवीकार नही कर सकत मक हमार पास ऐस परशन क उततर नही ह परत ईश वरीय रहसटय अकसर मसीह क मवश वासय गय अनयामयय क यह सटवीकार करन म अरवाई दत ह ldquoमझ नही पताrdquo जब बात परमश वर की धमगचशिा की आती ह तब यमद परमश वर न इस परकट नही मकया ह त हम इस जान नही सकत यह इतनी सरल बात ह

मसीह क मवश वासय गय अनयायी ह न क नात हम इस सचचाई स कभी भारना नही चामहए मक हमार पास परमश वर क बार म सीममत जानकारी ह वासटतव म पल दर पल इस तरह की सीममतता क सटमरण करना एक आशीष ह ईश वरीय रहसटय हम परमश वर पर भर सा रिन क मववश करत ह हम परमश वर क जञान क परापत करन क चलए अपनी सीममत य गयताओ पर मवश वास रिन की अपिा पमवतर आतमा की सवकाई क दवारा मपता और मसीह पर मनभगर ह ना चामहए

दसरी ओर ईश वरीय रहसटय का अथग यह भी ह मक मनषय कवल परमश वर क परकाशन क सीममत सटपषटीकरण ही परसटतत कर सकत ह हम इस बात पर बल दन म सही ह मक सतय क परमश वर का परकाशन सटवय म मवर धाभासी नही ह और हम परमश वर क परकाशन क बीच बहत स तामकग क सबध क दि सकत ह परत चाह हम सटवीकार कर या न कर ईश वरीय रहसटय न कवल इस बात क सीममत करत ह मक हमार पास परमश वर क बार म मकतनी जानकारी ह साथ ही व परमश वर न ज सटवय क बार म परकट मकया ह उसम स अचधकाश बात की तामकग क सबदधता क सटपषट करन की हमारी य गयता क भी सीममत कर दत ह

उदाहरण क चलए हम मतरएकता अथागत परमश वर एक ह और उसक तीन वयमितव ह का सपणग रप स तामकग क सटपषटीकरण नही द सकत हम इस वासटतमवकता क परतयक पहल क तामकग क रप स सटपषट नही कर सकत मक यीश पणग रप स परमश वर और मनषय द न ह हम परी तरह स यह सटपषट नही कर सकत मक परमश वर मनषय क मकरयाकलाप पर सपणग परभतव रिन क बाद भी हम हमार कायो क चलए कस चजममदार ठहराता ह सवोततम मसीही मवचारक न इन और इन जस अनय परशन क उततर दन का परयास मकयाह परत व सपणग और तामकग क सटपषटीकरण क परदान करन क मनकट आन म भी असिल रह ह

अततः परमश वर न सटवय क बार म ज कछ परकट मकया ह उसकी तामकग क सबदधता क सटपषट करन का परयास करना महतवपणग ह सकता ह परत हम इस तरह स मनधागररत नही करत ह मक कया सतय ह और कया झठ मकसी भी धमगवजञामनक दाव का सतय कवल इस बात पर मनभगर करता ह मक कया परमश वर न इस सामानय या मवशष परकाशन म परकट मकया ह या नही

ज ब धमय ववजञानी क हत ह वक परम श व र सम झ स पर ह त ो उनक कहन क ा अ थय यह हो त ा ह वक हम जो न शवर परा णी ह उ सक स पणय सार और अ ससतत व क ो समझ और ब झ नही सक त परम श व र क अ सी वम त हो न क क ा रण यह स भ ा व न ा ब हत ही कम ह व क हम उस उस उसक ी पणयता म समझ और ज ा न सक म उस स म रण क रत ा ह ज ो पौि स रो वम यो 1 1 3 3 -3 4 म कहत ा ह ज ब व ह परम शवर क अथ ा ह जञा न और ब ल ि क ब ा र म बा त क रता ह पर त वफर भी क यो व क उ सन हम पयायपत स व -परकट ीकरण परद ा न वक या ह इ सलि ए यह ववश वास म आन हत हम ा र ल ि ए पया यपत ह

- रव ह ि री को क रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय रहसटय क महतव क और अचधक रप स समझन क चलए हमन मलभत धारणा की ि ज की ह अब ईश वरीय रहसटय क उन मवमभनन परकार पर धयान दना सहायक ह रा ज उस समय मकरयासनवत ह त ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह

वभनन परका र हम रहसटय क द मवमभनन परकार क बीच अनतर कर सकत ह पहल परकार क हम ldquoअसटथाई रहसटयrdquo

कहर आइए दि मक ऐसा कहन स हमारा कया अथग ह अ सथाई असटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह ज एक मनचित अवचध तक मनषय स चछप

हए ह परत मिर व इमतहास म बाद म मकसी समय परकट मकए जात ह परमश वर सामानय परकाशन क दवारा अकसर उस परकट करता ह ज एक समय म रहसटयमयी था वह भौमतक ससार मानवीय ससटकमत अनय ल र या यहा तक मक हमार भीतर आए पररवतगन का परय र असटथाई रहसटय क परकट करन क चलए करता ह

मवशष परकाशन क साथ भी कछ ऐसा ही ह ता ह पमवतरशासटतर का धयान स मकया हआ अधययन दशागता ह मक परमश वर क बाद क परकाशन न उसक पहल क परकाशन का कभी मवर धाभास नही मकया ह परत यह भी सटपषट ह मक परमश वर न समय क साथ-साथ अपन बार म और अचधक परकट मकया ह मवशष परकाशन का परकटीकरण बाइबल क इमतहास की परतयक अवचध क दौरान हआ ह मनसटसदह ईश वरीय रहसटय का सबस नाटकीय परकटीकरण मसीह क मवशष परकाशन म हआ पौलस क मन म यही बात थी जब उसन इमिचसय 19 33 और 619 क चलिा इन पद म पौलस न मसीह म परमश वर क अनत उददशय क रहसटय क दशागया उसन सटपषट मकया मक यह रहसटय नए मनयम क परररत और भमवषयदविाओ क समय तक चछपाए रिा रया था

इसी कारण जब कभी हम परमश वर क बार म सीिन का परयास करत ह त हम परान मनयम म पाए जान वाल असटथाई रहसटय क सटपषट करन क चलए सदव नए मनयम क मवशष परकाशन की ि ज करनी चामहए

क ई ब ार हम िब द ldquo रहसयम यrdquo क ा परयोग परम श वर क ब ा र म ब ा त क रन क ल ि ए क रत ह क यो व क हम सम झ न ही पा त ह वक वह व ास तव म क या क र रहा ह द सरी ओर नया वन यम िब द ldquo रहसयमयrdquo क ा परयोग सा म ा नय रप म क रत ा ह ज ो व क यन ा नी िबद वम सट ीररयोन स आत ा ह - यह व ा स तव म समा न िब द ह - इ सक ा अ थय ह व क परम श व र दवा रा उ िार क ी अ नगरहक ारी योजन ा क ा परकट ीक रण ऐसी ब ात ह ल ज स हम अ पन आप स क भ ी सो च ही न ही पात अथ ा यत यह इस भाव म रहस य ह व क हम इ स कभ ी भ ी सम झ न ही पा त यवद परम श व र न इ स हम पर परक ट न वक या होत ा और इ सलि ए परम श व र अ पन वव िष परक ािन म अ पनी योजन ा क ो हम पर परक ट क रत ा ह और यही क ा रण ह वक आप िब द वम सट ीररयोन क ा परयोग इ व फल सयो और 1 क र रस नथ यो म होत ा हआ दख त ह यह ऐसा ह व क परम श व र धीर धी र अ पन परक ािन क ो परक ट क र रहा ह और हम वदख ा रहा ह वक क स उिार यहव द यो और अनयज ा व त यो द ो नो क ल ि ए ह और यह वक सी भ ी व यव ि क ल ि ए ह ज ो यी ि म सी ह क ो अ पन म सी ह क रप म स व ीक ा र क रग ा

- डॉ स म एि ि ाम रसन

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत नए मनयम क मवश वासी ह न क बावजद भी हम यह भी सटमरण रिना चामहए मक परमश वर न अभी तक परतयक असटथाई रहसटय क परकट नही मकया ह 1 कररसनथय 1312 म पौलस इस इस तरह स चलिता ह

इ स सम य म रा जञान अ धरा ह पर त उ स सम य ऐसी परी रीवत स पव हचा न ग ा (1 क र रस नथ यो 13 12 )

जब मसीह ममहमा म वापस आएरा कवल तभी वह परतयक असटथाई रहसटय क परकट कर दरा और हम परमश वर और उसक मारो क आज की अपिा कही अचधक परी तरह स समझ पाएर

जसा मक हम दि चक ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त हम कई असटथाई रहसटय का सामना करत ह परत बाइबल इस सटपषट कर दती ह मक जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह त हम सटथाई रहसटय क भी दिना ह ता ह

सथा ई सटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह चजनह मनषय कभी समझ नही पाएरा कय मक य सतय हमारी समझ स पर ह पारपररक धमगमवजञान म इस वासटतमवकता क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क रप म कहा जाता ह हम परमश वर क बार म कछ बात क समझ सकत ह जब वह उनह मानवीय रग प म परकट करता ह परत हम परमश वर क बार म मकसी भी बात क परी तरह स कभी नही समझ सकर हम इस मवचार क यशायाह 558-9 म सटपषट रप स अमभवयि पात ह जहा भमवषयदविा यशायाह यह चलिा ह

क यो वक यहोवा क हत ा ह म र ववचार और त म हा र ववचार एक सम ान न ही ह न तमहा री ग व त और म री ग व त एक सी ह क यो वक म री और तमहा री गवत म और म र और त म हा र सोच व व चा रो म आक ाि और परथवी क ा अ नतर ह (यिायाह 5 5 8 -9 )

इन पद म यशायाह न इसराएल क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क कारण उतपनन परमश वर क सटथाई रहसटय क सटमरण मदलाया

जब पववतर िासतर परम श व र क ो रहस यमयी क रप म द िायता ह त ो हम यह सव न ल ित क रना चावहए वक हम िब द ldquo रहसय rdquo क ो गित रप म न समझ ि जब म इ स स सा र क ी वस त ओ क रहस यम यी होन क बा र म सो चता ह त ो मझ िग त ा ह व क उ नक क छ ल छ प हए रहस य ह जो म झ वकसी सम य पर चवकत क र द ग ऐसी ब ात इ स व व षय म न ही ह ldquo रहसयम यीrdquo स हम ा रा अ थय यह ह वक परम श व र सम झ स पर ह हम ारा अ थय ह व क उ सक पा स ऐसा ज ी व न ह ज ो हमा री क ल पन ा स पर ह इसक ा अ थय यह ह वक उ सक ब ार म ऐसा कछ ह ल ज स हम परी री व त स समझ न ही सक त और म भ ी उ स सम झ न ही सक ता इ सक ा अथय ह वक यह म र रलचत ज ीव न स पर क ी ब ात ह वह म री सो च स वह बह त ब ड़ा ह इ सक ल ि ए लजस तकन ीक ी धमय व जञा व न क िबद का हम परयो ग क रत ह व ह ह ldquoअ न भवा त ी तrdquo परम श वर अ न भवात ीत ह वह हम ा र सोच-ववचार क ी सीम ा स पर ह और इ सी लि ए व ह आरा धन ा क यो गय ह इ सी लि ए वह म हान ह इ सी लि ए वह ऐसा ह ल ज सकी हम परि सा क रत ह

-डॉ ग री एम ब जय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र म रहस य आ ल िक रप स उ सक ी इस परक वत क क ारण ह व क व ह क ौ न ह और उ सक अ सी वम त ब न ाम हम ा र सी वम त हो न हम ा री सी वम तता तथा उसक ी असीवमत सा म रथयय और समझ क क ा रण ह पर त सा थ ही यह व व िष रप स सव ि म उ सक उ दद शयो और योज न ा ओ स भ ी स ब ल धत ह परम श व र कयो इ सी त रीक स क ा यय क रता और उ स त रीक स क ा यय न ही क रत ा ह और म सो चत ा ह वक बहत ब ा र अ हक ा री म न ष यो क रप म हम यह सोचत ह वक हम परम श व र स ब हतर क ा यो क ो क रन ा ज ान त ह पर त परम श वर क रहस य म उ द ाह रण क लि ए व यवसथा वववरण 29 29 म यह इ सक ब ा र म पवव तर िास तर म ब ात क रत ा ह ग पत ब ात परम श व र क ी ही ह पर त जो बा त उ सन परक ट क ी ह उन म हम आन नद और उ त सव मन ा सक त ह और व हा एक ऐसा भ ा व ह ल ज सम हम स वी क ार कर सकत ह वक परम श व र न हम सब क छ न ही ब ता या ह उ सन अ पन ब ा र म हम सब कछ न ही बत ा या ह - व ह क स बत ा सक त ा ह और हम उ स क स सम झ सक त ह पर त सा थ ही उ सन हम वह सब भी न ही ब त ा या ह वक वह अ पन उ दद शयो और योज न ा ओ क ो क स परा क र रहा ह और परा न व न यम क अ ययब स ब हतर इ स क ोई न ही ज ान त ा जो इ स वव षय म परशनो का उतत र चा हत ा था वक परम श व र न इ न ब ात ो क ी अ नम वत क यो दी और परम श व र न उ स वह उतत र न ही वद या जो वह चाहत ा था परम श व र न उ स यह उ ततर व द या ldquoम ज ान त ा ह वक म क या क र रहा ह और एक भाव म म री यो ज न ा म एक रहस य ह ल ज स क वि म ही परी त रह स सपि क र सक त ा ह और अ तत ः त सम य क अ त म दख गा जब सब कछ अ चा नक स और परी त रह स अ थय पणय हो ग ा rdquo

-रव ह डॉ ि ईस व व क ि र

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस शिला का जब हम आरभ करत ह त हम सदव यह याद रिना चामहए मक यदयमप परमश वर न सटवय क सामानय और मवशष द न परकार क परकाशन म परकट मकया ह मिर भी उसन हमस सटथाई और असटथाई द न परकार क रहसटय क चछपाए रिा ह हम इस वासटतमवकता स ऐसी ही बच नही सकत मक हम कवल रचचत पराणी ही ह चजनकी परमश वर क मवषय म समझ सदव बहत ही सीममत ह

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस अधयाय म अब तक हमन ऐस कछ तरीक क दिा ह चजनम ईश वरीय परकाशन और रहसटय परमश वर मवजञान क अधययन क आकार दत ह अब हम अपन दसर मखय मवषय की ओर मडन क चलए तयार ह परमश वर की मवशषताए और उसक कायग य मवषय उन द पराथममक तरीक क परसटतत करत ह चजनक दवारा पारपररक धमगमवजञामनय न परमश वर क बार म हमार जञान क साररमभगत मकया ह

गण औ र क ायय

परमश वर क रण और कायो क अमतररि मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर परमश वर मवजञान म मतरएकता क धमगचशिा क ऊपर भी बहत अचधक धयान कसनित मकया ह हमन पमवतर मतरएकता क ऊपर कझ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सीमा तक परररत का मवश वासवचन क ऊपर हमारी शिला म वातागलाप मकया ह इस शिला म हम इन द अनय मखय मवषय क ऊपर धयान कसनित करर

उततर ततर अधयाय म हम परमश वर क रण और कायो क ऊपर कई मवशषताओ की ि ज करर परत इस समय हम यहा पर कवल एक ही अवधारणा का पररचय दर परथम हम ईश वरीय रण या परमश वर कौन ह क ऊपर धयान दर और दसरा हम ईश वरीय कायो की ओर मडर या परमश वर कया करता ह आइए परमश वर क ईश वरीय रण स आरभ कर

ईश वरीय ग ण ईश वरीय रण क मवषय का पररचय द चरण म कराना सहायतापणग ह रा हम परमश वर क रण की

मल धारणा स आरभ करर तब हम ईश वरीय रण क परकार की जाच करर ज मक अकसर मवचधवत धमगमवजञान म मभनन रप म पहचान रए ह इसचलए ईश वरीय रण की मल धारणा कया हॽ

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश मसीमहय क यह पछना ह मक परमश वर क कया रण हॽ त ह सकता ह मक

कदाचचत वह यह कह मक परमश वर क रण व सारी य गयताए या चाररमतरक रण ह चजनह पमवतरशासटतर परमश वर स ससमबसनधत करता ह ठीक ह यह दमषटक ण तब तक सही ह जब तक यह इस माना जाता रह परत पारपररक धमगमवजञान म वाकयाश परमश वर क रण कछ मवशष बात की सकत दता ह

मवचधवत धमगमवजञान म ईश वरीय रण

परम श व र क सा र क ी पणयत ा ए वव व भ नन त रह क ऐवत हा लसक परगट ी क रणो क दव ा रा परक ट क ी गई ह

यह पररभाषा द पराथममक तथय क उजारर करती ह ज मक परमश वर क रण क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग क चचमतरत करती ह परथम सटथान पर परमश वर क रण परमश वर क सार की पणगताए ह आधमनक ससमाचारवादी अकसर परमश वर क सार की ओर सकत नही करत ह इसचलए इस धारणा की ि ज करनी सहायतापणग ह रा

शबद सार क साथ आरभ करत हए ज मक लमटन शबद इशसनसया क अनवाद का अथग सार या अससटततव क रप म करता ह लमटन धमगमवजञान म परमश वर का सार मनकट घमनषठता क साथ शबद सबसटसनसया या ततव क साथ समबदध ह धमागधयिीय और मधयकालीन धमगमवजञामनय न इन शबद क नव-अिलातनवाद और अरसटत क दाशगमनक मवचार स अपनाया था अब पलट और अरसटत क दमषटक ण म सार का मवचार मवमभनन तरह स पाया जाता ह और सार की धारणा क सबध म कई महतवपणग जमटलताए आधमनक दशगनशासटतर म उठ िडी हई ह परत आतमसात करन क चलए यह मल मवचार कमठन नही ह

सरल शबद म मकसी वसटत का सार अससटततव या ततव एक न पररवमतगत ह न वाली वासटतमवकता ह ती ह ज इसक सभी बाहरी सटवरप पररवमतगत ह त पररटीकरण की पषठभमम म ह ती ह मसीही धमगमवजञामनय न सार क इसी मवचार स अपन अधययन क आधाररत मकया ह जब उनह न परमश वर क रण और पणगताओ क ऊपर मवचार मवमशग मकया

सामानय रप म परमश वर क सार म चार महतवपणग मभननताए ससममचलत ह परमश वर का सार परमश वर सटवय कया ह परमश वर की पणगताए या रण परमश वर क सार की य गयताए परमश वर का

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 11: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सामानय परकाशन क परमत य नकारातमक दमषटक ण पराकमतक धमगमवजञान पर बहत अचधक मनभगर रहन क मवषय म एक कडी चतावनी क उतपनन करत ह पराकमतक धमगमवजञान तरमटरमहत नही ह कय मक पाप न समषट स परापत हमार अनभव स परमश वर क मवषय म सीिन की हमारी िमता क भरषट कर मदया ह रभीर मसीही धमगमवजञामनय क सवोततम परयास क बावजद भी पराकमतक धमगमवजञान न मनरनतर सामानय परकाशन का रलत अथग मनकाला ह और परमश वर क परमत हमारी अवधारणा म ममथया बात क राला ह

उदाहरण क चलए धमागधयिीय और मधयकालीन अवचधय क दौरान अनयजामत क यनानी रहसटयवाद न बहत स ल र क इस बात का इनकार करन क परररत मकया मक मनषय परमश वर क बार म कछ जान सकता ह अठारहवी शताबदी म परकमत की वयवसटथा क परमत रलत समझ न कई धमगमवजञामनय क परब धन दववाद अथागत ऐसा मवश वास मक परमश वर इस ससार की रमतमवचधय म ससममचलत नही ह का समथगन क परररत मकया हाल ही समदय म जीवमवजञान क मवजञानीय अधययन न ल र क समषटकताग क रप म परमश वर क बाइबल क चचतरण का इनकार करन क परररत मकया ह परतयक पडाव पर मनषय क हदय की भरषटता न सामानय परकाशन म परमश वर क बार म परकट सतय क ि दन म धमगमवजञामनय क परररत मकया ह

मनसटसदह पराकमतक धमगमवजञान क परमत य नकारातमक दमषटक ण एक मलभत परशन की ओर अरवाई करत ह यमद पाप सामानय परकाशन क परमत हमारी जाररकता क भरषट करता ह त हम परमश वर क बार म सतय क कस जान सकत ह

इस परशन का उततर दन क चलए हम ईश वरीय परकाशन क दसर मखय परकार क दिर सामानय परकाशन क अमतररि यीश न यह भी चसिाया मक परमश वर न हम मवशष या सटीक परकाशन मदया ह

व व िष परक ािन वयापक रप म कह त मवशष परकाशन अलौमकक माधयम क दवारा परमश वर का सटव-परकटीकरण ह पमवतर आतमा न सटवपन दशगन वाचणय और उदधार तथा दर क बड कायो क दवारा परकाशन मदया ह परमश वर न सटवय क पररणा-परापत मानवीय परमतमनचधय क दवारा भी परकट मकया ह जस मक उसक भमवषयदविा और परररत ज पमवतर आतमा क दवारा पररणा-परापत थ और मनसटसदह जसा मक हमन पहल कहा था परमश वर का सबस बडा मवशष परकाशन मसीह म था

परमश वर की धमगचशिा क चलए मवशष परकाशन क महतव क बढ़ा चढ़ा कर नही बताया जा सकता यह परमश वर क उददशय क चलए इतना आवशयक ह मक पाप क इस ससार म आन स पहल ही परमश वर न आदम और हववा का मवशष मौचिक परकाशन क दवारा मारगदशगन मकया और मनसटसदह मवशष परकाशन पाप म पतन क बाद भी महतवपणग रहा ह यह न कवल सामानय परकाशन क समझन क हमार परयास का मारगदशगन करता ह बसलक यह अनत उदधार क मारग क भी परकट करता ह

यह मकतना भी अदभत कय न ह मक परमश वर न हम अलौमकक परकाशन परदान मकया ह - ससार म पाप क आन स पहल और बाद म भी - परत चजस हम सामानय रप स ldquoपरमश वर की ओर स मवशष परकाशनrdquo कहत ह वह हजार वषो पहल घमटत हआ था अतः हम आज मवशष परकाशन क माधयम स परमश वर क बार म कस सीित ह

एक बार मिर स हम उस ओर मडना चामहए ज परमश वर क सवोचच परकाशन अथागत यीश न चसिाया था सिप म मसीह न अपन अनयामयय क चसिाया मक व सटवय क पमवतरशासटतर म मदए हए परमश वर क मवशष परकाशन क परमत सममपगत कर मरकस 1228-34 जस अनचछद सटपषट रप स दशागत ह मक यीश न अपन समय क अनय रसबबय क समान परमश वर क मवशष चलचित परकाशन क रप म परान मनयम की पमषट की

और हम जानत ह मक नया मनयम भी परमश वर का पररणा-परापत परकाशन ह यहनना 1612-13 और इमिचसय 220 जस सटथान म हम सीित ह मक यीश क सटवरागर हण क बाद उसन पमवतर आतमा क पहली

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सदी क परररत और भमवषयदविाओ क परचशचित करन क चलए भजा मक व उसकी कलीचसया क समि परमश वर क परकट कर नया मनयम पहली सदी क इन परररमतक और भमवषयदवाणीय मवशष परकाशन का हमारा परमतमनचध सकलन ह इसी कारण ससमाचाररक मसीही बल दत ह मक हम इमतहास म सामानय परकाशन और मवशष परकाशन द न म परमश वर क परकटीकरण क समझन क चलए पमवतरशासटतर पर मनभगर ह सकत ह

परमश वर क परकाशन और रहसटय क मवषय म हमार अधययन म हमन परमश वर क मवषय म हमार सपणग जञान क सर त क रप म ईश वरीय परकाशन की ि ज की ह अब आइए इस पहल क दसर महसटस की ओर मड ईशवरीय रहसटय अथागत परमश वर क बार म व बहत सी बात ज चछपी रहती ह क परमश वर मवजञान क हमार अधययन क मकस परकार परभामवत करना चामहए

ईश वरीय रहसय

एक बात लज स हम सम झन ा ह और ज ो सम झन क लि ए आसान न ही ह व ह ह वक व ा स तव म परम श वर कौ न ह वह जञानाती त ह व ह सव ि स पर ह जो कछ हम यहा इ स स सार म अ नभ व क रत ह उ सन रचा ह इ सल ि ए हम व ा सत व म उ स तब तक न ही ज ा न सक त ज ब त क व ह स व य क ो परकट न ही क रत ा जब तक व ह व कसी त रह स इ स सव ि म परव ि न ही क रता व ह हम स ब ात क रता ह वह हम पर स व य क ो परक ट क रता ह ज ो उसन पणय रप स अ पन पतर यी ि म वक या ह पर त उ सस व ह हम ा र ल ि ए रहसयमयी बन जात ा ह और सचचा ई यह ह व क व ही एक मा तर त रीक ा ह लज सम हम परम श व र क राज य क ो उ सक िा सन क ो और उ सक अ ल धक ार क ो ज ा न सकत ह - क यो वक वह हम यहा रहन क ी अ नम वत द त ा ह और व ह एक अ द शय परम श व र ह - इसल ि ए उ सक राज य क ो ज ान न क ा क वि एक त रीक ा यही ह व क वह उस हम पर परक ट क र द

- डॉ र रक ब ॉयड

जसा मक हम दि चक ह परमश वर न सटवय और मनषयजामत क बीच की एक बहत बडी दरी पर मवजय परापत कर ली ह उसन अपन सामानय और मवशष परकाशन क दवारा हमार चलए यह सभव बनाया मक हम उसक मवषय म जान सक परत साथ ही परमश वर क बार म हमारा जञान ईश वरीय रहसटय क दवारा बहत अचधक परभामवत ह ता ह ऐसी बहत सी बात ह चजनह परमश वर न अपन बार म परकट नही मकया ह

ईश वरीय रहसटय क समझना परमश वर मवजञान क चलए इतना महतवपणग ह मक यह इस द चरण म दिन म हमारी सहायता कररा हम पहल ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा क सटपषट करर तब हम रहसटय क उन परकार क सटपशग करर चजनका हम सामना करत ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा कया ह

मि भत धारण ा शबद ldquoरहसटयrdquo का परय र पमवतरशासटतर म मवमभनन तरीक स मकया जाता ह परत हमार उददशय क चलए

हम कह सकत ह मक ईश वरीय रहसटय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र क व व षय म ऐस अ स खय अ परक ा लित सत य ह ज ो परम श व र क परवत हमा री सम झ क ो सीव मत करत ह

हम इस पररभाषा क द पहलओ क उजारर करर पहला पहल यह तथय ह मक ईश वरीय रहसटय ldquoपरमश वर क मवषय म असखय अपरकाचशत सतय हrdquo र ममय 1133 म परररत पौलस न सकत मदया मक हम सदव ईश वरीय रहसटय क परमत सचत रहना चामहए उसन चलिा

आहा परम श व र क ा धन और ब लि और जञान कया ही ग भी र ह

उ सक ववचार क स अथाह और उ सक मा गय क स अ गम ह (रो व म यो 1 1 3 3 )

इस पद तक क अधयाय म पौलस न सामानय और मवशष परकाशन क दवारा परमश वर क बार म कई मजबत धारणाओ क दशागया परत इस अनचछद म पौलस न परमश वर क जञान और बचदध की ldquoरभीरताrdquo की ओर सकत मकया और उसन सटवीकार मकया मक परमश वर क मवचार ldquoअथाहrdquo ह और ldquoउसक मारग अरमrdquo ह यदयमप पौलस न ईश वरीय परकाशन क दवारा परमश वर क बार म बहत कछ समझा था मिर भी उसन असखय रहसटय अथागत ऐसी बात का सामना मकया चजनह परमश वर क आतमा न परकट नही मकया था

परम श व र रहस यम यी ह क यो वक व ह क सी भ ी समझ और जञान स पर ह ज ो हम ार पा स हो व ह सम य सम य पर हम स परा म िय वक ए वब न ा क ा यय क रत ा ह व ह सद व हम स परा म िय लि ए व बन ा ही क ायय क रत ा ह पर त क ई ब ार उसक क ायय क रन क त रीक क ो सम झना हमा र लि ए क व ठन होता ह वह इस भाव म भ ी सम झ स पर ह वक को ई भी परम श व र क जञान क ो पणय रप स परा पत नही कर सक त ा वहा रहस य क ा होन ा अ वशय ह क यो वक वह परम श व र ह और क ोई रलचत पराणी न ही ह परम श व र क रहस यम यी हो न क बा र म ऐसा क छ न ही ह व क जो हम ा र लि ए वक सी रप म क ोई सम सया हो परम श व र क रहस य क ा अ थय यह न ही ह व क उ स तक पह चा नही ज ा सक ता इसक ा अ थय यह न ही ह वक वह हम स परम न ही क रत ा और वक हम उसक परम क ो म हसस न ही क र सक त ह इ सक ा अ थय इ नम स क ो ई भ ी ब ा त न ही ह व ा सत व म यवद वह रहस यमयी न हो त ा त ो हम सरलकषत रप स क ह सक त थ वक व ह परम श व र नही ह हम ऐसा परम श व र क यो चावहए जो रहसयमयी न हो हम उ स ज ा न त ह व यापक रप स न ही पर त हम उ स सचच रप स ज ा न त ह हम उ स सम झत नही पर त व न ल ित रप स हम उस कहन क लि ए पया यपत रप स ज ा नत ह व क हम वक सी अ स पि द ा िय व नक ल सिा त क ो नही ब सलक परम श व र क ो ज ा न त ह

- डॉ ववलि यम ऐड ग ा र

मपरसटन चथय ल चजकल समीनरी क मवचधवत धमगमवजञान क पर िसर चालसग ह ज चजनका जीवनकाल 1797-1878 तक था न महतवपणग रप म ईश वरीय रहसटय क साररमभगत मकया अपन मवचधवत धमगमवजञान क पहल ससटकरण क भार 1 क अधयाय 4 म उसन यह चलिा

परम श व र म उसक व व षय म हम ा र वव चा रो स ब ढक र ब हत क छ ह और उसक व व षय म हम ज ो क छ ज ा नत ह व ह हम अ पणय रप स ज ान त ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ह ज न यहा द महतवपणग अवल कन क दशागया ह पहल उसन बल मदया मक परमश वर क बार म ज सतय ह वह ldquoहमार मवचार स बढ़कर बहत कछ हrdquo यहा पर कवल थ ड स रहसटय नही ह न ही बहत स रहसटय ह इसकी अपिा कय मक परमश वर सटवय असीम ह इसचलए वहा हमारी कलपना स बढ़कर बहत स रहसटय ह ह ज न यह भी सटपषट मकया मक ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क इतना भर दत ह मक ldquo[परमश वर क] मवषय म हम ज कछ जानत ह वह हम अपणग रप स जानत हrdquo दसर शबद म परमश वर क बार म ऐसी एक भी बात नही ह चजस हम पणग रीमत स समझत ह

क ई ब ार जब हम वक सी क ो यह क हत हए सन त ह व क परम श व र समझ स पर ह त ो हम इस पर एक त रह स नक ा रात मक परव त वकर या द त ह - कया म उ स नही ज ान सक त ा क या म उ सक ब ा र म ज ान का री परापत न ही क र सकता और व नस स द ह ब ाइबि परम श व र क ा सव -परक ा िन ह उ सन स व य क ो परक ट व क या ह त ा व क हम उ स व यविगत रप स जान सक और उसक बा र म क छ ब ात ो क ो जा न सक पर त यवद आप रकक र उसक ब ा र म सो च वक यवद परम श व र सच म अ सीवम त परम श व र ह त ो म रा छ ोट ा सा वद म ाग और यहा तक वक इ स स सा र क ा सव ो ततम धमय व जञाव नक वदम ाग भ ी उ स उ सकी पणयत ा म समझ न ही पा एग ा अ पन ी पर रभ ा षा क अ न सार यव द म उ स सम झ सक तो म उ सक ल जत ना ही महा न हो ज ा ऊ ग ा और इसल ि ए यह ब हत ही म हतव पणय भ ा ग ह हम ारा परम श व र क ोई छ ोट ा परम श व र नही ह व ह इ तन ा छो ट ा न ही ह वक म अ पन वद म ा ग या वक सी पसत क म उ सक ी स पणय सम झ क ो परापत क र ि हम आभ ारी ह वक उ सन स व य क ो पयायपत रप स परक ट वक या ह और यह वक उ सन हम ा र उ ि ा र क ा परब ध वक या ह त ा व क हम उ सक ब ा र म कछ सम झ क ो परापत क र सक और उ सक साथ स ग वत रख सक उ सक साथ सही स ग वत म रह सक और उ सक ब ा र म सही ववचार रख सक चा ह व ह व या पक रप स न हो पर त उस ज ान ा ज ा सकत ा ह क यो वक उ सन स व य क ो पराकल ित वक या ह पर त व ह समझ स पर ह और उसक ी पणयत ा परम श व र क ब ा र म हम ारी सम झ और उसक लि ए हम ारी आरधना और उसक परव त हम ारी आजञाक ा र रत ा क लि ए ब हत अ ल धक बहत ही अ लधक महतव पणय ह

- डॉ ग ा रथ क ोक र रि

यह पहचानन क अमतररि मक ईश वरीय रहसटय असखय ह हम सदव ईश वरीय रहसटय क दसर महतवपणग पहल पर भी धयान दना चामहए ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क बहत सीममत कर दत ह जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह

ऐस कई मवमभनन तरीक ह चजनम ईश वरीय रहसटय परमश वर क बार म हमार जञान क सीममत कर दत ह परत इस अधयाय क चलए हम कवल द तरीक पर धयान दर एक ओर हमार पास परमश वर क बार म बहत ही सीममत जानकारी ह यदयमप परमश वर न सटपषट कर मदया ह मक उदधार और मसीह म जीवन क चलए आवशयक कया ह वासटतव म हमम स क ई भी परमश वर क बार म अचधक कछ नही समझता पहला कररसनथय 1312 हम बताता ह मक हम परमश वर का सतय कवल ldquoधधलाrdquo मदिाई दता ह जस मक हम ldquoएक दपगण मrdquo दि रह ह

इसचलए परमश वर की धमगचशिा क मवचार-मवमशग म असखय परशन उठ िड ह त ह चजनका ऐस ही परी तरह स उततर नही मदया जा सकता उदारण क चलए परमश वर बराई क कय अनममत दता ह वतगमान

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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घटनाओ म हम परमश वर क उददशय क कस समझ सकत ह बहत स धमगमवजञानी मवशषकर व ज सदहवामदय स मघर हए ह ऐसी कलपनाओ म रहत ह कय मक व यह सटवीकार नही कर सकत मक हमार पास ऐस परशन क उततर नही ह परत ईश वरीय रहसटय अकसर मसीह क मवश वासय गय अनयामयय क यह सटवीकार करन म अरवाई दत ह ldquoमझ नही पताrdquo जब बात परमश वर की धमगचशिा की आती ह तब यमद परमश वर न इस परकट नही मकया ह त हम इस जान नही सकत यह इतनी सरल बात ह

मसीह क मवश वासय गय अनयायी ह न क नात हम इस सचचाई स कभी भारना नही चामहए मक हमार पास परमश वर क बार म सीममत जानकारी ह वासटतव म पल दर पल इस तरह की सीममतता क सटमरण करना एक आशीष ह ईश वरीय रहसटय हम परमश वर पर भर सा रिन क मववश करत ह हम परमश वर क जञान क परापत करन क चलए अपनी सीममत य गयताओ पर मवश वास रिन की अपिा पमवतर आतमा की सवकाई क दवारा मपता और मसीह पर मनभगर ह ना चामहए

दसरी ओर ईश वरीय रहसटय का अथग यह भी ह मक मनषय कवल परमश वर क परकाशन क सीममत सटपषटीकरण ही परसटतत कर सकत ह हम इस बात पर बल दन म सही ह मक सतय क परमश वर का परकाशन सटवय म मवर धाभासी नही ह और हम परमश वर क परकाशन क बीच बहत स तामकग क सबध क दि सकत ह परत चाह हम सटवीकार कर या न कर ईश वरीय रहसटय न कवल इस बात क सीममत करत ह मक हमार पास परमश वर क बार म मकतनी जानकारी ह साथ ही व परमश वर न ज सटवय क बार म परकट मकया ह उसम स अचधकाश बात की तामकग क सबदधता क सटपषट करन की हमारी य गयता क भी सीममत कर दत ह

उदाहरण क चलए हम मतरएकता अथागत परमश वर एक ह और उसक तीन वयमितव ह का सपणग रप स तामकग क सटपषटीकरण नही द सकत हम इस वासटतमवकता क परतयक पहल क तामकग क रप स सटपषट नही कर सकत मक यीश पणग रप स परमश वर और मनषय द न ह हम परी तरह स यह सटपषट नही कर सकत मक परमश वर मनषय क मकरयाकलाप पर सपणग परभतव रिन क बाद भी हम हमार कायो क चलए कस चजममदार ठहराता ह सवोततम मसीही मवचारक न इन और इन जस अनय परशन क उततर दन का परयास मकयाह परत व सपणग और तामकग क सटपषटीकरण क परदान करन क मनकट आन म भी असिल रह ह

अततः परमश वर न सटवय क बार म ज कछ परकट मकया ह उसकी तामकग क सबदधता क सटपषट करन का परयास करना महतवपणग ह सकता ह परत हम इस तरह स मनधागररत नही करत ह मक कया सतय ह और कया झठ मकसी भी धमगवजञामनक दाव का सतय कवल इस बात पर मनभगर करता ह मक कया परमश वर न इस सामानय या मवशष परकाशन म परकट मकया ह या नही

ज ब धमय ववजञानी क हत ह वक परम श व र सम झ स पर ह त ो उनक कहन क ा अ थय यह हो त ा ह वक हम जो न शवर परा णी ह उ सक स पणय सार और अ ससतत व क ो समझ और ब झ नही सक त परम श व र क अ सी वम त हो न क क ा रण यह स भ ा व न ा ब हत ही कम ह व क हम उस उस उसक ी पणयता म समझ और ज ा न सक म उस स म रण क रत ा ह ज ो पौि स रो वम यो 1 1 3 3 -3 4 म कहत ा ह ज ब व ह परम शवर क अथ ा ह जञा न और ब ल ि क ब ा र म बा त क रता ह पर त वफर भी क यो व क उ सन हम पयायपत स व -परकट ीकरण परद ा न वक या ह इ सलि ए यह ववश वास म आन हत हम ा र ल ि ए पया यपत ह

- रव ह ि री को क रि

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ईश वरीय रहसटय क महतव क और अचधक रप स समझन क चलए हमन मलभत धारणा की ि ज की ह अब ईश वरीय रहसटय क उन मवमभनन परकार पर धयान दना सहायक ह रा ज उस समय मकरयासनवत ह त ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह

वभनन परका र हम रहसटय क द मवमभनन परकार क बीच अनतर कर सकत ह पहल परकार क हम ldquoअसटथाई रहसटयrdquo

कहर आइए दि मक ऐसा कहन स हमारा कया अथग ह अ सथाई असटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह ज एक मनचित अवचध तक मनषय स चछप

हए ह परत मिर व इमतहास म बाद म मकसी समय परकट मकए जात ह परमश वर सामानय परकाशन क दवारा अकसर उस परकट करता ह ज एक समय म रहसटयमयी था वह भौमतक ससार मानवीय ससटकमत अनय ल र या यहा तक मक हमार भीतर आए पररवतगन का परय र असटथाई रहसटय क परकट करन क चलए करता ह

मवशष परकाशन क साथ भी कछ ऐसा ही ह ता ह पमवतरशासटतर का धयान स मकया हआ अधययन दशागता ह मक परमश वर क बाद क परकाशन न उसक पहल क परकाशन का कभी मवर धाभास नही मकया ह परत यह भी सटपषट ह मक परमश वर न समय क साथ-साथ अपन बार म और अचधक परकट मकया ह मवशष परकाशन का परकटीकरण बाइबल क इमतहास की परतयक अवचध क दौरान हआ ह मनसटसदह ईश वरीय रहसटय का सबस नाटकीय परकटीकरण मसीह क मवशष परकाशन म हआ पौलस क मन म यही बात थी जब उसन इमिचसय 19 33 और 619 क चलिा इन पद म पौलस न मसीह म परमश वर क अनत उददशय क रहसटय क दशागया उसन सटपषट मकया मक यह रहसटय नए मनयम क परररत और भमवषयदविाओ क समय तक चछपाए रिा रया था

इसी कारण जब कभी हम परमश वर क बार म सीिन का परयास करत ह त हम परान मनयम म पाए जान वाल असटथाई रहसटय क सटपषट करन क चलए सदव नए मनयम क मवशष परकाशन की ि ज करनी चामहए

क ई ब ार हम िब द ldquo रहसयम यrdquo क ा परयोग परम श वर क ब ा र म ब ा त क रन क ल ि ए क रत ह क यो व क हम सम झ न ही पा त ह वक वह व ास तव म क या क र रहा ह द सरी ओर नया वन यम िब द ldquo रहसयमयrdquo क ा परयोग सा म ा नय रप म क रत ा ह ज ो व क यन ा नी िबद वम सट ीररयोन स आत ा ह - यह व ा स तव म समा न िब द ह - इ सक ा अ थय ह व क परम श व र दवा रा उ िार क ी अ नगरहक ारी योजन ा क ा परकट ीक रण ऐसी ब ात ह ल ज स हम अ पन आप स क भ ी सो च ही न ही पात अथ ा यत यह इस भाव म रहस य ह व क हम इ स कभ ी भ ी सम झ न ही पा त यवद परम श व र न इ स हम पर परक ट न वक या होत ा और इ सलि ए परम श व र अ पन वव िष परक ािन म अ पनी योजन ा क ो हम पर परक ट क रत ा ह और यही क ा रण ह वक आप िब द वम सट ीररयोन क ा परयोग इ व फल सयो और 1 क र रस नथ यो म होत ा हआ दख त ह यह ऐसा ह व क परम श व र धीर धी र अ पन परक ािन क ो परक ट क र रहा ह और हम वदख ा रहा ह वक क स उिार यहव द यो और अनयज ा व त यो द ो नो क ल ि ए ह और यह वक सी भ ी व यव ि क ल ि ए ह ज ो यी ि म सी ह क ो अ पन म सी ह क रप म स व ीक ा र क रग ा

- डॉ स म एि ि ाम रसन

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत नए मनयम क मवश वासी ह न क बावजद भी हम यह भी सटमरण रिना चामहए मक परमश वर न अभी तक परतयक असटथाई रहसटय क परकट नही मकया ह 1 कररसनथय 1312 म पौलस इस इस तरह स चलिता ह

इ स सम य म रा जञान अ धरा ह पर त उ स सम य ऐसी परी रीवत स पव हचा न ग ा (1 क र रस नथ यो 13 12 )

जब मसीह ममहमा म वापस आएरा कवल तभी वह परतयक असटथाई रहसटय क परकट कर दरा और हम परमश वर और उसक मारो क आज की अपिा कही अचधक परी तरह स समझ पाएर

जसा मक हम दि चक ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त हम कई असटथाई रहसटय का सामना करत ह परत बाइबल इस सटपषट कर दती ह मक जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह त हम सटथाई रहसटय क भी दिना ह ता ह

सथा ई सटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह चजनह मनषय कभी समझ नही पाएरा कय मक य सतय हमारी समझ स पर ह पारपररक धमगमवजञान म इस वासटतमवकता क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क रप म कहा जाता ह हम परमश वर क बार म कछ बात क समझ सकत ह जब वह उनह मानवीय रग प म परकट करता ह परत हम परमश वर क बार म मकसी भी बात क परी तरह स कभी नही समझ सकर हम इस मवचार क यशायाह 558-9 म सटपषट रप स अमभवयि पात ह जहा भमवषयदविा यशायाह यह चलिा ह

क यो वक यहोवा क हत ा ह म र ववचार और त म हा र ववचार एक सम ान न ही ह न तमहा री ग व त और म री ग व त एक सी ह क यो वक म री और तमहा री गवत म और म र और त म हा र सोच व व चा रो म आक ाि और परथवी क ा अ नतर ह (यिायाह 5 5 8 -9 )

इन पद म यशायाह न इसराएल क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क कारण उतपनन परमश वर क सटथाई रहसटय क सटमरण मदलाया

जब पववतर िासतर परम श व र क ो रहस यमयी क रप म द िायता ह त ो हम यह सव न ल ित क रना चावहए वक हम िब द ldquo रहसय rdquo क ो गित रप म न समझ ि जब म इ स स सा र क ी वस त ओ क रहस यम यी होन क बा र म सो चता ह त ो मझ िग त ा ह व क उ नक क छ ल छ प हए रहस य ह जो म झ वकसी सम य पर चवकत क र द ग ऐसी ब ात इ स व व षय म न ही ह ldquo रहसयम यीrdquo स हम ा रा अ थय यह ह वक परम श व र सम झ स पर ह हम ारा अ थय ह व क उ सक पा स ऐसा ज ी व न ह ज ो हमा री क ल पन ा स पर ह इसक ा अ थय यह ह वक उ सक ब ार म ऐसा कछ ह ल ज स हम परी री व त स समझ न ही सक त और म भ ी उ स सम झ न ही सक ता इ सक ा अथय ह वक यह म र रलचत ज ीव न स पर क ी ब ात ह वह म री सो च स वह बह त ब ड़ा ह इ सक ल ि ए लजस तकन ीक ी धमय व जञा व न क िबद का हम परयो ग क रत ह व ह ह ldquoअ न भवा त ी तrdquo परम श वर अ न भवात ीत ह वह हम ा र सोच-ववचार क ी सीम ा स पर ह और इ सी लि ए व ह आरा धन ा क यो गय ह इ सी लि ए वह म हान ह इ सी लि ए वह ऐसा ह ल ज सकी हम परि सा क रत ह

-डॉ ग री एम ब जय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र म रहस य आ ल िक रप स उ सक ी इस परक वत क क ारण ह व क व ह क ौ न ह और उ सक अ सी वम त ब न ाम हम ा र सी वम त हो न हम ा री सी वम तता तथा उसक ी असीवमत सा म रथयय और समझ क क ा रण ह पर त सा थ ही यह व व िष रप स सव ि म उ सक उ दद शयो और योज न ा ओ स भ ी स ब ल धत ह परम श व र कयो इ सी त रीक स क ा यय क रता और उ स त रीक स क ा यय न ही क रत ा ह और म सो चत ा ह वक बहत ब ा र अ हक ा री म न ष यो क रप म हम यह सोचत ह वक हम परम श व र स ब हतर क ा यो क ो क रन ा ज ान त ह पर त परम श वर क रहस य म उ द ाह रण क लि ए व यवसथा वववरण 29 29 म यह इ सक ब ा र म पवव तर िास तर म ब ात क रत ा ह ग पत ब ात परम श व र क ी ही ह पर त जो बा त उ सन परक ट क ी ह उन म हम आन नद और उ त सव मन ा सक त ह और व हा एक ऐसा भ ा व ह ल ज सम हम स वी क ार कर सकत ह वक परम श व र न हम सब क छ न ही ब ता या ह उ सन अ पन ब ा र म हम सब कछ न ही बत ा या ह - व ह क स बत ा सक त ा ह और हम उ स क स सम झ सक त ह पर त सा थ ही उ सन हम वह सब भी न ही ब त ा या ह वक वह अ पन उ दद शयो और योज न ा ओ क ो क स परा क र रहा ह और परा न व न यम क अ ययब स ब हतर इ स क ोई न ही ज ान त ा जो इ स वव षय म परशनो का उतत र चा हत ा था वक परम श व र न इ न ब ात ो क ी अ नम वत क यो दी और परम श व र न उ स वह उतत र न ही वद या जो वह चाहत ा था परम श व र न उ स यह उ ततर व द या ldquoम ज ान त ा ह वक म क या क र रहा ह और एक भाव म म री यो ज न ा म एक रहस य ह ल ज स क वि म ही परी त रह स सपि क र सक त ा ह और अ तत ः त सम य क अ त म दख गा जब सब कछ अ चा नक स और परी त रह स अ थय पणय हो ग ा rdquo

-रव ह डॉ ि ईस व व क ि र

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस शिला का जब हम आरभ करत ह त हम सदव यह याद रिना चामहए मक यदयमप परमश वर न सटवय क सामानय और मवशष द न परकार क परकाशन म परकट मकया ह मिर भी उसन हमस सटथाई और असटथाई द न परकार क रहसटय क चछपाए रिा ह हम इस वासटतमवकता स ऐसी ही बच नही सकत मक हम कवल रचचत पराणी ही ह चजनकी परमश वर क मवषय म समझ सदव बहत ही सीममत ह

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस अधयाय म अब तक हमन ऐस कछ तरीक क दिा ह चजनम ईश वरीय परकाशन और रहसटय परमश वर मवजञान क अधययन क आकार दत ह अब हम अपन दसर मखय मवषय की ओर मडन क चलए तयार ह परमश वर की मवशषताए और उसक कायग य मवषय उन द पराथममक तरीक क परसटतत करत ह चजनक दवारा पारपररक धमगमवजञामनय न परमश वर क बार म हमार जञान क साररमभगत मकया ह

गण औ र क ायय

परमश वर क रण और कायो क अमतररि मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर परमश वर मवजञान म मतरएकता क धमगचशिा क ऊपर भी बहत अचधक धयान कसनित मकया ह हमन पमवतर मतरएकता क ऊपर कझ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सीमा तक परररत का मवश वासवचन क ऊपर हमारी शिला म वातागलाप मकया ह इस शिला म हम इन द अनय मखय मवषय क ऊपर धयान कसनित करर

उततर ततर अधयाय म हम परमश वर क रण और कायो क ऊपर कई मवशषताओ की ि ज करर परत इस समय हम यहा पर कवल एक ही अवधारणा का पररचय दर परथम हम ईश वरीय रण या परमश वर कौन ह क ऊपर धयान दर और दसरा हम ईश वरीय कायो की ओर मडर या परमश वर कया करता ह आइए परमश वर क ईश वरीय रण स आरभ कर

ईश वरीय ग ण ईश वरीय रण क मवषय का पररचय द चरण म कराना सहायतापणग ह रा हम परमश वर क रण की

मल धारणा स आरभ करर तब हम ईश वरीय रण क परकार की जाच करर ज मक अकसर मवचधवत धमगमवजञान म मभनन रप म पहचान रए ह इसचलए ईश वरीय रण की मल धारणा कया हॽ

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश मसीमहय क यह पछना ह मक परमश वर क कया रण हॽ त ह सकता ह मक

कदाचचत वह यह कह मक परमश वर क रण व सारी य गयताए या चाररमतरक रण ह चजनह पमवतरशासटतर परमश वर स ससमबसनधत करता ह ठीक ह यह दमषटक ण तब तक सही ह जब तक यह इस माना जाता रह परत पारपररक धमगमवजञान म वाकयाश परमश वर क रण कछ मवशष बात की सकत दता ह

मवचधवत धमगमवजञान म ईश वरीय रण

परम श व र क सा र क ी पणयत ा ए वव व भ नन त रह क ऐवत हा लसक परगट ी क रणो क दव ा रा परक ट क ी गई ह

यह पररभाषा द पराथममक तथय क उजारर करती ह ज मक परमश वर क रण क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग क चचमतरत करती ह परथम सटथान पर परमश वर क रण परमश वर क सार की पणगताए ह आधमनक ससमाचारवादी अकसर परमश वर क सार की ओर सकत नही करत ह इसचलए इस धारणा की ि ज करनी सहायतापणग ह रा

शबद सार क साथ आरभ करत हए ज मक लमटन शबद इशसनसया क अनवाद का अथग सार या अससटततव क रप म करता ह लमटन धमगमवजञान म परमश वर का सार मनकट घमनषठता क साथ शबद सबसटसनसया या ततव क साथ समबदध ह धमागधयिीय और मधयकालीन धमगमवजञामनय न इन शबद क नव-अिलातनवाद और अरसटत क दाशगमनक मवचार स अपनाया था अब पलट और अरसटत क दमषटक ण म सार का मवचार मवमभनन तरह स पाया जाता ह और सार की धारणा क सबध म कई महतवपणग जमटलताए आधमनक दशगनशासटतर म उठ िडी हई ह परत आतमसात करन क चलए यह मल मवचार कमठन नही ह

सरल शबद म मकसी वसटत का सार अससटततव या ततव एक न पररवमतगत ह न वाली वासटतमवकता ह ती ह ज इसक सभी बाहरी सटवरप पररवमतगत ह त पररटीकरण की पषठभमम म ह ती ह मसीही धमगमवजञामनय न सार क इसी मवचार स अपन अधययन क आधाररत मकया ह जब उनह न परमश वर क रण और पणगताओ क ऊपर मवचार मवमशग मकया

सामानय रप म परमश वर क सार म चार महतवपणग मभननताए ससममचलत ह परमश वर का सार परमश वर सटवय कया ह परमश वर की पणगताए या रण परमश वर क सार की य गयताए परमश वर का

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 12: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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चलचचतर अधययन मारगदरशगका एव कई अनय ससाधनो क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

सदी क परररत और भमवषयदविाओ क परचशचित करन क चलए भजा मक व उसकी कलीचसया क समि परमश वर क परकट कर नया मनयम पहली सदी क इन परररमतक और भमवषयदवाणीय मवशष परकाशन का हमारा परमतमनचध सकलन ह इसी कारण ससमाचाररक मसीही बल दत ह मक हम इमतहास म सामानय परकाशन और मवशष परकाशन द न म परमश वर क परकटीकरण क समझन क चलए पमवतरशासटतर पर मनभगर ह सकत ह

परमश वर क परकाशन और रहसटय क मवषय म हमार अधययन म हमन परमश वर क मवषय म हमार सपणग जञान क सर त क रप म ईश वरीय परकाशन की ि ज की ह अब आइए इस पहल क दसर महसटस की ओर मड ईशवरीय रहसटय अथागत परमश वर क बार म व बहत सी बात ज चछपी रहती ह क परमश वर मवजञान क हमार अधययन क मकस परकार परभामवत करना चामहए

ईश वरीय रहसय

एक बात लज स हम सम झन ा ह और ज ो सम झन क लि ए आसान न ही ह व ह ह वक व ा स तव म परम श वर कौ न ह वह जञानाती त ह व ह सव ि स पर ह जो कछ हम यहा इ स स सार म अ नभ व क रत ह उ सन रचा ह इ सल ि ए हम व ा सत व म उ स तब तक न ही ज ा न सक त ज ब त क व ह स व य क ो परकट न ही क रत ा जब तक व ह व कसी त रह स इ स सव ि म परव ि न ही क रता व ह हम स ब ात क रता ह वह हम पर स व य क ो परक ट क रता ह ज ो उसन पणय रप स अ पन पतर यी ि म वक या ह पर त उ सस व ह हम ा र ल ि ए रहसयमयी बन जात ा ह और सचचा ई यह ह व क व ही एक मा तर त रीक ा ह लज सम हम परम श व र क राज य क ो उ सक िा सन क ो और उ सक अ ल धक ार क ो ज ा न सकत ह - क यो वक वह हम यहा रहन क ी अ नम वत द त ा ह और व ह एक अ द शय परम श व र ह - इसल ि ए उ सक राज य क ो ज ान न क ा क वि एक त रीक ा यही ह व क वह उस हम पर परक ट क र द

- डॉ र रक ब ॉयड

जसा मक हम दि चक ह परमश वर न सटवय और मनषयजामत क बीच की एक बहत बडी दरी पर मवजय परापत कर ली ह उसन अपन सामानय और मवशष परकाशन क दवारा हमार चलए यह सभव बनाया मक हम उसक मवषय म जान सक परत साथ ही परमश वर क बार म हमारा जञान ईश वरीय रहसटय क दवारा बहत अचधक परभामवत ह ता ह ऐसी बहत सी बात ह चजनह परमश वर न अपन बार म परकट नही मकया ह

ईश वरीय रहसटय क समझना परमश वर मवजञान क चलए इतना महतवपणग ह मक यह इस द चरण म दिन म हमारी सहायता कररा हम पहल ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा क सटपषट करर तब हम रहसटय क उन परकार क सटपशग करर चजनका हम सामना करत ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह ईश वरीय रहसटय की मलभत धारणा कया ह

मि भत धारण ा शबद ldquoरहसटयrdquo का परय र पमवतरशासटतर म मवमभनन तरीक स मकया जाता ह परत हमार उददशय क चलए

हम कह सकत ह मक ईश वरीय रहसटय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र क व व षय म ऐस अ स खय अ परक ा लित सत य ह ज ो परम श व र क परवत हमा री सम झ क ो सीव मत करत ह

हम इस पररभाषा क द पहलओ क उजारर करर पहला पहल यह तथय ह मक ईश वरीय रहसटय ldquoपरमश वर क मवषय म असखय अपरकाचशत सतय हrdquo र ममय 1133 म परररत पौलस न सकत मदया मक हम सदव ईश वरीय रहसटय क परमत सचत रहना चामहए उसन चलिा

आहा परम श व र क ा धन और ब लि और जञान कया ही ग भी र ह

उ सक ववचार क स अथाह और उ सक मा गय क स अ गम ह (रो व म यो 1 1 3 3 )

इस पद तक क अधयाय म पौलस न सामानय और मवशष परकाशन क दवारा परमश वर क बार म कई मजबत धारणाओ क दशागया परत इस अनचछद म पौलस न परमश वर क जञान और बचदध की ldquoरभीरताrdquo की ओर सकत मकया और उसन सटवीकार मकया मक परमश वर क मवचार ldquoअथाहrdquo ह और ldquoउसक मारग अरमrdquo ह यदयमप पौलस न ईश वरीय परकाशन क दवारा परमश वर क बार म बहत कछ समझा था मिर भी उसन असखय रहसटय अथागत ऐसी बात का सामना मकया चजनह परमश वर क आतमा न परकट नही मकया था

परम श व र रहस यम यी ह क यो वक व ह क सी भ ी समझ और जञान स पर ह ज ो हम ार पा स हो व ह सम य सम य पर हम स परा म िय वक ए वब न ा क ा यय क रत ा ह व ह सद व हम स परा म िय लि ए व बन ा ही क ायय क रत ा ह पर त क ई ब ार उसक क ायय क रन क त रीक क ो सम झना हमा र लि ए क व ठन होता ह वह इस भाव म भ ी सम झ स पर ह वक को ई भी परम श व र क जञान क ो पणय रप स परा पत नही कर सक त ा वहा रहस य क ा होन ा अ वशय ह क यो वक वह परम श व र ह और क ोई रलचत पराणी न ही ह परम श व र क रहस यम यी हो न क बा र म ऐसा क छ न ही ह व क जो हम ा र लि ए वक सी रप म क ोई सम सया हो परम श व र क रहस य क ा अ थय यह न ही ह व क उ स तक पह चा नही ज ा सक ता इसक ा अ थय यह न ही ह वक वह हम स परम न ही क रत ा और वक हम उसक परम क ो म हसस न ही क र सक त ह इ सक ा अ थय इ नम स क ो ई भ ी ब ा त न ही ह व ा सत व म यवद वह रहस यमयी न हो त ा त ो हम सरलकषत रप स क ह सक त थ वक व ह परम श व र नही ह हम ऐसा परम श व र क यो चावहए जो रहसयमयी न हो हम उ स ज ा न त ह व यापक रप स न ही पर त हम उ स सचच रप स ज ा न त ह हम उ स सम झत नही पर त व न ल ित रप स हम उस कहन क लि ए पया यपत रप स ज ा नत ह व क हम वक सी अ स पि द ा िय व नक ल सिा त क ो नही ब सलक परम श व र क ो ज ा न त ह

- डॉ ववलि यम ऐड ग ा र

मपरसटन चथय ल चजकल समीनरी क मवचधवत धमगमवजञान क पर िसर चालसग ह ज चजनका जीवनकाल 1797-1878 तक था न महतवपणग रप म ईश वरीय रहसटय क साररमभगत मकया अपन मवचधवत धमगमवजञान क पहल ससटकरण क भार 1 क अधयाय 4 म उसन यह चलिा

परम श व र म उसक व व षय म हम ा र वव चा रो स ब ढक र ब हत क छ ह और उसक व व षय म हम ज ो क छ ज ा नत ह व ह हम अ पणय रप स ज ान त ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ह ज न यहा द महतवपणग अवल कन क दशागया ह पहल उसन बल मदया मक परमश वर क बार म ज सतय ह वह ldquoहमार मवचार स बढ़कर बहत कछ हrdquo यहा पर कवल थ ड स रहसटय नही ह न ही बहत स रहसटय ह इसकी अपिा कय मक परमश वर सटवय असीम ह इसचलए वहा हमारी कलपना स बढ़कर बहत स रहसटय ह ह ज न यह भी सटपषट मकया मक ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क इतना भर दत ह मक ldquo[परमश वर क] मवषय म हम ज कछ जानत ह वह हम अपणग रप स जानत हrdquo दसर शबद म परमश वर क बार म ऐसी एक भी बात नही ह चजस हम पणग रीमत स समझत ह

क ई ब ार जब हम वक सी क ो यह क हत हए सन त ह व क परम श व र समझ स पर ह त ो हम इस पर एक त रह स नक ा रात मक परव त वकर या द त ह - कया म उ स नही ज ान सक त ा क या म उ सक ब ा र म ज ान का री परापत न ही क र सकता और व नस स द ह ब ाइबि परम श व र क ा सव -परक ा िन ह उ सन स व य क ो परक ट व क या ह त ा व क हम उ स व यविगत रप स जान सक और उसक बा र म क छ ब ात ो क ो जा न सक पर त यवद आप रकक र उसक ब ा र म सो च वक यवद परम श व र सच म अ सीवम त परम श व र ह त ो म रा छ ोट ा सा वद म ाग और यहा तक वक इ स स सा र क ा सव ो ततम धमय व जञाव नक वदम ाग भ ी उ स उ सकी पणयत ा म समझ न ही पा एग ा अ पन ी पर रभ ा षा क अ न सार यव द म उ स सम झ सक तो म उ सक ल जत ना ही महा न हो ज ा ऊ ग ा और इसल ि ए यह ब हत ही म हतव पणय भ ा ग ह हम ारा परम श व र क ोई छ ोट ा परम श व र नही ह व ह इ तन ा छो ट ा न ही ह वक म अ पन वद म ा ग या वक सी पसत क म उ सक ी स पणय सम झ क ो परापत क र ि हम आभ ारी ह वक उ सन स व य क ो पयायपत रप स परक ट वक या ह और यह वक उ सन हम ा र उ ि ा र क ा परब ध वक या ह त ा व क हम उ सक ब ा र म कछ सम झ क ो परापत क र सक और उ सक साथ स ग वत रख सक उ सक साथ सही स ग वत म रह सक और उ सक ब ा र म सही ववचार रख सक चा ह व ह व या पक रप स न हो पर त उस ज ान ा ज ा सकत ा ह क यो वक उ सन स व य क ो पराकल ित वक या ह पर त व ह समझ स पर ह और उसक ी पणयत ा परम श व र क ब ा र म हम ारी सम झ और उसक लि ए हम ारी आरधना और उसक परव त हम ारी आजञाक ा र रत ा क लि ए ब हत अ ल धक बहत ही अ लधक महतव पणय ह

- डॉ ग ा रथ क ोक र रि

यह पहचानन क अमतररि मक ईश वरीय रहसटय असखय ह हम सदव ईश वरीय रहसटय क दसर महतवपणग पहल पर भी धयान दना चामहए ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क बहत सीममत कर दत ह जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह

ऐस कई मवमभनन तरीक ह चजनम ईश वरीय रहसटय परमश वर क बार म हमार जञान क सीममत कर दत ह परत इस अधयाय क चलए हम कवल द तरीक पर धयान दर एक ओर हमार पास परमश वर क बार म बहत ही सीममत जानकारी ह यदयमप परमश वर न सटपषट कर मदया ह मक उदधार और मसीह म जीवन क चलए आवशयक कया ह वासटतव म हमम स क ई भी परमश वर क बार म अचधक कछ नही समझता पहला कररसनथय 1312 हम बताता ह मक हम परमश वर का सतय कवल ldquoधधलाrdquo मदिाई दता ह जस मक हम ldquoएक दपगण मrdquo दि रह ह

इसचलए परमश वर की धमगचशिा क मवचार-मवमशग म असखय परशन उठ िड ह त ह चजनका ऐस ही परी तरह स उततर नही मदया जा सकता उदारण क चलए परमश वर बराई क कय अनममत दता ह वतगमान

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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घटनाओ म हम परमश वर क उददशय क कस समझ सकत ह बहत स धमगमवजञानी मवशषकर व ज सदहवामदय स मघर हए ह ऐसी कलपनाओ म रहत ह कय मक व यह सटवीकार नही कर सकत मक हमार पास ऐस परशन क उततर नही ह परत ईश वरीय रहसटय अकसर मसीह क मवश वासय गय अनयामयय क यह सटवीकार करन म अरवाई दत ह ldquoमझ नही पताrdquo जब बात परमश वर की धमगचशिा की आती ह तब यमद परमश वर न इस परकट नही मकया ह त हम इस जान नही सकत यह इतनी सरल बात ह

मसीह क मवश वासय गय अनयायी ह न क नात हम इस सचचाई स कभी भारना नही चामहए मक हमार पास परमश वर क बार म सीममत जानकारी ह वासटतव म पल दर पल इस तरह की सीममतता क सटमरण करना एक आशीष ह ईश वरीय रहसटय हम परमश वर पर भर सा रिन क मववश करत ह हम परमश वर क जञान क परापत करन क चलए अपनी सीममत य गयताओ पर मवश वास रिन की अपिा पमवतर आतमा की सवकाई क दवारा मपता और मसीह पर मनभगर ह ना चामहए

दसरी ओर ईश वरीय रहसटय का अथग यह भी ह मक मनषय कवल परमश वर क परकाशन क सीममत सटपषटीकरण ही परसटतत कर सकत ह हम इस बात पर बल दन म सही ह मक सतय क परमश वर का परकाशन सटवय म मवर धाभासी नही ह और हम परमश वर क परकाशन क बीच बहत स तामकग क सबध क दि सकत ह परत चाह हम सटवीकार कर या न कर ईश वरीय रहसटय न कवल इस बात क सीममत करत ह मक हमार पास परमश वर क बार म मकतनी जानकारी ह साथ ही व परमश वर न ज सटवय क बार म परकट मकया ह उसम स अचधकाश बात की तामकग क सबदधता क सटपषट करन की हमारी य गयता क भी सीममत कर दत ह

उदाहरण क चलए हम मतरएकता अथागत परमश वर एक ह और उसक तीन वयमितव ह का सपणग रप स तामकग क सटपषटीकरण नही द सकत हम इस वासटतमवकता क परतयक पहल क तामकग क रप स सटपषट नही कर सकत मक यीश पणग रप स परमश वर और मनषय द न ह हम परी तरह स यह सटपषट नही कर सकत मक परमश वर मनषय क मकरयाकलाप पर सपणग परभतव रिन क बाद भी हम हमार कायो क चलए कस चजममदार ठहराता ह सवोततम मसीही मवचारक न इन और इन जस अनय परशन क उततर दन का परयास मकयाह परत व सपणग और तामकग क सटपषटीकरण क परदान करन क मनकट आन म भी असिल रह ह

अततः परमश वर न सटवय क बार म ज कछ परकट मकया ह उसकी तामकग क सबदधता क सटपषट करन का परयास करना महतवपणग ह सकता ह परत हम इस तरह स मनधागररत नही करत ह मक कया सतय ह और कया झठ मकसी भी धमगवजञामनक दाव का सतय कवल इस बात पर मनभगर करता ह मक कया परमश वर न इस सामानय या मवशष परकाशन म परकट मकया ह या नही

ज ब धमय ववजञानी क हत ह वक परम श व र सम झ स पर ह त ो उनक कहन क ा अ थय यह हो त ा ह वक हम जो न शवर परा णी ह उ सक स पणय सार और अ ससतत व क ो समझ और ब झ नही सक त परम श व र क अ सी वम त हो न क क ा रण यह स भ ा व न ा ब हत ही कम ह व क हम उस उस उसक ी पणयता म समझ और ज ा न सक म उस स म रण क रत ा ह ज ो पौि स रो वम यो 1 1 3 3 -3 4 म कहत ा ह ज ब व ह परम शवर क अथ ा ह जञा न और ब ल ि क ब ा र म बा त क रता ह पर त वफर भी क यो व क उ सन हम पयायपत स व -परकट ीकरण परद ा न वक या ह इ सलि ए यह ववश वास म आन हत हम ा र ल ि ए पया यपत ह

- रव ह ि री को क रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय रहसटय क महतव क और अचधक रप स समझन क चलए हमन मलभत धारणा की ि ज की ह अब ईश वरीय रहसटय क उन मवमभनन परकार पर धयान दना सहायक ह रा ज उस समय मकरयासनवत ह त ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह

वभनन परका र हम रहसटय क द मवमभनन परकार क बीच अनतर कर सकत ह पहल परकार क हम ldquoअसटथाई रहसटयrdquo

कहर आइए दि मक ऐसा कहन स हमारा कया अथग ह अ सथाई असटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह ज एक मनचित अवचध तक मनषय स चछप

हए ह परत मिर व इमतहास म बाद म मकसी समय परकट मकए जात ह परमश वर सामानय परकाशन क दवारा अकसर उस परकट करता ह ज एक समय म रहसटयमयी था वह भौमतक ससार मानवीय ससटकमत अनय ल र या यहा तक मक हमार भीतर आए पररवतगन का परय र असटथाई रहसटय क परकट करन क चलए करता ह

मवशष परकाशन क साथ भी कछ ऐसा ही ह ता ह पमवतरशासटतर का धयान स मकया हआ अधययन दशागता ह मक परमश वर क बाद क परकाशन न उसक पहल क परकाशन का कभी मवर धाभास नही मकया ह परत यह भी सटपषट ह मक परमश वर न समय क साथ-साथ अपन बार म और अचधक परकट मकया ह मवशष परकाशन का परकटीकरण बाइबल क इमतहास की परतयक अवचध क दौरान हआ ह मनसटसदह ईश वरीय रहसटय का सबस नाटकीय परकटीकरण मसीह क मवशष परकाशन म हआ पौलस क मन म यही बात थी जब उसन इमिचसय 19 33 और 619 क चलिा इन पद म पौलस न मसीह म परमश वर क अनत उददशय क रहसटय क दशागया उसन सटपषट मकया मक यह रहसटय नए मनयम क परररत और भमवषयदविाओ क समय तक चछपाए रिा रया था

इसी कारण जब कभी हम परमश वर क बार म सीिन का परयास करत ह त हम परान मनयम म पाए जान वाल असटथाई रहसटय क सटपषट करन क चलए सदव नए मनयम क मवशष परकाशन की ि ज करनी चामहए

क ई ब ार हम िब द ldquo रहसयम यrdquo क ा परयोग परम श वर क ब ा र म ब ा त क रन क ल ि ए क रत ह क यो व क हम सम झ न ही पा त ह वक वह व ास तव म क या क र रहा ह द सरी ओर नया वन यम िब द ldquo रहसयमयrdquo क ा परयोग सा म ा नय रप म क रत ा ह ज ो व क यन ा नी िबद वम सट ीररयोन स आत ा ह - यह व ा स तव म समा न िब द ह - इ सक ा अ थय ह व क परम श व र दवा रा उ िार क ी अ नगरहक ारी योजन ा क ा परकट ीक रण ऐसी ब ात ह ल ज स हम अ पन आप स क भ ी सो च ही न ही पात अथ ा यत यह इस भाव म रहस य ह व क हम इ स कभ ी भ ी सम झ न ही पा त यवद परम श व र न इ स हम पर परक ट न वक या होत ा और इ सलि ए परम श व र अ पन वव िष परक ािन म अ पनी योजन ा क ो हम पर परक ट क रत ा ह और यही क ा रण ह वक आप िब द वम सट ीररयोन क ा परयोग इ व फल सयो और 1 क र रस नथ यो म होत ा हआ दख त ह यह ऐसा ह व क परम श व र धीर धी र अ पन परक ािन क ो परक ट क र रहा ह और हम वदख ा रहा ह वक क स उिार यहव द यो और अनयज ा व त यो द ो नो क ल ि ए ह और यह वक सी भ ी व यव ि क ल ि ए ह ज ो यी ि म सी ह क ो अ पन म सी ह क रप म स व ीक ा र क रग ा

- डॉ स म एि ि ाम रसन

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत नए मनयम क मवश वासी ह न क बावजद भी हम यह भी सटमरण रिना चामहए मक परमश वर न अभी तक परतयक असटथाई रहसटय क परकट नही मकया ह 1 कररसनथय 1312 म पौलस इस इस तरह स चलिता ह

इ स सम य म रा जञान अ धरा ह पर त उ स सम य ऐसी परी रीवत स पव हचा न ग ा (1 क र रस नथ यो 13 12 )

जब मसीह ममहमा म वापस आएरा कवल तभी वह परतयक असटथाई रहसटय क परकट कर दरा और हम परमश वर और उसक मारो क आज की अपिा कही अचधक परी तरह स समझ पाएर

जसा मक हम दि चक ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त हम कई असटथाई रहसटय का सामना करत ह परत बाइबल इस सटपषट कर दती ह मक जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह त हम सटथाई रहसटय क भी दिना ह ता ह

सथा ई सटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह चजनह मनषय कभी समझ नही पाएरा कय मक य सतय हमारी समझ स पर ह पारपररक धमगमवजञान म इस वासटतमवकता क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क रप म कहा जाता ह हम परमश वर क बार म कछ बात क समझ सकत ह जब वह उनह मानवीय रग प म परकट करता ह परत हम परमश वर क बार म मकसी भी बात क परी तरह स कभी नही समझ सकर हम इस मवचार क यशायाह 558-9 म सटपषट रप स अमभवयि पात ह जहा भमवषयदविा यशायाह यह चलिा ह

क यो वक यहोवा क हत ा ह म र ववचार और त म हा र ववचार एक सम ान न ही ह न तमहा री ग व त और म री ग व त एक सी ह क यो वक म री और तमहा री गवत म और म र और त म हा र सोच व व चा रो म आक ाि और परथवी क ा अ नतर ह (यिायाह 5 5 8 -9 )

इन पद म यशायाह न इसराएल क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क कारण उतपनन परमश वर क सटथाई रहसटय क सटमरण मदलाया

जब पववतर िासतर परम श व र क ो रहस यमयी क रप म द िायता ह त ो हम यह सव न ल ित क रना चावहए वक हम िब द ldquo रहसय rdquo क ो गित रप म न समझ ि जब म इ स स सा र क ी वस त ओ क रहस यम यी होन क बा र म सो चता ह त ो मझ िग त ा ह व क उ नक क छ ल छ प हए रहस य ह जो म झ वकसी सम य पर चवकत क र द ग ऐसी ब ात इ स व व षय म न ही ह ldquo रहसयम यीrdquo स हम ा रा अ थय यह ह वक परम श व र सम झ स पर ह हम ारा अ थय ह व क उ सक पा स ऐसा ज ी व न ह ज ो हमा री क ल पन ा स पर ह इसक ा अ थय यह ह वक उ सक ब ार म ऐसा कछ ह ल ज स हम परी री व त स समझ न ही सक त और म भ ी उ स सम झ न ही सक ता इ सक ा अथय ह वक यह म र रलचत ज ीव न स पर क ी ब ात ह वह म री सो च स वह बह त ब ड़ा ह इ सक ल ि ए लजस तकन ीक ी धमय व जञा व न क िबद का हम परयो ग क रत ह व ह ह ldquoअ न भवा त ी तrdquo परम श वर अ न भवात ीत ह वह हम ा र सोच-ववचार क ी सीम ा स पर ह और इ सी लि ए व ह आरा धन ा क यो गय ह इ सी लि ए वह म हान ह इ सी लि ए वह ऐसा ह ल ज सकी हम परि सा क रत ह

-डॉ ग री एम ब जय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

-15-

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परम श व र म रहस य आ ल िक रप स उ सक ी इस परक वत क क ारण ह व क व ह क ौ न ह और उ सक अ सी वम त ब न ाम हम ा र सी वम त हो न हम ा री सी वम तता तथा उसक ी असीवमत सा म रथयय और समझ क क ा रण ह पर त सा थ ही यह व व िष रप स सव ि म उ सक उ दद शयो और योज न ा ओ स भ ी स ब ल धत ह परम श व र कयो इ सी त रीक स क ा यय क रता और उ स त रीक स क ा यय न ही क रत ा ह और म सो चत ा ह वक बहत ब ा र अ हक ा री म न ष यो क रप म हम यह सोचत ह वक हम परम श व र स ब हतर क ा यो क ो क रन ा ज ान त ह पर त परम श वर क रहस य म उ द ाह रण क लि ए व यवसथा वववरण 29 29 म यह इ सक ब ा र म पवव तर िास तर म ब ात क रत ा ह ग पत ब ात परम श व र क ी ही ह पर त जो बा त उ सन परक ट क ी ह उन म हम आन नद और उ त सव मन ा सक त ह और व हा एक ऐसा भ ा व ह ल ज सम हम स वी क ार कर सकत ह वक परम श व र न हम सब क छ न ही ब ता या ह उ सन अ पन ब ा र म हम सब कछ न ही बत ा या ह - व ह क स बत ा सक त ा ह और हम उ स क स सम झ सक त ह पर त सा थ ही उ सन हम वह सब भी न ही ब त ा या ह वक वह अ पन उ दद शयो और योज न ा ओ क ो क स परा क र रहा ह और परा न व न यम क अ ययब स ब हतर इ स क ोई न ही ज ान त ा जो इ स वव षय म परशनो का उतत र चा हत ा था वक परम श व र न इ न ब ात ो क ी अ नम वत क यो दी और परम श व र न उ स वह उतत र न ही वद या जो वह चाहत ा था परम श व र न उ स यह उ ततर व द या ldquoम ज ान त ा ह वक म क या क र रहा ह और एक भाव म म री यो ज न ा म एक रहस य ह ल ज स क वि म ही परी त रह स सपि क र सक त ा ह और अ तत ः त सम य क अ त म दख गा जब सब कछ अ चा नक स और परी त रह स अ थय पणय हो ग ा rdquo

-रव ह डॉ ि ईस व व क ि र

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस शिला का जब हम आरभ करत ह त हम सदव यह याद रिना चामहए मक यदयमप परमश वर न सटवय क सामानय और मवशष द न परकार क परकाशन म परकट मकया ह मिर भी उसन हमस सटथाई और असटथाई द न परकार क रहसटय क चछपाए रिा ह हम इस वासटतमवकता स ऐसी ही बच नही सकत मक हम कवल रचचत पराणी ही ह चजनकी परमश वर क मवषय म समझ सदव बहत ही सीममत ह

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस अधयाय म अब तक हमन ऐस कछ तरीक क दिा ह चजनम ईश वरीय परकाशन और रहसटय परमश वर मवजञान क अधययन क आकार दत ह अब हम अपन दसर मखय मवषय की ओर मडन क चलए तयार ह परमश वर की मवशषताए और उसक कायग य मवषय उन द पराथममक तरीक क परसटतत करत ह चजनक दवारा पारपररक धमगमवजञामनय न परमश वर क बार म हमार जञान क साररमभगत मकया ह

गण औ र क ायय

परमश वर क रण और कायो क अमतररि मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर परमश वर मवजञान म मतरएकता क धमगचशिा क ऊपर भी बहत अचधक धयान कसनित मकया ह हमन पमवतर मतरएकता क ऊपर कझ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सीमा तक परररत का मवश वासवचन क ऊपर हमारी शिला म वातागलाप मकया ह इस शिला म हम इन द अनय मखय मवषय क ऊपर धयान कसनित करर

उततर ततर अधयाय म हम परमश वर क रण और कायो क ऊपर कई मवशषताओ की ि ज करर परत इस समय हम यहा पर कवल एक ही अवधारणा का पररचय दर परथम हम ईश वरीय रण या परमश वर कौन ह क ऊपर धयान दर और दसरा हम ईश वरीय कायो की ओर मडर या परमश वर कया करता ह आइए परमश वर क ईश वरीय रण स आरभ कर

ईश वरीय ग ण ईश वरीय रण क मवषय का पररचय द चरण म कराना सहायतापणग ह रा हम परमश वर क रण की

मल धारणा स आरभ करर तब हम ईश वरीय रण क परकार की जाच करर ज मक अकसर मवचधवत धमगमवजञान म मभनन रप म पहचान रए ह इसचलए ईश वरीय रण की मल धारणा कया हॽ

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश मसीमहय क यह पछना ह मक परमश वर क कया रण हॽ त ह सकता ह मक

कदाचचत वह यह कह मक परमश वर क रण व सारी य गयताए या चाररमतरक रण ह चजनह पमवतरशासटतर परमश वर स ससमबसनधत करता ह ठीक ह यह दमषटक ण तब तक सही ह जब तक यह इस माना जाता रह परत पारपररक धमगमवजञान म वाकयाश परमश वर क रण कछ मवशष बात की सकत दता ह

मवचधवत धमगमवजञान म ईश वरीय रण

परम श व र क सा र क ी पणयत ा ए वव व भ नन त रह क ऐवत हा लसक परगट ी क रणो क दव ा रा परक ट क ी गई ह

यह पररभाषा द पराथममक तथय क उजारर करती ह ज मक परमश वर क रण क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग क चचमतरत करती ह परथम सटथान पर परमश वर क रण परमश वर क सार की पणगताए ह आधमनक ससमाचारवादी अकसर परमश वर क सार की ओर सकत नही करत ह इसचलए इस धारणा की ि ज करनी सहायतापणग ह रा

शबद सार क साथ आरभ करत हए ज मक लमटन शबद इशसनसया क अनवाद का अथग सार या अससटततव क रप म करता ह लमटन धमगमवजञान म परमश वर का सार मनकट घमनषठता क साथ शबद सबसटसनसया या ततव क साथ समबदध ह धमागधयिीय और मधयकालीन धमगमवजञामनय न इन शबद क नव-अिलातनवाद और अरसटत क दाशगमनक मवचार स अपनाया था अब पलट और अरसटत क दमषटक ण म सार का मवचार मवमभनन तरह स पाया जाता ह और सार की धारणा क सबध म कई महतवपणग जमटलताए आधमनक दशगनशासटतर म उठ िडी हई ह परत आतमसात करन क चलए यह मल मवचार कमठन नही ह

सरल शबद म मकसी वसटत का सार अससटततव या ततव एक न पररवमतगत ह न वाली वासटतमवकता ह ती ह ज इसक सभी बाहरी सटवरप पररवमतगत ह त पररटीकरण की पषठभमम म ह ती ह मसीही धमगमवजञामनय न सार क इसी मवचार स अपन अधययन क आधाररत मकया ह जब उनह न परमश वर क रण और पणगताओ क ऊपर मवचार मवमशग मकया

सामानय रप म परमश वर क सार म चार महतवपणग मभननताए ससममचलत ह परमश वर का सार परमश वर सटवय कया ह परमश वर की पणगताए या रण परमश वर क सार की य गयताए परमश वर का

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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चलचचतर अधययन मारगदरशगका एव कई अनय ससाधनो क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 13: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र क व व षय म ऐस अ स खय अ परक ा लित सत य ह ज ो परम श व र क परवत हमा री सम झ क ो सीव मत करत ह

हम इस पररभाषा क द पहलओ क उजारर करर पहला पहल यह तथय ह मक ईश वरीय रहसटय ldquoपरमश वर क मवषय म असखय अपरकाचशत सतय हrdquo र ममय 1133 म परररत पौलस न सकत मदया मक हम सदव ईश वरीय रहसटय क परमत सचत रहना चामहए उसन चलिा

आहा परम श व र क ा धन और ब लि और जञान कया ही ग भी र ह

उ सक ववचार क स अथाह और उ सक मा गय क स अ गम ह (रो व म यो 1 1 3 3 )

इस पद तक क अधयाय म पौलस न सामानय और मवशष परकाशन क दवारा परमश वर क बार म कई मजबत धारणाओ क दशागया परत इस अनचछद म पौलस न परमश वर क जञान और बचदध की ldquoरभीरताrdquo की ओर सकत मकया और उसन सटवीकार मकया मक परमश वर क मवचार ldquoअथाहrdquo ह और ldquoउसक मारग अरमrdquo ह यदयमप पौलस न ईश वरीय परकाशन क दवारा परमश वर क बार म बहत कछ समझा था मिर भी उसन असखय रहसटय अथागत ऐसी बात का सामना मकया चजनह परमश वर क आतमा न परकट नही मकया था

परम श व र रहस यम यी ह क यो वक व ह क सी भ ी समझ और जञान स पर ह ज ो हम ार पा स हो व ह सम य सम य पर हम स परा म िय वक ए वब न ा क ा यय क रत ा ह व ह सद व हम स परा म िय लि ए व बन ा ही क ायय क रत ा ह पर त क ई ब ार उसक क ायय क रन क त रीक क ो सम झना हमा र लि ए क व ठन होता ह वह इस भाव म भ ी सम झ स पर ह वक को ई भी परम श व र क जञान क ो पणय रप स परा पत नही कर सक त ा वहा रहस य क ा होन ा अ वशय ह क यो वक वह परम श व र ह और क ोई रलचत पराणी न ही ह परम श व र क रहस यम यी हो न क बा र म ऐसा क छ न ही ह व क जो हम ा र लि ए वक सी रप म क ोई सम सया हो परम श व र क रहस य क ा अ थय यह न ही ह व क उ स तक पह चा नही ज ा सक ता इसक ा अ थय यह न ही ह वक वह हम स परम न ही क रत ा और वक हम उसक परम क ो म हसस न ही क र सक त ह इ सक ा अ थय इ नम स क ो ई भ ी ब ा त न ही ह व ा सत व म यवद वह रहस यमयी न हो त ा त ो हम सरलकषत रप स क ह सक त थ वक व ह परम श व र नही ह हम ऐसा परम श व र क यो चावहए जो रहसयमयी न हो हम उ स ज ा न त ह व यापक रप स न ही पर त हम उ स सचच रप स ज ा न त ह हम उ स सम झत नही पर त व न ल ित रप स हम उस कहन क लि ए पया यपत रप स ज ा नत ह व क हम वक सी अ स पि द ा िय व नक ल सिा त क ो नही ब सलक परम श व र क ो ज ा न त ह

- डॉ ववलि यम ऐड ग ा र

मपरसटन चथय ल चजकल समीनरी क मवचधवत धमगमवजञान क पर िसर चालसग ह ज चजनका जीवनकाल 1797-1878 तक था न महतवपणग रप म ईश वरीय रहसटय क साररमभगत मकया अपन मवचधवत धमगमवजञान क पहल ससटकरण क भार 1 क अधयाय 4 म उसन यह चलिा

परम श व र म उसक व व षय म हम ा र वव चा रो स ब ढक र ब हत क छ ह और उसक व व षय म हम ज ो क छ ज ा नत ह व ह हम अ पणय रप स ज ान त ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ह ज न यहा द महतवपणग अवल कन क दशागया ह पहल उसन बल मदया मक परमश वर क बार म ज सतय ह वह ldquoहमार मवचार स बढ़कर बहत कछ हrdquo यहा पर कवल थ ड स रहसटय नही ह न ही बहत स रहसटय ह इसकी अपिा कय मक परमश वर सटवय असीम ह इसचलए वहा हमारी कलपना स बढ़कर बहत स रहसटय ह ह ज न यह भी सटपषट मकया मक ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क इतना भर दत ह मक ldquo[परमश वर क] मवषय म हम ज कछ जानत ह वह हम अपणग रप स जानत हrdquo दसर शबद म परमश वर क बार म ऐसी एक भी बात नही ह चजस हम पणग रीमत स समझत ह

क ई ब ार जब हम वक सी क ो यह क हत हए सन त ह व क परम श व र समझ स पर ह त ो हम इस पर एक त रह स नक ा रात मक परव त वकर या द त ह - कया म उ स नही ज ान सक त ा क या म उ सक ब ा र म ज ान का री परापत न ही क र सकता और व नस स द ह ब ाइबि परम श व र क ा सव -परक ा िन ह उ सन स व य क ो परक ट व क या ह त ा व क हम उ स व यविगत रप स जान सक और उसक बा र म क छ ब ात ो क ो जा न सक पर त यवद आप रकक र उसक ब ा र म सो च वक यवद परम श व र सच म अ सीवम त परम श व र ह त ो म रा छ ोट ा सा वद म ाग और यहा तक वक इ स स सा र क ा सव ो ततम धमय व जञाव नक वदम ाग भ ी उ स उ सकी पणयत ा म समझ न ही पा एग ा अ पन ी पर रभ ा षा क अ न सार यव द म उ स सम झ सक तो म उ सक ल जत ना ही महा न हो ज ा ऊ ग ा और इसल ि ए यह ब हत ही म हतव पणय भ ा ग ह हम ारा परम श व र क ोई छ ोट ा परम श व र नही ह व ह इ तन ा छो ट ा न ही ह वक म अ पन वद म ा ग या वक सी पसत क म उ सक ी स पणय सम झ क ो परापत क र ि हम आभ ारी ह वक उ सन स व य क ो पयायपत रप स परक ट वक या ह और यह वक उ सन हम ा र उ ि ा र क ा परब ध वक या ह त ा व क हम उ सक ब ा र म कछ सम झ क ो परापत क र सक और उ सक साथ स ग वत रख सक उ सक साथ सही स ग वत म रह सक और उ सक ब ा र म सही ववचार रख सक चा ह व ह व या पक रप स न हो पर त उस ज ान ा ज ा सकत ा ह क यो वक उ सन स व य क ो पराकल ित वक या ह पर त व ह समझ स पर ह और उसक ी पणयत ा परम श व र क ब ा र म हम ारी सम झ और उसक लि ए हम ारी आरधना और उसक परव त हम ारी आजञाक ा र रत ा क लि ए ब हत अ ल धक बहत ही अ लधक महतव पणय ह

- डॉ ग ा रथ क ोक र रि

यह पहचानन क अमतररि मक ईश वरीय रहसटय असखय ह हम सदव ईश वरीय रहसटय क दसर महतवपणग पहल पर भी धयान दना चामहए ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क बहत सीममत कर दत ह जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह

ऐस कई मवमभनन तरीक ह चजनम ईश वरीय रहसटय परमश वर क बार म हमार जञान क सीममत कर दत ह परत इस अधयाय क चलए हम कवल द तरीक पर धयान दर एक ओर हमार पास परमश वर क बार म बहत ही सीममत जानकारी ह यदयमप परमश वर न सटपषट कर मदया ह मक उदधार और मसीह म जीवन क चलए आवशयक कया ह वासटतव म हमम स क ई भी परमश वर क बार म अचधक कछ नही समझता पहला कररसनथय 1312 हम बताता ह मक हम परमश वर का सतय कवल ldquoधधलाrdquo मदिाई दता ह जस मक हम ldquoएक दपगण मrdquo दि रह ह

इसचलए परमश वर की धमगचशिा क मवचार-मवमशग म असखय परशन उठ िड ह त ह चजनका ऐस ही परी तरह स उततर नही मदया जा सकता उदारण क चलए परमश वर बराई क कय अनममत दता ह वतगमान

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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घटनाओ म हम परमश वर क उददशय क कस समझ सकत ह बहत स धमगमवजञानी मवशषकर व ज सदहवामदय स मघर हए ह ऐसी कलपनाओ म रहत ह कय मक व यह सटवीकार नही कर सकत मक हमार पास ऐस परशन क उततर नही ह परत ईश वरीय रहसटय अकसर मसीह क मवश वासय गय अनयामयय क यह सटवीकार करन म अरवाई दत ह ldquoमझ नही पताrdquo जब बात परमश वर की धमगचशिा की आती ह तब यमद परमश वर न इस परकट नही मकया ह त हम इस जान नही सकत यह इतनी सरल बात ह

मसीह क मवश वासय गय अनयायी ह न क नात हम इस सचचाई स कभी भारना नही चामहए मक हमार पास परमश वर क बार म सीममत जानकारी ह वासटतव म पल दर पल इस तरह की सीममतता क सटमरण करना एक आशीष ह ईश वरीय रहसटय हम परमश वर पर भर सा रिन क मववश करत ह हम परमश वर क जञान क परापत करन क चलए अपनी सीममत य गयताओ पर मवश वास रिन की अपिा पमवतर आतमा की सवकाई क दवारा मपता और मसीह पर मनभगर ह ना चामहए

दसरी ओर ईश वरीय रहसटय का अथग यह भी ह मक मनषय कवल परमश वर क परकाशन क सीममत सटपषटीकरण ही परसटतत कर सकत ह हम इस बात पर बल दन म सही ह मक सतय क परमश वर का परकाशन सटवय म मवर धाभासी नही ह और हम परमश वर क परकाशन क बीच बहत स तामकग क सबध क दि सकत ह परत चाह हम सटवीकार कर या न कर ईश वरीय रहसटय न कवल इस बात क सीममत करत ह मक हमार पास परमश वर क बार म मकतनी जानकारी ह साथ ही व परमश वर न ज सटवय क बार म परकट मकया ह उसम स अचधकाश बात की तामकग क सबदधता क सटपषट करन की हमारी य गयता क भी सीममत कर दत ह

उदाहरण क चलए हम मतरएकता अथागत परमश वर एक ह और उसक तीन वयमितव ह का सपणग रप स तामकग क सटपषटीकरण नही द सकत हम इस वासटतमवकता क परतयक पहल क तामकग क रप स सटपषट नही कर सकत मक यीश पणग रप स परमश वर और मनषय द न ह हम परी तरह स यह सटपषट नही कर सकत मक परमश वर मनषय क मकरयाकलाप पर सपणग परभतव रिन क बाद भी हम हमार कायो क चलए कस चजममदार ठहराता ह सवोततम मसीही मवचारक न इन और इन जस अनय परशन क उततर दन का परयास मकयाह परत व सपणग और तामकग क सटपषटीकरण क परदान करन क मनकट आन म भी असिल रह ह

अततः परमश वर न सटवय क बार म ज कछ परकट मकया ह उसकी तामकग क सबदधता क सटपषट करन का परयास करना महतवपणग ह सकता ह परत हम इस तरह स मनधागररत नही करत ह मक कया सतय ह और कया झठ मकसी भी धमगवजञामनक दाव का सतय कवल इस बात पर मनभगर करता ह मक कया परमश वर न इस सामानय या मवशष परकाशन म परकट मकया ह या नही

ज ब धमय ववजञानी क हत ह वक परम श व र सम झ स पर ह त ो उनक कहन क ा अ थय यह हो त ा ह वक हम जो न शवर परा णी ह उ सक स पणय सार और अ ससतत व क ो समझ और ब झ नही सक त परम श व र क अ सी वम त हो न क क ा रण यह स भ ा व न ा ब हत ही कम ह व क हम उस उस उसक ी पणयता म समझ और ज ा न सक म उस स म रण क रत ा ह ज ो पौि स रो वम यो 1 1 3 3 -3 4 म कहत ा ह ज ब व ह परम शवर क अथ ा ह जञा न और ब ल ि क ब ा र म बा त क रता ह पर त वफर भी क यो व क उ सन हम पयायपत स व -परकट ीकरण परद ा न वक या ह इ सलि ए यह ववश वास म आन हत हम ा र ल ि ए पया यपत ह

- रव ह ि री को क रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय रहसटय क महतव क और अचधक रप स समझन क चलए हमन मलभत धारणा की ि ज की ह अब ईश वरीय रहसटय क उन मवमभनन परकार पर धयान दना सहायक ह रा ज उस समय मकरयासनवत ह त ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह

वभनन परका र हम रहसटय क द मवमभनन परकार क बीच अनतर कर सकत ह पहल परकार क हम ldquoअसटथाई रहसटयrdquo

कहर आइए दि मक ऐसा कहन स हमारा कया अथग ह अ सथाई असटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह ज एक मनचित अवचध तक मनषय स चछप

हए ह परत मिर व इमतहास म बाद म मकसी समय परकट मकए जात ह परमश वर सामानय परकाशन क दवारा अकसर उस परकट करता ह ज एक समय म रहसटयमयी था वह भौमतक ससार मानवीय ससटकमत अनय ल र या यहा तक मक हमार भीतर आए पररवतगन का परय र असटथाई रहसटय क परकट करन क चलए करता ह

मवशष परकाशन क साथ भी कछ ऐसा ही ह ता ह पमवतरशासटतर का धयान स मकया हआ अधययन दशागता ह मक परमश वर क बाद क परकाशन न उसक पहल क परकाशन का कभी मवर धाभास नही मकया ह परत यह भी सटपषट ह मक परमश वर न समय क साथ-साथ अपन बार म और अचधक परकट मकया ह मवशष परकाशन का परकटीकरण बाइबल क इमतहास की परतयक अवचध क दौरान हआ ह मनसटसदह ईश वरीय रहसटय का सबस नाटकीय परकटीकरण मसीह क मवशष परकाशन म हआ पौलस क मन म यही बात थी जब उसन इमिचसय 19 33 और 619 क चलिा इन पद म पौलस न मसीह म परमश वर क अनत उददशय क रहसटय क दशागया उसन सटपषट मकया मक यह रहसटय नए मनयम क परररत और भमवषयदविाओ क समय तक चछपाए रिा रया था

इसी कारण जब कभी हम परमश वर क बार म सीिन का परयास करत ह त हम परान मनयम म पाए जान वाल असटथाई रहसटय क सटपषट करन क चलए सदव नए मनयम क मवशष परकाशन की ि ज करनी चामहए

क ई ब ार हम िब द ldquo रहसयम यrdquo क ा परयोग परम श वर क ब ा र म ब ा त क रन क ल ि ए क रत ह क यो व क हम सम झ न ही पा त ह वक वह व ास तव म क या क र रहा ह द सरी ओर नया वन यम िब द ldquo रहसयमयrdquo क ा परयोग सा म ा नय रप म क रत ा ह ज ो व क यन ा नी िबद वम सट ीररयोन स आत ा ह - यह व ा स तव म समा न िब द ह - इ सक ा अ थय ह व क परम श व र दवा रा उ िार क ी अ नगरहक ारी योजन ा क ा परकट ीक रण ऐसी ब ात ह ल ज स हम अ पन आप स क भ ी सो च ही न ही पात अथ ा यत यह इस भाव म रहस य ह व क हम इ स कभ ी भ ी सम झ न ही पा त यवद परम श व र न इ स हम पर परक ट न वक या होत ा और इ सलि ए परम श व र अ पन वव िष परक ािन म अ पनी योजन ा क ो हम पर परक ट क रत ा ह और यही क ा रण ह वक आप िब द वम सट ीररयोन क ा परयोग इ व फल सयो और 1 क र रस नथ यो म होत ा हआ दख त ह यह ऐसा ह व क परम श व र धीर धी र अ पन परक ािन क ो परक ट क र रहा ह और हम वदख ा रहा ह वक क स उिार यहव द यो और अनयज ा व त यो द ो नो क ल ि ए ह और यह वक सी भ ी व यव ि क ल ि ए ह ज ो यी ि म सी ह क ो अ पन म सी ह क रप म स व ीक ा र क रग ा

- डॉ स म एि ि ाम रसन

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत नए मनयम क मवश वासी ह न क बावजद भी हम यह भी सटमरण रिना चामहए मक परमश वर न अभी तक परतयक असटथाई रहसटय क परकट नही मकया ह 1 कररसनथय 1312 म पौलस इस इस तरह स चलिता ह

इ स सम य म रा जञान अ धरा ह पर त उ स सम य ऐसी परी रीवत स पव हचा न ग ा (1 क र रस नथ यो 13 12 )

जब मसीह ममहमा म वापस आएरा कवल तभी वह परतयक असटथाई रहसटय क परकट कर दरा और हम परमश वर और उसक मारो क आज की अपिा कही अचधक परी तरह स समझ पाएर

जसा मक हम दि चक ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त हम कई असटथाई रहसटय का सामना करत ह परत बाइबल इस सटपषट कर दती ह मक जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह त हम सटथाई रहसटय क भी दिना ह ता ह

सथा ई सटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह चजनह मनषय कभी समझ नही पाएरा कय मक य सतय हमारी समझ स पर ह पारपररक धमगमवजञान म इस वासटतमवकता क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क रप म कहा जाता ह हम परमश वर क बार म कछ बात क समझ सकत ह जब वह उनह मानवीय रग प म परकट करता ह परत हम परमश वर क बार म मकसी भी बात क परी तरह स कभी नही समझ सकर हम इस मवचार क यशायाह 558-9 म सटपषट रप स अमभवयि पात ह जहा भमवषयदविा यशायाह यह चलिा ह

क यो वक यहोवा क हत ा ह म र ववचार और त म हा र ववचार एक सम ान न ही ह न तमहा री ग व त और म री ग व त एक सी ह क यो वक म री और तमहा री गवत म और म र और त म हा र सोच व व चा रो म आक ाि और परथवी क ा अ नतर ह (यिायाह 5 5 8 -9 )

इन पद म यशायाह न इसराएल क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क कारण उतपनन परमश वर क सटथाई रहसटय क सटमरण मदलाया

जब पववतर िासतर परम श व र क ो रहस यमयी क रप म द िायता ह त ो हम यह सव न ल ित क रना चावहए वक हम िब द ldquo रहसय rdquo क ो गित रप म न समझ ि जब म इ स स सा र क ी वस त ओ क रहस यम यी होन क बा र म सो चता ह त ो मझ िग त ा ह व क उ नक क छ ल छ प हए रहस य ह जो म झ वकसी सम य पर चवकत क र द ग ऐसी ब ात इ स व व षय म न ही ह ldquo रहसयम यीrdquo स हम ा रा अ थय यह ह वक परम श व र सम झ स पर ह हम ारा अ थय ह व क उ सक पा स ऐसा ज ी व न ह ज ो हमा री क ल पन ा स पर ह इसक ा अ थय यह ह वक उ सक ब ार म ऐसा कछ ह ल ज स हम परी री व त स समझ न ही सक त और म भ ी उ स सम झ न ही सक ता इ सक ा अथय ह वक यह म र रलचत ज ीव न स पर क ी ब ात ह वह म री सो च स वह बह त ब ड़ा ह इ सक ल ि ए लजस तकन ीक ी धमय व जञा व न क िबद का हम परयो ग क रत ह व ह ह ldquoअ न भवा त ी तrdquo परम श वर अ न भवात ीत ह वह हम ा र सोच-ववचार क ी सीम ा स पर ह और इ सी लि ए व ह आरा धन ा क यो गय ह इ सी लि ए वह म हान ह इ सी लि ए वह ऐसा ह ल ज सकी हम परि सा क रत ह

-डॉ ग री एम ब जय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र म रहस य आ ल िक रप स उ सक ी इस परक वत क क ारण ह व क व ह क ौ न ह और उ सक अ सी वम त ब न ाम हम ा र सी वम त हो न हम ा री सी वम तता तथा उसक ी असीवमत सा म रथयय और समझ क क ा रण ह पर त सा थ ही यह व व िष रप स सव ि म उ सक उ दद शयो और योज न ा ओ स भ ी स ब ल धत ह परम श व र कयो इ सी त रीक स क ा यय क रता और उ स त रीक स क ा यय न ही क रत ा ह और म सो चत ा ह वक बहत ब ा र अ हक ा री म न ष यो क रप म हम यह सोचत ह वक हम परम श व र स ब हतर क ा यो क ो क रन ा ज ान त ह पर त परम श वर क रहस य म उ द ाह रण क लि ए व यवसथा वववरण 29 29 म यह इ सक ब ा र म पवव तर िास तर म ब ात क रत ा ह ग पत ब ात परम श व र क ी ही ह पर त जो बा त उ सन परक ट क ी ह उन म हम आन नद और उ त सव मन ा सक त ह और व हा एक ऐसा भ ा व ह ल ज सम हम स वी क ार कर सकत ह वक परम श व र न हम सब क छ न ही ब ता या ह उ सन अ पन ब ा र म हम सब कछ न ही बत ा या ह - व ह क स बत ा सक त ा ह और हम उ स क स सम झ सक त ह पर त सा थ ही उ सन हम वह सब भी न ही ब त ा या ह वक वह अ पन उ दद शयो और योज न ा ओ क ो क स परा क र रहा ह और परा न व न यम क अ ययब स ब हतर इ स क ोई न ही ज ान त ा जो इ स वव षय म परशनो का उतत र चा हत ा था वक परम श व र न इ न ब ात ो क ी अ नम वत क यो दी और परम श व र न उ स वह उतत र न ही वद या जो वह चाहत ा था परम श व र न उ स यह उ ततर व द या ldquoम ज ान त ा ह वक म क या क र रहा ह और एक भाव म म री यो ज न ा म एक रहस य ह ल ज स क वि म ही परी त रह स सपि क र सक त ा ह और अ तत ः त सम य क अ त म दख गा जब सब कछ अ चा नक स और परी त रह स अ थय पणय हो ग ा rdquo

-रव ह डॉ ि ईस व व क ि र

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस शिला का जब हम आरभ करत ह त हम सदव यह याद रिना चामहए मक यदयमप परमश वर न सटवय क सामानय और मवशष द न परकार क परकाशन म परकट मकया ह मिर भी उसन हमस सटथाई और असटथाई द न परकार क रहसटय क चछपाए रिा ह हम इस वासटतमवकता स ऐसी ही बच नही सकत मक हम कवल रचचत पराणी ही ह चजनकी परमश वर क मवषय म समझ सदव बहत ही सीममत ह

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस अधयाय म अब तक हमन ऐस कछ तरीक क दिा ह चजनम ईश वरीय परकाशन और रहसटय परमश वर मवजञान क अधययन क आकार दत ह अब हम अपन दसर मखय मवषय की ओर मडन क चलए तयार ह परमश वर की मवशषताए और उसक कायग य मवषय उन द पराथममक तरीक क परसटतत करत ह चजनक दवारा पारपररक धमगमवजञामनय न परमश वर क बार म हमार जञान क साररमभगत मकया ह

गण औ र क ायय

परमश वर क रण और कायो क अमतररि मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर परमश वर मवजञान म मतरएकता क धमगचशिा क ऊपर भी बहत अचधक धयान कसनित मकया ह हमन पमवतर मतरएकता क ऊपर कझ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सीमा तक परररत का मवश वासवचन क ऊपर हमारी शिला म वातागलाप मकया ह इस शिला म हम इन द अनय मखय मवषय क ऊपर धयान कसनित करर

उततर ततर अधयाय म हम परमश वर क रण और कायो क ऊपर कई मवशषताओ की ि ज करर परत इस समय हम यहा पर कवल एक ही अवधारणा का पररचय दर परथम हम ईश वरीय रण या परमश वर कौन ह क ऊपर धयान दर और दसरा हम ईश वरीय कायो की ओर मडर या परमश वर कया करता ह आइए परमश वर क ईश वरीय रण स आरभ कर

ईश वरीय ग ण ईश वरीय रण क मवषय का पररचय द चरण म कराना सहायतापणग ह रा हम परमश वर क रण की

मल धारणा स आरभ करर तब हम ईश वरीय रण क परकार की जाच करर ज मक अकसर मवचधवत धमगमवजञान म मभनन रप म पहचान रए ह इसचलए ईश वरीय रण की मल धारणा कया हॽ

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश मसीमहय क यह पछना ह मक परमश वर क कया रण हॽ त ह सकता ह मक

कदाचचत वह यह कह मक परमश वर क रण व सारी य गयताए या चाररमतरक रण ह चजनह पमवतरशासटतर परमश वर स ससमबसनधत करता ह ठीक ह यह दमषटक ण तब तक सही ह जब तक यह इस माना जाता रह परत पारपररक धमगमवजञान म वाकयाश परमश वर क रण कछ मवशष बात की सकत दता ह

मवचधवत धमगमवजञान म ईश वरीय रण

परम श व र क सा र क ी पणयत ा ए वव व भ नन त रह क ऐवत हा लसक परगट ी क रणो क दव ा रा परक ट क ी गई ह

यह पररभाषा द पराथममक तथय क उजारर करती ह ज मक परमश वर क रण क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग क चचमतरत करती ह परथम सटथान पर परमश वर क रण परमश वर क सार की पणगताए ह आधमनक ससमाचारवादी अकसर परमश वर क सार की ओर सकत नही करत ह इसचलए इस धारणा की ि ज करनी सहायतापणग ह रा

शबद सार क साथ आरभ करत हए ज मक लमटन शबद इशसनसया क अनवाद का अथग सार या अससटततव क रप म करता ह लमटन धमगमवजञान म परमश वर का सार मनकट घमनषठता क साथ शबद सबसटसनसया या ततव क साथ समबदध ह धमागधयिीय और मधयकालीन धमगमवजञामनय न इन शबद क नव-अिलातनवाद और अरसटत क दाशगमनक मवचार स अपनाया था अब पलट और अरसटत क दमषटक ण म सार का मवचार मवमभनन तरह स पाया जाता ह और सार की धारणा क सबध म कई महतवपणग जमटलताए आधमनक दशगनशासटतर म उठ िडी हई ह परत आतमसात करन क चलए यह मल मवचार कमठन नही ह

सरल शबद म मकसी वसटत का सार अससटततव या ततव एक न पररवमतगत ह न वाली वासटतमवकता ह ती ह ज इसक सभी बाहरी सटवरप पररवमतगत ह त पररटीकरण की पषठभमम म ह ती ह मसीही धमगमवजञामनय न सार क इसी मवचार स अपन अधययन क आधाररत मकया ह जब उनह न परमश वर क रण और पणगताओ क ऊपर मवचार मवमशग मकया

सामानय रप म परमश वर क सार म चार महतवपणग मभननताए ससममचलत ह परमश वर का सार परमश वर सटवय कया ह परमश वर की पणगताए या रण परमश वर क सार की य गयताए परमश वर का

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 14: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ह ज न यहा द महतवपणग अवल कन क दशागया ह पहल उसन बल मदया मक परमश वर क बार म ज सतय ह वह ldquoहमार मवचार स बढ़कर बहत कछ हrdquo यहा पर कवल थ ड स रहसटय नही ह न ही बहत स रहसटय ह इसकी अपिा कय मक परमश वर सटवय असीम ह इसचलए वहा हमारी कलपना स बढ़कर बहत स रहसटय ह ह ज न यह भी सटपषट मकया मक ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क इतना भर दत ह मक ldquo[परमश वर क] मवषय म हम ज कछ जानत ह वह हम अपणग रप स जानत हrdquo दसर शबद म परमश वर क बार म ऐसी एक भी बात नही ह चजस हम पणग रीमत स समझत ह

क ई ब ार जब हम वक सी क ो यह क हत हए सन त ह व क परम श व र समझ स पर ह त ो हम इस पर एक त रह स नक ा रात मक परव त वकर या द त ह - कया म उ स नही ज ान सक त ा क या म उ सक ब ा र म ज ान का री परापत न ही क र सकता और व नस स द ह ब ाइबि परम श व र क ा सव -परक ा िन ह उ सन स व य क ो परक ट व क या ह त ा व क हम उ स व यविगत रप स जान सक और उसक बा र म क छ ब ात ो क ो जा न सक पर त यवद आप रकक र उसक ब ा र म सो च वक यवद परम श व र सच म अ सीवम त परम श व र ह त ो म रा छ ोट ा सा वद म ाग और यहा तक वक इ स स सा र क ा सव ो ततम धमय व जञाव नक वदम ाग भ ी उ स उ सकी पणयत ा म समझ न ही पा एग ा अ पन ी पर रभ ा षा क अ न सार यव द म उ स सम झ सक तो म उ सक ल जत ना ही महा न हो ज ा ऊ ग ा और इसल ि ए यह ब हत ही म हतव पणय भ ा ग ह हम ारा परम श व र क ोई छ ोट ा परम श व र नही ह व ह इ तन ा छो ट ा न ही ह वक म अ पन वद म ा ग या वक सी पसत क म उ सक ी स पणय सम झ क ो परापत क र ि हम आभ ारी ह वक उ सन स व य क ो पयायपत रप स परक ट वक या ह और यह वक उ सन हम ा र उ ि ा र क ा परब ध वक या ह त ा व क हम उ सक ब ा र म कछ सम झ क ो परापत क र सक और उ सक साथ स ग वत रख सक उ सक साथ सही स ग वत म रह सक और उ सक ब ा र म सही ववचार रख सक चा ह व ह व या पक रप स न हो पर त उस ज ान ा ज ा सकत ा ह क यो वक उ सन स व य क ो पराकल ित वक या ह पर त व ह समझ स पर ह और उसक ी पणयत ा परम श व र क ब ा र म हम ारी सम झ और उसक लि ए हम ारी आरधना और उसक परव त हम ारी आजञाक ा र रत ा क लि ए ब हत अ ल धक बहत ही अ लधक महतव पणय ह

- डॉ ग ा रथ क ोक र रि

यह पहचानन क अमतररि मक ईश वरीय रहसटय असखय ह हम सदव ईश वरीय रहसटय क दसर महतवपणग पहल पर भी धयान दना चामहए ईश वरीय रहसटय हमारी समझ क बहत सीममत कर दत ह जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह

ऐस कई मवमभनन तरीक ह चजनम ईश वरीय रहसटय परमश वर क बार म हमार जञान क सीममत कर दत ह परत इस अधयाय क चलए हम कवल द तरीक पर धयान दर एक ओर हमार पास परमश वर क बार म बहत ही सीममत जानकारी ह यदयमप परमश वर न सटपषट कर मदया ह मक उदधार और मसीह म जीवन क चलए आवशयक कया ह वासटतव म हमम स क ई भी परमश वर क बार म अचधक कछ नही समझता पहला कररसनथय 1312 हम बताता ह मक हम परमश वर का सतय कवल ldquoधधलाrdquo मदिाई दता ह जस मक हम ldquoएक दपगण मrdquo दि रह ह

इसचलए परमश वर की धमगचशिा क मवचार-मवमशग म असखय परशन उठ िड ह त ह चजनका ऐस ही परी तरह स उततर नही मदया जा सकता उदारण क चलए परमश वर बराई क कय अनममत दता ह वतगमान

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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घटनाओ म हम परमश वर क उददशय क कस समझ सकत ह बहत स धमगमवजञानी मवशषकर व ज सदहवामदय स मघर हए ह ऐसी कलपनाओ म रहत ह कय मक व यह सटवीकार नही कर सकत मक हमार पास ऐस परशन क उततर नही ह परत ईश वरीय रहसटय अकसर मसीह क मवश वासय गय अनयामयय क यह सटवीकार करन म अरवाई दत ह ldquoमझ नही पताrdquo जब बात परमश वर की धमगचशिा की आती ह तब यमद परमश वर न इस परकट नही मकया ह त हम इस जान नही सकत यह इतनी सरल बात ह

मसीह क मवश वासय गय अनयायी ह न क नात हम इस सचचाई स कभी भारना नही चामहए मक हमार पास परमश वर क बार म सीममत जानकारी ह वासटतव म पल दर पल इस तरह की सीममतता क सटमरण करना एक आशीष ह ईश वरीय रहसटय हम परमश वर पर भर सा रिन क मववश करत ह हम परमश वर क जञान क परापत करन क चलए अपनी सीममत य गयताओ पर मवश वास रिन की अपिा पमवतर आतमा की सवकाई क दवारा मपता और मसीह पर मनभगर ह ना चामहए

दसरी ओर ईश वरीय रहसटय का अथग यह भी ह मक मनषय कवल परमश वर क परकाशन क सीममत सटपषटीकरण ही परसटतत कर सकत ह हम इस बात पर बल दन म सही ह मक सतय क परमश वर का परकाशन सटवय म मवर धाभासी नही ह और हम परमश वर क परकाशन क बीच बहत स तामकग क सबध क दि सकत ह परत चाह हम सटवीकार कर या न कर ईश वरीय रहसटय न कवल इस बात क सीममत करत ह मक हमार पास परमश वर क बार म मकतनी जानकारी ह साथ ही व परमश वर न ज सटवय क बार म परकट मकया ह उसम स अचधकाश बात की तामकग क सबदधता क सटपषट करन की हमारी य गयता क भी सीममत कर दत ह

उदाहरण क चलए हम मतरएकता अथागत परमश वर एक ह और उसक तीन वयमितव ह का सपणग रप स तामकग क सटपषटीकरण नही द सकत हम इस वासटतमवकता क परतयक पहल क तामकग क रप स सटपषट नही कर सकत मक यीश पणग रप स परमश वर और मनषय द न ह हम परी तरह स यह सटपषट नही कर सकत मक परमश वर मनषय क मकरयाकलाप पर सपणग परभतव रिन क बाद भी हम हमार कायो क चलए कस चजममदार ठहराता ह सवोततम मसीही मवचारक न इन और इन जस अनय परशन क उततर दन का परयास मकयाह परत व सपणग और तामकग क सटपषटीकरण क परदान करन क मनकट आन म भी असिल रह ह

अततः परमश वर न सटवय क बार म ज कछ परकट मकया ह उसकी तामकग क सबदधता क सटपषट करन का परयास करना महतवपणग ह सकता ह परत हम इस तरह स मनधागररत नही करत ह मक कया सतय ह और कया झठ मकसी भी धमगवजञामनक दाव का सतय कवल इस बात पर मनभगर करता ह मक कया परमश वर न इस सामानय या मवशष परकाशन म परकट मकया ह या नही

ज ब धमय ववजञानी क हत ह वक परम श व र सम झ स पर ह त ो उनक कहन क ा अ थय यह हो त ा ह वक हम जो न शवर परा णी ह उ सक स पणय सार और अ ससतत व क ो समझ और ब झ नही सक त परम श व र क अ सी वम त हो न क क ा रण यह स भ ा व न ा ब हत ही कम ह व क हम उस उस उसक ी पणयता म समझ और ज ा न सक म उस स म रण क रत ा ह ज ो पौि स रो वम यो 1 1 3 3 -3 4 म कहत ा ह ज ब व ह परम शवर क अथ ा ह जञा न और ब ल ि क ब ा र म बा त क रता ह पर त वफर भी क यो व क उ सन हम पयायपत स व -परकट ीकरण परद ा न वक या ह इ सलि ए यह ववश वास म आन हत हम ा र ल ि ए पया यपत ह

- रव ह ि री को क रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय रहसटय क महतव क और अचधक रप स समझन क चलए हमन मलभत धारणा की ि ज की ह अब ईश वरीय रहसटय क उन मवमभनन परकार पर धयान दना सहायक ह रा ज उस समय मकरयासनवत ह त ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह

वभनन परका र हम रहसटय क द मवमभनन परकार क बीच अनतर कर सकत ह पहल परकार क हम ldquoअसटथाई रहसटयrdquo

कहर आइए दि मक ऐसा कहन स हमारा कया अथग ह अ सथाई असटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह ज एक मनचित अवचध तक मनषय स चछप

हए ह परत मिर व इमतहास म बाद म मकसी समय परकट मकए जात ह परमश वर सामानय परकाशन क दवारा अकसर उस परकट करता ह ज एक समय म रहसटयमयी था वह भौमतक ससार मानवीय ससटकमत अनय ल र या यहा तक मक हमार भीतर आए पररवतगन का परय र असटथाई रहसटय क परकट करन क चलए करता ह

मवशष परकाशन क साथ भी कछ ऐसा ही ह ता ह पमवतरशासटतर का धयान स मकया हआ अधययन दशागता ह मक परमश वर क बाद क परकाशन न उसक पहल क परकाशन का कभी मवर धाभास नही मकया ह परत यह भी सटपषट ह मक परमश वर न समय क साथ-साथ अपन बार म और अचधक परकट मकया ह मवशष परकाशन का परकटीकरण बाइबल क इमतहास की परतयक अवचध क दौरान हआ ह मनसटसदह ईश वरीय रहसटय का सबस नाटकीय परकटीकरण मसीह क मवशष परकाशन म हआ पौलस क मन म यही बात थी जब उसन इमिचसय 19 33 और 619 क चलिा इन पद म पौलस न मसीह म परमश वर क अनत उददशय क रहसटय क दशागया उसन सटपषट मकया मक यह रहसटय नए मनयम क परररत और भमवषयदविाओ क समय तक चछपाए रिा रया था

इसी कारण जब कभी हम परमश वर क बार म सीिन का परयास करत ह त हम परान मनयम म पाए जान वाल असटथाई रहसटय क सटपषट करन क चलए सदव नए मनयम क मवशष परकाशन की ि ज करनी चामहए

क ई ब ार हम िब द ldquo रहसयम यrdquo क ा परयोग परम श वर क ब ा र म ब ा त क रन क ल ि ए क रत ह क यो व क हम सम झ न ही पा त ह वक वह व ास तव म क या क र रहा ह द सरी ओर नया वन यम िब द ldquo रहसयमयrdquo क ा परयोग सा म ा नय रप म क रत ा ह ज ो व क यन ा नी िबद वम सट ीररयोन स आत ा ह - यह व ा स तव म समा न िब द ह - इ सक ा अ थय ह व क परम श व र दवा रा उ िार क ी अ नगरहक ारी योजन ा क ा परकट ीक रण ऐसी ब ात ह ल ज स हम अ पन आप स क भ ी सो च ही न ही पात अथ ा यत यह इस भाव म रहस य ह व क हम इ स कभ ी भ ी सम झ न ही पा त यवद परम श व र न इ स हम पर परक ट न वक या होत ा और इ सलि ए परम श व र अ पन वव िष परक ािन म अ पनी योजन ा क ो हम पर परक ट क रत ा ह और यही क ा रण ह वक आप िब द वम सट ीररयोन क ा परयोग इ व फल सयो और 1 क र रस नथ यो म होत ा हआ दख त ह यह ऐसा ह व क परम श व र धीर धी र अ पन परक ािन क ो परक ट क र रहा ह और हम वदख ा रहा ह वक क स उिार यहव द यो और अनयज ा व त यो द ो नो क ल ि ए ह और यह वक सी भ ी व यव ि क ल ि ए ह ज ो यी ि म सी ह क ो अ पन म सी ह क रप म स व ीक ा र क रग ा

- डॉ स म एि ि ाम रसन

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत नए मनयम क मवश वासी ह न क बावजद भी हम यह भी सटमरण रिना चामहए मक परमश वर न अभी तक परतयक असटथाई रहसटय क परकट नही मकया ह 1 कररसनथय 1312 म पौलस इस इस तरह स चलिता ह

इ स सम य म रा जञान अ धरा ह पर त उ स सम य ऐसी परी रीवत स पव हचा न ग ा (1 क र रस नथ यो 13 12 )

जब मसीह ममहमा म वापस आएरा कवल तभी वह परतयक असटथाई रहसटय क परकट कर दरा और हम परमश वर और उसक मारो क आज की अपिा कही अचधक परी तरह स समझ पाएर

जसा मक हम दि चक ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त हम कई असटथाई रहसटय का सामना करत ह परत बाइबल इस सटपषट कर दती ह मक जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह त हम सटथाई रहसटय क भी दिना ह ता ह

सथा ई सटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह चजनह मनषय कभी समझ नही पाएरा कय मक य सतय हमारी समझ स पर ह पारपररक धमगमवजञान म इस वासटतमवकता क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क रप म कहा जाता ह हम परमश वर क बार म कछ बात क समझ सकत ह जब वह उनह मानवीय रग प म परकट करता ह परत हम परमश वर क बार म मकसी भी बात क परी तरह स कभी नही समझ सकर हम इस मवचार क यशायाह 558-9 म सटपषट रप स अमभवयि पात ह जहा भमवषयदविा यशायाह यह चलिा ह

क यो वक यहोवा क हत ा ह म र ववचार और त म हा र ववचार एक सम ान न ही ह न तमहा री ग व त और म री ग व त एक सी ह क यो वक म री और तमहा री गवत म और म र और त म हा र सोच व व चा रो म आक ाि और परथवी क ा अ नतर ह (यिायाह 5 5 8 -9 )

इन पद म यशायाह न इसराएल क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क कारण उतपनन परमश वर क सटथाई रहसटय क सटमरण मदलाया

जब पववतर िासतर परम श व र क ो रहस यमयी क रप म द िायता ह त ो हम यह सव न ल ित क रना चावहए वक हम िब द ldquo रहसय rdquo क ो गित रप म न समझ ि जब म इ स स सा र क ी वस त ओ क रहस यम यी होन क बा र म सो चता ह त ो मझ िग त ा ह व क उ नक क छ ल छ प हए रहस य ह जो म झ वकसी सम य पर चवकत क र द ग ऐसी ब ात इ स व व षय म न ही ह ldquo रहसयम यीrdquo स हम ा रा अ थय यह ह वक परम श व र सम झ स पर ह हम ारा अ थय ह व क उ सक पा स ऐसा ज ी व न ह ज ो हमा री क ल पन ा स पर ह इसक ा अ थय यह ह वक उ सक ब ार म ऐसा कछ ह ल ज स हम परी री व त स समझ न ही सक त और म भ ी उ स सम झ न ही सक ता इ सक ा अथय ह वक यह म र रलचत ज ीव न स पर क ी ब ात ह वह म री सो च स वह बह त ब ड़ा ह इ सक ल ि ए लजस तकन ीक ी धमय व जञा व न क िबद का हम परयो ग क रत ह व ह ह ldquoअ न भवा त ी तrdquo परम श वर अ न भवात ीत ह वह हम ा र सोच-ववचार क ी सीम ा स पर ह और इ सी लि ए व ह आरा धन ा क यो गय ह इ सी लि ए वह म हान ह इ सी लि ए वह ऐसा ह ल ज सकी हम परि सा क रत ह

-डॉ ग री एम ब जय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र म रहस य आ ल िक रप स उ सक ी इस परक वत क क ारण ह व क व ह क ौ न ह और उ सक अ सी वम त ब न ाम हम ा र सी वम त हो न हम ा री सी वम तता तथा उसक ी असीवमत सा म रथयय और समझ क क ा रण ह पर त सा थ ही यह व व िष रप स सव ि म उ सक उ दद शयो और योज न ा ओ स भ ी स ब ल धत ह परम श व र कयो इ सी त रीक स क ा यय क रता और उ स त रीक स क ा यय न ही क रत ा ह और म सो चत ा ह वक बहत ब ा र अ हक ा री म न ष यो क रप म हम यह सोचत ह वक हम परम श व र स ब हतर क ा यो क ो क रन ा ज ान त ह पर त परम श वर क रहस य म उ द ाह रण क लि ए व यवसथा वववरण 29 29 म यह इ सक ब ा र म पवव तर िास तर म ब ात क रत ा ह ग पत ब ात परम श व र क ी ही ह पर त जो बा त उ सन परक ट क ी ह उन म हम आन नद और उ त सव मन ा सक त ह और व हा एक ऐसा भ ा व ह ल ज सम हम स वी क ार कर सकत ह वक परम श व र न हम सब क छ न ही ब ता या ह उ सन अ पन ब ा र म हम सब कछ न ही बत ा या ह - व ह क स बत ा सक त ा ह और हम उ स क स सम झ सक त ह पर त सा थ ही उ सन हम वह सब भी न ही ब त ा या ह वक वह अ पन उ दद शयो और योज न ा ओ क ो क स परा क र रहा ह और परा न व न यम क अ ययब स ब हतर इ स क ोई न ही ज ान त ा जो इ स वव षय म परशनो का उतत र चा हत ा था वक परम श व र न इ न ब ात ो क ी अ नम वत क यो दी और परम श व र न उ स वह उतत र न ही वद या जो वह चाहत ा था परम श व र न उ स यह उ ततर व द या ldquoम ज ान त ा ह वक म क या क र रहा ह और एक भाव म म री यो ज न ा म एक रहस य ह ल ज स क वि म ही परी त रह स सपि क र सक त ा ह और अ तत ः त सम य क अ त म दख गा जब सब कछ अ चा नक स और परी त रह स अ थय पणय हो ग ा rdquo

-रव ह डॉ ि ईस व व क ि र

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस शिला का जब हम आरभ करत ह त हम सदव यह याद रिना चामहए मक यदयमप परमश वर न सटवय क सामानय और मवशष द न परकार क परकाशन म परकट मकया ह मिर भी उसन हमस सटथाई और असटथाई द न परकार क रहसटय क चछपाए रिा ह हम इस वासटतमवकता स ऐसी ही बच नही सकत मक हम कवल रचचत पराणी ही ह चजनकी परमश वर क मवषय म समझ सदव बहत ही सीममत ह

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस अधयाय म अब तक हमन ऐस कछ तरीक क दिा ह चजनम ईश वरीय परकाशन और रहसटय परमश वर मवजञान क अधययन क आकार दत ह अब हम अपन दसर मखय मवषय की ओर मडन क चलए तयार ह परमश वर की मवशषताए और उसक कायग य मवषय उन द पराथममक तरीक क परसटतत करत ह चजनक दवारा पारपररक धमगमवजञामनय न परमश वर क बार म हमार जञान क साररमभगत मकया ह

गण औ र क ायय

परमश वर क रण और कायो क अमतररि मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर परमश वर मवजञान म मतरएकता क धमगचशिा क ऊपर भी बहत अचधक धयान कसनित मकया ह हमन पमवतर मतरएकता क ऊपर कझ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सीमा तक परररत का मवश वासवचन क ऊपर हमारी शिला म वातागलाप मकया ह इस शिला म हम इन द अनय मखय मवषय क ऊपर धयान कसनित करर

उततर ततर अधयाय म हम परमश वर क रण और कायो क ऊपर कई मवशषताओ की ि ज करर परत इस समय हम यहा पर कवल एक ही अवधारणा का पररचय दर परथम हम ईश वरीय रण या परमश वर कौन ह क ऊपर धयान दर और दसरा हम ईश वरीय कायो की ओर मडर या परमश वर कया करता ह आइए परमश वर क ईश वरीय रण स आरभ कर

ईश वरीय ग ण ईश वरीय रण क मवषय का पररचय द चरण म कराना सहायतापणग ह रा हम परमश वर क रण की

मल धारणा स आरभ करर तब हम ईश वरीय रण क परकार की जाच करर ज मक अकसर मवचधवत धमगमवजञान म मभनन रप म पहचान रए ह इसचलए ईश वरीय रण की मल धारणा कया हॽ

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश मसीमहय क यह पछना ह मक परमश वर क कया रण हॽ त ह सकता ह मक

कदाचचत वह यह कह मक परमश वर क रण व सारी य गयताए या चाररमतरक रण ह चजनह पमवतरशासटतर परमश वर स ससमबसनधत करता ह ठीक ह यह दमषटक ण तब तक सही ह जब तक यह इस माना जाता रह परत पारपररक धमगमवजञान म वाकयाश परमश वर क रण कछ मवशष बात की सकत दता ह

मवचधवत धमगमवजञान म ईश वरीय रण

परम श व र क सा र क ी पणयत ा ए वव व भ नन त रह क ऐवत हा लसक परगट ी क रणो क दव ा रा परक ट क ी गई ह

यह पररभाषा द पराथममक तथय क उजारर करती ह ज मक परमश वर क रण क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग क चचमतरत करती ह परथम सटथान पर परमश वर क रण परमश वर क सार की पणगताए ह आधमनक ससमाचारवादी अकसर परमश वर क सार की ओर सकत नही करत ह इसचलए इस धारणा की ि ज करनी सहायतापणग ह रा

शबद सार क साथ आरभ करत हए ज मक लमटन शबद इशसनसया क अनवाद का अथग सार या अससटततव क रप म करता ह लमटन धमगमवजञान म परमश वर का सार मनकट घमनषठता क साथ शबद सबसटसनसया या ततव क साथ समबदध ह धमागधयिीय और मधयकालीन धमगमवजञामनय न इन शबद क नव-अिलातनवाद और अरसटत क दाशगमनक मवचार स अपनाया था अब पलट और अरसटत क दमषटक ण म सार का मवचार मवमभनन तरह स पाया जाता ह और सार की धारणा क सबध म कई महतवपणग जमटलताए आधमनक दशगनशासटतर म उठ िडी हई ह परत आतमसात करन क चलए यह मल मवचार कमठन नही ह

सरल शबद म मकसी वसटत का सार अससटततव या ततव एक न पररवमतगत ह न वाली वासटतमवकता ह ती ह ज इसक सभी बाहरी सटवरप पररवमतगत ह त पररटीकरण की पषठभमम म ह ती ह मसीही धमगमवजञामनय न सार क इसी मवचार स अपन अधययन क आधाररत मकया ह जब उनह न परमश वर क रण और पणगताओ क ऊपर मवचार मवमशग मकया

सामानय रप म परमश वर क सार म चार महतवपणग मभननताए ससममचलत ह परमश वर का सार परमश वर सटवय कया ह परमश वर की पणगताए या रण परमश वर क सार की य गयताए परमश वर का

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 15: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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घटनाओ म हम परमश वर क उददशय क कस समझ सकत ह बहत स धमगमवजञानी मवशषकर व ज सदहवामदय स मघर हए ह ऐसी कलपनाओ म रहत ह कय मक व यह सटवीकार नही कर सकत मक हमार पास ऐस परशन क उततर नही ह परत ईश वरीय रहसटय अकसर मसीह क मवश वासय गय अनयामयय क यह सटवीकार करन म अरवाई दत ह ldquoमझ नही पताrdquo जब बात परमश वर की धमगचशिा की आती ह तब यमद परमश वर न इस परकट नही मकया ह त हम इस जान नही सकत यह इतनी सरल बात ह

मसीह क मवश वासय गय अनयायी ह न क नात हम इस सचचाई स कभी भारना नही चामहए मक हमार पास परमश वर क बार म सीममत जानकारी ह वासटतव म पल दर पल इस तरह की सीममतता क सटमरण करना एक आशीष ह ईश वरीय रहसटय हम परमश वर पर भर सा रिन क मववश करत ह हम परमश वर क जञान क परापत करन क चलए अपनी सीममत य गयताओ पर मवश वास रिन की अपिा पमवतर आतमा की सवकाई क दवारा मपता और मसीह पर मनभगर ह ना चामहए

दसरी ओर ईश वरीय रहसटय का अथग यह भी ह मक मनषय कवल परमश वर क परकाशन क सीममत सटपषटीकरण ही परसटतत कर सकत ह हम इस बात पर बल दन म सही ह मक सतय क परमश वर का परकाशन सटवय म मवर धाभासी नही ह और हम परमश वर क परकाशन क बीच बहत स तामकग क सबध क दि सकत ह परत चाह हम सटवीकार कर या न कर ईश वरीय रहसटय न कवल इस बात क सीममत करत ह मक हमार पास परमश वर क बार म मकतनी जानकारी ह साथ ही व परमश वर न ज सटवय क बार म परकट मकया ह उसम स अचधकाश बात की तामकग क सबदधता क सटपषट करन की हमारी य गयता क भी सीममत कर दत ह

उदाहरण क चलए हम मतरएकता अथागत परमश वर एक ह और उसक तीन वयमितव ह का सपणग रप स तामकग क सटपषटीकरण नही द सकत हम इस वासटतमवकता क परतयक पहल क तामकग क रप स सटपषट नही कर सकत मक यीश पणग रप स परमश वर और मनषय द न ह हम परी तरह स यह सटपषट नही कर सकत मक परमश वर मनषय क मकरयाकलाप पर सपणग परभतव रिन क बाद भी हम हमार कायो क चलए कस चजममदार ठहराता ह सवोततम मसीही मवचारक न इन और इन जस अनय परशन क उततर दन का परयास मकयाह परत व सपणग और तामकग क सटपषटीकरण क परदान करन क मनकट आन म भी असिल रह ह

अततः परमश वर न सटवय क बार म ज कछ परकट मकया ह उसकी तामकग क सबदधता क सटपषट करन का परयास करना महतवपणग ह सकता ह परत हम इस तरह स मनधागररत नही करत ह मक कया सतय ह और कया झठ मकसी भी धमगवजञामनक दाव का सतय कवल इस बात पर मनभगर करता ह मक कया परमश वर न इस सामानय या मवशष परकाशन म परकट मकया ह या नही

ज ब धमय ववजञानी क हत ह वक परम श व र सम झ स पर ह त ो उनक कहन क ा अ थय यह हो त ा ह वक हम जो न शवर परा णी ह उ सक स पणय सार और अ ससतत व क ो समझ और ब झ नही सक त परम श व र क अ सी वम त हो न क क ा रण यह स भ ा व न ा ब हत ही कम ह व क हम उस उस उसक ी पणयता म समझ और ज ा न सक म उस स म रण क रत ा ह ज ो पौि स रो वम यो 1 1 3 3 -3 4 म कहत ा ह ज ब व ह परम शवर क अथ ा ह जञा न और ब ल ि क ब ा र म बा त क रता ह पर त वफर भी क यो व क उ सन हम पयायपत स व -परकट ीकरण परद ा न वक या ह इ सलि ए यह ववश वास म आन हत हम ा र ल ि ए पया यपत ह

- रव ह ि री को क रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय रहसटय क महतव क और अचधक रप स समझन क चलए हमन मलभत धारणा की ि ज की ह अब ईश वरीय रहसटय क उन मवमभनन परकार पर धयान दना सहायक ह रा ज उस समय मकरयासनवत ह त ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह

वभनन परका र हम रहसटय क द मवमभनन परकार क बीच अनतर कर सकत ह पहल परकार क हम ldquoअसटथाई रहसटयrdquo

कहर आइए दि मक ऐसा कहन स हमारा कया अथग ह अ सथाई असटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह ज एक मनचित अवचध तक मनषय स चछप

हए ह परत मिर व इमतहास म बाद म मकसी समय परकट मकए जात ह परमश वर सामानय परकाशन क दवारा अकसर उस परकट करता ह ज एक समय म रहसटयमयी था वह भौमतक ससार मानवीय ससटकमत अनय ल र या यहा तक मक हमार भीतर आए पररवतगन का परय र असटथाई रहसटय क परकट करन क चलए करता ह

मवशष परकाशन क साथ भी कछ ऐसा ही ह ता ह पमवतरशासटतर का धयान स मकया हआ अधययन दशागता ह मक परमश वर क बाद क परकाशन न उसक पहल क परकाशन का कभी मवर धाभास नही मकया ह परत यह भी सटपषट ह मक परमश वर न समय क साथ-साथ अपन बार म और अचधक परकट मकया ह मवशष परकाशन का परकटीकरण बाइबल क इमतहास की परतयक अवचध क दौरान हआ ह मनसटसदह ईश वरीय रहसटय का सबस नाटकीय परकटीकरण मसीह क मवशष परकाशन म हआ पौलस क मन म यही बात थी जब उसन इमिचसय 19 33 और 619 क चलिा इन पद म पौलस न मसीह म परमश वर क अनत उददशय क रहसटय क दशागया उसन सटपषट मकया मक यह रहसटय नए मनयम क परररत और भमवषयदविाओ क समय तक चछपाए रिा रया था

इसी कारण जब कभी हम परमश वर क बार म सीिन का परयास करत ह त हम परान मनयम म पाए जान वाल असटथाई रहसटय क सटपषट करन क चलए सदव नए मनयम क मवशष परकाशन की ि ज करनी चामहए

क ई ब ार हम िब द ldquo रहसयम यrdquo क ा परयोग परम श वर क ब ा र म ब ा त क रन क ल ि ए क रत ह क यो व क हम सम झ न ही पा त ह वक वह व ास तव म क या क र रहा ह द सरी ओर नया वन यम िब द ldquo रहसयमयrdquo क ा परयोग सा म ा नय रप म क रत ा ह ज ो व क यन ा नी िबद वम सट ीररयोन स आत ा ह - यह व ा स तव म समा न िब द ह - इ सक ा अ थय ह व क परम श व र दवा रा उ िार क ी अ नगरहक ारी योजन ा क ा परकट ीक रण ऐसी ब ात ह ल ज स हम अ पन आप स क भ ी सो च ही न ही पात अथ ा यत यह इस भाव म रहस य ह व क हम इ स कभ ी भ ी सम झ न ही पा त यवद परम श व र न इ स हम पर परक ट न वक या होत ा और इ सलि ए परम श व र अ पन वव िष परक ािन म अ पनी योजन ा क ो हम पर परक ट क रत ा ह और यही क ा रण ह वक आप िब द वम सट ीररयोन क ा परयोग इ व फल सयो और 1 क र रस नथ यो म होत ा हआ दख त ह यह ऐसा ह व क परम श व र धीर धी र अ पन परक ािन क ो परक ट क र रहा ह और हम वदख ा रहा ह वक क स उिार यहव द यो और अनयज ा व त यो द ो नो क ल ि ए ह और यह वक सी भ ी व यव ि क ल ि ए ह ज ो यी ि म सी ह क ो अ पन म सी ह क रप म स व ीक ा र क रग ा

- डॉ स म एि ि ाम रसन

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत नए मनयम क मवश वासी ह न क बावजद भी हम यह भी सटमरण रिना चामहए मक परमश वर न अभी तक परतयक असटथाई रहसटय क परकट नही मकया ह 1 कररसनथय 1312 म पौलस इस इस तरह स चलिता ह

इ स सम य म रा जञान अ धरा ह पर त उ स सम य ऐसी परी रीवत स पव हचा न ग ा (1 क र रस नथ यो 13 12 )

जब मसीह ममहमा म वापस आएरा कवल तभी वह परतयक असटथाई रहसटय क परकट कर दरा और हम परमश वर और उसक मारो क आज की अपिा कही अचधक परी तरह स समझ पाएर

जसा मक हम दि चक ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त हम कई असटथाई रहसटय का सामना करत ह परत बाइबल इस सटपषट कर दती ह मक जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह त हम सटथाई रहसटय क भी दिना ह ता ह

सथा ई सटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह चजनह मनषय कभी समझ नही पाएरा कय मक य सतय हमारी समझ स पर ह पारपररक धमगमवजञान म इस वासटतमवकता क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क रप म कहा जाता ह हम परमश वर क बार म कछ बात क समझ सकत ह जब वह उनह मानवीय रग प म परकट करता ह परत हम परमश वर क बार म मकसी भी बात क परी तरह स कभी नही समझ सकर हम इस मवचार क यशायाह 558-9 म सटपषट रप स अमभवयि पात ह जहा भमवषयदविा यशायाह यह चलिा ह

क यो वक यहोवा क हत ा ह म र ववचार और त म हा र ववचार एक सम ान न ही ह न तमहा री ग व त और म री ग व त एक सी ह क यो वक म री और तमहा री गवत म और म र और त म हा र सोच व व चा रो म आक ाि और परथवी क ा अ नतर ह (यिायाह 5 5 8 -9 )

इन पद म यशायाह न इसराएल क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क कारण उतपनन परमश वर क सटथाई रहसटय क सटमरण मदलाया

जब पववतर िासतर परम श व र क ो रहस यमयी क रप म द िायता ह त ो हम यह सव न ल ित क रना चावहए वक हम िब द ldquo रहसय rdquo क ो गित रप म न समझ ि जब म इ स स सा र क ी वस त ओ क रहस यम यी होन क बा र म सो चता ह त ो मझ िग त ा ह व क उ नक क छ ल छ प हए रहस य ह जो म झ वकसी सम य पर चवकत क र द ग ऐसी ब ात इ स व व षय म न ही ह ldquo रहसयम यीrdquo स हम ा रा अ थय यह ह वक परम श व र सम झ स पर ह हम ारा अ थय ह व क उ सक पा स ऐसा ज ी व न ह ज ो हमा री क ल पन ा स पर ह इसक ा अ थय यह ह वक उ सक ब ार म ऐसा कछ ह ल ज स हम परी री व त स समझ न ही सक त और म भ ी उ स सम झ न ही सक ता इ सक ा अथय ह वक यह म र रलचत ज ीव न स पर क ी ब ात ह वह म री सो च स वह बह त ब ड़ा ह इ सक ल ि ए लजस तकन ीक ी धमय व जञा व न क िबद का हम परयो ग क रत ह व ह ह ldquoअ न भवा त ी तrdquo परम श वर अ न भवात ीत ह वह हम ा र सोच-ववचार क ी सीम ा स पर ह और इ सी लि ए व ह आरा धन ा क यो गय ह इ सी लि ए वह म हान ह इ सी लि ए वह ऐसा ह ल ज सकी हम परि सा क रत ह

-डॉ ग री एम ब जय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

-15-

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परम श व र म रहस य आ ल िक रप स उ सक ी इस परक वत क क ारण ह व क व ह क ौ न ह और उ सक अ सी वम त ब न ाम हम ा र सी वम त हो न हम ा री सी वम तता तथा उसक ी असीवमत सा म रथयय और समझ क क ा रण ह पर त सा थ ही यह व व िष रप स सव ि म उ सक उ दद शयो और योज न ा ओ स भ ी स ब ल धत ह परम श व र कयो इ सी त रीक स क ा यय क रता और उ स त रीक स क ा यय न ही क रत ा ह और म सो चत ा ह वक बहत ब ा र अ हक ा री म न ष यो क रप म हम यह सोचत ह वक हम परम श व र स ब हतर क ा यो क ो क रन ा ज ान त ह पर त परम श वर क रहस य म उ द ाह रण क लि ए व यवसथा वववरण 29 29 म यह इ सक ब ा र म पवव तर िास तर म ब ात क रत ा ह ग पत ब ात परम श व र क ी ही ह पर त जो बा त उ सन परक ट क ी ह उन म हम आन नद और उ त सव मन ा सक त ह और व हा एक ऐसा भ ा व ह ल ज सम हम स वी क ार कर सकत ह वक परम श व र न हम सब क छ न ही ब ता या ह उ सन अ पन ब ा र म हम सब कछ न ही बत ा या ह - व ह क स बत ा सक त ा ह और हम उ स क स सम झ सक त ह पर त सा थ ही उ सन हम वह सब भी न ही ब त ा या ह वक वह अ पन उ दद शयो और योज न ा ओ क ो क स परा क र रहा ह और परा न व न यम क अ ययब स ब हतर इ स क ोई न ही ज ान त ा जो इ स वव षय म परशनो का उतत र चा हत ा था वक परम श व र न इ न ब ात ो क ी अ नम वत क यो दी और परम श व र न उ स वह उतत र न ही वद या जो वह चाहत ा था परम श व र न उ स यह उ ततर व द या ldquoम ज ान त ा ह वक म क या क र रहा ह और एक भाव म म री यो ज न ा म एक रहस य ह ल ज स क वि म ही परी त रह स सपि क र सक त ा ह और अ तत ः त सम य क अ त म दख गा जब सब कछ अ चा नक स और परी त रह स अ थय पणय हो ग ा rdquo

-रव ह डॉ ि ईस व व क ि र

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस शिला का जब हम आरभ करत ह त हम सदव यह याद रिना चामहए मक यदयमप परमश वर न सटवय क सामानय और मवशष द न परकार क परकाशन म परकट मकया ह मिर भी उसन हमस सटथाई और असटथाई द न परकार क रहसटय क चछपाए रिा ह हम इस वासटतमवकता स ऐसी ही बच नही सकत मक हम कवल रचचत पराणी ही ह चजनकी परमश वर क मवषय म समझ सदव बहत ही सीममत ह

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस अधयाय म अब तक हमन ऐस कछ तरीक क दिा ह चजनम ईश वरीय परकाशन और रहसटय परमश वर मवजञान क अधययन क आकार दत ह अब हम अपन दसर मखय मवषय की ओर मडन क चलए तयार ह परमश वर की मवशषताए और उसक कायग य मवषय उन द पराथममक तरीक क परसटतत करत ह चजनक दवारा पारपररक धमगमवजञामनय न परमश वर क बार म हमार जञान क साररमभगत मकया ह

गण औ र क ायय

परमश वर क रण और कायो क अमतररि मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर परमश वर मवजञान म मतरएकता क धमगचशिा क ऊपर भी बहत अचधक धयान कसनित मकया ह हमन पमवतर मतरएकता क ऊपर कझ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सीमा तक परररत का मवश वासवचन क ऊपर हमारी शिला म वातागलाप मकया ह इस शिला म हम इन द अनय मखय मवषय क ऊपर धयान कसनित करर

उततर ततर अधयाय म हम परमश वर क रण और कायो क ऊपर कई मवशषताओ की ि ज करर परत इस समय हम यहा पर कवल एक ही अवधारणा का पररचय दर परथम हम ईश वरीय रण या परमश वर कौन ह क ऊपर धयान दर और दसरा हम ईश वरीय कायो की ओर मडर या परमश वर कया करता ह आइए परमश वर क ईश वरीय रण स आरभ कर

ईश वरीय ग ण ईश वरीय रण क मवषय का पररचय द चरण म कराना सहायतापणग ह रा हम परमश वर क रण की

मल धारणा स आरभ करर तब हम ईश वरीय रण क परकार की जाच करर ज मक अकसर मवचधवत धमगमवजञान म मभनन रप म पहचान रए ह इसचलए ईश वरीय रण की मल धारणा कया हॽ

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश मसीमहय क यह पछना ह मक परमश वर क कया रण हॽ त ह सकता ह मक

कदाचचत वह यह कह मक परमश वर क रण व सारी य गयताए या चाररमतरक रण ह चजनह पमवतरशासटतर परमश वर स ससमबसनधत करता ह ठीक ह यह दमषटक ण तब तक सही ह जब तक यह इस माना जाता रह परत पारपररक धमगमवजञान म वाकयाश परमश वर क रण कछ मवशष बात की सकत दता ह

मवचधवत धमगमवजञान म ईश वरीय रण

परम श व र क सा र क ी पणयत ा ए वव व भ नन त रह क ऐवत हा लसक परगट ी क रणो क दव ा रा परक ट क ी गई ह

यह पररभाषा द पराथममक तथय क उजारर करती ह ज मक परमश वर क रण क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग क चचमतरत करती ह परथम सटथान पर परमश वर क रण परमश वर क सार की पणगताए ह आधमनक ससमाचारवादी अकसर परमश वर क सार की ओर सकत नही करत ह इसचलए इस धारणा की ि ज करनी सहायतापणग ह रा

शबद सार क साथ आरभ करत हए ज मक लमटन शबद इशसनसया क अनवाद का अथग सार या अससटततव क रप म करता ह लमटन धमगमवजञान म परमश वर का सार मनकट घमनषठता क साथ शबद सबसटसनसया या ततव क साथ समबदध ह धमागधयिीय और मधयकालीन धमगमवजञामनय न इन शबद क नव-अिलातनवाद और अरसटत क दाशगमनक मवचार स अपनाया था अब पलट और अरसटत क दमषटक ण म सार का मवचार मवमभनन तरह स पाया जाता ह और सार की धारणा क सबध म कई महतवपणग जमटलताए आधमनक दशगनशासटतर म उठ िडी हई ह परत आतमसात करन क चलए यह मल मवचार कमठन नही ह

सरल शबद म मकसी वसटत का सार अससटततव या ततव एक न पररवमतगत ह न वाली वासटतमवकता ह ती ह ज इसक सभी बाहरी सटवरप पररवमतगत ह त पररटीकरण की पषठभमम म ह ती ह मसीही धमगमवजञामनय न सार क इसी मवचार स अपन अधययन क आधाररत मकया ह जब उनह न परमश वर क रण और पणगताओ क ऊपर मवचार मवमशग मकया

सामानय रप म परमश वर क सार म चार महतवपणग मभननताए ससममचलत ह परमश वर का सार परमश वर सटवय कया ह परमश वर की पणगताए या रण परमश वर क सार की य गयताए परमश वर का

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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चलचचतर अधययन मारगदरशगका एव कई अनय ससाधनो क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 16: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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चलचचतर अधययन मारगदरशगका एव कई अनय ससाधनो क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

ईश वरीय रहसटय क महतव क और अचधक रप स समझन क चलए हमन मलभत धारणा की ि ज की ह अब ईश वरीय रहसटय क उन मवमभनन परकार पर धयान दना सहायक ह रा ज उस समय मकरयासनवत ह त ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह

वभनन परका र हम रहसटय क द मवमभनन परकार क बीच अनतर कर सकत ह पहल परकार क हम ldquoअसटथाई रहसटयrdquo

कहर आइए दि मक ऐसा कहन स हमारा कया अथग ह अ सथाई असटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह ज एक मनचित अवचध तक मनषय स चछप

हए ह परत मिर व इमतहास म बाद म मकसी समय परकट मकए जात ह परमश वर सामानय परकाशन क दवारा अकसर उस परकट करता ह ज एक समय म रहसटयमयी था वह भौमतक ससार मानवीय ससटकमत अनय ल र या यहा तक मक हमार भीतर आए पररवतगन का परय र असटथाई रहसटय क परकट करन क चलए करता ह

मवशष परकाशन क साथ भी कछ ऐसा ही ह ता ह पमवतरशासटतर का धयान स मकया हआ अधययन दशागता ह मक परमश वर क बाद क परकाशन न उसक पहल क परकाशन का कभी मवर धाभास नही मकया ह परत यह भी सटपषट ह मक परमश वर न समय क साथ-साथ अपन बार म और अचधक परकट मकया ह मवशष परकाशन का परकटीकरण बाइबल क इमतहास की परतयक अवचध क दौरान हआ ह मनसटसदह ईश वरीय रहसटय का सबस नाटकीय परकटीकरण मसीह क मवशष परकाशन म हआ पौलस क मन म यही बात थी जब उसन इमिचसय 19 33 और 619 क चलिा इन पद म पौलस न मसीह म परमश वर क अनत उददशय क रहसटय क दशागया उसन सटपषट मकया मक यह रहसटय नए मनयम क परररत और भमवषयदविाओ क समय तक चछपाए रिा रया था

इसी कारण जब कभी हम परमश वर क बार म सीिन का परयास करत ह त हम परान मनयम म पाए जान वाल असटथाई रहसटय क सटपषट करन क चलए सदव नए मनयम क मवशष परकाशन की ि ज करनी चामहए

क ई ब ार हम िब द ldquo रहसयम यrdquo क ा परयोग परम श वर क ब ा र म ब ा त क रन क ल ि ए क रत ह क यो व क हम सम झ न ही पा त ह वक वह व ास तव म क या क र रहा ह द सरी ओर नया वन यम िब द ldquo रहसयमयrdquo क ा परयोग सा म ा नय रप म क रत ा ह ज ो व क यन ा नी िबद वम सट ीररयोन स आत ा ह - यह व ा स तव म समा न िब द ह - इ सक ा अ थय ह व क परम श व र दवा रा उ िार क ी अ नगरहक ारी योजन ा क ा परकट ीक रण ऐसी ब ात ह ल ज स हम अ पन आप स क भ ी सो च ही न ही पात अथ ा यत यह इस भाव म रहस य ह व क हम इ स कभ ी भ ी सम झ न ही पा त यवद परम श व र न इ स हम पर परक ट न वक या होत ा और इ सलि ए परम श व र अ पन वव िष परक ािन म अ पनी योजन ा क ो हम पर परक ट क रत ा ह और यही क ा रण ह वक आप िब द वम सट ीररयोन क ा परयोग इ व फल सयो और 1 क र रस नथ यो म होत ा हआ दख त ह यह ऐसा ह व क परम श व र धीर धी र अ पन परक ािन क ो परक ट क र रहा ह और हम वदख ा रहा ह वक क स उिार यहव द यो और अनयज ा व त यो द ो नो क ल ि ए ह और यह वक सी भ ी व यव ि क ल ि ए ह ज ो यी ि म सी ह क ो अ पन म सी ह क रप म स व ीक ा र क रग ा

- डॉ स म एि ि ाम रसन

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परत नए मनयम क मवश वासी ह न क बावजद भी हम यह भी सटमरण रिना चामहए मक परमश वर न अभी तक परतयक असटथाई रहसटय क परकट नही मकया ह 1 कररसनथय 1312 म पौलस इस इस तरह स चलिता ह

इ स सम य म रा जञान अ धरा ह पर त उ स सम य ऐसी परी रीवत स पव हचा न ग ा (1 क र रस नथ यो 13 12 )

जब मसीह ममहमा म वापस आएरा कवल तभी वह परतयक असटथाई रहसटय क परकट कर दरा और हम परमश वर और उसक मारो क आज की अपिा कही अचधक परी तरह स समझ पाएर

जसा मक हम दि चक ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त हम कई असटथाई रहसटय का सामना करत ह परत बाइबल इस सटपषट कर दती ह मक जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह त हम सटथाई रहसटय क भी दिना ह ता ह

सथा ई सटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह चजनह मनषय कभी समझ नही पाएरा कय मक य सतय हमारी समझ स पर ह पारपररक धमगमवजञान म इस वासटतमवकता क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क रप म कहा जाता ह हम परमश वर क बार म कछ बात क समझ सकत ह जब वह उनह मानवीय रग प म परकट करता ह परत हम परमश वर क बार म मकसी भी बात क परी तरह स कभी नही समझ सकर हम इस मवचार क यशायाह 558-9 म सटपषट रप स अमभवयि पात ह जहा भमवषयदविा यशायाह यह चलिा ह

क यो वक यहोवा क हत ा ह म र ववचार और त म हा र ववचार एक सम ान न ही ह न तमहा री ग व त और म री ग व त एक सी ह क यो वक म री और तमहा री गवत म और म र और त म हा र सोच व व चा रो म आक ाि और परथवी क ा अ नतर ह (यिायाह 5 5 8 -9 )

इन पद म यशायाह न इसराएल क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क कारण उतपनन परमश वर क सटथाई रहसटय क सटमरण मदलाया

जब पववतर िासतर परम श व र क ो रहस यमयी क रप म द िायता ह त ो हम यह सव न ल ित क रना चावहए वक हम िब द ldquo रहसय rdquo क ो गित रप म न समझ ि जब म इ स स सा र क ी वस त ओ क रहस यम यी होन क बा र म सो चता ह त ो मझ िग त ा ह व क उ नक क छ ल छ प हए रहस य ह जो म झ वकसी सम य पर चवकत क र द ग ऐसी ब ात इ स व व षय म न ही ह ldquo रहसयम यीrdquo स हम ा रा अ थय यह ह वक परम श व र सम झ स पर ह हम ारा अ थय ह व क उ सक पा स ऐसा ज ी व न ह ज ो हमा री क ल पन ा स पर ह इसक ा अ थय यह ह वक उ सक ब ार म ऐसा कछ ह ल ज स हम परी री व त स समझ न ही सक त और म भ ी उ स सम झ न ही सक ता इ सक ा अथय ह वक यह म र रलचत ज ीव न स पर क ी ब ात ह वह म री सो च स वह बह त ब ड़ा ह इ सक ल ि ए लजस तकन ीक ी धमय व जञा व न क िबद का हम परयो ग क रत ह व ह ह ldquoअ न भवा त ी तrdquo परम श वर अ न भवात ीत ह वह हम ा र सोच-ववचार क ी सीम ा स पर ह और इ सी लि ए व ह आरा धन ा क यो गय ह इ सी लि ए वह म हान ह इ सी लि ए वह ऐसा ह ल ज सकी हम परि सा क रत ह

-डॉ ग री एम ब जय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र म रहस य आ ल िक रप स उ सक ी इस परक वत क क ारण ह व क व ह क ौ न ह और उ सक अ सी वम त ब न ाम हम ा र सी वम त हो न हम ा री सी वम तता तथा उसक ी असीवमत सा म रथयय और समझ क क ा रण ह पर त सा थ ही यह व व िष रप स सव ि म उ सक उ दद शयो और योज न ा ओ स भ ी स ब ल धत ह परम श व र कयो इ सी त रीक स क ा यय क रता और उ स त रीक स क ा यय न ही क रत ा ह और म सो चत ा ह वक बहत ब ा र अ हक ा री म न ष यो क रप म हम यह सोचत ह वक हम परम श व र स ब हतर क ा यो क ो क रन ा ज ान त ह पर त परम श वर क रहस य म उ द ाह रण क लि ए व यवसथा वववरण 29 29 म यह इ सक ब ा र म पवव तर िास तर म ब ात क रत ा ह ग पत ब ात परम श व र क ी ही ह पर त जो बा त उ सन परक ट क ी ह उन म हम आन नद और उ त सव मन ा सक त ह और व हा एक ऐसा भ ा व ह ल ज सम हम स वी क ार कर सकत ह वक परम श व र न हम सब क छ न ही ब ता या ह उ सन अ पन ब ा र म हम सब कछ न ही बत ा या ह - व ह क स बत ा सक त ा ह और हम उ स क स सम झ सक त ह पर त सा थ ही उ सन हम वह सब भी न ही ब त ा या ह वक वह अ पन उ दद शयो और योज न ा ओ क ो क स परा क र रहा ह और परा न व न यम क अ ययब स ब हतर इ स क ोई न ही ज ान त ा जो इ स वव षय म परशनो का उतत र चा हत ा था वक परम श व र न इ न ब ात ो क ी अ नम वत क यो दी और परम श व र न उ स वह उतत र न ही वद या जो वह चाहत ा था परम श व र न उ स यह उ ततर व द या ldquoम ज ान त ा ह वक म क या क र रहा ह और एक भाव म म री यो ज न ा म एक रहस य ह ल ज स क वि म ही परी त रह स सपि क र सक त ा ह और अ तत ः त सम य क अ त म दख गा जब सब कछ अ चा नक स और परी त रह स अ थय पणय हो ग ा rdquo

-रव ह डॉ ि ईस व व क ि र

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस शिला का जब हम आरभ करत ह त हम सदव यह याद रिना चामहए मक यदयमप परमश वर न सटवय क सामानय और मवशष द न परकार क परकाशन म परकट मकया ह मिर भी उसन हमस सटथाई और असटथाई द न परकार क रहसटय क चछपाए रिा ह हम इस वासटतमवकता स ऐसी ही बच नही सकत मक हम कवल रचचत पराणी ही ह चजनकी परमश वर क मवषय म समझ सदव बहत ही सीममत ह

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस अधयाय म अब तक हमन ऐस कछ तरीक क दिा ह चजनम ईश वरीय परकाशन और रहसटय परमश वर मवजञान क अधययन क आकार दत ह अब हम अपन दसर मखय मवषय की ओर मडन क चलए तयार ह परमश वर की मवशषताए और उसक कायग य मवषय उन द पराथममक तरीक क परसटतत करत ह चजनक दवारा पारपररक धमगमवजञामनय न परमश वर क बार म हमार जञान क साररमभगत मकया ह

गण औ र क ायय

परमश वर क रण और कायो क अमतररि मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर परमश वर मवजञान म मतरएकता क धमगचशिा क ऊपर भी बहत अचधक धयान कसनित मकया ह हमन पमवतर मतरएकता क ऊपर कझ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सीमा तक परररत का मवश वासवचन क ऊपर हमारी शिला म वातागलाप मकया ह इस शिला म हम इन द अनय मखय मवषय क ऊपर धयान कसनित करर

उततर ततर अधयाय म हम परमश वर क रण और कायो क ऊपर कई मवशषताओ की ि ज करर परत इस समय हम यहा पर कवल एक ही अवधारणा का पररचय दर परथम हम ईश वरीय रण या परमश वर कौन ह क ऊपर धयान दर और दसरा हम ईश वरीय कायो की ओर मडर या परमश वर कया करता ह आइए परमश वर क ईश वरीय रण स आरभ कर

ईश वरीय ग ण ईश वरीय रण क मवषय का पररचय द चरण म कराना सहायतापणग ह रा हम परमश वर क रण की

मल धारणा स आरभ करर तब हम ईश वरीय रण क परकार की जाच करर ज मक अकसर मवचधवत धमगमवजञान म मभनन रप म पहचान रए ह इसचलए ईश वरीय रण की मल धारणा कया हॽ

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश मसीमहय क यह पछना ह मक परमश वर क कया रण हॽ त ह सकता ह मक

कदाचचत वह यह कह मक परमश वर क रण व सारी य गयताए या चाररमतरक रण ह चजनह पमवतरशासटतर परमश वर स ससमबसनधत करता ह ठीक ह यह दमषटक ण तब तक सही ह जब तक यह इस माना जाता रह परत पारपररक धमगमवजञान म वाकयाश परमश वर क रण कछ मवशष बात की सकत दता ह

मवचधवत धमगमवजञान म ईश वरीय रण

परम श व र क सा र क ी पणयत ा ए वव व भ नन त रह क ऐवत हा लसक परगट ी क रणो क दव ा रा परक ट क ी गई ह

यह पररभाषा द पराथममक तथय क उजारर करती ह ज मक परमश वर क रण क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग क चचमतरत करती ह परथम सटथान पर परमश वर क रण परमश वर क सार की पणगताए ह आधमनक ससमाचारवादी अकसर परमश वर क सार की ओर सकत नही करत ह इसचलए इस धारणा की ि ज करनी सहायतापणग ह रा

शबद सार क साथ आरभ करत हए ज मक लमटन शबद इशसनसया क अनवाद का अथग सार या अससटततव क रप म करता ह लमटन धमगमवजञान म परमश वर का सार मनकट घमनषठता क साथ शबद सबसटसनसया या ततव क साथ समबदध ह धमागधयिीय और मधयकालीन धमगमवजञामनय न इन शबद क नव-अिलातनवाद और अरसटत क दाशगमनक मवचार स अपनाया था अब पलट और अरसटत क दमषटक ण म सार का मवचार मवमभनन तरह स पाया जाता ह और सार की धारणा क सबध म कई महतवपणग जमटलताए आधमनक दशगनशासटतर म उठ िडी हई ह परत आतमसात करन क चलए यह मल मवचार कमठन नही ह

सरल शबद म मकसी वसटत का सार अससटततव या ततव एक न पररवमतगत ह न वाली वासटतमवकता ह ती ह ज इसक सभी बाहरी सटवरप पररवमतगत ह त पररटीकरण की पषठभमम म ह ती ह मसीही धमगमवजञामनय न सार क इसी मवचार स अपन अधययन क आधाररत मकया ह जब उनह न परमश वर क रण और पणगताओ क ऊपर मवचार मवमशग मकया

सामानय रप म परमश वर क सार म चार महतवपणग मभननताए ससममचलत ह परमश वर का सार परमश वर सटवय कया ह परमश वर की पणगताए या रण परमश वर क सार की य गयताए परमश वर का

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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चलचचतर अधययन मारगदरशगका एव कई अनय ससाधनो क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 17: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत नए मनयम क मवश वासी ह न क बावजद भी हम यह भी सटमरण रिना चामहए मक परमश वर न अभी तक परतयक असटथाई रहसटय क परकट नही मकया ह 1 कररसनथय 1312 म पौलस इस इस तरह स चलिता ह

इ स सम य म रा जञान अ धरा ह पर त उ स सम य ऐसी परी रीवत स पव हचा न ग ा (1 क र रस नथ यो 13 12 )

जब मसीह ममहमा म वापस आएरा कवल तभी वह परतयक असटथाई रहसटय क परकट कर दरा और हम परमश वर और उसक मारो क आज की अपिा कही अचधक परी तरह स समझ पाएर

जसा मक हम दि चक ह जब हम परमश वर की धमगचशिा का अधययन करत ह त हम कई असटथाई रहसटय का सामना करत ह परत बाइबल इस सटपषट कर दती ह मक जब हम परमश वर मवजञान का अधययन करत ह त हम सटथाई रहसटय क भी दिना ह ता ह

सथा ई सटथाई रहसटय परमश वर क बार म ऐस सतय ह चजनह मनषय कभी समझ नही पाएरा कय मक य सतय हमारी समझ स पर ह पारपररक धमगमवजञान म इस वासटतमवकता क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क रप म कहा जाता ह हम परमश वर क बार म कछ बात क समझ सकत ह जब वह उनह मानवीय रग प म परकट करता ह परत हम परमश वर क बार म मकसी भी बात क परी तरह स कभी नही समझ सकर हम इस मवचार क यशायाह 558-9 म सटपषट रप स अमभवयि पात ह जहा भमवषयदविा यशायाह यह चलिा ह

क यो वक यहोवा क हत ा ह म र ववचार और त म हा र ववचार एक सम ान न ही ह न तमहा री ग व त और म री ग व त एक सी ह क यो वक म री और तमहा री गवत म और म र और त म हा र सोच व व चा रो म आक ाि और परथवी क ा अ नतर ह (यिायाह 5 5 8 -9 )

इन पद म यशायाह न इसराएल क परमश वर क मवषय म अब धरमयता क कारण उतपनन परमश वर क सटथाई रहसटय क सटमरण मदलाया

जब पववतर िासतर परम श व र क ो रहस यमयी क रप म द िायता ह त ो हम यह सव न ल ित क रना चावहए वक हम िब द ldquo रहसय rdquo क ो गित रप म न समझ ि जब म इ स स सा र क ी वस त ओ क रहस यम यी होन क बा र म सो चता ह त ो मझ िग त ा ह व क उ नक क छ ल छ प हए रहस य ह जो म झ वकसी सम य पर चवकत क र द ग ऐसी ब ात इ स व व षय म न ही ह ldquo रहसयम यीrdquo स हम ा रा अ थय यह ह वक परम श व र सम झ स पर ह हम ारा अ थय ह व क उ सक पा स ऐसा ज ी व न ह ज ो हमा री क ल पन ा स पर ह इसक ा अ थय यह ह वक उ सक ब ार म ऐसा कछ ह ल ज स हम परी री व त स समझ न ही सक त और म भ ी उ स सम झ न ही सक ता इ सक ा अथय ह वक यह म र रलचत ज ीव न स पर क ी ब ात ह वह म री सो च स वह बह त ब ड़ा ह इ सक ल ि ए लजस तकन ीक ी धमय व जञा व न क िबद का हम परयो ग क रत ह व ह ह ldquoअ न भवा त ी तrdquo परम श वर अ न भवात ीत ह वह हम ा र सोच-ववचार क ी सीम ा स पर ह और इ सी लि ए व ह आरा धन ा क यो गय ह इ सी लि ए वह म हान ह इ सी लि ए वह ऐसा ह ल ज सकी हम परि सा क रत ह

-डॉ ग री एम ब जय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र म रहस य आ ल िक रप स उ सक ी इस परक वत क क ारण ह व क व ह क ौ न ह और उ सक अ सी वम त ब न ाम हम ा र सी वम त हो न हम ा री सी वम तता तथा उसक ी असीवमत सा म रथयय और समझ क क ा रण ह पर त सा थ ही यह व व िष रप स सव ि म उ सक उ दद शयो और योज न ा ओ स भ ी स ब ल धत ह परम श व र कयो इ सी त रीक स क ा यय क रता और उ स त रीक स क ा यय न ही क रत ा ह और म सो चत ा ह वक बहत ब ा र अ हक ा री म न ष यो क रप म हम यह सोचत ह वक हम परम श व र स ब हतर क ा यो क ो क रन ा ज ान त ह पर त परम श वर क रहस य म उ द ाह रण क लि ए व यवसथा वववरण 29 29 म यह इ सक ब ा र म पवव तर िास तर म ब ात क रत ा ह ग पत ब ात परम श व र क ी ही ह पर त जो बा त उ सन परक ट क ी ह उन म हम आन नद और उ त सव मन ा सक त ह और व हा एक ऐसा भ ा व ह ल ज सम हम स वी क ार कर सकत ह वक परम श व र न हम सब क छ न ही ब ता या ह उ सन अ पन ब ा र म हम सब कछ न ही बत ा या ह - व ह क स बत ा सक त ा ह और हम उ स क स सम झ सक त ह पर त सा थ ही उ सन हम वह सब भी न ही ब त ा या ह वक वह अ पन उ दद शयो और योज न ा ओ क ो क स परा क र रहा ह और परा न व न यम क अ ययब स ब हतर इ स क ोई न ही ज ान त ा जो इ स वव षय म परशनो का उतत र चा हत ा था वक परम श व र न इ न ब ात ो क ी अ नम वत क यो दी और परम श व र न उ स वह उतत र न ही वद या जो वह चाहत ा था परम श व र न उ स यह उ ततर व द या ldquoम ज ान त ा ह वक म क या क र रहा ह और एक भाव म म री यो ज न ा म एक रहस य ह ल ज स क वि म ही परी त रह स सपि क र सक त ा ह और अ तत ः त सम य क अ त म दख गा जब सब कछ अ चा नक स और परी त रह स अ थय पणय हो ग ा rdquo

-रव ह डॉ ि ईस व व क ि र

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस शिला का जब हम आरभ करत ह त हम सदव यह याद रिना चामहए मक यदयमप परमश वर न सटवय क सामानय और मवशष द न परकार क परकाशन म परकट मकया ह मिर भी उसन हमस सटथाई और असटथाई द न परकार क रहसटय क चछपाए रिा ह हम इस वासटतमवकता स ऐसी ही बच नही सकत मक हम कवल रचचत पराणी ही ह चजनकी परमश वर क मवषय म समझ सदव बहत ही सीममत ह

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस अधयाय म अब तक हमन ऐस कछ तरीक क दिा ह चजनम ईश वरीय परकाशन और रहसटय परमश वर मवजञान क अधययन क आकार दत ह अब हम अपन दसर मखय मवषय की ओर मडन क चलए तयार ह परमश वर की मवशषताए और उसक कायग य मवषय उन द पराथममक तरीक क परसटतत करत ह चजनक दवारा पारपररक धमगमवजञामनय न परमश वर क बार म हमार जञान क साररमभगत मकया ह

गण औ र क ायय

परमश वर क रण और कायो क अमतररि मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर परमश वर मवजञान म मतरएकता क धमगचशिा क ऊपर भी बहत अचधक धयान कसनित मकया ह हमन पमवतर मतरएकता क ऊपर कझ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सीमा तक परररत का मवश वासवचन क ऊपर हमारी शिला म वातागलाप मकया ह इस शिला म हम इन द अनय मखय मवषय क ऊपर धयान कसनित करर

उततर ततर अधयाय म हम परमश वर क रण और कायो क ऊपर कई मवशषताओ की ि ज करर परत इस समय हम यहा पर कवल एक ही अवधारणा का पररचय दर परथम हम ईश वरीय रण या परमश वर कौन ह क ऊपर धयान दर और दसरा हम ईश वरीय कायो की ओर मडर या परमश वर कया करता ह आइए परमश वर क ईश वरीय रण स आरभ कर

ईश वरीय ग ण ईश वरीय रण क मवषय का पररचय द चरण म कराना सहायतापणग ह रा हम परमश वर क रण की

मल धारणा स आरभ करर तब हम ईश वरीय रण क परकार की जाच करर ज मक अकसर मवचधवत धमगमवजञान म मभनन रप म पहचान रए ह इसचलए ईश वरीय रण की मल धारणा कया हॽ

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश मसीमहय क यह पछना ह मक परमश वर क कया रण हॽ त ह सकता ह मक

कदाचचत वह यह कह मक परमश वर क रण व सारी य गयताए या चाररमतरक रण ह चजनह पमवतरशासटतर परमश वर स ससमबसनधत करता ह ठीक ह यह दमषटक ण तब तक सही ह जब तक यह इस माना जाता रह परत पारपररक धमगमवजञान म वाकयाश परमश वर क रण कछ मवशष बात की सकत दता ह

मवचधवत धमगमवजञान म ईश वरीय रण

परम श व र क सा र क ी पणयत ा ए वव व भ नन त रह क ऐवत हा लसक परगट ी क रणो क दव ा रा परक ट क ी गई ह

यह पररभाषा द पराथममक तथय क उजारर करती ह ज मक परमश वर क रण क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग क चचमतरत करती ह परथम सटथान पर परमश वर क रण परमश वर क सार की पणगताए ह आधमनक ससमाचारवादी अकसर परमश वर क सार की ओर सकत नही करत ह इसचलए इस धारणा की ि ज करनी सहायतापणग ह रा

शबद सार क साथ आरभ करत हए ज मक लमटन शबद इशसनसया क अनवाद का अथग सार या अससटततव क रप म करता ह लमटन धमगमवजञान म परमश वर का सार मनकट घमनषठता क साथ शबद सबसटसनसया या ततव क साथ समबदध ह धमागधयिीय और मधयकालीन धमगमवजञामनय न इन शबद क नव-अिलातनवाद और अरसटत क दाशगमनक मवचार स अपनाया था अब पलट और अरसटत क दमषटक ण म सार का मवचार मवमभनन तरह स पाया जाता ह और सार की धारणा क सबध म कई महतवपणग जमटलताए आधमनक दशगनशासटतर म उठ िडी हई ह परत आतमसात करन क चलए यह मल मवचार कमठन नही ह

सरल शबद म मकसी वसटत का सार अससटततव या ततव एक न पररवमतगत ह न वाली वासटतमवकता ह ती ह ज इसक सभी बाहरी सटवरप पररवमतगत ह त पररटीकरण की पषठभमम म ह ती ह मसीही धमगमवजञामनय न सार क इसी मवचार स अपन अधययन क आधाररत मकया ह जब उनह न परमश वर क रण और पणगताओ क ऊपर मवचार मवमशग मकया

सामानय रप म परमश वर क सार म चार महतवपणग मभननताए ससममचलत ह परमश वर का सार परमश वर सटवय कया ह परमश वर की पणगताए या रण परमश वर क सार की य गयताए परमश वर का

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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चलचचतर अधययन मारगदरशगका एव कई अनय ससाधनो क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 18: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परम श व र म रहस य आ ल िक रप स उ सक ी इस परक वत क क ारण ह व क व ह क ौ न ह और उ सक अ सी वम त ब न ाम हम ा र सी वम त हो न हम ा री सी वम तता तथा उसक ी असीवमत सा म रथयय और समझ क क ा रण ह पर त सा थ ही यह व व िष रप स सव ि म उ सक उ दद शयो और योज न ा ओ स भ ी स ब ल धत ह परम श व र कयो इ सी त रीक स क ा यय क रता और उ स त रीक स क ा यय न ही क रत ा ह और म सो चत ा ह वक बहत ब ा र अ हक ा री म न ष यो क रप म हम यह सोचत ह वक हम परम श व र स ब हतर क ा यो क ो क रन ा ज ान त ह पर त परम श वर क रहस य म उ द ाह रण क लि ए व यवसथा वववरण 29 29 म यह इ सक ब ा र म पवव तर िास तर म ब ात क रत ा ह ग पत ब ात परम श व र क ी ही ह पर त जो बा त उ सन परक ट क ी ह उन म हम आन नद और उ त सव मन ा सक त ह और व हा एक ऐसा भ ा व ह ल ज सम हम स वी क ार कर सकत ह वक परम श व र न हम सब क छ न ही ब ता या ह उ सन अ पन ब ा र म हम सब कछ न ही बत ा या ह - व ह क स बत ा सक त ा ह और हम उ स क स सम झ सक त ह पर त सा थ ही उ सन हम वह सब भी न ही ब त ा या ह वक वह अ पन उ दद शयो और योज न ा ओ क ो क स परा क र रहा ह और परा न व न यम क अ ययब स ब हतर इ स क ोई न ही ज ान त ा जो इ स वव षय म परशनो का उतत र चा हत ा था वक परम श व र न इ न ब ात ो क ी अ नम वत क यो दी और परम श व र न उ स वह उतत र न ही वद या जो वह चाहत ा था परम श व र न उ स यह उ ततर व द या ldquoम ज ान त ा ह वक म क या क र रहा ह और एक भाव म म री यो ज न ा म एक रहस य ह ल ज स क वि म ही परी त रह स सपि क र सक त ा ह और अ तत ः त सम य क अ त म दख गा जब सब कछ अ चा नक स और परी त रह स अ थय पणय हो ग ा rdquo

-रव ह डॉ ि ईस व व क ि र

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस शिला का जब हम आरभ करत ह त हम सदव यह याद रिना चामहए मक यदयमप परमश वर न सटवय क सामानय और मवशष द न परकार क परकाशन म परकट मकया ह मिर भी उसन हमस सटथाई और असटथाई द न परकार क रहसटय क चछपाए रिा ह हम इस वासटतमवकता स ऐसी ही बच नही सकत मक हम कवल रचचत पराणी ही ह चजनकी परमश वर क मवषय म समझ सदव बहत ही सीममत ह

परमश वर क बार म हम कया जानत ह पर आधाररत इस अधयाय म अब तक हमन ऐस कछ तरीक क दिा ह चजनम ईश वरीय परकाशन और रहसटय परमश वर मवजञान क अधययन क आकार दत ह अब हम अपन दसर मखय मवषय की ओर मडन क चलए तयार ह परमश वर की मवशषताए और उसक कायग य मवषय उन द पराथममक तरीक क परसटतत करत ह चजनक दवारा पारपररक धमगमवजञामनय न परमश वर क बार म हमार जञान क साररमभगत मकया ह

गण औ र क ायय

परमश वर क रण और कायो क अमतररि मवचधवत धमगमवजञामनय न अकसर परमश वर मवजञान म मतरएकता क धमगचशिा क ऊपर भी बहत अचधक धयान कसनित मकया ह हमन पमवतर मतरएकता क ऊपर कझ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सीमा तक परररत का मवश वासवचन क ऊपर हमारी शिला म वातागलाप मकया ह इस शिला म हम इन द अनय मखय मवषय क ऊपर धयान कसनित करर

उततर ततर अधयाय म हम परमश वर क रण और कायो क ऊपर कई मवशषताओ की ि ज करर परत इस समय हम यहा पर कवल एक ही अवधारणा का पररचय दर परथम हम ईश वरीय रण या परमश वर कौन ह क ऊपर धयान दर और दसरा हम ईश वरीय कायो की ओर मडर या परमश वर कया करता ह आइए परमश वर क ईश वरीय रण स आरभ कर

ईश वरीय ग ण ईश वरीय रण क मवषय का पररचय द चरण म कराना सहायतापणग ह रा हम परमश वर क रण की

मल धारणा स आरभ करर तब हम ईश वरीय रण क परकार की जाच करर ज मक अकसर मवचधवत धमगमवजञान म मभनन रप म पहचान रए ह इसचलए ईश वरीय रण की मल धारणा कया हॽ

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश मसीमहय क यह पछना ह मक परमश वर क कया रण हॽ त ह सकता ह मक

कदाचचत वह यह कह मक परमश वर क रण व सारी य गयताए या चाररमतरक रण ह चजनह पमवतरशासटतर परमश वर स ससमबसनधत करता ह ठीक ह यह दमषटक ण तब तक सही ह जब तक यह इस माना जाता रह परत पारपररक धमगमवजञान म वाकयाश परमश वर क रण कछ मवशष बात की सकत दता ह

मवचधवत धमगमवजञान म ईश वरीय रण

परम श व र क सा र क ी पणयत ा ए वव व भ नन त रह क ऐवत हा लसक परगट ी क रणो क दव ा रा परक ट क ी गई ह

यह पररभाषा द पराथममक तथय क उजारर करती ह ज मक परमश वर क रण क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग क चचमतरत करती ह परथम सटथान पर परमश वर क रण परमश वर क सार की पणगताए ह आधमनक ससमाचारवादी अकसर परमश वर क सार की ओर सकत नही करत ह इसचलए इस धारणा की ि ज करनी सहायतापणग ह रा

शबद सार क साथ आरभ करत हए ज मक लमटन शबद इशसनसया क अनवाद का अथग सार या अससटततव क रप म करता ह लमटन धमगमवजञान म परमश वर का सार मनकट घमनषठता क साथ शबद सबसटसनसया या ततव क साथ समबदध ह धमागधयिीय और मधयकालीन धमगमवजञामनय न इन शबद क नव-अिलातनवाद और अरसटत क दाशगमनक मवचार स अपनाया था अब पलट और अरसटत क दमषटक ण म सार का मवचार मवमभनन तरह स पाया जाता ह और सार की धारणा क सबध म कई महतवपणग जमटलताए आधमनक दशगनशासटतर म उठ िडी हई ह परत आतमसात करन क चलए यह मल मवचार कमठन नही ह

सरल शबद म मकसी वसटत का सार अससटततव या ततव एक न पररवमतगत ह न वाली वासटतमवकता ह ती ह ज इसक सभी बाहरी सटवरप पररवमतगत ह त पररटीकरण की पषठभमम म ह ती ह मसीही धमगमवजञामनय न सार क इसी मवचार स अपन अधययन क आधाररत मकया ह जब उनह न परमश वर क रण और पणगताओ क ऊपर मवचार मवमशग मकया

सामानय रप म परमश वर क सार म चार महतवपणग मभननताए ससममचलत ह परमश वर का सार परमश वर सटवय कया ह परमश वर की पणगताए या रण परमश वर क सार की य गयताए परमश वर का

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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चलचचतर अधययन मारगदरशगका एव कई अनय ससाधनो क चलय हमारी वबसाइट thirdmillorg पर जाए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 19: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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सीमा तक परररत का मवश वासवचन क ऊपर हमारी शिला म वातागलाप मकया ह इस शिला म हम इन द अनय मखय मवषय क ऊपर धयान कसनित करर

उततर ततर अधयाय म हम परमश वर क रण और कायो क ऊपर कई मवशषताओ की ि ज करर परत इस समय हम यहा पर कवल एक ही अवधारणा का पररचय दर परथम हम ईश वरीय रण या परमश वर कौन ह क ऊपर धयान दर और दसरा हम ईश वरीय कायो की ओर मडर या परमश वर कया करता ह आइए परमश वर क ईश वरीय रण स आरभ कर

ईश वरीय ग ण ईश वरीय रण क मवषय का पररचय द चरण म कराना सहायतापणग ह रा हम परमश वर क रण की

मल धारणा स आरभ करर तब हम ईश वरीय रण क परकार की जाच करर ज मक अकसर मवचधवत धमगमवजञान म मभनन रप म पहचान रए ह इसचलए ईश वरीय रण की मल धारणा कया हॽ

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश मसीमहय क यह पछना ह मक परमश वर क कया रण हॽ त ह सकता ह मक

कदाचचत वह यह कह मक परमश वर क रण व सारी य गयताए या चाररमतरक रण ह चजनह पमवतरशासटतर परमश वर स ससमबसनधत करता ह ठीक ह यह दमषटक ण तब तक सही ह जब तक यह इस माना जाता रह परत पारपररक धमगमवजञान म वाकयाश परमश वर क रण कछ मवशष बात की सकत दता ह

मवचधवत धमगमवजञान म ईश वरीय रण

परम श व र क सा र क ी पणयत ा ए वव व भ नन त रह क ऐवत हा लसक परगट ी क रणो क दव ा रा परक ट क ी गई ह

यह पररभाषा द पराथममक तथय क उजारर करती ह ज मक परमश वर क रण क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग क चचमतरत करती ह परथम सटथान पर परमश वर क रण परमश वर क सार की पणगताए ह आधमनक ससमाचारवादी अकसर परमश वर क सार की ओर सकत नही करत ह इसचलए इस धारणा की ि ज करनी सहायतापणग ह रा

शबद सार क साथ आरभ करत हए ज मक लमटन शबद इशसनसया क अनवाद का अथग सार या अससटततव क रप म करता ह लमटन धमगमवजञान म परमश वर का सार मनकट घमनषठता क साथ शबद सबसटसनसया या ततव क साथ समबदध ह धमागधयिीय और मधयकालीन धमगमवजञामनय न इन शबद क नव-अिलातनवाद और अरसटत क दाशगमनक मवचार स अपनाया था अब पलट और अरसटत क दमषटक ण म सार का मवचार मवमभनन तरह स पाया जाता ह और सार की धारणा क सबध म कई महतवपणग जमटलताए आधमनक दशगनशासटतर म उठ िडी हई ह परत आतमसात करन क चलए यह मल मवचार कमठन नही ह

सरल शबद म मकसी वसटत का सार अससटततव या ततव एक न पररवमतगत ह न वाली वासटतमवकता ह ती ह ज इसक सभी बाहरी सटवरप पररवमतगत ह त पररटीकरण की पषठभमम म ह ती ह मसीही धमगमवजञामनय न सार क इसी मवचार स अपन अधययन क आधाररत मकया ह जब उनह न परमश वर क रण और पणगताओ क ऊपर मवचार मवमशग मकया

सामानय रप म परमश वर क सार म चार महतवपणग मभननताए ससममचलत ह परमश वर का सार परमश वर सटवय कया ह परमश वर की पणगताए या रण परमश वर क सार की य गयताए परमश वर का

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 20: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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दीघगकाचलक अवचध तक चलन वाला ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की एक दीघगकाचलक अवचध म सटव-परकटीकरण और परमश वर का अलपकाचलक का ऐमतहाचसक परकटीकरण उसका समय की अवचध म अपिाकत सटवय का परकटीकरण अलपकाचलक का परकटीकरण

ज कछ हम यहा कर रह ह उसका सटपषटीकरण करन क चलए आइए इन मवमभननताओ क एक वयमि क उदाहरण का उपय र करत हए कर हम कहर मक यह मवशष वयमि कलीचसया म रमववार क मदन एक एकल कलाकार ह वह एक मकसान ह ज मक अपन राय स अपन ित म द बार दध दहता ह वह एक पमत भी ह और एक दादा भी ह और इसम क ई सनदह नही ह मक एक मसीही मवश वासी ह न क नात हम जानत ह मक वह परमश वर का सटवरप परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर का सवक ह

हम जानत ह मक इस वयमि क बार म कछ तथय अलपकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक परकटीकरण की ओर सकत दत ह य बात उसक बार म अब और कभी कभी सतय ह ती ह वह कलीचसया म एक एकल कलाकार ह परत कवल रमववार क मदन ही वह राय दहता ह परत कवल मदन म द ही बार जबमक य मववरण उसक परमत सतय ह यह उसक सार का उललि नही करत ह इसकी अपिा वह वही वयमि रहता ह जब वह सटवय क अनय रमतमवचधय म ससममचलत करता और जब नही करता ह

इनम स कछ मववरण अपिाकत दीघगकाचलक अवचध क ऐमतहाचसक पररटीकरण की ओर सकत करत ह मक वह वयमि कौन ह वह एक पमत ह और दादा ह यह मववरण दीघगकाचलक अवचध क समय क चलए लार ह त ह परत यह आवशयक नही ह मक वह वयमि कौन ह वह सदव एक पमत या एक दादा नही रहा था परत वह सदव एक ही वयमि रहा ह

जब हम इस वयमि क परमश वर क सटवरप क रप म परमश वर क परमतमनचध क रप म मनयमि और परमश वर क सवक क रप म ब लत ह त हम उसक सार क सटथाई रण की बात कर रह ह चाह उसक जीवन म कछ भी कय न ह जाए य मववरण उसक चलए सदव सतय रहर

परत यमद हम उन सभी क ज ड दना ह ता ज हम उसक बार म जानत ह चजसम उसक सटथाई रण भी ससममचलत ह हम जान जाएर मक हमार पास कवल उसक सार क दिन की झलमकया ही ह इस वयमि का सार कछ सीमा तक मायावी ही रहता ह सदव परी तरह आतमसात मकए जान स पर

कई तरह स मवचधवत धमगमवजञानी भी कछ तरह की मभननताओ क परमश वर मवजञान म करत ह अब जसा मक हम सभी जानत ह पमवतरशासटतर परमश वर क सटवरप क मनममगत करन क चलए मना करता ह इसचलए हम यहा पर परमश वर क चचतरण करन क परयास क नही करर परत परमश वर क सटवरप क समझन म हमारी सहायता करन क चलए हम एक रपक का उपय र करर परमश वर क सार क परमतमनचधतव करती हई अतररि म एक मनहाररका की कलपना कर इस मनहाररका क चार और धबबदार-शीश की चिडमकया ह ज मक परमश वर क सार क रण या पणगताओ क परसटतत कर रह ह इसस पर तार और गरह की परणाली की कलपना कर ज मक इस कनिीय मनहाररका स मवसटताररत ह रही ह ज मक परमश वर क दीघगकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह और अनत म और अचधक दर वाल तार और गरह की कलपना कर ज मक परमश वर क अलपकाचलक परकटीकरण क परसटतत कर रही ह परमश वर क सार क मधय यह मभननता उसक रण और उसक इमतहास म दीघग और अलपकाचलक परकटीकरण पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क धमगचशिा म मवचार मवमशग क चलए अतयनत महतवपणग ह

1530 म चलि रए लथरन अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद क समनए ज धमग क ऊपर चलि हए उनतालीस एगलीकन अनचछद और धमग क ऊपर चलि हए पचचीस मथौमरसटट अनचछद क सदश ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 21: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ा रा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा पर दित ह मक अरीकार सटपषट रप स एक ईश वरीय सार क ह न की ओर सकत दता ह कल ममलाकर परमश वर का सार एक अपररमवमतगत रहन वाली वासटतमवकता ह ज मक उन तरीक की पषठभमम म रहती ह चजसम इमतहास की जीवन-रमत म परमश वर न सटवय क परकाचशत मकया ह

दभागगय स धमग सधार यर स पहल अचधकाश धमगवजञामनक ज मक मसीही रहसटयवाद की ओर झक हए थ न यनानी मवचारधारा परभामवत दशगनशासटतर का अनसरण मकया और मनषकषग मनकाला मक परमश वर क सार रहसटय स मघरा हआ ह इस दमषटक ण म परमश वर का परकाशन हम बहत थ डा ही यमद बताता ह त बहत थ डा ही उसक शाशवत सार क बार म बताता ह व कवल हम उसक मदवतीय पररवमतगत ह त हए ऐमतहाचसक पररटीकरण क बार म बतात ह अब ससमाचारवादी सहमत ह मक परमश वर क सार क बार म अननत रप स बहत कछ अचधक ह इसकी अपिा मक चजतना हम जान सकत ह परत इतना ह न पर भी ससमाचारवादी ज र दत ह मक परमश वर न वासटतव म अपन ईश वरीय सार क कछ रण या कछ ही य गयताओ क परकट मकया ह यह मानयता सटपषट रप स पमवतरशासटतर की चशिा का अनसरण करती

एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद की ओर दि एक ईश वरीय सार का उललि करन क तरनत पिात अरीकार परमश वर क सार क कई रण या य गयताओ की ओर मडता ह परमश वर शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भला क साथ ह परमश वर क य रण ndash य शाशवत अपररमवतगनीय य गयताए ndash परमश वर क सार क चचमतरत करत ह

कई अवसर पर बाइबल क लिक न सटपषट रप स परमश वर क शाशवत आवशयक पणगताओ की ओर सकत मकया ह उदाहरण क चलए भजन समहता 348 घ षणा करता ह मक परमश वर भला ह पौलस न 1 तीमचथयस 117 म चलिा ह मक परमश वर शाशवत या सनातन ह जब हम पर पमवतरशासटतर का अधययन करत ह त यह सटपषट ह जाता ह मक चाह कछ भी कय न ह ज कछ परमश वर मकसी एक पररससटथमत म कहता और करता ह चाह कछ भी कय न ह वह मकतनी भी मभननता का परदशगन कय न करता ह वह सदव भला ह और वह सदव शाशवत ह इसी तरह की बात ज कछ पमवतरशासटतर परमश वर की अननतता उसकी पमवतरता उसक नयाय उसक जञान उसकी अब धरमयता उसक सवगसामथी और कई अनय ईश वरीय रण क बार म कह जा सकत ह यह सभी उसक ईश वरीय सार क सटथाई रण ह चजनह पमवतरशासटतर सटपषट रप स उललि करता ह

परम श व र क ा एक ग ण वह होता ह ज ो वक स व य परम श व र क आर भ स उ सम व न व हत ह यह व ह ज ो परम श व र क ो परम श व र ब ना त ा ह आप उ स उसक ा स व भ ाव उसक ा त त व क हत ह यह ऐसी वा स तवव कत ा ह लज स व पता पतर और पव व तर आतम ा सभ ी आपस म परी तरह स सा झा करत ह और इसल ि ए यह व ह ह ज ो परम श व र क ो क ई ब ा त ो म हम सी व मत परा ल णयो स व भ नन क रत ा ह हा और इ सलिए यह व ह ह ज ो परम श व र क ी भि ा ई क ो पर रभ ा व षत क रत ा ह

- डॉ ज सक ॉट हो रि

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 22: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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परत अब आइए ईश वरीय रण की हमारी पररभाषा की एक अनय झलक क दि परमश वर क सार की पणगताए क ह न क अमतररि ईश वरीय रण मवमभनन तरह क ऐमतहाचसक पररटीकरण क माधयम स भी परकाचशत ह त ह

हमन अभी अभी कहा था मक पमवतरशासटतर कभी कभी अपिाकत परमश वर क शाशवत रण क परतयि म सकत दत ह परत अचधक समय म व परमश वर क रण क मववरण नाम और पदमवय रपक अलकार और इमतहास म उसकी रमतमवचधय क उललि क दवारा अपरतयि माधयम स परदचशगत करत ह इनम स क ई भी परकटीकरण उसक सार क मवपरीत नही ह ndash परमश वर सदव सटवय का परकटीकरण उन तरीक म करता ह ज मक वह ज कछ ह उसक परमत सतय ह ndash परत मवचधवत धमगमवजञान म परमश वर क रण वस ही नही ह जस मक उसक परकटीकरण इसकी अपिा हम परमश वर क रण का मनधागरण यह पछत हए करत ह मक परमश वर क साथ सदव कया सतय रहा ह रा और परमश वर क साथ सदव कया सतय रहना चामहए ज उसक सभी तरीक की वयाखया कर चजसम उसन सटवय क इमतहास म परकट कया हॽ

अब हम यहा बहत अचधक सावधान रहन की आवशयकता ह परमश वर क रण और उसक पररटीकरण क मधय म यह मभननता की बात पर बन रहना अकसर कमठन नही ह जब हम उन बात का मनपटारा करत ह ज मक परमश वर क साथ अपिाकत अलपकाचलक अवचध क चलए सतय थी उदाहरण क चलए यहजकल 818 म परमश वर न कहा मक वह उसक ल र की पराथगनाओ क नही सनरा परत सटपषट रप स हम नही कहना चामहए मक यह पराथगनाओ का इनकार करना परमश वर क सार म ह कई अनय सटथान पर पमवतरशासटतर हम बताता ह मक परमश वर पराथगनाओ क नही सनता ह य द न तरह क परमश वर क मववरण ज कछ परमश वर मकसी एक मनचित समय पर ह क समय सतय ऐमतहाचसक परकटीकरण ह परत क ई भी उसक सार का रण नही ह इसकी अपिा परमश वर क रण उसक सार की शाशवत पणगताए ह ज मक उसस सतय ह द न म जब वह सनता ह और जब वह पराथगनाओ क नही सनता ह

अब इसक मवपरीत परमश वर क रण और उसक ऐमतहाचसक पररटीकरण क मधय म मभननता क अनतर क पता लराना कमठन ह जब व अपिाकत दीघगकाचलक अवचध तक बन रहत ह उदाहरण क चलए हम ह सकता ह मक यह स चन की परीिा म पड जाए मक धयग परमश वर का एक रण ह कय मक उसन पीढ़ी दर पीढ़ी पामपय क परमत धयग क परकट मकया ह परत जसा मक हम बाइबल स जानत ह मक परमश वर का धयग इमतहास म मभनन समय पर मभनन ल र क साथ समापत ह रया था और अनत म सभी पामपय क चलए असनतम नयाय क समय ह जाएरा जब मसीह अपनी ममहमा समहत पन वापस आएरा इसचलए मवचधवत धमगमवजञान क तकनीकी अथग म यहा तक कछ ऐसा लमब-समय तक बन रहन वाला रण जस मक ईश वरीय धयग परमश वर क सार का शाशवत रण नही ह

हम इस मभननता क आन वाल अधयाय म और अचधक मवसटतार क साथ दिर परत इस समय मल मवचार सटपषट ह ना चामहए परमश वर सटवय क अलपकाचलक और दीघगकाचलक अवचध म इमतहास म मनचित तरीक स परकट करता ह परत परमश वर क रण परमश वर की व य गयताए ह ज मक उसक साथ सदव क चलए सतय ह और व सदव उसक साथ सतय रहरी

ईश वरीय रण और इस मल धारणा क धयान म रित हए हम हमार दसर मवषय परमश वर क रण क मवमभनन परकार की ओर मडना चामहए मकस तरह स धमगमवजञामनय न परमश वर क सार की पणगताओ क पहचाना और वरीकत मकया हॽ

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 23: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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वभनन परका र कय मक बाइबल परमश वर क सार रण की पहचान सटपषट रप स नही करती ह और कय मक यह उनह

हमार चलए वरीकत नही करती ह धमगमवजञामनय न परमश वर की पणगताओ क मवमभनन तरीक स समह म रि मदया ह अचधकततर मवदवान न परमश वर क रण क उन बात क आधार पर वरीकत मकया ह चजनका उललि हमन इस अधयाय म पहल ही कर चलया ह कारक का तरीका मनषध का तरीका शषठता का तरीका परमश वर क रण क वरीकत करन का एक अनय तरीका परमश वर क सटवरप म मनषय की वतगमान समझ पर आधाररत ह इस दमषटक ण म परमश वर की पणगताओ क उसक अससटततव उसकी बचदध उसकी इचछा और उसक नमतक चररतर क रप म ब लना सामानय बात ह अब वरीकरण की इनम स क ई भी पदधमत अचधक परमि नही रही ह परत हम इनह धयान म रिना चामहए कय मक व समय समय पर परतयि या अपरतयि रप म परकट ह ती रहती ह जब धमगवजञामनक परमश वर क रण क बार म मवचार मवमशग करत ह

अचधकाश समय पर ससमाचारवामदय न परमश वर की पणगताओ क द मखय तरह क रण म मवभाचजत करन का पि चलया ह पहल परकार क परमश वर क अकथनीय रण कह कर पकारा रया ह और दसर परकार का उललि उसक कथनीय रण की ओर सकत करक मकया रया ह आइए इन द न शचणय परमश वर क अकथनीय रण स आरभ करक ि ला जाए

अ कथनीय परचसदध धमगमवजञामनय न अकसर इस मदव-भारी वरीकरण की सीमाओ की ओर सकत मदया ह और हम इनम स कछ मवषय क आन वाल अधयाय म दिर परत परमश वर क सार की पणगताओ क चलए ब लन का यह एक सामानय तरीका ह

शबद अकथनीय का अथग साझा करन म असमथग ह न स ह इस कारण परमश वर की अकथनीय रण उसक सार की ऐसी पणगताए ह चजसम समषट ndash परमश वर क सटवरप म मनषय समहत ndash सटवय उसक साथ साझा नही कर सकती ह इस परकार अकथनीय रण म ट रप म परमश वर की उन पणगताओ क सदश ह चजनह हम मनषध क तरीक क माधयम स मनधागररत करत ह य रण इस बात पर कसनित ह मक परमश वर उसकी समषट स कस मभनन ह

जसा मक हमन एक पल पहल दिा था अरसबरग मवश वास-अरीकार का परथम अनचछद परमश वर क छह रण की ओर सकत करता ह वह शाशवत शरीर रमहत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क साथ ह यदयमप यह जयादा सरलीकत करना ह परमश वर क अकथनीय रण क चलए यह एक सामानय बात ह मक व शाशवत अर रमहत अननत सामथयग जञान और भलाई क शबद क साथ समबदध ह परमश वर शाशवत ह हम असटथाई ह वह शरीर रमहत ह हमार पास शरीर ह वह अर रमहत ह हम अर म मवभाचजत ह वह असीममत ह हम सीममत ह

अब कय मक परमश वर क हमार साथ मानवीय शबद म सचार करना ह इसचलए पमवतरशासटतर कभी कभी इन रण और समषट क मधय कमज र सकारातमक तलनाओ क करत हए मनषकषग मनकालता ह तौभी मबना मकसी सनदह क बाइबल परमश वर क इन रण क मल रप स परमश वर कया ह और उसकी समषट कया ह क मधय म अनतर करत हए वयाखया करती ह पररणामसटवरप पमवतरशासटतर मनषय क परमश वर की नकल इस तरह स करन की बलाहट नही दता ह हम शाशवत शरीर रमहत अर रमहत या अननत ह न का परयास करन क चलए मनदश नही मदया रया ह इसक मवपरीत पमवतरशासटतर हम परमश वर क इन रण क नमरता भरी आराधना और उसकी सटतमत करन क चलए मक वह कस हमस इतना जयादा मभनन ह क चलए बलाहट दता ह

परमश वर क अकथनीय रण क मवचार क धयान म रित हए आइए परमश वर क रण क दसर परकार परमश वर क कथनीय रण क ऊपर धयान द

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 24: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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क थनीय अरसबरग मवश वास-अरीकार क परथम अनचछद म सचीबदध रण म कथनीय रण क अकसर सामथयग जञान और भलाई क साथ समबदध मकया हआ ह

शबद कथनीय सकत दती ह मक क ई वसटत साझा मकया जान य गय ह इस घटना म हम इस सचचाई की ओर सकत द रह ह मक परमश वर की कछ शाशवत पणगताए उसकी समषट क साथ साझा की जा सकती ह मवशष कर परमश वर क सटवरप म मनममगत मनषय क साथ मनषय क पास म सामथयग जञान और भला ndash अपणगता क साथ और मानवीय पमान पर ह ndash परत मतस पर भी हम इन य गयताओ क साथ ह

वह मल तरीका चजसम हम परमश वर क कथनीय रण क तलना क माधयम स समझत ह इस अथग म कथनीय रण म ट तौर पर उन बात क सदश ह चजनह मधयकालीन मवदवतापणग धमगमवजञामनय न कारक क तरीक और शषठता क तरीक क माधयम स पररचचत कराया ह समपणग पमवतरशासटतर म हम अकसर आदश मदया ह मक न कवल हम इन ईश वरीय रण की परशसा कर अमपत इनकी नकल भी कर हम सामथयग क हमार अभयास म अचधक स अचधक परमश वर क जस ह त जाना ह और हमार जीवन म जञान और भलाई का परदशगन और मवकास करत हए उसकी नकल करनी ह

परमश वर की पणगता की इन शचणय क बार बहत सी बात क कहन की आवशयकता ह और हम इनकी मवशषताओ क बार म इस शिला क उततर ततर क अधयाय म और जयादा ि ज करर परत इस समय हम कवल इतना धयान म रिना चामहए मक परमश वर की पणगताओ क एक दसर स मभनन करन क चलए तरीक म सबस सामानय उनह अकथनीय और कथनीय ह न वाल रण क रप ब लना ह

व व वदय ा थ ी ज ो ववलधवत धमय व वजञा न का अध ययन क रन की कोल िि क र रह ह क लि ए परम श व र क अ कथनीय और क थनीय ग णो क मध य क ी व भननत ा का समझना अत यनत म हतव पणय ह क यो वक हम यह सम झना आव शयक ह व क व ह क या ह ज ो हम व भनन क र द त ा ह ठीक ह न ॽ परम श व र पणय रप स व भ नन ह सव ि स अि ग त ौभ ी हम परम श व र क सव रप म व न वमय त ह इ सलिए हम ा र लि ए यह सम झन ा महत व पणय ह वक हम म परम श व र ज सी क ौ न सी बा त ह ज ो हम उ सक स व रप क ो परकट क रन वा ि ी ब ना त ी ह और ऐसी कौ न सी ब ात ह ज ो न ही ब न ात ी ह और इ सलि ए यह ब ात सद व ध या न म रख न ा म हत व पणय ह वक परम श वर ज ो क छ ह उ स सब म अ ननत और िाशवत और अ पर रवतय न ी य ह और यदय व प हम उन सभ ी व व वभ नन त रीक ो म सी व मत और पर रवतय न ीय और अ सस थ र और अ सफि ह हम म व फर भी हमा र अ स सत तव क क छ वन ल ित पहि ह जो व क परम श वर क ज स ह जब ऐसी ची ज ो क ी ब ात ह ज स हमा र पा स बल ि हो सकत ी ह हम परम क र सकत ह हम नया य और द या की ख ोज क र सक त ह यह व ब ात ह ल ज नह परम श वर पणयत ा क साथ क रत ा ह ndash हम इ नह सी व मत सतर म क रत ह ndash पर त हम ा र लि ए यह सम झन ा अ तयनत म हत व पणय ह व क हम उ सक स व रप और व ह क ौ न ह क ो हम ा र सव िक त ा य क रप म परक ट क रन व ा ि ह

- परो फसर बर ा डो न पी रो वब नस

अभी तक हमन परमश वर क रण और कायो की धारणा क उसक ईश वरीय रण क दिन क दवारा पररचचत मकया अब आइए हम इस ज ड क दसर महसटस परमश वर क ईश वरीय कायो की ओर मड

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 25: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय का यय इस अधयाय म हम ईश वरीय कायो क ऊपर सचिपत म सटपशग करर कय मक हम इस मवचार क और

अचधक मवसटतत रप म इस शिला क अनत म ि ज करर परत एक अवल कन क रप म हम सब स पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा की वयाखया करर और दसरा हम परमश वर क कायो क परकार का पररचय दर आइए सबस पहल ईश वरीय कायो की मल धारणा क ऊपर धयान द

मि भत धारण ा यमद हम अचधकाश समसाचारवामदय स यह पछना पड मक परमश वर क कया कायग हॽ त हम म स

अचधकाश बस कवल उन सटथान की ओर सकत दर जहा पर पमवतरशासटतर कहता ह परमश वर न यह या वह मकया और यह सही ह रा जब तक मक यह माना जाता रह परत मवचधवत धमगमवजञामनय न ईश वरीय कायो का अधययन ठीक वस ही करत ह जस ईश वरीय रण का अधययन मकया जाता ह मवशष ऐमतहाचसक घटनाओ क ऊपर धयान कसनित करन की अपिा व यह जानन की क चशश करत ह मक इन घटनाओ क पीछ कया कछ पडा हआ ह वह पछत ह मक हम कया जान सकत ह मक ज कछ परमश वर न मकया कर रहा ह और कररा वह सदव सतय हॽ

ईश वरीय कायो क चलए इस मलभत दमषटक ण क हम मवचधवत धमगमवजञान म यह कहन क दवारा साराचशत कर सकत ह मक ईश वरीय कायो का मवषय सकत दता ह मक

क स परम श व र अ पन िा शवत परयो ज न ो क अ न सा र सभ ी क ायो क ो क रत ा ह

हम इस मवषय क द पहलओ क उजारर इस तथय क साथ आरभ करत हए करर मक ईश वरीय कायो म सभी बात ससममचलत ह धमगमवजञान क नए मवदयाचथगय क चलए यह मवचार मक ईश वरीय कायो म परतयक वह घटना ससममचलत ह ज अकसर थ डी सी सदधासनतक और अटकल स भरी हई आभाचसत ह ती ह इसचलए हम परमश वर क कायो क इस आयाम क बार म कछ शबद क कहना चामहए इमिचसय 111 म पौलस परमश वर का मववरण ऐस दता ह

उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यह हम दित ह मक पौलस इस तथय का उललि करता ह मक परमश वर सब कछ करता ह वह यह नही कहता ह मक परमश वर कछ घटनाओ या यहा तक बहत सी घटनाओ म ससममचलत ह उसक धयान म कछ अथग म यह रहा ह रा मक परमश वर परतयक घटना क करता ह ज कभी घमटत हई या कभी घमटत ह री

यह आधमनक ससमाचारवामदय क चलए परमश वर क कायो क बार म इस तरह क मवसटतत पमान पर स चन क चलए असामानय सी बात ह कय मक हम म स बहत क चलए जब हम पमवतरशासटतर क पढ़त ह और मनषकषग मनकालत ह मक परमश वर कवल कछ ही बात क करता ह जबमक समषट क अनय महसटस अनय बात क करत ह

अब इस तरह की मवमभननताए पमवतरशासटतर म अवशय परकट ह ती ह बाइबल परमश वर क इस ससार म कई बार परतयि कायग करत हए ब लती ह उदाहरण क चलए उसन लाल समि स छटकारा मदया और पमवतरशासटतर अलौमकक जीव क दवारा घटनाओ क घमटत ह न क ओर भी सकत दती ह जस मक जब शतान न

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 26: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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अययब क परमश वर क शाप दन की परीिा म राला था इसस भी पर हम ऐस मनषय क बार म पढ़त ह ज घटनाओ क घमटत ह न क कारण बनत ह उदाहरण क चलए दाऊद न सलमान क मसनदर क मनमागण क चलए बहत कमठन महनत की हम पशओ और पौध क दवारा इस ससार म पडन वाल परभाव क पढ़त ह और बाइबल मनजीव वसटतओ जस सयग पथवी क जीवन क परभामवत कर रहा ह क बार म भी बात करती ह

परत पारपररक मसीही धमगमवजञान म परशन यह ह मक कया हम चजस परमश वर क कायग कह कर पकारत ह उस कवल उन घटनाओ तक सीममत करना चामहए चजनह पमवतरशासटतर कवल परमश वर क साथ ही समबदध करता हॽ पमवतरशासटतर का अनसरण करत हए पारपररक मसीही धमगमवजञान की मखयधारा न इस परशन का उततर नही क रप म रजती हई आवाज क साथ मदया ह अरसटत स शबदावली क लत हए मसीही धमगमवजञामनय न परमश वर क सभी वसटतओ क परथम कारक क रप म मववरण मदया ह इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञान म इसका अथग यह ह मक परमश वर क परथम कारक ह न क नात कवल इमतहास का ही आरभ नही हआ इसकी अपिा परमश वर ही परतयक घटना क पीछ असनतम कारक ह ज मक इमतहास म मकसी भी िण म घमटत हई ह

परत परमश वर क परथम कारक की सजञा दन क अमतररि इवनजचलकल अथागत ससमाचारवादी धमगमवजञामनय न मदवतीय कारक क चलए भी ब ला ह मदवतीय कारक सजी हए पराणी या वसटतए ह ज मक वासटतमवक परत घटनाओ क घमटत ह न क पीछ मदवतीय भममकाओ क कारक ह

परथम और मदवतीय कारक क पीछ यह मभननता इस तथय क ऊपर आधाररत ह मक पमवतरशासटतर कवल कछ ही परभावशाली आियगजनक घटनाओ का मनपटारा ईश वरीय कायो क रप म करती ह ndash जस इसराएल का लाल समि पर छटकारा ह ना अययब की पसटतक सटपषट करता ह मक परमश वर न शतान क अययब की जाच क चलए मनयि मकया 1 इमतहास 2916 म दाऊद न सटवय परमश वर क सलमान क मसनदर क मनमागण करन क चलए दी रई सिलता क चलए ममहमा दी ह भजन समहता 1477-9 जस परसर इमरत करत ह मक ज कछ पश और पौध करर वह सब कछ परमश वर क मनयतरण म ह और मनजीव वसटतओ क परभाव का शय जस सयग यशायाह 456-7 जस परसर म परमश वर क मदया रया ह

इस शिला म बाद म हम यह ि ज करर मक कस परमश वर परथम कारक ह या दसर कारक समषट का उपय र मवमभनन तरीक स करता ह और हम दिर मवशष रप स यह कस हम समझन म सहायता करता ह मक परमश वर बराई का लिक नही ह परत अभी क चलए हम कवल इस बात की ओर सकत दना चाहत ह मक एक तरह स या अनय तरह स परमश वर क कायग म इमतहास म परकट ह न वाली परतयक बात ससममचलत ह चाह वह इनह परतयि या अपरतयि ही कय न करता ह यमद हम ईश वरीय कायो की मलभत धारणा क साराश क एक बार मिर स दि त हम दि सकत ह मक ईश वरीय कायग भी [परमश वर क] शाशवत परय जन क अनसार ह

जसा मक हमन इस अधयाय म पहल दिा धमगमवजञामनय न परमश वर मवजञान म परमश वर क शाशवत अपररवतगनीय रण क ऊपर बहत अचधक धयान क मदया ह कछ इसी तरह स उनह न इस बात क ऊपर धयान मदया ह मक कस परमश वर अपनी शाशवत अपररवतगनीय य जना या परय जन क अनसार कायग करता ह अब यह कहना उचचत ह रा मक कई आधमनक ससमाचारवादी इस धारणा स अपररचचत ह और ज इन मवषय क ऊपर बात करत ह उनक पास इनक परमत मभनन तरह की समझ ह इसचलए हम मलभत मवचार की वयाखया करन क चलए एक िण लना चामहए मक हमार मन म कया ह आपक सटमरण ह रा मक इमिचसय 111 म पौलस न परमश वर की सटतमत ऐस की थी

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
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उ सी म ल ज सम हम भ ी उ सी की म नसा स ज ो अ पनी इच छ ा क म त क अ न सार सब कछ क रता (इ व फलसयो 1 1 1 )

यहा पर धयान द पौलस न कवल परमश वर क कायग म सब कछ ह न क चलए ब लता ह अमपत परमश वर का परतयक कायग उसकी मनसा स ज अपनी इचछा क मत क अनसार ह यहा पर पौलस परान मनयम की उस धारणा का उललि करता ह मक परमश वर क पास इमतहास क चलए शाशवत य जना ह एक ऐसी य जना ज मक मनचित रप स परी ह री उदाहरण क चलए यशायाह 4610 क समनए जहा पर परमश वर ऐस कहता ह मक

म त ो अ नत क ी ब ात आवद स और पराचीनकाि स उ स ब ात क ो ब ताता आया ह ज ो अ ब तक न ही हई म कहत ा ह म री यवि ससथ र रहग ी और म अ पनी इचछ ा क ो परी क र ग ा (यिायाह 46 10 )

अब परमश वर क कायो क यह पहल इतना अचधक रहसटयमयी ह मक मवश वासय गय मसीमहय न इस कई मभनन तरीक म समझा ह परत कल ममलाकर मखयधारा वाल मसीही धमगमवजञान न सदव यह पमषट की ह मक परमश वर क पास एक शाशवत य जना ह और उसका कायो म ndash इमतहास का परतयक ससममचलत आयाम ndash उसक शाशवत परय जन क परा करता ह परमश वर इस बात स अनजान नही ह मक इमतहास म कया कछ घमटत ह रा वह इमतहास क दवारा कभी भी आियगचमकत नही हआ ह उसक परय जन कभी मनराश नही हए ह चाह यह मकतन भी रहसटयमयी कय न ह कछ भी मसीह म परमश वर क इमतहास क चलए पणग- वयापक य जना स पर नही ह

ज ब क भ ी स सा र म क छ घ वट त हो त ा ह त ो ि ो ग आियय चव कत हो त ह कया यह ऐसा क छ ह ज ो व क व ा सत व म परमश व र क म न म थ ा या न ही ॽ और व व िषरप स ज ब स सा र म ब ात गि त हो ज ात ी ह त ो हम आियय क रत ह इ न सब म परम श व र कहा ह और उ सक ा परयो जन क हा ह ॽ और म सो चत ा ह व क परम श व र क ी सव ो चचत ा क ब ाइब ि आधाररत धमय ल िकषा क ी पणयत ा क ो सम झन ा हम ा र लि ए सहा यत ा पणय हो ग ा क यो वक यह स पि ह व क ऐसा क छ भ ी नही ह ज ो वक परम श वर क ी अ सनतम इचछ ा और परयो ज न क ब ाहर घ व टत हआ हो और ऐस ब हत स स थ ान ह ज हा पर पव वतर िास तर म हम इन क ी ओर स क त क र सक त ह इ व फल सयो 1 वन ल ित ही उ न म स एक स थ ान ह ज हा वह ऐस क हत ा ह वक परम श व र सब क छ म उ सक ी इचछ ा क ी मन सा क अ न सार क का यय करत ा ह और इ स त रह स कछ भी ज ो क भ ी इ वत हा स म घव टत हआ ह अ तत परम श वर क उदद शयो क ा व हस सा ह और परम श व र क ा था ndash और यह हम ा र ल ि ए हम ा र सी वम त म नो क सा थ म हा न रहस य क ी ब ात ह ndash परम श व र क पा स एक परयो ज न ह व ह यह ह वक वह मा न व ी य इ व तहा स क दव ारा क ा यय क र रहा ह

- डॉ व फल ि पप रयक न

यवद परम श व र सवय जञा न ी ह यव द परम श व र क जञान म अत ी त वतय म ान और भ वव ष य व या पक ह त ो सभ ी ब ा त स भ व ह और सभ ी ब ात वा स तव म त ब सभ ी ऐवतह ालसक घ टन ा ए उसक ी यो ज ना का व हससा ह

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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- डॉ गि ीन आर कर रडर

ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

कई तरह स पमवतरशासटतर इस चशिा क साथ आरभ ह ता ह कय मक यह उस सब कछ क आधार क मनममगत करता ह चजस हम परमश वर क कायग क बार म मवश वास करत ह

परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
    • ईशzwjवरीय परकाशन
      • मलभत अवधारणा
      • विभिनन परकार
        • ईशzwjवरीय रहसय
          • मलभत धारणा
          • भिनन परकार
              • गण और कारय
                • ईशzwjवरीय गण
                  • मलभत धारणा
                  • भिनन परकार
                    • ईशzwjवरीय कारय
                      • मलभत धारणा
                      • भिनन परकार
                          • उपसहार
Page 28: हम परमश्ेवर पर ववश्वास करतेहैं · 2019-10-06 · प्रकािन और रहस्य सरल रूप म ेंबताने

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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ईश वरीय कायो क ऊपर मल धारणा क सटपशग कर लन क पिात हम इस बात का भी उललि करना चामहए मक कस परमश वर क धमगचशिा क ऊपर औपचाररक मवचार मवमशग मवमभनन परकार या ईश वरीय कायो क परकार म अनतर करता ह

वभनन परका र कवल एक उदाहरण एक बार मिर स अरसबरग मवश वास-अरीकार क पहल अनचछद क समनए

यहा पर एक ईश व रीय सार या तत व ह ज ो परम श वर ह लज स परम श व र पक ारा ज ा ता ह ज ो िा शवत िरी र रव हत अ ग रवहत अननत साम रथयय जञान और भि ाई क सा थ सव िक त ा य और सभ ी व सत ओ क ो स भा ि हए द शय और अदशय ह

जसा मक हम यहा दित ह परमश वर क कई रण क सनन क पिात मवश वास अरीकार द तरह क ईश वरीय कायो मक ओर हमारा धयान िीचता ह एक तरि त यह उललि करता ह मक परमश वर सभी वसटतओ का दशय और अदशय का समषटकताग ह और दसरी तरि यह उललि करता ह मक परमश वरसभी दशय और अदशय वसटतओ क सभाल हए ह

अरसबरग मवश वास-अरीकार की य सटवीकार मिया द तरह क ईश वरीय कायो क मधय मवशष पारपररक अनतर क परकट करती ह परथम परमश वर का समषट का कायग ह हम सभी जानत ह मक उतपमतत 1 म बाइबल इस तरह स आरभ करती ह

आवद म परम श व र न आक ाि और परथवी की सवि की (उत पवतत 1 1)

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परमश वर मवजञान म परमश वर क समषट क कायग क पारपररक अधययन क साराचशत करन क चलए कई तरीक ह और हम इन मवषय क आन वाल अधयाय म ि ज करर परत इस अधयाय क चलए बस कवल तीन मखय बात पर ही उललि करना उचचत ह परथम समषट की सचचाई कस ज कछ अससटततव म ह उसकी रचना परमश वर न की ह दसरा समषट की मभननताए कस परमश वर न आसतमक और भौमतक ल क म मभननताओ की रचना की ह और तीसरा समषट का उददशय कस परमश वर न पहल समषट की रचना उसक शाशवत परय जन की परामपत क चलए मकया ह

समषट क कायग क अमतररि दसर तरह का ईश वरीय कायग परमश वर क मवधान का कायग ह या जस इस अकसर चलिा जाता ह मक वह सचचाई मक परमश वर इस समषट क सभाल हए ह

दभागगय स अचधकततर समय म ससमाचारवादी मसीही मवश वासी आज इस बात क आतमसात नही कर पात ह मक परमश वर क मवधान का कायग मकतना मवशष ह व कलपना करत ह मक जब परमश वर न इस ससार की रचना की त उसन इस सटवय क ऊपर मनभगरता की एक मातरा दी तामक यह सटवय क मबना उसक धयान िीच एक साथ ससटथर रह परत पारपररक मवचधवत धमगमवजञान म शबद मवधान ndash चजस लमटन शबद पर मवटमनचशया स चलए रया ह - म मकसी वसटत पर धयान दना या मकसी वसटत की दिभाल करन स ह और य शबदावली मसीही मवश वास क परमतमबमबत करती ह मक समषट ठीक वस ही आज भी परमश वर क ऊपर

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

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हम ा र पन वनय मा ण क क ा यय और यह व क व ह एक वद न हम न ए सव गय और न ई परथव ी म ि ज ा एग ा यवद हम हम ा र ववश वा स क ो उ सम बन ा ए रख त ह त ो हम उसक ा अन सरण न ए रा ज य म क रग क ी आव शयक ता क ा अ हसा स क रन क लि ए इनह क रता ह व हा हम क या दख ग व क व हा पर परम श व र क व व धान ा तमक दख भ ाि क ी पणय त ा ह जब व ह इ स क रत ा ह हमा र महा न स व गी य वपत ा हो न क न ा त व ह हम इत न ा ज या दा परम क रत ा ह हम हम ा र लि ए परत यक उ ततम वरद ा न क ा परब नध क रत ा ह ल ज सक ी हम सव य क ो थ ाम रख न क लि ए उस का यय म आव शकत ा ह लज स उ सन हम क रन क लि ए वद या ह

रव ह डॉ जस टी न ट री

उप स ह ार

इस अधयाय म हमन परमश वर क धमगचशिा या परमश वर मवजञान क हमार अधययन क इस बात क ऊपर धयान कसनित करत हए पररचचत मकया ह मक हम कस उसम मवश वास कर सकत ह चजस हम परमश वर क बार म जानत ह हमन दिा मक परमश वर क बार म हमारा जञान द न अथागत मदववय परकाशन और रहसटय क दवारा आकार लता ह चजसम सामानय और मवशष परकाशन और सटथाई और असटथाई रहसटय ससममचलत ह और हमन सीिा मक परमश वर क बार म हमार जञान म उसक रण और उसक कायो द न अथागत उसकी अकथनीय और कथनीय रण और समषट और मवधान क उसक कायग क परमत जाररकता अवशय पाई जाती ह

मसीह क अनयामयय क परमश वर क साथ अपन वयमिरत सबध और ससार म उसक कायो क अपन अनभव म मवकास करन की लालसा ह नी चामहए परत ऐसा करन क चलए हम सटवय क चजतना अचधक ह सक परमश वर क बार म सीिन क चलए सममपगत करना चामहए इस अधयाय म हमन कछ ऐस मखय मवषय क सटपशग मकया ह ज मक परमश वर मवजञान म अगरभमम म आत ह परत जसा मक हम आर आन वाल अधयाय म आर बढ़त ह हम और अचधक स अचधक परमश वर क धमगचशिा क बार म ि ज करत चल जाएर मक परमश वर कौन ह और वह कया करता ह और जसा मक हम इस करत ह हम मारग म आन वाल परतयक चरण क दिर मक कस मसीही धमगमवजञान क परतयक आयाम म परमश वर क चलए हमारा वचदध ह ता हआ जञान और परमश वर क चलए मवश वासय गय सवकाई क परतयक आयाम अमत आवशयक ह

  • परिचय
  • परकाशन और रहसय
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हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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मनभगर ह जस यह समषट क पहल िण म थी कलससटसय 116-17 क समनए जहा पर परररत पौलस न इन शबद क कहा ह

क यो वक उ सी [म सीह] म सारी व स त ओ क ी द ख ी या अ नद ख ी कया ल स हा सन कया परभ त ा ए कया परधान त ा ए कया अ लधक ार सारी वस त ए उ सकी क दवा रा और उ सी क लि ए सजी ग ई ह वही सब व सत ओ म परथम ह और सब व सत उ सी म ससथ र रहती ह (क ि सस सयो 1 16 -17 )

जसा मक यह परसर सकत दता ह न कवल यह सतय ह मक मसीह न सभी वसटतओ की रचना की यह भी उतना ही सतय ह मक सभी वसटतए उसम ससटथर रहती ह इस तरह की समानता क परसटतत करत हए परररत न यह सटपषट कर मदया मक समषट उस समय मरर जाएरी यमद परमश वर का मवधान कायगरत नही ह ता ndash अथागत उसक दवारा सभाल रिना और थाम रिन वाली दिभाल ndash मनरनतर समषट म कायगरत ह

सरल शबद म कहना बहत कछ समषट क कायग जसा मवधान क कायग क तीन तरीक स साराचशत मकया जा सकता ह समषट क चलए परमश वर क मवधानातमक कायग की सचचाई मक वह कस ससार और सब कछ ज उसम ह क सभाल हए और इस थाम हए ह पर क मवधानातमक दिभाल की मभननता मक वह कस मवमभनन तरीक स समषट क मवमभनन पहलओ क साथ परसटपर समपकग म रहता ह और परमश वर क मवधानातमक दिभाल का उददशय कस परमश वर यह समनचित करता ह मक समषट उसक शाशवत परय जन क परा कररी हम इस अधयाय म इनक मववरण क नही दिर परत जस जस हम परमश वर क धमगचशिा क ऊपर अपन अधययन म आर बढ़त ह हम और अचधक सटपषटता स दिर मक यह परमश वर क कायो द न कायो क अथागत समषट क कायग और मवधान क कायग क समझना मकतना महतवपणग ह

ठी क ह हम परम श व र क व व धान क ब ा र म ब ा त क र रह ह जो हम ब ा त क र रह ह व ह परम श व र क ी ओर स सवि और उ सक परा ल णयो क ल ि ए चित रहन व ाि ी द खभ ा ि ह हम न क वि यह ववश वा स क रत ह वक परम श व र न इ स स सा र क ी रचन ा की और व फर सम ा पत क रक क छ और करन क ल ि ए चि वन कि ा न ही परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो अ पन व चन की साम रथयय क दव ा रा था म रखत ा ह अ पन वचन क दव ा रा अ पन आत म ा क दव ा रा परम श व र वन रनत र इ स स सा र क ो थ ा म रखत ा ह इसल ि ए हम परम श व र क दव ा रा वक ए ज ा रह परब नध क ब ा र सो चत ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह ज स भोज न पानी हवा और व ह सभ ी ब ात लज नह हम यो ही ित ह परम श व र उ नक ी परब नध क र रहा ह इ सल ि ए ही परम श व र क ो हम ारा धनयवाद वद या जाना अ वत म हतव पणय ह हम भ ो ज न क ल िए धनयव ा द द त ह और उ स सतव त और धनयव ा द क ी भ ट चढात ह परत यक भि ा व रद ा न हम ऊपर व पत ा स पात ह इ सल ि ए हम सम रण रख न क ी आव शयकत ा ह व क व ह हम सब कछ द त ा ह ल ज सक ी हम आव शयकत ा होत ी ह वह िा सक ह व ह व ास तव म सभ ी घट न ा ओ क ो दख रहा ह यहा तक वक ऐवत हालसक घ टन ा ए कई ब ा र उसक वन य तर ण क वब न ा उ जड़ी हई ि गत ी ह पर त परम श व र इ न सब ब ा तो क ऊपर सवय साम थ ी ह उ नह म ा गय द िय न द त ा उ नह होन ा दत ा ह त ा व क हम इ नक दवा रा अ चस म भत रह ज ा ए पर त हम यह ववश वास क र वक परम श व र क ा अ भी भी इन पर अ ल धक ा र ह वह अ पन ही परयो जन की परा व पत क ल ि ए इ नक ा म ा गय द िय न क र रहा ह पर त इ सी क साथ व व िष कर हमा र लि ए परत यक परब नध क ो क रन क सा थ और हम ा र उ ि ार क ल ि ए हम उ सक पनस थायपना क अ नगर ह स भ र हए क ा यय

हम परमश वर पर चवशवास करत ह अधयाय एक हम परमश वर क बार म कया जानत ह

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