हम यीशुमेंविश्वास करत हें · जीवन...

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हम यीशु म विास करत राजा अयाय पा Manuscript

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  • हम यी श ुम ें व िश्वास कर त ह ें

    राजा अध्य ाय पा ाँच

    Manuscript

  • ii

    चलचचत्र, अध्ययन मार्गदचशगका एवं कई अन्य संसाधन ंके चलये, हमारी वेबसाइट thirdmill.org पर जाए।ँ

    © थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़ 2012 के द्वारा

    सवागचधकार सरुचित। इस प्रकाशन के मकसी भी भार् क प्रकाशक, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़, इनक रप रेशन, 316, लाइव ओक्स बलुवेार्ग , कैसलबरी, फ्ल ररर्ा 32707 की चलचित अनमुमत के मबना समीिा, मटप्पणी, या अध्ययन के उदे्दशय ंके चलए संचिप्त उद्धरण ंके अमतररक् त मकसी भी रूप मे ंया मकसी भी तरह के लाभ के चलए पनुः प्रकचशत नही ंमकया जा सकता।

    पमवत्रशास्ट्त्र के सभी उद्धरण बाइबल स साइटी ऑफ़ इंमर्या की महन्दी की पमवत्र बाइबल स ेचलए र्ए है।ं सवागचधकार © The Bible Society of India

    थर्ग ममलमेनयम मममनस्ट्रीज़ की सेवकाई के मवषय मे ं1997 मे ंस्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़ एक लाभमनरपिे ससुमाचाररक मसीही सेवकाई ह ैज पूरे

    संसार के चलए मफु्त मे ंबाइबल आधाररत चशिा प्रदान करने के चलए प्रमतबद्ध ह।ै

    सें सा र क ल ि ए म फ़ु्त म ें ब ाइ बि आधा र रत ल शक्षा ।

    हमारा लक्ष्य संसार भर के हज़ार ंपासवान ंऔर मसीही अर्वु ंक मफ़ु्त मे ंमसीही चशिा प्रदान करना ह ैचजन्हे ंसेवकाई के चलए पयागप्त प्रचशिण प्राप्त नही ंहआु ह।ै हम इस लक्ष्य क अंग्रेजी, अरबी, मनर्ाररन, रूसी, और स्ट्पमैनश भाषाओ ंमे ंअमद्वतीय मल्टीमीमर्या सेममनारी पाठ्यक्रम की रचना करने और उन्हे ंमवश्व भर मे ंमवतररत करने के द्वारा पूरा कर रहे है।ं हमारे पाठयक्रम का अनवुाद सहभार्ी सवेकाइय ंके द्वारा दजगन भर स ेअचधक अन्य भाषाओ ंमे ंभी मकया जा रहा ह।ै पाठ्यक्रम मे ंग्रामिक वीमर्य स, चलचित मनदशे, और इंटरनटे संसाधन पाए जाते है।ं इसकी रचना ऐस ेकी र्ई ह ैमक इसका प्रय र् ऑनलाइन और सामदुामयक अध्ययन द न ंसंदभों मे ंस्ट्कूल ,ं समूह ,ं और व्यमिर्त रूप ंमे ंमकया जा सकता ह।ै

    वषों के प्रयास ंस ेहमने अच्छी मवषय-वस्ट्त ुऔर र्णुवत्ता स ेपररपूणग परुस्ट्कार-प्राप्त मल्टीमीमर्या अध्ययन ंकी रचना करने की बहतु ही मकफ़ायती मवचध क मवकचसत मकया ह।ै हमारे लिेक और संपादक धमगवजै्ञामनक रूप से प्रचशचित चशिक है,ं हमारे अनवुादक धमगवजै्ञामनक रूप से दि है ंऔर लक्ष्य-भाषाओ ंके मातभृाषी है,ं और हमारे अध्याय ंमे ंसंसार भर के सकैड ंसम्मामनत सेममनारी प्र फ़ेसर ंऔर पासवान ंके र्हन मवचार शाममल है।ं इसके अमतररि हमारे ग्रामिक मर्जाइनर, चचत्रकार, और प्र र्यूससग अत्याधमुनक उपकरण ंऔर तकनीक ंका प्रय र् करन ेके द्वारा उत्पादन के उच्चतम स्ट्तर ंका पालन करते है।ं

    अपने मवतरण के लक्ष्य ंक पूरा करन ेके चलए थर्ग ममलेमनयम ने कलीचसयाओ,ं सेममनाररय ,ं बाइबल स्ट्कूल ,ं ममशनररय ,ं मसीही प्रसारक ,ं सटेलाइट टेलीमवजन प्रदाताओ,ं और अन्य संर्ठन ंके साथ रणनीमतक सहभामर्ताए ँस्ट्थामपत की है।ं इन संबंध ंके िलस्ट्वरूप स्ट्थानीय अर्वु ,ं पासवान ,ं और सेममनारी मवद्याचथगय ंतक अनके मवमर्ओ अध्ययन ंक पहुचँाया जा चकुा ह।ै हमारी वेबसाइट भी मवतरण के माध्यम के रूप मे ंकायग करती ह ैऔर हमारे अध्याय ंके अमतररि साममग्रय ंक भी प्रदान करती ह,ै चजसमे ंऐस ेमनदशे भी शाममल है ंमक अपने चशिण समदुाय क कैसे आरंभ मकया जाए।

    थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज a 501(c)(3) कारप रेशन के रूप मे ंIRS के द्वारा मान्यता प्राप्त ह।ै हम आचथगक रूप से कलीचसयाओ ंके टकै्स-र्ीर्क्टीबल य र्दान ,ं संस्ट्थान ,ं व्यापार ंऔर ल र् ंपर आधाररत है।ं हमारी सेवकाइग के बारे मे ंअचधक जानकारी के चलए और यह जानने के चलए मक आप मकस प्रकार इसमे ंसहभार्ी ह सकते है,ं कृपया हमारी वबैसाइट http://thirdmill.org क दिेे।ं

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    चलचचत्र, अध्ययन मार्गदचशगका एवं कई अन्य संसाधन ंके चलये, हमारी वेबसाइट thirdmill.org पर जाए।ँ

    विषय -िस्त ुपररचय ............................................................................................................. 1 परुान वनयम की प षृ्ठभूवम ........................................................................................ 2

    यो ग्यत ा ए ाँ ................................................................................................................. 2 मूसा की व्यवस्ट्था ............................................................................................... 2 दाऊद के साथ बाधँी वाचा ................................................................................... 5

    क ा यय ...................................................................................................................... 6 न्याय .................................................................................................................. 6 दया .................................................................................................................... 8 मवश्वासय ग्यता .................................................................................................. 10

    अ प क्षा ए ाँ ................................................................................................................ 11 ऐमतहाचसक मवकास ............................................................................................ 11 मवशेष भमवष्यद्वाचणया ँ......................................................................................... 15

    यीश ुम ें पूर् यता ................................................................................................... 18 यो ग्यत ा ए ाँ ............................................................................................................... 19

    परमशे्वर द्वारा चनुा हआु ...................................................................................... 19 इस्राएली ........................................................................................................... 19 परमशे्वर पर मनभगर ह ना ....................................................................................... 20 वाचाई मवश्वासय ग्यता........................................................................................ 20 दाऊद का पतु्र ................................................................................................... 22

    क ा यय .................................................................................................................... 22 न्याय ................................................................................................................ 22 दया .................................................................................................................. 23 मवश्वासय ग्यता .................................................................................................. 26

    अ प क्षा ए ाँ ................................................................................................................ 28 दाऊद का राजवंश ............................................................................................. 29 स्ट्वतंत्रता और मवजय ......................................................................................... 29 अनंतकालीन राज्य ............................................................................................. 30 मवश्वव्यापी राज्य ................................................................................................ 32

    आधवुनक उपयोग .............................................................................................. 32 ि ह अ पन राज्य का वनम ायर् क रता ह ............................................................................. 33

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    लक्ष्य ................................................................................................................ 33 प्रकटीकरण ....................................................................................................... 34 तरीके ............................................................................................................... 37

    ि ह अ पन िो ग ो ें क ो सें चाल ित क रता ह .......................................................................... 38 वह शासन करता ह ै............................................................................................ 38 वह रिा करता ह ै.............................................................................................. 39

    ि ह अ पन शत्र ओु ें पर विजय प्राप्त क रता ह ...................................................................... 40 उपसें हार ......................................................................................................... 43

  • हम यीश ुमे ंमवश्वास करत ेहै ंअध्याय पाचँ

    राजा

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    पररचय

    मनषु्यजामत का इमतहास अक्सर शमिशाली राजाओ ंके शासन के अनसुार चलिा र्या ह।ै हम सबन ेउन राजाओ ंके बारे मे ंसनुा ह,ै चजन्ह नंे एचशया, यूर प, अफ्रीका और लेमटन अमेररका के मवशाल भार् ंमे ंराज्य मकया ह।ै उनमे ंस ेकुछ न ेअपन ेबहतु स ेशत्रओु ंपर मवजय प्राप्त की चजसस ेउनका राज्य पथृ्वी के दूर-दराज के क न ंतक िैला हआु था। और उन सब मे ंएक बात साझी ह।ै व ेसब चल ेर्ए है;ं व ेसब मर चकेु है;ं व ेअब शासन नही ंकरत ेहै।ं उनकी शमिशाली सनेाए ँर्ायब ह र्ई है,ं और उनकी शमि ओझल ह र्ई ह।ै

    इस मनयम मे ंकेवल एक अपवाद रहा ह।ै केवल एक राजा ऐसा ह ैचजसकी शमि कभी िीकी नही ंपडी ह,ै और चजसके राज्य का कभी अंत नही ंह र्ा। और मनस्ट्संदहे वह राजा यीश ुह।ै

    यह हमारी श्ृंिला हम यीश ुमे ंमवश्वास करत ेहै,ं का पाचँवा ँअध्याय ह ैऔर हमन ेइसका शीषगक “राजा” मदया ह।ै इस अध्याय मे,ं हम दिेेरं् ेमक कैस ेयीश ुपरमशे्वर के मवश्वासय ग्य सवेक और पतु्र के रूप मे ंशासन करन ेके द्वारा परुान ेमनयम के राजा के कायगभार क पूरा करता ह।ै जसैा मक हमने मपछले अध्याय ंमे ंदेिा ह,ै परुान ेमनयम के इमतहास के मवमभन्न चरण ंमे ंपरमशे्वर न ेतीन कायगभार ंक स्ट्थामपत मकया था चजनके द्वारा उसने राज्य क संचाचलत मकया; वे थे, भमवष्यद्विा, याजक और राजा के कायगभार। और परमेश्वर के राज्य के अंमतम चरण मे,ं चजस ेहम सामान्यतः नए मनयम का यरु् कहत ेहै,ं य ेतीन ंकायगभार यीश ुमे ंअपनी संपूणग पूणगता क पात ेहै।ं इस अध्याय मे,ं हम यीश ुके राजा के कायगभार पर ध्यान कंेमित करेरं्।े

    हमारे उदे्दशय ंके चलए, हम राजा क इस प्रकार पररभामषत करंेर्े :

    एक ऐसा व् यव ि ल जस परम श्वर न अ पन बद ि अ पन रा ज् य पर शा सन क रन क लि ए स्था वपत वक या हो।

    जसैे मक यह पररभाषा संकेत करती ह,ै परमशे्वर सवगदा स ेऔर सवगदा के चलए अपनी संपूणग समृि का परम शासक रहरे्ा। परंत ुउसन ेमनषु्य ंक भी मनयिु मकया ह ैमक व ेउसके राज्याचधकाररय ंके रूप मे ंसेवा करंे। य ेमानवीय राजा उसकी अधीनता मे ंसवेा करते है ंऔर उसके राज्य के उसके उदे्दशय ंऔर लक्ष्य ंक आर्े बढ़ाते है।ं जब हम इस मौचलक पररभाषा क अपने ध्यान मे ंरिते है,ं त हम बाइबल मे ंवचणगत राजा के कायगभार के मवषय मे ंबहतु स ेमवचार ंक प्राप्त कर सकंेर्े, और इस मवषय मे ंभी मक यीश ुइस कायगभार क कैस ेपूरा करता ह।ै

    यह अध्याय उसी रूपरेिा का अनसुरण करेर्ा चजसका अनसुरण हमन ेयीश ुके याजक और भमवष्यद्विा के कायगभार ंके अध्याय ंमे ंमकया था। पहला, हम राजा के कायगभार की परुान ेमनयम की पषृ्ठभूमम की जाचँ करेरं्।े दूसरा, हम यीश ुमे ंराजा के कायगभार की पूणगता की ि ज करेरं्।े और तीसरा, हम हमारे अपने जीवन ंमे ंयीश ुके राजत्व के आधमुनक उपय र् की ि ज करेरं्।े आइए पहल ेहम यीश ुके कायगभार की परुान ेमनयम की पषृ्ठभूमम क दिेे।ं

  • हम यीश ुमे ंमवश्वास करते है ं अध्याय पाचँ : राजा

    -2-

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    प रुान वनय म क ी प षृ्ठभू वम

    अपनी पसु्ट्तक द ररपब्ललक मे ंयूनानी दाशगमनक प्लटे न ेतकग मदया ह ैमक सभी सवोत्तम सरकार ंके शासन मे ंसबस ेशे्ष्ठ शासन एक दाशगमनक राजा का था। उसके दमृिक ण मे,ं ज राजा धन-संपमत्त और शमि की अपेिा बचुद्ध स ेसचमचु अचधक पे्रम करत ेथे, उन्ह नं ेअपन ेराष्र ंकी अर्वुाई अनमर्मनत लाभ ंकी ओर की ह।ै इसी तरह से, पमवत्रशास्ट्त्र यह दशागता ह ैमक जब इस्राएल के राजा परमेश्वर का भय रित ेथे और उसकी मवचधय ंक मानते थे, त उनके राष्र ंन ेपरमशे्वर की आशीष ंमे ंउन्नमत की। परंत ुइसका मवपरीत पररणाम भी पाया जाता था : जब उन्ह नं ेपरमेश्वर के मवरूद्ध मवि ह मकया, त संपूणग राष्र क परमशे्वर के दंर् के अधीन कि सहना पडा। इस भाव मे,ं इस्राएल के राजा पथृ्वी पर परमशे्वर के अच्छे संचालन के मवषय मे ंमखु्य स्ट्थान रिते थे।

    हम राजा के कायगभार की परुान ेमनयम की पिृभूमम की जाचँ तीन मवषय ंक दिेन ेके द्वारा करेरं् े: पहला, राजा के कायगभार के चलए य ग्यताए;ँ दूसरा, राजाओ ंके कायग; और तीसरा, व ेअपेिाए ँचजनकी रचना परुान ेमनयम न ेइस्राएल मे ंराजत्व के भमवष्य के चलए की।ं आइए हम राजा के कायगभार की य ग्यताओ ंसे आरंभ करे।ं

    यो ग्यता ए ाँ परुान ेमनयम मे,ं परमेश्वर ने राजा के कायगभार की य ग्यताओ ंक द चरण ंमे ंप्रकट मकया ह।ै पहला,

    मूसा मक व्यवस्ट्था मे ंपरमशे्वर न ेइस्राएल मे ंराजा की मनयमुि स ेपहल ेही राजा के कायगभार के मानक ंक प्रकट मकया। और दूसरा, राजतंत्र की स्ट्थापना के बाद दाऊद के साथ परमशे्वर की वाचा न ेएक महत्वपूणग अमतररि य ग्यता क प्रदान मकया। आइए पहल ेहम मूसा की व्यवस्ट्था मे ंदशागए र्ए राजत्व के चसद्धांत ंक देिे।ं

    मूस ा की व्यिस्था

    ज ब आप परुान व न यम, व ि श षक र पहिी पा ाँच पसु् तक ो ें, अ थ ा यत् पें चग्रें थ, क ो पढ़त ह ें, त ो यह द खन ा रूल चक र ह वक ि हा ाँ पहि स ही एक रा ज ा क आग म न क ा पूिा यनमु ा न ि ग ा या ग या ह । राज ा ओ ें क अ स्स् त त्ि क बहतु पहि स ही आपक ो पत ा ह व क एक रा ज ा क सा होन ा चा वहए और उस क् या क रना चा व हए। ऐसा क् यो ें ह ? म ें सो चत ा हू ाँ वक हम ें ऐस अ नचु् छ द ो ें क ो, व िश षक र व्यि स्थ ा व िि रर् 17 क ो परम श्वर की यो जन ा क प्रक ा श म ें रखन ा चा व हए, ज हा ाँ आपक पा स रा जा क आग मन क ा पूि ा यन मु ान ह , और यह व क राज ा क ो क् या क रन ा चा वहए। आपक ो ि ा स्त ि म ें आद म क ी ओर ि ौट न ा हो ग ा। आद म एक भविष् यद्विा, याजक और राज ा क रूप म ें क ायय क रत ा ह । इ स पथृ्िी पर उ सका अलधकार, और शासन और रा जत् ि वक सी न वक सी त रह ख ो ग या ह । इस अ ब्रा हम क ी ि ा चा म ें इ स्रा एि क राष् र म ें व िर स उ ठा या ग या ह । यहा ाँ तक वक उत् पव त 1 7 म ें ऐसी प्रवत ज्ञा ए ाँ ह ें व क अब्र ाहम क िें श स रा जा उत् पन्न हो ेंग । यह त ब इ स्रा एि म ें पूर्य हो न ा आरें भ हो त ा ह और वि श षक र रा ज ा ओ ें म ें। यद्य व प परुा न व न यम म ें रा जा की घ ो षर्ा समय स ब हतु ि षों पहि मू सा क सा थ व् यिस्था वििरर् 1 7 म ें हो ग ई थ ी, यह हम ें इस सें सा र पर पा प क प्रभ ाि ो ें क ि ा पस आन क ल ि ए, राज ा ओ ें, अथ ा यत् द ा ऊद िें शी

  • हम यीश ुमे ंमवश्वास करते है ं अध्याय पाचँ : राजा

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    रा ज ा ओ क द्व ा रा आन ि ा िी पनु स् थ ा यपन ा क ल ि ए त या र क र रहा ह । परें त ुइन सब स ब ढ़कर, प्रभ ुयी श ुम सी ह क ा आग म न ह , ज ो अब इ न भू वम का ओ ें क ो ि त ा ह , द ा ऊदिें शी भूव मक ा क ो पूरा क रत ा ह , इ स्रा एि क ी भू वमक ा क ो पूरा क रता ह , और अें तत ः आद म क ी भूव मक ा क ो पूरा क रता ह , और हम ें ि स पनुस् थ ा यव पत क रत ा ह ज ो ब न न क लि ए हम ा री रचन ा क ी ग ई थ ी, यह सब भ वि ष् य म ें होन ि ा ि ा ह । यह सब कु छ हम ें परम श्वर क ी उ स यो ज ना क सें बें ध म ें और अ ल धक क लि ए स् थ ा व पत क र रहा ह ज ो प्रक ट होत ी ज ा त ी ह , यह हम ा री अ गिु ा ई “ यह ह ि ह ज ो आएग ा, यह ह ि ह जो घव टत होगा, इ स प्रक ा र रा ज ा उ न भू व मक ा ओ ें क ो पूरा क र ग ा” क मसीहा -सें बें धी व ि षय क ी ओर क र गा । म ें सो चत ा हू ाँ व क यह सब ही िह का रर् ह वक क्यो ें मू सा हम ें यह रा जा ओ ें क आन स पहि ही द रहा ह ।

    — डॉ . स्ट ी िन ि िम

    जब मूसा न ेइस्राएल राष्र क प्रमतज्ञा की भूमम मे ंप्रवशे करन ेऔर उस पर मवजय प्राप्त करन ेके चलए तयैार मकया, त उसने स्ट्पि मकया मक परमेश्वर अंततः उन पर एक राजा क स्ट्थामपत करेर्ा। और उसन ेऐसे चार चसद्धांत ंक दशागया चजनस ेपरमशे्वर द्वारा स्ट्थामपत राजा क अर्वुाई प्राप्त करनी थी। समुनए व्यवस्ट्थामववरण 17:14-19 मे ंमूसा न ेक्या चलिा :

    ज ब तू उस द श . . . लज स त रा परम श् ि र यहो ि ा त झु द त ा ह , और तू . . . उन म ें ब सक र क हन ि ग , वक . . . म ें भ ी अ पन ऊपर रा जा ठहरा ऊाँ ग ा; तब लज सक ो त रा परम श् ि र यहो ि ा चनु ि अि श्य उसी क ो रा ज ा ठहरान ा। अ पन भ ाइ यो ें ही म ें स वक सी क ो अ पन ऊपर रा ज ा ठहरा न ा . . . िह बहतु घ ो ड न रख , और न इ स मन सा स अ पन ी प्रज ा क ि ो ग ो ें क ो वम स्र म ें भ ज व क उ सक पा स ब हतु स घ ो ड हो ज ा ए ाँ . . . ि ह बहतु स्स् त्रया ाँ भ ी न रख . . . और न िह अ पन ा सो न ा रूपा ब हतु ब ढ़ा ए . . . इसी व् यि स् थ ा क ी पसु् त क . . . क ी एक नक ि अपन ल ि य क र ि . . . और अ पन ज ी िन भ र उ सक ो पढ़ा क र , ल ज सस ि ह अ पन परम श् िर यहोिा क ा भय म ानना, और इस व् यिस्था और इन व ि ल धयो ें क ी सा री ब ा तो ें क म ा नन म ें चौक सी क रन ा सीख । (व्यि स् थ ाव ि िरर् 17 :14 -1 9 )

    मूसा न ेराजतंत्र स ेसंबंचधत चार चसद्धांत ंका वणगन यहा ँमकया ह।ै पहला, उसने कहा मक इस्राएल का राजा परमशे्वर की ओर स ेचनुा हआु ह ना चामहए। ल र् ऐसा राजा चनुन ेके य ग्य नही ंथ ेज परमशे्वर की अपेिा के अनसुार उनकी अर्वुाई करता। और उनके पास यह अचधकार भी नही ंथा मक व ेपरमशे्वर द्वारा प्रदत अचधकार मकसी व्यमि क सौपें।ं केवल परमेश्वर ही अपना अचधकार मकसी क दे सकता था। और वह इसे उस व्यमि क ही दरे्ा ज उसके द्वारा चनुा र्या ह ।

    व्यवस्ट्थामववरण 17 मे ंचजस दूसरी बात का उल्लिे मूसा न ेमकया ह,ै वह यह थी मक राजा का इस्राएली ह ना आवशयक था। कहन ेका अथग यह ह ैमक उस ेपरमशे्वर के चनु ेहएु राष्र मे ंस ेह ना आवशयक था। यह उस वाचाई प्रमतज्ञा क पूरा करन ेके चलए था ज परमशे्वर न ेउत्पमत 17:1-8 मे ंअब्राहम के साथ बाधँी थी, जहा ँउसने शपथ िाई थी मक अब्राहम के वंशज उसके ल र् ंके ऊपर राजा ह रं्े।

  • हम यीश ुमे ंमवश्वास करते है ं अध्याय पाचँ : राजा

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    चलचचत्र, अध्ययन मार्गदचशगका एवं कई अन्य संसाधन ंके चलये, हमारी वेबसाइट thirdmill.org पर जाए।ँ

    व्यवस्ट्थामववरण 17 मे ंतीसरी य ग्यता यह थी मक राजा शांमत और िशुहाली क स्ट्थामपत करन ेके चलए मानवीय रणनीमतय ंकी अपेिा परमशे्वर पर मनभगर रहरे्ा। मूसा न ेउन चार तरीक ंका वणगन मकया चजनमे ंराजा परमशे्वर पर मनभगर रहन ेस ेदूर ह सकता था।

    • राजा क शायद इसचलए बडी संख्या मे ंघ डे रिने से मना मकया र्या था, क्य मंक वे सेना के चलए बहतु महत्वपूणग थ।े राजा क राष्र की सरुिा के चलए परमशे्वर के सामथ्यग पर मनभगर रहना था न मक मानवीय बल पर।

    • ममस्र क लौटन ेपर प्रमतबंध न ेसरुिा और आवशयकताओ ंकी पूमतग के चलए परमशे्वर के अधीन रहने की अपेिा बडे साम्राज्य के अधीन ह ने के प्रमतबंध क दशागया।

    • अचधक पब्त्नय ंक रिने का प्रमतबंध शायद मवशेष रीमत से मववाह ंके द्वारा स्ट्थामपत राजनमैतक र्ठबंधन ंके मवषय मे ंथा। यह केवल इसचलए एक समस्ट्या नही ंथी मक इसने इस्राएल क परमेश्वर पर मनभगर रहने की अपेिा अन्य मवदेशी राष्र ंपर मनभगर मकया, बब्ल्क इसचलए भी मक मवदशेी पब्त्नया ँसंभवतया मवदशेी दवेताओ ंकी पूजा करती ंऔर राजा क भी उनकी पूजा करन ेकी परीिा मे ंर्ालती।ं

    • और अचधक मात्रा मे ंस न ेऔर चादँी क इकट्ठा करन ेके मवरूद्ध आज्ञा शायद अन्याय स ेचलए जान ेवाल ेकर क दशागती ह।ै राजा के चलए धनी ह ना र्लत नही ंथा। परंत ुपरमशे्वर के ल र् ंका श षण करन ेके द्वारा धनी बनना उसके चलए अपराध था।

    सारांश मे,ं इन प्रमतबंध ंन ेआश्वस्ट्त मकया मक राजा अपन ेशासन की सिलता और राष्र की सरुिा के चलए परमेश्वर पर मनभगर रहे।

    वह चौथी बात चजस पर मूसा न ेव्यवस्ट्थामववरण 17 मे ंबल मदया ह,ै यह ह ैमक राजा क परमशे्वर की वाचाई व्यवस्ट्था क ग्रहण करने, उसकी प्रमत बनाकर रिने और उस पर मनन करने के द्वारा परमेश्वर के प्रमत वाचाई मवश्वासय ग्यता क प्रकट करना आवशयक था। इन कायों की रचना व्यमिर्त सम्मान, उपयिु नम्रता और मवश्वासय ग्य शासन के चलए की र्ई थी।

    इ स्रा एि क राज ा और यहूद ा क रा ज ा परम श्वर क प्रवत ि ो ग ो ें क प्रव त व न ल ध थ , इसलि ए क ई रूपो ें म ें उ नक पा स पथृ्िी पर परम श्वर क प्रवत व न लधयो ें क रूप म ें और परम श्वर क प्रव त ि ोग ो ें क प्रव त व नल धयो ें क रूप म ें सें स्क ा र -सें बें धी उ पस्स् थ वत थ ी। अ त ः ि ह वि श ष द ो हरा पद ज ो उ नक पा स थ ा, इस रूप म ें म हत्ि पूर्य थ ा वक वकस प्रक ा र परम श्वर न रा ज ा क ो प्रत् यतु्त र वद या और व िर अें त त ः पूर रा ष्र पर इसक ा क्या प्रभ ा ि पडा। और म ें सो चत ा हू ाँ व क आपक पा स इ स्राएि और यहूद ा म ें पूरा इ वत हास ह । इ स्रा एि म ें क ो ई अ च्छ ा रा ज ा न ही ें था । ि सा र क सा र ब रु थ । और तब 7 22 ई . पू. म ें उन क ा पहि ा पत न हआु। परें त ुत ब यहूदा म ें अ च्छ और ब रु द ो न ो ें प्रक ा र क रा ज ा थ , त ो अ च्छ राज ा न प्रभ ुक ी द वृि म ें अच्छ ा वक या, और ब रु राज ा न प्रभ ुकी द वृि म ें ब रुा वक या । परें त ुजब ब रु राज ा ओ ें न प्रभ ुक ी द वृि म ें ब रुा वक या त ो उ नक का यों क ी ब डी प्रवत व िया ए ाँ व नक ि क र आईं। यह ि ह सम य थ ा जब परम श्वर क दें ड क ी द ि ी य “न ही ें” उ स सम य क रा ज ा ओ ें और ि ो ग ो ें द ोन ो ें क व िरुद्ध प्रक ट हईु। और ऐसा प्रत ीत हो ता ह वक राज ा क पद और ि ोग ो ें द्वा रा उ सक अनसुरर् क ब ी च एक ग हरा सें बें ध थ ा । यव द रा ज ा ऊाँ च स् थ ा न ो ें क ो स् थ ा व पत कर रहा था और व िद शी द ि ता ओ ें की पूज ा क र रहा थ ा, तो ि ोग भ ी ऐसा ही क र रह थ । और विर इ सक व ि परीत भ ी थ ा; जब ि हा ाँ पर सधुा र हएु, ज सा

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    व क हम रा जा यो ल शय्या ह क साथ पा त ह ें त ो उ सक प्रव त ब डी रा ष् र ी य प्रव त वि या ए ाँ हईुं ल ज सम ें ि ो गो ें न परम श्वर और उसक ी व् यिस् थ ा क प्रव त प्रवत विया द ी। अ त ः रा ज ा क पा स ि ो ग ो ें क ा प्रव त व नल धत्ि करन क ी और िो ग ो ें क सम क्ष परम श्वर क ा प्रव त वन ल धत्ि क रन क ी म खु्य भू वमक ा थ ी।

    — डॉ . मा कय व ग गन ी ल ियट

    मूसा के द्वारा प्रकट राजत्व की य ग्यताओ ंक दिेन ेके बाद, हम अब उस अमतररि य ग्यता के बारे मे ंमवचार करेरं् ेचजस ेपरमशे्वर न ेदाऊद के साथ बाधँी अपनी वाचा मे ंस्ट्थामपत मकया था।

    दाऊद क स ाथ ब ा ाँध ी िाच ा परमेश्वर ने 2 शमूएल 7:8-16 मे ंदाऊद के साथ अपनी वाचा क स्ट्थामपत मकया, और इसकी शतों का

    उल्लिे भजन 89 और 132 जसैे स्ट्थान ंमे ंमकया र्या ह।ै इस वाचा ने दाऊद के वंशज ंक इस्राएल पर स्ट्थाई राजवंश के रूप मे ंस्ट्थामपत मकया। परमेश्वर ने इस आश्वासन के द्वारा दाऊद और इस्राएल के प्रमत एक बडी भलाई क प्रदचशगत मकया मक दाऊद के वंशज राज्य करंेर्े, और इस्राएल इस राजवंशीय उत्तराचधकार की ब्स्ट्थरता का आनंद लरे्ा। 2 शमूएल 7:8-16 मे ंदाऊद के साथ की र्ईं परमेश्वर की वाचाई प्रमतज्ञाओ ंक समुनए:

    म ें न त ो तझु भ डशा ि ा स , और भ ड-बक र रयो ें क पीछ पी छ व िरन स . . . बिु ा लि या व क तू म री प्रज ा इ स्रा एि क ा प्रधा न हो ज ा ए . . . म ें त र ना म क ो . . . म हा न क र दू ाँग ा। और म ें अ पन ी प्रज ा इ स्रा एि क ल ि य एक स् था न ठहरा ऊाँ ग ा . . . म ें त झु त र सम स्त शत्र ओु ें स वि श्रा म दू ाँग ा . . . म ें त र व नज िें श क ो त र पीछ खडा क रक उ सक रा ज् य क ो स् स् थ र क रूाँ गा . . . त रा घ रान ा और त रा रा ज् य म र साम न सद ा अ टि ब न ा रह ग ा; त री ग द्द ी सद ि बन ी रह ग ी । ( 2 शमूएि 7 :8 -16 )

    इस ईश्वरीय वाचा के अनसुार परमशे्वर न ेइस्राएल के राजाओ ंके चलए एक नई य ग्यता क ज डा : इस समय स ेपरमशे्वर के ल र् ंकी अर्वुाई दाऊद के पतु्र के द्वारा ह नी थी। केवल उसी का घराना पूरे राष्र पर वधैामनक रूप स ेमनरंतर शासन का दावा कर सकता था।

    उत्पमत्त की पसु्ट्तक मे ंही, परमशे्वर न ेयहूदा के घरान ेक इस्राएल के राजत्व की आशीष दी। याकूब न ेउत्पमत्त 49 मे ंकहा ह।ै “यहूदा स ेराजदंर् न छूटेर्ा।” क्य मंक दाऊद यहूदा के र् त्र स ेथा, इसचलए दाऊद से की र्ई परमशे्वर की प्रमतज्ञा उत्पमत्त मे ंदी र्ई आशीष की पूणगता थी। परमशे्वर हमशेा स ेयह चाहता था मक इस्राएल मे ंएक मदन यहूदा के र् त्र स ेएक राजा ह र्ा। दाऊद की आज्ञाकाररता और परमशे्वर के प्रमत उसकी भमि के कारण, उसने प्रमतज्ञा की मक इस्राएल का राजत्व मनरंतर दाऊद के वंश के द्वारा ि जा जाएर्ा। इस्राएल मे ंक ई भी व्यमि तब तक वधैामनक तौर पर राजा ह ने का दावा नही ंकर सकता था जब तक वह दाऊद के घरान ेस ेन ह । इसीचलए ससुमाचार ंके लिेक ंके चलए यह महत्वपूणग था मक व ेन केवल यह प्रमाचणत करे ंमक यीश ुपरमशे्वर के द्वारा बलुाया र्या था, बब्ल्क यह भी मक वह दाऊद के चसंहासन के वधैामनक दावे के साथ दाऊद का वास्ट्तमवक वशंज था।

    अब जबमक हमने राजा के कायगभार की य ग्यताओ ंक दिे चलया है, इसचलए आइए अब हम हमारे अपन ेदूसरे मवषय अथागत् परुान ेमनयम मे ंराजाओ ंके कायग की ओर मडंेु।

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    का यय परुान ेमनयम मे,ं इस्राएल के राजाओ ंने प्राथममक रूप से परमशे्वर की व्यवस्ट्था क लारू् करन ेऔर

    इसका संचालन करने के द्वारा परमेश्वर के ल र् ंपर मवश्वासय ग्य रूप से शासन मकया। जसैा मक हमने मपछले अध्याय ंमे ंदिेा ह,ै प्राचीन मध्य पूवग मे ंशमिशाली सम्राट ंया सजुरेरयन राजाओ ंके द्वारा कमज र राज्य ंपर मवजय प्राप्त करके उन्हे ंसवेक या वासल राजा बना लनेा सामान्य बात थी। इन सजुरेरयन राजाओ ंन ेसामान्यतः संचधय ंया वाचाओ ंके द्वारा वासल राजाओ ंके साथ अपन ेसंबंध ंक संचाचलत मकया, चजसमे ंवासल राजाओ ंक मवजयी सजुरेरयन राजा के अधीन रहकर उसके कानून के अनसुार उनकी सवेा करनी थी। यही बात परमेश्वर के साथ इस्राएल के संबंध मे ंभी थी। पूरा राष्र परमशे्वर की वाचा की आज्ञा का पालन करन ेके चलए चजम्मेदार था, और राजा क यह समुनचित करना था मक व ेऐसा करे।ं

    राजाओ ंने कई तरीक ंसे अपन ेल र् ंक परमेश्वर की वाचाई व्यवस्ट्था के प्रमत ल र् ंक चजम्मेदार ठहराया। परंत ुइस अध्याय मे ंहमारे उदे्दशय ंके चलए हम उन पर ध्यान देरं् ेचजन्हे ंयीश ुन ेव्यवस्ट्था के अचधक महत्वपूणग मवषय कहा था। जसैा मक यीश ुन ेमत्ती 23:23 मे ंकहा ह ै:

    व् यि स्थ ा क ी गें भ ी र ब ा त ें . . . न्या य, और द या, और व ि श्वा स ह ें। (मत्त ी 2 3 :2 3 )

    यीश ुके अनसुार, और रस्ट्म ंऔर रीमतय ंपर िरीचसय ंद्वारा महत्व देने के मवपरीत, व्यवस्ट्था की सबस ेमहत्वपूणग मवशेषताए ँन्याय, दया और मवश्वासय ग्यता है।ं

    हम उन तरीक ंपर ध्यान देरं् ेचजनमे ंपरुान ेमनयम के राजाओ ंन ेइन तीन ंमहत्वपूणग मवशेषताओ ंके अनसुार परमशे्वर की व्यवस्ट्था क लारू् और संचाचलत मकया। पहला, हम न्याय क लारू् करन ेकी राजा की चजम्मदेारी पर ध्यान देरं्।े दूसरा, हम दिेेरं् ेमक राजा क दया क लारू् करना था। और तीसरा, हम इस वास्ट्तमवकता पर ध्यान कंेमित करेंर्े मक राजा क मवश्वासय ग्यता क बढ़ाना था। आइए पहले हम न्याय क लारू् करन ेके राजा के कायग क दिेे।ं

    न्याय राजा की चजम्मेदाररय ंके संदभग मे,ं न्याय की पररभाषा परमशे्वर की व्यवस्ट्था के अनसुार प्रत्यके

    व्यमि का उसकी य ग्यता के अनरुूप न्याय करन ेके रूप मे ंदी जा सकती ह।ै

    ि ो ग ो ें या शा सक ो ें क रूप म ें हम ा र पा स सरुल क्षत रा ह चनुन या एक पा पम य रा ह चनुन क ा अ ल धक ा र और स् ितें त्रत ा और इ च्छ ा ह । अें त म ें, परम श्वर क ा दें ड हम सब पर आएग ा । िि स् िरूप उन शा सक ो ें क ो दें ड व मि ग ा। ज ब यी श ुआएग ा त ो ि ह सब चीज ो ें क ो िही ें रख ग ा ज हा ाँ उ न्ह ें होन ा चा व हए। त ब तक हमा र पा स एक व मशन ह । और यह व म शन ऐसा ह वक हम ऐस ि ो गो ें क सम ा न ज ी ए ाँ जो परम श्वर क रा ज् य स सें बें ल धत हो, और स् ि वगय क पथृ्ि ी क न ा गर रक ो ें क समा न जी ए ाँ। कु छ सम य क लि ए, हम न्याय और सम ा नत ा क ो क ा म म ें ि ा त ह ें, दूसरो ें क ा आद र क रत ह ें, व नबयि ो ें क ा सम् म ान करत ह ें, अ न्या व ययो ें क सा थ वन ष् पक्ष होत ह ें, और हम यह ज ा नत हएु न्या य क ो ि ा गू क रन क ा क डा प्रया स क रत ह ें व क हम अभ ी भ ी पा पम य सें सा र म ें, एक टूट हएु सें सा र म ें, परम श्वर क दें ड क अ धीन सें सा र म ें रहत ह ें, हम एक ऐस सें सा र म ें रहत ह ें जहा ाँ व नदय यता, गरीब ी, अ ज्ञान त ा और भ्रि त ा अ भ ी भ ी ह ें। हम ें उस म ोमब त्त ी क सम ा न ह ें ज ो प्रक ा श द त ी ह , और दू सरो ें को यह स् मरर् क रा ती ह वक स्ि गय म ें एक प्र म क रन ि ाि ा परम श्वर

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    ह ज ो उ नक ी द ख भ ाि क र ता ह ल ज नक सा थ अ न्याय हआु ह और व क यह व नदय यत ा, भ्र ि ता और अ हें क ा र अ स्थ ा ई ह , चा ह यह पथृ्ि ी पर व कत न ा भ ी परुा न ा क् यो ें न हो, और यह सम य म ें सी व मत भ ी ह , क् यो ेंव क एक ऐसा परम श्वर ह , ज ो अें त त ः सब ब ात ो ें क ो ठीक क र द ग ा ।

    — डॉ. जोनाथन कुताब, अन िुाद

    इस्राएल के राजाओ ंक कम स ेकम द मवमभन्न स्ट्तर ंपर परमशे्वर के न्याय क मक्रयाब्न्वत करना था। सबसे पहले, उन्ह नंे परमेश्वर के अंतरागष्रीय न्याय क मक्रयाब्न्वत मकया, चजसमे ंपरमेश्वर की व्यवस्ट्था क इस्राएल और अन्य राष्र ंके बीच लारू् मकया।

    एक तरीका चजसमे ंराजाओ ंन ेअंतरागष्रीय स्ट्तर पर न्याय क लारू् मकया, वह था अन्य राष्र ंके साथ शांमतपूवगक समझौता, जसैे मक 1 राजाओ ं5:1-12 मे ंसलुमैान न ेस र के राजा हीराम के साथ मकया।

    राजाओ ंन ेयदु्ध के द्वारा भी अंतरागष्रीय न्याय क लारू् मकया। उन्ह नं ेऐसा दिु राष्र ंक दंर् दने ेके द्वारा मकया जसैा मक शाऊल ने 1 शमूएल 14:47-48 मे,ं और दाऊद ने 2 शमूएल 8:1-13 मे ंमकया। राजा ने इस्राएल की सरुिा भी की जब उन पर आक्रमण मकया र्या, जसैा मक दाऊद ने 2 शमूएल 5:17-25 मे ंऔर महजमकय्याह ने 2 राजाओ ं19 मे ंमकया। भजन 2 उस न्याय क सारर्मभगत करता ह ैचजसे इस्राएल के राजाओ ंक उन राष्र ंके प्रमत दशागना था चजन्ह नं ेउनके और प्रभ ुके मवरुद्ध मवि ह मकया था। समुनए पद 6-12 मे ंयह क्या कहता ह ै:

    [यहो ि ा न कहा,] “म ें त ो अ पन ठहरा ए हएु रा जा को अ पन पवि त्र पिय त लसय्योन क ी रा ज गद्द ी पर ब ठा चकुा हू ाँ। ” . . . यहो ि ा न मझु स क हा, “तू म रा पतु्र ह , आज तू म झु स उ त् पन्न हआु। मझु स म ा ाँग, और म ें ज ाव त ज ा व त क ि ो ग ो ें को त री सम् पव त्त हो न क ल ि य , और दू र दू र क द शो ें क ो त री व नज भू वम ब न न क लि य द दू ाँग ा। तू उ न्ह ें ि ो ह क डण् ड स टकु ड ट कु ड क र ग ा, तू कु म् हार क बतय न क सम ा न उ न्ह ें चक ना चूर कर डा ि ग ा।” इ सल ि य अब, ह राजा ओ, ब लुद्धम ान ब नो; ह पथृ्ि ी क न्या व ययो, यह उ पद श ग्र हर् क रो। डरत हएु यहो िा की उ पा सना क रो, और का ाँपत हएु म ग न हो । पतु्र क ो चूम ो, ऐसा न हो वक िह िो ध क र , और तमु म ा गय ही म ें न ष् ट हो ज ाओ, क्यो ेंवक क्षर् भ र म ें उ सक ा ि ो ध भडकन को ह । धन्य ह ें ि लज नक ा भ रो सा उ स पर ह । (भज न सें व हत ा 2 :6 -1 2 )

    य ेपद सजुरेरयन राजा क मपता के रूप मे ंदशागन ेऔर उसके वासल राजा क उसके पतु्र के रूप मे ंदशागने की प्राचीन मध्य पूवी रीमत का अनसुरण करत ेहै।ं इस मवषय मे,ं परमशे्वर सजुरेरयन राजा था और दाऊदवंशी राजा पतु्र था। और संसार के चलए परमशे्वर की य जना यह थी मक जामत-जामत के ल र् दाऊदवंशी राजाओ ंकी सवेा करें और उनकी आज्ञा माने।ं उन्हे ंउसका भय मानना और सम्मान करना था क्य मंक वह इस संसार मे ंपरमेश्वर के न्याय का माध्यम था।

    दूसरा, राजा इस्राएल के भीतर ही राष्रीय स्ट्तर पर परमेश्वर के न्याय क मक्रयाब्न्वत करने के प्रमत चजम्मेदार थ।े राजाओ ंने परमेश्वर की व्यवस्ट्था के प्रमत आज्ञाकाररता मे ंपरमेश्वर के मवशेष ल र् ंकी अर्वुाई करन ेके द्वारा राष्रीय न्याय क लारू् मकया। इसमे ंकमज र ल र् ंकी दिेभाल और उनकी सरुिा की आवशयकताओ ंक पूरा करना, जसैा मक हम नीमतवचन 29:14 मे ंदेिते है;ं दिु ंस ेसरुिा, जसैा मक दाऊद ने

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    2 शमूएल 4:9-12 मे ंदशागया; अपराचधय ंक दंर् देना, जसैा मक 2 राजा 14:5 मे ंपाया जाता ह;ै और नार्ररक ंके मवकास और उनकी िशुहाली के चलए ब्स्ट्थरता क स्ट्थामपत करना, जसैा मक भजन संमहता 72 चसिाता ह,ै जसैी बाते ंशाममल थी।ं यही नही,ं राजाओ ंक र्रीब ंया धनी ल र् ंका पि लकेर न्याय क मवकृत नही ंकरना था। पमवत्रशास्ट्त्र लवै्यव्यवस्ट्था 19:15 और यशायाह 11:1-5 समहत कई स्ट्थान ंपर राजाओ ंकी इस भूममका के बारे मे ंबात करता ह।ै

    यीश ुद्वारा व्यवस्ट्था के अचधक महत्वपूणग मवषय ंक पहचानन ेस ेपनुः सीित ेहएु, वह दूसरा मखु्य तरीका चजनमे ंराजाओ ंक परमशे्वर की व्यवस्ट्था क लारू् करना था, वह था दया मे ंइस ेलारू् करना।

    दया दया परमेश्वर के ल र् ंके प्रमत परमेश्वर की करुणा का कायग ह।ै परमेश्वर अपने ल र् ंकी कमज री क

    समझत ेहएु अक्सर अपनी समृि के प्रमत सहनशीलता के साथ व्यवहार करता ह ैजब व ेपाप कर लते ेहै।ं वह उन्हे ंजीवन मे ंअच्छी वस्ट्तएु,ँ और दिु ंस ेराहत दतेा ह,ै केवल इसचलए मक उस ेअपनी समृि के प्रमत दयाल ुबनना प्रसन्न करता ह।ै पमवत्रशास्ट्त्र कई स्ट्थान ंपर परमेश्वर की दया के बारे मे ंबात करता है, जसैे भजन 40:11; भजन 103:8 और य ना 4:2 मे।ं

    जसैे मक हमने न्याय के मवषय मे ंमकया था, यहा ँभी हम इस वास्ट्तमवकता क दशागएरँ् ेमक राजाओ ंक कम से कम द िते्र ंमे ंदया मदिानी थी; पहला, अंतरागष्रीय संबंध ंमे।ं अंतरागष्रीय स्ट्तर पर, राजाओ ंने दया क उन राष्र ंऔर ल र् ंपर लारू् मकया चजन्ह नं ेपरमशे्वर के इस्राएल के प्रमत समपगण मकया। उदाहरण के चलए, 2 शमूएल 10:19 मे,ं इस्राएल के एक शत्र ुके बहतु स ेवासल राजाओ ंन ेदाऊद स ेदया प्राप्त की जब उन्ह नंे उससे शांमत स्ट्थामपत की। और 2 शमूएल 10:1-2 मे ंदाऊद ने अम्म मनय ंके राजा के प्रमत करुणा मदिाई।

    यही नही,ं परुान ेमनयम के भमवष्यद्विाओ ंन ेपहल ेस ेही यह बता मदया मक अन्यजामतया ँअंततः यरूशलमे के प्रमत समपगण करेरं्ी। व ेपरमशे्वर के राज्य की राजधानी मे ंउपहार लकेर आएरँ्ी, और परमेश्वर के राजा स ेसरुिा और दया क प्राप्त करेरं्ी। इन बात ंकी भमवष्यद्वाणी यशायाह 60:1-22 और 66:18-23, मीका 4:1-8 और सपन्याह 2:11 जसै ेस्ट्थान ंमे ंकी र्ई ह।ै

    जसैा मक हमने न्याय पर अपने मवचार-मवमशग मे ंदिेा ह,ै मनस्ट्संदेह परमेश्वर हमेशा दया मदिाना नही ंचाहता ह।ै और कई बार उसन ेमारँ् की मक राजा दिु राष्र ंके प्रमत दया न मदिाए। उदाहरण के चलए 2 शमूएल 5:17-25 मे ंपरमेश्वर ने दाऊद क पचलब्शतय ंक नाश करने का मनदशे मदया, चजसे दाऊद ने मबना क ई दया मदिाए पूरा मकया। उनकी बरुाई इतनी अचधक थी मक उन्हे ंछ डा नही ंजाना था। इसचलए, राजा की चजम्मेदारी का एक भार् यह समझना था मक परमेश्वर कब राजा से चाहता था मक वह दया मदिाए और कब दया न मदिाए।

    अंतरागष्रीय संबंध ंमे ंदया मदिाने के अमतररि राजा राष्रीय स्ट्तर पर दया मदिान ेके द्वारा परमेश्वर की व्यवस्ट्था क संचाचलत करन ेके प्रमत भी चजम्मेदार था। क्य मंक राजा परमेश्वर का वासल राजा था, इसचलए उससे अपेिा थी मक वह ल र् ंके साथ वसैा ही व्यवहार करे जसैा परमेश्वर उनके साथ व्यवहार करेर्ा। और इसका अथग था उनके साथ दयापूणग व्यवहार करना। जसैा मक हम ह शे 6:6 जसै ेस्ट्थान ंमे ंपढ़ते है,ं परमेश्वर व्यवस्ट्था मे ंमनमहत बचलदान ंस ेबढ़कर ल र् ंस ेचाहता था मक व ेदया मदिाए।ँ इसका कारण यह नही ंह ैमक परमेश्वर की व्यवस्ट्था महत्वहीन ह,ै बब्ल्क यह ह ैमक दया व्यवस्ट्था के और अचधक महत्वपूणग मवषय ंमे ंस ेएक ह।ै इसी कारणवश, एक दया स ेभरा हआु राजा एक आदशग अर्वुा था, अथागत् वह ज दिेभाल के

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    परमशे्वर के अपन ेनमून ेका स्ट्वरूप ह । दाऊद न ेइस े2 शमूएल 19:28-23 जसैे स्ट्थान ंमे ंप्रकट मकया ह,ै जहा ँपर उसन ेउन शत्रओु ंके प्रमत दया मदिाई चजन्ह नं ेउसके प्रमत समपगण कर मदया था।

    द या परुा न व न यम की पूरी व्यिस् थ ा म ें पा ई जा त ी ह । यव द हम अ पन इस पक्षपा त क ो एक व कन ा र क र द ें वक व् यि स् था ब रुी ह और ि ा स्त ि म ें व् यि स्थ ा क ो परम श्वर क ी क रूर्ा क एक म ा ध्यम क रूप म ें पढ़ ें, त ो हम इ स हर स् थ ान पर द खन ा आरें भ क र ेंग । अ तः एक आरें व भक वबें द ुक रूप म ें यव द हम द स आज्ञाओ ें क ो ही द ख ें, तो आप सब्त क व दन क ो पव ित्र रख न ा क रूप म ें चौ थ ी आज्ञा ज स एक वन यम क ो द ख त ह ें। हम ें यह द ख न क ल ि ए उ स आज्ञा क पहि भ ाग स आग ब ढ़न ा ह व क प्रभ ुक वद न या सब्त क व द न म ें न क िि हम ें आराम करन ा ह , ब स् कक हम ें अ पन घ र म ें क ा यय क रन ि ा ि स िक ो ें क ो, हमा र ज ान ि रो ें क ो, और उन सबक ो भ ी इसक ी अन मु वत द न ी ह जो हमा र अ धी न क ा यय क रत ह ें। हम ार आधवु नक सें सा र म ें, हम ारा कहन ा यह ह व क परम श्वर क ा भ य रख न ि ा ि व् यि सा यी स् त्र ी या परुुष क ो अ पन कमय चा र रयो ें क प्रव त द या पूर्य होन ा चावहए, और उन क सा थ इ स् त मा ि वक ए ज ान ि ाि सें सा धन ो ें क रूप म ें न ही ें ब स्क क ि ो ग ो ें क रूप म ें व्यि हा र क रना चा व हए। हम उ न ि ो गो ें क भें डा री बन ल ज न्ह ें परम श्वर न हम ा र अ धीन रख ा ह । इसल ि ए यहा ाँ द या पूर्य प्रबें ध वक या ग या ह । आप परुा न व न यम म ें ब हतु स अ ि ग -अि ग वन यम ो ें क ो पा त ह ें ज ो द या क ो प्रक ट क रत ह ें। व् यिस् थ ा वि ि रर् क ी एक आज्ञा वक ख त ो ें क वकन ा रो ें म ें पड अ न ा ज क ो ि स ही छ ो ड वद या ज ा ए, इसलि ए ह व क ज ो आि श्यकत ा म ें ह ें ि आक र इस उ ठा ि ें और उ नक पा स ख ा न क ो कुछ हो, त ा व क ि उ स उ ठा ि ें ज ो छ ो ड वद या ग या ह । आपक पा स परुा न व न यम म ें और भ ी क ई व न यम ह ें ज स व क अ पन द श म ें रहन ि ाि ो ें स ब् याज न ल ि या जा ए। उस सें सा र म ें पू ाँज ी ि ा द ी व नि श अ थय व्यि स्थ ा न ही ें थ ी, और ब् याज ि न ा अ क्सर ि ोग ो ें क सा थ द वु् यय िहा र क रन और उन का िा यद ा उ ठा न क ा एक त रीक ा थ ा। यह उ द ारत ा क ा एक व ि कक प बन ग या थ ा। यव द क ोई आि श्यक त ा म ें पड अ पन इस्रा एि ी भ ाई स िा यद ा उ ठा सक ता था, तो िह धनी बन सकता था, परें त ुइसस िह दू सरो ें क ो उ नक अ ल धक ा र स िें ल चत क रन िा ि ा हो त ा। इसल ि ए आज्ञा कहत ी ह , ऐसा न वक या जाए। इ सक ी अ प क्षा, ब् या ज न ि न क द्व ा रा उद ा र ब न ो, और उ न्ह ें उ धा र द ो ज ो आि श्यक त ा म ें ह ें। प्रत् य क सात ि ें ि षय अन बुें धपत्र स आजा द ी या जबु ि ी का व न यम ल ज सम ें ि ो ग ो ें क ो उ नक स् था न पर व िर स भ ज व दया ज ा ता थ ा ज हा ाँ स उ न्ह ें द भु ा यग्यपूर्य पर रस् स् थ व तयो ें क क ारर् हट ना पडा था, य पनुस्थ ा यपन ा क व न यम थ । परम श्वर अ पन ि ो ग ो ें क प्रव त द या पूर्य थ ा, और त ब ि ह उ न्ह ें आज्ञा द ता ह वक ि परुा न वन यम क ी व् यि स् थ ा म ें उ सक अ पन चर रत्र क ो प्रकट क र ें।

    — र व्ह. म ाइ कि ग्ि ो डो

    न्याय और दया के अमतररि राजा द्वारा परमेश्वर की व्यवस्ट्था क मक्रयाब्न्वत मकए जाने का तीसरा तरीका परमेश्वर के प्रमत मवश्वासय ग्यता क प्र त्सामहत करना था।

  • हम यीश ुमे ंमवश्वास करते है ं अध्याय पाचँ : राजा

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    विश्वासय ोग्य ता मवश्वासय ग्यता क हृदय से मनकलने वाले भर से और आज्ञाकाररता के द्वारा प्रदचशगत परमेश्वर के प्रमत

    विादारी के रूप मे ंपररभामषत मकया जा सकता ह।ै मवश्वासय ग्यता मे ंयह मवश्वास करना मक परमेश्वर वह ह ैज वह कहता ह ैमक वह ह,ै मकसी और ईश्वर की नही ंबब्ल्क वफ़ादारी के साथ केवल उसकी सवेा करना, और उसके प्रमत पे्रमपूणग आज्ञाकाररता क सममपगत करना सब्म्मचलत ह ता ह।ै

    जसैा मक हमने न्याय और दया के मवषय मे ंमकया था, हम उन द तरीक ंपर ध्यान देरं् ेचजनमे ंराजा मवश्वासय ग्यता क प्र त्सामहत करने के चलए चजम्मेदार था, हम अंतरागष्रीय िेत्र से आरंभ करंेर्े। इस्राएल के राजाओ ंक परमेश्वर के ल र् ंकी अर्वुाई इस रीमत स ेपरमशे्वर के प्रमत मवश्वासय ग्यता मे ंकरनी थी मक उनके चार ंओर के राष्र मूमतगपूजा और पाप स ेपिाताप करें, और परमेश्वर की सेवा करना आरंभ करंे। राजाओ ंने इस भूममका क मवशेषकर इस्राएल राष्र मे ंमवश्वासय ग्य आराधना क स्ट्थामपत करत ेहएु पूरा मकया, जसैा मक हम 1 राजा 8:41-43 मे ंमंमदर के समपगण के समय सलुमैान की प्राथगना मे ंदिेत ेहै।ं राष्र ंक चशष्य बनान ेऔर उन्हे ंअनशुाचसत करन ेकी इस सावगभौममक आज्ञा क भजन 72:8-11 और जकयागह 8:20-23 जसै ेअनचु्छेद ंमे ंदशागया र्या ह।ै

    अंतरागष्रीय स्ट्तर पर परमेश्वर के प्रमत मवश्वासय ग्यता क प्र त्सामहत करने के अमतररि, राजा क राष्रीय स्ट्तर पर भी मवश्वासय ग्यता क प्र त्सामहत करना था। राजा क मवशेषकर आराधना मे ंपमवत्रता क आश्वस्ट्त करने और उसका प्रबंध करन ेके द्वारा इस्राएल राष्र के भीतर मवश्वासय ग्यता क प्र त्सामहत करना था। अच्छे राजाओ ंने आराधना के चलए संसाधन और य जनाओ ंक प्रदान मकया, ल र् ंक संर्मठत मकया, मंमदर के रि-रिाव के चलए नीमतय ंक बनाया, और अक्सर सावगजमनक आराधना मे ंमहत्वपूणग भूममकाओ ंक मनभाया। उदाहरण के चलए, दाऊद ने 1 इमतहास 15, 16 और 23-28 मे ंइन कायों क मकया।

    इस्राएल की मवश्वासय ग्यता क प्र त्सामहत करन ेके राजा के समपगण न ेमहत्वपूणग रूप ंमे ंराष्र क प्रभामवत मकया। क्य मंक वह परमेश्वर के समि राष्र का प्रमतमनचध था, इसचलए मवश्वासय ग्य राजाओ ंकी अर्वुाई मे ंल र् ंन ेअक्सर बडी आशीष ंक और मवश्वासहीन राजाओ ंकी अर्वुाई मे ंकडे दंर् क अनभुव मकया। परमशे्वर न ेमवश्वासय ग्य राजाओ ंक इस्राएल मे ंिशुहाली और भौमतक मवस्ट्तार के साथ आशीमषत मकया। मवश्वासहीन राजाओ ंक दंर् भी मदया र्या। वास्ट्तव मे,ं राजाओ ंकी पसु्ट्तक आंचशक तौर पर राजाओ ंकी अवज्ञाकाररता क यहूदा की बंधआुई का द षी ठहराती ह।ै

    1 राजा 9:6-7 मे ंराजा सलुमैान स ेकह ेर्ए परमशे्वर के वचन ंक सनुे ं:

    परें त ुयव द त मु ि ोग या त मु् हा र िें श क ि ो ग म र पीछ चि न ा छो ड द ें; और म री उ न आज्ञा ओ ें और व िल धयो ें क ो जो म ें न त मु क ो द ी ह , न म ान ें, और ज ा क र परा य द ि त ा ओ ें क ी उ पा सन ा क र ें और उ न्ह ें द ण्डि त् क रन ि ग ें, त ो म ें इ स्रा एि क ो इस द श म ें स ज ो म ें न उ नक ो व द या ह , क ाट डािू ाँग ा और इ स भ ि न क ो ज ो म ें न अपन न ा म क लि य पवि त्र व क या ह , अ पन ी द वृि स उ त ार दू ाँग ा; और सब द शो ें क िो ग ो ें म ें इ स्रा एि क ी उ पम ा द ी ज ा य ग ी और उ सक ा द िृा न्त चि ग ा (1 राजा 9 :6 -7 )।

    दिुद रूप स,े इस्राएल और यहूदा के सारे राजा परमशे्वर के प्रमत मवश्वासय ग्य नही ंथे, और िलस्ट्वरूप ल र् ंक अक्सर दःुि उठाना पडा। परंत ुजब मंमदर की उपेिा की र्ई या ल र् मूमतगपूजा मे ंमर्र र्ए, तब भी मवश्वासय ग्य राजा अक्सर राष्र की आराधना क सधुारन ेऔर उसकी पनुस्ट्थागपना करन ेमे ंसिम रहे। हम इसे 2 राजाओ ं18:1-8 मे ंमहजमकय्याह के साथ, और 2 राजाओ ं22:1-23:25 मे ंय चशय्याह के साथ दिेत ेहै।ं उनके सधुार के प्रयास ंने परमेश्वर के ल र् ंक प्र त्सामहत मकया और उनमे ंमवश्वासय ग्यता क

  • हम यीश ुमे ंमवश्वास करते है ं अध्याय पाचँ : राजा

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    चलचचत्र, अध्ययन मार्गदचशगका एवं कई अन्य संसाधन ंके चलये, हमारी वेबसाइट thirdmill.org पर जाए।ँ

    उत्पन्न मकया, और इस प्रकार परमेश्वर क उत्सामहत मकया मक वह उनके शासनकाल के दौरान राष्र क आशीमषत करे।

    परुान ेमनयम मे ंराजाओ ंकी य ग्यताओ ंऔर कायों क दिेन ेके बाद, अब हम उन अपेिाओ ंक देिने के चलए तयैार है ंचजनकी रचना परुान ेमन