बाग 12 - kapilsankhe.com¤†नंद घेऊ... · द यी लषृ च ऩ श य ,...

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-------आनंद घेऊ वूवंचारनाचा------- बाग-12 दनॊक:- 11-6-2016 लेऱ:- वम 6 ते 10 आजचा वलऴम:- गाल/ळाऱा/ ऩरयवयात शोणामा *लछता अभबमान* कामयभात काम ल कवे फोरता मेईर ककं ला कोणते कोटव् (ओऱी) अवामात? .... (पत एक दोन ओऱीचे नकोत.ते PDF पाइर भमे घेतरे जाणाय नाशीत.) नभकाय फंधू-बगगनींनो, आऩमा शाती आनंद घेऊ वूवंचारनाचा चचाय बाग 12 PDF पाईर देताना आशारा खूऩ आनंद शोत आशे. शे वलय आऩरेच े डिट आशे. धमलाद! -वौ वंगगता ऩाटीर (भंफई) - 9969393583 - ी.गणऩत दवऩते (भाऱीलािा-अशभदनगय) - 9422855689 --------------------------------------------------------------------------------------------- देलजी ऩटीर: भै नशी त ,नशी भै वद शी कयते त भै भै कयो कबी कोई अछ कभ फढए जो बयत देळ क नभ देळ की धयोशय ऩय शै वफक अधकय फपय म शै इवकी वपई वे इनकय. नशी शै कोई फश त फड उऩकय फव कयन शै जीलन भे फदरल गल को भनकय घय अऩन नभमर लछ शै उवे बी यखन डेदन भे पको क शय जगश न पको क कने को नशी शै धयती भैम फदरो अऩनी आदत बैम न कयो फकवी ऩडोवी क इॊतजय

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  • -------आनदं घेऊ वतू्रवचंारनाचा-------

    बाग-12

    ददन ॊक:- 11-6-2016 लेऱ:- व म 6 ते 10

    आजचा वलऴम:- गाल/ळाऱा/ ऩरयवयात शोणाऱ्मा *स्लच्छता अभबमान* कामयक्रभात काम ल कवे फोरता मेईर ककंला कोणते कोटव ् (ओऱी) अवाव्मात? ....

    (पक्त एक दोन ओऱीच ेनकोत.ते PDF पाइर भध्मे घेतरे जाणाय नाशीत.)

    नभस्काय फधं-ूबगगनींनो, आऩल्मा शाती आनदं घेऊ वतू्रवचंारनाचा चचाय बाग – 12 PDF पाईर देताना आम्शारा खूऩ आनदं शोत आशे. शे वलय आऩरेच के्रडिट आशे. धन्मलाद! -वौ वगंगता ऩाटीर (भ फंई) - 9969393583 - श्री.गणऩत दवऩ त े(भाऱीलािा-अशभदनगय) - 9422855689

    ---------------------------------------------------------------------------------------------देल जी ऩ टीर:

    भै नशी तू ,तू नशी भ ैवद शी कयते तू तू भै भ ैकयो कबी कोई अच्छ क भ फढ ए जो ब यत देळ क न भ देळ की धयोशय ऩय शै वफक अधधक य फपय क्मू शै इवकी वप ई वे इनक य. नशी शै कोई फशूत फड उऩक य फव कयन शै जीलन भे फदर ल ग ल को भ नकय घय अऩन ननभमर स्लच्छ शै उवे बी यखन कुडदे न भे पें को कुड शय जगश न पें को कुड थकुने को नशी शै धयती भैम फदरो अऩनी आदत बैम न कयो फकवी ऩडोवी क इॊतज य

  • देळ शै वफक फढ ओ स्लच्छत अभबम न. -------------------------------------------------------------------------------------------देल जी ऩ टीर:

    स्लच्छतेतून वभदृ्धीकड ेवॊत ग डगेफ फ ग्र भस्लच्छत अभबम न

    स्लच्छतेवलऴमीची प्रत्मेक कृती ,देई व भ जजक आयोग्म र गती

    घ्म भशत्ल स्लच्छतेच ेध्म नी व्श ननयोगी जीलन च ेधनी

    करून ऩरयवय स्लच्छत कय योगय ईची व ॊगत

    र लून व ॊडऩ ण्म ची मोग्म वलल्शेल ट ,धय ननयोगी जीलन ची ल ट.

    व ॊडऩ णी वलल्शेल ट,कयी योगय ईच न मन ट.

    उऩमोग त आणू व ॊडऩ णी ऩयवफ ग पुरलू अॊगणी

    ग लकयी भभऱून एक क भ करू,ळौच रम च ल ऩय करू

    स्लच्छ वुॊदय ऩरयवय ,आयोग्म न ॊदेर ननयॊतय

    ऩरयवय शे स्लच्छ ठेलू ,वुॊदयतेच ेगीत ग ल ू-------------------------------------------------------------------------------------------देल जी ऩ टीर:

    ग्र भस्लच्छत अभबम न लय घोऴल क्मे

    ग डगेफ फ ॊच एकच भॊत्र स्लच्छतेच ेज ण तॊत्र

    स्लच्छत आरी अॊगण त वभ ज क अॊध य त

    उघड्म लय ळौच व फवू नक योग ॊन आभॊत्रण देलू नक .

  • स्लच्छतेच ेवॊदेळ ध्म नी धरू आयोग्म आऩरे ननयोगी फनलू

    ऩ ण्म च ेब ॊड ेनेशभी स्लच्छ धलु ड व ॊची अॊडी ऩऱलून र ल .

    व ॊडऩ ण्म ची मोग्म वलल्शे- ल ट,ग ल त मेईर आयोग्म ची ऩश ट.

    जम ॊच ेघयी वदैल स्लच्छत , न ॊदेर तेथे आयोग्म वुफत्त

    स्लच्छ वुॊदय ऩरयवय ,जीलन ननयोगी ननयॊतय.

    ग लकयी भभऱून एक क भ करू,ळौच रम च ल ऩय करू.

    कचय कुॊ डीच ल ऩय करू,वुॊदय ऩरयवय ननभ मण करू. --------------------------------------------------------------------------------------------गणऩत दवऩुते :

    व फ़ वप ई जीलन क , फन यशे अभबम न,

    रक्ष्भी बी वलय जें लशीीँ, जश ॊ स्लच्छ भुक भ...

    बफभ रयम ॉ आती नशीॊ, उव फस्ती की ओय,...

    भ नल जश ॊ कय यशे, स्लच्छत ऩय अभबभ न....

    भीनर बोऱे:

    ऩम मलयण लय आध रयत घोऴल क्म

    ऩम मलयण ज गल लवुॊधय ल चल

    व्रष र ल द योद यी आयोग्म मेईर घयोघयी

    द यी लषृ च ऩ श य , देऊ ऩष र आवय द यी लषृ च ऩ श य , देऊ ऩष र आवय

  • तुर शली अवेर उबी यश मर व लरी… तय झ ड ेर ल ऩ लरोऩ लरी..

    लषृ र ल , जजलन ल चल

    झ डचे झ ड ेर ऊम पऱे पुरे लेचमू

    नको लषृ ळी कृतन्घ य शू वद कृतदस.

    झ ड म्शणतॊ म ये म पऱॊ, पुरॊ, व लरी घ्म

    एक एक क गद ल चलू. . खऩू खऩू झ ड ेजगलू.

    क लऱ कयतो क लक ल, म्शणतो भ णव ,झ ड र ल

    झ ड ेर लू ब यॊब य, भळल य शोईर दशयलेग य

    ब ल तोची देल जयी प्रेभ अव ले तरू लयी.

    वुॊदय नषी, आक ळ त ऩषी भ नल वलक व व ऩम मलयण व षी

    ऩुढीर वऩढीव ठी ठेलू ल यव तरू लेरी द खलतीर आयव

    व लरी ,ऑजक्वजन, पुर ,पऱ ऩ न लषृ ॊच ठेलू ददरो ज न वे भ न.

    क ळ्म भ तीत फीज ऩेयरे ओॊजऱ बय ऩ णी घ तरे

  • भ तीच्म कुळीत फीज श वरे जो फ ऱ जो ये जो..

    लवुॊधयेच ेदशयले रेणे र ल लने ल चल लने

    लवुॊधय आभची छ न य ख ूतीच भ न

    Ganesh Shinde:

    वलश्ल वच फवत न शी, इतके तुम्शी झझजर त स्ल थम वोडून वेलेव ठी,ग लोग ल बटकर त

    स्लत: उन्श त य शून, व लरी तुम्शी झ र त अन थ आझण अऩॊग ची ,भ उरी तुम्शी झ र त

    ननस्ऩशृ नन:स्ल थम ळब्द वुद्ध र जतीर क मम एलढे भश न की चॊद्र वूमम शी नभतीर

    ध्म न अव फ लऱॊ फक मेडॊ शी मेडॊ म्शणॊर वेलेव ठी पक्त कोण इतक झझजॊर

    ग डगे अन ्खय ट एलढीच ती वॊऩत्ती फशुजन ॊच ेकल्म ण वद लवे धचत्ती

    व्म वॊग फकती भश न, न ल चत ऩुस्तक ऩुन्श ऩुन्श आदय ने झुकतम भस्तक

    फ फ तुभची ऩ मधऱू, भस्तकी ऩडू द्म कणबय तयी वेल ,आभच्म श तून घडू द्म गणेळ न .भळॊदे य शुयी ------------------------------------------------------------------------------------------ Ganesh Shinde:

    झ ड ेर ल झ ड ेल ढल वॊदेळ. वलमत्र फपयर

  • प्रत्मष झ ड ेर लत न कोणीच न शी ददवर

    ऩ णी जजयलण्म आधी घ भ जजयल ल र गतो झ ड ेर लण्म आधी खड्ड खण ल र गतो

    त्म च खड्ड्म त तेच झ ड दयलऴी र लरॊ ज तम ऩम मलयण ददन च भशत्ल ओयडून व ॊधगतरॊ ज तमॊ

    ऩोस्टव ्तय इतक्म फक भेभयी अऩुयी ऩडरी खड्ड ेखणत न भ त्र टीभ न शी ददवरी (दटभ - व्श टव ्ग्रुऩ)

    आऩल्म र क म कय मचॊ र लण ये र लतीर क शी पक्तआरेरी ऩोस्ट प ॉयलडम कयतीर

    कोणी कय अथल नक करू भी भ त्र वुयल त केरी म लऴी ऩम मलयण ददनी च य झ डॊ र लरी

    गणेळ भळॊदे (य शुयी) -------------------------------------------------------------------------------------------भीनर बोऱे:

    घोऴल क्मे

    1) ग डगेफ फ ॊच एकच भॊत्र, स्लच्छतेच ेज ण तॊत्र. 2) स्लच्छत आरी अॊगण त, वभ ज क अॊध य त.

  • 3) वुयक्षषत व धन ऩ ण्म च े, भशत्ल ऩटल श तऩॊऩ च.े 4) शगलण , अनतव य योग च प्रव य ,शे तय दवूऴत ऩ ण्म च ेप्रश य. 5) उघड्म लय ळौच व फ वु नक , योग ॊन आभॊत्रण देऊ नक . 6) ऩ णी म्शणजे जीलन, शेच आऩरे स्ऩॊदन. 7) स्लच्छतेच ेवॊदेळ ध्म नी धरु, आयोग्म आऩरे ननयोगी फनलू. 8) ऩ ण्म च ेब ॊड ेनेशभी स्लच्छ धलु , ड व ॊची अॊडी ऩऱलुन र ल . 9) वऩण्म व ठी शले ळुध्द ऩ णी, न शीतय शोईर आयोग्म ची श नी. 10) नक फवु उघड्म लय वॊड व र ,वॊधध भभऱेर योग य ई ऩवयण्म र . 11) व ॊडऩ ण्म ची मोग्म वलल्शेल ट, ग ल त मेईर आयोग्म ची ऩश ट. 12) वऩण्म च ेऩ णी घ्म ओगय ळ्म णे , दवूऴत करू नक तुभच्म श त न.े 13) स्लच्छत ल ळुद्ध ऩ णी शे आशे तॊत्र , ग्र भभण आयोग्म च श च क नभॊत्र. 14) जम च ेघयी वदैल स्लच्छत , न ॊदेर तेथे आयोग्म वुफत . 15) यॊग बगल त्म ग च , भ गम जस्लक रू स्लच्छतेच . 16) ऩ णी ळुवद्धकयण ननमभभत करू, वल ांच ेजीलन आयोग्म वॊऩन्न करू. 17) ऩ ण्म च्म स्लच्छेते वलऴमी दषत घेवू, वलम योगय ईन दयू ऩऱलू . 18) स्लच्छते वलऴमीची प्रत्मेक कृती, देईर व भ जजक आयोग्म र गती. 19) ” स्लच्छत ” भ णव चे आत्भदळमन घडवलते. 20) लैमजक्तक स्लच्छतेची भशती, योग ऩ वुन भभऱेर भुजक्त. 21) श त त भोफ ईर घय त पोन , उघड्म लय ळौच र फवरमॊ कोण. 22) जेलण ऩूली धलु श त, जेलण नॊतय धलु द त. 23) नखे क ऩ फोट ची , न शी शोण य व्म धध ऩोट ची. 24) अवेर दृष्टी , तय ददवेर स्लच्छ वजृष्ट. 25) वॊड व फ ॊध घयोघयी , आयोग्म न ॊदेर त्म च्म द यी. 26) व ॊडऩ ण्म र आऱ , योग य ई ट ऱ . 27) स्लच्छ वुॊदय ऩरयवय , जीलन ननयोगी ननयॊतय. 28) स्लच्छ ळ ऱ कय श त ॊनी , वुॊदय ग णी ग ऊ भुख ॊनी. 29) स्लच्छ वुॊदय ऩरयवय तुच , वुॊदय वुवॊस्कृत न गरयक घडत त. 30) ग लकयी भभऱुन एक क भ करू, ळौच रम च ल ऩय करू. 31) ळौच रम अवेर जेथे , खयी प्रनतष्ठ मेईर तेथे. 32) वॊड व फ ॊधण्म न शी म्शणू नमे, ळौच र रोट घेऊन ज ऊ नमे. 33) आधी केरे भग व ॊधगतरे , आधी आऩल्म घयी ळौच रम फ ॊधरे. 34) स्लच्छ घय , वुॊदय ऩरयवय , ळोचखड्म च करुम ल ऩय. 35) कचय कुॊ डडच ल ऩय करू , वुॊदय ऩरयवय ननभ मण करू

  • ---------------------------------------------------------------------------------------------वॊधगत अननर ऩ टीर: स्लच्छ शो ब यत

    बोजन नशीॊ फकम थ कफ वे, ऩ नी ऩीकय क भ चरे । म त्र वे कर य त शी रौटे, भोदी कश ॉ वलश्र भ कये ॥

    श थ भें अऩने झ ड़ू रेकय, भोदी जी श्रभद न कयें । कशने वे वुनत नशीॊ कोई, रोग, जो देखें, क भ कयें ॥

    शे्रष्ठ ऩुरुऴ के आचयण को, अन्म रोग अऩन ते शैं । लश जो प्रभ ण कय देत शै, ले उवको रक्ष्म फन ते शैं ॥

    गीत क मश भन्त्र वयर शै, कई रोग दोशय ते शैं । दरुमब ले जो ननज जीलन भें, कयके इवे ददख ते शैं ॥

    शै जीलन शी वॊदेळ भेय , ग ॊधी के ल क्म वुने शभन े। य ष्रवऩत के जन्भ ददलव ऩय, ऩूणम कयें उनके वऩने ॥

    थूॊके नशीॊ वड़क ऩय बफरकुर, न क न अऩनी व फ़ कयें । तम्फ कू की, ऩ न की, ऩीकें , आदत क उऩच य कयें ॥

    गड्ढे बयें, न जर क वॊचम, न भच्छय उत्ऩ त कयें । कूड़दे न भें कूड़ ड रें, आज वे मश ळुरुआत कयें ॥

    जो लस्तुएॉ, नशीॊ उऩमोगी, ढेय न उनक घय भें रग एॊ । धरू ढकी, कीटों की जनक मे, भुजक्त इनवे ळीघ्र शी ऩ एॊ ॥

    स्लच्छ लस्त्र ऩशने शभ, अऩन , ल त लयण बी स्लच्छ यखें । स्लच्छ जर ळम, स्लच्छ शो भॊददय, घय, क म मरम स्लच्छ यखें ॥

    ग ॊधी के इन लचनों को शभ, कयें स्भयण, आच य भें र एॊ । अधधक यों की बीड़ शो गई, कुछ कत्तमव्म बी क्मों न ननब एॊ ॥

    स्लच्छत शभ ग ॊधी वे वीखें, थोड़ व तो प्रम व कयें । स्लच्छ शो ब यत, स्लस्थ शो ब यत, आज नई ळुरुआत कयें ॥

  • -------------------------------------------------------------------------------------------- गणऩत दवऩुते :

    आत नेशभी ळुद्ध ठेल ऩम मलयण. न शीतय लेऱ न शी र गण य म मर भयण...

    आत कय स्लच्छतेच ेनेशभी न भस्भयण. कळ लय ठेल आऩरे डोके,एकच उत्तय स्लच्छतेच ेचयण...

    वॊत ग डगेफ फ ॊच ेवभोय उद शयण. स्लत:च र ल स्लत:र लऱण....

    भदत कय वॊऩूणम ऩथृ्लीची,स्लच्छतेव ठी ग ऱ घ भ. न शीतय ल ईटच शोतीर ह्म च ेऩरयण भ....

    आत व ॊगतो नक करू आऱळीऩण .... ज गे व्श ,चर ,ल जर आशे रढ ईच घणघण ....

    आत ऩुन्श म्शणतो स्लच्छतेच ेननमभ ऩ ऱ ... ऩयत व ॊगतो प्रदऴूण ट ऱ ,प्रदऴूण ट ऱ ....

    -------------------------------------------------------------------------------------------

    Ganesh Shinde:

    ऩ णी गेर खोर खोर ऩ ण्म भुऱ डोळ्म त ओर भ णव आत तयी भभटरेरे डोऱे खोर

    उघडी झ री धयणीभ म एलढी तुझी क म श ल ? उग चच घ रत वुटर व आऩल्म च ऩ म लय घ ल

    ख मर शल गयभ गयभ कोण य खीर ऩम मलयण

  • एक ददलव पुटेर ऩथृ्ली इतक त ऩरम ल त लयण

    झ ड तय र वलतच न म प्रदऴूण च वलच यत क म? एक घय त च य ल शनॊ प्रॎजस्टकच तय कशयच श म

    ज ग शो आत तयी ऎक धयणीच्म श क न शीतय एकददलव ऩ ण्म भळल म य शळीर फयॊ क !

    झ डॊ र ल झ डॊ लेऱ क ढ लेऱ एक षण अव मेईर वॊऩेर व य खेऱ

    चर आज ननश्चम करू दशयलीग य वषृ्टी करू आऩ ऩल्म श्रभ ने आऩल्म आईची ओटी बरू

    गणेळ न य मण भळॊदे (य शुयी) --------------------------------------------------------------------------------------------वॊधगत अननर ऩ टीर:

    –ग ल तीर म्शणी–

    ।।स्लच्छतेतून वभधृ्दीकड।े। वॊत ग डगेफ फ ग्र भलस्लच्छत अभबम न

    स्लच्छतेवलऴमीची प्रत्मेकी कृती, देई व भ जजक आयोग्म र गती.

    घ्म भशत्ल स्लच्छतेच ेध्म नी व्श ननयोगी जीलन च ेधनी.

    करुन ऩरयवय स्लच्छत , कय योगय ईची व ॊगत .

  • र लून व ॊडऩ ण्म ची मोग्म वलल्शेल ट, धय ननयोगी जीलन ची ल ट.

    व ॊडऩ णी मोग्म वलल्शेल ट, कयी योगय ईच न मन ट.

    उऩमोग त आणू व ॊडऩणी, ऩयवफ ग, परलू आॊगणी.

    ग ॊलकयी भभऱून एक क भ करु, ळौच रम च ल ऩय करु.

    ऩ णी ऩुयलठ मोजन ग ल ची, देखयेख जफ फद यी वल ांची.

    स्लच्छ घय, स्लच्छ आॊगण, प्रवन्न ठेलू ल त लयण.

    शोण्म व ॊडऩ ण्म च मोगम ननचय ते ऩयवफ ग परवलण्म व ठी ल ऩय ,.

    उघडम ऩद थ ांच वेलन, योगय ईर ठयेर ननभॊत्रण.

    अस्लच्छ श त, अस्लच्द दवुऴत अन्नऩ णी, योगय ईची वुरु शोतीर यडग णी.

    कचय कुॊ डीच ल ऩय करुन, वॊदय ऩरयवय ननभ मण करु.

    करुन कचय कुॊ डीच ल ऩय, ननभ मण करु वुॊदय ऩरयवय.

    जुर फ शोत फ रय ज , आ एव च ेभभत्रण ऩ ज .

    ऩ णी ग ऱ , न रु ट ऱ .

    स्लच्छ वुॊदय ऩरयवय, आयोगम न ॊदेर ननयॊतय.

    ऩरयवय शे स्लच्छ ठेल,ू वुॊदयतेच ेधगत ग लू.

    स्लच्छ ननभमर जीलन, वद वुॊदयतेच ेलऱण.

    स्लच्छतेची आलड, वुॊदयतेची ननलड.

    स्लच्छ ळ ऱ कय श त ॊनी, वॊदयु ग णी ग ऊ भुख ॊनी.

    नष्ट करुम दरदर खड्डे, गड्ड ेखोदनुनम ळोऴखड्ड.े

    दशलत ऩ च ेकरु, लव शतीतनू देऊन भळषण.

  • ऩयवफ ग परल ली ऩयवद यी, आणण्म स्ल स्थ घयोघयी.

    एकच ध्म व भनी धय , आयोग्म भळकण्म च भॊत्र खय .

    आव धय क व धय उचरून ऩेटीत ट कू कचय .

    चर चर त्लय कय , वगऱ ऩरयवय स्लच्छ कय .

    आयोग्म च उऩ म खय , द त ॊची ननग श च खय ध्म व.

    व ये भभऱून करु व पवप ई दयू ऩऱे योगय ई.

    आशो वॊड व फ ॊधण्म व ठी कधी म्शणू नमे, य त्रीच्म अॊधय त रोट घेऊन ज ऊ नमे.

    जो ळौच रम आग्रश धीय तो कुटुॊफ च ेआयोग्म उध्द यी.

    स्लच्छत शी भ णव च ेआत्भदळमन घडवलते.

    ळौच रम अवे जेथे, खयी प्रजष्तठ मेईर तेथे.

    आयोग्म च भुरभॊत्र, ळोऴखड्डम च ेवोऩे तॊत्र.

    देश देल च ेदेऊऱ आत ल शे ननभमऱ.

    जेलण ऩूली धलु श त, जेलण नॊतय धलु श त.

    देशी आयोग्म न ॊदते, ब ग्म न शी त्म ऩरयते.

    स्लच्छ वुॊदय ऩरयवय, जीलन ननयोगी ननयॊतय.

    स्लच्छ घय, वुॊदय ऩरयवय, ळोऴखड्डम च करुम ल ऩय.

    ऩयवफ ग जम ॊच ेघयी, आयोग्म न ॊदी त्म ची घयी.

    नष्ट करुम दरदर खड्डे फ ॊधनुनम ळोऴखड्ड.े

    वॊड व फ ॊध घयोघयी, आयोग्म न ॊदी त्म ॊच ेद यी.

    र ॊफ ठेल घय ऩ वून गोठे, गुय ॊच ेऩ ऱ वलम वॊदेळ आयोग्म च.े

  • वॊड व फ ॊधणे आयोग्मद मी आशे, कुटुॊफ च ेलैबल आशे.

    कचय कुॊ डी कॊ ऩोस्ट खड्डम च उऩमोग करुन.

    घयोघय ळोऴखड्ड ऩयवफ ग,गटभळषण च ल ऩय करु भ ळ ड व दरदर आझण योगय ईऩ वून फच ल करु.

    व ॊडऩ ण्म ची मोग्म वलल्शेल ट कय , आयोग्म च श च भॊत्र खय .

    नको ग लकम ॊच ेऩ ण्म व ठी श र करु म ऩ णी मोजनेच ेआऩणच देखब र.

    श तऩॊऩ, टमुफलेर वलदशयीच ऩरयवय ठेल 15 भीटयऩमांत स्लच्छ वुॊदय.

    वुयक्षषत व धन ऩ ण्म च ेभशत्ल ऩटल श तऩॊऩ च.े

    ग लकयी भभऱून एक क भ करु, ऩ णी मोजनेची देखब र.

    वऩण्म च ेऩ णी घ्म , ओगय ऱम ने, दवुऴत करुन नक आऩल्म श त ने.

    व ॊडऩ ण्म च उऩमोग करु, द यी आऩल्म ऩयवफ ग र लू.

    स्लच्छ घयवुॊदय ऩरयवय, आयोग्म च ेभ शेयघय.

    व ॊडऩ ण्म च मोग्म ननचय , ळोऴखड्डम च अलरॊफ कय .

    ऩयवफ ग र ल द यी, ब जीऩ र भभऱल घयच्म घयी.

    आऩरी आयोग्म उन्नती आशे आऩल्म च श ती.

    स्लच्छत ल ळुध्द ऩ णी, तॊत्र ग्र भीण आयोग्म च श च क नभॊत्र.

    दयू करु वगऱी घ ण उडेर योग ची द ण द ण.

    वोनखत फशुभोर नक करु भ तीच ेभोर.

    भरभुत्र न शी घ ण ळतेीच तो ऩॊचप्र ण.

    स्लच्छ ग ल, वुॊदय ग ॊल, भॊगर ग ल, ऩवलत्र ग ॊल.

    घयोघयी एकच न य ळौच रम त्लयीत कय .

  • वुॊदय स्लच्छ ऩरयवय तूनच वुॊदय वॊस्कृत न गरयक घडत त.

    स्लच्छ ठेल र ळ ऱ तय ग ल ची फयरेर कऱ .

    स्लच्छतेची भळ र घयोघयी ऩेटच ल योगय ईर मभरोकी ऩ ठल .

    लैमजक्तक स्लच्छत जेथे आयोग्म न ॊदेर तेथे.

    वलमजण घेलू श ती झ ड,े गल्री फोऱ तून कचय क ढू.

    यस्त्म लय घ ण करु नक , ळौच रम च ल ऩय कय .

    ळौच रम अवेर जेथे घयी प्रनतष्ठ मेईर तेथे.

    नखे ल ढरी जम ची भबती त्म ॊन योग ॊची.

    अन्न आझण ऩ णी म ची वलऴमी दषत घेलू, वलम योग य ईंन दयू ऩऱलू.

    न शी र ज स्लच्छ कयण्म ची, न शी धचॊत योग शोण्म ची.

    स्लच्छ य शू आऩण व ये अभुल्म फनलू जीलन आऩरे.

    स्लच्छ ठेल ळ ऱ ग ल ची फदरेर कऱ .

    स्लच्छतेच ेननमभ ऩ ऱ , घयी द यी प्रदऴुण ट ऱ .

    स्लच्छत जम च ेघयी, आयोगम तेथे ल व कयी.

    लैमजक्तक स्लच्छतेची भशती योग ऩ वून भभऱे भुक्ती.

    फऱफुध्दी वोन भभऱवलतो, स्लच्छतेच जो धड धगयलतो.

    गुरुफकल्री आयोग्म ची क व धय ऩरयवय स्लच्छतेची.

    ल म घ रलू नक व ॊडऩ णी, त जम ब जम भभऱल ऩयवफ गेतूनी.

    योगय ईच कय न मन ट, भरभुत्र ची र लू वलल्शेल ट.

    व ॊडऩ ण्म च शोई ननचय ळऴेखड्डम च ल ऩय कय .

  • देत गैय वभजूतीॊन थ य आज य शोण य न शी फय .

    ऩ णी ळुध्दीकयण ननमभभत करुन वल ांची जीलन अयोग्म वॊऩन्न करु.

    भ नल च ेल जन लय ॊच ेभरभुत्र ळत्र ुआयोग्म च.े

    वोऩे ळौच रम फ ॊधणे अनतळम वोऩे आशे.

    ट कऊतून दटक ऊ भरभुत्र ची प मद घेलू.

    न शी उघडम लय ज ण्म च त्र व य ल ॊनी भ म व ठी फ ॊधर वॊड व.

    वदयच्म म्शणी ग ल त 1000 दठक णी भरदशण्म त आल्म आशेत. --------------------------------------------------------------------------------------------

    भीनर बोऱे:

    ग ल शी ळयीय।त्म व य ख ले नेशभी ऩवलत्र। त्म ने च न ॊदेर वलमत्र।आनॊदी ग ली।। य भधनू ऩूली ग लऩूणम।व्श ले स्लच्छ, वौंदममल न। कोण शी घयी गभरच्छऩण ।न ददव ले।।

    गणऩत दवऩुते :

    ओर आझण कोयड कचय लेगऱ करून ठेलणे शी आशे वल ांची जफ फद यी ....

    प्र जस्टक , क गद कोठेशी न पेकत कचय कुॊ डीत ट कणे तय फकती शोईर ब यी... .

    आठलड्म तनू २ त व आऩल्म वबोलत रची , वल मज ननक ज ग ॊची , तवेच वयक यी इजस्ऩतऱ ॊची व प वप ई ठेलल्म व देळ च्म म अभबम न व भभऱेर उब यी... . --------------------------------------------------------------------------------------------यली आड:े

    ग ल शी ळयीय,त्म वी य ख ले नेशभी ऩवलत्र।

    त्म ने च न ॊदेर ग ली आनॊदी आनॊद वलमत्र।

    य भधनू ऩूली व्श ले ग लऩूणम, स्लच्छ नी वौंदममल न।

  • घयी न ददव ले गभरच्छऩण , व्श ले वकऱ आयोग्मल नॊ।

    गणऩत दवऩुते :

    आत जय अवेर देळ ननभमऱ...

    तय ल ढेर त्म चचे फऱ.....

    वलमजण श त श त त झ डू घेऊ म ..

    झ डून देळ स्लच्छ करू म ...

    देळ त स्लच््त न ॊदलू म ....

    त ठभ न ने जग त भभयलू म ...

    व य कचय कुॊ डीतच ट कू म ....

    आऩरेच आयोग्म जऩू म ...

    घय घय त स्लच्छतेच ेभशत्ल ऩोशचलू म ....

    प्रत्मेक च्म श तून देळ वले आत घडलू म .....

    Gawande:

    स्लच्छ करूम ग ल वगऱे ! म जणी शो म षणी!!! घ ण शी बयरी ऩुयी म वडकेलयी! व्मलश य शी भऱर तव ! अनत बेद ऩडर वे भनी !!! लॊ. तुकडोजी भश य ज

    वुज त ऩुयी:

    श त ॊनी जे ऩेय ले तेच उगलूनॊ श ती ऩडते..ऩ ऩऩुण्म,बरेफूये श त नीॊच घडते. श तॊ म्शणजे श तॊ!जम ॊन ज तऩ त भुऱीचॊ नवते.. श्रभण म म श त ॊननच जीलन र लैबल चढते.....

    आत्भ य भ जगद ऱे:

  • भन तीर झोऩ ळ्म लय फवून जेव्श भी आक ळ कड ेऩ दशरे आक ळ नव्शे तो आयव च जणू त्म त भर भ झ ेस्लच्छ वुॊदय ग ल ददवरे . --------------------------------------------------------------------------------------------आत्भ य भ जगद ऱे:

    स्लच्छतेची भळ र घेऊन तरुण च रर ळथीने क भ व ठी ऩेटू म व ये कौर ददर आज धयतीने ऩेटू म व ये उठलू म ल ये जोळ आभुच तरुण ईच भन च्म म देव्श ऱ्म त करू म ज गय स्लच्छतेच !

    ( आलश्मक ते ळब्द फदरून / लगऱून / नले घ रनू कवलतेच्म ओऱी ल ऩयत मेतीर ! ) -------------------------------------------------------------------------------------------आत्भ य भ जगद ऱे:

    ब यतबूभीर वभधृ्दीच तेव्श च शोईर व ष त्क य जेव्श प्रत्मेक ग ल च वयऩॊच फनेर ग ल च्म वलक व च भळल्ऩक य ! ( स्लच्छत अभबम न त ग ल च्म वशब ग व ठी ल ऩरु ळकतो ) -------------------------------------------------------------------------------------------- ऩुष्ऩ ॊ ग मकल ड :

    स्लच्छ ऩरयवय,दशयलीग य लनय ई

    गू,भरेरयम ऩऱून र ॊफ ज ई

    वल ांनी घेऊम स्लच्छतेच लव

    उठून भरवेर जग त ब यत च ठव ।

  • जून्म प्रथ ऩयॊऩय वलच य ने ल ऩय ।

    नव्म ने ल ऩय त मेऊ दे कचय ।

    अभ ऩ ल ऩय र मुज अॎन्ड थो ऩथृ्लीलरून तुम्श र भभऱेर क मभच खो। भ णव भ णव व लध शो वुख वभदृ्धी तुझ्म घय त य शो..... ---------------------------------------------------------------------------------------------गणऩत दवऩुते :

    आम्शी स्लच्छ, नेटके वुॊदय जीलन आत जगण य आशे.. ळयीय आभच े भभरन नव ले, त्म व स्लच्छ कयण य आशे.. त्म ळयीय लय वुॊदय लस्त्र ेरेलूनी आम्शी वजण य आशे... घय ते आभच ेअवो झोऩडी फकॊ ल बव्म भश र , भरीनत कोठेशी नव ली, म स्तल आम्शी झटण य आशे... जे जे ओॊगऱ, गभरच्छ जे, ते ते न आम्श ॊ रुचण य आशे... स्लच्छ नन वुॊदय फनलू ऩरयवय श आभच ननध मय आशे.. स्लच्छत न आभच्म ऩुयती, वल ांच आच य आशे.. --------------------------------------------------------------------------------------------

    वई भॎडभ:

    वबोलतीच ेदु् ख ऩ शत हॄदम तुझ ेगदशलरून आरे,

    ददन-दभरत,वऩडडत ॊच ेजगणे ऩ शून डोऱे तुझ ेबरून आरे,,,,,,

    भ णूवकीच्म न त्म व ठी तोडरीव तू यक्त ची न ती,,

    तुझ्म ऩ लर ॊच्म स्ऩळ मन ेऩ लन झ री आभची इथरी भ ती....

    तूच भळकवलरे त्म व जऩ म ,जम च ेन शी जग त कोणी,

    बुकेल्म व ब कय दम ली अन ्तश नल्म व ऩ णी...

    अस न च्म बम न य ती ऩेट्वलल्म तू अषयल ती,

    तुझ्म स्ऩळ मने ऩ लन झ री आभची इथरी भ ती....

    घेतर व श त त खय ट ,खेड़ोऩ डी कयण्म ननभमऱ,

  • कीतमन तल्म ळब्द भधनुी ऩ झयरी ये तुझीच तऱभऱ,

    वूमम शोऊनन जऱत य दशर जीलनबय तू आभच्म व ठी,

    तुझ्म ऩ लर ॊच्म स्ऩळ मन ेऩ लन झ री आभची इथरी भ ती. --------------------------------------------------------------------------------------------वुलण म ग मकल ड :

    स्लच्छत अभबम न लय आध यीत ऩथ न टम त ल ऩयत मेईर अवे उख णे

    ळौच शून आल्म लय श त धलु मर र गते व फण ची लडी आझण ..... म ॊनी भर लटऩौझणमभेव ठी आणरी नली कोयी व ड़ी.

    शॊड्म लय शॊड ेशोते व त त्म लय शोती ऩय त : . . . नी व ॊड ऩ ण्म लय केरी ऩयव फ ग द य त

    व लॊतल डी ते भळरुय इथनू नतथनू र लर म रवूण : ... नी ळौच रम फ ॊधरे न शी म्शणून भी फवरे की रुवून

    : . . . . ची आशे ग ल त भोठी ळ न आझण वॊत ग डगे फ फ ॊनी वुरु केरे स्लच्छत अभबम न -------------------------------------------------------------------------------------------वौं रुधचत कोंडवकय:

  • खयच! क शीतयी व्श मर ऩ शीजे अस्लच्छतेची शी अबेद्म भबॊत कोणीतयी पोडरी ऩ शीजे। भेरेरे प्र णी, जैवलक ट क लू ऩद थम। आऩण तवेच देत ेे ननवग मत ट कून। म च ेऩुढे क म शोईर, म च वलच य कयतो क कधी आऩण? कुजून, वडून वगऱीकड ेदगुांधी वुटते। प्रदऴूण,योगप्रव य शोण्म ची,ळक्मत भ त्र ल ढते। म लय ननमॊत्रण ठेलण्म ची यचन ननवग मची आशे तय्म य। क लऱे,घ यी,गरूड,धगध ड ेशे तय आशेत ननवग मच ेस्लच्छत क भग य। भ ॊव,श ड,ेख लून शे स्लच्छत क भग य "ठेलत त ऩरयवय स्लच्छ। म्शणूनच म्शणत,े भ नल ! व ॊब ऱ ननवगम चक्र। खयच क शीतयी व्श मर च ऩ शीजे। ननवगम चक्र तीर प्रत्मेक घटक च भशत्ल भ नल र कऱरच ऩ शीजे। अस्लच्ठतेच अॊध य दयू झ र च ऩ शीजे। ---------------------------------------------------------------------------------------------Ganesh Shinde:

    ग लकयी भभऱून एक वलच य कय आऩल्म ग ल ची स्लच्छत कय

    नको श गणद यी नको भश भ यी ग ल त नको गट यी द यी ग ल र आऩल्म ननभमऱ कय आऩल्म ग ल ची स्लच्छत कय

    नको कचय नको घ ण स्लच्छत आशे आऩरी ळ न ळोऴखड्ड्म व ठी आग्रश धय ग ल र आऩल्म स्लच्छ कय

    गणेळ भळॊदे -------------------------------------------------------------------------------------------- Ganesh Shinde:

    व -म ग ल च वलच य ठयर स्लच्छतेच भ गम आम्शी धयर

  • ग ल त घ ण प य झ री ड व ॊची गदी ल ढरी फघ ड ॉक्टयच झखव शो बयर स्लच्छतेच भ गम आम्शी धयर

    ग ल फ शेय श गणद यी स्री लग मची त य ॊफऱ व यी ळौच रम च वलच य ठयर स्लच्छतेच भ गम आम्शी धयर

    शली घय घय त वप ई योज वक ऱी ननमभभत शोई ननभमऱ ग ल च भ न भभऱ र स्लच्छतेच भ गम आम्शी धयर ------------------------------------------------------------------------------------------- गणऩत दवऩुते :

    चरो वफ भभरकय आज एक कदभ फढ़ मे.. कदभ के व थ व थ श त बी चर मे ख मी शभने कवभ कयके अऩने शौवरे फुरॊद भभट देंगे शभ गॊदगी..अस्लछत क आरभ.. चर यशी शै एक धनु औय एकशी ग न आओ भभरकय चर मे शभ स्लच्छ अभबम न....

    छट गम अॉधेय ननकर आई आळ की फकयण मुग ऩरयलतमन क शो यश शै आयॊब उठ रो अऩने अऩने वप ई के शधथम य ..

    शट दो कूड़ कचय औय भन भें दफ आरस्म य ष्र वलक व भे वशमोग देनेकी वफको शै आन ..

    आओ भभरकय चर मे शभ स्लच्छ अभबम न... --------------------------------------------------------------------------------------------लैळ री ऩ टीर जऱग ल:

  • ज गोज गी ऩवयरे व म्र जम घ णीच ेत्म तून झ रे ननभ मण प्रश्न आयोग्म च े भ झ घय भ झ अॊगण वभज भ णव च व ॊग फय कव वुटेर प्रश्न घ णीच म वलश्ल र च आऩरे घय भ नूम वल ांनी स्लच्छतेच लव श ती घेलुम ब यत देळ स्लच्छ वुॊदय फनलुम --------------------------------------------------------------------------------------------

    वभायोऩ