राह-ए-ईमान दिसम्बर€¦ · समपलािक...

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दिसमर 2018 ई० अह के अदिरर कोई उपसन के योगय नह मुहमि अह के रसूल ह। Vol -20 Issue - 12 राह-ए-ईमान न और कम क इसलमी िपण प वयवहर के दलए पि :- समपिक रह-ए-ईमन, मजलस मुल अहमदिय भरि, क़दियन - 143516 दिल गुरिसपुर, पंज। Editor Rah-e-Iman, Majlis Khuddamul Ahmadiyya Bharat, Qadian - 143516, Distt. Gurdaspur (Pb.) Fax No. 01872 - 220139, Email : [email protected] Printed & Published by Shoaib Ahmad M.A. and owned by Majlis Khuddamul Ahmadiyya Bharat Qadian and Printed at Fazle Umar Printing Press, Harchowal Road, Qadian Distt. Gurdaspur 143516, Punjab, INDIA and Published at Office Majlis Khuddamul Ahmadiyya Bharat, P.O. Qadian, Distt. Gurdaspour 143516 Punjab iNDIA. Editor SK. Mujahid Ahmad 1. पदव रआन .............................................................. 2 2. पदव हिीस ............................................................... 2 3. हिरि मसीह मौऊि अलैदहससलम की अमृिवण.................... 3 4. हनी ख़ियन.............................................................4 5. समपिकीय...................................................................6 6. सरंश त जुमअ 19-10-2018.......................................8 7. अरी भष क संसकि भष पर भव...............................12 8. कल......................................................................16 9. दसलदसल अहमदिय (दजलि-1).......................................22 10. र अनवर क प (वकीलुल मल िहरीक जिीि के नम)....24 10. दमक़िुल यक़ीन फ़ी हयिे नूीन...................................25 11. वह दजस पे रि दसिरे दलए उिरिी है...............................28 12. फ़मूिि हिरि मुसलेह मौऊि रदि......................................30 13. समनय ...............................................................32 वारक मूल: 150 पए रव सूची लेखक के दवचर से अहमदिय मुजसलम जमअि क सहमि होन िरी नह समपादक शेख़ मुजारहद अहमद XXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX उप समपादक फ़रहि अहमि आचय मुहमि नसील हक़ आचय सययि मुदहयुीन फ़रीि M.A. इबनुल महिी लईक M.A. कमपरिंग टाइप सेरटंग नदिय परवेि अमिुल करीम नययर टाइटल रििाइन आर महमूि अबिुह मैनेजर अिहर अहमि शमीम M.A. कााल भार सययि हररस अहमि अनीस अहमि असलम

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  • दिसम्बर2018 ई०

    अल्लाह के अदिररक्त कोई उपलासनला के योगय नहीं मुहममि अल्लाह के रसूल हैं।

    Vol -20 Issue - 12 राह-ए-ईमान

    ज्लान और कम्म कला इसललामी िप्मण

    पत्र वयवहलार के दलए पिला :-समपलािक रलाह-ए-ईमलान, मज्लस ख़ुद्लामुल अहमदियला भलारि,क़लादियलान - 143516 दिलला गुरिलासपुर, पंजला्ब।Editor Rah-e-Iman, Majlis Khuddamul Ahmadiyya Bharat,Qadian - 143516, Distt. Gurdaspur (Pb.)Fax No. 01872 - 220139, Email : [email protected]

    Printed & Published by Shoaib Ahmad M.A. and owned by Majlis Khuddamul Ahmadiyya Bharat Qadian and Printed at Fazle Umar Printing Press, Harchowal Road, Qadian Distt. Gurdaspur 143516, Punjab, INDIA and Published at Office Majlis Khuddamul

    Ahmadiyya Bharat, P.O. Qadian, Distt. Gurdaspour 143516 Punjab iNDIA. Editor SK. Mujahid Ahmad

    1. पदवत्र क़ुरआन .............................................................. 22. पदवत्र हिीस ............................................................... 23. हिरि मसीह मौऊि अलैदहससललाम की अमृिवलाणी .................... 34. रूहलानी ख़िलायन.............................................................45. समपलािकीय...................................................................66. सलारलांश ख़ुत्बबः जुमअबः 19-10-2018.......................................87. अर्बी भलाषला कला संसककृि भलाषला पर प्रभलाव...............................128. क्ब्मलला......................................................................169. दसलदसलला अहमदियला (दजलि-1).......................................2210. हुज़ूर अनवर कला पत्र (वकीलुल मलाल िहरीक जिीि के नलाम)....2410. दमक़ला्मिुल यक़ीन फ़ी हयलािे नूरुद्ीन...................................2511. वह दजस पे रलाि दसिलारे दलए उिरिी है...............................28 12. फ़मू्मिलाि हिरि मुसलेह मौऊिरदि॰......................................3013. सलामलानय ज्लान...............................................................32

    वार्षिक मूल्य: 150 रुपए

    रव््य सूची

    लेखकों के दवचलार से अहमदियला मुजसलम जमलाअि कला सहमि होनला िरूरी नहीं

    समपादकशेख़ मुजारहद अहमद

    XXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX

    उप समपादकफ़रहि अहमि आचलाय्म

    मुहममि नसीरुल हक़ आचलाय्मसययि मुदहयुद्ीन फ़रीि M.A.

    इबनुल महिी लईक M.A.कमपपोरिंग टाइप सेरटंग

    नलादियला परवेिलाअमिुल करीम नययरबः

    टाइटल रििाइनआर महमूि अबिुल्लाह

    मैनेजरअिहर अहमि शमीम M.A.

    का्याषिल्य प्रभारसययि हलाररस अहमि

    अनीस अहमि असलम

  • रलाह-ए-ईमलान दिसम्बर 2018 - 2

    परवत्र क़ुरआन (अल्लाह िआलला के कथन)

    لٰوِۃ فَاۡغِسلُۡوا ُوُجۡوَہُکۡم .............. ا ِاذَا قُۡمُتۡم ِاَل الّصَیَۡن ٰاَمُنۡوۤ ِ یٰۤاَیَُّہا اّلَ

    (अल मलाइिबः - 7) ﴾۷﴿ ۡوَنُ

    َو لُِیِتّمَ ِنۡعَمَتٗہ َعلَۡیُکۡم لََعّلَُکۡم تَۡشُکرहे वे लोगो जो ईमलान ललाए हो! ज्ब िुम नमलाि की ओर जलाने के दलए उठो िो अपने चेहरों को धो दलयला करो और अपने हलाथों को भी कोहदनयों िक और अपने सरों को मसह करो और टखनों िक अपने पलांव भी धो दलयला करो और अगर िुमने सहवलास दकयला हो िो (पूरला स्लान करके) अच्ी िरह पदवत्र हो जलायला करो और अगर िुम ्बीमलार हो यला सफर पर हो यला िुम में से कोई शौचलालय से आयला हो यला िुमने औरिों से सं्बंध सथलादपि दकयला हो और इस अवसथला में िुमहें पलानी न दमले िो सूखी पदवत्र दमट्ी से ियममुम करो और अपने चेहरे और हलाथों पर उससे मसह कर दलयला करो। अल्लाह नहीं चलाहिला दक िुम पर कोई िंगी डलाले परंिु चलाहिला है दक िुमहें ्बहुि पदवत्र करे और िुम पर अपनी नेमि को पूण्म करे िलादक िुम शुक्र दकयला करो।

    परवत्र हदीस (हिरि मुहममि सल्ल्लाहु अलैदह वसल्म के कथन)

    1- हिरि उसमलान द्बन अफफलान रदि० ्बयलान करिे हैं दक आंहिरि सल्ल्लाहु अलैदह वसल्म ने फ़रमलायला- जो वयजक्त अच्ी िरह वज़ू करे उसके गुनलाह उसके शरीर से यहलाँ िक दक उसके नलाखूनों िल से दनकल जलािे हैं। (मुजसलम दकिला्बुत्तहलारि)2- हिरि अ्बू िर र० ्बयलान करिे हैं दक आंहुज़ूर सल्ल्लाहु अलैदह वसल्म ने फ़रमलायला- ज्ब मुसलमलान यला मोदमन ्बंिला वज़ू करिला है और अपनला मुंह धोिला है िो पलानी यला फ़रमलायला पलानी की अंदिम ्बूँि के सलाथ उसके वे समसि गुनलाह धुल जलािे हैं जो उसकी आँखों ने दकए दफर ज्ब वो अपने िोनों हलाथ धोिला है िो पलानी... के सलाथ उसके वे समसि गुनलाह धुल जलािे हैं जो उसके हलाथों ने दकए .........। (मुजसलम दकिला्बुत्तहलारि)

  • रलाह-ए-ईमलान दिसम्बर 2018 -3

    मुख़ारलफों के रलए दुआ से काम लेना चारहए फ़रमलायला- हमने जो मुख़लादलफों पर कहीं-कहीं सखिी की है वह सखि ्बलािों कला जवला्ब नहीं ्बजलक इललाज के िौर पर कड़वी िवलाई है। 'अलहकककु मुरुरुन' (सतय कड़वला होिला है) लेदकन हर वयजक्त के दलए उदचि नहीं दक वह ऐसे लेख कला प्रयोग करे, जमलाअि को एहदियलाि करनी चलादहए। हर एक वयजक्त अपने दिल को पहले टटोल कर िेख

    ले दक केवल दिि, हट धममी और शत्रुिला के िौर पर ऐसे शबि दलख रहला है यला दकसी नेक दनयि पर यह कलाम आधलाररि है। फ़रमा्या- मुख़लादलफों के सलाथ िुशमनी से पेश नहीं आनला चलादहए ्बजलक अदधकिर िुआ से कलाम लेनला चलादहए और अनय उपलायों से प्रयतन करनला चलादहए। दफर एक अनय अवसर पर हुज़ूर अलैदहससललाम फरमलािे हैं-....लोग िुमहें िुख िेंगे और हर प्रकलार से कष्ट पहुंचलाएंगे मगर हमलारी जमलाअि के लोग जोश न दिखलाएं, नफ़स के जोश से दिल िुखलाने वलाले शबि प्रयोग न करें। अल्लाह िआलला को ऐसे लोग पसंि नहीं होिे। हमलारी जमलाअि को अल्लाह िआलला एक आिश्म ्बनलानला चलाहिला है। फ़रमा्या- यह आसमलानी कलाम है और आसमलानी कलाम रुक नहीं सकिला इस मलामले में हमलारला किम िदनक भी िरदमयलान में नहीं। फ़रमलायला- लोगों की गलादलयों से हमलारला नफ़स जोश में नहीं आिला। फ़रमा्या- िौलिमंिों में अहंकलार है परंिु आजकल के उलमला में उससे ्बढ़कर है। उनकला अहंकलार एक िीवलार के समलान उनके मलाग्म में रुकलावट है। मैं इस िीवलार को िोड़नला चलाहिला हं ज्ब यह िीवलार टूट जलाएगी िो वे दवनम्रिला के सलाथ आएंगे। फ़रमा्या- अल्लाह िआलला संयमी को पयलार करिला है। ख़ुिला िआलला की महलानिला को यलाि करके स्ब डरिे रहो और यलाि रखो दक स्ब अल्लाह के ्बंिे हैं दकसी पर अतयलाचलार न करो न िेिी करो न दकसी को हीनभलावनला से िेखो। जमलाअि में अगर एक आिमी गंिला होिला है िो वह स्ब को गंिला कर िेिला है। यदि िुमहलारे सवभलाव गम्म हों िो दफर अपने दिल को टटोलो दक यह गममी दकस भलाव से दनकली है, यह मुक़लाम ्बहुि नलाज़ुक है। (मलफफूिलाि दजलि 1, पृष्ठ 7-8)

    हिरत मसीह मौऊद अलैरहससलामकी अमृतवाणी

  • रलाह-ए-ईमलान दिसम्बर 2018 - 4

    हिरि दमिला्म ग़ुललाम अहमि सलादह्ब क़लादियलानी मसीह मौऊि फ़रमलािे हैं :-....्बधलाई हो उस मनुषय को जो इस रहसय को प्रलाप्त कर ले। दवनलाश हो गयला उस मनुषय

    कला जो इस रहसय को न प्रलाप्त कर सकला। इसी प्रकलार िुमहें चलादहए दक संसलार के िलाश्मदनकों कला अनुसरण न करो, उनहें सममलान की दृजष्ट से मि िेखो कयोंदक यह स्ब मूख्मिलाएं हैं। सच्ला िश्मन वही है दजसकी दशक्ला ख़ुिला ने अपनी वलाणी में िी है। दवनलाश हो गयला उन लोगों कला जो इस संसलार के िश्मन पर मोदहि हैं। सफल हैं वे लोग दजनहोंने सतय ज्लान और िश्मन को ख़ुिला की पुसिक में खोजला। मूख्मिला के मलाग्म कयों चुनिे हो। कयला िुम ख़ुिला को उन ्बलािों की दशक्ला िोगे दजनहें वह नहीं जलानिला। कयला िुम अंधों के पी्े िौड़िे हो दक वे िुमहलारला पथ-प्रिश्मन करें। हे मूखखों! जो सवयं अंधला है वह िुमहलारला पथ प्रिश्मन कयला करेगला। सच्ला िश्मन ख़ुिला द्लारला प्रलाप्त होिला है, दजसकला िुम से वलायिला दकयला गयला है। िुम ख़ुिला की सहलायिला से उस पदवत्र ज्लान िक पहुुँच सकोगे, दजन िक अनय लोग नहीं पहुुँच सकिे। यदि पूण्म श्रद्ला से यलाचनला करोगे िो िुमहें वह प्रलाप्त होंगे, ि्ब िुमहें ज्लाि होगला दक यथलाथ्म ज्लान यही है जो ह्रिय को िलािगी और जीवन प्रिलान करिला है और दवश्लास के मीनलार िक पहुुँचला िेिला है। वह जो सवयं मुिदे खलािला है वह िुमहलारे दलए पदवत्र भोजन कहलां से उपलबध करलाएगला, जो सवयं अंधला है वह िुमहें कैसे दिखलाएगला। प्रतयेक पदवत्र िश्मन आकलाश से आिला है। अिबः िुम धरिी के लोगों से कयला आशला रखिे हो। दजनकी रूहें आकलाश की ओर प्रसथलान करिी है वे ही सतय िश्मन के पलात्र और अदधकलारी हैं। जो सवयं संिुष्ट नहीं, वे िुमहें कयों कर सलांतवनला िे सकिे हैं। पर प्रथम ह्रिय की पदवत्रिला अदनवलाय्म है, सतय और सवच्िला आवशयक है। ितपश्लाि िुमहें ये स्ब ककु् प्रलाप्त होगला। यह दवचलार मि करो दक ख़ुिला की वह्ी पी्े रह गई है और उसे ललाने वलालला फररशिला अ्ब नहीं आ सकिला, ्बजलक पहले युगों में वह आिला थला। मैं िुमहें सच-सच कहिला हं दक प्रतयेक द्लार ्बंि हो सकिला है मगर रूहुलक़ुिुस के उिरने कला द्लार कभी ्बंि नहीं होिला। िुम अपने ह्रिय के द्लार खोल िो िलादक वह उसमें प्रवेश कर सके। िुम सवयं अपने आपको उस सूय्म से िूर रखिे हो ज्ब उसकी दकरणों को अनिर प्रवेश करने कला मलाग्म नहीं िेिे।

    हे मूख्म! उठ और उस ्बंि दखड़की को खोल िे, ि्ब सूय्म कला प्रकलाश सवयं िेरे अनिर

    रूहानी ख़िा्यन'रशक्ा' (पुसतक 'कशती नूह' से उद्ृत)

    (अहमदियि की दशक्लाओं कला सलारलांश)

  • रलाह-ए-ईमलान दिसम्बर 2018 -5

    प्रवेश कर जलाएगला। ज्ब इस युग में ख़ुिला ने सलांसलाररक उपलजबधयों के द्लार िुमहलारे दलए ्बंि नहीं दकए ्बजलक अदधक दकए हैं, िो कयला िुमहलारला दवचलार यह है दक आकलाशीय उपलजबधयों के मलाग्म दजनकी िुमहें इस युग में दनिलानि आवशयकिला थी ्बंि कर िी हैं? किलादप नहीं, अदपिु ्बड़ी सफ़लाई से वह मलाग्म प्रशसि दकयला गयला है। अ्ब ज्ब दक ख़ुिला ने अपनी दशक्ला अनुसलार जो उसने सूरह फ़लादिहबः में िी है, अिीि की समसि अनुकमपलाओं के द्लार िुम पर खोल दिए हैं िो िुम उनहें ग्रहण करने से कयों इनकलार करिे हो। उस स्ोि से पलानी पीने के दलए पयलासे ्बनो दक पलानी सवयं आ जलाएगला। उस िूध के दलए िुम मलासूम ्बचे् की भलंादि रोनला शुरू करो दक सिन से िूध सवयं उिर आएगला। ियला के पलात्र ्बनो िलादक िुम पर ियला की जलाए, वयलाककुल हो जलाओ िलादक िुमहें सलांतवनला दमले, ्बलारम्बलार दचल्लाओ िलादक एक हलाथ िुमहें थलाम ले। कयला ही कदठन मलाग्म वह है जो ख़ुिला कला मलाग्म है, पर यह उनके दलए सुगम ्बनला दियला जलािला है, जो मरने की नीयि से उस अथलाह गहरलाई में दगरिे हैं, वे अपने ह्रिय में दनश्य कर लेिे हैं दक हमें अजगन सवीकलार है। हम अपने दप्रयिम के प्रेम के दलए उसमें जलेंगे। अिबः वे अपने आपको उस अजगन में झोंक िेिे हैं, पर अचलानक वे िेखिे हैं दक वह अजगन नहीं सवग्म है। यही है जो ख़ुिला ने फ़रमलायला-

    ا َوِإْن ِمْنُکْم ِإّلَ َواِردَُہا َكاَن َعَل َربَِّك َحْتًما َمْقِضّیًव इजममन इल्ला वलाररिोहला कलानला अलला रब्बेकला हतमममक़दिययला

    (मरयम-72)अथला्मत् ्बुरे भले समसि लोग िुममें से प्रतयेक को नकला्मगनी पर से गुिरनला होगला, पर जो अपने

    ख़ुिला के दलए अजगन से गुिरिे हैं उनहें मुजक्त प्रिलान की जलाएगी, लेदकन वह मनुषय जो िलामदसक वृदत्तयों कला अनुसरण करिे हुए अजगन पर से गुिरिला है वह अजगन उसे भसम कर िेगी। अिबः ्बधलाई के पलात्र हैं वे जो ख़ुिला के दलए अपनी िलामदसक वृदत्तयों से जूझ रहे हैं और उन वृदत्तयों कला अनुसरण नहीं करिे। जो मनुषय अपने सवलाथ्म हेिु परमेश्र के आिेशों कला उलं्घन करिला है वह आकलाश में किलादप प्रवेश नहीं कर सकेगला। अिबः िुम प्रयलास करो दक क़ुआ्मन शरीफ़ कला एक ्ोटला सला दहससला भी िुमहलारे दवरुद् सलाक्य प्रसिुि न करे दक िुम उसी पर पकड़े जलाओ, कयोंदक थोड़ी सी ्बुरलाई भी िंडनीय है। समय कम है और आयु सीदमि। शीघ्र पग उठलाओ दक संधयला दनकट है। जो ककु् प्रसिुि करनला है उसकला भली भलंादि दनरीक्ण कर लो ऐसला न हो दक ककु् रह जलाए और वयथ्म चलला जलाए यला स्ब अपदवत्र और खोटला समलान हो जो ख़ुिला के िर्बलार में प्रसिुि करने योगय न हो। (शेष.........)

  • रलाह-ए-ईमलान दिसम्बर 2018 - 6

    जलसा सालाना क़ारद्यान समपादकी्य दिसम्बर कला महीनला क़लादियलान दिलला गुरिलासपुर पंजला्ब में एक नई ख़ुशी लेकर आिला है, यह ख़ुशी

    जलसला सलाललानला क़लादियलान की होिी है। सलारे संसलार के अहमदियों के मन इस जलसला में सजममदलि होने के दलए मचल उठिे हैं। वलासिव में जलसला सलाललानला है ही एेसी चीि।

    इस वष्म अनिरला्मष्टीय अहमदियला मुजसलम जमलाअि भलारि कला 124 वलां सलाललानला जलसला दिलला गुरिलासपुर, पंजला्ब के शहर क़लादियलान में 28,29,30 रदसम्बर दिनलांक शुक्रवलार,शदनवलार िथला रदववलार को आयोदजि होगला, इनशला अल्लाह िआलला। इस अनिरला्मष्टीय धलादम्मक सममेलन में भलारि के दवदभन्न प्रलानिों के अदिररक्त दवश् के अनेक िेशों से हिलारों श्रृद्लालु सजममदलि होिे हैं। इस वलादष्मक जलसला में अहमिी दवद्लान ईश्र की सत्तला, क़ुरआन शरीफ की पदवत्र दशक्लाओं, हिरि मुहममि सल्ल्लाहो अलैदह वसल्म के पदवत्र जीवन, िेश प्रेम, दवश् शलाजनि िथला इंसलानी भलाईचलारला, सव्मधम्म समभलाव पर आधयलाजतमक दपपलासला को शलानि करने वलाले ज्लान वध्मक वयलाखयलान प्रसिुि करेंगे। जलसे के िूसरे दिन दवदभन्न धमखों के दवद्लान अपने धम्मग्रनथों से सलामप्रिलादयक सद्लाव िथला धलादम्मक एकिला पर आधलाररि दशक्ला प्रसिुि करिे हैं। जलसे में दवशेष रूप से अहमदियला मुजसलम जमलाअि के रूहलानी ख़लीफ़ला हिरि दमिला्म मसरूर अहमि सलादह्ब अययिहुल्लाहो िआलला लनिन से सीधला सम्बोधन करिे हैं।

    इस जलसला सलाललानला की नींव सययिनला हिरि मसीह मौऊि अलदैहससललाम के शभु हलाथों स े1891 ई० में रखी गई, आपन ेइस जलस ेको आरमभ करने कला दनण्मय अल्लाह िआलला के आिेश और उसी की िरफ से दमलन ेवलाल ेमलाग्मिश्मन के पररणलाम सवरूप दकयला और उसी समय यह भी घोषणला की दक यह अल्लाह िआलला की समपणू्म सहलायिला स ेजलारी होन ेवलालला एक प्र्बधंन है जो ससंलार में उन्नदि करिला चलला जलाएगला और समपणू्म ससंलार इस स ेललाभ प्रलाप्त करेगला। पहल ेजलसला में केवल 75 वयजक्त सजममदलि हुए थ।े दकिन ेही सौभलागयशलाली व ेलोग थ ेदजनकला नलाम क़यलामि िक के दलए जमलाअि अहमदियला के इदिहलास में सवण्म अक्रों में दलख दियला गयला। भलारि दवभलाजन के पश्लाि पलादकसिलान एवं भलारि में सलाललानला जलस ेहोिे रहे और दफर ससंलार के िसूरे िशेों म ेभी इन जलसों कला अलारमभ हुआ और अ्ब िो अल्लाह िलालला की ककृपला स ेयह जलस ेससंलार के लगभग एक सौ िशेों स ेअदधक िशेों में प्रतयके वष्म ्बहुि उतसलाह पवू्मक आयोदजि होिे हैं।

    अलहमिदुलल्लाह अ्ब इस जलसला सलाललानला के दिन ्बहुि दनकट आ गए हैं। यह जलसला सलासंलाररक अलानंिमयी मलेों की िरह नहीं, न ही कोई िमलाशला है और न ही सलंासलाररक मलेों कला रंग अपन ेभीिर रखिला है समपणू्म धलादम्मक एव ंवलासिदवक ज्लान की प्रलाजप्त करने वलाल ेख़ुिला के सलादनधय िक पहंुचलान ेवलाली रलाहों की

  • रलाह-ए-ईमलान दिसम्बर 2018 -7

    खोज करने वलाल ेइसललाम के वलासिदवक प्रमेी और प्रतयेक शहर व गलावं के रहन ेवलाले भलारि एवं भलारि से ्बलाहर रहन ेवलाल ेइस दनश्य के सलाथ इस जलस ेमें शलादमल होि ेहैं दक हमें नके एव ंपदवत्र आधयलाजतमक लोगों की सगंि स ेललाभ प्रलाप्त करन ेकला अवसर प्रलाप्त होगला। परसपर भलाईचलारला प्रमे शलाजनि िखेन ेएव ंउसको फैललाने कला अवसर दमलगेला। दवदभन्न धमखों के दवचलारों को सनुन ेकला अवसर दमलगेला और हम आधयलाजतमक रुप स ेएक नयला जीवन प्रलाप्त करके अपन ेघरों में वलादपस लौटन ेवलाल ेहोंगे। यही व ेमहलान उदे्शय हैं दजनके दलए हिरि मसीह मौऊि अलैदहससललाम न ेइस जलस ेमें शलादमल होन ेवलालों के दलए अतयिं पीढ़ला के सलाथ िआुए ँकी हैं। अल्लाह करे दक इन िआुअों कला ललाभ हमशेला जलारी रहे।

    इस जलसला के उद्ेशय को ्बिलािे हुए हिरि मसीह मौऊि अलैदहससललाम अपनी जमलाअि को यह उपिेश िेिे हैं दकबः-

    “इस दसलदसले की ्बुनयलािी ईंट ख़ुिला िआलला ने अपने हलाथ से रखी है और इस के दलए क़ौमें िैयलार की हैं जो शीघ्र ही इस में आ दमलेंगी कयोंदक यह उस सलामथ्मवलान कला कलाय्म है दजस के आगे कोई ्बलाि अनहोनी नहीं।” (म्मूआ इशिेहलार भलाग 1 पृ 341)

    क़लादियलान िलारुल अमलान में आदयदजि होने वलाले इस सलाललानला जलसला के पदवत्र दिनों में नमलाि, िरस, और भलाषणों में जो आधयलाजतमक प्रसन्निला दमलिी है वह अिुलनीय है। इस आधयलाजतमक प्रसन्निला कला अनुभव शबिों में वण्मन करनला कदठन है। जलसला सलाललानला के पररवेश कला अनुमलान इस ्बलाि से अच्ी िरह लगलायला जला सकिला है दक यह जलसला िुआअों, अल्लाह िआलला की इ्बलािि, गुनगलाण और मोदमनों के प्रेम, एकिला भलाईचलारला के पदवत्र वलािलावरण में अलायोदजि होिला है। प्रदिदिन नमलाि-ए-िहज्ुि एवं पलाँच अदनवलाय्म नमलािों कला दवशेष प्र्बंध दकयला जलािला है। इस जलसला में सजममदलि होने वलालों के दलए हिरि मसीह मौऊि अलैदहससललाम इस प्रकलार से िुआ करिे हैं दक :

    ‘‘आदख़र पर मैं िआु करिला हुँ दक प्रतयके वयजक्त जो इस जलसला सलाललानला के दलए यलात्रला करिला है अल्लाह उनकला सहलायक हो और उनहें ्ब-ेदहसला्ब ्बिलला ि ेऔर उनके ऊपर अपनी ियला (ककृपला) ्बरसलाए और उनकी घ्बरलाहटें और वयलाककुल पररजसथदियों को आसलान कर ि ेऔर उनके ि:ुख िरू करके उनहें मजुक्त ि ेऔर उनके प्रदि मनोकलामनलाओं को सपंणू्म करे और क़यलामि के दिन उन स्ब को अपने दप्रय भक्तों के सलाथ उठलाए । दजन के ऊपर उसकी अपलार ककृपला अवदि्मण हुई है और अल्लाह इस यलात्रला की समलाजप्त िक उनकला सहलायक हो।" (इजशिहलार 7 दिसम्बर 1892 ई.)

    अल्लाह करे समपूण्म मलानवजलादि के दलए यह जलसला सलाललानला आपसी धलादम्मक एवं सलांसलाररक मिभेिों को समलाप्त करने वलालला हो, आमीन ।

  • रलाह-ए-ईमलान दिसम्बर 2018 - 8

    सारांश ख़ुत्बबः जुमअबः सÄØÎÙæ ãUÊæÚUÌ ¥×èL¤Ü ×æðç×ÙèÙ ¹$Üè$ȤÌéÜ ×âèãU ¥Ü¹$æç×â ¥ÄØÎãéUËËææãéU Ì¥æÜæ द्बनदस्दहल ¥ÊæèÊæ çÎÙæ´·¤ 19.10.2018

    मजसजि ्बैिुल आदफ़यि, दफललाडेजलफयला, अमरीकला

    एक प्रकलार कला दशक्क गुप्त रूप में दवष की भलाँिी प्रभलाव कर रहला है और वह यह है दक ख़ुिला िआलला पर भरोसला िथला दवश्लास द्बलककुल नहीं रहला, सलाधन िथला अनय वसिुओं पर ख़ुिला िआलला की अपेक्ला अदधक भरोसला है अपनी नौकररयों, अपने कलारो्बलारों, अपनी िुदनयला की वयसििलाओं की ओर अदधक धयलान हैऔर यही कलारण है दक नमलािों

    की ओर धयलान नहीं है, मजसजिें आ्बलाि करने की ओर धयलान नहीं है।िशह्हुि िअवविु िथला सरू: फ़लादिह: की दिललावि के पश्लाि हुज़ूर-ए-अनवर अययिहुल्लाहु िआलला द्बनदस्दहल अिीि ने फ़रमलायला- दप्ल े दिनों अल्लाह िआलला न े जलसला सलाललानला जम्मनी िथला ्बजैलजयम में सजममदलि होन ेकला सौभलागय प्रिलान दकयला। िोनों जलस ेअल्लाह िआलला की ककृपला स े्बडे़ ्बरकि वलाल ेथ।े जम्मनी की जमलाअि में अ्ब जलस ेकला प्र्बनध ्बड़ी सीमला िक वयवजसथि हो चकुला है। आस-पलास के पजश्मी यरूोप के लोगों के अदिररक्त कक्ु अनय िशेों स ेभी जलस ेमें शलादमल होन ेके दलए लोग आि ेहैं। इस वष्म िो अफ्ीकला के कक्ु िशेों स ेभी लोगों न ेजलस ेमें दशरकि की। ्बलाहर स ेआन ेवलाल ेमहेमलान जलस ेमें आकर अच्ला प्रभलाव लिे ेहैं िथला उसकी अदभवयजक्त भी करिे हैं। अि: मेहमलानों न ेजलस ेकी वयवसथला िथला जलस ेके परेू वलािलावरण की ्बड़ी प्रशसंला की है दक हमें यहलाँ

    आकर पिला चलला दक इसललाम की वलासिदवक दशक्ला कयला है। जलस े में शलादमल होकर ये लोग प्रतयके कलाय्मकिला्म िथला प्रतयके अफ़सर को और हर अहमिी को ्बडे़ धयलान स ेिखेि ेहैं दक इनके अमल कैस ेहैं। दशक्ला यदि अच्ी भी हो दकनि ुउस दशक्ला के मलानने वलालों के अमल अच्े न हों िो दफर उस दशक्ला कला पदवत्र प्रभलाव सथलादपि नहीं होिला। अि: इस दृजष्ट से जलस ेके समसि सवय ंसवेी, कलारककुन िथला उपजसथि लोग एक खलामोश ि्बलीग में भलागीिलार हो रहे होिे हैं। गरै मजुसलमों के मजसिषक से इसललाम के दवषय में ककुधलारणलाओं को िरू कर रहे होि ेहैं और मसुलमलानों के दिलों में िथलाकदथि आदलमों न ेजो अनपुयकु्त प्रसलार करके शकंलाएँ पिैला की हुई हैं उस े िरू कर रहे होिे हैं। अि: जमलाअि जहला ँभी हो, जहला ँकी भी हो, अल्लाह िआलला के फिल स ेअनय लोगों पर अपनला नके प्रभलाव सथलादपि करिी है िथला ि्बलीग़ कला

  • रलाह-ए-ईमलान दिसम्बर 2018 -9

    सलाधन ्बनिी है िथला ि्बलीग़ कला मलाधयम ्बनिी है। अि: जमलाअि के प्रतयके वयजक्त को इस ्बलाि को सिवै सममखु रखनला चलादहए दक हिरि मसीह मौऊि अलदैहससललाम की ्बअैि में आकर उनहें अपनी हलालिों को अच्ला ्बनलान ेकी दकिनी आवशयकिला है। हुज़ूर अनवर न ेफ़रमलायला- िोनों जलसों में कलाम करन ेवलाल ेकलाय्मकिला्मओं को भी मैं धनयवलाि िनेला चलाहिला हुँ, जम्मनी में भी, ्बजैलजयम में भी, दक उनहोंने अपनी प्रदिभलाओं िथला सलामरय्म के अनसुलार जलसे में शलादमल होन ेवलाले महेमलानों की सवेला की। इसी प्रकलार समसि उपजसथि समिुलाय जो वहलँा थला अहमिी, उनको भी उनकला आभलारी होनला चलादहए। दभन्न दभन्न वगखों िथला प्रककृदियों के लोग होि ेहैं जो हिरि मसीह मौऊि अलदैहससललाम के महेमलानों की सवेला हेि ुअपने आपको प्रसििु करिे हैं। इसी प्रकलार कलाय्मकिला्मओं को भी आभलारी होनला चलादहए दक अल्लाह िआलला न ेउनहें सवेला करन ेकला अवसर दियला है और भदवषय के दलए अपन ेआपको ियैलार करें दक जो कमिोररयलँा िथला कदमयला ँरह गईं हैं उनके ्बलारे में सवय ंसोचें और िखेें दक उनको आग ेआन ेवलाले वषखों में दकस प्रकलार पहले स ेअच्ला करनला है। दवशषे रूप स ेप्र्बनध करन ेवलालों को, अफ़सरों को अपनला दनरीक्ण करनला चलादहए, अपनी योजनलाओं कला अवलोकन करनला चलादहए दक समसि त्रदूटयों को, ललाल दकिला्ब जो ्बनी हुई है उसमें दलखें िलादक भदवषय में य ेिोहरलाई न जलाए।ँ हुज़ूर अनवर न े फ़रमलायला- अ्ब मैं कक्ु अदिदथयों की प्रदिदक्रयलाए ँ पशे करिला हुँ दजनसे पिला चलिला है दक जलस ेकी ्बरकिों कला केवल अहमदियों पर ही प्रभलाव नहीं होिला ्बजलक अनय लोगों

    पर भी होिला है। ्बोसदनयला के एक गरै अहमिी मजसजि के इमलाम आए हुए थ,े व ेकहि ेहैं दक अहमदियों की ्बीच कक्ु समय वयिीि करन ेके ्बलाि मैं इस दनषकष्म पर पहंुचला हुँ दक िमु ही व े लोग हो जो इसललाम की वलासिदवक दशक्ला की ि्बलीग़, सनुिर रंग में कर रहे हो। उनहोंन ेकहला है दक खिे है दक मसुलमलान िीन और िदुनयला की दशक्ला में ्बहुि पी्े हैं परनिु अहमदियला जमलाअि दख़ललाफ़ि कला अनसुरण करिे हुए िीन के ज्लान के प्रसलारण के दलए सवुयवजसथि प्रयलास कर रही है िथला मसुलमलानों की सलाख को वलापस ललान ेके प्रयलास में लगी हुई है। एक कमिोर दृजष्ट रखने वलाल,े मोनटी नगेरो स ेसम्बधं रखन ेवलाले एक वयजक्त कहिे हैं दक मैं ि्ुब्मल दृजष्ट रखन ेवलालला वयजक्त हुँ दकनि ुइस जलस ेमें शलादमल होकर मैंन ेस्ब कक्ु मन की आखँों से िखेला है िथला इस जलस ेके मलाधयम स ेआतमला को िपृ्त करके जला रहला हुँ। मैं दजस िशे कला दनवलासी हुँ वहलँा िीन और धम्म से लोग ्बड़ी िरू हैं िथला आधयलाजतमकिला कयला चीि है इस पर हम अवगि नहीं हैं परनि ुजलसे के समय मैंन ेअनभुव दकयला दक ख़ुिला मौजिू है िथला उसकी ्बरकिें यहला ँशलादंि और अमन िथला मन की सिंजुष्ट के रूप में अविररि हो रही हैं दजसस ेमैंन ेभी दहससला दलयला है। हुज़ूर अनवर ने फ़रमलायला- इस वष्म जम्मनी के जलस ेमें ्बलुगलाररयला के 56 सिसयों के प्रदिदनदध मडंल न ेभलाग दलयला, उसमें 31 गरै जमलाअि महेमलान थ,े उनकी मझुस ेमलुकलाि भी हुई। प्रदिदनध मडंल में उपजसथि एक मदहलला अपनी प्रदिदक्रयला वयक्त

  • रलाह-ए-ईमलान दिसम्बर 2018 - 10

    करि ेहुए कहिी हैं दक मैं कई प्रोग्रलामों में शलादमल हुई हुँ परनि ुअहमदियला जमलाअि के जलस ेमें रूहलानी वलािलावरण थला, ्बड़ला शलािं वलािलावरण थला, लोगों के दिलों में हमलारे दलए आिर और सममलान थला, उनकी आखँों स ेउनके ईमलान कला पिला चलिला थला दक कैसे नके लोग हैं। वि्ममलान खलीफ़ला के भलाषणों न ेमरेे दिल पर ्बड़ला गहरला प्रभलाव दकयला। मैं भलाषण के समय रोिी रही और मझेु ऐसला लगिला थला दक अ्ब मरेला नयला जीवन आरमभ हो रहला है। मरेला प्रयलास होगला दक मरेला शषे जीवन इन ्बलािों के अनसुरण में वयिीि हो। मैं आपकी आभलारी हुँ दक इस रूहलानी वलािलावरण स ेमझुे ललाभलाजनवि होने कला अवसर प्रिलान दकयला। एक ईसलाई मदहलला क्रीसी मीरला सलादह्बला कहिी हैं- मैं अपन ेपदि िथला ्बच्ों के सलाथ जलसे में शलादमल हुई हुँ, मैंने ऐसी सुसंगदठि वयवसथला पहले कभी नहीं िखेी। मलािला-दपिला कला आिर िथला ्बच्ों के प्रदशक्ण के दवषय में ्बहुि कक्ु सीखला है, उसे अ्ब जीवन कला अशं ्बनलाऊँगी। पुरुष वग्म दजस प्रकलार मदहललाओं कला आिर कर रहला थला, यह िखे कर ्बड़ला आश्य्म हुआ। ईसलाईयि में मदहललाओं के दलए इिनला आिर सममलान मैंन ेनहीं िखेला िथला धनयवलाि के सलाथ आपके दलए िआु करिी हुँ। हुज़ूर अनवर ने फ़रमलायला- अि: यह परुुषों के दलए भी एक दशक्ला है दक केवल जलसे के दिनों में ही नहीं अदपि ुसिवै नलारी कला यह सममलान उनके दिलों में रहनला चलादहए, उस दशक्ला के अनुसलार जो अल्लाह िआलला न ेहमें िी है। एक मसुलमलान मुहममि यसूफु सलाह्ब कहिे हैं- अनेक ्बलािें जमलाअि के दवरुद् सनुी थीं दकनिु जलस ेकला वलािलावरण िखेकर अ्ब मरेला दिल सलाफ़

    हो गयला है। हर दिशला में भललाई िथला ककुअला्मन व हिीस की दशक्ला थी और महुब्बि स्बके दलए िथला घणृला दकसी स ेनहीं, न ेमझु े्बड़ला प्रभलादवि दकयला, हर दिशला में शलादंि ही शलादंि थी। दवशषे रूप स ेवि्ममलान खलीफला की िकरीरों स े्बड़ी शलादंि दमली। जलस ेके चलिे ही मैंन ेदनण्मय दलयला दक अ्ब मैं भी अहमदियि में िलादखल होिला हुँ, अ्ब मैं जमलाअि के सनिशे को आगे फैललाऊँगला। हुज़ूर अनवर ने फ़रमलायला- लीटोयला स ेएक मदेडदसन के दवद्लाथमी आए थे। व ेकहि ेहैं दक जलसला सलाललानला जम्मनी में शलादमल होनला मरेे दलए ्बडे़ सममलान की ्बलाि है। मझु ेऐसला लगला दक यह जलसला उन समसि लोगों कला समलागम है जो दक सदुृढ़ ईमलान िथला सिंषु्ट आतमलाओं वलाले िथला ्बनधतुव वलाले शलंाि लोग हैं। मरेे दलए यह ्बलाि दवदचत्र थी दक कैसे हर कोई लीन होकर भलाषण सनुने िथला अपने कलाय्म में वयसि थला। लीटोयला स े एक गैर अहमिी पलादकसिलानी जलस े में शलादमल हुए। कहिे हैं मैंन े इिनला पयलार महुब्बि, मलान सममलान िथला महेमलान नवलािी कभी अपन ेपरेू जीवन में नहीं िखेी दजिनी मैंन ेयहलँा िखेी है िथला मझु े यह िखे कर ्बड़ला अच्ला लगला दक इसके द्लारला सलारे गरै मजुसलमों पर ्बड़ला अच्ला प्रभलाव पडे़गला। मैं अ्ब सोचन े पर दववश हो गयला हुँ दक दफर स े दवचलार करँू दक कयला मैं अपन े समप्रिलाय को अच्ला कहुँ अथवला अहमिी समप्रिलाय को। मरेे सलाथ कक्ु गरै मजुसलम िोसि भी थ,े व ेमसुलमलानों के इस वयवहलार स,े इस सममलान और आिर स ेजो अहमदियला जमलाअि ने उनको दियला, ्बडे़ प्रभलादवि थ।े प्रतयके न ेपयलार महुब्बि और आिर सममलान के सलाथ

  • रलाह-ए-ईमलान दिसम्बर 2018 -11

    ्बलाि की िथला गलाईड दकयला िथला इिन ेदवशलाल जलसे को इिनी सनुिरिला के सलाथ आयोदजि दकयला, मैं दिल की गहरलाईयों स ेधनयवलाि करिला हुँ। दफर ककृदष दवश् दवद्लालय दलटोयला के एक श्रीलकंन लकै्चरर जलस ेमें शलादमल हुए। कहि ेहैं इस आयोजन स ेजो अतयिं सनुिर ्बलाि मैंन ेग्रहण की है, वह यह है दक अहमदियला जमलाअि एक प्रमे करने वलाली जमलाअि है िथला मैं इसकी ्बड़ी सरलाहनला करनला चलाहिला हुँ। मैं आपकी जमलाअि के प्र्बनधन कौशल को िखे कर चदकि हुए द्बनला नहीं रह सकला िथला यह चीि सपष्ट सकेंि कर रही है दक आप लोग दवश् कला उदचि दिशला में मलाग्म िश्मन कर सकि ेहैं। दलटोयला स े एक दवद्लाथमी गलोररय: पहली ्बलार आई िथला दकसी भी इसललादमक प्रोग्रलाम में पहली ्बलार शलादमल हुईं। कहिी हैं मझु ेस्ब कक्ु ्बड़ला अच्ला लगला, खलानला पीनला हर चीि, लोग ्बडे़ दशष्टलाचलारी थ,े ड्टूी पर दनयकु्त जसत्रयला ँसिवै मसुककुरला कर दमलिी थीं। इस कलानफ्रंस में शलादमल होकर इसललाम के दवषय में मेरे दवचलार पणू्मियला ्बिल गए हैं िथला यह जलानकर प्रसन्निला हुई दक अभी भी कक्ु लोग एसै ेमौजिू हैं जो इस िदुनयला की भललाई चलाहि ेहैं। कोसोवो स े एक वकील सलाह्ब अपनी प्रदिदक्रयला वयक्त करिे हैं दक जलसे की वयवसथला को िखे कर ऐसला लगिला है दक हर कोई दखललाफ़ि के अनपुलालन में वयसि होकर अपनला कलाम कर रहला है। यह परूला आज्लापलालन उस अजसितव से स्हे के कलारण थला जो वि्ममलान खलीफला हैं। ख़लीफला से भेंट कला सअुवसर प्रलाप्त हुआ। जमलाअि कला प्रतयके वयजक्त एक लड़ी में दपरोयला हुआ है। कोसोवो में भी इस प्रकलार

    के समलागम होि ेहैं दकनिु इस जलस ेमें शलादमल होकर एक दभन्न प्रकलार की िशला इंसलान पर ्ला जलािी है दक प्रतयेक रंग और जलादि के लोग इस जलस ेमें शलादमल हैं िथला प्रतयेक की आवशयकिला को धयलान में रखिे हुए उसको सदुवधला िी जला रही है। कोसोवो के प्रदिदनदध मडंल में एक भौदिकी के दवद्लान आ्ब्मर सलाह्ब थ।े वे कहि ेहैं दक यह ्बलाि मरेे दलए अदवश्सनीय थी दक इिने लोगों कला एक सथलान में एकत्र होनला िथला उनकी आवशयिलाओं को परूला दकयला जलानला समभव है। जलसे में शलादमल होकर परूी वयवसथला को धयलान पवू्मक िखेला दक दकस प्रकलार प्रतयेक वसि ुएक प्र्बनध के सलाथ जडु़ी हुई है िथला सदुवधलाओं की पदूि्म हो रही है। प्रतयेक कलाम के दलए एक सवेक दनयुक्त थला। लंगर में जलाने कला अवसर दमलला वहलँा एक वयजक्त स ेभेंट हुई, वह दप्ले ्बलाईस वषखों स ेपयलाि ्ीलने कला कलाय्म कर रहला है िथला दप्ले ्बलाईस वष्म स ेउसके पलास एक ही ्ुरी है। उसने मझु े्बिलायला दक यह ् रुी उसने इसदलए रखी हुई है दक हिरि ख़लीफ़िुल मसीह रला्ेब रहमलु्लाह ने यह ्ुरी प्रयोग की थी िथला इस पर हलाथ लगलायला थला, िो इस ्बलाि स ेउस पर ्बड़ला अच्ला प्रभलाव हुआ है। एक िोसि महुममि अक्बर सलाह्ब कहिे हैं दक ्बचपन स ेसनु रहे हैं दक कोई महेिी आएगला जो िदुनयला को ि्बिील करेगला िथला हम उसी की प्रिीक्ला में रहे। अ्ब पहली ्बलार मैं सनु रहला हुँ दक वह महेिी दजसकी हम प्रिीक्ला कर रहे थ ेवह चलला भी गयला िथला अ्ब उसके ख़लीफलाओं कला क्रम जलारी है, मैं अ्ब इस जमलाअि के दलटे्चर कला अधययन करँूगला िथला आशला करिला हुँ दक मझेु सिंोष प्रलाप्त होगला।

  • रलाह-ए-ईमलान दिसम्बर 2018 - 12

    अर्बी भा्ा का संसककृत भा्ा पर प्रभावअनुवादक - इबनुल मेहिी लईक M.A

    َو ِســَنِتُکۡم ۡاَل اۡخِتــَاُف َو َۡرِض

    ۡال َو ــٰمٰوِت الّسَ ــُق

    َۡخل ٰاٰیِتــٖہ ِمــۡن َو

    (सूरबः रोम आयि- 23) َۡ

    ٰعِلِمــنٰۡیــٍت لِّل َواِنُکــۡم ؕ ِاّنَ ِفۡ ٰذلـِـَك َلٰ

    ۡاَل

    भलाषला कला दववलाि उिनला ही पुरलानला है दजिनला मनुषय कला अजसितव। इस पृरवी पर मनुषय के उतपन्न होने से लेकर उसके समसि जीवन के पड़लाव पलार करने के ्बलारे में दवद्लानों में मिभेि पलायला जलािला है। उसी प्रकलार भलाषला कला अजसितव उसकी ्बनलावट िथला हिलारों भलाषलाओं में इसक े्बलांटने के ्बलारे में पुरलाने िथला नए दवद्लानों में भी मिभेि रहला है परंिु इन मिभेिों के ्बलावजूि प्रतयेक वयजक्त भलाषलाओं की सभयिला िथला संसककृदि पर और मनुषय के इदिहलास पर पड़ने वलाले प्रभलाव से सहमि हैं प्रतयेक वयजक्त को अपनी मलािृभलाषला दप्रय लगिी है और इस कला आिर करिला है यदि वह थोड़ला सला ्बुदद्मलान हो िो अपने जीवन में एक ्बलार अवशय दवचलार करिला है दक भलाषला की उतपदत्त दकस प्रकलार हुई, संसलार की दवदभन्न भलाषलाएं दकस प्रकलार उतपन्न हुई, शबि िथला अथ्म कयों अपनलाए गए, इस पर प्रतयेक वयजक्त अवशय दवचलार करिला है अिएव भलाषला से प्रतयेक वयजक्त कला सं्ंबध है वि्ममलान युग में भलाषला को एक ज्लान के रूप में जलानला जलािला है और इस ज्लान को भलाषलाओं कला ज्लान अथला्मि दफलोलजी कहला जलािला है इस भूदमकला के पश्लाि हम इस रोचक वलािला्मललाप को दवदभन्न दवषयों में ्बलांटकर दवचलार करिे हैं:-1. समसि भलाषलाओं कला प्रलारंभ एक भलाषला से है2. प्रथम भलाषला कैसे अजसितव में आई3. प्रथम भलाषला की दनयुजक्त िथला इसकला दनयम4. अर्बी भलाषला कला संसककृि भलाषला पर प्रभलावभलाषला दविो में भलाषला को लेकर अनेक मिभेिों के ्बलावजूि ्बहुमि इस ्बलाि से सहमि है दक संसलार की समसि भलाषलाओं कला प्रलारंभ एक ही भलाषला से हुआ है इस दवशेष सहमदि के सलाथ उममुल अजलसनला अथला्मत् समसि भलाषलाओं की मलंा कला दसद्लांि सपष्ट हो जलािला है ककुरलान मजीि भी इस दसद्लंाि की ओर संकेि करिला है-

  • रलाह-ए-ईमलान दिसम्बर 2018 -13

    ــۡمؕ ِاّنَ ِفۡ َواِنُکۡــَنِتُکۡم َو اَل ِس

    ۡــَاُف اَل َۡرِض َو اۡخِت

    ۡــٰمٰوِت َو ال ــُق الّسَ

    ۡــٖہ َخل ــۡن ٰاٰیِت َو ِم

    (सुरबः रोम आयि.23) َۡ

    ــن ٰعِلِمۡــٍت لِّل ٰی ــَك َلٰ ٰذلِ

    अथला्मत् क़ुरलान मजीि ने इस आयि में भलाषलाओं और रंगों के मिभेि के समलान ही आसमलानों िथला िमीन के जनम को ्बिलायला है इस आयि में इस ओर भी संकेि है दक रंग िथला भलाषलाओं के मिभेि के कलारण वलासिव में एक ही है उिलाहरण के दलए मौसमी ्बिललाव गममी िथला सिमी ही हम िेखिे हैं दक गम्म क्ेत्रों के लोग एक शबि को सरलिला से ्बोलिे हैं ज्बदक ठंडे के्त्रों के लोग उसी शबि को ठीक प्रकलार से ्बोल नहीं पलािे कयोंदक गममी िथला सिमी के कलारण उच्लारण अवयव अथला्मि जीभ फैलने िथला दसककुड़ने कला कलाय्म अलग अलग करिी है। इसके अदिररक्त भलाषलाओं के मिभेि कला एक और कलारण वलासिदवक भलाषलाई िेश से िूरी भी है दजिनी कोई भलाषला अपने वलासिदवक भलाषलाई िेश से जो उसकी मलािृभूदम है से िूर होिी जलािी है अपनी वलासिदवक भलाषला से उिनला ही मिभेि होने लगिला है इस प्रकलार इसकी उिलाहरण मलां और ्बेटी की है दजिनला अदधक अवसर ्बेटी को मलंा के सलाथ रहने कला दमलिला है उिनला ही गहरला प्रभलाव ्बेटी पर मलां कला पड़िला है ठीक इसी प्रकलार दजिनी कोई भलाषला अपनी वलासिदवक भलाषला के दनकट होगी उिने ही उसमें अपनी मलािृभलाषला के प्रभलाव पलाए जलाएंगे। युग िथला वलािलावरण में पररवि्मन के कलारण भलाषला भी पररवदि्मि होिी रही है िथला आगे भी होिी रहेगी।प्रथम भा्ा रकस प्रकार अससततव में आई-इस ्बलारे में प्रदसद् दसद्लांि दनमनदलदखि हैं प्रथम रसद्ांत- प्रथम दसद्लांि यह है दक सवयं ख़ुिला िआलला ने वहयी और इलहलाम क ेद्लारला मनुषय को भलाषला दसखलाई। हिरि मसीह मलाऊि अलैदहससललाम ने अपनी प्रदसद् पुसिक दमननुर रहमलान में इस दसद्लांि को सपष्ट दकयला है।1. भलाषला अल्लाह िआलला ने मनुषय को सवयं दसखलाई।2. वह भलाषला अर्बी थी।3. संसलार की समसि भलाषलाएं अर्बी से दनकली हैं जो इन के दलए मलंा समलान हैं।इस अिभुि िलावे कला आधलार भी आपने वहयी और इलहलाम पर रखला िथला अपनी पुसिक दमननुर रहमलान में ही ककुरलानी संिभ्म और ्बौदद्क िथला दलदखि िकखों से अर्बी भलाषला को समसि भलाषलाओं की मलां ्बिलायला। भलाषला दवज्लान में इस पुसिक ने ्बहुि हलचल मचला िी िथला भलाषला दवज्लान को नई ऊरंचलाइयों पर पहुंचला दियला है।

  • रलाह-ए-ईमलान दिसम्बर 2018 - 14

    रविती्य रसद्ांत िूसरे दसद्लांि को प्रदिदक्रयलावलािी दसद्लांि भी कहला जला सकिला है इसकला दवसिलार यह है के प्रलारंभ में इंसलानों ने ही दमलकर भलाषलाओं की खोज की है और वह इस प्रकलार दक ज्ब वह कोई चीि िेखिे थे िो वह उसके दलए कोई नलाम रख लेिे थे और इसी प्रकलार होिे होिे उनहोंने एक भलाषला की खोज कर ली उिलाहरण के दलए ज्ब उनहोंने वृक् जैसी कोई चीज िेखी िो ककु् आिदमयों ने अचलानक ही उसे वृक् वृक् कहनला शुरू कर दियला िथला इसी प्रकलार यह शबि समसि इंसलानों में फैलकर एक भलाषला के रूप में आ गयला।तृती्य रसद्ांत- यह दसद्लांि दडंग डोंग, ्बू्बू और पुपु के नलाम से जलानला जलािला है और इस दसद्लांि को मलानने वलालों में स्बसे ऊपर नलाम भलाषलाओं के मलादहर मैकस मूलर(1823 से 1900 ईसवी ) कला आिला है। मैकस मूलर के दसद्लांि को ककु् शबिों में हम इस प्रकलार कह सकिे हैं दक मैकस मूलर की दृजष्ट में शबिकोश की सथलापनला िथला आरंभ िीन प्रकलार की आवलािों पर आधलाररि है जो संसलार में पलाई जलािी हैं-1. दनजमीव वसिुओं की खटखट, ठक ठक की आवलािें।2. जीदवि पशु पदक्यों की कलाएँ कलाएँ, ऊरं ऊरं की आवलािें।3. मनुषय की िि्म की अवसथला में आह,वलाह,हलाए की िि्मनलाक आवलािें। धीरे धीरे इनहीं िीन आवलाजों की ्बुदनयलाि पर शबिकोश िथला अथखों को िरलाशला गयला इनहीं 3 दसद्लांिों को दडंग डोंग, ्बू ्बू, िथला पू पू के दसद्लांि से नलामलंादकि दकयला जलािला है।दजस प्रकलार पहले दकसी समय में डलादव्मन कला दसद्लांि जनम के ्बलारे में अथला्मि इंसलान ्बंिर से उन्नदि करिला हुआ मनुषय ्बनला है कलाफ़ी लोकदप्रय रहला। इस प्रकलार मैकस मूलर कला यह दसद्लांि भी भलाषला दवज्लान में एक हलचल की िरह उठला िथला दवचलार की धलारला ्बिल िी। परंिु आज खोजों िथला अनुभव ने सलाद्बि कर दियला है दक यह दसद्लांि अपने अंिर ्बहुि सी ्बुदनयलािी गलदियलां रखिला है। (दवसिलार के दलए िेखें इनसलाइक्ोपीदडयला दरिटेदनकला)मैकस मूलर ने अपने दसद्लांि को दनमनदलदखि पुसिकों में वण्मन दकयला है।1. The science of language- max Muller2. The new lecture on the science of language-max mullerयहलां यह ्बलाि भी वण्मन करने योगय है दक इसी दसद्लांि की ्बुदनयलाि पर मैकस मूलर ने इंडो यूरोपीयन भलाषलाओं के ्बलारे में जो खोजे की है उसकला अंदिम फल इसने यह दनकलालला दक यह िोनों भलाषलाएं 500 सलंाझी धलािुओं पर आधलाररि हैं।

  • रलाह-ए-ईमलान दिसम्बर 2018 -15

    मनुष्य की प्रथम भा्ा का रनराषिरण तथा उसका रन्यम मनुषय की प्रथम भलाषला होने की िलावेिलार िो कई भलाषलाएं हो सकिी हैं और उस भलाषला क ेमलानने वलाले ककु् अधूरे िकखों द्लारला िलावला कर सकिे हैं। इसदलए अवशय है दक ककु् ऐसे दनयमों कला दनधला्मरण दकयला जलाए जो प्रतयेक वयजक्त के दलए मलानय हो और उन दनयमों पर प्रतयेक भलाषला को परख दलयला जलाए। इस से पहले दक उन दनयमों कला वण्मन दकयला जलाए हमलारे दलए यह जलान लेनला आवशयक है दक मनुषय की प्रथम भलाषला से उतपन्न होने वलाली संसलार की दवदभन्न भलाषलाओं को भलाषला दवज्लान के दवद्लानों ने दवदभन्न भलागों में ्बलाटला है। मैकस मूलर िथला अनय भलाषला दविो ने संसलार की समसि भलाषलाओं को दनमनदलदखि समूहों में ्बलांटला है-:1. इंिपो ्यूरपोपी्यन अथवा आममेन भा्ाएं- इस समूह कला दनधला्मरण इस ्बलाि पर है दक आरंदभक मनुषय की शुरुआि ्बला्बुल और इसके आसपलास के के्त्र में हुई। मनुषयों कला एक भलाग ककु् कलारणों की वजह से उत्तर की ओर चलला गयला। इस पललायन के कलारण यूनलानी िथला ललादिनी भलाषलाएं और दफर इन िोनों के फैल जलाने के फलसवरूप िूसरी यूरोपीयन भलाषलाएं अजसितव में आई। िूसरला भलाग अपने पुरलाने िेश ्बला्बुल से िदक्ण पूव्म की ओर चलला आयला िथला उनक ेइस पललायन के कलारण फ़लारसी िथला इसकी दवदभन्न शलाखें सनि और अोसिला, पेहलवी िथला नई फलारसी और संसककृि िथला इसी से उतपन्न हुई दवदभन्न भलाषलाएं अजसितव में आई। यह ग्रुप भी आगे 8 ग्रुपों में दवभलादजि दकयला गयला है दहंिुसिलान दक अदधकिर भलाषलाएं इसी ग्रुप से सं्बंध रखिी हैं।1. सामी भा्ाएं- ्बनू सलाम रोम के समंिर के सदहली के्त्रों, भलारि के द्ीप के चलारों ओर में हुई उनकी वलासिदवक भलाषला दवदभन्न रूपों में पररवदि्मि होकर िीन सथलाई भलाषलाओं में दवभलादजि हो गई।2. हामी भा्ाएं- इस ग्रुप में पुरलानी दमस्ी, क्बिी, दसयला्मनी,उत्तरी अफ्ीकला की दवदभन्न पुरलानी भलाषलाएं हैं िथला पूवमी अफ्ीकला की भलाषलाएं सजममदलि हैं।3. तूरानी भा्ाएं- इस समूह में ककु् शबिकोश के दवद्लानों के दनकट एदशयन िथला यूरोपीय भलाषलाओं कला वह भलाग सजममदलि है जो उपरोक्त िीनों से पृथक है इसी में िुकमी, मंगोदलयन, चीनी, दिब्बिी, जलापलानी, सयलामी इतयलादि भलाषलाएं सजममदलि हैं।भलाषलाओं के उपरोक्त समूहों में से 2 भलाषलाओं के ्बलारे में अनय भलाषलाओं से अदधक शजक्तशलाली िक्क िथला गवलादहयों के सलाथ िलावला दकयला जलािला है दक वह उममूल अलसीनला अथला्मि समसि भलाषलाओं की मलंा हैं। (शेष......) (दमशकलाि दसिम्बर 2010 ई०)

  • रलाह-ए-ईमलान दिसम्बर 2018 - 16

    क्बषिला(भलाग - 3)

    (अनुवलािक- सययि मुदहयुद्ीन फ़रीि M.A.)

    हिरत इमाम हुसैन रिी अल्ाह का कूफा के रलए रवाना हपोना।मुजसलम ज्ब कफूफला आए थे िो यहलां के रहने वलालों ने सवलागि दकयला थला और अठलारह हिलार कफूफला के रहने वलालों ने हिरि हुसैन रजी़ अल्लाह की दख़ललाफि और उनकी दहमलायि में जंग करने पर ्बैअि की थी। मुजसलम ने अपनी दगरफिलारी से पहले उन िलादहरी हलाललाि को िेखकर हिरि हुसैन को दलख भेजला थला दक सलारला शहर आपकी प्रिीक्ला कर रहला है िुरंि चले आए। हिरि हुसैन ने यह ख़ि पलाकर सफ़र की िैयलारीयलंा आरंभ कर िी। ज्ब आपकी िैयलाररयों की ख़्बर प्रदसद् हुई िो समसि प्रेम करने वलालों ने आप को रोकने की कोदशश की और कहला दक उन लोगों ने पहले हिरि अली रदि अल्लाह से गद्लारी की और दफर आपके भलाई के सलाथ जो वयवहलार दकयला वह आपके सलामने हैं अनयथला वहलंा हलादकम भी शलाम कला ही है उन रोकने वलालों में उमर द्बन अबिुल रहमलान, हिरि अबिुल्लाह द्बन अब्बलास, हिरि अबिुल्लाह द्बन ज़ु्बैर, हिरि अबिुल्ला द्बन उमर रदि अल्लाह शलादमल थे। आपने फ़रमलायला यदि मैं हरम से एक ्बलादलशि भी ्बलाहर क़तल दकयला जलाऊरं िो वह मुझे हरम में क़तल होने से जयलािला पसंि है और दकसी िरह हरम में रहने पर िैयलार न हुए । आपने सफ़र आरंभ दकयला और ज्ब सफलाह पहुंचे जहलां दफरिोक शलायर दमलला आपने उससे इरलाकक़के हलाललाि पू्े। उसने कहला आपने एक जलानकलार वयजक्त से हलाल पू्ला है। लोगों के दिल आपके सलाथ है लेदकन(्बलाह् रूप से) ्बनी उमययला के सलाथ हैं।

    हिरत अबदुल्ा र्बन जाफ़र का ख़तरलासिे में अबिुल्ला द्बन जलाफ़र कला ख़ि दमलला दक मैं ख़ुिला की कसम दिललािला हं ख़ि दमलिे ही िुरंि लोट जलाइए मुझे डर है दक आप जहलां जला रहे हैं वहलां आप की मृतयु और आपके ्बैअि करने वलालों की ्ब्बला्मिी है और उम्र द्बन सईि ने मककला के हलादकम से अमन िेने कला ख़ि भी दलखवलायला। पढ़कर फ़रमलायला मैंने सवपन में रसूलल्लाह सल्ल्लाहो अलेदह वसल्म को िेखला है। उसमें आपने मुझे एक आिेश दियला है मैं उस आिेश को पूरला करूरंगला चलाहे उसकला पररणलाम मेरी इच्ला के अनुसलार दनकले यला दवरुद्। अबिुल्ला और यहयला ने पू्ला कयला सवपन थला । फ़रमलायला मैंने उसे न दकसी से ्बयलान दकयला है और न मरिे िम िक ्बयलान करूरंगला।

  • रलाह-ए-ईमलान दिसम्बर 2018 -17

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    Urdu Chowk, Tarapur, Munger, Bihar 813221

    मुससलम र्बन अकील की शहादत की सूचना रमलना।आपके आने की ख़्बर सुनकर इ्बने ियलाि ने कलािदसयला से लेकर ख़फफलान, ककुिककुिलानला और ज्बले ललाल िक सवलाररयों कला िलांिला ्बलांध दियला िलादक ्बैअि करने वलालों के कलादफले की समय-समय की ख्बरें दमलिी रहें। हिरि इमलाम हुसैन ने केयस द्बन मुसहर सीिलािी को अपने आने की सूचनला कला �