राह-ए-ईमान जनवरी€¦ · समपलादक...

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जनवरी 2019 ई० अह के अतिरर कोई उपसन के योगय नह मुहमद अह के रसूल ह। Vol -21 Issue - 01 राह-ए-ईमान न और कम क इसलमी दपण प वयवहर के तलए पि :- समपदक रह-ए-ईमन, मजलस मुल अहमतदय भरि, क़तदयन - 143516 तिल गुरदसपुर, पंजब। Editor Rah-e-Iman, Majlis Khuddamul Ahmadiyya Bharat, Qadian - 143516, Distt. Gurdaspur (Pb.) Fax No. 01872 - 220139, Email : [email protected] Printed & Published by Shoaib Ahmad M.A. and owned by Majlis Khuddamul Ahmadiyya Bharat Qadian and Printed at Fazle Umar Printing Press, Harchowal Road, Qadian Distt. Gurdaspur 143516, Punjab, INDIA and Published at Office Majlis Khuddamul Ahmadiyya Bharat, P.O. Qadian, Distt. Gurdaspour 143516 Punjab iNDIA. Editor Farhat Ahmad 1. पतव रआन .............................................................. 2 2. हदीस शरीफ़ ................................................................ 2 3. हिरि मसीह मौऊद अलैतहसलम की अमृिवण.................... 3 4. हनी ख़ियन.............................................................4 5. समपदकीय...................................................................6 6. सरंश तब जुमअ 25-01-2019.......................................8 7. अरबी भष क संसकि भष पर भव............................12 8. कबल......................................................................16 9. दीनी मलूमि..............................................................18 10. तसलतसल अहमतदय (तजलद-1).......................................22 11. तमक़िुल यक़ीन फी हयिे नूीन...................................25 12. वह तजस पे रि तसिरे तलए उिरिी है...............................28 13. फमूदि हिरि मुसलेह मौऊद रति......................................30 14. समनय ...............................................................32 वारक मूल: 150 पए रव सूची लेखक के तवचर से अहमतदय मुजसलम जमअि क सहमि होन िरी नह समपादक फ़रहत अहमद (आचा) XXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX उप समपादक मुहमद नसील हक़ आचय सययद मुतहयुीन फ़रीद M.A. इबनुल महदी लईक M.A. कमपरिंग टाइप सेरटंग नतदय परवेि अमिुल करीम नययर टाइटल रििाइन आर महमूद अबदुह मैनेजर अिहर अहमद शमीम M.A. कााल भार सययद हररस अहमद अनीस अहमद असलम

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  • जनवरी2019 ई०

    अल्लाह के अतिररक्त कोई उपलासनला के योगय नहीं मुहममद अल्लाह के रसूल हैं।

    Vol -21 Issue - 01 राह-ए-ईमान

    ज्लान और कम्म कला इसललामी दप्मण

    पत्र वयवहलार के तलए पिला :-समपलादक रलाह-ए-ईमलान, मज्लस ख़ुद्लामुल अहमतदयला भलारि,क़लातदयलान - 143516 तिलला गुरदलासपुर, पंजलाब।Editor Rah-e-Iman, Majlis Khuddamul Ahmadiyya Bharat,Qadian - 143516, Distt. Gurdaspur (Pb.)Fax No. 01872 - 220139, Email : [email protected]

    Printed & Published by Shoaib Ahmad M.A. and owned by Majlis Khuddamul Ahmadiyya Bharat Qadian and Printed at Fazle Umar Printing Press, Harchowal Road, Qadian Distt. Gurdaspur 143516, Punjab, INDIA and Published at Office Majlis Khuddamul

    Ahmadiyya Bharat, P.O. Qadian, Distt. Gurdaspour 143516 Punjab iNDIA. Editor Farhat Ahmad

    1. पतवत्र क़ुरआन .............................................................. 22. हदीस शरीफ़ ................................................................ 23. हिरि मसीह मौऊद अलैतहससललाम की अमृिवलाणी .................... 34. रूहलानी ख़िलायन.............................................................45. समपलादकीय...................................................................66. सलारलांश ख़ुतबबः जुमअबः 25-01-2019.......................................87. अरबी भलाषला कला संसककृि भलाषला पर प्रभलाव............................128. कब्मलला......................................................................169. दीनी मलालूमलाि..............................................................1810. तसलतसलला अहमतदयला (तजलद-1).......................................2211. तमक़ला्मिुल यक़ीन फी हयलािे नूरुद्ीन...................................2512. वह तजस पे रलाि तसिलारे तलए उिरिी है...............................28 13. फमू्मदलाि हिरि मुसलेह मौऊदरति॰......................................3014. सलामलानय ज्लान...............................................................32

    वार्षिक मूल्य: 150 रुपए

    रव््य सूची

    लेखकों के तवचलार से अहमतदयला मुजसलम जमलाअि कला सहमि होनला िरूरी नहीं

    समपादकफ़रहत अहमद (आचा्यषि)

    XXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX

    उप समपादकमुहममद नसीरुल हक़ आचलाय्मसययद मुतहयुद्ीन फ़रीद M.A.

    इबनुल महदी लईक M.A.कमपपोरिंग टाइप सेरटंग

    नलातदयला परवेिलाअमिुल करीम नययरबः

    टाइटल रििाइनआर महमूद अबदुल्लाह

    मैनेजरअिहर अहमद शमीम M.A.

    का्याषिल्य प्रभारसययद हलाररस अहमद

    अनीस अहमद असलम

  • रलाह-ए-ईमलान जनवरी 2019 - 2

    परवत्र क़ुरआन(अल्लाह िआलला के कथन)

    हे वे लोगो जो ईमलान ललाए हो! अल्लाह और उसके रसूल से खयलानि न करो अनयथला इसके फलसवरूप िुम सवयं अपनी अमलानिों से खयलानि करने लगोगे जबतक िुम इस खयलानि को जलानिे होगे। और जलान लो तक िुमहलारे धन दौलि और िुमहलारी संिलान केवल एक परीक्ला सवरूप हैं और यह भी तक अल्लाह के पलास एक बहुि बडला प्रतिफल है। हे वे लोगो! जो ईमलान ललाए हो यतद िुम अल्लाह से डरो िो वह िुमहलारे तलए एक तवशेष तचनह बनला देगला और िुमसे िुमहलारी बुरलाइयलां दूर कर देगला और िुमहें क्मला प्रदलान करेगला और अल्लाह अपलार ककृपला कला सवलामी है। (सूरबः अल-अनफ़लाल- 28-30)

    परवत्र हदीस(हिरि मुहममद सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म के कथन)

    1- हिरि अम्र तबन शुएब रति० अपने बलाप से ररवलायि करिे हैं तक आंहिरि सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म ने फ़रमलायला- अल्लाह िआलला को यह बलाि पसंद है तक वह अपने फिल और अपनी नेमि कला प्रभलाव अपने बंदे पर देखे अथला्मि खुशहलाली कला इिहलार और िौफ़ीक़ के अनुसलार अच्ला तलबलास और अच्ला रहन-सहन अल्लाह िआलला को पसंद है शि्म यह है तक उसमें िक अहंकलार और फज़ूल ख़चची कला पहलू न हो। (तिरतमिी तकिलाबुल अदब)2- हिरि अबू हुरैरला रति० बयलान करिे हैं तक आंहिरि सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म ने फ़रमलायला- उसकी ओर देखो जो िुमसे कम दजला्म कला है कम वसलाइल वलालला है लेतकन उस वयजक्त की िरफ न देखो जो िुम से ऊपर और अच्ी हलालि में है, यह भी शुक्र कला एक अंदलाि ह।ै (बुख़लारी तकिलाबुरररिक़लाक़)

  • रलाह-ए-ईमलान जनवरी 2019 -3

    प्रपोफ़ेसर रेग के हिरत मसीह मौऊद अलैरहससलाम से रकए गए कुछ प्रशनों के उत्तर (18 मई 1908 बाद

    नमाि ज़ुहर, स्ान लाहौर)प्रशन- आपकला कयला अक़ीदला है ख़ुदला सीतमि है यला यह तक हर जगह उपजसथि है और उसमें कोई शज्सयि यला भलावनलाएं पलाई जलािी हैं?उत्तर- हम ख़ुदला िआलला को सीतमि नहीं समझिे और न ही ख़ुदला सीतमि

    हो सकिला है, हम ख़ुदला िआलला के बलारे में यह जलानिे हैं तक जैसला वह आसमलान पर है वैसला ही िमीन पर भी है उसके दो प्रकलार के संबंध पलाए जलािे हैं एक सलामलानय संबंध जो सलामलानय सृजटि के सलाथ है और एक दूसरला तवशेष संबंध जो उन तवशेष बनदों के सलाथ होिला है जो अपने आप को पतवत्र करके उसकी मोहबबि में िरककी करिे हैं िब वह उनसे ऐसला तनकट हो जलािला है जैसला तक उनके अंदर ही से बोलिला है। यह उसमें एक अजीब बलाि है तक बलावजूद दूर होने के तनकट है और बलावजूद तनकट होने के वह दूर है। वह बहुि ही करीब है मगर तफर भी नहीं कह सकिे तक तजस िरह एक शरीर दूसरे शरीर से तनकट होिला है। और वह सबसे ऊपर है मगर नहीं कह सकिे तक उसके नीचे कोई चीि भी है वह सब चीिों से अतधक िलातहर है मगर तफर भी वह सूक्म से सूक्म है। इंसलान तजिनी सच्ी पतवत्रिला प्रलाप्त करिला है उिनी ही उसके अजसितव पर उसको सूचनला होिी है। फ़रमलायला- भलावनलाओं से अतभप्रलाय संभविबः उनकला यह है तक ख़ुदला िआलला ने इंसलान के तिममे में शरीयि कला बोझ कयों डलाल रखला है और हरलाम और हललाल की पलाबंदी में उसे कयों कैद कर रखला है। अिबः जलाननला चलातहए तक असल बलाि यह है तक ख़ुदला िआलला अतयंि पतवत्र है वह अपनी पतवत्रिला के कलारण नलापलाकी को पसंद नहीं करिला और चूंतक वह रहीम और करीम है इसतलए नहीं चलाहिला तक इंसलान ऐसे मलागगों पर चले तजनमें उसकी िबलाही हो। अिबः यह उसकी भलावनलाएं हैं तजनके आधलार पर धम्म कला तसलतसलला जलारी है अब उनकला नलाम चलाहे आप कु् ही रख लो।प्रशन- कयला ख़ुदला कोई शक्ल है? उत्तर- जब वह सीतमि ही नहीं िो शक्ल कैसी ? (मलफफूिलाि तजलद 5, पृष्ठ 571-572)

    हिरत मसीह मौऊद अलैरहससलामकी अमृतवाणी

  • रलाह-ए-ईमलान जनवरी 2019 - 4

    हिरत रमिाषि ग़ुलाम अहमद सारहब क़ारद्यानी मसीह मौऊद फ़रमाते हैं :-......मैंने सुनला है तक िुम में से कु् हदीस को तबलकुल नहीं मलानिे। यतद वे ऐसला करिे हैं

    िो यह उनकी बहुि भूल है। मैंने यह तशक्ला नहीं दी तक ऐसला करो, अतपिु मेरला दृजटिकोण यह है तक िीन चीिें हैं तजनहें ख़ुदला ने िुमहलारे पथ-प्रदश्मन हेिु तदयला है। सव्म प्रथम★ क़ुआ्मन है तजसमें ख़ुदला कला एकेश्वरवलाद कला तसदलांि, प्रतिष्ठला और गररमला कला वण्मन है। तजसमें उन तववलादों के सनदभ्म में नयलाय तकयला गयला है जो यहूदी और ईसलाइयों में थे। जैसला तक यह तववलाद और दोष तक ईसला इबने मरयम सलीब द्लारला मलारला गयला और वह ललानिी हुआ और अनय नतबयों की भलांति उसे मुजक्त नहीं तमली उसे आधयलाजतमक श्ेष्ठिला प्रलाप्त नहीं हुई। इसी प्रकलार क़ुआ्मन कदलातप आज्ला नहीं देिला तक ख़ुदला के अतिररक्त अनय तकसी की उपलासनला की जलाए, न मनुषय की, न जलानवर की, न सूय्म की न चनद्रमला की न तकसी नक्त्र की न भौतिक सलाधनों की और न सवयं की। अिबः िुम सलावधलान रहो। ख़ुदला की तशक्ला और क़ुआ्मन के पथ-प्रदश्मन के तवपरीि एक पग भी न उठलाओ। मैं िुमहें सच-सच कहिला हूं तक जो मनुषय क़ुआ्मन के सलाि सौ आदेशों में से एक ्ोटे से आदेश को भी टलालिला है वह मुजक्त द्लार को सवयं अपने तलए बंद करिला है। वलासितवक और पूण्म मुजक्त के मलाग्म क़ुआ्मन ने प्रदतश्मि तकए, शेष सभी उसकी िुलनला में ्लायला मलात्र थे। अिबः िुम क़ुआ्मन कला पूरी सिक्किला से अधययन करो और उससे अतयतधक प्रेम करो, ऐसला प्रेम जो िुम ने तकसी से न तकयला हो। कयोंतक जैसला ख़ुदला ने मुझे संबोतधि करिे हुए फ़रमलायला- ُقــْرٰاِن

    ْٗ ِف ال َخــْرُ ُکّلُ

    ْ तक समसि اَل

    प्रकलार की भललाइयलां क़ुआ्मन में हैं। यही बलाि सतय है। खेद है उन लोगों पर जो तकसी अनय वसिु

    रूहानी ख़िा्यन'रिक्ा' (पुसतक 'कशती नूह' से उद्ृत)

    (अहमतदयि की तशक्लाओं कला सलारलांश)

    ★हारि्या :-पथ प्रदश्मन कला दूसरला स्ोि सुन्नि है, अथला्मत् वे पतवत्र आदेश जो हिरि मुहममद स.अ.व. ने अपने कलायगों से तक्रयलातमक रूप में प्रसिुि तकये। उदलाहरणलाथ्म नमलाि पढ़कर तदखललाई तक नमलाि यों पढ़नी चलातहए। रोिला (उपवलास) रखकर तदखलायला तक इस प्रकलार रखला जलाए। इसकला नलाम सुन्नि है, अथला्मत् पैग़मबर मुहममद स.अ.व. के वे ककृतय जो ख़ुदला के आदेशलानुसलार उनहोंने करके तदखलाए। सुन्नि इसी कला नलाम है। पथ प्रदश्मन कला िीसरला स्ोि हदीस है। आपके पश्लाि आपकी वलाणी और कथनों को एकत्र तकयला गयला। हदीस कला दजला्म क़ुआ्मन और सुन्नि से कम है कयोंतक बहुि सलारी हदीसें कलालपतनक हैं, पर यतद उनकला प्रमलाण सुन्नि से तमले िो वह तवश्वलास योगय हो जलाएगी।

  • रलाह-ए-ईमलान जनवरी 2019 -5

    को उस पर प्रलाथतमकिला देिे हैं। िुमहलारी समपूण्म सफलिला और मुजक्त कला स्ोि क़ुआ्मन में तनतहि है। िुमहलारी कोई भी धलातम्मक आवशयकिला ऐसी नहीं तजसकला समलाधलान क़ुआ्मन में न हो। प्रलय के तदन िुमहलारे ईमलान के सच्े यला झूठे होने की कसौटी क़ुआ्मन है। आकलाश के नीचे क़ुआ्मन के अतिररक्त और कोई पुसिक नहीं जो तकसी अनय पर तनभ्मर हुए तबनला िुमहलारला पथ-प्रदश्मन कर सके। ख़ुदला ने िुम पर आपलार ककृपला की है जो क़ुआ्मन जैसी पुसिक िुमहें प्रदलान की। मैं िुमहें सच-सच कहिला हूं तक वह पुसिक जो िुमहलारे सममुख पढ़ी गई यतद ईसलाइयों के सममुख पढ़ी जलािी िो वे िबलाह न होिे। यह उपकलार और पथ-प्रदश्मन जो िुमहें उपलबध तकयला गयला यतद (िौरलाि) को ्ोड कर यहूतदयों को उपलबध करलायला जलािला िो उनके कु् समूह प्रलय कला इंकलार न करिे। अिबः इस उपकलार के महत्व को समझो जो िुमहलारे सलाथ तकयला गयला। यह अति उत्तम उपकलार है यह अपलार सपंतत्त है। यतद क़ुआ्मन न आिला िो समसि ससंलार एक अपतवत्र और िचु् लोथडे की भलातंि थला। क़ुआ्मन वह पसुिक है तजसके समक् सभी पथ-प्रदश्मन िचु् हैं। इंजील को ललान े वलालला रुहुलक़ुदुस (फररशिला) कबिूर के रूप में प्रकट हुआ थला जो एक तनब्मल और कमिोर पक्ी है तजस े तबल्ी भी दबोच सकिी है। इसतलए तदन प्रतितदन कमिोरी के गढ़े में तगरि ेगए और उनमें आधयलाजतमकिला शषे न रही कयोंतक उनके ईमलान कला समसि आधलार कबिूर पर थला। परनि ुक़ुआ्मन कला रुहुलक़ुदसु उस शे्ष्ठिम रूप में प्रकट हुआ थला तजसन ेधरिी स ेलकेर आकलाश िक को अपने अजसितव स ेभर तदयला। कहला ंवह तनब्मल कबिूर और कहला ंयह अद्िु और अलौतकक प्रकलाश तजस कला तववरण क़ुआ्मन में भी है। क़ुआ्मन एक सप्तलाह में मनुषय को पतवत्र कर सकिला है यतद िमु सवय ंउसस ेदरू न भलागो। क़ुआ्मन के अतिररक्त तकसी अनय पुसिक ने प्रलारमभ में ही अपन ेअधययन किला्मओं को यह प्रलाथ्मनला नहीं तसखलाई और न ही यह आशला तदललाई तक-

    (सूरह फ़लातिहला 6-7) ْیَْن أَنَْعْمَت َعلَْیِھ ِ اَط اّلَ َ - ِصر

    َُمْسَتِقْیم

    ْاَط ال

    َر ِاْھِدنَا الّصِ

    अथला्मत् हमें अपनी उन नमेिों कला मलाग्म तदखला जो हमस े पवू्म लोगों को तदखलायला गयला, जो नबी, तसद्ीक़, शहीद और सलातलह थ।े अिबः अपन े सलाहस को दृढ़ करो और क़ुआ्मन के तनमनत्रण की अवहेलनला मि करो तक वह िमुहें वे पुरसकलार दनेला चलाहिला है जो िमु स े पूव्म लोगों को तदए थ।े कयला उसन ेिमुहें बनी इस्लाईल कला दशे और बिैलु मकुद्स प्रदलान नहीं तकयला जो आज िक िमुहलारे अतधकलार में है। अिबः हे तनब्मल आसथला और तनब्मल सलाहस रखन ेवलालो! कयला िमुहलारला यह तवचलार है तक िमुहलारे ख़ुदला न ेभौतिक रूप में िो बनी इस्लाईल की समसि सपंतत्तयों कला उत्तरलातधकलारी बनला तदयला परनि ुआधयलाजतमक रूप में िमुहें उत्तरलातधकलारी न बनला सकला, जब तक ख़ुदला की इच्ला है तक उनकी अपके्ला िमुहें अतधक ललाभ पहंुचलाए। ख़ुदला न ेिमुहें उनके भौतिक और आधयलाजतमक सलाधनों और धन सपंतत्त कला उत्तरलातधकलारी बनलायला, पर िमुहलारला उत्तरलातधकलारी कोई अनय न होगला यहलंा िक तक प्रलय आ जलाए। (शषे.........)

  • रलाह-ए-ईमलान जनवरी 2019 - 6

    अरंतम िमान ेमें जपो रहदा्यत त्ा गमुराही का अन्तम ्यदु् है....समपादकी्य

    समय के सलाथ-सलाथ कैस ेधमगों की दशला तबगड जलािी है और कयों तकसी नए धम्म की सथलापनला की आवशयकिला पडिी है और कयों ख़ुदला िआलला अपन ेअविलारों और रसलूों और वतलयों को ससंलार में भजेिला है इस बलारे में हिरि तमिला्म ग़ुललाम अहमद सलातहब क़लातदयलानी मसीह मौऊद अलैतहससललाम अपनी पुसिक लेक्चर तसयलालकोट में तलखिे हैं:- "दतुनयला के धमगों पर यतद दृजटि डलाली जलाए िो मलालमू होगला तक इसललाम के अतिररक्त प्रतयके धम्म अपन ेअनदर कोई न कोई ग़लिी (त्रतुट) रखिला है। यह इसतलए नहीं तक वलासिव में व ेसलारे धम्म प्रलारंभ स ेही झठेू हैं बजलक इसतलए तक इसललाम के प्रकट होन ेके पश्लात् ख़ुदला ने इन धमगों कला समथ्मन ्ोड तदयला और सफ़लाई के तलए कोई प्रबनध नहीं तकयला, इसतलए धीरे-धीरे उनमें त्रतुटयला ंपदैला हो गईं। सलारे फलदलार वृक् सूख गए िथला उनके सथलान पर कलँाटे और ख़रलाब जडी बूतटयला ँ पदैला हो गईं िथला अधयलाजतमकिला जो धम्म की जड होिी है, वह तबलकुल जलािी रही िथला केवल शषुक शबद हलाथ में रह गए, परनि ुख़ुदला न ेइसललाम के सलाथ ऐसला न तकयला। कयोंतक वह चलाहिला थला तक यह बलाग़ सदला हरला भरला रहे, इसतलए उसन े प्रतयके शिलाबदी में इस बलाग़ की नए तसरे स े तसचँलाई की िथला उसको शषुक होने स ेबचलायला। यद्यतप हर शिलाबदी के सर पर जब कभी ख़ुदला कला कोई बनदला इसललाह (सधुलार) के तलए तनयकु्त हुआ, मूख्म लोग उस कला मक़ुलाबलला करिे रहे। उनको यह बहुि अतधक अतप्रय लगला तक तकसी ऐसी त्रतुट कला सधुलार हो जो उनकी रीति िथला सवभलाव में दलातख़ल हो चकुी है। परनि ुख़ुदला िआलला ने अपनी सनु्नि (पदति) को न ्ोडला। यहलँा िक तक अतंिम िमलाने में जो तहदलायि िथला गमुरलाही कला अजनिम यदु है, ख़ुदला न े चौदहवीं शिलाबदी िथला अजनिम सहसत्रलाबदी के आरमभ पर मसुलमलानों को ग़फ़लि (बख़ेबरी) में पलाकर तफर अपन ेवचन को यलाद तकयला िथला इसललाम धम्म कला नवीकरण तकयला परनि ु दसूरे धमगों को हमलारे नबी सल्ल्लाहो अलैतह वसल्म के पश्लाि यह ि्दीद (नवीकरण) कभी प्रलाप्त न हुई। इसतलए वे सब धम्म मर गए। उनमें रूहलातनयि बलाकी न रही िथला बहुि सी त्रतुटयलां उनमें ऐसी जम गईं तक जसै ेबहुि प्रयोग तकये गए कपडे पर तजस ेकभी धोयला न गयला हो, मलै जम जलािी है िथला ऐसे इनसलानों न े तजनको रूहलातनयि से कु् तहससला न थला िथला तजनके नफ़स े- अममलारबः (वह मलानतसक शजक्त जो कलाम वलासनला को उभलारिी रहिी है) तसफ़ली तिनदगी (तनककृटि िथला घतटयला जीवन) की गनदतगयों स ेपतवत्र न थ ेअपनी वलासनलाओं के अनसुलार इन धमगों में अनुतचि हसिके्प कर

  • रलाह-ए-ईमलान जनवरी 2019 -7

    के उनकी ऐसी सरूि तबगलाड दी तक अब व े कु् और ही चीि हैं। उदलाहरण के रूप में ईसलाई धम्म को दखेो तक वह आरमभ में कैस ेपतवत्र तसदलानिों पर आधलाररि थला िथला तजस तशक्ला को हिरि मसीह अलतैहससललाम न ेप्रसिुि कयला थला वह तशक्ला क़ुआ्मनी तशक्ला के समक् अपूण्म थी कयोंतक अभी पणू्म तशक्ला कला समय नहीं आयला थला िथला कमिोर क्मिलाएँ इस योगय भी नहीं थी । तफर भी वह तशक्ला अपने समय के अनरुूप बहुि ही उत्तम तशक्ला थी। वह उसी ख़ुदला की ओर रलाहनुमलाई करिी थी तजसकी ओर िौरलाि न े रलाहनमुलाई की परनि ु हिरि मसीह अलतैहससललाम के पश्लात् ईसलाईयों कला ख़ुदला एक दसूरला ख़ुदला हो गयला तजस कला िौरलाि की तशक्लाओं में कु् भी उल्खे नहीं और न ही बनीइस्लाईल को उसकी कु् जलानकलारी है। इस नए ख़ुदला पर ईमलान ललान ेस ेिौरलाि कला पूरला तसलतसलला उलट गयला िथला गनुलाहों (पलापों) स ेवलासितवक मजुक्त और पतवत्रिला प्रलाप्त करन ेके तलए जो तनददेश िौरलाि में थ ेवह सब उलट-पलट हो गईं िथला गनुलाह से पतवत्र होन े पर सलारला आधलार इस बलाि को मलानन े पर हो गयला तक हिरि मसीह न ेससंलार को मजुक्त दने े के तलए सवय ंसलीब को सवीकलारला और वह ख़ुदला ही थे िथला इिनला ही नहीं बजलक िौरलाि के अनय कई सथलायी आदशे िोड तदए गए िथला ईसलाई धम्म में एक ऐसला पररवि्मन घतटि हुआ तक यतद हिरि मसीह अलतैहससललाम सवय ंभी दोबलारला प्रकट हो जलाए ं िो वह इस धम्म को पहचलान सकें । बडी हैरलानी की बलाि है तक तजन लोगों को िौरलाि की पलाबनदी कला सखिी स ेआदशे थला उनहोंन ेअचलानक िौरलाि के तनददेशों को ्ोड तदयला। उदलाहरण के तलए इंजील में कहीं तनददेश नहीं तक िौरलाि में िो सअुर हरलाम है और मैं ख़तनबः के तनददेश को समलाप्त करिला हूूँ। तफर कब उतचि थला तक जो बलािें हिरि ईस, अलतैहससललाम के मूहँ स ेनहीं तनकलीं वे धम्म में सजममतलि कर ली जलाए।ं परनि ुकयोंतक आवशयक थला तक ख़ुदला एक तवश्ववयलापी धम्म अथला्मत् इसललाम को दुतनयला में सथलातपि करे, इसतलए मसीही धम्म कला तबगडनला इसललाम के प्रकट होने के तलए एक तनशलान के रूप में थला। यह बलाि भी प्रमलातणि है तक इसललाम के आन ेस ेपहल ेतहनद ुधम्म भी तबगड चकुला थला िथला सलारे भलारि में सलाधलारणियला मतूि्म-पूजला प्रचतलि हो चकुी थी िथला इसी तबगलाड के यह अब अवशेष तचनह हैं तक वह ख़ुदला जो अपन ेगणुों के प्रयोग में तकसी मलाद्ला (ितव) कला मोहिलाज नहीं। अब आयला्म सलातहबों की दृजटि में वह सजृटि के पदैला करन ेमें अवशय ितव कला मोहिलाज है। इस अशदु आसथला के कलारण उनहें एक दूसरी अशुद आसथला को भी जो तशक्क (अनकेश्वरवलाद) स ेभरला हुआ है मलाननला पडला। अथला्मि यह तक समसि ससंलार कला कण-कण िथला समसि आतमलाए ंअनलातद और पुरलािन हैं।

    (लेक्चर तसयलालकोट पृटि 1-3)★ ★ ★

  • रलाह-ए-ईमलान जनवरी 2019 - 8

    सारांि ख़ुतबबः जुमअबः सÄØÎÙæ ãUÊæÚUÌ ¥×èL¤Ü ×æðç×ÙèÙ ¹$Üè$ȤÌéÜ ×âèãU ¥Ü¹$æç×â ¥ÄØÎãéUËËææãéU Ì¥æÜæ तबनतस्तहल ¥ÊæèÊæ çÎÙæ´·¤ 25.01.2019

    मजसजद बैिुल फुिूह, मलाडरिन, लनदन

    आँहिरि सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म के महलान सिरीय बद्री सहलातबयों ररिवलानुल्ला अलैतहम अजमअीन कला ईमलान वध्मक एवं मनमोहक वण्मन

    िशह्हुद िअववुि िथला सूर: फलातिह: की तिललावि के पश्लात् हुज़ूर-ए-अनवर अययदहुल्लाहु िआलला तबनतस्तहल अिीि ने फ़रमलायला- आज मैं तजन बद्री सहलाबला कला वण्मन करंुगला उनमें से पहलला नलाम हिरि िफैुल तबन हलाररस कला है। हिरि िफैुल तबन हलाररस अपन ेभलाई हिरि उबदैला और हुसनै के सलाथ बद्र के यदु में शतमल हुए इसी प्रकलार आपने ओहद िथला खदंक सतहि समसि यदुों में रसूलुल्लाह सल्ल्लाहु अलतैह वसल्म के सलाथ शलातमल होने कला सौभलागय प्रलाप्त तकयला। उनकला तनधन बत्तीस तहजरी में सत्तर वष्म की आय ुमें हुआ। दूसरे सहलाबी हैं हिरि सलीम तबन उमरू अनसलारी, उनहोंने उकबला में सत्तर आदतमयों के सलाथ बैअि की और बद्र िथला ओहद की लडलाईयों में शलातमल हुए िथला बद्र के युद के अवसर पर उनकी शहलादि हुई।

    तफर तजन सहलाबी कला वण्मन है उनकला नलाम है हिरि सलीम तबन हलाररस अनसलारी। बद्र के युद में शलातमल हुए िथला ओहद के यदु में शहलादि प्रलाप्त की। तफर सलीम तबन मलहलान अनसलारी हैं उनकी मलािला मलीकला सुपुत्री मलातलक थीं। हिरि अनस तबन मलातलक के मलामू जबतक उममे हरलाम िथला उममे सलीम के भलाई थे। हिरि उममे हरलाम हिरि अबलादला तबन सलातमि की पजतन थीं जबतक उममे सलीम हिरि अबू िलहला अनसलारी की पजतन थीं और उनके बेटे हिरि अनस तबन मलातलक रसूलुल्लाह सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म के सेवक थे। उनहोंने बद्र िथला ओहद की लडलाईयों में अपने भलाई हिरि उममे हरलाम तबन मलहलान के सलाथ तशरकि की थी िथला आप दोनों ही बेयर-ए-मौऊनला में शहीद हुए। शत्रु सं्यला में अतधक थे, युद हुआ और रसूलुल्लाह सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म के सहलाबी शहीद कर तदए गए।

  • रलाह-ए-ईमलान जनवरी 2019 -9

    दुशमनों ने हिरि सलीम तबन मलहलान और हकम तबन कसलान को जब घेर तलयला िो उनहोंने कहला तक हे अल्लाह! हमें िेरे अतिररक्त कोई ऐसला नहीं तमलिला जो हमलारला सललाम िेरे रसूल को पहुंचला दे अि: िू ही हमलारला सललाम पहुंंचला। जब रसूलुल्लाह सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म को तजब्रईल ने इसकी सूचनला दी िो आपने फ़रमलायला अलैतहमुससललाम, उन पर सललामिी हो। मुंतज़र तबन उमरू ने उन लोगों से कहला तक यतद िुम चलाहो िो हम िुमहें अमन देंगे तकनिु उनहोंने इंकलार तकयला। वे हिरि हरलाम की शहलादि के सथलान पर आए उन लोगों से युद तकयला यहलाँ िक तक शहीद कर तदए गए। रसूलुल्लाह सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म ने फ़रमलायला तक वे आगे बढ़ गए िलातक मर जलाएँ अथला्मि मौि के सलामने चले गए जबतक वे उसे जलानिे थे। हुज़ूर-ए-अनवर ने फ़रमलायला- बडी बहलादुरी से मुक़लाबलला तकयला दुशमन कला बलावजूद युद की सलामग्ी पूरला होने के और युद के तनश्य से गए भी नहीं थे। हुज़ूर-ए-अनवर ने फ़रमलायला- तफर वण्मन है हिरि सलीम तबन कैस अनसलारी कला। हिरि खौलला सुपुत्री कैस के भलाई थे जो हिरि हमिला की पजतन थीं। आपने बद्र, ओहद िथला खंदक सतहि समसि युदों में रसूलुल्लाह सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म के सलाथ तशरकि की। उनकला तनधन हिरि उसमलान की तख़ललाफ़ि के दौर में हुआ। तफर एक सहलाबी थे हिरि सलातबि तबन सअलबला। हिरि सलातबि सत्तर अनसलार सहलातबयों

    के सलाथ बैअि उकबला तद्त्तीय में शलातमल हुए। बद्र, ओहद, खंदक िथला हुदैतबय: की सजनध और ख़ैबर, फतह मककला और िलाईफ के युदों में शलातमल थे। आपने िलाईफ की लडलाई के तदन ही शहलादि पलाई। तफर एक सहलाबी हैं हिरि समलाक तबन सअद, बद्र में अपने भलाई हिरि बशीर के सलाथ शलातमल हुए और ओहद में भी शलातमल हुए थे उनकला समबंध ख़िरज नलामक कबीले से थला। तफर एक सहलाबी जलातबर तबन अबदुल्लाह तबन यलारब हैं। हिरि जलातबर की गणनला उन ्: अनसलार में की जलािी है जो सबसे पहले मककला में ईमलान ललाए। हिरि जलातबर बद्र और ओहद और खंदक िथला अनय सभी युदों में रसूलुल्लाह सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म के सलाथ शलातमल थे। उकबला की बैअि प्रथम से पहले अनसलार के कु् लोगों की रसूलुल्लाह सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म से मककला में भेंट हुई तजनकी सं्यला ्: थी। वे ्: सहलाबी इस प्रकलार थे, असद तबन िरलारह, औफ तबन हलाररस, रलाफे तबन मलातलक तबन अजललान िथला किबला तबन आतमर तबन हदीदह िथला उकबला तबन आतमर तबन नलाबी और जलातबर तबन अबदुल्लाह तबन यलारब। ये सब लोग मुसलमलान हो गए। आँहिरि सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म से तवदला लेिे समय उनहोंने तनवेदन तकयला तक हमें आपस की लडलाईयों ने बहुि कमिोर कर तदयला है, आपस में बडे मिभेद हैं हमलारे अनदर। हम यसरब में जलाकर अपने भलाईयों में इसललाम की िबलीग़ करेंगे और समभव है तक

  • रलाह-ए-ईमलान जनवरी 2019 - 10

    अल्लाह िआलला आपके सनदेश से िथला हमलारी िबलीग़ के द्लारला हमें तफर एक-जुट कर दे और हममें तफर एकिला हो जलाए िो हर प्रकलार से आपकी सहलायिला करने के तलए िययलार होंगे। हुज़ूर-ए-अनवर ने फ़रमलायला- हिरि मुजनिर तबन उमरू तबन खनीस एक सहलाबी हैं तजनकला वण्मन होगला, उनकी उपलातध थी मुनअक तललमौि अथला्मि आगे बढ़कर मौि को गले लगलाने वलालला। तखिरज नलामक कबीले के बनू सलाअद नलामक वंश में से थे, बैअि उकबला में शरीक हुए थे। आँहिरि सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म ने हिरि मुंतज़र तबन उमरू को िथला हिरि सअद तबन अबलादला को उनके कबीले बनू सलाअदह कला नकीब तनयुक्त फ़रमलायला थला अथला्मि सरदलार तनयुक्त तकयला थला, इतिहलास में आिला है तक जब तजब्रईल अलैतहससललाम ने बेअर-ए-मऊनला के शहीदों के बलारे में सूचनला दी िो आँहिरि सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म ने मुंतज़र तबन उमरू के बलारे में फ़रमलायला आतनक तललमौि अथला्मि हिरि मुंतज़र तबन उमरू ने यह जलानिे हुए तक अब शहलादि ही भलागय में है अपने सलातथयों की भंलाति उसी सथलान पर लडिे हुए शहलादि को कबूल कर तलयला। हिरि मुंतज़र तबन उमरू से उन लोगों ने कहला थला तक यतद िुम चलाहो िो हम िुमहें अमन दे देंगे परनिु हिरि मुंतज़र ने उनकी शरण लेने से इंकलार कर तदयला। हिरि मअबद तबन अबलाद एक सहलाबी थे तजनकला उपनलाम अबू हमीिला थला, आपके तपिला जी थे अबलादला तबन कशीर। उनकला समबंध तखिरज

    नलामक कबीले की शलाखला बनू सलातलम तबन गनीम तबन औफ से थला। बद्र और ओहद की लडलाईयों में शरीक हुए थे। तफर एक सहलाबी हैं हिरि अबी तबन अबी िगबला अनसलारी, उनके तपिला सनलान तबन सबीह थे। आपने हिरि उमर की तखललाफि के दौर में वफलाि पलाई। आपकला समबंध अनसलार के कबीले जहीनला से थला। बद्र, ओहद िथला खंदक सतहि अनय सभी युदों में रसूलुल्लाह सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म के सलाथ शलातमल थे। रसूलुल्लाह सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म ने आपको हिरि तबसतबस तबन उमरू के सलाथ सूचनला ललाने के उद्ेशय से बद्र के युद के अवसर पर अबू सुफयलान के यलात्री दल की ओर भेजला थला। तफर एक सहलाबी हिरि रबीअ तबन अयलास, उनकला समबधं अनसलार के कबील ेतखिरज की शलाखला बन ूलोिलान स ेथला। बद्र के यदु में अपन ेभलाई वकला्म तबन अयलास िथला उमरू तबन अयलास के सलाथ शलातमल हुए, बद्र के यदु में भी आप शलातमल थ।े तफर एक सहलाबी हैं हिरि सअद तबन खौलला, उनकला समबंध बनू कलब के कबीले से थला। आप हिरि हलातिब तबन अबी बलिआ के द्लारला सविंत्र तकए हुए ग़ुललाम थे। हिरि हलातिब तबन बलिआ आपके सलाथ बडे स्ेह और सहलानुभूति के सलाथ वयवहलार करिे थे। आप बद्र िथला ओहद के युदों में शलातमल हुए, बद्र के युद में आपकी शहलादि हुई। तफर एक सहलाबी हैं

  • रलाह-ए-ईमलान जनवरी 2019 -11

    हिरि अबू सनलान तबन मोहतसन उनके वलातलद मोहतसन तबन हरसलान थे। हिरि अबू सनलान तबन मोहतसन हिरि उकलाशला तबन मोहतसन के भलाई थे, बद्र ओहद िथला खंदक के युदों में शलातमल थे, बैअि-ए-ररिवलान में भी आप शलातमल थे। तफर एक सहलाबी हैं हिरि कैस तबन अलतसकन अनसलारी, हिरि कैस के वलातलद कला नलाम तसकन थला। आप बद्र, ओहद, खंदक िथला शेष सभी युदों में रसूलुल्लाह सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म के सलाथ शलातमल हुए। आपकी गणनला उन सहलातबयों में की जलािी है तजनहोंने आँहुज़ूर सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म के िमलाने में कुरआन मजीद जमला तकयला। हिरि कैस की शहलादि तजस् तदवस के अवसर पर हुई। हिरि उमर की तखललाफि के िमलाने में ईरलातनयों के सलाथ युद में फरलाि नलामक दयला्म पर जो पुल िययलार तकयला गयला थला उसी कलारण से उस अतभयलान को तजस् तदवस कहला जलािला है। तफर एक सहलाबी हैं अबुल यसर कअब तबन उमरू, बद्र के युद के अवसर पर आपने हिरि अबबलास को बनदी बनलायला थला। उसके समबंध में आँहुज़ूर सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म ने आपसे फ़रमलायला थला तक तन:सनदेह इसमें िेरी एक फररशिे ने सहलायिला की है। हिरि तमिला्म बशीर अहमद सलाहब सीरि खलािमुननतबययीन में तलखिे हैं तक अबलादला तबन वलीद कहिे हैं तक हम एक बलार आँहिरि सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म के सहलाबी अबू अलयस् को तमले

    उस समय उनके सलाथ एक ग़ुललाम भी थला और हमने देखला तक एक धलारीदलार चलादर और एक यमनी चलादर उनके शरीर पर थी िथला उसी प्रकलार एक धलारीदलार चलादर और एक यमनी चलादर उनके गुललाम के शरीर पर थी। मैंने उनसे कहला तक चचला िुमने ऐसला कयूँ न तकयला तक अपने ग़ुललाम की धलारीदलार चलादर खुद ले लेिे िथला अपनी चलादर उसे दे देिे अथवला उसकी यमनी चलादर सवयं ले लेिे और अपनी धलारीदलार चलादर उसे दे देिे िलातक िुम दोनों के शरीर पर एक एक प्रकलार कला जोडला हो जलािला। हिरि अबुल यस् ने फ़रमलायला तक रसूलुल्लाह सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म फ़रमलािे थे तक अपने गुललामों को वही खलानला तखललाओ जो िुम खुद खलािे हो और वही वसत्र पहनलाओ जो िुम सवयं पहनिे हो। अि: मैं इस बलाि को अतधक तप्रय रखिला हूूँ तक दुतनयला के धन में से अपने गुललाम को बरलाबर कला तहससला दे दूँ इस बलाि की िुलनला में तक क़यलामि के तदन मेरे सवलाब में कोई कमी आए। हुज़ूर-ए-अनवर ने फ़रमलायला- ये लोग थे, तवतचत्र वैभव थला उनकला, तजनहोंने हमें अल्लाह िआलला से वफ़ला के िरीके तसखलाए, अल्लाह िआलला की अप्रसन्निला से बचने के िरीके भी तसखलाए, आँहिरि सल्ल्लाहु अलैतह वसल्म की बलािों को तदल की गहरलाईयों से कबूल करिे हुए समपूण्म आज्ला पलालन के िरीके भी तसखलाए। अल्लाह िआलला उन लोगों के दजदे बुलनद करे।

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  • रलाह-ए-ईमलान जनवरी 2019 - 12

    अरबी भा्ा का संसककृत भा्ा पर प्रभावभाग-2

    लेखक- मुजलातहद अहमद शलासत्री अनुवादक - इबनुल मेहदी लईक M.A

    संसककृत और अरबीअतधकिर भलाषलातवदों ने यह मलाननला शुरू कर तदयला तक मनुषय की प्रथम भलाषला कला अजसितव

    अब समलाप्त हो चुकला है िथला वि्ममलान भलाषलाओं में से तकसी भलाषला को प्रथम भलाषला की उपलातध नहीं दी जला सकिी। मैकस मूलर (1823 ई. से 1900 ई.) ने जब यह तवचलार प्रसिुि तकयला तक संसककृि में मनुषय की प्रथम भलाषला कहललाने के गुण तवद्लान हैं िो इसके समथ्मन में कई तवद्लानों ने अपनला तवचलार बदल तलयला िथला इस प्रयलास में लग गए तक संसककृि भलाषला के प्रथम भलाषला होने के सबूि जुटलाए जलाएँ। यही वह युग थला जब 1835 ई. में हिरि मसीहे मौऊद अलैतहससललाम को अल्लाह िआलला ने वह्ी के द्लारला बिलायला तक अरबी समसि भलाषलाओं की मलाँ है और आप ने इस बलाि को िकगों के सलाथ अपनी पुसिक तमननूररिरहमलान में वतण्मि तकयला। आपने तजन तनयमों कला वण्मन तकयला इनहीं को दृजटिगि रखिे हुए जमलाअि अहमतदययला के भलाषलातवद शेख मुहममद अहमद सलातहब मिहर एडवोकेट ने कलाम तकयला िथला बहुि से िकगों के द्लारला अरबी भलाषला कला प्रथम भलाषला होनला सलातबि तकयला।

    अरबी भा्ा प्र्म भा्ा ्या संसककृत? अब हम इस तवषय के सबसे महतवपूण्म भलाग में प्रवेश कर चुके हैं। अरबी भलाषला प्रथम भलाषला

    है यला संसककृि? इसके समझने के तलए हमें कु् तनयमों को आधलार बनलानला होगला।पहलला तनयम यह है तक हम तवतभन्न भलाषलाओं के शबदों के संबध पर धयलान दें और तवतभन्न

    शबदों के आपसी संबधों को आधलार बनलाकर यह तनण्मय लें के कौन सी भलाषला प्रथम भलाषला है अथला्मत् उममुल अलतसनला है। उदलाहरण के तलए जैसे अरबी भलाषला कला शबद (جھــد) (जहद) से संसककृि शबद युद बनला है इसी प्रकलार अरबी में َســاَس (हकफूमि करनला) से संसककृि शबद शलासक बनला है। शलासक में मूल 'शलास' है 'क' प्रतयय है। तजसकला अथ्म ‘वलालला’ के होिे हैं। जैसला तक ‘पलाठक’ में ‘क’ ‘प्रतयय’ है अथला्मत् पढ़ने वलालला। इस प्रकलार संसककृि भलाषला कला शबद ‘कोश’ वलासिव में अरबी भलाषला क े‘قشــو ‘(टोकरी) से तनकलला है। इस प्रकलार की कई और उदलाहरणें दी जला सकिी हैं।

    परनिु इस तनयम में एक समसयला यह है तक अगर एक भलाषलातवद यह कहिला है तक अरबी

  • रलाह-ए-ईमलान जनवरी 2019 -13

    भलाषला से शबद संसककृि में आए हैं िो दूसरला भलाषलातवद भी यह कह सकिला है तक नहीं भलाई संसककृि भलाषला से शबद अरबी में आए हैं।

    अब प्रशन यह उतपन्न होिला है तक यतद शबदों के आपसी संबध कला तनयम तनणला्मयक नहीं िो तफर कौन सी तवतध है जो अपनलाई जलाए। मेरे तवचलार में हिरि मसीहे मौऊद अलैतहससललाम ने अपनी पुसिक तमननुररिहमलान में िकगों के बलारे में जो वण्मन तकयला है वह इस बलारे में िलातक्कक हो सकिे हैं। इस बलाि को हम इस उदलाहरण से समझ सकिे हैं तक अगर तकसी के पलास 2000 रुपयेे हों और दूसरे के पलास ललाखों रुपयेे हों िो अवशय यही मलाननला होगला तक तजसके पलास ललाखों रुपये हों उस से ही 2000 रुपये वलाले ने रुपयला तलयला होगला परनिु 2000 रुपये की कमलाई करने वलालला वयजक्त यह नहीं कह सकिला तक ललाखों रुपये वलाले ने मुझ से ललाखों रुपये तलए हैं। कयोंतक उसकी कुल पूँजी ही 2000 रुपये है।

    यही बलाि अरबी और संसककृि भलाषला के उममुल अलतसनला होने पर फ़ैसलला कर देिी है। संसककृि भलाषला में कुल 2000 धलािुएं हैं जबतक अरबी भलाषला में धलािुओं की सं्यला हिलारों नहीं अतपिु ललाखों में है। यतद संसककृि वलाले समसि जीवन प्रयलास करके यह तसद भी कर दें तक 2000 धलािुएं संसककृि से अरबी ने ली है िो तफर उनहें बिलानला पढ़ेगला तक बलाकी समसि धलािुएँ अरबी ने कहलाँ से लीं? कयला बौतदक िौर पर यह संभव है तक 2000 धलािुओं वलाली भलाषला से ही ललाखों धलािुओं वलाली भलाषला तनकल आए। अिबः तजस प्रकलार यह बलाि बुतद के तवपरीि है उसी प्रकलार संसककृि से अरबी भलाषला तनकलने कला तवचलार तनरलाधलार िथला िक्कहीन है।

    अरबी भा्ा का संसककृत पर प्रभाव अब जबतक सपटि हो गयला तक समसि भलाषलाओं की मलाँ अरबी भलाषला है िथला अरबी ही वह

    आरंजमभक भलाषला है जो मनुषय को सव्मप्रथम ख़ुदला की ओर से तसखलाई गई। अिबः अब लेख के दूसरे चरण में प्रवेश करिे हैं तक अरबी भलाषला कला प्रभलाव संसककृि पर तकन-तकन िरीक़ों िथला तनयमों से हुआ। कयोंतक यह एक बहुि बडला तवषय है। इसतलए यहलां केवल केनद्रीय तबनदु ही संतक्प्त वतण्मि तकए जला सकिे हैं। इस लेख को हम िीन भलागों में बलांटिे हैं

    (1) अरब त्ा रह्द के पुराने संबंधअथला्मत् यह सलातबि तकयला जलाए तक अरब िथला तहनद के पुरलाने समय से आपसी वयलापलाररक,

    वयवहलाररक, समलातजक संबध सथलातपि थे। इस बलारे में तवद्लानों की प्रतसद पुसिकें हैं (1) सययद

  • रलाह-ए-ईमलान जनवरी 2019 - 14

    सुलेमलान नद्ी सलातहब की पुसिक अरब व तहनद के क़दीम िलाल्ुकलाि (2) ‘सलाथ्म वलाह’ तहनदी भलाषला में प्रकलाशक तबहलार रलाष्ट्र भलाषला पररषद्। इन पुसिकों में उनहोंने अरब िथला तहनद के आपसी संबधों को बहुि कौशलिला से वण्मन तकयला है। अिबः यहलां लेख में इस भलाग पर नहीं तलखला जला रहला है।

    (2) िबदों कपो रमलानादूसरला िरीकला है तक हम अरबी भलाषला के शबदों को संसककृि भलाषला के शबदों से तमललाएं िथला

    जबतक यह सलातबि हो चुकला है तक मलाँ अरबी भलाषला ही है अिबः इस िरीके से तजिने शबदों में समलानिला होगी मलानो वह दूसरे शबदों में बिला रहला होगला तक अरबी भलाषला कला संसककृि पर प्रभलाव हुआ है। इस बलारे में जमलाअि अहमतदयला के प्रकलांड तवद्लान श्ी शेख़ मुहममद अहमद सलातहब ऐडवोकेट मरहूम ने बहुि ही बहुमूलय कलाय्म तकयला है िथला संसलार की तवतभन्न भलाषलाओं की अरबी के सलाथ समलानिला सलातबि की है। और बिलायला है तक अरबी भलाषला ने संसलार की कई भलाषलाओं पर प्रभलाव डलालला है। संसककृि भलाषला से संबतधि उनकी प्रतसद पुसिक Sanskrit Trased to Arabic देखने योगय है।

    (3) अरबी भा्ा त्ा संसककृत भा्ा के रन्यम और रसद्ा्त की आपसी समीक्ा –

    िीसरे भलाग में अरबी भलाषला िथला संसककृि भलाषला के तनयमों िथला तसदलानिों पर चचला्म करके पिला लगलायला जला सकिला है तक संसककृि ने अरबी भलाषला कला कहलां कहलां पर िथला कयला-कयला प्रभलाव सवीकलार तकयला है। इस बलारे में तवसिलार से कोई भी पुसिक तवनीि की दृजटि से नहीं गुिरी। अिबः पलाठकों के तलए कु् आरंजमभक तसदलानिों िथला तनयमों की िुलनला प्रसिुि है।

    इस से पहले तक तसदलानिों िथला तनयमों की िुलनला की जलाए एक और बलाि भी जलान लेनी चलातहए तक शबद ‘संसककृि ‘ ही इस ओर संकेि कर रहला है तक इसमें तवतभन्न अजमी भलाषलाओं की िुलनला में अरबी से अतधक समलानिला है। और इसने अरबी कला प्रभलाव तवतभन्न अजमी भलाषलाओं की िुलनला में अतधक सवीकलार तकयला है। शबद संसककृि कला अथ्म है ‘इकट्ी अथवला सलाफ़ की गई‘ भलाषला। वलासिव में इतिहलास हमें बिलािला है तक तवतभन्न भलाषलाओं के समलान संसककृि भलाषला में भी पररवि्मन िथला बदललाव आ चुकला थला। वेदों में तजस संसककृि कला प्रयोग तकयला गयला थला वह ्ोड दी गई थी। इसके सथलान पर ‘लौतकक संसककृि‘ कला ररवलाज समलानय हो चुकला थला इसतलए पुरलाने समय में संसककृि के कु् तवद्लान जैसे पलातणनी (250 से 350 क.म), पिंजतल इतयलातद ने संसककृि भलाषला के ऐसे तसदलानि

  • रलाह-ए-ईमलान जनवरी 2019 -15

    िथला तनयम बनला तदए तक संसककृि में बलाक़ी अजमी भलाषलाओं की िुलनला में तबगलाड कम हुआ है। और इसकला नलाम ‘सलाफ़ की हुई भलाषला‘ पड गयला। यही कलारण है तक हमें संसककृि भलाषला में अरबी भलाषला के तसदलानि िथला तनयम सपटि तदखलाई देिे हैं। संसककृि भलाषला में अरबी भलाषला की िरह ही सपटििला िथला सरलिला, शबदों की तवशेषिला, संगतठि शबदों को एक शबद से पूरला करनला, तवपरीिलाथ्मक की अतधकिला इतयलातद कई तवशेषिलाएं पलाई जलािी हैं। तवतभन्न अजमी भलाषलाओं की िुलनला में बेशक इसमें तवशेषिलाएं अतधक हैं परनिु अरबी के मुकलाबले में यह गलागर में सलागर भरने के बरलाबर है।

    अब तनमनतलतखि अरबी िथला संसककृि भलाषलाओं के तसदलानिों की आरंजमभक िुलनला प्रसिुि है-

    अरबी1. अरबी भलाषला में कुल 29 अक्र हैं।2. अरबी भलाषला में अक्रों के आचरण पर बहुि धयलान तदयला गयला है।3. वयजंन की सेतटंग अपने भीिर उच्लारण से आवलाि तनकलने कला तनधला्मरण करिी है। जैसे अतलफ़, बे, िे, से, जीम। इन सब अक्रों कला उच्लार अवयव दलांि हैं अथला्मि बोलिे समय जीभ दलांि से टकरलािी है।4. अरबी भलाषला में धलािुओं को सुललासी िथला मिीद फीह भलागों में बलाटलां गयला है। जैसे नसरला, यनसुरो, िरबला, यिरेबो इतयलातद।5. अरबी में फ़ेल को ललातिम और मुिलाअद्ी में बलांटला गयला है।

    6. अरबी में मसदर (धलािु) की गरदलान चलिी है। 7. अरबी के मसदर ललाखों हैं।8. अरबी भलाषला में मसदर से मुशिक़लाि (वह शबद जो दूसरे शबद से तनकलला हो) तनकलिे हैं और

    संसककृतसंसककृि भलाष में कुल 36 अक्र हैं।संसककृि भलाषला में भी अक्रों के उच्लारण पर धयलान तदयला गयला है।संसककृि भलाषला में भी समलानलाथ्मक उच्लारण वलाले शबद वयजंन पर क्रमबद हैं जैसे - क, ख, ग, घ इन समसि शबदों कला उच्लारण अवयव िलालवय है।

    संसककृि भलाषला में भी धलािुओं को दस गणों में बलांटला गयला है। बलाब को संसककृि में गण कहिे हैं। जैसे भुवलादी गण, िुदलातद गण इतयलातदससंककृि में भी फेल ललातिम मिुअद्ी में बलाटंला गयला है, इनके नलाम ससंककृि में आतमनपेदी, परसमपैदी, उभयपदी अथला्मत् वह फ़ेल जो दोनों प्रकलार स ेप्रयोग होिे हैं।संसककृि में भी धलािु के रूप चलिे हैं।संसककृि में केवल 2000 धलािुएं हैं।संसककृि भलाषला में भी तवशेष तनयम बनलाए गए हैं जो तक एक तवशेष अथ्म भी देिे हैं जैसे - पठ्

  • रलाह-ए-ईमलान जनवरी 2019 - 16

    प्रतयेक मुशिक़ अपने अंदर एक पृथक-पृथक अथ्म रखिला है जैसे - फ अ ल इसम फ़लायल कला सीग़ला फलाइल बनला जो तक 'वलालला' के अथ्म देगला अथला्मत् करने वलालला।

    धलािु में जब हम णवुल् व िृच् प्रतयय लगलाएं िो हमेशला इस कला अथ्म 'वलालला' होगला अथला्मत् पढ़ने वलालला। चोरबः वसिुनबः हिला्म अजसि। चोर वसिु कला हरण करने वलालला है।

    जब भलाषला के तसदलानि िथला तनयम एक दूसरे से बहुि समलानिला रखेंगे िो िरूर मलानव समलाज के तवतभन्न मलामले भी एक दूसरे से प्रभलातवि हुए तबनला नहीं रह सकिे। नीचे अरबी भलाषला के संसककृि भलाषला पर होने वलाले प्रभलावों के फ़लसवरूप उतपन्न होने वलाली संसककृति की समलानिला कला एक उदलाहरण प्रसिुि करिे हैं। हम जलानिे हैं तक इसललाम में पलँाच समय नमलाि पढ़नला िरूरी है। नमलाि कला आवशयक भलाग है तक वयजक्त घुटने टेक कर इबलादि करिला है। वेदों में भी कई सथलानों पर घुटने टेक कर इबलादि करने की बलाि आिी है। जैसे ऋतष वतशष्ठ सरसविी नदी के तकनलारे इबलादि करिे िो कहिे ‘मिोगभी नमसयलाहबः‘ (ररगवेद मणडल 7 सूक्त 95 मंिर 4)

    वेदों के सबसे बडे तटपणणीकलार आचलाय्म सलायण इस पर तटपपणी करिे हुए तलखिे हैं तक ‘तमि गभवी प्रलाहीर जलानो भयबः नमसयला नमसकलार‘ अथला्मि ‘तमि गभवी‘ कला अथ्म है तक घुटने टेक कर और नमसय कला अथ्म है नमसकलार (झुकनला)।

    दूसरला उदलाहरण है शबद 'दुआ' अरबी भलाषला में इसकला अथ्म इबलादि करनला, पुकलारनला, इतयलातद प्रतसद है। वेद में इस शबद कला इनहीं अथगों में प्रयोग देतखए 'दधलानला' इनद्र, ईद्, दुआ' (ररगवेद मणडल 1 सूक्त 4 मंिर 5) अथला्मत् यह इनद्र की दुआ है।

    संतक्प्त यह तक अरबी भलाषला ने अपने मलाद्ों कला तवसिलार िथला सव्मवयलापकिला के कलारण संसलार की समसि भलाषलाओं पर गहरला प्रभलाव ्ोडला है िथला अरब कला द्ीप लमबे समय िक संसलार के तवतभन्न प्रभलावों से पतवत्र रहला इस कलारण से अरबी भलाषला में शबद अपनी वलासितवक अवसथला में सुरतक्ि रहे।

    संसककृि भलाषला पर भी अरबी के प्रभलाव प्रतयेक सथलान पर तदखलाई देिे हैं। आवशयकिला है तक इस को और अतधक तवसिलार के सलाथ खोजला जलाए। अरबी के प्रभलाव संसककृि पर सलातबि होने कला एक श्ेष्ठ ललाभ यह होगला तक तहनदू क़ौम िथला मुसलमलानों में एकिला और सहमति कला एक नवीन मलाग्म सथलातपि हो जलाएगला। इनशलाअल्लाह (तमशकलाि तसिमबर 2010 ई०)

  • रलाह-ए-ईमलान जनवरी 2019 -17

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    प्रशन 1 अल्ाह तआला का िाती नाम क्या है? और उससे क्या मुराद (अ्षि) है ?उत्तर - िलािी नलाम “अल्लाह” है। वह िलाि जो िमलाम ख़ूतबयों से पुर और िमलाम ऐबों से

    पलाक है। अल्लाह कला यह नलाम उस के अतिररक्त तकसी के तलए नहीं बोलला जलािला।प्रशन 2 अल्ाह तआला के रकतने रसफ़ाती नाम क़ुआषिन मजीद में ब्यान हुए हैं ?उत्तर - 104 तसफ़लािी नलाम आए हैं। जैसे तक :- अररिहमलान, अररिहीम, अलहययो, अलक़ययूमो

    आतद। (दीबलाचला िफ़सीरुल क़ुआ्मन अि हिरि मुसलेह मौऊद पृष्ठ 308)प्रशन 3 अल्ाह तआला के अनसततव का एक सबूत क़ुआषिन करीम से ब्यान करें।उत्तर - 'गलबला ए रुसल' (रसूलों की तवजय) फ़रमलायला :- ْاَنَا َوُرُسِل َ َکَتَب اہللُ َلَْغِلَبّ (अल मुजलादलबः-22) (किबल्लाहो लअग़लेबन्नला अनला व रुसुली) यलानी अल्लाह ने फैसलला कर ्ोडला है तक मैं और मेरे रसूल तवजयी रहेंगे।प्रशन 4 इसलाम के अ्षि क्या हैं ?उत्तर - फ़रमलाबरदलारी व इिलाअि (आज्लाकलाररिला)

    इसललाम चीि कयला है ख़ुदला के तलए फ़नला, िरके रिलाए खोएश पै मरिीए ख़ुदला।।

    (शेष.....)

    दीनी मालूमात (धारमषिक ज्ान)अल्लाह िआलला, इसललाम, क़ुआ्मन मजीद

  • रलाह-ए-ईमलान जनवरी 2019 - 18

    हुर के लशकर का हुसैन में िारमल हपोना इस भलाषण के पश्लाि आप सवलारी तबठला कर उिर पडे और शलामी आपकी और बढ़े। िहीर तबन केयस ने शलाम के लोगों के समक् बडला जोशीलला भलाषण तदयला और कहला तक हिरि इमलाम हुसैन कला मलामलला उनके और उनके चलाचला के पुत्र यिीद पर ्ोड दो। वह हुसैन को क़तल न करने की सूरि में िुमसे जयलादला सहमि होगला और ऊंचे सवर में कफूफ़ला के लोगों को भलाषण तदयला तक िुम इबने जयलादला कठोर हृदय िलातलम के धोखे में न आओ। ख़ुदला की कसम! जो लोग हिरि मोहममद सल्ल्लाहो अलेतह वसल्म की औललाद और उनकी बेअि करने वलाले लोगों कला रक्त बहलाएंगे वह क़यलामि के तदन आपकी ककृपला से वंतचि रहेंगे। एक वयजक्त के अनयथला तकसी पर बलािों कला कु् प्रभलाव न हुआ और वह वयजक्त हुर थे। ठीक उस समय जंग आरंभ होने लगी थी आप कफूफ़ला की फ़ौज कला सलाथ ्ोडकर हिरि इमलाम हुसैन की फ़ौज में चले आए।

    बाक़ा्यदा जंग का आरंभ इबने सलाअद झडंला लकेर आग ेबढ़ला और पहलला िीर चलला कर घोषणला कर दी पहल ेएक-एक वयजक्त मक़ुलाबले के तलए तनकलिला थला परंिु शलामी लशकर स ेजो तनकलला वह बच कर न गयला। इसतलए उमर तबन सलाअद ने अकेल-ेअकेले मुबलाररिि स ेरोक तदयला और आम जगं कला आरंभ हो गयला। दोपहर

    कबषिला(अंतिम भलाग)

    (अनुवलादक- सययद मुतहयुद्ीन फ़रीद M.A.)

  • रलाह-ए-ईमलान जनवरी 2019 -19

    िक बढ़ी िोर स ेजगं हुई। ईमलान की शमला के बहुि स ेपरवलान ेतफ़दला हो गए और केवल कु् जलान क़ुबला्मन करन ेवलाल ेबलाक़ी रह गए। िोहर के पश्लाि दोबलारला घमलासलान �