व 4द्ध वयस् ों में ददद...आई ए एस प ददद क 8 म...

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_____________________________________________________________________________________________ © कॉपीराइट 2017. दद के अयन के लिए अंतररा र ीय संघ. सादलधकार सुरलित I आई एस पी ने वैाननक , निनकक , -उपिार दाताओ एव नीनत बनाने वाल दद के अयन तथा नवभर दद राहत सुधार ानहत एव सहायता दान करने के नलए सगनित नकया है। वृ वय दद . 10 दद द के अयन हेतु अतराद य सघ दद एं पीडा अर पीलडत ि को और अलधक कमजोर बनाती है एं यह ृों के केस लशेष तौर पर है। हािांलक बडी आयु यं अलधक असुरिा की संभाना िकर आती जो हमारी जनसंा के इस भाग को दोहरे संकट रखता है। यों रोग की अलधक घटनाएं दे खने को लमिती है जो अलधकतर दद दनाक हो सकती (3)इस आयु गद सजदरी की दर लियाक इंटरेशं, िलत (1) एं अताि भती होने की दर भी सबसे अलधक है।(12) ृाथा अर मंद िएं ती िलत या रोग खराब िसे संबंलधत है एं इसका पररणाम िगातार होने ािे दद होने का जोखम है (10)हम पूरे तेजी से बते जनसंा को दे ख रहे एं इस जनसंा गद दद की ापकता अलधक है। एक अपाद (2) के साथ लनतांत बृहत सैि आकार सलहत सेिण अयनों के नीनतम यथािम समीिा ने इस लचारधारा का समथदन लकया है लक बती आयु के साथ दद होती है। सभी अयनों ने इस संकना को समथदन लदया है लक पुऱषों की अपेिा मलहिाओं को दद से होने की अलधक संभाना है। अलधकांश दद की लशकायत का मु घुटने , लनतंब एं पीठ का लनचिा भाग है। इस संबंध एक धारणा यह भी है लक अलधकांश पीडा पेशीकंकािी (ओियोपोरोलसस या ओियोआथेराइलटस) से होता था (13) हािांलक ूरोपेलथक दद की अलधकतर घटना नलसग होम जनसंा भी पाई जाती (15)कुि लमिाकर यह थलत अलधक दद से लसत जनसमुदाय बते जोखम को दशा दती है। अरलितता का महपूणद पि अालशत घटना या थलत की लतलिया अलधक िलत (िलतयों ) की संभाना से संबंलधत है। मनोरोग (लशेषकर मनोंश) एं लचलका सह ऱगणता, दुबदिता एं शारीरक लतबंध की कमी से जनसंा का एक भाग अनुपचाररत पीडा के नकाराक पिों से भाी तरीके से नहीं लनपट सकती। पोिीफामेसी एं सहरता रोग से भी उपि उपचार लकों की संा एं कार कमी है एं कद पीडा का भाी उपचार संकट है। (7)उदाहरण के लिए मनोंश से पीलडत 63% यों को 7609 यों के समुदाय लबना मनोंश ािे 54% यों की तुिना कद लचरकारी दद रहा (5)इस संबंध समलपदत आयु से संबंलधत दद उपचार कायदिमों की आपेलित कमी, पीडा एं इसके भाों आयु लभताओं की पहचान पर यथोलचत अनुसंधान की कमी इसके साथ-साथ लशेषकर जनसमुदाय संचालित लकए गए यािक लनयंलित परीिणों की कमी को भी नोट लकया गया है (9)पररणामऱप तदमान िलनकि अास मदद दान करने के लिए माण की कमी है लजसके कारण कद पीडा ािे ियों को अलधक िलत होने की संभाना है। भेषजगुणलानाक लकों की कमी के कारण इस आयु गद दद के -उपचार के संबंध अनेक िखों चचाद की गई है (6,14) अथा एं असमथदता से लचरकारी दद की संभाना होती है (8)सामा दद के थि घुटने , लनतंब एं पीठ का लनचिा भाग है जो अर ओियोआथेराइलटस एं ओियोंपोरोलसस से संबंलधत है। मलहिाओं दद होने की संभाना अलधक है एं यह अर मोटोपे से संबंलधत होता है (मैककालथद एट आि 2009, पटेि एट आि 2013)

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Page 1: व 4द्ध वयस् ों में ददद...आई ए एस प ददद क 8 म लर ज ञ न, अभ य स एर लश क ल ए म 2ख य व यर

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© कॉपीराइट 2017. ददद के अध्ययन के लिए अंतरराष्ट्र ीय संघ. सर्ादलधकार सुरलित I

आई ए एस पी ने वैज्ञाननक ों, निनकत्सक ों, स्वास्थ्य-उपिार प्रदाताओों एवों नीनत बनाने वाल ों क ददद के अध्ययन तथा

नवश्वभर में ददद राहत में सुधार क प्र त्सानहत एवों सहायता प्रदान करने के नलए सोंगनित नकया है।

वृद्ध वयस् ों में ददद

तथ्य पत्र सों. 10

ददद के अध्ययन हेतु अोंतरादष्ट्र ीय सोंघ

ददद एरं् पीडा अक्सर पीलडत व्यक्ति को और अलधक कमजोर बनाती है एरं् यह र्यस्क रृ्द्ो ंके केस में लर्शेष तौर पर

सत्य है। हािांलक बडी आयु स्वयं में अत्यलधक असुरिा की संभार्ना िेकर आती जो हमारी जनसंख्या के इस भाग को

दोहरे संकट में रखता है। रृ्द् र्यस्को ंमें रोग की अत्यलधक घटनाएं देखने को लमिती है जो अलधकतर दददनाक हो

सकती हैं (3)। इस आयु र्गद में सजदरी की दर प्रलियात्मक इंटररे्शंन्स, िलत (1) एरं् अस्पताि में भती होने की दर भी

सबसे अलधक है।(12) रृ्द्ार्स्था अक्सर मंद स्वास्थ्य िाभ एरं् तीव्र िलत या रोग में खराब स्वास्थ्य िाभ से संबंलधत है

एरं् इसका पररणाम िगातार होने र्ािे ददद में रृ्क्तद् होने का जोक्तखम है (10)। हम पूरे लर्श्व में तेजी से बढ़ते हुए रृ्द्

जनसंख्या को देख रहे हैं एरं् इस जनसंख्या र्गद में ददद की व्यापकता अत्यलधक है। एक अपर्ाद (2) के साथ लनतांत

बृहत सैम्पि आकार सलहत सरे्िण अध्ययनो ंके नर्ीनतम यथािम समीिा ने इस लर्चारधारा का समथदन लकया है लक

बढ़ती हुई आयु के साथ ददद में रृ्क्तद् होती है। सभी अध्ययनो ंने इस संकल्पना को समथदन लदया है लक पुरूषो ंकी अपेिा

मलहिाओ ंको ददद से ग्रस्त होने की अलधक संभार्ना है। अलधकांश ददद की लशकायत का मुख्य कें द्र घुटने, लनतंब एरं्

पीठ का लनचिा भाग है। इस संबंध में एक धारणा यह भी है लक अलधकांश पीडा पेशीकंकािी (ओक्तियोपोरोलसस या

ओक्तियोआथेराइलटस) से उत्पन्न होता था (13) हािांलक नू्यरोपेलथक ददद की अलधकतर घटना नलसिंग होम जनसंख्या में

भी पाई जाती हैं (15)। कुि लमिाकर यह क्तस्थलत अत्यलधक ददद से ग्रलसत जनसमुदाय में बढ़ते हुए जोक्तखम को दशादती

है।

अरलितता का अन्य महत्वपूणद पि अप्रत्यालशत घटना या क्तस्थलत की प्रलतलिया में अत्यलधक िलत (िलतयो)ं की संभार्ना

से संबंलधत है। मनोरोग (लर्शेषकर मनोभं्रश) एरं् लचलकत्सा सह रूगणता, दुबदिता एरं् शारीररक प्रलतबंध की कमी से

रृ्द् जनसंख्या का एक भाग अनुपचाररत पीडा के नकारात्मक पिो ं से प्रभार्ी तरीके से नही ं लनपट सकती।

पोिीफामेसी एरं् सहरुग्णता रोग से भी उपिब्ध उपचार लर्कल्पो ंकी संख्या एरं् प्रकार में कमी हुई है एरं् कष्ट्प्रद पीडा

का प्रभार्ी उपचार संकट में है। (7)। उदाहरण के लिए मनोभं्रश से पीलडत 63% रृ्द् र्यस्को ंको 7609 रृ्द् र्यस्को ंके

समुदाय में लबना मनोभं्रश र्ािे 54% र्यस्को ंकी तुिना में कष्ट्प्रद लचरकारी ददद रहा (5)। इस संबंध में समलपदत आयु से

संबंलधत ददद उपचार कायदिमो ंकी आपेलित कमी, पीडा एरं् इसके प्रभार्ो ंमें आयु लभन्नताओ ंकी पहचान पर यथोलचत

अनुसंधान की कमी इसके साथ-साथ लर्शेषकर रृ्द् जनसमुदाय में संचालित लकए गए यादृक्तिक लनयंलित परीिणो ं

की कमी को भी नोट लकया गया है (9)। पररणामस्वरूप र्तदमान क्तिलनकि अभ्यास में मदद प्रदान करने के लिए

प्रमाण की कमी है लजसके कारण कष्ट्प्रद पीडा र्ािे रृ्द् व्यक्तियो ं को अत्यलधक िलत होने की संभार्ना है।

भेषजगुणलर्ज्ञानात्मक लर्कल्पो ंकी कमी के कारण इस आयु र्गद में ददद के स्व-उपचार के संबंध में अनेक िेखो ंमें चचाद

की गई है (6,14)

रृ्द् अर्स्था एरं् असमथदता से लचरकारी ददद की संभार्ना में रृ्क्तद् होती है (8)। सामान्य ददद के स्थि घुटने, लनतंब एरं्

पीठ का लनचिा भाग है जो अक्सर ओक्तियोआथेराइलटस एरं् ओक्तियोपंोरोलसस से संबंलधत है। मलहिाओ ंमें ददद होने

की संभार्ना अलधक है एरं् यह अक्सर मोटोपे से संबंलधत होता है (मैककालथद एट आि 2009, पटेि एट आि 2013)।

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© कॉपीराइट 2017. ददद के अध्ययन के लिए अंतरराष्ट्र ीय संघ. सर्ादलधकार सुरलित I

आई ए एस पी ने वैज्ञाननक ों, निनकत्सक ों, स्वास्थ्य-उपिार प्रदाताओों एवों नीनत बनाने वाल ों क ददद के अध्ययन तथा

नवश्वभर में ददद राहत में सुधार क प्र त्सानहत एवों सहायता प्रदान करने के नलए सोंगनित नकया है।

कुि लमिाकर कष्ट्प्रद ददद हेतु जोक्तखम में रृ्क्तद् पीडा से संबंलधत संभालर्त जोक्तखम से बचार् करना एरं् उससे लनपटने

की िमता में कमी होना हमारे समाज के रृ्द् र्गद के प्रलत लर्शेष असुरिता को उद्घालटत करती है। सोंदभद सूिी

1. Brendon Stubbs, Laura Eggermont, Tarik Binnekade, Amir Sephery, Sandhi Patchay, Pat Schofield, (2013) Pain and the risk for falls in community dwelling older adults: A systematic review and Meta-analysis. Archives of Physical Medicine and Rehabilitation [10 Sep 2013, 95(1):175-187. e9].

2. Fejer R, Ruhe A (2012) What is the prevalence of musculoskeletal problems in the elderly population in developed countries? A systematic critical literature review. Chiropr Man Therap. 2012; 20: 31.

3. Ferrucci, L Giallauria, F & Guralnik, J (2008) Epidemiology of Ageing. Radiology Clinics of North America July 46(4) 643- v 4. Hemmingsson ES, Gustafsson M, Isaksson U, Karlsson S, Gustafson Y, Sandman PO, Lövheim H. (2018) Prevalence of pain

and pharmacological pain treatment among old people in nursing homes in 2007 and 2013. Eur J Clin Pharmacol. 2018 Apr;74(4):483-488. doi: 10.1007/s00228-017-2384-2. Epub 2017 Dec 20.

5. Hunt LJ, Covinsky KE, Yaffe K, Stephens CE, Miao Y, Boscardin WJ, Smith AK. (2015) Pain in Community-Dwelling Older Adults with Dementia: Results from the National Health and Aging Trends Study. J Am Geriatr Soc. 2015 Aug;63(8):1503-11. doi: 10.1111/jgs.13536. Epub 2015 Jul 22.

6. Karttunen NM, Turunen JH, Ahonen RS, Hartikainen SA. (2015) Persistence of noncancer-related musculoskeletal chronic pain among community-dwelling older people: a population-based longitudinal study in Finland. Clin J Pain. 2015 Jan;31(1):79-85. doi: 10.1097/AJP.0000000000000089.

7. Nobili A, Garattini S, Mannucci PM. Multiple diseases and polypharmacy in the elderly: challenges for the internist of the third millennium. J Comorb. 2011;1:28-44. Published 2011 Dec 27.

8. Molton I, Cook KF, Smith AE, Amtmann D, Chen WH, Jensen MP. Prevalence and impact of pain in adults aging with a physical disability: comparison to a US general population sample. Clin J Pain. 2014 Apr;30(4):307-15. doi: 10.1097/AJP.0b013e31829e9bca.

9. Reid MC, & Pillemer K. (2015) Management of chronic pain in older adults. BMJ 2015; 350 10. Schofield P (2007) Pain in Older Adults. Rev Pain. 2007 Aug; 1(1): 12–14 11. Smith AK, Cenzer IS, Knight SJ, Puntillo KA, Widera E, Williams BA, Boscardin WJ, Covinsky KE. (2010). The epidemiology of

pain during the last 2 years of life. Ann Intern Med. 2010 Nov 2;153(9):563-9. doi: 10.7326/0003-4819-153-9-201011020-00005

12. Søreide K, Wijnhoven. B (2016) Surgery for an Ageing Population. BJS 2016; 103: e7–e9 13. Woo J, Leung J, Lau E. (2009) Prevalence and correlates of musculoskeletal pain in Chinese elderly and the impact on 4-

year physical function and quality of life. Public Health. 2009 Aug;123(8):549-56. doi: 10.1016/j.puhe.2009.07.006. Epub 2009 Aug 25Patel et al 2013

14. Tse M, Wan VT, Wong AM. (2013) Pain and pain-related situations surrounding community-dwelling older persons. J Clin Nurs. 2013 Jul;22(13-14):1870-9. doi: 10.1111/jocn.12238. Epub 2013 May 17

15. van Kollenburg EG, Lavrijsen JC, Verhagen SC, Zuidema SU, Schalkwijk A, Vissers KC. (2012) Prevalence, causes, and treatment of neuropathic pain in Dutch nursing home residents: a retrospective chart review. J Am Geriatr Soc. 2012 Aug;60(8):1418-25. doi: 10.1111/j.1532-5415.2012.04078.x. Epub 2012 Jul 12.

लेखक

Patricia Schofield, PhD, Co-Chair Global Year Task Force Faculty of Health, Education, Medicine and Social Care Anglia Ruskin University Chelmsford, United Kingdom Stephen Gibson, PhD National Ageing Research Institute Melbourne, Australia

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© कॉपीराइट 2017. ददद के अध्ययन के लिए अंतरराष्ट्र ीय संघ. सर्ादलधकार सुरलित I

आई ए एस पी ने वैज्ञाननक ों, निनकत्सक ों, स्वास्थ्य-उपिार प्रदाताओों एवों नीनत बनाने वाल ों क ददद के अध्ययन तथा

नवश्वभर में ददद राहत में सुधार क प्र त्सानहत एवों सहायता प्रदान करने के नलए सोंगनित नकया है।

समीक्षक

डॉ. सुषमा भटनागर

प्रोफेसर एरं् प्रमुख

ओन्को-ऐनेस्थीलसया और पैिीएलटर् मेलडलसन (उपशामक लचलकत्सा) लर्भाग

डॉ. बी.आर.ए. इंिीटू्यट रोटरी कैं सर अस्पताि

अक्तखि भारतीय आयुलर्दज्ञान संस्थान

नई लदल्ली- 110029, भारत

सबसे संरे्दनशीि में होने र्ािे ददद के लर्रुद् रै्लश्वक र्षद के भाग के रूप में, आई ए एस पी तथ्य पिो ंका एक िम

प्रदान करती है जो संरे्दनशीि जनसंख्या में होने र्ाि ददद से संबंलधत लर्लशष्ट् लर्षयो ंको सक्तिलित करती है। इन

दस्तारे्जो को लर्लर्ध भाषाओ ं में अनुर्ाद लकया गया है एरं् यह डाउनिोड के लिए लनिःशुल्क उपिब्ध हैं। अलधक

जानकारी के लिए रे्बसाइट www.iasp-pain.org/globalyear पर जाएं।

ददद के अध्ययन हेतु अोंतरादष्ट्र ीय सोंघ के सोंबोंध में

आई ए एस पी ददद के िेि में लर्ज्ञान, अभ्यास एरं् लशिा के लिए मुख्य व्यर्सालयक

मंच है। ददद के अनुसंधान, लनदान या उपचार में सक्तिलित सभी व्यर्सालययो ंके

लिए सदस्यता आरंभ है। आई ए एस पी में 133 देशो ंमें 7,000 सदस्य, 90 राष्ट्र ीय

अध्याय एरं् 20 लर्शेष लहत समूह हैं।