स्कूल मेंव्यवसायों का वणणन...अध क क व वस...

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भारत, लाओस और लेसोथो म युत पायपुतक (जो अयथा बह त भभन ह) म भिक, नसस, सैननक और पुभलस अधिकारी का यवसाय उलेखनीय सतत प से तुत ककया जाता है। लाओ पायपुतक म दिए गए पाठ यवसाय’(asip) पर दिए गए पाठ बताते ह कक ये चार पेिे या ह। यह मजिूर, कसान, कमसचाररय और यापारय जैसे काम की ववभभन ेणियाि बताते ह। तीन िे ि म खेती और म को ऐसे काम के प म िेखा जाता है जसम कूली भिा की आवयकता नहीि होतहै। तीन िे ि म कू ली कताब म उयभमता पर जोर िेने के मायम से ेडरकी छवदिखाई िेने लगी है, जो कक लेसोथो म सबसे यािा िखा जा सकता है। भिक, नसस, सैननक और पुभलस अधिकारी की छववय के मायम से भित कमसचारी की सवसयापी उपजथनत नसिेह भिा िाभलय के इनतहास से सिबिधित है जसे मूल प से सरकारी कमसचाररय के एक कु लीन कै डर का उपािन और चयन करने के भलए थावपत कया गया था। आज, ये छववयाि वेतनभोगी, भित और विीिारी रोजगार का नतननधिव करती ह, कु छ ऐसा जो कूल िाली छा को ववभभन तरीक जैसे पोटर और पायपुतक के मायम से, कू ल की विी, बाल जमाने के तरीके को ववननयभमत करने और अनुिासन और यवथा के पूवासह वारा ननिेभित पायपुतक म और िूरथ ामीि पररवेि म बच वारा यत की गई आकािाओि म भिक, नसस, सैननक और पुभलस अधिकारी की छवव मुखता से िाभमल ह। ये यवसाय भित, वेतनभोगी और विीिारी रोजगार की ेिी का नतननधिव करते ह, जो भिा का सुननजचत इनाम और, जो वविेष प से िूरिराज के ामीि े म, िजतिाली माना जाता है। हालािकक, यवसाय को थावपत अिनतम जथनतय के प म ििासया गया है और बच को यह नहीि पता है क वे इनसे या हाभसल करते ह या इह कै से ात कर सकते ह। वातवक ामीि यवसाय मुय प से पायपुतक म या तो अनुपजथत ह या एक अलग थलग प से ििासए गए ह। जततुनतयो के वारा यवसाय के नतज को ववताररत करने के यास म भिको को और अधिक जोर लगाने की ज़रत है ताक सुिूर ामीि े म छा उह वातवक वकप के प म पहचान सक. भसतिबर 2018 नीनत सिेप िि यहाि बताए गए ननकषस 2 साल की अनुसिान पररयोजना पर आिारत ह जो लेसोथो, भारत और लाओस के िूरिराज के ामीि े म भिा िाभलय और युवाओि की आकािाओि के बीच के सिबि की खोज करते ह। तीन िे ि म से येक म, िो ामीि समुिाय और उनके थानीय ाथभमक ववयालय म 2017 म नौ महीने कअवधि तक मानव जानत वान सिबिी िोि ककया गया था। र ामीण परवेश म शा णाली, आकाा और सीख एक ESRC-DFID- वत पोवित सहयोगामक शोध पररयोजना (ES / N01037X / 1) ल म यवसाय का वणणन यवसाय(हमारे आस-पास की िुननया, ाथभमक 4, लाओस से) 'कररयर' (यजतगत, आयाजमक और सामाजजक, ेड 6, लेसोथो से) िीषस पिजत म एक नस, एक

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  • भारत, लाओस और लेसोथो में प्रयुक्त पाठ्यपुस्तकों (जो अन्यथा बहुत भभन्न हैं) में भिक्षक, नसस, सैननक और पुभलस अधिकारी का व्यवसाय उल्लेखनीय सतत रूप से प्रस्तुत ककया जाता है। लाओ पाठ्यपुस्तक में दिए गए पाठ ‘व्यवसाय’(asip) पर दिए गए पाठ बतात ेहैं कक ये चार पेिे क्या हैं। यह मजिरूों, ककसानों, कमसचाररयों और व्यापाररयों जैसे कामों की ववभभन्न शे्रणियाां बतात ेहैं। तीनों िेिों में खेती और श्रम को ऐसे काम के रूप में िेखा जाता है जजसमें स्कूली भिक्षा की आवश्यकता नहीां होती है। तीनों िेिों में स्कूली ककताबों में

    उद्यभमता पर जोर िेने के माध्यम से ‘टे्रडर’की छवव दिखाई िेने लगी है, जो कक लेसोथो में सबसे ज्यािा िेखा जा सकता है।

    भिक्षक, नसस, सैननक और पुभलस अधिकारी की छववयों के माध्यम से भिक्षक्षत कमसचारी की सवसव्यापी उपजस्थनत ननस्सांिेह भिक्षा प्रिाभलयों के इनतहास से सांबांधित है जजसे मूल रूप से सरकारी कमसचाररयों के एक कुलीन कैडर का उत्पािन और चयन करने के भलए स्थावपत ककया गया था। आज, ये छववयाां वेतनभोगी, भिक्षक्षत और विीिारी रोजगार का प्रनतननधित्व करती हैं, कुछ ऐसा जो स्कूल प्रिाली छात्रों को ववभभन्न तरीकों जैसे पोस्टर और पाठ्यपुस्तकों के माध्यम से, स्कूल की विी, बाल जमाने के तरीके को ववननयभमत करने और अनुिासन और व्यवस्था के पूवासग्रह द्वारा ननिेभित

    पाठ्यपुस्तकों में और िरूस्थ ग्रामीि पररवेि में बच्चों द्वारा व्यक्त की गई आकाांक्षाओां में भिक्षक, नसस, सैननक और पुभलस अधिकारी की छवव प्रमुखता से िाभमल हैं। ये व्यवसाय भिक्षक्षत, वेतनभोगी और विीिारी रोजगार की शे्रिी का प्रनतननधित्व करत ेहैं, जो भिक्षा का सुननजश्चत इनाम और, जो वविेष रूप से िरूिराज के ग्रामीि के्षत्रों में, िजक्तिाली माना जाता है। हालाांकक, व्यवसायों को स्थावपत अांनतम जस्थनतयों के रूप में ििासया गया है और बच्चों को यह नहीां पता है कक वे इनसे क्या हाभसल करत ेहैं या इन्हें कैसे प्राप्त कर सकत ेहैं। वास्तववक ग्रामीि व्यवसाय मुख्य रूप से पाठ्यपुस्तकों में या तो अनुपजस्थत हैं या एक अलग थलग रूप से ििासए गए हैं। प्रजस्ततुनतयो के द्वारा व्यवसाय के क्षक्षनतज को ववस्ताररत करने के प्रयासों में भिक्षको को और अधिक जोर लगाने की ज़रूरत है ताकक सुिरू ग्रामीि के्षत्रों में छात्र उन्हें वास्तववक ववकल्पों के रूप में पहचान सकें .

    भसतांबर 2018 नीनत सांक्षेप िोि

    यहाां बताए गए ननष्कषस 2 साल की अनुसांिान पररयोजना पर आिाररत हैं जो लेसोथो, भारत और लाओस के िरूिराज के ग्रामीि क्षेत्रों में भिक्षा प्रिाभलयों और यवुाओां की आकाांक्षाओां के बीच के सांबांिों की खोज करते हैं। तीन िेिों में से प्रत्येक में, िो ग्रामीि समुिायों और उनके स्थानीय प्राथभमक ववद्यालयों में 2017 में नौ महीने की अवधि तक मानव जानत ववज्ञान सांबांिी िोि ककया गया था।

    सदुरू ग्रामीण पररवेश में शशक्षा प्रणाली, आकाांक्षा और सीख

    एक ESRC-DFID- ववत्त पोवित सहयोगात्मक शोध पररयोजना (ES / N01037X / 1)

    स्कूल में व्यवसायों का वणणन

    ‘व्यवसाय’ (हमारे आस-पास की िनुनया, प्राथभमक 4, लाओस से)

    'कररयर' (व्यजक्तगत, आध्याजत्मक और सामाजजक,

    गे्रड 6, लेसोथो से) िीषस पांजक्त में एक नसस, एक

  • भिक्षक, नसस, भसपाही और पुभलस अधिकारी का व्यवसाय बच्चों की भववष्य की आकाांक्षाओां में भी प्रमुखता से िाभमल है - जजन्हें स्कूल में वविेष रूप से व्यक्त ककया जाता है। उनकी लोकवप्रयता का कारि यह भी है कक ग्रामीि के्षत्रों में भसर्स वे ही दिखाई िेत ेहैं, जहाां बच्चों को भिक्षा द्वारा प्राप्त होने वाली अन्य नौकररयों की बहुत कम जानकारी होती है। यह भिक्षक की छवव के बारे में सबसे अधिक सही है जो कक्षा में उपजस्थत भिक्षक के रूप में है। इन व्यवसायों की वेतनभोगी प्रकृनत की गरीब ग्रामीि के्षत्रों में वविेष अपील है, और भिक्षक्षत और विी वाले आयाम िरूस्थ ग्रामीि छात्रों को अधिक आकवषसत करत ेहैं। इसके अलावा, इन चार व्यवसायों को सामाजजक रूप से, राज्य के पररपे्रक्ष्य से और साथ ही िरूिराज के गाांवों में बच्चों के दृजष्टकोि से, महत्वपूिस माना जाता है। भिक्षक, नसस, सैन्य और पुभलस बल राष्ट्रीय ववकास की पररयोजना के भलए महत्वपूिस तत्व हैं। समान रूप

    से, बच्चे अपने िरूस्थ ग्रामीि गाांव के सांबांि में इन चार व्यवसायों में से एक बनने के अपने सपनों को सही ठहरात ेहैं, ताकक उनका गााँव एक स्वस्थ, सुरक्षक्षत, और बेहतर भिक्षक्षत स्थान बन सके, जबकक इनसे सांबांधित ननयभमत वेतन को अजस्तत्व के भलए महत्वपूिस माना जाता है। भिक्षक, नसस, सैननक और पुभलस अधिकारी के पेिे में , राज्य केजन्ित राष्ट्र आकाांक्षाए, स्थानीय परोपकाररता जोकक ग्रामीि बच्चों के द्वारा दिखाई जानत हैं के साथ भमलती है।

    जहाां स्कूली भिक्षा बच्चों को भिक्षा के अपेक्षक्षत पररिाम के रूप में सरकारी नौकररयों की एक सीभमत शे्रिी िेखने के भलए प्रोत्सादहत करती है, यह उन्हें सीभमत अवसरों के मद्देनजर सोचा समझा ननिसय लेने में सक्षम नहीां बनाती। ग्रामीि बच्चे सैननकों और नसों को पाठ्यपुस्तकों और वास्तववक जीवन िोनों में िेख सकते हैं, लेककन उन्हें इस बात का सीभमत ज्ञान होता है कक इन नौकररयों में क्या करना होता है, उन्हें प्राप्त करने के भलए आवश्यक योग्यताएां और प्रकियाएां क्या हैं या प्रत्येक प्रभिक्षि या नौकरी के भलए ककतने लोग आवेिन करते हैं। यही पाठ्यपुस्तकों में ििासए जाने वाले अन्य व्यवसायों के भलए भी सही है। लेसोथो पाठ्यपुस्तक से भलया गया उिाहरि (नीचे) व्यवसाय को एक स्थावपत जस्थनत के रूप में पेि करने की आम प्रवजृत्त का उिाहरि है जहााँ इस बात की कोई चचास नहीां की गई है कक नौकरी में क्या है या ये नौकरी पाने के भलए क्या करना पड़ता है। िाईं ओर िी गई सूची (लेसोथो में गे्रड 6 कक्षा की िीवार से) नाम-मात्र का

    वववरि प्रिान करती है।

    पाठ्यपुस्तकों में ििासए गए अधिकाांि व्यवसायों के वास्तववक जीवन के उिाहरिों की अनुपजस्थनत को िेखते हुए, छात्रों को उन्मखु करने के भलए इन व्यवसायों के बारे में ववस्ततृ जानकारी प्रिान करना पाठ्यपुस्तकों और भिक्षकों के भलए एक महत्वपूिस कायस है। इसके अलावा, सर्ल व्यजक्तयों को स्कूल में लाकर उनके काम और कररयर के बारे में बात करने और बच्चों को गाांव से परे कायसस्थलों पर ले जाकर ग्रामीि बच्चों को कररयर के बारे में बेहतर समझ िी जा सकती है,। स्माटस र्ोन के माध्यम से जानकारी और रोल मॉडल भी उपलब्ि कराया जा सकता है।

    " मैं बड़ा होकर एक पुभलस अधिकारी

    बनना चाहता हूां और पहाड़ी गाांवों में

    होने वाली अराजकता को रोकना

    चाहता हूां, ताकक भ्रष्टाचार को रोका जा सके और बच्चों को डाांटा जा

    सके" (प्राथभमक छात्र, लेसोथो)

    "मैं एक सैननक बनना चाहता

    हूां क्योंकक मैं िेि की रक्षा

    करना चाहता हूां" (गे्रड 7 छात्र,

    लेसोथो)

    लेसोथो में स्कूल के बाहर ग्रामीि आजीववका

    Aspirations expressed by a group pf Primary 3, 4 and 5 children (aged 9-13) in rural Laos

  • यह सांभावना है कक अधिकाांि ग्रामीि बच्चे औपचाररक क्षेत्र के काम प्राप्त नहीां करेंगे, बजल्क ग्रामीि आजीववका ही अपनाएांगे। उिाहरि के भलए, भारतीय सांिभस में, 3.6% वयस्क सरकारी नौकररयों में कायसरत हैं, जबकक औपचाररक ननजी क्षेत्र में 2.3% काम करते हैं। िषे 94% अनौपचाररक क्षेत्र में काम करते हैं। ये अनौपचाररक क्षेत्र के व्यवसाय भिक्षा से सांबद्ध नहीां हैं, और यद्यवप कई यवुा, जसेै-जसेै वे स्कूल में आगे बढ़ते हैं, यह पहचानने लगते हैं कक उनका भववष्य ग्रामीि स्वरोजगार पर ननभसर हैं, वे भिक्षा को उनके ऐसे काम में मििगार नहीां मानते। कुछ ग्रामीि आजीववका को अपनी आकाांक्षाओां की ववर्लता के रूप में िेखते हैं। कर्र भी कोई मौभलक कारि नहीां है कक स्कूलों द्वारा युवाओां को रचनात्मक ग्रामीि कायस अपनाने के भलए प्रोत्सादहत नहीां करना चादहए। सर्ल स्थानीय ककसानों और व्यापाररयों को कक्षा में लाना युवा लोगों को पे्रररत कर सकता है

    और उनकी भिक्षा को ग्रामीि भववष्य से सांबांधित करने में सहायता कर सकता है।

    कुछ व्यापक रूप से उपलब्ि ग्रामीि व्यवसायों को भिक्षा प्रिाली द्वारा स्पष्ट रूप से कलांककत ककया गया है। लेसोथो में, लड़कों और युवाओां के भलए पिपुालन एक आम व्यवसाय है। कर्र भी, भिक्षक इसे आलस्य, अपराि और स्कूल की सांपजत्त के पतन से जोड़ते हैं। लेसोथो में भिक्षक छात्रों को स्कूल में कां बल, गमबूट या कुपा टोपी नहीां पहनने िेते क्योंकक इसे पिपुालन की पोिाक के रूप में िेखा जाता है जो भिक्षाथी के भलए असांगत है (जसैा कक लेसोथो में छात्रों को कहा जाता है)। इसी तरह, लाओ सांिभस में ववभभन्न पाठ्यपुस्तकों में छात्रों से पूछा जाता है कक कैसे जस्वडन खेती – जो सुिरू ग्रामीि लाओस में मखु्य कृवष गनतववधि है - पयासवरि की दृजष्ट से ववनािकारी है। इस तरह के अभ्यास से िरूिराज के ग्रामीि छात्रों के माता-वपता का पयासवरि के िशु्मनों के रूप में धचत्रि होता है लेककन यह छात्रों को यह नहीां भसखाता कक जस्वडन खेती को पयासवरि अनुकूल तरीके से कैसे ककया जा सकता है।

    लेसोथो में स्कूल के बाहर ग्रामीि आजीववका का धचत्रि

    भारतीय गाांवों में, माध्यभमक ववद्यालय में आकाांक्षाएां बिलने

    लगती हैं क्योंकक कई बच्चों को यह समझ में आ जाता है कक

    वेतनभोगी रोजगार उनकी पहुांच से परे है

    कभी-कभी, पाठ्यपुस्तकों में छात्रों को भववष्य के बारे में अलग तरह से सोचने के भलए प्रोत्सादहत करने के प्रयास भी िाभमल होते हैं। उिाहरि के भलए लाओ पाठ्यपुस्तक में एक मदहला ग्राम प्रमुख की तस्वीर िी गई है। लाओस में बहुत कम मदहलाएां ग्राम प्रिान बनती हैं, और यह प्रनतित िरूिराज के ग्रामीि क्षेत्रों में और भी छोटा है। इस तरह की प्रस्तुनत, उनके इजच्छत प्रभाव प्राप्त को प्राप्त कर सके इसके भलए ग्रामीि भिक्षकों को यह सांिेि साविानीपूवसक सुदृढ़ता से प्रस्तुत करना है। बहुत से युवा लोगों में इस बात को लेकर बहुत कर ववश्वास होता है कक उनके द्वारा चाहे गए व्यवसाय वे वास्तव में प्राप्त कर पाएांगे। दिनों, सप्ताह, महीनों या वषों में उनकी व्यक्त प्राथभमकताएाँ चार लोकवप्रय नौकररयों के बीच बिल जाती हैं; जब स्कूल के बाहर वे वैकजल्पक (अधिक स्थानीय) आजीववका की बात करते हैं; और वे भववष्य के जीवन की इच्छा व्यक्त करते हैं जो उनके चयननत वेतनभोगी कैररयर के साथ असांगत हैं, जसेै कक स्व-रोज़गार अपनाना और गाांव में ही रहना। भिक्षक भी अपने छात्रों को पेिवेर बनाने के प्रनत समवपसत नहीां होते हैं: वे मानते हैं कक सांरचनात्मक बािाएां बच्चों की सांभावनाओां को सीभमत करती हैं, और जबकक वे बच्चों को स्कूली भिक्षा पर ध्यान बनाए रखने के भलए इन व्यवसायों के 'सपने' िेखने के भलए प्रोत्सादहत करते हैं, उनकी स्वयां की लगातार अनुपजस्थनत और तैयारी की कमी उनके इस ववश्वास को स्पष्ट करती है कक चाहे वे ककतनी भी मेहनत कर लें, वे ग्रामीि बच्चों को उन्हें पढ़ाए जाने वाले भववष्य को प्राप्त करने में सक्षम नहीां बना सकते हैं।

    एक मदहला प्रमुख: नैनतक भिक्षा, प्राथभमक 5, लाओस से

  • अनुिांसाएाँ

    ग्रामीि समुिायों के जीवन, आजीववका और भावी कैररयर के अवसरों को बेहतर

    ढांग से प्रनतबबांबबत करने और उनका प्रनतननधित्व करने के भलए स्कूल की

    पाठ्यपुस्तकों को सांिोधित करें / कर्र से भलखें।

    भिक्षक प्रभिक्षि में सुलभ और यथाथसवािी ग्रामीि आजीववका और भववष्य के

    व्यवसायों के बारे में चचास को िाभमल करें।

    स्कूलों को ऐसे व्यजक्तयों को आमांबत्रत करने के भलए प्रोत्सादहत करें जो ग्रामीि

    समुिाय के भीतर और आगे के क्षेत्रों में, िोनों स्तर के कई प्रकार के व्यवसायों

    में सर्ल रहे हैं, तकक वे अपने कैररयर के बारे में छात्रों से बात करें।

    वेबसाइट ववकभसत करें जो मोबाइल एजप्लकेिन के माध्यम से उपलब्ि हो, जो

    युवाओां को ववववि आजीववका के बारे में जानकारी प्राप्त करने, उन्हें प्राप्त करने

    के तरीकों और उन लोगों के अनभुव जो उन अजजववकाओां में हैं, के बारे में

    जानकारी प्रिान कर सकें ।

    शोध समूह लेसोथो

    प्रो ननकोला एांसेल, ब्रुनेल ववश्वववद्यालय

    डॉ. क्लेयर डन्जी, ब्रुनेल ववश्वववद्यालय

    डॉ. पुलेन लेर्ोका, सेंटर र्ॉर टीधचांग एांड लननिंग, नेिनल यूननवभससटी ऑफ़ लेसोथो

    भारत

    डॉ. पैगी फ्रॉयरर, ब्रुनेल ववश्वववद्यालय

    डॉ. अभिसमा िोस्त, ब्रुनेल यूननवभससटी

    श्री मुननव िुक्ला, ग्राम भमत्र समाज सेवा सांस्थान, छत्तीसगढ़

    लाओस

    डॉ. रॉय हुइज्समेन्स, आईएसएस, इरास्मस ववश्वववद्यालय रॉटरडमै

    श्री भसवोंगसे चाांगवपदटकौं, आईएसएस, इरास्मस

    ववश्वववद्यालय रॉटरडमै

    सुश्री जोडी र्ोंसेका, प्लान इांटरनेिनल, लाओस

    सवेक्षि प्रो इयान ररवसस, स्टै्रथक्लाइड ववश्वववद्यालय

    एक ESRC-DFID- ववत्त पोवषत तीन वषीय सहयोगी िोि पररयोजना (ES / N01037X / 1)

    www.education-aspiration.net

    Email [email protected]

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