भारतीय मान ब्यूर( नुनूपताता रनधााणर व...

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भारतीय मानक य र( नाता रनाणरव निरनयम, 2018 [भारत के राजप, असाधारण, भाग III, खंड 4 म काशित] भारत सरकार उपभोता मामे , खाय और सावजनिक वतरण मंाय उपभोता मामे वभाग ( भारतीय मािक य रो ) अधधस चिा नई दिली, तारीख : 04 ज , 2018 फा. सं. बीएस/11/11/2018 - भारतीय मािक य रो अधधनियम, 2016 (2016 का 11) की धारा 12 और 13 के साथ पठित धारा 39 ारा दत ितय का उपयोग करते और भारतीय मािक य रो (माणि) वनियम, 1988 को, उि बात के शसाय अधधात करते , ज से अधधमण से प व ाकया गया ा या करिे का ोप ाकया गया , कायवकाररणी सशमनत, केरीय सरकार की प ावि मोदि से नििशिखत वनियम बिाती , अथावत ् : 1. संित नाम और ारंभ (1) इि वनियम का संित िाम भारतीय मािक य रो (अि पता निधावरण) वनियम, 2018 ा । (2) ये राजप म इिके कािि की तारीख से त गे । 2. पररभाषाएँ – इि वनियम म जब तक ाक संदभव से अयथा अपेित ि ो – (क) ‘’अधधनियम’’ से भारतीय मािक य रो अधधनियम, 2016 अशभेत ा । #(ख) ‘’नियम’’ से भारतीय मािक य रो नियम, 2018 अशभेत ा । (ग) ‘’थम पि’’ से यत या संगिि अशभेत ा , जो अि पता निधावरण के श मा, , संकरण, पधनत या सेा अशभेत ा । (घ) ‘’अि ची’’ से इि वनियम से संि अि ची अशभेत ा । (ड) ‘’कीम’’ से अि ची II से संि कीम अशभेत ा । (च) ‘’वनिठदवट अपेिा’’ से आयकता या यािा अशभेत , जो उस मा, , संकरण, पधनत या सेा से प रा ोिा अपेित ा और उिम अनिायव अपेिाऍ ं िाशम । (छ) ‘’तीय पि’’ से यत या निकाय अशभेत ा जो अि पता निधावरण के श मा, , संकरण, पधनत या सेा उपबंध करिे ाे यत या संगिि से त ा और जसका उपयोधगता के प म कोई ठत ि ज डा ो । (2) इि वनियम म य त से िद और पद का, जो पररभावित िीं , कं त अधधनियम या नियम म पररभावित , मि: ीं अथव ोगा, जो अधधनियम और नियम म उिका ा ।

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  • भारतीय मानक ब् यूर( नुनूपताता रनधााणर व निरनयम, 2018 [भारत के राजपत्र, असाधारण, भाग III, खडं 4 में प्रकाशित]

    भारत सरकार उपभोक् ता माम े, खाद्य और सार्वजनिक वर्तरण मंत्रा य

    उपभोक् ता माम े वर्भाग ( भारतीय मािक ब् यूरो )

    अधधसूचिा नई दिल् ली, तारीख : 04 जून, 2018

    फा. सं. बीएस/11/11/2018 - भारतीय मािक ब् यरूो अधधनियम, 2016 (2016 का 11) की धारा 12 और 13 के साथ पठित धारा 39 द्र्ारा प्रदत् त ि्क्तय का उपयोग करत े एु और भारतीय मािक ब् यरूो (प्रमाणि) वर्नियम, 1988 को, उि बात के शसर्ाय अधधक्रान् त करते एु , ्जन् ुें से अधधक्रमण से पूर्व ाकया गया ाु या करि े का ोप ाकया गया ाु, कायवकाररणी सशमनत, केन् रीय सरकार की पूर्ाविएमोदि से नि िश िखत वर्नियम बिाती ाु, अथावत ्: 1. सकं्षिप्त नाम और प्रारंभ

    (1) इि वर्नियम का संक्षिप् त िाम भारतीय मािक ब् यूरो (अिएपतपता निधावरण) वर्नियम, 2018 ाु ।

    (2) ये राजपत्र में इिके प्रकािि की तारीख से प्रर्तृ् त ु गे ।

    2. पररभाषाएँ – इि वर्नियम में जब तक ाक संदभव से अन् यथा अपेक्षित ि ुो – (क) ‘’अधधनियम’’ से भारतीय मािक ब् यूरो अधधनियम, 2016 अशभप्रेत ाु । #(ख) ‘’नियम’’ से भारतीय मािक ब् यूरो नियम, 2018 अशभप्रेत ाु । (ग) ‘’प्रथम पि’’ से र्ु व् य्क्त या संगिि अशभप्रेत ाु, जो अिएपतपता निधावरण के श मा , र्स् तए, प्रसंस् करण, पद्धनत या सेर्ा अशभप्रेत ाु । (घ) ‘’अिएसूची’’ से इि वर्नियम से सं ग् ि अिएसूची अशभप्रेत ाु । (ड़़) ‘’स् कीम’’ से अिएसूची II से सं ग् ि स् कीम अशभप्रेत ाु । (च) ‘’वर्निठदवष् ट अपेिा’’ से र्ु आर्श् यकता या प्रत् यािा अशभप्रेत ाु, जो उस मा , र्स् तए, प्रसंस् करण, पद्धनत या सेर्ा से पूरा ुोिा अपेक्षित ाु और उिमें अनिर्ायव अपेिाऍ ंिाशम ैुं। (छ) ‘’ततृीय पि’’ से र्ु व् य्क्त या निकाय अशभप्रेत ाु जो अिएपतपता निधावरण के श मा , र्स् तए, प्रसंस् करण, पद्धनत या सेर्ा उपबंध करिे र्ा े व् य्क्त या सगंिि से स् र्तन् त्र ाु और ्जसका उपयोधगता के पतप में कोई ठुत ि जएडा ुो । (2) इि वर्नियम में प्रयएक् त से िब् द और पद का, जो पररभावित िुीं ु ैं, ाकंतए अधधनियम या नियम में पररभावित ैुं, क्रमि: र्ुीं अथव ुोगा, जो अधधनियम और नियम में उिका ाु ।

  • 3. अिएपतपता निधावरण स् कीम – (1) अिएपतपता निधावरण स् कीम अिएसूची – (1) में यथा वर्निठदवष् ट ुोगी और इसमें नि िश िखत िाशम ु गे, अथावत:् :- (क) वर्स् तारिेत्र; (ख) चयि, अर्धारण, पएिवर्व ोकि, निणवय, अिएप्रमाणि और निगरािी; (ग) मािक धचन् ु का िडजाइि, उपयोग और नियंत्रण, यठद ागू ुो; (घ) निरीिण और परीिण योजिा या क् र्ाश टी मािएअ , अिंिोधि की अिएसूची और अशभ ेख, ्जिका रखरखार् प्रथम पि द्र्ारा ाकया जािा ाु; (ड.) अिएज्ञ्प्त या अिएपतपता प्रमाणपत्र के पु े या प्रचा ि के दौराि देय फीस।

    (2) वर्शभन् ि प्रकार की अिएपतपता निधावरण स् कीमें अिएसूची-II में यथा-वर्निठदवष् ट ु गे ।

    4. मािक धचन् ु का उपयोग करिे या गािे के श अिएज्ञ्प्त मंजूर करिे का आर्ेदि- (1) धारा 13 के अधीि मािक धचन् ु का उपयोग करिे या गािे के श अिएज्ञ्प्त मंजूर करिे ुेतए आर्ेदि अिएसचूी-II में वर्निठदवष् ट प्रपतप में ब् यूरो को ठदया जा गा । (2) अिएज्ञ्प्त मंजूर करिे और फीस से अतंर्ग्वस् त प्राक्रया अिएसूची-II के स् कीम में यथा वर्निठदवष् ट ुोगी । (3) उपवर्नियम (1) के अधीि आर्ेदि प्राप् त ुोिे पर ब् यूरो आर्ेदि में ठद ग वर्शि्ष्टय के सत् यापि के श पछूताछ कर सकता ाु और सी अन् य पूछताछ कर सकता ाु, जो आर्श् यक समीी जा । (4) ब् यूरो अिएज्ञ्प्त मंजूर करिे से पु े आर्ेदक या उसके प्राधधकृत प्रनतनिधध को व् य्क्तगत पतप से ब् यरूो के समि उप्स्थत ुोिे के श कु सकता ाु । (5) उपवर्नियम (4) के अधीि वर्निठदवष् ट प्राधधकृत प्रनतनिधध भारत का रुिे र्ा ा ुोगा। (6) सा आर्ेदि, जो ुर तरु से पूरा िुीं ाु या जो उपवर्नियम (1) और (2) की अपेिाओं के अिएपतप िुीं ाु, ब् यूरो द्र्ारा अस् र्ीकार कर ठदया जा गा । परंतए, आर्ेदि को अस् र्ीकार करिे से पु े सी आपवॉय ,ं जो ब् यूरो द्र्ारा उपदशिवत की जाऍ,ं ब् यूरो से सएसंगत पत्र-व् यर्ुार, की प्रा्प्त की तारीख से 30 ठदि के भीतर इन् ुें दरू करिे का अर्सर प्रदाि ाकया जा गा । परंतए, पयावप् त कारण ठदखा जािे पर ब् यूरो आगे समय बा ा सकता ाु, जो ाक 30 ठदि से अधधक ि ुो, जासा ाक ब् यूरो सी आपवॉय को ुटािे में आर्ेदक को समथव बिािे के श आर्श् यक समीता ुो ।

  • परंतए, ब् यूरो आर्ेदक को या तो व् य्क्तगत पतप से या उसके द्र्ारा, उसकी ओर स ेप्राधधकृत प्रनतनिधध के माध् यम से सएििे का उपयएक् त अर्सर देगा और आर्ेदक अथर्ा उसके प्रनतनिधध, जासा भी माम ा ुो, द्र्ारा ठद ग ाकसी तथ् य अथर्ा स् पष् टीकरण पर वर्चार करेगा ।

    5. मािक धचन् ु का उपयोग करिे या गािे के श अिएज्ञ्प्त मंजूर करिा – (1) आर्ेदक अिएज्ञ्प्त मंजूर करिे के श पात्र ाु, इससे संतएष् ट ुोिे के बाद ब् यरूो द्र्ारा अिएसूची II में ागू स् कीम में वर्निठदवष् ट प्रपतप में मािक धचन् ु का उपयोग करिे या गाि ेके श अिएज्ञ्प्त मंजूर की जा गी । (2) उप-वर्नियम (1) के अधीि अिएज्ञ्प्त अिएसूची II में ागू स् कीम में वर्निठदवष् ट फीस के संदाय के अधीि मंजूर की जा गी ।

    6. मािक धचन् ु का उपयोग करिे या गाि ेके श ितत – (1) मािक धचन् ु का िडजाइि अिएज्ञ्प्त में दी गई अिएकृनत के समाि ुोगा । (2) जब तक ाक ब् यूरो द्र्ारा अन् यथा वर्निठदवष् ट ि ाकया जा , फोटोर्ग्ाफीय पतप से छोटा या बडा ाकया गया मािक धचन् ु उपयोग ाकया जा सकता ाु । (3) अिएज्ञ्प्तधारी, मा , र्स् तए, प्रसंस् करण, पद्धनत या सेर्ा की भारतीय मािक के अिएपतपता के श स् र्यं ्ज मेदार ुोगा, ्जस संदभव में मािक धचन् ु गाई या प्रयएक् त की ाु। (4) अिएज्ञ्प्तधारी उि मा , र्स् तए, प्रसंस् करण, पद्धनत या सेर्ा पर मािक धचन् ु का उपयोग िुीं करेगा, जो अिएपतप िुीं ैुं या अिएज्ञ्प्त के वर्स् तार िेत्र से बाुर ाु । (5) सा मा या र्स् तएऍ,ं ्जि पर मािक धचन् ु गाई गई ाु और जो संबंधधत मािक के अिएपतप िुीं ाु, उिके बारे में ब् यूरो अिएज्ञ्प्तधारी या उसके प्रनतनिधधय को गार-अिएपतपता र्ा े मा या र्स् तएओं को र्ापस मंगर्ािे के श निदेि दे सकता ाु । (6) यथा्स्थनत अिएज्ञ्प्त के आस् थगि या नि बि के दौराि, और इसके समा्प्त अथर्ा निरस् तीकरण के बाद ाकसी मा , र्स् तए, प्रसंस् करण, पद्धनत या सेर्ा पर मािक धचन् ु का उपयोग िुीं ाकया जा गा या िुीं गाया जा गा । (7) अिएज्ञ्प्तधारी अिएपतपता निधावरण स् कीम के उपबंध का अिएपा ि करेगा, ् जसके अधीि अिएज्ञ्प्त मजूंर की गई ाु, ्जसमें ेबश गं और मएुरांकि की अपेिाऍ भी िाशम ैुं । (8) ब् यूरो द्र्ारा समय-समय पर वर्निठदवष् ट ररकाडव का रखरखार् अिएज्ञ्प्तधारी द्र्ारा ाकया जा गा ।

  • (9) अिएज्ञ्प्तधारी ब् यूरो को अपिे पररसर पर ाक जािे र्ा े निरीिण या ेखा परीिा या मूल यांकि, जो भी ागू ुो, के संबंध में पूरी सुायता उप ब् ध करा गा । (10) अिएज्ञ्प्तधारी ब् यूरो द्र्ारा अपेक्षित ुोिे पर उत् पादि के बारे में और मािक धचन् ु उपयोग करिे या गािे के बारे में सूचिा देगा । (11) यठद मा या र्स् तए पर मािक धचन् ु का उपयोग करिे या गािे के श अिएज्ञ्प्त मंजूर की गई ाु, तो अिएज्ञ्प्तधारी उि प्रेविनतय ,वर्तरक , डी र अथर्ा ररटे र की सूची उप ब् ध करा गा, ्जन् ुें मािक धचन् ु गे मा या र्स् तएओं की आपूनत व की गई ाु। (12) ब् यूरो के पूर्व-अिएमोदि के बबिा अिएज्ञ्प्त ाकसी अन् य व् य्क्त को अन् तररत िुीं की जा गी । (13) यठद मािक धचन् ु गे मा , र्स् तए, प्रसंस् करण, पद्धनत या सेर्ा के बारे में कोई शिकायत ुोती ाु तो ब् यूरो अिएज्ञ्प्तधारी या उसके प्रनतनिधध, जासा भी माम ा ुो, को मािक धचन् ु गा मा या र्स् तएओं की मर मत करिे, उन् ुें बद िे या पएि:प्रसंस् करण करिे के निदेि दे सकता ाु। (14) ब् यूरो को अिएज्ञ्प्त के ाकसी ितव में अिएज्ञ्प्तधारी को 30 ठदि की सूचिा देकर संिोधि करिे का अधधकार ाु ।

    7. अिएज्ञ्प्त की वर्धधमान् यता मािक धचन् ु का उपयोग करिे या गािे के श अिएज्ञ्प्त अिएसूची II में ागू स् कीम में यथा वर्निठदवष् ट अर्धध के श वर्धधमान् य ुोगा ।

    8. मािक धचन् ु का उपयोग करिे या गािे के श अिएज्ञ्प्त का िर्ीकरण – (1) अिएज्ञ्प्त के िर्ीकरण के श अिएसूची-II में ागू स् कीम में यथा वर्निठदवष् ट आर्ेदि निधावररत फीस के साथ निधावररत प्रपतप में ब् यूरो को ाकया जा गा। (2) उपवर्नियम (1) के अधीि अिएसूची-II में दी गई ागू स् कीम में यथा वर्निठदवष् ट आर्ेदि ब् यरूो को अिएज्ञ्प्त की वर्धधमान् यता की समा्प्त से पु े भेजिा ुोगा । (3) अिएसूची-II में वर्निठदवष् ट ागू स् कीम के अिएसार उपवर्नियम-I के अधीि आर्ेदि प्राप् त ुोिे पर ब् यरूो अिएज्ञ्प्त का िर्ीकरण कर सकता ाु या उसको पएि: प्रमािणत कर सकता ाु। (4) िर्ीकरण के श आर्ेदि, यठद वर्धधमान् यता की अर्धध समाप्त ुोि े से पूर्व िुीं ाकया जाता ाु, तो वर्धधमान् यता की तारीख स े ेकर 90 ठदि के श अिएज्ञ्प्त का िर्ीकरण आस् थधगत ाकया जा सकता ाु।

  • परंतए, यठद आस् थगि की अर्धध के भीतर िर्ीकरण के श आर्ेदि के साथ अपेक्षित फीस प्राप् त िुीं ुोती ाु, तो इसकी वर्धधमान् यता की समा्प्त के बाद अिएज्ञ्प्त समाप् त ुो जा गी। (5) यठद िर्ीकरण का आर्ेदि अिएज्ञ्प्त की वर्धधमान् यता की समा्प्त के बाद ाकया जाता ाु, तो आर्ेदि के साथ पत 5000/- का वर् ब फीस ी जा गी ।

    (6) यठद िर्ीकरण का आर्देि और फीस प्राप् त ुो गई ाु और अिएज्ञ्प्त नि बिाधीि ाु तो नि बि रद्द ुोिे तक अिएज्ञ्प्त का िर्ीकरण िुीं ाकया जा गा ।

    (7) यठद इसकी वर्धधमान् यता की समा्प्त तक नि बि रद्द िुीं ुोता ाु, तो अिएज्ञ्प्त की वर्धधमान् यता की तारीख से ेकर 180 ठदि की अर्धध के श अिएज्ञ्प्त का िर्ीकरण आस्थधगत ाकया जा सकता ाु । (8) यठद सी वर्संगनतय ,ं जो अिएज्ञ्प्त के नि बि का कारण ैुं, को आस्थगि की अर्धध के दौराि ुटा ठदया जाता ाु, तो अिएज्ञ्प्त का िर्ीकरण इसकी वर्धधमान् यता की तारीख से ाकया जा सकता ाु । (9) यठद सी वर्संगनतय ,ं जो अिएज्ञ्प्त के नि बि का कारण ैुं, आस्थगि की अर्धध के दौराि ुटाई िुीं जाती ैुं, तो अिएज्ञ्प्त इसकी वर्धधमान् यता की तारीख के बाद समाप् त ुो जा गी। 9. मािक धचन् ु का उपयोग करिे या गािे के श अिएज्ञ्प्त के वर्स् तार िेत्र में पररर्तवि – (1) अिएज्ञ्प्त के वर्स् तार िेत्र में पररर्तवि के श अिएसूची II में ागू स्कीम में यथा वर्निठदवष् ट आर्ेदि निधावररत प्रपतप में फीस के साथ ब् यूरो को ाकया जा । (2) उपवर्नियम (1) के अधीि आर्ेदि की प्रा्प्त पर ब् यूरो सी पूछताछ, जो उधचत समीी जा , करिे के बाद अिएसूची II में ागू स् कीम में वर्निठदवष् ट प्रपतप में अिएज्ञ्प्त के वर्स् तार िेत्र का वर्स् तार कर सकता ाु । (3) ाकसी भी समय यठद ब् यूरो के पास अिएज्ञ्प्त का वर्स् तार िेत्र कम करिे के कारण ैुं, तो अिएज्ञ्प्तधारी को क मुीिे का िोठटस देिे के बाद ब् यूरो सा कर सकता ाु । 10. मािक धचन् ु का उपयोग करिे या गािे के श अिएज्ञ्प्त का नि बि – (1) यठद पयावप् त सा् य ैुं ाक मा , र्स् तए, प्रसंस् करण, पद्धनत या सेर्ा, ्जसके श अिएज्ञ्प्त ठदया गया ाु, वर्निठदवष् ट अपेिाओं के अिएपतप िुीं ाु, तो ब् यूरो श िखत आदेि द्र्ारा अिएज्ञ्प्त नि ् बत करेगा ।

  • (2) यठद अिएज्ञ्प्तधारी िे अपेक्षित फीस िुीं ठदया ाु तो ब् यूरो अिएज्ञ्प्त रद्द करेगा । (3) उपवर्नियम (2) के अधीि अिएज्ञ्प्त नि ् बत करिे से पु े अिएज्ञ्प्तधारी को 21 ठदि का िोठटस ठदया जा । (4) अिएज्ञ्प्त के नि बि की सूचिा शम िे के बाद अिएज्ञ्प्तधारी तएरंत मािक धचन् ु का उपयोग बंद कर देगा और इसकी सूचिा ब् यूरो को देगा । (5) इस संतए्ष्ट के बाद ाक अिएज्ञ्प्तधारी िे जपतरी सएधारात् मक कारवर्ाई या फीस का भएगताि कर ठदया ाु, तो ब् यूरो नि बि प्रनतसंृतत सकता ाु । (6) अिएज्ञ्प्त का नि बि या निरसि, जासा भी माम ा ुो, अिएसूची II में ागू स् कीम में यथा वर्निठदवष् ट ाकया जा गा । (7) यठद मािक धचन् ु गे मा , र्स् तए, प्रसंस् करण, पद्धनत या सेर्ा की क् र्ाश टी के बारे में शिकायत स् थावपत ुोती ाु तो अिएज्ञ्प्त नि ् बत ाकया जा सकता ाु और अिएज्ञ्प्तधारी के श सएधारात् मक कारवर्ाई करिा अपेक्षित ुोगा । (8) उपवर्नियम (6) के अधीि नि बि रद्द करिे की अिएमनत केर् सएधारात् मक कारवर्ाई के संतोिजिक सत् यापि के बाद की जा गी । 11. मािक धचन् ु का उपयोग करिे या गािे के अिएज्ञ्प्त का निरस् तीकरण – (1) ब् यूरो श िखत में न् यिूतम 21 ठदि का श िखत आदेि देकर अिएज्ञ्प्त निरस् त कर सकता ाु, यठद– (क) अिएज्ञ्प्तधारी अिएज्ञ्प्त की ाकसी भी ितव का अिएपा ि करिे में वर्फ रुता ाु; (ख) अिएज्ञ्प्त ग ती से जारी ाकया गया ाु । (2) उपवर्नियम (1) के अधीि िोठटस प्राप् त ुोिे पर अिएज्ञ्प्तधारी द्र्ारा ठद ग स् पष् टीकरण पर ब् यूरो द्र्ारा वर्चार ाकया जा सकता ु ा और अिएज्ञ्प्तधारी को या तो व् य्क्तगत पतप से अथर्ा प्राधधकृत प्रनतनिधध के माध् यम से सएिर्ाई का उपयएक् त अर्सर ठदया जा गा । (3) अपराध िमि करिे के माम े में अिएज्ञ्प्त के निरस् तीकरण के श प्रसंस् कृत िुी ंाकया जा गा । (4) यठद िोठटस की अर्धध की समा्प्त तक कोई स् पष् टीकरण प्राप् त िुीं ुोता ाु, तो ब् यूरो अिएज्ञ्प्त निरस् त कर सकता ाु । (5) यठद अिएज्ञ्प्त क र्िव से अधधक के श नि ् बत ाु या अिएज्ञ्प्तधारी िे अिएज्ञ्प्त निरस् त करिे का अिएरोध ाकया ाु, तो ब् यूरो बबिा कोई अन् य िोठटस ठद अिएज्ञ्प्त निरस् त कर सकता ाु ।

  • 12. अिएपतपता प्रमाणपत्र मंजूर करिे के श आर्ेदि - (1) यठद मािक धचन् ु का उपयोग ाक बबिा अिएपतपता शसद्ध करिा र्ांनछत ाु तो अिएसूची II में ागू अिएपतपता निधावरण स् कीम में वर्निठदवष् ट प्रपतप में ब् यरूो को धारा 13 के अधीि अिएपतपता का प्रमाणपत्र मंजूर करिे के श आर्ेदि ाकया जा । (2) अिएपतपता प्रमाणपत्र मंजूर करिे की प्राक्रया अिएसूची II में ागू अिएपतपता निधावरण स् कीम में ागू वर्निठदवष् ट ठदिानिददेशि के अिएसार ुोगी । (3) उप-वर्नियम (1) के अधीि आर्ेदि प्राप् त ुोिे के बाद ब् यूरो आर्ेदि में ठद ग वर्शि्ष्टय के सत् यापि के श पूछताछ कर सकता ाु और सी अन् य पूछताछ भी कर सकता ाु, जो यु आर्श् यक समी े।

    (4) ब् यूरो अिएपतपता प्रमाणपत्र मंजूर करिे से पु े आर्ेदक या उसके प्राधधकृत प्रनतनिधध को ब् यरूो के समि व् य्क्तगत पतप से उप्स्थत ुोिे के श कु सकता ाु । (5) सा आर्ेदि, जो सभी पु एओं से पूणव िुीं ाु, अथर्ा उप-वर्नियम (1) और (2) की अपेिाओं के अिएपतप िुीं ाु, को ब् यूरो द्र्ारा अस् र्ीकृत ाकया जा गा । परंतए, आर्ेदि अस् र्ीकृत करिे से पु े, ब् यूरो द्र्ारा संबंधधत पत्र की प्रा्प्त की तारीख के 30 ठदि के भीतर, ब् यूरो िे जो आपवॉय ंबताई ैुं, उिको दरू करिे का अर्सर आर्ेदक को ठदया जा गा। परंतए, पयावप् त कारण प्रदशिवत ाक जािे पर ब् यूरो जासा उधचत समीे, आर्ेदक को सी आपवॉय ंदरू करिे के श समथव बिािे में 30 ठदि का और अधधक समय आपवॉ दरू करिे के श दे सकता ाु । परंतए, ब् यरूो आर्ेदक को या तो व् य्क्तगत पतप से अथर्ा उसके द्र्ारा उसकी ओर से प्राधधकृत प्रनतनिधध के माध् यम से सएििे का उपयएक् त अर्सर देगा और आर्ेदक अथर्ा उसके प्रनतनिधध, जासा भी माम ा ुो, द्र्ारा ठद ग ाकसी तथ् य अथर्ा स् पष् टीकरण पर वर्चार करेगा ।

    13. अिएपतपता प्रमाणपत्र मंजूर करिा (1) ब् यरूो संतएष् ट ुोिे के बाद ाक आर्ेदक अिएपतपता प्रमाणपत्र मंजूर करिे के श पात्र ाु, अिएसूची-II में ागू स् कीम में वर्निठदवष् ट प्रपतप में मंजूर करेगा । (2) जब नि िश िखत के संदभव में मािक अथर्ा मािक के क भाग अथर्ा आर्श् यक अपेिाओं के प्रनत अिएपतपता प्रदशिवत की जािी ाु, तो अिएपतपता का प्रमाणपत्र ठदया जा सकता ाु ।

  • (क) मा , र्स् तए, प्रसंस् करण, पद्धनत, सेर्ा अथर्ा खेप या ट में मा और र्स् तएऍ ं। (ख) आपूनतवकताव की अिएपतपता की घोिणा के आधार पर मा , र्स् तए, प्रसंस् करण, पद्धनत या

    सेर्ा । (ग) प्रयोगिा ा में प्रारंशभक परीिण के आधार पर मा या र्स् तएओं का टाइप अिएमोदि

    परर्ती उत् पादि पर उपयोग सठुत अथर्ा रठुत । (घ) कोई अन् य परर्स्थनत, ्जसमें ब् यूरो की कायवकाररणी सशमनत यु वर्निश् चय करती ाु ाक

    अिएपतपता का प्रमाणपत्र मंजूर ाकया जा सकता ाु ।

    (3) उपवर्नियम (1) के अधीि अिएपतपता प्रमाणपत्र मंजूर करिा अिएसूची-II में ागू स् कीम में वर्निठदवष् ट फीस के संदाय के अिएसार ुोगा ।

    14. अिएपतपता प्रमाणि की ितत – (1) अिएपतपता प्रमाणपत्र धारक र्ु सभी मा , र्स् तए, प्रसंस् करण, पद्धनत या सेर्ा, ्जसके संबंध में अिएपतपता प्रमाणपत्र जारी ाकया गया ाु, की वर्निठदवष् ट अपेिाओं की अिएपतपता के श उत् तरदायी ुोगा । (2) अिएपतपता प्रमाणपत्र धारक र्ु सभी मा , र्स् तए, प्रसंस् करण, पद्धनत अथर्ा सेर्ा, जो अिएपतपता प्रमाणपत्र के अिएपतप िुीं ैुं, अथर्ा वर्स् तार िेत्र से बाुर ाु, के संबंध में अिएपतपता प्रमाण पत्र का उपयोग िुीं करेगा । (3) ाकसी भी मा , र्स् तए, प्रसंस् करण, पद्धनत या सेर्ा के संबंध में अिएपतपता प्रमाणपत्र का उपयोग अिएपतपता प्रमाणपत्र के आस् थगि, नि बि, निरस् तीकरण ुोिे के बाद, जासा भी माम ा ुो, िुीं ाकया जा गा । (4) अिएपतपता प्रमाणपत्र धारक, अिएपतपता प्रमाणपत्र स् कीम के अधीि मंजूर ाक ग प्रमाणपत्र, के सभी उपबंध , ेबश गं तथा मएुरांकि अपेिाओं सठुत अिएपा ि करेगा। (5) अिएपतपता प्रमाणपत्र धारक ब् यूरो द्र्ारा समय-समय यथा वर्निठदवष् ट अशभ ेख का रखरखार् करेगा । (6) अिएपतपता प्रमाणपत्र धारक अपिे पररसर में निरीिण, ेखा परीिा या निधावरण, जासा भी ागू ुो, करिे के संबंध में ब् यूरो की पूरी सुायता करेगा । (7) अिएपतपता प्रमाणपत्र धारक प्रमाणपत्र अिएपतपता के अधीि िाशम उत् पाद संबंधधत सूचिा ब् यरूो द्र्ारा जब और जो भी अपेक्षित ुो, मंजूर करेगा ।

  • (8) यठद अिएपतपता प्रमाणपत्र मा और र्स् तएओ ं के संबंध में मंजूर ाकया गया ाु, तो अिएपतपता प्रमाणपत्र धारक उि प्रेविनतय , वर्तरक अथर्ा डी र या ररटे र , जासा भी माम ा ुो, ्जन् ुें अिएपतपता प्रमाणपत्र गा सामाि या र्स् तएओं की आपूनत व की गई ु ा, की सूची उप ब् ध करा गा । (9) अिएपतपता प्रमाणपत्र ब् यूरो के पूर्व अिएमोदि के बबिा ाकसी भी व् य्क्त को अन् तररत िुीं ाकया जा गा । (10) यठद अिएपतपता प्रमाणपत्र के अधीि िाशम ाकसी मा , र्स् तए, प्रसंस् करण, पद्धनत या सेर्ा के बारे में कोई शिकायत शसद्ध ुो जाती ाु, तो अिएपतपता प्रमाणपत्र धारक उपयएक् त सएधारात् मक कारवर्ाई करेगा, तााक भवर्ष् य में सी शिकायतें पएि: उजागर ि ु । (11) ब् यूरो अिएपतपता प्रमाणपत्र की ितों, अिएपतपता प्रमाणपत्र धारक को 30 ठदि की सूचिा देकर संिोधधत करिे का अधधकार रखता ाु ।

    15. अिएपतपता प्रमाणपत्र की अर्धध – (1) अिएपतपता प्रमाणपत्र अिएसूची II की स् कीम में यथा वर्निठदवष् ट अर्धध के श वर्धधमान् य ुोगा । (2) यठद अिएपतपता प्रमाणपत्र क खेप अथर्ा ट के मा या र्स् तए के संबंध में मंजूर ाकया गया ाु, तो यु प्रमाणपत्र केर् क बार के श ुोगा और स ेमाम े में अिएपतपता प्रमाणपत्र की अर्धध ागू िुीं ुोगी ।

    16. अिएपतपता प्रमाणपत्र का िर्ीकरण – (1) अिएपतपता प्रमाणपत्र का िर्ीकरण आर्ेदि ब् यरूो की अिएसूची II के उपयएक् त अिएपतपता निधावरण स् कीम में यथा-वर्निठदवष् ट निधावररत प्रपतप र्ं फीस सठुत ाकया जा गा । (2) उपवर्नियम (1) के अधीि आर्ेदि ब् यूरो को अिएपतपता प्रमाणपत्र की वर्धधमान् यता तारीख से पु े अिएसूची II में ागू स् कीम में यथा वर्निठदवष् ट ठदिानिददेशि अिएसार ाकया जा गा । (3) उप-वर्नियम (1) के अधीि आर्ेदि प्राप् त ु ोिे पर अिएसूची II में ागू अिएपतपता निधावरण स् कीम के अिएसार ब् यरूो अिएपतपता प्रमाणपत्र का िर्ीकरण या सएधार कर सकता ाु। (4) यठद वर्धध मान् यता के समाप् त ुोिे से पु े अपेक्षित फीस सठुत िर्ीकरण का आर्ेदि प्राप् त िुीं ुोता ाु तो इसकी वर्धधमान् यता की तारीख से ेकर 90 ठदि की अर्धध के श अिएपतपता प्रमाणपत्र का िर्ीकरण आस् थधगत ाकया जा गा । परंतए, आस् थगि की अर्धध में अपेक्षित फीस के साथ िर्ीकरण का आर्ेदि प्राप् त िुी ंुोता ाु तो इसकी वर्धध मान् यता की तारीख के बाद अिएपतपता प्रमाणपत्र समाप् त ुो जा गा ।

  • (5) यठद अिएपतपता प्रमाणपत्र की वर्धधमान् यता के बाद िर्ीकरण का आर्ेदि ाकया जाता ाु तो आर्ेदि के साथ पत 5000/- का अनतररक् त वर् ब फीस ठदया जा गा ।

    (6) यठद िर्ीकरण आर्ेदि प्राप् त ुोता ाु और अिएपतपता प्रमाणपत्र नि बिाधीि ाु, तो नि बि के दरू ाक जािे तक अिएपतपता प्रमाणपत्र का िर्ीकरण िुीं ाकया जा गा । (7) यठद इसकी वर्धधमान् यता के अतं तक नि बि ुटाया िुीं जाता ाु तो इसकी वर्धधमान् यता की तारीख से ेकर 180 ठदि तक की अर्धध के श िर्ीकरण आस् थधगत ाकया जा सकता ाु । (8) यठद आस् थगि की अर्धध के दौराि उि वर्संगनतय को दरू कर श या जाता ाु, जो अिएपतपता प्रमाणपत्र के नि बि का कारण थीं, तो अिएपतपता प्रमाणपत्र इसकी वर्धधमान् यता की तारीख से िर्ीकृत ाकया जा । (9) यठद आस् थगि की अर्धध के दौराि सी वर्संगनतय ,ं जो अिएपतपता प्रमाणपत्र के नि बि का कारण थीं, दरू िुीं की जातीं, तो अिएपतपता प्रमाणपत्र इसकी वर्धधमान् यता की तारीख के बाद समाप् त ुो जा गा । (10) यठद अिएपतपता प्रमाणपत्र क खेप अथर्ा ट की मा या र्स् तए के संबंध में मंजूर ाकया गया ाु तो यु प्रमाणपत्र केर् क बार के श ुी ुोगा और से माम े में अिएपतपता प्रमाणपत्र की अर्धध ागू िुीं ुोगी ।

    17. अिएपतपता प्रमाणपत्र के वर्स् तार िेत्र में पररर्तवि - (1) अिएपतपता प्रमाणपत्र के वर्स् तार िेत्र में पररर्तवि के श अिएसूची II में ागू स् कीम में यथा-वर्निठदवष् ट निधावररत प्रपतप और फीस के साथ में ब् यरूो को आर्ेदि ाकया जा गा । (2) उपवर्नियम (1) के अधीि आर्ेदि की प्रा्प्त पर ब् यूरो सी पूछताछ, जो उधचत समीी जा , करिे के बाद अिएसूची II में ागू स् कीम में निठदवष् ट प्रपतप में अिएपतपता प्रमाणपत्र के वर्स् तार िेत्र में र्दृ्धध कर सकता ाु । (3) ाकसी भी समय यठद ब् यूरो के पास अिएपतपता प्रमाणपत्र का वर्स् तार िेत्र घटािे के कारण ैुं, तो ब् यूरो अिएपतपता प्रमाणपत्र धारक को क मुीिे का िोठटस देिे के बाद सा करेगा ।

    18. अिएपतपता प्रमाणपत्र का नि बि – (1) ब् यूरो श िखत आदेि में अिएपतपता प्रमाणपत्र का नि बि कर सकता ाु, यठद ब् यूरो के पास पयावप् त सा् य ैुं ाक मा , र्स् तए, प्रसंस् करण, पद्धनत या सेर्ा, ्जसके श प्रमाणपत्र ठदया गया ाु, वर्निठदवष् ट आर्श् यकताओं के अिएपतप िुीं ैुं।

  • (2) यठद अिएपतपता प्रमाणपत्र धारक िे अपेक्षित फीस िुीं ठदया ाु तो ब् यूरो द्र्ारा अिएपतपता प्रमाणपत्र को नि ् बत ाकया जा गा । (3) उपवर्नियम (2) के अधीि अिएपतपता प्रमाणपत्र नि ् बत करिे से पु े अिएपतपता प्रमाणपत्र धारक को 21 ठदि का िोठटस ठदया जा गा । (4) अिएपतपता प्रमाणपत्र के नि बि की सूचिा शम िे के बाद अिएपतपता प्रमाणपत्र धारक तएरंत अिएपतपता प्रमाणपत्र का उपयोग बंद करेगा और इसकी सूचिा ब् यूरो को देगा । (5) ब् यूरो स् र्यं की संतए्ष्ट के बाद, ाक अिएपतपता प्रमाणपत्र धारक िे सएधारात् मक कारवर्ाई की ाु अथर्ा फीस का भएगताि कर ठदया ाु, नि बि र्ावपस े सकता ाु । (6) अिएपतपता प्रमाणपत्र का नि बि या प्रनतसंुरण, जासा भी माम ा ुो, अिएसूची II में ागू स् कीम में यथा-वर्निठदवष् ट ाकया जा गा । (7) यठद अिएपतपता प्रमाणपत्र में िाशम मा , र्स् तए, प्रसंस् करण, पद्धनत या सेर्ा की क् र्ाश टी के बारे में शिकायत शसद्ध ुो जाती ाु तो अिएपतपता प्रमाणपत्र नि ् बत ाकया जा सकता ाु और अिएपतपता प्रमाणपत्र धारक के श सएधारात् मक कारवर्ाई करिा अनिर्ायवत: अपेक्षित ुोगी । (8) उपवर्नियम (7) के अधीि नि बि ुटािे की अिएमनत सएधारात् मक कारवर्ाई के संतोिजिक सत् यापि के बाद दी जा सकती ाु । (9) यठद क खेप अथर्ा ट के मा या र्स् तएओं के संबंध में अिएपतपता प्रमाणपत्र मंजूर ाकया गया ाु, तो यु क बार के श ुी प्रमाणपत्र ुोगा और स ेमाम े में अिएपतपता प्रमाणपत्र का नि बि या प्रनतसंुरण ागू िुीं ुोगा । 19. अिएपतपता प्रमाणपत्र का निरस् तीकरण – (1) ब् यूरो, अधधकतम 21 ठदि का िोठटस देकर अिएपतपता प्रमाणपत्र निरस् त कर सकता ाु, यठद – (क) अिएपतपता प्रमाणपत्र धारक अिएपतपता प्रमाणपत्र की ाकसी भी ितों का अिएपा ि करि ेमें वर्फ रुता ाु; (ख) अिएपतपता प्रमाणपत्र ग ती से जारी ाकया गया ाु । (2) उपवर्नियम (1) के अधीि िोठटस प्राप् त ुोिे पर अिएपतपता प्रमाणपत्र धारक द्र्ारा ठद ग स् पष् टीकरण पर ब् यूरो द्र्ारा वर्चार ाकया जा सकता ाु और अिएपतपता प्रमाणपत्र धारक को व् य्क्तगत पतप से या प्राधधकृत प्रनतनिधध के माध् यम से सएिर्ाई का उपयएक् त अर्सर ठदया जा गा ।

  • (3) अपराध िमि करिे के माम े में अिएपतपता प्रमाणपत्र निरस् तीकरण के श प्रसंस् कृत िुीं ाकया जा गा ।

    (4) यठद िोठटस की अर्धध की समा्प्त ुोिे पर कोई स् पष् टीकरण प्राप् त िुीं ुोता ाु तो ब् यरूो अिएपतपता प्रमाणपत्र रद्द कर सकता ाु ।

    (5) यठद अिएपतपता प्रमाणपत्र क सा से अधधक के श नि ् बत ाु, अथर्ा अिएपतपता प्रमाणपत्र धारक िे अिएपतपता प्रमाणपत्र निरस् त करिे का अिएरोध ाकया ाु, तो ब् यूरो बबिा कोई िोठटस ठद अिएपतपता प्रमाणपत्र निरस् त कर सकता ाु ।

  • ुनूसूची-I ुनूपताता रनधााणर स् कीम क प्रकार

    ननिरनयम 3न1व ि खेंव

    प्रसंस् कर गरतनिधधाय ंनयथा लागूव

    माल और िस् तूओं ं का प्रमा न प्रसंस् कर /स िा प्रमा ात्र

    प्रबंधा ाद्धारत प्रमा ात्र

    क(ई ुन् य ुनूपताता रनधााणर स् कीम

    प्रकार ए प्रकार बी प्रकार सी प्रकार डी प्रकार ई प्रकार एफ प्रकार जी चयि वर्निठदवष् ट

    अपेिाऍ,ं िमूिे ेिा, आयोजि तथा तायार करिा, अिएप्रयोग

    अपेिाओं के अिएसार

    निधावरण परीिण, निरीिण, िडजाइि प्राइज , निधावरण ेखा परीिा

    प्रारंशभक परीिण

    खेप/ ट परीिण

    क) प्रारंशभक परीिण ख) बाजार के आर्धधक परीिण

    क)उत् पादि प्राक्रया का निधावरण र्ं प्रारंशभक परीिण

    ख) फा क् टरी से िमूि का आर्धधक परीिण

    ग) आर्धधक निधावरण

    क) सेर्ा वर्तरण प्राक्रया का प्रारंशभक निधावरण ख) सेर्ा वर्तरण प्राक्रया का आर्धधक निधावरण ग) आर्धधक निधावरण

    क) प्रसंस् कर /सेर्ा वर्तरण का प्रारंशभक निधावरण ख) प्रसंस् कर /सेर्ा वर्तरण का आर्धधक निधावरण

    क)प्रबंध पद्धनत का प्रारंभ तथा आर्धधक ेखा परीिा

    समीिा निठदवष् ट आर्श् यकताओं के स् र्पतप अिएपतपता अिएपा ि के सा् य की ज चं

    वर्निश् चय प्रदाि करिा,

    प्रदाि करिा,

  • िर्ीकरण, वर्स् तार कम करिा, नि बि, रद्द

    रद्द करिा

    सत् यापि अिएज्ञ्प्त या अिएपतपता प्रमाणपत्र जारी करिा

    अिएपतपता प्रमाण पत्र

    अिएपतपता प्रमाण पत्र

    निगरािी बाजार निगरािी

    कारखािा निगरािी

    निधावरण ेखा परीिा

  • ुनूसूची-II स् कीम-I

    भारतीय मािक

    के अिएसार मा और र्स् तएओं पर मािक मएुर उपयोग करिे या गािे के श अिएज्ञ्प्त मंजूर करिे ुेतए

    अिएपतपता निधावरण स् कीम (अिएसूची-I) के अिएसार टाइप ई स्कीम पर आधाररत)

    वर्स् तार िेत्र

    1 (1) इस स् कीम के अधीि जो ाक टाइप ई पर आधाररत ाुन निमावण पररसर में निशमवत और संबद्ध भारतीय मािक(क ) की सभी अपेिाओं के अिएपतप मा या र्स् तएओं, इसके बाद इिका उत् पाद के पतप में उल ेख ाकया जा गा, के श ब् यूरो द्र्ारा मािक धचन् ु का उपयोग करिे या गािे ुेतए अिएज्ञ्प्त मंजूर ाकया जा सकता ाु । स् पष् टीकरण – उप-अिएच् छेद (I) के प्रयोजि ुेतए निमावण पररसर(र ) से अशभप्रेत, से पररसर से ाुन जो या तो आर्ेदक के स् र्ाशमत् र् में ुो अन् यथा उसका ुो, जु ंनिमावण गनतवर्धध का कए छ

    ठुस् सा ाकया जाता ाु तथा र्ु पररसर िाशम ुो ्जसमें अनंतम निमावण गनतवर्धध पूरी की जाती ाु और जु ंमािक धचन् ु का उपयोग ाकया जािा ाु अथर्ा इसे गाया जािा ाु ।

    (2) अिएज्ञ्प्त मंजूर करिा और उसका प्रचा ि अिएच् छेद-3 में वर्निठदवष् ट प्राक्रयाओं के अिएसार ाकया जा गा ।

    पररभािाऍ ं

    2. (क) “निरीिण और परीिण की स् कीम” से ब् यूरो द्र्ारा वर्निठदवष् ट और प्रयोगिा ा स् थावपत करके अिएज्ञ्प्तधारी द्र्ारा अपिाई जािे र्ा ी उत् पादि की प्रसंस् करण में वर्शभन् ि अर्स् थाओं पर नियंत्रण गािे की स् कीम अशभप्रेत ाु । (ख) ‘’ततृीय पि प्रयोगिा ा’’ से ब् यरूो द्र्ारा स् थावपत, अिएरक्षित या मान् यताप्राप् त प्रयोगिा ा, ब्यूरो दर्ारा पाि बद्ध प्रयोगिा ा ं अथर्ा ब् यूरो की कायवकारणी सशमनत द्र्ारा वर्नि्श्चत अन् य ाकसी प्रयोगिा ा अशभप्रेत ाु ।

  • स्कीम की प्राक्रयाऍ ं

    3. (1) चयि – (क) वर्निमावता पुचाि करेगा ाक, - (i) ागू भारतीय मािक, ्जसके प्रनत र्ु अिएज्ञ्प्त प्राप्त करिे का इच् छए क ाु; (ii) वर्निमावण पररसर(र ) में उप ब् ध मिीिरी तथा– इस स् कीम से सं ग् ि प्रपतप–I में क सूची तायार करे तथा वर्निमावण गनतवर्धध का कोई भाग यठद आउटसोसव ाकया जाता ाु, उस गनतवर्धध में प्रयएक् त मिीिरी के वर्र्रण पथृक् प्रपतप में दिावया जा गा; (iii) संबद्ध भारतीय मािक, संबद्ध निरीिण और परीिण स् कीम के अिएसार परीिण करिे के श परीिण उपस् कर तथा इस स् कीम के प्रपतप-II में उप ब् ध उपस् कर की क सूची तायार करिा; (iv) से परीिण, ्जसमें उप-संवर्दा करािे की अिएमनत ाु और जो वर्निमावता के पास उप ब् ध िुीं ैुं, कारखािे के बाुर परीिण सएवर्धा की पुचाि करेगा, जुां से परीिण ाक जा सकते ैुं और उसकी सूचिा ब् यूरो को देगा; (ख) उत् पाद की प्रकृनत, अिएज्ञ्प्त का र्ांनछत वर्स् तार िेत्र को ध् याि में रखते एु अथर्ा िमूिे ेिे के मागवदिी शसद्धांत के अिएसार वर्निमावता द्र्ारा परीिण के श अपेक्षित िमूि की संख् या निधावररत की जा गी । परंतए, यठद िमूिे के मागवदिी शसद्धांत ब् यूरो की र्ेबसाइट पर उप ब् ध ैुं, तो वर्निमावता द्र्ारा ये अपिाये जा ंगे । (ग) अनंतम उत् पाद संबद्ध भारतीय मािक के अिएपतप ुो, यु सएनि्श्चत ाकया जा सके, इसके श प्रनतठदि ुोिे र्ा े उत् पादि में कायावन् र्यि के श वर्निमावता में इस स् कीम के साथ सं ग् ि प्रपतप-III में प्रस् तावर्त नियंत्रण के स् तर प्रस् तएत कर सकता ाु; (घ) यठद ब् यरूो िे कए छ वर्निठदवष् ट उत् पाद के श निरीिण और परीिण की स् कीम वर्निठदवष् ट की ाु तो वर्निमावता के श उसका अिएपा ि आर्श् यक ुोगा; (ड़़) वर्निमावता यु सएनि्श्चत करेगा ाक संबद्ध भारतीय मािक की सभी अपेिाओं के प्रनत अिएपतपता के श उत्पाद का परीिण ाकया गया ाु और इस स् कीम के साथ सं ग्ि प्रपतप-IV में परीिण ररपोटव तायार करेगा;

    (च) से माम े, जु ंाकसी परीिण की अर्धध क मास से अधधक ाु और आर्ेदक क निमावता इकाई ाु, तो उत्पाद का परीिण पूरी अर्धध अथर्ा क मास की अर्धध के श कारखािे में अथर्ा ततृीय पि प्रयोगिा ा में ाकया जा सकता ाु;

  • (छ) वर्निमावता अिएज्ञ्प्त के श इस स् कीम के साथ सं ग्ि प्रपतप-V में आर्ेदि कर सकता ाु तथा ब् यरूो अिएज्ञ्प्त मंजूर करिे के श नि िश िखत में से कोई भी ाक्रयावर्धध अथर्ा

    उिका संशमश्रण अपिा गा, अथावत ्: (1)(I) आर्ेदक, आर्ेदि के साथ ततृीय पि प्रयोगिा ा से जारी उत् पाद की पूणव परीिण ररपोटव प्रस् तएत करेगा; (II) ब् यूरो उत् पादि प्राक्रया के सत् यापि के श कारखािे के दौरे की तथा ततृीय पि प्रयोगिा ा परीिण के श सत् यापि िमूिा ेि ेकी व् यर्स् था करेगा; (III) सत् यापि िमूिे की परीिण ररपोटव की प्रतीिा ाक बबिा अिएज्ञ्प्त मंजूर ाकया जा गा तथा परीिण ररपोटव की प्रा्प्त के बाद अिएज्ञ्प्त की समीिा की जा गी; (ii) (I) जब आर्ेदक के पास या तो इि-ुाउस अथर्ा कारखािे से बाुर पूरी परीिण सएवर्धाऍ ंउप ब् ध ु , तो ब् यूरो उत् पादि प्राक्रया के सत् यापि तथा कारखािे में उत् पाद के परीिण के श कारखािे के दौरे की व् यर्स् था करेगा; (II) कारखािे में िमूि के परीिण के आधार पर अिएज्ञ्प्त मंजूर ाकया जा गा; (iii) ब् यूरो उत् पादि प्राक्रया के सत् यापि तथा ततृीय पि प्रयोगिा ा में परीिण के श िमूिा ेिे के श दौरे की व् यर्स् था करेगा और इस िमूिे की परीिण ररपोटव के माध् यम से अिएपतपता के प्रदिवि के बाद अिएज्ञ्प्त मंजूर ाकया जा गा;

    (ज) वर्देिी वर्निमावता के माम े में, भारत में ्स्थत क प्राधधकृत भारतीय प्रनतनिधध को इस योजिा के साथ सं ग् ि प्रपतप-VI में िाशमत ाकया जा गा ।

    (2) अर्धारण – (क) आर्ेदि की प्रा्प्त के बाद ब् यूरो यु ज च करेगा ाक आर्ेदक िे आर्ेदि के साथ सभी अपेक्षित दस्तार्ेज प्रस् तएत ाक ैुं ।

    (ख) यठद खडं (क) के अधीि आर्ेदि पूणव ाु, तो ब् यरूो आर्ेदक के साथ परामिव करके कारखािे के दौरे की तारीख नियत करेगा ।

    (ग) कारखािे दौरे के दौराि ब् यूरो द्र्ारा नि िश िखत गनतवर्धधय ंकी जाऍगंी, अथावत;्- (i) वर्निमावता द्र्ारा प्रस् तएत दस्तार्ेज का सत् यापि; (ii) वर्निमावता द्र्ारा प्रस् तएत नियंत्रण के चरण की पयावप् तता पर वर्चार-वर्मिव, यठद

    ागू ुो; (iii) वर्शभन् ि चरण पर गाये नियंत्रण के स् तर सठुत संयंत्र ेआउट तथा वर्निमावण

    प्राक्रया का सत् यापि;

  • (iv) वर्निमावण मिीिरी तथा परीिण उपस् कर, क् र्ाश टी नियंत्रण के प्रभारी व् य्क्त(य ) की सिमता, भंडारण सएवर्धाओं तथा स् र्ास् थ् यकर ्स्थनतय का सत् यापि, यठद ागू ुो;

    (v) परीिण उपस्कर अिंिोधि सठुत उप ब्ध बएनियादी ढांच ेकी ्स्थनत का सत् यापि; (vi) कारखािा परीिण तथा ततृीय पि प्रयोगिा ा परीिण के श िमिूे ेिा, यठद

    ागू ुो;

    (घ) यठद कारखािे के दौरे के दौराि कोई अपयावप् तता पाई जाती ाु तो इस स् कीम के साथ सं ग्ि प्रपतप-VII में वर्निमावता को उसे श िखत में सूधचत ाकया जा गा ।

    (3) समीिा – (क) अिएच् छेद 3 के उप-अिएच् छेद (2) की खडं (ग) के अधीि कारखािे के दौरे की ररपोटव की वर्निठदवष् ट गनतवर्धधय के आधार पर समीिा की जा गी ।

    (ख) उत् पाद के परीिण पररणाम की समीिा उिके सुी ुोिे और भारतीय मािक स ेअिएपतपता के श की जा गी और यठद ाकसी परीिण की अर्धध क मास से अधधक ाु तो अिएज्ञ्प्त प्रदाि करिे के श उस परीिण के श वर्निमावता की परीिण ररपोटव पर वर्चार ाकया जा सकता ाु और ततृीय पि प्रयोगिा ा ररपोटव प्राप् त ुोिे पर उसकी समीिा की जा सकती ाु ।

    (4) वर्निश् चय - अिएज्ञ्प्त मंजूर करिे का वर्निश् चय तब श या जा , जब ब् यूरो संतएष् ट ाु ाक वर्निमावता के पास निरन् तर आधार पर क् र्ाश टी र्ा े उत् पाद वर्निशमवत करि े

    के श आर्श् यक बएनियादी ढांचा ुो तथा परीिण के पररणाम संबद्ध भारतीय मािक के साथ उत् पाद की अिएपतपता की पए्ष्ट करते ैुं ।

    (5) सत् यापि – (क) ब् यरूो स् कीम में सं ग् ि प्रपतप-VIII में वर्निमावता को अिएज्ञ्प्त का वर्स् तार िेत्र, अिएज्ञ्प्त संख् या, वर्निमावता का पता, अिएज्ञ्प्त की वर्धधमान् यता, मएुरांकि फीस, भारतीय मािक के ब् यौरे और मािक धचन् ु की अिएकृनत दिावते एु अिएज्ञ्प्त मंजूर करेगा।

    (ख) वर्देिी वर्निमावता के माम े में,ब् यूरो इस स् कीम के साथ सं ग् ि प्रपतप-X में ठद ग र्चिबद्धता बांड सठुत इस स् कीम के साथ सं ग् ि प्रपतप-IX में अिएज्ञ्प्त मंजूर करिे के श करार जारी करेगा, जो वर्देिी वर्निमावता अथर्ा उसके प्राधधकृत भारतीय प्रनतनिधध द्र्ारान जो भी माम ा ुोन क सौ पतपये के गार-न् यानयक स् टा प पेपर पर वर्धधर्त ्ाकया गया ुो ।

  • (ग) वर्देिी वर्निमावता के माम े में, इस स् कीम के साथ सं ग् ि प्रपतप-XI के अिएसार दस ुजार यू. स. ड र की निष् पादि बैंक गारंटी वर्निमावता द्र्ारा दी जा गी, जो भारत में भारतीय ररजर्व बैंक द्र्ारा अिएमोठदत ाकसी बैंक की िाखा द्र्ारा जारी की गई ुो।

    (घ) इस अिएज्ञ्प्त के वर्स् तार िेत्र में िाशम उत् पाद के प्री-िडस् पेच परीिण के आधार पर भारतीय मािक से अिएपतपता दिावते एु ब् यूरो परीिण प्रमाणपत्र जारी कर सकता ाु।

    (6) निगरािी – (क) ब् यूरो अिएज्ञ्प्तधारी के पररसर पर पएर्ाविएमनत अथर्ा पएर्ाविएमनत

    के बबिा निरीिण कर सकता ाु । (ख) उत् पाद के साथ जएड ेजोिखम को ध् याि में रखकर निरीिण का वर्निश् चय श या

    जा गा और से निरीिण के दौराि पा ग वर्च ि को इस स् कीम के साथ सं ग् ि प्रपतप-VII में अिएज्ञ्प्तधारी को सूधचत ाकया जा गा ।

    (ग) ब्यूरो परीिण के श निरीिण के दौराि िमूिे े सकता ाु । (घ) ब् यूरो बाजार से िमूिे े सकता ाु और परीिण अिएरोध के साथ ततृीय पि

    प्रयोगिा ा को परीिण के श िमूिे भेज सकता ाु और यठद ाकसी कारण से बाजार से िमूिे ेिा संभर् िुीं ुो तो िडस् पाच बबदंए से िमूिे श जा सकते ाु।

    (ड.) ब् यूरो अधधमाित: संगठित के्रताओं से फीडबाक प्राप् त कर सकता ाु ।

    शिकायत

    4. (1) मािक धचन् ु गे उत् पाद की क् र्ाश टी के बारे में प्राप् त ाकसी शिकायत की ब् यूरो पार्ती भेजेगा और ज चं-पडता करेगा ।

    (2) परीिण समय को छोडकर, जु ंउत् पाद का परीिण ाकया जािा ाु, शिकायत बंद करिे की कायवर्ाुी िब् बे ठदि के भीतर पूरी की जा गी।

    फीस

    5. (1) आर्ेदि फीस, िर्ीकरण आर्ेदि फीस तथा र्ाविवक अिएज्ञ्प्त फीस प्रत् येक के श क ुजार पतपये ुोगा ।

  • (2) मािक धचन् ु का उपयोग करिे के श उपाबंध-I में यथानिठदवष् ट मएुरांकि फीस श या जा गा ।

    (3) र्ास् तवर्क मएुरांकि फीस अथर्ा न् यूितम मएुरांकि फीस, जो भी अधधक ाु, प्रत् येक र्िव अिएज्ञ्प्तधारी द्र्ारा देय ुोगा ।

    ठटप् पण 1: पु े सा के श मएुरांकि फीस का निधावरण पु े िौ मास के दौराि धचन् ु गी मात्रा (इकाई) को इकाई दर से गएणा करके पररकश त ाकया जा गा । ठटप् पण 2: पश्चात ्-र्ती र्िों के श र्ास् तवर्क मएु रांकि फीस पु े िौ मास के बाद र्िव दर-र्िव आधार पर ाकया जा गा ।

    (4) अिएज्ञ्प्त रद्द ुोिे के माम े में ब् यूरो द्र्ारा मएुरांकि फीस र्ापस िुीं ठदया जा गा । परंतए, यठद कोई भारतीय मािक र्ापस श या जाता ाु और ाकसी अन् य मािक द्र्ारा उसे अधधक्रशमत िुीं ाकया जाता, तो समािएपानतक मएुरांकि फीस र्ापस ाकया जा गा ।

    (5) अिएज्ञ्प्त के वर्स् तार िेत्र में वर्स् तार के माम े में प्रनत ाकस् म अथर्ा ाकस् म के प्रनत समूु, जुा समूुबद्ध करिे के मागवदिी शसद्धांत उप ब् ध ैुं, प चं ुजार पतपये की राशि प्रभाररत की जा गी । (6) निगरािी निरीिण अथर्ा शिकायत की ज चं के दौराि ाक ग निरीिण के अ ार्ा ाकसी भी निरीिण के श प्रनतठदि सात ुजार पतपये का फीस श या जा गा। (7) जब प्री-िडस् पाच निरीिण के आधार पर परीिण प्रमाण पत्र जारी करिा अपेक्षित ुो, तो से निरीिण के श प्रनतठदि आर्ेदक द्र्ारा दस ुजार पतपये का फीस श या जा गा। (8) निगरािी अथर्ा शिकायत की ज चं-पडता के दौराि श ग िमिू के अ ार्ा िमूि के परीिण की फीस आर्ेदक अथर्ा अिएज्ञ्प्तधारी, जो भी माम ा ुो, द्र्ारा र्ुि ाकया जा गा ।

  • ेबश गं तथा मएुरांकि अपेिाऍ ं

    6. (1) प्रत् येक उत् पाद अथर्ा पाकेज, जासा भी माम ा ुो, पर उपाबंध-II में वर्निठदवष् ट अिएसार मािक धचन् ु गाई जा गी । (2) मािक धचन् ु पर अिएज्ञ्प्त संख् या और भारतीय मािक का संदभव स् पष् टत: ठदखिे र्ा े तरीके से और अिएज्ञ्प्त में यथा-वर्निठदवष् ट अिएसार गाया जा गा । (3) यठद मािक धचन् ु के िीच ेअिएज्ञ्प्त संख् या िुीं दी जा सकती ाु, तो उसे मािक धचन् ु के बबल कए पास, उपयएक् त पतप से रािखक पतप मे दी जा गी । (4) भारतीय मािक की अपेिाओं के अिएसार उत् पाद के ब् यौरे, ्जिमें ाकस् म, ट अथर्ा खेप संख् या, वर्निमावण की तारीख अथर्ा सप् ताुन वर्निमावता का परूा पता, उत् पाद, पाके्जंग पर अथर्ा उत्पाद पर गे ेब पर अांकत ाकया जा गा । (5) मएुरांकि के ब् यौरे पर ब् यूरो की र्ेबसाइट का संदभव ुो, तााक उपभोक् ता मािक धचन् ु गे उत् पाद की प्रामािणकता का सत् यापि कर सके । (6) यठद उत् पाद अथर्ा पाके्जंग पर मािक धचन् ु िुीं गाई जा सकती ाु, तो इस ेपरीिण प्रमाणपत्र पर गाया जा । (7) ब् यूरो द्र्ारा ाकसी वर्ििे उत् पाद के श संबद्ध निरीिण और परीिण स् कीम में अनतररक्त ेबश गं और मएुरांकि की अपेिाऍ ंवर्निठदवष् ट की गई ैुं तो उिका अिएपा ि ाकया जा गा ।

    ुनूज्ञप्तत की शतें

    7. अिएज्ञ्प्त की ितत इि वर्नियम के वर्नियम 6 में ठद ग अिएसार ु गी ।

    अिएज्ञ्प्त की वर्धधमान् यता

    8. (1) मािक धचन् ु का उपयोग करिे के श अिएज्ञ्प्त िएपतआत में कम से कम क र्िव के श और दो र्िव की अर्धध तक के श ठदया जा गा । (2) अिएज्ञ्प्त कम से कम क र्िव के श तथा प चं र्िों तक की अर्धध के श िर्ीकृत ाकया जा सकता ाु । (3) अिएज्ञ्प्त के वर्धधमान् यता अर्धध के श न्यूितम मएुरांकि फीस का भएगताि अधर्ग्म में ाकया जा गा।

  • अिएज्ञ्प्त का िर्ीकरण

    9. (1) मािक धचन् ु के उपयोग करिे के श अिएज्ञ्प्त का िर्ीकरण करिे का आर्ेदि, अिएज्ञ्प्त की समा्प्त से दो मास पूर्व, ब् यूरो को इस स् कीम में सं ग् ि प्रपतप-XII में ाकया जा गा । (2) ब् यूरो इस स् कीम के साथ सं ग् ि प्रपतप-XIII में अिएज्ञ्प्त का िर्ीकरण करेगा । (3) अिएज्ञ्प्त का िर्ीकरण इि वर्नियम के वर्नियम 8 के अिएसार ाकया जा गा । (4) यठद र्ास् तवर्क मएुरांकि फीस न् यूितम मएुरांकि फीस से अधधक ाु तो आर्ेदक द्र्ारा फीस के अतंर का भएगताि र्ाविवक पतप से ाकया जा गा । (5) जुां उत् पादि की मात्रा ब एुत अधधक ाु, र्ु ंब् यरूो अिएज्ञ्प्तधारी को र्ास् तवर्क मएुरांकि फीस का भएगताि त्रामाशसक आधार पर देिे का निदेि दे सकता ाु ।

    अिएज्ञ्प्त के वर्स् तार िेत्र में पररर्तवि

    10. (1) मािक धचन् ु का उपयोग करिे के श अिएज्ञ्प्त के वर्स् तार िेत्र में पररर्तवि के श आर्ेदि इस स् कीम के साथ सं ग् ि प्रपतप-XIV में पारा 5 के उप-पारा (5) में वर्निठदवष् ट फीस के साथ ब् यूरो को ाकया जा गा । (2) अिएज्ञ्प्त के वर्स् तार िेत्र में वर्स् तार के श आर्ेदि या तो ततृीय पि प्रयोगिा ा द्र्ारा जारी उत् पाद की पूणव परीिण ररपोटव के साथ अथर्ा ब् यूरो को परीिण के श िमूिे ेिे के अिएरोध के साथ ाकया जा गा । (3) यठद निरीिण और परीिण स् कीम अथर्ा बएनियादी ा ांचा, ् जिमें वर्निमावण मिीिरी तथा परीिण उपस् कर िाशम ैुं, में कोई पररर्तवि िुीं एुआ ाु तथा अिएज्ञ्प्त के वर्स् तार िेत्र का वर्स् तार, िमूिे ेिे के मागवदिी शसद्धांत के उसी समूु में ाु, तो अिएज्ञ्प्त का वर्स् तार िेत्र बा ािे के श परीिण ररपोटव(टों) की आर्श् यकता िुीं ाु। (4) ब् यूरो इस स् कीम के साथ सं ग् ि प्रपतप-XV में अिएज्ञ्प्त के वर्स् तार िेत्र में पररर्तवि करेगा ।

  • नि बि 11. (1) यठद ाकसी समय, भारतीय मािक के अिएपतप उत् पाद की अिएपतपता के अिएरिण में कठििाई ुो, अथर्ा परीिण उपस् कर काम करिा बंद कर देता ाु अथर्ा बाा , आग भूक प जासी प्राकृनतक आपदाओं के कारण प्रबंधि द्र्ारा घोवित ता ाबंदी सिम न् याया य अथर्ा सांवर्धधक निकाय द्र्ारा प्रचा ि बंद करिे का निदेि ठदया जाता ाु, तो अिएज्ञ्प्तधा�