स्टथविवांतण के कवणceobihar.nic.in/forms/form-6-hindi.pdf · त न...

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भारत निााचि आयोग अभभीकृनत संया.................... (कायाालय ारा भरा जाएगा) 6 [निवाचक रजिरीकरण नियम 1960 कव नियम 13(1) और 26 देखिए] पहली बवर मतदवतव यव ककसी एक निवाचि-े से कसी अय एक निवाचि-े म थविवतरण के कवरण निवाचक िवमवली म िवम को सजमलत करिे के लए आेदि सेा म , निााचक रजजरीकरण आफिसर, ................................सभा निााचि-े/संसदीय निााचि-े । पूरे चेहरे को सामिे से उपदभशात करते िीितम िोटो (3.5 स.मी. X 3.5 स.मी.) चपकािे के भलए थाि म अिुरोध करता ह फक मेरे िाम को पूोत सभी े के भलए निााचक िमाली म सजमभलत फकया जाए । (समुचचत बास पर सही का निशाि लगाएं) पहली बवर के मतदवतव के प म यव अय सभव े से थविवतरण के कवरण निााचक िामाली म सजमभलत फकए जािे के भलए मेरे दाे के समथाि म वभशजटयां िीचे दी गई ह :- आवपक वलिजियव () ि() उपिाम(यदकोई हो) () आेदक के िातेदार का िम और उपिाम [देख मद (घ)] () ितेदारी कफकम (समुचचत बास पर सही का निशाि लगाएं ) वपता माता पनत पिी अय () आयु [चालू कलडर ा की 1 जिरको………………..] मास () जम की तारीख (दि/मास/ा के प म ) (यदद ात हो) () आेदक का भलंग (समुचचत बास म सही का निशाि लगाएं ) पु तीय भलंग () तामाि पता, जसका आेदक मामूली तौर पर निासी है ह सं.

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  • भारत निर्ााचि आयोग अभभस् र्ीकृनत संख् या....................

    (कायाालय द्र्ारा भरा जाएगा)

    प्ररूप 6 [निर्वाचक रजिस्ट रीकरण नियम 1960 कव नियम 13(1) और 26 देखिए]

    पहली बवर मतदवतव यव ककसी एक निर्वाचि-क्षते्र से ककसी अन् य एक निर्वाचि-क्षेत्र में स्ट थविवांतरण के कवरण निर्वाचक िवमवर्ली में िवम को सज मललत करिे के ललए आर्ेदि

    सेर्ा में, निर्ााचक रजजस्रीकरण आफिसर, ................................सभा निर्ााचि-क्षेत्र/ससंदीय निर्ााचि-क्षते्र ।

    पूरे चेहरे को सामि े स ेउपदभशात करते हुए िर्ीितम िोटो (3.5 सें.मी. X 3.5 सें.मी.) चचपकािे के भलए स्थाि

    मैं अिरुोध करता हंू फक मेरे िाम को परू्ोक् त सभी क्षेत्र के भलए निर्ााचक िामार्ली में सज मभलत फकया जाए । (समचुचत बाक् स पर सही का निशाि लगाए)ं पहली बवर के मतदवतव के रूप में यव अन् य सभव क्षते्र से स्ट थविवांतरण के कवरण निर्ााचक िामार्ली में सजमभलत फकए जािे के भलए मेरे दार्े के समथाि में वर्भशज टयां िीच ेदी गई हैं :- आज्ञवपक वर्लिज ियवां (क) िाम

    (ख) उपिाम(यदद कोई हो)

    (ग) आर्ेदक के िातदेार का िाम और उपिाम [देखें मद (घ)]

    (घ) िातदेारी की फकस् म (समुचचत बाक् स पर सही का निशाि लगाएं)

    वपता माता पनत पत् िी अन् य

    (ङ) आयु [चालू कलैंडर र्र्ा की 1 जिर्री को………………..]

    र्र्ा मास

    (च) जन् म की तारीख (ददि/मास/र्र्ा के प्ररूप में) (यदद ज्ञात हो)

    (छ) आर्ेदक का भलगं (समुचचत बाक् स में सही का निशाि लगाएं)

    पुरूर् स् त्री ततृीय भलगं

    (ज) र्तामाि पता, जजसका आर्ेदक मामूली तौर पर निर्ासी है

    गहृ सं.

  • गली/क्षेत्र/स् थाि

    शहर/ग्राम

    डाकघर वपि कोड

    जजला राज् य/संघ राज् यक्षेत्र

    (i) आर्ेदक का स् थायी पता गहृ सं.

    गली/क्षेत्र/स् थाि

    शहर/ग्राम

    डाकघर वपि कोड

    जजला राज् य/संघ राज् यक्षेत्र

    (ञ) ईपीआईसी सं. (यदद जारी फकया गया है)

    र्ैकज पक वर्लिज ियवां (ट) नि:शक् तता (यदद कोई हो) (समुचचत बाक् स पर सही का निशाि लगाएं)

    दृश् य दबुालता र्ाक् एर्ं सुििे की नि:शक् तता गनत वर्र्यक नि:शक् तता अन् य

    (ठ) ई-मेल (र्ैकज पक) (ड) मोबाइल सं. (र्ैकज पक)

    घोषणव :

    मैं घोर्णा करता हंू फक अपिे सर्ोत्तम ज्ञाि और वर्श्र्ास के अिुसार :

    (i) मैं भारत का िागररक हंू और मेरे जन् म का ग्राम/शहर ............. जजला ............ राज् य........... है ।

    (ii) मैं--------------से (तारीख, मास, र्र्ा) ऊपर (ज) में ददए गए पत ेर्ाले स्थाि में ............ से मामूली तौर से निर्ासी हूूँ;

    (iii) मैंिे फकसी अन्य निर्ााचि-क्षेत्र के भलए निर्ााचक िामार्ली में अपिा िाम सजमभलत फकए जािे के भलए आर्ेदि िहीं फकया है;

    *(iv) इस या फकसी अन्य सभा/संसदीय निर्ााचि-क्षेत्र के भलए निर्ााचक िामार्ली में मेरा िाम पहले से ही सजमभलत िहीं फकया गया है

    यव

    *मेरा िाम--------राज्य के--------- निर्ााचि-क्षेत्र के, जजसमें मैं िीच ेउजलखखत पत ेपर पहले से ही मामूली तौर से निर्ास कर रहा था निर्ााचक िामार्ली में सजमभलत कर भलया गया होगा और यदद ऐसा है तो मैं अिुरोध करता हंू फक उसे उस निर्ााचक िामार्ली से हटा ददया जाए । *जो उचचत ि हो उस वर्क प को काट दें ।

  • मामूली रूप से निर्ास का पूर्ा पता (यदद अन् य निर्ााचि क्षेत्र से स् थािांतरण के कारण आर्ेदि कर रहे हों) गहृ सं. गली/क्षेत्र/स् थाि

    शहर/ग्राम डाकघर वपि कोड

    जजला राज् य/संघ राज् यक्षेत्र

    मैं इस बात से भभज्ञ हंू फक ऐसा कथि या घोर्णा करिा, जो भमथ् या है, जजसके प्रनत मैं यह जािता हंू या वर्श् र्ास करता हंू फक र्ह भमथ् या है या उसके सत् य होिे का मुझ ेवर्श् र्ास िहीं है, लोक प्रनतनिचधत् र् अचधनियम, 1950 (1950 का 43) की धारा 31 के अधीि दंडिीय है ।

    स् थाि……………..........................

    तारीख……………………………………….. आर्ेदक के हस् ताक्षर ……….……………………………………….. क्षेत्र स्ट तरीय सत् यवपि आकिसर की टिप् पखणयवां :

    की गई कवरार्वई के ब् यौरे (निर्वाचि क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट रीकरण आकिसर द्र्वरव भरव िवएगव)

    श्री/श्रीमती/कुमारी …………………………………………………………………………………….. के निर्ााचक िामार्ली में िाम को समभलत करिे के प्ररूप 6 में आर्ेदि को स्र्ीकार/अस्र्ीकार फकया गया है । स्र्ीकार करिे के [नियम 18/20/26(4 के अधीि या अिुसरण में )] या नियम 17/20/26(4) के अधीि अस्र्ीकार] वर्स्ततृ कारण िीच ेददए गए हैं :

    स् थाि:

    तारीख : ईआरओ के हस् ताक्षर ईआरओ की मुहर

    भलए गए वर्निश् चय की संसूचिा (निर्ााचि क्षेत्र के निर्ााचक रजजस् रीकरण आफिसर द्र्ारा भरा जािा है और आर्ेदक द्र्ारा ददए गए पत ेपर आर्ेदक को डाक से भेजा जािा है)

    श्री/श्रीमती/कुमारी ………………………………………………………………………………………………..का प्ररूप 6 में आर्ेदि र्तामाि पता, जजस पर आर्ेदक मामूली रूप से निर्ास करता है

    गहृ सं.

    गली/क्षेत्र/स् थाि शहर/ग्राम डाकघर वपि कोड

    जजला राज् य/संघ राज् यक्षेत्र

    निर्ााचक रजजस्रीकरण प्राचधकारी द्र्ारा परेर्ण के समय डाक दटकट

    चस्पा फकए जािे हैं

  • को (क) स् र्ीकार कर भलया गया है और श्री/श्रीमती/कुमारी के िाम को…………………………………………………………………………………………………

    सभा निर्ााचि क्षेत्र .................... के भाग सं.…………………….. के क्रम सं.…………………………………………………….रजजस् रीकृत कर भलया गया है ।

    (ख) …………………………………………………………………………………………………………………………………………… के कारण से अस् र्ीकार कर ददया गया है ।

    तारीख: निर्ााचक रजजस् रीकरण आफिसर पता….…………………………………………….

    अलभस्ट र्ीकृनत/रसीद अभभस् र्ीकृनत सं. _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ तारीख __ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _

    श्री/श्रीमती/सुश्री ___________________ ______________________________________ का प्ररूप 6 में आर्ेदि प्राप् त हुआ है [आर्ेदक आर्ेदि की जस् थनत की अभभस् र्ीकृनत संख् या को निददा ट करत ेहुए जांच कर सकता है] ।

    ईआरओ/एईआरओ/बीएलओ का िाम/हस् ताक्षर

  • प्ररूप-6 के साथ लगेगा

    आवेदन प्ररूप-6 भरने के ललए ददशा-ननदेश

    प्ररूप-6

    1. आवेदन उस ननववाचन-क्षेत्र के ननववाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकवरी को संबोधित ककयव िवनव चवहिए जिसमें वे रजिस्ट् रेशन करववनव चवित ेिैं। ननववाचन-क्षेत्र के नवम कव इस प्रयोिनवर्ा हदए गए खवली स्ट् र्वन में उल् लेख ककयव िवनव चवहिए।

    2. पिली बवर के मतदवतव के रूप में यव दसूरे ननववाचन-क्षेत्र से स्ट् र्वनवंतररत िोने की विि से आवेदन करने ववले आवदेक को उपयुक् त बॉक् स में सिी कव ननशवन लगवनव चवहिए और घोषणा वाले भाग में पूणण वववरण भरना चादिए अन् यथा, आवेदन प्रारंलभक चरण में िी अस् वीकृत ककया जा सकता िै।

    3. मद (क) से (ञ) में वववरण हदए िवने ववले खवने अननववया िैं और इसललए, उपयुक् त मद के प्रनत पूणा सूचनव अननववया रूप से दी िवनी चवहिए।

    4. मद (क) और (ख) : ठीक-ठीक नवम और वतानी, िो ननववाचक नवमववली और ननववाचक फोटो पिचवन कवर्ा (एवपक) में प्रकट िोनी चवहिए, उपलब् ि करवई िवनी चवहिए। पूरव नवम पिले बॉक् स में ललखव िवनव चवहिए और उपनवम दसूरे बॉक् स में ललखव िवनव चवहिए। यहद आवेदक कव कोई उपनवम निीं िै तो उपनवम के बॉक् स को खवली छोड़ देनव चवहिए। िवनत कव उल् लेख निीं ककयव िवनव चवहिए लसववय ऐसे मवमले के जिसमें िवनत के नवम कव ननववाचक के नवम यव उपनवम के भवग के रूप में उल् लेख ककयव गयव िो। पदववयों िैसे श्री, श्रीमती, कुमवरी, खवन, बेगम, पंडर्त इत्यवहद कव उल्लेख निीं ककयव िवनव चवहिए। आवेदक अपने नवम कव यहद संभव िो तो, अगें्रिी और रवज् य की रविभवषव दोनों में उल् लेख कर सकते िैं।

    5. मद (ग) और (घ) (नातेदार का नाम): अववववहित महिलव आवेदक के मवमले में वपतव/मवतव के नवम कव उल्लेख ककयव िवनव िै। ववववहित महिलव आवेदक के मवमले में पनत के नवम कव अधिमवनत: उल् लेख ककयव िवनव चवहिए। इस स्ट्तंभ से अप्रयोज् य ववकल्पों को कवट दें।

    6. मद (ड.) और (च) (आयु एवं जन् मनतथथ): जिस वषा के संदभा में ननववाचक नवमववली कव पुनरीक्षण ककयव िव रिव िै उसकी िनवरी की पिली तवरीख को आवेदक की आयु 18 वषा यव इससे अधिक िोनी चवहिए। िन् म नतधर् को हदए गए स्ट् र्वन में ददनांक/मिीना/वषण के रूप में अकंों में भरें। यहद आवेदक की आयु 18 और 21 वषा के बीच िै तो िन् मनतधर् कव एक दस्ट् तववेिी प्रमवण संलग् न ककयव िवनव चवहिए। िन् म नतधर् के प्रमवणस्ट् वरूप ननम् नललखखत में से ककसी एक दस्ट् तववेि की प्रनत संलग् न की िव सकती िै:- नगर

  • पवललकव प्रवधिकवररयों यव िन् म-मतृ्यु रजिस्ट् रवर के जिलव कवयवालय द्ववरव ननगात िन् म प्रमवण-पत्र यव बपनतस्ट् मव प्रमवण-पत्र; यव आवेदक द्ववरव दवखखलव ललए गए वपछले ववद्यवलय (सरकवरी/मवन्यतव-प्रवप्त) से यव कोई अन्य मवन्यतव प्रवप्त शैक्षखणक संस्ट्र्वन से प्रवप्त िन्म प्रमवण-पत्र; यव यहद कोई व् यजक्त कक्षव 10 यव उससे ऊपर की कक्षव उतीणा िै तो उसे कक्षव 10 के अकं पत्र की एक प्रनत देनी चवहिए बशत े उसमें िन् म नतधर् के प्रमवणस्ट् वरूप िन् मनतधर् दी गई िो; यव कक्षव 8 कव अकंपत्र बशते उसमें िन् मनतधर् दी गई िो; यव कक्षव 5 कव अकंपत्र बशते उसमें िन् मनतधर् दी गई िो; यव भवरतीय पवसपोटा; यव पैन कवर्ा; यव ड्रवइववगं लवइसेंस; यव यूआईर्ीएआई द्ववरव ननगात आिवर पत्र/कवर्ा। 1. यहद उपयुाक् त में स ेकोई भी दस्ट् तववेि उपलब् ि निीं िो तो अनुबंि ।। (हदशव ननदेशों

    के सवर् संलग् न) में हदए गए ववहित फवमेट में यव तो आवेदक के मवतव-वपतव के द्ववरव (यव र्र्ा िेंर्र शे्रणी में ननववाचक की दशव में गुरु के द्ववरव) एक घोषणव दी िव सकती िै। जिन मवमलों में आयु के प्रमवण स्ट् वरूप मवतव-वपतव की घोषणव दी िवती िै उनमें आवेदक को सत् यवपन के ललए अपने आपको बूर् लेवल अधिकवरी/सिवयक ननववाचक रजिस्ट् रीकरण अधिकवरी/ननववाचक रजिस्ट् रीकरण अधिकवरी के समक्ष पेश करनव िोगव। इसके अलववव, यहद उपयुाक् त में से कोई भी दस्ट् तववेि उपलब् ि निीं िो और मवतव-वपतव में से कोई भी िीववत निीं िों तो आवेदक संबंधित ग्रवम पंचवयत के सरपंच द्ववरव यव संबंधित नगर ननगम/नगरपवललकव सलमनत के सदस्ट् य द्ववरव हदयव गयव अपनी आयु कव प्रमवण-पत्र संलग् न कर सकते िैं।

    2. ऐसे मवमलों में जिनमें आवेदक 21 वषा से अधिक आयु कव िो और बूर् लेवल अधिकवरी/सिवयक ननववाचक रजिस्ट् रीकरण अधिकवरी/ननववाचक रजिस्ट् रीकरण अधिकवरी को उतनी आय ु कव प्रतीत िोतव िो तो उसके द्ववरव आयु की घोषणव आयु के प्रमवणस्ट् वरूप ली िवएगी और कोई भी दस्ट् तववेिी सबूत पर िोर निीं र्वलव िवएगव। आयु अिाक नतधर् यवनन उस वषा की िनवरी की पिली तवरीख की जस्ट्र्नत के अनुसवर वषों और पूरे िो चकेु मिीनों में इंधगत की िवनी चवहिए जिसके संदभा में ननववाचक नवमववली कव पुनरीक्षण ककयव िव रिव िै/यव ककयव गयव िै।

    3. यहद आवेदक नए पंिीकरण के ललए पिली बवर आवेदन कर रिव िै और वि वषा की अिाक नतधर् को 21 वषा से अधिक आयु कव िै और उसकव नवम भवरत में किीं भी ननववाचक नवमववली में शवलमल निीं िै तो अनुबंध ।।। के अनुसवर फवमेट में एक घोषणव दी िवनी िै अन् यर्व, उसकव आवेदन अस्ट् वीकृत ककयव िव सकतव िै।

    7. मद (छ) (ललगं): ‘पुरुष’/‘महिलव’/‘र्र्ा िेंर्र’ के ललए हदए गए उपयुक् त बॉक् स में ललगं पर सिी कव ननशवन सुस्ट् पष् ट रूप में लगवयव िवनव चवहिए।

  • 8. मद (ज) (वतणमान साधारण ननवास का स् थान): आवेदक को, वे वतामवन में ििवं सविवरण रूप से ननववस कर रिे िैं और जिसे पंिीकृत करववनव चविते िैं उसकव वपन कोर् सहित पूणा र्वक पतव, केवल प्रववजष्ट ववशषे के ललए हदए गए उपयुक् त स्ट् र्वन में भरनव चवहिए। (I) मकान नं.: यदद आवेदक के ननवास में मकान नबंर निीं िो तो ‘मकान नंबर’ के

    ननलमत् त ददए गए स् थान में इस बात का सुस् पष् ट रूप में उल् लेख ककया जाना चादिए कक ‘कोई भी मकान नंबर ननददणष् ट निीं ककया गया िै’।

    (II) सविवरण ननववस के प्रमवण स्ट् वरूप ननम् नललखखत में से ककसी एक दस्ट् तववेि की प्रनत संलग् न की िवनी चवहिए :-

    बैंक/ककसवन/र्वकघर कव चवलू पवसबुक; यव रवशन कवर्ा; यव पवसपोटा; यव ड्रवइववगं लवइसेंस; यव आयकर ननिवारण आदेश; यव नवीनतम ककरवयव करवर; यव उस पते के ललए यव तो आवेदक के नवम में यव उसके ननकटतम नवतेदवर िैसे मवतव-वपतव आहद के नवम में पवनी/टेलीफोन/ बबिली/गैस कनेक् शन कव नवीनतम बबल; यव आवेदक के नवम में सविवरण ननववस के पत ेपर भवरतीय र्वक ववभवग के मवध् यम से र्लेीवर की गई कोई र्वक/पत्र/मेल।

    (III) बेघर भारतीय नागररक/यौन कमी भारतीय नागररक :- शरे्/फुटपवर् पर रिने ववले बेघर भवरतीय नवगररक और यौन कमी भवरतीय नवगररक जिनके पवस सविवरण ननववस कव कोई दस्ट् तववेिी प्रमवण निीं िै, ननववाचक नवमववली में पंिीकरण के ललए पवत्र िैं बशते वे हदए गए पते पर सविवरण रूप से ननववस कर रिे िों।

    (IV) ववद्याथी:- िोस्ट् टल यव मेस यव लॉि में कमोबेश लगवतवर रिने ववले, अपने सवमवन् य घर यव ननववस के स्ट् र्वन में केवल अल्प अवधियों के ललए िवने ववले ववद्यवर्ी, यहद वे अन् यर्व पवत्र िों, ऐसे स्ट् र्वन के सविवरण रूप में ननववसी िोने के रूप में अलभननिवाररत ककए िव सकते िैं ििवं िोस्ट् टल यव मेस अवजस्ट्र्त िै। ऐस ेववद्यवधर्ायों को िो अपने आपको िोस्ट् टल/मेस में पंिीकृत करववनव चविते िैं प्ररूप 6 के सवर् प्रिवनवध् यवपक/प्रवचवया/ननदेशक/रजिस्ट् रवर/शैक्षखणक संस्ट् र्वओं के र्ीन द्ववरव ववधिवत रूप से प्रमवखणत यर्वर्ा घोषणव (अनुबंध IV के रूप हदए गए नमूने के अनुसवर) संलग् न करनी िोगी।

    9. फोटोग्रॉफ: ववननदेशन (3.5 सेमी x 3.5 सेमी के सवर् 200 र्ीपीआई ररजॉल्यूशन) कव िवल कव पवसपोटा सवइि कलर फोटो प्ररूप में इस प्रयोिनवर्ा हदए गए स्ट् र्वन में धचपकवयव िवनव चवहिए। फोटो कव ननववाचक नवमववली में आवेदक की छवव को मुहित करने और एवपक िवरी करने के ललए इस्ट् तेमवल ककयव िवएगव। फोटो में आवेदक के लसर और कंिों के ऊपरी भवग कव क् लोि-अप दशवायव िवएगव। चेिरव धचत्र के ऊध् ववािर आयवम के 75% को लेगव। फोटो शवपा फोकस में िोनव चवहिए, समुधचत चमक एवं वैषम् य के सवर् लसकुड़न एवं स्ट् यविी के ननशवन से मुक् त उच् च गुणवत् तव की िोनी चवहिए और ननववाचक के चेिरे की प्रवकृनतक त् वचीय रंगत हदखनी चवहिए और ववलशष् टतवएं सुस्ट्पष् ट रूप में पिचवने िवने योग् य िोनी चवहिए। यि सिि अलभव् यजक्त एवं बदं मुख के सवर् ननववाचक को सीिे कैमरव देखते

  • हदखवएगी। फोटोग्रॉफ ननववाचक को खलुी आंखों में और आंखों को ढंकने ववले ककसी भी केश/टोपी/टोप/पगड़ी/आवरण/छवयव/प्रनतबबबं आहद के बगैर हदखवएगव। यहद ननववाचक चश् मव पिनतव िै तो फोटोग्रॉफ को आंखें चश् मों में प्रनतबबबंबत कोई भी रोशनी के बगैर सुस्ट् पष् ट रूप में दशवानी चवहिए। चश् मों में रंजित लेंस निी ंिोने चवहिए और यि सुननजश्चत ककयव िवएगव कक चश् मों के फे्रम ननववाचक की आंखों के ककसी भी हिस्ट् से को निीं कवर करें। फोटोग्रॉफ की समतल, िल् के रंग की पषृ् ठभूलम िोनी चवहिए और ननववाचक के सवर् और कोई व् यजक्त यव वस्ट् तु-दृश् यमवन निी िोनी चवहिए।

    10. एवपक: 1. िब कभी भी ककसी भी भवरतीय नवगररक कव नवम ननववाचक नवमववललयों में पिली बवर शवलमल

    ककयव िवतव िै, नयव एवपक बबनव ककसी परृ्क आवेदन के स्ट् वमेव िवरी कर हदयव िवएगव और उसे उधचत पववती के अिीन स्ट् पीर् पोस्ट् ट के मवध् यम से नन:शुल् क र्लेीवर कर हदयव िवएगव।

    2. स् थान पररवनत णत िोने पर प्रनतस् थापन एवपक: यहद आवेदक ने अपनव पतव पररवनत ात कर ललयव िै और ऐसे पररवतान पर प्ररूप 6 यव प्ररूप 8क में आवेदन कर रिव िै तो एवपक न.ं, यहद उसे पूवावती ननववाचन-क्षेत्र/पते पर पिले िी िवरी ककयव गयव िै, कव उपयुक् त स्ट् र्वन पर उल् लेख ककयव िवनव चवहिए। यहद वि प्रनतस्ट् र्वपन एवपक नए पते पर चवितव िै तो उसे उसके ललए प्ररूप 6 यव प्ररूप 8क के आिवर पर नए स्ट् र्वन पर पिंीकरण के बवद प्रनतस्ट् र्वपन एवपक के ललए अपेक्षक्षत शुल् क, एवं पुरवने एवपक के सवर्, प्ररूप एवपक-001 (अनुबंध V के में रूप हदए गए फवमेट के अनुसवर) में आवेदन करनव चवहिए।

    11. वैकल्ल्पक वववरण मद (ट) और (र्) में वववरण हदए िवने ववले खवने वैकजल्पक िैं; िवलवंकक, यि आवेदक के हित में िै कक वि इन मदों में सूचनव उपलब् ि करवए तवकक ननववाचन प्रवधिकवरीगण नवगररक सेववएं िैसे आवेदन प्ररूप, ननववाचकों को एवपक भेिे िवने ववली सूचनव/नोहटसों को िवरी करने और ननववाचनों के दौरवन मतदवन केन् िों पर आवश् यक सिवयतव प्रदवन करने, में सक्षम िो सकें ।

    12. घोषणा (1) “घोषणव” भवग में सभी प्रववजष्टयवं सभी दृजष्टयों से अननववया रूप से पूरी की िवनी

    चवहिए। कृपयव वि तवरीख ननहदाष् ट करें िब से आवेदक वतामवन में हदए गए पते पर ननववस कर रिव िै। यहद उस ेतवरीख यवद न िो तो उस मिीने एवं वषा कव उल् लेख ककयव िवनव चवहिए िब से वि उस स्ट् र्वन पर ननववस कर रिे िैं। यहद उसकव नवम ककसी अन् य ननववाचन क्षेत्र की ननववाचक नवमववली में पिले से शवलमल िै तो उस पूवावती ननववाचन क्षेत्र के नवम कव उल् लेख ककयव िवनव चवहिए। उसके वपछले पते कव पूणा वववरण भी उपलब् ि करवयव िवनव चवहिए अन् यर्व, उसकव आवेदन प्रवरंलभक चरण में िी अस्ट् वीकृत ककयव िव सकतव िै। वे ववकल् प िो सुसंगत निीं िैं सवफ-सवफ रूप में कवट हदए िवने चवहिए। कृपयव नोट करें कक घोषणव अशं में कोई भी गलत कर्न देनव लोक प्रनतननधित् व अधिननयम, 1950 की िवरव 31 के अिीन एक दण् र्नीय अपरवि िै।

  • (2) सेवव कवलमाक को, िो शवंनत स्ट् र्ल (पीस स्ट् टेशन) में तैनवती के अपने स्ट् र्वन पर ननववाचक नवमववली में सवमवन् य ननववाचक के रूप में पंिीकरण के ललए आवेदन कर रिव िै, तो उसे प्ररूप-6 के सवर् एक घोषणव (अनुबंि-। में) प्रस्ट् तुत करनी िै।

    **********************************************

  • अनबुधं-। (प्ररूप-6 के ललए)

    सेवा कालमणक द्वारा घोषणा (प्ररूप-6 के साथ सलंग् न ककए जाने के ललए)

    अपनी तनैवती के स्ट् र्वन की ननववाचक नवमववली के भवग में सविवरण ननववाचक के रूप में स्ट् वय ंको पिंीकृत करवने के ललए मैं, .............................................. (बड़ े अक्षरों में नवम) ररकवर्ा कवयवालय/कमवंर्ेंट द्ववरव इस आशय कव िवरी ककयव गयव प्रमवण-पत्र सलंग् न कर रिव/रिी िूूँ कक मैं ................(तवरीख) स े शवंनत स्ट् र्ल (पीस स्ट् टेशन), नवमत:................................................में तैनवत िुआ/िुई िूूँ।

    मैं एतदद्ववरव घोषणव करतव/करती िूूँ कक मैंने ककसी भी ननववाचन-क्षेत्र की ननववाचक नवमववली के अनंतम भवग में अपने आपको न तो पिले से पिंीकृत करववयव िुआ िै और न िी ककसी भी ननववाचन-क्षते्र की ननववाचक-नवमववली के अनंतम भवग में सेवव ननववाचक के रूप में इस प्रकवर के पिंीकरण के ललए आवेदन ककयव िै।

    मैं यि भी घोषणव करतव/करती िूूँ कक मैं उस ववधि स ेअवगत िूूँ िो एक िी ननववाचन क्षेत्र में यव लभन् न-लभन् न ननववाचन क्षेत्रों में एक स े अधिक स्ट् र्वनों पर ननववाचक के रूप में पिंीकृत करववने को ननवषद्ि करतव िै और यहद मेरव नवम लभन् न-लभन् न स्ट् र्वनों पर इस तरि प्रकट िोतव िै तो उन् िें वतामवन स्ट् र्वन, जिसके ललए प्ररूप 6 प्रस्ट् ततु ककयव गयव िै, के लसववय ऐसे सभी स्ट् र्वनों से ववलोवपत कर हदयव िवए।

    सेवव कवलमाक के िस्ट् तवक्षर

    रैंक............................. स्ट् र्वन : .....................

    तवरीख : ......................

  • अनबुधं-।। (प्ररूप-6 के ललए)

    शपथ या प्रनतज्ञान का प्ररूप

    (18-21 वषा के आय ुसमिू में पिली बवर के आवेदक, जिसके पवस आय ुकव प्रमवण निीं िै, के मवतव/वपतव/गरुु द्ववरव

    ललयव िवए/ककयव िवए।

    मैं,................................................................................................................जिसकव नवम ................................................... वविवन सभव ननववाचन क्षते्र की ननववाचक नवमववली की भवग सखं् यव ........................... में क्रम सखं् यव ......................... में पिंीकृत िै, ईश् वर के नवम से शपर् लेतव/लेती िूूँ/सत् यननष् ठव से प्रनतज्ञवन करतव/करती िूूँ कक मेरव पतु्र/मेरी पतु्री/मेरव लशष् य हदनवकं ........................... 01 िनवरी, 20.... की जस्ट्र्नत के अनसुवर –-- वषा कव/की िै और मेरे सवर् रि रिव/रिी िै।

    स्ट् र्वन :

    तवरीख : मवतव/वपतव/गरुु के िस्ट् तवक्षर

    श्री/श्रीमती ................................. द्ववरव मेरे समक्ष वषा 20.... के ...........हदवस को .............. (बिे) ...................... (स्ट् र्वन) पर ईश् वर के नवम से शपर् ली गई/सत् यननष् ठव स ेप्रनतज्ञवन ककयव गयव।

    ननववाचक रजिस्ट् रीकरण अधिकवरी/सिवयक ननववाचक रजिस्ट् रीकरण अधिकवरी के मिुर सहित िस्ट् तवक्षर

  • अनुबंध – ।।। (प्ररूप-6 के ललए)

    घोषणा* (पिली बार नया पंजीकरण चािने वाले 21+ आयु-समूि के ननवाणचक के ललए)

    मैं, ......................................, पतु्र/पुत्री/पत् नी ............................ननववसी ...................................................................... ननम् नललखखत घोषणव करतव/करती िूूँ:-

    मैंने...............................ननववाचन-क्षेत्र की ननववाचक नवमववली में पंिीकरण के ललए आवेदन ककयव िै क् योंकक मेरव नवम भवरत में किीं भी ननववाचक नवमववली में शवलमल निीं िै।

    2. मुझ े ववगत में ककसी भी ननववाचन-क्षेत्र में ककसी भी समय कोई भी ननववाचक फोटो पिचवन कवर्ा (एवपक) िवरी निीं ककयव गयव िै।

    आवेदक के िस्ट् तवक्षर स्ट् र्वन: हदनवंक:

    *(ननवाणचक नामावली को तैयार/पुनरीक्षित करने से संबंथधत मामलों में लमथ् या घोषणा करना लोक प्रनतननथधत् व अथधननयम, 1951 की धारा 31 तथा भारतीय दण् ड संदिता के उपबंधों के अधीन एक दण् डनीय अपराध िै)

  • अनुबंध IV (प्ररूप-6 के ललए)

    छात्रावासों/मेस/अन् यत्र रि रिे छात्रों द्वारा घोषणा (प्ररूप 6 के साथ संलग् न ककया जाए)

    इस बॉक् स के भीतर पूरे चेिरे को सवमने से उपदलशात करते िुए िवल कव पवसपोटा आकवर कव नवीनतम रंगीन फोटो (3.5 सें.मी. X 3.5 सें.मी.) धचपकवने के ललए स्ट्र्वन

    मैं, ......................................... (बड़ ेअक्षरों में नवम) पुत्र/पुत्री/श्री/श्रीम ती,..................................... (पैतकृ स्ट् र्वन कव पतव), ...................................... एतद्द्ववरव घोषणव करतव/करती िूूँ कक :----

    (क) मैं ...................................... (संस्ट् र्वन कव नवम) कव ववस्ट् तववक छवत्र िूूँ और ............................... (पवठयक्रम कव नवम) में (वषा) ................................. (मवि) ......................... से ........................ (वषा) ........................... (मवि) तक ............................. की पढ़वई कर रिव िूूँ।

    *(ख) मैं वतामवन में – i) .............................................. (यहद छवत्रवववस/मेस में रि रिे िैं तो छवत्रवववस/मेस कव कमरव संख् यव/ब् लॉक संख् यव/ब् लॉक नवम, आहद कव उल् लेख करें।

    या *(ii) .....................................................(यहद छवत्रवववस/मेस के बविर अन् यत्र रि रिे िैं तो छवत्रवववस/मेस के बविर ननववस स्ट् र्वन कव पूरव र्वक पतव ललखें) पर रि रिव िूूँ।

    (ग) *मैं अपने मवतव-वपतव/अलभभववक के सवर् अपने उपयुाक् त ननववस पत ेपर अपने पैतकृ स्ट् र्वन की ननववाचक नवमववली में पंिीकृत िोनव चवितव िूूँ/अपने पंिीकरण को बनवए रखनव चवितव िूूँ।

    या *मैं वतामवन ननववस के ननववाचन-क्षेत्र की ननववाचक नवमववली में पंिीकृत िोनव चवितव िूूँ।

    (।।) मैं इस बवत से अवगत िूूँ कक ननववाचन ववधि के अिीन एक से अधिक ननववाचन-क्षेत्र की नवमववली में यव ककसी ननववाचन क्षेत्र में एक से अधिक बवर पंिीकरण करववने की अनुमनत निीं िै और मैं लोक प्रनतननधित् व अधिननयम, 1950 की िवरव 31 के दवंडर्क उपबंिों से भी अवगत िूूँ िो इस प्रकवर िै :-

    “यदद कोई व् यल्तत (क) ककसी ननवाणचक नामावली की तैयारी, पुनरीिण या शुद्थध के, अथवा (ख) ककसी प्रववल्ष्ट के ककसी ननवाणचक नामावली में सल्ममललत या उसमें अपवल्जणत ककए जाने के सबंंध में , ऐसा कथन या ऐसी घोषणा ललखखत रूप में करेगा जो लमथ् या िै और ल्जसके लमथ् या िोने का या तो उसे ज्ञान िै या ववश् वास िै या ल्जसके सत् य िोने का उसे ववश् वास निीं िै, तो वि ऐसे कारावास से, ल्जसकी अवथध एक वषण तक की िो सकेगी, या जुमाणने से या दोनों से दंडनीय िोगा।”

    स् थान: तारीख : (छात्र के िस् तािर)

    यि प्रमवखणत ककयव िवतव िै कक उपयुाक् त (क) पर घोषणव में दी गई सूचनव और फोटो कव सत् यवपन संस्ट् र्वन के ररकॉर्ों से कर ललयव गयव िै तर्व सिी पवयव गयव िै।

    स् थान: प्रधानाध् यापक/प्राचायण/रल्जस् रार/ननदेशक/डीन के िस् तािर और मुिर

    तारीख :

  • अनुबंध V(प्ररूप-6 के ललए)

    भारत ननवाणचन आयोग (अनुबंध V)

    प्रनतस् थापन ननवाणचक फोटो पिचान पत्र (एवपक) जारी करने के ललए आवेदन

    प्ररूप आई.डी.

    ईसीआई-एवपक-001

    क रवज् य/संघ रवज् य-क्षेत्र :

    वव.स. ननववाचन-क्षेत्र$ (सं. & नवम) :

    जिलव:

    ख ननवाणचक का वववरण (ननववाचक द्ववरव भरे िवने के ललए) सेवव में,

    ननववाचक रजिस्ट् रीकरण अधिकवरी, ……………………. वविवन सभव/ संसदीय$ ननववाचन-क्षेत्र

    मिोदय/मिोदयव, मैं अनरुोि करतव/करती िूूँ कक मझुे एक रु्प् लीकेट ननववाचक फोटो पिचवन कवर्ा िवरी ककयव िवए क् योंकक

    मेरे ननववाचक वववरण में दोष-सुिवर ककए िवने के कवरण मेरव मूल कवर्ा गमु/नष् ट/ववकृत िो गयव िै यव पते में पररवतान िोने के कवरण मैं अपने नए पते के सवर् एक नयव कवर्ा प्रवप् त करनव चवितव/चविती िूूँ। मैं रु्प् लीकेट एवपक िवरी करने के शुल् क के सवर् आपको अपनव एवपक ववपस कर रिव/रिी िूूँ। मेरव नवम उपयुाक् त ननववाचन-क्षेत्र की ननववाचक नवमववली में शवलमल िै। रु्प् लीकेट एवपक िवरी करने के मेरे दववे के समर्ान में वववरण नीचे हदए गए िैं:

    1. ननववाचक कव नवम: 2. मूल काडण की एवपक सं. (यदद ज्ञात िो) :

    3. वपतव/मवतव/पनत* कव नवम : 4. ललगं (प.ु/म.):

    5. िन् म नतधर्, यहद ज्ञवत निीं िो तो आय ुवषों में, 1 िनवरी, 200_____को..........

    6. पतव (i) गिृ/द्ववर संख् यव : (ii) स्ट् रीट/मोिल् लव/सड़क/गली : (iii) क्षेत्र/मोिल् लव : (iv) शिर/ग्रवम : (v) वपन कोर्

    (vi) पलुलस स्ट् टेशन : (vii) जिलव:

    (viii) रु्प् लीकेट कवर्ा के ललए आवेदन करने के कवरण :

    1. मैं एवपक वीआरसी/सीएससी से संगिृीत करंूगव/करंूगी। 2. मैं अपनव एवपक र्वक द्ववरव प्रवप् त करनव चवितव/चविती िूूँ (स्ट् व-पतव-ललखखत एव ंर्वक-हटकट लगे ललफवफे संलग् न िैं)। 3. मैं एवपक बीएलओ से संगिृीत करंूगव/करंूगी।

    ( ) आवेदक के िस्ट् तवक्षर

    (ix) उपयुक् त बॉक् स पर सिी कव ननशवन लगवएं ( ) : मैं एतद्द्ववरव अपनव ववकृत/पुरवनव कवर्ा ववपस करतव/करती िूूँ। मैं वचन देतव/देती िूूँ कक यहद मुझ ेिवरी पूवावती कवर्ा बवद की तवरीख में प्रवप् त िोतव िै तो मैं उसे ववपस कर दूंगव/दूंगी।

    हदनवंक: स्ट् र्वन:

    आधिकवररक इस्ट् तेमवल के ललए ग एवपक िवरी करने के ललए प्रमवणीकरण ( ईआरओ के प्रनतननथध द्वारा भरे जाने के ललए ) भवग सं. : भवग में ननववाचक की क्रम सं. : नवमोद्हदष् ट फोटोग्रॉफी लोकेशन (र्ीपीएल) यव

    कॉमन सववास सेंटर (सीएसई) की आईर्ी संख् यव: # टोकन न.ं यव रसीद सं.

    पिंी सं. पिंी में क्रम सं.

    सत् यवपनकतवा :

    हदनवंक: ___/___/200__

    िस्ट् तवक्षर

    घ ननवाणचक द्वारा आर-एवपक की अलभस् वीकृनत (तवरीख): को रु्प् लीकेट एवपक प्रवप् त ककयव

    ननववाचक के िस्ट् तवक्षर यव अगंूठे के ननशवन

    - - 200___