अनेकार्थी शब्द - dps farakka grammer term-ii...क रमशब द अन...

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म शद अनेकाी शद 1 अंग शरीर, शरीर का कोई अवयव, अंश, शाखा। 2 आमा ि, जीवामा, , देह, , वाय 3 ईवर , समथ , वामी, धनिक। 4 , भयािक, कटदायक, ती। 5 ऋण कजथ , दानयव, उपकार, घटािा, एकता, घटािे का टी वाला पता। 6 कं चि सोिा, काच, निमथल, धि-दौलत। 7 देह, खेत, तीथ , सदात बाटिे का ाि। 8 खग पी, तारा, गधवथ , बाण 9 शक, ेठ, हपनत, बड़ा 10 घट घड़ा , शरीर, मि, कम, दय 11 चीर , रेखा, पी, चीरिा। 12 छद पद, वशेष, जल, अशभाय, वेद। 13 जड़ अचेति, खथ , का , निजीव, कारण। 14 ठस बह कड़ा, भारी, घिी िवट वाला, कं ज , आलसी, हठी। 15 डहकिा वंचिा, छलिा, धोखा खािा, -टकर रोिा, चघाड़िा, फै लिा, छािा। 16 ढराथ ऱप, पिनत, उपाय, यवहार। 17 तट किारा, देश, खेत। 18 ाप पड़, आदर, समाि, मयाथदा, गौरव, चि, तबले पर हेली का आघात। 19 वज पी, ामण, दात, चरमा, ि, के श, वैय, य। 20 धि सपत, , शम, िनयका, जोड़ शमलािा। 21 निऋनत वपत, , , िश। 22 परह दि का समय, ओर, पंख, पाटी 23 फल लाभ, मेवा, ितीजा, भाले की ि24 बल सेिा, ताकत, बलराम, सहारा, चकर, मरोड़। 25 भव संसार, उपनत, शंकर। 26 मध शहद, शराब, मीठा, वसतऋत 27 ड़ा , शमचत, निय , उचचत। 28 रस ेम, वाद, सार 29 लय निशािा, उेय, गंतय 30 वणथ जानत, रंग, अर अनेकाी शद Page 1 of 22

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  • क्रम शब्द अनेकार्थी शब्द1 अगं शरीर, शरीर का कोई अवयव, अशं, शाखा। 2 आत्मा बुद्धि, जीवात्मा, ब्रह्म, देह, पुत्र, वायु। 3 ईश्वर प्रभु, समर्थ, स्वामी, धनिक। 4 उग्र कू्रर, भयािक, कष्टदायक, तीव्र। 5 ऋण कजथ, दानयत्व, उपकार, घटािा, एकता, घटािे का बूटी वाला पत्ता। 6 कंचि सोिा, कााँच, निमथल, धि-दौलत। 7 के्षत्र देह, खेत, तीर्थ, सदाव्रत बााँटिे का स्र्ाि।8 खग पक्षी, तारा, गन्धवथ, बाण9 गुरु शशक्षक, शे्रष्ठ, बहृस्पनत, बड़ा

    10 घट घड़ा , शरीर, मि, कम, हृदय11 चीर वस्त्र, रेखा, पट्टी, चीरिा। 12 छन्द पद, द्धवशषे, जल, अशभप्राय, वेद। 13 जड़ अचतेि, मूखथ, वकृ्ष का मूल, निजीव, मूल कारण। 14 ठस बहुत कड़ा, भारी, घिी बुिावट वाला, कंजूस, आलसी, हठी। 15 डहकिा वंचिा, छलिा, धोखा खािा, फूट-फूटकर रोिा, चचाँघाड़िा, फैलिा, छािा। 16 ढराथ रूप, पिनत, उपाय, व्यवहार। 17 तट ककिारा, प्रदेश, खेत। 18 र्ाप र्प्पड़, आदर, सम्माि, मयाथदा, गौरव, चचह्ि, तबले पर हरे्ली का आघात। 19 द्द्धवज पक्षी, ब्राह्मण, दााँत, चन्रमा, िख, केश, वैश्य, क्षत्रत्रय। 20 धि सम्पत्त्त, स्त्री, भूशम, िानयका, जोड़ शमलािा। 21 निऋनत द्धवपत्त्त, मतृ्यु, क्षय, िाश। 22 पक्ष पन्रह ददि का समय, ओर, पंख, पाटी23 फल लाभ, मेवा, ितीजा, भाले की िोक24 बल सेिा, ताकत, बलराम, सहारा, चक्कर, मरोड़। 25 भव संसार, उत्पनत, शंकर। 26 मधु शहद, शराब, मीठा, वसन्तऋतु27 युक्त जुड़ा हुआ, शमचश्रत, नियुक्त, उचचत। 28 रस प्रेम, स्वाद, सार29 लक्ष्य निशािा, उदे्दश्य, गंतव्य30 वणथ जानत, रंग, अक्षर

    अनेकार्थी शब्द

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  • क्रम रेखाांकित वाक्य पदबांध िे प्रिार

    1 अध्यापि िा िहना न मानने वाले छात्र कभी सफल नहीं होते। संज्ञा पदबंध

    2 अब दरवाजा खोला जा सिता है। क्रिया पदबंध

    3 अमेररिा से आए मेहमानों में से िुछ संस्कृत जानते हैं । सववनाम पदबंध

    4 अयोध्या िे राजा दशरथ के चार पतु्र थे। संज्ञा-पदबंध

    5 आज मैंने पेट भरिर खाना खाया । क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    6 आजिल बाजार में बहुत स्वाकदष्ट मीठे सेब आ रह ेहैं । संज्ञा पदबंध

    7 आजिल बाजार में बहुत स्वाकदष्ट मीठे सेब आ रह ेहैं । क्रवशेषण पदबंध

    8 आजकल बाजार में बहुत मीठे सांतरे आ रह ेह ै। संज्ञा-पदबंध

    9 आप आराम से बैठिर बातें कीक्रजए । क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    10 आप सचमुच बहुत दयावान हैं | क्रवशेषण पदबंध

    11 आपके बाद यहााँ िौन आएगा? क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    12 आपिे कमत्रों में से िोई समय पर नहीं पह ुँचा । सववनाम पदबंध

    13 आसमान में उड़ता गुब्बारा फट गया। संज्ञा-पदबंध

    14 आसमान में उड़ता हुआ गुब्बारा नीचे आ गया | संज्ञा पदबंध

    15 इमारत में खड़ा िोई नीचे झाुँक रहा ह।ै सववनाम पदबंध

    16 ईमानदारी से चलते हुए तुम सबसे प्यारे हो। सववनाम पदबंध

    17 उस घर िे िोने में बैठा हुआ आदमी जाससू ह।ै क्रवशेषण पदबंध

    18 उस रोज िी अपेक्षा आज अक्रधक गमी ह।ै क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    19 उसका घर अलवर गेट िे पास ह ै। क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    20 उसका घोड़ा अत्यांत सुांदर, फुरतीला और आज्ञािारी ह।ै क्रवशेषण पदबंध

    21 उसकी दृक्रि में वह एक अदु्भत साहसी यवुक था | क्रवशेषण पदबंध

    22 उसने बच्चे को पीट -पीटिर मार क्रदया | क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    23 उसने साुँप को पीट-पीटिर मारा। क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    24 िक्षा में शोर मचाने वाले तुम आज क्यों चपु हो ? सववनाम पदबंध

    25 िमरे में सोता हुआ बालि पलंग से क्रगर पड़ा । संज्ञा-पदबंध

    26 िल िी अपेक्षा आज अक्रधक ठंड़ ह।ै क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    27 कल की अपेक्षा आज अक्रधक गमी ह ै| क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    28 िल बाजार में बहुत रसीले सांतरे आए ह ए थे। संज्ञा पदबंध

    29 िलित्ता में रहने वाली मेरी बहन कल आ रही हैं। संज्ञा पदबंध

    30 िुाँ ए पर गााँव िी लड़कियााँ पानी भरने जा रही हैं । संज्ञा पदबंध

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  • क्रम रेखाांकित वाक्य पदबांध िे प्रिार

    31 कुछ लोग सोते-सोते चलते ह।ै क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    32 क्या यह मंक्रदर आज बांद होता है? क्रिया पदबंध

    33 खाना पिािर खा लो। क्रिया पदबंध

    34 कखड़िी पर खड़ा नौजवान मेरा पररक्रचत ह।ै क्रवशेषण पदबंध

    35 गाड़ी धीरे-धीरे चल रही ह।ै क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    36 गाड़ी बह त धीमी गकत से चल रही ह।ै क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    37 गीत क्रकतना मधरु सनुाई पड़ रहा है? क्रिया पदबंध

    38 गीत सनुते-सनुते सो जाना। क्रिया पदबंध

    39 गीता िा भाई राम गाता ह ै| संज्ञा पदबंध

    40 गीता ने अपने सभी कायव जल्दी – जल्दी समाप्त कर क्रलए | क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    41 घर िे बाहर खड़ा मैं आपकी प्रतीक्षा कर रहा ह ुँ। सववनाम पदबंध

    42 घर में लड़ने वाली वह स्त्री घर से भाग गई। सववनाम पदबंध

    43 घर से भागा हुआ लड़का क्रमल गया । क्रवशेषण पदबंध

    44 चमिीली कसतारों वाली फ्रॉक अभी पहननी ह।ै क्रवशेषण पदबंध

    45 चार ताितवर मजदूर इस भारी चीज को उठा पाए। संज्ञा-पदबंध

    46 चारपाई पर लेटा हुआ मैं सो गया। सववनाम पदबंध

    47 छात्र मोहन की क्रशकायत दबी जबान से कर रह ेथे। क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    48 छात्रावास में रहने वाले िुछ छात्र कसगरेट पीते हैं | सववनाम पदबंध

    49 जांग में मरने वाले सैकनि आदरणीय होते हैं। संज्ञा पदबंध

    50 जांगल में रहने वाला पागल हाथी सेक्रनकों द्वारा पकड़ क्रलया गया । संज्ञा-पदबंध

    51 जल्दी से खािर चले जाओ। क्रिया पदबंध

    52 जो बच्चा िल आया था, वह दसवीं कक्षा में पढ़ता ह ै। सववनाम पदबंध

    53 जो लड़िी िल गा रही थी वह प्यारी ह।ै सववनाम पदबंध

    54 जो कवद्याथी खाना खाएाँगे वे शीघ्र आ जाओ। सववनाम पदबंध

    55 टाइप िरने वाला व्यक्रि आज चला गया ह।ै क्रवशेषण पदबंध

    56 तिदीर िा मारा मैं कहाुँ फुँ स गया ? सववनाम पदबंध

    57 तालाब में िमल क्रखले हैं। संज्ञा पदबंध

    58 तालाब में बहुत सुांदर कमल क्रखले हैं। क्रवशेषण पदबंध

    59 तालाब में रांग-कबरांगें बह त सुंदर कमल क्रखले हैं। क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    60 तालाब में सुंदर िमल कखले हैं। क्रिया पदबंध

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  • क्रम रेखाांकित वाक्य पदबांध िे प्रिार

    61 तेज चलने वाली गाक्रड़याुँ प्रायः देर से पह ुँचती हैं। क्रवशेषण पदबंध

    62 दशरथ िे चारों पुत्र वीर थे । संज्ञा पदबंध

    63 दीदी और मामा कल ही आए हैं। क्रिया पदबंध

    64 दीदी पढाई िर रही है। क्रिया पदबंध

    65 दीवार िे सहारे खड़े तुम क्या सोच रह ेहो? सववनाम पदबंध

    66 दुबला-पतला अस्वस्थ आदमी क्रकसी काम का नहीं होता ह।ै संज्ञा पदबंध

    67 देश भर में दकलत अब बेरोजगार नहीं रहेंगे। संज्ञा पदबंध

    68 नदी िल-िल िरती हुई बह रही थी। क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    69 नदी बहती चली जा रही है। क्रिया पदबंध

    70 नाव पानी में डूबती चली गई । क्रिया पदबंध

    71 नीले रांग वाली छतरी मझु ेपंसद नहीं ह।ै क्रवशेषण पदबंध

    72 नेहा बहुत तेज गकत से दौड़ रही ह।ै क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    73 पड़ोस में रहने वाला राम ूएक अच्छा लड़का ह।ै संज्ञा पदबंध

    74 पत्थर लुढिते चले जा रहे थे। क्रिया पदबंध

    75 पररश्रम िरने वाला छात्र परीक्षा में उत्तीणव होगा । संज्ञा-पदबंध

    76 क्रपताजी कल भोपाल से आ गए थे । क्रिया पदबंध

    77 प्रकतकदन नृत्य िरने वाली दीदी अच्छी ह।ै क्रवशेषण पदबंध

    78 फूलों िे मुस्िान वाली नेहा रो रही ह।ै क्रवशेषण पदबंध

    79 बच्चा दधू पीिर सो गया । क्रिया पदबंध

    80 बच्चे जल्दी सो जाया िरते हैं । क्रिया पदबंध

    81 बड़ो िा सम्मान िरने वाला मैं क्रकसी का अपमान नहीं कर सकता | सववनाम पदबंध

    82 बरगद और पीपल िी घनी छााँव से हमें बह त सखु क्रमला। क्रवशेषण पदबंध

    83 बात-बात पर हुँसना अच्छी बात नहीं ह।ै क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    84 कभक्षा मााँगने वाले कभखाररयों पर हमें दया रखनी चाक्रहए। संज्ञा पदबंध

    85 मांकदर में खड़ा मैं तुम्हारा इतंजार करता रहा। सववनाम पदबंध

    86 मांहगी खरीदी ह ई साड़ी फट गई ह।ै क्रवशेषण पदबंध

    87 मांहगे दामों पर खरीदी वस्तु लम्बे समय तक चलती ह।ै संज्ञा पदबंध

    88 मल्हार गीत गाता हुआ पे्रमी अपनी पे्रक्रमका का इतंजार कर रहा ह।ै क्रवशेषण पदबंध

    89 मझुे कुछ भी नहीं सनुाई दे रहा है। क्रिया पदबंध

    90 मझुे मोहन छत से कदखाई दे रहा है। क्रिया पदबंध

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  • क्रम रेखाांकित वाक्य पदबांध िे प्रिार

    91 मझुे दो किलो पीसी हुई लाल कमची चाक्रहए । क्रवशेषण पदबंध

    92 मझुे सकचत्र और मोटी पसु्तक चाक्रहए | क्रवशेषण पदबंध

    93 मेरी माुँ मझुे कहाक्रनयाुँ सनुाया िरती थी | क्रिया पदबंध

    94 मेरे अमेररिा वाले बेटे ने मेरे क्रलए घड़ी भेजी ह ै। संज्ञा-पदबंध

    95 मेरे बचपन िा साथी हर्ष इजंीक्रनयर बन गया | संज्ञा पदबंध

    96 मेरे बचपन िा साथी मोक्रहत डॉक्टर ह ै। सववनाम पदबंध

    97 मैं आिर जाता ह ाँ। क्रिया पदबंध

    98 मैं िल शाम चार बजे ति पह ुँचूुँगा । क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    99 मैंने रमा की आधी रात ति प्रतीक्षा की। क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    100 मैंने राधा को पत्र कलख कदया है । क्रिया पदबंध

    101 मोक्रनका पररश्रमी और होकशयार लड़की ह ै| क्रवशेषण पदबंध

    102 मोहन क्रकताब पढ रहा है | क्रिया पदबंध

    103 यह लड़की अत्यांत सशुील और पररश्रमी ह।ै क्रवशेषण पदबंध

    104 यहााँ िोई न िोई आया ह ै| सववनाम पदबंध

    105 यहाुँ चारों ओर भयांिर अंधकार ह।ै क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    106 युद्ध में लड़ने वाला कसपाही शहीद हो गया । संज्ञा पदबंध

    107 युद्ध में लड़ने वाला क्रसपाही शहीद हो गया । क्रवशेषण पदबंध

    108 राम ने लांिा िे राजा रावण को मार क्रगराया। संज्ञा-पदबंध

    109 राम बहुत ही सदाचारी, वीर और दयालु राजा थे। क्रवशेषण पदबंध

    110 राम गाता ह ै| संज्ञा पदबंध

    111 राह ल बहुत नेि, ईमानदार तथा पररश्रमी बालक ह ै। क्रवशेषण पदबंध

    112 रोहण क्रदल्ली चला गया | क्रिया पदबंध

    113 लिड़ी से बनी अलमारी बह त सुंदर ह।ै क्रवशेषण पदबंध

    114 लड़के हॉकी खेलते रहे होंगे । क्रिया पदबंध

    115 लोहे िा नया बक्सा उस क्रकनारे में रख दो। संज्ञा पदबंध

    116 वह उसे सावधानी से क्रनहार रहा था | क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    117 वह तेज दौड़ते-दौड़ते थक गया। क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    118 वह दौड़ते हुए जा रहा ह।ै क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    119 वह पढते-पढते सो गया। क्रिया पदबंध

    120 वह पत्र कलखा िरती है | क्रिया पदबंध

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  • क्रम रेखाांकित वाक्य पदबांध िे प्रिार

    121 वह पहले िी अपेक्षा बहुत समझदार हो गया ह।ै क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    122 वह बहुत धीरे-धीरे चलता ह ै। क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    123 वह बाजार की ओर आया होगा। क्रिया पदबंध

    124 वह बाजार जा चुिा होगा। क्रिया पदबंध

    125 वह कबहार िी राजधानी पटना में रहता ह ै। संज्ञा पदबंध

    126 वह बहुत देर ति तुम्हारी प्रतीक्षा करता रहा । क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    127 वहााँ खड़ा हर िोई अपना योगदान देना चाहता ह।ै सववनाम पदबंध

    128 कवदेश में रहने वाला मोहन कल आएगा | संज्ञा पदबंध

    129 कशमला में पड़ने वाली भांयिर सदी को मैंने झेला हैं। संज्ञा पदबंध

    130 शेर िे समान दहाड़ने वाले तुम काुँप क्यों रह ेहो ? सववनाम पदबंध

    131 सबसे तेज दौड़ने वाला छात्र जीत गया। संज्ञा-पदबंध

    132 सब्जी बेचने वाला व्यक्रि आज नहीं आया ह।ै क्रवशेषण पदबंध

    133 सस्ता खरीदा हुआ कपड़ा अक्रधक नहीं चलता । क्रवशेषण पदबंध

    134 सात बजे आने वाली गाड़ी आज बारह बजे आएगी। क्रवशेषण पदबंध

    135 साधुओां-सा उपदेश देने वाले तुम आदर के भागी हो। सववनाम पदबंध

    136 सामने वाले घर में रहने वाला लड़िा परीक्षा में पास हो गया | संज्ञा पदबंध

    137 सुांदर नैनों वाली बाक्रलका मेरी पतु्री ह।ै क्रवशेषण पदबंध

    138 सदुामा िे स्वागत िे कलए श्रीिृष्ण द्वार पर आए | संज्ञा पदबंध

    139 सरेुश नदी में डूब गया। क्रिया पदबंध

    140 स्टेशन िे चारों ओर तेज रोशनी का प्रबंध ह ै। क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    141 स्वाक्रत ऊुँ चा गाते-गाते थक गई। क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    142 हम नीचे वाले घर में रहते हैं। क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    143 हमारा घर सांगम कसनेमा िे पास ह।ै क्रियाक्रवशेषण (अव्यय) पदबंध

    144 हमारी लड़ाई में बीच में बोलने वाले आप कौन हैं ? सववनाम पदबंध

    145 हमारी लड़ाई में बीच में बोलने वाले आप कौन हैं ? क्रवशेषण पदबंध

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  • क्रमउदे्दश्य (कजसिे बारे

    में बात िी जाय)कवधेय (जो बात िी जाय) वाक्य

    1 मोहन प्रयाग में रहता ह।ै मोहन प्रयाग में रहता ह।ै

    2 अजुवन ने जयद्रथ को मारा। अजुवन ने जयद्रथ को मारा।

    3 कुत्ता भौंक रहा ह।ै कुत्ता भौंक रहा ह।ै

    4 तोता डाल पर बैठा ह।ै तोता डाल पर बैठा ह।ै

    5 सुंदर पक्षी डाल पर बैठा ह।ै सुंदर पक्षी डाल पर बैठा ह।ै

    6 काला साुँप पेड़ के नीचे बैठा ह।ै काला साुँप पेड़ के नीचे बैठा ह।ै

    7 अच्छा बालक आज्ञा का पालन करता ह।ै अच्छा बालक आज्ञा का पालन करता ह।ै

    8 दशवकों की भीड़ ने उसे घेर ललया। दशवकों की भीड़ ने उसे घेर क्रलया।

    9 काम सीखा ह आ कारीगर कलठनाई से लमलता ह।ै काम सीखा ह आ कारीगर कक्रठनाई से क्रमलता ह।ै

    10 वह अपने पैन से ललखता ह।ै वह अपने पैन से क्रलखता ह।ै

    11 क्रमत्र, अच्छी पसु्तकें पढो। क्रमत्र, अच्छी पसु्तकें पढ़ो।

    12 श्रेय मन लगाकर पढता ह।ै श्रेय मन लगाकर पढ़ता ह।ै

    13 सकु्रवधा के भाई अनपुम ने वाद-लववाद प्रलतयोलगता में लहस्सा ललया। सकु्रवधा के भाई अनपुम ने वाद-क्रववाद प्रक्रतयोक्रगता में क्रहस्सा क्रलया।

    14 वह परुुष बड़ा वीर है वह परुुष बड़ा वीर है

    15 मछक्रलयाुँ तैर रही ह ै। मछक्रलयाुँ तैर रही ह ै।

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  • क्रमउदे्दश्य (कजसिे बारे

    में बात िी जाय)कवधेय (जो बात िी जाय) वाक्य

    16 रक्रव जाता ह ै। रक्रव जाता ह ै।

    17 मेरा भाई क्रमत्र के घर जाता ह ै। मेरा भाई क्रमत्र के घर जाता ह ै।

    18 पनूम क्रकताब पढ़ती ह।ै पनूम क्रकताब पढ़ती ह।ै

    19 सक्रचन दौड़ता ह।ै सक्रचन दौड़ता ह।ै

    20 पररश्रम करने वाला व्यक्रि सदा सफल होता ह।ै पररश्रम करने वाला व्यक्रि सदा सफल होता ह।ै

    21 गाय घास खाती ह।ै गाय घास खाती ह।ै

    22 सफेद गाय हरी घास खाती ह।ै सफेद गाय हरी घास खाती ह।ै

    23 मोहन बाजार जा रहा ह।ै मोहन बाजार जा रहा ह।ै

    24 क्रबजली चम - चम चमक रही ह।ै क्रबजली चम - चम चमक रही ह।ै

    25 बच्चे शतरंज़ खेल रह ेहैं। बच्चे शतरंज़ खेल रह ेहैं।

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  • 1. मैं दधू पीकर सो गया। मैंि ेदधू द्धपया और सो गया।2. वह पढ़िे के अलावा अखबार भी बेचता है। वह पढ़ता भी है और अखबार भी बेचता है3. मैंिे घर पहुाँचकर सब बच्चों को खेलते हुए देखा। मैंि ेघर पहुाँचकर देखा कक सब बच्च ेखेल रहे रे्। 4. स्वास््य ठीक ि होिे से मैं काशी िहीं जा सका। मेरा स्वास््य ठीक िहीं र्ा इसशलए मैं काशी िहीं जा सका।5. सवेरे तजे वषाथ होिे के कारण मैं दफ्तर देर से पहुाँचा। सवेरे तजे वषाथ हो रही र्ी इसशलए मैं दफ्तर देर स ेपहुाँचा।

    1. द्धपताजी अस्वस्र् हैं इसशलए मुझ ेजािा ही पड़गेा। द्धपताजी के अस्वस्र् होिे के कारण मुझ ेजािा ही पड़गेा।2. उसिे कहा और मैं माि गया। उसके कहिे से मैं माि गया।3. वह केवल उपन्यासकार ही िहीं अद्धपतु अच्छा वक्ता भी है। वह उपन्यासकार के अनतररक्त अच्छा वक्ता भी है।4. ल ूचल रही र्ी इसशलए मैं घर से बाहर िहीं निकल सका। लू चलिे के कारण मैं घर से बाहर िहीं निकल सका।5. गाडथ ि ेसीटी दी और टे्रि चल पड़ी। गाडथ के सीटी देिे पर टे्रि चल पड़ी।

    1. हरशसगंार को देखते ही मुझ ेगीता की याद आ जाती है। जब मैं हरशसगंार की ओर देखता हूाँ तब मुझ ेगीता की याद आ जाती है।2. राष्ट्र के शलए मर शमटिे वाला व्यत्क्त सच्चा राष्ट्रभक्त है। वह व्यत्क्त सच्चा राष्ट्रभक्त है जो राष्ट्र के शलए मर शमटे।3. पैसे के त्रबिा इंसाि कुछ िहीं कर सकता। यदद इंसाि के पास पैसा िहीं है तो वह कुछ िहीं कर सकता।4. आधी रात होते-होते मैंि ेकाम करिा बंद कर ददया। ज्योंही आधी रात हुई त्योंही मैंिे काम करिा बंद कर ददया।

    1. जो संतोषी होते हैं वे सदैव सुखी रहते हैं । संतोषी सदैव सुखी रहत ेहैं।2. यदद तमु िहीं पढ़ोगे तो परीक्षा में सफल िहीं होगे। ि पढ़िे की दशा में तमु परीक्षा में सफल िहीं होगे।3. तमु िहीं जािते कक वह कौि है ? तमु उस ेिहीं जाित।े4. जब जेबकतरे िे मुझ ेदेखा तो वह भाग गया। मुझ ेदेखकर जेबकतरा भाग गया।5. जो द्धवद्वाि है, उसका सवथत्र आदर होता है। द्धवद्वािों का सवथत्र आदर होता है।

    (2) संयुक्त वाक्यों का साधारण वाक्यों में पररवततन-

    (1) साधारण वाक्यों का संयुक्त वाक्यों में पररवततन- वाक्य-पररवततन

    (4) ममश्रित वाक्यों का साधारण वाक्यों में पररवततन-

    (3) साधारण वाक्यों का ममश्रित वाक्यों में पररवततन-

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  • क्रम ननदेशानुसार वाक्य बदमिए/ ननदेशानुसार वाच्य पररवनततत कीजिए- पररवनततत वाच्य1

    (क) त्जस आदमी ि ेपहले–पहल आग का आद्धवष्कार ककया होगा, वह ककतिा बड़ा आद्धवष्कताथ होगा। (कतृथवाच्य में) (क) त्जस आदमी ि ेपहले-पहल आग का आद्धवष्कार ककया, वह ककतिा बड़ा आद्धवष्कताथ है।

    2 (ख) खबर सुिकर वह चल भी िहीं पा रही र्ी। (भाववाच्य में) (ख) खबर सुिकर उसके द्वारा चला भी िहीं जा रहा र्ा।3 (ग) देशभक्तों की शहादत को आज भी याद ककया जाता है। (कतृथवाच्य में) (ग) देशभक्तों की शहादत को आज भी याद करत ेहैं।4 (घ) मई महीि ेमें शीला अग्रवाल को कॉलेज वालों ि ेिोदटस र्मा ददया। (कमथवाच्य में) (घ) मई महीि ेमें शीला अग्रवाल को कॉलेज द्वारा िोदटस र्मा ददया गया।5 (क) बुलबुल रात्रत्र द्धवश्राम अमरूद की डाल पर करती है। (कमथवाच्य में) (क) बुलबुल द्वारा रात्रत्र द्धवश्राम अमरूद की डाल पर ककया जाता है।6 (ख) कुछ छोटे भूरे पक्षक्षयों द्वारा मंच सम्हाल शलया जाता है। (कतृथवाच्य में) (ख) कुछ छोटे भूरे पक्षक्षयों ि ेमंच सम्हाल शलया।7 (ग) वह रात भर कैसे जागेगी। (भाववाच्य में) (ग) उसके द्वारा रात भर कैसे जागा जाएगा।8 (घ) सात सुरों को इसि ेगज़ब की द्धवद्धवधता के सार् प्रस्ततु ककया। (कमथवाच्य में) (घ) सात सुरों को इसके द्वारा गज़ब की द्धवद्धवधता के सार् प्रस्ततु ककया गया।9 (क) कूजि कंुज में आसपास के पक्षी संगीत का अभ्यास करत ेहैं। (कमथवाच्य में) (क) कूजि कंुज में आसपास के पक्षी द्वारा संगीत का अभ्यास ककया जाता है।

    10 (ख) श्यामा द्वारा सुबह-दोपहर के राग बखबूी गाए जाते हैं। (कतृथवाच्य में) (ख) श्यामा सुबह-दोपहर के राग बखबूी गाती है। 11 (ग) ददथ के कारण वह चल िहीं सकती। (भाववाच्य में) (ग) ददथ के कारण उिसे चला िहीं जाता। 12 (घ) श्यामा के गीत की तलुिा बुलबुल के सुगम संगीत से की जाती है। (कतृथवाच्य में) (घ) श्यामा के गीत की तलुिा बुलबुल के सुगम संगीत से होती है। 13 (क) श्यामा सुबह-दोपहर के राग ब़खबूी गाती है। (कमथवाच्य में) (क) श्यामा द्वारा सुबह-दोपहर के राग बखबूी गाए जाते हैं।14 (ख) पक्षक्षयों द्वारा संगीत का अभ्यास ककया जाता है। (कतृथवाच्य में) (ख) पक्षी संगीत का अभ्यास करत ेहैं।15 (ग) ददथ के कारण उससे चला िहीं जाता। (कतृथवाच्य में) (ग) ददथ के कारण वह चल िहीं सकता।16 (घ) चोट के कारण वह बैठ िहीं सकती। (भाववाच्य में) (घ) चोट के कारण उससे बैठा िहीं जाता।17 (क) फुरसत में मैिा खबू ररयाज करती है। (कमथवाच्य में) (क) फुरसत में मैिा द्वारा ररयाज़ ककया जाता है।18 (ख) फाख़्ताओं द्वारा गीतों को सुर ददया जाता है। (कतृथवाच्य में) (ख) फाख़्ताओं ि ेगीतों को सुर ददया।19 (ग) बच्चा सााँस िहीं ले पा रहा र्ा। (भाववाच्य में) (ग) बच्च ेद्वारा सााँस िहीं ली जा रही र्ी।20 (घ) दो-तीि पक्षक्षयों द्वारा अपिी-अपिी लय में एक सार् कूदा जा रहा र्ा। (कतृथवाच्य में) (घ) दो-तीि पक्षी अपिी-अपिी लय में एक सार् कूद रहे रे्।21 (क) मेरे द्वारा समय की पाबंदी पर निबंध शलखा गया। (कतृथवाच्य में) (क) मैंिे समय की पाबंदी पर निबंध शलखा।22 (ख) मेरे शमत्र से चला िहीं जाता। (कतृथवाच्य में) (ख) मेरा शमत्र चल िहीं सकता।23 (ग) उिके सामिे कौि बोल सकेगा? (भाववाच्य में) (ग) उिके सामिे ककसके द्वारा बोला जाएगा।24 (घ) भाई साहब ि ेमुझ ेपतगं दी। (कमथवाच्य में) (घ) भाई साहब द्वारा मुझ ेपतगं दी जाती है।25 (क) उिके द्वारा उछलकर डोर पकड़ ली गई। (कतृथवाच्य में) (क) उन्होंिे उछलकर डोर पकड़ ली।26 (ख) उससे तो उठा भी िही जाता। (कतृथवाच्य में) (ख) वह उठ िहीं सकता है।27 (ग) मैं चल िहीं सकती। (भाववाच्य में) (ग) मेरे द्वारा चला िहीं जाता है।

    वाच्य

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  • वाच्य28 (घ) दादा जी ि ेहम सबको पुस्तकें दी। (कमथवाच्य में) (घ) दादा जी द्वारा हम सबको पुस्तकें दी जा गईं।29 (क) राष्ट्रपनत द्वारा इस भवि का उद्घाटि ककया गया। (कतृथवाच्य में) (क) राष्ट्रपनत ि ेइस भवि का उद्घाटि ककया।30 (ख) हमसे इतिा भार िहीं सहा जाता। (कतृथवाच्य में) (ख) हम इतिा भार िहीं सह सकत।े31 (ग) इतिी गमी में कैसे बैठ सकते हैं? (भाववाच्य में) (ग) इतिी गमी में कैसे बैठा जाएगा।32 (घ) तलुसीदास ि े'रामचररतमािस' की रचिा की। (कमथवाच्य में) (घ) 'तलुसीदास' द्वारा रामचररतमािस की रचिा की गई।33 (क) भाईसाहब के द्वारा मुझ ेपतगं दी गई? (कतृथवाच्य में) (क) भाईसाहब ि ेमुझ ेपतगं दी।34 (ख) आओ, कहीं चला जाए। (कतृथवाच्य में) (ख) आओ, कहीं चले।35 (ग) मेरी शमत्र चल िहीं सकती। (भाववाच्य में) (ग) मेरी शमत्र द्वारा चला िहीं जाता।36 (घ) मैंि ेसमय की पाबंदी पर निबंध शलखा। (कमथवाच्य में) (घ) मेरे द्वारा समय की पाबंदी पर निबंध शलखा गया।37 (क) तलुसीदास द्वारा 'रामचररतमािस' की रचिा की गई। (कतृथवाच्य में) (क) तलुसीदास ि ेरामचररतमािस की रचिा की।38 (ख) इतिी गमी में कैसे बैठा जाएगा। (कतृथवाच्य में) (ख) इतिी गमी में कैसे बैठें ।39 (ग) हम इतिा भार िहीं सह सकत।े (कमथवाच्य में) (ग) हमारे द्वारा इतिा भार िहीं सहा जाएगा।40 (घ) अब राष्ट्रपनत िहीं आएाँगे। (भाववाच्य में) (घ) अब राष्ट्रपनत द्वारा िहीं आया जाएगा।41 (क) अिेक श्रोताओं ि ेकद्धवता की प्रशंसा की। (कमथवाच्य में) (क) अिेक श्रोताओं के द्वारा कद्धवता की प्रशंसा की गई।42 (ख) परीक्षा के बारे में अध्यापक द्वारा क्या कहा गया? (कतृथवाच्य में) (ख) परीक्षा के द्धवषय में अध्यापक ि ेक्या कहा?43 (ग) हम इतिी गमी में िहीं रह सकत।े (भाववाच्य में) (ग) हमसे इतिी गमी में िहीं रहा जाता।44 (घ) चलो, आज शमलकर कहीं घूमा जाए। (कतृथवाच्य में) (घ) चलो, आज शमलकर कहीं घूमत ेहैं।45 (क) आओ! कुछ बातें करें। (कमथवाच्य में बदशलए) (क) आओ! हमारे द्वारा कुछ बातें की जाए।46 (ख) हमि ेउसको अच्छे संस्कार देिे का प्रयास ककया। (कमथवाच्य में बदशलए) (ख) हमारे द्वारा उसे अच्छे संस्कार देिे का प्रयास ककया गया।47 (ग) आपके द्वारा उिके द्धवषय में क्या सोचा जाता है? (कतृथवाच्य में बदशलए) (ग) आप उिके द्धवषय में क्या सोचते हैं।48 (घ) आज नित्श्चन्त होकर सोया जाएगा। (वाच्य का भेद बताइए) (घ) कमथवाच्य ।49 (क) मैंि ेगत वषथ खरीदी कार बेज दी। (कमथवाच्य बिाइए) (क) मेरे द्वारा गत वषथ खरीदी कार बेच दी गई।50 (ख) इस समय उसके द्वारा गीता पढ़ी जा रही होगी।(कतृथवाच्य में बदशलए) (ख) इस समय वह गीता पढ़ रही होगी।51 (ग) ककसी के द्वारा दरवाजा खटखटाया जा रहा है।(कतृथवाच्य में बदशलए) (ग) ककसी ि ेदरवाज़ा खटखटाया है।52 (घ) तमु टहल ही िहीं सकते हो। (भाववाच्य का रूप बिाइए) (घ) तमुसे टहला िहीं जा सकता।53 (क) अब आश्रम में पढ़िे के शलए चलें। (भाववाच्य में पररवनतथत कीत्जए) (क) अब आश्रम में पढ़िे के शलए चला जाए।54 (ख) हम इस प्रकार का मसालेदार खािा िहीं खात ेहैं। (कमथवाच्य बिाइए) (ख) हमारे द्वारा इस प्रकार का मसालेदार खािा िहीं खाया जाता है।55 (ग) कद्धव के द्वारा यह मादक सुन्दरता अिेक रूपों में देखी गई है। (कतृथवाच्य में बदशलए) (ग) कद्धव ि ेयह मादक सुंदरता अिेक रूपों में देखी है।

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  • वाच्य56 (घ) आइये! स्िाि ककया जाय। (कतृथवाच्य में बदशलए) (घ) आइये! स्िाि करें।57 (क) पाि वाले ि ेयह रहस्य बता ददया - कमथवाच्य में बदशलए। (क) पाि वाले द्वारा यह रहस्य बता ददया गया।58 (ख) यह कौम त्रबकिे के मौके ढूाँढती है - कमथवाच्य में बदलकर शलखखए। (ख) इस कौम के द्वारा त्रबकिे के मौके ढूाँ ढे जाते हैं।59 (ग) आइए उस बेंच पर बैठें - भाववाच्य में बदशलए। (ग) आइए उस बेंच पर बैठा जाए।60 (घ) उिसे संस्कृत िहीं बोली जाती र्ी - कतृथवाच्य में बदशलए। (घ) वह संस्कृत िहीं बोल सकते रे्।61 (ङ) तमु सारी रात कैसे जागोगे? - भाववाच्य में बदशलए। (ङ) तमुसे सारी रात कैसे जागा जाएगा।62 (i) ऐसे समाचार को सुिकर मााँ रो भी िहीं सकी। (भाव वाच्य में) (i) ऐसा समाचार सुिकर मााँ से रोया भी िही जा सका।63 (ii) िेता जी कंबल बााँट रहे हैं। (कमथ वाच्य में) (ii) िेताजी द्वारा कबंल बाटे जा रहे हैं।64 (iii) तमु्हारे द्वारा इि बातों पर ध्याि ददया जािा चादहए। (कतृथ वाच्य में) (iii) तमु्हें इि बातों पर ध्याि देिा चादहए।65 (i) आप िहीं बोल पाएाँगे। (भाव वाच्य में) (i) आप से बोला िही जाएगा।66 (ii) सबको पूरी बात समझा दी है। (कमथ वाच्य में) (ii) सबको पूरी बात समझा दी गई है।67 (iii) प्रकृनत द्वारा हमारे देश को िददयों का वरदाि ददया गया है। (कतृथ वाच्य में) (iii) प्रकृनत ि ेहमारे देश को िददयों का वरदाि ददया है।68 (i) मैं बेकार िहीं बैठ सकता। (भाव वाच्य में) (i) मुझसे बेकार िहीं बैठा जाता।69 (ii) इि बशलदािी मदहलाओं को िहीं भूल सकत।े (कमथ वाच्य में) (ii) इि बशलदािी मदहलाओं को िहीं भुलाया जा सकता।70 (iii) उिके द्वारा चचदियााँ शलखवाई गईं। (कतृथ वाच्य में) (iii) उन्होंिे चचदियााँ शलखी।71 (i) वह बाढ़ग्रस्त लोगों के शलए राहत जुटा रहा है। (कमथवाच्य में) (i) उसके द्वारा बाढ़ग्रस्त लोगों के शलए राहत जुटाई जा रही है।72 (ii) आज अदालत द्वारा उसको ज़माित दी गई। (कतृथवाच्य में) (ii) आज अदालत ि ेउसे ज़माित दे दी।73 (iii) आओ! सार् शमलकर खेलें। (भाववाच्य में) (iii) आओ! सार् शमलकर खेला जाए।74 (i) मैं सो िहीं सकता हूाँ। (भाववाच्य में) (i) मुझसे सोया िहीं जाता है।75 (ii) तमु्हें यहााँ ककसिे भेजा है? (कमथवाच्य में) (ii) तमु्हें यहााँ ककसके द्वारा भेजा गया है?76 (iii) द्धवद्वािों द्वारा जो कहा जाता है उसको सुिा जाए। (कतृथवाच्य में) (iii) द्धवद्वािों ि ेजो कहा है उसे सुिो।77 (i) हम इस अपार कष्ट को सहि िहीं कर सकत।े (कमथवाच्य में) (i) हमारे द्वारा इस अपार कष्ट को सहि िहीं ककया जा सकता।78 (ii) इस छात्रा द्वारा भावभीिी श्रिांजशल दी जा रही है। (कतृथवाच्य मे) (ii) इस छात्रा ि ेभावभीिी श्रिांजशल दी।79 (iii) आइए, चले। (भाववाच्य में) (iii) आइए, चला जाए।80 (i) निष्ठावाि ्कमथयोगी ही सदा ऐसे काम ककया करत ेहैं। (कमथवाच्य में) (i) निष्ठावाि ्कमथयोगी द्वारा सदा ऐसे ही काम ककए जाते हैं।81 (ii) िेहरू जी द्वारा अपिे देश के शलए समस्त सुख-सुद्धवधाएाँ त्याग दी गईं। (कतृथवाच्य में) (ii) िेहरू जी ि ेदेश के शलए समस्त सुख-सुद्धवधाएाँ त्याग दी।82 (iii) वह बेचारी रो भी िहीं सकती। (भाववाच्य में) (iii) उस बेचारी से रोया भी िहीं जा सका।83 (i) इस पत्र को आज की डाक से भेजें। (कमथवाच्य में) (i) इस पत्र को डाक द्वारा भेजा जाएगा।

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  • वाच्य84 (ii) स्वामीजी द्वारा समाज-सुधार के शलए क्या कुछ िहीं ककया गया? (कतृथवाच्य में) (ii) स्वामी जी ि ेसमाज सुधार के शलए क्या कुछ िहीं ककया।85 (iii) चलो, अब सोते हैं। (भाववाच्य में) (iii) चलो, अब सोया जाए।86 (i) वह सच बोले त्रबिा िहीं रह सकता। (भाववाच्य में) (i) उससे सच बोले त्रबिा िहीं रहा जाता।87 (ii) इस युि ि ेअिेक बच्चों को अिार् कर ददया। (कमथवाच्य में) (ii) इस युि के द्वारा अिेक बच्चों को अिार् कर ददया गया।88 (iii) यह सुंदर रचिा इस तलुसी द्वारा रची गई है। (कतृथवाच्य में) (iii) यह सुंदर रचिा इस तलुसी ि ेरची है।89 (i)मैं दरवाज़ा िहीं खोल सकता। (कमथवाच्य में) (i) मुझसे दरवाजा िहीं खलुता।90 (ii)सुिीत द्धवशलयम्स द्वारा उद्घाटि ककया गया। (कतृथवाच्य में) (ii) सुिीता द्धवशलयम्स ि ेउद्घाटि ककया।91 (iii)मैं सोच िहीं सकता। (भाववाच्य में) (iii) मुझसे सोचा िहीं जा सकता।92 (i) मुझसे वहााँ िहीं जाया जाता। (कतृथवाच्य में) (i) मैं वहााँ िहीं जा सकता।93 (ii) रामचररतमािस की रचिा तलुसी ि ेकी र्ी। (कमथवाच्य में) (ii) रामचररतमािस की रचिा तलुसी द्वारा की गई।94 (iii) वह ज़ोर से बोल िहीं सकता। (भाववाच्य में) (iii) उससे ज़ोर से बोला िहीं जा सकता।95 (i) मुझसे इति ेकम प्रकाश में पढ़ा िहीं जाता। (कतृथवाच्य में) (i) मैं इति ेकम प्रकाश में िहीं पढ़ सकता/सकती।96 (ii) यह पुस्तक ककसिे शलखी है? (कमथवाच्य में) (ii) यह पुस्तक ककसके द्वारा शलखी गई है?97 (iii) छत पर कैसे सोओगे? (भाववाच्य में) (iii) छत पर कैसे सोया जाएगा?98 (i) मुझसे ककसी के सामिे बोला िहीं जाता। (कतृथवाच्य में) (i) मैं ककसी के सामिे बोल िहीं पाता।99 (ii) मैंि ेही यह पुस्तक शलखी है। (कमथवाच्य में) (ii) मेरे द्वारा ही यह पुस्तक शलखी गई है।

    100 (iii) वह ज़ोर से गा िहीं सकता। (भाववाच्य में) (iii) उससे ज़ोर से गाया िहीं जाता।101 (i)ज्योनत कार अच्छी तरह िहीं चलाती। (कमथवाच्य में) (i) ज्योनत द्वारा कार अच्छी तरह िहीं चलाई जाती।102 (ii)उदूथ में शलखखत पत्र मुझसे िहीं पढ़ा जाएगा। (कतृथवाच्य में) (ii) उदूथ में शलखा पत्र मैं िहीं पढ़ पाऊाँ गा।103 (iii)गीता चल िहीं सकती। (भाववाच्य में) (iii) गीता से चला िहीं जा सकता।104 (i)उिके द्वारा इस झगड़ ेकी पूरी जााँच की गई। (कतृथवाच्य में) (i) उन्होंिे इस झगड़ ेकी पूरी जााँच की।105 (ii) तािसेि को 'संगीत सम्राट' भी कहत ेहैं। (कमथवाच्य में) (ii) तािसेि संगीत सम्राट कहलात ेहैं।106 (iii)अब मैं िहीं चल सकता। (भाववाच्य में) (iii) अब मुझसे चल िहीं जाता।107 (i) हम इतिी दरू िहीं रह सकत।े (भाववाच्य में) (i) हमसे इतिी दरू िहीं रहा जा सकता।108 (ii) मुझसे पत्र िहीं शलखा गया। (कतृथवाच्य में) (ii) मैंि ेपत्र िहीं शलखा।109 (iii) भारतवासी महात्मा गांधी को भूल िहीं सकता। (कमथवाच्य में) (iii) भारतवाशसयों द्वारा महात्मा गााँधी को भुलाया िहीं जा सकता।110 (i) कमल ि ेसुन्दर कद्धवताएाँ शलखी हैं। (i) कमल द्वारा सुन्दर कद्धवताएाँ शलखी गई हैं। 111 (ii) क्या वे रोएाँगे? (ii) क्या उिके द्वारा रोया जाएगा।

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  • वाच्य112 (iii) िािी द्वारा कहािी सुिाई जाती र्ी। (iii) िािी कहािी सुिाती र्ी।113 (i) मोहि पत्र शलख रहा है। (कमथवाच्य में) (i) मोहि द्वारा पत्र शलखा जा रहा है।114 (ii) सीता से खाया िहीं जाता। (कतृथवाच्य में) (ii) सीता िहीं खाती।115 (iii) मैं इस गमी में सो िहीं सकता। (भाववाच्य में) (iii) मुझसे इस गमी में सोया िहीं जाता।116 (i) रीमा से पुस्तक पढ़ी जा रही है। (कतृथवाच्य में) (i) रीमा पुस्तक पढ़ रही है।117 (ii) महद्धषथ दयािंद ि ेआयथसमाज की स्र्ापिा की। (कमथवाच्य में) (ii) महद्धषथ दयािंद द्वारा आयथसमाज की स्र्ापिा की गई।118 (iii) मैं उठ िहीं सकता। (भाववाच्य में) (iii) मुझसे उठा िहीं जा सकता।119 (i) लड़का तरैता है। (भाववाच्य में) (i) लड़के द्वारा तरैा जाता है।120 (ii) रमेश द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है। (कतृथवाच्य में) (ii) रमेश पुस्तक पढ़ता है।121 (iii) श्याम पत्र शलखता है। (कमथवाच्य में) (iii) श्याम द्वारा पत्र शलखा जाता है।122 (i) राम िहीं चलता। (i) राम से चला िहीं जाता।123 (ii) राधा से रात भर कैसे जागा जाएगा? (ii) राधा रात भर कैसे जागेगी।124 (iii) पक्षक्षयों से उड़ा जाता है। (iii) पक्षी उड़त ेहैं।125 (i) महात्मा गााँधी ि ेशांनत और अदहसंा का संदेश ददया। (कमथवाच्य में) (i) महात्मा गााँधी द्वारा शंनत और अदहसंा का संदेश ददया गया।126 (ii) हम इति ेदखु िहीं सह सकत।े (भाववाच्य में) (ii) हमसे इति ेदखु िहीं सहे जा सकत।े127 (iii) मुझसे पत्र िहीं शलखा गया। (कतृथवाच्य में) (iii) मैंिे पत्र िहीं शलखा।128 (i) मैं कद्धवता पढ़ सकता हूाँ। (कमथवाच्य में) (i) मुझसे कद्धवता पढ़ी जा सकती है।129 (ii) मीरा द्वारा कल पत्र शलखा जाएगा। (कतृथवाच्य में) (ii) मीरा कल पत्र शलखेगी।130 (iii) बच्च ेशांत िहीं रह सकत।े (भाववाच्य में) (iii) बच्च ेद्वारा शांत िहीं रहा जा सकता।131 (i) सास लड़ िहीं सकी। (भाववाच्य) (i) सास से लड़ा िहीं जाता।132 (ii) राजा द्वारा प्रजा को कष्ट ददए गए। (कत्तृथवाच्य) (ii) राजा ि ेप्रज्ञा को कष्ट ददए। 133 (iii) कलाकार मूनतथ गढ़ता है। (कमथवाच्य) (iii) कलाकार द्वारा मूनतथ गढ़ी जाती है।134 (i) लड़का पत्र शलखता है। (कमथवाच्य में) (i) लड़का द्वारा पत्र शलखा जाता है।135 (ii) हलवाई द्वारा शमठाई बिाई गई। (कतृथवाच्य में) (ii) हलवाई ि ेशमठाई बिाई।136 (iii) लड़की रातभर सो ि सकी। (भाववाच्य में) (iii) लड़की से रातभर सोया ि जा सका।137 (i) शसिू अमतृसर से चिुाव लड़ेंगे। (i) शसिू द्वारा अमतृसर से चिुाव लड़ा जाएगा।138 (ii) निठारी कांड में पुशलस ि ेबहुत लापरवाही की। (ii) निठारी कांड में पुशलस द्वारा बहुत लापरवाही की गई।139 (iii) शशवािी द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है। (iii) शशवािी पुस्तक पढ़ती है।

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  • वाच्य140 (i) आज प्राचायथ ि ेसुंदर भाषण ददया। (कमथवाच्य में) (i) आज प्राचायथ द्वारा सुंदर भाषण ददया गया।141 (ii) राधा से रात भर कैसे सोया जाएगा। (कतृथवाच्य में) (ii) राधा रात भर कैसे सोएगी।142 (iii) बच्च ेअब चल िहीं सकत।े (भाववाच्य में) (iii) बच्चों से अब चला िहीं जा सकता।143 (i) राम ि ेपत्र शलखा। (कमथवाच्य में) (i) राम द्वारा पत्र शलखा गया।144 (ii) गोपाल से पुस्तक पढ़ी जाएगी। (कतृथवाच्य में) (ii) गोपाल ि ेपुस्तक पढ़ी।145 (iii) श्याम िहीं उठता। (भाववाच्य में) (iii) श्याम से उठा िहीं जाता।146 (i) मुझसे पत्र िहीं शलखा गया। (कतृथवाच्य में) (i) मैंि ेपत्र िहीं शलखा।147 (ii) महात्मा गााँधी ि ेराष्ट्र को शांनत और अदहसंा का संदेश ददया। (कमथवाच्य में) (ii) महात्मा गााँधी द्वारा राष्ट्र को शांनत और अदंहसा का संदेश ददया गया।148 (iii) हम इति ेद:ुख िहीं सह सकत।े (भाववाच्य में) (iii) हमसे इति ेदखु िहीं सहे जा सकत।े149 (i) वे गा िहीं सकत।े (भाववाच्य में) (i) उिसे गाया िहीं जा सकता।150 (ii) मुझसे अखबार िहीं पढ़ा जाता। (कतृथवाच्य में) (ii) मैं अखबार िहीं पढ़ता।151 (iii) भारतवासी महात्मा गााँधी को िहीं भूल सकत।े (कमथवाच्य में) (iii) भारतवाशसयों द्वारा महात्मा गााँधी को भुलाया िहीं जा सकता।152 (i) पक्षी आकाश में उड़त ेहैं। (i) पक्षक्षयों द्वारा आकाश में उड़ा जाता है।153 (ii) मुझ से पढ़ा िहीं जाता। (ii) मैं िहीं पढ़ता।154 (iii) मोहि पत्र शलख रहा है। (iii) मोहि द्वारा पत्र शलखा जा रहा है।155 (i) पुशलस द्वारा निदोष व्यत्क्त पकड़ा गया। (i) पुशलस ि ेनिदोष व्यत्क्त को पकड़ा।156 (ii) प्रभु हमारी रक्षा करत ेहैं। (ii) प्रभु द्वारा हमारी रक्षा की जाती है।157 (iii) सीता पुस्तक पढ़ रही है। (iii) सीता द्वारा पुस्तक पढ़ी जा रही है।158 (i) लड़की आाँगि में सो रही है। (भाववाच्य में) (i) लड़की द्वारा आाँगि में सोया जा रहा है।159 (ii) महात्मा गााँधी ि ेअदहसंा का उपदेश ददया। (कमथवाच्य में) (ii) महात्मा गााँधी द्वारा अदहसंा का उपदेश ददया गया।160 (iii) मुझसे सहा िहीं जाता। (कतृथवाच्य में) (iii) मैं सह िहीं सकता।

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  • समस्त पद समास-ववग्रह समास का नाम

    आजीवि जीवि-भर अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound)

    यर्ासाम्यथ साम्यथ के अिुसार अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound)

    यर्ाशत्क्त शत्क्त के अिुसार अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound)

    यर्ाद्धवचध द्धवचध के अिुसार अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound)

    यर्ाक्रम क्रम के अिुसार अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound)

    भरपेट पेट भरकर अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound)

    हररोज़ रोज़-रोज़ अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound)

    हार्ोंहार् हार् ही हार् में अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound)

    रातोंरात रात ही रात में अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound)

    प्रनतददि प्रत्येक ददि अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound)

    बेशक शक के त्रबिा अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound)

    निडर डर के त्रबिा अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound)

    निस्संदेह संदेह के त्रबिा अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound)

    प्रनतवषथ हर वषथ अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound)

    आमरण मरण तक अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound)

    खबूसूरत अच्छी सूरत वाली अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound)

    असभ्य न सभ्य तत्पुरुष समास (Determinative Compound)

    अिादद ि आदद तत्पुरुष समास (Determinative Compound)

    अिंत ि अतं तत्पुरुष समास (Determinative Compound)

    असंभव ि संभव तत्पुरुष समास (Determinative Compound)

    श्रिरहकट श्रिरह को काटने वािा तत्पुरुष समास (Determinative Compound)

    मिचाहा मि स ेचाहा तत्पुरुष समास (Determinative Compound)

    रसोईघर रसोई के शलए घर तत्पुरुष समास (Determinative Compound)

    देशनिकाला देश स ेनिकाला तत्पुरुष समास (Determinative Compound)

    गंगाजल गंगा का जल तत्पुरुष समास (Determinative Compound)

    िगरवास िगर में वास तत्पुरुष समास (Determinative Compound)

    चदं्रमुख चदं्र िैसा मुख कमतधारय समास (Appositional Compound)

    देहलता देह रूपी लता कमथधारय समास (Appositional Compound)

    िीलकमल िीला कमल कमथधारय समास (Appositional Compound)

    सज्जि सत ्(अच्छा) जि कमथधारय समास (Appositional Compound)

    समास (Compound)

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  • समस्त पद समास-ववग्रह समास का नाम

    समास (Compound)

    कमलियि कमल के समाि ियि कमथधारय समास (Appositional Compound)

    दहीबड़ा दही में डूबा बड़ा कमथधारय समास (Appositional Compound)

    पीतांबर पीला अबंर (वस्त्र) कमथधारय समास (Appositional Compound)

    िरशसहं िरों में शसहं के समाि कमथधारय समास (Appositional Compound)

    नवग्रह नौ ग्रहों का समूह द्वविु समास (Numeral Compound)

    त्रत्रलोक तीि लोकों का समाहार द्द्धवगु समास (Numeral Compound)

    िवरात्र िौ रात्रत्रयों का समूह द्द्धवगु समास (Numeral Compound)

    अठन्िी आठ आिों का समूह द्द्धवगु समास (Numeral Compound)

    दोपहर दो पहरों का समाहार द्द्धवगु समास (Numeral Compound)

    चौमासा चार मासों का समूह द्द्धवगु समास (Numeral Compound)

    शताब्दी सौ अब्दो (वषों) का समूह द्द्धवगु समास (Numeral Compound)

    त्रयम्बकेश्वर तीि लोकों का ईश्वर द्द्धवगु समास (Numeral Compound)

    दशानन दश है आनन (मुख) जिसके अर्थातत ्रावण बहुव्रीहह समास (Attributive Compound)

    िीलकंठ िीला है कंठ त्जसका अर्ाथत ्शशव बहुव्रीदह समास (Attributive Compound)

    सुलोचिा सुंदर है लोचि त्जसके अर्ाथत ्मेघिाद की पत्िी बहुव्रीदह समास (Attributive Compound)

    पीतांबर पीला है अम्बर (वस्त्र) त्जसका अर्ाथत ्श्रीकृष्ण बहुव्रीदह समास (Attributive Compound)

    लंबोदर लंबा है उदर (पेट) त्जसका अर्ाथत ्गणेशजी बहुव्रीदह समास (Attributive Compound)

    दरुात्मा बुरी आत्मा वाला ( दषु्ट) बहुव्रीदह समास (Attributive Compound)

    श्वेतांबर श्वेत है त्जसके अबंर (वस्त्र) अर्ाथत ्सरस्वती जी बहुव्रीदह समास (Attributive Compound)

    द्वन्दोऽहां कद्वगुरकप चाहां , मदे्गहे कनत्यमव्ययीभावः ।

    हे ! तत्पुरुर् िमषधारय , येनाहां स्याां बहुव्रीकहः ।।

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  • क्रम समस्त पद/सामामसक सामामसक ववग्रह अव्ययीभाव समास

    1 यर्ाक्रम क्रम के अिुसार अव्ययीभाव समास2 यर्ावसर अवसर के अिुसार अव्ययीभाव समास3 यर्ाशीघ्र त्जतिा शीघ्र हो अव्ययीभाव समास4 यर्ाद्धवचध द्धवचध के अिुसार अव्ययीभाव समास5 यरे्च्छा इच्छा के अिुसार अव्ययीभाव समास6 प्रनतददि प्रत्येक ददि, ददि-ददि, हर ददि अव्ययीभाव समास7 प्रत्येक हर एक, एक-एक, प्रनत एक अव्ययीभाव समास8 प्रत्यक्ष अक्षक्ष के आगे अव्ययीभाव समास9 रातों-रात रात ही रात में अव्ययीभाव समास

    10 बीचों-बीच ठीक त्रबच में अव्ययीभाव समास11 आमरण मरिे तक, मरणपयतं अव्ययीभाव समास12 आसमुर समुरपयथन्त अव्ययीभाव समास13 भरपेट पेट भरकर अव्ययीभाव समास14 अिुकूल जैसा कूल है वैसा अव्ययीभाव समास15 यावज्जीवि जीवि पयथन्त अव्ययीभाव समास16 निद्धवथवाद त्रबिा द्धववाद के अव्ययीभाव समास17 दरअसल असल में अव्ययीभाव समास18 बाकायदा कायदे के अिुसार अव्ययीभाव समास19 साफ-साफ साफ के बाद साफ, त्रबलकुल साफ अव्ययीभाव समास20 घर-घर प्रत्येक घर, हर घर, ककसी भी घर को ि छोड़कर अव्ययीभाव समास21 हार्ों-हार् एक हार् से दसूरे हार् तक, हार् ही हार् मे अव्ययीभाव समास22 कृष्णापथण कृष्ण को अपथण तत्पुरुष समास23 वि-गमि वि को गमि तत्पुरुष समास24 प्राप्तोदक उदक को प्राप्त तत्पुरुष समास25 िेत्र सुखद िेत्रों को सुखद तत्पुरुष समास26 जेब करता जेब को कतरिे वाला तत्पुरुष समास27 ईश्वर-प्रदत्त ईश्वर से प्रदत्त तत्पुरुष समास28 तलुसीकृत तलुसी द्वारा रचचत तत्पुरुष समास29 रत्ि जड़ड़त रत्िों से जड़ड़त तत्पुरुष समास30 हस्त-शलखखत हस्त (हार्) स ेशलखखत तत्पुरुष समास31 दयारथ दया से आरथ तत्पुरुष समास32 हवि-सामग्री हवि के शलए सामग्री तत्पुरुष समास33 गुरु-दक्षक्षणा गुरु के शलए दक्षक्षणा तत्पुरुष समास

    समास (Compound)

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  • क्रम समस्त पद/सामामसक सामामसक ववग्रह अव्ययीभाव समास

    समास (Compound)

    34 द्धवद्यालय द्धवद्या के शलए आलय तत्पुरुष समास35 बशल पशु बशल के शलए पशु तत्पुरुष समास36 ऋण-मुक्त ऋण से मुक्त तत्पुरुष समास37 मागथ भ्रष्ट मागथ से भ्रष्ट तत्पुरुष समास38 देश-निकला देश से निकला तत्पुरुष समास39 पदच्युत पद से च्युत तत्पुरुष समास40 धमथ-द्धवमुख धमथ से द्धवमुख तत्पुरुष समास41 मंत्रत्र-पररषद् मंत्रत्रयों की पररषद् तत्पुरुष समास42 प्रेम-सागर प्रेम का सागर तत्पुरुष समास43 राजमाता राजा की माता तत्पुरुष समास44 अमचरू आम का चणूथ तत्पुरुष समास45 रामचररत राम का चररत तत्पुरुष समास46 विवास वि में वास तत्पुरुष समास47 ध्याि-मग्ि ध्याि में मग्ि तत्पुरुष समास48 घतृान्ि घी में पका अन्ि तत्पुरुष समास49 जीवदया जीवों पर दया तत्पुरुष समास50 घुड़सवार घोड़ ेपर सवार तत्पुरुष समास51 कद्धव पुंगव कद्धवयों में शे्रष्ठ तत्पुरुष समास52 माता-द्धपता माता और द्धपता द्वन्द्व समास53 पाप-पुण्य पाप या पुण्य / पाप और पुण्य द्वन्द्व समास54 दाल-रोटी दाल और रोटी द्वन्द्व समास55 अन्ि-जल अन्ि और जल द्वन्द्व समास56 जलवायु जल और वायु द्वन्द्व समास57 भला-बुरा भला या बुरा द्वन्द्व समास58 अपिा-पराया अपिा या पराया द्वन्द्व समास59 धमाथधमथ धमथ या अधमथ द्वन्द्व समास60 शीतोष्ण शीत या उष्ण द्वन्द्व समास61 शीतातप शीत या आतप द्वन्द्व समास62 कृष्णाजुथि कृष्ण और अजुथि द्वन्द्व समास63 फल-फूल फल और फूल द्वन्द्व समास64 रुपया-पैसा रुपया और पैसा द्वन्द्व समास65 िील-लोदहत िीला और लोदहत (लाल) द्वन्द्व समास66 सुरासर सुर या असुर/सुर और असुर द्वन्द्व समास

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  • क्रम समस्त पद/सामामसक सामामसक ववग्रह अव्ययीभाव समास

    समास (Compound)

    67 यशापयश यश या अपयश द्वन्द्व समास68 शस्त्रास्त्र शस्त्र और अस्त्र द्वन्द्व समास69 गजािि गज का आिि है त्जसका वह (गणेश) बहुब्रीदह समास70 चतभुुथज चार भुजाएाँ है त्जसकी वह (द्धवष्णु) बहुब्रीदह समास71 घिश्याम घि जैसा श्याम है जो वह द्धवष्णु) बहुब्रीदह समास72 चन्रचड़ू चन्र चड़ू पर है त्जसके वह बहुब्रीदह समास73 चगररधर चगरर को धारण करिे वाला है जो वह बहुब्रीदह समास74 िीललोदहत िीला है लहू त्जसका वह बहुब्रीदह समास75 सुग्रीव सुन्दर है ग्रीवा त्जसकी वह बहुब्रीदह समास76 िीलकण्ठ िीला कण्ठ है त्जसका वह बहुब्रीदह समास77 मयूरवाहि मयूर है वाहि त्जसका वह बहुब्रीदह समास78 कमलियि कमल के समाि ियि है त्जसके वह बहुब्रीदह समास79 अष्टाध्यायी अष्ट अध्यायों की पुस्तक है जो वह बहुब्रीदह समास80 चन्रमुखी चन्रमा में समाि मुखवाली है जो वह बहुब्रीदह समास81 ददगम्बर ददशाएाँ ही है त्जसका अम्बर ऐसा वह बहुब्रीदह समास82 षडािि षट् (छः) आिि है त्जसके वह (कानतथकेय) बहुब्रीदह समास83 आजािुबाहु जािुओं (घुटिों) तक बाहुएाँ है त्जसकी वह बहुब्रीदह समास84 कुशाग्रबुद्धि कुश के अग्रभाग के समाि बुद्धि है त्जसकी वह बहुब्रीदह समास85 त्रत्रिेत्र तीि िेत्र हैं त्जसके वह (शशव) बहुब्रीदह समास86 दशािि दश आिि हैं त्जसके वह (रावण) बहुब्रीदह समास87 पीताम्बर पीत अम्बर हैं त्जसके वह (द्धवष्णु) बहुब्रीदह समास88 मुरारर मुर का अरर है जो वह बहुब्रीदह