address: plot no. a-12,13, flat no. 201, 2nd floor, ansal ... · दoसिच चिण (1980...

8

Upload: others

Post on 06-Jan-2020

14 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

  • Address: Plot No. A-12,13, Flat No. 201, 2nd Floor, Ansal Building, Mukherjee Nagar, New Delhi, Delhi 110009

    Phone No: 011-47354625/ 26, 9205274741/42, 011-49274400

    Downloaded From: www.dhyeyaias.com

    चचचा में क्यों?

    हाल ही में, छत्तीसगढ़ राज्य के दतेंवाडा जिले में नक्सजलयों द्वारा एक स्थानीय जवधायक के काजिले पर हमला कर जदया गया था। ये

    हमला लोकसभा चनुाव के प्रथम चरण से ऐन वक़्त पहले जकया गया जिसम ेइम्प्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोजसव जडवाइस यानी आईईडी का

    इस्तेमाल जकया गया था। इस हमले में जवधायक, उनके वाहन चालक और तीन सरुक्षा कजमियों की मौत हो गई।

    इसके अलावा, चनुाव के मद्दनेज़र, कई अन्य िगहों पर नक्सजलयों द्वारा अव्यवस्था िैलाने की कोजिि की गई।

    नक्सलवचद क्यच है?

    कुछ कम्प्यजुनस्टों द्वारा गरुरल्ला यदु्ध के ज़ररए राज्य को अजस्थर करने के जलए जहसंा का इस्तेमाल जकया िाता ह।ै इसे ही नक्सलवाद

    कहा िाता ह।ै भारत में ज्यादातर नक्सलवाद माओवादी जवचारधाराओ ंपर आधाररत ह।ै इसके ज़ररए व ेमौिदूा िासन व्यवस्था को

    उखाड िें कना चाहते हैं और लगातार यदु्ध के ज़ररए 'िनता का सरकार' लाना चाहते हैं।

    कहचाँ कहचाँ है नक्सलवचद?

    गहृ मतं्रालय ने रेड कॉररडोर यानी लाल गजलयारा को एक बार जिर से जचजन्हत करना िरुू जकया ह।ै लाल गजलयारा भारत के पवूी भाग

    का एक ऐसा के्षत्र ह ैिहााँ नक्सलवादी उग्रवादी संगठन सजिय हैं। मंत्रालय के मतुाजबक़, दिे के 11 राज्यों में िैले नक्सलवाद से

    प्रभाजवत जज़लों की संख्या 106 से घटाकर 90 कर दी गई ह।ै

    इस सचूी में 30 सबसे अजधक प्रभाजवत जज़लों को भी िाजमल जकया गया ह,ै जिसमें जपछली सचूी के मक़ुाबले 6 जज़लों को कम जकया

    गया ह।ै हालांजक इस दौरान कुछ नए जज़लों में भी नक्सल गजतजवजधयां दखेी गई ंहैं।

    नक्सलवचद की वैचचरिक पृष्ठभूमम

    िरुुआत में, भारत में िहां वामपंथी आदंोलन पवूि सोजवयत संघ से प्रभाजवत था वही ाँ आि का माओवाद ह ैचीन से प्रभाजवत ह।ै ये

    मौिदूा माओवाद जहसंा और ताकत के बल पर समानान्तर सरकार बनाने का पक्षधर ह।ै इसके अलावा अपने मक़सद के जलए ये जकसी

    भी प्रकार की जहसंा को उजचत मानते हैं।

    माओ के दो जसद्धांत थे- पहला ये जक रािनीजतक सत्ता बन्दकू की नली से जनकलती ह ैऔर दसूरा रािनीजत रक्तपात रजहत एक यदु्ध ह ै

    और यदु्ध रक्तपात यकु्त एक रािनीजत ह।ै

    भारतीय रािनीजत में माओवादी जवचारधारा की धमक पहली बार हदैराबाद ररयासत के जवलय के समय दखेने को जमली थी। उसके

    बाद 1960-70 के दिक में नक्सलबाडी आन्दोलन के रूप में ये जवचारधार जिर सामने आयी।

    नक्सलवाद - समस्या और जनदान

    (Naxalism: Problem and Solution)

    http://www.dhyeyaias.com/

  • Address: Plot No. A-12,13, Flat No. 201, 2nd Floor, Ansal Building, Mukherjee Nagar, New Delhi, Delhi 110009

    Phone No: 011-47354625/ 26, 9205274741/42, 011-49274400

    Downloaded From: www.dhyeyaias.com

    नक्सलवचद की शुरुआत

    भारत में नक्सली जहसंा की िरुुआत 1967 में पजिम बंगाल में दाजििजलंग जज़ले के नक्सलबाडी गााँव से हुई थी। नक्सलबाडी गााँव के

    नाम पर ही उग्रपंथी आदंोलन को नक्सलवाद कहा गया।

    ज़मींदारों द्वारा छोटे जकसानों पर जकये िा रह ेके उत्पीडन पर अंकुि लगाने के जलए भारतीय कम्प्यजुनस्ट पाटी के कुछ नेता सामने आए।

    इन नेताओ ंमें चारू मिमूदार, कान ूसान्याल और कन्हाई चटिी का नाम िाजमल ह।ै

    ये आदंोलन चीन के कम्प्यजुनस्ट नेता माओ त्से तुंग की नीजतयों पर आधाररत था, इसीजलये इसे माओवाद भी कहा िाता ह।ै

    नक्सलवाजदयों का मानना था जक भारतीय मज़दरूों और जकसानों की ददुििा के जलये सरकारी नीजतयााँ ही जिम्प्मदेार हैं। और इसका एक

    मात्र रास्ता जहसंा ही ह।ै

    नक्सलवचद के चिण

    प्रथम चिण (1967 से 1980 तक): इसका प्रथम चरण माक्सिवादी-लेजननवादी-माओवाद पर आधाररत था। इसका मतलब ये

    ‘‘वचैाररक और आदििवादी” आदंोलन का चरण रहा ह।ै इस चरण में नक्सलवाजदयों को ‘‘ज़मीनी अनभुव तथा अनमुान की

    कमी”दखेने को जमली। इस चरण में नक्सजलयों को एक ‘‘राष्ट्रीय पहचान” जमली लेजकन व ेएक राष्ट्रीय प्रभाव नहीं डाल पाए।

    18 माचि 1967 से िारी इस सिस्त्र गजतजवजध को 1971 तक सरुक्षा बलों ने ध्वस्त कर जदया। इसके बचे नेताओ ंको भजूमगत होकर

    काम करना पड रहा था। आपातकाल के दौरान ्नक्सली आदंोलन खत्म हो गया था। इसके अजधकांि नेता िेल में बंद हो चकेु थे।

    दूसिच चिण (1980 से 2004 तक): ये दौर ज़मीनी अदंाज़ा, ज़रुरत और अनभुव के आधार पर चलने वाला के्षत्रीय नक्सली

    गजतजवजधयों का दौर था। इस चरण में नक्सलवाद का व्यवहाररक जवकास हुआ। इनका के्षत्रीय प्रभाव और जवस्तार भी दखेने को जमलता

    ह।ै

    तीसिच चिण - (2004 से जचिी): इस चरण में नक्सजलयों का ‘‘राष्ट्रीय स्वरूप” उभरा और ‘‘जवदिेी संपकि ”बढ़े। और अब

    नक्सलवाद राष्ट्र की ‘‘सबसे बडी आतंररक चनुौती”बनकर उभरा।

    साल 2004 नक्सली संघर्ि की सैन्य और रािनीजतक ताकत और िनाधार के प्रदििन का साल रहा। इस दौरान संसदीय िनतंत्र के

    ज़िलाि चनुाव बजहष्ट्कार और नक्सजलयों का दजक्षण एजिया के सिस्त्र वामपंथी संगठनों के बीच बढ़ते समन्वय को भी दखेा िा

    सकता था।

    दिे की नक्सली रािनीजत में भी साल 2004 में एक नया मोड तब आया िब पीपलु्सवार और एमसीसीआई का एकीकरण हुआ और

    एक नई पाटी बनी- भारत की कम्प्यजुनस्ट पाटी (माओवादी)।

    नक्सलवचद के कचिण

    नक्सलवाद के कारणों को हम चार व्यापक जबंदओु ंके तहत बांट सकते हैं:

    http://www.dhyeyaias.com/

  • Address: Plot No. A-12,13, Flat No. 201, 2nd Floor, Ansal Building, Mukherjee Nagar, New Delhi, Delhi 110009

    Phone No: 011-47354625/ 26, 9205274741/42, 011-49274400

    Downloaded From: www.dhyeyaias.com

    िल िगंल िमीन:

    भजूम सधुार क़ाननूों का दरुुपयोग,

    सरकारी और सामदुाजयक िमीनों को हडपना

    जबना उजचत हिािन ेऔर पनुवािस व्यवस्था के भजूम अजधग्रहण

    सजदयों से चली आ रही आजदवासी िंगल व्यवस्था को जबगाड दनेा

    जवकासात्मक कायों में कमी:

    बेरोिगारी

    गरीबी

    मलूभतू सजुवधाओ ंका अभाव

    जिक्षा और स्वास््य सजुवधाओ ंकी कमी

    िासन व्यवस्था की असिलता:

    प्रिासजनक अक्षमता

    अकुिल और उत्साहजवहीन सरकारी कमिचाररयों का ढुलमलु रवैय्या

    अव्यवस्था और भ्रष्टाचार

    सरकारी योिनाओ ंका िमीनी स्तर पर जियान्वयन न होना

    स्थानीय लोगों के कल्याण के जलए बन ेजनयम काननूों की धजज्ियां उडाना

    सामाजिक जतरस्कार और उपेक्षा

    मानवाजधकारों का उल्लंघन

    व्यजक्त के गररमा का हनन

    समाि के मखु्यधारा से अलगाव

    सरकार तथा िासन के प्रजत असंतोर्

    क्यच चचहते हैं नक्सली औि कैसे कचम किते हैं?

    नक्सजलयों का मक़सद राज्य को अजस्थर बनाना ह ैऔर वे मौिदूा व्यवस्था को सही नहीं मानते हैं। वे एक व्यापक िनाधार तैयार

    करके 'िनता का सरकार' लाना चाहते हैं और इसके जलए व ेजहसंा का रास्ता अजख्तयार करते हैं।

    नक्सली ज्यादातर सरुक्षाबलों और उनके जठकानों पर हमला करत ेहैं।

    इसके अलावा वे कुछ इफं्रास्रक्चर िैसे जक रोड, रेलव ेऔर पावर हाउस को जनिाना बनाते हैं।

    साथ ही वे सरकार समथिक जसजवल सोसाइटी और गैर सरकारी संगठनों पर भी हमला करत ेहैं और इसके िररए अपन ेजवचारधारा का प्रचार

    करन ेका काम करत ेहैं।

    वे दसूरे जवकासात्मक कायों िैसे जक सडक, अस्पताल और स्कूलों का जनमािण आजद का भी जवरोध करते हैं।

    जवकासात्मक कायों का जवरोध करके और राज्य के जखलाि मोचाि खोलके नक्सली इन सारी पररजस्थजतयों का िायदा उठाते हैं।

    नक्सलवादी लोगों से टैक्स वसलूते हैं, तथाकजथत वगि ित्रओु ंका सिाया करत ेहैं और अपनी अदालतें बैठाकर तथाकजथत न्याय करत ेहैं।

    नक्सजलयों के इन कामों में अतंरराष्ट्रीय स्तर पर सजिय तमाम संगठन भी मदद कर रह ेहोते हैं।

    http://www.dhyeyaias.com/

  • Address: Plot No. A-12,13, Flat No. 201, 2nd Floor, Ansal Building, Mukherjee Nagar, New Delhi, Delhi 110009

    Phone No: 011-47354625/ 26, 9205274741/42, 011-49274400

    Downloaded From: www.dhyeyaias.com

    इनका गठिोड पवूोत्तर भारत में सजिय में उग्रवादी संगठनों, नेपाल, चीन, पाजकस्तान और दजक्षण पवूि एजिया में सजिय उग्रवादी संगठनों के

    साथ भी दखेन ेको जमलता ह।ै

    सचल 2004 के बचद नक्सली िणनीमत में क्यच बदलचव आयच?

    साल 2004 से नक्सजलयों ने तीन अलग-अलग रणनीजतयों के ज़ररए भारत की संसदीय स्वरुप को उखाड िें कने का खाका बनाया।

    जिसमे पहला अपन ेलोगों को पीपलु्स जलबरेिन गरुरल्ला आमी यानी पीएलिीए में भती करना।

    दसूरा माओवाजदयों का लक्ष्य दिे के तमाम क्षेत्रों पर कब्ज़ा करना ह ैऔर धीरे-धीरे िहरी कें द्र का घरेाव करना ह।ै

    तीसरा िहरी आबादी के कुछ खास वगों को संगजठत करके एक 'फं्रट संगठन' तैयार करना ह।ै जिसका मक़सद पेिेवर िांजतकाररयों की भती,

    जवद्रोह के जलय ेपैसा िटुाना और भजूमगत कायिकत्तािओ ंके जलय ेिहरी जठकाना बनाना ह।ै

    क्यच नक्सली समचज के मनचले तबके के असल मसीहच हैं?

    अगर हम नक्सजलयों के जवचारधारा पर निर डालें तो ऐसा लगता ह ैजक नक्सजलयों का मक़सद गरीब पररवारों को और समाि के

    जनचले तबके को उनका हक जदलाना ह।ै व े'िनता का सरकार' तो बनाना चाहते हैं, लेजकन िमीनी हकीकत इससे कुछ अलग ही ह।ै

    उनका असल मक़सद सामाजिक उत्थान नहीं, बजल्क सत्ता हजथयाना ह।ै क्योंजक अगर वे सामाजिक उत्थान के कामों में लग ेहोते तो वे सरकार

    द्वारा चलाए िा रह ेजवकासात्मक कायों में अडचनें न पैदा करत,े बजल्क वे इसमें और मदद करते।

    जहसंा का रास्ता अजख्तयार करन ेके बिाय वे लोकतांजत्रक प्रजिया को स्वीकार करत ेऔर इसका जहस्सा बन करके अपनी सामाजिक उत्थान

    के मक़सद को परूा करते।

    दरअसल वे चाहते हैं जक उनके प्रभतु्व वाले इलाके में गरीबी और समस्या बनी रह ेताजक उनको अपना िड िमान ेमें सहूजलयत रह।े क्योंजक

    अगर वहां पर जवकास हो गया तो इनको कोई मदु्दा नहीं जमलेगा। और जिर इनका िनसमथिन कमज़ोर हो िाएगा।

    नक्समलयों को पैसच कहचां से ममलतच है?

    नक्सजलयों के पैसे का मखु्य स्रोत वसलूी करना ह।ै िब बडी कंपजनयां या सरकार कोई प्रोिके्ट लेकर नक्सल प्रभाजवत के्षत्रों में िाती

    ह ैतो नक्सली इन कंपजनयों से और सरकारी संगठनों से मोटी रक़म कमाते हैं। इसके जलए वे कभी अपहरण तो कभी हत्या िसेै िसेै

    कदम भी उठाते हैं।

    इसके अलावा नक्सली क्षेत्र के धनाढ्य और उचच् वगि से भी पैसा वसलूते हैं।

    नक्सजलयों की अतंरराष्ट्रीय स्तर पर और दसूरे उग्रवादी संगठनों से भी िंजडंग होती ह।ै

    सिकचि कैसे मनपट िही है इन नक्समलयों से?

    अममून काननू-व्यवस्था राज्य सचूी का जवर्य होता ह ैयानी राज्य में काननू और व्यवस्था बनाए रखने का काम संबंजधत राज्य का

    होता ह।ै लेजकन नक्सलवाद की जवकटता को दखेते हुए साल 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने इसको राष्ट्र की आतंररक सरुक्षा के

    जलए सबसे बडी चनुौती बताया। उसके बाद गहृ मतं्रालय में नक्सलवाद की समस्या से जनपटने के जलए एक अलग प्रभाग बनाया गया।

    http://www.dhyeyaias.com/

  • Address: Plot No. A-12,13, Flat No. 201, 2nd Floor, Ansal Building, Mukherjee Nagar, New Delhi, Delhi 110009

    Phone No: 011-47354625/ 26, 9205274741/42, 011-49274400

    Downloaded From: www.dhyeyaias.com

    साथ ही इससे समस्या से जनपटने के जलये बहुआयामी रणनीजत पर काम जकया िा रहा ह।ै इसमें सरुक्षा और जवकास से िडेु क़दम और

    आजदवासी समेत दसूरे कमज़ोर वगि के लोगों को उनका अजधकार जदलाने से िडेु कदम िाजमल हैं।

    सरकार वामपंथी चरमपंथ से प्रभाजवत क्षेत्रों में बजुनयादी ढााँच,े कौिल जवकास, जिक्षा, ऊिाि और जडजिटल कनेजक्टजवटी के जवस्तार पर काम

    कर रही ह।ै

    िनू, 2013 में आिीजवका योिना के तहत ‘रोिनी’ नामक जविेर् पहल की िरुूआत की गई थी ताजक सवािजधक नक्सल प्रभाजवत जज़लों में

    यवुाओ ंको रोज़गार के जलये प्रजिजक्षत जकया िा सके।

    जपछले वर्ि नक्सल समस्या से जनपटन ेके जलय ेकें द्र सरकर ने आठ सतू्रीय 'समाधान’नाम से एक कायियोिना की िरुुआत की ह।ै

    सबसे अजधक नक्सल प्रभाजवत सभी 30 जज़लों में िवाहर नवोदय जवद्यालय और कें द्रीय जवद्यालय संचाजलत जकय ेिा रह ेहैं।

    जहसंा का रास्ता छोडकर समपिण करन ेवाले नक्सजलयों के जलए सरकार पनुवािस की भी व्यवस्था करती ह।ै

    जवकास कामों के अलावा सरकार ने नक्सजलयों के जखलाि दसूरे अजभयान भी चलाये थे:

    स्टेपेलचेज अमभयचन: यह अजभयान साल 1971 में चलाया गया। इस अजभयान में भारतीय सेना और राज्य पजुलस ने भाग जलया

    था। इस अजभयान के दौरान लगभग 20,000 नक्सली मारे गए थे।

    ग्रीनहांट अमभयचन: यह अजभयान साल 2009 में छत्तीसगढ़, झारखडं, आंध्र प्रदिे और महाराष्ट्र में चलाया गया था। इस अजभयान

    को यह नाम मीजडया द्वारा जदया गया था।

    प्रहचि: 3 िनू, 2017 को छत्तीसगढ़ राज्य के सगुमा जिले में सरुक्षा बलों द्वारा अब तक के सबसे बडे नक्सल जवरोधी अजभयान

    ‘प्रहार’को प्रारंभ जकया गया। इस अजभयान में कें द्रीय ररिवि पजुलस बल के कोबरा कमांडो, छत्तीसगढ़ पजुलस, जडजस्रक्ट ररिवि गाडि

    तथा इजंडयन एयरिोसि के एटंी नक्सल टास्क िोसि ने भाग जलया। खराब मौसम के कारण 25 िनू, 2017 को इस अजभयान को रोक

    जदया गया।

    क्यों ख़त्म नहीं हो पच िही है नक्सल समस्यच?

    दरअसल नक्सलवाद सामाजिक-आजथिक कारणों से उपिा था। आजदवासी गरीबी और बेरोज़गारी के कारण एक जनचले स्तर की

    िीवन िलैी िीने को मज़बरू हैं। स्वास््य-सजुवधा के अभाव में गभंीर बीमाररयों से िझूते इन के्षत्रों में असामजयक मौत कोई आियि की

    बात नहीं। आजदवाजसयों का जवकास करने के बिाय, उन्हें जिक्षा, जचजकत्सा सेवा और रोिगार दनेे के बिाय उन्हें परेिान करने के

    नए-नए काननू बनाए िाते हैं।

    आजथिक असमानता, भ्रष्टाचार, खतेी की ददुििा अभी भी िस की तस बनी हुई ह।ै यकीनन इस तरह की समस्यायों में हमेिा असंतोर्

    के बीि होते हैं, जिनमें जवद्रोह करने की क्षमता होती ह।ै इन्हीं असंतोर्ों की विह से ही नक्सलवादी सोच को बढ़ावा जमल रहा ह।ै

    इससे बडी जवडम्प्बना ये ह ैजक हमारी सरकारें िायद इस समस्या के सभी संभाजवत पहलओु ंपर जवचार नहीं कर रही। जलहाज़ा अभी

    लंबा सिर तय करना बाकी ह।ै

    नक्सली समस्यच से मनपटने में प्रशचसमनक मदक्कतें क्यच-क्यच हैं?

    बजुनयादी ढांचा का अभाव

    प्रजिजक्षत मानव संसाधनों और संचार सजुवधाओ ंकी कमी

    http://www.dhyeyaias.com/

  • Address: Plot No. A-12,13, Flat No. 201, 2nd Floor, Ansal Building, Mukherjee Nagar, New Delhi, Delhi 110009

    Phone No: 011-47354625/ 26, 9205274741/42, 011-49274400

    Downloaded From: www.dhyeyaias.com

    नक्सजलयों द्वारा अतंरािज्यीय सीमा का लाभ उठाना

    कें द्र और राज्यों और राज्यों के बीच आपसी समन्वय का अभाव

    शहिी नक्सलवचद क्यच है?

    जपछले कुछ साल में िहरी नक्सलवाद या अबिन नक्सजलज़्म िब्द बडी तेिी से सामने आया ह।ै िहरी नक्सलवाद से मतलब, उन

    िहरी आबादी में रहने वाले लोगों से हैं िो प्रत्यक्ष तौर पर तो नक्सलवादी नहीं ह,ै लेजकन वो नक्सलवादी संगठनों के प्रजत और उनकी

    गजतजवजधयों के प्रजत सहानभुजूत रखते हैं। कई इन बार इन पर मदद करने का भी आरोप लगता रहा ह।ै

    आगे क्यच मकयच जचनच चचमहए?

    संजवधान की पााँचवीं अनसुचूी में अनसुजूचत के्षत्रों में राइबल एडवाइिरी कसिजसल की स्थापना की बात की गई ह।ै सरकारों को इस पर

    ध्यान दनेा होगा। आजदवाजसयों को अजधकार नहीं जमलने के कारण भी इनमें असंतोर् पनपता ह ैऔर नक्सली इसी का िायदा उठाकर

    आजदवाजसयों को गमुराह करते हैं।

    इसी तरह 1996 के पेसा क़ाननू, बैकवडि रीिन ग्रांट िण्ड िैसे कायििमों को सही रूप से लाग ूकरन ेकी ज़रूरत ह।ै

    गरीबी, भखुमरी और बेरोज़गारी िैसे मसलों पर और बारीकी से काम करना होगा, तभी इस समस्या से जनिात जमल पायगेी।

    स्थानीय लोगों को भरोसे में लेना और हजथयार उठा चकेु लोगों से बात कर मसले का हल जनकालन ेकी कोजिि करनी होगी।

    By: Keshari Pandey

    (Dhyeya IAS)

    http://www.dhyeyaias.com/

  • Address: 635, Ground Floor, Main Road, Dr. Mukherjee Nagar, Delhi 110009

    Phone No: 011-47354625/ 26 , 9205274741/42, 011-49274400

    ध्येय IAS के व्हाट्सएप गु्रप से जुडने के लिए 9205336069 पर "Hi Dhyeya IAS" लिख कर मैसेज करें

    आप हमारी वेबसाइट के माध्यम से भी जुड सकते हैं

    www.dhyeyaias.com

    www.dhyeyaias.in

    /;s; IAS vc OgkV~l,i ij

    Dhyeya IAS Now on Whatsapp

    http://www.dhyeyaias.com/http://www.dhyeyaias.in/