भारतीय रज़वर् ब क...वतर म न क प ज स ब सड क प...

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  • भारतीय �रज़वर् ब�क ______________________ RESERVE BANK OF INDIA___________________

    www.rbi.org.in

    भा�रब�/2018-19/89 �वस�व�व.जीएसएसडी.क� का.बीसी.स.ं11/09.16.03/2018-19 06 �दसबंर 2018

    अध्य� / प्रबधं �नदेशक एव ंमखु्य कायर्पालक अ�धकार� सभी अनसु�ूचत वा�णिज्यक ब�क और लघ ु�वत्त ब�क महोदय / महोदया

    द�नदयाल अतं् योदय योजना – राष् ट्र�य शहर� आजी�वका �मशन (डीएवाई - एनयएूलएम)

    भारतीय �रज़वर् ब�क ने समय-समय पर ब�क� को भारत सरकार के राष्ट्र�य शहर� आजी�वका �मशन (डीएवाई-एनयएूलएम) के बारे म� प�रचालनात्मक अनदेुश जार� �कए ह�। डीएवाई-एनयएूलएम के अतंगर्त स्व-रोजगार कायर्क्रम (एसईपी) के सबंधं म� भारत सरकार के आवासन और शहर� कायर् मतं्रालय द्वारा इसके �दशा�नद�श� को सशंो�धत �कया गया है। आवासन और शहर� कायर् मतं्रालय द्वारा �कए गए सशंोधन� को समा�हत करत ेहुए यह सशंो�धत मास्टर प�रपत्र जार� �कया जा रहा है तथा इसे �रज़वर् ब�क के वेबसाइट https://www.rbi.org.in पर भी डाला गया है।

    भवद�या,

    (सोनाल� सेन गपु्ता) मखु् य महाप्रबधंक

    अनलुग्नक : यथोक्त

    �वत् तीय समावेशन और �वकास �वभाग, केद्र�य कायार्लय, 10वी मंिजल, केद्र�य कायार्लय भवन, मुंबई 400 001, टे�लफोन /Tel No: 91-22-22661000 फैक्स/Fax No: 91-22-22621011/22610948/22610943 ई-मेल/ Email ID:cgmincfidd@rbi.org.in

    Financial Inclusion & Development Department, Central Office, 10th Floor, C.O. Building, Post Box No.10014 Mumbai -400 001

    �हदं� आसान है, इसका प्रयोग बढ़ाइये

    “चेतावनी: �रज़वर् ब�क द्वारा मेल डाक, एसएमएस या फोन कॉल के ज�रए �कसी क� भी व् यिक्तगत जानकार� जसेै ब�क के खाते का ब् यौरा, पासवडर् आ�द नह�ं मांगी जाती है। यह धन रखने या देने का प्रस् ताव भी नह�ं करता है। ऐसे प्रस् ताव� का �कसी भी तर�के से जवाब मत द�िजए।" Caution: RBI never sends mails, SMSs or makes calls asking for per sonal information like bank account details, passwords, etc. It never keeps or offer s

    funds to anyone. Please do not r espond in any manner to such offer s.

    https://www.rbi.org.in/

  • मास् टर प�रपत्र - द�नदयाल अतं् योदय योजना - राष् ट्र�य शहर� आजी�वका �मशन (डीएवाई - एनयएूलएम)

    पषृ् ठभ�ूम

    भारत सरकार, आवास और शहर� गर�बी उपशमन मतं्रालय (एमओएचयपूीए) ने 2013 म� मौजूदा स् वणर् जयतंी शहर� रोजगार योजना (एसजेएसआरवाई) क� पनुस�रचना क� है और राष् ट्र�य शहर� आजी�वका �मशन (एनयएूलएम) शरुू �कया है। एनयएूलएम सभी िजला मखु् यालय� (चाहे जनसखं् या कोई भी हो) और एक लाख या उससे अ�धक क� जनसखं् या वाले सभी शहर� म� 24 �सतबंर 2013 से कायार्न् वयनाधीन है।

    एनयएूलएम का स् वरोजगार कायर्क्रम (एसईपी), वयैिक्तक और साम�ूहक उद्यम� तथा शहर� गर�ब� के स् व-सहायता समहू� (एसएचजी) क� स् थापना को समथर्न देने के �लए ऋण� पर ब् याज सिब्सडी के प्रावधान के माध् यम से �वत् तीय सहायता उपलब् ध कराने पर ध् यान क� �द्रत करता है। एसजेएसआरवाई के यएूसईपी (शहर� स् वरोजगार कायर्क्रम) और यडूब् ल् यएूसपी (शहर� म�हला स् व-सहायता कायर्क्रम) के �लए वतर्मान के पूजंी सिब्सडी के प्रावधान के स् थान पर व् यिक्तगत उद्यम (एसईपी-I), साम�ूहक उद्यम (एसईपी-जी) और स्वय ंसहायता समहू (एसईपी-एसएचजी) के ऋण� पर ब् याज सिब्सडी द� जाएगी। शहर� �ेत्र� म� गर�ब� के �लए आजी�वका के अवसर� म� सधुार लाने क� दृिष्ट से आवास और शहर� गर�बी उपशमन मतं्रालय (यपूीए प्रभाग), भारत सरकार ने अपने �दनांक 19 फरवर� 2016 के कायार्लय �ापन सखं् या के-14011/2/2012-यपूीए/एफट�एस-5196 द्वारा राष् ट्र�य शहर� आजी�वका �मशन क� व् यािप्त बढ़ाने का �नणर्य �लया है। �मशन क� व् यािप्त बढ़ात ेहुए उसका “द�नदयाल अतं् योदय योजना - राष् ट्र�य शहर� आजी�वका �मशन (डीएवाई - एनयएूलएम)” के रूप म� पनु: नामकरण �कया गया है। डीएवाई - एनयएूलएम के घटक स् वरोजगार कायर्क्रम (एसईपी) के प�रचालनात् मक �दशा�नद�श �नम् नानसुार ह� : 1. प्रस् तावना : 1.1 एसईपी, शहर� गर�ब� को उनके कौशल, प्र�श�ण, योग् यता और स् था�नक िस्थ�तय� के अनकूुल लाभप्रद स् वरोजगार उद्यम� / माइक्रो उद्यम� क� स् थापना के �लए सड़क �वके्रता/ फेर�वाल� स�हत व् यिक्त / समहू को �वत् तीय सहायता प्रदान करता है। यह कायर्क्रम शहर� गर�ब� के स् व-सहायता समहू� (एसएचजी) को ब�क� से आसानी से ऋण प्राप्त करने एव ंएसएचजी ऋण� पर ब् याज सिब्सडी प्राप् त करने म� सहायता करता है। एसईपी, माइक्रो उद्यम� म� लगे हुए लाभा�थर्य� को अपनी आजी�वका के �लए प्रौद्यो�गक�य, �वपणन और अन् य समथर्क सेवाएं देने पर भी ध् यान क� �द्रत करेगा तथा उद्यमकतार्ओं क� कायर्शील पूजंी आवश् यकता के �लए के्र�डट काडर् जार� करने को भी सगुम बनाएगा। 1.2 अल् प रोजगार और बेरोजगार वाले शहर� गर�ब को ऐसे �व�नमार्ण, सेवा और छोटा-मोटा कारोबार के लघ ुउद्यम स् था�पत करने के �लए प्रोत् साहन �दया जाएगा िजनके �लए काफ� स् थानीय मांग हो। स् थानीय

  • कौशल और स् थानीय कार�गर� को �वशषे रूप से प्रोत्सा�हत �कया जाना चा�हए। प्रत् येक शहर� स् थानीय �नकाय (यएूलबी) को चा�हए �क वह उपलब् ध कौशल, उत् पाद� क� �वपणन �मता, लागत, आ�थर्क सभंाव् यता आ�द को ध् यान म� रखत ेहुए ऐसे कायर्कलाप� / प�रयोजनाओं का सगं्रह �वक�सत कर�। 1.3 एसईपी के अतंगर्त म�हला लाभा�थर्य� का प्र�तशत 30 प्र�तशत से कम नह�ं होना चा�हए। एससी और एसट� लाभा�थर्य� क� सखं् या कम से कम शहर / नगर म� गर�ब� क� जनसखं् या म� उनके अनपुात क� सीमा तक होने चा�हए। इस कायर्क्रम के अतंगर्त कमजोर व् यिक्तय� (�डफर�टल� एबल) के �लए 3 प्र�तशत के आर�ण का �वशषे प्रावधान �कया जाना चा�हए। अल् पसखं् यक� के कल् याण के �लए प्रधानमतं्री के 15 सतू्रीय कायर्क्रम को ध् यान म� रखत ेहुए, इस घटक के अतंगर्त अल् पसखं् यक समदुाय� के �लए भौ�तक और �वत् तीय ल� य� का कम से कम 15 प्र�तशत �निश्चत �कया जाना चा�हए। 2. लाभाथ� का चयन तथा आवेदन� को प्रायोिजत करने क� �क्रया�व�ध: शहर� स् थानीय �नकाय (यएूलबी) से समदुाय सघंटक (सीओ) और व् यावसा�यक शहर� गर�ब� म� से सभंाव् य लाभाथ� का अ�भ�नधार्रण कर�गे। डीएवाई-एनयएूलएम के घटक अथार्त सामािजक सगं्रहण और ससं् थागत �वकास (एसएमएण् डआईडी) के अतंगर्त ग�ठत समदुाय अथार्त स् व-सहायता समहू (एसएचजी) और �ेत्र स् तर�य प�रसघं (एएलएफ) भी यएूलबी को एसईपी के अतंगर्त �वत् तीय सहायता के प्रयोजन हेत ुसभंाव् य व् यिक्त और समहू उद्यमकतार्ओं को भेज सकत ेह�। लाभाथ� सहायता के �लए सीधे ह� यएूलबी अथवा उसके प्र�त�न�धय� से सपंकर् कर सकता है। ब�क भी अपने स् तर पर सभंाव् य लाभा�थर्य� का अ�भ�नधार्रण कर सकत ेह� और ऐसे मामले सीधे ह� यएूलबी को भेज सकत ेह�। ब�क आउट�रच को बढ़ाने हेत ुअपने सचूीबद्ध व्यवसाय प्र�त�न�धय� और व्यवसाय सलुभकतार्ओ ंका उपयोग कर सकत ेह�। इस सबंधं म�, ब�क क� नी�त के अनसुार सम�ुचत सावधानी बरती जाए। 2.1 वयैिक्तक और साम�ूहक उद्यम ऋण� के आवेदन शहर� स् थानीय �नकाय (यएूलबी) द्वारा प्रायोिजत �कए जाएंगे जो वयैिक्तक और साम�ूहक उद्यम के �लए प्रायोजक एज�सी होगी। 2.2 यएूलबी वहृद स्तर पर, अ�भयान, सचूना, �श�ा और सचंार (आईईसी) ग�त�व�धय�, स् थानीय समाचार पत्र� म� �व�ापन, शहर� आजी�वका क� द्र (सीएलसी), आ�द के द्वारा सभंाव् य लाभा�थर्य� म� एसईपी के बारे म� जागरूकता फैलाय�गे। यएूलबी ससंाधन सगंठन� और उसके �ेत्रीय स् टाफ को स�क्रय रूप से शा�मल करत ेहुए इस घटक के सबंधं म� सचूना का प्रसार भी कर सकता है। 2.3 उद्यम स् था�पत करने के �लए �वत् तीय सहायता प्राप् त करने के इच् छुक लाभाथ� इस प्रयोजन का आवेदन एक सादे पेपर पर मलूभतू ब् योरे जैसे नाम, आय,ु सपंकर् के ब् योरे, पता, आधार के ब् योरे (य�द कोई हो), अपे��त ऋण क� रा�श, ब�क खाता सखं् या (य�द उपलब् ध हो), उद्यम / कायर्कलाप का प्रकार,

  • सवंगर्, आ�द देत ेहुए सबं�ंधत यएूलबी अ�धकार� को प्रस् ततु कर सकत ेह�। प्रयोजन मेल / डाक द्वारा भी यएूलबी कायार्लय को भेजा जा सकता है। यएूलबी वषर्भर म� ऐसे प्रयोजन प्राप् त करेगा। 2.4 एनयएूलएम के घटक, सामािजक सगं्रहण और ससं् थात् मक �वकास (एसएमएण् डआईडी) के अतंगर्त ग�ठत समदुाय सरंचना अथार्त स् व-सहायता समहू (एसएचजी / �ते्र स् तर�य प�रसघं (एएलएफ) भी एसईपी के अतंगर्त �वत् तीय सहायता के प्रयोजन हेत ुसभंाव् य वयैिक्तक और साम�ूहक उद्यमकतार्ओं को यएूलबी के पास भेज सकत ेह�। 2.5 लाभाथ� से प्रयोजन क� प्रस् ततुी / प्रािप्त पर सबं�ंधत यएूलबी रिजस् टर / या एमआईएस, य�द उपलब् ध हो, म� ब् योर� क� प्र�विष्ट करेगा और इस कारण से लाभा�थर्य� क� प्रती�ा सचूी तयैार करेगा। यएूलबी लाभाथ� को ऐसी �व�शष् ट पजंीकरण सखं् या के साथ प्राप् त सचूना जार� करेगा, िजसका प्रयोग आवेदन क� िस्थ�त का टै्रक रखने के �लए सदंभर् सखं् या के रूप म� �कया जा सकेगा। 2.6 यएूलबी ऋण आवेदन फामर् (एलएएफ) भरने, कायर्कलाप के ब् योरे, पहचान प्रमाण, पत ेका प्रमाण, ब�क खात े के ब् योरे आ�द स�हत आवश् यक दस् तावेजीकरण पणूर् करने के �लए प्रती�ा सचूी के अनसुार लाभा�थर्य� को बलुाएगा। लाभा�थर्य� क� पहचान को सत्या�पत करने हेत ु उनके आधार सखं्या को भी �रकाडर् म� लाया जाए। य�द, लाभाथ� के पास आधार सखं्या न हो तो उनके �कसी अन्य �व�शष्ट पहचान दस्तावेज़ जैसे क� वॉटर काडर्, ड्राइ�वगं लाइस�स आ�द �लया जाएगा तथा उन्ह� जल्द से जल्द आधार काडर् प्राप्त करने म� सहायता प्रदान क� जाएगी। राज्य शहर� आजी�वका �मशन (एसयएूलएम), राज् य स् तर�य ब�कर स�म�त (एसएलबीसी) सयंोजक ब�क के साथ परामशर् से उपयकु् त फाम�ट म� ऋण आवेदन फामर् (एलएएफ) �वक�सत कर सकता है। राज् यभर/क� शाप्र म� उसी एलएएफ का उपयोग �कया जा सकता है। ऋण आवेदन फामर् (एलएएफ) म� लाभाथ� और उनके प�रवार से सबं�ंधत ब�ुनयाद� आ�थर्क िस्थत क� जानकार� शा�मल होगी। यह डाटा ऐसा होना चा�हए �क इसके उपयोग से बाद के �दन� म� लाभाथ� के आ�थर्क िस्थ�त पर पड़ने वाले इसके लाभ के प्रभाव का �वश्लेषण �कया जा सके। 2.7 यएूलबी स्तर पर ग�ठत टास्क फोसर् अनभुव, कौशल, ग�त�व�धय� क� व्यवहायर्ता, ग�त�व�धय� क� व्यापकता, आ�द के आधार पर आवेदन� क� छानबीन कर�गे। तदनतंर, टास् क फोसर् आवेदन� क� स�ं�प् त सचूी तयैार करेगा और आवेदन के �लए �सफा�रश करने अथवा उसे अस् वीकार करने से पहले सा�ात् कार हेत ुलाभा�थर्य� को बलुाएगा अथवा य�द आवश् यक हो तो आवेदक से अ�त�रक् त जानकार� क� मांग करेगा। 2.8 यएूलबी का मखु् य कायर्पालक अ�धकार� (सीईओ) / नगरपा�लका आयकु् त टास् क फोसर् के गठन के �लए िजम् मेदार होगा और वह टास् क फोसर् का अध् य� होगा। यएूलबी के आकार / जनसखं् या के अनसुार यएूलबी के स् तर पर 1 से अ�धक टास् क फोसर् हो सकत ेह�।

  • 2.9 टास् क फोसर् क� �नदश� सरंचना �नम् नानसुार होगी : क्रम स.ं यएूलबी स् तर पर टास् क फोसर् भ�ूमका

    1. मखु् य कायर्पालक अ�धकार� (सीईओ) यएूलबी / नगरपा�लका आयकु् त, यएूलबी / अथवा सीईओ, यएूलबी द्वारा प्रा�धकृत कोई प्र�त�न�ध

    अध् य�

    2. अग्रणी िजला प्रबधंक (एलडीएम) सदस् य 3. शहर प�रयोजना अ�धकार� (सीपीओ), यएूलबी / यूएलबी का कोई

    प्रा�धकृत प्र�त�न�ध सदस् य सयंोजक

    4. िजला उद्योग क� द्र (डीआईसी) से प्र�त�न�ध सदस् य 5. ब�क� के व�रष् ठ शाखा प्रबधंक (अ�धकतम-2) सदस् य 6. �ेत्र स् तर�य प�रसघं / शहर स् तर�य प�रसघं के प्र�त�न�ध (2) सदस् य

    2.10 बाद म� टास् क फोसर् मामला–दर-मामला आधार पर आवेदन यथो�चत पाने पर �सफा�रश करेगा, य�द अन�ुचत हो तो अस् वीकार करेगा अथवा लाभाथ� से पनु: जांच करने हेत ुआवश् यक जानकार� प्रस् ततु करने के �लए कहेगा। 2.11 कायर् बल (टास् क फोसर्) द्वारा �व�धवत �सफा�रश �कए गए मामल� को आगे क� कारर्वाई के �लए यएूलबी द्वारा सबं�ंधत ब�क� को अग्रसा�रत �कया जाएगा। 'टास् क फोसर्' द्वारा �सफा�रश �कए गए ऐसे मामल� पर सबं�ंधत ब�क� को 15 �दन� क� समयाव�ध म� कारर्वाई करनी होगी। चूं�क ऐसे मामल� क� �सफा�रश पहले ह� 'टास् क फोसर्' द्वारा क� गई है, इस�लए ब�क� द्वारा केवल अपवादात् मक प�रिस्थ�तय� म� ह� इन् ह� अस् वीकार �कया जाना चा�हए। 2.12 ब�क यएूलबी को प्राप् त आवेदन� क� िस्थ�त पर आव�धक �रपोटर् भेज�गे। एमआईएस का प्रयोग �कए जाने क� िस्थ�त म� ब�क� को दस् ती �रपोटर् (मनैअुल �रपोटर्) के अलावा ऑन-लाइन आवेदन� क� अद्यतन िस्थ�त देने क� अनमु�त द� जा सकती है। 2.13 ब�क शहर� गर�ब लाभा�थर्य� के ऋण आवेदन को, प्रधानमतं्री मदु्रा योजना (पीएमएमवाई) या इस प्रकार के �कसी अन्य योजना के �दशा�नद�श� के अनसुार यएूलबी से पवूर् प्रायोजन �मलने क� आवश्यकता के �बना ह�, सबं�ंधत कागजात� के आधार पर सीधे ह� प्राप्त कर सकत ेह�। ब�क, डीएवाई - एनयएूलएम के अतंगर्त ब्याज सिब्सडी के �लए पात्रता क� पिुष्ट हेत ुऐसे स्वीकृत ऋण� क� जानकार� यएूलबी को भेज�गे। आवेदन� क� जाचं हेत ुग�ठत टास् क फोसर् इन आवेदन� का �नपटारा शीघ्रताशीघ्र कर�गे य�द वो मानदंड� को परूा करत ेह�। उनके पात्रता क� पिुष्ट होने पर, यएूलबी द्वारा प्रायोिजत लाभा�थर्य� के �लए ब्याज सिब्सडी दावे के आधार पर, यएूलबी से ब्याज सिब्सडी से सबं�ंधत दावा �कया जा सकता है। ब्याज सिब्सडी सीधे लाभाथ� के डीएवाई - एनयएूलएम ऋण खात ेम� जमा अतं�रत �कया जाएगा। यह �क्रया�व�ध प्रत्य� लाभ अतंरण के अनरुूप होगी।

  • 3. श ै��णक अहर्ताएं और प्र�श�ण आवश् यकता: इस घटक के अतंगर्त सभंाव् य लाभाथ� के �लए कोई न् यनूतम श�ै�णक अहर्ता आवश् यक नह�ं है। तथा�प जहां माइक्रो उद्यम �वकास के �लए अ�भ�नधार्�रत कायर्कलाप के �लए कुछ �वशषे कौशल आवश् यक हो वहां लाभाथ� को �वत् तीय सहायता देने से पहले उन्ह� यथो�चत प्र�श�ण �दया जाना चा�हए। 3.1 कौशल प्र�श�ण और �नयोजन के माध् यम से रोजगार (ईएसट�एण् डपी): सभंाव् य लाभाथ� को प्रस् ता�वत माइक्रो उद्यम चलाने के �लए आवश् यक कौशल प्राप् त करने के बाद ह� �वत् तीय सहायता द� जानी चा�हए। य�द लाभाथ� ने पहले ह� �ात ससं् था, पजंीकृत एनजीओ / स् विैच्छक सगंठन से प्र�श�ण �लया है अथवा �कसी सरकार� योजना के अतंगर्त प्र�श��त है तो उसे ऐसा प्र�श�ण देने क� आवश् यकता नह�ं होगी बशत� वह आवश् यक प्रमाणपत्र प्रस् ततु करता है। य�द लाभाथ� ने पा�रवा�रक व् यवसाय से आवश् यक कौशल प्राप् त �कए ह� तो �वत् तीय सहायता देने से पहले ऐसे मामल� को यएूलबी द्वारा प्रमा�णत �कया जाना चा�हए। 3.2 उद्यमशीलता �वकास कायर्क्रम (ईडीपी) : यएूलबी, लाभा�थर्य� को कौशल प्र�श�ण देने के अलावा व् यिक्तगत और साम�ूहक उद्यमकतार्ओ ं के �लए 3-7 �दन का उद्यमशीलता �वकास कायर्क्रम भी आयोिजत करेगा। ईडीपी म� उद्यमशीलता �वकास के मलूभतू कौशल जसेै उद्यम का प्रबधंन, मलूभतू लेखाकरण, �वत् तीय प्रबधंन, �वपणन, उत् पादन-पवूर् और उत् पादनतोत् तर सहलग्नता, काननूी �क्रया�व�धया,ं लागत �नधार्रण और राजस् व आ�द शा�मल �कए जाएंगे। साम�ूहक उद्यम� म� उपयुर्क् त �वषय� के अ�त�रक् त मॉड्यलू म� समहू क� स�क्रयता, काम का आवटंन, लाभ म� �हस् सेदार� ततं्र आ�द भी समा�वष् ट होगा। 3.3 ईडीपी मॉड्यलू को राज् य �मशन प्रबधं इकाई (एसएमएमय)ू द्वारा पनैलबद्ध ससं् था / एज�सी अथवा सलाहकार फमर् क� सहायता से सम�थर्त राज् य शहर� आजी�वका �मशन (एसयएूलएम) द्वारा �वक�सत पणूर्त: �निश्चत �कया जाना चा�हए और यएूलबी द्वारा प्र�श�ण कायर्क्रम आयोिजत करत ेसमय उसका उपयोग �कया जाना चा�हए। ग्रामीण स् वरोजगार प्र�श�ण ससं् थाओं (आरएसईट�आई), उद्यमशीलता �वकास / प्र�श�ण का कायर् करने वाल� प्र�तिष्ठत ससं् थाओ,ं प्रबधंन / श�ै�णक ससं् थाओ,ं प्र�तिष्ठत एनजीओ जो उद्यमशीलता �वकास / प्र�श�ण का कायर् करत ेह� आ�द जैसी ससं् थाओं के माध् यम से यह ईडीपी प्र�श�ण आयोिजत �कया जा सकता है। 3.4 व् यिक्तगत और साम�ूहक उद्यमकतार्ओ ंको अनवुत� उद्यमी सहायता: व् यिक्तगत और साम�ूहक उद्यमकतार्ओ ंको सहायता प्रदान करने के उपरांत, जब भी आवश्यकता हो यएूलबी अनवुत� उद्यमी �वकास कायर्क्रम (ईडीपी) का आयोजन कर�गे। इस प्रकार के कायर्क्रम का आयोजन अ�धमानतः छः मह�ने म� एक बार ऐसे प्रत्येक लाभाथ� हेत ु �कया जाए िजन्ह� ऋण �दया गया है। अनवुत� ईडीपी के दौरान, लाभाथ� द्वारा सामना �कए जा रहे समस्याओं और मदु्द� पर चचार् क� जाए और समाधान के बारे म� बताया जाए।

  • 4. �वत् तीय सहायता का स् वरूप : शहर� गर�ब को वयैिक्तक और साम�ूहक उद्यम स् था�पत करने के �लए उपलब् ध �वत् तीय सहायता ब�क ऋण� पर ब् याज सिब्सडी के रूप म� होगी। वयैिक्तक अथवा साम�ूहक उद्यम� को स् था�पत करने के �लए ब�क ऋण पर 7 प्र�तशत क� ब् याज दर से अ�धक पर ब् याज सिब्सडी उपलब् ध होगी। डीएवाई - एनयएूलएम के अतंगर्त ब�क� को 7 प्र�तशत वा�षर्क और ब् याज क� प्रभा�रत दर के बीच के अतंर क� रा�श उपलब् ध क� जाएगी। ब् याज सिब्सडी केवल ऋण क� समय पर चुकौती �कए जाने वाले मामले म� द� जाएगी। इस सबंधं म� ब�क� से यथो�चत प्रमाणपत्र प्राप् त �कया जाएगा। समय पर ऋण क� चुकौती करने पर सभी म�हला स्वय ंसहायता समहू� (एसएचजी) को 3 प्र�तशत का अ�त�रक् त ब्याज सबव�शन उपलब् ध कराया जाएगा। ब्याज सबव�शन, समय पर ऋण क� चुकौती (ऋण चकुौती अव�ध के अनसुार) तथा ब�क� द्वारा यएूलबी से उपयकु्त प्रमाणपत्र प्राप्त करने के अधीन होगा। 3 प्र�तशत के अ�त�रक् त ब्याज सबव�शन रा�श क� प्र�तप�ूत र् पात्र म�हला स्वय ंसहायता समहू को �कया जाएगा। ब�क, 3 प्र�तशत के अ�त�रक् त ब्याज सबव�शन रा�श क� प्र�तप�ूत र् पात्र म�हला स्वय ंसहायता समहू के खात ेम� करने के उपरांत प्र�तप�ूत र् क� मागं कर�गे। 5. ब�क� को ब् याज सिब्सडी हेत ु�क्रया�व�ध : 5.1 सभी अनसु�ूचत वा�णिज्यक ब�क (एससीबी) और लघ ु�वत्त ब�क जो कोर ब��कंग समाधान (सीबीएस) प् लेटफामर् से सबंद्ध ह� वे इस योजना के अतंगर्त ब् याज सबव�शन पाने के �लए पात्र ह�गे। 5.2 लाभा�थर्य� को ऋण �वतरण के बाद ब�क क� सबं�ंधत शाखा ब् याज सिब्सडी रा�श के ब् योर� के साथ �वत�रत ऋण मामल� के ब् योरे यएूलबी को पे्र�षत करेगी। �क्रया�व�ध I 5.3 ब�क� द्वारा �कए गए दाव� का �नपटान यएूलबी द्वारा �तमाह� आधार पर �कया जाएगा, तथा�प दाव� का प्रस् ततुीकरण मा�सक आधार पर �कया जाना चा�हए। यएूलबी अपने स् तर पर तार�ख क� जांच करेगा और ब् याज सिब्सडी क� रा�श (7 प्र�तशत वा�षर्क तथा प्रच�लत ब् याज दर के बीच अतंर क� रा�श) ब�क� को जार� करेगा। 5.4 इस घटक के अतंगर्त ऋण� पर ब् याज सिब्सडी दाव� के �लए �नधार्�रत फाम�ट सलंग् न (अनबुधं – I) है। 5.5 दावे एक �तमाह� से अ�धक ल�ंबत नह�ं होने चा�हए। य�द ब�क� के दाव� का �नपटान 6 माह क� अव�ध म� नह�ं होता है तो एसएलबीसी को अ�धकार है �क वह ऐसे यएूलबी द्वारा दाव� के �नपटान क� शतर् के अधीन चु�नदंा शहर� म� यह योजना अस् थायी तौर पर बदं करे। ऐसी सभंाव् य घटनाओं म� दाव� का �नपटान भावी प्रभाव से अग्रणी िजला ब�क को �दया जाना चा�हए।

  • �क्रया�व�ध II 5.6 दाव� का �नपटान : ब्याज सिब्सडी �नमुर्क्त करने हेत ुनोडल एज�सी : प्रत्येक राज्य उस राज्य के ‘राज्य स्तर�य ब�कसर् स�म�त (एसएलबीसी) सयंोजक’ के परामशर् द्वारा राज्य म� एक सरकार� �ेत्र के ब�क को नोडल ब�क के रूप म� �नयकु्त कर�गे। सभी ब�क ब्याज सबव�शन के सबंधं म� अपने शाखाओ ंसे प्राप्त डाटा को समे�कत कर�गे तथा नोडल ब�क के पोटर्ल पर अपलोड कर�गे। नोडल ब�क, सत्यापन के बाद, ब्याज सिब्सडी को ब�क शाखाओं को पे्र�षत कर�गे। राज्य/ क� द्र शा�षत प्रदेश नोडल ब�क के पास पहले से ह� कुछ �न�ध जमा रख�गे जो �क डीएवाई-एनआरएलएम के �दशा�नद�श� के अनसुार ब�क शाखाओं को �न�ध �नमुर्क्त कर�गे। नोडल ब�क �नय�मत आधार पर एसयएूलएम को प्र�तप�ूत र् खात ेप्रस्ततु कर�गे। इस �क्रया�व�ध का अनसुरण तीन� प्रकार के ऋण� अथार्त एसईपी (I), एसईपी (जी) तथा एसएचजी-ब�क सहलग्नता म� �कया जाएगा। 6. वयैिक्तक उद्यम (एसईपी – I) ऋण और सिब्सडी स् वरोजगार के �लए वयैिक्तक माइक्रो उद्यम स् था�पत करने हेत ुइच् छुक शहर� गर�ब वयैिक्तक लाभाथ� �कसी भी ब�क से इस घटक के अतंगर्त सिब्सडीकृत ऋण ले सकता है। वयैिक्तक माइक्रो उद्यम ऋण� के मानदंड / �वशषेताएं �नम् नानसुार ह�। 6.1 आय ु: ऋण के �लए आवेदन करत ेसमय सभंाव् य लाभाथ� क� आय ु18 वषर् क� होनी चा�हए। 6.2 प�रयोजना लागत (पीसी) : वयैिक्तक माइक्रो-उद्यम के मामले म� अ�धकतम इकाई प�रयोजना लागत रु. 200,000 (दो लाख रुपए) है। 6.3 ब�क ऋण पर सपंािश्वर्क गारंट� : कोई सपंािश्वर्क आवश् यक नह�ं। �दनांक 6 मई 2010 के �रज़वर् ब�क के प�रपत्र ग्राआऋ�व.एसएमई एण् ड एनएफएस.बीसी.स.ं79/06.02.31/2009-10 के अनसुार ब�क� के �लए अ�धदेश है �क वे एमएसई �ेत्र क� इकाइय� को �दए गए 10 लाख रुपए तक के ऋण� के मामले म� सपंािश्वर्क जमानत स् वीकार न कर�। अत: ऋण देने के �लए �न�मर्त आिस्तयॉ ंह� ब�क� के पास दृिष्टबधंक / �गरवी / बधंक ह�गी। एसईपी ऋण� के �लए गारंट� र�ा (कवर) प्राप् त करने के प्रयोजन से ब�क कायर्कलाप क� पात्रता के अनसुार गारंट� र�ा के �लए लघ ुउद्योग �वकास ब�क (�सडबी) द्वारा स् था�पत स�ू म और लघ ुउद्यम� के �लए ऋण गारंट� न् यास (सीजीट�एमएसई) या �कसी अन्य उ�चत गारंट� फंड से सपंकर् कर सकत ेह�। 6.4 चुकौती : ब�क� के मानदंड� के अनसुार 6-18 माह के प्रारं�भक ऋण स् थगन के बाद चुकौती क� अव�ध 5 से 7 वषर् तक क� होगी।

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  • 6.5 मािजर्न रा�श : रु. 50,000/- तक के ऋण� के �लए कोई मािजर्न रा�श नह�ं ल� जानी चा�हए और रु. 50,000/- से 10 लाख तक के ऋण� के �लए अ�धमानत: 5 प्र�तशत मािजर्न रा�श के रूप म� ल� जानी चा�हए तथा �कसी भी हालत म� वह प�रयोजना लागत के 10 प्र�तशत से अ�धक नह�ं होनी चा�हए। 6.6 ऋण स�ुवधा का प्रकार : ब�क व् यिक्तय� को मीयाद� ऋण के रूप म� पूजंी व् यय के �लए �वत् त और नकद� ऋण के माध् यम से कायर्शील पूजंी ऋण दे सकता है। ब�क अलग – अलग उधारकतार्ओं क� आवश्यकतानसुार पूजंी व् यय और कायर्शील पूजंी घटक� स�हत स�ंमश्र ऋण दे सकत ेह�।

    7. साम�ूहक उद्यम (एसईपी-जी) – ऋण और सिब्सडी स् व-सहायता समहू (एसएचजी) अथवा डीएवाई - एनयएूलएम के अतंगर्त ग�ठत एसएचजी के सदस् य अथवा शहर� गर�ब� का समहू जो स् वरोजगार हेत ुसाम�ूहक उद्यम स् थापन करने का इच् छुक है इस घटक के अतंगर्त �कसी भी ब�क से सिब्सडीकृत ऋण का लाभ ले सकता है। साम�ूहक माइक्रो-उद्यम ऋण� के �लए मानदंड / �वशषेताएं �नम् नानसुार ह�। 7.1 पात्रता मानदंड : साम�ूहक उद्यम� म� शहर� गर�ब प�रवार� के कम से कम 70% सदस्य� के साथ न्यनूतम 3 सदस्य होने चा�हए। एक समहू म� एक ह� प�रवार के एक से अ�धक व् यिक्तय� को शा�मल नह�ं �कया जाना चा�हए। 7.2 आय ु: ब�क ऋण के �लए आवेदन करत ेसमय साम�ूहक उद्यम के सभी सदस् य� क� आय ु18 वषर् क� होनी चा�हए। 7.3 प�रयोजना लागत (पीसी) : समहू रु.2 लाख प्र�त सदस्य क� अ�धकतम ऋण सीमा या �फर रु.10 लाख, जो भी न्यनूतम हो, के �लए पात्र होगा। 7.4 ऋण का प्रकार : ऋण, आपसी �वश् वास और समहू के बीच जमानती व् यवस् था के आधार पर 10 लाख तक के समग्र सीमा तक, एक उधारकतार् इकाई के रूप म� कायर्रत समहू को एकल ऋण के रूप म� या समहू के प्रत् येक सदस् य को वयैिक्तक ऋण के रूप म� 2 लाख तक �दया जा सकता है। समहू को ऋण देत ेसमय ‘भ�ूमह�न �कसान’ के सयंकु् त कृ�ष समहू� के �वत् तपोषण पर बजट (2014-15) घोषणा पर �दनांक 13 नवबंर 2014 के �रज़वर् ब�क के प�रपत्र म� �नधार्�रत �सद्धांत� और बाद म� �कए गए सशंोधन� का पालन �कया जाना चा�हए।

  • 7.5 ऋण स�ुवधा का प्रकार : ब�क समहू� को मीयाद� ऋण के रूप म� पूजंी व ् यय के �लए �वत् त और नकद� ऋण स�ुवधा के माध् यम से कायर्शील पूजंी ऋण दे सकता है। ब�क समहू क� आवश् यकताओं के आधार पर पूजंी व् यय और कायर्शील पूजंी के �लए स�ंमश्र ऋण दे सकत ेह�। 7.6 ऋण और मािजर्न रा�श : ब�क द्वारा समहू उद्यम को ऋण के रूप म� प�रयोजना लागत से �हता�धकार� के अशंदान (मािजर्न रा�श) घटाकर शषे रा�श द� जाएगी। रु. 50,000/- तक के ऋण� के �लए कोई मािजर्न रा�श नह�ं ल� जानी चा�हए और उच् चतर रा�श के ऋण� के �लए अ�धमानत: 5 प्र�तशत मािजर्न रा�श के रूप म� ल� जानी चा�हए तथा �कसी भी हालत म� वह प�रयोजना लागत के 10 प्र�तशत से अ�धक नह�ं होनी चा�हए। 7.7 ब�क ऋण पर सपंािश्वर्क गारंट� : कोई सपंािश्वर्क / गारंट� आवश् यक नह�ं। ऋण देने के �लए �न�मर्त आिस्तयां ह� ब�क� के पास दृिष्टबधंक / बधंक / �गरवी ह�गी। परैा 6.4 म� �दए गए अनसुार ब�क स�ू म और लघ ु उद्यम� के �लए ऋण गारंट� न्यास (सीजीट�एमएसई) या �कसी अन्य उ�चत गारंट� फंड से सपंकर् कर सकत ेह�। 7.8 चुकौती : ब�क� द्वारा �कए गए �नणर्य के अनसुार 6-18 माह के प्रारं�भक ऋण स् थगन के बाद चुकौती अव�ध 5-7 वषर् क� होगी। 8. एसएचजी-ब�क सहलग्नता – सामान्य �दशा�नद�श भारतीय �रज़वर् ब�क क� मौ�द्रक नी�त और समय-समय पर केन् द्र�य बजट म� क� जानेवाल� घोषणाओं म� ब�क� के साथ एसएचजी क� सहलग्नता पर बल �दया जा रहा है और इस सबंधं म� भारतीय �रज़वर् ब�क द्वारा ब�क� को �व�भन् न �दशा�नद�श जार� �कए गए ह�। एसएचजी सहलग्नता कायर्क्रम को बढ़ाने और उसे �नरंतर बनाए रखने के �लए ब�क� को स�ूचत �कया गया है �क वे एसएचजी को �दए जाने वाले उधार को नी�त और कायार्न् वयन के स्तर पर अपने मखु् य प्रवाह के ऋण (के्र�डट) कायर् के भाग के रूप म� मान ल�। 8.1 एसएचजी-ब�क सहलग्नता कायर्क्रम पर भारतीय �रज़वर् ब�क द्वारा �दनांक 02 जुलाई 2018 को जार� मास् टर प�रपत्र �वस�व�व.एफआईडी.बीसी.स.ं04/12.01.033/2018-19 के अनदेुश म� ऐसे स् व-सहायता समहू� (चाहे पजंीकृत ह� अथवा अपजंीकृत) का बचत ब�क खाता खोलना शा�मल �कया गया है जो अपने सदस् य� के बीच प्रारं�भक रूप म� बचत क� आदत को बढ़ावा देने म� लगे हुए ह�। तदनतंर ब�क� द्वारा �व�धवत मलू् यांकन अथवा गे्रड �दए जाने के बाद एसएचजी को बचत सहबद्ध ऋण (बचत के प्र�त ऋण का अनपुात 1:1 से बदलकर 1:4) मजंूर �कया जा सकता है। तथा�प, प�रपक् व एसएचजी के मामले म� ब�क के �ववेका�धकार के अनसुार बचत के चार गनुा क� सीमा से अ�धक ऋण �दया जा सकता है। ब�क� को यह भी अनदेुश �दया गया है �क वे एसएचजी को अ�ग्रम, चाहे प्रयोजन कुछ भी हो, िजसके �लए

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  • ब�क� द्वारा कमजोर वग� को अपने उधार के भाग के रूप म� एसएचजी के सदस् य� को शा�मल करना चा�हए। 8.2 डीएवाई-एनयएूलएम के घटक सामािजक सगं्रहण और ससं् थात् मक �वकास (एसएमएण् डआईडी) के अतंगर्त यएूलबी एसएचजी के �लए ब�क खाता खोलने सबंधंी आवश् यक मलू कायर् करेगा और प�रक्रामी �न�ध (आरएफ) के प्र�त पहंुच क� स�ुवधा देगा। इस प्रयोजन के �लए यएूलबी ससंाधन सगंठन (आरओ) को काम म� लगा सकता है अथवा अपने स् टाफ के माध् यम से एसएचजी को सीधे ह� स�ुवधा पहंुचा सकता है। (डीएवाई-एनयएूलएम के घटक सामािजक सगं्रहण और ससं् थात् मक �वकास (एसएमएण् डआईडी) म� एसएचजी, आरओ और प�रक्रामी �न�ध क� सकंल् पना और �नमार्ण के ब् योरे �दए गए ह�) 8.3 ब�क यएूलबी को ब् याज सिब्सडी रा�श क� गणना के ब् योर� के साथ �वत�रत ऋण मामल� के ब् योरे पे्र�षत कर�गे। यएूलबी अपने स् तर पर डटेा क� जांच करेगा और परैा 5 म� उल् लेख �कए गए अनसुार समान �क्रया�व�ध का पालन करत ेहुए �तमाह� आधार पर ब�क� को ब् याज सिब्सडी रा�श जार� करेगा। अ�त�रक् त ब् याज सबव�शन का दावा करने के �लए �नधार्�रत फाम�ट सलंग् न है (अनबुधं – II)। 8.4 यएूलबी अपने �ेत्रीय स् टाफ अथवा ससंाधन सगंठन (आरओ) के माध् यम से ब�क� से के्र�डट प्राप् त करने हेत ुपात्र एसएचजी के �लए ऋण आवेदन भरने म� सहायता करेगा। यएूलबी, एसएचजी का ऋण आवेदन आवश् यक दस् तावेजीकरण के साथ सबं�ंधत ब�क� को अग्रसा�रत करने के �लए िजम् मेदार होगा। यएूलबी ब�क� को अग्रसा�रत �कए गए एसएचजी ऋण आवेदन� का �ते्रवार, ब�कवार, आरओ / स् टाफवार डटेा बनाए रखेगा। वह� डटेा मा�सक आधार पर एसयएूलएम को पे्र�षत �कया जाएगा। 8.5 डीएवाई-एनयएूलएम के अतंगर्त प्रभावी एसएचजी-ब�क सहलग्नता को स�ुनिश्चत करने के �लए एसयएूलएम ब�क� के साथ �नय�मत आधार पर प्रग�त पर �नगरानी रखेगा और समी�ा करेगा और राज् य म� एसएचजी ऋण� पर ब् याज सिब्सडी / सबव�शन के �लए एसएलबीसी के साथ समन् वयन करेगा। शहर� गर�ब� के �वत् तीय समावेशन के �लए ब�क और शाखा के स् टाफ के सगु्राह�करण को स�ुनिश्चत करने के �लए राज् य स् तर�य ब�कर स�म�त (एसएलबीसी) और अग्रणी ब�क� को स�क्रय रूप से काम म� शा�मल करना चा�हए। 8.6 यह नोट कर� �क ऐसे एसएचजी क� पहचान, चयन, गठन और �नगरानी िजन् ह� ब् याज सबव�शन �दया जाएगा यह राज् य / यएूलबी क� िजम् मेदार� होगी तथा एसएचजी के गलत अ�भ�नधार्रण िजसे ब् याज सबव�शन �दया जाएगा, के �लए ब�क िजम् मेदार नह�ं ह�गे। 8.7 ऋण स�ुवधा का प्रकार : एसएचजी अपने आवश्यकतानसुार या तो साव�ध ऋण या नकद� ऋण सीमा (सीसीएल) ऋण या दोन� ले सकत ेह�। आवश्यकता क� िस्थत म�, पहले से ऋण बकाया होने के बावजूद भी अ�त�रक्त ऋण स्वीकृत �कया जा सकता है।

  • 8.8 समय पर (प्राम्ट) चुकौती के �लए �रज़वर् ब�क के �दशा�नद�श �नम् नानसुार ह� :

    क. एसएचजी को नकद ऋण सीमा के �लए i. बकाया शषे स् वीकृत सीमा / आहरण अ�धकार के अ�त�रक् त �नरंतर रूप से 30 �दन� से अ�धक नह� ंहोना चा�हए। ii. खात ेम� �नय�मत जमा (के्र�डट) और नामे (ड�ेबट) प्र�विष्ट होनी चा�हए। हर हालत म� माह के दौरान कम से कम एक ग्राहक पे्र�रत के्र�डट होना चा�हए। iii. माह के दौरान ग्राहक पे्र�रत के्र�डट माह के दौरान नामे डाले गए ब् याज को कवर करने के �लए पयार्प् त होगा। ख. एसएचजी को मीयाद� ऋण के �लए : ऐसा मीयाद� ऋण खाता िजसम� सभी ब् याज भगुतान और / अथवा मलूधन क� �कस् त� का भगुतान ऋण� क� समग्र अव�ध के दौरान �नयत तार�ख से 30 �दन� के भीतर �कया जाता है उसे समय पर भगुतान वाला खाता माना जाएगा। समय पर भगुतान �दशा�नद�श भ�वष् य म� इस �वषय पर �रज़वर् ब�क के �दशा�नद�श� द्वारा मागर्द�शर्त होत ेरह�गे।

    9. एसईपी-I, एसईपी-जी और एसईपी-एसएचजी के �लए प्रग�त �रपोटर् 9.1 यएूलबी सबं�ंधत ब�क� के साथ आवेदक� के वधैीकरण के बाद टास् क फोसर् द्वारा �सफा�रश �कए गए आवेदन� का आकंड़ा पत्रक तयैार करेगा िजसम� स् वीकृ�त, �वतरण और अस् वीकरण (कारण� स�हत) क� िस्थ�त द� गई हो। यह आकंड़ा पत्रक मा�सक आधार पर एसयएूलएम को भेज �दया जाएगा। 9.2 एसयएूलएम सबं�ंधत यएूलबी से प्राप् त सभी �रपोट� को समे�कत करेगा और आवास और शहर� गर�बी उपशमन मतं्रालय (एमओएचयपूीए) को मा�सक आधार पर स�ूचत करेगा। 9.3 एसयएूलएम को चा�हए �क एसईपी के अतंगर्त प्रग�त क� प्रत् येक एसएलबीसी और िजला परामशर्दात्री स�म�त (डीसीसी) क� बठैक म� समी�ा करने को स�ुनिश्चत कर�। प्रभावी समन् वयन और कायार्न् वयन के �लए एसयएूलएम को एसएलबीसी सयंोजक ब�क के साथ एसईपी के सबंधं म� अन् य कोई महत् वपणूर् मदु्दा हो तो उठाना चा�हए। 10. उद्यम �वकास के �लए के्र�डट काडर् 10.1 वयैिक्तक उद्यमकतार्ओं को �वत् तीय सहायता चाहे एनयएूलएम के अतंगर्त उद्यम स् था�पत करने के �लए सिब्सडीकृत ऋण हो तो भी उसे शहर� गर�ब को आजी�वका सहायता क� स�ुवधा देने के प्रारं�भक प्रोत् साहन के रूप म� देखा जाएगा। तथा�प वयैिक्तक उद्यमकतार् को आ�थर्क दृिष्ट से उद्यम को वहनीय बनाने के �लए कायर्शील पूजंी के सदंभर् म� और �वत् तीय सहायता क� आवश् यकता होती है। इसम� वस् तओु,ं कच् चे माल क� खर�द और अन् य �व�वध खचर् आ�द व् यय क� प�ूत र् करने के �लए तत् काल और अल् पाव�ध

  • मा�सक नकद आवश् यकता को समा�वष् ट �कया जा सकता है। माइक्रो उद्यमकतार् को उद्यमशील कायर्कलाप� से �नमार्ण होने वाले व् यय� क� प�ूत र् करने के �लए �नय�मत �निश्चत मा�सक नकद� प्रवाह / आय नह�ं होती है। इस तरह क� तत् काल ऋण आवश् यकता के �लए �वत् तीय ससं् था से सपंकर् करने के �लए �क्रया�व�धगत दस् तावेजीकरण आवश् यक होता है और इसम� बहुत समय बीत जाता है। कायर्शील पूजंी ऋण क� इस आवश् यकता क� पतूर्ता सामान् यतया ऋण के अनौपचा�रक स्रोत� (साहूकार� स�हत) से क� जाती है जो औसतन उच् च ब् याज दर पर उपलब् ध होता है। 10.2 माइक्रो उद्यमकतार् को अपनी कायर्शील पूजंी और �व�वध ऋण आवश् यकताओं क� प�ूत र् करने म� सहायता करने क� दृिष्ट से डीएवाई - एनयएूलएम ब�क� द्वारा के्र�डट काडर् या मदु्रा काडर् क� पहंुच क� स�ुवधा देगा। 10.3 एसयएूलएम राज् य स् तर�य ब�कर स�म�त (एसएलबीसी) के परामशर् से वयैिक्तक उद्यमकतार् को के्र�डट काडर् (अथवा) मदु्रा काडर् जार� करने के मानदंड, सीमाएं और �वशषेताएं �नधार्�रत करेगा। इसके �लए सभी अनसु�ूचत वा�णज् य ब�क� द्वारा कायार्िन्वत क� जा रह� सामान् य के्र�डट काडर् योजना (जीसीसी) अथवा शहर� �ेत्र� म� ब�क� के उद्यम �वकास के �लए के्र�डट काडर् के अन् य �कसी रूप क� तलाश एसयएूलएम और एसएलबीसी द्वारा क� जाएगी। सशंो�धत जीसीसी योजना पर �रज़वर् ब�क क� अ�धसचूना द्वारा प�रपत्र जार� �कया गया है देख� �दनाकं 2 �दसम् बर 2013 का प�रपत्र ग्राआऋ�व.एमएसएमई एण् ड एनएफएस.बीसी.स.ं61/06.02.31/2013-14 जो �रज़वर् ब�क क� वेबसाइट ’www.rbi.org.in’ पर उपलब् ध है। 10.4 यएूलबी सभंाव् य लाभाथ� क� पहचान करेगा और के्र�डट काडर् जार� करने के �लए ब�क� के साथ सहलग्नता क� स�ुवधा उपलब् ध करेगा। फोकस इस बात पर है �क प्रारं�भक रूप से ऐसे सभी लाभा�थर्य� को के्र�डट काडर् जार� �कए जाने म� समा�वष् ट (कवर) करना िजन् ह�ने एसईपी के अतंगर्त �वत् तीय सहायता प्राप् त क� है। इसके अलावा ऐसे अन् य लाभाथ� जो अपना स् वय ंका व् यवसाय चला रहे ह� परंत ुिजन् ह�ने एसईपी के अतंगर्त सहायता प्राप् त नह�ं क� है को भी इसम� समा�वष् ट �कया जा सकता है य�द वे के्र�डट काडर् जार� करने के मानदंड� क� प�ूत र् करत ेह�। 10.5 यएूलबी के स् तर पर इसके ल� य �निश्चत �कए जा सकत ेह� और इस घटक के अतंगर्त प्रग�त का समेकन एसयएूलएम के स् तर पर �कया जा सकता है तथा आवास और शहर� गर�बी उपशमन मतं्रालय (एमओएचयपूीए) को आव�धक रूप से स�ूचत �कया जा सकता है। 11. प्रौद्यो�गक�, �वपणन और अन् य सहायता 11.1 माइक्रो उद्यमकतार्ओ ंको प्राय: अपना व् यवसाय बढ़ाने और उसे बनाए रखने क� दृिष्ट से सहायता क� आवश् यकता होती है। आवश् यक सहायता स् थापना, प्रौद्यो�गक�, �वपणन और अन् य सेवाओं से सबं�ंधत

    https://www.rbi.org.in/hindi/Scripts/Notifications.aspx?Id=4274&Mode=0https://www.rbi.org.in/hindi/Scripts/Notifications.aspx?Id=4274&Mode=0https://www.rbi.org.in/

  • हो सकती है। जो माइक्रो उद्यमकतार् अत् यतं लघ ुव् यवसाय करत ेह� उन् ह� बाज़ार क� आवश् यकताएं, उनके द्वारा �न�मर्त उत् पाद� क� मांग, मलू् य, कहां �बक्र� कर�, आ�द का बेहतर �ान प्राप् त करने क� आवश् यकता हो सकती है। इस घटक के अतंगर्त सहायक सेवाओ ंक� प�रकल् पना इस दृिष्ट से क� गई है ता�क माइक्रो उद्यम� के �वकास के �लए प्रोत् साहक पयार्वरण उपलब् ध �कया जा सके। 11.2 डीएवाई-एनयएूलएम के अतंगर्त स् था�पत शहर� आजी�वका क� द्र (सीएलसी) माइक्रो उद्यम� को द�घार्व�ध तक बने रहने के �लए स् थापना (लाइस�स, प्रमाणपत्र पजंीकरण, काननूी सेवाएं आ�द), उत् पादन, वसलू�, प्रौद्यो�गक�, प्रोसे�सगं, �वपणन, �बक्र�, पकेैिजंग, लेखाकरण आ�द जसैी सेवाएं प्रदान करेगा। सीएलसी माइक्रो उद्यम� के उत् पाद� और सेवाओं के �लए बाज़ार मांग और बाजार कायर्नी�त पर सभंाव् यता / मलू् यांकन अध् ययन करने म� भी सहायता प्रदान करेगा। 11.3 सीएलसी के मानदंड� के अनसुार सभी एसईपी वयैिक्तक और साम�ूहक उद्यम सीएलसी से सेवाएं प्राप् त कर सकत ेह�। सीएलसी यएूलबी के समथर्न से ऐसी �व�भन् न अन् य सरकार� योजनाओं के साथ तालमेल कर सकता है िजनम� सभंा�वत लाभा�थर्य� के लाभ हेत ुमाइक्रो उद्यम �वकास के �लए सेवा और लाभ �दए जा रहे ह�। 11.4 एसयएूलएम उपयुर्क् त सेवाएं �दए जाने के प्रयोजन से सीएलसी को अ�त�रक् त �न�ध/व् यावसा�यक सहायता क� व् यवस् था कर सकता है। 12. डीएवाई-एनयएूलएम के एसईपी के �न�धयन का स् वरूप

    12.1 डीएवाई-एनयएूलएम के तहत सामान्य मानदंड� के अनसुार इस घटक के अतंगर्त �न�धयन को क� द्र और राज् य� म� बाटंा जाएगा।

    12.2 मतं्रालय राज् य� को आब�ंटत ल� य� पर आधा�रत �न�धय� का वा�षर्क आधार पर आवटंन करेगा। राज् य सबं�ंधत एसएलबीसी और यएूलबी के साथ परामशर् से ल� य �निश्चत करेगा और यएूलबी को तदनरुूपी �न�धय� का आवटंन करेगा ता�क ब् याज सबव�शन के कारण ब�क� को क� जानेवाल� सपंणूर् प्र�तप�ूत र् का �नपटान �वत् तीय वषर् के दौरान �कया जा सके तथा राज् य के पास कोई सबव�शन रा�श अ�तदेय या �वल�ंबत न रहे। 13. �नगरानी और मलू् यांकन 13.1 राज् य स् तर पर राज्य �मशन प्रबधंन इकाई (एसएमएमय)ू और यएूलबी स् तर परशहर� �मशन प्रबधंन इकाई (सीएमएमय)ू इस घटक के अतंगर्त कायर्कलाप� / ल� य� क� प्रग�त पर बार�क� से �नगरानी रखेगा, �रपोटर् और मलू् यांकन करने का उत् तरदा�यत् व लेगा। एसयएूलएम और यएूलबी / कायार्न् वयन

  • एज��सयां �मशन �नदेशालय द्वारा �नधार्�रत फाम�ट म� समय-समय पर प्रग�त क� सचूना द�गी िजसम� मा�सक और �तमाह� के अतं तक सचंयी उपलिब्ध और कायार्न् वयन के प्रमखु �वषय� का उल् लेख होगा।

    13.2 इसके अलावा डीएवाई - एनयएूलएम के अतंगर्त ल� य और उपलिब्धय� का टै्रक रखने के �लए व् यापक और सदुृढ़ आईट�-सम�थर्त डीएवाई - एनयएूलएम एमआईएस स् था�पत क� जाएगी। राज् य� और यएूलबी को अपनी प्रग�त �रपोटर् ऑनलाइन प्रस् ततु करना आवश् यक होगा और वे इस साधन का उपयोग आम लोग� के बीच प्रग�त पर �नगरानी रखने के �लए भी कर सक� गे। सचूना के स�क्रय प्रकट�करण और डीएवाई-एनयएूलएम के अधीन पार द�शर्ता को स�ुनिश्चत करने के �वचार से एसईपी के अतंगर्त प्रमखु प्रग�त �रपोट� को समयबद्ध तर�के से पिब्लक डोमेन पर उपलब् ध �कए जाएंगे। 13.3 सभी एसईपी लाभा�थर्य� के पास आव�धक आधार पर �विजट �कया जाना चा�हए ता�क लाभ के प्रभाव का मलू्याकंन �कया जा सके तथा उनके द्वारा सामना �कए जा रहे �कसी समस्या का भी पता लगाया जा सके। समदुाय सगंठन (सीओ) द्वारा अपने अ�धकार �ेत्र म� िस्थत सभी लाभा�थर्य� के पास तीन मह�ने म� कम से कम एक बार �विजट अवश्य �कया जाना चा�हए। सीएमएमय ूस्तर पर प�रजोजना अ�धकार�/तकनीक� �वशषे� को चा�हए क� वे तीन मह�ने म� कम से कम एक बार 50% लाभा�थर्य� के पास �विजट कर�। फ�ल्ड �विजट के दौरान पार गए तथ्य� को अ�भलेख म� रखा जाए तथा एमआईएस म� भी अपलोड �कया जाए। 13.4 उक्त उल्ले�खत फ�ल्ड �विजट के दौरान, लाभाथ� के आ�थर्क िस्थ�त से सबं�ंधत डटेा का सगं्रह �कया जाए तथा लाभाथ� के आ�थर्क िस्थ�त पर लाभ के प्रभाव को जानने हेत ुऋण आवेदन फामर् म� �दए गए सचूना के साथ उसक� तलुना क� जाए। 13.5 लाभाथ� के आ�थर्क िस्थ�त पर एसईपी के अतंगर्त लाभ के प्रभाव का मलू्यांकन करने के �लए उ�चत अतंराल पर ‘प्रभाव �वश्लेषण अध्ययन’ का आयोजन �कया जा सकता है। 13.6 डीएवाई - एनयएूलएम के अतंगर्त ल� य बनाम उपलिब्ध म� प्रग�त पर �नगरानी रखने के �ल, ब�क� को स�ूचत �कया गया है �क वे �तमाह� आधार पर सलंग् न प्रोफामार् (अनबुधं III और IV) के अनसुार सबं�ंधत �तमाह� क� समािप्त के बाद अगले माह के अतं तक �नदेशक, यपूीए को dupa-mhupa@nic.in साथ ह� साथ भारतीय �रज़वर् ब�क को ई-मेल पर समे�कत प्रग�त �रपोटर् प्रस् ततु कर�। 13.7 एनयएूलएम के अतंगर्त ऋण हेत ु�व�शष्ट कोड: ब�क� को स�ूचत �कया जाता है �क वे इन ऋण� को गरै-कृ�षगत ऋण म� वग�कृत कर� तथा एनयएूलएम के अतंगर्त अनमुो�दत ऋण� के �लए अपने डटेाबेस म� �व�शष्ट उप-कोड का उपयोग कर�। साथ ह�, एसईपी-I, एसईपी-जी, एसएचजी और डब्लएूसएचजी के �लए अलग से उप-उप-कोड �नधार्�रत �कया जाए। एनयएूलएम के अतंगर्त ऋण� का वग�करण, खास तौर पर एसएचजी और डब्लएूसएचजी के सबंधं म�, उ�चत सावधानी बरती जाए ता�क एनआरएलएम ऋण� क�

    mailto:dupa-mhupa@nic.inmailto:nulmfidd@rbi.org.in

  • तलुना म� इन ऋण� को अलग से पहचाना जा सके क्य��क डब्लएूसएचजी अलग से अ�त�रक्त 3 प्र�तशत के ब्याज सबव�शन हेत ुपात्र ह�।

  • अनबुधं – I द�नदयाल अतं् योदय योजना - राष् ट्र�य शहर� आजी�वका �मशन (डीएवाई - एनयएूलएम) के अतंगर्त ब् याज सिब्सडी दावा 1. ब�क का नाम : �तमाह� के अतं म� डीएवाई - एनयएूलएम के अतंगर्त एसईपी-1, एसईपी-जी और एसएचजी को 7 प्र�तशत प्र�त वषर् क� दर से उधार पर ब् याज सिब्सडी दाव� का प्रस् ततुीकरण (आकंड़ ेरुपए म�) : हम एत�वारा �नम् न�ल�खत ग्राहक खाता सखं् य� को नीचे �दए गए ब् योर� के अनसुार स् वीकृत �वत् तीय सहायता के सबंधं म� ----------------- खात� को समा�वष् ट करत ेहुए कुल रु. ----------------------- ( रुपए ---------------------------------------------------------------------------------------------------) क� ब् याज सिब्सडी स् वीकृत और जार� करने के �लए आवेदन करत ेह�।

    क) एसईपी – I (वयैिक्तक उद्यम)

    स.ं शाखा ऋणकतार् का नाम

    ऋण खाता सखं् या

    ऋण रा�श ब् याज

    स् वीकृत �वत�रत प्रभा�रत दावा क� गई सिब्सडी

    1 2 3 4 5 6 7 8 1 2 3 कुल

    ख) एसईपी – जी (साम�ूहक उद्यम)

    स.ं शाखा समहू का नाम

    ऋण खाता सखं् या

    ऋण रा�श ब् याज

    स् वीकृत �वत�रत प्रभा�रत दावा क� गई सिब्सडी

    1 2 3 4 5 6 7 8 1 2 3 कुल

  • ग) स् व-सहायता समहू (एसएचजी ब�क सहलग् नता)

    स.ं शाखा एसएचजी का नाम

    ऋण खाता सखं् या

    ऋण रा�श ब् याज

    स् वीकृत �वत�रत प्रभा�रत दावा क� गई सिब्सडी

    1 2 3 4 5 6 7 8 1 2 3 कुल

    स् थान : (ब�क के प्रा�धकृत अ�धकार� का हस् ता�र) तार�ख और ब�क क� महुर

  • अनबुधं – II

    डीएवाई - एनयएूलएम के अतंगर्त म�हला स् व-सहायता समहू (डब् ल् यएूसएचजी) को 3 प्र�तशत प्र�तवषर् क� दर से उधार पर अ�त�रक् त ब् याज सबव�शन के �लए दाव� का प्रस् ततुीकरण :

    ब�क का नाम : �तमाह� दाव� का �ववरण : �वत�रत ऋण / बकाया (आकंड़ ेरुपए म�)

    स.ं शाखा डब् ल् यएूसएचजी

    का नाम ऋण खाता सखं् या

    �वत�रत ऋण रा�श

    ब् याज सबव�शन क� रा�श

    1 2 3 4 5 6 1 2 3

    कुल हम एत�वारा प्रमा�णत करत ेह� �क उपयुर्क् त ऋण� क� चुकौती समय पर क� गई और अ�त�रक् त ब् याज सबव�शन के लाभ त् व�रत (प्राम्ट) आदाता डब् ल् यएूसएचजी के �लए ब् याज क� प्रभावी दर 4 प्र�तशत तक कम करत ेहुए डब् ल् यएूसएचजी के खात ेम� �दए गए। स् थान (ब�क के प्रा�धकृत अ�धकार� का हस् ता�र) तार�ख और ब�क क� महुर

  • अनबुधं III

    Statement showing Target under Deendayal Antyodaya Yojana – National Urban Livelihoods Mission (DAY-NULM) Name of the Bank (To be furnished at the time of target allocation) Reporting year No in Actual & Amount in Rs lakh

  • अनबुधं IV Quarterly Statement showing Cumulative Progress under Deendayal Antyodaya Yojana – National Urban Livelihoods Mission (DAY-NULM) NAME OF THE BANK REPORTING YEAR REPORTING QUARTER No of Ac/s in Actual and Amt in Rs.Lakhs

  • प�र�शष्ट

    क्रम

    स.ं प�रपत्र स.ं �दनांक �वषय

    1. ग्राआऋ�व.जीएसएसडी.क� का.बीसी.स.ं26/09.16.03/2014-15

    14.08.2014 राष् ट्र�य शहर� आजी�वका �मशन के रूप म� स्वणर् जयतंी शहर� रोज़गार योजना (एसजेएसआरवाई) क� पनुस�रचना

    2. �वस�व�व.जीएसएसडी.क� का.बीसी.स.ं57/09.16.003/2014-15

    28.05.2015 राष् ट्र�य शहर� आजी�वका �मशन

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