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विमुकरण: कालेधन पर करारी चोट 1

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Page 1: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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7 नवबर तक य सभी पछत थ कक मोदी जी आपन काल-धन क कलए कया ककया अब कहत ह कक मोदी जी आपन काल-धन क कलए यह कयो ककया सपा बसपा कागस ममता कजरीवाल - सभी आजकल नोटबदी की माला जप रह ह मझ तो मालम ही नही पड़ता कक इनका कया लट गया ह

नोटबदी क फसल स तो आतकवाद नकसलवाद डरगस और जाली नोटो क कारोबार पर चोट पहची ह इन पाकटटियो की इचछाशकति ही नही ह कक राजनीकत क अदर स काला धन जाए म तो आज भी कवपकष क सभी नताओ को अपील करना चाहता ह कक मोदी जी न आग बढ़कर चचाटि क कलए एक गभीर कवषय को रखा ह इस सवीकार कर चचाटि क कलए आग आइय और राजनीकत क अदर शकचता लान का काम कीकजय

हम भी कफकर ह कक लाइन लग रही ह थोड़ी तकलीफ भी लोगो को उठानी पड़ रही ह परधानमती जी न पहल कदन ही कहा था कक 50 कदन तक तकलीफ होगी लककन 50 सालो क कलए दश सधर जाएगा उनहोन कहा कक नोटबदी क फसल स ददटि उनको हो रहा ह कजनका भरषाचार स अकजटित अरबो-खरबो का काला धन लट गया ह रदी म तबदील हो गया ह नोटबदी क फसल का परा दश और परी दकनया सवागत कर रह ह इसका कवरोध कागसी कर रह ह कजनका यपीए क शासनकाल म घोटालो क जररए कमाया 12 लाख करोड़ रपया अब रदी म तबदील हो गया ह

अमित शाहराषटीय अधयकष भारतीय जनता पाटटी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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विमदरीकरण

कालधन पर करारी चोट

सकलनकरता

शिवानद दविवदी

डॉ शयामया परसयाद मकरजीशोध अवधषयान

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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अनकरमणिका

नोटबदी क अररकक विरोध कर दश क भरोस खोर विपकष - हरषवधषन मरिपाठी खली पक कलकरो क कल धन की पोल सटग - मशवाननद मविवदी गरीबो-मजदरो क ललए लभकरी ह नोटबदी - अनत मवजय चर दशको क रजनीवरक सफर म हर अिसर पर विफल रह ह मनमोहन ससह

- मशवाननद मविवदी नकदी क जल स वनकलकर डिजजटल अरतावयिस की - आयर आनद वनकय चनि नोटबदी क वनरताय पर जनर की महर - मशवाननद मविवदी वनकय चनिो म भजप की इस बमपर जीर क बद रो नोटबदी क विरोध की

रजनीवर बद कर विपकषी - कशव झा खबरदर यह ईमनदरो की करर ह बईमन दर रह - मशवाननद मविवदी नोटबदी आम जन कर रह सरकर क समरतान कल धन धरको म मच हड़कप

- कमनषका मतवारी नोटबदी क डफजल विरोध कर खद को lsquoसडदगधrsquo बन रह विपकष - आदशष मतवारी नोटबदी क विरोध करन िलो स सिधन रहन की जररर - पषकर अवसी नोटबदी क वनरताय स इरन हलकन को ह विपकषी दल - पीयर मविवदी नोटबदी क वनरताय स खश ह जनर - अरमवनद जयमतलक नोटबदी कशलस अरतावयिस की ररफ बढ़र दश - सनीता मिशा नोटबदी पर जनसमरतान की सचक ह वनकय चनिो म भजप की जीर

- पीयर मविवदी परधनमती क सिलो क जिब द नोटबदी क विरोध कर रह विपकषी - लोकनदर मसह मोदी सरकर को अरतानीवर ससखन स पहल ज़र अपनी गगरबन म रो झक लीजजय

मनमोहन ससह जी - अरमवनद जयमतलक रषटर-वनमतार क आग वनजी सख-दःख क नही होर महतव - परणय किार ससद ठपप करन की नकरतमक रजनीवर स बज आय विपकषी दल

- आदशष मतवारी समय की मग ह नकदी रडहर अरतावयिस - पीयर मविवदी Tracing history of black money Past and present

- ANIRBAN GANGULY By-Poll Results End game anti-demonetization crusaders

- AJAY KASHYAP Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and

Unethical Oppose it - ANIRBAN GANGULY Demonetisation and the vanishing stone-pelters of Kashmir

- AJAY KASHYAP

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करम स लख पज़

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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आठ नवबर की शाम आठ बज परधानमती नरदर मोदी न राषट को सबोकधत ककया राषट क नाम अपन इस सबोधन म परधानमती न एक बड़ा और ऐकतहाकसक ऐलान करत हए पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन की घोषणा की कालधन क कखलाफ परधानमती दारा उठाया गया यह कदम भारतीय इकतहास म एक साहकसक एव ऐकतहाकसक कदम क रप म था जनकहत की कचता क अनसार कछ जररी छट क साथ यह फसला आठ नवबर स लाग कर कदया गया इस फसल क बाद दश म नोटबदी अथाटित कवमदरीकरण की इस कायटिवाही पर बड़ी बहस शर हो गयी कछ कवपकषी दल अचानक जनकहतषी बनन का ढोग करत हए नोटबदी क कखलाफ कवरोध म उतर गए हालाकक इस फसल को जनता का भरपर समथटिन कमलता कदख रहा ह नोटबदी क बाद दश क महाराषट गजरात और पजाब आकद राजयो म हए कनकाय चनावो म भाजपा को बड़ी कवजय कमली ह कजस नोटबदी पर जनता क महर क रप म दखा जा रहा ह चकक भाजपा-नीत क दर सरकार पहल कदन स कालधन को लकर सखत रही ह और गत ढाई वषषो सरकार दारा समय-समय पर ठोस कदम उठाए जात रह ह कालधन और भरषाचार क कखलाफ सरकार की परकतबदधता शर स ही कदखी ह और यह कायटिवाही उसी कदशा म एक बड़ी चोट की तरह ह

कवमदरीकरण क मद पर दश म खब बहस चली ह इस कवषय पर वचाररक वब पोटटिल नशनकलसट ऑनलाइन डॉट कॉम पर लखो की शरखला चलाई गयी ह इसक माधयम स नोटबदी स जड़ हर पहल की पड़ताल करन की कोकशश की गयी ह नोटबदी क मद पर नशनकलसट ऑनलाइन डॉट पर परकाकशत तमाम लखो को एक जगह सककलत करक एक ई-बकलट बनान की पहल डॉ शयामा परसाद मकजटी शोध अकधषान दारा की जा रही ह इस सकलन म कजतन भी लख कलए गए ह सभी लखो क कलए अकधषान लखको क परकत आभारी ह

डॉ अमनराषन गागली

निदशक डॉ शयामया परसयाद मकरजी शोध अनधषयाि

भमिका

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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टबदी क बाद जनता क मन म एक भावना आसानी स दखी जा सकती ह कक परधानमती क इस फसल को वह हर तरह की परशानी क बाद भी काला धन रखन वालो और भरषाचाररयो

क कखलाफ दख रही ह और जनता की इस भावना न दरअसल दश क कवपकष क कलए कतार म लगी जनता स जयादा परशानी की जमात खड़ी कर दी ह कवपकष इस कदर परशान ह कक पकचिम बगाल की मखयमती ममता बनजटी परशानी क इस समय म बगाल की जनता को छोड़कर कदलली की आजादपर मडी म रली कर रही ह रली म उनक साथ आम आदमी पाटटी क नता और कदलली क मखयमती अरकवद कजरीवाल ह य ककतनी सही राजनीकत ह या खराब राजनीकत को सही साकबत करन की कोकशश य इसस भी समझ म आता ह कक कदलली क मखयमती क तौर पर अरकवद कजरीवाल न कदलली की परशान जनता की परशाकनयो को कम करन की कोई कोकशश नही की और ममता बनजटी तो इस मामल म और भी खराब राजनता साकबत होती कदख रही ह जब मखयमती क तौर पर ममता बनजटी को पकचिम बगाल की जनता को नोटबदी स होन वाल नफा-नकसान क बार म समझाना चाकहए था उनक जीवन की मकशकलो को आसान करन क रासत बतान चाकहए थ उस समय ममता बनजटी दश की राजधानी कदलली क आजादपर म रली कर रही थी ममता और कजरीवाल य कह रह थ कक कभी भी इसकी वजह स दश म दग हो सकत ह इतना ही नही उनहोन एक सयति कवपकष जसा माहौल बनान की कोकशश की मदा सही हो

तो य कोकशश सराही जानी चाकहए लककन यहा ऐसा कछ नही था

साफ ह कक ममता बनजटी अरकवद कजरीवाल समाजवादी पाटटी कागस आकद का य राजनीकतक कवरोध ह लककन बड़ा सवाल ह कक परी तरह स आकथटिक फसल को कया कवपकष परी तरह स राजनीकतक कवरोध की कसौटी पर कसकर जनता का कवशास जीत सकता ह इसका जवाब दश क दो राजयो क मखयमकतयो क वयवहार स आसानी स समझा सकता ह इन दो मखयमकतयो म स एक ह कवधानसभा चनाव क ठीक पहल बीजपी स अलग हए नीतीश कमार और दसर अभी बीजपी क साथ खड़ चदरबाब नायड नायड दककषण भारत म भाजपा क मजबत और महतवपणटि सहयोगी ह और नीतीश कमार उततर भारत म मोदी कवरोधी गठजोड़ क महतवपणटि नता लककन इन दोनो ही मखयमकतयो न कहनदसतान क इस सबस बड़ आकथटिक फसल पर आकथटिक नजररय स परकतककरया दकर राजनीकतक बढ़त भी हाकसल

कर ली ह कबहार क मखयमती नीतीश कमार परी तरह स इस फसल क साथ खड़ ह नीतीश कमार न कहा कक इसस काला धन भरषाचार पर रोक लगगी आधर परदश क मखयमती चदरबाब नायड न तो पहल ही परधानमती को कचटी कलखकर बड़ नोटो को खतम करन की माग की थी कजसस काल धन पर रोक लगाई जा सक नोटबदी क सरकार क फसल क कखलाफ कवपकष को तकषो क साथ आना चाकहए था लककन हआ कया हआ य कक दरअसल कवपकष क पास सरकार क नोटबदी क फसल क कवपकष म कोई सटीक तकटि नही ह यहा तक कक कतार म लगी जनता न भी जब अरकवद कजरीवाल जस आदोलनकपरय और आरोप उछालकर राजनीकत करन वाल नताओ को भगाना शर ककया तो भी इनह समझ नही आया कक जनता कया चाहती ह य समझना इसकलए भी जररी ह कयोकक राजनीकत क अकतम पररणाम क तौर पर नता जनता को अपन पकष म चाहता ह य बात कवपकष क नता नही समझ सक और कतकटि की तरफ बढ़ चल उसस भी बात नही बनी तो साकजश क कसदधानत पर बाखबी काम ककया गया उदाहरण क तौर पर भारतीय जनता पाटटी की बगाल इकाई क खात म दो ककसतो म एक करोड़ रपय जमा करन की बात परचाररत की गई कजसस साकबत ककया जा सक कक नोटबदी की खबर पहल ही लीक कर दी गई थी दसरा साकजशी कसदधानत आया कजसम भारतीय जनता पाटटी की उततर परदश इकाई क अधयकष कशव परसाद मौयटि की बटी को 2000 क नोटो की गडकडयो क साथ कदखाया गया वो खबर परी तरह स गलत कनकली मौयटि न बताया कक उनक कोई बटी ह ही नही य कछ उदाहरण भर ह और य उदाहरण साकबत करत ह कक दरअसल कवपकष क पास इस मामल कवरोध क कलए कोई सही तकटि तथय ह ही नही ऐसा नही ह कक कवपकष को राजनीकत क कलए मौका नही कमल सकता था लककन दो बात थी पहली य कक कतारो म खड़ लोगो को नरदर मोदी क ककए पर भरोसा ह और दसरा य कक कवपकष क नताओ की कवशसनीयता और मशा सदह क दायर म आती रही इस कदर कक कदलली क लकमीनगर इलाक म अरकवद कजरीवाल आम आदमी पाटटी क कायटिकताटिओ क साथ लोगो का हाल जानन पहच तो लोगो न उनही क कखलाफ नार लगान शर कर कदए य सब उसक बावजद हो रहा था जब मीकडया क बड़ चहर य साकबत करन पर तल हए थ कक लोग बरी तरह स परशान ह ककसी भी हाल म दश म 8 नवबर क 8 बज क बाद स हए हर हादस दघटिटना को

अतारककि क विरोध कर दश काभरोसा खोता विपकष

हरषवधषन मरिपाठी

नो

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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नोटबदी स जोड़न की कवायद म कसफटि कवपकषी नता ही शाकमल नही थ बड़ पतकार लखक क तौर पर समाज म पहचान जान वाल लोग सरकार क फसल क कखलाफ कछ भी करन को उतार ह दरअसल य कछ भी करन पर उतार जमात म बहतायत लोग वही ह जो ककसी भी हाल म नरदर मोदी को परधानमती की कसटी पर दखन को तयार नही थ और नही थ वाली मानकसकता अभी भी जड़ अवसथा म ह इसका अदत उदाहरण दखन को कमलता ह कक करीब 150 ऐस ही बड़ बकदधजीकवयो न परधानमती को कचटी कलखकर इस फसल को वापस लन की माग की ह बकदधजीकवयो की कचटी ह इसकलए परी तरह स उसम कचनता आम आदमी क कषो की ही की गई ह लककन कमाल की बात य भी ह कक नोटबदी स आम आदमी को होन वाल कषो की कचनता करन वाल जयादातर वही लोग ह कजनहोन असकहषणता को इस दश का वतटिमान चररत बता दन की कोकशश की और दश स कमल सममानो को वापस कर कदया था दश म बकदधजीवी लखक क तौर पर सममान पान वाल ढरो लोग भी जब इस आकथटिक फसल पर राजनीकतक तरीक स परकतककरया दत ह तो सदह होता ह कक कया मोदी कवरोध क नाम पर सरकार क हर फसल का कवरोध करक जनता को गमराह करन की कोकशश उनका मानस बदलन की कोकशश कहा तक सही ह कमाल दकखए कक जान मान पतकार शखर गपा रपय की कमजोरी पर य सवाल पछत ह कक कया दश म ररजवटि बक गवनटिर ह कया रपय का डॉलर क मकाबल कमजोर होना दश क उदोगो क कलए ठीक ह इसक कलए कछ करन की जररत भी शखर बतात ह 16 नवबर को ककया गया शखर गपा का य टवीट इतना कनददोष नही ह दरअसल शखर कवमदरीकरण क इस समय म रपय क कगरत भाव को जोड़न की कोकशश करत कदखत ह जबकक सचचाई य ह कक रपय की

कमजोरी नही हई ह डॉलर की मजबती हई ह डोनालड टप का राषटपकत बनना इसकी बड़ी वजह बताया जा रहा ह इसी तरह की एक कोकशश हई जब सटट बक ऑफ इकडया क सात हजार करोड़ रपय स जयादा क कजटि को बट खात म डालन की खबर को मालया की कजटि माफी क तौर पर कपरचाररत ककया गया जबकक सच य ह कक नरदर मोदी की सरकार क ढाई साल क कायटिकाल म मालया और दसर कडफॉलटर स कजटि वसली की परककरया कजतनी तजी स परी करन की कोकशश हई वसी कोकशश कभी नही हई बकलक कपछली सरकार क समय म ही जयादातर सरकारी बको न बड़ कजटि कदए और कॉपदोरट स उनकी वसली नही हो सकी सचचाई यही ह कक आकथटिक मामलो पर नरदर मोदी की सरकार बहत ही चरणबदध तरीक स चल रही ह कजसम सरकार आन क बाद सबस पहल काला धन बनन स रोकन की कोकशश शर हई उसक बाद बनामी सपकतत पर रोक लगान कोकशश लोगो को अपना काला धन बताकर उस बककग कससटम म वापस लान की कोकशश य सब बहत चरणबदध तरीक थ इसी बीच म सरकार न बको का एनपीए खतम करन और बको की कसथकत मजबत करन क कलए पवटि सीएजी कवनोद राय की अगवाई म बक बोडटि बयरो बना कदया सबस बड़ी बात कक इन सार कदमो क साथ नरदर मोदी जनता को य भरोसा कदलान म कामयाब रह ह कक य फसला परी तरह स आम जनता क कहत म ह

(लखक वरिष पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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भाजपानीत क दर सरकार दारा कालाधन पर रोक लगान की कदशा म बड़ा कदम उठात हए पाच सौ एव एक हजार क नोट बद ककए जान और नए नोट जारी ककए जान क बाद स ही कालाधन

का मदा एकबार कफर कवमशटि और चचाटि क क दर म आ गया ह सरकार की तरफ स एव आम चचाटि म भी यह बात सामन आती रही ह कक कालाधन का नटवकटि महज दश क अदर ही नही बकलक सीमापार तक फला हआ ह हाल म ही एक टीवी समाचार चनल क कसटग ऑपरशन म पाककसतानी कसनमा कलाकारो को लकर बड़ा खलासा सामन आया ह कसटग क मताकबक़ पाककसतान क तमाम कसनमा कलाकार जो भारत म काम करत ह अपन भगतान का एक ठीक-ठाक कहससा कश म लन की माग करत ह हाल ही म उड़ी हमल क बाद पाककसतानी कलाकारो पर परकतबनध को लकर भी खब गरमा-गरम बहस हो चकी ह कसटग क अनसार पाककसतानी कलाकार फवाद खान मवारा होकन और इमरान अबबास जस कलाकार अपनी फीस का ठीक-ठाक कहससा कश म लन की माग करत ह कसटग क अनसार पाककसतानी कलाकार फवाद खान एक शादी समारोह म शाकमल होन क कलए पचास लाख की फीस का पचीस फीसद रकम अपन यएई क खात म जमा करान की शतटि अपन मनजर क माधयम स रख रह ह यानी अगर इस कसटग को सही मान तो यह फवाद खान का टकस चोरी वाया यएइ कनकशन नजर आता ह बॉलीवड म कई कफलम कर चकी मावरा होकन क मनजर न उनकी कल फीस का बड़ा कहससा उनक आसटकलया वाल खात म जमा करन की माग रखी कछ इसी तरह टकस और रकम कछपान क हथकड इमरान अबबास भी आजमात नजर आ रह ह इस कसटग क बाद एक बहस कफर चली ह कक कया वाकई सीमापार क लोग भारत म काम करक धन कमात ह लककन भारत सरकार को कर नही दत बकलक वो पसा बाहरी दशो क खातो म जमा करवा दत ह चकक यह महज चद कसनमा कलाकारो तक का मामला नही ह बकलक यह टकस चोरी क साथ-साथ भारत सरकार क साथ धोखाधड़ी करन का भी मामला ह सममानजनक ढग स भारत म काम कर रह पाककसतानी कलाकार यकद भारत सरकार क साथ इस सतर पर छलावा एव धोखाधड़ी करत नजर आ रह ह तो अदाजा लगाया जा सकता ह कक सीमापार स भारत क कखलाफ काम कर रही ताकत ककस सतर पर दश को नकसान पहचा रही होगी उनका अवध कारोबार इस दश म ककस सतर पर चल रहा होगा य तमाम सवाल हम न

कसफटि चौकात ह बकलक भारत कवरोधी ताकतो क खतरो स आगाह भी करत ह यह बात लमब समय स उठती रही ह कक भारत म कालधन क इस कारोबार म तसकरी अवध हकथयारो का कारोबार डरगस का कारोबार सकहत तमाम आपराकधक गकतकवकधया शाकमल ह इनम स अकधकतर ऐसी गकतकवकधया ह जहा भारत क बाहर स भारत कवरोधी ताकतो का पसा अलग-अलग माधयमो स लगा हआ ह कलहाजा इन पर पाबदी लगना कनहायत ही आवशयक ह टकस चोरी क अलावा भी इसक बड़ खतर ह हम इस बात का अदाजा नही ह कक सावटिजकनक सतर पर काननी ढग स काम करन वाल पाककसतानी कलाकार जब इतनी सहजता स दश की सरकार को धोखा द सकत ह तो दश की सरकषा क कखलाफ काम कर रह आतकी सगठन ककस सतर पर सककरय होग लककन कालधन की समसया स मकति और नगदी म चल रह काल वयापार पर लगाम की कदशा म परधानमती नरदर मोदी क नतरतव वाली क दर सरकार न जो ठोस कदम उठाया ह वो आजादी क बाद इस समसया क सनदभटि म उठाया गया न कवल एक ऐकतहाकसक कदम ह बकलक साहकसक भी ह इसस दश क अनदर चल रहा नकदी का अवध कारोबार एक झटक म कागज क रदी टकड़ो की तरह बमतलब हो गया ह नकसकलयो क नटवकटि को तगड़ा झटका लगा ह अलगाववादी ताकत पसत हो गयी ह राजनीकत म धनबल वाल लोग कनधटिन-कनबटिल हो चक ह रही बात कतारो की तो यह दश सततर वषषो स कतार म ही था गरीबी असमानता अथटिवयवसथा स दर एक कतार थी जो आम लोगो की थी आज उस कतार म आम और ख़ास हर कोई खड़ा ह इस कतार म वही चलगा जो इमानदारी स धन कमाएगा इस कतार म आन स वह लोग डर रह ह जो बईमानी स पसा कमाए ह यह इमानदारी क कलए इमानदारो की कतार ह चनल दारा कदखाए कसटग ओपरशन को महज चद कलाकारो तक सीकमकत करक दखन की बजाय इसक बड़ खतर को भी दखना होगा आज अगर सरकार बहद सखत ह तो वह इनही बड़ खतरो स दश को बचान क कलए सखत ह सरकार कोई ऐसा रासता नही छोड़ना चाहती जहा स कश का काला वयापार करन वाल लोग बच कनकल इस महीम म दश की इमानदार जनता एक कतार म सरकार क साथ ह और यह वह कतार ह जहा आन की कहममत कोई बईमान कर ही नही सकता ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खली पाक कलाकारो क काल धन की पोलसटिग ऑपरशन ि हए बनकाब

मशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न नोटबदी क फसल को लाग करक बड़ा ररसक कलया ह जो अगर वो नही भी लत तो कोई फकटि नही पड़ता और उनकी राजनीकत कनबाटिध गकत स चलती रहती

नोटबदी क पहल हो रह तमाम सवव क नतीज यह बता रह थ कक मोदी सबस लोककपरय नता ह बावजद य जोकखम उठाना इस बात का सकत दता ह कक नरनदर मोदी दश क कलए कछ बड़ा करन की कदशा म कदम उठा चक ह हलाकक राजयसभा म नोटबदी पर चचाटि म हसतकषप करत हए पवटि परधानमती मनमोहन कसह न कहा कक सरकार क इस कदम स जीडीपी पर कनगकटव असर पड़गा उनक अनमान क मताकबक नोटबदी स इसम दो फीसदी की कगरावट दजटि की जा सकती ह दरअसल इस पर मसल पर कवपकष को कवरोध की जमीन ही समझ म नही आ रही ह पहल ककसानो को लकर सरकार पर हमल लककन नबाडटि की पहल स ककसानो की मदद क कलए उठाए कदम न कवपकष क इन आरोपो को भी शात कर कदया इसक पहल कछ उलजलल आरोप लग कक परधानमती न अपन इस फसल क पहल राजनीकतक लोगो स कवमशटि नही ककया और अफसरो की सलाह पर य फसला ल कलया राजयसभा म तो समाजवादी पाटटी क नता नरश अगवाल न चटकी लत हए परधानमती की मौजदगी म य कह कदया कक कवतत मती अरण जटली को भी इस फसल की जानकारी नही थी दरअसल इस तरह क फसलो म जो गोपनीयता बरती जाती ह उसकी जानकारी कवपकषी नताओ को शायद नही हो 1991 म जब आकथटिक उदारीकरण का दौर शर हआ था तब उस वति क कवतत मती मनमोहन कसह भारतीय मदरा का अवमलयन करना चाहत थ इसक पहल इकदरा गाधी न 1966 म मदरा का अवमलयन ककया था जो कक सततावन फीसदी स थोड़ा जयादा था जब मनमोहन क मदरा अवमलयन क इराद का पता चला तो वामपथी बकदधजीकवयो न इसका कवरोध शर ककया लककन मनमोहन कसह इस फसल पर अकडग थ उनहोन उस वति क परधानमती नरकसह राव स कमलकर अनरोध ककया कक इस फसल की जानकारी ककबनट क मकतयो को भी नही दी जाए राव न मनमोहन कसह की सलाह मान ली उस वति मनमोहन कसह न फसला ककया था कक मदरा का अवमलयन दो चरणो म ककया जाएगा 1 जलाई 1991 को रपए का अवमलयन कर कदया गया कवपकष समत तमाम वामपथी बकदधजीकवयो न इसका कवरोध ककया कागस क नताओ को भी इस फसल क बचाव म कदककत आ रही थी सीपीएम न उस वति इसको एक खतरनाक कदम बताया था लककन असली कहानी तो तब हई जब मनमोहन कसह न एक ही कदन बाद याकन तीन जलाई को रपए का और जयादा अवमलयन करन का फसला कलया दोनो कमलाकर य बीस

फीसदी तक पहच रहा था जब राव तक य बात पहची तो वो घबरा गए और उनहोन मनमोहन कसह स इसको रोकन का आदश कदया लककन तबतक दर हो चकी थी जब मनमोहन कसह न ररजवटि बक क कडपटी गवनटिर सी रगराजन को फोन कर इस आदश का एलान रोकन क कलए कहा तो उनका जवाब आया कक वो तो इस फसल को सावटिजकनक कर चक ह मनमोहन कसह सनन उनहोन राव को य बात बताई और कफर इसतीफ की पशकश की लककन राव न अपन कवतत मती का पकष कलया और उस फसल क साथ हो कलए य परा वाकया बतान का मतलब कसफटि इतना ह कक हमार दश म इस तरह क कराकतकारी आकथटिक फसल पहल भी गोपनीय तरीक कलए जात रह ह उसका उदशय भी तभी परा होगा जबकक इसको गोपनीय रखा जाएगा गोपनीयता बरत जान की कबनाह पर ककसी भी सरकार को घरना उकचत नही होता ह मौजदा कवतत मती अरण जटली न भी इस बात को माना ह कक इस फसल की जानकारी नीड ट नो बकसस पर उन सभी लोगो को थी कजनको होनी चाकहए थी परधानमती मोदी न तो चद घट पहल अपन ककबनट को इस फसल क बार म बता भी कदया था मनमोहन कसह न तो मदरा क अवमलयन क फसल क बार म ककसी को नही बताया था और अपन परधानमती क सामन य चाहत भी रखी थी कक ककबनट को इस फसल की जानकारी ना दी जाए कजसको राव न माना भी था अब अगर हम कवपकष क तकषो को दख तो वो बचकाना नजर आत ह इस तरह की खबर अवशय आ रही ह कक नोटबदी स जनता को कदककत हो रही ह लककन जनता इन कदककतो को सहन क कलए तयार ह और अब धीर-धीर कदककत कम हो रही ह अभी कबहार क दो शहरो क लोगो स बात हई ह तो वहा स य जानकारी कमल रही ह कक बको म कतार कम हो गई ह अब दसरी बात य उठाई जा रही ह कक इसस अथटिवयवसथा पर बरा असर पड़गा सभव ह कक बड़ अथटिशाकरियो क अपन तकटि हो लककन सरकार भी इस आसनन खतर स कनबटन को लकर सतकटि नजर आ रही ह जनवरी स माचटि की कतमाही म इसका असर कवकास दर पर पड़ सकता ह लककन उसक अगली कतमाही स हालात बहतर हो सकत ह अगर इस फसल स नकदी स होनवाला कारोबार बको क माधयम स होता ह तो गरीबो का भी भला होगा नकदी पर काम करनवाल फकटी मजदरो को माकलको को पीएफ और ईएसाई का लाभ दना होगा इसस मजदरो को भकवषय क कलए जमा राकश भी कमलगी और कचककतसा सकवधा का भी लाभ होगा

(लखक वररष पतकार ह य उनक कनजी कवचार ह)

गरीबो-िजदरो क ललए लाभकारी ह नोटबदीअनत मवजय

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हाल ही म पजाब की राजधानी चडीगढ़ म कनकाय चनावो क पररणाम आय इन चनावो म जनता न भाजपा को ऐकतहाकसक रप स कवजयी बनाया ह चडीगढ़ कनकाय क कल 26 वाडषो म

स 22 वाडषो म भाजपा न अपन उममीदवार उतार थ कजनम स 20 म उस जोरदार जीत हाकसल हई ह भाजपा की सहयोगी कशरोमकण अकाली दल को कसफटि एक सीट हाथ लगी वही कपछली बार क चनावो म ११ सीट जीतन वाली कागस को महज़ चार सीटो स सतोष करना पड़ा इसस पहल महाराषट और गजरात क कनकाय चनावो म भी भाजपा न बड़ी जीत हाकसल की थी लककन चडीगढ़ कनकाय चनावो की य जीत उन सबस भी अकधक शानदार रही ह साथ ही इन सब कनकाय चनावो स पहल मधय परदश असम अरणाचल परदश आकद राजयो म खाली हई लोकसभा और कवधानसभा सीटो पर भी उपचनाव हए थ उनम भी जयादातर सीटो पर भाजपा को जनता न कवजयी बनाया था यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सब चनावो की सबस कवशष बात य रही ह कक यह सब नोटबदी क उस कनणटिय क बाद हए ह कजसक कवरोध म परा का परा कवपकषी खमा एक सर म लामबद हआ पड़ा ह और कजसक कवरोध क नाम पर कवपकषी खम न ससद क शीतकालीन सत को अपन हगाम की भट चढ़ा कदया अब इन चनाव पररणामो क बाद कवपकष क कवरोध की कलई भी परी तरह स खल

चकी ह कक नोटबदी क कारण जनता की कजस ककथत पीड़ा और आकरोश का गान करत हए य भाजपा सरकार को कबना मतलब ही भरपर कोस रह ह वो जनता हर सतर पर चनाव म इनह लगातार खाररज़ और सतताधारी दल को सवीकार रही ह इसका एक अथटि यह भी ह कक जनता नोटबदी क कनणटिय स कबलकल भी नाराज़ नही ह बकलक इसका बमतलब कवरोध करन वालो स उस अकधक नाराजगी हो रही ह अब तकटि यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सबक बाद एक बार क कलय अगर मान ल कक इन कनकाय चनावो म नोटबदी कोई मदा नही रहा तो भी कवपकष की जो ददटिशा इनम हई ह वो कया कम हो जाती ह अचछी बात होगी कक कवपकषी खमा अब भी वासतकवकता को समझ कक सरकार क परकत अधकवरोधी रख और जनता की नबज़ को पकड़ पान म उसकी नाकामयाबी क कारण उसका जनाधार अब धीर-धीर समाप होता जा रहा ह यह कवपकष क कलय चतन का समय ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि)

चडीगढ़ रनकाय चनाि भाजपा की चली आधी जनता न मदखाया विपकषी दलो को आईना

पीयर मविवदी

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चार दशको क राजनीवतक सफर ि हर अिसर पर विफल रह ह िनिोहन ससिह

मशवाननद मविवदी

एक पतकार वाताटि (जनवरी 2014) म डॉ मनमोहन कसह न कहा था कक मरा मलयाकन इकतहास करगा इसम कोई शक नही कक चार दशक तक ककसी एक राजनीकतक दल क साथ परी

वफादारी और राजनीकतक कनषा स सरकार म शीषटि पदो पर काम करन वाल वयकति का मलयाकन होना सवाभाकवक ह इसम कोई शक नही कक सवतत भारत क इकतहास म डॉ मनमोहन कसह उन चद लोगो म स एक ह कजनह इकतहास न सवाटिकधक अवसर कदया ह कवमदरीकरण क मद पर जब डॉ मनमोहन कसह राजयसभा म क दर सरकार को घरत हए कागस का पकष रख रह थ तो म उनक भाषण को बहत धयान स सन रहा था कवमदरीकरण को लकर उनहोन एक वाकय कहा lsquoयह सगकठत लट हrsquo डॉ मनमोहन कसह न इसक तमाम नकसान कगनवाए उनक भाषण म कर कष की कचता थी जीडीपी की कचता थी गामीण सहकारी बको म होन वाली समसयाओ की कचता थी गरीबो की कचता थी और दरगामी पररणामो म लगन वाल वति की कचता थी साथ ही उनहोन कछ रचनातमक परसताव क साथ आन की सलाह दत हए सरकार की आलोचना भी की डॉ मनमोहन कसह आज उस मकाम पर ह कक जब वो सदन म बोल रह थ तो यह समझना मकशकल था कक राजयसभा क फलोर स एक पवटि आकथटिक सलाहकार बोल रहा ह या एक ररजवटि बक का पवटि गवनटिर बोल रहा ह यह समझ पाना कबलकल आसान नही था कक दश की जनता एक पवटि कवतत सकचव को सन रही ह अथवा पवटि कवतत मती को सन रही ह एक आम भरम लोगो म मन म जरर बठा होगा कक व एक पवटि परधानमती को सन रह ह अथवा एक कागस क सासद को सन रह ह लोग तो यह भी जानना चाहत होग कक राजयसभा स ककसी पाटटी का एक राजनता बोल रहा ह अथवा एक अथटिशारिी बोल रहा ह वो कया-कया रह ह ककस-ककस भकमका म रह ह वतटिमान म वो कया ह और ककस भकमका म ह उनका दाकयतव कया ह और उनकी जवाबदही कया ह इन सवालो स उनक समथटिक कचढ़त नजर आत ह डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन करन स पहल उनक सावटिजकनक दाकयतवो पर एक सककषप नजर अवशय डालनी चाकहए एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क

आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह भारत सरकार की वबसाईट (pmindiagovin) पर कदए पररचय को अगर सही मान तो वषटि 1957 म अथटिशारि म परासनातक की कडगी लन वाल डॉ मनमोहन कसह ऑकसफ़ोडटि कवकव क नकफलड कॉलज स डी कफल ह अपन कररयर की शरआत एक कशकषक क रप म करन वाल डॉ मनमोहन कसह 1971 म वाकणजय मतालय म आकथटिक सलाहकार की भकमका म आए महज एक साल म उनको कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार का दाकयतव कमल गया तब दश इकदरा गाधी की सरकार थी जब डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार थ तब परणब मखजटी भारत सरकार म मती बन चक थ यही वो दौर था जब बको का राषटीयकरण हो रहा था इस दौरान डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय क सकचव योजना आयोग क उपाधयकष और ररजवटि बक क मकखया भी रह ररजवटि बक का गवनटिर तो सभवत उनह कवतत मती रहत परणब मखजटी न ही बनाया था उनक दाकयतवो स यह अदाजा लगता ह आकथटिक मामलो म डॉ मनमोहन कसह इकदरा गाधी क अकत कवशासपात अथवा वफादार लोगो म स थ 1991-96 म डॉ मनमोहन कसह दश क कवततमती बन हालाकक कहा जाता ह कक कवततमती क तौर डॉ मनमोहन कसह ततकालीन परधानमती पीवी नरकसमहा राव की पहली पसद नही थ कफर 2004 म सपरग-1 म परधानमती बन और दस साल तक दश क परधानमती रह यहा पररचय दन का मकसद यह था कक एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह वषटि 2014 तक दश क 42 फीसद स जयादा आबादी की पहच बक तक नही थी याकन उनक पास बक खात तक नही थ आकखर डॉ मनमोहन कसह आकथटिक सलाहकार स लगाए चार दशक तक अथटिवयवसथा स जड़

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महतवपणटि पदो पर लगातार रहत हए परधानमती तक क ताकतवर पद तक पहचन क बावजद कयो य नही परा कर पाए बको क राषटीयकरण क दौरान ही सरकार म आकथटिक सलाहकार क तौर पर जड़न वाल डॉ मनमोहन कसह की कवफलता की कहानी यही ह कक चार दशक बाद 2004 म परधानमती बनन क बावजद वो इस दश की आम जनता को मखयधारा की बककग अथटिवयवसथा स जोड़ पान म नाकाम साकबत हए राजयसभा म बोलत हए डॉ मनमोहन कसह न जीडीपी कवकास दर म 2 फीसद की कगरावट का अदशा जताया लककन जीडीपी कवकास दर क सवाल पर वो यह बताना कयो नही मनाकसब समझ कक उनक दस साल क कायटिकाल म जीडीपी लगातार ककन वजहो स अकसथर रही थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क दौरान दश की जीडीपी कवकास दर लगभग 84 फीसद तक पहच गई थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क बाद डॉ मनमोहन कसह की ततकालीन गकठत सरकार को जीडीपी दर कवरासत स ठीक-ठाक कमली लककन डॉ मनमोहन कसह क नतरतव म दस साल सरकार चलन क बाद जब वषटि 2014 म एकबार कफर भाजपा-नीत सरकार नरदर मोदी क नतरतव म बनी तो डॉ मनमोहन कसह स मोदी को 474 (2013 की जीडीपी कवकास दर) फीसद जीडीपी कवकास दर कमली आज भारत की कवकास दर 73 फीसद क आसपास ह लककन मनमोहन कसह जीडीपी को लकर बहद कचकतत नजर आ रह ह यह कचता हासयासपद बवजह एव कनराशाजनक ह जब जीडीपी पर बात चल रही हो तो सवाल मोदी स नही डॉ मनमोहन कसह स होना चाकहए कक आज कजस जीडीपी का आप कहसाब और आकलन कर रह ह उस आप ढाई साल पहल परधानमती रहत छोड़कर ककस हाल म गए थ कागस न डॉ मनमोहन कसह को सारी आलोचनाओ स पर साकबत करन की अनक कोकशश की ह दश इस भरम म नही रहन वाला कक डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन एक अथटिशारिी क तौर पर कर अथवा एक परशासक परधानमती क तौर पर चकक दोनो ही मोचषो पर जब-जब डॉ मनमोहन कसह को

ताकतवर पद कमला ह व नाकाम साकबत हए ह बतौर परधानमती उनहोन एक भरष और लटतत वाली सरकार दी ह कजसक मकतयो को लट एव भरषाचार क गभीर आरोपो म जल तक जाना पड़ा ह डॉ मनमोहन कसह एक बहद कमजोर परशासक इसकलए भी ह कक कोयला मतालय उनक अतगटित रहत हए उसी कवभाग म हए घोटालो को रोक पान म व बरी तरह नाकाम साकबत हए आज राजयसभा स जब व lsquoसगकठत लटrsquo का जमला फ क रह थ तो यह इकतहास उनही को आईना कदखा रहा था एक और कबद ह कजसको लकर कागस उनका मकहमा मडन करती ह भारत म उदारीकरण क जनक क रप म कजस ढग स डॉ मनमोहन कसह की छकव को कागस पश करती ह वो महज एक छलावा ह उदारीकरण को लकर हम यह समझना होगा कक बतौर राजनीकतक दल कागस अथवा बतौर अथटिशारिी डॉ मनमोहन कसह म स कोई भी कभी उदारीकरण का कहमायती नही रहा ह उदारीकरण न तो कागस की नीकत रही ह और न ही डॉ मनमोहन कसह का कभी कवजन रहा ह भारत म उदारीकरण आकथटिक तगी की मज़बरी की दन स जयादा कछ भी नही ह आपक पास जब कछ नही बचा तो आप मज़बरी म उदारीकरण को सवीकार ककए जबकक इसक पहल कागस की आकथटिक नीकतयो म समाजवादी वयवसथा की परबलता थी पकडत दीन दयाल उपाधयाय अनक बार सावटिजकनक कषतो क कवसतार पर कागस की सरकारो की आलोचना करत रह थ अब मज़बरी म आए उदारीकरण को मनमोहन कसह की आकथटिक दरदकष क रप म पश करक कागस दश को गमराह नही कर सकती उदारीकरण दश म उतपनन कवकट पररकसथकतयो की दन थी न कक मनमोहन कसह क आकथटिक कवजन की डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन जब इकतहास करगा तो दो बात कनकल कर आएगी पहली बात कक चार दशक स जयादा एक ख़ास राजनीकतक परकषभकम म लगातार महतवपणटि एव कनणाटियक पदो पर रहन वाल भारत क चद लोगो म स एक डॉ मनमोहन कसह ह दसरी बात यह कनकल कर आएगी कक डॉ मनमोहन कसह अवसरो क नायक रह ह इनकी न अपनी कोई नीकत रही ह न कनणटिय रहा ह और न ही य ककसी बदलाव क मौकलक कनमाटिता रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम क सपयादक ह)

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लखक अकमष कतपाठी की तीन खणडो म कशव की एक कालपकनक कहानी ह जो सोमरस नामक अमरता दन वाल दरवय की कथा ह यह एक अमरत था परनत इस अमरत क दषपरभाव भी थ

कजसको वहा क राजा दकष परजा स छपा रह थ कजस तरह समदर मथन म अमरत क साथ कवष भी कनकला उसी तरह इस अमरत की कनमाटिण परककरया म इसक साथ-साथ कवष भी बनता था इस कहानी म जो सबस महतवपणटि ह वो यह कक शरआत म जो चीज समाज क कलए अमरत थी वही इसक जयादा उपयोग स धीर धीर सवतः कवष म पररवकतटित हो गयी ततकालीन सामाकजक वयवसथा म हर समसया का मल बन गयी और चकक इस सोमरस क परकत सवाथटि इतना गहरा हो चका था कक कबना इस परकतबकधत ककय कोई उपाय नही रहा धमटि यदध हआ और इस कवदा को उपनयास क अत म हमशा क कलए कछ अपवादो को छोड़कर ख़तम कर कदया गया अब इस कहानी को हम वतटिमान अथटिवयवसथा क पररपकय म दखत ह तो कया नकद हमारी अथटिवयवसथा का सोमरस ह कया सोमरस की तरह नकद भी धीर-धीर ककसी वयवसथा क कलए अकभशाप बन सकती ह कया नकद अपन सार फायद क बावजद इतना जहरीला हो सकता ह कक राषटीय अथटिवयवसथा खोखली होन लग इन सार परशो क मल म अगर हम इस वयवसथा क इकतहास म जाए तो पाएग कक भौकतक मदरा एक बहत ही परानी एव मधयकालीन परपरा ह व समय क साथ-साथ इस कफकजकल करसी क साथ-साथ अनक कवष-बल कलपट चक ह भौकतक मदरा क साथ जो सबस बड़ी समसया आज पश आ रही ह वो ह इसक परकत आशकति तथा कर चोरी हत सरकार की नज़र स इस छपा कर रखना इस कारण अथटिवयवसथा म उन कछप हए नोटो का क़ाननी हसतानतरण म परयोग बद हो जाता ह और य धन जस सरकार की नज़रो स गायब हो जात ह उस धन का परयोग होता ह पर वहा कजस धध को सरकार या समाज गर क़ाननी मानत ह और य छपा हआ धन अपनी एक खद की अथटिवयवसथा बना लती ह कजसका कवकास सवतः होन लगता ह यह सामानातर अथटिवयवसथा नकद पर कनभटिर हो जाती ह जहा न कोई टकस दना होता ह न ही समाज क परकत ककसी उततरदाकयतव को कनभाना होता ह आज हमार समाज म कजतनी भी कवसगकतया कदखाई दगी उनक जड़ म यही काला धन ह जो कक कछ नही बकलक सरकार की नज़र स छपाकर कलया गया नकद ह या उसक दारा खरीदी गयी पररसपकततया ह इसी कालधन रपी नकद की जड़ स समसत बराइयो को खराक कमलती ह

या उनकी अथटिवयवसथा चलायमान रहती ह चाह वो नशीली दवाओ का कारोबार हो आतकवाद की फकडग हो हवाला कारोबार हो चनावो म लग रहा धनबल हो चाइलड टकफककग हो या अनय अपराध हो या उनह करवान क कलए ककया जा रहा जाली नोटो का इसतमाल हो इन सबकी बकनयाद इसी नकदी पर कटकी होती ह कामरड सीताराम यचरी न अपन फसबक पोसट म कलखा ह कक यह काला धन भारत की अथटिवयवसथा का 06 ह एव इसका लगभग 0025 नकली नोट ह अब अगर हम भारत की कवशाल अथटिवयवसथा को दख तो य रकम बहत जयादा ह य वही सोमरस ह जो अब कवष बन चका ह एव कजसका उपयोग हमार समाज को कनरतर कमजोर कर रहा ह इस कवषबल को काटन का कोई भी साहसी फसला मकशकल हो सकता ह परनत गलत कभी नही इस नकद क लोभ म हर वयकति भल चका ह कक लकमी चचला ह य जब तक एक हाथ स दसर हाथ जाती रहती ह तभी तक आकथटिक कवकास होता ह एव इसी कवकास का एक कहससा कर क रप म समाज वयवसथा को जाता ह वतटिमान सरकार क 500 एव 1000 क बड़ नोटो जो कक बाज़ार म उपलबध नकद का 86 ह को वापस लन क फसल न उन सार नोटो को अपन मलय को बरक़रार रखन हत बको म आन को कववश कर कदया ह अब चाह काला हो या उजला अपन वजद क कलए उनह सरकार की नज़र म आना ही होगा वरना उस मलय क छप नोट को सरकार सवतः उपयोग म ला लगी बहत स परश उठ रह ह कक कया नए नोट स कफर स काला धन नही बनगा दरअसल सरकार न काल धन क कनमाटिण व परवाह को रोकन क कलए पहल स ही कई कदम उठाए ह और अब जब यह कनणटिय कलया गया ह तो इसक बाद कफर नया काला धन न पनप इसक कलए सरकार कनकचित तौर पर कछ न कछ तयारी करक ही चल रही होगी

बहरहाल एक बात तो कनकचित ह कक सरकार का यह कदम अब तक सगकहत कवषबल रपी नोटो को तो वयथटि कर ही दगा जब तक कक व एकबार वापस सरकार की आखो स न गजर और सरकार की नज़र हर उस वयकति पर होगी जो यह काम कर रहा ह आय क जात सोतो स जयादा लोग जमा करन स बचग कजस भी ककसी खात म असामानय गकतकवकध होगी वो पकड़ म आ जायग अब यह सवटिकवकदत ह कक कश वयवसथा परातन एव समाज की बदली आवशयकताओ को पणटि करन म अकषम हो चकी ह

नकदी क जाल स रनकलकर रडसजटल अरथवयिसा की तरफ बढ़न का सिय

आयर आनद

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अब बड़ लनदन कश म करना न सकवधाजनक ह न ही फायदमद तो अब समय आ गया ह कक हम इस कश क जाल म फसी अथटिवयवसथा को यहा स बाहर कनकाल यह कबलकल ही मफीद समय ह जब हम राजय क मौकदरक वचन को नोट क रप म मानन क बजाय कडकजटल एव पलाकसटक वचन को जयादा वजन द य न कवल यगानकल ह बकलक सलभ ससता एव कश क साइड इफ़कट स कबलकल मति ह ककसी भी कवकास कर रही अथटिवयवसथा को अनततोगतवा जाना वही ह हम भारत म कल कवततीय लनदन का लगभग 60 नकद म करत ह कजस हम घटा कर 20 क नीच लाना होगा अगर हम अपनी अथटिवयवसथा अनय राषटो की तलना म साफ़ सथरी एव मजबत बनाना चाहत ह अचछी बात य ह कक सरकार क परयास इसी कदशा म होत कदख रह ह आज वतटिमान समाज वयवसथा म सचना कराकत क कारण राजय की मौकदरक परकतजा अब कवल नोटो तक सीकमत नही ह यह एक आकड़ो का खल ह कक आपक खात म ककतना धन ह और वो वयकति क इचछानसार हसतानतरणीय हो गयी ह तो अब कबना मदरा क मतटि रप क भी मदरा वजद म ह एव करयशील

तथा अथटिवयवसथा को चलान म सकषम ह तो कयो न हम इस वयवसथा की ओर बढ़ आज जब लगभग हर वयकति मोबाइल उपयोग कर रहा ह डकबट काडटि सलभ हो चका ह छट पस अब सभी एटीएम स ही कनकाल रह ह तो कयो न उस वयवसथा को आग बढ़ाया जाय अगर आप ककसी भी दकानदार को पस ऑनलाइन टानसफर या काडटि स करत ह तो वो टकस कबलकल भी चोरी नही कर सकता आपका कोई भी पमट अगर कश ह तो सभावना ह की वो बलक बन जाय पर अगर यह बक ट बक अकाउट ट अकाउट ह तो यह हमशा सफ़द ही रहगा तो आइय य कबलकल सही समय ह जब हम नए नोटो की बजाय कबना नोटो की साफ़-सथरी अथटिवयवसथा को बढ़ावा द तथा जो इस स अछत ह उनह भी कडकजटल अथटिवयवसथा का अग बनाय हम इसक कलए अगशील होना कबलकल भी नही छोड़ सकत कक पीछ वाल बहत पीछ ह जररत ह उनह भी इस वयवसथा क अनकल सवदनशील तथा जागरक बनान की

(लखक िशिनलसट ऑिलयाइि म कॉपी एनडटि ह)

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8नवबर को रात आठ बज राषट क नाम सदश म परधानमती नरदर मोदी न पाच सौ और एक हजार क नोट बद होन का फसला सनाकर सबको चौका कदया था इस बात को अब बीस कदन स

जयादा हो गए ह लककन आज भी यह कवमशटि का सबस बड़ा मदा बना हआ ह हालाकक कवमदरीकरण क फसल क बाद स ही इसक पकष-कवपकष म बहस शर हो गयी जो अब भी चल रही ह ममता बनजटी की तरणमल कागस कजरीवाल की आम आदमी पाटटी मायावती की बहजन समाज पाटटी एव भारतीय राषटीय कागस सकहत तमाम राजनीकतक दलो न इसक कखलाफ मोचाटि खोल कदया ह दश की जनता बक की कतार म ह और दश क कवपकषी दल फसल क कवरोध म सरकार क सामन बक की कतारो स कनपटन की चनौती तो थी ही साथ म कवरोधी दलो क असहयोगातमक रख स कनपटन की चनौती भी बनी ह चकक ससद का सत भी शर हो गया ह कलहाजा कनतीश कमार को छोड़कर लगभग परा कवपकष ससद स सड़क तक इस फसल क कवरोध म आ गया ह सरकार का शर स दावा रहा कक दश की आम जनता उनक इस फसल क साथ ह वही कवरोध कर रह दलो का तकटि था कक वो जनता की परशाकनयो को दखत हए अपना कवरोध दजटि करा रह ह हालाकक सतता पकष और कवपकष दोनो ही जनता को अपन पाल म बतान का दावा जब कर रह हो तो यह समझ पाना बड़ा मकशकल हो जाता ह कक वाकई जनता ककसक साथ ह इस मामल म भी ऐसा ही हआ अलग-अलग माधयमो स सवव आकद शर हो गए मीकडया चनलो क लोकल सतर क लाइव चचाटि आकद स भी इस फसल पर जनता का कमजाज टटोलन की कवायद तज होन लगी परधानमती नरदर मोदी न अपन सतर पर भी एक ऑनलाइन सवव कराया कजसम उनको इस फसल पर भारी समथटिन कमला हालाकक कवरोध कर रह कछ दलो को इस बात का भान जरर हआ कक जनता इस मद पर उनक साथ नही ह कलहाजा उनहोन 28 नवबर को lsquoभारत बदrsquo करन का अपना कनणटिय वापस ल कलया इसी बीच एक अगजी समाचार पत का सवव आया कजसम बहमत को सरकार क इस फसल क कखलाफ बताया गया अब बड़ा सवाल यह था कक कया सच मान या कया झठ मान लोकतत म ककसी भी राजनीकतक दल की जनता क बीच हकसयत मापन का सबस वयापक और सबस बड़ा सवव चनाव ही होता ह कवमदरीकरण क मद पर जब दश म lsquoहा-नाrsquo की बहस चल रही थी इस दरमयान तीन

महतवपणटि चनाव सपनन हए पहला लोकसभा और कवधानसभा की खाली हई सीटो पर उपचनाव दसरा महाराषट क कनकायो क चनाव और तीसरा गजरात क सथानीय कनकायो क चनाव यह तीनो चनाव कवमदरीकरण क फसल क बाद हए मतसखया क आधार पर अगर दख तो ककसी भी बड़-बड़ सवव म कजतना समपल कलया जाता ह उसस सकड़ो-हजारो गना जयादा लोग इन चनावो म परतयकष कहससा कलए ह लोकसभा और कवधानसभा क उपचनावो म भाजपा अपनी सभी सीट न कसफटि सरककषत रखन म कामयाब हई बकलक कतपरा और पकचिम बगाल म कपछल चनाव की तलना म भाजपा क वोट परकतशत म भारी इजाफा भी हआ इसक बाद 28 नवबर को महाराषट क कनकाय चनावो क पररणाम आए कजसम भाजपा को भारी बढ़त कमली ह चकक वषटि 2011 क चनाव म भाजपा कनकायो म तीसर नमबर की पाटटी होती थी लककन इन पररणामो क बाद भाजपा सबस बड़ी पाटटी बनकर उभरी ह यहा तक कक कशवसना क साथ गठबधन होन क बावजद भाजपा कशवसना स जयादा सीट जीत गयी ह नगर पचायतो क कलए हए चनावो म भाजपा को 851 सीट कमली ह जो 2011 म मात 396 थी कल 147 सीटो पर हए मयकनकसपल काउकसल क कलए परतयकष मतदान म भाजपा को अकल 52 सीटो पर जीत कमली ह कपछल चनावो म इन कनकायो पर राषटवादी कागस पाटटी का कबजा था जो कक अब उसक हाथ स जा चका ह इसक अलावा सोलापर जस सीटो जहा भाजपा कभी नही आई थी पर भी इसबार भाजपा जीतन म कामयाब रही महाराषट क सथानीय चनावो क पररणामो को इस कलहाज स भी महतवपणटि माना जा रहा ह कयोकक तमाम दल एव बकदधजीवी इस कमनी कवधानसभा चनाव भी कहत ह यह अलग बात ह कक भाजपा को कमली बड़ी जीत क बाद इसपर हमार तथाककथत बकदधजीवी वगटि न सननाटा साध कलया ह और ऐसा जताना चाह रह ह कक य चनाव महतवपणटि ह ही नही लककन वही अगर पररणाम भाजपा क परकतकल होत तो यही बकदधजीवी इस दवनदर फडनवीस नही बकलक नरदर मोदी की हार बतात हए नही थकत खर कवमदरीकरण क बाद नरदर मोदी क अपन राजय गजरात म भी कनकाय चनाव हए गजरात पर सबकी नजर इसकलए थी कयोकक वहा हाल म ही सतता म उथल-पथल क अलावा सरकार क कखलाफ पटल आनदोलन हआ था ऊना काणड क बाद दकलतो क नाम पर माहौल बनान की कोकशश दश क उन राजनीकतक दलो न भी कम नही की कजनकी गजरात म वतटिमान

रनकाय चनाि नोटबदी क रनरथय परजनता की िहर

मशवाननद मविवदी

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की राजनीकतक हकसयत कछ भी नही ह लककन गजरात क चनाव पररणामो न तो कागस का सपड़ा ही साफ़ कर कदया पररणामो क मताकबक़ गजरात क वापी नगरपाकलका की 44 सीटो म भाजपा न 41 सीटो पर जीत दजटि की ह वही कागस को यहा महज 3 सीटो पर सतोष करना पड़ा ह सरत क कनकपर-कनसाड़ की 28 म स 27 सीटो पर भाजपा को जीत कमली ह वही कछ कजला तालका पचायत क उपचनावो म भाजपा को 23 और कागस को महज 8 सीट कमली ह गजरात पर सबकी नजर इसकलए भी बनी हई थी कयोकक गजरात स नरदर मोदी क आन क बाद वहा महज ढाई साल म एक मखयमती को बदलना पड़ा था इसी दरमयान वहा पटल आनदोलन को भी कदलली की मोदी-कवरोधी ताकतो क सहयोग स हवा दन का काम ककया गया ऊना म दकलत कपटाई मामल क बाद भी कदलली की राजनीकत क कसयासतदानो की कगदध कनगाह गजरात म लगी रही लककन इन चनावो को अगर जनता का सबस बड़ा और सबस कवशदध सवव मान तो यह सवव मोदी क पकष म जाता ह यह इसकलए जयादा महतवपणटि ह कयोकक हाल म ही कवपकषी खमा कवमदरीकरण क मद पर जनता की परशाकनयो का हवाला दकर असहयोग की कसथकत उतपनन कर रहा ह

इन चनावो को जनता की बीच स आया आम सवव मानकर भी अगर कवरोधी खमा कवमदरीकरण क बजा कवरोध स नही कडगा और जनता क कध पर बदक रखकर सरकार को घरता रहा तो यह मोदी क कलए तो नही लककन उनक खद क कलए जयादा घातक होगा कवरोध सकारातमक होना चाकहए वचाररक होना चाकहए न कक कसफटि इसकलए कवरोध करो कयोकक आपको मोदी का कवरोध करना ह इन चनावो क पररणामो पर एक लाइन म कटपपणी कर तो यही कहग कक जनता न मोदी क कनणटिय पर अपनी सहमकत का महर लगाया ही ह कवरोकधयो को आईना भी कदखा कदया ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनदशि म रिसचच फलो एव िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम म समपयादक ह)

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वस तो हर चनाव का मदा और कलवर अलग होता ह उसम भी सथानीय कनकाय और नगर पचायत चनावो का मदा पणटितया सथानीय होता ह परत कपछल कदनो महाराषट और गजरात म

कनकाय चनाव का आयोजन कवमदरीकरण क साए म हआ जहा पर अनय सथानीय मदो क अलावा कवमदरीकरण चनाव म बड़ा मदा था और हर पाटटी इस मद को भनान म लगी थी इस चनाव म भाजपा न भारी जीत दजटि की कजस परधानमती मोदी दारा कलधन क कखलाफ उठाए गए कदम पर जनता की महर माना जा सकता ह सभी कवपकषी पाकटटिया कवमदरीकरण क कारण जनता की परशानी का हवाला दत हए ससद क शीतकालीन सत को लगभग-लगभग हगाम की भट चढ़ा चकी ह वही जनता जनादटिन न कनकाय चनावो म भाजपा की जीत कदलाकर इस फसल पर महर लगान का सदश कदया ह कवपकषी पाकटटियो की दलील थी कक गामीण भारत सबस जयादा कवमदरीकरण की मार झल रहा ह इसकलए वह कवमदरीकरण का कवरोध कर रह ह लककन इन सथानीय कनकाय चनावो म जनता न सततारढ़ भाजपा क पकष म अपनी महर लगाई ह कजसन नोटबदी को लकर सरकार स जनता की नाराजगी जसी कवपकष की सभी दलीलो की पोल खोल दी ह सपष हो गया कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह ऐस म परतीत तो य हो रहा कक कवपककषयो कचता जनता की नही खद क काल धन की ह जो कक नोटबदी क बाद महज कागज बन कर रह गया इसी करम म अगर इन चनावो क पररणामो पर नजर दौड़ाए तो साफ-साफ पता चलता ह कक जनता न परधानमती मोदी क साथ जाना पसद ककया ह जबकक कवपकषी पाकटटियो क सार आरोप और लामबदी हवा हो गए गजरात की दो नगरपाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली कवपकषी दल कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म महज एक सीट स सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न आठ सीट फतह की जात हो कक कपछल साल समपनन हए सथानीय चनाव म कागस न अपन परदशटिन म कछ सधार ककया था कजस उसन परधानमती योजनाओ की हार क तौर पर परदकशटित ककया था लककन अब इस कनकाय चनाव म जब कागस का सपड़ा साफ़ हो गया तो उसक पास बोलन क कलए कछ नही बचा ह बीत दो दशक स सतता स बाहर कागस की कसथकत कदन-परकतकदन

खराब होती जा रही ह परत वह ह कक मानन को तयार नही गजरात क अलावा महाराषट क सथानीय चनावो म भी करारी हार का सामना करना पड़ा महाराष ट म 147 नगर पररषद म स अकल भाजपा को 52 सीट सहयोगी कशवसना जो कक इस चनाव म भी बागी तवर अपनाए हए थी उस भी महज़ 23 सीट हाथ लगी कागस को 19 और एनसीपी को 16 पर जीत कमली ह अन य उम मीदवारो क खात म 28 सीट गइटि ह वही 17 नगर पचायतो क 3510 सदस यो क कलए हए चनाव म सत ताधारी भाजपा को 851 सीट कमली ह कागस क खात म 643 एनसीपी को 638 और कशवसना को 514 मनस को 16 सीपीएम को 12 बसपा को 9 कनदटिलीयो को 324 स थानीय गठबधनो को 384 और बाककयो को 119 सीटो पर जीत कमली ह सपष ह कक यहा भी भाजपा हर तरह स सबस आग ह इस जीत को भी कवमदरीकरण क फसल पर जनता की महर और राजय क मकखया दवदर फडणकवस क कवकास परायोकजत कामकाज पर जनता की सहमकत कहना गलत नही होगा इन सब चीजो स कवपकषी दल दरअसल बौखलाए हए ह उनह कछ सझ नही रहा ह कक वह कर तो कया कर अब इस पर कवपककषयो का तकटि य ह कक इन चनावो म नोटबदी कोई मदा नही था मसला हार-जीत का नही ह मसला ह तो कवपकष क दोमह चररत का जब कवपकष का सफाया हो जाय तो मद सथानीय थ पर वही अगर सततारढ़ पाटटी हार जाए तो उस पाटटी की हार ह उसक योजनाओ की हार ह दखन वाली बात यह ह कक हर ककसी को पता ह कक सथानीय कनकाय क चनावो म जीत क कारण अलग होत ह लककन जब हारन पर भाजपा क मतथ नोटबदी मढ़ दी जाती तो जीतन पर शय कयो नही और वस भी कवमदरीकरण तो समग राषट को परभाकवत करन वाला मदा ह कफर कनकचित तौर पर इन चनावो म भी इसका परभाव रहा ही होगा उललखनीय होगा कक अभी नोटबदी क बाद ही हए एपीएमसी क चनावो म भाजपा का परदशटिन बहत अचछा नही रहा था तो उस वति इन कवरोधी दलो न कहा था कक नोटबदी क कारण हार हई ह जबकक अब कनकाय चनावो म इनक कहसाब स नोटबदी कोई मदा ही नही ह य कसफटि और कसफटि इनक दोमहपन को कदखाता ह कहना गलत नही होगा कक कजतना तमाशा लोकतनत का वतटिमान कवपकषी पाकटटिया कर रही ह उस दश कभी नही माफ करगा नोटबनदी का कवरोध कवपकष दारा महज़ खद को सककरय कदखान की एक नाकाम और नकारातमक कोकशश ह उसस जयादा कछ नही चनाव क पररणाम बतात ह कक परधानमती मोदी कदन-परकतकदन मजबत होत जा रह ह यह भी तय माकनए कक कजतना कवरोध परधानमती का होगा उतना ही वह मजबत होकर बाहर आएग

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

रनकाय चनािो ि भाजपा की इस बमपर जीत क बाद तो नोटबदी क विरोध की राजनीवत बद कर विपकषी

कशव झा

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कदर सरकार दारा पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन क फसल क बाद स ही मोदी-कवरोधी एक राजनीकतक जमात म भचाल की कसथकत ह इस साहकसक एव ऐकतहाकसक कनणटिय क

दरगामी नफा-नकसान पर बहस करन की बजाय कछ राजनीकतक जमात क लोग बको की कतारो पर बहस करना चाहत ह चकक इस कनणटिय को लकर आम जनता क मन म एकतरफा समथटिन का भाव खलकर कदख रहा ह कलहाजा कछ राजनीकतक खमो क लोग इसपर चचाटि करन स भागत नजर आ रह ह दश का आम जन अपनी कछ कदनो की परशाकनयो को दरककनार कर इस ऐकतहाकसक कनणटिय को सवीकार कर चका ह लककन बड़ा सवाल यह ह कक वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को सवीकार करन स कतरा रह ह वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को वापस लन क कलए असफल रकलया कर रह ह वो कौन लोग ह जो महगी गाकड़यो और एसपीजी सरकषा म जाकर दो घट म अपना चार हजार रपया कनकालन क बावजद झठ बोल रह ह कक पसा नही कमल रहा एक सवाल यह भी ह कक य लोग ऐसा कयो कर रह ह इस सवाल पर पड़ताल करन स पहल जरा lsquoकतारrsquo पर बहस कर ल राहल गाधी अपना चार हजार तो दो घट म कनकाल कलए लककन लोगो को गमराह कर रह ह कक पसा नही कनकल रहा ह दरअसल यह उनकी नीयत म खोट को दशाटिता ह अगर व ईमानदारी कदखात तो सबक सामन सवीकार करत कक ldquoहा म कतार म लगा था और मझ मरा पसा कमला लककन नही उनकी जबान तो कछ और बोल रही ह दरअसल राहल गाधी को यह बात बखबी पता होनी चाकहए कक इस दश की आम जनता को lsquoकतारोrsquo स कभी समसया नही रही ह सततर साल की सरकारो कजसम लगभग साठ साल कागस ही सतता म रही ह न इस दश की आम जनता को कतार म खड़ रहन की आदत डाल दी ह यह वही जनता ह जो कभी कसलडर गस तो कभी यररया तो कभी रल कटकट क कलए आय कदन कतारो म नजर आती रही ह इसकलए इस जनता को अब कतारो का भय न कदखाइए इस दश म सततर वषषो म जो लबी कतार आपन खड़ी की ह अब नोटबदी क इस फसल न उस कतार को तोड़ कदया ह यह वह कतार बन रही ह कजसम दश का आम जन खड़ा होकर कबना ककसी डर क भय क अपन हक़ क कलए और दश क भकवषय क कनमाटिण क कलए खड़ा होन को तयार ह यह कतार ईमानदारो की कतार ह परधानमती मोदी न जो यह कतार बनाई ह इस कतार म ककसी भरष बईमान और चोरी स काली कमाई करन वाल की कहममत नही हो पा रही कक वो खलकर खड़ा हो सक कलहाजा यह ईमानदारी का उतसव मना रह दश की ईमानदार जनता की कतार ह भरषाचार क कखलाफ चल रही इस लड़ाई का लगातार कवरोध कर रह कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल की अपनी कोई कवशसनीयता नही रही ह व खद कभी लाल यादव तो कभी ककसी और क समथटिन म खड़ होकर

अपनी साख पर बटा लगा चक ह लककन अब जब दश की आम जनता क साथ कालाधन और भरषाचार क कखलाफ चल रही इस कनणाटियक लड़ाई का समय आया तो व बगाल की मखयमती ममता बनजटी क साथ कमलकर इसका कवरोध करत नजर आ रह ह वस तो कबना ककसी सबत और बकनयाद क ककसी पर भी आरोप लगान क रोग स गकसत कदलली क मखयमती अनक बार सबत न द पान की वजह स अपनी फजीहत भी करा चक ह लककन आज एकबार कफर व कबना ककसी सबत क मनगढ़त बात कर रह ह कदलली की जनता क मन म यह सवाल बजा नही उठ रहा ह कक ममता बनजटी और कदलली क मखयमती क बीच ककस मद पर सहमकत बनी ह ममता बनजटी मायावती सकहत कछ लोग पहल कदन स भरषाचार क कखलाफ इस कनणाटियक लड़ाई म भरष लोगो क साथ खड़ ह लककन कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल आकखर कयो इनक साथ खड़ ह मोदी क इस फसल स आतकवाकदयो को फकडग करन वालो माओवाकदयो को ससाधन महया करान वालो तसकरो अपराकधयो भरषाचार करन वालो की पीड़ा तो जायज ह लककन इन चद नताओ की इस फसल क कखलाफ एकजटता भी कम शक नही पदा करती ह ऐस म बड़ा सवाल जनता क जहन म ह कक जब पजाब म चनाव होन ह तो कया आम आदमी पाटटी को चनाव म इसतमाल करन क कलए जटाए गए धन क रदी हो जान की कचता सता रही ह यह सबको पता ह कक पारदकशटिता की बात करन वाली आम आदमी पाटटी काफी समय स अपन आय और वयय का बयोरा सावटिजकनक नही कर रही ह खर कतार लबी जरर ह लककन बदोबसत ऐसा ह कक उस कतार म कोई बईमान और भरष जयादा दर कटक नही पाएगा यह वो कतार ह कजसन दश की आम और ईमानदार जनता को बईमानो क सामन गौरवाकनवत होन का अवसर कदया ह यह वह कतार ह जहा जान भर स न जान ककतन बईमान खौफ खा रह ह नोटबदी क कखलाफ उठन वाली हर आवाज इस दश म ईमानदारी की बन रही इस ऐकतहाकसक कतार क कखलाफ एक साकजश की तरह ह आज या तो आप इस कतार क साथ ह या आप भरष और बईमानी स धन अकजटित करन वालो क साथ ह वस भी मोदी की अचछी बात यह ह कक वो परमाणपत दन वालो की परवाह ककए कबना जनकहत म दशको स काम करत हए यहा तक पहच ह कजनका डब रहा ह व बौखला रह ह आम लोग थोड़ी परशाकनयो क बावजद इस महीम क साथ कतारबदध होकर खड़ ह यही वजह ह कक लाख कोकशशो क बावजद नोटबदी क कखलाफ की जा रही कछ रकलयो म मोदी-मोदी क नार लग रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनडशि म रिसचच फलो ह एव िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खबरदार यह ईिानदारो की कतार ह बईिान दर रहमशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवबर की शाम को परधानमती मोदी क राषट क नाम सबोधन म नोटबदी क ऐकतहाकसक फसल क ऐलान स दश भर म हलचल मच गयी परधानमती नरदर मोदी न जब दश भर म 500 और 1000

क नोटो पर परकतबध की घोषणा की तो काल धन की फसल उगाकर रखन वालो पर जस ओलो की बरसात हो गयी जनता की खन-पसीन की कमाई को अवध और अनकतक रप स जमा करक बठ ऐस लोग अब मार-मार कफर रह ह और तरह तरह स आम जनता का हवाला दकर अपना उलल सीधा करन की कोकशश म लग ह 500 और 1000 क नोटो पर परकतबध क कनणटिय की न कवल तकलीफ झलन क बावजद जनता सराहना कर रही ह बकलक इस कनणटिय म सरकार को परा सहयोग भी द रही ह मगर कवपककषयो का रख इस पर भी हासयासपद रहा ह कागस आप सपा बसपा तरणमल कागस आकद तमाम दलो क परमख नताओ न इस कनणटिय को लकर मोदी सरकार पर अताककटि क ढग स सवाल उठान की कोकशश की ह ऐस म सवाल यह उठता ह कक आकखर इस नोटबदी क कनणटिय स य कवपकषी दल इतनी पीड़ा म कयो ह कनससदह इन कवपकषी दलो का ऐसा आचरण जनता की नज़रो म उनकी सकदगध छकव ही परसतत कर रहा ह कदलली मबई समत दश क अनय राजयो म पड़ रह आयकर कवभाग क छाप यह सपष करत ह कक दश की जनता का पसा ककस तरह कछ लोगो की झोली भर रहा था काल धन की धर-पकड़ पर इस परकतबध का जोरदार असर दखन को कमल सकता ह सबस पहल तो य 440 वॉलट का झटका उन क कलए ह जो कबसतर पर करोड़ो नोट कबछा कर सोन क आदी हो चक ह जाकहर ह इसस उनकी रातो की नीद हराम हो चकी होगी दसरी बात यह कक अकसमात हए इस परकतबध न काला धन धारको को ज़रा भी सजग होन का मौका ही नही कदया इसकलए अब उनक पास कसवाय अपनी सपकतत को सावटिजकनक करन अथवा नष करन क कोई और चारा नही बचा ह तभी तो दश क कवकभनन कहससो म भारी सखया म कही पाच सौ और हजार क नोट कड़ क ढर पर फ क कमल रह तो कही जलत पाए जा रह य कदखाता ह कक नोटबदी क इस कनणटिय क बाद काला धन धारको म ककस कदर हडकप मचा हआ ह तीसरी बात कक बाज़ार म इन कदनो जो नकली नोटो का बोलबाला था इस कनणटिय न उस गोरखधध को भी नसतनाबद कर कदया ह साथ ही भारत को नकसान पहचान क कलए बागलादश और पाककसतान जस मलको स जो नकली नोटो का भणडार यहा आता था वह भी अब ककसी काम का नही रहा इस कनणटिय स न कवल दरगामी तौर पर अथटिवयवसथा को मजबती कमलगी बकलक काल धन की जबती क बाद महगाई पर भी अकश लगगा दश की मदरा भी मजबत होगी और कवकास दर म भी वरकदध होन की सभावना ह

नोटबदी न दश म एक जागरकता फलान का भी काम ककया ह और लोगो क बीच इस धारणा को मजबत ककया ह कक बात अगर दश की भलाई हो तो परा दश एक सत म कपरोय धाग समान हो सकता ह जाकहर ह इस पर परश उठान वाल लोग जो कसफटि सकखटिया बटोरन क बलबत अपन राजनकतक वजद को बचाए रखत ह उनको यह कदखाई दना मकशकल ह कक दश की जनता सरकार क इस साहकसक कनणटिय स परशान नही ह बकलक सहयोग क साथ अपना योगदान दन क कलए सककलपत भी ह लोगो को भड़काकर उनम फट डालकर शासन करन की नीकत औपकनवकशक काल की थी मगर यह दभाटिगयपणटि ह कक सवय को दशभति क ताज स नवाजन वाल तमाम कवपकषी नता भी आजकल इन हथकडो का उपयोग करन स बाज नही आ रहइस कनणटिय क बाद उन लोगो को कोई कवशष समसया नही ह कजनक खात म उनकी जायज कमाई का पसा ह जबकक तमाम ऐस लोग कजनहोन गलत ढग स धनाजटिन ककया ह अनदर ही अदर डर-सहम बठ होग उनकी अकत सपकतत वयथटि हई पड़ी ह और उस पनः उपयोगी बनान क कलए अगर व बक जात ह तो काली कमाई की कलई खलना लगभग तय ह कतसपर आय कर और दो सौ परकतशत जमाटिन का डडा तो पड़ना ही ह एक बात य भी ह कक जो जनधन बक खात कपछल 6 महीन स कनकषकरय पड़ हो अगर आज अचानक उनम लाख-दो लाख रपय का हसतातरण होता ह तो य भी एक सदहजनक गकतकवकध ह कजसपर बक अपनी पनी नज़र बनाय हए ह और कजसक चलत आयकर कवभाग भी चसती स काम करत नज़र आया दश म मखय अथटिवयवसथा और समानातर अथटिवयवसथा को एक ही धारा म लान म भी यह एक बड़ा कदम ह इस कनणटिय क जररय कशलस इकॉनोमी को बढ़ावा कमलन का भी अनमान ह कजस उस वक़त लाग ककया गया जब दश म सकवधाजनक कश टासकशन की कमी ह कशलस टासकशन स आकथटिक पकष मजबत करन म हम सहायता कमलगी साथ ही कर दाताओ को भी इसम सहकलयत होगी कशलस टाजकशन वो चीज ह जो कजतना अकधक बढ़गा दश स भरषाचार की सभावना उतनी ही कम होगी काल धन को सजोन की कोकशश तो अब भी जारी ह हाथ पर तो अब भी मार जा रह ह कफर वह चाह रलव कटकट करवा कर ककया जाय अथवा ककसान करकडट काडटि का इसतमाल करक लककन इन सब गकतकवकधयो पर सरकार की परी नज़र ह सरकार न य कनणटिय कनकचित तौर पर इन सब पहलओ पर कवचार-कवमशटि करक ही कलया होगा अतः काला धन धारको का सरकार को चकमा दकर कनकलना मकशकल ह और कहना गलत नही होगा कक lsquoअबकी बार उनह मोदी सरकार क सामन डालन होग हकथयारrsquo

(लनखकया पतरकयारितया की छयातरया ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी आि जन कर रह सरकार का सिरथनकाला धन धारको ि िचा हड़कप

कमनषका मतवारी

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जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

23

एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 2: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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7 नवबर तक य सभी पछत थ कक मोदी जी आपन काल-धन क कलए कया ककया अब कहत ह कक मोदी जी आपन काल-धन क कलए यह कयो ककया सपा बसपा कागस ममता कजरीवाल - सभी आजकल नोटबदी की माला जप रह ह मझ तो मालम ही नही पड़ता कक इनका कया लट गया ह

नोटबदी क फसल स तो आतकवाद नकसलवाद डरगस और जाली नोटो क कारोबार पर चोट पहची ह इन पाकटटियो की इचछाशकति ही नही ह कक राजनीकत क अदर स काला धन जाए म तो आज भी कवपकष क सभी नताओ को अपील करना चाहता ह कक मोदी जी न आग बढ़कर चचाटि क कलए एक गभीर कवषय को रखा ह इस सवीकार कर चचाटि क कलए आग आइय और राजनीकत क अदर शकचता लान का काम कीकजय

हम भी कफकर ह कक लाइन लग रही ह थोड़ी तकलीफ भी लोगो को उठानी पड़ रही ह परधानमती जी न पहल कदन ही कहा था कक 50 कदन तक तकलीफ होगी लककन 50 सालो क कलए दश सधर जाएगा उनहोन कहा कक नोटबदी क फसल स ददटि उनको हो रहा ह कजनका भरषाचार स अकजटित अरबो-खरबो का काला धन लट गया ह रदी म तबदील हो गया ह नोटबदी क फसल का परा दश और परी दकनया सवागत कर रह ह इसका कवरोध कागसी कर रह ह कजनका यपीए क शासनकाल म घोटालो क जररए कमाया 12 लाख करोड़ रपया अब रदी म तबदील हो गया ह

अमित शाहराषटीय अधयकष भारतीय जनता पाटटी

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विमदरीकरण

कालधन पर करारी चोट

सकलनकरता

शिवानद दविवदी

डॉ शयामया परसयाद मकरजीशोध अवधषयान

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अनकरमणिका

नोटबदी क अररकक विरोध कर दश क भरोस खोर विपकष - हरषवधषन मरिपाठी खली पक कलकरो क कल धन की पोल सटग - मशवाननद मविवदी गरीबो-मजदरो क ललए लभकरी ह नोटबदी - अनत मवजय चर दशको क रजनीवरक सफर म हर अिसर पर विफल रह ह मनमोहन ससह

- मशवाननद मविवदी नकदी क जल स वनकलकर डिजजटल अरतावयिस की - आयर आनद वनकय चनि नोटबदी क वनरताय पर जनर की महर - मशवाननद मविवदी वनकय चनिो म भजप की इस बमपर जीर क बद रो नोटबदी क विरोध की

रजनीवर बद कर विपकषी - कशव झा खबरदर यह ईमनदरो की करर ह बईमन दर रह - मशवाननद मविवदी नोटबदी आम जन कर रह सरकर क समरतान कल धन धरको म मच हड़कप

- कमनषका मतवारी नोटबदी क डफजल विरोध कर खद को lsquoसडदगधrsquo बन रह विपकष - आदशष मतवारी नोटबदी क विरोध करन िलो स सिधन रहन की जररर - पषकर अवसी नोटबदी क वनरताय स इरन हलकन को ह विपकषी दल - पीयर मविवदी नोटबदी क वनरताय स खश ह जनर - अरमवनद जयमतलक नोटबदी कशलस अरतावयिस की ररफ बढ़र दश - सनीता मिशा नोटबदी पर जनसमरतान की सचक ह वनकय चनिो म भजप की जीर

- पीयर मविवदी परधनमती क सिलो क जिब द नोटबदी क विरोध कर रह विपकषी - लोकनदर मसह मोदी सरकर को अरतानीवर ससखन स पहल ज़र अपनी गगरबन म रो झक लीजजय

मनमोहन ससह जी - अरमवनद जयमतलक रषटर-वनमतार क आग वनजी सख-दःख क नही होर महतव - परणय किार ससद ठपप करन की नकरतमक रजनीवर स बज आय विपकषी दल

- आदशष मतवारी समय की मग ह नकदी रडहर अरतावयिस - पीयर मविवदी Tracing history of black money Past and present

- ANIRBAN GANGULY By-Poll Results End game anti-demonetization crusaders

- AJAY KASHYAP Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and

Unethical Oppose it - ANIRBAN GANGULY Demonetisation and the vanishing stone-pelters of Kashmir

- AJAY KASHYAP

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करम स लख पज़

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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आठ नवबर की शाम आठ बज परधानमती नरदर मोदी न राषट को सबोकधत ककया राषट क नाम अपन इस सबोधन म परधानमती न एक बड़ा और ऐकतहाकसक ऐलान करत हए पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन की घोषणा की कालधन क कखलाफ परधानमती दारा उठाया गया यह कदम भारतीय इकतहास म एक साहकसक एव ऐकतहाकसक कदम क रप म था जनकहत की कचता क अनसार कछ जररी छट क साथ यह फसला आठ नवबर स लाग कर कदया गया इस फसल क बाद दश म नोटबदी अथाटित कवमदरीकरण की इस कायटिवाही पर बड़ी बहस शर हो गयी कछ कवपकषी दल अचानक जनकहतषी बनन का ढोग करत हए नोटबदी क कखलाफ कवरोध म उतर गए हालाकक इस फसल को जनता का भरपर समथटिन कमलता कदख रहा ह नोटबदी क बाद दश क महाराषट गजरात और पजाब आकद राजयो म हए कनकाय चनावो म भाजपा को बड़ी कवजय कमली ह कजस नोटबदी पर जनता क महर क रप म दखा जा रहा ह चकक भाजपा-नीत क दर सरकार पहल कदन स कालधन को लकर सखत रही ह और गत ढाई वषषो सरकार दारा समय-समय पर ठोस कदम उठाए जात रह ह कालधन और भरषाचार क कखलाफ सरकार की परकतबदधता शर स ही कदखी ह और यह कायटिवाही उसी कदशा म एक बड़ी चोट की तरह ह

कवमदरीकरण क मद पर दश म खब बहस चली ह इस कवषय पर वचाररक वब पोटटिल नशनकलसट ऑनलाइन डॉट कॉम पर लखो की शरखला चलाई गयी ह इसक माधयम स नोटबदी स जड़ हर पहल की पड़ताल करन की कोकशश की गयी ह नोटबदी क मद पर नशनकलसट ऑनलाइन डॉट पर परकाकशत तमाम लखो को एक जगह सककलत करक एक ई-बकलट बनान की पहल डॉ शयामा परसाद मकजटी शोध अकधषान दारा की जा रही ह इस सकलन म कजतन भी लख कलए गए ह सभी लखो क कलए अकधषान लखको क परकत आभारी ह

डॉ अमनराषन गागली

निदशक डॉ शयामया परसयाद मकरजी शोध अनधषयाि

भमिका

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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टबदी क बाद जनता क मन म एक भावना आसानी स दखी जा सकती ह कक परधानमती क इस फसल को वह हर तरह की परशानी क बाद भी काला धन रखन वालो और भरषाचाररयो

क कखलाफ दख रही ह और जनता की इस भावना न दरअसल दश क कवपकष क कलए कतार म लगी जनता स जयादा परशानी की जमात खड़ी कर दी ह कवपकष इस कदर परशान ह कक पकचिम बगाल की मखयमती ममता बनजटी परशानी क इस समय म बगाल की जनता को छोड़कर कदलली की आजादपर मडी म रली कर रही ह रली म उनक साथ आम आदमी पाटटी क नता और कदलली क मखयमती अरकवद कजरीवाल ह य ककतनी सही राजनीकत ह या खराब राजनीकत को सही साकबत करन की कोकशश य इसस भी समझ म आता ह कक कदलली क मखयमती क तौर पर अरकवद कजरीवाल न कदलली की परशान जनता की परशाकनयो को कम करन की कोई कोकशश नही की और ममता बनजटी तो इस मामल म और भी खराब राजनता साकबत होती कदख रही ह जब मखयमती क तौर पर ममता बनजटी को पकचिम बगाल की जनता को नोटबदी स होन वाल नफा-नकसान क बार म समझाना चाकहए था उनक जीवन की मकशकलो को आसान करन क रासत बतान चाकहए थ उस समय ममता बनजटी दश की राजधानी कदलली क आजादपर म रली कर रही थी ममता और कजरीवाल य कह रह थ कक कभी भी इसकी वजह स दश म दग हो सकत ह इतना ही नही उनहोन एक सयति कवपकष जसा माहौल बनान की कोकशश की मदा सही हो

तो य कोकशश सराही जानी चाकहए लककन यहा ऐसा कछ नही था

साफ ह कक ममता बनजटी अरकवद कजरीवाल समाजवादी पाटटी कागस आकद का य राजनीकतक कवरोध ह लककन बड़ा सवाल ह कक परी तरह स आकथटिक फसल को कया कवपकष परी तरह स राजनीकतक कवरोध की कसौटी पर कसकर जनता का कवशास जीत सकता ह इसका जवाब दश क दो राजयो क मखयमकतयो क वयवहार स आसानी स समझा सकता ह इन दो मखयमकतयो म स एक ह कवधानसभा चनाव क ठीक पहल बीजपी स अलग हए नीतीश कमार और दसर अभी बीजपी क साथ खड़ चदरबाब नायड नायड दककषण भारत म भाजपा क मजबत और महतवपणटि सहयोगी ह और नीतीश कमार उततर भारत म मोदी कवरोधी गठजोड़ क महतवपणटि नता लककन इन दोनो ही मखयमकतयो न कहनदसतान क इस सबस बड़ आकथटिक फसल पर आकथटिक नजररय स परकतककरया दकर राजनीकतक बढ़त भी हाकसल

कर ली ह कबहार क मखयमती नीतीश कमार परी तरह स इस फसल क साथ खड़ ह नीतीश कमार न कहा कक इसस काला धन भरषाचार पर रोक लगगी आधर परदश क मखयमती चदरबाब नायड न तो पहल ही परधानमती को कचटी कलखकर बड़ नोटो को खतम करन की माग की थी कजसस काल धन पर रोक लगाई जा सक नोटबदी क सरकार क फसल क कखलाफ कवपकष को तकषो क साथ आना चाकहए था लककन हआ कया हआ य कक दरअसल कवपकष क पास सरकार क नोटबदी क फसल क कवपकष म कोई सटीक तकटि नही ह यहा तक कक कतार म लगी जनता न भी जब अरकवद कजरीवाल जस आदोलनकपरय और आरोप उछालकर राजनीकत करन वाल नताओ को भगाना शर ककया तो भी इनह समझ नही आया कक जनता कया चाहती ह य समझना इसकलए भी जररी ह कयोकक राजनीकत क अकतम पररणाम क तौर पर नता जनता को अपन पकष म चाहता ह य बात कवपकष क नता नही समझ सक और कतकटि की तरफ बढ़ चल उसस भी बात नही बनी तो साकजश क कसदधानत पर बाखबी काम ककया गया उदाहरण क तौर पर भारतीय जनता पाटटी की बगाल इकाई क खात म दो ककसतो म एक करोड़ रपय जमा करन की बात परचाररत की गई कजसस साकबत ककया जा सक कक नोटबदी की खबर पहल ही लीक कर दी गई थी दसरा साकजशी कसदधानत आया कजसम भारतीय जनता पाटटी की उततर परदश इकाई क अधयकष कशव परसाद मौयटि की बटी को 2000 क नोटो की गडकडयो क साथ कदखाया गया वो खबर परी तरह स गलत कनकली मौयटि न बताया कक उनक कोई बटी ह ही नही य कछ उदाहरण भर ह और य उदाहरण साकबत करत ह कक दरअसल कवपकष क पास इस मामल कवरोध क कलए कोई सही तकटि तथय ह ही नही ऐसा नही ह कक कवपकष को राजनीकत क कलए मौका नही कमल सकता था लककन दो बात थी पहली य कक कतारो म खड़ लोगो को नरदर मोदी क ककए पर भरोसा ह और दसरा य कक कवपकष क नताओ की कवशसनीयता और मशा सदह क दायर म आती रही इस कदर कक कदलली क लकमीनगर इलाक म अरकवद कजरीवाल आम आदमी पाटटी क कायटिकताटिओ क साथ लोगो का हाल जानन पहच तो लोगो न उनही क कखलाफ नार लगान शर कर कदए य सब उसक बावजद हो रहा था जब मीकडया क बड़ चहर य साकबत करन पर तल हए थ कक लोग बरी तरह स परशान ह ककसी भी हाल म दश म 8 नवबर क 8 बज क बाद स हए हर हादस दघटिटना को

अतारककि क विरोध कर दश काभरोसा खोता विपकष

हरषवधषन मरिपाठी

नो

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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नोटबदी स जोड़न की कवायद म कसफटि कवपकषी नता ही शाकमल नही थ बड़ पतकार लखक क तौर पर समाज म पहचान जान वाल लोग सरकार क फसल क कखलाफ कछ भी करन को उतार ह दरअसल य कछ भी करन पर उतार जमात म बहतायत लोग वही ह जो ककसी भी हाल म नरदर मोदी को परधानमती की कसटी पर दखन को तयार नही थ और नही थ वाली मानकसकता अभी भी जड़ अवसथा म ह इसका अदत उदाहरण दखन को कमलता ह कक करीब 150 ऐस ही बड़ बकदधजीकवयो न परधानमती को कचटी कलखकर इस फसल को वापस लन की माग की ह बकदधजीकवयो की कचटी ह इसकलए परी तरह स उसम कचनता आम आदमी क कषो की ही की गई ह लककन कमाल की बात य भी ह कक नोटबदी स आम आदमी को होन वाल कषो की कचनता करन वाल जयादातर वही लोग ह कजनहोन असकहषणता को इस दश का वतटिमान चररत बता दन की कोकशश की और दश स कमल सममानो को वापस कर कदया था दश म बकदधजीवी लखक क तौर पर सममान पान वाल ढरो लोग भी जब इस आकथटिक फसल पर राजनीकतक तरीक स परकतककरया दत ह तो सदह होता ह कक कया मोदी कवरोध क नाम पर सरकार क हर फसल का कवरोध करक जनता को गमराह करन की कोकशश उनका मानस बदलन की कोकशश कहा तक सही ह कमाल दकखए कक जान मान पतकार शखर गपा रपय की कमजोरी पर य सवाल पछत ह कक कया दश म ररजवटि बक गवनटिर ह कया रपय का डॉलर क मकाबल कमजोर होना दश क उदोगो क कलए ठीक ह इसक कलए कछ करन की जररत भी शखर बतात ह 16 नवबर को ककया गया शखर गपा का य टवीट इतना कनददोष नही ह दरअसल शखर कवमदरीकरण क इस समय म रपय क कगरत भाव को जोड़न की कोकशश करत कदखत ह जबकक सचचाई य ह कक रपय की

कमजोरी नही हई ह डॉलर की मजबती हई ह डोनालड टप का राषटपकत बनना इसकी बड़ी वजह बताया जा रहा ह इसी तरह की एक कोकशश हई जब सटट बक ऑफ इकडया क सात हजार करोड़ रपय स जयादा क कजटि को बट खात म डालन की खबर को मालया की कजटि माफी क तौर पर कपरचाररत ककया गया जबकक सच य ह कक नरदर मोदी की सरकार क ढाई साल क कायटिकाल म मालया और दसर कडफॉलटर स कजटि वसली की परककरया कजतनी तजी स परी करन की कोकशश हई वसी कोकशश कभी नही हई बकलक कपछली सरकार क समय म ही जयादातर सरकारी बको न बड़ कजटि कदए और कॉपदोरट स उनकी वसली नही हो सकी सचचाई यही ह कक आकथटिक मामलो पर नरदर मोदी की सरकार बहत ही चरणबदध तरीक स चल रही ह कजसम सरकार आन क बाद सबस पहल काला धन बनन स रोकन की कोकशश शर हई उसक बाद बनामी सपकतत पर रोक लगान कोकशश लोगो को अपना काला धन बताकर उस बककग कससटम म वापस लान की कोकशश य सब बहत चरणबदध तरीक थ इसी बीच म सरकार न बको का एनपीए खतम करन और बको की कसथकत मजबत करन क कलए पवटि सीएजी कवनोद राय की अगवाई म बक बोडटि बयरो बना कदया सबस बड़ी बात कक इन सार कदमो क साथ नरदर मोदी जनता को य भरोसा कदलान म कामयाब रह ह कक य फसला परी तरह स आम जनता क कहत म ह

(लखक वरिष पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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भाजपानीत क दर सरकार दारा कालाधन पर रोक लगान की कदशा म बड़ा कदम उठात हए पाच सौ एव एक हजार क नोट बद ककए जान और नए नोट जारी ककए जान क बाद स ही कालाधन

का मदा एकबार कफर कवमशटि और चचाटि क क दर म आ गया ह सरकार की तरफ स एव आम चचाटि म भी यह बात सामन आती रही ह कक कालाधन का नटवकटि महज दश क अदर ही नही बकलक सीमापार तक फला हआ ह हाल म ही एक टीवी समाचार चनल क कसटग ऑपरशन म पाककसतानी कसनमा कलाकारो को लकर बड़ा खलासा सामन आया ह कसटग क मताकबक़ पाककसतान क तमाम कसनमा कलाकार जो भारत म काम करत ह अपन भगतान का एक ठीक-ठाक कहससा कश म लन की माग करत ह हाल ही म उड़ी हमल क बाद पाककसतानी कलाकारो पर परकतबनध को लकर भी खब गरमा-गरम बहस हो चकी ह कसटग क अनसार पाककसतानी कलाकार फवाद खान मवारा होकन और इमरान अबबास जस कलाकार अपनी फीस का ठीक-ठाक कहससा कश म लन की माग करत ह कसटग क अनसार पाककसतानी कलाकार फवाद खान एक शादी समारोह म शाकमल होन क कलए पचास लाख की फीस का पचीस फीसद रकम अपन यएई क खात म जमा करान की शतटि अपन मनजर क माधयम स रख रह ह यानी अगर इस कसटग को सही मान तो यह फवाद खान का टकस चोरी वाया यएइ कनकशन नजर आता ह बॉलीवड म कई कफलम कर चकी मावरा होकन क मनजर न उनकी कल फीस का बड़ा कहससा उनक आसटकलया वाल खात म जमा करन की माग रखी कछ इसी तरह टकस और रकम कछपान क हथकड इमरान अबबास भी आजमात नजर आ रह ह इस कसटग क बाद एक बहस कफर चली ह कक कया वाकई सीमापार क लोग भारत म काम करक धन कमात ह लककन भारत सरकार को कर नही दत बकलक वो पसा बाहरी दशो क खातो म जमा करवा दत ह चकक यह महज चद कसनमा कलाकारो तक का मामला नही ह बकलक यह टकस चोरी क साथ-साथ भारत सरकार क साथ धोखाधड़ी करन का भी मामला ह सममानजनक ढग स भारत म काम कर रह पाककसतानी कलाकार यकद भारत सरकार क साथ इस सतर पर छलावा एव धोखाधड़ी करत नजर आ रह ह तो अदाजा लगाया जा सकता ह कक सीमापार स भारत क कखलाफ काम कर रही ताकत ककस सतर पर दश को नकसान पहचा रही होगी उनका अवध कारोबार इस दश म ककस सतर पर चल रहा होगा य तमाम सवाल हम न

कसफटि चौकात ह बकलक भारत कवरोधी ताकतो क खतरो स आगाह भी करत ह यह बात लमब समय स उठती रही ह कक भारत म कालधन क इस कारोबार म तसकरी अवध हकथयारो का कारोबार डरगस का कारोबार सकहत तमाम आपराकधक गकतकवकधया शाकमल ह इनम स अकधकतर ऐसी गकतकवकधया ह जहा भारत क बाहर स भारत कवरोधी ताकतो का पसा अलग-अलग माधयमो स लगा हआ ह कलहाजा इन पर पाबदी लगना कनहायत ही आवशयक ह टकस चोरी क अलावा भी इसक बड़ खतर ह हम इस बात का अदाजा नही ह कक सावटिजकनक सतर पर काननी ढग स काम करन वाल पाककसतानी कलाकार जब इतनी सहजता स दश की सरकार को धोखा द सकत ह तो दश की सरकषा क कखलाफ काम कर रह आतकी सगठन ककस सतर पर सककरय होग लककन कालधन की समसया स मकति और नगदी म चल रह काल वयापार पर लगाम की कदशा म परधानमती नरदर मोदी क नतरतव वाली क दर सरकार न जो ठोस कदम उठाया ह वो आजादी क बाद इस समसया क सनदभटि म उठाया गया न कवल एक ऐकतहाकसक कदम ह बकलक साहकसक भी ह इसस दश क अनदर चल रहा नकदी का अवध कारोबार एक झटक म कागज क रदी टकड़ो की तरह बमतलब हो गया ह नकसकलयो क नटवकटि को तगड़ा झटका लगा ह अलगाववादी ताकत पसत हो गयी ह राजनीकत म धनबल वाल लोग कनधटिन-कनबटिल हो चक ह रही बात कतारो की तो यह दश सततर वषषो स कतार म ही था गरीबी असमानता अथटिवयवसथा स दर एक कतार थी जो आम लोगो की थी आज उस कतार म आम और ख़ास हर कोई खड़ा ह इस कतार म वही चलगा जो इमानदारी स धन कमाएगा इस कतार म आन स वह लोग डर रह ह जो बईमानी स पसा कमाए ह यह इमानदारी क कलए इमानदारो की कतार ह चनल दारा कदखाए कसटग ओपरशन को महज चद कलाकारो तक सीकमकत करक दखन की बजाय इसक बड़ खतर को भी दखना होगा आज अगर सरकार बहद सखत ह तो वह इनही बड़ खतरो स दश को बचान क कलए सखत ह सरकार कोई ऐसा रासता नही छोड़ना चाहती जहा स कश का काला वयापार करन वाल लोग बच कनकल इस महीम म दश की इमानदार जनता एक कतार म सरकार क साथ ह और यह वह कतार ह जहा आन की कहममत कोई बईमान कर ही नही सकता ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खली पाक कलाकारो क काल धन की पोलसटिग ऑपरशन ि हए बनकाब

मशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न नोटबदी क फसल को लाग करक बड़ा ररसक कलया ह जो अगर वो नही भी लत तो कोई फकटि नही पड़ता और उनकी राजनीकत कनबाटिध गकत स चलती रहती

नोटबदी क पहल हो रह तमाम सवव क नतीज यह बता रह थ कक मोदी सबस लोककपरय नता ह बावजद य जोकखम उठाना इस बात का सकत दता ह कक नरनदर मोदी दश क कलए कछ बड़ा करन की कदशा म कदम उठा चक ह हलाकक राजयसभा म नोटबदी पर चचाटि म हसतकषप करत हए पवटि परधानमती मनमोहन कसह न कहा कक सरकार क इस कदम स जीडीपी पर कनगकटव असर पड़गा उनक अनमान क मताकबक नोटबदी स इसम दो फीसदी की कगरावट दजटि की जा सकती ह दरअसल इस पर मसल पर कवपकष को कवरोध की जमीन ही समझ म नही आ रही ह पहल ककसानो को लकर सरकार पर हमल लककन नबाडटि की पहल स ककसानो की मदद क कलए उठाए कदम न कवपकष क इन आरोपो को भी शात कर कदया इसक पहल कछ उलजलल आरोप लग कक परधानमती न अपन इस फसल क पहल राजनीकतक लोगो स कवमशटि नही ककया और अफसरो की सलाह पर य फसला ल कलया राजयसभा म तो समाजवादी पाटटी क नता नरश अगवाल न चटकी लत हए परधानमती की मौजदगी म य कह कदया कक कवतत मती अरण जटली को भी इस फसल की जानकारी नही थी दरअसल इस तरह क फसलो म जो गोपनीयता बरती जाती ह उसकी जानकारी कवपकषी नताओ को शायद नही हो 1991 म जब आकथटिक उदारीकरण का दौर शर हआ था तब उस वति क कवतत मती मनमोहन कसह भारतीय मदरा का अवमलयन करना चाहत थ इसक पहल इकदरा गाधी न 1966 म मदरा का अवमलयन ककया था जो कक सततावन फीसदी स थोड़ा जयादा था जब मनमोहन क मदरा अवमलयन क इराद का पता चला तो वामपथी बकदधजीकवयो न इसका कवरोध शर ककया लककन मनमोहन कसह इस फसल पर अकडग थ उनहोन उस वति क परधानमती नरकसह राव स कमलकर अनरोध ककया कक इस फसल की जानकारी ककबनट क मकतयो को भी नही दी जाए राव न मनमोहन कसह की सलाह मान ली उस वति मनमोहन कसह न फसला ककया था कक मदरा का अवमलयन दो चरणो म ककया जाएगा 1 जलाई 1991 को रपए का अवमलयन कर कदया गया कवपकष समत तमाम वामपथी बकदधजीकवयो न इसका कवरोध ककया कागस क नताओ को भी इस फसल क बचाव म कदककत आ रही थी सीपीएम न उस वति इसको एक खतरनाक कदम बताया था लककन असली कहानी तो तब हई जब मनमोहन कसह न एक ही कदन बाद याकन तीन जलाई को रपए का और जयादा अवमलयन करन का फसला कलया दोनो कमलाकर य बीस

फीसदी तक पहच रहा था जब राव तक य बात पहची तो वो घबरा गए और उनहोन मनमोहन कसह स इसको रोकन का आदश कदया लककन तबतक दर हो चकी थी जब मनमोहन कसह न ररजवटि बक क कडपटी गवनटिर सी रगराजन को फोन कर इस आदश का एलान रोकन क कलए कहा तो उनका जवाब आया कक वो तो इस फसल को सावटिजकनक कर चक ह मनमोहन कसह सनन उनहोन राव को य बात बताई और कफर इसतीफ की पशकश की लककन राव न अपन कवतत मती का पकष कलया और उस फसल क साथ हो कलए य परा वाकया बतान का मतलब कसफटि इतना ह कक हमार दश म इस तरह क कराकतकारी आकथटिक फसल पहल भी गोपनीय तरीक कलए जात रह ह उसका उदशय भी तभी परा होगा जबकक इसको गोपनीय रखा जाएगा गोपनीयता बरत जान की कबनाह पर ककसी भी सरकार को घरना उकचत नही होता ह मौजदा कवतत मती अरण जटली न भी इस बात को माना ह कक इस फसल की जानकारी नीड ट नो बकसस पर उन सभी लोगो को थी कजनको होनी चाकहए थी परधानमती मोदी न तो चद घट पहल अपन ककबनट को इस फसल क बार म बता भी कदया था मनमोहन कसह न तो मदरा क अवमलयन क फसल क बार म ककसी को नही बताया था और अपन परधानमती क सामन य चाहत भी रखी थी कक ककबनट को इस फसल की जानकारी ना दी जाए कजसको राव न माना भी था अब अगर हम कवपकष क तकषो को दख तो वो बचकाना नजर आत ह इस तरह की खबर अवशय आ रही ह कक नोटबदी स जनता को कदककत हो रही ह लककन जनता इन कदककतो को सहन क कलए तयार ह और अब धीर-धीर कदककत कम हो रही ह अभी कबहार क दो शहरो क लोगो स बात हई ह तो वहा स य जानकारी कमल रही ह कक बको म कतार कम हो गई ह अब दसरी बात य उठाई जा रही ह कक इसस अथटिवयवसथा पर बरा असर पड़गा सभव ह कक बड़ अथटिशाकरियो क अपन तकटि हो लककन सरकार भी इस आसनन खतर स कनबटन को लकर सतकटि नजर आ रही ह जनवरी स माचटि की कतमाही म इसका असर कवकास दर पर पड़ सकता ह लककन उसक अगली कतमाही स हालात बहतर हो सकत ह अगर इस फसल स नकदी स होनवाला कारोबार बको क माधयम स होता ह तो गरीबो का भी भला होगा नकदी पर काम करनवाल फकटी मजदरो को माकलको को पीएफ और ईएसाई का लाभ दना होगा इसस मजदरो को भकवषय क कलए जमा राकश भी कमलगी और कचककतसा सकवधा का भी लाभ होगा

(लखक वररष पतकार ह य उनक कनजी कवचार ह)

गरीबो-िजदरो क ललए लाभकारी ह नोटबदीअनत मवजय

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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हाल ही म पजाब की राजधानी चडीगढ़ म कनकाय चनावो क पररणाम आय इन चनावो म जनता न भाजपा को ऐकतहाकसक रप स कवजयी बनाया ह चडीगढ़ कनकाय क कल 26 वाडषो म

स 22 वाडषो म भाजपा न अपन उममीदवार उतार थ कजनम स 20 म उस जोरदार जीत हाकसल हई ह भाजपा की सहयोगी कशरोमकण अकाली दल को कसफटि एक सीट हाथ लगी वही कपछली बार क चनावो म ११ सीट जीतन वाली कागस को महज़ चार सीटो स सतोष करना पड़ा इसस पहल महाराषट और गजरात क कनकाय चनावो म भी भाजपा न बड़ी जीत हाकसल की थी लककन चडीगढ़ कनकाय चनावो की य जीत उन सबस भी अकधक शानदार रही ह साथ ही इन सब कनकाय चनावो स पहल मधय परदश असम अरणाचल परदश आकद राजयो म खाली हई लोकसभा और कवधानसभा सीटो पर भी उपचनाव हए थ उनम भी जयादातर सीटो पर भाजपा को जनता न कवजयी बनाया था यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सब चनावो की सबस कवशष बात य रही ह कक यह सब नोटबदी क उस कनणटिय क बाद हए ह कजसक कवरोध म परा का परा कवपकषी खमा एक सर म लामबद हआ पड़ा ह और कजसक कवरोध क नाम पर कवपकषी खम न ससद क शीतकालीन सत को अपन हगाम की भट चढ़ा कदया अब इन चनाव पररणामो क बाद कवपकष क कवरोध की कलई भी परी तरह स खल

चकी ह कक नोटबदी क कारण जनता की कजस ककथत पीड़ा और आकरोश का गान करत हए य भाजपा सरकार को कबना मतलब ही भरपर कोस रह ह वो जनता हर सतर पर चनाव म इनह लगातार खाररज़ और सतताधारी दल को सवीकार रही ह इसका एक अथटि यह भी ह कक जनता नोटबदी क कनणटिय स कबलकल भी नाराज़ नही ह बकलक इसका बमतलब कवरोध करन वालो स उस अकधक नाराजगी हो रही ह अब तकटि यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सबक बाद एक बार क कलय अगर मान ल कक इन कनकाय चनावो म नोटबदी कोई मदा नही रहा तो भी कवपकष की जो ददटिशा इनम हई ह वो कया कम हो जाती ह अचछी बात होगी कक कवपकषी खमा अब भी वासतकवकता को समझ कक सरकार क परकत अधकवरोधी रख और जनता की नबज़ को पकड़ पान म उसकी नाकामयाबी क कारण उसका जनाधार अब धीर-धीर समाप होता जा रहा ह यह कवपकष क कलय चतन का समय ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि)

चडीगढ़ रनकाय चनाि भाजपा की चली आधी जनता न मदखाया विपकषी दलो को आईना

पीयर मविवदी

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चार दशको क राजनीवतक सफर ि हर अिसर पर विफल रह ह िनिोहन ससिह

मशवाननद मविवदी

एक पतकार वाताटि (जनवरी 2014) म डॉ मनमोहन कसह न कहा था कक मरा मलयाकन इकतहास करगा इसम कोई शक नही कक चार दशक तक ककसी एक राजनीकतक दल क साथ परी

वफादारी और राजनीकतक कनषा स सरकार म शीषटि पदो पर काम करन वाल वयकति का मलयाकन होना सवाभाकवक ह इसम कोई शक नही कक सवतत भारत क इकतहास म डॉ मनमोहन कसह उन चद लोगो म स एक ह कजनह इकतहास न सवाटिकधक अवसर कदया ह कवमदरीकरण क मद पर जब डॉ मनमोहन कसह राजयसभा म क दर सरकार को घरत हए कागस का पकष रख रह थ तो म उनक भाषण को बहत धयान स सन रहा था कवमदरीकरण को लकर उनहोन एक वाकय कहा lsquoयह सगकठत लट हrsquo डॉ मनमोहन कसह न इसक तमाम नकसान कगनवाए उनक भाषण म कर कष की कचता थी जीडीपी की कचता थी गामीण सहकारी बको म होन वाली समसयाओ की कचता थी गरीबो की कचता थी और दरगामी पररणामो म लगन वाल वति की कचता थी साथ ही उनहोन कछ रचनातमक परसताव क साथ आन की सलाह दत हए सरकार की आलोचना भी की डॉ मनमोहन कसह आज उस मकाम पर ह कक जब वो सदन म बोल रह थ तो यह समझना मकशकल था कक राजयसभा क फलोर स एक पवटि आकथटिक सलाहकार बोल रहा ह या एक ररजवटि बक का पवटि गवनटिर बोल रहा ह यह समझ पाना कबलकल आसान नही था कक दश की जनता एक पवटि कवतत सकचव को सन रही ह अथवा पवटि कवतत मती को सन रही ह एक आम भरम लोगो म मन म जरर बठा होगा कक व एक पवटि परधानमती को सन रह ह अथवा एक कागस क सासद को सन रह ह लोग तो यह भी जानना चाहत होग कक राजयसभा स ककसी पाटटी का एक राजनता बोल रहा ह अथवा एक अथटिशारिी बोल रहा ह वो कया-कया रह ह ककस-ककस भकमका म रह ह वतटिमान म वो कया ह और ककस भकमका म ह उनका दाकयतव कया ह और उनकी जवाबदही कया ह इन सवालो स उनक समथटिक कचढ़त नजर आत ह डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन करन स पहल उनक सावटिजकनक दाकयतवो पर एक सककषप नजर अवशय डालनी चाकहए एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क

आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह भारत सरकार की वबसाईट (pmindiagovin) पर कदए पररचय को अगर सही मान तो वषटि 1957 म अथटिशारि म परासनातक की कडगी लन वाल डॉ मनमोहन कसह ऑकसफ़ोडटि कवकव क नकफलड कॉलज स डी कफल ह अपन कररयर की शरआत एक कशकषक क रप म करन वाल डॉ मनमोहन कसह 1971 म वाकणजय मतालय म आकथटिक सलाहकार की भकमका म आए महज एक साल म उनको कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार का दाकयतव कमल गया तब दश इकदरा गाधी की सरकार थी जब डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार थ तब परणब मखजटी भारत सरकार म मती बन चक थ यही वो दौर था जब बको का राषटीयकरण हो रहा था इस दौरान डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय क सकचव योजना आयोग क उपाधयकष और ररजवटि बक क मकखया भी रह ररजवटि बक का गवनटिर तो सभवत उनह कवतत मती रहत परणब मखजटी न ही बनाया था उनक दाकयतवो स यह अदाजा लगता ह आकथटिक मामलो म डॉ मनमोहन कसह इकदरा गाधी क अकत कवशासपात अथवा वफादार लोगो म स थ 1991-96 म डॉ मनमोहन कसह दश क कवततमती बन हालाकक कहा जाता ह कक कवततमती क तौर डॉ मनमोहन कसह ततकालीन परधानमती पीवी नरकसमहा राव की पहली पसद नही थ कफर 2004 म सपरग-1 म परधानमती बन और दस साल तक दश क परधानमती रह यहा पररचय दन का मकसद यह था कक एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह वषटि 2014 तक दश क 42 फीसद स जयादा आबादी की पहच बक तक नही थी याकन उनक पास बक खात तक नही थ आकखर डॉ मनमोहन कसह आकथटिक सलाहकार स लगाए चार दशक तक अथटिवयवसथा स जड़

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महतवपणटि पदो पर लगातार रहत हए परधानमती तक क ताकतवर पद तक पहचन क बावजद कयो य नही परा कर पाए बको क राषटीयकरण क दौरान ही सरकार म आकथटिक सलाहकार क तौर पर जड़न वाल डॉ मनमोहन कसह की कवफलता की कहानी यही ह कक चार दशक बाद 2004 म परधानमती बनन क बावजद वो इस दश की आम जनता को मखयधारा की बककग अथटिवयवसथा स जोड़ पान म नाकाम साकबत हए राजयसभा म बोलत हए डॉ मनमोहन कसह न जीडीपी कवकास दर म 2 फीसद की कगरावट का अदशा जताया लककन जीडीपी कवकास दर क सवाल पर वो यह बताना कयो नही मनाकसब समझ कक उनक दस साल क कायटिकाल म जीडीपी लगातार ककन वजहो स अकसथर रही थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क दौरान दश की जीडीपी कवकास दर लगभग 84 फीसद तक पहच गई थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क बाद डॉ मनमोहन कसह की ततकालीन गकठत सरकार को जीडीपी दर कवरासत स ठीक-ठाक कमली लककन डॉ मनमोहन कसह क नतरतव म दस साल सरकार चलन क बाद जब वषटि 2014 म एकबार कफर भाजपा-नीत सरकार नरदर मोदी क नतरतव म बनी तो डॉ मनमोहन कसह स मोदी को 474 (2013 की जीडीपी कवकास दर) फीसद जीडीपी कवकास दर कमली आज भारत की कवकास दर 73 फीसद क आसपास ह लककन मनमोहन कसह जीडीपी को लकर बहद कचकतत नजर आ रह ह यह कचता हासयासपद बवजह एव कनराशाजनक ह जब जीडीपी पर बात चल रही हो तो सवाल मोदी स नही डॉ मनमोहन कसह स होना चाकहए कक आज कजस जीडीपी का आप कहसाब और आकलन कर रह ह उस आप ढाई साल पहल परधानमती रहत छोड़कर ककस हाल म गए थ कागस न डॉ मनमोहन कसह को सारी आलोचनाओ स पर साकबत करन की अनक कोकशश की ह दश इस भरम म नही रहन वाला कक डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन एक अथटिशारिी क तौर पर कर अथवा एक परशासक परधानमती क तौर पर चकक दोनो ही मोचषो पर जब-जब डॉ मनमोहन कसह को

ताकतवर पद कमला ह व नाकाम साकबत हए ह बतौर परधानमती उनहोन एक भरष और लटतत वाली सरकार दी ह कजसक मकतयो को लट एव भरषाचार क गभीर आरोपो म जल तक जाना पड़ा ह डॉ मनमोहन कसह एक बहद कमजोर परशासक इसकलए भी ह कक कोयला मतालय उनक अतगटित रहत हए उसी कवभाग म हए घोटालो को रोक पान म व बरी तरह नाकाम साकबत हए आज राजयसभा स जब व lsquoसगकठत लटrsquo का जमला फ क रह थ तो यह इकतहास उनही को आईना कदखा रहा था एक और कबद ह कजसको लकर कागस उनका मकहमा मडन करती ह भारत म उदारीकरण क जनक क रप म कजस ढग स डॉ मनमोहन कसह की छकव को कागस पश करती ह वो महज एक छलावा ह उदारीकरण को लकर हम यह समझना होगा कक बतौर राजनीकतक दल कागस अथवा बतौर अथटिशारिी डॉ मनमोहन कसह म स कोई भी कभी उदारीकरण का कहमायती नही रहा ह उदारीकरण न तो कागस की नीकत रही ह और न ही डॉ मनमोहन कसह का कभी कवजन रहा ह भारत म उदारीकरण आकथटिक तगी की मज़बरी की दन स जयादा कछ भी नही ह आपक पास जब कछ नही बचा तो आप मज़बरी म उदारीकरण को सवीकार ककए जबकक इसक पहल कागस की आकथटिक नीकतयो म समाजवादी वयवसथा की परबलता थी पकडत दीन दयाल उपाधयाय अनक बार सावटिजकनक कषतो क कवसतार पर कागस की सरकारो की आलोचना करत रह थ अब मज़बरी म आए उदारीकरण को मनमोहन कसह की आकथटिक दरदकष क रप म पश करक कागस दश को गमराह नही कर सकती उदारीकरण दश म उतपनन कवकट पररकसथकतयो की दन थी न कक मनमोहन कसह क आकथटिक कवजन की डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन जब इकतहास करगा तो दो बात कनकल कर आएगी पहली बात कक चार दशक स जयादा एक ख़ास राजनीकतक परकषभकम म लगातार महतवपणटि एव कनणाटियक पदो पर रहन वाल भारत क चद लोगो म स एक डॉ मनमोहन कसह ह दसरी बात यह कनकल कर आएगी कक डॉ मनमोहन कसह अवसरो क नायक रह ह इनकी न अपनी कोई नीकत रही ह न कनणटिय रहा ह और न ही य ककसी बदलाव क मौकलक कनमाटिता रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम क सपयादक ह)

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लखक अकमष कतपाठी की तीन खणडो म कशव की एक कालपकनक कहानी ह जो सोमरस नामक अमरता दन वाल दरवय की कथा ह यह एक अमरत था परनत इस अमरत क दषपरभाव भी थ

कजसको वहा क राजा दकष परजा स छपा रह थ कजस तरह समदर मथन म अमरत क साथ कवष भी कनकला उसी तरह इस अमरत की कनमाटिण परककरया म इसक साथ-साथ कवष भी बनता था इस कहानी म जो सबस महतवपणटि ह वो यह कक शरआत म जो चीज समाज क कलए अमरत थी वही इसक जयादा उपयोग स धीर धीर सवतः कवष म पररवकतटित हो गयी ततकालीन सामाकजक वयवसथा म हर समसया का मल बन गयी और चकक इस सोमरस क परकत सवाथटि इतना गहरा हो चका था कक कबना इस परकतबकधत ककय कोई उपाय नही रहा धमटि यदध हआ और इस कवदा को उपनयास क अत म हमशा क कलए कछ अपवादो को छोड़कर ख़तम कर कदया गया अब इस कहानी को हम वतटिमान अथटिवयवसथा क पररपकय म दखत ह तो कया नकद हमारी अथटिवयवसथा का सोमरस ह कया सोमरस की तरह नकद भी धीर-धीर ककसी वयवसथा क कलए अकभशाप बन सकती ह कया नकद अपन सार फायद क बावजद इतना जहरीला हो सकता ह कक राषटीय अथटिवयवसथा खोखली होन लग इन सार परशो क मल म अगर हम इस वयवसथा क इकतहास म जाए तो पाएग कक भौकतक मदरा एक बहत ही परानी एव मधयकालीन परपरा ह व समय क साथ-साथ इस कफकजकल करसी क साथ-साथ अनक कवष-बल कलपट चक ह भौकतक मदरा क साथ जो सबस बड़ी समसया आज पश आ रही ह वो ह इसक परकत आशकति तथा कर चोरी हत सरकार की नज़र स इस छपा कर रखना इस कारण अथटिवयवसथा म उन कछप हए नोटो का क़ाननी हसतानतरण म परयोग बद हो जाता ह और य धन जस सरकार की नज़रो स गायब हो जात ह उस धन का परयोग होता ह पर वहा कजस धध को सरकार या समाज गर क़ाननी मानत ह और य छपा हआ धन अपनी एक खद की अथटिवयवसथा बना लती ह कजसका कवकास सवतः होन लगता ह यह सामानातर अथटिवयवसथा नकद पर कनभटिर हो जाती ह जहा न कोई टकस दना होता ह न ही समाज क परकत ककसी उततरदाकयतव को कनभाना होता ह आज हमार समाज म कजतनी भी कवसगकतया कदखाई दगी उनक जड़ म यही काला धन ह जो कक कछ नही बकलक सरकार की नज़र स छपाकर कलया गया नकद ह या उसक दारा खरीदी गयी पररसपकततया ह इसी कालधन रपी नकद की जड़ स समसत बराइयो को खराक कमलती ह

या उनकी अथटिवयवसथा चलायमान रहती ह चाह वो नशीली दवाओ का कारोबार हो आतकवाद की फकडग हो हवाला कारोबार हो चनावो म लग रहा धनबल हो चाइलड टकफककग हो या अनय अपराध हो या उनह करवान क कलए ककया जा रहा जाली नोटो का इसतमाल हो इन सबकी बकनयाद इसी नकदी पर कटकी होती ह कामरड सीताराम यचरी न अपन फसबक पोसट म कलखा ह कक यह काला धन भारत की अथटिवयवसथा का 06 ह एव इसका लगभग 0025 नकली नोट ह अब अगर हम भारत की कवशाल अथटिवयवसथा को दख तो य रकम बहत जयादा ह य वही सोमरस ह जो अब कवष बन चका ह एव कजसका उपयोग हमार समाज को कनरतर कमजोर कर रहा ह इस कवषबल को काटन का कोई भी साहसी फसला मकशकल हो सकता ह परनत गलत कभी नही इस नकद क लोभ म हर वयकति भल चका ह कक लकमी चचला ह य जब तक एक हाथ स दसर हाथ जाती रहती ह तभी तक आकथटिक कवकास होता ह एव इसी कवकास का एक कहससा कर क रप म समाज वयवसथा को जाता ह वतटिमान सरकार क 500 एव 1000 क बड़ नोटो जो कक बाज़ार म उपलबध नकद का 86 ह को वापस लन क फसल न उन सार नोटो को अपन मलय को बरक़रार रखन हत बको म आन को कववश कर कदया ह अब चाह काला हो या उजला अपन वजद क कलए उनह सरकार की नज़र म आना ही होगा वरना उस मलय क छप नोट को सरकार सवतः उपयोग म ला लगी बहत स परश उठ रह ह कक कया नए नोट स कफर स काला धन नही बनगा दरअसल सरकार न काल धन क कनमाटिण व परवाह को रोकन क कलए पहल स ही कई कदम उठाए ह और अब जब यह कनणटिय कलया गया ह तो इसक बाद कफर नया काला धन न पनप इसक कलए सरकार कनकचित तौर पर कछ न कछ तयारी करक ही चल रही होगी

बहरहाल एक बात तो कनकचित ह कक सरकार का यह कदम अब तक सगकहत कवषबल रपी नोटो को तो वयथटि कर ही दगा जब तक कक व एकबार वापस सरकार की आखो स न गजर और सरकार की नज़र हर उस वयकति पर होगी जो यह काम कर रहा ह आय क जात सोतो स जयादा लोग जमा करन स बचग कजस भी ककसी खात म असामानय गकतकवकध होगी वो पकड़ म आ जायग अब यह सवटिकवकदत ह कक कश वयवसथा परातन एव समाज की बदली आवशयकताओ को पणटि करन म अकषम हो चकी ह

नकदी क जाल स रनकलकर रडसजटल अरथवयिसा की तरफ बढ़न का सिय

आयर आनद

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अब बड़ लनदन कश म करना न सकवधाजनक ह न ही फायदमद तो अब समय आ गया ह कक हम इस कश क जाल म फसी अथटिवयवसथा को यहा स बाहर कनकाल यह कबलकल ही मफीद समय ह जब हम राजय क मौकदरक वचन को नोट क रप म मानन क बजाय कडकजटल एव पलाकसटक वचन को जयादा वजन द य न कवल यगानकल ह बकलक सलभ ससता एव कश क साइड इफ़कट स कबलकल मति ह ककसी भी कवकास कर रही अथटिवयवसथा को अनततोगतवा जाना वही ह हम भारत म कल कवततीय लनदन का लगभग 60 नकद म करत ह कजस हम घटा कर 20 क नीच लाना होगा अगर हम अपनी अथटिवयवसथा अनय राषटो की तलना म साफ़ सथरी एव मजबत बनाना चाहत ह अचछी बात य ह कक सरकार क परयास इसी कदशा म होत कदख रह ह आज वतटिमान समाज वयवसथा म सचना कराकत क कारण राजय की मौकदरक परकतजा अब कवल नोटो तक सीकमत नही ह यह एक आकड़ो का खल ह कक आपक खात म ककतना धन ह और वो वयकति क इचछानसार हसतानतरणीय हो गयी ह तो अब कबना मदरा क मतटि रप क भी मदरा वजद म ह एव करयशील

तथा अथटिवयवसथा को चलान म सकषम ह तो कयो न हम इस वयवसथा की ओर बढ़ आज जब लगभग हर वयकति मोबाइल उपयोग कर रहा ह डकबट काडटि सलभ हो चका ह छट पस अब सभी एटीएम स ही कनकाल रह ह तो कयो न उस वयवसथा को आग बढ़ाया जाय अगर आप ककसी भी दकानदार को पस ऑनलाइन टानसफर या काडटि स करत ह तो वो टकस कबलकल भी चोरी नही कर सकता आपका कोई भी पमट अगर कश ह तो सभावना ह की वो बलक बन जाय पर अगर यह बक ट बक अकाउट ट अकाउट ह तो यह हमशा सफ़द ही रहगा तो आइय य कबलकल सही समय ह जब हम नए नोटो की बजाय कबना नोटो की साफ़-सथरी अथटिवयवसथा को बढ़ावा द तथा जो इस स अछत ह उनह भी कडकजटल अथटिवयवसथा का अग बनाय हम इसक कलए अगशील होना कबलकल भी नही छोड़ सकत कक पीछ वाल बहत पीछ ह जररत ह उनह भी इस वयवसथा क अनकल सवदनशील तथा जागरक बनान की

(लखक िशिनलसट ऑिलयाइि म कॉपी एनडटि ह)

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8नवबर को रात आठ बज राषट क नाम सदश म परधानमती नरदर मोदी न पाच सौ और एक हजार क नोट बद होन का फसला सनाकर सबको चौका कदया था इस बात को अब बीस कदन स

जयादा हो गए ह लककन आज भी यह कवमशटि का सबस बड़ा मदा बना हआ ह हालाकक कवमदरीकरण क फसल क बाद स ही इसक पकष-कवपकष म बहस शर हो गयी जो अब भी चल रही ह ममता बनजटी की तरणमल कागस कजरीवाल की आम आदमी पाटटी मायावती की बहजन समाज पाटटी एव भारतीय राषटीय कागस सकहत तमाम राजनीकतक दलो न इसक कखलाफ मोचाटि खोल कदया ह दश की जनता बक की कतार म ह और दश क कवपकषी दल फसल क कवरोध म सरकार क सामन बक की कतारो स कनपटन की चनौती तो थी ही साथ म कवरोधी दलो क असहयोगातमक रख स कनपटन की चनौती भी बनी ह चकक ससद का सत भी शर हो गया ह कलहाजा कनतीश कमार को छोड़कर लगभग परा कवपकष ससद स सड़क तक इस फसल क कवरोध म आ गया ह सरकार का शर स दावा रहा कक दश की आम जनता उनक इस फसल क साथ ह वही कवरोध कर रह दलो का तकटि था कक वो जनता की परशाकनयो को दखत हए अपना कवरोध दजटि करा रह ह हालाकक सतता पकष और कवपकष दोनो ही जनता को अपन पाल म बतान का दावा जब कर रह हो तो यह समझ पाना बड़ा मकशकल हो जाता ह कक वाकई जनता ककसक साथ ह इस मामल म भी ऐसा ही हआ अलग-अलग माधयमो स सवव आकद शर हो गए मीकडया चनलो क लोकल सतर क लाइव चचाटि आकद स भी इस फसल पर जनता का कमजाज टटोलन की कवायद तज होन लगी परधानमती नरदर मोदी न अपन सतर पर भी एक ऑनलाइन सवव कराया कजसम उनको इस फसल पर भारी समथटिन कमला हालाकक कवरोध कर रह कछ दलो को इस बात का भान जरर हआ कक जनता इस मद पर उनक साथ नही ह कलहाजा उनहोन 28 नवबर को lsquoभारत बदrsquo करन का अपना कनणटिय वापस ल कलया इसी बीच एक अगजी समाचार पत का सवव आया कजसम बहमत को सरकार क इस फसल क कखलाफ बताया गया अब बड़ा सवाल यह था कक कया सच मान या कया झठ मान लोकतत म ककसी भी राजनीकतक दल की जनता क बीच हकसयत मापन का सबस वयापक और सबस बड़ा सवव चनाव ही होता ह कवमदरीकरण क मद पर जब दश म lsquoहा-नाrsquo की बहस चल रही थी इस दरमयान तीन

महतवपणटि चनाव सपनन हए पहला लोकसभा और कवधानसभा की खाली हई सीटो पर उपचनाव दसरा महाराषट क कनकायो क चनाव और तीसरा गजरात क सथानीय कनकायो क चनाव यह तीनो चनाव कवमदरीकरण क फसल क बाद हए मतसखया क आधार पर अगर दख तो ककसी भी बड़-बड़ सवव म कजतना समपल कलया जाता ह उसस सकड़ो-हजारो गना जयादा लोग इन चनावो म परतयकष कहससा कलए ह लोकसभा और कवधानसभा क उपचनावो म भाजपा अपनी सभी सीट न कसफटि सरककषत रखन म कामयाब हई बकलक कतपरा और पकचिम बगाल म कपछल चनाव की तलना म भाजपा क वोट परकतशत म भारी इजाफा भी हआ इसक बाद 28 नवबर को महाराषट क कनकाय चनावो क पररणाम आए कजसम भाजपा को भारी बढ़त कमली ह चकक वषटि 2011 क चनाव म भाजपा कनकायो म तीसर नमबर की पाटटी होती थी लककन इन पररणामो क बाद भाजपा सबस बड़ी पाटटी बनकर उभरी ह यहा तक कक कशवसना क साथ गठबधन होन क बावजद भाजपा कशवसना स जयादा सीट जीत गयी ह नगर पचायतो क कलए हए चनावो म भाजपा को 851 सीट कमली ह जो 2011 म मात 396 थी कल 147 सीटो पर हए मयकनकसपल काउकसल क कलए परतयकष मतदान म भाजपा को अकल 52 सीटो पर जीत कमली ह कपछल चनावो म इन कनकायो पर राषटवादी कागस पाटटी का कबजा था जो कक अब उसक हाथ स जा चका ह इसक अलावा सोलापर जस सीटो जहा भाजपा कभी नही आई थी पर भी इसबार भाजपा जीतन म कामयाब रही महाराषट क सथानीय चनावो क पररणामो को इस कलहाज स भी महतवपणटि माना जा रहा ह कयोकक तमाम दल एव बकदधजीवी इस कमनी कवधानसभा चनाव भी कहत ह यह अलग बात ह कक भाजपा को कमली बड़ी जीत क बाद इसपर हमार तथाककथत बकदधजीवी वगटि न सननाटा साध कलया ह और ऐसा जताना चाह रह ह कक य चनाव महतवपणटि ह ही नही लककन वही अगर पररणाम भाजपा क परकतकल होत तो यही बकदधजीवी इस दवनदर फडनवीस नही बकलक नरदर मोदी की हार बतात हए नही थकत खर कवमदरीकरण क बाद नरदर मोदी क अपन राजय गजरात म भी कनकाय चनाव हए गजरात पर सबकी नजर इसकलए थी कयोकक वहा हाल म ही सतता म उथल-पथल क अलावा सरकार क कखलाफ पटल आनदोलन हआ था ऊना काणड क बाद दकलतो क नाम पर माहौल बनान की कोकशश दश क उन राजनीकतक दलो न भी कम नही की कजनकी गजरात म वतटिमान

रनकाय चनाि नोटबदी क रनरथय परजनता की िहर

मशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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की राजनीकतक हकसयत कछ भी नही ह लककन गजरात क चनाव पररणामो न तो कागस का सपड़ा ही साफ़ कर कदया पररणामो क मताकबक़ गजरात क वापी नगरपाकलका की 44 सीटो म भाजपा न 41 सीटो पर जीत दजटि की ह वही कागस को यहा महज 3 सीटो पर सतोष करना पड़ा ह सरत क कनकपर-कनसाड़ की 28 म स 27 सीटो पर भाजपा को जीत कमली ह वही कछ कजला तालका पचायत क उपचनावो म भाजपा को 23 और कागस को महज 8 सीट कमली ह गजरात पर सबकी नजर इसकलए भी बनी हई थी कयोकक गजरात स नरदर मोदी क आन क बाद वहा महज ढाई साल म एक मखयमती को बदलना पड़ा था इसी दरमयान वहा पटल आनदोलन को भी कदलली की मोदी-कवरोधी ताकतो क सहयोग स हवा दन का काम ककया गया ऊना म दकलत कपटाई मामल क बाद भी कदलली की राजनीकत क कसयासतदानो की कगदध कनगाह गजरात म लगी रही लककन इन चनावो को अगर जनता का सबस बड़ा और सबस कवशदध सवव मान तो यह सवव मोदी क पकष म जाता ह यह इसकलए जयादा महतवपणटि ह कयोकक हाल म ही कवपकषी खमा कवमदरीकरण क मद पर जनता की परशाकनयो का हवाला दकर असहयोग की कसथकत उतपनन कर रहा ह

इन चनावो को जनता की बीच स आया आम सवव मानकर भी अगर कवरोधी खमा कवमदरीकरण क बजा कवरोध स नही कडगा और जनता क कध पर बदक रखकर सरकार को घरता रहा तो यह मोदी क कलए तो नही लककन उनक खद क कलए जयादा घातक होगा कवरोध सकारातमक होना चाकहए वचाररक होना चाकहए न कक कसफटि इसकलए कवरोध करो कयोकक आपको मोदी का कवरोध करना ह इन चनावो क पररणामो पर एक लाइन म कटपपणी कर तो यही कहग कक जनता न मोदी क कनणटिय पर अपनी सहमकत का महर लगाया ही ह कवरोकधयो को आईना भी कदखा कदया ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनदशि म रिसचच फलो एव िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम म समपयादक ह)

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वस तो हर चनाव का मदा और कलवर अलग होता ह उसम भी सथानीय कनकाय और नगर पचायत चनावो का मदा पणटितया सथानीय होता ह परत कपछल कदनो महाराषट और गजरात म

कनकाय चनाव का आयोजन कवमदरीकरण क साए म हआ जहा पर अनय सथानीय मदो क अलावा कवमदरीकरण चनाव म बड़ा मदा था और हर पाटटी इस मद को भनान म लगी थी इस चनाव म भाजपा न भारी जीत दजटि की कजस परधानमती मोदी दारा कलधन क कखलाफ उठाए गए कदम पर जनता की महर माना जा सकता ह सभी कवपकषी पाकटटिया कवमदरीकरण क कारण जनता की परशानी का हवाला दत हए ससद क शीतकालीन सत को लगभग-लगभग हगाम की भट चढ़ा चकी ह वही जनता जनादटिन न कनकाय चनावो म भाजपा की जीत कदलाकर इस फसल पर महर लगान का सदश कदया ह कवपकषी पाकटटियो की दलील थी कक गामीण भारत सबस जयादा कवमदरीकरण की मार झल रहा ह इसकलए वह कवमदरीकरण का कवरोध कर रह ह लककन इन सथानीय कनकाय चनावो म जनता न सततारढ़ भाजपा क पकष म अपनी महर लगाई ह कजसन नोटबदी को लकर सरकार स जनता की नाराजगी जसी कवपकष की सभी दलीलो की पोल खोल दी ह सपष हो गया कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह ऐस म परतीत तो य हो रहा कक कवपककषयो कचता जनता की नही खद क काल धन की ह जो कक नोटबदी क बाद महज कागज बन कर रह गया इसी करम म अगर इन चनावो क पररणामो पर नजर दौड़ाए तो साफ-साफ पता चलता ह कक जनता न परधानमती मोदी क साथ जाना पसद ककया ह जबकक कवपकषी पाकटटियो क सार आरोप और लामबदी हवा हो गए गजरात की दो नगरपाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली कवपकषी दल कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म महज एक सीट स सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न आठ सीट फतह की जात हो कक कपछल साल समपनन हए सथानीय चनाव म कागस न अपन परदशटिन म कछ सधार ककया था कजस उसन परधानमती योजनाओ की हार क तौर पर परदकशटित ककया था लककन अब इस कनकाय चनाव म जब कागस का सपड़ा साफ़ हो गया तो उसक पास बोलन क कलए कछ नही बचा ह बीत दो दशक स सतता स बाहर कागस की कसथकत कदन-परकतकदन

खराब होती जा रही ह परत वह ह कक मानन को तयार नही गजरात क अलावा महाराषट क सथानीय चनावो म भी करारी हार का सामना करना पड़ा महाराष ट म 147 नगर पररषद म स अकल भाजपा को 52 सीट सहयोगी कशवसना जो कक इस चनाव म भी बागी तवर अपनाए हए थी उस भी महज़ 23 सीट हाथ लगी कागस को 19 और एनसीपी को 16 पर जीत कमली ह अन य उम मीदवारो क खात म 28 सीट गइटि ह वही 17 नगर पचायतो क 3510 सदस यो क कलए हए चनाव म सत ताधारी भाजपा को 851 सीट कमली ह कागस क खात म 643 एनसीपी को 638 और कशवसना को 514 मनस को 16 सीपीएम को 12 बसपा को 9 कनदटिलीयो को 324 स थानीय गठबधनो को 384 और बाककयो को 119 सीटो पर जीत कमली ह सपष ह कक यहा भी भाजपा हर तरह स सबस आग ह इस जीत को भी कवमदरीकरण क फसल पर जनता की महर और राजय क मकखया दवदर फडणकवस क कवकास परायोकजत कामकाज पर जनता की सहमकत कहना गलत नही होगा इन सब चीजो स कवपकषी दल दरअसल बौखलाए हए ह उनह कछ सझ नही रहा ह कक वह कर तो कया कर अब इस पर कवपककषयो का तकटि य ह कक इन चनावो म नोटबदी कोई मदा नही था मसला हार-जीत का नही ह मसला ह तो कवपकष क दोमह चररत का जब कवपकष का सफाया हो जाय तो मद सथानीय थ पर वही अगर सततारढ़ पाटटी हार जाए तो उस पाटटी की हार ह उसक योजनाओ की हार ह दखन वाली बात यह ह कक हर ककसी को पता ह कक सथानीय कनकाय क चनावो म जीत क कारण अलग होत ह लककन जब हारन पर भाजपा क मतथ नोटबदी मढ़ दी जाती तो जीतन पर शय कयो नही और वस भी कवमदरीकरण तो समग राषट को परभाकवत करन वाला मदा ह कफर कनकचित तौर पर इन चनावो म भी इसका परभाव रहा ही होगा उललखनीय होगा कक अभी नोटबदी क बाद ही हए एपीएमसी क चनावो म भाजपा का परदशटिन बहत अचछा नही रहा था तो उस वति इन कवरोधी दलो न कहा था कक नोटबदी क कारण हार हई ह जबकक अब कनकाय चनावो म इनक कहसाब स नोटबदी कोई मदा ही नही ह य कसफटि और कसफटि इनक दोमहपन को कदखाता ह कहना गलत नही होगा कक कजतना तमाशा लोकतनत का वतटिमान कवपकषी पाकटटिया कर रही ह उस दश कभी नही माफ करगा नोटबनदी का कवरोध कवपकष दारा महज़ खद को सककरय कदखान की एक नाकाम और नकारातमक कोकशश ह उसस जयादा कछ नही चनाव क पररणाम बतात ह कक परधानमती मोदी कदन-परकतकदन मजबत होत जा रह ह यह भी तय माकनए कक कजतना कवरोध परधानमती का होगा उतना ही वह मजबत होकर बाहर आएग

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

रनकाय चनािो ि भाजपा की इस बमपर जीत क बाद तो नोटबदी क विरोध की राजनीवत बद कर विपकषी

कशव झा

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कदर सरकार दारा पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन क फसल क बाद स ही मोदी-कवरोधी एक राजनीकतक जमात म भचाल की कसथकत ह इस साहकसक एव ऐकतहाकसक कनणटिय क

दरगामी नफा-नकसान पर बहस करन की बजाय कछ राजनीकतक जमात क लोग बको की कतारो पर बहस करना चाहत ह चकक इस कनणटिय को लकर आम जनता क मन म एकतरफा समथटिन का भाव खलकर कदख रहा ह कलहाजा कछ राजनीकतक खमो क लोग इसपर चचाटि करन स भागत नजर आ रह ह दश का आम जन अपनी कछ कदनो की परशाकनयो को दरककनार कर इस ऐकतहाकसक कनणटिय को सवीकार कर चका ह लककन बड़ा सवाल यह ह कक वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को सवीकार करन स कतरा रह ह वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को वापस लन क कलए असफल रकलया कर रह ह वो कौन लोग ह जो महगी गाकड़यो और एसपीजी सरकषा म जाकर दो घट म अपना चार हजार रपया कनकालन क बावजद झठ बोल रह ह कक पसा नही कमल रहा एक सवाल यह भी ह कक य लोग ऐसा कयो कर रह ह इस सवाल पर पड़ताल करन स पहल जरा lsquoकतारrsquo पर बहस कर ल राहल गाधी अपना चार हजार तो दो घट म कनकाल कलए लककन लोगो को गमराह कर रह ह कक पसा नही कनकल रहा ह दरअसल यह उनकी नीयत म खोट को दशाटिता ह अगर व ईमानदारी कदखात तो सबक सामन सवीकार करत कक ldquoहा म कतार म लगा था और मझ मरा पसा कमला लककन नही उनकी जबान तो कछ और बोल रही ह दरअसल राहल गाधी को यह बात बखबी पता होनी चाकहए कक इस दश की आम जनता को lsquoकतारोrsquo स कभी समसया नही रही ह सततर साल की सरकारो कजसम लगभग साठ साल कागस ही सतता म रही ह न इस दश की आम जनता को कतार म खड़ रहन की आदत डाल दी ह यह वही जनता ह जो कभी कसलडर गस तो कभी यररया तो कभी रल कटकट क कलए आय कदन कतारो म नजर आती रही ह इसकलए इस जनता को अब कतारो का भय न कदखाइए इस दश म सततर वषषो म जो लबी कतार आपन खड़ी की ह अब नोटबदी क इस फसल न उस कतार को तोड़ कदया ह यह वह कतार बन रही ह कजसम दश का आम जन खड़ा होकर कबना ककसी डर क भय क अपन हक़ क कलए और दश क भकवषय क कनमाटिण क कलए खड़ा होन को तयार ह यह कतार ईमानदारो की कतार ह परधानमती मोदी न जो यह कतार बनाई ह इस कतार म ककसी भरष बईमान और चोरी स काली कमाई करन वाल की कहममत नही हो पा रही कक वो खलकर खड़ा हो सक कलहाजा यह ईमानदारी का उतसव मना रह दश की ईमानदार जनता की कतार ह भरषाचार क कखलाफ चल रही इस लड़ाई का लगातार कवरोध कर रह कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल की अपनी कोई कवशसनीयता नही रही ह व खद कभी लाल यादव तो कभी ककसी और क समथटिन म खड़ होकर

अपनी साख पर बटा लगा चक ह लककन अब जब दश की आम जनता क साथ कालाधन और भरषाचार क कखलाफ चल रही इस कनणाटियक लड़ाई का समय आया तो व बगाल की मखयमती ममता बनजटी क साथ कमलकर इसका कवरोध करत नजर आ रह ह वस तो कबना ककसी सबत और बकनयाद क ककसी पर भी आरोप लगान क रोग स गकसत कदलली क मखयमती अनक बार सबत न द पान की वजह स अपनी फजीहत भी करा चक ह लककन आज एकबार कफर व कबना ककसी सबत क मनगढ़त बात कर रह ह कदलली की जनता क मन म यह सवाल बजा नही उठ रहा ह कक ममता बनजटी और कदलली क मखयमती क बीच ककस मद पर सहमकत बनी ह ममता बनजटी मायावती सकहत कछ लोग पहल कदन स भरषाचार क कखलाफ इस कनणाटियक लड़ाई म भरष लोगो क साथ खड़ ह लककन कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल आकखर कयो इनक साथ खड़ ह मोदी क इस फसल स आतकवाकदयो को फकडग करन वालो माओवाकदयो को ससाधन महया करान वालो तसकरो अपराकधयो भरषाचार करन वालो की पीड़ा तो जायज ह लककन इन चद नताओ की इस फसल क कखलाफ एकजटता भी कम शक नही पदा करती ह ऐस म बड़ा सवाल जनता क जहन म ह कक जब पजाब म चनाव होन ह तो कया आम आदमी पाटटी को चनाव म इसतमाल करन क कलए जटाए गए धन क रदी हो जान की कचता सता रही ह यह सबको पता ह कक पारदकशटिता की बात करन वाली आम आदमी पाटटी काफी समय स अपन आय और वयय का बयोरा सावटिजकनक नही कर रही ह खर कतार लबी जरर ह लककन बदोबसत ऐसा ह कक उस कतार म कोई बईमान और भरष जयादा दर कटक नही पाएगा यह वो कतार ह कजसन दश की आम और ईमानदार जनता को बईमानो क सामन गौरवाकनवत होन का अवसर कदया ह यह वह कतार ह जहा जान भर स न जान ककतन बईमान खौफ खा रह ह नोटबदी क कखलाफ उठन वाली हर आवाज इस दश म ईमानदारी की बन रही इस ऐकतहाकसक कतार क कखलाफ एक साकजश की तरह ह आज या तो आप इस कतार क साथ ह या आप भरष और बईमानी स धन अकजटित करन वालो क साथ ह वस भी मोदी की अचछी बात यह ह कक वो परमाणपत दन वालो की परवाह ककए कबना जनकहत म दशको स काम करत हए यहा तक पहच ह कजनका डब रहा ह व बौखला रह ह आम लोग थोड़ी परशाकनयो क बावजद इस महीम क साथ कतारबदध होकर खड़ ह यही वजह ह कक लाख कोकशशो क बावजद नोटबदी क कखलाफ की जा रही कछ रकलयो म मोदी-मोदी क नार लग रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनडशि म रिसचच फलो ह एव िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खबरदार यह ईिानदारो की कतार ह बईिान दर रहमशवाननद मविवदी

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8नवबर की शाम को परधानमती मोदी क राषट क नाम सबोधन म नोटबदी क ऐकतहाकसक फसल क ऐलान स दश भर म हलचल मच गयी परधानमती नरदर मोदी न जब दश भर म 500 और 1000

क नोटो पर परकतबध की घोषणा की तो काल धन की फसल उगाकर रखन वालो पर जस ओलो की बरसात हो गयी जनता की खन-पसीन की कमाई को अवध और अनकतक रप स जमा करक बठ ऐस लोग अब मार-मार कफर रह ह और तरह तरह स आम जनता का हवाला दकर अपना उलल सीधा करन की कोकशश म लग ह 500 और 1000 क नोटो पर परकतबध क कनणटिय की न कवल तकलीफ झलन क बावजद जनता सराहना कर रही ह बकलक इस कनणटिय म सरकार को परा सहयोग भी द रही ह मगर कवपककषयो का रख इस पर भी हासयासपद रहा ह कागस आप सपा बसपा तरणमल कागस आकद तमाम दलो क परमख नताओ न इस कनणटिय को लकर मोदी सरकार पर अताककटि क ढग स सवाल उठान की कोकशश की ह ऐस म सवाल यह उठता ह कक आकखर इस नोटबदी क कनणटिय स य कवपकषी दल इतनी पीड़ा म कयो ह कनससदह इन कवपकषी दलो का ऐसा आचरण जनता की नज़रो म उनकी सकदगध छकव ही परसतत कर रहा ह कदलली मबई समत दश क अनय राजयो म पड़ रह आयकर कवभाग क छाप यह सपष करत ह कक दश की जनता का पसा ककस तरह कछ लोगो की झोली भर रहा था काल धन की धर-पकड़ पर इस परकतबध का जोरदार असर दखन को कमल सकता ह सबस पहल तो य 440 वॉलट का झटका उन क कलए ह जो कबसतर पर करोड़ो नोट कबछा कर सोन क आदी हो चक ह जाकहर ह इसस उनकी रातो की नीद हराम हो चकी होगी दसरी बात यह कक अकसमात हए इस परकतबध न काला धन धारको को ज़रा भी सजग होन का मौका ही नही कदया इसकलए अब उनक पास कसवाय अपनी सपकतत को सावटिजकनक करन अथवा नष करन क कोई और चारा नही बचा ह तभी तो दश क कवकभनन कहससो म भारी सखया म कही पाच सौ और हजार क नोट कड़ क ढर पर फ क कमल रह तो कही जलत पाए जा रह य कदखाता ह कक नोटबदी क इस कनणटिय क बाद काला धन धारको म ककस कदर हडकप मचा हआ ह तीसरी बात कक बाज़ार म इन कदनो जो नकली नोटो का बोलबाला था इस कनणटिय न उस गोरखधध को भी नसतनाबद कर कदया ह साथ ही भारत को नकसान पहचान क कलए बागलादश और पाककसतान जस मलको स जो नकली नोटो का भणडार यहा आता था वह भी अब ककसी काम का नही रहा इस कनणटिय स न कवल दरगामी तौर पर अथटिवयवसथा को मजबती कमलगी बकलक काल धन की जबती क बाद महगाई पर भी अकश लगगा दश की मदरा भी मजबत होगी और कवकास दर म भी वरकदध होन की सभावना ह

नोटबदी न दश म एक जागरकता फलान का भी काम ककया ह और लोगो क बीच इस धारणा को मजबत ककया ह कक बात अगर दश की भलाई हो तो परा दश एक सत म कपरोय धाग समान हो सकता ह जाकहर ह इस पर परश उठान वाल लोग जो कसफटि सकखटिया बटोरन क बलबत अपन राजनकतक वजद को बचाए रखत ह उनको यह कदखाई दना मकशकल ह कक दश की जनता सरकार क इस साहकसक कनणटिय स परशान नही ह बकलक सहयोग क साथ अपना योगदान दन क कलए सककलपत भी ह लोगो को भड़काकर उनम फट डालकर शासन करन की नीकत औपकनवकशक काल की थी मगर यह दभाटिगयपणटि ह कक सवय को दशभति क ताज स नवाजन वाल तमाम कवपकषी नता भी आजकल इन हथकडो का उपयोग करन स बाज नही आ रहइस कनणटिय क बाद उन लोगो को कोई कवशष समसया नही ह कजनक खात म उनकी जायज कमाई का पसा ह जबकक तमाम ऐस लोग कजनहोन गलत ढग स धनाजटिन ककया ह अनदर ही अदर डर-सहम बठ होग उनकी अकत सपकतत वयथटि हई पड़ी ह और उस पनः उपयोगी बनान क कलए अगर व बक जात ह तो काली कमाई की कलई खलना लगभग तय ह कतसपर आय कर और दो सौ परकतशत जमाटिन का डडा तो पड़ना ही ह एक बात य भी ह कक जो जनधन बक खात कपछल 6 महीन स कनकषकरय पड़ हो अगर आज अचानक उनम लाख-दो लाख रपय का हसतातरण होता ह तो य भी एक सदहजनक गकतकवकध ह कजसपर बक अपनी पनी नज़र बनाय हए ह और कजसक चलत आयकर कवभाग भी चसती स काम करत नज़र आया दश म मखय अथटिवयवसथा और समानातर अथटिवयवसथा को एक ही धारा म लान म भी यह एक बड़ा कदम ह इस कनणटिय क जररय कशलस इकॉनोमी को बढ़ावा कमलन का भी अनमान ह कजस उस वक़त लाग ककया गया जब दश म सकवधाजनक कश टासकशन की कमी ह कशलस टासकशन स आकथटिक पकष मजबत करन म हम सहायता कमलगी साथ ही कर दाताओ को भी इसम सहकलयत होगी कशलस टाजकशन वो चीज ह जो कजतना अकधक बढ़गा दश स भरषाचार की सभावना उतनी ही कम होगी काल धन को सजोन की कोकशश तो अब भी जारी ह हाथ पर तो अब भी मार जा रह ह कफर वह चाह रलव कटकट करवा कर ककया जाय अथवा ककसान करकडट काडटि का इसतमाल करक लककन इन सब गकतकवकधयो पर सरकार की परी नज़र ह सरकार न य कनणटिय कनकचित तौर पर इन सब पहलओ पर कवचार-कवमशटि करक ही कलया होगा अतः काला धन धारको का सरकार को चकमा दकर कनकलना मकशकल ह और कहना गलत नही होगा कक lsquoअबकी बार उनह मोदी सरकार क सामन डालन होग हकथयारrsquo

(लनखकया पतरकयारितया की छयातरया ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी आि जन कर रह सरकार का सिरथनकाला धन धारको ि िचा हड़कप

कमनषका मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

27

मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

28

प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 3: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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विमदरीकरण

कालधन पर करारी चोट

सकलनकरता

शिवानद दविवदी

डॉ शयामया परसयाद मकरजीशोध अवधषयान

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अनकरमणिका

नोटबदी क अररकक विरोध कर दश क भरोस खोर विपकष - हरषवधषन मरिपाठी खली पक कलकरो क कल धन की पोल सटग - मशवाननद मविवदी गरीबो-मजदरो क ललए लभकरी ह नोटबदी - अनत मवजय चर दशको क रजनीवरक सफर म हर अिसर पर विफल रह ह मनमोहन ससह

- मशवाननद मविवदी नकदी क जल स वनकलकर डिजजटल अरतावयिस की - आयर आनद वनकय चनि नोटबदी क वनरताय पर जनर की महर - मशवाननद मविवदी वनकय चनिो म भजप की इस बमपर जीर क बद रो नोटबदी क विरोध की

रजनीवर बद कर विपकषी - कशव झा खबरदर यह ईमनदरो की करर ह बईमन दर रह - मशवाननद मविवदी नोटबदी आम जन कर रह सरकर क समरतान कल धन धरको म मच हड़कप

- कमनषका मतवारी नोटबदी क डफजल विरोध कर खद को lsquoसडदगधrsquo बन रह विपकष - आदशष मतवारी नोटबदी क विरोध करन िलो स सिधन रहन की जररर - पषकर अवसी नोटबदी क वनरताय स इरन हलकन को ह विपकषी दल - पीयर मविवदी नोटबदी क वनरताय स खश ह जनर - अरमवनद जयमतलक नोटबदी कशलस अरतावयिस की ररफ बढ़र दश - सनीता मिशा नोटबदी पर जनसमरतान की सचक ह वनकय चनिो म भजप की जीर

- पीयर मविवदी परधनमती क सिलो क जिब द नोटबदी क विरोध कर रह विपकषी - लोकनदर मसह मोदी सरकर को अरतानीवर ससखन स पहल ज़र अपनी गगरबन म रो झक लीजजय

मनमोहन ससह जी - अरमवनद जयमतलक रषटर-वनमतार क आग वनजी सख-दःख क नही होर महतव - परणय किार ससद ठपप करन की नकरतमक रजनीवर स बज आय विपकषी दल

- आदशष मतवारी समय की मग ह नकदी रडहर अरतावयिस - पीयर मविवदी Tracing history of black money Past and present

- ANIRBAN GANGULY By-Poll Results End game anti-demonetization crusaders

- AJAY KASHYAP Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and

Unethical Oppose it - ANIRBAN GANGULY Demonetisation and the vanishing stone-pelters of Kashmir

- AJAY KASHYAP

68911

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करम स लख पज़

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आठ नवबर की शाम आठ बज परधानमती नरदर मोदी न राषट को सबोकधत ककया राषट क नाम अपन इस सबोधन म परधानमती न एक बड़ा और ऐकतहाकसक ऐलान करत हए पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन की घोषणा की कालधन क कखलाफ परधानमती दारा उठाया गया यह कदम भारतीय इकतहास म एक साहकसक एव ऐकतहाकसक कदम क रप म था जनकहत की कचता क अनसार कछ जररी छट क साथ यह फसला आठ नवबर स लाग कर कदया गया इस फसल क बाद दश म नोटबदी अथाटित कवमदरीकरण की इस कायटिवाही पर बड़ी बहस शर हो गयी कछ कवपकषी दल अचानक जनकहतषी बनन का ढोग करत हए नोटबदी क कखलाफ कवरोध म उतर गए हालाकक इस फसल को जनता का भरपर समथटिन कमलता कदख रहा ह नोटबदी क बाद दश क महाराषट गजरात और पजाब आकद राजयो म हए कनकाय चनावो म भाजपा को बड़ी कवजय कमली ह कजस नोटबदी पर जनता क महर क रप म दखा जा रहा ह चकक भाजपा-नीत क दर सरकार पहल कदन स कालधन को लकर सखत रही ह और गत ढाई वषषो सरकार दारा समय-समय पर ठोस कदम उठाए जात रह ह कालधन और भरषाचार क कखलाफ सरकार की परकतबदधता शर स ही कदखी ह और यह कायटिवाही उसी कदशा म एक बड़ी चोट की तरह ह

कवमदरीकरण क मद पर दश म खब बहस चली ह इस कवषय पर वचाररक वब पोटटिल नशनकलसट ऑनलाइन डॉट कॉम पर लखो की शरखला चलाई गयी ह इसक माधयम स नोटबदी स जड़ हर पहल की पड़ताल करन की कोकशश की गयी ह नोटबदी क मद पर नशनकलसट ऑनलाइन डॉट पर परकाकशत तमाम लखो को एक जगह सककलत करक एक ई-बकलट बनान की पहल डॉ शयामा परसाद मकजटी शोध अकधषान दारा की जा रही ह इस सकलन म कजतन भी लख कलए गए ह सभी लखो क कलए अकधषान लखको क परकत आभारी ह

डॉ अमनराषन गागली

निदशक डॉ शयामया परसयाद मकरजी शोध अनधषयाि

भमिका

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टबदी क बाद जनता क मन म एक भावना आसानी स दखी जा सकती ह कक परधानमती क इस फसल को वह हर तरह की परशानी क बाद भी काला धन रखन वालो और भरषाचाररयो

क कखलाफ दख रही ह और जनता की इस भावना न दरअसल दश क कवपकष क कलए कतार म लगी जनता स जयादा परशानी की जमात खड़ी कर दी ह कवपकष इस कदर परशान ह कक पकचिम बगाल की मखयमती ममता बनजटी परशानी क इस समय म बगाल की जनता को छोड़कर कदलली की आजादपर मडी म रली कर रही ह रली म उनक साथ आम आदमी पाटटी क नता और कदलली क मखयमती अरकवद कजरीवाल ह य ककतनी सही राजनीकत ह या खराब राजनीकत को सही साकबत करन की कोकशश य इसस भी समझ म आता ह कक कदलली क मखयमती क तौर पर अरकवद कजरीवाल न कदलली की परशान जनता की परशाकनयो को कम करन की कोई कोकशश नही की और ममता बनजटी तो इस मामल म और भी खराब राजनता साकबत होती कदख रही ह जब मखयमती क तौर पर ममता बनजटी को पकचिम बगाल की जनता को नोटबदी स होन वाल नफा-नकसान क बार म समझाना चाकहए था उनक जीवन की मकशकलो को आसान करन क रासत बतान चाकहए थ उस समय ममता बनजटी दश की राजधानी कदलली क आजादपर म रली कर रही थी ममता और कजरीवाल य कह रह थ कक कभी भी इसकी वजह स दश म दग हो सकत ह इतना ही नही उनहोन एक सयति कवपकष जसा माहौल बनान की कोकशश की मदा सही हो

तो य कोकशश सराही जानी चाकहए लककन यहा ऐसा कछ नही था

साफ ह कक ममता बनजटी अरकवद कजरीवाल समाजवादी पाटटी कागस आकद का य राजनीकतक कवरोध ह लककन बड़ा सवाल ह कक परी तरह स आकथटिक फसल को कया कवपकष परी तरह स राजनीकतक कवरोध की कसौटी पर कसकर जनता का कवशास जीत सकता ह इसका जवाब दश क दो राजयो क मखयमकतयो क वयवहार स आसानी स समझा सकता ह इन दो मखयमकतयो म स एक ह कवधानसभा चनाव क ठीक पहल बीजपी स अलग हए नीतीश कमार और दसर अभी बीजपी क साथ खड़ चदरबाब नायड नायड दककषण भारत म भाजपा क मजबत और महतवपणटि सहयोगी ह और नीतीश कमार उततर भारत म मोदी कवरोधी गठजोड़ क महतवपणटि नता लककन इन दोनो ही मखयमकतयो न कहनदसतान क इस सबस बड़ आकथटिक फसल पर आकथटिक नजररय स परकतककरया दकर राजनीकतक बढ़त भी हाकसल

कर ली ह कबहार क मखयमती नीतीश कमार परी तरह स इस फसल क साथ खड़ ह नीतीश कमार न कहा कक इसस काला धन भरषाचार पर रोक लगगी आधर परदश क मखयमती चदरबाब नायड न तो पहल ही परधानमती को कचटी कलखकर बड़ नोटो को खतम करन की माग की थी कजसस काल धन पर रोक लगाई जा सक नोटबदी क सरकार क फसल क कखलाफ कवपकष को तकषो क साथ आना चाकहए था लककन हआ कया हआ य कक दरअसल कवपकष क पास सरकार क नोटबदी क फसल क कवपकष म कोई सटीक तकटि नही ह यहा तक कक कतार म लगी जनता न भी जब अरकवद कजरीवाल जस आदोलनकपरय और आरोप उछालकर राजनीकत करन वाल नताओ को भगाना शर ककया तो भी इनह समझ नही आया कक जनता कया चाहती ह य समझना इसकलए भी जररी ह कयोकक राजनीकत क अकतम पररणाम क तौर पर नता जनता को अपन पकष म चाहता ह य बात कवपकष क नता नही समझ सक और कतकटि की तरफ बढ़ चल उसस भी बात नही बनी तो साकजश क कसदधानत पर बाखबी काम ककया गया उदाहरण क तौर पर भारतीय जनता पाटटी की बगाल इकाई क खात म दो ककसतो म एक करोड़ रपय जमा करन की बात परचाररत की गई कजसस साकबत ककया जा सक कक नोटबदी की खबर पहल ही लीक कर दी गई थी दसरा साकजशी कसदधानत आया कजसम भारतीय जनता पाटटी की उततर परदश इकाई क अधयकष कशव परसाद मौयटि की बटी को 2000 क नोटो की गडकडयो क साथ कदखाया गया वो खबर परी तरह स गलत कनकली मौयटि न बताया कक उनक कोई बटी ह ही नही य कछ उदाहरण भर ह और य उदाहरण साकबत करत ह कक दरअसल कवपकष क पास इस मामल कवरोध क कलए कोई सही तकटि तथय ह ही नही ऐसा नही ह कक कवपकष को राजनीकत क कलए मौका नही कमल सकता था लककन दो बात थी पहली य कक कतारो म खड़ लोगो को नरदर मोदी क ककए पर भरोसा ह और दसरा य कक कवपकष क नताओ की कवशसनीयता और मशा सदह क दायर म आती रही इस कदर कक कदलली क लकमीनगर इलाक म अरकवद कजरीवाल आम आदमी पाटटी क कायटिकताटिओ क साथ लोगो का हाल जानन पहच तो लोगो न उनही क कखलाफ नार लगान शर कर कदए य सब उसक बावजद हो रहा था जब मीकडया क बड़ चहर य साकबत करन पर तल हए थ कक लोग बरी तरह स परशान ह ककसी भी हाल म दश म 8 नवबर क 8 बज क बाद स हए हर हादस दघटिटना को

अतारककि क विरोध कर दश काभरोसा खोता विपकष

हरषवधषन मरिपाठी

नो

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नोटबदी स जोड़न की कवायद म कसफटि कवपकषी नता ही शाकमल नही थ बड़ पतकार लखक क तौर पर समाज म पहचान जान वाल लोग सरकार क फसल क कखलाफ कछ भी करन को उतार ह दरअसल य कछ भी करन पर उतार जमात म बहतायत लोग वही ह जो ककसी भी हाल म नरदर मोदी को परधानमती की कसटी पर दखन को तयार नही थ और नही थ वाली मानकसकता अभी भी जड़ अवसथा म ह इसका अदत उदाहरण दखन को कमलता ह कक करीब 150 ऐस ही बड़ बकदधजीकवयो न परधानमती को कचटी कलखकर इस फसल को वापस लन की माग की ह बकदधजीकवयो की कचटी ह इसकलए परी तरह स उसम कचनता आम आदमी क कषो की ही की गई ह लककन कमाल की बात य भी ह कक नोटबदी स आम आदमी को होन वाल कषो की कचनता करन वाल जयादातर वही लोग ह कजनहोन असकहषणता को इस दश का वतटिमान चररत बता दन की कोकशश की और दश स कमल सममानो को वापस कर कदया था दश म बकदधजीवी लखक क तौर पर सममान पान वाल ढरो लोग भी जब इस आकथटिक फसल पर राजनीकतक तरीक स परकतककरया दत ह तो सदह होता ह कक कया मोदी कवरोध क नाम पर सरकार क हर फसल का कवरोध करक जनता को गमराह करन की कोकशश उनका मानस बदलन की कोकशश कहा तक सही ह कमाल दकखए कक जान मान पतकार शखर गपा रपय की कमजोरी पर य सवाल पछत ह कक कया दश म ररजवटि बक गवनटिर ह कया रपय का डॉलर क मकाबल कमजोर होना दश क उदोगो क कलए ठीक ह इसक कलए कछ करन की जररत भी शखर बतात ह 16 नवबर को ककया गया शखर गपा का य टवीट इतना कनददोष नही ह दरअसल शखर कवमदरीकरण क इस समय म रपय क कगरत भाव को जोड़न की कोकशश करत कदखत ह जबकक सचचाई य ह कक रपय की

कमजोरी नही हई ह डॉलर की मजबती हई ह डोनालड टप का राषटपकत बनना इसकी बड़ी वजह बताया जा रहा ह इसी तरह की एक कोकशश हई जब सटट बक ऑफ इकडया क सात हजार करोड़ रपय स जयादा क कजटि को बट खात म डालन की खबर को मालया की कजटि माफी क तौर पर कपरचाररत ककया गया जबकक सच य ह कक नरदर मोदी की सरकार क ढाई साल क कायटिकाल म मालया और दसर कडफॉलटर स कजटि वसली की परककरया कजतनी तजी स परी करन की कोकशश हई वसी कोकशश कभी नही हई बकलक कपछली सरकार क समय म ही जयादातर सरकारी बको न बड़ कजटि कदए और कॉपदोरट स उनकी वसली नही हो सकी सचचाई यही ह कक आकथटिक मामलो पर नरदर मोदी की सरकार बहत ही चरणबदध तरीक स चल रही ह कजसम सरकार आन क बाद सबस पहल काला धन बनन स रोकन की कोकशश शर हई उसक बाद बनामी सपकतत पर रोक लगान कोकशश लोगो को अपना काला धन बताकर उस बककग कससटम म वापस लान की कोकशश य सब बहत चरणबदध तरीक थ इसी बीच म सरकार न बको का एनपीए खतम करन और बको की कसथकत मजबत करन क कलए पवटि सीएजी कवनोद राय की अगवाई म बक बोडटि बयरो बना कदया सबस बड़ी बात कक इन सार कदमो क साथ नरदर मोदी जनता को य भरोसा कदलान म कामयाब रह ह कक य फसला परी तरह स आम जनता क कहत म ह

(लखक वरिष पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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भाजपानीत क दर सरकार दारा कालाधन पर रोक लगान की कदशा म बड़ा कदम उठात हए पाच सौ एव एक हजार क नोट बद ककए जान और नए नोट जारी ककए जान क बाद स ही कालाधन

का मदा एकबार कफर कवमशटि और चचाटि क क दर म आ गया ह सरकार की तरफ स एव आम चचाटि म भी यह बात सामन आती रही ह कक कालाधन का नटवकटि महज दश क अदर ही नही बकलक सीमापार तक फला हआ ह हाल म ही एक टीवी समाचार चनल क कसटग ऑपरशन म पाककसतानी कसनमा कलाकारो को लकर बड़ा खलासा सामन आया ह कसटग क मताकबक़ पाककसतान क तमाम कसनमा कलाकार जो भारत म काम करत ह अपन भगतान का एक ठीक-ठाक कहससा कश म लन की माग करत ह हाल ही म उड़ी हमल क बाद पाककसतानी कलाकारो पर परकतबनध को लकर भी खब गरमा-गरम बहस हो चकी ह कसटग क अनसार पाककसतानी कलाकार फवाद खान मवारा होकन और इमरान अबबास जस कलाकार अपनी फीस का ठीक-ठाक कहससा कश म लन की माग करत ह कसटग क अनसार पाककसतानी कलाकार फवाद खान एक शादी समारोह म शाकमल होन क कलए पचास लाख की फीस का पचीस फीसद रकम अपन यएई क खात म जमा करान की शतटि अपन मनजर क माधयम स रख रह ह यानी अगर इस कसटग को सही मान तो यह फवाद खान का टकस चोरी वाया यएइ कनकशन नजर आता ह बॉलीवड म कई कफलम कर चकी मावरा होकन क मनजर न उनकी कल फीस का बड़ा कहससा उनक आसटकलया वाल खात म जमा करन की माग रखी कछ इसी तरह टकस और रकम कछपान क हथकड इमरान अबबास भी आजमात नजर आ रह ह इस कसटग क बाद एक बहस कफर चली ह कक कया वाकई सीमापार क लोग भारत म काम करक धन कमात ह लककन भारत सरकार को कर नही दत बकलक वो पसा बाहरी दशो क खातो म जमा करवा दत ह चकक यह महज चद कसनमा कलाकारो तक का मामला नही ह बकलक यह टकस चोरी क साथ-साथ भारत सरकार क साथ धोखाधड़ी करन का भी मामला ह सममानजनक ढग स भारत म काम कर रह पाककसतानी कलाकार यकद भारत सरकार क साथ इस सतर पर छलावा एव धोखाधड़ी करत नजर आ रह ह तो अदाजा लगाया जा सकता ह कक सीमापार स भारत क कखलाफ काम कर रही ताकत ककस सतर पर दश को नकसान पहचा रही होगी उनका अवध कारोबार इस दश म ककस सतर पर चल रहा होगा य तमाम सवाल हम न

कसफटि चौकात ह बकलक भारत कवरोधी ताकतो क खतरो स आगाह भी करत ह यह बात लमब समय स उठती रही ह कक भारत म कालधन क इस कारोबार म तसकरी अवध हकथयारो का कारोबार डरगस का कारोबार सकहत तमाम आपराकधक गकतकवकधया शाकमल ह इनम स अकधकतर ऐसी गकतकवकधया ह जहा भारत क बाहर स भारत कवरोधी ताकतो का पसा अलग-अलग माधयमो स लगा हआ ह कलहाजा इन पर पाबदी लगना कनहायत ही आवशयक ह टकस चोरी क अलावा भी इसक बड़ खतर ह हम इस बात का अदाजा नही ह कक सावटिजकनक सतर पर काननी ढग स काम करन वाल पाककसतानी कलाकार जब इतनी सहजता स दश की सरकार को धोखा द सकत ह तो दश की सरकषा क कखलाफ काम कर रह आतकी सगठन ककस सतर पर सककरय होग लककन कालधन की समसया स मकति और नगदी म चल रह काल वयापार पर लगाम की कदशा म परधानमती नरदर मोदी क नतरतव वाली क दर सरकार न जो ठोस कदम उठाया ह वो आजादी क बाद इस समसया क सनदभटि म उठाया गया न कवल एक ऐकतहाकसक कदम ह बकलक साहकसक भी ह इसस दश क अनदर चल रहा नकदी का अवध कारोबार एक झटक म कागज क रदी टकड़ो की तरह बमतलब हो गया ह नकसकलयो क नटवकटि को तगड़ा झटका लगा ह अलगाववादी ताकत पसत हो गयी ह राजनीकत म धनबल वाल लोग कनधटिन-कनबटिल हो चक ह रही बात कतारो की तो यह दश सततर वषषो स कतार म ही था गरीबी असमानता अथटिवयवसथा स दर एक कतार थी जो आम लोगो की थी आज उस कतार म आम और ख़ास हर कोई खड़ा ह इस कतार म वही चलगा जो इमानदारी स धन कमाएगा इस कतार म आन स वह लोग डर रह ह जो बईमानी स पसा कमाए ह यह इमानदारी क कलए इमानदारो की कतार ह चनल दारा कदखाए कसटग ओपरशन को महज चद कलाकारो तक सीकमकत करक दखन की बजाय इसक बड़ खतर को भी दखना होगा आज अगर सरकार बहद सखत ह तो वह इनही बड़ खतरो स दश को बचान क कलए सखत ह सरकार कोई ऐसा रासता नही छोड़ना चाहती जहा स कश का काला वयापार करन वाल लोग बच कनकल इस महीम म दश की इमानदार जनता एक कतार म सरकार क साथ ह और यह वह कतार ह जहा आन की कहममत कोई बईमान कर ही नही सकता ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खली पाक कलाकारो क काल धन की पोलसटिग ऑपरशन ि हए बनकाब

मशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न नोटबदी क फसल को लाग करक बड़ा ररसक कलया ह जो अगर वो नही भी लत तो कोई फकटि नही पड़ता और उनकी राजनीकत कनबाटिध गकत स चलती रहती

नोटबदी क पहल हो रह तमाम सवव क नतीज यह बता रह थ कक मोदी सबस लोककपरय नता ह बावजद य जोकखम उठाना इस बात का सकत दता ह कक नरनदर मोदी दश क कलए कछ बड़ा करन की कदशा म कदम उठा चक ह हलाकक राजयसभा म नोटबदी पर चचाटि म हसतकषप करत हए पवटि परधानमती मनमोहन कसह न कहा कक सरकार क इस कदम स जीडीपी पर कनगकटव असर पड़गा उनक अनमान क मताकबक नोटबदी स इसम दो फीसदी की कगरावट दजटि की जा सकती ह दरअसल इस पर मसल पर कवपकष को कवरोध की जमीन ही समझ म नही आ रही ह पहल ककसानो को लकर सरकार पर हमल लककन नबाडटि की पहल स ककसानो की मदद क कलए उठाए कदम न कवपकष क इन आरोपो को भी शात कर कदया इसक पहल कछ उलजलल आरोप लग कक परधानमती न अपन इस फसल क पहल राजनीकतक लोगो स कवमशटि नही ककया और अफसरो की सलाह पर य फसला ल कलया राजयसभा म तो समाजवादी पाटटी क नता नरश अगवाल न चटकी लत हए परधानमती की मौजदगी म य कह कदया कक कवतत मती अरण जटली को भी इस फसल की जानकारी नही थी दरअसल इस तरह क फसलो म जो गोपनीयता बरती जाती ह उसकी जानकारी कवपकषी नताओ को शायद नही हो 1991 म जब आकथटिक उदारीकरण का दौर शर हआ था तब उस वति क कवतत मती मनमोहन कसह भारतीय मदरा का अवमलयन करना चाहत थ इसक पहल इकदरा गाधी न 1966 म मदरा का अवमलयन ककया था जो कक सततावन फीसदी स थोड़ा जयादा था जब मनमोहन क मदरा अवमलयन क इराद का पता चला तो वामपथी बकदधजीकवयो न इसका कवरोध शर ककया लककन मनमोहन कसह इस फसल पर अकडग थ उनहोन उस वति क परधानमती नरकसह राव स कमलकर अनरोध ककया कक इस फसल की जानकारी ककबनट क मकतयो को भी नही दी जाए राव न मनमोहन कसह की सलाह मान ली उस वति मनमोहन कसह न फसला ककया था कक मदरा का अवमलयन दो चरणो म ककया जाएगा 1 जलाई 1991 को रपए का अवमलयन कर कदया गया कवपकष समत तमाम वामपथी बकदधजीकवयो न इसका कवरोध ककया कागस क नताओ को भी इस फसल क बचाव म कदककत आ रही थी सीपीएम न उस वति इसको एक खतरनाक कदम बताया था लककन असली कहानी तो तब हई जब मनमोहन कसह न एक ही कदन बाद याकन तीन जलाई को रपए का और जयादा अवमलयन करन का फसला कलया दोनो कमलाकर य बीस

फीसदी तक पहच रहा था जब राव तक य बात पहची तो वो घबरा गए और उनहोन मनमोहन कसह स इसको रोकन का आदश कदया लककन तबतक दर हो चकी थी जब मनमोहन कसह न ररजवटि बक क कडपटी गवनटिर सी रगराजन को फोन कर इस आदश का एलान रोकन क कलए कहा तो उनका जवाब आया कक वो तो इस फसल को सावटिजकनक कर चक ह मनमोहन कसह सनन उनहोन राव को य बात बताई और कफर इसतीफ की पशकश की लककन राव न अपन कवतत मती का पकष कलया और उस फसल क साथ हो कलए य परा वाकया बतान का मतलब कसफटि इतना ह कक हमार दश म इस तरह क कराकतकारी आकथटिक फसल पहल भी गोपनीय तरीक कलए जात रह ह उसका उदशय भी तभी परा होगा जबकक इसको गोपनीय रखा जाएगा गोपनीयता बरत जान की कबनाह पर ककसी भी सरकार को घरना उकचत नही होता ह मौजदा कवतत मती अरण जटली न भी इस बात को माना ह कक इस फसल की जानकारी नीड ट नो बकसस पर उन सभी लोगो को थी कजनको होनी चाकहए थी परधानमती मोदी न तो चद घट पहल अपन ककबनट को इस फसल क बार म बता भी कदया था मनमोहन कसह न तो मदरा क अवमलयन क फसल क बार म ककसी को नही बताया था और अपन परधानमती क सामन य चाहत भी रखी थी कक ककबनट को इस फसल की जानकारी ना दी जाए कजसको राव न माना भी था अब अगर हम कवपकष क तकषो को दख तो वो बचकाना नजर आत ह इस तरह की खबर अवशय आ रही ह कक नोटबदी स जनता को कदककत हो रही ह लककन जनता इन कदककतो को सहन क कलए तयार ह और अब धीर-धीर कदककत कम हो रही ह अभी कबहार क दो शहरो क लोगो स बात हई ह तो वहा स य जानकारी कमल रही ह कक बको म कतार कम हो गई ह अब दसरी बात य उठाई जा रही ह कक इसस अथटिवयवसथा पर बरा असर पड़गा सभव ह कक बड़ अथटिशाकरियो क अपन तकटि हो लककन सरकार भी इस आसनन खतर स कनबटन को लकर सतकटि नजर आ रही ह जनवरी स माचटि की कतमाही म इसका असर कवकास दर पर पड़ सकता ह लककन उसक अगली कतमाही स हालात बहतर हो सकत ह अगर इस फसल स नकदी स होनवाला कारोबार बको क माधयम स होता ह तो गरीबो का भी भला होगा नकदी पर काम करनवाल फकटी मजदरो को माकलको को पीएफ और ईएसाई का लाभ दना होगा इसस मजदरो को भकवषय क कलए जमा राकश भी कमलगी और कचककतसा सकवधा का भी लाभ होगा

(लखक वररष पतकार ह य उनक कनजी कवचार ह)

गरीबो-िजदरो क ललए लाभकारी ह नोटबदीअनत मवजय

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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हाल ही म पजाब की राजधानी चडीगढ़ म कनकाय चनावो क पररणाम आय इन चनावो म जनता न भाजपा को ऐकतहाकसक रप स कवजयी बनाया ह चडीगढ़ कनकाय क कल 26 वाडषो म

स 22 वाडषो म भाजपा न अपन उममीदवार उतार थ कजनम स 20 म उस जोरदार जीत हाकसल हई ह भाजपा की सहयोगी कशरोमकण अकाली दल को कसफटि एक सीट हाथ लगी वही कपछली बार क चनावो म ११ सीट जीतन वाली कागस को महज़ चार सीटो स सतोष करना पड़ा इसस पहल महाराषट और गजरात क कनकाय चनावो म भी भाजपा न बड़ी जीत हाकसल की थी लककन चडीगढ़ कनकाय चनावो की य जीत उन सबस भी अकधक शानदार रही ह साथ ही इन सब कनकाय चनावो स पहल मधय परदश असम अरणाचल परदश आकद राजयो म खाली हई लोकसभा और कवधानसभा सीटो पर भी उपचनाव हए थ उनम भी जयादातर सीटो पर भाजपा को जनता न कवजयी बनाया था यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सब चनावो की सबस कवशष बात य रही ह कक यह सब नोटबदी क उस कनणटिय क बाद हए ह कजसक कवरोध म परा का परा कवपकषी खमा एक सर म लामबद हआ पड़ा ह और कजसक कवरोध क नाम पर कवपकषी खम न ससद क शीतकालीन सत को अपन हगाम की भट चढ़ा कदया अब इन चनाव पररणामो क बाद कवपकष क कवरोध की कलई भी परी तरह स खल

चकी ह कक नोटबदी क कारण जनता की कजस ककथत पीड़ा और आकरोश का गान करत हए य भाजपा सरकार को कबना मतलब ही भरपर कोस रह ह वो जनता हर सतर पर चनाव म इनह लगातार खाररज़ और सतताधारी दल को सवीकार रही ह इसका एक अथटि यह भी ह कक जनता नोटबदी क कनणटिय स कबलकल भी नाराज़ नही ह बकलक इसका बमतलब कवरोध करन वालो स उस अकधक नाराजगी हो रही ह अब तकटि यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सबक बाद एक बार क कलय अगर मान ल कक इन कनकाय चनावो म नोटबदी कोई मदा नही रहा तो भी कवपकष की जो ददटिशा इनम हई ह वो कया कम हो जाती ह अचछी बात होगी कक कवपकषी खमा अब भी वासतकवकता को समझ कक सरकार क परकत अधकवरोधी रख और जनता की नबज़ को पकड़ पान म उसकी नाकामयाबी क कारण उसका जनाधार अब धीर-धीर समाप होता जा रहा ह यह कवपकष क कलय चतन का समय ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि)

चडीगढ़ रनकाय चनाि भाजपा की चली आधी जनता न मदखाया विपकषी दलो को आईना

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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चार दशको क राजनीवतक सफर ि हर अिसर पर विफल रह ह िनिोहन ससिह

मशवाननद मविवदी

एक पतकार वाताटि (जनवरी 2014) म डॉ मनमोहन कसह न कहा था कक मरा मलयाकन इकतहास करगा इसम कोई शक नही कक चार दशक तक ककसी एक राजनीकतक दल क साथ परी

वफादारी और राजनीकतक कनषा स सरकार म शीषटि पदो पर काम करन वाल वयकति का मलयाकन होना सवाभाकवक ह इसम कोई शक नही कक सवतत भारत क इकतहास म डॉ मनमोहन कसह उन चद लोगो म स एक ह कजनह इकतहास न सवाटिकधक अवसर कदया ह कवमदरीकरण क मद पर जब डॉ मनमोहन कसह राजयसभा म क दर सरकार को घरत हए कागस का पकष रख रह थ तो म उनक भाषण को बहत धयान स सन रहा था कवमदरीकरण को लकर उनहोन एक वाकय कहा lsquoयह सगकठत लट हrsquo डॉ मनमोहन कसह न इसक तमाम नकसान कगनवाए उनक भाषण म कर कष की कचता थी जीडीपी की कचता थी गामीण सहकारी बको म होन वाली समसयाओ की कचता थी गरीबो की कचता थी और दरगामी पररणामो म लगन वाल वति की कचता थी साथ ही उनहोन कछ रचनातमक परसताव क साथ आन की सलाह दत हए सरकार की आलोचना भी की डॉ मनमोहन कसह आज उस मकाम पर ह कक जब वो सदन म बोल रह थ तो यह समझना मकशकल था कक राजयसभा क फलोर स एक पवटि आकथटिक सलाहकार बोल रहा ह या एक ररजवटि बक का पवटि गवनटिर बोल रहा ह यह समझ पाना कबलकल आसान नही था कक दश की जनता एक पवटि कवतत सकचव को सन रही ह अथवा पवटि कवतत मती को सन रही ह एक आम भरम लोगो म मन म जरर बठा होगा कक व एक पवटि परधानमती को सन रह ह अथवा एक कागस क सासद को सन रह ह लोग तो यह भी जानना चाहत होग कक राजयसभा स ककसी पाटटी का एक राजनता बोल रहा ह अथवा एक अथटिशारिी बोल रहा ह वो कया-कया रह ह ककस-ककस भकमका म रह ह वतटिमान म वो कया ह और ककस भकमका म ह उनका दाकयतव कया ह और उनकी जवाबदही कया ह इन सवालो स उनक समथटिक कचढ़त नजर आत ह डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन करन स पहल उनक सावटिजकनक दाकयतवो पर एक सककषप नजर अवशय डालनी चाकहए एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क

आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह भारत सरकार की वबसाईट (pmindiagovin) पर कदए पररचय को अगर सही मान तो वषटि 1957 म अथटिशारि म परासनातक की कडगी लन वाल डॉ मनमोहन कसह ऑकसफ़ोडटि कवकव क नकफलड कॉलज स डी कफल ह अपन कररयर की शरआत एक कशकषक क रप म करन वाल डॉ मनमोहन कसह 1971 म वाकणजय मतालय म आकथटिक सलाहकार की भकमका म आए महज एक साल म उनको कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार का दाकयतव कमल गया तब दश इकदरा गाधी की सरकार थी जब डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार थ तब परणब मखजटी भारत सरकार म मती बन चक थ यही वो दौर था जब बको का राषटीयकरण हो रहा था इस दौरान डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय क सकचव योजना आयोग क उपाधयकष और ररजवटि बक क मकखया भी रह ररजवटि बक का गवनटिर तो सभवत उनह कवतत मती रहत परणब मखजटी न ही बनाया था उनक दाकयतवो स यह अदाजा लगता ह आकथटिक मामलो म डॉ मनमोहन कसह इकदरा गाधी क अकत कवशासपात अथवा वफादार लोगो म स थ 1991-96 म डॉ मनमोहन कसह दश क कवततमती बन हालाकक कहा जाता ह कक कवततमती क तौर डॉ मनमोहन कसह ततकालीन परधानमती पीवी नरकसमहा राव की पहली पसद नही थ कफर 2004 म सपरग-1 म परधानमती बन और दस साल तक दश क परधानमती रह यहा पररचय दन का मकसद यह था कक एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह वषटि 2014 तक दश क 42 फीसद स जयादा आबादी की पहच बक तक नही थी याकन उनक पास बक खात तक नही थ आकखर डॉ मनमोहन कसह आकथटिक सलाहकार स लगाए चार दशक तक अथटिवयवसथा स जड़

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महतवपणटि पदो पर लगातार रहत हए परधानमती तक क ताकतवर पद तक पहचन क बावजद कयो य नही परा कर पाए बको क राषटीयकरण क दौरान ही सरकार म आकथटिक सलाहकार क तौर पर जड़न वाल डॉ मनमोहन कसह की कवफलता की कहानी यही ह कक चार दशक बाद 2004 म परधानमती बनन क बावजद वो इस दश की आम जनता को मखयधारा की बककग अथटिवयवसथा स जोड़ पान म नाकाम साकबत हए राजयसभा म बोलत हए डॉ मनमोहन कसह न जीडीपी कवकास दर म 2 फीसद की कगरावट का अदशा जताया लककन जीडीपी कवकास दर क सवाल पर वो यह बताना कयो नही मनाकसब समझ कक उनक दस साल क कायटिकाल म जीडीपी लगातार ककन वजहो स अकसथर रही थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क दौरान दश की जीडीपी कवकास दर लगभग 84 फीसद तक पहच गई थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क बाद डॉ मनमोहन कसह की ततकालीन गकठत सरकार को जीडीपी दर कवरासत स ठीक-ठाक कमली लककन डॉ मनमोहन कसह क नतरतव म दस साल सरकार चलन क बाद जब वषटि 2014 म एकबार कफर भाजपा-नीत सरकार नरदर मोदी क नतरतव म बनी तो डॉ मनमोहन कसह स मोदी को 474 (2013 की जीडीपी कवकास दर) फीसद जीडीपी कवकास दर कमली आज भारत की कवकास दर 73 फीसद क आसपास ह लककन मनमोहन कसह जीडीपी को लकर बहद कचकतत नजर आ रह ह यह कचता हासयासपद बवजह एव कनराशाजनक ह जब जीडीपी पर बात चल रही हो तो सवाल मोदी स नही डॉ मनमोहन कसह स होना चाकहए कक आज कजस जीडीपी का आप कहसाब और आकलन कर रह ह उस आप ढाई साल पहल परधानमती रहत छोड़कर ककस हाल म गए थ कागस न डॉ मनमोहन कसह को सारी आलोचनाओ स पर साकबत करन की अनक कोकशश की ह दश इस भरम म नही रहन वाला कक डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन एक अथटिशारिी क तौर पर कर अथवा एक परशासक परधानमती क तौर पर चकक दोनो ही मोचषो पर जब-जब डॉ मनमोहन कसह को

ताकतवर पद कमला ह व नाकाम साकबत हए ह बतौर परधानमती उनहोन एक भरष और लटतत वाली सरकार दी ह कजसक मकतयो को लट एव भरषाचार क गभीर आरोपो म जल तक जाना पड़ा ह डॉ मनमोहन कसह एक बहद कमजोर परशासक इसकलए भी ह कक कोयला मतालय उनक अतगटित रहत हए उसी कवभाग म हए घोटालो को रोक पान म व बरी तरह नाकाम साकबत हए आज राजयसभा स जब व lsquoसगकठत लटrsquo का जमला फ क रह थ तो यह इकतहास उनही को आईना कदखा रहा था एक और कबद ह कजसको लकर कागस उनका मकहमा मडन करती ह भारत म उदारीकरण क जनक क रप म कजस ढग स डॉ मनमोहन कसह की छकव को कागस पश करती ह वो महज एक छलावा ह उदारीकरण को लकर हम यह समझना होगा कक बतौर राजनीकतक दल कागस अथवा बतौर अथटिशारिी डॉ मनमोहन कसह म स कोई भी कभी उदारीकरण का कहमायती नही रहा ह उदारीकरण न तो कागस की नीकत रही ह और न ही डॉ मनमोहन कसह का कभी कवजन रहा ह भारत म उदारीकरण आकथटिक तगी की मज़बरी की दन स जयादा कछ भी नही ह आपक पास जब कछ नही बचा तो आप मज़बरी म उदारीकरण को सवीकार ककए जबकक इसक पहल कागस की आकथटिक नीकतयो म समाजवादी वयवसथा की परबलता थी पकडत दीन दयाल उपाधयाय अनक बार सावटिजकनक कषतो क कवसतार पर कागस की सरकारो की आलोचना करत रह थ अब मज़बरी म आए उदारीकरण को मनमोहन कसह की आकथटिक दरदकष क रप म पश करक कागस दश को गमराह नही कर सकती उदारीकरण दश म उतपनन कवकट पररकसथकतयो की दन थी न कक मनमोहन कसह क आकथटिक कवजन की डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन जब इकतहास करगा तो दो बात कनकल कर आएगी पहली बात कक चार दशक स जयादा एक ख़ास राजनीकतक परकषभकम म लगातार महतवपणटि एव कनणाटियक पदो पर रहन वाल भारत क चद लोगो म स एक डॉ मनमोहन कसह ह दसरी बात यह कनकल कर आएगी कक डॉ मनमोहन कसह अवसरो क नायक रह ह इनकी न अपनी कोई नीकत रही ह न कनणटिय रहा ह और न ही य ककसी बदलाव क मौकलक कनमाटिता रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम क सपयादक ह)

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लखक अकमष कतपाठी की तीन खणडो म कशव की एक कालपकनक कहानी ह जो सोमरस नामक अमरता दन वाल दरवय की कथा ह यह एक अमरत था परनत इस अमरत क दषपरभाव भी थ

कजसको वहा क राजा दकष परजा स छपा रह थ कजस तरह समदर मथन म अमरत क साथ कवष भी कनकला उसी तरह इस अमरत की कनमाटिण परककरया म इसक साथ-साथ कवष भी बनता था इस कहानी म जो सबस महतवपणटि ह वो यह कक शरआत म जो चीज समाज क कलए अमरत थी वही इसक जयादा उपयोग स धीर धीर सवतः कवष म पररवकतटित हो गयी ततकालीन सामाकजक वयवसथा म हर समसया का मल बन गयी और चकक इस सोमरस क परकत सवाथटि इतना गहरा हो चका था कक कबना इस परकतबकधत ककय कोई उपाय नही रहा धमटि यदध हआ और इस कवदा को उपनयास क अत म हमशा क कलए कछ अपवादो को छोड़कर ख़तम कर कदया गया अब इस कहानी को हम वतटिमान अथटिवयवसथा क पररपकय म दखत ह तो कया नकद हमारी अथटिवयवसथा का सोमरस ह कया सोमरस की तरह नकद भी धीर-धीर ककसी वयवसथा क कलए अकभशाप बन सकती ह कया नकद अपन सार फायद क बावजद इतना जहरीला हो सकता ह कक राषटीय अथटिवयवसथा खोखली होन लग इन सार परशो क मल म अगर हम इस वयवसथा क इकतहास म जाए तो पाएग कक भौकतक मदरा एक बहत ही परानी एव मधयकालीन परपरा ह व समय क साथ-साथ इस कफकजकल करसी क साथ-साथ अनक कवष-बल कलपट चक ह भौकतक मदरा क साथ जो सबस बड़ी समसया आज पश आ रही ह वो ह इसक परकत आशकति तथा कर चोरी हत सरकार की नज़र स इस छपा कर रखना इस कारण अथटिवयवसथा म उन कछप हए नोटो का क़ाननी हसतानतरण म परयोग बद हो जाता ह और य धन जस सरकार की नज़रो स गायब हो जात ह उस धन का परयोग होता ह पर वहा कजस धध को सरकार या समाज गर क़ाननी मानत ह और य छपा हआ धन अपनी एक खद की अथटिवयवसथा बना लती ह कजसका कवकास सवतः होन लगता ह यह सामानातर अथटिवयवसथा नकद पर कनभटिर हो जाती ह जहा न कोई टकस दना होता ह न ही समाज क परकत ककसी उततरदाकयतव को कनभाना होता ह आज हमार समाज म कजतनी भी कवसगकतया कदखाई दगी उनक जड़ म यही काला धन ह जो कक कछ नही बकलक सरकार की नज़र स छपाकर कलया गया नकद ह या उसक दारा खरीदी गयी पररसपकततया ह इसी कालधन रपी नकद की जड़ स समसत बराइयो को खराक कमलती ह

या उनकी अथटिवयवसथा चलायमान रहती ह चाह वो नशीली दवाओ का कारोबार हो आतकवाद की फकडग हो हवाला कारोबार हो चनावो म लग रहा धनबल हो चाइलड टकफककग हो या अनय अपराध हो या उनह करवान क कलए ककया जा रहा जाली नोटो का इसतमाल हो इन सबकी बकनयाद इसी नकदी पर कटकी होती ह कामरड सीताराम यचरी न अपन फसबक पोसट म कलखा ह कक यह काला धन भारत की अथटिवयवसथा का 06 ह एव इसका लगभग 0025 नकली नोट ह अब अगर हम भारत की कवशाल अथटिवयवसथा को दख तो य रकम बहत जयादा ह य वही सोमरस ह जो अब कवष बन चका ह एव कजसका उपयोग हमार समाज को कनरतर कमजोर कर रहा ह इस कवषबल को काटन का कोई भी साहसी फसला मकशकल हो सकता ह परनत गलत कभी नही इस नकद क लोभ म हर वयकति भल चका ह कक लकमी चचला ह य जब तक एक हाथ स दसर हाथ जाती रहती ह तभी तक आकथटिक कवकास होता ह एव इसी कवकास का एक कहससा कर क रप म समाज वयवसथा को जाता ह वतटिमान सरकार क 500 एव 1000 क बड़ नोटो जो कक बाज़ार म उपलबध नकद का 86 ह को वापस लन क फसल न उन सार नोटो को अपन मलय को बरक़रार रखन हत बको म आन को कववश कर कदया ह अब चाह काला हो या उजला अपन वजद क कलए उनह सरकार की नज़र म आना ही होगा वरना उस मलय क छप नोट को सरकार सवतः उपयोग म ला लगी बहत स परश उठ रह ह कक कया नए नोट स कफर स काला धन नही बनगा दरअसल सरकार न काल धन क कनमाटिण व परवाह को रोकन क कलए पहल स ही कई कदम उठाए ह और अब जब यह कनणटिय कलया गया ह तो इसक बाद कफर नया काला धन न पनप इसक कलए सरकार कनकचित तौर पर कछ न कछ तयारी करक ही चल रही होगी

बहरहाल एक बात तो कनकचित ह कक सरकार का यह कदम अब तक सगकहत कवषबल रपी नोटो को तो वयथटि कर ही दगा जब तक कक व एकबार वापस सरकार की आखो स न गजर और सरकार की नज़र हर उस वयकति पर होगी जो यह काम कर रहा ह आय क जात सोतो स जयादा लोग जमा करन स बचग कजस भी ककसी खात म असामानय गकतकवकध होगी वो पकड़ म आ जायग अब यह सवटिकवकदत ह कक कश वयवसथा परातन एव समाज की बदली आवशयकताओ को पणटि करन म अकषम हो चकी ह

नकदी क जाल स रनकलकर रडसजटल अरथवयिसा की तरफ बढ़न का सिय

आयर आनद

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अब बड़ लनदन कश म करना न सकवधाजनक ह न ही फायदमद तो अब समय आ गया ह कक हम इस कश क जाल म फसी अथटिवयवसथा को यहा स बाहर कनकाल यह कबलकल ही मफीद समय ह जब हम राजय क मौकदरक वचन को नोट क रप म मानन क बजाय कडकजटल एव पलाकसटक वचन को जयादा वजन द य न कवल यगानकल ह बकलक सलभ ससता एव कश क साइड इफ़कट स कबलकल मति ह ककसी भी कवकास कर रही अथटिवयवसथा को अनततोगतवा जाना वही ह हम भारत म कल कवततीय लनदन का लगभग 60 नकद म करत ह कजस हम घटा कर 20 क नीच लाना होगा अगर हम अपनी अथटिवयवसथा अनय राषटो की तलना म साफ़ सथरी एव मजबत बनाना चाहत ह अचछी बात य ह कक सरकार क परयास इसी कदशा म होत कदख रह ह आज वतटिमान समाज वयवसथा म सचना कराकत क कारण राजय की मौकदरक परकतजा अब कवल नोटो तक सीकमत नही ह यह एक आकड़ो का खल ह कक आपक खात म ककतना धन ह और वो वयकति क इचछानसार हसतानतरणीय हो गयी ह तो अब कबना मदरा क मतटि रप क भी मदरा वजद म ह एव करयशील

तथा अथटिवयवसथा को चलान म सकषम ह तो कयो न हम इस वयवसथा की ओर बढ़ आज जब लगभग हर वयकति मोबाइल उपयोग कर रहा ह डकबट काडटि सलभ हो चका ह छट पस अब सभी एटीएम स ही कनकाल रह ह तो कयो न उस वयवसथा को आग बढ़ाया जाय अगर आप ककसी भी दकानदार को पस ऑनलाइन टानसफर या काडटि स करत ह तो वो टकस कबलकल भी चोरी नही कर सकता आपका कोई भी पमट अगर कश ह तो सभावना ह की वो बलक बन जाय पर अगर यह बक ट बक अकाउट ट अकाउट ह तो यह हमशा सफ़द ही रहगा तो आइय य कबलकल सही समय ह जब हम नए नोटो की बजाय कबना नोटो की साफ़-सथरी अथटिवयवसथा को बढ़ावा द तथा जो इस स अछत ह उनह भी कडकजटल अथटिवयवसथा का अग बनाय हम इसक कलए अगशील होना कबलकल भी नही छोड़ सकत कक पीछ वाल बहत पीछ ह जररत ह उनह भी इस वयवसथा क अनकल सवदनशील तथा जागरक बनान की

(लखक िशिनलसट ऑिलयाइि म कॉपी एनडटि ह)

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8नवबर को रात आठ बज राषट क नाम सदश म परधानमती नरदर मोदी न पाच सौ और एक हजार क नोट बद होन का फसला सनाकर सबको चौका कदया था इस बात को अब बीस कदन स

जयादा हो गए ह लककन आज भी यह कवमशटि का सबस बड़ा मदा बना हआ ह हालाकक कवमदरीकरण क फसल क बाद स ही इसक पकष-कवपकष म बहस शर हो गयी जो अब भी चल रही ह ममता बनजटी की तरणमल कागस कजरीवाल की आम आदमी पाटटी मायावती की बहजन समाज पाटटी एव भारतीय राषटीय कागस सकहत तमाम राजनीकतक दलो न इसक कखलाफ मोचाटि खोल कदया ह दश की जनता बक की कतार म ह और दश क कवपकषी दल फसल क कवरोध म सरकार क सामन बक की कतारो स कनपटन की चनौती तो थी ही साथ म कवरोधी दलो क असहयोगातमक रख स कनपटन की चनौती भी बनी ह चकक ससद का सत भी शर हो गया ह कलहाजा कनतीश कमार को छोड़कर लगभग परा कवपकष ससद स सड़क तक इस फसल क कवरोध म आ गया ह सरकार का शर स दावा रहा कक दश की आम जनता उनक इस फसल क साथ ह वही कवरोध कर रह दलो का तकटि था कक वो जनता की परशाकनयो को दखत हए अपना कवरोध दजटि करा रह ह हालाकक सतता पकष और कवपकष दोनो ही जनता को अपन पाल म बतान का दावा जब कर रह हो तो यह समझ पाना बड़ा मकशकल हो जाता ह कक वाकई जनता ककसक साथ ह इस मामल म भी ऐसा ही हआ अलग-अलग माधयमो स सवव आकद शर हो गए मीकडया चनलो क लोकल सतर क लाइव चचाटि आकद स भी इस फसल पर जनता का कमजाज टटोलन की कवायद तज होन लगी परधानमती नरदर मोदी न अपन सतर पर भी एक ऑनलाइन सवव कराया कजसम उनको इस फसल पर भारी समथटिन कमला हालाकक कवरोध कर रह कछ दलो को इस बात का भान जरर हआ कक जनता इस मद पर उनक साथ नही ह कलहाजा उनहोन 28 नवबर को lsquoभारत बदrsquo करन का अपना कनणटिय वापस ल कलया इसी बीच एक अगजी समाचार पत का सवव आया कजसम बहमत को सरकार क इस फसल क कखलाफ बताया गया अब बड़ा सवाल यह था कक कया सच मान या कया झठ मान लोकतत म ककसी भी राजनीकतक दल की जनता क बीच हकसयत मापन का सबस वयापक और सबस बड़ा सवव चनाव ही होता ह कवमदरीकरण क मद पर जब दश म lsquoहा-नाrsquo की बहस चल रही थी इस दरमयान तीन

महतवपणटि चनाव सपनन हए पहला लोकसभा और कवधानसभा की खाली हई सीटो पर उपचनाव दसरा महाराषट क कनकायो क चनाव और तीसरा गजरात क सथानीय कनकायो क चनाव यह तीनो चनाव कवमदरीकरण क फसल क बाद हए मतसखया क आधार पर अगर दख तो ककसी भी बड़-बड़ सवव म कजतना समपल कलया जाता ह उसस सकड़ो-हजारो गना जयादा लोग इन चनावो म परतयकष कहससा कलए ह लोकसभा और कवधानसभा क उपचनावो म भाजपा अपनी सभी सीट न कसफटि सरककषत रखन म कामयाब हई बकलक कतपरा और पकचिम बगाल म कपछल चनाव की तलना म भाजपा क वोट परकतशत म भारी इजाफा भी हआ इसक बाद 28 नवबर को महाराषट क कनकाय चनावो क पररणाम आए कजसम भाजपा को भारी बढ़त कमली ह चकक वषटि 2011 क चनाव म भाजपा कनकायो म तीसर नमबर की पाटटी होती थी लककन इन पररणामो क बाद भाजपा सबस बड़ी पाटटी बनकर उभरी ह यहा तक कक कशवसना क साथ गठबधन होन क बावजद भाजपा कशवसना स जयादा सीट जीत गयी ह नगर पचायतो क कलए हए चनावो म भाजपा को 851 सीट कमली ह जो 2011 म मात 396 थी कल 147 सीटो पर हए मयकनकसपल काउकसल क कलए परतयकष मतदान म भाजपा को अकल 52 सीटो पर जीत कमली ह कपछल चनावो म इन कनकायो पर राषटवादी कागस पाटटी का कबजा था जो कक अब उसक हाथ स जा चका ह इसक अलावा सोलापर जस सीटो जहा भाजपा कभी नही आई थी पर भी इसबार भाजपा जीतन म कामयाब रही महाराषट क सथानीय चनावो क पररणामो को इस कलहाज स भी महतवपणटि माना जा रहा ह कयोकक तमाम दल एव बकदधजीवी इस कमनी कवधानसभा चनाव भी कहत ह यह अलग बात ह कक भाजपा को कमली बड़ी जीत क बाद इसपर हमार तथाककथत बकदधजीवी वगटि न सननाटा साध कलया ह और ऐसा जताना चाह रह ह कक य चनाव महतवपणटि ह ही नही लककन वही अगर पररणाम भाजपा क परकतकल होत तो यही बकदधजीवी इस दवनदर फडनवीस नही बकलक नरदर मोदी की हार बतात हए नही थकत खर कवमदरीकरण क बाद नरदर मोदी क अपन राजय गजरात म भी कनकाय चनाव हए गजरात पर सबकी नजर इसकलए थी कयोकक वहा हाल म ही सतता म उथल-पथल क अलावा सरकार क कखलाफ पटल आनदोलन हआ था ऊना काणड क बाद दकलतो क नाम पर माहौल बनान की कोकशश दश क उन राजनीकतक दलो न भी कम नही की कजनकी गजरात म वतटिमान

रनकाय चनाि नोटबदी क रनरथय परजनता की िहर

मशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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की राजनीकतक हकसयत कछ भी नही ह लककन गजरात क चनाव पररणामो न तो कागस का सपड़ा ही साफ़ कर कदया पररणामो क मताकबक़ गजरात क वापी नगरपाकलका की 44 सीटो म भाजपा न 41 सीटो पर जीत दजटि की ह वही कागस को यहा महज 3 सीटो पर सतोष करना पड़ा ह सरत क कनकपर-कनसाड़ की 28 म स 27 सीटो पर भाजपा को जीत कमली ह वही कछ कजला तालका पचायत क उपचनावो म भाजपा को 23 और कागस को महज 8 सीट कमली ह गजरात पर सबकी नजर इसकलए भी बनी हई थी कयोकक गजरात स नरदर मोदी क आन क बाद वहा महज ढाई साल म एक मखयमती को बदलना पड़ा था इसी दरमयान वहा पटल आनदोलन को भी कदलली की मोदी-कवरोधी ताकतो क सहयोग स हवा दन का काम ककया गया ऊना म दकलत कपटाई मामल क बाद भी कदलली की राजनीकत क कसयासतदानो की कगदध कनगाह गजरात म लगी रही लककन इन चनावो को अगर जनता का सबस बड़ा और सबस कवशदध सवव मान तो यह सवव मोदी क पकष म जाता ह यह इसकलए जयादा महतवपणटि ह कयोकक हाल म ही कवपकषी खमा कवमदरीकरण क मद पर जनता की परशाकनयो का हवाला दकर असहयोग की कसथकत उतपनन कर रहा ह

इन चनावो को जनता की बीच स आया आम सवव मानकर भी अगर कवरोधी खमा कवमदरीकरण क बजा कवरोध स नही कडगा और जनता क कध पर बदक रखकर सरकार को घरता रहा तो यह मोदी क कलए तो नही लककन उनक खद क कलए जयादा घातक होगा कवरोध सकारातमक होना चाकहए वचाररक होना चाकहए न कक कसफटि इसकलए कवरोध करो कयोकक आपको मोदी का कवरोध करना ह इन चनावो क पररणामो पर एक लाइन म कटपपणी कर तो यही कहग कक जनता न मोदी क कनणटिय पर अपनी सहमकत का महर लगाया ही ह कवरोकधयो को आईना भी कदखा कदया ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनदशि म रिसचच फलो एव िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम म समपयादक ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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वस तो हर चनाव का मदा और कलवर अलग होता ह उसम भी सथानीय कनकाय और नगर पचायत चनावो का मदा पणटितया सथानीय होता ह परत कपछल कदनो महाराषट और गजरात म

कनकाय चनाव का आयोजन कवमदरीकरण क साए म हआ जहा पर अनय सथानीय मदो क अलावा कवमदरीकरण चनाव म बड़ा मदा था और हर पाटटी इस मद को भनान म लगी थी इस चनाव म भाजपा न भारी जीत दजटि की कजस परधानमती मोदी दारा कलधन क कखलाफ उठाए गए कदम पर जनता की महर माना जा सकता ह सभी कवपकषी पाकटटिया कवमदरीकरण क कारण जनता की परशानी का हवाला दत हए ससद क शीतकालीन सत को लगभग-लगभग हगाम की भट चढ़ा चकी ह वही जनता जनादटिन न कनकाय चनावो म भाजपा की जीत कदलाकर इस फसल पर महर लगान का सदश कदया ह कवपकषी पाकटटियो की दलील थी कक गामीण भारत सबस जयादा कवमदरीकरण की मार झल रहा ह इसकलए वह कवमदरीकरण का कवरोध कर रह ह लककन इन सथानीय कनकाय चनावो म जनता न सततारढ़ भाजपा क पकष म अपनी महर लगाई ह कजसन नोटबदी को लकर सरकार स जनता की नाराजगी जसी कवपकष की सभी दलीलो की पोल खोल दी ह सपष हो गया कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह ऐस म परतीत तो य हो रहा कक कवपककषयो कचता जनता की नही खद क काल धन की ह जो कक नोटबदी क बाद महज कागज बन कर रह गया इसी करम म अगर इन चनावो क पररणामो पर नजर दौड़ाए तो साफ-साफ पता चलता ह कक जनता न परधानमती मोदी क साथ जाना पसद ककया ह जबकक कवपकषी पाकटटियो क सार आरोप और लामबदी हवा हो गए गजरात की दो नगरपाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली कवपकषी दल कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म महज एक सीट स सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न आठ सीट फतह की जात हो कक कपछल साल समपनन हए सथानीय चनाव म कागस न अपन परदशटिन म कछ सधार ककया था कजस उसन परधानमती योजनाओ की हार क तौर पर परदकशटित ककया था लककन अब इस कनकाय चनाव म जब कागस का सपड़ा साफ़ हो गया तो उसक पास बोलन क कलए कछ नही बचा ह बीत दो दशक स सतता स बाहर कागस की कसथकत कदन-परकतकदन

खराब होती जा रही ह परत वह ह कक मानन को तयार नही गजरात क अलावा महाराषट क सथानीय चनावो म भी करारी हार का सामना करना पड़ा महाराष ट म 147 नगर पररषद म स अकल भाजपा को 52 सीट सहयोगी कशवसना जो कक इस चनाव म भी बागी तवर अपनाए हए थी उस भी महज़ 23 सीट हाथ लगी कागस को 19 और एनसीपी को 16 पर जीत कमली ह अन य उम मीदवारो क खात म 28 सीट गइटि ह वही 17 नगर पचायतो क 3510 सदस यो क कलए हए चनाव म सत ताधारी भाजपा को 851 सीट कमली ह कागस क खात म 643 एनसीपी को 638 और कशवसना को 514 मनस को 16 सीपीएम को 12 बसपा को 9 कनदटिलीयो को 324 स थानीय गठबधनो को 384 और बाककयो को 119 सीटो पर जीत कमली ह सपष ह कक यहा भी भाजपा हर तरह स सबस आग ह इस जीत को भी कवमदरीकरण क फसल पर जनता की महर और राजय क मकखया दवदर फडणकवस क कवकास परायोकजत कामकाज पर जनता की सहमकत कहना गलत नही होगा इन सब चीजो स कवपकषी दल दरअसल बौखलाए हए ह उनह कछ सझ नही रहा ह कक वह कर तो कया कर अब इस पर कवपककषयो का तकटि य ह कक इन चनावो म नोटबदी कोई मदा नही था मसला हार-जीत का नही ह मसला ह तो कवपकष क दोमह चररत का जब कवपकष का सफाया हो जाय तो मद सथानीय थ पर वही अगर सततारढ़ पाटटी हार जाए तो उस पाटटी की हार ह उसक योजनाओ की हार ह दखन वाली बात यह ह कक हर ककसी को पता ह कक सथानीय कनकाय क चनावो म जीत क कारण अलग होत ह लककन जब हारन पर भाजपा क मतथ नोटबदी मढ़ दी जाती तो जीतन पर शय कयो नही और वस भी कवमदरीकरण तो समग राषट को परभाकवत करन वाला मदा ह कफर कनकचित तौर पर इन चनावो म भी इसका परभाव रहा ही होगा उललखनीय होगा कक अभी नोटबदी क बाद ही हए एपीएमसी क चनावो म भाजपा का परदशटिन बहत अचछा नही रहा था तो उस वति इन कवरोधी दलो न कहा था कक नोटबदी क कारण हार हई ह जबकक अब कनकाय चनावो म इनक कहसाब स नोटबदी कोई मदा ही नही ह य कसफटि और कसफटि इनक दोमहपन को कदखाता ह कहना गलत नही होगा कक कजतना तमाशा लोकतनत का वतटिमान कवपकषी पाकटटिया कर रही ह उस दश कभी नही माफ करगा नोटबनदी का कवरोध कवपकष दारा महज़ खद को सककरय कदखान की एक नाकाम और नकारातमक कोकशश ह उसस जयादा कछ नही चनाव क पररणाम बतात ह कक परधानमती मोदी कदन-परकतकदन मजबत होत जा रह ह यह भी तय माकनए कक कजतना कवरोध परधानमती का होगा उतना ही वह मजबत होकर बाहर आएग

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

रनकाय चनािो ि भाजपा की इस बमपर जीत क बाद तो नोटबदी क विरोध की राजनीवत बद कर विपकषी

कशव झा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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कदर सरकार दारा पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन क फसल क बाद स ही मोदी-कवरोधी एक राजनीकतक जमात म भचाल की कसथकत ह इस साहकसक एव ऐकतहाकसक कनणटिय क

दरगामी नफा-नकसान पर बहस करन की बजाय कछ राजनीकतक जमात क लोग बको की कतारो पर बहस करना चाहत ह चकक इस कनणटिय को लकर आम जनता क मन म एकतरफा समथटिन का भाव खलकर कदख रहा ह कलहाजा कछ राजनीकतक खमो क लोग इसपर चचाटि करन स भागत नजर आ रह ह दश का आम जन अपनी कछ कदनो की परशाकनयो को दरककनार कर इस ऐकतहाकसक कनणटिय को सवीकार कर चका ह लककन बड़ा सवाल यह ह कक वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को सवीकार करन स कतरा रह ह वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को वापस लन क कलए असफल रकलया कर रह ह वो कौन लोग ह जो महगी गाकड़यो और एसपीजी सरकषा म जाकर दो घट म अपना चार हजार रपया कनकालन क बावजद झठ बोल रह ह कक पसा नही कमल रहा एक सवाल यह भी ह कक य लोग ऐसा कयो कर रह ह इस सवाल पर पड़ताल करन स पहल जरा lsquoकतारrsquo पर बहस कर ल राहल गाधी अपना चार हजार तो दो घट म कनकाल कलए लककन लोगो को गमराह कर रह ह कक पसा नही कनकल रहा ह दरअसल यह उनकी नीयत म खोट को दशाटिता ह अगर व ईमानदारी कदखात तो सबक सामन सवीकार करत कक ldquoहा म कतार म लगा था और मझ मरा पसा कमला लककन नही उनकी जबान तो कछ और बोल रही ह दरअसल राहल गाधी को यह बात बखबी पता होनी चाकहए कक इस दश की आम जनता को lsquoकतारोrsquo स कभी समसया नही रही ह सततर साल की सरकारो कजसम लगभग साठ साल कागस ही सतता म रही ह न इस दश की आम जनता को कतार म खड़ रहन की आदत डाल दी ह यह वही जनता ह जो कभी कसलडर गस तो कभी यररया तो कभी रल कटकट क कलए आय कदन कतारो म नजर आती रही ह इसकलए इस जनता को अब कतारो का भय न कदखाइए इस दश म सततर वषषो म जो लबी कतार आपन खड़ी की ह अब नोटबदी क इस फसल न उस कतार को तोड़ कदया ह यह वह कतार बन रही ह कजसम दश का आम जन खड़ा होकर कबना ककसी डर क भय क अपन हक़ क कलए और दश क भकवषय क कनमाटिण क कलए खड़ा होन को तयार ह यह कतार ईमानदारो की कतार ह परधानमती मोदी न जो यह कतार बनाई ह इस कतार म ककसी भरष बईमान और चोरी स काली कमाई करन वाल की कहममत नही हो पा रही कक वो खलकर खड़ा हो सक कलहाजा यह ईमानदारी का उतसव मना रह दश की ईमानदार जनता की कतार ह भरषाचार क कखलाफ चल रही इस लड़ाई का लगातार कवरोध कर रह कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल की अपनी कोई कवशसनीयता नही रही ह व खद कभी लाल यादव तो कभी ककसी और क समथटिन म खड़ होकर

अपनी साख पर बटा लगा चक ह लककन अब जब दश की आम जनता क साथ कालाधन और भरषाचार क कखलाफ चल रही इस कनणाटियक लड़ाई का समय आया तो व बगाल की मखयमती ममता बनजटी क साथ कमलकर इसका कवरोध करत नजर आ रह ह वस तो कबना ककसी सबत और बकनयाद क ककसी पर भी आरोप लगान क रोग स गकसत कदलली क मखयमती अनक बार सबत न द पान की वजह स अपनी फजीहत भी करा चक ह लककन आज एकबार कफर व कबना ककसी सबत क मनगढ़त बात कर रह ह कदलली की जनता क मन म यह सवाल बजा नही उठ रहा ह कक ममता बनजटी और कदलली क मखयमती क बीच ककस मद पर सहमकत बनी ह ममता बनजटी मायावती सकहत कछ लोग पहल कदन स भरषाचार क कखलाफ इस कनणाटियक लड़ाई म भरष लोगो क साथ खड़ ह लककन कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल आकखर कयो इनक साथ खड़ ह मोदी क इस फसल स आतकवाकदयो को फकडग करन वालो माओवाकदयो को ससाधन महया करान वालो तसकरो अपराकधयो भरषाचार करन वालो की पीड़ा तो जायज ह लककन इन चद नताओ की इस फसल क कखलाफ एकजटता भी कम शक नही पदा करती ह ऐस म बड़ा सवाल जनता क जहन म ह कक जब पजाब म चनाव होन ह तो कया आम आदमी पाटटी को चनाव म इसतमाल करन क कलए जटाए गए धन क रदी हो जान की कचता सता रही ह यह सबको पता ह कक पारदकशटिता की बात करन वाली आम आदमी पाटटी काफी समय स अपन आय और वयय का बयोरा सावटिजकनक नही कर रही ह खर कतार लबी जरर ह लककन बदोबसत ऐसा ह कक उस कतार म कोई बईमान और भरष जयादा दर कटक नही पाएगा यह वो कतार ह कजसन दश की आम और ईमानदार जनता को बईमानो क सामन गौरवाकनवत होन का अवसर कदया ह यह वह कतार ह जहा जान भर स न जान ककतन बईमान खौफ खा रह ह नोटबदी क कखलाफ उठन वाली हर आवाज इस दश म ईमानदारी की बन रही इस ऐकतहाकसक कतार क कखलाफ एक साकजश की तरह ह आज या तो आप इस कतार क साथ ह या आप भरष और बईमानी स धन अकजटित करन वालो क साथ ह वस भी मोदी की अचछी बात यह ह कक वो परमाणपत दन वालो की परवाह ककए कबना जनकहत म दशको स काम करत हए यहा तक पहच ह कजनका डब रहा ह व बौखला रह ह आम लोग थोड़ी परशाकनयो क बावजद इस महीम क साथ कतारबदध होकर खड़ ह यही वजह ह कक लाख कोकशशो क बावजद नोटबदी क कखलाफ की जा रही कछ रकलयो म मोदी-मोदी क नार लग रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनडशि म रिसचच फलो ह एव िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खबरदार यह ईिानदारो की कतार ह बईिान दर रहमशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवबर की शाम को परधानमती मोदी क राषट क नाम सबोधन म नोटबदी क ऐकतहाकसक फसल क ऐलान स दश भर म हलचल मच गयी परधानमती नरदर मोदी न जब दश भर म 500 और 1000

क नोटो पर परकतबध की घोषणा की तो काल धन की फसल उगाकर रखन वालो पर जस ओलो की बरसात हो गयी जनता की खन-पसीन की कमाई को अवध और अनकतक रप स जमा करक बठ ऐस लोग अब मार-मार कफर रह ह और तरह तरह स आम जनता का हवाला दकर अपना उलल सीधा करन की कोकशश म लग ह 500 और 1000 क नोटो पर परकतबध क कनणटिय की न कवल तकलीफ झलन क बावजद जनता सराहना कर रही ह बकलक इस कनणटिय म सरकार को परा सहयोग भी द रही ह मगर कवपककषयो का रख इस पर भी हासयासपद रहा ह कागस आप सपा बसपा तरणमल कागस आकद तमाम दलो क परमख नताओ न इस कनणटिय को लकर मोदी सरकार पर अताककटि क ढग स सवाल उठान की कोकशश की ह ऐस म सवाल यह उठता ह कक आकखर इस नोटबदी क कनणटिय स य कवपकषी दल इतनी पीड़ा म कयो ह कनससदह इन कवपकषी दलो का ऐसा आचरण जनता की नज़रो म उनकी सकदगध छकव ही परसतत कर रहा ह कदलली मबई समत दश क अनय राजयो म पड़ रह आयकर कवभाग क छाप यह सपष करत ह कक दश की जनता का पसा ककस तरह कछ लोगो की झोली भर रहा था काल धन की धर-पकड़ पर इस परकतबध का जोरदार असर दखन को कमल सकता ह सबस पहल तो य 440 वॉलट का झटका उन क कलए ह जो कबसतर पर करोड़ो नोट कबछा कर सोन क आदी हो चक ह जाकहर ह इसस उनकी रातो की नीद हराम हो चकी होगी दसरी बात यह कक अकसमात हए इस परकतबध न काला धन धारको को ज़रा भी सजग होन का मौका ही नही कदया इसकलए अब उनक पास कसवाय अपनी सपकतत को सावटिजकनक करन अथवा नष करन क कोई और चारा नही बचा ह तभी तो दश क कवकभनन कहससो म भारी सखया म कही पाच सौ और हजार क नोट कड़ क ढर पर फ क कमल रह तो कही जलत पाए जा रह य कदखाता ह कक नोटबदी क इस कनणटिय क बाद काला धन धारको म ककस कदर हडकप मचा हआ ह तीसरी बात कक बाज़ार म इन कदनो जो नकली नोटो का बोलबाला था इस कनणटिय न उस गोरखधध को भी नसतनाबद कर कदया ह साथ ही भारत को नकसान पहचान क कलए बागलादश और पाककसतान जस मलको स जो नकली नोटो का भणडार यहा आता था वह भी अब ककसी काम का नही रहा इस कनणटिय स न कवल दरगामी तौर पर अथटिवयवसथा को मजबती कमलगी बकलक काल धन की जबती क बाद महगाई पर भी अकश लगगा दश की मदरा भी मजबत होगी और कवकास दर म भी वरकदध होन की सभावना ह

नोटबदी न दश म एक जागरकता फलान का भी काम ककया ह और लोगो क बीच इस धारणा को मजबत ककया ह कक बात अगर दश की भलाई हो तो परा दश एक सत म कपरोय धाग समान हो सकता ह जाकहर ह इस पर परश उठान वाल लोग जो कसफटि सकखटिया बटोरन क बलबत अपन राजनकतक वजद को बचाए रखत ह उनको यह कदखाई दना मकशकल ह कक दश की जनता सरकार क इस साहकसक कनणटिय स परशान नही ह बकलक सहयोग क साथ अपना योगदान दन क कलए सककलपत भी ह लोगो को भड़काकर उनम फट डालकर शासन करन की नीकत औपकनवकशक काल की थी मगर यह दभाटिगयपणटि ह कक सवय को दशभति क ताज स नवाजन वाल तमाम कवपकषी नता भी आजकल इन हथकडो का उपयोग करन स बाज नही आ रहइस कनणटिय क बाद उन लोगो को कोई कवशष समसया नही ह कजनक खात म उनकी जायज कमाई का पसा ह जबकक तमाम ऐस लोग कजनहोन गलत ढग स धनाजटिन ककया ह अनदर ही अदर डर-सहम बठ होग उनकी अकत सपकतत वयथटि हई पड़ी ह और उस पनः उपयोगी बनान क कलए अगर व बक जात ह तो काली कमाई की कलई खलना लगभग तय ह कतसपर आय कर और दो सौ परकतशत जमाटिन का डडा तो पड़ना ही ह एक बात य भी ह कक जो जनधन बक खात कपछल 6 महीन स कनकषकरय पड़ हो अगर आज अचानक उनम लाख-दो लाख रपय का हसतातरण होता ह तो य भी एक सदहजनक गकतकवकध ह कजसपर बक अपनी पनी नज़र बनाय हए ह और कजसक चलत आयकर कवभाग भी चसती स काम करत नज़र आया दश म मखय अथटिवयवसथा और समानातर अथटिवयवसथा को एक ही धारा म लान म भी यह एक बड़ा कदम ह इस कनणटिय क जररय कशलस इकॉनोमी को बढ़ावा कमलन का भी अनमान ह कजस उस वक़त लाग ककया गया जब दश म सकवधाजनक कश टासकशन की कमी ह कशलस टासकशन स आकथटिक पकष मजबत करन म हम सहायता कमलगी साथ ही कर दाताओ को भी इसम सहकलयत होगी कशलस टाजकशन वो चीज ह जो कजतना अकधक बढ़गा दश स भरषाचार की सभावना उतनी ही कम होगी काल धन को सजोन की कोकशश तो अब भी जारी ह हाथ पर तो अब भी मार जा रह ह कफर वह चाह रलव कटकट करवा कर ककया जाय अथवा ककसान करकडट काडटि का इसतमाल करक लककन इन सब गकतकवकधयो पर सरकार की परी नज़र ह सरकार न य कनणटिय कनकचित तौर पर इन सब पहलओ पर कवचार-कवमशटि करक ही कलया होगा अतः काला धन धारको का सरकार को चकमा दकर कनकलना मकशकल ह और कहना गलत नही होगा कक lsquoअबकी बार उनह मोदी सरकार क सामन डालन होग हकथयारrsquo

(लनखकया पतरकयारितया की छयातरया ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी आि जन कर रह सरकार का सिरथनकाला धन धारको ि िचा हड़कप

कमनषका मतवारी

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जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 4: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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अनकरमणिका

नोटबदी क अररकक विरोध कर दश क भरोस खोर विपकष - हरषवधषन मरिपाठी खली पक कलकरो क कल धन की पोल सटग - मशवाननद मविवदी गरीबो-मजदरो क ललए लभकरी ह नोटबदी - अनत मवजय चर दशको क रजनीवरक सफर म हर अिसर पर विफल रह ह मनमोहन ससह

- मशवाननद मविवदी नकदी क जल स वनकलकर डिजजटल अरतावयिस की - आयर आनद वनकय चनि नोटबदी क वनरताय पर जनर की महर - मशवाननद मविवदी वनकय चनिो म भजप की इस बमपर जीर क बद रो नोटबदी क विरोध की

रजनीवर बद कर विपकषी - कशव झा खबरदर यह ईमनदरो की करर ह बईमन दर रह - मशवाननद मविवदी नोटबदी आम जन कर रह सरकर क समरतान कल धन धरको म मच हड़कप

- कमनषका मतवारी नोटबदी क डफजल विरोध कर खद को lsquoसडदगधrsquo बन रह विपकष - आदशष मतवारी नोटबदी क विरोध करन िलो स सिधन रहन की जररर - पषकर अवसी नोटबदी क वनरताय स इरन हलकन को ह विपकषी दल - पीयर मविवदी नोटबदी क वनरताय स खश ह जनर - अरमवनद जयमतलक नोटबदी कशलस अरतावयिस की ररफ बढ़र दश - सनीता मिशा नोटबदी पर जनसमरतान की सचक ह वनकय चनिो म भजप की जीर

- पीयर मविवदी परधनमती क सिलो क जिब द नोटबदी क विरोध कर रह विपकषी - लोकनदर मसह मोदी सरकर को अरतानीवर ससखन स पहल ज़र अपनी गगरबन म रो झक लीजजय

मनमोहन ससह जी - अरमवनद जयमतलक रषटर-वनमतार क आग वनजी सख-दःख क नही होर महतव - परणय किार ससद ठपप करन की नकरतमक रजनीवर स बज आय विपकषी दल

- आदशष मतवारी समय की मग ह नकदी रडहर अरतावयिस - पीयर मविवदी Tracing history of black money Past and present

- ANIRBAN GANGULY By-Poll Results End game anti-demonetization crusaders

- AJAY KASHYAP Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and

Unethical Oppose it - ANIRBAN GANGULY Demonetisation and the vanishing stone-pelters of Kashmir

- AJAY KASHYAP

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करम स लख पज़

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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आठ नवबर की शाम आठ बज परधानमती नरदर मोदी न राषट को सबोकधत ककया राषट क नाम अपन इस सबोधन म परधानमती न एक बड़ा और ऐकतहाकसक ऐलान करत हए पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन की घोषणा की कालधन क कखलाफ परधानमती दारा उठाया गया यह कदम भारतीय इकतहास म एक साहकसक एव ऐकतहाकसक कदम क रप म था जनकहत की कचता क अनसार कछ जररी छट क साथ यह फसला आठ नवबर स लाग कर कदया गया इस फसल क बाद दश म नोटबदी अथाटित कवमदरीकरण की इस कायटिवाही पर बड़ी बहस शर हो गयी कछ कवपकषी दल अचानक जनकहतषी बनन का ढोग करत हए नोटबदी क कखलाफ कवरोध म उतर गए हालाकक इस फसल को जनता का भरपर समथटिन कमलता कदख रहा ह नोटबदी क बाद दश क महाराषट गजरात और पजाब आकद राजयो म हए कनकाय चनावो म भाजपा को बड़ी कवजय कमली ह कजस नोटबदी पर जनता क महर क रप म दखा जा रहा ह चकक भाजपा-नीत क दर सरकार पहल कदन स कालधन को लकर सखत रही ह और गत ढाई वषषो सरकार दारा समय-समय पर ठोस कदम उठाए जात रह ह कालधन और भरषाचार क कखलाफ सरकार की परकतबदधता शर स ही कदखी ह और यह कायटिवाही उसी कदशा म एक बड़ी चोट की तरह ह

कवमदरीकरण क मद पर दश म खब बहस चली ह इस कवषय पर वचाररक वब पोटटिल नशनकलसट ऑनलाइन डॉट कॉम पर लखो की शरखला चलाई गयी ह इसक माधयम स नोटबदी स जड़ हर पहल की पड़ताल करन की कोकशश की गयी ह नोटबदी क मद पर नशनकलसट ऑनलाइन डॉट पर परकाकशत तमाम लखो को एक जगह सककलत करक एक ई-बकलट बनान की पहल डॉ शयामा परसाद मकजटी शोध अकधषान दारा की जा रही ह इस सकलन म कजतन भी लख कलए गए ह सभी लखो क कलए अकधषान लखको क परकत आभारी ह

डॉ अमनराषन गागली

निदशक डॉ शयामया परसयाद मकरजी शोध अनधषयाि

भमिका

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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टबदी क बाद जनता क मन म एक भावना आसानी स दखी जा सकती ह कक परधानमती क इस फसल को वह हर तरह की परशानी क बाद भी काला धन रखन वालो और भरषाचाररयो

क कखलाफ दख रही ह और जनता की इस भावना न दरअसल दश क कवपकष क कलए कतार म लगी जनता स जयादा परशानी की जमात खड़ी कर दी ह कवपकष इस कदर परशान ह कक पकचिम बगाल की मखयमती ममता बनजटी परशानी क इस समय म बगाल की जनता को छोड़कर कदलली की आजादपर मडी म रली कर रही ह रली म उनक साथ आम आदमी पाटटी क नता और कदलली क मखयमती अरकवद कजरीवाल ह य ककतनी सही राजनीकत ह या खराब राजनीकत को सही साकबत करन की कोकशश य इसस भी समझ म आता ह कक कदलली क मखयमती क तौर पर अरकवद कजरीवाल न कदलली की परशान जनता की परशाकनयो को कम करन की कोई कोकशश नही की और ममता बनजटी तो इस मामल म और भी खराब राजनता साकबत होती कदख रही ह जब मखयमती क तौर पर ममता बनजटी को पकचिम बगाल की जनता को नोटबदी स होन वाल नफा-नकसान क बार म समझाना चाकहए था उनक जीवन की मकशकलो को आसान करन क रासत बतान चाकहए थ उस समय ममता बनजटी दश की राजधानी कदलली क आजादपर म रली कर रही थी ममता और कजरीवाल य कह रह थ कक कभी भी इसकी वजह स दश म दग हो सकत ह इतना ही नही उनहोन एक सयति कवपकष जसा माहौल बनान की कोकशश की मदा सही हो

तो य कोकशश सराही जानी चाकहए लककन यहा ऐसा कछ नही था

साफ ह कक ममता बनजटी अरकवद कजरीवाल समाजवादी पाटटी कागस आकद का य राजनीकतक कवरोध ह लककन बड़ा सवाल ह कक परी तरह स आकथटिक फसल को कया कवपकष परी तरह स राजनीकतक कवरोध की कसौटी पर कसकर जनता का कवशास जीत सकता ह इसका जवाब दश क दो राजयो क मखयमकतयो क वयवहार स आसानी स समझा सकता ह इन दो मखयमकतयो म स एक ह कवधानसभा चनाव क ठीक पहल बीजपी स अलग हए नीतीश कमार और दसर अभी बीजपी क साथ खड़ चदरबाब नायड नायड दककषण भारत म भाजपा क मजबत और महतवपणटि सहयोगी ह और नीतीश कमार उततर भारत म मोदी कवरोधी गठजोड़ क महतवपणटि नता लककन इन दोनो ही मखयमकतयो न कहनदसतान क इस सबस बड़ आकथटिक फसल पर आकथटिक नजररय स परकतककरया दकर राजनीकतक बढ़त भी हाकसल

कर ली ह कबहार क मखयमती नीतीश कमार परी तरह स इस फसल क साथ खड़ ह नीतीश कमार न कहा कक इसस काला धन भरषाचार पर रोक लगगी आधर परदश क मखयमती चदरबाब नायड न तो पहल ही परधानमती को कचटी कलखकर बड़ नोटो को खतम करन की माग की थी कजसस काल धन पर रोक लगाई जा सक नोटबदी क सरकार क फसल क कखलाफ कवपकष को तकषो क साथ आना चाकहए था लककन हआ कया हआ य कक दरअसल कवपकष क पास सरकार क नोटबदी क फसल क कवपकष म कोई सटीक तकटि नही ह यहा तक कक कतार म लगी जनता न भी जब अरकवद कजरीवाल जस आदोलनकपरय और आरोप उछालकर राजनीकत करन वाल नताओ को भगाना शर ककया तो भी इनह समझ नही आया कक जनता कया चाहती ह य समझना इसकलए भी जररी ह कयोकक राजनीकत क अकतम पररणाम क तौर पर नता जनता को अपन पकष म चाहता ह य बात कवपकष क नता नही समझ सक और कतकटि की तरफ बढ़ चल उसस भी बात नही बनी तो साकजश क कसदधानत पर बाखबी काम ककया गया उदाहरण क तौर पर भारतीय जनता पाटटी की बगाल इकाई क खात म दो ककसतो म एक करोड़ रपय जमा करन की बात परचाररत की गई कजसस साकबत ककया जा सक कक नोटबदी की खबर पहल ही लीक कर दी गई थी दसरा साकजशी कसदधानत आया कजसम भारतीय जनता पाटटी की उततर परदश इकाई क अधयकष कशव परसाद मौयटि की बटी को 2000 क नोटो की गडकडयो क साथ कदखाया गया वो खबर परी तरह स गलत कनकली मौयटि न बताया कक उनक कोई बटी ह ही नही य कछ उदाहरण भर ह और य उदाहरण साकबत करत ह कक दरअसल कवपकष क पास इस मामल कवरोध क कलए कोई सही तकटि तथय ह ही नही ऐसा नही ह कक कवपकष को राजनीकत क कलए मौका नही कमल सकता था लककन दो बात थी पहली य कक कतारो म खड़ लोगो को नरदर मोदी क ककए पर भरोसा ह और दसरा य कक कवपकष क नताओ की कवशसनीयता और मशा सदह क दायर म आती रही इस कदर कक कदलली क लकमीनगर इलाक म अरकवद कजरीवाल आम आदमी पाटटी क कायटिकताटिओ क साथ लोगो का हाल जानन पहच तो लोगो न उनही क कखलाफ नार लगान शर कर कदए य सब उसक बावजद हो रहा था जब मीकडया क बड़ चहर य साकबत करन पर तल हए थ कक लोग बरी तरह स परशान ह ककसी भी हाल म दश म 8 नवबर क 8 बज क बाद स हए हर हादस दघटिटना को

अतारककि क विरोध कर दश काभरोसा खोता विपकष

हरषवधषन मरिपाठी

नो

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नोटबदी स जोड़न की कवायद म कसफटि कवपकषी नता ही शाकमल नही थ बड़ पतकार लखक क तौर पर समाज म पहचान जान वाल लोग सरकार क फसल क कखलाफ कछ भी करन को उतार ह दरअसल य कछ भी करन पर उतार जमात म बहतायत लोग वही ह जो ककसी भी हाल म नरदर मोदी को परधानमती की कसटी पर दखन को तयार नही थ और नही थ वाली मानकसकता अभी भी जड़ अवसथा म ह इसका अदत उदाहरण दखन को कमलता ह कक करीब 150 ऐस ही बड़ बकदधजीकवयो न परधानमती को कचटी कलखकर इस फसल को वापस लन की माग की ह बकदधजीकवयो की कचटी ह इसकलए परी तरह स उसम कचनता आम आदमी क कषो की ही की गई ह लककन कमाल की बात य भी ह कक नोटबदी स आम आदमी को होन वाल कषो की कचनता करन वाल जयादातर वही लोग ह कजनहोन असकहषणता को इस दश का वतटिमान चररत बता दन की कोकशश की और दश स कमल सममानो को वापस कर कदया था दश म बकदधजीवी लखक क तौर पर सममान पान वाल ढरो लोग भी जब इस आकथटिक फसल पर राजनीकतक तरीक स परकतककरया दत ह तो सदह होता ह कक कया मोदी कवरोध क नाम पर सरकार क हर फसल का कवरोध करक जनता को गमराह करन की कोकशश उनका मानस बदलन की कोकशश कहा तक सही ह कमाल दकखए कक जान मान पतकार शखर गपा रपय की कमजोरी पर य सवाल पछत ह कक कया दश म ररजवटि बक गवनटिर ह कया रपय का डॉलर क मकाबल कमजोर होना दश क उदोगो क कलए ठीक ह इसक कलए कछ करन की जररत भी शखर बतात ह 16 नवबर को ककया गया शखर गपा का य टवीट इतना कनददोष नही ह दरअसल शखर कवमदरीकरण क इस समय म रपय क कगरत भाव को जोड़न की कोकशश करत कदखत ह जबकक सचचाई य ह कक रपय की

कमजोरी नही हई ह डॉलर की मजबती हई ह डोनालड टप का राषटपकत बनना इसकी बड़ी वजह बताया जा रहा ह इसी तरह की एक कोकशश हई जब सटट बक ऑफ इकडया क सात हजार करोड़ रपय स जयादा क कजटि को बट खात म डालन की खबर को मालया की कजटि माफी क तौर पर कपरचाररत ककया गया जबकक सच य ह कक नरदर मोदी की सरकार क ढाई साल क कायटिकाल म मालया और दसर कडफॉलटर स कजटि वसली की परककरया कजतनी तजी स परी करन की कोकशश हई वसी कोकशश कभी नही हई बकलक कपछली सरकार क समय म ही जयादातर सरकारी बको न बड़ कजटि कदए और कॉपदोरट स उनकी वसली नही हो सकी सचचाई यही ह कक आकथटिक मामलो पर नरदर मोदी की सरकार बहत ही चरणबदध तरीक स चल रही ह कजसम सरकार आन क बाद सबस पहल काला धन बनन स रोकन की कोकशश शर हई उसक बाद बनामी सपकतत पर रोक लगान कोकशश लोगो को अपना काला धन बताकर उस बककग कससटम म वापस लान की कोकशश य सब बहत चरणबदध तरीक थ इसी बीच म सरकार न बको का एनपीए खतम करन और बको की कसथकत मजबत करन क कलए पवटि सीएजी कवनोद राय की अगवाई म बक बोडटि बयरो बना कदया सबस बड़ी बात कक इन सार कदमो क साथ नरदर मोदी जनता को य भरोसा कदलान म कामयाब रह ह कक य फसला परी तरह स आम जनता क कहत म ह

(लखक वरिष पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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भाजपानीत क दर सरकार दारा कालाधन पर रोक लगान की कदशा म बड़ा कदम उठात हए पाच सौ एव एक हजार क नोट बद ककए जान और नए नोट जारी ककए जान क बाद स ही कालाधन

का मदा एकबार कफर कवमशटि और चचाटि क क दर म आ गया ह सरकार की तरफ स एव आम चचाटि म भी यह बात सामन आती रही ह कक कालाधन का नटवकटि महज दश क अदर ही नही बकलक सीमापार तक फला हआ ह हाल म ही एक टीवी समाचार चनल क कसटग ऑपरशन म पाककसतानी कसनमा कलाकारो को लकर बड़ा खलासा सामन आया ह कसटग क मताकबक़ पाककसतान क तमाम कसनमा कलाकार जो भारत म काम करत ह अपन भगतान का एक ठीक-ठाक कहससा कश म लन की माग करत ह हाल ही म उड़ी हमल क बाद पाककसतानी कलाकारो पर परकतबनध को लकर भी खब गरमा-गरम बहस हो चकी ह कसटग क अनसार पाककसतानी कलाकार फवाद खान मवारा होकन और इमरान अबबास जस कलाकार अपनी फीस का ठीक-ठाक कहससा कश म लन की माग करत ह कसटग क अनसार पाककसतानी कलाकार फवाद खान एक शादी समारोह म शाकमल होन क कलए पचास लाख की फीस का पचीस फीसद रकम अपन यएई क खात म जमा करान की शतटि अपन मनजर क माधयम स रख रह ह यानी अगर इस कसटग को सही मान तो यह फवाद खान का टकस चोरी वाया यएइ कनकशन नजर आता ह बॉलीवड म कई कफलम कर चकी मावरा होकन क मनजर न उनकी कल फीस का बड़ा कहससा उनक आसटकलया वाल खात म जमा करन की माग रखी कछ इसी तरह टकस और रकम कछपान क हथकड इमरान अबबास भी आजमात नजर आ रह ह इस कसटग क बाद एक बहस कफर चली ह कक कया वाकई सीमापार क लोग भारत म काम करक धन कमात ह लककन भारत सरकार को कर नही दत बकलक वो पसा बाहरी दशो क खातो म जमा करवा दत ह चकक यह महज चद कसनमा कलाकारो तक का मामला नही ह बकलक यह टकस चोरी क साथ-साथ भारत सरकार क साथ धोखाधड़ी करन का भी मामला ह सममानजनक ढग स भारत म काम कर रह पाककसतानी कलाकार यकद भारत सरकार क साथ इस सतर पर छलावा एव धोखाधड़ी करत नजर आ रह ह तो अदाजा लगाया जा सकता ह कक सीमापार स भारत क कखलाफ काम कर रही ताकत ककस सतर पर दश को नकसान पहचा रही होगी उनका अवध कारोबार इस दश म ककस सतर पर चल रहा होगा य तमाम सवाल हम न

कसफटि चौकात ह बकलक भारत कवरोधी ताकतो क खतरो स आगाह भी करत ह यह बात लमब समय स उठती रही ह कक भारत म कालधन क इस कारोबार म तसकरी अवध हकथयारो का कारोबार डरगस का कारोबार सकहत तमाम आपराकधक गकतकवकधया शाकमल ह इनम स अकधकतर ऐसी गकतकवकधया ह जहा भारत क बाहर स भारत कवरोधी ताकतो का पसा अलग-अलग माधयमो स लगा हआ ह कलहाजा इन पर पाबदी लगना कनहायत ही आवशयक ह टकस चोरी क अलावा भी इसक बड़ खतर ह हम इस बात का अदाजा नही ह कक सावटिजकनक सतर पर काननी ढग स काम करन वाल पाककसतानी कलाकार जब इतनी सहजता स दश की सरकार को धोखा द सकत ह तो दश की सरकषा क कखलाफ काम कर रह आतकी सगठन ककस सतर पर सककरय होग लककन कालधन की समसया स मकति और नगदी म चल रह काल वयापार पर लगाम की कदशा म परधानमती नरदर मोदी क नतरतव वाली क दर सरकार न जो ठोस कदम उठाया ह वो आजादी क बाद इस समसया क सनदभटि म उठाया गया न कवल एक ऐकतहाकसक कदम ह बकलक साहकसक भी ह इसस दश क अनदर चल रहा नकदी का अवध कारोबार एक झटक म कागज क रदी टकड़ो की तरह बमतलब हो गया ह नकसकलयो क नटवकटि को तगड़ा झटका लगा ह अलगाववादी ताकत पसत हो गयी ह राजनीकत म धनबल वाल लोग कनधटिन-कनबटिल हो चक ह रही बात कतारो की तो यह दश सततर वषषो स कतार म ही था गरीबी असमानता अथटिवयवसथा स दर एक कतार थी जो आम लोगो की थी आज उस कतार म आम और ख़ास हर कोई खड़ा ह इस कतार म वही चलगा जो इमानदारी स धन कमाएगा इस कतार म आन स वह लोग डर रह ह जो बईमानी स पसा कमाए ह यह इमानदारी क कलए इमानदारो की कतार ह चनल दारा कदखाए कसटग ओपरशन को महज चद कलाकारो तक सीकमकत करक दखन की बजाय इसक बड़ खतर को भी दखना होगा आज अगर सरकार बहद सखत ह तो वह इनही बड़ खतरो स दश को बचान क कलए सखत ह सरकार कोई ऐसा रासता नही छोड़ना चाहती जहा स कश का काला वयापार करन वाल लोग बच कनकल इस महीम म दश की इमानदार जनता एक कतार म सरकार क साथ ह और यह वह कतार ह जहा आन की कहममत कोई बईमान कर ही नही सकता ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खली पाक कलाकारो क काल धन की पोलसटिग ऑपरशन ि हए बनकाब

मशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न नोटबदी क फसल को लाग करक बड़ा ररसक कलया ह जो अगर वो नही भी लत तो कोई फकटि नही पड़ता और उनकी राजनीकत कनबाटिध गकत स चलती रहती

नोटबदी क पहल हो रह तमाम सवव क नतीज यह बता रह थ कक मोदी सबस लोककपरय नता ह बावजद य जोकखम उठाना इस बात का सकत दता ह कक नरनदर मोदी दश क कलए कछ बड़ा करन की कदशा म कदम उठा चक ह हलाकक राजयसभा म नोटबदी पर चचाटि म हसतकषप करत हए पवटि परधानमती मनमोहन कसह न कहा कक सरकार क इस कदम स जीडीपी पर कनगकटव असर पड़गा उनक अनमान क मताकबक नोटबदी स इसम दो फीसदी की कगरावट दजटि की जा सकती ह दरअसल इस पर मसल पर कवपकष को कवरोध की जमीन ही समझ म नही आ रही ह पहल ककसानो को लकर सरकार पर हमल लककन नबाडटि की पहल स ककसानो की मदद क कलए उठाए कदम न कवपकष क इन आरोपो को भी शात कर कदया इसक पहल कछ उलजलल आरोप लग कक परधानमती न अपन इस फसल क पहल राजनीकतक लोगो स कवमशटि नही ककया और अफसरो की सलाह पर य फसला ल कलया राजयसभा म तो समाजवादी पाटटी क नता नरश अगवाल न चटकी लत हए परधानमती की मौजदगी म य कह कदया कक कवतत मती अरण जटली को भी इस फसल की जानकारी नही थी दरअसल इस तरह क फसलो म जो गोपनीयता बरती जाती ह उसकी जानकारी कवपकषी नताओ को शायद नही हो 1991 म जब आकथटिक उदारीकरण का दौर शर हआ था तब उस वति क कवतत मती मनमोहन कसह भारतीय मदरा का अवमलयन करना चाहत थ इसक पहल इकदरा गाधी न 1966 म मदरा का अवमलयन ककया था जो कक सततावन फीसदी स थोड़ा जयादा था जब मनमोहन क मदरा अवमलयन क इराद का पता चला तो वामपथी बकदधजीकवयो न इसका कवरोध शर ककया लककन मनमोहन कसह इस फसल पर अकडग थ उनहोन उस वति क परधानमती नरकसह राव स कमलकर अनरोध ककया कक इस फसल की जानकारी ककबनट क मकतयो को भी नही दी जाए राव न मनमोहन कसह की सलाह मान ली उस वति मनमोहन कसह न फसला ककया था कक मदरा का अवमलयन दो चरणो म ककया जाएगा 1 जलाई 1991 को रपए का अवमलयन कर कदया गया कवपकष समत तमाम वामपथी बकदधजीकवयो न इसका कवरोध ककया कागस क नताओ को भी इस फसल क बचाव म कदककत आ रही थी सीपीएम न उस वति इसको एक खतरनाक कदम बताया था लककन असली कहानी तो तब हई जब मनमोहन कसह न एक ही कदन बाद याकन तीन जलाई को रपए का और जयादा अवमलयन करन का फसला कलया दोनो कमलाकर य बीस

फीसदी तक पहच रहा था जब राव तक य बात पहची तो वो घबरा गए और उनहोन मनमोहन कसह स इसको रोकन का आदश कदया लककन तबतक दर हो चकी थी जब मनमोहन कसह न ररजवटि बक क कडपटी गवनटिर सी रगराजन को फोन कर इस आदश का एलान रोकन क कलए कहा तो उनका जवाब आया कक वो तो इस फसल को सावटिजकनक कर चक ह मनमोहन कसह सनन उनहोन राव को य बात बताई और कफर इसतीफ की पशकश की लककन राव न अपन कवतत मती का पकष कलया और उस फसल क साथ हो कलए य परा वाकया बतान का मतलब कसफटि इतना ह कक हमार दश म इस तरह क कराकतकारी आकथटिक फसल पहल भी गोपनीय तरीक कलए जात रह ह उसका उदशय भी तभी परा होगा जबकक इसको गोपनीय रखा जाएगा गोपनीयता बरत जान की कबनाह पर ककसी भी सरकार को घरना उकचत नही होता ह मौजदा कवतत मती अरण जटली न भी इस बात को माना ह कक इस फसल की जानकारी नीड ट नो बकसस पर उन सभी लोगो को थी कजनको होनी चाकहए थी परधानमती मोदी न तो चद घट पहल अपन ककबनट को इस फसल क बार म बता भी कदया था मनमोहन कसह न तो मदरा क अवमलयन क फसल क बार म ककसी को नही बताया था और अपन परधानमती क सामन य चाहत भी रखी थी कक ककबनट को इस फसल की जानकारी ना दी जाए कजसको राव न माना भी था अब अगर हम कवपकष क तकषो को दख तो वो बचकाना नजर आत ह इस तरह की खबर अवशय आ रही ह कक नोटबदी स जनता को कदककत हो रही ह लककन जनता इन कदककतो को सहन क कलए तयार ह और अब धीर-धीर कदककत कम हो रही ह अभी कबहार क दो शहरो क लोगो स बात हई ह तो वहा स य जानकारी कमल रही ह कक बको म कतार कम हो गई ह अब दसरी बात य उठाई जा रही ह कक इसस अथटिवयवसथा पर बरा असर पड़गा सभव ह कक बड़ अथटिशाकरियो क अपन तकटि हो लककन सरकार भी इस आसनन खतर स कनबटन को लकर सतकटि नजर आ रही ह जनवरी स माचटि की कतमाही म इसका असर कवकास दर पर पड़ सकता ह लककन उसक अगली कतमाही स हालात बहतर हो सकत ह अगर इस फसल स नकदी स होनवाला कारोबार बको क माधयम स होता ह तो गरीबो का भी भला होगा नकदी पर काम करनवाल फकटी मजदरो को माकलको को पीएफ और ईएसाई का लाभ दना होगा इसस मजदरो को भकवषय क कलए जमा राकश भी कमलगी और कचककतसा सकवधा का भी लाभ होगा

(लखक वररष पतकार ह य उनक कनजी कवचार ह)

गरीबो-िजदरो क ललए लाभकारी ह नोटबदीअनत मवजय

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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हाल ही म पजाब की राजधानी चडीगढ़ म कनकाय चनावो क पररणाम आय इन चनावो म जनता न भाजपा को ऐकतहाकसक रप स कवजयी बनाया ह चडीगढ़ कनकाय क कल 26 वाडषो म

स 22 वाडषो म भाजपा न अपन उममीदवार उतार थ कजनम स 20 म उस जोरदार जीत हाकसल हई ह भाजपा की सहयोगी कशरोमकण अकाली दल को कसफटि एक सीट हाथ लगी वही कपछली बार क चनावो म ११ सीट जीतन वाली कागस को महज़ चार सीटो स सतोष करना पड़ा इसस पहल महाराषट और गजरात क कनकाय चनावो म भी भाजपा न बड़ी जीत हाकसल की थी लककन चडीगढ़ कनकाय चनावो की य जीत उन सबस भी अकधक शानदार रही ह साथ ही इन सब कनकाय चनावो स पहल मधय परदश असम अरणाचल परदश आकद राजयो म खाली हई लोकसभा और कवधानसभा सीटो पर भी उपचनाव हए थ उनम भी जयादातर सीटो पर भाजपा को जनता न कवजयी बनाया था यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सब चनावो की सबस कवशष बात य रही ह कक यह सब नोटबदी क उस कनणटिय क बाद हए ह कजसक कवरोध म परा का परा कवपकषी खमा एक सर म लामबद हआ पड़ा ह और कजसक कवरोध क नाम पर कवपकषी खम न ससद क शीतकालीन सत को अपन हगाम की भट चढ़ा कदया अब इन चनाव पररणामो क बाद कवपकष क कवरोध की कलई भी परी तरह स खल

चकी ह कक नोटबदी क कारण जनता की कजस ककथत पीड़ा और आकरोश का गान करत हए य भाजपा सरकार को कबना मतलब ही भरपर कोस रह ह वो जनता हर सतर पर चनाव म इनह लगातार खाररज़ और सतताधारी दल को सवीकार रही ह इसका एक अथटि यह भी ह कक जनता नोटबदी क कनणटिय स कबलकल भी नाराज़ नही ह बकलक इसका बमतलब कवरोध करन वालो स उस अकधक नाराजगी हो रही ह अब तकटि यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सबक बाद एक बार क कलय अगर मान ल कक इन कनकाय चनावो म नोटबदी कोई मदा नही रहा तो भी कवपकष की जो ददटिशा इनम हई ह वो कया कम हो जाती ह अचछी बात होगी कक कवपकषी खमा अब भी वासतकवकता को समझ कक सरकार क परकत अधकवरोधी रख और जनता की नबज़ को पकड़ पान म उसकी नाकामयाबी क कारण उसका जनाधार अब धीर-धीर समाप होता जा रहा ह यह कवपकष क कलय चतन का समय ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि)

चडीगढ़ रनकाय चनाि भाजपा की चली आधी जनता न मदखाया विपकषी दलो को आईना

पीयर मविवदी

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चार दशको क राजनीवतक सफर ि हर अिसर पर विफल रह ह िनिोहन ससिह

मशवाननद मविवदी

एक पतकार वाताटि (जनवरी 2014) म डॉ मनमोहन कसह न कहा था कक मरा मलयाकन इकतहास करगा इसम कोई शक नही कक चार दशक तक ककसी एक राजनीकतक दल क साथ परी

वफादारी और राजनीकतक कनषा स सरकार म शीषटि पदो पर काम करन वाल वयकति का मलयाकन होना सवाभाकवक ह इसम कोई शक नही कक सवतत भारत क इकतहास म डॉ मनमोहन कसह उन चद लोगो म स एक ह कजनह इकतहास न सवाटिकधक अवसर कदया ह कवमदरीकरण क मद पर जब डॉ मनमोहन कसह राजयसभा म क दर सरकार को घरत हए कागस का पकष रख रह थ तो म उनक भाषण को बहत धयान स सन रहा था कवमदरीकरण को लकर उनहोन एक वाकय कहा lsquoयह सगकठत लट हrsquo डॉ मनमोहन कसह न इसक तमाम नकसान कगनवाए उनक भाषण म कर कष की कचता थी जीडीपी की कचता थी गामीण सहकारी बको म होन वाली समसयाओ की कचता थी गरीबो की कचता थी और दरगामी पररणामो म लगन वाल वति की कचता थी साथ ही उनहोन कछ रचनातमक परसताव क साथ आन की सलाह दत हए सरकार की आलोचना भी की डॉ मनमोहन कसह आज उस मकाम पर ह कक जब वो सदन म बोल रह थ तो यह समझना मकशकल था कक राजयसभा क फलोर स एक पवटि आकथटिक सलाहकार बोल रहा ह या एक ररजवटि बक का पवटि गवनटिर बोल रहा ह यह समझ पाना कबलकल आसान नही था कक दश की जनता एक पवटि कवतत सकचव को सन रही ह अथवा पवटि कवतत मती को सन रही ह एक आम भरम लोगो म मन म जरर बठा होगा कक व एक पवटि परधानमती को सन रह ह अथवा एक कागस क सासद को सन रह ह लोग तो यह भी जानना चाहत होग कक राजयसभा स ककसी पाटटी का एक राजनता बोल रहा ह अथवा एक अथटिशारिी बोल रहा ह वो कया-कया रह ह ककस-ककस भकमका म रह ह वतटिमान म वो कया ह और ककस भकमका म ह उनका दाकयतव कया ह और उनकी जवाबदही कया ह इन सवालो स उनक समथटिक कचढ़त नजर आत ह डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन करन स पहल उनक सावटिजकनक दाकयतवो पर एक सककषप नजर अवशय डालनी चाकहए एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क

आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह भारत सरकार की वबसाईट (pmindiagovin) पर कदए पररचय को अगर सही मान तो वषटि 1957 म अथटिशारि म परासनातक की कडगी लन वाल डॉ मनमोहन कसह ऑकसफ़ोडटि कवकव क नकफलड कॉलज स डी कफल ह अपन कररयर की शरआत एक कशकषक क रप म करन वाल डॉ मनमोहन कसह 1971 म वाकणजय मतालय म आकथटिक सलाहकार की भकमका म आए महज एक साल म उनको कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार का दाकयतव कमल गया तब दश इकदरा गाधी की सरकार थी जब डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार थ तब परणब मखजटी भारत सरकार म मती बन चक थ यही वो दौर था जब बको का राषटीयकरण हो रहा था इस दौरान डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय क सकचव योजना आयोग क उपाधयकष और ररजवटि बक क मकखया भी रह ररजवटि बक का गवनटिर तो सभवत उनह कवतत मती रहत परणब मखजटी न ही बनाया था उनक दाकयतवो स यह अदाजा लगता ह आकथटिक मामलो म डॉ मनमोहन कसह इकदरा गाधी क अकत कवशासपात अथवा वफादार लोगो म स थ 1991-96 म डॉ मनमोहन कसह दश क कवततमती बन हालाकक कहा जाता ह कक कवततमती क तौर डॉ मनमोहन कसह ततकालीन परधानमती पीवी नरकसमहा राव की पहली पसद नही थ कफर 2004 म सपरग-1 म परधानमती बन और दस साल तक दश क परधानमती रह यहा पररचय दन का मकसद यह था कक एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह वषटि 2014 तक दश क 42 फीसद स जयादा आबादी की पहच बक तक नही थी याकन उनक पास बक खात तक नही थ आकखर डॉ मनमोहन कसह आकथटिक सलाहकार स लगाए चार दशक तक अथटिवयवसथा स जड़

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महतवपणटि पदो पर लगातार रहत हए परधानमती तक क ताकतवर पद तक पहचन क बावजद कयो य नही परा कर पाए बको क राषटीयकरण क दौरान ही सरकार म आकथटिक सलाहकार क तौर पर जड़न वाल डॉ मनमोहन कसह की कवफलता की कहानी यही ह कक चार दशक बाद 2004 म परधानमती बनन क बावजद वो इस दश की आम जनता को मखयधारा की बककग अथटिवयवसथा स जोड़ पान म नाकाम साकबत हए राजयसभा म बोलत हए डॉ मनमोहन कसह न जीडीपी कवकास दर म 2 फीसद की कगरावट का अदशा जताया लककन जीडीपी कवकास दर क सवाल पर वो यह बताना कयो नही मनाकसब समझ कक उनक दस साल क कायटिकाल म जीडीपी लगातार ककन वजहो स अकसथर रही थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क दौरान दश की जीडीपी कवकास दर लगभग 84 फीसद तक पहच गई थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क बाद डॉ मनमोहन कसह की ततकालीन गकठत सरकार को जीडीपी दर कवरासत स ठीक-ठाक कमली लककन डॉ मनमोहन कसह क नतरतव म दस साल सरकार चलन क बाद जब वषटि 2014 म एकबार कफर भाजपा-नीत सरकार नरदर मोदी क नतरतव म बनी तो डॉ मनमोहन कसह स मोदी को 474 (2013 की जीडीपी कवकास दर) फीसद जीडीपी कवकास दर कमली आज भारत की कवकास दर 73 फीसद क आसपास ह लककन मनमोहन कसह जीडीपी को लकर बहद कचकतत नजर आ रह ह यह कचता हासयासपद बवजह एव कनराशाजनक ह जब जीडीपी पर बात चल रही हो तो सवाल मोदी स नही डॉ मनमोहन कसह स होना चाकहए कक आज कजस जीडीपी का आप कहसाब और आकलन कर रह ह उस आप ढाई साल पहल परधानमती रहत छोड़कर ककस हाल म गए थ कागस न डॉ मनमोहन कसह को सारी आलोचनाओ स पर साकबत करन की अनक कोकशश की ह दश इस भरम म नही रहन वाला कक डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन एक अथटिशारिी क तौर पर कर अथवा एक परशासक परधानमती क तौर पर चकक दोनो ही मोचषो पर जब-जब डॉ मनमोहन कसह को

ताकतवर पद कमला ह व नाकाम साकबत हए ह बतौर परधानमती उनहोन एक भरष और लटतत वाली सरकार दी ह कजसक मकतयो को लट एव भरषाचार क गभीर आरोपो म जल तक जाना पड़ा ह डॉ मनमोहन कसह एक बहद कमजोर परशासक इसकलए भी ह कक कोयला मतालय उनक अतगटित रहत हए उसी कवभाग म हए घोटालो को रोक पान म व बरी तरह नाकाम साकबत हए आज राजयसभा स जब व lsquoसगकठत लटrsquo का जमला फ क रह थ तो यह इकतहास उनही को आईना कदखा रहा था एक और कबद ह कजसको लकर कागस उनका मकहमा मडन करती ह भारत म उदारीकरण क जनक क रप म कजस ढग स डॉ मनमोहन कसह की छकव को कागस पश करती ह वो महज एक छलावा ह उदारीकरण को लकर हम यह समझना होगा कक बतौर राजनीकतक दल कागस अथवा बतौर अथटिशारिी डॉ मनमोहन कसह म स कोई भी कभी उदारीकरण का कहमायती नही रहा ह उदारीकरण न तो कागस की नीकत रही ह और न ही डॉ मनमोहन कसह का कभी कवजन रहा ह भारत म उदारीकरण आकथटिक तगी की मज़बरी की दन स जयादा कछ भी नही ह आपक पास जब कछ नही बचा तो आप मज़बरी म उदारीकरण को सवीकार ककए जबकक इसक पहल कागस की आकथटिक नीकतयो म समाजवादी वयवसथा की परबलता थी पकडत दीन दयाल उपाधयाय अनक बार सावटिजकनक कषतो क कवसतार पर कागस की सरकारो की आलोचना करत रह थ अब मज़बरी म आए उदारीकरण को मनमोहन कसह की आकथटिक दरदकष क रप म पश करक कागस दश को गमराह नही कर सकती उदारीकरण दश म उतपनन कवकट पररकसथकतयो की दन थी न कक मनमोहन कसह क आकथटिक कवजन की डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन जब इकतहास करगा तो दो बात कनकल कर आएगी पहली बात कक चार दशक स जयादा एक ख़ास राजनीकतक परकषभकम म लगातार महतवपणटि एव कनणाटियक पदो पर रहन वाल भारत क चद लोगो म स एक डॉ मनमोहन कसह ह दसरी बात यह कनकल कर आएगी कक डॉ मनमोहन कसह अवसरो क नायक रह ह इनकी न अपनी कोई नीकत रही ह न कनणटिय रहा ह और न ही य ककसी बदलाव क मौकलक कनमाटिता रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम क सपयादक ह)

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लखक अकमष कतपाठी की तीन खणडो म कशव की एक कालपकनक कहानी ह जो सोमरस नामक अमरता दन वाल दरवय की कथा ह यह एक अमरत था परनत इस अमरत क दषपरभाव भी थ

कजसको वहा क राजा दकष परजा स छपा रह थ कजस तरह समदर मथन म अमरत क साथ कवष भी कनकला उसी तरह इस अमरत की कनमाटिण परककरया म इसक साथ-साथ कवष भी बनता था इस कहानी म जो सबस महतवपणटि ह वो यह कक शरआत म जो चीज समाज क कलए अमरत थी वही इसक जयादा उपयोग स धीर धीर सवतः कवष म पररवकतटित हो गयी ततकालीन सामाकजक वयवसथा म हर समसया का मल बन गयी और चकक इस सोमरस क परकत सवाथटि इतना गहरा हो चका था कक कबना इस परकतबकधत ककय कोई उपाय नही रहा धमटि यदध हआ और इस कवदा को उपनयास क अत म हमशा क कलए कछ अपवादो को छोड़कर ख़तम कर कदया गया अब इस कहानी को हम वतटिमान अथटिवयवसथा क पररपकय म दखत ह तो कया नकद हमारी अथटिवयवसथा का सोमरस ह कया सोमरस की तरह नकद भी धीर-धीर ककसी वयवसथा क कलए अकभशाप बन सकती ह कया नकद अपन सार फायद क बावजद इतना जहरीला हो सकता ह कक राषटीय अथटिवयवसथा खोखली होन लग इन सार परशो क मल म अगर हम इस वयवसथा क इकतहास म जाए तो पाएग कक भौकतक मदरा एक बहत ही परानी एव मधयकालीन परपरा ह व समय क साथ-साथ इस कफकजकल करसी क साथ-साथ अनक कवष-बल कलपट चक ह भौकतक मदरा क साथ जो सबस बड़ी समसया आज पश आ रही ह वो ह इसक परकत आशकति तथा कर चोरी हत सरकार की नज़र स इस छपा कर रखना इस कारण अथटिवयवसथा म उन कछप हए नोटो का क़ाननी हसतानतरण म परयोग बद हो जाता ह और य धन जस सरकार की नज़रो स गायब हो जात ह उस धन का परयोग होता ह पर वहा कजस धध को सरकार या समाज गर क़ाननी मानत ह और य छपा हआ धन अपनी एक खद की अथटिवयवसथा बना लती ह कजसका कवकास सवतः होन लगता ह यह सामानातर अथटिवयवसथा नकद पर कनभटिर हो जाती ह जहा न कोई टकस दना होता ह न ही समाज क परकत ककसी उततरदाकयतव को कनभाना होता ह आज हमार समाज म कजतनी भी कवसगकतया कदखाई दगी उनक जड़ म यही काला धन ह जो कक कछ नही बकलक सरकार की नज़र स छपाकर कलया गया नकद ह या उसक दारा खरीदी गयी पररसपकततया ह इसी कालधन रपी नकद की जड़ स समसत बराइयो को खराक कमलती ह

या उनकी अथटिवयवसथा चलायमान रहती ह चाह वो नशीली दवाओ का कारोबार हो आतकवाद की फकडग हो हवाला कारोबार हो चनावो म लग रहा धनबल हो चाइलड टकफककग हो या अनय अपराध हो या उनह करवान क कलए ककया जा रहा जाली नोटो का इसतमाल हो इन सबकी बकनयाद इसी नकदी पर कटकी होती ह कामरड सीताराम यचरी न अपन फसबक पोसट म कलखा ह कक यह काला धन भारत की अथटिवयवसथा का 06 ह एव इसका लगभग 0025 नकली नोट ह अब अगर हम भारत की कवशाल अथटिवयवसथा को दख तो य रकम बहत जयादा ह य वही सोमरस ह जो अब कवष बन चका ह एव कजसका उपयोग हमार समाज को कनरतर कमजोर कर रहा ह इस कवषबल को काटन का कोई भी साहसी फसला मकशकल हो सकता ह परनत गलत कभी नही इस नकद क लोभ म हर वयकति भल चका ह कक लकमी चचला ह य जब तक एक हाथ स दसर हाथ जाती रहती ह तभी तक आकथटिक कवकास होता ह एव इसी कवकास का एक कहससा कर क रप म समाज वयवसथा को जाता ह वतटिमान सरकार क 500 एव 1000 क बड़ नोटो जो कक बाज़ार म उपलबध नकद का 86 ह को वापस लन क फसल न उन सार नोटो को अपन मलय को बरक़रार रखन हत बको म आन को कववश कर कदया ह अब चाह काला हो या उजला अपन वजद क कलए उनह सरकार की नज़र म आना ही होगा वरना उस मलय क छप नोट को सरकार सवतः उपयोग म ला लगी बहत स परश उठ रह ह कक कया नए नोट स कफर स काला धन नही बनगा दरअसल सरकार न काल धन क कनमाटिण व परवाह को रोकन क कलए पहल स ही कई कदम उठाए ह और अब जब यह कनणटिय कलया गया ह तो इसक बाद कफर नया काला धन न पनप इसक कलए सरकार कनकचित तौर पर कछ न कछ तयारी करक ही चल रही होगी

बहरहाल एक बात तो कनकचित ह कक सरकार का यह कदम अब तक सगकहत कवषबल रपी नोटो को तो वयथटि कर ही दगा जब तक कक व एकबार वापस सरकार की आखो स न गजर और सरकार की नज़र हर उस वयकति पर होगी जो यह काम कर रहा ह आय क जात सोतो स जयादा लोग जमा करन स बचग कजस भी ककसी खात म असामानय गकतकवकध होगी वो पकड़ म आ जायग अब यह सवटिकवकदत ह कक कश वयवसथा परातन एव समाज की बदली आवशयकताओ को पणटि करन म अकषम हो चकी ह

नकदी क जाल स रनकलकर रडसजटल अरथवयिसा की तरफ बढ़न का सिय

आयर आनद

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अब बड़ लनदन कश म करना न सकवधाजनक ह न ही फायदमद तो अब समय आ गया ह कक हम इस कश क जाल म फसी अथटिवयवसथा को यहा स बाहर कनकाल यह कबलकल ही मफीद समय ह जब हम राजय क मौकदरक वचन को नोट क रप म मानन क बजाय कडकजटल एव पलाकसटक वचन को जयादा वजन द य न कवल यगानकल ह बकलक सलभ ससता एव कश क साइड इफ़कट स कबलकल मति ह ककसी भी कवकास कर रही अथटिवयवसथा को अनततोगतवा जाना वही ह हम भारत म कल कवततीय लनदन का लगभग 60 नकद म करत ह कजस हम घटा कर 20 क नीच लाना होगा अगर हम अपनी अथटिवयवसथा अनय राषटो की तलना म साफ़ सथरी एव मजबत बनाना चाहत ह अचछी बात य ह कक सरकार क परयास इसी कदशा म होत कदख रह ह आज वतटिमान समाज वयवसथा म सचना कराकत क कारण राजय की मौकदरक परकतजा अब कवल नोटो तक सीकमत नही ह यह एक आकड़ो का खल ह कक आपक खात म ककतना धन ह और वो वयकति क इचछानसार हसतानतरणीय हो गयी ह तो अब कबना मदरा क मतटि रप क भी मदरा वजद म ह एव करयशील

तथा अथटिवयवसथा को चलान म सकषम ह तो कयो न हम इस वयवसथा की ओर बढ़ आज जब लगभग हर वयकति मोबाइल उपयोग कर रहा ह डकबट काडटि सलभ हो चका ह छट पस अब सभी एटीएम स ही कनकाल रह ह तो कयो न उस वयवसथा को आग बढ़ाया जाय अगर आप ककसी भी दकानदार को पस ऑनलाइन टानसफर या काडटि स करत ह तो वो टकस कबलकल भी चोरी नही कर सकता आपका कोई भी पमट अगर कश ह तो सभावना ह की वो बलक बन जाय पर अगर यह बक ट बक अकाउट ट अकाउट ह तो यह हमशा सफ़द ही रहगा तो आइय य कबलकल सही समय ह जब हम नए नोटो की बजाय कबना नोटो की साफ़-सथरी अथटिवयवसथा को बढ़ावा द तथा जो इस स अछत ह उनह भी कडकजटल अथटिवयवसथा का अग बनाय हम इसक कलए अगशील होना कबलकल भी नही छोड़ सकत कक पीछ वाल बहत पीछ ह जररत ह उनह भी इस वयवसथा क अनकल सवदनशील तथा जागरक बनान की

(लखक िशिनलसट ऑिलयाइि म कॉपी एनडटि ह)

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8नवबर को रात आठ बज राषट क नाम सदश म परधानमती नरदर मोदी न पाच सौ और एक हजार क नोट बद होन का फसला सनाकर सबको चौका कदया था इस बात को अब बीस कदन स

जयादा हो गए ह लककन आज भी यह कवमशटि का सबस बड़ा मदा बना हआ ह हालाकक कवमदरीकरण क फसल क बाद स ही इसक पकष-कवपकष म बहस शर हो गयी जो अब भी चल रही ह ममता बनजटी की तरणमल कागस कजरीवाल की आम आदमी पाटटी मायावती की बहजन समाज पाटटी एव भारतीय राषटीय कागस सकहत तमाम राजनीकतक दलो न इसक कखलाफ मोचाटि खोल कदया ह दश की जनता बक की कतार म ह और दश क कवपकषी दल फसल क कवरोध म सरकार क सामन बक की कतारो स कनपटन की चनौती तो थी ही साथ म कवरोधी दलो क असहयोगातमक रख स कनपटन की चनौती भी बनी ह चकक ससद का सत भी शर हो गया ह कलहाजा कनतीश कमार को छोड़कर लगभग परा कवपकष ससद स सड़क तक इस फसल क कवरोध म आ गया ह सरकार का शर स दावा रहा कक दश की आम जनता उनक इस फसल क साथ ह वही कवरोध कर रह दलो का तकटि था कक वो जनता की परशाकनयो को दखत हए अपना कवरोध दजटि करा रह ह हालाकक सतता पकष और कवपकष दोनो ही जनता को अपन पाल म बतान का दावा जब कर रह हो तो यह समझ पाना बड़ा मकशकल हो जाता ह कक वाकई जनता ककसक साथ ह इस मामल म भी ऐसा ही हआ अलग-अलग माधयमो स सवव आकद शर हो गए मीकडया चनलो क लोकल सतर क लाइव चचाटि आकद स भी इस फसल पर जनता का कमजाज टटोलन की कवायद तज होन लगी परधानमती नरदर मोदी न अपन सतर पर भी एक ऑनलाइन सवव कराया कजसम उनको इस फसल पर भारी समथटिन कमला हालाकक कवरोध कर रह कछ दलो को इस बात का भान जरर हआ कक जनता इस मद पर उनक साथ नही ह कलहाजा उनहोन 28 नवबर को lsquoभारत बदrsquo करन का अपना कनणटिय वापस ल कलया इसी बीच एक अगजी समाचार पत का सवव आया कजसम बहमत को सरकार क इस फसल क कखलाफ बताया गया अब बड़ा सवाल यह था कक कया सच मान या कया झठ मान लोकतत म ककसी भी राजनीकतक दल की जनता क बीच हकसयत मापन का सबस वयापक और सबस बड़ा सवव चनाव ही होता ह कवमदरीकरण क मद पर जब दश म lsquoहा-नाrsquo की बहस चल रही थी इस दरमयान तीन

महतवपणटि चनाव सपनन हए पहला लोकसभा और कवधानसभा की खाली हई सीटो पर उपचनाव दसरा महाराषट क कनकायो क चनाव और तीसरा गजरात क सथानीय कनकायो क चनाव यह तीनो चनाव कवमदरीकरण क फसल क बाद हए मतसखया क आधार पर अगर दख तो ककसी भी बड़-बड़ सवव म कजतना समपल कलया जाता ह उसस सकड़ो-हजारो गना जयादा लोग इन चनावो म परतयकष कहससा कलए ह लोकसभा और कवधानसभा क उपचनावो म भाजपा अपनी सभी सीट न कसफटि सरककषत रखन म कामयाब हई बकलक कतपरा और पकचिम बगाल म कपछल चनाव की तलना म भाजपा क वोट परकतशत म भारी इजाफा भी हआ इसक बाद 28 नवबर को महाराषट क कनकाय चनावो क पररणाम आए कजसम भाजपा को भारी बढ़त कमली ह चकक वषटि 2011 क चनाव म भाजपा कनकायो म तीसर नमबर की पाटटी होती थी लककन इन पररणामो क बाद भाजपा सबस बड़ी पाटटी बनकर उभरी ह यहा तक कक कशवसना क साथ गठबधन होन क बावजद भाजपा कशवसना स जयादा सीट जीत गयी ह नगर पचायतो क कलए हए चनावो म भाजपा को 851 सीट कमली ह जो 2011 म मात 396 थी कल 147 सीटो पर हए मयकनकसपल काउकसल क कलए परतयकष मतदान म भाजपा को अकल 52 सीटो पर जीत कमली ह कपछल चनावो म इन कनकायो पर राषटवादी कागस पाटटी का कबजा था जो कक अब उसक हाथ स जा चका ह इसक अलावा सोलापर जस सीटो जहा भाजपा कभी नही आई थी पर भी इसबार भाजपा जीतन म कामयाब रही महाराषट क सथानीय चनावो क पररणामो को इस कलहाज स भी महतवपणटि माना जा रहा ह कयोकक तमाम दल एव बकदधजीवी इस कमनी कवधानसभा चनाव भी कहत ह यह अलग बात ह कक भाजपा को कमली बड़ी जीत क बाद इसपर हमार तथाककथत बकदधजीवी वगटि न सननाटा साध कलया ह और ऐसा जताना चाह रह ह कक य चनाव महतवपणटि ह ही नही लककन वही अगर पररणाम भाजपा क परकतकल होत तो यही बकदधजीवी इस दवनदर फडनवीस नही बकलक नरदर मोदी की हार बतात हए नही थकत खर कवमदरीकरण क बाद नरदर मोदी क अपन राजय गजरात म भी कनकाय चनाव हए गजरात पर सबकी नजर इसकलए थी कयोकक वहा हाल म ही सतता म उथल-पथल क अलावा सरकार क कखलाफ पटल आनदोलन हआ था ऊना काणड क बाद दकलतो क नाम पर माहौल बनान की कोकशश दश क उन राजनीकतक दलो न भी कम नही की कजनकी गजरात म वतटिमान

रनकाय चनाि नोटबदी क रनरथय परजनता की िहर

मशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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की राजनीकतक हकसयत कछ भी नही ह लककन गजरात क चनाव पररणामो न तो कागस का सपड़ा ही साफ़ कर कदया पररणामो क मताकबक़ गजरात क वापी नगरपाकलका की 44 सीटो म भाजपा न 41 सीटो पर जीत दजटि की ह वही कागस को यहा महज 3 सीटो पर सतोष करना पड़ा ह सरत क कनकपर-कनसाड़ की 28 म स 27 सीटो पर भाजपा को जीत कमली ह वही कछ कजला तालका पचायत क उपचनावो म भाजपा को 23 और कागस को महज 8 सीट कमली ह गजरात पर सबकी नजर इसकलए भी बनी हई थी कयोकक गजरात स नरदर मोदी क आन क बाद वहा महज ढाई साल म एक मखयमती को बदलना पड़ा था इसी दरमयान वहा पटल आनदोलन को भी कदलली की मोदी-कवरोधी ताकतो क सहयोग स हवा दन का काम ककया गया ऊना म दकलत कपटाई मामल क बाद भी कदलली की राजनीकत क कसयासतदानो की कगदध कनगाह गजरात म लगी रही लककन इन चनावो को अगर जनता का सबस बड़ा और सबस कवशदध सवव मान तो यह सवव मोदी क पकष म जाता ह यह इसकलए जयादा महतवपणटि ह कयोकक हाल म ही कवपकषी खमा कवमदरीकरण क मद पर जनता की परशाकनयो का हवाला दकर असहयोग की कसथकत उतपनन कर रहा ह

इन चनावो को जनता की बीच स आया आम सवव मानकर भी अगर कवरोधी खमा कवमदरीकरण क बजा कवरोध स नही कडगा और जनता क कध पर बदक रखकर सरकार को घरता रहा तो यह मोदी क कलए तो नही लककन उनक खद क कलए जयादा घातक होगा कवरोध सकारातमक होना चाकहए वचाररक होना चाकहए न कक कसफटि इसकलए कवरोध करो कयोकक आपको मोदी का कवरोध करना ह इन चनावो क पररणामो पर एक लाइन म कटपपणी कर तो यही कहग कक जनता न मोदी क कनणटिय पर अपनी सहमकत का महर लगाया ही ह कवरोकधयो को आईना भी कदखा कदया ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनदशि म रिसचच फलो एव िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम म समपयादक ह)

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वस तो हर चनाव का मदा और कलवर अलग होता ह उसम भी सथानीय कनकाय और नगर पचायत चनावो का मदा पणटितया सथानीय होता ह परत कपछल कदनो महाराषट और गजरात म

कनकाय चनाव का आयोजन कवमदरीकरण क साए म हआ जहा पर अनय सथानीय मदो क अलावा कवमदरीकरण चनाव म बड़ा मदा था और हर पाटटी इस मद को भनान म लगी थी इस चनाव म भाजपा न भारी जीत दजटि की कजस परधानमती मोदी दारा कलधन क कखलाफ उठाए गए कदम पर जनता की महर माना जा सकता ह सभी कवपकषी पाकटटिया कवमदरीकरण क कारण जनता की परशानी का हवाला दत हए ससद क शीतकालीन सत को लगभग-लगभग हगाम की भट चढ़ा चकी ह वही जनता जनादटिन न कनकाय चनावो म भाजपा की जीत कदलाकर इस फसल पर महर लगान का सदश कदया ह कवपकषी पाकटटियो की दलील थी कक गामीण भारत सबस जयादा कवमदरीकरण की मार झल रहा ह इसकलए वह कवमदरीकरण का कवरोध कर रह ह लककन इन सथानीय कनकाय चनावो म जनता न सततारढ़ भाजपा क पकष म अपनी महर लगाई ह कजसन नोटबदी को लकर सरकार स जनता की नाराजगी जसी कवपकष की सभी दलीलो की पोल खोल दी ह सपष हो गया कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह ऐस म परतीत तो य हो रहा कक कवपककषयो कचता जनता की नही खद क काल धन की ह जो कक नोटबदी क बाद महज कागज बन कर रह गया इसी करम म अगर इन चनावो क पररणामो पर नजर दौड़ाए तो साफ-साफ पता चलता ह कक जनता न परधानमती मोदी क साथ जाना पसद ककया ह जबकक कवपकषी पाकटटियो क सार आरोप और लामबदी हवा हो गए गजरात की दो नगरपाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली कवपकषी दल कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म महज एक सीट स सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न आठ सीट फतह की जात हो कक कपछल साल समपनन हए सथानीय चनाव म कागस न अपन परदशटिन म कछ सधार ककया था कजस उसन परधानमती योजनाओ की हार क तौर पर परदकशटित ककया था लककन अब इस कनकाय चनाव म जब कागस का सपड़ा साफ़ हो गया तो उसक पास बोलन क कलए कछ नही बचा ह बीत दो दशक स सतता स बाहर कागस की कसथकत कदन-परकतकदन

खराब होती जा रही ह परत वह ह कक मानन को तयार नही गजरात क अलावा महाराषट क सथानीय चनावो म भी करारी हार का सामना करना पड़ा महाराष ट म 147 नगर पररषद म स अकल भाजपा को 52 सीट सहयोगी कशवसना जो कक इस चनाव म भी बागी तवर अपनाए हए थी उस भी महज़ 23 सीट हाथ लगी कागस को 19 और एनसीपी को 16 पर जीत कमली ह अन य उम मीदवारो क खात म 28 सीट गइटि ह वही 17 नगर पचायतो क 3510 सदस यो क कलए हए चनाव म सत ताधारी भाजपा को 851 सीट कमली ह कागस क खात म 643 एनसीपी को 638 और कशवसना को 514 मनस को 16 सीपीएम को 12 बसपा को 9 कनदटिलीयो को 324 स थानीय गठबधनो को 384 और बाककयो को 119 सीटो पर जीत कमली ह सपष ह कक यहा भी भाजपा हर तरह स सबस आग ह इस जीत को भी कवमदरीकरण क फसल पर जनता की महर और राजय क मकखया दवदर फडणकवस क कवकास परायोकजत कामकाज पर जनता की सहमकत कहना गलत नही होगा इन सब चीजो स कवपकषी दल दरअसल बौखलाए हए ह उनह कछ सझ नही रहा ह कक वह कर तो कया कर अब इस पर कवपककषयो का तकटि य ह कक इन चनावो म नोटबदी कोई मदा नही था मसला हार-जीत का नही ह मसला ह तो कवपकष क दोमह चररत का जब कवपकष का सफाया हो जाय तो मद सथानीय थ पर वही अगर सततारढ़ पाटटी हार जाए तो उस पाटटी की हार ह उसक योजनाओ की हार ह दखन वाली बात यह ह कक हर ककसी को पता ह कक सथानीय कनकाय क चनावो म जीत क कारण अलग होत ह लककन जब हारन पर भाजपा क मतथ नोटबदी मढ़ दी जाती तो जीतन पर शय कयो नही और वस भी कवमदरीकरण तो समग राषट को परभाकवत करन वाला मदा ह कफर कनकचित तौर पर इन चनावो म भी इसका परभाव रहा ही होगा उललखनीय होगा कक अभी नोटबदी क बाद ही हए एपीएमसी क चनावो म भाजपा का परदशटिन बहत अचछा नही रहा था तो उस वति इन कवरोधी दलो न कहा था कक नोटबदी क कारण हार हई ह जबकक अब कनकाय चनावो म इनक कहसाब स नोटबदी कोई मदा ही नही ह य कसफटि और कसफटि इनक दोमहपन को कदखाता ह कहना गलत नही होगा कक कजतना तमाशा लोकतनत का वतटिमान कवपकषी पाकटटिया कर रही ह उस दश कभी नही माफ करगा नोटबनदी का कवरोध कवपकष दारा महज़ खद को सककरय कदखान की एक नाकाम और नकारातमक कोकशश ह उसस जयादा कछ नही चनाव क पररणाम बतात ह कक परधानमती मोदी कदन-परकतकदन मजबत होत जा रह ह यह भी तय माकनए कक कजतना कवरोध परधानमती का होगा उतना ही वह मजबत होकर बाहर आएग

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

रनकाय चनािो ि भाजपा की इस बमपर जीत क बाद तो नोटबदी क विरोध की राजनीवत बद कर विपकषी

कशव झा

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कदर सरकार दारा पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन क फसल क बाद स ही मोदी-कवरोधी एक राजनीकतक जमात म भचाल की कसथकत ह इस साहकसक एव ऐकतहाकसक कनणटिय क

दरगामी नफा-नकसान पर बहस करन की बजाय कछ राजनीकतक जमात क लोग बको की कतारो पर बहस करना चाहत ह चकक इस कनणटिय को लकर आम जनता क मन म एकतरफा समथटिन का भाव खलकर कदख रहा ह कलहाजा कछ राजनीकतक खमो क लोग इसपर चचाटि करन स भागत नजर आ रह ह दश का आम जन अपनी कछ कदनो की परशाकनयो को दरककनार कर इस ऐकतहाकसक कनणटिय को सवीकार कर चका ह लककन बड़ा सवाल यह ह कक वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को सवीकार करन स कतरा रह ह वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को वापस लन क कलए असफल रकलया कर रह ह वो कौन लोग ह जो महगी गाकड़यो और एसपीजी सरकषा म जाकर दो घट म अपना चार हजार रपया कनकालन क बावजद झठ बोल रह ह कक पसा नही कमल रहा एक सवाल यह भी ह कक य लोग ऐसा कयो कर रह ह इस सवाल पर पड़ताल करन स पहल जरा lsquoकतारrsquo पर बहस कर ल राहल गाधी अपना चार हजार तो दो घट म कनकाल कलए लककन लोगो को गमराह कर रह ह कक पसा नही कनकल रहा ह दरअसल यह उनकी नीयत म खोट को दशाटिता ह अगर व ईमानदारी कदखात तो सबक सामन सवीकार करत कक ldquoहा म कतार म लगा था और मझ मरा पसा कमला लककन नही उनकी जबान तो कछ और बोल रही ह दरअसल राहल गाधी को यह बात बखबी पता होनी चाकहए कक इस दश की आम जनता को lsquoकतारोrsquo स कभी समसया नही रही ह सततर साल की सरकारो कजसम लगभग साठ साल कागस ही सतता म रही ह न इस दश की आम जनता को कतार म खड़ रहन की आदत डाल दी ह यह वही जनता ह जो कभी कसलडर गस तो कभी यररया तो कभी रल कटकट क कलए आय कदन कतारो म नजर आती रही ह इसकलए इस जनता को अब कतारो का भय न कदखाइए इस दश म सततर वषषो म जो लबी कतार आपन खड़ी की ह अब नोटबदी क इस फसल न उस कतार को तोड़ कदया ह यह वह कतार बन रही ह कजसम दश का आम जन खड़ा होकर कबना ककसी डर क भय क अपन हक़ क कलए और दश क भकवषय क कनमाटिण क कलए खड़ा होन को तयार ह यह कतार ईमानदारो की कतार ह परधानमती मोदी न जो यह कतार बनाई ह इस कतार म ककसी भरष बईमान और चोरी स काली कमाई करन वाल की कहममत नही हो पा रही कक वो खलकर खड़ा हो सक कलहाजा यह ईमानदारी का उतसव मना रह दश की ईमानदार जनता की कतार ह भरषाचार क कखलाफ चल रही इस लड़ाई का लगातार कवरोध कर रह कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल की अपनी कोई कवशसनीयता नही रही ह व खद कभी लाल यादव तो कभी ककसी और क समथटिन म खड़ होकर

अपनी साख पर बटा लगा चक ह लककन अब जब दश की आम जनता क साथ कालाधन और भरषाचार क कखलाफ चल रही इस कनणाटियक लड़ाई का समय आया तो व बगाल की मखयमती ममता बनजटी क साथ कमलकर इसका कवरोध करत नजर आ रह ह वस तो कबना ककसी सबत और बकनयाद क ककसी पर भी आरोप लगान क रोग स गकसत कदलली क मखयमती अनक बार सबत न द पान की वजह स अपनी फजीहत भी करा चक ह लककन आज एकबार कफर व कबना ककसी सबत क मनगढ़त बात कर रह ह कदलली की जनता क मन म यह सवाल बजा नही उठ रहा ह कक ममता बनजटी और कदलली क मखयमती क बीच ककस मद पर सहमकत बनी ह ममता बनजटी मायावती सकहत कछ लोग पहल कदन स भरषाचार क कखलाफ इस कनणाटियक लड़ाई म भरष लोगो क साथ खड़ ह लककन कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल आकखर कयो इनक साथ खड़ ह मोदी क इस फसल स आतकवाकदयो को फकडग करन वालो माओवाकदयो को ससाधन महया करान वालो तसकरो अपराकधयो भरषाचार करन वालो की पीड़ा तो जायज ह लककन इन चद नताओ की इस फसल क कखलाफ एकजटता भी कम शक नही पदा करती ह ऐस म बड़ा सवाल जनता क जहन म ह कक जब पजाब म चनाव होन ह तो कया आम आदमी पाटटी को चनाव म इसतमाल करन क कलए जटाए गए धन क रदी हो जान की कचता सता रही ह यह सबको पता ह कक पारदकशटिता की बात करन वाली आम आदमी पाटटी काफी समय स अपन आय और वयय का बयोरा सावटिजकनक नही कर रही ह खर कतार लबी जरर ह लककन बदोबसत ऐसा ह कक उस कतार म कोई बईमान और भरष जयादा दर कटक नही पाएगा यह वो कतार ह कजसन दश की आम और ईमानदार जनता को बईमानो क सामन गौरवाकनवत होन का अवसर कदया ह यह वह कतार ह जहा जान भर स न जान ककतन बईमान खौफ खा रह ह नोटबदी क कखलाफ उठन वाली हर आवाज इस दश म ईमानदारी की बन रही इस ऐकतहाकसक कतार क कखलाफ एक साकजश की तरह ह आज या तो आप इस कतार क साथ ह या आप भरष और बईमानी स धन अकजटित करन वालो क साथ ह वस भी मोदी की अचछी बात यह ह कक वो परमाणपत दन वालो की परवाह ककए कबना जनकहत म दशको स काम करत हए यहा तक पहच ह कजनका डब रहा ह व बौखला रह ह आम लोग थोड़ी परशाकनयो क बावजद इस महीम क साथ कतारबदध होकर खड़ ह यही वजह ह कक लाख कोकशशो क बावजद नोटबदी क कखलाफ की जा रही कछ रकलयो म मोदी-मोदी क नार लग रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनडशि म रिसचच फलो ह एव िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खबरदार यह ईिानदारो की कतार ह बईिान दर रहमशवाननद मविवदी

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8नवबर की शाम को परधानमती मोदी क राषट क नाम सबोधन म नोटबदी क ऐकतहाकसक फसल क ऐलान स दश भर म हलचल मच गयी परधानमती नरदर मोदी न जब दश भर म 500 और 1000

क नोटो पर परकतबध की घोषणा की तो काल धन की फसल उगाकर रखन वालो पर जस ओलो की बरसात हो गयी जनता की खन-पसीन की कमाई को अवध और अनकतक रप स जमा करक बठ ऐस लोग अब मार-मार कफर रह ह और तरह तरह स आम जनता का हवाला दकर अपना उलल सीधा करन की कोकशश म लग ह 500 और 1000 क नोटो पर परकतबध क कनणटिय की न कवल तकलीफ झलन क बावजद जनता सराहना कर रही ह बकलक इस कनणटिय म सरकार को परा सहयोग भी द रही ह मगर कवपककषयो का रख इस पर भी हासयासपद रहा ह कागस आप सपा बसपा तरणमल कागस आकद तमाम दलो क परमख नताओ न इस कनणटिय को लकर मोदी सरकार पर अताककटि क ढग स सवाल उठान की कोकशश की ह ऐस म सवाल यह उठता ह कक आकखर इस नोटबदी क कनणटिय स य कवपकषी दल इतनी पीड़ा म कयो ह कनससदह इन कवपकषी दलो का ऐसा आचरण जनता की नज़रो म उनकी सकदगध छकव ही परसतत कर रहा ह कदलली मबई समत दश क अनय राजयो म पड़ रह आयकर कवभाग क छाप यह सपष करत ह कक दश की जनता का पसा ककस तरह कछ लोगो की झोली भर रहा था काल धन की धर-पकड़ पर इस परकतबध का जोरदार असर दखन को कमल सकता ह सबस पहल तो य 440 वॉलट का झटका उन क कलए ह जो कबसतर पर करोड़ो नोट कबछा कर सोन क आदी हो चक ह जाकहर ह इसस उनकी रातो की नीद हराम हो चकी होगी दसरी बात यह कक अकसमात हए इस परकतबध न काला धन धारको को ज़रा भी सजग होन का मौका ही नही कदया इसकलए अब उनक पास कसवाय अपनी सपकतत को सावटिजकनक करन अथवा नष करन क कोई और चारा नही बचा ह तभी तो दश क कवकभनन कहससो म भारी सखया म कही पाच सौ और हजार क नोट कड़ क ढर पर फ क कमल रह तो कही जलत पाए जा रह य कदखाता ह कक नोटबदी क इस कनणटिय क बाद काला धन धारको म ककस कदर हडकप मचा हआ ह तीसरी बात कक बाज़ार म इन कदनो जो नकली नोटो का बोलबाला था इस कनणटिय न उस गोरखधध को भी नसतनाबद कर कदया ह साथ ही भारत को नकसान पहचान क कलए बागलादश और पाककसतान जस मलको स जो नकली नोटो का भणडार यहा आता था वह भी अब ककसी काम का नही रहा इस कनणटिय स न कवल दरगामी तौर पर अथटिवयवसथा को मजबती कमलगी बकलक काल धन की जबती क बाद महगाई पर भी अकश लगगा दश की मदरा भी मजबत होगी और कवकास दर म भी वरकदध होन की सभावना ह

नोटबदी न दश म एक जागरकता फलान का भी काम ककया ह और लोगो क बीच इस धारणा को मजबत ककया ह कक बात अगर दश की भलाई हो तो परा दश एक सत म कपरोय धाग समान हो सकता ह जाकहर ह इस पर परश उठान वाल लोग जो कसफटि सकखटिया बटोरन क बलबत अपन राजनकतक वजद को बचाए रखत ह उनको यह कदखाई दना मकशकल ह कक दश की जनता सरकार क इस साहकसक कनणटिय स परशान नही ह बकलक सहयोग क साथ अपना योगदान दन क कलए सककलपत भी ह लोगो को भड़काकर उनम फट डालकर शासन करन की नीकत औपकनवकशक काल की थी मगर यह दभाटिगयपणटि ह कक सवय को दशभति क ताज स नवाजन वाल तमाम कवपकषी नता भी आजकल इन हथकडो का उपयोग करन स बाज नही आ रहइस कनणटिय क बाद उन लोगो को कोई कवशष समसया नही ह कजनक खात म उनकी जायज कमाई का पसा ह जबकक तमाम ऐस लोग कजनहोन गलत ढग स धनाजटिन ककया ह अनदर ही अदर डर-सहम बठ होग उनकी अकत सपकतत वयथटि हई पड़ी ह और उस पनः उपयोगी बनान क कलए अगर व बक जात ह तो काली कमाई की कलई खलना लगभग तय ह कतसपर आय कर और दो सौ परकतशत जमाटिन का डडा तो पड़ना ही ह एक बात य भी ह कक जो जनधन बक खात कपछल 6 महीन स कनकषकरय पड़ हो अगर आज अचानक उनम लाख-दो लाख रपय का हसतातरण होता ह तो य भी एक सदहजनक गकतकवकध ह कजसपर बक अपनी पनी नज़र बनाय हए ह और कजसक चलत आयकर कवभाग भी चसती स काम करत नज़र आया दश म मखय अथटिवयवसथा और समानातर अथटिवयवसथा को एक ही धारा म लान म भी यह एक बड़ा कदम ह इस कनणटिय क जररय कशलस इकॉनोमी को बढ़ावा कमलन का भी अनमान ह कजस उस वक़त लाग ककया गया जब दश म सकवधाजनक कश टासकशन की कमी ह कशलस टासकशन स आकथटिक पकष मजबत करन म हम सहायता कमलगी साथ ही कर दाताओ को भी इसम सहकलयत होगी कशलस टाजकशन वो चीज ह जो कजतना अकधक बढ़गा दश स भरषाचार की सभावना उतनी ही कम होगी काल धन को सजोन की कोकशश तो अब भी जारी ह हाथ पर तो अब भी मार जा रह ह कफर वह चाह रलव कटकट करवा कर ककया जाय अथवा ककसान करकडट काडटि का इसतमाल करक लककन इन सब गकतकवकधयो पर सरकार की परी नज़र ह सरकार न य कनणटिय कनकचित तौर पर इन सब पहलओ पर कवचार-कवमशटि करक ही कलया होगा अतः काला धन धारको का सरकार को चकमा दकर कनकलना मकशकल ह और कहना गलत नही होगा कक lsquoअबकी बार उनह मोदी सरकार क सामन डालन होग हकथयारrsquo

(लनखकया पतरकयारितया की छयातरया ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी आि जन कर रह सरकार का सिरथनकाला धन धारको ि िचा हड़कप

कमनषका मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

27

मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

28

प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 5: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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आठ नवबर की शाम आठ बज परधानमती नरदर मोदी न राषट को सबोकधत ककया राषट क नाम अपन इस सबोधन म परधानमती न एक बड़ा और ऐकतहाकसक ऐलान करत हए पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन की घोषणा की कालधन क कखलाफ परधानमती दारा उठाया गया यह कदम भारतीय इकतहास म एक साहकसक एव ऐकतहाकसक कदम क रप म था जनकहत की कचता क अनसार कछ जररी छट क साथ यह फसला आठ नवबर स लाग कर कदया गया इस फसल क बाद दश म नोटबदी अथाटित कवमदरीकरण की इस कायटिवाही पर बड़ी बहस शर हो गयी कछ कवपकषी दल अचानक जनकहतषी बनन का ढोग करत हए नोटबदी क कखलाफ कवरोध म उतर गए हालाकक इस फसल को जनता का भरपर समथटिन कमलता कदख रहा ह नोटबदी क बाद दश क महाराषट गजरात और पजाब आकद राजयो म हए कनकाय चनावो म भाजपा को बड़ी कवजय कमली ह कजस नोटबदी पर जनता क महर क रप म दखा जा रहा ह चकक भाजपा-नीत क दर सरकार पहल कदन स कालधन को लकर सखत रही ह और गत ढाई वषषो सरकार दारा समय-समय पर ठोस कदम उठाए जात रह ह कालधन और भरषाचार क कखलाफ सरकार की परकतबदधता शर स ही कदखी ह और यह कायटिवाही उसी कदशा म एक बड़ी चोट की तरह ह

कवमदरीकरण क मद पर दश म खब बहस चली ह इस कवषय पर वचाररक वब पोटटिल नशनकलसट ऑनलाइन डॉट कॉम पर लखो की शरखला चलाई गयी ह इसक माधयम स नोटबदी स जड़ हर पहल की पड़ताल करन की कोकशश की गयी ह नोटबदी क मद पर नशनकलसट ऑनलाइन डॉट पर परकाकशत तमाम लखो को एक जगह सककलत करक एक ई-बकलट बनान की पहल डॉ शयामा परसाद मकजटी शोध अकधषान दारा की जा रही ह इस सकलन म कजतन भी लख कलए गए ह सभी लखो क कलए अकधषान लखको क परकत आभारी ह

डॉ अमनराषन गागली

निदशक डॉ शयामया परसयाद मकरजी शोध अनधषयाि

भमिका

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टबदी क बाद जनता क मन म एक भावना आसानी स दखी जा सकती ह कक परधानमती क इस फसल को वह हर तरह की परशानी क बाद भी काला धन रखन वालो और भरषाचाररयो

क कखलाफ दख रही ह और जनता की इस भावना न दरअसल दश क कवपकष क कलए कतार म लगी जनता स जयादा परशानी की जमात खड़ी कर दी ह कवपकष इस कदर परशान ह कक पकचिम बगाल की मखयमती ममता बनजटी परशानी क इस समय म बगाल की जनता को छोड़कर कदलली की आजादपर मडी म रली कर रही ह रली म उनक साथ आम आदमी पाटटी क नता और कदलली क मखयमती अरकवद कजरीवाल ह य ककतनी सही राजनीकत ह या खराब राजनीकत को सही साकबत करन की कोकशश य इसस भी समझ म आता ह कक कदलली क मखयमती क तौर पर अरकवद कजरीवाल न कदलली की परशान जनता की परशाकनयो को कम करन की कोई कोकशश नही की और ममता बनजटी तो इस मामल म और भी खराब राजनता साकबत होती कदख रही ह जब मखयमती क तौर पर ममता बनजटी को पकचिम बगाल की जनता को नोटबदी स होन वाल नफा-नकसान क बार म समझाना चाकहए था उनक जीवन की मकशकलो को आसान करन क रासत बतान चाकहए थ उस समय ममता बनजटी दश की राजधानी कदलली क आजादपर म रली कर रही थी ममता और कजरीवाल य कह रह थ कक कभी भी इसकी वजह स दश म दग हो सकत ह इतना ही नही उनहोन एक सयति कवपकष जसा माहौल बनान की कोकशश की मदा सही हो

तो य कोकशश सराही जानी चाकहए लककन यहा ऐसा कछ नही था

साफ ह कक ममता बनजटी अरकवद कजरीवाल समाजवादी पाटटी कागस आकद का य राजनीकतक कवरोध ह लककन बड़ा सवाल ह कक परी तरह स आकथटिक फसल को कया कवपकष परी तरह स राजनीकतक कवरोध की कसौटी पर कसकर जनता का कवशास जीत सकता ह इसका जवाब दश क दो राजयो क मखयमकतयो क वयवहार स आसानी स समझा सकता ह इन दो मखयमकतयो म स एक ह कवधानसभा चनाव क ठीक पहल बीजपी स अलग हए नीतीश कमार और दसर अभी बीजपी क साथ खड़ चदरबाब नायड नायड दककषण भारत म भाजपा क मजबत और महतवपणटि सहयोगी ह और नीतीश कमार उततर भारत म मोदी कवरोधी गठजोड़ क महतवपणटि नता लककन इन दोनो ही मखयमकतयो न कहनदसतान क इस सबस बड़ आकथटिक फसल पर आकथटिक नजररय स परकतककरया दकर राजनीकतक बढ़त भी हाकसल

कर ली ह कबहार क मखयमती नीतीश कमार परी तरह स इस फसल क साथ खड़ ह नीतीश कमार न कहा कक इसस काला धन भरषाचार पर रोक लगगी आधर परदश क मखयमती चदरबाब नायड न तो पहल ही परधानमती को कचटी कलखकर बड़ नोटो को खतम करन की माग की थी कजसस काल धन पर रोक लगाई जा सक नोटबदी क सरकार क फसल क कखलाफ कवपकष को तकषो क साथ आना चाकहए था लककन हआ कया हआ य कक दरअसल कवपकष क पास सरकार क नोटबदी क फसल क कवपकष म कोई सटीक तकटि नही ह यहा तक कक कतार म लगी जनता न भी जब अरकवद कजरीवाल जस आदोलनकपरय और आरोप उछालकर राजनीकत करन वाल नताओ को भगाना शर ककया तो भी इनह समझ नही आया कक जनता कया चाहती ह य समझना इसकलए भी जररी ह कयोकक राजनीकत क अकतम पररणाम क तौर पर नता जनता को अपन पकष म चाहता ह य बात कवपकष क नता नही समझ सक और कतकटि की तरफ बढ़ चल उसस भी बात नही बनी तो साकजश क कसदधानत पर बाखबी काम ककया गया उदाहरण क तौर पर भारतीय जनता पाटटी की बगाल इकाई क खात म दो ककसतो म एक करोड़ रपय जमा करन की बात परचाररत की गई कजसस साकबत ककया जा सक कक नोटबदी की खबर पहल ही लीक कर दी गई थी दसरा साकजशी कसदधानत आया कजसम भारतीय जनता पाटटी की उततर परदश इकाई क अधयकष कशव परसाद मौयटि की बटी को 2000 क नोटो की गडकडयो क साथ कदखाया गया वो खबर परी तरह स गलत कनकली मौयटि न बताया कक उनक कोई बटी ह ही नही य कछ उदाहरण भर ह और य उदाहरण साकबत करत ह कक दरअसल कवपकष क पास इस मामल कवरोध क कलए कोई सही तकटि तथय ह ही नही ऐसा नही ह कक कवपकष को राजनीकत क कलए मौका नही कमल सकता था लककन दो बात थी पहली य कक कतारो म खड़ लोगो को नरदर मोदी क ककए पर भरोसा ह और दसरा य कक कवपकष क नताओ की कवशसनीयता और मशा सदह क दायर म आती रही इस कदर कक कदलली क लकमीनगर इलाक म अरकवद कजरीवाल आम आदमी पाटटी क कायटिकताटिओ क साथ लोगो का हाल जानन पहच तो लोगो न उनही क कखलाफ नार लगान शर कर कदए य सब उसक बावजद हो रहा था जब मीकडया क बड़ चहर य साकबत करन पर तल हए थ कक लोग बरी तरह स परशान ह ककसी भी हाल म दश म 8 नवबर क 8 बज क बाद स हए हर हादस दघटिटना को

अतारककि क विरोध कर दश काभरोसा खोता विपकष

हरषवधषन मरिपाठी

नो

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नोटबदी स जोड़न की कवायद म कसफटि कवपकषी नता ही शाकमल नही थ बड़ पतकार लखक क तौर पर समाज म पहचान जान वाल लोग सरकार क फसल क कखलाफ कछ भी करन को उतार ह दरअसल य कछ भी करन पर उतार जमात म बहतायत लोग वही ह जो ककसी भी हाल म नरदर मोदी को परधानमती की कसटी पर दखन को तयार नही थ और नही थ वाली मानकसकता अभी भी जड़ अवसथा म ह इसका अदत उदाहरण दखन को कमलता ह कक करीब 150 ऐस ही बड़ बकदधजीकवयो न परधानमती को कचटी कलखकर इस फसल को वापस लन की माग की ह बकदधजीकवयो की कचटी ह इसकलए परी तरह स उसम कचनता आम आदमी क कषो की ही की गई ह लककन कमाल की बात य भी ह कक नोटबदी स आम आदमी को होन वाल कषो की कचनता करन वाल जयादातर वही लोग ह कजनहोन असकहषणता को इस दश का वतटिमान चररत बता दन की कोकशश की और दश स कमल सममानो को वापस कर कदया था दश म बकदधजीवी लखक क तौर पर सममान पान वाल ढरो लोग भी जब इस आकथटिक फसल पर राजनीकतक तरीक स परकतककरया दत ह तो सदह होता ह कक कया मोदी कवरोध क नाम पर सरकार क हर फसल का कवरोध करक जनता को गमराह करन की कोकशश उनका मानस बदलन की कोकशश कहा तक सही ह कमाल दकखए कक जान मान पतकार शखर गपा रपय की कमजोरी पर य सवाल पछत ह कक कया दश म ररजवटि बक गवनटिर ह कया रपय का डॉलर क मकाबल कमजोर होना दश क उदोगो क कलए ठीक ह इसक कलए कछ करन की जररत भी शखर बतात ह 16 नवबर को ककया गया शखर गपा का य टवीट इतना कनददोष नही ह दरअसल शखर कवमदरीकरण क इस समय म रपय क कगरत भाव को जोड़न की कोकशश करत कदखत ह जबकक सचचाई य ह कक रपय की

कमजोरी नही हई ह डॉलर की मजबती हई ह डोनालड टप का राषटपकत बनना इसकी बड़ी वजह बताया जा रहा ह इसी तरह की एक कोकशश हई जब सटट बक ऑफ इकडया क सात हजार करोड़ रपय स जयादा क कजटि को बट खात म डालन की खबर को मालया की कजटि माफी क तौर पर कपरचाररत ककया गया जबकक सच य ह कक नरदर मोदी की सरकार क ढाई साल क कायटिकाल म मालया और दसर कडफॉलटर स कजटि वसली की परककरया कजतनी तजी स परी करन की कोकशश हई वसी कोकशश कभी नही हई बकलक कपछली सरकार क समय म ही जयादातर सरकारी बको न बड़ कजटि कदए और कॉपदोरट स उनकी वसली नही हो सकी सचचाई यही ह कक आकथटिक मामलो पर नरदर मोदी की सरकार बहत ही चरणबदध तरीक स चल रही ह कजसम सरकार आन क बाद सबस पहल काला धन बनन स रोकन की कोकशश शर हई उसक बाद बनामी सपकतत पर रोक लगान कोकशश लोगो को अपना काला धन बताकर उस बककग कससटम म वापस लान की कोकशश य सब बहत चरणबदध तरीक थ इसी बीच म सरकार न बको का एनपीए खतम करन और बको की कसथकत मजबत करन क कलए पवटि सीएजी कवनोद राय की अगवाई म बक बोडटि बयरो बना कदया सबस बड़ी बात कक इन सार कदमो क साथ नरदर मोदी जनता को य भरोसा कदलान म कामयाब रह ह कक य फसला परी तरह स आम जनता क कहत म ह

(लखक वरिष पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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भाजपानीत क दर सरकार दारा कालाधन पर रोक लगान की कदशा म बड़ा कदम उठात हए पाच सौ एव एक हजार क नोट बद ककए जान और नए नोट जारी ककए जान क बाद स ही कालाधन

का मदा एकबार कफर कवमशटि और चचाटि क क दर म आ गया ह सरकार की तरफ स एव आम चचाटि म भी यह बात सामन आती रही ह कक कालाधन का नटवकटि महज दश क अदर ही नही बकलक सीमापार तक फला हआ ह हाल म ही एक टीवी समाचार चनल क कसटग ऑपरशन म पाककसतानी कसनमा कलाकारो को लकर बड़ा खलासा सामन आया ह कसटग क मताकबक़ पाककसतान क तमाम कसनमा कलाकार जो भारत म काम करत ह अपन भगतान का एक ठीक-ठाक कहससा कश म लन की माग करत ह हाल ही म उड़ी हमल क बाद पाककसतानी कलाकारो पर परकतबनध को लकर भी खब गरमा-गरम बहस हो चकी ह कसटग क अनसार पाककसतानी कलाकार फवाद खान मवारा होकन और इमरान अबबास जस कलाकार अपनी फीस का ठीक-ठाक कहससा कश म लन की माग करत ह कसटग क अनसार पाककसतानी कलाकार फवाद खान एक शादी समारोह म शाकमल होन क कलए पचास लाख की फीस का पचीस फीसद रकम अपन यएई क खात म जमा करान की शतटि अपन मनजर क माधयम स रख रह ह यानी अगर इस कसटग को सही मान तो यह फवाद खान का टकस चोरी वाया यएइ कनकशन नजर आता ह बॉलीवड म कई कफलम कर चकी मावरा होकन क मनजर न उनकी कल फीस का बड़ा कहससा उनक आसटकलया वाल खात म जमा करन की माग रखी कछ इसी तरह टकस और रकम कछपान क हथकड इमरान अबबास भी आजमात नजर आ रह ह इस कसटग क बाद एक बहस कफर चली ह कक कया वाकई सीमापार क लोग भारत म काम करक धन कमात ह लककन भारत सरकार को कर नही दत बकलक वो पसा बाहरी दशो क खातो म जमा करवा दत ह चकक यह महज चद कसनमा कलाकारो तक का मामला नही ह बकलक यह टकस चोरी क साथ-साथ भारत सरकार क साथ धोखाधड़ी करन का भी मामला ह सममानजनक ढग स भारत म काम कर रह पाककसतानी कलाकार यकद भारत सरकार क साथ इस सतर पर छलावा एव धोखाधड़ी करत नजर आ रह ह तो अदाजा लगाया जा सकता ह कक सीमापार स भारत क कखलाफ काम कर रही ताकत ककस सतर पर दश को नकसान पहचा रही होगी उनका अवध कारोबार इस दश म ककस सतर पर चल रहा होगा य तमाम सवाल हम न

कसफटि चौकात ह बकलक भारत कवरोधी ताकतो क खतरो स आगाह भी करत ह यह बात लमब समय स उठती रही ह कक भारत म कालधन क इस कारोबार म तसकरी अवध हकथयारो का कारोबार डरगस का कारोबार सकहत तमाम आपराकधक गकतकवकधया शाकमल ह इनम स अकधकतर ऐसी गकतकवकधया ह जहा भारत क बाहर स भारत कवरोधी ताकतो का पसा अलग-अलग माधयमो स लगा हआ ह कलहाजा इन पर पाबदी लगना कनहायत ही आवशयक ह टकस चोरी क अलावा भी इसक बड़ खतर ह हम इस बात का अदाजा नही ह कक सावटिजकनक सतर पर काननी ढग स काम करन वाल पाककसतानी कलाकार जब इतनी सहजता स दश की सरकार को धोखा द सकत ह तो दश की सरकषा क कखलाफ काम कर रह आतकी सगठन ककस सतर पर सककरय होग लककन कालधन की समसया स मकति और नगदी म चल रह काल वयापार पर लगाम की कदशा म परधानमती नरदर मोदी क नतरतव वाली क दर सरकार न जो ठोस कदम उठाया ह वो आजादी क बाद इस समसया क सनदभटि म उठाया गया न कवल एक ऐकतहाकसक कदम ह बकलक साहकसक भी ह इसस दश क अनदर चल रहा नकदी का अवध कारोबार एक झटक म कागज क रदी टकड़ो की तरह बमतलब हो गया ह नकसकलयो क नटवकटि को तगड़ा झटका लगा ह अलगाववादी ताकत पसत हो गयी ह राजनीकत म धनबल वाल लोग कनधटिन-कनबटिल हो चक ह रही बात कतारो की तो यह दश सततर वषषो स कतार म ही था गरीबी असमानता अथटिवयवसथा स दर एक कतार थी जो आम लोगो की थी आज उस कतार म आम और ख़ास हर कोई खड़ा ह इस कतार म वही चलगा जो इमानदारी स धन कमाएगा इस कतार म आन स वह लोग डर रह ह जो बईमानी स पसा कमाए ह यह इमानदारी क कलए इमानदारो की कतार ह चनल दारा कदखाए कसटग ओपरशन को महज चद कलाकारो तक सीकमकत करक दखन की बजाय इसक बड़ खतर को भी दखना होगा आज अगर सरकार बहद सखत ह तो वह इनही बड़ खतरो स दश को बचान क कलए सखत ह सरकार कोई ऐसा रासता नही छोड़ना चाहती जहा स कश का काला वयापार करन वाल लोग बच कनकल इस महीम म दश की इमानदार जनता एक कतार म सरकार क साथ ह और यह वह कतार ह जहा आन की कहममत कोई बईमान कर ही नही सकता ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खली पाक कलाकारो क काल धन की पोलसटिग ऑपरशन ि हए बनकाब

मशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न नोटबदी क फसल को लाग करक बड़ा ररसक कलया ह जो अगर वो नही भी लत तो कोई फकटि नही पड़ता और उनकी राजनीकत कनबाटिध गकत स चलती रहती

नोटबदी क पहल हो रह तमाम सवव क नतीज यह बता रह थ कक मोदी सबस लोककपरय नता ह बावजद य जोकखम उठाना इस बात का सकत दता ह कक नरनदर मोदी दश क कलए कछ बड़ा करन की कदशा म कदम उठा चक ह हलाकक राजयसभा म नोटबदी पर चचाटि म हसतकषप करत हए पवटि परधानमती मनमोहन कसह न कहा कक सरकार क इस कदम स जीडीपी पर कनगकटव असर पड़गा उनक अनमान क मताकबक नोटबदी स इसम दो फीसदी की कगरावट दजटि की जा सकती ह दरअसल इस पर मसल पर कवपकष को कवरोध की जमीन ही समझ म नही आ रही ह पहल ककसानो को लकर सरकार पर हमल लककन नबाडटि की पहल स ककसानो की मदद क कलए उठाए कदम न कवपकष क इन आरोपो को भी शात कर कदया इसक पहल कछ उलजलल आरोप लग कक परधानमती न अपन इस फसल क पहल राजनीकतक लोगो स कवमशटि नही ककया और अफसरो की सलाह पर य फसला ल कलया राजयसभा म तो समाजवादी पाटटी क नता नरश अगवाल न चटकी लत हए परधानमती की मौजदगी म य कह कदया कक कवतत मती अरण जटली को भी इस फसल की जानकारी नही थी दरअसल इस तरह क फसलो म जो गोपनीयता बरती जाती ह उसकी जानकारी कवपकषी नताओ को शायद नही हो 1991 म जब आकथटिक उदारीकरण का दौर शर हआ था तब उस वति क कवतत मती मनमोहन कसह भारतीय मदरा का अवमलयन करना चाहत थ इसक पहल इकदरा गाधी न 1966 म मदरा का अवमलयन ककया था जो कक सततावन फीसदी स थोड़ा जयादा था जब मनमोहन क मदरा अवमलयन क इराद का पता चला तो वामपथी बकदधजीकवयो न इसका कवरोध शर ककया लककन मनमोहन कसह इस फसल पर अकडग थ उनहोन उस वति क परधानमती नरकसह राव स कमलकर अनरोध ककया कक इस फसल की जानकारी ककबनट क मकतयो को भी नही दी जाए राव न मनमोहन कसह की सलाह मान ली उस वति मनमोहन कसह न फसला ककया था कक मदरा का अवमलयन दो चरणो म ककया जाएगा 1 जलाई 1991 को रपए का अवमलयन कर कदया गया कवपकष समत तमाम वामपथी बकदधजीकवयो न इसका कवरोध ककया कागस क नताओ को भी इस फसल क बचाव म कदककत आ रही थी सीपीएम न उस वति इसको एक खतरनाक कदम बताया था लककन असली कहानी तो तब हई जब मनमोहन कसह न एक ही कदन बाद याकन तीन जलाई को रपए का और जयादा अवमलयन करन का फसला कलया दोनो कमलाकर य बीस

फीसदी तक पहच रहा था जब राव तक य बात पहची तो वो घबरा गए और उनहोन मनमोहन कसह स इसको रोकन का आदश कदया लककन तबतक दर हो चकी थी जब मनमोहन कसह न ररजवटि बक क कडपटी गवनटिर सी रगराजन को फोन कर इस आदश का एलान रोकन क कलए कहा तो उनका जवाब आया कक वो तो इस फसल को सावटिजकनक कर चक ह मनमोहन कसह सनन उनहोन राव को य बात बताई और कफर इसतीफ की पशकश की लककन राव न अपन कवतत मती का पकष कलया और उस फसल क साथ हो कलए य परा वाकया बतान का मतलब कसफटि इतना ह कक हमार दश म इस तरह क कराकतकारी आकथटिक फसल पहल भी गोपनीय तरीक कलए जात रह ह उसका उदशय भी तभी परा होगा जबकक इसको गोपनीय रखा जाएगा गोपनीयता बरत जान की कबनाह पर ककसी भी सरकार को घरना उकचत नही होता ह मौजदा कवतत मती अरण जटली न भी इस बात को माना ह कक इस फसल की जानकारी नीड ट नो बकसस पर उन सभी लोगो को थी कजनको होनी चाकहए थी परधानमती मोदी न तो चद घट पहल अपन ककबनट को इस फसल क बार म बता भी कदया था मनमोहन कसह न तो मदरा क अवमलयन क फसल क बार म ककसी को नही बताया था और अपन परधानमती क सामन य चाहत भी रखी थी कक ककबनट को इस फसल की जानकारी ना दी जाए कजसको राव न माना भी था अब अगर हम कवपकष क तकषो को दख तो वो बचकाना नजर आत ह इस तरह की खबर अवशय आ रही ह कक नोटबदी स जनता को कदककत हो रही ह लककन जनता इन कदककतो को सहन क कलए तयार ह और अब धीर-धीर कदककत कम हो रही ह अभी कबहार क दो शहरो क लोगो स बात हई ह तो वहा स य जानकारी कमल रही ह कक बको म कतार कम हो गई ह अब दसरी बात य उठाई जा रही ह कक इसस अथटिवयवसथा पर बरा असर पड़गा सभव ह कक बड़ अथटिशाकरियो क अपन तकटि हो लककन सरकार भी इस आसनन खतर स कनबटन को लकर सतकटि नजर आ रही ह जनवरी स माचटि की कतमाही म इसका असर कवकास दर पर पड़ सकता ह लककन उसक अगली कतमाही स हालात बहतर हो सकत ह अगर इस फसल स नकदी स होनवाला कारोबार बको क माधयम स होता ह तो गरीबो का भी भला होगा नकदी पर काम करनवाल फकटी मजदरो को माकलको को पीएफ और ईएसाई का लाभ दना होगा इसस मजदरो को भकवषय क कलए जमा राकश भी कमलगी और कचककतसा सकवधा का भी लाभ होगा

(लखक वररष पतकार ह य उनक कनजी कवचार ह)

गरीबो-िजदरो क ललए लाभकारी ह नोटबदीअनत मवजय

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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हाल ही म पजाब की राजधानी चडीगढ़ म कनकाय चनावो क पररणाम आय इन चनावो म जनता न भाजपा को ऐकतहाकसक रप स कवजयी बनाया ह चडीगढ़ कनकाय क कल 26 वाडषो म

स 22 वाडषो म भाजपा न अपन उममीदवार उतार थ कजनम स 20 म उस जोरदार जीत हाकसल हई ह भाजपा की सहयोगी कशरोमकण अकाली दल को कसफटि एक सीट हाथ लगी वही कपछली बार क चनावो म ११ सीट जीतन वाली कागस को महज़ चार सीटो स सतोष करना पड़ा इसस पहल महाराषट और गजरात क कनकाय चनावो म भी भाजपा न बड़ी जीत हाकसल की थी लककन चडीगढ़ कनकाय चनावो की य जीत उन सबस भी अकधक शानदार रही ह साथ ही इन सब कनकाय चनावो स पहल मधय परदश असम अरणाचल परदश आकद राजयो म खाली हई लोकसभा और कवधानसभा सीटो पर भी उपचनाव हए थ उनम भी जयादातर सीटो पर भाजपा को जनता न कवजयी बनाया था यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सब चनावो की सबस कवशष बात य रही ह कक यह सब नोटबदी क उस कनणटिय क बाद हए ह कजसक कवरोध म परा का परा कवपकषी खमा एक सर म लामबद हआ पड़ा ह और कजसक कवरोध क नाम पर कवपकषी खम न ससद क शीतकालीन सत को अपन हगाम की भट चढ़ा कदया अब इन चनाव पररणामो क बाद कवपकष क कवरोध की कलई भी परी तरह स खल

चकी ह कक नोटबदी क कारण जनता की कजस ककथत पीड़ा और आकरोश का गान करत हए य भाजपा सरकार को कबना मतलब ही भरपर कोस रह ह वो जनता हर सतर पर चनाव म इनह लगातार खाररज़ और सतताधारी दल को सवीकार रही ह इसका एक अथटि यह भी ह कक जनता नोटबदी क कनणटिय स कबलकल भी नाराज़ नही ह बकलक इसका बमतलब कवरोध करन वालो स उस अकधक नाराजगी हो रही ह अब तकटि यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सबक बाद एक बार क कलय अगर मान ल कक इन कनकाय चनावो म नोटबदी कोई मदा नही रहा तो भी कवपकष की जो ददटिशा इनम हई ह वो कया कम हो जाती ह अचछी बात होगी कक कवपकषी खमा अब भी वासतकवकता को समझ कक सरकार क परकत अधकवरोधी रख और जनता की नबज़ को पकड़ पान म उसकी नाकामयाबी क कारण उसका जनाधार अब धीर-धीर समाप होता जा रहा ह यह कवपकष क कलय चतन का समय ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि)

चडीगढ़ रनकाय चनाि भाजपा की चली आधी जनता न मदखाया विपकषी दलो को आईना

पीयर मविवदी

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चार दशको क राजनीवतक सफर ि हर अिसर पर विफल रह ह िनिोहन ससिह

मशवाननद मविवदी

एक पतकार वाताटि (जनवरी 2014) म डॉ मनमोहन कसह न कहा था कक मरा मलयाकन इकतहास करगा इसम कोई शक नही कक चार दशक तक ककसी एक राजनीकतक दल क साथ परी

वफादारी और राजनीकतक कनषा स सरकार म शीषटि पदो पर काम करन वाल वयकति का मलयाकन होना सवाभाकवक ह इसम कोई शक नही कक सवतत भारत क इकतहास म डॉ मनमोहन कसह उन चद लोगो म स एक ह कजनह इकतहास न सवाटिकधक अवसर कदया ह कवमदरीकरण क मद पर जब डॉ मनमोहन कसह राजयसभा म क दर सरकार को घरत हए कागस का पकष रख रह थ तो म उनक भाषण को बहत धयान स सन रहा था कवमदरीकरण को लकर उनहोन एक वाकय कहा lsquoयह सगकठत लट हrsquo डॉ मनमोहन कसह न इसक तमाम नकसान कगनवाए उनक भाषण म कर कष की कचता थी जीडीपी की कचता थी गामीण सहकारी बको म होन वाली समसयाओ की कचता थी गरीबो की कचता थी और दरगामी पररणामो म लगन वाल वति की कचता थी साथ ही उनहोन कछ रचनातमक परसताव क साथ आन की सलाह दत हए सरकार की आलोचना भी की डॉ मनमोहन कसह आज उस मकाम पर ह कक जब वो सदन म बोल रह थ तो यह समझना मकशकल था कक राजयसभा क फलोर स एक पवटि आकथटिक सलाहकार बोल रहा ह या एक ररजवटि बक का पवटि गवनटिर बोल रहा ह यह समझ पाना कबलकल आसान नही था कक दश की जनता एक पवटि कवतत सकचव को सन रही ह अथवा पवटि कवतत मती को सन रही ह एक आम भरम लोगो म मन म जरर बठा होगा कक व एक पवटि परधानमती को सन रह ह अथवा एक कागस क सासद को सन रह ह लोग तो यह भी जानना चाहत होग कक राजयसभा स ककसी पाटटी का एक राजनता बोल रहा ह अथवा एक अथटिशारिी बोल रहा ह वो कया-कया रह ह ककस-ककस भकमका म रह ह वतटिमान म वो कया ह और ककस भकमका म ह उनका दाकयतव कया ह और उनकी जवाबदही कया ह इन सवालो स उनक समथटिक कचढ़त नजर आत ह डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन करन स पहल उनक सावटिजकनक दाकयतवो पर एक सककषप नजर अवशय डालनी चाकहए एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क

आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह भारत सरकार की वबसाईट (pmindiagovin) पर कदए पररचय को अगर सही मान तो वषटि 1957 म अथटिशारि म परासनातक की कडगी लन वाल डॉ मनमोहन कसह ऑकसफ़ोडटि कवकव क नकफलड कॉलज स डी कफल ह अपन कररयर की शरआत एक कशकषक क रप म करन वाल डॉ मनमोहन कसह 1971 म वाकणजय मतालय म आकथटिक सलाहकार की भकमका म आए महज एक साल म उनको कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार का दाकयतव कमल गया तब दश इकदरा गाधी की सरकार थी जब डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार थ तब परणब मखजटी भारत सरकार म मती बन चक थ यही वो दौर था जब बको का राषटीयकरण हो रहा था इस दौरान डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय क सकचव योजना आयोग क उपाधयकष और ररजवटि बक क मकखया भी रह ररजवटि बक का गवनटिर तो सभवत उनह कवतत मती रहत परणब मखजटी न ही बनाया था उनक दाकयतवो स यह अदाजा लगता ह आकथटिक मामलो म डॉ मनमोहन कसह इकदरा गाधी क अकत कवशासपात अथवा वफादार लोगो म स थ 1991-96 म डॉ मनमोहन कसह दश क कवततमती बन हालाकक कहा जाता ह कक कवततमती क तौर डॉ मनमोहन कसह ततकालीन परधानमती पीवी नरकसमहा राव की पहली पसद नही थ कफर 2004 म सपरग-1 म परधानमती बन और दस साल तक दश क परधानमती रह यहा पररचय दन का मकसद यह था कक एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह वषटि 2014 तक दश क 42 फीसद स जयादा आबादी की पहच बक तक नही थी याकन उनक पास बक खात तक नही थ आकखर डॉ मनमोहन कसह आकथटिक सलाहकार स लगाए चार दशक तक अथटिवयवसथा स जड़

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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महतवपणटि पदो पर लगातार रहत हए परधानमती तक क ताकतवर पद तक पहचन क बावजद कयो य नही परा कर पाए बको क राषटीयकरण क दौरान ही सरकार म आकथटिक सलाहकार क तौर पर जड़न वाल डॉ मनमोहन कसह की कवफलता की कहानी यही ह कक चार दशक बाद 2004 म परधानमती बनन क बावजद वो इस दश की आम जनता को मखयधारा की बककग अथटिवयवसथा स जोड़ पान म नाकाम साकबत हए राजयसभा म बोलत हए डॉ मनमोहन कसह न जीडीपी कवकास दर म 2 फीसद की कगरावट का अदशा जताया लककन जीडीपी कवकास दर क सवाल पर वो यह बताना कयो नही मनाकसब समझ कक उनक दस साल क कायटिकाल म जीडीपी लगातार ककन वजहो स अकसथर रही थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क दौरान दश की जीडीपी कवकास दर लगभग 84 फीसद तक पहच गई थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क बाद डॉ मनमोहन कसह की ततकालीन गकठत सरकार को जीडीपी दर कवरासत स ठीक-ठाक कमली लककन डॉ मनमोहन कसह क नतरतव म दस साल सरकार चलन क बाद जब वषटि 2014 म एकबार कफर भाजपा-नीत सरकार नरदर मोदी क नतरतव म बनी तो डॉ मनमोहन कसह स मोदी को 474 (2013 की जीडीपी कवकास दर) फीसद जीडीपी कवकास दर कमली आज भारत की कवकास दर 73 फीसद क आसपास ह लककन मनमोहन कसह जीडीपी को लकर बहद कचकतत नजर आ रह ह यह कचता हासयासपद बवजह एव कनराशाजनक ह जब जीडीपी पर बात चल रही हो तो सवाल मोदी स नही डॉ मनमोहन कसह स होना चाकहए कक आज कजस जीडीपी का आप कहसाब और आकलन कर रह ह उस आप ढाई साल पहल परधानमती रहत छोड़कर ककस हाल म गए थ कागस न डॉ मनमोहन कसह को सारी आलोचनाओ स पर साकबत करन की अनक कोकशश की ह दश इस भरम म नही रहन वाला कक डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन एक अथटिशारिी क तौर पर कर अथवा एक परशासक परधानमती क तौर पर चकक दोनो ही मोचषो पर जब-जब डॉ मनमोहन कसह को

ताकतवर पद कमला ह व नाकाम साकबत हए ह बतौर परधानमती उनहोन एक भरष और लटतत वाली सरकार दी ह कजसक मकतयो को लट एव भरषाचार क गभीर आरोपो म जल तक जाना पड़ा ह डॉ मनमोहन कसह एक बहद कमजोर परशासक इसकलए भी ह कक कोयला मतालय उनक अतगटित रहत हए उसी कवभाग म हए घोटालो को रोक पान म व बरी तरह नाकाम साकबत हए आज राजयसभा स जब व lsquoसगकठत लटrsquo का जमला फ क रह थ तो यह इकतहास उनही को आईना कदखा रहा था एक और कबद ह कजसको लकर कागस उनका मकहमा मडन करती ह भारत म उदारीकरण क जनक क रप म कजस ढग स डॉ मनमोहन कसह की छकव को कागस पश करती ह वो महज एक छलावा ह उदारीकरण को लकर हम यह समझना होगा कक बतौर राजनीकतक दल कागस अथवा बतौर अथटिशारिी डॉ मनमोहन कसह म स कोई भी कभी उदारीकरण का कहमायती नही रहा ह उदारीकरण न तो कागस की नीकत रही ह और न ही डॉ मनमोहन कसह का कभी कवजन रहा ह भारत म उदारीकरण आकथटिक तगी की मज़बरी की दन स जयादा कछ भी नही ह आपक पास जब कछ नही बचा तो आप मज़बरी म उदारीकरण को सवीकार ककए जबकक इसक पहल कागस की आकथटिक नीकतयो म समाजवादी वयवसथा की परबलता थी पकडत दीन दयाल उपाधयाय अनक बार सावटिजकनक कषतो क कवसतार पर कागस की सरकारो की आलोचना करत रह थ अब मज़बरी म आए उदारीकरण को मनमोहन कसह की आकथटिक दरदकष क रप म पश करक कागस दश को गमराह नही कर सकती उदारीकरण दश म उतपनन कवकट पररकसथकतयो की दन थी न कक मनमोहन कसह क आकथटिक कवजन की डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन जब इकतहास करगा तो दो बात कनकल कर आएगी पहली बात कक चार दशक स जयादा एक ख़ास राजनीकतक परकषभकम म लगातार महतवपणटि एव कनणाटियक पदो पर रहन वाल भारत क चद लोगो म स एक डॉ मनमोहन कसह ह दसरी बात यह कनकल कर आएगी कक डॉ मनमोहन कसह अवसरो क नायक रह ह इनकी न अपनी कोई नीकत रही ह न कनणटिय रहा ह और न ही य ककसी बदलाव क मौकलक कनमाटिता रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम क सपयादक ह)

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लखक अकमष कतपाठी की तीन खणडो म कशव की एक कालपकनक कहानी ह जो सोमरस नामक अमरता दन वाल दरवय की कथा ह यह एक अमरत था परनत इस अमरत क दषपरभाव भी थ

कजसको वहा क राजा दकष परजा स छपा रह थ कजस तरह समदर मथन म अमरत क साथ कवष भी कनकला उसी तरह इस अमरत की कनमाटिण परककरया म इसक साथ-साथ कवष भी बनता था इस कहानी म जो सबस महतवपणटि ह वो यह कक शरआत म जो चीज समाज क कलए अमरत थी वही इसक जयादा उपयोग स धीर धीर सवतः कवष म पररवकतटित हो गयी ततकालीन सामाकजक वयवसथा म हर समसया का मल बन गयी और चकक इस सोमरस क परकत सवाथटि इतना गहरा हो चका था कक कबना इस परकतबकधत ककय कोई उपाय नही रहा धमटि यदध हआ और इस कवदा को उपनयास क अत म हमशा क कलए कछ अपवादो को छोड़कर ख़तम कर कदया गया अब इस कहानी को हम वतटिमान अथटिवयवसथा क पररपकय म दखत ह तो कया नकद हमारी अथटिवयवसथा का सोमरस ह कया सोमरस की तरह नकद भी धीर-धीर ककसी वयवसथा क कलए अकभशाप बन सकती ह कया नकद अपन सार फायद क बावजद इतना जहरीला हो सकता ह कक राषटीय अथटिवयवसथा खोखली होन लग इन सार परशो क मल म अगर हम इस वयवसथा क इकतहास म जाए तो पाएग कक भौकतक मदरा एक बहत ही परानी एव मधयकालीन परपरा ह व समय क साथ-साथ इस कफकजकल करसी क साथ-साथ अनक कवष-बल कलपट चक ह भौकतक मदरा क साथ जो सबस बड़ी समसया आज पश आ रही ह वो ह इसक परकत आशकति तथा कर चोरी हत सरकार की नज़र स इस छपा कर रखना इस कारण अथटिवयवसथा म उन कछप हए नोटो का क़ाननी हसतानतरण म परयोग बद हो जाता ह और य धन जस सरकार की नज़रो स गायब हो जात ह उस धन का परयोग होता ह पर वहा कजस धध को सरकार या समाज गर क़ाननी मानत ह और य छपा हआ धन अपनी एक खद की अथटिवयवसथा बना लती ह कजसका कवकास सवतः होन लगता ह यह सामानातर अथटिवयवसथा नकद पर कनभटिर हो जाती ह जहा न कोई टकस दना होता ह न ही समाज क परकत ककसी उततरदाकयतव को कनभाना होता ह आज हमार समाज म कजतनी भी कवसगकतया कदखाई दगी उनक जड़ म यही काला धन ह जो कक कछ नही बकलक सरकार की नज़र स छपाकर कलया गया नकद ह या उसक दारा खरीदी गयी पररसपकततया ह इसी कालधन रपी नकद की जड़ स समसत बराइयो को खराक कमलती ह

या उनकी अथटिवयवसथा चलायमान रहती ह चाह वो नशीली दवाओ का कारोबार हो आतकवाद की फकडग हो हवाला कारोबार हो चनावो म लग रहा धनबल हो चाइलड टकफककग हो या अनय अपराध हो या उनह करवान क कलए ककया जा रहा जाली नोटो का इसतमाल हो इन सबकी बकनयाद इसी नकदी पर कटकी होती ह कामरड सीताराम यचरी न अपन फसबक पोसट म कलखा ह कक यह काला धन भारत की अथटिवयवसथा का 06 ह एव इसका लगभग 0025 नकली नोट ह अब अगर हम भारत की कवशाल अथटिवयवसथा को दख तो य रकम बहत जयादा ह य वही सोमरस ह जो अब कवष बन चका ह एव कजसका उपयोग हमार समाज को कनरतर कमजोर कर रहा ह इस कवषबल को काटन का कोई भी साहसी फसला मकशकल हो सकता ह परनत गलत कभी नही इस नकद क लोभ म हर वयकति भल चका ह कक लकमी चचला ह य जब तक एक हाथ स दसर हाथ जाती रहती ह तभी तक आकथटिक कवकास होता ह एव इसी कवकास का एक कहससा कर क रप म समाज वयवसथा को जाता ह वतटिमान सरकार क 500 एव 1000 क बड़ नोटो जो कक बाज़ार म उपलबध नकद का 86 ह को वापस लन क फसल न उन सार नोटो को अपन मलय को बरक़रार रखन हत बको म आन को कववश कर कदया ह अब चाह काला हो या उजला अपन वजद क कलए उनह सरकार की नज़र म आना ही होगा वरना उस मलय क छप नोट को सरकार सवतः उपयोग म ला लगी बहत स परश उठ रह ह कक कया नए नोट स कफर स काला धन नही बनगा दरअसल सरकार न काल धन क कनमाटिण व परवाह को रोकन क कलए पहल स ही कई कदम उठाए ह और अब जब यह कनणटिय कलया गया ह तो इसक बाद कफर नया काला धन न पनप इसक कलए सरकार कनकचित तौर पर कछ न कछ तयारी करक ही चल रही होगी

बहरहाल एक बात तो कनकचित ह कक सरकार का यह कदम अब तक सगकहत कवषबल रपी नोटो को तो वयथटि कर ही दगा जब तक कक व एकबार वापस सरकार की आखो स न गजर और सरकार की नज़र हर उस वयकति पर होगी जो यह काम कर रहा ह आय क जात सोतो स जयादा लोग जमा करन स बचग कजस भी ककसी खात म असामानय गकतकवकध होगी वो पकड़ म आ जायग अब यह सवटिकवकदत ह कक कश वयवसथा परातन एव समाज की बदली आवशयकताओ को पणटि करन म अकषम हो चकी ह

नकदी क जाल स रनकलकर रडसजटल अरथवयिसा की तरफ बढ़न का सिय

आयर आनद

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अब बड़ लनदन कश म करना न सकवधाजनक ह न ही फायदमद तो अब समय आ गया ह कक हम इस कश क जाल म फसी अथटिवयवसथा को यहा स बाहर कनकाल यह कबलकल ही मफीद समय ह जब हम राजय क मौकदरक वचन को नोट क रप म मानन क बजाय कडकजटल एव पलाकसटक वचन को जयादा वजन द य न कवल यगानकल ह बकलक सलभ ससता एव कश क साइड इफ़कट स कबलकल मति ह ककसी भी कवकास कर रही अथटिवयवसथा को अनततोगतवा जाना वही ह हम भारत म कल कवततीय लनदन का लगभग 60 नकद म करत ह कजस हम घटा कर 20 क नीच लाना होगा अगर हम अपनी अथटिवयवसथा अनय राषटो की तलना म साफ़ सथरी एव मजबत बनाना चाहत ह अचछी बात य ह कक सरकार क परयास इसी कदशा म होत कदख रह ह आज वतटिमान समाज वयवसथा म सचना कराकत क कारण राजय की मौकदरक परकतजा अब कवल नोटो तक सीकमत नही ह यह एक आकड़ो का खल ह कक आपक खात म ककतना धन ह और वो वयकति क इचछानसार हसतानतरणीय हो गयी ह तो अब कबना मदरा क मतटि रप क भी मदरा वजद म ह एव करयशील

तथा अथटिवयवसथा को चलान म सकषम ह तो कयो न हम इस वयवसथा की ओर बढ़ आज जब लगभग हर वयकति मोबाइल उपयोग कर रहा ह डकबट काडटि सलभ हो चका ह छट पस अब सभी एटीएम स ही कनकाल रह ह तो कयो न उस वयवसथा को आग बढ़ाया जाय अगर आप ककसी भी दकानदार को पस ऑनलाइन टानसफर या काडटि स करत ह तो वो टकस कबलकल भी चोरी नही कर सकता आपका कोई भी पमट अगर कश ह तो सभावना ह की वो बलक बन जाय पर अगर यह बक ट बक अकाउट ट अकाउट ह तो यह हमशा सफ़द ही रहगा तो आइय य कबलकल सही समय ह जब हम नए नोटो की बजाय कबना नोटो की साफ़-सथरी अथटिवयवसथा को बढ़ावा द तथा जो इस स अछत ह उनह भी कडकजटल अथटिवयवसथा का अग बनाय हम इसक कलए अगशील होना कबलकल भी नही छोड़ सकत कक पीछ वाल बहत पीछ ह जररत ह उनह भी इस वयवसथा क अनकल सवदनशील तथा जागरक बनान की

(लखक िशिनलसट ऑिलयाइि म कॉपी एनडटि ह)

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8नवबर को रात आठ बज राषट क नाम सदश म परधानमती नरदर मोदी न पाच सौ और एक हजार क नोट बद होन का फसला सनाकर सबको चौका कदया था इस बात को अब बीस कदन स

जयादा हो गए ह लककन आज भी यह कवमशटि का सबस बड़ा मदा बना हआ ह हालाकक कवमदरीकरण क फसल क बाद स ही इसक पकष-कवपकष म बहस शर हो गयी जो अब भी चल रही ह ममता बनजटी की तरणमल कागस कजरीवाल की आम आदमी पाटटी मायावती की बहजन समाज पाटटी एव भारतीय राषटीय कागस सकहत तमाम राजनीकतक दलो न इसक कखलाफ मोचाटि खोल कदया ह दश की जनता बक की कतार म ह और दश क कवपकषी दल फसल क कवरोध म सरकार क सामन बक की कतारो स कनपटन की चनौती तो थी ही साथ म कवरोधी दलो क असहयोगातमक रख स कनपटन की चनौती भी बनी ह चकक ससद का सत भी शर हो गया ह कलहाजा कनतीश कमार को छोड़कर लगभग परा कवपकष ससद स सड़क तक इस फसल क कवरोध म आ गया ह सरकार का शर स दावा रहा कक दश की आम जनता उनक इस फसल क साथ ह वही कवरोध कर रह दलो का तकटि था कक वो जनता की परशाकनयो को दखत हए अपना कवरोध दजटि करा रह ह हालाकक सतता पकष और कवपकष दोनो ही जनता को अपन पाल म बतान का दावा जब कर रह हो तो यह समझ पाना बड़ा मकशकल हो जाता ह कक वाकई जनता ककसक साथ ह इस मामल म भी ऐसा ही हआ अलग-अलग माधयमो स सवव आकद शर हो गए मीकडया चनलो क लोकल सतर क लाइव चचाटि आकद स भी इस फसल पर जनता का कमजाज टटोलन की कवायद तज होन लगी परधानमती नरदर मोदी न अपन सतर पर भी एक ऑनलाइन सवव कराया कजसम उनको इस फसल पर भारी समथटिन कमला हालाकक कवरोध कर रह कछ दलो को इस बात का भान जरर हआ कक जनता इस मद पर उनक साथ नही ह कलहाजा उनहोन 28 नवबर को lsquoभारत बदrsquo करन का अपना कनणटिय वापस ल कलया इसी बीच एक अगजी समाचार पत का सवव आया कजसम बहमत को सरकार क इस फसल क कखलाफ बताया गया अब बड़ा सवाल यह था कक कया सच मान या कया झठ मान लोकतत म ककसी भी राजनीकतक दल की जनता क बीच हकसयत मापन का सबस वयापक और सबस बड़ा सवव चनाव ही होता ह कवमदरीकरण क मद पर जब दश म lsquoहा-नाrsquo की बहस चल रही थी इस दरमयान तीन

महतवपणटि चनाव सपनन हए पहला लोकसभा और कवधानसभा की खाली हई सीटो पर उपचनाव दसरा महाराषट क कनकायो क चनाव और तीसरा गजरात क सथानीय कनकायो क चनाव यह तीनो चनाव कवमदरीकरण क फसल क बाद हए मतसखया क आधार पर अगर दख तो ककसी भी बड़-बड़ सवव म कजतना समपल कलया जाता ह उसस सकड़ो-हजारो गना जयादा लोग इन चनावो म परतयकष कहससा कलए ह लोकसभा और कवधानसभा क उपचनावो म भाजपा अपनी सभी सीट न कसफटि सरककषत रखन म कामयाब हई बकलक कतपरा और पकचिम बगाल म कपछल चनाव की तलना म भाजपा क वोट परकतशत म भारी इजाफा भी हआ इसक बाद 28 नवबर को महाराषट क कनकाय चनावो क पररणाम आए कजसम भाजपा को भारी बढ़त कमली ह चकक वषटि 2011 क चनाव म भाजपा कनकायो म तीसर नमबर की पाटटी होती थी लककन इन पररणामो क बाद भाजपा सबस बड़ी पाटटी बनकर उभरी ह यहा तक कक कशवसना क साथ गठबधन होन क बावजद भाजपा कशवसना स जयादा सीट जीत गयी ह नगर पचायतो क कलए हए चनावो म भाजपा को 851 सीट कमली ह जो 2011 म मात 396 थी कल 147 सीटो पर हए मयकनकसपल काउकसल क कलए परतयकष मतदान म भाजपा को अकल 52 सीटो पर जीत कमली ह कपछल चनावो म इन कनकायो पर राषटवादी कागस पाटटी का कबजा था जो कक अब उसक हाथ स जा चका ह इसक अलावा सोलापर जस सीटो जहा भाजपा कभी नही आई थी पर भी इसबार भाजपा जीतन म कामयाब रही महाराषट क सथानीय चनावो क पररणामो को इस कलहाज स भी महतवपणटि माना जा रहा ह कयोकक तमाम दल एव बकदधजीवी इस कमनी कवधानसभा चनाव भी कहत ह यह अलग बात ह कक भाजपा को कमली बड़ी जीत क बाद इसपर हमार तथाककथत बकदधजीवी वगटि न सननाटा साध कलया ह और ऐसा जताना चाह रह ह कक य चनाव महतवपणटि ह ही नही लककन वही अगर पररणाम भाजपा क परकतकल होत तो यही बकदधजीवी इस दवनदर फडनवीस नही बकलक नरदर मोदी की हार बतात हए नही थकत खर कवमदरीकरण क बाद नरदर मोदी क अपन राजय गजरात म भी कनकाय चनाव हए गजरात पर सबकी नजर इसकलए थी कयोकक वहा हाल म ही सतता म उथल-पथल क अलावा सरकार क कखलाफ पटल आनदोलन हआ था ऊना काणड क बाद दकलतो क नाम पर माहौल बनान की कोकशश दश क उन राजनीकतक दलो न भी कम नही की कजनकी गजरात म वतटिमान

रनकाय चनाि नोटबदी क रनरथय परजनता की िहर

मशवाननद मविवदी

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की राजनीकतक हकसयत कछ भी नही ह लककन गजरात क चनाव पररणामो न तो कागस का सपड़ा ही साफ़ कर कदया पररणामो क मताकबक़ गजरात क वापी नगरपाकलका की 44 सीटो म भाजपा न 41 सीटो पर जीत दजटि की ह वही कागस को यहा महज 3 सीटो पर सतोष करना पड़ा ह सरत क कनकपर-कनसाड़ की 28 म स 27 सीटो पर भाजपा को जीत कमली ह वही कछ कजला तालका पचायत क उपचनावो म भाजपा को 23 और कागस को महज 8 सीट कमली ह गजरात पर सबकी नजर इसकलए भी बनी हई थी कयोकक गजरात स नरदर मोदी क आन क बाद वहा महज ढाई साल म एक मखयमती को बदलना पड़ा था इसी दरमयान वहा पटल आनदोलन को भी कदलली की मोदी-कवरोधी ताकतो क सहयोग स हवा दन का काम ककया गया ऊना म दकलत कपटाई मामल क बाद भी कदलली की राजनीकत क कसयासतदानो की कगदध कनगाह गजरात म लगी रही लककन इन चनावो को अगर जनता का सबस बड़ा और सबस कवशदध सवव मान तो यह सवव मोदी क पकष म जाता ह यह इसकलए जयादा महतवपणटि ह कयोकक हाल म ही कवपकषी खमा कवमदरीकरण क मद पर जनता की परशाकनयो का हवाला दकर असहयोग की कसथकत उतपनन कर रहा ह

इन चनावो को जनता की बीच स आया आम सवव मानकर भी अगर कवरोधी खमा कवमदरीकरण क बजा कवरोध स नही कडगा और जनता क कध पर बदक रखकर सरकार को घरता रहा तो यह मोदी क कलए तो नही लककन उनक खद क कलए जयादा घातक होगा कवरोध सकारातमक होना चाकहए वचाररक होना चाकहए न कक कसफटि इसकलए कवरोध करो कयोकक आपको मोदी का कवरोध करना ह इन चनावो क पररणामो पर एक लाइन म कटपपणी कर तो यही कहग कक जनता न मोदी क कनणटिय पर अपनी सहमकत का महर लगाया ही ह कवरोकधयो को आईना भी कदखा कदया ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनदशि म रिसचच फलो एव िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम म समपयादक ह)

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वस तो हर चनाव का मदा और कलवर अलग होता ह उसम भी सथानीय कनकाय और नगर पचायत चनावो का मदा पणटितया सथानीय होता ह परत कपछल कदनो महाराषट और गजरात म

कनकाय चनाव का आयोजन कवमदरीकरण क साए म हआ जहा पर अनय सथानीय मदो क अलावा कवमदरीकरण चनाव म बड़ा मदा था और हर पाटटी इस मद को भनान म लगी थी इस चनाव म भाजपा न भारी जीत दजटि की कजस परधानमती मोदी दारा कलधन क कखलाफ उठाए गए कदम पर जनता की महर माना जा सकता ह सभी कवपकषी पाकटटिया कवमदरीकरण क कारण जनता की परशानी का हवाला दत हए ससद क शीतकालीन सत को लगभग-लगभग हगाम की भट चढ़ा चकी ह वही जनता जनादटिन न कनकाय चनावो म भाजपा की जीत कदलाकर इस फसल पर महर लगान का सदश कदया ह कवपकषी पाकटटियो की दलील थी कक गामीण भारत सबस जयादा कवमदरीकरण की मार झल रहा ह इसकलए वह कवमदरीकरण का कवरोध कर रह ह लककन इन सथानीय कनकाय चनावो म जनता न सततारढ़ भाजपा क पकष म अपनी महर लगाई ह कजसन नोटबदी को लकर सरकार स जनता की नाराजगी जसी कवपकष की सभी दलीलो की पोल खोल दी ह सपष हो गया कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह ऐस म परतीत तो य हो रहा कक कवपककषयो कचता जनता की नही खद क काल धन की ह जो कक नोटबदी क बाद महज कागज बन कर रह गया इसी करम म अगर इन चनावो क पररणामो पर नजर दौड़ाए तो साफ-साफ पता चलता ह कक जनता न परधानमती मोदी क साथ जाना पसद ककया ह जबकक कवपकषी पाकटटियो क सार आरोप और लामबदी हवा हो गए गजरात की दो नगरपाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली कवपकषी दल कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म महज एक सीट स सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न आठ सीट फतह की जात हो कक कपछल साल समपनन हए सथानीय चनाव म कागस न अपन परदशटिन म कछ सधार ककया था कजस उसन परधानमती योजनाओ की हार क तौर पर परदकशटित ककया था लककन अब इस कनकाय चनाव म जब कागस का सपड़ा साफ़ हो गया तो उसक पास बोलन क कलए कछ नही बचा ह बीत दो दशक स सतता स बाहर कागस की कसथकत कदन-परकतकदन

खराब होती जा रही ह परत वह ह कक मानन को तयार नही गजरात क अलावा महाराषट क सथानीय चनावो म भी करारी हार का सामना करना पड़ा महाराष ट म 147 नगर पररषद म स अकल भाजपा को 52 सीट सहयोगी कशवसना जो कक इस चनाव म भी बागी तवर अपनाए हए थी उस भी महज़ 23 सीट हाथ लगी कागस को 19 और एनसीपी को 16 पर जीत कमली ह अन य उम मीदवारो क खात म 28 सीट गइटि ह वही 17 नगर पचायतो क 3510 सदस यो क कलए हए चनाव म सत ताधारी भाजपा को 851 सीट कमली ह कागस क खात म 643 एनसीपी को 638 और कशवसना को 514 मनस को 16 सीपीएम को 12 बसपा को 9 कनदटिलीयो को 324 स थानीय गठबधनो को 384 और बाककयो को 119 सीटो पर जीत कमली ह सपष ह कक यहा भी भाजपा हर तरह स सबस आग ह इस जीत को भी कवमदरीकरण क फसल पर जनता की महर और राजय क मकखया दवदर फडणकवस क कवकास परायोकजत कामकाज पर जनता की सहमकत कहना गलत नही होगा इन सब चीजो स कवपकषी दल दरअसल बौखलाए हए ह उनह कछ सझ नही रहा ह कक वह कर तो कया कर अब इस पर कवपककषयो का तकटि य ह कक इन चनावो म नोटबदी कोई मदा नही था मसला हार-जीत का नही ह मसला ह तो कवपकष क दोमह चररत का जब कवपकष का सफाया हो जाय तो मद सथानीय थ पर वही अगर सततारढ़ पाटटी हार जाए तो उस पाटटी की हार ह उसक योजनाओ की हार ह दखन वाली बात यह ह कक हर ककसी को पता ह कक सथानीय कनकाय क चनावो म जीत क कारण अलग होत ह लककन जब हारन पर भाजपा क मतथ नोटबदी मढ़ दी जाती तो जीतन पर शय कयो नही और वस भी कवमदरीकरण तो समग राषट को परभाकवत करन वाला मदा ह कफर कनकचित तौर पर इन चनावो म भी इसका परभाव रहा ही होगा उललखनीय होगा कक अभी नोटबदी क बाद ही हए एपीएमसी क चनावो म भाजपा का परदशटिन बहत अचछा नही रहा था तो उस वति इन कवरोधी दलो न कहा था कक नोटबदी क कारण हार हई ह जबकक अब कनकाय चनावो म इनक कहसाब स नोटबदी कोई मदा ही नही ह य कसफटि और कसफटि इनक दोमहपन को कदखाता ह कहना गलत नही होगा कक कजतना तमाशा लोकतनत का वतटिमान कवपकषी पाकटटिया कर रही ह उस दश कभी नही माफ करगा नोटबनदी का कवरोध कवपकष दारा महज़ खद को सककरय कदखान की एक नाकाम और नकारातमक कोकशश ह उसस जयादा कछ नही चनाव क पररणाम बतात ह कक परधानमती मोदी कदन-परकतकदन मजबत होत जा रह ह यह भी तय माकनए कक कजतना कवरोध परधानमती का होगा उतना ही वह मजबत होकर बाहर आएग

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

रनकाय चनािो ि भाजपा की इस बमपर जीत क बाद तो नोटबदी क विरोध की राजनीवत बद कर विपकषी

कशव झा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

18

कदर सरकार दारा पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन क फसल क बाद स ही मोदी-कवरोधी एक राजनीकतक जमात म भचाल की कसथकत ह इस साहकसक एव ऐकतहाकसक कनणटिय क

दरगामी नफा-नकसान पर बहस करन की बजाय कछ राजनीकतक जमात क लोग बको की कतारो पर बहस करना चाहत ह चकक इस कनणटिय को लकर आम जनता क मन म एकतरफा समथटिन का भाव खलकर कदख रहा ह कलहाजा कछ राजनीकतक खमो क लोग इसपर चचाटि करन स भागत नजर आ रह ह दश का आम जन अपनी कछ कदनो की परशाकनयो को दरककनार कर इस ऐकतहाकसक कनणटिय को सवीकार कर चका ह लककन बड़ा सवाल यह ह कक वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को सवीकार करन स कतरा रह ह वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को वापस लन क कलए असफल रकलया कर रह ह वो कौन लोग ह जो महगी गाकड़यो और एसपीजी सरकषा म जाकर दो घट म अपना चार हजार रपया कनकालन क बावजद झठ बोल रह ह कक पसा नही कमल रहा एक सवाल यह भी ह कक य लोग ऐसा कयो कर रह ह इस सवाल पर पड़ताल करन स पहल जरा lsquoकतारrsquo पर बहस कर ल राहल गाधी अपना चार हजार तो दो घट म कनकाल कलए लककन लोगो को गमराह कर रह ह कक पसा नही कनकल रहा ह दरअसल यह उनकी नीयत म खोट को दशाटिता ह अगर व ईमानदारी कदखात तो सबक सामन सवीकार करत कक ldquoहा म कतार म लगा था और मझ मरा पसा कमला लककन नही उनकी जबान तो कछ और बोल रही ह दरअसल राहल गाधी को यह बात बखबी पता होनी चाकहए कक इस दश की आम जनता को lsquoकतारोrsquo स कभी समसया नही रही ह सततर साल की सरकारो कजसम लगभग साठ साल कागस ही सतता म रही ह न इस दश की आम जनता को कतार म खड़ रहन की आदत डाल दी ह यह वही जनता ह जो कभी कसलडर गस तो कभी यररया तो कभी रल कटकट क कलए आय कदन कतारो म नजर आती रही ह इसकलए इस जनता को अब कतारो का भय न कदखाइए इस दश म सततर वषषो म जो लबी कतार आपन खड़ी की ह अब नोटबदी क इस फसल न उस कतार को तोड़ कदया ह यह वह कतार बन रही ह कजसम दश का आम जन खड़ा होकर कबना ककसी डर क भय क अपन हक़ क कलए और दश क भकवषय क कनमाटिण क कलए खड़ा होन को तयार ह यह कतार ईमानदारो की कतार ह परधानमती मोदी न जो यह कतार बनाई ह इस कतार म ककसी भरष बईमान और चोरी स काली कमाई करन वाल की कहममत नही हो पा रही कक वो खलकर खड़ा हो सक कलहाजा यह ईमानदारी का उतसव मना रह दश की ईमानदार जनता की कतार ह भरषाचार क कखलाफ चल रही इस लड़ाई का लगातार कवरोध कर रह कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल की अपनी कोई कवशसनीयता नही रही ह व खद कभी लाल यादव तो कभी ककसी और क समथटिन म खड़ होकर

अपनी साख पर बटा लगा चक ह लककन अब जब दश की आम जनता क साथ कालाधन और भरषाचार क कखलाफ चल रही इस कनणाटियक लड़ाई का समय आया तो व बगाल की मखयमती ममता बनजटी क साथ कमलकर इसका कवरोध करत नजर आ रह ह वस तो कबना ककसी सबत और बकनयाद क ककसी पर भी आरोप लगान क रोग स गकसत कदलली क मखयमती अनक बार सबत न द पान की वजह स अपनी फजीहत भी करा चक ह लककन आज एकबार कफर व कबना ककसी सबत क मनगढ़त बात कर रह ह कदलली की जनता क मन म यह सवाल बजा नही उठ रहा ह कक ममता बनजटी और कदलली क मखयमती क बीच ककस मद पर सहमकत बनी ह ममता बनजटी मायावती सकहत कछ लोग पहल कदन स भरषाचार क कखलाफ इस कनणाटियक लड़ाई म भरष लोगो क साथ खड़ ह लककन कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल आकखर कयो इनक साथ खड़ ह मोदी क इस फसल स आतकवाकदयो को फकडग करन वालो माओवाकदयो को ससाधन महया करान वालो तसकरो अपराकधयो भरषाचार करन वालो की पीड़ा तो जायज ह लककन इन चद नताओ की इस फसल क कखलाफ एकजटता भी कम शक नही पदा करती ह ऐस म बड़ा सवाल जनता क जहन म ह कक जब पजाब म चनाव होन ह तो कया आम आदमी पाटटी को चनाव म इसतमाल करन क कलए जटाए गए धन क रदी हो जान की कचता सता रही ह यह सबको पता ह कक पारदकशटिता की बात करन वाली आम आदमी पाटटी काफी समय स अपन आय और वयय का बयोरा सावटिजकनक नही कर रही ह खर कतार लबी जरर ह लककन बदोबसत ऐसा ह कक उस कतार म कोई बईमान और भरष जयादा दर कटक नही पाएगा यह वो कतार ह कजसन दश की आम और ईमानदार जनता को बईमानो क सामन गौरवाकनवत होन का अवसर कदया ह यह वह कतार ह जहा जान भर स न जान ककतन बईमान खौफ खा रह ह नोटबदी क कखलाफ उठन वाली हर आवाज इस दश म ईमानदारी की बन रही इस ऐकतहाकसक कतार क कखलाफ एक साकजश की तरह ह आज या तो आप इस कतार क साथ ह या आप भरष और बईमानी स धन अकजटित करन वालो क साथ ह वस भी मोदी की अचछी बात यह ह कक वो परमाणपत दन वालो की परवाह ककए कबना जनकहत म दशको स काम करत हए यहा तक पहच ह कजनका डब रहा ह व बौखला रह ह आम लोग थोड़ी परशाकनयो क बावजद इस महीम क साथ कतारबदध होकर खड़ ह यही वजह ह कक लाख कोकशशो क बावजद नोटबदी क कखलाफ की जा रही कछ रकलयो म मोदी-मोदी क नार लग रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनडशि म रिसचच फलो ह एव िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खबरदार यह ईिानदारो की कतार ह बईिान दर रहमशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवबर की शाम को परधानमती मोदी क राषट क नाम सबोधन म नोटबदी क ऐकतहाकसक फसल क ऐलान स दश भर म हलचल मच गयी परधानमती नरदर मोदी न जब दश भर म 500 और 1000

क नोटो पर परकतबध की घोषणा की तो काल धन की फसल उगाकर रखन वालो पर जस ओलो की बरसात हो गयी जनता की खन-पसीन की कमाई को अवध और अनकतक रप स जमा करक बठ ऐस लोग अब मार-मार कफर रह ह और तरह तरह स आम जनता का हवाला दकर अपना उलल सीधा करन की कोकशश म लग ह 500 और 1000 क नोटो पर परकतबध क कनणटिय की न कवल तकलीफ झलन क बावजद जनता सराहना कर रही ह बकलक इस कनणटिय म सरकार को परा सहयोग भी द रही ह मगर कवपककषयो का रख इस पर भी हासयासपद रहा ह कागस आप सपा बसपा तरणमल कागस आकद तमाम दलो क परमख नताओ न इस कनणटिय को लकर मोदी सरकार पर अताककटि क ढग स सवाल उठान की कोकशश की ह ऐस म सवाल यह उठता ह कक आकखर इस नोटबदी क कनणटिय स य कवपकषी दल इतनी पीड़ा म कयो ह कनससदह इन कवपकषी दलो का ऐसा आचरण जनता की नज़रो म उनकी सकदगध छकव ही परसतत कर रहा ह कदलली मबई समत दश क अनय राजयो म पड़ रह आयकर कवभाग क छाप यह सपष करत ह कक दश की जनता का पसा ककस तरह कछ लोगो की झोली भर रहा था काल धन की धर-पकड़ पर इस परकतबध का जोरदार असर दखन को कमल सकता ह सबस पहल तो य 440 वॉलट का झटका उन क कलए ह जो कबसतर पर करोड़ो नोट कबछा कर सोन क आदी हो चक ह जाकहर ह इसस उनकी रातो की नीद हराम हो चकी होगी दसरी बात यह कक अकसमात हए इस परकतबध न काला धन धारको को ज़रा भी सजग होन का मौका ही नही कदया इसकलए अब उनक पास कसवाय अपनी सपकतत को सावटिजकनक करन अथवा नष करन क कोई और चारा नही बचा ह तभी तो दश क कवकभनन कहससो म भारी सखया म कही पाच सौ और हजार क नोट कड़ क ढर पर फ क कमल रह तो कही जलत पाए जा रह य कदखाता ह कक नोटबदी क इस कनणटिय क बाद काला धन धारको म ककस कदर हडकप मचा हआ ह तीसरी बात कक बाज़ार म इन कदनो जो नकली नोटो का बोलबाला था इस कनणटिय न उस गोरखधध को भी नसतनाबद कर कदया ह साथ ही भारत को नकसान पहचान क कलए बागलादश और पाककसतान जस मलको स जो नकली नोटो का भणडार यहा आता था वह भी अब ककसी काम का नही रहा इस कनणटिय स न कवल दरगामी तौर पर अथटिवयवसथा को मजबती कमलगी बकलक काल धन की जबती क बाद महगाई पर भी अकश लगगा दश की मदरा भी मजबत होगी और कवकास दर म भी वरकदध होन की सभावना ह

नोटबदी न दश म एक जागरकता फलान का भी काम ककया ह और लोगो क बीच इस धारणा को मजबत ककया ह कक बात अगर दश की भलाई हो तो परा दश एक सत म कपरोय धाग समान हो सकता ह जाकहर ह इस पर परश उठान वाल लोग जो कसफटि सकखटिया बटोरन क बलबत अपन राजनकतक वजद को बचाए रखत ह उनको यह कदखाई दना मकशकल ह कक दश की जनता सरकार क इस साहकसक कनणटिय स परशान नही ह बकलक सहयोग क साथ अपना योगदान दन क कलए सककलपत भी ह लोगो को भड़काकर उनम फट डालकर शासन करन की नीकत औपकनवकशक काल की थी मगर यह दभाटिगयपणटि ह कक सवय को दशभति क ताज स नवाजन वाल तमाम कवपकषी नता भी आजकल इन हथकडो का उपयोग करन स बाज नही आ रहइस कनणटिय क बाद उन लोगो को कोई कवशष समसया नही ह कजनक खात म उनकी जायज कमाई का पसा ह जबकक तमाम ऐस लोग कजनहोन गलत ढग स धनाजटिन ककया ह अनदर ही अदर डर-सहम बठ होग उनकी अकत सपकतत वयथटि हई पड़ी ह और उस पनः उपयोगी बनान क कलए अगर व बक जात ह तो काली कमाई की कलई खलना लगभग तय ह कतसपर आय कर और दो सौ परकतशत जमाटिन का डडा तो पड़ना ही ह एक बात य भी ह कक जो जनधन बक खात कपछल 6 महीन स कनकषकरय पड़ हो अगर आज अचानक उनम लाख-दो लाख रपय का हसतातरण होता ह तो य भी एक सदहजनक गकतकवकध ह कजसपर बक अपनी पनी नज़र बनाय हए ह और कजसक चलत आयकर कवभाग भी चसती स काम करत नज़र आया दश म मखय अथटिवयवसथा और समानातर अथटिवयवसथा को एक ही धारा म लान म भी यह एक बड़ा कदम ह इस कनणटिय क जररय कशलस इकॉनोमी को बढ़ावा कमलन का भी अनमान ह कजस उस वक़त लाग ककया गया जब दश म सकवधाजनक कश टासकशन की कमी ह कशलस टासकशन स आकथटिक पकष मजबत करन म हम सहायता कमलगी साथ ही कर दाताओ को भी इसम सहकलयत होगी कशलस टाजकशन वो चीज ह जो कजतना अकधक बढ़गा दश स भरषाचार की सभावना उतनी ही कम होगी काल धन को सजोन की कोकशश तो अब भी जारी ह हाथ पर तो अब भी मार जा रह ह कफर वह चाह रलव कटकट करवा कर ककया जाय अथवा ककसान करकडट काडटि का इसतमाल करक लककन इन सब गकतकवकधयो पर सरकार की परी नज़र ह सरकार न य कनणटिय कनकचित तौर पर इन सब पहलओ पर कवचार-कवमशटि करक ही कलया होगा अतः काला धन धारको का सरकार को चकमा दकर कनकलना मकशकल ह और कहना गलत नही होगा कक lsquoअबकी बार उनह मोदी सरकार क सामन डालन होग हकथयारrsquo

(लनखकया पतरकयारितया की छयातरया ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी आि जन कर रह सरकार का सिरथनकाला धन धारको ि िचा हड़कप

कमनषका मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

20

जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 6: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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टबदी क बाद जनता क मन म एक भावना आसानी स दखी जा सकती ह कक परधानमती क इस फसल को वह हर तरह की परशानी क बाद भी काला धन रखन वालो और भरषाचाररयो

क कखलाफ दख रही ह और जनता की इस भावना न दरअसल दश क कवपकष क कलए कतार म लगी जनता स जयादा परशानी की जमात खड़ी कर दी ह कवपकष इस कदर परशान ह कक पकचिम बगाल की मखयमती ममता बनजटी परशानी क इस समय म बगाल की जनता को छोड़कर कदलली की आजादपर मडी म रली कर रही ह रली म उनक साथ आम आदमी पाटटी क नता और कदलली क मखयमती अरकवद कजरीवाल ह य ककतनी सही राजनीकत ह या खराब राजनीकत को सही साकबत करन की कोकशश य इसस भी समझ म आता ह कक कदलली क मखयमती क तौर पर अरकवद कजरीवाल न कदलली की परशान जनता की परशाकनयो को कम करन की कोई कोकशश नही की और ममता बनजटी तो इस मामल म और भी खराब राजनता साकबत होती कदख रही ह जब मखयमती क तौर पर ममता बनजटी को पकचिम बगाल की जनता को नोटबदी स होन वाल नफा-नकसान क बार म समझाना चाकहए था उनक जीवन की मकशकलो को आसान करन क रासत बतान चाकहए थ उस समय ममता बनजटी दश की राजधानी कदलली क आजादपर म रली कर रही थी ममता और कजरीवाल य कह रह थ कक कभी भी इसकी वजह स दश म दग हो सकत ह इतना ही नही उनहोन एक सयति कवपकष जसा माहौल बनान की कोकशश की मदा सही हो

तो य कोकशश सराही जानी चाकहए लककन यहा ऐसा कछ नही था

साफ ह कक ममता बनजटी अरकवद कजरीवाल समाजवादी पाटटी कागस आकद का य राजनीकतक कवरोध ह लककन बड़ा सवाल ह कक परी तरह स आकथटिक फसल को कया कवपकष परी तरह स राजनीकतक कवरोध की कसौटी पर कसकर जनता का कवशास जीत सकता ह इसका जवाब दश क दो राजयो क मखयमकतयो क वयवहार स आसानी स समझा सकता ह इन दो मखयमकतयो म स एक ह कवधानसभा चनाव क ठीक पहल बीजपी स अलग हए नीतीश कमार और दसर अभी बीजपी क साथ खड़ चदरबाब नायड नायड दककषण भारत म भाजपा क मजबत और महतवपणटि सहयोगी ह और नीतीश कमार उततर भारत म मोदी कवरोधी गठजोड़ क महतवपणटि नता लककन इन दोनो ही मखयमकतयो न कहनदसतान क इस सबस बड़ आकथटिक फसल पर आकथटिक नजररय स परकतककरया दकर राजनीकतक बढ़त भी हाकसल

कर ली ह कबहार क मखयमती नीतीश कमार परी तरह स इस फसल क साथ खड़ ह नीतीश कमार न कहा कक इसस काला धन भरषाचार पर रोक लगगी आधर परदश क मखयमती चदरबाब नायड न तो पहल ही परधानमती को कचटी कलखकर बड़ नोटो को खतम करन की माग की थी कजसस काल धन पर रोक लगाई जा सक नोटबदी क सरकार क फसल क कखलाफ कवपकष को तकषो क साथ आना चाकहए था लककन हआ कया हआ य कक दरअसल कवपकष क पास सरकार क नोटबदी क फसल क कवपकष म कोई सटीक तकटि नही ह यहा तक कक कतार म लगी जनता न भी जब अरकवद कजरीवाल जस आदोलनकपरय और आरोप उछालकर राजनीकत करन वाल नताओ को भगाना शर ककया तो भी इनह समझ नही आया कक जनता कया चाहती ह य समझना इसकलए भी जररी ह कयोकक राजनीकत क अकतम पररणाम क तौर पर नता जनता को अपन पकष म चाहता ह य बात कवपकष क नता नही समझ सक और कतकटि की तरफ बढ़ चल उसस भी बात नही बनी तो साकजश क कसदधानत पर बाखबी काम ककया गया उदाहरण क तौर पर भारतीय जनता पाटटी की बगाल इकाई क खात म दो ककसतो म एक करोड़ रपय जमा करन की बात परचाररत की गई कजसस साकबत ककया जा सक कक नोटबदी की खबर पहल ही लीक कर दी गई थी दसरा साकजशी कसदधानत आया कजसम भारतीय जनता पाटटी की उततर परदश इकाई क अधयकष कशव परसाद मौयटि की बटी को 2000 क नोटो की गडकडयो क साथ कदखाया गया वो खबर परी तरह स गलत कनकली मौयटि न बताया कक उनक कोई बटी ह ही नही य कछ उदाहरण भर ह और य उदाहरण साकबत करत ह कक दरअसल कवपकष क पास इस मामल कवरोध क कलए कोई सही तकटि तथय ह ही नही ऐसा नही ह कक कवपकष को राजनीकत क कलए मौका नही कमल सकता था लककन दो बात थी पहली य कक कतारो म खड़ लोगो को नरदर मोदी क ककए पर भरोसा ह और दसरा य कक कवपकष क नताओ की कवशसनीयता और मशा सदह क दायर म आती रही इस कदर कक कदलली क लकमीनगर इलाक म अरकवद कजरीवाल आम आदमी पाटटी क कायटिकताटिओ क साथ लोगो का हाल जानन पहच तो लोगो न उनही क कखलाफ नार लगान शर कर कदए य सब उसक बावजद हो रहा था जब मीकडया क बड़ चहर य साकबत करन पर तल हए थ कक लोग बरी तरह स परशान ह ककसी भी हाल म दश म 8 नवबर क 8 बज क बाद स हए हर हादस दघटिटना को

अतारककि क विरोध कर दश काभरोसा खोता विपकष

हरषवधषन मरिपाठी

नो

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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नोटबदी स जोड़न की कवायद म कसफटि कवपकषी नता ही शाकमल नही थ बड़ पतकार लखक क तौर पर समाज म पहचान जान वाल लोग सरकार क फसल क कखलाफ कछ भी करन को उतार ह दरअसल य कछ भी करन पर उतार जमात म बहतायत लोग वही ह जो ककसी भी हाल म नरदर मोदी को परधानमती की कसटी पर दखन को तयार नही थ और नही थ वाली मानकसकता अभी भी जड़ अवसथा म ह इसका अदत उदाहरण दखन को कमलता ह कक करीब 150 ऐस ही बड़ बकदधजीकवयो न परधानमती को कचटी कलखकर इस फसल को वापस लन की माग की ह बकदधजीकवयो की कचटी ह इसकलए परी तरह स उसम कचनता आम आदमी क कषो की ही की गई ह लककन कमाल की बात य भी ह कक नोटबदी स आम आदमी को होन वाल कषो की कचनता करन वाल जयादातर वही लोग ह कजनहोन असकहषणता को इस दश का वतटिमान चररत बता दन की कोकशश की और दश स कमल सममानो को वापस कर कदया था दश म बकदधजीवी लखक क तौर पर सममान पान वाल ढरो लोग भी जब इस आकथटिक फसल पर राजनीकतक तरीक स परकतककरया दत ह तो सदह होता ह कक कया मोदी कवरोध क नाम पर सरकार क हर फसल का कवरोध करक जनता को गमराह करन की कोकशश उनका मानस बदलन की कोकशश कहा तक सही ह कमाल दकखए कक जान मान पतकार शखर गपा रपय की कमजोरी पर य सवाल पछत ह कक कया दश म ररजवटि बक गवनटिर ह कया रपय का डॉलर क मकाबल कमजोर होना दश क उदोगो क कलए ठीक ह इसक कलए कछ करन की जररत भी शखर बतात ह 16 नवबर को ककया गया शखर गपा का य टवीट इतना कनददोष नही ह दरअसल शखर कवमदरीकरण क इस समय म रपय क कगरत भाव को जोड़न की कोकशश करत कदखत ह जबकक सचचाई य ह कक रपय की

कमजोरी नही हई ह डॉलर की मजबती हई ह डोनालड टप का राषटपकत बनना इसकी बड़ी वजह बताया जा रहा ह इसी तरह की एक कोकशश हई जब सटट बक ऑफ इकडया क सात हजार करोड़ रपय स जयादा क कजटि को बट खात म डालन की खबर को मालया की कजटि माफी क तौर पर कपरचाररत ककया गया जबकक सच य ह कक नरदर मोदी की सरकार क ढाई साल क कायटिकाल म मालया और दसर कडफॉलटर स कजटि वसली की परककरया कजतनी तजी स परी करन की कोकशश हई वसी कोकशश कभी नही हई बकलक कपछली सरकार क समय म ही जयादातर सरकारी बको न बड़ कजटि कदए और कॉपदोरट स उनकी वसली नही हो सकी सचचाई यही ह कक आकथटिक मामलो पर नरदर मोदी की सरकार बहत ही चरणबदध तरीक स चल रही ह कजसम सरकार आन क बाद सबस पहल काला धन बनन स रोकन की कोकशश शर हई उसक बाद बनामी सपकतत पर रोक लगान कोकशश लोगो को अपना काला धन बताकर उस बककग कससटम म वापस लान की कोकशश य सब बहत चरणबदध तरीक थ इसी बीच म सरकार न बको का एनपीए खतम करन और बको की कसथकत मजबत करन क कलए पवटि सीएजी कवनोद राय की अगवाई म बक बोडटि बयरो बना कदया सबस बड़ी बात कक इन सार कदमो क साथ नरदर मोदी जनता को य भरोसा कदलान म कामयाब रह ह कक य फसला परी तरह स आम जनता क कहत म ह

(लखक वरिष पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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भाजपानीत क दर सरकार दारा कालाधन पर रोक लगान की कदशा म बड़ा कदम उठात हए पाच सौ एव एक हजार क नोट बद ककए जान और नए नोट जारी ककए जान क बाद स ही कालाधन

का मदा एकबार कफर कवमशटि और चचाटि क क दर म आ गया ह सरकार की तरफ स एव आम चचाटि म भी यह बात सामन आती रही ह कक कालाधन का नटवकटि महज दश क अदर ही नही बकलक सीमापार तक फला हआ ह हाल म ही एक टीवी समाचार चनल क कसटग ऑपरशन म पाककसतानी कसनमा कलाकारो को लकर बड़ा खलासा सामन आया ह कसटग क मताकबक़ पाककसतान क तमाम कसनमा कलाकार जो भारत म काम करत ह अपन भगतान का एक ठीक-ठाक कहससा कश म लन की माग करत ह हाल ही म उड़ी हमल क बाद पाककसतानी कलाकारो पर परकतबनध को लकर भी खब गरमा-गरम बहस हो चकी ह कसटग क अनसार पाककसतानी कलाकार फवाद खान मवारा होकन और इमरान अबबास जस कलाकार अपनी फीस का ठीक-ठाक कहससा कश म लन की माग करत ह कसटग क अनसार पाककसतानी कलाकार फवाद खान एक शादी समारोह म शाकमल होन क कलए पचास लाख की फीस का पचीस फीसद रकम अपन यएई क खात म जमा करान की शतटि अपन मनजर क माधयम स रख रह ह यानी अगर इस कसटग को सही मान तो यह फवाद खान का टकस चोरी वाया यएइ कनकशन नजर आता ह बॉलीवड म कई कफलम कर चकी मावरा होकन क मनजर न उनकी कल फीस का बड़ा कहससा उनक आसटकलया वाल खात म जमा करन की माग रखी कछ इसी तरह टकस और रकम कछपान क हथकड इमरान अबबास भी आजमात नजर आ रह ह इस कसटग क बाद एक बहस कफर चली ह कक कया वाकई सीमापार क लोग भारत म काम करक धन कमात ह लककन भारत सरकार को कर नही दत बकलक वो पसा बाहरी दशो क खातो म जमा करवा दत ह चकक यह महज चद कसनमा कलाकारो तक का मामला नही ह बकलक यह टकस चोरी क साथ-साथ भारत सरकार क साथ धोखाधड़ी करन का भी मामला ह सममानजनक ढग स भारत म काम कर रह पाककसतानी कलाकार यकद भारत सरकार क साथ इस सतर पर छलावा एव धोखाधड़ी करत नजर आ रह ह तो अदाजा लगाया जा सकता ह कक सीमापार स भारत क कखलाफ काम कर रही ताकत ककस सतर पर दश को नकसान पहचा रही होगी उनका अवध कारोबार इस दश म ककस सतर पर चल रहा होगा य तमाम सवाल हम न

कसफटि चौकात ह बकलक भारत कवरोधी ताकतो क खतरो स आगाह भी करत ह यह बात लमब समय स उठती रही ह कक भारत म कालधन क इस कारोबार म तसकरी अवध हकथयारो का कारोबार डरगस का कारोबार सकहत तमाम आपराकधक गकतकवकधया शाकमल ह इनम स अकधकतर ऐसी गकतकवकधया ह जहा भारत क बाहर स भारत कवरोधी ताकतो का पसा अलग-अलग माधयमो स लगा हआ ह कलहाजा इन पर पाबदी लगना कनहायत ही आवशयक ह टकस चोरी क अलावा भी इसक बड़ खतर ह हम इस बात का अदाजा नही ह कक सावटिजकनक सतर पर काननी ढग स काम करन वाल पाककसतानी कलाकार जब इतनी सहजता स दश की सरकार को धोखा द सकत ह तो दश की सरकषा क कखलाफ काम कर रह आतकी सगठन ककस सतर पर सककरय होग लककन कालधन की समसया स मकति और नगदी म चल रह काल वयापार पर लगाम की कदशा म परधानमती नरदर मोदी क नतरतव वाली क दर सरकार न जो ठोस कदम उठाया ह वो आजादी क बाद इस समसया क सनदभटि म उठाया गया न कवल एक ऐकतहाकसक कदम ह बकलक साहकसक भी ह इसस दश क अनदर चल रहा नकदी का अवध कारोबार एक झटक म कागज क रदी टकड़ो की तरह बमतलब हो गया ह नकसकलयो क नटवकटि को तगड़ा झटका लगा ह अलगाववादी ताकत पसत हो गयी ह राजनीकत म धनबल वाल लोग कनधटिन-कनबटिल हो चक ह रही बात कतारो की तो यह दश सततर वषषो स कतार म ही था गरीबी असमानता अथटिवयवसथा स दर एक कतार थी जो आम लोगो की थी आज उस कतार म आम और ख़ास हर कोई खड़ा ह इस कतार म वही चलगा जो इमानदारी स धन कमाएगा इस कतार म आन स वह लोग डर रह ह जो बईमानी स पसा कमाए ह यह इमानदारी क कलए इमानदारो की कतार ह चनल दारा कदखाए कसटग ओपरशन को महज चद कलाकारो तक सीकमकत करक दखन की बजाय इसक बड़ खतर को भी दखना होगा आज अगर सरकार बहद सखत ह तो वह इनही बड़ खतरो स दश को बचान क कलए सखत ह सरकार कोई ऐसा रासता नही छोड़ना चाहती जहा स कश का काला वयापार करन वाल लोग बच कनकल इस महीम म दश की इमानदार जनता एक कतार म सरकार क साथ ह और यह वह कतार ह जहा आन की कहममत कोई बईमान कर ही नही सकता ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खली पाक कलाकारो क काल धन की पोलसटिग ऑपरशन ि हए बनकाब

मशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न नोटबदी क फसल को लाग करक बड़ा ररसक कलया ह जो अगर वो नही भी लत तो कोई फकटि नही पड़ता और उनकी राजनीकत कनबाटिध गकत स चलती रहती

नोटबदी क पहल हो रह तमाम सवव क नतीज यह बता रह थ कक मोदी सबस लोककपरय नता ह बावजद य जोकखम उठाना इस बात का सकत दता ह कक नरनदर मोदी दश क कलए कछ बड़ा करन की कदशा म कदम उठा चक ह हलाकक राजयसभा म नोटबदी पर चचाटि म हसतकषप करत हए पवटि परधानमती मनमोहन कसह न कहा कक सरकार क इस कदम स जीडीपी पर कनगकटव असर पड़गा उनक अनमान क मताकबक नोटबदी स इसम दो फीसदी की कगरावट दजटि की जा सकती ह दरअसल इस पर मसल पर कवपकष को कवरोध की जमीन ही समझ म नही आ रही ह पहल ककसानो को लकर सरकार पर हमल लककन नबाडटि की पहल स ककसानो की मदद क कलए उठाए कदम न कवपकष क इन आरोपो को भी शात कर कदया इसक पहल कछ उलजलल आरोप लग कक परधानमती न अपन इस फसल क पहल राजनीकतक लोगो स कवमशटि नही ककया और अफसरो की सलाह पर य फसला ल कलया राजयसभा म तो समाजवादी पाटटी क नता नरश अगवाल न चटकी लत हए परधानमती की मौजदगी म य कह कदया कक कवतत मती अरण जटली को भी इस फसल की जानकारी नही थी दरअसल इस तरह क फसलो म जो गोपनीयता बरती जाती ह उसकी जानकारी कवपकषी नताओ को शायद नही हो 1991 म जब आकथटिक उदारीकरण का दौर शर हआ था तब उस वति क कवतत मती मनमोहन कसह भारतीय मदरा का अवमलयन करना चाहत थ इसक पहल इकदरा गाधी न 1966 म मदरा का अवमलयन ककया था जो कक सततावन फीसदी स थोड़ा जयादा था जब मनमोहन क मदरा अवमलयन क इराद का पता चला तो वामपथी बकदधजीकवयो न इसका कवरोध शर ककया लककन मनमोहन कसह इस फसल पर अकडग थ उनहोन उस वति क परधानमती नरकसह राव स कमलकर अनरोध ककया कक इस फसल की जानकारी ककबनट क मकतयो को भी नही दी जाए राव न मनमोहन कसह की सलाह मान ली उस वति मनमोहन कसह न फसला ककया था कक मदरा का अवमलयन दो चरणो म ककया जाएगा 1 जलाई 1991 को रपए का अवमलयन कर कदया गया कवपकष समत तमाम वामपथी बकदधजीकवयो न इसका कवरोध ककया कागस क नताओ को भी इस फसल क बचाव म कदककत आ रही थी सीपीएम न उस वति इसको एक खतरनाक कदम बताया था लककन असली कहानी तो तब हई जब मनमोहन कसह न एक ही कदन बाद याकन तीन जलाई को रपए का और जयादा अवमलयन करन का फसला कलया दोनो कमलाकर य बीस

फीसदी तक पहच रहा था जब राव तक य बात पहची तो वो घबरा गए और उनहोन मनमोहन कसह स इसको रोकन का आदश कदया लककन तबतक दर हो चकी थी जब मनमोहन कसह न ररजवटि बक क कडपटी गवनटिर सी रगराजन को फोन कर इस आदश का एलान रोकन क कलए कहा तो उनका जवाब आया कक वो तो इस फसल को सावटिजकनक कर चक ह मनमोहन कसह सनन उनहोन राव को य बात बताई और कफर इसतीफ की पशकश की लककन राव न अपन कवतत मती का पकष कलया और उस फसल क साथ हो कलए य परा वाकया बतान का मतलब कसफटि इतना ह कक हमार दश म इस तरह क कराकतकारी आकथटिक फसल पहल भी गोपनीय तरीक कलए जात रह ह उसका उदशय भी तभी परा होगा जबकक इसको गोपनीय रखा जाएगा गोपनीयता बरत जान की कबनाह पर ककसी भी सरकार को घरना उकचत नही होता ह मौजदा कवतत मती अरण जटली न भी इस बात को माना ह कक इस फसल की जानकारी नीड ट नो बकसस पर उन सभी लोगो को थी कजनको होनी चाकहए थी परधानमती मोदी न तो चद घट पहल अपन ककबनट को इस फसल क बार म बता भी कदया था मनमोहन कसह न तो मदरा क अवमलयन क फसल क बार म ककसी को नही बताया था और अपन परधानमती क सामन य चाहत भी रखी थी कक ककबनट को इस फसल की जानकारी ना दी जाए कजसको राव न माना भी था अब अगर हम कवपकष क तकषो को दख तो वो बचकाना नजर आत ह इस तरह की खबर अवशय आ रही ह कक नोटबदी स जनता को कदककत हो रही ह लककन जनता इन कदककतो को सहन क कलए तयार ह और अब धीर-धीर कदककत कम हो रही ह अभी कबहार क दो शहरो क लोगो स बात हई ह तो वहा स य जानकारी कमल रही ह कक बको म कतार कम हो गई ह अब दसरी बात य उठाई जा रही ह कक इसस अथटिवयवसथा पर बरा असर पड़गा सभव ह कक बड़ अथटिशाकरियो क अपन तकटि हो लककन सरकार भी इस आसनन खतर स कनबटन को लकर सतकटि नजर आ रही ह जनवरी स माचटि की कतमाही म इसका असर कवकास दर पर पड़ सकता ह लककन उसक अगली कतमाही स हालात बहतर हो सकत ह अगर इस फसल स नकदी स होनवाला कारोबार बको क माधयम स होता ह तो गरीबो का भी भला होगा नकदी पर काम करनवाल फकटी मजदरो को माकलको को पीएफ और ईएसाई का लाभ दना होगा इसस मजदरो को भकवषय क कलए जमा राकश भी कमलगी और कचककतसा सकवधा का भी लाभ होगा

(लखक वररष पतकार ह य उनक कनजी कवचार ह)

गरीबो-िजदरो क ललए लाभकारी ह नोटबदीअनत मवजय

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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हाल ही म पजाब की राजधानी चडीगढ़ म कनकाय चनावो क पररणाम आय इन चनावो म जनता न भाजपा को ऐकतहाकसक रप स कवजयी बनाया ह चडीगढ़ कनकाय क कल 26 वाडषो म

स 22 वाडषो म भाजपा न अपन उममीदवार उतार थ कजनम स 20 म उस जोरदार जीत हाकसल हई ह भाजपा की सहयोगी कशरोमकण अकाली दल को कसफटि एक सीट हाथ लगी वही कपछली बार क चनावो म ११ सीट जीतन वाली कागस को महज़ चार सीटो स सतोष करना पड़ा इसस पहल महाराषट और गजरात क कनकाय चनावो म भी भाजपा न बड़ी जीत हाकसल की थी लककन चडीगढ़ कनकाय चनावो की य जीत उन सबस भी अकधक शानदार रही ह साथ ही इन सब कनकाय चनावो स पहल मधय परदश असम अरणाचल परदश आकद राजयो म खाली हई लोकसभा और कवधानसभा सीटो पर भी उपचनाव हए थ उनम भी जयादातर सीटो पर भाजपा को जनता न कवजयी बनाया था यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सब चनावो की सबस कवशष बात य रही ह कक यह सब नोटबदी क उस कनणटिय क बाद हए ह कजसक कवरोध म परा का परा कवपकषी खमा एक सर म लामबद हआ पड़ा ह और कजसक कवरोध क नाम पर कवपकषी खम न ससद क शीतकालीन सत को अपन हगाम की भट चढ़ा कदया अब इन चनाव पररणामो क बाद कवपकष क कवरोध की कलई भी परी तरह स खल

चकी ह कक नोटबदी क कारण जनता की कजस ककथत पीड़ा और आकरोश का गान करत हए य भाजपा सरकार को कबना मतलब ही भरपर कोस रह ह वो जनता हर सतर पर चनाव म इनह लगातार खाररज़ और सतताधारी दल को सवीकार रही ह इसका एक अथटि यह भी ह कक जनता नोटबदी क कनणटिय स कबलकल भी नाराज़ नही ह बकलक इसका बमतलब कवरोध करन वालो स उस अकधक नाराजगी हो रही ह अब तकटि यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सबक बाद एक बार क कलय अगर मान ल कक इन कनकाय चनावो म नोटबदी कोई मदा नही रहा तो भी कवपकष की जो ददटिशा इनम हई ह वो कया कम हो जाती ह अचछी बात होगी कक कवपकषी खमा अब भी वासतकवकता को समझ कक सरकार क परकत अधकवरोधी रख और जनता की नबज़ को पकड़ पान म उसकी नाकामयाबी क कारण उसका जनाधार अब धीर-धीर समाप होता जा रहा ह यह कवपकष क कलय चतन का समय ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि)

चडीगढ़ रनकाय चनाि भाजपा की चली आधी जनता न मदखाया विपकषी दलो को आईना

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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चार दशको क राजनीवतक सफर ि हर अिसर पर विफल रह ह िनिोहन ससिह

मशवाननद मविवदी

एक पतकार वाताटि (जनवरी 2014) म डॉ मनमोहन कसह न कहा था कक मरा मलयाकन इकतहास करगा इसम कोई शक नही कक चार दशक तक ककसी एक राजनीकतक दल क साथ परी

वफादारी और राजनीकतक कनषा स सरकार म शीषटि पदो पर काम करन वाल वयकति का मलयाकन होना सवाभाकवक ह इसम कोई शक नही कक सवतत भारत क इकतहास म डॉ मनमोहन कसह उन चद लोगो म स एक ह कजनह इकतहास न सवाटिकधक अवसर कदया ह कवमदरीकरण क मद पर जब डॉ मनमोहन कसह राजयसभा म क दर सरकार को घरत हए कागस का पकष रख रह थ तो म उनक भाषण को बहत धयान स सन रहा था कवमदरीकरण को लकर उनहोन एक वाकय कहा lsquoयह सगकठत लट हrsquo डॉ मनमोहन कसह न इसक तमाम नकसान कगनवाए उनक भाषण म कर कष की कचता थी जीडीपी की कचता थी गामीण सहकारी बको म होन वाली समसयाओ की कचता थी गरीबो की कचता थी और दरगामी पररणामो म लगन वाल वति की कचता थी साथ ही उनहोन कछ रचनातमक परसताव क साथ आन की सलाह दत हए सरकार की आलोचना भी की डॉ मनमोहन कसह आज उस मकाम पर ह कक जब वो सदन म बोल रह थ तो यह समझना मकशकल था कक राजयसभा क फलोर स एक पवटि आकथटिक सलाहकार बोल रहा ह या एक ररजवटि बक का पवटि गवनटिर बोल रहा ह यह समझ पाना कबलकल आसान नही था कक दश की जनता एक पवटि कवतत सकचव को सन रही ह अथवा पवटि कवतत मती को सन रही ह एक आम भरम लोगो म मन म जरर बठा होगा कक व एक पवटि परधानमती को सन रह ह अथवा एक कागस क सासद को सन रह ह लोग तो यह भी जानना चाहत होग कक राजयसभा स ककसी पाटटी का एक राजनता बोल रहा ह अथवा एक अथटिशारिी बोल रहा ह वो कया-कया रह ह ककस-ककस भकमका म रह ह वतटिमान म वो कया ह और ककस भकमका म ह उनका दाकयतव कया ह और उनकी जवाबदही कया ह इन सवालो स उनक समथटिक कचढ़त नजर आत ह डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन करन स पहल उनक सावटिजकनक दाकयतवो पर एक सककषप नजर अवशय डालनी चाकहए एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क

आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह भारत सरकार की वबसाईट (pmindiagovin) पर कदए पररचय को अगर सही मान तो वषटि 1957 म अथटिशारि म परासनातक की कडगी लन वाल डॉ मनमोहन कसह ऑकसफ़ोडटि कवकव क नकफलड कॉलज स डी कफल ह अपन कररयर की शरआत एक कशकषक क रप म करन वाल डॉ मनमोहन कसह 1971 म वाकणजय मतालय म आकथटिक सलाहकार की भकमका म आए महज एक साल म उनको कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार का दाकयतव कमल गया तब दश इकदरा गाधी की सरकार थी जब डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार थ तब परणब मखजटी भारत सरकार म मती बन चक थ यही वो दौर था जब बको का राषटीयकरण हो रहा था इस दौरान डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय क सकचव योजना आयोग क उपाधयकष और ररजवटि बक क मकखया भी रह ररजवटि बक का गवनटिर तो सभवत उनह कवतत मती रहत परणब मखजटी न ही बनाया था उनक दाकयतवो स यह अदाजा लगता ह आकथटिक मामलो म डॉ मनमोहन कसह इकदरा गाधी क अकत कवशासपात अथवा वफादार लोगो म स थ 1991-96 म डॉ मनमोहन कसह दश क कवततमती बन हालाकक कहा जाता ह कक कवततमती क तौर डॉ मनमोहन कसह ततकालीन परधानमती पीवी नरकसमहा राव की पहली पसद नही थ कफर 2004 म सपरग-1 म परधानमती बन और दस साल तक दश क परधानमती रह यहा पररचय दन का मकसद यह था कक एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह वषटि 2014 तक दश क 42 फीसद स जयादा आबादी की पहच बक तक नही थी याकन उनक पास बक खात तक नही थ आकखर डॉ मनमोहन कसह आकथटिक सलाहकार स लगाए चार दशक तक अथटिवयवसथा स जड़

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महतवपणटि पदो पर लगातार रहत हए परधानमती तक क ताकतवर पद तक पहचन क बावजद कयो य नही परा कर पाए बको क राषटीयकरण क दौरान ही सरकार म आकथटिक सलाहकार क तौर पर जड़न वाल डॉ मनमोहन कसह की कवफलता की कहानी यही ह कक चार दशक बाद 2004 म परधानमती बनन क बावजद वो इस दश की आम जनता को मखयधारा की बककग अथटिवयवसथा स जोड़ पान म नाकाम साकबत हए राजयसभा म बोलत हए डॉ मनमोहन कसह न जीडीपी कवकास दर म 2 फीसद की कगरावट का अदशा जताया लककन जीडीपी कवकास दर क सवाल पर वो यह बताना कयो नही मनाकसब समझ कक उनक दस साल क कायटिकाल म जीडीपी लगातार ककन वजहो स अकसथर रही थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क दौरान दश की जीडीपी कवकास दर लगभग 84 फीसद तक पहच गई थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क बाद डॉ मनमोहन कसह की ततकालीन गकठत सरकार को जीडीपी दर कवरासत स ठीक-ठाक कमली लककन डॉ मनमोहन कसह क नतरतव म दस साल सरकार चलन क बाद जब वषटि 2014 म एकबार कफर भाजपा-नीत सरकार नरदर मोदी क नतरतव म बनी तो डॉ मनमोहन कसह स मोदी को 474 (2013 की जीडीपी कवकास दर) फीसद जीडीपी कवकास दर कमली आज भारत की कवकास दर 73 फीसद क आसपास ह लककन मनमोहन कसह जीडीपी को लकर बहद कचकतत नजर आ रह ह यह कचता हासयासपद बवजह एव कनराशाजनक ह जब जीडीपी पर बात चल रही हो तो सवाल मोदी स नही डॉ मनमोहन कसह स होना चाकहए कक आज कजस जीडीपी का आप कहसाब और आकलन कर रह ह उस आप ढाई साल पहल परधानमती रहत छोड़कर ककस हाल म गए थ कागस न डॉ मनमोहन कसह को सारी आलोचनाओ स पर साकबत करन की अनक कोकशश की ह दश इस भरम म नही रहन वाला कक डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन एक अथटिशारिी क तौर पर कर अथवा एक परशासक परधानमती क तौर पर चकक दोनो ही मोचषो पर जब-जब डॉ मनमोहन कसह को

ताकतवर पद कमला ह व नाकाम साकबत हए ह बतौर परधानमती उनहोन एक भरष और लटतत वाली सरकार दी ह कजसक मकतयो को लट एव भरषाचार क गभीर आरोपो म जल तक जाना पड़ा ह डॉ मनमोहन कसह एक बहद कमजोर परशासक इसकलए भी ह कक कोयला मतालय उनक अतगटित रहत हए उसी कवभाग म हए घोटालो को रोक पान म व बरी तरह नाकाम साकबत हए आज राजयसभा स जब व lsquoसगकठत लटrsquo का जमला फ क रह थ तो यह इकतहास उनही को आईना कदखा रहा था एक और कबद ह कजसको लकर कागस उनका मकहमा मडन करती ह भारत म उदारीकरण क जनक क रप म कजस ढग स डॉ मनमोहन कसह की छकव को कागस पश करती ह वो महज एक छलावा ह उदारीकरण को लकर हम यह समझना होगा कक बतौर राजनीकतक दल कागस अथवा बतौर अथटिशारिी डॉ मनमोहन कसह म स कोई भी कभी उदारीकरण का कहमायती नही रहा ह उदारीकरण न तो कागस की नीकत रही ह और न ही डॉ मनमोहन कसह का कभी कवजन रहा ह भारत म उदारीकरण आकथटिक तगी की मज़बरी की दन स जयादा कछ भी नही ह आपक पास जब कछ नही बचा तो आप मज़बरी म उदारीकरण को सवीकार ककए जबकक इसक पहल कागस की आकथटिक नीकतयो म समाजवादी वयवसथा की परबलता थी पकडत दीन दयाल उपाधयाय अनक बार सावटिजकनक कषतो क कवसतार पर कागस की सरकारो की आलोचना करत रह थ अब मज़बरी म आए उदारीकरण को मनमोहन कसह की आकथटिक दरदकष क रप म पश करक कागस दश को गमराह नही कर सकती उदारीकरण दश म उतपनन कवकट पररकसथकतयो की दन थी न कक मनमोहन कसह क आकथटिक कवजन की डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन जब इकतहास करगा तो दो बात कनकल कर आएगी पहली बात कक चार दशक स जयादा एक ख़ास राजनीकतक परकषभकम म लगातार महतवपणटि एव कनणाटियक पदो पर रहन वाल भारत क चद लोगो म स एक डॉ मनमोहन कसह ह दसरी बात यह कनकल कर आएगी कक डॉ मनमोहन कसह अवसरो क नायक रह ह इनकी न अपनी कोई नीकत रही ह न कनणटिय रहा ह और न ही य ककसी बदलाव क मौकलक कनमाटिता रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम क सपयादक ह)

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लखक अकमष कतपाठी की तीन खणडो म कशव की एक कालपकनक कहानी ह जो सोमरस नामक अमरता दन वाल दरवय की कथा ह यह एक अमरत था परनत इस अमरत क दषपरभाव भी थ

कजसको वहा क राजा दकष परजा स छपा रह थ कजस तरह समदर मथन म अमरत क साथ कवष भी कनकला उसी तरह इस अमरत की कनमाटिण परककरया म इसक साथ-साथ कवष भी बनता था इस कहानी म जो सबस महतवपणटि ह वो यह कक शरआत म जो चीज समाज क कलए अमरत थी वही इसक जयादा उपयोग स धीर धीर सवतः कवष म पररवकतटित हो गयी ततकालीन सामाकजक वयवसथा म हर समसया का मल बन गयी और चकक इस सोमरस क परकत सवाथटि इतना गहरा हो चका था कक कबना इस परकतबकधत ककय कोई उपाय नही रहा धमटि यदध हआ और इस कवदा को उपनयास क अत म हमशा क कलए कछ अपवादो को छोड़कर ख़तम कर कदया गया अब इस कहानी को हम वतटिमान अथटिवयवसथा क पररपकय म दखत ह तो कया नकद हमारी अथटिवयवसथा का सोमरस ह कया सोमरस की तरह नकद भी धीर-धीर ककसी वयवसथा क कलए अकभशाप बन सकती ह कया नकद अपन सार फायद क बावजद इतना जहरीला हो सकता ह कक राषटीय अथटिवयवसथा खोखली होन लग इन सार परशो क मल म अगर हम इस वयवसथा क इकतहास म जाए तो पाएग कक भौकतक मदरा एक बहत ही परानी एव मधयकालीन परपरा ह व समय क साथ-साथ इस कफकजकल करसी क साथ-साथ अनक कवष-बल कलपट चक ह भौकतक मदरा क साथ जो सबस बड़ी समसया आज पश आ रही ह वो ह इसक परकत आशकति तथा कर चोरी हत सरकार की नज़र स इस छपा कर रखना इस कारण अथटिवयवसथा म उन कछप हए नोटो का क़ाननी हसतानतरण म परयोग बद हो जाता ह और य धन जस सरकार की नज़रो स गायब हो जात ह उस धन का परयोग होता ह पर वहा कजस धध को सरकार या समाज गर क़ाननी मानत ह और य छपा हआ धन अपनी एक खद की अथटिवयवसथा बना लती ह कजसका कवकास सवतः होन लगता ह यह सामानातर अथटिवयवसथा नकद पर कनभटिर हो जाती ह जहा न कोई टकस दना होता ह न ही समाज क परकत ककसी उततरदाकयतव को कनभाना होता ह आज हमार समाज म कजतनी भी कवसगकतया कदखाई दगी उनक जड़ म यही काला धन ह जो कक कछ नही बकलक सरकार की नज़र स छपाकर कलया गया नकद ह या उसक दारा खरीदी गयी पररसपकततया ह इसी कालधन रपी नकद की जड़ स समसत बराइयो को खराक कमलती ह

या उनकी अथटिवयवसथा चलायमान रहती ह चाह वो नशीली दवाओ का कारोबार हो आतकवाद की फकडग हो हवाला कारोबार हो चनावो म लग रहा धनबल हो चाइलड टकफककग हो या अनय अपराध हो या उनह करवान क कलए ककया जा रहा जाली नोटो का इसतमाल हो इन सबकी बकनयाद इसी नकदी पर कटकी होती ह कामरड सीताराम यचरी न अपन फसबक पोसट म कलखा ह कक यह काला धन भारत की अथटिवयवसथा का 06 ह एव इसका लगभग 0025 नकली नोट ह अब अगर हम भारत की कवशाल अथटिवयवसथा को दख तो य रकम बहत जयादा ह य वही सोमरस ह जो अब कवष बन चका ह एव कजसका उपयोग हमार समाज को कनरतर कमजोर कर रहा ह इस कवषबल को काटन का कोई भी साहसी फसला मकशकल हो सकता ह परनत गलत कभी नही इस नकद क लोभ म हर वयकति भल चका ह कक लकमी चचला ह य जब तक एक हाथ स दसर हाथ जाती रहती ह तभी तक आकथटिक कवकास होता ह एव इसी कवकास का एक कहससा कर क रप म समाज वयवसथा को जाता ह वतटिमान सरकार क 500 एव 1000 क बड़ नोटो जो कक बाज़ार म उपलबध नकद का 86 ह को वापस लन क फसल न उन सार नोटो को अपन मलय को बरक़रार रखन हत बको म आन को कववश कर कदया ह अब चाह काला हो या उजला अपन वजद क कलए उनह सरकार की नज़र म आना ही होगा वरना उस मलय क छप नोट को सरकार सवतः उपयोग म ला लगी बहत स परश उठ रह ह कक कया नए नोट स कफर स काला धन नही बनगा दरअसल सरकार न काल धन क कनमाटिण व परवाह को रोकन क कलए पहल स ही कई कदम उठाए ह और अब जब यह कनणटिय कलया गया ह तो इसक बाद कफर नया काला धन न पनप इसक कलए सरकार कनकचित तौर पर कछ न कछ तयारी करक ही चल रही होगी

बहरहाल एक बात तो कनकचित ह कक सरकार का यह कदम अब तक सगकहत कवषबल रपी नोटो को तो वयथटि कर ही दगा जब तक कक व एकबार वापस सरकार की आखो स न गजर और सरकार की नज़र हर उस वयकति पर होगी जो यह काम कर रहा ह आय क जात सोतो स जयादा लोग जमा करन स बचग कजस भी ककसी खात म असामानय गकतकवकध होगी वो पकड़ म आ जायग अब यह सवटिकवकदत ह कक कश वयवसथा परातन एव समाज की बदली आवशयकताओ को पणटि करन म अकषम हो चकी ह

नकदी क जाल स रनकलकर रडसजटल अरथवयिसा की तरफ बढ़न का सिय

आयर आनद

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अब बड़ लनदन कश म करना न सकवधाजनक ह न ही फायदमद तो अब समय आ गया ह कक हम इस कश क जाल म फसी अथटिवयवसथा को यहा स बाहर कनकाल यह कबलकल ही मफीद समय ह जब हम राजय क मौकदरक वचन को नोट क रप म मानन क बजाय कडकजटल एव पलाकसटक वचन को जयादा वजन द य न कवल यगानकल ह बकलक सलभ ससता एव कश क साइड इफ़कट स कबलकल मति ह ककसी भी कवकास कर रही अथटिवयवसथा को अनततोगतवा जाना वही ह हम भारत म कल कवततीय लनदन का लगभग 60 नकद म करत ह कजस हम घटा कर 20 क नीच लाना होगा अगर हम अपनी अथटिवयवसथा अनय राषटो की तलना म साफ़ सथरी एव मजबत बनाना चाहत ह अचछी बात य ह कक सरकार क परयास इसी कदशा म होत कदख रह ह आज वतटिमान समाज वयवसथा म सचना कराकत क कारण राजय की मौकदरक परकतजा अब कवल नोटो तक सीकमत नही ह यह एक आकड़ो का खल ह कक आपक खात म ककतना धन ह और वो वयकति क इचछानसार हसतानतरणीय हो गयी ह तो अब कबना मदरा क मतटि रप क भी मदरा वजद म ह एव करयशील

तथा अथटिवयवसथा को चलान म सकषम ह तो कयो न हम इस वयवसथा की ओर बढ़ आज जब लगभग हर वयकति मोबाइल उपयोग कर रहा ह डकबट काडटि सलभ हो चका ह छट पस अब सभी एटीएम स ही कनकाल रह ह तो कयो न उस वयवसथा को आग बढ़ाया जाय अगर आप ककसी भी दकानदार को पस ऑनलाइन टानसफर या काडटि स करत ह तो वो टकस कबलकल भी चोरी नही कर सकता आपका कोई भी पमट अगर कश ह तो सभावना ह की वो बलक बन जाय पर अगर यह बक ट बक अकाउट ट अकाउट ह तो यह हमशा सफ़द ही रहगा तो आइय य कबलकल सही समय ह जब हम नए नोटो की बजाय कबना नोटो की साफ़-सथरी अथटिवयवसथा को बढ़ावा द तथा जो इस स अछत ह उनह भी कडकजटल अथटिवयवसथा का अग बनाय हम इसक कलए अगशील होना कबलकल भी नही छोड़ सकत कक पीछ वाल बहत पीछ ह जररत ह उनह भी इस वयवसथा क अनकल सवदनशील तथा जागरक बनान की

(लखक िशिनलसट ऑिलयाइि म कॉपी एनडटि ह)

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8नवबर को रात आठ बज राषट क नाम सदश म परधानमती नरदर मोदी न पाच सौ और एक हजार क नोट बद होन का फसला सनाकर सबको चौका कदया था इस बात को अब बीस कदन स

जयादा हो गए ह लककन आज भी यह कवमशटि का सबस बड़ा मदा बना हआ ह हालाकक कवमदरीकरण क फसल क बाद स ही इसक पकष-कवपकष म बहस शर हो गयी जो अब भी चल रही ह ममता बनजटी की तरणमल कागस कजरीवाल की आम आदमी पाटटी मायावती की बहजन समाज पाटटी एव भारतीय राषटीय कागस सकहत तमाम राजनीकतक दलो न इसक कखलाफ मोचाटि खोल कदया ह दश की जनता बक की कतार म ह और दश क कवपकषी दल फसल क कवरोध म सरकार क सामन बक की कतारो स कनपटन की चनौती तो थी ही साथ म कवरोधी दलो क असहयोगातमक रख स कनपटन की चनौती भी बनी ह चकक ससद का सत भी शर हो गया ह कलहाजा कनतीश कमार को छोड़कर लगभग परा कवपकष ससद स सड़क तक इस फसल क कवरोध म आ गया ह सरकार का शर स दावा रहा कक दश की आम जनता उनक इस फसल क साथ ह वही कवरोध कर रह दलो का तकटि था कक वो जनता की परशाकनयो को दखत हए अपना कवरोध दजटि करा रह ह हालाकक सतता पकष और कवपकष दोनो ही जनता को अपन पाल म बतान का दावा जब कर रह हो तो यह समझ पाना बड़ा मकशकल हो जाता ह कक वाकई जनता ककसक साथ ह इस मामल म भी ऐसा ही हआ अलग-अलग माधयमो स सवव आकद शर हो गए मीकडया चनलो क लोकल सतर क लाइव चचाटि आकद स भी इस फसल पर जनता का कमजाज टटोलन की कवायद तज होन लगी परधानमती नरदर मोदी न अपन सतर पर भी एक ऑनलाइन सवव कराया कजसम उनको इस फसल पर भारी समथटिन कमला हालाकक कवरोध कर रह कछ दलो को इस बात का भान जरर हआ कक जनता इस मद पर उनक साथ नही ह कलहाजा उनहोन 28 नवबर को lsquoभारत बदrsquo करन का अपना कनणटिय वापस ल कलया इसी बीच एक अगजी समाचार पत का सवव आया कजसम बहमत को सरकार क इस फसल क कखलाफ बताया गया अब बड़ा सवाल यह था कक कया सच मान या कया झठ मान लोकतत म ककसी भी राजनीकतक दल की जनता क बीच हकसयत मापन का सबस वयापक और सबस बड़ा सवव चनाव ही होता ह कवमदरीकरण क मद पर जब दश म lsquoहा-नाrsquo की बहस चल रही थी इस दरमयान तीन

महतवपणटि चनाव सपनन हए पहला लोकसभा और कवधानसभा की खाली हई सीटो पर उपचनाव दसरा महाराषट क कनकायो क चनाव और तीसरा गजरात क सथानीय कनकायो क चनाव यह तीनो चनाव कवमदरीकरण क फसल क बाद हए मतसखया क आधार पर अगर दख तो ककसी भी बड़-बड़ सवव म कजतना समपल कलया जाता ह उसस सकड़ो-हजारो गना जयादा लोग इन चनावो म परतयकष कहससा कलए ह लोकसभा और कवधानसभा क उपचनावो म भाजपा अपनी सभी सीट न कसफटि सरककषत रखन म कामयाब हई बकलक कतपरा और पकचिम बगाल म कपछल चनाव की तलना म भाजपा क वोट परकतशत म भारी इजाफा भी हआ इसक बाद 28 नवबर को महाराषट क कनकाय चनावो क पररणाम आए कजसम भाजपा को भारी बढ़त कमली ह चकक वषटि 2011 क चनाव म भाजपा कनकायो म तीसर नमबर की पाटटी होती थी लककन इन पररणामो क बाद भाजपा सबस बड़ी पाटटी बनकर उभरी ह यहा तक कक कशवसना क साथ गठबधन होन क बावजद भाजपा कशवसना स जयादा सीट जीत गयी ह नगर पचायतो क कलए हए चनावो म भाजपा को 851 सीट कमली ह जो 2011 म मात 396 थी कल 147 सीटो पर हए मयकनकसपल काउकसल क कलए परतयकष मतदान म भाजपा को अकल 52 सीटो पर जीत कमली ह कपछल चनावो म इन कनकायो पर राषटवादी कागस पाटटी का कबजा था जो कक अब उसक हाथ स जा चका ह इसक अलावा सोलापर जस सीटो जहा भाजपा कभी नही आई थी पर भी इसबार भाजपा जीतन म कामयाब रही महाराषट क सथानीय चनावो क पररणामो को इस कलहाज स भी महतवपणटि माना जा रहा ह कयोकक तमाम दल एव बकदधजीवी इस कमनी कवधानसभा चनाव भी कहत ह यह अलग बात ह कक भाजपा को कमली बड़ी जीत क बाद इसपर हमार तथाककथत बकदधजीवी वगटि न सननाटा साध कलया ह और ऐसा जताना चाह रह ह कक य चनाव महतवपणटि ह ही नही लककन वही अगर पररणाम भाजपा क परकतकल होत तो यही बकदधजीवी इस दवनदर फडनवीस नही बकलक नरदर मोदी की हार बतात हए नही थकत खर कवमदरीकरण क बाद नरदर मोदी क अपन राजय गजरात म भी कनकाय चनाव हए गजरात पर सबकी नजर इसकलए थी कयोकक वहा हाल म ही सतता म उथल-पथल क अलावा सरकार क कखलाफ पटल आनदोलन हआ था ऊना काणड क बाद दकलतो क नाम पर माहौल बनान की कोकशश दश क उन राजनीकतक दलो न भी कम नही की कजनकी गजरात म वतटिमान

रनकाय चनाि नोटबदी क रनरथय परजनता की िहर

मशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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की राजनीकतक हकसयत कछ भी नही ह लककन गजरात क चनाव पररणामो न तो कागस का सपड़ा ही साफ़ कर कदया पररणामो क मताकबक़ गजरात क वापी नगरपाकलका की 44 सीटो म भाजपा न 41 सीटो पर जीत दजटि की ह वही कागस को यहा महज 3 सीटो पर सतोष करना पड़ा ह सरत क कनकपर-कनसाड़ की 28 म स 27 सीटो पर भाजपा को जीत कमली ह वही कछ कजला तालका पचायत क उपचनावो म भाजपा को 23 और कागस को महज 8 सीट कमली ह गजरात पर सबकी नजर इसकलए भी बनी हई थी कयोकक गजरात स नरदर मोदी क आन क बाद वहा महज ढाई साल म एक मखयमती को बदलना पड़ा था इसी दरमयान वहा पटल आनदोलन को भी कदलली की मोदी-कवरोधी ताकतो क सहयोग स हवा दन का काम ककया गया ऊना म दकलत कपटाई मामल क बाद भी कदलली की राजनीकत क कसयासतदानो की कगदध कनगाह गजरात म लगी रही लककन इन चनावो को अगर जनता का सबस बड़ा और सबस कवशदध सवव मान तो यह सवव मोदी क पकष म जाता ह यह इसकलए जयादा महतवपणटि ह कयोकक हाल म ही कवपकषी खमा कवमदरीकरण क मद पर जनता की परशाकनयो का हवाला दकर असहयोग की कसथकत उतपनन कर रहा ह

इन चनावो को जनता की बीच स आया आम सवव मानकर भी अगर कवरोधी खमा कवमदरीकरण क बजा कवरोध स नही कडगा और जनता क कध पर बदक रखकर सरकार को घरता रहा तो यह मोदी क कलए तो नही लककन उनक खद क कलए जयादा घातक होगा कवरोध सकारातमक होना चाकहए वचाररक होना चाकहए न कक कसफटि इसकलए कवरोध करो कयोकक आपको मोदी का कवरोध करना ह इन चनावो क पररणामो पर एक लाइन म कटपपणी कर तो यही कहग कक जनता न मोदी क कनणटिय पर अपनी सहमकत का महर लगाया ही ह कवरोकधयो को आईना भी कदखा कदया ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनदशि म रिसचच फलो एव िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम म समपयादक ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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वस तो हर चनाव का मदा और कलवर अलग होता ह उसम भी सथानीय कनकाय और नगर पचायत चनावो का मदा पणटितया सथानीय होता ह परत कपछल कदनो महाराषट और गजरात म

कनकाय चनाव का आयोजन कवमदरीकरण क साए म हआ जहा पर अनय सथानीय मदो क अलावा कवमदरीकरण चनाव म बड़ा मदा था और हर पाटटी इस मद को भनान म लगी थी इस चनाव म भाजपा न भारी जीत दजटि की कजस परधानमती मोदी दारा कलधन क कखलाफ उठाए गए कदम पर जनता की महर माना जा सकता ह सभी कवपकषी पाकटटिया कवमदरीकरण क कारण जनता की परशानी का हवाला दत हए ससद क शीतकालीन सत को लगभग-लगभग हगाम की भट चढ़ा चकी ह वही जनता जनादटिन न कनकाय चनावो म भाजपा की जीत कदलाकर इस फसल पर महर लगान का सदश कदया ह कवपकषी पाकटटियो की दलील थी कक गामीण भारत सबस जयादा कवमदरीकरण की मार झल रहा ह इसकलए वह कवमदरीकरण का कवरोध कर रह ह लककन इन सथानीय कनकाय चनावो म जनता न सततारढ़ भाजपा क पकष म अपनी महर लगाई ह कजसन नोटबदी को लकर सरकार स जनता की नाराजगी जसी कवपकष की सभी दलीलो की पोल खोल दी ह सपष हो गया कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह ऐस म परतीत तो य हो रहा कक कवपककषयो कचता जनता की नही खद क काल धन की ह जो कक नोटबदी क बाद महज कागज बन कर रह गया इसी करम म अगर इन चनावो क पररणामो पर नजर दौड़ाए तो साफ-साफ पता चलता ह कक जनता न परधानमती मोदी क साथ जाना पसद ककया ह जबकक कवपकषी पाकटटियो क सार आरोप और लामबदी हवा हो गए गजरात की दो नगरपाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली कवपकषी दल कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म महज एक सीट स सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न आठ सीट फतह की जात हो कक कपछल साल समपनन हए सथानीय चनाव म कागस न अपन परदशटिन म कछ सधार ककया था कजस उसन परधानमती योजनाओ की हार क तौर पर परदकशटित ककया था लककन अब इस कनकाय चनाव म जब कागस का सपड़ा साफ़ हो गया तो उसक पास बोलन क कलए कछ नही बचा ह बीत दो दशक स सतता स बाहर कागस की कसथकत कदन-परकतकदन

खराब होती जा रही ह परत वह ह कक मानन को तयार नही गजरात क अलावा महाराषट क सथानीय चनावो म भी करारी हार का सामना करना पड़ा महाराष ट म 147 नगर पररषद म स अकल भाजपा को 52 सीट सहयोगी कशवसना जो कक इस चनाव म भी बागी तवर अपनाए हए थी उस भी महज़ 23 सीट हाथ लगी कागस को 19 और एनसीपी को 16 पर जीत कमली ह अन य उम मीदवारो क खात म 28 सीट गइटि ह वही 17 नगर पचायतो क 3510 सदस यो क कलए हए चनाव म सत ताधारी भाजपा को 851 सीट कमली ह कागस क खात म 643 एनसीपी को 638 और कशवसना को 514 मनस को 16 सीपीएम को 12 बसपा को 9 कनदटिलीयो को 324 स थानीय गठबधनो को 384 और बाककयो को 119 सीटो पर जीत कमली ह सपष ह कक यहा भी भाजपा हर तरह स सबस आग ह इस जीत को भी कवमदरीकरण क फसल पर जनता की महर और राजय क मकखया दवदर फडणकवस क कवकास परायोकजत कामकाज पर जनता की सहमकत कहना गलत नही होगा इन सब चीजो स कवपकषी दल दरअसल बौखलाए हए ह उनह कछ सझ नही रहा ह कक वह कर तो कया कर अब इस पर कवपककषयो का तकटि य ह कक इन चनावो म नोटबदी कोई मदा नही था मसला हार-जीत का नही ह मसला ह तो कवपकष क दोमह चररत का जब कवपकष का सफाया हो जाय तो मद सथानीय थ पर वही अगर सततारढ़ पाटटी हार जाए तो उस पाटटी की हार ह उसक योजनाओ की हार ह दखन वाली बात यह ह कक हर ककसी को पता ह कक सथानीय कनकाय क चनावो म जीत क कारण अलग होत ह लककन जब हारन पर भाजपा क मतथ नोटबदी मढ़ दी जाती तो जीतन पर शय कयो नही और वस भी कवमदरीकरण तो समग राषट को परभाकवत करन वाला मदा ह कफर कनकचित तौर पर इन चनावो म भी इसका परभाव रहा ही होगा उललखनीय होगा कक अभी नोटबदी क बाद ही हए एपीएमसी क चनावो म भाजपा का परदशटिन बहत अचछा नही रहा था तो उस वति इन कवरोधी दलो न कहा था कक नोटबदी क कारण हार हई ह जबकक अब कनकाय चनावो म इनक कहसाब स नोटबदी कोई मदा ही नही ह य कसफटि और कसफटि इनक दोमहपन को कदखाता ह कहना गलत नही होगा कक कजतना तमाशा लोकतनत का वतटिमान कवपकषी पाकटटिया कर रही ह उस दश कभी नही माफ करगा नोटबनदी का कवरोध कवपकष दारा महज़ खद को सककरय कदखान की एक नाकाम और नकारातमक कोकशश ह उसस जयादा कछ नही चनाव क पररणाम बतात ह कक परधानमती मोदी कदन-परकतकदन मजबत होत जा रह ह यह भी तय माकनए कक कजतना कवरोध परधानमती का होगा उतना ही वह मजबत होकर बाहर आएग

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

रनकाय चनािो ि भाजपा की इस बमपर जीत क बाद तो नोटबदी क विरोध की राजनीवत बद कर विपकषी

कशव झा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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कदर सरकार दारा पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन क फसल क बाद स ही मोदी-कवरोधी एक राजनीकतक जमात म भचाल की कसथकत ह इस साहकसक एव ऐकतहाकसक कनणटिय क

दरगामी नफा-नकसान पर बहस करन की बजाय कछ राजनीकतक जमात क लोग बको की कतारो पर बहस करना चाहत ह चकक इस कनणटिय को लकर आम जनता क मन म एकतरफा समथटिन का भाव खलकर कदख रहा ह कलहाजा कछ राजनीकतक खमो क लोग इसपर चचाटि करन स भागत नजर आ रह ह दश का आम जन अपनी कछ कदनो की परशाकनयो को दरककनार कर इस ऐकतहाकसक कनणटिय को सवीकार कर चका ह लककन बड़ा सवाल यह ह कक वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को सवीकार करन स कतरा रह ह वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को वापस लन क कलए असफल रकलया कर रह ह वो कौन लोग ह जो महगी गाकड़यो और एसपीजी सरकषा म जाकर दो घट म अपना चार हजार रपया कनकालन क बावजद झठ बोल रह ह कक पसा नही कमल रहा एक सवाल यह भी ह कक य लोग ऐसा कयो कर रह ह इस सवाल पर पड़ताल करन स पहल जरा lsquoकतारrsquo पर बहस कर ल राहल गाधी अपना चार हजार तो दो घट म कनकाल कलए लककन लोगो को गमराह कर रह ह कक पसा नही कनकल रहा ह दरअसल यह उनकी नीयत म खोट को दशाटिता ह अगर व ईमानदारी कदखात तो सबक सामन सवीकार करत कक ldquoहा म कतार म लगा था और मझ मरा पसा कमला लककन नही उनकी जबान तो कछ और बोल रही ह दरअसल राहल गाधी को यह बात बखबी पता होनी चाकहए कक इस दश की आम जनता को lsquoकतारोrsquo स कभी समसया नही रही ह सततर साल की सरकारो कजसम लगभग साठ साल कागस ही सतता म रही ह न इस दश की आम जनता को कतार म खड़ रहन की आदत डाल दी ह यह वही जनता ह जो कभी कसलडर गस तो कभी यररया तो कभी रल कटकट क कलए आय कदन कतारो म नजर आती रही ह इसकलए इस जनता को अब कतारो का भय न कदखाइए इस दश म सततर वषषो म जो लबी कतार आपन खड़ी की ह अब नोटबदी क इस फसल न उस कतार को तोड़ कदया ह यह वह कतार बन रही ह कजसम दश का आम जन खड़ा होकर कबना ककसी डर क भय क अपन हक़ क कलए और दश क भकवषय क कनमाटिण क कलए खड़ा होन को तयार ह यह कतार ईमानदारो की कतार ह परधानमती मोदी न जो यह कतार बनाई ह इस कतार म ककसी भरष बईमान और चोरी स काली कमाई करन वाल की कहममत नही हो पा रही कक वो खलकर खड़ा हो सक कलहाजा यह ईमानदारी का उतसव मना रह दश की ईमानदार जनता की कतार ह भरषाचार क कखलाफ चल रही इस लड़ाई का लगातार कवरोध कर रह कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल की अपनी कोई कवशसनीयता नही रही ह व खद कभी लाल यादव तो कभी ककसी और क समथटिन म खड़ होकर

अपनी साख पर बटा लगा चक ह लककन अब जब दश की आम जनता क साथ कालाधन और भरषाचार क कखलाफ चल रही इस कनणाटियक लड़ाई का समय आया तो व बगाल की मखयमती ममता बनजटी क साथ कमलकर इसका कवरोध करत नजर आ रह ह वस तो कबना ककसी सबत और बकनयाद क ककसी पर भी आरोप लगान क रोग स गकसत कदलली क मखयमती अनक बार सबत न द पान की वजह स अपनी फजीहत भी करा चक ह लककन आज एकबार कफर व कबना ककसी सबत क मनगढ़त बात कर रह ह कदलली की जनता क मन म यह सवाल बजा नही उठ रहा ह कक ममता बनजटी और कदलली क मखयमती क बीच ककस मद पर सहमकत बनी ह ममता बनजटी मायावती सकहत कछ लोग पहल कदन स भरषाचार क कखलाफ इस कनणाटियक लड़ाई म भरष लोगो क साथ खड़ ह लककन कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल आकखर कयो इनक साथ खड़ ह मोदी क इस फसल स आतकवाकदयो को फकडग करन वालो माओवाकदयो को ससाधन महया करान वालो तसकरो अपराकधयो भरषाचार करन वालो की पीड़ा तो जायज ह लककन इन चद नताओ की इस फसल क कखलाफ एकजटता भी कम शक नही पदा करती ह ऐस म बड़ा सवाल जनता क जहन म ह कक जब पजाब म चनाव होन ह तो कया आम आदमी पाटटी को चनाव म इसतमाल करन क कलए जटाए गए धन क रदी हो जान की कचता सता रही ह यह सबको पता ह कक पारदकशटिता की बात करन वाली आम आदमी पाटटी काफी समय स अपन आय और वयय का बयोरा सावटिजकनक नही कर रही ह खर कतार लबी जरर ह लककन बदोबसत ऐसा ह कक उस कतार म कोई बईमान और भरष जयादा दर कटक नही पाएगा यह वो कतार ह कजसन दश की आम और ईमानदार जनता को बईमानो क सामन गौरवाकनवत होन का अवसर कदया ह यह वह कतार ह जहा जान भर स न जान ककतन बईमान खौफ खा रह ह नोटबदी क कखलाफ उठन वाली हर आवाज इस दश म ईमानदारी की बन रही इस ऐकतहाकसक कतार क कखलाफ एक साकजश की तरह ह आज या तो आप इस कतार क साथ ह या आप भरष और बईमानी स धन अकजटित करन वालो क साथ ह वस भी मोदी की अचछी बात यह ह कक वो परमाणपत दन वालो की परवाह ककए कबना जनकहत म दशको स काम करत हए यहा तक पहच ह कजनका डब रहा ह व बौखला रह ह आम लोग थोड़ी परशाकनयो क बावजद इस महीम क साथ कतारबदध होकर खड़ ह यही वजह ह कक लाख कोकशशो क बावजद नोटबदी क कखलाफ की जा रही कछ रकलयो म मोदी-मोदी क नार लग रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनडशि म रिसचच फलो ह एव िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खबरदार यह ईिानदारो की कतार ह बईिान दर रहमशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवबर की शाम को परधानमती मोदी क राषट क नाम सबोधन म नोटबदी क ऐकतहाकसक फसल क ऐलान स दश भर म हलचल मच गयी परधानमती नरदर मोदी न जब दश भर म 500 और 1000

क नोटो पर परकतबध की घोषणा की तो काल धन की फसल उगाकर रखन वालो पर जस ओलो की बरसात हो गयी जनता की खन-पसीन की कमाई को अवध और अनकतक रप स जमा करक बठ ऐस लोग अब मार-मार कफर रह ह और तरह तरह स आम जनता का हवाला दकर अपना उलल सीधा करन की कोकशश म लग ह 500 और 1000 क नोटो पर परकतबध क कनणटिय की न कवल तकलीफ झलन क बावजद जनता सराहना कर रही ह बकलक इस कनणटिय म सरकार को परा सहयोग भी द रही ह मगर कवपककषयो का रख इस पर भी हासयासपद रहा ह कागस आप सपा बसपा तरणमल कागस आकद तमाम दलो क परमख नताओ न इस कनणटिय को लकर मोदी सरकार पर अताककटि क ढग स सवाल उठान की कोकशश की ह ऐस म सवाल यह उठता ह कक आकखर इस नोटबदी क कनणटिय स य कवपकषी दल इतनी पीड़ा म कयो ह कनससदह इन कवपकषी दलो का ऐसा आचरण जनता की नज़रो म उनकी सकदगध छकव ही परसतत कर रहा ह कदलली मबई समत दश क अनय राजयो म पड़ रह आयकर कवभाग क छाप यह सपष करत ह कक दश की जनता का पसा ककस तरह कछ लोगो की झोली भर रहा था काल धन की धर-पकड़ पर इस परकतबध का जोरदार असर दखन को कमल सकता ह सबस पहल तो य 440 वॉलट का झटका उन क कलए ह जो कबसतर पर करोड़ो नोट कबछा कर सोन क आदी हो चक ह जाकहर ह इसस उनकी रातो की नीद हराम हो चकी होगी दसरी बात यह कक अकसमात हए इस परकतबध न काला धन धारको को ज़रा भी सजग होन का मौका ही नही कदया इसकलए अब उनक पास कसवाय अपनी सपकतत को सावटिजकनक करन अथवा नष करन क कोई और चारा नही बचा ह तभी तो दश क कवकभनन कहससो म भारी सखया म कही पाच सौ और हजार क नोट कड़ क ढर पर फ क कमल रह तो कही जलत पाए जा रह य कदखाता ह कक नोटबदी क इस कनणटिय क बाद काला धन धारको म ककस कदर हडकप मचा हआ ह तीसरी बात कक बाज़ार म इन कदनो जो नकली नोटो का बोलबाला था इस कनणटिय न उस गोरखधध को भी नसतनाबद कर कदया ह साथ ही भारत को नकसान पहचान क कलए बागलादश और पाककसतान जस मलको स जो नकली नोटो का भणडार यहा आता था वह भी अब ककसी काम का नही रहा इस कनणटिय स न कवल दरगामी तौर पर अथटिवयवसथा को मजबती कमलगी बकलक काल धन की जबती क बाद महगाई पर भी अकश लगगा दश की मदरा भी मजबत होगी और कवकास दर म भी वरकदध होन की सभावना ह

नोटबदी न दश म एक जागरकता फलान का भी काम ककया ह और लोगो क बीच इस धारणा को मजबत ककया ह कक बात अगर दश की भलाई हो तो परा दश एक सत म कपरोय धाग समान हो सकता ह जाकहर ह इस पर परश उठान वाल लोग जो कसफटि सकखटिया बटोरन क बलबत अपन राजनकतक वजद को बचाए रखत ह उनको यह कदखाई दना मकशकल ह कक दश की जनता सरकार क इस साहकसक कनणटिय स परशान नही ह बकलक सहयोग क साथ अपना योगदान दन क कलए सककलपत भी ह लोगो को भड़काकर उनम फट डालकर शासन करन की नीकत औपकनवकशक काल की थी मगर यह दभाटिगयपणटि ह कक सवय को दशभति क ताज स नवाजन वाल तमाम कवपकषी नता भी आजकल इन हथकडो का उपयोग करन स बाज नही आ रहइस कनणटिय क बाद उन लोगो को कोई कवशष समसया नही ह कजनक खात म उनकी जायज कमाई का पसा ह जबकक तमाम ऐस लोग कजनहोन गलत ढग स धनाजटिन ककया ह अनदर ही अदर डर-सहम बठ होग उनकी अकत सपकतत वयथटि हई पड़ी ह और उस पनः उपयोगी बनान क कलए अगर व बक जात ह तो काली कमाई की कलई खलना लगभग तय ह कतसपर आय कर और दो सौ परकतशत जमाटिन का डडा तो पड़ना ही ह एक बात य भी ह कक जो जनधन बक खात कपछल 6 महीन स कनकषकरय पड़ हो अगर आज अचानक उनम लाख-दो लाख रपय का हसतातरण होता ह तो य भी एक सदहजनक गकतकवकध ह कजसपर बक अपनी पनी नज़र बनाय हए ह और कजसक चलत आयकर कवभाग भी चसती स काम करत नज़र आया दश म मखय अथटिवयवसथा और समानातर अथटिवयवसथा को एक ही धारा म लान म भी यह एक बड़ा कदम ह इस कनणटिय क जररय कशलस इकॉनोमी को बढ़ावा कमलन का भी अनमान ह कजस उस वक़त लाग ककया गया जब दश म सकवधाजनक कश टासकशन की कमी ह कशलस टासकशन स आकथटिक पकष मजबत करन म हम सहायता कमलगी साथ ही कर दाताओ को भी इसम सहकलयत होगी कशलस टाजकशन वो चीज ह जो कजतना अकधक बढ़गा दश स भरषाचार की सभावना उतनी ही कम होगी काल धन को सजोन की कोकशश तो अब भी जारी ह हाथ पर तो अब भी मार जा रह ह कफर वह चाह रलव कटकट करवा कर ककया जाय अथवा ककसान करकडट काडटि का इसतमाल करक लककन इन सब गकतकवकधयो पर सरकार की परी नज़र ह सरकार न य कनणटिय कनकचित तौर पर इन सब पहलओ पर कवचार-कवमशटि करक ही कलया होगा अतः काला धन धारको का सरकार को चकमा दकर कनकलना मकशकल ह और कहना गलत नही होगा कक lsquoअबकी बार उनह मोदी सरकार क सामन डालन होग हकथयारrsquo

(लनखकया पतरकयारितया की छयातरया ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी आि जन कर रह सरकार का सिरथनकाला धन धारको ि िचा हड़कप

कमनषका मतवारी

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जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 7: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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नोटबदी स जोड़न की कवायद म कसफटि कवपकषी नता ही शाकमल नही थ बड़ पतकार लखक क तौर पर समाज म पहचान जान वाल लोग सरकार क फसल क कखलाफ कछ भी करन को उतार ह दरअसल य कछ भी करन पर उतार जमात म बहतायत लोग वही ह जो ककसी भी हाल म नरदर मोदी को परधानमती की कसटी पर दखन को तयार नही थ और नही थ वाली मानकसकता अभी भी जड़ अवसथा म ह इसका अदत उदाहरण दखन को कमलता ह कक करीब 150 ऐस ही बड़ बकदधजीकवयो न परधानमती को कचटी कलखकर इस फसल को वापस लन की माग की ह बकदधजीकवयो की कचटी ह इसकलए परी तरह स उसम कचनता आम आदमी क कषो की ही की गई ह लककन कमाल की बात य भी ह कक नोटबदी स आम आदमी को होन वाल कषो की कचनता करन वाल जयादातर वही लोग ह कजनहोन असकहषणता को इस दश का वतटिमान चररत बता दन की कोकशश की और दश स कमल सममानो को वापस कर कदया था दश म बकदधजीवी लखक क तौर पर सममान पान वाल ढरो लोग भी जब इस आकथटिक फसल पर राजनीकतक तरीक स परकतककरया दत ह तो सदह होता ह कक कया मोदी कवरोध क नाम पर सरकार क हर फसल का कवरोध करक जनता को गमराह करन की कोकशश उनका मानस बदलन की कोकशश कहा तक सही ह कमाल दकखए कक जान मान पतकार शखर गपा रपय की कमजोरी पर य सवाल पछत ह कक कया दश म ररजवटि बक गवनटिर ह कया रपय का डॉलर क मकाबल कमजोर होना दश क उदोगो क कलए ठीक ह इसक कलए कछ करन की जररत भी शखर बतात ह 16 नवबर को ककया गया शखर गपा का य टवीट इतना कनददोष नही ह दरअसल शखर कवमदरीकरण क इस समय म रपय क कगरत भाव को जोड़न की कोकशश करत कदखत ह जबकक सचचाई य ह कक रपय की

कमजोरी नही हई ह डॉलर की मजबती हई ह डोनालड टप का राषटपकत बनना इसकी बड़ी वजह बताया जा रहा ह इसी तरह की एक कोकशश हई जब सटट बक ऑफ इकडया क सात हजार करोड़ रपय स जयादा क कजटि को बट खात म डालन की खबर को मालया की कजटि माफी क तौर पर कपरचाररत ककया गया जबकक सच य ह कक नरदर मोदी की सरकार क ढाई साल क कायटिकाल म मालया और दसर कडफॉलटर स कजटि वसली की परककरया कजतनी तजी स परी करन की कोकशश हई वसी कोकशश कभी नही हई बकलक कपछली सरकार क समय म ही जयादातर सरकारी बको न बड़ कजटि कदए और कॉपदोरट स उनकी वसली नही हो सकी सचचाई यही ह कक आकथटिक मामलो पर नरदर मोदी की सरकार बहत ही चरणबदध तरीक स चल रही ह कजसम सरकार आन क बाद सबस पहल काला धन बनन स रोकन की कोकशश शर हई उसक बाद बनामी सपकतत पर रोक लगान कोकशश लोगो को अपना काला धन बताकर उस बककग कससटम म वापस लान की कोकशश य सब बहत चरणबदध तरीक थ इसी बीच म सरकार न बको का एनपीए खतम करन और बको की कसथकत मजबत करन क कलए पवटि सीएजी कवनोद राय की अगवाई म बक बोडटि बयरो बना कदया सबस बड़ी बात कक इन सार कदमो क साथ नरदर मोदी जनता को य भरोसा कदलान म कामयाब रह ह कक य फसला परी तरह स आम जनता क कहत म ह

(लखक वरिष पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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भाजपानीत क दर सरकार दारा कालाधन पर रोक लगान की कदशा म बड़ा कदम उठात हए पाच सौ एव एक हजार क नोट बद ककए जान और नए नोट जारी ककए जान क बाद स ही कालाधन

का मदा एकबार कफर कवमशटि और चचाटि क क दर म आ गया ह सरकार की तरफ स एव आम चचाटि म भी यह बात सामन आती रही ह कक कालाधन का नटवकटि महज दश क अदर ही नही बकलक सीमापार तक फला हआ ह हाल म ही एक टीवी समाचार चनल क कसटग ऑपरशन म पाककसतानी कसनमा कलाकारो को लकर बड़ा खलासा सामन आया ह कसटग क मताकबक़ पाककसतान क तमाम कसनमा कलाकार जो भारत म काम करत ह अपन भगतान का एक ठीक-ठाक कहससा कश म लन की माग करत ह हाल ही म उड़ी हमल क बाद पाककसतानी कलाकारो पर परकतबनध को लकर भी खब गरमा-गरम बहस हो चकी ह कसटग क अनसार पाककसतानी कलाकार फवाद खान मवारा होकन और इमरान अबबास जस कलाकार अपनी फीस का ठीक-ठाक कहससा कश म लन की माग करत ह कसटग क अनसार पाककसतानी कलाकार फवाद खान एक शादी समारोह म शाकमल होन क कलए पचास लाख की फीस का पचीस फीसद रकम अपन यएई क खात म जमा करान की शतटि अपन मनजर क माधयम स रख रह ह यानी अगर इस कसटग को सही मान तो यह फवाद खान का टकस चोरी वाया यएइ कनकशन नजर आता ह बॉलीवड म कई कफलम कर चकी मावरा होकन क मनजर न उनकी कल फीस का बड़ा कहससा उनक आसटकलया वाल खात म जमा करन की माग रखी कछ इसी तरह टकस और रकम कछपान क हथकड इमरान अबबास भी आजमात नजर आ रह ह इस कसटग क बाद एक बहस कफर चली ह कक कया वाकई सीमापार क लोग भारत म काम करक धन कमात ह लककन भारत सरकार को कर नही दत बकलक वो पसा बाहरी दशो क खातो म जमा करवा दत ह चकक यह महज चद कसनमा कलाकारो तक का मामला नही ह बकलक यह टकस चोरी क साथ-साथ भारत सरकार क साथ धोखाधड़ी करन का भी मामला ह सममानजनक ढग स भारत म काम कर रह पाककसतानी कलाकार यकद भारत सरकार क साथ इस सतर पर छलावा एव धोखाधड़ी करत नजर आ रह ह तो अदाजा लगाया जा सकता ह कक सीमापार स भारत क कखलाफ काम कर रही ताकत ककस सतर पर दश को नकसान पहचा रही होगी उनका अवध कारोबार इस दश म ककस सतर पर चल रहा होगा य तमाम सवाल हम न

कसफटि चौकात ह बकलक भारत कवरोधी ताकतो क खतरो स आगाह भी करत ह यह बात लमब समय स उठती रही ह कक भारत म कालधन क इस कारोबार म तसकरी अवध हकथयारो का कारोबार डरगस का कारोबार सकहत तमाम आपराकधक गकतकवकधया शाकमल ह इनम स अकधकतर ऐसी गकतकवकधया ह जहा भारत क बाहर स भारत कवरोधी ताकतो का पसा अलग-अलग माधयमो स लगा हआ ह कलहाजा इन पर पाबदी लगना कनहायत ही आवशयक ह टकस चोरी क अलावा भी इसक बड़ खतर ह हम इस बात का अदाजा नही ह कक सावटिजकनक सतर पर काननी ढग स काम करन वाल पाककसतानी कलाकार जब इतनी सहजता स दश की सरकार को धोखा द सकत ह तो दश की सरकषा क कखलाफ काम कर रह आतकी सगठन ककस सतर पर सककरय होग लककन कालधन की समसया स मकति और नगदी म चल रह काल वयापार पर लगाम की कदशा म परधानमती नरदर मोदी क नतरतव वाली क दर सरकार न जो ठोस कदम उठाया ह वो आजादी क बाद इस समसया क सनदभटि म उठाया गया न कवल एक ऐकतहाकसक कदम ह बकलक साहकसक भी ह इसस दश क अनदर चल रहा नकदी का अवध कारोबार एक झटक म कागज क रदी टकड़ो की तरह बमतलब हो गया ह नकसकलयो क नटवकटि को तगड़ा झटका लगा ह अलगाववादी ताकत पसत हो गयी ह राजनीकत म धनबल वाल लोग कनधटिन-कनबटिल हो चक ह रही बात कतारो की तो यह दश सततर वषषो स कतार म ही था गरीबी असमानता अथटिवयवसथा स दर एक कतार थी जो आम लोगो की थी आज उस कतार म आम और ख़ास हर कोई खड़ा ह इस कतार म वही चलगा जो इमानदारी स धन कमाएगा इस कतार म आन स वह लोग डर रह ह जो बईमानी स पसा कमाए ह यह इमानदारी क कलए इमानदारो की कतार ह चनल दारा कदखाए कसटग ओपरशन को महज चद कलाकारो तक सीकमकत करक दखन की बजाय इसक बड़ खतर को भी दखना होगा आज अगर सरकार बहद सखत ह तो वह इनही बड़ खतरो स दश को बचान क कलए सखत ह सरकार कोई ऐसा रासता नही छोड़ना चाहती जहा स कश का काला वयापार करन वाल लोग बच कनकल इस महीम म दश की इमानदार जनता एक कतार म सरकार क साथ ह और यह वह कतार ह जहा आन की कहममत कोई बईमान कर ही नही सकता ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खली पाक कलाकारो क काल धन की पोलसटिग ऑपरशन ि हए बनकाब

मशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न नोटबदी क फसल को लाग करक बड़ा ररसक कलया ह जो अगर वो नही भी लत तो कोई फकटि नही पड़ता और उनकी राजनीकत कनबाटिध गकत स चलती रहती

नोटबदी क पहल हो रह तमाम सवव क नतीज यह बता रह थ कक मोदी सबस लोककपरय नता ह बावजद य जोकखम उठाना इस बात का सकत दता ह कक नरनदर मोदी दश क कलए कछ बड़ा करन की कदशा म कदम उठा चक ह हलाकक राजयसभा म नोटबदी पर चचाटि म हसतकषप करत हए पवटि परधानमती मनमोहन कसह न कहा कक सरकार क इस कदम स जीडीपी पर कनगकटव असर पड़गा उनक अनमान क मताकबक नोटबदी स इसम दो फीसदी की कगरावट दजटि की जा सकती ह दरअसल इस पर मसल पर कवपकष को कवरोध की जमीन ही समझ म नही आ रही ह पहल ककसानो को लकर सरकार पर हमल लककन नबाडटि की पहल स ककसानो की मदद क कलए उठाए कदम न कवपकष क इन आरोपो को भी शात कर कदया इसक पहल कछ उलजलल आरोप लग कक परधानमती न अपन इस फसल क पहल राजनीकतक लोगो स कवमशटि नही ककया और अफसरो की सलाह पर य फसला ल कलया राजयसभा म तो समाजवादी पाटटी क नता नरश अगवाल न चटकी लत हए परधानमती की मौजदगी म य कह कदया कक कवतत मती अरण जटली को भी इस फसल की जानकारी नही थी दरअसल इस तरह क फसलो म जो गोपनीयता बरती जाती ह उसकी जानकारी कवपकषी नताओ को शायद नही हो 1991 म जब आकथटिक उदारीकरण का दौर शर हआ था तब उस वति क कवतत मती मनमोहन कसह भारतीय मदरा का अवमलयन करना चाहत थ इसक पहल इकदरा गाधी न 1966 म मदरा का अवमलयन ककया था जो कक सततावन फीसदी स थोड़ा जयादा था जब मनमोहन क मदरा अवमलयन क इराद का पता चला तो वामपथी बकदधजीकवयो न इसका कवरोध शर ककया लककन मनमोहन कसह इस फसल पर अकडग थ उनहोन उस वति क परधानमती नरकसह राव स कमलकर अनरोध ककया कक इस फसल की जानकारी ककबनट क मकतयो को भी नही दी जाए राव न मनमोहन कसह की सलाह मान ली उस वति मनमोहन कसह न फसला ककया था कक मदरा का अवमलयन दो चरणो म ककया जाएगा 1 जलाई 1991 को रपए का अवमलयन कर कदया गया कवपकष समत तमाम वामपथी बकदधजीकवयो न इसका कवरोध ककया कागस क नताओ को भी इस फसल क बचाव म कदककत आ रही थी सीपीएम न उस वति इसको एक खतरनाक कदम बताया था लककन असली कहानी तो तब हई जब मनमोहन कसह न एक ही कदन बाद याकन तीन जलाई को रपए का और जयादा अवमलयन करन का फसला कलया दोनो कमलाकर य बीस

फीसदी तक पहच रहा था जब राव तक य बात पहची तो वो घबरा गए और उनहोन मनमोहन कसह स इसको रोकन का आदश कदया लककन तबतक दर हो चकी थी जब मनमोहन कसह न ररजवटि बक क कडपटी गवनटिर सी रगराजन को फोन कर इस आदश का एलान रोकन क कलए कहा तो उनका जवाब आया कक वो तो इस फसल को सावटिजकनक कर चक ह मनमोहन कसह सनन उनहोन राव को य बात बताई और कफर इसतीफ की पशकश की लककन राव न अपन कवतत मती का पकष कलया और उस फसल क साथ हो कलए य परा वाकया बतान का मतलब कसफटि इतना ह कक हमार दश म इस तरह क कराकतकारी आकथटिक फसल पहल भी गोपनीय तरीक कलए जात रह ह उसका उदशय भी तभी परा होगा जबकक इसको गोपनीय रखा जाएगा गोपनीयता बरत जान की कबनाह पर ककसी भी सरकार को घरना उकचत नही होता ह मौजदा कवतत मती अरण जटली न भी इस बात को माना ह कक इस फसल की जानकारी नीड ट नो बकसस पर उन सभी लोगो को थी कजनको होनी चाकहए थी परधानमती मोदी न तो चद घट पहल अपन ककबनट को इस फसल क बार म बता भी कदया था मनमोहन कसह न तो मदरा क अवमलयन क फसल क बार म ककसी को नही बताया था और अपन परधानमती क सामन य चाहत भी रखी थी कक ककबनट को इस फसल की जानकारी ना दी जाए कजसको राव न माना भी था अब अगर हम कवपकष क तकषो को दख तो वो बचकाना नजर आत ह इस तरह की खबर अवशय आ रही ह कक नोटबदी स जनता को कदककत हो रही ह लककन जनता इन कदककतो को सहन क कलए तयार ह और अब धीर-धीर कदककत कम हो रही ह अभी कबहार क दो शहरो क लोगो स बात हई ह तो वहा स य जानकारी कमल रही ह कक बको म कतार कम हो गई ह अब दसरी बात य उठाई जा रही ह कक इसस अथटिवयवसथा पर बरा असर पड़गा सभव ह कक बड़ अथटिशाकरियो क अपन तकटि हो लककन सरकार भी इस आसनन खतर स कनबटन को लकर सतकटि नजर आ रही ह जनवरी स माचटि की कतमाही म इसका असर कवकास दर पर पड़ सकता ह लककन उसक अगली कतमाही स हालात बहतर हो सकत ह अगर इस फसल स नकदी स होनवाला कारोबार बको क माधयम स होता ह तो गरीबो का भी भला होगा नकदी पर काम करनवाल फकटी मजदरो को माकलको को पीएफ और ईएसाई का लाभ दना होगा इसस मजदरो को भकवषय क कलए जमा राकश भी कमलगी और कचककतसा सकवधा का भी लाभ होगा

(लखक वररष पतकार ह य उनक कनजी कवचार ह)

गरीबो-िजदरो क ललए लाभकारी ह नोटबदीअनत मवजय

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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हाल ही म पजाब की राजधानी चडीगढ़ म कनकाय चनावो क पररणाम आय इन चनावो म जनता न भाजपा को ऐकतहाकसक रप स कवजयी बनाया ह चडीगढ़ कनकाय क कल 26 वाडषो म

स 22 वाडषो म भाजपा न अपन उममीदवार उतार थ कजनम स 20 म उस जोरदार जीत हाकसल हई ह भाजपा की सहयोगी कशरोमकण अकाली दल को कसफटि एक सीट हाथ लगी वही कपछली बार क चनावो म ११ सीट जीतन वाली कागस को महज़ चार सीटो स सतोष करना पड़ा इसस पहल महाराषट और गजरात क कनकाय चनावो म भी भाजपा न बड़ी जीत हाकसल की थी लककन चडीगढ़ कनकाय चनावो की य जीत उन सबस भी अकधक शानदार रही ह साथ ही इन सब कनकाय चनावो स पहल मधय परदश असम अरणाचल परदश आकद राजयो म खाली हई लोकसभा और कवधानसभा सीटो पर भी उपचनाव हए थ उनम भी जयादातर सीटो पर भाजपा को जनता न कवजयी बनाया था यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सब चनावो की सबस कवशष बात य रही ह कक यह सब नोटबदी क उस कनणटिय क बाद हए ह कजसक कवरोध म परा का परा कवपकषी खमा एक सर म लामबद हआ पड़ा ह और कजसक कवरोध क नाम पर कवपकषी खम न ससद क शीतकालीन सत को अपन हगाम की भट चढ़ा कदया अब इन चनाव पररणामो क बाद कवपकष क कवरोध की कलई भी परी तरह स खल

चकी ह कक नोटबदी क कारण जनता की कजस ककथत पीड़ा और आकरोश का गान करत हए य भाजपा सरकार को कबना मतलब ही भरपर कोस रह ह वो जनता हर सतर पर चनाव म इनह लगातार खाररज़ और सतताधारी दल को सवीकार रही ह इसका एक अथटि यह भी ह कक जनता नोटबदी क कनणटिय स कबलकल भी नाराज़ नही ह बकलक इसका बमतलब कवरोध करन वालो स उस अकधक नाराजगी हो रही ह अब तकटि यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सबक बाद एक बार क कलय अगर मान ल कक इन कनकाय चनावो म नोटबदी कोई मदा नही रहा तो भी कवपकष की जो ददटिशा इनम हई ह वो कया कम हो जाती ह अचछी बात होगी कक कवपकषी खमा अब भी वासतकवकता को समझ कक सरकार क परकत अधकवरोधी रख और जनता की नबज़ को पकड़ पान म उसकी नाकामयाबी क कारण उसका जनाधार अब धीर-धीर समाप होता जा रहा ह यह कवपकष क कलय चतन का समय ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि)

चडीगढ़ रनकाय चनाि भाजपा की चली आधी जनता न मदखाया विपकषी दलो को आईना

पीयर मविवदी

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चार दशको क राजनीवतक सफर ि हर अिसर पर विफल रह ह िनिोहन ससिह

मशवाननद मविवदी

एक पतकार वाताटि (जनवरी 2014) म डॉ मनमोहन कसह न कहा था कक मरा मलयाकन इकतहास करगा इसम कोई शक नही कक चार दशक तक ककसी एक राजनीकतक दल क साथ परी

वफादारी और राजनीकतक कनषा स सरकार म शीषटि पदो पर काम करन वाल वयकति का मलयाकन होना सवाभाकवक ह इसम कोई शक नही कक सवतत भारत क इकतहास म डॉ मनमोहन कसह उन चद लोगो म स एक ह कजनह इकतहास न सवाटिकधक अवसर कदया ह कवमदरीकरण क मद पर जब डॉ मनमोहन कसह राजयसभा म क दर सरकार को घरत हए कागस का पकष रख रह थ तो म उनक भाषण को बहत धयान स सन रहा था कवमदरीकरण को लकर उनहोन एक वाकय कहा lsquoयह सगकठत लट हrsquo डॉ मनमोहन कसह न इसक तमाम नकसान कगनवाए उनक भाषण म कर कष की कचता थी जीडीपी की कचता थी गामीण सहकारी बको म होन वाली समसयाओ की कचता थी गरीबो की कचता थी और दरगामी पररणामो म लगन वाल वति की कचता थी साथ ही उनहोन कछ रचनातमक परसताव क साथ आन की सलाह दत हए सरकार की आलोचना भी की डॉ मनमोहन कसह आज उस मकाम पर ह कक जब वो सदन म बोल रह थ तो यह समझना मकशकल था कक राजयसभा क फलोर स एक पवटि आकथटिक सलाहकार बोल रहा ह या एक ररजवटि बक का पवटि गवनटिर बोल रहा ह यह समझ पाना कबलकल आसान नही था कक दश की जनता एक पवटि कवतत सकचव को सन रही ह अथवा पवटि कवतत मती को सन रही ह एक आम भरम लोगो म मन म जरर बठा होगा कक व एक पवटि परधानमती को सन रह ह अथवा एक कागस क सासद को सन रह ह लोग तो यह भी जानना चाहत होग कक राजयसभा स ककसी पाटटी का एक राजनता बोल रहा ह अथवा एक अथटिशारिी बोल रहा ह वो कया-कया रह ह ककस-ककस भकमका म रह ह वतटिमान म वो कया ह और ककस भकमका म ह उनका दाकयतव कया ह और उनकी जवाबदही कया ह इन सवालो स उनक समथटिक कचढ़त नजर आत ह डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन करन स पहल उनक सावटिजकनक दाकयतवो पर एक सककषप नजर अवशय डालनी चाकहए एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क

आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह भारत सरकार की वबसाईट (pmindiagovin) पर कदए पररचय को अगर सही मान तो वषटि 1957 म अथटिशारि म परासनातक की कडगी लन वाल डॉ मनमोहन कसह ऑकसफ़ोडटि कवकव क नकफलड कॉलज स डी कफल ह अपन कररयर की शरआत एक कशकषक क रप म करन वाल डॉ मनमोहन कसह 1971 म वाकणजय मतालय म आकथटिक सलाहकार की भकमका म आए महज एक साल म उनको कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार का दाकयतव कमल गया तब दश इकदरा गाधी की सरकार थी जब डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार थ तब परणब मखजटी भारत सरकार म मती बन चक थ यही वो दौर था जब बको का राषटीयकरण हो रहा था इस दौरान डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय क सकचव योजना आयोग क उपाधयकष और ररजवटि बक क मकखया भी रह ररजवटि बक का गवनटिर तो सभवत उनह कवतत मती रहत परणब मखजटी न ही बनाया था उनक दाकयतवो स यह अदाजा लगता ह आकथटिक मामलो म डॉ मनमोहन कसह इकदरा गाधी क अकत कवशासपात अथवा वफादार लोगो म स थ 1991-96 म डॉ मनमोहन कसह दश क कवततमती बन हालाकक कहा जाता ह कक कवततमती क तौर डॉ मनमोहन कसह ततकालीन परधानमती पीवी नरकसमहा राव की पहली पसद नही थ कफर 2004 म सपरग-1 म परधानमती बन और दस साल तक दश क परधानमती रह यहा पररचय दन का मकसद यह था कक एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह वषटि 2014 तक दश क 42 फीसद स जयादा आबादी की पहच बक तक नही थी याकन उनक पास बक खात तक नही थ आकखर डॉ मनमोहन कसह आकथटिक सलाहकार स लगाए चार दशक तक अथटिवयवसथा स जड़

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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महतवपणटि पदो पर लगातार रहत हए परधानमती तक क ताकतवर पद तक पहचन क बावजद कयो य नही परा कर पाए बको क राषटीयकरण क दौरान ही सरकार म आकथटिक सलाहकार क तौर पर जड़न वाल डॉ मनमोहन कसह की कवफलता की कहानी यही ह कक चार दशक बाद 2004 म परधानमती बनन क बावजद वो इस दश की आम जनता को मखयधारा की बककग अथटिवयवसथा स जोड़ पान म नाकाम साकबत हए राजयसभा म बोलत हए डॉ मनमोहन कसह न जीडीपी कवकास दर म 2 फीसद की कगरावट का अदशा जताया लककन जीडीपी कवकास दर क सवाल पर वो यह बताना कयो नही मनाकसब समझ कक उनक दस साल क कायटिकाल म जीडीपी लगातार ककन वजहो स अकसथर रही थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क दौरान दश की जीडीपी कवकास दर लगभग 84 फीसद तक पहच गई थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क बाद डॉ मनमोहन कसह की ततकालीन गकठत सरकार को जीडीपी दर कवरासत स ठीक-ठाक कमली लककन डॉ मनमोहन कसह क नतरतव म दस साल सरकार चलन क बाद जब वषटि 2014 म एकबार कफर भाजपा-नीत सरकार नरदर मोदी क नतरतव म बनी तो डॉ मनमोहन कसह स मोदी को 474 (2013 की जीडीपी कवकास दर) फीसद जीडीपी कवकास दर कमली आज भारत की कवकास दर 73 फीसद क आसपास ह लककन मनमोहन कसह जीडीपी को लकर बहद कचकतत नजर आ रह ह यह कचता हासयासपद बवजह एव कनराशाजनक ह जब जीडीपी पर बात चल रही हो तो सवाल मोदी स नही डॉ मनमोहन कसह स होना चाकहए कक आज कजस जीडीपी का आप कहसाब और आकलन कर रह ह उस आप ढाई साल पहल परधानमती रहत छोड़कर ककस हाल म गए थ कागस न डॉ मनमोहन कसह को सारी आलोचनाओ स पर साकबत करन की अनक कोकशश की ह दश इस भरम म नही रहन वाला कक डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन एक अथटिशारिी क तौर पर कर अथवा एक परशासक परधानमती क तौर पर चकक दोनो ही मोचषो पर जब-जब डॉ मनमोहन कसह को

ताकतवर पद कमला ह व नाकाम साकबत हए ह बतौर परधानमती उनहोन एक भरष और लटतत वाली सरकार दी ह कजसक मकतयो को लट एव भरषाचार क गभीर आरोपो म जल तक जाना पड़ा ह डॉ मनमोहन कसह एक बहद कमजोर परशासक इसकलए भी ह कक कोयला मतालय उनक अतगटित रहत हए उसी कवभाग म हए घोटालो को रोक पान म व बरी तरह नाकाम साकबत हए आज राजयसभा स जब व lsquoसगकठत लटrsquo का जमला फ क रह थ तो यह इकतहास उनही को आईना कदखा रहा था एक और कबद ह कजसको लकर कागस उनका मकहमा मडन करती ह भारत म उदारीकरण क जनक क रप म कजस ढग स डॉ मनमोहन कसह की छकव को कागस पश करती ह वो महज एक छलावा ह उदारीकरण को लकर हम यह समझना होगा कक बतौर राजनीकतक दल कागस अथवा बतौर अथटिशारिी डॉ मनमोहन कसह म स कोई भी कभी उदारीकरण का कहमायती नही रहा ह उदारीकरण न तो कागस की नीकत रही ह और न ही डॉ मनमोहन कसह का कभी कवजन रहा ह भारत म उदारीकरण आकथटिक तगी की मज़बरी की दन स जयादा कछ भी नही ह आपक पास जब कछ नही बचा तो आप मज़बरी म उदारीकरण को सवीकार ककए जबकक इसक पहल कागस की आकथटिक नीकतयो म समाजवादी वयवसथा की परबलता थी पकडत दीन दयाल उपाधयाय अनक बार सावटिजकनक कषतो क कवसतार पर कागस की सरकारो की आलोचना करत रह थ अब मज़बरी म आए उदारीकरण को मनमोहन कसह की आकथटिक दरदकष क रप म पश करक कागस दश को गमराह नही कर सकती उदारीकरण दश म उतपनन कवकट पररकसथकतयो की दन थी न कक मनमोहन कसह क आकथटिक कवजन की डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन जब इकतहास करगा तो दो बात कनकल कर आएगी पहली बात कक चार दशक स जयादा एक ख़ास राजनीकतक परकषभकम म लगातार महतवपणटि एव कनणाटियक पदो पर रहन वाल भारत क चद लोगो म स एक डॉ मनमोहन कसह ह दसरी बात यह कनकल कर आएगी कक डॉ मनमोहन कसह अवसरो क नायक रह ह इनकी न अपनी कोई नीकत रही ह न कनणटिय रहा ह और न ही य ककसी बदलाव क मौकलक कनमाटिता रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम क सपयादक ह)

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लखक अकमष कतपाठी की तीन खणडो म कशव की एक कालपकनक कहानी ह जो सोमरस नामक अमरता दन वाल दरवय की कथा ह यह एक अमरत था परनत इस अमरत क दषपरभाव भी थ

कजसको वहा क राजा दकष परजा स छपा रह थ कजस तरह समदर मथन म अमरत क साथ कवष भी कनकला उसी तरह इस अमरत की कनमाटिण परककरया म इसक साथ-साथ कवष भी बनता था इस कहानी म जो सबस महतवपणटि ह वो यह कक शरआत म जो चीज समाज क कलए अमरत थी वही इसक जयादा उपयोग स धीर धीर सवतः कवष म पररवकतटित हो गयी ततकालीन सामाकजक वयवसथा म हर समसया का मल बन गयी और चकक इस सोमरस क परकत सवाथटि इतना गहरा हो चका था कक कबना इस परकतबकधत ककय कोई उपाय नही रहा धमटि यदध हआ और इस कवदा को उपनयास क अत म हमशा क कलए कछ अपवादो को छोड़कर ख़तम कर कदया गया अब इस कहानी को हम वतटिमान अथटिवयवसथा क पररपकय म दखत ह तो कया नकद हमारी अथटिवयवसथा का सोमरस ह कया सोमरस की तरह नकद भी धीर-धीर ककसी वयवसथा क कलए अकभशाप बन सकती ह कया नकद अपन सार फायद क बावजद इतना जहरीला हो सकता ह कक राषटीय अथटिवयवसथा खोखली होन लग इन सार परशो क मल म अगर हम इस वयवसथा क इकतहास म जाए तो पाएग कक भौकतक मदरा एक बहत ही परानी एव मधयकालीन परपरा ह व समय क साथ-साथ इस कफकजकल करसी क साथ-साथ अनक कवष-बल कलपट चक ह भौकतक मदरा क साथ जो सबस बड़ी समसया आज पश आ रही ह वो ह इसक परकत आशकति तथा कर चोरी हत सरकार की नज़र स इस छपा कर रखना इस कारण अथटिवयवसथा म उन कछप हए नोटो का क़ाननी हसतानतरण म परयोग बद हो जाता ह और य धन जस सरकार की नज़रो स गायब हो जात ह उस धन का परयोग होता ह पर वहा कजस धध को सरकार या समाज गर क़ाननी मानत ह और य छपा हआ धन अपनी एक खद की अथटिवयवसथा बना लती ह कजसका कवकास सवतः होन लगता ह यह सामानातर अथटिवयवसथा नकद पर कनभटिर हो जाती ह जहा न कोई टकस दना होता ह न ही समाज क परकत ककसी उततरदाकयतव को कनभाना होता ह आज हमार समाज म कजतनी भी कवसगकतया कदखाई दगी उनक जड़ म यही काला धन ह जो कक कछ नही बकलक सरकार की नज़र स छपाकर कलया गया नकद ह या उसक दारा खरीदी गयी पररसपकततया ह इसी कालधन रपी नकद की जड़ स समसत बराइयो को खराक कमलती ह

या उनकी अथटिवयवसथा चलायमान रहती ह चाह वो नशीली दवाओ का कारोबार हो आतकवाद की फकडग हो हवाला कारोबार हो चनावो म लग रहा धनबल हो चाइलड टकफककग हो या अनय अपराध हो या उनह करवान क कलए ककया जा रहा जाली नोटो का इसतमाल हो इन सबकी बकनयाद इसी नकदी पर कटकी होती ह कामरड सीताराम यचरी न अपन फसबक पोसट म कलखा ह कक यह काला धन भारत की अथटिवयवसथा का 06 ह एव इसका लगभग 0025 नकली नोट ह अब अगर हम भारत की कवशाल अथटिवयवसथा को दख तो य रकम बहत जयादा ह य वही सोमरस ह जो अब कवष बन चका ह एव कजसका उपयोग हमार समाज को कनरतर कमजोर कर रहा ह इस कवषबल को काटन का कोई भी साहसी फसला मकशकल हो सकता ह परनत गलत कभी नही इस नकद क लोभ म हर वयकति भल चका ह कक लकमी चचला ह य जब तक एक हाथ स दसर हाथ जाती रहती ह तभी तक आकथटिक कवकास होता ह एव इसी कवकास का एक कहससा कर क रप म समाज वयवसथा को जाता ह वतटिमान सरकार क 500 एव 1000 क बड़ नोटो जो कक बाज़ार म उपलबध नकद का 86 ह को वापस लन क फसल न उन सार नोटो को अपन मलय को बरक़रार रखन हत बको म आन को कववश कर कदया ह अब चाह काला हो या उजला अपन वजद क कलए उनह सरकार की नज़र म आना ही होगा वरना उस मलय क छप नोट को सरकार सवतः उपयोग म ला लगी बहत स परश उठ रह ह कक कया नए नोट स कफर स काला धन नही बनगा दरअसल सरकार न काल धन क कनमाटिण व परवाह को रोकन क कलए पहल स ही कई कदम उठाए ह और अब जब यह कनणटिय कलया गया ह तो इसक बाद कफर नया काला धन न पनप इसक कलए सरकार कनकचित तौर पर कछ न कछ तयारी करक ही चल रही होगी

बहरहाल एक बात तो कनकचित ह कक सरकार का यह कदम अब तक सगकहत कवषबल रपी नोटो को तो वयथटि कर ही दगा जब तक कक व एकबार वापस सरकार की आखो स न गजर और सरकार की नज़र हर उस वयकति पर होगी जो यह काम कर रहा ह आय क जात सोतो स जयादा लोग जमा करन स बचग कजस भी ककसी खात म असामानय गकतकवकध होगी वो पकड़ म आ जायग अब यह सवटिकवकदत ह कक कश वयवसथा परातन एव समाज की बदली आवशयकताओ को पणटि करन म अकषम हो चकी ह

नकदी क जाल स रनकलकर रडसजटल अरथवयिसा की तरफ बढ़न का सिय

आयर आनद

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अब बड़ लनदन कश म करना न सकवधाजनक ह न ही फायदमद तो अब समय आ गया ह कक हम इस कश क जाल म फसी अथटिवयवसथा को यहा स बाहर कनकाल यह कबलकल ही मफीद समय ह जब हम राजय क मौकदरक वचन को नोट क रप म मानन क बजाय कडकजटल एव पलाकसटक वचन को जयादा वजन द य न कवल यगानकल ह बकलक सलभ ससता एव कश क साइड इफ़कट स कबलकल मति ह ककसी भी कवकास कर रही अथटिवयवसथा को अनततोगतवा जाना वही ह हम भारत म कल कवततीय लनदन का लगभग 60 नकद म करत ह कजस हम घटा कर 20 क नीच लाना होगा अगर हम अपनी अथटिवयवसथा अनय राषटो की तलना म साफ़ सथरी एव मजबत बनाना चाहत ह अचछी बात य ह कक सरकार क परयास इसी कदशा म होत कदख रह ह आज वतटिमान समाज वयवसथा म सचना कराकत क कारण राजय की मौकदरक परकतजा अब कवल नोटो तक सीकमत नही ह यह एक आकड़ो का खल ह कक आपक खात म ककतना धन ह और वो वयकति क इचछानसार हसतानतरणीय हो गयी ह तो अब कबना मदरा क मतटि रप क भी मदरा वजद म ह एव करयशील

तथा अथटिवयवसथा को चलान म सकषम ह तो कयो न हम इस वयवसथा की ओर बढ़ आज जब लगभग हर वयकति मोबाइल उपयोग कर रहा ह डकबट काडटि सलभ हो चका ह छट पस अब सभी एटीएम स ही कनकाल रह ह तो कयो न उस वयवसथा को आग बढ़ाया जाय अगर आप ककसी भी दकानदार को पस ऑनलाइन टानसफर या काडटि स करत ह तो वो टकस कबलकल भी चोरी नही कर सकता आपका कोई भी पमट अगर कश ह तो सभावना ह की वो बलक बन जाय पर अगर यह बक ट बक अकाउट ट अकाउट ह तो यह हमशा सफ़द ही रहगा तो आइय य कबलकल सही समय ह जब हम नए नोटो की बजाय कबना नोटो की साफ़-सथरी अथटिवयवसथा को बढ़ावा द तथा जो इस स अछत ह उनह भी कडकजटल अथटिवयवसथा का अग बनाय हम इसक कलए अगशील होना कबलकल भी नही छोड़ सकत कक पीछ वाल बहत पीछ ह जररत ह उनह भी इस वयवसथा क अनकल सवदनशील तथा जागरक बनान की

(लखक िशिनलसट ऑिलयाइि म कॉपी एनडटि ह)

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8नवबर को रात आठ बज राषट क नाम सदश म परधानमती नरदर मोदी न पाच सौ और एक हजार क नोट बद होन का फसला सनाकर सबको चौका कदया था इस बात को अब बीस कदन स

जयादा हो गए ह लककन आज भी यह कवमशटि का सबस बड़ा मदा बना हआ ह हालाकक कवमदरीकरण क फसल क बाद स ही इसक पकष-कवपकष म बहस शर हो गयी जो अब भी चल रही ह ममता बनजटी की तरणमल कागस कजरीवाल की आम आदमी पाटटी मायावती की बहजन समाज पाटटी एव भारतीय राषटीय कागस सकहत तमाम राजनीकतक दलो न इसक कखलाफ मोचाटि खोल कदया ह दश की जनता बक की कतार म ह और दश क कवपकषी दल फसल क कवरोध म सरकार क सामन बक की कतारो स कनपटन की चनौती तो थी ही साथ म कवरोधी दलो क असहयोगातमक रख स कनपटन की चनौती भी बनी ह चकक ससद का सत भी शर हो गया ह कलहाजा कनतीश कमार को छोड़कर लगभग परा कवपकष ससद स सड़क तक इस फसल क कवरोध म आ गया ह सरकार का शर स दावा रहा कक दश की आम जनता उनक इस फसल क साथ ह वही कवरोध कर रह दलो का तकटि था कक वो जनता की परशाकनयो को दखत हए अपना कवरोध दजटि करा रह ह हालाकक सतता पकष और कवपकष दोनो ही जनता को अपन पाल म बतान का दावा जब कर रह हो तो यह समझ पाना बड़ा मकशकल हो जाता ह कक वाकई जनता ककसक साथ ह इस मामल म भी ऐसा ही हआ अलग-अलग माधयमो स सवव आकद शर हो गए मीकडया चनलो क लोकल सतर क लाइव चचाटि आकद स भी इस फसल पर जनता का कमजाज टटोलन की कवायद तज होन लगी परधानमती नरदर मोदी न अपन सतर पर भी एक ऑनलाइन सवव कराया कजसम उनको इस फसल पर भारी समथटिन कमला हालाकक कवरोध कर रह कछ दलो को इस बात का भान जरर हआ कक जनता इस मद पर उनक साथ नही ह कलहाजा उनहोन 28 नवबर को lsquoभारत बदrsquo करन का अपना कनणटिय वापस ल कलया इसी बीच एक अगजी समाचार पत का सवव आया कजसम बहमत को सरकार क इस फसल क कखलाफ बताया गया अब बड़ा सवाल यह था कक कया सच मान या कया झठ मान लोकतत म ककसी भी राजनीकतक दल की जनता क बीच हकसयत मापन का सबस वयापक और सबस बड़ा सवव चनाव ही होता ह कवमदरीकरण क मद पर जब दश म lsquoहा-नाrsquo की बहस चल रही थी इस दरमयान तीन

महतवपणटि चनाव सपनन हए पहला लोकसभा और कवधानसभा की खाली हई सीटो पर उपचनाव दसरा महाराषट क कनकायो क चनाव और तीसरा गजरात क सथानीय कनकायो क चनाव यह तीनो चनाव कवमदरीकरण क फसल क बाद हए मतसखया क आधार पर अगर दख तो ककसी भी बड़-बड़ सवव म कजतना समपल कलया जाता ह उसस सकड़ो-हजारो गना जयादा लोग इन चनावो म परतयकष कहससा कलए ह लोकसभा और कवधानसभा क उपचनावो म भाजपा अपनी सभी सीट न कसफटि सरककषत रखन म कामयाब हई बकलक कतपरा और पकचिम बगाल म कपछल चनाव की तलना म भाजपा क वोट परकतशत म भारी इजाफा भी हआ इसक बाद 28 नवबर को महाराषट क कनकाय चनावो क पररणाम आए कजसम भाजपा को भारी बढ़त कमली ह चकक वषटि 2011 क चनाव म भाजपा कनकायो म तीसर नमबर की पाटटी होती थी लककन इन पररणामो क बाद भाजपा सबस बड़ी पाटटी बनकर उभरी ह यहा तक कक कशवसना क साथ गठबधन होन क बावजद भाजपा कशवसना स जयादा सीट जीत गयी ह नगर पचायतो क कलए हए चनावो म भाजपा को 851 सीट कमली ह जो 2011 म मात 396 थी कल 147 सीटो पर हए मयकनकसपल काउकसल क कलए परतयकष मतदान म भाजपा को अकल 52 सीटो पर जीत कमली ह कपछल चनावो म इन कनकायो पर राषटवादी कागस पाटटी का कबजा था जो कक अब उसक हाथ स जा चका ह इसक अलावा सोलापर जस सीटो जहा भाजपा कभी नही आई थी पर भी इसबार भाजपा जीतन म कामयाब रही महाराषट क सथानीय चनावो क पररणामो को इस कलहाज स भी महतवपणटि माना जा रहा ह कयोकक तमाम दल एव बकदधजीवी इस कमनी कवधानसभा चनाव भी कहत ह यह अलग बात ह कक भाजपा को कमली बड़ी जीत क बाद इसपर हमार तथाककथत बकदधजीवी वगटि न सननाटा साध कलया ह और ऐसा जताना चाह रह ह कक य चनाव महतवपणटि ह ही नही लककन वही अगर पररणाम भाजपा क परकतकल होत तो यही बकदधजीवी इस दवनदर फडनवीस नही बकलक नरदर मोदी की हार बतात हए नही थकत खर कवमदरीकरण क बाद नरदर मोदी क अपन राजय गजरात म भी कनकाय चनाव हए गजरात पर सबकी नजर इसकलए थी कयोकक वहा हाल म ही सतता म उथल-पथल क अलावा सरकार क कखलाफ पटल आनदोलन हआ था ऊना काणड क बाद दकलतो क नाम पर माहौल बनान की कोकशश दश क उन राजनीकतक दलो न भी कम नही की कजनकी गजरात म वतटिमान

रनकाय चनाि नोटबदी क रनरथय परजनता की िहर

मशवाननद मविवदी

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की राजनीकतक हकसयत कछ भी नही ह लककन गजरात क चनाव पररणामो न तो कागस का सपड़ा ही साफ़ कर कदया पररणामो क मताकबक़ गजरात क वापी नगरपाकलका की 44 सीटो म भाजपा न 41 सीटो पर जीत दजटि की ह वही कागस को यहा महज 3 सीटो पर सतोष करना पड़ा ह सरत क कनकपर-कनसाड़ की 28 म स 27 सीटो पर भाजपा को जीत कमली ह वही कछ कजला तालका पचायत क उपचनावो म भाजपा को 23 और कागस को महज 8 सीट कमली ह गजरात पर सबकी नजर इसकलए भी बनी हई थी कयोकक गजरात स नरदर मोदी क आन क बाद वहा महज ढाई साल म एक मखयमती को बदलना पड़ा था इसी दरमयान वहा पटल आनदोलन को भी कदलली की मोदी-कवरोधी ताकतो क सहयोग स हवा दन का काम ककया गया ऊना म दकलत कपटाई मामल क बाद भी कदलली की राजनीकत क कसयासतदानो की कगदध कनगाह गजरात म लगी रही लककन इन चनावो को अगर जनता का सबस बड़ा और सबस कवशदध सवव मान तो यह सवव मोदी क पकष म जाता ह यह इसकलए जयादा महतवपणटि ह कयोकक हाल म ही कवपकषी खमा कवमदरीकरण क मद पर जनता की परशाकनयो का हवाला दकर असहयोग की कसथकत उतपनन कर रहा ह

इन चनावो को जनता की बीच स आया आम सवव मानकर भी अगर कवरोधी खमा कवमदरीकरण क बजा कवरोध स नही कडगा और जनता क कध पर बदक रखकर सरकार को घरता रहा तो यह मोदी क कलए तो नही लककन उनक खद क कलए जयादा घातक होगा कवरोध सकारातमक होना चाकहए वचाररक होना चाकहए न कक कसफटि इसकलए कवरोध करो कयोकक आपको मोदी का कवरोध करना ह इन चनावो क पररणामो पर एक लाइन म कटपपणी कर तो यही कहग कक जनता न मोदी क कनणटिय पर अपनी सहमकत का महर लगाया ही ह कवरोकधयो को आईना भी कदखा कदया ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनदशि म रिसचच फलो एव िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम म समपयादक ह)

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वस तो हर चनाव का मदा और कलवर अलग होता ह उसम भी सथानीय कनकाय और नगर पचायत चनावो का मदा पणटितया सथानीय होता ह परत कपछल कदनो महाराषट और गजरात म

कनकाय चनाव का आयोजन कवमदरीकरण क साए म हआ जहा पर अनय सथानीय मदो क अलावा कवमदरीकरण चनाव म बड़ा मदा था और हर पाटटी इस मद को भनान म लगी थी इस चनाव म भाजपा न भारी जीत दजटि की कजस परधानमती मोदी दारा कलधन क कखलाफ उठाए गए कदम पर जनता की महर माना जा सकता ह सभी कवपकषी पाकटटिया कवमदरीकरण क कारण जनता की परशानी का हवाला दत हए ससद क शीतकालीन सत को लगभग-लगभग हगाम की भट चढ़ा चकी ह वही जनता जनादटिन न कनकाय चनावो म भाजपा की जीत कदलाकर इस फसल पर महर लगान का सदश कदया ह कवपकषी पाकटटियो की दलील थी कक गामीण भारत सबस जयादा कवमदरीकरण की मार झल रहा ह इसकलए वह कवमदरीकरण का कवरोध कर रह ह लककन इन सथानीय कनकाय चनावो म जनता न सततारढ़ भाजपा क पकष म अपनी महर लगाई ह कजसन नोटबदी को लकर सरकार स जनता की नाराजगी जसी कवपकष की सभी दलीलो की पोल खोल दी ह सपष हो गया कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह ऐस म परतीत तो य हो रहा कक कवपककषयो कचता जनता की नही खद क काल धन की ह जो कक नोटबदी क बाद महज कागज बन कर रह गया इसी करम म अगर इन चनावो क पररणामो पर नजर दौड़ाए तो साफ-साफ पता चलता ह कक जनता न परधानमती मोदी क साथ जाना पसद ककया ह जबकक कवपकषी पाकटटियो क सार आरोप और लामबदी हवा हो गए गजरात की दो नगरपाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली कवपकषी दल कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म महज एक सीट स सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न आठ सीट फतह की जात हो कक कपछल साल समपनन हए सथानीय चनाव म कागस न अपन परदशटिन म कछ सधार ककया था कजस उसन परधानमती योजनाओ की हार क तौर पर परदकशटित ककया था लककन अब इस कनकाय चनाव म जब कागस का सपड़ा साफ़ हो गया तो उसक पास बोलन क कलए कछ नही बचा ह बीत दो दशक स सतता स बाहर कागस की कसथकत कदन-परकतकदन

खराब होती जा रही ह परत वह ह कक मानन को तयार नही गजरात क अलावा महाराषट क सथानीय चनावो म भी करारी हार का सामना करना पड़ा महाराष ट म 147 नगर पररषद म स अकल भाजपा को 52 सीट सहयोगी कशवसना जो कक इस चनाव म भी बागी तवर अपनाए हए थी उस भी महज़ 23 सीट हाथ लगी कागस को 19 और एनसीपी को 16 पर जीत कमली ह अन य उम मीदवारो क खात म 28 सीट गइटि ह वही 17 नगर पचायतो क 3510 सदस यो क कलए हए चनाव म सत ताधारी भाजपा को 851 सीट कमली ह कागस क खात म 643 एनसीपी को 638 और कशवसना को 514 मनस को 16 सीपीएम को 12 बसपा को 9 कनदटिलीयो को 324 स थानीय गठबधनो को 384 और बाककयो को 119 सीटो पर जीत कमली ह सपष ह कक यहा भी भाजपा हर तरह स सबस आग ह इस जीत को भी कवमदरीकरण क फसल पर जनता की महर और राजय क मकखया दवदर फडणकवस क कवकास परायोकजत कामकाज पर जनता की सहमकत कहना गलत नही होगा इन सब चीजो स कवपकषी दल दरअसल बौखलाए हए ह उनह कछ सझ नही रहा ह कक वह कर तो कया कर अब इस पर कवपककषयो का तकटि य ह कक इन चनावो म नोटबदी कोई मदा नही था मसला हार-जीत का नही ह मसला ह तो कवपकष क दोमह चररत का जब कवपकष का सफाया हो जाय तो मद सथानीय थ पर वही अगर सततारढ़ पाटटी हार जाए तो उस पाटटी की हार ह उसक योजनाओ की हार ह दखन वाली बात यह ह कक हर ककसी को पता ह कक सथानीय कनकाय क चनावो म जीत क कारण अलग होत ह लककन जब हारन पर भाजपा क मतथ नोटबदी मढ़ दी जाती तो जीतन पर शय कयो नही और वस भी कवमदरीकरण तो समग राषट को परभाकवत करन वाला मदा ह कफर कनकचित तौर पर इन चनावो म भी इसका परभाव रहा ही होगा उललखनीय होगा कक अभी नोटबदी क बाद ही हए एपीएमसी क चनावो म भाजपा का परदशटिन बहत अचछा नही रहा था तो उस वति इन कवरोधी दलो न कहा था कक नोटबदी क कारण हार हई ह जबकक अब कनकाय चनावो म इनक कहसाब स नोटबदी कोई मदा ही नही ह य कसफटि और कसफटि इनक दोमहपन को कदखाता ह कहना गलत नही होगा कक कजतना तमाशा लोकतनत का वतटिमान कवपकषी पाकटटिया कर रही ह उस दश कभी नही माफ करगा नोटबनदी का कवरोध कवपकष दारा महज़ खद को सककरय कदखान की एक नाकाम और नकारातमक कोकशश ह उसस जयादा कछ नही चनाव क पररणाम बतात ह कक परधानमती मोदी कदन-परकतकदन मजबत होत जा रह ह यह भी तय माकनए कक कजतना कवरोध परधानमती का होगा उतना ही वह मजबत होकर बाहर आएग

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

रनकाय चनािो ि भाजपा की इस बमपर जीत क बाद तो नोटबदी क विरोध की राजनीवत बद कर विपकषी

कशव झा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

18

कदर सरकार दारा पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन क फसल क बाद स ही मोदी-कवरोधी एक राजनीकतक जमात म भचाल की कसथकत ह इस साहकसक एव ऐकतहाकसक कनणटिय क

दरगामी नफा-नकसान पर बहस करन की बजाय कछ राजनीकतक जमात क लोग बको की कतारो पर बहस करना चाहत ह चकक इस कनणटिय को लकर आम जनता क मन म एकतरफा समथटिन का भाव खलकर कदख रहा ह कलहाजा कछ राजनीकतक खमो क लोग इसपर चचाटि करन स भागत नजर आ रह ह दश का आम जन अपनी कछ कदनो की परशाकनयो को दरककनार कर इस ऐकतहाकसक कनणटिय को सवीकार कर चका ह लककन बड़ा सवाल यह ह कक वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को सवीकार करन स कतरा रह ह वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को वापस लन क कलए असफल रकलया कर रह ह वो कौन लोग ह जो महगी गाकड़यो और एसपीजी सरकषा म जाकर दो घट म अपना चार हजार रपया कनकालन क बावजद झठ बोल रह ह कक पसा नही कमल रहा एक सवाल यह भी ह कक य लोग ऐसा कयो कर रह ह इस सवाल पर पड़ताल करन स पहल जरा lsquoकतारrsquo पर बहस कर ल राहल गाधी अपना चार हजार तो दो घट म कनकाल कलए लककन लोगो को गमराह कर रह ह कक पसा नही कनकल रहा ह दरअसल यह उनकी नीयत म खोट को दशाटिता ह अगर व ईमानदारी कदखात तो सबक सामन सवीकार करत कक ldquoहा म कतार म लगा था और मझ मरा पसा कमला लककन नही उनकी जबान तो कछ और बोल रही ह दरअसल राहल गाधी को यह बात बखबी पता होनी चाकहए कक इस दश की आम जनता को lsquoकतारोrsquo स कभी समसया नही रही ह सततर साल की सरकारो कजसम लगभग साठ साल कागस ही सतता म रही ह न इस दश की आम जनता को कतार म खड़ रहन की आदत डाल दी ह यह वही जनता ह जो कभी कसलडर गस तो कभी यररया तो कभी रल कटकट क कलए आय कदन कतारो म नजर आती रही ह इसकलए इस जनता को अब कतारो का भय न कदखाइए इस दश म सततर वषषो म जो लबी कतार आपन खड़ी की ह अब नोटबदी क इस फसल न उस कतार को तोड़ कदया ह यह वह कतार बन रही ह कजसम दश का आम जन खड़ा होकर कबना ककसी डर क भय क अपन हक़ क कलए और दश क भकवषय क कनमाटिण क कलए खड़ा होन को तयार ह यह कतार ईमानदारो की कतार ह परधानमती मोदी न जो यह कतार बनाई ह इस कतार म ककसी भरष बईमान और चोरी स काली कमाई करन वाल की कहममत नही हो पा रही कक वो खलकर खड़ा हो सक कलहाजा यह ईमानदारी का उतसव मना रह दश की ईमानदार जनता की कतार ह भरषाचार क कखलाफ चल रही इस लड़ाई का लगातार कवरोध कर रह कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल की अपनी कोई कवशसनीयता नही रही ह व खद कभी लाल यादव तो कभी ककसी और क समथटिन म खड़ होकर

अपनी साख पर बटा लगा चक ह लककन अब जब दश की आम जनता क साथ कालाधन और भरषाचार क कखलाफ चल रही इस कनणाटियक लड़ाई का समय आया तो व बगाल की मखयमती ममता बनजटी क साथ कमलकर इसका कवरोध करत नजर आ रह ह वस तो कबना ककसी सबत और बकनयाद क ककसी पर भी आरोप लगान क रोग स गकसत कदलली क मखयमती अनक बार सबत न द पान की वजह स अपनी फजीहत भी करा चक ह लककन आज एकबार कफर व कबना ककसी सबत क मनगढ़त बात कर रह ह कदलली की जनता क मन म यह सवाल बजा नही उठ रहा ह कक ममता बनजटी और कदलली क मखयमती क बीच ककस मद पर सहमकत बनी ह ममता बनजटी मायावती सकहत कछ लोग पहल कदन स भरषाचार क कखलाफ इस कनणाटियक लड़ाई म भरष लोगो क साथ खड़ ह लककन कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल आकखर कयो इनक साथ खड़ ह मोदी क इस फसल स आतकवाकदयो को फकडग करन वालो माओवाकदयो को ससाधन महया करान वालो तसकरो अपराकधयो भरषाचार करन वालो की पीड़ा तो जायज ह लककन इन चद नताओ की इस फसल क कखलाफ एकजटता भी कम शक नही पदा करती ह ऐस म बड़ा सवाल जनता क जहन म ह कक जब पजाब म चनाव होन ह तो कया आम आदमी पाटटी को चनाव म इसतमाल करन क कलए जटाए गए धन क रदी हो जान की कचता सता रही ह यह सबको पता ह कक पारदकशटिता की बात करन वाली आम आदमी पाटटी काफी समय स अपन आय और वयय का बयोरा सावटिजकनक नही कर रही ह खर कतार लबी जरर ह लककन बदोबसत ऐसा ह कक उस कतार म कोई बईमान और भरष जयादा दर कटक नही पाएगा यह वो कतार ह कजसन दश की आम और ईमानदार जनता को बईमानो क सामन गौरवाकनवत होन का अवसर कदया ह यह वह कतार ह जहा जान भर स न जान ककतन बईमान खौफ खा रह ह नोटबदी क कखलाफ उठन वाली हर आवाज इस दश म ईमानदारी की बन रही इस ऐकतहाकसक कतार क कखलाफ एक साकजश की तरह ह आज या तो आप इस कतार क साथ ह या आप भरष और बईमानी स धन अकजटित करन वालो क साथ ह वस भी मोदी की अचछी बात यह ह कक वो परमाणपत दन वालो की परवाह ककए कबना जनकहत म दशको स काम करत हए यहा तक पहच ह कजनका डब रहा ह व बौखला रह ह आम लोग थोड़ी परशाकनयो क बावजद इस महीम क साथ कतारबदध होकर खड़ ह यही वजह ह कक लाख कोकशशो क बावजद नोटबदी क कखलाफ की जा रही कछ रकलयो म मोदी-मोदी क नार लग रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनडशि म रिसचच फलो ह एव िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खबरदार यह ईिानदारो की कतार ह बईिान दर रहमशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवबर की शाम को परधानमती मोदी क राषट क नाम सबोधन म नोटबदी क ऐकतहाकसक फसल क ऐलान स दश भर म हलचल मच गयी परधानमती नरदर मोदी न जब दश भर म 500 और 1000

क नोटो पर परकतबध की घोषणा की तो काल धन की फसल उगाकर रखन वालो पर जस ओलो की बरसात हो गयी जनता की खन-पसीन की कमाई को अवध और अनकतक रप स जमा करक बठ ऐस लोग अब मार-मार कफर रह ह और तरह तरह स आम जनता का हवाला दकर अपना उलल सीधा करन की कोकशश म लग ह 500 और 1000 क नोटो पर परकतबध क कनणटिय की न कवल तकलीफ झलन क बावजद जनता सराहना कर रही ह बकलक इस कनणटिय म सरकार को परा सहयोग भी द रही ह मगर कवपककषयो का रख इस पर भी हासयासपद रहा ह कागस आप सपा बसपा तरणमल कागस आकद तमाम दलो क परमख नताओ न इस कनणटिय को लकर मोदी सरकार पर अताककटि क ढग स सवाल उठान की कोकशश की ह ऐस म सवाल यह उठता ह कक आकखर इस नोटबदी क कनणटिय स य कवपकषी दल इतनी पीड़ा म कयो ह कनससदह इन कवपकषी दलो का ऐसा आचरण जनता की नज़रो म उनकी सकदगध छकव ही परसतत कर रहा ह कदलली मबई समत दश क अनय राजयो म पड़ रह आयकर कवभाग क छाप यह सपष करत ह कक दश की जनता का पसा ककस तरह कछ लोगो की झोली भर रहा था काल धन की धर-पकड़ पर इस परकतबध का जोरदार असर दखन को कमल सकता ह सबस पहल तो य 440 वॉलट का झटका उन क कलए ह जो कबसतर पर करोड़ो नोट कबछा कर सोन क आदी हो चक ह जाकहर ह इसस उनकी रातो की नीद हराम हो चकी होगी दसरी बात यह कक अकसमात हए इस परकतबध न काला धन धारको को ज़रा भी सजग होन का मौका ही नही कदया इसकलए अब उनक पास कसवाय अपनी सपकतत को सावटिजकनक करन अथवा नष करन क कोई और चारा नही बचा ह तभी तो दश क कवकभनन कहससो म भारी सखया म कही पाच सौ और हजार क नोट कड़ क ढर पर फ क कमल रह तो कही जलत पाए जा रह य कदखाता ह कक नोटबदी क इस कनणटिय क बाद काला धन धारको म ककस कदर हडकप मचा हआ ह तीसरी बात कक बाज़ार म इन कदनो जो नकली नोटो का बोलबाला था इस कनणटिय न उस गोरखधध को भी नसतनाबद कर कदया ह साथ ही भारत को नकसान पहचान क कलए बागलादश और पाककसतान जस मलको स जो नकली नोटो का भणडार यहा आता था वह भी अब ककसी काम का नही रहा इस कनणटिय स न कवल दरगामी तौर पर अथटिवयवसथा को मजबती कमलगी बकलक काल धन की जबती क बाद महगाई पर भी अकश लगगा दश की मदरा भी मजबत होगी और कवकास दर म भी वरकदध होन की सभावना ह

नोटबदी न दश म एक जागरकता फलान का भी काम ककया ह और लोगो क बीच इस धारणा को मजबत ककया ह कक बात अगर दश की भलाई हो तो परा दश एक सत म कपरोय धाग समान हो सकता ह जाकहर ह इस पर परश उठान वाल लोग जो कसफटि सकखटिया बटोरन क बलबत अपन राजनकतक वजद को बचाए रखत ह उनको यह कदखाई दना मकशकल ह कक दश की जनता सरकार क इस साहकसक कनणटिय स परशान नही ह बकलक सहयोग क साथ अपना योगदान दन क कलए सककलपत भी ह लोगो को भड़काकर उनम फट डालकर शासन करन की नीकत औपकनवकशक काल की थी मगर यह दभाटिगयपणटि ह कक सवय को दशभति क ताज स नवाजन वाल तमाम कवपकषी नता भी आजकल इन हथकडो का उपयोग करन स बाज नही आ रहइस कनणटिय क बाद उन लोगो को कोई कवशष समसया नही ह कजनक खात म उनकी जायज कमाई का पसा ह जबकक तमाम ऐस लोग कजनहोन गलत ढग स धनाजटिन ककया ह अनदर ही अदर डर-सहम बठ होग उनकी अकत सपकतत वयथटि हई पड़ी ह और उस पनः उपयोगी बनान क कलए अगर व बक जात ह तो काली कमाई की कलई खलना लगभग तय ह कतसपर आय कर और दो सौ परकतशत जमाटिन का डडा तो पड़ना ही ह एक बात य भी ह कक जो जनधन बक खात कपछल 6 महीन स कनकषकरय पड़ हो अगर आज अचानक उनम लाख-दो लाख रपय का हसतातरण होता ह तो य भी एक सदहजनक गकतकवकध ह कजसपर बक अपनी पनी नज़र बनाय हए ह और कजसक चलत आयकर कवभाग भी चसती स काम करत नज़र आया दश म मखय अथटिवयवसथा और समानातर अथटिवयवसथा को एक ही धारा म लान म भी यह एक बड़ा कदम ह इस कनणटिय क जररय कशलस इकॉनोमी को बढ़ावा कमलन का भी अनमान ह कजस उस वक़त लाग ककया गया जब दश म सकवधाजनक कश टासकशन की कमी ह कशलस टासकशन स आकथटिक पकष मजबत करन म हम सहायता कमलगी साथ ही कर दाताओ को भी इसम सहकलयत होगी कशलस टाजकशन वो चीज ह जो कजतना अकधक बढ़गा दश स भरषाचार की सभावना उतनी ही कम होगी काल धन को सजोन की कोकशश तो अब भी जारी ह हाथ पर तो अब भी मार जा रह ह कफर वह चाह रलव कटकट करवा कर ककया जाय अथवा ककसान करकडट काडटि का इसतमाल करक लककन इन सब गकतकवकधयो पर सरकार की परी नज़र ह सरकार न य कनणटिय कनकचित तौर पर इन सब पहलओ पर कवचार-कवमशटि करक ही कलया होगा अतः काला धन धारको का सरकार को चकमा दकर कनकलना मकशकल ह और कहना गलत नही होगा कक lsquoअबकी बार उनह मोदी सरकार क सामन डालन होग हकथयारrsquo

(लनखकया पतरकयारितया की छयातरया ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी आि जन कर रह सरकार का सिरथनकाला धन धारको ि िचा हड़कप

कमनषका मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

20

जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 8: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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भाजपानीत क दर सरकार दारा कालाधन पर रोक लगान की कदशा म बड़ा कदम उठात हए पाच सौ एव एक हजार क नोट बद ककए जान और नए नोट जारी ककए जान क बाद स ही कालाधन

का मदा एकबार कफर कवमशटि और चचाटि क क दर म आ गया ह सरकार की तरफ स एव आम चचाटि म भी यह बात सामन आती रही ह कक कालाधन का नटवकटि महज दश क अदर ही नही बकलक सीमापार तक फला हआ ह हाल म ही एक टीवी समाचार चनल क कसटग ऑपरशन म पाककसतानी कसनमा कलाकारो को लकर बड़ा खलासा सामन आया ह कसटग क मताकबक़ पाककसतान क तमाम कसनमा कलाकार जो भारत म काम करत ह अपन भगतान का एक ठीक-ठाक कहससा कश म लन की माग करत ह हाल ही म उड़ी हमल क बाद पाककसतानी कलाकारो पर परकतबनध को लकर भी खब गरमा-गरम बहस हो चकी ह कसटग क अनसार पाककसतानी कलाकार फवाद खान मवारा होकन और इमरान अबबास जस कलाकार अपनी फीस का ठीक-ठाक कहससा कश म लन की माग करत ह कसटग क अनसार पाककसतानी कलाकार फवाद खान एक शादी समारोह म शाकमल होन क कलए पचास लाख की फीस का पचीस फीसद रकम अपन यएई क खात म जमा करान की शतटि अपन मनजर क माधयम स रख रह ह यानी अगर इस कसटग को सही मान तो यह फवाद खान का टकस चोरी वाया यएइ कनकशन नजर आता ह बॉलीवड म कई कफलम कर चकी मावरा होकन क मनजर न उनकी कल फीस का बड़ा कहससा उनक आसटकलया वाल खात म जमा करन की माग रखी कछ इसी तरह टकस और रकम कछपान क हथकड इमरान अबबास भी आजमात नजर आ रह ह इस कसटग क बाद एक बहस कफर चली ह कक कया वाकई सीमापार क लोग भारत म काम करक धन कमात ह लककन भारत सरकार को कर नही दत बकलक वो पसा बाहरी दशो क खातो म जमा करवा दत ह चकक यह महज चद कसनमा कलाकारो तक का मामला नही ह बकलक यह टकस चोरी क साथ-साथ भारत सरकार क साथ धोखाधड़ी करन का भी मामला ह सममानजनक ढग स भारत म काम कर रह पाककसतानी कलाकार यकद भारत सरकार क साथ इस सतर पर छलावा एव धोखाधड़ी करत नजर आ रह ह तो अदाजा लगाया जा सकता ह कक सीमापार स भारत क कखलाफ काम कर रही ताकत ककस सतर पर दश को नकसान पहचा रही होगी उनका अवध कारोबार इस दश म ककस सतर पर चल रहा होगा य तमाम सवाल हम न

कसफटि चौकात ह बकलक भारत कवरोधी ताकतो क खतरो स आगाह भी करत ह यह बात लमब समय स उठती रही ह कक भारत म कालधन क इस कारोबार म तसकरी अवध हकथयारो का कारोबार डरगस का कारोबार सकहत तमाम आपराकधक गकतकवकधया शाकमल ह इनम स अकधकतर ऐसी गकतकवकधया ह जहा भारत क बाहर स भारत कवरोधी ताकतो का पसा अलग-अलग माधयमो स लगा हआ ह कलहाजा इन पर पाबदी लगना कनहायत ही आवशयक ह टकस चोरी क अलावा भी इसक बड़ खतर ह हम इस बात का अदाजा नही ह कक सावटिजकनक सतर पर काननी ढग स काम करन वाल पाककसतानी कलाकार जब इतनी सहजता स दश की सरकार को धोखा द सकत ह तो दश की सरकषा क कखलाफ काम कर रह आतकी सगठन ककस सतर पर सककरय होग लककन कालधन की समसया स मकति और नगदी म चल रह काल वयापार पर लगाम की कदशा म परधानमती नरदर मोदी क नतरतव वाली क दर सरकार न जो ठोस कदम उठाया ह वो आजादी क बाद इस समसया क सनदभटि म उठाया गया न कवल एक ऐकतहाकसक कदम ह बकलक साहकसक भी ह इसस दश क अनदर चल रहा नकदी का अवध कारोबार एक झटक म कागज क रदी टकड़ो की तरह बमतलब हो गया ह नकसकलयो क नटवकटि को तगड़ा झटका लगा ह अलगाववादी ताकत पसत हो गयी ह राजनीकत म धनबल वाल लोग कनधटिन-कनबटिल हो चक ह रही बात कतारो की तो यह दश सततर वषषो स कतार म ही था गरीबी असमानता अथटिवयवसथा स दर एक कतार थी जो आम लोगो की थी आज उस कतार म आम और ख़ास हर कोई खड़ा ह इस कतार म वही चलगा जो इमानदारी स धन कमाएगा इस कतार म आन स वह लोग डर रह ह जो बईमानी स पसा कमाए ह यह इमानदारी क कलए इमानदारो की कतार ह चनल दारा कदखाए कसटग ओपरशन को महज चद कलाकारो तक सीकमकत करक दखन की बजाय इसक बड़ खतर को भी दखना होगा आज अगर सरकार बहद सखत ह तो वह इनही बड़ खतरो स दश को बचान क कलए सखत ह सरकार कोई ऐसा रासता नही छोड़ना चाहती जहा स कश का काला वयापार करन वाल लोग बच कनकल इस महीम म दश की इमानदार जनता एक कतार म सरकार क साथ ह और यह वह कतार ह जहा आन की कहममत कोई बईमान कर ही नही सकता ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खली पाक कलाकारो क काल धन की पोलसटिग ऑपरशन ि हए बनकाब

मशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न नोटबदी क फसल को लाग करक बड़ा ररसक कलया ह जो अगर वो नही भी लत तो कोई फकटि नही पड़ता और उनकी राजनीकत कनबाटिध गकत स चलती रहती

नोटबदी क पहल हो रह तमाम सवव क नतीज यह बता रह थ कक मोदी सबस लोककपरय नता ह बावजद य जोकखम उठाना इस बात का सकत दता ह कक नरनदर मोदी दश क कलए कछ बड़ा करन की कदशा म कदम उठा चक ह हलाकक राजयसभा म नोटबदी पर चचाटि म हसतकषप करत हए पवटि परधानमती मनमोहन कसह न कहा कक सरकार क इस कदम स जीडीपी पर कनगकटव असर पड़गा उनक अनमान क मताकबक नोटबदी स इसम दो फीसदी की कगरावट दजटि की जा सकती ह दरअसल इस पर मसल पर कवपकष को कवरोध की जमीन ही समझ म नही आ रही ह पहल ककसानो को लकर सरकार पर हमल लककन नबाडटि की पहल स ककसानो की मदद क कलए उठाए कदम न कवपकष क इन आरोपो को भी शात कर कदया इसक पहल कछ उलजलल आरोप लग कक परधानमती न अपन इस फसल क पहल राजनीकतक लोगो स कवमशटि नही ककया और अफसरो की सलाह पर य फसला ल कलया राजयसभा म तो समाजवादी पाटटी क नता नरश अगवाल न चटकी लत हए परधानमती की मौजदगी म य कह कदया कक कवतत मती अरण जटली को भी इस फसल की जानकारी नही थी दरअसल इस तरह क फसलो म जो गोपनीयता बरती जाती ह उसकी जानकारी कवपकषी नताओ को शायद नही हो 1991 म जब आकथटिक उदारीकरण का दौर शर हआ था तब उस वति क कवतत मती मनमोहन कसह भारतीय मदरा का अवमलयन करना चाहत थ इसक पहल इकदरा गाधी न 1966 म मदरा का अवमलयन ककया था जो कक सततावन फीसदी स थोड़ा जयादा था जब मनमोहन क मदरा अवमलयन क इराद का पता चला तो वामपथी बकदधजीकवयो न इसका कवरोध शर ककया लककन मनमोहन कसह इस फसल पर अकडग थ उनहोन उस वति क परधानमती नरकसह राव स कमलकर अनरोध ककया कक इस फसल की जानकारी ककबनट क मकतयो को भी नही दी जाए राव न मनमोहन कसह की सलाह मान ली उस वति मनमोहन कसह न फसला ककया था कक मदरा का अवमलयन दो चरणो म ककया जाएगा 1 जलाई 1991 को रपए का अवमलयन कर कदया गया कवपकष समत तमाम वामपथी बकदधजीकवयो न इसका कवरोध ककया कागस क नताओ को भी इस फसल क बचाव म कदककत आ रही थी सीपीएम न उस वति इसको एक खतरनाक कदम बताया था लककन असली कहानी तो तब हई जब मनमोहन कसह न एक ही कदन बाद याकन तीन जलाई को रपए का और जयादा अवमलयन करन का फसला कलया दोनो कमलाकर य बीस

फीसदी तक पहच रहा था जब राव तक य बात पहची तो वो घबरा गए और उनहोन मनमोहन कसह स इसको रोकन का आदश कदया लककन तबतक दर हो चकी थी जब मनमोहन कसह न ररजवटि बक क कडपटी गवनटिर सी रगराजन को फोन कर इस आदश का एलान रोकन क कलए कहा तो उनका जवाब आया कक वो तो इस फसल को सावटिजकनक कर चक ह मनमोहन कसह सनन उनहोन राव को य बात बताई और कफर इसतीफ की पशकश की लककन राव न अपन कवतत मती का पकष कलया और उस फसल क साथ हो कलए य परा वाकया बतान का मतलब कसफटि इतना ह कक हमार दश म इस तरह क कराकतकारी आकथटिक फसल पहल भी गोपनीय तरीक कलए जात रह ह उसका उदशय भी तभी परा होगा जबकक इसको गोपनीय रखा जाएगा गोपनीयता बरत जान की कबनाह पर ककसी भी सरकार को घरना उकचत नही होता ह मौजदा कवतत मती अरण जटली न भी इस बात को माना ह कक इस फसल की जानकारी नीड ट नो बकसस पर उन सभी लोगो को थी कजनको होनी चाकहए थी परधानमती मोदी न तो चद घट पहल अपन ककबनट को इस फसल क बार म बता भी कदया था मनमोहन कसह न तो मदरा क अवमलयन क फसल क बार म ककसी को नही बताया था और अपन परधानमती क सामन य चाहत भी रखी थी कक ककबनट को इस फसल की जानकारी ना दी जाए कजसको राव न माना भी था अब अगर हम कवपकष क तकषो को दख तो वो बचकाना नजर आत ह इस तरह की खबर अवशय आ रही ह कक नोटबदी स जनता को कदककत हो रही ह लककन जनता इन कदककतो को सहन क कलए तयार ह और अब धीर-धीर कदककत कम हो रही ह अभी कबहार क दो शहरो क लोगो स बात हई ह तो वहा स य जानकारी कमल रही ह कक बको म कतार कम हो गई ह अब दसरी बात य उठाई जा रही ह कक इसस अथटिवयवसथा पर बरा असर पड़गा सभव ह कक बड़ अथटिशाकरियो क अपन तकटि हो लककन सरकार भी इस आसनन खतर स कनबटन को लकर सतकटि नजर आ रही ह जनवरी स माचटि की कतमाही म इसका असर कवकास दर पर पड़ सकता ह लककन उसक अगली कतमाही स हालात बहतर हो सकत ह अगर इस फसल स नकदी स होनवाला कारोबार बको क माधयम स होता ह तो गरीबो का भी भला होगा नकदी पर काम करनवाल फकटी मजदरो को माकलको को पीएफ और ईएसाई का लाभ दना होगा इसस मजदरो को भकवषय क कलए जमा राकश भी कमलगी और कचककतसा सकवधा का भी लाभ होगा

(लखक वररष पतकार ह य उनक कनजी कवचार ह)

गरीबो-िजदरो क ललए लाभकारी ह नोटबदीअनत मवजय

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हाल ही म पजाब की राजधानी चडीगढ़ म कनकाय चनावो क पररणाम आय इन चनावो म जनता न भाजपा को ऐकतहाकसक रप स कवजयी बनाया ह चडीगढ़ कनकाय क कल 26 वाडषो म

स 22 वाडषो म भाजपा न अपन उममीदवार उतार थ कजनम स 20 म उस जोरदार जीत हाकसल हई ह भाजपा की सहयोगी कशरोमकण अकाली दल को कसफटि एक सीट हाथ लगी वही कपछली बार क चनावो म ११ सीट जीतन वाली कागस को महज़ चार सीटो स सतोष करना पड़ा इसस पहल महाराषट और गजरात क कनकाय चनावो म भी भाजपा न बड़ी जीत हाकसल की थी लककन चडीगढ़ कनकाय चनावो की य जीत उन सबस भी अकधक शानदार रही ह साथ ही इन सब कनकाय चनावो स पहल मधय परदश असम अरणाचल परदश आकद राजयो म खाली हई लोकसभा और कवधानसभा सीटो पर भी उपचनाव हए थ उनम भी जयादातर सीटो पर भाजपा को जनता न कवजयी बनाया था यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सब चनावो की सबस कवशष बात य रही ह कक यह सब नोटबदी क उस कनणटिय क बाद हए ह कजसक कवरोध म परा का परा कवपकषी खमा एक सर म लामबद हआ पड़ा ह और कजसक कवरोध क नाम पर कवपकषी खम न ससद क शीतकालीन सत को अपन हगाम की भट चढ़ा कदया अब इन चनाव पररणामो क बाद कवपकष क कवरोध की कलई भी परी तरह स खल

चकी ह कक नोटबदी क कारण जनता की कजस ककथत पीड़ा और आकरोश का गान करत हए य भाजपा सरकार को कबना मतलब ही भरपर कोस रह ह वो जनता हर सतर पर चनाव म इनह लगातार खाररज़ और सतताधारी दल को सवीकार रही ह इसका एक अथटि यह भी ह कक जनता नोटबदी क कनणटिय स कबलकल भी नाराज़ नही ह बकलक इसका बमतलब कवरोध करन वालो स उस अकधक नाराजगी हो रही ह अब तकटि यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सबक बाद एक बार क कलय अगर मान ल कक इन कनकाय चनावो म नोटबदी कोई मदा नही रहा तो भी कवपकष की जो ददटिशा इनम हई ह वो कया कम हो जाती ह अचछी बात होगी कक कवपकषी खमा अब भी वासतकवकता को समझ कक सरकार क परकत अधकवरोधी रख और जनता की नबज़ को पकड़ पान म उसकी नाकामयाबी क कारण उसका जनाधार अब धीर-धीर समाप होता जा रहा ह यह कवपकष क कलय चतन का समय ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि)

चडीगढ़ रनकाय चनाि भाजपा की चली आधी जनता न मदखाया विपकषी दलो को आईना

पीयर मविवदी

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चार दशको क राजनीवतक सफर ि हर अिसर पर विफल रह ह िनिोहन ससिह

मशवाननद मविवदी

एक पतकार वाताटि (जनवरी 2014) म डॉ मनमोहन कसह न कहा था कक मरा मलयाकन इकतहास करगा इसम कोई शक नही कक चार दशक तक ककसी एक राजनीकतक दल क साथ परी

वफादारी और राजनीकतक कनषा स सरकार म शीषटि पदो पर काम करन वाल वयकति का मलयाकन होना सवाभाकवक ह इसम कोई शक नही कक सवतत भारत क इकतहास म डॉ मनमोहन कसह उन चद लोगो म स एक ह कजनह इकतहास न सवाटिकधक अवसर कदया ह कवमदरीकरण क मद पर जब डॉ मनमोहन कसह राजयसभा म क दर सरकार को घरत हए कागस का पकष रख रह थ तो म उनक भाषण को बहत धयान स सन रहा था कवमदरीकरण को लकर उनहोन एक वाकय कहा lsquoयह सगकठत लट हrsquo डॉ मनमोहन कसह न इसक तमाम नकसान कगनवाए उनक भाषण म कर कष की कचता थी जीडीपी की कचता थी गामीण सहकारी बको म होन वाली समसयाओ की कचता थी गरीबो की कचता थी और दरगामी पररणामो म लगन वाल वति की कचता थी साथ ही उनहोन कछ रचनातमक परसताव क साथ आन की सलाह दत हए सरकार की आलोचना भी की डॉ मनमोहन कसह आज उस मकाम पर ह कक जब वो सदन म बोल रह थ तो यह समझना मकशकल था कक राजयसभा क फलोर स एक पवटि आकथटिक सलाहकार बोल रहा ह या एक ररजवटि बक का पवटि गवनटिर बोल रहा ह यह समझ पाना कबलकल आसान नही था कक दश की जनता एक पवटि कवतत सकचव को सन रही ह अथवा पवटि कवतत मती को सन रही ह एक आम भरम लोगो म मन म जरर बठा होगा कक व एक पवटि परधानमती को सन रह ह अथवा एक कागस क सासद को सन रह ह लोग तो यह भी जानना चाहत होग कक राजयसभा स ककसी पाटटी का एक राजनता बोल रहा ह अथवा एक अथटिशारिी बोल रहा ह वो कया-कया रह ह ककस-ककस भकमका म रह ह वतटिमान म वो कया ह और ककस भकमका म ह उनका दाकयतव कया ह और उनकी जवाबदही कया ह इन सवालो स उनक समथटिक कचढ़त नजर आत ह डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन करन स पहल उनक सावटिजकनक दाकयतवो पर एक सककषप नजर अवशय डालनी चाकहए एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क

आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह भारत सरकार की वबसाईट (pmindiagovin) पर कदए पररचय को अगर सही मान तो वषटि 1957 म अथटिशारि म परासनातक की कडगी लन वाल डॉ मनमोहन कसह ऑकसफ़ोडटि कवकव क नकफलड कॉलज स डी कफल ह अपन कररयर की शरआत एक कशकषक क रप म करन वाल डॉ मनमोहन कसह 1971 म वाकणजय मतालय म आकथटिक सलाहकार की भकमका म आए महज एक साल म उनको कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार का दाकयतव कमल गया तब दश इकदरा गाधी की सरकार थी जब डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार थ तब परणब मखजटी भारत सरकार म मती बन चक थ यही वो दौर था जब बको का राषटीयकरण हो रहा था इस दौरान डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय क सकचव योजना आयोग क उपाधयकष और ररजवटि बक क मकखया भी रह ररजवटि बक का गवनटिर तो सभवत उनह कवतत मती रहत परणब मखजटी न ही बनाया था उनक दाकयतवो स यह अदाजा लगता ह आकथटिक मामलो म डॉ मनमोहन कसह इकदरा गाधी क अकत कवशासपात अथवा वफादार लोगो म स थ 1991-96 म डॉ मनमोहन कसह दश क कवततमती बन हालाकक कहा जाता ह कक कवततमती क तौर डॉ मनमोहन कसह ततकालीन परधानमती पीवी नरकसमहा राव की पहली पसद नही थ कफर 2004 म सपरग-1 म परधानमती बन और दस साल तक दश क परधानमती रह यहा पररचय दन का मकसद यह था कक एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह वषटि 2014 तक दश क 42 फीसद स जयादा आबादी की पहच बक तक नही थी याकन उनक पास बक खात तक नही थ आकखर डॉ मनमोहन कसह आकथटिक सलाहकार स लगाए चार दशक तक अथटिवयवसथा स जड़

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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महतवपणटि पदो पर लगातार रहत हए परधानमती तक क ताकतवर पद तक पहचन क बावजद कयो य नही परा कर पाए बको क राषटीयकरण क दौरान ही सरकार म आकथटिक सलाहकार क तौर पर जड़न वाल डॉ मनमोहन कसह की कवफलता की कहानी यही ह कक चार दशक बाद 2004 म परधानमती बनन क बावजद वो इस दश की आम जनता को मखयधारा की बककग अथटिवयवसथा स जोड़ पान म नाकाम साकबत हए राजयसभा म बोलत हए डॉ मनमोहन कसह न जीडीपी कवकास दर म 2 फीसद की कगरावट का अदशा जताया लककन जीडीपी कवकास दर क सवाल पर वो यह बताना कयो नही मनाकसब समझ कक उनक दस साल क कायटिकाल म जीडीपी लगातार ककन वजहो स अकसथर रही थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क दौरान दश की जीडीपी कवकास दर लगभग 84 फीसद तक पहच गई थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क बाद डॉ मनमोहन कसह की ततकालीन गकठत सरकार को जीडीपी दर कवरासत स ठीक-ठाक कमली लककन डॉ मनमोहन कसह क नतरतव म दस साल सरकार चलन क बाद जब वषटि 2014 म एकबार कफर भाजपा-नीत सरकार नरदर मोदी क नतरतव म बनी तो डॉ मनमोहन कसह स मोदी को 474 (2013 की जीडीपी कवकास दर) फीसद जीडीपी कवकास दर कमली आज भारत की कवकास दर 73 फीसद क आसपास ह लककन मनमोहन कसह जीडीपी को लकर बहद कचकतत नजर आ रह ह यह कचता हासयासपद बवजह एव कनराशाजनक ह जब जीडीपी पर बात चल रही हो तो सवाल मोदी स नही डॉ मनमोहन कसह स होना चाकहए कक आज कजस जीडीपी का आप कहसाब और आकलन कर रह ह उस आप ढाई साल पहल परधानमती रहत छोड़कर ककस हाल म गए थ कागस न डॉ मनमोहन कसह को सारी आलोचनाओ स पर साकबत करन की अनक कोकशश की ह दश इस भरम म नही रहन वाला कक डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन एक अथटिशारिी क तौर पर कर अथवा एक परशासक परधानमती क तौर पर चकक दोनो ही मोचषो पर जब-जब डॉ मनमोहन कसह को

ताकतवर पद कमला ह व नाकाम साकबत हए ह बतौर परधानमती उनहोन एक भरष और लटतत वाली सरकार दी ह कजसक मकतयो को लट एव भरषाचार क गभीर आरोपो म जल तक जाना पड़ा ह डॉ मनमोहन कसह एक बहद कमजोर परशासक इसकलए भी ह कक कोयला मतालय उनक अतगटित रहत हए उसी कवभाग म हए घोटालो को रोक पान म व बरी तरह नाकाम साकबत हए आज राजयसभा स जब व lsquoसगकठत लटrsquo का जमला फ क रह थ तो यह इकतहास उनही को आईना कदखा रहा था एक और कबद ह कजसको लकर कागस उनका मकहमा मडन करती ह भारत म उदारीकरण क जनक क रप म कजस ढग स डॉ मनमोहन कसह की छकव को कागस पश करती ह वो महज एक छलावा ह उदारीकरण को लकर हम यह समझना होगा कक बतौर राजनीकतक दल कागस अथवा बतौर अथटिशारिी डॉ मनमोहन कसह म स कोई भी कभी उदारीकरण का कहमायती नही रहा ह उदारीकरण न तो कागस की नीकत रही ह और न ही डॉ मनमोहन कसह का कभी कवजन रहा ह भारत म उदारीकरण आकथटिक तगी की मज़बरी की दन स जयादा कछ भी नही ह आपक पास जब कछ नही बचा तो आप मज़बरी म उदारीकरण को सवीकार ककए जबकक इसक पहल कागस की आकथटिक नीकतयो म समाजवादी वयवसथा की परबलता थी पकडत दीन दयाल उपाधयाय अनक बार सावटिजकनक कषतो क कवसतार पर कागस की सरकारो की आलोचना करत रह थ अब मज़बरी म आए उदारीकरण को मनमोहन कसह की आकथटिक दरदकष क रप म पश करक कागस दश को गमराह नही कर सकती उदारीकरण दश म उतपनन कवकट पररकसथकतयो की दन थी न कक मनमोहन कसह क आकथटिक कवजन की डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन जब इकतहास करगा तो दो बात कनकल कर आएगी पहली बात कक चार दशक स जयादा एक ख़ास राजनीकतक परकषभकम म लगातार महतवपणटि एव कनणाटियक पदो पर रहन वाल भारत क चद लोगो म स एक डॉ मनमोहन कसह ह दसरी बात यह कनकल कर आएगी कक डॉ मनमोहन कसह अवसरो क नायक रह ह इनकी न अपनी कोई नीकत रही ह न कनणटिय रहा ह और न ही य ककसी बदलाव क मौकलक कनमाटिता रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम क सपयादक ह)

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लखक अकमष कतपाठी की तीन खणडो म कशव की एक कालपकनक कहानी ह जो सोमरस नामक अमरता दन वाल दरवय की कथा ह यह एक अमरत था परनत इस अमरत क दषपरभाव भी थ

कजसको वहा क राजा दकष परजा स छपा रह थ कजस तरह समदर मथन म अमरत क साथ कवष भी कनकला उसी तरह इस अमरत की कनमाटिण परककरया म इसक साथ-साथ कवष भी बनता था इस कहानी म जो सबस महतवपणटि ह वो यह कक शरआत म जो चीज समाज क कलए अमरत थी वही इसक जयादा उपयोग स धीर धीर सवतः कवष म पररवकतटित हो गयी ततकालीन सामाकजक वयवसथा म हर समसया का मल बन गयी और चकक इस सोमरस क परकत सवाथटि इतना गहरा हो चका था कक कबना इस परकतबकधत ककय कोई उपाय नही रहा धमटि यदध हआ और इस कवदा को उपनयास क अत म हमशा क कलए कछ अपवादो को छोड़कर ख़तम कर कदया गया अब इस कहानी को हम वतटिमान अथटिवयवसथा क पररपकय म दखत ह तो कया नकद हमारी अथटिवयवसथा का सोमरस ह कया सोमरस की तरह नकद भी धीर-धीर ककसी वयवसथा क कलए अकभशाप बन सकती ह कया नकद अपन सार फायद क बावजद इतना जहरीला हो सकता ह कक राषटीय अथटिवयवसथा खोखली होन लग इन सार परशो क मल म अगर हम इस वयवसथा क इकतहास म जाए तो पाएग कक भौकतक मदरा एक बहत ही परानी एव मधयकालीन परपरा ह व समय क साथ-साथ इस कफकजकल करसी क साथ-साथ अनक कवष-बल कलपट चक ह भौकतक मदरा क साथ जो सबस बड़ी समसया आज पश आ रही ह वो ह इसक परकत आशकति तथा कर चोरी हत सरकार की नज़र स इस छपा कर रखना इस कारण अथटिवयवसथा म उन कछप हए नोटो का क़ाननी हसतानतरण म परयोग बद हो जाता ह और य धन जस सरकार की नज़रो स गायब हो जात ह उस धन का परयोग होता ह पर वहा कजस धध को सरकार या समाज गर क़ाननी मानत ह और य छपा हआ धन अपनी एक खद की अथटिवयवसथा बना लती ह कजसका कवकास सवतः होन लगता ह यह सामानातर अथटिवयवसथा नकद पर कनभटिर हो जाती ह जहा न कोई टकस दना होता ह न ही समाज क परकत ककसी उततरदाकयतव को कनभाना होता ह आज हमार समाज म कजतनी भी कवसगकतया कदखाई दगी उनक जड़ म यही काला धन ह जो कक कछ नही बकलक सरकार की नज़र स छपाकर कलया गया नकद ह या उसक दारा खरीदी गयी पररसपकततया ह इसी कालधन रपी नकद की जड़ स समसत बराइयो को खराक कमलती ह

या उनकी अथटिवयवसथा चलायमान रहती ह चाह वो नशीली दवाओ का कारोबार हो आतकवाद की फकडग हो हवाला कारोबार हो चनावो म लग रहा धनबल हो चाइलड टकफककग हो या अनय अपराध हो या उनह करवान क कलए ककया जा रहा जाली नोटो का इसतमाल हो इन सबकी बकनयाद इसी नकदी पर कटकी होती ह कामरड सीताराम यचरी न अपन फसबक पोसट म कलखा ह कक यह काला धन भारत की अथटिवयवसथा का 06 ह एव इसका लगभग 0025 नकली नोट ह अब अगर हम भारत की कवशाल अथटिवयवसथा को दख तो य रकम बहत जयादा ह य वही सोमरस ह जो अब कवष बन चका ह एव कजसका उपयोग हमार समाज को कनरतर कमजोर कर रहा ह इस कवषबल को काटन का कोई भी साहसी फसला मकशकल हो सकता ह परनत गलत कभी नही इस नकद क लोभ म हर वयकति भल चका ह कक लकमी चचला ह य जब तक एक हाथ स दसर हाथ जाती रहती ह तभी तक आकथटिक कवकास होता ह एव इसी कवकास का एक कहससा कर क रप म समाज वयवसथा को जाता ह वतटिमान सरकार क 500 एव 1000 क बड़ नोटो जो कक बाज़ार म उपलबध नकद का 86 ह को वापस लन क फसल न उन सार नोटो को अपन मलय को बरक़रार रखन हत बको म आन को कववश कर कदया ह अब चाह काला हो या उजला अपन वजद क कलए उनह सरकार की नज़र म आना ही होगा वरना उस मलय क छप नोट को सरकार सवतः उपयोग म ला लगी बहत स परश उठ रह ह कक कया नए नोट स कफर स काला धन नही बनगा दरअसल सरकार न काल धन क कनमाटिण व परवाह को रोकन क कलए पहल स ही कई कदम उठाए ह और अब जब यह कनणटिय कलया गया ह तो इसक बाद कफर नया काला धन न पनप इसक कलए सरकार कनकचित तौर पर कछ न कछ तयारी करक ही चल रही होगी

बहरहाल एक बात तो कनकचित ह कक सरकार का यह कदम अब तक सगकहत कवषबल रपी नोटो को तो वयथटि कर ही दगा जब तक कक व एकबार वापस सरकार की आखो स न गजर और सरकार की नज़र हर उस वयकति पर होगी जो यह काम कर रहा ह आय क जात सोतो स जयादा लोग जमा करन स बचग कजस भी ककसी खात म असामानय गकतकवकध होगी वो पकड़ म आ जायग अब यह सवटिकवकदत ह कक कश वयवसथा परातन एव समाज की बदली आवशयकताओ को पणटि करन म अकषम हो चकी ह

नकदी क जाल स रनकलकर रडसजटल अरथवयिसा की तरफ बढ़न का सिय

आयर आनद

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अब बड़ लनदन कश म करना न सकवधाजनक ह न ही फायदमद तो अब समय आ गया ह कक हम इस कश क जाल म फसी अथटिवयवसथा को यहा स बाहर कनकाल यह कबलकल ही मफीद समय ह जब हम राजय क मौकदरक वचन को नोट क रप म मानन क बजाय कडकजटल एव पलाकसटक वचन को जयादा वजन द य न कवल यगानकल ह बकलक सलभ ससता एव कश क साइड इफ़कट स कबलकल मति ह ककसी भी कवकास कर रही अथटिवयवसथा को अनततोगतवा जाना वही ह हम भारत म कल कवततीय लनदन का लगभग 60 नकद म करत ह कजस हम घटा कर 20 क नीच लाना होगा अगर हम अपनी अथटिवयवसथा अनय राषटो की तलना म साफ़ सथरी एव मजबत बनाना चाहत ह अचछी बात य ह कक सरकार क परयास इसी कदशा म होत कदख रह ह आज वतटिमान समाज वयवसथा म सचना कराकत क कारण राजय की मौकदरक परकतजा अब कवल नोटो तक सीकमत नही ह यह एक आकड़ो का खल ह कक आपक खात म ककतना धन ह और वो वयकति क इचछानसार हसतानतरणीय हो गयी ह तो अब कबना मदरा क मतटि रप क भी मदरा वजद म ह एव करयशील

तथा अथटिवयवसथा को चलान म सकषम ह तो कयो न हम इस वयवसथा की ओर बढ़ आज जब लगभग हर वयकति मोबाइल उपयोग कर रहा ह डकबट काडटि सलभ हो चका ह छट पस अब सभी एटीएम स ही कनकाल रह ह तो कयो न उस वयवसथा को आग बढ़ाया जाय अगर आप ककसी भी दकानदार को पस ऑनलाइन टानसफर या काडटि स करत ह तो वो टकस कबलकल भी चोरी नही कर सकता आपका कोई भी पमट अगर कश ह तो सभावना ह की वो बलक बन जाय पर अगर यह बक ट बक अकाउट ट अकाउट ह तो यह हमशा सफ़द ही रहगा तो आइय य कबलकल सही समय ह जब हम नए नोटो की बजाय कबना नोटो की साफ़-सथरी अथटिवयवसथा को बढ़ावा द तथा जो इस स अछत ह उनह भी कडकजटल अथटिवयवसथा का अग बनाय हम इसक कलए अगशील होना कबलकल भी नही छोड़ सकत कक पीछ वाल बहत पीछ ह जररत ह उनह भी इस वयवसथा क अनकल सवदनशील तथा जागरक बनान की

(लखक िशिनलसट ऑिलयाइि म कॉपी एनडटि ह)

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8नवबर को रात आठ बज राषट क नाम सदश म परधानमती नरदर मोदी न पाच सौ और एक हजार क नोट बद होन का फसला सनाकर सबको चौका कदया था इस बात को अब बीस कदन स

जयादा हो गए ह लककन आज भी यह कवमशटि का सबस बड़ा मदा बना हआ ह हालाकक कवमदरीकरण क फसल क बाद स ही इसक पकष-कवपकष म बहस शर हो गयी जो अब भी चल रही ह ममता बनजटी की तरणमल कागस कजरीवाल की आम आदमी पाटटी मायावती की बहजन समाज पाटटी एव भारतीय राषटीय कागस सकहत तमाम राजनीकतक दलो न इसक कखलाफ मोचाटि खोल कदया ह दश की जनता बक की कतार म ह और दश क कवपकषी दल फसल क कवरोध म सरकार क सामन बक की कतारो स कनपटन की चनौती तो थी ही साथ म कवरोधी दलो क असहयोगातमक रख स कनपटन की चनौती भी बनी ह चकक ससद का सत भी शर हो गया ह कलहाजा कनतीश कमार को छोड़कर लगभग परा कवपकष ससद स सड़क तक इस फसल क कवरोध म आ गया ह सरकार का शर स दावा रहा कक दश की आम जनता उनक इस फसल क साथ ह वही कवरोध कर रह दलो का तकटि था कक वो जनता की परशाकनयो को दखत हए अपना कवरोध दजटि करा रह ह हालाकक सतता पकष और कवपकष दोनो ही जनता को अपन पाल म बतान का दावा जब कर रह हो तो यह समझ पाना बड़ा मकशकल हो जाता ह कक वाकई जनता ककसक साथ ह इस मामल म भी ऐसा ही हआ अलग-अलग माधयमो स सवव आकद शर हो गए मीकडया चनलो क लोकल सतर क लाइव चचाटि आकद स भी इस फसल पर जनता का कमजाज टटोलन की कवायद तज होन लगी परधानमती नरदर मोदी न अपन सतर पर भी एक ऑनलाइन सवव कराया कजसम उनको इस फसल पर भारी समथटिन कमला हालाकक कवरोध कर रह कछ दलो को इस बात का भान जरर हआ कक जनता इस मद पर उनक साथ नही ह कलहाजा उनहोन 28 नवबर को lsquoभारत बदrsquo करन का अपना कनणटिय वापस ल कलया इसी बीच एक अगजी समाचार पत का सवव आया कजसम बहमत को सरकार क इस फसल क कखलाफ बताया गया अब बड़ा सवाल यह था कक कया सच मान या कया झठ मान लोकतत म ककसी भी राजनीकतक दल की जनता क बीच हकसयत मापन का सबस वयापक और सबस बड़ा सवव चनाव ही होता ह कवमदरीकरण क मद पर जब दश म lsquoहा-नाrsquo की बहस चल रही थी इस दरमयान तीन

महतवपणटि चनाव सपनन हए पहला लोकसभा और कवधानसभा की खाली हई सीटो पर उपचनाव दसरा महाराषट क कनकायो क चनाव और तीसरा गजरात क सथानीय कनकायो क चनाव यह तीनो चनाव कवमदरीकरण क फसल क बाद हए मतसखया क आधार पर अगर दख तो ककसी भी बड़-बड़ सवव म कजतना समपल कलया जाता ह उसस सकड़ो-हजारो गना जयादा लोग इन चनावो म परतयकष कहससा कलए ह लोकसभा और कवधानसभा क उपचनावो म भाजपा अपनी सभी सीट न कसफटि सरककषत रखन म कामयाब हई बकलक कतपरा और पकचिम बगाल म कपछल चनाव की तलना म भाजपा क वोट परकतशत म भारी इजाफा भी हआ इसक बाद 28 नवबर को महाराषट क कनकाय चनावो क पररणाम आए कजसम भाजपा को भारी बढ़त कमली ह चकक वषटि 2011 क चनाव म भाजपा कनकायो म तीसर नमबर की पाटटी होती थी लककन इन पररणामो क बाद भाजपा सबस बड़ी पाटटी बनकर उभरी ह यहा तक कक कशवसना क साथ गठबधन होन क बावजद भाजपा कशवसना स जयादा सीट जीत गयी ह नगर पचायतो क कलए हए चनावो म भाजपा को 851 सीट कमली ह जो 2011 म मात 396 थी कल 147 सीटो पर हए मयकनकसपल काउकसल क कलए परतयकष मतदान म भाजपा को अकल 52 सीटो पर जीत कमली ह कपछल चनावो म इन कनकायो पर राषटवादी कागस पाटटी का कबजा था जो कक अब उसक हाथ स जा चका ह इसक अलावा सोलापर जस सीटो जहा भाजपा कभी नही आई थी पर भी इसबार भाजपा जीतन म कामयाब रही महाराषट क सथानीय चनावो क पररणामो को इस कलहाज स भी महतवपणटि माना जा रहा ह कयोकक तमाम दल एव बकदधजीवी इस कमनी कवधानसभा चनाव भी कहत ह यह अलग बात ह कक भाजपा को कमली बड़ी जीत क बाद इसपर हमार तथाककथत बकदधजीवी वगटि न सननाटा साध कलया ह और ऐसा जताना चाह रह ह कक य चनाव महतवपणटि ह ही नही लककन वही अगर पररणाम भाजपा क परकतकल होत तो यही बकदधजीवी इस दवनदर फडनवीस नही बकलक नरदर मोदी की हार बतात हए नही थकत खर कवमदरीकरण क बाद नरदर मोदी क अपन राजय गजरात म भी कनकाय चनाव हए गजरात पर सबकी नजर इसकलए थी कयोकक वहा हाल म ही सतता म उथल-पथल क अलावा सरकार क कखलाफ पटल आनदोलन हआ था ऊना काणड क बाद दकलतो क नाम पर माहौल बनान की कोकशश दश क उन राजनीकतक दलो न भी कम नही की कजनकी गजरात म वतटिमान

रनकाय चनाि नोटबदी क रनरथय परजनता की िहर

मशवाननद मविवदी

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की राजनीकतक हकसयत कछ भी नही ह लककन गजरात क चनाव पररणामो न तो कागस का सपड़ा ही साफ़ कर कदया पररणामो क मताकबक़ गजरात क वापी नगरपाकलका की 44 सीटो म भाजपा न 41 सीटो पर जीत दजटि की ह वही कागस को यहा महज 3 सीटो पर सतोष करना पड़ा ह सरत क कनकपर-कनसाड़ की 28 म स 27 सीटो पर भाजपा को जीत कमली ह वही कछ कजला तालका पचायत क उपचनावो म भाजपा को 23 और कागस को महज 8 सीट कमली ह गजरात पर सबकी नजर इसकलए भी बनी हई थी कयोकक गजरात स नरदर मोदी क आन क बाद वहा महज ढाई साल म एक मखयमती को बदलना पड़ा था इसी दरमयान वहा पटल आनदोलन को भी कदलली की मोदी-कवरोधी ताकतो क सहयोग स हवा दन का काम ककया गया ऊना म दकलत कपटाई मामल क बाद भी कदलली की राजनीकत क कसयासतदानो की कगदध कनगाह गजरात म लगी रही लककन इन चनावो को अगर जनता का सबस बड़ा और सबस कवशदध सवव मान तो यह सवव मोदी क पकष म जाता ह यह इसकलए जयादा महतवपणटि ह कयोकक हाल म ही कवपकषी खमा कवमदरीकरण क मद पर जनता की परशाकनयो का हवाला दकर असहयोग की कसथकत उतपनन कर रहा ह

इन चनावो को जनता की बीच स आया आम सवव मानकर भी अगर कवरोधी खमा कवमदरीकरण क बजा कवरोध स नही कडगा और जनता क कध पर बदक रखकर सरकार को घरता रहा तो यह मोदी क कलए तो नही लककन उनक खद क कलए जयादा घातक होगा कवरोध सकारातमक होना चाकहए वचाररक होना चाकहए न कक कसफटि इसकलए कवरोध करो कयोकक आपको मोदी का कवरोध करना ह इन चनावो क पररणामो पर एक लाइन म कटपपणी कर तो यही कहग कक जनता न मोदी क कनणटिय पर अपनी सहमकत का महर लगाया ही ह कवरोकधयो को आईना भी कदखा कदया ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनदशि म रिसचच फलो एव िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम म समपयादक ह)

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वस तो हर चनाव का मदा और कलवर अलग होता ह उसम भी सथानीय कनकाय और नगर पचायत चनावो का मदा पणटितया सथानीय होता ह परत कपछल कदनो महाराषट और गजरात म

कनकाय चनाव का आयोजन कवमदरीकरण क साए म हआ जहा पर अनय सथानीय मदो क अलावा कवमदरीकरण चनाव म बड़ा मदा था और हर पाटटी इस मद को भनान म लगी थी इस चनाव म भाजपा न भारी जीत दजटि की कजस परधानमती मोदी दारा कलधन क कखलाफ उठाए गए कदम पर जनता की महर माना जा सकता ह सभी कवपकषी पाकटटिया कवमदरीकरण क कारण जनता की परशानी का हवाला दत हए ससद क शीतकालीन सत को लगभग-लगभग हगाम की भट चढ़ा चकी ह वही जनता जनादटिन न कनकाय चनावो म भाजपा की जीत कदलाकर इस फसल पर महर लगान का सदश कदया ह कवपकषी पाकटटियो की दलील थी कक गामीण भारत सबस जयादा कवमदरीकरण की मार झल रहा ह इसकलए वह कवमदरीकरण का कवरोध कर रह ह लककन इन सथानीय कनकाय चनावो म जनता न सततारढ़ भाजपा क पकष म अपनी महर लगाई ह कजसन नोटबदी को लकर सरकार स जनता की नाराजगी जसी कवपकष की सभी दलीलो की पोल खोल दी ह सपष हो गया कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह ऐस म परतीत तो य हो रहा कक कवपककषयो कचता जनता की नही खद क काल धन की ह जो कक नोटबदी क बाद महज कागज बन कर रह गया इसी करम म अगर इन चनावो क पररणामो पर नजर दौड़ाए तो साफ-साफ पता चलता ह कक जनता न परधानमती मोदी क साथ जाना पसद ककया ह जबकक कवपकषी पाकटटियो क सार आरोप और लामबदी हवा हो गए गजरात की दो नगरपाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली कवपकषी दल कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म महज एक सीट स सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न आठ सीट फतह की जात हो कक कपछल साल समपनन हए सथानीय चनाव म कागस न अपन परदशटिन म कछ सधार ककया था कजस उसन परधानमती योजनाओ की हार क तौर पर परदकशटित ककया था लककन अब इस कनकाय चनाव म जब कागस का सपड़ा साफ़ हो गया तो उसक पास बोलन क कलए कछ नही बचा ह बीत दो दशक स सतता स बाहर कागस की कसथकत कदन-परकतकदन

खराब होती जा रही ह परत वह ह कक मानन को तयार नही गजरात क अलावा महाराषट क सथानीय चनावो म भी करारी हार का सामना करना पड़ा महाराष ट म 147 नगर पररषद म स अकल भाजपा को 52 सीट सहयोगी कशवसना जो कक इस चनाव म भी बागी तवर अपनाए हए थी उस भी महज़ 23 सीट हाथ लगी कागस को 19 और एनसीपी को 16 पर जीत कमली ह अन य उम मीदवारो क खात म 28 सीट गइटि ह वही 17 नगर पचायतो क 3510 सदस यो क कलए हए चनाव म सत ताधारी भाजपा को 851 सीट कमली ह कागस क खात म 643 एनसीपी को 638 और कशवसना को 514 मनस को 16 सीपीएम को 12 बसपा को 9 कनदटिलीयो को 324 स थानीय गठबधनो को 384 और बाककयो को 119 सीटो पर जीत कमली ह सपष ह कक यहा भी भाजपा हर तरह स सबस आग ह इस जीत को भी कवमदरीकरण क फसल पर जनता की महर और राजय क मकखया दवदर फडणकवस क कवकास परायोकजत कामकाज पर जनता की सहमकत कहना गलत नही होगा इन सब चीजो स कवपकषी दल दरअसल बौखलाए हए ह उनह कछ सझ नही रहा ह कक वह कर तो कया कर अब इस पर कवपककषयो का तकटि य ह कक इन चनावो म नोटबदी कोई मदा नही था मसला हार-जीत का नही ह मसला ह तो कवपकष क दोमह चररत का जब कवपकष का सफाया हो जाय तो मद सथानीय थ पर वही अगर सततारढ़ पाटटी हार जाए तो उस पाटटी की हार ह उसक योजनाओ की हार ह दखन वाली बात यह ह कक हर ककसी को पता ह कक सथानीय कनकाय क चनावो म जीत क कारण अलग होत ह लककन जब हारन पर भाजपा क मतथ नोटबदी मढ़ दी जाती तो जीतन पर शय कयो नही और वस भी कवमदरीकरण तो समग राषट को परभाकवत करन वाला मदा ह कफर कनकचित तौर पर इन चनावो म भी इसका परभाव रहा ही होगा उललखनीय होगा कक अभी नोटबदी क बाद ही हए एपीएमसी क चनावो म भाजपा का परदशटिन बहत अचछा नही रहा था तो उस वति इन कवरोधी दलो न कहा था कक नोटबदी क कारण हार हई ह जबकक अब कनकाय चनावो म इनक कहसाब स नोटबदी कोई मदा ही नही ह य कसफटि और कसफटि इनक दोमहपन को कदखाता ह कहना गलत नही होगा कक कजतना तमाशा लोकतनत का वतटिमान कवपकषी पाकटटिया कर रही ह उस दश कभी नही माफ करगा नोटबनदी का कवरोध कवपकष दारा महज़ खद को सककरय कदखान की एक नाकाम और नकारातमक कोकशश ह उसस जयादा कछ नही चनाव क पररणाम बतात ह कक परधानमती मोदी कदन-परकतकदन मजबत होत जा रह ह यह भी तय माकनए कक कजतना कवरोध परधानमती का होगा उतना ही वह मजबत होकर बाहर आएग

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

रनकाय चनािो ि भाजपा की इस बमपर जीत क बाद तो नोटबदी क विरोध की राजनीवत बद कर विपकषी

कशव झा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

18

कदर सरकार दारा पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन क फसल क बाद स ही मोदी-कवरोधी एक राजनीकतक जमात म भचाल की कसथकत ह इस साहकसक एव ऐकतहाकसक कनणटिय क

दरगामी नफा-नकसान पर बहस करन की बजाय कछ राजनीकतक जमात क लोग बको की कतारो पर बहस करना चाहत ह चकक इस कनणटिय को लकर आम जनता क मन म एकतरफा समथटिन का भाव खलकर कदख रहा ह कलहाजा कछ राजनीकतक खमो क लोग इसपर चचाटि करन स भागत नजर आ रह ह दश का आम जन अपनी कछ कदनो की परशाकनयो को दरककनार कर इस ऐकतहाकसक कनणटिय को सवीकार कर चका ह लककन बड़ा सवाल यह ह कक वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को सवीकार करन स कतरा रह ह वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को वापस लन क कलए असफल रकलया कर रह ह वो कौन लोग ह जो महगी गाकड़यो और एसपीजी सरकषा म जाकर दो घट म अपना चार हजार रपया कनकालन क बावजद झठ बोल रह ह कक पसा नही कमल रहा एक सवाल यह भी ह कक य लोग ऐसा कयो कर रह ह इस सवाल पर पड़ताल करन स पहल जरा lsquoकतारrsquo पर बहस कर ल राहल गाधी अपना चार हजार तो दो घट म कनकाल कलए लककन लोगो को गमराह कर रह ह कक पसा नही कनकल रहा ह दरअसल यह उनकी नीयत म खोट को दशाटिता ह अगर व ईमानदारी कदखात तो सबक सामन सवीकार करत कक ldquoहा म कतार म लगा था और मझ मरा पसा कमला लककन नही उनकी जबान तो कछ और बोल रही ह दरअसल राहल गाधी को यह बात बखबी पता होनी चाकहए कक इस दश की आम जनता को lsquoकतारोrsquo स कभी समसया नही रही ह सततर साल की सरकारो कजसम लगभग साठ साल कागस ही सतता म रही ह न इस दश की आम जनता को कतार म खड़ रहन की आदत डाल दी ह यह वही जनता ह जो कभी कसलडर गस तो कभी यररया तो कभी रल कटकट क कलए आय कदन कतारो म नजर आती रही ह इसकलए इस जनता को अब कतारो का भय न कदखाइए इस दश म सततर वषषो म जो लबी कतार आपन खड़ी की ह अब नोटबदी क इस फसल न उस कतार को तोड़ कदया ह यह वह कतार बन रही ह कजसम दश का आम जन खड़ा होकर कबना ककसी डर क भय क अपन हक़ क कलए और दश क भकवषय क कनमाटिण क कलए खड़ा होन को तयार ह यह कतार ईमानदारो की कतार ह परधानमती मोदी न जो यह कतार बनाई ह इस कतार म ककसी भरष बईमान और चोरी स काली कमाई करन वाल की कहममत नही हो पा रही कक वो खलकर खड़ा हो सक कलहाजा यह ईमानदारी का उतसव मना रह दश की ईमानदार जनता की कतार ह भरषाचार क कखलाफ चल रही इस लड़ाई का लगातार कवरोध कर रह कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल की अपनी कोई कवशसनीयता नही रही ह व खद कभी लाल यादव तो कभी ककसी और क समथटिन म खड़ होकर

अपनी साख पर बटा लगा चक ह लककन अब जब दश की आम जनता क साथ कालाधन और भरषाचार क कखलाफ चल रही इस कनणाटियक लड़ाई का समय आया तो व बगाल की मखयमती ममता बनजटी क साथ कमलकर इसका कवरोध करत नजर आ रह ह वस तो कबना ककसी सबत और बकनयाद क ककसी पर भी आरोप लगान क रोग स गकसत कदलली क मखयमती अनक बार सबत न द पान की वजह स अपनी फजीहत भी करा चक ह लककन आज एकबार कफर व कबना ककसी सबत क मनगढ़त बात कर रह ह कदलली की जनता क मन म यह सवाल बजा नही उठ रहा ह कक ममता बनजटी और कदलली क मखयमती क बीच ककस मद पर सहमकत बनी ह ममता बनजटी मायावती सकहत कछ लोग पहल कदन स भरषाचार क कखलाफ इस कनणाटियक लड़ाई म भरष लोगो क साथ खड़ ह लककन कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल आकखर कयो इनक साथ खड़ ह मोदी क इस फसल स आतकवाकदयो को फकडग करन वालो माओवाकदयो को ससाधन महया करान वालो तसकरो अपराकधयो भरषाचार करन वालो की पीड़ा तो जायज ह लककन इन चद नताओ की इस फसल क कखलाफ एकजटता भी कम शक नही पदा करती ह ऐस म बड़ा सवाल जनता क जहन म ह कक जब पजाब म चनाव होन ह तो कया आम आदमी पाटटी को चनाव म इसतमाल करन क कलए जटाए गए धन क रदी हो जान की कचता सता रही ह यह सबको पता ह कक पारदकशटिता की बात करन वाली आम आदमी पाटटी काफी समय स अपन आय और वयय का बयोरा सावटिजकनक नही कर रही ह खर कतार लबी जरर ह लककन बदोबसत ऐसा ह कक उस कतार म कोई बईमान और भरष जयादा दर कटक नही पाएगा यह वो कतार ह कजसन दश की आम और ईमानदार जनता को बईमानो क सामन गौरवाकनवत होन का अवसर कदया ह यह वह कतार ह जहा जान भर स न जान ककतन बईमान खौफ खा रह ह नोटबदी क कखलाफ उठन वाली हर आवाज इस दश म ईमानदारी की बन रही इस ऐकतहाकसक कतार क कखलाफ एक साकजश की तरह ह आज या तो आप इस कतार क साथ ह या आप भरष और बईमानी स धन अकजटित करन वालो क साथ ह वस भी मोदी की अचछी बात यह ह कक वो परमाणपत दन वालो की परवाह ककए कबना जनकहत म दशको स काम करत हए यहा तक पहच ह कजनका डब रहा ह व बौखला रह ह आम लोग थोड़ी परशाकनयो क बावजद इस महीम क साथ कतारबदध होकर खड़ ह यही वजह ह कक लाख कोकशशो क बावजद नोटबदी क कखलाफ की जा रही कछ रकलयो म मोदी-मोदी क नार लग रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनडशि म रिसचच फलो ह एव िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खबरदार यह ईिानदारो की कतार ह बईिान दर रहमशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवबर की शाम को परधानमती मोदी क राषट क नाम सबोधन म नोटबदी क ऐकतहाकसक फसल क ऐलान स दश भर म हलचल मच गयी परधानमती नरदर मोदी न जब दश भर म 500 और 1000

क नोटो पर परकतबध की घोषणा की तो काल धन की फसल उगाकर रखन वालो पर जस ओलो की बरसात हो गयी जनता की खन-पसीन की कमाई को अवध और अनकतक रप स जमा करक बठ ऐस लोग अब मार-मार कफर रह ह और तरह तरह स आम जनता का हवाला दकर अपना उलल सीधा करन की कोकशश म लग ह 500 और 1000 क नोटो पर परकतबध क कनणटिय की न कवल तकलीफ झलन क बावजद जनता सराहना कर रही ह बकलक इस कनणटिय म सरकार को परा सहयोग भी द रही ह मगर कवपककषयो का रख इस पर भी हासयासपद रहा ह कागस आप सपा बसपा तरणमल कागस आकद तमाम दलो क परमख नताओ न इस कनणटिय को लकर मोदी सरकार पर अताककटि क ढग स सवाल उठान की कोकशश की ह ऐस म सवाल यह उठता ह कक आकखर इस नोटबदी क कनणटिय स य कवपकषी दल इतनी पीड़ा म कयो ह कनससदह इन कवपकषी दलो का ऐसा आचरण जनता की नज़रो म उनकी सकदगध छकव ही परसतत कर रहा ह कदलली मबई समत दश क अनय राजयो म पड़ रह आयकर कवभाग क छाप यह सपष करत ह कक दश की जनता का पसा ककस तरह कछ लोगो की झोली भर रहा था काल धन की धर-पकड़ पर इस परकतबध का जोरदार असर दखन को कमल सकता ह सबस पहल तो य 440 वॉलट का झटका उन क कलए ह जो कबसतर पर करोड़ो नोट कबछा कर सोन क आदी हो चक ह जाकहर ह इसस उनकी रातो की नीद हराम हो चकी होगी दसरी बात यह कक अकसमात हए इस परकतबध न काला धन धारको को ज़रा भी सजग होन का मौका ही नही कदया इसकलए अब उनक पास कसवाय अपनी सपकतत को सावटिजकनक करन अथवा नष करन क कोई और चारा नही बचा ह तभी तो दश क कवकभनन कहससो म भारी सखया म कही पाच सौ और हजार क नोट कड़ क ढर पर फ क कमल रह तो कही जलत पाए जा रह य कदखाता ह कक नोटबदी क इस कनणटिय क बाद काला धन धारको म ककस कदर हडकप मचा हआ ह तीसरी बात कक बाज़ार म इन कदनो जो नकली नोटो का बोलबाला था इस कनणटिय न उस गोरखधध को भी नसतनाबद कर कदया ह साथ ही भारत को नकसान पहचान क कलए बागलादश और पाककसतान जस मलको स जो नकली नोटो का भणडार यहा आता था वह भी अब ककसी काम का नही रहा इस कनणटिय स न कवल दरगामी तौर पर अथटिवयवसथा को मजबती कमलगी बकलक काल धन की जबती क बाद महगाई पर भी अकश लगगा दश की मदरा भी मजबत होगी और कवकास दर म भी वरकदध होन की सभावना ह

नोटबदी न दश म एक जागरकता फलान का भी काम ककया ह और लोगो क बीच इस धारणा को मजबत ककया ह कक बात अगर दश की भलाई हो तो परा दश एक सत म कपरोय धाग समान हो सकता ह जाकहर ह इस पर परश उठान वाल लोग जो कसफटि सकखटिया बटोरन क बलबत अपन राजनकतक वजद को बचाए रखत ह उनको यह कदखाई दना मकशकल ह कक दश की जनता सरकार क इस साहकसक कनणटिय स परशान नही ह बकलक सहयोग क साथ अपना योगदान दन क कलए सककलपत भी ह लोगो को भड़काकर उनम फट डालकर शासन करन की नीकत औपकनवकशक काल की थी मगर यह दभाटिगयपणटि ह कक सवय को दशभति क ताज स नवाजन वाल तमाम कवपकषी नता भी आजकल इन हथकडो का उपयोग करन स बाज नही आ रहइस कनणटिय क बाद उन लोगो को कोई कवशष समसया नही ह कजनक खात म उनकी जायज कमाई का पसा ह जबकक तमाम ऐस लोग कजनहोन गलत ढग स धनाजटिन ककया ह अनदर ही अदर डर-सहम बठ होग उनकी अकत सपकतत वयथटि हई पड़ी ह और उस पनः उपयोगी बनान क कलए अगर व बक जात ह तो काली कमाई की कलई खलना लगभग तय ह कतसपर आय कर और दो सौ परकतशत जमाटिन का डडा तो पड़ना ही ह एक बात य भी ह कक जो जनधन बक खात कपछल 6 महीन स कनकषकरय पड़ हो अगर आज अचानक उनम लाख-दो लाख रपय का हसतातरण होता ह तो य भी एक सदहजनक गकतकवकध ह कजसपर बक अपनी पनी नज़र बनाय हए ह और कजसक चलत आयकर कवभाग भी चसती स काम करत नज़र आया दश म मखय अथटिवयवसथा और समानातर अथटिवयवसथा को एक ही धारा म लान म भी यह एक बड़ा कदम ह इस कनणटिय क जररय कशलस इकॉनोमी को बढ़ावा कमलन का भी अनमान ह कजस उस वक़त लाग ककया गया जब दश म सकवधाजनक कश टासकशन की कमी ह कशलस टासकशन स आकथटिक पकष मजबत करन म हम सहायता कमलगी साथ ही कर दाताओ को भी इसम सहकलयत होगी कशलस टाजकशन वो चीज ह जो कजतना अकधक बढ़गा दश स भरषाचार की सभावना उतनी ही कम होगी काल धन को सजोन की कोकशश तो अब भी जारी ह हाथ पर तो अब भी मार जा रह ह कफर वह चाह रलव कटकट करवा कर ककया जाय अथवा ककसान करकडट काडटि का इसतमाल करक लककन इन सब गकतकवकधयो पर सरकार की परी नज़र ह सरकार न य कनणटिय कनकचित तौर पर इन सब पहलओ पर कवचार-कवमशटि करक ही कलया होगा अतः काला धन धारको का सरकार को चकमा दकर कनकलना मकशकल ह और कहना गलत नही होगा कक lsquoअबकी बार उनह मोदी सरकार क सामन डालन होग हकथयारrsquo

(लनखकया पतरकयारितया की छयातरया ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी आि जन कर रह सरकार का सिरथनकाला धन धारको ि िचा हड़कप

कमनषका मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

20

जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 9: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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परधानमती नरनदर मोदी न नोटबदी क फसल को लाग करक बड़ा ररसक कलया ह जो अगर वो नही भी लत तो कोई फकटि नही पड़ता और उनकी राजनीकत कनबाटिध गकत स चलती रहती

नोटबदी क पहल हो रह तमाम सवव क नतीज यह बता रह थ कक मोदी सबस लोककपरय नता ह बावजद य जोकखम उठाना इस बात का सकत दता ह कक नरनदर मोदी दश क कलए कछ बड़ा करन की कदशा म कदम उठा चक ह हलाकक राजयसभा म नोटबदी पर चचाटि म हसतकषप करत हए पवटि परधानमती मनमोहन कसह न कहा कक सरकार क इस कदम स जीडीपी पर कनगकटव असर पड़गा उनक अनमान क मताकबक नोटबदी स इसम दो फीसदी की कगरावट दजटि की जा सकती ह दरअसल इस पर मसल पर कवपकष को कवरोध की जमीन ही समझ म नही आ रही ह पहल ककसानो को लकर सरकार पर हमल लककन नबाडटि की पहल स ककसानो की मदद क कलए उठाए कदम न कवपकष क इन आरोपो को भी शात कर कदया इसक पहल कछ उलजलल आरोप लग कक परधानमती न अपन इस फसल क पहल राजनीकतक लोगो स कवमशटि नही ककया और अफसरो की सलाह पर य फसला ल कलया राजयसभा म तो समाजवादी पाटटी क नता नरश अगवाल न चटकी लत हए परधानमती की मौजदगी म य कह कदया कक कवतत मती अरण जटली को भी इस फसल की जानकारी नही थी दरअसल इस तरह क फसलो म जो गोपनीयता बरती जाती ह उसकी जानकारी कवपकषी नताओ को शायद नही हो 1991 म जब आकथटिक उदारीकरण का दौर शर हआ था तब उस वति क कवतत मती मनमोहन कसह भारतीय मदरा का अवमलयन करना चाहत थ इसक पहल इकदरा गाधी न 1966 म मदरा का अवमलयन ककया था जो कक सततावन फीसदी स थोड़ा जयादा था जब मनमोहन क मदरा अवमलयन क इराद का पता चला तो वामपथी बकदधजीकवयो न इसका कवरोध शर ककया लककन मनमोहन कसह इस फसल पर अकडग थ उनहोन उस वति क परधानमती नरकसह राव स कमलकर अनरोध ककया कक इस फसल की जानकारी ककबनट क मकतयो को भी नही दी जाए राव न मनमोहन कसह की सलाह मान ली उस वति मनमोहन कसह न फसला ककया था कक मदरा का अवमलयन दो चरणो म ककया जाएगा 1 जलाई 1991 को रपए का अवमलयन कर कदया गया कवपकष समत तमाम वामपथी बकदधजीकवयो न इसका कवरोध ककया कागस क नताओ को भी इस फसल क बचाव म कदककत आ रही थी सीपीएम न उस वति इसको एक खतरनाक कदम बताया था लककन असली कहानी तो तब हई जब मनमोहन कसह न एक ही कदन बाद याकन तीन जलाई को रपए का और जयादा अवमलयन करन का फसला कलया दोनो कमलाकर य बीस

फीसदी तक पहच रहा था जब राव तक य बात पहची तो वो घबरा गए और उनहोन मनमोहन कसह स इसको रोकन का आदश कदया लककन तबतक दर हो चकी थी जब मनमोहन कसह न ररजवटि बक क कडपटी गवनटिर सी रगराजन को फोन कर इस आदश का एलान रोकन क कलए कहा तो उनका जवाब आया कक वो तो इस फसल को सावटिजकनक कर चक ह मनमोहन कसह सनन उनहोन राव को य बात बताई और कफर इसतीफ की पशकश की लककन राव न अपन कवतत मती का पकष कलया और उस फसल क साथ हो कलए य परा वाकया बतान का मतलब कसफटि इतना ह कक हमार दश म इस तरह क कराकतकारी आकथटिक फसल पहल भी गोपनीय तरीक कलए जात रह ह उसका उदशय भी तभी परा होगा जबकक इसको गोपनीय रखा जाएगा गोपनीयता बरत जान की कबनाह पर ककसी भी सरकार को घरना उकचत नही होता ह मौजदा कवतत मती अरण जटली न भी इस बात को माना ह कक इस फसल की जानकारी नीड ट नो बकसस पर उन सभी लोगो को थी कजनको होनी चाकहए थी परधानमती मोदी न तो चद घट पहल अपन ककबनट को इस फसल क बार म बता भी कदया था मनमोहन कसह न तो मदरा क अवमलयन क फसल क बार म ककसी को नही बताया था और अपन परधानमती क सामन य चाहत भी रखी थी कक ककबनट को इस फसल की जानकारी ना दी जाए कजसको राव न माना भी था अब अगर हम कवपकष क तकषो को दख तो वो बचकाना नजर आत ह इस तरह की खबर अवशय आ रही ह कक नोटबदी स जनता को कदककत हो रही ह लककन जनता इन कदककतो को सहन क कलए तयार ह और अब धीर-धीर कदककत कम हो रही ह अभी कबहार क दो शहरो क लोगो स बात हई ह तो वहा स य जानकारी कमल रही ह कक बको म कतार कम हो गई ह अब दसरी बात य उठाई जा रही ह कक इसस अथटिवयवसथा पर बरा असर पड़गा सभव ह कक बड़ अथटिशाकरियो क अपन तकटि हो लककन सरकार भी इस आसनन खतर स कनबटन को लकर सतकटि नजर आ रही ह जनवरी स माचटि की कतमाही म इसका असर कवकास दर पर पड़ सकता ह लककन उसक अगली कतमाही स हालात बहतर हो सकत ह अगर इस फसल स नकदी स होनवाला कारोबार बको क माधयम स होता ह तो गरीबो का भी भला होगा नकदी पर काम करनवाल फकटी मजदरो को माकलको को पीएफ और ईएसाई का लाभ दना होगा इसस मजदरो को भकवषय क कलए जमा राकश भी कमलगी और कचककतसा सकवधा का भी लाभ होगा

(लखक वररष पतकार ह य उनक कनजी कवचार ह)

गरीबो-िजदरो क ललए लाभकारी ह नोटबदीअनत मवजय

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हाल ही म पजाब की राजधानी चडीगढ़ म कनकाय चनावो क पररणाम आय इन चनावो म जनता न भाजपा को ऐकतहाकसक रप स कवजयी बनाया ह चडीगढ़ कनकाय क कल 26 वाडषो म

स 22 वाडषो म भाजपा न अपन उममीदवार उतार थ कजनम स 20 म उस जोरदार जीत हाकसल हई ह भाजपा की सहयोगी कशरोमकण अकाली दल को कसफटि एक सीट हाथ लगी वही कपछली बार क चनावो म ११ सीट जीतन वाली कागस को महज़ चार सीटो स सतोष करना पड़ा इसस पहल महाराषट और गजरात क कनकाय चनावो म भी भाजपा न बड़ी जीत हाकसल की थी लककन चडीगढ़ कनकाय चनावो की य जीत उन सबस भी अकधक शानदार रही ह साथ ही इन सब कनकाय चनावो स पहल मधय परदश असम अरणाचल परदश आकद राजयो म खाली हई लोकसभा और कवधानसभा सीटो पर भी उपचनाव हए थ उनम भी जयादातर सीटो पर भाजपा को जनता न कवजयी बनाया था यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सब चनावो की सबस कवशष बात य रही ह कक यह सब नोटबदी क उस कनणटिय क बाद हए ह कजसक कवरोध म परा का परा कवपकषी खमा एक सर म लामबद हआ पड़ा ह और कजसक कवरोध क नाम पर कवपकषी खम न ससद क शीतकालीन सत को अपन हगाम की भट चढ़ा कदया अब इन चनाव पररणामो क बाद कवपकष क कवरोध की कलई भी परी तरह स खल

चकी ह कक नोटबदी क कारण जनता की कजस ककथत पीड़ा और आकरोश का गान करत हए य भाजपा सरकार को कबना मतलब ही भरपर कोस रह ह वो जनता हर सतर पर चनाव म इनह लगातार खाररज़ और सतताधारी दल को सवीकार रही ह इसका एक अथटि यह भी ह कक जनता नोटबदी क कनणटिय स कबलकल भी नाराज़ नही ह बकलक इसका बमतलब कवरोध करन वालो स उस अकधक नाराजगी हो रही ह अब तकटि यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सबक बाद एक बार क कलय अगर मान ल कक इन कनकाय चनावो म नोटबदी कोई मदा नही रहा तो भी कवपकष की जो ददटिशा इनम हई ह वो कया कम हो जाती ह अचछी बात होगी कक कवपकषी खमा अब भी वासतकवकता को समझ कक सरकार क परकत अधकवरोधी रख और जनता की नबज़ को पकड़ पान म उसकी नाकामयाबी क कारण उसका जनाधार अब धीर-धीर समाप होता जा रहा ह यह कवपकष क कलय चतन का समय ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि)

चडीगढ़ रनकाय चनाि भाजपा की चली आधी जनता न मदखाया विपकषी दलो को आईना

पीयर मविवदी

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चार दशको क राजनीवतक सफर ि हर अिसर पर विफल रह ह िनिोहन ससिह

मशवाननद मविवदी

एक पतकार वाताटि (जनवरी 2014) म डॉ मनमोहन कसह न कहा था कक मरा मलयाकन इकतहास करगा इसम कोई शक नही कक चार दशक तक ककसी एक राजनीकतक दल क साथ परी

वफादारी और राजनीकतक कनषा स सरकार म शीषटि पदो पर काम करन वाल वयकति का मलयाकन होना सवाभाकवक ह इसम कोई शक नही कक सवतत भारत क इकतहास म डॉ मनमोहन कसह उन चद लोगो म स एक ह कजनह इकतहास न सवाटिकधक अवसर कदया ह कवमदरीकरण क मद पर जब डॉ मनमोहन कसह राजयसभा म क दर सरकार को घरत हए कागस का पकष रख रह थ तो म उनक भाषण को बहत धयान स सन रहा था कवमदरीकरण को लकर उनहोन एक वाकय कहा lsquoयह सगकठत लट हrsquo डॉ मनमोहन कसह न इसक तमाम नकसान कगनवाए उनक भाषण म कर कष की कचता थी जीडीपी की कचता थी गामीण सहकारी बको म होन वाली समसयाओ की कचता थी गरीबो की कचता थी और दरगामी पररणामो म लगन वाल वति की कचता थी साथ ही उनहोन कछ रचनातमक परसताव क साथ आन की सलाह दत हए सरकार की आलोचना भी की डॉ मनमोहन कसह आज उस मकाम पर ह कक जब वो सदन म बोल रह थ तो यह समझना मकशकल था कक राजयसभा क फलोर स एक पवटि आकथटिक सलाहकार बोल रहा ह या एक ररजवटि बक का पवटि गवनटिर बोल रहा ह यह समझ पाना कबलकल आसान नही था कक दश की जनता एक पवटि कवतत सकचव को सन रही ह अथवा पवटि कवतत मती को सन रही ह एक आम भरम लोगो म मन म जरर बठा होगा कक व एक पवटि परधानमती को सन रह ह अथवा एक कागस क सासद को सन रह ह लोग तो यह भी जानना चाहत होग कक राजयसभा स ककसी पाटटी का एक राजनता बोल रहा ह अथवा एक अथटिशारिी बोल रहा ह वो कया-कया रह ह ककस-ककस भकमका म रह ह वतटिमान म वो कया ह और ककस भकमका म ह उनका दाकयतव कया ह और उनकी जवाबदही कया ह इन सवालो स उनक समथटिक कचढ़त नजर आत ह डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन करन स पहल उनक सावटिजकनक दाकयतवो पर एक सककषप नजर अवशय डालनी चाकहए एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क

आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह भारत सरकार की वबसाईट (pmindiagovin) पर कदए पररचय को अगर सही मान तो वषटि 1957 म अथटिशारि म परासनातक की कडगी लन वाल डॉ मनमोहन कसह ऑकसफ़ोडटि कवकव क नकफलड कॉलज स डी कफल ह अपन कररयर की शरआत एक कशकषक क रप म करन वाल डॉ मनमोहन कसह 1971 म वाकणजय मतालय म आकथटिक सलाहकार की भकमका म आए महज एक साल म उनको कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार का दाकयतव कमल गया तब दश इकदरा गाधी की सरकार थी जब डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार थ तब परणब मखजटी भारत सरकार म मती बन चक थ यही वो दौर था जब बको का राषटीयकरण हो रहा था इस दौरान डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय क सकचव योजना आयोग क उपाधयकष और ररजवटि बक क मकखया भी रह ररजवटि बक का गवनटिर तो सभवत उनह कवतत मती रहत परणब मखजटी न ही बनाया था उनक दाकयतवो स यह अदाजा लगता ह आकथटिक मामलो म डॉ मनमोहन कसह इकदरा गाधी क अकत कवशासपात अथवा वफादार लोगो म स थ 1991-96 म डॉ मनमोहन कसह दश क कवततमती बन हालाकक कहा जाता ह कक कवततमती क तौर डॉ मनमोहन कसह ततकालीन परधानमती पीवी नरकसमहा राव की पहली पसद नही थ कफर 2004 म सपरग-1 म परधानमती बन और दस साल तक दश क परधानमती रह यहा पररचय दन का मकसद यह था कक एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह वषटि 2014 तक दश क 42 फीसद स जयादा आबादी की पहच बक तक नही थी याकन उनक पास बक खात तक नही थ आकखर डॉ मनमोहन कसह आकथटिक सलाहकार स लगाए चार दशक तक अथटिवयवसथा स जड़

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महतवपणटि पदो पर लगातार रहत हए परधानमती तक क ताकतवर पद तक पहचन क बावजद कयो य नही परा कर पाए बको क राषटीयकरण क दौरान ही सरकार म आकथटिक सलाहकार क तौर पर जड़न वाल डॉ मनमोहन कसह की कवफलता की कहानी यही ह कक चार दशक बाद 2004 म परधानमती बनन क बावजद वो इस दश की आम जनता को मखयधारा की बककग अथटिवयवसथा स जोड़ पान म नाकाम साकबत हए राजयसभा म बोलत हए डॉ मनमोहन कसह न जीडीपी कवकास दर म 2 फीसद की कगरावट का अदशा जताया लककन जीडीपी कवकास दर क सवाल पर वो यह बताना कयो नही मनाकसब समझ कक उनक दस साल क कायटिकाल म जीडीपी लगातार ककन वजहो स अकसथर रही थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क दौरान दश की जीडीपी कवकास दर लगभग 84 फीसद तक पहच गई थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क बाद डॉ मनमोहन कसह की ततकालीन गकठत सरकार को जीडीपी दर कवरासत स ठीक-ठाक कमली लककन डॉ मनमोहन कसह क नतरतव म दस साल सरकार चलन क बाद जब वषटि 2014 म एकबार कफर भाजपा-नीत सरकार नरदर मोदी क नतरतव म बनी तो डॉ मनमोहन कसह स मोदी को 474 (2013 की जीडीपी कवकास दर) फीसद जीडीपी कवकास दर कमली आज भारत की कवकास दर 73 फीसद क आसपास ह लककन मनमोहन कसह जीडीपी को लकर बहद कचकतत नजर आ रह ह यह कचता हासयासपद बवजह एव कनराशाजनक ह जब जीडीपी पर बात चल रही हो तो सवाल मोदी स नही डॉ मनमोहन कसह स होना चाकहए कक आज कजस जीडीपी का आप कहसाब और आकलन कर रह ह उस आप ढाई साल पहल परधानमती रहत छोड़कर ककस हाल म गए थ कागस न डॉ मनमोहन कसह को सारी आलोचनाओ स पर साकबत करन की अनक कोकशश की ह दश इस भरम म नही रहन वाला कक डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन एक अथटिशारिी क तौर पर कर अथवा एक परशासक परधानमती क तौर पर चकक दोनो ही मोचषो पर जब-जब डॉ मनमोहन कसह को

ताकतवर पद कमला ह व नाकाम साकबत हए ह बतौर परधानमती उनहोन एक भरष और लटतत वाली सरकार दी ह कजसक मकतयो को लट एव भरषाचार क गभीर आरोपो म जल तक जाना पड़ा ह डॉ मनमोहन कसह एक बहद कमजोर परशासक इसकलए भी ह कक कोयला मतालय उनक अतगटित रहत हए उसी कवभाग म हए घोटालो को रोक पान म व बरी तरह नाकाम साकबत हए आज राजयसभा स जब व lsquoसगकठत लटrsquo का जमला फ क रह थ तो यह इकतहास उनही को आईना कदखा रहा था एक और कबद ह कजसको लकर कागस उनका मकहमा मडन करती ह भारत म उदारीकरण क जनक क रप म कजस ढग स डॉ मनमोहन कसह की छकव को कागस पश करती ह वो महज एक छलावा ह उदारीकरण को लकर हम यह समझना होगा कक बतौर राजनीकतक दल कागस अथवा बतौर अथटिशारिी डॉ मनमोहन कसह म स कोई भी कभी उदारीकरण का कहमायती नही रहा ह उदारीकरण न तो कागस की नीकत रही ह और न ही डॉ मनमोहन कसह का कभी कवजन रहा ह भारत म उदारीकरण आकथटिक तगी की मज़बरी की दन स जयादा कछ भी नही ह आपक पास जब कछ नही बचा तो आप मज़बरी म उदारीकरण को सवीकार ककए जबकक इसक पहल कागस की आकथटिक नीकतयो म समाजवादी वयवसथा की परबलता थी पकडत दीन दयाल उपाधयाय अनक बार सावटिजकनक कषतो क कवसतार पर कागस की सरकारो की आलोचना करत रह थ अब मज़बरी म आए उदारीकरण को मनमोहन कसह की आकथटिक दरदकष क रप म पश करक कागस दश को गमराह नही कर सकती उदारीकरण दश म उतपनन कवकट पररकसथकतयो की दन थी न कक मनमोहन कसह क आकथटिक कवजन की डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन जब इकतहास करगा तो दो बात कनकल कर आएगी पहली बात कक चार दशक स जयादा एक ख़ास राजनीकतक परकषभकम म लगातार महतवपणटि एव कनणाटियक पदो पर रहन वाल भारत क चद लोगो म स एक डॉ मनमोहन कसह ह दसरी बात यह कनकल कर आएगी कक डॉ मनमोहन कसह अवसरो क नायक रह ह इनकी न अपनी कोई नीकत रही ह न कनणटिय रहा ह और न ही य ककसी बदलाव क मौकलक कनमाटिता रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम क सपयादक ह)

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लखक अकमष कतपाठी की तीन खणडो म कशव की एक कालपकनक कहानी ह जो सोमरस नामक अमरता दन वाल दरवय की कथा ह यह एक अमरत था परनत इस अमरत क दषपरभाव भी थ

कजसको वहा क राजा दकष परजा स छपा रह थ कजस तरह समदर मथन म अमरत क साथ कवष भी कनकला उसी तरह इस अमरत की कनमाटिण परककरया म इसक साथ-साथ कवष भी बनता था इस कहानी म जो सबस महतवपणटि ह वो यह कक शरआत म जो चीज समाज क कलए अमरत थी वही इसक जयादा उपयोग स धीर धीर सवतः कवष म पररवकतटित हो गयी ततकालीन सामाकजक वयवसथा म हर समसया का मल बन गयी और चकक इस सोमरस क परकत सवाथटि इतना गहरा हो चका था कक कबना इस परकतबकधत ककय कोई उपाय नही रहा धमटि यदध हआ और इस कवदा को उपनयास क अत म हमशा क कलए कछ अपवादो को छोड़कर ख़तम कर कदया गया अब इस कहानी को हम वतटिमान अथटिवयवसथा क पररपकय म दखत ह तो कया नकद हमारी अथटिवयवसथा का सोमरस ह कया सोमरस की तरह नकद भी धीर-धीर ककसी वयवसथा क कलए अकभशाप बन सकती ह कया नकद अपन सार फायद क बावजद इतना जहरीला हो सकता ह कक राषटीय अथटिवयवसथा खोखली होन लग इन सार परशो क मल म अगर हम इस वयवसथा क इकतहास म जाए तो पाएग कक भौकतक मदरा एक बहत ही परानी एव मधयकालीन परपरा ह व समय क साथ-साथ इस कफकजकल करसी क साथ-साथ अनक कवष-बल कलपट चक ह भौकतक मदरा क साथ जो सबस बड़ी समसया आज पश आ रही ह वो ह इसक परकत आशकति तथा कर चोरी हत सरकार की नज़र स इस छपा कर रखना इस कारण अथटिवयवसथा म उन कछप हए नोटो का क़ाननी हसतानतरण म परयोग बद हो जाता ह और य धन जस सरकार की नज़रो स गायब हो जात ह उस धन का परयोग होता ह पर वहा कजस धध को सरकार या समाज गर क़ाननी मानत ह और य छपा हआ धन अपनी एक खद की अथटिवयवसथा बना लती ह कजसका कवकास सवतः होन लगता ह यह सामानातर अथटिवयवसथा नकद पर कनभटिर हो जाती ह जहा न कोई टकस दना होता ह न ही समाज क परकत ककसी उततरदाकयतव को कनभाना होता ह आज हमार समाज म कजतनी भी कवसगकतया कदखाई दगी उनक जड़ म यही काला धन ह जो कक कछ नही बकलक सरकार की नज़र स छपाकर कलया गया नकद ह या उसक दारा खरीदी गयी पररसपकततया ह इसी कालधन रपी नकद की जड़ स समसत बराइयो को खराक कमलती ह

या उनकी अथटिवयवसथा चलायमान रहती ह चाह वो नशीली दवाओ का कारोबार हो आतकवाद की फकडग हो हवाला कारोबार हो चनावो म लग रहा धनबल हो चाइलड टकफककग हो या अनय अपराध हो या उनह करवान क कलए ककया जा रहा जाली नोटो का इसतमाल हो इन सबकी बकनयाद इसी नकदी पर कटकी होती ह कामरड सीताराम यचरी न अपन फसबक पोसट म कलखा ह कक यह काला धन भारत की अथटिवयवसथा का 06 ह एव इसका लगभग 0025 नकली नोट ह अब अगर हम भारत की कवशाल अथटिवयवसथा को दख तो य रकम बहत जयादा ह य वही सोमरस ह जो अब कवष बन चका ह एव कजसका उपयोग हमार समाज को कनरतर कमजोर कर रहा ह इस कवषबल को काटन का कोई भी साहसी फसला मकशकल हो सकता ह परनत गलत कभी नही इस नकद क लोभ म हर वयकति भल चका ह कक लकमी चचला ह य जब तक एक हाथ स दसर हाथ जाती रहती ह तभी तक आकथटिक कवकास होता ह एव इसी कवकास का एक कहससा कर क रप म समाज वयवसथा को जाता ह वतटिमान सरकार क 500 एव 1000 क बड़ नोटो जो कक बाज़ार म उपलबध नकद का 86 ह को वापस लन क फसल न उन सार नोटो को अपन मलय को बरक़रार रखन हत बको म आन को कववश कर कदया ह अब चाह काला हो या उजला अपन वजद क कलए उनह सरकार की नज़र म आना ही होगा वरना उस मलय क छप नोट को सरकार सवतः उपयोग म ला लगी बहत स परश उठ रह ह कक कया नए नोट स कफर स काला धन नही बनगा दरअसल सरकार न काल धन क कनमाटिण व परवाह को रोकन क कलए पहल स ही कई कदम उठाए ह और अब जब यह कनणटिय कलया गया ह तो इसक बाद कफर नया काला धन न पनप इसक कलए सरकार कनकचित तौर पर कछ न कछ तयारी करक ही चल रही होगी

बहरहाल एक बात तो कनकचित ह कक सरकार का यह कदम अब तक सगकहत कवषबल रपी नोटो को तो वयथटि कर ही दगा जब तक कक व एकबार वापस सरकार की आखो स न गजर और सरकार की नज़र हर उस वयकति पर होगी जो यह काम कर रहा ह आय क जात सोतो स जयादा लोग जमा करन स बचग कजस भी ककसी खात म असामानय गकतकवकध होगी वो पकड़ म आ जायग अब यह सवटिकवकदत ह कक कश वयवसथा परातन एव समाज की बदली आवशयकताओ को पणटि करन म अकषम हो चकी ह

नकदी क जाल स रनकलकर रडसजटल अरथवयिसा की तरफ बढ़न का सिय

आयर आनद

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अब बड़ लनदन कश म करना न सकवधाजनक ह न ही फायदमद तो अब समय आ गया ह कक हम इस कश क जाल म फसी अथटिवयवसथा को यहा स बाहर कनकाल यह कबलकल ही मफीद समय ह जब हम राजय क मौकदरक वचन को नोट क रप म मानन क बजाय कडकजटल एव पलाकसटक वचन को जयादा वजन द य न कवल यगानकल ह बकलक सलभ ससता एव कश क साइड इफ़कट स कबलकल मति ह ककसी भी कवकास कर रही अथटिवयवसथा को अनततोगतवा जाना वही ह हम भारत म कल कवततीय लनदन का लगभग 60 नकद म करत ह कजस हम घटा कर 20 क नीच लाना होगा अगर हम अपनी अथटिवयवसथा अनय राषटो की तलना म साफ़ सथरी एव मजबत बनाना चाहत ह अचछी बात य ह कक सरकार क परयास इसी कदशा म होत कदख रह ह आज वतटिमान समाज वयवसथा म सचना कराकत क कारण राजय की मौकदरक परकतजा अब कवल नोटो तक सीकमत नही ह यह एक आकड़ो का खल ह कक आपक खात म ककतना धन ह और वो वयकति क इचछानसार हसतानतरणीय हो गयी ह तो अब कबना मदरा क मतटि रप क भी मदरा वजद म ह एव करयशील

तथा अथटिवयवसथा को चलान म सकषम ह तो कयो न हम इस वयवसथा की ओर बढ़ आज जब लगभग हर वयकति मोबाइल उपयोग कर रहा ह डकबट काडटि सलभ हो चका ह छट पस अब सभी एटीएम स ही कनकाल रह ह तो कयो न उस वयवसथा को आग बढ़ाया जाय अगर आप ककसी भी दकानदार को पस ऑनलाइन टानसफर या काडटि स करत ह तो वो टकस कबलकल भी चोरी नही कर सकता आपका कोई भी पमट अगर कश ह तो सभावना ह की वो बलक बन जाय पर अगर यह बक ट बक अकाउट ट अकाउट ह तो यह हमशा सफ़द ही रहगा तो आइय य कबलकल सही समय ह जब हम नए नोटो की बजाय कबना नोटो की साफ़-सथरी अथटिवयवसथा को बढ़ावा द तथा जो इस स अछत ह उनह भी कडकजटल अथटिवयवसथा का अग बनाय हम इसक कलए अगशील होना कबलकल भी नही छोड़ सकत कक पीछ वाल बहत पीछ ह जररत ह उनह भी इस वयवसथा क अनकल सवदनशील तथा जागरक बनान की

(लखक िशिनलसट ऑिलयाइि म कॉपी एनडटि ह)

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8नवबर को रात आठ बज राषट क नाम सदश म परधानमती नरदर मोदी न पाच सौ और एक हजार क नोट बद होन का फसला सनाकर सबको चौका कदया था इस बात को अब बीस कदन स

जयादा हो गए ह लककन आज भी यह कवमशटि का सबस बड़ा मदा बना हआ ह हालाकक कवमदरीकरण क फसल क बाद स ही इसक पकष-कवपकष म बहस शर हो गयी जो अब भी चल रही ह ममता बनजटी की तरणमल कागस कजरीवाल की आम आदमी पाटटी मायावती की बहजन समाज पाटटी एव भारतीय राषटीय कागस सकहत तमाम राजनीकतक दलो न इसक कखलाफ मोचाटि खोल कदया ह दश की जनता बक की कतार म ह और दश क कवपकषी दल फसल क कवरोध म सरकार क सामन बक की कतारो स कनपटन की चनौती तो थी ही साथ म कवरोधी दलो क असहयोगातमक रख स कनपटन की चनौती भी बनी ह चकक ससद का सत भी शर हो गया ह कलहाजा कनतीश कमार को छोड़कर लगभग परा कवपकष ससद स सड़क तक इस फसल क कवरोध म आ गया ह सरकार का शर स दावा रहा कक दश की आम जनता उनक इस फसल क साथ ह वही कवरोध कर रह दलो का तकटि था कक वो जनता की परशाकनयो को दखत हए अपना कवरोध दजटि करा रह ह हालाकक सतता पकष और कवपकष दोनो ही जनता को अपन पाल म बतान का दावा जब कर रह हो तो यह समझ पाना बड़ा मकशकल हो जाता ह कक वाकई जनता ककसक साथ ह इस मामल म भी ऐसा ही हआ अलग-अलग माधयमो स सवव आकद शर हो गए मीकडया चनलो क लोकल सतर क लाइव चचाटि आकद स भी इस फसल पर जनता का कमजाज टटोलन की कवायद तज होन लगी परधानमती नरदर मोदी न अपन सतर पर भी एक ऑनलाइन सवव कराया कजसम उनको इस फसल पर भारी समथटिन कमला हालाकक कवरोध कर रह कछ दलो को इस बात का भान जरर हआ कक जनता इस मद पर उनक साथ नही ह कलहाजा उनहोन 28 नवबर को lsquoभारत बदrsquo करन का अपना कनणटिय वापस ल कलया इसी बीच एक अगजी समाचार पत का सवव आया कजसम बहमत को सरकार क इस फसल क कखलाफ बताया गया अब बड़ा सवाल यह था कक कया सच मान या कया झठ मान लोकतत म ककसी भी राजनीकतक दल की जनता क बीच हकसयत मापन का सबस वयापक और सबस बड़ा सवव चनाव ही होता ह कवमदरीकरण क मद पर जब दश म lsquoहा-नाrsquo की बहस चल रही थी इस दरमयान तीन

महतवपणटि चनाव सपनन हए पहला लोकसभा और कवधानसभा की खाली हई सीटो पर उपचनाव दसरा महाराषट क कनकायो क चनाव और तीसरा गजरात क सथानीय कनकायो क चनाव यह तीनो चनाव कवमदरीकरण क फसल क बाद हए मतसखया क आधार पर अगर दख तो ककसी भी बड़-बड़ सवव म कजतना समपल कलया जाता ह उसस सकड़ो-हजारो गना जयादा लोग इन चनावो म परतयकष कहससा कलए ह लोकसभा और कवधानसभा क उपचनावो म भाजपा अपनी सभी सीट न कसफटि सरककषत रखन म कामयाब हई बकलक कतपरा और पकचिम बगाल म कपछल चनाव की तलना म भाजपा क वोट परकतशत म भारी इजाफा भी हआ इसक बाद 28 नवबर को महाराषट क कनकाय चनावो क पररणाम आए कजसम भाजपा को भारी बढ़त कमली ह चकक वषटि 2011 क चनाव म भाजपा कनकायो म तीसर नमबर की पाटटी होती थी लककन इन पररणामो क बाद भाजपा सबस बड़ी पाटटी बनकर उभरी ह यहा तक कक कशवसना क साथ गठबधन होन क बावजद भाजपा कशवसना स जयादा सीट जीत गयी ह नगर पचायतो क कलए हए चनावो म भाजपा को 851 सीट कमली ह जो 2011 म मात 396 थी कल 147 सीटो पर हए मयकनकसपल काउकसल क कलए परतयकष मतदान म भाजपा को अकल 52 सीटो पर जीत कमली ह कपछल चनावो म इन कनकायो पर राषटवादी कागस पाटटी का कबजा था जो कक अब उसक हाथ स जा चका ह इसक अलावा सोलापर जस सीटो जहा भाजपा कभी नही आई थी पर भी इसबार भाजपा जीतन म कामयाब रही महाराषट क सथानीय चनावो क पररणामो को इस कलहाज स भी महतवपणटि माना जा रहा ह कयोकक तमाम दल एव बकदधजीवी इस कमनी कवधानसभा चनाव भी कहत ह यह अलग बात ह कक भाजपा को कमली बड़ी जीत क बाद इसपर हमार तथाककथत बकदधजीवी वगटि न सननाटा साध कलया ह और ऐसा जताना चाह रह ह कक य चनाव महतवपणटि ह ही नही लककन वही अगर पररणाम भाजपा क परकतकल होत तो यही बकदधजीवी इस दवनदर फडनवीस नही बकलक नरदर मोदी की हार बतात हए नही थकत खर कवमदरीकरण क बाद नरदर मोदी क अपन राजय गजरात म भी कनकाय चनाव हए गजरात पर सबकी नजर इसकलए थी कयोकक वहा हाल म ही सतता म उथल-पथल क अलावा सरकार क कखलाफ पटल आनदोलन हआ था ऊना काणड क बाद दकलतो क नाम पर माहौल बनान की कोकशश दश क उन राजनीकतक दलो न भी कम नही की कजनकी गजरात म वतटिमान

रनकाय चनाि नोटबदी क रनरथय परजनता की िहर

मशवाननद मविवदी

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की राजनीकतक हकसयत कछ भी नही ह लककन गजरात क चनाव पररणामो न तो कागस का सपड़ा ही साफ़ कर कदया पररणामो क मताकबक़ गजरात क वापी नगरपाकलका की 44 सीटो म भाजपा न 41 सीटो पर जीत दजटि की ह वही कागस को यहा महज 3 सीटो पर सतोष करना पड़ा ह सरत क कनकपर-कनसाड़ की 28 म स 27 सीटो पर भाजपा को जीत कमली ह वही कछ कजला तालका पचायत क उपचनावो म भाजपा को 23 और कागस को महज 8 सीट कमली ह गजरात पर सबकी नजर इसकलए भी बनी हई थी कयोकक गजरात स नरदर मोदी क आन क बाद वहा महज ढाई साल म एक मखयमती को बदलना पड़ा था इसी दरमयान वहा पटल आनदोलन को भी कदलली की मोदी-कवरोधी ताकतो क सहयोग स हवा दन का काम ककया गया ऊना म दकलत कपटाई मामल क बाद भी कदलली की राजनीकत क कसयासतदानो की कगदध कनगाह गजरात म लगी रही लककन इन चनावो को अगर जनता का सबस बड़ा और सबस कवशदध सवव मान तो यह सवव मोदी क पकष म जाता ह यह इसकलए जयादा महतवपणटि ह कयोकक हाल म ही कवपकषी खमा कवमदरीकरण क मद पर जनता की परशाकनयो का हवाला दकर असहयोग की कसथकत उतपनन कर रहा ह

इन चनावो को जनता की बीच स आया आम सवव मानकर भी अगर कवरोधी खमा कवमदरीकरण क बजा कवरोध स नही कडगा और जनता क कध पर बदक रखकर सरकार को घरता रहा तो यह मोदी क कलए तो नही लककन उनक खद क कलए जयादा घातक होगा कवरोध सकारातमक होना चाकहए वचाररक होना चाकहए न कक कसफटि इसकलए कवरोध करो कयोकक आपको मोदी का कवरोध करना ह इन चनावो क पररणामो पर एक लाइन म कटपपणी कर तो यही कहग कक जनता न मोदी क कनणटिय पर अपनी सहमकत का महर लगाया ही ह कवरोकधयो को आईना भी कदखा कदया ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनदशि म रिसचच फलो एव िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम म समपयादक ह)

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वस तो हर चनाव का मदा और कलवर अलग होता ह उसम भी सथानीय कनकाय और नगर पचायत चनावो का मदा पणटितया सथानीय होता ह परत कपछल कदनो महाराषट और गजरात म

कनकाय चनाव का आयोजन कवमदरीकरण क साए म हआ जहा पर अनय सथानीय मदो क अलावा कवमदरीकरण चनाव म बड़ा मदा था और हर पाटटी इस मद को भनान म लगी थी इस चनाव म भाजपा न भारी जीत दजटि की कजस परधानमती मोदी दारा कलधन क कखलाफ उठाए गए कदम पर जनता की महर माना जा सकता ह सभी कवपकषी पाकटटिया कवमदरीकरण क कारण जनता की परशानी का हवाला दत हए ससद क शीतकालीन सत को लगभग-लगभग हगाम की भट चढ़ा चकी ह वही जनता जनादटिन न कनकाय चनावो म भाजपा की जीत कदलाकर इस फसल पर महर लगान का सदश कदया ह कवपकषी पाकटटियो की दलील थी कक गामीण भारत सबस जयादा कवमदरीकरण की मार झल रहा ह इसकलए वह कवमदरीकरण का कवरोध कर रह ह लककन इन सथानीय कनकाय चनावो म जनता न सततारढ़ भाजपा क पकष म अपनी महर लगाई ह कजसन नोटबदी को लकर सरकार स जनता की नाराजगी जसी कवपकष की सभी दलीलो की पोल खोल दी ह सपष हो गया कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह ऐस म परतीत तो य हो रहा कक कवपककषयो कचता जनता की नही खद क काल धन की ह जो कक नोटबदी क बाद महज कागज बन कर रह गया इसी करम म अगर इन चनावो क पररणामो पर नजर दौड़ाए तो साफ-साफ पता चलता ह कक जनता न परधानमती मोदी क साथ जाना पसद ककया ह जबकक कवपकषी पाकटटियो क सार आरोप और लामबदी हवा हो गए गजरात की दो नगरपाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली कवपकषी दल कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म महज एक सीट स सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न आठ सीट फतह की जात हो कक कपछल साल समपनन हए सथानीय चनाव म कागस न अपन परदशटिन म कछ सधार ककया था कजस उसन परधानमती योजनाओ की हार क तौर पर परदकशटित ककया था लककन अब इस कनकाय चनाव म जब कागस का सपड़ा साफ़ हो गया तो उसक पास बोलन क कलए कछ नही बचा ह बीत दो दशक स सतता स बाहर कागस की कसथकत कदन-परकतकदन

खराब होती जा रही ह परत वह ह कक मानन को तयार नही गजरात क अलावा महाराषट क सथानीय चनावो म भी करारी हार का सामना करना पड़ा महाराष ट म 147 नगर पररषद म स अकल भाजपा को 52 सीट सहयोगी कशवसना जो कक इस चनाव म भी बागी तवर अपनाए हए थी उस भी महज़ 23 सीट हाथ लगी कागस को 19 और एनसीपी को 16 पर जीत कमली ह अन य उम मीदवारो क खात म 28 सीट गइटि ह वही 17 नगर पचायतो क 3510 सदस यो क कलए हए चनाव म सत ताधारी भाजपा को 851 सीट कमली ह कागस क खात म 643 एनसीपी को 638 और कशवसना को 514 मनस को 16 सीपीएम को 12 बसपा को 9 कनदटिलीयो को 324 स थानीय गठबधनो को 384 और बाककयो को 119 सीटो पर जीत कमली ह सपष ह कक यहा भी भाजपा हर तरह स सबस आग ह इस जीत को भी कवमदरीकरण क फसल पर जनता की महर और राजय क मकखया दवदर फडणकवस क कवकास परायोकजत कामकाज पर जनता की सहमकत कहना गलत नही होगा इन सब चीजो स कवपकषी दल दरअसल बौखलाए हए ह उनह कछ सझ नही रहा ह कक वह कर तो कया कर अब इस पर कवपककषयो का तकटि य ह कक इन चनावो म नोटबदी कोई मदा नही था मसला हार-जीत का नही ह मसला ह तो कवपकष क दोमह चररत का जब कवपकष का सफाया हो जाय तो मद सथानीय थ पर वही अगर सततारढ़ पाटटी हार जाए तो उस पाटटी की हार ह उसक योजनाओ की हार ह दखन वाली बात यह ह कक हर ककसी को पता ह कक सथानीय कनकाय क चनावो म जीत क कारण अलग होत ह लककन जब हारन पर भाजपा क मतथ नोटबदी मढ़ दी जाती तो जीतन पर शय कयो नही और वस भी कवमदरीकरण तो समग राषट को परभाकवत करन वाला मदा ह कफर कनकचित तौर पर इन चनावो म भी इसका परभाव रहा ही होगा उललखनीय होगा कक अभी नोटबदी क बाद ही हए एपीएमसी क चनावो म भाजपा का परदशटिन बहत अचछा नही रहा था तो उस वति इन कवरोधी दलो न कहा था कक नोटबदी क कारण हार हई ह जबकक अब कनकाय चनावो म इनक कहसाब स नोटबदी कोई मदा ही नही ह य कसफटि और कसफटि इनक दोमहपन को कदखाता ह कहना गलत नही होगा कक कजतना तमाशा लोकतनत का वतटिमान कवपकषी पाकटटिया कर रही ह उस दश कभी नही माफ करगा नोटबनदी का कवरोध कवपकष दारा महज़ खद को सककरय कदखान की एक नाकाम और नकारातमक कोकशश ह उसस जयादा कछ नही चनाव क पररणाम बतात ह कक परधानमती मोदी कदन-परकतकदन मजबत होत जा रह ह यह भी तय माकनए कक कजतना कवरोध परधानमती का होगा उतना ही वह मजबत होकर बाहर आएग

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

रनकाय चनािो ि भाजपा की इस बमपर जीत क बाद तो नोटबदी क विरोध की राजनीवत बद कर विपकषी

कशव झा

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कदर सरकार दारा पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन क फसल क बाद स ही मोदी-कवरोधी एक राजनीकतक जमात म भचाल की कसथकत ह इस साहकसक एव ऐकतहाकसक कनणटिय क

दरगामी नफा-नकसान पर बहस करन की बजाय कछ राजनीकतक जमात क लोग बको की कतारो पर बहस करना चाहत ह चकक इस कनणटिय को लकर आम जनता क मन म एकतरफा समथटिन का भाव खलकर कदख रहा ह कलहाजा कछ राजनीकतक खमो क लोग इसपर चचाटि करन स भागत नजर आ रह ह दश का आम जन अपनी कछ कदनो की परशाकनयो को दरककनार कर इस ऐकतहाकसक कनणटिय को सवीकार कर चका ह लककन बड़ा सवाल यह ह कक वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को सवीकार करन स कतरा रह ह वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को वापस लन क कलए असफल रकलया कर रह ह वो कौन लोग ह जो महगी गाकड़यो और एसपीजी सरकषा म जाकर दो घट म अपना चार हजार रपया कनकालन क बावजद झठ बोल रह ह कक पसा नही कमल रहा एक सवाल यह भी ह कक य लोग ऐसा कयो कर रह ह इस सवाल पर पड़ताल करन स पहल जरा lsquoकतारrsquo पर बहस कर ल राहल गाधी अपना चार हजार तो दो घट म कनकाल कलए लककन लोगो को गमराह कर रह ह कक पसा नही कनकल रहा ह दरअसल यह उनकी नीयत म खोट को दशाटिता ह अगर व ईमानदारी कदखात तो सबक सामन सवीकार करत कक ldquoहा म कतार म लगा था और मझ मरा पसा कमला लककन नही उनकी जबान तो कछ और बोल रही ह दरअसल राहल गाधी को यह बात बखबी पता होनी चाकहए कक इस दश की आम जनता को lsquoकतारोrsquo स कभी समसया नही रही ह सततर साल की सरकारो कजसम लगभग साठ साल कागस ही सतता म रही ह न इस दश की आम जनता को कतार म खड़ रहन की आदत डाल दी ह यह वही जनता ह जो कभी कसलडर गस तो कभी यररया तो कभी रल कटकट क कलए आय कदन कतारो म नजर आती रही ह इसकलए इस जनता को अब कतारो का भय न कदखाइए इस दश म सततर वषषो म जो लबी कतार आपन खड़ी की ह अब नोटबदी क इस फसल न उस कतार को तोड़ कदया ह यह वह कतार बन रही ह कजसम दश का आम जन खड़ा होकर कबना ककसी डर क भय क अपन हक़ क कलए और दश क भकवषय क कनमाटिण क कलए खड़ा होन को तयार ह यह कतार ईमानदारो की कतार ह परधानमती मोदी न जो यह कतार बनाई ह इस कतार म ककसी भरष बईमान और चोरी स काली कमाई करन वाल की कहममत नही हो पा रही कक वो खलकर खड़ा हो सक कलहाजा यह ईमानदारी का उतसव मना रह दश की ईमानदार जनता की कतार ह भरषाचार क कखलाफ चल रही इस लड़ाई का लगातार कवरोध कर रह कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल की अपनी कोई कवशसनीयता नही रही ह व खद कभी लाल यादव तो कभी ककसी और क समथटिन म खड़ होकर

अपनी साख पर बटा लगा चक ह लककन अब जब दश की आम जनता क साथ कालाधन और भरषाचार क कखलाफ चल रही इस कनणाटियक लड़ाई का समय आया तो व बगाल की मखयमती ममता बनजटी क साथ कमलकर इसका कवरोध करत नजर आ रह ह वस तो कबना ककसी सबत और बकनयाद क ककसी पर भी आरोप लगान क रोग स गकसत कदलली क मखयमती अनक बार सबत न द पान की वजह स अपनी फजीहत भी करा चक ह लककन आज एकबार कफर व कबना ककसी सबत क मनगढ़त बात कर रह ह कदलली की जनता क मन म यह सवाल बजा नही उठ रहा ह कक ममता बनजटी और कदलली क मखयमती क बीच ककस मद पर सहमकत बनी ह ममता बनजटी मायावती सकहत कछ लोग पहल कदन स भरषाचार क कखलाफ इस कनणाटियक लड़ाई म भरष लोगो क साथ खड़ ह लककन कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल आकखर कयो इनक साथ खड़ ह मोदी क इस फसल स आतकवाकदयो को फकडग करन वालो माओवाकदयो को ससाधन महया करान वालो तसकरो अपराकधयो भरषाचार करन वालो की पीड़ा तो जायज ह लककन इन चद नताओ की इस फसल क कखलाफ एकजटता भी कम शक नही पदा करती ह ऐस म बड़ा सवाल जनता क जहन म ह कक जब पजाब म चनाव होन ह तो कया आम आदमी पाटटी को चनाव म इसतमाल करन क कलए जटाए गए धन क रदी हो जान की कचता सता रही ह यह सबको पता ह कक पारदकशटिता की बात करन वाली आम आदमी पाटटी काफी समय स अपन आय और वयय का बयोरा सावटिजकनक नही कर रही ह खर कतार लबी जरर ह लककन बदोबसत ऐसा ह कक उस कतार म कोई बईमान और भरष जयादा दर कटक नही पाएगा यह वो कतार ह कजसन दश की आम और ईमानदार जनता को बईमानो क सामन गौरवाकनवत होन का अवसर कदया ह यह वह कतार ह जहा जान भर स न जान ककतन बईमान खौफ खा रह ह नोटबदी क कखलाफ उठन वाली हर आवाज इस दश म ईमानदारी की बन रही इस ऐकतहाकसक कतार क कखलाफ एक साकजश की तरह ह आज या तो आप इस कतार क साथ ह या आप भरष और बईमानी स धन अकजटित करन वालो क साथ ह वस भी मोदी की अचछी बात यह ह कक वो परमाणपत दन वालो की परवाह ककए कबना जनकहत म दशको स काम करत हए यहा तक पहच ह कजनका डब रहा ह व बौखला रह ह आम लोग थोड़ी परशाकनयो क बावजद इस महीम क साथ कतारबदध होकर खड़ ह यही वजह ह कक लाख कोकशशो क बावजद नोटबदी क कखलाफ की जा रही कछ रकलयो म मोदी-मोदी क नार लग रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनडशि म रिसचच फलो ह एव िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खबरदार यह ईिानदारो की कतार ह बईिान दर रहमशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवबर की शाम को परधानमती मोदी क राषट क नाम सबोधन म नोटबदी क ऐकतहाकसक फसल क ऐलान स दश भर म हलचल मच गयी परधानमती नरदर मोदी न जब दश भर म 500 और 1000

क नोटो पर परकतबध की घोषणा की तो काल धन की फसल उगाकर रखन वालो पर जस ओलो की बरसात हो गयी जनता की खन-पसीन की कमाई को अवध और अनकतक रप स जमा करक बठ ऐस लोग अब मार-मार कफर रह ह और तरह तरह स आम जनता का हवाला दकर अपना उलल सीधा करन की कोकशश म लग ह 500 और 1000 क नोटो पर परकतबध क कनणटिय की न कवल तकलीफ झलन क बावजद जनता सराहना कर रही ह बकलक इस कनणटिय म सरकार को परा सहयोग भी द रही ह मगर कवपककषयो का रख इस पर भी हासयासपद रहा ह कागस आप सपा बसपा तरणमल कागस आकद तमाम दलो क परमख नताओ न इस कनणटिय को लकर मोदी सरकार पर अताककटि क ढग स सवाल उठान की कोकशश की ह ऐस म सवाल यह उठता ह कक आकखर इस नोटबदी क कनणटिय स य कवपकषी दल इतनी पीड़ा म कयो ह कनससदह इन कवपकषी दलो का ऐसा आचरण जनता की नज़रो म उनकी सकदगध छकव ही परसतत कर रहा ह कदलली मबई समत दश क अनय राजयो म पड़ रह आयकर कवभाग क छाप यह सपष करत ह कक दश की जनता का पसा ककस तरह कछ लोगो की झोली भर रहा था काल धन की धर-पकड़ पर इस परकतबध का जोरदार असर दखन को कमल सकता ह सबस पहल तो य 440 वॉलट का झटका उन क कलए ह जो कबसतर पर करोड़ो नोट कबछा कर सोन क आदी हो चक ह जाकहर ह इसस उनकी रातो की नीद हराम हो चकी होगी दसरी बात यह कक अकसमात हए इस परकतबध न काला धन धारको को ज़रा भी सजग होन का मौका ही नही कदया इसकलए अब उनक पास कसवाय अपनी सपकतत को सावटिजकनक करन अथवा नष करन क कोई और चारा नही बचा ह तभी तो दश क कवकभनन कहससो म भारी सखया म कही पाच सौ और हजार क नोट कड़ क ढर पर फ क कमल रह तो कही जलत पाए जा रह य कदखाता ह कक नोटबदी क इस कनणटिय क बाद काला धन धारको म ककस कदर हडकप मचा हआ ह तीसरी बात कक बाज़ार म इन कदनो जो नकली नोटो का बोलबाला था इस कनणटिय न उस गोरखधध को भी नसतनाबद कर कदया ह साथ ही भारत को नकसान पहचान क कलए बागलादश और पाककसतान जस मलको स जो नकली नोटो का भणडार यहा आता था वह भी अब ककसी काम का नही रहा इस कनणटिय स न कवल दरगामी तौर पर अथटिवयवसथा को मजबती कमलगी बकलक काल धन की जबती क बाद महगाई पर भी अकश लगगा दश की मदरा भी मजबत होगी और कवकास दर म भी वरकदध होन की सभावना ह

नोटबदी न दश म एक जागरकता फलान का भी काम ककया ह और लोगो क बीच इस धारणा को मजबत ककया ह कक बात अगर दश की भलाई हो तो परा दश एक सत म कपरोय धाग समान हो सकता ह जाकहर ह इस पर परश उठान वाल लोग जो कसफटि सकखटिया बटोरन क बलबत अपन राजनकतक वजद को बचाए रखत ह उनको यह कदखाई दना मकशकल ह कक दश की जनता सरकार क इस साहकसक कनणटिय स परशान नही ह बकलक सहयोग क साथ अपना योगदान दन क कलए सककलपत भी ह लोगो को भड़काकर उनम फट डालकर शासन करन की नीकत औपकनवकशक काल की थी मगर यह दभाटिगयपणटि ह कक सवय को दशभति क ताज स नवाजन वाल तमाम कवपकषी नता भी आजकल इन हथकडो का उपयोग करन स बाज नही आ रहइस कनणटिय क बाद उन लोगो को कोई कवशष समसया नही ह कजनक खात म उनकी जायज कमाई का पसा ह जबकक तमाम ऐस लोग कजनहोन गलत ढग स धनाजटिन ककया ह अनदर ही अदर डर-सहम बठ होग उनकी अकत सपकतत वयथटि हई पड़ी ह और उस पनः उपयोगी बनान क कलए अगर व बक जात ह तो काली कमाई की कलई खलना लगभग तय ह कतसपर आय कर और दो सौ परकतशत जमाटिन का डडा तो पड़ना ही ह एक बात य भी ह कक जो जनधन बक खात कपछल 6 महीन स कनकषकरय पड़ हो अगर आज अचानक उनम लाख-दो लाख रपय का हसतातरण होता ह तो य भी एक सदहजनक गकतकवकध ह कजसपर बक अपनी पनी नज़र बनाय हए ह और कजसक चलत आयकर कवभाग भी चसती स काम करत नज़र आया दश म मखय अथटिवयवसथा और समानातर अथटिवयवसथा को एक ही धारा म लान म भी यह एक बड़ा कदम ह इस कनणटिय क जररय कशलस इकॉनोमी को बढ़ावा कमलन का भी अनमान ह कजस उस वक़त लाग ककया गया जब दश म सकवधाजनक कश टासकशन की कमी ह कशलस टासकशन स आकथटिक पकष मजबत करन म हम सहायता कमलगी साथ ही कर दाताओ को भी इसम सहकलयत होगी कशलस टाजकशन वो चीज ह जो कजतना अकधक बढ़गा दश स भरषाचार की सभावना उतनी ही कम होगी काल धन को सजोन की कोकशश तो अब भी जारी ह हाथ पर तो अब भी मार जा रह ह कफर वह चाह रलव कटकट करवा कर ककया जाय अथवा ककसान करकडट काडटि का इसतमाल करक लककन इन सब गकतकवकधयो पर सरकार की परी नज़र ह सरकार न य कनणटिय कनकचित तौर पर इन सब पहलओ पर कवचार-कवमशटि करक ही कलया होगा अतः काला धन धारको का सरकार को चकमा दकर कनकलना मकशकल ह और कहना गलत नही होगा कक lsquoअबकी बार उनह मोदी सरकार क सामन डालन होग हकथयारrsquo

(लनखकया पतरकयारितया की छयातरया ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी आि जन कर रह सरकार का सिरथनकाला धन धारको ि िचा हड़कप

कमनषका मतवारी

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जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

23

एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 10: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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हाल ही म पजाब की राजधानी चडीगढ़ म कनकाय चनावो क पररणाम आय इन चनावो म जनता न भाजपा को ऐकतहाकसक रप स कवजयी बनाया ह चडीगढ़ कनकाय क कल 26 वाडषो म

स 22 वाडषो म भाजपा न अपन उममीदवार उतार थ कजनम स 20 म उस जोरदार जीत हाकसल हई ह भाजपा की सहयोगी कशरोमकण अकाली दल को कसफटि एक सीट हाथ लगी वही कपछली बार क चनावो म ११ सीट जीतन वाली कागस को महज़ चार सीटो स सतोष करना पड़ा इसस पहल महाराषट और गजरात क कनकाय चनावो म भी भाजपा न बड़ी जीत हाकसल की थी लककन चडीगढ़ कनकाय चनावो की य जीत उन सबस भी अकधक शानदार रही ह साथ ही इन सब कनकाय चनावो स पहल मधय परदश असम अरणाचल परदश आकद राजयो म खाली हई लोकसभा और कवधानसभा सीटो पर भी उपचनाव हए थ उनम भी जयादातर सीटो पर भाजपा को जनता न कवजयी बनाया था यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सब चनावो की सबस कवशष बात य रही ह कक यह सब नोटबदी क उस कनणटिय क बाद हए ह कजसक कवरोध म परा का परा कवपकषी खमा एक सर म लामबद हआ पड़ा ह और कजसक कवरोध क नाम पर कवपकषी खम न ससद क शीतकालीन सत को अपन हगाम की भट चढ़ा कदया अब इन चनाव पररणामो क बाद कवपकष क कवरोध की कलई भी परी तरह स खल

चकी ह कक नोटबदी क कारण जनता की कजस ककथत पीड़ा और आकरोश का गान करत हए य भाजपा सरकार को कबना मतलब ही भरपर कोस रह ह वो जनता हर सतर पर चनाव म इनह लगातार खाररज़ और सतताधारी दल को सवीकार रही ह इसका एक अथटि यह भी ह कक जनता नोटबदी क कनणटिय स कबलकल भी नाराज़ नही ह बकलक इसका बमतलब कवरोध करन वालो स उस अकधक नाराजगी हो रही ह अब तकटि यह कदया जा रहा ह कक कनकाय चनाव राषटीय मदो पर नही होत इसकलय उनम नोटबदी कोई मदा ही नही था य बात एक हद तक सही ह कक कनकाय चनाव सथानीय मदो पर आधाररत होत ह लककन नोटबदी दशवयापी मदा ह और इसस इन चनावसपनन कनकायो की जनता भी परभाकवत हई ह अब अगर उस जनता क मन म नोटबदी क परकत जरा-सा भी आकरोश होता या इस कनणटिय को वो गलत मानती तो हाल क सभी कनकाय चनावो म भाजपा को बमपर रप स कवजयी बनान का काम कयो करती अगर जनता को लगता कक नोटबदी पर कवपकष का कवरोध ताककटि क और उकचत ह तो वो कवपकषी दलो को इन कनकायो म तवजजो कयो नही दती सीधा कनषकषटि ह कक इन चनावो म नोटबदी मदा रहा ह और कही न कही भाजपा की बमपर जीत को सकनकचित करन म इसका महतवपणटि योगदान भी रहा ह इन सबक बाद एक बार क कलय अगर मान ल कक इन कनकाय चनावो म नोटबदी कोई मदा नही रहा तो भी कवपकष की जो ददटिशा इनम हई ह वो कया कम हो जाती ह अचछी बात होगी कक कवपकषी खमा अब भी वासतकवकता को समझ कक सरकार क परकत अधकवरोधी रख और जनता की नबज़ को पकड़ पान म उसकी नाकामयाबी क कारण उसका जनाधार अब धीर-धीर समाप होता जा रहा ह यह कवपकष क कलय चतन का समय ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि)

चडीगढ़ रनकाय चनाि भाजपा की चली आधी जनता न मदखाया विपकषी दलो को आईना

पीयर मविवदी

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चार दशको क राजनीवतक सफर ि हर अिसर पर विफल रह ह िनिोहन ससिह

मशवाननद मविवदी

एक पतकार वाताटि (जनवरी 2014) म डॉ मनमोहन कसह न कहा था कक मरा मलयाकन इकतहास करगा इसम कोई शक नही कक चार दशक तक ककसी एक राजनीकतक दल क साथ परी

वफादारी और राजनीकतक कनषा स सरकार म शीषटि पदो पर काम करन वाल वयकति का मलयाकन होना सवाभाकवक ह इसम कोई शक नही कक सवतत भारत क इकतहास म डॉ मनमोहन कसह उन चद लोगो म स एक ह कजनह इकतहास न सवाटिकधक अवसर कदया ह कवमदरीकरण क मद पर जब डॉ मनमोहन कसह राजयसभा म क दर सरकार को घरत हए कागस का पकष रख रह थ तो म उनक भाषण को बहत धयान स सन रहा था कवमदरीकरण को लकर उनहोन एक वाकय कहा lsquoयह सगकठत लट हrsquo डॉ मनमोहन कसह न इसक तमाम नकसान कगनवाए उनक भाषण म कर कष की कचता थी जीडीपी की कचता थी गामीण सहकारी बको म होन वाली समसयाओ की कचता थी गरीबो की कचता थी और दरगामी पररणामो म लगन वाल वति की कचता थी साथ ही उनहोन कछ रचनातमक परसताव क साथ आन की सलाह दत हए सरकार की आलोचना भी की डॉ मनमोहन कसह आज उस मकाम पर ह कक जब वो सदन म बोल रह थ तो यह समझना मकशकल था कक राजयसभा क फलोर स एक पवटि आकथटिक सलाहकार बोल रहा ह या एक ररजवटि बक का पवटि गवनटिर बोल रहा ह यह समझ पाना कबलकल आसान नही था कक दश की जनता एक पवटि कवतत सकचव को सन रही ह अथवा पवटि कवतत मती को सन रही ह एक आम भरम लोगो म मन म जरर बठा होगा कक व एक पवटि परधानमती को सन रह ह अथवा एक कागस क सासद को सन रह ह लोग तो यह भी जानना चाहत होग कक राजयसभा स ककसी पाटटी का एक राजनता बोल रहा ह अथवा एक अथटिशारिी बोल रहा ह वो कया-कया रह ह ककस-ककस भकमका म रह ह वतटिमान म वो कया ह और ककस भकमका म ह उनका दाकयतव कया ह और उनकी जवाबदही कया ह इन सवालो स उनक समथटिक कचढ़त नजर आत ह डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन करन स पहल उनक सावटिजकनक दाकयतवो पर एक सककषप नजर अवशय डालनी चाकहए एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क

आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह भारत सरकार की वबसाईट (pmindiagovin) पर कदए पररचय को अगर सही मान तो वषटि 1957 म अथटिशारि म परासनातक की कडगी लन वाल डॉ मनमोहन कसह ऑकसफ़ोडटि कवकव क नकफलड कॉलज स डी कफल ह अपन कररयर की शरआत एक कशकषक क रप म करन वाल डॉ मनमोहन कसह 1971 म वाकणजय मतालय म आकथटिक सलाहकार की भकमका म आए महज एक साल म उनको कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार का दाकयतव कमल गया तब दश इकदरा गाधी की सरकार थी जब डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार थ तब परणब मखजटी भारत सरकार म मती बन चक थ यही वो दौर था जब बको का राषटीयकरण हो रहा था इस दौरान डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय क सकचव योजना आयोग क उपाधयकष और ररजवटि बक क मकखया भी रह ररजवटि बक का गवनटिर तो सभवत उनह कवतत मती रहत परणब मखजटी न ही बनाया था उनक दाकयतवो स यह अदाजा लगता ह आकथटिक मामलो म डॉ मनमोहन कसह इकदरा गाधी क अकत कवशासपात अथवा वफादार लोगो म स थ 1991-96 म डॉ मनमोहन कसह दश क कवततमती बन हालाकक कहा जाता ह कक कवततमती क तौर डॉ मनमोहन कसह ततकालीन परधानमती पीवी नरकसमहा राव की पहली पसद नही थ कफर 2004 म सपरग-1 म परधानमती बन और दस साल तक दश क परधानमती रह यहा पररचय दन का मकसद यह था कक एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह वषटि 2014 तक दश क 42 फीसद स जयादा आबादी की पहच बक तक नही थी याकन उनक पास बक खात तक नही थ आकखर डॉ मनमोहन कसह आकथटिक सलाहकार स लगाए चार दशक तक अथटिवयवसथा स जड़

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महतवपणटि पदो पर लगातार रहत हए परधानमती तक क ताकतवर पद तक पहचन क बावजद कयो य नही परा कर पाए बको क राषटीयकरण क दौरान ही सरकार म आकथटिक सलाहकार क तौर पर जड़न वाल डॉ मनमोहन कसह की कवफलता की कहानी यही ह कक चार दशक बाद 2004 म परधानमती बनन क बावजद वो इस दश की आम जनता को मखयधारा की बककग अथटिवयवसथा स जोड़ पान म नाकाम साकबत हए राजयसभा म बोलत हए डॉ मनमोहन कसह न जीडीपी कवकास दर म 2 फीसद की कगरावट का अदशा जताया लककन जीडीपी कवकास दर क सवाल पर वो यह बताना कयो नही मनाकसब समझ कक उनक दस साल क कायटिकाल म जीडीपी लगातार ककन वजहो स अकसथर रही थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क दौरान दश की जीडीपी कवकास दर लगभग 84 फीसद तक पहच गई थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क बाद डॉ मनमोहन कसह की ततकालीन गकठत सरकार को जीडीपी दर कवरासत स ठीक-ठाक कमली लककन डॉ मनमोहन कसह क नतरतव म दस साल सरकार चलन क बाद जब वषटि 2014 म एकबार कफर भाजपा-नीत सरकार नरदर मोदी क नतरतव म बनी तो डॉ मनमोहन कसह स मोदी को 474 (2013 की जीडीपी कवकास दर) फीसद जीडीपी कवकास दर कमली आज भारत की कवकास दर 73 फीसद क आसपास ह लककन मनमोहन कसह जीडीपी को लकर बहद कचकतत नजर आ रह ह यह कचता हासयासपद बवजह एव कनराशाजनक ह जब जीडीपी पर बात चल रही हो तो सवाल मोदी स नही डॉ मनमोहन कसह स होना चाकहए कक आज कजस जीडीपी का आप कहसाब और आकलन कर रह ह उस आप ढाई साल पहल परधानमती रहत छोड़कर ककस हाल म गए थ कागस न डॉ मनमोहन कसह को सारी आलोचनाओ स पर साकबत करन की अनक कोकशश की ह दश इस भरम म नही रहन वाला कक डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन एक अथटिशारिी क तौर पर कर अथवा एक परशासक परधानमती क तौर पर चकक दोनो ही मोचषो पर जब-जब डॉ मनमोहन कसह को

ताकतवर पद कमला ह व नाकाम साकबत हए ह बतौर परधानमती उनहोन एक भरष और लटतत वाली सरकार दी ह कजसक मकतयो को लट एव भरषाचार क गभीर आरोपो म जल तक जाना पड़ा ह डॉ मनमोहन कसह एक बहद कमजोर परशासक इसकलए भी ह कक कोयला मतालय उनक अतगटित रहत हए उसी कवभाग म हए घोटालो को रोक पान म व बरी तरह नाकाम साकबत हए आज राजयसभा स जब व lsquoसगकठत लटrsquo का जमला फ क रह थ तो यह इकतहास उनही को आईना कदखा रहा था एक और कबद ह कजसको लकर कागस उनका मकहमा मडन करती ह भारत म उदारीकरण क जनक क रप म कजस ढग स डॉ मनमोहन कसह की छकव को कागस पश करती ह वो महज एक छलावा ह उदारीकरण को लकर हम यह समझना होगा कक बतौर राजनीकतक दल कागस अथवा बतौर अथटिशारिी डॉ मनमोहन कसह म स कोई भी कभी उदारीकरण का कहमायती नही रहा ह उदारीकरण न तो कागस की नीकत रही ह और न ही डॉ मनमोहन कसह का कभी कवजन रहा ह भारत म उदारीकरण आकथटिक तगी की मज़बरी की दन स जयादा कछ भी नही ह आपक पास जब कछ नही बचा तो आप मज़बरी म उदारीकरण को सवीकार ककए जबकक इसक पहल कागस की आकथटिक नीकतयो म समाजवादी वयवसथा की परबलता थी पकडत दीन दयाल उपाधयाय अनक बार सावटिजकनक कषतो क कवसतार पर कागस की सरकारो की आलोचना करत रह थ अब मज़बरी म आए उदारीकरण को मनमोहन कसह की आकथटिक दरदकष क रप म पश करक कागस दश को गमराह नही कर सकती उदारीकरण दश म उतपनन कवकट पररकसथकतयो की दन थी न कक मनमोहन कसह क आकथटिक कवजन की डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन जब इकतहास करगा तो दो बात कनकल कर आएगी पहली बात कक चार दशक स जयादा एक ख़ास राजनीकतक परकषभकम म लगातार महतवपणटि एव कनणाटियक पदो पर रहन वाल भारत क चद लोगो म स एक डॉ मनमोहन कसह ह दसरी बात यह कनकल कर आएगी कक डॉ मनमोहन कसह अवसरो क नायक रह ह इनकी न अपनी कोई नीकत रही ह न कनणटिय रहा ह और न ही य ककसी बदलाव क मौकलक कनमाटिता रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम क सपयादक ह)

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लखक अकमष कतपाठी की तीन खणडो म कशव की एक कालपकनक कहानी ह जो सोमरस नामक अमरता दन वाल दरवय की कथा ह यह एक अमरत था परनत इस अमरत क दषपरभाव भी थ

कजसको वहा क राजा दकष परजा स छपा रह थ कजस तरह समदर मथन म अमरत क साथ कवष भी कनकला उसी तरह इस अमरत की कनमाटिण परककरया म इसक साथ-साथ कवष भी बनता था इस कहानी म जो सबस महतवपणटि ह वो यह कक शरआत म जो चीज समाज क कलए अमरत थी वही इसक जयादा उपयोग स धीर धीर सवतः कवष म पररवकतटित हो गयी ततकालीन सामाकजक वयवसथा म हर समसया का मल बन गयी और चकक इस सोमरस क परकत सवाथटि इतना गहरा हो चका था कक कबना इस परकतबकधत ककय कोई उपाय नही रहा धमटि यदध हआ और इस कवदा को उपनयास क अत म हमशा क कलए कछ अपवादो को छोड़कर ख़तम कर कदया गया अब इस कहानी को हम वतटिमान अथटिवयवसथा क पररपकय म दखत ह तो कया नकद हमारी अथटिवयवसथा का सोमरस ह कया सोमरस की तरह नकद भी धीर-धीर ककसी वयवसथा क कलए अकभशाप बन सकती ह कया नकद अपन सार फायद क बावजद इतना जहरीला हो सकता ह कक राषटीय अथटिवयवसथा खोखली होन लग इन सार परशो क मल म अगर हम इस वयवसथा क इकतहास म जाए तो पाएग कक भौकतक मदरा एक बहत ही परानी एव मधयकालीन परपरा ह व समय क साथ-साथ इस कफकजकल करसी क साथ-साथ अनक कवष-बल कलपट चक ह भौकतक मदरा क साथ जो सबस बड़ी समसया आज पश आ रही ह वो ह इसक परकत आशकति तथा कर चोरी हत सरकार की नज़र स इस छपा कर रखना इस कारण अथटिवयवसथा म उन कछप हए नोटो का क़ाननी हसतानतरण म परयोग बद हो जाता ह और य धन जस सरकार की नज़रो स गायब हो जात ह उस धन का परयोग होता ह पर वहा कजस धध को सरकार या समाज गर क़ाननी मानत ह और य छपा हआ धन अपनी एक खद की अथटिवयवसथा बना लती ह कजसका कवकास सवतः होन लगता ह यह सामानातर अथटिवयवसथा नकद पर कनभटिर हो जाती ह जहा न कोई टकस दना होता ह न ही समाज क परकत ककसी उततरदाकयतव को कनभाना होता ह आज हमार समाज म कजतनी भी कवसगकतया कदखाई दगी उनक जड़ म यही काला धन ह जो कक कछ नही बकलक सरकार की नज़र स छपाकर कलया गया नकद ह या उसक दारा खरीदी गयी पररसपकततया ह इसी कालधन रपी नकद की जड़ स समसत बराइयो को खराक कमलती ह

या उनकी अथटिवयवसथा चलायमान रहती ह चाह वो नशीली दवाओ का कारोबार हो आतकवाद की फकडग हो हवाला कारोबार हो चनावो म लग रहा धनबल हो चाइलड टकफककग हो या अनय अपराध हो या उनह करवान क कलए ककया जा रहा जाली नोटो का इसतमाल हो इन सबकी बकनयाद इसी नकदी पर कटकी होती ह कामरड सीताराम यचरी न अपन फसबक पोसट म कलखा ह कक यह काला धन भारत की अथटिवयवसथा का 06 ह एव इसका लगभग 0025 नकली नोट ह अब अगर हम भारत की कवशाल अथटिवयवसथा को दख तो य रकम बहत जयादा ह य वही सोमरस ह जो अब कवष बन चका ह एव कजसका उपयोग हमार समाज को कनरतर कमजोर कर रहा ह इस कवषबल को काटन का कोई भी साहसी फसला मकशकल हो सकता ह परनत गलत कभी नही इस नकद क लोभ म हर वयकति भल चका ह कक लकमी चचला ह य जब तक एक हाथ स दसर हाथ जाती रहती ह तभी तक आकथटिक कवकास होता ह एव इसी कवकास का एक कहससा कर क रप म समाज वयवसथा को जाता ह वतटिमान सरकार क 500 एव 1000 क बड़ नोटो जो कक बाज़ार म उपलबध नकद का 86 ह को वापस लन क फसल न उन सार नोटो को अपन मलय को बरक़रार रखन हत बको म आन को कववश कर कदया ह अब चाह काला हो या उजला अपन वजद क कलए उनह सरकार की नज़र म आना ही होगा वरना उस मलय क छप नोट को सरकार सवतः उपयोग म ला लगी बहत स परश उठ रह ह कक कया नए नोट स कफर स काला धन नही बनगा दरअसल सरकार न काल धन क कनमाटिण व परवाह को रोकन क कलए पहल स ही कई कदम उठाए ह और अब जब यह कनणटिय कलया गया ह तो इसक बाद कफर नया काला धन न पनप इसक कलए सरकार कनकचित तौर पर कछ न कछ तयारी करक ही चल रही होगी

बहरहाल एक बात तो कनकचित ह कक सरकार का यह कदम अब तक सगकहत कवषबल रपी नोटो को तो वयथटि कर ही दगा जब तक कक व एकबार वापस सरकार की आखो स न गजर और सरकार की नज़र हर उस वयकति पर होगी जो यह काम कर रहा ह आय क जात सोतो स जयादा लोग जमा करन स बचग कजस भी ककसी खात म असामानय गकतकवकध होगी वो पकड़ म आ जायग अब यह सवटिकवकदत ह कक कश वयवसथा परातन एव समाज की बदली आवशयकताओ को पणटि करन म अकषम हो चकी ह

नकदी क जाल स रनकलकर रडसजटल अरथवयिसा की तरफ बढ़न का सिय

आयर आनद

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अब बड़ लनदन कश म करना न सकवधाजनक ह न ही फायदमद तो अब समय आ गया ह कक हम इस कश क जाल म फसी अथटिवयवसथा को यहा स बाहर कनकाल यह कबलकल ही मफीद समय ह जब हम राजय क मौकदरक वचन को नोट क रप म मानन क बजाय कडकजटल एव पलाकसटक वचन को जयादा वजन द य न कवल यगानकल ह बकलक सलभ ससता एव कश क साइड इफ़कट स कबलकल मति ह ककसी भी कवकास कर रही अथटिवयवसथा को अनततोगतवा जाना वही ह हम भारत म कल कवततीय लनदन का लगभग 60 नकद म करत ह कजस हम घटा कर 20 क नीच लाना होगा अगर हम अपनी अथटिवयवसथा अनय राषटो की तलना म साफ़ सथरी एव मजबत बनाना चाहत ह अचछी बात य ह कक सरकार क परयास इसी कदशा म होत कदख रह ह आज वतटिमान समाज वयवसथा म सचना कराकत क कारण राजय की मौकदरक परकतजा अब कवल नोटो तक सीकमत नही ह यह एक आकड़ो का खल ह कक आपक खात म ककतना धन ह और वो वयकति क इचछानसार हसतानतरणीय हो गयी ह तो अब कबना मदरा क मतटि रप क भी मदरा वजद म ह एव करयशील

तथा अथटिवयवसथा को चलान म सकषम ह तो कयो न हम इस वयवसथा की ओर बढ़ आज जब लगभग हर वयकति मोबाइल उपयोग कर रहा ह डकबट काडटि सलभ हो चका ह छट पस अब सभी एटीएम स ही कनकाल रह ह तो कयो न उस वयवसथा को आग बढ़ाया जाय अगर आप ककसी भी दकानदार को पस ऑनलाइन टानसफर या काडटि स करत ह तो वो टकस कबलकल भी चोरी नही कर सकता आपका कोई भी पमट अगर कश ह तो सभावना ह की वो बलक बन जाय पर अगर यह बक ट बक अकाउट ट अकाउट ह तो यह हमशा सफ़द ही रहगा तो आइय य कबलकल सही समय ह जब हम नए नोटो की बजाय कबना नोटो की साफ़-सथरी अथटिवयवसथा को बढ़ावा द तथा जो इस स अछत ह उनह भी कडकजटल अथटिवयवसथा का अग बनाय हम इसक कलए अगशील होना कबलकल भी नही छोड़ सकत कक पीछ वाल बहत पीछ ह जररत ह उनह भी इस वयवसथा क अनकल सवदनशील तथा जागरक बनान की

(लखक िशिनलसट ऑिलयाइि म कॉपी एनडटि ह)

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8नवबर को रात आठ बज राषट क नाम सदश म परधानमती नरदर मोदी न पाच सौ और एक हजार क नोट बद होन का फसला सनाकर सबको चौका कदया था इस बात को अब बीस कदन स

जयादा हो गए ह लककन आज भी यह कवमशटि का सबस बड़ा मदा बना हआ ह हालाकक कवमदरीकरण क फसल क बाद स ही इसक पकष-कवपकष म बहस शर हो गयी जो अब भी चल रही ह ममता बनजटी की तरणमल कागस कजरीवाल की आम आदमी पाटटी मायावती की बहजन समाज पाटटी एव भारतीय राषटीय कागस सकहत तमाम राजनीकतक दलो न इसक कखलाफ मोचाटि खोल कदया ह दश की जनता बक की कतार म ह और दश क कवपकषी दल फसल क कवरोध म सरकार क सामन बक की कतारो स कनपटन की चनौती तो थी ही साथ म कवरोधी दलो क असहयोगातमक रख स कनपटन की चनौती भी बनी ह चकक ससद का सत भी शर हो गया ह कलहाजा कनतीश कमार को छोड़कर लगभग परा कवपकष ससद स सड़क तक इस फसल क कवरोध म आ गया ह सरकार का शर स दावा रहा कक दश की आम जनता उनक इस फसल क साथ ह वही कवरोध कर रह दलो का तकटि था कक वो जनता की परशाकनयो को दखत हए अपना कवरोध दजटि करा रह ह हालाकक सतता पकष और कवपकष दोनो ही जनता को अपन पाल म बतान का दावा जब कर रह हो तो यह समझ पाना बड़ा मकशकल हो जाता ह कक वाकई जनता ककसक साथ ह इस मामल म भी ऐसा ही हआ अलग-अलग माधयमो स सवव आकद शर हो गए मीकडया चनलो क लोकल सतर क लाइव चचाटि आकद स भी इस फसल पर जनता का कमजाज टटोलन की कवायद तज होन लगी परधानमती नरदर मोदी न अपन सतर पर भी एक ऑनलाइन सवव कराया कजसम उनको इस फसल पर भारी समथटिन कमला हालाकक कवरोध कर रह कछ दलो को इस बात का भान जरर हआ कक जनता इस मद पर उनक साथ नही ह कलहाजा उनहोन 28 नवबर को lsquoभारत बदrsquo करन का अपना कनणटिय वापस ल कलया इसी बीच एक अगजी समाचार पत का सवव आया कजसम बहमत को सरकार क इस फसल क कखलाफ बताया गया अब बड़ा सवाल यह था कक कया सच मान या कया झठ मान लोकतत म ककसी भी राजनीकतक दल की जनता क बीच हकसयत मापन का सबस वयापक और सबस बड़ा सवव चनाव ही होता ह कवमदरीकरण क मद पर जब दश म lsquoहा-नाrsquo की बहस चल रही थी इस दरमयान तीन

महतवपणटि चनाव सपनन हए पहला लोकसभा और कवधानसभा की खाली हई सीटो पर उपचनाव दसरा महाराषट क कनकायो क चनाव और तीसरा गजरात क सथानीय कनकायो क चनाव यह तीनो चनाव कवमदरीकरण क फसल क बाद हए मतसखया क आधार पर अगर दख तो ककसी भी बड़-बड़ सवव म कजतना समपल कलया जाता ह उसस सकड़ो-हजारो गना जयादा लोग इन चनावो म परतयकष कहससा कलए ह लोकसभा और कवधानसभा क उपचनावो म भाजपा अपनी सभी सीट न कसफटि सरककषत रखन म कामयाब हई बकलक कतपरा और पकचिम बगाल म कपछल चनाव की तलना म भाजपा क वोट परकतशत म भारी इजाफा भी हआ इसक बाद 28 नवबर को महाराषट क कनकाय चनावो क पररणाम आए कजसम भाजपा को भारी बढ़त कमली ह चकक वषटि 2011 क चनाव म भाजपा कनकायो म तीसर नमबर की पाटटी होती थी लककन इन पररणामो क बाद भाजपा सबस बड़ी पाटटी बनकर उभरी ह यहा तक कक कशवसना क साथ गठबधन होन क बावजद भाजपा कशवसना स जयादा सीट जीत गयी ह नगर पचायतो क कलए हए चनावो म भाजपा को 851 सीट कमली ह जो 2011 म मात 396 थी कल 147 सीटो पर हए मयकनकसपल काउकसल क कलए परतयकष मतदान म भाजपा को अकल 52 सीटो पर जीत कमली ह कपछल चनावो म इन कनकायो पर राषटवादी कागस पाटटी का कबजा था जो कक अब उसक हाथ स जा चका ह इसक अलावा सोलापर जस सीटो जहा भाजपा कभी नही आई थी पर भी इसबार भाजपा जीतन म कामयाब रही महाराषट क सथानीय चनावो क पररणामो को इस कलहाज स भी महतवपणटि माना जा रहा ह कयोकक तमाम दल एव बकदधजीवी इस कमनी कवधानसभा चनाव भी कहत ह यह अलग बात ह कक भाजपा को कमली बड़ी जीत क बाद इसपर हमार तथाककथत बकदधजीवी वगटि न सननाटा साध कलया ह और ऐसा जताना चाह रह ह कक य चनाव महतवपणटि ह ही नही लककन वही अगर पररणाम भाजपा क परकतकल होत तो यही बकदधजीवी इस दवनदर फडनवीस नही बकलक नरदर मोदी की हार बतात हए नही थकत खर कवमदरीकरण क बाद नरदर मोदी क अपन राजय गजरात म भी कनकाय चनाव हए गजरात पर सबकी नजर इसकलए थी कयोकक वहा हाल म ही सतता म उथल-पथल क अलावा सरकार क कखलाफ पटल आनदोलन हआ था ऊना काणड क बाद दकलतो क नाम पर माहौल बनान की कोकशश दश क उन राजनीकतक दलो न भी कम नही की कजनकी गजरात म वतटिमान

रनकाय चनाि नोटबदी क रनरथय परजनता की िहर

मशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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की राजनीकतक हकसयत कछ भी नही ह लककन गजरात क चनाव पररणामो न तो कागस का सपड़ा ही साफ़ कर कदया पररणामो क मताकबक़ गजरात क वापी नगरपाकलका की 44 सीटो म भाजपा न 41 सीटो पर जीत दजटि की ह वही कागस को यहा महज 3 सीटो पर सतोष करना पड़ा ह सरत क कनकपर-कनसाड़ की 28 म स 27 सीटो पर भाजपा को जीत कमली ह वही कछ कजला तालका पचायत क उपचनावो म भाजपा को 23 और कागस को महज 8 सीट कमली ह गजरात पर सबकी नजर इसकलए भी बनी हई थी कयोकक गजरात स नरदर मोदी क आन क बाद वहा महज ढाई साल म एक मखयमती को बदलना पड़ा था इसी दरमयान वहा पटल आनदोलन को भी कदलली की मोदी-कवरोधी ताकतो क सहयोग स हवा दन का काम ककया गया ऊना म दकलत कपटाई मामल क बाद भी कदलली की राजनीकत क कसयासतदानो की कगदध कनगाह गजरात म लगी रही लककन इन चनावो को अगर जनता का सबस बड़ा और सबस कवशदध सवव मान तो यह सवव मोदी क पकष म जाता ह यह इसकलए जयादा महतवपणटि ह कयोकक हाल म ही कवपकषी खमा कवमदरीकरण क मद पर जनता की परशाकनयो का हवाला दकर असहयोग की कसथकत उतपनन कर रहा ह

इन चनावो को जनता की बीच स आया आम सवव मानकर भी अगर कवरोधी खमा कवमदरीकरण क बजा कवरोध स नही कडगा और जनता क कध पर बदक रखकर सरकार को घरता रहा तो यह मोदी क कलए तो नही लककन उनक खद क कलए जयादा घातक होगा कवरोध सकारातमक होना चाकहए वचाररक होना चाकहए न कक कसफटि इसकलए कवरोध करो कयोकक आपको मोदी का कवरोध करना ह इन चनावो क पररणामो पर एक लाइन म कटपपणी कर तो यही कहग कक जनता न मोदी क कनणटिय पर अपनी सहमकत का महर लगाया ही ह कवरोकधयो को आईना भी कदखा कदया ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनदशि म रिसचच फलो एव िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम म समपयादक ह)

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वस तो हर चनाव का मदा और कलवर अलग होता ह उसम भी सथानीय कनकाय और नगर पचायत चनावो का मदा पणटितया सथानीय होता ह परत कपछल कदनो महाराषट और गजरात म

कनकाय चनाव का आयोजन कवमदरीकरण क साए म हआ जहा पर अनय सथानीय मदो क अलावा कवमदरीकरण चनाव म बड़ा मदा था और हर पाटटी इस मद को भनान म लगी थी इस चनाव म भाजपा न भारी जीत दजटि की कजस परधानमती मोदी दारा कलधन क कखलाफ उठाए गए कदम पर जनता की महर माना जा सकता ह सभी कवपकषी पाकटटिया कवमदरीकरण क कारण जनता की परशानी का हवाला दत हए ससद क शीतकालीन सत को लगभग-लगभग हगाम की भट चढ़ा चकी ह वही जनता जनादटिन न कनकाय चनावो म भाजपा की जीत कदलाकर इस फसल पर महर लगान का सदश कदया ह कवपकषी पाकटटियो की दलील थी कक गामीण भारत सबस जयादा कवमदरीकरण की मार झल रहा ह इसकलए वह कवमदरीकरण का कवरोध कर रह ह लककन इन सथानीय कनकाय चनावो म जनता न सततारढ़ भाजपा क पकष म अपनी महर लगाई ह कजसन नोटबदी को लकर सरकार स जनता की नाराजगी जसी कवपकष की सभी दलीलो की पोल खोल दी ह सपष हो गया कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह ऐस म परतीत तो य हो रहा कक कवपककषयो कचता जनता की नही खद क काल धन की ह जो कक नोटबदी क बाद महज कागज बन कर रह गया इसी करम म अगर इन चनावो क पररणामो पर नजर दौड़ाए तो साफ-साफ पता चलता ह कक जनता न परधानमती मोदी क साथ जाना पसद ककया ह जबकक कवपकषी पाकटटियो क सार आरोप और लामबदी हवा हो गए गजरात की दो नगरपाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली कवपकषी दल कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म महज एक सीट स सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न आठ सीट फतह की जात हो कक कपछल साल समपनन हए सथानीय चनाव म कागस न अपन परदशटिन म कछ सधार ककया था कजस उसन परधानमती योजनाओ की हार क तौर पर परदकशटित ककया था लककन अब इस कनकाय चनाव म जब कागस का सपड़ा साफ़ हो गया तो उसक पास बोलन क कलए कछ नही बचा ह बीत दो दशक स सतता स बाहर कागस की कसथकत कदन-परकतकदन

खराब होती जा रही ह परत वह ह कक मानन को तयार नही गजरात क अलावा महाराषट क सथानीय चनावो म भी करारी हार का सामना करना पड़ा महाराष ट म 147 नगर पररषद म स अकल भाजपा को 52 सीट सहयोगी कशवसना जो कक इस चनाव म भी बागी तवर अपनाए हए थी उस भी महज़ 23 सीट हाथ लगी कागस को 19 और एनसीपी को 16 पर जीत कमली ह अन य उम मीदवारो क खात म 28 सीट गइटि ह वही 17 नगर पचायतो क 3510 सदस यो क कलए हए चनाव म सत ताधारी भाजपा को 851 सीट कमली ह कागस क खात म 643 एनसीपी को 638 और कशवसना को 514 मनस को 16 सीपीएम को 12 बसपा को 9 कनदटिलीयो को 324 स थानीय गठबधनो को 384 और बाककयो को 119 सीटो पर जीत कमली ह सपष ह कक यहा भी भाजपा हर तरह स सबस आग ह इस जीत को भी कवमदरीकरण क फसल पर जनता की महर और राजय क मकखया दवदर फडणकवस क कवकास परायोकजत कामकाज पर जनता की सहमकत कहना गलत नही होगा इन सब चीजो स कवपकषी दल दरअसल बौखलाए हए ह उनह कछ सझ नही रहा ह कक वह कर तो कया कर अब इस पर कवपककषयो का तकटि य ह कक इन चनावो म नोटबदी कोई मदा नही था मसला हार-जीत का नही ह मसला ह तो कवपकष क दोमह चररत का जब कवपकष का सफाया हो जाय तो मद सथानीय थ पर वही अगर सततारढ़ पाटटी हार जाए तो उस पाटटी की हार ह उसक योजनाओ की हार ह दखन वाली बात यह ह कक हर ककसी को पता ह कक सथानीय कनकाय क चनावो म जीत क कारण अलग होत ह लककन जब हारन पर भाजपा क मतथ नोटबदी मढ़ दी जाती तो जीतन पर शय कयो नही और वस भी कवमदरीकरण तो समग राषट को परभाकवत करन वाला मदा ह कफर कनकचित तौर पर इन चनावो म भी इसका परभाव रहा ही होगा उललखनीय होगा कक अभी नोटबदी क बाद ही हए एपीएमसी क चनावो म भाजपा का परदशटिन बहत अचछा नही रहा था तो उस वति इन कवरोधी दलो न कहा था कक नोटबदी क कारण हार हई ह जबकक अब कनकाय चनावो म इनक कहसाब स नोटबदी कोई मदा ही नही ह य कसफटि और कसफटि इनक दोमहपन को कदखाता ह कहना गलत नही होगा कक कजतना तमाशा लोकतनत का वतटिमान कवपकषी पाकटटिया कर रही ह उस दश कभी नही माफ करगा नोटबनदी का कवरोध कवपकष दारा महज़ खद को सककरय कदखान की एक नाकाम और नकारातमक कोकशश ह उसस जयादा कछ नही चनाव क पररणाम बतात ह कक परधानमती मोदी कदन-परकतकदन मजबत होत जा रह ह यह भी तय माकनए कक कजतना कवरोध परधानमती का होगा उतना ही वह मजबत होकर बाहर आएग

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

रनकाय चनािो ि भाजपा की इस बमपर जीत क बाद तो नोटबदी क विरोध की राजनीवत बद कर विपकषी

कशव झा

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कदर सरकार दारा पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन क फसल क बाद स ही मोदी-कवरोधी एक राजनीकतक जमात म भचाल की कसथकत ह इस साहकसक एव ऐकतहाकसक कनणटिय क

दरगामी नफा-नकसान पर बहस करन की बजाय कछ राजनीकतक जमात क लोग बको की कतारो पर बहस करना चाहत ह चकक इस कनणटिय को लकर आम जनता क मन म एकतरफा समथटिन का भाव खलकर कदख रहा ह कलहाजा कछ राजनीकतक खमो क लोग इसपर चचाटि करन स भागत नजर आ रह ह दश का आम जन अपनी कछ कदनो की परशाकनयो को दरककनार कर इस ऐकतहाकसक कनणटिय को सवीकार कर चका ह लककन बड़ा सवाल यह ह कक वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को सवीकार करन स कतरा रह ह वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को वापस लन क कलए असफल रकलया कर रह ह वो कौन लोग ह जो महगी गाकड़यो और एसपीजी सरकषा म जाकर दो घट म अपना चार हजार रपया कनकालन क बावजद झठ बोल रह ह कक पसा नही कमल रहा एक सवाल यह भी ह कक य लोग ऐसा कयो कर रह ह इस सवाल पर पड़ताल करन स पहल जरा lsquoकतारrsquo पर बहस कर ल राहल गाधी अपना चार हजार तो दो घट म कनकाल कलए लककन लोगो को गमराह कर रह ह कक पसा नही कनकल रहा ह दरअसल यह उनकी नीयत म खोट को दशाटिता ह अगर व ईमानदारी कदखात तो सबक सामन सवीकार करत कक ldquoहा म कतार म लगा था और मझ मरा पसा कमला लककन नही उनकी जबान तो कछ और बोल रही ह दरअसल राहल गाधी को यह बात बखबी पता होनी चाकहए कक इस दश की आम जनता को lsquoकतारोrsquo स कभी समसया नही रही ह सततर साल की सरकारो कजसम लगभग साठ साल कागस ही सतता म रही ह न इस दश की आम जनता को कतार म खड़ रहन की आदत डाल दी ह यह वही जनता ह जो कभी कसलडर गस तो कभी यररया तो कभी रल कटकट क कलए आय कदन कतारो म नजर आती रही ह इसकलए इस जनता को अब कतारो का भय न कदखाइए इस दश म सततर वषषो म जो लबी कतार आपन खड़ी की ह अब नोटबदी क इस फसल न उस कतार को तोड़ कदया ह यह वह कतार बन रही ह कजसम दश का आम जन खड़ा होकर कबना ककसी डर क भय क अपन हक़ क कलए और दश क भकवषय क कनमाटिण क कलए खड़ा होन को तयार ह यह कतार ईमानदारो की कतार ह परधानमती मोदी न जो यह कतार बनाई ह इस कतार म ककसी भरष बईमान और चोरी स काली कमाई करन वाल की कहममत नही हो पा रही कक वो खलकर खड़ा हो सक कलहाजा यह ईमानदारी का उतसव मना रह दश की ईमानदार जनता की कतार ह भरषाचार क कखलाफ चल रही इस लड़ाई का लगातार कवरोध कर रह कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल की अपनी कोई कवशसनीयता नही रही ह व खद कभी लाल यादव तो कभी ककसी और क समथटिन म खड़ होकर

अपनी साख पर बटा लगा चक ह लककन अब जब दश की आम जनता क साथ कालाधन और भरषाचार क कखलाफ चल रही इस कनणाटियक लड़ाई का समय आया तो व बगाल की मखयमती ममता बनजटी क साथ कमलकर इसका कवरोध करत नजर आ रह ह वस तो कबना ककसी सबत और बकनयाद क ककसी पर भी आरोप लगान क रोग स गकसत कदलली क मखयमती अनक बार सबत न द पान की वजह स अपनी फजीहत भी करा चक ह लककन आज एकबार कफर व कबना ककसी सबत क मनगढ़त बात कर रह ह कदलली की जनता क मन म यह सवाल बजा नही उठ रहा ह कक ममता बनजटी और कदलली क मखयमती क बीच ककस मद पर सहमकत बनी ह ममता बनजटी मायावती सकहत कछ लोग पहल कदन स भरषाचार क कखलाफ इस कनणाटियक लड़ाई म भरष लोगो क साथ खड़ ह लककन कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल आकखर कयो इनक साथ खड़ ह मोदी क इस फसल स आतकवाकदयो को फकडग करन वालो माओवाकदयो को ससाधन महया करान वालो तसकरो अपराकधयो भरषाचार करन वालो की पीड़ा तो जायज ह लककन इन चद नताओ की इस फसल क कखलाफ एकजटता भी कम शक नही पदा करती ह ऐस म बड़ा सवाल जनता क जहन म ह कक जब पजाब म चनाव होन ह तो कया आम आदमी पाटटी को चनाव म इसतमाल करन क कलए जटाए गए धन क रदी हो जान की कचता सता रही ह यह सबको पता ह कक पारदकशटिता की बात करन वाली आम आदमी पाटटी काफी समय स अपन आय और वयय का बयोरा सावटिजकनक नही कर रही ह खर कतार लबी जरर ह लककन बदोबसत ऐसा ह कक उस कतार म कोई बईमान और भरष जयादा दर कटक नही पाएगा यह वो कतार ह कजसन दश की आम और ईमानदार जनता को बईमानो क सामन गौरवाकनवत होन का अवसर कदया ह यह वह कतार ह जहा जान भर स न जान ककतन बईमान खौफ खा रह ह नोटबदी क कखलाफ उठन वाली हर आवाज इस दश म ईमानदारी की बन रही इस ऐकतहाकसक कतार क कखलाफ एक साकजश की तरह ह आज या तो आप इस कतार क साथ ह या आप भरष और बईमानी स धन अकजटित करन वालो क साथ ह वस भी मोदी की अचछी बात यह ह कक वो परमाणपत दन वालो की परवाह ककए कबना जनकहत म दशको स काम करत हए यहा तक पहच ह कजनका डब रहा ह व बौखला रह ह आम लोग थोड़ी परशाकनयो क बावजद इस महीम क साथ कतारबदध होकर खड़ ह यही वजह ह कक लाख कोकशशो क बावजद नोटबदी क कखलाफ की जा रही कछ रकलयो म मोदी-मोदी क नार लग रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनडशि म रिसचच फलो ह एव िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खबरदार यह ईिानदारो की कतार ह बईिान दर रहमशवाननद मविवदी

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8नवबर की शाम को परधानमती मोदी क राषट क नाम सबोधन म नोटबदी क ऐकतहाकसक फसल क ऐलान स दश भर म हलचल मच गयी परधानमती नरदर मोदी न जब दश भर म 500 और 1000

क नोटो पर परकतबध की घोषणा की तो काल धन की फसल उगाकर रखन वालो पर जस ओलो की बरसात हो गयी जनता की खन-पसीन की कमाई को अवध और अनकतक रप स जमा करक बठ ऐस लोग अब मार-मार कफर रह ह और तरह तरह स आम जनता का हवाला दकर अपना उलल सीधा करन की कोकशश म लग ह 500 और 1000 क नोटो पर परकतबध क कनणटिय की न कवल तकलीफ झलन क बावजद जनता सराहना कर रही ह बकलक इस कनणटिय म सरकार को परा सहयोग भी द रही ह मगर कवपककषयो का रख इस पर भी हासयासपद रहा ह कागस आप सपा बसपा तरणमल कागस आकद तमाम दलो क परमख नताओ न इस कनणटिय को लकर मोदी सरकार पर अताककटि क ढग स सवाल उठान की कोकशश की ह ऐस म सवाल यह उठता ह कक आकखर इस नोटबदी क कनणटिय स य कवपकषी दल इतनी पीड़ा म कयो ह कनससदह इन कवपकषी दलो का ऐसा आचरण जनता की नज़रो म उनकी सकदगध छकव ही परसतत कर रहा ह कदलली मबई समत दश क अनय राजयो म पड़ रह आयकर कवभाग क छाप यह सपष करत ह कक दश की जनता का पसा ककस तरह कछ लोगो की झोली भर रहा था काल धन की धर-पकड़ पर इस परकतबध का जोरदार असर दखन को कमल सकता ह सबस पहल तो य 440 वॉलट का झटका उन क कलए ह जो कबसतर पर करोड़ो नोट कबछा कर सोन क आदी हो चक ह जाकहर ह इसस उनकी रातो की नीद हराम हो चकी होगी दसरी बात यह कक अकसमात हए इस परकतबध न काला धन धारको को ज़रा भी सजग होन का मौका ही नही कदया इसकलए अब उनक पास कसवाय अपनी सपकतत को सावटिजकनक करन अथवा नष करन क कोई और चारा नही बचा ह तभी तो दश क कवकभनन कहससो म भारी सखया म कही पाच सौ और हजार क नोट कड़ क ढर पर फ क कमल रह तो कही जलत पाए जा रह य कदखाता ह कक नोटबदी क इस कनणटिय क बाद काला धन धारको म ककस कदर हडकप मचा हआ ह तीसरी बात कक बाज़ार म इन कदनो जो नकली नोटो का बोलबाला था इस कनणटिय न उस गोरखधध को भी नसतनाबद कर कदया ह साथ ही भारत को नकसान पहचान क कलए बागलादश और पाककसतान जस मलको स जो नकली नोटो का भणडार यहा आता था वह भी अब ककसी काम का नही रहा इस कनणटिय स न कवल दरगामी तौर पर अथटिवयवसथा को मजबती कमलगी बकलक काल धन की जबती क बाद महगाई पर भी अकश लगगा दश की मदरा भी मजबत होगी और कवकास दर म भी वरकदध होन की सभावना ह

नोटबदी न दश म एक जागरकता फलान का भी काम ककया ह और लोगो क बीच इस धारणा को मजबत ककया ह कक बात अगर दश की भलाई हो तो परा दश एक सत म कपरोय धाग समान हो सकता ह जाकहर ह इस पर परश उठान वाल लोग जो कसफटि सकखटिया बटोरन क बलबत अपन राजनकतक वजद को बचाए रखत ह उनको यह कदखाई दना मकशकल ह कक दश की जनता सरकार क इस साहकसक कनणटिय स परशान नही ह बकलक सहयोग क साथ अपना योगदान दन क कलए सककलपत भी ह लोगो को भड़काकर उनम फट डालकर शासन करन की नीकत औपकनवकशक काल की थी मगर यह दभाटिगयपणटि ह कक सवय को दशभति क ताज स नवाजन वाल तमाम कवपकषी नता भी आजकल इन हथकडो का उपयोग करन स बाज नही आ रहइस कनणटिय क बाद उन लोगो को कोई कवशष समसया नही ह कजनक खात म उनकी जायज कमाई का पसा ह जबकक तमाम ऐस लोग कजनहोन गलत ढग स धनाजटिन ककया ह अनदर ही अदर डर-सहम बठ होग उनकी अकत सपकतत वयथटि हई पड़ी ह और उस पनः उपयोगी बनान क कलए अगर व बक जात ह तो काली कमाई की कलई खलना लगभग तय ह कतसपर आय कर और दो सौ परकतशत जमाटिन का डडा तो पड़ना ही ह एक बात य भी ह कक जो जनधन बक खात कपछल 6 महीन स कनकषकरय पड़ हो अगर आज अचानक उनम लाख-दो लाख रपय का हसतातरण होता ह तो य भी एक सदहजनक गकतकवकध ह कजसपर बक अपनी पनी नज़र बनाय हए ह और कजसक चलत आयकर कवभाग भी चसती स काम करत नज़र आया दश म मखय अथटिवयवसथा और समानातर अथटिवयवसथा को एक ही धारा म लान म भी यह एक बड़ा कदम ह इस कनणटिय क जररय कशलस इकॉनोमी को बढ़ावा कमलन का भी अनमान ह कजस उस वक़त लाग ककया गया जब दश म सकवधाजनक कश टासकशन की कमी ह कशलस टासकशन स आकथटिक पकष मजबत करन म हम सहायता कमलगी साथ ही कर दाताओ को भी इसम सहकलयत होगी कशलस टाजकशन वो चीज ह जो कजतना अकधक बढ़गा दश स भरषाचार की सभावना उतनी ही कम होगी काल धन को सजोन की कोकशश तो अब भी जारी ह हाथ पर तो अब भी मार जा रह ह कफर वह चाह रलव कटकट करवा कर ककया जाय अथवा ककसान करकडट काडटि का इसतमाल करक लककन इन सब गकतकवकधयो पर सरकार की परी नज़र ह सरकार न य कनणटिय कनकचित तौर पर इन सब पहलओ पर कवचार-कवमशटि करक ही कलया होगा अतः काला धन धारको का सरकार को चकमा दकर कनकलना मकशकल ह और कहना गलत नही होगा कक lsquoअबकी बार उनह मोदी सरकार क सामन डालन होग हकथयारrsquo

(लनखकया पतरकयारितया की छयातरया ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी आि जन कर रह सरकार का सिरथनकाला धन धारको ि िचा हड़कप

कमनषका मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

27

मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

28

प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 11: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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चार दशको क राजनीवतक सफर ि हर अिसर पर विफल रह ह िनिोहन ससिह

मशवाननद मविवदी

एक पतकार वाताटि (जनवरी 2014) म डॉ मनमोहन कसह न कहा था कक मरा मलयाकन इकतहास करगा इसम कोई शक नही कक चार दशक तक ककसी एक राजनीकतक दल क साथ परी

वफादारी और राजनीकतक कनषा स सरकार म शीषटि पदो पर काम करन वाल वयकति का मलयाकन होना सवाभाकवक ह इसम कोई शक नही कक सवतत भारत क इकतहास म डॉ मनमोहन कसह उन चद लोगो म स एक ह कजनह इकतहास न सवाटिकधक अवसर कदया ह कवमदरीकरण क मद पर जब डॉ मनमोहन कसह राजयसभा म क दर सरकार को घरत हए कागस का पकष रख रह थ तो म उनक भाषण को बहत धयान स सन रहा था कवमदरीकरण को लकर उनहोन एक वाकय कहा lsquoयह सगकठत लट हrsquo डॉ मनमोहन कसह न इसक तमाम नकसान कगनवाए उनक भाषण म कर कष की कचता थी जीडीपी की कचता थी गामीण सहकारी बको म होन वाली समसयाओ की कचता थी गरीबो की कचता थी और दरगामी पररणामो म लगन वाल वति की कचता थी साथ ही उनहोन कछ रचनातमक परसताव क साथ आन की सलाह दत हए सरकार की आलोचना भी की डॉ मनमोहन कसह आज उस मकाम पर ह कक जब वो सदन म बोल रह थ तो यह समझना मकशकल था कक राजयसभा क फलोर स एक पवटि आकथटिक सलाहकार बोल रहा ह या एक ररजवटि बक का पवटि गवनटिर बोल रहा ह यह समझ पाना कबलकल आसान नही था कक दश की जनता एक पवटि कवतत सकचव को सन रही ह अथवा पवटि कवतत मती को सन रही ह एक आम भरम लोगो म मन म जरर बठा होगा कक व एक पवटि परधानमती को सन रह ह अथवा एक कागस क सासद को सन रह ह लोग तो यह भी जानना चाहत होग कक राजयसभा स ककसी पाटटी का एक राजनता बोल रहा ह अथवा एक अथटिशारिी बोल रहा ह वो कया-कया रह ह ककस-ककस भकमका म रह ह वतटिमान म वो कया ह और ककस भकमका म ह उनका दाकयतव कया ह और उनकी जवाबदही कया ह इन सवालो स उनक समथटिक कचढ़त नजर आत ह डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन करन स पहल उनक सावटिजकनक दाकयतवो पर एक सककषप नजर अवशय डालनी चाकहए एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क

आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह भारत सरकार की वबसाईट (pmindiagovin) पर कदए पररचय को अगर सही मान तो वषटि 1957 म अथटिशारि म परासनातक की कडगी लन वाल डॉ मनमोहन कसह ऑकसफ़ोडटि कवकव क नकफलड कॉलज स डी कफल ह अपन कररयर की शरआत एक कशकषक क रप म करन वाल डॉ मनमोहन कसह 1971 म वाकणजय मतालय म आकथटिक सलाहकार की भकमका म आए महज एक साल म उनको कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार का दाकयतव कमल गया तब दश इकदरा गाधी की सरकार थी जब डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार थ तब परणब मखजटी भारत सरकार म मती बन चक थ यही वो दौर था जब बको का राषटीयकरण हो रहा था इस दौरान डॉ मनमोहन कसह कवतत मतालय क सकचव योजना आयोग क उपाधयकष और ररजवटि बक क मकखया भी रह ररजवटि बक का गवनटिर तो सभवत उनह कवतत मती रहत परणब मखजटी न ही बनाया था उनक दाकयतवो स यह अदाजा लगता ह आकथटिक मामलो म डॉ मनमोहन कसह इकदरा गाधी क अकत कवशासपात अथवा वफादार लोगो म स थ 1991-96 म डॉ मनमोहन कसह दश क कवततमती बन हालाकक कहा जाता ह कक कवततमती क तौर डॉ मनमोहन कसह ततकालीन परधानमती पीवी नरकसमहा राव की पहली पसद नही थ कफर 2004 म सपरग-1 म परधानमती बन और दस साल तक दश क परधानमती रह यहा पररचय दन का मकसद यह था कक एक वयकति जो दश की आकथटिक वयवसथा म चार दशको तक कनणाटियक एव शीषटि पदो पर रहा ह उस भी 2014 म आकर एक ढाई साल पहल कनवाटिकचत हए परधानमती स lsquoआकथटिक अवयवसथाrsquo की कशकायत करनी पड़ रही ह जब डॉ मनमोहन कसह परधानमती मोदी स गामीण एव सहकारी बको की कसथकत पर कशकायत कर रह थ ऐसा लग रहा था कक मानो खद की चार दशको की कवफलता की कशकायत कर रह हो चार दशको पहल बको क राषटीयकरण क दौरान ततकालीन सरकार म सलाहकार रहन वाल डॉ मनमोहन कसह को खद यह बताना चाकहए कक आकखर वो ककन नीकतयो क आधार पर ततकालीन सरकार को सलाह द रह थ अथवा खद काम कर रह थ कक वषटि 2014 तक इस दश क गामीण कषतो म बको की पहच दरसत नही हो सकी और आज भी उनह कशकायत करनी पड़ रही ह वषटि 2014 तक दश क 42 फीसद स जयादा आबादी की पहच बक तक नही थी याकन उनक पास बक खात तक नही थ आकखर डॉ मनमोहन कसह आकथटिक सलाहकार स लगाए चार दशक तक अथटिवयवसथा स जड़

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महतवपणटि पदो पर लगातार रहत हए परधानमती तक क ताकतवर पद तक पहचन क बावजद कयो य नही परा कर पाए बको क राषटीयकरण क दौरान ही सरकार म आकथटिक सलाहकार क तौर पर जड़न वाल डॉ मनमोहन कसह की कवफलता की कहानी यही ह कक चार दशक बाद 2004 म परधानमती बनन क बावजद वो इस दश की आम जनता को मखयधारा की बककग अथटिवयवसथा स जोड़ पान म नाकाम साकबत हए राजयसभा म बोलत हए डॉ मनमोहन कसह न जीडीपी कवकास दर म 2 फीसद की कगरावट का अदशा जताया लककन जीडीपी कवकास दर क सवाल पर वो यह बताना कयो नही मनाकसब समझ कक उनक दस साल क कायटिकाल म जीडीपी लगातार ककन वजहो स अकसथर रही थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क दौरान दश की जीडीपी कवकास दर लगभग 84 फीसद तक पहच गई थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क बाद डॉ मनमोहन कसह की ततकालीन गकठत सरकार को जीडीपी दर कवरासत स ठीक-ठाक कमली लककन डॉ मनमोहन कसह क नतरतव म दस साल सरकार चलन क बाद जब वषटि 2014 म एकबार कफर भाजपा-नीत सरकार नरदर मोदी क नतरतव म बनी तो डॉ मनमोहन कसह स मोदी को 474 (2013 की जीडीपी कवकास दर) फीसद जीडीपी कवकास दर कमली आज भारत की कवकास दर 73 फीसद क आसपास ह लककन मनमोहन कसह जीडीपी को लकर बहद कचकतत नजर आ रह ह यह कचता हासयासपद बवजह एव कनराशाजनक ह जब जीडीपी पर बात चल रही हो तो सवाल मोदी स नही डॉ मनमोहन कसह स होना चाकहए कक आज कजस जीडीपी का आप कहसाब और आकलन कर रह ह उस आप ढाई साल पहल परधानमती रहत छोड़कर ककस हाल म गए थ कागस न डॉ मनमोहन कसह को सारी आलोचनाओ स पर साकबत करन की अनक कोकशश की ह दश इस भरम म नही रहन वाला कक डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन एक अथटिशारिी क तौर पर कर अथवा एक परशासक परधानमती क तौर पर चकक दोनो ही मोचषो पर जब-जब डॉ मनमोहन कसह को

ताकतवर पद कमला ह व नाकाम साकबत हए ह बतौर परधानमती उनहोन एक भरष और लटतत वाली सरकार दी ह कजसक मकतयो को लट एव भरषाचार क गभीर आरोपो म जल तक जाना पड़ा ह डॉ मनमोहन कसह एक बहद कमजोर परशासक इसकलए भी ह कक कोयला मतालय उनक अतगटित रहत हए उसी कवभाग म हए घोटालो को रोक पान म व बरी तरह नाकाम साकबत हए आज राजयसभा स जब व lsquoसगकठत लटrsquo का जमला फ क रह थ तो यह इकतहास उनही को आईना कदखा रहा था एक और कबद ह कजसको लकर कागस उनका मकहमा मडन करती ह भारत म उदारीकरण क जनक क रप म कजस ढग स डॉ मनमोहन कसह की छकव को कागस पश करती ह वो महज एक छलावा ह उदारीकरण को लकर हम यह समझना होगा कक बतौर राजनीकतक दल कागस अथवा बतौर अथटिशारिी डॉ मनमोहन कसह म स कोई भी कभी उदारीकरण का कहमायती नही रहा ह उदारीकरण न तो कागस की नीकत रही ह और न ही डॉ मनमोहन कसह का कभी कवजन रहा ह भारत म उदारीकरण आकथटिक तगी की मज़बरी की दन स जयादा कछ भी नही ह आपक पास जब कछ नही बचा तो आप मज़बरी म उदारीकरण को सवीकार ककए जबकक इसक पहल कागस की आकथटिक नीकतयो म समाजवादी वयवसथा की परबलता थी पकडत दीन दयाल उपाधयाय अनक बार सावटिजकनक कषतो क कवसतार पर कागस की सरकारो की आलोचना करत रह थ अब मज़बरी म आए उदारीकरण को मनमोहन कसह की आकथटिक दरदकष क रप म पश करक कागस दश को गमराह नही कर सकती उदारीकरण दश म उतपनन कवकट पररकसथकतयो की दन थी न कक मनमोहन कसह क आकथटिक कवजन की डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन जब इकतहास करगा तो दो बात कनकल कर आएगी पहली बात कक चार दशक स जयादा एक ख़ास राजनीकतक परकषभकम म लगातार महतवपणटि एव कनणाटियक पदो पर रहन वाल भारत क चद लोगो म स एक डॉ मनमोहन कसह ह दसरी बात यह कनकल कर आएगी कक डॉ मनमोहन कसह अवसरो क नायक रह ह इनकी न अपनी कोई नीकत रही ह न कनणटिय रहा ह और न ही य ककसी बदलाव क मौकलक कनमाटिता रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम क सपयादक ह)

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लखक अकमष कतपाठी की तीन खणडो म कशव की एक कालपकनक कहानी ह जो सोमरस नामक अमरता दन वाल दरवय की कथा ह यह एक अमरत था परनत इस अमरत क दषपरभाव भी थ

कजसको वहा क राजा दकष परजा स छपा रह थ कजस तरह समदर मथन म अमरत क साथ कवष भी कनकला उसी तरह इस अमरत की कनमाटिण परककरया म इसक साथ-साथ कवष भी बनता था इस कहानी म जो सबस महतवपणटि ह वो यह कक शरआत म जो चीज समाज क कलए अमरत थी वही इसक जयादा उपयोग स धीर धीर सवतः कवष म पररवकतटित हो गयी ततकालीन सामाकजक वयवसथा म हर समसया का मल बन गयी और चकक इस सोमरस क परकत सवाथटि इतना गहरा हो चका था कक कबना इस परकतबकधत ककय कोई उपाय नही रहा धमटि यदध हआ और इस कवदा को उपनयास क अत म हमशा क कलए कछ अपवादो को छोड़कर ख़तम कर कदया गया अब इस कहानी को हम वतटिमान अथटिवयवसथा क पररपकय म दखत ह तो कया नकद हमारी अथटिवयवसथा का सोमरस ह कया सोमरस की तरह नकद भी धीर-धीर ककसी वयवसथा क कलए अकभशाप बन सकती ह कया नकद अपन सार फायद क बावजद इतना जहरीला हो सकता ह कक राषटीय अथटिवयवसथा खोखली होन लग इन सार परशो क मल म अगर हम इस वयवसथा क इकतहास म जाए तो पाएग कक भौकतक मदरा एक बहत ही परानी एव मधयकालीन परपरा ह व समय क साथ-साथ इस कफकजकल करसी क साथ-साथ अनक कवष-बल कलपट चक ह भौकतक मदरा क साथ जो सबस बड़ी समसया आज पश आ रही ह वो ह इसक परकत आशकति तथा कर चोरी हत सरकार की नज़र स इस छपा कर रखना इस कारण अथटिवयवसथा म उन कछप हए नोटो का क़ाननी हसतानतरण म परयोग बद हो जाता ह और य धन जस सरकार की नज़रो स गायब हो जात ह उस धन का परयोग होता ह पर वहा कजस धध को सरकार या समाज गर क़ाननी मानत ह और य छपा हआ धन अपनी एक खद की अथटिवयवसथा बना लती ह कजसका कवकास सवतः होन लगता ह यह सामानातर अथटिवयवसथा नकद पर कनभटिर हो जाती ह जहा न कोई टकस दना होता ह न ही समाज क परकत ककसी उततरदाकयतव को कनभाना होता ह आज हमार समाज म कजतनी भी कवसगकतया कदखाई दगी उनक जड़ म यही काला धन ह जो कक कछ नही बकलक सरकार की नज़र स छपाकर कलया गया नकद ह या उसक दारा खरीदी गयी पररसपकततया ह इसी कालधन रपी नकद की जड़ स समसत बराइयो को खराक कमलती ह

या उनकी अथटिवयवसथा चलायमान रहती ह चाह वो नशीली दवाओ का कारोबार हो आतकवाद की फकडग हो हवाला कारोबार हो चनावो म लग रहा धनबल हो चाइलड टकफककग हो या अनय अपराध हो या उनह करवान क कलए ककया जा रहा जाली नोटो का इसतमाल हो इन सबकी बकनयाद इसी नकदी पर कटकी होती ह कामरड सीताराम यचरी न अपन फसबक पोसट म कलखा ह कक यह काला धन भारत की अथटिवयवसथा का 06 ह एव इसका लगभग 0025 नकली नोट ह अब अगर हम भारत की कवशाल अथटिवयवसथा को दख तो य रकम बहत जयादा ह य वही सोमरस ह जो अब कवष बन चका ह एव कजसका उपयोग हमार समाज को कनरतर कमजोर कर रहा ह इस कवषबल को काटन का कोई भी साहसी फसला मकशकल हो सकता ह परनत गलत कभी नही इस नकद क लोभ म हर वयकति भल चका ह कक लकमी चचला ह य जब तक एक हाथ स दसर हाथ जाती रहती ह तभी तक आकथटिक कवकास होता ह एव इसी कवकास का एक कहससा कर क रप म समाज वयवसथा को जाता ह वतटिमान सरकार क 500 एव 1000 क बड़ नोटो जो कक बाज़ार म उपलबध नकद का 86 ह को वापस लन क फसल न उन सार नोटो को अपन मलय को बरक़रार रखन हत बको म आन को कववश कर कदया ह अब चाह काला हो या उजला अपन वजद क कलए उनह सरकार की नज़र म आना ही होगा वरना उस मलय क छप नोट को सरकार सवतः उपयोग म ला लगी बहत स परश उठ रह ह कक कया नए नोट स कफर स काला धन नही बनगा दरअसल सरकार न काल धन क कनमाटिण व परवाह को रोकन क कलए पहल स ही कई कदम उठाए ह और अब जब यह कनणटिय कलया गया ह तो इसक बाद कफर नया काला धन न पनप इसक कलए सरकार कनकचित तौर पर कछ न कछ तयारी करक ही चल रही होगी

बहरहाल एक बात तो कनकचित ह कक सरकार का यह कदम अब तक सगकहत कवषबल रपी नोटो को तो वयथटि कर ही दगा जब तक कक व एकबार वापस सरकार की आखो स न गजर और सरकार की नज़र हर उस वयकति पर होगी जो यह काम कर रहा ह आय क जात सोतो स जयादा लोग जमा करन स बचग कजस भी ककसी खात म असामानय गकतकवकध होगी वो पकड़ म आ जायग अब यह सवटिकवकदत ह कक कश वयवसथा परातन एव समाज की बदली आवशयकताओ को पणटि करन म अकषम हो चकी ह

नकदी क जाल स रनकलकर रडसजटल अरथवयिसा की तरफ बढ़न का सिय

आयर आनद

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अब बड़ लनदन कश म करना न सकवधाजनक ह न ही फायदमद तो अब समय आ गया ह कक हम इस कश क जाल म फसी अथटिवयवसथा को यहा स बाहर कनकाल यह कबलकल ही मफीद समय ह जब हम राजय क मौकदरक वचन को नोट क रप म मानन क बजाय कडकजटल एव पलाकसटक वचन को जयादा वजन द य न कवल यगानकल ह बकलक सलभ ससता एव कश क साइड इफ़कट स कबलकल मति ह ककसी भी कवकास कर रही अथटिवयवसथा को अनततोगतवा जाना वही ह हम भारत म कल कवततीय लनदन का लगभग 60 नकद म करत ह कजस हम घटा कर 20 क नीच लाना होगा अगर हम अपनी अथटिवयवसथा अनय राषटो की तलना म साफ़ सथरी एव मजबत बनाना चाहत ह अचछी बात य ह कक सरकार क परयास इसी कदशा म होत कदख रह ह आज वतटिमान समाज वयवसथा म सचना कराकत क कारण राजय की मौकदरक परकतजा अब कवल नोटो तक सीकमत नही ह यह एक आकड़ो का खल ह कक आपक खात म ककतना धन ह और वो वयकति क इचछानसार हसतानतरणीय हो गयी ह तो अब कबना मदरा क मतटि रप क भी मदरा वजद म ह एव करयशील

तथा अथटिवयवसथा को चलान म सकषम ह तो कयो न हम इस वयवसथा की ओर बढ़ आज जब लगभग हर वयकति मोबाइल उपयोग कर रहा ह डकबट काडटि सलभ हो चका ह छट पस अब सभी एटीएम स ही कनकाल रह ह तो कयो न उस वयवसथा को आग बढ़ाया जाय अगर आप ककसी भी दकानदार को पस ऑनलाइन टानसफर या काडटि स करत ह तो वो टकस कबलकल भी चोरी नही कर सकता आपका कोई भी पमट अगर कश ह तो सभावना ह की वो बलक बन जाय पर अगर यह बक ट बक अकाउट ट अकाउट ह तो यह हमशा सफ़द ही रहगा तो आइय य कबलकल सही समय ह जब हम नए नोटो की बजाय कबना नोटो की साफ़-सथरी अथटिवयवसथा को बढ़ावा द तथा जो इस स अछत ह उनह भी कडकजटल अथटिवयवसथा का अग बनाय हम इसक कलए अगशील होना कबलकल भी नही छोड़ सकत कक पीछ वाल बहत पीछ ह जररत ह उनह भी इस वयवसथा क अनकल सवदनशील तथा जागरक बनान की

(लखक िशिनलसट ऑिलयाइि म कॉपी एनडटि ह)

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8नवबर को रात आठ बज राषट क नाम सदश म परधानमती नरदर मोदी न पाच सौ और एक हजार क नोट बद होन का फसला सनाकर सबको चौका कदया था इस बात को अब बीस कदन स

जयादा हो गए ह लककन आज भी यह कवमशटि का सबस बड़ा मदा बना हआ ह हालाकक कवमदरीकरण क फसल क बाद स ही इसक पकष-कवपकष म बहस शर हो गयी जो अब भी चल रही ह ममता बनजटी की तरणमल कागस कजरीवाल की आम आदमी पाटटी मायावती की बहजन समाज पाटटी एव भारतीय राषटीय कागस सकहत तमाम राजनीकतक दलो न इसक कखलाफ मोचाटि खोल कदया ह दश की जनता बक की कतार म ह और दश क कवपकषी दल फसल क कवरोध म सरकार क सामन बक की कतारो स कनपटन की चनौती तो थी ही साथ म कवरोधी दलो क असहयोगातमक रख स कनपटन की चनौती भी बनी ह चकक ससद का सत भी शर हो गया ह कलहाजा कनतीश कमार को छोड़कर लगभग परा कवपकष ससद स सड़क तक इस फसल क कवरोध म आ गया ह सरकार का शर स दावा रहा कक दश की आम जनता उनक इस फसल क साथ ह वही कवरोध कर रह दलो का तकटि था कक वो जनता की परशाकनयो को दखत हए अपना कवरोध दजटि करा रह ह हालाकक सतता पकष और कवपकष दोनो ही जनता को अपन पाल म बतान का दावा जब कर रह हो तो यह समझ पाना बड़ा मकशकल हो जाता ह कक वाकई जनता ककसक साथ ह इस मामल म भी ऐसा ही हआ अलग-अलग माधयमो स सवव आकद शर हो गए मीकडया चनलो क लोकल सतर क लाइव चचाटि आकद स भी इस फसल पर जनता का कमजाज टटोलन की कवायद तज होन लगी परधानमती नरदर मोदी न अपन सतर पर भी एक ऑनलाइन सवव कराया कजसम उनको इस फसल पर भारी समथटिन कमला हालाकक कवरोध कर रह कछ दलो को इस बात का भान जरर हआ कक जनता इस मद पर उनक साथ नही ह कलहाजा उनहोन 28 नवबर को lsquoभारत बदrsquo करन का अपना कनणटिय वापस ल कलया इसी बीच एक अगजी समाचार पत का सवव आया कजसम बहमत को सरकार क इस फसल क कखलाफ बताया गया अब बड़ा सवाल यह था कक कया सच मान या कया झठ मान लोकतत म ककसी भी राजनीकतक दल की जनता क बीच हकसयत मापन का सबस वयापक और सबस बड़ा सवव चनाव ही होता ह कवमदरीकरण क मद पर जब दश म lsquoहा-नाrsquo की बहस चल रही थी इस दरमयान तीन

महतवपणटि चनाव सपनन हए पहला लोकसभा और कवधानसभा की खाली हई सीटो पर उपचनाव दसरा महाराषट क कनकायो क चनाव और तीसरा गजरात क सथानीय कनकायो क चनाव यह तीनो चनाव कवमदरीकरण क फसल क बाद हए मतसखया क आधार पर अगर दख तो ककसी भी बड़-बड़ सवव म कजतना समपल कलया जाता ह उसस सकड़ो-हजारो गना जयादा लोग इन चनावो म परतयकष कहससा कलए ह लोकसभा और कवधानसभा क उपचनावो म भाजपा अपनी सभी सीट न कसफटि सरककषत रखन म कामयाब हई बकलक कतपरा और पकचिम बगाल म कपछल चनाव की तलना म भाजपा क वोट परकतशत म भारी इजाफा भी हआ इसक बाद 28 नवबर को महाराषट क कनकाय चनावो क पररणाम आए कजसम भाजपा को भारी बढ़त कमली ह चकक वषटि 2011 क चनाव म भाजपा कनकायो म तीसर नमबर की पाटटी होती थी लककन इन पररणामो क बाद भाजपा सबस बड़ी पाटटी बनकर उभरी ह यहा तक कक कशवसना क साथ गठबधन होन क बावजद भाजपा कशवसना स जयादा सीट जीत गयी ह नगर पचायतो क कलए हए चनावो म भाजपा को 851 सीट कमली ह जो 2011 म मात 396 थी कल 147 सीटो पर हए मयकनकसपल काउकसल क कलए परतयकष मतदान म भाजपा को अकल 52 सीटो पर जीत कमली ह कपछल चनावो म इन कनकायो पर राषटवादी कागस पाटटी का कबजा था जो कक अब उसक हाथ स जा चका ह इसक अलावा सोलापर जस सीटो जहा भाजपा कभी नही आई थी पर भी इसबार भाजपा जीतन म कामयाब रही महाराषट क सथानीय चनावो क पररणामो को इस कलहाज स भी महतवपणटि माना जा रहा ह कयोकक तमाम दल एव बकदधजीवी इस कमनी कवधानसभा चनाव भी कहत ह यह अलग बात ह कक भाजपा को कमली बड़ी जीत क बाद इसपर हमार तथाककथत बकदधजीवी वगटि न सननाटा साध कलया ह और ऐसा जताना चाह रह ह कक य चनाव महतवपणटि ह ही नही लककन वही अगर पररणाम भाजपा क परकतकल होत तो यही बकदधजीवी इस दवनदर फडनवीस नही बकलक नरदर मोदी की हार बतात हए नही थकत खर कवमदरीकरण क बाद नरदर मोदी क अपन राजय गजरात म भी कनकाय चनाव हए गजरात पर सबकी नजर इसकलए थी कयोकक वहा हाल म ही सतता म उथल-पथल क अलावा सरकार क कखलाफ पटल आनदोलन हआ था ऊना काणड क बाद दकलतो क नाम पर माहौल बनान की कोकशश दश क उन राजनीकतक दलो न भी कम नही की कजनकी गजरात म वतटिमान

रनकाय चनाि नोटबदी क रनरथय परजनता की िहर

मशवाननद मविवदी

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की राजनीकतक हकसयत कछ भी नही ह लककन गजरात क चनाव पररणामो न तो कागस का सपड़ा ही साफ़ कर कदया पररणामो क मताकबक़ गजरात क वापी नगरपाकलका की 44 सीटो म भाजपा न 41 सीटो पर जीत दजटि की ह वही कागस को यहा महज 3 सीटो पर सतोष करना पड़ा ह सरत क कनकपर-कनसाड़ की 28 म स 27 सीटो पर भाजपा को जीत कमली ह वही कछ कजला तालका पचायत क उपचनावो म भाजपा को 23 और कागस को महज 8 सीट कमली ह गजरात पर सबकी नजर इसकलए भी बनी हई थी कयोकक गजरात स नरदर मोदी क आन क बाद वहा महज ढाई साल म एक मखयमती को बदलना पड़ा था इसी दरमयान वहा पटल आनदोलन को भी कदलली की मोदी-कवरोधी ताकतो क सहयोग स हवा दन का काम ककया गया ऊना म दकलत कपटाई मामल क बाद भी कदलली की राजनीकत क कसयासतदानो की कगदध कनगाह गजरात म लगी रही लककन इन चनावो को अगर जनता का सबस बड़ा और सबस कवशदध सवव मान तो यह सवव मोदी क पकष म जाता ह यह इसकलए जयादा महतवपणटि ह कयोकक हाल म ही कवपकषी खमा कवमदरीकरण क मद पर जनता की परशाकनयो का हवाला दकर असहयोग की कसथकत उतपनन कर रहा ह

इन चनावो को जनता की बीच स आया आम सवव मानकर भी अगर कवरोधी खमा कवमदरीकरण क बजा कवरोध स नही कडगा और जनता क कध पर बदक रखकर सरकार को घरता रहा तो यह मोदी क कलए तो नही लककन उनक खद क कलए जयादा घातक होगा कवरोध सकारातमक होना चाकहए वचाररक होना चाकहए न कक कसफटि इसकलए कवरोध करो कयोकक आपको मोदी का कवरोध करना ह इन चनावो क पररणामो पर एक लाइन म कटपपणी कर तो यही कहग कक जनता न मोदी क कनणटिय पर अपनी सहमकत का महर लगाया ही ह कवरोकधयो को आईना भी कदखा कदया ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनदशि म रिसचच फलो एव िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम म समपयादक ह)

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वस तो हर चनाव का मदा और कलवर अलग होता ह उसम भी सथानीय कनकाय और नगर पचायत चनावो का मदा पणटितया सथानीय होता ह परत कपछल कदनो महाराषट और गजरात म

कनकाय चनाव का आयोजन कवमदरीकरण क साए म हआ जहा पर अनय सथानीय मदो क अलावा कवमदरीकरण चनाव म बड़ा मदा था और हर पाटटी इस मद को भनान म लगी थी इस चनाव म भाजपा न भारी जीत दजटि की कजस परधानमती मोदी दारा कलधन क कखलाफ उठाए गए कदम पर जनता की महर माना जा सकता ह सभी कवपकषी पाकटटिया कवमदरीकरण क कारण जनता की परशानी का हवाला दत हए ससद क शीतकालीन सत को लगभग-लगभग हगाम की भट चढ़ा चकी ह वही जनता जनादटिन न कनकाय चनावो म भाजपा की जीत कदलाकर इस फसल पर महर लगान का सदश कदया ह कवपकषी पाकटटियो की दलील थी कक गामीण भारत सबस जयादा कवमदरीकरण की मार झल रहा ह इसकलए वह कवमदरीकरण का कवरोध कर रह ह लककन इन सथानीय कनकाय चनावो म जनता न सततारढ़ भाजपा क पकष म अपनी महर लगाई ह कजसन नोटबदी को लकर सरकार स जनता की नाराजगी जसी कवपकष की सभी दलीलो की पोल खोल दी ह सपष हो गया कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह ऐस म परतीत तो य हो रहा कक कवपककषयो कचता जनता की नही खद क काल धन की ह जो कक नोटबदी क बाद महज कागज बन कर रह गया इसी करम म अगर इन चनावो क पररणामो पर नजर दौड़ाए तो साफ-साफ पता चलता ह कक जनता न परधानमती मोदी क साथ जाना पसद ककया ह जबकक कवपकषी पाकटटियो क सार आरोप और लामबदी हवा हो गए गजरात की दो नगरपाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली कवपकषी दल कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म महज एक सीट स सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न आठ सीट फतह की जात हो कक कपछल साल समपनन हए सथानीय चनाव म कागस न अपन परदशटिन म कछ सधार ककया था कजस उसन परधानमती योजनाओ की हार क तौर पर परदकशटित ककया था लककन अब इस कनकाय चनाव म जब कागस का सपड़ा साफ़ हो गया तो उसक पास बोलन क कलए कछ नही बचा ह बीत दो दशक स सतता स बाहर कागस की कसथकत कदन-परकतकदन

खराब होती जा रही ह परत वह ह कक मानन को तयार नही गजरात क अलावा महाराषट क सथानीय चनावो म भी करारी हार का सामना करना पड़ा महाराष ट म 147 नगर पररषद म स अकल भाजपा को 52 सीट सहयोगी कशवसना जो कक इस चनाव म भी बागी तवर अपनाए हए थी उस भी महज़ 23 सीट हाथ लगी कागस को 19 और एनसीपी को 16 पर जीत कमली ह अन य उम मीदवारो क खात म 28 सीट गइटि ह वही 17 नगर पचायतो क 3510 सदस यो क कलए हए चनाव म सत ताधारी भाजपा को 851 सीट कमली ह कागस क खात म 643 एनसीपी को 638 और कशवसना को 514 मनस को 16 सीपीएम को 12 बसपा को 9 कनदटिलीयो को 324 स थानीय गठबधनो को 384 और बाककयो को 119 सीटो पर जीत कमली ह सपष ह कक यहा भी भाजपा हर तरह स सबस आग ह इस जीत को भी कवमदरीकरण क फसल पर जनता की महर और राजय क मकखया दवदर फडणकवस क कवकास परायोकजत कामकाज पर जनता की सहमकत कहना गलत नही होगा इन सब चीजो स कवपकषी दल दरअसल बौखलाए हए ह उनह कछ सझ नही रहा ह कक वह कर तो कया कर अब इस पर कवपककषयो का तकटि य ह कक इन चनावो म नोटबदी कोई मदा नही था मसला हार-जीत का नही ह मसला ह तो कवपकष क दोमह चररत का जब कवपकष का सफाया हो जाय तो मद सथानीय थ पर वही अगर सततारढ़ पाटटी हार जाए तो उस पाटटी की हार ह उसक योजनाओ की हार ह दखन वाली बात यह ह कक हर ककसी को पता ह कक सथानीय कनकाय क चनावो म जीत क कारण अलग होत ह लककन जब हारन पर भाजपा क मतथ नोटबदी मढ़ दी जाती तो जीतन पर शय कयो नही और वस भी कवमदरीकरण तो समग राषट को परभाकवत करन वाला मदा ह कफर कनकचित तौर पर इन चनावो म भी इसका परभाव रहा ही होगा उललखनीय होगा कक अभी नोटबदी क बाद ही हए एपीएमसी क चनावो म भाजपा का परदशटिन बहत अचछा नही रहा था तो उस वति इन कवरोधी दलो न कहा था कक नोटबदी क कारण हार हई ह जबकक अब कनकाय चनावो म इनक कहसाब स नोटबदी कोई मदा ही नही ह य कसफटि और कसफटि इनक दोमहपन को कदखाता ह कहना गलत नही होगा कक कजतना तमाशा लोकतनत का वतटिमान कवपकषी पाकटटिया कर रही ह उस दश कभी नही माफ करगा नोटबनदी का कवरोध कवपकष दारा महज़ खद को सककरय कदखान की एक नाकाम और नकारातमक कोकशश ह उसस जयादा कछ नही चनाव क पररणाम बतात ह कक परधानमती मोदी कदन-परकतकदन मजबत होत जा रह ह यह भी तय माकनए कक कजतना कवरोध परधानमती का होगा उतना ही वह मजबत होकर बाहर आएग

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

रनकाय चनािो ि भाजपा की इस बमपर जीत क बाद तो नोटबदी क विरोध की राजनीवत बद कर विपकषी

कशव झा

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कदर सरकार दारा पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन क फसल क बाद स ही मोदी-कवरोधी एक राजनीकतक जमात म भचाल की कसथकत ह इस साहकसक एव ऐकतहाकसक कनणटिय क

दरगामी नफा-नकसान पर बहस करन की बजाय कछ राजनीकतक जमात क लोग बको की कतारो पर बहस करना चाहत ह चकक इस कनणटिय को लकर आम जनता क मन म एकतरफा समथटिन का भाव खलकर कदख रहा ह कलहाजा कछ राजनीकतक खमो क लोग इसपर चचाटि करन स भागत नजर आ रह ह दश का आम जन अपनी कछ कदनो की परशाकनयो को दरककनार कर इस ऐकतहाकसक कनणटिय को सवीकार कर चका ह लककन बड़ा सवाल यह ह कक वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को सवीकार करन स कतरा रह ह वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को वापस लन क कलए असफल रकलया कर रह ह वो कौन लोग ह जो महगी गाकड़यो और एसपीजी सरकषा म जाकर दो घट म अपना चार हजार रपया कनकालन क बावजद झठ बोल रह ह कक पसा नही कमल रहा एक सवाल यह भी ह कक य लोग ऐसा कयो कर रह ह इस सवाल पर पड़ताल करन स पहल जरा lsquoकतारrsquo पर बहस कर ल राहल गाधी अपना चार हजार तो दो घट म कनकाल कलए लककन लोगो को गमराह कर रह ह कक पसा नही कनकल रहा ह दरअसल यह उनकी नीयत म खोट को दशाटिता ह अगर व ईमानदारी कदखात तो सबक सामन सवीकार करत कक ldquoहा म कतार म लगा था और मझ मरा पसा कमला लककन नही उनकी जबान तो कछ और बोल रही ह दरअसल राहल गाधी को यह बात बखबी पता होनी चाकहए कक इस दश की आम जनता को lsquoकतारोrsquo स कभी समसया नही रही ह सततर साल की सरकारो कजसम लगभग साठ साल कागस ही सतता म रही ह न इस दश की आम जनता को कतार म खड़ रहन की आदत डाल दी ह यह वही जनता ह जो कभी कसलडर गस तो कभी यररया तो कभी रल कटकट क कलए आय कदन कतारो म नजर आती रही ह इसकलए इस जनता को अब कतारो का भय न कदखाइए इस दश म सततर वषषो म जो लबी कतार आपन खड़ी की ह अब नोटबदी क इस फसल न उस कतार को तोड़ कदया ह यह वह कतार बन रही ह कजसम दश का आम जन खड़ा होकर कबना ककसी डर क भय क अपन हक़ क कलए और दश क भकवषय क कनमाटिण क कलए खड़ा होन को तयार ह यह कतार ईमानदारो की कतार ह परधानमती मोदी न जो यह कतार बनाई ह इस कतार म ककसी भरष बईमान और चोरी स काली कमाई करन वाल की कहममत नही हो पा रही कक वो खलकर खड़ा हो सक कलहाजा यह ईमानदारी का उतसव मना रह दश की ईमानदार जनता की कतार ह भरषाचार क कखलाफ चल रही इस लड़ाई का लगातार कवरोध कर रह कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल की अपनी कोई कवशसनीयता नही रही ह व खद कभी लाल यादव तो कभी ककसी और क समथटिन म खड़ होकर

अपनी साख पर बटा लगा चक ह लककन अब जब दश की आम जनता क साथ कालाधन और भरषाचार क कखलाफ चल रही इस कनणाटियक लड़ाई का समय आया तो व बगाल की मखयमती ममता बनजटी क साथ कमलकर इसका कवरोध करत नजर आ रह ह वस तो कबना ककसी सबत और बकनयाद क ककसी पर भी आरोप लगान क रोग स गकसत कदलली क मखयमती अनक बार सबत न द पान की वजह स अपनी फजीहत भी करा चक ह लककन आज एकबार कफर व कबना ककसी सबत क मनगढ़त बात कर रह ह कदलली की जनता क मन म यह सवाल बजा नही उठ रहा ह कक ममता बनजटी और कदलली क मखयमती क बीच ककस मद पर सहमकत बनी ह ममता बनजटी मायावती सकहत कछ लोग पहल कदन स भरषाचार क कखलाफ इस कनणाटियक लड़ाई म भरष लोगो क साथ खड़ ह लककन कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल आकखर कयो इनक साथ खड़ ह मोदी क इस फसल स आतकवाकदयो को फकडग करन वालो माओवाकदयो को ससाधन महया करान वालो तसकरो अपराकधयो भरषाचार करन वालो की पीड़ा तो जायज ह लककन इन चद नताओ की इस फसल क कखलाफ एकजटता भी कम शक नही पदा करती ह ऐस म बड़ा सवाल जनता क जहन म ह कक जब पजाब म चनाव होन ह तो कया आम आदमी पाटटी को चनाव म इसतमाल करन क कलए जटाए गए धन क रदी हो जान की कचता सता रही ह यह सबको पता ह कक पारदकशटिता की बात करन वाली आम आदमी पाटटी काफी समय स अपन आय और वयय का बयोरा सावटिजकनक नही कर रही ह खर कतार लबी जरर ह लककन बदोबसत ऐसा ह कक उस कतार म कोई बईमान और भरष जयादा दर कटक नही पाएगा यह वो कतार ह कजसन दश की आम और ईमानदार जनता को बईमानो क सामन गौरवाकनवत होन का अवसर कदया ह यह वह कतार ह जहा जान भर स न जान ककतन बईमान खौफ खा रह ह नोटबदी क कखलाफ उठन वाली हर आवाज इस दश म ईमानदारी की बन रही इस ऐकतहाकसक कतार क कखलाफ एक साकजश की तरह ह आज या तो आप इस कतार क साथ ह या आप भरष और बईमानी स धन अकजटित करन वालो क साथ ह वस भी मोदी की अचछी बात यह ह कक वो परमाणपत दन वालो की परवाह ककए कबना जनकहत म दशको स काम करत हए यहा तक पहच ह कजनका डब रहा ह व बौखला रह ह आम लोग थोड़ी परशाकनयो क बावजद इस महीम क साथ कतारबदध होकर खड़ ह यही वजह ह कक लाख कोकशशो क बावजद नोटबदी क कखलाफ की जा रही कछ रकलयो म मोदी-मोदी क नार लग रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनडशि म रिसचच फलो ह एव िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खबरदार यह ईिानदारो की कतार ह बईिान दर रहमशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवबर की शाम को परधानमती मोदी क राषट क नाम सबोधन म नोटबदी क ऐकतहाकसक फसल क ऐलान स दश भर म हलचल मच गयी परधानमती नरदर मोदी न जब दश भर म 500 और 1000

क नोटो पर परकतबध की घोषणा की तो काल धन की फसल उगाकर रखन वालो पर जस ओलो की बरसात हो गयी जनता की खन-पसीन की कमाई को अवध और अनकतक रप स जमा करक बठ ऐस लोग अब मार-मार कफर रह ह और तरह तरह स आम जनता का हवाला दकर अपना उलल सीधा करन की कोकशश म लग ह 500 और 1000 क नोटो पर परकतबध क कनणटिय की न कवल तकलीफ झलन क बावजद जनता सराहना कर रही ह बकलक इस कनणटिय म सरकार को परा सहयोग भी द रही ह मगर कवपककषयो का रख इस पर भी हासयासपद रहा ह कागस आप सपा बसपा तरणमल कागस आकद तमाम दलो क परमख नताओ न इस कनणटिय को लकर मोदी सरकार पर अताककटि क ढग स सवाल उठान की कोकशश की ह ऐस म सवाल यह उठता ह कक आकखर इस नोटबदी क कनणटिय स य कवपकषी दल इतनी पीड़ा म कयो ह कनससदह इन कवपकषी दलो का ऐसा आचरण जनता की नज़रो म उनकी सकदगध छकव ही परसतत कर रहा ह कदलली मबई समत दश क अनय राजयो म पड़ रह आयकर कवभाग क छाप यह सपष करत ह कक दश की जनता का पसा ककस तरह कछ लोगो की झोली भर रहा था काल धन की धर-पकड़ पर इस परकतबध का जोरदार असर दखन को कमल सकता ह सबस पहल तो य 440 वॉलट का झटका उन क कलए ह जो कबसतर पर करोड़ो नोट कबछा कर सोन क आदी हो चक ह जाकहर ह इसस उनकी रातो की नीद हराम हो चकी होगी दसरी बात यह कक अकसमात हए इस परकतबध न काला धन धारको को ज़रा भी सजग होन का मौका ही नही कदया इसकलए अब उनक पास कसवाय अपनी सपकतत को सावटिजकनक करन अथवा नष करन क कोई और चारा नही बचा ह तभी तो दश क कवकभनन कहससो म भारी सखया म कही पाच सौ और हजार क नोट कड़ क ढर पर फ क कमल रह तो कही जलत पाए जा रह य कदखाता ह कक नोटबदी क इस कनणटिय क बाद काला धन धारको म ककस कदर हडकप मचा हआ ह तीसरी बात कक बाज़ार म इन कदनो जो नकली नोटो का बोलबाला था इस कनणटिय न उस गोरखधध को भी नसतनाबद कर कदया ह साथ ही भारत को नकसान पहचान क कलए बागलादश और पाककसतान जस मलको स जो नकली नोटो का भणडार यहा आता था वह भी अब ककसी काम का नही रहा इस कनणटिय स न कवल दरगामी तौर पर अथटिवयवसथा को मजबती कमलगी बकलक काल धन की जबती क बाद महगाई पर भी अकश लगगा दश की मदरा भी मजबत होगी और कवकास दर म भी वरकदध होन की सभावना ह

नोटबदी न दश म एक जागरकता फलान का भी काम ककया ह और लोगो क बीच इस धारणा को मजबत ककया ह कक बात अगर दश की भलाई हो तो परा दश एक सत म कपरोय धाग समान हो सकता ह जाकहर ह इस पर परश उठान वाल लोग जो कसफटि सकखटिया बटोरन क बलबत अपन राजनकतक वजद को बचाए रखत ह उनको यह कदखाई दना मकशकल ह कक दश की जनता सरकार क इस साहकसक कनणटिय स परशान नही ह बकलक सहयोग क साथ अपना योगदान दन क कलए सककलपत भी ह लोगो को भड़काकर उनम फट डालकर शासन करन की नीकत औपकनवकशक काल की थी मगर यह दभाटिगयपणटि ह कक सवय को दशभति क ताज स नवाजन वाल तमाम कवपकषी नता भी आजकल इन हथकडो का उपयोग करन स बाज नही आ रहइस कनणटिय क बाद उन लोगो को कोई कवशष समसया नही ह कजनक खात म उनकी जायज कमाई का पसा ह जबकक तमाम ऐस लोग कजनहोन गलत ढग स धनाजटिन ककया ह अनदर ही अदर डर-सहम बठ होग उनकी अकत सपकतत वयथटि हई पड़ी ह और उस पनः उपयोगी बनान क कलए अगर व बक जात ह तो काली कमाई की कलई खलना लगभग तय ह कतसपर आय कर और दो सौ परकतशत जमाटिन का डडा तो पड़ना ही ह एक बात य भी ह कक जो जनधन बक खात कपछल 6 महीन स कनकषकरय पड़ हो अगर आज अचानक उनम लाख-दो लाख रपय का हसतातरण होता ह तो य भी एक सदहजनक गकतकवकध ह कजसपर बक अपनी पनी नज़र बनाय हए ह और कजसक चलत आयकर कवभाग भी चसती स काम करत नज़र आया दश म मखय अथटिवयवसथा और समानातर अथटिवयवसथा को एक ही धारा म लान म भी यह एक बड़ा कदम ह इस कनणटिय क जररय कशलस इकॉनोमी को बढ़ावा कमलन का भी अनमान ह कजस उस वक़त लाग ककया गया जब दश म सकवधाजनक कश टासकशन की कमी ह कशलस टासकशन स आकथटिक पकष मजबत करन म हम सहायता कमलगी साथ ही कर दाताओ को भी इसम सहकलयत होगी कशलस टाजकशन वो चीज ह जो कजतना अकधक बढ़गा दश स भरषाचार की सभावना उतनी ही कम होगी काल धन को सजोन की कोकशश तो अब भी जारी ह हाथ पर तो अब भी मार जा रह ह कफर वह चाह रलव कटकट करवा कर ककया जाय अथवा ककसान करकडट काडटि का इसतमाल करक लककन इन सब गकतकवकधयो पर सरकार की परी नज़र ह सरकार न य कनणटिय कनकचित तौर पर इन सब पहलओ पर कवचार-कवमशटि करक ही कलया होगा अतः काला धन धारको का सरकार को चकमा दकर कनकलना मकशकल ह और कहना गलत नही होगा कक lsquoअबकी बार उनह मोदी सरकार क सामन डालन होग हकथयारrsquo

(लनखकया पतरकयारितया की छयातरया ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी आि जन कर रह सरकार का सिरथनकाला धन धारको ि िचा हड़कप

कमनषका मतवारी

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जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

23

एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 12: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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महतवपणटि पदो पर लगातार रहत हए परधानमती तक क ताकतवर पद तक पहचन क बावजद कयो य नही परा कर पाए बको क राषटीयकरण क दौरान ही सरकार म आकथटिक सलाहकार क तौर पर जड़न वाल डॉ मनमोहन कसह की कवफलता की कहानी यही ह कक चार दशक बाद 2004 म परधानमती बनन क बावजद वो इस दश की आम जनता को मखयधारा की बककग अथटिवयवसथा स जोड़ पान म नाकाम साकबत हए राजयसभा म बोलत हए डॉ मनमोहन कसह न जीडीपी कवकास दर म 2 फीसद की कगरावट का अदशा जताया लककन जीडीपी कवकास दर क सवाल पर वो यह बताना कयो नही मनाकसब समझ कक उनक दस साल क कायटिकाल म जीडीपी लगातार ककन वजहो स अकसथर रही थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क दौरान दश की जीडीपी कवकास दर लगभग 84 फीसद तक पहच गई थी अटल कवहारी वाजपयी की सरकार क बाद डॉ मनमोहन कसह की ततकालीन गकठत सरकार को जीडीपी दर कवरासत स ठीक-ठाक कमली लककन डॉ मनमोहन कसह क नतरतव म दस साल सरकार चलन क बाद जब वषटि 2014 म एकबार कफर भाजपा-नीत सरकार नरदर मोदी क नतरतव म बनी तो डॉ मनमोहन कसह स मोदी को 474 (2013 की जीडीपी कवकास दर) फीसद जीडीपी कवकास दर कमली आज भारत की कवकास दर 73 फीसद क आसपास ह लककन मनमोहन कसह जीडीपी को लकर बहद कचकतत नजर आ रह ह यह कचता हासयासपद बवजह एव कनराशाजनक ह जब जीडीपी पर बात चल रही हो तो सवाल मोदी स नही डॉ मनमोहन कसह स होना चाकहए कक आज कजस जीडीपी का आप कहसाब और आकलन कर रह ह उस आप ढाई साल पहल परधानमती रहत छोड़कर ककस हाल म गए थ कागस न डॉ मनमोहन कसह को सारी आलोचनाओ स पर साकबत करन की अनक कोकशश की ह दश इस भरम म नही रहन वाला कक डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन एक अथटिशारिी क तौर पर कर अथवा एक परशासक परधानमती क तौर पर चकक दोनो ही मोचषो पर जब-जब डॉ मनमोहन कसह को

ताकतवर पद कमला ह व नाकाम साकबत हए ह बतौर परधानमती उनहोन एक भरष और लटतत वाली सरकार दी ह कजसक मकतयो को लट एव भरषाचार क गभीर आरोपो म जल तक जाना पड़ा ह डॉ मनमोहन कसह एक बहद कमजोर परशासक इसकलए भी ह कक कोयला मतालय उनक अतगटित रहत हए उसी कवभाग म हए घोटालो को रोक पान म व बरी तरह नाकाम साकबत हए आज राजयसभा स जब व lsquoसगकठत लटrsquo का जमला फ क रह थ तो यह इकतहास उनही को आईना कदखा रहा था एक और कबद ह कजसको लकर कागस उनका मकहमा मडन करती ह भारत म उदारीकरण क जनक क रप म कजस ढग स डॉ मनमोहन कसह की छकव को कागस पश करती ह वो महज एक छलावा ह उदारीकरण को लकर हम यह समझना होगा कक बतौर राजनीकतक दल कागस अथवा बतौर अथटिशारिी डॉ मनमोहन कसह म स कोई भी कभी उदारीकरण का कहमायती नही रहा ह उदारीकरण न तो कागस की नीकत रही ह और न ही डॉ मनमोहन कसह का कभी कवजन रहा ह भारत म उदारीकरण आकथटिक तगी की मज़बरी की दन स जयादा कछ भी नही ह आपक पास जब कछ नही बचा तो आप मज़बरी म उदारीकरण को सवीकार ककए जबकक इसक पहल कागस की आकथटिक नीकतयो म समाजवादी वयवसथा की परबलता थी पकडत दीन दयाल उपाधयाय अनक बार सावटिजकनक कषतो क कवसतार पर कागस की सरकारो की आलोचना करत रह थ अब मज़बरी म आए उदारीकरण को मनमोहन कसह की आकथटिक दरदकष क रप म पश करक कागस दश को गमराह नही कर सकती उदारीकरण दश म उतपनन कवकट पररकसथकतयो की दन थी न कक मनमोहन कसह क आकथटिक कवजन की डॉ मनमोहन कसह का मलयाकन जब इकतहास करगा तो दो बात कनकल कर आएगी पहली बात कक चार दशक स जयादा एक ख़ास राजनीकतक परकषभकम म लगातार महतवपणटि एव कनणाटियक पदो पर रहन वाल भारत क चद लोगो म स एक डॉ मनमोहन कसह ह दसरी बात यह कनकल कर आएगी कक डॉ मनमोहन कसह अवसरो क नायक रह ह इनकी न अपनी कोई नीकत रही ह न कनणटिय रहा ह और न ही य ककसी बदलाव क मौकलक कनमाटिता रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउडशि म रिसचच फलो औि िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम क सपयादक ह)

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लखक अकमष कतपाठी की तीन खणडो म कशव की एक कालपकनक कहानी ह जो सोमरस नामक अमरता दन वाल दरवय की कथा ह यह एक अमरत था परनत इस अमरत क दषपरभाव भी थ

कजसको वहा क राजा दकष परजा स छपा रह थ कजस तरह समदर मथन म अमरत क साथ कवष भी कनकला उसी तरह इस अमरत की कनमाटिण परककरया म इसक साथ-साथ कवष भी बनता था इस कहानी म जो सबस महतवपणटि ह वो यह कक शरआत म जो चीज समाज क कलए अमरत थी वही इसक जयादा उपयोग स धीर धीर सवतः कवष म पररवकतटित हो गयी ततकालीन सामाकजक वयवसथा म हर समसया का मल बन गयी और चकक इस सोमरस क परकत सवाथटि इतना गहरा हो चका था कक कबना इस परकतबकधत ककय कोई उपाय नही रहा धमटि यदध हआ और इस कवदा को उपनयास क अत म हमशा क कलए कछ अपवादो को छोड़कर ख़तम कर कदया गया अब इस कहानी को हम वतटिमान अथटिवयवसथा क पररपकय म दखत ह तो कया नकद हमारी अथटिवयवसथा का सोमरस ह कया सोमरस की तरह नकद भी धीर-धीर ककसी वयवसथा क कलए अकभशाप बन सकती ह कया नकद अपन सार फायद क बावजद इतना जहरीला हो सकता ह कक राषटीय अथटिवयवसथा खोखली होन लग इन सार परशो क मल म अगर हम इस वयवसथा क इकतहास म जाए तो पाएग कक भौकतक मदरा एक बहत ही परानी एव मधयकालीन परपरा ह व समय क साथ-साथ इस कफकजकल करसी क साथ-साथ अनक कवष-बल कलपट चक ह भौकतक मदरा क साथ जो सबस बड़ी समसया आज पश आ रही ह वो ह इसक परकत आशकति तथा कर चोरी हत सरकार की नज़र स इस छपा कर रखना इस कारण अथटिवयवसथा म उन कछप हए नोटो का क़ाननी हसतानतरण म परयोग बद हो जाता ह और य धन जस सरकार की नज़रो स गायब हो जात ह उस धन का परयोग होता ह पर वहा कजस धध को सरकार या समाज गर क़ाननी मानत ह और य छपा हआ धन अपनी एक खद की अथटिवयवसथा बना लती ह कजसका कवकास सवतः होन लगता ह यह सामानातर अथटिवयवसथा नकद पर कनभटिर हो जाती ह जहा न कोई टकस दना होता ह न ही समाज क परकत ककसी उततरदाकयतव को कनभाना होता ह आज हमार समाज म कजतनी भी कवसगकतया कदखाई दगी उनक जड़ म यही काला धन ह जो कक कछ नही बकलक सरकार की नज़र स छपाकर कलया गया नकद ह या उसक दारा खरीदी गयी पररसपकततया ह इसी कालधन रपी नकद की जड़ स समसत बराइयो को खराक कमलती ह

या उनकी अथटिवयवसथा चलायमान रहती ह चाह वो नशीली दवाओ का कारोबार हो आतकवाद की फकडग हो हवाला कारोबार हो चनावो म लग रहा धनबल हो चाइलड टकफककग हो या अनय अपराध हो या उनह करवान क कलए ककया जा रहा जाली नोटो का इसतमाल हो इन सबकी बकनयाद इसी नकदी पर कटकी होती ह कामरड सीताराम यचरी न अपन फसबक पोसट म कलखा ह कक यह काला धन भारत की अथटिवयवसथा का 06 ह एव इसका लगभग 0025 नकली नोट ह अब अगर हम भारत की कवशाल अथटिवयवसथा को दख तो य रकम बहत जयादा ह य वही सोमरस ह जो अब कवष बन चका ह एव कजसका उपयोग हमार समाज को कनरतर कमजोर कर रहा ह इस कवषबल को काटन का कोई भी साहसी फसला मकशकल हो सकता ह परनत गलत कभी नही इस नकद क लोभ म हर वयकति भल चका ह कक लकमी चचला ह य जब तक एक हाथ स दसर हाथ जाती रहती ह तभी तक आकथटिक कवकास होता ह एव इसी कवकास का एक कहससा कर क रप म समाज वयवसथा को जाता ह वतटिमान सरकार क 500 एव 1000 क बड़ नोटो जो कक बाज़ार म उपलबध नकद का 86 ह को वापस लन क फसल न उन सार नोटो को अपन मलय को बरक़रार रखन हत बको म आन को कववश कर कदया ह अब चाह काला हो या उजला अपन वजद क कलए उनह सरकार की नज़र म आना ही होगा वरना उस मलय क छप नोट को सरकार सवतः उपयोग म ला लगी बहत स परश उठ रह ह कक कया नए नोट स कफर स काला धन नही बनगा दरअसल सरकार न काल धन क कनमाटिण व परवाह को रोकन क कलए पहल स ही कई कदम उठाए ह और अब जब यह कनणटिय कलया गया ह तो इसक बाद कफर नया काला धन न पनप इसक कलए सरकार कनकचित तौर पर कछ न कछ तयारी करक ही चल रही होगी

बहरहाल एक बात तो कनकचित ह कक सरकार का यह कदम अब तक सगकहत कवषबल रपी नोटो को तो वयथटि कर ही दगा जब तक कक व एकबार वापस सरकार की आखो स न गजर और सरकार की नज़र हर उस वयकति पर होगी जो यह काम कर रहा ह आय क जात सोतो स जयादा लोग जमा करन स बचग कजस भी ककसी खात म असामानय गकतकवकध होगी वो पकड़ म आ जायग अब यह सवटिकवकदत ह कक कश वयवसथा परातन एव समाज की बदली आवशयकताओ को पणटि करन म अकषम हो चकी ह

नकदी क जाल स रनकलकर रडसजटल अरथवयिसा की तरफ बढ़न का सिय

आयर आनद

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अब बड़ लनदन कश म करना न सकवधाजनक ह न ही फायदमद तो अब समय आ गया ह कक हम इस कश क जाल म फसी अथटिवयवसथा को यहा स बाहर कनकाल यह कबलकल ही मफीद समय ह जब हम राजय क मौकदरक वचन को नोट क रप म मानन क बजाय कडकजटल एव पलाकसटक वचन को जयादा वजन द य न कवल यगानकल ह बकलक सलभ ससता एव कश क साइड इफ़कट स कबलकल मति ह ककसी भी कवकास कर रही अथटिवयवसथा को अनततोगतवा जाना वही ह हम भारत म कल कवततीय लनदन का लगभग 60 नकद म करत ह कजस हम घटा कर 20 क नीच लाना होगा अगर हम अपनी अथटिवयवसथा अनय राषटो की तलना म साफ़ सथरी एव मजबत बनाना चाहत ह अचछी बात य ह कक सरकार क परयास इसी कदशा म होत कदख रह ह आज वतटिमान समाज वयवसथा म सचना कराकत क कारण राजय की मौकदरक परकतजा अब कवल नोटो तक सीकमत नही ह यह एक आकड़ो का खल ह कक आपक खात म ककतना धन ह और वो वयकति क इचछानसार हसतानतरणीय हो गयी ह तो अब कबना मदरा क मतटि रप क भी मदरा वजद म ह एव करयशील

तथा अथटिवयवसथा को चलान म सकषम ह तो कयो न हम इस वयवसथा की ओर बढ़ आज जब लगभग हर वयकति मोबाइल उपयोग कर रहा ह डकबट काडटि सलभ हो चका ह छट पस अब सभी एटीएम स ही कनकाल रह ह तो कयो न उस वयवसथा को आग बढ़ाया जाय अगर आप ककसी भी दकानदार को पस ऑनलाइन टानसफर या काडटि स करत ह तो वो टकस कबलकल भी चोरी नही कर सकता आपका कोई भी पमट अगर कश ह तो सभावना ह की वो बलक बन जाय पर अगर यह बक ट बक अकाउट ट अकाउट ह तो यह हमशा सफ़द ही रहगा तो आइय य कबलकल सही समय ह जब हम नए नोटो की बजाय कबना नोटो की साफ़-सथरी अथटिवयवसथा को बढ़ावा द तथा जो इस स अछत ह उनह भी कडकजटल अथटिवयवसथा का अग बनाय हम इसक कलए अगशील होना कबलकल भी नही छोड़ सकत कक पीछ वाल बहत पीछ ह जररत ह उनह भी इस वयवसथा क अनकल सवदनशील तथा जागरक बनान की

(लखक िशिनलसट ऑिलयाइि म कॉपी एनडटि ह)

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8नवबर को रात आठ बज राषट क नाम सदश म परधानमती नरदर मोदी न पाच सौ और एक हजार क नोट बद होन का फसला सनाकर सबको चौका कदया था इस बात को अब बीस कदन स

जयादा हो गए ह लककन आज भी यह कवमशटि का सबस बड़ा मदा बना हआ ह हालाकक कवमदरीकरण क फसल क बाद स ही इसक पकष-कवपकष म बहस शर हो गयी जो अब भी चल रही ह ममता बनजटी की तरणमल कागस कजरीवाल की आम आदमी पाटटी मायावती की बहजन समाज पाटटी एव भारतीय राषटीय कागस सकहत तमाम राजनीकतक दलो न इसक कखलाफ मोचाटि खोल कदया ह दश की जनता बक की कतार म ह और दश क कवपकषी दल फसल क कवरोध म सरकार क सामन बक की कतारो स कनपटन की चनौती तो थी ही साथ म कवरोधी दलो क असहयोगातमक रख स कनपटन की चनौती भी बनी ह चकक ससद का सत भी शर हो गया ह कलहाजा कनतीश कमार को छोड़कर लगभग परा कवपकष ससद स सड़क तक इस फसल क कवरोध म आ गया ह सरकार का शर स दावा रहा कक दश की आम जनता उनक इस फसल क साथ ह वही कवरोध कर रह दलो का तकटि था कक वो जनता की परशाकनयो को दखत हए अपना कवरोध दजटि करा रह ह हालाकक सतता पकष और कवपकष दोनो ही जनता को अपन पाल म बतान का दावा जब कर रह हो तो यह समझ पाना बड़ा मकशकल हो जाता ह कक वाकई जनता ककसक साथ ह इस मामल म भी ऐसा ही हआ अलग-अलग माधयमो स सवव आकद शर हो गए मीकडया चनलो क लोकल सतर क लाइव चचाटि आकद स भी इस फसल पर जनता का कमजाज टटोलन की कवायद तज होन लगी परधानमती नरदर मोदी न अपन सतर पर भी एक ऑनलाइन सवव कराया कजसम उनको इस फसल पर भारी समथटिन कमला हालाकक कवरोध कर रह कछ दलो को इस बात का भान जरर हआ कक जनता इस मद पर उनक साथ नही ह कलहाजा उनहोन 28 नवबर को lsquoभारत बदrsquo करन का अपना कनणटिय वापस ल कलया इसी बीच एक अगजी समाचार पत का सवव आया कजसम बहमत को सरकार क इस फसल क कखलाफ बताया गया अब बड़ा सवाल यह था कक कया सच मान या कया झठ मान लोकतत म ककसी भी राजनीकतक दल की जनता क बीच हकसयत मापन का सबस वयापक और सबस बड़ा सवव चनाव ही होता ह कवमदरीकरण क मद पर जब दश म lsquoहा-नाrsquo की बहस चल रही थी इस दरमयान तीन

महतवपणटि चनाव सपनन हए पहला लोकसभा और कवधानसभा की खाली हई सीटो पर उपचनाव दसरा महाराषट क कनकायो क चनाव और तीसरा गजरात क सथानीय कनकायो क चनाव यह तीनो चनाव कवमदरीकरण क फसल क बाद हए मतसखया क आधार पर अगर दख तो ककसी भी बड़-बड़ सवव म कजतना समपल कलया जाता ह उसस सकड़ो-हजारो गना जयादा लोग इन चनावो म परतयकष कहससा कलए ह लोकसभा और कवधानसभा क उपचनावो म भाजपा अपनी सभी सीट न कसफटि सरककषत रखन म कामयाब हई बकलक कतपरा और पकचिम बगाल म कपछल चनाव की तलना म भाजपा क वोट परकतशत म भारी इजाफा भी हआ इसक बाद 28 नवबर को महाराषट क कनकाय चनावो क पररणाम आए कजसम भाजपा को भारी बढ़त कमली ह चकक वषटि 2011 क चनाव म भाजपा कनकायो म तीसर नमबर की पाटटी होती थी लककन इन पररणामो क बाद भाजपा सबस बड़ी पाटटी बनकर उभरी ह यहा तक कक कशवसना क साथ गठबधन होन क बावजद भाजपा कशवसना स जयादा सीट जीत गयी ह नगर पचायतो क कलए हए चनावो म भाजपा को 851 सीट कमली ह जो 2011 म मात 396 थी कल 147 सीटो पर हए मयकनकसपल काउकसल क कलए परतयकष मतदान म भाजपा को अकल 52 सीटो पर जीत कमली ह कपछल चनावो म इन कनकायो पर राषटवादी कागस पाटटी का कबजा था जो कक अब उसक हाथ स जा चका ह इसक अलावा सोलापर जस सीटो जहा भाजपा कभी नही आई थी पर भी इसबार भाजपा जीतन म कामयाब रही महाराषट क सथानीय चनावो क पररणामो को इस कलहाज स भी महतवपणटि माना जा रहा ह कयोकक तमाम दल एव बकदधजीवी इस कमनी कवधानसभा चनाव भी कहत ह यह अलग बात ह कक भाजपा को कमली बड़ी जीत क बाद इसपर हमार तथाककथत बकदधजीवी वगटि न सननाटा साध कलया ह और ऐसा जताना चाह रह ह कक य चनाव महतवपणटि ह ही नही लककन वही अगर पररणाम भाजपा क परकतकल होत तो यही बकदधजीवी इस दवनदर फडनवीस नही बकलक नरदर मोदी की हार बतात हए नही थकत खर कवमदरीकरण क बाद नरदर मोदी क अपन राजय गजरात म भी कनकाय चनाव हए गजरात पर सबकी नजर इसकलए थी कयोकक वहा हाल म ही सतता म उथल-पथल क अलावा सरकार क कखलाफ पटल आनदोलन हआ था ऊना काणड क बाद दकलतो क नाम पर माहौल बनान की कोकशश दश क उन राजनीकतक दलो न भी कम नही की कजनकी गजरात म वतटिमान

रनकाय चनाि नोटबदी क रनरथय परजनता की िहर

मशवाननद मविवदी

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की राजनीकतक हकसयत कछ भी नही ह लककन गजरात क चनाव पररणामो न तो कागस का सपड़ा ही साफ़ कर कदया पररणामो क मताकबक़ गजरात क वापी नगरपाकलका की 44 सीटो म भाजपा न 41 सीटो पर जीत दजटि की ह वही कागस को यहा महज 3 सीटो पर सतोष करना पड़ा ह सरत क कनकपर-कनसाड़ की 28 म स 27 सीटो पर भाजपा को जीत कमली ह वही कछ कजला तालका पचायत क उपचनावो म भाजपा को 23 और कागस को महज 8 सीट कमली ह गजरात पर सबकी नजर इसकलए भी बनी हई थी कयोकक गजरात स नरदर मोदी क आन क बाद वहा महज ढाई साल म एक मखयमती को बदलना पड़ा था इसी दरमयान वहा पटल आनदोलन को भी कदलली की मोदी-कवरोधी ताकतो क सहयोग स हवा दन का काम ककया गया ऊना म दकलत कपटाई मामल क बाद भी कदलली की राजनीकत क कसयासतदानो की कगदध कनगाह गजरात म लगी रही लककन इन चनावो को अगर जनता का सबस बड़ा और सबस कवशदध सवव मान तो यह सवव मोदी क पकष म जाता ह यह इसकलए जयादा महतवपणटि ह कयोकक हाल म ही कवपकषी खमा कवमदरीकरण क मद पर जनता की परशाकनयो का हवाला दकर असहयोग की कसथकत उतपनन कर रहा ह

इन चनावो को जनता की बीच स आया आम सवव मानकर भी अगर कवरोधी खमा कवमदरीकरण क बजा कवरोध स नही कडगा और जनता क कध पर बदक रखकर सरकार को घरता रहा तो यह मोदी क कलए तो नही लककन उनक खद क कलए जयादा घातक होगा कवरोध सकारातमक होना चाकहए वचाररक होना चाकहए न कक कसफटि इसकलए कवरोध करो कयोकक आपको मोदी का कवरोध करना ह इन चनावो क पररणामो पर एक लाइन म कटपपणी कर तो यही कहग कक जनता न मोदी क कनणटिय पर अपनी सहमकत का महर लगाया ही ह कवरोकधयो को आईना भी कदखा कदया ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनदशि म रिसचच फलो एव िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम म समपयादक ह)

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वस तो हर चनाव का मदा और कलवर अलग होता ह उसम भी सथानीय कनकाय और नगर पचायत चनावो का मदा पणटितया सथानीय होता ह परत कपछल कदनो महाराषट और गजरात म

कनकाय चनाव का आयोजन कवमदरीकरण क साए म हआ जहा पर अनय सथानीय मदो क अलावा कवमदरीकरण चनाव म बड़ा मदा था और हर पाटटी इस मद को भनान म लगी थी इस चनाव म भाजपा न भारी जीत दजटि की कजस परधानमती मोदी दारा कलधन क कखलाफ उठाए गए कदम पर जनता की महर माना जा सकता ह सभी कवपकषी पाकटटिया कवमदरीकरण क कारण जनता की परशानी का हवाला दत हए ससद क शीतकालीन सत को लगभग-लगभग हगाम की भट चढ़ा चकी ह वही जनता जनादटिन न कनकाय चनावो म भाजपा की जीत कदलाकर इस फसल पर महर लगान का सदश कदया ह कवपकषी पाकटटियो की दलील थी कक गामीण भारत सबस जयादा कवमदरीकरण की मार झल रहा ह इसकलए वह कवमदरीकरण का कवरोध कर रह ह लककन इन सथानीय कनकाय चनावो म जनता न सततारढ़ भाजपा क पकष म अपनी महर लगाई ह कजसन नोटबदी को लकर सरकार स जनता की नाराजगी जसी कवपकष की सभी दलीलो की पोल खोल दी ह सपष हो गया कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह ऐस म परतीत तो य हो रहा कक कवपककषयो कचता जनता की नही खद क काल धन की ह जो कक नोटबदी क बाद महज कागज बन कर रह गया इसी करम म अगर इन चनावो क पररणामो पर नजर दौड़ाए तो साफ-साफ पता चलता ह कक जनता न परधानमती मोदी क साथ जाना पसद ककया ह जबकक कवपकषी पाकटटियो क सार आरोप और लामबदी हवा हो गए गजरात की दो नगरपाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली कवपकषी दल कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म महज एक सीट स सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न आठ सीट फतह की जात हो कक कपछल साल समपनन हए सथानीय चनाव म कागस न अपन परदशटिन म कछ सधार ककया था कजस उसन परधानमती योजनाओ की हार क तौर पर परदकशटित ककया था लककन अब इस कनकाय चनाव म जब कागस का सपड़ा साफ़ हो गया तो उसक पास बोलन क कलए कछ नही बचा ह बीत दो दशक स सतता स बाहर कागस की कसथकत कदन-परकतकदन

खराब होती जा रही ह परत वह ह कक मानन को तयार नही गजरात क अलावा महाराषट क सथानीय चनावो म भी करारी हार का सामना करना पड़ा महाराष ट म 147 नगर पररषद म स अकल भाजपा को 52 सीट सहयोगी कशवसना जो कक इस चनाव म भी बागी तवर अपनाए हए थी उस भी महज़ 23 सीट हाथ लगी कागस को 19 और एनसीपी को 16 पर जीत कमली ह अन य उम मीदवारो क खात म 28 सीट गइटि ह वही 17 नगर पचायतो क 3510 सदस यो क कलए हए चनाव म सत ताधारी भाजपा को 851 सीट कमली ह कागस क खात म 643 एनसीपी को 638 और कशवसना को 514 मनस को 16 सीपीएम को 12 बसपा को 9 कनदटिलीयो को 324 स थानीय गठबधनो को 384 और बाककयो को 119 सीटो पर जीत कमली ह सपष ह कक यहा भी भाजपा हर तरह स सबस आग ह इस जीत को भी कवमदरीकरण क फसल पर जनता की महर और राजय क मकखया दवदर फडणकवस क कवकास परायोकजत कामकाज पर जनता की सहमकत कहना गलत नही होगा इन सब चीजो स कवपकषी दल दरअसल बौखलाए हए ह उनह कछ सझ नही रहा ह कक वह कर तो कया कर अब इस पर कवपककषयो का तकटि य ह कक इन चनावो म नोटबदी कोई मदा नही था मसला हार-जीत का नही ह मसला ह तो कवपकष क दोमह चररत का जब कवपकष का सफाया हो जाय तो मद सथानीय थ पर वही अगर सततारढ़ पाटटी हार जाए तो उस पाटटी की हार ह उसक योजनाओ की हार ह दखन वाली बात यह ह कक हर ककसी को पता ह कक सथानीय कनकाय क चनावो म जीत क कारण अलग होत ह लककन जब हारन पर भाजपा क मतथ नोटबदी मढ़ दी जाती तो जीतन पर शय कयो नही और वस भी कवमदरीकरण तो समग राषट को परभाकवत करन वाला मदा ह कफर कनकचित तौर पर इन चनावो म भी इसका परभाव रहा ही होगा उललखनीय होगा कक अभी नोटबदी क बाद ही हए एपीएमसी क चनावो म भाजपा का परदशटिन बहत अचछा नही रहा था तो उस वति इन कवरोधी दलो न कहा था कक नोटबदी क कारण हार हई ह जबकक अब कनकाय चनावो म इनक कहसाब स नोटबदी कोई मदा ही नही ह य कसफटि और कसफटि इनक दोमहपन को कदखाता ह कहना गलत नही होगा कक कजतना तमाशा लोकतनत का वतटिमान कवपकषी पाकटटिया कर रही ह उस दश कभी नही माफ करगा नोटबनदी का कवरोध कवपकष दारा महज़ खद को सककरय कदखान की एक नाकाम और नकारातमक कोकशश ह उसस जयादा कछ नही चनाव क पररणाम बतात ह कक परधानमती मोदी कदन-परकतकदन मजबत होत जा रह ह यह भी तय माकनए कक कजतना कवरोध परधानमती का होगा उतना ही वह मजबत होकर बाहर आएग

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

रनकाय चनािो ि भाजपा की इस बमपर जीत क बाद तो नोटबदी क विरोध की राजनीवत बद कर विपकषी

कशव झा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

18

कदर सरकार दारा पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन क फसल क बाद स ही मोदी-कवरोधी एक राजनीकतक जमात म भचाल की कसथकत ह इस साहकसक एव ऐकतहाकसक कनणटिय क

दरगामी नफा-नकसान पर बहस करन की बजाय कछ राजनीकतक जमात क लोग बको की कतारो पर बहस करना चाहत ह चकक इस कनणटिय को लकर आम जनता क मन म एकतरफा समथटिन का भाव खलकर कदख रहा ह कलहाजा कछ राजनीकतक खमो क लोग इसपर चचाटि करन स भागत नजर आ रह ह दश का आम जन अपनी कछ कदनो की परशाकनयो को दरककनार कर इस ऐकतहाकसक कनणटिय को सवीकार कर चका ह लककन बड़ा सवाल यह ह कक वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को सवीकार करन स कतरा रह ह वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को वापस लन क कलए असफल रकलया कर रह ह वो कौन लोग ह जो महगी गाकड़यो और एसपीजी सरकषा म जाकर दो घट म अपना चार हजार रपया कनकालन क बावजद झठ बोल रह ह कक पसा नही कमल रहा एक सवाल यह भी ह कक य लोग ऐसा कयो कर रह ह इस सवाल पर पड़ताल करन स पहल जरा lsquoकतारrsquo पर बहस कर ल राहल गाधी अपना चार हजार तो दो घट म कनकाल कलए लककन लोगो को गमराह कर रह ह कक पसा नही कनकल रहा ह दरअसल यह उनकी नीयत म खोट को दशाटिता ह अगर व ईमानदारी कदखात तो सबक सामन सवीकार करत कक ldquoहा म कतार म लगा था और मझ मरा पसा कमला लककन नही उनकी जबान तो कछ और बोल रही ह दरअसल राहल गाधी को यह बात बखबी पता होनी चाकहए कक इस दश की आम जनता को lsquoकतारोrsquo स कभी समसया नही रही ह सततर साल की सरकारो कजसम लगभग साठ साल कागस ही सतता म रही ह न इस दश की आम जनता को कतार म खड़ रहन की आदत डाल दी ह यह वही जनता ह जो कभी कसलडर गस तो कभी यररया तो कभी रल कटकट क कलए आय कदन कतारो म नजर आती रही ह इसकलए इस जनता को अब कतारो का भय न कदखाइए इस दश म सततर वषषो म जो लबी कतार आपन खड़ी की ह अब नोटबदी क इस फसल न उस कतार को तोड़ कदया ह यह वह कतार बन रही ह कजसम दश का आम जन खड़ा होकर कबना ककसी डर क भय क अपन हक़ क कलए और दश क भकवषय क कनमाटिण क कलए खड़ा होन को तयार ह यह कतार ईमानदारो की कतार ह परधानमती मोदी न जो यह कतार बनाई ह इस कतार म ककसी भरष बईमान और चोरी स काली कमाई करन वाल की कहममत नही हो पा रही कक वो खलकर खड़ा हो सक कलहाजा यह ईमानदारी का उतसव मना रह दश की ईमानदार जनता की कतार ह भरषाचार क कखलाफ चल रही इस लड़ाई का लगातार कवरोध कर रह कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल की अपनी कोई कवशसनीयता नही रही ह व खद कभी लाल यादव तो कभी ककसी और क समथटिन म खड़ होकर

अपनी साख पर बटा लगा चक ह लककन अब जब दश की आम जनता क साथ कालाधन और भरषाचार क कखलाफ चल रही इस कनणाटियक लड़ाई का समय आया तो व बगाल की मखयमती ममता बनजटी क साथ कमलकर इसका कवरोध करत नजर आ रह ह वस तो कबना ककसी सबत और बकनयाद क ककसी पर भी आरोप लगान क रोग स गकसत कदलली क मखयमती अनक बार सबत न द पान की वजह स अपनी फजीहत भी करा चक ह लककन आज एकबार कफर व कबना ककसी सबत क मनगढ़त बात कर रह ह कदलली की जनता क मन म यह सवाल बजा नही उठ रहा ह कक ममता बनजटी और कदलली क मखयमती क बीच ककस मद पर सहमकत बनी ह ममता बनजटी मायावती सकहत कछ लोग पहल कदन स भरषाचार क कखलाफ इस कनणाटियक लड़ाई म भरष लोगो क साथ खड़ ह लककन कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल आकखर कयो इनक साथ खड़ ह मोदी क इस फसल स आतकवाकदयो को फकडग करन वालो माओवाकदयो को ससाधन महया करान वालो तसकरो अपराकधयो भरषाचार करन वालो की पीड़ा तो जायज ह लककन इन चद नताओ की इस फसल क कखलाफ एकजटता भी कम शक नही पदा करती ह ऐस म बड़ा सवाल जनता क जहन म ह कक जब पजाब म चनाव होन ह तो कया आम आदमी पाटटी को चनाव म इसतमाल करन क कलए जटाए गए धन क रदी हो जान की कचता सता रही ह यह सबको पता ह कक पारदकशटिता की बात करन वाली आम आदमी पाटटी काफी समय स अपन आय और वयय का बयोरा सावटिजकनक नही कर रही ह खर कतार लबी जरर ह लककन बदोबसत ऐसा ह कक उस कतार म कोई बईमान और भरष जयादा दर कटक नही पाएगा यह वो कतार ह कजसन दश की आम और ईमानदार जनता को बईमानो क सामन गौरवाकनवत होन का अवसर कदया ह यह वह कतार ह जहा जान भर स न जान ककतन बईमान खौफ खा रह ह नोटबदी क कखलाफ उठन वाली हर आवाज इस दश म ईमानदारी की बन रही इस ऐकतहाकसक कतार क कखलाफ एक साकजश की तरह ह आज या तो आप इस कतार क साथ ह या आप भरष और बईमानी स धन अकजटित करन वालो क साथ ह वस भी मोदी की अचछी बात यह ह कक वो परमाणपत दन वालो की परवाह ककए कबना जनकहत म दशको स काम करत हए यहा तक पहच ह कजनका डब रहा ह व बौखला रह ह आम लोग थोड़ी परशाकनयो क बावजद इस महीम क साथ कतारबदध होकर खड़ ह यही वजह ह कक लाख कोकशशो क बावजद नोटबदी क कखलाफ की जा रही कछ रकलयो म मोदी-मोदी क नार लग रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनडशि म रिसचच फलो ह एव िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खबरदार यह ईिानदारो की कतार ह बईिान दर रहमशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवबर की शाम को परधानमती मोदी क राषट क नाम सबोधन म नोटबदी क ऐकतहाकसक फसल क ऐलान स दश भर म हलचल मच गयी परधानमती नरदर मोदी न जब दश भर म 500 और 1000

क नोटो पर परकतबध की घोषणा की तो काल धन की फसल उगाकर रखन वालो पर जस ओलो की बरसात हो गयी जनता की खन-पसीन की कमाई को अवध और अनकतक रप स जमा करक बठ ऐस लोग अब मार-मार कफर रह ह और तरह तरह स आम जनता का हवाला दकर अपना उलल सीधा करन की कोकशश म लग ह 500 और 1000 क नोटो पर परकतबध क कनणटिय की न कवल तकलीफ झलन क बावजद जनता सराहना कर रही ह बकलक इस कनणटिय म सरकार को परा सहयोग भी द रही ह मगर कवपककषयो का रख इस पर भी हासयासपद रहा ह कागस आप सपा बसपा तरणमल कागस आकद तमाम दलो क परमख नताओ न इस कनणटिय को लकर मोदी सरकार पर अताककटि क ढग स सवाल उठान की कोकशश की ह ऐस म सवाल यह उठता ह कक आकखर इस नोटबदी क कनणटिय स य कवपकषी दल इतनी पीड़ा म कयो ह कनससदह इन कवपकषी दलो का ऐसा आचरण जनता की नज़रो म उनकी सकदगध छकव ही परसतत कर रहा ह कदलली मबई समत दश क अनय राजयो म पड़ रह आयकर कवभाग क छाप यह सपष करत ह कक दश की जनता का पसा ककस तरह कछ लोगो की झोली भर रहा था काल धन की धर-पकड़ पर इस परकतबध का जोरदार असर दखन को कमल सकता ह सबस पहल तो य 440 वॉलट का झटका उन क कलए ह जो कबसतर पर करोड़ो नोट कबछा कर सोन क आदी हो चक ह जाकहर ह इसस उनकी रातो की नीद हराम हो चकी होगी दसरी बात यह कक अकसमात हए इस परकतबध न काला धन धारको को ज़रा भी सजग होन का मौका ही नही कदया इसकलए अब उनक पास कसवाय अपनी सपकतत को सावटिजकनक करन अथवा नष करन क कोई और चारा नही बचा ह तभी तो दश क कवकभनन कहससो म भारी सखया म कही पाच सौ और हजार क नोट कड़ क ढर पर फ क कमल रह तो कही जलत पाए जा रह य कदखाता ह कक नोटबदी क इस कनणटिय क बाद काला धन धारको म ककस कदर हडकप मचा हआ ह तीसरी बात कक बाज़ार म इन कदनो जो नकली नोटो का बोलबाला था इस कनणटिय न उस गोरखधध को भी नसतनाबद कर कदया ह साथ ही भारत को नकसान पहचान क कलए बागलादश और पाककसतान जस मलको स जो नकली नोटो का भणडार यहा आता था वह भी अब ककसी काम का नही रहा इस कनणटिय स न कवल दरगामी तौर पर अथटिवयवसथा को मजबती कमलगी बकलक काल धन की जबती क बाद महगाई पर भी अकश लगगा दश की मदरा भी मजबत होगी और कवकास दर म भी वरकदध होन की सभावना ह

नोटबदी न दश म एक जागरकता फलान का भी काम ककया ह और लोगो क बीच इस धारणा को मजबत ककया ह कक बात अगर दश की भलाई हो तो परा दश एक सत म कपरोय धाग समान हो सकता ह जाकहर ह इस पर परश उठान वाल लोग जो कसफटि सकखटिया बटोरन क बलबत अपन राजनकतक वजद को बचाए रखत ह उनको यह कदखाई दना मकशकल ह कक दश की जनता सरकार क इस साहकसक कनणटिय स परशान नही ह बकलक सहयोग क साथ अपना योगदान दन क कलए सककलपत भी ह लोगो को भड़काकर उनम फट डालकर शासन करन की नीकत औपकनवकशक काल की थी मगर यह दभाटिगयपणटि ह कक सवय को दशभति क ताज स नवाजन वाल तमाम कवपकषी नता भी आजकल इन हथकडो का उपयोग करन स बाज नही आ रहइस कनणटिय क बाद उन लोगो को कोई कवशष समसया नही ह कजनक खात म उनकी जायज कमाई का पसा ह जबकक तमाम ऐस लोग कजनहोन गलत ढग स धनाजटिन ककया ह अनदर ही अदर डर-सहम बठ होग उनकी अकत सपकतत वयथटि हई पड़ी ह और उस पनः उपयोगी बनान क कलए अगर व बक जात ह तो काली कमाई की कलई खलना लगभग तय ह कतसपर आय कर और दो सौ परकतशत जमाटिन का डडा तो पड़ना ही ह एक बात य भी ह कक जो जनधन बक खात कपछल 6 महीन स कनकषकरय पड़ हो अगर आज अचानक उनम लाख-दो लाख रपय का हसतातरण होता ह तो य भी एक सदहजनक गकतकवकध ह कजसपर बक अपनी पनी नज़र बनाय हए ह और कजसक चलत आयकर कवभाग भी चसती स काम करत नज़र आया दश म मखय अथटिवयवसथा और समानातर अथटिवयवसथा को एक ही धारा म लान म भी यह एक बड़ा कदम ह इस कनणटिय क जररय कशलस इकॉनोमी को बढ़ावा कमलन का भी अनमान ह कजस उस वक़त लाग ककया गया जब दश म सकवधाजनक कश टासकशन की कमी ह कशलस टासकशन स आकथटिक पकष मजबत करन म हम सहायता कमलगी साथ ही कर दाताओ को भी इसम सहकलयत होगी कशलस टाजकशन वो चीज ह जो कजतना अकधक बढ़गा दश स भरषाचार की सभावना उतनी ही कम होगी काल धन को सजोन की कोकशश तो अब भी जारी ह हाथ पर तो अब भी मार जा रह ह कफर वह चाह रलव कटकट करवा कर ककया जाय अथवा ककसान करकडट काडटि का इसतमाल करक लककन इन सब गकतकवकधयो पर सरकार की परी नज़र ह सरकार न य कनणटिय कनकचित तौर पर इन सब पहलओ पर कवचार-कवमशटि करक ही कलया होगा अतः काला धन धारको का सरकार को चकमा दकर कनकलना मकशकल ह और कहना गलत नही होगा कक lsquoअबकी बार उनह मोदी सरकार क सामन डालन होग हकथयारrsquo

(लनखकया पतरकयारितया की छयातरया ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी आि जन कर रह सरकार का सिरथनकाला धन धारको ि िचा हड़कप

कमनषका मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

20

जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 13: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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लखक अकमष कतपाठी की तीन खणडो म कशव की एक कालपकनक कहानी ह जो सोमरस नामक अमरता दन वाल दरवय की कथा ह यह एक अमरत था परनत इस अमरत क दषपरभाव भी थ

कजसको वहा क राजा दकष परजा स छपा रह थ कजस तरह समदर मथन म अमरत क साथ कवष भी कनकला उसी तरह इस अमरत की कनमाटिण परककरया म इसक साथ-साथ कवष भी बनता था इस कहानी म जो सबस महतवपणटि ह वो यह कक शरआत म जो चीज समाज क कलए अमरत थी वही इसक जयादा उपयोग स धीर धीर सवतः कवष म पररवकतटित हो गयी ततकालीन सामाकजक वयवसथा म हर समसया का मल बन गयी और चकक इस सोमरस क परकत सवाथटि इतना गहरा हो चका था कक कबना इस परकतबकधत ककय कोई उपाय नही रहा धमटि यदध हआ और इस कवदा को उपनयास क अत म हमशा क कलए कछ अपवादो को छोड़कर ख़तम कर कदया गया अब इस कहानी को हम वतटिमान अथटिवयवसथा क पररपकय म दखत ह तो कया नकद हमारी अथटिवयवसथा का सोमरस ह कया सोमरस की तरह नकद भी धीर-धीर ककसी वयवसथा क कलए अकभशाप बन सकती ह कया नकद अपन सार फायद क बावजद इतना जहरीला हो सकता ह कक राषटीय अथटिवयवसथा खोखली होन लग इन सार परशो क मल म अगर हम इस वयवसथा क इकतहास म जाए तो पाएग कक भौकतक मदरा एक बहत ही परानी एव मधयकालीन परपरा ह व समय क साथ-साथ इस कफकजकल करसी क साथ-साथ अनक कवष-बल कलपट चक ह भौकतक मदरा क साथ जो सबस बड़ी समसया आज पश आ रही ह वो ह इसक परकत आशकति तथा कर चोरी हत सरकार की नज़र स इस छपा कर रखना इस कारण अथटिवयवसथा म उन कछप हए नोटो का क़ाननी हसतानतरण म परयोग बद हो जाता ह और य धन जस सरकार की नज़रो स गायब हो जात ह उस धन का परयोग होता ह पर वहा कजस धध को सरकार या समाज गर क़ाननी मानत ह और य छपा हआ धन अपनी एक खद की अथटिवयवसथा बना लती ह कजसका कवकास सवतः होन लगता ह यह सामानातर अथटिवयवसथा नकद पर कनभटिर हो जाती ह जहा न कोई टकस दना होता ह न ही समाज क परकत ककसी उततरदाकयतव को कनभाना होता ह आज हमार समाज म कजतनी भी कवसगकतया कदखाई दगी उनक जड़ म यही काला धन ह जो कक कछ नही बकलक सरकार की नज़र स छपाकर कलया गया नकद ह या उसक दारा खरीदी गयी पररसपकततया ह इसी कालधन रपी नकद की जड़ स समसत बराइयो को खराक कमलती ह

या उनकी अथटिवयवसथा चलायमान रहती ह चाह वो नशीली दवाओ का कारोबार हो आतकवाद की फकडग हो हवाला कारोबार हो चनावो म लग रहा धनबल हो चाइलड टकफककग हो या अनय अपराध हो या उनह करवान क कलए ककया जा रहा जाली नोटो का इसतमाल हो इन सबकी बकनयाद इसी नकदी पर कटकी होती ह कामरड सीताराम यचरी न अपन फसबक पोसट म कलखा ह कक यह काला धन भारत की अथटिवयवसथा का 06 ह एव इसका लगभग 0025 नकली नोट ह अब अगर हम भारत की कवशाल अथटिवयवसथा को दख तो य रकम बहत जयादा ह य वही सोमरस ह जो अब कवष बन चका ह एव कजसका उपयोग हमार समाज को कनरतर कमजोर कर रहा ह इस कवषबल को काटन का कोई भी साहसी फसला मकशकल हो सकता ह परनत गलत कभी नही इस नकद क लोभ म हर वयकति भल चका ह कक लकमी चचला ह य जब तक एक हाथ स दसर हाथ जाती रहती ह तभी तक आकथटिक कवकास होता ह एव इसी कवकास का एक कहससा कर क रप म समाज वयवसथा को जाता ह वतटिमान सरकार क 500 एव 1000 क बड़ नोटो जो कक बाज़ार म उपलबध नकद का 86 ह को वापस लन क फसल न उन सार नोटो को अपन मलय को बरक़रार रखन हत बको म आन को कववश कर कदया ह अब चाह काला हो या उजला अपन वजद क कलए उनह सरकार की नज़र म आना ही होगा वरना उस मलय क छप नोट को सरकार सवतः उपयोग म ला लगी बहत स परश उठ रह ह कक कया नए नोट स कफर स काला धन नही बनगा दरअसल सरकार न काल धन क कनमाटिण व परवाह को रोकन क कलए पहल स ही कई कदम उठाए ह और अब जब यह कनणटिय कलया गया ह तो इसक बाद कफर नया काला धन न पनप इसक कलए सरकार कनकचित तौर पर कछ न कछ तयारी करक ही चल रही होगी

बहरहाल एक बात तो कनकचित ह कक सरकार का यह कदम अब तक सगकहत कवषबल रपी नोटो को तो वयथटि कर ही दगा जब तक कक व एकबार वापस सरकार की आखो स न गजर और सरकार की नज़र हर उस वयकति पर होगी जो यह काम कर रहा ह आय क जात सोतो स जयादा लोग जमा करन स बचग कजस भी ककसी खात म असामानय गकतकवकध होगी वो पकड़ म आ जायग अब यह सवटिकवकदत ह कक कश वयवसथा परातन एव समाज की बदली आवशयकताओ को पणटि करन म अकषम हो चकी ह

नकदी क जाल स रनकलकर रडसजटल अरथवयिसा की तरफ बढ़न का सिय

आयर आनद

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अब बड़ लनदन कश म करना न सकवधाजनक ह न ही फायदमद तो अब समय आ गया ह कक हम इस कश क जाल म फसी अथटिवयवसथा को यहा स बाहर कनकाल यह कबलकल ही मफीद समय ह जब हम राजय क मौकदरक वचन को नोट क रप म मानन क बजाय कडकजटल एव पलाकसटक वचन को जयादा वजन द य न कवल यगानकल ह बकलक सलभ ससता एव कश क साइड इफ़कट स कबलकल मति ह ककसी भी कवकास कर रही अथटिवयवसथा को अनततोगतवा जाना वही ह हम भारत म कल कवततीय लनदन का लगभग 60 नकद म करत ह कजस हम घटा कर 20 क नीच लाना होगा अगर हम अपनी अथटिवयवसथा अनय राषटो की तलना म साफ़ सथरी एव मजबत बनाना चाहत ह अचछी बात य ह कक सरकार क परयास इसी कदशा म होत कदख रह ह आज वतटिमान समाज वयवसथा म सचना कराकत क कारण राजय की मौकदरक परकतजा अब कवल नोटो तक सीकमत नही ह यह एक आकड़ो का खल ह कक आपक खात म ककतना धन ह और वो वयकति क इचछानसार हसतानतरणीय हो गयी ह तो अब कबना मदरा क मतटि रप क भी मदरा वजद म ह एव करयशील

तथा अथटिवयवसथा को चलान म सकषम ह तो कयो न हम इस वयवसथा की ओर बढ़ आज जब लगभग हर वयकति मोबाइल उपयोग कर रहा ह डकबट काडटि सलभ हो चका ह छट पस अब सभी एटीएम स ही कनकाल रह ह तो कयो न उस वयवसथा को आग बढ़ाया जाय अगर आप ककसी भी दकानदार को पस ऑनलाइन टानसफर या काडटि स करत ह तो वो टकस कबलकल भी चोरी नही कर सकता आपका कोई भी पमट अगर कश ह तो सभावना ह की वो बलक बन जाय पर अगर यह बक ट बक अकाउट ट अकाउट ह तो यह हमशा सफ़द ही रहगा तो आइय य कबलकल सही समय ह जब हम नए नोटो की बजाय कबना नोटो की साफ़-सथरी अथटिवयवसथा को बढ़ावा द तथा जो इस स अछत ह उनह भी कडकजटल अथटिवयवसथा का अग बनाय हम इसक कलए अगशील होना कबलकल भी नही छोड़ सकत कक पीछ वाल बहत पीछ ह जररत ह उनह भी इस वयवसथा क अनकल सवदनशील तथा जागरक बनान की

(लखक िशिनलसट ऑिलयाइि म कॉपी एनडटि ह)

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8नवबर को रात आठ बज राषट क नाम सदश म परधानमती नरदर मोदी न पाच सौ और एक हजार क नोट बद होन का फसला सनाकर सबको चौका कदया था इस बात को अब बीस कदन स

जयादा हो गए ह लककन आज भी यह कवमशटि का सबस बड़ा मदा बना हआ ह हालाकक कवमदरीकरण क फसल क बाद स ही इसक पकष-कवपकष म बहस शर हो गयी जो अब भी चल रही ह ममता बनजटी की तरणमल कागस कजरीवाल की आम आदमी पाटटी मायावती की बहजन समाज पाटटी एव भारतीय राषटीय कागस सकहत तमाम राजनीकतक दलो न इसक कखलाफ मोचाटि खोल कदया ह दश की जनता बक की कतार म ह और दश क कवपकषी दल फसल क कवरोध म सरकार क सामन बक की कतारो स कनपटन की चनौती तो थी ही साथ म कवरोधी दलो क असहयोगातमक रख स कनपटन की चनौती भी बनी ह चकक ससद का सत भी शर हो गया ह कलहाजा कनतीश कमार को छोड़कर लगभग परा कवपकष ससद स सड़क तक इस फसल क कवरोध म आ गया ह सरकार का शर स दावा रहा कक दश की आम जनता उनक इस फसल क साथ ह वही कवरोध कर रह दलो का तकटि था कक वो जनता की परशाकनयो को दखत हए अपना कवरोध दजटि करा रह ह हालाकक सतता पकष और कवपकष दोनो ही जनता को अपन पाल म बतान का दावा जब कर रह हो तो यह समझ पाना बड़ा मकशकल हो जाता ह कक वाकई जनता ककसक साथ ह इस मामल म भी ऐसा ही हआ अलग-अलग माधयमो स सवव आकद शर हो गए मीकडया चनलो क लोकल सतर क लाइव चचाटि आकद स भी इस फसल पर जनता का कमजाज टटोलन की कवायद तज होन लगी परधानमती नरदर मोदी न अपन सतर पर भी एक ऑनलाइन सवव कराया कजसम उनको इस फसल पर भारी समथटिन कमला हालाकक कवरोध कर रह कछ दलो को इस बात का भान जरर हआ कक जनता इस मद पर उनक साथ नही ह कलहाजा उनहोन 28 नवबर को lsquoभारत बदrsquo करन का अपना कनणटिय वापस ल कलया इसी बीच एक अगजी समाचार पत का सवव आया कजसम बहमत को सरकार क इस फसल क कखलाफ बताया गया अब बड़ा सवाल यह था कक कया सच मान या कया झठ मान लोकतत म ककसी भी राजनीकतक दल की जनता क बीच हकसयत मापन का सबस वयापक और सबस बड़ा सवव चनाव ही होता ह कवमदरीकरण क मद पर जब दश म lsquoहा-नाrsquo की बहस चल रही थी इस दरमयान तीन

महतवपणटि चनाव सपनन हए पहला लोकसभा और कवधानसभा की खाली हई सीटो पर उपचनाव दसरा महाराषट क कनकायो क चनाव और तीसरा गजरात क सथानीय कनकायो क चनाव यह तीनो चनाव कवमदरीकरण क फसल क बाद हए मतसखया क आधार पर अगर दख तो ककसी भी बड़-बड़ सवव म कजतना समपल कलया जाता ह उसस सकड़ो-हजारो गना जयादा लोग इन चनावो म परतयकष कहससा कलए ह लोकसभा और कवधानसभा क उपचनावो म भाजपा अपनी सभी सीट न कसफटि सरककषत रखन म कामयाब हई बकलक कतपरा और पकचिम बगाल म कपछल चनाव की तलना म भाजपा क वोट परकतशत म भारी इजाफा भी हआ इसक बाद 28 नवबर को महाराषट क कनकाय चनावो क पररणाम आए कजसम भाजपा को भारी बढ़त कमली ह चकक वषटि 2011 क चनाव म भाजपा कनकायो म तीसर नमबर की पाटटी होती थी लककन इन पररणामो क बाद भाजपा सबस बड़ी पाटटी बनकर उभरी ह यहा तक कक कशवसना क साथ गठबधन होन क बावजद भाजपा कशवसना स जयादा सीट जीत गयी ह नगर पचायतो क कलए हए चनावो म भाजपा को 851 सीट कमली ह जो 2011 म मात 396 थी कल 147 सीटो पर हए मयकनकसपल काउकसल क कलए परतयकष मतदान म भाजपा को अकल 52 सीटो पर जीत कमली ह कपछल चनावो म इन कनकायो पर राषटवादी कागस पाटटी का कबजा था जो कक अब उसक हाथ स जा चका ह इसक अलावा सोलापर जस सीटो जहा भाजपा कभी नही आई थी पर भी इसबार भाजपा जीतन म कामयाब रही महाराषट क सथानीय चनावो क पररणामो को इस कलहाज स भी महतवपणटि माना जा रहा ह कयोकक तमाम दल एव बकदधजीवी इस कमनी कवधानसभा चनाव भी कहत ह यह अलग बात ह कक भाजपा को कमली बड़ी जीत क बाद इसपर हमार तथाककथत बकदधजीवी वगटि न सननाटा साध कलया ह और ऐसा जताना चाह रह ह कक य चनाव महतवपणटि ह ही नही लककन वही अगर पररणाम भाजपा क परकतकल होत तो यही बकदधजीवी इस दवनदर फडनवीस नही बकलक नरदर मोदी की हार बतात हए नही थकत खर कवमदरीकरण क बाद नरदर मोदी क अपन राजय गजरात म भी कनकाय चनाव हए गजरात पर सबकी नजर इसकलए थी कयोकक वहा हाल म ही सतता म उथल-पथल क अलावा सरकार क कखलाफ पटल आनदोलन हआ था ऊना काणड क बाद दकलतो क नाम पर माहौल बनान की कोकशश दश क उन राजनीकतक दलो न भी कम नही की कजनकी गजरात म वतटिमान

रनकाय चनाि नोटबदी क रनरथय परजनता की िहर

मशवाननद मविवदी

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की राजनीकतक हकसयत कछ भी नही ह लककन गजरात क चनाव पररणामो न तो कागस का सपड़ा ही साफ़ कर कदया पररणामो क मताकबक़ गजरात क वापी नगरपाकलका की 44 सीटो म भाजपा न 41 सीटो पर जीत दजटि की ह वही कागस को यहा महज 3 सीटो पर सतोष करना पड़ा ह सरत क कनकपर-कनसाड़ की 28 म स 27 सीटो पर भाजपा को जीत कमली ह वही कछ कजला तालका पचायत क उपचनावो म भाजपा को 23 और कागस को महज 8 सीट कमली ह गजरात पर सबकी नजर इसकलए भी बनी हई थी कयोकक गजरात स नरदर मोदी क आन क बाद वहा महज ढाई साल म एक मखयमती को बदलना पड़ा था इसी दरमयान वहा पटल आनदोलन को भी कदलली की मोदी-कवरोधी ताकतो क सहयोग स हवा दन का काम ककया गया ऊना म दकलत कपटाई मामल क बाद भी कदलली की राजनीकत क कसयासतदानो की कगदध कनगाह गजरात म लगी रही लककन इन चनावो को अगर जनता का सबस बड़ा और सबस कवशदध सवव मान तो यह सवव मोदी क पकष म जाता ह यह इसकलए जयादा महतवपणटि ह कयोकक हाल म ही कवपकषी खमा कवमदरीकरण क मद पर जनता की परशाकनयो का हवाला दकर असहयोग की कसथकत उतपनन कर रहा ह

इन चनावो को जनता की बीच स आया आम सवव मानकर भी अगर कवरोधी खमा कवमदरीकरण क बजा कवरोध स नही कडगा और जनता क कध पर बदक रखकर सरकार को घरता रहा तो यह मोदी क कलए तो नही लककन उनक खद क कलए जयादा घातक होगा कवरोध सकारातमक होना चाकहए वचाररक होना चाकहए न कक कसफटि इसकलए कवरोध करो कयोकक आपको मोदी का कवरोध करना ह इन चनावो क पररणामो पर एक लाइन म कटपपणी कर तो यही कहग कक जनता न मोदी क कनणटिय पर अपनी सहमकत का महर लगाया ही ह कवरोकधयो को आईना भी कदखा कदया ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनदशि म रिसचच फलो एव िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम म समपयादक ह)

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वस तो हर चनाव का मदा और कलवर अलग होता ह उसम भी सथानीय कनकाय और नगर पचायत चनावो का मदा पणटितया सथानीय होता ह परत कपछल कदनो महाराषट और गजरात म

कनकाय चनाव का आयोजन कवमदरीकरण क साए म हआ जहा पर अनय सथानीय मदो क अलावा कवमदरीकरण चनाव म बड़ा मदा था और हर पाटटी इस मद को भनान म लगी थी इस चनाव म भाजपा न भारी जीत दजटि की कजस परधानमती मोदी दारा कलधन क कखलाफ उठाए गए कदम पर जनता की महर माना जा सकता ह सभी कवपकषी पाकटटिया कवमदरीकरण क कारण जनता की परशानी का हवाला दत हए ससद क शीतकालीन सत को लगभग-लगभग हगाम की भट चढ़ा चकी ह वही जनता जनादटिन न कनकाय चनावो म भाजपा की जीत कदलाकर इस फसल पर महर लगान का सदश कदया ह कवपकषी पाकटटियो की दलील थी कक गामीण भारत सबस जयादा कवमदरीकरण की मार झल रहा ह इसकलए वह कवमदरीकरण का कवरोध कर रह ह लककन इन सथानीय कनकाय चनावो म जनता न सततारढ़ भाजपा क पकष म अपनी महर लगाई ह कजसन नोटबदी को लकर सरकार स जनता की नाराजगी जसी कवपकष की सभी दलीलो की पोल खोल दी ह सपष हो गया कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह ऐस म परतीत तो य हो रहा कक कवपककषयो कचता जनता की नही खद क काल धन की ह जो कक नोटबदी क बाद महज कागज बन कर रह गया इसी करम म अगर इन चनावो क पररणामो पर नजर दौड़ाए तो साफ-साफ पता चलता ह कक जनता न परधानमती मोदी क साथ जाना पसद ककया ह जबकक कवपकषी पाकटटियो क सार आरोप और लामबदी हवा हो गए गजरात की दो नगरपाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली कवपकषी दल कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म महज एक सीट स सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न आठ सीट फतह की जात हो कक कपछल साल समपनन हए सथानीय चनाव म कागस न अपन परदशटिन म कछ सधार ककया था कजस उसन परधानमती योजनाओ की हार क तौर पर परदकशटित ककया था लककन अब इस कनकाय चनाव म जब कागस का सपड़ा साफ़ हो गया तो उसक पास बोलन क कलए कछ नही बचा ह बीत दो दशक स सतता स बाहर कागस की कसथकत कदन-परकतकदन

खराब होती जा रही ह परत वह ह कक मानन को तयार नही गजरात क अलावा महाराषट क सथानीय चनावो म भी करारी हार का सामना करना पड़ा महाराष ट म 147 नगर पररषद म स अकल भाजपा को 52 सीट सहयोगी कशवसना जो कक इस चनाव म भी बागी तवर अपनाए हए थी उस भी महज़ 23 सीट हाथ लगी कागस को 19 और एनसीपी को 16 पर जीत कमली ह अन य उम मीदवारो क खात म 28 सीट गइटि ह वही 17 नगर पचायतो क 3510 सदस यो क कलए हए चनाव म सत ताधारी भाजपा को 851 सीट कमली ह कागस क खात म 643 एनसीपी को 638 और कशवसना को 514 मनस को 16 सीपीएम को 12 बसपा को 9 कनदटिलीयो को 324 स थानीय गठबधनो को 384 और बाककयो को 119 सीटो पर जीत कमली ह सपष ह कक यहा भी भाजपा हर तरह स सबस आग ह इस जीत को भी कवमदरीकरण क फसल पर जनता की महर और राजय क मकखया दवदर फडणकवस क कवकास परायोकजत कामकाज पर जनता की सहमकत कहना गलत नही होगा इन सब चीजो स कवपकषी दल दरअसल बौखलाए हए ह उनह कछ सझ नही रहा ह कक वह कर तो कया कर अब इस पर कवपककषयो का तकटि य ह कक इन चनावो म नोटबदी कोई मदा नही था मसला हार-जीत का नही ह मसला ह तो कवपकष क दोमह चररत का जब कवपकष का सफाया हो जाय तो मद सथानीय थ पर वही अगर सततारढ़ पाटटी हार जाए तो उस पाटटी की हार ह उसक योजनाओ की हार ह दखन वाली बात यह ह कक हर ककसी को पता ह कक सथानीय कनकाय क चनावो म जीत क कारण अलग होत ह लककन जब हारन पर भाजपा क मतथ नोटबदी मढ़ दी जाती तो जीतन पर शय कयो नही और वस भी कवमदरीकरण तो समग राषट को परभाकवत करन वाला मदा ह कफर कनकचित तौर पर इन चनावो म भी इसका परभाव रहा ही होगा उललखनीय होगा कक अभी नोटबदी क बाद ही हए एपीएमसी क चनावो म भाजपा का परदशटिन बहत अचछा नही रहा था तो उस वति इन कवरोधी दलो न कहा था कक नोटबदी क कारण हार हई ह जबकक अब कनकाय चनावो म इनक कहसाब स नोटबदी कोई मदा ही नही ह य कसफटि और कसफटि इनक दोमहपन को कदखाता ह कहना गलत नही होगा कक कजतना तमाशा लोकतनत का वतटिमान कवपकषी पाकटटिया कर रही ह उस दश कभी नही माफ करगा नोटबनदी का कवरोध कवपकष दारा महज़ खद को सककरय कदखान की एक नाकाम और नकारातमक कोकशश ह उसस जयादा कछ नही चनाव क पररणाम बतात ह कक परधानमती मोदी कदन-परकतकदन मजबत होत जा रह ह यह भी तय माकनए कक कजतना कवरोध परधानमती का होगा उतना ही वह मजबत होकर बाहर आएग

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

रनकाय चनािो ि भाजपा की इस बमपर जीत क बाद तो नोटबदी क विरोध की राजनीवत बद कर विपकषी

कशव झा

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कदर सरकार दारा पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन क फसल क बाद स ही मोदी-कवरोधी एक राजनीकतक जमात म भचाल की कसथकत ह इस साहकसक एव ऐकतहाकसक कनणटिय क

दरगामी नफा-नकसान पर बहस करन की बजाय कछ राजनीकतक जमात क लोग बको की कतारो पर बहस करना चाहत ह चकक इस कनणटिय को लकर आम जनता क मन म एकतरफा समथटिन का भाव खलकर कदख रहा ह कलहाजा कछ राजनीकतक खमो क लोग इसपर चचाटि करन स भागत नजर आ रह ह दश का आम जन अपनी कछ कदनो की परशाकनयो को दरककनार कर इस ऐकतहाकसक कनणटिय को सवीकार कर चका ह लककन बड़ा सवाल यह ह कक वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को सवीकार करन स कतरा रह ह वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को वापस लन क कलए असफल रकलया कर रह ह वो कौन लोग ह जो महगी गाकड़यो और एसपीजी सरकषा म जाकर दो घट म अपना चार हजार रपया कनकालन क बावजद झठ बोल रह ह कक पसा नही कमल रहा एक सवाल यह भी ह कक य लोग ऐसा कयो कर रह ह इस सवाल पर पड़ताल करन स पहल जरा lsquoकतारrsquo पर बहस कर ल राहल गाधी अपना चार हजार तो दो घट म कनकाल कलए लककन लोगो को गमराह कर रह ह कक पसा नही कनकल रहा ह दरअसल यह उनकी नीयत म खोट को दशाटिता ह अगर व ईमानदारी कदखात तो सबक सामन सवीकार करत कक ldquoहा म कतार म लगा था और मझ मरा पसा कमला लककन नही उनकी जबान तो कछ और बोल रही ह दरअसल राहल गाधी को यह बात बखबी पता होनी चाकहए कक इस दश की आम जनता को lsquoकतारोrsquo स कभी समसया नही रही ह सततर साल की सरकारो कजसम लगभग साठ साल कागस ही सतता म रही ह न इस दश की आम जनता को कतार म खड़ रहन की आदत डाल दी ह यह वही जनता ह जो कभी कसलडर गस तो कभी यररया तो कभी रल कटकट क कलए आय कदन कतारो म नजर आती रही ह इसकलए इस जनता को अब कतारो का भय न कदखाइए इस दश म सततर वषषो म जो लबी कतार आपन खड़ी की ह अब नोटबदी क इस फसल न उस कतार को तोड़ कदया ह यह वह कतार बन रही ह कजसम दश का आम जन खड़ा होकर कबना ककसी डर क भय क अपन हक़ क कलए और दश क भकवषय क कनमाटिण क कलए खड़ा होन को तयार ह यह कतार ईमानदारो की कतार ह परधानमती मोदी न जो यह कतार बनाई ह इस कतार म ककसी भरष बईमान और चोरी स काली कमाई करन वाल की कहममत नही हो पा रही कक वो खलकर खड़ा हो सक कलहाजा यह ईमानदारी का उतसव मना रह दश की ईमानदार जनता की कतार ह भरषाचार क कखलाफ चल रही इस लड़ाई का लगातार कवरोध कर रह कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल की अपनी कोई कवशसनीयता नही रही ह व खद कभी लाल यादव तो कभी ककसी और क समथटिन म खड़ होकर

अपनी साख पर बटा लगा चक ह लककन अब जब दश की आम जनता क साथ कालाधन और भरषाचार क कखलाफ चल रही इस कनणाटियक लड़ाई का समय आया तो व बगाल की मखयमती ममता बनजटी क साथ कमलकर इसका कवरोध करत नजर आ रह ह वस तो कबना ककसी सबत और बकनयाद क ककसी पर भी आरोप लगान क रोग स गकसत कदलली क मखयमती अनक बार सबत न द पान की वजह स अपनी फजीहत भी करा चक ह लककन आज एकबार कफर व कबना ककसी सबत क मनगढ़त बात कर रह ह कदलली की जनता क मन म यह सवाल बजा नही उठ रहा ह कक ममता बनजटी और कदलली क मखयमती क बीच ककस मद पर सहमकत बनी ह ममता बनजटी मायावती सकहत कछ लोग पहल कदन स भरषाचार क कखलाफ इस कनणाटियक लड़ाई म भरष लोगो क साथ खड़ ह लककन कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल आकखर कयो इनक साथ खड़ ह मोदी क इस फसल स आतकवाकदयो को फकडग करन वालो माओवाकदयो को ससाधन महया करान वालो तसकरो अपराकधयो भरषाचार करन वालो की पीड़ा तो जायज ह लककन इन चद नताओ की इस फसल क कखलाफ एकजटता भी कम शक नही पदा करती ह ऐस म बड़ा सवाल जनता क जहन म ह कक जब पजाब म चनाव होन ह तो कया आम आदमी पाटटी को चनाव म इसतमाल करन क कलए जटाए गए धन क रदी हो जान की कचता सता रही ह यह सबको पता ह कक पारदकशटिता की बात करन वाली आम आदमी पाटटी काफी समय स अपन आय और वयय का बयोरा सावटिजकनक नही कर रही ह खर कतार लबी जरर ह लककन बदोबसत ऐसा ह कक उस कतार म कोई बईमान और भरष जयादा दर कटक नही पाएगा यह वो कतार ह कजसन दश की आम और ईमानदार जनता को बईमानो क सामन गौरवाकनवत होन का अवसर कदया ह यह वह कतार ह जहा जान भर स न जान ककतन बईमान खौफ खा रह ह नोटबदी क कखलाफ उठन वाली हर आवाज इस दश म ईमानदारी की बन रही इस ऐकतहाकसक कतार क कखलाफ एक साकजश की तरह ह आज या तो आप इस कतार क साथ ह या आप भरष और बईमानी स धन अकजटित करन वालो क साथ ह वस भी मोदी की अचछी बात यह ह कक वो परमाणपत दन वालो की परवाह ककए कबना जनकहत म दशको स काम करत हए यहा तक पहच ह कजनका डब रहा ह व बौखला रह ह आम लोग थोड़ी परशाकनयो क बावजद इस महीम क साथ कतारबदध होकर खड़ ह यही वजह ह कक लाख कोकशशो क बावजद नोटबदी क कखलाफ की जा रही कछ रकलयो म मोदी-मोदी क नार लग रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनडशि म रिसचच फलो ह एव िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खबरदार यह ईिानदारो की कतार ह बईिान दर रहमशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवबर की शाम को परधानमती मोदी क राषट क नाम सबोधन म नोटबदी क ऐकतहाकसक फसल क ऐलान स दश भर म हलचल मच गयी परधानमती नरदर मोदी न जब दश भर म 500 और 1000

क नोटो पर परकतबध की घोषणा की तो काल धन की फसल उगाकर रखन वालो पर जस ओलो की बरसात हो गयी जनता की खन-पसीन की कमाई को अवध और अनकतक रप स जमा करक बठ ऐस लोग अब मार-मार कफर रह ह और तरह तरह स आम जनता का हवाला दकर अपना उलल सीधा करन की कोकशश म लग ह 500 और 1000 क नोटो पर परकतबध क कनणटिय की न कवल तकलीफ झलन क बावजद जनता सराहना कर रही ह बकलक इस कनणटिय म सरकार को परा सहयोग भी द रही ह मगर कवपककषयो का रख इस पर भी हासयासपद रहा ह कागस आप सपा बसपा तरणमल कागस आकद तमाम दलो क परमख नताओ न इस कनणटिय को लकर मोदी सरकार पर अताककटि क ढग स सवाल उठान की कोकशश की ह ऐस म सवाल यह उठता ह कक आकखर इस नोटबदी क कनणटिय स य कवपकषी दल इतनी पीड़ा म कयो ह कनससदह इन कवपकषी दलो का ऐसा आचरण जनता की नज़रो म उनकी सकदगध छकव ही परसतत कर रहा ह कदलली मबई समत दश क अनय राजयो म पड़ रह आयकर कवभाग क छाप यह सपष करत ह कक दश की जनता का पसा ककस तरह कछ लोगो की झोली भर रहा था काल धन की धर-पकड़ पर इस परकतबध का जोरदार असर दखन को कमल सकता ह सबस पहल तो य 440 वॉलट का झटका उन क कलए ह जो कबसतर पर करोड़ो नोट कबछा कर सोन क आदी हो चक ह जाकहर ह इसस उनकी रातो की नीद हराम हो चकी होगी दसरी बात यह कक अकसमात हए इस परकतबध न काला धन धारको को ज़रा भी सजग होन का मौका ही नही कदया इसकलए अब उनक पास कसवाय अपनी सपकतत को सावटिजकनक करन अथवा नष करन क कोई और चारा नही बचा ह तभी तो दश क कवकभनन कहससो म भारी सखया म कही पाच सौ और हजार क नोट कड़ क ढर पर फ क कमल रह तो कही जलत पाए जा रह य कदखाता ह कक नोटबदी क इस कनणटिय क बाद काला धन धारको म ककस कदर हडकप मचा हआ ह तीसरी बात कक बाज़ार म इन कदनो जो नकली नोटो का बोलबाला था इस कनणटिय न उस गोरखधध को भी नसतनाबद कर कदया ह साथ ही भारत को नकसान पहचान क कलए बागलादश और पाककसतान जस मलको स जो नकली नोटो का भणडार यहा आता था वह भी अब ककसी काम का नही रहा इस कनणटिय स न कवल दरगामी तौर पर अथटिवयवसथा को मजबती कमलगी बकलक काल धन की जबती क बाद महगाई पर भी अकश लगगा दश की मदरा भी मजबत होगी और कवकास दर म भी वरकदध होन की सभावना ह

नोटबदी न दश म एक जागरकता फलान का भी काम ककया ह और लोगो क बीच इस धारणा को मजबत ककया ह कक बात अगर दश की भलाई हो तो परा दश एक सत म कपरोय धाग समान हो सकता ह जाकहर ह इस पर परश उठान वाल लोग जो कसफटि सकखटिया बटोरन क बलबत अपन राजनकतक वजद को बचाए रखत ह उनको यह कदखाई दना मकशकल ह कक दश की जनता सरकार क इस साहकसक कनणटिय स परशान नही ह बकलक सहयोग क साथ अपना योगदान दन क कलए सककलपत भी ह लोगो को भड़काकर उनम फट डालकर शासन करन की नीकत औपकनवकशक काल की थी मगर यह दभाटिगयपणटि ह कक सवय को दशभति क ताज स नवाजन वाल तमाम कवपकषी नता भी आजकल इन हथकडो का उपयोग करन स बाज नही आ रहइस कनणटिय क बाद उन लोगो को कोई कवशष समसया नही ह कजनक खात म उनकी जायज कमाई का पसा ह जबकक तमाम ऐस लोग कजनहोन गलत ढग स धनाजटिन ककया ह अनदर ही अदर डर-सहम बठ होग उनकी अकत सपकतत वयथटि हई पड़ी ह और उस पनः उपयोगी बनान क कलए अगर व बक जात ह तो काली कमाई की कलई खलना लगभग तय ह कतसपर आय कर और दो सौ परकतशत जमाटिन का डडा तो पड़ना ही ह एक बात य भी ह कक जो जनधन बक खात कपछल 6 महीन स कनकषकरय पड़ हो अगर आज अचानक उनम लाख-दो लाख रपय का हसतातरण होता ह तो य भी एक सदहजनक गकतकवकध ह कजसपर बक अपनी पनी नज़र बनाय हए ह और कजसक चलत आयकर कवभाग भी चसती स काम करत नज़र आया दश म मखय अथटिवयवसथा और समानातर अथटिवयवसथा को एक ही धारा म लान म भी यह एक बड़ा कदम ह इस कनणटिय क जररय कशलस इकॉनोमी को बढ़ावा कमलन का भी अनमान ह कजस उस वक़त लाग ककया गया जब दश म सकवधाजनक कश टासकशन की कमी ह कशलस टासकशन स आकथटिक पकष मजबत करन म हम सहायता कमलगी साथ ही कर दाताओ को भी इसम सहकलयत होगी कशलस टाजकशन वो चीज ह जो कजतना अकधक बढ़गा दश स भरषाचार की सभावना उतनी ही कम होगी काल धन को सजोन की कोकशश तो अब भी जारी ह हाथ पर तो अब भी मार जा रह ह कफर वह चाह रलव कटकट करवा कर ककया जाय अथवा ककसान करकडट काडटि का इसतमाल करक लककन इन सब गकतकवकधयो पर सरकार की परी नज़र ह सरकार न य कनणटिय कनकचित तौर पर इन सब पहलओ पर कवचार-कवमशटि करक ही कलया होगा अतः काला धन धारको का सरकार को चकमा दकर कनकलना मकशकल ह और कहना गलत नही होगा कक lsquoअबकी बार उनह मोदी सरकार क सामन डालन होग हकथयारrsquo

(लनखकया पतरकयारितया की छयातरया ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी आि जन कर रह सरकार का सिरथनकाला धन धारको ि िचा हड़कप

कमनषका मतवारी

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जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

23

एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 14: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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अब बड़ लनदन कश म करना न सकवधाजनक ह न ही फायदमद तो अब समय आ गया ह कक हम इस कश क जाल म फसी अथटिवयवसथा को यहा स बाहर कनकाल यह कबलकल ही मफीद समय ह जब हम राजय क मौकदरक वचन को नोट क रप म मानन क बजाय कडकजटल एव पलाकसटक वचन को जयादा वजन द य न कवल यगानकल ह बकलक सलभ ससता एव कश क साइड इफ़कट स कबलकल मति ह ककसी भी कवकास कर रही अथटिवयवसथा को अनततोगतवा जाना वही ह हम भारत म कल कवततीय लनदन का लगभग 60 नकद म करत ह कजस हम घटा कर 20 क नीच लाना होगा अगर हम अपनी अथटिवयवसथा अनय राषटो की तलना म साफ़ सथरी एव मजबत बनाना चाहत ह अचछी बात य ह कक सरकार क परयास इसी कदशा म होत कदख रह ह आज वतटिमान समाज वयवसथा म सचना कराकत क कारण राजय की मौकदरक परकतजा अब कवल नोटो तक सीकमत नही ह यह एक आकड़ो का खल ह कक आपक खात म ककतना धन ह और वो वयकति क इचछानसार हसतानतरणीय हो गयी ह तो अब कबना मदरा क मतटि रप क भी मदरा वजद म ह एव करयशील

तथा अथटिवयवसथा को चलान म सकषम ह तो कयो न हम इस वयवसथा की ओर बढ़ आज जब लगभग हर वयकति मोबाइल उपयोग कर रहा ह डकबट काडटि सलभ हो चका ह छट पस अब सभी एटीएम स ही कनकाल रह ह तो कयो न उस वयवसथा को आग बढ़ाया जाय अगर आप ककसी भी दकानदार को पस ऑनलाइन टानसफर या काडटि स करत ह तो वो टकस कबलकल भी चोरी नही कर सकता आपका कोई भी पमट अगर कश ह तो सभावना ह की वो बलक बन जाय पर अगर यह बक ट बक अकाउट ट अकाउट ह तो यह हमशा सफ़द ही रहगा तो आइय य कबलकल सही समय ह जब हम नए नोटो की बजाय कबना नोटो की साफ़-सथरी अथटिवयवसथा को बढ़ावा द तथा जो इस स अछत ह उनह भी कडकजटल अथटिवयवसथा का अग बनाय हम इसक कलए अगशील होना कबलकल भी नही छोड़ सकत कक पीछ वाल बहत पीछ ह जररत ह उनह भी इस वयवसथा क अनकल सवदनशील तथा जागरक बनान की

(लखक िशिनलसट ऑिलयाइि म कॉपी एनडटि ह)

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8नवबर को रात आठ बज राषट क नाम सदश म परधानमती नरदर मोदी न पाच सौ और एक हजार क नोट बद होन का फसला सनाकर सबको चौका कदया था इस बात को अब बीस कदन स

जयादा हो गए ह लककन आज भी यह कवमशटि का सबस बड़ा मदा बना हआ ह हालाकक कवमदरीकरण क फसल क बाद स ही इसक पकष-कवपकष म बहस शर हो गयी जो अब भी चल रही ह ममता बनजटी की तरणमल कागस कजरीवाल की आम आदमी पाटटी मायावती की बहजन समाज पाटटी एव भारतीय राषटीय कागस सकहत तमाम राजनीकतक दलो न इसक कखलाफ मोचाटि खोल कदया ह दश की जनता बक की कतार म ह और दश क कवपकषी दल फसल क कवरोध म सरकार क सामन बक की कतारो स कनपटन की चनौती तो थी ही साथ म कवरोधी दलो क असहयोगातमक रख स कनपटन की चनौती भी बनी ह चकक ससद का सत भी शर हो गया ह कलहाजा कनतीश कमार को छोड़कर लगभग परा कवपकष ससद स सड़क तक इस फसल क कवरोध म आ गया ह सरकार का शर स दावा रहा कक दश की आम जनता उनक इस फसल क साथ ह वही कवरोध कर रह दलो का तकटि था कक वो जनता की परशाकनयो को दखत हए अपना कवरोध दजटि करा रह ह हालाकक सतता पकष और कवपकष दोनो ही जनता को अपन पाल म बतान का दावा जब कर रह हो तो यह समझ पाना बड़ा मकशकल हो जाता ह कक वाकई जनता ककसक साथ ह इस मामल म भी ऐसा ही हआ अलग-अलग माधयमो स सवव आकद शर हो गए मीकडया चनलो क लोकल सतर क लाइव चचाटि आकद स भी इस फसल पर जनता का कमजाज टटोलन की कवायद तज होन लगी परधानमती नरदर मोदी न अपन सतर पर भी एक ऑनलाइन सवव कराया कजसम उनको इस फसल पर भारी समथटिन कमला हालाकक कवरोध कर रह कछ दलो को इस बात का भान जरर हआ कक जनता इस मद पर उनक साथ नही ह कलहाजा उनहोन 28 नवबर को lsquoभारत बदrsquo करन का अपना कनणटिय वापस ल कलया इसी बीच एक अगजी समाचार पत का सवव आया कजसम बहमत को सरकार क इस फसल क कखलाफ बताया गया अब बड़ा सवाल यह था कक कया सच मान या कया झठ मान लोकतत म ककसी भी राजनीकतक दल की जनता क बीच हकसयत मापन का सबस वयापक और सबस बड़ा सवव चनाव ही होता ह कवमदरीकरण क मद पर जब दश म lsquoहा-नाrsquo की बहस चल रही थी इस दरमयान तीन

महतवपणटि चनाव सपनन हए पहला लोकसभा और कवधानसभा की खाली हई सीटो पर उपचनाव दसरा महाराषट क कनकायो क चनाव और तीसरा गजरात क सथानीय कनकायो क चनाव यह तीनो चनाव कवमदरीकरण क फसल क बाद हए मतसखया क आधार पर अगर दख तो ककसी भी बड़-बड़ सवव म कजतना समपल कलया जाता ह उसस सकड़ो-हजारो गना जयादा लोग इन चनावो म परतयकष कहससा कलए ह लोकसभा और कवधानसभा क उपचनावो म भाजपा अपनी सभी सीट न कसफटि सरककषत रखन म कामयाब हई बकलक कतपरा और पकचिम बगाल म कपछल चनाव की तलना म भाजपा क वोट परकतशत म भारी इजाफा भी हआ इसक बाद 28 नवबर को महाराषट क कनकाय चनावो क पररणाम आए कजसम भाजपा को भारी बढ़त कमली ह चकक वषटि 2011 क चनाव म भाजपा कनकायो म तीसर नमबर की पाटटी होती थी लककन इन पररणामो क बाद भाजपा सबस बड़ी पाटटी बनकर उभरी ह यहा तक कक कशवसना क साथ गठबधन होन क बावजद भाजपा कशवसना स जयादा सीट जीत गयी ह नगर पचायतो क कलए हए चनावो म भाजपा को 851 सीट कमली ह जो 2011 म मात 396 थी कल 147 सीटो पर हए मयकनकसपल काउकसल क कलए परतयकष मतदान म भाजपा को अकल 52 सीटो पर जीत कमली ह कपछल चनावो म इन कनकायो पर राषटवादी कागस पाटटी का कबजा था जो कक अब उसक हाथ स जा चका ह इसक अलावा सोलापर जस सीटो जहा भाजपा कभी नही आई थी पर भी इसबार भाजपा जीतन म कामयाब रही महाराषट क सथानीय चनावो क पररणामो को इस कलहाज स भी महतवपणटि माना जा रहा ह कयोकक तमाम दल एव बकदधजीवी इस कमनी कवधानसभा चनाव भी कहत ह यह अलग बात ह कक भाजपा को कमली बड़ी जीत क बाद इसपर हमार तथाककथत बकदधजीवी वगटि न सननाटा साध कलया ह और ऐसा जताना चाह रह ह कक य चनाव महतवपणटि ह ही नही लककन वही अगर पररणाम भाजपा क परकतकल होत तो यही बकदधजीवी इस दवनदर फडनवीस नही बकलक नरदर मोदी की हार बतात हए नही थकत खर कवमदरीकरण क बाद नरदर मोदी क अपन राजय गजरात म भी कनकाय चनाव हए गजरात पर सबकी नजर इसकलए थी कयोकक वहा हाल म ही सतता म उथल-पथल क अलावा सरकार क कखलाफ पटल आनदोलन हआ था ऊना काणड क बाद दकलतो क नाम पर माहौल बनान की कोकशश दश क उन राजनीकतक दलो न भी कम नही की कजनकी गजरात म वतटिमान

रनकाय चनाि नोटबदी क रनरथय परजनता की िहर

मशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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की राजनीकतक हकसयत कछ भी नही ह लककन गजरात क चनाव पररणामो न तो कागस का सपड़ा ही साफ़ कर कदया पररणामो क मताकबक़ गजरात क वापी नगरपाकलका की 44 सीटो म भाजपा न 41 सीटो पर जीत दजटि की ह वही कागस को यहा महज 3 सीटो पर सतोष करना पड़ा ह सरत क कनकपर-कनसाड़ की 28 म स 27 सीटो पर भाजपा को जीत कमली ह वही कछ कजला तालका पचायत क उपचनावो म भाजपा को 23 और कागस को महज 8 सीट कमली ह गजरात पर सबकी नजर इसकलए भी बनी हई थी कयोकक गजरात स नरदर मोदी क आन क बाद वहा महज ढाई साल म एक मखयमती को बदलना पड़ा था इसी दरमयान वहा पटल आनदोलन को भी कदलली की मोदी-कवरोधी ताकतो क सहयोग स हवा दन का काम ककया गया ऊना म दकलत कपटाई मामल क बाद भी कदलली की राजनीकत क कसयासतदानो की कगदध कनगाह गजरात म लगी रही लककन इन चनावो को अगर जनता का सबस बड़ा और सबस कवशदध सवव मान तो यह सवव मोदी क पकष म जाता ह यह इसकलए जयादा महतवपणटि ह कयोकक हाल म ही कवपकषी खमा कवमदरीकरण क मद पर जनता की परशाकनयो का हवाला दकर असहयोग की कसथकत उतपनन कर रहा ह

इन चनावो को जनता की बीच स आया आम सवव मानकर भी अगर कवरोधी खमा कवमदरीकरण क बजा कवरोध स नही कडगा और जनता क कध पर बदक रखकर सरकार को घरता रहा तो यह मोदी क कलए तो नही लककन उनक खद क कलए जयादा घातक होगा कवरोध सकारातमक होना चाकहए वचाररक होना चाकहए न कक कसफटि इसकलए कवरोध करो कयोकक आपको मोदी का कवरोध करना ह इन चनावो क पररणामो पर एक लाइन म कटपपणी कर तो यही कहग कक जनता न मोदी क कनणटिय पर अपनी सहमकत का महर लगाया ही ह कवरोकधयो को आईना भी कदखा कदया ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनदशि म रिसचच फलो एव िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम म समपयादक ह)

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वस तो हर चनाव का मदा और कलवर अलग होता ह उसम भी सथानीय कनकाय और नगर पचायत चनावो का मदा पणटितया सथानीय होता ह परत कपछल कदनो महाराषट और गजरात म

कनकाय चनाव का आयोजन कवमदरीकरण क साए म हआ जहा पर अनय सथानीय मदो क अलावा कवमदरीकरण चनाव म बड़ा मदा था और हर पाटटी इस मद को भनान म लगी थी इस चनाव म भाजपा न भारी जीत दजटि की कजस परधानमती मोदी दारा कलधन क कखलाफ उठाए गए कदम पर जनता की महर माना जा सकता ह सभी कवपकषी पाकटटिया कवमदरीकरण क कारण जनता की परशानी का हवाला दत हए ससद क शीतकालीन सत को लगभग-लगभग हगाम की भट चढ़ा चकी ह वही जनता जनादटिन न कनकाय चनावो म भाजपा की जीत कदलाकर इस फसल पर महर लगान का सदश कदया ह कवपकषी पाकटटियो की दलील थी कक गामीण भारत सबस जयादा कवमदरीकरण की मार झल रहा ह इसकलए वह कवमदरीकरण का कवरोध कर रह ह लककन इन सथानीय कनकाय चनावो म जनता न सततारढ़ भाजपा क पकष म अपनी महर लगाई ह कजसन नोटबदी को लकर सरकार स जनता की नाराजगी जसी कवपकष की सभी दलीलो की पोल खोल दी ह सपष हो गया कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह ऐस म परतीत तो य हो रहा कक कवपककषयो कचता जनता की नही खद क काल धन की ह जो कक नोटबदी क बाद महज कागज बन कर रह गया इसी करम म अगर इन चनावो क पररणामो पर नजर दौड़ाए तो साफ-साफ पता चलता ह कक जनता न परधानमती मोदी क साथ जाना पसद ककया ह जबकक कवपकषी पाकटटियो क सार आरोप और लामबदी हवा हो गए गजरात की दो नगरपाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली कवपकषी दल कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म महज एक सीट स सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न आठ सीट फतह की जात हो कक कपछल साल समपनन हए सथानीय चनाव म कागस न अपन परदशटिन म कछ सधार ककया था कजस उसन परधानमती योजनाओ की हार क तौर पर परदकशटित ककया था लककन अब इस कनकाय चनाव म जब कागस का सपड़ा साफ़ हो गया तो उसक पास बोलन क कलए कछ नही बचा ह बीत दो दशक स सतता स बाहर कागस की कसथकत कदन-परकतकदन

खराब होती जा रही ह परत वह ह कक मानन को तयार नही गजरात क अलावा महाराषट क सथानीय चनावो म भी करारी हार का सामना करना पड़ा महाराष ट म 147 नगर पररषद म स अकल भाजपा को 52 सीट सहयोगी कशवसना जो कक इस चनाव म भी बागी तवर अपनाए हए थी उस भी महज़ 23 सीट हाथ लगी कागस को 19 और एनसीपी को 16 पर जीत कमली ह अन य उम मीदवारो क खात म 28 सीट गइटि ह वही 17 नगर पचायतो क 3510 सदस यो क कलए हए चनाव म सत ताधारी भाजपा को 851 सीट कमली ह कागस क खात म 643 एनसीपी को 638 और कशवसना को 514 मनस को 16 सीपीएम को 12 बसपा को 9 कनदटिलीयो को 324 स थानीय गठबधनो को 384 और बाककयो को 119 सीटो पर जीत कमली ह सपष ह कक यहा भी भाजपा हर तरह स सबस आग ह इस जीत को भी कवमदरीकरण क फसल पर जनता की महर और राजय क मकखया दवदर फडणकवस क कवकास परायोकजत कामकाज पर जनता की सहमकत कहना गलत नही होगा इन सब चीजो स कवपकषी दल दरअसल बौखलाए हए ह उनह कछ सझ नही रहा ह कक वह कर तो कया कर अब इस पर कवपककषयो का तकटि य ह कक इन चनावो म नोटबदी कोई मदा नही था मसला हार-जीत का नही ह मसला ह तो कवपकष क दोमह चररत का जब कवपकष का सफाया हो जाय तो मद सथानीय थ पर वही अगर सततारढ़ पाटटी हार जाए तो उस पाटटी की हार ह उसक योजनाओ की हार ह दखन वाली बात यह ह कक हर ककसी को पता ह कक सथानीय कनकाय क चनावो म जीत क कारण अलग होत ह लककन जब हारन पर भाजपा क मतथ नोटबदी मढ़ दी जाती तो जीतन पर शय कयो नही और वस भी कवमदरीकरण तो समग राषट को परभाकवत करन वाला मदा ह कफर कनकचित तौर पर इन चनावो म भी इसका परभाव रहा ही होगा उललखनीय होगा कक अभी नोटबदी क बाद ही हए एपीएमसी क चनावो म भाजपा का परदशटिन बहत अचछा नही रहा था तो उस वति इन कवरोधी दलो न कहा था कक नोटबदी क कारण हार हई ह जबकक अब कनकाय चनावो म इनक कहसाब स नोटबदी कोई मदा ही नही ह य कसफटि और कसफटि इनक दोमहपन को कदखाता ह कहना गलत नही होगा कक कजतना तमाशा लोकतनत का वतटिमान कवपकषी पाकटटिया कर रही ह उस दश कभी नही माफ करगा नोटबनदी का कवरोध कवपकष दारा महज़ खद को सककरय कदखान की एक नाकाम और नकारातमक कोकशश ह उसस जयादा कछ नही चनाव क पररणाम बतात ह कक परधानमती मोदी कदन-परकतकदन मजबत होत जा रह ह यह भी तय माकनए कक कजतना कवरोध परधानमती का होगा उतना ही वह मजबत होकर बाहर आएग

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

रनकाय चनािो ि भाजपा की इस बमपर जीत क बाद तो नोटबदी क विरोध की राजनीवत बद कर विपकषी

कशव झा

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कदर सरकार दारा पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन क फसल क बाद स ही मोदी-कवरोधी एक राजनीकतक जमात म भचाल की कसथकत ह इस साहकसक एव ऐकतहाकसक कनणटिय क

दरगामी नफा-नकसान पर बहस करन की बजाय कछ राजनीकतक जमात क लोग बको की कतारो पर बहस करना चाहत ह चकक इस कनणटिय को लकर आम जनता क मन म एकतरफा समथटिन का भाव खलकर कदख रहा ह कलहाजा कछ राजनीकतक खमो क लोग इसपर चचाटि करन स भागत नजर आ रह ह दश का आम जन अपनी कछ कदनो की परशाकनयो को दरककनार कर इस ऐकतहाकसक कनणटिय को सवीकार कर चका ह लककन बड़ा सवाल यह ह कक वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को सवीकार करन स कतरा रह ह वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को वापस लन क कलए असफल रकलया कर रह ह वो कौन लोग ह जो महगी गाकड़यो और एसपीजी सरकषा म जाकर दो घट म अपना चार हजार रपया कनकालन क बावजद झठ बोल रह ह कक पसा नही कमल रहा एक सवाल यह भी ह कक य लोग ऐसा कयो कर रह ह इस सवाल पर पड़ताल करन स पहल जरा lsquoकतारrsquo पर बहस कर ल राहल गाधी अपना चार हजार तो दो घट म कनकाल कलए लककन लोगो को गमराह कर रह ह कक पसा नही कनकल रहा ह दरअसल यह उनकी नीयत म खोट को दशाटिता ह अगर व ईमानदारी कदखात तो सबक सामन सवीकार करत कक ldquoहा म कतार म लगा था और मझ मरा पसा कमला लककन नही उनकी जबान तो कछ और बोल रही ह दरअसल राहल गाधी को यह बात बखबी पता होनी चाकहए कक इस दश की आम जनता को lsquoकतारोrsquo स कभी समसया नही रही ह सततर साल की सरकारो कजसम लगभग साठ साल कागस ही सतता म रही ह न इस दश की आम जनता को कतार म खड़ रहन की आदत डाल दी ह यह वही जनता ह जो कभी कसलडर गस तो कभी यररया तो कभी रल कटकट क कलए आय कदन कतारो म नजर आती रही ह इसकलए इस जनता को अब कतारो का भय न कदखाइए इस दश म सततर वषषो म जो लबी कतार आपन खड़ी की ह अब नोटबदी क इस फसल न उस कतार को तोड़ कदया ह यह वह कतार बन रही ह कजसम दश का आम जन खड़ा होकर कबना ककसी डर क भय क अपन हक़ क कलए और दश क भकवषय क कनमाटिण क कलए खड़ा होन को तयार ह यह कतार ईमानदारो की कतार ह परधानमती मोदी न जो यह कतार बनाई ह इस कतार म ककसी भरष बईमान और चोरी स काली कमाई करन वाल की कहममत नही हो पा रही कक वो खलकर खड़ा हो सक कलहाजा यह ईमानदारी का उतसव मना रह दश की ईमानदार जनता की कतार ह भरषाचार क कखलाफ चल रही इस लड़ाई का लगातार कवरोध कर रह कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल की अपनी कोई कवशसनीयता नही रही ह व खद कभी लाल यादव तो कभी ककसी और क समथटिन म खड़ होकर

अपनी साख पर बटा लगा चक ह लककन अब जब दश की आम जनता क साथ कालाधन और भरषाचार क कखलाफ चल रही इस कनणाटियक लड़ाई का समय आया तो व बगाल की मखयमती ममता बनजटी क साथ कमलकर इसका कवरोध करत नजर आ रह ह वस तो कबना ककसी सबत और बकनयाद क ककसी पर भी आरोप लगान क रोग स गकसत कदलली क मखयमती अनक बार सबत न द पान की वजह स अपनी फजीहत भी करा चक ह लककन आज एकबार कफर व कबना ककसी सबत क मनगढ़त बात कर रह ह कदलली की जनता क मन म यह सवाल बजा नही उठ रहा ह कक ममता बनजटी और कदलली क मखयमती क बीच ककस मद पर सहमकत बनी ह ममता बनजटी मायावती सकहत कछ लोग पहल कदन स भरषाचार क कखलाफ इस कनणाटियक लड़ाई म भरष लोगो क साथ खड़ ह लककन कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल आकखर कयो इनक साथ खड़ ह मोदी क इस फसल स आतकवाकदयो को फकडग करन वालो माओवाकदयो को ससाधन महया करान वालो तसकरो अपराकधयो भरषाचार करन वालो की पीड़ा तो जायज ह लककन इन चद नताओ की इस फसल क कखलाफ एकजटता भी कम शक नही पदा करती ह ऐस म बड़ा सवाल जनता क जहन म ह कक जब पजाब म चनाव होन ह तो कया आम आदमी पाटटी को चनाव म इसतमाल करन क कलए जटाए गए धन क रदी हो जान की कचता सता रही ह यह सबको पता ह कक पारदकशटिता की बात करन वाली आम आदमी पाटटी काफी समय स अपन आय और वयय का बयोरा सावटिजकनक नही कर रही ह खर कतार लबी जरर ह लककन बदोबसत ऐसा ह कक उस कतार म कोई बईमान और भरष जयादा दर कटक नही पाएगा यह वो कतार ह कजसन दश की आम और ईमानदार जनता को बईमानो क सामन गौरवाकनवत होन का अवसर कदया ह यह वह कतार ह जहा जान भर स न जान ककतन बईमान खौफ खा रह ह नोटबदी क कखलाफ उठन वाली हर आवाज इस दश म ईमानदारी की बन रही इस ऐकतहाकसक कतार क कखलाफ एक साकजश की तरह ह आज या तो आप इस कतार क साथ ह या आप भरष और बईमानी स धन अकजटित करन वालो क साथ ह वस भी मोदी की अचछी बात यह ह कक वो परमाणपत दन वालो की परवाह ककए कबना जनकहत म दशको स काम करत हए यहा तक पहच ह कजनका डब रहा ह व बौखला रह ह आम लोग थोड़ी परशाकनयो क बावजद इस महीम क साथ कतारबदध होकर खड़ ह यही वजह ह कक लाख कोकशशो क बावजद नोटबदी क कखलाफ की जा रही कछ रकलयो म मोदी-मोदी क नार लग रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनडशि म रिसचच फलो ह एव िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खबरदार यह ईिानदारो की कतार ह बईिान दर रहमशवाननद मविवदी

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8नवबर की शाम को परधानमती मोदी क राषट क नाम सबोधन म नोटबदी क ऐकतहाकसक फसल क ऐलान स दश भर म हलचल मच गयी परधानमती नरदर मोदी न जब दश भर म 500 और 1000

क नोटो पर परकतबध की घोषणा की तो काल धन की फसल उगाकर रखन वालो पर जस ओलो की बरसात हो गयी जनता की खन-पसीन की कमाई को अवध और अनकतक रप स जमा करक बठ ऐस लोग अब मार-मार कफर रह ह और तरह तरह स आम जनता का हवाला दकर अपना उलल सीधा करन की कोकशश म लग ह 500 और 1000 क नोटो पर परकतबध क कनणटिय की न कवल तकलीफ झलन क बावजद जनता सराहना कर रही ह बकलक इस कनणटिय म सरकार को परा सहयोग भी द रही ह मगर कवपककषयो का रख इस पर भी हासयासपद रहा ह कागस आप सपा बसपा तरणमल कागस आकद तमाम दलो क परमख नताओ न इस कनणटिय को लकर मोदी सरकार पर अताककटि क ढग स सवाल उठान की कोकशश की ह ऐस म सवाल यह उठता ह कक आकखर इस नोटबदी क कनणटिय स य कवपकषी दल इतनी पीड़ा म कयो ह कनससदह इन कवपकषी दलो का ऐसा आचरण जनता की नज़रो म उनकी सकदगध छकव ही परसतत कर रहा ह कदलली मबई समत दश क अनय राजयो म पड़ रह आयकर कवभाग क छाप यह सपष करत ह कक दश की जनता का पसा ककस तरह कछ लोगो की झोली भर रहा था काल धन की धर-पकड़ पर इस परकतबध का जोरदार असर दखन को कमल सकता ह सबस पहल तो य 440 वॉलट का झटका उन क कलए ह जो कबसतर पर करोड़ो नोट कबछा कर सोन क आदी हो चक ह जाकहर ह इसस उनकी रातो की नीद हराम हो चकी होगी दसरी बात यह कक अकसमात हए इस परकतबध न काला धन धारको को ज़रा भी सजग होन का मौका ही नही कदया इसकलए अब उनक पास कसवाय अपनी सपकतत को सावटिजकनक करन अथवा नष करन क कोई और चारा नही बचा ह तभी तो दश क कवकभनन कहससो म भारी सखया म कही पाच सौ और हजार क नोट कड़ क ढर पर फ क कमल रह तो कही जलत पाए जा रह य कदखाता ह कक नोटबदी क इस कनणटिय क बाद काला धन धारको म ककस कदर हडकप मचा हआ ह तीसरी बात कक बाज़ार म इन कदनो जो नकली नोटो का बोलबाला था इस कनणटिय न उस गोरखधध को भी नसतनाबद कर कदया ह साथ ही भारत को नकसान पहचान क कलए बागलादश और पाककसतान जस मलको स जो नकली नोटो का भणडार यहा आता था वह भी अब ककसी काम का नही रहा इस कनणटिय स न कवल दरगामी तौर पर अथटिवयवसथा को मजबती कमलगी बकलक काल धन की जबती क बाद महगाई पर भी अकश लगगा दश की मदरा भी मजबत होगी और कवकास दर म भी वरकदध होन की सभावना ह

नोटबदी न दश म एक जागरकता फलान का भी काम ककया ह और लोगो क बीच इस धारणा को मजबत ककया ह कक बात अगर दश की भलाई हो तो परा दश एक सत म कपरोय धाग समान हो सकता ह जाकहर ह इस पर परश उठान वाल लोग जो कसफटि सकखटिया बटोरन क बलबत अपन राजनकतक वजद को बचाए रखत ह उनको यह कदखाई दना मकशकल ह कक दश की जनता सरकार क इस साहकसक कनणटिय स परशान नही ह बकलक सहयोग क साथ अपना योगदान दन क कलए सककलपत भी ह लोगो को भड़काकर उनम फट डालकर शासन करन की नीकत औपकनवकशक काल की थी मगर यह दभाटिगयपणटि ह कक सवय को दशभति क ताज स नवाजन वाल तमाम कवपकषी नता भी आजकल इन हथकडो का उपयोग करन स बाज नही आ रहइस कनणटिय क बाद उन लोगो को कोई कवशष समसया नही ह कजनक खात म उनकी जायज कमाई का पसा ह जबकक तमाम ऐस लोग कजनहोन गलत ढग स धनाजटिन ककया ह अनदर ही अदर डर-सहम बठ होग उनकी अकत सपकतत वयथटि हई पड़ी ह और उस पनः उपयोगी बनान क कलए अगर व बक जात ह तो काली कमाई की कलई खलना लगभग तय ह कतसपर आय कर और दो सौ परकतशत जमाटिन का डडा तो पड़ना ही ह एक बात य भी ह कक जो जनधन बक खात कपछल 6 महीन स कनकषकरय पड़ हो अगर आज अचानक उनम लाख-दो लाख रपय का हसतातरण होता ह तो य भी एक सदहजनक गकतकवकध ह कजसपर बक अपनी पनी नज़र बनाय हए ह और कजसक चलत आयकर कवभाग भी चसती स काम करत नज़र आया दश म मखय अथटिवयवसथा और समानातर अथटिवयवसथा को एक ही धारा म लान म भी यह एक बड़ा कदम ह इस कनणटिय क जररय कशलस इकॉनोमी को बढ़ावा कमलन का भी अनमान ह कजस उस वक़त लाग ककया गया जब दश म सकवधाजनक कश टासकशन की कमी ह कशलस टासकशन स आकथटिक पकष मजबत करन म हम सहायता कमलगी साथ ही कर दाताओ को भी इसम सहकलयत होगी कशलस टाजकशन वो चीज ह जो कजतना अकधक बढ़गा दश स भरषाचार की सभावना उतनी ही कम होगी काल धन को सजोन की कोकशश तो अब भी जारी ह हाथ पर तो अब भी मार जा रह ह कफर वह चाह रलव कटकट करवा कर ककया जाय अथवा ककसान करकडट काडटि का इसतमाल करक लककन इन सब गकतकवकधयो पर सरकार की परी नज़र ह सरकार न य कनणटिय कनकचित तौर पर इन सब पहलओ पर कवचार-कवमशटि करक ही कलया होगा अतः काला धन धारको का सरकार को चकमा दकर कनकलना मकशकल ह और कहना गलत नही होगा कक lsquoअबकी बार उनह मोदी सरकार क सामन डालन होग हकथयारrsquo

(लनखकया पतरकयारितया की छयातरया ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी आि जन कर रह सरकार का सिरथनकाला धन धारको ि िचा हड़कप

कमनषका मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

27

मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

28

प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 15: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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8नवबर को रात आठ बज राषट क नाम सदश म परधानमती नरदर मोदी न पाच सौ और एक हजार क नोट बद होन का फसला सनाकर सबको चौका कदया था इस बात को अब बीस कदन स

जयादा हो गए ह लककन आज भी यह कवमशटि का सबस बड़ा मदा बना हआ ह हालाकक कवमदरीकरण क फसल क बाद स ही इसक पकष-कवपकष म बहस शर हो गयी जो अब भी चल रही ह ममता बनजटी की तरणमल कागस कजरीवाल की आम आदमी पाटटी मायावती की बहजन समाज पाटटी एव भारतीय राषटीय कागस सकहत तमाम राजनीकतक दलो न इसक कखलाफ मोचाटि खोल कदया ह दश की जनता बक की कतार म ह और दश क कवपकषी दल फसल क कवरोध म सरकार क सामन बक की कतारो स कनपटन की चनौती तो थी ही साथ म कवरोधी दलो क असहयोगातमक रख स कनपटन की चनौती भी बनी ह चकक ससद का सत भी शर हो गया ह कलहाजा कनतीश कमार को छोड़कर लगभग परा कवपकष ससद स सड़क तक इस फसल क कवरोध म आ गया ह सरकार का शर स दावा रहा कक दश की आम जनता उनक इस फसल क साथ ह वही कवरोध कर रह दलो का तकटि था कक वो जनता की परशाकनयो को दखत हए अपना कवरोध दजटि करा रह ह हालाकक सतता पकष और कवपकष दोनो ही जनता को अपन पाल म बतान का दावा जब कर रह हो तो यह समझ पाना बड़ा मकशकल हो जाता ह कक वाकई जनता ककसक साथ ह इस मामल म भी ऐसा ही हआ अलग-अलग माधयमो स सवव आकद शर हो गए मीकडया चनलो क लोकल सतर क लाइव चचाटि आकद स भी इस फसल पर जनता का कमजाज टटोलन की कवायद तज होन लगी परधानमती नरदर मोदी न अपन सतर पर भी एक ऑनलाइन सवव कराया कजसम उनको इस फसल पर भारी समथटिन कमला हालाकक कवरोध कर रह कछ दलो को इस बात का भान जरर हआ कक जनता इस मद पर उनक साथ नही ह कलहाजा उनहोन 28 नवबर को lsquoभारत बदrsquo करन का अपना कनणटिय वापस ल कलया इसी बीच एक अगजी समाचार पत का सवव आया कजसम बहमत को सरकार क इस फसल क कखलाफ बताया गया अब बड़ा सवाल यह था कक कया सच मान या कया झठ मान लोकतत म ककसी भी राजनीकतक दल की जनता क बीच हकसयत मापन का सबस वयापक और सबस बड़ा सवव चनाव ही होता ह कवमदरीकरण क मद पर जब दश म lsquoहा-नाrsquo की बहस चल रही थी इस दरमयान तीन

महतवपणटि चनाव सपनन हए पहला लोकसभा और कवधानसभा की खाली हई सीटो पर उपचनाव दसरा महाराषट क कनकायो क चनाव और तीसरा गजरात क सथानीय कनकायो क चनाव यह तीनो चनाव कवमदरीकरण क फसल क बाद हए मतसखया क आधार पर अगर दख तो ककसी भी बड़-बड़ सवव म कजतना समपल कलया जाता ह उसस सकड़ो-हजारो गना जयादा लोग इन चनावो म परतयकष कहससा कलए ह लोकसभा और कवधानसभा क उपचनावो म भाजपा अपनी सभी सीट न कसफटि सरककषत रखन म कामयाब हई बकलक कतपरा और पकचिम बगाल म कपछल चनाव की तलना म भाजपा क वोट परकतशत म भारी इजाफा भी हआ इसक बाद 28 नवबर को महाराषट क कनकाय चनावो क पररणाम आए कजसम भाजपा को भारी बढ़त कमली ह चकक वषटि 2011 क चनाव म भाजपा कनकायो म तीसर नमबर की पाटटी होती थी लककन इन पररणामो क बाद भाजपा सबस बड़ी पाटटी बनकर उभरी ह यहा तक कक कशवसना क साथ गठबधन होन क बावजद भाजपा कशवसना स जयादा सीट जीत गयी ह नगर पचायतो क कलए हए चनावो म भाजपा को 851 सीट कमली ह जो 2011 म मात 396 थी कल 147 सीटो पर हए मयकनकसपल काउकसल क कलए परतयकष मतदान म भाजपा को अकल 52 सीटो पर जीत कमली ह कपछल चनावो म इन कनकायो पर राषटवादी कागस पाटटी का कबजा था जो कक अब उसक हाथ स जा चका ह इसक अलावा सोलापर जस सीटो जहा भाजपा कभी नही आई थी पर भी इसबार भाजपा जीतन म कामयाब रही महाराषट क सथानीय चनावो क पररणामो को इस कलहाज स भी महतवपणटि माना जा रहा ह कयोकक तमाम दल एव बकदधजीवी इस कमनी कवधानसभा चनाव भी कहत ह यह अलग बात ह कक भाजपा को कमली बड़ी जीत क बाद इसपर हमार तथाककथत बकदधजीवी वगटि न सननाटा साध कलया ह और ऐसा जताना चाह रह ह कक य चनाव महतवपणटि ह ही नही लककन वही अगर पररणाम भाजपा क परकतकल होत तो यही बकदधजीवी इस दवनदर फडनवीस नही बकलक नरदर मोदी की हार बतात हए नही थकत खर कवमदरीकरण क बाद नरदर मोदी क अपन राजय गजरात म भी कनकाय चनाव हए गजरात पर सबकी नजर इसकलए थी कयोकक वहा हाल म ही सतता म उथल-पथल क अलावा सरकार क कखलाफ पटल आनदोलन हआ था ऊना काणड क बाद दकलतो क नाम पर माहौल बनान की कोकशश दश क उन राजनीकतक दलो न भी कम नही की कजनकी गजरात म वतटिमान

रनकाय चनाि नोटबदी क रनरथय परजनता की िहर

मशवाननद मविवदी

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की राजनीकतक हकसयत कछ भी नही ह लककन गजरात क चनाव पररणामो न तो कागस का सपड़ा ही साफ़ कर कदया पररणामो क मताकबक़ गजरात क वापी नगरपाकलका की 44 सीटो म भाजपा न 41 सीटो पर जीत दजटि की ह वही कागस को यहा महज 3 सीटो पर सतोष करना पड़ा ह सरत क कनकपर-कनसाड़ की 28 म स 27 सीटो पर भाजपा को जीत कमली ह वही कछ कजला तालका पचायत क उपचनावो म भाजपा को 23 और कागस को महज 8 सीट कमली ह गजरात पर सबकी नजर इसकलए भी बनी हई थी कयोकक गजरात स नरदर मोदी क आन क बाद वहा महज ढाई साल म एक मखयमती को बदलना पड़ा था इसी दरमयान वहा पटल आनदोलन को भी कदलली की मोदी-कवरोधी ताकतो क सहयोग स हवा दन का काम ककया गया ऊना म दकलत कपटाई मामल क बाद भी कदलली की राजनीकत क कसयासतदानो की कगदध कनगाह गजरात म लगी रही लककन इन चनावो को अगर जनता का सबस बड़ा और सबस कवशदध सवव मान तो यह सवव मोदी क पकष म जाता ह यह इसकलए जयादा महतवपणटि ह कयोकक हाल म ही कवपकषी खमा कवमदरीकरण क मद पर जनता की परशाकनयो का हवाला दकर असहयोग की कसथकत उतपनन कर रहा ह

इन चनावो को जनता की बीच स आया आम सवव मानकर भी अगर कवरोधी खमा कवमदरीकरण क बजा कवरोध स नही कडगा और जनता क कध पर बदक रखकर सरकार को घरता रहा तो यह मोदी क कलए तो नही लककन उनक खद क कलए जयादा घातक होगा कवरोध सकारातमक होना चाकहए वचाररक होना चाकहए न कक कसफटि इसकलए कवरोध करो कयोकक आपको मोदी का कवरोध करना ह इन चनावो क पररणामो पर एक लाइन म कटपपणी कर तो यही कहग कक जनता न मोदी क कनणटिय पर अपनी सहमकत का महर लगाया ही ह कवरोकधयो को आईना भी कदखा कदया ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनदशि म रिसचच फलो एव िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम म समपयादक ह)

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वस तो हर चनाव का मदा और कलवर अलग होता ह उसम भी सथानीय कनकाय और नगर पचायत चनावो का मदा पणटितया सथानीय होता ह परत कपछल कदनो महाराषट और गजरात म

कनकाय चनाव का आयोजन कवमदरीकरण क साए म हआ जहा पर अनय सथानीय मदो क अलावा कवमदरीकरण चनाव म बड़ा मदा था और हर पाटटी इस मद को भनान म लगी थी इस चनाव म भाजपा न भारी जीत दजटि की कजस परधानमती मोदी दारा कलधन क कखलाफ उठाए गए कदम पर जनता की महर माना जा सकता ह सभी कवपकषी पाकटटिया कवमदरीकरण क कारण जनता की परशानी का हवाला दत हए ससद क शीतकालीन सत को लगभग-लगभग हगाम की भट चढ़ा चकी ह वही जनता जनादटिन न कनकाय चनावो म भाजपा की जीत कदलाकर इस फसल पर महर लगान का सदश कदया ह कवपकषी पाकटटियो की दलील थी कक गामीण भारत सबस जयादा कवमदरीकरण की मार झल रहा ह इसकलए वह कवमदरीकरण का कवरोध कर रह ह लककन इन सथानीय कनकाय चनावो म जनता न सततारढ़ भाजपा क पकष म अपनी महर लगाई ह कजसन नोटबदी को लकर सरकार स जनता की नाराजगी जसी कवपकष की सभी दलीलो की पोल खोल दी ह सपष हो गया कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह ऐस म परतीत तो य हो रहा कक कवपककषयो कचता जनता की नही खद क काल धन की ह जो कक नोटबदी क बाद महज कागज बन कर रह गया इसी करम म अगर इन चनावो क पररणामो पर नजर दौड़ाए तो साफ-साफ पता चलता ह कक जनता न परधानमती मोदी क साथ जाना पसद ककया ह जबकक कवपकषी पाकटटियो क सार आरोप और लामबदी हवा हो गए गजरात की दो नगरपाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली कवपकषी दल कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म महज एक सीट स सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न आठ सीट फतह की जात हो कक कपछल साल समपनन हए सथानीय चनाव म कागस न अपन परदशटिन म कछ सधार ककया था कजस उसन परधानमती योजनाओ की हार क तौर पर परदकशटित ककया था लककन अब इस कनकाय चनाव म जब कागस का सपड़ा साफ़ हो गया तो उसक पास बोलन क कलए कछ नही बचा ह बीत दो दशक स सतता स बाहर कागस की कसथकत कदन-परकतकदन

खराब होती जा रही ह परत वह ह कक मानन को तयार नही गजरात क अलावा महाराषट क सथानीय चनावो म भी करारी हार का सामना करना पड़ा महाराष ट म 147 नगर पररषद म स अकल भाजपा को 52 सीट सहयोगी कशवसना जो कक इस चनाव म भी बागी तवर अपनाए हए थी उस भी महज़ 23 सीट हाथ लगी कागस को 19 और एनसीपी को 16 पर जीत कमली ह अन य उम मीदवारो क खात म 28 सीट गइटि ह वही 17 नगर पचायतो क 3510 सदस यो क कलए हए चनाव म सत ताधारी भाजपा को 851 सीट कमली ह कागस क खात म 643 एनसीपी को 638 और कशवसना को 514 मनस को 16 सीपीएम को 12 बसपा को 9 कनदटिलीयो को 324 स थानीय गठबधनो को 384 और बाककयो को 119 सीटो पर जीत कमली ह सपष ह कक यहा भी भाजपा हर तरह स सबस आग ह इस जीत को भी कवमदरीकरण क फसल पर जनता की महर और राजय क मकखया दवदर फडणकवस क कवकास परायोकजत कामकाज पर जनता की सहमकत कहना गलत नही होगा इन सब चीजो स कवपकषी दल दरअसल बौखलाए हए ह उनह कछ सझ नही रहा ह कक वह कर तो कया कर अब इस पर कवपककषयो का तकटि य ह कक इन चनावो म नोटबदी कोई मदा नही था मसला हार-जीत का नही ह मसला ह तो कवपकष क दोमह चररत का जब कवपकष का सफाया हो जाय तो मद सथानीय थ पर वही अगर सततारढ़ पाटटी हार जाए तो उस पाटटी की हार ह उसक योजनाओ की हार ह दखन वाली बात यह ह कक हर ककसी को पता ह कक सथानीय कनकाय क चनावो म जीत क कारण अलग होत ह लककन जब हारन पर भाजपा क मतथ नोटबदी मढ़ दी जाती तो जीतन पर शय कयो नही और वस भी कवमदरीकरण तो समग राषट को परभाकवत करन वाला मदा ह कफर कनकचित तौर पर इन चनावो म भी इसका परभाव रहा ही होगा उललखनीय होगा कक अभी नोटबदी क बाद ही हए एपीएमसी क चनावो म भाजपा का परदशटिन बहत अचछा नही रहा था तो उस वति इन कवरोधी दलो न कहा था कक नोटबदी क कारण हार हई ह जबकक अब कनकाय चनावो म इनक कहसाब स नोटबदी कोई मदा ही नही ह य कसफटि और कसफटि इनक दोमहपन को कदखाता ह कहना गलत नही होगा कक कजतना तमाशा लोकतनत का वतटिमान कवपकषी पाकटटिया कर रही ह उस दश कभी नही माफ करगा नोटबनदी का कवरोध कवपकष दारा महज़ खद को सककरय कदखान की एक नाकाम और नकारातमक कोकशश ह उसस जयादा कछ नही चनाव क पररणाम बतात ह कक परधानमती मोदी कदन-परकतकदन मजबत होत जा रह ह यह भी तय माकनए कक कजतना कवरोध परधानमती का होगा उतना ही वह मजबत होकर बाहर आएग

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

रनकाय चनािो ि भाजपा की इस बमपर जीत क बाद तो नोटबदी क विरोध की राजनीवत बद कर विपकषी

कशव झा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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कदर सरकार दारा पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन क फसल क बाद स ही मोदी-कवरोधी एक राजनीकतक जमात म भचाल की कसथकत ह इस साहकसक एव ऐकतहाकसक कनणटिय क

दरगामी नफा-नकसान पर बहस करन की बजाय कछ राजनीकतक जमात क लोग बको की कतारो पर बहस करना चाहत ह चकक इस कनणटिय को लकर आम जनता क मन म एकतरफा समथटिन का भाव खलकर कदख रहा ह कलहाजा कछ राजनीकतक खमो क लोग इसपर चचाटि करन स भागत नजर आ रह ह दश का आम जन अपनी कछ कदनो की परशाकनयो को दरककनार कर इस ऐकतहाकसक कनणटिय को सवीकार कर चका ह लककन बड़ा सवाल यह ह कक वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को सवीकार करन स कतरा रह ह वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को वापस लन क कलए असफल रकलया कर रह ह वो कौन लोग ह जो महगी गाकड़यो और एसपीजी सरकषा म जाकर दो घट म अपना चार हजार रपया कनकालन क बावजद झठ बोल रह ह कक पसा नही कमल रहा एक सवाल यह भी ह कक य लोग ऐसा कयो कर रह ह इस सवाल पर पड़ताल करन स पहल जरा lsquoकतारrsquo पर बहस कर ल राहल गाधी अपना चार हजार तो दो घट म कनकाल कलए लककन लोगो को गमराह कर रह ह कक पसा नही कनकल रहा ह दरअसल यह उनकी नीयत म खोट को दशाटिता ह अगर व ईमानदारी कदखात तो सबक सामन सवीकार करत कक ldquoहा म कतार म लगा था और मझ मरा पसा कमला लककन नही उनकी जबान तो कछ और बोल रही ह दरअसल राहल गाधी को यह बात बखबी पता होनी चाकहए कक इस दश की आम जनता को lsquoकतारोrsquo स कभी समसया नही रही ह सततर साल की सरकारो कजसम लगभग साठ साल कागस ही सतता म रही ह न इस दश की आम जनता को कतार म खड़ रहन की आदत डाल दी ह यह वही जनता ह जो कभी कसलडर गस तो कभी यररया तो कभी रल कटकट क कलए आय कदन कतारो म नजर आती रही ह इसकलए इस जनता को अब कतारो का भय न कदखाइए इस दश म सततर वषषो म जो लबी कतार आपन खड़ी की ह अब नोटबदी क इस फसल न उस कतार को तोड़ कदया ह यह वह कतार बन रही ह कजसम दश का आम जन खड़ा होकर कबना ककसी डर क भय क अपन हक़ क कलए और दश क भकवषय क कनमाटिण क कलए खड़ा होन को तयार ह यह कतार ईमानदारो की कतार ह परधानमती मोदी न जो यह कतार बनाई ह इस कतार म ककसी भरष बईमान और चोरी स काली कमाई करन वाल की कहममत नही हो पा रही कक वो खलकर खड़ा हो सक कलहाजा यह ईमानदारी का उतसव मना रह दश की ईमानदार जनता की कतार ह भरषाचार क कखलाफ चल रही इस लड़ाई का लगातार कवरोध कर रह कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल की अपनी कोई कवशसनीयता नही रही ह व खद कभी लाल यादव तो कभी ककसी और क समथटिन म खड़ होकर

अपनी साख पर बटा लगा चक ह लककन अब जब दश की आम जनता क साथ कालाधन और भरषाचार क कखलाफ चल रही इस कनणाटियक लड़ाई का समय आया तो व बगाल की मखयमती ममता बनजटी क साथ कमलकर इसका कवरोध करत नजर आ रह ह वस तो कबना ककसी सबत और बकनयाद क ककसी पर भी आरोप लगान क रोग स गकसत कदलली क मखयमती अनक बार सबत न द पान की वजह स अपनी फजीहत भी करा चक ह लककन आज एकबार कफर व कबना ककसी सबत क मनगढ़त बात कर रह ह कदलली की जनता क मन म यह सवाल बजा नही उठ रहा ह कक ममता बनजटी और कदलली क मखयमती क बीच ककस मद पर सहमकत बनी ह ममता बनजटी मायावती सकहत कछ लोग पहल कदन स भरषाचार क कखलाफ इस कनणाटियक लड़ाई म भरष लोगो क साथ खड़ ह लककन कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल आकखर कयो इनक साथ खड़ ह मोदी क इस फसल स आतकवाकदयो को फकडग करन वालो माओवाकदयो को ससाधन महया करान वालो तसकरो अपराकधयो भरषाचार करन वालो की पीड़ा तो जायज ह लककन इन चद नताओ की इस फसल क कखलाफ एकजटता भी कम शक नही पदा करती ह ऐस म बड़ा सवाल जनता क जहन म ह कक जब पजाब म चनाव होन ह तो कया आम आदमी पाटटी को चनाव म इसतमाल करन क कलए जटाए गए धन क रदी हो जान की कचता सता रही ह यह सबको पता ह कक पारदकशटिता की बात करन वाली आम आदमी पाटटी काफी समय स अपन आय और वयय का बयोरा सावटिजकनक नही कर रही ह खर कतार लबी जरर ह लककन बदोबसत ऐसा ह कक उस कतार म कोई बईमान और भरष जयादा दर कटक नही पाएगा यह वो कतार ह कजसन दश की आम और ईमानदार जनता को बईमानो क सामन गौरवाकनवत होन का अवसर कदया ह यह वह कतार ह जहा जान भर स न जान ककतन बईमान खौफ खा रह ह नोटबदी क कखलाफ उठन वाली हर आवाज इस दश म ईमानदारी की बन रही इस ऐकतहाकसक कतार क कखलाफ एक साकजश की तरह ह आज या तो आप इस कतार क साथ ह या आप भरष और बईमानी स धन अकजटित करन वालो क साथ ह वस भी मोदी की अचछी बात यह ह कक वो परमाणपत दन वालो की परवाह ककए कबना जनकहत म दशको स काम करत हए यहा तक पहच ह कजनका डब रहा ह व बौखला रह ह आम लोग थोड़ी परशाकनयो क बावजद इस महीम क साथ कतारबदध होकर खड़ ह यही वजह ह कक लाख कोकशशो क बावजद नोटबदी क कखलाफ की जा रही कछ रकलयो म मोदी-मोदी क नार लग रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनडशि म रिसचच फलो ह एव िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खबरदार यह ईिानदारो की कतार ह बईिान दर रहमशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवबर की शाम को परधानमती मोदी क राषट क नाम सबोधन म नोटबदी क ऐकतहाकसक फसल क ऐलान स दश भर म हलचल मच गयी परधानमती नरदर मोदी न जब दश भर म 500 और 1000

क नोटो पर परकतबध की घोषणा की तो काल धन की फसल उगाकर रखन वालो पर जस ओलो की बरसात हो गयी जनता की खन-पसीन की कमाई को अवध और अनकतक रप स जमा करक बठ ऐस लोग अब मार-मार कफर रह ह और तरह तरह स आम जनता का हवाला दकर अपना उलल सीधा करन की कोकशश म लग ह 500 और 1000 क नोटो पर परकतबध क कनणटिय की न कवल तकलीफ झलन क बावजद जनता सराहना कर रही ह बकलक इस कनणटिय म सरकार को परा सहयोग भी द रही ह मगर कवपककषयो का रख इस पर भी हासयासपद रहा ह कागस आप सपा बसपा तरणमल कागस आकद तमाम दलो क परमख नताओ न इस कनणटिय को लकर मोदी सरकार पर अताककटि क ढग स सवाल उठान की कोकशश की ह ऐस म सवाल यह उठता ह कक आकखर इस नोटबदी क कनणटिय स य कवपकषी दल इतनी पीड़ा म कयो ह कनससदह इन कवपकषी दलो का ऐसा आचरण जनता की नज़रो म उनकी सकदगध छकव ही परसतत कर रहा ह कदलली मबई समत दश क अनय राजयो म पड़ रह आयकर कवभाग क छाप यह सपष करत ह कक दश की जनता का पसा ककस तरह कछ लोगो की झोली भर रहा था काल धन की धर-पकड़ पर इस परकतबध का जोरदार असर दखन को कमल सकता ह सबस पहल तो य 440 वॉलट का झटका उन क कलए ह जो कबसतर पर करोड़ो नोट कबछा कर सोन क आदी हो चक ह जाकहर ह इसस उनकी रातो की नीद हराम हो चकी होगी दसरी बात यह कक अकसमात हए इस परकतबध न काला धन धारको को ज़रा भी सजग होन का मौका ही नही कदया इसकलए अब उनक पास कसवाय अपनी सपकतत को सावटिजकनक करन अथवा नष करन क कोई और चारा नही बचा ह तभी तो दश क कवकभनन कहससो म भारी सखया म कही पाच सौ और हजार क नोट कड़ क ढर पर फ क कमल रह तो कही जलत पाए जा रह य कदखाता ह कक नोटबदी क इस कनणटिय क बाद काला धन धारको म ककस कदर हडकप मचा हआ ह तीसरी बात कक बाज़ार म इन कदनो जो नकली नोटो का बोलबाला था इस कनणटिय न उस गोरखधध को भी नसतनाबद कर कदया ह साथ ही भारत को नकसान पहचान क कलए बागलादश और पाककसतान जस मलको स जो नकली नोटो का भणडार यहा आता था वह भी अब ककसी काम का नही रहा इस कनणटिय स न कवल दरगामी तौर पर अथटिवयवसथा को मजबती कमलगी बकलक काल धन की जबती क बाद महगाई पर भी अकश लगगा दश की मदरा भी मजबत होगी और कवकास दर म भी वरकदध होन की सभावना ह

नोटबदी न दश म एक जागरकता फलान का भी काम ककया ह और लोगो क बीच इस धारणा को मजबत ककया ह कक बात अगर दश की भलाई हो तो परा दश एक सत म कपरोय धाग समान हो सकता ह जाकहर ह इस पर परश उठान वाल लोग जो कसफटि सकखटिया बटोरन क बलबत अपन राजनकतक वजद को बचाए रखत ह उनको यह कदखाई दना मकशकल ह कक दश की जनता सरकार क इस साहकसक कनणटिय स परशान नही ह बकलक सहयोग क साथ अपना योगदान दन क कलए सककलपत भी ह लोगो को भड़काकर उनम फट डालकर शासन करन की नीकत औपकनवकशक काल की थी मगर यह दभाटिगयपणटि ह कक सवय को दशभति क ताज स नवाजन वाल तमाम कवपकषी नता भी आजकल इन हथकडो का उपयोग करन स बाज नही आ रहइस कनणटिय क बाद उन लोगो को कोई कवशष समसया नही ह कजनक खात म उनकी जायज कमाई का पसा ह जबकक तमाम ऐस लोग कजनहोन गलत ढग स धनाजटिन ककया ह अनदर ही अदर डर-सहम बठ होग उनकी अकत सपकतत वयथटि हई पड़ी ह और उस पनः उपयोगी बनान क कलए अगर व बक जात ह तो काली कमाई की कलई खलना लगभग तय ह कतसपर आय कर और दो सौ परकतशत जमाटिन का डडा तो पड़ना ही ह एक बात य भी ह कक जो जनधन बक खात कपछल 6 महीन स कनकषकरय पड़ हो अगर आज अचानक उनम लाख-दो लाख रपय का हसतातरण होता ह तो य भी एक सदहजनक गकतकवकध ह कजसपर बक अपनी पनी नज़र बनाय हए ह और कजसक चलत आयकर कवभाग भी चसती स काम करत नज़र आया दश म मखय अथटिवयवसथा और समानातर अथटिवयवसथा को एक ही धारा म लान म भी यह एक बड़ा कदम ह इस कनणटिय क जररय कशलस इकॉनोमी को बढ़ावा कमलन का भी अनमान ह कजस उस वक़त लाग ककया गया जब दश म सकवधाजनक कश टासकशन की कमी ह कशलस टासकशन स आकथटिक पकष मजबत करन म हम सहायता कमलगी साथ ही कर दाताओ को भी इसम सहकलयत होगी कशलस टाजकशन वो चीज ह जो कजतना अकधक बढ़गा दश स भरषाचार की सभावना उतनी ही कम होगी काल धन को सजोन की कोकशश तो अब भी जारी ह हाथ पर तो अब भी मार जा रह ह कफर वह चाह रलव कटकट करवा कर ककया जाय अथवा ककसान करकडट काडटि का इसतमाल करक लककन इन सब गकतकवकधयो पर सरकार की परी नज़र ह सरकार न य कनणटिय कनकचित तौर पर इन सब पहलओ पर कवचार-कवमशटि करक ही कलया होगा अतः काला धन धारको का सरकार को चकमा दकर कनकलना मकशकल ह और कहना गलत नही होगा कक lsquoअबकी बार उनह मोदी सरकार क सामन डालन होग हकथयारrsquo

(लनखकया पतरकयारितया की छयातरया ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी आि जन कर रह सरकार का सिरथनकाला धन धारको ि िचा हड़कप

कमनषका मतवारी

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जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 16: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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की राजनीकतक हकसयत कछ भी नही ह लककन गजरात क चनाव पररणामो न तो कागस का सपड़ा ही साफ़ कर कदया पररणामो क मताकबक़ गजरात क वापी नगरपाकलका की 44 सीटो म भाजपा न 41 सीटो पर जीत दजटि की ह वही कागस को यहा महज 3 सीटो पर सतोष करना पड़ा ह सरत क कनकपर-कनसाड़ की 28 म स 27 सीटो पर भाजपा को जीत कमली ह वही कछ कजला तालका पचायत क उपचनावो म भाजपा को 23 और कागस को महज 8 सीट कमली ह गजरात पर सबकी नजर इसकलए भी बनी हई थी कयोकक गजरात स नरदर मोदी क आन क बाद वहा महज ढाई साल म एक मखयमती को बदलना पड़ा था इसी दरमयान वहा पटल आनदोलन को भी कदलली की मोदी-कवरोधी ताकतो क सहयोग स हवा दन का काम ककया गया ऊना म दकलत कपटाई मामल क बाद भी कदलली की राजनीकत क कसयासतदानो की कगदध कनगाह गजरात म लगी रही लककन इन चनावो को अगर जनता का सबस बड़ा और सबस कवशदध सवव मान तो यह सवव मोदी क पकष म जाता ह यह इसकलए जयादा महतवपणटि ह कयोकक हाल म ही कवपकषी खमा कवमदरीकरण क मद पर जनता की परशाकनयो का हवाला दकर असहयोग की कसथकत उतपनन कर रहा ह

इन चनावो को जनता की बीच स आया आम सवव मानकर भी अगर कवरोधी खमा कवमदरीकरण क बजा कवरोध स नही कडगा और जनता क कध पर बदक रखकर सरकार को घरता रहा तो यह मोदी क कलए तो नही लककन उनक खद क कलए जयादा घातक होगा कवरोध सकारातमक होना चाकहए वचाररक होना चाकहए न कक कसफटि इसकलए कवरोध करो कयोकक आपको मोदी का कवरोध करना ह इन चनावो क पररणामो पर एक लाइन म कटपपणी कर तो यही कहग कक जनता न मोदी क कनणटिय पर अपनी सहमकत का महर लगाया ही ह कवरोकधयो को आईना भी कदखा कदया ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनदशि म रिसचच फलो एव िशिनलसट ऑिलयाइि डॉट कॉम म समपयादक ह)

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वस तो हर चनाव का मदा और कलवर अलग होता ह उसम भी सथानीय कनकाय और नगर पचायत चनावो का मदा पणटितया सथानीय होता ह परत कपछल कदनो महाराषट और गजरात म

कनकाय चनाव का आयोजन कवमदरीकरण क साए म हआ जहा पर अनय सथानीय मदो क अलावा कवमदरीकरण चनाव म बड़ा मदा था और हर पाटटी इस मद को भनान म लगी थी इस चनाव म भाजपा न भारी जीत दजटि की कजस परधानमती मोदी दारा कलधन क कखलाफ उठाए गए कदम पर जनता की महर माना जा सकता ह सभी कवपकषी पाकटटिया कवमदरीकरण क कारण जनता की परशानी का हवाला दत हए ससद क शीतकालीन सत को लगभग-लगभग हगाम की भट चढ़ा चकी ह वही जनता जनादटिन न कनकाय चनावो म भाजपा की जीत कदलाकर इस फसल पर महर लगान का सदश कदया ह कवपकषी पाकटटियो की दलील थी कक गामीण भारत सबस जयादा कवमदरीकरण की मार झल रहा ह इसकलए वह कवमदरीकरण का कवरोध कर रह ह लककन इन सथानीय कनकाय चनावो म जनता न सततारढ़ भाजपा क पकष म अपनी महर लगाई ह कजसन नोटबदी को लकर सरकार स जनता की नाराजगी जसी कवपकष की सभी दलीलो की पोल खोल दी ह सपष हो गया कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह ऐस म परतीत तो य हो रहा कक कवपककषयो कचता जनता की नही खद क काल धन की ह जो कक नोटबदी क बाद महज कागज बन कर रह गया इसी करम म अगर इन चनावो क पररणामो पर नजर दौड़ाए तो साफ-साफ पता चलता ह कक जनता न परधानमती मोदी क साथ जाना पसद ककया ह जबकक कवपकषी पाकटटियो क सार आरोप और लामबदी हवा हो गए गजरात की दो नगरपाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली कवपकषी दल कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म महज एक सीट स सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न आठ सीट फतह की जात हो कक कपछल साल समपनन हए सथानीय चनाव म कागस न अपन परदशटिन म कछ सधार ककया था कजस उसन परधानमती योजनाओ की हार क तौर पर परदकशटित ककया था लककन अब इस कनकाय चनाव म जब कागस का सपड़ा साफ़ हो गया तो उसक पास बोलन क कलए कछ नही बचा ह बीत दो दशक स सतता स बाहर कागस की कसथकत कदन-परकतकदन

खराब होती जा रही ह परत वह ह कक मानन को तयार नही गजरात क अलावा महाराषट क सथानीय चनावो म भी करारी हार का सामना करना पड़ा महाराष ट म 147 नगर पररषद म स अकल भाजपा को 52 सीट सहयोगी कशवसना जो कक इस चनाव म भी बागी तवर अपनाए हए थी उस भी महज़ 23 सीट हाथ लगी कागस को 19 और एनसीपी को 16 पर जीत कमली ह अन य उम मीदवारो क खात म 28 सीट गइटि ह वही 17 नगर पचायतो क 3510 सदस यो क कलए हए चनाव म सत ताधारी भाजपा को 851 सीट कमली ह कागस क खात म 643 एनसीपी को 638 और कशवसना को 514 मनस को 16 सीपीएम को 12 बसपा को 9 कनदटिलीयो को 324 स थानीय गठबधनो को 384 और बाककयो को 119 सीटो पर जीत कमली ह सपष ह कक यहा भी भाजपा हर तरह स सबस आग ह इस जीत को भी कवमदरीकरण क फसल पर जनता की महर और राजय क मकखया दवदर फडणकवस क कवकास परायोकजत कामकाज पर जनता की सहमकत कहना गलत नही होगा इन सब चीजो स कवपकषी दल दरअसल बौखलाए हए ह उनह कछ सझ नही रहा ह कक वह कर तो कया कर अब इस पर कवपककषयो का तकटि य ह कक इन चनावो म नोटबदी कोई मदा नही था मसला हार-जीत का नही ह मसला ह तो कवपकष क दोमह चररत का जब कवपकष का सफाया हो जाय तो मद सथानीय थ पर वही अगर सततारढ़ पाटटी हार जाए तो उस पाटटी की हार ह उसक योजनाओ की हार ह दखन वाली बात यह ह कक हर ककसी को पता ह कक सथानीय कनकाय क चनावो म जीत क कारण अलग होत ह लककन जब हारन पर भाजपा क मतथ नोटबदी मढ़ दी जाती तो जीतन पर शय कयो नही और वस भी कवमदरीकरण तो समग राषट को परभाकवत करन वाला मदा ह कफर कनकचित तौर पर इन चनावो म भी इसका परभाव रहा ही होगा उललखनीय होगा कक अभी नोटबदी क बाद ही हए एपीएमसी क चनावो म भाजपा का परदशटिन बहत अचछा नही रहा था तो उस वति इन कवरोधी दलो न कहा था कक नोटबदी क कारण हार हई ह जबकक अब कनकाय चनावो म इनक कहसाब स नोटबदी कोई मदा ही नही ह य कसफटि और कसफटि इनक दोमहपन को कदखाता ह कहना गलत नही होगा कक कजतना तमाशा लोकतनत का वतटिमान कवपकषी पाकटटिया कर रही ह उस दश कभी नही माफ करगा नोटबनदी का कवरोध कवपकष दारा महज़ खद को सककरय कदखान की एक नाकाम और नकारातमक कोकशश ह उसस जयादा कछ नही चनाव क पररणाम बतात ह कक परधानमती मोदी कदन-परकतकदन मजबत होत जा रह ह यह भी तय माकनए कक कजतना कवरोध परधानमती का होगा उतना ही वह मजबत होकर बाहर आएग

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

रनकाय चनािो ि भाजपा की इस बमपर जीत क बाद तो नोटबदी क विरोध की राजनीवत बद कर विपकषी

कशव झा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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कदर सरकार दारा पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन क फसल क बाद स ही मोदी-कवरोधी एक राजनीकतक जमात म भचाल की कसथकत ह इस साहकसक एव ऐकतहाकसक कनणटिय क

दरगामी नफा-नकसान पर बहस करन की बजाय कछ राजनीकतक जमात क लोग बको की कतारो पर बहस करना चाहत ह चकक इस कनणटिय को लकर आम जनता क मन म एकतरफा समथटिन का भाव खलकर कदख रहा ह कलहाजा कछ राजनीकतक खमो क लोग इसपर चचाटि करन स भागत नजर आ रह ह दश का आम जन अपनी कछ कदनो की परशाकनयो को दरककनार कर इस ऐकतहाकसक कनणटिय को सवीकार कर चका ह लककन बड़ा सवाल यह ह कक वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को सवीकार करन स कतरा रह ह वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को वापस लन क कलए असफल रकलया कर रह ह वो कौन लोग ह जो महगी गाकड़यो और एसपीजी सरकषा म जाकर दो घट म अपना चार हजार रपया कनकालन क बावजद झठ बोल रह ह कक पसा नही कमल रहा एक सवाल यह भी ह कक य लोग ऐसा कयो कर रह ह इस सवाल पर पड़ताल करन स पहल जरा lsquoकतारrsquo पर बहस कर ल राहल गाधी अपना चार हजार तो दो घट म कनकाल कलए लककन लोगो को गमराह कर रह ह कक पसा नही कनकल रहा ह दरअसल यह उनकी नीयत म खोट को दशाटिता ह अगर व ईमानदारी कदखात तो सबक सामन सवीकार करत कक ldquoहा म कतार म लगा था और मझ मरा पसा कमला लककन नही उनकी जबान तो कछ और बोल रही ह दरअसल राहल गाधी को यह बात बखबी पता होनी चाकहए कक इस दश की आम जनता को lsquoकतारोrsquo स कभी समसया नही रही ह सततर साल की सरकारो कजसम लगभग साठ साल कागस ही सतता म रही ह न इस दश की आम जनता को कतार म खड़ रहन की आदत डाल दी ह यह वही जनता ह जो कभी कसलडर गस तो कभी यररया तो कभी रल कटकट क कलए आय कदन कतारो म नजर आती रही ह इसकलए इस जनता को अब कतारो का भय न कदखाइए इस दश म सततर वषषो म जो लबी कतार आपन खड़ी की ह अब नोटबदी क इस फसल न उस कतार को तोड़ कदया ह यह वह कतार बन रही ह कजसम दश का आम जन खड़ा होकर कबना ककसी डर क भय क अपन हक़ क कलए और दश क भकवषय क कनमाटिण क कलए खड़ा होन को तयार ह यह कतार ईमानदारो की कतार ह परधानमती मोदी न जो यह कतार बनाई ह इस कतार म ककसी भरष बईमान और चोरी स काली कमाई करन वाल की कहममत नही हो पा रही कक वो खलकर खड़ा हो सक कलहाजा यह ईमानदारी का उतसव मना रह दश की ईमानदार जनता की कतार ह भरषाचार क कखलाफ चल रही इस लड़ाई का लगातार कवरोध कर रह कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल की अपनी कोई कवशसनीयता नही रही ह व खद कभी लाल यादव तो कभी ककसी और क समथटिन म खड़ होकर

अपनी साख पर बटा लगा चक ह लककन अब जब दश की आम जनता क साथ कालाधन और भरषाचार क कखलाफ चल रही इस कनणाटियक लड़ाई का समय आया तो व बगाल की मखयमती ममता बनजटी क साथ कमलकर इसका कवरोध करत नजर आ रह ह वस तो कबना ककसी सबत और बकनयाद क ककसी पर भी आरोप लगान क रोग स गकसत कदलली क मखयमती अनक बार सबत न द पान की वजह स अपनी फजीहत भी करा चक ह लककन आज एकबार कफर व कबना ककसी सबत क मनगढ़त बात कर रह ह कदलली की जनता क मन म यह सवाल बजा नही उठ रहा ह कक ममता बनजटी और कदलली क मखयमती क बीच ककस मद पर सहमकत बनी ह ममता बनजटी मायावती सकहत कछ लोग पहल कदन स भरषाचार क कखलाफ इस कनणाटियक लड़ाई म भरष लोगो क साथ खड़ ह लककन कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल आकखर कयो इनक साथ खड़ ह मोदी क इस फसल स आतकवाकदयो को फकडग करन वालो माओवाकदयो को ससाधन महया करान वालो तसकरो अपराकधयो भरषाचार करन वालो की पीड़ा तो जायज ह लककन इन चद नताओ की इस फसल क कखलाफ एकजटता भी कम शक नही पदा करती ह ऐस म बड़ा सवाल जनता क जहन म ह कक जब पजाब म चनाव होन ह तो कया आम आदमी पाटटी को चनाव म इसतमाल करन क कलए जटाए गए धन क रदी हो जान की कचता सता रही ह यह सबको पता ह कक पारदकशटिता की बात करन वाली आम आदमी पाटटी काफी समय स अपन आय और वयय का बयोरा सावटिजकनक नही कर रही ह खर कतार लबी जरर ह लककन बदोबसत ऐसा ह कक उस कतार म कोई बईमान और भरष जयादा दर कटक नही पाएगा यह वो कतार ह कजसन दश की आम और ईमानदार जनता को बईमानो क सामन गौरवाकनवत होन का अवसर कदया ह यह वह कतार ह जहा जान भर स न जान ककतन बईमान खौफ खा रह ह नोटबदी क कखलाफ उठन वाली हर आवाज इस दश म ईमानदारी की बन रही इस ऐकतहाकसक कतार क कखलाफ एक साकजश की तरह ह आज या तो आप इस कतार क साथ ह या आप भरष और बईमानी स धन अकजटित करन वालो क साथ ह वस भी मोदी की अचछी बात यह ह कक वो परमाणपत दन वालो की परवाह ककए कबना जनकहत म दशको स काम करत हए यहा तक पहच ह कजनका डब रहा ह व बौखला रह ह आम लोग थोड़ी परशाकनयो क बावजद इस महीम क साथ कतारबदध होकर खड़ ह यही वजह ह कक लाख कोकशशो क बावजद नोटबदी क कखलाफ की जा रही कछ रकलयो म मोदी-मोदी क नार लग रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनडशि म रिसचच फलो ह एव िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खबरदार यह ईिानदारो की कतार ह बईिान दर रहमशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवबर की शाम को परधानमती मोदी क राषट क नाम सबोधन म नोटबदी क ऐकतहाकसक फसल क ऐलान स दश भर म हलचल मच गयी परधानमती नरदर मोदी न जब दश भर म 500 और 1000

क नोटो पर परकतबध की घोषणा की तो काल धन की फसल उगाकर रखन वालो पर जस ओलो की बरसात हो गयी जनता की खन-पसीन की कमाई को अवध और अनकतक रप स जमा करक बठ ऐस लोग अब मार-मार कफर रह ह और तरह तरह स आम जनता का हवाला दकर अपना उलल सीधा करन की कोकशश म लग ह 500 और 1000 क नोटो पर परकतबध क कनणटिय की न कवल तकलीफ झलन क बावजद जनता सराहना कर रही ह बकलक इस कनणटिय म सरकार को परा सहयोग भी द रही ह मगर कवपककषयो का रख इस पर भी हासयासपद रहा ह कागस आप सपा बसपा तरणमल कागस आकद तमाम दलो क परमख नताओ न इस कनणटिय को लकर मोदी सरकार पर अताककटि क ढग स सवाल उठान की कोकशश की ह ऐस म सवाल यह उठता ह कक आकखर इस नोटबदी क कनणटिय स य कवपकषी दल इतनी पीड़ा म कयो ह कनससदह इन कवपकषी दलो का ऐसा आचरण जनता की नज़रो म उनकी सकदगध छकव ही परसतत कर रहा ह कदलली मबई समत दश क अनय राजयो म पड़ रह आयकर कवभाग क छाप यह सपष करत ह कक दश की जनता का पसा ककस तरह कछ लोगो की झोली भर रहा था काल धन की धर-पकड़ पर इस परकतबध का जोरदार असर दखन को कमल सकता ह सबस पहल तो य 440 वॉलट का झटका उन क कलए ह जो कबसतर पर करोड़ो नोट कबछा कर सोन क आदी हो चक ह जाकहर ह इसस उनकी रातो की नीद हराम हो चकी होगी दसरी बात यह कक अकसमात हए इस परकतबध न काला धन धारको को ज़रा भी सजग होन का मौका ही नही कदया इसकलए अब उनक पास कसवाय अपनी सपकतत को सावटिजकनक करन अथवा नष करन क कोई और चारा नही बचा ह तभी तो दश क कवकभनन कहससो म भारी सखया म कही पाच सौ और हजार क नोट कड़ क ढर पर फ क कमल रह तो कही जलत पाए जा रह य कदखाता ह कक नोटबदी क इस कनणटिय क बाद काला धन धारको म ककस कदर हडकप मचा हआ ह तीसरी बात कक बाज़ार म इन कदनो जो नकली नोटो का बोलबाला था इस कनणटिय न उस गोरखधध को भी नसतनाबद कर कदया ह साथ ही भारत को नकसान पहचान क कलए बागलादश और पाककसतान जस मलको स जो नकली नोटो का भणडार यहा आता था वह भी अब ककसी काम का नही रहा इस कनणटिय स न कवल दरगामी तौर पर अथटिवयवसथा को मजबती कमलगी बकलक काल धन की जबती क बाद महगाई पर भी अकश लगगा दश की मदरा भी मजबत होगी और कवकास दर म भी वरकदध होन की सभावना ह

नोटबदी न दश म एक जागरकता फलान का भी काम ककया ह और लोगो क बीच इस धारणा को मजबत ककया ह कक बात अगर दश की भलाई हो तो परा दश एक सत म कपरोय धाग समान हो सकता ह जाकहर ह इस पर परश उठान वाल लोग जो कसफटि सकखटिया बटोरन क बलबत अपन राजनकतक वजद को बचाए रखत ह उनको यह कदखाई दना मकशकल ह कक दश की जनता सरकार क इस साहकसक कनणटिय स परशान नही ह बकलक सहयोग क साथ अपना योगदान दन क कलए सककलपत भी ह लोगो को भड़काकर उनम फट डालकर शासन करन की नीकत औपकनवकशक काल की थी मगर यह दभाटिगयपणटि ह कक सवय को दशभति क ताज स नवाजन वाल तमाम कवपकषी नता भी आजकल इन हथकडो का उपयोग करन स बाज नही आ रहइस कनणटिय क बाद उन लोगो को कोई कवशष समसया नही ह कजनक खात म उनकी जायज कमाई का पसा ह जबकक तमाम ऐस लोग कजनहोन गलत ढग स धनाजटिन ककया ह अनदर ही अदर डर-सहम बठ होग उनकी अकत सपकतत वयथटि हई पड़ी ह और उस पनः उपयोगी बनान क कलए अगर व बक जात ह तो काली कमाई की कलई खलना लगभग तय ह कतसपर आय कर और दो सौ परकतशत जमाटिन का डडा तो पड़ना ही ह एक बात य भी ह कक जो जनधन बक खात कपछल 6 महीन स कनकषकरय पड़ हो अगर आज अचानक उनम लाख-दो लाख रपय का हसतातरण होता ह तो य भी एक सदहजनक गकतकवकध ह कजसपर बक अपनी पनी नज़र बनाय हए ह और कजसक चलत आयकर कवभाग भी चसती स काम करत नज़र आया दश म मखय अथटिवयवसथा और समानातर अथटिवयवसथा को एक ही धारा म लान म भी यह एक बड़ा कदम ह इस कनणटिय क जररय कशलस इकॉनोमी को बढ़ावा कमलन का भी अनमान ह कजस उस वक़त लाग ककया गया जब दश म सकवधाजनक कश टासकशन की कमी ह कशलस टासकशन स आकथटिक पकष मजबत करन म हम सहायता कमलगी साथ ही कर दाताओ को भी इसम सहकलयत होगी कशलस टाजकशन वो चीज ह जो कजतना अकधक बढ़गा दश स भरषाचार की सभावना उतनी ही कम होगी काल धन को सजोन की कोकशश तो अब भी जारी ह हाथ पर तो अब भी मार जा रह ह कफर वह चाह रलव कटकट करवा कर ककया जाय अथवा ककसान करकडट काडटि का इसतमाल करक लककन इन सब गकतकवकधयो पर सरकार की परी नज़र ह सरकार न य कनणटिय कनकचित तौर पर इन सब पहलओ पर कवचार-कवमशटि करक ही कलया होगा अतः काला धन धारको का सरकार को चकमा दकर कनकलना मकशकल ह और कहना गलत नही होगा कक lsquoअबकी बार उनह मोदी सरकार क सामन डालन होग हकथयारrsquo

(लनखकया पतरकयारितया की छयातरया ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी आि जन कर रह सरकार का सिरथनकाला धन धारको ि िचा हड़कप

कमनषका मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 17: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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वस तो हर चनाव का मदा और कलवर अलग होता ह उसम भी सथानीय कनकाय और नगर पचायत चनावो का मदा पणटितया सथानीय होता ह परत कपछल कदनो महाराषट और गजरात म

कनकाय चनाव का आयोजन कवमदरीकरण क साए म हआ जहा पर अनय सथानीय मदो क अलावा कवमदरीकरण चनाव म बड़ा मदा था और हर पाटटी इस मद को भनान म लगी थी इस चनाव म भाजपा न भारी जीत दजटि की कजस परधानमती मोदी दारा कलधन क कखलाफ उठाए गए कदम पर जनता की महर माना जा सकता ह सभी कवपकषी पाकटटिया कवमदरीकरण क कारण जनता की परशानी का हवाला दत हए ससद क शीतकालीन सत को लगभग-लगभग हगाम की भट चढ़ा चकी ह वही जनता जनादटिन न कनकाय चनावो म भाजपा की जीत कदलाकर इस फसल पर महर लगान का सदश कदया ह कवपकषी पाकटटियो की दलील थी कक गामीण भारत सबस जयादा कवमदरीकरण की मार झल रहा ह इसकलए वह कवमदरीकरण का कवरोध कर रह ह लककन इन सथानीय कनकाय चनावो म जनता न सततारढ़ भाजपा क पकष म अपनी महर लगाई ह कजसन नोटबदी को लकर सरकार स जनता की नाराजगी जसी कवपकष की सभी दलीलो की पोल खोल दी ह सपष हो गया कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह ऐस म परतीत तो य हो रहा कक कवपककषयो कचता जनता की नही खद क काल धन की ह जो कक नोटबदी क बाद महज कागज बन कर रह गया इसी करम म अगर इन चनावो क पररणामो पर नजर दौड़ाए तो साफ-साफ पता चलता ह कक जनता न परधानमती मोदी क साथ जाना पसद ककया ह जबकक कवपकषी पाकटटियो क सार आरोप और लामबदी हवा हो गए गजरात की दो नगरपाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली कवपकषी दल कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म महज एक सीट स सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न आठ सीट फतह की जात हो कक कपछल साल समपनन हए सथानीय चनाव म कागस न अपन परदशटिन म कछ सधार ककया था कजस उसन परधानमती योजनाओ की हार क तौर पर परदकशटित ककया था लककन अब इस कनकाय चनाव म जब कागस का सपड़ा साफ़ हो गया तो उसक पास बोलन क कलए कछ नही बचा ह बीत दो दशक स सतता स बाहर कागस की कसथकत कदन-परकतकदन

खराब होती जा रही ह परत वह ह कक मानन को तयार नही गजरात क अलावा महाराषट क सथानीय चनावो म भी करारी हार का सामना करना पड़ा महाराष ट म 147 नगर पररषद म स अकल भाजपा को 52 सीट सहयोगी कशवसना जो कक इस चनाव म भी बागी तवर अपनाए हए थी उस भी महज़ 23 सीट हाथ लगी कागस को 19 और एनसीपी को 16 पर जीत कमली ह अन य उम मीदवारो क खात म 28 सीट गइटि ह वही 17 नगर पचायतो क 3510 सदस यो क कलए हए चनाव म सत ताधारी भाजपा को 851 सीट कमली ह कागस क खात म 643 एनसीपी को 638 और कशवसना को 514 मनस को 16 सीपीएम को 12 बसपा को 9 कनदटिलीयो को 324 स थानीय गठबधनो को 384 और बाककयो को 119 सीटो पर जीत कमली ह सपष ह कक यहा भी भाजपा हर तरह स सबस आग ह इस जीत को भी कवमदरीकरण क फसल पर जनता की महर और राजय क मकखया दवदर फडणकवस क कवकास परायोकजत कामकाज पर जनता की सहमकत कहना गलत नही होगा इन सब चीजो स कवपकषी दल दरअसल बौखलाए हए ह उनह कछ सझ नही रहा ह कक वह कर तो कया कर अब इस पर कवपककषयो का तकटि य ह कक इन चनावो म नोटबदी कोई मदा नही था मसला हार-जीत का नही ह मसला ह तो कवपकष क दोमह चररत का जब कवपकष का सफाया हो जाय तो मद सथानीय थ पर वही अगर सततारढ़ पाटटी हार जाए तो उस पाटटी की हार ह उसक योजनाओ की हार ह दखन वाली बात यह ह कक हर ककसी को पता ह कक सथानीय कनकाय क चनावो म जीत क कारण अलग होत ह लककन जब हारन पर भाजपा क मतथ नोटबदी मढ़ दी जाती तो जीतन पर शय कयो नही और वस भी कवमदरीकरण तो समग राषट को परभाकवत करन वाला मदा ह कफर कनकचित तौर पर इन चनावो म भी इसका परभाव रहा ही होगा उललखनीय होगा कक अभी नोटबदी क बाद ही हए एपीएमसी क चनावो म भाजपा का परदशटिन बहत अचछा नही रहा था तो उस वति इन कवरोधी दलो न कहा था कक नोटबदी क कारण हार हई ह जबकक अब कनकाय चनावो म इनक कहसाब स नोटबदी कोई मदा ही नही ह य कसफटि और कसफटि इनक दोमहपन को कदखाता ह कहना गलत नही होगा कक कजतना तमाशा लोकतनत का वतटिमान कवपकषी पाकटटिया कर रही ह उस दश कभी नही माफ करगा नोटबनदी का कवरोध कवपकष दारा महज़ खद को सककरय कदखान की एक नाकाम और नकारातमक कोकशश ह उसस जयादा कछ नही चनाव क पररणाम बतात ह कक परधानमती मोदी कदन-परकतकदन मजबत होत जा रह ह यह भी तय माकनए कक कजतना कवरोध परधानमती का होगा उतना ही वह मजबत होकर बाहर आएग

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

रनकाय चनािो ि भाजपा की इस बमपर जीत क बाद तो नोटबदी क विरोध की राजनीवत बद कर विपकषी

कशव झा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

18

कदर सरकार दारा पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन क फसल क बाद स ही मोदी-कवरोधी एक राजनीकतक जमात म भचाल की कसथकत ह इस साहकसक एव ऐकतहाकसक कनणटिय क

दरगामी नफा-नकसान पर बहस करन की बजाय कछ राजनीकतक जमात क लोग बको की कतारो पर बहस करना चाहत ह चकक इस कनणटिय को लकर आम जनता क मन म एकतरफा समथटिन का भाव खलकर कदख रहा ह कलहाजा कछ राजनीकतक खमो क लोग इसपर चचाटि करन स भागत नजर आ रह ह दश का आम जन अपनी कछ कदनो की परशाकनयो को दरककनार कर इस ऐकतहाकसक कनणटिय को सवीकार कर चका ह लककन बड़ा सवाल यह ह कक वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को सवीकार करन स कतरा रह ह वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को वापस लन क कलए असफल रकलया कर रह ह वो कौन लोग ह जो महगी गाकड़यो और एसपीजी सरकषा म जाकर दो घट म अपना चार हजार रपया कनकालन क बावजद झठ बोल रह ह कक पसा नही कमल रहा एक सवाल यह भी ह कक य लोग ऐसा कयो कर रह ह इस सवाल पर पड़ताल करन स पहल जरा lsquoकतारrsquo पर बहस कर ल राहल गाधी अपना चार हजार तो दो घट म कनकाल कलए लककन लोगो को गमराह कर रह ह कक पसा नही कनकल रहा ह दरअसल यह उनकी नीयत म खोट को दशाटिता ह अगर व ईमानदारी कदखात तो सबक सामन सवीकार करत कक ldquoहा म कतार म लगा था और मझ मरा पसा कमला लककन नही उनकी जबान तो कछ और बोल रही ह दरअसल राहल गाधी को यह बात बखबी पता होनी चाकहए कक इस दश की आम जनता को lsquoकतारोrsquo स कभी समसया नही रही ह सततर साल की सरकारो कजसम लगभग साठ साल कागस ही सतता म रही ह न इस दश की आम जनता को कतार म खड़ रहन की आदत डाल दी ह यह वही जनता ह जो कभी कसलडर गस तो कभी यररया तो कभी रल कटकट क कलए आय कदन कतारो म नजर आती रही ह इसकलए इस जनता को अब कतारो का भय न कदखाइए इस दश म सततर वषषो म जो लबी कतार आपन खड़ी की ह अब नोटबदी क इस फसल न उस कतार को तोड़ कदया ह यह वह कतार बन रही ह कजसम दश का आम जन खड़ा होकर कबना ककसी डर क भय क अपन हक़ क कलए और दश क भकवषय क कनमाटिण क कलए खड़ा होन को तयार ह यह कतार ईमानदारो की कतार ह परधानमती मोदी न जो यह कतार बनाई ह इस कतार म ककसी भरष बईमान और चोरी स काली कमाई करन वाल की कहममत नही हो पा रही कक वो खलकर खड़ा हो सक कलहाजा यह ईमानदारी का उतसव मना रह दश की ईमानदार जनता की कतार ह भरषाचार क कखलाफ चल रही इस लड़ाई का लगातार कवरोध कर रह कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल की अपनी कोई कवशसनीयता नही रही ह व खद कभी लाल यादव तो कभी ककसी और क समथटिन म खड़ होकर

अपनी साख पर बटा लगा चक ह लककन अब जब दश की आम जनता क साथ कालाधन और भरषाचार क कखलाफ चल रही इस कनणाटियक लड़ाई का समय आया तो व बगाल की मखयमती ममता बनजटी क साथ कमलकर इसका कवरोध करत नजर आ रह ह वस तो कबना ककसी सबत और बकनयाद क ककसी पर भी आरोप लगान क रोग स गकसत कदलली क मखयमती अनक बार सबत न द पान की वजह स अपनी फजीहत भी करा चक ह लककन आज एकबार कफर व कबना ककसी सबत क मनगढ़त बात कर रह ह कदलली की जनता क मन म यह सवाल बजा नही उठ रहा ह कक ममता बनजटी और कदलली क मखयमती क बीच ककस मद पर सहमकत बनी ह ममता बनजटी मायावती सकहत कछ लोग पहल कदन स भरषाचार क कखलाफ इस कनणाटियक लड़ाई म भरष लोगो क साथ खड़ ह लककन कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल आकखर कयो इनक साथ खड़ ह मोदी क इस फसल स आतकवाकदयो को फकडग करन वालो माओवाकदयो को ससाधन महया करान वालो तसकरो अपराकधयो भरषाचार करन वालो की पीड़ा तो जायज ह लककन इन चद नताओ की इस फसल क कखलाफ एकजटता भी कम शक नही पदा करती ह ऐस म बड़ा सवाल जनता क जहन म ह कक जब पजाब म चनाव होन ह तो कया आम आदमी पाटटी को चनाव म इसतमाल करन क कलए जटाए गए धन क रदी हो जान की कचता सता रही ह यह सबको पता ह कक पारदकशटिता की बात करन वाली आम आदमी पाटटी काफी समय स अपन आय और वयय का बयोरा सावटिजकनक नही कर रही ह खर कतार लबी जरर ह लककन बदोबसत ऐसा ह कक उस कतार म कोई बईमान और भरष जयादा दर कटक नही पाएगा यह वो कतार ह कजसन दश की आम और ईमानदार जनता को बईमानो क सामन गौरवाकनवत होन का अवसर कदया ह यह वह कतार ह जहा जान भर स न जान ककतन बईमान खौफ खा रह ह नोटबदी क कखलाफ उठन वाली हर आवाज इस दश म ईमानदारी की बन रही इस ऐकतहाकसक कतार क कखलाफ एक साकजश की तरह ह आज या तो आप इस कतार क साथ ह या आप भरष और बईमानी स धन अकजटित करन वालो क साथ ह वस भी मोदी की अचछी बात यह ह कक वो परमाणपत दन वालो की परवाह ककए कबना जनकहत म दशको स काम करत हए यहा तक पहच ह कजनका डब रहा ह व बौखला रह ह आम लोग थोड़ी परशाकनयो क बावजद इस महीम क साथ कतारबदध होकर खड़ ह यही वजह ह कक लाख कोकशशो क बावजद नोटबदी क कखलाफ की जा रही कछ रकलयो म मोदी-मोदी क नार लग रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनडशि म रिसचच फलो ह एव िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खबरदार यह ईिानदारो की कतार ह बईिान दर रहमशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवबर की शाम को परधानमती मोदी क राषट क नाम सबोधन म नोटबदी क ऐकतहाकसक फसल क ऐलान स दश भर म हलचल मच गयी परधानमती नरदर मोदी न जब दश भर म 500 और 1000

क नोटो पर परकतबध की घोषणा की तो काल धन की फसल उगाकर रखन वालो पर जस ओलो की बरसात हो गयी जनता की खन-पसीन की कमाई को अवध और अनकतक रप स जमा करक बठ ऐस लोग अब मार-मार कफर रह ह और तरह तरह स आम जनता का हवाला दकर अपना उलल सीधा करन की कोकशश म लग ह 500 और 1000 क नोटो पर परकतबध क कनणटिय की न कवल तकलीफ झलन क बावजद जनता सराहना कर रही ह बकलक इस कनणटिय म सरकार को परा सहयोग भी द रही ह मगर कवपककषयो का रख इस पर भी हासयासपद रहा ह कागस आप सपा बसपा तरणमल कागस आकद तमाम दलो क परमख नताओ न इस कनणटिय को लकर मोदी सरकार पर अताककटि क ढग स सवाल उठान की कोकशश की ह ऐस म सवाल यह उठता ह कक आकखर इस नोटबदी क कनणटिय स य कवपकषी दल इतनी पीड़ा म कयो ह कनससदह इन कवपकषी दलो का ऐसा आचरण जनता की नज़रो म उनकी सकदगध छकव ही परसतत कर रहा ह कदलली मबई समत दश क अनय राजयो म पड़ रह आयकर कवभाग क छाप यह सपष करत ह कक दश की जनता का पसा ककस तरह कछ लोगो की झोली भर रहा था काल धन की धर-पकड़ पर इस परकतबध का जोरदार असर दखन को कमल सकता ह सबस पहल तो य 440 वॉलट का झटका उन क कलए ह जो कबसतर पर करोड़ो नोट कबछा कर सोन क आदी हो चक ह जाकहर ह इसस उनकी रातो की नीद हराम हो चकी होगी दसरी बात यह कक अकसमात हए इस परकतबध न काला धन धारको को ज़रा भी सजग होन का मौका ही नही कदया इसकलए अब उनक पास कसवाय अपनी सपकतत को सावटिजकनक करन अथवा नष करन क कोई और चारा नही बचा ह तभी तो दश क कवकभनन कहससो म भारी सखया म कही पाच सौ और हजार क नोट कड़ क ढर पर फ क कमल रह तो कही जलत पाए जा रह य कदखाता ह कक नोटबदी क इस कनणटिय क बाद काला धन धारको म ककस कदर हडकप मचा हआ ह तीसरी बात कक बाज़ार म इन कदनो जो नकली नोटो का बोलबाला था इस कनणटिय न उस गोरखधध को भी नसतनाबद कर कदया ह साथ ही भारत को नकसान पहचान क कलए बागलादश और पाककसतान जस मलको स जो नकली नोटो का भणडार यहा आता था वह भी अब ककसी काम का नही रहा इस कनणटिय स न कवल दरगामी तौर पर अथटिवयवसथा को मजबती कमलगी बकलक काल धन की जबती क बाद महगाई पर भी अकश लगगा दश की मदरा भी मजबत होगी और कवकास दर म भी वरकदध होन की सभावना ह

नोटबदी न दश म एक जागरकता फलान का भी काम ककया ह और लोगो क बीच इस धारणा को मजबत ककया ह कक बात अगर दश की भलाई हो तो परा दश एक सत म कपरोय धाग समान हो सकता ह जाकहर ह इस पर परश उठान वाल लोग जो कसफटि सकखटिया बटोरन क बलबत अपन राजनकतक वजद को बचाए रखत ह उनको यह कदखाई दना मकशकल ह कक दश की जनता सरकार क इस साहकसक कनणटिय स परशान नही ह बकलक सहयोग क साथ अपना योगदान दन क कलए सककलपत भी ह लोगो को भड़काकर उनम फट डालकर शासन करन की नीकत औपकनवकशक काल की थी मगर यह दभाटिगयपणटि ह कक सवय को दशभति क ताज स नवाजन वाल तमाम कवपकषी नता भी आजकल इन हथकडो का उपयोग करन स बाज नही आ रहइस कनणटिय क बाद उन लोगो को कोई कवशष समसया नही ह कजनक खात म उनकी जायज कमाई का पसा ह जबकक तमाम ऐस लोग कजनहोन गलत ढग स धनाजटिन ककया ह अनदर ही अदर डर-सहम बठ होग उनकी अकत सपकतत वयथटि हई पड़ी ह और उस पनः उपयोगी बनान क कलए अगर व बक जात ह तो काली कमाई की कलई खलना लगभग तय ह कतसपर आय कर और दो सौ परकतशत जमाटिन का डडा तो पड़ना ही ह एक बात य भी ह कक जो जनधन बक खात कपछल 6 महीन स कनकषकरय पड़ हो अगर आज अचानक उनम लाख-दो लाख रपय का हसतातरण होता ह तो य भी एक सदहजनक गकतकवकध ह कजसपर बक अपनी पनी नज़र बनाय हए ह और कजसक चलत आयकर कवभाग भी चसती स काम करत नज़र आया दश म मखय अथटिवयवसथा और समानातर अथटिवयवसथा को एक ही धारा म लान म भी यह एक बड़ा कदम ह इस कनणटिय क जररय कशलस इकॉनोमी को बढ़ावा कमलन का भी अनमान ह कजस उस वक़त लाग ककया गया जब दश म सकवधाजनक कश टासकशन की कमी ह कशलस टासकशन स आकथटिक पकष मजबत करन म हम सहायता कमलगी साथ ही कर दाताओ को भी इसम सहकलयत होगी कशलस टाजकशन वो चीज ह जो कजतना अकधक बढ़गा दश स भरषाचार की सभावना उतनी ही कम होगी काल धन को सजोन की कोकशश तो अब भी जारी ह हाथ पर तो अब भी मार जा रह ह कफर वह चाह रलव कटकट करवा कर ककया जाय अथवा ककसान करकडट काडटि का इसतमाल करक लककन इन सब गकतकवकधयो पर सरकार की परी नज़र ह सरकार न य कनणटिय कनकचित तौर पर इन सब पहलओ पर कवचार-कवमशटि करक ही कलया होगा अतः काला धन धारको का सरकार को चकमा दकर कनकलना मकशकल ह और कहना गलत नही होगा कक lsquoअबकी बार उनह मोदी सरकार क सामन डालन होग हकथयारrsquo

(लनखकया पतरकयारितया की छयातरया ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी आि जन कर रह सरकार का सिरथनकाला धन धारको ि िचा हड़कप

कमनषका मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

20

जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 18: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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कदर सरकार दारा पाच सौ और एक हजार क नोट बद करन क फसल क बाद स ही मोदी-कवरोधी एक राजनीकतक जमात म भचाल की कसथकत ह इस साहकसक एव ऐकतहाकसक कनणटिय क

दरगामी नफा-नकसान पर बहस करन की बजाय कछ राजनीकतक जमात क लोग बको की कतारो पर बहस करना चाहत ह चकक इस कनणटिय को लकर आम जनता क मन म एकतरफा समथटिन का भाव खलकर कदख रहा ह कलहाजा कछ राजनीकतक खमो क लोग इसपर चचाटि करन स भागत नजर आ रह ह दश का आम जन अपनी कछ कदनो की परशाकनयो को दरककनार कर इस ऐकतहाकसक कनणटिय को सवीकार कर चका ह लककन बड़ा सवाल यह ह कक वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को सवीकार करन स कतरा रह ह वो कौन लोग ह जो इस कनणटिय को वापस लन क कलए असफल रकलया कर रह ह वो कौन लोग ह जो महगी गाकड़यो और एसपीजी सरकषा म जाकर दो घट म अपना चार हजार रपया कनकालन क बावजद झठ बोल रह ह कक पसा नही कमल रहा एक सवाल यह भी ह कक य लोग ऐसा कयो कर रह ह इस सवाल पर पड़ताल करन स पहल जरा lsquoकतारrsquo पर बहस कर ल राहल गाधी अपना चार हजार तो दो घट म कनकाल कलए लककन लोगो को गमराह कर रह ह कक पसा नही कनकल रहा ह दरअसल यह उनकी नीयत म खोट को दशाटिता ह अगर व ईमानदारी कदखात तो सबक सामन सवीकार करत कक ldquoहा म कतार म लगा था और मझ मरा पसा कमला लककन नही उनकी जबान तो कछ और बोल रही ह दरअसल राहल गाधी को यह बात बखबी पता होनी चाकहए कक इस दश की आम जनता को lsquoकतारोrsquo स कभी समसया नही रही ह सततर साल की सरकारो कजसम लगभग साठ साल कागस ही सतता म रही ह न इस दश की आम जनता को कतार म खड़ रहन की आदत डाल दी ह यह वही जनता ह जो कभी कसलडर गस तो कभी यररया तो कभी रल कटकट क कलए आय कदन कतारो म नजर आती रही ह इसकलए इस जनता को अब कतारो का भय न कदखाइए इस दश म सततर वषषो म जो लबी कतार आपन खड़ी की ह अब नोटबदी क इस फसल न उस कतार को तोड़ कदया ह यह वह कतार बन रही ह कजसम दश का आम जन खड़ा होकर कबना ककसी डर क भय क अपन हक़ क कलए और दश क भकवषय क कनमाटिण क कलए खड़ा होन को तयार ह यह कतार ईमानदारो की कतार ह परधानमती मोदी न जो यह कतार बनाई ह इस कतार म ककसी भरष बईमान और चोरी स काली कमाई करन वाल की कहममत नही हो पा रही कक वो खलकर खड़ा हो सक कलहाजा यह ईमानदारी का उतसव मना रह दश की ईमानदार जनता की कतार ह भरषाचार क कखलाफ चल रही इस लड़ाई का लगातार कवरोध कर रह कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल की अपनी कोई कवशसनीयता नही रही ह व खद कभी लाल यादव तो कभी ककसी और क समथटिन म खड़ होकर

अपनी साख पर बटा लगा चक ह लककन अब जब दश की आम जनता क साथ कालाधन और भरषाचार क कखलाफ चल रही इस कनणाटियक लड़ाई का समय आया तो व बगाल की मखयमती ममता बनजटी क साथ कमलकर इसका कवरोध करत नजर आ रह ह वस तो कबना ककसी सबत और बकनयाद क ककसी पर भी आरोप लगान क रोग स गकसत कदलली क मखयमती अनक बार सबत न द पान की वजह स अपनी फजीहत भी करा चक ह लककन आज एकबार कफर व कबना ककसी सबत क मनगढ़त बात कर रह ह कदलली की जनता क मन म यह सवाल बजा नही उठ रहा ह कक ममता बनजटी और कदलली क मखयमती क बीच ककस मद पर सहमकत बनी ह ममता बनजटी मायावती सकहत कछ लोग पहल कदन स भरषाचार क कखलाफ इस कनणाटियक लड़ाई म भरष लोगो क साथ खड़ ह लककन कदलली क मखयमती अरकवनद कजरीवाल आकखर कयो इनक साथ खड़ ह मोदी क इस फसल स आतकवाकदयो को फकडग करन वालो माओवाकदयो को ससाधन महया करान वालो तसकरो अपराकधयो भरषाचार करन वालो की पीड़ा तो जायज ह लककन इन चद नताओ की इस फसल क कखलाफ एकजटता भी कम शक नही पदा करती ह ऐस म बड़ा सवाल जनता क जहन म ह कक जब पजाब म चनाव होन ह तो कया आम आदमी पाटटी को चनाव म इसतमाल करन क कलए जटाए गए धन क रदी हो जान की कचता सता रही ह यह सबको पता ह कक पारदकशटिता की बात करन वाली आम आदमी पाटटी काफी समय स अपन आय और वयय का बयोरा सावटिजकनक नही कर रही ह खर कतार लबी जरर ह लककन बदोबसत ऐसा ह कक उस कतार म कोई बईमान और भरष जयादा दर कटक नही पाएगा यह वो कतार ह कजसन दश की आम और ईमानदार जनता को बईमानो क सामन गौरवाकनवत होन का अवसर कदया ह यह वह कतार ह जहा जान भर स न जान ककतन बईमान खौफ खा रह ह नोटबदी क कखलाफ उठन वाली हर आवाज इस दश म ईमानदारी की बन रही इस ऐकतहाकसक कतार क कखलाफ एक साकजश की तरह ह आज या तो आप इस कतार क साथ ह या आप भरष और बईमानी स धन अकजटित करन वालो क साथ ह वस भी मोदी की अचछी बात यह ह कक वो परमाणपत दन वालो की परवाह ककए कबना जनकहत म दशको स काम करत हए यहा तक पहच ह कजनका डब रहा ह व बौखला रह ह आम लोग थोड़ी परशाकनयो क बावजद इस महीम क साथ कतारबदध होकर खड़ ह यही वजह ह कक लाख कोकशशो क बावजद नोटबदी क कखलाफ की जा रही कछ रकलयो म मोदी-मोदी क नार लग रह ह

(लखक डॉ शयामया परसयाद मखरजी रिसचच फयाउनडशि म रिसचच फलो ह एव िशिनलसट ऑिलयाइि क सपयादक ह)

खबरदार यह ईिानदारो की कतार ह बईिान दर रहमशवाननद मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवबर की शाम को परधानमती मोदी क राषट क नाम सबोधन म नोटबदी क ऐकतहाकसक फसल क ऐलान स दश भर म हलचल मच गयी परधानमती नरदर मोदी न जब दश भर म 500 और 1000

क नोटो पर परकतबध की घोषणा की तो काल धन की फसल उगाकर रखन वालो पर जस ओलो की बरसात हो गयी जनता की खन-पसीन की कमाई को अवध और अनकतक रप स जमा करक बठ ऐस लोग अब मार-मार कफर रह ह और तरह तरह स आम जनता का हवाला दकर अपना उलल सीधा करन की कोकशश म लग ह 500 और 1000 क नोटो पर परकतबध क कनणटिय की न कवल तकलीफ झलन क बावजद जनता सराहना कर रही ह बकलक इस कनणटिय म सरकार को परा सहयोग भी द रही ह मगर कवपककषयो का रख इस पर भी हासयासपद रहा ह कागस आप सपा बसपा तरणमल कागस आकद तमाम दलो क परमख नताओ न इस कनणटिय को लकर मोदी सरकार पर अताककटि क ढग स सवाल उठान की कोकशश की ह ऐस म सवाल यह उठता ह कक आकखर इस नोटबदी क कनणटिय स य कवपकषी दल इतनी पीड़ा म कयो ह कनससदह इन कवपकषी दलो का ऐसा आचरण जनता की नज़रो म उनकी सकदगध छकव ही परसतत कर रहा ह कदलली मबई समत दश क अनय राजयो म पड़ रह आयकर कवभाग क छाप यह सपष करत ह कक दश की जनता का पसा ककस तरह कछ लोगो की झोली भर रहा था काल धन की धर-पकड़ पर इस परकतबध का जोरदार असर दखन को कमल सकता ह सबस पहल तो य 440 वॉलट का झटका उन क कलए ह जो कबसतर पर करोड़ो नोट कबछा कर सोन क आदी हो चक ह जाकहर ह इसस उनकी रातो की नीद हराम हो चकी होगी दसरी बात यह कक अकसमात हए इस परकतबध न काला धन धारको को ज़रा भी सजग होन का मौका ही नही कदया इसकलए अब उनक पास कसवाय अपनी सपकतत को सावटिजकनक करन अथवा नष करन क कोई और चारा नही बचा ह तभी तो दश क कवकभनन कहससो म भारी सखया म कही पाच सौ और हजार क नोट कड़ क ढर पर फ क कमल रह तो कही जलत पाए जा रह य कदखाता ह कक नोटबदी क इस कनणटिय क बाद काला धन धारको म ककस कदर हडकप मचा हआ ह तीसरी बात कक बाज़ार म इन कदनो जो नकली नोटो का बोलबाला था इस कनणटिय न उस गोरखधध को भी नसतनाबद कर कदया ह साथ ही भारत को नकसान पहचान क कलए बागलादश और पाककसतान जस मलको स जो नकली नोटो का भणडार यहा आता था वह भी अब ककसी काम का नही रहा इस कनणटिय स न कवल दरगामी तौर पर अथटिवयवसथा को मजबती कमलगी बकलक काल धन की जबती क बाद महगाई पर भी अकश लगगा दश की मदरा भी मजबत होगी और कवकास दर म भी वरकदध होन की सभावना ह

नोटबदी न दश म एक जागरकता फलान का भी काम ककया ह और लोगो क बीच इस धारणा को मजबत ककया ह कक बात अगर दश की भलाई हो तो परा दश एक सत म कपरोय धाग समान हो सकता ह जाकहर ह इस पर परश उठान वाल लोग जो कसफटि सकखटिया बटोरन क बलबत अपन राजनकतक वजद को बचाए रखत ह उनको यह कदखाई दना मकशकल ह कक दश की जनता सरकार क इस साहकसक कनणटिय स परशान नही ह बकलक सहयोग क साथ अपना योगदान दन क कलए सककलपत भी ह लोगो को भड़काकर उनम फट डालकर शासन करन की नीकत औपकनवकशक काल की थी मगर यह दभाटिगयपणटि ह कक सवय को दशभति क ताज स नवाजन वाल तमाम कवपकषी नता भी आजकल इन हथकडो का उपयोग करन स बाज नही आ रहइस कनणटिय क बाद उन लोगो को कोई कवशष समसया नही ह कजनक खात म उनकी जायज कमाई का पसा ह जबकक तमाम ऐस लोग कजनहोन गलत ढग स धनाजटिन ककया ह अनदर ही अदर डर-सहम बठ होग उनकी अकत सपकतत वयथटि हई पड़ी ह और उस पनः उपयोगी बनान क कलए अगर व बक जात ह तो काली कमाई की कलई खलना लगभग तय ह कतसपर आय कर और दो सौ परकतशत जमाटिन का डडा तो पड़ना ही ह एक बात य भी ह कक जो जनधन बक खात कपछल 6 महीन स कनकषकरय पड़ हो अगर आज अचानक उनम लाख-दो लाख रपय का हसतातरण होता ह तो य भी एक सदहजनक गकतकवकध ह कजसपर बक अपनी पनी नज़र बनाय हए ह और कजसक चलत आयकर कवभाग भी चसती स काम करत नज़र आया दश म मखय अथटिवयवसथा और समानातर अथटिवयवसथा को एक ही धारा म लान म भी यह एक बड़ा कदम ह इस कनणटिय क जररय कशलस इकॉनोमी को बढ़ावा कमलन का भी अनमान ह कजस उस वक़त लाग ककया गया जब दश म सकवधाजनक कश टासकशन की कमी ह कशलस टासकशन स आकथटिक पकष मजबत करन म हम सहायता कमलगी साथ ही कर दाताओ को भी इसम सहकलयत होगी कशलस टाजकशन वो चीज ह जो कजतना अकधक बढ़गा दश स भरषाचार की सभावना उतनी ही कम होगी काल धन को सजोन की कोकशश तो अब भी जारी ह हाथ पर तो अब भी मार जा रह ह कफर वह चाह रलव कटकट करवा कर ककया जाय अथवा ककसान करकडट काडटि का इसतमाल करक लककन इन सब गकतकवकधयो पर सरकार की परी नज़र ह सरकार न य कनणटिय कनकचित तौर पर इन सब पहलओ पर कवचार-कवमशटि करक ही कलया होगा अतः काला धन धारको का सरकार को चकमा दकर कनकलना मकशकल ह और कहना गलत नही होगा कक lsquoअबकी बार उनह मोदी सरकार क सामन डालन होग हकथयारrsquo

(लनखकया पतरकयारितया की छयातरया ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी आि जन कर रह सरकार का सिरथनकाला धन धारको ि िचा हड़कप

कमनषका मतवारी

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जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

23

एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 19: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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8नवबर की शाम को परधानमती मोदी क राषट क नाम सबोधन म नोटबदी क ऐकतहाकसक फसल क ऐलान स दश भर म हलचल मच गयी परधानमती नरदर मोदी न जब दश भर म 500 और 1000

क नोटो पर परकतबध की घोषणा की तो काल धन की फसल उगाकर रखन वालो पर जस ओलो की बरसात हो गयी जनता की खन-पसीन की कमाई को अवध और अनकतक रप स जमा करक बठ ऐस लोग अब मार-मार कफर रह ह और तरह तरह स आम जनता का हवाला दकर अपना उलल सीधा करन की कोकशश म लग ह 500 और 1000 क नोटो पर परकतबध क कनणटिय की न कवल तकलीफ झलन क बावजद जनता सराहना कर रही ह बकलक इस कनणटिय म सरकार को परा सहयोग भी द रही ह मगर कवपककषयो का रख इस पर भी हासयासपद रहा ह कागस आप सपा बसपा तरणमल कागस आकद तमाम दलो क परमख नताओ न इस कनणटिय को लकर मोदी सरकार पर अताककटि क ढग स सवाल उठान की कोकशश की ह ऐस म सवाल यह उठता ह कक आकखर इस नोटबदी क कनणटिय स य कवपकषी दल इतनी पीड़ा म कयो ह कनससदह इन कवपकषी दलो का ऐसा आचरण जनता की नज़रो म उनकी सकदगध छकव ही परसतत कर रहा ह कदलली मबई समत दश क अनय राजयो म पड़ रह आयकर कवभाग क छाप यह सपष करत ह कक दश की जनता का पसा ककस तरह कछ लोगो की झोली भर रहा था काल धन की धर-पकड़ पर इस परकतबध का जोरदार असर दखन को कमल सकता ह सबस पहल तो य 440 वॉलट का झटका उन क कलए ह जो कबसतर पर करोड़ो नोट कबछा कर सोन क आदी हो चक ह जाकहर ह इसस उनकी रातो की नीद हराम हो चकी होगी दसरी बात यह कक अकसमात हए इस परकतबध न काला धन धारको को ज़रा भी सजग होन का मौका ही नही कदया इसकलए अब उनक पास कसवाय अपनी सपकतत को सावटिजकनक करन अथवा नष करन क कोई और चारा नही बचा ह तभी तो दश क कवकभनन कहससो म भारी सखया म कही पाच सौ और हजार क नोट कड़ क ढर पर फ क कमल रह तो कही जलत पाए जा रह य कदखाता ह कक नोटबदी क इस कनणटिय क बाद काला धन धारको म ककस कदर हडकप मचा हआ ह तीसरी बात कक बाज़ार म इन कदनो जो नकली नोटो का बोलबाला था इस कनणटिय न उस गोरखधध को भी नसतनाबद कर कदया ह साथ ही भारत को नकसान पहचान क कलए बागलादश और पाककसतान जस मलको स जो नकली नोटो का भणडार यहा आता था वह भी अब ककसी काम का नही रहा इस कनणटिय स न कवल दरगामी तौर पर अथटिवयवसथा को मजबती कमलगी बकलक काल धन की जबती क बाद महगाई पर भी अकश लगगा दश की मदरा भी मजबत होगी और कवकास दर म भी वरकदध होन की सभावना ह

नोटबदी न दश म एक जागरकता फलान का भी काम ककया ह और लोगो क बीच इस धारणा को मजबत ककया ह कक बात अगर दश की भलाई हो तो परा दश एक सत म कपरोय धाग समान हो सकता ह जाकहर ह इस पर परश उठान वाल लोग जो कसफटि सकखटिया बटोरन क बलबत अपन राजनकतक वजद को बचाए रखत ह उनको यह कदखाई दना मकशकल ह कक दश की जनता सरकार क इस साहकसक कनणटिय स परशान नही ह बकलक सहयोग क साथ अपना योगदान दन क कलए सककलपत भी ह लोगो को भड़काकर उनम फट डालकर शासन करन की नीकत औपकनवकशक काल की थी मगर यह दभाटिगयपणटि ह कक सवय को दशभति क ताज स नवाजन वाल तमाम कवपकषी नता भी आजकल इन हथकडो का उपयोग करन स बाज नही आ रहइस कनणटिय क बाद उन लोगो को कोई कवशष समसया नही ह कजनक खात म उनकी जायज कमाई का पसा ह जबकक तमाम ऐस लोग कजनहोन गलत ढग स धनाजटिन ककया ह अनदर ही अदर डर-सहम बठ होग उनकी अकत सपकतत वयथटि हई पड़ी ह और उस पनः उपयोगी बनान क कलए अगर व बक जात ह तो काली कमाई की कलई खलना लगभग तय ह कतसपर आय कर और दो सौ परकतशत जमाटिन का डडा तो पड़ना ही ह एक बात य भी ह कक जो जनधन बक खात कपछल 6 महीन स कनकषकरय पड़ हो अगर आज अचानक उनम लाख-दो लाख रपय का हसतातरण होता ह तो य भी एक सदहजनक गकतकवकध ह कजसपर बक अपनी पनी नज़र बनाय हए ह और कजसक चलत आयकर कवभाग भी चसती स काम करत नज़र आया दश म मखय अथटिवयवसथा और समानातर अथटिवयवसथा को एक ही धारा म लान म भी यह एक बड़ा कदम ह इस कनणटिय क जररय कशलस इकॉनोमी को बढ़ावा कमलन का भी अनमान ह कजस उस वक़त लाग ककया गया जब दश म सकवधाजनक कश टासकशन की कमी ह कशलस टासकशन स आकथटिक पकष मजबत करन म हम सहायता कमलगी साथ ही कर दाताओ को भी इसम सहकलयत होगी कशलस टाजकशन वो चीज ह जो कजतना अकधक बढ़गा दश स भरषाचार की सभावना उतनी ही कम होगी काल धन को सजोन की कोकशश तो अब भी जारी ह हाथ पर तो अब भी मार जा रह ह कफर वह चाह रलव कटकट करवा कर ककया जाय अथवा ककसान करकडट काडटि का इसतमाल करक लककन इन सब गकतकवकधयो पर सरकार की परी नज़र ह सरकार न य कनणटिय कनकचित तौर पर इन सब पहलओ पर कवचार-कवमशटि करक ही कलया होगा अतः काला धन धारको का सरकार को चकमा दकर कनकलना मकशकल ह और कहना गलत नही होगा कक lsquoअबकी बार उनह मोदी सरकार क सामन डालन होग हकथयारrsquo

(लनखकया पतरकयारितया की छयातरया ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी आि जन कर रह सरकार का सिरथनकाला धन धारको ि िचा हड़कप

कमनषका मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

27

मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

28

प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 20: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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जबस क दर सरकार न पाच सौ और हजार क नोटो को बद ककया ह दश म एक कवमशटि चल पड़ा ह कक यह फसला ककसक हक म ह सबस पहल एक बात सपष होनी चाकहए कक इस फसल

स आम जनता को कछक कदन की थोड़ी कदककत ह जोकक सरकार भी मान रही ह लककन काल कारोबाररयो हवाला कारोबाररयो आतकवाद क पोषको क कलए यह फसला तासदी लकर आया ह सभी भरषाचार क अडडो पर सननाटा पसरा हआ ह यकायक इस फसल न सभी दो नबर क धध करन वालो की कमर तोड़ क रख दी ह सवाल पर गौर कर तो इस फसल म ककसका कहत छपा ह इसपर वयापक कवमशटि की जररत ह यह एक राषटकहत स जड़ा महतवपणटि फसला ह कजसम न कवल आगामी भकवषय म भारत की आकथटिक कसथकत और मजबत होगी बकलक भरषाचार आतकवाद पर भी अकश लगान म यह सहायक साकबत होगा यही कारण ह कक मोदी सरकार इस फसल क बाद आम जनता को हो रही परशाकनयो को लकर सजग तो ह ही परनत इसक पररणाम राषट को नई कदशा दन वाल होग परधानमती खद दशवाकसयो स बार-बार यह अपील कर रह ह कक lsquoदशकहत क कलए थोड़ी ककठनाई उठनी पड़ तो उठाइयrsquo सरकार की इस अपील को आम लोगो न भी माना ह और दश क कलए थोड़ी ककठनाई उठान म कोई परहज़ नही कर रह ह परनत इस फसल क बाद स दश क काल कारोबाररयो सीमापार आतकवाद क जनको की नीद हराम हो गई ह कशमीर स पतथरबाजी भी रक चकी ह लककन इन सबस इतर कवडबना यह ह कक समचा कवपकष इस मसल पर बहद अताककटि क और अकारण रप स सरकार क कखलाफ लामबद नज़र आ रहा ह ससद स सड़क तक कवपकषी दलो का कफजल का डरामा जारी ह ससद ठप ह और कवपकष अपनी कफजल की राजनीकत करन म वयसत ह गौर कर तो भरषाचार क कखलाफ सरकार क इस बड़ अकभयान म सहयोग करन की बजाय आम जनता की आड़ लकर कवपकषी दल अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड को अजाम द रह ह यह वो राजनता

ह कजनको इस फसल स करारा झटका लगा ह अरकवनद कजरीवाल और ममता बनजटी न कदलली क आजादपर मडी म आयोकजत एक रली म इस फसल को लकर सरकार पर कफजल का कनशाना साधत हए इसकी तलना आपातकाल स कर दी और इस वापस न लन पर आदोलन की धमकी द डाली हालाकक जनता न उनक इस पर कवतड म कबलकल भी साथ नही कदया बकलक उनक धरन म ही मोदी-मोदी क नार लग गए अब सवाल यह उठता ह कक यह आदोलन ककस कलए नोटबदी क फसल को वापस लन की माग कयो कया भरषाचार क कवरदध इस लड़ाई म अपनी कछछली राजनीकत क कलए कवपकष भरषाचार पर अपनी सहमकत परदान कर रहा अगर कवपकष को आम लोगो की इतनी ही कचता ह तो सरकार को ऐस सझाव अभी तक कयो नही कदए कजसस इस फसल को और अचछ-स आग बढ़ाया जाय आकखर एक रचनातमक कवपकष की यही भकमका न होती ह आम जनता क नाम पर रदन कर रहा कवपकष कवल कनजी सवाथटि स भरा हआ ह आमजनता की दहाई दकर यह लोग अपनी राजनीकतक रोकटया सकन म लग हए ह मगर यह कवपकषी दल नही समझ रह कक इनका यह वयवहार कनकचित और कछ नही कसफटि जनता क बीच इनकी छकव को सकदगध बना रहा ह सरकार लोगो की समसयाओ क परकत एकदम सजग बनी हई ह और हर समसया को दर करन क कलए कनयम ला रही ह ताकक आम जनता को जलद राहत कमल तथा बककग वयवसथा सचार रप स चल ककनत इन सब म कवपकष बाधा डालन का काम कर रहा ह जो कनदनीय ह बहरहाल कही न कही यह बात आकथटिक कवशषक भी मानत ह कक यह फसला भरषाचार और आतकवाद की कमर तोड़न वाला ह ऐस फसल पर कवपकष का यह अकड़यल रवया कनहायत ही कनराशाजनक ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का मफजल विरोध कर खद कोlsquoसमदगधrsquo बना रहा विपकष

आदशष मतवारी

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

23

एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 21: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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भारत का आज का काल एक कराकत क दौर स गजर रहा ह भारत क जनमानस को शायद अभी परी तरह स एहसास नही ह कक वह उस सौभागयशाली पीढ़ी का परकतकनकधतव कर रह ह

जो भारत क बदलन क हर पल पल को न कसफटि अपन अदर समट रही ह बकलक उसकी भागीदार भी बन रही ह यह शायद इसकलए ह कयोकक यह अभी तक एक परसपर सघषटिहीन कराकत ह जो भारत म 16 मई 2014 स शर हो चकी ह जनमानस जब कराकत की बात करती ह तो उसक जहन म एक ही तसवीर उभरती ह कजसम जनता सड़क पर आ जाती ह और वषदो स सतताकधकार जमाय वगटि को उखाड़ फ कती ह लककन भारत म यह कराकत अभी तक लोकताकतक वयवसथा स कनकल कर आयी ह कजसम जनता न वोट क माधयम स 67 दशको स सतता पर काकबज़ वगटि को हटा कदया ह और एक पररवतटिन की राह को दख रही ह सही मायन म lsquoकराकनतrsquo शबद का परयोग सामाकजक-राजनीकतक वयवसथाओ म पररवतटिन की ओर सकत क कलए ककया जाता ह इसको यकद राजनीकतक कसदधात स समझ तो कराकत वह ह जो ककसी दश म राजनीकतक सतता क आककसमक पररवतटिन स आरभ होती ह और कफर वही क सामकजक जीवन को नए रप म ढाल दती ह भारत न जो ढाई वषटि पवटि हए राजनकतक सतता क पररवतटिन को दखा ह अब उस पररवतटिन क सामाकजक जीवन म परवश का समय शर हो गया ह उसकी शरआत नरदर मोदी क काल धन की ससकर कत पर परहार स हो चकी ह और इसी क साथ भारत की राजनीती क सथाकपत अघोकषत कनयमो क अत की भी शरआत हो गयी ह परधानमती नरदर मोदी क इस परहार को जहा दश की जनता न कछ तकलीफो क बाद भी हाथो-हाथ कलया ह वही परधानमती मोदी क काल धन स कनपटन की दढ़ता स घबड़ाकर काल धन क सरकषको और उसस पललकवत तनत न राजनकतक कवचारधारा और सामाकजक व ससदीय मयाटिदाओ क बनधनो को तोड़कर मोदी क कवरदध हाथ कमला कलए ह मोदी जी क राजनकतक कवरोकधयो क रदन और रोष को तो जनता समझ ही रही ह लककन उसक साथ उनक कारणो को भी समझ रही ह कजरीवाल इसकलए वयकथत ह कयोकक सभवतः उनकी अपनी पाटटी का सारा पसा जो पजाब चनाव म लगना था डब चका ह ममता बनजटी इतनी बदहवास हो गई कक वह बगाल छोड़ कदलली ही आकर बठ गयी ह कही ऐसा तो नही कक य उनकी सरकार क सरकषण म चलन वाल उनक वोट बक

अवध बगलादकशयो दारा ldquoमालदाrdquo स सचाकलत जाली नोटो का धधा कततर-कबतर होन और शारदा कचट-फड क सकड़ो करोड़ रपय डबन का गम हो राहल गाधी एक लाइन स दसरी लाइन म इस कलए भाग रह ह कयोकक उनक पररवार और उनकी पाटटी न कजस ससकर कत को जनम कदया व सरककषत ककया ह वह आज भयावह रप स अपन अत को दख रही ह उततर परदश क सफई पररवार क लोग इस कदर शोक म चल गए कक जहा उनक परमख मलायम कसह यादव को पर दश न 7 कदन की मोहलत की माग करत हए दखा ह वही उनक पत अकखलश यादव को काल धन को भारतीय अथटिवयवसथा की जररत बताकर उसकी वकालत करत हए भी दखा ह मायावती भी सदम म ह लाल यादव तो खर अपनी जबान और गवई वयगय की कवधा को ही खो बठ ह कयोकक नोटबदी कबहार म कखयात lsquoदरभगाrsquo मॉडयल का धधा उजड़ गया ह जो उनक सरकषण म जाली नोटो क वयापार स फला फला था राजनीकतक लोगो क साथ कमकडया का एक धड़ा भी अकबकाया हआ ह जो राजदीप रवीश जस ककथत पतकारो की अगवाई म एक स एक झठ का बाजार गमटि करन म सलगन ह बहरहाल आज काल धन को सरककषत करन क कलए गरीबो की तकलीफ का बहाना बनाकर जो लोग लामबद हए ह वह कनकचित रप स शकतिशाली ह और उनकी राषटकहत क परकत उनकी कवशसनीयता सकदगध परतीत होती ह ऐस म सभी भारतीयो को चाकहए कक ऐसी कोकशश कर कक ककसी भी तरह का उपदरव और दगा न हो और यकद काल धन क कहमायती परधानमती मोदी पर या उनकी सरकार पर कोई आकरमकता कदखात ह तो लोकताकनतक ढग स उनका माकल उततर भी कदया जाय आज भारत एक ऐसी कराकत का भागी हो रहा ह जहा शासक को जनता का परा समथटिन पराप ह और जनता अपन भकवषय क कलए मोदी सरकार क समथटिन म खन और पसीना बहान क कलए तयार ह आप तयार और सजग रकहय और एक नारा हमशा याद रकखय जो नता जी सभाष चनदर बोस न भारतवाकसयो स कहा था rdquo तम मझ खन दो म तमह आज़ादी दगाrdquo तब तो हम लोग नही थ लककन आज ह आज हम आज़ादी की उममीद ह और उसक कलए खन भी दना हो तो हम दग

( लखक क निरी नवचयाि ह)

नोटबदी का विरोध करन िालो स सािधान रहन की जररत

पषकर अवसी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 22: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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िोदी सरकार दारा पाच सौ और हजार क नोट बद करन क कनणटिय को जहा एक तरफ भारी जन-समथटिन पराप होता कदख रहा ह लोग थोड़ी-बहत परशानी उठान क बावजद भी इस कनणटिय क

परकत सहमकत जता रह ह वही दसरी तरफ तमाम कवपकषी दल सरकार क इस कनणटिय क बाद हलकान नज़र आ रह ह इन दलो की समसयाओ को उनक वतिवयो व सरकार पर लगाए जा रह उलल-जलल आरोपो स समझा जा सकता ह कागस की तरफ स शरआत म तो इस कनणटिय क परकत सहमकत जताई गई पर जलदी-ही वो भल सधार करत हए अपन lsquoकवरोध क कलए कवरोधrsquo क एजड पर आ गई कागस की तरफ स इस आम आदमी को मकशकल म डालन वाला कदम बताया गया तो वही कागस उपाधयकष राहल गाधी कही न कही इस फसल का परतीकातमक कवरोध करन क कलए लाखो-करोड़ो की कार स चार हजार रपय कनकालन पाकलटियामट एटीएम पहच गए उनकी इस नौटकी स और कछ तो नही हआ मगर आम जनता को असकवधा जरर हई खर कागस का कहना ह कक वो नोटबदी क इस कनणटिय को ससद क शीतकालीन सत म मदा बनाएगी कागस क अलावा कदलली क मखयमती आम आदमी पाटटी क राषटीय सयोजक और सवयभ ईमानदार नता अरकवनद कजरीवाल साहब इस कनणटिय स अलग कबफर नज़र आ रह ह उनका कहना ह कक सरकार न इस कनणटिय की जानकारी अपन लोगो यानी भाजपा को पहल स दकर अपना पसा सरककषत कर कलया होगा और अब दसरो को परशान कर रह ह य एकदम आधारहीन और अमानय बात ह कयोकक जसा कक सरकार कह भी चकी ह और दखा भी जा सकता ह कक यह अतयत गोपनीय कनणटिय था इसकी जानकारी कसफटि इसस जड़ कछक लोगो को ही थी यकद भाजपा म इसकी ज़रा भी भनक होती तो यह इतना गोपनीय कभी नही रह पाता और जस न तस मीकडया क सतो तक इसकी भनक अवशय पहच गई होती और वस भी जो परधानमती मोदी अपन पररवारजनो तक को अपन ओहद का कोई अकतररति लाभ नही दत उनहोन इस गोपनीय कनणटिय की जानकारी अपनी

पाटटी को पहल स ही द दी होगी य कहना एकदम अनकचत और अनयायपणटि ह अतः इस तरह की कफजल की बातो क जररय सरकार का कवरोध करन स पहल अरकवनद कजररवाल को सोचना चाकहए मगर उनह तो बस मोदी कवरोध करना ह इसकलए पहच गए कदलली क लकमीनगर इलाक म बक क पास लाइन म लग लोगो को भड़कान पर वहा उनकी दाल गल नही पाई और लोगो न उनक कखलाफ नारबाजी कर उनह बरग लौटा कदया इधर यपी की सततारढ़ समाजवादी पाटटी क सववसवाटि मलायम कसह यादव न इस कनणटिय को ठीक तो कहा मगर यह भी कह गए कक एक सपाह की पवटि सचना दनी चाकहए थी अब उनह कौन समझाए कक इस कनणटिय का अचानक आना ही तो इसकी असली ताकत ह अगर पवटि सचना द दी जाती तो कफर इसका असर ही ककतना होता वस भी उनह पवटि सचना की इतनी जररत कयो महसस हो रही ह उनका कौन-सा धन ह कजस कठकान लगान क कलए व समय चाहत थ यपी की दसरी सबस बड़ी पाटटी बसपा क तवर तो इस कनणटिय पर और भी तीख रह बसपा परमख मायावती न इस आकथटिक आपातकाल बता कदया चकक बसपा परमख मायावती क कवषय म पस लकर कटकट दना परकसदध ह अब इस चनाव क समय म कटकट बचकर उनहोन कजतना पसा इकठा ककया होगा वो सब मोदी सरकार क इस कनणटिय स बकार ही हो गया बक जान पर न कवल उसपर कर लगगा बकलक उसकी परी जाच-पड़ताल भी होन लगगी सभव ह कक इस कनणटिय क कवरोध क पीछ बसपा का यही कष मखय कारण हो इन सब बातो को दखत हए कह सकत ह कक मोदी सरकार दारा नोटबदी क कनणटिय क जररय चोट तो काल धन पर की गई ह लककन इसस कबलकबलाहट कवपकषी खम म अकधक नज़र आ रही ऐस म भाजपा अधयकष अकमत शाह का य सवाल कक सरकार क इस कनणटिय स कागस आप सपा और बसपा जस दल इतनी पीड़ा म कयो ह जनता क कदल-कदमाग म भी उठ ही रहा होगा इस तरह का आचरण परसतत कर कही न कही य कवपकषी राजनीकतक दल सवय को जनता की नज़रो म सकदगध ही बनात जा रह ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स इतनहलकान को ह विपकषी दल

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

23

एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 23: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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एक कहावत ह कक परहार वहा करो जहा चोट पहच परधानमती नरदर मोदी न ऐसा ही करक काल धन क कारोबाररयो और काली कमाई स कसयासत का मचान तान रख कसयासतदानो की कमर तोड़ दी ह

व समझ नही पा रह ह कक छलपवटिक अकजटित की गयी काली कमाई को कस और कहा कठकान लगाए अब उनह चारो तरफ का रासता बद नजर आ रहा ह परधानमती न दो टक कह भी कदया ह कक उनका अगला कनशाना बनामी सपकतत होगा यानी आन वाल कदनो म ऐस लोगो पर भी गाज कगरनी तय ह जो अपनी काली कमाई को ररयल इसटट और गोलड म कनवश कर रख ह यह भी सभव ह कक सरकार काल धन स कनपटन क कलए अगल कफसकल ईयर क अत तक गोलड इपोटसटि पर रोक लगा द ऐसा इसकलए कक बड़ नोट बद होन क बाद बड़ पमान पर सोन की खरीदारी की गयी अचछी बात ह कक सरकार न रात क अधर म सोना बचन और खरीदन वालो की जाच शर कर दी ह आकथटिक कवशषजो की मान तो काल धन क कबर टकस कडपाटटिमट स बचन क कलए फजटी खात खोलन क अलावा अनय कवकलपो को भी आजमा सकत ह लककन इन सभी पर सरकार की कड़ी नजर ह बहरहाल काल धन क कारोबाररयो का काला सामाजय ढहन स उनकी बचनी बढ़नी लाकजमी ह लककन हरान करन वाला तथय ह कक दश क कवपकषी कसयासतदान भी अपन आचरण स कछ ऐसा ही आभास करा रह ह मानो परधानमती का वजरपात काल धन क कबरो पर ही नही उन पर भी हआ ह ससद म कजस तरह क तकटि कवपकषी दलो दारा गढ़ जा रह ह उनस ऐसा ही परतीत होता ह अनयथा कोई कारण नही कक जब दश क ककसानो स लकर सीमा पर डट जवानो तक इस फसल पर परसननता जाकहर कर और कसयासी दल छाती पीट कवपकष की राजनीकत की रवायत ह कक जनता क सर म सर कमलाना होता ह लककन यहा मामला उलटा कदख रहा ह जनता खश ह और कवपकषी दल मातम मना रह ह व इस कदर कदगभरकमत ह कक समझ नही पा रह कक परधानमती की आलोचना ककस तरह कर इस नजार स सपष ह कक परधानमती न सही जगह पर करारा चोट ककया ह दश की जनता परधानमती क कनणटिय स सतष ह और मान रही ह कक यह फसला दश की तकदीर बदलन वाला ह दश क अथटिशारिी भी इस कदम को दश की अथटिवयवसथा का पनजटिनम मान रह ह उनकी मान तो बड़ नोट बद होन स काल धन पर अकश लगगा और अमीरी एव गरीबी क बीच की खाई पटगी महगाई स जनता को कनजात कमलगा और रोटी कपड़ा मकान ससत होग आसमान छ रही जमीनो की कीमत कम होगी आम जन भी सहमत ह कक अगर इस पनीत कायटि म उनह बको क सामन पकतिबदध होन की जररत पड़ रही ह तो कोई समसया नही व इसक कलए तयार ह लककन कवडबना ह कक कवपकषी दलो को जनता का यह समपटिण रास नही आ रहा ह व जनता क उदोष सनन व समझन को तयार नही ह उलट उनह गमराह करन की कोकशश कर रह ह कनत-नए खलास कर रह ह

कक परधानमती न यह कदम उठाकर जनता का ककतना नकसान ककया ह जरा गौर कीकजए कक य वही कसयासी सरमा ह जो कल तक सीना ठोककर कचकचया रह थ कक काल धन पर परधानमती चप कयो ह व कयो नही काल धन क कबरो क कवरदध कड़ी कारटिवाई कर रह ह कहा गया परधानमती का 56 इच का सीना इतयाकद लककन कहत ह न कक राजनीकत पलटकर वार भी करती ह अब जब परधानमती न भी काल धन पर सखत तवर कदखान शर कर कदए ह तो इन बड़बोल सरमाओ की कघगघी बध गयी ह व कककतटिवयकवमढ़ ह और उनकी जबान सतकलत होन क बजाए अकनयकतत हो चली ह व मयाटिदाहीन जगाली पर उतार ह पहल तो उनह समझ म ही नही आ रहा था कक बड़ नोट बद करन क फसल पर कटपपणी कया कर कोई चौबीस घट बाद बोला तो कोई कटपपणी करन म 72 घट लगा कदए अब जब दश-दकनया म परधानमती क कदम की परशसा हो रही ह और उनकी छकव एक लौह परष की बन चकी ह तो कवपकषी दलो की छाती पर साप लोटन लगा ह व ककसम-ककसम क अनगटिल परलापो स परधानमती की छकव खराब करन की कोकशश कर रह ह कोई उपदश बघार रहा ह कक इस योजना को कछ कदन क कलए टाल दना चाकहए तो कोई परधानमती को पत कलख रहा ह कोई दश को यह हवा-हवाई गकणत समझा रहा ह कक परधानमती न ककस तरह अपन दल क लोगो का काला धन सफद कर कलया और कवपकष को मौका नही कदया कछ ऐस कसयासतदान भी ह जो बको की कतार म शाकमल होकर लोगो की बचनी बढ़ान की ताक म ह दश क लोग यह दख-सनकर हरान ह कक जो लोग जीवन म कभी भी बको की चौखट पर कदम नही रख व अब पकति म खड़ होन की तकलीफो का ददटि बया कर रह ह कवपकषी दल यह भी सवाल दाग रह ह कक अगर बड़ नोटो को बद ही करना था तो कफर पहल ही तयारी कयो नही की गयी कया कवपकषी दल यह कहना चाह रह ह कक सरकार को पहल ही बता दना चाकहए था कक उसकी योजना बड़ नोटो को बदलन की ह अगर सरकार ऐसा करती तो कया काल धन क कखलाड़ी काल धन को कठकाना लगान म कामयाब नही हो जातकवपकषी दल चाह कजतनी जगाली कर पर दश की जनता उनकी मनःकसथकत को भलीभाकत समझ रही ह कक व कयो परशान ह जनता को पता ह कक उनकी आड़ म कवपकषी दलो का रदन तो महज बहाना भर ह सभव तो यह ह कक उनक ददटि का असल कारण उनक काल धन का सवटिनाश होन की पीड़ा हो ककसी स कछपा नही ह कक दश म बहतर ऐस दल ह जो चनाव म पाटटी का कटकट बचत ह इन दलो क कनयताओ क पास बशमार काला धन ह और इस धन का बड़ा कहससा बड़ नोटो क रप म ह चकक अब उनका धन कमटी बन चका ह इसकलए उनकी पीड़ा उफान मार रही ह कजस व जनता की आवाज म ढ़ालन की बमानी और नाकामयाब कोकशश कर रह ह

(लखक वरिष सतभकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी क रनरथय स खश ह जनताबस विपकषी दलो को हो रही पीड़ा

अरमवनद जयमतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

27

मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

28

प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 24: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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दश को भरषाचार और कालधन स मति करन क कलय परधानमती नरदर मोदी की 8 नवबर को एकाएक की गई घोषणा न सभी हलकनो म हलचल-सी पदा कर दी इस ऐलान क बाद स

सभी 500 और 1000 रपय क परान नोट अमानय हो गय हालाकक इस दशवयापी फसल स लोगो को थोड़ी समसया का सामना तो करना पड़ रहा ह ककत अब लोग कशलस और मोबाइल वॉलट का अकधक उपयोग कर रह ह कजसस दश की अथटिवयवसथा पहल की अपकषा कही अकधक पारदशटी होगी और काल धन क कबरो का भय बढ़गा हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा कशलस और पपरलस हो जाएगी इसक साथ ही कात न कहा lsquoहमार दश म कजतन शोध हो रह ह कजतना हनर ह कजतन सकषम यवा ह उसक बाद ककसी परकार की कोई शका नही रह जाती ह कक हम महाशकति नही बनगrsquo अकमताभ कात की कही गई बात कवकासोनमख दश क कलय बहद ही सकटक बठती ह कयोकक अभी तक हम अपनी ताकत को खद ही नही पहचान पाय ह कशलस अथटिवयवसथा बनन क बाद हम भी अमररका और रस जस शकतिशाली दशो की कतार म आ जाएग माना कक य इतनी जलदी सभव नही ह इसक कलय हम कई अड़चनो का सामना करना पड़गा गामीण कषतो म जहा लोग अभी भी इस नई तकनीक स रबर नही हए ह उनह इसक परकत जागरक करना होगा जयादा स जयादा इटरनट सवा का कवसतार करना होगा इस कवषय म और अकधक जागरकता लानी होगी

गौरतलब ह कक पीएम मोदी सतता म आन क बाद स हर मच पर कडकजटल इकडया की माग दोहरात रह ह उनका सपना ह कक वह भारत का कडकजटलाइजशन कर वस भी हमार दश क नौजवान हर कषत क कलए नए-नए आईकडया लकर आ रह ह सटाटटिअप इकडया म बढ़-चढ़कर योगदान द रह ह जो कक दश क कलए गवटि की बात ह हाल ही म आई ररपदोटो क अनसार सरकार क इस फ़सल क बाद काडटि सवाइप मशीन की माग बढ़ी ह और परी-पड वॉलटस म 60 स 70 पससट का गोथ ह आज भी लोग ऑनलाइन शॉकपग कर रह ह आनलाइन कटकट बक करा रह ह खान-पीन क आइटम गॉरमटस इतयाकद क कलय डकबट काडटि और पलाकसटक मनी का परयोग कर रह ह चाय वाल स लकर सबजी वाल तक का पटीएम पर अकाउट ह ताकक लोग सीधा उसक अकाउट म पसा जमा करा सक खर य सब दखन क बाद तो यही सभावना नजर आ रही ह कक वो कदन दर नही जब भारत का हर दशवासी कशलस लन दन को परथम पराथकमकता दगा वही दसरी ओर इसस आप य भी अदाजा लगा सकत ह कक भल स ही लोगो को य सब करन म थोड़ी मजबरी का सामना करना पड़ रहा हो लककन धीर-धीर य सब चीज उनह सरल और सगम लगन लगगी कवपकष भल स इस मामल पर अपनी राजनीकत भनान म लगा हो लककन कशलस अथटिवयवसथा स कवल पीएम मोदी को ही फायदा नही होगा बकलक समच दशवाकसयो को इसका लाभ कमलगा और भकवषय म भी हम अनय दशो की तलना म कही अकधक तरककी कर सक ग इसक साथ ही चोरी डकती और तमाम गर काननी वारदातो पर भी लगाम लग सकगी

(लनखकया पश स पतरकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी कशलस अरथवयिसा की तरफ बढ़ता दश

सनीता मिशा

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 25: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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परधानमती मोदी दारा 8 नवमबर को पाच सौ और हजार क नोटो पर परकतबनध का ऐलान करन क बाद स इस कनणटिय को लकर राजनीकतक गकलयारो म हो-हलला मचा हआ ह कवपकष दारा

लगातार सरकार क इस कनणटिय को जनता को परशान करन वाला बताया जा रहा ह नोटबदी पर जनता का कमजाज़ मापन क कलए तमाम मीकडया ससथानो दारा सववकषण भी ककए गए कजनम इसक परकत लोगो का समथटिन ही सामन आया परधानमती मोदी न खद अपन एप क माधयम स एक सववकषण करवाया इसम 93 फीसदी लोगो न इसक समथटिन म अपना मत रखा लककन इन सब सववकषणो पर को कवपकषी दलो और कवचारधारा कवशष स परभाकवत बकदधजीवी वगटि दारा नकारा जाता रहा कहा जाता कक य चद लोगो पर आधाररत ह इसकलए इनकी कोई कवशसनीयता नही इसी बीच दश क दो राजयो महाराषट और गजरात म कनकाय चनाव सपनन हए और इन चनावो म जो जनमत सामन आया उसन साफ़ कर कदया कक मोदी सरकार की नोटबदी क बाद उसक परकत जनता का कमजाज़ कया ह महाराषट क नगर कनकाय चनाव कजस बकदधजीवी वगटि कमनी कवधानसभा चनाव कहता ह म भाजपा न लमबी छलाग लगात हए महानगरपाकलका क 147 म स 52 अधयकष पदो पर जीत हाकसल की ह इसीक साथ वो कनकायो म नबर तीन स सीध नबर एक की पाटटी बन गई ह भाजपा की ही सहयोगी पाटटी कशवसना 23 सीटो क साथ दसर नबर पर रही कपछल बार की नबर एक पाटटी एनसीपी को कवल 16 सीटो स ही सतोष करना पड़ा कागस क खात म भी कसफटि 19 सीट ही आ सकी सपष ह कक महाराषट क इन कनकाय चनाव म जनता न परी तरह स भाजपा को सवीकर कत परदान की ह महाराषट क बाद बात गजरात क कनकाय चनावो की कर तो यहा भाजपा का दबदबा और भी मजबत हआ ह यहा पर दो नगर पाकलकाओ क चनावो म भाजपा न एकतरफा जीत दजटि की ह क दर और राज य म सत ताधारी पाटटी को वापी नगरपाकलका चनाव म 44 म स 41 सीट कमली ह वही सरत क कनकपर- कनसाड़ नगरपाकलका म 28 म स 27 सीटो पर कवजय कमली जबकक कागस को वापी म तीन और कनकपर-कनसाड़ म एक सीट स

सतोष करना पड़ा वही कजला पचायत तालका पचायत और नगरपाकलका उपचनावो म भाजपा न 23 और कागस न महज आठ सीटो पर जीत हाकसल की ह इन दोनो ही राजयो क कनकाय चनावो क बाद कहन की आवशयकता नही रह जाती कक नोटबदी पर जनता का कमजाज़ कया ह कवपकषी दल और बकदधजीवी वगटि सववकषणो को नकार सकत ह लककन इन चनावो म जो जनमत सामन आया ह उसस आख नही चरा सकत उनह सवीकार करना चाकहए कक नोटबदी क बाद भाजपा क परकत जनसमथटिन बढ़ा ह और जमीनी हकीकत यही ह कक इस कनणटिय स थोड़ी-बहत परशानी क बावजद आम लोग बहद खश ह उनह लगता ह कक दश म लमब समय बाद एक ऐसी सरकार आई ह जो कहन और योजनाए बनान म अकधक वक़त जाया करन की बजाय कदम उठान म अकधक यकीन रख रही ह साथ ही जनता यह भी दख रही ह कक ककस तरह नोटबदी जस एक अचछ कनणटिय का बहद अताककटि क ढग स कवपकषी दलो दारा बमतलब का कवरोध ककया जा रहा ह कवपकषी दलो का य कफजल कवरोध जनता म उनक परकत जो नकारातमक सनदश भज रहा ह वो भी एक कारण ह कक जनता उनह लगातार खाररज का रही ह मतदाताओ न पहल असम और मधय परदश क उपचनावो और कफर महाराषट व गजरात क इन कनकाय चनावो म भाजपा को शानदार जीत दकर यह कसदध कर कदया कक अब व उसीको चनग जो काम करगा अतः सही होगा कक कवपकषी दल अब भी जनता की नबज़ को समझ और नोटबदी का अताककटि क ढग स बजा कवरोध करन की बजाय इस महतवपणटि कनणटिय म सरकार क साथ खड़ हो अनयथा कजस तरह इन कनकाय चनावो म जनता न उनह खाररज ककया ह उसी तरह आग भी करती रहगी और एक कदन ऐसा आएगा कक इस दश म उनह अपन राजनीकतक अकसततव को बचान क कलए सघषटि करना पड़गा वतटिमान समय की सचचाई यही ह कक जनता मोदी सरकार क कनणटिय क साथ ह और कवपकषी दलो को इस सचचाई को सभयता क साथ सवीकार करना चाकहए

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

नोटबदी पर जनसिरथन की सचक हरनकाय चनािो ि भाजपा की जीत

पीयर मविवदी

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 26: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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परधानमती नरनदर मोदी न आगरा म पररवतटिन रली को कजस अदाज म सबोकधत ककया ह उस दो तरह स दखा जा सकता ह एक उनहोन कवपकष पर करारा हमला बोला ह दो नोटबदी

पर सरकार और परधानमती को घरन क कलए हाथ-पर मार रह कवपकष स परधानमती न सखत सवाल पछ कलया ह ऐसा सवाल कजसका सीधा उततर कवपकष द नही सकता नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की ओर परधानमती मोदी न नागफनी-सा सवाल उछाल कदया ह जो कनकचित तौर पर उनह लहलहान करगा उनहोन पछ कलया कक यह कदम कालधन वालो क कखलाफ उठाया गया ह कफर आपको परशानी कयो हो रही ह यकीनन परधानमती का यह सवाल वाकजब ह कयोकक परशानी उठा रही आम जनता को भी यह समझ नही आ रहा ह कक कवपकष न आकखर हाय-तौबा ककस बात क कलए मचा रखी ह कया कवपकष नही चाहता कक कालधन क कखलाफ कारटिवाई हो कया कवपकष नही चाहता कक जाली मदरा को खतम ककया जाए आकखर कवपकष की मशा कया ह वह कयो चाहता ह कक नोटबदी का कनणटिय वापस कलया जाए और कफर स 500 और 1000 क परान नोट चलन म आए परधानमती क तकटि सगत सवाल स कवपकष कठघर म खड़ ककसी अपराधी स कम नजर नही आ रहा ह शारदा कचटफड घोटाल और कटकट क कलए थकलयो का कजकर करक परधानमती न नोटबदी क कखलाफ मोचाटिबदी कर रह नताओ की नीयत पर सवाल उठा कदए ह मोदी न अपन पर भाषण म ककसी का नाम नही कलया लककन शबदबाण लकय को भदन वाल छोड़ उललखनीय ह कक नोटबदी क कखलाफ सबस अकधक मखर बगाल की मखयमती ममता बनजटी ह वह इस मसल पर कवपकष को एकजट करन म बड़ी सककरयता स जटी ह उनह कदलली क मखयमती और आम आदमी पाटटी क सववसवाटि अरकवद कजरीवाल का साथ भी कमल गया ह बहरहाल परधानमती न ककसी लोहार की तरह ममता बनजटी की नकतकता पर चोट की ह उनहोन साफ-साफ कह कदया- lsquoकस-कस लोग उन पर सवाल उठा रह ह कजनहोन नताओ क दम पर कचटफड म पस लगाए कचटफड क कारण सकड़ो पररवारो को आतमहतया करनी पड़ी हमन कचटफड वालो को सजा दी ह कचटफड का उनका परा धन चला गया हrsquo शारदा कचटफड घोटाल म ममता बनजटी क कई मकतयो क नाम सामन आए थ और कई मती तो जल भी गए खर जो राजय (पकचिम बगाल) जाली मदरा क कलए सबस अकधक कखयात ह उसी राजय की मखयमती जाली मदरा क अवध कारोबार को समाप करन क कदम का सवागत करन की जगह उसका

कवरोध कर रही ह कया यह पयाटिप कारण नही ह कक ममता बनजटी की नीयत पर शक ककया जाए उततरपरदश क कवधानसभा चनाव की तयारी म जटी बसपा परमख मायावती क कवरोध को भी परधानमती न सवालो क घर म खड़ा कर कदया उनहोन कहा कक कछ लोग कहत थ कवधायकसासद बनना ह तो इतन रपय लाओ थकलयो म नोट भर-भरकर रख थ उन नोटो का कया हआ दश म यह खल बद होना चाकहए इसकलए हमन कोकशश की ह कक गरीबो को हक कमल मधयम वगटि का शोषण कमट कागस की पवटिवतटी सरकारो को भी वह सवालो क दायर म लाए कयोकक सबकछ जानत हए भी कागस न कसटी जान क डर स जनकहत म बड़ा कनणटिय नही कलया बहरहाल परधानमती न सकत की भाषा म तकटि क आधार पर जनता को सदश द कदया कक नोटबदी का कवरोध कर रह नताओ की कतजोररयो म कालाधन पड़ा ह जनता की परशानी को अपनी ढाल बनाकर वह अपन कालधन को बचान की लड़ाई लड़ रह ह वासतव म उनह आम आदमी की परवाह नही बकलक अपन धन की कचता हयहा परधानमती न एक तीर स कई कनशान साध ह अब दकखए नोटबदी क कनणटिय स उनहोन कालधन जाली नोट और आतककयो की फकडग पर एक साथ चोट की ह खर सबस अकधक महतवपणटि बात यह ह कक परधानमती नरनदर मोदी कवरोकधयो को lsquoशह-मातrsquo म उलझाकर अपना दायरा बढ़ा रह ह इस भाषण म उनहोन इस बात क सपष सकत कदए ह कक वह भारतीय जनता पाटटी और अपनी सरकार को गरीब और मधयम वगटि क नजदीक ल जाना चाहत ह भाजपा पर यह बजा तोहमत लगाई जाती ह कक वह अमीरो की पाटटी ह अबानी और अडाणी परधानमती मोदी क दोसत ह इसीकलए कवपकष यह भरम फलान का परयास कर रहा ह कक नोटबदी का कनणटिय लकर नरनदर मोदी न दश क गरीबो को बक और एटीएम क सामन कतार म खड़ा कर कदया ह जबकक अमीर अपन घरो म आराम स बठ ह परधानमती भली परकार समझत ह कक भाजपा को अपना दायरा बढ़ान क कलए इस झठी छाप स बाहर कनकलना होगा इसकलए परधानमती मोदी खलकर कहत ह- lsquoनोटबदी क कनणटिय म सबस जयादा आशीवाटिद गरीब और मधयम वगटि क लोगो न कदया ह कजनह म कसर झकाकर नमन करता हrsquo अपन भाषण म उनहोन यह भी कहा कक गरीबो का हक मारन वालो को उनहोन कड़ा दणड कदया ह अमीरो की कतजोरी स कनकलकर बक म आए धन को गरीबो और जररतमदो को उपलबध कराया जाएगा भल ही मोदी कवरोधी यह सवीकार न कर लककन सच यही ह कक नोटबदी क कनणटिय का सबस अकधक सवागत इसी गरीब और

परधानिती क सिालो का जिाब द नोटबदी का विरोध कर रह विपकषी

लोकनदर मसह

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 27: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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मधयम वगटि न ककया ह जो नोट बदलवान क कलए कतार म खड़ा ह अब तक आए जयादातर सववकषण भी इस बात की हामी भरत ह कक तकरीबन 85 परकतशत जनता कष उठाकर भी इस कनणटिय क कलए परधानमती नरनदर मोदी क साथ ह जनता का यह समथटिन इसकलए ह कयोकक मोदी उस यह समझान म सफल रह ह कक यह सरकार गरीबो और मधयम वगटि की सरकार ह इस पररवतटिन रली म भी मोदी न परधानमती गामीण आवास योजना का शभारमभ ककया जो इसी वगटि को समकपटित ह बहरहाल यह कहन म कोई गरज नही

कक जनता की भावनाओ और आकाकषाओ को समझन म नरनदर मोदी का मकाबला कवपकष का कोई भी नता नही कर पा रहा ह यकद ऐसा होता तब नोटबदी का कवरोध करन क कलए कवपकषी नताओ को कतकटि ढढकर लान की जररत नही पड़ती नोटबदी क मद पर कवपकष परी तरह चक गया ह जबकक परधानमती मोदी भारत क बहसखयक वगटि (गरीब एव मधयम वगटि) म अपनी पठ को मजबत बनात जा रह ह

(लखक मयाखिलयाल चतववदी ियाषटी पतरकयारितया औि रिसचयाि नवशवनवदयाल म कया चित ह उिक निरी नवचयाि ह)

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 28: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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प वटि परधानमती डॉ मनमोहन कसह जी ससद म आपकी इस तकरीर कक नोटबदी सगकठत और काननी लट-खसोट ह और इस फसल स दश क ककसानो और उदोगो पर बरा परभाव

पड़गा न कल कमलाकर दश को हसत-हसत लोटपोट हो जान का ही मौका कदया ह आपका यह परवचन ठीक उसी परकार ह जस कोई रोगी वद ककसी मरीज को बहतर दवाओ का नसखा बताता ह आपको भान होना चाकहए कक सवय आपकी और आपक नतरतववाली यपीए सरकार दोनो का इकतहासपरक मलयाकन हो चका ह और आपकी सरकार आजाद भारत क सबस भरषतम सरकारो म शमार ह आप ही नही बकलक आपक महान अथटिशारिी होन की आतममगधता क कशकार परोकारो को भी नही भलना चाकहए कक आपकी नतरतववाली यपीए सरकार न कवल दश म बकलक दकनया भर म बदनाम रही ह उस दौरान अमररकी अखबार वाकशगटन पोसट न आपको नाकामयाब और असहाय परधानमती करार दत हए आपकी सरकार को सबस भरष सरकार कहा था तब आपक खरखवाहो न लाल-पील होत हए अखबार को नसीहत कदया था कक वह माफी माग यही नही दकनया की जानी-मानी अतराटिषटीय पकतका टाइम न भी आपको कफसडडी परधानमती क तमग स नवाजा था उसन मन इन शडो शीषटिक स परकाकशत अपन लख म दश की आकथटिक वरकदध म ससती भारी कवततीय घाटा और रपए की कमजोर कसथकत क कलए आपकी सरकार को कजममदार ठहराया था दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा लककन तमाशा ह कक आप अपनी बदनाम सरकार की काली कारसतानी पर अफसोस जतान और दश स माफी मागन क बजाए

मौजदा मोदी सरकार पर सवाल दाग रह ह जो कक दश को कालधन स मति करान क कलए परयासरत ह कया उकचत नही होता कक आप मौजदा सरकार पर सखत कटपपणी क बजाए नोटबदी क फसल क असर का थोड़ा इतजार कर लत पानी को उबलन क कलए भी 100 कडगी तापमान का इतजार करना होता ह कफर आप इतन अधीर कयो हो गए कही ऐसा तो नही कक कागस पाटटी न आपको मह खोलन क कलए कववश ककया और आपन मोदी सरकार को भला-बरा कह अपना फजटि कनभा कदया यह आशका इसकलए कक दस जनपथ स कनयकतत होन का आरोप आप पर कई बार लग चका ह बहरहाल कागस पाटटी न आपस मोदी सरकार पर हमला बलवाकर खद आपको कठघर म खड़ा कर कदया ह दश आपस पनः पछ रहा ह कक आपक नाक क नीच ही ठगो की टोली दश को लटती रही और आप हाथ पर हाथ धर बठ रह आकखर कयो बहतर होगा कक आप दश को बताए कक भरषाचाररयो क कखलाफ कारटिवाई कयो नही की दश जानना चाहता ह कक अगर आप इतन ही महान अथटिशारिी परधानमती थ तो आपकी सरकार अथटिवयवसथा को रसातल म जान स कयो नही रोक पायी कया कारण रहा कक कवदशी कनवशक बाजार स भाग खड़ हए और आप दखत रह गए कया कारण रहा कक ढाचागत पररयोजनाओ पर आपकी सरकार कोई ठोस कनणटिय लन म कवफल रही और कल-कारखानो एव उदोग-धधो क पकहए जाम हो गए दश जानना चाहता ह कक कक आप जस महान अथटिशारिी क परधानमती होन क बाद भी आकथटिक ससती का माहौल कयो बना रहा कया यह सच नही ह कक तब क कवतत मतालय म मखय आकथटिक सलाहकार रह कौकशक बस न अपनी अमररकी याता क दौरान वाकशगटन की ससथा lsquoकानवगी एडाओमट फॉर इटरनशनल पीसrsquo म कहा था कक भारत म आकथटिक सधारो की रफतार धीमी ह और इसक कलए आपकी सरकार कजममदार ह कया यह सच नही ह कक अमररका क परमख अखबार lsquoहयवॉल सटीटrsquo न भारत क जीडीपी गोथ रट म कमी रपए की कीमतो म कगरावट और सटॉक माकव ट की ददटिशा क कलए आपकी नीकत को कजममदार ठहराया था

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

िोदी सरकार को अरथनीवत ससखान स पहल ज़रा अपनी मगरबान ि तो झाक लीसजय िनिोहन ससिह जी

अरकवनद जयकतलक

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 29: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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राजनीकत सभावनाओ का खल ह राजनीकत म न तो कोई ककसी का सथाई कमत होता ह न शत यकद इस कसदधात को सतय मान भी कलया जाय तो भी यह कहना अनकचत न होगा कक हर दल

क अपन कछ कसदधात अपनी-अपनी मल परकर कत अपन-अपन मतदाता-वगटि होत ह और य सब एक कदन म नही बनता बकलक वषषो म उनकी अपनी एक पहचान और छकव बनती ह अगर कवकशष चाल-चररत-चहर की बात बमानी भी हो तो भी जनता क बीच उनकी एक ख़ास छकव होती ह कजसक परकत व सजग रहत ह और उस बनाए-बचाए रखन की हर सभव कोकशश करत ह भारतीय कमयकनसट एव भारतीय जनता पाटटी को छोड़कर भारत क अकधकाश राजनीकतक दल कागस की ही उपज या उसक कवसतार ह और यह कवसतार नीकतगत कम वयकतिगत महतवाकाकषाओ या क दरीय उपकषाओ का पररणाम अकधक रहा ह ऐस म सतता-पराकप क कलए इनकी जोड़-तोड़-कतकड़म समझ म आती ह कयोकक सतता म रह कबना इनक अकसततव पर ही सकट क बादल मडरान लगत ह बहरहाल अकखल भारतीय सवरप होन क बावज़द कागस आज अपरासकगक हो चली ह इसक कारणो की पड़ताल का न यहा अवकाश ह न वह अकभपरत ही ह पर कमयकनसट पाटटी का इस परकार रातो-रात अपनी कवचारधारा स पलला छड़ाना उसकी वचाररक कनषा कलई खोलन वाला ह यदकप उनका इकतहास कवचारधारा स पर जाकर सतता क कलए समझौत करन का रहा ह पर पहल वह ककत-परत क आवरण म होता था इस बार उसन उस आवरण का भी पररतयाग कर कदया ह ऐसा लगता ह कक जस अराषटीय और अराजक कवचारो को परशय-परोतसाहन दना ही उसकी एकमात नीकत-कनयकत ह छदम धमटिकनरपकषता क नाम पर भाजपा कवरोध का दभ भरन वाल दलो का मखौटा आज उतरन लगा ह आज तक कजस भारतीय जनता पाटटी को वयापाररयो की पाटटी बता-बताकर रात कदन कोसा जाता था आज उसी पाटटी क कवरदध व सभी लामबद हो रह ह जो अपन-आप को ककसानो-कामगारो का रहनमा बतात नही थकत थ मोदी सरकार क नोटबदी क फ़सल पर कजस परकार धर कवरोकधयो की गलबकहया सामन आ रही ह इसस उनका असली चहरा जनता क सामन ह यह कसदध हो चका ह कक न तो इनह धमटिकनरपकषता स कोई लना-दना ह न ककसानो-मजदरो-आम लोगो क सरोकार स न सरसा रपी भरषाचार स नोटबदी को ऐस राजनता भी जान

ककस आधार पर तग़लकी फ़रमान बता रह ह कजनकी पाटटी म उनक अलावा ककसी और को बोलन का अकधकार तक नही आज व लोग लोकतत की दहाई द रह ह कजनकी पाटटी उनस परारभ होकर उनही पर ख़तम हो जाती ह बहत उदारता कदखात ह तो उसम पररकचतो-पररवारजनो को थोड़-बहत अकधकार दयापवटिक द कदए जात ह आज भारत की राजनीकत कदधरवीय हो गई ह एक तरफ राषट का भकवषय तो दसरी तरफ सतता-सख एक तरफ कनजी तातकाकलक कहत तो दसरी तरफ दरगामी राषटीय कहत एक तरफ धन का दरपयोग कर यन-कन-परकारण सतता कशखर तक पहचन का वही पराना खल तो दसरी तरफ नकतकता-शकचता क नए यग का शभारभ एक तरफ ईमानदारी स जीन का सकलप तो दसरी तरफ़ बईमानी का अतहीन दषचकर एक तरफ़ उममीद का सनहला सरज तो दसरी तरफ़ नाउममीदी की काली-अधरी रात अब य तय तो जनता ही करगी कक इस कनणाटियक और ऐकतहाकसक कषण म उस कनमाटिण का कहससा बनना ह या कवधवस का उस कध मज़बत कर एड़ी कटका उममीद क उस सनहल सरज को धरती पर उतार लाना ह या भावी पीढ़ी क कलए भयानक-काली-अधरी रात छोड़ जाना ह जनता कनकचित तौर पर कनमाटिण का ही कहससा बनगी याद रकखए यदध या कनमाटिण-काल म कनजी सख-दःख नही दख जात भकवषय को उजजवल बनान क कलए यकद वतटिमान म थोड़ा कष सहना पड़ तो सह लना चाकहए पीड़ा म ही आनद पलता ह परसव-पीड़ा को सह कबना मनषय तक का कनमाटिण सभव नही यह तो एक राषट क नव-कनमाटिण का सवाल ह यकद आज कहममत नही कदखाई गई तो करोड़ो भारतीयो की उममीद हार जाएगी यह कवल दश की उममीदो का सवाल ह यकद आज कहममत हार दी गई तो भकवषय म कोई भी दरषा कनमाटिण का कोई भी परणता-साहकसक पहल और परयोग की कहममत नही जटा पाएगा परनत सखद बात यह ह कक यह दश कहममत क साथ मकशकलो को पार करत हए कनमाटिण क नव अधयाय की रचना की तरफ अगसर ह

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

राषटर-रनिाथर क आग रनजी सख-दःख का नही होता िहतव

परणय किार

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 30: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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ससद का शीतकालीन सत समाप होन म चद कदन शष बच ह और अबतक का यह परा सत हगाम की भट चढ़ता कदखाई द रहा ह नोटबदी को लकर कवपकषी दल लोकतत क मकदर ससद

म जो अराजकता का माहौल बनाए हए ह वह शमटिनाक ह सरकार नोटबदी पर चचाटि को तयार ह लककन कवपककषयो को तो चचाटि चाकहए ही नही कयोकक चचाटि म व कटक नही पायग इसकलए बस कफजल का हगामा कर ससद का वक़त और दश का पसा बबाटिद कर रह ह व जनता की आड़ म अपन राजनीकतक सवाथषो और झठी परकतषा की लड़ाई लड़न म मशगल ह ऐस ककठन समय म और इतन गभीर मद पर भी य कवपकषी दल अपनी ओछी राजनीकत स बाज़ नही आ रह नोटबदी पर चचाटि करन की बजाय कागस समत अनय कवपकषी दल अपन अनसार राजनीकतक रोकटया सक रह ह टकराव की ऐसी कसथकत बनी ह कक समसयाओ को लकर जो वयापक बहस कदखनी चाकहए वो महज कवपकष की हललड़बाजी तक सीकमत होकर रह गई ह सदन को ठपप हए दो सपाह स अकधक समय बीत चका ह तथा सत भी अब समाप होन वाला ह लककन ससद म कामकाज न क बराबर हआ ह इस गकतरोध को दखत हए सततारढ़ भाजपा क वररष नता लालकर षण आडवाणी न नाराजगी जताई ह यही नही आडवाणी जी न ससदीय कायटिमती व लोकसभाधयकष स अपील भी की कक सदन म हलला मचान वाल सासदो को सदन स बाहर कर उनक वतन म कटौती की जानी चाकहए आडवाणी की फटकार क अगल ही कदन राषटपकत परणब मखजटी न भी कवपकषी सासदो को आड़ हाथो लत हए अपील की कक ससद म गकतरोध समाप कर काम शर ककया जाए लककन महामकहम क अपील का भी कोई असर इन कवपकषी माननीयो पर होता हआ नही कदख रहा ह सरकार की तरफ स भी शाकत की तमाम कोकशश की गई मगर लगता ह कक कवपकष सोचकर ही बठा ह कक काम नही बस हगामा करना ह ससद चचाटि का वो मच ह जहा जनता स जड़ मदो और समसयाओ पर हमार दारा चनकर भज गय परकतकनकध सकारातमक चचाटि करत ह और समसयाओ का समाधान खोजत ह लककन अब हमारी ससद स सकारातमकता कवलप होती चली जा रही ह हर मद पर बहस की जगह

हगाम न ल कलया ह कवपकषी दलो को लगता ह कक कवरोध करन का सबस सही तरीका यही ह कक ससद क कायटिवाही को रोक कदया जाय कवपकष को इस तरीक को बदलना होगा उस आम जनता स जड़ी समसयाओ को लकर कवरोध करन का हक ह उस समसयाओ को लकर सरकार को घरन का अकधकार ह ककनत सदन की कायटिवाही को रोकना ककसी भी कसथकत म सही नही ह नोटबदी का फसला जस ही सामन आया कवपकष क रख को दखकर अदाज़ा हो गया था कक ससद तो चलन स रही और हआ भी यही सत शर होन क साथ ही कवपकष न नोटबदी पर चचाटि की माग की सरकार कवपकष की इस माग को सवीकार करत हए चचाटि को राजी भी हो गई ककनत कवपकष हर रोज़ नई शतषो क साथ हाकजर होन लगा पहल कवपकष न कहा कक परधानमती की उपकसथकत होना जररी ह परधानमती भी उपकसथत हो गय तब कवपकष न दसरी चाल चली और मतदान क कनयमानसार चचाटि की कजद पकड़ कर बठ गया समझना आसान ह कक कवपकष की इचछा ससद चलन दन की नही ह और इसीकलए वो रोज नयी-नयी मागो और शतषो क साथ हगामा कर रहा हवस यह कोई पहली बार नही ह कक कवपकष ऐसा रख अकखतयार ककया हो अब तो कमोबश य लगभग हर ससद सत की कहानी बन गई ह य कवपकषी दल शायद यह मानन को तयार ही नही ह कक अभी क दर म एक ऐसी सरकार ह कजस जनता न पणटि बहमत दकर सततारढ़ ककया ह अतः इस जनमत का सममान और सहयोग ककया जाना चाकहए अगर कवपकष को नाराजगी ह असहमकत ह तो वो चचाटि म ताककटि क ढग स उस उठाय लककन ससद को ठपप करन का य जो तरीका उसन अकखतयार ककया ह य कसफटि उस हाकन ही पहचाएगा कवपकषी दलो का य रवया न कवल भारतीय लोकतत क कलए अनकचत ह बकलक खद उनक परकत भी जनता म नकारातमक सनदश परसाररत करन वाला ह व कजतनी जलदी इस बदल ल उतना ही बहतर होगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

ससद ठपप करन की नकारातमकराजनीवत स बाज आय विपकषी दल

आदशष मतवारी

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 31: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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8नवमबर को क दर की मोदी सरकार दारा दश म पाच सौ और एक हजार क नोटो को परकतबकधत कर कदया गया और कफर इनकी जगह पाच सौ और दो हजार क नय नोटो की शरआत

की गई चकक पाच सौ और हजार क परान नोट दश की कल नकदी का ८६ परकतशत थ इसकलए इनका परकतबकधत होना दश की अथटिवयवसथा स लकर आम जनो की घरल आकथटिकी तक को सीध-सीध परभाकवत करन वाला था बको क आग परान नोटो की बदली करन स लकर उनह जमा करन तक क कलए लोगो की कतार लगन लगी और कमोबश अब भी लगी ही ह सवाभाकवक रप स इस कवमदरीकरण की परककरया म लोगो को परशानी हई ह मगर बावजद इसक जमीनी पड़ताल स लकर कवकवध सववकषणो क आकड़ो तक इस कवमदरीकरण पर बहमत म जनता का यही कमज़ाज सामन आ रहा कक यह कनणटिय सही ह और इसम वो सरकार क साथ ह यह सही ह कक कवमदरीकरण एक आकथटिक परककरया ह और जब ककसी भी अथटिवयवसथा म काल धन और नकली नोटो का परवाह अकधक हो जाता ह तब सरकार इस अपनाती ह लककन यह भी एक सचचाई ह कक य कवमदरीकरण अपन आप म थोड़ा अलग और ऐकतहाकसक ह कारण कक इस अतयत गोपनीय ढग स घोकषत ककया गया तथा इसक बाद ज़रा भी समय नही कदया गया कक काला धन रखन वाल अपनी सपकतत को कठकान लगा सक इस गोपनीयता और आककसमकता क कारण लोगो को थोड़ी समसयाए भी हई मगर यही इस कनणटिय का मासटर पच भी ह दश म नकदी क रप म मौजद काल धन का खातमा तो इस कवमदरीकरण का एक पहल ह लककन इसक साथ ही इस भारतीय अथटिवयवसथा को नकदी रकहत अथटिवयवसथा का रप दन की कदशा म भी एक महतवपणटि कदम बताया जा रहा ह हाल ही म नीकत आयोग क मखय कायटिकारी अकधकारी अकमताभ कात न कहा ह कक भारत म महाशकति बनन की ताकत ह और यह ताकत दश क करोड़ो यवाओ क भरोस ह इसक साथ ही उनहोन कहा कक वह कदन दर नही जब भारतीय अथटिवयवसथा नकदी रकहत और पपरलस हो जाएगी नकदी रकहत अथटिवयवसथा की यह उममीद ठीक भी ह कयोकक इस कवमदरीकरण क बाद नकदी क अभाव म लोगो न जयादातर ऑनलाइन खरीद-फरोखत का रख ककया ह एक आकड़ क मताकबक़ इस कनणटिय क बाद दश क ऑनलाइन भगतान म तीन सौ परकतशत तक इजाफा हआ ह साथ ही पटीएम मोकबककवक और फीचाजटि जसी ऑनलाइन पमट कपकनयो क उपयोग म भी भारी वरकदध बताई जा रही ह सरकार न भी इस समबनध म सरकारी-नागररक लन-दन क कलए अपना एक पनल सथाकपत कर कदया ह जो इस समबनध म सरकार की गभीरता का ही एक और उदाहरण ह

इन सब स मोट तौर यह आकलन कनकलता ह कक नोटबदी क बाद दश का वो वगटि जो इनटरनट पर सककरय ह न नकदी क अभाव म ऑनलाइन भगतान की तरफ धयान कदया ह इसी सकत क मदनज़र यह अनमान वयति ककया जा रहा ह कक कवमदरीकरण क इस कनणटिय क बाद दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा की तरफ बढ़ रहा ह उललखनीय होगा कक भारतीय अथटिवयवसथा क सकल घरल उतपाद का लगभग चौदह परकतशत कहससा अभी नकदी क रप म ह आकथटिक कवशषजो का ऐसा मानना ह कक एक अचछी और मजबत अथटिवयवसथा म नकदी की माता पाच परकतशत क नीच होनी चाकहए इस कलहाज स भारतीय अथटिवयवसथा म नकदी की माता बहत अकधक परतीत होती ह यह अमररका और करिटन जसी कवककसत अथटिवयवसथाओ म मौजद नकदी की माता स अकधक ह तो वही जापान जसी कवकासशील अथटिवयवसथा स कम भी ह अब कवततमती अरण जटली की मान तो इस नोटबदी का एक लकय दश की अथटिवयवसथा म स नकदी की माता को कम करना भी ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा म कर चोरी पर लगाम लगगी कजसस काल धन का सगह रकगा जाली नोटो पर भी लगाम लगगी और इन सबक पररणामसवरप दश म समानानतर अथटिवयवसथा की सभावनाए कषीण होगी इसक अलावा जब लोग अपना अकधकाश पसा बको म रखग तो बको की कवततीय कसथकत मजबत होगी और व कवकास की कदशा म कनवश को परोतसाकहत कर सक ग भारतीय रपय की दशा म सधार आन की भी सभावना बनगी इस तरह सपष ह कक नकदी रकहत अथटिवयवसथा क अनक लाभ होग यही कारण ह कक सरकार इस कदशा म आशावान और परयासरत कदख रही ह भारत म नकदी रकहत अथटिवयवसथा की सबस बड़ी चनौती यह ह कक हम अभी तककनकी रप स उस सतर तक नही पहच ह कक इतनी बड़ी आबादी वाल दश को नकदी क कबना सचाकलत कर सक इटरनट की पहच अभी दश क गामीण कषतो म ठीक परकार स नही हो सकी ह एक आकड़ क अनसार अभी दश भर म इटरनट उपभोतिाओ की सखया कल आबादी की चालीस परकतशत ही ह इसम भी कनरतर रप स ऑनलाइन भगतान को लकर सजग लोगो की माता काफी कम ह य वो समसयाए ह नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़न क कलए कजनका कनमटिलन आवशयक ह दश म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क उपयटिति पकषो को दखन क बाद सवाल उठता ह कक य वयवसथा भारत की दकष स ककतनी उपयति ह दरअसल इस वयवसथा क समबनध म कजतनी भी समसयाओ और सकटो का उललख ऊपर ककया गया ह उनम स कोई भी ऐसा नही ह कजसस एक

सिय की िाग ह नकदी रमहत अरथवयिसापीयर मविवदी

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 32: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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करकमक परयास क जररय पार न पाया जा सक उपयटिति अकधकाश समसयाओ स मकति क कलए कसफटि दो ही चीजो की जररत ह ndash दश को समबकधत कषत की तककनकी कषमताओ स यति बनाना और लोगो म नकदी रकहत अथटिवयवसथा क परकत जागरकता का कवकास करना वस भी भारत जस बड़ दश क कलहाज स नकदी रकहत अथटिवयवसथा अतयत आवशयक ह कयोकक यहा कजतनी अकधक नकदी होगी वो समसयाए भी उतनी ही अकधक और जकटल पदा करगी इसकलए नकदी रकहत अथटिवयवसथा की कदशा म बढ़ना ही समय की माग ह अचछी बात य ह कक मौजदा सरकार इस कदशा म गभीर कदख रही

ह और उसस भी अचछा य ह कक दश क बहसखय आम जनमानस म मौजदा सरकार खासकर परधानमती नरदर मोदी की इन नवाचारी पररकलपनाओ और कनणटियो क परकत कवशास दकषगत हो रहा ह लोक का तत क परकत य कवशास व सहयोग बना रह और तत दश क अथटितत को नकदी क मकड़जाल स मति करन क कलए य ही अगर परयासरत रह तो आचियटि नही कक अगल कछ वषषो म ही य दश नकदी रकहत अथटिवयवसथा का कनमाटिण कर लगा

(लखक सवततर नटपपणीकयाि ह उिक निरी नवचयाि ह)

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

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Amit Shahrsquos point that the BJP has been fighting against black money since the days of the Jana Sangh has put many in

the spot especially the Congress which allowed this practice and habit to growDuring a media tecircte-a-tecircte last week BJP president Amit Shah publicly spoke of the need to eradicate the role of black money in electioneering He ar-gued that the demand made by the BJP today is not something new it had been doing so since the days of the Bharatiya Jana Sangh ldquoWhat matters to us and towards which we wish to work is the erad-ication of the role of black money in our electionsrdquo Shah said without mincing wordsNaturally such a stance has put a number of others in a spot mdash one can see the extreme manifesta-tions of their discomfiture through a continuous theatrical performance both inside and outside Parliament The Congress is perhaps the hardest hit with such a stance historically it is one party which has allowed this practice and habit to grow to gargantuan proportions In fact Shah was right when he said that it was during the Congress rule that the nation suffered from the paralysis of black money and the process of demonetisation was a surgery that was required to free the nation from the clutches of such a debilitation It is perhaps after a long hiatus mdash the last ones who spoke passionately on the issue of tack-ling the role of black money in elections was per-haps Jayaprakash Narayan C Rajagopalachari and Nanaji Deshmukh mdash that such a discourse is tak-ing centre-stage and the president of the largest as well as the ruling party is seen talking in no uncer-

tain terms on the need to neutralise this parasitical disease which is silently eating away at the crucial entrails of our democratic polity This in itself is a heartening development and must be welcomed by all those who wish to see a true cleansing and reform of our election system gradually take placeIn fact as early as 1959 writing to one of his private secretaries Rajendra Prasad then President of the Indian Republic had expressed a deep concern of this growing trend of corruption and had hoped that someday someone would have the gump-tion to undertake drastic measures ldquoAre we really walking on mines which may burst any dayrdquo he wrote ldquoI hear that people are freely talking about corruption bribery nepotismhelliprdquo Prasad called for probe and a ldquodrastic remedyrdquo Prasadrsquos colleague and leader Jawahar-lal Nehru however exuded ambivalence when it came to tackling corruption and black money Over 15 years after he became the Prime Minister Nehru astonishingly argued ldquoCorruption ishellip the result of the democratic process and I am a little afraid that as this process grows corruption is go-ing down to the villagesrdquo The authors of an assess-ment of Nehrursquos premiership observe ldquoSurprising-ly Nehrursquos Government found no means to bring to book black-marketeers adulterators and others indulging in dangerous anti-social activities In a democratic set up none expected Nehru to hang every black-marketeer from the nearest lamp-post [as he had once famously pledged to do] but if in West Bengal alone the Congress Government could between 1947-58 jail over ldquoone hundred thousand people connected with the democratic

Tracing history of black moneyPast and present

DR ANIRBAN GANGULY

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movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

35

By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

36

like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

37

In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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38

in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

39

Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

40

Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 34: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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34

movements of different sections of the peoplerdquo the country surely had the right to expect the Prime Minister to be equally ruthless towards corrupt and corrupting menrdquo Towards the end of his life Nehrursquos ambiv-alence towards corruption had aggravated in No-vember 1963 he told his partymen that ldquothe talk of graft and corruption in India is exaggeratedrdquo while the president of his party mdash at that point of time N Sanjeeva Reddy mdash had warned that the ldquoorganisa-tion had lost its prestige because many Congress-men who before independence had been paupers had by now become millionairesrdquo Nehru imme-diately modified his stance adding that ldquounless corruption was rooted out from every walk of life all talk of socialism would be meaninglessrdquo Grad-ually the search for his socialist utopia led to the creation of a cronyism and kickback-based system where hoarding and black economy became the order of the day His daughter did little to cleanse the system and instead reinforced and institu-tionalised the habit of graft and promoted cronies and did much to weaken the democratic system by often subverting the electoral process her de-scendents further perfected that approach As early as 1961 Pandit Deendayal Upadhyaya had spoken of how a section with ill-gotten wealth was being enlisted in elections ldquohellipA number of people are given ticketsrdquo he point-ed out ldquofor no other qualifications than their ca-pacity to spend money These people come in the field at election time and then hibernate for five years in the crowded bustees of Calcutta and Bom-bay They do not come to the people to solicit their votes but to purchase them They do not apply or qualify for the party ticket but purchase it For them no price is too high All that they want is to grease their way to the Parliament For them it is a business dealhelliprdquo

Shahrsquos point that this struggle against black money was not a new found cause by the BJP and that the party has been highlighting the issue of black money since the days of the Jana Sangh bears merit mdash at least activists and leaders with a sense of history will appreciate it Those parties which have in any case lost their sense of history their ideological moorings and have come to rely on the wisdom of imported academics and leaders will scarcely internalise such an allusionIn its first party document released on its found-ing day on October 21 1951 under Syama Prasad Mookerjee the Jana Sangh referred to a ldquohorde of problemsrdquo besetting India both ldquointernal and ex-ternal old and new which instead of nearing solu-tion after independence are daily getting aggravat-edhellipIts production is falling black marketing and profiteering are rampant and charges of corrup-tion and favouritism against the administrationhelliprdquo are growing Jana Sanghrsquos economic resolution lsquoEco-nomic Situation in the Throes of a Holocaustrsquo in its April 1974 session at Ujjain spoke unequivocally on the need to eradicate black money ldquoThe Indian economyrdquo it noted ldquois diseased and present order of privileges licences black money and quotas is suffering from incurable cancer Nothing short of a major overhaul can reverse the unerring descent to disasterrdquo Proffering detailed suggestions the resolution said among other things that ldquoCur-rency should be demonetised to unearth present hordes of black-moneyrdquoWhile the previous ruling dispensation was tight-lipped on this need and rapaciously and routinely indulged in scams Prime Minister Narendra Modi took to serving the bitter brew that would start sweeping the system clean

(The writer is s senior columnist This article was published first in The Pioneer)

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By-Poll Results End gameanti-demonetization crusaders

AJAY KASHYAP

Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

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Ever since the 8th of November 2016 when our Prime Minister announced the demonetization scheme whereby Rs500

and Rs1000 ceased to be legal tender political opponents have taken to the streets claiming it to be a move that is lsquoanti-aam aadmirsquo The likes of Delhi CM Arvind Kejriwal and Bengal CM Mamta Didi have left no stone unturned to throw unsubstantiated and uncorroborated accusations at the Prime Minister Didi going to the extent of saying that ldquoWe will remove PM Modi from politicsrdquo The desperation and worry of these leaders can be clearly seen from such statements One wonders why leaders like Kejriwal who made it into politics after crusading against black money and corruption are not supporting this move which is the most significant and courageous move taken by any Government since Independence against black money After the Demonetization move by-polls were held for four Parliamentary and ten Assembly seats across several states like Assam Arunachal Pradesh West Bengal Tripura Madhya Pradesh Tamil Nadu ndash and one union territory Puducherry In addition to this there were Municipal Council and Nagar Panchayat polls in Maharashtra It was argued by political scientists that these by-polls will be a litmus test for BJP after Demonetization and the results of these polls will be a clear indication whether this move of the Government was indeed lsquoAnti-aamaadmirsquo The results of these polls have come as a surprise to all the critics of PM NarendraModi and his Government In states like Assam Arunachal Pradesh and Madhya Pradesh where BJP was in a direct

contest the party won impressively In Assam not only did the BJP retain the Parliamentary seat vacated by CM Sarbanada Sonowal it also gained an assembly seat which was previously held by the Congress In Arunachal Pradesh wife of Former CM Late KhalikoPul Smt DesinguPul contested on a BJP ticket and won by a handsome margin In Madhya Pradesh the BJP retained the LokSabha and Assembly seats winning them by a healthy margin Although the TMC fared well in the by-polls of Bengal credit must be given to BJP for coming second in one-time Left bastion of Coochbehar and pushing the Forward Bloc to a distant third positionHowever the best results for the BJP came from Maharashtra Elections for Municipal Councils and Nagar Panchayats were held wherein the BJP surged ahead by winning 851 of 3510 seats up from 396 seats in 2011 The Government of Maharashtra this time introduced direct elections for the post of President in 147 Municipal Councils the BJP won 52 of these seats with alliance partner Shiv Sena winning 23 seats BJP seems to have wrested the Western-Maharashtra belt from the NCP and the Congress the stronghold of leaders like Sharad Pawar Prime Minister tweeted post the results ldquoa win for pro-poor amp development politics of BJPrdquo It is true that the common tax paying citizens of our country are happy with this decision of demonetization and content with the Governmentrsquos measures to tackle cash crush However power hungry and scam tainted politicians like lsquoDidirsquo seem to have made up their mind in opposing any and every move of the Modi Government terming it as lsquoAnti-aamaadmirsquo Attention seeking politicians

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

(The writer is a columnist)

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

37

In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

38

in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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39

Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

AJAY KASHYAP

It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

(The writer is a columnist)

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40

Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 36: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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like Delhi CM Kejriwal seem to have forgotten the mandate given by the people of Delhi and keep wasting their time on unnecessary banter on twitter against the PM instead of trying to solve the innumerous issues plaguing the common citizens of Delhi Rahul Gandhi on being asked about the long queues in Banks in one of the interviews said ldquoJanta Kamzor hairdquo what a shame that even after 60 years of Congress rule which was mostly a Gandhi-Nehru family rule the people are still ldquoweakrdquo Little does he realise that as seen by the by-poll results Congress party is on death bed and if he continues his antics we will soon see a lsquoCongress Mukt Bharatrsquo

It is clear by the theatrics of the opposition leaders that there are too many aspirants for the post of Prime Minister in 2019 However a divided opposition is nothing but an asset to BJP and PM Modi Amidst this drama there was some hope and maturity shown by leaders like Bihar CM Nitish Kumar who went public in his support for demonetization All in all one can conclude that the honest tax paying citizen is happy and willing to be inconvenienced for a few weeks for a better future but it is the corrupt and ambitious politicians who are having sleepless nights post November 8th The nation must come together and support this move that will help in combating social evils like corruption black money terrorism and counterfeiting of Indian currency

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

their views on the move of demonetisation In a truly participative exercise a ldquoJan ki Baatrdquo in the true sense Prime Minister Modi reached out to the people directly and asked them to discuss his effort at eradicating black money and corruption through this move The respondents overwhelmingly supported the move saying that it was necessary for comprehensively tackling corruption at various levels and for making the economy robust and resilient in the long run The vast majority of the people of India have this earthy sense of purpose and know when a step is taking in earnest for their well-being This direct outreach has demonstrated the faith that people at large have in the Prime Minister and in his move to cleanse the economy People are willing to put up with inconveniences and roundly support the effort With the Prime Ministerrsquos Office closely monitoring the situation and development the responsiveness of the government to the situation and to suggestions is distinctly visible on the ground leading to positive responses to the challenges Interestingly or ironically those political parties and leaders who have made great capital in the name of fighting corruption and who have in the past periodically called for cleansing public life and earned various sobriquets and laurels are the one who are howling most and loudest against this onslaught on black money and that too in the name of the ldquocommon peoplerdquo Take the case

of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

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It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

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Published ByDr Syama Prasad Mookerjee Research Foundation9 Ashoka Road New Delhi - 110001E-mail officespmrforg Phone 011-23005850Web wwwspmrforg

ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

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Page 37: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

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In a little over 24 hours since he called for a feedback over 5 lakh people responded to PM Narendra Modirsquos call and proffered

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of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee for example she has been rabble rousing the streets of Delhi ever since the announcement of demonetisation was made Ms Banerjee professes to speak up for the ldquocommon peoplerdquo while throwing up her irrational tantrums and ire at the Prime Minister who has himself said that this move was aimed at empowering the marginalised It would be useful to recall that as Chief Minister Mamata Banerjee presided over the Saradha Chit Fund scam a scam of gigantic proportions involving about Rs 2460 crores A number of her political and social associates were involved in the Saradha issue and were in the know The Saradha Chit fund scam left a trail of deaths and robbed the poor of their hard earned savings Ms Banerjee did not take to the streets then choosing to remain silent or distancing herself from it all She did not take out processions in support of the poor or the ldquocommon peoplerdquo in whose name she has built a career in politics Having often cried out against corruption it is strange to see her today vocally oppose a historic move that is aimed at curbing and eventually eradicating the corroding malady of black money Ms Banerjee never issued any statement expressing support or concern for those family whose earning members committed suicide unable to bear the loss of their savings because of the Saradha Scam Even at the level of governance Ms Banerjee has been acutely insensitive to the plight of the tea garden workers Conservative estimates point out that over 70 recorded starvation deaths have already occurred in the tea gardens of north Bengal

Support for Demonetisation is Wide ndash only the Unwise and Unethical Oppose it

DR ANIRBAN GANGULY

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in her tenure and each time she has either chosen to ignore or argue herself and her administration out of it Starvation penury malnutrition and lack of access to medical facilities have led to these deaths and yet despite being in power now for over five years she has done precious little to alleviate the suffering and to improve the status of the tea garden workers The Left Front rule in West Bengal has also been equally disastrous and ldquocommon peoplerdquo have suffered most ndash with the breakdown of rural infrastructure industry healthcare and education While some propagate their concern for the poor because of political reasons or simply because it is fashionable to do so Prime Minister

Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

(The writer is a columnist)

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Demonetisation and the vanishingstone-pelters of Kashmir

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It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

terrorist Burhan Muzaffar Wani the valley was completely shut due to protests sponsored by separatists However within 10 days of the historic and bold move of the Modi Government on demonetisation the valley has sprung back to life The question being asked is Why did the unrest stop all of a sudden after demonetisation It goes on to prove that the stone-pelters were in fact paid for this job and that they owe no allegiance to these separatists who call for a lsquoAzad Kashmirrsquo Class 12th students defied the separatists call for a boycott and around 95 per cent students appeared for their board exams one of the highest seen in recent years These are all poof that the feeling in Kashmir is not what the mainstream Indian media has been projecting Defence Minister Manohar Parrikar had said that these stone-pelters were paid Rs 500 each for targeting the security forces Clearly demonetisation has affected to an extent terror-funding in the valley It remains to be seen how our lsquohuman rightsrsquo activist justify this sudden decline in stone pelting For long these activists who are apologists for terrorists and separatist forces had claimed the Indian state to be the aggressor and supported the cessation of Kashmir from India With protests dying down in the valley it is a clear indication that though all may not be well there is certainly hope for a better future in Kashmir after this courageous move by the Union Government Intelligence sources had in the past pointed out how hundreds of crores of rupees were pumped in and in most cases fake Indian currency was being

used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

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ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

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Modirsquos government has consistently and constantly striven for the empowerment and inclusion of the marginalised In fact its governance and policy focus has been to realise that objectiveProfessing to work for the empowerment and uplift of the poor while opposing policies and efforts that actually ensure their empowerment is not only not ethical politics it is not wise politics either Those who overlook that are in the long run as they say politically rejected or politically deadhellip

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It is no secret that our notorious western neighbour is fuelling tensions in the valley For almost 20 weeks since the killing of

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used by these lsquoangels of azadirsquo to disrupt normal life in Kashmir But the lsquosecularrsquo Governments of the past didnrsquot move an inch to curtail this menace Now that there is a Government which has shown the spine to work against the anti-national forces and try to bring peace to the valley the secularists are unable to stomach this fact However one must understand that all is not well This is a temporary phase and Pakistan will be back at what it does best Therefore the Indian Government and the civil society must use this time to engage with the common Kashmiris recognise their needs and aspirations and try to find solutions Kashmiriyat will prevail if we sit across the table and try to understand each other After all Kashmiris are our people and Kashmir is an integral part of India Pakistan on the other hand will try to deflect the attention of the world community from the atrocities it commits in Gilgit-Baltistan and Balochistan by invoking trouble in Kashmir It is necessary that we utilise this time to educate the young aspirational Kashmiri about our neighbourrsquos evil plans Having said that it is time that we as Indians come together to applaud this decision of the Prime Minister in his fight against anti-national elements black money and corruption Yes there will be inconvenience for today but it is worth the pain as we are seeing a Government that is striving hard to ease the problems of the common man and make India a corruption-free country

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ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943

Page 40: ÏXRbõa:TH : VgLMNT:T Ta?jD - spmrf.org · उदाहरण भर हैं। और ये उदाहरण साकबत करते हैं ककवपक्ष के

विमदरीकरण कालधन पर करारी चोट

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ldquoThe gignatic task of reconstruction cultural social economic and political can be rendered possible thought coordinated efforts of bands of trained and disciplined efforts of bands of trained and disciplined Indians Armed with the knowledge of Indianrsquos past glory and greatness her strength and weakness it is they who can place before their country a programme of work which while loyal to the fundamental traditions of India civilisation will be adapted to the changing conditions of the modern worldrdquo

-Dr Syama Prasad MookerjeeConvocation Address delivered at Gurukul Kangri

Viswavidyalaya Haridwar 1943