3 स 1865-66 म , ज ए.आर. न य ल ड स बत य फक जब तत त व क...

12
www.gradeup.co 1

Upload: others

Post on 07-Apr-2020

22 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

www.gradeup.co

2

परिचय

हमारी पथवी पर 109 स अधिक ततव ह। परतयक ततव को अलग करक उसक भौततक एव रासायतिक गणो का अधययि करिा एक कठिि कायय होगा। इस अधयाय का मखय ववषय ततवो को उिक इलकटरॉतिक ववनयास क आिार पर वयवसथित करिा और फिर उिक भौततक एव रासायतिक गणो का अधययि करिा ह। ततवो क गणिमो को बहतर ढग स समझि क ललए उनह वगय और आवतय म वगीकत फकया गया ह। आवरत सािणी क ववकास का महतव एव सकषिपर इतरहास

सभी परकार क पदािो की मलभत इकाई तततव ह। सि 1800 तक कवल 31 ततव ही जञात ि। आज 105 स अधिक ततव जञात ह। परतयक ततव और उसक यौधगको क गणो को याद रखिा असभव ह। इसललए, ततवो को कछ वगय म बाटि क कई परयास फकए गए ह। इस वगीकरण का उददशय ततवो और उिक यौधगको क रसायिशाथर को आसािी स समझिा ह। ठदमरी आई. मडलीव (1834-1907) ि आवतय सारणी ववकलसत की। सारणी म समाठहत सबिो स, उनहोि उस समय अजञात ततवो की उपसथितत और गणिमो क बार म बताया। आशचययजिक रप स य अिमाि सही साबबत हए। कालानतर म, वगीकरण का आिार परमाण दरवयमाि स हटकर परमाण सखया हो गया। ततवो क आितिक वगीकरण क आिार पर रसायिशाथर का अधययि आसाि हो गया ह। आज फकसी वगय क एक ततव क गणो को जािकर, आप अनय ततवो क गणो का अिमाि लगा सकत ह। वयसकटत को ततवो अिवा उसक यौधगको क सभी गणो को याद रखि की आवशयकता िही ह। वयसकटत को लसिय आवतय सारणी क फकसी आवतय और वगय म ततवो की परववियो को समझि की आवशयकता ह। आवरत सािणी क ववकास का सकषिपर इतरहास

सि 1829 म, डॉबराइिर ि सझाया फक ततवो को तीि वगो (बरक) म वयवसथित फकया जा सकता ह, सजसम बीच वाल ततव का परमाण भार अनय दो ततवो क परमाण भारो का माधय होता ह। हालाफक कवल कछ इलकटरॉि को इि बरक म रखा जा सका।

डॉबिाइनि क तरिक रततव

बरक माधय परमाण भार

लीधियम (7) सोडडयम (23) पोटलशयम (39) (7+ 39)/2 = 23

(Li) (Na) (K)

कसशशयम (40) थरॉसनशयम (87.5) बररयम (137.5) (40 +137.5)/2 = 88.75

(Ca) (Sr) (Ba)

िाथिोरस (31) आसतिक (76) एटीमिी (120) (31 + 120)/2 = 75.5

(P) (As) (Sb)

सशिर (32) सलतियम (79) टशयररयम (127.5) (32+ 137.5)/2 = 79.25

(S) (Se) (Te)

कटलोरीि (35.5) बरोमीि (80) आयोडीि (127) (35.5 + 127)/2 = 81.25

(Cl) (Br) (I)

www.gradeup.co

3

सि 1865-66 म, जॉि ए.आर. नयलडस ि बताया फक जब तततवो को उिक परमाण भारो क बढत करम म वयवसथित फकया गया, तो ठदए गए तततव स आिव तततव क गणो म पहल तततव क गण क साि समािता िी, जस सगीत म आिवा िाद समाि होता ह। उनहोि इस अषटक का तियम कहा िा। हशक तततवो क ललए यह तियम तो सही िा लफकि भारी तततवो क ललए यह असिल रहा। सि 1869 म जमयिी म ज. लिर मयर और रस म ठदमबर आई. मडलीव क थवतर कायय करत हए, तततवो क मधय अधिक ववथतत और उनित सबि ठदया। लिर ि परमाण आयति (परमाण दरवयमाि/आयति) को तततव क परमाण भार क सापकष रखकर एक आरख खीचा। उनहोि तिषकषय तिकाला फक समाि गणिमय रखि वाल तततव आरख म समाि थिाि पर सथित होत ह। मडलीव की आवरत सािणी माचय 1869 म, मडलीव ि तततवो क आवती वगीकरण पर अपिी परलसदि योजिा दी। “यह कहरी ह कक रततवो क गणधमत उनक पिमाण भािो क आवरी फलन होर ह।” मडलीव ि उस समय जञात सभी तततवो को एक कषततज पसकटत म परमाण भारो क बढत करम म वयवसथित फकया। उनहोि कछ अजञात तततवो क ललए सारणी म कछ ररकटत थिाि छोड ठदए और साि ही उिक गणो की भी घोषणा की। आखखरकार इि तततवो को खोज होि पर य तततव आशचययजिक रप स सारणी म सही थिाि पर बि गए। उदाहरण क ललए, मडलीव की वाथतववक आवतय सारणी म दखा जा सकता ह फक सजक (वगय II) और आसतिक (वगय V) क बीच दो थिाि खाली ह। कटयोफक य अजञात तततव बाद म एशयमीतियम और आयरि तिकल, मडलीव ि इिका िाम एका-एशयमीतियम और एका-लसललकॉि रहा िा। जब इि तततवो सजनह आज गललयम (एका-एशयमीतियम) और जमतियम (एका-लसललकि) क िाम स जािा जाता ह, की खोज हई िी, उिक गणिमय तकय पणय रप स सहमत ि।

मडलीव की इका-एलयमीतनयम (गललयम) की भववषयवाणी

गणधमत मडलीव दवािा सन

1871म घोविर एका-एलयमीतनयम (Ea)

गललयम (Ga)

1875 म जञार वरतमान सवीकायत

परमाण दरवयमाि (ए.एम.य.) 68 69.9 69.72

घितव, r/ /g cm-2 5.9 5.94 5.904

दरवणाक, T/K तिमि 303.15 302.78

अमल और कषार म ववलयता

Ea अमल और कषार दोिो म िीर-िीर घल जाएगा

Ga अमल और कषार दोिो म िीर-िीर घलता ह

Ga अमल और कषार दोिो म िीर-िीर घलता ह

ऑकटसाइड का सर Ea2O3 Ga2O3 Ga2O3 ((a और b रप)

ऑकटसाइड का घितव r /g cm-2

5.5 - 6.44 ((a रप) और

5.883 (b रप)

www.gradeup.co

4

सशिट की अलभफकरया Ea2(SO4)3 फिटकरी बिाएगा। गललयम फिटकरी बिाता ह

गललयम फिटकरी बिाता ह, उदाहरण

(NH4)2SO.Ga

(SO).24HO

सशिाइड का तिमायण H2S अिवा (NH4)2S

दवारा Ea2S3 बि जाएगा H2S अिवा (NH4)2S दवारा

Ga2S3 बि जाएगा H2S अिवा (NH4)2S

दवारा Ga2S3 बि जाएगा

कटलोराइड क गणिमय ZnCl2 क साि EaCl3

अधिक ववथिोटक ह ZnCl2 क साि GaCl3

अधिक ववथिोटक ह ZnCl2 क साि GaCl3

अधिक ववथिोटक ह

मडलीव की एका-लसललकन (जमतनयम) की भववषयवाणी

गण

मडलीव दवािा 1871

म घोविर एका-लसललकन

(Es)

जमतनयम (Ge)

बायोशबदिण दवािा 1886 म जञार

वरतमान सवीकायत

परमाण दरवयमाि/ 72 72.32 72.59

घितव, g-cm-3 5.5 5.47 5.35

दरवणाक, T/K High - 1220

ववलशषट ऊषमा कषमता, c/J g-1

0.3051 0.3177 0.3903

आसववक आयति, Vm/

cm3 13 13.22 13.5

रग गहरा गर गर जसा सिद गर जसा सिद

सयोजकता 4 4 4

अमलो और कषारो क साि अलभफकरया

ES पर अमलो का आलशक हमला होगा लफकि यह कषारो क हमलो को रोक लगा

Ge ि तो HCL म और ि ही NaOH म घलता ह, पर सानदर NaOH म घल

जाता ह

Ge ि तो HCL म और ि ही NaOH म घलता ह, पर

सानदर NaOH म घल जाता ह

टराएधिल वयतपनि का कटवििाक, T/K

433 433 458-460

डाइऑकटसाइड का घितव,

/g cm-3 4.7 4.7 4.2

टराकटलोराइड का घितव , /g cm-3

1.9 1.887 1.844

टरोकटलोराइड का कटवििाक, T/K

373 359 357

www.gradeup.co

5

आधतनक आवरत सािणी एव आवरत सािणी का वरतमान सवरप

आितिक आवती तियम क अिसार, रततवो औि उनक यौगगको क गणधमत उनक पिमाण करमाको क आवरी फलन होर ह। अरः, आधतनक आवरत सािणी म, परमाण करमाक (जो फक िालभक क आवश क बराबर होता ह) को तततवो क वगीकरण का आिार मािा गया ह। आवरत सािणी का वरतमान रप

आवतय सारणी क कई रप ह। सबस लोकवपरय रप दीघय आवतय सारणी ह। इस सारणी म सात कषततज पसकटतया ह, सजनह आवतय कहत ह। परतयक आवतय एक िई मखय कटवाटम सखया n स शर होती ह, और इलकटरॉि आफबाऊ तियम क अिसार ककषको म भर जात ह। पहल आवतय म दो तततव ह, हाइडरोजि (1s1), और हीललयम (1s2)

और परिम कोश (K) पणय भरा होता ह। दसरा आवतय n = 2 स शर होता ह, और इसम आि तततव ह। इसकी शरआत लीधियम (2s1) स होती ह और यह तिऑि (2s2p6) पर समापत होती ह और इस तरह स दसरा कोष (L) पणय भरता ह। तीसर आवतय (n = 3) म, M कोष भरिा शर हो जाता ह, और इसम भी आि तततव ह। इसकी शरआत सोडडयम (3s1) स होती ह और यह आगयि (3s23p6) पर पणय होता ह। रततवो क पिमाण करमाको औि तनमन अवसथा क इलकटरॉतनक ववनयास क साथ दीघत आवरत सािणी (आई.य.पी.ए.सी., 1984 क नवीनरम सझावो क अनसाि) दसर आवतय क ववपरीत, तीसर आवतय म तततव बाहय ककषा म पणयतः भर िही होत ह, और 3d उपकोश क ककषक खाली रहत ह। व तततव सजिम s उपकोश भरा होता ह s-बलॉक क तततव कहत ह और जो तततव सजिका p उपकोश भरा होता ह उनह p बलॉक क तततव कहत ह। चौि आवतय (n = 4) म N कोश पोटलशयम (4s1) क साि भरिा शर हो जाता ह और फकरपटॉि (4s24p6) क साि पणय भर जाता ह। इसम तीसर आवतय स 10 तततव अधिक अिायत 18 तततव ह। इसी कारण स 3d ककषक म इलकटरॉि 4s ककषक क बाद भर जात ह लफकि 4p ककषक स पहल भरत ह। 21Sc 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d1 4s2

22Ti 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d2 4s2

.

.

.

.

.

.

30Zn 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s2

व तततव सजिक d ककषक भर होत ह d बलॉक क तततव कहलात ह। चौि आवतय क d बलॉक क तततव म, M कोश 18 इलकटरॉिो क भर जाि तक भरती ह। इसी परकार, पाचव आवतय (n = 5) म 18 तततव ह। यह रबबडडयम (5s1) स शर होता ह और सििॉि (5s25p6) पर समापत होता ह। छहव आवतय (n = 6) म 32 तततव ह सजसम इलकटरॉि 6s, 4f, 5d और 6p करम स ककषको म परवश करत ह। इसम परारभ म दो तततव (Cs और Ba) ह सजसक बाद लिािम (La) ह सजसम आखखरी स पहल वाला कोश भरिा शर होता ह। लफकि इसक िीक बाद हमार पास 14 तततव (58Ce स 71Lu) ह, सजसम 4f ककषक भरि की परफकरया म रहत ह। फिर (72Hf स 80Hg तक) 5d ककषक भर जात ह और आखखर म आवतय छह p बलॉक तततवो (81Tl स 86Rn तक) पर समापत होता ह। सातव आवतय (n = 7) म दो s बलॉक तततव (87Fr और 88Ra) ह, सजसक बाद d बलॉक क तततव एकटटीतियम (89Ac) और 14f बलॉक क तततव (90Th स 103Lr) आत ह, और पिः d बलॉक क तततवो (Z = 104 स 107) पर समापत होता ह। यह एक अपणय आवतय ह। आवतय सारणी म उधवायिर थतभ को वगय अिवा तततवो का पररवार कहत ह। िवीितम आई.य.पी.ए.सी (इटरिशिल यतियि ऑफ पयोर एड एपलाइड कलमथरी) की लसफाररशो क अिसार, वगय को 1 स 18 तक सखया दी जाती ह।

www.gradeup.co

6

रततवो क परकाि तततवो को उिक इलकटरॉतिक ववनयास क आिार पर चार परकारो म बाटा जा सकता ह (सारणी 5.4)। जोफक तिमि ह:

1. आदशत गस

2. तनरपक रततव या मखय वगत क रततव (s एव p बलॉक क रततव) 3. सकरमण रततव (d बलॉक क रततव) 4. आररिक सकरमण रततव (f-बलॉक क रततव)

आदशत गस

आदशय गस आवतय सारणी क वगय 18 म आती ह। समह क पहल तततव हीललयम (सजसका इलकटरॉतिक ववनयास 1s2 ह) को छोडकर अनय सभी तततव जस तियॉि, आगयि, फकरपटॉि, सििॉि और रडॉि क सबस बाहरी कोष का इलकटरॉतिक ववनयास ns2np6 होता ह। इि तततवो म इलकटरॉिो क थिायी वयवथिा क कारण य बहत कम रासायतिक सफकरयता परदलशयत करत ह। तनरपक रततव या मखय वगत क रततव

वगय 1 (कषारीय िातए Li...Fr) स सबधित तततव सजिकी सबस बाहरी ककषा का इलकटरॉतिक ववनयास ns1 ह और वगय 2 (कषारीय मदा िातए Be ... Ra) स सबधित तततव सजिकी सबस बाहरी ककषा का इलकटरॉतिक ववनयास ns2

ह, इनह s बलॉक म रखा गया ह। वगय 13 स 17 तक क तततव (बाहयतम इलकटरॉतिक ववनयास ns2 np1 स ns2

np5 क मधय ह) आवतय सारणी क p बलॉक क तततव ह। s और p बलॉक क तततवो को सयकटत रप स तिरपक तततव कहत ह। तिरपक तततवो क परतयक आवतय की समासपत पर आदशय गस ह, इनह भी तिरपक तततवो क साि रखा गया ह। इि तततवो का रसायिशाथर सयोजी कोश (सबस बाहय कोश) म सथित इलकटरॉिो की सखया पर तिभयर करता ह। समह 1 और 2 क ललए, वगय सखया सयोजी इलकटरॉिो की सखया परदलशयत करती ह। वगय 13 स 17 क ललए उस वगय सखया स 10 घटाि पर सयोजी इलकटरॉिो की सखया जञात की जा सकती ह। सकरमण रततव

आवतय सारणी क मधय म वगय 3 स 12 तक क तततव, सजिक बाहरी कोष का इलकटरॉतिक ववनयास (n-1)d1-

10ns1-2 ह, आवतय सारणी क d बलॉक क तततव ह और इसललए य सकरमण तततव कहलात ह। इि तततवो म सगत 3d, 4d अिवा 5d ककषको क भरि क साि n का माि 4, 5 व 6 हो सकता ह। य सभी िातए ह और ववलभनि आकटसाइड अवथिा, रगीि आयिो एव ससममशरणो क तिमायण क ललए ववलशषट ह। आररिक सकरमण रततव

आवतय सारणी क आखखरी म, दो पसकटतया ह सजिम पहली पसकटत लििाइड शरणी (z = 58 स 71) और दसरी पसकटत एसकटटिाइड शरणी (Z = 90 स 107) ह सजसम करमशः 4f और 5f ककषक अपणय ह। इिम (n-1)d ककषक भी अपणय ह और इसललए इिक बाहय कोष का इलकटरॉतिक ववनयास (n-2)f1-14(n-1)d0-10 ns2 ह। चफक इि परतयक शरणी म, एक आतररक f इलकटरॉि परतयक तततव स जडता ह, तततवो की दो शरखणयो को f बलॉक क तततव अिवा आतररक सकरमण तततव कहत ह। इिम स, लििाइड और एकटटीिाइड समाि गणिमय परदलशयत करत ह। दोिो शरखणयो क तततव िात ह। इस आवती वगीकरण क माधयम स हम तततवो और उिक यौधगको क अधययि को वयवसथित बिा सकत ह। ऐसा दखा गया ह फक तततवो क इलकटरॉतिक ववनयासो का तततवो क भौततक एव रासायतिक गणो स परतयकष अिवा अपरतयकष सबि ह। इस वगीकरण स हम तततवो क गणो और उिक सामानय वयवहार म आवततयता क कारण को समझ सकत ह। रततवो क गणधमो क आवरी लिण

www.gradeup.co

7

आितिक आवती तियम क अिसार, तततवो को उिक परमाण करमाक क बढत करम म वयवसथित करि पर ववशष अतराल अिवा आवतय बाद तततवो क गणिमो म पिराववि होती ह। फकसी आवतय म, परमाण करमाक बढि स सयोजक इलकटरॉिो की सखया म वदधि होती ह। फकसी वगय म सबस बाहरी कोश म समाि इलकटरॉतिक ववनयास पिः आता ह। इसललए, एक वगय क गणिमय समाि होत ह। दीघय आवतय सारणी म, व तततव सजिक बाहय इलकटरॉिो की सखया समाि होती ह, समाि वगय म आत ह। इसक अततररकटत, समह म तततवो क गणो म एक वदधि होती ह। उदाहरण क ललए, वगय 1 क सभी सदथयो क सबस बाहरी कोश म एक इलकटरॉि ह। इि तततवो क गणिमय आपस म समाि ह। इसी परकार F, Cl, Br और I क बाहरी कोश म सात इलकटरॉि ह और इसललए य भी रासायतिक रप स समाि गणिमय रखत ह। वगय 18 क सदथयो क सबस बाहरी कोश म 8 इलकटरॉि (हीललयम को छोडकर) होत ह। सभी आदशय गस क गणिमय समाि ह। अब हम तततवो क कछ गणिमो म आवती लकषणो पर चचाय करग। घनतव, दरवणाक औि कटवथनाक

आवतय सारणी म फकसी वगय म घितव, दरवणाक और कटवििाक जस गणो म भी पररवतयि ठदखाई दता ह, हालाफक यह बहत तियलमत िही होता ह। तिरपक तततवो क आवतय म, आवतय म दाए जाि पर घितव बढता ह और मधय म कही पर अधिकतम हो जाता ह। दरवणाक और कटवििाक भी बढकर कही मधय म अधिकतम हो जात ह, और उसक बाद घटि लगत ह। आयनन ऊजात यह ऊजाय फकसी तततव की ववलधगत, उदासीि गसीय अवथिा स एक इलकटरॉि को तिकालि क ललए आवशयक ऊजाय की मारा ह सजसक िलथवरप ििातमक आयि का तिमायण होता ह। M(g) + ऊजाय ------> M+(g) + e-

उदाहरण क ललए, Li(g) + 520 फकलोजल मोल-1 ------> Li+(g) + e-

इस परकार, लीधियम की परिम आयिि ऊजाय 520 फकलोजल मोल-1 ह। यठद एक इलकटरॉि को और तिकाला जाए, तो और अधिक ऊजाय की आवशयकता होगी, सजस दववतीय आयिि ऊजाय कहत ह। Li+ + 7297 फकलोजल मोल-1 -------> Li2+ + e-

इस तथय क कारण फकसी ििावलशत परमाण स इलकटरॉि को बाहर तिकालिा अधिक कठिि होता ह। इस परकार, फकसी तततव की आयिि ऊजाय का करमशः माि बढता जाता ह। तिमि आकतत कछ तततवो की उिक परमाण करमाको क सापकष परिम आयिि ऊजाय का आरख परदलशयत करती ह। आरख म कछ बात थपषट ठदखाई दती ह।

1. आदशय गस अपि अतयधिक थिायी ववनयास क कारण सबस दाए फकिार सथित ह। 2. कषारीय िातओ की आयिि ऊजाय तिमितम होती ह इसललए व अतयधिक सफकरय होत ह।

www.gradeup.co

8

3. सामानयतः आवतय म (Li स Ne तक) माि बढता ह। यह िालभकीय आवश क बढि क कारण होता बढता ह और इलकटरॉि िालभक क आकषयण बल क कारण अधिक मिबती स बि होत ह। 4. वगय म (Li स Cs तक) िीच जाि पर आयिि ऊजाय कम मारा म बढती ह। इसका कारण यह ह फक बाहरी इलकटरॉि को तिकालिा िोडा आसाि होता जाता ह। अपवाद Ionisation Be> Ionisation B: परवश परभाव क कारण बररलियम की आयनीकरण ऊराा बोरॉन क आयनाइरशन

ऊराा स अधिक होती ह। Be = 1s2 2s2 & B = 1s2 2s2 2p1 S ककषीय नालभक क अधिक करीब ह और इसलिए अधिक ऊराा की आवशयकता होती ह! Ionisation N> Ionisation O: O = 1s2 2s2 2p4 & N = 1s2 2s2 2p3 नाइटरोरन का आयनाइरशन

ऊराा परी तरह स आि भर और सथिर इिकटटरॉन ववनयास क कारण ऑकटसीरन क आयनाइरशन ऊराा स अधिक ह। आवतय सारणी क सापकष आयिीकरण ऊजाय क सामानय लकषण को आकतत म ठदखाया जा सकता ह। आयिीकरण ऊजाय को या तो तिरावलशत िललका ववधि अिवा थपकटरोथकोवपक ववधि दवारा जञात कर सकत ह। इलकटरॉन बधरा इलकटरॉि बिता वह ऊजाय ह जो गसीय अवथिा म फकसी ववलधगत परमाण स एक इलकटरॉि जोडि पर मकटत होती ह। उदाहरण क ललए,

X(g) + e- ------> X-(g) + ऊजाय (जहा X = F, ऊजाय 328 फकलोजल मोल; X = Cl, ऊजाय = 349 फकलोजल मोल; X = Br, ऊजाय = 324

फकलोजल मोल; X = I, ऊजाय= 295 फकलोजल मोल). हलोजि (वगय 17 का तततव) थिायी आदशय गस ववनयास परापत करि क ललए एक इलकटरॉि ल सकता ह। इसललए इिकी इलकटरॉि बिता का माि बहत अधिक होता ह। जब हम आवतय म दाए ओर जात ह, तो इलकटरॉि बिता बढती ह, और वगय म िीच जाि पर यह घटती ह। फकसी तततव की इलकटरॉि बिता को सामानयतः अपरतयकष रप स ऊषमागततकी आकडो स जञात की जा सकती ह। यदयवप सभी तततवो की इलकटरॉि बिता जञात िही हई ह, आवतय सारणी म कछ तततवो की इलकटरॉि बिताओ म तिमिललखखत चलि थपषट ह। सामानयतः वगय म िीच जाि पर इलकटरॉि बिता का माि घटता ह। यह वगय म िीच जाि पर परमाण का आकार बढि स समझा जा सकता ह। परमाण का आकार बढि क कारण, इलकटरॉिो क ललए परभावी िालभकीय आकषयण म कमी आती ह। पररणामथवरप, परमाण करमाक बढि क साि अततररकटत इलकटरॉिो को आकवषयत करि की परववि घट जाती ह। इस आकतत म, हलोजि की इलकटरॉि बिता को परमाण सखया क सापकष िापा गया ह। उशलखिीय ह फक अपकषा क ववपरीत, फलोरीि की इलकटरॉि बिता कटलोरीि स कम ह कटयोफक फलोरीि परमाण का आकार छोटा होि क कारण इसका इलकटरॉतिक कोश बहत सकधचत होता ह। फलोरीि क सकचि क पररणामथवरप जब कभी इलकटरॉि क 2p ककषको म परवश करि पर इलकटरॉि-इलकटरॉि परततकषयण होता ह। कटलोरीि परमाण म, 3p ककषक फलोरीि परमाण म 2p ककषको क समाि अधिक सकधचत िही होत ह। कटलोरीि परमाण कमजोर इलकटरॉि-इलकटरॉि परततकषयण क कारण, आि वाल इलकटरॉि को जशदी स थवीकार कर लता ह। इसललए कटलोरीि की इलकटरॉि बिता का माि फलोरीि स जयादा होता ह। आदशय गस की सथितत म, बाहरी s और p ककषक पणय भर होत ह। इि ककषको म अततररकटत इलकटरॉिो को रखा िही जा सकता ह। इसललए, आदशय गसो म इलकटरॉि थवीकार करि की परववि िही पायी जाती ह। इिकी इलकटरॉि बिता शनय होती ह।

www.gradeup.co

9

फकसी आवतय म बाए स दाए जाि पर इलकटरॉि बिता सामानयतः बढती जाती ह। यह िालभकीय आवश क बढि क कारण होता ह, सजसस इलकटरॉि अधिक आकवषयत होत ह। उदाहरण क ललए दसर आवतय म, फलोरीि की इलकटरॉि बिता का माि अधिकतम ह। दववतीय इलकटरॉि बिता स आशय फकसी ऋणायि को इलकटरॉि हथतातररत करि की परफकरया स ह। उदाहरण क ललए,

O-(g) + e- -----> O2-(g)

चफक एक ऋणायि (O-) और इलकटरॉि एक दसर को परततकवषयत करत ह, अतः इस परफकरया म ऊजाय मकटत होि क थिाि पर उसकी िररत होगी इसललए सभी दववतीय इलकटरॉि बिताए ऋणातमक होती ह। ववदयर ऋणातमकरा परमाण क रासायतिक यौधगक म सहसयोजक आबि क इलकटरॉतिक यगम को अपिी ओर आकवषयत करि की योगयता की गणातमक माप ववदयत ऋणातमकता ह। अतः यह फकसी अण म परमाण की इलकटरॉि को आकवषयत करि की योगयता की माप ह। सामानयतः आवतय म बाए स दाए तिा वगय म ऊपर स िीच जाि पर ववदयत ऋणातमकता का माि बढता ह। सबस अधिक ववदयत ऋणातमक तततव (फलोरीि) (आदशय गस को छोडकर) आवतय सारणी क ऊपरी दाए कोि पर पाया जाता ह। सबस कम ववदयत ऋणातमक तततव (सीसियम) सारणी क तिचल बाए कोि म पाया जाता ह। जब दर सथित लभनि ववदयत ऋणातमक तततव लमलत ह, तो एक आयतिक यौधगक बिता ह। अिातओ क ववदयत ऋणातमक माि म अधिक अतर िही होता ह। अिातओ क मधय तिलमयत बि कछ धरवीय गण क साि अतिवायय रप स सहसयोजी परकतत का होता ह। ववदयत ऋणातमक अतर सहसयोजी बि की धरवीयता की माप का सकत दता ह। यठद अतर शनय या बहत कम ह, तो समाि या लगभग समाि इलकटरॉि यगम का एक अतिवायय रप स अधरवीय बि मािा जा सकता ह। ववदयत ऋणातमकता का अतर सजतिा अधिक होगा, सहसयोजक बि उतिा ही अधिक धरवीय होगा। यह बि अधिक ववदयत ऋणातमकता वाल परमाण की ओर धरववत हो जाता ह। पिमाण तरिजया: िालभक और बाहयतम कोश सजसम इलकटरॉि कटलाउड होत ह, क बीच की दरी को परमाण बरजया कहत ह।

सामानयतः, आवतय सारणी म फकसी आवतय क बाए स दाए जाि पर परमाण बरजया घटती ह। इसका कारण िालभकीय आवश क बढि क साि समाि कोश म इलकटरॉिो का जडिा ह। वही दसरी ओर, आवतय सारणी म वगय म ऊपर स िीच जाि पर परमाण बरजया का माि बढता ह। इसक पीछ कारण कोशो की सखया म वदधि ह। हालाफक िालभकीय आवश भी बढता ह, एक िए कोश को जोडि का परभाव बहत बडा होता ह और यह बढ हए िालभकीय आवश क परभाव को कम कर दता ह।

www.gradeup.co

10

कषारीय िातओ (वगय 1) और हलोजि (वगय 17) क ललए परमाण करमाको क साि परमाण बरजया म ववलभनिता आयनी तरिजया: यह फकसी तततव क िालभक और उसका अपि इलकटरॉि कटलाउड म अततम परभाव बबनद क बीच की दरी ह। सामानयतः ििायिो की बरजया उदासीि परमाण स छोटी होती ह, जबफक ऋणायिो की बरजया उदासीि परमाण स बडी होती ह। यहा याद रखि योगय एक महतवपणय बबद ह फक समाि इलकटरॉि सखया वाल आयि को सम इलकटरॉतिक थपीशीि कहत ह। (उदाहरण S2- K+ Ca2+Cl-).

सयोजकरा आवतय सारणी म एक ववशष वगय म फकसी तततव की सथितत स उसकी सयोजकता का अिमाि लगाया जा सकता ह। फकसी तततव की सयोजकता को परायः सबस बाहरी कोश म इलकटरॉिो की सखया स अिवा सबस बाहरी इलकटरॉिो की सखया को आि स घटाकर परापत करत ह। उदाहरण क ललए, कषारीय िातओ (वगय 1) सजिकी बाहयतम ककषा म एक इलकटरॉि होता ह, एक सयोजी होत ह, कषारीय मदा िातओ (वगय 2) की बाहयतम ककषा म दो इलकटरॉि होत ह, इसललए य दववसयोजी होती ह। हालाफक इस तियम क कछ अपवाद ह।

तततवो क यौधगको क सरो दवारा परदलशयत सयोजकता म आवती लकषण

परतयक वगय क परिम तततव जस लीधियम, बरीललयम और बोराि अपि वगय क अनय तततवो स कािी तरह स लभनि ह। उदाहरण क ललए, लीधियम का वयवहार मगिीलशयम क कािी समाि ह। आवतय सारणी म ववकणयतः रख गए फकनही ववशष तततव क गणिमो म इस परकार की समािता को ववकणय सबि कहत ह। आवतय सारणी म िीच जाि पर ववकणय सबि का कारण ववलभनि गणिमो म लकषणो की ठदशा ह। ककसी रततव क बहर स िासायतनक गण पिमाण क आकाि स सबगधर होर ह।

www.gradeup.co

11

तततवो क असगत गण का कारण उिका छोटा आकार, अधिक आवश/बरजया अिपात और उचच ववदयत ऋणातमकता ह। सािाश

याद िखन योगय तरबद: मडलीव की आवतय सारणी तततवो क परमाण दरवयमािो पर आिाररत िी। आितिक आवतय सारणी को मोिल ि तततवो क गणिमो को उिक परमाण करमाको का आवती िलि बताकर परततपाठदत फकया िा। आितिक आवतय सारणी क आिार पर तततवो को s, p (तिरपक तततव), d (सकरमण तततव) और f (आतररक सकरमण तततव) म वगीकत कर सकत ह। यरतियम क बाद क तततवो को परा यरतिक तततव कहत ह। आयिीकरण ऊजाय, इलकटरॉि गरहण ऊजाय, ववदयत ऋणातमकता कछ आवती गणिमय ह जो वगय म िीच जाि पर तिरतर कम होत जात ह और आवतय म बाए स दाए जाि पर बढत जात ह। परमाण और आयिी बरजया आवती गणिमय ह जो वगय म िीच जाि पर बढत ह और आवतय म दाए ओर जाि पर घटत ह। आितिक आवतय सारणी क अिसार, बबलकल बाए फकिार क तततव कषारीय ऑकटसाइड बिात ह, दाए फकिार क तततव अमलीय ऑकटसाइड बिात ह और मधय क तततव उभयिमी अिवा उदासीि ऑकटसाइड बिात ह।

***