॥ शर्ी गणेशाय नमःस म न य ववरण जन म दन क...

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॥ ी गणेशाय नमः ॥ िनिमत जपिका JAGADISH DEBNATH 13/2/2000 3:15 PM Howrah Railway Station, Howrah, West Bengal, India

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  • ॥ शर्ी गणेशाय नमः ॥

    िनिमर्त

    जन्मपितर्काJAGADISH DEBNATH13/2/2000 3:15 PM

    Howrah Railway Station, Howrah, West Bengal, India

  • सामान्य िववरणसामान्य िववरण

    जन्मिदनांक 13/2/2000

    जन्मसमय 15:15

    जन्मस्थान

    Howrah Railway Station, Howrah, WestBengal, India

    अक्षांश 22 N 34

    देशांतर 88 E 20

    समयक्षेतर् 5.5

    अयनांश

    सूयोर्दय 6:10:17

    सूयार्स्त 17:31:43

    घात चकर्घात चकर्

    महीना पौष

    ितिथ 2,7,12

    िदन बुधवार

    नक्षतर् अनुराधा

    योग व्याघात

    करण नाग

    पर्हर 1

    चंदर् 12

    पंचांग िववरणपंचांग िववरण

    ितिथ शुक्ल -अष्टमी

    योग इंदर्

    नक्षतर् कृितका

    करण बावा

    ज्योितषीय िववरणज्योितषीय िववरण

    वणर् वैश्य

    वश्य चतुष्पद

    योिन मेष

    गण राक्षस

    नाड़ी अंत्य

    जन्म रािश वृष

    रािश स्वामी शुकर्

    नक्षतर् कृितका

    नक्षतर् स्वामी सूयर्

    चरण 3

    युञ्जा पूवार्

    तत्त्व पृथ्वी

    नामाक्षर ऊ

    पाया लोहा

    लग्न ककर्

    लग्न स्वामी चन्दर्

    सामान्य कुंडली िववरण

    2 ratnajyoti.com

  • गर्ह वकर्ी जन्म रािश अंश रािश स्वामी नक्षतर् नक्षतर् स्वामी भाव

    सूयर् -- कुम्भ 00:08:15 शिन धिनष्ठा मंगल आठवाँ

    चन्दर् -- वृष 05:46:34 शुकर् कृितका सूयर् ग्यारहवाँ

    मंगल -- मीन 07:11:00 गुरु उत्तर भादर्पद शिन नौवां

    बुध -- कुम्भ 18:07:29 शिन शतिभसा राहु आठवाँ

    गुरु -- मेष 05:54:12 मंगल अिश्वनी केतु दसवां

    शुकर् -- मकर 00:14:10 शिन उत्तर षाढ़ा सूयर् सातवाँ

    शिन -- मेष 17:23:06 मंगल भरणी शुकर् दसवां

    राहु हाँ ककर् 08:54:49 चन्दर् पुष्य शिन पहला

    केतु हाँ मकर 08:54:49 शिन उत्तर षाढ़ा सूयर् सातवाँ

    लग्न -- ककर् 00:49:43 चन्दर् पुनवर्सु गुरु पहला

    सम

    हािनपर्द

    हािनपर्द

    सूयर्सूयर्कुम्भधिनष्ठा

    बुधबुधकुम्भशतिभसा

    शिनशिनमेषभरणी

    सम

    लाभपर्द

    --

    चन्दर्चन्दर्वृषकृितका

    गुरुगुरुमेषअिश्वनी

    राहराहुुककर्पुष्य

    योगकारक

    हािनपर्द

    --

    मंगलमंगलमीनउत्तर भादर्पद

    शुकर्शुकर्मकरउत्तर षाढ़ा

    ककेेततुुमकरउत्तर षाढ़ा

    गर्ह िस्थित

    3 ratnajyoti.com

  • लग्न कलग्न कुुंंडलीडली

    गु श

    रा ASC शु के

    चं मं

    सू

    बुव्यिक्त के जन्म के समय आकाश में पूवीर् िक्षितज जो रािश उिदत होती

    है, उसे ही उसके लग्न की संज्ञा दी जाती है। जन्म कुण्डली में 12 भाव

    होते है। इन 12 भावों में से पर्थम भाव को लग्न कहा जाता है। कुण्डली

    में अन्य सभी भावों की तुलना में लग्न को सबसे अिधक महत्व पूणर्

    माना जाता है। लग्न भाव बालक के स्वभाव, रुिच, िवशेषताओ और

    चिरतर् के गुणों को पर्कट करता है।

    गु श

    रा शु के

    चं

    ASC

    मं

    सू

    बु

    चंदर् कचंदर् कुुंंडलीडली

    ASC

    सू

    शु

    गुबु

    के

    मं

    रा

    चं

    नवमांश कनवमांश कुुंंडलीडली

    लग्न कुंडली के बाद िजस रािश में चंदर्मा होता है उसे लग्न मानकर एक और कुंडली का

    िनमार्ण होता है जो चन्दर् कुंडली कहलाती है। चंदर् कुंडली का भी फिलत ज्योितष में लग्न

    कुंडली िजतना ही महत्त्व है। लग्न शरीर, तो चंदर् मन का कारक है और वे एक दूसरे के

    पूरक हैं।

    नवांश कुण्डली को नौ भागों में बांटा जाता है, िजसके आधार पर जन्म कुण्डली का

    िववेचन होता है। नवांश कुण्डली में यिद गर्ह अच्छी िस्थित या उच्च के हों तो वगोर्त्तम की

    िस्थत उत्पन्न होती है और व्यिक्त शारीिरक व आित्मक रुप से स्वस्थ हो शुभ दायक िस्थित

    को पाता है।

    जन्म कुंडली

    4 ratnajyoti.com

  • लग्न - 00:4लग्न - 00:49:49:433 दशम भाव मध्य - 2दशम भाव मध्य - 244:55:4:55:477

    भाव जन्म रािश भाव मध्य जन्म रािश भाव संिध

    1 ककर् 00:49:43 ककर् 14:50:44

    2 ककर् 28:51:44 िसंह 12:52:45

    3 िसंह 26:53:45 कन्या 10:54:46

    4 कन्या 24:55:47 तुला 10:54:46

    5 तुला 26:53:45 वृिश्चक 12:52:45

    6 वृिश्चक 28:51:44 धनु 14:50:44

    7 मकर 00:49:43 मकर 14:50:44

    8 मकर 28:51:44 कुम्भ 12:52:45

    9 कुम्भ 26:53:45 मीन 10:54:46

    10 मीन 24:55:47 मेष 10:54:46

    11 मेष 26:53:45 वृष 12:52:45

    12 वृष 28:51:44 िमथुन 14:50:44

    चिलत कचिलत कुुंंडलीडली

    चं

    गु श

    रा ASC

    शु के

    मं

    बु

    सू

    लग्न कुंडली का शोधन चिलत कुंडली है, अंतर िसफर् इतना है िक लग्न

    कुंडली यह दशार्ती है िक जन्म के समय क्या लग्न है और सभी गर्ह िकस

    रािश में िवचरण कर रहे हैं और चिलत से यह स्पष्ट होता है िक जन्म

    समय िकस भाव में कौन सी रािश का पर्भाव है और िकस भाव पर

    कौन सा गर्ह पर्भाव डाल रहा है।

    भाव सिन्ध

    5 ratnajyoti.com

  • सूयर् कसूयर् कुुंंडलीडली

    गु श

    रा शु के

    चं मं

    सू

    बु

    ASC

    शरीर, स्वास्थ्य, रचना

    होरा कहोरा कुुंंडलीडली

    ASCCancer

    चं मं

    बु

    शु

    रा

    के

    Leo

    सू

    गु

    िवत्त , धन -सम्पदा, समृिद्ध

    दर्देर्षे्काण कष्काण कुुंंडलीडली

    गु

    रा ASC शु के

    चंबु

    मं

    सू

    भाई बहन

    चतुथार्ंश कचतुथार्ंश कुुंंडलीडली

    गु के

    ASC

    श रा

    शु

    चं

    बु

    मं

    सू

    भाग्य

    पंचमांश कपंचमांश कुुंंडलीडली

    गु

    ASC शु

    मं

    सू

    रा

    चं

    बु

    के

    आध्याित्मकता

    सप्तमांश कसप्तमांश कुुंंडलीडली

    शु

    मं

    ASC

    गु

    चं

    बु

    रा

    के

    सू

    सन्तान

    अष्टमांश कअष्टमांश कुुंंडलीडली

    गु शु

    श रा

    के ASC

    सू

    चं

    बु

    मं

    आयु

    दशमांश कदशमांश कुुंंडलीडली

    मं

    गु

    रा

    केबु

    ASC

    शु

    सू

    चं

    व्यवसाय, जीवनयापन

    द्वादशांश कद्वादशांश कुुंंडलीडली

    के

    चं ASC

    श रा

    शु

    मंगु

    बु

    सू

    माता-िपता, पैतृक सुख

    वगर् कुंडली

    6 ratnajyoti.com

  • षोडशांश कषोडशांश कुुंंडलीडली

    शु ASC

    गु श

    बु

    चंसू

    राके

    मं

    सुख, दुख, वाहन

    िवशमांश किवशमांश कुुंंडलीडली

    शु ASC

    गु

    सू

    मं

    बु

    चं

    रा

    के

    आध्याित्मक पर्गित एवं पूजा पाठ

    चतुिवर्शांश कचतुिवर्शांश कुुंंडलीडली

    शु ASC

    बु

    मं

    गुचंसू

    रा

    के

    शैक्षिणक उपलिब्ध, िशक्षा

    भांष कभांष कुुंंडलीडली

    मं

    शु श

    सू

    ASC

    चं

    के

    गु

    रा

    बु

    शारीिरक शिक्त, सहनशिक्त

    ितर्षमांष कितर्षमांष कुुंंडलीडली

    सू

    शु

    ASC

    बु

    चं

    मं

    रा

    के

    गु

    बुराई, िवपित्तयां

    खवेदांश कखवेदांश कुुंंडलीडली

    सू बु

    मं

    शु

    चं

    गु

    ASC

    रा

    के

    शुभ और अशुभ पर्भाव

    अक्षवेदांश कअक्षवेदांश कुुंंडलीडली

    चं शु

    मं

    रा

    के

    ASC

    गु

    बुसू

    जातक का चिरतर् और आचरण

    षष्टयांश कषष्टयांश कुुंंडलीडली

    चं

    शु

    मं

    रा

    के

    ASC

    गु

    सू

    बु

    सामान्य खुिशयाँ

    वगर् कुंडली

    7 ratnajyoti.com

  • नैसिगर्क मैतर्ीनैसिगर्क मैतर्ी

    गर्ह सूयर् चंदर् मंगल बुध गुरु शुकर् शिन

    सूयर् -- िमतर् िमतर् सम िमतर् शतर्ु शतर्ु

    चंदर् िमतर् -- सम िमतर् सम सम सम

    मंगल िमतर् िमतर् -- शतर्ु िमतर् सम सम

    बुध िमतर् शतर्ु सम -- सम िमतर् सम

    गुरु िमतर् िमतर् िमतर् शतर्ु -- शतर्ु सम

    शुकर् शतर्ु शतर्ु सम िमतर् सम -- िमतर्

    शिन शतर्ु शतर्ु शतर्ु िमतर् सम िमतर् --

    तात्कािलक मैतर्ीतात्कािलक मैतर्ी

    गर्ह सूयर् चंदर् मंगल बुध गुरु शुकर् शिन

    सूयर् -- िमतर् िमतर् शतर्ु िमतर् िमतर् िमतर्

    चंदर् िमतर् -- िमतर् िमतर् िमतर् शतर्ु िमतर्

    मंगल िमतर् िमतर् -- िमतर् िमतर् िमतर् िमतर्

    बुध शतर्ु िमतर् िमतर् -- िमतर् िमतर् िमतर्

    गुरु िमतर् िमतर् िमतर् िमतर् -- िमतर् शतर्ु

    शुकर् िमतर् शतर्ु िमतर् िमतर् िमतर् -- िमतर्

    शिन िमतर् िमतर् िमतर् िमतर् शतर्ु िमतर् --

    पंचधा मैतर्ी चकर्

    8 ratnajyoti.com

  • पंचधा मैतर्ीपंचधा मैतर्ी

    गर्ह सूयर् चंदर् मंगल बुध गुरु शुकर् शिन

    सूयर् -- अितिमतर् अितिमतर् शतर्ु अितिमतर् सम सम

    चंदर् अितिमतर् -- िमतर् अितिमतर् िमतर् शतर्ु िमतर्

    मंगल अितिमतर् अितिमतर् -- सम अितिमतर् िमतर् िमतर्

    बुध सम सम िमतर् -- िमतर् अितिमतर् िमतर्

    गुरु अितिमतर् अितिमतर् अितिमतर् सम -- सम शतर्ु

    शुकर् सम अितशतर्ु िमतर् अितिमतर् िमतर् -- अितिमतर्

    शिन सम सम सम अितिमतर् शतर्ु अितिमतर् --

    9 ratnajyoti.com

  • गर्ह वकर्ी जन्म रािश अंश रािश स्वामी भाव

    सूयर् -- कुम्भ 300:08:15 शिन 8

    चन्दर् -- वृष 35:46:34 शुकर् 11

    मंगल -- मीन 337:11:00 गुरु 9

    बुध -- कुम्भ 318:07:29 शिन 8

    गुरु -- मेष 05:54:12 मंगल 10

    शुकर् -- मकर 270:14:10 शिन 7

    शिन -- मेष 17:23:06 मंगल 10

    राहु हाँ ककर् 98:54:49 चन्दर् 1

    केतु हाँ मकर 278:54:49 शिन 7

    लग्न -- ककर् 90:49:43 चन्दर् 1

    गर्ह नक्षतर् नक्षतर् स्वामी चरण सब सब-सब

    सूयर् धिनष्ठा मंगल 3 बुध बुध

    चन्दर् कृितका सूयर् 3 बुध शुकर्

    मंगल उत्तर भादर्पद शिन 2 बुध शिन

    बुध शतिभसा राहु 4 चन्दर् चन्दर्

    गुरु अिश्वनी केतु 2 राहु गुरु

    शुकर् उत्तर षाढ़ा सूयर् 2 राहु बुध

    शिन भरणी शुकर् 2 मंगल राहु

    राहु पुष्य शिन 2 शुकर् राहु

    केतु उत्तर षाढ़ा सूयर् 4 शुकर् गुरु

    लग्न पुनवर्सु गुरु 4 मंगल शिन

    कृष्णमूितर् पद्धित गर्ह िस्थित

    10 ratnajyoti.com

  • भाव जन्म रािश अंश रािश स्वामी नक्षतर् नक्षतर् स्वामी सब सब-सब

    1 ककर् 114:41:14 चन्दर् अश्लेषा बुध राहु शिन

    2 िसंह 139:11:51 सूयर् पूवर् फाल्गुनी शुकर् राहु बुध

    3 कन्या 167:00:30 बुध हस्त चन्दर् शिन चन्दर्

    4 तुला 198:47:18 शुकर् स्वाित राहु चन्दर् बुध

    5 वृिश्चक 232:23:22 मंगल ज्येष्ठा बुध चन्दर् राहु

    6 धनु 264:41:53 गुरु पूवर् षाढ़ा शुकर् बुध सूयर्

    7 मकर 294:41:14 शिन धिनष्ठा मंगल राहु शिन

    8 कुम्भ 319:11:51 शिन शतिभसा राहु चन्दर् सूयर्

    9 मीन 347:00:30 गुरु रेवती बुध बुध केतु

    10 मेष 18:47:18 मंगल भरणी शुकर् राहु शिन

    11 वृष 52:23:22 शुकर् रोिहणी चन्दर् शुकर् बुध

    12 िमथुन 84:41:53 बुध पुनवर्सु गुरु बुध चन्दर्

    4

    5

    6

    7

    8

    9

    10

    11

    12

    1

    2

    3

    सू (11) बु (11)

    चं (2)

    रा (4)

    शु (10) के (10) मं (12)

    गु (1)श (1)

    कृष्णमूितर् पद्धित भाव संिध और कुंडली

    11 ratnajyoti.com

  • सूयर् चंदर् मंगल बुध गुरु शुकर् शिन लग्न कुल

    मेष 0 0 1 1 0 0 1 1 4

    वृषभ 1 0 0 0 0 0 1 1 3

    िमथुन 0 0 1 1 0 1 0 1 4

    ककर् 0 1 0 1 0 1 1 0 4

    िसंह 1 0 0 0 1 0 0 0 2

    कन्या 1 0 1 0 1 0 0 1 4

    तुला 1 1 1 1 0 0 1 1 6

    वृिश्चक 1 0 1 1 0 0 1 0 4

    धनु 1 0 1 1 1 1 1 1 7

    मकर 0 0 1 1 0 0 1 0 3

    कुंभ 1 1 0 0 1 0 1 0 4

    मीन 1 1 1 0 0 0 0 0 3

    अिभपर्ायअिभपर्ाय

    िपता व्यिक्तगत पर्भाव राजकीय कृपा

    सूचकसूचक

    शुभ

    अशुभ

    िमिशर्त

    11

    11

    12

    1

    2

    3

    4

    5

    6

    7

    8

    9

    10

    4

    3

    4

    3

    4

    4

    2

    4

    6

    4

    7

    3

    सूयर् िभन्नाष्टक वगर्

    12 ratnajyoti.com

  • सूयर् चंदर् मंगल बुध गुरु शुकर् शिन लग्न कुल

    मेष 1 0 1 1 1 1 0 1 6

    वृषभ 0 1 1 1 0 1 0 1 5

    िमथुन 0 0 0 1 0 0 1 0 2

    ककर् 1 1 1 0 1 1 0 0 5

    िसंह 1 0 1 1 0 0 1 0 4

    कन्या 1 0 0 1 0 1 1 1 5

    तुला 0 1 0 0 1 1 0 0 3

    वृिश्चक 1 1 1 1 1 1 0 0 6

    धनु 1 0 1 1 0 0 0 1 4

    मकर 0 0 1 0 1 0 0 0 2

    कुंभ 0 1 0 1 1 0 1 0 4

    मीन 0 1 0 0 1 1 0 0 3

    11

    2

    3

    4

    5

    6

    7

    8

    9

    10

    11

    12

    1

    5

    2

    5

    4

    5

    3

    6

    4

    2

    4

    3

    6 अिभपर्ायअिभपर्ाय

    माता मन भावना बुिद्ध

    सूचकसूचक

    शुभ

    अशुभ

    िमिशर्त

    चंदर् िभन्नाष्टक वगर्

    13 ratnajyoti.com

  • सूयर् चंदर् मंगल बुध गुरु शुकर् शिन लग्न कुल

    मेष 1 0 1 1 0 0 1 1 5

    वृषभ 0 0 0 0 0 0 0 1 1

    िमथुन 1 0 1 1 0 1 0 0 4

    ककर् 1 1 0 1 0 0 1 1 5

    िसंह 0 0 0 0 0 1 0 0 1

    कन्या 0 0 1 0 1 0 0 1 3

    तुला 0 1 1 0 0 0 1 0 3

    वृिश्चक 1 0 0 0 0 1 1 0 3

    धनु 1 0 1 1 0 1 1 1 6

    मकर 0 0 1 0 1 0 1 0 3

    कुंभ 0 0 0 0 1 0 1 0 2

    मीन 0 1 1 0 1 0 0 0 3

    अिभपर्ायअिभपर्ाय

    भाई-बहन भूिम-संपित्त दुध?टना िववाद

    सूचकसूचक

    शुभ

    अशुभ

    िमिशर्त

    11

    12

    1

    2

    3

    4

    5

    6

    7

    8

    9

    10

    11

    3

    5

    1

    4

    5

    1

    3

    3

    3

    6

    3

    2

    मंगल िभन्नाष्टक वगर्

    14 ratnajyoti.com

  • सूयर् चंदर् मंगल बुध गुरु शुकर् शिन लग्न कुल

    मेष 0 0 1 1 0 1 1 1 5

    वृषभ 0 0 0 0 0 1 1 1 3

    िमथुन 1 1 1 1 0 0 0 0 4

    ककर् 1 0 0 1 0 0 1 1 4

    िसंह 0 1 0 0 0 1 0 1 3

    कन्या 0 0 1 0 1 1 0 0 3

    तुला 1 1 1 1 0 0 1 1 6

    वृिश्चक 0 0 1 1 1 1 1 0 5

    धनु 1 1 1 1 0 0 1 1 6

    मकर 1 0 1 1 0 1 1 0 5

    कुंभ 0 1 0 1 1 1 1 1 6

    मीन 0 1 1 0 1 1 0 0 4

    11

    11

    12

    1

    2

    3

    4

    5

    6

    7

    8

    9

    10

    6

    4

    5

    3

    4

    4

    3

    3

    6

    5

    6

    5 अिभपर्ायअिभपर्ाय

    िरश्तेदार वकृ्तता िववेकबुिद्ध िशक्षा

    सूचकसूचक

    शुभ

    अशुभ

    िमिशर्त

    बुध िभन्नाष्टक वगर्

    15 ratnajyoti.com

  • सूयर् चंदर् मंगल बुध गुरु शुकर् शिन लग्न कुल

    मेष 1 0 1 0 1 0 0 1 4

    वृषभ 1 0 0 1 1 1 0 1 5

    िमथुन 0 1 1 1 1 1 1 0 6

    ककर् 0 0 0 1 1 0 0 1 3

    िसंह 1 0 0 0 0 0 1 1 3

    कन्या 1 1 1 0 0 1 1 0 5

    तुला 1 0 1 1 1 1 0 1 6

    वृिश्चक 1 1 0 1 1 1 0 1 6

    धनु 1 0 1 1 0 0 0 1 4

    मकर 0 1 1 0 1 0 0 1 4

    कुंभ 1 0 0 1 1 1 0 0 4

    मीन 1 1 1 1 0 0 1 1 6

    अिभपर्ायअिभपर्ाय

    संतान सम्मान धािमर्क कमर् सीखना भाग्य

    सूचकसूचक

    शुभ

    अशुभ

    िमिशर्त

    11

    1

    2

    3

    4

    5

    6

    7

    8

    9

    10

    11

    12

    4

    5

    6

    3

    3

    5

    6

    6

    4

    4

    4

    6

    गुरु िभन्नाष्टक वगर्

    16 ratnajyoti.com

  • सूयर् चंदर् मंगल बुध गुरु शुकर् शिन लग्न कुल

    मेष 0 1 0 1 0 1 0 0 3

    वृषभ 0 1 1 0 0 1 0 1 4

    िमथुन 0 1 0 1 0 0 1 0 3

    ककर् 0 1 1 1 0 0 1 1 5

    िसंह 0 1 1 0 1 1 1 1 6

    कन्या 1 1 0 0 0 1 0 1 4

    तुला 0 0 0 1 0 1 0 1 3

    वृिश्चक 0 0 1 0 1 1 1 1 5

    धनु 1 1 0 1 1 0 1 0 5

    मकर 1 1 1 0 1 1 1 0 6

    कुंभ 0 0 1 0 1 1 1 1 5

    मीन 0 1 0 0 0 1 0 1 3

    11

    10

    11

    12

    1

    2

    3

    4

    5

    6

    7

    8

    9

    6

    5

    3

    3

    4

    3

    5

    6

    4

    3

    5

    5 अिभपर्ायअिभपर्ाय

    पित या पत्नी िववाह वाहन आभूषण

    सूचकसूचक

    शुभ

    अशुभ

    िमिशर्त

    शुकर् िभन्नाष्टक वगर्

    17 ratnajyoti.com

  • सूयर् चंदर् मंगल बुध गुरु शुकर् शिन लग्न कुल

    मेष 0 0 0 0 0 0 0 1 1

    वृषभ 1 0 1 0 0 0 0 1 3

    िमथुन 0 0 0 0 0 1 1 0 2

    ककर् 0 1 1 1 0 0 0 1 4

    िसंह 1 0 1 0 1 0 1 0 4

    कन्या 1 0 0 1 1 0 1 1 5

    तुला 0 1 0 1 0 0 0 1 3

    वृिश्चक 1 0 0 1 0 1 0 0 3

    धनु 1 0 1 1 0 1 0 1 5

    मकर 0 0 1 1 0 0 0 0 2

    कुंभ 1 0 1 0 1 0 1 0 4

    मीन 1 1 0 0 1 0 0 0 3

    अिभपर्ायअिभपर्ाय

    कमर्चारी जीिवका कष्ट व शोक

    सूचकसूचक

    शुभ

    अशुभ

    िमिशर्त

    11

    1

    2

    3

    4

    5

    6

    7

    8

    9

    10

    11

    12

    1

    3

    2

    4

    4

    5

    3

    3

    5

    2

    4

    3

    शिन िभन्नाष्टक वगर्

    18 ratnajyoti.com

  • सूयर् चंदर् मंगल बुध गुरु शुकर् शिन लग्न कुल

    मेष 1 1 0 0 1 1 1 1 6

    वृषभ 1 0 1 1 1 1 0 1 6

    िमथुन 0 0 0 0 0 0 1 0 1

    ककर् 1 1 0 1 1 0 1 0 5

    िसंह 0 0 1 0 1 1 0 0 3

    कन्या 0 0 0 1 1 1 1 1 5

    तुला 0 1 0 0 1 0 0 0 2

    वृिश्चक 1 0 0 1 0 0 0 0 2

    धनु 1 0 1 1 1 0 0 1 5

    मकर 1 0 1 0 1 1 1 0 5

    कुंभ 0 1 0 1 1 1 1 0 5

    मीन 0 1 1 1 0 1 0 0 4

    11

    4

    5

    6

    7

    8

    9

    10

    11

    12

    1

    2

    3

    5

    3

    5

    2

    2

    5

    5

    5

    4

    6

    6

    1सूचकसूचक

    शुभ

    अशुभ

    िमिशर्त

    लग्न िभन्नाष्टक वगर्

    19 ratnajyoti.com

  • सूयर् चंदर् मंगल बुध गुरु शुकर् शिन लग्न कुल

    मेष 4 6 5 5 4 3 1 0 28

    वृषभ 3 5 1 3 5 4 3 0 24

    िमथुन 4 2 4 4 6 3 2 0 25

    ककर् 4 5 5 4 3 5 4 0 30

    िसंह 2 4 1 3 3 6 4 0 23

    कन्या 4 5 3 3 5 4 5 0 29

    तुला 6 3 3 6 6 3 3 0 30

    वृिश्चक 4 6 3 5 6 5 3 0 32

    धनु 7 4 6 6 4 5 5 0 37

    मकर 3 2 3 5 4 6 2 0 25

    कुंभ 4 4 2 6 4 5 4 0 29

    मीन 3 3 3 4 6 3 3 0 25

    सूचकसूचक

    शुभ

    अशुभ

    िमिशर्त

    11

    4

    5

    6

    7

    8

    9

    10

    11

    12

    1

    2

    3

    30

    23

    29

    30

    32

    37

    25

    29

    25

    28

    24

    25

    सवार्ष्टक वगर्

    20 ratnajyoti.com

  • सूयर्सूयर्

    08-01-1996 08:1807-01-2002 20:18

    सूयर् 26-04-1996 22:06

    चन्दर् 26-10-1996 13:06

    मंगल 03-03-1997 09:12

    राहु 26-01-1998 02:36

    गुरु 14-11-1998 07:24

    शिन 27-10-1999 07:06

    बुध 01-09-2000 18:12

    केतु 07-01-2001 14:18

    शुकर् 07-01-2002 20:18

    चन्दर्चन्दर्

    07-01-2002 20:1808-01-2012 08:18

    चन्दर् 08-11-2002 05:18

    मंगल 09-06-2003 06:48

    राहु 08-12-2004 03:48

    गुरु 09-04-2006 03:48

    शिन 08-11-2007 11:18

    बुध 08-04-2009 21:48

    केतु 07-11-2009 23:18

    शुकर् 09-07-2011 17:18

    सूयर् 08-01-2012 08:18

    मंगलमंगल

    08-01-2012 08:1808-01-2019 02:18

    मंगल 05-06-2012 11:45

    राहु 24-06-2013 00:03

    गुरु 30-05-2014 21:39

    शिन 09-07-2015 17:18

    बुध 05-07-2016 22:15

    केतु 02-12-2016 01:42

    शुकर् 01-02-2018 04:42

    सूयर् 09-06-2018 00:48

    चन्दर् 08-01-2019 02:18

    राहराहुु

    08-01-2019 02:1807-01-2037 14:18

    राहु 20-09-2021 06:30

    गुरु 13-02-2024 20:54

    शिन 20-12-2026 20:00

    बुध 09-07-2029 05:18

    केतु 27-07-2030 17:36

    शुकर् 27-07-2033 11:36

    सूयर् 21-06-2034 05:00

    चन्दर् 21-12-2035 02:00

    मंगल 07-01-2037 14:18

    गुरुगुरु

    07-01-2037 14:1807-01-2053 14:18

    गुरु 25-02-2039 19:06

    शिन 08-09-2041 02:18

    बुध 14-12-2043 23:54

    केतु 19-11-2044 21:30

    शुकर् 21-07-2047 21:30

    सूयर् 09-05-2048 02:18

    चन्दर् 08-09-2049 02:18

    मंगल 14-08-2050 23:54

    राहु 07-01-2053 14:18

    शिनशिन

    07-01-2053 14:1808-01-2072 08:18

    शिन 11-01-2056 09:21

    बुध 20-09-2058 12:30

    केतु 30-10-2059 08:09

    शुकर् 29-12-2062 23:09

    सूयर् 11-12-2063 22:51

    चन्दर् 12-07-2065 06:21

    मंगल 21-08-2066 02:00

    राहु 27-06-2069 01:06

    गुरु 08-01-2072 08:18

    िवम्शोत्तरी दशा - I

    21 ratnajyoti.com

  • बुधबुध

    08-01-2072 08:1807-01-2089 14:18

    बुध 05-06-2074 23:45

    केतु 03-06-2075 04:42

    शुकर् 03-04-2078 01:42

    सूयर् 07-02-2079 12:48

    चन्दर् 08-07-2080 23:18

    मंगल 06-07-2081 04:15

    राहु 23-01-2084 13:33

    गुरु 30-04-2086 11:09

    शिन 07-01-2089 14:18

    ककेेततुु

    07-01-2089 14:1808-01-2096 08:18

    केतु 05-06-2089 17:45

    शुकर् 05-08-2090 20:45

    सूयर् 11-12-2090 16:51

    चन्दर् 12-07-2091 18:21

    मंगल 08-12-2091 21:48

    राहु 26-12-2092 10:06

    गुरु 02-12-2093 07:42

    शिन 11-01-2095 03:21

    बुध 08-01-2096 08:18

    शुकर्शुकर्

    08-01-2096 08:1809-01-2116 08:18

    शुकर् 09-05-2099 20:18

    सूयर् 10-05-2100 02:18

    चन्दर् 08-01-2102 20:18

    मंगल 10-03-2103 23:18

    राहु 10-03-2106 17:18

    गुरु 08-11-2108 17:18

    शिन 09-01-2112 08:18

    बुध 09-11-2114 05:18

    केतु 09-01-2116 08:18

    वत्तर्मान दशावत्तर्मान दशा

    दशा नाम गर्ह आरम्भ ितिथ सम्पित ितिथ

    महादशा मंगल 08-01-2012 08:18 08-01-2019 02:18

    अंतदर्शा सूयर् 01-02-2018 04:42 09-06-2018 00:48

    पर्त्यंतर दशा मंगल 18-02-2018 05:46 25-02-2018 16:45

    सूक्ष्म दशा राहु 18-02-2018 16:13 19-02-2018 19:04

    * ध्यान द* ध्यान देंें - सभी िदनांक दशा समािप्त को दशार्ते ह - सभी िदनांक दशा समािप्त को दशार्ते हैंैं।।

    िवम्शोत्तरी दशा - II

    22 ratnajyoti.com

  • उल्का (6 वषर्)उल्का (6 वषर्)

    8-1-1996 5:38-1-2002 5:3

    उल्का 7-1-1997 11:3

    िसिद्ध 9-3-1998 14:3

    संकटा 9-7-1999 14:3

    मंगला 8-9-1999 11:3

    िपंगला 8-1-2000 5:3

    धान्य 8-7-2000 20:3

    भर्ामरी 9-3-2001 8:3

    भिदर्का 8-1-2002 5:3

    िसिद्ध (िसिद्ध (7 वषर्)7 वषर्)

    8-1-2002 5:38-1-2009 5:3

    िसिद्ध 20-5-2003 8:33

    संकटा 8-12-2004 12:33

    मंगला 17-2-2005 13:3

    िपंगला 9-7-2005 14:3

    धान्य 7-2-2006 15:33

    भर्ामरी 18-11-2006 17:33

    भिदर्का 8-11-2007 20:3

    उल्का 8-1-2009 5:3

    संकटा (संकटा (8 वषर्)8 वषर्)

    8-1-2009 5:38-1-2017 5:3

    संकटा 19-10-2010 13:3

    मंगला 8-1-2011 17:3

    िपंगला 20-6-2011 1:3

    धान्य 18-2-2012 13:3

    भर्ामरी 8-1-2013 5:3

    भिदर्का 18-2-2014 1:3

    उल्का 20-6-2015 1:3

    िसिद्ध 8-1-2017 5:3

    मंगला (1 वषर्)मंगला (1 वषर्)

    8-1-2017 5:38-1-2018 5:3

    मंगला 18-1-2017 8:33

    िपंगला 7-2-2017 15:33

    धान्य 10-3-2017 2:3

    भर्ामरी 19-4-2017 16:3

    भिदर्का 9-6-2017 9:33

    उल्का 9-8-2017 6:33

    िसिद्ध 19-10-2017 7:3

    संकटा 8-1-2018 5:3

    िपिपंगंला (2 वषर्)गला (2 वषर्)

    8-1-2018 5:38-1-2020 5:3

    िपंगला 17-2-2018 19:3

    धान्य 19-4-2018 16:3

    भर्ामरी 9-7-2018 20:3

    भिदर्का 19-10-2018 7:3

    उल्का 18-2-2019 1:3

    िसिद्ध 10-7-2019 2:3

    संकटा 19-12-2019 10:3

    मंगला 8-1-2020 5:3

    धान्य (धान्य (3 वषर्)3 वषर्)

    8-1-2020 5:38-1-2023 5:3

    धान्य 8-4-2020 12:33

    भर्ामरी 8-8-2020 6:33

    भिदर्का 7-1-2021 11:3

    उल्का 9-7-2021 2:3

    िसिद्ध 7-2-2022 3:33

    संकटा 8-10-2022 15:33

    मंगला 8-11-2022 2:3

    िपंगला 8-1-2023 5:3

    योिगनी दशा - I

    23 ratnajyoti.com

  • भर्ामरी (भर्ामरी (4 वषर्)4 वषर्)

    8-1-2023 5:38-1-2027 5:3

    भर्ामरी 19-6-2023 13:3

    भिदर्का 8-1-2024 11:3

    उल्का 7-9-2024 23:3

    िसिद्ध 19-6-2025 1:3

    संकटा 9-5-2026 17:3

    मंगला 19-6-2026 7:3

    िपंगला 8-9-2026 11:3

    धान्य 8-1-2027 5:3

    भिदर्का (5 वषर्)भिदर्का (5 वषर्)

    8-1-2027 5:38-1-2032 5:3

    भिदर्का 18-9-2027 20:33

    उल्का 19-7-2028 5:33

    िसिद्ध 9-7-2029 8:3

    संकटा 19-8-2030 4:3

    मंगला 8-10-2030 21:33

    िपंगला 18-1-2031 8:33

    धान्य 19-6-2031 13:3

    भर्ामरी 8-1-2032 5:3

    उल्का (6 वषर्)उल्का (6 वषर्)

    8-1-2032 5:38-1-2038 5:3

    उल्का 7-1-2033 11:3

    िसिद्ध 9-3-2034 14:3

    संकटा 9-7-2035 14:3

    मंगला 8-9-2035 11:3

    िपंगला 8-1-2036 5:3

    धान्य 8-7-2036 20:3

    भर्ामरी 9-3-2037 8:3

    भिदर्का 8-1-2038 5:3

    िसिद्ध (िसिद्ध (7 वषर्)7 वषर्)

    8-1-2038 5:38-1-2045 5:3

    िसिद्ध 20-5-2039 8:33

    संकटा 8-12-2040 12:33

    मंगला 17-2-2041 13:3

    िपंगला 9-7-2041 14:3

    धान्य 7-2-2042 15:33

    भर्ामरी 18-11-2042 17:33

    भिदर्का 8-11-2043 20:3

    उल्का 8-1-2045 5:3

    संकटा (संकटा (8 वषर्)8 वषर्)

    8-1-2045 5:38-1-2053 5:3

    संकटा 19-10-2046 13:3

    मंगला 8-1-2047 17:3

    िपंगला 20-6-2047 1:3

    धान्य 18-2-2048 13:3

    भर्ामरी 8-1-2049 5:3

    भिदर्का 18-2-2050 1:3

    उल्का 20-6-2051 1:3

    िसिद्ध 8-1-2053 5:3

    मंगला (1 वषर्)मंगला (1 वषर्)

    8-1-2053 5:38-1-2054 5:3

    मंगला 18-1-2053 8:33

    िपंगला 7-2-2053 15:33

    धान्य 10-3-2053 2:3

    भर्ामरी 19-4-2053 16:3

    भिदर्का 9-6-2053 9:33

    उल्का 9-8-2053 6:33

    िसिद्ध 19-10-2053 7:3

    संकटा 8-1-2054 5:3

    योिगनी दशा - II

    24 ratnajyoti.com

  • िपिपंगंला (2 वषर्)गला (2 वषर्)

    8-1-2054 5:38-1-2056 5:3

    िपंगला 17-2-2054 19:3

    धान्य 19-4-2054 16:3

    भर्ामरी 9-7-2054 20:3

    भिदर्का 19-10-2054 7:3

    उल्का 18-2-2055 1:3

    िसिद्ध 10-7-2055 2:3

    संकटा 19-12-2055 10:3

    मंगला 8-1-2056 5:3

    धान्य (धान्य (3 वषर्)3 वषर्)

    8-1-2056 5:38-1-2059 5:3

    धान्य 8-4-2056 12:33

    भर्ामरी 8-8-2056 6:33

    भिदर्का 7-1-2057 11:3

    उल्का 9-7-2057 2:3

    िसिद्ध 7-2-2058 3:33

    संकटा 8-10-2058 15:33

    मंगला 8-11-2058 2:3

    िपंगला 8-1-2059 5:3

    भर्ामरी (भर्ामरी (4 वषर्)4 वषर्)

    8-1-2059 5:38-1-2063 5:3

    भर्ामरी 19-6-2059 13:3

    भिदर्का 8-1-2060 11:3

    उल्का 7-9-2060 23:3

    िसिद्ध 19-6-2061 1:3

    संकटा 9-5-2062 17:3

    मंगला 19-6-2062 7:3

    िपंगला 8-9-2062 11:3

    धान्य 8-1-2063 5:3

    भिदर्का (5 वषर्)भिदर्का (5 वषर्)

    8-1-2063 5:38-1-2068 5:3

    भिदर्का 18-9-2063 20:33

    उल्का 19-7-2064 5:33

    िसिद्ध 9-7-2065 8:3

    संकटा 19-8-2066 4:3

    मंगला 8-10-2066 21:33

    िपंगला 18-1-2067 8:33

    धान्य 19-6-2067 13:3

    भर्ामरी 8-1-2068 5:3

    * ध्यान द* ध्यान देंें - सभी िदनांक दशा - सभी िदनांक दशासमािप्त को दशार्ते हसमािप्त को दशार्ते हैंैं।।

    योिगनी दशा - III

    25 ratnajyoti.com

  • ककककर्र् (2 वषर्) (2 वषर्)

    13-2-200013-2-2002

    वृष 13-1-2019

    िमथुन 13-12-2019

    ककर् 13-11-2020

    िसंह 13-10-2021

    कन्या 13-9-2022

    तुला 13-8-2023

    वृिश्चक 13-7-2024

    धनु 13-6-2025

    मकर 13-5-2026

    कुम्भ 13-4-2027

    मीन 13-3-2028

    मेष 13-2-2029

    िमथुन (िमथुन (8 वषर्)8 वषर्)

    13-2-200213-2-2010

    वृष 13-1-2001

    िमथुन 13-12-2001

    ककर् 13-11-2002

    िसंह 13-10-2003

    कन्या 13-9-2004

    तुला 13-8-2005

    वृिश्चक 13-7-2006

    धनु 13-6-2007

    मकर 13-5-2008

    कुम्भ 13-4-2009

    मीन 13-3-2010

    मेष 13-2-2011

    वृष (वृष (8 वषर्)8 वषर्)

    13-2-201013-2-2018

    वृष 13-1-2001

    िमथुन 13-12-2001

    ककर् 13-11-2002

    िसंह 13-10-2003

    कन्या 13-9-2004

    तुला 13-8-2005

    वृिश्चक 13-7-2006

    धनु 13-6-2007

    मकर 13-5-2008

    कुम्भ 13-4-2009

    मीन 13-3-2010

    मेष 13-2-2011

    मेष (11 वषर्)मेष (11 वषर्)

    13-2-201813-2-2029

    वृष 13-1-2001

    िमथुन 13-12-2001

    ककर् 13-11-2002

    िसंह 13-10-2003

    कन्या 13-9-2004

    तुला 13-8-2005

    वृिश्चक 13-7-2006

    मीन (11 वषर्)मीन (11 वषर्)

    13-2-202913-2-2040

    वृष 13-1-2001

    िमथुन 13-12-2001

    ककर् 13-11-2002

    िसंह 13-10-2003

    कन्या 13-9-2004

    तुला 13-8-2005

    वृिश्चक 13-7-2006

    ककुुम्भ (10 वषर्)म्भ (10 वषर्)

    13-2-204013-2-2050

    वृष 13-1-2001

    िमथुन 13-12-2001

    ककर् 13-11-2002

    िसंह 13-10-2003

    कन्या 13-9-2004

    तुला 13-8-2005

    वृिश्चक 13-7-2006

    चर दशा

    26 ratnajyoti.com

  • धनु 13-6-2007

    मकर 13-5-2008

    कुम्भ 13-4-2009

    मीन 13-3-2010

    मेष 13-2-2011

    धनु 13-6-2007

    मकर 13-5-2008

    कुम्भ 13-4-2009

    मीन 13-3-2010

    मेष 13-2-2011

    धनु 13-6-2007

    मकर 13-5-2008

    कुम्भ 13-4-2009

    मीन 13-3-2010

    मेष 13-2-2011

    मकर (9 वषर्)मकर (9 वषर्)

    13-2-205013-2-2059

    वृष 13-1-2001

    िमथुन 13-12-2001

    ककर् 13-11-2002

    िसंह 13-10-2003

    कन्या 13-9-2004

    तुला 13-8-2005

    वृिश्चक 13-7-2006

    धनु 13-6-2007

    मकर 13-5-2008

    कुम्भ 13-4-2009

    मीन 13-3-2010

    मेष 13-2-2011

    धनु (धनु (4 वषर्)4 वषर्)

    13-2-205913-2-2063

    वृष 13-1-2001

    िमथुन 13-12-2001

    ककर् 13-11-2002

    िसंह 13-10-2003

    कन्या 13-9-2004

    तुला 13-8-2005

    वृिश्चक 13-7-2006

    धनु 13-6-2007

    मकर 13-5-2008

    कुम्भ 13-4-2009

    मीन 13-3-2010

    मेष 13-2-2011

    वृिश्चक (2 वषर्)वृिश्चक (2 वषर्)

    13-2-206313-2-2065

    वृष 13-1-2001

    िमथुन 13-12-2001

    ककर् 13-11-2002

    िसंह 13-10-2003

    कन्या 13-9-2004

    तुला 13-8-2005

    वृिश्चक 13-7-2006

    धनु 13-6-2007

    मकर 13-5-2008

    कुम्भ 13-4-2009

    मीन 13-3-2010

    मेष 13-2-2011

    तुला (तुला (3 वषर्)3 वषर्)

    13-2-206513-2-2068

    वृष 13-1-2001

    िमथुन 13-12-2001

    ककर् 13-11-2002

    िसंह 13-10-2003

    कन्या (कन्या (7 वषर्)7 वषर्)

    13-2-206813-2-2075

    वृष 13-1-2001

    िमथुन 13-12-2001

    ककर् 13-11-2002

    िसंह 13-10-2003

    िसिस ंहं (6 वषर्)ह (6 वषर्)

    13-2-207513-2-2081

    वृष 13-1-2001

    िमथुन 13-12-2001

    ककर् 13-11-2002

    िसंह 13-10-2003

    27 ratnajyoti.com

  • * ध्यान द* ध्यान देंें - सभी िदनांक दशा समािप्त को दशार्ते ह - सभी िदनांक दशा समािप्त को दशार्ते हैंैं।।

    कन्या 13-9-2004

    तुला 13-8-2005

    वृिश्चक 13-7-2006

    धनु 13-6-2007

    मकर 13-5-2008

    कुम्भ 13-4-2009

    मीन 13-3-2010

    मेष 13-2-2011

    कन्या 13-9-2004

    तुला 13-8-2005

    वृिश्चक 13-7-2006

    धनु 13-6-2007

    मकर 13-5-2008

    कुम्भ 13-4-2009

    मीन 13-3-2010

    मेष 13-2-2011

    कन्या 13-9-2004

    तुला 13-8-2005

    वृिश्चक 13-7-2006

    धनु 13-6-2007

    मकर 13-5-2008

    कुम्भ 13-4-2009

    मीन 13-3-2010

    मेष 13-2-2011

    28 ratnajyoti.com

  • जब िकसी व्यिक्त की कुंडली में राहु और केतू गर्हों के बीच अन्य सभी गर्ह आ जाते हैं तो कालसपर्

    दोष का िनमार्ण होता है। क्योिक कुंडली के एक भाव में राहु और दूसरे भाव में केतु के बैठे होने से

    अन्य सभी गर्हों से आ रहे फल रूक जाते हैं। इन दोनों गर्हों के बीच में सभी गर्ह फँस जाते हैं और

    यह जातक के िलए एक समस्या बन जाती है। इस दोष के कारण िफर काम में बाधा, नौकरी में

    रूकावट, शादी में देरी और धन संबंिधत परेशािनयाँ, उत्पन्न होने लगती हैं।

    कालसपर् योग वाले सभी जातकों पर इस योग का समान पर्भाव नहीं पड़ता। िकस भाव में कौन

    सी रािश अविस्थत है और उसमें कौन-कौन गर्ह कहां बैठे हैं और उनका बलाबल िकतना है - इन

    सब बातों का भी संबंिधत जातक पर भरपूर असर पड़ता है। इसिलए मातर् कालसपर् योग सुनकर भयभीत हो जाने की जरूरत नहीं बिल्क उसका

    ज्योितषीय िवश्लेषण करवाकर उसके पर्भावों की िवस्तृत जानकारी हािसल कर लेना ही बुिद्धमत्ता कही जायेगी। कालसपर् दोष कुंडली में ख़राब अवश्य

    माना जाता है िकन्तु िविधवत तरह से यिद इसका उपाय िकया जाए तो यही कालसपर् दोष िसद्ध योग भी बन सकता है।

    अनन्त कुिलक वासुकी शंखपाल

    पद्म महापद्म तक्षक ककोर्टक

    शंखचूड़ घातक िवषधर शेषनाग

    आपकआपकेे जन्मपितर्का में कालसपर्दोष जन्मपितर्का में कालसपर्दोष

    कालसपर् की उपिस्थितकालसपर् की उपिस्थित

    आपकी जन्मपितर्का में कालसपर् दोष उिदत रूप में िवद्यमान है।

    आपकी कुंडली में कालसपर् दोष पूणर् रूप से िवद्यमान एवं पर्बल है।

    कालसपर् नामकालसपर् नाम

    अनन्त

    िदशािदशा

    पूणर् उिदत

    कालसपर् दोष

    29 ratnajyoti.com

  • कालसपर् दोष फलकालसपर् दोष फलआपकी जन्मपितर्का में अनंत नामक कालसपर् योग बन रहा है।ऐसे जातकों के व्यिक्तत्व िनमार्ण में किठन पिरशर्म की जरूरत पड़ती है। उसके िवद्याजर्न व व्यवसाय के काम बहुत सामान्य ढंग से चलते हैं और इन क्षेतर्ों मेंथोड़ा भी आगे बढ़ने के िलए जातक को किठन संघषर् करना पड़ता है। मानिसक पीड़ा कभी-कभी उसे घर- गृहस्थी छोड़कर वैरागी जीवन अपनाने के िलए भीउकसाया करती हैं। शारीिरक रूप से उसे अनेक व्यािधयों का सामना करना पड़ता है। उसकी आिथर्क िस्थित बहुत ही डांवाडोल रहती है। फलस्वरूप उसकीमानिसक व्यगर्ता उसके वैवािहक जीवन में भी जहर घोलने लगती है। जातक को माता-िपता के स्नेह व संपित्त से भी वंिचत रहना पड़ता है। उसके िनकटसंबंधी भी नुकसान पहुंचाने से बाज नहीं आते।

    कालसपर् दोष ककालसपर् दोष केे उपाय उपाय

    - कालसपर् दोष के िनम्निलिखत उपाय हैं -

    - कालसपर् दोष िनवारण यंतर्ा घर में स्थािपत करके, इसका िनयिमत पूजन करें।

    - हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें।

    - गृह में मयूर (मोर) पंख रखें ।

    - शुभ मुहूतर् में बहते पानी में कोयला तीन बार पर्वािहत करें।

    - िवद्याथीर्जन सरस्वती जी के बीज मंतर्ों का एक वषर् तक जाप करें और िविधवत उपासना करें।

    - राहु की दशा आने पर पर्ितिदन एक माला राहु मंतर्ा का जाप करें और जब जाप की संख्या 18 हजार हो जाये तो राहु की मुख्य सिमधा दुवार् से

    पूणार्हुित हवन कराएं और िकसी गरीब को उड़द व नीले वस्तर्ा का दान करें

    - महामृत्युंजय मंतर्ों का जाप पर्ितिदन 11 माला रोज करें, जब तक राहु केतु की दशा-अंतर्दशा रहे और हर शिनवार को शर्ी शिनदेव का तैलािभषेक

    करें और मंगलवार को हनुमान जी को चौला चढ़ायें।

    - शुभ मुहूतर् में सवर्तोभदर्मण्डल यंतर्ा को पूिजत कर धारण करें।

    - शर्ावणमास में 30 िदनों तक महादेव का अिभषेक करें।

    - एक वषर् तक गणपित अथवर्शीषर् का िनत्य पाठ करें।

    - शर्ावण के महीने में पर्ितिदन स्नानोपरांत 11 माला 'नम: िशवाय' मंतर्ा का जप करने के उपरांत िशवजी को बेलपतर्ा व गाय का दूध तथा गंगाजल

    चढ़ाएं तथा सोमवार का वर्त करें।

    कालसपर् दोष का पर्भाव

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  • मांगिलक दोष क्या होता हमांगिलक दोष क्या होता हैैिजस जातक की जन्म कुंडली, लग्न/चंदर् कुंडली आिद में मंगल गर्ह, लग्न से पर्थम, चतुथर्, सप्तम,

    अष्टम तथा द्वादश भावों में से कहीं भी िस्थत हो, तो उसे मांगिलक कहते हैं।

    कुण्डली में जब लग्न भाव, चतुथर् भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव और द्वादश भाव में मंगल िस्थत होता

    है तब कुण्डली में मंगल दोष माना जाता है। सप्तम भाव से हम दाम्पत्य जीवन का िवचार करते हैं।

    अष्टम भाव से दाम्पत्य जीवन के मांगलीक सुख को देखा जाता है। मंगल लग्न में िस्थत होने से

    सप्तम भाव और अष्टम भाव दोनों भावों को दृिष्ट देता है। चतुथर् भाव में मंगल के िस्थत होने से सप्तम

    भाव पर मंगल की चतुथर् पूणर् दृिष्ट पड़ती है। द्वादश भाव में यिद मंगल िस्थत है तब अष्टम दृिष्ट से सप्तम भाव को देखता है।

    मूल रूप से मंगल की पर्कृित के अनुसार ऐसा गर्ह योग हािनकारक पर्भाव िदखाता है, लेिकन वैिदक पूजा-पर्िकर्या के द्वारा इसकी भीषणता को िनयंितर्त कर

    सकते है। मंगल गर्ह की पूजा के द्वारा मंगल देव को पर्सन्न िकया जाता है, तथा मंगल द्वारा जिनत िवनाशकारी पर्भावों, सवार्िरष्ट को शांत व िनयंितर्त कर

    सकारात्मक पर्भावों में वृिद्ध की जा सकती है।

    लग्ने व्यये सुखे वािप सप्तमे वा अष्टमे कुजे |शुभ दृग् योग हीने च पितं हिन्त न संशयम् ||

    मांगिलक िवश्लेषणमांगिलक िवश्लेषण

    मांगिलक फलमांगिलक फलकुंडली में मांगिलक दोष है परन्तु मांगिलक दोष का पर्भाव बहुत कम होने से िकसी हािन की अपेक्षा नहीं है । कुछ साधारण उपायो की मदद

    से इसे और कम िकया जा सकता है।

    ककुुल मांगिलक पर्ितशतल मांगिलक पर्ितशत 23%23%

    मांगिलक िवश्लेषण - I

    31 ratnajyoti.com

  • भाव कभाव केे आधार पर आधार पर

    राहु आपके कुंडली में लग्न भाव में है।

    केतु आपके कुंडली में सप्तम भाव में है।

    सूयर् अष्टम भाव में कुंडली में िस्थत है।

    दृिष्ट कदृिष्ट केे आधार पर आधार पर

    आपकी कुंडली में लग्न भाव को केतु देख रहा है।

    राहु , आपके कुंडली के पंचम भाव को देख रहा है।

    सप्तम भाव शिन से दृष्ट है।

    सप्तम भाव राहु से दृष्ट है।

    आपके कुंडली का चतुथर् भाव मंगल से दृष्ट है।

    आपके कुंडली का चतुथर् भाव शिन से दृष्ट है।

    आपके कुंडली के द्वादश भाव को मंगल देख रहा है।

    आपके कुंडली के द्वादश भाव को शिन देख रहा है।

    सूयर् की दृिष्ट आपके कुडंली के िद्वतीय भाव पर पड़ रही है।

    मांगिलक दोष कमांगिलक दोष केे उपाय उपाय

    - चांदी की चौकोर िडब्बी में शहद भरकर हनुमान मंिदर या िकसी िनजर्न वन, स्थान में रखने से मंगल दोष शांत होता है |

    - मंगलवार को सुन्दरकाण्ड एवं बालकाण्ड का पाठ करना लाभकारी होता है |

    - बंदरों व कुत्तों को गुड व आटे से बनी मीठी रोटी िखलाएं |

    - मंगल चिन्दर्का स्तोतर् का पाठ करना भी लाभ देता है |

    - माँ मंगला गौरी की आराधना से भी मंगल दोष दूर होता है |

    - काितर् केय जी की पूजा से भी मंगल दोष के दुशपर्भाव में लाभ िमलता है |

    - मंगलवार को बताशे व गुड की रेविड़याँ बहते जल में पर्वािहत करें |

    - मंगली कन्यायें गौरी पूजन तथा शर्ीमद्भागवत के 18 वें अध्याय के नवें श्लोक का जप अवश्य करें |

    मांगिलक िवश्लेषण - II

    32 ratnajyoti.com

  • साढ़साढेे़साती क्या होता हसाती क्या होता हैैज्योितषशास्तर् के अनुसार साढ़े साती तब बनती है जब शिन गोचर में जन्म चन्दर् से पर्थम, िद्वतीय

    और द्वादश भाव से गुजरता है। शिन एक रािश से गुजरने में ढ़ाई वषर् का समय लेता है इस तरह

    तीन रािशयों से गुजरते हुए यह साढ़े सात वषर् का समय लेता है जो साढ़े साती कही जाती है।

    सामान्य अथर् में साढ़े साती का अथर् हुआ सात वषर् छ: मास।

    साढ़े साती के समय व्यिक्त को किठनाईयों एवं परेशािनयों का सामना करना होता है परंतु इसमें

    घबराने वाली बात नहीं हैं। इसमे किठनाई और मुिश्कल हालत जरूर आते हैं परंतु इस दौरान व्यिक्त

    को कामयाबी भी िमलती है। बहुत से व्यिक्त साढ़े साती के पर्भाव से सफलता की उंचाईयों पर पहुंच

    जाते हैं। साढ़े साती व्यिक्त को कमर्शील बनाता है और उसे कमर् की ओर ले जाता है। हठी,

    अिभमानी और कठोर व्यिक्तयों से यह काफी मेहनत करवाता है।

    क्या आप साढ़क्या आप साढेे़साती में हसाती में हैै

    नहीं, आप पर इस समय साढ़ेसाती का पर्भाव नहीं है।

    िवचार करने का िदनाकं 19-2-2018

    शिन रािश धनु

    चंदर् रािश वृष

    वकर्ी शिन ? नहीं

    साढे़साती िवश्लेषण - I

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  • चंदर् रािश शिन रािश वकर्ी शिन चरण पर्कार िदनांक संिक्षप्त िववरण

    वृष वृष -- िशखर पर्ारम्भ 7-6-2000

    वृष िमथुन -- अस्त पर्ारम्भ 23-7-2002

    वृष िमथुन हाँ िशखर पर्ारम्भ 8-1-2003

    वृष िमथुन -- अस्त पर्ारम्भ 8-4-2003

    वृष ककर् -- अस्त समाप्त 6-9-2004

    वृष ककर् हाँ अस्त पर्ारम्भ 13-1-2005

    वृष ककर् -- अस्त समाप्त 26-5-2005

    वृष मेष -- उदय पर्ारम्भ 3-6-2027

    वृष मेष हाँ उदय समाप्त 19-10-2027

    वृष मेष हाँ उदय समाप्त 20-10-2027

    वृष मेष हाँ उदय समाप्त 21-10-2027

    वृष मेष -- उदय पर्ारम्भ 23-2-2028

    वृष वृष -- िशखर पर्ारम्भ 8-8-2029

    वृष वृष हाँ उदय पर्ारम्भ 5-10-2029

    वृष वृष -- िशखर पर्ारम्भ 17-4-2030

    वृष ककर् -- अस्त समाप्त 13-7-2034

    वृष मेष -- उदय पर्ारम्भ 7-4-2057

    वृष वृष -- िशखर पर्ारम्भ 28-5-2059

    वृष िमथुन -- अस्त पर्ारम्भ 11-7-2061

    वृष िमथुन हाँ िशखर पर्ारम्भ 13-2-2062

    वृष िमथुन -- अस्त पर्ारम्भ 7-3-2062

    वृष ककर् -- अस्त समाप्त 24-8-2063

    वृष ककर् हाँ अस्त पर्ारम्भ 5-2-2064

    वृष ककर् -- अस्त समाप्त 9-5-2064

    साढे़साती िवश्लेषण - II

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  • चंदर् रािश शिन रािश वकर्ी शिन चरण पर्कार िदनांक संिक्षप्त िववरण

    वृष मेष -- उदय पर्ारम्भ 21-5-2086

    वृष मेष हाँ उदय समाप्त 10-11-2086

    वृष मेष -- उदय पर्ारम्भ 8-2-2087

    वृष वृष -- िशखर पर्ारम्भ 18-7-2088

    वृष वृष हाँ उदय पर्ारम्भ 30-10-2088

    वृष वृष -- िशखर पर्ारम्भ 5-4-2089

    वृष िमथुन -- अस्त पर्ारम्भ 19-9-2090

    वृष िमथुन हाँ िशखर पर्ारम्भ 25-10-2090

    वृष िमथुन -- अस्त पर्ारम्भ 21-5-2091

    वृष ककर् -- अस्त समाप्त 2-7-2093

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  • साढ़साढेे़ सती उपाय सती उपाय

    - साढ़ेसाती के अिनष्ट पर्भावों को काम करने के उपाय िनम्निलिखत है -

    - साढ़े साती की परेशानी से बचने के िलए िनयिमत हनुमान चालीसा का पाठ करना चािहए।

    - इस गर्ह दशा से बचने के िलए काले घोडे़ की नाल की अंगूठी बनाकर उसे दाएं हाथ की मध्यमा उंगली में पहनना चािहए।

    - शिन देव को शिनवार के िदन सरसों का तेल और तांबा भेट करना चािहए।

    - िकसी गरीब व्यिक्त को काले कंबल का दान करें।

    - िशविलंग पर काले ितल अिपर्त करें और जल चढ़ाएं।

    - हर मंगलवार और शिनवार ऊँ रामदूताय नमः मंतर् का जप करें। मंतर् जप की संख्या कम से कम 108 करे।

    - धािमर्क आचरण बनाए रखें और िकसी का अनादर न करें।

    - हर शिनवार को शिन के िनिमत्त तेल का दान करें। तेल दान करने से पहले तेल में अपना चेहरा देख लेना चािहए। यह उपाय हर शिनवार िकया

    जाना चािहए।

    - शिन बीज मंतर् - ◌ॐ पर्ां पर्ीं पर्ौं सः शनैश्चराय नमः पर्ितिदन 108 बार अवश्य करें

    - शिन पर्कोप से मुिक्त के िलए सुंदर काण्ड का िनयिमत पाठ अवश्य करें।

    - रोटी में तेल लगाकर कुत्ते या कौए को िखलाएं।

    साढे़ सती पर्भाव और उपाय

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  • वैिदक ज्योितष के अनुसार गर्हों से सूक्ष्म ऊजार्ओं का उत्सजर्न होता है, िजनका हमारी जन्म कुंडली में गर्हों की

    िस्तिथ के अनुसार, हमारे जीवन पर पर्ितवतीर् िहतकारी अथवा अिनष्टकारी पर्भाव पड़ते हैं । पर्त्येक गर्ह का अपना

    एक अनूठा तत्सम्बिन्धत ज्योितषीय रत्न होता है जो उसी गर्ह के अनुरूप बर्ह्मांडीय वणर्-ऊजार् का पर्सार करता है

    । रत्न सकारात्मक िकरणों के पर्ितिबंब या नकारात्मक िकरणों के अवशोषण द्वारा अपना कायर् करते हैं । ये रत्न

    केवल सकारात्मक स्पंदनों को ही शरीर में पर्वेश करने देते हैं; इस कारण उपयुक्त रत्न पहनाने से उसके धारण कतार्

    पर सम्बंिधत गर्ह के लाभदायक पर्भाव को बढ़ाया जा सकता है ।

    लग्न, शरीर और शरीर से संबंिधत सभी बातों का

    - जैसे स्वास्थ्य, दीघार्यु, नाम, पर्ितष्ठा, जीवन-

    उदे्दश्य आिद का पर्तीक होता है। संक्षेप में, इस में

    पूरे जीवन का सार समाया है । इसिलए लग्न के

    स्वामी अथार्त लग्नेश से संबंिधत रत्न को जीवन

    रत्न कहा जाता है । इस रत्न के गुणों तथा शिक्तयों

    का पूरा लाभ उठाने के िलए इसे आजीवन पहना

    जा सकता है और पहनना भी चािहए ।

    जीवन रत्नजीवन रत्न

    मोती

    जन्म कुंडली का पंचम भाव भी एक शुभ भाव

    है। पांचवा भाव बुिद्ध, उच्च िशक्षा, संतान,

    अपर्त्यािशत धन-पर्ािप्त आिद का द्योतक है। इस

    भाव को ‘पूवर् पुण्य कमोर्ं’ का अथार्त िपछले जन्मों

    के अचे्छ कमोर्ं का स्थान भी माना जाता है । इसी

    कारण इसे शुभ भाव कहते हैं । पंचम भाव के

    स्वामी से सम्बंिधत रत्न को कारक रत्न कहा जाता

    है।

    कारक रत्नकारक रत्न

    मूंगा

    जन्म-कुंडली के नवम भाव को भाग्य या पर्ारब्ध

    का स्थान कहा जाता है । यह भाव भाग्य,

    सफलता, ज्ञान, गुणदोष और उपलिब्धयों आिद

    का द्योतक है । यह भाव व्यिक्त द्वारा िपछले जन्मों

    में िकए गए अचे्छ कमोर्ं के कारण पर्ाप्त होने वाले

    फल स्वरूप आनंद की ओर संकेत करता है ।

    नवम भाव के स्वामी से सम्बंिधत रत्न को भाग्य

    रत्न कहते हैं । इस रत्न को धारण करने से भाग्य

    में वृिद्ध होती है ।

    भाग्य रत्नभाग्य रत्न

    पुखराज

    रत्न उपाय िवचार

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  • जीवन रत्न - मोतीजीवन रत्न - मोती िवकल्प चंदर्मिण

    उंगली अनािमका या किनष्ठा

    भार 5 - 7.25 कैरेट

    िदन सोमवार

    अिधदेवता चंदर्मा

    धातु चांदी

    िववरणिववरणमोती रत्न का स्वामी गर्ह चंदर् है । मोती धारण करने से धन,

    पर्िसिद्ध और जीवन-शिक्त की पर्ािप्त होती है । मोती धारण

    करने वाला व्यिक्त मेधावी होता है और दीघर् जीवन जीता है।

    भार व धातुभार व धातुवजन में २, ४, ६ या ११ कैरेट का दोषरिहत मोती पहनना

    चािहए । इसे चांदी की अंगूठी में जड़ा जाना चािहए । अंगूठी

    की बनावट इस पर्कार की हो िक रत्न त्वचा को छू सके ।

    पहनने का समयपहनने का समयमोती को शुक्ल पक्ष के िकसी भी सोमवार को

    सूयोर्दय के बाद धारण िकया जा सकता है ।

    मंतर्मंतर्पर्ाण पर्ितष्ठा के पश्चात इस रत्न की फूलों और धूप-

    बत्ती के साथ पूजा करें । मोती धारण करने के िलए

    िनम्निलिखत मंतर् का १०८ बार जाप करें

    ◌ॐ शर्ां शर्ीं शर्ौं सः चन्दर्ाय नमः

    पर्ाण पर्ितष्ठापर्ाण पर्ितष्ठाअंगूठी पहनने से पहले, इसे कच्चे दूध या गंगा जल में

    कुछ समय के िलए डुबो कर रखें ।

    उउंंगलीगलीमंतर् जाप के बाद, मोती को दािहने हाथ की अनािमका (िरंग

    िफंगर) अथवा किनष्ठा अंगुली में धारण िकया जा सकता है।

    िवकल्पिवकल्पमोती के स्थान पर चन्दर्कान्त मिण या सफे़द नीलम जैसे

    िवकल्प रत्न भी उपयोग में लाये जा सकते हैं।

    सावधानीसावधानीध्यान रहें िक मोती को हीरा, नीलम, पन्ना, लहसुिनया और

    उनके िवकल्प रत्नों के साथ नहीं पहना जाना चािहए।

    जीवन रत्न

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  • कारक रत्न - मू ंगाकारक रत्न - मू ंगा िवकल्प लाल सुलेमानी

    उंगली तजर्नी

    भार 6 - 10.25 कैरेट

    िदन मंगलवार

    अिधदेवता मंगल

    धातु स्वणर्

    िववरणिववरणलाल मूंगा का स्वामी गर्ह मंगल है । लाल मूंगा व्यिक्त को

    साहसी बनाता है और उसकी अपने दुश्मनों को पछाड़ने में

    सहायता करता है । लाल मूंगा दुष्ट आत्माओं, जादू-टोना और

    बुरे स्वप्नों से बचाता है ।

    भार व धातुभार व धातुलाल मूंगा का वजन ६ कैरेट से अिधक होना चािहए । इसे

    सोने और तांबे के िमशर्ण से बनी अंगूठी में जड़ा जाना चािहए

    । अंगूठी की बनावट इस पर्कार की हो िक रत्न त्वचा को छू

    सके ।

    पहनने का समयपहनने का समयलाल मूंगा रत्न चंदर्मास के शुक्ल पक्ष के िकसी भी

    मंगलवार को सूयोर्दय के एक घंटे बाद धारण िकया

    जा सकता है ।

    मंतर्मंतर्पर्ाण पर्ितष्ठा के पश्चात इस रत्न की फूलों और धूप-

    बत्ती के साथ पूजा करें । लाल मूंगा धारण करने के

    िलए िनम्निलिखत मंतर् का १०८ बार जाप करें

    ◌ॐ कर्ां कर्ीं कर्ौं सः भौमाय नमः

    पर्ाण पर्ितष्ठापर्ाण पर्ितष्ठालाल मूंगा की अंगूठी पहनने से पहले, इसे कच्चे दूध

    या गंगा जल में कुछ समय के िलए डुबो कर रखें ।

    उउंंगलीगलीमंतर् जाप के बाद, लाल मूंगे की अंगूठी को दािहने हाथ की

    अनािमका (िरंग िफंगर) में धारण करें ।

    िवकल्पिवकल्पलाल मूंगा के स्थान पर संग मुंगी (संग-िसतारा), कानेर्िलयन

    और रेड जास्पर (सूयर्कांत मिण) जैसे िविभन्न िवकल्प रत्न भी

    उपयोग में लाये जा सकते हैं ।

    सावधानीसावधानीध्यान रहें िक लाल मूंगे को पन्ना, हीरा, नीलम, गोमेद,

    लहसुिनया और उनके िवकल्प रत्नों के साथ नहीं पहना जाना

    चािहए।

    कारक रत्न

    39 ratnajyoti.com

  • भाग्य रत्न - पुखराजभाग्य रत्न - पुखराज िवकल्प टोपाज

    उंगली तजर्नी

    भार 4 - 5.25 कैरेट

    िदन गुरुवार

    अिधदेवता गुरु

    धातु स्वणर्

    िववरणिववरणपुखराज रत्न का स्वामी गर्ह बृहस्पित (गुरु) है । शुद्ध पुखराज

    दोषरिहत , चमकदार, दीिप्तमान, स्पशर् करने में िचकना और

    उत्तम वणर् का होता हैं । पुखराज धारण करने से अचे्छ

    स्वास्थ्य, ज्ञान, संपित्त, दीघार्यु, नाम, सम्मान और यश की

    पर्ािप्त होती है । यह बुरी आत्माओं के कुपर्भाव से भी रक्षा

    करता है ।

    भार व धातुभार व धातुपुखराज का वजन ३ कैरेट से अिधक होना चािहए; परंतु ६, ११

    अथवा १५ कैरेट का न हो इस बात का ध्यान रखें । इसे सोने

    की अंगूठी में जड़ा जाना चािहए । अंगूठी की बनावट इस

    पर्कार की हो िक रत्न त्वचा को छू सके ।

    पहनने का समयपहनने का समयपुखराज रत्न को चंदर्मास के शुक्ल पक्ष के िकसी भी

    गुरुवार की सुबह धारण िकया जा सकता है ।

    मंतर्मंतर्पर्ाण पर्ितष्ठा के पश्चात इस रत्न की फूलों और धूप-

    बत्ती के साथ पूजा करें । पुखराज धारण करने के

    िलए िनम्निलिखत मंतर् का १०८ बार जाप करें

    ◌ॐ गर्ां गर्ीं गर्ौं सः गुरवे नमः

    पर्ाण पर्ितष्ठापर्ाण पर्ितष्ठापुखराज की अंगूठी पहनने से पहले, इसे कच्चे दूध या

    गंगा जल में कुछ समय के िलए डुबो कर रखें ।

    उउंंगलीगलीमंतर् जाप के बाद, पुखराज को दािहने हाथ की अनािमका (िरंग

    िफंगर) में धारण करें ।

    िवकल्पिवकल्पपुखराज के स्थान पर पीला मोती, पीला िजकर्ोन, पीली

    तूरमली, टोपाज़ और िसटर्ीन (क्वाट्जर् टोपाज़) जैसे िविभन्न

    िवकल्प रत्न भी उपयोग में लाये जा सकते हैं ।

    सावधानीसावधानीध्यान रहें िक पुखराज को हीरे, नीलम, गोमेद और लहसुिनया

    के साथ नहीं पहना जाना चािहए।

    भाग्य रत्न

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  • चार मुखी रुदर्ाक्ष+ दो मुखी रुदर्ाक्षचार मुखी रुदर्ाक्ष+ दो मुखी रुदर्ाक्ष

    आपको चार तथा दो मुखी रुदर्ाक्ष कआपको चार तथा दो मुखी रुदर्ाक्ष केे संयोजन को धारण करने का सुझाव िदया जाता ह संयोजन को धारण करने का सुझाव िदया जाता है।ै।

    .

    दो मुखी रुदर्ाक्ष का स्वामी गर्ह चन्दर्मा है। यह चंदर्मा के दुष्पर्भावों को तथा बाई आँख, िकडनी, आँतों, इत्यािद रोगों को

    िनयंितर्त करता है। दो मुखी रुदर्ाक्ष िशव-पावर्ती का पर्तीक होता है। दो मुखी रुदर्ाक्ष को धारण करने के पर्भाव से

    पिरवार में शांित आती है तथा यह दो व्यिक्तयों के मध्य बेहतर िरश्तों के िवकास में मदद करता है। चन्दर्मा के दुष्पर्भाव

    इसके द्वारा िनयंितर्त होते हैं। इसका स्वामी गर्ह बुध है तथा यह बर्ह्मा का पर्तीक है। इसके पूरे पर्भाव और िदव्यता में

    बर्ह्मा की शिक्त मौजूद है। यह रुदर्ाक्ष बुध के दुष्पर्भावों को पर्भावहीन कर देता है तथा देवी सरस्वती को पर्सन्न करता

    है। यह तािकर् क तथा सरंचनात्मक सोच को भी बढ़ावा देता है। यह मानिसक शिक्त, बुिद्ध, ज्ञान तथा एकागर्ता को

    बढ़ाने में मदद करता है। यह समझ तथा बुिद्ध को बढ़ता है। यह मुखी तकर् तथा एकागर्ता तथा सरंचनात्मक सोच को

    िनयंितर्त करता है।

    Rudraksha Report

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  • 8भाग्यांकभाग्यांक

    4मूलांकमूलांक

    9नामांकनामांक

    आपका नाम JAGADISH DEBNATH

    जन्म िदनांक 13-2-2000

    मूलांक 4

    मूलांक स्वामी राहु

    िमतर्