कू ल स ब धी ड ाटा क ा कै स े · 0 2 ि श ा म ज व ा...

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02 िशा जवाबदेही लाने के िलए कू ल सबधी डाटा का कैसे उपयोग िकया जा सकता ? वष 2017 म एकाउंटीिबलटी इिनशएिटव ने UNESCO संथा के साथ िमलकर एक शोध िकया | इस शोध म हम जानना चाहते थे क कूल सबधी िहतधारक कूल सबधी डाटा का िकतना उपयोग कर रहे ह और उह इसके बारे म िकतनी जानकारी है – खास तौर से या वह इस डाटा का कूल से जवाबदेही और पादशता क मांग करने के लए कर सकते ह और वय शा क थत का आंकलन कर सकते ह या? यह अधय भारत के साथ 6 अय देश म भी ह आ है | भारत म यह िहमाचल देश, राजथान और मयदेश म ह आ है | इस अधय म 250 कूल से सबंधत िहतधारक का सवण िकया गया जनमे- अयापक, अभभावक और एस.एम.सी. के सदय शािमल थे | इस अधय के लए 22 सरकारी कूल को सैपल आधार पर चुना गया | भारत म शा म जवाबदेही और पारदशता लाने को लेकर सरकार और वय सेवी संथाओं ारा अलग-अलग डाटा-बेस तैयार िकये गए है, इन डाटा-बेस को तैयार करने के पीछे उेय यही है के अभभावक और समुदाय इन डाटा-बेस को देखकर व डाटा के आधार पर कूल व सरकार से जवाबदेही क मांग कर सक | सरकार ारा दो डाटा-बेस तैयार िकये गए ह- पहला अखल भारतीय तर पर कूल सबंधत जानकारी उपलध करवाता है | िवतृत प म बात क जाये तो यह शा के लए एक एककृत सुचना णाली है जसे U-DISE कूल रपोट काड के नाम से जाना जाता है | यह रपोट काड मुय प से कूली ब के नामांकन, फंस, कूल म अयापक क संया, अयापक क योयता, छा शक अनुपात और कूल सुिवधाओं क थत के बारे म जानकारी दान करता है | वतमान भारत म, कूल शा से सबंधत जानकरी ा करने के लए यह एकमा सबसे बड़ा डाटाबेस है, इसम पूरे देश भर के तकरीबन सभी कूल कवर होते है | द सरा डाटा-बेस जो NAS (नेशनल अचीवमट सव ) के नाम से जाना जाता है, ब के अयन तर क जांच करता है | नेशनल एचवेमट सव को नैशनल काउसल आफ एजुकेशन रसच एंड टेिनंग ारा संचालत िकया जाता है और यह ब के अधय तर क जांच सैपल सव के प म करता है | वयं सेवी संथाओ म से ‘थम’ नामक संथा क एयुल टेटस आफ एजुकेशन रपोट (ASER) भी ब के बुिनयादी अययन तर से परचत करवाती है | यह भी िहतधारक और सरकार के लए एक महवपूण डाटा-बेस है जोिक अधय तर पर काश डालती है | इन डाटा-बेस के मायम से अभभावक ब के शैणक तर का आंकलन कर सकते है | उसी तरह से सरकार, इन डाटा-बेस के परणाम के आधार पर गुणवा पूण शा उपलध करवाने के लए शा को मज़बूत करने के लए कायम का आयोजन कर अयापक शण पर बल दे सकती है | भारत म 1.5 िमलयन से अधक कूल है | शा तं अलग अलग चर से िमलकर बनता है जसमे सरकार, िनजी संथाये, अभभावक, और समुदाय और सिवल सोसायटी संथाय सभी िमलकर डाटा पर काय कर रही है | अभी भी, इस बात का ान बह त कम है िक भारत म कूल लेवल डाटा को समझते ए िकस कार इसका उपयोग िकया जा सकता है, खास तौर से जनता इन डाटा बेस का उपयोग कर भी पाती है या नह और अगर हाँ तो कैसे | हमारे शोध ने यही जानने क कोशश क है | भारत म अभी तक U-DISE ही एक ऐसा ज़रया है जसके मायम से भारत के हर एक िवालय के बारे म जानकारी िमल सकती ह, इसलए यह शोध U-DISE के उपयोग पर केत है|

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    िश�ा म� जवाबदहेी लाने के िलए �कूल स�बधी डाटा का कैस ेउपयोग िकया जा सकता ह�?वष� 2017 म� एकाउंटीिब�लटी इिन�शएिटव ने UNESCO सं�था के साथ िमलकर एक शोध िकया | इस शोध म� हम जानना चाहते थे क� �कूल स�ब�धी िहतधारक  �कूल स�ब�धी डाटा का िकतना उपयोग कर रहे ह� और उ�ह� इसके बारे म� िकतनी जानकारी है – खास तौर से �या वह इस डाटा का �कूल� से जवाबदेही और पाद�श�ता क� मांग करने के �लए कर सकते ह� और �वय �श�ा क� ��थ�त का आंकलन कर सकते ह� �या? यह अधय� भारत के साथ 6 अ�य देश� म� भी हुआ है | भारत म� यह  िहमाचल �देश, राज�थान और म�य�देश म� हुआ है | इस अधय� म� 250 �कूल से सब�ंधत िहतधारक� का सव��ण िकया गया �जनमे- अ�यापक, अ�भभावक और एस.एम.सी. के सद�य शािमल थे | इस अधय� के �लए 22 सरकारी �कूल� को सै�पल आधार पर चुना गया |     भारत म� �श�ा म� जवाबदेही और पारद�श�ता लाने को लेकर सरकार और �वय सेवी सं�थाओं �ारा अलग-अलग डाटा-बसे तैयार िकये गए है, इन डाटा-बसे को तैयार करने के पीछे उ�े�य यही है के अ�भभावक और समुदाय इन डाटा-बसे को देखकर व डाटा के आधार पर �कूल व सरकार से जवाबदेही क� मांग कर सक�  | सरकार �ारा दो डाटा-बसे तैयार िकये गए ह�- पहला अ�खल भारतीय �तर पर �कूल सब�ंधत जानकारी उपल�ध करवाता है | िव�तृत �प म� बात क� जाये तो यह �श�ा के �लए एक एक�कृत सुचना �णाली है �जसे U-DISE �कूल �रपोट� काड� के नाम से जाना जाता है | यह �रपोट� काड� मु�य �प से �कूली ब�� के नामांकन, फं�स, �कूल म� अ�यापक� क� सं�या, अ�यापक क� यो�यता, छा� �श�क अनुपात और �कूल सुिवधाओं क� ��थ�त के बारे म� जानकारी �दान करता है | वत�मान भारत म�,  �कूल �श�ा से सब�ंधत जानकरी �ा� करने के �लए यह एकमा� सबसे बड़ा डाटाबसे है, इसम� पूरे देश भर के तकरीबन सभी �कूल कवर होते है | दसूरा डाटा-बसे जो NAS (नेशनल अचीवम�ट सव� ) के नाम से जाना जाता है, ब�� के अ�यन �तर क� जांच करता है |  नेशनल ए�चवेम�ट सव� को  नैशनल काउ��सल आफ एजुकेशन �रसच� एंड ट� ेिनंग �ारा संचा�लत िकया जाता है और यह ब�� के अधय� �तर क� जांच सै�पल सव� के �प म� करता है | �वयं सेवी सं�थाओ म� से ‘�थम’ नामक सं�था क� ए�युल �टेटस आफ एजुकेशन �रपोट� (ASER) भी ब�� के बुिनयादी अ�ययन �तर से प�र�चत करवाती है | यह भी िहतधारक� और सरकार के �लए एक मह�वपूण� डाटा-बसे है  जोिक अधय� �तर पर �काश डालती है | इन डाटा-बसे के मा�यम से अ�भभावक ब�� के शै��णक �तर का आंकलन कर सकते है | उसी तरह से सरकार, इन डाटा-बसे के प�रणाम� के आधार पर गुणव�ा पूण� �श�ा उपल�ध करवाने के �लए �श�ा को मज़बूत करने के �लए काय��म� का आयोजन कर अ�यापक ��श�ण पर बल दे सकती है |  भारत म� 1.5 िम�लयन से अ�धक �कूल है | �श�ा तं� अलग अलग च�र�� से िमलकर बनता है �जसमे सरकार, िनजी सं�थाये, अ�भभावक, और समुदाय और �सिवल सोसायटी सं�थाय� सभी िमलकर डाटा पर काय� कर रही है | अभी भी, इस बात का �ान बहुत कम है िक भारत म� �कूल लेवल डाटा को समझते हुए िकस �कार इसका उपयोग िकया जा सकता है, खास तौर से जनता इन डाटा बसे का उपयोग कर भी पाती है या नह� और अगर हाँ तो कैसे |  हमारे शोध ने यही जानने क� को�शश क� है | भारत म� अभी तक U-DISE ही एक ऐसा ज़�रया है �जसके मा�यम से भारत के हर एक िव�ालय के बारे म� जानकारी िमल सकती ह�, इस�लए यह शोध U-DISE के उपयोग पर के���त है|

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    म�ुय पिरणाम

    सरकार क� तरफ से �ार�भक �श�ा �दान करने म� सव� �श�ा अ�भयान क� मह�वपूण� भूिमका है |  जमीनी �तर पर िवकेि�कृत �ािनंग, �कूल िवकास योजना पर आधा�रत होती है | वा�तव म� देखा जाए तो �कूल क� िव�ीय आव�यकताओं क� पहचान �कूल िवकास योजना के आधार पर ही होनी चािहए लेिकन देखा गया है िक U-DISE डाटा के आधार पर रा�य �ारा क� � सरकार से बजट क� मांग क� जाती है|  पर�तु िफर भी बजट क� मांग और जो �वीकृत होकर आती ह�, इसम� अंतर िदखाई देता है | यह भी देखा गया है िक िव�ालय से स�ब�ंधत िकसी मु�े पर अपनी आवाज उठाने के �लए या कोई मांग पूरी करने के �लए अ�भभावक यू-डाइस डाटा का सही से इ�तेमाल नह� कर पाते|

    �ािनंग म� य-ूडाईस पोट�ल क� अहम भूिमका

    �थानीय आव�यकताओं को ��तिबिंबत िकया जाना चािहए U-DISE �कूल �रपोट� काड� इस तरह से तैयार िकया गया �जससे हम �कूल क� वत�मान ��थ�त जान सकते है | पर�तु कही भी हम �कूल �तर क� �ाथिमकताओं क� पहचान इससे नही कर सकते है | इसके अलावा, U-DISE डाटा को �कूल� से वष� म� एक िन��त समय अव�ध म� एक� िकया जाता है �जस कारण इसम� कोई प�रवत�न नही िकया जा सकता है और साथ ही साथ अधय� �तर को �भािवत करने वाले मानक� क� पहचान नही कर पाता है  | इस वजह से वा�तिवक ��थ�त और जो डाटा कले�ट िकया गया है उसमे अंतर िदखाई देता है | इस तरह से दोन� तरह क� सूचनाये एक दसुरे पर िनभ�र नही करती है |

    �रपोट� काड� का उपयोग सीिमत सामा�य �प से U-DISE �कूल �रपोट� काड� का उपयोग अ�भभावक और समुदाय �ारा अपने ब�� के �कूल चयन को लेकर और जवाबदेही को लेकर कम ही इ�तेमाल िकया जाता है | सव� म� 90% अ�भभावक� ने  कहा िक उ�ह�ने कभी भी U-DISE �कूल �रपोट� काड� के बारे म� नह� सुना ह� | केवल 2% ऐसे ह� �ज�ह�ने कभी न कभी U-DISE पोट�ल म� U-DISE डाटा का उपयोग िकया है | हलािक सभी सव���त अ�यापक U-DISE डाटा के �लए एक� िकये जाने वाली �ि�या को अ�छी तरह जानते है, केवल 10% अ�यापक ह� जोिक आनलाईन U-DISE पोट�ल म� �कूल �रपोट� काड� से अ�छी तरह से प�र�चत है |

    डाटा के पहंुच को मजबूत करने के �लए नए रा�त� का िनमा�णभारत के सरकारी �कूल �णाली म� यिद जवाबदेही क� बात क� जाए तो अ�भभावक इसके �लए मूलभूत त�व है | जवाबदेही मॉडल का िनमा�ण �कूल �बधंन सिम�त (एस.एम.सी. ) से हुआ था, अ�भभावक �जसके मु�य सद�य ह� | �कूल �णाली क� जवाबदेही सीधे तौर पर एस.एम.सी. के ��त उतरदायी है | आदश�  तौर पर देखा जाए तो इस �कार क� सिम�त लगातार �कूल� पर जवाबदेही को लेकर �कूल �शासन पर दबाव बनाये रखती है | यह सिम�त िव�ालय क� ग�तिव�धय� पर अपनी िनगरानी बनाती है और साथ ही साथ सुझाव� के मा�यम से अपना योगदान देती है जोिक सीखने के प�रणाम� को और बहेतर बनाता है | U-DISE डाटा जैसे �ोत मा�यम क� जानकारी के आधार पर नाग�रक, सरकार से �कूल� के ��त  जवाबदेही मांग सकते ह� | सरकार, इस सूचना को जनता तक पहुचाने के �लए तीन िव�भ� �ि�याओं को अपनाती है :

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    पहला, U-DISE ऑनलाइन पोट�ल �ारा | दसूरा, �कूल� के नोिटस बोड� म� �कूल �रपोट� काड� का �चार �सार करना | तीसरा, �कूल� को इस िवषय पर एस.एम.सी  सद�य� से िवचार सांझा करना | जहाँ तक डाटा को जनता तक पहुचाने क� बात है, केवल आनलाइन पोट�ल मु�य �प से उपयोग म� लाया जाता है| पर�तु, बाक� दो मा�यमो का उपयोग बहुत कम होता है | लगभग 90 % अ�भभावक� ने बताया िक उ�ह� कभी िकसी �कार क� ट� ेिनग या िदशा-िनद�श �ा� नह� हुई है, और न ही �कूल �ारा U-DISE �कूल �रपोट� काड� को लेकर कुछ बताया गया है | ऐसा देश जहाँ इ�टरनेट क� सुिवधा अभी भी सभ घर� तक नह� पहुची ह�, यिद �यादा से �यादा लोग� तक सूचना को पहुचना है , तो अ�य ऑनलाइन के इलावा और  मा�यमो का िनमा�ण करना होगा |

    िव�ालय �तर पे सीखने के लेवल के बारे म� जानकारी का अभावइस �टडी म� यह प�रणाम िनकल कर आये है िक तीन मु�य िबदं ुहै �जस पर अ�भभावक जानकारी चाहते है : 1) �कूल म� ब�� के सीखने का �तर 2) �कूल म� मूलभूत बुिनयादी सुिवधाओ ंक� उपल��ध और साथ ही साथ ब�� क� सुर�ा और �वछता का �ावधान और 3) िनयिमत �प से यो�य  और िवषय स�ब�धी �श�क� क� उपल��ध | वत�मान म� U-DISE �कूल �रपोट� काड� म� ब�� के सीखने के �तर के बारे म� जानकारी नह� िमलती ह�| यह जानकारी हम नैशनल एचीवम�ट सव� से जान सकते ह�- लेिकन इस सव� के प�रणाम केवल रा�य और �जला को दशा�ते है और इसम� एक-एक �कूल का प�रणाम नही िनकाला जाता है |

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    िसफािरशे

    �श�ा के �े� म� िव�भ� िवभाग� एवं सं�थाओं �ारा डाटा एक� िकया जाता है और यही डाटाबसे एक �त�भ के �प म� काय� करता है जोिक एक दसुरे पर िनभ�र करता है | क� �-रा�य, �जला एव �थानीय �तर पर तालमेल म� कमी के कारण डाटा क� गुणव�ा �भािवत होती है यह अंत: सरकारीय कमी को दशा�ता है | िव�भ� डाटाबसे क� सुिन��त करना इस�लए भी ज�री है िक इससे सही �तर पर जवाबदेही तय क� जा सकती है | जोिक डाटा क� गुणव�ा को मजबूती देता है और साथ ही साथ ��त�लिप को होने से रोकता है | तकनीक के इ�तेमाल से डाटा को तैयार करने से लेकर उसे �सार करने तक के समय म� भी कटौती होती है |

    आंत�रक जवाबदेही स�ब�ध� को सश�  बनाना

    2. सीखने के �तर म� �कूल का �दश�न और सरकारीय िवतीय ह�तातांरण क� कड़ी को सश� करना वत�मान म� �कूल� क� सरकार के ��त जवाबदेही केवल िवतीय खच� तक ही सीिमत रह गई है, लेिकन इस बात पर नही क� U-DISE म� �च��हत ल�य िक �ाि� हुई या नह�| इसी अंतर को दरू करने के �लए, यह मह�वपूण� है िक िव�ीय ह�तांतरण �णाली को �यव��थत िकया जाए| बजट आवंटन के मु�य मानक� को पारदश� �प से �द�श�त करने क� आव�यकता है | एक इस तरह िक िवतीय ह�तांतरण �णाली का िनमा�ण होना चािहए जो िक सही मानक� से स�पक� करने म� स�म हो | सरकार, �जला �तर पर नैशनल एचीवम�ट सव� को हर वष� करने को लेकर योजना बना रही है और यह एक बहुत अ�छा अवसर है |नैशनल एचीवम�ट सव�  के प�रणामो के आधार पर,  सम� �श�ा अ�भयान अपनी योजना और बजट �णाली को �यव��थत कर सकती है| कुल िन�ध का एक छोटा िह�सा रा�य सरकार �ारा �श�ा क� गुणव�ा म� सुधार और बहेतर �दश�न से जोड़ा जा सकता  है |

    नाग�रक� क� ओर जवाबदेिहता को मजबूत करना

    1) �रयल टाइम डाटाबसे को स�म कर िनण�य लेने म� सुिवधाओं का �योग करना

    1) साव�जािनक �प से आनलाइन और आफलाइन डाटा के �सार को सश� करने को लेकर कदम उठाना

    आज के दौर म� इंटरनेट और �ड�जटल तकनीक क� िनभ�रता अ�धक हो गई है | यिद डाटा �चार-�सार करने क� बात क� जाए तो यह सुिवधा �थानीय �तर पर न के बराबर है | इसी बात को �यान म� रखते हुए मानव संसाधन िवकास मं�ालय और रा�� ीय शै��णक योजना एव �शासिनक अनुसंधान को मु�य �प से �यान देने क� आव�यकता है  िक वह इ�टरनेट व �ड�जटल तकनीक का उपयोग न कर कै�प, जाग�कता �शिवर, बठैक, नु�ड़ नाटक जैसे िवक�प� का चयन कर नाग�रक� तक डाटा का �चार-�सार करने के �लए �य�न करे | यह इस�लए भी ज�री है �यूंिक अ�भभावक कम पढ़े-�लखे है और उ�ह� तकनीक के मा�यम से समझाना किठन है | इस कारण केवल आनलाइन पोट�ल पर िनभ�र रहना उ�चत नही है  |

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    अ�धकतर �श�क� के �ारा U-DISE �कूल �रपोट� काड� देखकर यह महसूस िकया है िक वत�मान म� �जस �कार से जानकारी को �द�श�त िकया जा रहा है उस तरह से कम पढ़े-�लखे अ�भभावक� को समझाना आसान नही है | अिपतु �कूल �रपोट� काड� म� बहुत अ�धक जानकारी होती है �जसमे से अ�धकतर जानकारी िहतधारक� के �लए उपयोगी  सािबत नही होती है | सरल �ि�या- जैसे डाटा चा�स�, बार �ाफ, का �योग कर जानकारी अ�भभावक के �लए आसान बनाई जा सकती है |

    2) बोधग�यता और डाटा का �दश�न

    3) जाग�कता का िनमा�ण U-DISE �कूल �रपोट� काड� के ��त जाग�कता का काय� समाचार प�, रे�डयो, और टेलीिवजन के मा�यम से  शु� िकया जा सकता है | िहंदी और अ�ेजी भाषा म� �कूल �रपोट� काड� सब�ंधत िव�ापन देना, समुदाय/�थानीय �तर� पर डाटा के उपयोग को लेकर ��श�ण करवाना और िनयिमत �प से �कूल �बधंन सिम�त क� मीिटंग म� U-DISE डाटा का आ�डट करवाया जा सकता है | �श�ा के अ�धकार कानून और सुचना के अ�धकार कानून जैसी जानकारी �सिवल सोसायटी स�ँथाए और �वयं सेवी स�ँथाए भी आगे ले जा सकती है |

    4) �शकायत� और िनवारण त�� का िनमा�ण यिद औपचा�रक माग� का �योग कर �शकायत� और सुधार� का पंजीकरण होगा तो माता-िपता या समुदाय के सद�य� �ारा महसूस िकये जाने वाले �कूल� के ��त कुछ मु�य िवषय जैसे िक ��ाचार, लापरवाही, अ�मता, भेदभाव  और भी अ�य ऐसे मु�� को जड़ से िनकाला जा सकता है | वही दसूरी तरफ ऐसे त�� का िनमा�ण न होने से साव�जिनक जानकरी होते हुए भी नाग�रक शि�हीन है | ऐसा करने के �लए सरकारी नी�तय� म� प�रवत�न और िवशेष �प से मौजूदा �श�ा के अ�धकार कानून म� संशोधन क� आव�यकता है |