सह टेट इ टरनल आडट, उ तराख ड - uttarakhand · 2012-07-17 ·...

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1 चतुथ[ संèकरण सूचना का अिधकार अिधिनयम-2005 के अधीन Ĥािधकारȣ Ʈारा Ĥकािशत सूचना भाग एक 23-लêमी रोड, डालनवाला, देहराद सह-èटे ट इÛटरनल आǑडट, उ×तराखÖड उ×तराखÖड शासन

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  • 1

    चतुथ सं करण

    सूचना का अिधकार अिधिनयम-2005

    के अधीन ािधकार ारा कािशत सूचना

    भाग – एक

    23-ल मी रोड, डालनवाला, देहरादनू

    सह- टेट इ टरनल आ डट,

    उ तराख ड

    उ तराख ड शासन

  • 2

    तावना

    सूचना अिधकार अिधिनयम-2005 के अनु छेद-4(1) के अ तगत िनदेशालय

    कोषागार एंव सेवाय उ रांचल ारा 17 ब दओुं पर मैनुअल का तीय सं करण तैयार

    कया गया है। येक मैनुअल म वग कृत सूचना उपलब ्ध करायी गयी है जसम आम

    नाग रक ारा सूचना ा करने हेतु जब भी आवेदन कया जायेगा तो आधार भूत

    सूचनाय इन मैनुअल म ह उपल ध हो जायेगी। मैनुअल का तीय सं करण तैयार

    करने म यह यास कया है। क वभाग क सम त सूचनाय इस मैनुअल म संकिलत कर

    ली जाय। वभाग के िलय जहाँ यह एक अिभनव एंव चुनौित पूण काय था, साथ ह इस

    गुरतर भार को अघाविधक प से यव थत करने हेतु एक सुखद अनुभव भी था। इसी

    अवधारणा से इस काय को स प न कया गया।

    यह उ लेखनीय है क वतमान म जो मैनुअल का तीय सं करण उभर कर आया

    है वह एक ार भक अव था है तथा इसे िनर तर अ ाविधक कया जायेगा जससे

    मैनुअल को पुण प से क यूटर कृत कर बैबसाइट म भी उपल ध

    कराने क यवरथा क जायेगी ता क जन सामा य को वभागीय जानका रयां

    सुगमता पुवक ा हो सके। इस मैनुअल को तैयार करने का दािय व ी उ व भ ट

    सहायक कोषािधकार को स पा गया था तथा इस काय म मु यतः ी देवे द िसंह चौहान

    सहायक लेखािधकार व ी वशाल सोमानी कायालय सहायक सह डाटा इ आपरेटर

    ारा पूण सहयोग दया गया उनके यास क सराहना क जाती है।

    दनांकः 19 िसत बर, 2011

    शरद च पा डेय

    िनदेशक।

  • 3

    वषय सूची0

    स0ं

    सूचना का वषय/ ववरण पृ सं या

    1 संगठन क विश यां कृ य और कत यः- 1

    (1) कोषागार भाग 1-126

    (2) व ीय सां यक य भाग 127

    2 अिधका रय और कमा रय क श यां और कत यः-

    (1) बजट िनयं क के प म उ रदािय व एवं कत य 128-134

    (2) कोषागार किमय के उ रदािय व एवं कत य 134-136

    (3) टेट इ टरनलआ ङटर के उ रदािय व एवं कत य 136

    3 विनश ् चय करने क कया मे पालन क जाने वाली कया जसम

    पयवे णऔर उ रदािय व के मा यम स मिलत ह

    137-183

    (1) अिभलेख के रख-रखाव एवं वन ट करण क या 184-251

    4 कृ य के िनवहन के िलये वयं ारा था पत मापमानः- 252-255

    (1) कोषागार भाग 255

  • 1

    संगठन क विश यां कृ य और कतव ्य

    भारत के स वधान म लोकतं ा मक गणरा य म येक लोक ािधकार के कायकरण म पारदिशता और

    उ रदािय व के संवधन के िलए ािधका रय के िनयं णाधीन सूचना तक पहंुच सुिन चत करने के िलए नाग रक को

    सूचना के अिधकार क यावहा रक शासन प ित था पत करने के िलए एक के द य सूचना आयोग तथा रा य सूचना

    आयोग का ितपादन कया गया है जसम लोकतं के नाग रक से ऐसी सूचना क पारदिशता क अपे ा करता है जो

    उसके कायकरण तथा भ ाचार को रोकने के िलए सरकार तथा उसके प रकरण को शासन के ित उ रदायी बनाया है

    जससे लोक हत जसके अ तगत सरकार के द चालन सीिमत रा य व ीय संसाधन के अिधकतम उपयोग और

    लोकतं ा मक आदश क भुता को बनाये रखते हुए नाग रक को कितपय सुचना उपल ध कराने हेतु सूचना अिधकार

    अिधिनयम-2005 दनांक 12 अ टूबर 2005 से ितपा दत हुआ।

    इसी तदा य म िनदेशालय कोषागार एवं व सेवाय सह टेट इ टरनल आ ङट ारा संवैधािनक दशा िनदश

    के अनुसार िनदेशालय के अधीन सगठन जला तर य कायालय /उप कायालय के काय एवं दािय व के िन पादन हेतु

    सूचना का अिधकार 2005 का वभागीय मैनवल िन पत कया गया है जसका एक मा आशय यह है क साफ सुथरे

    शासन से जनता के अिधकार क र ा क जा सके।

    सूचना का अथ कसी भी ऐसी सामगी से है जो चाहे रकाङ के प म हो, अिभलेख के प म हो, मेमो के प म

    हो, ई-मेल क श ल म हो, जसम वचार को पकट कया गया हो, सुझाव दये गये ह , ेस व ि यां जार क गयी ह ,

    प रप जार कये गये ह , चाह वे सरकार आदेश ह , गा ङय क लॉगबु स, प रयोजनाओं के अनुब ध

    (CONTRACTS) रपोट, कागजात नमून,े मोङल या इलै टािनक प म कसी भी कार के आंकङे जो रखे जाते ह यह

    सब सूचना क प रधी म प रभा षत ह गे।

    िनदेशालय कोषागार एवं व सेवाय सह टेट इ टरनल आ ङट उ रांचल क थापना शासनादेश सं या-

    5089/ व0स0ंशा0/2001, दनांक 19-जून, 2001 के ारा क गयी है। पूववत रा य उ र देश म िनदेशालय कोषागार एवं

    व ीय सां यक य िनदेशालय, थानीय िनिध लेखा पर ा िनदेशालय तथा मु य लेखा पर ा अिधकार सहकार

    सिमितय एवं पंचायत के कायालय ारा कये जाने वाले सम त काय नवग ठत रा य उ रांचल म इस िनदेशालय को

    स पे गये ह। इस िनदेशालय के अधीन उ चार संगठन के काय एवं दािय व को अलग-अलग भाग के प म यथावत

    रखा गया है। इन चार भाग ारा कये जा रहे काय का सं ववरण िन नवत ह:-

    कोषागार भाग

    वत ता के बाद उ रांचल अ वभा जत रा य उ र देश का अंग था। ार भ म कोषागार राज व वभाग का

    ह सा रहा है। और यह यव था वष 1965 तक चलती रह जसम कसी व र ङ ट कले टर को कुछ अित र वेतन

    देकर कोषािधकार का काय एवं दािय व सौपा जाता था। पहली बार सन ् 1965 म यह महसूस कया गया क राज व

    वभाग का काय अ यिधक व ता रत होने के कारण कोषागार काय णाली म समुिचत यान नह ं दया जा रहा है। इसी

    तारत य को म य नजर रखते हुये वष 1965 म कोषागार िनदेशालय उ0प0 क थापना कर उसे व वभाग के अ तगत

    लाया गया, जसके कुशल व ीय काय संचालन हेतु व ीय संवैधािनक यव था को स पूण देश म िनदेशालय

    कोषागार उ0 0 के मा यम से एक मूत प दया गया। यह उ लेखनीय है क सुठृढ व ीय यव था के बना कोई भी

    रा य अथना रा समूदशाली नह ं बन सकता। इसिलए व ीय यव था का मह व अिधक ासंिगक है, यह कारण है क

  • 2

    येक रा य म व ीय ब धन को सुिन त करने के िलए व ीय सेवा का गठन कया गया। वतमान म इस सेवा के

    अिधकार जला तर तथा रा य तर पर विभ न वभाग (प रषद ) ािधकरण (िनगम ) व व व ालय म व

    िनयं क, व ीय अिधकार , व ीय सलाहकार, संयु िनदेशक, अपर िनदेशक तथा िनदेशक के पद पर कायरत है।

    शासन तर पर व वभाग, सिचवालय, शासन वभाग, लोक िनमाण, वधान सभा सिचवालय के अ तगत विभ न

    पद पर तैनात कये जाने का ा वधान है।

    उ र देश पुनगठन अिधिनयम 2000 के अिधिनयम सं या-29 के अधीन उ रांचल रा य क थापना क गयी

    जसम रा य व प को पूण आयाम देते हुये विभ न वभाग क थापना के साथ उ रांचल व वभाग के अधीन

    िनदेशालय कोषागार एवं व सेवाय उ रांचल का सूजन कर शासनादेश सं या-5098/ व.स.ंशा./2001 व अनुभाग

    दनांक 19 जून, 2001 से संगठना मक ढांचा बनाया गया जसम कोषागार एवं उप कोषागार स ब धी अिध ान,

    थानीय िनिध लेखा पर ा, सहका रता एवं पंचायत लेखा पर ा, डाटा से टर तथा सेवा स ब धी अिध ान के काय के

    पयवे ण, िनयं ण आ द हेतु महाम हम रा यपाल महोदय ारा कोषागार एवं व सेवाय सह टेट इ टरनल आ डट

    िनदेशालय क थापना हेतु सहष वीकूित दान क गयी, जसके अ तगत िनदेशक को वभागा य एवं बजट िनयं क

    अिधकार घो षत कर िन न पद क थापना क गयी।

    (1) िनदेशक

    (2) अपर िनदेशक-2

    (3) संयु िनदेशक-4

    (4) उप िनदेशक-4

    (5) वैय क सहायक-4

    (6) आशुिल पक सह क टोलआपरेटर-4

    (7) लेखाकार सह व र डाटा इ आपरेटर-3

    (8) व र स े क सह डाटा ोसेिसंग अिस टट-2

    (9) कायालय सहायक सह डाटा इ आपरेटर-5

    (10) वाहन चालक-4

    (11) चपरसी-6

    (12) सह क यूटर क सहायक अटे डे ट सह डाक वाहक सह फराश

    रा य सरकार के लगभग सम त भुगतान एवं ाि यां विभ न जनपद म था पत कोषागार एवं

    उपकोषागार के मा यम से होते ह साथ ह टा प क आपूित एव वतरण का दािय व भी कोषागार को दया गया है।

    देश के सम त कोषागार एवं उपकोषागार पर िनयं ण एवं मागदशन का दािय व िनदेशालय का है। सामा यता येक

    जनपद म एक जला कोषागार तथा कुछ अधीन थ उपकोषागार होते है। कुछ जनपद म एक से अिधक कोषागार भी है।

    सभी कोषागार का नगद लेन देन का काय भारतीय टेट बक ारा रजब बक के ितिनिध के प म कया जाता है तथा

    इसी कारण से इ ह ब कंग कोषागार कहा जाता है। क तु उपकोषागार म काफ ऐसे ह जो नगद लेन देन का काय भी

    वंय करते ह तथा नान ब कगं कहे जाते ह। वतमान म उ रांचल म िन निल खत ववरण के अनुसार 17 कोषागार, 72

    उपकोषागार तथा नई द ली म उ रांचल भुगतान एवं लेखा कायालय था पत ह।

  • 3

    0स0ं कोषागार का नाम अधीन थ उपकोषागार

    1 2 31 देहरादनू 1- मसूर

    2- चकराता

    3- वकासनगर

    4- ऋ षकेश

    5- यूनी (नान ब कंग)

    6- देहरादनू (नान ब कंग)

    2 याग 1- अग तमुनी (नान ब कग)

    2- ऊखीमठ (नान ब कग)

    3- जखोली (नान ब कग)

    4- याग

    3 नरे नगर 1- देव याग (नान ब कग)

    2- थ यूड (नान ब कग)

    4 कोट ार 1- कालागढ

    5 लैसडाउन ------

    6 ह र ार 1- ल सर

    2- ह र ार

    7 डक -----

    8 चमोली 1- कण याग

    2- जोशीमठ

    3- चमोली (नान ब कग)

    4- थराली (नान ब कग)

    5- पोखर (नान ब कग)

    6- गैरसण (नान ब कग)

    7- घाट (नान ब कग)

    8- देवाल (नान ब कग)

    9- नारायणबगड (नान ब कग)

    9 उ रकाशी 1- भटवाड (नान ब कग)

    2- डु डा (नान ब कग)

    3- बडकोट (नान ब कग)

    4- पुरौला (नान ब कग)

  • 4

    10 पौड 1- ीनगर (नान ब कग)

    2- सतपुली (नान ब कग)

    3- थैलीसण (नान ब कग)

    4- धूमाकोट (नान ब कग)

    11 टहर 1- घन याली (नान ब कग)

    12 नैनीताल 1- बेतालघाट (नान ब कग)

    2- को याकुटौली (नान ब कग)

    3- रामनगर

    4- कालाढूगी (नान ब कग)

    5- ह ानी

    अ मोडा 1- रानीखेत

    2- ाराहाट (नान ब कग)

    3- चौखु टया (नान ब कग)

    4- मौलेखाल (नान ब कग)

    5- िभ यासैण (नान ब कग)

    6- लमगडा (नान ब कग)

    7- ताकुला (नान ब कग)

    8- द या

    9- देघाट

    14 पथौरागढ 1- धारचूला

    2- ड ड हाट

    3- गंगोलीहाट (नान ब कग)

    4- थल (नान ब कग)

    5- मुन यार (नान ब कग)

    6- असकोट (नान ब कग)

    7- बेर नाग

    8- देवलथल (नान ब कग)

    9- गनाईगंगोली (नान ब कग)

    15 बागशे ्वर 1- कपकोट (नान ब कग)

    2- ग ड (नान ब कग)

    3- का डा (नान ब कग)

    4- बागेशवर

  • 5

    16 च पावत 1- लोहाघाट (नान ब कग)

    2- पाट (नान ब कग)

    3- टनकपुर

    4- च पावत (नान ब कग)

    17 उधमिसंह नगर 1- जसपुर

    2- काशीपुर

    3- बाजपुर

    4- गदरपुर

    5- क छा

    6- िसतारगंज

    7- खट मा

    8- पुर

    18 उ रांचल भुगतान एवं लेखा

    कायालय नई द ली

    ------

    योग 18 72

    सभी कोषागार एवं उपकोषागार का काय उ रांचल कोषागार िनयमावली, 2003 के अनुसार संचािलत होता है।

    शासन ारा व वध अथ पाय ारा जो संसधान जुटाये जाते ह। उनका शासन व वकास काय म बजट आवंटन के

    अनु प समुिचत सदपुयोग हो सके तथा ाि य एवं यय क सह -सह थित समी ा एवं अनु वण हेतु हर समय सह

    प म उपल ध हो सके के िलये देश क व ीय ब धन म इन काय हेतु कोषागार क भूिमका मु य है। येक

    सरकार भुगतान अ य अथवा य प से कोषागार से िनयं त होता है। अतः भुगतान म समयब ता एवं

    शी ता कोषागार के काय के स पादन क मह वपूण कसौट एवं उ रदािय व है, जसम साथ-साथ गलत या कपटपूण

    भुगतान रोकने का दािय व भी स मिलत है।

    उपरो उ रदािय व के म म कोषागार को वष 1986-87 से चरणब प से क यूटर करण कया गया तथा

    वष 1988 तक सभी कोषागार क यूटराइ ड कये गये। दनांक 01-08-98 से ˝िसगंल व ड िस टम˝ से आन लाइन

    बल पारण एवं चेक िनगमन णाली लागू हुयी जससे कोषागार म बल पारण, चेक िनगत होना तथा लेखा बनाना उसी

    समय साथ-साथ होने लगा। उ रांचल रा य म भी सम त 17 कोषागार पूणतः क यूटराई ड ह।

    कोषागार येक वष के बजट सा ह य को अपने क यूटर म एन0आई0सी0 के सहयोग से इनटरनेट से एवं

    सीड के मा यम से लोड करता है। बजट िनंय क ारा अपने-अपने कायालय को आंव टत बजट क एक ित कोषागार

    को भेजी जाती है। कोषागार म इसे स ब धत आहरण वतरण अिधकार के कोड म क यूटर पर फ ड कया जाता है।

    कोषागार का दािय व है क स ब धत वभाग के िलये बजट सा ह य म ा वधािनत बजट के सापे ह बजट िनयं क

    ारा बजट का आंवटन कया गया हो और स ब धत आहरण वतरण अिधकार जसका ह ता र के नमूने कोषागार म

    अिभर त ह क जांच करके सह पाये जाने पर उस सीमा तक ह देयक को भुगतान हेतु तुत कया गया हो। कोषागार

    तर पर बजट िनयं ण, कैश फलो, व ीय अिभलेख पर िनयं ण, लेख का िमलान, ब धक य सूचना णाली के तहत

  • 6

    लेखा तैयार करना, िनणय हेतु शत ितशत शु आंकडे ा करना है। व ीय आंकड क शु ता एवं सुर ा हेतु उ च

    तकनीक से यु साफटवेयर ˝ओ रकल 9आई˝ था पत कये जाने क या थम चरण म देहरादनू कोषागार म

    सफलतापूवक स प न क जा चुक है. शेष कोषागार म इसे था पत कये जाने हेतु आव यक उ चीकत क यूटर

    हाडवेयर/साफटवेयर उपकरणो के य क कायवाह क जा चुक है। रा य के व ीय आंकड को

    अ तरा यीय/अ तरा ीय तर पर मा यता हेतु आईएसओ 9001 का माण प दान कराने क दशा म थम चरण म

    देहरादनू कोषागार को उ माण प द कराया गया है। देश के सभी रा य म ार भ से ह सरकार सेवक के वेतन

    इ या द एवं सेवािनवृ राजक य पशनर को पशन भुगतान के िलये समुिचत बजट का आंकलन, यव था एवं इसके

    िनयं ण क सम या रह । उ रांचल रा य ने इस दशा म ा तकार , कदम बढाते हुए इसके िलये एक वशेष क यूटर

    पैकेज वकिसत करने एवं इसके योग हेतु एक कृत भुगतान एवं लेखा णाली लागू करने का विनशचय कया। इस

    णाली के भावी प से लागू करने के िलये इस दशा म ार भक कायवाह के समय तमाम कार के गितरोध जसम

    विभ न कमचार सगंठन , कोषागार कमचार संगठन, विभ न पशनर संगठन एवं अ य तर से अनेक आशंकाओं

    जैसे वभाग के अिधकार कम हो जायगे, सम त व ीय ब ध का दािय व कोषागार तर के कमचा रय पर आ

    जायेगा, समय से वेतन एवं पशन का िमलना बंद हो जायेगा, लेखा किमय म कटौित कर द जायेगी एवं पद समा कर

    दये जायगे आ द मु य गितरोध सामने आये। शासन तर पर तथा िनदेशालय कोषागार एवं व सेवाय के तर पर

    अनेक बैठक के बाद सम त आंशकाऐं जो िनमूल थीं का समाधान करते हुए शासन ारा रा य गठन के 01 वष से भी

    कम समय म णाली हेतु आव यक साफटवेयर एवं क यूटर उपकरण के य क यव था पूण करते हुए शासनादेश

    सं या 235/21/ व0अन0ु-1/2001, दनांक 06 दस बर, 2001 िनगत कया गया और िनदेशक कोषागार एवं व सेवाय

    को सरकार कमचा रय को समय से वेतन भुगतान एवं भावी लेखा णाली हेतु कोषागार म एक कृत भुगतान एवं लेखा

    णाली थम चरण म कोषागा देहरादनू म 01 जनवर , 2002 से तथा अ य सभी कोषागार म 01 अ ैल, 2002 से लागू

    करने का दािय व सौपा गया। शासन के इस िनदश का अनुपालन िनदेशक के ारा समयब ता से कया गया और इस

    शासनादेश म िन हत कया के तहत रा य कमचा रय एवं पशनर का भुगतान बक के मा यम से उनके एकल खाते म

    येक दशा म अगले माह क पहली तार ख तक कया जाना सुिनिशचत कया गया।

    इस णाली को और अिधक उ चीकृत तर के से उपयोगी साफटवेयर जो उ रांचल महालेखाकार के यहां रा य के

    आंकड के संकलन के िलये "ओ रकल 9आई" योग म लाया जा रहा है के समाना तर उ रांचल कोषागार म इस

    साफटवेयर को अपनाने के िलये इस दशा म काय करने का उ रदािय व भी िनदेशक कोषागार एवं व सेवाय को स पा

    गया था, ता क रा य के आय- ययक के आंकड के िमलान महालेखाकार म पु ताम कत आंकड से शत ितशत प से

    कया जाना स भव हो सके तथा येक माह कोषागार से लेखा जो बोर म भर कर महालेखाकार कायालय म उपल ध

    कराया जाता है, म लगने वाले म एवं समय से बचा जा सके और कोषागार का लेखा यथा सीड अथवा नेट के मा यम से

    महालेखाकार को उपल ध कराया जा सके। थमतः "ओ रकल 9आई" साफटवेयर का योग कोषागार देहरादनू म कया

    गया था। इसे पूणतः म सभी कोषागार म देहरादनू म सफल योग के तुर त बाद कया गया। उ रांचल क भौगोिलक

    प र थित को यान म रखते हुए जन सामा य क सु वधा हेतु शासन ारा वचरोपरा त शातनादेश सं या

    1093/ व0अन0ु-4/2003, दनांक 16 फरवर , 2002 के ारा देहरादनू म चकराता, पौड म धूमाकोट, चमोली म कण याग

    एवं थराली, उ रकाशी म पुरौला, अ मोडा म रानीखेत एवं िभ यासण, पथौरागढ म ड ड हाट एवं बेर नाग तथा नैनीताल

    म ह ानी कुल 10 उपकोषागार को उ चीकृत करते हुए यहां कोषागार क भांित वं त प से काय करने का अिधकार

    दत कया जा चुका है। उ 10 उपकोषागार को उ चीकृत करने एवं कोषागार क भांित वं त प से काय ार भ

  • 7

    कराने हेतु इन 10 उपकोषागार को शत ितशत प से क यूटर कृत कये जाने एवं कोषागार म योग हो रहे

    साफटवेयर उपल ध करान,े तथा क यूटर उपकरण को य करके था पत कर याशील कराने का दािय व

    िनदेशालय का था, जसे समयब प से पूण कया जा चुका है। इन 10 उपकोषागार म विधवत प से काय कराने हेतु

    स ब धत तहसील म याशील शासक य कायालय के िलये आहरण वतरण अिधकार घो षत कराने एवं आहरण

    वतरण अिधकार कोड आंवटन के िलये शासन को समुिचत ताव भेजे जाने के उ रदािय व के अधीन ताव को

    समय पर शासन भेजे जाने पर शासन ारा शासनादेश सं या 64/Xxvii(4)/2005, दनांक 28 फरवर , 2005 िनगत करते

    हुए यहां 01 मई, 2005 से काय ार भ कराने के िनदश दये गये। ार भ म उपकोषागार ह ानी, रानीखेत तथा

    चकराता जो इसके िलये पूण प से तैयार थे, म 01 मई, 2005 से विधवत प से कोषागार क भांित काय ार भ कराया

    गया है। शेष 5 उपकोषागार म आव यक औपचा रकताओं को पूण कर दनांक 01-04-2006 से विधवत कर दया गया

    है। शेष 02 (िभ यासण व बेर नाग) उपकोषागार म अिधसूचना एवं नांन ब ग न होने के कारण कायवाह यथा बैठक

    एवं प ाचार करके क जा रह है, जो शी ह पूण हो जायेगी तब यहां भी काय ार भ कराया जायेगा।

    कोषागार एवं िनदेशालय क स पूण याकलाप क यूटर आधा रत हो जाने से क यूटर उपकरण क

    शत ितशत याशीलता के िलये रा य तर पर स ब धत फम से अनुब ध करके इनके अनुर ण एवं याशील

    बनाये रखने हेतु वा षक अनुब ध करने का मह वपूण दािय व भी िनदेशालय का है।

    मु यालय तर पर कोषागार भाग ारा कये जा रहे अ य काय िन नवत ्ह:-

    1- िनदेशालय कोषागार अिध ान के मु यालय के सम त अिध ान का काय व नई द ली थित भुगतान एवं

    लेखा कायालय के िनयु ािधकार के प म सम त काय।

    2- देश के कोषागार म तैनात सहायक कोषािधकार /उपकोषािधकार , व सेवा संवग के णेी "ख" के

    अिधका रय के सम त अिध ान का काय, व सेवा संवग के णेी "क" के अिधका रय के अवकाश एवं

    जी0पी0एफ0 वीकृित का काय, एवं पदो नित हेतु तथा अ य सेवा स ब धत करण म समी ािधकार के

    प ताव एवं ट पणी शासन को तुत करना।

    3- देश के सम त कोषागार , िनदेशालय कोषागार एवं व सेवाय व नई द ली थत भुगतान एवं लेखा

    कायालय को बजटआवंटन एवं िनयं ण।

    4- कोषागार तर से विभ न वभाग को एक कृत भुगतान एवं लेखा णाली के अधीन वेतन समय पर भुगतान

    कराना तथा अ य सम त सरकार भुगतान एवं पशन का भुगतान कराना और इसके लेखा का रख-रखाव का

    पयवे ण।

    5- कोषागार को क यूटर माईकर चैक क आपूित कराना।

    6- महालेखाकार को ितमाह दो बार लेखा ेषण का पयवे ण एवं िनयं ण, र ा लेखा का रख-रखाव एवं र ा

    पशनर को भुगतान क गयी पशन क धनरािश को भारत सरकार से ितमाह ितपूित कराना।

    7- टा प क आपूित एवं वतरण पर िनयं ण एवं पयवे ण, रजब बक को भेजे जाने वाले मािसक लेखा सूचना,

    नान ब कंग उपकोषागार म कर सी चे ट का रख-रखाव का काय।

    8- पशनर क िशकायत का िनराकरण का काय।

    9- गबन एवं कपटपूण भुगतान पर िनयं ण रखना एवं पयवे ण का काय।

    10- कोषागार /उपकोषागार का िनर ण, महालेखाकार के आ डट तर का िन तारण।

    11- कोषागार एवं उपकोषागार के भवन, कराये क वीकृित शासन से दान कराना आ द।

  • 8

    12- देश के सम त 17 कोषागार, भुगतान एवं लेखा कायालय नई द ली तथा 10 उपकोषागार , ज ह वतं

    कोषागार के प म प रवितत कया गया है, म शत ितशत प से क यूटर आधा रत काय होने के कारण

    क यूटर थापना, इनका वा षक रख-रखाव एवं शत ितशत प से कायशील रखने हेतु दैिनक प से पयवे ण

    का काय।

    कोषागार िनयम-4(1) व 4(2) के अधीन येक जले म एक कोषागार होगा। जसक सामा य भार कले टर के

    अधीन होगा, जो उसका ता कािलक शासक य िनय ण अपने अधीन थ कोषािधकार को स प सकता है, क तु

    कायकार िनय ण से वह अपने को मु नह ं कर सकता। इन िनयम ारा या उसके अिधन िनधा रत या के उिचत

    प रपालन तथा सरकार, महालेखाकार एव रजव बक आफ इ डया ारा कोषागार से अपे त सम त वव णय

    ( रटनस) के िन चत समय पर तुत करने का उ रदािय व कल टर का होगा। इस िनयम के उपब ध के अधीन रहते

    हुए कोषागार के काय के िलये कल टर तथा कोषािधकार के अलग-अलग उ रदािय व उसी कार होग जैसा उन िनयम

    के अनुसार प रभा षत हो ज ह महालेखाकार से परामश लेकर व मं ी अनुमो दत करगे।

    व ह त पु तका ख ड-पांच भाग-एक के अ याय-6 तर-116 के अनुसार नये कले टर ( जलािधकार ) क

    िनयु क जाती है, तब कले टर ( जलािधकार ) को तुर त महालेखाकार को उस िनयु क रप ट देनी होगी तथा

    महालेखाकार के सम अितशेष रोकड क धनरािश, य द कोई हो, जो हण क जाती है, को मा णत क जायेगी।

    उ रांचल कोषागार िनयमावली, 2003 के िनयम सं या-4(2) के अधीन कोषागार कले टर ( जलािधकार ) के सामा य

    भार म होगा, जो अपने अधीन थ कोषािधकार को तुर त कायपालक िनय ण स पेगा क तु अपने को शासिन ्

    िनय ण से िन व हत नह ं कर सकगे। कले टर ( जलािधकार ) इस िनयमावली ारा या के अधीन व हत या के

    समुिचत अनुपालन के िलये तथा सरकार, महालेखाकार, तथा भारतीय रजव बक ारा कोषागार से अपे त सभी

    ववर णय के समयिन तुित के िलये उ रदायी ह गे।

    व ह त पु तका ख ड-पांच भाग-दो के प रिश -20 (क) के अनुसार कोषागार के काय के स ब ध म जलािधकार के

    कत य एव उ रदािय व िन न ह:-

    1- जलािधकार मु य प से सारे धन क ाि और भुगतान के उिचत लेखा काय के िलये और रोकड, टा प,

    अफ म, ितभूितयां और अ य सरकार स प क सुर त प रर ा के िलये सरकार के ित उ रदायी ह।

    2- अधीन थ अिधकार को कसी कोषागार के आस न कायभार म िनयु कर देने से जलािधकार कसी भी

    कार से अपने उ रदािय व से मु नह ं हो जाते ह। उनका यह उ रदािय व केवल टा प और अफ म क रोकड

    बाक प रर ा और अधीन थ अिधका रय /कमचा रय के अिनयिमत काय का तुर त पता लगाने तक ह

    सीिमत नह ं ह। ब क यह भी उ ह ं का उ रदािय व ह क ववर णय ठ क और सह ह और उ ह समय का

    पाब द के साथ तुत कया जाता है और महालेखाकार तथा करे सी आ फसर ारा जार कये गये अनुदेशो का

    कोषािधकार ारा कडाई के साथ पालन कया जाता ह।

    ( व ीय ह त पु तका ख ड-पांच भाग दो का तर-402)

    व ह त पु तका ख ड-पांच भाग के तर-411 म जलािधकार को मरण रखना चा हये क जब

    महालेखाकार ारा उनका यान कसी अिनयिमतता क ओर आकृ कया जाता है, तब िनजी जांच के बाद ा अपी

    जानकार के आधार पर क गयी रप ट के अित र और कुछ नह ं, स तोषजनक माना जा सकता ह। यह पया नह ं ह

  • 9

    क वह अपने अधीन थ कमचार का प ीकरण आगे बढा द। इस र ित से तैयार क गयी रपाटो से स देह पर पदा पड

    जाने के कारणआगे चल कर अनेको बार और अिधक अिनयिमतताय हुयी ह।

    3- जलािधकार के िलये यह मा य ह क वह िन निल खत बातो के स ब ध म जांच करके अथवा समाधान कर

    लेना चा हय। इस कार क जांच व ीय वष के थम छः मह ने म (उस तार ख म, जस दन वह वयं रोकड

    बाक का स यापन करते ह) म करना चा हये और कम से कम ऐसी जांचो के बीच चार मह न का अ तर होना

    चा हये।

    (1)- क टकट दोनो एक तालक और दो तालक म और अफ म और जमानत का वा त वक ( टाक),

    पं जयो के शेषो और कोषागार के धना मक और ऋणा मक ा पका म दखलाये गये टकट और

    अफ म के शेषो से िमलते ह। इस आशय का एक माण प धना मक और ऋणा मक ा पका पर

    िलख देना चा हये।

    (2)- क बल और दसूरे उसी कार के प ो का, जो धन के लेन-देन म उपयोग के िलये ह, का भ डार

    ( टाक) सावधानी से ब द ताले म रखा जाता ह और उसका स यापन ऐसे प ो क टाक बुक के शेष

    से कया जाता ह।

    कोषागार के धना मक और ऋणा मक ा पका म येक मह न म जलािधकार अथवा दसूरे

    राजप त अिधकार ारा, जो उसक अनुप थित म रोकड लेखा म ह ता र करता ह, अपने ह ता र

    से िन निल खत माण प देना चा हयेः-

    " मा णत कया जाता ह क इस ा पका म स मिलत विभ न लेखे के इितशेष, से

    कोषागार म रखे गये विभ न टाक पं जयो और लेखा म दखलाये गये अवशेष िमलते ह।"

    उपयु माण प िलखने के पूव जलािधकार को उपकोषागारो अथवा अपने अधीन थ

    तहसीलो के भार अिधका रयो से तथा उन अिधका रक य य से भी, जनको टकटे अि म द जा चुक है,

    इसी कार का माण प ले लेना चा हये। ा पका के ठ क समय पर भेजे जाने पर इसका कोई भाव नह ं पडना

    चा हये। कसी भी अ ा माण प का उसम उ लेख कर देना चा हये।

    य द कसी मह ने म जले के पदभार बदलने के फल व प टकटो आ द के टाक क जांच हो

    चुक ह, तो अगले मह ने के थम दन फर से टाक क जांच, य द िनयमानुसार यथोिचत हो, करना आव यक

    नह ं ह। ऐसी दशा म माण प के अ त म िन निल खत जोड देना चा हय

    "मेरे ारा जले का कायभार हण करते समय"- येक अिधकार को, जसको टकट जार क गयी

    ह, लेखा अलग-अलग रखना चा हये और कोषागार म धना मक ओर ऋणा मक ा पका म जो शेष हो, उसम

    िन निल खत होना चा हय◌ः-

    (1)- दोहरे ताले के अ दर शेष

    (2)- मु य रोक डया के पास शेष

    (3)- रोक डया/उपरोक डया/सहायक रोक डया के पास शेष

    (4)- दसूरे अिधका रय , जनके टकटे अि म द गयी ह, के पास अवशेष।

  • 10

    4- संसाधन िनयम स ँह ( रस स मैनुअल) के तर-19 के अनुसार जलािधकार को. जब वह मु यालय म

    उप थत हो, जला कोषागार शेष क जाँच करनी चा हये और महालेखाकार को तुत कये जाने वाले लेखा पर ह ता र

    करना चा हये। जब वह मह ने क पहली तार ख म दौरे के बाहर हो, तब मु यालय पर जले के अिधकार वग म से ये

    राजप त अिधकार को अथवा अपने कसी सहायक अथवा उप भाग के थायी भार अिधकार को यह कत य स प

    देना चा हये। ऐसा अिधकार कोषागार का भार अिधकार नह ं होग।

    5- शासनादेश सं या-3215/दस-149. दनांक 30 अग त 1990 के अ तगत मािसक रोकड लेखे क जाँच और उनको

    मा णत करने तथा रोकड लेखा पर ह ता र करने का कत य जलािधकार , जब वयं मु यालय पर उप थत हो, को

    वयं पालन करना चा हये और जब तक क शार रक अ व थता के कारण करने म असमथ ह ।

    साधन िनयम स ँह ( रस स मैनुअ) के तर-19 के अनुसार य द मु यानय पर कोषािधकार को छोड़कर

    जलािधकार अथवा जला अिधकार वग म से कोई भी राजप त अिधकार उप थत न हो और लेखा प क ह ता र

    करने के िलय ् तैयार कर दये गये ह , तब कोषािधकार को ह रोकड बाक का स यापन करना और लेखाप क पर

    ह ता र करना चा हये। ले कन जैसा क ऊपर बताया जा चुका ह लेखाप क के मु य भाग पर उपयु सभी अिधका रय

    का उप थित को मा णत करने देना चा हये और य ह कोई दसूरा अिधकार मु यालय पर लौट कर आता ह, उसे

    तुर त रोकड बाक को स या पत करके महालेखाकार को तुर त े षत कर देना चा हय।

    ट पणी- जब कभी रोकड बाक का स यापन मह ने क पहली तार ख के बजाये कसी अ य तार ख म कया

    जाता ह जब इसक रप ट रोकड बाक वतर णय के सामा य प पर करै सी आ फसर को कर देना चा हय।

    6- संसाधन िनयम स ँह ( रस स मैनुअल) के तर-19 के अनुसार रोकड लेखा, भुगतान क तीय सूची और

    अनुसूिचया,ँ जो दन ित दन तैयार क जाती रहती ह और उनक पु करने वाले यय-प को आगामी मास के थम

    काय दवस पर महालेखाकार को भेज देना चा हये। ( यय प ो के साथ थम सूची और अनुसूिचयाँ मह ने क 10 या 11

    वी तार ख म भेजी जा चुक ह गी) कसी जला अिधकार का ओर से मािसक भुगतान क अनुसूची और यय-प के

    साथ थमऔर दसूर सूची के स े ण म अिनवाय देर को और रोकड शेष का रप ट और अनुसूिचय तथा पूरे प क के

    साथ रोकड लेखा के स े ण म देर क भी सरकार नापस द करेगी।

    7- वष म एक बार तहसील के शेष का स यापन एक राजप त अिधकार के ारा होना चा हय। य द स भव हो तो

    यह स यापन एक ंस वदा अिधकार ारा हो और उप- भागीय कोषागार राजप त अिधका रय के भार म ह ,

    जलािधकार क शेषो का स यापन अपने शीतकालीन दौरे म करना चा हय। जला अिधका रय को देखना चा हये क

    जला कोषािधकार उपकोषागार का िनर ण वष म दो बार िनयिमत प से कया करते ह।

    8- जला अिधकार को जब वह जले का कायभार हण करे अथवा कायभार से मु हो इस बात का वशेष

    प से यान रखना चा हये क भ डार टा प (अफ म आ न) का पूर तरह से स यापन कर िलया जाय और

    माण प , जसक भार ाह अिधकार से अपे ा क जाती ह, जसम रोकड, टा प और अफ म के शेष क

    थित भी द रहती ह, अिनवाय प से उसी दन, जब क कायभार का ह ता तरण हो, महालेखाकार के पास

    भेज देना चा हय।

    ( व ीय ह त पु तका ख ड-पाँच भाग-एक का तर-115)

  • 11

    9- गणना ारा रोकड बाक के स यापन के िलये अपे त या का स व तार प ीकरण संसाधन

    िनयम स ँह ( रस स मैनुअल) के तर-20 म दया हुआ ह। चाँद के िस के के बीस म से केवल एक थैल े

    को तौलने क आव यकता ह। यह अपे ा क जाती ह क जला अिधकार 100 पयाँ या उससे अिधक

    मू य के येक नोट को अपने हाथ से िगने।◌ा इस अनु छेद म बतायी गयी या के पालन करने के

    अित र त जला अिधकार को रोकड बाक रप ट और रोकड बाक अथवा पं जय म जनम वह रोकड बाक

    को स या पत करता ह, दये गये योग के ठ क होने के स ब ध म अपना समाधान कर लेना चा हय।

    10− त ् येक जला अिधकार अथवा जला कमयार वग म से एक राजप त अिधकार को, जो कोषागार

    का भार न हो और जला अिधकार ारा इसी योजन के िलये चुना गया हो, िन ेप ाि य क पंजी म

    इस आशय का एक ैमािसक माण प िलख देना चा हये क पंजी का पर ण उसने वयं अपने आप बड

    सावधानी से कया ह और यह क पंजी व यॉ ंअिधकतम सावधानी और िनयिमतता के साथ क जाती ह।

    आशय यह नह ं ह क पर ण केवल यं वत हो और केवल वह सुिन त करने के िलये हो क लेन−देन के

    समय पर ह बना चूक सार आव यक व यॉ ंकर ली जाती ह और उन पर सं त ह ता र कर दये

    जाते ह।◌ा ले कन यह सुिन त कर लेना चा हये क कोई धन आव यक प से िन ेप म नह ं पडा ह,

    अथवा उसे बना कसी उपयु त कारण के िन ेप म जमा नह ं रखा गया ह।

    वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−एक का तर−348

    11− य द कोषागार म सरकार धन, टा प या अफ म के गबन अथवम हािन हो जाय तो महालेखाकार को

    तूर त सूिचत करना चा हये और भागीय आयु त के मा यम से शासन को रप ट भेज देना चा हय।

    त प चात यथास भव शी ह प र थितय क एक सं हता रप ट, जसम हािन का कार और सीमा का

    वशेष प से उ लेख हो और मूल अथवा िनयामो क उपे ा, जनके कारण इस हािन को होना स भव हुआ

    ह और वसूली का स भावनाओ ंका जक करना चा हये। जला अिधकार के ह ता र से महालेखाकार को भेज

    देना चा हये ता क वह मामले क रप ट सरकार को समूचनाथ भेज सक।

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉचं भाग−दो का तर−411)

    वत ् त ह त पु तका ख ड−पॉचं भाग−दो के प रिश ट−20(ख) के अनुसार कोषागार के काय के स ब ध म

    कोषािधकार के कत य एवं उ तरदािय व िन न ह:

    कितपय वशेष मामलो म से, जो कोषागार के काय के सामा य सचंालन और कोषािधकार के कत य

    पर भाव डालने वाले िनयमो के ठ क−ठ क पालन कये जाने से िभ न ह और जनम कोषािधकार वशेष प

    से िनजी ह त ेप अपे त ह , िन न िल खत का उ लेख कया जा सकता ह:−

    (1)− यह अपे ा क जाती ह क कोषािधकार येक रा म मु य रोक डया क रोकड बाक (बैलेन ् स इन

    है ड) का स यापन कया कर।

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉचं भाग−दो का तर−459)

    (2)− यह अपे ा क जाती ह क कोषािधकार दोहरे ताले म धन िनकालने म कितपय सावधानी बरता कर।

    (संसाधन िनयम सगॅर्ह का तर−14)

    (3)− यह अपे ा क जाती ह क कोषािधकार पूव दवस के दैिनक लेखा को मु यालय कोषागार के चालान

    और यय−प ो और दैिनक उपकोषागार और तहसील लेखा प क क सहायता से जॉच कर दया कर

    और अपना समाधान कर दया कर क (व ् यय) येक मद क पु उिचत यय−प से होती ह,

  • 12

    येक चालान और तहसील के दैिनक लेखा क येक मद उपयु त अनुसूची म स मिलत कर ली

    जाती ह, सभी पं जयो का योग रोकड बह म ठ क−ठ क चढाया जाता ह, लेखाकार के प के िच ठे

    (बैलेन ् स शीट) म उ ल खत अिभवृ और कटौितय ठ क ह, क फल व प अ तम धनरािश मु य

    रोक डया के हाथ क रोकड व टा प अवशेष का लेखा र ज टर (50−सी) से िमलती ह, और अ त

    म, दोन रोकड ब हयो और प के िचटठो पर, उनके ठ क सुचा िनिध म रखे जाने के तीक प से

    ह ता र कर।

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−दो का तर−459)

    (4)− यह अपे ा क जाती ह क कोषािधकार सहायक कोषािधकार (लेखा) के हाथ क रोकड व टा प

    अवशेष का लेखा र ज टर (50−ए) दो−तालक क म रखी गयी नकद का लेखा र ज टर (50−सी)

    पर ह ता र करने से पूव कितपय सावधानी बरत।

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−दो का तर−459)

    (5)− यह अपे ा क जाती ह क कोषािधकार पशन र ज टर क येक व और पशन भुगतान आदेश

    के दोनो भाग के पीछे अपने सं त ह ता र कर।

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−दो का तर−512 एवं 528)

    (6)− कसी भी पशन के गलत भुगतान के िलये कोषािधकार वयं उ तरदायी ह।

    (सी0एस0आर0 का तर−947 (बी)(1))

    (7)− यह अपे ा क जाती ह क कोषािधकार िन ेप पंजी ( डपा जट र ज टर) क येक व पर

    सं त ह तार र कर, और देखे क कोठ मद स म ािधकार के औपचा रक आदेश के बना िन ेप

    के प म जमा नह ं क गयी है, और यह भी क य द धन सरकार लेखा के कसी जाने हुये शीषक

    के अ तगत जमा हो सकता ह, तो उस धनरािश को ा त करने का आदेश देने वाले यायालय अथवा

    ािधकार को तदनुसार इस वषयम अ यावेदन ( र जेन ् ट) कर।

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−एक का तर−342)

    (8)− यह अपे ा क जाती है क कोषािधकार देखे क ह द अथवा उद ूम िलखे व ्यय−प ो पर उनका

    सं त सार अं जेी म पषृ ्ठां कत कर दया जाता ह।

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−एक का तर−47 (ख))

    (9)− यह अपे ा क जाती ह क कोषिधकार भुगतान क सूची और अनुसूची के भेजे जाने के पूव, अपना

    समाधन कर ल क आव यक सभी यय−प सलं न कर दये गये है। माह म कुछ समय के अ तर

    से अनुसूिचय के यय−प क सहायता से उसके ारा जॉच क आशा क जाती ह।

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−दो का तर−462 के नीचे अं कत ट पणी सं या−2 )

    (10)− यह अपे ा क जाती ह क कोषािधकार इस स ब ध म वशेष सतकता बरते क रसीद टकट

    (रेवेन ् यु टा प) इस कार व पत कर दये जाय क उनका उपयोग दबुारा न हो पाय।

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−दो का तर−561)

    (11)− यह अपे ा क जाती ह क कोषािधकार स लाई बल और ेषण सं मण ाि य पर हसता र करने

    के पूव कितपय सावधानी बरते।

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−दो का तर−572)

    (12)− यह अपे ा क जाती ह क कोषािधकार स ताई बल और सं मण रसीदो पर प ट अ र म

  • 13

    ह ता र कर और जहॉ तक स भव ह , ह ता र म एक पता बनाये रख।

    (13)− यह अपे ा क जाती है क कोषािधकार यह देख क भुगतान होने वाले बलो क सूचना सूची उसके

    सामने खोली जाती ह, वह उनक वयं जॉच कर और सं त ह ता र कर द और उन पर तार ख

    डाल द।

    (14)− यह अपे ा क जाती ह क कोषािधकारत अपने कोषागार के नाम आहत बल के भुगतान के पूव

    कितपय सावधानी बरत।◌ा उसे उस बल के, जसक सूचना सूची खो गयी ह क अथवा अशु हो,

    भुगतान करने म कुछ छूट दे द गयी है|

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग −दो का सतर−576 एवं 577 )

    (15)− यह अपे ा क जाती ह क कोषािधकार बल और सूचना−सूची के प ो को अपने क जे म ताले म

    ब द रख और ित दन ात: उनको जार करने म एक कार क नै यक या का पालन कर|

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग −दो का तर−592)

    (16)− यह अपे ा क जाती ह क कोषािधकार देख क सरकार टकटो (रेवेन ् यू टा प) क बक से ा त

    धनरािश क रसीद सहायक कोषािधकार (रोकड)/उपरोक डया/सहायक रोक डया के ारा सदैव पूण प

    से भरे हुये एक छपे प पर द जाती ह। ये टकट केवल मु य डाक पालक/डाक पालक को उनके

    िल खत मॉग प पर ह बेचे जाते है।

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−दो का तर−421)

    (17)− यह अपे ा क जाती ह क कोषािधकार कसी धन के अनािधकृत होने के कारण महालेखाकार ारा

    अ वीकृत कये जाने पर उसक वसूली ततपरता से और बना कसी आप और ितवाद को सुने कर

    और भ व य म जब तक महालेखाकार अपनी आप वा पस न ले ल, ऐसे धन को भुगतान करने से

    इ कान कर द।

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−एक का तर−81)

    (18)− यह अपे ा क जाती ह क कोषािधकार कसी राजप त अिधकार को बढ हुयी अथवा संशोिधत दर

    से बेतन देने क मनाह ह, जब तक िनदेशक, लेखा एवं हकादार , उ तराख ड, देहरादनू अथवा व त

    अिधकार , इरला चकै, उ तराख ड सिचवालय, देहरादनू ारा वेतन पच जार न कर द।

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−एक का तर−114)

    (19)− यह अपे ा क जाती ह क कोषािधकार एक सं वदा अिधकार ारा आहत बल के भुगतान के पूव

    उससे यह अपे ा क जाती ह क वे देखे क िस वल स वस रेगुलेशन (सी0एस0आर0) के

    आ ट कल−556 म िनधा रत कटौितयां बल से कर ली गयी ह।

    (20)− यह अपे ा क जाती ह क कोषािधकार कसी ऐसे य ारा आहत कये गये बल के भुगतान के

    िलये आवेदने प देने वाले क पहचान के स ब ध म अपना समाधान करने के िलये वशेष प से

    सावधानी बरते जो सरकार सेवा म न हो और सं द ध मामलो म जला अिधकार के आदेश ा त

    कर।

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−एक का तर−46 (सी) एवं (ड ))

    (21)− यह अपे ा क जाती ह क कोषािधकार कुछ प र थितय म अ तम माण प द/ ितह ता र कर

    ले कन उस अिधकार को, जसे अ तम वेतन माण प दया जा चुका हो, कोई वेतन भुगतान नह ं

  • 14

    करना चा हये, जब तक क वह माण प पहले सम पत न कर दया जाय।

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−एक का तर−102)

    (22)− यह अपे ा क जाती है क कोषािधकार कसी लेखे म, पंजी म अथवा अनुसूची म या रोकड बह म

    रबर से िमटाने क मनाह कर, उनका स यापन करे और उनम क गयी त ्येक शु पर अपने

    सं पत हस ्ता र कर और उन यय−प पर वशेष यान द और जनम कुछ रददोबदल कये जाने

    के िच ह दखायी पडते हो और य द इस कार के ले य प कसी कायालय म बहुधा आते रहते ह ,

    तो उस कायालया य का यान इन मामले क ओर आकृ ट कर।

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−एक का तर−83)

    (23)− यह अपे ा क जाती है क कोषािधकार कायालया य के बजाय कसी िल पक ारा ह ता र कये

    हुये यय−प अथवा आदेश पर कसी भी प र थित म उसे भुगतान नह ं करना चा हये, यघ पत

    कायालया य क अनुप थित म प पर िल पक उनके वा ते कृते ह ता रका अ य त न हो और

    न वह ऐसे यय प अथवा आदेश, जस पर केवल कायालय क मुहर लगी ह, पर ह कोई भुगतान

    कर।

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−एक का तर−47 (जी))

    सरकार ने अ थायी प से और पुनिचयार कये जाने क शत के साथ य द आव यक हो पशन

    भोिगय कुछ वग को पशन का भुगतान केवल एक सील ारा ह ता त रत रसीद पर अिधकत कर

    दया ह।

    (24)− यह अप ा क जाती है क कोषािधकार कसी ऐसे दावे को वीकार नह ं करेगा जो य त:

    ववादा पद हो, ले कन उस मामले को महालेखाकार के पास वचाराथ भेजेगा।

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−एक का तर−42 (सी))

    (25)− यह अपे ा क जाती है क कोषािधकार यह देखे क धन ा त करने और भुगतान करने के िलय े

    कोषागार के ब द होने क सूचना नो टस बोड पर कायालय के कसी ऐसे मुख थान पर िचपका द

    जाय, जहॉ सब लोग क पडती हो और यह क करै सी नोटो को भुनान और छोटे िस क और

    तॉबे के िस को आ द क स लाई स ब धी अपे त सूचना भी मुख प से ऐसे थान पर, जहॉ से

    सवसाधारण आम जनता बेरोक−टोक कायालय म वेश करते ह, िचपका द जाती ह और यह क जो

    सु वधाय कोषागार दे सकता ह, उनके उपल ध कराये जाने म कोई प पात नह ं बरता जाता ह।

    ( वत ् तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−दो का तर−465 एवं 466)

    (26)− यह अपे ा क जाती ह क कोषािधकार पय 500−00 ( पय पॉच सौ मा ) या उससे अिधक के

    ेषण को ाि वीकृित वयं कर।

    ( व तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−दो का तर−418)

    (27)− यह अपे ा क जाती ह क कोषािधकार येक व तीय वष के अ त म येक सथानीय एवं नगर

    पािलका िनिध के जमा शेष का स यापन कर और हर माह लोक िनमाण वभाग, िसंचाई वभाग, वन

    वभाग, लघु िसंचाई, ामीण अिभय ण सेवा ख ड क ाि य और भुगतानो का स यापन कर।

    ( व तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−दो का तर−367)

    (28)− जला अिधकार के यायु त (डेलीगेट) ितिनिध ( र ेजे टे टव) के प म कोषािधकार अपने

    कत यो के ठ क−ठ क पालन के िलये जलािधकार मूल प से उ तरदायी ह। जला अिधकार

  • 15

    कोषािधकार से यह आशा करता ह क कोषागार स ब धी सम त िनधा रत िनयम के पूणतया पालन

    कये जाने और कोशागार स ब धी काय के नै यक काया के सम त यौरे पर कडा यान रखेगा।

    कोषिधकार से यह अपे ा क जाती ह क वह भुगतान ािधकत करने के पहले डर दावे के ठ क होने

    के स ब ध म अपना समाधान कर ल और उसके पथ दशन के िलये वह वयं उ तरदायी ठहराये

    जायगे। कोषिधकार जलािधकार स हत संयु त प से रोकड, नोट और अ य सरकार स प क

    अ य अिभर ा (सेफ िस यो रट ) के िलये उ तरदरायी ह, ले कन कसी हािन अथवा गबन होने क

    दशा म य द यह पाया जाता ह क जला अिधकार ने येक साधारण सतकता बरती ह और िनयम

    ारा जो वशेष कत य उसे सौपे गये ह, उनम से उसक कसी को उपे ा नह ं क ह और न उसने

    कोषागार स ब धी काय के संचालन म जो िनगरानी और िनय ण कोषािधकार स ् वयं करते रहते ह

    और जसक सरकार कोषािधकार से अपे ा करती ह, उसम कोई िशिथलता दखायी ह, और यह क

    हािन अथवा गबन केवल कोषािधकार क असावधानी अथवा बेईमानी के कारण हुआ ह, तो

    जलािधकार को उ तरदायी न ठहराया जायेगा, य द कोषािधकार यह प ट कर सक क उसने अपने

    कत य िनवहन को येक शाखा म उसके पथ दशन के िलये िनधा रत सम त िनयम का कडाई के

    साथ पालन कया ह और उसने अपने अधीन थ कमचा रय से उसका पालन कराया ह।

    शासनादेश सं या−एस−6515/दस, दनांक 24 जुलाई 1970 के ारा व त ह त पु तकख ड−पॉच

    भाग−दो के प रिश ट−29 के अनुसार कोषागार के काय के स ब ध म सहायक कोषािधकार के कत य एवं

    उ तरदािय व िन न ह: −

    (1)− सहायक कोषािधकार शासन ारा ािधकत कये जाने पर राजप त अिधका रय , वधान म डल तथा

    संसद सद य और सरकार ऋण प के याज के बल को छोडकर पय 200 ( पय दो सौ मा )

    तक के अ य बलो को पा रत करगे।

    (2)− सहायक कोषािधकार पय 500 ( पय पॉच सौ मा ) से कम धनरािश के सभी चालान को पारण

    करगे, जहॉ िनयमानुसार ऐसा आव यक ह।

    (3)− सहायक कोषािधकार नकद या चैक ारा ा त सरकार डाक टकटो के मू य क सभी रसीदो पर

    ह ता र करगे।

    (4)− सहायक कोषािधकार लखेा अनुभाग क डेली बैले स शीट को तैयार करगे।

    (5)− सहायक कोषािधकार दैिनक डाक खोलने और उस कोषािधकार के ह ता र करने के िलय े

    आदेश/पषृ ्ठांकन अं कत करगे। जो प गोपनीय अं कत ह या जो कोषािधकार के नाम से ह, वह

    सहायक कोषािधकाकर ारा नह ं खोले जायगे।

    (6)− सहायक कोषािधकार कोषागार कायालय म ा त अ शासक य प ो क पं जका रखगे, जस पर

    िनदेशक, कोषागार िनदेशालय, उ तर देश, लखनऊ के प रप सं या−588/ 65/ ड 0ट 0, दनांक 21

    दस बर 1965 म िनगत आदेश के अनुसार काय9वाह क जायेगी।

    (7)− सहायक कोषािधकार येक माह के अ त म अिन ता रत प (अ शासक य प को छोडकर) क

    सूची तैयार करगे और उसे कोषािधकर को तुत करगे, जससे उन प ो के िन तारण के िलये उिचत

    तथा आव यक कायवाह क जा सक।

    (8)− सहायक कोषािधकार व तीय ह त पु तका ख ड−पॉच भाग−दो के तर−447 के अ तगत ट पणी

    म िनधा रत णाली के अनुसार उपकोषागार के याह के साथ ा त येक बाउचरो को सिनर ा

  • 16

    करगे।

    (9)− कोषािधकार ारा दैिनक लेख के पर ण पूव सहायक कोषािधकार ा ि य तथा भुगतान के सहायक

    (सब सी डयर ) पो टग शैडयू स क व य क जॉच करगे और देखगे क उ त व या ठ क है।

    (10)− कोषािधकार ारा दैिनक लेखो को पर ण के पूव सहायक कोषािधकार केश ब हय क ित य के

    योग क जॉच करगे तथा अपने को स तु ट कर लगे क कैश ब हयां ठ क कार से तैयार क गयी ह

    और इस त य क पु म ब हय पर ह ता र करगे।

    (11)− सहायक कोषािधकार सा ता हक कैश बैले स रप ट, मािसक कैश बैले स रप ट तथा मािसक करे सी

    वेर फकेशन लप बनाकर कोषािधकर / जलािधकार के पास पर ण तथा ह तार र के िलये तुत

    करगे।

    (12)− कोषािधकार / जलािधकार के पर ण एवं ह ता र के पूव सहायक कोषािधकार कैश एकाउ ट, िल ट

    आ पेमे ट, विभन ्न शैडयूल ्स तथा मािसक लेखे क जॉच करगे और सतकता पूवक इस ओर यान

    दगे क लेखे मह ने क िनधा रत ितिथय तक कोषागार ारा तैयार करके सभी कार से पूण

    महालेखाकार, उ तराख ड, देहरादनू म पहंुच जाय। य द इसम कोई वल ब होने क स भावना देख

    पडती ह तो वह तुर त इस बात क कोषािधकार क जानकार म लायगे। महालेखाकार के यहां लेखा

    भेजने के पूव िनदेशक, कोषागार िनदेशालय, उ तर देश, लखनऊ के प रप सं या−5988/ एफ0

    आर0246/ड 0ट 0/1969, दनांक 30 अ टूबर 1969 के अनुसार येक करेगा क शैडयू स म

    अं कत सभी बाउचरो का ब डल बनाता ह, स ब धत शैडयू स पर मा णत करेगा क शैडयू य म

    अं कत सभी बाउचर न थी ह और इसके पर ण के बाद सहायक कोषािधकार येक शैडयू स पर

    मा णत करगे क उ ह ने येक ब डल म कम से कम इस ितशत बाउचर का िमलान शैडयू स

    से कर दया ह और उ ह ठ क पाया ह।

    (13)− सहायक कोषािधकार खा रजा, अस−स ् याहा, मद क जॉच करगे, ज�