भारत के राट्रपित वारा उदघाटन...

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भारत के राçपित Ùवारा उदघाटन भाषण XXVII महालेखाकार सàमेलन, 2014 लोक लेखापरीा Ùवारा सशासन और उ×तरदािय×व को बढ़ावा देने पर महालेखाकारɉ के 27Ʌ सàमेलन के उदघाटन पर भारत के रािçपित Įी णव मखज Ùवारा भाषण आरंभ से ही, मै इस सàमेलन मɅ मेरा सहयोग देने के िलए सीएजी और उनके कायालय के ित हािदक आभार कट करना चाहता ह। महालेखाकार के ɇ 27सàमेलन के उदघाटन Ʌ Ʌ उपिèथत रहने पर खश ह। भारत के लेखापरीा संèथा , िजसका इितहास 150 वष पराना है ; की सराहना करना चाहता ह। 1858 मɅ , इस सवȾÍच लेखापरीा ािधकरण को महालेखाकार कहा जाता था। संिवधान Ʌ भारत के िनयंक एवं महालेखापरीक (सीएजी) शÞद को èवीकत करने से पहले इस ािधकरण का चार बार पदनािमत िकया गया था। हमारे संिवधान के अनÍछेद 148 के अंतगत, सीएजी एक èवतं संवैधािनक ािधकरण है जो तो िवधानमंडल और ही कायकारी का िहèसा है। अनÍछेद 151 दशाता है िसंघ और राÏयɉ के लेखाओं से संबंिधत सीएजी की िरपोट मश ȶ : राçपित या राÏय के राÏयपाल को èतत की जाती और वे संसद या राÏय की िवधान मंडल िɇ Ʌ पोटɟ के िनिम×त èतत करते ह। ɇ

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  • भारत के रा ट्रपित वारा उदघाटन भाषण

    XXVII महालेखाकार स मेलन, 2014

    ‘लोक लेखापरीक्षा वारा सशासन और उ तरदािय व को बढ़ावा देनेु ’ पर महालेखाकार के 27व स मेलन के उदघाटन पर भारत के राि ट्रपित ी प्रणव मखजीर् वारा भाषणु

    आरंभ से ही, म ैइस स मेलन म मेरा सहयोग देने के िलए सीएजी और उनके कायार्लय के प्रित हािदर्क आभार प्रकट करना चाहता ह। म महालेखाकार के ू ँ 27व स मेलन के उदघाटन म उपि थत रहने पर खश ह। भारत के लेखापरीक्षा सं थाु ू ँ , िजसका इितहास 150 वषर् पराना हैू ; की सराहना करना चाहता ह।ूँ

    1858 म, इस सव च लेखापरीक्षा प्रािधकरण को महालेखाकार कहा जाता था। सिंवधान म भारत के िनयंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) श द को वीकत करने से पहले इस प्रािधकरण ृका चार बार पदनािमत िकया गया था।

    हमारे सिंवधान के अन छेद ु 148 के अतंगर्त, सीएजी एक वतंत्र सवंैधािनक प्रािधकरण है जो न तो िवधानमडंल और न ही कायर्कारी का िह सा है। अन छेद ु 151 दशार्ता है िक सघं और रा य के लेखाओं से सबंंिधत सीएजी की िरपोट क्रमश: रा ट्रपित या रा य के रा यपाल को प्र तत की जाती ह और वे ससंद या रा य की िवधान मडंल म िरु पोट के िनिम त प्र तत ुकरते ह।

  • िन:सदेंह, हमारे सिंवधान के सं थापको ने हमारे देश के प्रशासन और उ तरदािय व व प म लोक लेखा की मह वपणर् भिमका को पिरकि पतू ू िकया है। अवधारणा नई नहीं है। पुराने आलेख , प्रशासन की परानी प तकू ु , िवशषेत: कौिट य के अथर्शा त्र म लेखाकरण और लेखापरीक्षण हेत िव तत प्रबंधन िविनिदर् ट िकये गये ह। िव तीय प्रबंधन हेत सगंठना मक ु ुृव प म दो िभ न पदानक्रमु -कोषागार और िनयतं्रक-महालेखापरीक्षक-शािमल होते थे जोिक दोन प से राजा के प्रित उ तरदायी थे। उ ह ने ईमानदार कायर्कािरय वारा की जा रही लोक लेखापरीक्षा पर अिधक िज मेदारी डाल दी। म यह बताते हए प्रस न ह िक इस स मेलन ु ू ँ के दौरान, सहभािगय को इस सकं पना की प्राि त पर िवचार करने का अवसर प्रा त होगा। म यह भी कहना चाहँूगा िक िकसी अपवाद को छोड़कर लगभग सभी सीएजी ने अनकरणीय साहसु , ईमानदारी और उ क ठ िन पादन का प्रदशर्न िकया है।ृ

    देिवय और स जन :

    रा य के संगठन वारा िव तत सखं्या म लोग के क याण के िलए हमारे आिथर्क और ृसामािजक संबंध के कशल और प्रभावीु प्रबंधन हेत सिंवधान के अतंगर्त ही शिक्त का प्रयोग ही ुसशासन हैु । परंतु इसको िवकिसत िकया जाना चािहए लेखापरीक्षा सगंठन लोकतांित्रक काय म सशासन के सचंालन ु म भिमका िनभाने योग्य बनाने के िलए भिमका िनभाता है।ू ू

    सावर्जिनक अिधकािरय का उ तरदािय व लोकतांित्रक रा य यव था के साथ-साथ िकसी सशासन ढांचे का अिनवायर् भाग है। लोक सेवक का उ तरदािय व कायार्लय काय की स यु - िन ठा को बनाए रखने, िविधक दािय व और लोक सेवा को कशल प से वु हन करने की प्रितबद्धता के पालन म विद्ध करता है। हाल के वष मृ , वह जो प्रशासन के प्रित प्रितबद्ध है, उ तरदािय व की मांग की एक वैि वक लहर है। ससंदीय लोकतंत्र की भांित जसैा िक हमारा है, िवधान मडंल का उ तरदािय व कायर्कारी पर होता है। िवधानमडंल को प्र तत की गई सीएजी ुकी िरपोटर् उ तरदािय व िनभाने म मह वपणर् भिमका अदा करती है।ू ू

    सीएजी के अतंगर्त भारतीय लेखा तथा लेखापरीक्षा िवभाग वारा लेखापरीक्षा सरकार की तीन शत और रा य के अ य साधन को कवर करता है केवल सीएजी ही अपने लेखाकरण अिधदेश के साथ सव च लेखापरीक्षा सं था है। सिंवधान ने हमारे देश के िव तीय प्रशासन से सबंंिधत िविभ न इकाइय के िन पादन म पिरज्ञान सिहत इस सं था को एक प्रधान थान प्रदान िकया है।

    रा ट्रीय और िव तत लेखापरीक्षा अिधदेशृ सीएजी को उप रा ट्रीय तर पर कायर्क्रम और पिरयोजना कायार् वयन तथा पहंच प्रदान करता है। आप िवु िभ न कायार् वयन प्रािधकरण के बीच लोक िनिध के आवंटन और प्रभाव की जांच करते ह। अ छी कायर्वािहय को प्रचािरत करता है और सम याओ ंकी पहचान कर के कायर् प्रणाली को सही करने को पे्रिरत करता है।

  • िविभ न प्रशासन िनकाय के लेखापरीक्षण के कारण आपको उपल ध कराए गए ि टकोण म देश म सशासन को बढ़ावा देने के िलए मह वपणर् सझाव देता है। ु ू ु

    देिवय और स जन :

    लेखापरीक्षा अिंतम चरण तक पहंचने का साधन है न िक वयंु ही अिंतम चरण है। य यिप लेखापरीक्षा िन कषर् सशासन का एक मापन हैु , उसकी उपयोिगता केवल तभी यक्त होती है जब सभी पणधारक िवशेषत: कायर्कारी, िवधानमडंल और नागिरक इन िन कष की िव वसिनयता पर भरोसा कर। यह अ यिधक कमर्ठता और वतंत्रता के साथ यावसाियक प से लेखापरीक्षा करने और िन पक्ष और सतंिलत प से िरपोटर् करने के िलए सावर्जिनक लेखा परीक्षक पर मह वपणर् ु ूिज मेदारी डाल देता है। सावर्जिनक लेखापरीक्षक और लेखापरीिक्षत इकाई दोन को यह पहचानना होता है की लेखापरीक्षक का उ े य मख्यता ु साशन नीितय के कायार् वयन म सधार ुकरना होता है इसके प्रित, लेखापरीक्षा को सधार के िलए एक तंत्र समझना चािहए।ु

    िकसी िवधानमडंल के सबंंध म जो कर और िव तार के िलए प्रािधकत है के आव यकता सेृ कायर्कारी का उ तरदािय व त भ के प म है। यहां, म कहना चाहगा िकूँ िव तीय प्र ताव को िव तीय मामल की िव तत समीक्षा के िलए ससंद म अिधक समय लगाने की आव यकता ृहोती है। िन पादन और सधार के सझाव के उनके तर पर िनणर्य लेने ु ु से लेकर के सावर्जिनक कायर् करने के िलए प्रािधकािरय को सशक्त करने के िलए लेखा पिरक्षा िरपोटर् एक मह वपणर् ूोत है। भारत म, यह उ तरदािय व लोक लेखा सिमित और लोक उपक्रम सिमित पर होती है

    जो िवधान मडंल की ओर से कायर् करती है इस िवधानमडंल सिमितय के प्रभावी कायर् और उनके बीच म गहरे सबंधं तथा लेखापरीक्षा प्रािधकारी लेखापरीक्षा प्रभावशीलता का लिप्रंू ट है और इसके मा यम से प्रशासन कायर्प्रणािलय का लिप्रटं है।ू

    सावर्जिनक लेखापरीक्षा के कायर्क्षेत्र और उ े य के बारे म कोई अिंतम ि थित नहीं है। उ ह सावर्जिनक प से आकार िदया जाता है िजसके अिधिनयम और याियक घोषणा वारा दशार्या जाता है।

    हाल ही म हमारे देश म लोक लेखापरीक्षा की सीमाएं सावर्जिनक बहस और अभीयोग का िवषय है। याियक मतो िकसी इकाई वारा चाहे वह सावर्जिनक या िनजी शासन क्षेत्र म हो, सावर्जिनक ससंाधन के उपयोग म ससंदीय उ तरदािय व सिनि चत करने म हमारे लेखापरीक्षा ुसं था की मह वपणर् भिमका को रेखांिकत करता हैू ू । सरकारी इकाइय की िन पादन लेखापरीक्षा करने के िलए और सावर्जिनक ससंाधन के उपयोग से प्रा त राज व के अपना वैध िह सा प्रा त करते हए रा य के बारे म आ वासन प्रदान करने के िलए िनजी सहायक कंपिनय से सबंंिधत ुलेनदेन की जांच करने, सीएजी के अिधकार को सही प से स पा गया है। आपके लेखापरीक्षा मत म यह पिरपे्र य पिरवतर्न आपकी लेखापरीक्षा प्रिक्रया को शािसत करने के िलए उपयक्त ु

  • नीितय और पद्धितय के िवकास को बढ़ावा देता है। म आशा करता हँू िक ‘लेखापरीक्षा के भावी क्षेत्र’ और ‘भारतीय लेखा तथा लेखापरीक्षा म क्षमता िनमार्ण’ के उप-िवषयो पर स मेलन की िसफािरश पर यह सहायक कंपिनयां यान देगी।

    देिवय और स जन :

    लोक सेवा प्रदान करने के िलए प्रयोग िकए गए लेटफामर् लेखापरीक्षा िकए जाने को प्रभािवत करते ह। क्य िक, ‘िडिजटल इंिडया’ सरकारी कायर् प्रणाली की रीढ़ की ह डी बन गया है, इसके िलए लेखापरीक्षा के परंपरागत पद्धितय म पिरवतर्न की आव यकता है। लेखापरीक्षा की कशलताु , लागत और कवरेज को सधारने के िलए ईु -गवनस के लाभ को अपनी मानक सचंालन प्रिक्रयाओं की पनः ु जांच करके अिधक भनाना होगा।ु

    रा य म, जहां लेखाकरण भिमका सीएजी की हैू , वह सतकर् ता को दाव पर लगाए िबना सेवाओं को सधारने ु की गजंाइश है। आपको सरकारी लेखाओंु और िव तीय प्रबंधन प्रणािलय के आधिनकीकरण हेत उनके कायर्क्रम म रा य के साथ सिक्रय प सेु ु शािमल होना चािहए। आपके वारा पहले से ही आरंभ की गई सहभािगता के उ तर दािय व हेतु िकसी प्रभावी तंत्र के लेखाकरण करते रहना होगा।

    लोक पदािधकािरय वारा माल और सेवाओं के समयबद्ध प से प्रा त िकया जाना नागिरक का अिधकार है। यह रा य की ओर से उपहार नहीं है। कई रा य म लोक सेवाओं को तरंत प्रदान ुकरने की यव था की गई है। सीएजी सं था सावर्जिनक प्रािधकािरय वारा इन िन पादन मानक की प्राि त की अपनी अनपालना लेखापरीक्षा वारा िरपोिटर्ंगु अपने िविधक अिधकार से सफलतापवर्क प सेू कायर् वयन कर सकती है।

    देिवय और स जन :

    हनले के सर वा टर की 13वीं सचरी ट्रीटाईज़ ऑफ हाऊजबै ू म कहा गया है और उसका म उद्धरण करता हँू: ‘लेखापरीक्षक को यह आव यक नहीं है िक लेखापरीक्षा को यह कहा जाए की वे लेखापरीक्षा करते समय उ ह िन ठावान, िववेकी, अपने कायर् को जानने वाला होना चािहए…... और उ ह लेखाओं से सबंंिधत चीज के बारे म दसर को बताने की आव यकता नहीं है।ू

    जहां कोई बा य यिक्त लेखापरीक्षण के बारे म िट पणी नहीं करता, लेखापरीक्षा पद्धित के म य ूको वैि वक प से पहचाना जाता है। भारत का सीएजी सं था कोई अपवाद नहीं है। आपकी सं था की क्षमता और वतंत्रता म ऐसा िव वास आपके ज्ञान को अ यितत रखने और उ चतम यावसाियक मानक को बनाए रखने का बड़ा उ तरदािय व होता है। लोक लेखापरीक्षा एक ज्ञान

  • आधािरत उधम है। ज्ञान म ज दी विद्ध होती है। मृ आ व त हँू िक आप समकािलन प्रासगंिकता के िविभ न क्षेत्र म नवीनतम िवकास के प्रित सबक को सचेत रखने के िलए कायर्रत रहगे।

    याद रखे िक रा ट्रीय लोक िव त के प्रहरी के प म, सीएजी सं था की रा ट्रीय िवकास को बढ़ाने म सकारा मक और मह वपणर् भिमका हैू ू । इ हीं श द के साथ, म यही िवराम लेता हँू। आपके प्रयास सफल होने की कामना करता हँू।

    ध यवाद जय िहदं

  • बजटीय और प्रशासन लेखाकरण हेतु लोक िहत कद्र म िरपोिटर्ंग XXVII महालेखाकार स मेलन, 2014 मख्य िबदंु ु

    भारत के िनयंत्रक - महालेखापरीक्षक की अ यक्षता म भारतीय लेखा तथा लेखापरीक्षा िवभाग लगातार अतंरार् ट्रीय सव क ट पद्धितय के अनसारृ ु , लेखापरीक्षक और लेखाकार दोन के प म अपने यावसाियक कतर् य लगातार िनभाने के िलए सघंषर् करते ह। आज लेखापरीक्षक को सरकार के एक साधन के प म प्रशासन और लेखापरीक्षक िरपोट के अपगे्रड करने म एक सहायक के प म देखा जाता है। सावर्जिनक कायर्क्षेत्र म, सावर्जिनक क्षेत्र सेवा करने म पारदिशर्ता और उ तरदािय व हेत जाग कता और मांग बढ़ाने की आव यकता हैु । भारत के िनयतं्रक-महालेखापरीक्षक को एक ऐसी सं था के प म देखा जाता है जो आिथर्क, कशल और ुप्रभावी प्रशासन और नजर रखने के िलए आिधकािरक है। उ तरदािय व के साथ स ढ़ शासन की ुनींव मजबत सावर्जिनक िव तीय िरपोिटर्ंग प्रणाली पर आधािरत होता है।ू आईएएंडएडी लगातार यावसाियक पद्धितय , कायर् के व प और प्रणािलय को अपनाने और अ यितत करने के िलए सेिमनार, स मेलन और कायर्शालाओं का आयोजन करता है। महालेखाकार स मेलन एक मख्य लेट फॉु मर् है जहां उ च तर के सभी आईएएंडएडी समीक्षा, िवचार िवमशर् और सव क ट सभंव प म अपने आिधकािरक कतर् य के िनवार्हन के उ े य से ृआइएएंडएडी की िदशा के िलए िनदेश का सझाव देते ह। यह िवचार के आदानु -प्रदान, नए मामल से िनपटने और अनभव साझा के िलु ए एक मचं प्रदान करता है। भारतीय लेखा तथा लेखापरीक्षा िवभाग के सभी विर ठ अिधकािरय (महालेखाकार/प्रधान िनदेशक और उससे ऊपर) का ि ववािषर्क स मेलन िवचार के आदान-प्रदान, नए मामल से िनपटने और अनभव साझा के िलए एक मचं प्रदान करता है।ु

  • अक्टबर ू 27-29,2014 को ऐसे ही 27वां स मेलन आयोिजत िकया गया। स मेलन का िवषय ‘सशासन को िवकिसत करना और सावर्जिनक लेखापरीक्षा वारा उ तरदािय वु ’ था। िवभाग के लगभग 170 विर ठ अिधकािरय ने इसम भाग िलया।

    27 अक्टबर को ू 12:00 बजे दोपहर को भारत के रा ट्रपित ने स मेलन का उ घाटन िकया। ीमती सिमत्रा महाजनु , अ यक्ष और प्रो. के.वी. थॉमस, अ यक्ष पीएसी ने उ घाटन समारोह की

    शोभा बढ़ाई।

  • 28 अक्टबर ू 2014 को, ‘लोक िहत के िलए िरपोिटर्ंग: भारत के िनयतं्रक - महालेखा परीक्षक का मह व और प्रभाव’ पर स मेलन के िवषय के प म एक पैनल चचार् की गई। पवर् कैिबू नेट सिचव ी के. एम. चदं्रशेखर, डॉ. िववेक देवराय (प्रिसद्ध अथर्शा त्री), ी एच. के. दआ ु (प्रिसद्ध पत्रकार और एम.पी.) और ी आनंद मिहदं्रा (प्रिसद्ध उ योगपित) पनैल के सद य थे। बजट और प्रशासन उ तरदािय व हेत कद्र के कायर्कारी िनदेशक ी सब्रु ु त दास ने सत्र के िलए प ठभिम पेपर तैयार िकए थे।ृ ू

    29 अक्टबर ू 2014 को माननीय िव त मतं्री ी अ ण जेटली वारा िवदाई भाषण िदया गया।

    स मेलन के दौरान, प्रितभािगय ने 4 िविभ न दल म िन निलिखत 4 उप-िवषय पर िवचार िकया गया:

    लेखापरीक्षा के उभरते क्षेत्र लेखापरीक्षा के प्रभाव को आंकना आईएंडएडी म क्षमता िनमार्ण लेखा और हकदारी काय लय के िलए चनौितयांु

    लेखापरीक्षा के उभरते क्षेत्र

    सीएजी का लेखापरीक्षा क्षेत्रािधकार कद्रीय और रा य सरकार , कद्रीय और रा य सावर्जिनक क्षेत्र उपक्रम जहां सरकार मुख्य पणधारक ह, सरकार वाय त िनकाय को िव त पोिषत िकया, वे सीएजी का लेखापरीक्षा क्षेत्रािधकार के अतंगर्त आती है। शासन सरंचना म पिरवतर्न के साथ, िव त आधारभत सरंचना और लोकसेवा की पद्धितय म भी पिरवतर्नू होते है। इसके अितिरक्त, लाइससी या ठेके के अंतगर्त सावर्जिनक सशंोधन को िनयतं्रण करने वाले िनजी क्षेत्र स व की सिमित जांच भी लेखापरीक्षा को स पी जाती है। ऐसे सभी शािमल िवकास जो लेखापरीक्षा ससंाधन को प्रभािवत करते ह, उनके उभरते हए लेखापरीक्षा क्षेत्र कहा जाता है।ु

    लेखापरीक्षा प्रभाव का मापन

    सबंंिधत सरकार वारा ससंद और रा य िवधान पिरषद को सीएजी िरपोट प्र तत की जाती है। ुइन िरपोट के कछ पैरा पर इन िवधानपिरषद के लोक लेखा सिमित या सावर्जिनक उपक्रम की ुसिमित वारा िवचार िकया जाता है। मौजदा लेखापरीक्षा िरपोट को भी िवगत सीएजीू िरपोट पर सरकार वारा अनवतीर् कायर्वाही पर आंकड़ से सबंंिधत कछ सचना भी प्रदान करती है। ु ूुलेखापरीक्षा िरपोटर् पर की गई कारर्वाई का ऐसा िव लेषन लेखापरीक्षा के प्रभाव को मापन करा जाता है।

  • आईएएंडएडी म क्षमता िनमार्ण

    सीएजी के पास देश और िवदेश म स व की िव ततृ रज की लेखापरीक्षा करने का िव तत ृअिधकार है। भारत की सीएजी सयंक्त रा ट्र के िलए बा य मामल के बोडर् के सद य भी ुिनयक्त िकए जा िकए जा चके ह और यह कई अतंरार् ट्रीय सगंठन की लेखापरीक्षा के िलए ु ुउ तरदायी है। लेखापरीक्षण ज्ञान-प्रखर प्रिक्रया है और िवभाग के पास नवीनतम आधिनक ुतकनीकी यंत्र की उपयोग करते हए उ क ट प्रिशक्षण सिवधाएं ह तािक भारतीय लेखा ु ृ ु तथा लेखापरीक्षा िवभाग म िविभ न तरो पर कायर्कारी अपना ज्ञान और कौशल अ यितत रखते ह। प्रबंधन के ऐसे पहल क्षमता िनमार्ण केू अतंगर्त आते ह।

    लेखा एवं हकदारी कायार्लय के िलए चनौितयांु

    भारतीय लेखा तथा लेखापरीक्षा िवभाग रा य सरकार के लेखाओं के समेकन के िलए उ तरदायी है। कछ रा य मु , यह सरकारी कमर्चािरय के पशन के अिधकार और/या सामा य भिव य िनिध खात के सरंक्षण के िलए उ तरदायी है। यह कायार्लय लगातार सचना और सपें्रक्षण ू प्रौ योिगकी का उपयोग बढ़ाते हए सरकार और सरकारी कमर्चािरय को प्रदान की गई सेवाओं की गणव ता ु ुम सधार के िलए प्रयासरत रहते ह।ु

  • भारत के िनयंत्रक-महालेखापरीक्षा वारा भाषण

    XXVII महालेखाकार स मेलन, 2014

    27 अक्टबरू , 2014 को 27व महालेखाकार स मेलन म भारत के िनयंत्रक-महालेखापरीक्षक वारा वागत भाषण

    माननीय रा ट्रीयपित जी, लोक सभा अ यक्ष, माननीय अ यक्ष लोक लेखा सिमित, स माननीय मेरे पवार्िधकारी ी टीू .एन. चतवदीू , ी वी.एन. कौल और ी िवनोद राय, लेखापरीक्षा सलाहकार बोडर् के स माननीय सद य, सरकार के विर ठ अिधकारी लेखा और लेखापरीक्षा ससंगर् के सद य देिवय और स जन

    1. महालेखाकार के 27व स मेलन के इस वागत समारोह म आप सबका वागत करना िवभाग म प्र येक के िलए यह अ यंत गवर् का िवषय है। इस स मेलन के उदघाटन करने के िलए सहमत होने और अपनी उपि थित से हम पे्ररणा देने के िलए रा ट्रपित जी का आभारी है। महोदय, शासन के िविभ न पहलओुं पर आपके काफी अनभव और िव तत ज्ञान के साथु ृ , हम आपके पे्ररणा श द से मागर्दशर्न प्रा त करते रहगे।

    2. हम माननीय लोकसभा अ यक्ष ी सिमु त्रा महाजन की उपि थित होने पर हम आभार यक्त करते है। भारत के िनयतं्रक-महालेखापरीक्षक ससंद के प्रित कायर्कारी को उ तरदािय व सिनि चु त करने म मह वपणर् भिमका िनभाता है। महोदयू ू , हम अपने सवंैधािनक कतर् य को िनभाने के िलए अम य मागर्दशर्न और उ साह से आगे बढ़ेग।ू

  • 3. सीएजी को लोक लेखा सिमित का दो त, दाशर्िनक और मागर्दशर्क माना जाता है। हम पीएसी अ यक्ष प्रो. के. वी. थॉमस की उपि थित से स मानजनक महसस करते ह। वे हमारे सगंठन के ूिलए स ढ़ता और सहायता का ोत है।ु

    4. यएसू के अ यक्ष और यएस सिंवधान के िनमार्ताओं म से एक जे स मेडीसन ने कहा और ूउनका उद्धरण करता हँू, सरकार िनमार्ण म, िजसे कई यिक्तय वारा चलाया जाता है, उसम काफी सम या होती है: आपको सवर्प्रथम शािसत को िनयंित्रत करने और िफर इसे िनयंित्रत करने हेत बा यु करना चािहए। लोग पर िनभर्रता िनसदेंह प से सरकार पर िनयंत्रण है, िक त ुअनभव ने मानवता को दसरी तरह से आव यु ू क सावधािनय की आव यकता का पाठ पढ़ाया है। भारतीय लोकतांित्रक प्रणाली म एक ऐसी सावधानी भारत के िनयतं्रक-महालेखापरीक्षक का सं था है िजसे सरकार को जवाबदेह बनाए रखने म सिंवधान लोग की सहायता का कायर् िदया गया है।

    5. वतंत्रता, िव वसनीयता और समयबद्धता हमारे मल मतं्र ह। मझ ेगवर् है िक यह सं था अपनी ू ुमौजदगी से अब तक वतंत्रता और उ े यू परकता की जांच के साथ अिडग है। सं था की िव वसनीयता हमारी लेखापरीक्षा प्रिक्रया से उ प न होती है। समयबद्धता से नीित िनमार्ण को प्रभािवत करने वाले लेखापरीक्षा िन कष म सहायता िमलती है और कायार् वयन म सधार होता ुहै।

    6. हमारे अिधदेश के अनसरण मु , हम प्रितवषर् पचास हजार से अिधक सं थागत इकाईय की लेखापरीक्षा करते ह और ससंद तथा रा य िवधान मडंल म प्र तत की जाने वाली ु 135 से

  • अिधक लेखापरीक्षा प्रितवेदन तैयार करते ह। इसम सरकार को लगभग पंद्रह सौ िसफािरश होती ह।

    7. हम वािषर्क प से सघं और रा य सरकार , पीएसयज़ू , वाय त िनकाय और बा य सहायता प्रा त पिरयोजनाओं के पांच हजार पांच सौ से अिधक लेखाओं का स यापन करते ह। हम कम वसली और करू , श कु और राज व के अ य ोत के गलत िनधार्रण को बताते हए सावर्जिनक ुकोष म योगदान देते ह।

    8. हमारे लेखाकरण और हकदारी काय के प म हम रा य सरकार को मह वपणर् िव तीय ूएमआईएस प्रदान करत े ह। वािषर्क प से हम सेवािनव त होने वाले लगभग ृ 5.5 लाख कमर्चािरय की पशन का िनधार्रण करते ह तथा 23 रा य सरकार के लगभग 41 लाख कमर्चािरय की भिव य िनिधय का प्रबंधन करत ेह।

    9. िपछले दो दशक से 13 अतंरार् ट्रीय सगंठन को बा य लेखापरीक्षा सेवा प्रदान करते हए ुवैि वक िवकास एवं शांित बनाए रखने म योगदान दे रहे ह िजसम सयंक्त रा ट्र मख् याु ु लय, िव व खा य कायर्क्रम और अतंरार् ट्रीय परमाण ऊजार् एजसी शािमल ह। जलाई ु ु 2014 म भारत के सीएजी को छ: वष के कायर्काल हेत सयंक्त रा ट्र सघं के लेखापरीक्षक बोडर्ु ु का सद य िनयक्त िकया गया है।ु

    10. शासन के बदलते व प और समाज की अपेक्षाओं ने सावर्जिनक लेखापरीक्षा के िलए नई चनौितयां खड़ी कर दी है। िव वु म एक मांग बढ़ रही है िक पो ट-माटर्म िव लेषण करने की बजाए एक पिरयोजना की प्रभावी अविध के दौरान सावर्जिनक लेखापरीक्षक ह तक्षेप कर। चिक ूँसावर्जिनक सेवाओं और पिरयोजनाओं म अिधक िनजी भागीदार ह, सावर्जिनक िनजी भागीदारी की लेखापरीक्षा एक नई चनौती है।ु

    11. हम आशा करते ह िक इन उभरते क्षेत्र म हमारी क्षमता िनमार्ण तथा मजबत लेखापरीक्षा ूढाँचे का िवकास करके इन चनौितय से िनपटा जा सकेगा। हमाराु प्रयास शासन म सधार करने ुम लेखापरीक्षा प्रभाव म विद्ध हेत नीितयां बनाना है।ृ ु

    12. महालेखाकार का ि ववािषर्क स मेलन हमारे िलए एक साथ िवचार-िवमाशर् करने तथा उभरती चनौितय से िनपटने म हमारी कायर्प्रणाली की समीक्षा का एक अवसर है। स मेलन म ुचार मह वपणर् िवषय पर याू न िदया जाता है। इसम सावर्जिनक िनजी भागीदारी और िविनयामक िनकाय की लेखापरीक्षा जसेै ‘लेखापरीक्षा म उभरते क्षेत्र ’ पर िवचार-िवमशर् शािमल है। हम शासन पर लेखापरीक्षा प्रभाव को बढ़ाने के मा यम और ससंद से हमारे सवंाद को अिधक साथर्क बनाने पर भी चचार् करना है। हम नई िज मेदािरयाँ परी करने हेत िवभाग की ू ु

  • क्षमता को मजबत करने के माू यम की खोज करनी होगी। लेखाकरण और हकदारी काय म देखी गई चनौितयाँु , स मेलन का एक अ य मह वपणर् एजडा है।ू

    13. स मेलन के भाग के प म हमने ‘सावर्जिनक िहत म िरपोिटर्ंग सीएजी की लेखापरीक्षा के म य और प्रभावू ’ पर पैनल चचार् भी आयोिजत िकया। इसका उ े य हमारी लेखापरीक्षा प्रितवेदन का सावर्जिनक िहत के साथ सरेंखण के मा यम की खोज तथा िफर इसके प्रभाव म विद्ध करना है। बाहरी िहतधारक कोृ एक पिरपे्र य देने के िलए िविभ न क्षेत्र से प्रख् यात यिक्तय इस िवचार-िवमशर् म भाग लगे।

    14. म आ व त ह िक इस स मेलन म चचार् से हमारा सं था और अिधक स ढ होगा। इस ू ँ ुउदघाटन सत्र के दौरान हमारे प्रख् यात अितिथय वारा मखिरत श द सेु हम मागर्दशर्न एवं पे्ररणा िमलेगी।

    15. म एक बार िफर माननीय रा ट्रपित जी को हमारे साथ बहम य समय देने के िलए उनका ु ूदय से वागत करते ह। म इस अवसर की गिरमा बढ़ाने हेत माननीय लोकसभा अ यु क्ष एवं अ यक्ष, लोक लेखा सिमित का पनु : आभार यक्त करता हँू। म भारतीय लेखा तथा लेखापरीक्षा िवभाग तथा अपनी ओर से हमारे सभी िविश ट अितिथय और मीिडया सद य का वागत करता हँू।

    जय िह द।

  • केरल म भिम प्रबंधनू केरल म भिम प्रबंधन मामलेू डा. िबज जकैबू , आईएए डएस, महालेखाकार (आ.एवं रा.क्ष.ेलेप.) केरल और ी आई.पी. अ ण, व. ले.प. अिधकारी, कायार्लय, महालेखाकार (आ.एवं रा.क्ष.ेलेप.) केरल

    "हम भिम का अनादर करते ह क्य िक हम इसे ू हम से जड़ी ु उपयोगी व तु समझते ह। जब हम भिम को उस समदाय के प म देखते ह िजससे हम जड़ ेह तब हम पे्रम एवं आदर से इसका ू ु ुउपयोग करना श करते ह।ु " अ डो िलयोपो ड

    िवकास गितिविधय के िलए भिम मलभत प्राकितक ससंाधन है। अतू ू ू ृ : कई बार भिम की मांग कई ूगणा बढ़ जाती है। अ य प्राकितक ससंाधन की तरह केरल योग्रािफक राइ स िलिमटेड आपितर् के ु ूृकारण उपल ध भिम पर अ यिधक दबाव बढ़ा है। इसकेू छोटे आकार – 38, 86, 287 हे. (38, 863 वगर् मी.) – देश के कल क्षेत्रफल का ु 1.18 प्रितशत के कारण यह बहत गभंीर हो गया है। ुिजसम से 11,309.48 वगर् मी.- 29 प्रितशत – वन भिम है। रा य के तीन भौितक िडवीज़न ू – उ च भिमू , म यम भिम और िन न भिम म से िवकासू ू गितिविधय हेत उपल ध भिम म यु ू म और िन न भिमय तक ही सीिमत है। इससे दबाव और बढ़ा है तथा आसमान छती कीमत के ू ूसाथ भिम एक बहम य ू ूु उपयोगी व तु बन गयी है। स पणर् भिम को तीन वग म िवभािजत िकया ू ूजा सकता है- राज व िवभाग वारा प्रबंिधत राज व भिमू , वन िवभाग वारा वन भिम तथा ूयिक्तय , सं थान , पीएसयज़ू , क पिनय तथा वाय त िनकाय की िनजी भिम।ू

  • अिधिनयम और िनयम सावर्जिनक िहत म िनजी भिम सिहतू -भिम के सरंक्षण और प्रबंधन की ूपयार् त शिक्त देते ह। हालांिक बाद की सरकार सावर्जिनक िहत की सरक्षा करने म िवफल रहीं ुऔर शिक्तशाली यिक्त/सामािजक समह िनयम का उ लघंन कर के ू वहतृ क्षेत्र पर क जा कर सकते ह।

    सभी भिम िनयम का उ लघंन करते हए अणर्मला म एक िनजी हवाई अ ड ेके िवकास तथा ू ूुएक आईटी माटर् िसटी के िलए एक िवदेशी िवकासक को भिम के सरकारी आवंटन से नई ूजिटलताय बनी ह।

    अत: एजी (ईआरएसए) वारा 2008 से 2013 की अविध म केरल सरकार वारा भिम प्रबंधनू पर एक िन पादन लेखापरीक्षा की गई। लेखापरीक्षा मापद ड के सदंभर् म संग्रहीत डाटा/सचना का ूिव लेषण िकया गया था और लेखापरीक्षा िन कष पर िवभाग एवं सरकार के साथ चचार् की गई थी।

    एक अि वतीय बहके्षत्रीय प्रितवेदनु

    एजी (ईआरएसए) के लेखापरीक्षा क्षेत्रािधकार के अतंगर्त तीन क्षेत्र म 2013-14 के िलए भिम ूप्रबंधन िवषय की योजना बनाई गई थी, अथार्त ् – राज व, पीएसय और आिथर्क क्षेत्र ू – एक सामा य प्रितवेदन म समेिकत करने हेत।ु

    राज व क्षेत्र- सरकारी भिमू , वन भिम और हवाई अ डा पिरयोजनाू पीएसयू क्षेत्र- तीन पीएसयज़ वारा अिधग्रहीत भिमू ू आिथर्क क्षेत्र- आईटी िवभाग के अतंगर्त माटर् िसटी, को ची

    यह आईएए डएडी के क्षेत्रीय पनगर्ठन के कारण सभंव हो पाया थाु , जहां इन तीन क्षेत्र को एजी (ईआरएसए) म िमला िदया गया।

    "अणर्मलाू हवाई अ डा और माटर् िसटी को ची के िलए जमीन पर िवशेष सकें्रद्रण के साथ केरल सरकार वारा भिम प्रबंधनू " प्रितवेदन (प्रितवेदन स.ं6/2014) जलाईु 2014 म केरल िवधान सभा म प्र तत की गई थी।ु

    सरकारी भिम का प्रबंधनू

    राज व िवभाग वारा सरकारी भिम पर कंद्रीकत सचना का पणर्तू ू ूृ : अभाव मल सम या थीू । भिम पर सचना जसेै िक सवक्षण सखं् याू ू , नक्शा आिद परे रा य म फैले ू 1,634 ग्राम कायार्लय म रखे ह। प्र येक ग्राम म भिम अिभलेख के तीन सेट थे अथार्त िनपटान पंिजकाू ् , िनजी भिम ूके िलए टाइटल डीड रिज टर और सरकारी भिम पिंजकाू /लेखापरीक्षा को भिम ू राज व

  • आयक्तालयु , ित वन तपरम सिहत ु 14 िजल म से सात म से 63 तालकाओं म से ु 16 से सबंंिधत 25 गाँव के नमने तक सीिमत रहना पड़ा।ू

    भिमू बक-सव तम प्रथाओं को दरिकनार करना, िमशन श होने से िवफल होनाु

    राज व एवं आपदा प्रबंधन िवभाग का भिम बक बनानेू की प्रथा, सरकार/िवभाग वारा अपनाई जाने वाली सव तम प्रथा थी। भिम बक रा य म वैज्ञािनक अनसधंान और भिम के याू ु ू वसायी प्रबंधन के िलए सरकारी भिम के िववरण का एक अनरक्षक है। इस नई पहल ि टकोण का ू ुउ े य ग्रामीण क्षेत्र के िवकास पर यान देते हए भिमहीन लोग को िबक्रीयोग्य सरकारी जमीन ु ूकी यापक सचना तैयार करना था। इसका उ े यू वािणि यक थापनाओं को बढ़ाना तथा भ ूमािफयाओं की गितिविधय तथा जमीन की अभतपवर् बढ़ती कीमत पर लगाम लगाना भी था। ू ूय यिप खोज की प्रिक्रया 2007 म श की गई थीु , िवभाग 2014 तक भी भिम की ू टॉक सिनि चु त नहीं कर पाया।

    के द्रीयकतृ सचना अभाव सू रकारी भिम के संभव अितक्रमण के जोिखम को प्रकट कर देता है। ूनमना जांच गांव म सरकारी भिम म अितक्रमण के कई मामले थे।ू ू

    राज व िवभाग सरकारी भिम के सरंक्षक के प म िवू िभ न आदेश तथा पिरपत्र के मा यम से थािपत भिम प्रबंधन नीित का पालन करने म असफल रहा। िवभाग सरकारी भिम को ू ूपहचानने तथा िहसाब रखने, पटे्ट पर दी गई भिम के प्रयोग की िनगरानीू , पटे्ट की शत के उ लघंन को रोकने तथा पट्टा िकराए को िनयिमत प से एकित्रत करने म भी असफल रहा। पटे्ट के आविधक नवीनीकरण तथा पट्टा िकराए के सशंोधन के िलए कोई प्रणाली नहीं थी।

    सरकारी भिम िविभ न सामािजकू -राजनैितक दबाव समह तथा शिक्तशाली यिक्तय वारा ूिनरंतर मांग म थी तथा अनक्रिमक सरकार ने िविभ न योजनाओं के अ तगर्तु भिम के बड़े ूभभाग स पेू /पटे्ट पर िदए थे। चिक कैिबनेट के िनदश केूँ अ तगर्त ये भिम स पी गई थीू , सरकारी सिचव अिभलेख को प्र तत करने म अिन छक थेु ु ; जो लेखापरीक्षा म दसरी बड़ी बाधा ूथी। तथािप फाइल िनरंतर सपंकर् के मा यम से प्रा त की गई थी।

    अवैध क जा के भी कई मामले थे। िवभाग न केवल सरकारी भिम के ह तांतरण को रोकने म ूिवफल रही बि क अितक्रमण को अवपे्रिरत िकया। लेखापरीक्षा ने ऐसी किमयां 338.60 हेक्टेयर भिम के सबंंध म देखी थी िजसका िव तीय प्रभाव ू ` 1077.74 करोड़ था।

    वनके्षत्र का प्रबंधन

  • वन क्षेत्र का िवचारणीय क्षेत्र- 1,19,178.88 हेक्टेयर सावर्जिनक क्षेत्र उपक्रम को पटे्ट पर िदया गया था। लेखापरीक्षा वन मख् याु लय, तीन प्रादेिशक अचंल तथा पांच मडंल म आयोिजत की गई थी जहां वन क्षेत्र के बड़ ेके्षत्र को पटे्ट पर िदया गया था।

    राज व िवभाग के समान, वन िवभाग ने पटे्ट पर दी गई भिम के अिभलेख समेिकत नहीं िकए ूथे। उिचत अिभलेख के अभाव ने चलाक्कडी वन मडंल के अिधकारु क्षेत्र के अ तगर्त ‘द अलवाए सटैलमट कॉलोनी’ म वन भिम के ू 9.63 हैक्टेयर को अिधकार म रखने म सहायता की। िवभाग पट्टा शत के उ लघंन की जांच करने तथा ऐसे उ लघंन के मामल म कायर्वाही करने म भी असफल रहा।

    भिमू के िविनयमन तथा ोत के उपयोग को सरल बनाने के िलए समीक्षा मक प से एक डाटाबेस अनरक्षण करने की आव यु कता है।

    िवभाग 42,130.49 हेक्टेयर की पटे्ट पर दी गई वन भिूम के सबंंध म 140 मामल म ` 196.85 करोड़ के पट्टा िकराए के बकाया को सगं्रिहत करने म असफल रहा। हालांिक पट्टा िकराए को प्र येक तीन वष म संशोिधत करना था, यह 1990 तक अपिरवितर्त रहा तथा पट्टाधारक ने 1300 प्रित हेक्टेयर प्रितवषर् की दर पर नाममात्र पट्टा िकराया िदया, िजससे राज व की हािन हई।ु

    पट्टा िकराए का आविधक सशंोधन राज व सघंटन म एक आधारभत घटक है।ू

    वन भिम के िवू ततृ क्षते्र ट्रावनकोर तथा कोचीन के भतपवर् महाराजाओं वारा िनजी यिक्तय ू ूको पटे्ट पर िदए गए या अनदान के प म िदए गए थे तु था वन िवभाग ऐसे मामल की िनगरानी करने म असफल रहा था। चलाक्कडी वन मडंल म ु 35.18 हेक्टेयर की वन भिम इस ूिनयम के उ लघंन म कई बार बेची गई िक पटे्ट पर सरकारी भिम िबक्री के वारा ह तांतिरत ूनहीं की जा सकती है। एक मामले म अिंतम अिधभोगी ने ऐसी सपंि त को िगरवी रखते हए ु ` 85 लाख के िलए दो ऋण का लाभ प्रा त िकया था। वन भिम के अवैध प से िगरवी रखने ूतथा ऋण के गरै-भगतान ने अिनयिमतता के पिरमाण को दगना कर िदया था। पटे्ट पर दी गई ु ुवन भिम के ू 389.34 हेक्टेयर के ह तांतरण का एक समान मामला िथरीसर वन मडंल मु देखा गया था। वन िवभाग पट्टा िनयम के उ लघंन म सरकारी भिम के ह तांतरण के िव द्ध ूपनग्रर्हण प्रिक्रया श करने म असफल रहा था। इस सबंंध म लेखापरीक्षा आपि तयां का कल ु ु ुिव तीय प्रभाव ` 215.46 करोड़ के बराबर था।

    िनगरानी ततं्र के त व म बकाया पट्टा िकराए को िनि चत करने के िलए सावर्जिनक भिम ूअिभलेख तथा रिज टर का प्रबंधन करना, भिम प्रयोग की याख् याू करना तथा िवकास प्र ताव को प्रो साहन देना िविश ट प से शािमल ह।

  • पीएसयजु वारा औ योिगक उ े य के िलए िनजी भिम का अिधग्रहणू , िवकास तथा आवंटन

    लेखापरीक्षा ने तीन पीएसयज अथार्त केआईएनएफआरएू , केएसआईडीसी तथा केसीआईटीआईएल वारा औ योिगक उ े य के िलए भिम के अिधग्रहणू , िवकास तथा आवंटन से सबंंिधत अिभलेख का भी जांच िकया था। इन पीएसयज ने ू ` 763.74 करोड़ की कीमत पर भिम ूअिधग्रहण अिधिनयम, 1894 के अ तगर्त िनजी भिम के ू 5003.78 एकड़ अिधग्रहीत िकए थे।

    उ योग के िलए भिम के अिधग्रहण का प्रभावू

    किषृ भिम का अनिचत औ योिगक गितिविधय तथा अवसरंचना िनमार्ण के िलए अिधग्रहण ू ुकरना किषयोग्य भिम म प्रबल िगरावट म समा त हआ। धनी भाग को यावसाियकृ ू ु प्रयोग तथा अवसरंचना मक सिवधाओं म सधार के िलए इमारत के िनमार्ण के िलए किष भिम को ु ु ूृिवकिसत करना सिवधाजनक लगता है जो किषयोग्य भिम के बड़ ेक्षेत्र के पिरवतर्न को अिनवायर् ु ूृबना देता है।

    अ यिधक म य पर भिम के अिधग्रहणू ू /िवकास, खरीद पर अनाव यक/अितिरक्त खचर् था तथा िनजी क्षेत्र क पिनय को अनिचत लाभ दे रहा था। कल भिम म सेु ूु , 2,290 एकड़ 558 यिक्तय को आवंिटत की गई थी तथा शेष अभी भी आवंिटत होनी है। भले ही आवंटन स ती कीमत पर की गई थी; 41 यिक्तय ने 180.54 एकड़ के माप वाली आबंिटत भिम का ूउपयोग नहीं िकया (माचर् 2014) िजससे औ योिगक इकाई की थापना करने के यथार्थ उ े य को िवफल कर िदया।

    आईएनकेईएल – एक िनजी क पनी ने 60.95 एकड़ की भिम सिहतू कई अनिचत लाभ उठाए ुतथा थोड़ ेसमय म भिमू िवकास गितिविधय म एक मख् यु िखलाड़ी बन गई। केरल टेट इंड ट्रीयल डवेेलपमट कोप रेशन (केएसआइडीसी) ने 1096.12 एकड़ के कल क्षेत्र की भिम का ु ूचार औ योिगक िवकास के द्र (आईजीसी) की थापना के िलए अिधग्रहण िकया िजसम से 447 एकड़ उ यिमय को आवंिटत िकया गया था। मला परम म आईजीसी के अिधगहीत ु ृ 258 एकड़ भिम ू का 243.79 एकड़ केएसआईडीसी वारा अवसरंचना के गरै-िनमार्ण के कारण खाली पड़ा रहा। सयंक्त उ यम भागीदार ु (आईएनकेईएल) को उप-पट्टा के मा यम से 60.95 एकड़ की भिम को प्रा त करने की अनमित दी गई थी। आईएनकेईएल का एमडीू ु , िजसने 60.95 करोड़ की भिम के ह तांतरण का ू िनणर्य िलया था, साथ-साथ उ योग िवभाग के सिचव के पद को भी धारण िकए हए था।ु

    पीएसयजू वारा भिम के अिधग्रहणू , िवकास और आवंटन म देखी गई किमय का िव तीय प्रभाव ` 212.02 करोड़ के बराबर था।

  • भिमू तथा पािरि थितकय प्रभाव से सबंंिधत म ेु – अरानमला एअरपोटर्ु

    केरल सरकार ने िसत बर 2010 म अरानमला गांव के िव वु धरोहर थल म िनजी िवकासक केएसजी समह वारा एक ग्रीनफी ड एअरपोटर्ू का अनमोदन िकया। प्र तािवत एअरपोटर् ु 580 िकमी.की लबंाई वाले छोटे से केरल रा य म पांचवां एअरपोटर् था। यापक िवरोध हए िजनम ुभिमू कानन के घोर उ लघंन तथा पयार्वरणीय प्रभाव का उ लेख िकया गया था। सरकार के ूशेयर के िबना एक पणर्तया िनजी एअरपोटर् होने के कारणू , लेखापरीक्षा ने पिरयोजना के भिम ूम पर याु न केि द्रत िकया।

    जहां तक अरानमला एअरपोटर् पिरयोजना का संबंध हैु , चार ग्राम कायार्लय, तालक कायार्लय ु – कोजेनचेरी, तालक सवक्षण कायार्लय ु – कोजेनचेरी, कलेक्टरेट – पथानामिथ ता, तालक भिम बोडर् ु ू– कोजेनचेरी तथा भिम राज व किम नू री, िथ वन तपरम को लेखापरीक्षा के िलए चयिनत ुिकया गया। लेखापरीक्षा ने सरकारी सिचवालय म प्रशासिनक िवभाग अथार्त पिरवहन, उ योग, राज व तथा पयार्वरण म सरकारी फाइल की भी नमना जांच की।ू

    भिमू एक यिक्त ी अब्राहम कालाम नील से सबंंिधत थी िजसने अवैध प से 153.31 हेक्टेयर प्रा त की थी- सरकारी भिम शािमलू - जो भिम सधार अिधिनयम वारा िनधार्िरत ू ुअिधकतम सीमा से 25 गणा अिधक थी। उसने भिम का एक बड़ा भाग ु ू (94.94 हेक्टेयर) केजीएस समह को बेच िदयाू ; शेष 58.37 हेक्टेयर अपने पास रखा। क पनी ने भिम का ूअितिरक्त 39.9285 हेक्टेयर खरीदा, सरकारी भिम के ू 24.35 हेक्टेयर पर अितक्रमण िकया तथा वतर्मान म कल ु 159.22 हेक्टेयर पर अिधकार है। यिक्त और क पनी के पास छह भिम ूकानन का उ लघंन करते हए ू ु 217.59 हेक्टेयर की भिम है।ू

    िवभाग ने उिचत प्रिक्रया का पालन िकए िबना भिमू पर क जा करने म उ योगपित का साथ िदया।

    राज व िवभाग िन नतम राज व अिधकािरय से उ चतम तर तक सरकारी भिम के ूअितक्रमण, धान के खेत को भरना, भिम का अवैध अिधग्रहण को रोकनेू /के िव द्ध कारर्वाई करने म िवफल रहा, िजसने यिक्त को ज रत से यादा भिम रखने तथा इसके बड़ ेभाग को ूएअरपोटर् क पनी को ह तांतिरत करने म समथर् बनाया। पंजीकरण िवभाग ने पजंीकरण के समय पर 19.05 हेक्टेयर की भिम के सबंंध म िबक्री िवलेख म भिम की प्रकित तथा सीमाएं ू ू ृबदलने की अनमित दी।ु

    एक बार भिम एअरपोटर् क पनी को ह तांतिरत हो गई थीू , उ योग , पिरवहन तथा पयार्वरण सिचव ने िव तीय तथा प्रशासिनक ईमानदारी का उ लघंन करते हए एु अरपोटर् पिरयोजना का समथर्न िकया।

  • भले ही पिरवहन िवभाग पिरयोजना के िलए नोडल िवभाग था, उ योग सिचव ने एअरपोटर् क पनी से एनओसी के िलए आवेदन वीकार करने म तथा िवकासक के साथ भिम तथा ूप्र तािवत एअरपोटर् का मौजदू/िनमार्णाधीन एअरपोट पर प्रभाव के सबंंध म उपयक्त स यापन ुिकए िबना सदै्धाि तक प से अनमोदन प्रदान करने म अिधकार क्षेत्र का अितक्रमण िकया।ु

    उ योग िवभाग ने राज व िवभाग की जानकारी के िबना, क पनी के एक दावे के आधार पर, 444.72 हेक्टेयर को औ योिगक क्षेत्र के प म घोिषत कर िदया। एअरपोटर् के िलए भिम की ूआव यकता मात्र 200 हेक्टेयर थी तथा घोषणा के समय पर क पनी ने मात्र 159 हेक्टेयर धारण की हई थी। इस प्रकार उ योु ग िवभाग ने क पनी की सहायता के िलए भिम के बड़ ेभाग ूको औ योिगक क्षेत्र के प म वगीर्कत करने म क पनी की सहायता की।ृ

    सरकार का क पनी के शेयर को वीकत करने का िनणर्य भिम समझौते म अनिचत साधन के ृ ू ुवारा इसकी भागीदारी पर सदेंह प्रकट करता है।

    पिरवहन िवभाग ने िबना लागत के एअरपोटर् क पनी वारा प्र तत ु 10 प्रितशत इिक्वटी को वीकत कर िलया तथा एअरपोटर् केरल सरकार तथा केजीएस समृ हू चे नई के बीच एक सयंक्त ुउ यम बन गया तथा सरकार क पनी की सभी अवैध गितिविधय म भागीदार बन गई। पयार्वरणीय िवभाग ने पिरयोजना पर िवधायी सिमित वारा उठाई गई आपि तय , कषक वारा ृधान के खेत की प्राि त के िव द्ध शंका इ यािद के सबंंध म भारत सरकार को गलत सचना ूप्र तत की तथा क पनी को पिरयोजना के िलए पयार्वरणीय मजंरी प्रा त करने म सहायता की। ु ूलेखापरीक्षा ने म े की छानबीन करने के िलए एक वतंत्र जांच की िसफािरश की।ु

    माटर् िसटी पिरयोजना, को ची – एक िविश ट लेखापरीक्षा अिभगम

    केरल सरकार ने को ची म ज्ञान आधािरत आईटी उपनगर की थापना के िलए टीईसीओएम इ वे टम स एफजेड एलएलसी, दबई ु (टीईसीओएम) की एक सहायक दबई इंटरनेट िसटी ु(डीआईसी) के साथ माटर् िसटी (को ची) इंफ्रा ट्रक्चर प्रा. िलिम. के नाम से एक िवशेष उ े य साधन (एसपीवी) आरंभ की। केरल सरकार ने एसपीवी को 246 एकड़ की भिम ू ` 104 करोड़ के एक बार पट्टा प्रीिमयम के िलए 99 वष के िलए िकराए पर दी (2007 और 2008 म) और एसपीवी म 16 प्रितशत का सीिमत शेयर भी था। शेष 84 प्रितशत डीआईसी वारा धािरत था। यह केरल को 10 वष म एक बड़ ेआईटी थान म बदलने तथा 8.8 िमिलयन वगर् फट म ुिनिमर्त थान म 90,000 नौकिरयां उ प न करने के िलए एक मेगा प्रोजेक्ट के प म प्रके्षिपत िकया गया था।

  • लेखापरीक्षा चनौतीु

    पारदिशर्ता, िववेकी तथा दरदशीर् शासन के िसद्धा त को आईटी उ योग के िवकासू , प्रो-पअरु को नौकरी प्रदान करने इ यािद जसेै तथाकिथत कारण के िलए बिलदान कर िदया गया था। बदले म, िवकासक को बड़ी मात्रा म भिम प्रा त हई। चिक सरकार का शेयर ू ूु ँ 16 प्रितशत तक सीिमत था, हमने पिरयोजना के कायार् वयन को छोड़ िदया तथा उन चार क्षते्र पर यान केि द्रत िकया जहां जनता का लाभ प्रभािवतहोना था।

    भागीदार के चयन म पारदिशर्ता भिमू म ेु समझौते म किमयां सरकार का भिव य म उ तरदािय व

    अत: प्रारंिभक चचार्, समझौता ज्ञापन (2005), सरंचना समझौता (2007), पट्टा िवलेख, केरल/भारत सरकार के िविभ न िवभाग वारा जारी आदेश से सबंंिधत अिभलेख, माटर् िसटी पिरयोजना, 2007-11 से पांच वष के िलए िविश ट उ े य साधन की िव तीय िववरण, पिरयोजना के िलए िवशषे आिथर्क क्षेत्र अिधिनयम, 2005 के अनसार चलने के सदंभर् म सवंीक्षा ुिकए गए थे।

    सरंचना कायर् करार (एफड यूए) की प्रवि तृ - जो पक्ष की भिमका की याख् याू करती है – अ प ट थी क्य िक यह न तो एक अनबंधु था और न ही एक पीपीपी पिरयोजना; पर त उसी ुसमय पर, पिरयोजना ने एक पीपीपी पिरयोजना के सभी अिभलक्षण को बनाए रखा। एसपीवी म केरल सरकार के बहत कम शेयर को याु न म रखते हएु ; लेखापरीक्षा ने एफड यएू करार पर यह जांच करने के िलए यान केि द्रत िकया िक जनिहत उिचत प से सरिक्षत रखा गया ुहै या नहीं। 2013 म आयोिजत की गई लेखापरीक्षा – आरंभ करने के साथ वष के प चात से ्पता चला िक पिरयोजना ने िब कल भी उ नु ित नहीं की है तथा एफड यए म किमय के ूकारण एसपीवी एक समय सीमा बताने के िलए बा य नहीं है।

    एक माटर् िसटी के िलए औिच य तथा एक नए एसपीवी के िनमार्ण की आव यकता के बारे म पिरक पना चरण से ही पारदिशर्ता की पणर्तू : कमी है। पिरयोजना के िलए भागीदार दबुई म एक प्रदशर्नी से चयिनत िकए गए थे। भागीदार के िपछले कायर्-िन पादन िरकाडर् पर भी यान नहीं िदया गया था।

    लेखापरीक्षा वारा िकया गया प्रयास एक िवदेशी िवकासक वारा भिम के कप्रबंधन को प्रकट ू ुकरता है, िजसम सरकार एक सम वयक थी। िरपोटर् सामािजक िहत की सरक्षा के िववरण के ुिबना िनजी सं थाओं को एक वे छाचारी तरीके म लबंी अविध पटे्ट पर भिम के आवंटन का ू

  • टांत देती है। समझौता िविश ट था क्य िक पट्टा धारक को िकसी भी समय पर उनके अिधकार के अ दर भिम के कल क्षेत्र के ू ु 12 प्रितशत पर पणर् वािम व ू अिधकार का अनमत ुिकया गया।

    सरकार ने 246 एकड़ की भिम को तीन खंड म ू – 131.41 एकड़ का खडं 1,100.65 एकड़ का खंड 2 तथा 13.94 एकड़ का खंड 3 - पिरयोजना के िलए आव यक भिम का उिचत प से ूिनधार्रण िकए िबना पटे्ट पर ह तांतिरत कर दी तथा भिव य म पिरयोजना के िलए अितिरक्त भिम अिधग्रहण तथा स पने के िलए प्रितबद्ध थी। पट्टा िनि चू त करने के िलए भिम का म य ू ूिनधार्रण िनकटवतीर् क्षेत्र की भिम के पंजीकरण के िलए िवचार िकए गए म य की तलना म ू ू ुकाफी कम था।

    माटर् िसिट पिरयोजना का प्र तािवत थल

    हालांिक 2008 म िवकासक दजार् की प्राि त के साथ खंड I (313 एकड़) म पिरयोजना श की ुजा सकती थी, एसपीवी ने स पणर् ू 246 एकड़ की भिम के िलए एू सईजेड दज के िलए मांग करते हए पिरयोजना म देरी कर दी। सरकार वारा थािपत अ य आईटी पाकर् के िवपरीतु , पट्टा धारक को िकसी भी समय पर उनके अिधकार के अ तगर्त भिम के कल क्षेत्र के ू ु 12 प्रितशत से अिधक पणर् वािम व के अिधकार अनमत िकए गए थे।ू ु

    अनपालनु आदेश देने वाला अिधकारी िनणर्य लेने की प्रिक्रया म एक मकदशर्क मात्र बना रहा ूथा।

    केरल सरकार के मात्र दो नािमती – आईटी मतं्री तथा आईटी सिचव – एसपीवी के दस सद य वाले िनदेशक मडंल म थे। बोडर् की बैठक के िलए कोरम पांच पर िनयत िकया गया – डीआईसी से यनतम तीू न और केरल सरकार से एक; तथा सभी िनणर्य उपि थत तथा वोट करने वाले

  • िनदेशक के सामा य बहमत वारा िलए जा सकते थे। इस प्रकार डीआईसी सभी मह वपणर् ु ूिनणर्य म केरल सरकार के िव द्ध िनणर्य दे सकती थी।

    अतािकर् क पैनल प्रावधान करार शत के प्रशासन म बाधा पहचा रहे थेु ँ ; जो िवकासक को पिरयोजना के प्रारंभ को िवकासक के िववेक पर बढ़ाने म मदद कर रहे थे।

    करार म पिरकि पत 90,000 नौकिरय के उ पादन को सिनि चु त करने के िलए कड़ ेपैनल प्रावधान एफड यए ू करार म कमजोर हो गए तथा एसपीवी इसकी नौकरी उ पािदत करने की वचनबद्धता से बच सकता था। गरै – प्रदशर्न के िलए िनदान परी तरह से डीआईसी के पक्ष म ूथा तथा केरल सरकार के िहत के िव द्ध था। यनतम अवसरंचना प्रदान करने म चक के िलए ू ूअिधक उ तरदािय व केरल सरकार पर डाला गया था; इस सबंंध म सहयोग की कमी के िलए यह डीआईसी के िव द्ध सभंव नहीं था। पिरणाम व प, एसपीवी पिरयोजना के िलए पणर्तया ूउदासीन था, फल व प सरकार के यनतम अवसरंचना प्रदान करने मू , जसैा करना अपेिक्षत माना गया था, देरी की गई थी।

    अपारदशीर् िनणर्य ने को ची म एक ज्ञान आधािरत आईटी/आईटीईएस टाऊनिशप के थापना के उ े य को गरै-पितर् म पिरवितर्त कर िदया जबिक केरल सरकार ने मख् यू ु औ योिगक भिम खो ूदी।

    न तो सरकार ने और न ही एसपीवी ने पिरयोजना को िक्रयाशील करने के िलए कोई प ट समय सीमा बताई थी। करार पर ह ताक्षर करने के सात वष के बाद भी, 8.8 िमिलयम वगर् फट िनिमर्त क्षेत्र का िनमार्ण तथा ु 90,000 नौकरी का सजन नहीं देखा गयाृ ; य यिप िवदेशी भागीदार �