केय रेशम बोड के कायकलाप एवं...

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1 के य रेशम बोड के कायकलाप एवं भारतीय रेशम उयोग का नपादन ( 01 अटबर , 2018 के अनसार ) के य रेशम बोड (व मंालय, भारत सरकार) बगल -560068

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    के���य रेशम बोड� के काय�कलाप

    एवं

    भारतीय रेशम उ�योग का �न�पादन

    (01 अ�टबरू , 2018 के अनसारु )

    के���य रेशम बोड�

    (व�� मं�ालय, भारत सरकार)

    बगल�� ू -560068

  • 2

    के���य रेशम बोड� के काय� तथा रेशमउ�पादन पर �ट�पणी

    क. के���य रेशम बोड� के काय� :

    के���य रेशम बोड� (केरेबो), संसद के एक अ�ध�नयम (1948 का अ�ध�नयम स.ं 61) �वारा 1948 म� �था�पत सां�व�धक

    �नकाय है । यह व�� मं�ालय, भारत सरकार के �नयं�णाधीन काय�रत है िजसका म�यालय ब�गल� म� हैु ू । बोड�

    म� कल ु 39 सद�य होत े ह� िजनक� �नयि�त केरेबो ु अ�ध�नयम, 1948 क� धारा -4 क� उप -धारा 3 �वारा �द�

    शि�तय� और �ावधान� के अनसारु , 3 वष� क� अव�ध तक के �लए क� जाती है । बोड� के अ�य� क� �नयि�त ु

    के���य सरकार �वारा क� जाती है और दो पदधा�रय� को के���य सरकार �वारा ना�मत �कया जाता है िजनम�

    से एक उपा�य� के �प म� व�� म�ंालय के रेशम �भाग के �धान होते ह� तथा एक बोड� के स�चव, दोन�

    सरकार के संय�त स�चव क� �ेणी से कम नह� ंु होत े।

    �व�भ�न रा�य� म� रेशम उ�पादन �वकास काय��म� के सम�वयन तथा रेशम साम�ी के लदान-पव� ू �नया�त

    करन ेहेत के���य रेशम बोड� ने नई �द�ल�ु , म�ुबई, कोलकता, हैदराबाद, भवने�वरु , गवाहाट�ु , लखनऊ, पटना

    म� 8 �े�ीय काया�लय �था�पत �कए ह� । केरेबो के �े�ीय काया�लय �ौ�यो�गक� ह�तांतरण के सम�वय के

    �लए रा�य के रेशम उ�पादन �वभाग�, �े� इकाईय� तथा केरेबो ��े काय�कता�ओं के साथ �नकट स�पक� रखते

    ह� । के���य रेशम बोड� �वारा ग�ठत रा�य �तर�य रेशम उ�पादन सम�वय स�म�त क� बैठक� के सयंोजक भी

    �े�ीय काया�लय ह� । 01.10.2018 को यथा �व�यमान केरेबो के कम�चा�रय� क� स�ंया 2,882 है।

    केरेबो के अ�धदे�शत काय�कलाप� म� अनसधंान व �वकासु , चार �तर के रेशमक�ट बीज उ�पादन के नेटवक� का

    रखरखाव, वा�णि�यक रेशमक�ट बीज उ�पादन म� अगवाई भ�मकाु ू , �व�भ�न उ�पादन ���याओं म� गणव�ा ु

    मापद�ड� को लाग करना तथा रेशम उ�पादन एवं रेशम उ�योग से संबं�धत सभी �वषय� पर सरकार को सलाह ू

    देना है । के���य रेशम बोड� के इन अ�धदे�शत काय� को परा करने के �लए देश के �व�भ�न रा�य� म� ि�थत ू

    192 केरेबो एकक� �वारा एक एक�कत ृ के��-�े� क� योजना नामत: “�स�क सम�”, रेशम उ�योग के �वकास

    हेत ुएक एक�कत योजना ृ के मा�यम से �न�न चार घटक� के साथ सचंा�लत �कया जाता है.............

    1. अनसंधान व �वकासु , ��श�ण, �ौ�यो�गक� ह�तातंरण तथा सचना �ौ�यो�गक� पहलू

    2. बीज सगंठन

    3. सम�वयन तथा बाजार �वकास

    4. गणव�ा ु �माणन �णाल�, �नया�त, �ा�ड उ�नयन व �ौ�यो�गक� उ�नयन

    1. अनसंधान व �वकासु , ��श�ण, �ौ�यो�गक� ह�तांतरण तथा सचना �ौ�यो�गक� ू

    पहल

    के��य रेशम बोड� के �मख अनसंधान व ��श�ण सं�थानु ु , नए अ�भगम� के मा�यम से रेशम उ�पादन

    के �था�य�व हेत ुउ�पादन एवं उ�पादकता बढ़ाने के �लए वै�ा�नक एव ं�ौ�यो�गक� सहायता �दान करत ेह� ।

    मैसर ू (कना�टक), बहरमपर ु (पि�चम बंगाल) और पा�पोर (ज�म व क�मीरू ) ि�थत �मख स�ंथान शहतती ु ू

    रेशम उ�पादन का काय� करते ह�; जब�क राँची (झारखंड) तसर का और लाहदोईगढ़ ,जोरहाट (असम) मगा एव ंू

    एर� रेशम उ� पादन का काय� करता है । �े�ीय रेशम उ�पादन अनसंधान के�� �े�ीय आव�यकता के ु

    अनसारु �े� �व�श�ट �ौ�यो�गक� पकेैज एव ंअनसंधान उपलि�धय� का �सार कर रहे ह� । इसके अ�त�र�तु ,

    अनसंधान �व�तार के��ु (अ �व के) एवं उनक� उप -इकाइयां रेशम उ�पादक� को �सार सहायता �दान करती

    ह� । कोसो�र �े� म� अनसंधान व �वकास समथ�न �दान करने के �लएु , बोड� ने ब�गल� म� के���य रेशम ू

    �ौ�यो�गक अनसंधान सं�थान ु (केरे�ौअस)ं �था�पत �कया है । इसके अ�त�र�त, के���य रेशम बोड� ने

    ब�गल� ू (कना�टक) म� रेशमक�ट बीज �ौ�यो�गक �योगशाला (रेबी�ौ�), होसर ू (त�मलनाडु) म� के���य रेशम

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    जनन��य ससंाधन के�� (केरेजसंके) और ब�गल� म� ू रेशम जैव -�ौ�यो�गक� अनसंधान �योगशाला ु (रेजै�ौअ�)

    �था�पत �कया है ।

    वष� 2018-19 के दौरान �सतबंर, 2018 के अंत तक केरेबो के �व�भ�न अनसधंान व �वकास सं�थान� ु म�

    कलु 12 नई अनसंधान प�रयोजनाएं �ारंभ क� ग� ु तथा 18 प�रयोजनाएँ समा�त क� ग� एवं वत�मान म�

    कलु 96 अनसधंान प�रयोजनाएं अथा�त शहतती �े� म�ु ू् 57, व�य �े� म� 30 और कोसो�र �े� म� 09

    प�रयोजनाएं �ग�त पर ह� ।

    अनसंधान व �वकासु (अनसंधान काय��म के म�य आकष�णु ु )

    (i) परपोषी पौधा (शहततू) पर अनसंधान व �वकास ु :

    द��ण के �लए जी4, पव� और उ�र� �े�� के �लए सी ू 2038 और पव� और उ�र ू पव� अचंल के ू

    पहाड़ी इलाक� के �लए वा�णि�यक उपयोग हेत ट�आरु -23 क� पहचान क� गई है ।

    उ�च पण� उपज नामत: सी - 108 (15.4 मी.ट.) सी- 384 (9.7 मी.ट.) और सी-212 (9.2 मी.ट.) के

    साथ कम तापमान ��तबल स�ह�ण शहतत जीन��प क� पहचान क� गई ।ु ू

    पि�चम बंगाल म� सी-9, �न�न �नवेश दशा के अनकल एक शहतत सकंर �वक�सत �कया गया ु ूू (प�ी

    उपज 49.9 व 34.0 टन/हे/वष� पण� एवं अ�ध� एनपीके खराक बनाम ू ु 44.1 एव ं26.8 टन/हे/वष� एस-

    1635) ।

    सी-2028, जला�ांत स�ह�ण शहतत �जा�त को पि�चम बंगालु ू , असम और अ�य पव� और पव��र ू ू

    रा�य� म� लोक��य �कया जा रहा है ।

    पांच जीन ��प सी -01, सी -384, सी -11, सी -02 और सी -05 पि�चम बंगाल अव�था के अधीन

    उ�म वि�ध ल�ण ृ और जांच �जा�त एस -1635 पर उ�म पण� उपज दज� �कया गया ।

    अ�खल भारतीय समि�वत �योगा�मक पर��ण के अगले चरण म� पर��ण के �लए तीन नयी शहतत ू

    �जा�त जैसे एजीबी-8, पीपीआर-1 तथा सी1360 (गंगा) सचीब�ध क� गयी है । ू

    पव� भारत म� सामा�य जताई के अंतग�त शहतत म� काब�न अ�ध�हण दर ू ु ू 873 �क�ा./हे/वष� पायी

    गयी । इस �कार के अ�ययन द��ण भारत म� �ग�त पर ह� ।

    शीतो�ण �े� हेत शीत स�ह�ण शहतत �जा�त के �वकास के �लए तीन �यात शीत स�ह�ण जीन क� ु ु ू ु

    पहचान क� गयी ।

    पण� रोलर(डयाफा�नया पलवे�ल�टे�लस) के नर क�ट� को जाल म� पकड़ने के �लए फेरोमोन �म�ण जेड-

    11 हे�साडे�सनल,ऑ�टाडेकेन तथा जेड.ई-7,11-हे�साड�ेसनेल ए�सटेट पहचाने गए। अभी फेरोमोन

    यो�गक के ईएजी और �स�थे�सस �ग�त पर है ।

    नाइ�ोजन �रड�टेज और चा�कोने �सथंेस जीन के �लए �ाईमर� के साथ बढ़ने के �लए 110 संत�तय�

    से डीएनए �नकाले गए ।

    चार शहतत �जा�तय� के �ोटो�ला�ट का �म�ण और �म��त �ोटो�ला�टू स े�े�रत कैलस �ा�त हआ ु

    पव� तथा उ�र पव� �े� म� �ा�धकत शहतत �जा�त �वशाला क� लोक��यता �ग�त पर है । पि�चम ू ू ूृ

    बंगाल म� �स�ंचत अव�था के अधीन �वशाला से 12.21% अ�धक पण� उपज दज� क� गई अथा�त एस ्

    1635 से अ�धक जैसे 9150 �क�ा./हे/फसल से 10267 �क�ा./हे/फसल ।

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    13719 मदा �वा��य काड� �वत�रत �कये गए और ृ 109 मदा नमन े एक� �कए गए और इसका ृ ू

    �व�लेषण �कया जा रहा है ।

    केरेजसंके, होसर म� अनर��त शहतत अ�भगम� क� सं�या ू ु ू 55 नए सं�हण� के साथ 1291 तक बढ़

    गयी ।

    88-94% रोग दमन क� �भावका�रता के साथ मल गाठं रोग के साप�े एक नया सं�प ू “रॉट �फ�स”

    �वक�सत �कया गया ।

    अंकरु , जैव एवं अजैव पोषक त�व� के सि�म�ण क� अनशंसा क� गई �य��क यह शहतत प�ी उपज ु ू

    14% और कोसा उपज 11% तक बढ़ाती है ।

    शहतत के पीड़कू के �भावी �बंधन के �लए पव� औू र उ�र-पव� �े�� के �व�भ�न क�ष जलवाय म� ू ुृ

    शहतत पीड़क� के आपतन क� काय��म सारणी �वक�सत क� गई ।ू

    “नीमाहार�” एक जैव-स�क�मनाशी के �े� म�याकंन से उ�नत पण� उपज ू ूृ (15-18%) के साथ मल ू

    गाँठ रोग म� 80% क� कमी आयी ।

    क�मीर �े�� म� मल �वू गलन रोग� के आपतन का सव�ण कर � ह��लकोब�ेस�डयम मा�पा और

    �यसेू �रयम ऑि�सफोरम के �प म� कारक जीव क� पहचान क� गई ।

    पि�चम बंगाल के �मख रेशम उ�पादक िजल� म� शहतत �े�� के बेहतर �बंधन के �लए भौगो�लक ु ू

    �था�नक तकनीक का उपयोग करते हए म�यांकन �कयाु ू गया ।

    �व�भ�न अतंराल के अंतग�त शहतत के �े� �न�पादन से पता चला �क अ�धकतम ू उपज (150+90)

    सेमीx 60 सेमी अतंराल म� (13174.83 �क�ा/हे/फसल) और �यनतम प�ी ू 270 सेमी x 60 सेमी

    (8842.17 �क�ा/हे/फसल) के अंतराल म� होती ह� ।

    अनसंधान व �वकास �यास� ु ने शहतत उ�पादकता ू 2005-06 के 50 मीट/हे/वष� से 2017-18 के दौरान 60

    मीट/हे/वष� तक सधार करन ेम� मदद क� है ।ु

    (ii) शहतत रेशमक�ट पर अनसंधान व �वकासू ु :

    दो नये ि�व�ज सकंर नामत: जी11xजी19 एव ंबी कॉन1x बी कॉन4 �मश: 68.5 �क�ा/100 रोमच ु

    और 58 �क�ा/100 रोमच कोसा उ�पादन को सकंर �ा�धकरण स�म�त न े �ा�धकरण के �लए ु

    अनशं�सत �कया है । राजप� अ�धसचना संबधंी ���या �ग�त पर है ु ू

    कषक �तर पर एमवीृ 1xएस8 और एस8xसीएसआर16 का बड ेपैमाने पर बह�थानीय पर��ण �ग�त ु

    पर है ।

    एन-21×एन-56, एक ताप सहनशील ि�व�ज ि�वसकंर 72 �कलो�ाम/100 रामच एवं ु 21.5% कवच

    के उपज संभा�यता के साथ �े� पर��ण के �लए चय�नत �कये गए ।

    दो उ�नत संकर न�ल, एल3xएस8 और एचबी4xएस8 उ�च तापमान बीएमएनपीवी को स�ह�ण और ु

    90% से अ�धक को�शतीकरण दर, 20-21% कवच अनपातु तथा 14-15% क�चे रेशम को उ�पादन और

    तापमान स�ह�ण संभा�यता के म�यांकन के �लए �े� पर��ण हेत �लए गये । ु ू ु

    ताप-सहनशील य�त एसएसआर माक� र� ु (एलएफएल 0329 व एलएफएल 1123) का उपयोग करत ेहए ु

    चार ताप-सहनशील रेशमक�ट वंश� को �वक�सत �कया गया ।

  • 5

    एनपीवी के ��त सहनशील दो ि�व�ज संकर नामत: सीएसआर52एनxसीएसआर26एन; (सीएसआर

    52एनxएस8एन)x (सीएसआर16एनxसीएसआर26एन) को �े� म� आगे पर��ण के �लए सचीब�ध �कया ू

    गया ।

    उ�र भारत म� शरत क�टपालन के �लए चार सकंर नामत: सीएसआर46 x एपीएस9; एपीएस9 x

    बीबीई198 एवं एपीएस5 x एपीएस9 तथा एसके6 x एसके7 पहचाने गए ।

    दो नए ि�व�ज एकल सकंर नामत: बीएचपी-2xबीएचपी-8 और बीएचपी-3xबीएचपी-8 �व�यमान संकर�

    से उ�च कवच ��तशत के साथ शटल �जनन के मा�यम से �वक�सत �कये गय े।

    पाँच न�ल� नामत: ,एम.कॉन.4आईडी एम.कॉन.4 आईडी एम.कॉन4 आईडी बी.कॉन.4 आईडी बीएचबी आईडी

    ल�ण के साथ �वक�सत क� गयीं ।

    पण� लंबाई ू के �लपो�ोट�न जीन �वक�सत �कय ेगय ेऔर पनुसंयोजक �ोट�न �न�कष�ण और ल�ण-

    वण�न के �लए �प�चया पा�टो�रस म� �लोन �कया गया ।

    द��ण भारत म� बीज एवं वा�णि�यक क�टपालन �े� म� रोग आपतन के अन�वण के �लए पाु ��क

    सव�ण सचंा�लत �कया गया ।�

    बलगे�रया और भारतीय पतैक� से नए �जनन वंश ु ृ (अडंाकार और ड�बेल वंश) �वक�सत �कये गय े

    और एफ3 पीढ़� परा क� गयी । ू

    मल �वगलन और मलू ू गाँठ सं�मण के ��त रोग ��त��या के �लए क��म इनो�यलेशन अ�ययन के ृ ू

    अधीन म�या�ंकत ू 32 संकर� म� से छह संकर� न ेदोन� बीमा�रय� के ��त ��तरोध ��त��या दशा�या।

    �न�पादन के आधार पर उ�च उ�पादकता एवं उ�नत रेशम गणव�ा के साथ दो संकर आईसीबीु 14 x

    एन23 तथा आईसीबी17 x एस8 पहचाने गये ।

    उ�च उ�पादकता वाले रेशमक�ट संकर �वक�सत करने के �लए ब�गे�रया से पांच श�ध न�ल तथा दो ु ु

    संकर खर�दे गये और आग ेचयन एवं उपयोग के �लए �व�लेषण �कया जा रहा है ।

    आरएनएआई तकनीक के मा�यम से �वक�सत एनपीवी ��तरोध �ांसजीनी रेशमक�ट के साथ

    बह�थानीय पर��ण द��णु , पव�ू तथा उ�र भारत म� �ग�त पर है । �नयं�ण क� तलना म� �ांसजीनी ु

    रेशमक�ट उ�च एनपीवी ��तरोध दशा�या ।

    द��ण भारत के उ�च तापमान तथा आ��ता वाले �े�� के �लए उ�चत रेशमक�ट संकर� को �वक�सत

    करने के �लए कल ु 35सकंर संयोजन� को सचीब�ध कर इनका �व�लेषण �कया जा रहा है ।ू

    पव� तथा उ�रू पव� भारत के �लए सबसे बेहतर को सचीब�ध करने हेत सामा�य तथा दबाव क� ू ू ु

    ि�थ�त के अधीन उ�च तापमान तथा उ�च आ��ता स�ह�ण रेशमक�ट के ु 25 संकर� का क�टपालन परा ू

    �कया गया ।

    50-55 �क.�ा उपज/100 रोमच क� कोसा उपज संभा�यता रखने वाले ु 1 नए ि�व�ज रेशमक�ट सकंर

    जेन-3x एसके6 तथा 45-50 �क.�ा उपज/100 रोमच के बह�जु ु xि�व�ज रेशमक�ट संकर एम6 डीपीसी

    x (एसके6 xएसके7) का �वकास पव� ��े के �लए �कया गयाू ।

    उ�र तथा उ�र-पि�चम �े� म� शरत फसल के ि�थर�करण हेत सश�त रेशमक�ट न�ल� को �वक�सत ु

    करने के �लए �जनन �ग�त पर है ।

    पारजीनी रेशमक�ट, �न�तर� से आरएनएआई ���या के अन�मण स ेु सीएसआर4 तथा सीएसआर27

    के एनपीवी ��तरोधी वंश �वक�सत �कए गए । सीएसआर 4 तथा सीएसआर 27 के ये वंश एनपीवी

    के ��त अ�धक ��तरोध दशा�ए ।

  • 6

    डीएनवी ��तरोधी जीन एनएसडी-2 क� उपि�थ�त या अनपि�थ�त के आधार पर तीन रेशमक�ट संकर ु

    जैसे एपीएस-5, एपीएस-एचट�पी5 तथा बीबीई198, डीएनवी ��तरोध के �प म� पहचाने गए।

    पे��न और एनपीवी के �लए पीसीआर आधा�रत �ारं�भक पहचान �णाल� �वक�सत क� गई ।

    �व�भ�न क�ष जलवाय अव�था म� ृ ु एनपीवी ��तरोध अन�ुमण के मा�यम से एनपीवी ��तरोध

    सीएसआर2 रेशमक�ट के तीन वंश� (एमएएसएन-4,6 एव7ं) का �े� म�यांकन �ारंभ �कया गया। ू

    पे�ीन का पता लगान े के �लए लपू-मी�डएटेड आइसोथम�ल एि�ल�फकेशन (एलएएमपी), एक सरल

    तकनीक �वक�सत क� गई, इसक� वै�यता पणधा�रय� के �तर पर क� जा रह� है ।

    कोस� के �लॉस हटाने के �लए एक साधारण उपकरण �वक�सत �कया गया और �भा�वकता के �लए

    पर��ण �कया जा रहा है ।

    उ�च तापमान और उ�च आ��-अव�था के ��त स�ह�ण उपय�त �जनन संसाधान साम�ी क� पहचान ु ु

    कर आधारभत सकंर� को तयैार ू �कया गया, इसका आगामी �जनन काय� �ग�त पर है।

    473 रेशमक�ट जनन��य �टॉक (81 बह�जु , 369 ि�व�ज तथा 23 उ�प�रवत�) का रखरखाव

    अनस�चत क�टपालन के मा�यम से �कया जा रहा है ।ू ू

    अनसंधान व �वकास �यास� से वष� ु 2005-06 के दौरान 48 �क.�ा./100 रोमबुीच से वष� 2017-18 के

    दौरान 60.3�क.�ा./100 रोमच तक उपज म� सधार लाने म� सहायता �मल� है । ु ु

    (iii) व�य रेशम पर अनसंधान व �वकास ु :

    व�य परपोषी पौधा

    तसर रेशमक�ट पालन के �लए एक वैकि�पक खा�य पौधा लेजर��ो�मआ �पी�सयोसा को पहचाना

    गया, जो आसानी स ेजड़ पकड़न ेवाला तथा तेजी स ेबढ़न ेवाला है । क�टपालन �न�पादन को वधै

    करन ेहेत ुपर��ण �कए जा रहे ह� ।

    शी� बढ़ने वाल,े श�कु स�ह�ण ु ट�म�न�ेलया अज�नाु अ�भगम के चयन के �लए 10 उ�च अ�भगम

    (अ�भगम स.ं 102, 115, 123, 135, 424,507, 523, 525, 614 तथा 718) आगे क� जाँच के �लए

    चय�नत �कए गए ।

    पौधारोपण �थान पर अ�प पानी स�ाह�ु , व�य फल� पौध (मकना �ा�ट�टाु ु ) और फॉ�फेट

    सोल�बलाईिजंग ब�ैट��रया ु (पीएसबी) को शा�मल करते हए टे�म�ने�लया पौधारोपण म� मदा के आ�� ु ृ

    संर�ण और पोषकत�व क� वि�ध के �लए पकेैज �वक�सत �कया गया । इस पैकेज के उपयोग ृ स े

    पण� उपज क� औसत वि�ध ृ 49.51% तक रह� ।

    पण� �च�ी रोग, पण� फफंद तथा पण� �क�ट रोग ��तरोधी दो सोम अ�भगम� ू (एस3 तथा एस6) को

    �े� म� लोक��य बनाया जा रहा है ।

    अरंडी क�षृ के �लए एक�कतृ पोषक �बंधन �णाल� �वक�सत क� गई है तथा यह �े� म� पर��णाधीन

    है ।

    एर� रेशमक�ट पालन के �लए एले�थस �ाि�डस (बरपत) को एर� रेशमक�ट पालन के �लए सव��म

    बहवष�ु भो�य पौधे के �प म� पहचाना गया और �े� म� उपयोगाथ� सं�तत �कया ु है। इस केसे� पौधे

    क� पण� उपज 25मी.ट./हे/वष� क� तलना म� ु 32 मी.ट./हे/वष� �रकाड� क� गयी।

    झारख�ड म� साल पौध� के �भावी उपयोग तथा साल पर ला�रया क� उ�पादकता के उ�नयन हेत ु

    पैकेज �णाल� क� अनशंसाु क� ग� ।

  • 7

    एरंडी और ए�लयथंस �ां�डस दोन� के पण� जैवरसायन म� जैव-रासाय�नक �व�लेषण समानता सा�बत

    हई । ु

    सं��मत एरंडी प��य� स ेश�ध �प म� एलटरना�रया �र�सनी को पथक �कया गया । जैव आमापन ु ृ

    अ�ययन म� आइसोलेट �रजोब�ैट��रया के �वरोधी गण का पर��ण �कया गया और आइसोलटे ु

    एलआरपी4 तथा एचएफ-3 पर��ण रोगजनक का अ�धकतम सहल�नता दशा�या ।

    �कयोझार �े� के 10 �रज़ोि�फयर मदा नमन� सेृ ू कल ु 64 पीएसबी �वलगन� को पथक ृ �कया गया

    और इन पीएसबी �वलगन के बीच पा� ेफोसफेट �वलयेीकरण �मता आकलन �ग�त पर है ।

    व�य रेशमक�ट

    तसर डाबा ि�व�ज रेशमक�ट ‘बीडीआर-10’ को लोक��य बनाया जा रहा है ।

    उ�च बह�जता तसर रेशमक�ट वंशु , सीट�आर-14 के �लए बह�थाु नीय �े� पर��ण पाँच �थान� म�

    संचा�लत �कये गये । उ�पादन ल�ण के, �नयं�ण पर 20-22% लाभ अ�भ�ल�खत �कये गय े।

    तसर रेशमक�ट के दो �मख वंशु , डीट�एस एव ं डीट�-12 का चयन �कया गया और इन वंश� के

    38250 बीज कोस ेसरं�णाधीन है ।

    एर� रेशम क�ट न�ल ‘सी2’ को लोक��य बनाया जा रहा है ।

    दो �े�ठ मगा रेशमक�ट वशं सीएमआरू -1 तथा सीएमआर-2 �े� के पर��णाधीन ह� ।

    समान अडं-��फटनु क� स�वधाु हेत ुमगाू रेशमक�ट अडं संर�ण अनसचीु ू �वक�सत क� गई जो �े�

    पर��णाधीन है ।

    आं� �देश क� अ�ध�-श�कु ि�थ�त म� एर� पा�र-�जा�त एसआर -025 का �े� पर��ण �ग�त पर है।

    व�य से�र�सजीनी क�ट� के ल�ण -वण�न, म�यांकनू तथा वग�करण के आधार पर ,ए�थे�रया ��थी को

    उ�र-पव�ू �े� के �लए भ�व�य क� भावी �जा�त के �प म� चय�नत �कया गया है ।

    एर� रेशमक�ट के छह आशाजनक �भदे अथा�त वाईपी् , वाईएस, वाईजडे, जीबीपी, जीबीएस

    एवं जीबीजेड बोरदआरु एव ं ट�टाबार पा�र�जा�त से शर�र पर �च�न एवं रंग के आधार पर अलग

    �कया गया । दो संयोजन अथा�त वाईज़ेड् ×वाईएस तथा जीबीएस×जीबीजेड क�टपालन �न�पादन के

    आधार पर आशाजनक पाए गए । इन संयोजन� का एक बीजागार पर��ण परा �कया गया । ू

    मगा और अ�य व�य रेशम शलभ ू क� जा�तय� के �लए �व�थाने संर�ण काय� उप�ेवसंयो काय��म ू

    के अधीन चार रा�य� अथा�त ् असम, मेघालय, अ�णाचल �देश एव ंबीट�सी म� �कया जा रहा है ।

    तसर परपोषी पौधा स े �नचोड़ े गये वा�पशील व�तओं स े पील� म�खी क� �ं�गका ��त��या तथा ु ृ

    अशन एवं कताई चरण� म� ए�थी�रया माइ�ल�टा का अ�ययन इले��ोए�ट�नो�ाम (ईएजी)का उपयोग

    करते हए �कया गया । ु

    मगा रेशमक�ट के पीू डक एवं रोग� के �व��ध एक जैव मापांक �वक�सत �कया गया ।

    मगूा रेशमक�ट �लेचर� रोग संबंधी पैथोबयोमी को तलना��क ु जीनो�म�स के साथ �था�पत �कया

    गया ।

    68 से 72 घंटे क� उ� के �ण म� �णीय ू ू �वकास का सबसे ल�बा चरण पाया गया जो उपय�त अंडा ु

    संर�ण अनसची �वक�सत करने म� मदद करता है ।ु ू

  • 8

    कई ब�नयाद� बीज �गणन व ��श�ण के���ु ु तथा झारख�ड, उड़ीसा, छ�ीसगढ़, म�य �देश के

    पीपीसी म� ह�के माइ�ो�कोपी के साथ पे�ीन बीजाण क� आसानी से पहचान के �लए ु “पे�ीन

    �वज़वलाइज़ेशन सॉ�यशनु ू ” का �े� पर��ण �कया गया ।

    ए�थी�रया माई�ल�टा डी. म� �लेचर� रोग से संब�ध �वषाण एवं जीु वाि�वक रोगजनक� को अलग

    �कया गया और पहचान क� गई ।

    बौलोवायरस के परे जीनोम एंू थी�रया �ॉयल� म� जो टाइगर ब�ड बीमार� क� कारक है, को पहचाना गया

    (अ�भगम :जीआई 1371952746)।

    मगा पा�रू -�णाल� म� बै�सलस एसपी. तथा �यडोमोनस एसपीू . से होने वाल े�लैचर� रोग के जीवाण ु

    �नयं�ण हेत एक नया रासाय�नक सं�मणहार� तैयार �कया गया है तथा �योगशाला दशा के अ�तग�त ु

    इसका जैव आमापन अ�ययन �ग�त पर है ।

    जेएसडीआई राँची, पीपीसी खरसवा,ँ पीपीसी हटगम�रया तथा पीपीसी ब�गाबाद (झारख�ड), �ेतअके

    बा�रपदा (उड़ीसा), �ेतअके भ�डारा (महारा��), अ�वके क�प�ता (पब)ं तथा अ�वके कटघोरा (छ�ीसगढ़)

    म� अ�ध� सिं�ल�ट आहार “तसर अमतृ” का पर��ण �कया गया ।

    वा�णि�यक उपयोग हेत इसके पथ�करण और ल�णवण�न हेत तसर रेशम तंत अवशेष से स�ेर�सन ु ु ुृ

    अलग �कया गया । �व�भ�न तंत अवशेष म� से�र�सन क� उपलु �धता लगभग1.8-2.5% है।

    �चालन के �लए अनमो�दत नयी न�लु /उपजा�त :

    II. शहतत ��े ू - परपोषी पौधे

    क. हाल म� �ा�धकत ृ शहतती �जा�तयां ू :

    # नयी न�ल/�जा�त �े�

    1 जी4 द��ण अचंल

    2 सी2038 पव� और उ�र पव� भारत ू ू

    3 ट�आर-23 पव� और उ�र पू वू� भारत के पहाडी �े�

    ख. �ा�धकरण पर��ण के �लए चय�नत शहतत �जा�तया ंू :

    # शहतत �जा�तयां ू पर��ण �े�

    1 एजीबी-8 संसाधन क� क�मय� के अधीन द��ण भारत

    2 सी-1360 पव� और उ�र पव� ��े ू ू

    3 पीपीआर-1 भारत के शीतो�ण �े�

    III. शहतत �े� ू - रेशमक�ट

    क. हाल ह� म�, संकर �ा�धकरण स�म�त (एचएसी) �वारा �ा�धकरण के �लए अनशं�सत रेशमक�ट सकंर ु :

    # नयी न�ल/�जा�त �े�

    1 जी11x जी19 द��ण अचंल

    2 बी.कॉन 1 x बी.कॉन 4

    3 एम6डीपी(सी) x (एसके6xएसके7) पव� और उ�र पव� ��े ू ू

  • 9

    ख. �ा�धकरण पर��णा के�लए चय�नत शहतत रेशमक�ट संकर ू :

    # रेशमक�ट संकर पर��ण ��े

    1 एस8 x सीएसआर16 सभी द��ण रा�य एवं महारा��

    2 एमवी1x एस8 सभी द��ण रा�य एवं महारा��

    3 एसएसबीएस5 x एसएसबीएस 6 भारत के शीतो�ण �े�

    (iv) कोसो�र म� अनसंधान व �वकास ु :

    �े�ठ गणव�ा के आयात ��त�थानी रेशम के उ�पादनाथ� देशी �वचा�लत रेशम धागाकरण मशीन ु

    (एआरएम) का �वकास व �दश�न ।

    सौर ऊजा� से चा�लत �कफायती कताई मशीन का �दश�न िजसे �ामीण �े� म� सौर ऊजा� का �योग

    करते हएु चलाया जा सकता है ।

    तसर कोस� के अ�धक �भावी पकाने के �लए “तसर �लस” – एक पकान/ेनरम करने का रासाय�नक

    न�खा �वक�सत �कया गया । ु

    क� वयेर त�त वाय श�कक का उपयोग करते हए तसर कोस� के त�त वाय सखाने के �लए ु ु ु ुु

    �ौ�यो�गक� �वक�सत क� गई ।

    तसर रेशम धागाकरण हेत �कफायती आठ छोर� क� बहछोर�य धागाकरण मशीन को लोक��य बनाया ु ु

    गया ।

    व�य रेशम कोसो�र �े� म� तसर तथा मगा कोस� के �लए आ�� धागाकरणू , तसर रेशम के �लए

    साइिजंग मशीन, तसर कोस� के �लए संशो�धत श�क धागाकरण मशीनु , रेशम धागाकरण जल के

    पनच��ण हेत दाबकु ु ृ त ल�छ� �वग�दन मशीन तथा उपकरण आ�द को �े� म� लोक��य �कया जा

    रहा है ।

    1.2 मी.टन कोस/े�दन श�कन �मता के साथ ु क� वयेर कोसा श�कन मशीन �वक�सत �कया गया । ु

    मगा कोस� के �लए ू “भीर” धागाकरण मशीन के �लए ��त�थापना के �प म� नई धागाकरण मशीन

    “सोना�लका” �वक�सत क� गयी ।

    भ�तशेष रेशमक�ट �यपा से ु ू पीलैड पत� हटाने के �लए पीलैड �न�कष�ण तथा �यपा पथ�करण मशीन ू ृ

    का �दश�न ।

    “�लग हटाने के �लए �लग कैचर (पोश�ल�न बटन के बदलाव के �प म�) के इ�तेमाल” क� �वक�सत

    �ौ�यो�गक� का �वकास कर �े� पर��ण �कया जा रहा है ।

    “केरे�ौअसं पा�र-�वग�दन मशीन का उपयोग करते हए सत �वग�दनु ू ” क� �ौ�यो�गक� �वक�सत क� गई

    और इसका �े� पर��ण �कया जा रहा है ।

    सं�थान �वारा �वक�सत ऊ�व��थ धागाकरण मशीन को प�र�कत �कयाृ गया और अ�धक उ�पादकता

    के �लए 3 छोर�य मशीन तयैार क� गई ।

    शहततू, तसर, मगा एवं एर� रेशम व��� को �वक�सत �कया गया और फाइ�ॉइन मै���स के साथ ू

    स�ढ़ु �कया गया ।

  • 10

    एचट�एचपी �णाल� का उपयोग करते हए रेशम सत से से�र�सन के �न�कष�ण के �लए �ौ�यो�गक� ु ू

    �वक�सत क� गयी ।

    चंदेर� साड़ी (रेशमxरेशम) क� �व�भ�न �क�म� �वक�सत क� गयी ।

    शहतत एकल जस� साधारण एव ं�डजीटल�कत छपाई से म�हलाओ ंका टॉप �वक�सत �कया गया ।ू ृ

    टाई व डाई सत के साथ शहतत इंटरलॉक सरंचना का �वकास �कया गया ।ू ू

    रंग वै�व�य �डज़ाइन के एक घटक के �प म� शहतत व कपास �म��त �नट �वक�सत �कये गये । ू

    म�हलाओं के टॉप के �लए शहतत ज�काड टक �नट �डजाइन �वक�सत क� गयी । ू

    शहतत व कपास �म��त सत से बने �नट �वक�सत �कये गये ।ू ू

    �बना बने ु एर� रेशम व��� को सफलता के साथ तयैार �कया गया और चेहरे पर लगान े के �लए

    कां�तव�ध�क का�मे�टक के साथ सं�प के संसेचन का पर��ण ‘लो�रयल’ म� �ग�त पर है ।

    से�र�सन का ल�ण �नधा�रण कर कां�तव�ध�क का�मे�टक (साबनु, शै�प,ू हेयर��म आ�द और टेलकॉम

    पाउडर म� डालने के �लए) म� उपयोग करने का काय� चल रहा है ।

    आ�� धागाकरण के �लए रैल� तसर कोस� को पकाने के �लए �ौ�यो�गक� �वक�सत क� गई ।

    एक जैव प�र�करण �वक�सत �कया गया, िजसे तसर व��� के गणधम� म� स�दय� और तापध�म�ता ु

    क� �ि�ट से काफ� आरामदेय पाया गया ।

    अंतररा���य गणव�ा के भारतीय रेशम का उपयोग करते हए ु ु �व�वध रेशम �नटवयेर उ�पादन/पोशाक�

    के �वकास हेत �ौ�यो�गक� का �वकास ु �कया गया ।

    अनसंधान व �वकास �यास� से वष� ु 2005-06 के दौरान रे�ड�टा म� 8.2 से 2016-17 के दौरान 7.3 तक

    सधार लाने म� सहायता �मल� है । ु

    (v) पेटे�ट व वा�णि�यकरण :

    1) वष� 2017-18 के दौरान

    क. पेटे�ट �ा�त :

    1. अ�धक रेशम उपज के �लए मगा कोस� को पकाने हेत ू ु रासाय�नक सं�प ।

    2. जकाड� के �लए �यमे�टक �लि�टंग मेक�नू जम के �लए उ�नत हथकरघा ।

    3. उ�नत धागाकरण सह ऐंठन मशीन

    ख. पेटे�ट के �लए फाइल �कया गया आवेदन :

    1. उ�पाद ‘रॉट �फ�स’ – शहतत म� मल �वगलन ू ू के �नयं�ण के �लए एक �वशाल �पे��म

    पा�र-�नेह� सं�प को पटेे�ट करने के �लए आवेदन �दया गया है ।

    ग. वा�ण�यीकत �ौ�यो�ग�कयाँृ /उ�पाद

    1. वा�णि�यकत ृ i) अकुंर, मदा उव�रता और �वा��य के �लए एक काब��नक और अकाब��नक पोषक ृ

    त�व परक।ू ii) अकंशु , रेशमक�ट के शर�र के �लए एक पया�वरण अनकल रासाय�नक ु ू सं�प और

    क�टपालन सीट क�टाणुनाशक और iii) रोट �फ�स, शहतत म� ू मल �वू गलन रोग के �नयं�ण के �लए

    एक �यापक �पे��म पया�वरण अनकल ु ू स�ंप ।

  • 11

    (vi) सहयोगी अनसंधानु प�रयोजनाएं तथा जैव-साम�ी अनसंधानु :

    1) केरेबो के अ व �व स�ंथान, आंत�रक �न�ध �ा�त प�रयोजनाओं के अलावा डीबीट�, डीएसट�,

    एमएनआरई, आ�द क� �व�ीय सहायता के साथ सहयोगी अनसंधानु प�रयोजनाओ ंको भी संचा�लत

    कर रहे ह� । वष� 2018-19 के दौरान बा�य �न�धय� के साथ कलु 17 अनसधंान प�रयोजनाएंु

    संचा�लत क� जा रह� है ।

    2) केरेबो सं�थान, अ�य अनसंधानु स�ंथान� जैस े आईआईट�, खरगपरु, आईआईट�, गवुाहाट�

    आईएआरआई नई �द�ल�, आईआईएचई, ब�गल�ू, सीसीएमबी हैदराबाद, आईआईएससी, ब�गल�ू,

    बीट�आरए,मंबईु ,जीकेवीके,ब�गल�ू, आईसीएआर,एनबीएआईआर, ब�गल�ू,एनईएसएसी, �शलाँग,

    एनईआईएसट�,जोरहाट, एनबीएसएस व एल यपीू , जोरहाट, आरएफआरआई, जोरहाट, बीआईट�,

    मेसरा, एनसीएल पणेु आ�द के साथ सहयोग भी करता है । वत�मान म� इन स�ंथान� म� स ेकछु

    सं�थान� के सहयोग स े09 प�रयोजनाएं संचा�लत क� जा रह� ह�।

    3) �व�भ�न स�ंथान� के साथ अ�तररा���य सहयोग भी �लया गया है । कोसो�र �ौ�यो�गक� पर

    �ौ�यो�गक� के �वकास हेत ड�ेकन �व�व�व�याु लय, आ��े�लया के साथ तीन प�रयोजनाए ंक� गई है

    । न�ल सधारु पर बलगै�रयाु के अनसंधान सं�थान के साथ प�रयोजना क� जा रह� है और तसर ु

    रेशमक�ट को सं��मत करने वाल� इ�ला �वषाण के आि�वक ल�ण वण�न पर दसर� प�रयोजना ु ू

    �वी�डश अनसधंान प�रषद के साथ अभी �ार�भ ु क� गई है ।

    4) संकर ओज म� सधार लान ेहेत ु ु आनवं�शक साम�ी के लेनु -देन के �लए ब�गे�रयाु , जापान, चीन व

    आ��े�लया के अनसंधान स�ंथान� के साथ समझौता करार �कया गया । ु

    ��श�ण

    परूे देश म� �या�त केरेबो के अ व �व स�ंथान सभी चार� रेशम उप-�े�� स ेसंब�ंधत रेशम म�यू -�ंखलाृ क�

    सभी ग�त�व�धय� को आव�ृ करत ेहएु गहनता से ��श�ण, कौशल �नमा�ण तथा कौशल �वकास आ�द म�

    �नरंतर लगा हआु है । केरेबो के �मता �वकास तथा ��श�ण पहल को �न�न�ल�खत पाँच शीष�क� के

    अ�तग�त पनु:संर�चत �कया गया है:

    (i) कौशल ��श�ण व उ�यम �वकास काय��म (एसट�ईपी)

    इस �ेणी के अ�तग�त उ�यमी �वकास, आंत�रक तथा उ�योग संसाधन �वकास, �वशेष �वदेशी ��श�ण,

    रेशम उ�पादन �ौ�यो�गक� का �चार, �योगशाला स े�े� तक �ौ�यो�गक� �दश�न काय��म, ��श�ण �भाव

    म�यांकनू सव�ण� आ�द पर �यान केि��त करत ेहएु अनेक अ�पकाल�न ��श�ण मॉ�यलू �ार�भ करन ेक�

    योजना है ।इस घटक के अधीन के लोक��य काय��म उदयम �वकास काय��म, �ौ�यो�गक� उ�नयन

    काय��म, संसाधन �वकास काय��म/��श�क� का ��श�ण काय��म,��तयो�गता वध�क ��श�ण

    काय��म,अनशास�नक ���या ��श�णु , �बंधन �वकास काय��म आ�द ह� ।

    (ii) रेशम उ�पादन संसाधन के�� (एसआरसी) क� �थापना :

    य े��श�ण सह-स�वधाु के�� चय�नत शहततू ि�व�ज व व�य �ल�टर� म� � 2.00 लाख के इकाई म�यू म�

    �था�पत �कये गये ह� जो अनसंधानु व �वकास �योगशालाओ ंके �व�तार के��� तथा लाभा�थ�य� के बीच

    मह�वपण�ू कड़ी का काय� कर�ग े। इन रेशम उ�पादन संसाधन के��� का उ�दे�य है – �ौ�यो�गक� �दश�न ,

    कशलताु म� वि�धृ , रेशम उ�पादन �नवेश के �लए एक �थान ,�ल�टर �तर पर ह� संदेह का �नवारण तथा

    सम�या का हल । आज क� तार�ख म� 23 एसआरसी काय�रत है ।

  • 12

    (iii) केरेबो के अनसंधानु व �वकास स�ंथान� �वारा �मता �वकास व ��श�ण

    संर�चत द�घा�व�ध ��श�ण काय��म (रेशम उ�पादन म� �नातको�र �ड�लोमा व गहन रेशम उ�पादन ��श�ण

    ) के अ�त�र�त केरेबो के अनसंधानु व �वकास स�ंथान, क�षृ मेला, कषकृ �दवस, कषकृ �वचार-�वमश�

    काय�शाला आ�द के अलावा कषक�ृ तथा अ�य पणधा�रय� को सश�त बनाने के �लए �ौ�यो�गक� आधा�रत

    ��श�ण भी आयोिजत करते है ।

    (iv) बीज �े� म� �मता �वकास

    रेशमक�ट बीज सबस ेमह�वपण�ू �े� है जो पर�ू रेशम म�यू �ंखृला को आगे बढ़ाता है । बीज क� गणव�ाु स े

    उ�योग क� गणव�ाु का प�रणाम �नधा��रत होता है । अत: इस �े� म� �मता �वकास तथा ��श�ण क�

    आव�यकताए ंबहतु ह� मह�वपण�ू ह� । उ�योग के पणधार� जैस े�नजी रेशमक�ट बीज उ�पादक, अ�भगहृ�त

    बीज क�टपालक, �ब�धक तथा सरकार� बीजागार� स ेसंब�ध काय�दल को शा�मल करन ेहेत ुअनेक ��श�ण

    काय��म आयोिजत करन ेका ��ताव है ।

    (v) सचूना, �श�ा एव ंसचंार (आईईसी)

    सचनाू , �श�ा तथा सचंार के �न�म� �ववर�णका, प�क, है�डआउट, पि�तकाु आ�द के मा�यम स ेअनशं�सतु

    �ौ�यो�ग�कय� को लोक��य बनात ेहएु �मता �वकास एव ं��श�ण पहल क� गयी है। यह घटक उ�योग के

    �दश�न हेत ु�ौ�यो�गक� आधा�रत अनदेशा�मकु वी�डय�, अ�ययन साम�ी तथा डा�यमे���ू �फ�म का �नमा�ण

    भी ��ता�वत है । �सतंबर, 2017 के दौरान �चार अनभाग के मा�यम से है�डबक ऑन �स�क इंड��� इन ु ु

    इं�डया (इ�फो बकलेटु ) क� कल ु 1500 ��तयाँ छपवाई गई ।

    वष� 2016-17, 2017-18 और चाल �व�ीय वष� ू 2018-19 �सतंबर-18 तक के दौरान केरेबो के अनसधंान व ु

    ��श�ण सं�थान� �वारा आयोिजत काय��म� के अधीन ��श��त �यि�तय� क� सं�या के �ववरण �न�न

    ता�लका म� व�ण�त है :

    ��श��त �यि�तय� क� सं�या

    2016-17 2017-18 2018-19 #

    ��श�ण पा�य�म

    ल�य उपलि�ध ल�य उपलि�ध ल�य उपलि�ध

    (�सत-ं18 तक)

    1 संर�चत पा�य�म

    (पीजीडीएस,शहतत व गैरू -शहतत पा�य�मू )

    100 111 265 216 230 56

    2

    कषक कशलता ��श�णृ ु , �ौ�यो�गक� अ�भ�व�यास

    काय��म, कै��यल वू तदथ� पा�य�म् तथा अ�ययन

    दौरा

    9400 9034 8030 8853 8,290 1,436

    3 अ�य ��श�ण काय��म 4000 6628 4945 6322 3,045 2,454

    4 एसट�ईपी 1500 917 2030 1901 1,260 242

    कल ु 15000 16690 15270 17292 12,825 4,188

    �ौ�यो�गक� ह�तांतरण:

    समा�त प�रयोजनाओं स े �वक�सत �ौ�यो�ग�कय� को �व�भ�न �व�तार सचंार काय��म� अथा�त ् कृ�ष मेला,

    समहू चचा�, �बोधन काय��म, �े� �दवस, कषकृ सि�मलन, ��य-��य काय��म, �ौ�यो�गक� �दश�न,

    आ�द के मा�यम स े�े� म� ह�तांत�रत �कया जा रहा है । वष� 2018-19 के दौरान �सतंबर 2018 तक,

    कलु 506 �ौ�यो�गक� ह�तांतरण काय��म आयोिजत �कए गए और 38 �ौ�यो�ग�कय� को कोसापव�ू �े� के

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    अधीन उपयोगकता� के �तर पर सफलतापव�कू ह�तांत�रत �कया गया है । इसके अ�त�र�त, कोसो�र �े� म�

    कलु 114 �े� काय��म/�ौ�यो�गक� �दश�न संचा�लत �कय ेगये तथा 57,848 कोसा एव ं रेशम नमन�ू क�

    पर��ा क� गई एवं इसके प�रणाम �दान �कए गए ।

    (i) ि�व�ज रेशम हेत समहु ू संवध�न काय��म का काया��वयन :

    12वीं योजना के दौरान देश म� आयात ��त�थानी रेशम के संवध�न तथा ि�व�ज रेशम उ�पादन के 1985

    मी.टन (2012-13) के उ�पादन �तर को बढ़ाकर 5000 मी.टन तक करने पर �वशेष जोर �दया गया। इस

    ल� य को �ा�त करने के �लए के���य रेशम बोड� ने रा�य के रेशम उ�पादन �वभाग� के साथ �मलकर 172

    ि�व�ज �ल�टर� का आयोजन �कया .।

    वष� 2017-18 के दौरान, देश के 6200 मी.ट. ल�य के सापे� संय�त संकेि��ु त �यास� के साथ 5874 मी

    टन ि�व�ज क�चे रेशम का उ�पादन �कया गया (2016-17 म� उ�पा�दत 5266 मी.ट. से 11.5% क� वि�धृ )

    । ि�व�ज समह� ने ू 4100 मी.ट. ि�व�ज क�चे रेशम का उ�पादन �कया, जो देश के कल ि�व�ज क�चे ु

    रेशम उ�पादन 5874 मी.ट. का 70% योगदान करता है।

    वष� 2019-20 के अतं तक देश म� 8500 मी��क टन के ि�व�ज क�च ेरेशम उ�पादन के ल�य पर �यान

    क� ��त करते हए ु 2017-18 से 2019-20 तक के �लए समह संवध�न काय��म जार� है ।ू �भावी अन�वण ु

    उ�दे�य के �लए उ�र पि�चम �े� के कुछ �व�यमान समह� के ू पनस�ु रचना करते हए कल समह ल�य को ु ु ू

    �भा�वत �कए �बना �व�यमान 172 �ल�टर से समह� क� कल सं�या ू ु 151 समह तक कम �कया गया । ू

    2018-19 के दौरान 151 समह� ू से 4900 मी. टन ि�व�ज क�चे रेशम का उ�पादन करने क� आशा है, जो

    7200 मी.टन के कल उ�पादन ल�य का लगभग ु 68% योगदान करता है । 2018-19 (अ�लै स े�सतंबर -

    2018) के दौरान कल ु ि�व�ज क�चा रेशम उ�पादन 2872 मी��क टन है, िजसम� से समह� ने ू 1720 मी.टन

    (60%) का योगदान �दया।

    (ii) व�य रेशम के �लए समह संवध�न काय��म का काया��वू यन :

    तसर रेशम �े� के उ�नयन के �लए, के���य रेशम बोड� ने 9 तसर उ�पादक रा�य� म� समह पहल के ू

    मा�यम से रा�य सरकार के सम�वयन से 22 व�य समह� क� �थापना क� ह� । ू इस काय��म के अ�तग�त,

    �मता �वकास के अधीन कल ु 2792 लाभा�थ�य� को आव� �कृ या गया, �ौ�यो�गक� ह�तांतरण सेवाओं पर

    ए�सपोज़र �विज़ट, रोगाणनाशक क� डोरु -टू-डोर आप�त� एवं जाग�कता काय��म आयोिजत �कया गया । ू

    पहल� बीज फसल म� 960 अपनाए गए क�ट पालक� �वारा 1.997 लाख रोमबीच का कच�न �कया गया और ु ू

    35.5 कोसा/रोमबीच क� दर पर ु 70.89 लाख बीज कोस� का उ�पादन �कया गया । इन बीज कोस� का

    संसाधन 165 �नजी बीज पालक� �वारा �कया गया तथा 7.57 लाख रोमबीच का उ�पादन हआ िजसम� स ेु ु

    6.79 लाख रोमबीच का क�टपालन ु 2627 वा�णि�यक कषक� �वारा ि�वतीय फसलृ (वा�णि�यक) म� �कया

    गया और समह म� ू 39.72 कोसा/रोमच क� दर पर ु 266.74 लाख कोस� का उ�पादन �कया गया । शेष 0.78

    रोमच को समह के ु ू बाहर के वा�णि�यक कषक� को आप�त� क� गई । ृ ू

    (iii) जाइका के अ�तग�त जापान सम�पार�य सहका�रता �वयं सेवक ु (ज़ेओसीवी) :

    केरेबो, जाइका के साथ �मलकर 1991 स ेभारत म� ि�व�ज रेशम के �था�य�व के �लए कई काय��म चला

    रहा है । जाइका काय��म� के चरण-1 के अ�तग�त केरेबो ने भारतीय दशाओं म� �गणनु /��तक�त के �लए ृ

    उपय�त ि�व�ज न�ल�ु , शहतत क� �क�म� तथा एक �यापक ि�व�ज रेशम उ�पादन �ौ�यो�गक� पकेैज ू

    �वक�सत क� है। काय��म के ि�वतीय चरण के दौरान इन �ौ�यो�ग�कय� का �े� पर��ण �कया गया और

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    तीसरे चरण के दौरान एक �यापक �व�तार �णाल� �वक�सत क� गई । इसे सीपीपी के मा�यम से भारत म�

    �गणन �कया जा रहा है तथा ु 12वीं योजना के अंत तक 5000 मी��क टन के ल�य के साप�े 5200

    मी.टन ि�व�ज रेशम का उ�पादन हआ ।ु

    वष� 2012-14 के दौरान जाइका अनवत� सहका�रता काय��म के अ�तग�त जाइका ने गणव�ा के रखरखावु ु

    के �लए आधारभत बीज के एक ह� तरफू के �गणन के स�त अनपालन क� �सफा�रश क� है ता�क �जाु ु �त

    ल�ण� का रखरखाव �कया जा सके, साथ ह� साथ गणव�ापण� रेशमउ�पादन के �लए जाल सं�हण तकनीक ु ू

    के साथ रोटर� चि��के �ौ�यो�गक� के स�त इ�तमेाल क� भी सं�त�त क� है । कोसो�र �े� म� जाइका क� ु

    सहायता के साथ एक �वदेशी �वचा�लत धागाकरण मशीन का �वकास �कया गया है तथा जाइका �वशषे��

    क� सहायता के साथ हरदा जल सची बधे �णाल� के मा�यम से सधार लाने का �यास �कया गया है ।ू ु

    समह अ�भगम के अलावाू , ि�व�ज रेशम के सतत �वकास के �लए �कसान� के बीच �ान/�ौ�यो�गक�

    ह�तांतरण करने के �लए सामदा�यक आधारभत संगठन� ु ू (सीबीओ), �वय-ंसहायता समह ू (एसजीएच) आ�द के

    �वत�न के �यास �कए गए ह�, यह मौजदा �व�तार ग�त�व�धय� अथा�तू ् समह काय�कलाप�ू , ऋण स�वधाु ,

    ���ट तथा बेहतर म�य ��त�ाि�त के साथू -साथ है । हमारे �यास� को परा करने के �लए जाइका ने ू 10

    समह�ू (कना�टक, आं� �देश और त�मलनाड म�ु 8 और 2 उ�राखंड म�) म� केरेबो/डीओएस सीडीएफ के साथ

    �मलकर काम करने के �लए जेओसीवी काय��म के तहत 3 जापान �वासी सहयोगी �वयंसेवक� (जेओसीवी) को

    �नय�त ु �कया है । जेओसीवी का म�य उ�दे�य �े� क� सम�याओं क� पहचान करने के �लए ि�व�जु समह� ू

    म� केरेबो/रा�य ��तभा�गय� क� सहायता करना है तथा चय�नत समह� म� �भावी �ौ�यो�गक� ह�तांतरण हेत ू ु

    रेशम�वद� को सि�न�हत करते हए �वयं सहायता समह�ु ू /समदाय आधा�रत संगठन� के आयोजन म� �सार ु

    ��व�धय� म� भी सहायता करना है । 3 जेओसीवी ने माच� 2017 को अपने काय� परा �कया है और शी� ह� ू

    उनक� ��त�थापना क� ��याशा है । जेओसीवी काय��म को �दसबंर, 2020 तक �व�तार �कया गया है ।

    सचनाू �ौ�यो�गक� पहल

    डीबीट� एमआईएस: "रेशम उ�योग के �वकास" योजना के �लए डीबीट� एमआईएस का �वकास परा ू

    �कया और इसे एसट��यसी �वारा सर�ा लेखा पर��ा के �लए ��तत �कया हैु ु ु , एसट��यसी ने �थम ू

    चरण क� लखेा पर��ा परा कर अपनी �े�ण� को ��तत �कया है जो �नधा��रत था और ि�वतीय ू ु

    चरण क� लेखा पर��ा के �लए ��तत �कया है । ु

    एम-�कसान : केरेबो ने कषक� कोृ उनके मोबाइल टेल�फोन से एम-�कसान वेब पोट�ल के इ�तेमाल

    �वारा व�ैा�नक सझाव� को �दान करने हेत सचनाु ु ू -�सार के �लए वै�ा�नक� तथा �वशेष�� क� पहंच ु

    को और �व�तत �कया है ।ृ सभी म�य सं�थानु ने इस पोट�ल के मा�यम से �नय�मत �प स ेसलाह

    �दान कर रहे है ।

    ‘एसएमएस सेवा’ : कषक� तथा उ�योग के अ�य पणधा�रय� के उपयोग के �लए रेशम तथा कोस� ृ

    के दै�नक बाज़ार दर के सबंंध म� मोबाइल फोन के मा�यम स े“एसएमएस सेवा” �चा�लत क� गई है

    । दोन� पशु और पलु एसएमएस सेवा �चालन म� है ।रेशम उ�पादन �नदेशालय से �ा�त मोबाइल

    सं�याओं को अ�यतन �कया गया है और दै�नक आधार पर सभी पंजीकतृ 7794 कषक�ृ को

    एसएमएस सदेंश �ा�त हो रहे ह� ।

    �स�क पोट�ल : उ�र-पव�ू अतं�र� अन�योगु क� �, अतं�र� �वभाग के सहयोग स ेउप�ह के मा�यम

    स ेछाया �च�� को लेत ेहएु रेशम उ�पादन सचनाू संपक� एव ं�ान �णाल� पोट�ल का �वकास �कया

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    गया और रेशम उ�पादन ग�त�व�धय� के �लए उपयोगी �े�� के चयन एव ं �व�लेषण हेत ुइनका

    �योग �कया जाता है । बहभाषीु , बहु िजला ऑकडा �नय�मत �प स ेअ�यतन �कया जा रहा है ।

    वी�डयो का��� स : के���य रेशम बोड� म� केरेबो कॉ��ल�ेस, ब�गल�ू, केरेअव�स,ं मैस� ू व बहरमपरु,

    केतअव�स,ं राँची, केरेअव�स,ं पा�पोर, केमएअव�संू , लाहदोईगढ़ तथा �े�ीय काया�लय, नई �द�ल�

    म� ससि�जत वी�डयो का��े�स स�वधा उपल�ध है । ु ु 1 अ�ैल,2018 स े30 �सतबंर, 2018 तक 21

    बहु-�ट�डयो ु वी�डयो का��� स संचा�लत �कए गए ।

    केरेबो वेबसाइट : के���य रेशम बोड� क� वेबसाइट “csb.gov.in” ि�वभाषी �प अथा�त अं�ेजी तथा ्

    �ह�द� म� उपल�ध है । इस पोट�ल के मा�यम से सामा�य नाग�रक� के �लए, िज�ह� संगठन तथा

    इसक� योजनाओ ंएवं अ�य �ववरण के बारे म� जानना होता है, अ�धका�धक जानकार� �सा�रत क�

    जाती है । वेबसाइट म� रेशम उ�पादन योजना काय��म, उपलि�धयाँ तथा सफलता क� कहा�नया ँ

    �वशेष �प स ेद� गई ह� । केरेबो ने भारत सरकार के �दशा-�नदश� के अनसार अपनी वेबसाइट को � ु

    जीआईजीड��य ूअनकल तथा सर��त बनाने क� ���या �ारंभ क� है ।ु ुू

    एईबीएएस : आधार स��य बायोमै��क उपि�थ�त �णाल� के���य रेशम बोड� म� लाग ूक� गई है ।

    उपि�थ�त पोट�ल म� फाम� कामगार स�हत 4226 से अ�धक कम�चार� पजंीकतृ है । सभी 121

    उपकरण आर डी सेवा से य�तु है । केरेबो क� पनसरंचना के कारणु , लगभग 450 कम�चा�रय� को

    �व�भ�न इकाइय� म� �थानातं�रत �कया गया, उ�ह� अ�यतन करने का काय� �ग�त पर है ।

    �वडंोज आधा�रत लेखा सॉ�टवेयर : डीओएस आधा�रत एफएएस/पीआरएस पकेैज को सफलतापव�क ू

    �वडंोज आधा�रत एफएएस/पीआरएस म� अ�त�र�त अनकल गण� के साथ प�रव�त �त �कया गया । ु ुू

    केरेबो के सभी ��यायोिजत इकाईय� म� इसका काया��वयन �ग�त पर है । यह एफएएस/पीआरएस से

    ऑकडा �ा�त करते हए पीएफएमएस का काय�ु �वयन सरल बनाया ।

    कषक� तथा धागाकार� के �लए रा���य डटेाबेस ृ : रा���य �तर पर कषक� तथा धागाकार� के डटेाबेस ृ

    के �लए कषक एवं धागाकार डटेाबेस को तैयार कर इसे �वक�सत �कया गया हैृ , इससे �भावी �नण�य

    लेने म� सम�चत सचना के साथ नी�त �नधा�रक� को मु ू दद �मलेगी । डटेाबेस म� रा� य� �वारा 30

    �सतंबर, 2018 को यथा�व�यमान 6,41,651 कषक� एवंृ 9845 धागाकार� के �ववरण �रकाड� �कए

    गए ह� ।

    एनईआरट�पीएस पर एमआईएस “उ�र पव�ू रा�य� म� गहन ि�व�ज रेशम उ�पादन �वकास

    प�रयोजना ” एनईआरट�पीएस के �लए एमआईएस : गहन ि�व�ज रेशम उ�पादन के�लए एमआईएस

    �वक�सत कर सभी पणधा�रय� �वारा �बना सम�या के इसे देखने के �लए सम�प�त सव�र पर हो�ट

    �कया गया है ।

    प�शन �रकाड� का �डिज�टल�करण: प�शन कागजात� के �डिज�टल�करण के �लए एक सॉ�टवेयर तैयार

    कर �वक�सत �कया गया। सरु�ा और सगमु �बधंन के �लए सभी प�शन अ�भलखे �डिजटल�कतृ है ।

    एफआरडीबी कषक� के साथ संपक� करने के �लए बीपीओृ : ��येक अंचल के नोडल अ�धकार�

    एफआरडीबी ऑकडा आधार से मोबाइल नंबर लेते हए चय�नत कषक� ु ृ से �नय�मत �प से

    संपक� कर रहे है ।

    �स�क सम� पर मोबाइल ए�प का �वकास: �डजाइ�नगं एवं आकंडा का सं�हण �ग�त पर है ।

    2. बीज संगठन

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    के���य रेशम बोड� के पास रा�य� को ब�नयाद�ु बीज क� आप�त �ू करन ेवाल ेब�नयाद�ु बीज फाम� क� एक

    �ंखलाृ है । इसके वा�णि�यक बीज उ�पादन के�� कषक�ृ को वा�णि�यक रेशमक�ट बीज क� आप�त �ू करन े

    म� रा�य� क� मदद करत ेह� ।

    वष� 2016-17, 2017-18 और चाल �व�ीय वष� ू 2018-19 �सतबर-18 तक के दौरान बीज उ�पादन क�

    कल मा�ा का प�रमाण ु नीचे ता�लका म� �दया गया है :

    (इकाई: लाख रोमचु)

    2016-17 2017-18 2018-19

    �ववरण ल�य उपलि�ध ल�य उपलि�ध ल�य

    उपलि�ध

    (�सतं.18 तक)

    शहततू 390.00 430.10 440.00 388.35 450.32 201.14

    तसर 47.43 48.60 51.08 52.81 51.66 25.94

    मगाू 8.13 6.87 8.07 7.08 8.43 1.87

    एर� 5.5 4.78 6.00 6.88 6.00 3.40

    कलु 451.06 490.35 505.15 455.12 516.41 232.35

    3. सम�वय एवं बाजार �वकास के���य रेशम बोड� के �शासन म� बोड� स�चवालय, �े�ीय काया�लय, �माणन के�� तथा क�चा माल ब�क

    शा�मल ह� । केरेबो का बोड� स�चवालय �व�भ�न योजनाओं के काया��वयन का अन�वण करता है तथा रेशम ु

    उ�पादन �े� क� �व�भ�न प�रयोजनाओ ंके काया��वयन म� मं�ालय तथा रा�य� के साथ सम�वय करता है ।

    बोड� स�चवालय अनेक रा���य बैठक� , बोड� क� बैठक� व पनर��ण बठैक� तथा अ�य उ�च �तर�य बठैक� ु

    आयोिजत करता है । क�चा माल ब�क �ाथ�मक उ�पादक� को लाभकार� म�य स�नू ु ि�चत करने हेत कोस� के ु

    बाजार म�य के �थायीकरण हेत आधार म�य का �चालन करता है । ू ु ू

    तसर के �लए चाईबासा (झारख�ड) म� क�चा माल ब�क (कमाब)ै और मगा के �लए असम म� मगा क�चा ू ू

    माल ब�क (एमआरएमबी) (वत�मान म� �े�ीय रेशम उ�पादन अनसंधान के�� ु (�ेरेअके), जोरहाट के साथ

    �मला �लया है) ने वा�त�वक तसर व मगाू कोसा उ�पादक� को �कफ़ायती और उ�चत म�यू स�नि�चतु करान े

    के म�य ु उ�दे�य स ेकाय� कर रहा है ।

    वष� 2016-17, 2017-18 एवं चाल �व�ीय वष� ू 2018-19 �सतंबर -18 तक के दौरान क�चा माल ब�क तथा

    मगाू क�चा माल ब�क तथा इसके उप �डपो �वारा �कए गए कल ु �य -�व�य का �यौरा �न�नानसार है ु :

    (य�नटू : मा�ा लाख सं�या म� एवं म�यू � .लाख म�)

    कमाब� (तसर) मकमाब�ू (मगाू )

    �य �व�य �य �व�य वष�

    मा�ा म�य ू मा�ा म�य ू मा�ा म�य ू मा�ा म�य ू

    2016-17 200.76 287.10 171.68 229.88 1.55 2.77 1.55 2.92

    2017-18 158.18 180.78 157.65 225.32 1.59 2.32 1.59 2.43

    2018-19 (�सत-ं18 तक) 41.23 52.47 41.81 76.73 1.79 2.73 1.70 2.68

    उ�पाद अ�भक�प, �वकास तथा �व�वधीकरण (पी3डी)

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    उ�पाद अ�भक�प �वकास तथा �व�वधीकरण (पी3डी) के �व�भ�न काय�कलाप� जैसे व�� अ�भय�ं�क�, रेशम

    �म�ण�, नव व�� संरचना का अ�भक�प, रेशम तथा रेशम �म�ण म� नए उ�पाद� का अ�भक�प एव ं

    �वकास, समह� म� उ�पाद �वकासू , �