गौ ालन एक नज ें ाग 1) · गौ ालन: एक नज ें (ाग...

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गौ पालन : एक नजर म ( भाग 1 ) डॉ तीक श ला , पश वि ानी , विके , खादीाम , जम

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  • गौ पालन: एक नजर में(भाग 1)

    डॉ प्रतीक शकु्ला, पश ुविज्ञानी, कृविके, खादीग्राम,जमुई

  • क्या गौ पालन एक लाभकारी व्यिसाय है

    ???

  • लाभ-हानन• 10 लीटर दधू देने वाली गाय का रखरखाव का एक ददन का कुल खर्च =

    • 1- दाना- 5 kg (2 kg र्ोकर, 2kg घट्टा, 1kg खली)= 105 रूपए

    • 2- कैल्शियम और ममनरल- 10 रुपये• 3- दवा आदद खर्च- 10 रूपए• 4- अतिररक्ि खर्च- 25 रूपए

    • कुल = 105+10+10+25= 150 रूपए/ददन

  • • 10 लीटर दधू देने वाली गाय से प्रतिददन की कमाई = 10X25 = 250 रूपए

    • कुल बर्ि= 250-150= 100 रूपए/ददन

  • गाय तथा भैंस की उच्चतम नस्लें• 1.Sahiwal

    • Mainly found in Punjab, Haryana, U.P, Delhi, Bihar and M.P.

    • Milk yield – Under village condition :10-12 kgs– Under commercial farms: 15-20 kgs

    • Age at first calving -32-36 months

    • Calving interval – 15 month

  • Sahiwal

  • • 2. Gir

    • Mainly found in Gir forest areas of South Kathiawar

    • Milk yield – Under village condition : 8-9 kgs– Under commercial farms: 10-12

    kgs

  • • 3.Tharparkar

    • Mainly found in Jodhpur, Kutch and Jaisalmer

    • Milk yield – Under village condition :8-10 kgs– Under commercial farms: 10-11 kgs

  • • 4.Red Sindhi

    • Mainly available in Punjab, Haryana, Karnataka, Tamil Nadu, Kerala and Orissa.

    • Milk yield – Under village condition :9-10 kgs– Under commercial farms: 10-13kgs

  • • 5. Hariana• Mainly found in Karnal, Hisar and Gurgaon

    district of Haryana, Delhi and western M.P

    • Milk yield –10-15 kgs

    • Bullocks are powerful for road transport and rapid ploughing

  • • 6. Jersey• Age at first calving : 26-30 months

    • Intercalving – 13-14 months

    • Dairy milk yield is found to be 20-22 lts whereas cross bred jersey, cow gives 12-15 lts per day.

    • In India this breed has acclimatized well especially in the hot and humid areas

  • • Holstein Friesian

    • This is by far the best dairy breed among exotic cattle regarding milk yield. On an average it gives 25-30 litres of milk per day, whereas a cross breed H.F. cow gives 12-15 ltsper day.

  • BREEDS OF BUFFALO• Murrah

    • Mainly found in Haryana, Delhi and Punjab

    • On an average the daily milk yield is found to be 10-11 lts, whereas a cross breed murrahbuffalo gives 7-8 lts per day.

    • It performs well in coastal and slightly cold climatic areas.

  • Murrah

  • • Surti

    • Gujarat

    • On an average the daily milk yield is found to be 8-10 lts, whereas a cross breed Surtibuffalo gives 6-7 lts per day.

  • जानिर की खरीद • 1-सही जगह• 2-सही नस्ल• 3-सही पिु

  • स्िस्थ पशु के लक्षण1- EYE (आँखें)2-NOSE (नाक)3-COAT (त्वर्ा)4- WEIGHT/BODY SCORE (िारीररक संघठन) 5-ATTITUDE (व्यवहार)6-MOBILITY (र्ाल-ढाल)7-UDDER (थन)8-HISTORY (इतिहास)9-AGE (आय)ु

  • आयु ननर्ाारण

  • निजात

    10 साल7-8 साल

    दो साल

  • नस्ल सुर्ार कायाक्रम• 1- क्रॉस-ब्रीड गं • 2- सेलेल्क्टव ब्रीड गं• 3- Grading Up

  • गौ पालन से सम्बन्र्ी गलतफहममयाां• ममनरल ममक्सर्र• कैल्शियम• दधू छोड़ना• बच्रे् का पालन• पहला दधू• कीड़ ेकी दवा• AI का समय• दधू दहुने का िरीका

  • गौ पालन: एक नजर में(भाग 2)

    डॉ प्रतीक शकु्ला, पश ुविज्ञानी, कृविके, खादीग्राम,जमुई

  • गाय तथा भैंस में होने िाली मखु्य बीमाररयााँ

    • 1- टीकाकरण योग्य बीमाररयाँ• 2-मक्खी, मच्छर व र्मोकन से होने वालीबीमाररयाँ

    • 3- बच्र्ा देने के बाद होने वाली बीमाररयाँ• 4- गलि खान-पान से होने वाली बीमाररयाँ• 5- थनों में होने वाली बीमाररयाँ

  • 1- टीकाकरण योग्य बीमाररयााँ• A. मुहपका -खुरपका (FMD)• B. गलसुआ (HS)• C. Black Quarter (BQ)

    • D. रेबीज

  • A- मुहपका -खुरपका (FMD)•मुख्य लक्षण

    •दधू उत्पादन में अर्ानक गगरावट

    •अत्यगधक लार गगरना

    •जीभ, िाल ूिथा महु के आस पास छाले पड़ना

    •लगंड़ापन

    •अत्यगधक कमजोरी

  • A- मुहपका -खुरपका (FMD)

    मुांह के अन्दर की स्स्थनत

    खुरों की स्स्थनत

    जीभ की स्स्थनत

    थनों की स्स्थनत

  • बचाि• रोगी पिु को िुरंि अलग कर दें• रोगी पिु का सभी सामान जैसे: उसका र्ारा, पानी िथा कप ा िुरंि जला के नस्ट कर दें

    • सभी स्वस्थ पिु जो की 4 महीने से बड़ ेहैं, उनका टीकाकरण हर 6 महीने पर अवस्य करवाएं

  • B. गलसआु (HS)मुख्य लक्षण:▪िेज बुखार▪ दधू उत्पादन में अर्ानक गगरावट ▪अत्यगधक लार व नाक से पानी गगरना▪गले में सूजन▪सांस लेने में िकलीफ िथा घरच घरच की आवाज आना▪रोगी पिु सामान्यिया 1-2 ददन में मिृ हो जािा है▪भैंस में यह रोग गाय की अपेक्षा अगधक होिा है

  • बचाि• रोगी पिु को िुरंि अलग कर दें• रोगी पिु का सभी सामान जैसे: उसका र्ारा, पानी िथा कप ा िुरंि जला के नस्ट कर दें

    • बाररि के मौसम में पिुओं को अगधक भीड़ भाड़ से दरू रखें

    • सभी स्वस्थ पिु जो की 6 महीने से बड़ ेहैं, उनका टीकाकरण प्रति वर्च अवस्य करवाएं

  • C. Black Quarter (BQ)

    मुख्य लक्षण:

    ▪यह रोग मुख्यिः गंदे र्ारे से होिा है

    ▪ िेज बुखार

    ▪भोजन का त्याग

    ▪कंधे िथा जांघ की मांसपेमियों में ददच भरी सूजन

    िथा दबाने पर गर्िगर्ि की आवाज आना

    ▪रोगी पिु सामान्यिया 1-2 ददन में मिृ हो जािा है

    ▪बच्र्ों में यह रोग बड़ी गाय की अपेक्षा अगधक होिा है

  • बचाि• रोगी पिु को िुरंि अलग कर दें• रोगी पिु का सभी सामान जैसे: उसका र्ारा, पानी िथा कप ा िुरंि जला के नस्ट कर दें

    • बाररि के मौसम में पिुओं को गंदे र्ारे से दरू रखें

    • सभी स्वस्थ पिु जो की 6 महीने से बड़ ेहैं, उनका टीकाकरण प्रति वर्च अवस्य करवाएं

  • D. रेबीज• मुख्य लक्षण:

    ▪ यह रोग मुख्यिः रेबब कुते्त के काटने से होिा है

    ▪ अत्यगधक लार का गगरना

    ▪ मुह से गुराचने की आवाज आना

    ▪ भोजन का त्याग

    ▪ लकवा मार जाना

    ▪ रोगी पि ुसामान्यिया लक्षण ददखने के 2-3 ददन में मिृ हो जािा है

  • बचाि• घाव को िुरंि साफ़ पानी िथा साबुन से 5-10ममनट िक धोएं

    • पिु गर्ककत्सक से ममलकर अपने पिु कोरेबबज के टीके ददलवाए

  • गाय तथा भैंस में टीकाकरण ननयमक्रम सां० बीमारी पहली खुराक बूस्टर खुराक अगली

    खुराक1 खुरपका >4 महीना 1 महीने पर 6 महीने

    बाद2 गलसआु >6 महीना - 1 साल बाद

    3 BQ >6 महीना - 1 साल बाद

    4 रेबीज कुत्ता काटने के तुरांत बाद

    4 ददन बाद 7, 14 तथा 28िें ददनपर

  • टीकाकरण सम्बन्र्ी कुछ सािर्ाननयाां

    • पिु का स्वास््य• पिु की आयु• टीका देने का िरीका• टीका देने का समय• टीके का रखरखाव

  • 2-मक्खी, मच्छर ि चमोकन से होने िाली बीमाररयााँ

    • A- लहुमुतना

    • B- सराा

  • A- लहुमतुना र्मोकन से फैलिा हैमुख्य लक्षण:1- िेज बुखार2- भूख न लगना3- कमजोरी4- लाल रंग का पेसाब

  • उपचार• लक्षण स्पस्ट होने पर अच्छे पिु गर्ककत्सक से परामिच करे

    • बेरेननल- 15-20 ml इंजेक्िन इसकी मुख्य दवा है

  • B- सराा• मक्खी से फैलिा है• मखु्य लक्षण:• 1- एनीममया• 2- सर घमूना, र्क्कर आना• 3- कमजोरी• 4- िरीर के तनर्ले दहस्सों में सजून• 5- 2-3 सप्िाह में मतृ्यु

  • उपचार• लक्षण स्पस्ट होने पर अच्छे पिु गर्ककत्सक से परामिच करे

    • सरााममन- 15-20 ml इंजेक्िन इसकी मुख्य दवा है

  • मक्खी, मच्छर ि चमोकन की रोकथाम

  • मुख्य बातें:-

    • आवास की साफ़ सफाई• पिु की साफ़ सफाई• धूएँ का प्रयोग• कफनाइल का प्रयोग• कीड़ ेकी दवाई का तनयममि प्रयोग

  • 3- बच्चा देने के बाद होने िालीबीमाररयााँ

    • 1- जेर अटकना• 2- गभाचसय का बाहर आ जाना• 3- ममशक फीवर• 4- ककटोमसस

  • 1- जेर अटकना• सामान्यिया बच्र्ा देने के 3-12 घंटों के अन्दर जेर तनकल जािी है

    • अगर 12 घंटे से अगधकसमय हो जाए िो कफर पिु गर्ककत्सक से संपकच करना र्ादहए

  • 2- गभाासय का बाहर आ जाना

  • 3- ममल्क फीिर

  • मुख्य लक्षण

    • बच्र्ा देने के बाद िरीर में कैल्शियम की कमी होने की वजह से यह होिा है

    • बच्र्ा देने के 72 घंटे के अन्दर यह रोग होिा है• िरुुवािी समय में पि ुको उठने में समस्या होिी है कफर उसकी गदचन एक ओर मुड़ जािी है

    • अंतिम र्रण में पि ुका िरीर ठं ा हो जािा है

  • बचाि एिां उपचार• गभचकाल में अगधक कैल्शियम न पपलाये• बच्र्ा देने के दो ददन पहले से कैल्शियम 50-100 ml पपलाना सुरु करें िथा अगले 3-4 ददन िक पपलािे रहें

    • बीमार पिु को ॉक्टर द्वारा कैल्शियम की ोज र्ढ़वाना र्ादहए

  • 4- ककटोमसस• बच्र्ा देने के बाद िरीर में िाक़ि की

    कमी होने की वजह से यह होिा है• बच्र्ा देने के 1-2 महीने के अन्दर यह

    रोग होिा है• पि ुअत्यगधक कमजोर हो जािा है• उठने में ददक्क़ि• दधू में अर्ानक गगरावट• मुंह से मीठी खुिबू आना

  • बचाि एिां उपचार• गभचकाल में संिुमलि आहार दें• बच्र्ा देने के दो ददन पहले से कैल्शियम 50-100 ml पपलाना सुरु करें िथा अगले 3-4 ददन िक पपलािे रहें

    • बीमार पिु को ॉक्टर द्वारा कैल्शियम की ोज र्ढ़वाना र्ादहए िथा उसके आहार मेंिाकि की र्ीजें जैसे गुड़, खली दें

  • 4- गलत खान-पान से होने िाली बीमाररयााँ

    • A- गैस / पेट फूलना• B- पेगर्स

  • A- गैस / पेट फूलनाकारण:• बासी र्ावल खाने से• अगधक हरा र्ारा खाने से

    • उपचार:• 2-3 ददन िक 250-300 ml वनस्पति िेल ददनमें एक बार पिु को पपलाये

    • केले के 4-6 पते्त ददन में एक बार खखलाये

  • B- पेचचसकारण:• पेट में कीड़ े• अगधक मात्रा में दाना खखलाने से

    • उपचार:• संिुमलि आहार• समय पर कीड़ ेकी दवा जैसे: अशबेन् ाजोल, फें बेन् ाज़ोल आदद

  • 5- थनों में होने िाली बीमाररयााँथनैला

  • थनैलाकारण:

    दहुाई का तरीकागांदगी थनों में घाि

  • बचाि एिां उपचार• स्वच्छिा• नीम्बू का प्रयोग• लाल दवा का प्रयोग• Pendistrin का प्रयोग

  • स्िच्छ दगु्र् उत्पादन• स्वच्छ गोिाला• स्वच्छ बिचन• स्वच्छ एवं स्वस्थ पिु• स्वच्छ एवं स्वस्थ ग्वाला• स्वच्छ दहुन• स्वच्छ दगु्ध संग्रह• स्वच्छ पिु आहार व्यवस्था

  • HEAT (गमा)

  • मुख्य लक्षण• आवाज देना• इधर उधर भागना• दसूरी गाय पर र्ढ़ना• िोड़ा गगराना• पेसाब की जगह का लाल िथा फूल जाना• भोजन छोड़ना

  • कृत्रिम गभाार्ान (AI)

  • AI का उचचत समय एिां तरीका1-समय:• िोड़ा गगराने के 10-12 घंटे के अन्दर• जब पिु िांि होकर खड़ा हो जाए2- तरीका:

  • ध्यान देने योग्य बातें:

    • AI का समय• सीमेन का रख रखाव• गरम पानी का िापमान• पिु गर्ककत्सक का ज्ञान

  • ग्यामभन पशु की देखभाल

    1- खान पान2- रहने का स्थान3- दधू छोड़ने का समय एवं िरीका

  • तुरांत ब्याये पशु की देखभाल

    1- खान पान2- रहने का स्थान

  • र्न्यिाद