श्री हनुमान स्तवन स...

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शरी हनमान सतवन सगरह www.shdvef.com Page 1

ॱॐॱ

ॱॐ शरी परमातमन नम: ॱ

ॱशरी गणशाय नमःॱ

शरी हनमान सतवन सगरह

शरी हनमान सतवन सगरह www.shdvef.com Page 2

ववषय-सची

ॱआञजनय गायतरी ॱ ............................................................................................. 3

ॱहनमान सतवनॱ ............................................................................................... 4

ॱआरती शरी हनमानजीॱ ....................................................................................... 6

ॱहनमान चालीसाॱ ............................................................................................. 8

ॱबजरग-बाणॱ ................................................................................................ 12

ॱ इवत गोसवावम तलसीदास कत बजरग-बाण समपणण ॱ ............................................. 14

ॱसङकटमोचन हनमानाषटकॱ................................................................................ 15

ॱ हनमान बारक ॱ ........................................................................................... 18

ॱ शरीहनमतताणडवसतोतरम ॱ ................................................................................. 37

ॱ शरीहनमतसतोतरम ॱ .......................................................................................... 41

ॱ शरीआञजनयसहसरनामसतोतरम ॱ .......................................................................... 43

ॱ शरीआञजनय दवादशनामसतोतरम ॱ ........................................................................ 64

ॱ शरीआञजनयसहसरनामावली ॱ ............................................................................ 65

शरी हनमान सतवन सगरह www.shdvef.com Page 3

॥आञजनय गायतरी ॥

ॐ आञजनयाय विदमह िायपतराय धीमवह ।

तननो हनमत परचोदयात ॥

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॥हनमान सतिन॥

परनवउ पवनकमार खल बन पावक गयानघन॰

जास हरदय आगार बसवह राम सर चाप धरॱ१ॱ

अतवलतबलधाम हमशलाभदह॰

दनजवनकशान जञावननामगरगणयमॱ२ॱ

सकलगणवनधान वानराणामधीश॰

रघपवतवपरयभकत वातजात नमावमॱ३ॱ

गोषपदीकतवारीश मशकीकतराकषसम॰

रामायणमहामालारतन वनदऽवनलातमजमॱ४ॱ

अञजनाननदन वीर जानकीशोकनाशनम॰

कपीशमकषहनतार वनद लङकाभयङकरमॱ५ॱ

महावयाकरणामभोवधमनथमानसमनदरम॰

उलरङय वसनोः सवलल सलील यः शोकववन जनकातमजायाः॰

आदाय तनव ददाह लङका नमावम त पराञजवलराञजनयमॱ७ॱ

शरी हनमान सतवन सगरह www.shdvef.com Page 5

मनोजव मारततलयवग वजतनदरिय बनदरिमता वररषठम॰

वातातमज वानरयथमखय शरीरामदत शरण परपदयॱ८ॱ

आञजनयमवतपाटलानन काञचनाविकमनीयववगरहम॰

पाररजाततरमलवावसन भावयावम पवमानननदनमॱ९ॱ

यतर-यतर रघनाथकीतणन ततर-ततर कतमसतकाञजवलम॰

बाषपवाररपररपणणलोचन मारवत नमत राकषसानतकमॱ१०ॱ

शरी हनमान सतवन सगरह www.shdvef.com Page 6

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

शरी राम जय राम जय जय राम

ॱजय शरी रामॱ

शरी हनमान सतवन सगरह www.shdvef.com Page 7

॥आरती शरी हनमानजी॥

आरती कीज हनमान लला की॰ दषट दलन रघनाथ कला कीॱ

जाक बल स वगररवर काप॰ रोग दोष जाक वनकट न झाकॱ

अजवन पतर महा बलदाई॰ सनतन क परभ सदा सहाईॱ

द बीरा रघनाथ पठाए॰ लका जारर वसया सवध लाएॱ

लका सो कोट समि-सी खाई॰ जात पवनसत बार न लाईॱ

लका जारर असर सहार॰ वसयारामजी क काज सवारॱ

लकषमण मवछण त पड सकार॰ आवन सजीवन पराण उबारॱ

पवठ पाताल तोरर जम-कार॰ अवहरावण की भजा उखारॱ

बाए भजा असरदल मार॰ दावहन भजा सतजन तारॱ

सर नर मवन आरती उतार ॰ जय जय जय हनमान उचारॱ

कचन थार कपर लौ छाई॰ आरती करत अजना माईॱ

जो हनमानजी की आरती गाव॰ बवस बकणठ परम पद पावॱ

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॥हनमान चालीसा॥

ॱदोहाॱ

शरी गर चरन सरोज रज, वनज मन मकर सधारर॰

बरनउ रघबर ववमल जस, जो दायक फल चाररॱ

बनदरिहीन तन जावनक, सवमरौ पवन-कमार॰

बल बनदरि ववदया दर मोवह, हरर कलश ववकारॱ

ॱचौपाईॱ

जय हनमान जञान गण सागर॰ जय कपीस वतर लोक उजागरॱ

राम दत अतवलत बल धामा॰ अजवन-पतर पवनसत नामाॱ

महावीर ववरम बजरगी॰ कमवत वनवार समवत क सगीॱ

कचन बरन वबराज सवसा॰ कानन कणडल कवचत कसाॱ

हाथ वजर औ धवजा वबराज॰ काध मज जनऊ साजॱ

शकर सवन कसरीननदन॰ तज परताप महा जग वनदनॱ

ववदयावान गणी अवत चातर॰ राम काज कररब को आतरॱ

परभ चररतर सवनब को रवसया॰ राम लखन सीता मन बवसयाॱ

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सकषम रप धरर वसयवह वदखावा॰ ववकट रप धरर लक जरावाॱ

भीम रप धरर असर सहार॰ रामचि क काज सवारॱ

लाय सजीवन लखन वजयाय॰ शरीरघवीर हरवष उर लायॱ

रघपवत कीनही बरत बडाई॰ तम मम वपरय भरतवह सम भाईॱ

सहस बदन तमहरो यश गाव॰ अस कवह शरी पवत कठ लगावॱ

सनकावदक बरहमावद मनीसा॰ नारद सारद सवहत अहीसाॱ

जम कबर वदकपाल जहा त॰ कवव कोवबद कवह सक कहा तॱ

तम उपकार सगरीववह कीनहा॰ राम वमलाय राज पद दीनहाॱ

तमहरो मनतर ववभीषन माना॰ लकशवर भय सब जग जानाॱ

जग सहसतर योजन पर भान ॰ लीलयो तावह मधर णल जानॱ

परभ मविका मवल मख माही॰ जलवध लावघ गए अचरज नाही ॱ

दगणम काज जगत क जत॰ सगम अनगरह तमहर ततॱ

राम दआर तम रखवार॰ होत न आजञा वबन पसारॱ

सब सख लह तमहारी सरना॰ तम रकषक कार को डरनाॱ

आपन तज समहारो आप॰ तीनो लोक हाक त कापॱ

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भत वपशाच वनकट नवह आव॰ महावीर जब नाम सनावॱ

नास रोग हर सब पीरा॰ जपत वनरतर हनमत बीराॱ

सकट त हनमान छडाव॰ मन रम वचन धयान जो लावॱ

सब पर राम तपसवी राजा॰ वतन क काज सकल तम साजाॱ

और मनोरथ जो कोई लाव॰ सोइ अवमत जीवन णल पावॱ

चारो जग परताप तमहारा॰ ह परवसि जगत उवजयाराॱ

साध सनत क तम रखवार॰ असर वनकनदन राम दलारॱ

अषट वसनदरि नववनवध क दाता॰ अस बर दीन जानकी माताॱ

राम रसायन तमहर पासा॰ सदा रहो रघपवत क दासाॱ

तमहर भजन राम को पाव॰ जनम जनम क दख वबसरावॱ

अनतकाल रघबर पर जाई॰ जहा जनम हरर-भकत कहाईॱ

और दवता वचतत न धरई॰ हनमत सई सवण सख करईॱ

सकट कट वमट सब पीरा॰ जो सवमर हनमत बलबीराॱ

जय जय जय हनमान गोसाई॰ कपा करर गरदव की नाईॱ

जो शत बार पाठ कर सोई॰ छटवह बवद महा सख होईॱ

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जो यह पढ हनमान चालीसा॰ होय वसनदरि साखी गौरीसाॱ

तलसीदास सदा हरर चरा॰ कीज नाथ हरदय मह डराॱ

ॱदोहाॱ

पवनतनय सकट हरन, मगल मरवत रप॰

राम लखन सीता सवहत हरदय बसर सर भपॱ

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॥बजरग-बाण॥

ॱदोहाॱ

वनशचय परम परतीवत त, वबनय कर सनमान॰

तवह क कारज सकल शभ, वसि कर हनमानॱ

ॱचौपाईॱ

जय हनमत सत वहतकारी ॰ सन लीज परभ अरज हमारीॱ

जन क काज वबलब न कीज॰ आतर दौरर महा सख दीजॱ

जस कवद वसध मवहपारा ॰ सरसा बदन पवठ वबसताराॱ

आग जाय लवकनी रोका ॰ मारर लात गई सरलोकाॱ

जाय वबभीषन को सख दीनहा॰ सीता वनरनदरख परमपद लीनहाॱ

बाग उजारर वसध मह बोरा ॰ अवत आतर जमकातर तोराॱ

अकषय कमार मारर सहारा ॰ लम लपवट लक को जाराॱ

लाह समान लक जरर गई ॰ जय जय धवन सरपर नभ भईॱ

अब वबलब कवह कारन सवामी॰ कपा करर उर अतरयामीॱ

जय जय लखन परान क दाता॰ आतर हव दख करर वनपाताॱ

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ज हनमान जयवत बल-सागर॰ सर-समह-समरथ भट-नागरॱ

ॐ हन हन हन हनमत हठील॰ बररवह मार बजर की कीलॱ

ॐ नी नी नी हनमत कपीसा॰ ॐ र र र हन अरर उर सीसाॱ

जय अजवन कमार बलवता ॰ शकरसवन बीर हनमताॱ

बदन कराल काल-कल-घालक॰ राम सहाय सदा परवतपालकॱ

भत, परत, वपसाच वनसाचर ॰ अवगन बताल काल मारी मरॱ

इनह मार, तोवह सपथ राम की॰ राख नाथ मरजाद नाम कीॱ

सतय होर हरर सपथ पाइ क॰ राम दत धर मार धाइ कॱ

जय जय जय हनमत अगाधा॰ दख पावत जन कवह अपराधाॱ

पजा जप तप नम अचारा॰ नवह जानत कछ दास तमहाराॱ

बन उपबन मग वगरर गह माही॰ तमहर बल हौ डरपत नाही ॱ

जनकसता हरर दास कहावौ॰ ताकी सपथ वबलब न लावौॱ

ज ज ज धवन होत अकासा॰ सवमरत होय दसह दख नासाॱ

चरन पकरर, कर जोरर मनावौ॰ यवह औसर अब कवह गोहरावौॱ

उठ, उठ, चल, तोवह राम दहाई॰ पाय परौ, कर जोरर मनाईॱ

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ॐ च च च च चपल चलता॰ ॐ हन हन हन हन हनमताॱ

ॐ ह ह हाक दत कवप चचल॰ ॐ स स सहवम परान खल-दलॱ

अपन जन को तरत उबारौ॰ सवमरत होय आनद हमारौॱ

यह बजरग-बाण जवह मार॰ तावह कहौ वफरर कवन उबारॱ

पाठ कर बजरग-बाण की॰ हनमत रकषा कर परान कीॱ

यह बजरग बाण जो जाप॰ तासो भत-परत सब कापॱ

धप दय जो जप हमसा॰ ताक तन नवह रह कलसाॱ

ॱदोहाॱ

उर परतीवत दढ, सरन हव, पाठ कर धरर धयान॰

बाधा सब हर, कर सब काम सफल हनमानॱ

ॱ इवत गोसवावम तलसीदास कत बजरग-बाण समपणण ॱ

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॥सङकटमोचन हनमानाषटक॥

बाल समय रवब भवकष वलयो तब तीनर लोक भयो अवधयारो ॰

तावह सो तरास भयो जग को यह सङकट कार सो जात न टारो ॰

दवन आवन करी वबनती तब छावड वदयो रवब कषट वनवारो ॰

को नवह जानत ह जगम कवप सङकटमोचन नाम वतहारो ॱ १ ॱ

बावल की तरास कपीस बस वगरर जात महापरभ पनथ वनहारो ॰

चौवङक महा मवन साप वदयो तब चावहय कौन वबचार वबचारो ॰

क वदवज रप वलवाय महापरभ सो तम दास क सोक वनवारो ॰

को नवह जानत ह जगम कवप सङकटमोचन नाम वतहारो ॱ २ ॱ

अङगद क सग लन गय वसय खोज कपीस यह बन उचारो ॰

जीवत ना बवचहौ हम सो ज वबना सवध ला ए इहा पग धारो ॰

हरर थक तट वसन सब तब लाय वसया सवध परान उबारो ॰

को नवह जानत ह जगम कवप सङकटमोचन नाम वतहारो ॱ ३ ॱ

रावन तरास द ई वसय को सब राकषवस सो कवह सोक वनवारो ॰

तावह समय हनमान महापरभ जाय महा रजनीचर मारो ॰

चाहत सीय असोक सो आवग स द परभ मविका सोक वनवारो ॰

को नवह जानत ह जगम कवप सङकटमोचन नाम वतहारो ॱ ४ ॱ

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बान लगयो उर लवछमन क तब परान तज सत रावन मारो ॰

ल गह बदय सषन समत तब वगरर िोन स बीर उपारो ॰

आवन सजीवन हाथ द ई तब लवछमन क तम परान उबारो ॰

को नवह जानत ह जगम कवप सङकटमोचन नाम वतहारो ॱ ५ ॱ

रावन जि अजान वकयो तब नाग वक फास सब वसर डारो ॰

शरीरघनाथ समत सब दल मोह भयो यह सङकट भारो ॰

आवन खगस तब हनमान ज बनन कावट सतरास वनवारो ॰

को नवह जानत ह जगम कवप सङकटमोचन नाम वतहारो ॱ ६ ॱ

बन समत जब अवहरावन ल रघनाथ पताल वसधारो ॰

दवबवह पवज भली वबवध सो बवल द उ सब वमवल मनतर वबचारो ॰

जाय सहाय भयो तब ही अवहरावन सनय समत सहारो ॰

को नवह जानत ह जगम कवप सङकटमोचन नाम वतहारो ॱ ७ ॱ

काज वकय बड दवन क तम बीर महापरभ दनदरख वबचारो ॰

कौन सो सङकट मोर गरीब को जो तमसो नवह जात ह टारो ॰

बवग हरो हनमान महापरभ जो कछ सङकट होय हमारो ॰

को नवह जानत ह जगम कवप सङकटमोचन नाम वतहारो ॱ ८ ॱ

ॱदोहाॱ

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लाल दह लाली लस अर धरर लाल लगर ॰

बजर दह दानव दलन जय जय जय कवप सर ॱ

वसयावर रामचि पद गवह रर ॰

उमावर शमभनाथ पद गवह रर ॰

महावीर बजरगी पद गवह रर ॰

शरणा गतो हरर ॱ

ॱ इवत गोसवावम तलसीदास कत सङकटमोचन हनमानाषटक समपणण ॱ

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॥ हनमान बाहक ॥

ॱदोहाॱ

ॱछपपयॱ

वसध तरन, वसय-सोच हरन, रवब बाल बरन तन ॰

भज वबसाल, मरवत कराल कालर को काल जन ॱ

गहन-दहन-वनरदहन लक वनःसक, बक-भव ॰

जातधान-बलवान मान-मद-दवन पवनसव ॱ

कह तलवसदास सवत सलभ सवक वहत सनतत वनकट ॰

गन गनत, नमत, सवमरत जपत समन सकल-सकट-ववकट ॱ१ॱ

सवनण-सल-सकास कोवट-रवव तरन तज घन ॰

उर ववसाल भज दणड चणड नख-वजरतन ॱ

वपग नयन, भकटी कराल रसना दसनानन ॰

कवपस कस करकस लगर, खल-दल-बल-भानन ॱ

कह तलवसदास बस जास उर मारतसत मरवत ववकट ॰

सताप पाप तवह परष पवह सपनर नवह आवत वनकट ॱ२ॱ

ॱझलनाॱ

पञचमख-छःमख भग मखय भट असर सर,

सवण सरर समर समरतथ सरो ॰

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बाकरो बीर वबरदत वबरदावली,

बद बदी बदत पजपरो ॱ

जास गनगाथ रघनाथ कह जासबल,

वबपल जल भररत जग जलवध झरो ॰

दवन दल दमन को कौन तलसीस ह,

पवन को पत रजपत ररो ॱ३ॱ

ॱघनाकषरीॱ

भानसो पढन हनमान गए भानमन,

अनमावन वसस कवल वकयो फर फारसो ॰

पावछल पगवन गम गगन मगन मन,

रम को न भरम कवप बालक वबहार सो ॱ

कौतक वबलोवक लोकपाल हररहर वववध,

लोचनवन चकाचौधी वचततवन खबार सो॰

बल क धो बीर रस धीरज क, साहस क,

तलसी सरीर धर सबवन सार सो ॱ४ॱ

भारत म पारथ क रथ कथ कवपराज,

गाजयो सवन करराज दल हल बल भो ॰

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कहयो िोन भीषम समीर सत महाबीर,

बीर-रस-बारर-वनवध जाको बल जल भो ॱ

बानर सभाय बाल कवल भवम भान लावग,

फलग फलाग रत घावट नभ तल भो ॰

नाई-नाई-माथ जोरर-जोरर हाथ जोधा जो ह,

हनमान दख जगजीवन को फल भो ॱ५ॱ

गो-पद पयोवध करर, होवलका जयो लाई लक,

वनपट वनःसक पर पर गल बल भो ॰

िोन सो पहार वलयो खयाल ही उखारर कर,

कदक जयो कवप खल बल कसो फल भो ॱ

सकट समाज असमजस भो राम राज,

काज जग पगवन को करतल पल भो ॰

साहसी समतथ तलसी को नाई जा की बाह,

लोक पाल पालन को वफर वथर थल भो ॱ६ॱ

कमठ की पीवठ जाक गोडवन की गाड मानो,

नाप क भाजन भरर जल वनवध जल भो ॰

जातधान दावन परावन को दगण भयो,

महा मीन बास वतवम तोमवन को थल भो ॱ

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कमभकरन रावन पयोद नाद ईधन को,

तलसी परताप जाको परबल अनल भो ॰

भीषम कहत मर अनमान हनमान,

साररखो वतरकाल न वतरलोक महाबल भो ॱ७ॱ

दत राम राय को सपत पत पौन को त,

अजनी को ननदन परताप भरर भान सो ॰

सीय-सोच-समन, दररत दोष दमन,

सरन आय अवन लखन वपरय पराण सो ॱ

दसमख दसह दररि दररब को भयो,

परकट वतलोक ओक तलसी वनधान सो ॰

जञान गनवान बलवान सवा सावधान,

साहब सजान उर आन हनमान सो ॱ८ॱ

दवन दवन दल भवन वबवदत बल,

बद जस गावत वबबध बदी छोर को ॰

पाप ताप वतवमर तवहन वनघटन पट,

सवक सरोरह सखद भान भोर को ॱ

लोक परलोक त वबसोक सपन न सोक,

तलसी क वहय ह भरोसो एक ओर को ॰

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राम को दलारो दास बामदव को वनवास॰

नाम कवल कामतर कसरी वकसोर को ॱ९ॱ

महाबल सीम महा भीम महाबान इत,

महाबीर वबवदत बरायो रघबीर को ॰

कवलस कठोर तन जोर पर रोर रन,

करना कवलत मन धारवमक धीर को ॱ

दजणन को कालसो कराल पाल सजजन को,

सवमर हरन हार तलसी की पीर को ॰

सीय-सख-दायक दलारो रघनायक को,

सवक सहायक ह साहसी समीर को ॱ१०ॱ

रवचब को वबवध जस, पावलब को हरर हर,

मीच माररब को, जयाईब को सधापान भो ॰

धररब को धरवन, तरवन तम दवलब को,

सोनदरखब कसान पोवषब को वहम भान भो ॱ

खल दःख दोवषब को, जन पररतोवषब को,

मावगबो मलीनता को मोदक ददान भो ॰

आरत की आरवत वनवाररब को वतर पर,

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तलसी को साहब हठीलो हनमान भो ॱ११ॱ

सवक सयोकाई जावन जानकीस मान कावन,

सानकल सलपावन नव नाथ नाक को ॰

दवी दव दानव दयावन हव जोर हाथ,

बापर बराक कहा और राजा राक को ॱ

जागत सोवत बठ बागत वबनोद मोद,

ताक जो अनथण सो समथण एक आक को ॰

सब वदन ररो पर परो जहा तहा तावह,

जाक ह भरोसो वहय हनमान हाक को ॱ१२ॱ

सानग सगौरर सानकल सलपावन तावह,

लोकपाल सकल लखन राम जानकी ॰

लोक परलोक को वबसोक सो वतलोक तावह,

तलसी तमाइ कहा कार बीर आनकी ॱ

कसरी वकसोर बनदीछोर क नवाज सब,

कीरवत वबमल कवप करनावनधान की ॰

बालक जयो पावल ह कपाल मवन वसिता को,

जाक वहय रलसवत हाक हनमान की ॱ१३ॱ

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करनावनधान बलबनदरि क वनधान हौ,

मवहमा वनधान गनजञान क वनधान हौ ॰

बाम दव रप भप राम क सनही,

नाम, लत दत अथण धमण काम वनरबान हौ ॱ

आपन परभाव सीताराम क सभाव सील,

लोक बद वबवध क वबदष हनमान हौ ॰

मन की बचन की करम की वतर परकार,

तलसी वतहारो तम साहब सजान हौ ॱ१४ॱ

मन को अगम तन सगम वकय कपीस,

काज महाराज क समाज साज साज ह ॰

दवबदी छोर रनरोर कसरी वकसोर,

जग जग जग तर वबरद वबराज ह ॰

बीर बरजोर घवट जोर तलसी की ओर,

सवन सकचान साध खल गन गाज ह ॰

वबगरी सवार अजनी कमार कीज मोवह,

जस होत आय हनमान क वनवाज ह ॱ१५ॱ

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ॱसवयाॱ

जान वसरोमवन हो हनमान सदा जन क मन बास वतहारो ॰

ढारो वबगारो म काको कहा कवह कारन खीझत हौ तो वतहारो ॱ

साहब सवक नात तो हातो वकयो सो तहा तलसी को न चारो ॰

दोष सनाय त आगर को होवशयार हव हो मन तो वहय हारो ॱ१६ॱ

तर थप उथप न महस, थप वथर को कवप ज उर घाल ॰

तर वनबाज गरीब वनबाज वबराजत बररन क उर साल ॱ

सकट सोच सब तलसी वलय नाम फट मकरी क स जाल ॰

बढ भय बवल मररवह बार, वक हारर पर बरत नत पाल ॱ१७ॱ

वसध तर बड बीर दल खल, जार ह लक स बक मवास ॰

त रवन कहरर कहरर क वबदल अरर कजर छल छवास ॱ

तोसो समतथ ससाहब सई सह तलसी दख दोष दवा स ॰

बानरबाज ! बढ खल खचर, लीजत को न लपवट लवास ॱ१८ॱ

अचछ ववमदणन कानन भावन दसानन आनन भा न वनहारो ॰

बाररदनाद अकपन कभकरन स कञजर कहरर वारो ॱ

राम परताप रतासन, कचछ, ववपचछ, समीर समीर दलारो ॰

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पाप त साप त ताप वतर त सदा तलसी कह सो रखवारो ॱ१९ॱ

ॱघनाकषरीॱ

जानत जहान हनमान को वनवाजयो जन,

मन अनमावन बवल बोल न वबसाररय ॰

सवा जोग तलसी कबर कहा चक परी,

साहब सभाव कवप सावहबी सभाररय ॱ

अपराधी जावन कीज सासवत सहस भानदरनत,

मोदक मर जो तावह मारर न माररय ॰

साहसी समीर क दलार रघबीर ज क,

बाह पीर महाबीर बवग ही वनवाररय ॱ२०ॱ

बालक वबलोवक, बवल बार त आपनो वकयो,

दीनबन दया कीनही वनरपावध नयाररय ॰

रावरो भरोसो तलसी क, रावरोई बल,

आस रावरीय दास रावरो ववचाररय ॱ

बडो वबकराल कवल काको न वबहाल वकयो,

माथ पग बवल को वनहारर सो वनबाररय ॰

कसरी वकसोर रनरोर बरजोर बीर,

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बाह पीर रार मात जयौ पछारर माररय ॱ२१ॱ

उथप थपनवथर थप उथपनहार,

कसरी कमार बल आपनो सबाररय ॰

राम क गलामवन को काम तर रामदत,

मोस दीन दबर को तवकया वतहाररय ॱ

साहब समथण तो सो तलसी क माथ पर,

सोऊ अपराध वबन बीर, बावध माररय ॰

पोखरी वबसाल बार, बवल, बाररचर पीर,

मकरी जयो पकरर क बदन वबदाररय ॱ२२ॱ

राम को सनह, राम साहस लखन वसय,

राम की भगवत, सोच सकट वनवाररय ॰

मद मरकट रोग बाररवनवध हरर हार,

जीव जामवत को भरोसो तरो भाररय ॱ

कवदय कपाल तलसी सपरम पबबयत,

सथल सबल भाल बवठ क ववचाररय ॰

महाबीर बाकर बराकी बाह पीर को न,

लवकनी जयो लात घात ही मरोरर माररय ॱ२३ॱ

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लोक परलोकर वतलोक न ववलोवकयत,

तोस समरथ चष चाररर वनहाररय ॰

कमण, काल, लोकपाल, अग जग जीवजाल,

नाथ हाथ सब वनज मवहमा वबचाररय ॱ

खास दास रावरो, वनवास तरो तास उर,

तलसी सो, दव दखी दनदरखअत भाररय ॰

बात तरमल बारसल कवपकचछ बवल,

उपजी सकवल कवप कवल ही उखाररय ॱ२४ॱ

करम कराल कस भवमपाल क भरोस,

बकी बक भवगनी कार त कहा डरगी ॰

बडी वबकराल बाल घावतनी न जात कवह,

बार बल बालक छबील छोट छरगी ॱ

आई ह बनाई बष आप ही वबचारर दख,

पाप जाय सब को गनी क पाल परगी ॰

पतना वपसावचनी जयौ कवप कानह तलसी की,

बाह पीर महाबीर तर मार मरगी ॱ२५ॱ

भाल की वक काल की वक रोष की वतरदोष की ह,

बदन वबषम पाप ताप छल छाह की ॰

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करमन कट की वक जनतर मनतर बट की,

परावह जावह पावपनी मलीन मन माह की ॱ

पहवह सजाय, नत कहत बजाय तोवह,

बाबरी न होवह बावन जावन कवप नाह की ॰

आन हनमान की दहाई बलवान की,

सपथ महाबीर की जो रह पीर बाह की ॱ२६ॱ

वसवहका सहारर बल सरसा सधारर छल,

लवकनी पछारर मारर बावटका उजारी ह ॰

लक परजारर मकरी वबदारर बार बार,

जातधान धारर धरर धानी करर डारी ह ॱ

तोरर जमकातरर मदोदरी कठोरर आनी,

रावन की रानी मघनाद महतारी ह ॰

भीर बाह पीर की वनपट राखी महाबीर,

कौन क सकोच तलसी क सोच भारी ह ॱ२७ॱ

तरो बावल कवल बीर सवन सहमत धीर,

भलत सरीर सवध सर रवव रार की ॰

तरी बाह बसत वबसोक लोक पाल सब,

तरो नाम लत रह आरवत न कार की ॱ

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साम दाम भद वववध बदर लबद वसवध,

हाथ कवपनाथ ही क चोटी चोर सार की ॰

आलस अनख पररहास क वसखावन ह,

एत वदन रही पीर तलसी क बार की ॱ२८ॱ

टकवन को घर घर डोलत कगाल बोवल,

बाल जयो कपाल नत पाल पावल पोसो ह ॰

कीनही ह सभार सार अजनी कमार बीर,

आपनो वबसारर ह न मरर भरोसो ह ॱ

इतनो परखो सब भानदरनत समरथ आज,

कवपराज साची कहौ को वतलोक तोसो ह ॰

सासवत सहत दास कीज पनदरख पररहास,

चीरी को मरन खल बालकवन कोसो ह ॱ२९ॱ

आपन ही पाप त वतरपात त वक साप त,

बढी ह बाह बदन कही न सवह जावत ह ॰

औषध अनक जनतर मनतर टोटकावद वकय,

बावद भय दवता मनाय अधीकावत ह ॱ

करतार, भरतार, हरतार, कमण काल,

को ह जगजाल जो न मानत इतावत ह ॰

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चरो तरो तलसी त मरो कहयो राम दत,

ढील तरी बीर मोवह पीर त वपरावत ह ॱ३०ॱ

दत राम राय को, सपत पत वाय को,

समतव हाथ पाय को सहाय असहाय को ॰

बाकी वबरदावली वबवदत बद गाइयत,

रावन सो भट भयो मवठका क धाय को ॱ

एत बड साहब समथण को वनवाजो आज,

सीदत ससवक बचन मन काय को ॰

थोरी बाह पीर की बडी गलावन तलसी को,

कौन पाप कोप, लोप परकट परभाय को ॱ३१ॱ

दवी दव दनज मनज मवन वसि नाग,

छोट बड जीव जत चतन अचत ह ॰

पतना वपसाची जातधानी जातधान बाग,

राम दत की रजाई माथ मावन लत ह ॱ

घोर जनतर मनतर कट कपट करोग जोग,

हनमान आन सवन छाडत वनकत ह ॰

रोध कीज कमण को परबोध कीज तलसी को,

सोध कीज वतनको जो दोष दख दत ह ॱ३२ॱ

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तर बल बानर वजताय रन रावन सो,

तर घाल जातधान भय घर घर क ॰

तर बल राम राज वकय सब सर काज,

सकल समाज साज साज रघबर क ॱ

तरो गनगान सवन गीरबान पलकत,

सजल वबलोचन वबरवच हररहर क ॰

तलसी क माथ पर हाथ फरो कीस नाथ,

दनदरखय न दास दखी तोसो कवनगर क ॱ३३ॱ

पालो तर टक को परर चक मवकय न,

कर कौडी दको हौ आपनी ओर हररय ॰

भोरानाथ भोर ही सरोष होत थोर दोष,

पोवष तोवष थावप आपनो न अव डररय ॱ

अब त हौ अब चर, अब त हौ वडभ सो न,

बवझय वबलब अवलब मर तररय ॰

बालक वबकल जावन पावह परम पवहचावन,

तलसी की बाह पर लामी लम फररय ॱ३४ॱ

घरर वलयो रोगवन, कजोगवन, कलोगवन जयौ,

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बासर जलद घन घटा धवक धाई ह ॰

बरसत बारर पीर जाररय जवास जस,

रोष वबन दोष धम मल मवलनाई ह ॱ

करनावनधान हनमान महा बलवान,

हरर हवस हावक फवक फौज त उडाई ह ॰

खाय रतो तलसी करोग राढ राकसवन,

कसरी वकसोर राख बीर बररआई ह ॱ३५ॱ

ॱसवयाॱ

राम गलाम त ही हनमान गोसाई ससाई सदा अनकलो ॰

पालयो हौ बाल जयो आखर द वपत मात सो मगल मोद समलो ॱ

बाह की बदन बाह पगार पकारत आरत आनद भलो ॰

शरी रघबीर वनवाररय पीर रहौ दरबार परो लवट ललो ॱ३६ॱ

ॱघनाकषरीॱ

काल की करालता करम कवठनाई कीधौ,

पाप क परभाव की सभाय बाय बावर ॰

बदन कभावत सो सही न जावत रावत वदन,\

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सोई बाह गही जो गही समीर डाबर ॱ

लायो तर तलसी वतहारो सो वनहारर बारर,

सीवचय मलीन भो तयो ह वतर तावर ॰

भतवन की आपनी पराय की कपा वनधान,

जावनयत सबही की रीवत राम रावर ॱ३७ॱ

पाय पीर पट पीर बाह पीर मह पीर,

जर जर सकल पीर मई ह ॰

दव भत वपतर करम खल काल गरह,

मोवह पर दवरर दमानक सी दई ह ॱ

हौ तो वबन मोल क वबकानो बवल बार हीत,

ओट राम नाम की ललाट वलनदरख लई ह ॰

कभज क वककर वबकल बढ गोखरवन,

हाय राम राय ऐसी हाल कर भई ह ॱ३८ॱ

बारक सबार नीच लीचर मरीच वमवल,

मह पीर कतजा करोग जातधान ह ॰

राम नाम जप जाग वकयो चहो सानराग,

काल कस दत भत कहा मर मान ह ॱ

सवमर सहाय राम लखन आखर दौऊ,

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वजनक समह साक जागत जहान ह ॰

तलसी सभारर ताडका सहारर भारर भट,

बध बरगद स बनाई बानवान ह ॱ३९ॱ

बालपन सध मन राम सनमख भयो,

राम नाम लत मावग खात टक टाक हौ ॰

परयो लोक रीवत म पनीत परीवत राम राय,

मोह बस बठो तोरर तरवक तराक हौ ॱ

खोट खोट आचरन आचरत अपनायो,

अजनी कमार सोधयो रामपावन पाक हौ ॰

तलसी गसाई भयो भोड वदन भल गयो,

ताको फल पावत वनदान पररपाक हौ ॱ४०ॱ

असन बसन हीन वबषम वबषाद लीन,

दनदरख दीन दबरो कर न हाय हाय को ॰

तलसी अनाथ सो सनाथ रघनाथ वकयो,

वदयो फल सील वसध आपन सभाय को ॱ

नीच यवह बीच पवत पाइ भर हाईगो,

वबहाइ परभ भजन बचन मन काय को ॰

ता त तन पवषयत घोर बरतोर वमस,

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फवट फवट वनकसत लोन राम राय को ॱ४१ॱ

जीओ जग जानकी जीवन को कहाइ जन,

मररब को बारानसी बारर सर सरर को ॰

तलसी क दोर हाथ मोदक ह ऐस ठाऊ,

जाक वजय मय सोच कररह न लरर को ॱ

मो को झटो साचो लोग राम कौ कहत सब,

मर मन मान ह न हर को न हरर को ॰

भारी पीर दसह सरीर त वबहाल होत,

सोऊ रघबीर वबन सक दर करर को ॱ४२ॱ

सीतापवत साहब सहाय हनमान वनत,

वहत उपदश को महस मानो गर क ॰

मानस बचन काय सरन वतहार पाय,

तमहर भरोस सर म न जान सर क ॱ

बयावध भत जवनत उपावध कार खल की,

समावध की ज तलसी को जावन जन फर क ॰

कवपनाथ रघनाथ भोलानाथ भतनाथ,

रोग वसध को न डाररयत गाय खर क ॱ४३ॱ

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कहो हनमान सो सजान राम राय सो,

कपावनधान सकर सो सावधान सवनय ॰

हरष ववषाद राग रोष गन दोष मई,

वबरची वबरञची सब दनदरखयत दवनय ॱ

माया जीव काल क करम क सभाय क,

करया राम बद कह साची मन गवनय ॰

तमह त कहा न होय हा हा सो बझय मोवह,

हौ र रहो मौनही वयो सो जावन लवनय ॱ४४ॱ

ॱ इवत गोसवावम तलसीदास कत हनमान बारक समपणण ॱ

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॥ शरीहनमतताणडिसतोतरम ॥

वनद वसनदरवणाणभ लोवहतामबरभवषतम ॰

रकताङगरागशोभाढय शोणापचछ कपीशवरमॱ

भज समीरननदन, सभकतवचततरञजन,

वदनशरपभकषक, समसतभकतरकषकम ॰

सकणठकायणसाधक, ववपकषपकषबाधक,

समिपारगावमन, नमावम वसिकावमनम ॱ १ॱ

सशवङकत सकणठभकतवान वह यो वहत

वचसतऱमाश धरयणमाशरयातर वो भय कदावप न ॰

इवत परवङगनाथभावषत वनशमय वानराऽवधनाथ

आप श तदा, स रामदत आशरयः ॱ २ॱ

सदीघणबारलोचनन, पचछगचछशोवभना,

भजदवयन सोदरी वनजासयगममानदरथथतौ ॰

कतौ वह कोसलावधपौ, कपीशराजसविधौ,

ववदहजशलकषमणौ, स म वशव करोतवरम ॱ ३ॱ

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सशबदशासतरपारग, ववलोक रामचिमाः,

कपीश नाथसवक, समसतनीवतमागणगम ॰

परशसय लकषमण परवत, परलमबबारभवषतः

कपीिसखयमाकरोत, सवकायणसाधकः परभः ॱ ४ॱ

परचणडवगधाररण, नगिगवणहाररण,

फणीशमातगवणरददशासयवासनाशकत ॰

ववभीषणन सखयकवदवदह जावततापरत,

सकणठकायणसाधक, नमावम यातधतकम ॱ ५ॱ

नमावम पषपमौवलन, सवणणवणणधाररण

गदायधन भवषत, वकरीटकणडलानदरनरतम ॰

सपचछगचछतचछलङकदाहक सनायक

ववपकषपकषराकषसि-सवणवशनाशकम ॱ ६ॱ

रघततमसय सवक नमावम लकषमणवपरय

वदनशवशभषणसय मिीकापरदशणकम ॰

ववदहजावतशोकतापहाररणम परहाररणम

ससकषमरपधाररण नमावम दीघणरवपणम ॱ ७ॱ

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नभसवदातमजन भासवता तवया कता

महासहा यता यया दवयोवहणत हयभतसवकतयतः ॰

सकणठ आप तारका रघततमो ववदहजा

वनपातय वावलन परभसततो दशानन खलम ॱ ८ॱ

इम सतव कजऽवन यः पठतसचतसा

नरः कपीशनाथसवको भननदरकतसवणसमपदः ॰

परवङगराजसणऱपाकताकषभाजनससदा न

शतरतो भय भवणऱदावप तसय ननदरसतऱह ॱ ९ॱ

नतराङगननदधरणीवतसरऽनङगवासर ॰

लोकशवराखयभटटन हनमतताणडव कतम ॱ १०ॱ

ॱइवत शरी हनमतताणडव सतोतरमॱ

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॥ शरीहनमतसतोतरम ॥

अकषावदराकषसहर दशकणठदपणवनमणलन

रघवराङविसरोजभकतम ॰

सीताऽववषहयघनदःखवनवारक त

वायोः सत वगवलतभानमह नमावम ॱ १ॱ

मा पशय पशय दयया वनजदवषटपातः

मा रकष रकष पररतो ररपदःखपञजात ॰

वशय कर वतरजगता वसधावधपाना

म दवह दवह महती वसधा वशरय च ॱ २ॱ

आपदभयो रकष सवणतर आञजनय नमोऽसत त ॰

बनन छदयाभकत कवपवयण नमोऽसत त ॱ ३ॱ

दवह म समपदो वनतय वतरलोचन नमोऽसत त ॰

दषटरोगान हन हन रामदत नमोऽसत त ॱ ४ॱ

उचचाटय ररपन सवाणन मोहन कर भभजाम ॰

ववदववषणो मारय तव वतरमतयाणतमक सवणदा ॱ ५ॱ

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सञजीवपवणतोिार मम दःख वनवारय ॰

घोरानपिवान सवाणन नाशयाकषासरानतक ॱ ६ॱ

एव सततवा हनमनत नरः शरिासमनदरनरतः ॰

पतरपौतरावदसवहतः सवाणन कामानवापनयात ॱ ७ॱ

मकण टश महोतसाह सवणशोकववनाशक ॰

शतरन सहर मा रकष वशरय दतवा च मा भर ॱ ८ॱ

ॱइवत शरी शरीहनमतसतोतरमॱ

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॥ शरीआञजनयसहसरनामसतोतरम ॥

ऋषय ऊचः

को मनतरः वकम तदधयान तिो बरवह यथाथणतः ॰

कथासधारस पीतवा न तपयामः परनतप ॱ १ॱ

वालमीवकरवाच:

मनतर हनमतो ववनदरि भनदरकतमनदरकतपरदायकम ॰

महाररषटमहापापसवणदःखवनवारणम ॱ २ॱ

ॐ ऐ हरी शरी ॰ हनमत रामदताय

लङकाववधवसनायाञजनागभणसमभताय

शावकनी डावकनी ववधवसनाय वकवलवकवल भभकाररण ववभीषणाय

हनमत दवाय ओ हरी हरौ हरा हर फट सवाहा ॱ

अनय हनमतो मनतर सहसर नामसनदरञजञतम ॰

जाननत ऋषयः सव महादररतनाशनम ॱ ३ॱ

यसय ससमरणात सीता लबना राजयमकणटकम ॰

ववभीषणाय च ददावातमान लबधवान यथा ॱ ४ॱ

ऋषय ऊचः

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सहसरनामसनमनतर दःखाघौघवनवारणम ॰

वालमीक बरवह नसतण शशरषामः कथा पराम ॱ

वालमीवकरवाच

रणरनत ऋषयः सव सहसरनामक सतवम ॰

सतवानामततम वदवय सदथणसय परकाशकम ॱ

असय शरीहनमतसहसरनामसतोतरमहामनतरसय

शरीरामचि ऋवषः,

हनमान दवता ॰

अनषटप छनदः ॰

हरा हरी हर हरः बीजम ॰

शरीररवत शनदरकतः ॰

वकवलवकवल भर भर कारणवत कीलकम ॰

लङकाववधवसनायवत कवचम ॰

मम सवोपिवशानतयथ सवणकामाना वसदधयथ जप वववनयोगः ॰

ॐ ऐ हरी हनमत रामदताय अङगषठाभा नमः ॰

लङकाववधवसनाय तजणनीभा नमः ॰

अञजनागभणसमभताय मधयमाभा नमः ॰

शावकनी डावकनी ववधवसनाय अनावमकाभा नमः ॰

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ॐ वकवल वकवल भर भर कारण ववभीषणाय हनमत दवाय कवनवषठकाभा

नमः ॰

ॐ शरी हरी हर हरा फट सवाहा करतलकरपषठाभा नमः ॰

ॐ हनमत रामदताय रदयाय नमः ॰

लङकाववधवसनाय वशरस सवाहा नमः ॰

ॐ हरौ अञजनागभणसमभताय वशखाय वौषट ॰

ॐ हरा शावकनीडावकनी धवसनाय कवचाय रम ॰

ॐ वकवल वकवल भर भर कारण ववभीषणाय हनमत दवाय नतरतरयाय वौषट

ॐ शरी हरी हरौ हरा फट सवाहा ॰ असतराय फट ॰

ॱधयानमॱ

परतपतसवणणवणाणभ सरकतारणलोचनम ॰

सगरीवावदयत धयायत पीतामबरसमावतम ॱ

गोषपदीकतवारावश पचछमसतकमीशवरम ॰

जञानमिा च वबभराण सवाणलङकारभवषतम ॱ

वामहसतसमाकषटदशासयाननमणडलम ॰

उदयददवकषणदोदणणड हनमनत वववचनतयत ॱ

हनमान शरीपरदो वायपतरो रिो नयोऽजरः ॰

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अमतयवीरवीरशच गरामवासो जनाशरयः ॱ १ॱ

धनदो वनगणणाकारो वीरो वनवधपवतमणवनः ॰

वपङगाकषो वरदो वागमी सीताशोकववनाशनः ॱ २ॱ

वशवः शवणः परोऽवयकतो वयकतावयकतो धराधरः ॰

वपङगकशः वपङगरोमा शरवतगमयः सनातनः ॱ ३ॱ

अनावदभणगवान वदवयो ववशवहतनणराशरयः ॰

आरोगयकताण ववशवशो ववशवनाथो हरीशवरः ॱ ४ॱ

भगो रामो रामभकतः कलयाणपरकतीशवरः ॰

ववशवमभरो ववशवमवतणववणशवाकारोऽथ ववशवपः ॱ ५ॱ

ववशवातमा ववशवसवयोऽथ ववशवो ववशवधरो रववः ॰

ववशवचषटो ववशवगमयो ववशवधययःकलाधरः ॱ ६ॱ

परवङगमः कवपशरषठो जयषठो वदयो वनचरः ॰

बालो विो यवा तततव तततवगमयः सखा हयजः ॱ ७ॱ

अञजनासनरवयगरो गरामसयानतो धराधरः ॰

भभणवःसवमणहलोको जनोलोकसतपोऽवययः ॱ ८ॱ

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सतयमोङकारगमयशच परणवो वयापकोऽमलः ॰

वशवधमणपरवतषठाता रामषटः फलगनवपरयः ॱ ९ॱ

गोषपदीकतवारीशः पणणकामो धरापवतः ॰

रकषोघनः पणडरीकाकषः शरणागतवतसलः ॱ १०ॱ

जानकीपराणदाता च रकषःपराणापहारकः ॰

पणणः सतयः पीतवासा वदवाकरसमपरभः ॱ ११ॱ

िोणहताण शनदरकतनता शनदरकतराकषसमारकः ॰

अकषघनो रामदतशच शावकनीजीववताहरः ॱ १२ॱ

बभकारहतारावतगणवणपवणतमदणनः ॰

हतसतऱहतः पराशशच ववशवकताण जगदगरः ॱ १३ॱ

जगिाथो जगिता जगदीशो जनशवरः ॰

जगनदररशरतो हररः शरीशो गरडसमयभञजकः ॱ १४ॱ

पाथणधवजो वायपतरः वसतपचछोऽवमतपरभः ॰

बरहमपचछः परबरहमपचछो रामषटकारकः ॱ १५ॱ

सगरीवावदयतो जञानी वानरो वानरशवरः ॰

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कलपथथायी वचरञजीवी परसिशच सदावशवः ॱ १६ॱ

सनमवतः सदगवतभणनदरकतमनदरकतदः कीवतणदायकः ॰

कीवतणः कीवतणपरदशचव समिः शरीपरदः वशवः ॱ १७ॱ

उदवधरमणो दवः ससारभयनाशनः ॰

वावलबननकवदवशवजता ववशवपरवतवषठतः ॱ १८ॱ

लङकाररः कालपरषो लङकशगहभञजनः ॰

भतावासो वासदवो वसनदरसतरभवनशवरः ॱ

शरीरामरपः कषणसत लङकापरासादभञजनः ॰

कषणः कषणसततः शानतः शानदरनतदो ववशवभावनः ॱ २०ॱ

ववशवभोकताऽथ मारघनो बरहमचारी वजतनदरियः ॰

ऊधवणगो लाङगली माली लाङगलाहतराकषसः ॱ २१ॱ

समीरतनजो वीरो वीरमारो जयपरदः ॰

जगनमङगलदः पणयः पणयशरवणकीतणनः ॱ २२ॱ

पणयकीवतणः पणयगीवतजणगतपावनपावनः ॰

दवशोऽवमतरोमाऽथ रामभकतववधायकः ॱ २३ॱ

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धयाता धययो जगतसाकषी चता चतनयववगरहः ॰

जञानदः पराणदः पराणो जगतपराणः समीरणः ॱ २४ॱ

ववभीषणवपरयः शरः वपपपलाशरयवसनदरिदः ॰

वसिः वसिाशरयः कालः कालभकषकपवजतः ॱ २५ॱ

लङकशवनधनथथायी लङकादाहक ईशवरः ॰

चिसयाणविनतरशच कालाविः परलयानतकः ॱ २६ॱ

कवपलः कवपशः पणयरावतदवाणदशरावशगः ॰

सवाणशरयोऽपरमयातमा रवतयावदवनवारकः ॱ २७ॱ

लकषमणपराणदाता च सीताजीवनहतकः ॰

रामधयायी रषीकशो ववषणभकतो जटी बली ॱ २८ॱ

दवाररदपणहा होता धाता कताण जगतपरभः ॰

नगरगरामपालशच शिो बिो वनरनतरः ॱ २९ॱ

वनरञजनो वनववणकलपो गणातीतो भयङकरः ॰

हनमाशच दराराधयसतपःसाधयो महशवरः ॱ ३०ॱ

जानकीघनशोकोतथतापहताण पराशरः ॰

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वाङङयः सदसिपः कारण परकतः परः ॱ ३१ॱ

भागयदो वनमणलो नता पचछलङकाववदाहकः ॰

पचछबिो यातधानो यातधानररपवपरयः ॱ ३२ॱ

छायापहारी भतशो लोकशः सदगवतपरदः ॰

परवङगमशवरः रोधः रोधसरकतलोचनः ॱ ३३ॱ

रोधहताण तापहताण भकताभयवरपरदः ॰

भकतानकमपी ववशवशः पररतः परनदरः ॱ ३४ॱ

अविववणभावसभाणसवान यमो वनरवतरव च ॰

वरणो वायगवतमान वायः कबर ईशवरः ॱ ३५ॱ

रववशचिः कजः सौमयो गरः कावयः शनशचरः ॰

रारः कतमणरददाता धाता हताण समीरजः ॱ ३६ॱ

मशकीकतदवाररदतयाररमणधसदनः ॰

कामः कवपः कामपालः कवपलो ववशवजीवनः ॱ ३७ॱ

भागीरथीपदामभोजः सतबनववशारदः ॰

सवाहा सवधा हववः कवय हवयवाहः परकाशकः ॱ ३८ॱ

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सवपरकाशो महावीरो मधरोऽवमतववरमः ॰

उडडीनोडडीनगवतमान सदगवतः परषोततमः ॱ

जगदातमा जगदयोवनजणगदनतो हयननतरः ॰

ववपापमा वनषकलङकोऽथ महान महदहङकवतः ॱ ४०ॱ

ख वायः पवथवी चापो ववनवदणक काल एकलः ॰

कषतरजञः कषतरपालशच पलवलीकतसागरः ॱ ४१ॱ

वहरणमयः पराणशच खचरो भचरो मनः ॰

वहरणयगभणः सतरातमा राजराजो ववशा पवतः ॱ ४२ॱ

वदानतवदय उदगीथो वदाङगो वदपारगः ॰

परवतगरामनदरथथतः सदयः सफवतणदाता गणाकरः ॱ ४३ॱ

नकषतरमाली भतातमा सरवभः कलपपादपः ॰

वचनतामवणगणणवनवधः परजादवारमनततमः ॱ ४४ॱ

पणयशलोकः परारावतः मवतमान शवणरीपवतः ॰

वकनदरिलारावसनतरसतभतपरतवपशाचकः ॱ ४५ॱ

ऋणतरयहरः सकषमः थथलः सवणगवतः पमान ॰

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अपसमारहरः समताण शरवतगाणथा समवतमणनः ॱ ४६ॱ

सवगणदवार परजादवार मोकषदवार यतीशवरः ॰

नादरप पर बरहम बरहम बरहमपरातनः ॱ ४७ॱ

एकोऽनको जनः शकलः सवयञजयोवतरनाकलः ॰

जयोवतजयोवतरनावदशच सानदरतवको राजससतमः ॱ ४८ॱ

तमोहताण वनरालमबो वनराकारो गणाकरः ॰

गणाशरयो गणमयो बहणऱायो बहदयशाः ॱ

बहिनबणहतपादो बहनमधाण बहतसवनः ॰

बहणऱणो बहिासो बहदबारबणहततनः ॱ ५०ॱ

बहदगलो बहणऱायो बहतपचछो बहणऱरः ॰

बहदगवतबणहतसवो बहलरोकफलपरदः ॱ ५१ॱ

बहदभनदरकतबणहदवाञछाफलदो बहदीशवरः ॰

बहलरोकनतो िषटा ववदयादाता जगदगरः ॱ ५२ॱ

दवाचायणः सतयवादी बरहमवादी कलाधरः ॰

सपतपातालगामी च मलयाचलसशरयः ॱ ५३ॱ

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उततराशानदरथथतः शरीशो वदवयौषवधवशः खगः ॰

शाखामगः कपीिोऽथ पराणः पराणचञचरः ॱ ५४ॱ

चतरो बराहमणो योगी योवगगमयः परोऽवरः ॰

अनावदवनधनो वयासो वकणठः पवथवीपवतः ॱ ५५ॱ

अपरावजतो वजतारावतः सदाननदद ईवशता ॰

गोपालो गोपवतयोिा कवलः सफालः परातपरः ॱ ५६ॱ

मनोवगी सदायोगी ससारभयनाशनः ॰

तततवदाताऽथ तततवजञसतततव तततवपरकाशकः ॱ ५७ॱ

शिो बिो वनतययकतो भकताकारो जगिथः ॰

परलयोऽवमतमायशच मायातीतो ववमतसरः ॱ ५८ॱ

मायावनवजणतरकषाशच मायावनवमणतववषटपः ॰

मायाशरयशच वनलपो मायावनवणतणकः सखी ॱ

सखी(ख) सखपरदो नागो महशकतससतवः ॰

महशवरः सतयसनः शरभः कवलपावनः ॱ ६०ॱ

रसो रसजञः सनमानो रप चकषः शरती रवः ॰

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िाण गनः सपशणन च सपशो वहङकारमानगः ॱ ६१ॱ

नवत नतीवत गमयशच वकणठभजनवपरयः ॰

वगररशो वगररजाकानतो दवाणसाः कववरवङगराः ॱ ६२ॱ

भगवणवसषठशचयवनो नारदसतमबरहणरः ॰

ववशवकषतर ववशवबीज ववशवनतर च ववशवपः ॱ ६३ॱ

याजको यजमानशच पावकः वपतरसतथा ॰

शरिा बनदरिः कषमा तिा मनतरो मनतरवयता सरः ॱ ६४ॱ

राजिो भपती रढो माली ससारसारवथः ॰

वनतयः समपणणकामशच भकतकामधगततमः ॱ ६५ॱ

गणपः कशवो भराता वपता माताऽथ मारवतः ॰

सहसरमधाण सहसरासयः सहसराकषः सहसरपात ॱ ६६ॱ

कामवजत कामदहनः कामः कामयफलपरदः ॰

मिोपहारी रकषोघनः वकषवतभारहरो बलः ॱ ६७ॱ

नखदषटर ायधो ववषणभकतो भकताभयपरदः ॰

दपणहा दपणदो दषटर ाशतमवतणरमवतणमान ॱ ६८ॱ

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महावनवधमणहाभागो महाभगो महनदरिणदः ॰

महाकारो महायोगी महातजा महादयवतः ॱ

महाकमाण महानादो महामनतरो महामवतः ॰

महाशमो महोदारो महादवातमको ववभः ॱ ७०ॱ

रिकमाण ररकमाण रतननाभः कतागमः ॰

अमभोवधलङघनः वसिः सतयधमाण परमोदनः ॱ ७१ॱ

वजतावमतरो जयः सोमो ववजयो वायवाहनः ॰

जीवो धाता सहसराशमणकनदो भररदवकषणः ॱ ७२ॱ

वसिाथणः वसनदरिदः वसिः सङकलपः वसनदरिहतकः ॰

सपतपातालचरणः सपतवषणगणवनदरनदतः ॱ ७३ॱ

सपतानदरबधलङघनो वीरः सपतदवीपोरमणडलः ॰

सपताङगराजयसखदः सपतमातवनषववतः ॱ ७४ॱ

सपतलोककमकटः सपतहोतरः सवराशरयः ॰

सपतसामोपगीतशच सपतपातालसशरयः ॱ ७५ॱ

सपतचछनदोवनवधः सपतचछनदः सपतजनाशरयः ॰

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मधादः कीवतणदः शोकहारी दौभाणगयनाशनः ॱ ७६ॱ

सवणवशयकरो गभणदोषहा पतरपौतरदः ॰

परवतवावदमखसतमभो रषटवचततपरसादनः ॱ ७७ॱ

परावभचारशमनो दःखहा बनमोकषदः ॰

नवदवारपराधारो नवदवारवनकतनः ॱ ७८ॱ

नरनारायणसततयो नवनाथमहशवरः ॰

मखली कवची खडगी भरावजषणवजणषणसारवथः ॱ

बरयोजनववसतीणणपचछः पचछहतासरः ॰

दषटहनता वनयवमता वपशाचगरहशातनः ॱ ८०ॱ

बालगरहववनाशी च धमणनता कपाकरः ॰

उगरकतयशचोगरवग उगरनतरः शतरतः ॱ ८१ॱ

शतमनयसततः सततयः सतवतः सतोता महाबलः ॰

समगरगणशाली च वयगरो रकषोववनाशनः ॱ ८२ॱ

रकषोऽविदावो बरहमशः शरीधरो भकतवतसलः ॰

मघनादो मघरपो मघववषटवनवारणः ॱ ८३ॱ

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मघजीवनहतशच मघशयामः परातमकः ॰

समीरतनयो धाता तततवववदयाववशारदः ॱ ८४ॱ

अमोघोऽमोघववषटशचाभीषटदोऽवनषटनाशनः ॰

अथोऽनथाणपहारी च समथो रामसवकः ॱ ८५ॱ

अथी धनयोऽसरारावतः पणडरीकाकष आतमभः ॰

सङकषणणो ववशिातमा ववदयारावशः सरशवरः ॱ ८६ॱ

अचलोिारको वनतयः सतकिामसारवथः ॰

आननदः परमाननदो मतसयः कमो वनवधः शयः ॱ ८७ॱ

वराहो नारवसहशच वामनो जमदविजः ॰

रामः कषणः वशवो बिः किी रामाशरयो हररः ॱ ८८ॱ

ननदी भङगी च चणडी च गणशो गणसववतः ॰

कमाणधयकषः सरारामो ववशरामो जगतीपवतः ॱ

जगिाथः कपीशशच सवाणवासः सदाशरयः ॰

सगरीवावदसततो दानतः सवणकमाण परवङगमः ॱ ९०ॱ

नखदाररतरकषशच नखयिववशारदः ॰

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कशलः सधनः शषो वासवकसतकषकसतथा ॱ ९१ॱ

सवणणवणो बलाढयशच परजताऽघनाशनः ॰

कवलयदीपः कवलयो गरडः पिगो गरः ॱ ९२ॱ

कलीकलीरावहतारावतगवणः पवणतभदनः ॰

वजराङगो वजरवकतरशच भकतवजरवनवारकः ॱ ९३ॱ

नखायधो मवणगरीवो जवालामाली च भासकरः ॰

परौढपरतापसतपनो भकततापवनवारकः ॱ ९४ॱ

शरण जीवन भोकता नानाचषटोऽथ चञचलः ॰

सवथथसतऱसवासथयहा दःखशातनः पवनातमजः ॱ ९५ॱ

पवनः पावनः कानतो भकताङगः सहनो बलः ॰

मघनादररपमघनादसरतराकषसः ॱ ९६ॱ

कषरोऽकषरो ववनीतातमा वानरशः सताङगवतः ॰

शरीकणठः वशवतकणठशच सहायः सहनायकः ॱ ९७ॱ

अथथलसतऱनणभणगो दवससवतनाशनः ॰

अधयातमववदयासारशचापयधयातमकशलः सधीः ॱ ९८ॱ

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अकलमषः सतयहतः सतयदः सतयगोचरः ॰

सतयगभणः सतयरपः सतयः सतयपरारमः ॱ ९९ॱ

अञजनापराणवलङग च वायवशोदभवः शरवतः ॰

भिरपो रिरपः सरपवशचतररपधक ॱ १००ॱ

मनाकवनदरनदतः सकषमदशणनो ववजयो जयः ॰

रानतवदङङणडलो रिः परकटीकतववरमः ॱ १०१ॱ

कमबकणठः परसिातमा हरसवनासो वकोदरः ॰

लमबोषठः कणडली वचतरमाली योगववदा वरः ॱ १०२ॱ

ववपवशचत कववराननदववगरहोऽनलपनाशनः ॰

फालगनीसनरवयगरो योगातमा योगततपरः ॱ १०३ॱ

योगववदयोगकताण च योगयोवनवदणगमबरः ॰

अकारावदकषकारानतवणणवनवमणतववगरहः ॱ १०४ॱ

उलखलमखः वसिससततः परमशवरः ॰

नदरशलषटजङघः नदरशलषटजानः नदरशलषटपावणः वशखाधरः ॱ १०५ॱ

सशमाणऽवमतधमाण च नारायणपरायणः ॰

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वजषणभणववषण रोवचषणगरणवसषणः थथाणरव च ॱ १०६ॱ

हरी रिानकदवकषकमपनो भवमकमपनः ॰

गणपरवाहः सतरातमा वीतरागः सतवतवपरयः ॱ १०७ॱ

नागकनयाभयधवसी कतपणणः कपालभत ॰

अनकलोऽकषयोऽपायोऽनपायो वदपारगः ॱ १०८ॱ

अकषरः परषो लोकनाथथयकषः परभदणढः ॰

अषटाङगयोगफलभः सतयसनः परषटतः ॱ १०९ॱ

शमशानथथानवनलयः परतवविावणकषमः ॰

पञचाकषरपरः पञचमातको रञजनो धवजः ॱ ११०ॱ

योवगनीवनदवनदयशरीः शतरघनोऽननतववरमः ॰

बरहमचारीनदरियवपधणतदणडो दशातमकः ॱ १११ॱ

अपरपञचः सदाचारः शरसनो ववदारकः ॰

बिः परमोद आननदः सपतवजहवपवतधणरः ॱ ११२ॱ

नवदवारपराधारः परतयगरः सामगायनः ॰

षटचरधामा सवलोकभयरनमानदो मदः ॱ ११३ॱ

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सवणवशयकरः शनदरकतरननतोऽननतमङगलः ॰

अषटमवतणधरो नता ववरपः सवरसनदरः ॱ ११४ॱ

धमकतमणहाकतः सतयकतमणहारथः ॰

ननदीवपरयः सवतनतरशच मखली डमरवपरयः ॱ ११५ॱ

लोवहताङगः सवमदववनः षडतः शवण ईशवरः ॰

फलभक फलहसतशच सवणकमणफलपरदः ॱ ११६ॱ

धमाणधयकषो धमणफलो धमो धमणपरदोऽथणदः ॰

पञचववशवततततवजञसतारको बरहमततपरः ॱ ११७ॱ

वतरमागणवसवतभीमः सवणदषटवनबहणणः ॰

ऊजणःसवामी जलसवामी शली माली वनशाकरः ॱ ११८ॱ

रकतामबरधरो रकतो रकतमालयववभषणः ॰

वनमाली शभाङगशच शवतः शवतामबरो यवा ॱ ११९ॱ

जयोऽजयपरीवारः सहसरवदनः कववः ॰

शावकनीडावकनीयकषरकषोभतपरभञजनः ॱ १२०ॱ

सदयोजातः कामगवतजञाणनमवतणयणशसकरः ॰

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शमभतजाः सावणभौमो ववषणभकतः परवङगमः ॱ १२१ॱ

चतणणववतमनतरजञः पौलसतयबलदपणहा ॰

सवणलकषमीपरदः शरीमानङगदवपरयवधणनः ॱ १२२ॱ

समवतबीज सरशानः ससारभयनाशनः ॰

उततमः शरीपरीवारः शरीभरगरशच कामधक ॱ १२३ॱ

सदागवतमाणतररशवा रामपादाबजषटपदः ॰

नीलवपरयो नीलवणो नीलवणणवपरयः सरत ॱ १२४ॱ

रामदतो लोकबनरनतरातमा मनोरमः ॰

शरीरामधयानकदवीरः सदा वकमपरषसततः ॱ १२५ॱ

रामकायाणनतरङगशच शनदरिगणवतरनामयः ॰

पणयशलोकः पराननदः परशवपरयसारवथः ॱ १२६ॱ

लोकसवामी मनदरकतदाता सवणकारणकारणः ॰

महाबलो महावीरः पारावारगवतगणरः ॱ १२७ॱ

तारको भगवासतराता सवनदरसतदाता समङगलः ॰

समसतलोकसाकषी च समसतसरवनदरनदतः ॰

अईतासमतशरीरामपादसवाधरनरः ॱ १२८ॱ

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इद नामसहसर त योऽधीत परतयह नरः ॰

दःखौघो नशयत वकषपर समपवततवणधणत वचरम ॰

वशय चतववणध तसय भवतयव न सशयः ॱ १२९ॱ

राजानो राजपतराशच राजकीयाशच मनदरनतरणः ॰

वतरकाल पठनादसय दशयनत च वतरपकषतः ॱ १३०ॱ

अशवतथमल जपता नानदरसत वररकत भयम ॰

वतरकालपठनादसय वसनदरिः सयात करसनदरथथता ॱ १३१ॱ

बराहम मरत चोतथाय परतयह यः पठिरः ॰

ऐवहकामनदरिकान सोऽवप लभत नातर सशयः ॱ १३२ॱ

सङगराम सविववषटाना वररवविावण भवत ॰

जवरापसमारशमन गलमावदवयावधवारणम ॱ १३३ॱ

सामराजयसखसमपवततदायक जपता नणाम ॰

य इद पठत वनतय पाठयदवा समावहतः ॰

सवाणन कामानवापनोवत वायपतरपरसादतः ॱ १३४ॱ

ॱ शरी आञजनयसहसरनामसतोतर हनमतसहसरनामसतोतर च समपणणम ॱ

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॥ शरीआञजनय दवादशनामसतोतरम ॥

हनमानञजनासनः वायपतरो महाबलः ॰

रामषटः फलगणसखः वपङगाकषोऽवमतववरमः ॱ १ॱ

उदवधरमणशचव सीताशोक ववनाशकः ॰

लकषमण पराणदाताच दशगरीवसय दपणहा ॱ २ॱ

दवादशतावन नामावन कपीिसय महातमनः ॰

सवापकाल पठवितय यातराकाल ववशषतः ॰

तसयमतय भयनानदरसत सवणतर ववजयीभवत ॱ

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॥ शरीआञजनयसहसरनामािली ॥

ॐ हनमत नमः ॰

ॐ शरी परदाय नमः ॰

ॐ वाय पतराय नमः ॰

ॐ रिाय नमः ॰

ॐ अनघाय नमः ॰

ॐ अजराय नमः ॰

ॐ अमतयवीरवीराय नमः ॰

ॐ गरामावासाय नमः ॰

ॐ जनाशरयाय नमः ॰

ॐ धनदाय नमः ॰

ॐ वनगणणाय नमः ॰

ॐ शराय नमः ॰

ॐ वीराय नमः ॰

ॐ वनवधपवतमणनय नमः ॰

ॐ वप नगाकषाय नमः ॰

ॐ वरदाय नमः ॰

ॐ वागमी सीता शोक

ववनाशकाय नमः ॰

ॐ वशवाय नमः ॰

ॐ शवाणय नमः ॰

ॐ पराय नमः ॰

ॐ अवयकताय नमः ॰

ॐ वयकतावयकताय नमः ॰

ॐ धराधराय नमः ॰

ॐ वप नगकशाय नमः ॰

ॐ वपनगरोमा शरवतगमयाय नमः ॰

ॐ सनातनाय नमः ॰

ॐ अनावदभणगवानाय नमः ॰

ॐ दवाय नमः ॰

ॐ ववशव हतवनणराशरयाय नमः ॰

ॐ आरोगयकताण ववशवशाय नमः॰

ॐ ववशवनाथाय नमः ॰

ॐ हरीशवराय नमः ॰

ॐ भगाणय नमः ॰

ॐ रामाय नमः ॰

ॐ राम भकताय नमः ॰

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ॐ कलयाणाय नमः ॰

ॐ परकवत नदरथथराय नमः ॰

ॐ ववशवमभराय नमः ॰

ॐ ववशवमतणय नमः ॰

ॐ ववशवाकाराय नमः ॰

ॐ ववशवपाय नमः ॰

ॐ ववशवातमा ववशवसवयाय नमः ॰

ॐ अथ ववशवाय नमः ॰

ॐ ववशवहराय नमः ॰

ॐ रवय नमः ॰

ॐ ववशवचषटाय नमः ॰

ॐ ववशवगमयाय नमः ॰

ॐ ववशवधययाय नमः ॰

ॐ कलाधराय नमः ॰

ॐ परवङगमाय नमः ॰

ॐ कवपशरषटाय नमः ॰

ॐ वदवदयाय नमः ॰

ॐ वनचराय नमः ॰

ॐ बालाय नमः ॰

ॐ विाय नमः ॰

ॐ यवा तततवाय नमः ॰

ॐ तततवगमयाय नमः ॰

ॐ सखाय नमः ॰

ॐ हयजाय नमः ॰

ॐ अनजनासनरवयगराय नमः ॰

ॐ गराम खयाताय नमः ॰

ॐ धराधराय नमः ॰

ॐ भभणवथसवमणहलोकाय नमः ॰

ॐ जनाय नमः ॰

ॐ लोकसतपाय नमः ॰

ॐ अवययाय नमः ॰

ॐ सतयमोमकार गमयाय नमः ॰

ॐ परणवाय नमः ॰

ॐ वयापकाय नमः ॰

ॐ अमलाय नमः ॰

ॐ वशवाय नमः ॰

ॐ धमण परवतषठाता रामषटाय नमः

ॐ फलगणवपरयाय नमः ॰

ॐ गोषपदीकतवारीशाय नमः ॰

ॐ पणणकामाय नमः ॰

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ॐ धरापतय नमः ॰

ॐ रकषोघनाय नमः ॰

ॐ पणडरीकाकषाय नमः ॰

ॐ शरणागतवतसलाय नमः ॰

ॐ जानकी पराण दाता रकषाय

नमः ॰

ॐ पराणापहारकाय नमः ॰

ॐ पणणसततवाय नमः ॰

ॐ पीतवासा वदवाकर

समपरभाय नमः ॰

ॐ िोणहताण शनदरकतनता शनदरकत

राकषस मारकाय नमः ॰

ॐ अकषघनाय नमः ॰

ॐ रामदताय नमः ॰

ॐ शावकनी जीव हारकाय नमः

ॐ भभकार हतारावतदणषट गवण

परमदणनाय नमः ॰

ॐ हतव नमः ॰

ॐ सहतव नमः ॰

ॐ परशव नमः ॰

ॐ ववशवभताण जगदगरव नमः ॰

ॐ जगरराता जगिथाय नमः ॰

ॐ जगदीशाय नमः ॰

ॐ जनशवराय नमः ॰

ॐ जगनदरतपता हरय नमः ॰

ॐ शरीशाय नमः ॰

ॐ गरडसमयभञजनाय नमः ॰

ॐ पाथणधवजाय नमः ॰

ॐ वायसताय नमः ॰

ॐ अवमत पचछाय नमः ॰

ॐ अवमत परभाय नमः ॰

ॐ बरहम पचछाय नमः ॰

ॐ परबरहमापचछाय नमः ॰

ॐ रामषट एवाय नमः ॰

ॐ सगरीवावद यताय नमः ॰

ॐ जञानी वानराय नमः ॰

ॐ वानरशवराय नमः ॰

ॐ कलपथथायी वचरञजीवी

परसिाय नमः ॰

ॐ सदा वशवाय नमः ॰

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ॐ सितय नमः ॰

ॐ सदगतय नमः ॰

ॐ भनदरकत मनदरकतदाय नमः ॰

ॐ कीवतण दायकाय नमः ॰

ॐ कीतणय नमः ॰

ॐ कीवतणपरदाय नमः ॰

ॐ इव समिाय नमः ॰

ॐ शरीपरदाय नमः ॰

ॐ वशवाय नमः ॰

ॐ उदवधरमणाय नमः ॰

ॐ दवाय नमः ॰

ॐ ससार भय नाशनाय नमः ॰

ॐ वावधण बननकद ववशव जता

ववशव परवतवषठताय नमः ॰

ॐ लङकारय नमः ॰

ॐ कालपरषाय नमः ॰

ॐ लङकश गह भञजनाय नमः ॰

ॐ भतावासाय नमः ॰

ॐ वासदवाय नमः ॰

ॐ वसनदरसतरभवनशवराय नमः ॰

ॐ शरीरामदताय नमः ॰

ॐ कषणाय नमः ॰

ॐ लङकापरासादभञजकाय नमः ॰

ॐ कषणाय नमः ॰

ॐ कषण सतताय नमः ॰

ॐ शानताय नमः ॰

ॐ शानदरनतदाय नमः ॰

ॐ ववशवपावनाय नमः ॰

ॐ ववशव भोकता मारघनाय नमः ॰

ॐ बरहमचारी वजतनदरियाय नमः ॰

ॐ ऊधवणगाय नमः ॰

ॐ लानगली मावल लानगल हत

राकषसाय नमः ॰

ॐ समीर तनजाय नमः ॰

ॐ वीराय नमः ॰

ॐ वीरमाराय नमः ॰

ॐ जयपरदाय नमः ॰

ॐ जगनमनगलदाय नमः ॰

ॐ पणयाय नमः ॰

ॐ पणय शरवण कीतणनाय नमः ॰

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ॐ पणयकीतणय नमः ॰

ॐ पणय गवतजणगतपावन पावनाय

नमः ॰

ॐ दवशाय नमः ॰

ॐ वजतमाराय नमः ॰

ॐ राम भनदरकत ववधायकाय

नमः॰

ॐ धयाता धययाय नमः ॰

ॐ भगाय नमः ॰

ॐ साकषी चत चतनय ववगरहाय

नमः ॰

ॐ ञानदाय नमः ॰

ॐ पराणदाय नमः ॰

ॐ पराणाय नमः ॰

ॐ जगतपराणाय नमः ॰

ॐ समीरणाय नमः ॰

ॐ ववभीषण वपरयाय नमः ॰

ॐ शराय नमः ॰

ॐ वपपपलायन वसनदरिदाय नमः ॰

ॐ सरताय नमः ॰

ॐ वसिाशरयाय नमः ॰

ॐ कालाय नमः ॰

ॐ काल भकषक भञजनाय नमः ॰

ॐ लङकश वनधनाय नमः ॰

ॐ थथायी लङका दाहक ईशवराय

नमः ॰

ॐ चि सयण अवि नतराय नमः ॰

ॐ कालािय नमः ॰

ॐ परलयानतकाय नमः ॰

ॐ कवपलाय नमः ॰

ॐ कपीशाय नमः ॰

ॐ पणयराशय नमः ॰

ॐ दवादश रावशगाय नमः ॰

ॐ सवाणशरयाय नमः ॰

ॐ अपरमयतमा रवतयावद

वनवारकाय नमः ॰

ॐ लकषमण पराणदाता सीता

जीवन हतकाय नमः ॰

ॐ रामधययाय नमः ॰

ॐ रषीकशाय नमः ॰

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ॐ ववषण भकताय नमः ॰

ॐ जटी बली

ॐ दवाररदपणहा होता कताण हताण

जगतपरभव नमः ॰

ॐ नगर गराम पालाय नमः ॰

ॐ शिाय नमः ॰

ॐ बिाय नमः ॰

ॐ वनरनतराय नमः ॰

ॐ वनरञजनाय नमः ॰

ॐ वनववणकलपाय नमः ॰

ॐ गणातीताय नमः ॰

ॐ भयङकराय नमः ॰

ॐ हनमा: दराराधयाय नमः ॰

ॐ तपससाधयाय नमः ॰

ॐ महशवराय नमः ॰

ॐ जानकी घनशोकोतथतापहताण

परातपराय नमः ॰

ॐ वाडमभाय नमः ॰

ॐ सदसिपाय नमः ॰

ॐ कारणाय नमः ॰

ॐ परकतः पराय नमः ॰

ॐ भागयदाय नमः ॰

ॐ वनमणलाय नमः ॰

ॐ नता पचछ लङका ववदाहकाय

नमः ॰

ॐ पचछबिाय नमः ॰

ॐ यातधानाय नमः ॰

ॐ यातधान ररपवपरयाय नमः ॰

ॐ चायापहारी भतशाय नमः ॰

ॐ लोकश सदगवत परदाय नमः ॰

ॐ परवङगमशवराय नमः ॰

ॐ रोधाय नमः ॰

ॐ रोध सरकतलोचनाय नमः ॰

ॐ रोध हताण ताप हताण

भाकताभय वरपरदाय नमः ॰

ॐ ॰

ॐ भकतानकमपी ववशवशाय

नमः॰

ॐ पररताय नमः ॰

ॐ परनदराय नमः ॰

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ॐ अविववणभावसभाणसवानाय नमः

ॐ यमाय नमः ॰

ॐ वनषकवतरवचाय नमः ॰

ॐ वरणाय नमः ॰

ॐ वायगवतमानाय नमः ॰

ॐ वायव नमः ॰

ॐ कौबर ईशवराय नमः ॰

ॐ रवय नमः ॰

ॐ िाय नमः ॰

ॐ कजाय नमः ॰

ॐ सौमयाय नमः ॰

ॐ गरव नमः ॰

ॐ कावयाय नमः ॰

ॐ शनशवराय नमः ॰

ॐ राहव नमः ॰

ॐ कतमणरिाता धताण हताण

समीरजाय नमः ॰

ॐ मशकीकत दवारर दतयारय

नमः ॰

ॐ मधसदनाय नमः ॰

ॐ कामाय नमः ॰

ॐ कपय नमः ॰

ॐ कामपालाय नमः ॰

ॐ कवपलाय नमः ॰

ॐ ववशव जीवनाय नमः ॰

ॐ भागीरथी पदामभोजाय नमः

ॐ सतबन ववशारदाय नमः ॰

ॐ सवाहा सवधा हवय नमः ॰

ॐ कवयाय नमः ॰

ॐ हवयवाह परकाशकाय नमः ॰

ॐ सवपरकाशाय नमः ॰

ॐ महावीराय नमः ॰

ॐ लघव नमः ॰

ॐ अवमत ववरमाय नमः ॰

ॐ परडीनोडडीनगवतमानाय नमः

ॐ सदगतय नमः ॰

ॐ परषोततमाय नमः ॰

ॐ जगदातमा

जगधयोवनजणगदनताय नमः ॰

ॐ हयननतकाय नमः ॰

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ॐ ववपापमा वनषकलङकाय नमः ॰

ॐ महानाय नमः ॰

ॐ मदहङकतय नमः ॰

ॐ खाय नमः ॰

ॐ वायव नमः ॰

ॐ पथवी हयापाय नमः ॰

ॐ ववनवदणकपाल एवाय नमः ॰

ॐ कषतरजञाय नमः ॰

ॐ कषतर पालाय नमः ॰

ॐ पलवलीकत सागराय नमः ॰

ॐ वहरणमयाय नमः ॰

ॐ पराणाय नमः ॰

ॐ खचराय नमः ॰

ॐ भचराय नमः ॰

ॐ मनव नमः ॰

ॐ वहरणयगभाणय नमः ॰

ॐ सतरातमा राजराजाय नमः ॰

ॐ ववशामपतय नमः ॰

ॐ वदानत वदयाय नमः ॰

ॐ उदगीथाय नमः ॰

ॐ वदवदङग पारगाय नमः ॰

ॐ परवत गरामनदरथथताय नमः ॰

ॐ साधयाय नमः ॰

ॐ सफवतण दात गणाकराय नमः

ॐ नकषतर माली भतातमा सरभय

नमः ॰

ॐ कलप पादपाय नमः ॰

ॐ वचनता मवणगणणवनधय नमः ॰

ॐ परजा पवतरनततमाय नमः ॰

ॐ पणयशलोकाय नमः ॰

ॐ परारावतजयोवतिानाय नमः

ॐ शवणरीपतय नमः ॰

वकवलवकलयारवतरसतपरतभतवपशा

चकाय नमः ॰

ॐ रणतरय हराय नमः ॰

ॐ सकषमाय नमः ॰

ॐ सतलाय नमः ॰

ॐ सवणगतय नमः ॰

ॐ पमानाय नमः ॰

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ॐ अपसमार हराय नमः ॰

ॐ समताण रवतगाणथा समवतमणनव

नमः ॰

ॐ सवगण दवाराय नमः ॰

ॐ परजा दवाराय नमः ॰

ॐ मोकष दवाराय नमः ॰

ॐ कपीशवराय नमः ॰

ॐ नाद रपाय नमः ॰

ॐ पर बरहम बरहम बरहम परातनाय

नमः ॰

ॐ एकाय नमः ॰

ॐ नकाय नमः ॰

ॐ जनाय नमः ॰

ॐ शकलाय नमः ॰

ॐ सवयाय नमः ॰

ॐ जयोवतनाणकलाय नमः ॰

ॐ जयोतय नमः ॰

ॐ जयोवतरनादय नमः ॰

ॐ सानदरततवकाय नमः ॰

ॐ राजसततमाय नमः ॰

ॐ तमाय नमः ॰

ॐ हताण वनरालमबाय नमः ॰

ॐ वनराकाराय नमः ॰

ॐ गणाकराय नमः ॰

ॐ गणाशरयाय नमः ॰

ॐ गणमयाय नमः ॰

ॐ बहणऱायाय नमः ॰

ॐ बहदयशाय नमः ॰

ॐ बहिनबणहतपादाय नमः ॰

ॐ बहनाय नमः ॰

ॐ मधाण बहतसवनाय नमः ॰

ॐ बहताय नमः ॰

ॐ कणाणय नमः ॰

ॐ बहिासाय नमः ॰

ॐ बहितराय नमः ॰

ॐ बहरगलाय नमः ॰

ॐ बहधयनतराय नमः ॰

ॐ बहरचषटाय नमः ॰

ॐ बहताय नमः ॰

ॐ पचछाय नमः ॰

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ॐ बहत कराय नमः ॰

ॐ बहरगवतबणहतसवयाय नमः ॰

ॐ बहलरोक फलपरदाय नमः ॰

ॐ बहचछनदरकतबणहदवाञछा

फलदाय नमः ॰

ॐ बहदीशवराय नमः ॰

ॐ बहलरोक नताय नमः ॰

ॐ िषटा ववदया दात जगद गरव

नमः ॰

ॐ दवाचायाणय नमः ॰

ॐ सतय वादी बरहम वादी

कलाधराय नमः ॰

ॐ सपत पातालगामी मलयाचल

सशरयाय नमः ॰

ॐ उततराशानदरथथताय नमः ॰

ॐ शरीदाय नमः ॰

ॐ वदवय औषवध वशाय नमः ॰

ॐ खगाय नमः ॰

ॐ शाखामगाय नमः ॰

ॐ कपीिाय नमः ॰

ॐ पराणाय नमः ॰

ॐ शरवत सञचराय नमः ॰

ॐ चतराय नमः ॰

ॐ बराहमणाय नमः ॰

ॐ योगी योगगमयाय नमः ॰

ॐ परातपराय नमः ॰

ॐ अनवद वनधनाय नमः ॰

ॐ वयासाय नमः ॰

ॐ वकणठाय नमः ॰

ॐ पथवी पतय नमः ॰

ॐ परावजताय नमः ॰

ॐ वजतारातय नमः ॰

ॐ सदाननदाय नमः ॰

ॐ ईवशताय नमः ॰

ॐ गोपालाय नमः ॰

ॐ गोपवतगोपता कलय नमः ॰

ॐ कालाय नमः ॰

ॐ परातपराय नमः ॰

ॐ मनोवगी सदा योगी ससार

भय नाशनाय नमः ॰

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ॐ तततव दाता तततवजञसतततवाय

नमः ॰

ॐ तततव परकाशकाय नमः ॰

ॐ शिाय नमः ॰

ॐ बिाय नमः ॰

ॐ वनतयमकताय नमः ॰

ॐ भकत राजाय नमः ॰

ॐ जयपरदाय नमः ॰

ॐ परलयाय नमः ॰

ॐ अवमत मायाय नमः ॰

ॐ मायातीताय नमः ॰

ॐ ववमतसराय नमः ॰

ॐ माया-वनवजणत-रकषाय नमः ॰

ॐ माया-वनवमणत-ववषटपाय नमः॰

ॐ मायाशरयाय नमः ॰

ॐ वनलपाय नमः ॰

ॐ माया वनवणञचकाय नमः ॰

ॐ सखाय नमः ॰

ॐ सखी सखपरदाय नमः ॰

ॐ नागाय नमः ॰

ॐ महशकत ससतवाय नमः ॰

ॐ महशवराय नमः ॰

ॐ सतयसनाय नमः ॰

ॐ शरभाय नमः ॰

ॐ कवल पावनाय नमः ॰

ॐ रसाय नमः ॰

ॐ रसजञाय नमः ॰

ॐ सममनसतपथचकषव नमः ॰

ॐ भरवाय नमः ॰

ॐ िाणाय नमः ॰

ॐ गनाय नमः ॰

ॐ सपशणनाय नमः ॰

ॐ सपशाणय नमः ॰

ॐ अहङकारमानदाय नमः ॰

ॐ नवत-नवत-गमयाय नमः ॰

ॐ वकणठ भजन वपरयाय नमः ॰

ॐ वगरीशाय नमः ॰

ॐ वगररजा कानताय नमः ॰

ॐ दवाणसाय नमः ॰

ॐ कववरवङगराय नमः ॰

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ॐ भगवणवसषटाय नमः ॰

ॐ यवनसतमबरनाणरदाय नमः ॰

ॐ अमलाय नमः ॰

ॐ ववशव कषतराय नमः ॰

ॐ ववशव बीजाय नमः ॰

ॐ ववशव नतराय नमः ॰

ॐ ववशवगाय नमः ॰

ॐ याजकाय नमः ॰

ॐ यजमानाय नमः ॰

ॐ पावकाय नमः ॰

ॐ वपतरसतथाय नमः ॰

ॐ शरि बिय नमः ॰

ॐ कषमा तिा मनतराय नमः ॰

ॐ मनतरयताय नमः ॰

ॐ सवराय नमः ॰

ॐ राजिाय नमः ॰

ॐ भपती रणड माली ससार

सारथय नमः ॰

ॐ वनतयाय नमः ॰

ॐ समपणण कामाय नमः ॰

ॐ भकत कामधगततमाय नमः ॰

ॐ गणपाय नमः ॰

ॐ कीशपाय नमः ॰

ॐ भराता वपता माता मारतय

नमः ॰

ॐ सहसर शीषाण परषाय नमः ॰

ॐ सहसराकषाय नमः ॰

ॐ सहसरपाताय नमः ॰

ॐ कामवजताय नमः ॰

ॐ काम दहनाय नमः ॰

ॐ कामाय नमः ॰

ॐ कामय फल परदाय नमः ॰

ॐ मिाहारी राकषसघनाय नमः ॰

ॐ वकषवत भार हराय नमः ॰

ॐ बलाय नमः ॰

ॐ नख दषटर यधाय नमः ॰

ॐ ववषण भकताय नमः ॰

ॐ अभय वर परदाय नमः ॰

ॐ दपणहा दपणदाय नमः ॰

ॐ दपताय नमः ॰

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ॐ शत मवतणरमवतणमानाय नमः ॰

ॐ महा वनवधमणहा भोगाय नमः ॰

ॐ महा भागाय नमः ॰

ॐ महाथणदाय नमः ॰

ॐ महाकाराय नमः ॰

ॐ महा योगी महा तजा महा

दयतय नमः ॰

ॐ महा कमाण महा नादाय नमः॰

ॐ महा मनतराय नमः ॰

ॐ महा मतय नमः ॰

ॐ महाशयाय नमः ॰

ॐ महोदाराय नमः ॰

ॐ महादवातमकाय नमः ॰

ॐ ववभव नमः ॰

ॐ रि कमाण कत कमाण रतन

नाभाय नमः ॐ कतागमाय

नमः॰

ॐ अमभोवध लङघनाय नमः ॰

ॐ वसहाय नमः ॰

ॐ वनतयाय नमः ॰

ॐ धमाणय नमः ॰

ॐ परमोदनाय नमः ॰

ॐ वजतावमतराय नमः ॰

ॐ जयाय नमः ॰

ॐ सम ववजयाय नमः ॰

ॐ वाय वाहनाय नमः ॰

ॐ जीव दात सहसराशमणकनदाय

नमः ॰

ॐ भरर दवकषणाय नमः ॰

ॐ वसिथाणय नमः ॰

ॐ वसनदरिदाय नमः ॰

ॐ वसि सङकलपाय नमः ॰

ॐ वसनदरि हतकाय नमः ॰

ॐ सपत पातालचरणाय नमः ॰

ॐ सपतवषण गण वनदरनदताय नमः ॰

ॐ सपतानदरबध लङघनाय नमः ॰

ॐ वीराय नमः ॰

ॐ सपत दवीपोरमणडलाय नमः ॰

ॐ सपताङग राजय सखदाय नमः

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ॐ सपत मात वनशववताय नमः ॰

ॐ सपत लोकक मकटाय नमः॰

ॐ सपत होता सवराशरयाय नमः ॰

ॐ सपतचछनदाय नमः ॰

ॐ वनधय नमः ॰

ॐ सपतचछनदाय नमः ॰

ॐ सपत जनाशरयाय नमः ॰

ॐ सपत सामोपगीताय नमः ॰

ॐ सपत पातल सशरयाय नमः ॰

ॐ मधावी कीवतणदाय नमः ॰

ॐ शोक हारी दौभणगय नाशनाय

नमः ॰

ॐ सवण वशयकराय नमः ॰

ॐ गभण दोषघनाय नमः ॰

ॐ पतरपौतरदाय नमः ॰

ॐ परवतवावद मखसतमभी

तषटवचतताय नमः ॐ परसादनाय

नमः ॰

ॐ परावभचारशमनाय नमः ॰

ॐ दव नमः ॰

ॐ खघनाय नमः ॰

ॐ बन मोकषदाय नमः ॰

ॐ नव दवार पराधाराय नमः ॰

ॐ नव दवार वनकतनाय नमः ॰

ॐ नर नारायण सततयाय नमः ॰

ॐ नरनाथाय नमः ॰

ॐ महशवराय नमः ॰

ॐ मखली कवची खदगी

भरावजषणवजणषणसारथय नमः ॰

ॐ बर योजन ववसतीणण पचछाय

नमः ॰

ॐ पचछ हतासराय नमः ॰

ॐ दषटगरह वनहनता वपशा गरह

घातकाय नमः ॰

ॐ बाल गरह ववनाशी धमाणय

नमः ॰

ॐ नता कपकराय नमः ॰

ॐ उगरकतयशचोगरवग उगर नतराय

नमः ॰

ॐ शत रतव नमः ॰

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ॐ शत मनयसतताय नमः ॰

ॐ सततयाय नमः ॰

ॐ सततय नमः ॰

ॐ सतोता महा बलाय नमः ॰

ॐ समगर गणशाली वयगराय

नमः॰

ॐ रकषाय नमः ॰

ॐ ववनाशकाय नमः ॰

ॐ रकषोघन हसताय नमः ॰

ॐ बरहमशाय नमः ॰

ॐ शरीधराय नमः ॰

ॐ भकत वतसलाय नमः ॰

ॐ मघ नादाय नमः ॰

ॐ मघ रपाय नमः ॰

ॐ मघ ववषट वनवारकाय नमः ॰

ॐ मघ जीवन हतव नमः ॰

ॐ मघ शयामाय नमः ॰

ॐ परातमकाय नमः ॰

ॐ समीर तनयाय नमः ॰

ॐ बोधह तततव ववदया ववशारदाय

नमः ॰

ॐ अमोघाय नमः ॰

ॐ अमोघरषटय नमः ॰

ॐ इषटदाय नमः ॰

ॐ अवनषट नाशनाय नमः ॰

ॐ अथाणय नमः ॰

ॐ अनथाणपहारी समथाणय नमः ॰

ॐ राम सवकाय नमः ॰

ॐ अथी धनयाय नमः ॰

ॐ असरारातय नमः ॰

ॐ पणडरीकाकष आतमभव नमः॰

ॐ सङकषणणाय नमः ॰

ॐ ववशिातमा ववदया राशय नमः

ॐ सरशवराय नमः ॰

ॐ अचलोिरकाय नमः ॰

ॐ वनतयाय नमः ॰

ॐ सतकद राम सारथय नमः ॰

ॐ आननदाय नमः ॰

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ॐ परमाननदाय नमः ॰

ॐ मतसयाय नमः ॰

ॐ कमाणय नमः ॰

ॐ वनधय नमः ॰

ॐ शमाय नमः ॰

ॐ वाराहाय नमः ॰

ॐ नारवसहाय नमः ॰

ॐ वामनाय नमः ॰

ॐ जमदविजाय नमः ॰

ॐ रामाय नमः ॰

ॐ कषणाय नमः ॰

ॐ वशवाय नमः ॰

ॐ बिाय नमः ॰

ॐ किी रामाशरयाय नमः ॰

ॐ हराय नमः ॰

ॐ ननदी भनगी चणडी गणशाय

नमः ॰

ॐ गण सववताय नमः ॰

ॐ कमाणधयकषयाय नमः ॰

ॐ सराधयकषाय नमः ॰

ॐ ववशरामाय नमः ॰

ॐ जगतामपतय नमः ॰

ॐ जगिथाय नमः ॰

ॐ कवप शरषटाय नमः ॰

ॐ सवाणवसाय नमः ॰

ॐ सदाशरयाय नमः ॰

ॐ सगरीवावदसतताय नमः ॰

ॐ शानताय नमः ॰

ॐ सवण कमाण परवङगमाय नमः ॰

ॐ नखदाररतरकषाय नमः ॰

ॐ नख यि ववशारदाय नमः ॰

ॐ कशलाय नमः ॰

ॐ सघनाय नमः ॰

ॐ शषाय नमः ॰

ॐ वासवकसतकषकाय नमः ॰

ॐ सवराय नमः ॰

ॐ सवणण वणाणय नमः ॰

ॐ बलाढयाय नमः ॰

ॐ राम पजयाय नमः ॰

ॐ अघनाशनाय नमः ॰

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ॐ कवलय दीपाय नमः ॰

ॐ कवलयाय नमः ॰

ॐ गरडाय नमः ॰

ॐ पिगाय नमः ॰

ॐ गरव नमः ॰

ॐ वकलयारावहतारावतगवाणय

नमः ॰

ॐ पवणत भदनाय नमः ॰

ॐ वजराङगाय नमः ॰

ॐ वजर वगाय नमः ॰

ॐ भकताय नमः ॰

ॐ वजर वनवारकाय नमः ॰

ॐ नखायधाय नमः ॰

ॐ मवणगरीवाय नमः ॰

ॐ जवालामाली भासकराय

नमः॰

ॐ परौढ परतापसतपनाय नमः ॰

ॐ भकत ताप वनवारकाय नमः ॰

ॐ शरणाय नमः ॰

ॐ जीवनाय नमः ॰

ॐ भोकता नानाचषटोहयचञचलाय

नमः ॰

ॐ ससवथथाय नमः ॰

ॐ असवासथयहा दव नमः ॰

ॐ खशमनाय नमः ॰

ॐ पवनातमजाय नमः ॰

ॐ पावनाय नमः ॰

ॐ पवनाय नमः ॰

ॐ कानताय नमः ॰

ॐ भकतागससहनाय नमः ॰

ॐ बलाय नमः ॰

ॐ मघ नादररपमघनाद

सरतराकषसाय नमः ॰

ॐ कषराय नमः ॰

ॐ अकषराय नमः ॰

ॐ ववनीतातमा वानरशाय नमः ॰

ॐ सताङगतय नमः ॰

ॐ शरी कणटाय नमः ॰

ॐ वशवत कणटाय नमः ॰

ॐ सहायाय नमः ॰

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ॐ सहनायकाय नमः ॰

ॐ असतलसतऱनणभणगाणय नमः ॰

ॐ दवाय नमः ॰

ॐ ससवतनाशनाय नमः ॰

ॐ अधयातम ववदयासाराय नमः ॰

ॐ अधयातमकशलाय नमः ॰

ॐ सधीय नमः ॰

ॐ अकलमषाय नमः ॰

ॐ सतय हतव नमः ॰

ॐ सतयगाय नमः ॰

ॐ सतय गोचराय नमः ॰

ॐ सतय गभाणय नमः ॰

ॐ सतय रपाय नमः ॰

ॐ सतयाय नमः ॰

ॐ सतय परारमाय नमः ॰

ॐ अनजना पराणवलङग वाय

वशोदभवाय नमः ॰

ॐ शभाय नमः ॰

ॐ भि रपाय नमः ॰

ॐ रि रपाय नमः ॰

ॐ सरपनदरथचतर रपधताय नमः

ॐ मनाक वनदरनदताय नमः ॰

ॐ सकषम दशणनाय नमः ॰

ॐ ववजयाय नमः ॰

ॐ जयाय नमः ॰

ॐ रानत वदगमणडलाय नमः ॰

ॐ रिाय नमः ॰

ॐ परकटीकत ववरमाय नमः ॰

ॐ कमब कणटाय नमः ॰

ॐ परसिातमा हरसव नासाय नमः॰

ॐ वकोदराय नमः ॰

ॐ लमबोषटाय नमः ॰

ॐ कणडली वचतरमाली

योगववदाय नमः ॰

ॐ वराय नमः ॰

ॐ ववपवशचताय नमः ॰

ॐ कववराननद ववगरहाय नमः ॰

ॐ अननय शासनाय नमः ॰

ॐ फलगणीसनरवयगराय नमः ॰

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ॐ योगातमा योगततपराय नमः ॰

ॐ योग वदयाय नमः ॰

ॐ योग कताण योग

योवनवदणगमबराय नमः

ॐ अकारावद कषकारानत वणण

वनवमणत ववगरहाय नमः ॰

ॐ उलखल मखाय नमः ॰

ॐ वसहाय नमः ॰

ॐ ससतताय नमः ॰

ॐ परमशवराय नमः ॰

ॐ नदरशलषट जङघाय नमः ॰

ॐ नदरशलषट जानव नमः ॰

ॐ नदरशलषट पाणय नमः ॰

ॐ वशखा धराय नमः ॰

ॐ सशमाण अवमत शमाण नारायण

परायणाय नमः ॰

ॐ वजषणभणववषण

रोवचषणगरणवसषणव नमः ॰

ॐ थथाणरवाय नमः ॰

ॐ हरी रिानकद वकष

कमपनाय नमः ॰

ॐ भवम कमपनाय नमः ॰

ॐ गण परवाहाय नमः ॰

ॐ सतरातमा वीत रागाय नमः ॰

ॐ सतवत वपरयाय नमः ॰

ॐ नाग कनया भय धवसी रकम

वणाणय नमः ॰

ॐ कपाल भताय नमः ॰

ॐ अनाकलाय नमः ॰

ॐ भवोपायाय नमः ॰

ॐ अनपायाय नमः ॰

ॐ वद पारगाय नमः ॰

ॐ अकषराय नमः ॰

ॐ परषाय नमः ॰

ॐ लोक नाथाय नमः ॰

ॐ रकष परभ दडाय नमः ॰

ॐ अषटाङग योग फलभक सतय

सनाय नमः ॰

ॐ परषटताय नमः ॰

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ॐ समशान थथन वनलयाय नमः॰

ॐ परत वविावण कषमाय नमः ॰

ॐ पञचाकषर पराय नमः ॰

ॐ प मातकाय नमः ॰

ॐ रञजनधवजाय नमः ॰

ॐ योवगनी वनद वनदयाय नमः ॰

ॐ शतरघनाय नमः ॰

ॐ अननत ववरमाय नमः ॰

ॐ बरहमचारी इनदरिय ररपव नमः॰

ॐ धतदणडाय नमः ॰

ॐ दशातमकाय नमः ॰

ॐ अपरपञचाय नमः ॰

ॐ सदाचाराय नमः ॰

ॐ शर सना ववदारकाय नमः ॰

ॐ विाय नमः ॰

ॐ परमोद आननदाय नमः ॰

ॐ सपत वजहव पवतधणराय नमः ॰

ॐ नव दवार पराधाराय नमः ॰

ॐ परतयगराय नमः ॰

ॐ सामगायकाय नमः ॰

ॐ षटचरधामा सवलोकाय

नमः॰

ॐ भयहयनमानदाय नमः ॰

ॐ अमदाय नमः ॰

ॐ सवण वशयकराय नमः ॰

ॐ शनदरकतरननताय नमः ॰

ॐ अननत मङगलाय नमः ॰

ॐ अषट मवतणधणराय नमः ॰

ॐ नता ववरपाय नमः ॰

ॐ सवर सनदराय नमः ॰

ॐ धम कतमणहा कतव नमः ॰

ॐ सतय कतमणहारथाय नमः ॰

ॐ ननदरनद वपरयाय नमः ॰

ॐ सवतनतराय नमः ॰

ॐ मखली समर वपरयाय नमः ॰

ॐ लोहाङगाय नमः ॰

ॐ सवणववद धनरी षटकलाय

नमः ॰

ॐ शवण ईशवराय नमः ॰

ॐ फल भक फल हसताय नमः॰

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ॐ सवण कमण फलपरदाय नमः ॰

ॐ धमाणधयकषाय नमः ॰

ॐ धमणफलाय नमः ॰

ॐ धमाणय नमः ॰

ॐ धमणपरदाय नमः ॰

ॐ अथणदाय नमः ॰

ॐ प ववशवत तततवजञाय नमः ॰

ॐ तारक बरहम ततपराय नमः ॰

ॐ वतर मागणवसवतभणमय नमः ॰

ॐ सवण दव नमः ॰

ॐ ख वनबहणणाय नमः ॰

ॐ ऊजणसवानाय नमः ॰

ॐ वनषकलाय नमः ॰

ॐ शली माली गजणविशाचराय

नमः ॰

ॐ रकतामबर धराय नमः ॰

ॐ रकताय नमः ॰

ॐ रकत माला ववभषणाय नमः ॰

ॐ वन माली शभाङगाय नमः ॰

ॐ शवताय नमः ॰

ॐ सवतामबराय नमः ॰

ॐ यवाय नमः ॰

ॐ जयाय नमः ॰

ॐ जय परीवाराय नमः ॰

ॐ सहसर वदनाय नमः ॰

ॐ कवय नमः ॰

ॐ शावकनी डावकनी यकष रकषाय

नमः ॰

ॐ भतौघ भञजनाय नमः ॰

ॐ सधयोजाताय नमः ॰

ॐ कामगवतजञाणन मतणय नमः ॰

ॐ यशसकराय नमः ॰

ॐ शमभ तजाय नमः ॰

ॐ सावणभौमाय नमः ॰

ॐ ववषण भकताय नमः ॰

ॐ परवङगमाय नमः ॰

ॐ चतनणववत मनतरजञाय नमः ॰

ॐ पौलसतय बल दपणहाय नमः ॰

ॐ सवण लकषमी परदाय नमः ॰

ॐ शरीमानाय नमः ॰

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ॐ अनगदवपरय ईवडताय नमः ॰

ॐ समवतबीजाय नमः ॰

ॐ सरशानाय नमः ॰

ॐ ससार भय नाशनाय नमः ॰

ॐ उततमाय नमः ॰

ॐ शरीपरीवाराय नमः ॰

ॐ शरी भ दगाण कामाखयकाय

नमः ॰

ॐ सदागवतमाणतरय नमः ॰

ॐ राम पादाबज षटपदाय

नमः॰

ॐ नील वपरयाय नमः ॰

ॐ नील वणाणय नमः ॰

ॐ नील वणण वपरयाय नमः ॰

ॐ सरताय नमः ॰

ॐ राम दताय नमः ॰

ॐ लोक बनव नमः ॰

ॐ अनतरातमा मनोरमाय नमः ॰

ॐ शरी राम धयानकद वीराय

नमः ॰

ॐ सदा वकमपरषथसतताय

नमः॰

ॐ राम कायाणनतरङगाय नमः ॰

ॐ शनदरिगणवतरानमयाय नमः ॰

ॐ पणय शलोकाय नमः ॰

ॐ पराननदाय नमः ॰

ॐ परशाय नमः ॰

ॐ वपरय सारथय नमः ॰

ॐ लोक सवावम मनदरकत दाता सवण

कारण कारणाय नमः ॰

ॐ महा बलाय नमः ॰

ॐ महा वीराय नमः ॰

ॐ पारावारगवतगणरव नमः ॰

ॐ समसत लोक साकषी समसत

सर वनदरनदताय नमः ॰

ॐ सीता समत शरी राम पाद

सवा धरनराय नमः ॰

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सकलनकताा:

शरी मनीष तयागी

सथथापक एव अधयकष

शरी वहद धमण ववदक एजकशन फाउडशन

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।।ॐ नमो भगित िासदिाय:।।