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१८ करता रहा(१:४)। दािनयेल के समान इसने भी अपने पाप और लोग के पाप वीकार कए (१:६,७)। दािनयेल क तरह इसने भी धमशा म ढू ंढ़ा और बंधुआई और इससे छुटकारे से सबिधत भिवयवािणयां पायी। इसने भी अपना जीवन जोिखम म डाला जब वह राजा अत के आगे खड़ा था (२:१,२)। एक बार फर परमेर ने इसक ाथना सुनी और राजा ने इस बात क आा दे दी िजसके िवषय म गिएल वग दूत ने दािनयेल से कहा था। नहेयाह को यशलेम जाकर इसके शहर पनाह का पुननमाण करने क वीकृित िमल गयी थी। मेरे पास इन बात को बताने के िलये थान नह है क कैसे नहेयाह ने अपने मजदूर के साथ उस िवषम परिथित का सामना कया जब वे एक हाथ म काम के औजार और दूसरे हाथ म तलवार लेकर काम करते थे। परमेर का यह महान् िनमाण काय तब तक बद नह हो सकता था जब तक यशलेम म वेदी, मिदर और शहर पनाह पूण नह हो जाते। ये सब कुछ उनके िलये आज भी वैसी ही है िजनके पास आमा म देखने के िलये आंख और सुनने के िलये कान ह। सारांश सारांश सारांश सारांश इस कार हम बाबेल और बेबीलोन के अपने अययन के अत म आ चुके है। धमशा म हमने प प से दो माग का िचण देखा है। एक वाभािवक मनुय का माग है , दूसरा परमेर का माग है। एक माग पर हम दृि के आधार पर चल सकते है , दूसरे पर िवास के आधार पर। पहला माग चौडा है , िजसपर बत लोग चलते है , दूसरा माग सकरा है जो जीवन को जाता है। मूसा के अितम शद के साथ जो उसने िता के देश को देख रहे इाएिलयो से कही थी, अपनी बात पूरी करना चाहता ं , म आज आकाश और पृवी दोनको तुहारे साहने इस बात क साझी बनाता ं , क म ने जीवन और मरण, आशीष और शाप को तुहारे आगे रखा है ; इसिलथे तू जीवन ही को अपना ले , क तू और तेरा वंश दोनजीिवत रह ; इसिलथे अपके परमेर यहोवा से ेम करो, और उसक बात मान, और उस से िलपके रहो; यक तेरा जीवन और दीघ जीवन यही है , और ऐसा करने से िजस देश को यहोवा ने इाहीम, इसहाक, और याकूब, तेरे पूवजको देने क शपय खाई यी उस देश म तू बसा रहेगा।(वथा ३०:१९,२०)। बेबीलोन बेबीलोन बेबीलोन बेबीलोन

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  • १८

    करता रहा” (१:४)। दािनयेल के समान इसने भी अपने पाप और लोग� के पाप �वीकार �कए (१:६,७)। दािनयेल क� तरह इसने भी धम�शा! म" ढूंढ़ा और बंधुआई और इससे छुटकारे से स-बि.धत भिव/यवािणयां पायी। इसने भी अपना जीवन जोिखम म" डाला जब वह राजा अत�45 के आगे खड़ा था (२:१,२)। एक बार �फर परमे9र ने इसक� :ाथ�ना सुनी और राजा ने इस बात क� आ;ा दे दी िजसके िवषय म" गि=एल �वग� दतू ने दािनयेल से कहा था। नह-ेयाह को य>शलेम जाकर इसके शहर पनाह का पुन?नमा�ण करने क� �वीकृित िमल गयी थी।

    मेरे पास इन बात� को बतान ेके िलये �थान नहA ह ै�क कैसे नह-ेयाह ने अपने मजदरू� के साथ उस िवषम पDरि�थित का सामना �कया जब वे एक हाथ म" काम के औजार और दसूरे हाथ म" तलवार लेकर काम करते थे। परमे9र का यह महान् िनमा�ण काय� तब तक ब.द नहA हो सकता था जब तक य>शलेम म" वेदी, मि.दर और शहर पनाह पूण� नहA हो जाते।

    ये सब कुछ उनके िलये आज भी वैसी ही ह ैिजनके पास आFमा म" दखेने के िलये आंख" और सुनने के िलये कान हG।

    सारांशसारांशसारांशसारांश इस :कार हम बाबेल और बेबीलोन के अपने अHययन के अ.त म" आ चुके है। धम�शा! म" हमने

    �पJ Kप से दो मागL का िच5ण देखा ह।ै एक �वाभािवक मनु/य का माग� ह,ै दसूरा परमे9र का माग� है। एक माग� पर हम दिृJ के आधार पर चल सकते है, दसूरे पर िव9ास के आधार पर। पहला माग� चौडा है, िजसपर बNत लोग चलते ह,ै दसूरा माग� सकरा ह ैजो जीवन को जाता ह।ै

    मूसा के अि.तम शOद� के साथ जो उसने :ित;ा के दशे को दखे रहे इPाएिलयो से कही थी, मG अपनी बात पूरी करना चाहता Q,ं “मG आज आकाश और पृRवी दोन�को तु-हारे सा-हने इस बात क� साझी बनाता Q,ं �क मG ने जीवन और मरण, आशीष और शाप को तु-हारे आगे रखा ह;ै इसिलथे तू जीवन ही को अपना ल,े �क तू और तेरा वंश दोन�जीिवत रह"; इसिलथे अपके परमे9र यहोवा से :ेम करो, और उसक� बात मान�, और उस से िलपके रहो; Tय��क तेरा जीवन और दीघ� जीवन यही ह,ै और ऐसा करने से िजस दशे को यहोवा ने इ=ाहीम, इसहाक, और याकूब, तेरे पूव�ज�को दनेे क� शपय खाई यी उस दशे म" तू बसा रहेगा।” (Wव�था ३०:१९,२०)।

    बेबीलोनबेबीलोनबेबीलोनबेबीलोन

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    १७

    िवरोधिवरोधिवरोधिवरोध अफसोस, उनका आन.द िसफ� थोड़े समय म" खFम हो गया। उ.ह" रोकने के िलये उनके श5ु जXद ही

    आगे आ गये। पहले उ.ह�ने सहायता करने क� पेश कस क�।पर यQदी अगुआ य>बाबेल और यहोशू ने कहा, “हमारे परमे9र का भवन िनमा�ण करने के इस काय� म" हमारे साथ तु-हारी कोई साझेदारी नहA ह”ै (एYा ४:३)। उ.ह�ने �पJ दखेा �क िसफ� परमे9र के लोग ही परमे9र का मि.दर िनमा�ण कर सकत ेहG। जो दरवाजे से अ.दर नहA आते वे सब चोर और डांकू हG (यूहZा १०:१)। अ\छे िवचार वाले िवदिेशय� के िलये परमे9र के रा]य म" कोई �थान नहA है। इसम" सहभागी होने के िलये आपको ऊपर से ज.म लेना और इसका स_ा नागDरक होना आव`यक ह।ै

    जब उनका :�ताव �वीकार नहA Nआ तो ये श5ु अपने असली �वभाव पर आ गये। वे मजदरू� को तब तक धमकाकर और िनराश करते रह ेजब तक काम ब.द नहA हो गया (एYा ४)। अगले १६ वषL तक कोई काम नहA Nआ, इस बीच फारस के दो राजा आये और गये। सम�याएं और िवरोध परमे9र क� अ:सZता के :माण नहA हG।

    �पJ पराजय म" वष� बीतते रहे, ले�कन परमे9र अपना समाधान तैयार कर रहे थे। समय आने पर हाbगै और जकया�ह नबी खड़े Nए और लोग� के बीच पcाताप का :चार �कया और मि.दर िनमा�ण को आगे बढ़ाने के िलये उFसािहत �कया। “न तो बल से, और न शिd से, पर.तु मेरे आFमा के eारा होगा, मुझ सेनाf के यहोवा का यही वचन है” (जकया�ह ४:६)। जकया�ह इन :िसg शOद� को उस समय अगुआ जे>बाबेल से कहा जब वह अधूरे काम का िनरी4ण कर रहा था। यह एक महhवपूण� बात थी। यह परमे9र के आFमा का काम था जो उ.ह�ने अपनी शिd म" पूरा �कया था। “ िहयाव बा.ध … मेरा आFमा तु-हारे बीच म" बना ह ै... इस भवन क� िपछली मिहमा इसक� पिहली मिहमा से बड़ी होगी” हाbगै ने अगमवाणी क� थी (२:४,५,९)। सुलेमान के eारा िनमा�ण क� गयी मि.दर मे परमे9र क� मिहमा उतर आयी थी। Tया उससे कमजोर :यास वाला यह काम उससे अिधक मिहमीत हो सकता था? राजा सुलेमान के शासन काल म" जब इPाएल दशे अपनी शिd के उFकष� पर था, उस समय :थम मि.दर का िनमा�ण Nआ था। यह दसूरा मि.दर तब बन रहा था जब वे कमजोर थे। मिहमा Tया ह?ै यीशु ने :ाथ�ना क�, “ह ेिपता, वह समय आ गया ह,ै अपने पु5 को मिहमीत कर"” (यूहZा १७:१), और इसके बाद उ.ह ेjूस पर चढाने के िलये ले जाया गया। परमे9र क� बुिg और उनके उपाय हमारी तुलना मे महान् ह।ै शरीर क� कमजोरी और न9रता परमे9र के आFमा क� मिहमा और शिd बन जाते हG।

    पुन�न�मत शहर पनाहपुन�न�मत शहर पनाहपुन�न�मत शहर पनाहपुन�न�मत शहर पनाह अ.त म" मि.दर का िनमा�ण पूण� Nआ और अब हम दशक� बाद नह-ेयाह के समय म" आय"गे। वह

    एक युवा था जो फारस के राज दरबार म" ऊंचे पद पर पNचं गया था। वह राजा का िपयाऊ था। वह अपनी समृिg से स.तुJ था �क तभी उसके दशे से एक भाई आकर वहा क� ि�थित बतायी। “जो बचे Nए लोग ब.धुआई से छूटकर उस :ा.त म" रहते हG, वे बड़ी ददु�शा म" पड़े हG, और उनक� िन.दा होती ह;ै Tय��क यKशलेम क� शहरपनाह टूटी Nई, और उसके फाटक जले Nए हG” (नह-ेयाह १:३)। उसका मन जाग उठा और दािनयेल सदशृ इसने भी सोचा। वह कहता ह,ै “ये बात" सुनते ही मG बैठकर रोने लगा और �कतने �दन तक िवलाप करता; और �वग� के परमे9र के स-मुख उपवास करता और यह कह कर :ाथ�ना

  • १६

    ये सारे पव� उन आिFमक आशीष� का :ितिनिधFव करते हG जो िपता ने हमारे िलये तैयार �कये हG। इस िवषय पर और अिधक जानकारी के �कये Festivals of Israel (इPाएल के पव�) नामक पुि�तका पढ"।

    बड़ा �दन और ई�टर, दोन� ही अ.य जाित के पव� ह,ै अ.य जाित के बीच इनका आर-भ Nआ और अ.य जाित जैसे ही इनको मनाया जाता ह।ै इन पवL को ऐसे लोग� eारा मlडली म" लाया गया िज.ह" आिFमक पवL का कोई ;ान नहA था। ऐसे मू?त पूजक जो सmाट क.टे�टाईन (ई सन् ४००) के समय मlडली भरने लगे थे, इ.ह" खुश रखने के िलये ऐसे पव� आव`यक थे। ये सब बाबुल के पव� ह ै और धम�शा! या परमे9र के रा]य म" इनक� कोई जगह नहA है। जेरोबाम, उतरी इPाएल का :थम राजा, एक ऐसे पव� को आर-भ करने का दोषी पाया गया था िजसे उसने अपने मन म" पता लगाया था (१ राजा १२:३२,३३)। मlडली ने अपने नये नये पव� पता लगाने म" जेरोबाम से भी सौ गुणा अिधक पDरnम �कया ह।ै और अिधक जानकारी के िलये Church Festvials (मlडली के पव�) नामक पुि�तका पढ़"।

    पुन�न�मत मिदरपुन�न�मत मिदरपुन�न�मत मिदरपुन�न�मत मिदर लौटने वाले लोग� के िलये परमे9र के पुन?नमा�ण योजना म" वेदी पहली :ाथिमकता म" था।

    मि.दर भवन दसूरे �थान पर था। मूसा के समय म" भी ऐसा ही था। िनग�मन के तुरत बाद, परमे9र ने मूसा को िनदoश �दये थे �क इPाएिलयो के भटकने समय म" उनके साथ वास करने के िलये एक त-बू िनमा�ण करे। परमे9र के िलये एक वास �थान आव`यक ह।ै ले�कन अभी वह कहाँ रहना चाहते हG? पFथरवाह �कये जाने के कुछ ही 4ण पहले ि�तफनुस ने यह घोषणा क� थी, “पर.तु परम :धान हाथ के बनाए घर� म" नहA रहता, जैसा �क भिव/यedा ने कहा” (:ेDरत ७:४८)। यह अिव9सनीय ह ै�क अपने अनजान अव�था म" बNसंqयक आज भी rट और पFथर से िन?मत भवन समप�ण करते ह ैऔर बड़े आदर के साथ :वेश करते Nए इसे 'परमे�र का घर' स-बोधन करते हG। य�द आप भौितक संरचना को आदर दतेे ह ैतो यह आपके मन म" परमे9र के स_े भवन के दश�न को धुंधला कर देगा। नये िनयम मे �पJ िलखा ह,ै “Tया तुम नहA जानत,े �क तुम परमे9र का मि.दर हो, और परमे9र का आFमा तुम म" वास करता है” ।

    य�द लोग� को पिव5 आFमा का अनुभव नहA है तो वे पेि.तकोस के �दन उनके आगमन से पहले के समय क� नकल करने लग"गे। य�द उ.ह" वा�तिवकता पता नहA ह ैतो छाया से ही िचपक जाय"गे। ले�कन िजन लोग� को पिव5 आFमा क� भरपूरी का अनुभव ह,ै उ.ह" तो अ\छा ;ान होना चािहये। परमे9र ने रोम क� सेना को भेजकर यह अंितम घोषणा कर दी �क मानव िन?मत भवन� समय समाs हो गया ह।ै उ.ह�ने मि.दर क� एक एक rट तहस नहस कर दी। िवगत शतािOदय� म" मlडली इ.ह" �फर से िनमा�ण करने का :यास करता रहा है।

    य>शलेम म" िनमा�ण कता�f ने काम आर-भ �कया और दसूरे मि.दर क� नAव रखी। परमे9र क� �तुित करने के िलये भीड़ जमा Nई। आन.द के कारण वे जोर से िचXलाने और रोने लगे। दरू दरू तक शोर सुनाई पडा (एYा ३:१०-१३)। यह उड.ता पु5 के लौट आने जैसा ही था। बेबीलोन म" वषL तक नहA बजने वाले नरtसघे एकाएक संगीत से गुंज उठे।

    प�रचप�रचप�रचप�रचयययय बाइबल क� पहली पु�तक उFपिu के आर-भ और आिखरी पु�तक :कािशतवाTय के अ.त म" हम

    बेबीलोन शहर के िवषय म" पढ़ते हG। उFपिu म" िह=ू नाम बाबेल उपयोग �कया गया ह ै तो :कािशतवाTय म" यूनानी नाम बेबीलोन उपयोग �कया गया है। बाबेल और बेबीलोन का िवषय एक ही ह,ै िजसे हम िसधा धम�शा! से देख सकते हG । इसका आर-भ उFपिu ११ अHयाय म" उXलेख �कया गया ह ै । यशायाह के दो अHयाय – १३ और १४ तथा ियम�याह के दो ल-बे अHयाय – ५० और ५१ म" बेबीलोन के इनसाफ के िवषय म" िव�तृत Kप म" वण�न �कया गया ह ै। दािनयल क� पु�तक बेबीलोन म" िलखी गयी थी । एYा, नह-ेयाह, हाbगै और जकया�ह क� पु�तक� म" बेबीलोन से लौटकर आने और य>शलेम के पुन?नमा�ण को :मुखता दी गयी ह ै। :कािशतवाTय के अि.तम भाग म" बेबीलोन के इ.साफ और िवनाश के वण�न से भरे Nए दो पूरा अHयाय (१८ और १९) िमलते हG । अ.त म" :कािशतवाTय १८: ४,५ म" बाहर िनकल आने क� आ;ा दी गयी है, “ह ेमेरे लोग�, उस म" से िनकल आओ; �क तुम उसके पाप� म" भागी न हो, और उस क� िवपिuय� म" से कोई तुम पर आ न पड़े। Tय��क उसके पाप �वग� तक पNचं गए हG, और उसके अधम� परमे9र को �मरण आए हG” । य�द हम बाबेल या बेबीलोन Tया है, यह नहA जान पाये तो इस आ;ा का पालन करना तो दरू क� बात है, इसे समझ भी नहA पाय"ग।

    िनयिमत संगित म" सहभागी होना, :भु भोज, बपित�मा और अ.य बNत से िवषय� क� तुलना म" इस िवषय पर अिधक िश4ा उपलOध हG । धम�शा! म" परमे9र ने िजन बात� पर जोर �दया ह,ै उ.ह" हम नजरअ.दाज नहA कर सकते । आइये हम उFपिu ११ अHयाय पढ़कर और सावधानीपूव�क घटनाf को जाँच"।

    परम�ेर का पहलपरम�ेर का पहलपरम�ेर का पहलपरम�ेर का पहल इस घटना म" सव�:थम यह बात सामने आती ह ै�क इसम" परमे9र क� �वीकृित नहA थी । यह सब

    मनु/य� क� अपनी योजना थी । उFपिu के अगले अHयाय म" अ.तर �पJ ह ैजो इस वचन के साथ आर-भ होता ह,ै ‘परम :भु ने अ=ाम से कहा, “जा”﹒﹒﹒।’ इ=ािहम ने अपनी इ\छा से नहA, पर.तु परमे9र क� आ;ा पाकर कल�दय� के ऊर दशे को छोड़ा । यह स-भव है �क वह अिन\छा से िनकला हो, पर परमे9र ने उसे आशीष दी और आज वह इितहास के महान् Wिdय� म" िगना जाता ह ै। जब मूसा न ेअपनी ही पहल पर इPाएिलय� को छुड़ाने क� कोिशश क� तो जXद ही वह सम�या म" पड़ गया और से िमwान भागना पड़ा । ४० वषL बाद जब वह अिन\छा होते Nए भी परमे9र क� आ;ा अनुसार लौटा तो एक महान् छुटकारे के काम को पुरा �कया । ऐसे लोग� क� बNत सारी कथाएं हG, िज.ह�ने परमे9र क� आ;ा अनुसार काम �कया और आशीष पाया । परमे9र िसफ� अपनी योजनाf को ही आशीष द"गे । यीशु ने कहा, “हर पौधा जो मेरे �वगxय िपता ने नहA लगाया, उखाड़ा जाएगा” (मuी १५:१३)। हम इस पद से तुलना कर सकते हG, “जो शरीर से ज.मा है, वह शरीर ह;ै और जो आFमा से ज.मा ह,ै वह आFमा ह”ै (युहZा ३:६)। परमे9र केवल उसी को आशीष दतेे हG जो वे �वयं आर-भ करते हG। यीशु के जीवन क� सफलता इस बात म" थी �क उनके eारा बोले गये एक एक शOद और उनके eारा �कये गये एक एक काम परमे9र क� इ\छा अनुसार थे।

  • यूहZा के सुसमाचार के आरि-भक शOद� से हम यही िश4ा पाते हG, “आ�द म" वचन था ﹒﹒﹒सब कुछ उसके eारा उFपZ Nआ” । उFपिu का पहला अHयाय हम" �दखता ह ै�क परमे9र क� सृिJ करने क� शिd उनके शOद� म" ह ै। जब वे बोलते हG तो संसार बनते हG । जब वे चुप रहते हG तो कुछ नहA बनता । जब उ.ह�ने इ=ािहम से बात क� और इ=ािहम ने उनक� बात मान ली तो मनु/य जाित के उgार के िलये परमे9र के महान् योजना का आर-भ Nआ । बाबेल के मीनार बनाने का मानव :यास शीy िवफल हो गया।

    िनमा�ण साम�ीिनमा�ण साम�ीिनमा�ण साम�ीिनमा�ण साम�ी इस कथा म" जो दसूरी बात हम दखेते हG, वह ह ैिनमा�ण सामzी का चयन । “आओ; हम rट" बना

    बना के भली भाँित आग म" पकाएं” । इन rट� का िवशेष अथ� ह ै। पहली बात यह �क वे िम{ी क� बनी हG, जो मानव �वभाव को दशा�ता ह ै। िम{ी के ऐसे बत�न िजनम" �वगxय मिहमा वास करती है, धम�शा! म" इनका सकाराFमक सांकेितक अथ� ह,ै ले�कन िम{ी या मानवीय �वभाव िनमा�ण सामzी के Kप म" कदािप �वीकाय� नहA है । पुराने िनयम के वेदी और मि.दर पFथर के बने थे – जो :ाकृितक व�तु ह,ै मानव िन?मत नहA ।

    दसूरी बात यह ह ै�क rट बड़े तादाद म" उFपादन होते हG । वे सब एक ही नाप और एक ही आकार के होते हG । मानव धम� का सदा ऐसा ही :ितफल होता ह ै। इसके सब उFपाद एक समान ही �दखते हG । संसार एकKपता चाहती ह ै। समान िवचार के Wिdय� म" अपने आपको सुरि4त समझती ह ै। धम�शा! म" बNत ढूंढ़ने पर भी दो Wिd एक ही तरह के नहA िमल"गे । नूह ने जहाज का िनमा�ण �कया । इ=ािहम ने त-बुf म" जीवन Wतीत �कया । युसुफ :धान म.5ी बना । मूसा ने अपने लोग� को छुड़ाया । दाऊद एक राजा था िजसने परमे9र के सामने नFृय �कया । नये िनयम म" हम पतरस, पौलुस और युहZा के चDर5 और उनक� सेवकाई क� िविभZता दखेते हG। बड़े तादाद म" इनका उFपादन नहA Nआ था । :Fयेक Wिd का पिव5 आFमा के eारा पDरवत�न Nआ था और वे अपने उgार कता� के आिFमक �वKप म" ढाले गये थे । संसार के िलये वे एकKपता िवरोधी अयोbय Wिd थे जो इसके िलये अनुपयुd थे । परमे9र के िलये उनका �वKप उनके जे| पु5 के समान हो गया था। परमे9र ऐसे जीिवत पFथर� से एक मि.दर का िनमा�ण कर रह ेहG, जो िविभZ आकार और नाप के हG पर महान् िनमा�ता के eारा सब आपस म" ठीक बैठ"गे । कोई भी दसूरे के पद से ई/या� नहA करेगा Tय��क सब अपनी अपनी ठीक जगह पर रह"गे ।

    तीसरी बात यह �क ईन rट� को आग म" भली भाँित पकाया गया था । इसका उ}े`य था इनम" कठोरता लाना । िविभZ धा?मक स-:दाय के सद�य� को क{रप.थी अव�था म" दखेना अित दःुखद बात ह ै। ये सब वा�तव म" rट से बनी दीवार जैसे हG। इ.ह" भली भाँित आग म" पकाकर कठोर बनाया गया है ता�क इन पर और �कसी बात का कोई :भाव न पड़े । परमे9र का स_ा संतान बलवान तो होता है पर कठोर नहA । उसक� शिd पिव5 आFमा क� आ.तDरक शिd ह ै । उसक� आ.तDरक अिनिcतता को बचाने के िलये कठोर और भेदा नहA जाने वाला बाहरी परत क� आव`यकता नहA है । उसका भरोसा परमे9र म" है ।

    य�द rट� को एक दसूरे पर रख �दया जाय तो िनcय ही सब ढह जाय"गे । उ.ह" एक दसूरे के साथ जोड़ाई करना आव`यक ह ै । इसिलए उन लोग� ने सीमे.ट के बदले अलकतरा का उपयोग �कया।

    १५

    के िलये कुछ भी उपलOध नहA ह ैऔर परमे9र के िबना हमारे िलये िसफ� अ.धकार और मृFयु रह जाते हG। इPाएिलयो का िमn दशे से :�थान भी बिलदान के eारा आर-भ Nआ था जो आज तक फसह के पव� के Kप म" याद �कया जाता ह।ै कलवरी म" परमे9र के मेमने का बिलदान �वीकार करना हमारे उgार के िलये आव`यक ह ैऔर आिFमक जीवन क� स_ी नAव भी यही है।

    दसूरी बिल हमारी अपनी बिल है। परमे9र क� वेदी पर अपना जीवन अप�ण करने के िलये यीशु हम" बुलाते हG। कुछ लोग युg म" अपने दशे के िलये अपना जीवन अप�ण करना चाहते हG। कुछ लोग दसूर� क� सेवा म" अपना जीवन लगाते हG। दसूरे कुछ लोग िमशनरी के Kप म" िवदशे जाते हG और िव9ास करत ेहG �क उ.ह�ने अपना जीवन परमे9र के िलये अप�ण कर �दया ह।ै और लोग अपने को संसार से अलग कर लेते हG और सं.यासी या सं.यािसनी बन जाते हG और उनका िव9ास ह ै�क पूरी पिव5ता म" जी रह ेहG। कुछ ऐसे काम अ\छे हो सकते हG और इनम" से कुछ के िलये परमे9र हम" आ;ा द ेसकते हG, ले�कन इनम" से कोई भी परमे9र क� वेदी नहA ह।ै इन सारे काम� को करना पाप �वभाव को बिल �कये िबना भी स-भव है। परमे9र क� वेदी ही वह जगह ह ैजहां पाप �वभाव क� मृFयु होती ह।ै जैसे जैसे मानव िन?मत मीनार क� ऊंचाई बढ़ती जाती ह,ै अह ंऔर घमlड भी बढ़ते जाते हG। गव� पूण� बात� क� आवाज बढ़ती जाती ह।ै बाबुल म" दवेी दवेताf क� वे�दयां बNत हG, ले�कन यह वह जगह नहA ह ैजहां परमे9र क� वेदी का िनमा�ण �कया जाय।

    पुन�था�िपत पव�पुन�था�िपत पव�पुन�था�िपत पव�पुन�था�िपत पव� वेदी का पुन?नमा�ण करने और दिैनक बिलदान� को पुनः �थािपत करने के बाद लौटकर आने वाले

    लोग� ने झोपड़ी का पव� मनाया। तीन बड़े पवL म" यह पव� आिखरी था जो परमे9र ने अपने लोग� के िलये ठहराया था। पहला फसह का पव� और दसूरा पे.तीकोस का पव� था। लेवी के पु�तक, २३ अHयाय म" इनका िव�तृत वण�न िमलता ह।ै िमn से :�थान का आर-भ फसह के पव� के साथ Nआ था। परमे9र ने अपने लोग� के िलये िविभZ पव� िनधा�रण �कये थे, ले�कन ये पव� बाबुल या िमn म" नहA मनाये जा सकते थे।

    यQदी लोग जैसे ही Tया मसीिहय� को भी ये पव� मनाने चािहय?े या परमे9र ने नयी वाचा के अ.तग�त इन पवL के बदले बड़ा �दन और ई�टर �थािपत �कया ह?ै नये िनयम म" ये पव� बदले नहA गये हG, बिXक ये पूरे Nए हG। ये आिFमक पDरपूण�ता दतेे हG िजसे हम सबको उपभोग करना चािहये। सव�:थम वे यीशु क� ओर इंिगत करते हG, जैसा स-पूण� धम�शा! करते हG। झोपड़ी के पव� के पहले �दन उनका ज.म Nआ था और फसह के �दन मृFयु। सारे पवL क� पDरपूण�ता उ.हA म" होती ह,ै ठीक उसी तरह जैसे सारे पुराने िनयम का।

    ये पव� हमारेहमारेहमारेहमारे आिFमक जीवन को दशा�ते हG। हमारे आिFमक जीवन का आर-भ फसह से होना चािहये जब हम परमे9र के मेमने के साथ भोजन करते हG और उनके लQ के eारा शुg �कये जाते हG। हम" परमे9र के शुg सFयता Kपी अखिमरी रोटी खाना िसखना चािहये। ऊपरी कोठरी म" :थम चेल� न ेजैसा अनुभव �कया था, हम" भी अपना Wिdगत पेि.तकोस अनुभव करना चािहये। यहां से आगे बढ़कर हम" झोपड़ी का पव� अनुभव करना चािहये िजसम" नरिसघ� का पव� और िमलाप का �दन सि-मिलत हG।

  • १४

    ��थान का समय��थान का समय��थान का समय��थान का समय उसक� :ाथ�नाएं अनसुनी नहA रहA। ग=ीएल �वग� दतू उसके पास आकर न िसफ� उसके

    दशेवािसय� के पुन�था�पन के िवषय म" कहा वरन् भिव/य म" आने वाले मसीह से स-बि.धत परमे9र क� महान योजना के िवषय म" भी कहा। ग=ीएल का स.दशे दािनयेल क� आशा और उसके समझ से बाहर था। ग=ीएल के शOद यही थेः “तेरे लोग� और तेरे पिव5 नगर के िलये सuर सsाह ठहराए गए हG �क उनके अ.त तक अपराध का होना ब.द हो, और पाप� को अ.त और अधम� का :ायिcu �कया जाए, और युग युग क� धा?मकता :गट होए; और दश�न क� बात पर और भिव/यवाणी पर छाप दी जाए, और परम पिव5 का अिभषेक �कया जाए। सो यह जान और समझ ले, �क यKशलेम के �फर बसाने क� आ;ा के िनकलने से ले कर अिभिषd :धान के समय तक सात सsाह बीत"गे। �फर बासठ सsाह� के बीतने पर चौक और खाई समेत वह नगर कJ के समय म" �फर बसाया जाएगा” (दािनयेल ९:२४,२५)।

    यह आcय�जनक भिव/यवाणी दो बार पूरी Nई। इनसाफ के ७० वष� पूरे होने म" िसफ� ७० सsाह या ४९० �दन बाक� थे ले�कन य>शलेम के पुन?नमा�ण और मसीह के आगमन और पाप मोचन के िलय ेबिलदान करने तक ४९० वष� बाक� थे। (अगम वाणी म" एक �दन का अथ� एक वष� होता ह)ै।

    ग=ीएल क� भिव/यवाणी २ इितहास के आिखरी पद और पूरी तरह एYा क� पु�तक के पहले अHयाय के २-४ पद म" राजा कुPू के आ;ा दने ेसे पूरी Nई थी। कुPू ने यQ�दय� से कहा �क यQदा दशे को लौट जाये और परम :भू, इसराइल के परमे9र, का भवन िनमा�ण करे। यहां तक �क कुPू ने आ;ा दी �क अ.य जाित पड़ोसी लोग भी �वे\छा से सोन,े चांदी, िविभZ सामान तथा पशु eारा सहयोग कर"।

    बंधुआई के आर-भ म" दािनयेल �कशोराव�था म" था और ७० वषL बाद जब बंधुआई का अ.त Nआ तो वह बृg हो चुका था। बाबुल से य>शलेम तक क� ल-बी या5ा के िलये वह असमथ� था। अिधकांश यQदी बाबुल म" ही बड़े Nए थे और यहां क� सुरि4त जीवन छोड़कर एक अनजान दशे के िलये खतर� से भरे या5ा पर जाने को तैयार नहA थे। बNसंqयक यQ�दय� के िलये यह बNत ही महगंा सौदा था। वे परदशे म" भी आराम दहे अनुभव कर रहे थे। शायद उ.ह�ने कहा हो, “अपने अWावहाDरक िसgांत� से हम" तंग मत करो। कुPू अ\छा राजा ह ैऔर हम लोग इसी दशे म" अ\छा और धमx जीवन िबता सकत ेहै।ँ“ऐसा स-भव था, पर.तु परमे9र के उ}े`य य>शलेम से जुड़े थे, बाबुल से नहA। य>शलेम मे मि.दर का पुन?नमा�ण होना था, और इPाएल ही वह दशे था जहां मसीह का आगमन होना था। बNत� ने कुPू क� आ;ा मानकर अपने पूव�ज� के दशे म" लौटन ेका िनcय �कया। एYा के दसूरे अHयाय म" लौटने वाले पDरवार के नाम और सद�य� क� संqया िलखी ह।ै एक बार �फर वे अपने पूव�ज इ=ािहम के पद िचन� पर चल रह ेथे, िजन पर कल�दय� के ऊर को छोड़कर वह :ित;ा के दशे को जाने के िलये चला था। वही िव9ास उ.ह" एक बार �फर उसी राह पर ले चला था।

    पुन�था�िपत वदेीपुन�था�िपत वदेीपुन�था�िपत वदेीपुन�था�िपत वदेी बधुआई से लौटकर पहला काम उ.ह�ने यह �कया �क परमे9र क� वेदी िनमा�ण कर उस पर बिल

    अप�ण क� (एYा ३:२)। परमे9र के सभी उ}े`य� के िलये बिलदान अित महhवपूण� ह।ै आज तक �कये गये सभी बिलदान� म" परमे9र के पु5 यीशु का बिलदान सवuम ह।ै इसके िबना हमारे पाप� क� 4मा

    सुलेमान के eारा िन?मत मि.दर म" सीमे.ट का उपयोग नहA Nआ था । पFथर एक दसूरे से ठीक ठीक मील गये थे । बाबुल का धम� ऐसी एकता को उFपZ करने और उसे कायम रखने का :यास करता ह ैजो उसम" ह ै ही नहA । ऐसी मlडिलय� म" उ.ह" एक साथ बनाए रखने के िलये ताकतवर अगुवा क� आव`यकता पड़ती ह ै। धा?मक िश4ा के अ.तर को दरू करने के िलये ल-बे स-मेलन� का आयोजन करते हG, उनके झुlड को छोड़ने वाल� पर बNत तरह के दबाव �दये जाते हG । परमे9र के स_े संतान के बीच अलग अव�था ह ै। उनम" एकता ह ै। उनके दय म" Wाs परमे9र के :ेम के eारा वे एक दसूरे से जुड़े Nए हG। वे एक आFमा के eारा एकता म" लाये गये हG। जाित, वग�, उm और िलग उनम" िवभाजन नहA ला सकता । इन के साथ साथ और सभी मानवीय बाधाf के बावजूद वे एकता अनुभव करते हG। पिव5 आFमा उ.ह" एक दसूरे को :ेम करना िसखाते हG।

    नगरनगरनगरनगर चौथे पद म" हम िनमा�ण कता�f क� योजना और उ}े`य के िवषय म" पढ़ते हG । “आओ, हम एक

    नगर और एक गु-मट बना ल", िजसक� चोटी आकाश से बात" करे, इस :कार से हम अपना नाम कर" ऐसा न हो �क हम को सारी पृवी पर फैलना पड़े” ।

    वे एक शहर िनमा�ण करना चाहते थे। धम�शा! के अनुसार कैन पहला नगर िनमा�ता था (उFपिu ४:१७) । वह झूठे धम� का सं�थापक भी था । उसने अपन ेही काम का फल अप�ण �कया, एक ऐसा भ"ट िजसे परमे9र ने �वीकार नहA �कया । धम�शा! का अगला नगर िनमा�ता हमे का पोता िनmोद था, िजसके नाम का अथ� ‘बागी’ होता ह ै। वा�तव म" उFपिu १०:१० के बाद बाबुल के िनमा�ण म" इसक� भुिमका अzणी थी । उसने कोई सबक नहA िसखा और अपने बागीपन म" आगे बढते Nए अ.य नगर� का िनमा�ण करता गया । परमे9र ने पहले आदम और �फर नूह को पृवी म" भर जाने क� आ;ा दी थी । इसिलए एक ही जगह पर जमा होना उनक� योजना के िवपरीत था । उ.ह� ने ऐसा Tय� �कया ? िह=ु शOद ‘इर’ िजसका अथ� नगर होता ह,ै ऐसे मूल शOद से बना ह ैिजसका अथ� ह ैजगे रहना या िनगरानी करना । यह चारदीवारी वाला सुरि4त नगर के अथ� म" आता ह ै। िजस �दन कैन ने हािबल क� हFया क�, उसी �दन से वह अपने :ाण के िलये भयभीत था (उFपिu ४:१४) । उसे सुर4ा क� आव`यकता थी पर वह इसके िलये परमे9र पर भरोसा नहA कर सकता था। कैन के समान िनmोद भी हFयारा था (उFपिu १०:८,९)। वह ऐसा िनमा�ण करना चाहता था जो उसके गलत काम के फल से बचा सके । पर.तु हमारे िलये, परमे9र हमारे बल और शरण�थल हG ।

    कैन और िनmोद क� तुलना म" इ=ािहम एक आcय�जनक अ.तर पेश करते हG । :ाचीन काल के एक अित िवकिसत नगर ऊर म" इ=ािहम सुरि4त जीवन Wतीत कर रह ेथे । परमे9र ने उ.ह" अपना देश, अपने कुटु-ब और अपने िपता का घर छोड़ने को कहा और उ.ह�ने छोड़ �दया । नूह के पु5 शेम सिहत उनके पाँच पुरखे उस समय तक जीिवत थे और शायद उनके साथ ही रहते थे । वे सब अ\छे और िव9ास योbय Wिd थे, पर परमे9र क� आ;ा पाकर उसने उ.ह" छोड़ �दया । इसका कारण हम िह=ू ११: १०, १३ – १६ म" पाते हG । उसने एक �वगxय नगर का दश�न दखेा था और उसके सांसाDरक नकल से वह स.तुJ नहA हो सकते थे । ऊर के दृ̀ य सुर4ा क� तुलना म" परमे9र क� सुर4ा उuम थी । अपने कुटु-ब क� संगित के िलये वह परमे9र क� संगित को बिलदान नहA कर सकते थे। िव9ास क� दिृJ से उसने �वगxय य>शलेम को दखेा और सांसाDरक नगर� को तु\छ समझा । बाद म" जब लुत सदोम नगर म"

  • रहने चला गया तो भी इ=ािहम अपने तंबू म" ही रहा । उसने कुछ अ\छी चीज" दखेी थA । इस :कार वह िव9ािसय� का िपता बन गया । वह पिव5 नगर, नया य>शलेम, िजसक� वह :ती4ा कर रहा था, वह िम{ी क� rट� से िनमा�ण नहA होगा । वह तो अपने पित के िलये शृंगार क� Nई दXुहन क� तरह परमे9र के पास से �वग� से नीचे उतरेगा (:काश २१:२)।

    महानतामहानतामहानतामहानता अब हम उस मीनार के बारे म" िवचार कर" िजसका िनमा�ण करने का उ.ह�ने :यास �कया था।

    मीनार के िलये उपयोग �कया गया िह=ू शOद ‘ िमगडोल’ ह ैजो ‘ bल’ मूल शOद से बना है और इसका अथ� ‘महान होना’ ह।ै हम इसे ‘महानता’ कह सकते हG । वे कुछ ‘बड़ा’ िनमा�ण कर रह ेथे।

    धम�शा! म" दो :कार क� महानता हG । :थम तो परमे9र क� महानता ह ैजो वह चुने Nए लोग� को भी :दान करते हG और जो उनके आगे नmता पूव�क जीवन यापन करते हG । उFपिu १२:२ म" परमे9र ने इ=ािहम से कहा, “मG तुझ से एक बड़ी जाित बनाऊंगा, और तुझे आशीष दूगंा, और तेरा नाम बड़ा कKंगा, और तू आशीष का मूल होगा” । इ=ािहम ने इस महानता को :ाs करने के िलये कोई संघष� नहA �कया । दिृJगत Kप म" उसक� मृFयु के वषL बाद यह :ाs Nआ । िमn दशे म" युसुफ को महान बनाया गया, ले�कन यह उसके अपने :यास से नहA Nआ । परमे9र ने उसे उपर उठाया । इPाएल तब महान बना जब परमे9र ने दाऊद के समय उसे िवजय दी । और परमे9र ने यीशु को अित उ_ �थान �दया Tय��क उ.ह�ने अपने आप को नm �कया और मृFयु तक आbयाकारी रह े। परमे9र ने उसको वह नाम �दया जो सब नाम� म" nे| ह,ै �क वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेक" , ( �फली﹒ २: ८ – १०)।

    दसूरी महानता अपने आप को परमे9र के िव>g खड़ा करती ह ै। गोिलयथ खड़ा होकर जीिवत परमे9र क� सेना को अपमािनत �कया। राजा शाऊल सभी लोग� से ऊंचा था, वह घमlड से भर गया और परमे9र ने उसे छोड़ �दया । बाबुल :दशे म" नबुकदने�सर ने साठ हाथ ऊँची मू?त �थािपत कराई, तFपcात उसन ेअहकंार भरे शOद कहे, “Tया यह बड़ा बाबुल नहA ह,ै िजसे मG ही ने अपने बल और समथ� से राज िनवास होने को और अपने :ताप क� बड़ाई के िलये बसाया ह”ै? (दान ४:३०)। ये शOद उसके मुख म" ही थे जब उसका साmा]य ले िलया गया अगले सात वषL तक एक पशु के तरह घास खाने के िलये उसे िनकाल �दया गया । अ.त म" उसे समझ आई �क परमे9र रा]य करता है और वह िजसे चाहता ह ैउसके हाथ म" शासन क� बागडोर दतेा है । और हम :कािशतवाTय म" �फर “महान् बेबीलोन, वे`याf और पृवी क� घृिणत व�तुf क� जननी” के िवषय म" पढ़ते हG (:काश १७:५)

    नामनामनामनाम उ.ह�ने कहा, ‘आओ हम अपने िलये नाम कमाय"’ । गजब क� दढ़ृता ! मुझे लगता ह ै �क स-पूण�

    बाइबल म" यही एक घटना है जहाँ �कसी का नाम नहA ह ै। इन सभी Wिdय� म" �कसी एक का नाम भी उXलेख नहA �कया गया ह ै। हम केवल ‘व’े सव�नाम ही पाते हG । उन सब का नाम भुला �दया गया ह,ै जब�क ४००० वषL बाद आज भी इ=ािहम का नाम िव9 :िसg है । Tया आपको कभी आcय� Nआ है �क एYा और नह-ेयाह क� पु�तक� म" Tय� नाम� क� ल-बी सूिच दी गयी है? ये सब बेबीलोन से िनकल कर आने वाले वे लोग हG िजनका दय य>शलेम से लगा था, और परमे9र ने उनके नाम अपनी पु�तक

    १३

    स-पूण� :ाण से तेरी ओर �फर" और अपने इस दशे क� ओर जो तू ने उनके पुरखाf को �दया था, और इस नगर क� ओर िजसे तू ने चुना ह,ै और इस भवन क� ओर िजसे मG ने तेरे नाम का बनाया ह,ै तुझ से :ाथ�ना कर", तो तू अपने �वगxय िनवास�थान म" से उनक� :ाथ�ना और िगड़िगड़ाहट सुनना; और उनका .याय करना, और जो पाप तेरी :जा के लोग तेरे िव>g कर"गे, और िजतने अपराध वे तेरे िव>g कर"गे, सब को 4मा कर के, उनके ब.धुआ करने वाल� के मन म" ऐसी दया उपजाना �क वे उन पर दया कर"। ” (१ राजा ८:४६-५०)।

    ये सारी बात" पूरी Nई थी। मि.दर नJ कर �दया गया था, य>शलेम उजाड़ हो गया था, �फर भी दािनयेल उस दशे और उस नगर के अवशेष क� �दशा म" जहां परमे9र ने अपना नाम �थािपत �कया था, अपना मुख कर :ाथ�ना कर सकता था। बाबुल क� स-पिu, परमे9र eारा दी गयी समृिg भी उसे स.तुJ नहA कर सक�, Tय��क इPाएल वह दशे था िजसे परमे9र ने उसके पुरख� को �दया था, और इPाएल म" ही परमे9र के सारे उ}े`य पूण� होते थे। इसीिलये दािनयेल ने :ाथ�ना क�, उसके श5ुf ने इसक� सूचना द ेदी और मृFयु दlड क� घोषणा Nई, और उसे tसह के मांद म" फ" क �दया गया। ले�कन राजा और tसह� ने वह रात उपवास म" िबतायी और दािनयेल :ाथ�ना करता रहा।

    दािनयेल क� पु�तक समय-jम से िलखी गयी नहA लगती। ९ अHयाय म" उिXलिखत दािनयेल क� :ाथ�ना और उसे िमला :काश और ६ अHयाय म" tसह के मांद म" िबतायी रात, दोन� घटनाएं मेदी के राजा दारा के शासन के आर-भ म" घDटत Nई थी। इन दोन� अHयाय� को एक साथ पढ़कर हम बNत कुछ िसख सकते हG। छठे अHयाय म" tसह के मांद क� कथा ह।ै नौवA अHयाय म" दािनयेल के दय म" उस समय Tया चल रहा था, यह �दखाता ह।ै बाबुल का साmा]य अभी अभी मदेी (पारसी) लोग� के हाथ म" आया था, और दािनयेल परमे9र क� इ\छा ढुढने का :यास कर रहा था। कुछ ही समय पहले रा]य के सव_ तीन मंि5य� म" से एक के पद पर पदोZित होने के बावजूद भी (६:३), दािनयेल ने धम�शा! अHययन को :ाथिमकता दी थी (९:२)। इसके बाद जब उसने इनका अथ� जाना, वह उपवास और :ाथ�ना करने लगा (९:३)। (दखु क� बात ह ै�क वत�मान राजनीित;� म" ऐसा Wवहार नहA पाया जाता)। उसने पाया �क दो बार ये बात" िलखी गयी थी �क ७० वषL तक य>शलेम उजाड़ रहगेा और इसके लोग बंधुआई म" जाय"गे (ियम�या २५:११ और २९:१०)। उसने मूसा और निबयो क� पु�तक� म" पढ़ा �क उसके लोग अपने ही पाप� के कारण बंधुआई म" गये थे। तब उसने उपवास के साथ :ाथ�ना क� और अपने लोग� के पाप� का :ायिcत �कया। परमे9र के इस दास के जीवन म" राजनीित का �थान पांचवां था। वचन अHययन, :ाथ�ना, उपवास और परमे9र के :ित िव9ास योbयता, ये सब अिधक महhव पूण� थे।

    मG ने अभी तक जो कहा ह ैउनका सारांश बता दू।ं सव� :थम दािनयले के मन म" गहरा एहसास था �क वह और उसके दशेवासी गलत जगह पर थे। बNत बड़ा बाहरी समृिg भी इसके िलये पया�s नहA था। िवदशेी साmा]य के tसहासन पर बैठने क� तुलना म" य>शलेम क� सड़क� पर झाडू लगाना अ\छा था। दसूरी बात हम दखेते हG �क वह धम�शा! म" यह ढुढ रहा था �क उनक� बंधुआई का कारण Tया था और इस इनसाफ का कब अ.त होने वाला था। तीसरी बात, हम उसे :ाथ�ना, उपवास और पाप� के िलये पcाताप के साथ 4मा और ब.धक बनाने वाल� से छुटकारा पाने के िलये परमे9र क� ओर �फरते Nए दखेते हG। परमे9र हम सब को वही आFमा और वही िव9ास द"।

  • १२

    आिFमक युg क� बात करते हG। पहले दो हिथयार जो उ.ह�ने िगनाये हG वे हG सFयता और धा?मकता। वे िव9ास, परमे9र का वचन और :ाथ�ना क� बात भी करते हG। वा�तिवक छुटकारे क� सेवकाई �क नAव धमx जीवन, िव9ास और पिव5 आFमा का काम है। जो लोग दJुाFमा से छुटकारा चाहते हG उ.ह" पcाताप करके अपने पाप� से िजतना स-भव हो सके उतना मन �फराना चािहए। दJु शिdयां वही जाती ह ैजहां पाप ह ैऔर वहां और अिधक पाप उFपZ करती है। बाबुल के अ.दर पाप और दJुाFमाf दोन� क� बNतायत ह।ै

    अभी तक मG बेबीलोन के धा?मक प4 पर बात कर रहा था। मेरा िव9ास ह ै �क यह इससे भी Wापक है। मेरा मानना ह ै�क संसार क� रा]य Wव�था और अथ� Wव�था का भी :ितिनिधFव करता ह।ै परमे9र से अलग होकर मनु/य ने जो कुछ �कया है, यह सब कुछ है। बेबीलोन के राजा नबुकदनर ने एक िवशाल मू?त का दश�न दखेा था जो िव9 के सभी रा]य� का :ितिनिधFव करता था। तब उ.ह�ने एक पFथर को दखेा िजसने इस मू?त के पैर पर चोट �कया और इसे नJ कर �दया। वह पFथर, दािनयले ने उनसे कहा था, परमे9र का रा]य था। यह छोटा पFथर िवशाल पव�त बनकर सारे िव9 म" छा गया। सभी सांसाDरक Wव�था का नJ होना आव`यक ह ैता�क हमारे :भु यीशु मसीह का रा]य �थािपत हो सके। हXलेलुयाह! आमीन।

    बबेीलोन से वापसीबबेीलोन से वापसीबबेीलोन से वापसीबबेीलोन से वापसी दािनयेल नबी अपने छत क� कोठरी म", िजसक� िखड़क� य>शलेम के तरफ खुलती थी, �दन म"

    तीन बार घुटने टेककर :ाथ�ना करता और परमे9र को ध.यवाद दतेा था। tसह� क� मांद म" डाले जाने का डर भी उसे रोक नहA पायी। Tया यह आव`यक था �क सब� को �दखने के िलये उसक� िखड़क� खुली रहे? वह एक िवशाल साmा]य का म.5ी था और अपना बड़ा :भाव अ\छे काम के िलये उपयोग कर सकता था। उसे धम�शा! का अ\छा ;ान था। उसने युसुफ का तरीका Tय� नहA अपनाया, �क “अपन ेिपता के घर को भूल जाय’ और ‘अपने कJ क� भूिम म" फलव.त होकर’ स.तुJ रहे? (उFपिu ४१:५१,५२)। यह Wिd अपना जीवन जोिखम म" Tय� डालना चाहता था, जब�क अपने पद पर रहत ेNए, जीिवत रहकर वह बNत से अ\छे काम कर सकता था? परमे9र ने युसुफ क� ही तरह इसे भी परदशे म" आcय�जनक Kप से ऊंचे ओहद ेपर पNंचाया था। Tया यह काफ� नहA था? Tया वह बाबुल म" परमे9र क� सेवा नहA कर रहा था? Tया वह अपने पद का उपयोग कर दासता म" जी रह ेअपने लोग� क� सहायता करके स.तुJ नहA हो सकता था? अपने जीवन को जोिखम म" डालना Tया बुिgमानी थी? ऐसे सारे : उसे िडगा नहA सके। बाबुल म" परमे9र ने उसे अFयिधक समृg करने के बावजूद भी उसका दय परमे9र के नगर य>शलेम म" लगा Nआ था।

    इPाएल के समृिg के उFकष� पर, करीब पांच शताOदी पहले, अपने eारा िन?मत मं�दर को समप�ण करने के राजा सुलेमान ने :ाथ�ना म" अपने हाथ ऊपर उठाये। भिव/यदशx के Kप मे उसने इनक� भिव/य क� दासता दखेी और :ाथ�ना �कया,“ िन/पाप तो कोई मनु/य नहA ह:ै य�द ये भी तेरे िव>g पाप कर", और तू उन पर कोप कर के उ.ह" श5ुf के हाथ कर दे, और वे उन को ब.धुआ कर के अपने दशे को चाहे वह दरू हो, चाह ेिनकट ले जाएं, तो य�द वे ब.धुआई के दशे म" सोच िवचार कर", और �फर कर अपने ब.धुआ करने वाल� के दशे म" तुझ से िगड़िगड़ाकर कह" �क हम ने पाप �कया, और कुDटलता ओर दJुता क� है; और य�द वे अपने उन श5ुf के दशे म" जो उ.ह" ब.धुआ कर के ले गए ह�, अपने स-पूण� मन और

    म" िलखवाई िजससे सब उनके नाम पढ़ सक" । धम�शा! �कतने ठीक हG और इसे िलखने वाल� का मन �कतना असीिमत !

    लोग नाम �कतना पस.द करते हG, �कसी समूह या �कसी नेता या कोई िश4ा या कोई आ.दोलन िजससे वे ऐTय वgता �दखा सक" , एक पDरचय जो उ.ह" �वीकाय� बना सकता ह ै । Tया यीशु म" इसी चीज क� कमी नहA थी? “हम जानते हG �क परमे9र ने मूसा से बात" क; पर.तु इस मनु/य को नहA जानते क� कहां का ह”ै (यूहZा ९:२९)। य�द आप वा�तव म" परमे9र को जानते हG तो यह जानने के िलये लोग� क� मlडली का नाम, स-:दाय या अगुवा का नाम नहA पूछ"गे �क वे आपके दल म" हG या नहA और आप उनके साथ सुरि4त Kप से संगित कर सकते हG या नहA । पतरस ने यीशु को इस :कार नहA पहचाना था । उसने कहा, ‘आप जीिवत परमे9र के पु5 मसीह हG’ । ‘योना के पु5 िसमोन (िजसका अथ� होता ह ैसुनने वाला) तुम ध.य हो’ यीशु ने जबाब �दया, ‘मांस और लQ ने इस बात को तुझ पर :कट नहA �कया पर �वग� म" रहने वाले मेरे िपता न’े ।

    आप यीशु के नाम को िजतना अिधक :ेम करना सीख"गे, �कसी समूह या स-:दाय का नाम उतना ही तु\छ लगेगा । आप उ.ह" िजतना अिधक :ेम कर"गे, दसूर� के साथ आपक� संगित उतना ही अिधक इस :ेम पर आधाDरत होगा । “और �कसी दसूरे के eारा उgार नहA; Tय��क �वग� के नीचे मनु/य� म" और कोई दसूरा नाम नहA �दया गया, िजस के eारा हम उgार पा सक" ” (:ेDरत ४:१२)। उनका नाम हमारे िलये िजतना अिधक बNमूXय होगा, उतना ही और सब नाम महhवहीन लग"गे । ‘मG पौलुस का Q’ँ और ‘मG अपोलस का Qँ’, इन बात� का यीशु को :ेम करने वाल� के सामने कोई �थान नहA ह ै।

    इनसाफइनसाफइनसाफइनसाफ बेबीलोन वािसय� के साथ परमे9र का Wवहार कैसा था? परमे9र उस नगर और उस मीनार को

    दखेने नीचे उतर आए िजसे लोग� ने िनमा�ण �कया था । यह कोई रह�याFमक भाषा नहA है । इ=ािहम, मूसा, यहोशू और बNत से चुने Nए स.त� के सामने परमे9र ने अपने आप को :कट �कया था । बेबीलोन, सदोम और िमn म" अपने लोग� के पास परमे9र उतर आया, ऐसा हम पढ़ते हG। वह उतर आया Tय��क वे नीचे थे । परमे9र नीचे आकर एकता दखेा और उ.ह�ने इसे तोड़ �दया । यह एकता उनक� इ\छा के अनुसार नहA थी । यीशु ने :ाथ�ना क�, “ जैसा तू हे िपता मुझ म" हG, और मG तुझ म" Qं, वैसे ही वे भी हम म" ह�, इसिलये �क जगत :तीित करे, �क तू ही ने मुझे भेजा” (यूहZा १७: २१)। उ.ह�ने मानव रिचत सं�थागत एकता के िलए :ाथ�ना नहA क� थी । एक साथ एकि5त होने से हम एक नहA होते पर यीशु के पास आने से एक होते हG । जब हमारा मन उन पर केि.त होता ह,ै हम आिFमक एकता म" एक दसूरे के पास tखचे चले आते हG, वही एकता जो यीशु और िपता के बीच थी ।

    एकता म" शिd ह ै। संसार इस बात को �कतनी अ\छी तरह जानती ह!ै संसार के िलये यह �कतना महhवपूण� ह!ै छठे पद म" परमे9र ने दखेा �क बाबेल का िनमा�ण तो केवल आर-भ था, और य�द उ.ह�न ेइसे नहA रोका तो आगे Tया हो सकता था, इसक� कोई सीमा नहA थी । बाबेल एक महान् बागी साmा]य का आर-भ था । परमे9र क� आरि-भक योजना थी �क पृवी पर मनु/य का शासन हो, ले�कन यह शासन मनु/य और परमे9र क� एकता और परमे9र पर िनभ�रता के साथ हो । सारे सृिJ क� आशा मनु/य का रा]य नहA पर.तु परमे9र का रा]य है। बाबेल परमे9र के शासन का बNत बड़े िवकXप का

  • केवल आर-भ था, उनके उ}े`य का बNत बड़ा नकल । “मG तेरा परमे9र यहोवा जलन रखने वाला ई9र Q”ं , हम दसूरी आ;ा म" पढ़ते हG। और वे �कसी भी िवरोधी को �थान नहA द"गे । बाबेल का इनसाफ जXद ही हो गया, जैसा बेXशर के शासन काल म" बेबीलोन रा]य का और :कािशतवाTय के पु�तक म" आिFमक बेबीलोन का Nआ था । परमे9र ने उनक� भाषा गड़बड़ कर दी िजसके कारण वे एक दसूरे क� बात समझ नहA सके और �फर उ.ह" सारी पृवी पर िततर िबतर कर �दया ।

    आज हम ऐसे संसार म" हG जहाँ कोई भी एक दसूरे क� बात नहA समझता ह ै। धम�, राजनीित और Wापार म" आज तक बाबेल का इनसाफ Wाs ह ै। इितहास सा4ी ह ै�क धम� िविभZ युg� और रdपात का कारण रहा है । इसिलये बाबेल या बाबुल �कस बात का :ितिनिधFव करता है? इस : का उuर दनेे से पहले हम" अपने ही दय म" झांक कर यह पूछना होगा: Tया बाबेल आपके या मेरे अ.दर िवwमान ह?ै उFपिu ११ या १२ म" आपक� ही क� कथा तो नहA िलखी है? इ=ािहम क� तरह Tया आप परमे9र के आFमा क� अगुवाई म" चलते हG? या Tया आप अपनी योजना �वयं बनाते हG और आशा करते हG �क परमे9र इससे सहमत ह�? Tया आप मानव-�वभाव Kपी rट� से अपना भवन �वयं िनमा�ण करन ेका :यास करते हG? या जीिवत पFथर के Kप म" आप परमे9र के मि.दर म" िचने गये हG? Tया आप सांसाDरक सं�थाf म" सुर4ा ढूंढ़ते हG या �वगxय िपता म" भरोसा करना िसख रह ेहG?

    बबेीलोन क! पहचानबबेीलोन क! पहचानबबेीलोन क! पहचानबबेीलोन क! पहचान बेबीलोन क� नहर� के �कनारे हम लोग बैठ गए, और िसRयोन को �मरण कर के रो पड़े! ... उसके

    बीच के मजनू वृ4� पर हम ने अपनी वीणाf को टांग �दया... Tय��क जो हम को ब.धुए कर के ले गए थे, उ.ह�ने वहां हम से गीत गवाना चाहा, और हमारे Kलाने वाल� ने हम से आन.द चाह कर कहा, िसRयोन के गीत� म" से हमारे िलय ेकोई गीत गाओ! हम यहोवा के गीत को, पराए दशे म" Tय�कर गाएं? ... ह ेयKशलेम, य�द मG तुझे भूल जाऊं, तो मेरा दािहना हाथ झूठा हो जाए! ... य�द मG तुझे �मरण न रखूं, य�द मG यKशलेम को अपने सब आन.द से nे| न जानू,ं तो मेरी जीभ तालू से िचपट जाए!

    भजन १३७

    बNत कम भजन, वा�तव म" मानव रिचत सभी सािहFय म" बNत कम पw भजन १३७ क� तुलना म" अ\छी हG । सभी परदशेी िवदशे म" िबना कोई बाजा बैठ कर रो रह ेहG, गीत गाने म" असमथ� हG । बाबुल अपनी सारी स-पिu और समृिg के बावजूद इनके दय को स.तुJ नहA कर सकता था । इनका सपना, आने वाले सैकड़� वषL तक और� के सपने क� तरह ही, परमे9र का नगर िसयोन था । वे पिव5 शहर य>शलेम के िलये िवलाप कर रह े थे जो उजाड़ और खlडहर हो गया था, जब�क घमlडी राजा नबुकदन�सेर अपने eारा बसाया गया महान् बाबुल पर गव� कर रहा था । कैसे वे लोग और कैसे हम सब परमे9र का गीत पराये दशे म" गा सकते हG ।

    वषL पहले इस भजन के िमठास से मG अिभभूत हो गया था, और इसे कंठ�थ कर िलया था, ले�कन इसका आिFमक अथ� मुझे कुछ भी पता नहA था। मG इतना समझ रहा था �क सभी यQदी अपनी दासता म" अपने पुरख� के दशे क� तृ/णा कर रह ेथे और घमlडी शासक� से घृणा करते थ,े ले�कन मG आिFमक बेबीलोन से अनजान था, :कािशतवाTय क� वह बड़ी वै`या, जो स�दय� से परमे9र के स_े मlडली को कैद कर रखी ह ै। मG �वयं भी पराये दशे म" Qँ, इसका ;ान भी मुझे नहA था ।

    ११

    मानव -�थािपत धम� न शिdशाली ह ैऔर न चाहती ह ै�क लोग� को पाप से उgार दे सके। अ\छे मनोभाव दJु दय को पDरवत�न नहA कर सकते। सांसाDरक धम� सभी :कार क� दJुता को ज.म दतेे हG । बNत से मlडली म" ऐसे सद�य है जो सभी दस आ;ा तोड़ते रहते हG । कुछ लोग दसूरे दवेी दवेताf को पूजते हG, कुछ लोग मू?तय� के आग ेिशर झुकाते हG, कुछ लोग :भू का नाम Wथ� लेते रहते ह ैऔर इसम" उ.ह" कोई बुराई नजर नहA आती । कुछ लोग परमे9र के नाम से अपने माता िपता का अनादर करते है, घृणा के eारा और लोग अपने दय म" हFया करते है, कुछ मंडिलय� ने तो अपने श5ुf क� हFया करने तक का :यास �कया ह।ै कुछ मlडली सभी :कार के अनैितक पाप म" िलs लोग� को �वीकार करते हG, अपने भेड़� से चोरी कर बNत से धनी हो गये हG, झूठी सा4ी क� भरमार ह ैऔर लोभ इस कदर Wाs ह ै�क कोई भी इसे बुरा नहA मानता।

    बNत से लोग ऐसा जीवन Wतीत करते ह ैजो कम से कम बाहरी Kप से तो आदरणीय लगता है और िजन बात� का िजj अभी मG ने �कया ह,ै उनम" वे Wिdगत Kप से दोषी न ह�, ले�कन अपने आप को मसीही कहने वाले सभी मंडिलय� म" ये सारी बात" Wाs हG । Tया कोई कभी कXपना करता ह ै�क परमे9र इन मंडिलय� को इस पृवी पर आपने :ितिनिध के Kप म" दखेते हG?

    अिधकांश धा?मक संसार पाप के िव>g लड़ने के िलये �कसी भी तरह तैयार नहA है। Tय��क यह �वयं धमx नहA है, यह पाप को घृणा नहA करता, और िजसे आप घृणा नहA करते उसके िव>g युg नहA कर"गे। धा?मक संसार स-मेलन�, राजनीित, मानव अिधकार, संवाद के नये उपाय, आधुिनक िविध से सा4ी दनेे जैसे िवषय म" अिधक W�त है, परमे9र क� धा?मकता म" नहA।

    बबेीलोन के द"ुा#माबबेीलोन के द"ुा#माबबेीलोन के द"ुा#माबबेीलोन के द"ुा#मा :कािशत वाTय के १८ अHयाय और उसके ५वे पद म" आकाश क� उचाई तक पNंच चुके बेबीलोन

    के पाप हम दखेते हG, दसूरे पद म" हम पढ़ते हG, “ िगर गया बड़ा बेबीलोन िगर गया ह:ै और द�ुा�मा�द�ुा�मा�द�ुा�मा�द�ुा�मा� का िनवास, और हर एक अशु आ�माअशु आ�माअशु आ�माअशु आ�मा का अा, और एक अशु और घृिणत प�ीअशु और घृिणत प�ीअशु और घृिणत प�ीअशु और घृिणत प�ी का अा हो गया” । बीज बोने वाले के दJृा.त म" यीशु ने कहा �क बीज को उठा ले जाने वाली िचिडया दJुाFमा का :ितिनिधFव करती है। इसी िलये दJुाFमा, अशुg आFमा और िचिडया, सब का एक ही अथ� है। बेबीलोन इन दJु चीज� से भरपूर है।

    िवगत वषL म" दJुाFमा िनकालने नयी अिभ>िच उFपZ Nई है। बNत से Wिd वा�तव म" दJुाFमा से छुटकारा पाने म" सफल Nए है, ले�कन और लोग वा�तिवक सम�या नहA समझ पाये ह।ै जहां पाप ह,ै वहां दJुाFमा आराम से रहती ह।ै दJुाFमा के अधीन होना और दJुाFमा के :भाव म" जीना, पाप जैसा नहA ह ैपर दोन� का पाप से गहरा स-ब.ध है । अ.य जाित अनु|ान� के eारा, म.5ो_ारण के eारा और जाद ूभरे शOद� के eारा दJुाFमाf से Wवहार करते है। नैितक मूXय� का महhव नहA है। पाप अथ�हीन ह ै। यह तो दJुाFमाf को द>ुपयोग करना या उ.ह" खुश करने वाली बात ह।ै

    बNत कुछ जो दJुाFमा िनकालना या छुटकारा �दलाने वाली सेवकाई जैसा �दखती ह ैवह भी इससे अिधक िभZ नहA है। कुछ लोग पादरी को बुलाते हG और वह :ाथ�ना क� पु�तक लेकर आते हG, कुछ पढ़ते हG या :भु भोज क� सेवा करते हG। दसूरे लोग धम�शा! म" उपलOध दJुाFमाf को िनकालने के िलये उपयोग �कया गया शOद उपयोग करके सफलता क� आशा करते हG। ए�फसी ६:१०-१८ म" पौलुस

  • १०

    हम कुछ ऐसा िनमा�ण करना पस.द करते ह ैिजसके eारा हम मिहमीत हो सक" । हम जोर दकेर कहते ह ै�क परमे9र को मिहमा दनेा चाहते ह,ै पर गुप चुप यह मिहमा उनसे चुरा लेते हG । हम दढृता के साथ घोषणा करते ह ै�क लोगो को खुश करने का हमारा कोई इरादा नहA ह,ै पर हम लोग� क� तािलयां सुनने के िलये बेचैन रहते है। हम यीशु क� बेइती म" सहभागी होने के िलए शहर के बाहर नहA िनकलना चाहते।

    य�द आपने िसफ� बेबीलोन का बाहरी �वKप ही दखेा ह ैतो, जीवन भर आप इसके सड़क� पर घूमते रह जाय"गे और नये य>शलेम जाने के िलये इसे कभी नहA छोड़ पाएंगे।

    व$ेयाविृ&व$ेयाविृ&व$ेयाविृ&व$ेयाविृ& आिFमक वे`यावृिu के िवचार क� ओर हम" लौटना चािहए। परमे9र क� इ\छा यही ह ै �क

    शारीDरक स-ब.ध िसफ� वैवािहक ब.धन के अ.दर हो ता�क पित पी :ेम म" एक ह� और इसके फल�वKप स.तान उFपZ हो सक" । वे`या सहवास को पैसा कमाने के िलए द>ुपयोग करती ह ै। कोई भी मlडली य�द अपने सद�य� से पैसा लेने के िलए धम� का उपयोग करती ह ैतो यह आिFमक वे`यावृिu करती ह।ै य�द कोई :चा