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भारतीय �रज़व ब�क ______________________ RESERVE BANK OF INDIA___________________ www.rbi.org.in भा�रब�/2016-17/10 �वस�व�व.जीएसएसडी.क� का.बीसी.सं.04/09.16.03/2016-17 01 जुलाई 2016 अय� / बंध �नदेशक सभी अनुसू�चत वा�णियक ब�क महोदय / महोदया माटर प�रप - द�नदयाल अंयोदय योजना - रा�य शहर� आजी�वका �मशन (डीएवाई - एनयूएलएम) भारतीय �रज़व ब�क ने समय-समय पर ब�क� को भारत सरकार क� रा�य शहर� आजी�वका �मशन (एनयूएलएम) योजना िजसका नाम अब द�नदयाल अंयोदय योजना - रा�य शहर� आजी�वका �मशन (डीएवाई - एनयूएलएम)है , के बारे म� प�रचालनामक अनुदेश / �नदेश जार�कए ह�। ब�कको सभी वतमान अनुदेश एक थान पर उपलध कराने के योजन से यह माटर प�रप जार� �कया जा रहा है िजसम, भारतीय �रज़व ब�क वारा 30 जून 2016 तक डीएवाई - एनयूएलएम पर जार� सभी पूववत� अनुदेश� को समे �कत �कया गया है और प�र�शट म� सूचीब �कया गया है। माटर प�रप �रज़व ब�क क� वेबसाइट (https://www.rbi.org.in) पर उपलध है। पया ाित सूचना द�। भवद�या (उमा शंकर) मुय महाबंधक �वतीय समावेशन और �वकास �वभाग, के �य कायालय, 10वी मंिजल, के �य कायालय भवन, मुंबई 400 001, टे�लफोन /Tel No: 91-22-22661000 फै स/Fax No: 91-22-22621011/22610948/22610943 -मेल/ Email ID:cgmincfidd@rbi.org.in Financial Inclusion & Development Department, Central Office, 10 th Floor, C.O. Building, Post Box No.10014 Mumbai -400 001 �हंदआसान है , इसका योग बढ़ाइये चेतावनी : - �रज़व ब वारा मेल, डाक, एसएमएस या फोन कॉल क े ज�रए �कसी क� भी यितगत जानकार� जैसे ब क क े खाते का यौरा, पासवड आ�द नह�ं मांगी जाती है। यह धन रखने या देने का ताव भी नह�ं करता है। ऐसे ताव� का �कसी भी तर�क े से जवाब मत द�िजए।" Caution: RBI never sends mails, SMSs or makes calls asking for personal information like bank account details, passwords, etc. It never keeps or offers funds to anyone. Please do not respond in any manner to such offers.

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  • भारतीय �रज़वर् ब�क ______________________ RESERVE BANK OF INDIA___________________

    www.rbi.org.in

    भा�रब�/2016-17/10 �वस�व�व.जीएसएसडी.क� का.बीसी.सं.04/09.16.03/2016-17 01 जुलाई 2016

    अध्य� / प्रबंध �नदेशक सभी अनुसू�चत वा�णिज्यक ब�क महोदय / महोदया

    मास् टर प�रपत्र - द�नदयाल अंत् योदय योजना - राष् ट्र�य शहर� आजी�वका �मशन (डीएवाई - एनयूएलएम)

    भारतीय �रज़वर् ब�क ने समय-समय पर ब�क� को भारत सरकार क� राष्ट्र�य शहर� आजी�वका �मशन (एनयूएलएम) योजना िजसका नाम अब “द�नदयाल अंत् योदय योजना - राष् ट्र�य शहर� आजी�वका

    �मशन (डीएवाई - एनयूएलएम)” है, के बारे म� प�रचालनात्मक अनुदेश / �नदेश जार� �कए ह�। ब�क� को सभी वतर्मान अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के प्रयोजन से यह मास्टर प�रपत्र जार� �कया जा रहा है िजसम�, भारतीय �रज़वर् ब�क द्वारा 30 जून 2016 तक डीएवाई - एनयूएलएम पर जार� सभी पवूर्वत� अनुदेश� को समे�कत �कया गया है और प�र�शष्ट म� सूचीबद्ध �कया गया है। मास् टर प�रपत्र �रज़वर् ब�क क� वेबसाइट (https://www.rbi.org.in) पर उपलब् ध है। कृपया प्रािप्त सूचना द�।

    भवद�या

    (उमा शकंर) मुख् य महाप्रबंधक

    �वत् तीय समावेशन और �वकास �वभाग, केद्र�य कायार्लय, 10वी मंिजल, केद्र�य कायार्लय भवन, मंुबई 400 001,

    टे�लफोन /Tel No: 91-22-22661000 फैक्स/Fax No: 91-22-22621011/22610948/22610943 ई-मेल/ Email ID:[email protected]

    Financial Inclusion & Development Department, Central Office, 10th Floor, C.O. Building, Post Box No.10014 Mumbai -400 001

    �हदं� आसान है, इसका प्रयोग बढ़ाइये

    “चतेावनी :- �रज़वर् ब�क द्वारा मेल, डाक, एसएमएस या फोन कॉल के ज�रए �कसी क� भी व् यिक्तगत जानकार� जैसे ब�क के खात ेका ब् यौरा, पासवडर् आ�द नह� ंमागंी जाती है। यह धन रखने या देने का प्रस् ताव भी नह� ंकरता है। ऐसे प्रस् ताव� का �कसी भी तर�के से जवाब मत द�िजए।"

    Caution: RBI never sends mails, SMSs or makes calls asking for personal information like bank account details, passwords, etc. It never keeps or offers funds to anyone. Please do not respond in any manner to such offers.

    http://rbi.org.in/hindi/Scripts/MasterCircular.aspx?ID=3452%23MCShttp://rbi.org.in/hindi/Scripts/MasterCircular.aspx?ID=3452%23A1https://www.rbi.org.in/

  • मास् टर प�रपत्र - द�नदयाल अंत् योदय योजना - राष् ट्र�य शहर� आजी�वका �मशन (डीएवाई - एनयूएलएम)

    पषृ् ठभू�म

    भारत सरकार, आवास और शहर� गर�बी उपशमन मंत्रालय (एमओएचयूपीए) ने 2013 म� मौजूदा स् वणर् जयंती शहर� रोजगार योजना (एसजेएसआरवाई) क� पुनस�रचना क� है और राष् ट्र�य शहर� आजी�वका �मशन (एनयूएलएम) शरुू �कया है। एनयूएलएम सभी िजला मखु् यालय� (चाहे जनसखं् या कोई भी हो) और एक लाख या उससे अ�धक क� जनसंख् या वाले सभी शहर� म� 24 �सतंबर 2013 से कायार्न् वयनाधीन है।

    स् वरोजगार कायर्क्रम (एसईपी) एनयूएलएम के घटक� म� से एक घटक (घटक 4) है िजसम� वैयिक्तक और सामू�हक उद्यम� तथा शहर� गर�ब� के स् व-सहायता समूह� (एसएचजी) क� स् थापना को समथर्न देने के �लए ऋण� पर ब् याज सिब्सडी के प्रावधान के माध् यम से �वत् तीय सहायता उपलब् ध कराने पर ध् यान क� �द्रत �कया जाएगा। एसजेएसआरवाई के यूएसईपी (शहर� स् वरोजगार कायर्क्रम) घटक और यूडब् ल् यूएसपी (शहर� म�हला स् व-सहायता कायर्क्रम) घटक के �लए वतर्मान के पूंजी सिब्सडी के प्रावधान के स् थान पर व् यिक्तगत उद्यम (एसईपी-I), सामू�हक उद्यम (एसईपी-जी) और स् व-सहायता समूह (एसएचजी) के ऋण� पर ब् याज सिब्सडी द� जाएगी। शहर� �ेत्र� म� गर�ब� के �लए आजी�वका के अवसर� म� सुधार लाने क� दृिष्ट से आवास और शहर� गर�बी उपशमन मंत्रालय (यूपीए प्रभाग), भारत सरकार ने अपने �दनांक 19 फरवर� 2016 के कायार्लय �ापन संख् या के-14011/2/2012-यूपीए/एफट�एस-5196 द्वारा राष् ट्र�य शहर� आजी�वका �मशन क� व् यािप्त बढ़ाने का �नणर्य �लया है। �मशन क� व् यािप्त बढ़ाते हुए उसका “द�नदयाल अंत् योदय योजना - राष् ट्र�य शहर� आजी�वका �मशन (डीएवाई - एनयूएलएम)” के रूप म� पनु: नामकरण �कया गया है।

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  • स् वरोजगार कायर्क्रम (एसईपी) - प�रचालनात् मक �दशा�नद�श डीएवाई-एनयूएलएम के घटक स् वरोजगार कायर्क्रम (एसईपी) के प�रचालनात् मक �दशा�नद�श �नम् नानुसार ह� : 1. प्रस् तावना: 1.1 इस घटक म� शहर� गर�ब� को उनके कौशल, प्र�श�ण, योग् यता और स् था�नक िस्थ�तय� के अनुकूल लाभप्रद स् वरोजगार उद्यम� / माइक्रो उद्यम� क� स् थापना के �लए व् यिक्त / समूह को �वत् तीय सहायता देने पर ध् यान क� �द्रत �कया जाएगा। घटक म� शहर� गर�ब को ब�क से आसानी से ऋण पाने क� पहंुच उपलब् ध करने और एसएचजी ऋण� पर ब् याज सिब्सडी प्राप् त करने के �लए स् व-सहायता समूह� (एसएचजी) को सहायता भी द� जाएगी। इस घटक म� आगे माइक्रो उद्यम� म� लगे हुए व् यिक्तय�, सामू�हक उद्यम�, एसएचजी सदस् य� और शहर� सड़क �वके्रताओं / फेर�वाल� को अपनी आजी�वका के �लए प्रौद्यो�गक�य, �वपणन और अन् य समथर्क सेवाएं देने पर ध् यान क� �द्रत �कया जाएगा। इस घटक म� उद्यमकतार्ओं क� कायर्शील पूंजी आवश् यकता के �लए के्र�डट काडर् क� भी सु�वधा होगी। 1.2 अल् प रोजगार और बेरोजगार वाले शहर� गर�ब को ऐसे �व�नमार्ण, सेवा और छोटा-मोटा कारोबार के लघु उद्यम स् था�पत करने के �लए प्रोत् साहन �दया जाएगा िजनके �लए काफ� स् थानीय मांग हो। स् थानीय कौशल और स् थानीय कार�गर� को �वशषे रूप से काम म� लगाना चा�हए। प्रत् येक शहर� स् थानीय �नकाय (यूएलबी) को चा�हए �क वह उपलब् ध कौशल, उत् पाद� क� �वपणन �मता, लागत, आ�थर्क संभाव् यता आ�द को ध् यान म� रखत ेहुए ऐसे कायर्कलाप� / प�रयोजनाओं का संग्रह (कंप��डयम) �वक�सत कर�। 1.3 एसईपी के अंतगर्त म�हला लाभा�थर्य� का प्र�तशत 30 प्र�तशत से कम नह�ं होना चा�हए। एससी और एसट� लाभा�थर्य� क� संख् या कम से कम शहर / नगर म� गर�ब� क� जनसंख् या म� उनके अनुपात क� सीमा तक होने चा�हए। इस कायर्क्रम के अंतगर्त कमजोर व् यिक्तय�(differently-abled) के �लए 3 प्र�तशत के आर�ण का �वशषे प्रावधान �कया जाना चा�हए। अल् पसंख् यक� के कल् याण के �लए प्रधानमतं्री के 15 सतू्रीय कायर्क्रम को ध् यान म� लेते हुए इस घटक के अंतगर्त अल् पसंख् यक समुदाय� के �लए भौ�तक और �वत् तीय ल� य� का कम से कम 15 प्र�तशत �निश्चत �कया जाना चा�हए। 2. लाभाथ� का चयन: शहर� स् थानीय �नकाय (यूएलबी) से समुदाय संघटक (सीओ) और व् यावसा�यक शहर� गर�ब� म� से संभाव् य लाभाथ� का अ�भ�नधार्रण कर�गे। एनयूएलएम का घटक अथार्त सामािजक संग्रहण और संस् थागत �वकास (एसएमएण् डआईडी) के अंतगर्त ग�ठत समुदाय अथार्त स् व-सहायता समूह (एसएचजी) और �ेत्र स् तर�य प�रसंघ (एएलएफ) भी यूएलबी को एसईपी

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  • के अंतगर्त �वत् तीय सहायता के प्रयोजन हेतु संभाव् य व् यिक्त और समूह उद्यमकतार्ओं को भेज सकते ह�। लाभाथ� सहायता के �लए सीधे ह� यूएलबी अथवा उसके प्र�त�न�धय� से संपकर् कर सकता है। ब�क भी अपने स् तर पर संभाव् य लाभा�थर्य� का अ�भ�नधार्रण कर सकत ेह� और ऐसे मामले सीधे ह� यूएलबी को भेज सकते ह�।

    3. श ै��णक अहर्ताएं और प्र�श�ण आवश् यकता : इस घटक के अंतगर्त संभाव् य लाभाथ� के �लए कोई न् यूनतम श�ै�णक अहर्ता आवश् यक नह�ं है। तथा�प जहां माइक्रो उद्यम �वकास के �लए अ�भ�नधार्�रत कायर्कलाप के �लए कुछ �वशषे कौशल आवश् यक हो वहां लाभाथ� को �वत् तीय सहायता देने से पहले उसे घटक 3 : कौशल प्र�श�ण और �नयोजन के माध् यम से रोजगार (ईएसट�एण् डपी) के अंतगर्त प्र�श�ण हेतु समा�वष् ट करते हुए यथो�चत प्र�श�ण �दया जाना चा�हए। संभाव् य लाभाथ� को प्रस् ता�वत माइक्रो उद्यम चलाने के �लए आवश् यक कौशल प्राप् त करने के बाद ह� �वत् तीय सहायता द� जानी चा�हए।

    3.1 य�द लाभाथ� ने पहले ह� �ात संस् था, पंजीकृत एनजीओ / स् वैिच्छक संगठन से प्र�श�ण �लया है अथवा �कसी सरकार� योजना के अंतगर्त प्र�श��त है तो उसे ऐसा प्र�श�ण देने क� आवश् यकता नह�ं होगी बशत� वह आवश् यक प्रमाणपत्र प्रस् तुत करता है। य�द लाभाथ� ने पा�रवा�रक व् यवसाय से आवश् यक कौशल प्राप् त �कए ह� तो �वत् तीय सहायता देने से पहले ऐसे मामल� को यूएलबी द्वारा प्रमा�णत �कया जाना चा�हए।

    3.2 उद्यमशीलता �वकास कायर्क्रम (ईडीपी) : यूएलबी लाभा�थर्य� को कौशल प्र�श�ण देने के अलावा व् यिक्तगत और सामू�हक उद्यमकतार्ओं के �लए 3-7 �दन का उद्यमशीलता �वकास कायर्क्रम भी आयोिजत करेगा। ईडीपी म� उद्यमशीलता �वकास के मूलभूत कौशल जैसे उद्यम का प्रबंधन, मूलभूत लेखाकरण, �वत् तीय प्रबधंन, �वपणन, उत् पादन-पूवर् और उत् पादनतोत् तर सहलग्नता , कानूनी �क्रया�व�धयां, लागत �नधार्रण और राजस् व आ�द शा�मल �कए जाएंगे। सामू�हक उद्यम� म� उपयुर्क् त �वषय� के अ�त�रक् त मॉड्यूल म� समूह क� स�क्रयता, काम का आवंटन, लाभ म� �हस् सेदार� तंत्र आ�द भी समा�वष् ट होगा।

    3.3 ईडीपी मॉड्यूल को राज् य �मशन प्रबंध इकाई (एसएमएमयू) द्वारा पनैलबद्ध संस् था / एज�सी अथवा सलाहकार फमर् क� सहायता से सम�थर्त राज् य शहर� आजी�वका �मशन (एसयूएलएम) द्वारा �वक�सत पूणर्त: �निश्चत �कया जाना चा�हए और यूएलबी द्वारा प्र�श�ण कायर्क्रम आयोिजत करत ेसमय उसका उपयोग �कया जाना चा�हए। ग्रामीण स् वरोजगार प्र�श�ण संस् थाओं (आरएसईट�आई), उद्यमशीलता �वकास / प्र�श�ण का कायर् करने वाल� प्र�तिष्ठत संस् थाओं, प्रबंधन / श�ै�णक संस् थाओं, प्र�तिष्ठत एनजीओ जो उद्यमशीलता �वकास / प्र�श�ण का कायर् करते ह� आ�द जैसी संस् थाओं के माध् यम से यह ईडीपी प्र�श�ण आयोिजत �कया जा सकता है।

    3.4 इस घटक के अंतगर्त लाभा�थर्य� के प्र�श�ण पर �कए गए खचर् क� पू�त र् बजट के ईएसट�एण् डपी म� से क� जाएगी।

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  • 4. �वत् तीय सहायता का स् वरूप : शहर� गर�ब को वयैिक्तक और सामू�हक उद्यम स् था�पत करने के �लए उपलब् ध �वत् तीय सहायता ब�क ऋण� पर ब् याज सिब्सडी के रूप म� होगी। वैयिक्तक अथवा सामू�हक उद्यम� को स् था�पत करने के �लए ब�क ऋण पर 7 प्र�तशत क� ब् याज दर से अ�धक पर ब् याज सिब्सडी उपलब् ध होगी। डीएवाई - एनयूएलएम के अंतगर्त ब�क� को 7 प्र�तशत वा�षर्क और ब् याज क� प्रच�लत दर के बीच के अंतर क� रा�श उपलब् ध क� जाएगी। ब् याज सिब्सडी केवल ऋण क� समय पर चुकौती �कए जाने वाले मामले म� द� जाएगी। इस संबंध म� ब�क� से यथो�चत प्रमाणपत्र प्राप् त �कया जाएगा। 5. ब् याज सिब्सडी के �लए �क्रया�व�ध: 5.1 सभी अनुसू�चत वा�णिज्यक ब�क (एससीबी), �ेत्रीय ग्रामीण ब�क (आरआरबी) और सहकार� ब�क जो कोर ब��कंग समाधान (सीबीएस) प् लेटफामर् से संबद्ध ह� वे इस योजना के अंतगर्त ब् याज सबव�शन पाने के �लए पात्र ह�गे। 5.2 लाभा�थर्य� को ऋण �वतरण के बाद ब�क क� संबं�धत शाखा ब् याज सिब्सडी रा�श के ब् योर� के साथ �वत�रत ऋण मामल� के ब् योरे यूएलबी को पे्र�षत करेगी। 5.3 ब�क� द्वारा �कए गए दाव� का �नपटान यूएलबी द्वारा �तमाह� आधार पर �कया जाएगा, तथा�प दाव� का प्रस् तुतीकरण मा�सक आधार पर �कया जाना चा�हए। यूएलबी अपने स् तर पर तार�ख क� जांच करेगा और ब् याज सिब्सडी क� रा�श (7 प्र�तशत वा�षर्क तथा प्रच�लत ब् याज दर के बीच अंतर क� रा�श) ब�क� को जार� करेगा। 5.4 इस घटक के अंतगर्त ऋण� पर ब् याज सिब्सडी दाव� के �लए �नधार्�रत फाम�ट संलग् न (अनुबंध – I) है। 5.5 राज् य स् तर�य ब�कर स�म�त (एसएलबीसी) को राज् य सरकार के साथ परामशर् से दाव� को इकट्ठा करने / स् वीकृत करने क� वैकिल्पक �क्रया�व�ध �वक�सत करने का �वकल् प है। 5.6 दावे एक �तमाह� से अ�धक लं�बत नह�ं होने चा�हए। य�द ब�क� के दाव� का �नपटान 6 माह क� अव�ध म� नह�ं होता है तो एसएलबीसी को अ�धकार है �क वह ऐसे यूएलबी द्वारा दाव� के �नपटान क� शतर् के अधीन चु�नदंा शहर� म� यह योजना अस् थायी तौर पर बदं करे। ऐसी संभाव् य घटनाओं म� दाव� का �नपटान भावी प्रभाव से अग्रणी िजला ब�क को �दया जाना चा�हए। 6. उप घटक - वैयिक्तक उद्यम (एसईपी – I) ऋण और सिब्सडी

    6.1 स् वरोजगार के �लए वयैिक्तक माइक्रो उद्यम स् था�पत करने हेतु इच् छुक शहर� गर�ब वैयिक्तक लाभाथ� �कसी भी ब�क से इस घटक के अंतगर्त �रयायती (सिब्सडीकृत) ऋण ले सकता है। वैयिक्तक माइक्रो उद्यम ऋण� के मानदंड / �वशषेताएं �नम् नानुसार ह�।

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  • 6.2 आयु: ऋण के �लए आवेदन करते समय संभाव् य लाभाथ� क� आयु 18 वषर् क� होनी चा�हए। 6.3 प�रयोजना लागत (पीसी) : वैयिक्तक माइक्रो-उद्यम के मामले म� अ�धकतम इकाई प�रयोजना लागत रु. 200,000 (दो लाख रुपए) है। 6.4 ब�क ऋण पर संपािश्वर्क : कोई संपािश्वर्क आवश् यक नह�ं। �दनांक 6 मई 2010 के �रज़वर् ब�क के प�रपत्र ग्राआऋ�व.एसएमई एण् ड एनएफएस.बीसी.सं.79/06.02.31/2009-10 के अनुसार ब�क� के �लए अ�धदेश है �क वे एमएसई �ेत्र क� इकाइय� को �दए गए 10 लाख रुपए तक के ऋण� के मामले म� सपंािश्वर्क जमानत स् वीकार न कर�। अत: ऋण देने के �लए �न�मर्त आिस्तयॉ ंह� ब�क� के पास दृिष्टबंधक / �गरवी / बंधक ह�गी। एसईपी ऋण� के �लए गारंट� र�ा (कवर) प्राप् त करने के प्रयोजन से ब�क कायर्कलाप क� पात्रता के अनुसार गारंट� र�ा के �लए लघु उद्योग �वकास ब�क (�सडबी) और भारत सरकार द्वारा स् था�पत सू� म और लघु उद्यम� के �लए ऋण गारंट� न् यास (सीजीट�एमएसई) से संपकर् कर सकते ह�। 6.5 चुकौती: ब�क� के मानदंड� के अनुसार 6-18 माह के प्रारं�भक ऋण स् थगन के बाद चुकौती क� अव�ध 5 से 7 वषर् तक क� होगी। 6.6 मािजर्न रा�श : ` 50,000/- तक के ऋण� के �लए कोई मािजर्न रा�श नह�ं ल� जानी चा�हए और ` 50,000/- से 10 लाख तक के ऋण� के �लए अ�धमानत: 5 प्र�तशत मािजर्न रा�श के रूप म� ल� जानी चा�हए तथा �कसी भी हालत म� वह प�रयोजना लागत के 10 प्र�तशत से अ�धक नह�ं होनी चा�हए। 6.7 ऋण सु�वधा का प्रकार : ब�क व् यिक्तय� को मीयाद� ऋण के रूप म� पूजंी व् यय के �लए �वत् त और नकद� ऋण के माध् यम से कायर्शील पूंजी ऋण दे सकता है। ब�क अलग – अलग आवश् यकताओं के आधार पर पूंजी व् यय और कायर्शील पूंजी घटक� स�हत सं�मश्र ऋण दे सकते ह�।

    7. उप-घटक - सामू�हक उद्यम (एसईपी-जी) – ऋण और सिब्सडी

    स् व-सहायता समूह (एसएचजी) अथवा डीएवाई - एनयूएलएम के अंतगर्त ग�ठत एसएचजी के सदस् य अथवा शहर� गर�ब� का समूह जो स् वरोजगार हेतु सामू�हक उद्यम स् थापन करने का इच् छुक है इस घटक के अंतगर्त �कसी भी ब�क से �रयायती (सिब्सडीकृत) ऋण का लाभ ले सकता है। सामू�हक माइक्रो-उद्यम ऋण� के �लए मानदंड / �वशषेताएं �नम् नानुसार ह�। 7.1 पात्रता : सामू�हक उद्यम� म� न् यूनतम 5 सदस् य होने चा�हए और उनम� न् यूनतम 70 प्र�तशत शहर� गर�ब प�रवार� से होने चा�हए। एक ह� समूह म� एक प�रवार से एक से अ�धक व् यिक्तय� को शा�मल नह�ं �कया जाना चा�हए।

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  • 7.2 आयु : ब�क ऋण के �लए आवेदन करते समय सामू�हक उद्यम के सभी सदस् य� क� आयु 18 वषर् क� होनी चा�हए। 7.3 प�रयोजना लागत (पीसी) : सामू�हक उद्यम के मामले म� अ�धकतम इकाई प�रयोजना लागत 10,00,000 रुपए (दस लाख रुपए) है। 7.4.1 ऋण का प्रकार : ऋण आपसी �वश् वास और समूह के बीच जमानती व् यवस् था के आधार पर, एक उधारकतार् इकाई के रूप म� कायर्रत समूह को एकल ऋण के रूप म� या समूह के प्रत् येक सदस् य को वैयिक्तक ऋण �दया जा सकता है। समूह को ऋण देते समय ‘ भू�मह�न �कसान ‘ के संयुक् त कृ�ष समूह� के �वत् तपोषण पर बजट (2014-15) घोषणा पर �दनांक 13 नवंबर 2014 के �रज़वर् ब�क के प�रपत्र म� �नधार्�रत �सद्धातं� और बाद म� �कए गए संशोधन� का पालन �कया जाना चा�हए। 7.4.2 ऋण सु�वधा का प्रकार : ब�क समूह� को मीयाद� ऋण के रूप म� पूंजी व् यय के �लए �वत् त और नकद� ऋण सु�वधा के माध् यम से कायर्शील पूंजी ऋण दे सकता है। ब�क समूह क� आवश् यकताओं के आधार पर पंूजी व् यय और कायर्शील पूंजी के �लए सं�मश्र ऋण दे सकते ह�। 7.4.3 ऋण और मािजर्न रा�श : ब�क द्वारा समूह उद्यम को ऋण के रूप म� प�रयोजना लागत से �हता�धकार� के अंशदान (मािजर्न रा�श) घटाकर शषे रा�श द� जाएगी। ` 50,000/- तक के ऋण� के �लए कोई मािजर्न रा�श नह�ं ल� जानी चा�हए और उच् चतर रा�श के ऋण� के �लए अ�धमानत: 5 प्र�तशत मािजर्न रा�श के रूप म� ल� जानी चा�हए तथा �कसी भी हालत म� वह प�रयोजना लागत के 10 प्र�तशत से अ�धक नह�ं होनी चा�हए। 7.5 ब�क ऋण पर संपिश्वर्क गारंट� : कोई संपािश्वर्क / गारंट� आवश् यक नह�ं। ऋण देने के �लए �न�मर्त आिस्तयां ह� ब�क� के पास दृिष्टबंधक / बंधक / �गरवी ह�गी। पैरा 6.4 म� �दए गए अनुसार ब�क सू� म और लघु उद्यम� के �लए ऋण गारंट� न्यास (सीजीट�एमएसई) से संपकर् कर सकते ह�। 7.6 चुकौती: ब�क� द्वारा �कए गए �नणर्य के अनुसार 6-18 माह के प्रारं�भक ऋण स् थगन के बाद चुकौती अव�ध 5-7 वषर् क� होगी। 8. आवेदन� को प्रायोिजत करने क� �क्रया�व�ध :

    8.1 वैयिक्तक और सामू�हक उद्यम ऋण� के आवेदन शहर� स् थानीय �नकाय (यूएलबी) द्वारा प्रायोिजत �कए जाएंगे जो वैयिक्तक और सामू�हक उद्यम के �लए प्रायोजक एज�सी होगी।

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  • 8.2 यूएलबी सम् पकर् साधन� के माध् यम से अ�भयान, आईईसी ग�त�व�धय�, स् थानीय समाचार पत्र� म� �व�ापन, शहर� आजी�वका क� द्र (सीएलसी), आ�द द्वारा संभाव् य लाभा�थर्य� म� एसईपी के बारे म� जागरूकता पैदा करेगा। यूएलबी संसाधन संगठन� और उसके �ेत्रीय स् टाफ को स�क्रय रूप से शा�मल करते हुए इस घटक के संबंध म� सूचना का प्रसार भी कर सकता है। 8.3 उद्यम स् था�पत करने के �लए �वत् तीय सहायता प्राप् त करने के इच् छुक लाभाथ� इस प्रयोजन का आवेदन एक सादे पेपर पर मूलभूत ब् योरे जैसे नाम, आयु, संपकर् के ब् योरे, पता, आधार के ब् योरे (य�द कोई हो), अपे��त ऋण क� रा�श, ब�क खाता संख् या (य�द उपलब् ध हो), उद्यम / कायर्कलाप का प्रकार, संवगर्, आ�द देते हुए संबं�धत यूएलबी अ�धकार� को प्रस् तुत कर सकते ह�। प्रयोजन मेल / डाक द्वारा भी यूएलबी कायार्लय को भेजा जा सकता है। यूएलबी वषर्भर म� ऐसे प्रयोजन स्वीकार करेगा। 8.4 एनयूएलएम के घटक सामािजक संग्रहण और संस् थात् मक �वकास (एसएमएण् डआईडी) के अंतगर्त ग�ठत समुदाय संरचना अथार्त स् व-सहायता समूह (एसएचजी / �ेत्र स् तर�य प�रसंघ (एएलएफ) भी एसईपी के अंतगर्त �वत् तीय सहायता के प्रयोजन हेतु संभाव् य वैयिक्तक और सामू�हक उद्यमकतार्ओं को यूएलबी के पास भेज सकते ह�। 8.5 लाभाथ� से प्रयोजन क� प्रस् तुती / प्रािप्त पर संबं�धत यूएलबी रिजस् टर / या एमआईएस, य�द उपलब् ध हो, म� ब् योर� क� प्र�विष्ट करेगा और इस कारण से लाभा�थर्य� क� प्रती�ा सचूी तैयार करेगा। यूएलबी लाभाथ� को ऐसी �व�शष् ट पंजीकरण संख् या के साथ प्राप् त सूचना जार� करेगा, िजसका प्रयोग आवेदन क� िस्थ�त का टै्रक रखने के �लए संदभर् संख् या के रूप म� �कया जा सकेगा। 8.6 ब�क पात्रता मानदंड� और प्रयोजन पत्र क� प्रािप्त के अनुसार भी लाभा�थर्य� का अ�भ�नधार्रण कर सकते ह�। ब�क द्वारा सीधे ह� प्राप् त आवेदन यूएलबी को भेजे जाएंगे। ऐसे मामले म� भी आवेदन प्रती�ा सूची का ह� भाग ह�गे। 8.7 यूएलबी ऋण आवेदन फामर् (एलएएफ) भरने, कायर्कलाप के ब् योरे, पहचान प्रमाण, पते का प्रमाण, ब�क खाते के ब् योरे आ�द स�हत आवश् यक दस् तावेजीकरण पूणर् करने के �लए प्रती�ा सूची के अनुसार लाभा�थर्य� को बुलाएगा। एसयूएलएम राज् य स् तर�य ब�कर स�म�त (एसएलबीसी) संयोजक ब�क के साथ परामशर् से उपयुक् त फाम�ट म� ऋण आवेदन फामर् (एलएएफ) �वक�सत कर सकता है। राज् यभर म� उसी एलएएफ का उपयोग �कया जा सकता है। 8.8 सभी दृिष्ट से प�रपूणर् आवेदन छानबीन के �लए यूएलबी द्वारा ग�ठत टास् क फोसर् के पास भेजे जाएंगे जो आवेदन के �लए �सफा�रश करने अथवा उसे अस् वीकार करने से पहले सा�ात् कार हेतु लाभा�थर्य� को बुलाएगा अथवा य�द आवश् यक हो तो आवेदक से अ�त�रक् त जानकार� क� मांग करेगा।

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  • 8.9 कायर् बल (टास् क फोसर्) द्वारा �व�धवत �सफा�रश �कए गए मामल� को आगे क� कारर्वाई के �लए यूएलबी द्वारा संबं�धत ब�क� को अग्रसा�रत �कया जाएगा। 'टास् क फोसर्' द्वारा �सफा�रश �कए गए ऐसे मामल� पर सबंं�धत ब�क� को 15 �दन� क� समयाव�ध म� कारर्वाई करनी होगी। चूं�क ऐसे मामल� क� �सफा�रश पहले ह� 'टास् क फोसर्' द्वारा क� गई है, इस�लए ब�क� द्वारा केवल अपवादात् मक प�रिस्थ�तय� म� ह� इन् ह� अस् वीकार �कया जाना चा�हए। 8.10 ब�क यूएलबी को प्राप् त आवेदन� क� िस्थ�त पर आव�धक �रपोटर् भेज�गे। एमआईएस का प्रयोग �कए जाने क� िस्थ�त म� ब�क� को दस् ती �रपोटर् (मैनुअल �रपोटर्) के अलावा ऑन-लाइन आवेदन� क� अद्यतन िस्थ�त देने क� अनुम�त द� जा सकती है। 9. यूएलबी स् तर पर टास् क फोसर्

    9.1 यूएलबी के स् तर पर एक टास् क फोसर् का गठन �कया जाएगा जो वैयिक्तक और सामू�हक उद्यम� के मामल� पर �सफा�रश करेगा और यूएलबी द्वारा मामले ब�क� को आगे पे्र�षत करने का काम करेगा। यूएलबी का मुख् य कायर्पालक अ�धकार� (सीईओ) / नगरपा�लका आयुक् त टास् क फोसर् के गठन के �लए िजम् मेदार होगा और वह टास् क फोसर् का अध् य� होगा। यूएलबी के आकार / जनसंख् या के अनुसार यूएलबी के स् तर पर 1 से अ�धक टास् क फोसर् हो सकते ह�। टास् क फोसर् क� �नदश� संरचना �नम् नानुसार होगी :

    9.2 यूएलबी टास् क फोसर् को आवेदन अग्रसा�रत करेगा जो अनुभव, कौशल, कायर्कलाप क� अथर्�मता, कायर्कलाप क� व् यािप्त आ�द के आधार पर छानबीन करेगा। तदनंतर टास् क फोसर् आवेदन� क� सं��प् त सूची तैयार करेगा और आवेदक� को सा�ात् कार के �लए बलुाएगा।

    क्रम सं.

    यूएलबी स् तर पर टास् क फोसर् भू�मका

    1. मुख ् य कायर्पालक अ�धकार� (सीईओ), यूएलबी / नगरपा�लका आयुक् त, यूएलबी / अथवा सीईओ, यूएलबी द्वारा प्रा�धकृत कोई प्र�त�न�ध

    अध् य�

    2. अग्रणी िजला प्रबंधक (एलडीएम) सदस् य 3. शहर प�रयोजना अ�धकार� (सीपीओ), यूएलबी /

    यूएलबी का कोई प्रा�धकृत प्र�त�न�ध सदस् य संयोजक

    4. िजला उद्योग क� द्र (डीआईसी) से प्र�त�न�ध सदस् य 5. ब�क� के व�रष् ठ शाखा प्रबधंक (अ�धकतम-2) सदस् य 6. �ेत्र स् तर�य प�रसंघ / शहर स् तर�य प�रसंघ के

    प्र�त�न�ध (2) सदस् य

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  • 9.3 बाद म� टास् क फोसर् मामला–दर-मामला आधार पर आवेदन यथो�चत पाने पर �सफा�रश करेगा, य�द अनु�चत हो तो अस् वीकार करेगा अथवा लाभाथ� से पुन: जांच करने हेतु आवश् यक जानकार� प्रस् तुत करने के �लए कहेगा।

    10. सू� म, लघु और मध् यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय क� ऋण गारंट� योजना (सीजीएस) के साथ सहलग्नता एसईपी ऋण� के �लए गारंट� र�ा (कवर) प्राप् त करने के प्रयोजन से ब�क कायर्कलाप क� पात्रता के अनुसार गारंट� र�ा के �लए लघु उद्योग �वकास ब�क (�सडबी) और भारत सरकार द्वारा स् था�पत सू� म और लघु उद्यम� के �लए ऋण गारंट� न् यास (सीजीट�एमएसई) से संपकर् कर सकते ह�।

    11. एसईपी-I और एसईपी-जी के �लए प्रग�त �रपोटर्

    11.1 यूएलबी संबं�धत ब�क� के साथ आवेदक� के वैधीकरण के बाद टास् क फोसर् द्वारा �सफा�रश �कए गए आवेदन� का आंकड़ा पत्रक तैयार करेगा िजसम� स् वीकृ�त, �वतरण और अस् वीकरण (कारण� स�हत) क� िस्थ�त द� गई हो। यह आंकड़ा पत्रक मा�सक आधार पर एसयूएलएम को भेज �दया जाएगा।

    11.2 एसयूएलएम संबं�धत यूएलबी से प्राप् त सभी �रपोट� को समे�कत करेगा और आवास और शहर� गर�बी उपशमन मंत्रालय (एमओएचयूपीए) को मा�सक आधार पर सू�चत करेगा। 11.3 एसयूएलएम को चा�हए �क एसईपी के अंतगर्त प्रग�त क� प्रत् येक एसएलबीसी और िजला परामशर्दात्री स�म�त (डीसीसी) क� बैठक म� समी�ा करने को सु�निश्चत कर�। प्रभावी समन् वयन और कायार्न् वयन के �लए एसयूएलएम को एसएलबीसी सयंोजक ब�क के साथ एसईपी के संबंध म� अन ् य कोई महत् वपूणर् मुद्दा हो तो उठाना चा�हए।

    12. उप-घटक – एसएचजी ऋण� पर ब् याज सिब्सडी (एसएचजी – ब�क सहलग्नता )

    12.1 भारतीय �रज़वर् ब�क क� मौ�द्रक नी�त और समय-समय पर केन् द्र�य बजट म� क� जानेवाल� घोषणाओं म� ब�क� के साथ एसएचजी क� सहलग्नता पर बल �दया जा रहा है और इस संबंध म� भारतीय �रज़वर् ब�क द्वारा ब�क� को �व�भन् न �दशा�नद�श जार� �कए गए ह�। एसएचजी सहलग्नता कायर्क्रम को बढ़ाने और उसे �नरंतर बनाए रखने के �लए ब�क� को सू�चत �कया गया है �क वे एसएचजी को �दए जाने वाले उधार को नी�त और कायार्न् वयन के स्तर पर अपने मुख् य प्रवाह के ऋण (के्र�डट) कायर् के भाग के रूप म� मान ल�। 12.2 एसएचजी-ब�क सहलग्नता कायर्क्रम पर भारतीय �रज़वर् ब�क द्वारा जार� मास् टर प�रपत्र म� ब�क� को एसएचजी ब�क सहलग्नता के संबंध म� अनुदेश �दए ह�। एसएचजी ब�क सहलग्नता म� ऐसे स् व-सहायता समूह� (चाहे पंजीकृत ह� अथवा अपंजीकृत) का बचत ब�क खाता खोलना शा�मल है जो अपने सदस् य� के बीच प्रारं�भक रूप म� बचत क� आदत को बढ़ावा देने म� लगे हुए ह�। तदनंतर ब�क�

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  • द्वारा �व�धवत मूल् यांकन अथवा गे्रड �दए जाने के बाद एसएचजी को बचत सहबद्ध ऋण (बचत के प्र�त ऋण का अनुपात 1:1 से बदलकर 1:4) मंजूर �कया जा सकता है। तथा�प, प�रपक् व एसएचजी के मामले म� ब�क के �ववेका�धकार के अनुसार बचत के चार गुना क� सीमा से अ�धक ऋण �दया जा सकता है। ब�क� को यह भी अनुदेश �दया गया है �क व ेएसएचजी को अ�ग्रम, चाहे प्रयोजन कुछ भी हो, िजसके �लए ब�क� द्वारा कमजोर वग� को अपने उधार के भाग के रूप म� एसएचजी के सदस् य� को शा�मल करना चा�हए।

    12.3 डीएवाई-एनयूएलएम के घटक सामािजक संग्रहण और संस् थात् मक �वकास (एसएमएण् डआईडी) के अंतगर्त यूएलबी एसएचजी के �लए ब�क खाता खोलने संबंधी आवश् यक मूल कायर् करेगा और प�रक्रामी �न�ध (आरएफ) के प्र�त पहंुच क� सु�वधा देगा। इस प्रयोजन के �लए यूएलबी संसाधन संगठन (आरओ) को काम म� लगा सकता है अथवा अपने स् टाफ के माध् यम से एसएचजी को सीधे ह� सु�वधा पहंुचा सकता है। (डीएवाई-एनयूएलएम के घटक सामािजक संग्रहण और संस् थात् मक �वकास (एसएमएण् डआईडी) म� एसएचजी, आरओ और प�रक्रामी �न�ध क� संकल् पना और �नमार्ण के ब् योरे �दए गए ह�)

    12.4 शहर� गर�ब को वहन करने योग् य ब् याज दर पर ऋण उपलब् ध कराने क� दृिष्ट से एनयूएलएम ब�क ऋण लेने वाले एसएचजी को ब् याज सिब्सडी देगा। शहर� गर�ब के एसएचजी को �दए जाने वाले सभी ऋण� पर ब�क द्वारा लगाई जानेवाल� वतर्मान ब् याज दर और 7 प्र�तशत वा�षर्क के बीच के अंतर क� रा�श ब् याज सिब्सडी होगी। ब�क� को एसएचजी ऋण पर ब् याज रा�श म� अंतर क� रा�श (वतर्मान ब् याज दर और 7 प्र�तशत वा�षर्क के बीच) क� प्र�तपू�त र् क� जाएगी। 12.5 सभी म�हला एसएचजी (डब् ल् यूएसएचजी) जो समय पर अपने ऋण क� चुकौती करता है को अ�त�रक् त 3 प्र�तशत का सबव�शन �दया जाएगा। ब् याज सिब्सडी ऋण क� समय पर चुकौती (ऋण चुकौती समय के अनुसार) क� शतर् पर द� जाएगी और यूएलबी द्वारा ब�क� से उ�चत प्रमाणीकरण प्राप् त �कया जाएगा। अ�त�रक् त 3 प्र�तशत ब्याज सबव�शन क� रा�श क� प्र�तपू�त र् पात्र डब् ल् यूएसएचजी को क� जाएगी। ब�क� को चा�हए �क वे पात्र डब् ल् यूएसएचजी खात� म� 3 प्र�तशत ब् याज सबव�शन क� रा�श जमा कर� और तदनंतर उसक� प्र�तपू�त र् क� मांग कर�।

    12.6 यूएलबी अपने �ेत्रीय स् टाफ अथवा संसाधन संगठन (आरओ) के माध् यम से ब�क� से के्र�डट प्राप् त करने हेतु पात्र एसएचजी के �लए ऋण आवेदन भरने म� सहायता करेगा। यूएलबी, एसएचजी का ऋण आवेदन आवश् यक दस् तावेजीकरण के साथ संबं�धत ब�क� को अग्रसा�रत करने के �लए िजम् मेदार होगा। यूएलबी ब�क� को अग्रसा�रत �कए गए एसएचजी ऋण आवदेन� का �ेत्रवार, ब�कवार, आरओ / स् टाफवार डटेा बनाए रखेगा। वह� डटेा मा�सक आधार पर एसयूएलएम को पे्र�षत �कया जाएगा। 12.7 ब�क यूएलबी को ब् याज सिब्सडी रा�श क� गणना के ब् योर� के साथ �वत�रत ऋण मामल� के ब् योरे पे्र�षत कर�गे । यूएलबी अपने स् तर पर डटेा क� जांच करेगा और पैरा 5 म� उल् लेख �कए गए अनुसार समान �क्रया�व�ध का पालन करते हुए �तमाह� आधार पर ब�क� को ब् याज सिब्सडी रा�श

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  • जार� करेगा। अ�त�रक् त ब् याज सबव�शन का दावा करने के �लए �नधार्�रत फाम�ट संलग् न है (अनुबंध – II)।

    12.8 डीएवाई-एनयूएलएम के अंतगर्त प्रभावी एसएचजी-ब�क सहलग्नता को स�ुनिश्चत करने के �लए एसयूएलएम ब�क� के साथ �नय�मत आधार पर प्रग�त पर �नगरानी रखेगा और समी�ा करेगा और राज् य म� एसएचजी ऋण� पर ब् याज सिब्सडी / सबव�शन के �लए एसएलबीसी के साथ समन् वयन करेगा। शहर� गर�ब� के �वत् तीय समावेशन के �लए ब�क और शाखा के स् टाफ के सुग्राह�करण को सु�निश्चत करने के �लए राज् य स् तर�य ब�कर स�म�त (एसएलबीसी) और अग्रणी ब�क� को स�क्रय रूप से काम म� शा�मल करना चा�हए।

    12.9 यह नोट कर� �क ऐसे एसएचजी क� पहचान, चयन, गठन और �नगरानी िजन् ह� ब् याज सबव�शन �दया जाएगा यह राज् य / यूएलबी क� िजम् मेदार� होगी तथा एसएचजी के गलत अ�भ�नधार्रण िजसे ब् याज सबव�शन �दया जाएगा, के �लए ब�क िजम् मेदार नह�ं ह�गे।

    12.10 समय पर (प्राम्ट) चुकौती के �लए �रज़वर् ब�क के �दशा�नद�श �नम् नानुसार ह� :

    क. एसएचजी को नकद ऋण सीमा के �लए

    i. बकाया शषे स् वीकृत सीमा / आहरण अ�धकार के अ�त�रक् त �नरंतर रूप से 30 �दन� से अ�धक नह�ं होना चा�हए।

    ii. खाते म� �नय�मत जमा (के्र�डट) और नामे (ड�ेबट) प्र�विष्ट होनी चा�हए। हर हालत म� माह के दौरान कम से कम एक ग्राहक पे्र�रत के्र�डट होना चा�हए।

    iii. माह के दौरान ग्राहक पे्र�रत के्र�डट माह के दौरान नामे डाले गए ब् याज को कवर करने के �लए पयार्प् त होगा।

    ख. एसएचजी को मीयाद� ऋण के �लए : ऐसा मीयाद� ऋण खाता िजसम� सभी ब् याज भुगतान और / अथवा मूलधन क� �कस् त� का भुगतान ऋण� क� समग्र अव�ध के दौरान �नयत तार�ख से 30 �दन के भीतर �कया जाता है उसे समय पर भुगतान वाला खाता माना जाएगा।

    भ�वष् य म�, समय पर (प्राम्ट) भुगतान से संबंधी �दशा�नद�श �रज़वर् ब�क के �दशा�नद�श� द्वारा मागर्द�शर्त होते रह�गे। 13. उप घटक 4.4 - उद्यम �वकास के �लए के्र�डट काडर्

    13.1 वैयिक्तक उद्यमकतार्ओं को �वत् तीय सहायता चाहे एनयूएलएम के अंतगर्त उद्यम स् था�पत करने के �लए सिब्सडीकृत ऋण हो तो भी उसे शहर� गर�ब को आजी�वका सहायता क� सु�वधा देने

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  • के प्रारं�भक प्रोत् साहन के रूप म� देखा जाएगा। तथा�प वयैिक्तक उद्यमकतार् को आ�थर्क दृिष्ट से उद्यम को वहनीय बनाने के �लए कायर्शील पूंजी के संदभर् म� और �वत् तीय सहायता क� आवश् यकता होती है। इसम� वस् तुओं, कच् चे माल क� खर�द और अन् य �व�वध खचर् आ�द व् यय क� पू�त र् करने के �लए तत् काल और अल् पाव�ध मा�सक नकद आवश् यकता को समा�वष् ट �कया जा सकता है। माइक्रो उद्यमकतार् को उद्यमशील कायर्कलाप� से �नमार्ण होने वाले व् यय� क� पू�त र् करने के �लए �नय�मत �निश्चत मा�सक नकद� प्रवाह / आय नह�ं होती है। इस तरह क� तत् काल ऋण आवश् यकता के �लए �वत् तीय संस् था से सपंकर् करने के �लए �क्रया�व�धगत दस् तावेजीकरण आवश् यक होता है और इसम� बहुत समय बीत जाता है। कायर्शील पूंजी ऋण क� इस आवश् यकता क� पूतर्ता सामान् यतया ऋण के अनौपचा�रक स्रोत� (साहूकार� स�हत) से क� जाती है जो औसतन उच् च ब् याज दर पर उपलब् ध होता है।

    13.2 माइक्रो उद्यमकतार् को अपनी कायर्शील पूंजी और �व�वध ऋण आवश् यकताओं क� पू�त र् करने म� सहायता करने क� दृिष्ट से डीएवाई - एनयूएलएम ब�क� द्वारा के्र�डट काडर् क� पहंुच क� सु�वधा देगा।

    13.3 एसयूएलएम राज् य स् तर�य ब�कर स�म�त (एसएलबीसी) के परामशर् से वैयिक्तक उद्यमकतार् को के्र�डट काडर् जार� करने के मानदंड, सीमाएं और �वशषेताएं �नधार्�रत करेगा। इसके �लए सभी अनुसू�चत वा�णज् य ब�क� द्वारा कायार्िन्वत क� जा रह� सामान् य के्र�डट काडर् योजना (जीसीसी) अथवा शहर� �ेत्र� म� ब�क� के उद्यम �वकास के �लए के्र�डट काडर् के अन् य �कसी रूप क� तलाश एसयूएलएम और एसएलबीसी द्वारा क� जाएगी। संशो�धत जीसीसी योजना पर �रज़वर् ब�क क� अ�धसूचना द्वारा प�रपत्र जार� �कया गया है देख� �दनांक 2 �दसम् बर 2013 का प�रपत्र ग्राआऋ�व.एमएसएमई एण् ड एनएफएस. बीसी. सं.61/06.02.31/2013-14 जो �रज़वर् ब�क क� वेबसाइट ‘www.rbi.org.in’ पर उपलब् ध है।

    13.4 यूएलबी संभाव् य लाभाथ� क� पहचान करेगा और के्र�डट काडर् जार� करने के �लए ब�क� के साथ सहलग्नता क� सु�वधा उपलब् ध करेगा। फोकस इस बात पर है �क प्रारं�भक रूप से ऐसे सभी लाभा�थर्य� को के्र�डट काडर् जार� �कए जाने म� समा�वष् ट (कवर) करना िजन् ह�ने एसईपी के अंतगर्त �वत् तीय सहायता प्राप् त क� है। इसके अलावा ऐसे अन् य लाभाथ� जो अपना स् वयं का व् यवसाय चला रहे ह� परंतु िजन् ह�ने एसईपी के अंतगर्त सहायता प्राप् त नह�ं क� है को भी इसम� समा�वष् ट �कया जा सकता है य�द वे के्र�डट काडर् जार� करने के मानदंड� क� पू�त र् करते ह�।

    13.5 यूएलबी के स् तर पर इसके ल� य �निश्चत �कए जा सकते ह� और इस घटक के अंतगर्त प्रग�त का समेकन एसयूएलएम के स् तर पर �कया जा सकता है तथा आवास और शहर� गर�बी उपशमन मंत्रालय (एमओएचयूपीए) को आव�धक रूप से सू�चत �कया जा सकता है। 14. उप घटक 4.5 - प्रौद्यो�गक�, �वपणन और अन् य सहायता

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  • 14.1 माइक्रो उद्यमकतार्ओं को प्राय: अपना व् यवसाय बढ़ाने और उसे बनाए रखने क� दृिष्ट से सहायता क� आवश् यकता होती है। आवश् यक सहायता स् थापना, प्रौद्यो�गक�, �वपणन और अन् य सेवाओं से संबं�धत हो सकती है। जो माइक्रो उद्यमकतार् अत् यंत लघु व् यवसाय करते ह� उन् ह� बाज़ार क� आवश् यकताएं, उनके द्वारा �न�मर्त उत् पाद� क� मांग, मूल् य, कहां �बक्र� कर�, आ�द का बेहतर �ान प्राप् त करने क� आवश् यकता हो सकती है। इस घटक के अंतगर्त सहायक सेवाओं क� प�रकल् पना इस दृिष्ट से क� गई है ता�क माइक्रो उद्यम� के �वकास के �लए प्रोत् साहक पयार्वरण उपलब् ध �कया जा सके।

    14.2 डीएवाई - एनयूएलएम के अंतगर्त स् था�पत शहर� आजी�वका क� द्र (सीएलसी) माइक्रो उद्यम� को द�घार्व�ध तक बने रहने के �लए स् थापना (लाइस�स, प्रमाणपत्र पंजीकरण, कानूनी सेवाएं आ�द), उत् पादन, वसूल�, प्रौद्यो�गक�, प्रोसे�सगं, �वपणन, �बक्र�, पैकेिजंग, लेखाकरण आ�द जैसी सेवाएं प्रदान करेगा। सीएलसी माइक्रो उद्यम� के उत् पाद� और सेवाओं के �लए बाज़ार मांग और बाजार कायर्नी�त पर संभाव् यता / मूल् यांकन अध् ययन करने म� भी सहायता प्रदान करेगा।

    14.3 सीएलसी के मानदंड� के अनुसार सभी एसईपी वैयिक्तक और सामू�हक उद्यम सीएलसी से सेवाएं प्राप् त कर सकते ह�। सीएलसी यएूलबी के समथर्न से ऐसी �व�भन् न अन् य सरकार� योजनाओं के साथ तालमेल कर सकता है िजनम� माइक्रो उद्यम �वकास हेतु सेवा और लाभ �दए जा रहे ह�। 14.4 एसयूएलएम उपयुर्क् त सेवाएं �दए जाने के प्रयोजन से सीएलसी को अ�त�रक् त �न�ध/व् यावसा�यक सहायता क� व् यवस् था कर सकता है।

    15. �न�धयन का स् वरूप

    15.1 इस घटक के अंतगर्त �न�धयन म� क� द्र और राज् य� क� �हस् सेदार� 75:25 के अनुपात म� होगी। �वशषे शे्रणी के राज् य� (अरुणाचल प्रदेश, असम, म�णपुर, मेघालय, �मज़ोरम, नागालैण् ड, �सिक्कम, �त्रपुरा, जम् मू और कश् मीर, �हमाचल प्रदेश और उत् तराखंड) के संबंध म� क� द्र और राज् य� के बीच यह अनुपात 90:10 होगा।

    15.2 मंत्रालय राज् य� को आबं�टत ल� य� पर आधा�रत �न�धय� का वा�षर्क आधार पर आवटंन करेगा। राज् य संबं�धत एसएलबीसी और यूएलबी के साथ परामशर् से ल� य �निश्चत करेगा और यूएलबी को तदनुरूपी �न�धय� का आवटंन करेगा ता�क ब् याज सबव�शन के कारण ब�क� को क� जानेवाल� संपूणर् प्र�तपू�त र् का �नपटान �वत् तीय वषर् के दौरान �कया जा सके तथा राज् य के पास कोई सबव�शन रा�श अ�तदेय या �वलं�बत न रहे। भारत सरकार / �रज़वर् ब�क द्वारा समय समय पर लाग ूब् याज सबव�शन क� सूचना ब�क� को वा�षर्क आधार पर द� जाएगी।

    16. �नगरानी और मूल् यांकन

    14

  • 16.1 राज् य स् तर पर एसएमएमयू और यूएलबी स् तर पर सीएमएमयू इस घटक के अंतगर्त कायर्कलाप� / ल� य� क� प्रग�त पर बार�क� से �नगरानी रखेगा, �रपोटर् और मूल् यांकन करने का उत् तरदा�यत् व लेगा। एसयूएलएम और यूएलबी / कायार्न् वयन एज��सयां �मशन �नदेशालय द्वारा �नधार्�रत फाम�ट म� समय-समय पर प्रग�त क� सूचना द�गी िजसम� मा�सक और �तमाह� के अंत तक संचयी उपलिब्ध और कायार्न् वयन के प्रमुख �वषय� का उल् लेख होगा। 16.2 ल� य बनाम उपलिब्ध म� प्रग�त पर �नगरानी रखने के �लए ब�क� को सू�चत �कया गया है �क वे डीएवाई - एनयूएलएम के अंतगर्त �तमाह� आधार पर संलग् न प्रोफामार् (अनुबंध III और IV) के अनुसार संबं�धत �तमाह� क� समािप्त के बाद अगले माह के अंत तक �नदेशक, यूपीए को [email protected] पर समे�कत प्रग�त �रपोटर् प्रस् तुत कर� और उक्त �तमाह� प्रग�त �रपोटर् क� सॉफ्ट प्र�त भी [email protected] पर तथा [email protected] पर भारतीय �रज़वर् ब�क को प्रस् तुत कर�।

    16.3 इसके अलावा डीएवाई - एनयूएलएम के अंतगर्त ल� य और उपलिब्धय� का टै्रक रखने के �लए व् यापक और सुदृढ़ आईट�-सम�थर्त डीएवाई - एनयूएलएम एमआईएस स् था�पत क� जाएगी। राज् य� और यूएलबी को अपनी प्रग�त �रपोटर् ऑनलाइन प्रस् तुत करना आवश् यक होगा और वे इस साधन का उपयोग आम लोग� के बीच प्रग�त पर �नगरानी रखने के �लए भी कर सक� गे। सूचना के स�क्रय प्रकट�करण और एनयूएलएम के अधीन पार द�शर्ता को सु�निश्चत करने के �वचार से एसईपी के अंतगर्त प्रमुख प्रग�त �रपोट� को समयबद्ध तर�के से पिब्लक डोमेन पर उपलब् ध �कए जाएंगे।

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    mailto:[email protected]:[email protected]:[email protected]

  • अनुबंध – I

    द�नदयाल अंत् योदय योजना - राष् ट्र�य शहर� आजी�वका �मशन (डीएवाई - एनयूएलएम) के अंतगर्त ब् याज सिब्सडी दावा

    1. ब�क का नाम :

    �तमाह� के अंत म� डीएवाई - एनयूएलएम के अंतगर्त एसईपी-आई, एसईपी-जी और एसएचजी को 7 प्र�तशत प्र�त वषर् क� दर से उधार पर ब् याज सिब्सडी दाव� का प्रस् तुतीकरण (आंकड़ ेरुपए म�) : हम एत�वारा �नम् न�ल�खत ग्राहक खाता संख् य� को नीचे �दए गए ब् योर� के अनुसार स् वीकृत �वत् तीय सहायता के संबधं म� ----------------- खात� को समा�वष् ट करते हुए कुल ` ----------------------- ( रुपए ---------------------------------------------------------------------------------------------------) क� ब् याज सिब्सडी स् वीकृत और जार� करने के �लए आवेदन करते ह�।

    क) एसईपी - आई, (वैयिक्तक उद्यम)

    सं. शाखा ऋणकतार् का नाम

    ऋण खाता संख् या

    ऋण रा�श (`)

    ब् याज (`)

    स् वीकृत �वत�रत प्रभा�रत दावा क� गई सिब्सडी

    1 2 3 4 5 6 7 8 1 2 3 कुल

    ख) एसईपी – जी (सामू�हक उद्यम)

    सं. शाखा समूह का नाम

    ऋण खाता संख् या

    ऋण रा�श (`)

    ब् याज (`)

    स् वीकृत �वत�रत प्रभा�रत दावा क� गई सिब्सडी

    1 2 3 4 5 6 7 8 1 2 3 कुल

    16

  • ग) स् व-सहायता समूह (एसएचजी ब�क सहलग् नता)

    सं. शाखा एसएचजी का नाम

    ऋण खाता संख् या

    ऋण रा�श (`)

    ब् याज (`)

    स् वीकृत �वत�रत प्रभा�रत दावा क� गई सिब्सडी

    1 2 3 4 5 6 7 8 1 2 3 कुल

    स् थान : (ब�क के प्रा�धकृत अ�धकार� का हस् ता�र) तार�ख और ब�क क� मुहर

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  • अनुबंध – II

    डीएवाई - एनयूएलएम के अंतगर्त म�हला स् व-सहायता समूह (डब् ल् यूएसएचजी) को 3 प्र�तशत प्र�तवषर् क� दर से उधार पर अ�त�रक् त ब् याज सबव�शन के �लए दाव� का प्रस् तुतीकरण :

    ब�क का नाम : �तमाह� दाव� का �ववरण : �वत�रत ऋण / बकाया (आंकड़ ेरुपए म�)

    सं. शाखा डब् ल् यूएसएचजी

    का नाम ऋण खाता संख् या

    �वत�रत ऋण रा�श (`)

    ब् याज सबव�शन क� रा�श (`)

    1 2 3 4 5 6 1 2 3 कुल हम एत�वारा प्रमा�णत करते ह� �क उपयुर्क् त ऋण� क� चुकौती समय पर क� गई और अ�त�रक् त ब् याज सबव�शन के लाभ त् व�रत (प्राम्ट) आदाता डब् ल् यूएसएचजी के �लए ब् याज क� प्रभावी दर 4 प्र�तशत तक कम करते हुए डब् ल् यूएसएचजी के खाते म� �दए गए। स् थान (ब�क के प्रा�धकृत अ�धकार� का हस् ता�र) तार�ख और ब�क क� मुहर

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  • अनुबंध – III

    द�नदयाल अंत् योदय योजना - राष् ट्र�य शहर� आजी�वका �मशन (डीएवाई - एनयएूलएम) के तहत ल�य दशार्ने वाला �ववरण ब�क का नाम (आवंटन के समय एक बार प्रस्ततु कर�) �रपो�ट�ग वषर् खात� क� संख् या वास् तव म� और रा�श लाख रुपए म� क्र. सं.

    राज् य/ संघ शा�सत प्रदेश

    वयैिक्तक उद्यम (एसईपी- I) के �लए

    ल�य

    समहू� (एसईपी-जी) के �लए ल�य

    एसएचजी ब�क सहलग् नता के �लए ल�य

    कुल (ल� य)

    लाभा�थर्य� क� संख्या

    रा�श समूह� क� संख्या

    लाभा�थर्य� क� संख्या

    रा�श

    एसएचजी क� सं.

    लाभा�थर्य� क� संख्या

    रा�श कुल कं्र

    कुल रा�श

    1 अंदमान और �नकोबार 0 0 2 आंध्र प्रदेश 0 0 3 अरुणाचल प्रदेश 0 0 4 असम 0 0 5 �बहार 0 0 6 चंडीगढ़ 0 0 7 छत् तीसगढ़ 0 0 8 दादरा और नगर हवेल� 0 0 9 दमन और द�व 0 0

    10 �दल् ल� 0 0 11 गोवा 0 0 12 गुजरात 0 0 13 ह�रयाणा 0 0 14 �हमाचल प्रदेश 0 0 15 जम् म ूएंड कश् मीर 0 0 16 झारखंड 0 0 17 कनार्टक 0 0 18 केरल 0 0 19 ल�द्�वप 0 0 20 मध् य प्रदेश 0 0 21 महाराष् ट्र 0 0 22 म�णपरु 0 0 23 मेघालय 0 0 24 �मज़ोरम 0 0 25 नागाल�ड 0 0 26 उड़ीसा 0 0 27 पॉ�ंडचरे� 0 0 28 पंजाब 0 0 29 राजस् थान 0 0 30 �सिक्कम 0 0 31 त�मलनाडु 0 0 32 तेलंगाना 0 0 33 �त्रपरुा 0 0 34 उत् तराखंड 0 0 35 उत् तर प्रदेश 0 0 36 पिश्चम बंगाल 0 0

    समग्र जोड़ 0 0 0 0 0 0 0 0 0 0

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  • द�नदयाल अतं् योदय योजना - राष् ट्र�य शहर� आजी�वका �मशन (डीएवाई - एनयूएलएम) के अतंगर्त सचंयी प्रग�त दशार्ने वाला �तमाह� �ववरण अनुबंध – IV

    ब�क का नाम �रपो�ट�ग वषर् �रपो�ट�ग �तमाह� खात� क� संख् या वास् तव म� और रा�श लाख रुपए म�

    क्र. सं.

    राज् य/ संघ शा�सत प्रदेश

    वैयिक्तक उद्यम (एसईपी – समूह� (एसईपी – जी) को �वत�रत\ ऋण

    एसएचजी ब�क सहलग् नता के तहत �वत�रत कुल ऋण

    एसएचजी म� से म�हला एसएचजी को �वत�रत ऋण

    उपलिब्ध डीएवाई - एनयूएलएम (एसईपी – आई + एसईपी-जी + एसएचजी) के तहत द� गई कुल सिब्सडी

    डब् ल् यूएसएचजी को अ�त�रक् त सबव�शन

    वास् त�वक कवरेज (संख् या)

    लाभा�थर्य� क� संख्या

    रा�श समहू� क लाभा�थर्य� क� संख्या

    रा�श एसएचजी क� संख्या

    लाभा�थर्य� क� संख्या

    रा�श डब् ल् यूएसएचजी क� संख्या

    लाभा�थर्य� क� संख्या

    रा�श डीएवाई-एनयूएलएम के तहत कुल लाभा�थर्य� क� संख्या

    डीएवाई-एनयूएलएम के तहत �वत�रत कुल रा�श

    म�हला अनुसू�चत जा�त / जनजाती

    कमजोर लोग अल्पसंख्यक

    1 अंदमान और �नकोबार

    2 आंध्र प्रदेश

    3 अरुणाचल प्रदेश

    4 असम

    5 �बहार

    6 चंडीगढ़

    7 छत् तीसगढ़

    8 दादरा और नगर हवेल�

    9 दमन और द�व

    10 �दल् ल�

    11 गोवा

    12 गुजरात

    13 ह�रयाणा

    14 �हमाचल प्रदेश

    15 जम् मू एंड कश् मीर

    16 झारखंड

    17 कनार्टक

    18 केरल

    19 ल�द्�वप

    20 मध् य प्रदेश

    21 महाराष् ट्र

    22 म�णपुर

    23 मेघालय