शासन लगाने क घोषणा को मंज ूर दे द ......• अन...

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13 नवबर 2019 - समाचार वलेषण सामाय अययन 2 से संबंधत : राजयवथा और शासन : महारा रापत शासन लगाया गया : संग : रायपाल सफारश के बाद रापत ने महारा रापत शासन लगाने घोषणा को मंज दे है ववरण : गौरतलब है महारा नाव परणाम घोषत होने के 15 दन बाद भी िथर सरकार का गठन संभव नहं हो पाया है यक कसी भी पाट को सरकार बनाने के लए आवयक बह मत नहं मला है महारा के 59 साल के लंबे इतहास , रापत शासन के वल दो बार लगाया गया है - पहल बार 1980 फरवर से के बीच 112 दन के लए और सर बार 2014 सतंबर से अट बर के बीच 33 दन के लए रापत शासन लगाया गया थारायपाल मका : आमतौर पर जब कसी राय नाव कोई पाट जीतती या हारती है , तो राय का यमंी इतीफा दे देता है और रायपाल से तब तक के लए 'कायवाहकके काय जार रखने के लए आह करता है जब तक एक नई सरकार का गठन नहं हो जाता है • 1983 गठत सरकारया आयोग ने ऐसी परिथतय के लए एक वत रपोट थी, जो रायपाल मका पर चचा करती है सरकारया आयोग रपोट के अन सार, यद वधानसभा नाव कसी पाट को बह मत मलता है , तो उस पाट के नेता को वचालत से यमंी बनने के लए आमंत कया जाना चाहएहालांक, अगर कसी भी पाट को बह मत नहं मलता है , तो रायपाल को नीचे दए गए वरयता के अन सार दल या पाटय के सम से कसी एक को यमंी बनने के लए आमंत करना चाहएवरयता के से , रायपाल- 1) पाटय के नाव गठबंधन को आमंत कर सकता है 2) एकल सबसे बड़ी पाट को आमंत कर सकता है जो सरकार बनाने का दावा करती है 3) नाव के बाद पाटय के उस गठबंधन को आमंत कर सकता है , िजसम सभी पाटयाँ सरकार शामल होती 4) नाव के बाद पाटय के उस गठबंधन को आमंत कर सकता है , िजसम पाटयाँ सरकार का हसा होती और बाहर से समथन करती रापत शासन कै से लगाया जाता है ? रापत शासन का ावधान संवधान के अन छे द 356 नहत है

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  • 13 नव�बर 2019 - समाचार �व�लेषण सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : राज�यव�था और शासन : महारा�� म� रा��प�त शासन लगाया गया : �संग : • रा�यपाल क� �सफा�रश के बाद रा��प�त ने महारा�� म� रा��प�त शासन लगाने क� घोषणा को मंजरू� दे द� है। �ववरण : • गौरतलब है �क महारा�� म� चनुाव प�रणाम घो�षत होने के 15 �दन बाद भी ि�थर सरकार का गठन संभव नह�ं हो पाया है �य��क �कसी भी पाट� को सरकार बनाने के �लए आव�यक बहुमत नह�ं �मला है। • महारा�� के 59 साल के लंबे इ�तहास म�, रा��प�त शासन केवल दो बार लगाया गया है - पहल� बार 1980 म� फरवर� से जनू के बीच 112 �दन� के �लए और दसूर� बार 2014 म� �सतंबर से अ�टूबर के बीच 33 �दन� के �लए रा��प�त शासन लगाया गया था। रा�यपाल क� भ�ूमका : • आमतौर पर जब �कसी रा�य चनुाव म� कोई पाट� जीतती या हारती है, तो रा�य का म�ुयमं�ी इ�तीफा दे देता है और रा�यपाल से तब तक के �लए 'काय�वाहक’ के �प म� काय� जार� रखने के �लए आ�ह करता है जब तक �क एक नई सरकार का गठन नह�ं हो जाता है। • 1983 म� ग�ठत सरका�रया आयोग ने ऐसी प�रि�थ�तय� के �लए एक �व�ततृ �रपोट� ��ततु क� थी, जो रा�यपाल क� भ�ूमका पर चचा� करती है। • सरका�रया आयोग क� �रपोट� के अनसुार, य�द �वधानसभा चनुाव म� �कसी पाट� को पणू� बहुमत �मलता है, तो उस पाट� के नेता को �वचा�लत �प से म�ुयमं�ी बनने के �लए आमं��त �कया जाना चा�हए। • हालां�क, अगर �कसी भी पाट� को बहुमत नह�ं �मलता है, तो रा�यपाल को नीचे �दए गए वर�यता �म के अनसुार दल� या पा�ट�य� के समहू म� से �कसी एक को म�ुयमं�ी बनने के �लए आमं��त करना चा�हए। वर�यता के �म से, रा�यपाल- 1) पा�ट�य� के चनुाव पवू� गठबंधन को आमं��त कर सकता है। 2) एकल सबसे बड़ी पाट� को आमं��त कर सकता है जो सरकार बनाने का दावा करती है। 3) चनुाव के बाद पा�ट�य� के उस गठबंधन को आमं��त कर सकता है, िजसम� सभी पा�ट�याँ सरकार म� शा�मल होती ह�। 4) चनुाव के बाद पा�ट�य� के उस गठबंधन को आमं��त कर सकता है, िजसम� कुछ पा�ट�याँ सरकार का �ह�सा होती ह� और कुछ बाहर से समथ�न करती ह�। रा��प�त शासन कैसे लगाया जाता है? • रा��प�त शासन का �ावधान सं�वधान के अन�ुछेद 356 म� �न�हत है।

  • • जब �कसी सदन म� �कसी पाट� या गठबंधन के पास �प�ट बहुमत ना हो। रा�यपाल सदन को 6 मह�ने क� अव�ध के �लए '�नलं�बत अव�था' म� रख सकत ेह�। 6 मह�ने के बाद, य�द �फर कोई �प�ट बहुमत �ा�त ना हो तो उस दशा म� पनु: चनुाव आयोिजत �कए जात ेह�। • अन�ुछेद 356 के मतुा�बक रा��प�त �कसी भी रा�य म� रा��प�त शासन लगा सकत ेह� य�द वे इस बात से संत�ुट ह� �क रा�य सरकार सं�वधान के �व�भ�न �ावधान� के मतुा�बक काम नह�ं कर रह� है। • ऐसा ज�र� नह�ं है �क रा��प�त उस रा�य के रा�यपाल क� �रपोट� के आधार पर ह� यह फैसला ल�। यह अन�ुछेद एक साधन है जो क� � सरकार को �कसी नाग�रक अशां�त जसेै �क दंगे िजनसे �नपटने म� रा�य सरकार �वफल रह� हो क� दशा म� �कसी रा�य सरकार पर अपना अ�धकार �था�पत करने म� स�म बनाता है। • सं�वधान म� इस बात का भी उ�लेख है �क रा��प�त शासन लगाए जाने के 2 मह�न� के अदंर संसद के दोन� सदन� �वारा इसका अनमुोदन �कया जाना ज�र� है। य�द इस बीच लोकसभा भंग हो जाती है तो इसका रा�यसभा �वारा अनमुोदन �कए जाने के बाद नई लोकसभा �वारा इसके गठन के एक मह�ने के भीतर अनमुोदन �कया जाना ज�र� है। • य�द संसद के दोन� सदन� �वारा रा��प�त शासन का अनमुोदन कर �दया जाता है तो रा��प�त शासन 6 माह तक चलता रहेगा। रा��प�त शासन को 6-6 मह�ने के �लए अ�धकतम 3 वष� तक आगे बढ़ाया जा सकता है। रा��प�त शासन म� �या बदलाव होत ेह�? • रा��प�त, म�ुयमं�ी के नेत�ृव वाल� मं�ीप�रष� को भंग कर देता है। • रा��प�त, रा�य सरकार के काय� अपने हाथ म� ले लेता है और उसे रा�यपाल और अ�य काय�कार� अ�धका�रय� क� शि�तयां �ा�त हो जाती ह�। • रा�य का रा�यपाल, रा��प�त के नाम पर रा�य स�चव क� सहायता से अथवा रा��प�त �वारा �नय�ुत �कसी सलाहकार क� सहायता से रा�य का शासन चलाता है। यह� कारण है �क अन�ुछेद 356 के अतंग�त क� गई घोषणा को रा��प�त शासन कहा जाता है। • रा��प�त, घोषणा कर सकता है �क रा�य �वधा�यका क� शि�तय� का �योग संसद करेगी। • संसद ह� रा�य के �वधेयक और बजट ��ताव को पा�रत करती है। • संसद को यह अ�धकार है �क वह रा�य के �लए काननू बनाने क� शि�त रा��प�त अथवा उसके �कसी ना�मत अ�धकार� को दे सकती है। • जब संसद नह�ं चल रह� हो तो रा��प�त, 'अन�ुछेद 356 शा�सत रा�य' के �लए कोई अ�यादेश जार� कर सकता है। रा��प�त शासन के �लए एक वधै आधार होना चा�हए :

  • • सव��च �यायालय ने 1994 के एस.आर. बो�मई मामले म� अपने फैसले म� कहा था �क सं�वधान के अन�ुछेद 356 (1) के तहत �कसी रा�य म� रा��प�त शासन लगाने के �लए रा�यपाल �वारा क� गई कोई �सफा�रश “उ�चत कारण�” (objective material) पर आधा�रत होनी चा�हए, न �क �कसी राजनी�तक क�पना पर। • �बना �कसी उ�चत कारण के रा�य म� रा��प�त शासन क� घोषणा को अदालत म� चनुौती द� जा सकती है। • अन�ुछेद 356 के तहत रा��प�त �वारा उ�घोषणा अन�ुछेद 74 (1) के तहत मं��प�रषद क� सलाह पर होती है। • अन�ुछेद 356 (1) को जानबझूकर सं�वधान रचनाकार� �वारा एक संक�ण� भाषा म� �ा�ट �कया गया है ता�क क� � �क स�ा म� बठैा राजनी�तक दल संघवाद को दरू करने के �लए इसका द�ुपयोग न कर�। • फैसले म� समझाया गया था �क बहुदल�य राजनी�तक �णाल� म�, इस बात क� संभावनाएं अ�धक ह� �क क� � और रा�य म� संबं�धत राजनी�तक दल समान नह�ं हो सकत ेह�। अन�ुछेद 356 का उपयोग क� � �वारा राजनी�तक एकांक�करण के उ�दे�य के �लए नह�ं �कया जा सकता है। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : �वा��य : भारत म� क� सर देखभाल स�ुवधाओ ंक� ि�थ�त �चतंाजनक : �संग : • �व�ान, �ौ�यो�गक� और पया�वरण पर एक संसद�य �थायी स�म�त क� एक �रपोट� म� कहा गया है �क भारत का क� सर देखभाल ब�ुनयाद� ढांचा अपया��त है और अ�धकांश रो�गय� को उपचार के �लए हजार� �कलोमीटर क� या�ा करनी पड़ती है रो�गय� क� ज�रत� के �लए आव�यक ब�ुनयाद� ज�रत� क� कमी, एक उ�च मानव �वकास सचूकांक वाले देश� क� तलुना म� भारतीय क� सर रो�गय� म� 20% अ�धक म�ृय ुदर का कारण बनती है। • भारत म� क� सर के बढ़त ेबोझ को दरू करने के �लए टाटा मेमो�रयल स�टर (TMC) के मा�यम से परमाण ुऊजा� �वभाग क� �व�ता�रत भ�ूमका क� जांच के �लए एक स�म�त का गठन �कया गया था। �चतंाएं : • इंटरनेशनल एज�सी फॉर �रसच� ऑन क� सर के अनसुार भारत म� क� सर का बोझ 2018 म� अनमुा�नत 13 लाख मामल� से बढ़कर 2035 म� 20 लाख हो जाएगा और क� सर से होने वाल� म�ृय ु2018 म� अनमुा�नत 8.8 लाख से बढ़कर 2035 म� 13 लाख हो जाएगी। • �रपोट� के अनसुार, सभी उ�र पवू� रा�य� म� क� सर क� घटना म� अ�धक व�ृ�ध हुई है। • मोटे तौर पर अपया��त ब�ुनयाद� ढांचे और जाग�कता क� कमी के कारण, भारत म� कई रो�गय� का �नदान अ�ंतम समय म� �कया जाता है। यह न केवल उपचार के �लए उनके खच� को बढ़ाता है, बि�क उ�च म�ृय ुदर को भी बढ़ाता है। • स�म�त ने इस त�य पर जोर �दया �क भारत म� म�ृय ुदर घटना अनपुात 0.68 फ�सद है जो �क उ�चतम मानव �वकास सचूकांक (HDI) वाले देश� (0.38) और उ�च मानव �वकास सचूकांक देश� (0.57) क� तलुना म� बहुत अ�धक है।

  • �ववरण : • ��तवष� �नदान �कए जाने वाले क� सर के नए मामल� क� सं�या लगभग 16 लाख है। यह बीमार� सालाना 8 लाख लोग� क� म�ृय ुका कारण बनती है। • इनम� �तन क� सर के 1,40,000 मामले, गभा�शय �ीवा क� सर के 1,00,000 मामले और म�हलाओ ंम� मुंह के क� सर के 45,000 मामले शा�मल ह�। • प�ुष� म�, शीष� तीन क� सर िजनम� सबसे अ�धक घटनाएं होती ह�, वे ह� मौ�खक गुहा क� सर के 1,38,000 मामले, �सनी क� सर के 90,000 मामले और जठरां� संबंधी क� सर के 2,00,000 मामले शा�मल ह�। क� सर का उपचार : • भारत के दो �तहाई क� सर रो�गय� का �नजी �े� म� इलाज �कया गया और इसने 6 करोड़ भारतीय� को "क� सर पर भयावह �वा��य-संबंधी खच�" के कारण गर�बी रेखा से नीचे जीवन �नवा�ह करने के �लए मजबरू �कया। • TMC क� सर के उपचार के �लए एक �मखु रेफरल क� � है और भारत का रा���य क� सर ��ड देश म� क� सर के इलाज का बलुवाक� ( bulwark) है। • रा���य �तर पर क� सर रो�गय� तक बेहतर पहंुच बनाने के �लए स�म�त ने TMC �वारा ��ता�वत 'हब एंड �पोक मॉडल’ क� �सफा�रश क� है। यह उपचार लागत को कम करेगा और देश के कुछ उन �ह�स� से, जहाँ क� सर के इलाज क� स�ुवधा का अभाव है, म� रो�गय� के प�रवहन क� परेशानी को दरू करेगा। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : �वा��य : �नमो�नया, द�त अभी भी एक बड़ा खतरा है : �संग : • इंटरनेशनल व�ैसीन ए�सेस स�टर (IVAC) ने �यमूो�नया और डाय�रया �ो�ेस �रपोट� काड�-2019 जार� �कया है, िजससे पता चलता है �क दोन� बीमा�रयाँ भारत म� अभी भी एक बड़ा खतरा ह�। यह �रपोट� का 10वां सं�करण है। �ववरण : • �रपोट� म� पाया गया �क िजन 23 देश� म� �नमो�नया और डाय�रया से पी�ड़त ब�च� क� सं�या 75% है, वे ब�च� को रोकथाम और उपचार सेवाओ ंतक पहँुच �दान करने म� �वफल हो रहे ह�। • �तनपान, ट�काकरण, एंट�बायो�टक दवाओ ंका उपयोग, ओआरएस, ज�ता परूकता और देखभाल तक पहंुच जसेै 10 �मखु ह�त�ेप� का �व�लेषण �रपोट� �वारा �कया गया है। म�ुदा : • �व�व �तर पर, 2017 म� पांच साल से कम उ� के हर चार ब�च� म� से एक ब�चे क� मौत का कारण �नमो�नया और डाय�रया था।

  • • भारत, जहाँ पाँच साल से कम उ� के ब�च� क� बड़ी आबाद� रहती है, �नमो�नया और द�त से होने वाल� मौत� के एक बड़ े�ह�से का योगदानकता� है। भारत म� ि�थ�त : • 2016 म� रोटावायरस के ट�के और 2017 म� �यमूोकोकल कंजगेुट व�ैसीन के रोलआउट ने भारत के �कोर को बेहतर बनाने म� मदद क�। • भारत क� �वशषे �तनपान दर (55%) 23 देश� म� से सबसे अ�धक है जब�क मह�वपणू� उपचार �ा�त करने वाले ब�च� क� सं�या अभी भी ल�य से नीचे है। • डाय�रया से पी�ड़त 50% ब�च� को ORS (ओरल �रहाइ�शेन सॉ�यशून) �मल पाता है, जब�क केवल 20% ब�च� को ह� िजंक स�ल�म�ट �ा�त हो पाता ह�। �न�कष� : • �नमो�नया और द�त ब�ुनयाद� ह�त�ेप� के मा�यम से रोके जा सकने वाले रोग ह�। • �रपोट� काड� यह �न�कष� �नकलता है �क विै�वक समदुाय को �माट� और �टकाऊ रणनी�त �वक�सत करने के �लए �नवेश और समथ�न को बढ़ाना चा�हए। सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत : अथ��यव�था : रा�य APMC क� जगह e-NAM को वर�यता द� : क� � �संग : • �व� मं�ी के अनसुार, रा�य� को कृ�ष उपज �वपणन स�म�त (APMC) �णाल� के �थान पर अ�खल भारतीय इले��ॉ�नक �े�डगं पोट�ल, जो कृ�ष व�तओु ंके �लए एक एक�कृत रा���य बाजार �दान करता है, को अपनाने के �लए राजी �कया जा रहा है। • �व� मं�ी ने कहा �क क� � APMC �णाल� को समा�त करने और इले��ॉ�नक रा���य कृ�ष बाजार (e-NAM) क� ओर बढ़ने के �लए रा�य� से बात कर रहा है। �ववरण : • लगभग 2,500 APMCs म� से, अब तक 18 रा�य� के 585 APMC e-NAM पोट�ल से जड़ु चकेु ह�। अतंररा�यीय �यापार, िजसम� �कसान� को �यापक बाजार पहंुच और बेहतर म�ूय देने क� �मता है, म� 8 रा�य� म� अब तक 21 APMC मंडी ��तभागी ह�। म�ुदे : • APMC एक समय देश के �लए ज�र� था ले�कन अब इसक� अह�मयत ख�म हो गई है। APMC अब �कसान� को उनके उ�पाद� का पया��त म�ूय �दलाने म� सफल नह�ं हो पाता।

  • • अब तक, क� � APMC म� सधुार करने, उ�ह� अप�ेड करने के �लए धन आवं�टत करने और रा�य� को मॉडल APMC अ�ध�नयम को अपनाने के �लए राजी करने पर �यान क� ��त कर रहा था। 585 APMCs और 10,000 �ामीण कृ�ष बाजार� को अप�ेड करने के उ�दे�य से नाबाड� अब 2,000 करोड़ �पये के ए�ी-माक� ट इ��ा���चर फंड के संचालन के �लए तयैार है। • क� � 2016 से इसक� श�ुआत के बाद से ह� e-NAM को बढ़ावा दे रहा है, ले�कन अभी तक यह �प�ट नह�ं है �क यह ऑनलाइन पोट�ल कृ�ष �यापार का परूा बोझ उठाने के �लए तयैार है या नह�ं। • देश म� लगभग 12 करोड़ का�तकार� म� से केवल 1.6 करोड़ �कसान� ने अब तक इस पोट�ल पर पंजीकरण �कया है। सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत : सरु�ा : कुडनकुलम परमाण ुसंयं� सरु��त है : भारत �संग : • त�मलनाडु म� कुडनकुलम परमाण ुऊजा� संयं� पर साइबर हमले क� �रपोट� के बाद, भारतीय अ�धका�रय� ने �स को स�ूचत �कया है �क कुडनकुलम परमाण ुसंयं� परू� तरह से सरु��त है और कहा �क भ�व�य म� भारत-�स के इस संय�ुत उ�यम पर इस तरह क� घटनाओ ंको रोकने के �लए आव�यक कदम उठाए जा रहे ह�। नोट : इस म�ुदे को 30 अ�टूबर 2019 के समाचार �व�लेषण म� शा�मल �कया गया है। सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत : पया�वरण और पा�रि�थ�तक� पे�रस सं�ध अमे�रका के �लए अन�ुचत : �ंप �संग : • संय�ुत रा�य अमे�रका ने पे�रस जलवाय ुसमझौत ेसे हटने क� औपचा�रक सचूना संय�ुत रा�� को दे द� है। अमे�रक� रा��प�त डोना�ड ��प ने एक भाषण म� पे�रस समझौत ेसे अपनी वापसी को सह� ठहरात ेहुए कहा �क, समझौत ेके तहत अमे�रका को भारत जसेै देश� के �लए भगुतान करने क� आव�यकता होगी, जो �क अमे�रक� �ि�टकोण से सह� नह�ं है। नोट : इस म�ुदे को 6 नवंबर 2019 के समाचार �व�लेषण म� शा�मल �कया गया है। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : संपादक�य : अ�तरा����य म�ुदे : बोल��वया संकट : �संग :

  • • बो�ल�वया म� रा��प�त इवो मोरालेस के इ�तीफे के बाद ह� राजनी�तक संकट गहरा गया है। इस बीच वहां �वप� क� �वधायक और सीनेट क� दसूर� उपा�य� जी�नन अनीज ने खदु को देश का अतं�रम रा��प�त घो�षत कर �दया है। �व�लेषण : • बोल��वया म� रा��प�त पद से इ�तीफा देने के बाद इवो मोरालेस ने पड़ोसी देश मेि�सको म� शरण ले ल� है। मोरालेस ने चनुाव म� गड़बड़ी के आरोप लगने के बाद बड़ ेपमैाने पर �वरोध �दश�न� क� वजह से इ�तीफा दे �दया था। मेि�सको म� वामपंथी झुकाव वाल� सरकार है िजसने मोरालेस का समथ�न �कया है। • मेि�सको के �वदेश मं�ी मास�लो एबराड� ने बोल��वया म� मोरालेस के इ�तीफे के मामले म� सेना के ह�त�ेप का हवाला देत ेहुए इन घटनाओ ंको एक तरह का त�तापलट बताया था। • 2006 म� पहल� बार रा��प�त बनने वाले इवो मोरालेस बोल��वया के काफ़� लोक��य नेता रहे ह� िजनक� ग़र�बी से लड़ने और अथ��यव�था म� सधुार क� नी�तय� क� काफ़� �शंसा होती रह� थी। मोरालेस के पद छोड़ने क� वजह? • अ�टूबर-2019 म� हुए चनुाव� म� उनके चौथी बार चनुाव लड़ने को लेकर �ववाद पदैा हो गया िजसक� सं�वधान इजाजत नह�ं देता। इसके बाद चनुाव म� बड़ ेपमैाने पर अ�नय�मतताओ ंक� भी खबर� आ�। • 20 अ�टूबर को बो�ल�वया म� रा��प�त चनुाव हुए थे और पहले दौर म� जीत के बाद मोरालेस ने 47।8 फ�सद� वोट हा�सल �कए थे। • रा��प�त चनुाव म� �मल� जीत के बाद से मोरालेस पर लगातार दबाव बढ़ रहा था। सबसे पहले, ऑग�नाइजेशन ऑफ अमे�रकन �टे�स (OAS) ने अपनी �रपोट� म� दावा �कया था �क अ�टूबर को हुए चनुाव म� भार� गड़ब�ड़यां �मल� ह� और साथ ह� प�रणाम को र�द करने का आ�वान �कया था। • इसके जवाब म� मोरालेस ने नए चनुाव कराने पर सहम�त �य�त क�। ले�कन उनके म�ुय ��त�वं�वी काल�स मेसा ने इस बात पर जोर �दया �क मोरालेस को �कसी भी नए चनुाव म� नह�ं खड़ा होना चा�हए। • इस मामले ने तलू तब पकड़ा जब सेना �मखु जनरल �व�लय�स क�लमन ने ह�त�ेप करत ेहुए मोरालेस से इ�तीफ़ा देने क� अपील क�। • अपने इ�तीफे क� घोषणा करत ेहुए मोरालेस ने कहा �क उ�ह�ने यह फ़ैसला इस�लए �लया है िजससे उनके साथी अ�य सोश�ल�ट नेताओ ंको सताया और धमकाया नह�ं जाए।उ�ह�ने अपने �न�कासन को एक तरह का"त�तापलट" भी बताया है। • मोरालेस क� सरकार �गरने और उनके मेि�सको चले जाने से द��णी अमे�रका म� राजनी�तक संकट और गहरा गया है। �पछले कई ह�त� से बोल��वया, ए�वाडोर और �चल� जसेै देश� म� अशां�त फैल� हुई है, जहां �दश�नकार� सरकार� से �धन के दाम और यातायात के �कराये बढ़ाये जाने जसेै कदम� को वापस लेने क� मांग कर रहे ह�। अ�य मं��य� ने भी �दया इ�तीफा :

  • • आतं�रक संघष� क� ि�थ�त का आकलन करने के बाद रा��प�त ने इ�तीफा देने क� घोषणा क� ता�क बोल��वया के �हत म� शां�त और ि�थरता बरकरार रखी जा सके। माेरालेस के अलावा दो मं��य� और अ�य सरकार समथ�क �वधायक� ने अपने इ�तीफे क� घोषणा क�। सरकार को अि�थर करने क� योजना : • जब उ�ह�ने स�ा संभाल�, तो ला पाज़ म� अमे�रक� दतूावास ने �ी मोरालेस को "अवधै कोका आदंोलनकार�" कहा और अमे�रका �वारा सरकार को अि�थर करने क� योजनाएं तरंुत श�ु कर द� ग�। • अमे�रका ने कहा �क वह सभी ऋण� और ऋण राहत पर तब तक चचा� नह�ं करेगा जब तक �क मोरालेस "अ�छा �यवहार" नह�ं �दखात।े अमे�रका ने कहा �क य�द उ�ह�ने �कसी भी �मखु �े� का रा���यकरण करने क� को�शश क� या कोका �वरोधी नी�तय� को वापस ले �लया, तो उ�ह� दं�डत �कया जाएगा। • बोल��वया इससे पहले कई त�तापलट का गवाह रहा है। य.ूएस. �वारा �भा�वत बोल��वया के सश�� बल हमेशा इस प�र��य के �लए �ट�डबाय पर थे, ले�कन रा��प�त क� लोक��यता और भार� जनसमथ�न के कारण ऐसी कोई भी सश�� कार�वाई सफल नह�ं हो पाई। • �ी मोरालेस के समाजवाद� एज�ड ेने लोग� के रोजमरा� के जीवन म� सधुार �कया, यहां तक �क कमो�डट� क� क�मत� म� भी �गरावट आई। इस�लए अमे�रका क� को�शस कामयाब नह�ं हो सक� और त�तापलट म� देर� करनी पड़ी। • 20 अ�टूबर को संप�न चनुाव तनाव से भरा हुआ था। �ी मोरालेस ने अपने चौथे काय�काल के �लए �या�यक �वीकृ�त मांगी थी और उ�ह� �या�यक �वीकृ�त दे द� ग�। • उ�ह�ने 10 ��तशत से अ�धक अकं� से अपने �वरोधी मेसा को हराया, ले�कन �ी मेसा ने प�रणाम को �वीकार करने से इनकार कर �दया और चनुाव म� धांधल� होने का आरोप लगाया। • अमे�रक� रा�य� का संगठन (OAS), जो �क अमे�रका से �भा�वत है, ने मतगणना म� अ�नय�मतताएं पा�। ले�कन इस दावे के �लए कोई सबतू नह�ं �दया। • हालाँ�क, स�टर फॉर इकोनॉ�मक एंड पॉ�लसी �रसच� ने चनुाव� म� कोई अ�नय�मतता नह�ं पाई। • इसके आधार पर, द��णपंथी ने अपने समथ�क� से सड़क� पर उतरने का आ�वान �कया, और प�ुलस बल� ने बगावत का फैसला �कया। इस �कार U.S. और OAS ने 'त�तापलट' म� अहम भ�ूमका �नभाई। कौन ह� इवो मोरालेस? • मोरालेस कभी बोल��वया के पहाड़ी मदैान� म� एक चरवाहे का जीवन �बतात ेथे। बाद म� वे कोको क� खेती करने वाल� के य�ूनयन के नेता भी बने। धीरे धीरे राजनी�त म� उनका कद बढ़ता गया और वे बोल��वया के पहले देसी रा��प�त बने। • बतौर रा��प�त, उ�ह� लाख� लोग� को गर�बी से बाहर �नकालने का और सामािजक अ�धकार� को बढ़ाने का �ेय �दया जाता है।

  • • बोल��वया द��ण अमे�रका का सबसे गर�ब देश है ले�कन मोरालेस ने लगभग 14 वष� तक देश को एक ि�थर नेत�ृव �दया और इस दौर म� देश म� आ�थ�क �वकास भी हुआ। सड़के बनवाना,बोल��वया के पहले उप�ह को अतं�र� म� भेजना और मंहगाई पर लगाम लगाने जसेै ज�र� काम मोरालेस ने अपने काय�काल म� �कए। मह�वपणू� त�य : 1. अ� यास ‘टाइगर ��� फ’ : • भारत और अमर�का के बीच बढ़ती साझदेार� के अन�ुप, पहला भारत-अमर�क� संय�ु त ��सेना मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) अ� यास, िजसका नाम ‘टाइगर ��� फ’ है, के 13 से 21 नवंबर तक पवू� सम�ु� तट पर अयोिजत �कए जाने का काय��म है। • बंदरगाह चरण के �वशाखाप� तनम म� 13 से 16 नवंबर, 2019 तक आयोिजत �कए जाने का काय��म है। • इस अ� यास का उ�दे� य HADR अ�भयान अतं: पार� प�र� ता का �वकास करना है। • HADR अ� यास �े� म� एक संय�ु त कमान और �नयं�ण क� � क� � थापना संय�ु त �प से भारतीय सेना और अमर�क� नौसेना �वारा क� जाएगी। • IAF RAMT और अमर�क� नौसेना मे�डकल ट�म पी�ड़त� को �च�क� सक�य सहायता उपल� ध कराने के �लए एक �च�क� सा स�ुवधा �श�वर क� � थापना कर�गे, िज� ह� इससे पहले सड़क एवं वायमुाग� �वारा उनके � थान से हटाकर �श�वर म� लाया गया होगा। 2. पि�चमी घाट अभी भी �तत�लय� के एक सम�ृध भंडार का घर है : • वायनाड व�यजीव अभयार�य �कए गए एक सव��ण म� पाया गया है �क पि�चमी घाट अभी भी �तत�लय� के एक सम�ृध भंडार का घर है। • सव��ण म� यह पाया गया �क उन वन �े�� म� �तत�लय� क� �व�वधता बहुत कम थी, जहां �वदेशी आ�मणकार� पौधे जसेै से�ना �पे�टे�ब�लस (Senna Spectabilis) अ�य �था�नक पौध� पर ख़�म कर रहे ह� जब�क इनक� �व�वधता उन �े�� म� बहुत सम�ृध थी जहां �मका�नया माइ�ाथा (Mikania micrantha) और ल�टाना कैमरा (Lantana camera) जसेै पौधे �मखु थे। • सव��ण म� इस �े� म� �तत�लय� क� 191 �जा�तय� देखा गया जो इस �े� म� �व�थ �ततल� �नवास पर �काश पड़ता है। • 191 �जा�तय� म� से 12 �जा�तयाँ इस जवै �व�वधता संप�न �े� के �लए �था�नक �जा�त है

  • 3. कॉफ� �लांटस� के �लए कज� क� परेशानी : • कॉफ� बागान �े�, जो �पछले तीन वष� से लगातार �व�ीय, उ�पादकता और �गरती क�मत� के म�ुद� का सामना कर रहा है, ने संबं�धत रा�य सरकार� और क� � से ह�त�ेप करने क� मांग क� है। • कना�टक �लांटस� एसो�सएशन, एक शीष� �नकाय, जो �मखु कॉफ�-उ�पादक �े�� म� कॉफ� �कसान� का ��त�न�ध�व करता है, ने क� � सरकार से सभी बकाया पर �याज माफ करने का आ�ह �कया है। • �चकमंगल�ु, कोडागु और हासन कॉफ� �े� देश के कुल कॉफ� उ�पादन का 80% �ह�सा उ�पा�दत करत ेह�। • एसो�सएशन ने सरकार से �याज क� �रयायती दर के साथ वा�णि�यक और सहकार� ब�क� से फसल ऋण और �वकास ऋण क� सीमा बढ़ाने क� अपील क�। • एसो�सएशन ने आयकर के �नयम 7 B को भी हटाने के �लए अनरुोध �कया है, �य��क इस �नयम के तहत, उ�पादक �वारा कॉफ� के �ब�� से �ा�त आय को �यापा�रक आय माना जाता है और मौजदूा �नयम के तहत ऐसी आय का 25% कर यो�य माना जाता है। मामला �या है? • 90% से अ�धक कॉफ� �कसान छोटे धारक ह� और वे भार� कज� म� ह�। • खेती �म, साम�ी और उव�रक क� लागत लगातार बढ़ रह� है जब�क कॉफ� क� क�मत� मौसम दर मौसम घट रह� है। • मौसम के �मजाज म� भार� बदलाव से पदैावार पर ��तकूल असर पड़ा है। • �कसान अपनी फसल को उ�पादन लागत से नीचे बेचने को मजबरू ह�। UPSC �ारं�भक पर��ा के �लए अ�यास ��न : ��न 1. �न�न�ल�खत म� से कौन-कौन से देश बोल��वया के साथ सीमा साझा नह�ं करत ेह�? 1. �चल� 2. इ�वाडोर 3. उ��वे 4. पे� सह� �वक�प चनु�: (a) केवल 1 और 2

  • (b) केवल 1 और 3 (c) केवल 2 और 3 (d) केवल 2 उ�र : c �प�ट�करण :

    ��न 2. �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. रा��प�त क� �मादान शि�त रा�यपाल क� �मादान शि�त से अ�धक �यापक है। 2. रा��प�त उन सभी मामल� म� �मादान दे सकता है, िजनम� मौत क� सजा द� गई है। 3. �मादान देने क� रा��प�त क� शि�त उन मामल� तक �या�त है िजसम� सजा कोट� माश�ल �वारा द� गई हो। �दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�? (a) केवल 1 और 3 (b) केवल 1 (c) केवल 1 और 2 (d) 1, 2 और 3 उ�र : d �प�ट�करण : अन�ुछेद 72 के तहत रा��प�त क� �मादान शि�त रा�यपाल क� �मादान शि�त से अ�धक �यापक है। �मादान देने क� रा��प�त क� शि�त उन मामल� तक �या�त है िजसम� सजा कोट� माश�ल �वारा द� गई हो, ले�कन अन�ुछेद 161 रा�यपाल को ऐसी कोई शि�त �दान नह�ं करता है। रा��प�त उन सभी मामल� म� �मादान दे सकता है, िजनम� मौत क� सजा द� गई है। ��न 3. �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�।

  • 1. आदश� आचार सं�हता काननूी �प से लागू �कया जाने वाला द�तावेज है जो चनुाव� के दौरान राजनी�तक दल� और उ�मीदवार� के आचरण के �लए �दशा�नद�श देता है। 2. यह जन ��त�न�ध�व अ�ध�नयम, 1951 का एक �ह�सा है। 3. आदश� आचार सं�हता चनुाव काय��म क� घोषणा वाल� �त�थ से ह� लागू हो जाता है और प�रणाम घो�षत होने क� तार�ख तक लागू रहता है। सह� �वक�प चनु�: (a) केवल 1 (b) केवल 1 और 2 (c) केवल 3 (d) 1, 2 और 3 उ�र : c �प�ट�करण : आयोग का चनुाव आचार सं�हता चनुाव� से पहले राजनी�तक दल� और उ�मीदवार� के �लए जार� एक �दशा�नद�श है। इस सं�हता के लागू करने का उ�दे�य �वतं� और �न�प� चनुाव कराना होता है। इस कोड को पहल� बार 1960 म� केरल म� रा�य �वधानसभा चनुाव� म� लागू �कया गया था। 1962 के आम चनुाव म� सभी दल� �वारा इसका बड़ ेपमैाने पर अनसुरण �कया गया था और बाद के आम चनुाव� म� भी इसका पालन �कया जाता रहा। यह काननूी �प से लागू करने यो�य द�तावेज नह�ं है। यह जन ��त�न�ध�व अ�ध�नयम, 1951 का एक �ह�सा है। आदश� आचार सं�हता चनुाव काय��म क� घोषणा वाल� �त�थ से ह� लागू हो जाता है और प�रणाम घो�षत होने क� तार�ख तक लागू रहता है। ��न 4. भारत म� कॉफ� क� खेती के संबंध म� �न�न�ल�खत म� से कौन सा कथन सह� है। 1. भारत म� उगाई जाने वाल� कॉफ� का एक बड़ा �ह�सा छाया वाले भाग म� है। 2. भारत म� उगाई जाने वाल� दो म�ुय �कार क� कॉफ� अरे�बका और रोब�टा है। 3. उ�च ऊँचाई वाले �े� अरे�बका काफ� उगाने के �लए आदश� माने जात ेह� जब�क गम� आ�� प�रि�थ�तय� वाले �े� रोब�टा काफ� के �लए सबसे उपय�ुत होत ेह�। 4. लगभग 80% भारतीय कॉफ� का उपयोग देश के भीतर हो जाने के कारण �नया�त के �लए बहुत कम कॉफ� उपल�ध रहती है। सह� �वक�प चनु�: (a) 1 और 2 (b) 1, 2 और 3 (c) 1, 2, 3 और 4 (d) 1 और 4 उ�र : b �प�ट�करण : भारत अपनी अ�धकांश कॉफ� क� खेती एक अ�छ� तरह से प�रभा�षत दो �तर�य �म��त छाया कैनोपी के तहत करता है, िजसम� सदाबहार फलदार पेड़ शा�मल होत ेह�। छायादार पेड़ एक ढलान वाले भभूाग पर �म�ट� के कटाव को रोकत ेह�; वे गहर� परत� से पोषक त�व� को �रसाइ�कल करके �म�ट� को सम�ृध करत ेह�, कॉफ� के पौधे को तापमान के मौसमी उतार-चढ़ाव से बचात ेह�। लगभग 80% भारतीय कॉफ� का �नया�त �कया जाता है। भारत म� उगाई

  • जाने वाल� दो म�ुय �कार क� कॉफ� अरे�बका और रोब�टा है। उ�च ऊँचाई वाले �े� अरे�बका काफ� उगाने के �लए आदश� माने जात ेह� जब�क गम� आ�� प�रि�थ�तय� वाले �े� रोब�टा काफ� के �लए सबसे उपय�ुत होत ेह�। UPSC म�ुय पर��ा के �लए अ�यास ��न : ��न 1. बोल��वया संकट म� अमेर�क� भ�ूमका पर �ट�पणी कर�। (10 अकं 150 श�द) ��न 2. यरूोपीय देश� क� तलुना म� धम��नरपे�ता क� अवधारणा के आगमन क� प�ृठभ�ूम भारतीय संदभ� म� परू� तरह से अलग थी। इसने धम��नरपे�ता के पि�चमी मॉडल और धम��नरपे�ता के भारतीय मॉडल के बीच अतंर पदैा �कया। �ट�पणी कर�। (10 अकं, 150 श�द)