लए वश ेष िथत ावधान पर वचार कर रह ......अतरत...

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  • 4 जनवर� 2020 - समाचार �व�लेषण सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : राज�यव�था और शासन : नौक�रय� और भ�ूम अ�धकार� म� ज�म-ूक�मीर के �नवा�सय� के �लए �वशषे �ावधान : �संग : • ज�म-ूक�मीर और ल�दाख क� � शा�सत �देश� के �लए सरकार �वशषे ि�थ�त पर �वचार कर रह� है। प�ृठभ�ूम : • क� � सरकार ने 5 अग�त 2019 को सं�वधान के अन�ुछेद-370 और अन�ुछेद 35A के तहत �द� ज�म ूऔर क�मीर क� �वशषे ि�थ�त को र�द कर �दया था। • इसके बाद ज�म ूऔर क�मीर रा�य को ज�म-ूक�मीर और ल�दाख नामक दो क� � शा�सत �देश� म� �वभािजत कर �दया गया था। • अन�ुछेद 35A ने ज�म ूऔर क�मीर रा�य क� �वधा�यका को रा�य का "�थायी �नवासी" तय करने का अ�धकार �दया था। इसने रा�य के �थायी �नवा�सय� के �लए नौकर� म� आर�ण स�ुनि�चत �कया और गैर ज�म-ूक�मीर �नवासी को रा�य म� संप�� खर�दने से ��तबं�धत कर �दया था। • अन�ुछेद 35A के र�द होने के बाद, ज�म ूऔर क�मीर के कई वग� और समहू� ने बाहर� लोग� से अपनी �वशषे ि�थ�त और सरकार� नौक�रय� को खोने के बारे म� �चतंा �य�त क� थी। �ववरण : • क� � अन�ुछेद 371 के �ावधान के मा�यम से ज�म-ूक�मीर को �वशषे दजा� देने के ��ताव पर �वचार कर रहा है। • ��ता�वत कदम से सरकार� नौक�रय�, श�ै�णक सं�थान� और भ�ूम अ�धकार� म� ज�म-ूक�मीर के अ�धवा�सय� को सरु�ा �मलेगी। • �वचाराधीन �मखु �ावधान� म� सरकार� �े� म� नौकर� के �लए आवेदन करने से पहले �यनूतम 15 साल तक �े� म� �नरंतर रहने क� अ�नवाय� आव�यकता को लागू करना शा�मल है। इससे �थानीय लोग� को रा�य म� सरकार� नौकर� �मलने क� अ�धक संभावना होगी। • भ�ूम अ�धकार� के संबंध म� �हमाचल �देश और उ�राखंड म� लोग� को �मले अ�धकार� क� तज� पर �वशषे �ावधान� क� जांच क� जा रह� है। भ�ूम के �वा�म�व और ह�तांतरण को �व�नय�मत करने से संबं�धत यह �ावधान �वकास के �लए उपल�ध सी�मत संसाधन� का संर�ण स�ुनि�चत करेगा। यह स�ुनि�चत करेगा �क रा�य के �नवा�सय� के पास भ�ूम का �वा�म�व बना रहे। • ��ता�वत �नयम यह स�ुनि�चत कर�गे �क ज�म ूऔर क�मीर रा�य अपनी �व�श�ट पहचान बनाए रखे।

  • अ�त�र�त जानकार� : • ज�म ूऔर क�मीर के अलावा, भारत के सं�वधान के तहत कुछ अ�य रा�य� को �वशषे अ�धकार �दान �कए गए ह�, जो अन�ुछेद 371 और 371 (A-J) म� सचूीब�ध ह�। अन�ुछेद 370 और 371, 26 जनवर� 1950 से सं�वधान का �ह�सा रहे ह�, जब�क अन�ुछेद 371(A-J) को अन�ुछेद 368 के तहत संशोधन� के मा�यम से शा�मल �कया गया था, जो सं�वधान और उसके बाद क� ���या म� संशोधन करने के �लए संसद क� शि�त को कम करता है। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : राज�यव�था और शासन अ�खल भारतीय �या�यक सेवा (AIJS) कोई रामबाण नह�ं : अ�ययन �संग : • �वधी स�टर फॉर ल�गल पॉ�लसी �वारा ऑल इं�डया �य�ूड�शयल स�व�स पर �रपोट�। प�ृठभ�ूम : • �नचल� �यायपा�लका लं�बत मामल� क� बड़ी सं�या और अपने फैसले क� खराब गुणव�ा जसेै कई म�ुद� से ��त है। यह म�ुय �प से �या�यक पद� पर बड़ी सं�या म� �रि�तय�, �नयिु�त ���या म� लंबी देर� और �नयिु�त ���या म� पारद�श�ता क� कमी के कारण है। • वत�मान म�, िजला �यायाधीश और अधीन�थ �यायपा�लका क� �नयिु�तयां संबं�धत रा�य सरकार� �वारा क� जाती ह�। • �नचल� �यायपा�लका म� आने वाल� चनुौ�तय� को देखत ेहुए, एक�कृत अ�खल भारतीय �या�यक सेवा के �नमा�ण के �लए �ताव पर बातचीत चल रह� है। • अ�खल भारतीय �या�यक सेवा (AIJS) को पहल� बार 1958 म� भारत के �व�ध आयोग क� 14वीं �रपोट� �वारा ��ता�वत �कया गया था, िजसका उ�दे�य िजला �यायाधीश� का क� ��कृत कैडर बनाना था। • �वधी स�टर फॉर ल�गल पॉ�लसी ने ‘A primer on the All India Judicial Service - A solution in search of a problem?’ शीष�क नामक अपनी हा�लया �रपोट� म� AIJS के �खलाफ कई तक� �दए ह�। AIJS के प� म� तक� : • अ�खल भारतीय �या�यक सेवा (AIJS) भत� ���या को क� ��यकृत करने म� मदद करेगी। यह देश भर से सव��े�ठ ��तभाओ ंको आक�ष�त करने म� मदद करेगा। • AIJS तजेी से और समय पर भत� ���या म� मदद कर सकता है जो �यायपा�लका म� उ�च �तर क� �रि�त को भरने म� मदद करेगा। यह �यायाधीश� क� सं�या को बढ़ाकर उ�च �तर पर लं�बत मामल� क� सम�या को कम करने म� मदद करेगा। • AIJS को उन �ावधान� के साथ लागू �कया जा सकता है जो �या�यक सेवाओ ंम� हा�शए के लोग� क� ��त�न�ध�व म� कमी के म�ुदे को हल करने म� मदद कर सकत ेह�।

  • AIJS के �वप� म� तक� : • �वधी स�टर फॉर ल�गल पॉ�लसी क� �रपोट� AIJS को �या�यक �रि�तय� के समाधान के �प म� पेश करने को लेकर कई म�ुद� को इं�गत करती है। 1. �रि�तय� का म�ुदा : • AIJS के प� म� �मखु तक� यह था �क यह भारत भर म� िजला और अधीन�थ �यायपा�लका के लगभग 5,000 �र�त पद� को भरने म� मदद करेगा। हालां�क, एक कर�बी �व�लेषण इस त�य को उजागर करता है �क केवल कुछ उ�च �यायालय ह� ऐसे ह� जो लगभग 5,000 �रि�तय� के �लए िज�मेदार ह�। उ�च �यायालय� क� �नयिु�त ���या म� AIJS क� कोई भ�ूमका नह�ं है। • �या�यक �रि�तय� के समाधान के �प म� AIJS का ��ताव करने के बजाय, यह खराब �दश�न वाले रा�य� म� बड़ी सं�या म� �रि�तय� के कारण� और कारण� क� जांच करने और �थानीय �तर� पर म�ुद� को संबो�धत करने के �लए अ�धक �भावी हो सकता है। 2. आर�ण : • �यायपा�लका म� हा�शए के लोग� क� ��त�न�ध�व म� कमी के समाधान के �प म� AIJS का ��ताव �कया गया है। �दलच�प बात यह है �क कई रा�य पहले से ह� �नचल� �यायपा�लका क� �नयिु�त ���या म� हा�शए के समदुाय� और म�हलाओ ंके �लए पद� को आर��त कर रहे ह�। • AIJS के �नमा�ण और उसके बाद आर�ण म� कुछ उलटफेर होगा, िजसे देखत ेहुए �क कई समदुाय जो वत�मान म� रा�य कोटे से लाभाि�वत ह�, AIJS के �नमा�ण का �वरोध कर सकत ेह�। • ऐसा इस�लए है �य��क रा�य सरकार� �वारा अ�य �पछड़ा वग� (OBC) के �प म� मा�यता �ा�त समदुाय� को क� � सरकार �वारा OBC के �प म� वग�कृत �कया जा सकता है या नह�ं भी �कया जा सकता है। इससे रा�य म� कुछ समदुाय� के बीच असंत�ुट� बढ़ सकती है। 3. �थानीय भाषा और र��त-�रवाज : • एक क� ��कृत ���या के मा�यम से भत� �कए गए �यायाधीश उन रा�य� क� �थानीय भाषाओ ंके बारे म� अजंान हो सकत ेह� िजनम� वे तनैात �कए जाएंगे ह�। • यह इस त�य पर �वचार करने के �लए एक मह�वपणू� बाधा बन जाता है �क �स�वल और आपरा�धक अदालत� क� काय�वाह� संबं�धत रा�य सरकार� �वारा �नधा��रत भाषा म� आयोिजत क� जाती है जो �क अ�धकांश मामल� म� रा�य क� भाषा होती है। • �थानीय भाषा और र��त-�रवाज� क� समझ क� कमी ऐसे म�ुदे ह� जो गंभीर �प से �वचार करने यो�य ह� �य��क इससे न केवल मामले के �नपटान म� अ�धक समय लगेगा बि�क �नण�य क� गुणव�ा भी �भा�वत हो सकती है। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : राज�यव�था और शासन : केरल के म�ुयमं�ी के �खलाफ बीजेपी सांसद क� या�चका पर सभाप�त क� मंजरू� का इंतज़ार :

  • �संग : • CAA के �खलाफ केरल �वधानसभा �वारा पा�रत ��ताव पर केरल के म�ुयमं�ी के �खलाफ �वशषेा�धकार ��ताव लाने संबंधी कदम। प�ृठभ�ूम : • केरल �वधानसभा ने संसद के दोन� सदन� �वारा पा�रत नाग�रकता (संशोधन) अ�ध�नयम को अवधै और असंवधैा�नक करार देत ेहुए एक ��ताव पा�रत �कया था। • इसके बाद, रा�यसभा म� संसद के �वशषेा�धकार� के उ�लंघन और अवमानना के �लए केरल के म�ुयमं�ी के �खलाफ काय�वाह� श�ु करने के �लए कदम उठाने क� बात क� गई । • रा�यसभा क� �वशषेा�धकार स�म�त के सद�य� म� से एक �वारा �कए गए अनरुोध के अनसुार, ��ताव पेश करत ेसमय केरल के म�ुयमं�ी का बयान, परू� तरह से संसद�य सं�भतुा क� अवहेलना था, �य��क सं�वधान म� संशोधन करने और नए काननू बनाने क� शि�त केवल संसद म� �न�हत है। • या�चकाकता� ने दावा �कया �क केरल �वधानसभा का कदम और म�ुयमं�ी का बयान संवधैा�नक मानदंड� को चनुौती देने वाल� कार�वाई है और इस�लए वे अवमानना काय�वाह� का सामना करने के �लए उ�रदायी है। �ववरण : • �वशषेा�धकार स�म�त के एक सद�य ने रा�यसभा के सभाप�त को प� �लखकर केरल के म�ुयमं�ी के �खलाफ संसद के �वशषेा�धकार� को तोड़ने और अवमानना काय�वाह� श�ु करने क� मांग क� थी। • रा�यसभा क� �वशषेा�धकार� स�म�त ने या�चका को सं�ान म� नह�ं �लया �य��क यह उ�चत ���या का पालन नह� ंकरती थी। या�चका को म�ुय �प से इस आधार पर मना �कया गया था �य��क इसे रा�यसभा के सभाप�त �वारा अनमुो�दत और अ�े�षत �कया जाना था। अ�त�र�त जानकार� : • �वशषेा�धकार� स�म�त म� रा�यसभा म� मौजदू ताकत के अनपुात म� �व�भ�न राजनी�तक दल� का ��त�न�ध�व करने वाले सद�य� के साथ कुल 10 सद�य होत ेह�। • स�म�त के अ�य� को स�म�त के सद�य� म� से अ�य� �वारा �नय�ुत �कया जाता है। रा�यसभा म� उपसभाप�त �वशषेा�धकार� स�म�त का अ�य� होता है। • स�म�त �कसी भी या�चका पर सभाप�त क� मंजरू� के बाद ह� �वचार कर सकती है और जब भी इस मामले को उठाया जाता है, तो या�चका दायर करने वाले सद�य को खदु को बठैक से अलग करना पड़ता है।

  • • स�म�त �वशषेा�धकार उ�लंघन से संबं�धत ��येक ��न क� जांच करती है और यह �नधा��रत करती है �क �वशषेा�धकार का उ�लंघन हुआ है या नह�ं, य�द हां, तो उ�लंघन क� �कृ�त, इसके कारण आने वाल� प�रि�थ�तयाँ और ऐसी �सफा�रश� करती है जो उपय�ुत हो। नोट : अ�धक जानकार� के �लए 2 जनवर� 2020 का समाचार �व�लेषण पढ़�। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : अतंरा����य संबंध : अमे�रक� हवाई हमले म� शीष� ईरानी जनरल क� मौत : �संग : • अमे�रका ने बगदाद हवाई अ�ड ेके पास हवाई हमले म� ईरानी मेजर जनरल का�सम सलेुमानी क� ह�या कर द� है। प�ृठभ�ूम : • वा�शगंटन के ईरान परमाण ुसमझौत ेसे बाहर �नकलने तथा ईरान पर ��तबंध� को लगाने और तहेरान �वारा �फर से परमाण ुग�त�व�ध श�ु करने के कारण ईरान और अमे�रका के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। • जहाज� और तले ट�कर� पर हमले, �ोन� को न�ट करने और सऊद� के तले �रफाइन�रय� पर हमले के कारण हाल के �दन� म� खाड़ी म� य�ुध क� आशंका बढ़ रह� है। • अ�लै 2019 म�, अमे�रका ने इ�ला�मक �रवो�यशूनर� गाड� कॉ�स� को आतंकवाद� समहू के �प म� ना�मत �कया था। • हाल ह� म� इराक म� स��य ईरान समथ�क �म�ल�शया (स�ैनको) पर अमे�रक� हवाई हमले के बाद ईरान समथ�क �म�ल�शयन �वारा इराक म� अमे�रक� दतूावास पर हमला �कया गया था। �ववरण : • का�सम सलेुमानी ईरान के इ�ला�मक �रवो�यशूनर� गाड� कॉ�स� (IRGC) के बाहर� मामल� के संचालन �वगं, कु�स फ़ोस� के �मखु थे। • का�सम सलेुमानी ईरान के �वदेशी ऑपरेशन को �नद��शत करत ेथे, िजसका उ�दे�य म�ुय �प से पि�चम ए�शया म� अपनी सीमाओ ंपर ईरान के �भाव का �व�तार करना था। सलेुमानी के तहत ग�ठत ईरान समथ�क �शया �म�ल�शया ने सी�रया के गहृ य�ुध और इराक तथा सी�रया म� इ�ला�मक �टेट के �खलाफ य�ुध म� मह�वपणू� भ�ूमका �नभाई। • पि�चम ए�शया म� तहेरान के फैलत ेस�ैय �भाव के वा�तकुार माने जाने वाले जनरल सलेुमानी क� ह�या, य.ूएस. तथा उसके सहयो�गय� (म�ुय �प से इज़राइल और सऊद� अरब) और ईरान के बीच �े�ीय य�ुध को आमं�ण दे सकता है। �चतंाएं : • यह नवीनतम घटना पि�चम ए�शयाई �े� म� बड़ ेपमैाने पर य�ुध का कारण बन सकती है, जो न केवल पहले से ह� अि�थर पि�चम ए�शया बि�क बड़ ेपमैाने पर द�ुनया के �लए घातक �स�ध होगी। • हवाई हमल� क� �रपोट� के बाद तले क� क�मत� म� लगभग 3 डॉलर ��त बरैल क� व�ृ�ध हुई है।

  • • इस घटना का असर भारत के अ�धकांश बाजार �े�� म� �दखाई �दया। सोने क� क�मत� कम हो गई, इि�वट� �गर गई और �पया डढ़े मह�ने के �नचले �तर तक �गर गया। • भारत अपने तले के दो-�तहाई से अ�धक का आयात पि�चम ए�शया से करता है, म�ुय �प से सऊद� अरब और इराक से। इस�लए ईरान के �कसी भी ��तशोध से भारत का तले आयात �भा�वत होगा। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : राज�यव�था और शासन : संपादक�य : नेटबंद� के समांतर सवाल : �संग : • एक अनमुान के अनसुार देश म� कर�ब 48 करोड़ से भी �यादा लोग �माट�फोन इ�तमेाल कर रहे ह�। �पछले कुछ वष� के दौरान इंटरनेट बंद� के मामले म� भारत द�ुनया भर म� पहले पायदान पर रहा है। फो�स� प��का क� एक �रपोट� के अनसुार इंटरनेट पर ��तबंध लगाने के मामले म� भारत द�ुनया म� सबसे आगे है। �व�लेषण : • साल 2019 के �दसंबर मह�ने म� रा���य नाग�रकता काननू के �खलाफ देश�यापी �हसंक �दश�न� को देखत ेहुए सरकार ने कई जगह इंटरनेट पर पाबंद� लगाई गई थी। • अन�ुछेद 370 को हटाए जाने के बाद से ज�म ूक�मीर के �यादातर �ह�स� म� अभी तक इंटरनेट सेवा पर पाबंद� लगी है। हालां�क 145 �दन� क� पाबंद� के बाद बीत े27 �दसंबर को ल�दाख के कर�गल �े� म� इंटरनेट पर लगी पाबंद� हटा ल� गई है। • नेट सेवा बंद �कए जाने को लेकर सरकार और �शासन क� ओर से सदैव यह� तक� �दया जाता रहा है �क �कसी तरह के �ववाद या बवाल क� ि�थ�त म� हालात बेकाब ूहोने से रोकने और शां�त �यव�था बनाए रखने के �लए अफवाह�, गलत संदेश�, खबर�, त�य� व फज� त�वीर� के �चार-�सार के ज�रए �वरोध क� �चगंार� दसूरे रा�य� तक न भड़कने देने के उ�दे�य से ऐसा कदम उठाने को मजबरू होना पड़ता है। • इसम� कोई दो राय नह�ं �क सोशल मी�डया के ज�रए कुछ लोग� �वारा झूठे संदेश और फज� वी�डयो वायरल कर माहौल को खराब करने के �यास �कए जात ेह�, ले�कन अ�सर देखा गया है �क इंटरनेट पर पाबंद� लगाने के बाद भी ऐसे इलाक� म� �हसंक घटनाएं और उप�व होत ेह�। ऐसे म� नेट पर पांबद� का कदम कई सवाल भी खड़ ेकरता है। नेटबंद� से नकुसान : • िजन �े�� म� इंटरनेट पर पाबंद� लगाई जाती है, वहां दरूसंचार कंप�नय� को तो भार�-भरकम नकुसान झलेना पड़ता है, साथ ह� तमाम तरह क� आ�थ�क, �यावसा�यक और सामािजक ग�त�व�धयां भी कर�ब-कर�ब ठप सी हो जाती ह� और अरब� का आ�थ�क नकुसान होता है।

  • • इं�डयन काउं�सल फॉर �रसच� ऑन इंटरनेशनल इकोनॉ�मक क� �रपोट� के अनसुार भारत म� 2012 से लेकर 2017 के दौरान हुई नेटबंद� से भारतीय अथ��यव�था को लगभग 22 हजार करोड़ �पए का नकुसान हुआ। 2011 से 2017 तक भारत म� कर�ब 16 हजार घंटे इंटरनेट बंद रहा, इससे देश को कर�ब 213 अरब �पए का नकुसान हुआ। • ज�म ूक�मीर च�बर ऑफ कॉमस� का कहना है �क पांच मह�न� क� नेटबंद� के कारण कर�ब 100 अरब �पए का भार�-भरकम नकुसान हो चकुा है। • से�यलुर ऑपरेटस� एसो�सएशन ऑफ इं�डया का कहना है �क देश म� नेटबंद� के कारण हर घंटे कर�ब 2.5 करोड़ �पए का नकुसान होता है। इस�लए सरकार को इंटरनेट पर पाबंद� लगाने से पहले �वचार करना चा�हए। �डिजटल इं�डया और नेटबंद� : • �डिजटल इं�डया के यगु म� िजस तरह नेटबंद� के मामले लगातार बढ़ रहे ह�, उससे भारत क� छ�व परू� द�ुनया म� �भा�वत हो रह� है। इससे देश क� अथ��यव�था को भी बड़ा �हण लगता है। • �डिजटल इं�डया के इस दौर म� नेटबंद� का मतलब ‘�डिजटल डाक� नेस’ क� ओर बढ़ना है। �पछले साल भारत म� 100 से �यादा बार इंटरनेट सेवा पर पाबंद� लगी। ज�म-ूक�मीर म� इंटरनेट सेवा पर ��तबंध एक �व�व �रकॉड� है। • हालां�क उससे पहले भी जलुाई 2016 म� आतंक� बरुहान वानी के मारे जाने के बाद रा�य म� 8 जलुाई से 19 नवंबर 2016 तक 4 मह�ने से भी अ�धक समय इंटरनेट बंद रखा गया था। • साल 2017 म� गोरखाल�ड रा�य क� मांग को लेकर हुए आदंोलन और �हसंक �दश�न� के चलत ेकर�ब 100 �दन� तक दािज��लगं म� भी इंटरनेट बंद कर �दया गया था। • इंटरनेट पर बार-बार पाबंद� लगाए जाने से देश को भार� नकुसान भी झलेना पड़ रहा है। इंटरनेट बंद� लोग� क� िजंदगी को थाम देती है, �य��क रोजमरा� क� िजंदगी से जड़ु ेअनेक काम अब नेट सेवाओ ंके ज�रए ह� होत ेह�। • ऐसे म� यह सवाल उठने लगा है �क एक तरफ जहां सरकार हर स�ुवधा के �डिजटल�करण पर �वशषे बल दे रह� है और बहुत सार� सेवाएं ऑनलाइन कर द� गई ह�, वह�ं �हसंक आदंोलन� से �नपटने के �लए �या नेट बंद� ह� बड़ा कदम रह गया है, �या इसका और कोई �वक�प नह�ं है? • शोधकता�ओ ंका दावा है �क इंटरनेट सेवा बंद करने के बाद भी �हसंा और �दश�न� को रोकने म� कोई बड़ी सफलता नह�ं �मलती है। हां, लोग� का काम-धंधा ज�र चौपट हो जाता है और �यि�तगत नकुसान के साथ सरकार को भी बड़ी आ�थ�क चपत लगती है। • आज हम� जीवन के हर कदम पर इंटरनेट क� ज�रत पड़ती है, �य��क लोग� क� िजंदगी काफ� हद तक कं�यटूर-इंटरनेट क� द�ुनया से जड़ु गई है। • �कसी को अपना आधार काड� बनवाना या ठ�क कराना हो या अ�य �कसी सरकार� सेवा का लाभ उठाना हो अथवा ऑनलाइन शॉ�पगं करनी हो या खाने का आड�र करना हो या �फर ऑनलाइन कैब, टै�सी, रेल व हवाई �टकट बकु करना हो, �बना इंटरनेट के इन सभी स�ुवधाओ ंका इ�तमेाल �कया जाना असंभव हो जाता है।

  • • इंटरनेट शटडाउन के चलत ेएक ओर जहां ऐसे �े�� म� ब��कंग सेवाओ ंपर ��तकूल असर पड़ता है, वह�ं सरकार� �वा��य स�ुवधाओ ंका लाभ उठाना भी लोग� के �लए मिु�कल हो जाता है। • नेटबंद� क� ि�थ�त म� कोई अपनी फ�स, �बजल� व पानी के �बल, ब�क क� EMI आ�द समय से नह�ं भर पाता, तो बहुत से यवुाओ ंको ��तयोगी पर��ाओ ंके फॉम� भरने और इंटरनेट का उपयोग कर उनक� तयैार� करने म� खासी परेशा�नयां झलेनी पड़ती ह�। इंटरनेट सेवाओ ंपर रोक लगाने के �लए काननू : • इंटरनेट सेवाओ ंपर रोक लगाने के �लए सरकार अलग-अलग प�रि�थ�तय� म� अलग-अलग काननू� का सहारा लेती है, िजनम� आपरा�धक दंड ���या सं�हता (CrPC) 1973, इं�डयन टेल��ाफ ए�ट 1885 और ट�परेर� स�प�शन ऑफ टेल�कॉम स�व�सेज ��स 2017 शा�मल ह�। • पहले सचूना के �चार-�सार स�हत इंटरनेट सेवा बंद करने का अ�धकार इं�डयन टेल��ाफ ए�ट 1885 और धारा-144 के तहत सरकार और �शासन को �दया गया था, ले�कन ट�परेर� स�प�शन ऑफ टेल�कॉम स�वस�ज ��स 2017 अि�त�व म� आने के बाद इंटरनेट पर ��तबंध लगाने का फैसला अब अ�धकांशत: इसी �ावधान के तहत �लया जाने लगा है। • हालां�क संय�ुत रा�� �वारा वष� 2016 म� एक ��ताव पा�रत �कया गया था, जो इंटरनेट को मानवा�धकार क� �ेणी म� शा�मल करता है और सरकार� �वारा इंटरनेट पर रोक लगाने को सीधे तौर पर मानवा�धकार� का उ�लंघन बताता है, ले�कन यह ��ताव �कसी भी देश के �लए बा�यकार� नह�ं है। अ�य देश� म� नेटबंद� के आकंड़� : • भारत म� वष� 2018 म� इंटरनेट सेवा बंद करने के 134 मामले सामने आए थे , जो द�ुनया म� सवा��धक थे। उस साल द�ुनयाभर म� कुल 196 बार इंटरनेट पर रोक लगी थी, िजनम� से 67 फ�सद नेटबंद� के मामले भारत के ह� थे। पा�क�तान 12 बार ऐसा करने वाला दसूरा देश था। • च�काने वाल� बात यह है �क सी�रया और इराक जसेै अशांत देश� म� तो सालभर म� 10 बार भी इंटरनेट बंद नह� ं�कया गया। यमन म� 7 बार, इराक म� 7, इ�थयो�पया म� 6, बां�लादेश म� 5, �स म� 2 और �ीलंका, तकु�, इंडोने�शया व द��ण को�रया म� 1-1 बार इंटरनेट बंद �कया गया था। इंटरनेट का उपयोग �या हमारा ब�ुनयाद� मानवा�धकार है? • द�ुनया भर के देश� क� सरकार ने अपने �खलाफ उठे आदंोलन म� सोशल मी�डया के �भाव को देखत ेहुए इस पर �नयं�ण और इसक� सीमाएं तय करनी श�ु कर द� है। �यादातर स�सर�शप को यह कहकर �यायो�चत ठहराया जाता है �क ऐसा करना रा���य सरु�ा और आतंकवाद से लड़ने के �ल ए ज�र� है। ले�कन, अ�सर सरकार इनका �योग ऐसी साम�ी को स�सर करने के �लए करती है जो उ�ह� पसंद नह�ं है या िजनसे वो असहमत ह�। • इससे सवाल खड़ा होता है �क �या लोग� को इंटरनेट के उपयोग और ऑनलाइन अ�भ�यि�त क� �वतं�ता से वं�चत �कया जा सकता है? • संय�ुत रा�� संघ ने 2011 को जार� �रपोट� ‘United Nations Special Rapporteur on the Promotion and Protection of the Right to Freedom of Opinion and Expression’ म� कहा है �क लोग� को इंटरनेट

  • के उपयोग से अलग रखना मानव अ�धकार� का उ�लंघन और अतंरा����य काननू के �खलाफ है। इंटरनेट तक पहंुच सभी मन�ुय� का अ�धकार है और �कसी रा�� को अपने नाग�रक� को इंटरनेट के पहंुच से रोकने के �लए कोई �नयम नह�ं बनाना चा�हए। • इस �वचार को आगे बढ़ात ेहुए संय�ुत रा�� संघ मानवा�धकार प�रषद के सभी 47 सद�य देश� ने 5 जलुाई 2012 को इस ��ताव पर ह�ता�र �कए �क लोग� को इंटरनेट से जड़ुने और �वतं� �प से अ�भ�यि�त क� गारंट� द� जानी चा�हए। • कुछ देश� म� इंटरनेट का उपयोग एक काननूी अ�धकार के �प म� भी मौजदू है। 2010 म� �फ़नल�ड द�ुनया का पहला देश बना िजसने अपने नाग�रक� के �लए �ॉडब�ड इंटरनेट उपयोग को काननूी अ�धकार �दान �कया। 2011 म� �पेन ने �ॉडब�ड इंटरनेट को काननूी अ�धकार का दजा� �दया। • भारत क� बात करे तो 2019 म� केरल उ�च �यायालय ने इंटरनेट के अ�धकार को �श�ा के मौ�लक अ�धकार के एक भाग के साथ-साथ अन�ुछेद 21 के अतंग�त �नजता के अ�धकार के अतंग�त माना था। �न�कष� : • नेटबंद� से लोग� का जीवन और आ�थ�क ग�त�व�धयां ठप न ह�, इसका �यान रखा जाना ज�र� है। इसके �लए सरकार को ऐसे �वक�प तलाशने क� ज�रत है िजनसे नेटबंद� क� नौबत ह� न आए। मसलन, �भा�वत इलाक� म� परू� तरह इंटरनेट बंद करने के बजाय फेसबकु, �हा�सएप, इं�टा�ाम इ�या�द सोशल साइट� पर अ�थायी पाबंद� लगाई जा सकती है। ऐसे ह� कुछ और उपाय भी तलाश ेजा सकत ेह�, िजनसे पणू� इंटरनेट शटडाउन जसेै हालात से बचा जा सके। मह�वपणू� त�य : 1. म�हलाओ ंक� साइबर सरु�ा पर योजना ��ततु कर�गे रा�य : • भारत म� वत�मान म� पाँच �े�� म� से ��येक के �लए एक प�रषद� ह�: उ�र, म�य, पवू�, द��णी और पि�चमी। �े�ीय प�रषद सलाहकार प�रषद के �प म� काय� करती है और इसका गठन भारत के उन रा�य� से �मलकर हुआ है िज�ह� पाँच �े�� म� बांटा गया है ता�क उनम� सहयोग बढ़ सके। • रा�य� के पनुग�ठन अ�ध�नयम, 1956 के तहत बनाई गई पांच �े�ीय प�रषद�, सलाहकार �नकाय ह� जो क� � और रा�य� के बीच आ�थ�क और सामािजक �हत�, सीमा �ववाद, भाषाई अ�पसं�यक, अतंररा�यीय प�रवहन या रा�य� के पनुग�ठन से जड़ु े�कसी भी मामले पर चचा� और �सफा�रश� करती ह�। • ये प�रषद� गहृ मं�ालय के अतंर-रा�य प�रषद स�चवालय के त�वावधान म� काय� करती ह�। • उ�र-पवू� रा�य� को �कसी भी �े�ीय प�रषद म� शा�मल नह�ं �कया गया है और उनक� �वशषे सम�याओ ंका समाधान एक अ�य वधैा�नक �नकाय, उ�र पवू� प�रषद, िजसे उ�र पवू� प�रषद अ�ध�नयम, 1971 �वारा बनाया गया है, �वारा �कया जाता है। • अडंमान और �नकोबार �वीप समहू, ल��वीप �कसी भी �े�ीय प�रषद के सद�य नह�ं ह�। हालां�क, वे वत�मान म� द��णी �े�ीय प�रषद म� �वशषे आमं��त सद�य ह�।

  • • पि�चमी प�रषद म� गोवा, गुजरात, महारा��, क� � शा�सत �देश दमन और द�व और दादरा और नगर हवेल� शा�मल ह�। UPSC �ारं�भक पर��ा के �लए अ�यास ��न : ��न 1. भारतीय सं�वधान के अन�ुछेद 371 के तहत �न�न�ल�खत म� से �कस रा�य को �वशषे �ावधान �दए गए ह�: 1. �सि�कम 2. कना�टक 3. ��परुा 4. महारा�� 5. �मजोरम 6. नागाल�ड �वक�प: (a) 1,3,5 और 6 (b) 1,5 और 6 (c) 1,2,4,5 और 6 (d) 1,2,4 और 6 उ�र : c �प�ट�करण : ज�म ूऔर क�मीर के अलावा, भारत के सं�वधान के तहत कुछ अ�य रा�य� को �वशषे अ�धकार �दान �कए गए ह�, जो अन�ुछेद 371 और 371 (A-J) म� सचूीब�ध ह�। अन�ुछेद 370 और 371, 26 जनवर� 1950 से सं�वधान का �ह�सा रहे ह�, जब�क अन�ुछेद 378 (A-J) को अन�ुछेद 368 के तहत संशोधन� के मा�यम से शा�मल �कया गया था, जो सं�वधान और उसके बाद क� ���या म� संशोधन करने के �लए संसद क� शि�त को कम करता है। महारा��, गुजरात , नागाल�ड, असम, म�णपरु, वत�मान तलेंगाना, �सि�कम, �मजोरम, अ�णाचल �देश, गोवा और कना�टक को सं�वधान के अन�ुछेद 371 के तहत �वशषे दजा� �दया गया ह�। ��न 2. �न�न�ल�खत म� से कौन सा कथन सह� है? 1. रा�य सभा का सभाप�त रा�य सभा क� �वशषेा�धकार� स�म�त के सद�य� को ना�मत करता है। 2. रा�य सभा क� �वशषेा�धकार स�म�त म� 10 सद�य होत ेह�। �वक�प: (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोन� (d) न तो 1 और न ह� 2 उ�र : c �प�ट�करण : �व-�या�या�मक

  • ��न 3. �न�न�ल�खत म� से कौन सा कथन सह� है? 1. भारत म� 6 �े�ीय प�रषद� रा�य पनुग�ठन अ�ध�नयम, 1956 के तहत बनाई गई ह�। 2. गहृ मं�ालय के अतंर-रा�यीय प�रषद स�चवालय के त�वावधान म� प�रषद� काय� करती है। �वक�प: (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) दोन� 1 और 2 (d) न तो 1 और न ह� 2 उ�र : b �प�ट�करण : भारत म� वत�मान म� पाँच �े�� म� से ��येक के �लए एक प�रष� ह�: उ�र, म�य, पवू�, द��णी और पि�चमी। रा�य� के पनुग�ठन अ�ध�नयम, 1956 के तहत बनाई गई पाँच� �े�ीय प�रषद� एक सलाहकार �नकाय ह�। उ�र-पवू� रा�य� को �कसी भी �े�ीय प�रषद म� शा�मल नह�ं �कया गया है और उनक� �वशषे सम�याओ ंका समाधान एक अ�य वधैा�नक �नकाय, उ�र पवू� प�रषद, िजसे उ�र पवू� प�रषद अ�ध�नयम, 1971 �वारा बनाया गया है, �वारा �कया जाता है। ��न 4. �न�न�ल�खत बंदरगाह� को उ�र से द��ण �दशा क� ओर �यवि�थत कर�: 1. कृ�णप�टनम बंदरगाह 2. �वशाखाप�नम बंदरगाह 3. �य ूमंगलौर बंदरगाह 4. मोरमगुाओ बंदरगाह 5. ए�नोर पोट� �वक�प: (a) 2,4,1,5,3 (b) 2,1,4,3,5 (c) 2,4,1,3,5 (d) 1,2,4,3,5 उ�र : a �प�ट�करण: �वशाखाप�नम बंदरगाह मोरमगुाओ बंदरगाह कृ�णप�टनम बंदरगाह ए�नोर पोट� मंगलौर बंदरगाह UPSC म�ुय पर��ा के �लए अ�यास ��न :

  • ��न 1. इस त�य को �यान म� रखत ेहुए �क इंटरनेट लोग� के जीवन का एक अ�भ�न अगं बन गया है, इस�लए इंटरनेट तक पहंुचने के अ�धकार को एक मौ�लक अ�धकार के �प म� पहचानने का समय आ गया है। �ट�पणी कर�। (10 अकं, 150 श�द) ��न 2. हा�लया अमे�रक� हवाई हमले म� ईरानी मेजर जनरल का�सम सलेुमानी क� ह�या ने न केवल पि�चम ए�शयाई �े� के �लए बि�क भारत के सामने भी गंभीर �चतंा पदैा कर द� है। �ट�पणी कर�। (10 अकं, 150 श�द) ��न 3. क� � �वारा लाए गए नाग�रकता (संशोधन) अ�ध�नयम, 2019 को �नर�त करने के �लए केरल �वधानसभा ने हाल ह� म� एक ��ताव पा�रत �कया है, िजसे समथ�क� और �वरो�धय� दोन� का समथ�न �मला है। �ट�पणी कर�। (10 अकं, 150 श�द)

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