लए वश ेष िथत ावधान पर वचार कर रह ......अतरत...

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4 जनवर 2020 - समाचार वलेषण सामाय अययन 2 से संबंधत : राजयवथा और शासन : नौकरय और अधकार जम -कमीर के नवासय के लए वशेष ावधान : संग : जम -कमीर और लदाख शासत देश के लए सरकार वशेष िथत पर वचार कर रह है ठभ : सरकार ने 5 अगत 2019 को संवधान के अन छे द-370 और अन छे द 35A के तहत जम और कमीर वशेष िथत को रद कर दया थाइसके बाद जम और कमीर राय को जम -कमीर और लदाख नामक दो शासत देश वभािजत कर दया गया थाअन छे द 35A ने जम और कमीर राय वधायका को राय का "थायी नवासी" तय करने का अधकार दया थाइसने राय के थायी नवासय के लए नौकर आरण निचत कया और गैर जम -कमीर नवासी को राय संप खरदने से तबंधत कर दया थाअन छे द 35A के रद होने के बाद, जम और कमीर के कई वग और सम ने बाहर लोग से अपनी वशेष िथत और सरकार नौकरय को खोने के बारे चंता यत थीववरण : अन छे द 371 के ावधान के मायम से जम -कमीर को वशेष दजा देने के ताव पर वचार कर रहा है तावत कदम से सरकार नौकरय, शैणक संथान और अधकार जम -कमीर के अधवासय को रा मलेगीवचाराधीन ावधान सरकार नौकर के लए आवेदन करने से पहले नतम 15 साल तक नरंतर रहने अनवाय आवयकता को लाग करना शामल है इससे थानीय लोग को राय सरकार नौकर मलने अधक संभावना होगीअधकार के संबंध हमाचल देश और उराखंड लोग को मले अधकार तज पर वशेष ावधान जांच जा रह है के वामव और हतांतरण को वनयमत करने से संबंधत यह ावधान वकास के लए उपलध सीमत संसाधन का संरण निचत करेगायह निचत करेगा राय के नवासय के पास का वामव बना रहे तावत नयम यह निचत करगे जम और कमीर राय अपनी वशट पहचान बनाए रखे

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  • 4 जनवर� 2020 - समाचार �व�लेषण सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : राज�यव�था और शासन : नौक�रय� और भ�ूम अ�धकार� म� ज�म-ूक�मीर के �नवा�सय� के �लए �वशषे �ावधान : �संग : • ज�म-ूक�मीर और ल�दाख क� � शा�सत �देश� के �लए सरकार �वशषे ि�थ�त पर �वचार कर रह� है। प�ृठभ�ूम : • क� � सरकार ने 5 अग�त 2019 को सं�वधान के अन�ुछेद-370 और अन�ुछेद 35A के तहत �द� ज�म ूऔर क�मीर क� �वशषे ि�थ�त को र�द कर �दया था। • इसके बाद ज�म ूऔर क�मीर रा�य को ज�म-ूक�मीर और ल�दाख नामक दो क� � शा�सत �देश� म� �वभािजत कर �दया गया था। • अन�ुछेद 35A ने ज�म ूऔर क�मीर रा�य क� �वधा�यका को रा�य का "�थायी �नवासी" तय करने का अ�धकार �दया था। इसने रा�य के �थायी �नवा�सय� के �लए नौकर� म� आर�ण स�ुनि�चत �कया और गैर ज�म-ूक�मीर �नवासी को रा�य म� संप�� खर�दने से ��तबं�धत कर �दया था। • अन�ुछेद 35A के र�द होने के बाद, ज�म ूऔर क�मीर के कई वग� और समहू� ने बाहर� लोग� से अपनी �वशषे ि�थ�त और सरकार� नौक�रय� को खोने के बारे म� �चतंा �य�त क� थी। �ववरण : • क� � अन�ुछेद 371 के �ावधान के मा�यम से ज�म-ूक�मीर को �वशषे दजा� देने के ��ताव पर �वचार कर रहा है। • ��ता�वत कदम से सरकार� नौक�रय�, श�ै�णक सं�थान� और भ�ूम अ�धकार� म� ज�म-ूक�मीर के अ�धवा�सय� को सरु�ा �मलेगी। • �वचाराधीन �मखु �ावधान� म� सरकार� �े� म� नौकर� के �लए आवेदन करने से पहले �यनूतम 15 साल तक �े� म� �नरंतर रहने क� अ�नवाय� आव�यकता को लागू करना शा�मल है। इससे �थानीय लोग� को रा�य म� सरकार� नौकर� �मलने क� अ�धक संभावना होगी। • भ�ूम अ�धकार� के संबंध म� �हमाचल �देश और उ�राखंड म� लोग� को �मले अ�धकार� क� तज� पर �वशषे �ावधान� क� जांच क� जा रह� है। भ�ूम के �वा�म�व और ह�तांतरण को �व�नय�मत करने से संबं�धत यह �ावधान �वकास के �लए उपल�ध सी�मत संसाधन� का संर�ण स�ुनि�चत करेगा। यह स�ुनि�चत करेगा �क रा�य के �नवा�सय� के पास भ�ूम का �वा�म�व बना रहे। • ��ता�वत �नयम यह स�ुनि�चत कर�गे �क ज�म ूऔर क�मीर रा�य अपनी �व�श�ट पहचान बनाए रखे।

  • अ�त�र�त जानकार� : • ज�म ूऔर क�मीर के अलावा, भारत के सं�वधान के तहत कुछ अ�य रा�य� को �वशषे अ�धकार �दान �कए गए ह�, जो अन�ुछेद 371 और 371 (A-J) म� सचूीब�ध ह�। अन�ुछेद 370 और 371, 26 जनवर� 1950 से सं�वधान का �ह�सा रहे ह�, जब�क अन�ुछेद 371(A-J) को अन�ुछेद 368 के तहत संशोधन� के मा�यम से शा�मल �कया गया था, जो सं�वधान और उसके बाद क� ���या म� संशोधन करने के �लए संसद क� शि�त को कम करता है। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : राज�यव�था और शासन अ�खल भारतीय �या�यक सेवा (AIJS) कोई रामबाण नह�ं : अ�ययन �संग : • �वधी स�टर फॉर ल�गल पॉ�लसी �वारा ऑल इं�डया �य�ूड�शयल स�व�स पर �रपोट�। प�ृठभ�ूम : • �नचल� �यायपा�लका लं�बत मामल� क� बड़ी सं�या और अपने फैसले क� खराब गुणव�ा जसेै कई म�ुद� से ��त है। यह म�ुय �प से �या�यक पद� पर बड़ी सं�या म� �रि�तय�, �नयिु�त ���या म� लंबी देर� और �नयिु�त ���या म� पारद�श�ता क� कमी के कारण है। • वत�मान म�, िजला �यायाधीश और अधीन�थ �यायपा�लका क� �नयिु�तयां संबं�धत रा�य सरकार� �वारा क� जाती ह�। • �नचल� �यायपा�लका म� आने वाल� चनुौ�तय� को देखत ेहुए, एक�कृत अ�खल भारतीय �या�यक सेवा के �नमा�ण के �लए �ताव पर बातचीत चल रह� है। • अ�खल भारतीय �या�यक सेवा (AIJS) को पहल� बार 1958 म� भारत के �व�ध आयोग क� 14वीं �रपोट� �वारा ��ता�वत �कया गया था, िजसका उ�दे�य िजला �यायाधीश� का क� ��कृत कैडर बनाना था। • �वधी स�टर फॉर ल�गल पॉ�लसी ने ‘A primer on the All India Judicial Service - A solution in search of a problem?’ शीष�क नामक अपनी हा�लया �रपोट� म� AIJS के �खलाफ कई तक� �दए ह�। AIJS के प� म� तक� : • अ�खल भारतीय �या�यक सेवा (AIJS) भत� ���या को क� ��यकृत करने म� मदद करेगी। यह देश भर से सव��े�ठ ��तभाओ ंको आक�ष�त करने म� मदद करेगा। • AIJS तजेी से और समय पर भत� ���या म� मदद कर सकता है जो �यायपा�लका म� उ�च �तर क� �रि�त को भरने म� मदद करेगा। यह �यायाधीश� क� सं�या को बढ़ाकर उ�च �तर पर लं�बत मामल� क� सम�या को कम करने म� मदद करेगा। • AIJS को उन �ावधान� के साथ लागू �कया जा सकता है जो �या�यक सेवाओ ंम� हा�शए के लोग� क� ��त�न�ध�व म� कमी के म�ुदे को हल करने म� मदद कर सकत ेह�।

  • AIJS के �वप� म� तक� : • �वधी स�टर फॉर ल�गल पॉ�लसी क� �रपोट� AIJS को �या�यक �रि�तय� के समाधान के �प म� पेश करने को लेकर कई म�ुद� को इं�गत करती है। 1. �रि�तय� का म�ुदा : • AIJS के प� म� �मखु तक� यह था �क यह भारत भर म� िजला और अधीन�थ �यायपा�लका के लगभग 5,000 �र�त पद� को भरने म� मदद करेगा। हालां�क, एक कर�बी �व�लेषण इस त�य को उजागर करता है �क केवल कुछ उ�च �यायालय ह� ऐसे ह� जो लगभग 5,000 �रि�तय� के �लए िज�मेदार ह�। उ�च �यायालय� क� �नयिु�त ���या म� AIJS क� कोई भ�ूमका नह�ं है। • �या�यक �रि�तय� के समाधान के �प म� AIJS का ��ताव करने के बजाय, यह खराब �दश�न वाले रा�य� म� बड़ी सं�या म� �रि�तय� के कारण� और कारण� क� जांच करने और �थानीय �तर� पर म�ुद� को संबो�धत करने के �लए अ�धक �भावी हो सकता है। 2. आर�ण : • �यायपा�लका म� हा�शए के लोग� क� ��त�न�ध�व म� कमी के समाधान के �प म� AIJS का ��ताव �कया गया है। �दलच�प बात यह है �क कई रा�य पहले से ह� �नचल� �यायपा�लका क� �नयिु�त ���या म� हा�शए के समदुाय� और म�हलाओ ंके �लए पद� को आर��त कर रहे ह�। • AIJS के �नमा�ण और उसके बाद आर�ण म� कुछ उलटफेर होगा, िजसे देखत ेहुए �क कई समदुाय जो वत�मान म� रा�य कोटे से लाभाि�वत ह�, AIJS के �नमा�ण का �वरोध कर सकत ेह�। • ऐसा इस�लए है �य��क रा�य सरकार� �वारा अ�य �पछड़ा वग� (OBC) के �प म� मा�यता �ा�त समदुाय� को क� � सरकार �वारा OBC के �प म� वग�कृत �कया जा सकता है या नह�ं भी �कया जा सकता है। इससे रा�य म� कुछ समदुाय� के बीच असंत�ुट� बढ़ सकती है। 3. �थानीय भाषा और र��त-�रवाज : • एक क� ��कृत ���या के मा�यम से भत� �कए गए �यायाधीश उन रा�य� क� �थानीय भाषाओ ंके बारे म� अजंान हो सकत ेह� िजनम� वे तनैात �कए जाएंगे ह�। • यह इस त�य पर �वचार करने के �लए एक मह�वपणू� बाधा बन जाता है �क �स�वल और आपरा�धक अदालत� क� काय�वाह� संबं�धत रा�य सरकार� �वारा �नधा��रत भाषा म� आयोिजत क� जाती है जो �क अ�धकांश मामल� म� रा�य क� भाषा होती है। • �थानीय भाषा और र��त-�रवाज� क� समझ क� कमी ऐसे म�ुदे ह� जो गंभीर �प से �वचार करने यो�य ह� �य��क इससे न केवल मामले के �नपटान म� अ�धक समय लगेगा बि�क �नण�य क� गुणव�ा भी �भा�वत हो सकती है। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : राज�यव�था और शासन : केरल के म�ुयमं�ी के �खलाफ बीजेपी सांसद क� या�चका पर सभाप�त क� मंजरू� का इंतज़ार :

  • �संग : • CAA के �खलाफ केरल �वधानसभा �वारा पा�रत ��ताव पर केरल के म�ुयमं�ी के �खलाफ �वशषेा�धकार ��ताव लाने संबंधी कदम। प�ृठभ�ूम : • केरल �वधानसभा ने संसद के दोन� सदन� �वारा पा�रत नाग�रकता (संशोधन) अ�ध�नयम को अवधै और असंवधैा�नक करार देत ेहुए एक ��ताव पा�रत �कया था। • इसके बाद, रा�यसभा म� संसद के �वशषेा�धकार� के उ�लंघन और अवमानना के �लए केरल के म�ुयमं�ी के �खलाफ काय�वाह� श�ु करने के �लए कदम उठाने क� बात क� गई । • रा�यसभा क� �वशषेा�धकार स�म�त के सद�य� म� से एक �वारा �कए गए अनरुोध के अनसुार, ��ताव पेश करत ेसमय केरल के म�ुयमं�ी का बयान, परू� तरह से संसद�य सं�भतुा क� अवहेलना था, �य��क सं�वधान म� संशोधन करने और नए काननू बनाने क� शि�त केवल संसद म� �न�हत है। • या�चकाकता� ने दावा �कया �क केरल �वधानसभा का कदम और म�ुयमं�ी का बयान संवधैा�नक मानदंड� को चनुौती देने वाल� कार�वाई है और इस�लए वे अवमानना काय�वाह� का सामना करने के �लए उ�रदायी है। �ववरण : • �वशषेा�धकार स�म�त के एक सद�य ने रा�यसभा के सभाप�त को प� �लखकर केरल के म�ुयमं�ी के �खलाफ संसद के �वशषेा�धकार� को तोड़ने और अवमानना काय�वाह� श�ु करने क� मांग क� थी। • रा�यसभा क� �वशषेा�धकार� स�म�त ने या�चका को सं�ान म� नह�ं �लया �य��क यह उ�चत ���या का पालन नह� ंकरती थी। या�चका को म�ुय �प से इस आधार पर मना �कया गया था �य��क इसे रा�यसभा के सभाप�त �वारा अनमुो�दत और अ�े�षत �कया जाना था। अ�त�र�त जानकार� : • �वशषेा�धकार� स�म�त म� रा�यसभा म� मौजदू ताकत के अनपुात म� �व�भ�न राजनी�तक दल� का ��त�न�ध�व करने वाले सद�य� के साथ कुल 10 सद�य होत ेह�। • स�म�त के अ�य� को स�म�त के सद�य� म� से अ�य� �वारा �नय�ुत �कया जाता है। रा�यसभा म� उपसभाप�त �वशषेा�धकार� स�म�त का अ�य� होता है। • स�म�त �कसी भी या�चका पर सभाप�त क� मंजरू� के बाद ह� �वचार कर सकती है और जब भी इस मामले को उठाया जाता है, तो या�चका दायर करने वाले सद�य को खदु को बठैक से अलग करना पड़ता है।

  • • स�म�त �वशषेा�धकार उ�लंघन से संबं�धत ��येक ��न क� जांच करती है और यह �नधा��रत करती है �क �वशषेा�धकार का उ�लंघन हुआ है या नह�ं, य�द हां, तो उ�लंघन क� �कृ�त, इसके कारण आने वाल� प�रि�थ�तयाँ और ऐसी �सफा�रश� करती है जो उपय�ुत हो। नोट : अ�धक जानकार� के �लए 2 जनवर� 2020 का समाचार �व�लेषण पढ़�। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : अतंरा����य संबंध : अमे�रक� हवाई हमले म� शीष� ईरानी जनरल क� मौत : �संग : • अमे�रका ने बगदाद हवाई अ�ड ेके पास हवाई हमले म� ईरानी मेजर जनरल का�सम सलेुमानी क� ह�या कर द� है। प�ृठभ�ूम : • वा�शगंटन के ईरान परमाण ुसमझौत ेसे बाहर �नकलने तथा ईरान पर ��तबंध� को लगाने और तहेरान �वारा �फर से परमाण ुग�त�व�ध श�ु करने के कारण ईरान और अमे�रका के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। • जहाज� और तले ट�कर� पर हमले, �ोन� को न�ट करने और सऊद� के तले �रफाइन�रय� पर हमले के कारण हाल के �दन� म� खाड़ी म� य�ुध क� आशंका बढ़ रह� है। • अ�लै 2019 म�, अमे�रका ने इ�ला�मक �रवो�यशूनर� गाड� कॉ�स� को आतंकवाद� समहू के �प म� ना�मत �कया था। • हाल ह� म� इराक म� स��य ईरान समथ�क �म�ल�शया (स�ैनको) पर अमे�रक� हवाई हमले के बाद ईरान समथ�क �म�ल�शयन �वारा इराक म� अमे�रक� दतूावास पर हमला �कया गया था। �ववरण : • का�सम सलेुमानी ईरान के इ�ला�मक �रवो�यशूनर� गाड� कॉ�स� (IRGC) के बाहर� मामल� के संचालन �वगं, कु�स फ़ोस� के �मखु थे। • का�सम सलेुमानी ईरान के �वदेशी ऑपरेशन को �नद��शत करत ेथे, िजसका उ�दे�य म�ुय �प से पि�चम ए�शया म� अपनी सीमाओ ंपर ईरान के �भाव का �व�तार करना था। सलेुमानी के तहत ग�ठत ईरान समथ�क �शया �म�ल�शया ने सी�रया के गहृ य�ुध और इराक तथा सी�रया म� इ�ला�मक �टेट के �खलाफ य�ुध म� मह�वपणू� भ�ूमका �नभाई। • पि�चम ए�शया म� तहेरान के फैलत ेस�ैय �भाव के वा�तकुार माने जाने वाले जनरल सलेुमानी क� ह�या, य.ूएस. तथा उसके सहयो�गय� (म�ुय �प से इज़राइल और सऊद� अरब) और ईरान के बीच �े�ीय य�ुध को आमं�ण दे सकता है। �चतंाएं : • यह नवीनतम घटना पि�चम ए�शयाई �े� म� बड़ ेपमैाने पर य�ुध का कारण बन सकती है, जो न केवल पहले से ह� अि�थर पि�चम ए�शया बि�क बड़ ेपमैाने पर द�ुनया के �लए घातक �स�ध होगी। • हवाई हमल� क� �रपोट� के बाद तले क� क�मत� म� लगभग 3 डॉलर ��त बरैल क� व�ृ�ध हुई है।

  • • इस घटना का असर भारत के अ�धकांश बाजार �े�� म� �दखाई �दया। सोने क� क�मत� कम हो गई, इि�वट� �गर गई और �पया डढ़े मह�ने के �नचले �तर तक �गर गया। • भारत अपने तले के दो-�तहाई से अ�धक का आयात पि�चम ए�शया से करता है, म�ुय �प से सऊद� अरब और इराक से। इस�लए ईरान के �कसी भी ��तशोध से भारत का तले आयात �भा�वत होगा। सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत : राज�यव�था और शासन : संपादक�य : नेटबंद� के समांतर सवाल : �संग : • एक अनमुान के अनसुार देश म� कर�ब 48 करोड़ से भी �यादा लोग �माट�फोन इ�तमेाल कर रहे ह�। �पछले कुछ वष� के दौरान इंटरनेट बंद� के मामले म� भारत द�ुनया भर म� पहले पायदान पर रहा है। फो�स� प��का क� एक �रपोट� के अनसुार इंटरनेट पर ��तबंध लगाने के मामले म� भारत द�ुनया म� सबसे आगे है। �व�लेषण : • साल 2019 के �दसंबर मह�ने म� रा���य नाग�रकता काननू के �खलाफ देश�यापी �हसंक �दश�न� को देखत ेहुए सरकार ने कई जगह इंटरनेट पर पाबंद� लगाई गई थी। • अन�ुछेद 370 को हटाए जाने के बाद से ज�म ूक�मीर के �यादातर �ह�स� म� अभी तक इंटरनेट सेवा पर पाबंद� लगी है। हालां�क 145 �दन� क� पाबंद� के बाद बीत े27 �दसंबर को ल�दाख के कर�गल �े� म� इंटरनेट पर लगी पाबंद� हटा ल� गई है। • नेट सेवा बंद �कए जाने को लेकर सरकार और �शासन क� ओर से सदैव यह� तक� �दया जाता रहा है �क �कसी तरह के �ववाद या बवाल क� ि�थ�त म� हालात बेकाब ूहोने से रोकने और शां�त �यव�था बनाए रखने के �लए अफवाह�, गलत संदेश�, खबर�, त�य� व फज� त�वीर� के �चार-�सार के ज�रए �वरोध क� �चगंार� दसूरे रा�य� तक न भड़कने देने के उ�दे�य से ऐसा कदम उठाने को मजबरू होना पड़ता है। • इसम� कोई दो राय नह�ं �क सोशल मी�डया के ज�रए कुछ लोग� �वारा झूठे संदेश और फज� वी�डयो वायरल कर माहौल को खराब करने के �यास �कए जात ेह�, ले�कन अ�सर देखा गया है �क इंटरनेट पर पाबंद� लगाने के बाद भी ऐसे इलाक� म� �हसंक घटनाएं और उप�व होत ेह�। ऐसे म� नेट पर पांबद� का कदम कई सवाल भी खड़ ेकरता है। नेटबंद� से नकुसान : • िजन �े�� म� इंटरनेट पर पाबंद� लगाई जाती है, वहां दरूसंचार कंप�नय� को तो भार�-भरकम नकुसान झलेना पड़ता है, साथ ह� तमाम तरह क� आ�थ�क, �यावसा�यक और सामािजक ग�त�व�धयां भी कर�ब-कर�ब ठप सी हो जाती ह� और अरब� का आ�थ�क नकुसान होता है।

  • • इं�डयन काउं�सल फॉर �रसच� ऑन इंटरनेशनल इकोनॉ�मक क� �रपोट� के अनसुार भारत म� 2012 से लेकर 2017 के दौरान हुई नेटबंद� से भारतीय अथ��यव�था को लगभग 22 हजार करोड़ �पए का नकुसान हुआ। 2011 से 2017 तक भारत म� कर�ब 16 हजार घंटे इंटरनेट बंद रहा, इससे देश को कर�ब 213 अरब �पए का नकुसान हुआ। • ज�म ूक�मीर च�बर ऑफ कॉमस� का कहना है �क पांच मह�न� क� नेटबंद� के कारण कर�ब 100 अरब �पए का भार�-भरकम नकुसान हो चकुा है। • से�यलुर ऑपरेटस� एसो�सएशन ऑफ इं�डया का कहना है �क देश म� नेटबंद� के कारण हर घंटे कर�ब 2.5 करोड़ �पए का नकुसान होता है। इस�लए सरकार को इंटरनेट पर पाबंद� लगाने से पहले �वचार करना चा�हए। �डिजटल इं�डया और नेटबंद� : • �डिजटल इं�डया के यगु म� िजस तरह नेटबंद� के मामले लगातार बढ़ रहे ह�, उससे भारत क� छ�व परू� द�ुनया म� �भा�वत हो रह� है। इससे देश क� अथ��यव�था को भी बड़ा �हण लगता है। • �डिजटल इं�डया के इस दौर म� नेटबंद� का मतलब ‘�डिजटल डाक� नेस’ क� ओर बढ़ना है। �पछले साल भारत म� 100 से �यादा बार इंटरनेट सेवा पर पाबंद� लगी। ज�म-ूक�मीर म� इंटरनेट सेवा पर ��तबंध एक �व�व �रकॉड� है। • हालां�क उससे पहले भी जलुाई 2016 म� आतंक� बरुहान वानी के मारे जाने के बाद रा�य म� 8 जलुाई से 19 नवंबर 2016 तक 4 मह�ने से भी अ�धक समय इंटरनेट बंद रखा गया था। • साल 2017 म� गोरखाल�ड रा�य क� मांग को लेकर हुए आदंोलन और �हसंक �दश�न� के चलत ेकर�ब 100 �दन� तक दािज��लगं म� भी इंटरनेट बंद कर �दया गया था। • इंटरनेट पर बार-बार पाबंद� लगाए जाने से देश को भार� नकुसान भी झलेना पड़ रहा है। इंटरनेट बंद� लोग� क� िजंदगी को थाम देती है, �य��क रोजमरा� क� िजंदगी से जड़ु ेअनेक काम अब नेट सेवाओ ंके ज�रए ह� होत ेह�। • ऐसे म� यह सवाल उठने लगा है �क एक तरफ जहां सरकार हर स�ुवधा के �डिजटल�करण पर �वशषे बल दे रह� है और बहुत सार� सेवाएं ऑनलाइन कर द� गई ह�, वह�ं �हसंक आदंोलन� से �नपटने के �लए �या नेट बंद� ह� बड़ा कदम रह गया है, �या इसका और कोई �वक�प नह�ं है? • शोधकता�ओ ंका दावा है �क इंटरनेट सेवा बंद करने के बाद भी �हसंा और �दश�न� को रोकने म� कोई बड़ी सफलता नह�ं �मलती है। हां, लोग� का काम-धंधा ज�र चौपट हो जाता है और �यि�तगत नकुसान के साथ सरकार को भी बड़ी आ�थ�क चपत लगती है। • आज हम� जीवन के हर कदम पर इंटरनेट क� ज�रत पड़ती है, �य��क लोग� क� िजंदगी काफ� हद तक कं�यटूर-इंटरनेट क� द�ुनया से जड़ु गई है। • �कसी को अपना आधार काड� बनवाना या ठ�क कराना हो या अ�य �कसी सरकार� सेवा का लाभ उठाना हो अथवा ऑनलाइन शॉ�पगं करनी हो या खाने का आड�र करना हो या �फर ऑनलाइन कैब, टै�सी, रेल व हवाई �टकट बकु करना हो, �बना इंटरनेट के इन सभी स�ुवधाओ ंका इ�तमेाल �कया जाना असंभव हो जाता है।

  • • इंटरनेट शटडाउन के चलत ेएक ओर जहां ऐसे �े�� म� ब��कंग सेवाओ ंपर ��तकूल असर पड़ता है, वह�ं सरकार� �वा��य स�ुवधाओ ंका लाभ उठाना भी लोग� के �लए मिु�कल हो जाता है। • नेटबंद� क� ि�थ�त म� कोई अपनी फ�स, �बजल� व पानी के �बल, ब�क क� EMI आ�द समय से नह�ं भर पाता, तो बहुत से यवुाओ ंको ��तयोगी पर��ाओ ंके फॉम� भरने और इंटरनेट का उपयोग कर उनक� तयैार� करने म� खासी परेशा�नयां झलेनी पड़ती ह�। इंटरनेट सेवाओ ंपर रोक लगाने के �लए काननू : • इंटरनेट सेवाओ ंपर रोक लगाने के �लए सरकार अलग-अलग प�रि�थ�तय� म� अलग-अलग काननू� का सहारा लेती है, िजनम� आपरा�धक दंड ���या सं�हता (CrPC) 1973, इं�डयन टेल��ाफ ए�ट 1885 और ट�परेर� स�प�शन ऑफ टेल�कॉम स�व�सेज ��स 2017 शा�मल ह�। • पहले सचूना के �चार-�सार स�हत इंटरनेट सेवा बंद करने का अ�धकार इं�डयन टेल��ाफ ए�ट 1885 और धारा-144 के तहत सरकार और �शासन को �दया गया था, ले�कन ट�परेर� स�प�शन ऑफ टेल�कॉम स�वस�ज ��स 2017 अि�त�व म� आने के बाद इंटरनेट पर ��तबंध लगाने का फैसला अब अ�धकांशत: इसी �ावधान के तहत �लया जाने लगा है। • हालां�क संय�ुत रा�� �वारा वष� 2016 म� एक ��ताव पा�रत �कया गया था, जो इंटरनेट को मानवा�धकार क� �ेणी म� शा�मल करता है और सरकार� �वारा इंटरनेट पर रोक लगाने को सीधे तौर पर मानवा�धकार� का उ�लंघन बताता है, ले�कन यह ��ताव �कसी भी देश के �लए बा�यकार� नह�ं है। अ�य देश� म� नेटबंद� के आकंड़� : • भारत म� वष� 2018 म� इंटरनेट सेवा बंद करने के 134 मामले सामने आए थे , जो द�ुनया म� सवा��धक थे। उस साल द�ुनयाभर म� कुल 196 बार इंटरनेट पर रोक लगी थी, िजनम� से 67 फ�सद नेटबंद� के मामले भारत के ह� थे। पा�क�तान 12 बार ऐसा करने वाला दसूरा देश था। • च�काने वाल� बात यह है �क सी�रया और इराक जसेै अशांत देश� म� तो सालभर म� 10 बार भी इंटरनेट बंद नह� ं�कया गया। यमन म� 7 बार, इराक म� 7, इ�थयो�पया म� 6, बां�लादेश म� 5, �स म� 2 और �ीलंका, तकु�, इंडोने�शया व द��ण को�रया म� 1-1 बार इंटरनेट बंद �कया गया था। इंटरनेट का उपयोग �या हमारा ब�ुनयाद� मानवा�धकार है? • द�ुनया भर के देश� क� सरकार ने अपने �खलाफ उठे आदंोलन म� सोशल मी�डया के �भाव को देखत ेहुए इस पर �नयं�ण और इसक� सीमाएं तय करनी श�ु कर द� है। �यादातर स�सर�शप को यह कहकर �यायो�चत ठहराया जाता है �क ऐसा करना रा���य सरु�ा और आतंकवाद से लड़ने के �ल ए ज�र� है। ले�कन, अ�सर सरकार इनका �योग ऐसी साम�ी को स�सर करने के �लए करती है जो उ�ह� पसंद नह�ं है या िजनसे वो असहमत ह�। • इससे सवाल खड़ा होता है �क �या लोग� को इंटरनेट के उपयोग और ऑनलाइन अ�भ�यि�त क� �वतं�ता से वं�चत �कया जा सकता है? • संय�ुत रा�� संघ ने 2011 को जार� �रपोट� ‘United Nations Special Rapporteur on the Promotion and Protection of the Right to Freedom of Opinion and Expression’ म� कहा है �क लोग� को इंटरनेट

  • के उपयोग से अलग रखना मानव अ�धकार� का उ�लंघन और अतंरा����य काननू के �खलाफ है। इंटरनेट तक पहंुच सभी मन�ुय� का अ�धकार है और �कसी रा�� को अपने नाग�रक� को इंटरनेट के पहंुच से रोकने के �लए कोई �नयम नह�ं बनाना चा�हए। • इस �वचार को आगे बढ़ात ेहुए संय�ुत रा�� संघ मानवा�धकार प�रषद के सभी 47 सद�य देश� ने 5 जलुाई 2012 को इस ��ताव पर ह�ता�र �कए �क लोग� को इंटरनेट से जड़ुने और �वतं� �प से अ�भ�यि�त क� गारंट� द� जानी चा�हए। • कुछ देश� म� इंटरनेट का उपयोग एक काननूी अ�धकार के �प म� भी मौजदू है। 2010 म� �फ़नल�ड द�ुनया का पहला देश बना िजसने अपने नाग�रक� के �लए �ॉडब�ड इंटरनेट उपयोग को काननूी अ�धकार �दान �कया। 2011 म� �पेन ने �ॉडब�ड इंटरनेट को काननूी अ�धकार का दजा� �दया। • भारत क� बात करे तो 2019 म� केरल उ�च �यायालय ने इंटरनेट के अ�धकार को �श�ा के मौ�लक अ�धकार के एक भाग के साथ-साथ अन�ुछेद 21 के अतंग�त �नजता के अ�धकार के अतंग�त माना था। �न�कष� : • नेटबंद� से लोग� का जीवन और आ�थ�क ग�त�व�धयां ठप न ह�, इसका �यान रखा जाना ज�र� है। इसके �लए सरकार को ऐसे �वक�प तलाशने क� ज�रत है िजनसे नेटबंद� क� नौबत ह� न आए। मसलन, �भा�वत इलाक� म� परू� तरह इंटरनेट बंद करने के बजाय फेसबकु, �हा�सएप, इं�टा�ाम इ�या�द सोशल साइट� पर अ�थायी पाबंद� लगाई जा सकती है। ऐसे ह� कुछ और उपाय भी तलाश ेजा सकत ेह�, िजनसे पणू� इंटरनेट शटडाउन जसेै हालात से बचा जा सके। मह�वपणू� त�य : 1. म�हलाओ ंक� साइबर सरु�ा पर योजना ��ततु कर�गे रा�य : • भारत म� वत�मान म� पाँच �े�� म� से ��येक के �लए एक प�रषद� ह�: उ�र, म�य, पवू�, द��णी और पि�चमी। �े�ीय प�रषद सलाहकार प�रषद के �प म� काय� करती है और इसका गठन भारत के उन रा�य� से �मलकर हुआ है िज�ह� पाँच �े�� म� बांटा गया है ता�क उनम� सहयोग बढ़ सके। • रा�य� के पनुग�ठन अ�ध�नयम, 1956 के तहत बनाई गई पांच �े�ीय प�रषद�, सलाहकार �नकाय ह� जो क� � और रा�य� के बीच आ�थ�क और सामािजक �हत�, सीमा �ववाद, भाषाई अ�पसं�यक, अतंररा�यीय प�रवहन या रा�य� के पनुग�ठन से जड़ु े�कसी भी मामले पर चचा� और �सफा�रश� करती ह�। • ये प�रषद� गहृ मं�ालय के अतंर-रा�य प�रषद स�चवालय के त�वावधान म� काय� करती ह�। • उ�र-पवू� रा�य� को �कसी भी �े�ीय प�रषद म� शा�मल नह�ं �कया गया है और उनक� �वशषे सम�याओ ंका समाधान एक अ�य वधैा�नक �नकाय, उ�र पवू� प�रषद, िजसे उ�र पवू� प�रषद अ�ध�नयम, 1971 �वारा बनाया गया है, �वारा �कया जाता है। • अडंमान और �नकोबार �वीप समहू, ल��वीप �कसी भी �े�ीय प�रषद के सद�य नह�ं ह�। हालां�क, वे वत�मान म� द��णी �े�ीय प�रषद म� �वशषे आमं��त सद�य ह�।

  • • पि�चमी प�रषद म� गोवा, गुजरात, महारा��, क� � शा�सत �देश दमन और द�व और दादरा और नगर हवेल� शा�मल ह�। UPSC �ारं�भक पर��ा के �लए अ�यास ��न : ��न 1. भारतीय सं�वधान के अन�ुछेद 371 के तहत �न�न�ल�खत म� से �कस रा�य को �वशषे �ावधान �दए गए ह�: 1. �सि�कम 2. कना�टक 3. ��परुा 4. महारा�� 5. �मजोरम 6. नागाल�ड �वक�प: (a) 1,3,5 और 6 (b) 1,5 और 6 (c) 1,2,4,5 और 6 (d) 1,2,4 और 6 उ�र : c �प�ट�करण : ज�म ूऔर क�मीर के अलावा, भारत के सं�वधान के तहत कुछ अ�य रा�य� को �वशषे अ�धकार �दान �कए गए ह�, जो अन�ुछेद 371 और 371 (A-J) म� सचूीब�ध ह�। अन�ुछेद 370 और 371, 26 जनवर� 1950 से सं�वधान का �ह�सा रहे ह�, जब�क अन�ुछेद 378 (A-J) को अन�ुछेद 368 के तहत संशोधन� के मा�यम से शा�मल �कया गया था, जो सं�वधान और उसके बाद क� ���या म� संशोधन करने के �लए संसद क� शि�त को कम करता है। महारा��, गुजरात , नागाल�ड, असम, म�णपरु, वत�मान तलेंगाना, �सि�कम, �मजोरम, अ�णाचल �देश, गोवा और कना�टक को सं�वधान के अन�ुछेद 371 के तहत �वशषे दजा� �दया गया ह�। ��न 2. �न�न�ल�खत म� से कौन सा कथन सह� है? 1. रा�य सभा का सभाप�त रा�य सभा क� �वशषेा�धकार� स�म�त के सद�य� को ना�मत करता है। 2. रा�य सभा क� �वशषेा�धकार स�म�त म� 10 सद�य होत ेह�। �वक�प: (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोन� (d) न तो 1 और न ह� 2 उ�र : c �प�ट�करण : �व-�या�या�मक

  • ��न 3. �न�न�ल�खत म� से कौन सा कथन सह� है? 1. भारत म� 6 �े�ीय प�रषद� रा�य पनुग�ठन अ�ध�नयम, 1956 के तहत बनाई गई ह�। 2. गहृ मं�ालय के अतंर-रा�यीय प�रषद स�चवालय के त�वावधान म� प�रषद� काय� करती है। �वक�प: (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) दोन� 1 और 2 (d) न तो 1 और न ह� 2 उ�र : b �प�ट�करण : भारत म� वत�मान म� पाँच �े�� म� से ��येक के �लए एक प�रष� ह�: उ�र, म�य, पवू�, द��णी और पि�चमी। रा�य� के पनुग�ठन अ�ध�नयम, 1956 के तहत बनाई गई पाँच� �े�ीय प�रषद� एक सलाहकार �नकाय ह�। उ�र-पवू� रा�य� को �कसी भी �े�ीय प�रषद म� शा�मल नह�ं �कया गया है और उनक� �वशषे सम�याओ ंका समाधान एक अ�य वधैा�नक �नकाय, उ�र पवू� प�रषद, िजसे उ�र पवू� प�रषद अ�ध�नयम, 1971 �वारा बनाया गया है, �वारा �कया जाता है। ��न 4. �न�न�ल�खत बंदरगाह� को उ�र से द��ण �दशा क� ओर �यवि�थत कर�: 1. कृ�णप�टनम बंदरगाह 2. �वशाखाप�नम बंदरगाह 3. �य ूमंगलौर बंदरगाह 4. मोरमगुाओ बंदरगाह 5. ए�नोर पोट� �वक�प: (a) 2,4,1,5,3 (b) 2,1,4,3,5 (c) 2,4,1,3,5 (d) 1,2,4,3,5 उ�र : a �प�ट�करण: �वशाखाप�नम बंदरगाह मोरमगुाओ बंदरगाह कृ�णप�टनम बंदरगाह ए�नोर पोट� मंगलौर बंदरगाह UPSC म�ुय पर��ा के �लए अ�यास ��न :

  • ��न 1. इस त�य को �यान म� रखत ेहुए �क इंटरनेट लोग� के जीवन का एक अ�भ�न अगं बन गया है, इस�लए इंटरनेट तक पहंुचने के अ�धकार को एक मौ�लक अ�धकार के �प म� पहचानने का समय आ गया है। �ट�पणी कर�। (10 अकं, 150 श�द) ��न 2. हा�लया अमे�रक� हवाई हमले म� ईरानी मेजर जनरल का�सम सलेुमानी क� ह�या ने न केवल पि�चम ए�शयाई �े� के �लए बि�क भारत के सामने भी गंभीर �चतंा पदैा कर द� है। �ट�पणी कर�। (10 अकं, 150 श�द) ��न 3. क� � �वारा लाए गए नाग�रकता (संशोधन) अ�ध�नयम, 2019 को �नर�त करने के �लए केरल �वधानसभा ने हाल ह� म� एक ��ताव पा�रत �कया है, िजसे समथ�क� और �वरो�धय� दोन� का समथ�न �मला है। �ट�पणी कर�। (10 अकं, 150 श�द)