सीखने क संाि Ù -...

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  • Page 1 of 34

    सीखने क सं ाि आधा रत

    -कोश

    सातव क ा के िलए

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    आमखु

    सीखन ेक सं ाि आधा रत लखे

    ब ा िव ालय म वेश करने से पूव अपन े िनजी अनभुव, प रवेश व िवचार से अपनी भाषा

    गढ़ता है। इस गढ़ी भाषायी पूँजी को िव ालयीय तर पर उपयोग कर, सीखन-ेिसखाने क या के

    अ तगत भाषा के चार कौशल अथात् वण-वाचन-पठन-लेखन के मा यम से आगे बढ़ाया जाता ह।ै

    रा ीय शैि क अनुस धान और िश ण प रषद,् नई द ली के त वाधान म रा ीय पा चया क

    परेखा 2005 के अ तगत िनधा रत पु तक पर आधा रत उपलि ध परी ण, सीखन-ेिसखाने क या

    के सरलीकरण, िश ाथ से वाि छत उ े य क ाि के िलए सीखने क स ाि याँ क ावार िनधा रत

    क गई ह। यह लेख रा ीय शैि क अनुस धान और िश ण प रषद,् नई द ली (मानव संसाधन िवकास

    म ालय, भारत सरकार) के िव ालयीय िश ा के गुणा मक सुधार क िनर तरता म सीखने क स ाि

    आधा रत एक यास है।

    लेख स ब धी िववरण :

    १. यह लेख क ा थम से आठव के िलए िनधा रत िह दी पा म से स बि धत है। २. यह लेख क ा थम से आठव के स पणू पा म को यानगत कर, सीखने क स ाि य पर

    आधा रत ह। ३. इसे सीखन-ेिसखाने क या को सरल करने व छा केि त बनाने के उ े य को दृि गत कर सृिजत

    कया गया ह।ै ४. येक अ याय के ार भ म स बि धत सीखने क स ाि याँ टं कत क गई ह। ५. इस लेख क िवषय-व त,ु सीखने क स ाि य हेतु सुझावा मक ा प है। अ यापक अपने तर पर

    इस सात यता/िनर तरता म िनजी यास हेतु वत है।

    ६. इसक संरचना तकसंगत और त यपूण है। ७. इस लेख संरचना म व- व मितिभ िवषयक, ाकरिणक ु ट स भव है तथा ु टज य सुझाव जो

    सुधीजन से अपेि त, इस लेख को और भी प रमा जत करने म सहायक िस ह ग।े

    ८. इस लेख के प रमाजन म आपके मू यवान सुझाव व ट पिणया,ँ इसके आगामी सं करण क उ कृ ता

    व गुणव ा बढ़ाने म सहायक िस होगा।

  • Page 3 of 34

    लखे सृजन सिमित

    िवषय : िह दी (सीखन ेक स ाि आधा रत लखे) क ा : पहली स ेआठव

    मु य सम वयक : ीमती रंजना ीवा तव

    ाचाया, राजक य आदश व र मा यिमक िव ालय, सै टर – 8, च डीगढ़

    सृजन सिमित : सदुेश वधावन संकुल संसाधक सम वयक, राजक य व र मा यिमक िव ालय, सै टर – 45, च डीगढ़

    गाय ी सागंवान संकुल संसाधक सम वयक, राजक य व र मा यिमक िव ालय, रायपुर खुद, च डीगढ़

    अजं ूठाकुर संकुल संसाधक सम वयक, राजक य आदश व र मा यिमक िव ालय, सै टर – 38 (वै ट), च डीगढ़

    बजृ रानी िशि का, राजक य उ िव ालय, कजहेड़ी, च डीगढ़

    दनशे च िश क, राजक य आदश उ िव ालय, सै टर – 12, च डीगढ़

    जसिव दर कौर िशि का, राजक य आदश व र मा यिमक िव ालय, सै टर – 22 ए, च डीगढ़

    गजराज सह िश क, राजक य उ िव ालय, सै टर – 53, च डीगढ़

    राकेश दिहया िश क, राजक य आदश व र मा यिमक िव ालय, सै टर – 38 (वै ट), च डीगढ़

    राजकुमार िश क, राजक य आदश उ िव ालय, सै टर – 12, च डीगढ़

    साधना िशि का, राजक य आदश व र मा यिमक िव ालय, सै टर – 8, च डीगढ़

    अजीत िश क, राजक य उ िव ालय, कजहेड़ी, च डीगढ़

  • Page 4 of 34

    पीयूष अ वाल िश क, राजक य आदश व र मा यिमक िव ालय, सै टर – 28, च डीगढ़

    सहयोग : ी स यवान िश क, राजक य आदश व र मा यिमक िव ालय, सै टर – 8, च डीगढ़

  • Page 5 of 34

    क ा - 7 िह दी

    माकं पाठ सूची पृ सं या

    1. सीखने क सं ाि 6 2. हम पंछी उ मु गगन के 10

    3. दादी माँ 12

    4. िहमालय क बे टयाँ 13

    5. कठपुतली 14 6. िमठाईवाला 15

    7. र और हमारा शरीर 16 8. पापा खो गए 17

    9. शाम एक कसान 19

    10. िचिड़या क ब ी 20 11. अपूव अनुभव 22

    12. रहीम के दोहे 23

    13. कंचा 24 14. ितनका 25

    15. खान-पान क बदलती तसवीर

    26

    16. नीलक ठ 27 17. भोर और बरखा 29

    18. वीर कँुवर सह 30 19. संघष के कारण म तुनक

    िमजाज हो गया 31

    20. आ म का अनुमािनत य 32 21. िव लव-गायन 33

    22. उपलि ध प क 34

  • Page 6 of 34

    सीखन ेक सं ाि मानक

    क ा 7

    H701. िविवध कार क रचना को पढ़कर समूह म चचा करते ह।

    H702. कसी सामा ी को पढ़ते ए लेखन ारा रचना के प र े य म कहे गए िवचार को

    समझकर और अपने अनुभव के साथ उसक संगती, सहमित या असहमित के संदभ म

    अपने िवचार अिभ करते ह।

    H703. कसी िच या दृ य को देखने के अनभुव को अपने ढंग से मौिखक,सांकेितक भाषा म

    करते ह।

    H704. पढ़ी गई सामा ी पर चतन करते ए बेहतर समझ के िलए पूछते ह, प रचचा करते ह।

    H705. अपने प रवेश म मौजूद लोककथा और कोकगीत के बारे म चचा करते ह और उनक

    सराहना करते ह।

    H706. िविवध कला , जैसे योग होने वाली भाषा के बारे मेऊ िज ासा करते ह, उ हे

    समझने का यास करते ह।

    H707. िविभ थानीय सामािजक एवं कृितक मु /घटना के ित अपनी ता कक या दते े

    ह, जैसे बरसातर के दन म हरा भरा होना? िवषय पर चचा।

    H708. िविभ थानीय सामािजक एवं कृितक मु /घटना के ित अपनी ता कक ित या

    देते ह।, जैस-े जात, धम, रंग, जडर, रीित- रवाज़ो के बारे म मौिखक प से अपनी

    ता कक समझ अिभ करते ह।

    H709. सरसरी तौर पर कसी पा व तु को पढ़कर उसक उपयोिगता के बारे म बताते ह।

    H710. कसी पा व तु क बारीक से जाँच करते ए उसम कसी िवशेष बद ुको खोजते ह।

    H711. पढ़ी गई सामा ी पर चतन करते ए बेहतर समझ के िलए पूछते ह।

    H712. िविभ पठन सामि य म यु श द , मुहावर , लोकोि य को समझते ए उनक

    सराहना करते ह।

  • Page 7 of 34

    H713. कहानी, किवता आ द पढ़कर लेखन के िविवध तरीक और शैिलय को पहचानते ह, जैसे-

    वणना मक, भावा मक, कृित िच ण आ द।

    H714. कसी पा व तु को पढ़ने के दौरान समझने के िलए ज़ रत पढ़ने पर अपने कसी

    सहपाठी या िश क क मदद लेकर उपयु संदभ सामा ी, जैसे- श दकोश, मानिच , इंटरनटे

    या अ य पु तक क मदद लतेे ह।

    H715. िविवध कला , जैसे- ह तकला, वा तुकला, खेती-बाड़ी, नृ यकला करते ए उसक

    सराहना करते ह।

    H716. भाषा क बारी कय / व था तथा नए श द का योग करते ह, जैसे- कसी किवता म

    यु श द िवशेष, पदबंध का योग-आप बढ़ते ह तो बढ़ते ही चले जात ेह या जल-रेल

    जैसे योग।

    H717. िविभ अवसर / संदभ म कही जा रही दूसर क बात को अपने ढंग से िलखते ह, जैसे-

    अपने गाँव क चौपाल क बातचीत या अपने मोह ले के िलए तरह-तरह के काय करने

    वाल क बातचीत।

    H718. िह दी भाषा म िविभ कार क सामा ी (समाचार-प /पि का, कहानी, जानकारीपरक

    सामा ी, इंटरनेट कािशत होने वाली सामा ी आ द) को समझकर पढ़ते ह और उसम

    अपनी पसंद-नापसंद के प म िलिखत या ेल भाषा म अपन ेतक रखते ह।

    H719. अपने अनुभव को अपनी भाषा शैली म िलखते ह।

    H720. िविभ िवषय और उ े य के िलए िलखते समय उपयु श द , वा य संरचना ,

    मुहावर , लोकोि य , िवराम-िच ह एवं अ य ाकरिणक इकाइय , जैसा-काल, या

    िवशेषण, श द-यु म आ द का योग करते ह।

    H721. िविभ संवेदनशील मु /िवषय , जैसे- जाित, धम, रंग, जडर, रीित- रवाज़ के बारे म

    िलिखत प से ता कक समझ अिभ करते ह।

    H722. िभि पि का/पि का आ द के िलए तरह-तरह लो सामा ी जुटात ेह, िलखते ह और उनका

    संपादन करते ह।

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    िवषय- िह दी

    क ा- सातव मास पाठय म सीखन ेक सं ाि अ ैल

    पाठ -1

    हम पछंी उ मु गगन के

    H701, H702, H704, H709, H710, H711, H712,

    H713, H714, H716, H719

    पाठ-2

    दादी मा ँ

    H702, H705, H707, H709, H712

    मई

    पाठ-3

    िहमालय क बे टया ँ

    H701, H702, H703, H704, H707, H709, H710,

    H711, H712, H713, H714, H715, H716, H717,

    H718

    पाठ-4

    कठपतुली

    H702, H703, H704, H710, H712, H713, H715,

    H716, H719

    पाठ-5

    िमठाईवाला

    H702, H704, H705, H709, H711, H713, H717

    जुलाई

    पाठ-6

    र और हमारा शरीर

    H703, H704, H709, H711, H712, H713, H722

    पाठ-7

    पापा खो गए

    H701, H703, H707, H713, H717, H719, H720

    अग त

    पाठ-8

    शाम एक कसान

    H701, H702, H703, H707, H711, H713, H716

    पाठ-9

    िचिड़या क ब ी

    H701, H702, H704, H707, H709, H711, H712,

    H717, H718, H719, H720

    पाठ-10

    अपवू अनभुव

    H702, H706, H709, H710, H7120, H713, H714,

    H717, H718

    अ ूबर पाठ-11

    रहीम के दोहे

    H702, H703, H704, H705, H707, H710, H711,

    H719, H720, H722

    पाठ-12

    कंचा

    H702, H703, H709, H712, H713, H716, H719,

    H720

    नव बर

    पाठ-13

    ितनका

    H703, H705, H709, H711, H713, H716

    पाठ-14

    खान-पान क बदलती

    तसवीर

    H701, H702, H703, H704, H707, H709, H710,

    H711, H712, H713, H714, H715, H716, H717,

    H718

  • Page 9 of 34

    पाठ-15

    नीलक ठ

    H705, H706, H709, H710, H712, H713, H715,

    H718, H722

    दस बर पाठ-16

    भोर और बरखा

    H702, H703, H711, H712, H713, H717, H719,

    H722

    पाठ-17

    वीर कँुवर सह

    H706, H709, H714, H719, H721

    जनवरी पाठ-18

    सघंष के कारण म तनुक िमजाज हो गया

    H701, H704, H710, H718, H719

    पाठ-19

    आ म का अनमुािनत य

    H701, H704, H706, H710, H714, H718

    फरवरी

    पाठ-20

    िव लव-गायन

    H704, H709, H711, H713, H716, H719

    फरवरी दोहराई (पनुरावृि )

  • क ा 7

    1 - हम पछंी उ मु गगन के

    सीखन ेके सं ाि मांक: H701, H702, H704, H709, H710, H711, H712, H713,

    H714, H716, H719

    1. िन िलिखत प ांश पढ़कर के उ र द –

    “हम पछंी उ मु गगन के

    पजरब न रह पाएँग,े

    कनक-तीिलय से टकराकर

    पुल कत पंख टूट जाएँगे।”

    i) प ी पजरे म बंद होकर य नह गा पाएँग?े

    ii) “कनक-तीिलय ” का या अथ ह?ै

    iii) पि य को कन- कन करण से पाला जाता ह?ै

    (क) प ी ेमी होने के कारण (ख) ापार के िलए

    (ग) कैद करने हते ु (घ) पि य को लड़ाने हेत ु

    iv) पंि याँ पूरी करो- हम बहता जल पीन ेवाल े................................

    v) पि य को पजरे म बदं करके रखा जाना चािहए या खुला छोड़ दनेा चािहए, अपने िवचार

    कर।

    2. पशु-पि य का हमारे जीवन म या मह व ह?ै

    3. किवता का सार अपने श द म िलखो।

    4. किवता से सं ा श द छाटँो।

    5. अधोिलिखत वा य के सामने सही ( ) या गलत (x) का िच न लगाओ-

    i) पि य के पंख स त नह होते ह। ii) यह पाठ एक कहानी ह।ै iii) प ी आसमान म व छंदता से उड़ना चाहते ह। iv) प ी आसमान क सीमा तक उड़ना चाहते ह।

  • Page 11 of 34

    6. ब को अपन-ेअपन ेप रवार का प रचय देन ेके िलए ो सािहत कया जाए।

  • Page 12 of 34

    क ा 7

    2 - दादी माँ

    सीखन ेके सं ाि मांक: H702, H705, H707, H709, H712

    1. ग ांश पढ़कर उ र द -

    “रोता य है रे!” दादी मा ँने उनका माथा सहलाते ए कहा, “म तो अभी ँही।” उ ह न ेस दकू

    खोलकर एक चमकती-सी चीज़ िनकाली, “तेरे दादा ने यह कंगन मुझे इसी दन के िलए पहनाया

    था।” उनका गला भर आया, “मने इसे पहना नह , इसे सहेजकर रखती आई ँ। यह उनके वंश क

    िनशानी है" उ ह ने आसूँ प छकर कहा, “पुराने लोग आगा-पीछा सब सोच लेते थ,े बेटा ।”

    i) दादी माँ ने स दकू खोल कर चमकती-सी कौन-सी चीज़ िनकाली?

    (क) कंगन (ख) संदकू (ग) वंश (घ) चारपाई

    ii) “पुराने लोग आगा-पीछा सब सोच लेते थ”े इस पंि का अथ िलखो।

    iii) इसे सहेजकर रखती आई ।ँ रेखां कत श द का वा य म योग करो। iv) लग बदलो - दादी, भाई, नाती, मौसी

    2. दादी मा ँके वभाव के बारे म अपने िवचार करो।

    3. आपक माताजी बीमार ह।ै उनक देखभाल हेतु अपने िव ालय के िलए मु य अ यापक/ धानाचाय

    को एक ाथना प िलखोI

    4. पाठ म कशन के िववाह के दौरान औरत रात-रात भर गीत गाती ह। आपके घर प रवार म िववाह आ द के अवसर पर कौन-कौन से गीत गाए जात ेह।

    5. दादी ारा बीमार लेखक के मुहँ म चबतूरे क िम ी डाले जाने को आप कस प म देखते ह?

    6. भारतीय रा ीय पंचांग के अनुसार हदी महीन के नाम मानुसार िलखोI

  • Page 13 of 34

    क ा 7

    3 – िहमालय क बे टया ँ

    सीखन ेके सं ाि मांक: H701, H702, H703, H704, H707, H709, H710, H711,

    H712, H713, H714, H715, H716, H717, H718

    1. ग ांश पढ़कर उ र द -

    कहा ँये भागी जा रही ह? वह कौन ल य ह ैिजसन ेइ ह बेचैन कर रखा ह?ै अपन ेमहान िपता का

    िवराट मे पाकर भी अगर इनका दय अतृ ही ह ै तो वह कौन होगा जो इनक यास िमटा सकेगा! बरफ़ जली नंगी पहािड़या,ँ छोट-ेछोटे पौध से भरी घा टया,ँ बंधुर अिध यकाएँ, सरस ज

    उप यकाए,ँ ऐसा है इनका लीला िनकेतन! खेलत-ेखेलत ेजब ये जरा दूर िनकल जाती ह तो देवदार,

    चीड़, सरो, िचनार, सफेदा, कैल के जंगल म प ँचकर शायद इ ह बीती बात याद करन ेका मौका

    िमल जाता होगा। कौन जान,े बुढ़ा िहमालय अपनी इन नटखट बे टय के िलए कतना िसर धुनता

    होगा! बड़ी-बड़ी चो टय से जाकर पूिछए तो उ र म िवराट मौन के िसवाय उनके पास और रखा

    ही या ह?ै

    i) यहाँ कसके भागने क बात हो रही ह?ै

    (क) िहमालय (ख) घा टय (ग) न दय (घ) चो टय ii) िहमालय क कुछ बे टय के नाम बताओ। iii) वचन बदलो- पहािड़या,ँ घा टया,ँ बे टया।ँ

    iv) 'िसर धुनना' - वा य योग क िजए।

    2. खेलत-ेखेलते जब ये जरा दरू िनकल जाती ह ैतो िहमालय िसर धुनता है, आप जब कह दरू जाते ह और वापसी म दरेी हो जाती है तो आपके अिभभावक कैसे िचि तत होत ेह?

    3. पाठ से िवशेषण और िवशे य श द ढँूढ़कर िलख।

    4. िहमालय अपनी बे टय के िलए िचि तत ह,ै आज के समय म बे टय क सुर ा के बारे म आप या

    सोचते ह?

    5. पाठ म िजतनी न दय का वणन आया ह ैउनके िवषय म िव तार से जानकारी एकि त कर।

    6. दन - दन न दय म बढ़ती ई गंदगी को दरू करने के या उपाय कए जा सकते ह?

    7. मेल म आपने या- या देखा ह?ै क ा म चचा करो।

  • Page 14 of 34

    क ा 7

    4 - कठपतुली

    सीखन ेके सं ाि मांक: H702, H703, H704, H710, H712, H713, H715, H716,

    H719

    1. प ांश पढ़कर उ र द -

    कठपतुली गु से से उबली बोली-यह धाग े य है मेरे पीछे- आग?े

    इ ह तोड़ दो;

    मुझे मेरे पावँ पर छोड़ दो।

    i) कठपतुली को कस बात पर गु सा है?

    ii) 'पावँ पर छोड़ देना' का या अथ ह?ै

    (क) ऊपर से िगरा दनेा (ख) आजाद़ कर देना (ग) पैर छोड़ देना (घ) पैर पड़ना

    iii) ‘पीछे - आगे जैसे कुछ और श द यु म िलख।

    iv) ‘ये कैसी इ छा मेरे मन म जगी’ कठपुतली ऐसा य सोचती ह?ै

    2. पाठ म कठपुतिलयाँ पराधीन ह, आप कन दशा म वयं को पराधीन पाते ह?

    3. हमारा देश 15 अग त 1947 को वाधीन आ, कुछ वाधीनता सेनािनय के िवषय म संि

    जानकारी इक ी कर।

    4. आशय प कर : “मुझे मेरे पाँवो पर छोड़ दो”।

    5. श द का वा य म योग कर - इ छा, गु सा।

    6. का ांश म रेखां कत श द के समानाथ श द िलख।

    7. ख़रीदारी से स बि धत अनुभव क ा म साझा कर।

  • Page 15 of 34

    क ा 7

    5 - िमठाईवाला

    सीखन ेके सं ाि मांक: H702, H704, H705, H709, H711, H713, H717

    1. ग ांश पढ़कर उ र द -

    िमठाईवाल ेका वर उसके िलए प रिचत था, झट से रोिहणी नीचे उतर आई। उस समय उसके

    पित मकान म नह थे। हा,ँ उनक वृ ा दादी थी। रोिहणी उनके िनकट आकर बोली- “दादी, चु -ू

    मु ूके िलए िमठाई लेनी है। जरा कमरे म चलकर ठहराओ। म उधर कैसे जाऊँ, कोई आता न हो।

    जरा हटकर म भी िचक क ओट म बैठी र ँगी”।

    i) ‘जरा कमरे म चल कर ठहराओ’ यह वा य कौन- कससे कह रहा ह?ै

    ii) ग ांश के रेखां कत श द के समानाथ श द िलख। iii) पहले ब े िखलौन,े मुरली/बासुँरी से खुश हो जाते थ।े आज के तकनी क दौर म

    ब ा कन - कन चीज को पाकर खुश हो जाता ह?ै iv) िमठाई वाल ेक आवाज़ का ब पर या भाव पड़ता था? v) शु श द िलख - युवतीया,ँ पलूक त, समृती, शंसय।

    2. कहानी म िमठाईवाला अलग - अलग चीज़े बेचता है, और ब त दन बाद आता है, मधुर वर म

    गाकर बेचता ह।ै य द वह ित दन एक ही चीज़, कठोर/नीरस वर म गाकर बेचे तो या प रणाम ह ग?े चचा क िजए।

    3. आप िमठाई क दकुान पर खड़े ह और वहा ँदेखत ेह क कोई ब ा पसेै के अभाव म िमठाई नह खरीद

    पा रहा ह,ै ऐसी दशा म आप या करग?े

    4. वण-िव छेद करो- एनीिमया, भानुमती, कुस , वेश।

    5. सही ( √ ) या गलत ( X ) का िनशान लगाएँ।

    i) िमठाईवाला एक अमीर आदमी था। ii) कहानी म िखलौनवेाला सबसे अ त म आया। iii) दादी ने िमठाईवाले को घर बुलाया। iv) रोिहणी िमठाईवाले का वर पहचानती थी। v) मुरलीवाला मोटा आदमी था।

    6. ऑनलाइन खरीददारी ने फेरीवाल क कमर तोड़ दी ह,ै चचा कर।

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    6 – र और हमारा शरीर

    सीखन ेके सं ाि मांक: H703, H704, H709, H711, H712, H713, H722

    1. ग ांश पढ़कर उ र द -

    इसे सू मदश ारा देख तो यह भानुमती के िपटारे स ेकम नह । मोटे तौर पर इसके दो भाग होत ेह। एक भाग वह जो तरल ह,ै िजसे हम ला मा कहत ेह। दसूरा, वह िजसम छोटे-बड़े कई तरह के

    कण होत ेह...कुछ लाल, कुछ सफेद और कुछ ऐस ेिजनका कोई रंग नह , िज ह िब बाण ु( लेटलटै)

    कण कहत ेह। ये कण ला मा म तैरत ेरहत ेह।

    i) सू मदश य से देखने पर र कैसा दखाई दतेा ह?ै

    ii) ला मा कसे कहते ह?

    iii) सफेद र कण का मु य काय या ह?ै

    iv) लेटलटै को हदी म या कहा जाता ह?ै

    v) िवपरीत श द िलख - तरल, सफेद, सू म, छोटा।

    2. पौि क आहार से आप या समझते ह?

    3. र दान क उपयोिगता के िवषय म आप अपने आस-पास के लोग को कैसे जाग क करग?े

    4. वा य योग कर - द तक, िज ासा, आहार, स तिुलत।

    5. र थान भर –

    i) लाल र _________ के समान दखता ह।ै ii) _________ र म हम चालीस से पचपन लाख कण िमलग।े

    iii) हि य के बीच के भाग म __________ होता ह।ै iv) ___________ क कमी से एनीिमया होता है।

    v) सफेद कण हम ___________ से बचाते ह।

    6. य द हमारी आखँ न रह तो हम कन चुनौितय का सामना करना पड़ेगा?

    म ा, रोग , व, िमलीमीटर, लाल

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    7 – पापा खो गए

    सीखन ेके सं ाि मांक: H701, H703, H707, H713, H717, H719, H720

    1. ग ांश पढ़कर उ र द -

    अपन ेप का कोट पहनकर मुझे सरदी, बा रश या धूप म इतनी तकलीफ़ नह होती, तो भी तुमसे

    ब त पहले का खड़ा ँम यहा।ँ यह मेरा ज म आ - इसी जगह। तब सब कुछ कतना अलग था यहाँ। वहाँ के, वे सब ऊँचे- ऊँचे घर नह थे तब। यह सड़क भी नह थी। वह िसनमेा का बड़ा-सा

    पो टर और उसम नाचनवेाली औरत भी तब नह थी। िसफ़ सामने का यह समु था। ब त अकेलापन महसूस होता था। तु ह जब यहा ँलाकर खड़ा कया गया तो सोचा, चलो कोई साथी तो

    िमला - इतना ही सही। ले कन वो भी कहा?ँ तुम शु - शु म मुझसे बोलन ेको ही तैयार नह थ।े

    मने ब त बार कोिशश क , पर तु हारी अकड़ जहा ँथी वह कायम! बाद म मने भी सोच िलया,

    इसक नाक इतनी ऊँची ह ैतो रहने दो। मने भी कभी आवाज़ नह लगाई, हा ँअपना भी वाभाव

    जरा ऐसा ही ह।ै

    i) ‘चलो कोई साथी तो िमला-इतना ही सही’ कौन, कससे और कब कहता ह?ै

    ii) ‘इसक नाक इतनी ऊँची है तो रहने दो’ का आशय प करो।

    iii) कसे धूप और सद से परेशानी नह होती और य ?

    iv) िवलोम श द िलख - सद , धूप, शु , ऊँचा।

    v) वा य योग कर - महसूस, तकलीफ़, कोिशश, वभाव।

    2. र थान भरो-

    i) रात को बड़ी ______________ होती ह।ै ii) ________ क नौकरी भी कोई नौकरी ह।ै iii) बाप रे! कैसा था वो आधँी - पानी का _____। iv) सभी _________ मेरे ही तो क जे म होती ह।ै

    v) म ब त ________ गई थी उस दु आदमी स।े

    3. पाठानुसार वा य को म से लगाएँ –

    थोड़ी देर बाद सुबह हो जाएगी। रात को बड़ी बो रयत होती ह।ै पड़े क ओट म लड़क को डाल देता ह।ै लाल ताऊ बोल रहा ।ँ

    तूफाऩ, िच या,ँ बो रयत, चंुगी, घबरा

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    4. आप स जी ़लेने के िलए स जी म डी गए ह। स जी ़म डी म ख़रीदारी करते ई िव े ता से ए वातालाप को संवाद प म िलख।

    5. शाम के समय आप या - या करते ह? अपने सािथय से साझा कर।

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    8 - शाम एक कसान

    सीखन ेके सं ाि मांक: H701, H702, H703, H707, H711, H713, H716

    1. प ांश पढ़कर उ र द -

    आकाश का साफा ़बाधँकर सूरज क िचलम ख चता बैठा है पहाड़,

    घटुन पर पड़ी है नदी चादर - सी पास ही दहक रही ह ै पलाश के जंगल क अंगीठी अ धकार दरू पूव म िसमटा बैठा है भेड़ के ग ल-ेसा

    i) पहाड़ कैसे बैठा ह?ै

    ii) ‘आकाश का साफा ़बाधँकर’ का अथ िलखो।

    iii) ‘अ धकार दरू पूव म’ रेखां कत श द के िवपरीत श द िलखो।

    iv) उपरो पंि य म आपन े कृित के कन प का अनुभव कया। v) रा ते पर पड़ी है र सी _______________ सी? अपनी क पना से तुकबंदी कर।

    2. पशु-पि य क मह ा पर क ा म चचा कर।

    3. ाकृितक सु दरता को करता आ िच बनाएँ।

    4. वा य योग कर - आवाज, अंगीठी, आकाश, अ धेरा।

    5. अचानक बोला मोर। जैसे कसी ने आवाज दी - सुनते हो िचलम धी, धुआँ उठा - सूरज डूबा

    अ धरेा छा गया। i) ‘सुनते हो’ वा यांश म कसे स बोिधत कया गया है?

    (अ) कसान (ब) मोर (स) भेड़ (द) पहाड़

    ii) उपरो पंि य म सं ा श द छाटँकर िलख। iii) सूरज और मोर श द के त सम प िलख। iv) पहाड़, जंगल, कसान श द के पयायवाची श द िलख।

    v) सुनते हो ___________________ खाली थान भर।

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    9 - िचिड़या क ब ी

    सीखन ेके सं ाि मांक: H701, H702, H704, H707, H709, H711, H712, H717,

    H718, H719, H720

    1. ग ांश पढ़कर उ र द -

    माधवदास ने संगमरमर क नई कोठी बनवाई ह।ै यह ब त सुहावना बगीचा भी लगवाया ह।ै फूल – पौधे, रकािबय से हौज म लगे फ वार म उछलता आ पानी उ ह ब त अ छा लगता ह।ै

    i) इन पंि य म कसका िच ण ह।ै (क) गावँ का (ख) कसान का (ग) कृित का (घ) होली का

    ii) यह पंि या ँ कस िवधा से ह। (क) नाटक से (ख) सं कृत से (ग) कहानी से (घ) श दकोश से

    iii) माधवदास कैसे ि ह। (क) ोधी (ख) कृित मेी (ग) कंजूस (घ) दानी

    iv) माधवदास ने अपनी कोठी को कैसे सँवारा/सजाया? और आप अपने सपन क कोठी को कैसे

    सँवारग?े

    2. प ांश पढ़कर उ र द -

    ‘चाह नह म सुरबाला के गहन म गूंथा जाऊँ चाह नह ेमी माला म

    बध यारी को ललचाऊँ चाह नह स ाट के शव पर हे ह र, डाला जाऊँ मुझे तोड़ लनेा वनमाली दनेा उस पथ पर तुम फक मातृभूिम पर शीश चढ़ान े िजस पथ जाएँ वीर अनेक।’ (पु प क अिभलाषा)

    i) इन पंि य म कस भाव क चचा है? (क) आतंकवाद क (ख) स ाट क दौलत (ग) ाचार क (घ) मातृभूिम के ेम क

    ii) उपरो पंि या ँ कस िवधा क ह? (क) कहानी (ख) नाटक (ग) किवता (घ) समाज

    iii) ‘चाह और चढ़ान’े श द से िमलत-ेजुलते दो-दो श द िलख।

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    iv) फूल कसके गहन म नह गुथन क चाह रखता है?

    (क) मधुबाला (ख) स ाट (ग) वनमाली (घ) सुरबाला

    3. ग ांश पढ़कर उ र द -

    िचिड़या पहल ेतो असावधान रही। फर जानकर क बात उससे क जा रही ह,ै वह एकाएक तो

    घबराई। फर संकोच को जीतकर बोली, “मुझे मालूम नह था क यह बगीचा आपका है। म अभी

    चली जाती ।ँ पलभर साँस लेन ेम यहाँ टक गई थी”।

    i) वण - िव छेद करो- बगीचा, आपका। ii) शु कर - चहचहाता, तपृित, भाँित-भाित।

    iii) वचन बदलो- िचिड़या, बगीचा।

    iv) िवलोम श द िलख - असावधान, जीत।

    4. मौिखक अिभ ि के िलए सभी ब को अपने कसी सुखद अनुभव को बताने के िलए े रत कया जाए।

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    10 - अपवू अनभुव

    सीखन ेके सं ाि मांक: H702, H706, H709, H710, H7120, H713, H714, H717,

    H718

    1. ग ांश पढ़कर उ र द -

    उस समय ि शाखा पर खड़ी तो ो - चान ारा यासुक - चान को पेड़ क ओर ख चत ेअगर कोई बड़ा देखता तो वह ज र डर के मारे चीख उठता। उसे वे सच म जोिखम उठाते ही दखाई देत।े पर यासुक – चान को तो ो - चान पर पूरा भरोसा था और वह खुद भी यासुक – चान के िलए भारी

    खतरा उठा रही थी। अपने न ह-ेन ह ेहाथ से वह पूरी ताकत से यासुक - चान को ख चने लगी। बादल का एक टुकड़ा बीच - बीच म छाया करके उ ह कड़कती धूप से बचा रहा था।

    i) यासुक - चान और तो ो - चान कौन-सा जोिखम उठा रहे थ?े

    ii) उ ह कड़कती धूप से कौन बचा रहा था?

    iii) ‘कड़कती’ श द जैसे कुछ और श द बनाएँ।

    iv) वण-िव छेद कर - यासुक , देखता, ि शाखा, जोिखम

    v) ‘खतरा उठाना’- वा य योग कर।

    2. आप अपने कसी अपूव अनुभव के बारे म क ा को बताएँ।

    3. कहानी आगे बढ़ाओ, य द पेड़ पर चढ़न/ेचढ़ाने के म म कुछ अनहोनी हो जाती तो.....

    4. ‘तो ो – चान’ सं ह क कुछ अ य कहािनया ँपढ़।

    5. एक श द के िलए अनेक श द िलखो - ि शाखा, ितपाई, ितरंगा, वा षक।

    6. कहानी क घटना को मवार म िलख - वह ितपाई सीढ़ी को घसीटकर ले आई। ब े अपन े- अपन ेपेड़ को िनजी स पि मानते थ।े रॉक उसके पीछे - पीछे टेशन तक आया। पड़े मानो गीत गा रहे थे और दोन बेहद खुश थ।े

    7. कहानी के अ त म है क पेड़ मानो गाने गा रहे थे। आप कोई किवता याद कर और गाएँ।

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    11 - रहीम के दोह े

    सीखन ेके सं ाि मांक: H702, H703, H704, H705, H707, H710, H711, H719,

    H720, H722

    1. प ांश पढ़कर उ र द -

    जाल परे जल जात बिह, तिज मीनन को मोह।

    रिहमन मछरी नीर को, तऊ न छाड़ँित छोह।।

    त वर फल न ह खात ह,ै सरवर िपयत न पान।

    किह रहीम परकाज िहत, संपित-सचं ह सुजान।।

    i) “किह रहीम परकाज िहत, संपित-सच ह सजुान” पिं का आशय प कर। ii) जल और मछली के वभाव म या अ तर ह?ै iii) पयायवाची श द िलख - नीर, मीन, त , सरवर।

    2. रहीम के अनुसार धन-दौलत संप होन ेपर सभी िम होन ेका दावा करते ह। इस े यान म रखत े ए कृ ण-

    सुदामा क िम ता के बारे म आप या सोचते ह?

    3. कबीर दास के कुछ दोहे याद करके स वर सुनाए।ँ

    4. वा य योग क िजए - संपित,कसौटी, िनधन, धरती।

    5. अपने मनपस द खेल के बारे म सािथय को बताएँ।

    6. “थोथे बादर ार के, य रहीम घहरात।

    धनी पु ष िनधन भए, करे पािछली बात ।”- पंि य मे िवशेषण और िवशे य श द छाँ टए।

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    12 - कंचा

    सीखन ेके सं ाि मांक: H702, H703, H709, H712, H713, H716, H719, H720

    1. ग ांश पढ़कर उ र द -

    फर भी एक नए जार न ेउसका यान आकृ कया। वह कंधे से लटकते ब ते का फ ता एक तरफ़ हटाकर उस जार के सामन े खड़ा टुकुर-टुकुर ताकता रहा। नया-नया ला कर रखा गया ह।ै उससे पहले उसने वह चीज यहा ँनह देखी है। पूरे जार म कंचे ह हरी लक र वाले ब ढ़या सफेद, गोल कंचे। बड़े आवँले जैसे। कतने खूबसूरत ह!ै अब तक यह यहाँ नह थ?े शायद दकुान के अ दर। अब दकुानदार न े दखाने के िलए बाहर रखा होगा।

    i) कंच का आकार और रंग कैसा ह?ै

    ii) ‘उस जार के सामने खड़ा टुकुर-टुकुर ताकता रहा’। रेखां कत श द को समानाथ श द से बदल।

    iii) उपरो पंि य म सं ा और सवनाम श द छाटँ। iv) ‘ब ढ़या’ श द को वा य म योग कर।

    2. अ पू कंच के मोह म इतना खो जाता है क उसे पाठ का यान ही नह रहता, आप अपना अनुभव

    बताएँ, जब आपके साथ कभी ऐसा आ हो।

    3. “राजन ने जात-ेजाते पैर म िचकोटी काट ली” कुछ ऐसी ही शरारत क चचा क िजए।

    4. िन िलिखत म िवराम िच न लगाएँ - i) िसयार कौए से बोला यारे कौए एक गाना गाओ न तु हारा गाना सुनने के िलए तरस रहा ँii) मैने कहा न जो चाहत ेहो वह म िनकालकर दूँ वह उदास हो खड़ा रहा या कंचा चािहए

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    13 - ितनका

    सीखन ेके सं ाि मांक: H703, H705, H709, H711, H713, H716

    1. प ांश पढ़कर उ र द -

    म िझझक उठा, आ बेचैन-सा,

    लाल होकर आँख भी दखुन ेलगी। मूँठ देन ेलोग कपड़े क लग,े

    ठ बेचारी दब ेपाँव भगी। जब कसी ढब से िनकल ितनका गया,

    तब ‘समझ’ न ेय मुझे तान े दए।

    ठता त ू कसिलए इतना रहा,

    एक ितनका है ब त तेरे िलए।

    i) आशय प क िजए-‘जब कसी ढब से िनकल ितनका गया, तब ‘समझ’ न ेय मुझे ताने दए।’

    ii) िवपरीत श द िलख - दःुख, समझ, ब त, मुझे।

    iii) किव क ठन कैसे िनकली?

    iv) किव को ताना कसने मारा?

    v) ‘मै िझझक उठा’ वा य म कौन- सा काल ह?ै

    2. ितनका या घम ड पर आधा रत कुछ और किवताएँ क ठ थ (यादकर) कर क ा म सुनाओ।

    3. आँख म कोई चीज़ पड़ जान ेपर या- या सावधानी बरतनी चािहए? डॉ टर या बड़ से पता करके िलखो।

    4. िन िलिखत वा य म श द को सही म म िलख।

    i) मुंडेर पर खड़ा एक दन था जब। ii) आखँ ितनका मेरी एक म पड़ा। iii) करो काम यह समझ सोच तमु कर।

    5. योहार पर खान-पान क चीज़ म िमलावट क खबर ायः सुनने म आती है आप इस िमलावट के

    जहर से कैसे बच सकते ह?

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    14 - खान-पान क बदलती तसवीर

    सीखन ेके सं ाि मांक: H701, H702, H703, H704, H707, H709, H710, H711,

    H712, H713, H714, H715, H716, H717, H718

    1. ग ांश पढ़कर उ र द -

    थानीय ंजन भी तो अब घटकर कुछ ही चीज तक सीिमत रह गए ह। बंबई क पाव-भाजी और

    द ली के छोले-कुलच क दिुनया पहल ेक तुलना म बड़ी ज़ र ह ैपर अ य थानीय ंजन क

    दिुनया म छोटी ई है। जानकार ये भी बतात ेह क मथुरा के पेड़ और आगरा के पेठे-नमक न म

    अब वह बात कहा ँरही! यानी जो चीजं़े बची भी ई ह, उनक गुणव ा म फ़क पड़ा है। फर मौसम

    और ऋतु के अनुसार फल -खा ा से जो ंजन और पकवान बना करत ेथ,े उ ह बनान ेक

    फुरसत भी अब कतन े लोग को रह गई ह।ै अब गृिहिणय या कामकाजी मिहला के िलए खरबूजे के बीज सुखाना-छीलना और फर उनसे ंजन तयैार करना सचमुच दःुसा य है।

    i) “ थानीय जंन क दुिनया छोटी ई ह”ै से आप या समझते ह?

    ii) मथुरा के पेड़ और आगरा के पेठे-नमक न म अब वह बात कहाँ रही? कथन म ‘कहा’ँ से आप या समझत ेह?

    iii) मुंबई और द ली के कौन से ंजन िस ह? iv) पाव-भाजी, छोल-ेकुलच , पेठे-नमक न, फल-खा ा श द यु म म कौन-सा समास है?

    2. खानपान क व तएँु रा ीय एकता बढ़ाने म कैसे सहायक है? चचा कर।

    3. मौसम और ऋतु के अनुसार बनाए जाने वाल े थानीय ंजन और पकवान क सूची तैयार कर।

    4. र थान भरो –

    i) ___________ एक गुजराती ंजन है।

    ii) इडली-डोसा अब केवल ____________ तक सीिमत नह ह। iii) कमरतोड़ _________________ ने लोग को कई चीज़ो स वंिचत कया है।

    iv) थानीय ंजन का _____________ भी ज री है।

    5. वा य योग कर – उपल ध, सीिमत, सुिवधा, िवपरीत।

    दि ण भारत, पुन ार, ढोकला, महगँाई, िच या,ँ बो रयत, चंुगी, घबरा

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    15 - नीलक ठ

    सीखन ेके सं ाि मांक: H705, H706, H709, H710, H712, H713, H715, H718,

    H722

    1. ग ांश पढ़कर उ र द -

    दोन नवागतंुक न ेपहल े से रहनेवाल म वैसा ही कुतहूल जगाया जैसा नववध ू के आगमन पर प रवार म वाभािवक है। ल ा कबूतर नाचना छोड़कर दौड़ पड़ ेऔर उनके चार ओर घूम-घूमकर

    गुटरगू-ँगुटरगू ँ क रािगनी अलापन े लगे। बड़े खरगोश स य सभासद के समान म से बैठकर

    गंभीर भाव से उनका िनरी ण करन े लगे। ऊन क गद जैसे छोटे खरगोश उनके चार ओर उछलकूद मचान ेलगे। तोत े मानो भलीभाँित देखन े के िलए एक आँख बंद करके उनका परी ण करन ेलगे। उस दन मेरे िचिड़याघर म मानो भूचाल आ गया।

    i) घर म नवागतंकु कौन ह?ै

    ii) नवागंतकु को एक आँख बंद करके कौन परी ण करन ेलगा?

    iii) छोटे खरगोश कैसे लग रहे थ?े

    (क) बैल जैसे (ख) िततली जैसे (ग) पखं जैस े (घ) ऊन क गद जैसे

    iv) “गटुरगू-ँगुटरगू”ँ कबतूर क आवाज़ ह।ै इन पशु-पि य क आवाज बताएँ - कौआ, मुगा, कु ा, िब ली।

    v) वा य योग कर - िनरी ण, परी ण।

    2. नीचे िलखे वा य का पाठ के अनुसार सही म बताएँ- नीलकंठ ने वयं को सभी का संर क िनयु कर िलया। मोर के पखं से दवा बनती ह।ै च च अिधक बं कम और पनैी हो गई। तीतर ह,ै मोर कहकर ठग िलया ह।ै

    मयूर कलाि य वीर प ी ह,ै हसक मा नह ।

    3. र थान भर

    i) मोर के _______________ कहाँ ह?ै

    ii) जाली का घर जीव-ज तु का सामा य _____________ है। iii) राधा ______________ के समान नह आ सकती थी।

    नीलकंठ, िनवास, ब ,े अशोक, खोज-ढँूढ़

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    iv) ________________ नए लाल पलक म डूब जाता है। v) कु जा ने कोलाहल के साथ ______________ आर भ क ।

    4. कह घूमत-े फरते आपको कोई घायल प ी पड़ा िमल जाए तो आप या करग?े

    5. वषा ऋतु से जुड़ा कोई अनुभव साझा कर।

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    16 - भोर और बरखा सीखन ेके सं ाि मांक: H702, H703, H711, H712, H713, H717, H719,

    H722

    1. प ांश पढ़कर उ र द -

    जागो बंसीवारे ललना!

    जागो मोरे यारे!

    रजनी बीती, भोर भयो है, घर-घर खुले कवारे।

    गोपी दही मथत, सुिनयत ह कंगना के झनकारे।।

    उठो लालजी! भोर भयो है, सुर-नर ठाढे ़ ारे।

    वाल-बाल सब करत कुलाहल, जय-जय सबद उचारै।।

    माखन-रोटी हाथ मँह लीनी, गउवन के रखवारे।

    मीरा के भु िगरधर नागर, सरण आयाँ को तारै।।

    i) आशय प कर : “गोपी दही मथत, सुिनयत ह कंगना के झनकारे”।

    ii) रात बीत जाने पर माहौल म या - या बदलाव आए?

    iii) ार पर कौन खड़े ह ? (क) रा स (ख) देवता (ग) सुर नर (घ) गोिपया ँ

    iv) पयायवाची श द िलख - राि , बाल, हाथ, भु।

    2. यशोदा ‘मोरे यारे’ आ द कहत े ए बाल कृ ण को जगाती है। आजकल माएँ ब को या कहकर

    जगाती ह?

    3. ‘भोर और बरखा’ किवता से सं ा श द छाटँकर िलख।

    4. वा य योग कर - शीतल, आन द, भोर, िगरधर।

    5. ी कृ णजी क बाल लीला पर क ा मे चचा कर।

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    17 - वीर कँुवर सह सीखन ेके सं ाि मांक: H706, H709, H714, H719, H721

    1. प ांश पढ़कर उ र द -

    वीर कँुवर सह न ेि टश कूमत के साथ लोहा तो िलया ही उ ह न ेअनेक सामािजक काय भी कए। आरा िजला कूल के िलए ज़मीन दान म दी िजस पर कूल के भवन का िनमाण कया गया। कहा जाता ह ै क उनक आ थक ि थित ब त अ छी नह थी, फर भी व ेिनधन

    ि य क सहायता करत ेथे। उ ह न ेअपन ेइलाके म अनेक सुिवधाएँ दान क थ । उनम से एक ह-ै आरा-जगदीशपुर सड़क और आरा-बिलया सड़क का िनमाण। उस समय जल क पू त

    के िलए लोग कुएँ खुदवात ेथ ेऔर तालाब बनवात ेथे। वीर कँुवर सह न ेअनेक कुएँ खुदवाए और जलाशय भी बनवाए।

    i) वीर कँुवर सह ारा कराए गए सामािजक काय के िवषय म िलख। ii) वीर कँुवर सह न े कससे मुकाबला कया? iii) वीर कँुवर सह क आ थक ि थित कैसी थी?

    (क) ब त अ छी (ख) नह बता सकत े (ग) कजा ब त था (घ) अ छी नह थी

    iv) मुहावर का अथ िलखकर वा य योग कर। - लोहा लेना, मौत के घाट उतारना

    2. हे गगंा मैया! अपन े यारे क यह अ क न भट वीकार करो। यह वा य कसन ेऔर कस स दभ म कहा?

    3. सही ( √ ) या गलत ( X ) का िनशान लगाएँ -

    i) आ दोलनका रय ने 11 मई को द ली पर क जा ़कर िलया। ii) 1857 के आ दोलन म कँुवर सह का नाम नह आता।

    iii) ‘झाँसी क रानी’ किवता म वीर कँुवर सह का नाम आता है। iv) इ ािहम खान और कफा़यत सैन उनक सेना म उ पद पर आसीन थे।

    4. वीर कँुवर सह पाठ म थम-पु ष सवनाम श द ढूँढ़कर िलख।

    5. िवषम प रि थितय से जूझकर ‘एिशयन गे स 2018’ के पदक िवजेता के िवषय म जानकारीसं िहत

    कर।

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    18 - सघंष के कारण म तनुक िमजाज हो गया सीखन ेके सं ाि मांक: H701, H704, H710, H718, H719

    1. ग ांश पढ़कर उ र द -

    सबसे अिधक ेरणा मुझे अपनी मा ँसे िमली। उ ह न ेहम सब भाई-बहन म अ छे सं कार डालन े

    क कोिशश क । म उनके सबसे नजदीक ।ँ म चाह ेभारत म र ँया िवदेश म, रोज़ रात म सोन ेसे

    पहल ेमाँ से ज़ र बात करता ँ। मेरी मा ँन ेमुझे अपनी िसि को िवन ता के साथ सँभालन ेक सीख दी है। मेरी सबसे बड़ी भाभी किवता भी मेरे िलए मा ँक तरह ह और वह भी मेरे िलए

    ेरणा- ोत रही ह।

    i) धनराज म सं कार कसने डाल?े

    ii) रोज रात म सोने से पहल ेबात करता ,ँ आपक राय म धनराज ऐसा य करते ह ग?े

    iii) ग ांश म कारक छाँ टए और कारक का नाम िलखो। iv) “मेरी मा ँने मुझे अपनी िसि को िवन ता के साथ संभालने क सीख दी ह”ै आशय प कर। v) धनराज के ेरणा ोत कौन-कौन रहे ह?

    2. ‘म िबना लाग लपटे वाला आदमी ँ। मन म जो आता है, सीध-ेसीधे कह डालता ’ँ - ऐसे लोग के बारे

    म आपक या राय है?

    3. िन िलिखत वा य को पाठ के अनुसार मशः लगाएँ-

    म पढ़ने म एकदम फस ी था। मने अपनी जूिनयर रा ीय हॉक सन 1985 म खेली।

    मेरी पहली कार एक सेकंड हड अरमाडा थी। हॉक ही है िजसके चलते हर जगह ित ा िमली। 1999 म महारा सरकार ने मुझे मुंबई म एक लैट दया।

    4. िवराम िच न लगाएँ –

    धनराज िप ल ै के ि व को रेखां कत करते ए िवनीता पांडे ने िलखा है वह आपको कभी लाता है कभी हँसाता है कभी िव मय से भर देता है तो कभी खीझ से भी उसके ि व म कई

    रंग ह और कई भाव उसने ठेठ जमीन से उठकर आसमान का िसतारा बनने क या ा तय क ह।ै

    5. हॉक हमारा रा ीय खेल है फर भी दन - दन इस खेल के ित झान म कमी य आ रही ह?ै

    6. हॉक खेल से स बि धत तकनीक श द क जानकारी एकि त कर।

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    19 - आ म का अनमुािनत य सीखन ेके सं ाि मांक: H701, H704, H706, H710, H714, H718

    1. ग ांश पढ़कर उ र द -

    मेरी माँग तो यह भी ह ै क अहमदाबाद मुझे पूरी जमीन और मकान सभी द ेदे तो बाक खच म कह और से या दसूरी तरह जुटा लूँगा। अब चँू क िवचार बदल गया है, इसिलए ऐसा लगता ह ै क

    एक वष का या इससे कुछ कम दन का खच अहमदाबाद को उठाना चािहए। य द अहमदाबाद एक वष के खच का बोझ उठान ेके िलए तैयार न हो, तो उपर बताए गए खान ेके खच का इ तजाम़

    म कर सकता ँ। चँू क मन ेखच का यह अनमुान ज दी म तैयार कया ह,ै इसिलए यह स भव है क

    कुछ मद मुझसे छूट गई ह । इसके अित र खान े के खच के िसवा मुझे थानीय ि थितय क जानकारी नह है। इसिलए मेरे अनुमान म भूल भी हो सकती ह।

    i) गांधी जी से ज़मीन और मकान क मागँ कसन ेक ?

    ii) गांधी जी ने खच का अनमुान कैसे तैयार कया ? क) ज दबाजी म ख) हवा हवाई म ग) सोच-समझ कर घ) ब त देर से

    iii) ‘चंू क________ ‘इसिलए’ श द का योग करते ए दो वा य बनाओ।

    iv) यय छाँ टए - थानीय, जानकारी, मािसक, अनुमािनत

    2. “आ म का अनुमािनत य” पाठ का उ े य या है? िलिखए।

    3. राजिम ी ारा योग म लाये जाने वाल ेऔजार के नाम िलखो।

    4. वसंत- भाग- 2, पृ सं या- 135 से ‘हमारी वािहश’ किवता क ठ थ कर।

    5. ‘ वत ता सं ाम के दौरान गांधी जी के अमू य योगदान’ पर एक अनु छेद तैयार कर।

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    20 - िव लव-गायन

    सीखन ेके सं ाि मांक: H704, H709, H711, H713, H716, H719

    1. प ांश पढ़कर उ र द -

    सावधान! मेरी वीणा म

    िचनगा रया ँआन बैठी ह,

    टूटी ह िमज़राब, अंगुिलया ँ

    दोन मेरी ठी ह। कंठ का ह ैमहानाश का मारक गीत होता ह,ै

    आग लगेगी ण म, ल म

    अब ु ध-यु होता है।

    i) आशय प क िजए - ‘सावधान मेरी वीणा म िचनगा रया ँआन बैठी ह’

    ii) पंि य के आधार पर किव क मनोदशा का वणन क िजए। iii) ‘िमज़राब’ का या अथ ह।ै

    iv) ‘सावधान और ण’ श द का योग करते ए दो वा य बनाए।ँ

    2. किव कैसी तान सुनाना चाहता ह?ै

    3. ांित / आ वान स ब धी कुछ किवताएँ याद कर और ाथना सभा म सुनाओ।

    4. पंि याँ पूरी कर -

    किव कुछ ऐसी तान सुनाओ-

    िजससे उथल-पुथल मच जाए,

    _____________________

    _____________________

    5. ाकृितक आपदाएँ देश के िवकास को कस कार अव करती ह?

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    उपलि ध प क (सुझावा मक)

    नोट : ेड रपोट काड के अनुसार

    संकुल ( ल टर) मांक िव ालय नाम

    छा नाम अनु मांक क ा

    सीखने क सं ाि िववरण अ ैल मई जुलाई अग त िसत बर अ टूबर नव बर दस बर जनवरी फरवरी

    छा उपि थित

    प रमापक अंक ेड अंक ेड अंक ेड अंक ेड अंक ेड अंक ेड अंक ेड अंक ेड अंक ेड अंक ेड

    ग / प वाचन

    चचा

    िच वणन

    संदभ थापन

    वा य रचना

    ाकरण

    रचना मकता

    िश प स दय

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