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ईआईटी खगपुर ने जल शोधन व कायाकʙ के लए ब-संथागत ‘सरˢती-2.0’ (Saraswati 2.0) पररयोजना शु र करने की घोषणा की है इस परयोजना का उेʴ अपलशʼ जल के शोधन तथा शहरी एवं ामीण भारत म उसे उपयोग लायक बनाने के लए वहनीय लागत वाली ौोलगलकयों का लवकास करना है इस पररयोजना म यूरोपीय संघ एवं भारत सरकार का लवान एवं ौोलगकी लवभाग भी साझीदार है यह पररयोजना ईयू-इंलडया ाइंट से ल ऑन ररसच एं ड इनोवेशन फॉर वाटर के तहत शुऱ की जा रही है और 2012- 17 की अवलध की सरˢती परयोजना का उɄत ऱप है यूरोपीय संघ अपनी ‘हॉराइजन 2020’ कायचम के तहत इस पररयोजना का लव पोषण कर रहा है यह पररयोजना बसंथागत है लजसका नेतृ आईआईटी खगपुर कर रहा है कृ लष, सहकाररता तथा लकसान कयाण लवभाग ने 2018-19 के ललए मुख फसलों के उादन का ौथा अलम अनुमान जारी लकया ौथे अलम अनुमानों के अनुसार, 2018-19 के दौरान मुय फसलों के अनुमालनत उपादन का यौरा इस कार है: कुल खाान उपादन: 2018-19 के ललए ौथे अलम अनुमानों के अनुसार, देश म कुल खाान उपादन 284.95 लमललयन टन अनुमालनत है जो लवगत पॉ वष (2013-14 से 2017-18) के औसत खाानन उपादन की तुलना म 19.20 लमललयन टन अलधक है चावल का कु ल उपादन: 2018-19 के दौरान ावल का कुल उपादन रकाडच 116.42 लमललयन टन अनुमालनत है ावल के उपादन म 2017-18 के 112.76 लमललयन टन उपादन की तुलना म 3.66 लमललयन टन की वृह ई है यह लवगत पां वष के औसत उपादन 107.80 लमललयन टन की तुलना म भी 8.62 लमललयन टन अलधक है जल शोधन हेतु आईआईटी खगपुर की सरती 2.0’ पररयोजना देश म कु ल खाान उपादन 2.455 मलयन टन अनु मामनत

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  • आईआईटी खड़गपुर ने जल शोधन व कायाकल्प के ललए बहु-संस्थागत ‘सरस्वती-2.0’ (Saraswati 2.0)

    पररयोजना शुरु करने की घोषणा की है। इस पररयोजना का उदे्दश्य अपलशष्ट जल के शोधन तथा शहरी

    एवं ग्रामीण भारत में उसे उपयोग लायक बनाने के ललए वहनीय लागत वाली प्रौद्योलगलकयो ंका लवकास

    करना है।

    इस पररयोजना में यूरोपीय संघ एवं भारत सरकार का लवज्ञान एवं

    प्रौद्योलगकी लवभाग भी साझीदार है।

    यह पररयोजना ईयू-इंलडया ज्वाइंट सेल ऑन ररसर्च एंड

    इनोवेशन फॉर वाटर के तहत शुरू की जा रही है और 2012-

    17 की अवलध की सरस्वती पररयोजना का उन्नत रूप है।

    यूरोपीय संघ अपनी ‘हॉराइजन 2020’ कायचक्रम के तहत इस

    पररयोजना का लवत्त पोषण कर रहा है।

    यह पररयोजना बहुसंस्थागत है लजसका नेतृत्व आईआईटी खड़गपुर कर रहा है।

    कृलष, सहकाररता तथा लकसान कल् याण लवभाग ने 2018-19

    के ललए प्रमुख फसलो ंके उत्पादन का र्ौथा अलग्रम अनुमान

    जारी लकया। र्ौथे अलग्रम अनुमानो ंके अनुसार, 2018-19 के

    दौरान मुख् य फसलो ं के अनुमालनत उ् पादन का यौरा इस

    प्रकार है:

    कुल खाद्यान्न उत्पादन:

    2018-19 के ललए र्ौथे अलग्रम अनुमानो ंके अनुसार, देश में

    कुल खाद्यान् न उ् पादन 284.95 लमललयन टन अनुमालनत है जो लवगत पॉंर् वषों (2013-14 से 2017-18)

    के औसत खाद्यान न उ् पादन की तुलना में 19.20 लमललयन टन अलधक है।

    चावल काकुलउत्पादन:

    2018-19 के दौरान र्ावल का कुल उ् पादन ररकाडच 116.42 लमललयन टन अनुमालनत है। र्ावल के

    उ् पादन में 2017-18 के 112.76 लमललयन टन उ् पादन की तुलना में 3.66 लमललयन टन की वृधि ह हुई है।

    यह लवगत पांर् वषों के औसत उ् पादन 107.80 लमललयन टन की तुलना में भी 8.62 लमललयन टन अलधक

    है।

    जलशोधनहेतुआईआईटीखड़गपुर

    की‘सरस्वती2.0’ पररयोजना

    देशमेंकुलखाद्यान्नउत्पादन2.45 5

    मममलयनटनअनुमामनत

  • गेहूँ काउत्पादन:

    गेहूँ का उ् पादन 102.19 लमललयन टन (ररकाडच) अनुमालनत है जो 2017-18 के दौरान प्राप् त 99.87

    लमललयन टन गेहूँ उ् पादन की तुलना में 2.32 लमललयन टन अलधक है। इसके अलावा, 2018-19 के दौरान

    गेहूँ का उ् पादन लवगत पांर् वषों के औसत गेहूँ उ् पादन 94.61 लमललयन टन की तुलना में 7.58 लमललयन

    टन अलधक है।

    दलहनो ों काकुलउत्पादन:

    2018-19 के दौरान दलहनो ंका कुल उ् पादन 23.40 लमललयन टन तक अनुमालनत है जो लवगत पांर् वषों

    के औसत उ् पादन 20.26 लमललयन टन की तुलना में 3.14 लमललयन टन अलधक है।

    मतलहनो ों काकुलउत्पादन:

    2018-19 के दौरान देश में लतलहनो ंका कुल उ् पादन 32.26 लमललयन टन अनुमालनत है। यह वषच 2017-

    18 के दौरान लतलहन का उत्पादन 31.46 लमललयन टन था। 2018-19 के दौरान लतलहनो ंका उ् पादन

    औसत लतलहन उ् पादन की तुलना में 2.61 लमललयन टन अलधक है।

    गन्ने काकुलउत्पादन:

    2017-18 की तुलना में 20.25 लमललयन टन की वृधि ह के साथ, 2018-19 के दौरान देश में गन् ने का कुल

    उ् पादन 400.16 लमललयन टन अनुमालनत है। इसके अलावा, 2018-19 के दौरान गन् ने उ् पादन, लवगत

    पांर् वषों के औसत गन् ना उ् पादन 349.78 लमललयन टन की तुलना में भी 5038 लमललयन टन अलधक है।

    कपास:

    इसका उ् पादन 28.71 लमललयन गांठें (प्रलत 170 लक०ग्रा०) अनुमालनत है तथा पटसन एवं मेस् टा का

    उ् पादन 9.77 लमललयन गांठ (प्रलत 180 लक.ग्रा.) अनुमालनत है।

    झारखंड कैडर के आइएएस अफसर राजीव गौबा को कें द्रीय कैलबनेट सलर्व बनाया गया है | लफलहाल

    वह कें द्रीय गृह सलर्व के पद पर कायचरत थे | 31 अगस्त को वह ररटायर होने वाले थे | कैलबनेट की

    लनयुधि ि सलमलत ने उन्हें 30 अगस्त 2019 से दो वषों के ललए

    कैलबनेट सलर्व के रूप में लनयुि करने की मंजूरी दी है | आदेश

    में कहा गया है लक दो साल या अगले आदेश तक वह इस पद पर

    रहेंगे | लनयुधि ि सलमलत ने कैलबनेट सलर्व का प्रभार लेने तक

    कैलबनेट सेके्रटेररयट में ऑलफससच ऑन से्पशल डू्यटी के पद पर

    लनयुि लकया है | बाद में वह मौजूदा कैलबनेट सलर्व पीके लसन्हा

    की जगह देश के शीषच नौकरशाह का पद ग्रहण करें गे |

    श्री गौबा झारखंड कैडर के 1982 बैर् के आइएएस अफसर हैं |

    वह झारखंड में मुख्य सलर्व के पद पर भी रहे हैं | गौबा ने 31

    अगस्त, 2017 को गृह सलर्व के तौर पर कामकाज संभाला था |

    राजीवगौबाबनेकैमबनेटसमचव

  • 60 वषीय गौबा कें द्रीय शहरी लवकास मंत्रालय में सलर्व, गृह मंत्रालय में अलतररि सलर्व समेत कई

    महत्वपूणच लजमे्मदाररयां संभाल रु्के हैं | गौबा को कें द्र व राज्य सरकारो ंऔर अंतरराष्टर ीय संगठनो ंमें नीलत

    लनमाचण एवं कायचक्रम लक्रयान्रयन के के्षत्र में व्यापक अनुभव है |

    पंजाब में जने्म गौबा ने पटना लवश्वलवद्यालय से भौलतकी में स्नातक लकया था | वह 15 महीने तक झारखंड के

    मुख्य सलर्व रहे और बाद में 2016 में कें द्र सरकार की सेवा में लौट आए | उन्होनें र्ार साल तक

    अंतरराष्टर ीय मुद्रा कोष के बोडचमें भारत का प्रलतलनलधत्व लकया | गृह सलर्व के तौर पर उन्हें आंतररक सुरक्षा,

    जमू्म कश्मीर और पूवोत्तर में उग्रवाद, मध्य तथा पूवी भारत में नक्सली समस्या समेत अन्य लवषयो ंको

    संभालने का अनुभव है | जमू्म कश्मीर पुनगचठन कानून का मसौदा तैयार करने में भी उनकी अहम

    भूलमका रही |

    भारत के राष्टर पलत श्री राम नाथ कोलवंद ने राष्टर पलत भवन एसे्टट

    में मौलसरी का एक पौधा लगाया। उन्होनें वन महोत्सव समारोह

    के भाग के रूप में वृक्षारोपण अलभयान र्लाया। राष्टर पलत ने छात्रो ं

    से मुलाकात की और उनसे आग्रह लकया लक वे साथी नागररको ं

    को अलधक से अलधक पेड़ लगाने के ललए प्रोत्सालहत करें और

    एक हररयाली और स्थायी ग्रह के ललए हमारी प्रलतबहता की पुलष्ट

    करें ।

    वन महोत्सव समारोह के लहसे्स के रूप में, राष्टर पलत सलर्वालय, अगले कुछ हफ्ो ंमें, राष्टर पलत भवन में

    3,252 पेड़ और 2,962 झालड़याूँ लगाएंगे। इनमें पीपल, नीम, मौलसरी, रं्पा, गुल मोहुर, आम, लर्को,

    अंजीर और अमरुद जैसे सजावटी और फलदार पेड़ शालमल हैं। 330 एकड़ में फैले राष्टर पलत एसे्टट में एक

    समृह जैव लवलवधता है। एसे्टट के प्रलसह पेड़ो ंमें शालमल हैं, सीता अशोक, लबस्टेंदु, शीशम, गब, लौकी के

    पेड़, जंगली बादाम, नीबूं-सुगंलधत गोदं, दून लसररस।

    वन महोत्सव भारत में एक वालषचक वृक्षारोपण आंदोलन है। यह वषच 1950 में शुरू हुआ था। राष्टर ीय महत्व

    वन महोत्सव सप्ताह के अवलोकन में पूरे भारत में लाखो ंऔर लाखो ंपौधे लगाए जाते हैं। यह आम तौर पर

    जुलाई के पहले सप्ताह में या १ जुलाई से in जुलाई तक मनाया जाता है। 7 जुलाई को पहले सप्ताह की

    समाधि प्त है।

    कें द्रीय मंत्री श्री अलमत शाह के नेतृत्व वाली उच्च-स्तरीय सलमलत (HLC) ने राष्टर ीय आपदा प्रलतलक्रया कोष

    (NDRF) से तीन राज्यो ंको 4432.10 करोड़ रुपये स्वीकृत लकए। कें द्र द्वारा जारी फंड में से 3338.22

    करोड़ रुपये ओलडशा को र्क्रवात फानी, 1029.39 करोड़ रुपये कनाचटक को सूखे के ललए और 64.49

    भारतकेराष्ट्र पमतनेराष्ट्र पमतभवनमें

    वृक्षारोपणअमभयानकाशुभारोंभमकया

    कें द्रने3राज्ो ोंको4432510करोड़रुपये

    जारीमकए

  • करोड़ रुपये लहमार्ल प्रदेश को लदए जाएंगे। यह सहायता

    कें द्र द्वारा राज्यो ं को राज्य आपदा प्रलतलक्रया कोष

    (एसडीआरएफ) के तहत जारी लकए गए धन से अलग है।

    कें द्र ने 2018-19 में सभी राज्यो ं को 9,658 करोड़ रुपये

    जारी लकए थे। र्ालू लवत्त वषच में अब तक, कें द्र ने

    एसडीआरएफ से 24 राज्यो ं को 6,104 करोड़ रुपये जारी

    लकए हैं।

    इंटर-लमलनधि स्टर यल सेंटर ल टीम (IMCT) द्वारा प्रसु्तत समीक्षा के बाद घोषणा की गई है। HCL ने अलतररि

    धनरालश के आवंटन के ललए IMCT द्वारा प्रसु्तत क्षलत और राहत कायों के लवसृ्तत मूल्ांकन के ज्ञापन की

    समीक्षा की।

    भारत के पूवच प्रधान मंत्री मनमोहन लसंह राजस्थान से राज्यसभा के ललए रु्ने गए थे। 19 अगस्त को

    समाप्त हुए उपरु्नाव के ललए नामांकन वापस लेने की समय सीमा के रूप में उन्हें लनलवचरोध लनवाचलर्त

    घोलषत लकया गया।

    मनमोहन लसंह को कांगे्रस द्वारा नालमत लकया गया था, जबलक भाजपा ने उपरु्नाव के ललए कोई उम्मीदवार

    नही ंउतारा था और राज्यसभा सांसद मदन लाल सैनी की मृतु्य

    के कारण सीट ररि था।

    रु्नाव की घोषणा लवधानसभा सलर्व प्रलमल कुमार माथुर ने की।

    लसंह ने 13 अगस्त को नामांकन पत्र दाधि खल लकया। सरकार के

    मुख्य सरे्तक महेश जोशी ने लसंह की ओर से रु्नाव प्रमाणपत्र

    प्राप्त लकया। पूवच पीएम सवचसम्मलत से और लनलवचरोध रु्ने गए थे।

    मनमोहन लसंह का जन्म 26 लसतंबर 1932 को गह, (अब)

    पंजाब, पालकस्तान में हुआ था। 1947 में, लसंह का पररवार भारत

    आ गया। वह एक अथचशास्त्री हैं और उन्होनें ऑक्सफोडच में डॉक्टरेट लकया। 1991 में, भारत को एक

    गंभीर आलथचक संकट का सामना करना पड़ा। 1991 में, वह पी। वी। नरलसम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार

    में लवत्त मंत्री बने।

    मनमोहन लसंह 1991 से 2019 तक लगातार पांर् बार राज्यसभा सदस्य रहे। लसंह लगभग तीन दशको ं

    तक असम से राज्यसभा के सदस्य रहे। मनमोहन लसंह पीएम के रूप में दो पूणच कायचकाल पूरा करने वाले

    तीसरे भारतीय प्रधानमंत्री हैं। वह 2004 और 2014 के बीर् लगातार दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे।

    मनमोहनमसोंहराजस्थानसेराज्सभाके

    मलएचुनेगए

  • भारत की सबसे बड़ी सावचजलनक प्रसारण एजेंसी, प्रसार भारती के अध्यक्ष सूयचप्रकाश हैं। एजेंसी ने

    agency नीलम शमाच तेजधि स्वनी पुरस्कार 'और' अचु्यतानंद

    साह पुरस्कार 'नाम से 2 पुरस्कार पेश लकए।

    यह पुरस्कार दूरदशचन (DD) नू्यज़ (पूवच एंकर), नीलम शमाच की

    सृ्मलत में है।

    वह मलहला सशिीकरण की मजबूत पैरोकार हैं। उन्होनें

    1995 में दूरदशचन में अपने कररयर की शुरुआत की थी। वह

    20 वषों से रै्नल से जुड़ी हुई थी।ं उन्हें 'तेजधि स्वनी' जैसे

    कायचक्रमो ंके ललए जाना जाता था (इस शो के माध्यम से, उन्होनें भारत की मलहलाओ ंकी उपलधि ि पर

    ध्यान कें लद्रत लकया) और बदी र्रर्ा । उन्हें सम्मालनत लकया गया। 2018 'नारी शधि ि पुरस्कार' (भारत में

    मलहलाओ ंके ललए सवोच्च नागररक पुरस्कार) भारत के राष्टर पलत राम नाथ गोलवंद द्वारा।

    हाल ही में मध्य प्रदेश के पूवच मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का लनधन 21 अगस्त, 2019 को हुआ। उनका जन्म

    उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में 2 जून, 1930 को हुआ था। वे

    भारतीय जनता पाटी से जुडे़ हुए थे, उन्हें मध्य प्रदेश में

    भारतीय जनता पाटी के प्रसार का शे्रय लदया जाता है। उन्होनें

    2018 में रु्नावी राजनीती से सन्यास ललया था। वे अगस्त,

    2004 से नवम्बर, 2005 के बीर् मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री

    रहे, उन्होनें 10 बार गोलवन्दपुरा लवधानसभा सीट का

    प्रलतलनलधत्व लकया।

    बाबूलाल गौर का जन्म 2 जून, 1930 को उत्तर प्रदेश के

    प्रतापगढ़ में हुआ था। वे भारतीय जनता पाटी से जुडे़ हुए थे।

    वे 10 बार लवधानसभा के ललए गोलवन्दपुरा से लनवाचलर्त हुए। वे पहली बार 1974 में लवधानसभा के ललए रु्ने

    गये थे। वे 23 अगस्त, 2004 से 29 नवम्बर, 2005 के बीर् मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

    प्रसारभारतीनेनीलमशमााकेसम्मानमें

    2पुरस्कारप्रदानमकए

    मध्यप्रदेशकेपूवामुख्यमोंत्रीबाबूलालगौर

    कामनधन

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैलबनेट लनयुधि ि

    सलमलत ने अजय कुमार को रक्षा सलर्व लनयुि लकये जाने को

    मंजू़री दी। वे वतचमान में रक्षा उत्पादन लवभाग में सलर्व के

    रूप में कायचरत्त हैं।

    अजय कुमार संजय लमत्रा की जगह लेंगे। संजय लमत्रा 1982

    बैर् के पलिम बंगाल कैडर के आईएएस अफसर हैं। संजय

    लमत्रा ने रक्षा सलर्व के रूप में दो वषच का कायचकाल जून,

    2019 में पूरा कर ललया है, उन्हें तीन महीने का कायच लवस्तार

    लदया गया था। गौरतलब है लक कैलबनेट सलर्व, गृह सलर्व,

    लवदेश मामले सलर्व तथा रक्षा सलर्व कायचकाल दो वषच का

    होता है।

    अजय कुमार 1985 बैर् के केरल कैडर के आईएएस अलधकारी हैं। उनका जन्म 2 अकू्टबर, 1962 को

    उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होनें IIT कानपूर से इलेधि क्टरकल इंजीलनयररंग की पढ़ाई की है। वे भारत के 39वें

    रक्षा उत्पादन सलर्व हैं।

    केन्द्रीय उजाच मंत्री आर.के. लसंह ने रूफटॉप सौर उजाच क्षमता के ललए ‚सरल‛ नामक रैं लकंग जारी की है,

    इस रैं लकंग में पहले स्थान पर कनाचटक है, इसके बाद तेलंगाना, गुजरात और आंध्र प्रदेश का स्थान है। इस

    रैं लकंग को नई लदल्ली में Review Planning and Monitoring (RPM) Meeting with States and

    State Power Utilities में लांर् लकया गया है।

    SARAL (से्टटरूफटॉपसोलरएटर े क्टिवनेसइोंडेक्स)

    यह इस प्रकार का पहला सूर्कांक है लजसके द्वारा रूफटॉप

    सौर उजाच को बढ़ावा देने के ललए लकये गये प्रयास के आधार

    पर राज्यो ंका मूल्ांकन लकया जायेगा।

    इस सूर्कांक को केन्द्रीय नवीन व नवीकरणीय उजाच मंत्रालय,

    शधि ि ससे्टनेबल एनजी फाउंडेशन (SSEF), अस्सोरे्म तथा

    एर्न्स्च एंड यंग (EY) के द्वारा लडजाईन लकया गया है।

    अजयकुमारकोरक्षासमचवमनयुक्त

    मकयागया

    उजाामोंत्रालयनेSARAL (से्टटरूफटॉप

    सोलरएटर े क्टिवनेसइोंडेक्स)जारीमकया

  • SARAL मेंशाममलमुख्यपहलू

    नीलत फे्रमवकच की सुदृढ़ता

    उपभोिा अनुभव

    लक्रयान्रन पररवेश

    व्यापार तंत्र

    लनवेश का माहौल

    SARAL प्रते्यक राज्य को अभी तक उठाये गये ऺदमो ंके मूल्ांकन के ललए पे्रररत करता है। इससे राज्यो ं

    को लनवेश को रै्नलाइज करने में सहायता लमलेगी तथा सौर रूफटॉप इंस्टालेशन के ललए अच्छा माहौल

    बन पायेगा।

    उजाच मंत्रालय ने 2022 तक 175 गीगावाट नवीकरणीय उजाच उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा है। इसमें 100

    गीगावाट सौर उजाच मार्च 2022 तक ऑपरेशनल हो जाएगी, 100 गीगावाट में 40 गीगावाट उजाच लग्रड

    कनेके्टड सोलर रूफटॉप से आने की उम्मीद है।